जयशंकर प्रसाद
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Chapter 4 - जयशं�कर प्रसाद (प्रश्न अभ्यसा)Question 1:कवि� आत्मकथा लि�खने� सा� क्य� बचने चहता ह�?
आत्मकथा� लि�खने� क� लि�ए अपने� मने किक दुर्ब��ता�ओं, कमिमयों� क� उल्��ख करने� पड़ता� है�। ककि� स्�यों! क" इताने� सा�म�न्यों म�नेता� है� किक आत्मकथा� लि�खकर �है ख&द क" कि�शे�ष नेहै* र्बने�ने� चा�हैता� है�, ककि� अपने� व्यलि-गता अने&भ�� क" दुकिनेयों� क� सामक्ष व्य- नेहै* करने� चा�हैता�। क्यों�किक �है अपने� व्यलि-गता जी3�ने क" उपहै�सा क� क�रण नेहै* र्बने�ने� चा�हैता�। इन्है* क�रण� सा� ककि� आत्मकथा� लि�खने� सा� र्बचाने� चा�हैता� है�।
Question 2:आत्मकथा सा नेने� क� सा�दर्भ" म# 'अर्भ$ सामय र्भ$ नेह%' कवि� ऐसा क्य� कहता ह�?ककि� क" �गता� है� किक आत्मकथा� लि�खने� क� अभ3 उलिचाता सामयों नेहै* हुआ है�। क्यों�किक आत्मकथा� लि�खकर ककि� अपने� मने म6 दर्ब� हुए कष्टों� क" यों�द करक� दु:ख3 नेहै* है"ने� चा�हैता� है�, अपने3 छो"टी: सा� कथा� क" र्बड़� आक�र द�ने� म6 �� असामथा� है;, �� अपने� अ!ताम�ने क" �"ग� क� सामक्ष प्रस्ता&ता करने� नेहै* चा�हैता� है;। आत्मकथा� प्र�यों: जी3�ने क� उत्तर�र्ध� म6 लि�ख3 जी�ता3 है�। परन्ता& अभ3 जी3�ने म6 ऐसा� सामयों नेहै* आयों� है�। ककि� क" ऐसा� �गता� है� किक अभ3 ऐसा3 क"ई उप�ब्धिB नेहै* मिम�3 है� जिजीसा� �है �"ग� क� सा�मने� प्र�रण� स्�रुप रख साक� । इन्है* क�रण� सा� ककि� ऐसा� कहैता� है; किक अभ3 आत्मकथा� लि�खने� क� सामयों नेहै* हुआ है�।
Question 3:स्म(विता क) 'पाथा�य' बनेने� सा� कवि� क क्य आशंय ह�?ककि� कE प्र�योंसा3 उसासा� दूर है" गई है�। ककि� क� मने-मब्धिस्ताष्क पर क� �� उसाकE स्मHकिता है3 है�। इन्है* स्मHकितायों� क" ककि� अपने� जी3ने� क� सा!र्ब� अथा��ताI साहै�र� र्बने�ने� चा�हैता� है�। अता: स्मHकिता क" प�था�यों र्बने�ने� सा� ककि� क� आशेयों स्मHकिता क� साहै�र� सा� है�।
Question 4:
र्भ� स्पष्ट क-जिजए -(क) मिम� कह1 �ह सा ख जिजसाक म2 स्�प्न द�खकर जग गय।आलिं�7गने म# आता�-आता� म साक्य कर ज) र्भग गय।(ख) जिजसाक� अरुण कपा)�� क- मता��$ सा �दर छाय म#।अने रविगने$ उषा ��ता$ था$ विनेज सा हग मधु मय म#।(क) ककि� कहैने� चा�हैता� है� किक उसा� �है सा&ख नेहै* मिम� साक� जिजीसाकE �है कल्पने� कर रहै� था�। उसा� सा&ख मिम�ता�-मिम�ता� रहै गयों�। अथा��ताI इसा दुकिनेयों� म6 सा&ख छो���� म�त्र है�। हैम जिजीसा� सा&ख सामझता� है; �है अमिर्धक सामयों ताक नेहै* रहैता� है�, स्�प्न कE तारहै जील्द: है3 साम�प्ता है" जी�ता� है�।(ख) ककि� अपने3 प्र�योंसा3 क� साNदयों� क� �ण�ने करता� हुए कहैता� है� किक ने�मियोंक� क� कप"� अथा��ताI ग�� म6 इताने3 ��लि�म� था3 किक उष� भ3 उसाम6 अपने� सा&है�ग ढूँPQढूँता3 था3। अता: ने�मियोंक� क� साNदयों� अने&पम था�।
Question 5:'उज्ज्�� गथा क� सा� गऊँ1 , मधु र च1दने$ रता� क-' - कथाने क� मध्यम सा� कवि� क्य कहने चहता ह�?ककि� योंहै कहैने� चा�हैता� है� किक अपने3 प्र�योंसा3 क� सा�था किर्बता�ए गए क्षण� क" �है सार्बक� सा�मने� क� सा� प्रकटी कर�। जी3�ने क� क& छो अने&भ�� क" ग"पने3यों रखने� है3 उलिचाता है"ता� है�। ऐसा3 स्मHकितायों� क" �है सार्बक� सा�मने� प्रस्ता&ता कर अपने3 हैQसा3 नेहै* उड़�ने� चा�हैता� है�। अता: �है अपने� जी3�ने कE मर्ध&र स्मHकितायों� क" अपने� ताक है3 सा3मिमता रखने� चा�हैता� है�।
Question 6:'आत्मकथ्य' कवि�ता क- कव्यर्भषा क- वि�शं�षाताए1 उदहरण साविहता लि�खिखए।'जीयोंशे!कर प्रसा�द' द्वा�र� रलिचाता ककि�ता� 'आत्मकथ्यों' कE कि�शे�षता�एQ किनेम्नेलि�खिखता है;—(1) प्रस्ता&ता ककि�ता� म6 ककि� ने� खड़3 र्ब"�3 हिंहैWद: भ�ष� क� प्रयों"ग किकयों� है� -"यह �), करता� ह$ रहता� ह2 अपाने व्य�ग्य-मलि�ने उपाहसा।"(2) अपने� मने"भ��� क" व्य- कर उसाम6 साजी3�ता� ��ने� क� लि�ए ककि� ने� ककि�ता� म6 किर्बम्र्ब� क� प्रयों"ग किकयों� है�; जी�सा� -"जिजसाक� अरुण-कपा)�� क- मता��$ सा �दर छाय म#।
अने रविगने$ उषा ��ता$ था$ विनेज सा हग मधु मय म#।"(3) प्रस्ता&ता ककि�ता� म6 ककि� ने� �लि�ता, सा&!दर ए�! ने�3ने शेब्द� क� प्रयों"ग किकयों� है� -"यह वि�डं�बने! अर$ सार�ता� ता�र$ ह1सा$ उड़ाऊँ म#।र्भG�� अपाने$ य प्र��चने और� क- दिदख�उ1 म2।"योंहै�Q-कि�डं!र्बने�, प्र�!चाने� जी�सा� ने�3ने शेब्द� क� प्रयों"ग किकयों� गयों� है� जिजीसासा� क�व्य म6 सा&!दरता� आई है�।(4) अ�!क�र� क� प्रयों"ग सा� क�व्य साNदयों� र्बढ़ गयों� है� -
• खिख�-खिख�कर, आता�-आता� म6 प&नेरुलि- अ�!क�र क� प्रयों"ग किकयों� गयों� है�।• अरुण- कपा)�� म6 रुपक अ�!क�र है�।• म�र$ मJने, अने रग$ उषा म6 अने&प्र�सा अ�!क�र है�।
Question 7:कवि� ने� ज) सा ख क स्�प्न द�ख था उसा� कवि�ता म# विकसा रूपा म# अभिर्भव्यक्त विकय ह�?
ककि� ने� जी" सा&ख क� स्�प्न द�ख� था� उसा� �है अपने3 प्र�योंसा3 ने�मियोंक� क� म�ध्योंम सा� व्य- करता� है� और कहैता� है� किक ने�मियोंक� स्�प्न म6 उसाक� प�सा आता�-जी�ता� म&स्क& र� कर भ�ग गई। अता: उसा� उसाक� सा&ख नेहै* मिम� साक� जिजीसा� �है सा&ख सामझता� था� �है स्�प्न रुप3 छो���� था3। जी" अस्था�ई रुप सा� उसाक� जी3�ने म6 आई था3।