ايقظ قدراتك - ابراهيم الفقي
DESCRIPTION
أيقظ قدراتك.. واصنع مستقبلك"، هو عنوان المحاضرة التي ألقاها الخبير العالمي في التنمية البشرية الدكتور إبراهيم الفقي في جامعة حلوان، والتي حضرها أكثر من ألف طالبTRANSCRIPT
-
7/21/2019 -
1/148
-
7/21/2019 -
2/148
-
7/21/2019 -
3/148
-
7/21/2019 -
4/148
-
7/21/2019 -
5/148
-
7/21/2019 -
6/148
-
7/21/2019 -
7/148
-
7/21/2019 -
8/148
-
7/21/2019 -
9/148
-
7/21/2019 -
10/148
-
7/21/2019 -
11/148
-
7/21/2019 -
12/148
-
7/21/2019 -
13/148
-
7/21/2019 -
14/148
-
7/21/2019 -
15/148
-
7/21/2019 -
16/148
-
7/21/2019 -
17/148
-
7/21/2019 -
18/148
-
7/21/2019 -
19/148
-
7/21/2019 -
20/148
-
7/21/2019 -
21/148
-
7/21/2019 -
22/148
-
7/21/2019 -
23/148
-
7/21/2019 -
24/148
-
7/21/2019 -
25/148
-
7/21/2019 -
26/148
-
7/21/2019 -
27/148
-
7/21/2019 -
28/148
-
7/21/2019 -
29/148
-
7/21/2019 -
30/148
-
7/21/2019 -
31/148
-
7/21/2019 -
32/148
-
7/21/2019 -
33/148
-
7/21/2019 -
34/148
-
7/21/2019 -
35/148
-
7/21/2019 -
36/148
-
7/21/2019 -
37/148
-
7/21/2019 -
38/148
-
7/21/2019 -
39/148
-
7/21/2019 -
40/148
-
7/21/2019 -
41/148
-
7/21/2019 -
42/148
-
7/21/2019 -
43/148
-
7/21/2019 -
44/148
-
7/21/2019 -
45/148
-
7/21/2019 -
46/148
-
7/21/2019 -
47/148
-
7/21/2019 -
48/148
-
7/21/2019 -
49/148
-
7/21/2019 -
50/148
-
7/21/2019 -
51/148
-
7/21/2019 -
52/148
-
7/21/2019 -
53/148
-
7/21/2019 -
54/148
-
7/21/2019 -
55/148
-
7/21/2019 -
56/148
-
7/21/2019 -
57/148
-
7/21/2019 -
58/148
-
7/21/2019 -
59/148
-
7/21/2019 -
60/148
-
7/21/2019 -
61/148
-
7/21/2019 -
62/148
-
7/21/2019 -
63/148
-
7/21/2019 -
64/148
-
7/21/2019 -
65/148
-
7/21/2019 -
66/148
-
7/21/2019 -
67/148
-
7/21/2019 -
68/148
-
7/21/2019 -
69/148
-
7/21/2019 -
70/148
-
7/21/2019 -
71/148
-
7/21/2019 -
72/148
-
7/21/2019 -
73/148
-
7/21/2019 -
74/148
-
7/21/2019 -
75/148
-
7/21/2019 -
76/148
-
7/21/2019 -
77/148
-
7/21/2019 -
78/148
-
7/21/2019 -
79/148
-
7/21/2019 -
80/148
-
7/21/2019 -
81/148
-
7/21/2019 -
82/148
-
7/21/2019 -
83/148
-
7/21/2019 -
84/148
-
7/21/2019 -
85/148
-
7/21/2019 -
86/148
-
7/21/2019 -
87/148
-
7/21/2019 -
88/148
-
7/21/2019 -
89/148
-
7/21/2019 -
90/148
-
7/21/2019 -
91/148
-
7/21/2019 -
92/148
-
7/21/2019 -
93/148
-
7/21/2019 -
94/148
-
7/21/2019 -
95/148
-
7/21/2019 -
96/148
-
7/21/2019 -
97/148
-
7/21/2019 -
98/148
-
7/21/2019 -
99/148
-
7/21/2019 -
100/148
-
7/21/2019 -
101/148
-
7/21/2019 -
102/148
-
7/21/2019 -
103/148
-
7/21/2019 -
104/148
-
7/21/2019 -
105/148
-
7/21/2019 -
106/148
-
7/21/2019 -
107/148
-
7/21/2019 -
108/148
-
7/21/2019 -
109/148
-
7/21/2019 -
110/148
-
7/21/2019 -
111/148
-
7/21/2019 -
112/148
-
7/21/2019 -
113/148
-
7/21/2019 -
114/148
-
7/21/2019 -
115/148
-
7/21/2019 -
116/148
-
7/21/2019 -
117/148
-
7/21/2019 -
118/148
-
7/21/2019 -
119/148
-
7/21/2019 -
120/148
-
7/21/2019 -
121/148
-
7/21/2019 -
122/148
-
7/21/2019 -
123/148
-
7/21/2019 -
124/148
-
7/21/2019 -
125/148
-
7/21/2019 -
126/148
-
7/21/2019 -
127/148
-
7/21/2019 -
128/148
-
7/21/2019 -
129/148
-
7/21/2019 -
130/148
-
7/21/2019 -
131/148
-
7/21/2019 -
132/148
-
7/21/2019 -
133/148
-
7/21/2019 -
134/148
-
7/21/2019 -
135/148
-
7/21/2019 -
136/148
-
7/21/2019 -
137/148
-
7/21/2019 -
138/148
-
7/21/2019 -
139/148
-
7/21/2019 -
140/148
-
7/21/2019 -
141/148
-
7/21/2019 -
142/148
-
7/21/2019 -
143/148
-
7/21/2019 -
144/148
-
7/21/2019 -
145/148
-
7/21/2019 -
146/148
-
7/21/2019 -
147/148
-
7/21/2019 -
148/148