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  • 1 | P a g e

  • 2 | P a g e

    सचूी :-

    1. अच्छी गुणवत्तायुक्त बीजों का गुणन एवं उनका ववतरण--------------------3

    2. खाद व उववरक------------------------------------------------------------------------------------3

    क) उववरकों का ववतरण--------------------------------------------------------------------3

    ख) मृदा परीक्षण कें द्र---------------------------------------------------------------------4

    3. पौध सरंक्षण---------------------------------------------------------------------------------------5

    4. नकदी फसलें -----------------------------------------------------------------------------5

    अ) आलू बीज का ववकास -----------------------------------------------5

    आ) खेतों सवित सवजजयों का ववकास -----------------------------------------------------6

    इ) अदरक ववकास -------------------------------------------7

    5. गुणवत्ता वनयंत्रण -------------------------------------------------------------------------------7

    6. कृवि ववपणन ----------------------------------------------------------------------------------7

    7. विमाचल प्रदशे फसल वववववधकरण पररयोजना (JICA) --------------------8

    8. मृदा एवं जल संरक्षण ----------------------------------------------------------------------------9

    9. कृवि अनुसन्धान और वशक्षा ---------------------------------------------------------------------9

    10. डॉ.वाई.एस परमार ककसान स्वरोजगार योजना -------------------------------------------9

    11. बायो गैस ववकास कायवक्रम (100%) ------------------------------------------------------10

    12. राजीव गांधी सूक्ष्म ससंचाई योजना ---------------------------------------------------------11

    13. मुख्यमंत्री ककसान एवं खेतीिर मजदरू जीवन सुरक्षा योजना ----------------------------11

    14. सजजी नसवरी उत्पादन के वलए उत्कृष्ट केन्द्रों की स्थापना -------------------------12

    15. उत्तम चारा उत्पादन योजना --------------------------------------------------------------12

    16. उठाई ससंचाई एवं बोरवैल योजना ----------------------------------------13

    17. जैववक खेती योजना -----------------------------------------------------------------------13

    18. मुख्यमंत्री खेत सरंक्षण योजना ----------------------------------------------------------13

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    हिमाचल प्रदेश की राज्य प्रायोहित योिनायें :

    1. अच्छी गणुवत्तायकु्त बीजों का गणुनएवं उनका ववतरण:-

    ववभाग के अपने 36 बीज गुणन प्रक्षेत्र ि ैजिााँ पर कक रबी और खरीफ के फसलों का आधार

    बीज तैयार ककया जाता ि ै | इन बीज फामों में अनाज, दालों और सवजजयों का लगभग

    3500से4000 क्वंटल बीज प्रवतविव तैयार ककया जाता ि ै| इसके अवतररक्त ववभाग द्वारा वववभन्न

    फसलों के90,000 क्वंटल प्रमावणत बीज राज्य के ककसानों को ववतररत ककये जाते िैं |वतवमान में

    वववभन्न फसलों के वलए 5ग्रेसडगं केन्द्र कायवरत िैं | इस योजना के तित बीज गुणन प्रक्षेत्रों, बीज

    परीक्षण एवं प्रमाणीकरण,बीजों की लागत पर अनुदान तथा प्रदशवनी पर आने वाल ेखचव का

    विन ककया जाता ि ै|

    2. खाद व उववरक :-

    क) उववरकों का ववतरण : राज्य सरकार द्वारा वमवित उववरकों जैसे एन.पी.के. 12:32:16, एन.पी.के.10:26:26

    और एन.पी.के.15:15:15की कीमत पर पर 1000/-प्रवत मीरिक टन अनुदान की अनुमवत

    प्रदान की गई ि ै|

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    इसके अलावा ककसानों को पानी में 100 प्रवतशत घुलनशील वमवित उववरकों की कीमत पर

    25%की दर स ेअनुदान(जो 2500/-रूपये प्रवत ककसान तक सीवमत) प्रदान ककया जा रिा ि ै|

    उववरकों की पयावप्त आपूर्तव सुवनवित करने के वलए सरकार ने विमफैड /सिकारी सवमवतयों को

    इसकी वजम्मेदारी सौंपी ि ै| ककसानों को वमट्टी की जांच के अनुसार उववरकों के संतुवलत प्रयोग

    करने ितेु प्रवशवक्षत ककया जाता ि ै|

    ख) मृदा परीक्षण केन्द्र :

    मृदा परीक्षण कृवि उत्पादन बढ़ाने के वलए बहुत आवश्यक ि ै| ककसानों को वन:शुल्क वमट्टी

    परीक्षण की सुववधा उपलजध कराने के वलए ववभाग द्वारा 7चल मृदा प्रयोगशालाओ के अलावा

    11अचल मृदा परीक्षण प्रयोगशालाए ंस्थावपत की गई ि ै|

    भारत सरकार ने गत विव से एक नई योजना आरंभ की ि ैवजसके अंतगवत GPS के आधार पर

    ककसानों के खेतों से वमट्टी के नमून ेलेकर उनकी जांच की जा रिी ि ै। प्रवतविव इनके द्वारा वमट्टी

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    के लगभग 1,00,000नमूनों का ववशे्लिण ककया जाता ि ै| इसके अवतररक्त ककसानों को वमट्टी

    स्वास््य काडव ववतररत ककए जा रि ेिैं|प्रवतविव लगभग 1लाख ककसानों को इस योजना के अन्तगवत

    लाया जा रिा ि ै| इस योजना के तित इन प्रयोगशालाओं व इनमें वनयुक्त कमवचररयों को वेतन

    की अदायगी ितेु पररव्यय प्रस्ताववत ि ै| मृदा परीक्षण सेवा को भी वि० प्र० सरकार लोक सेवा

    अवधवनयम 2011के अन्तगवत शावमल ककया गया ि ै| वजसमें मृदा स्वास््य काडव वनधावररत समय

    के भीतर ऑनलाइन सेवा के माध्यम से ककसानों को उपलजध कराए जा रि ेिैं |

    3. पौध सरंक्षण :-

    ववभाग कीट वस्थवत पर भी लगातार वनगरानी रखता ि ै | इन कीटों पर काबू पाने के वलए

    ककसानों को लगभग 991 वबक्री केन्द्रों के माध्यम से 150 मीरिक टन कीटनाशकों की आपूर्तव

    ककसानों को की जा रिी ि ै|इसके अलावा वशमला में कीटनाशक परीक्षण प्रयोगशाला स्थावपत की

    गई ि ैजो कक अपनी क्षमता के अनुसार प्रवत विव 150-250 नमूनों की जांच करती ि ै| एक

    जैव वनयंत्रण प्रयोगशाला पालमपुर जिां संरक्षण कीट वस्थवत वृवि,पालन और जैव एजेंटों और

    प्रसार कर्मवयों और ककसानों के वलए परीक्षण कदया जा रिा ि ै| इसके आलावा अन्यजैव वनयंत्रण

    प्रयोगशाला मंडी में स्थावपत की गई ि ैजो जल्दी िी कायव करना आरम्भ कर दगेी |

    यि एक सतत योजना ि ै वजसमें पौध संरक्षण सामग्री की कुल लागत

    उपदान व पररविन पर िोनी वाल ेव्यय को पूरा करने के वलए प्रावधान ि ै |इस योजना के

    तित अनुसूवचत जावत,अनुसूवचत जनजावत एवं आई.आर.डी.पी. के पररवारों को पौध संरक्षण

    सामग्री व उपकरण 50 प्रवतशत अनुदान पर ववतररत ककए जाते ि ै| इसके अन्तगवत अनुदान व

    कमवचररयों पर िोने वाला खचव प्रस्ताववत ककया गया ि ै|

    4. नकदी फसलें :- ववववधीकरण दवृष्टकोण के तित बेमौसमी सवजजयों, गुणवत्ता युक्त सजजी बीज, सोयाबीन, वतलिन और

    दलिन के अलावा आलू और अदरक के उत्पादन पर बल कदया जा रिा ि ै|

    अ) आलू बीज का ववकास :

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    कृवि ववभाग के पास 12आलू ववकास केन्द्र ि ैजिााँ आधार आलूबीज का उत्पादन ककया जा रिा ि ै

    | मैदानी क्षेत्रों में "बीज प्लॉट तकनीक" के कारण, मैदानों का आल ू विमाचल प्रदशे से बीज

    आल ूके ववपणन में कडी प्रवतस्पधाव पैदा कर रिा ि ै| इसवलए आलू के तित आने वाल ेक्षते्र में

    नकदी फसल की ओर वववववधकरण ितेु एक नीवत तैयार की गई ि ै | इसके तित ज्यादा स े

    ज्यादा आल ूको खाने वाल ेआलू के रूप में बेचा जाये तथा उतना िी बीज आल ू पैदा ककया

    जाये वजसका राज्य से बािर ववपणन ककया जा सकता िो | बीज पैदा करके आसानी से राज्य

    के बािर ववपणन ककया जा सकता ि ै|

    ब) खतेोंसवित सवजजयों का ववकास : वि०प्र० एक एसा राज्य ि ैवजसमे बेमौसमी सवजजयों और गुणवत्ता वाल ेसजजी बीज उत्पादन के

    क्षेत्र में नाम कमाया ि ै| मैदानी क्षेत्रों में बेमौसमी सवजजयों की काफी मांग रिती ि ै| 12 वीं

    योजना के दौरान वतवमान कायवक्रमों जैसे कक बेमौसमी सवजजयों की खेती वसजजी बीज के उत्पादन

    को मजबूत व संगरठत ककया जायेगा ताकक आय बढ़े और साथ िी रोजगार के अवसर भी सर्जवत

    िों |

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    राज्य में सजजी उत्पादन बढ़ाने के वलए उपयुक्त क्षेत्रों का सवके्षण कर इसकी पिचान की जायेगी

    | इन नए पिचाने गए क्षेत्रों के ककसानों को इन कायवक्रमों ितेु प्रोत्सावित ककया जायेगा | इस

    योजना के तित लघु एवं सीमांत ककसानों ितेु सजजी उत्पादन पर प्रदशवन लगाये जायेगें ताकक इन

    ग्रामीण लोगों की आर्थवक वस्थवत में सुधार लाया जा सके | इसके अवतररक्त अनाज फसलों को

    भी सवजजयों के पिवत में पररवर्तवत ककया जा रिा ि ै| ववशेि तौर पर इन क्षेत्रों को ससंचाई

    सुववधा प्रदान कर कृवि कमान के तित लाया जा रिा ि ैताकक इन पर ववशेि रूप से नजर रखी

    जा सके | प्रदशे में प्रवतविव 15.0 लाख टन सवजजयों का उत्पादन ककया जाता ि ैऔर राज्य के

    भीतर और बािर ववपणन ककया जाता ि ै|

    स) अदरक ववकास:

    रोग रवित अदरक का उत्पादन करने के वलए , ववभाग प्रवशक्षण, प्रदशवन के साथ-साथ गुणवत्ता के

    बीज उपलजध करा रिा ि ै| यिााँ प्रवतविव लगभग 35,000 टन अदरक का उत्पादन ककया जाता

    ि ैवजसका बाद में राज्य के भीतर और पडोसी राज्यों में भी ववपणन ककया जाता ि ै|

    5. गुणवत्ता वनयतं्रण :-

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    इस योजना के तित बीज, खाद और कीटनाशकों पर वववभन्न अवधवनयमों का कक्रयान्वयन

    सुवनवित ककया जाता ि ै| इसके वलए गुणवत्ता वनयंत्रण अवधकाररयों को अवधसूवचत ककया गया

    ि|ै ववभाग के द्वारा तीन उववरक प्रयोगशालाए ं (िमीरपुर,सुंदरनगर,वशमला ) एक राज्य जैव

    उववरक कीटनाशक प्रयोगशाला वशमला और जैव कीटनाशक प्रयोगशाला पालमपुर में और तीन बीज

    परीक्षण प्रयोगशालाएं (सोलन,पालमपुर और मंडी) में स्थावपत की गई िैं | इनमें 2000 उववरक

    के नमून,े 300 कीटनाशक और 800 बीज के नमूने का प्रवतविव का ववशे्लिण ककया जा रिा ि ै|

    6. कृवि ववपणन :-

    राज्य में इसका वववनयम एवं वि०प्र० कृवि और बागवानी उत्पादववपणन (ववकास और

    वववनयमन) अवधवनयम, 2005 के अधीन िोता ि ै| इस अवधवनयम के तित राज्य कृवि ववपणन

    बोडव की स्थापना की गई ि ै| वतवमान में यिााँ 10 ववपणन सवमवतयां कायवरत ि ैऔर 55मंवडयों

    कक्रयात्कमक ि ै| ककसानों को बाजार की जानकारी वववभन्न मीवडया जैसे आकाशवाणी,दरूदशवन,

    सपं्रट मीवडया और नेट के माध्यम से प्रदान की जा रिी ि ै|ववपणन सम्बन्धी बुवनयादी ढांचे का

    ववकास मंडी सवमवत स े ककया जाता ि ै | दवैनक बाजार भावों का प्रसारण आकाशवाणी /

    दरूदशवन के माध्यम से ककया जाता ि ै | 39 वस्तुओं के बाजार भाव भी एगमाकव.वनक.इन.

    (agmarknet.nic.in )के माध्यम से प्रचाररत ककए जा रि ेिैं |

    7. विमाचल प्रदशे फसल ववववधीकरण पररयोजना (जआेईसीए(JICA) ओडीए

    ऋण पररयोजना) :- विमाचल प्रदशे में जापान अंतरावष्ट्रीय सियोग एजेंसी (जीका) के सियोग से फसल ववववधीकरण

    को प्रोत्सावित करने के वलए, इस पररयोजना को जून 2011 से शुरू ककया गया ि ै |

    पररयोजना क्षेत्र में 5 वजलों कांगडा, मंडी, िमीरपुर, वबलासपुर और ऊना शावमल ि ै | इस

    पररयोजना की अववध विव 2011 से माचव, 2018 तक यानी 7 ि ैवजसका कुल पररयोजना लागत

    321 करोड रुपये (266 करोड रुपय ेऋण और राज्य सरकार के विस्स े55 करोड रुपये)ि ै|

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    पररयोजना के घटकों के रूप में नई सकू्ष्म ससंचाई व लघु ससंचाई प्रणावलयोंके ढांचागत ववकास के

    वलए 210करोड रुपये ि ै|फामव तक जाने वाली सडकों के सुधार और ववकास के वलए 147करोड

    रुपये ि ै |ककसान समूि, जैववक खेती को बढ़ावा,वनस्पवत संवधवन प्रवशक्षण, खाद्य अनाज की

    उत्पादकता में वृवि, पोस्ट िावेस्ट /ववपणन व संग्रि केन्द्रों के वनमावण ितेु 32 करोड रुपये ि ै

    |संस्थागत ववकास के वलए 34.41करोड रुपये ि ै |इसके आलावा आकवस्मकताओं, मूल्य वृवि,

    परामशव सेवाएं, सामान्य प्रशासन, टैक्स और कतवव्य, वायदा शुल्क, जयाज के वलए 124.36 करोड

    रुपये का प्रावधान रखा गया ि ै|

    8. मृदा एवं जल सरंक्षण :-

    स्थलाकृवतक कारकों के चलते, वमट्टी का वछटकना, ति और गली कटाव आकद िोत ेिैं |इसके

    अलावा, भूवम में जैववक दबाव भी िोता ि,ै वजसके चलते इसका मुख्य प्रभाव कृवि की बुआई पर

    िी पडता ि ै| वि०प्र० कृवि ववभाग द्वारा राज्य के वलए दो योजनाओं मृदा एवं जल संरक्षण के

    तित अनके योजनाओं को कक्रयावन्वत कर रिा ि ै|

    योजनाए ंइस प्रकार से ि ै:

    अ) मृदा संरक्षण कायव

    ब) जल संरक्षण एवं ववकास

    9. कृवि अनुसधंान और वशक्षा:- इसके तित अध्यापन, अनुसंधान एवं ववस्तार के वलए अनुदान की सुववधा कृवि ववश्वववद्यालय को

    दी जाती ि ै |राज्य के एक बड े कृिक समुदाय द्वारा इस ववशेि अनुसंधान को अपनाने के वलए

    ववशेि बल कदया जा रिा ि ै|

    10.डॉ. वाई.एस. परमार ककसान स्वरोजगार योजना :-

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    विमाचल प्रदशे सरकार द्वारा कृवि क्षेत्र में तेज और समावेशी ववकास दर िावसल करने के वलए

    “डॉ. वाई.एस.परमार. ककसान स्वरोजगार योजना” शुरू की गई ि ै| उच्च उत्पादकता,

    गुणवत्ता, प्रवतकूल मौसम, कुशल आदानों का उपयोग, आवश्यकता आधाररत बुवनयादी ढांचे का

    वनमावण इत्याकद इस पररयोजना के घटकों में शावमल ि ै|

    पररयोजना घटक(2014-15 2017-18 के वलए): क्रम

    सं. घटक सं. अधीन क्षते्र

    1 पॉलीिाउस फे्रम संरचना 4700 सं. 835350 वगव मी.

    2 सूक्ष्म ससंचाई (व्यविायवता के अनुसार फव्वारा / विप वसस्टम पालीिाउस)

    2150 सं. 820050 वगव मी.

    3 लघु वलफ्ट, मध्यम वलफ्ट और 1 िोसव पावर की पसम्पंग मशीनरी के साथव्यविायवता के

    अनुसार

    870 सं.

    -

    4 वसववल कायव की कुल लागत रु० 10178.10 लाख 5 ककसान संवेदीकरण, आकवस्मक लागत में वृवि रु० 940.45 लाख 6 कुल पररयोजना लागत रु०11118.55 लाख

    पररयोजना के घटकों में सूक्ष्म ससचंाई सुववधा वाल ेपाली िाउस के वववशष्ट मॉडल का जगि अनुसार

    वनमावण शावमल ि ै| इस के वलए, 85 प्रवतशत पररयोजना सिायता ककसानों को उपलजध कराई जाएगी

    | इसके अलावा ककसानों के समूि द्वारा व्यवक्तगत और सामूविक जल स्रोतों (लघु / मध्यम वलफ्ट,

    पसम्पंग मशीनरी) के वलए वनमावण के वलए, 50प्रवतशत उपदान प्रदान ककया जायेगा |

    11. बायोगसै ववकास कायवक्रम (100%) :-

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    यि एक 100 प्रवतशतकेन्द्रीय प्रायोवजत योजना ि ै वजसमे 1घन मी. वाले बायोगैस सयंत्र पर

    7,000/-तथा 2घन मी. या इससे अवधक क्षमता वाले सयंत्र पर 11,000/-रु. प्रवत संयन्त्र अनुधान

    उपलजध कराया जा रिा ि ै|

    12. राजीव गाधंी सकू्ष्म ससचंाई योजना :- प्रदशे में सूक्ष्म ससंचाई जैसे सस्पं्रकल /विप को प्रोत्सािन कदया जा रिा ि ैतथा इस पररयोजना के

    माध्यम स े8,500 िकै्टेयर क्षेत्र को टपक / फुव्वारा ससंचाई प्रणाली के तित लाकर 14,000 ककसानों

    को लाभावन्वत ककया जायेगा । ककसानों को पररयाजना अववध में 113 करोड रूपये उपदान के रूप में

    वमलेंगे । इस योजना के अंतगवत 4 विो में 154.00 करोड रूपये खचव ककये जायंगे ।इस योजना में

    ककसानों को वनम्नवलवखत सिायता दी जा रिी ि ै:-

    1. सूक्ष्म ससंचाई फव्वारा पिवत पर 80 प्रवतशत सिायता |

    2. फामव टैंक के वनमावण पर 50 प्रवतशत सिायता |

    3. उथले कुऐं, उथले नलकूप एवं गिरे नलकूप के वनमावण पर 50 प्रवतशत सिायता |

    4.जल उठाने के वलए लघु व् मध्यम वलफ्ट पर 50 प्रवतशत सिायता | लघु वलफ्ट (3 एच.पी.

    वबजली मोटर के साथ व मध्यम वलफ्ट 7.5 एच.पी. वबजली मोटर के साथ) |

    5. पसम्पंग मशीनरी पर 50 प्रवतशत सिायता |

    मॉडल ए – ससंचाई जल को उठाने ितेु ससंगल फेज मोनो जलाक पंप-1 एच.पी. से 5 एच. पी. तक

    , मॉडल बी - टैंक ितेु थ्रीफेज मोनो जलाक पंप सेट सैंिीफ्यूजल –3 एच.पी. से 15 एच.पी. तक |

    इस योजना के अंतगवत इस विव 10.00 करोड रूपये खचव ककये जायेगें और 2500 िकै्टेयर क्षेत्र इसके

    अंतगवत लाया जायेगा ।

    13. मुख्यमतं्री ककसान एवं खतेीिर मजदरू जीवन सरुक्षा योजना :-

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    कृवि मशीनरी के प्रयोग के दौरान ककसानों तथा खेतीिर मजदरूों के घायल िोने अथवा उनकी मृत्यु िोन े

    की सरूत में बीमा कवर प्रदान करन ेके उद्दशे्य स ेसरकार ने गत विव से “मखु्यमतं्री ककसान एव ंखतेीिर

    मजदरू जीवन सरुक्षा योजना” नामक एक नवीन योजना आरम्भ की ि ै। इसमें मृत्यु अथवा स्थाई रूप से

    अपंग िोने पर मुआवज़े के रूप में 1.5 लाख रूपये तथा आंवशक स्थाई अपंग िोने पर प्रभाववत को

    50,000 तक की सिायता प्रदान की जायगी ।इस योजना में उन ककसानों तथाखतेीिर मजदरूों को

    मुआवज़ा वमलेगा वजनकी आयु 14 विव से अवधक िो और जोकृविमशीनरी, औजार व् उपकरण आकददारा

    खेत में प्रयोग के दौरानअथवाकृवि मशीनरी को खेत से घर और घर से खते ले जात ेहुए ककसी दघुवटना

    की वजि सघेायल हुए िों या मृत्यु हुई िो जबकक इसमें उन ककसानों तथा खेतीिर मजदरूों को भी

    शावमल ककया जायेगा वजनकी मृत्यु अथवा ववकलांगता नलकूप, बोरवेल, पसम्पंग सेटलघु वलफ्ट इत्याकद

    को स्थावपत या संचावलत करते समय हुई िो| ककसी भी उजाव संचावलत मशीनरी को उपयोग, स्थावपत

    या ढुलाई करते समय लगने वाल ेवबजली के करंट से िोने वाली ककसानों तथा खेतीिर मजदरूों कीमृत्य ु

    अथवा ववकलांगता को भी इस योजना में शावमल ककया गया ि ै | इसके अंतगवत आने वाली कृवि

    मशीनरी में ववभाग में पंजीकृत िैक्टर, पावर रटलर, वीडर, उजावचवलत िल, रीपर बाईडर मशीन, पावर

    थ्रैशर, घास काटने की मशीन, औजार, उपकरण,नलकूप, बोरवेल, पसम्पंग सेट लघु वलफ्ट इत्याकद स्थावपत या

    संचावलत करने के वलए उपयोग ककये गए उपकरण िैं | इसयोजना मेंकेवल स्थानीय ककसान तथा खेतीिर

    मजदरूिी आते िैं औरककसी भी कंपनी / ठेकेदार के एक कायवकताव / कमवचारी को इस योजना में शावमल

    निीं ककया गया ि ै | मृतक के कानूनी वाररस या दघुवटनाग्रस्त को इस वतवथ से 2 मिीने के भीतर

    संबंवधत जलॉक के वविय ववशेिज्ञ को दाव े के वलए आवेदन जमा करवाना िोगा। िालांकक, वास्तववक

    कारणों के आधार पर 4 मिीने तक कृवि वनदशेक को और 6 मिीने तक सवचव (कृवि) को दरेी स े

    आवेदन प्रस्तुत ककया जा सकता ि।ै दाव ेकी रावश सभी तरि से पूणव आवेदन प्राप्त िोने के 15 कदनों के

    भीतर ववतररत कर दी जायेगी।

    सिायता रावश :-

    मृत्यु पर – 1,50,000 रूपये

    स्थाई रूप स ेरीढ़ की िड्डी के टूटने पर – 50,000 रूपये

    दोनों बाजू / दोनों टांगो / एक बाजू एक टांग के पूणव रूप से कटने पर – 40,000 रूपये

    एक बाजू / टांग या चार उगवलया ंकटने पर – 30,000 रूपये

    एक स ेतीन उंगली के पूणव रूप से कट जाने पर – 20,000 रूपये

    आंवशक रूप से उंगली / अंगूठा कटने पर – 10,000 रूपये

    14. सजजी नसवरी उत्पादन के वलए उत्कृष्ट केन्द्रों की स्थापना :-

    सरकार न े गत विव स े सजजी, पौध, फूल एव ं अन्य मूल्यवान पौधे उगाने के वलए “सजजी नसवरी

    उत्पादन के वलए उत्कृष्ट केन्द्रों की स्थापना” नामक एक नई पररयोजना आरम्भ की ि ै, ताकक ककसानों

    को बेितर पौधरोपण सामग्री उपलजध करवाई जा सके तथा युवा कृिकों को लाभप्रद रोज़गार वमल सके।

    इस योजना के अंतगवत इस विव 1.00 करोड रूपये खचव ककये जाएगं।े

    15. उत्तम चारा उत्पादन योजना :- राज्य में चारे का उत्पादन बढ़ाने के वलए सरकार ने गत विव से एक नई योजना “उत्तम चारा उत्पादन

    योजना” आरम्भ की ि।ै इस योजना के अंतगवत 25,000 िकै्टेयर क्षेत्र को चारा उत्पादन के तित लाया

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    जायेगा। ककसानों को उपदान दरों पर घास के गुणवत्तायुक्त बीज , कलम तथा स्तरोन्नत चारा ककस्मों की

    पौध उपलजध करवाई जायेगी। ककसानों के वलए चारा काटने की मशीन (टोका मशीन) एक मह्त्त्वपूणव

    उपकरण ि।ै सरकार अनुसूवचत जावत / अनुसूवचत जनजावत और बीपीएल ककसानों को चारा काटने की

    मशीन पर उपदान की सुववधा द ेरिी ि।ै इस योजना के अंतगवत इस विव 5.00 करोड रूपये खचव ककय े

    जाएगे।

    16. उठाऊ ससचंाई और बोरवलै योजना :-

    प्रदशे के अवधकांश भागो में ससंचाई उदशे्यों के वलए जल उठाने की आवश्यकता रिती ि।ै जो भी व्यवक्त

    अथवा ककसान समूि, उठाऊ ससंचाई योजना का वनमावण एवं बोरवैल स्थावपत करता ि।ै तो उन्िें 50%

    उपदान कदया जाएगा। इस योजना के अंतगवत इस विव 10.00 करोड रुपये खचव ककये जायंगे।

    17. जैववक खतेी :-

    रासायवनक खादों व दवाईयों की कम खपत के कारण प्रदशे में जैववक खेती ितेु आदशव पररवस्थवतयां ि।ै

    39,440 कृिकों को जैववक खेती ितेु पंजीकृत ककया जा चुका ि ैतथा 21,656 िकै्टेयर क्षेत्र को जैववक

    खेती के अंतगवत लाया गया ि।ै इस विव 260 िकै्टेयर अवतररक्त क्षेत्र जैववक खेती के अंतगवत लाया जा

    रिा ि।ै वमीकम्पोस्ट यूवनट पर 50% उपदान कदया जा रिा ि।ै जैववक खाद की आवश्यकता को पूरा

    करने के वलए इस विव 6500 केंचुआ-खाद इकाईयों की स्थापना की जायेगी , वजसके वलए ककसानों को

    50% उपदान कदया जायेगा।

    18. मुख्यमतं्री खते सरंक्षण योजना :-

    प्रत्येक विव बंदरो एवं जंगली जानवरों स ेफसलों को काफी नकुसान पहुचं रिा ि ै। इसी के बचाव के

    वलए प्रदशे सरकार ने इस विव से एक नई योजना मुख्यमंत्री खेत संरक्षण योजना आरम्भ की ि ै। इस

    योजना के अंतगवत कृिकों को बाड लगाने के वलए 60 प्रवतशत सिायता दी जायेगी। बाड को सौर उजाव

    एवं ववद्युत ्उजाव से संचररत ककया जायेगी। बाड में ववद्युत् प्रवाि से आवारा पशुओं , जंगली जानवरों

    एवं बंदरो को दरू रखने में मदद वमलेगी ।इस विव के वलए इस योजना पर 25 करोड रुपये का प्रावधान

    ककया गया ि ै।