वे दिन कहाँ से लाऊँ

12
वे दिन कह से लऊ ?! णम / नमते कोयल की आवज़ ईवर की ि है जो सुननेवल को मुध कर ि ती है , बर-बर सुनने की इछ जगती है | फू ल रंग, सौियय, सुगंध आदि हम अपनी ओर आकषयत करते | ऊचे -ऊचे पहड़ ि गयम होने पर भी हमर यन खींचते | पने -सी हररयली हम भती है | लोग के बोलने ढंग हम अपने वश कर लेत है , बर-बर उनकी बत सुनने की चह उभरती है | लोग यवहर इतन शलीन होत है उनसे बर-बर मलने मन करत है | के मु से नकले शि हम सतपथ दिखते | की अमभयतहम सही मश ि ती है | वसय हम इतन भव-वभोर कर ि है उनक अभव अखरत है | इतने नेदहल होते उनकी संगनत अछी लगती है | उपरमलखखत बत के वल भूममक बधने के मलए नहीं , मेरे दिल की गहरई छु पे अनुभव के तीक , एक शि भी िम नहीं है | आप लोग को अपने सथ चौरलीस सल पीछे ले रही जबलपुर | ऊब को ि रखकर मेरे अनुभव मन से अनुभव कीजएग, मेरे संग जीवन पथ के पछड़े रते के हमरही बननएग | जबलपुर (जह पइल पुरव अरबी) अथयत ् पहड़ी ढलन | वैसे भी जबल मने पहड़, पुर मने शहर | इस सुिर शहर के पीछे एक और आयन है जबली ऋष वसथन; होते -होते उसम वकर गय और बन गय वह जबलपुरआप लोग को लगत होग तय जबलपुर की तरीफ़ कर रही | वह िवषय थी नतकोतर छि बनकर महकोशल कल महवयलय की | लगत होग इसम कौन-महव नछप है | कई लोग वह के पढ़े अब भी कई वह मश करते हगे | महवपूणय बत तो यह है उस महवयलय के चयथे रमेवर सिजी शुतलजह आधुननक दहिी सदहयकश के सतषय से वशेष थन (है ) | मेरे पतजी मुझे भती करने सथ चले थे | मुगलसरय से जबलपुर पह चते पह चते कफ़ी ि लगी | वह (आडयनस फै तटरी) आयुध करखने कययरत गंगधरनजी के घर खमररय पह चे कफ़ी रत हो चुकी थी | रते भर पतजी मुझे अचलजी की रचनओं के बरे सुनते आए |

Upload: balaji-sharma

Post on 21-Jul-2015

43 views

Category:

Travel


10 download

TRANSCRIPT

  • ?!

    /

    , - | , , | - | - | , - | - | | | - | |

    , , |

    | , |

    ( ) | , | ; -

    | |

    - | | () |

    | | ( ) | |

  • ( | |)

  • ( - - 1972)

    | | | | , ( ) | | |

    | | | | | | | | ( ) | | |

    | | / | |

    | | . | | |

    | - | , | | , | ( ) | | | , , , - , .. .. - |

  • - , | , , | | |

    - | - , - , | , | - - , | - ( ) , , | ( ) | , | |

    ( ) , | - | | | |

  • 1904 | | 1948 | | | , | -- |

    | | , | | ( ) | , , | | , - , |

    ( , , )

  • | | | , |

    | | | | | ( ) | | () , | | |

    | , | | ( ) | | | , | | |

    , - () | , , | - | | , | | - | | - , , , , |

    | | : | | | | |

  • | | ! , , , | - | , , | | | | | ( ) |

    () ! | - |

    - | . . | | , | , - |

    ( , , )

    | | - | , |

    : ( - ) |

    | | | , | (

  • - ), -- | | | | | | |

    ( ) | , , | | | | -- | |

    | | |

    (From Left: - , , )

  • (From Left: )

    |

    ,

    |

    --- -

    |

    | |

    |

    ,

    |

    |

    ( , , , , , )

    | |

  • (From Left Saralas brother, kalyanis younger brother, Sarala, Shanta & Kalyani)

    , - , ,

    ? | |

    ( )

    | |

    | ,

    , |

    |

    |

    , -

    () | ,

    - |

    | , | (

    ) | - |

    | , |

    |

    | |

    | ,

    | -

    | |

    , , . ( ),

    , ,

    | 1933 | (

    - , )

    - | |

    | | ,

    , -

    | , |

    - |

    | - | - - |

  • |

    , , | |

    ! - | ..

    | - |

    ,

    , , ,

    , , - ---

    , |

    ( ) |

    | (

    ) - ( ) |

    |

    .. |

    |

    | |

    | | |

    , ! |

    ... |

    |

    ( ) |

    | |

    | : ,

    |

    | : |

    , --- |

    , , - --

    - |

    | - |

    , , - ?!!

  • - (

    , , ..,

    ..,), ,

    |