235347477 mudra chikitsa swami ananta bodha chaitanya

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अनंतबोध चैतय वारा संऩादित िदिवसीय म ाचचकिसा सि 1 ा ऩररभाषा एवं ऱाभ : - दॊ यातीत भ ,’ इस म ऩत के अन साय मे भ ाएॊ देवताओॊ के सभ फनाकय दखराने से उह सनता दान कयती ह | जा-ववधान एक आवमक अॊग भाना गमा है | देवी-देवताओॊ के सभ कट कजानेवारी भ ाएॊ ऩ थक-ऩ थक कभम की टट से हजाय काय की होती ह , जनभ क छ जऩाॊगब त ह तो क नैवेदमाॊगब | छ का मोग कभमववशेष के सॊग भ एकदॊत भ , फीजाऩ य भ , अॊक श भ , भोदक भ आद| ऐसे ही शशव, वटण , शत, मामदद देव की भ ाएॊ | इनका तनम, नैशभतक औय काम-मोग की टट से बी भॊऩ वमक साधन होता है औय भॊ शसध हो जाने ऩय इनके मोग से अबीटट पर ात होता है | देवताओॊ की सनता, चित की श वध औय ववध योग के नाश भ भ ाओॊ से फड़ी सहामता शभरती है | ातव को सभझकय,मेक भन टम को इनका साधन कयना िादहए| ाओॊ को बोगी ऩ रष के शरए बोगद औय भ ुओॊ के शरए भोद भाना गमा है | इसशरए भ ाएॊ ग हथ औय सॊमासी दोन के शरए उऩमोगी ह | डशरनी शतके जागयण भ इन भ ाओॊ से सहामता शभरती है । ककॊ त मह आवमक नहीॊ सबी भ ाओॊ को कमा जाए, वयन् जो अऩनी शायीरयक थतत के अन र औय अमास भ सयर तीत हो, उसी को कयना िादहए| ऐसा कयनेवारे साधक को अवम ही मोगशसवध हो सकती है औय वह क डशरनी जात कयने भ ऩ णमतमा सभथम हो सकता है | हभाया शयीय अनत यहम से बया ह आ है। शयीय को वथ फनाए यखने कशतत हभाये शयीय भ ही तनदहत होती है। जऱयत है उस शत को जानकय उसे सॊत शरत औय मवथत कयने की। ि क शयीय ऩॊितव से शभरकय फना है , इसशरए जफ तक शयीय भ मे तव सॊत शरत यहते ह , तफ तक शयीय तनयोगी यहता है। मदद ककहीॊ कायण से इन तव भ असॊत रन ऩैदा हो जाए, तो नाना काय के

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Page 1: 235347477 Mudra Chikitsa Swami Ananta Bodha Chaitanya

अनतबोध चतनय दवारा सऩादित तरिदिवसीय मदराचचकितसा सि 1

मदरा ऩररभाषा एव ऱाभ -

lsquoभदॊ यातीतत भदराrsquo इस वमतऩततत क अनसाय म भदराएॊ दवताओॊ क सभ फनाकय ददखरान स उनह परसननता परदान कयती ह| ऩजा-ववधानो भ lsquoभदराrsquo एक आवशमक अॊग भाना गमा ह| दवी-दवताओॊ क सभ परकट की जानवारी भदराएॊ ऩथक-ऩथक कभम की दतटट स हजायो परकाय की होती ह तजनभ कछ जऩाॊगबत ह तो कछ नवदमाॊगबत| कछ का परमोग कभमववशष क परसॊग भ एकदॊत भदरा फीजाऩय भदरा अॊकश भदरा भोदक भदरा आदद| ऐस ही शशव ववटण शततत समामदद दवो की भदराएॊ ह| इनका तनतम नशभतततक औय कामम-परमोग की दतटट स बी भॊतरऩवमक साधन होता ह औय भॊतर शसदध हो जान ऩय इनक परमोग स अबीटट पर परापत होता ह| दवताओॊ की परसननता चितत की शवदध औय ववववध योगो क नाश भ भदराओॊ स फड़ी सहामता शभरती ह| भदराततव को सभझकयपरतमक भनटम को इनका साधन कयना िादहए|

भदराओॊ को बोगी ऩरषो क शरए बोगपरद औय भभ ओॊ क शरए भोपरद भाना गमा ह| इसशरए भदराएॊ गहसथ औय सॊनमासी दोनो क शरए उऩमोगी ह| कणडशरनी शततत क जागयण भ इन भदराओॊ स सहामता शभरती ह ककॊ त मह आवशमक नहीॊ कक सबी भदराओॊ को ककमा जाए वयन जो अऩनी शायीरयक तसथतत क अनकर औय अभमास भ सयर परतीत हो उसी को कयना िादहए| ऐसा कयनवार साधक को अवशम ही मोगशसवदध हो सकती ह औय वह कणडशरनी जागरत कयन भ ऩणमतमा सभथम हो सकता ह| हभाया शयीय अननत यहसमो स बया हआ ह शयीय को सवसथ फनाए यखन की शततत हभाय शयीय भ ही तनदहत होती ह जरयत ह उस शततत को जानकय उस सॊतशरत औय वमवतसथत कयन की िॊकक शयीय ऩॊिततवो स शभरकय फना ह इसशरए जफ तक शयीय भ म ततव सॊतशरत यहत ह तफ तक शयीय तनयोगी यहता ह मदद ककनहीॊ कायणो स इन ततवो भ असॊतरन ऩदा हो जाए तो नाना परकाय क

अनतबोध चतनय दवारा सऩादित तरिदिवसीय मदराचचकितसा सि 2

योग उतऩनन होन रगत ह मदद हभ इन ततवो को ऩन सॊतशरत कय द तो शयीय तनयोगी हो जाता ह

हभाय हाथ की िायो अॊगशरमो एक अॊगटठ वसतत ऩॊिततवो का परतततनचधतव कयत ह - १ अॊगठा= अतनन २ तजमनी=(ऩहरी अॊगरी) = वाम ३ भधमभा=(दसयी अॊगरी)= आकाश ४ अनाशभका=(तीसयी अॊगरी)= ऩथवी ५ कतनतटठका=(सफस छोटी अॊगरी)= जर उॊगशरमो को एक दसय स छत हए ककसी खास तसथतत भ इनकी जो आकतत फनती ह उस भदरा कहत ह भदरा क दवाया अनक योगो को दय ककमा जा सकता ह उॊगशरमो क ऩाॊिो वगम ऩॊिततवो क फाय भ फतात ह तजसस अरग-अरग ववदमत धाया फहती ह इसशरम भदरा ववऻान भ जफ उॊगशरमो का योगानसाय आऩसी सऩशम कयात ह तफ साततवक ऊजाम शयीय भ परवादहत होती ह औय हभाय शयीय क योग को सभापत कयन रगती ह तजसस हभाया शयीय तनयोगी होन रगता ह

मदरा चचकितसा -

ऩयान कार भ अॉगशरमो की ववशबनन यिनाओॊ मा कह कक भदराओॊ स भनटम न सिनाओॊ का आदान परदान ककमा आज बी भक-फचधय वमतततओॊ को अऩनी फात कहन क शरम हसत सॊकत ही भखम भाधमभ ह हभाय शासतरीम नतमो भ हसत-भदराओॊ का फहत भहतव ह धाशभमक कामोभ जऩ जाऩ धमान आदद भ बी हाथो की भदराम भहतवऩणम होती ह शयीय को सवसथ यखन भ अॉगशरमोकी फड़ी बशभका ह तमोकक शयीय क हय बाग की तॊतरतरकाओॊ का समफनध अॉगशरमो स ह इसी ऻान का उऩमोग एतमपरशय चिककतसा भ बी ककमा गमा ह

अनतबोध चतनय दवारा सऩादित तरिदिवसीय मदराचचकितसा सि 3

शासतरो क अनसाय मह सतटट ऩाॊि ततवो स फनीॊ ह व ततव ह - अतननततव वामततव ऩथवी ततव जरततव औय आकाशततव मह भानव शयीय बी इनहीॊ ऩाॊि ततवो स फना ह मत वऩ ॊड तत बरहभाॊड अथामत मही ऩाॊि ततव भनटम क शयीय क अनदय बी ह हभायी सतटट का अतनन ततव ह समम समम स परापत ऊजाम मा उटणता वामततव अथामत हवा मा हवा क ऻात-अऻात घटक औय हवा की पराण शततत ऩथवी ततव अथामत शभटटी औय जभीन स ऩदा होनवारी वनसऩतत औय ऩथवी की पराणशततत जरततव मान सागय नददमाॉ औय बगबीम जर औय जर की पराणशततत औय आकाश ततव अथामत आकाश मा रयततता खारीऩन मा खारी सथान औय रयतत सथान की पराणशततत मही ऩाॊि ततव भानव दह भ ह सतटट भ जसी उटणता ह वसी ही भनटम क शयीय भ बी ह हभाय शयीय का ताऩभान ९७ मा ९८ अॊश सतससमस ह अथामत हभ भ अतननततव ह हभ साॊस रत ह पपड़ो भ हवा यहती ह अथामत वामततव का हभ उऩमोग कयत ह बोजन क दवाया हभ वनसऩतत औय अनम खतनजो का उऩमोग कयत ह अथामत हभाया शयीय ऩथवी ततव स फना ह शयीय की नसो भ खन परवादहत होता यहता ह ऩीन क शरए हभ ऩानी परमोग भ रात ह हभाय शयीय भ 71 ऩानी ह अत हभ भ जरततव ह हभाय शयीय भ खारी सथान ह जस पपड़ो भ ऩट भ नाक भ म सबी आकाश ततव की उऩतसथतत का सॊकत ह मह भानव शयीय -ऩथवीजरअतननआकाश तथा वाम- ऩॊिततव स तनशभमत ह साधायनतमा आहाय ववहाय का असॊतरन इन ऩॊिततवो क सॊतरन को खतणडत कयता ह औय परसवरऩ भनटम शयीय योगो स गरशसत हो जाता हतनमशभत वमामाभ तथा सॊतशरत आहाय ववहाय सवाबाववक रऩ स कामा को तनयोगी यखन भ सभथम हऩय वतमभान क वमसत सभम भ कछ तो आरसम औय कछ वमसतता वश

अनतबोध चतनय दवारा सऩादित तरिदिवसीय मदराचचकितसा सि 4

तनमशभत मोग सफक दवाया सॊबव नहीॊ हो ऩाताऩयनत मोग भ कछ ऐस साधन ह तजनभ न अचधक शरभ की आवशमकता ह औय इन भ स भदरा चिककतसा भखम चिककतसा ऩधदतत ह इसक अॊतगमत ववशबनन हसतभदराओॊ क अभमास स हभ अनक योगोकटटो स भतत हो सकत ह ऐसा सॊबव ह अॊगशरमो को ववशबनन परकाय स भोड कय भदरा फनान ऩय हथशरमो औय अॊगशरमो की तसथतत भ ऩरयवतमन होन स भाॊस ऩशशमो भ खखॊिाव होता ह एवॊ उन ऩय दवाफ ऩड़ता ह तजसस गरह एवॊ उनक ऩवमतो क दोषो स उततऩनन होन वार योग ठीक होत ह हथशरमो औय अॊगशरमो ऩय तसथत शयीय क बीतयी एवॊ फाहयी अॊगो क सथान स सॊफतनधत अॊगो क योग नटट होत ह हथशरमो ऩय तसथत सराव गरॊचथमाॊ अऩना कामम सिार रऩ स कयन रगती ह हरदम यखा जीवन यखा एवॊ फध यखा क दोष दय होत ह दाम हाथ की भदरा कयन स शयीय क फाम तयप एवॊ फाम हाथ की भदरा स शयीय क दाम बाग को राब होता ह भदराओॊ को दोनो हाथ स कयन ऩय आशातीत राब होता ह

िछ ऩाऱनीय ननयम-

सवसथ यहन क शरए भदराओॊ को कभ स कभ 15 शभनट औय जमादा स जमादा 45 शभनट तक ही कयना िादहए ददन भ दो फाय कयन ऩय जमादा जसदी राब होता ह शायीरयक ततवो भ ऩरयवतमन होन रगता ह ववशषत ऻान भदरा पराण भदरा एवॊ अऩान भदरा कयन स सभसत सनाम भणडर परबाववत होता ह तजसस भनटम का सवमतोभखी ववकास होता ह भदरा सवसथ यहत हम बी की जा सकती ह भदराए ककसी बी सभम ककसी बी अवसथा भ औय कही बी की जा सकती ह रककन ऩणम राब रन क शरए शाॊत सथान भ फठ कय एकागरताऩवमक कय सफस ऩहर सवचछ जर स नहा र मा हाथ ऩय धो र उसक फाद ऩवम मा उततय ददशा की

अनतबोध चतनय दवारा सऩादित तरिदिवसीय मदराचचकितसा सि 5

तयप भख कय क दयी मा गदद ऩय सीधा फठ औय आॉखो को हसका सा फॊद कयर उसक फाद भदरा अभमास कय शवास धीय धीय र औय छोड़ अनक भदरा ततव को घटान मा फढ़ान भ बी सहामक होती ह अॊगठ क अगर बाग स अॊगरी क अगर बाग को शभरान स उस अॊगरी भ तसथत ततव भ ववदध होती ह अथवा ततव सभ अवसथा भ आ जाता ह अॊगरी को भोड़ कय अॊगठ की जड़ भ यख कय अॊगठ की अॊगरी क ऊऩय यखन स उस अॊगरी भ तसथत ततव भ कभी आती ह

1 नमसिार मदरा

अनतबोध चतनय दवारा सऩादित तरिदिवसीय मदराचचकितसा सि 6

समम नभसकाय की शरआत बी इसी भदरा स होती ह इसी भदरा भ कई आसन ककए जात ह परणाभ ववनम का सिक ह इस नभसकाय मा नभसत बी कह सकत ह सभि बायतवषम भ इसका परिरन ह इस भदरा को कयन क अनको पामद ह मोगासन मा अनम कामम की शरआत क ऩवम इस कयना िादहए इसको कयन स भन भ अचछा बाव उतऩनन होता ह औय कामम भ सपरता शभरती ह ववचध दोनो हाथो को जोड़कय जो भदरा फनात ह उस नभसकाय भदरा कहत ह सवम परथभ आॉख फॊद कयत हए दोनो होथो को जोड़कय अथामत दोनो हथशरमो को शभरात हए छाती क भधम भ सटाएॉ तथा दोनो हथशरमो को एक-दसय स दफात हएॉ कोहतनमाॉ को दाएॉ-फाएॉ सीधी तान द जफ म दोनो हाथ जड़ हए हभ धीय-धीय भतसतटक तक ऩहॉित ह तो नभसकाय भदरा फनती ह ऱाभ हभाय हाथ क तॊत भतटतटक क तॊतओॊ स जड़ ह हथशरमो को दफान स मा जोड़ यखन स रदमिकर औय आऻािकर भ सककरमता आती ह तजसस जागयण फढ़ता

अनतबोध चतनय दवारा सऩादित तरिदिवसीय मदराचचकितसा सि 7

ह उतत जागयण स भन शाॊत एवॊ चितत भ परसननता उतऩनन होती ह रदम भ ऩटटता आती ह तथा तनशबमकता फढ़ती ह इस भदरा का परबाव हभाय सभि बावनातभक औय विारयक भनोबावो ऩय ऩड़ता ह तजसस सकायातभकता फढ़ती ह मह साभातजक औय धाशभमक दतटट स बी राबदामक ह

2 जञान मदरा ndash

ववचध- दाङगटठतजमनी मोगो ऻान भदरा (तनतमोतसव)

अनतबोध चतनय दवारा सऩादित तरिदिवसीय मदराचचकितसा सि 8

अॊगठ औय तजमनी(ऩहरी उॊगरी) क ऩोयो को आऩस भ (तरफना जोय रगाम सहज रऩ भ) जोड़न ऩय ऻान भदरा फनती ह ऱाभ- इस भदरा क तनतम अभमास स सभयण शततत का अबतऩवम ववकाश होता हभतटतटक की दफमरता सभापत हो जाती हसाधना भ भन रगता हधमान एकागरचित होता हइस भदरा क साथ मदद भॊतर का जाऩ ककमा जाम तो वह शसदध होता ह ककसी बी धभमऩॊथ क अनमामी तमो न हो उऩासना कार भ मदद इस भदरा को कय औय अऩन इटट भ धमान एकागरचितत कय तो भन भ फीज रऩ भ तसथत परभ की अनतसशररा का अजशर शरोत सवत परसपदटत हो परवादहत होन रगता ह औय ऩयभाननद की परातपत होती हइसी भदरा क साथ तो ऋवषमो भनीवषमो तऩतसवमो न ऩयभ ऻान को परापत ककमा था ऩागरऩनअनक परकाय क भनोयोग चिडचिडाऩनकरोधिॊिरतारमऩटताअतसथयताचिॊताबमघफयाहटवमाकरताअतनदरा योग डडपरशन जस अनक भन भतसतटक समफनधी वमाचधमाॊ इसक तनमशभत अभमास स तनतशित ही सभापत हो जाती हभानशसक भता फढ़न वारा तथा सतोगण का ववकास कयन वारा मह अिक साधन ह ववदमाचथममो फवदधजीववमो स रकय परतमक आमवगम क सतरी ऩरषो को अऩन आततभक भानशसक ववकास क शरए भदराओॊ का परमोग अवशम ही कयना िादहए

अनतबोध चतनय दवारा सऩादित तरिदिवसीय मदराचचकितसा सि 9

3 वाम भदरा-

ववचध - अॊगठ क फाद वारी ऩहरी अॊगरी - तजमनी को भोड़कय उसक नाखबाग का दवाफ (हसका) अॊगठ क भर बाग (जड़) भ ककमा जाम औय अॊगठ स तजमनी ऩय दवाफ फनामा जाम शष तीनो अॉगशरमो को अऩन सीध भ सीधा यखा जामइसस जो भदरा फनती हउस वाम भदरा कहत ह राब - वाम सॊफनधी सभसत योग मथा - गदठमाजोडो का ददम वात ऩाघात हाथ ऩय मा शयीय भ कमऩन रकवा दहसटीरयमा वाम शर गस इतमादद अनक असाधम योग इस भदरा स ठीक हो जात ह इस भदरा क साथ कबी कबी पराण भदरा बी कयत यहना िादहए

अनतबोध चतनय दवारा सऩादित तरिदिवसीय मदराचचकितसा सि 10

4 आिाश मदरा

ववचध दोनो हाथो की भधमभा अॊगशरमो को अॊगठो क अगरबाग स रगाकय फाकी अॊगशरमो को सीधा कय द अफ हाथो को घटनो ऩय यख र हथशरमो का रख ऊऩय की ओय यहगा कभय-गदमन सीधी यख कय आॊख फॊद कय धमान की तसथतत भ फठ जाएॊ ऱाभ कान क योग फहयाऩन कान भ आवाज आन की सभसमा दय होन रगती ह हडडडमो की कभजोयी को बी दय कयन भ भदद शभरती ह

अनतबोध चतनय दवारा सऩादित तरिदिवसीय मदराचचकितसा सि 11

5 शनम भदरा -

ववचध - अॊगठ स दसयी अॊगरी (भधमभासफस रमफी वारी अॊगरी) को भोड़कय अॊगठ क भर बाग (जड़ भ) सऩशम कय औय अॊगठ को भोड़कय भधमभा क ऊऩय स ऐस दफाम कक भधमभा उॊगरी का तनयॊतय सऩशम अॊगठ क भर बाग स फना यह फाकी की तीनो अॉगशरमो को अऩनी सीध भ यखइस तयह स जो भदरा फनती ह उस शनम भदरा कहत ह राब - इस भदरा क तनयॊतय अभमास स कान फहना फहयाऩन कान भ ददम इतमादद कान क ववशबनन योगो स भततत सॊबव हमदद कान भ ददम उठ औय इस भदरा को परमतत ककमा जाम तो ऩाॊि सात शभनट क भधम ही राब अनबत होन रगता हइसक तनयॊतय अभमास स कान क ऩयान योग बी ऩणमत ठीक हो जात ह इसकी अनऩयक भदरा आकाश भदरा हइस भदरा क साथ साथ मदद आकाश भदरा का परमोग बी ककमा जाम तो वमाऩक राब शभरता ह

अनतबोध चतनय दवारा सऩादित तरिदिवसीय मदराचचकितसा सि 12

6 ऩथवी मदरा

ववचध दोनो हाथो की अनाशभका अॊगशरमो को अॊगठो क अगरबाग स रगाकय फाकी अॊगशरमाॊ सीधी यख अफ हाथो को घटनो ऩय यख र हथशरमो का रख ऊऩय की ओय यहगा कभय-गदमन सीधी यख कय आॊख फॊद कय धमान की तसथतत भ फठ जाएॊ ऱाभ मह भदरा शायीरयक दफरमता दय कय वजन फढ़ाती ह शयीय भ सपततम कातनत एवॊ तज फढ़ाकय जीवनी शततत का ववकास कयती ह इसक अभमास स ऩािन तनतर को फर शभरता ह

अनतबोध चतनय दवारा सऩादित तरिदिवसीय मदराचचकितसा सि 13

7 सयय मदरा

ववचध दोनो हाथो की अनाशभका अॊगशरमो को अॊगठो क भर भ रगाकय अॊगठ स दफाकय फाकी अॊगशरमो को सीधा कयक यख अफ हाथो को घटनो ऩय यख र हथशरमो का रख ऊऩय की ओय यहगा कभय-गदमन सीधी यख कय आॊख फॊद कय धमान की तसथतत भ फठ जाएॊ ऱाभ मह भदरा भोटाऩा कभ कय वजन घटाती ह शयीय भ ऊटणता फढ़ाती ह शततत का ववकास कयती ह कॉरसरॉर फढ़न नहीॊ दती भधभह व रीवय क योग भ राब ऩहॊिाती ह शयीय को सॊतशरत कय दती ह नोट कभजोय वमततत इसका अभमास न कय गभी भ इसका अभमास कभ ही कय

अनतबोध चतनय दवारा सऩादित तरिदिवसीय मदराचचकितसा सि 14

8 वरण मदरा

ववचध दोनो हाथो की कतनटठा अॊगशरमो को अॊगठो क अगरबाग ऩय रगाकय फाकी अॊगशरमो को सीधा यखन स मह भदरा फनती ह अफ हाथो को घटनो ऩय यख र हथशरमो का रख ऊऩय की ओय यहगा कभय-गदमन सीधी यख कय आॊख फॊद कय धमान की तसथतत भ फठ जाएॊ ऱाभ मह िभमयोग यतत ववकाय दय कयती ह शयीय भ रखाऩन दय कय तविा को िभकीरी व भरामभ फनान भ सहामक ह िहय की सॊदयता को फढ़ा दती ह नोट कप परकतत वार वमततत इसका अभमास जमादा न कय

अनतबोध चतनय दवारा सऩादित तरिदिवसीय मदराचचकितसा सि 15

9 जऱोिर नाशि-

ववचध कतनटठा को अॉगठ क जड़ भ रगाकय अॉगठ स दफाम राब- जर तततव की अचधकता स होन वार सबी योगसजन जरोदय आदद भ ववशष राब होता

ह योग शानत होन तक ही कय

अनतबोध चतनय दवारा सऩादित तरिदिवसीय मदराचचकितसा सि 16

10 पराण मदरा -

ववचध अॊगठ स तीसयी अनाशभका तथा िौथी कतनतटठका अॉगशरमो क ऩोयो को एकसाथ अॊगठ क ऩोय क साथ शभराकय शष दोनो अॉगशरमो को अऩन सीध भ खडा यखन स जो भदरा फनती ह उस पराण भदरा कहत ह राब - हरदम योग भ याभफाण तथा नतरजमोतत फढान भ मह भदरा ऩयभ सहामक हसाथ ही मह पराण शततत फढ़ान वारा बी होता हपराण शततत परफर होन ऩय भनटम क शरए ककसी बी परततकर ऩरयतसथततमो भ धममवान यहना अतमॊत सहज हो जाता हवसतत दढ पराण शततत ही जीवन को सखद फनाती ह इस भदरा की ववशषता मह ह कक इसक शरए अवचध की कोई फाधमता नहीॊइस कछ शभनट बी ककमा जा सकता ह

अनतबोध चतनय दवारा सऩादित तरिदिवसीय मदराचचकितसा सि 17

11 अऩान मदरा

ववचध दोनो हाथो की भधमभा तथा अनाशभका अॊगशरमो को अॊगठ क अगरबाग स रगाकय फाकी अॊगशरमो को सीधी यख अफ हाथो को घटनो ऩय यख र हथशरमो का रख ऊऩय की ओय यहगा कभय-गदमन सीधी यख कय आॊख फॊद कय धमान की तसथतत भ फठ जाएॊ ऱाभ कबज भधभह ककडनी ववकाय वाम ववकाय फवासीय को दय कयन भ सहामक ह शयीय को शदध कय नाड़ी दोषो को दय कयन वारी ह भतर का अवयोध दय कय दाॊतो को भजफत कयती ह ऩसीना बी राती ह नोट इस भदरा क अभमास स भतर अचधक आन रगता ह

अनतबोध चतनय दवारा सऩादित तरिदिवसीय मदराचचकितसा सि 18

12 वयान मदरा-

ववचध- हाथ की भधमभा अॊगरी क आग क बाग को अॊगठ क आग क बाग स शभरान औय तजमनी अॊगरी को फीि की अॊगरी क नाखन स छआएॊ फाकी फिी सायी अॊगशरमाॊ सीधी यहनी िादहए इसी को वमान भदरा कहा जाता ह अवचध- इस भदरा को सफह 15 शभनट औय शाभ को 15 शभनट तक कयना िादहए ऱाभ- वमान भदरा को कयन स ऩशाफ सॊफॊधी सबी योग दय होत ह जस- ऩशाफ जमादा आना ऩशाफ भ िीनी आना ऩशाफ क साथ घात आना ऩशाफ रक-रक कय आना आदद योग सभापत हो जात ह इसक अरावा इस भदरा क तनमशभत अभमास स भधभह परभह औय सवपनदोष बी दय होता ह तसतरमो क शरए मह भदरा सफस जमादा राबदामक फताई गई ह इस भदरा को कयन स तसतरमो क साय योग सभापत हो जात ह

अनतबोध चतनय दवारा सऩादित तरिदिवसीय मदराचचकितसा सि 19

13 उिान मदरा-

ववचध - ऩहरी भधमभा औय अनाशभका उॊगरी क आग क बाग को अॊगठ क आग क बाग स रगाएॊ इस उदान भदरा कहत ह इसका सॊफॊध कॊ ठ स भतसतटक तक होता ह मह ववशवदध िकर को परवादहत कयता ह

राब - इसस भन शाॊत होता ह औय थामयॉइड सॊफॊधी सबी योगो भ राब ऩहॊिता ह

सभमावचध - इस भदरा को बी कवर 15 स 45 शभतनट तक ही कयना िादहए

अनतबोध चतनय दवारा सऩादित तरिदिवसीय मदराचचकितसा सि 20

14 सभान भदरा

ववचध - हाथ की िायो उॊगशरमो औय अॊगठ क अगरबाग को शभरा कय ऊऩय की तयप यखन स सभान भदरा फनती ह इस भदरा भ ऩाॊिो ततव शभर जात ह

राब ndash मह भदरा हभाय वविायो को आधमाततभक फनाती ह फय वविाय दय होत ह

अनतबोध चतनय दवारा सऩादित तरिदिवसीय मदराचचकितसा सि 21

15 हिय मदरा

ववचध दोनो हाथो की तजमनी अॊगशरमो को अॊगठो क भर भ रगाकय भधमभा व अनाशभका अॊगशरमो को अॊगठ क अगरबाग ऩय रगा द व छोटी अॊगरी को सीधा कयक यख अफ हाथो को घटनो ऩय यख र हथशरमो का रख ऊऩय की ओय यहगा कभय-गदमन सीधी यख कय आॊख फॊद कय धमान की तसथतत भ फठ जाएॊ ऱाभ मह भदरा रदम योगो भ ववशष रऩ स राबकायी ह परततददन 10-15 शभनट अभमास स रदम भजफत होता ह गस फनना शसयददम असथभा व उचि यततिाऩ भ राबकायी ह सीदढ़मो ऩय िढ़न स ऩहर ही अगय मह भदरा रगा री जाए औय इस भदरा क साथ ही सीदढ़माॊ िढ़ी जाएॊ तो साॊस नहीॊ परती

अनतबोध चतनय दवारा सऩादित तरिदिवसीय मदराचचकितसा सि 22

16 लऱग मदरा

ववचध- फाएॉ हाथ का अॊगठा सीधा खडा कय दादहन हाथ स फाएॊ हाथ कक अॉगशरमो भ ऩयसऩय पॉ सात हए दोनो ऩॊजो को ऐस जोड कक दादहना अॊगठा फाएॊ अॊगठ को फहाय स आवतत कय र इस परकाय जो भदरा फनगी उस अॊगटठ भदरा कहग राब - अॊगठ भ अतनन ततव होता हइस भदरा क अभमास स शयीय भ उटभता फढ़न रगती हशयीय भ जभा कप ततव सखकय नटट हो जाता हसदी जकाभखाॊसी इतमादद योगो भ मह फड़ा राबदामी होता हकबी मदद शीत परकोऩ भ आ जाएॉ औय शयीय भ ठणड स कॊ ऩकॊ ऩाहट होन रग तो इस भदरा का परमोग तवरयत राब दता ह

अनतबोध चतनय दवारा सऩादित तरिदिवसीय मदराचचकितसा सि 23

17 शख मदरा-

ववचध - फाएॊ हाथ क अॊगठ को दोनो हाथ की भटठी भ फॊद कयक फाएॊ हाथ की तजमनी उॊगरी को दादहन हाथ क अॊगठ स शभरान स शॊख भदरा फनती ह| इस भदरा भ फाएॊ हाथ की फाकी तीन उॊगशरमो क ऩास भ सटाकय दाएॊ हाथ की फॊद उॊगशरमो ऩय हसका-सा दफाव ददमा जाता ह| इसी परकाय हाथ फदरकय अथामत दाएॊ हाथ क अॊगठ को फाएॊ हाथ की भटठी भ फॊद कयक शॊख भदरा फनाई जाती ह| इस भदरा भ ऱाभ - अॊगठ का दफाव हथरी क फीि क बाग ऩय औय भटठी की तीन उॊगशरमो का दफाव शकर ऩवमत ऩय ऩड़ता ह तजसस हथरी भ तसथत नाशब औय थाइयॉइड (ऩतसरका) गरॊचथ क क दर दफत ह| ऩरयणाभसवरऩ नाशब औय थाइयॉइड गरॊचथ क ववकाय ठीक होत ह|

अनतबोध चतनय दवारा सऩादित तरिदिवसीय मदराचचकितसा सि 24

शॊख भदरा का नाशब िकर स तनकट का सॊबॊध ह इसशरए शायीय क सनामतॊतर ऩय ववशष कामम कयती ह अत अनत औय फाहम सवासथम भ फहत राबकायी ह

मह ऩािन तॊतर को उततभ फनाती ह

तनमशभत कयन स बख फढान भ भदद शभरती ह

मह भदरा फोरत सभम उचिायण क दोषो को दय कयन भ फहत परबावी ह जस ततराना हकराना आदद दोष तनमभतत परमोग स दय हो जात ह

सॊगीत की साधना कयन वारो क शरए ववशश राबकायी ह वाणी को भधय फनाती ह

मह भदरा ऩजन भ बी परमतत होती ह| इसका परमोग रॊफ सभम तक ककमा जा सकता ह| इस भदरा का नाशबिकर स ववशष समफनध ह तजसक कायण नाशब स सॊफॊचधत शयीय की नाडड़मो ऩय सकषभ औय सवासथमवधमक परबाव ऩड़ता ह तथा सनामभणडर शतततशारी फनती ह|

अनतबोध चतनय दवारा सऩादित तरिदिवसीय मदराचचकितसा सि 25

18 योनन मदरा-

मौचगक दतटट स अऩन अॊदय कई परकाय क यहसम तछऩाए यखनवारी भदरा का वासतववक नाभ lsquoमोतन भदराrsquo ह| तत मोग क अनसाय कवर हाथो की उॊगशरमो स भहाशततत बगवती की परसननता क शरए मोतन भदरा परदशशमत कयन की आऻा ह| परतम रऩ स इसका परबाव रॊफी मोग साधना क अॊतगमत तॊतर-भॊतर-मॊतर साधना स बी दतटटगोिय होता ह| इस भदरा क तनयॊतय अभमास स साधक की पराण-अऩान वाम को शभरा दनवारी भरफॊध ककरमा को बी साथ कयन स जो तसथतत फनती ह उस ही मोतन भदरा की सॊऻा दी ह| मह फड़ी िभतकायी भदरा ह| ऩदमासन की तसथतत भ फठकय दोनो हाथो की उॊगशरमो स मोतन भदरा फनाकय औय ऩवम भरफॊध की तसथतत भ सममक बाव स तसथत होकय पराण-अऩान को शभरान की परफर बावना क साथ भराधाय सथान ऩय मौचगक सॊमभ कयन स कई परकाय की शसवदधमाॊ परापत हो जाती ह|

अनतबोध चतनय दवारा सऩादित तरिदिवसीय मदराचचकितसा सि 26

ऋवषमो का भत ह कक तजस मोगी को उऩयोतत तसथतत भ मोतन भदरा का रगाताय अभमास कयत-कयत शसवदध परापत हो गई ह उसका शयीय साधनावसथा भ बशभ स आसन सदहत ऊऩय अधय भ तसथत हो जाता ह| सॊबवत इसी कायण आदद शॊकयािाममजी न अऩन मोग यतनावरी नाभक ववशष गरॊथ भ भरफॊध का उसरख ववशष रऩ स ककमा ह|

19 धन मदरा -

बायतीम ऩयॊऩया भ धन गाम को कहा जाता ह औय मह दहनद धभम क साततवक औय भहानता का परतीक ह धन भदरा फनात सभम हाथो की उॊगशरमा गाम क थनो जसी हो जाती ह जस गाम क थनो स दध ऩीकय शयीय ऩटट फनता ह वस ही धन भदरा कयन स बी शयीय रटट ऩटट फनता ह

ववचध - अनमोनमाशबभखॊ तशरटटाकतनटठानाशभका ऩन

अनतबोध चतनय दवारा सऩादित तरिदिवसीय मदराचचकितसा सि 27

तथा ि तजमतनभधमा धन भदरा अभत परदा ( कारी तॊतर )

अऩन दोनो हाथो की अॊगशरमो क ऩोयो को एक साथ शभरा र कपय फाम हाथ की तजमनी ऊॊ गरी को दाएॊ हाथ की फीि वारी उॊगरी स छआए इसक फाद दाएॊ हाथ की तजमनी उॊगरी को फाम हाथ की फीि वारी उॊगरी स छआम ऐस ही फाम हाथ की अनाशभका उॊगरी को दाएॊ हाथ की सफस छोटी उॊगरी स शभराएॊ अॉगठो को खरा छोड़ द हाथ की अॊगशरमो को नीि की तयप कयन स अॊगशरमो की आकतत गाम क धनो जसी हो जाती ह इसी कायण इस धन भदरा कहत ह

सभम - इस भदरा का अभमास धीय धीय फढ़ाए ऩहर 1 स 15 शभतनट औय फाद भ 15 स 30 तथा जफ अचछी तयह मह भदरा अभमास भ आ जाए तफ इस भदरा को 45 शभतनट तक कय सकत ह

राब - धन भदरा स ऩािन तॊतर भजफत होता ह औय शयीय ताकतवय व सवसथ फनता ह मह ऩट क योगो क शरए याभफाण भदरा ह मोग साधना भ फहत ही उऩमोगी भदरा कहराती ह तॊतर एवॊ कभमकाॊड भ बी धन भदरा का परमोग ह ह ऩयानी भानमता क अनसाय मह अभत ततव को दन वारी भदरा ह मह भदरा वात वऩतत तथा कप को सॊतशरत कयती ह

अनतबोध चतनय दवारा सऩादित तरिदिवसीय मदराचचकितसा सि 28

20 मगी मदरा-

भग दहयन को कहा जाता ह मऻ क दौयान होभ की जान वारी साभगरी को इसी भदरा भ होभ ककमा जाता ह पराणामाभ ककए जान क दौयान बी इस भदरा का उऩमोग होता ह धमान कयत वतत बी इस भदरा का इसतभार ककमा जाता ह मह भदरा फनात वतत हाथ की आकतत भग क शसय क सभान हो जाती ह इसीशरए इस भगी भदरा कहा जाता ह मह एक हसत भदरा ह ववचध अऩन हाथ की अनाशभका औय भधमभा अॊगरी को अॊगठ क आग क बाग को छआ कय फाकी फिी तजमनी औय कतनटठा अॊगरी को सीधा तान दन स भगी भदरा फन जाती ह योग आसन - इस दौयान उतकटासन सखासन औय उऩासना क सभम इसतभार होन वार आसन ककए जा सकत ह

अनतबोध चतनय दवारा सऩादित तरिदिवसीय मदराचचकितसा सि 29

समय- इस भदरा को सववधानसाय कछ दय तक कय सकत ह औय इस तीन स िाय फाय ककमा जा सकता ह ऱाभ- भगी भदरा कयत सभम अॊगठ क ऩोय औय अॊगशरमो क जोड़ ऩय दफाव ऩड़ता ह उतत दफाव क कायण शसयददम औय ददभागी ऩयशानी भ राब शभरता ह एतमपरशय चिककतसा क अनसाय उतत अॊगशरमो क अॊदय दाॊत औय सामनस क तरफ ॊद होत ह तजसक कायण हभ दाॊत औय सहनस योग भ बी राब शभरता ह ववशष- भाना जाता ह कक इस भदरा को कयन स सोिन औय सभझन की शततत का ववकास बी होता ह भगी भदरा शभगी क योचगमो क शरए फहत ही राबकायी ह

21 यमहररमदरा

ववचध -सवम परधभ आऩ अऩन दोनो हाथो की सफस छोटी अॊगरी अथामत कतनटठा को आऩस भ एक दसय क परथभ ऩोय स शभरा द इसी क साथ दोनो अॊगठ को बी आऩस भ शभरा द अफ तीन अॊगशरमाॊ फाकी यह जाएॊगी- भध मभा तजमनी औय अनाशभका इन तीनो अॊगशरमो को हथरी की ओय भोड़कय भटठी जसा फनाइए अॊगशरमो की इस तसथतत को मभ हरयभदरा कहत ह

अनतबोध चतनय दवारा सऩादित तरिदिवसीय मदराचचकितसा सि 30

ऱाभ - मभहरयभदरा क तनमशभत अभमास स नाडड़मो को शततत शभरती ह इस भदरा क तनयॊतय अभमास स ऩट क योग जस- कबज बख ना रगना औय तजगय की कभजोयी दय होती ह इस भदरा स तसतरमो क सतनो क साय योगो भ बी राब शभरता ह मभ हरयभदरा को परततददन 5 शभनट सफह औय 5 शभनट शाभ को कय आऩ इसक कयन का सभम फढ़ाकय 10 शभनट तक कय सकत ह परततददन कभ स कभ ऩाॊि भदराएॊ अऩनी सववधानसाय कयनी िादहए भदराओॊ स सबी योगो भ राब ऩामा जा सकता ह मदद उनका मोग शशक स ऩछकय तनमशभत अभमास ककमा जाए भदराएॊ खासकय उन रोगो क शरए पामदभॊद सातरफत होती ह जो मोगासन कयन भ असभथम ह

22 ऩषऩाजलऱ मदरा-

अनतबोध चतनय दवारा सऩादित तरिदिवसीय मदराचचकितसा सि 31

मह भहतवऩणम हसत मोग भदरा ह जस दआ भ हाथ उठात ह मा ऩटऩ अऩमण कयत ह तफ मह भदरा फनती ह जसा कक इसका नाभ ह ऩटऩाॊजशर इसी स मह शसदध होता ह कक मह भदरा ककस परकाय की होगी ववचध- दोनो हाथो की अॊगशरमो औय अॊगठ को आऩस भ शभरा भखणफदध को बी शभरा र कपय दोनो हाथो की छोटी अॊगशरमो को एक साथ शभराकय ऐसी आकतत फना र कक जस हभ ककसी बगवान को पर िढ़ात सभम फनात ह इस ही ऩटऩाॊजशर भदरा कहत ह

ऱाभ- ऩटऩाॊजरी भदरा क तनयॊतय अभमास स नीॊद अचछी तयह स आन रगती ह आतभववशवास फढ़ता ह

23 यज भदरा-

अनतबोध चतनय दवारा सऩादित तरिदिवसीय मदराचचकितसा सि 32

यज भदरा कवर तसतरमो क शरए ह ऐसा नहीॊ फतसक अगय ऩरष इस भदरा को कयत ह तो उनक वीमम सॊफॊधी सभसत योग दय हो जात ह ववचध- यज भदरा फनाना फहत ही आसान ह कतनटठा (छोटी अॊगरी) अॊगरी को हथरी की जड़ भ भोड़कय रगान स यज भदरा फन जाती ह ऱाभ- यज भदरा स तसतरमो क भाशसक धभम सॊफॊधी योग दय होत ह इसक अरवा शसय भ बायीऩन यहना छाती भ ददम ऩट ऩीठ कभय का ददम आदद योग बी यज भदरा कयन स दय हो जात ह सतरी क साय परजनन अॊगो की ऩयशातनमो को म भदरा तरफसकर दय कय दती ह

24 अदिती मदरा-

ववचध- अॊगठ क आग क बाग को अनाशभका (छोटी उॊगरी क साथ वारी उॊगरी) उॊगरी की जड़ भ टढ़ा रगान स अददती भदरा फन जाती ह

ऱाभ- इस भदरा को कयन स हय सभम उफासी आना जमादा छीॊक आना जस योगो को दय ककमा जा सकता ह

अनतबोध चतनय दवारा सऩादित तरिदिवसीय मदराचचकितसा सि 33

समय- अददती भदरा को ददन भ 3-4 फाय 15-15 शभनटो क शरए कय सकत ह

25 हसी मदरा-

जस हॊस नीय ीय वववक की साभथमम यखता ह वस इस भदरा क कयन स सोिन औय तवरयत तनणमम की भता फढती ह मदरा िी ववचध - सखासन मा उतकटासन भ फठकय अऩन हाथ की सबी सफस छोटी अॊगरी को छोड़कय अॊगशरमो को अॊगठ क आग क बाग को दफान स हॊसी भदरा फन जाती ह अवचध- इस भदरा को परयॊब भ 5-8 शभनट स कयक 30-48 शभनट तक कय सकत ह मदरा िा ऱाभ- इस भदरा तनमशभत अभमास स वववक फढ़ता ह अथामत इसस सोिन-सभझन की शततत फढ़ती ह औय इसस शयीय का बायीऩन सभापत हो जाता ह

अनतबोध चतनय दवारा सऩादित तरिदिवसीय मदराचचकितसा सि 34

ववशषता- भाना जाता ह कक इस भदरा का तनमशभत अभमास कयन स याजशसक ताकत फढ़ती ह औय वमततत धन सॊऩनन फना यहता ह सावधानी - इस भदरा को कयत सभम ककसी बी परकाय का भॊतर नहीॊ जऩना िादहए औय ना ही कोई अनम धाशभमक उऩकरभ कय

26 हसतऩात मदरा-

ववचध- इस भदरा को कयन क शरए आऩ अऩन दोनो हाथो की हथरी क ऩीछ क बाग को आऩस भ अॊगशरमो सदहत शभरा द इस आकतत को हसतऩात भदरा कहा जाता ह मह नभसकाय भदरा जसा ही ह रककन इसभ हथरी क ऩटठ बाग को शभरा ददमा जाता ह ऱाभ- इस हसतऩात भदरा को कयन स शवास औय गर क क साय योग भ फहत राब शभरता ह तजन तसतरमाॊ मदद इसका तनमशभत अभमास कयती ह तो इसस उनक सतन सड़ौर सॊदय औय सवसथ हो जात ह तजन तसतरमो क सतन छोट ह ढीर ह मा उनक सतनो भ दध नहीॊ आता ह तो मह भदरा उनक शरए फहत राबकायी शसदध हो सकती ह

27 धयान मदरा

ववचध- ऩदमासन भ फठकय फाएॊ हाथ की हथरी ऩय दाएॊ हाथ की हथरी को (उसट हाथ ऩय सीध हाथ को) हसक स यखन स धमान भदरा फनती ह| धमान यख कक इस भदरा भ शसय गदमन एवॊ यीढ़ की हडडी सीधी यह| आॊख औय होठ सहज स फनद यह| धमान अऩन इटटदव क सवरऩ ऩय दटकाएॊ अथवा कामोतसगम कय अथामत शयीय स

अनतबोध चतनय दवारा सऩादित तरिदिवसीय मदराचचकितसा सि 35

सभता यखत हए कछ दय क शरए वविाय यदहत अवसथा भ यहन का परमास कय| अटटाॊग मोग (मभ तनमभ पराणामाभ परतमाहाय धायणा धमान औय सभाचध) क एक अॊग lsquoधमानrsquo की साधना भ मह भदरा ववशष रऩ स सहामक शसदध हई ह| ऱाभ - जो वमततत ऩदमासन नहीॊ कय सकत उनह धमान भदरा सखासन मा सवतसतक अथवा ऩारथी आसन भ कयना िादहए| मह सहज भदरा ह| सहज धमान भदरा को साधायण वमततत अचधक रमफ सभम तक सयरता स कय सकता ह| इसस धमान भदरा क राब बी शभर जात ह| धमान भदरा भ मदद हथशरमाॊ एक दसय ऩय यखन क फाद दोनो हथशरमाॊ ऻान भदरा की तसथतत भ यखी जाएॊ तो धमान भदरा तथा ऻान भदरा क सतमभशरत राब क साथ ऩदमासन क राब बी शभर जात ह| साधक क शरए धमान भदरा भ सभम की कोई सीभा नहीॊ ह| रककन सहजता क साथ ऩदमासन कयन की भता क अनरऩ धमान भदरा का अभमास कयना िादहए| साधायण वमततत को इस धीय-धीय फढ़ात हए कभ-स-कभ २० शभनट स एक घॊट तक कयना िादहए| धमान भदरा न कय सकन की अवसथा भ सहज धमान भदरा कयक राब उठाना िादहए| भन की िॊिरता शाॊत होकय चितत की एकागरता फढ़ती ह| साततवक वविायो की उतऩततत होती ह औय परब बजन भ भन रगता ह|

धमान क परबाव स साधक को धमान की उचितय तसथतत भ ऩहॊिन भ सहामता शभरती ह| आतभ साातकाय औय ईश वय क साातकाय भ मह भदरा सहामक ह|

28 शामभवी मदरा-

आॉख खरी हो रककन आऩ दख नहीॊ सकत ऐसी तसथतत जफ सध जाती ह तो उस शामबवी भदरा कहत ह ऐसी तसथतत भ आऩ नीॊद का भजा बी र सकत ह मह फहत कदठन साधना ह इसक ठीक उसटा कक जफ आॉख फॊद हो तफ आऩ दख

अनतबोध चतनय दवारा सऩादित तरिदिवसीय मदराचचकितसा सि 36

सकत ह मह बी फहत कदठन साधना ह रककन मह दोनो ही सॊबव ह असॊबव कछ बी नहीॊ फहत स ऐस ऩश औय ऩी ह जो आॉख खोरकय ही सोत ह ववचध- मदद आऩन तराटक ककमा ह मा आऩ तराटक क फाय भ जानत ह तो आऩ इस भदरा को कय सकत ह सवमपरथभ शसदधासन भ फठकय यीढ़-गदमन सीधी यखत हए ऩरको को तरफना झऩकाएॉ दखत यह रककन धमान ककसी बी िीज को दखन ऩय ना यख ददभाग तरफसकर बीतय कहीॊ रगा हो

ऱाभ- शामबवी भदरा को कयन स ददर औय ददभाग को शाॊतत शभरती ह मोगी का धमान ददर भ तसथय होन रगता ह आॉख खरी यखकय बी वमततत नीॊद औय धमान का आनॊद र सकता ह इसक सधन स वमततत बत औय बववटम का ऻाता फन सकता ह सऱाह- शामबवी भदरा ऩयी तयह स तबी शसदध हो सकती ह जफ आऩकी आॉख खरी हो ऩय व ककसी बी िीज को न दख यही हो ऐसा सभझ की आऩ ककसी धन भ जी यह हो आऩको खमार होगा कक कबी-कबी आऩ कहीॊ बी दख यह होत ह रककन आऩका धमान कहीॊ ओय यहता ह समय- इस भदरा को शरआत भ तजतनी दय हो सक कय औय फाद भ धीय-धीय इसका अभमास फढ़ात जाएॉ

अनतबोध चतनय दवारा सऩादित तरिदिवसीय मदराचचकितसा सि 37

29 शकततचालऱनी मदरा- ववचध - आठ अॊगर रॊफा औय िाय अॊगर िौड़ा भरामभ वसतर रकय नाशब ऩय रगाएॊ औय कदटसतर भ फाॊध र| कपय शयीय भ बसभ यभाकय शसदधासन भ फठ औय पराण को अऩान स मतत कय| जफ तक गहम दवाय स िरती हई वाम परकाशशत न हो इस सभम तक गहम दवाय को सॊकचित यख| इसस वाम का जो तनयोध होता ह उसभ कमबक क दवाया कणडशरनी शततत जागरत होती हई सषमना भागम स ऊऩय जाकय खड़ी हो जाती ह| मोगभदरा स ऩहर इसका अभमास कयन ऩय ही मोतन भदरा की ऩणम शसवदध होती ह| ऱाभ - इस भदरा स कणडशरनी शततत का जागयण होता ह| जफ तक मह सोती ह तफ तक सबी आॊतरयक शतततमाॊ सपत ऩड़ी यहती ह| इसशरए कणडशरनी का जागरत होना साधक क शरए फहत आवशमक ह| पराण-अऩान को सॊमतत कयन की ककरमा पराणवाम को ऩयक दवाया बीतय खीॊिन औय उडडीमान फॊध स अऩान वाम को ऊऩय की ओय आकवषमत कयन स ऩणम होती ह| इसभ गहम परदश क सॊकोि औय ववसताय का अभमास होन स अचधक सयरता हो सकती ह| 30 तड़ागी मदरा- ववचध - दोनो ऩाॊवो को दणड क सभान धयती ऩय ऩसाय र औय हाथो स उनक अॊगठो को ऩकड़न तथा दोनो जाॊघो ऩय शसय को सथावऩत कय साथ ही उदय को तड़ाग (सयोवय) क सभान कय र| ऱाभ - मह भदरा अनक योगो औय वदधावसथा को बी दय कयन भ सहामक शसदध होती ह|

अनतबोध चतनय दवारा सऩादित तरिदिवसीय मदराचचकितसा सि 38

31 माणडवी मदरा- ववचध - भख को फॊद कयक जफान को तार भ घभाएॊ औय सहसराय स टऩकत हए सधायस को जफान स धीय-धीय ऩीन का मतन कय| मही भाणडवी (मा भाणडकी) भदरा ह| ऱाभ - इसक दवाया फारो की सपदी उनका झड़ना शयीय ऩय झरयममो भॊहासो आदद का ऩड़ना तथा तनफमरता आदद दय होकय चिय-मौवन की परातपत होती ह| इसस यसोतऩादन होकय अभततव की उऩरतबध होना सॊबव हो जाता ह| 32 ऩालशनी मदरा ववचध- दोनो ऩाॊवो को कॊ ठ क ऩीछ की ओय र जाकय उनह ऩयसऩय शभराएॊ औय ऩाश क सभान दढ़ता स फाॊध र| ऱाभ - इसक अभमास स बी कणडशरनी शततत क जागयण भ फहत सगभता हो जाती ह तथा साधक क शयीय भ फर औय ऩतटट का आववबामव होता ह| भानशसक फरवदधमन भ बी मह फहत दहतकय ह| 33 िािी मदरा-

काक कौए को कहत ह कौए की िोि जसी भॊह की भदरा फना रन को काकी भदरा कहा जाता ह ववचध ककसी बी आसन भ फठकय होठो को ऩतरी सी नरी क सभान भोड़कय कौए की िोि जसा फना र अफ नाक क अगर बाग को दखत हए अऩना ऩया धमान नाक ऩय दटका द इसक फाद भॊह स धीय-धीय गहयी शवास रकय होठो को फॊद कय द कछ दय फाद शवास को नाक स फाहय तनकार द इस तयह स 10

अनतबोध चतनय दवारा सऩादित तरिदिवसीय मदराचचकितसा सि 39

शभनट तक कय ऱाभ मह भदरा जहाॊ शयीय भ ठॊडक फढ़ाती ह वहीॊ मह कई योगो को दय कयन भ राबदामक ह इस भदरा का तनयॊतय अभमास कयन स शयीय भ अॊदय बोजन ऩिान की ककरमा तज हो जाती ह इसस अमरवऩतत का फढ़ना कभ हो जाता ह

34 मातचगनी मदरा-

भातॊग का अथम होता ह भघ भाॊ दगाम का एक रऩ ह भातॊगी मह दस भहाववदमा भ स नौवीॊ ववदमा ह भातॊग नाभ स एक धमान होता ह भॊतर होता ह औय एक हाथी का नाभ बी भातॊग ह ऋवष वशशटठ की ऩतनी का एक नाभ बी भातॊगी ह ऋवष कशमऩ की ऩतरी का नाभ बी भातॊगी ह तजसस हाथी उतऩनन हए थ ववचध शाॊत जगह भ ऩानी क अॊदय गर तक शयीय को डफो र औय कपय नाक स ऩानी को खीॊिकय उस भॊह स तनकार र कपय भॊह स ऩानी को खीॊिकय नाक स फाहय तनकार द इस ककरमा को ही भातॊचगनी भदरा कहत ह ऱाभ इस भदरा क अभमास स आॊखो की योशनी तज हो जाती ह शसय ददम भ मह भदरा अतमॊत राबकायी भानी जाती ह इसस नजरा-जकाभ आदद क योग बी दय हो जात ह इस भदरा क तनयॊतय अभमास स िहय ऩय िभक आ जाती ह औय फार बी सपद नहीॊ होत ह इस भदरा क शसदध हो जान ऩय वमततत भ ताकत फढ़ जाती ह

35 नभोमदरा

नब का अथम होता ह आकाश इस भदरा भ जीब को तार की ओय रगात ह इसीशरए इस नबोभदरा कहत ह नबोभदरा कयना सयर नहीॊ ह इस ककसी मोग

अनतबोध चतनय दवारा सऩादित तरिदिवसीय मदराचचकितसा सि 40

शशक स सीखकय ही कयना िादहए मह भदरा फहत स योगो भ राबदामक शसदध हई ह इस फाय भ एक शरोक बी ह- मतर मतर तसथतो मोगी सवमकामष सवमदा उधवमतजवह तसथयो बतवाधायमतभवनॊ सदा नबोभदरा भवदषा मोदववना योग नाशशनी अथामत साय कामो भ तसथय हआ चितत अऩनी जीब क अगर बाग को भॊह क अॊदय तार भ रगाकय शवास को अॊदय योक रता ह इस तसथतत स विारयक गततववचधमाॊ ततकार फॊद हो जाती ह इसीशरए इस भदरा को यहसम का आबास ददरान वारी भदरा बी कहा जाता ह ववचध- अऩनी आॊखो को अऩनी दोनो बौहो क फीि भ जभाकय आऩकी जीब तार क साथ रगा र मह दोनो कामम एक ही साथ औय एक ही सभम भ कय सववधानसाय जफ तक सॊबव हो इसी तसथतत भ यह औय कपय कछ शभनट का धमान कय ऱाभ- नबोभदरा क तनयॊतय अभमास स जीब गर औय आॊखो क साय योग सभापत हो जात ह इसस भतसतटक भ तसथयता फढ़ती ह औय भतसतटक क योग बी दय हो जात ह

36 नालसिागर मदरा -

नाशसकागर भदरा का अथम होता ह नाक का आखखयी छोय ऊऩयी दहससा मा अगरबाग इस बाग ऩय फायी-फायी स सॊतरन फनान हए दखना ही नाकककागर भदरा मोग कहराता ह रककन मह भदरा कयन स ऩहर मोग शशक की सराह जरय र तमोकक इसक कयन स बकटी ऩय जोय ऩड़ता ह

अनतबोध चतनय दवारा सऩादित तरिदिवसीय मदराचचकितसा सि 41

ववचध- ककसी बी आसन भ फठकय नाक क आखखयी शसय ऩय नजय दटका र हो सकता ह कक ऩहर आऩ फाई आॊखो स उस दख ऩाएॊ तफ कछ दय फाद दाई आॊखो स दख इस दखन भ जया बी तनाव न हो सहजता स इस दख

ऱाभ- इसस जहाॊ आॊखो की एतसयसाइज होती ह वहीॊ मह भतसतटक क शरए बी राबदामक ह इसस भन भ एकागरता फढ़ती ह इस भदरा क रगाताय अभमास कयन स भराधाय िकर जागरत होन रगता ह तजसस कणडरीनी जागयण भ भदद शभरती ह इसस भराधाय िकर इसशरए जागरत होता ह तमोकक दोनो आॊखो क फीि ही तसथत ह इड़ा वऩ ॊगरा औय सषमना नाड़ी जो भराधाय तक गई ह समय- इस भदरा को इतनी दय तक कयना िादहए कक आॊखो ऩय इसका जमादा दफाव नहीॊ ऩड़ कपय धीय-धीय इस कयन का सभम फढ़ात जाएॊ

37 बरहम आसन मदरा-

कछ रोग इस बरहभा भदरा बी कहत ह तमोकक इस आसन भ गदमन को िाय ददशा भ घभामा जाता ह औय बरहभाजी क िाय भख थ इसीशरए इसका नाभ बरहभा भदरा आसन यखा गमा रककन असर भ मह बरहभ भदरा आसन ह औय इसभ सबी ददशाओॊ भ तसथत ऩयभशवय को जानकय उसका चिॊतन ककमा जाता ह नभाज ऩढ़त वतत मा सॊधमा वॊदन कयत वतत उतत भदरासन को ककमा जाता यहा ह ववचध- ऩदमासन शसदधासन मा वजरासन भ फठकय कभय तथा गदमन को सीधा यखत हए गदमन को धीय-धीय दामीॊ ओय र जात ह कछ सकॊ ड दामीॊ ओय रकत ह उसक फाद गदमन को धीय-धीय फामीॊ ओय र जात ह कछ सकॊ ड तक फामीॊ ओय रककय कपय दामीॊ ओय र जात ह कपय वाऩस आन क फाद गदमन को ऊऩय की ओय र जात ह उसक फाद नीि की तयप र जात ह कपय गदमन को तराकवाइज

अनतबोध चतनय दवारा सऩादित तरिदिवसीय मदराचचकितसा सि 42

औय एॊटीतराकवाइज घभाएॉ इस तयह मह एक िकर ऩया हआ अऩनी सववधानसाय इस िाय स ऩाॉि िकरो भ कय सकत ह

ऱाभ तजन रोगो को सवामइकर सऩोडराइदटस थाइयाइड नराॊटस की शशकामत ह उनक शरए मह आसन राबदामक ह इसस गदमन की भाॉसऩशशमाॉ रिीरी तथा भजफत होती ह आधमाततभक दतटट स बी मह आसन राबदामक ह आरसम बी कभ होता जाता ह तथा फदरत भौसभ क सदी-जकाभ औय खाॉसी स छटकाया बी शभरता ह

सावधाननया तजनह सवामइकर सऩोडराइदटस मा थाइयाइड की सभसमा ह व ठोडी को ऊऩय की ओय दफाएॉ गदमन को नीि की ओय र जात सभम कॊ ध न झकाएॉ कभय गदमन औय कॊ ध सीध यख गदमन मा गर भ कोई गॊबीय योग हो तो मोग चिककतसक की सराह स ही मह भदराआसन कय

38 भजचगनी मदरा- ववचध- इसभ भख को पराकय कॊ ठ स फाहयी वाम खीॊिी जाती ह| तार औय तजहवा क भधम वाम क घभन स शयीय भ अदभत शततत का आववबामव होता ह|

ऱाभ- मह भदरा अजीणम आदद उदय योगो को नटट कयन भ बी फहत उऩमोगी ह| इस परकाय भदराओॊ क अभमास स साधक को सफ परकाय क शायीरयक भानशसक औय आततभक फर की परातपत होती ह| मोगािामो क अनसाय lsquoनातसत भदरासनककॊ चित शसवदधदॊकषततभणडर (घयणड सॊदहता)rsquo अथामत भदराओॊ क सभान शसवदधदामक कोई अनम साधन ब-भॊडर ऩय नहीॊ ह| इसशरए मोगशसवदध क आकाॊीजनो को भदराओॊ का अभमास कयना शरमसकय ह|

अनतबोध चतनय दवारा सऩादित तरिदिवसीय मदराचचकितसा सि 43

39 खचरी मदरा-

भनटम की जीब (तजहवा) दो तयह की होती ह- रॊफी औय छोटी रॊफी जीब को सऩमतजहवा कहत ह कछ रोगो की जीब रॊफी होन स व उस आसानी स नाशसकागर ऩय रगा सकत ह औय खियी-भदरा कय सकत ह भगय तजसकी जीब छोटी होती ह उस तकरीपो का साभना कयना ऩड़ता ह सफस ऩहर उनह अऩनी जीब रॊफी कयनी ऩड़ती ह औय उसक शरए घषमण व दोहन का सहाया रना ऩड़ता ह जीब नीि की ओय स तजस नाड़ी स जड़ी होती ह उस काटना ऩड़ता ह खियी भदरा को शसदध कयन एवॊ अभत क सराव हत आवशमक उददीऩन भ कछ वषम बी रग सकत ह मह वमततत की मोनमता ऩय बी तनबमय कयता ह मोग भ कछ भदराएॊ ऐसी ह तजनह शसपम मोगी ही कयत ह साभानमजनो को इनह नहीॊ कयना िादहए खियी भदरा साधको क शरए भानी गई ह ववचध - इसक शरए जीब औय तार को जोड़न वार भाॊस-तॊत को धीय-धीय काटा जाता ह अथामत एक ददन जौ बय काटकय छोड़ ददमा जाता ह कपय तीन-िाय ददन फाद थोड़ा-सा औय काट ददमा जाता ह इस परकाय थोड़ा-थोड़ा काटन स उस सथान की यतत शशयाएॊ अऩना सथान बीतय की तयप फनाती जाती ह जीब को काटन क साथ ही परततददन धीय-धीय फाहय की तयप खीॊिन का अभमास ककमा जाता ह इसका अभमास कयन स कछ भहीनो भ जीब इतनी रॊफी हो जाती ह कक मदद उस ऊऩय की तयप रौटा (उसटा कयन) ददमा जाए तो वह शवास जान वार छदो को बीतय स फॊद कय दती ह इसस सभाचध क सभम शवास का आना-जाना ऩणमत योक ददमा जाता ह ऱाभ इस भदरा स पराणामाभ को शसदध कयन औय साभचध रगान भ ववशष सहामता शभरती ह साधनायत साधओॊ क शरए मह भदरा फहत ही राबदामी भानी

अनतबोध चतनय दवारा सऩादित तरिदिवसीय मदराचचकितसा सि 44

जाती ह ववशषता तनयॊतय अभमास कयत यहन स तजफ जफ रॊफी हो जाती ह तफ उस नाशसका यनरो भ परवश कयामा जा सकता ह इस परकाय धमान रगान स कऩार भागम एवॊ तरफ ॊद ववसगम स सॊफॊचधत कछ गरॊचथमो भ उददीऩन होता ह तजसक ऩरयणाभसवरऩ अभत का सराव आयॊब होता ह उसी अभत का सराव होत वतत एक ववशष परकाय का आधमाततभक अनबव होता ह इस अनबव स शसवदध औय सभाचध भ तजी स परगतत होती ह चतावनी मह आरख शसपम जानकायी हत ह कोई बी वमततत इस ऩढ़कय कयन का परमास न कय तमोकक मह शसपम साधको क शरए ह आभ रोगो क शरए नहीॊ

40 अकzwj वनी मदरा- इस भदरा स साधक भ घोड़ो जसी शततत आ जाती ह तजस lsquoहॉसम ऩॉवयrsquo कहत ह|

ववचध - इस भदरा भ गदा-दवाय का फाय-फाय सॊकोिन औय परसाय ककमा जाता ह| इसी स भदरा की शसवदध हो जाती ह| इसक दवाया कणडशरनी जागयण भ सगभता यहती ह औय अनक योग नटट होकय शायीरयक फर की ववदध होती ह|

ऱाभ - अतश वनी भदरा शसदध होन स साधक की अकारभतम कबी नहीॊ होती| गदा औय उदय स सॊफॊचधत योगो का इसक दवाया शभन होता ह तथा दीघमजीवन की उऩरतबध होती ह| तरफना भरफॊध क अतश वनी भदरा नहीॊ हो सकती| 41 बजरौऱी मदरा- फजरौरी भदरा बी भरफॊध का अचछा अभमास ककए तरफना ककसी परकाय सॊबव नहीॊ ह| मह भदरा कवर मोगी क शरए ही नहीॊ बोगी क शरए बी अतमॊत राबकायी ह|

अनतबोध चतनय दवारा सऩादित तरिदिवसीय मदराचचकितसा सि 45

ववचध - इस भदरा भ ऩहर दोनो ऩाॊवो को बशभ ऩय दढ़ताऩवमक दटकाकय दोनो ऩाॊवो को धीय-धीय दढ़ताऩवमक ऊऩय आकाश भ उठा द| इसस तरफॊद-शसवदध होती ह| शकर को धीय-धीय ऊऩय की आकॊ िन कय अथामत इॊददरम क आॊकिन क दवाया वीमम को ऊऩय की ओय खीॊिन का अभमास कय तो मह भदरा शसदध होती ह| ववदवानो का भत ह कक इस भदरा क अभमास भ सतरी का होना आवशमक ह तमोकक बग भ ऩततत होता हआ शकर ऊऩय की ओय खीॊि र तो यज औय वीमम दोनो ही िढ़ जात ह| मह ककरमा अभमास स ही शसदध होती ह| कछ मोगािामम इस परकाय का अभमास शकर क सथान ऩय दनध स कयना फतात ह| जफ दनध खीॊिन का अभमास शसदध हो जाए तफ शकर को खीॊिन का अभमास कयना िादहए| वीमम को ऊऩय खीॊिनवारा मोगी ही ऊधवमयता कहराता ह| ऱाभ - इस भदरा स शयीय रटट-ऩटट तजसवी सॊदय सडौर औय जया-भतम यदहत होता ह| शयीय क सबी अवमव दढ़ होकय भन भ तनश िरता की परातपत होती ह| इसका अभमास अचधक कदठन नहीॊ ह| मदद गहसथ बी इसक कय तो फरवदधमन औय सौदममवदधमन का ऩया राब परापत कय सकत ह चतावनी मह आरख शसपम जानकायी हत ह कोई बी वमततत इस ऩढ़कय कयन का परमास न कय तमोकक मह शसपम साधको क शरए ह आभ रोगो क शरए नहीॊ

साधना कयनवार वमततत क शरए मह आवशमक ह कक वह साधना भ कातमक वाचिक औय भानशसक ककरमाओॊ ऩय ऩया तनमॊतरण यख तथा सभम-सभम ऩय उचित ताॊतरतरक परककरमाओॊ का बी सभनवम कयता यह| इस दतटट स तजस परकाय आसन ऩातरासादन अिमन आदद भ ककरमाओॊ का ववधान ह उसी परकाय उनक साथ कछ भदरा फनान का ववधान ह| म भदराएॊ भखम रऩ-स हाथ औय उसकी उॊगशरमो क परमोग स फनती ह| जस हभाया शयीय ऩॊिततवभम ह| अत शासतरकायो न कहा ह कक इन उॊगशरमो क परमोग स इन ततवो की नमनाचधकता दय की जा

अनतबोध चतनय दवारा सऩादित तरिदिवसीय मदराचचकितसा सि 46

सकती ह तथा ततवो की सभता-ववषभता स होनवारी कभी को उॊगशरमो की भदरा स सभ फनामा जा सकता ह| इतना ही नहीॊ ऐसी भदराओॊ क सहमोग स उन ततवो को सवचछाऩवमक घटामा-फढ़ामा बी जा सकता ह| म ततव करभश अॊगटठ भ अतनन तजमनी भ वाम भधमभा भ आकाश अनाशभका भ ऩथवी औय कतनतटठका भ जर क रऩ भ ववदमभान यहत ह| दवताओॊ की परसननता चितत की शवदध औय ववववध योगो क नाश भ भदराओॊ स फड़ी सहामता शभरती ह| भदराततव को सभझकय परतमक मोगी को इनका साधन कयना िादहए| कणडशरनी शततत क जागयण भ इन भदराओॊ स सहामता शभरती ह| महाॊ हभन तजन भदराओॊ का वणमन एवॊ चितरण ककमा ह उसभ परतमक मोगी साधक को ऩरयचित होना िादहए|

अनतबोध चतनय दवारा सऩादित तरिदिवसीय मदराचचकितसा सि 47

मोग अनसाय आसन औय पराणामाभ की तसथतत को भदरा कहा जाता ह फॊध ककरमा औय भदरा भ आसन औय पराणामाभ दोनो का ही कामम होता ह मोग भ भदराओॊ को आसन औय पराणामाभ स बी फढ़कय भाना जाता ह भदरा दो तयह की होती ह- ऩहरी हसत भदरा अथामत हाथो औय उसकी अॊगशरमो को ववशष आकतत भ फनाना औय दसयी आसन भदरा अथामत तजसभ ऩया शयीय ही सॊिाशरत होता ह

Page 2: 235347477 Mudra Chikitsa Swami Ananta Bodha Chaitanya

अनतबोध चतनय दवारा सऩादित तरिदिवसीय मदराचचकितसा सि 2

योग उतऩनन होन रगत ह मदद हभ इन ततवो को ऩन सॊतशरत कय द तो शयीय तनयोगी हो जाता ह

हभाय हाथ की िायो अॊगशरमो एक अॊगटठ वसतत ऩॊिततवो का परतततनचधतव कयत ह - १ अॊगठा= अतनन २ तजमनी=(ऩहरी अॊगरी) = वाम ३ भधमभा=(दसयी अॊगरी)= आकाश ४ अनाशभका=(तीसयी अॊगरी)= ऩथवी ५ कतनतटठका=(सफस छोटी अॊगरी)= जर उॊगशरमो को एक दसय स छत हए ककसी खास तसथतत भ इनकी जो आकतत फनती ह उस भदरा कहत ह भदरा क दवाया अनक योगो को दय ककमा जा सकता ह उॊगशरमो क ऩाॊिो वगम ऩॊिततवो क फाय भ फतात ह तजसस अरग-अरग ववदमत धाया फहती ह इसशरम भदरा ववऻान भ जफ उॊगशरमो का योगानसाय आऩसी सऩशम कयात ह तफ साततवक ऊजाम शयीय भ परवादहत होती ह औय हभाय शयीय क योग को सभापत कयन रगती ह तजसस हभाया शयीय तनयोगी होन रगता ह

मदरा चचकितसा -

ऩयान कार भ अॉगशरमो की ववशबनन यिनाओॊ मा कह कक भदराओॊ स भनटम न सिनाओॊ का आदान परदान ककमा आज बी भक-फचधय वमतततओॊ को अऩनी फात कहन क शरम हसत सॊकत ही भखम भाधमभ ह हभाय शासतरीम नतमो भ हसत-भदराओॊ का फहत भहतव ह धाशभमक कामोभ जऩ जाऩ धमान आदद भ बी हाथो की भदराम भहतवऩणम होती ह शयीय को सवसथ यखन भ अॉगशरमोकी फड़ी बशभका ह तमोकक शयीय क हय बाग की तॊतरतरकाओॊ का समफनध अॉगशरमो स ह इसी ऻान का उऩमोग एतमपरशय चिककतसा भ बी ककमा गमा ह

अनतबोध चतनय दवारा सऩादित तरिदिवसीय मदराचचकितसा सि 3

शासतरो क अनसाय मह सतटट ऩाॊि ततवो स फनीॊ ह व ततव ह - अतननततव वामततव ऩथवी ततव जरततव औय आकाशततव मह भानव शयीय बी इनहीॊ ऩाॊि ततवो स फना ह मत वऩ ॊड तत बरहभाॊड अथामत मही ऩाॊि ततव भनटम क शयीय क अनदय बी ह हभायी सतटट का अतनन ततव ह समम समम स परापत ऊजाम मा उटणता वामततव अथामत हवा मा हवा क ऻात-अऻात घटक औय हवा की पराण शततत ऩथवी ततव अथामत शभटटी औय जभीन स ऩदा होनवारी वनसऩतत औय ऩथवी की पराणशततत जरततव मान सागय नददमाॉ औय बगबीम जर औय जर की पराणशततत औय आकाश ततव अथामत आकाश मा रयततता खारीऩन मा खारी सथान औय रयतत सथान की पराणशततत मही ऩाॊि ततव भानव दह भ ह सतटट भ जसी उटणता ह वसी ही भनटम क शयीय भ बी ह हभाय शयीय का ताऩभान ९७ मा ९८ अॊश सतससमस ह अथामत हभ भ अतननततव ह हभ साॊस रत ह पपड़ो भ हवा यहती ह अथामत वामततव का हभ उऩमोग कयत ह बोजन क दवाया हभ वनसऩतत औय अनम खतनजो का उऩमोग कयत ह अथामत हभाया शयीय ऩथवी ततव स फना ह शयीय की नसो भ खन परवादहत होता यहता ह ऩीन क शरए हभ ऩानी परमोग भ रात ह हभाय शयीय भ 71 ऩानी ह अत हभ भ जरततव ह हभाय शयीय भ खारी सथान ह जस पपड़ो भ ऩट भ नाक भ म सबी आकाश ततव की उऩतसथतत का सॊकत ह मह भानव शयीय -ऩथवीजरअतननआकाश तथा वाम- ऩॊिततव स तनशभमत ह साधायनतमा आहाय ववहाय का असॊतरन इन ऩॊिततवो क सॊतरन को खतणडत कयता ह औय परसवरऩ भनटम शयीय योगो स गरशसत हो जाता हतनमशभत वमामाभ तथा सॊतशरत आहाय ववहाय सवाबाववक रऩ स कामा को तनयोगी यखन भ सभथम हऩय वतमभान क वमसत सभम भ कछ तो आरसम औय कछ वमसतता वश

अनतबोध चतनय दवारा सऩादित तरिदिवसीय मदराचचकितसा सि 4

तनमशभत मोग सफक दवाया सॊबव नहीॊ हो ऩाताऩयनत मोग भ कछ ऐस साधन ह तजनभ न अचधक शरभ की आवशमकता ह औय इन भ स भदरा चिककतसा भखम चिककतसा ऩधदतत ह इसक अॊतगमत ववशबनन हसतभदराओॊ क अभमास स हभ अनक योगोकटटो स भतत हो सकत ह ऐसा सॊबव ह अॊगशरमो को ववशबनन परकाय स भोड कय भदरा फनान ऩय हथशरमो औय अॊगशरमो की तसथतत भ ऩरयवतमन होन स भाॊस ऩशशमो भ खखॊिाव होता ह एवॊ उन ऩय दवाफ ऩड़ता ह तजसस गरह एवॊ उनक ऩवमतो क दोषो स उततऩनन होन वार योग ठीक होत ह हथशरमो औय अॊगशरमो ऩय तसथत शयीय क बीतयी एवॊ फाहयी अॊगो क सथान स सॊफतनधत अॊगो क योग नटट होत ह हथशरमो ऩय तसथत सराव गरॊचथमाॊ अऩना कामम सिार रऩ स कयन रगती ह हरदम यखा जीवन यखा एवॊ फध यखा क दोष दय होत ह दाम हाथ की भदरा कयन स शयीय क फाम तयप एवॊ फाम हाथ की भदरा स शयीय क दाम बाग को राब होता ह भदराओॊ को दोनो हाथ स कयन ऩय आशातीत राब होता ह

िछ ऩाऱनीय ननयम-

सवसथ यहन क शरए भदराओॊ को कभ स कभ 15 शभनट औय जमादा स जमादा 45 शभनट तक ही कयना िादहए ददन भ दो फाय कयन ऩय जमादा जसदी राब होता ह शायीरयक ततवो भ ऩरयवतमन होन रगता ह ववशषत ऻान भदरा पराण भदरा एवॊ अऩान भदरा कयन स सभसत सनाम भणडर परबाववत होता ह तजसस भनटम का सवमतोभखी ववकास होता ह भदरा सवसथ यहत हम बी की जा सकती ह भदराए ककसी बी सभम ककसी बी अवसथा भ औय कही बी की जा सकती ह रककन ऩणम राब रन क शरए शाॊत सथान भ फठ कय एकागरताऩवमक कय सफस ऩहर सवचछ जर स नहा र मा हाथ ऩय धो र उसक फाद ऩवम मा उततय ददशा की

अनतबोध चतनय दवारा सऩादित तरिदिवसीय मदराचचकितसा सि 5

तयप भख कय क दयी मा गदद ऩय सीधा फठ औय आॉखो को हसका सा फॊद कयर उसक फाद भदरा अभमास कय शवास धीय धीय र औय छोड़ अनक भदरा ततव को घटान मा फढ़ान भ बी सहामक होती ह अॊगठ क अगर बाग स अॊगरी क अगर बाग को शभरान स उस अॊगरी भ तसथत ततव भ ववदध होती ह अथवा ततव सभ अवसथा भ आ जाता ह अॊगरी को भोड़ कय अॊगठ की जड़ भ यख कय अॊगठ की अॊगरी क ऊऩय यखन स उस अॊगरी भ तसथत ततव भ कभी आती ह

1 नमसिार मदरा

अनतबोध चतनय दवारा सऩादित तरिदिवसीय मदराचचकितसा सि 6

समम नभसकाय की शरआत बी इसी भदरा स होती ह इसी भदरा भ कई आसन ककए जात ह परणाभ ववनम का सिक ह इस नभसकाय मा नभसत बी कह सकत ह सभि बायतवषम भ इसका परिरन ह इस भदरा को कयन क अनको पामद ह मोगासन मा अनम कामम की शरआत क ऩवम इस कयना िादहए इसको कयन स भन भ अचछा बाव उतऩनन होता ह औय कामम भ सपरता शभरती ह ववचध दोनो हाथो को जोड़कय जो भदरा फनात ह उस नभसकाय भदरा कहत ह सवम परथभ आॉख फॊद कयत हए दोनो होथो को जोड़कय अथामत दोनो हथशरमो को शभरात हए छाती क भधम भ सटाएॉ तथा दोनो हथशरमो को एक-दसय स दफात हएॉ कोहतनमाॉ को दाएॉ-फाएॉ सीधी तान द जफ म दोनो हाथ जड़ हए हभ धीय-धीय भतसतटक तक ऩहॉित ह तो नभसकाय भदरा फनती ह ऱाभ हभाय हाथ क तॊत भतटतटक क तॊतओॊ स जड़ ह हथशरमो को दफान स मा जोड़ यखन स रदमिकर औय आऻािकर भ सककरमता आती ह तजसस जागयण फढ़ता

अनतबोध चतनय दवारा सऩादित तरिदिवसीय मदराचचकितसा सि 7

ह उतत जागयण स भन शाॊत एवॊ चितत भ परसननता उतऩनन होती ह रदम भ ऩटटता आती ह तथा तनशबमकता फढ़ती ह इस भदरा का परबाव हभाय सभि बावनातभक औय विारयक भनोबावो ऩय ऩड़ता ह तजसस सकायातभकता फढ़ती ह मह साभातजक औय धाशभमक दतटट स बी राबदामक ह

2 जञान मदरा ndash

ववचध- दाङगटठतजमनी मोगो ऻान भदरा (तनतमोतसव)

अनतबोध चतनय दवारा सऩादित तरिदिवसीय मदराचचकितसा सि 8

अॊगठ औय तजमनी(ऩहरी उॊगरी) क ऩोयो को आऩस भ (तरफना जोय रगाम सहज रऩ भ) जोड़न ऩय ऻान भदरा फनती ह ऱाभ- इस भदरा क तनतम अभमास स सभयण शततत का अबतऩवम ववकाश होता हभतटतटक की दफमरता सभापत हो जाती हसाधना भ भन रगता हधमान एकागरचित होता हइस भदरा क साथ मदद भॊतर का जाऩ ककमा जाम तो वह शसदध होता ह ककसी बी धभमऩॊथ क अनमामी तमो न हो उऩासना कार भ मदद इस भदरा को कय औय अऩन इटट भ धमान एकागरचितत कय तो भन भ फीज रऩ भ तसथत परभ की अनतसशररा का अजशर शरोत सवत परसपदटत हो परवादहत होन रगता ह औय ऩयभाननद की परातपत होती हइसी भदरा क साथ तो ऋवषमो भनीवषमो तऩतसवमो न ऩयभ ऻान को परापत ककमा था ऩागरऩनअनक परकाय क भनोयोग चिडचिडाऩनकरोधिॊिरतारमऩटताअतसथयताचिॊताबमघफयाहटवमाकरताअतनदरा योग डडपरशन जस अनक भन भतसतटक समफनधी वमाचधमाॊ इसक तनमशभत अभमास स तनतशित ही सभापत हो जाती हभानशसक भता फढ़न वारा तथा सतोगण का ववकास कयन वारा मह अिक साधन ह ववदमाचथममो फवदधजीववमो स रकय परतमक आमवगम क सतरी ऩरषो को अऩन आततभक भानशसक ववकास क शरए भदराओॊ का परमोग अवशम ही कयना िादहए

अनतबोध चतनय दवारा सऩादित तरिदिवसीय मदराचचकितसा सि 9

3 वाम भदरा-

ववचध - अॊगठ क फाद वारी ऩहरी अॊगरी - तजमनी को भोड़कय उसक नाखबाग का दवाफ (हसका) अॊगठ क भर बाग (जड़) भ ककमा जाम औय अॊगठ स तजमनी ऩय दवाफ फनामा जाम शष तीनो अॉगशरमो को अऩन सीध भ सीधा यखा जामइसस जो भदरा फनती हउस वाम भदरा कहत ह राब - वाम सॊफनधी सभसत योग मथा - गदठमाजोडो का ददम वात ऩाघात हाथ ऩय मा शयीय भ कमऩन रकवा दहसटीरयमा वाम शर गस इतमादद अनक असाधम योग इस भदरा स ठीक हो जात ह इस भदरा क साथ कबी कबी पराण भदरा बी कयत यहना िादहए

अनतबोध चतनय दवारा सऩादित तरिदिवसीय मदराचचकितसा सि 10

4 आिाश मदरा

ववचध दोनो हाथो की भधमभा अॊगशरमो को अॊगठो क अगरबाग स रगाकय फाकी अॊगशरमो को सीधा कय द अफ हाथो को घटनो ऩय यख र हथशरमो का रख ऊऩय की ओय यहगा कभय-गदमन सीधी यख कय आॊख फॊद कय धमान की तसथतत भ फठ जाएॊ ऱाभ कान क योग फहयाऩन कान भ आवाज आन की सभसमा दय होन रगती ह हडडडमो की कभजोयी को बी दय कयन भ भदद शभरती ह

अनतबोध चतनय दवारा सऩादित तरिदिवसीय मदराचचकितसा सि 11

5 शनम भदरा -

ववचध - अॊगठ स दसयी अॊगरी (भधमभासफस रमफी वारी अॊगरी) को भोड़कय अॊगठ क भर बाग (जड़ भ) सऩशम कय औय अॊगठ को भोड़कय भधमभा क ऊऩय स ऐस दफाम कक भधमभा उॊगरी का तनयॊतय सऩशम अॊगठ क भर बाग स फना यह फाकी की तीनो अॉगशरमो को अऩनी सीध भ यखइस तयह स जो भदरा फनती ह उस शनम भदरा कहत ह राब - इस भदरा क तनयॊतय अभमास स कान फहना फहयाऩन कान भ ददम इतमादद कान क ववशबनन योगो स भततत सॊबव हमदद कान भ ददम उठ औय इस भदरा को परमतत ककमा जाम तो ऩाॊि सात शभनट क भधम ही राब अनबत होन रगता हइसक तनयॊतय अभमास स कान क ऩयान योग बी ऩणमत ठीक हो जात ह इसकी अनऩयक भदरा आकाश भदरा हइस भदरा क साथ साथ मदद आकाश भदरा का परमोग बी ककमा जाम तो वमाऩक राब शभरता ह

अनतबोध चतनय दवारा सऩादित तरिदिवसीय मदराचचकितसा सि 12

6 ऩथवी मदरा

ववचध दोनो हाथो की अनाशभका अॊगशरमो को अॊगठो क अगरबाग स रगाकय फाकी अॊगशरमाॊ सीधी यख अफ हाथो को घटनो ऩय यख र हथशरमो का रख ऊऩय की ओय यहगा कभय-गदमन सीधी यख कय आॊख फॊद कय धमान की तसथतत भ फठ जाएॊ ऱाभ मह भदरा शायीरयक दफरमता दय कय वजन फढ़ाती ह शयीय भ सपततम कातनत एवॊ तज फढ़ाकय जीवनी शततत का ववकास कयती ह इसक अभमास स ऩािन तनतर को फर शभरता ह

अनतबोध चतनय दवारा सऩादित तरिदिवसीय मदराचचकितसा सि 13

7 सयय मदरा

ववचध दोनो हाथो की अनाशभका अॊगशरमो को अॊगठो क भर भ रगाकय अॊगठ स दफाकय फाकी अॊगशरमो को सीधा कयक यख अफ हाथो को घटनो ऩय यख र हथशरमो का रख ऊऩय की ओय यहगा कभय-गदमन सीधी यख कय आॊख फॊद कय धमान की तसथतत भ फठ जाएॊ ऱाभ मह भदरा भोटाऩा कभ कय वजन घटाती ह शयीय भ ऊटणता फढ़ाती ह शततत का ववकास कयती ह कॉरसरॉर फढ़न नहीॊ दती भधभह व रीवय क योग भ राब ऩहॊिाती ह शयीय को सॊतशरत कय दती ह नोट कभजोय वमततत इसका अभमास न कय गभी भ इसका अभमास कभ ही कय

अनतबोध चतनय दवारा सऩादित तरिदिवसीय मदराचचकितसा सि 14

8 वरण मदरा

ववचध दोनो हाथो की कतनटठा अॊगशरमो को अॊगठो क अगरबाग ऩय रगाकय फाकी अॊगशरमो को सीधा यखन स मह भदरा फनती ह अफ हाथो को घटनो ऩय यख र हथशरमो का रख ऊऩय की ओय यहगा कभय-गदमन सीधी यख कय आॊख फॊद कय धमान की तसथतत भ फठ जाएॊ ऱाभ मह िभमयोग यतत ववकाय दय कयती ह शयीय भ रखाऩन दय कय तविा को िभकीरी व भरामभ फनान भ सहामक ह िहय की सॊदयता को फढ़ा दती ह नोट कप परकतत वार वमततत इसका अभमास जमादा न कय

अनतबोध चतनय दवारा सऩादित तरिदिवसीय मदराचचकितसा सि 15

9 जऱोिर नाशि-

ववचध कतनटठा को अॉगठ क जड़ भ रगाकय अॉगठ स दफाम राब- जर तततव की अचधकता स होन वार सबी योगसजन जरोदय आदद भ ववशष राब होता

ह योग शानत होन तक ही कय

अनतबोध चतनय दवारा सऩादित तरिदिवसीय मदराचचकितसा सि 16

10 पराण मदरा -

ववचध अॊगठ स तीसयी अनाशभका तथा िौथी कतनतटठका अॉगशरमो क ऩोयो को एकसाथ अॊगठ क ऩोय क साथ शभराकय शष दोनो अॉगशरमो को अऩन सीध भ खडा यखन स जो भदरा फनती ह उस पराण भदरा कहत ह राब - हरदम योग भ याभफाण तथा नतरजमोतत फढान भ मह भदरा ऩयभ सहामक हसाथ ही मह पराण शततत फढ़ान वारा बी होता हपराण शततत परफर होन ऩय भनटम क शरए ककसी बी परततकर ऩरयतसथततमो भ धममवान यहना अतमॊत सहज हो जाता हवसतत दढ पराण शततत ही जीवन को सखद फनाती ह इस भदरा की ववशषता मह ह कक इसक शरए अवचध की कोई फाधमता नहीॊइस कछ शभनट बी ककमा जा सकता ह

अनतबोध चतनय दवारा सऩादित तरिदिवसीय मदराचचकितसा सि 17

11 अऩान मदरा

ववचध दोनो हाथो की भधमभा तथा अनाशभका अॊगशरमो को अॊगठ क अगरबाग स रगाकय फाकी अॊगशरमो को सीधी यख अफ हाथो को घटनो ऩय यख र हथशरमो का रख ऊऩय की ओय यहगा कभय-गदमन सीधी यख कय आॊख फॊद कय धमान की तसथतत भ फठ जाएॊ ऱाभ कबज भधभह ककडनी ववकाय वाम ववकाय फवासीय को दय कयन भ सहामक ह शयीय को शदध कय नाड़ी दोषो को दय कयन वारी ह भतर का अवयोध दय कय दाॊतो को भजफत कयती ह ऩसीना बी राती ह नोट इस भदरा क अभमास स भतर अचधक आन रगता ह

अनतबोध चतनय दवारा सऩादित तरिदिवसीय मदराचचकितसा सि 18

12 वयान मदरा-

ववचध- हाथ की भधमभा अॊगरी क आग क बाग को अॊगठ क आग क बाग स शभरान औय तजमनी अॊगरी को फीि की अॊगरी क नाखन स छआएॊ फाकी फिी सायी अॊगशरमाॊ सीधी यहनी िादहए इसी को वमान भदरा कहा जाता ह अवचध- इस भदरा को सफह 15 शभनट औय शाभ को 15 शभनट तक कयना िादहए ऱाभ- वमान भदरा को कयन स ऩशाफ सॊफॊधी सबी योग दय होत ह जस- ऩशाफ जमादा आना ऩशाफ भ िीनी आना ऩशाफ क साथ घात आना ऩशाफ रक-रक कय आना आदद योग सभापत हो जात ह इसक अरावा इस भदरा क तनमशभत अभमास स भधभह परभह औय सवपनदोष बी दय होता ह तसतरमो क शरए मह भदरा सफस जमादा राबदामक फताई गई ह इस भदरा को कयन स तसतरमो क साय योग सभापत हो जात ह

अनतबोध चतनय दवारा सऩादित तरिदिवसीय मदराचचकितसा सि 19

13 उिान मदरा-

ववचध - ऩहरी भधमभा औय अनाशभका उॊगरी क आग क बाग को अॊगठ क आग क बाग स रगाएॊ इस उदान भदरा कहत ह इसका सॊफॊध कॊ ठ स भतसतटक तक होता ह मह ववशवदध िकर को परवादहत कयता ह

राब - इसस भन शाॊत होता ह औय थामयॉइड सॊफॊधी सबी योगो भ राब ऩहॊिता ह

सभमावचध - इस भदरा को बी कवर 15 स 45 शभतनट तक ही कयना िादहए

अनतबोध चतनय दवारा सऩादित तरिदिवसीय मदराचचकितसा सि 20

14 सभान भदरा

ववचध - हाथ की िायो उॊगशरमो औय अॊगठ क अगरबाग को शभरा कय ऊऩय की तयप यखन स सभान भदरा फनती ह इस भदरा भ ऩाॊिो ततव शभर जात ह

राब ndash मह भदरा हभाय वविायो को आधमाततभक फनाती ह फय वविाय दय होत ह

अनतबोध चतनय दवारा सऩादित तरिदिवसीय मदराचचकितसा सि 21

15 हिय मदरा

ववचध दोनो हाथो की तजमनी अॊगशरमो को अॊगठो क भर भ रगाकय भधमभा व अनाशभका अॊगशरमो को अॊगठ क अगरबाग ऩय रगा द व छोटी अॊगरी को सीधा कयक यख अफ हाथो को घटनो ऩय यख र हथशरमो का रख ऊऩय की ओय यहगा कभय-गदमन सीधी यख कय आॊख फॊद कय धमान की तसथतत भ फठ जाएॊ ऱाभ मह भदरा रदम योगो भ ववशष रऩ स राबकायी ह परततददन 10-15 शभनट अभमास स रदम भजफत होता ह गस फनना शसयददम असथभा व उचि यततिाऩ भ राबकायी ह सीदढ़मो ऩय िढ़न स ऩहर ही अगय मह भदरा रगा री जाए औय इस भदरा क साथ ही सीदढ़माॊ िढ़ी जाएॊ तो साॊस नहीॊ परती

अनतबोध चतनय दवारा सऩादित तरिदिवसीय मदराचचकितसा सि 22

16 लऱग मदरा

ववचध- फाएॉ हाथ का अॊगठा सीधा खडा कय दादहन हाथ स फाएॊ हाथ कक अॉगशरमो भ ऩयसऩय पॉ सात हए दोनो ऩॊजो को ऐस जोड कक दादहना अॊगठा फाएॊ अॊगठ को फहाय स आवतत कय र इस परकाय जो भदरा फनगी उस अॊगटठ भदरा कहग राब - अॊगठ भ अतनन ततव होता हइस भदरा क अभमास स शयीय भ उटभता फढ़न रगती हशयीय भ जभा कप ततव सखकय नटट हो जाता हसदी जकाभखाॊसी इतमादद योगो भ मह फड़ा राबदामी होता हकबी मदद शीत परकोऩ भ आ जाएॉ औय शयीय भ ठणड स कॊ ऩकॊ ऩाहट होन रग तो इस भदरा का परमोग तवरयत राब दता ह

अनतबोध चतनय दवारा सऩादित तरिदिवसीय मदराचचकितसा सि 23

17 शख मदरा-

ववचध - फाएॊ हाथ क अॊगठ को दोनो हाथ की भटठी भ फॊद कयक फाएॊ हाथ की तजमनी उॊगरी को दादहन हाथ क अॊगठ स शभरान स शॊख भदरा फनती ह| इस भदरा भ फाएॊ हाथ की फाकी तीन उॊगशरमो क ऩास भ सटाकय दाएॊ हाथ की फॊद उॊगशरमो ऩय हसका-सा दफाव ददमा जाता ह| इसी परकाय हाथ फदरकय अथामत दाएॊ हाथ क अॊगठ को फाएॊ हाथ की भटठी भ फॊद कयक शॊख भदरा फनाई जाती ह| इस भदरा भ ऱाभ - अॊगठ का दफाव हथरी क फीि क बाग ऩय औय भटठी की तीन उॊगशरमो का दफाव शकर ऩवमत ऩय ऩड़ता ह तजसस हथरी भ तसथत नाशब औय थाइयॉइड (ऩतसरका) गरॊचथ क क दर दफत ह| ऩरयणाभसवरऩ नाशब औय थाइयॉइड गरॊचथ क ववकाय ठीक होत ह|

अनतबोध चतनय दवारा सऩादित तरिदिवसीय मदराचचकितसा सि 24

शॊख भदरा का नाशब िकर स तनकट का सॊबॊध ह इसशरए शायीय क सनामतॊतर ऩय ववशष कामम कयती ह अत अनत औय फाहम सवासथम भ फहत राबकायी ह

मह ऩािन तॊतर को उततभ फनाती ह

तनमशभत कयन स बख फढान भ भदद शभरती ह

मह भदरा फोरत सभम उचिायण क दोषो को दय कयन भ फहत परबावी ह जस ततराना हकराना आदद दोष तनमभतत परमोग स दय हो जात ह

सॊगीत की साधना कयन वारो क शरए ववशश राबकायी ह वाणी को भधय फनाती ह

मह भदरा ऩजन भ बी परमतत होती ह| इसका परमोग रॊफ सभम तक ककमा जा सकता ह| इस भदरा का नाशबिकर स ववशष समफनध ह तजसक कायण नाशब स सॊफॊचधत शयीय की नाडड़मो ऩय सकषभ औय सवासथमवधमक परबाव ऩड़ता ह तथा सनामभणडर शतततशारी फनती ह|

अनतबोध चतनय दवारा सऩादित तरिदिवसीय मदराचचकितसा सि 25

18 योनन मदरा-

मौचगक दतटट स अऩन अॊदय कई परकाय क यहसम तछऩाए यखनवारी भदरा का वासतववक नाभ lsquoमोतन भदराrsquo ह| तत मोग क अनसाय कवर हाथो की उॊगशरमो स भहाशततत बगवती की परसननता क शरए मोतन भदरा परदशशमत कयन की आऻा ह| परतम रऩ स इसका परबाव रॊफी मोग साधना क अॊतगमत तॊतर-भॊतर-मॊतर साधना स बी दतटटगोिय होता ह| इस भदरा क तनयॊतय अभमास स साधक की पराण-अऩान वाम को शभरा दनवारी भरफॊध ककरमा को बी साथ कयन स जो तसथतत फनती ह उस ही मोतन भदरा की सॊऻा दी ह| मह फड़ी िभतकायी भदरा ह| ऩदमासन की तसथतत भ फठकय दोनो हाथो की उॊगशरमो स मोतन भदरा फनाकय औय ऩवम भरफॊध की तसथतत भ सममक बाव स तसथत होकय पराण-अऩान को शभरान की परफर बावना क साथ भराधाय सथान ऩय मौचगक सॊमभ कयन स कई परकाय की शसवदधमाॊ परापत हो जाती ह|

अनतबोध चतनय दवारा सऩादित तरिदिवसीय मदराचचकितसा सि 26

ऋवषमो का भत ह कक तजस मोगी को उऩयोतत तसथतत भ मोतन भदरा का रगाताय अभमास कयत-कयत शसवदध परापत हो गई ह उसका शयीय साधनावसथा भ बशभ स आसन सदहत ऊऩय अधय भ तसथत हो जाता ह| सॊबवत इसी कायण आदद शॊकयािाममजी न अऩन मोग यतनावरी नाभक ववशष गरॊथ भ भरफॊध का उसरख ववशष रऩ स ककमा ह|

19 धन मदरा -

बायतीम ऩयॊऩया भ धन गाम को कहा जाता ह औय मह दहनद धभम क साततवक औय भहानता का परतीक ह धन भदरा फनात सभम हाथो की उॊगशरमा गाम क थनो जसी हो जाती ह जस गाम क थनो स दध ऩीकय शयीय ऩटट फनता ह वस ही धन भदरा कयन स बी शयीय रटट ऩटट फनता ह

ववचध - अनमोनमाशबभखॊ तशरटटाकतनटठानाशभका ऩन

अनतबोध चतनय दवारा सऩादित तरिदिवसीय मदराचचकितसा सि 27

तथा ि तजमतनभधमा धन भदरा अभत परदा ( कारी तॊतर )

अऩन दोनो हाथो की अॊगशरमो क ऩोयो को एक साथ शभरा र कपय फाम हाथ की तजमनी ऊॊ गरी को दाएॊ हाथ की फीि वारी उॊगरी स छआए इसक फाद दाएॊ हाथ की तजमनी उॊगरी को फाम हाथ की फीि वारी उॊगरी स छआम ऐस ही फाम हाथ की अनाशभका उॊगरी को दाएॊ हाथ की सफस छोटी उॊगरी स शभराएॊ अॉगठो को खरा छोड़ द हाथ की अॊगशरमो को नीि की तयप कयन स अॊगशरमो की आकतत गाम क धनो जसी हो जाती ह इसी कायण इस धन भदरा कहत ह

सभम - इस भदरा का अभमास धीय धीय फढ़ाए ऩहर 1 स 15 शभतनट औय फाद भ 15 स 30 तथा जफ अचछी तयह मह भदरा अभमास भ आ जाए तफ इस भदरा को 45 शभतनट तक कय सकत ह

राब - धन भदरा स ऩािन तॊतर भजफत होता ह औय शयीय ताकतवय व सवसथ फनता ह मह ऩट क योगो क शरए याभफाण भदरा ह मोग साधना भ फहत ही उऩमोगी भदरा कहराती ह तॊतर एवॊ कभमकाॊड भ बी धन भदरा का परमोग ह ह ऩयानी भानमता क अनसाय मह अभत ततव को दन वारी भदरा ह मह भदरा वात वऩतत तथा कप को सॊतशरत कयती ह

अनतबोध चतनय दवारा सऩादित तरिदिवसीय मदराचचकितसा सि 28

20 मगी मदरा-

भग दहयन को कहा जाता ह मऻ क दौयान होभ की जान वारी साभगरी को इसी भदरा भ होभ ककमा जाता ह पराणामाभ ककए जान क दौयान बी इस भदरा का उऩमोग होता ह धमान कयत वतत बी इस भदरा का इसतभार ककमा जाता ह मह भदरा फनात वतत हाथ की आकतत भग क शसय क सभान हो जाती ह इसीशरए इस भगी भदरा कहा जाता ह मह एक हसत भदरा ह ववचध अऩन हाथ की अनाशभका औय भधमभा अॊगरी को अॊगठ क आग क बाग को छआ कय फाकी फिी तजमनी औय कतनटठा अॊगरी को सीधा तान दन स भगी भदरा फन जाती ह योग आसन - इस दौयान उतकटासन सखासन औय उऩासना क सभम इसतभार होन वार आसन ककए जा सकत ह

अनतबोध चतनय दवारा सऩादित तरिदिवसीय मदराचचकितसा सि 29

समय- इस भदरा को सववधानसाय कछ दय तक कय सकत ह औय इस तीन स िाय फाय ककमा जा सकता ह ऱाभ- भगी भदरा कयत सभम अॊगठ क ऩोय औय अॊगशरमो क जोड़ ऩय दफाव ऩड़ता ह उतत दफाव क कायण शसयददम औय ददभागी ऩयशानी भ राब शभरता ह एतमपरशय चिककतसा क अनसाय उतत अॊगशरमो क अॊदय दाॊत औय सामनस क तरफ ॊद होत ह तजसक कायण हभ दाॊत औय सहनस योग भ बी राब शभरता ह ववशष- भाना जाता ह कक इस भदरा को कयन स सोिन औय सभझन की शततत का ववकास बी होता ह भगी भदरा शभगी क योचगमो क शरए फहत ही राबकायी ह

21 यमहररमदरा

ववचध -सवम परधभ आऩ अऩन दोनो हाथो की सफस छोटी अॊगरी अथामत कतनटठा को आऩस भ एक दसय क परथभ ऩोय स शभरा द इसी क साथ दोनो अॊगठ को बी आऩस भ शभरा द अफ तीन अॊगशरमाॊ फाकी यह जाएॊगी- भध मभा तजमनी औय अनाशभका इन तीनो अॊगशरमो को हथरी की ओय भोड़कय भटठी जसा फनाइए अॊगशरमो की इस तसथतत को मभ हरयभदरा कहत ह

अनतबोध चतनय दवारा सऩादित तरिदिवसीय मदराचचकितसा सि 30

ऱाभ - मभहरयभदरा क तनमशभत अभमास स नाडड़मो को शततत शभरती ह इस भदरा क तनयॊतय अभमास स ऩट क योग जस- कबज बख ना रगना औय तजगय की कभजोयी दय होती ह इस भदरा स तसतरमो क सतनो क साय योगो भ बी राब शभरता ह मभ हरयभदरा को परततददन 5 शभनट सफह औय 5 शभनट शाभ को कय आऩ इसक कयन का सभम फढ़ाकय 10 शभनट तक कय सकत ह परततददन कभ स कभ ऩाॊि भदराएॊ अऩनी सववधानसाय कयनी िादहए भदराओॊ स सबी योगो भ राब ऩामा जा सकता ह मदद उनका मोग शशक स ऩछकय तनमशभत अभमास ककमा जाए भदराएॊ खासकय उन रोगो क शरए पामदभॊद सातरफत होती ह जो मोगासन कयन भ असभथम ह

22 ऩषऩाजलऱ मदरा-

अनतबोध चतनय दवारा सऩादित तरिदिवसीय मदराचचकितसा सि 31

मह भहतवऩणम हसत मोग भदरा ह जस दआ भ हाथ उठात ह मा ऩटऩ अऩमण कयत ह तफ मह भदरा फनती ह जसा कक इसका नाभ ह ऩटऩाॊजशर इसी स मह शसदध होता ह कक मह भदरा ककस परकाय की होगी ववचध- दोनो हाथो की अॊगशरमो औय अॊगठ को आऩस भ शभरा भखणफदध को बी शभरा र कपय दोनो हाथो की छोटी अॊगशरमो को एक साथ शभराकय ऐसी आकतत फना र कक जस हभ ककसी बगवान को पर िढ़ात सभम फनात ह इस ही ऩटऩाॊजशर भदरा कहत ह

ऱाभ- ऩटऩाॊजरी भदरा क तनयॊतय अभमास स नीॊद अचछी तयह स आन रगती ह आतभववशवास फढ़ता ह

23 यज भदरा-

अनतबोध चतनय दवारा सऩादित तरिदिवसीय मदराचचकितसा सि 32

यज भदरा कवर तसतरमो क शरए ह ऐसा नहीॊ फतसक अगय ऩरष इस भदरा को कयत ह तो उनक वीमम सॊफॊधी सभसत योग दय हो जात ह ववचध- यज भदरा फनाना फहत ही आसान ह कतनटठा (छोटी अॊगरी) अॊगरी को हथरी की जड़ भ भोड़कय रगान स यज भदरा फन जाती ह ऱाभ- यज भदरा स तसतरमो क भाशसक धभम सॊफॊधी योग दय होत ह इसक अरवा शसय भ बायीऩन यहना छाती भ ददम ऩट ऩीठ कभय का ददम आदद योग बी यज भदरा कयन स दय हो जात ह सतरी क साय परजनन अॊगो की ऩयशातनमो को म भदरा तरफसकर दय कय दती ह

24 अदिती मदरा-

ववचध- अॊगठ क आग क बाग को अनाशभका (छोटी उॊगरी क साथ वारी उॊगरी) उॊगरी की जड़ भ टढ़ा रगान स अददती भदरा फन जाती ह

ऱाभ- इस भदरा को कयन स हय सभम उफासी आना जमादा छीॊक आना जस योगो को दय ककमा जा सकता ह

अनतबोध चतनय दवारा सऩादित तरिदिवसीय मदराचचकितसा सि 33

समय- अददती भदरा को ददन भ 3-4 फाय 15-15 शभनटो क शरए कय सकत ह

25 हसी मदरा-

जस हॊस नीय ीय वववक की साभथमम यखता ह वस इस भदरा क कयन स सोिन औय तवरयत तनणमम की भता फढती ह मदरा िी ववचध - सखासन मा उतकटासन भ फठकय अऩन हाथ की सबी सफस छोटी अॊगरी को छोड़कय अॊगशरमो को अॊगठ क आग क बाग को दफान स हॊसी भदरा फन जाती ह अवचध- इस भदरा को परयॊब भ 5-8 शभनट स कयक 30-48 शभनट तक कय सकत ह मदरा िा ऱाभ- इस भदरा तनमशभत अभमास स वववक फढ़ता ह अथामत इसस सोिन-सभझन की शततत फढ़ती ह औय इसस शयीय का बायीऩन सभापत हो जाता ह

अनतबोध चतनय दवारा सऩादित तरिदिवसीय मदराचचकितसा सि 34

ववशषता- भाना जाता ह कक इस भदरा का तनमशभत अभमास कयन स याजशसक ताकत फढ़ती ह औय वमततत धन सॊऩनन फना यहता ह सावधानी - इस भदरा को कयत सभम ककसी बी परकाय का भॊतर नहीॊ जऩना िादहए औय ना ही कोई अनम धाशभमक उऩकरभ कय

26 हसतऩात मदरा-

ववचध- इस भदरा को कयन क शरए आऩ अऩन दोनो हाथो की हथरी क ऩीछ क बाग को आऩस भ अॊगशरमो सदहत शभरा द इस आकतत को हसतऩात भदरा कहा जाता ह मह नभसकाय भदरा जसा ही ह रककन इसभ हथरी क ऩटठ बाग को शभरा ददमा जाता ह ऱाभ- इस हसतऩात भदरा को कयन स शवास औय गर क क साय योग भ फहत राब शभरता ह तजन तसतरमाॊ मदद इसका तनमशभत अभमास कयती ह तो इसस उनक सतन सड़ौर सॊदय औय सवसथ हो जात ह तजन तसतरमो क सतन छोट ह ढीर ह मा उनक सतनो भ दध नहीॊ आता ह तो मह भदरा उनक शरए फहत राबकायी शसदध हो सकती ह

27 धयान मदरा

ववचध- ऩदमासन भ फठकय फाएॊ हाथ की हथरी ऩय दाएॊ हाथ की हथरी को (उसट हाथ ऩय सीध हाथ को) हसक स यखन स धमान भदरा फनती ह| धमान यख कक इस भदरा भ शसय गदमन एवॊ यीढ़ की हडडी सीधी यह| आॊख औय होठ सहज स फनद यह| धमान अऩन इटटदव क सवरऩ ऩय दटकाएॊ अथवा कामोतसगम कय अथामत शयीय स

अनतबोध चतनय दवारा सऩादित तरिदिवसीय मदराचचकितसा सि 35

सभता यखत हए कछ दय क शरए वविाय यदहत अवसथा भ यहन का परमास कय| अटटाॊग मोग (मभ तनमभ पराणामाभ परतमाहाय धायणा धमान औय सभाचध) क एक अॊग lsquoधमानrsquo की साधना भ मह भदरा ववशष रऩ स सहामक शसदध हई ह| ऱाभ - जो वमततत ऩदमासन नहीॊ कय सकत उनह धमान भदरा सखासन मा सवतसतक अथवा ऩारथी आसन भ कयना िादहए| मह सहज भदरा ह| सहज धमान भदरा को साधायण वमततत अचधक रमफ सभम तक सयरता स कय सकता ह| इसस धमान भदरा क राब बी शभर जात ह| धमान भदरा भ मदद हथशरमाॊ एक दसय ऩय यखन क फाद दोनो हथशरमाॊ ऻान भदरा की तसथतत भ यखी जाएॊ तो धमान भदरा तथा ऻान भदरा क सतमभशरत राब क साथ ऩदमासन क राब बी शभर जात ह| साधक क शरए धमान भदरा भ सभम की कोई सीभा नहीॊ ह| रककन सहजता क साथ ऩदमासन कयन की भता क अनरऩ धमान भदरा का अभमास कयना िादहए| साधायण वमततत को इस धीय-धीय फढ़ात हए कभ-स-कभ २० शभनट स एक घॊट तक कयना िादहए| धमान भदरा न कय सकन की अवसथा भ सहज धमान भदरा कयक राब उठाना िादहए| भन की िॊिरता शाॊत होकय चितत की एकागरता फढ़ती ह| साततवक वविायो की उतऩततत होती ह औय परब बजन भ भन रगता ह|

धमान क परबाव स साधक को धमान की उचितय तसथतत भ ऩहॊिन भ सहामता शभरती ह| आतभ साातकाय औय ईश वय क साातकाय भ मह भदरा सहामक ह|

28 शामभवी मदरा-

आॉख खरी हो रककन आऩ दख नहीॊ सकत ऐसी तसथतत जफ सध जाती ह तो उस शामबवी भदरा कहत ह ऐसी तसथतत भ आऩ नीॊद का भजा बी र सकत ह मह फहत कदठन साधना ह इसक ठीक उसटा कक जफ आॉख फॊद हो तफ आऩ दख

अनतबोध चतनय दवारा सऩादित तरिदिवसीय मदराचचकितसा सि 36

सकत ह मह बी फहत कदठन साधना ह रककन मह दोनो ही सॊबव ह असॊबव कछ बी नहीॊ फहत स ऐस ऩश औय ऩी ह जो आॉख खोरकय ही सोत ह ववचध- मदद आऩन तराटक ककमा ह मा आऩ तराटक क फाय भ जानत ह तो आऩ इस भदरा को कय सकत ह सवमपरथभ शसदधासन भ फठकय यीढ़-गदमन सीधी यखत हए ऩरको को तरफना झऩकाएॉ दखत यह रककन धमान ककसी बी िीज को दखन ऩय ना यख ददभाग तरफसकर बीतय कहीॊ रगा हो

ऱाभ- शामबवी भदरा को कयन स ददर औय ददभाग को शाॊतत शभरती ह मोगी का धमान ददर भ तसथय होन रगता ह आॉख खरी यखकय बी वमततत नीॊद औय धमान का आनॊद र सकता ह इसक सधन स वमततत बत औय बववटम का ऻाता फन सकता ह सऱाह- शामबवी भदरा ऩयी तयह स तबी शसदध हो सकती ह जफ आऩकी आॉख खरी हो ऩय व ककसी बी िीज को न दख यही हो ऐसा सभझ की आऩ ककसी धन भ जी यह हो आऩको खमार होगा कक कबी-कबी आऩ कहीॊ बी दख यह होत ह रककन आऩका धमान कहीॊ ओय यहता ह समय- इस भदरा को शरआत भ तजतनी दय हो सक कय औय फाद भ धीय-धीय इसका अभमास फढ़ात जाएॉ

अनतबोध चतनय दवारा सऩादित तरिदिवसीय मदराचचकितसा सि 37

29 शकततचालऱनी मदरा- ववचध - आठ अॊगर रॊफा औय िाय अॊगर िौड़ा भरामभ वसतर रकय नाशब ऩय रगाएॊ औय कदटसतर भ फाॊध र| कपय शयीय भ बसभ यभाकय शसदधासन भ फठ औय पराण को अऩान स मतत कय| जफ तक गहम दवाय स िरती हई वाम परकाशशत न हो इस सभम तक गहम दवाय को सॊकचित यख| इसस वाम का जो तनयोध होता ह उसभ कमबक क दवाया कणडशरनी शततत जागरत होती हई सषमना भागम स ऊऩय जाकय खड़ी हो जाती ह| मोगभदरा स ऩहर इसका अभमास कयन ऩय ही मोतन भदरा की ऩणम शसवदध होती ह| ऱाभ - इस भदरा स कणडशरनी शततत का जागयण होता ह| जफ तक मह सोती ह तफ तक सबी आॊतरयक शतततमाॊ सपत ऩड़ी यहती ह| इसशरए कणडशरनी का जागरत होना साधक क शरए फहत आवशमक ह| पराण-अऩान को सॊमतत कयन की ककरमा पराणवाम को ऩयक दवाया बीतय खीॊिन औय उडडीमान फॊध स अऩान वाम को ऊऩय की ओय आकवषमत कयन स ऩणम होती ह| इसभ गहम परदश क सॊकोि औय ववसताय का अभमास होन स अचधक सयरता हो सकती ह| 30 तड़ागी मदरा- ववचध - दोनो ऩाॊवो को दणड क सभान धयती ऩय ऩसाय र औय हाथो स उनक अॊगठो को ऩकड़न तथा दोनो जाॊघो ऩय शसय को सथावऩत कय साथ ही उदय को तड़ाग (सयोवय) क सभान कय र| ऱाभ - मह भदरा अनक योगो औय वदधावसथा को बी दय कयन भ सहामक शसदध होती ह|

अनतबोध चतनय दवारा सऩादित तरिदिवसीय मदराचचकितसा सि 38

31 माणडवी मदरा- ववचध - भख को फॊद कयक जफान को तार भ घभाएॊ औय सहसराय स टऩकत हए सधायस को जफान स धीय-धीय ऩीन का मतन कय| मही भाणडवी (मा भाणडकी) भदरा ह| ऱाभ - इसक दवाया फारो की सपदी उनका झड़ना शयीय ऩय झरयममो भॊहासो आदद का ऩड़ना तथा तनफमरता आदद दय होकय चिय-मौवन की परातपत होती ह| इसस यसोतऩादन होकय अभततव की उऩरतबध होना सॊबव हो जाता ह| 32 ऩालशनी मदरा ववचध- दोनो ऩाॊवो को कॊ ठ क ऩीछ की ओय र जाकय उनह ऩयसऩय शभराएॊ औय ऩाश क सभान दढ़ता स फाॊध र| ऱाभ - इसक अभमास स बी कणडशरनी शततत क जागयण भ फहत सगभता हो जाती ह तथा साधक क शयीय भ फर औय ऩतटट का आववबामव होता ह| भानशसक फरवदधमन भ बी मह फहत दहतकय ह| 33 िािी मदरा-

काक कौए को कहत ह कौए की िोि जसी भॊह की भदरा फना रन को काकी भदरा कहा जाता ह ववचध ककसी बी आसन भ फठकय होठो को ऩतरी सी नरी क सभान भोड़कय कौए की िोि जसा फना र अफ नाक क अगर बाग को दखत हए अऩना ऩया धमान नाक ऩय दटका द इसक फाद भॊह स धीय-धीय गहयी शवास रकय होठो को फॊद कय द कछ दय फाद शवास को नाक स फाहय तनकार द इस तयह स 10

अनतबोध चतनय दवारा सऩादित तरिदिवसीय मदराचचकितसा सि 39

शभनट तक कय ऱाभ मह भदरा जहाॊ शयीय भ ठॊडक फढ़ाती ह वहीॊ मह कई योगो को दय कयन भ राबदामक ह इस भदरा का तनयॊतय अभमास कयन स शयीय भ अॊदय बोजन ऩिान की ककरमा तज हो जाती ह इसस अमरवऩतत का फढ़ना कभ हो जाता ह

34 मातचगनी मदरा-

भातॊग का अथम होता ह भघ भाॊ दगाम का एक रऩ ह भातॊगी मह दस भहाववदमा भ स नौवीॊ ववदमा ह भातॊग नाभ स एक धमान होता ह भॊतर होता ह औय एक हाथी का नाभ बी भातॊग ह ऋवष वशशटठ की ऩतनी का एक नाभ बी भातॊगी ह ऋवष कशमऩ की ऩतरी का नाभ बी भातॊगी ह तजसस हाथी उतऩनन हए थ ववचध शाॊत जगह भ ऩानी क अॊदय गर तक शयीय को डफो र औय कपय नाक स ऩानी को खीॊिकय उस भॊह स तनकार र कपय भॊह स ऩानी को खीॊिकय नाक स फाहय तनकार द इस ककरमा को ही भातॊचगनी भदरा कहत ह ऱाभ इस भदरा क अभमास स आॊखो की योशनी तज हो जाती ह शसय ददम भ मह भदरा अतमॊत राबकायी भानी जाती ह इसस नजरा-जकाभ आदद क योग बी दय हो जात ह इस भदरा क तनयॊतय अभमास स िहय ऩय िभक आ जाती ह औय फार बी सपद नहीॊ होत ह इस भदरा क शसदध हो जान ऩय वमततत भ ताकत फढ़ जाती ह

35 नभोमदरा

नब का अथम होता ह आकाश इस भदरा भ जीब को तार की ओय रगात ह इसीशरए इस नबोभदरा कहत ह नबोभदरा कयना सयर नहीॊ ह इस ककसी मोग

अनतबोध चतनय दवारा सऩादित तरिदिवसीय मदराचचकितसा सि 40

शशक स सीखकय ही कयना िादहए मह भदरा फहत स योगो भ राबदामक शसदध हई ह इस फाय भ एक शरोक बी ह- मतर मतर तसथतो मोगी सवमकामष सवमदा उधवमतजवह तसथयो बतवाधायमतभवनॊ सदा नबोभदरा भवदषा मोदववना योग नाशशनी अथामत साय कामो भ तसथय हआ चितत अऩनी जीब क अगर बाग को भॊह क अॊदय तार भ रगाकय शवास को अॊदय योक रता ह इस तसथतत स विारयक गततववचधमाॊ ततकार फॊद हो जाती ह इसीशरए इस भदरा को यहसम का आबास ददरान वारी भदरा बी कहा जाता ह ववचध- अऩनी आॊखो को अऩनी दोनो बौहो क फीि भ जभाकय आऩकी जीब तार क साथ रगा र मह दोनो कामम एक ही साथ औय एक ही सभम भ कय सववधानसाय जफ तक सॊबव हो इसी तसथतत भ यह औय कपय कछ शभनट का धमान कय ऱाभ- नबोभदरा क तनयॊतय अभमास स जीब गर औय आॊखो क साय योग सभापत हो जात ह इसस भतसतटक भ तसथयता फढ़ती ह औय भतसतटक क योग बी दय हो जात ह

36 नालसिागर मदरा -

नाशसकागर भदरा का अथम होता ह नाक का आखखयी छोय ऊऩयी दहससा मा अगरबाग इस बाग ऩय फायी-फायी स सॊतरन फनान हए दखना ही नाकककागर भदरा मोग कहराता ह रककन मह भदरा कयन स ऩहर मोग शशक की सराह जरय र तमोकक इसक कयन स बकटी ऩय जोय ऩड़ता ह

अनतबोध चतनय दवारा सऩादित तरिदिवसीय मदराचचकितसा सि 41

ववचध- ककसी बी आसन भ फठकय नाक क आखखयी शसय ऩय नजय दटका र हो सकता ह कक ऩहर आऩ फाई आॊखो स उस दख ऩाएॊ तफ कछ दय फाद दाई आॊखो स दख इस दखन भ जया बी तनाव न हो सहजता स इस दख

ऱाभ- इसस जहाॊ आॊखो की एतसयसाइज होती ह वहीॊ मह भतसतटक क शरए बी राबदामक ह इसस भन भ एकागरता फढ़ती ह इस भदरा क रगाताय अभमास कयन स भराधाय िकर जागरत होन रगता ह तजसस कणडरीनी जागयण भ भदद शभरती ह इसस भराधाय िकर इसशरए जागरत होता ह तमोकक दोनो आॊखो क फीि ही तसथत ह इड़ा वऩ ॊगरा औय सषमना नाड़ी जो भराधाय तक गई ह समय- इस भदरा को इतनी दय तक कयना िादहए कक आॊखो ऩय इसका जमादा दफाव नहीॊ ऩड़ कपय धीय-धीय इस कयन का सभम फढ़ात जाएॊ

37 बरहम आसन मदरा-

कछ रोग इस बरहभा भदरा बी कहत ह तमोकक इस आसन भ गदमन को िाय ददशा भ घभामा जाता ह औय बरहभाजी क िाय भख थ इसीशरए इसका नाभ बरहभा भदरा आसन यखा गमा रककन असर भ मह बरहभ भदरा आसन ह औय इसभ सबी ददशाओॊ भ तसथत ऩयभशवय को जानकय उसका चिॊतन ककमा जाता ह नभाज ऩढ़त वतत मा सॊधमा वॊदन कयत वतत उतत भदरासन को ककमा जाता यहा ह ववचध- ऩदमासन शसदधासन मा वजरासन भ फठकय कभय तथा गदमन को सीधा यखत हए गदमन को धीय-धीय दामीॊ ओय र जात ह कछ सकॊ ड दामीॊ ओय रकत ह उसक फाद गदमन को धीय-धीय फामीॊ ओय र जात ह कछ सकॊ ड तक फामीॊ ओय रककय कपय दामीॊ ओय र जात ह कपय वाऩस आन क फाद गदमन को ऊऩय की ओय र जात ह उसक फाद नीि की तयप र जात ह कपय गदमन को तराकवाइज

अनतबोध चतनय दवारा सऩादित तरिदिवसीय मदराचचकितसा सि 42

औय एॊटीतराकवाइज घभाएॉ इस तयह मह एक िकर ऩया हआ अऩनी सववधानसाय इस िाय स ऩाॉि िकरो भ कय सकत ह

ऱाभ तजन रोगो को सवामइकर सऩोडराइदटस थाइयाइड नराॊटस की शशकामत ह उनक शरए मह आसन राबदामक ह इसस गदमन की भाॉसऩशशमाॉ रिीरी तथा भजफत होती ह आधमाततभक दतटट स बी मह आसन राबदामक ह आरसम बी कभ होता जाता ह तथा फदरत भौसभ क सदी-जकाभ औय खाॉसी स छटकाया बी शभरता ह

सावधाननया तजनह सवामइकर सऩोडराइदटस मा थाइयाइड की सभसमा ह व ठोडी को ऊऩय की ओय दफाएॉ गदमन को नीि की ओय र जात सभम कॊ ध न झकाएॉ कभय गदमन औय कॊ ध सीध यख गदमन मा गर भ कोई गॊबीय योग हो तो मोग चिककतसक की सराह स ही मह भदराआसन कय

38 भजचगनी मदरा- ववचध- इसभ भख को पराकय कॊ ठ स फाहयी वाम खीॊिी जाती ह| तार औय तजहवा क भधम वाम क घभन स शयीय भ अदभत शततत का आववबामव होता ह|

ऱाभ- मह भदरा अजीणम आदद उदय योगो को नटट कयन भ बी फहत उऩमोगी ह| इस परकाय भदराओॊ क अभमास स साधक को सफ परकाय क शायीरयक भानशसक औय आततभक फर की परातपत होती ह| मोगािामो क अनसाय lsquoनातसत भदरासनककॊ चित शसवदधदॊकषततभणडर (घयणड सॊदहता)rsquo अथामत भदराओॊ क सभान शसवदधदामक कोई अनम साधन ब-भॊडर ऩय नहीॊ ह| इसशरए मोगशसवदध क आकाॊीजनो को भदराओॊ का अभमास कयना शरमसकय ह|

अनतबोध चतनय दवारा सऩादित तरिदिवसीय मदराचचकितसा सि 43

39 खचरी मदरा-

भनटम की जीब (तजहवा) दो तयह की होती ह- रॊफी औय छोटी रॊफी जीब को सऩमतजहवा कहत ह कछ रोगो की जीब रॊफी होन स व उस आसानी स नाशसकागर ऩय रगा सकत ह औय खियी-भदरा कय सकत ह भगय तजसकी जीब छोटी होती ह उस तकरीपो का साभना कयना ऩड़ता ह सफस ऩहर उनह अऩनी जीब रॊफी कयनी ऩड़ती ह औय उसक शरए घषमण व दोहन का सहाया रना ऩड़ता ह जीब नीि की ओय स तजस नाड़ी स जड़ी होती ह उस काटना ऩड़ता ह खियी भदरा को शसदध कयन एवॊ अभत क सराव हत आवशमक उददीऩन भ कछ वषम बी रग सकत ह मह वमततत की मोनमता ऩय बी तनबमय कयता ह मोग भ कछ भदराएॊ ऐसी ह तजनह शसपम मोगी ही कयत ह साभानमजनो को इनह नहीॊ कयना िादहए खियी भदरा साधको क शरए भानी गई ह ववचध - इसक शरए जीब औय तार को जोड़न वार भाॊस-तॊत को धीय-धीय काटा जाता ह अथामत एक ददन जौ बय काटकय छोड़ ददमा जाता ह कपय तीन-िाय ददन फाद थोड़ा-सा औय काट ददमा जाता ह इस परकाय थोड़ा-थोड़ा काटन स उस सथान की यतत शशयाएॊ अऩना सथान बीतय की तयप फनाती जाती ह जीब को काटन क साथ ही परततददन धीय-धीय फाहय की तयप खीॊिन का अभमास ककमा जाता ह इसका अभमास कयन स कछ भहीनो भ जीब इतनी रॊफी हो जाती ह कक मदद उस ऊऩय की तयप रौटा (उसटा कयन) ददमा जाए तो वह शवास जान वार छदो को बीतय स फॊद कय दती ह इसस सभाचध क सभम शवास का आना-जाना ऩणमत योक ददमा जाता ह ऱाभ इस भदरा स पराणामाभ को शसदध कयन औय साभचध रगान भ ववशष सहामता शभरती ह साधनायत साधओॊ क शरए मह भदरा फहत ही राबदामी भानी

अनतबोध चतनय दवारा सऩादित तरिदिवसीय मदराचचकितसा सि 44

जाती ह ववशषता तनयॊतय अभमास कयत यहन स तजफ जफ रॊफी हो जाती ह तफ उस नाशसका यनरो भ परवश कयामा जा सकता ह इस परकाय धमान रगान स कऩार भागम एवॊ तरफ ॊद ववसगम स सॊफॊचधत कछ गरॊचथमो भ उददीऩन होता ह तजसक ऩरयणाभसवरऩ अभत का सराव आयॊब होता ह उसी अभत का सराव होत वतत एक ववशष परकाय का आधमाततभक अनबव होता ह इस अनबव स शसवदध औय सभाचध भ तजी स परगतत होती ह चतावनी मह आरख शसपम जानकायी हत ह कोई बी वमततत इस ऩढ़कय कयन का परमास न कय तमोकक मह शसपम साधको क शरए ह आभ रोगो क शरए नहीॊ

40 अकzwj वनी मदरा- इस भदरा स साधक भ घोड़ो जसी शततत आ जाती ह तजस lsquoहॉसम ऩॉवयrsquo कहत ह|

ववचध - इस भदरा भ गदा-दवाय का फाय-फाय सॊकोिन औय परसाय ककमा जाता ह| इसी स भदरा की शसवदध हो जाती ह| इसक दवाया कणडशरनी जागयण भ सगभता यहती ह औय अनक योग नटट होकय शायीरयक फर की ववदध होती ह|

ऱाभ - अतश वनी भदरा शसदध होन स साधक की अकारभतम कबी नहीॊ होती| गदा औय उदय स सॊफॊचधत योगो का इसक दवाया शभन होता ह तथा दीघमजीवन की उऩरतबध होती ह| तरफना भरफॊध क अतश वनी भदरा नहीॊ हो सकती| 41 बजरौऱी मदरा- फजरौरी भदरा बी भरफॊध का अचछा अभमास ककए तरफना ककसी परकाय सॊबव नहीॊ ह| मह भदरा कवर मोगी क शरए ही नहीॊ बोगी क शरए बी अतमॊत राबकायी ह|

अनतबोध चतनय दवारा सऩादित तरिदिवसीय मदराचचकितसा सि 45

ववचध - इस भदरा भ ऩहर दोनो ऩाॊवो को बशभ ऩय दढ़ताऩवमक दटकाकय दोनो ऩाॊवो को धीय-धीय दढ़ताऩवमक ऊऩय आकाश भ उठा द| इसस तरफॊद-शसवदध होती ह| शकर को धीय-धीय ऊऩय की आकॊ िन कय अथामत इॊददरम क आॊकिन क दवाया वीमम को ऊऩय की ओय खीॊिन का अभमास कय तो मह भदरा शसदध होती ह| ववदवानो का भत ह कक इस भदरा क अभमास भ सतरी का होना आवशमक ह तमोकक बग भ ऩततत होता हआ शकर ऊऩय की ओय खीॊि र तो यज औय वीमम दोनो ही िढ़ जात ह| मह ककरमा अभमास स ही शसदध होती ह| कछ मोगािामम इस परकाय का अभमास शकर क सथान ऩय दनध स कयना फतात ह| जफ दनध खीॊिन का अभमास शसदध हो जाए तफ शकर को खीॊिन का अभमास कयना िादहए| वीमम को ऊऩय खीॊिनवारा मोगी ही ऊधवमयता कहराता ह| ऱाभ - इस भदरा स शयीय रटट-ऩटट तजसवी सॊदय सडौर औय जया-भतम यदहत होता ह| शयीय क सबी अवमव दढ़ होकय भन भ तनश िरता की परातपत होती ह| इसका अभमास अचधक कदठन नहीॊ ह| मदद गहसथ बी इसक कय तो फरवदधमन औय सौदममवदधमन का ऩया राब परापत कय सकत ह चतावनी मह आरख शसपम जानकायी हत ह कोई बी वमततत इस ऩढ़कय कयन का परमास न कय तमोकक मह शसपम साधको क शरए ह आभ रोगो क शरए नहीॊ

साधना कयनवार वमततत क शरए मह आवशमक ह कक वह साधना भ कातमक वाचिक औय भानशसक ककरमाओॊ ऩय ऩया तनमॊतरण यख तथा सभम-सभम ऩय उचित ताॊतरतरक परककरमाओॊ का बी सभनवम कयता यह| इस दतटट स तजस परकाय आसन ऩातरासादन अिमन आदद भ ककरमाओॊ का ववधान ह उसी परकाय उनक साथ कछ भदरा फनान का ववधान ह| म भदराएॊ भखम रऩ-स हाथ औय उसकी उॊगशरमो क परमोग स फनती ह| जस हभाया शयीय ऩॊिततवभम ह| अत शासतरकायो न कहा ह कक इन उॊगशरमो क परमोग स इन ततवो की नमनाचधकता दय की जा

अनतबोध चतनय दवारा सऩादित तरिदिवसीय मदराचचकितसा सि 46

सकती ह तथा ततवो की सभता-ववषभता स होनवारी कभी को उॊगशरमो की भदरा स सभ फनामा जा सकता ह| इतना ही नहीॊ ऐसी भदराओॊ क सहमोग स उन ततवो को सवचछाऩवमक घटामा-फढ़ामा बी जा सकता ह| म ततव करभश अॊगटठ भ अतनन तजमनी भ वाम भधमभा भ आकाश अनाशभका भ ऩथवी औय कतनतटठका भ जर क रऩ भ ववदमभान यहत ह| दवताओॊ की परसननता चितत की शवदध औय ववववध योगो क नाश भ भदराओॊ स फड़ी सहामता शभरती ह| भदराततव को सभझकय परतमक मोगी को इनका साधन कयना िादहए| कणडशरनी शततत क जागयण भ इन भदराओॊ स सहामता शभरती ह| महाॊ हभन तजन भदराओॊ का वणमन एवॊ चितरण ककमा ह उसभ परतमक मोगी साधक को ऩरयचित होना िादहए|

अनतबोध चतनय दवारा सऩादित तरिदिवसीय मदराचचकितसा सि 47

मोग अनसाय आसन औय पराणामाभ की तसथतत को भदरा कहा जाता ह फॊध ककरमा औय भदरा भ आसन औय पराणामाभ दोनो का ही कामम होता ह मोग भ भदराओॊ को आसन औय पराणामाभ स बी फढ़कय भाना जाता ह भदरा दो तयह की होती ह- ऩहरी हसत भदरा अथामत हाथो औय उसकी अॊगशरमो को ववशष आकतत भ फनाना औय दसयी आसन भदरा अथामत तजसभ ऩया शयीय ही सॊिाशरत होता ह

Page 3: 235347477 Mudra Chikitsa Swami Ananta Bodha Chaitanya

अनतबोध चतनय दवारा सऩादित तरिदिवसीय मदराचचकितसा सि 3

शासतरो क अनसाय मह सतटट ऩाॊि ततवो स फनीॊ ह व ततव ह - अतननततव वामततव ऩथवी ततव जरततव औय आकाशततव मह भानव शयीय बी इनहीॊ ऩाॊि ततवो स फना ह मत वऩ ॊड तत बरहभाॊड अथामत मही ऩाॊि ततव भनटम क शयीय क अनदय बी ह हभायी सतटट का अतनन ततव ह समम समम स परापत ऊजाम मा उटणता वामततव अथामत हवा मा हवा क ऻात-अऻात घटक औय हवा की पराण शततत ऩथवी ततव अथामत शभटटी औय जभीन स ऩदा होनवारी वनसऩतत औय ऩथवी की पराणशततत जरततव मान सागय नददमाॉ औय बगबीम जर औय जर की पराणशततत औय आकाश ततव अथामत आकाश मा रयततता खारीऩन मा खारी सथान औय रयतत सथान की पराणशततत मही ऩाॊि ततव भानव दह भ ह सतटट भ जसी उटणता ह वसी ही भनटम क शयीय भ बी ह हभाय शयीय का ताऩभान ९७ मा ९८ अॊश सतससमस ह अथामत हभ भ अतननततव ह हभ साॊस रत ह पपड़ो भ हवा यहती ह अथामत वामततव का हभ उऩमोग कयत ह बोजन क दवाया हभ वनसऩतत औय अनम खतनजो का उऩमोग कयत ह अथामत हभाया शयीय ऩथवी ततव स फना ह शयीय की नसो भ खन परवादहत होता यहता ह ऩीन क शरए हभ ऩानी परमोग भ रात ह हभाय शयीय भ 71 ऩानी ह अत हभ भ जरततव ह हभाय शयीय भ खारी सथान ह जस पपड़ो भ ऩट भ नाक भ म सबी आकाश ततव की उऩतसथतत का सॊकत ह मह भानव शयीय -ऩथवीजरअतननआकाश तथा वाम- ऩॊिततव स तनशभमत ह साधायनतमा आहाय ववहाय का असॊतरन इन ऩॊिततवो क सॊतरन को खतणडत कयता ह औय परसवरऩ भनटम शयीय योगो स गरशसत हो जाता हतनमशभत वमामाभ तथा सॊतशरत आहाय ववहाय सवाबाववक रऩ स कामा को तनयोगी यखन भ सभथम हऩय वतमभान क वमसत सभम भ कछ तो आरसम औय कछ वमसतता वश

अनतबोध चतनय दवारा सऩादित तरिदिवसीय मदराचचकितसा सि 4

तनमशभत मोग सफक दवाया सॊबव नहीॊ हो ऩाताऩयनत मोग भ कछ ऐस साधन ह तजनभ न अचधक शरभ की आवशमकता ह औय इन भ स भदरा चिककतसा भखम चिककतसा ऩधदतत ह इसक अॊतगमत ववशबनन हसतभदराओॊ क अभमास स हभ अनक योगोकटटो स भतत हो सकत ह ऐसा सॊबव ह अॊगशरमो को ववशबनन परकाय स भोड कय भदरा फनान ऩय हथशरमो औय अॊगशरमो की तसथतत भ ऩरयवतमन होन स भाॊस ऩशशमो भ खखॊिाव होता ह एवॊ उन ऩय दवाफ ऩड़ता ह तजसस गरह एवॊ उनक ऩवमतो क दोषो स उततऩनन होन वार योग ठीक होत ह हथशरमो औय अॊगशरमो ऩय तसथत शयीय क बीतयी एवॊ फाहयी अॊगो क सथान स सॊफतनधत अॊगो क योग नटट होत ह हथशरमो ऩय तसथत सराव गरॊचथमाॊ अऩना कामम सिार रऩ स कयन रगती ह हरदम यखा जीवन यखा एवॊ फध यखा क दोष दय होत ह दाम हाथ की भदरा कयन स शयीय क फाम तयप एवॊ फाम हाथ की भदरा स शयीय क दाम बाग को राब होता ह भदराओॊ को दोनो हाथ स कयन ऩय आशातीत राब होता ह

िछ ऩाऱनीय ननयम-

सवसथ यहन क शरए भदराओॊ को कभ स कभ 15 शभनट औय जमादा स जमादा 45 शभनट तक ही कयना िादहए ददन भ दो फाय कयन ऩय जमादा जसदी राब होता ह शायीरयक ततवो भ ऩरयवतमन होन रगता ह ववशषत ऻान भदरा पराण भदरा एवॊ अऩान भदरा कयन स सभसत सनाम भणडर परबाववत होता ह तजसस भनटम का सवमतोभखी ववकास होता ह भदरा सवसथ यहत हम बी की जा सकती ह भदराए ककसी बी सभम ककसी बी अवसथा भ औय कही बी की जा सकती ह रककन ऩणम राब रन क शरए शाॊत सथान भ फठ कय एकागरताऩवमक कय सफस ऩहर सवचछ जर स नहा र मा हाथ ऩय धो र उसक फाद ऩवम मा उततय ददशा की

अनतबोध चतनय दवारा सऩादित तरिदिवसीय मदराचचकितसा सि 5

तयप भख कय क दयी मा गदद ऩय सीधा फठ औय आॉखो को हसका सा फॊद कयर उसक फाद भदरा अभमास कय शवास धीय धीय र औय छोड़ अनक भदरा ततव को घटान मा फढ़ान भ बी सहामक होती ह अॊगठ क अगर बाग स अॊगरी क अगर बाग को शभरान स उस अॊगरी भ तसथत ततव भ ववदध होती ह अथवा ततव सभ अवसथा भ आ जाता ह अॊगरी को भोड़ कय अॊगठ की जड़ भ यख कय अॊगठ की अॊगरी क ऊऩय यखन स उस अॊगरी भ तसथत ततव भ कभी आती ह

1 नमसिार मदरा

अनतबोध चतनय दवारा सऩादित तरिदिवसीय मदराचचकितसा सि 6

समम नभसकाय की शरआत बी इसी भदरा स होती ह इसी भदरा भ कई आसन ककए जात ह परणाभ ववनम का सिक ह इस नभसकाय मा नभसत बी कह सकत ह सभि बायतवषम भ इसका परिरन ह इस भदरा को कयन क अनको पामद ह मोगासन मा अनम कामम की शरआत क ऩवम इस कयना िादहए इसको कयन स भन भ अचछा बाव उतऩनन होता ह औय कामम भ सपरता शभरती ह ववचध दोनो हाथो को जोड़कय जो भदरा फनात ह उस नभसकाय भदरा कहत ह सवम परथभ आॉख फॊद कयत हए दोनो होथो को जोड़कय अथामत दोनो हथशरमो को शभरात हए छाती क भधम भ सटाएॉ तथा दोनो हथशरमो को एक-दसय स दफात हएॉ कोहतनमाॉ को दाएॉ-फाएॉ सीधी तान द जफ म दोनो हाथ जड़ हए हभ धीय-धीय भतसतटक तक ऩहॉित ह तो नभसकाय भदरा फनती ह ऱाभ हभाय हाथ क तॊत भतटतटक क तॊतओॊ स जड़ ह हथशरमो को दफान स मा जोड़ यखन स रदमिकर औय आऻािकर भ सककरमता आती ह तजसस जागयण फढ़ता

अनतबोध चतनय दवारा सऩादित तरिदिवसीय मदराचचकितसा सि 7

ह उतत जागयण स भन शाॊत एवॊ चितत भ परसननता उतऩनन होती ह रदम भ ऩटटता आती ह तथा तनशबमकता फढ़ती ह इस भदरा का परबाव हभाय सभि बावनातभक औय विारयक भनोबावो ऩय ऩड़ता ह तजसस सकायातभकता फढ़ती ह मह साभातजक औय धाशभमक दतटट स बी राबदामक ह

2 जञान मदरा ndash

ववचध- दाङगटठतजमनी मोगो ऻान भदरा (तनतमोतसव)

अनतबोध चतनय दवारा सऩादित तरिदिवसीय मदराचचकितसा सि 8

अॊगठ औय तजमनी(ऩहरी उॊगरी) क ऩोयो को आऩस भ (तरफना जोय रगाम सहज रऩ भ) जोड़न ऩय ऻान भदरा फनती ह ऱाभ- इस भदरा क तनतम अभमास स सभयण शततत का अबतऩवम ववकाश होता हभतटतटक की दफमरता सभापत हो जाती हसाधना भ भन रगता हधमान एकागरचित होता हइस भदरा क साथ मदद भॊतर का जाऩ ककमा जाम तो वह शसदध होता ह ककसी बी धभमऩॊथ क अनमामी तमो न हो उऩासना कार भ मदद इस भदरा को कय औय अऩन इटट भ धमान एकागरचितत कय तो भन भ फीज रऩ भ तसथत परभ की अनतसशररा का अजशर शरोत सवत परसपदटत हो परवादहत होन रगता ह औय ऩयभाननद की परातपत होती हइसी भदरा क साथ तो ऋवषमो भनीवषमो तऩतसवमो न ऩयभ ऻान को परापत ककमा था ऩागरऩनअनक परकाय क भनोयोग चिडचिडाऩनकरोधिॊिरतारमऩटताअतसथयताचिॊताबमघफयाहटवमाकरताअतनदरा योग डडपरशन जस अनक भन भतसतटक समफनधी वमाचधमाॊ इसक तनमशभत अभमास स तनतशित ही सभापत हो जाती हभानशसक भता फढ़न वारा तथा सतोगण का ववकास कयन वारा मह अिक साधन ह ववदमाचथममो फवदधजीववमो स रकय परतमक आमवगम क सतरी ऩरषो को अऩन आततभक भानशसक ववकास क शरए भदराओॊ का परमोग अवशम ही कयना िादहए

अनतबोध चतनय दवारा सऩादित तरिदिवसीय मदराचचकितसा सि 9

3 वाम भदरा-

ववचध - अॊगठ क फाद वारी ऩहरी अॊगरी - तजमनी को भोड़कय उसक नाखबाग का दवाफ (हसका) अॊगठ क भर बाग (जड़) भ ककमा जाम औय अॊगठ स तजमनी ऩय दवाफ फनामा जाम शष तीनो अॉगशरमो को अऩन सीध भ सीधा यखा जामइसस जो भदरा फनती हउस वाम भदरा कहत ह राब - वाम सॊफनधी सभसत योग मथा - गदठमाजोडो का ददम वात ऩाघात हाथ ऩय मा शयीय भ कमऩन रकवा दहसटीरयमा वाम शर गस इतमादद अनक असाधम योग इस भदरा स ठीक हो जात ह इस भदरा क साथ कबी कबी पराण भदरा बी कयत यहना िादहए

अनतबोध चतनय दवारा सऩादित तरिदिवसीय मदराचचकितसा सि 10

4 आिाश मदरा

ववचध दोनो हाथो की भधमभा अॊगशरमो को अॊगठो क अगरबाग स रगाकय फाकी अॊगशरमो को सीधा कय द अफ हाथो को घटनो ऩय यख र हथशरमो का रख ऊऩय की ओय यहगा कभय-गदमन सीधी यख कय आॊख फॊद कय धमान की तसथतत भ फठ जाएॊ ऱाभ कान क योग फहयाऩन कान भ आवाज आन की सभसमा दय होन रगती ह हडडडमो की कभजोयी को बी दय कयन भ भदद शभरती ह

अनतबोध चतनय दवारा सऩादित तरिदिवसीय मदराचचकितसा सि 11

5 शनम भदरा -

ववचध - अॊगठ स दसयी अॊगरी (भधमभासफस रमफी वारी अॊगरी) को भोड़कय अॊगठ क भर बाग (जड़ भ) सऩशम कय औय अॊगठ को भोड़कय भधमभा क ऊऩय स ऐस दफाम कक भधमभा उॊगरी का तनयॊतय सऩशम अॊगठ क भर बाग स फना यह फाकी की तीनो अॉगशरमो को अऩनी सीध भ यखइस तयह स जो भदरा फनती ह उस शनम भदरा कहत ह राब - इस भदरा क तनयॊतय अभमास स कान फहना फहयाऩन कान भ ददम इतमादद कान क ववशबनन योगो स भततत सॊबव हमदद कान भ ददम उठ औय इस भदरा को परमतत ककमा जाम तो ऩाॊि सात शभनट क भधम ही राब अनबत होन रगता हइसक तनयॊतय अभमास स कान क ऩयान योग बी ऩणमत ठीक हो जात ह इसकी अनऩयक भदरा आकाश भदरा हइस भदरा क साथ साथ मदद आकाश भदरा का परमोग बी ककमा जाम तो वमाऩक राब शभरता ह

अनतबोध चतनय दवारा सऩादित तरिदिवसीय मदराचचकितसा सि 12

6 ऩथवी मदरा

ववचध दोनो हाथो की अनाशभका अॊगशरमो को अॊगठो क अगरबाग स रगाकय फाकी अॊगशरमाॊ सीधी यख अफ हाथो को घटनो ऩय यख र हथशरमो का रख ऊऩय की ओय यहगा कभय-गदमन सीधी यख कय आॊख फॊद कय धमान की तसथतत भ फठ जाएॊ ऱाभ मह भदरा शायीरयक दफरमता दय कय वजन फढ़ाती ह शयीय भ सपततम कातनत एवॊ तज फढ़ाकय जीवनी शततत का ववकास कयती ह इसक अभमास स ऩािन तनतर को फर शभरता ह

अनतबोध चतनय दवारा सऩादित तरिदिवसीय मदराचचकितसा सि 13

7 सयय मदरा

ववचध दोनो हाथो की अनाशभका अॊगशरमो को अॊगठो क भर भ रगाकय अॊगठ स दफाकय फाकी अॊगशरमो को सीधा कयक यख अफ हाथो को घटनो ऩय यख र हथशरमो का रख ऊऩय की ओय यहगा कभय-गदमन सीधी यख कय आॊख फॊद कय धमान की तसथतत भ फठ जाएॊ ऱाभ मह भदरा भोटाऩा कभ कय वजन घटाती ह शयीय भ ऊटणता फढ़ाती ह शततत का ववकास कयती ह कॉरसरॉर फढ़न नहीॊ दती भधभह व रीवय क योग भ राब ऩहॊिाती ह शयीय को सॊतशरत कय दती ह नोट कभजोय वमततत इसका अभमास न कय गभी भ इसका अभमास कभ ही कय

अनतबोध चतनय दवारा सऩादित तरिदिवसीय मदराचचकितसा सि 14

8 वरण मदरा

ववचध दोनो हाथो की कतनटठा अॊगशरमो को अॊगठो क अगरबाग ऩय रगाकय फाकी अॊगशरमो को सीधा यखन स मह भदरा फनती ह अफ हाथो को घटनो ऩय यख र हथशरमो का रख ऊऩय की ओय यहगा कभय-गदमन सीधी यख कय आॊख फॊद कय धमान की तसथतत भ फठ जाएॊ ऱाभ मह िभमयोग यतत ववकाय दय कयती ह शयीय भ रखाऩन दय कय तविा को िभकीरी व भरामभ फनान भ सहामक ह िहय की सॊदयता को फढ़ा दती ह नोट कप परकतत वार वमततत इसका अभमास जमादा न कय

अनतबोध चतनय दवारा सऩादित तरिदिवसीय मदराचचकितसा सि 15

9 जऱोिर नाशि-

ववचध कतनटठा को अॉगठ क जड़ भ रगाकय अॉगठ स दफाम राब- जर तततव की अचधकता स होन वार सबी योगसजन जरोदय आदद भ ववशष राब होता

ह योग शानत होन तक ही कय

अनतबोध चतनय दवारा सऩादित तरिदिवसीय मदराचचकितसा सि 16

10 पराण मदरा -

ववचध अॊगठ स तीसयी अनाशभका तथा िौथी कतनतटठका अॉगशरमो क ऩोयो को एकसाथ अॊगठ क ऩोय क साथ शभराकय शष दोनो अॉगशरमो को अऩन सीध भ खडा यखन स जो भदरा फनती ह उस पराण भदरा कहत ह राब - हरदम योग भ याभफाण तथा नतरजमोतत फढान भ मह भदरा ऩयभ सहामक हसाथ ही मह पराण शततत फढ़ान वारा बी होता हपराण शततत परफर होन ऩय भनटम क शरए ककसी बी परततकर ऩरयतसथततमो भ धममवान यहना अतमॊत सहज हो जाता हवसतत दढ पराण शततत ही जीवन को सखद फनाती ह इस भदरा की ववशषता मह ह कक इसक शरए अवचध की कोई फाधमता नहीॊइस कछ शभनट बी ककमा जा सकता ह

अनतबोध चतनय दवारा सऩादित तरिदिवसीय मदराचचकितसा सि 17

11 अऩान मदरा

ववचध दोनो हाथो की भधमभा तथा अनाशभका अॊगशरमो को अॊगठ क अगरबाग स रगाकय फाकी अॊगशरमो को सीधी यख अफ हाथो को घटनो ऩय यख र हथशरमो का रख ऊऩय की ओय यहगा कभय-गदमन सीधी यख कय आॊख फॊद कय धमान की तसथतत भ फठ जाएॊ ऱाभ कबज भधभह ककडनी ववकाय वाम ववकाय फवासीय को दय कयन भ सहामक ह शयीय को शदध कय नाड़ी दोषो को दय कयन वारी ह भतर का अवयोध दय कय दाॊतो को भजफत कयती ह ऩसीना बी राती ह नोट इस भदरा क अभमास स भतर अचधक आन रगता ह

अनतबोध चतनय दवारा सऩादित तरिदिवसीय मदराचचकितसा सि 18

12 वयान मदरा-

ववचध- हाथ की भधमभा अॊगरी क आग क बाग को अॊगठ क आग क बाग स शभरान औय तजमनी अॊगरी को फीि की अॊगरी क नाखन स छआएॊ फाकी फिी सायी अॊगशरमाॊ सीधी यहनी िादहए इसी को वमान भदरा कहा जाता ह अवचध- इस भदरा को सफह 15 शभनट औय शाभ को 15 शभनट तक कयना िादहए ऱाभ- वमान भदरा को कयन स ऩशाफ सॊफॊधी सबी योग दय होत ह जस- ऩशाफ जमादा आना ऩशाफ भ िीनी आना ऩशाफ क साथ घात आना ऩशाफ रक-रक कय आना आदद योग सभापत हो जात ह इसक अरावा इस भदरा क तनमशभत अभमास स भधभह परभह औय सवपनदोष बी दय होता ह तसतरमो क शरए मह भदरा सफस जमादा राबदामक फताई गई ह इस भदरा को कयन स तसतरमो क साय योग सभापत हो जात ह

अनतबोध चतनय दवारा सऩादित तरिदिवसीय मदराचचकितसा सि 19

13 उिान मदरा-

ववचध - ऩहरी भधमभा औय अनाशभका उॊगरी क आग क बाग को अॊगठ क आग क बाग स रगाएॊ इस उदान भदरा कहत ह इसका सॊफॊध कॊ ठ स भतसतटक तक होता ह मह ववशवदध िकर को परवादहत कयता ह

राब - इसस भन शाॊत होता ह औय थामयॉइड सॊफॊधी सबी योगो भ राब ऩहॊिता ह

सभमावचध - इस भदरा को बी कवर 15 स 45 शभतनट तक ही कयना िादहए

अनतबोध चतनय दवारा सऩादित तरिदिवसीय मदराचचकितसा सि 20

14 सभान भदरा

ववचध - हाथ की िायो उॊगशरमो औय अॊगठ क अगरबाग को शभरा कय ऊऩय की तयप यखन स सभान भदरा फनती ह इस भदरा भ ऩाॊिो ततव शभर जात ह

राब ndash मह भदरा हभाय वविायो को आधमाततभक फनाती ह फय वविाय दय होत ह

अनतबोध चतनय दवारा सऩादित तरिदिवसीय मदराचचकितसा सि 21

15 हिय मदरा

ववचध दोनो हाथो की तजमनी अॊगशरमो को अॊगठो क भर भ रगाकय भधमभा व अनाशभका अॊगशरमो को अॊगठ क अगरबाग ऩय रगा द व छोटी अॊगरी को सीधा कयक यख अफ हाथो को घटनो ऩय यख र हथशरमो का रख ऊऩय की ओय यहगा कभय-गदमन सीधी यख कय आॊख फॊद कय धमान की तसथतत भ फठ जाएॊ ऱाभ मह भदरा रदम योगो भ ववशष रऩ स राबकायी ह परततददन 10-15 शभनट अभमास स रदम भजफत होता ह गस फनना शसयददम असथभा व उचि यततिाऩ भ राबकायी ह सीदढ़मो ऩय िढ़न स ऩहर ही अगय मह भदरा रगा री जाए औय इस भदरा क साथ ही सीदढ़माॊ िढ़ी जाएॊ तो साॊस नहीॊ परती

अनतबोध चतनय दवारा सऩादित तरिदिवसीय मदराचचकितसा सि 22

16 लऱग मदरा

ववचध- फाएॉ हाथ का अॊगठा सीधा खडा कय दादहन हाथ स फाएॊ हाथ कक अॉगशरमो भ ऩयसऩय पॉ सात हए दोनो ऩॊजो को ऐस जोड कक दादहना अॊगठा फाएॊ अॊगठ को फहाय स आवतत कय र इस परकाय जो भदरा फनगी उस अॊगटठ भदरा कहग राब - अॊगठ भ अतनन ततव होता हइस भदरा क अभमास स शयीय भ उटभता फढ़न रगती हशयीय भ जभा कप ततव सखकय नटट हो जाता हसदी जकाभखाॊसी इतमादद योगो भ मह फड़ा राबदामी होता हकबी मदद शीत परकोऩ भ आ जाएॉ औय शयीय भ ठणड स कॊ ऩकॊ ऩाहट होन रग तो इस भदरा का परमोग तवरयत राब दता ह

अनतबोध चतनय दवारा सऩादित तरिदिवसीय मदराचचकितसा सि 23

17 शख मदरा-

ववचध - फाएॊ हाथ क अॊगठ को दोनो हाथ की भटठी भ फॊद कयक फाएॊ हाथ की तजमनी उॊगरी को दादहन हाथ क अॊगठ स शभरान स शॊख भदरा फनती ह| इस भदरा भ फाएॊ हाथ की फाकी तीन उॊगशरमो क ऩास भ सटाकय दाएॊ हाथ की फॊद उॊगशरमो ऩय हसका-सा दफाव ददमा जाता ह| इसी परकाय हाथ फदरकय अथामत दाएॊ हाथ क अॊगठ को फाएॊ हाथ की भटठी भ फॊद कयक शॊख भदरा फनाई जाती ह| इस भदरा भ ऱाभ - अॊगठ का दफाव हथरी क फीि क बाग ऩय औय भटठी की तीन उॊगशरमो का दफाव शकर ऩवमत ऩय ऩड़ता ह तजसस हथरी भ तसथत नाशब औय थाइयॉइड (ऩतसरका) गरॊचथ क क दर दफत ह| ऩरयणाभसवरऩ नाशब औय थाइयॉइड गरॊचथ क ववकाय ठीक होत ह|

अनतबोध चतनय दवारा सऩादित तरिदिवसीय मदराचचकितसा सि 24

शॊख भदरा का नाशब िकर स तनकट का सॊबॊध ह इसशरए शायीय क सनामतॊतर ऩय ववशष कामम कयती ह अत अनत औय फाहम सवासथम भ फहत राबकायी ह

मह ऩािन तॊतर को उततभ फनाती ह

तनमशभत कयन स बख फढान भ भदद शभरती ह

मह भदरा फोरत सभम उचिायण क दोषो को दय कयन भ फहत परबावी ह जस ततराना हकराना आदद दोष तनमभतत परमोग स दय हो जात ह

सॊगीत की साधना कयन वारो क शरए ववशश राबकायी ह वाणी को भधय फनाती ह

मह भदरा ऩजन भ बी परमतत होती ह| इसका परमोग रॊफ सभम तक ककमा जा सकता ह| इस भदरा का नाशबिकर स ववशष समफनध ह तजसक कायण नाशब स सॊफॊचधत शयीय की नाडड़मो ऩय सकषभ औय सवासथमवधमक परबाव ऩड़ता ह तथा सनामभणडर शतततशारी फनती ह|

अनतबोध चतनय दवारा सऩादित तरिदिवसीय मदराचचकितसा सि 25

18 योनन मदरा-

मौचगक दतटट स अऩन अॊदय कई परकाय क यहसम तछऩाए यखनवारी भदरा का वासतववक नाभ lsquoमोतन भदराrsquo ह| तत मोग क अनसाय कवर हाथो की उॊगशरमो स भहाशततत बगवती की परसननता क शरए मोतन भदरा परदशशमत कयन की आऻा ह| परतम रऩ स इसका परबाव रॊफी मोग साधना क अॊतगमत तॊतर-भॊतर-मॊतर साधना स बी दतटटगोिय होता ह| इस भदरा क तनयॊतय अभमास स साधक की पराण-अऩान वाम को शभरा दनवारी भरफॊध ककरमा को बी साथ कयन स जो तसथतत फनती ह उस ही मोतन भदरा की सॊऻा दी ह| मह फड़ी िभतकायी भदरा ह| ऩदमासन की तसथतत भ फठकय दोनो हाथो की उॊगशरमो स मोतन भदरा फनाकय औय ऩवम भरफॊध की तसथतत भ सममक बाव स तसथत होकय पराण-अऩान को शभरान की परफर बावना क साथ भराधाय सथान ऩय मौचगक सॊमभ कयन स कई परकाय की शसवदधमाॊ परापत हो जाती ह|

अनतबोध चतनय दवारा सऩादित तरिदिवसीय मदराचचकितसा सि 26

ऋवषमो का भत ह कक तजस मोगी को उऩयोतत तसथतत भ मोतन भदरा का रगाताय अभमास कयत-कयत शसवदध परापत हो गई ह उसका शयीय साधनावसथा भ बशभ स आसन सदहत ऊऩय अधय भ तसथत हो जाता ह| सॊबवत इसी कायण आदद शॊकयािाममजी न अऩन मोग यतनावरी नाभक ववशष गरॊथ भ भरफॊध का उसरख ववशष रऩ स ककमा ह|

19 धन मदरा -

बायतीम ऩयॊऩया भ धन गाम को कहा जाता ह औय मह दहनद धभम क साततवक औय भहानता का परतीक ह धन भदरा फनात सभम हाथो की उॊगशरमा गाम क थनो जसी हो जाती ह जस गाम क थनो स दध ऩीकय शयीय ऩटट फनता ह वस ही धन भदरा कयन स बी शयीय रटट ऩटट फनता ह

ववचध - अनमोनमाशबभखॊ तशरटटाकतनटठानाशभका ऩन

अनतबोध चतनय दवारा सऩादित तरिदिवसीय मदराचचकितसा सि 27

तथा ि तजमतनभधमा धन भदरा अभत परदा ( कारी तॊतर )

अऩन दोनो हाथो की अॊगशरमो क ऩोयो को एक साथ शभरा र कपय फाम हाथ की तजमनी ऊॊ गरी को दाएॊ हाथ की फीि वारी उॊगरी स छआए इसक फाद दाएॊ हाथ की तजमनी उॊगरी को फाम हाथ की फीि वारी उॊगरी स छआम ऐस ही फाम हाथ की अनाशभका उॊगरी को दाएॊ हाथ की सफस छोटी उॊगरी स शभराएॊ अॉगठो को खरा छोड़ द हाथ की अॊगशरमो को नीि की तयप कयन स अॊगशरमो की आकतत गाम क धनो जसी हो जाती ह इसी कायण इस धन भदरा कहत ह

सभम - इस भदरा का अभमास धीय धीय फढ़ाए ऩहर 1 स 15 शभतनट औय फाद भ 15 स 30 तथा जफ अचछी तयह मह भदरा अभमास भ आ जाए तफ इस भदरा को 45 शभतनट तक कय सकत ह

राब - धन भदरा स ऩािन तॊतर भजफत होता ह औय शयीय ताकतवय व सवसथ फनता ह मह ऩट क योगो क शरए याभफाण भदरा ह मोग साधना भ फहत ही उऩमोगी भदरा कहराती ह तॊतर एवॊ कभमकाॊड भ बी धन भदरा का परमोग ह ह ऩयानी भानमता क अनसाय मह अभत ततव को दन वारी भदरा ह मह भदरा वात वऩतत तथा कप को सॊतशरत कयती ह

अनतबोध चतनय दवारा सऩादित तरिदिवसीय मदराचचकितसा सि 28

20 मगी मदरा-

भग दहयन को कहा जाता ह मऻ क दौयान होभ की जान वारी साभगरी को इसी भदरा भ होभ ककमा जाता ह पराणामाभ ककए जान क दौयान बी इस भदरा का उऩमोग होता ह धमान कयत वतत बी इस भदरा का इसतभार ककमा जाता ह मह भदरा फनात वतत हाथ की आकतत भग क शसय क सभान हो जाती ह इसीशरए इस भगी भदरा कहा जाता ह मह एक हसत भदरा ह ववचध अऩन हाथ की अनाशभका औय भधमभा अॊगरी को अॊगठ क आग क बाग को छआ कय फाकी फिी तजमनी औय कतनटठा अॊगरी को सीधा तान दन स भगी भदरा फन जाती ह योग आसन - इस दौयान उतकटासन सखासन औय उऩासना क सभम इसतभार होन वार आसन ककए जा सकत ह

अनतबोध चतनय दवारा सऩादित तरिदिवसीय मदराचचकितसा सि 29

समय- इस भदरा को सववधानसाय कछ दय तक कय सकत ह औय इस तीन स िाय फाय ककमा जा सकता ह ऱाभ- भगी भदरा कयत सभम अॊगठ क ऩोय औय अॊगशरमो क जोड़ ऩय दफाव ऩड़ता ह उतत दफाव क कायण शसयददम औय ददभागी ऩयशानी भ राब शभरता ह एतमपरशय चिककतसा क अनसाय उतत अॊगशरमो क अॊदय दाॊत औय सामनस क तरफ ॊद होत ह तजसक कायण हभ दाॊत औय सहनस योग भ बी राब शभरता ह ववशष- भाना जाता ह कक इस भदरा को कयन स सोिन औय सभझन की शततत का ववकास बी होता ह भगी भदरा शभगी क योचगमो क शरए फहत ही राबकायी ह

21 यमहररमदरा

ववचध -सवम परधभ आऩ अऩन दोनो हाथो की सफस छोटी अॊगरी अथामत कतनटठा को आऩस भ एक दसय क परथभ ऩोय स शभरा द इसी क साथ दोनो अॊगठ को बी आऩस भ शभरा द अफ तीन अॊगशरमाॊ फाकी यह जाएॊगी- भध मभा तजमनी औय अनाशभका इन तीनो अॊगशरमो को हथरी की ओय भोड़कय भटठी जसा फनाइए अॊगशरमो की इस तसथतत को मभ हरयभदरा कहत ह

अनतबोध चतनय दवारा सऩादित तरिदिवसीय मदराचचकितसा सि 30

ऱाभ - मभहरयभदरा क तनमशभत अभमास स नाडड़मो को शततत शभरती ह इस भदरा क तनयॊतय अभमास स ऩट क योग जस- कबज बख ना रगना औय तजगय की कभजोयी दय होती ह इस भदरा स तसतरमो क सतनो क साय योगो भ बी राब शभरता ह मभ हरयभदरा को परततददन 5 शभनट सफह औय 5 शभनट शाभ को कय आऩ इसक कयन का सभम फढ़ाकय 10 शभनट तक कय सकत ह परततददन कभ स कभ ऩाॊि भदराएॊ अऩनी सववधानसाय कयनी िादहए भदराओॊ स सबी योगो भ राब ऩामा जा सकता ह मदद उनका मोग शशक स ऩछकय तनमशभत अभमास ककमा जाए भदराएॊ खासकय उन रोगो क शरए पामदभॊद सातरफत होती ह जो मोगासन कयन भ असभथम ह

22 ऩषऩाजलऱ मदरा-

अनतबोध चतनय दवारा सऩादित तरिदिवसीय मदराचचकितसा सि 31

मह भहतवऩणम हसत मोग भदरा ह जस दआ भ हाथ उठात ह मा ऩटऩ अऩमण कयत ह तफ मह भदरा फनती ह जसा कक इसका नाभ ह ऩटऩाॊजशर इसी स मह शसदध होता ह कक मह भदरा ककस परकाय की होगी ववचध- दोनो हाथो की अॊगशरमो औय अॊगठ को आऩस भ शभरा भखणफदध को बी शभरा र कपय दोनो हाथो की छोटी अॊगशरमो को एक साथ शभराकय ऐसी आकतत फना र कक जस हभ ककसी बगवान को पर िढ़ात सभम फनात ह इस ही ऩटऩाॊजशर भदरा कहत ह

ऱाभ- ऩटऩाॊजरी भदरा क तनयॊतय अभमास स नीॊद अचछी तयह स आन रगती ह आतभववशवास फढ़ता ह

23 यज भदरा-

अनतबोध चतनय दवारा सऩादित तरिदिवसीय मदराचचकितसा सि 32

यज भदरा कवर तसतरमो क शरए ह ऐसा नहीॊ फतसक अगय ऩरष इस भदरा को कयत ह तो उनक वीमम सॊफॊधी सभसत योग दय हो जात ह ववचध- यज भदरा फनाना फहत ही आसान ह कतनटठा (छोटी अॊगरी) अॊगरी को हथरी की जड़ भ भोड़कय रगान स यज भदरा फन जाती ह ऱाभ- यज भदरा स तसतरमो क भाशसक धभम सॊफॊधी योग दय होत ह इसक अरवा शसय भ बायीऩन यहना छाती भ ददम ऩट ऩीठ कभय का ददम आदद योग बी यज भदरा कयन स दय हो जात ह सतरी क साय परजनन अॊगो की ऩयशातनमो को म भदरा तरफसकर दय कय दती ह

24 अदिती मदरा-

ववचध- अॊगठ क आग क बाग को अनाशभका (छोटी उॊगरी क साथ वारी उॊगरी) उॊगरी की जड़ भ टढ़ा रगान स अददती भदरा फन जाती ह

ऱाभ- इस भदरा को कयन स हय सभम उफासी आना जमादा छीॊक आना जस योगो को दय ककमा जा सकता ह

अनतबोध चतनय दवारा सऩादित तरिदिवसीय मदराचचकितसा सि 33

समय- अददती भदरा को ददन भ 3-4 फाय 15-15 शभनटो क शरए कय सकत ह

25 हसी मदरा-

जस हॊस नीय ीय वववक की साभथमम यखता ह वस इस भदरा क कयन स सोिन औय तवरयत तनणमम की भता फढती ह मदरा िी ववचध - सखासन मा उतकटासन भ फठकय अऩन हाथ की सबी सफस छोटी अॊगरी को छोड़कय अॊगशरमो को अॊगठ क आग क बाग को दफान स हॊसी भदरा फन जाती ह अवचध- इस भदरा को परयॊब भ 5-8 शभनट स कयक 30-48 शभनट तक कय सकत ह मदरा िा ऱाभ- इस भदरा तनमशभत अभमास स वववक फढ़ता ह अथामत इसस सोिन-सभझन की शततत फढ़ती ह औय इसस शयीय का बायीऩन सभापत हो जाता ह

अनतबोध चतनय दवारा सऩादित तरिदिवसीय मदराचचकितसा सि 34

ववशषता- भाना जाता ह कक इस भदरा का तनमशभत अभमास कयन स याजशसक ताकत फढ़ती ह औय वमततत धन सॊऩनन फना यहता ह सावधानी - इस भदरा को कयत सभम ककसी बी परकाय का भॊतर नहीॊ जऩना िादहए औय ना ही कोई अनम धाशभमक उऩकरभ कय

26 हसतऩात मदरा-

ववचध- इस भदरा को कयन क शरए आऩ अऩन दोनो हाथो की हथरी क ऩीछ क बाग को आऩस भ अॊगशरमो सदहत शभरा द इस आकतत को हसतऩात भदरा कहा जाता ह मह नभसकाय भदरा जसा ही ह रककन इसभ हथरी क ऩटठ बाग को शभरा ददमा जाता ह ऱाभ- इस हसतऩात भदरा को कयन स शवास औय गर क क साय योग भ फहत राब शभरता ह तजन तसतरमाॊ मदद इसका तनमशभत अभमास कयती ह तो इसस उनक सतन सड़ौर सॊदय औय सवसथ हो जात ह तजन तसतरमो क सतन छोट ह ढीर ह मा उनक सतनो भ दध नहीॊ आता ह तो मह भदरा उनक शरए फहत राबकायी शसदध हो सकती ह

27 धयान मदरा

ववचध- ऩदमासन भ फठकय फाएॊ हाथ की हथरी ऩय दाएॊ हाथ की हथरी को (उसट हाथ ऩय सीध हाथ को) हसक स यखन स धमान भदरा फनती ह| धमान यख कक इस भदरा भ शसय गदमन एवॊ यीढ़ की हडडी सीधी यह| आॊख औय होठ सहज स फनद यह| धमान अऩन इटटदव क सवरऩ ऩय दटकाएॊ अथवा कामोतसगम कय अथामत शयीय स

अनतबोध चतनय दवारा सऩादित तरिदिवसीय मदराचचकितसा सि 35

सभता यखत हए कछ दय क शरए वविाय यदहत अवसथा भ यहन का परमास कय| अटटाॊग मोग (मभ तनमभ पराणामाभ परतमाहाय धायणा धमान औय सभाचध) क एक अॊग lsquoधमानrsquo की साधना भ मह भदरा ववशष रऩ स सहामक शसदध हई ह| ऱाभ - जो वमततत ऩदमासन नहीॊ कय सकत उनह धमान भदरा सखासन मा सवतसतक अथवा ऩारथी आसन भ कयना िादहए| मह सहज भदरा ह| सहज धमान भदरा को साधायण वमततत अचधक रमफ सभम तक सयरता स कय सकता ह| इसस धमान भदरा क राब बी शभर जात ह| धमान भदरा भ मदद हथशरमाॊ एक दसय ऩय यखन क फाद दोनो हथशरमाॊ ऻान भदरा की तसथतत भ यखी जाएॊ तो धमान भदरा तथा ऻान भदरा क सतमभशरत राब क साथ ऩदमासन क राब बी शभर जात ह| साधक क शरए धमान भदरा भ सभम की कोई सीभा नहीॊ ह| रककन सहजता क साथ ऩदमासन कयन की भता क अनरऩ धमान भदरा का अभमास कयना िादहए| साधायण वमततत को इस धीय-धीय फढ़ात हए कभ-स-कभ २० शभनट स एक घॊट तक कयना िादहए| धमान भदरा न कय सकन की अवसथा भ सहज धमान भदरा कयक राब उठाना िादहए| भन की िॊिरता शाॊत होकय चितत की एकागरता फढ़ती ह| साततवक वविायो की उतऩततत होती ह औय परब बजन भ भन रगता ह|

धमान क परबाव स साधक को धमान की उचितय तसथतत भ ऩहॊिन भ सहामता शभरती ह| आतभ साातकाय औय ईश वय क साातकाय भ मह भदरा सहामक ह|

28 शामभवी मदरा-

आॉख खरी हो रककन आऩ दख नहीॊ सकत ऐसी तसथतत जफ सध जाती ह तो उस शामबवी भदरा कहत ह ऐसी तसथतत भ आऩ नीॊद का भजा बी र सकत ह मह फहत कदठन साधना ह इसक ठीक उसटा कक जफ आॉख फॊद हो तफ आऩ दख

अनतबोध चतनय दवारा सऩादित तरिदिवसीय मदराचचकितसा सि 36

सकत ह मह बी फहत कदठन साधना ह रककन मह दोनो ही सॊबव ह असॊबव कछ बी नहीॊ फहत स ऐस ऩश औय ऩी ह जो आॉख खोरकय ही सोत ह ववचध- मदद आऩन तराटक ककमा ह मा आऩ तराटक क फाय भ जानत ह तो आऩ इस भदरा को कय सकत ह सवमपरथभ शसदधासन भ फठकय यीढ़-गदमन सीधी यखत हए ऩरको को तरफना झऩकाएॉ दखत यह रककन धमान ककसी बी िीज को दखन ऩय ना यख ददभाग तरफसकर बीतय कहीॊ रगा हो

ऱाभ- शामबवी भदरा को कयन स ददर औय ददभाग को शाॊतत शभरती ह मोगी का धमान ददर भ तसथय होन रगता ह आॉख खरी यखकय बी वमततत नीॊद औय धमान का आनॊद र सकता ह इसक सधन स वमततत बत औय बववटम का ऻाता फन सकता ह सऱाह- शामबवी भदरा ऩयी तयह स तबी शसदध हो सकती ह जफ आऩकी आॉख खरी हो ऩय व ककसी बी िीज को न दख यही हो ऐसा सभझ की आऩ ककसी धन भ जी यह हो आऩको खमार होगा कक कबी-कबी आऩ कहीॊ बी दख यह होत ह रककन आऩका धमान कहीॊ ओय यहता ह समय- इस भदरा को शरआत भ तजतनी दय हो सक कय औय फाद भ धीय-धीय इसका अभमास फढ़ात जाएॉ

अनतबोध चतनय दवारा सऩादित तरिदिवसीय मदराचचकितसा सि 37

29 शकततचालऱनी मदरा- ववचध - आठ अॊगर रॊफा औय िाय अॊगर िौड़ा भरामभ वसतर रकय नाशब ऩय रगाएॊ औय कदटसतर भ फाॊध र| कपय शयीय भ बसभ यभाकय शसदधासन भ फठ औय पराण को अऩान स मतत कय| जफ तक गहम दवाय स िरती हई वाम परकाशशत न हो इस सभम तक गहम दवाय को सॊकचित यख| इसस वाम का जो तनयोध होता ह उसभ कमबक क दवाया कणडशरनी शततत जागरत होती हई सषमना भागम स ऊऩय जाकय खड़ी हो जाती ह| मोगभदरा स ऩहर इसका अभमास कयन ऩय ही मोतन भदरा की ऩणम शसवदध होती ह| ऱाभ - इस भदरा स कणडशरनी शततत का जागयण होता ह| जफ तक मह सोती ह तफ तक सबी आॊतरयक शतततमाॊ सपत ऩड़ी यहती ह| इसशरए कणडशरनी का जागरत होना साधक क शरए फहत आवशमक ह| पराण-अऩान को सॊमतत कयन की ककरमा पराणवाम को ऩयक दवाया बीतय खीॊिन औय उडडीमान फॊध स अऩान वाम को ऊऩय की ओय आकवषमत कयन स ऩणम होती ह| इसभ गहम परदश क सॊकोि औय ववसताय का अभमास होन स अचधक सयरता हो सकती ह| 30 तड़ागी मदरा- ववचध - दोनो ऩाॊवो को दणड क सभान धयती ऩय ऩसाय र औय हाथो स उनक अॊगठो को ऩकड़न तथा दोनो जाॊघो ऩय शसय को सथावऩत कय साथ ही उदय को तड़ाग (सयोवय) क सभान कय र| ऱाभ - मह भदरा अनक योगो औय वदधावसथा को बी दय कयन भ सहामक शसदध होती ह|

अनतबोध चतनय दवारा सऩादित तरिदिवसीय मदराचचकितसा सि 38

31 माणडवी मदरा- ववचध - भख को फॊद कयक जफान को तार भ घभाएॊ औय सहसराय स टऩकत हए सधायस को जफान स धीय-धीय ऩीन का मतन कय| मही भाणडवी (मा भाणडकी) भदरा ह| ऱाभ - इसक दवाया फारो की सपदी उनका झड़ना शयीय ऩय झरयममो भॊहासो आदद का ऩड़ना तथा तनफमरता आदद दय होकय चिय-मौवन की परातपत होती ह| इसस यसोतऩादन होकय अभततव की उऩरतबध होना सॊबव हो जाता ह| 32 ऩालशनी मदरा ववचध- दोनो ऩाॊवो को कॊ ठ क ऩीछ की ओय र जाकय उनह ऩयसऩय शभराएॊ औय ऩाश क सभान दढ़ता स फाॊध र| ऱाभ - इसक अभमास स बी कणडशरनी शततत क जागयण भ फहत सगभता हो जाती ह तथा साधक क शयीय भ फर औय ऩतटट का आववबामव होता ह| भानशसक फरवदधमन भ बी मह फहत दहतकय ह| 33 िािी मदरा-

काक कौए को कहत ह कौए की िोि जसी भॊह की भदरा फना रन को काकी भदरा कहा जाता ह ववचध ककसी बी आसन भ फठकय होठो को ऩतरी सी नरी क सभान भोड़कय कौए की िोि जसा फना र अफ नाक क अगर बाग को दखत हए अऩना ऩया धमान नाक ऩय दटका द इसक फाद भॊह स धीय-धीय गहयी शवास रकय होठो को फॊद कय द कछ दय फाद शवास को नाक स फाहय तनकार द इस तयह स 10

अनतबोध चतनय दवारा सऩादित तरिदिवसीय मदराचचकितसा सि 39

शभनट तक कय ऱाभ मह भदरा जहाॊ शयीय भ ठॊडक फढ़ाती ह वहीॊ मह कई योगो को दय कयन भ राबदामक ह इस भदरा का तनयॊतय अभमास कयन स शयीय भ अॊदय बोजन ऩिान की ककरमा तज हो जाती ह इसस अमरवऩतत का फढ़ना कभ हो जाता ह

34 मातचगनी मदरा-

भातॊग का अथम होता ह भघ भाॊ दगाम का एक रऩ ह भातॊगी मह दस भहाववदमा भ स नौवीॊ ववदमा ह भातॊग नाभ स एक धमान होता ह भॊतर होता ह औय एक हाथी का नाभ बी भातॊग ह ऋवष वशशटठ की ऩतनी का एक नाभ बी भातॊगी ह ऋवष कशमऩ की ऩतरी का नाभ बी भातॊगी ह तजसस हाथी उतऩनन हए थ ववचध शाॊत जगह भ ऩानी क अॊदय गर तक शयीय को डफो र औय कपय नाक स ऩानी को खीॊिकय उस भॊह स तनकार र कपय भॊह स ऩानी को खीॊिकय नाक स फाहय तनकार द इस ककरमा को ही भातॊचगनी भदरा कहत ह ऱाभ इस भदरा क अभमास स आॊखो की योशनी तज हो जाती ह शसय ददम भ मह भदरा अतमॊत राबकायी भानी जाती ह इसस नजरा-जकाभ आदद क योग बी दय हो जात ह इस भदरा क तनयॊतय अभमास स िहय ऩय िभक आ जाती ह औय फार बी सपद नहीॊ होत ह इस भदरा क शसदध हो जान ऩय वमततत भ ताकत फढ़ जाती ह

35 नभोमदरा

नब का अथम होता ह आकाश इस भदरा भ जीब को तार की ओय रगात ह इसीशरए इस नबोभदरा कहत ह नबोभदरा कयना सयर नहीॊ ह इस ककसी मोग

अनतबोध चतनय दवारा सऩादित तरिदिवसीय मदराचचकितसा सि 40

शशक स सीखकय ही कयना िादहए मह भदरा फहत स योगो भ राबदामक शसदध हई ह इस फाय भ एक शरोक बी ह- मतर मतर तसथतो मोगी सवमकामष सवमदा उधवमतजवह तसथयो बतवाधायमतभवनॊ सदा नबोभदरा भवदषा मोदववना योग नाशशनी अथामत साय कामो भ तसथय हआ चितत अऩनी जीब क अगर बाग को भॊह क अॊदय तार भ रगाकय शवास को अॊदय योक रता ह इस तसथतत स विारयक गततववचधमाॊ ततकार फॊद हो जाती ह इसीशरए इस भदरा को यहसम का आबास ददरान वारी भदरा बी कहा जाता ह ववचध- अऩनी आॊखो को अऩनी दोनो बौहो क फीि भ जभाकय आऩकी जीब तार क साथ रगा र मह दोनो कामम एक ही साथ औय एक ही सभम भ कय सववधानसाय जफ तक सॊबव हो इसी तसथतत भ यह औय कपय कछ शभनट का धमान कय ऱाभ- नबोभदरा क तनयॊतय अभमास स जीब गर औय आॊखो क साय योग सभापत हो जात ह इसस भतसतटक भ तसथयता फढ़ती ह औय भतसतटक क योग बी दय हो जात ह

36 नालसिागर मदरा -

नाशसकागर भदरा का अथम होता ह नाक का आखखयी छोय ऊऩयी दहससा मा अगरबाग इस बाग ऩय फायी-फायी स सॊतरन फनान हए दखना ही नाकककागर भदरा मोग कहराता ह रककन मह भदरा कयन स ऩहर मोग शशक की सराह जरय र तमोकक इसक कयन स बकटी ऩय जोय ऩड़ता ह

अनतबोध चतनय दवारा सऩादित तरिदिवसीय मदराचचकितसा सि 41

ववचध- ककसी बी आसन भ फठकय नाक क आखखयी शसय ऩय नजय दटका र हो सकता ह कक ऩहर आऩ फाई आॊखो स उस दख ऩाएॊ तफ कछ दय फाद दाई आॊखो स दख इस दखन भ जया बी तनाव न हो सहजता स इस दख

ऱाभ- इसस जहाॊ आॊखो की एतसयसाइज होती ह वहीॊ मह भतसतटक क शरए बी राबदामक ह इसस भन भ एकागरता फढ़ती ह इस भदरा क रगाताय अभमास कयन स भराधाय िकर जागरत होन रगता ह तजसस कणडरीनी जागयण भ भदद शभरती ह इसस भराधाय िकर इसशरए जागरत होता ह तमोकक दोनो आॊखो क फीि ही तसथत ह इड़ा वऩ ॊगरा औय सषमना नाड़ी जो भराधाय तक गई ह समय- इस भदरा को इतनी दय तक कयना िादहए कक आॊखो ऩय इसका जमादा दफाव नहीॊ ऩड़ कपय धीय-धीय इस कयन का सभम फढ़ात जाएॊ

37 बरहम आसन मदरा-

कछ रोग इस बरहभा भदरा बी कहत ह तमोकक इस आसन भ गदमन को िाय ददशा भ घभामा जाता ह औय बरहभाजी क िाय भख थ इसीशरए इसका नाभ बरहभा भदरा आसन यखा गमा रककन असर भ मह बरहभ भदरा आसन ह औय इसभ सबी ददशाओॊ भ तसथत ऩयभशवय को जानकय उसका चिॊतन ककमा जाता ह नभाज ऩढ़त वतत मा सॊधमा वॊदन कयत वतत उतत भदरासन को ककमा जाता यहा ह ववचध- ऩदमासन शसदधासन मा वजरासन भ फठकय कभय तथा गदमन को सीधा यखत हए गदमन को धीय-धीय दामीॊ ओय र जात ह कछ सकॊ ड दामीॊ ओय रकत ह उसक फाद गदमन को धीय-धीय फामीॊ ओय र जात ह कछ सकॊ ड तक फामीॊ ओय रककय कपय दामीॊ ओय र जात ह कपय वाऩस आन क फाद गदमन को ऊऩय की ओय र जात ह उसक फाद नीि की तयप र जात ह कपय गदमन को तराकवाइज

अनतबोध चतनय दवारा सऩादित तरिदिवसीय मदराचचकितसा सि 42

औय एॊटीतराकवाइज घभाएॉ इस तयह मह एक िकर ऩया हआ अऩनी सववधानसाय इस िाय स ऩाॉि िकरो भ कय सकत ह

ऱाभ तजन रोगो को सवामइकर सऩोडराइदटस थाइयाइड नराॊटस की शशकामत ह उनक शरए मह आसन राबदामक ह इसस गदमन की भाॉसऩशशमाॉ रिीरी तथा भजफत होती ह आधमाततभक दतटट स बी मह आसन राबदामक ह आरसम बी कभ होता जाता ह तथा फदरत भौसभ क सदी-जकाभ औय खाॉसी स छटकाया बी शभरता ह

सावधाननया तजनह सवामइकर सऩोडराइदटस मा थाइयाइड की सभसमा ह व ठोडी को ऊऩय की ओय दफाएॉ गदमन को नीि की ओय र जात सभम कॊ ध न झकाएॉ कभय गदमन औय कॊ ध सीध यख गदमन मा गर भ कोई गॊबीय योग हो तो मोग चिककतसक की सराह स ही मह भदराआसन कय

38 भजचगनी मदरा- ववचध- इसभ भख को पराकय कॊ ठ स फाहयी वाम खीॊिी जाती ह| तार औय तजहवा क भधम वाम क घभन स शयीय भ अदभत शततत का आववबामव होता ह|

ऱाभ- मह भदरा अजीणम आदद उदय योगो को नटट कयन भ बी फहत उऩमोगी ह| इस परकाय भदराओॊ क अभमास स साधक को सफ परकाय क शायीरयक भानशसक औय आततभक फर की परातपत होती ह| मोगािामो क अनसाय lsquoनातसत भदरासनककॊ चित शसवदधदॊकषततभणडर (घयणड सॊदहता)rsquo अथामत भदराओॊ क सभान शसवदधदामक कोई अनम साधन ब-भॊडर ऩय नहीॊ ह| इसशरए मोगशसवदध क आकाॊीजनो को भदराओॊ का अभमास कयना शरमसकय ह|

अनतबोध चतनय दवारा सऩादित तरिदिवसीय मदराचचकितसा सि 43

39 खचरी मदरा-

भनटम की जीब (तजहवा) दो तयह की होती ह- रॊफी औय छोटी रॊफी जीब को सऩमतजहवा कहत ह कछ रोगो की जीब रॊफी होन स व उस आसानी स नाशसकागर ऩय रगा सकत ह औय खियी-भदरा कय सकत ह भगय तजसकी जीब छोटी होती ह उस तकरीपो का साभना कयना ऩड़ता ह सफस ऩहर उनह अऩनी जीब रॊफी कयनी ऩड़ती ह औय उसक शरए घषमण व दोहन का सहाया रना ऩड़ता ह जीब नीि की ओय स तजस नाड़ी स जड़ी होती ह उस काटना ऩड़ता ह खियी भदरा को शसदध कयन एवॊ अभत क सराव हत आवशमक उददीऩन भ कछ वषम बी रग सकत ह मह वमततत की मोनमता ऩय बी तनबमय कयता ह मोग भ कछ भदराएॊ ऐसी ह तजनह शसपम मोगी ही कयत ह साभानमजनो को इनह नहीॊ कयना िादहए खियी भदरा साधको क शरए भानी गई ह ववचध - इसक शरए जीब औय तार को जोड़न वार भाॊस-तॊत को धीय-धीय काटा जाता ह अथामत एक ददन जौ बय काटकय छोड़ ददमा जाता ह कपय तीन-िाय ददन फाद थोड़ा-सा औय काट ददमा जाता ह इस परकाय थोड़ा-थोड़ा काटन स उस सथान की यतत शशयाएॊ अऩना सथान बीतय की तयप फनाती जाती ह जीब को काटन क साथ ही परततददन धीय-धीय फाहय की तयप खीॊिन का अभमास ककमा जाता ह इसका अभमास कयन स कछ भहीनो भ जीब इतनी रॊफी हो जाती ह कक मदद उस ऊऩय की तयप रौटा (उसटा कयन) ददमा जाए तो वह शवास जान वार छदो को बीतय स फॊद कय दती ह इसस सभाचध क सभम शवास का आना-जाना ऩणमत योक ददमा जाता ह ऱाभ इस भदरा स पराणामाभ को शसदध कयन औय साभचध रगान भ ववशष सहामता शभरती ह साधनायत साधओॊ क शरए मह भदरा फहत ही राबदामी भानी

अनतबोध चतनय दवारा सऩादित तरिदिवसीय मदराचचकितसा सि 44

जाती ह ववशषता तनयॊतय अभमास कयत यहन स तजफ जफ रॊफी हो जाती ह तफ उस नाशसका यनरो भ परवश कयामा जा सकता ह इस परकाय धमान रगान स कऩार भागम एवॊ तरफ ॊद ववसगम स सॊफॊचधत कछ गरॊचथमो भ उददीऩन होता ह तजसक ऩरयणाभसवरऩ अभत का सराव आयॊब होता ह उसी अभत का सराव होत वतत एक ववशष परकाय का आधमाततभक अनबव होता ह इस अनबव स शसवदध औय सभाचध भ तजी स परगतत होती ह चतावनी मह आरख शसपम जानकायी हत ह कोई बी वमततत इस ऩढ़कय कयन का परमास न कय तमोकक मह शसपम साधको क शरए ह आभ रोगो क शरए नहीॊ

40 अकzwj वनी मदरा- इस भदरा स साधक भ घोड़ो जसी शततत आ जाती ह तजस lsquoहॉसम ऩॉवयrsquo कहत ह|

ववचध - इस भदरा भ गदा-दवाय का फाय-फाय सॊकोिन औय परसाय ककमा जाता ह| इसी स भदरा की शसवदध हो जाती ह| इसक दवाया कणडशरनी जागयण भ सगभता यहती ह औय अनक योग नटट होकय शायीरयक फर की ववदध होती ह|

ऱाभ - अतश वनी भदरा शसदध होन स साधक की अकारभतम कबी नहीॊ होती| गदा औय उदय स सॊफॊचधत योगो का इसक दवाया शभन होता ह तथा दीघमजीवन की उऩरतबध होती ह| तरफना भरफॊध क अतश वनी भदरा नहीॊ हो सकती| 41 बजरौऱी मदरा- फजरौरी भदरा बी भरफॊध का अचछा अभमास ककए तरफना ककसी परकाय सॊबव नहीॊ ह| मह भदरा कवर मोगी क शरए ही नहीॊ बोगी क शरए बी अतमॊत राबकायी ह|

अनतबोध चतनय दवारा सऩादित तरिदिवसीय मदराचचकितसा सि 45

ववचध - इस भदरा भ ऩहर दोनो ऩाॊवो को बशभ ऩय दढ़ताऩवमक दटकाकय दोनो ऩाॊवो को धीय-धीय दढ़ताऩवमक ऊऩय आकाश भ उठा द| इसस तरफॊद-शसवदध होती ह| शकर को धीय-धीय ऊऩय की आकॊ िन कय अथामत इॊददरम क आॊकिन क दवाया वीमम को ऊऩय की ओय खीॊिन का अभमास कय तो मह भदरा शसदध होती ह| ववदवानो का भत ह कक इस भदरा क अभमास भ सतरी का होना आवशमक ह तमोकक बग भ ऩततत होता हआ शकर ऊऩय की ओय खीॊि र तो यज औय वीमम दोनो ही िढ़ जात ह| मह ककरमा अभमास स ही शसदध होती ह| कछ मोगािामम इस परकाय का अभमास शकर क सथान ऩय दनध स कयना फतात ह| जफ दनध खीॊिन का अभमास शसदध हो जाए तफ शकर को खीॊिन का अभमास कयना िादहए| वीमम को ऊऩय खीॊिनवारा मोगी ही ऊधवमयता कहराता ह| ऱाभ - इस भदरा स शयीय रटट-ऩटट तजसवी सॊदय सडौर औय जया-भतम यदहत होता ह| शयीय क सबी अवमव दढ़ होकय भन भ तनश िरता की परातपत होती ह| इसका अभमास अचधक कदठन नहीॊ ह| मदद गहसथ बी इसक कय तो फरवदधमन औय सौदममवदधमन का ऩया राब परापत कय सकत ह चतावनी मह आरख शसपम जानकायी हत ह कोई बी वमततत इस ऩढ़कय कयन का परमास न कय तमोकक मह शसपम साधको क शरए ह आभ रोगो क शरए नहीॊ

साधना कयनवार वमततत क शरए मह आवशमक ह कक वह साधना भ कातमक वाचिक औय भानशसक ककरमाओॊ ऩय ऩया तनमॊतरण यख तथा सभम-सभम ऩय उचित ताॊतरतरक परककरमाओॊ का बी सभनवम कयता यह| इस दतटट स तजस परकाय आसन ऩातरासादन अिमन आदद भ ककरमाओॊ का ववधान ह उसी परकाय उनक साथ कछ भदरा फनान का ववधान ह| म भदराएॊ भखम रऩ-स हाथ औय उसकी उॊगशरमो क परमोग स फनती ह| जस हभाया शयीय ऩॊिततवभम ह| अत शासतरकायो न कहा ह कक इन उॊगशरमो क परमोग स इन ततवो की नमनाचधकता दय की जा

अनतबोध चतनय दवारा सऩादित तरिदिवसीय मदराचचकितसा सि 46

सकती ह तथा ततवो की सभता-ववषभता स होनवारी कभी को उॊगशरमो की भदरा स सभ फनामा जा सकता ह| इतना ही नहीॊ ऐसी भदराओॊ क सहमोग स उन ततवो को सवचछाऩवमक घटामा-फढ़ामा बी जा सकता ह| म ततव करभश अॊगटठ भ अतनन तजमनी भ वाम भधमभा भ आकाश अनाशभका भ ऩथवी औय कतनतटठका भ जर क रऩ भ ववदमभान यहत ह| दवताओॊ की परसननता चितत की शवदध औय ववववध योगो क नाश भ भदराओॊ स फड़ी सहामता शभरती ह| भदराततव को सभझकय परतमक मोगी को इनका साधन कयना िादहए| कणडशरनी शततत क जागयण भ इन भदराओॊ स सहामता शभरती ह| महाॊ हभन तजन भदराओॊ का वणमन एवॊ चितरण ककमा ह उसभ परतमक मोगी साधक को ऩरयचित होना िादहए|

अनतबोध चतनय दवारा सऩादित तरिदिवसीय मदराचचकितसा सि 47

मोग अनसाय आसन औय पराणामाभ की तसथतत को भदरा कहा जाता ह फॊध ककरमा औय भदरा भ आसन औय पराणामाभ दोनो का ही कामम होता ह मोग भ भदराओॊ को आसन औय पराणामाभ स बी फढ़कय भाना जाता ह भदरा दो तयह की होती ह- ऩहरी हसत भदरा अथामत हाथो औय उसकी अॊगशरमो को ववशष आकतत भ फनाना औय दसयी आसन भदरा अथामत तजसभ ऩया शयीय ही सॊिाशरत होता ह

Page 4: 235347477 Mudra Chikitsa Swami Ananta Bodha Chaitanya

अनतबोध चतनय दवारा सऩादित तरिदिवसीय मदराचचकितसा सि 4

तनमशभत मोग सफक दवाया सॊबव नहीॊ हो ऩाताऩयनत मोग भ कछ ऐस साधन ह तजनभ न अचधक शरभ की आवशमकता ह औय इन भ स भदरा चिककतसा भखम चिककतसा ऩधदतत ह इसक अॊतगमत ववशबनन हसतभदराओॊ क अभमास स हभ अनक योगोकटटो स भतत हो सकत ह ऐसा सॊबव ह अॊगशरमो को ववशबनन परकाय स भोड कय भदरा फनान ऩय हथशरमो औय अॊगशरमो की तसथतत भ ऩरयवतमन होन स भाॊस ऩशशमो भ खखॊिाव होता ह एवॊ उन ऩय दवाफ ऩड़ता ह तजसस गरह एवॊ उनक ऩवमतो क दोषो स उततऩनन होन वार योग ठीक होत ह हथशरमो औय अॊगशरमो ऩय तसथत शयीय क बीतयी एवॊ फाहयी अॊगो क सथान स सॊफतनधत अॊगो क योग नटट होत ह हथशरमो ऩय तसथत सराव गरॊचथमाॊ अऩना कामम सिार रऩ स कयन रगती ह हरदम यखा जीवन यखा एवॊ फध यखा क दोष दय होत ह दाम हाथ की भदरा कयन स शयीय क फाम तयप एवॊ फाम हाथ की भदरा स शयीय क दाम बाग को राब होता ह भदराओॊ को दोनो हाथ स कयन ऩय आशातीत राब होता ह

िछ ऩाऱनीय ननयम-

सवसथ यहन क शरए भदराओॊ को कभ स कभ 15 शभनट औय जमादा स जमादा 45 शभनट तक ही कयना िादहए ददन भ दो फाय कयन ऩय जमादा जसदी राब होता ह शायीरयक ततवो भ ऩरयवतमन होन रगता ह ववशषत ऻान भदरा पराण भदरा एवॊ अऩान भदरा कयन स सभसत सनाम भणडर परबाववत होता ह तजसस भनटम का सवमतोभखी ववकास होता ह भदरा सवसथ यहत हम बी की जा सकती ह भदराए ककसी बी सभम ककसी बी अवसथा भ औय कही बी की जा सकती ह रककन ऩणम राब रन क शरए शाॊत सथान भ फठ कय एकागरताऩवमक कय सफस ऩहर सवचछ जर स नहा र मा हाथ ऩय धो र उसक फाद ऩवम मा उततय ददशा की

अनतबोध चतनय दवारा सऩादित तरिदिवसीय मदराचचकितसा सि 5

तयप भख कय क दयी मा गदद ऩय सीधा फठ औय आॉखो को हसका सा फॊद कयर उसक फाद भदरा अभमास कय शवास धीय धीय र औय छोड़ अनक भदरा ततव को घटान मा फढ़ान भ बी सहामक होती ह अॊगठ क अगर बाग स अॊगरी क अगर बाग को शभरान स उस अॊगरी भ तसथत ततव भ ववदध होती ह अथवा ततव सभ अवसथा भ आ जाता ह अॊगरी को भोड़ कय अॊगठ की जड़ भ यख कय अॊगठ की अॊगरी क ऊऩय यखन स उस अॊगरी भ तसथत ततव भ कभी आती ह

1 नमसिार मदरा

अनतबोध चतनय दवारा सऩादित तरिदिवसीय मदराचचकितसा सि 6

समम नभसकाय की शरआत बी इसी भदरा स होती ह इसी भदरा भ कई आसन ककए जात ह परणाभ ववनम का सिक ह इस नभसकाय मा नभसत बी कह सकत ह सभि बायतवषम भ इसका परिरन ह इस भदरा को कयन क अनको पामद ह मोगासन मा अनम कामम की शरआत क ऩवम इस कयना िादहए इसको कयन स भन भ अचछा बाव उतऩनन होता ह औय कामम भ सपरता शभरती ह ववचध दोनो हाथो को जोड़कय जो भदरा फनात ह उस नभसकाय भदरा कहत ह सवम परथभ आॉख फॊद कयत हए दोनो होथो को जोड़कय अथामत दोनो हथशरमो को शभरात हए छाती क भधम भ सटाएॉ तथा दोनो हथशरमो को एक-दसय स दफात हएॉ कोहतनमाॉ को दाएॉ-फाएॉ सीधी तान द जफ म दोनो हाथ जड़ हए हभ धीय-धीय भतसतटक तक ऩहॉित ह तो नभसकाय भदरा फनती ह ऱाभ हभाय हाथ क तॊत भतटतटक क तॊतओॊ स जड़ ह हथशरमो को दफान स मा जोड़ यखन स रदमिकर औय आऻािकर भ सककरमता आती ह तजसस जागयण फढ़ता

अनतबोध चतनय दवारा सऩादित तरिदिवसीय मदराचचकितसा सि 7

ह उतत जागयण स भन शाॊत एवॊ चितत भ परसननता उतऩनन होती ह रदम भ ऩटटता आती ह तथा तनशबमकता फढ़ती ह इस भदरा का परबाव हभाय सभि बावनातभक औय विारयक भनोबावो ऩय ऩड़ता ह तजसस सकायातभकता फढ़ती ह मह साभातजक औय धाशभमक दतटट स बी राबदामक ह

2 जञान मदरा ndash

ववचध- दाङगटठतजमनी मोगो ऻान भदरा (तनतमोतसव)

अनतबोध चतनय दवारा सऩादित तरिदिवसीय मदराचचकितसा सि 8

अॊगठ औय तजमनी(ऩहरी उॊगरी) क ऩोयो को आऩस भ (तरफना जोय रगाम सहज रऩ भ) जोड़न ऩय ऻान भदरा फनती ह ऱाभ- इस भदरा क तनतम अभमास स सभयण शततत का अबतऩवम ववकाश होता हभतटतटक की दफमरता सभापत हो जाती हसाधना भ भन रगता हधमान एकागरचित होता हइस भदरा क साथ मदद भॊतर का जाऩ ककमा जाम तो वह शसदध होता ह ककसी बी धभमऩॊथ क अनमामी तमो न हो उऩासना कार भ मदद इस भदरा को कय औय अऩन इटट भ धमान एकागरचितत कय तो भन भ फीज रऩ भ तसथत परभ की अनतसशररा का अजशर शरोत सवत परसपदटत हो परवादहत होन रगता ह औय ऩयभाननद की परातपत होती हइसी भदरा क साथ तो ऋवषमो भनीवषमो तऩतसवमो न ऩयभ ऻान को परापत ककमा था ऩागरऩनअनक परकाय क भनोयोग चिडचिडाऩनकरोधिॊिरतारमऩटताअतसथयताचिॊताबमघफयाहटवमाकरताअतनदरा योग डडपरशन जस अनक भन भतसतटक समफनधी वमाचधमाॊ इसक तनमशभत अभमास स तनतशित ही सभापत हो जाती हभानशसक भता फढ़न वारा तथा सतोगण का ववकास कयन वारा मह अिक साधन ह ववदमाचथममो फवदधजीववमो स रकय परतमक आमवगम क सतरी ऩरषो को अऩन आततभक भानशसक ववकास क शरए भदराओॊ का परमोग अवशम ही कयना िादहए

अनतबोध चतनय दवारा सऩादित तरिदिवसीय मदराचचकितसा सि 9

3 वाम भदरा-

ववचध - अॊगठ क फाद वारी ऩहरी अॊगरी - तजमनी को भोड़कय उसक नाखबाग का दवाफ (हसका) अॊगठ क भर बाग (जड़) भ ककमा जाम औय अॊगठ स तजमनी ऩय दवाफ फनामा जाम शष तीनो अॉगशरमो को अऩन सीध भ सीधा यखा जामइसस जो भदरा फनती हउस वाम भदरा कहत ह राब - वाम सॊफनधी सभसत योग मथा - गदठमाजोडो का ददम वात ऩाघात हाथ ऩय मा शयीय भ कमऩन रकवा दहसटीरयमा वाम शर गस इतमादद अनक असाधम योग इस भदरा स ठीक हो जात ह इस भदरा क साथ कबी कबी पराण भदरा बी कयत यहना िादहए

अनतबोध चतनय दवारा सऩादित तरिदिवसीय मदराचचकितसा सि 10

4 आिाश मदरा

ववचध दोनो हाथो की भधमभा अॊगशरमो को अॊगठो क अगरबाग स रगाकय फाकी अॊगशरमो को सीधा कय द अफ हाथो को घटनो ऩय यख र हथशरमो का रख ऊऩय की ओय यहगा कभय-गदमन सीधी यख कय आॊख फॊद कय धमान की तसथतत भ फठ जाएॊ ऱाभ कान क योग फहयाऩन कान भ आवाज आन की सभसमा दय होन रगती ह हडडडमो की कभजोयी को बी दय कयन भ भदद शभरती ह

अनतबोध चतनय दवारा सऩादित तरिदिवसीय मदराचचकितसा सि 11

5 शनम भदरा -

ववचध - अॊगठ स दसयी अॊगरी (भधमभासफस रमफी वारी अॊगरी) को भोड़कय अॊगठ क भर बाग (जड़ भ) सऩशम कय औय अॊगठ को भोड़कय भधमभा क ऊऩय स ऐस दफाम कक भधमभा उॊगरी का तनयॊतय सऩशम अॊगठ क भर बाग स फना यह फाकी की तीनो अॉगशरमो को अऩनी सीध भ यखइस तयह स जो भदरा फनती ह उस शनम भदरा कहत ह राब - इस भदरा क तनयॊतय अभमास स कान फहना फहयाऩन कान भ ददम इतमादद कान क ववशबनन योगो स भततत सॊबव हमदद कान भ ददम उठ औय इस भदरा को परमतत ककमा जाम तो ऩाॊि सात शभनट क भधम ही राब अनबत होन रगता हइसक तनयॊतय अभमास स कान क ऩयान योग बी ऩणमत ठीक हो जात ह इसकी अनऩयक भदरा आकाश भदरा हइस भदरा क साथ साथ मदद आकाश भदरा का परमोग बी ककमा जाम तो वमाऩक राब शभरता ह

अनतबोध चतनय दवारा सऩादित तरिदिवसीय मदराचचकितसा सि 12

6 ऩथवी मदरा

ववचध दोनो हाथो की अनाशभका अॊगशरमो को अॊगठो क अगरबाग स रगाकय फाकी अॊगशरमाॊ सीधी यख अफ हाथो को घटनो ऩय यख र हथशरमो का रख ऊऩय की ओय यहगा कभय-गदमन सीधी यख कय आॊख फॊद कय धमान की तसथतत भ फठ जाएॊ ऱाभ मह भदरा शायीरयक दफरमता दय कय वजन फढ़ाती ह शयीय भ सपततम कातनत एवॊ तज फढ़ाकय जीवनी शततत का ववकास कयती ह इसक अभमास स ऩािन तनतर को फर शभरता ह

अनतबोध चतनय दवारा सऩादित तरिदिवसीय मदराचचकितसा सि 13

7 सयय मदरा

ववचध दोनो हाथो की अनाशभका अॊगशरमो को अॊगठो क भर भ रगाकय अॊगठ स दफाकय फाकी अॊगशरमो को सीधा कयक यख अफ हाथो को घटनो ऩय यख र हथशरमो का रख ऊऩय की ओय यहगा कभय-गदमन सीधी यख कय आॊख फॊद कय धमान की तसथतत भ फठ जाएॊ ऱाभ मह भदरा भोटाऩा कभ कय वजन घटाती ह शयीय भ ऊटणता फढ़ाती ह शततत का ववकास कयती ह कॉरसरॉर फढ़न नहीॊ दती भधभह व रीवय क योग भ राब ऩहॊिाती ह शयीय को सॊतशरत कय दती ह नोट कभजोय वमततत इसका अभमास न कय गभी भ इसका अभमास कभ ही कय

अनतबोध चतनय दवारा सऩादित तरिदिवसीय मदराचचकितसा सि 14

8 वरण मदरा

ववचध दोनो हाथो की कतनटठा अॊगशरमो को अॊगठो क अगरबाग ऩय रगाकय फाकी अॊगशरमो को सीधा यखन स मह भदरा फनती ह अफ हाथो को घटनो ऩय यख र हथशरमो का रख ऊऩय की ओय यहगा कभय-गदमन सीधी यख कय आॊख फॊद कय धमान की तसथतत भ फठ जाएॊ ऱाभ मह िभमयोग यतत ववकाय दय कयती ह शयीय भ रखाऩन दय कय तविा को िभकीरी व भरामभ फनान भ सहामक ह िहय की सॊदयता को फढ़ा दती ह नोट कप परकतत वार वमततत इसका अभमास जमादा न कय

अनतबोध चतनय दवारा सऩादित तरिदिवसीय मदराचचकितसा सि 15

9 जऱोिर नाशि-

ववचध कतनटठा को अॉगठ क जड़ भ रगाकय अॉगठ स दफाम राब- जर तततव की अचधकता स होन वार सबी योगसजन जरोदय आदद भ ववशष राब होता

ह योग शानत होन तक ही कय

अनतबोध चतनय दवारा सऩादित तरिदिवसीय मदराचचकितसा सि 16

10 पराण मदरा -

ववचध अॊगठ स तीसयी अनाशभका तथा िौथी कतनतटठका अॉगशरमो क ऩोयो को एकसाथ अॊगठ क ऩोय क साथ शभराकय शष दोनो अॉगशरमो को अऩन सीध भ खडा यखन स जो भदरा फनती ह उस पराण भदरा कहत ह राब - हरदम योग भ याभफाण तथा नतरजमोतत फढान भ मह भदरा ऩयभ सहामक हसाथ ही मह पराण शततत फढ़ान वारा बी होता हपराण शततत परफर होन ऩय भनटम क शरए ककसी बी परततकर ऩरयतसथततमो भ धममवान यहना अतमॊत सहज हो जाता हवसतत दढ पराण शततत ही जीवन को सखद फनाती ह इस भदरा की ववशषता मह ह कक इसक शरए अवचध की कोई फाधमता नहीॊइस कछ शभनट बी ककमा जा सकता ह

अनतबोध चतनय दवारा सऩादित तरिदिवसीय मदराचचकितसा सि 17

11 अऩान मदरा

ववचध दोनो हाथो की भधमभा तथा अनाशभका अॊगशरमो को अॊगठ क अगरबाग स रगाकय फाकी अॊगशरमो को सीधी यख अफ हाथो को घटनो ऩय यख र हथशरमो का रख ऊऩय की ओय यहगा कभय-गदमन सीधी यख कय आॊख फॊद कय धमान की तसथतत भ फठ जाएॊ ऱाभ कबज भधभह ककडनी ववकाय वाम ववकाय फवासीय को दय कयन भ सहामक ह शयीय को शदध कय नाड़ी दोषो को दय कयन वारी ह भतर का अवयोध दय कय दाॊतो को भजफत कयती ह ऩसीना बी राती ह नोट इस भदरा क अभमास स भतर अचधक आन रगता ह

अनतबोध चतनय दवारा सऩादित तरिदिवसीय मदराचचकितसा सि 18

12 वयान मदरा-

ववचध- हाथ की भधमभा अॊगरी क आग क बाग को अॊगठ क आग क बाग स शभरान औय तजमनी अॊगरी को फीि की अॊगरी क नाखन स छआएॊ फाकी फिी सायी अॊगशरमाॊ सीधी यहनी िादहए इसी को वमान भदरा कहा जाता ह अवचध- इस भदरा को सफह 15 शभनट औय शाभ को 15 शभनट तक कयना िादहए ऱाभ- वमान भदरा को कयन स ऩशाफ सॊफॊधी सबी योग दय होत ह जस- ऩशाफ जमादा आना ऩशाफ भ िीनी आना ऩशाफ क साथ घात आना ऩशाफ रक-रक कय आना आदद योग सभापत हो जात ह इसक अरावा इस भदरा क तनमशभत अभमास स भधभह परभह औय सवपनदोष बी दय होता ह तसतरमो क शरए मह भदरा सफस जमादा राबदामक फताई गई ह इस भदरा को कयन स तसतरमो क साय योग सभापत हो जात ह

अनतबोध चतनय दवारा सऩादित तरिदिवसीय मदराचचकितसा सि 19

13 उिान मदरा-

ववचध - ऩहरी भधमभा औय अनाशभका उॊगरी क आग क बाग को अॊगठ क आग क बाग स रगाएॊ इस उदान भदरा कहत ह इसका सॊफॊध कॊ ठ स भतसतटक तक होता ह मह ववशवदध िकर को परवादहत कयता ह

राब - इसस भन शाॊत होता ह औय थामयॉइड सॊफॊधी सबी योगो भ राब ऩहॊिता ह

सभमावचध - इस भदरा को बी कवर 15 स 45 शभतनट तक ही कयना िादहए

अनतबोध चतनय दवारा सऩादित तरिदिवसीय मदराचचकितसा सि 20

14 सभान भदरा

ववचध - हाथ की िायो उॊगशरमो औय अॊगठ क अगरबाग को शभरा कय ऊऩय की तयप यखन स सभान भदरा फनती ह इस भदरा भ ऩाॊिो ततव शभर जात ह

राब ndash मह भदरा हभाय वविायो को आधमाततभक फनाती ह फय वविाय दय होत ह

अनतबोध चतनय दवारा सऩादित तरिदिवसीय मदराचचकितसा सि 21

15 हिय मदरा

ववचध दोनो हाथो की तजमनी अॊगशरमो को अॊगठो क भर भ रगाकय भधमभा व अनाशभका अॊगशरमो को अॊगठ क अगरबाग ऩय रगा द व छोटी अॊगरी को सीधा कयक यख अफ हाथो को घटनो ऩय यख र हथशरमो का रख ऊऩय की ओय यहगा कभय-गदमन सीधी यख कय आॊख फॊद कय धमान की तसथतत भ फठ जाएॊ ऱाभ मह भदरा रदम योगो भ ववशष रऩ स राबकायी ह परततददन 10-15 शभनट अभमास स रदम भजफत होता ह गस फनना शसयददम असथभा व उचि यततिाऩ भ राबकायी ह सीदढ़मो ऩय िढ़न स ऩहर ही अगय मह भदरा रगा री जाए औय इस भदरा क साथ ही सीदढ़माॊ िढ़ी जाएॊ तो साॊस नहीॊ परती

अनतबोध चतनय दवारा सऩादित तरिदिवसीय मदराचचकितसा सि 22

16 लऱग मदरा

ववचध- फाएॉ हाथ का अॊगठा सीधा खडा कय दादहन हाथ स फाएॊ हाथ कक अॉगशरमो भ ऩयसऩय पॉ सात हए दोनो ऩॊजो को ऐस जोड कक दादहना अॊगठा फाएॊ अॊगठ को फहाय स आवतत कय र इस परकाय जो भदरा फनगी उस अॊगटठ भदरा कहग राब - अॊगठ भ अतनन ततव होता हइस भदरा क अभमास स शयीय भ उटभता फढ़न रगती हशयीय भ जभा कप ततव सखकय नटट हो जाता हसदी जकाभखाॊसी इतमादद योगो भ मह फड़ा राबदामी होता हकबी मदद शीत परकोऩ भ आ जाएॉ औय शयीय भ ठणड स कॊ ऩकॊ ऩाहट होन रग तो इस भदरा का परमोग तवरयत राब दता ह

अनतबोध चतनय दवारा सऩादित तरिदिवसीय मदराचचकितसा सि 23

17 शख मदरा-

ववचध - फाएॊ हाथ क अॊगठ को दोनो हाथ की भटठी भ फॊद कयक फाएॊ हाथ की तजमनी उॊगरी को दादहन हाथ क अॊगठ स शभरान स शॊख भदरा फनती ह| इस भदरा भ फाएॊ हाथ की फाकी तीन उॊगशरमो क ऩास भ सटाकय दाएॊ हाथ की फॊद उॊगशरमो ऩय हसका-सा दफाव ददमा जाता ह| इसी परकाय हाथ फदरकय अथामत दाएॊ हाथ क अॊगठ को फाएॊ हाथ की भटठी भ फॊद कयक शॊख भदरा फनाई जाती ह| इस भदरा भ ऱाभ - अॊगठ का दफाव हथरी क फीि क बाग ऩय औय भटठी की तीन उॊगशरमो का दफाव शकर ऩवमत ऩय ऩड़ता ह तजसस हथरी भ तसथत नाशब औय थाइयॉइड (ऩतसरका) गरॊचथ क क दर दफत ह| ऩरयणाभसवरऩ नाशब औय थाइयॉइड गरॊचथ क ववकाय ठीक होत ह|

अनतबोध चतनय दवारा सऩादित तरिदिवसीय मदराचचकितसा सि 24

शॊख भदरा का नाशब िकर स तनकट का सॊबॊध ह इसशरए शायीय क सनामतॊतर ऩय ववशष कामम कयती ह अत अनत औय फाहम सवासथम भ फहत राबकायी ह

मह ऩािन तॊतर को उततभ फनाती ह

तनमशभत कयन स बख फढान भ भदद शभरती ह

मह भदरा फोरत सभम उचिायण क दोषो को दय कयन भ फहत परबावी ह जस ततराना हकराना आदद दोष तनमभतत परमोग स दय हो जात ह

सॊगीत की साधना कयन वारो क शरए ववशश राबकायी ह वाणी को भधय फनाती ह

मह भदरा ऩजन भ बी परमतत होती ह| इसका परमोग रॊफ सभम तक ककमा जा सकता ह| इस भदरा का नाशबिकर स ववशष समफनध ह तजसक कायण नाशब स सॊफॊचधत शयीय की नाडड़मो ऩय सकषभ औय सवासथमवधमक परबाव ऩड़ता ह तथा सनामभणडर शतततशारी फनती ह|

अनतबोध चतनय दवारा सऩादित तरिदिवसीय मदराचचकितसा सि 25

18 योनन मदरा-

मौचगक दतटट स अऩन अॊदय कई परकाय क यहसम तछऩाए यखनवारी भदरा का वासतववक नाभ lsquoमोतन भदराrsquo ह| तत मोग क अनसाय कवर हाथो की उॊगशरमो स भहाशततत बगवती की परसननता क शरए मोतन भदरा परदशशमत कयन की आऻा ह| परतम रऩ स इसका परबाव रॊफी मोग साधना क अॊतगमत तॊतर-भॊतर-मॊतर साधना स बी दतटटगोिय होता ह| इस भदरा क तनयॊतय अभमास स साधक की पराण-अऩान वाम को शभरा दनवारी भरफॊध ककरमा को बी साथ कयन स जो तसथतत फनती ह उस ही मोतन भदरा की सॊऻा दी ह| मह फड़ी िभतकायी भदरा ह| ऩदमासन की तसथतत भ फठकय दोनो हाथो की उॊगशरमो स मोतन भदरा फनाकय औय ऩवम भरफॊध की तसथतत भ सममक बाव स तसथत होकय पराण-अऩान को शभरान की परफर बावना क साथ भराधाय सथान ऩय मौचगक सॊमभ कयन स कई परकाय की शसवदधमाॊ परापत हो जाती ह|

अनतबोध चतनय दवारा सऩादित तरिदिवसीय मदराचचकितसा सि 26

ऋवषमो का भत ह कक तजस मोगी को उऩयोतत तसथतत भ मोतन भदरा का रगाताय अभमास कयत-कयत शसवदध परापत हो गई ह उसका शयीय साधनावसथा भ बशभ स आसन सदहत ऊऩय अधय भ तसथत हो जाता ह| सॊबवत इसी कायण आदद शॊकयािाममजी न अऩन मोग यतनावरी नाभक ववशष गरॊथ भ भरफॊध का उसरख ववशष रऩ स ककमा ह|

19 धन मदरा -

बायतीम ऩयॊऩया भ धन गाम को कहा जाता ह औय मह दहनद धभम क साततवक औय भहानता का परतीक ह धन भदरा फनात सभम हाथो की उॊगशरमा गाम क थनो जसी हो जाती ह जस गाम क थनो स दध ऩीकय शयीय ऩटट फनता ह वस ही धन भदरा कयन स बी शयीय रटट ऩटट फनता ह

ववचध - अनमोनमाशबभखॊ तशरटटाकतनटठानाशभका ऩन

अनतबोध चतनय दवारा सऩादित तरिदिवसीय मदराचचकितसा सि 27

तथा ि तजमतनभधमा धन भदरा अभत परदा ( कारी तॊतर )

अऩन दोनो हाथो की अॊगशरमो क ऩोयो को एक साथ शभरा र कपय फाम हाथ की तजमनी ऊॊ गरी को दाएॊ हाथ की फीि वारी उॊगरी स छआए इसक फाद दाएॊ हाथ की तजमनी उॊगरी को फाम हाथ की फीि वारी उॊगरी स छआम ऐस ही फाम हाथ की अनाशभका उॊगरी को दाएॊ हाथ की सफस छोटी उॊगरी स शभराएॊ अॉगठो को खरा छोड़ द हाथ की अॊगशरमो को नीि की तयप कयन स अॊगशरमो की आकतत गाम क धनो जसी हो जाती ह इसी कायण इस धन भदरा कहत ह

सभम - इस भदरा का अभमास धीय धीय फढ़ाए ऩहर 1 स 15 शभतनट औय फाद भ 15 स 30 तथा जफ अचछी तयह मह भदरा अभमास भ आ जाए तफ इस भदरा को 45 शभतनट तक कय सकत ह

राब - धन भदरा स ऩािन तॊतर भजफत होता ह औय शयीय ताकतवय व सवसथ फनता ह मह ऩट क योगो क शरए याभफाण भदरा ह मोग साधना भ फहत ही उऩमोगी भदरा कहराती ह तॊतर एवॊ कभमकाॊड भ बी धन भदरा का परमोग ह ह ऩयानी भानमता क अनसाय मह अभत ततव को दन वारी भदरा ह मह भदरा वात वऩतत तथा कप को सॊतशरत कयती ह

अनतबोध चतनय दवारा सऩादित तरिदिवसीय मदराचचकितसा सि 28

20 मगी मदरा-

भग दहयन को कहा जाता ह मऻ क दौयान होभ की जान वारी साभगरी को इसी भदरा भ होभ ककमा जाता ह पराणामाभ ककए जान क दौयान बी इस भदरा का उऩमोग होता ह धमान कयत वतत बी इस भदरा का इसतभार ककमा जाता ह मह भदरा फनात वतत हाथ की आकतत भग क शसय क सभान हो जाती ह इसीशरए इस भगी भदरा कहा जाता ह मह एक हसत भदरा ह ववचध अऩन हाथ की अनाशभका औय भधमभा अॊगरी को अॊगठ क आग क बाग को छआ कय फाकी फिी तजमनी औय कतनटठा अॊगरी को सीधा तान दन स भगी भदरा फन जाती ह योग आसन - इस दौयान उतकटासन सखासन औय उऩासना क सभम इसतभार होन वार आसन ककए जा सकत ह

अनतबोध चतनय दवारा सऩादित तरिदिवसीय मदराचचकितसा सि 29

समय- इस भदरा को सववधानसाय कछ दय तक कय सकत ह औय इस तीन स िाय फाय ककमा जा सकता ह ऱाभ- भगी भदरा कयत सभम अॊगठ क ऩोय औय अॊगशरमो क जोड़ ऩय दफाव ऩड़ता ह उतत दफाव क कायण शसयददम औय ददभागी ऩयशानी भ राब शभरता ह एतमपरशय चिककतसा क अनसाय उतत अॊगशरमो क अॊदय दाॊत औय सामनस क तरफ ॊद होत ह तजसक कायण हभ दाॊत औय सहनस योग भ बी राब शभरता ह ववशष- भाना जाता ह कक इस भदरा को कयन स सोिन औय सभझन की शततत का ववकास बी होता ह भगी भदरा शभगी क योचगमो क शरए फहत ही राबकायी ह

21 यमहररमदरा

ववचध -सवम परधभ आऩ अऩन दोनो हाथो की सफस छोटी अॊगरी अथामत कतनटठा को आऩस भ एक दसय क परथभ ऩोय स शभरा द इसी क साथ दोनो अॊगठ को बी आऩस भ शभरा द अफ तीन अॊगशरमाॊ फाकी यह जाएॊगी- भध मभा तजमनी औय अनाशभका इन तीनो अॊगशरमो को हथरी की ओय भोड़कय भटठी जसा फनाइए अॊगशरमो की इस तसथतत को मभ हरयभदरा कहत ह

अनतबोध चतनय दवारा सऩादित तरिदिवसीय मदराचचकितसा सि 30

ऱाभ - मभहरयभदरा क तनमशभत अभमास स नाडड़मो को शततत शभरती ह इस भदरा क तनयॊतय अभमास स ऩट क योग जस- कबज बख ना रगना औय तजगय की कभजोयी दय होती ह इस भदरा स तसतरमो क सतनो क साय योगो भ बी राब शभरता ह मभ हरयभदरा को परततददन 5 शभनट सफह औय 5 शभनट शाभ को कय आऩ इसक कयन का सभम फढ़ाकय 10 शभनट तक कय सकत ह परततददन कभ स कभ ऩाॊि भदराएॊ अऩनी सववधानसाय कयनी िादहए भदराओॊ स सबी योगो भ राब ऩामा जा सकता ह मदद उनका मोग शशक स ऩछकय तनमशभत अभमास ककमा जाए भदराएॊ खासकय उन रोगो क शरए पामदभॊद सातरफत होती ह जो मोगासन कयन भ असभथम ह

22 ऩषऩाजलऱ मदरा-

अनतबोध चतनय दवारा सऩादित तरिदिवसीय मदराचचकितसा सि 31

मह भहतवऩणम हसत मोग भदरा ह जस दआ भ हाथ उठात ह मा ऩटऩ अऩमण कयत ह तफ मह भदरा फनती ह जसा कक इसका नाभ ह ऩटऩाॊजशर इसी स मह शसदध होता ह कक मह भदरा ककस परकाय की होगी ववचध- दोनो हाथो की अॊगशरमो औय अॊगठ को आऩस भ शभरा भखणफदध को बी शभरा र कपय दोनो हाथो की छोटी अॊगशरमो को एक साथ शभराकय ऐसी आकतत फना र कक जस हभ ककसी बगवान को पर िढ़ात सभम फनात ह इस ही ऩटऩाॊजशर भदरा कहत ह

ऱाभ- ऩटऩाॊजरी भदरा क तनयॊतय अभमास स नीॊद अचछी तयह स आन रगती ह आतभववशवास फढ़ता ह

23 यज भदरा-

अनतबोध चतनय दवारा सऩादित तरिदिवसीय मदराचचकितसा सि 32

यज भदरा कवर तसतरमो क शरए ह ऐसा नहीॊ फतसक अगय ऩरष इस भदरा को कयत ह तो उनक वीमम सॊफॊधी सभसत योग दय हो जात ह ववचध- यज भदरा फनाना फहत ही आसान ह कतनटठा (छोटी अॊगरी) अॊगरी को हथरी की जड़ भ भोड़कय रगान स यज भदरा फन जाती ह ऱाभ- यज भदरा स तसतरमो क भाशसक धभम सॊफॊधी योग दय होत ह इसक अरवा शसय भ बायीऩन यहना छाती भ ददम ऩट ऩीठ कभय का ददम आदद योग बी यज भदरा कयन स दय हो जात ह सतरी क साय परजनन अॊगो की ऩयशातनमो को म भदरा तरफसकर दय कय दती ह

24 अदिती मदरा-

ववचध- अॊगठ क आग क बाग को अनाशभका (छोटी उॊगरी क साथ वारी उॊगरी) उॊगरी की जड़ भ टढ़ा रगान स अददती भदरा फन जाती ह

ऱाभ- इस भदरा को कयन स हय सभम उफासी आना जमादा छीॊक आना जस योगो को दय ककमा जा सकता ह

अनतबोध चतनय दवारा सऩादित तरिदिवसीय मदराचचकितसा सि 33

समय- अददती भदरा को ददन भ 3-4 फाय 15-15 शभनटो क शरए कय सकत ह

25 हसी मदरा-

जस हॊस नीय ीय वववक की साभथमम यखता ह वस इस भदरा क कयन स सोिन औय तवरयत तनणमम की भता फढती ह मदरा िी ववचध - सखासन मा उतकटासन भ फठकय अऩन हाथ की सबी सफस छोटी अॊगरी को छोड़कय अॊगशरमो को अॊगठ क आग क बाग को दफान स हॊसी भदरा फन जाती ह अवचध- इस भदरा को परयॊब भ 5-8 शभनट स कयक 30-48 शभनट तक कय सकत ह मदरा िा ऱाभ- इस भदरा तनमशभत अभमास स वववक फढ़ता ह अथामत इसस सोिन-सभझन की शततत फढ़ती ह औय इसस शयीय का बायीऩन सभापत हो जाता ह

अनतबोध चतनय दवारा सऩादित तरिदिवसीय मदराचचकितसा सि 34

ववशषता- भाना जाता ह कक इस भदरा का तनमशभत अभमास कयन स याजशसक ताकत फढ़ती ह औय वमततत धन सॊऩनन फना यहता ह सावधानी - इस भदरा को कयत सभम ककसी बी परकाय का भॊतर नहीॊ जऩना िादहए औय ना ही कोई अनम धाशभमक उऩकरभ कय

26 हसतऩात मदरा-

ववचध- इस भदरा को कयन क शरए आऩ अऩन दोनो हाथो की हथरी क ऩीछ क बाग को आऩस भ अॊगशरमो सदहत शभरा द इस आकतत को हसतऩात भदरा कहा जाता ह मह नभसकाय भदरा जसा ही ह रककन इसभ हथरी क ऩटठ बाग को शभरा ददमा जाता ह ऱाभ- इस हसतऩात भदरा को कयन स शवास औय गर क क साय योग भ फहत राब शभरता ह तजन तसतरमाॊ मदद इसका तनमशभत अभमास कयती ह तो इसस उनक सतन सड़ौर सॊदय औय सवसथ हो जात ह तजन तसतरमो क सतन छोट ह ढीर ह मा उनक सतनो भ दध नहीॊ आता ह तो मह भदरा उनक शरए फहत राबकायी शसदध हो सकती ह

27 धयान मदरा

ववचध- ऩदमासन भ फठकय फाएॊ हाथ की हथरी ऩय दाएॊ हाथ की हथरी को (उसट हाथ ऩय सीध हाथ को) हसक स यखन स धमान भदरा फनती ह| धमान यख कक इस भदरा भ शसय गदमन एवॊ यीढ़ की हडडी सीधी यह| आॊख औय होठ सहज स फनद यह| धमान अऩन इटटदव क सवरऩ ऩय दटकाएॊ अथवा कामोतसगम कय अथामत शयीय स

अनतबोध चतनय दवारा सऩादित तरिदिवसीय मदराचचकितसा सि 35

सभता यखत हए कछ दय क शरए वविाय यदहत अवसथा भ यहन का परमास कय| अटटाॊग मोग (मभ तनमभ पराणामाभ परतमाहाय धायणा धमान औय सभाचध) क एक अॊग lsquoधमानrsquo की साधना भ मह भदरा ववशष रऩ स सहामक शसदध हई ह| ऱाभ - जो वमततत ऩदमासन नहीॊ कय सकत उनह धमान भदरा सखासन मा सवतसतक अथवा ऩारथी आसन भ कयना िादहए| मह सहज भदरा ह| सहज धमान भदरा को साधायण वमततत अचधक रमफ सभम तक सयरता स कय सकता ह| इसस धमान भदरा क राब बी शभर जात ह| धमान भदरा भ मदद हथशरमाॊ एक दसय ऩय यखन क फाद दोनो हथशरमाॊ ऻान भदरा की तसथतत भ यखी जाएॊ तो धमान भदरा तथा ऻान भदरा क सतमभशरत राब क साथ ऩदमासन क राब बी शभर जात ह| साधक क शरए धमान भदरा भ सभम की कोई सीभा नहीॊ ह| रककन सहजता क साथ ऩदमासन कयन की भता क अनरऩ धमान भदरा का अभमास कयना िादहए| साधायण वमततत को इस धीय-धीय फढ़ात हए कभ-स-कभ २० शभनट स एक घॊट तक कयना िादहए| धमान भदरा न कय सकन की अवसथा भ सहज धमान भदरा कयक राब उठाना िादहए| भन की िॊिरता शाॊत होकय चितत की एकागरता फढ़ती ह| साततवक वविायो की उतऩततत होती ह औय परब बजन भ भन रगता ह|

धमान क परबाव स साधक को धमान की उचितय तसथतत भ ऩहॊिन भ सहामता शभरती ह| आतभ साातकाय औय ईश वय क साातकाय भ मह भदरा सहामक ह|

28 शामभवी मदरा-

आॉख खरी हो रककन आऩ दख नहीॊ सकत ऐसी तसथतत जफ सध जाती ह तो उस शामबवी भदरा कहत ह ऐसी तसथतत भ आऩ नीॊद का भजा बी र सकत ह मह फहत कदठन साधना ह इसक ठीक उसटा कक जफ आॉख फॊद हो तफ आऩ दख

अनतबोध चतनय दवारा सऩादित तरिदिवसीय मदराचचकितसा सि 36

सकत ह मह बी फहत कदठन साधना ह रककन मह दोनो ही सॊबव ह असॊबव कछ बी नहीॊ फहत स ऐस ऩश औय ऩी ह जो आॉख खोरकय ही सोत ह ववचध- मदद आऩन तराटक ककमा ह मा आऩ तराटक क फाय भ जानत ह तो आऩ इस भदरा को कय सकत ह सवमपरथभ शसदधासन भ फठकय यीढ़-गदमन सीधी यखत हए ऩरको को तरफना झऩकाएॉ दखत यह रककन धमान ककसी बी िीज को दखन ऩय ना यख ददभाग तरफसकर बीतय कहीॊ रगा हो

ऱाभ- शामबवी भदरा को कयन स ददर औय ददभाग को शाॊतत शभरती ह मोगी का धमान ददर भ तसथय होन रगता ह आॉख खरी यखकय बी वमततत नीॊद औय धमान का आनॊद र सकता ह इसक सधन स वमततत बत औय बववटम का ऻाता फन सकता ह सऱाह- शामबवी भदरा ऩयी तयह स तबी शसदध हो सकती ह जफ आऩकी आॉख खरी हो ऩय व ककसी बी िीज को न दख यही हो ऐसा सभझ की आऩ ककसी धन भ जी यह हो आऩको खमार होगा कक कबी-कबी आऩ कहीॊ बी दख यह होत ह रककन आऩका धमान कहीॊ ओय यहता ह समय- इस भदरा को शरआत भ तजतनी दय हो सक कय औय फाद भ धीय-धीय इसका अभमास फढ़ात जाएॉ

अनतबोध चतनय दवारा सऩादित तरिदिवसीय मदराचचकितसा सि 37

29 शकततचालऱनी मदरा- ववचध - आठ अॊगर रॊफा औय िाय अॊगर िौड़ा भरामभ वसतर रकय नाशब ऩय रगाएॊ औय कदटसतर भ फाॊध र| कपय शयीय भ बसभ यभाकय शसदधासन भ फठ औय पराण को अऩान स मतत कय| जफ तक गहम दवाय स िरती हई वाम परकाशशत न हो इस सभम तक गहम दवाय को सॊकचित यख| इसस वाम का जो तनयोध होता ह उसभ कमबक क दवाया कणडशरनी शततत जागरत होती हई सषमना भागम स ऊऩय जाकय खड़ी हो जाती ह| मोगभदरा स ऩहर इसका अभमास कयन ऩय ही मोतन भदरा की ऩणम शसवदध होती ह| ऱाभ - इस भदरा स कणडशरनी शततत का जागयण होता ह| जफ तक मह सोती ह तफ तक सबी आॊतरयक शतततमाॊ सपत ऩड़ी यहती ह| इसशरए कणडशरनी का जागरत होना साधक क शरए फहत आवशमक ह| पराण-अऩान को सॊमतत कयन की ककरमा पराणवाम को ऩयक दवाया बीतय खीॊिन औय उडडीमान फॊध स अऩान वाम को ऊऩय की ओय आकवषमत कयन स ऩणम होती ह| इसभ गहम परदश क सॊकोि औय ववसताय का अभमास होन स अचधक सयरता हो सकती ह| 30 तड़ागी मदरा- ववचध - दोनो ऩाॊवो को दणड क सभान धयती ऩय ऩसाय र औय हाथो स उनक अॊगठो को ऩकड़न तथा दोनो जाॊघो ऩय शसय को सथावऩत कय साथ ही उदय को तड़ाग (सयोवय) क सभान कय र| ऱाभ - मह भदरा अनक योगो औय वदधावसथा को बी दय कयन भ सहामक शसदध होती ह|

अनतबोध चतनय दवारा सऩादित तरिदिवसीय मदराचचकितसा सि 38

31 माणडवी मदरा- ववचध - भख को फॊद कयक जफान को तार भ घभाएॊ औय सहसराय स टऩकत हए सधायस को जफान स धीय-धीय ऩीन का मतन कय| मही भाणडवी (मा भाणडकी) भदरा ह| ऱाभ - इसक दवाया फारो की सपदी उनका झड़ना शयीय ऩय झरयममो भॊहासो आदद का ऩड़ना तथा तनफमरता आदद दय होकय चिय-मौवन की परातपत होती ह| इसस यसोतऩादन होकय अभततव की उऩरतबध होना सॊबव हो जाता ह| 32 ऩालशनी मदरा ववचध- दोनो ऩाॊवो को कॊ ठ क ऩीछ की ओय र जाकय उनह ऩयसऩय शभराएॊ औय ऩाश क सभान दढ़ता स फाॊध र| ऱाभ - इसक अभमास स बी कणडशरनी शततत क जागयण भ फहत सगभता हो जाती ह तथा साधक क शयीय भ फर औय ऩतटट का आववबामव होता ह| भानशसक फरवदधमन भ बी मह फहत दहतकय ह| 33 िािी मदरा-

काक कौए को कहत ह कौए की िोि जसी भॊह की भदरा फना रन को काकी भदरा कहा जाता ह ववचध ककसी बी आसन भ फठकय होठो को ऩतरी सी नरी क सभान भोड़कय कौए की िोि जसा फना र अफ नाक क अगर बाग को दखत हए अऩना ऩया धमान नाक ऩय दटका द इसक फाद भॊह स धीय-धीय गहयी शवास रकय होठो को फॊद कय द कछ दय फाद शवास को नाक स फाहय तनकार द इस तयह स 10

अनतबोध चतनय दवारा सऩादित तरिदिवसीय मदराचचकितसा सि 39

शभनट तक कय ऱाभ मह भदरा जहाॊ शयीय भ ठॊडक फढ़ाती ह वहीॊ मह कई योगो को दय कयन भ राबदामक ह इस भदरा का तनयॊतय अभमास कयन स शयीय भ अॊदय बोजन ऩिान की ककरमा तज हो जाती ह इसस अमरवऩतत का फढ़ना कभ हो जाता ह

34 मातचगनी मदरा-

भातॊग का अथम होता ह भघ भाॊ दगाम का एक रऩ ह भातॊगी मह दस भहाववदमा भ स नौवीॊ ववदमा ह भातॊग नाभ स एक धमान होता ह भॊतर होता ह औय एक हाथी का नाभ बी भातॊग ह ऋवष वशशटठ की ऩतनी का एक नाभ बी भातॊगी ह ऋवष कशमऩ की ऩतरी का नाभ बी भातॊगी ह तजसस हाथी उतऩनन हए थ ववचध शाॊत जगह भ ऩानी क अॊदय गर तक शयीय को डफो र औय कपय नाक स ऩानी को खीॊिकय उस भॊह स तनकार र कपय भॊह स ऩानी को खीॊिकय नाक स फाहय तनकार द इस ककरमा को ही भातॊचगनी भदरा कहत ह ऱाभ इस भदरा क अभमास स आॊखो की योशनी तज हो जाती ह शसय ददम भ मह भदरा अतमॊत राबकायी भानी जाती ह इसस नजरा-जकाभ आदद क योग बी दय हो जात ह इस भदरा क तनयॊतय अभमास स िहय ऩय िभक आ जाती ह औय फार बी सपद नहीॊ होत ह इस भदरा क शसदध हो जान ऩय वमततत भ ताकत फढ़ जाती ह

35 नभोमदरा

नब का अथम होता ह आकाश इस भदरा भ जीब को तार की ओय रगात ह इसीशरए इस नबोभदरा कहत ह नबोभदरा कयना सयर नहीॊ ह इस ककसी मोग

अनतबोध चतनय दवारा सऩादित तरिदिवसीय मदराचचकितसा सि 40

शशक स सीखकय ही कयना िादहए मह भदरा फहत स योगो भ राबदामक शसदध हई ह इस फाय भ एक शरोक बी ह- मतर मतर तसथतो मोगी सवमकामष सवमदा उधवमतजवह तसथयो बतवाधायमतभवनॊ सदा नबोभदरा भवदषा मोदववना योग नाशशनी अथामत साय कामो भ तसथय हआ चितत अऩनी जीब क अगर बाग को भॊह क अॊदय तार भ रगाकय शवास को अॊदय योक रता ह इस तसथतत स विारयक गततववचधमाॊ ततकार फॊद हो जाती ह इसीशरए इस भदरा को यहसम का आबास ददरान वारी भदरा बी कहा जाता ह ववचध- अऩनी आॊखो को अऩनी दोनो बौहो क फीि भ जभाकय आऩकी जीब तार क साथ रगा र मह दोनो कामम एक ही साथ औय एक ही सभम भ कय सववधानसाय जफ तक सॊबव हो इसी तसथतत भ यह औय कपय कछ शभनट का धमान कय ऱाभ- नबोभदरा क तनयॊतय अभमास स जीब गर औय आॊखो क साय योग सभापत हो जात ह इसस भतसतटक भ तसथयता फढ़ती ह औय भतसतटक क योग बी दय हो जात ह

36 नालसिागर मदरा -

नाशसकागर भदरा का अथम होता ह नाक का आखखयी छोय ऊऩयी दहससा मा अगरबाग इस बाग ऩय फायी-फायी स सॊतरन फनान हए दखना ही नाकककागर भदरा मोग कहराता ह रककन मह भदरा कयन स ऩहर मोग शशक की सराह जरय र तमोकक इसक कयन स बकटी ऩय जोय ऩड़ता ह

अनतबोध चतनय दवारा सऩादित तरिदिवसीय मदराचचकितसा सि 41

ववचध- ककसी बी आसन भ फठकय नाक क आखखयी शसय ऩय नजय दटका र हो सकता ह कक ऩहर आऩ फाई आॊखो स उस दख ऩाएॊ तफ कछ दय फाद दाई आॊखो स दख इस दखन भ जया बी तनाव न हो सहजता स इस दख

ऱाभ- इसस जहाॊ आॊखो की एतसयसाइज होती ह वहीॊ मह भतसतटक क शरए बी राबदामक ह इसस भन भ एकागरता फढ़ती ह इस भदरा क रगाताय अभमास कयन स भराधाय िकर जागरत होन रगता ह तजसस कणडरीनी जागयण भ भदद शभरती ह इसस भराधाय िकर इसशरए जागरत होता ह तमोकक दोनो आॊखो क फीि ही तसथत ह इड़ा वऩ ॊगरा औय सषमना नाड़ी जो भराधाय तक गई ह समय- इस भदरा को इतनी दय तक कयना िादहए कक आॊखो ऩय इसका जमादा दफाव नहीॊ ऩड़ कपय धीय-धीय इस कयन का सभम फढ़ात जाएॊ

37 बरहम आसन मदरा-

कछ रोग इस बरहभा भदरा बी कहत ह तमोकक इस आसन भ गदमन को िाय ददशा भ घभामा जाता ह औय बरहभाजी क िाय भख थ इसीशरए इसका नाभ बरहभा भदरा आसन यखा गमा रककन असर भ मह बरहभ भदरा आसन ह औय इसभ सबी ददशाओॊ भ तसथत ऩयभशवय को जानकय उसका चिॊतन ककमा जाता ह नभाज ऩढ़त वतत मा सॊधमा वॊदन कयत वतत उतत भदरासन को ककमा जाता यहा ह ववचध- ऩदमासन शसदधासन मा वजरासन भ फठकय कभय तथा गदमन को सीधा यखत हए गदमन को धीय-धीय दामीॊ ओय र जात ह कछ सकॊ ड दामीॊ ओय रकत ह उसक फाद गदमन को धीय-धीय फामीॊ ओय र जात ह कछ सकॊ ड तक फामीॊ ओय रककय कपय दामीॊ ओय र जात ह कपय वाऩस आन क फाद गदमन को ऊऩय की ओय र जात ह उसक फाद नीि की तयप र जात ह कपय गदमन को तराकवाइज

अनतबोध चतनय दवारा सऩादित तरिदिवसीय मदराचचकितसा सि 42

औय एॊटीतराकवाइज घभाएॉ इस तयह मह एक िकर ऩया हआ अऩनी सववधानसाय इस िाय स ऩाॉि िकरो भ कय सकत ह

ऱाभ तजन रोगो को सवामइकर सऩोडराइदटस थाइयाइड नराॊटस की शशकामत ह उनक शरए मह आसन राबदामक ह इसस गदमन की भाॉसऩशशमाॉ रिीरी तथा भजफत होती ह आधमाततभक दतटट स बी मह आसन राबदामक ह आरसम बी कभ होता जाता ह तथा फदरत भौसभ क सदी-जकाभ औय खाॉसी स छटकाया बी शभरता ह

सावधाननया तजनह सवामइकर सऩोडराइदटस मा थाइयाइड की सभसमा ह व ठोडी को ऊऩय की ओय दफाएॉ गदमन को नीि की ओय र जात सभम कॊ ध न झकाएॉ कभय गदमन औय कॊ ध सीध यख गदमन मा गर भ कोई गॊबीय योग हो तो मोग चिककतसक की सराह स ही मह भदराआसन कय

38 भजचगनी मदरा- ववचध- इसभ भख को पराकय कॊ ठ स फाहयी वाम खीॊिी जाती ह| तार औय तजहवा क भधम वाम क घभन स शयीय भ अदभत शततत का आववबामव होता ह|

ऱाभ- मह भदरा अजीणम आदद उदय योगो को नटट कयन भ बी फहत उऩमोगी ह| इस परकाय भदराओॊ क अभमास स साधक को सफ परकाय क शायीरयक भानशसक औय आततभक फर की परातपत होती ह| मोगािामो क अनसाय lsquoनातसत भदरासनककॊ चित शसवदधदॊकषततभणडर (घयणड सॊदहता)rsquo अथामत भदराओॊ क सभान शसवदधदामक कोई अनम साधन ब-भॊडर ऩय नहीॊ ह| इसशरए मोगशसवदध क आकाॊीजनो को भदराओॊ का अभमास कयना शरमसकय ह|

अनतबोध चतनय दवारा सऩादित तरिदिवसीय मदराचचकितसा सि 43

39 खचरी मदरा-

भनटम की जीब (तजहवा) दो तयह की होती ह- रॊफी औय छोटी रॊफी जीब को सऩमतजहवा कहत ह कछ रोगो की जीब रॊफी होन स व उस आसानी स नाशसकागर ऩय रगा सकत ह औय खियी-भदरा कय सकत ह भगय तजसकी जीब छोटी होती ह उस तकरीपो का साभना कयना ऩड़ता ह सफस ऩहर उनह अऩनी जीब रॊफी कयनी ऩड़ती ह औय उसक शरए घषमण व दोहन का सहाया रना ऩड़ता ह जीब नीि की ओय स तजस नाड़ी स जड़ी होती ह उस काटना ऩड़ता ह खियी भदरा को शसदध कयन एवॊ अभत क सराव हत आवशमक उददीऩन भ कछ वषम बी रग सकत ह मह वमततत की मोनमता ऩय बी तनबमय कयता ह मोग भ कछ भदराएॊ ऐसी ह तजनह शसपम मोगी ही कयत ह साभानमजनो को इनह नहीॊ कयना िादहए खियी भदरा साधको क शरए भानी गई ह ववचध - इसक शरए जीब औय तार को जोड़न वार भाॊस-तॊत को धीय-धीय काटा जाता ह अथामत एक ददन जौ बय काटकय छोड़ ददमा जाता ह कपय तीन-िाय ददन फाद थोड़ा-सा औय काट ददमा जाता ह इस परकाय थोड़ा-थोड़ा काटन स उस सथान की यतत शशयाएॊ अऩना सथान बीतय की तयप फनाती जाती ह जीब को काटन क साथ ही परततददन धीय-धीय फाहय की तयप खीॊिन का अभमास ककमा जाता ह इसका अभमास कयन स कछ भहीनो भ जीब इतनी रॊफी हो जाती ह कक मदद उस ऊऩय की तयप रौटा (उसटा कयन) ददमा जाए तो वह शवास जान वार छदो को बीतय स फॊद कय दती ह इसस सभाचध क सभम शवास का आना-जाना ऩणमत योक ददमा जाता ह ऱाभ इस भदरा स पराणामाभ को शसदध कयन औय साभचध रगान भ ववशष सहामता शभरती ह साधनायत साधओॊ क शरए मह भदरा फहत ही राबदामी भानी

अनतबोध चतनय दवारा सऩादित तरिदिवसीय मदराचचकितसा सि 44

जाती ह ववशषता तनयॊतय अभमास कयत यहन स तजफ जफ रॊफी हो जाती ह तफ उस नाशसका यनरो भ परवश कयामा जा सकता ह इस परकाय धमान रगान स कऩार भागम एवॊ तरफ ॊद ववसगम स सॊफॊचधत कछ गरॊचथमो भ उददीऩन होता ह तजसक ऩरयणाभसवरऩ अभत का सराव आयॊब होता ह उसी अभत का सराव होत वतत एक ववशष परकाय का आधमाततभक अनबव होता ह इस अनबव स शसवदध औय सभाचध भ तजी स परगतत होती ह चतावनी मह आरख शसपम जानकायी हत ह कोई बी वमततत इस ऩढ़कय कयन का परमास न कय तमोकक मह शसपम साधको क शरए ह आभ रोगो क शरए नहीॊ

40 अकzwj वनी मदरा- इस भदरा स साधक भ घोड़ो जसी शततत आ जाती ह तजस lsquoहॉसम ऩॉवयrsquo कहत ह|

ववचध - इस भदरा भ गदा-दवाय का फाय-फाय सॊकोिन औय परसाय ककमा जाता ह| इसी स भदरा की शसवदध हो जाती ह| इसक दवाया कणडशरनी जागयण भ सगभता यहती ह औय अनक योग नटट होकय शायीरयक फर की ववदध होती ह|

ऱाभ - अतश वनी भदरा शसदध होन स साधक की अकारभतम कबी नहीॊ होती| गदा औय उदय स सॊफॊचधत योगो का इसक दवाया शभन होता ह तथा दीघमजीवन की उऩरतबध होती ह| तरफना भरफॊध क अतश वनी भदरा नहीॊ हो सकती| 41 बजरौऱी मदरा- फजरौरी भदरा बी भरफॊध का अचछा अभमास ककए तरफना ककसी परकाय सॊबव नहीॊ ह| मह भदरा कवर मोगी क शरए ही नहीॊ बोगी क शरए बी अतमॊत राबकायी ह|

अनतबोध चतनय दवारा सऩादित तरिदिवसीय मदराचचकितसा सि 45

ववचध - इस भदरा भ ऩहर दोनो ऩाॊवो को बशभ ऩय दढ़ताऩवमक दटकाकय दोनो ऩाॊवो को धीय-धीय दढ़ताऩवमक ऊऩय आकाश भ उठा द| इसस तरफॊद-शसवदध होती ह| शकर को धीय-धीय ऊऩय की आकॊ िन कय अथामत इॊददरम क आॊकिन क दवाया वीमम को ऊऩय की ओय खीॊिन का अभमास कय तो मह भदरा शसदध होती ह| ववदवानो का भत ह कक इस भदरा क अभमास भ सतरी का होना आवशमक ह तमोकक बग भ ऩततत होता हआ शकर ऊऩय की ओय खीॊि र तो यज औय वीमम दोनो ही िढ़ जात ह| मह ककरमा अभमास स ही शसदध होती ह| कछ मोगािामम इस परकाय का अभमास शकर क सथान ऩय दनध स कयना फतात ह| जफ दनध खीॊिन का अभमास शसदध हो जाए तफ शकर को खीॊिन का अभमास कयना िादहए| वीमम को ऊऩय खीॊिनवारा मोगी ही ऊधवमयता कहराता ह| ऱाभ - इस भदरा स शयीय रटट-ऩटट तजसवी सॊदय सडौर औय जया-भतम यदहत होता ह| शयीय क सबी अवमव दढ़ होकय भन भ तनश िरता की परातपत होती ह| इसका अभमास अचधक कदठन नहीॊ ह| मदद गहसथ बी इसक कय तो फरवदधमन औय सौदममवदधमन का ऩया राब परापत कय सकत ह चतावनी मह आरख शसपम जानकायी हत ह कोई बी वमततत इस ऩढ़कय कयन का परमास न कय तमोकक मह शसपम साधको क शरए ह आभ रोगो क शरए नहीॊ

साधना कयनवार वमततत क शरए मह आवशमक ह कक वह साधना भ कातमक वाचिक औय भानशसक ककरमाओॊ ऩय ऩया तनमॊतरण यख तथा सभम-सभम ऩय उचित ताॊतरतरक परककरमाओॊ का बी सभनवम कयता यह| इस दतटट स तजस परकाय आसन ऩातरासादन अिमन आदद भ ककरमाओॊ का ववधान ह उसी परकाय उनक साथ कछ भदरा फनान का ववधान ह| म भदराएॊ भखम रऩ-स हाथ औय उसकी उॊगशरमो क परमोग स फनती ह| जस हभाया शयीय ऩॊिततवभम ह| अत शासतरकायो न कहा ह कक इन उॊगशरमो क परमोग स इन ततवो की नमनाचधकता दय की जा

अनतबोध चतनय दवारा सऩादित तरिदिवसीय मदराचचकितसा सि 46

सकती ह तथा ततवो की सभता-ववषभता स होनवारी कभी को उॊगशरमो की भदरा स सभ फनामा जा सकता ह| इतना ही नहीॊ ऐसी भदराओॊ क सहमोग स उन ततवो को सवचछाऩवमक घटामा-फढ़ामा बी जा सकता ह| म ततव करभश अॊगटठ भ अतनन तजमनी भ वाम भधमभा भ आकाश अनाशभका भ ऩथवी औय कतनतटठका भ जर क रऩ भ ववदमभान यहत ह| दवताओॊ की परसननता चितत की शवदध औय ववववध योगो क नाश भ भदराओॊ स फड़ी सहामता शभरती ह| भदराततव को सभझकय परतमक मोगी को इनका साधन कयना िादहए| कणडशरनी शततत क जागयण भ इन भदराओॊ स सहामता शभरती ह| महाॊ हभन तजन भदराओॊ का वणमन एवॊ चितरण ककमा ह उसभ परतमक मोगी साधक को ऩरयचित होना िादहए|

अनतबोध चतनय दवारा सऩादित तरिदिवसीय मदराचचकितसा सि 47

मोग अनसाय आसन औय पराणामाभ की तसथतत को भदरा कहा जाता ह फॊध ककरमा औय भदरा भ आसन औय पराणामाभ दोनो का ही कामम होता ह मोग भ भदराओॊ को आसन औय पराणामाभ स बी फढ़कय भाना जाता ह भदरा दो तयह की होती ह- ऩहरी हसत भदरा अथामत हाथो औय उसकी अॊगशरमो को ववशष आकतत भ फनाना औय दसयी आसन भदरा अथामत तजसभ ऩया शयीय ही सॊिाशरत होता ह

Page 5: 235347477 Mudra Chikitsa Swami Ananta Bodha Chaitanya

अनतबोध चतनय दवारा सऩादित तरिदिवसीय मदराचचकितसा सि 5

तयप भख कय क दयी मा गदद ऩय सीधा फठ औय आॉखो को हसका सा फॊद कयर उसक फाद भदरा अभमास कय शवास धीय धीय र औय छोड़ अनक भदरा ततव को घटान मा फढ़ान भ बी सहामक होती ह अॊगठ क अगर बाग स अॊगरी क अगर बाग को शभरान स उस अॊगरी भ तसथत ततव भ ववदध होती ह अथवा ततव सभ अवसथा भ आ जाता ह अॊगरी को भोड़ कय अॊगठ की जड़ भ यख कय अॊगठ की अॊगरी क ऊऩय यखन स उस अॊगरी भ तसथत ततव भ कभी आती ह

1 नमसिार मदरा

अनतबोध चतनय दवारा सऩादित तरिदिवसीय मदराचचकितसा सि 6

समम नभसकाय की शरआत बी इसी भदरा स होती ह इसी भदरा भ कई आसन ककए जात ह परणाभ ववनम का सिक ह इस नभसकाय मा नभसत बी कह सकत ह सभि बायतवषम भ इसका परिरन ह इस भदरा को कयन क अनको पामद ह मोगासन मा अनम कामम की शरआत क ऩवम इस कयना िादहए इसको कयन स भन भ अचछा बाव उतऩनन होता ह औय कामम भ सपरता शभरती ह ववचध दोनो हाथो को जोड़कय जो भदरा फनात ह उस नभसकाय भदरा कहत ह सवम परथभ आॉख फॊद कयत हए दोनो होथो को जोड़कय अथामत दोनो हथशरमो को शभरात हए छाती क भधम भ सटाएॉ तथा दोनो हथशरमो को एक-दसय स दफात हएॉ कोहतनमाॉ को दाएॉ-फाएॉ सीधी तान द जफ म दोनो हाथ जड़ हए हभ धीय-धीय भतसतटक तक ऩहॉित ह तो नभसकाय भदरा फनती ह ऱाभ हभाय हाथ क तॊत भतटतटक क तॊतओॊ स जड़ ह हथशरमो को दफान स मा जोड़ यखन स रदमिकर औय आऻािकर भ सककरमता आती ह तजसस जागयण फढ़ता

अनतबोध चतनय दवारा सऩादित तरिदिवसीय मदराचचकितसा सि 7

ह उतत जागयण स भन शाॊत एवॊ चितत भ परसननता उतऩनन होती ह रदम भ ऩटटता आती ह तथा तनशबमकता फढ़ती ह इस भदरा का परबाव हभाय सभि बावनातभक औय विारयक भनोबावो ऩय ऩड़ता ह तजसस सकायातभकता फढ़ती ह मह साभातजक औय धाशभमक दतटट स बी राबदामक ह

2 जञान मदरा ndash

ववचध- दाङगटठतजमनी मोगो ऻान भदरा (तनतमोतसव)

अनतबोध चतनय दवारा सऩादित तरिदिवसीय मदराचचकितसा सि 8

अॊगठ औय तजमनी(ऩहरी उॊगरी) क ऩोयो को आऩस भ (तरफना जोय रगाम सहज रऩ भ) जोड़न ऩय ऻान भदरा फनती ह ऱाभ- इस भदरा क तनतम अभमास स सभयण शततत का अबतऩवम ववकाश होता हभतटतटक की दफमरता सभापत हो जाती हसाधना भ भन रगता हधमान एकागरचित होता हइस भदरा क साथ मदद भॊतर का जाऩ ककमा जाम तो वह शसदध होता ह ककसी बी धभमऩॊथ क अनमामी तमो न हो उऩासना कार भ मदद इस भदरा को कय औय अऩन इटट भ धमान एकागरचितत कय तो भन भ फीज रऩ भ तसथत परभ की अनतसशररा का अजशर शरोत सवत परसपदटत हो परवादहत होन रगता ह औय ऩयभाननद की परातपत होती हइसी भदरा क साथ तो ऋवषमो भनीवषमो तऩतसवमो न ऩयभ ऻान को परापत ककमा था ऩागरऩनअनक परकाय क भनोयोग चिडचिडाऩनकरोधिॊिरतारमऩटताअतसथयताचिॊताबमघफयाहटवमाकरताअतनदरा योग डडपरशन जस अनक भन भतसतटक समफनधी वमाचधमाॊ इसक तनमशभत अभमास स तनतशित ही सभापत हो जाती हभानशसक भता फढ़न वारा तथा सतोगण का ववकास कयन वारा मह अिक साधन ह ववदमाचथममो फवदधजीववमो स रकय परतमक आमवगम क सतरी ऩरषो को अऩन आततभक भानशसक ववकास क शरए भदराओॊ का परमोग अवशम ही कयना िादहए

अनतबोध चतनय दवारा सऩादित तरिदिवसीय मदराचचकितसा सि 9

3 वाम भदरा-

ववचध - अॊगठ क फाद वारी ऩहरी अॊगरी - तजमनी को भोड़कय उसक नाखबाग का दवाफ (हसका) अॊगठ क भर बाग (जड़) भ ककमा जाम औय अॊगठ स तजमनी ऩय दवाफ फनामा जाम शष तीनो अॉगशरमो को अऩन सीध भ सीधा यखा जामइसस जो भदरा फनती हउस वाम भदरा कहत ह राब - वाम सॊफनधी सभसत योग मथा - गदठमाजोडो का ददम वात ऩाघात हाथ ऩय मा शयीय भ कमऩन रकवा दहसटीरयमा वाम शर गस इतमादद अनक असाधम योग इस भदरा स ठीक हो जात ह इस भदरा क साथ कबी कबी पराण भदरा बी कयत यहना िादहए

अनतबोध चतनय दवारा सऩादित तरिदिवसीय मदराचचकितसा सि 10

4 आिाश मदरा

ववचध दोनो हाथो की भधमभा अॊगशरमो को अॊगठो क अगरबाग स रगाकय फाकी अॊगशरमो को सीधा कय द अफ हाथो को घटनो ऩय यख र हथशरमो का रख ऊऩय की ओय यहगा कभय-गदमन सीधी यख कय आॊख फॊद कय धमान की तसथतत भ फठ जाएॊ ऱाभ कान क योग फहयाऩन कान भ आवाज आन की सभसमा दय होन रगती ह हडडडमो की कभजोयी को बी दय कयन भ भदद शभरती ह

अनतबोध चतनय दवारा सऩादित तरिदिवसीय मदराचचकितसा सि 11

5 शनम भदरा -

ववचध - अॊगठ स दसयी अॊगरी (भधमभासफस रमफी वारी अॊगरी) को भोड़कय अॊगठ क भर बाग (जड़ भ) सऩशम कय औय अॊगठ को भोड़कय भधमभा क ऊऩय स ऐस दफाम कक भधमभा उॊगरी का तनयॊतय सऩशम अॊगठ क भर बाग स फना यह फाकी की तीनो अॉगशरमो को अऩनी सीध भ यखइस तयह स जो भदरा फनती ह उस शनम भदरा कहत ह राब - इस भदरा क तनयॊतय अभमास स कान फहना फहयाऩन कान भ ददम इतमादद कान क ववशबनन योगो स भततत सॊबव हमदद कान भ ददम उठ औय इस भदरा को परमतत ककमा जाम तो ऩाॊि सात शभनट क भधम ही राब अनबत होन रगता हइसक तनयॊतय अभमास स कान क ऩयान योग बी ऩणमत ठीक हो जात ह इसकी अनऩयक भदरा आकाश भदरा हइस भदरा क साथ साथ मदद आकाश भदरा का परमोग बी ककमा जाम तो वमाऩक राब शभरता ह

अनतबोध चतनय दवारा सऩादित तरिदिवसीय मदराचचकितसा सि 12

6 ऩथवी मदरा

ववचध दोनो हाथो की अनाशभका अॊगशरमो को अॊगठो क अगरबाग स रगाकय फाकी अॊगशरमाॊ सीधी यख अफ हाथो को घटनो ऩय यख र हथशरमो का रख ऊऩय की ओय यहगा कभय-गदमन सीधी यख कय आॊख फॊद कय धमान की तसथतत भ फठ जाएॊ ऱाभ मह भदरा शायीरयक दफरमता दय कय वजन फढ़ाती ह शयीय भ सपततम कातनत एवॊ तज फढ़ाकय जीवनी शततत का ववकास कयती ह इसक अभमास स ऩािन तनतर को फर शभरता ह

अनतबोध चतनय दवारा सऩादित तरिदिवसीय मदराचचकितसा सि 13

7 सयय मदरा

ववचध दोनो हाथो की अनाशभका अॊगशरमो को अॊगठो क भर भ रगाकय अॊगठ स दफाकय फाकी अॊगशरमो को सीधा कयक यख अफ हाथो को घटनो ऩय यख र हथशरमो का रख ऊऩय की ओय यहगा कभय-गदमन सीधी यख कय आॊख फॊद कय धमान की तसथतत भ फठ जाएॊ ऱाभ मह भदरा भोटाऩा कभ कय वजन घटाती ह शयीय भ ऊटणता फढ़ाती ह शततत का ववकास कयती ह कॉरसरॉर फढ़न नहीॊ दती भधभह व रीवय क योग भ राब ऩहॊिाती ह शयीय को सॊतशरत कय दती ह नोट कभजोय वमततत इसका अभमास न कय गभी भ इसका अभमास कभ ही कय

अनतबोध चतनय दवारा सऩादित तरिदिवसीय मदराचचकितसा सि 14

8 वरण मदरा

ववचध दोनो हाथो की कतनटठा अॊगशरमो को अॊगठो क अगरबाग ऩय रगाकय फाकी अॊगशरमो को सीधा यखन स मह भदरा फनती ह अफ हाथो को घटनो ऩय यख र हथशरमो का रख ऊऩय की ओय यहगा कभय-गदमन सीधी यख कय आॊख फॊद कय धमान की तसथतत भ फठ जाएॊ ऱाभ मह िभमयोग यतत ववकाय दय कयती ह शयीय भ रखाऩन दय कय तविा को िभकीरी व भरामभ फनान भ सहामक ह िहय की सॊदयता को फढ़ा दती ह नोट कप परकतत वार वमततत इसका अभमास जमादा न कय

अनतबोध चतनय दवारा सऩादित तरिदिवसीय मदराचचकितसा सि 15

9 जऱोिर नाशि-

ववचध कतनटठा को अॉगठ क जड़ भ रगाकय अॉगठ स दफाम राब- जर तततव की अचधकता स होन वार सबी योगसजन जरोदय आदद भ ववशष राब होता

ह योग शानत होन तक ही कय

अनतबोध चतनय दवारा सऩादित तरिदिवसीय मदराचचकितसा सि 16

10 पराण मदरा -

ववचध अॊगठ स तीसयी अनाशभका तथा िौथी कतनतटठका अॉगशरमो क ऩोयो को एकसाथ अॊगठ क ऩोय क साथ शभराकय शष दोनो अॉगशरमो को अऩन सीध भ खडा यखन स जो भदरा फनती ह उस पराण भदरा कहत ह राब - हरदम योग भ याभफाण तथा नतरजमोतत फढान भ मह भदरा ऩयभ सहामक हसाथ ही मह पराण शततत फढ़ान वारा बी होता हपराण शततत परफर होन ऩय भनटम क शरए ककसी बी परततकर ऩरयतसथततमो भ धममवान यहना अतमॊत सहज हो जाता हवसतत दढ पराण शततत ही जीवन को सखद फनाती ह इस भदरा की ववशषता मह ह कक इसक शरए अवचध की कोई फाधमता नहीॊइस कछ शभनट बी ककमा जा सकता ह

अनतबोध चतनय दवारा सऩादित तरिदिवसीय मदराचचकितसा सि 17

11 अऩान मदरा

ववचध दोनो हाथो की भधमभा तथा अनाशभका अॊगशरमो को अॊगठ क अगरबाग स रगाकय फाकी अॊगशरमो को सीधी यख अफ हाथो को घटनो ऩय यख र हथशरमो का रख ऊऩय की ओय यहगा कभय-गदमन सीधी यख कय आॊख फॊद कय धमान की तसथतत भ फठ जाएॊ ऱाभ कबज भधभह ककडनी ववकाय वाम ववकाय फवासीय को दय कयन भ सहामक ह शयीय को शदध कय नाड़ी दोषो को दय कयन वारी ह भतर का अवयोध दय कय दाॊतो को भजफत कयती ह ऩसीना बी राती ह नोट इस भदरा क अभमास स भतर अचधक आन रगता ह

अनतबोध चतनय दवारा सऩादित तरिदिवसीय मदराचचकितसा सि 18

12 वयान मदरा-

ववचध- हाथ की भधमभा अॊगरी क आग क बाग को अॊगठ क आग क बाग स शभरान औय तजमनी अॊगरी को फीि की अॊगरी क नाखन स छआएॊ फाकी फिी सायी अॊगशरमाॊ सीधी यहनी िादहए इसी को वमान भदरा कहा जाता ह अवचध- इस भदरा को सफह 15 शभनट औय शाभ को 15 शभनट तक कयना िादहए ऱाभ- वमान भदरा को कयन स ऩशाफ सॊफॊधी सबी योग दय होत ह जस- ऩशाफ जमादा आना ऩशाफ भ िीनी आना ऩशाफ क साथ घात आना ऩशाफ रक-रक कय आना आदद योग सभापत हो जात ह इसक अरावा इस भदरा क तनमशभत अभमास स भधभह परभह औय सवपनदोष बी दय होता ह तसतरमो क शरए मह भदरा सफस जमादा राबदामक फताई गई ह इस भदरा को कयन स तसतरमो क साय योग सभापत हो जात ह

अनतबोध चतनय दवारा सऩादित तरिदिवसीय मदराचचकितसा सि 19

13 उिान मदरा-

ववचध - ऩहरी भधमभा औय अनाशभका उॊगरी क आग क बाग को अॊगठ क आग क बाग स रगाएॊ इस उदान भदरा कहत ह इसका सॊफॊध कॊ ठ स भतसतटक तक होता ह मह ववशवदध िकर को परवादहत कयता ह

राब - इसस भन शाॊत होता ह औय थामयॉइड सॊफॊधी सबी योगो भ राब ऩहॊिता ह

सभमावचध - इस भदरा को बी कवर 15 स 45 शभतनट तक ही कयना िादहए

अनतबोध चतनय दवारा सऩादित तरिदिवसीय मदराचचकितसा सि 20

14 सभान भदरा

ववचध - हाथ की िायो उॊगशरमो औय अॊगठ क अगरबाग को शभरा कय ऊऩय की तयप यखन स सभान भदरा फनती ह इस भदरा भ ऩाॊिो ततव शभर जात ह

राब ndash मह भदरा हभाय वविायो को आधमाततभक फनाती ह फय वविाय दय होत ह

अनतबोध चतनय दवारा सऩादित तरिदिवसीय मदराचचकितसा सि 21

15 हिय मदरा

ववचध दोनो हाथो की तजमनी अॊगशरमो को अॊगठो क भर भ रगाकय भधमभा व अनाशभका अॊगशरमो को अॊगठ क अगरबाग ऩय रगा द व छोटी अॊगरी को सीधा कयक यख अफ हाथो को घटनो ऩय यख र हथशरमो का रख ऊऩय की ओय यहगा कभय-गदमन सीधी यख कय आॊख फॊद कय धमान की तसथतत भ फठ जाएॊ ऱाभ मह भदरा रदम योगो भ ववशष रऩ स राबकायी ह परततददन 10-15 शभनट अभमास स रदम भजफत होता ह गस फनना शसयददम असथभा व उचि यततिाऩ भ राबकायी ह सीदढ़मो ऩय िढ़न स ऩहर ही अगय मह भदरा रगा री जाए औय इस भदरा क साथ ही सीदढ़माॊ िढ़ी जाएॊ तो साॊस नहीॊ परती

अनतबोध चतनय दवारा सऩादित तरिदिवसीय मदराचचकितसा सि 22

16 लऱग मदरा

ववचध- फाएॉ हाथ का अॊगठा सीधा खडा कय दादहन हाथ स फाएॊ हाथ कक अॉगशरमो भ ऩयसऩय पॉ सात हए दोनो ऩॊजो को ऐस जोड कक दादहना अॊगठा फाएॊ अॊगठ को फहाय स आवतत कय र इस परकाय जो भदरा फनगी उस अॊगटठ भदरा कहग राब - अॊगठ भ अतनन ततव होता हइस भदरा क अभमास स शयीय भ उटभता फढ़न रगती हशयीय भ जभा कप ततव सखकय नटट हो जाता हसदी जकाभखाॊसी इतमादद योगो भ मह फड़ा राबदामी होता हकबी मदद शीत परकोऩ भ आ जाएॉ औय शयीय भ ठणड स कॊ ऩकॊ ऩाहट होन रग तो इस भदरा का परमोग तवरयत राब दता ह

अनतबोध चतनय दवारा सऩादित तरिदिवसीय मदराचचकितसा सि 23

17 शख मदरा-

ववचध - फाएॊ हाथ क अॊगठ को दोनो हाथ की भटठी भ फॊद कयक फाएॊ हाथ की तजमनी उॊगरी को दादहन हाथ क अॊगठ स शभरान स शॊख भदरा फनती ह| इस भदरा भ फाएॊ हाथ की फाकी तीन उॊगशरमो क ऩास भ सटाकय दाएॊ हाथ की फॊद उॊगशरमो ऩय हसका-सा दफाव ददमा जाता ह| इसी परकाय हाथ फदरकय अथामत दाएॊ हाथ क अॊगठ को फाएॊ हाथ की भटठी भ फॊद कयक शॊख भदरा फनाई जाती ह| इस भदरा भ ऱाभ - अॊगठ का दफाव हथरी क फीि क बाग ऩय औय भटठी की तीन उॊगशरमो का दफाव शकर ऩवमत ऩय ऩड़ता ह तजसस हथरी भ तसथत नाशब औय थाइयॉइड (ऩतसरका) गरॊचथ क क दर दफत ह| ऩरयणाभसवरऩ नाशब औय थाइयॉइड गरॊचथ क ववकाय ठीक होत ह|

अनतबोध चतनय दवारा सऩादित तरिदिवसीय मदराचचकितसा सि 24

शॊख भदरा का नाशब िकर स तनकट का सॊबॊध ह इसशरए शायीय क सनामतॊतर ऩय ववशष कामम कयती ह अत अनत औय फाहम सवासथम भ फहत राबकायी ह

मह ऩािन तॊतर को उततभ फनाती ह

तनमशभत कयन स बख फढान भ भदद शभरती ह

मह भदरा फोरत सभम उचिायण क दोषो को दय कयन भ फहत परबावी ह जस ततराना हकराना आदद दोष तनमभतत परमोग स दय हो जात ह

सॊगीत की साधना कयन वारो क शरए ववशश राबकायी ह वाणी को भधय फनाती ह

मह भदरा ऩजन भ बी परमतत होती ह| इसका परमोग रॊफ सभम तक ककमा जा सकता ह| इस भदरा का नाशबिकर स ववशष समफनध ह तजसक कायण नाशब स सॊफॊचधत शयीय की नाडड़मो ऩय सकषभ औय सवासथमवधमक परबाव ऩड़ता ह तथा सनामभणडर शतततशारी फनती ह|

अनतबोध चतनय दवारा सऩादित तरिदिवसीय मदराचचकितसा सि 25

18 योनन मदरा-

मौचगक दतटट स अऩन अॊदय कई परकाय क यहसम तछऩाए यखनवारी भदरा का वासतववक नाभ lsquoमोतन भदराrsquo ह| तत मोग क अनसाय कवर हाथो की उॊगशरमो स भहाशततत बगवती की परसननता क शरए मोतन भदरा परदशशमत कयन की आऻा ह| परतम रऩ स इसका परबाव रॊफी मोग साधना क अॊतगमत तॊतर-भॊतर-मॊतर साधना स बी दतटटगोिय होता ह| इस भदरा क तनयॊतय अभमास स साधक की पराण-अऩान वाम को शभरा दनवारी भरफॊध ककरमा को बी साथ कयन स जो तसथतत फनती ह उस ही मोतन भदरा की सॊऻा दी ह| मह फड़ी िभतकायी भदरा ह| ऩदमासन की तसथतत भ फठकय दोनो हाथो की उॊगशरमो स मोतन भदरा फनाकय औय ऩवम भरफॊध की तसथतत भ सममक बाव स तसथत होकय पराण-अऩान को शभरान की परफर बावना क साथ भराधाय सथान ऩय मौचगक सॊमभ कयन स कई परकाय की शसवदधमाॊ परापत हो जाती ह|

अनतबोध चतनय दवारा सऩादित तरिदिवसीय मदराचचकितसा सि 26

ऋवषमो का भत ह कक तजस मोगी को उऩयोतत तसथतत भ मोतन भदरा का रगाताय अभमास कयत-कयत शसवदध परापत हो गई ह उसका शयीय साधनावसथा भ बशभ स आसन सदहत ऊऩय अधय भ तसथत हो जाता ह| सॊबवत इसी कायण आदद शॊकयािाममजी न अऩन मोग यतनावरी नाभक ववशष गरॊथ भ भरफॊध का उसरख ववशष रऩ स ककमा ह|

19 धन मदरा -

बायतीम ऩयॊऩया भ धन गाम को कहा जाता ह औय मह दहनद धभम क साततवक औय भहानता का परतीक ह धन भदरा फनात सभम हाथो की उॊगशरमा गाम क थनो जसी हो जाती ह जस गाम क थनो स दध ऩीकय शयीय ऩटट फनता ह वस ही धन भदरा कयन स बी शयीय रटट ऩटट फनता ह

ववचध - अनमोनमाशबभखॊ तशरटटाकतनटठानाशभका ऩन

अनतबोध चतनय दवारा सऩादित तरिदिवसीय मदराचचकितसा सि 27

तथा ि तजमतनभधमा धन भदरा अभत परदा ( कारी तॊतर )

अऩन दोनो हाथो की अॊगशरमो क ऩोयो को एक साथ शभरा र कपय फाम हाथ की तजमनी ऊॊ गरी को दाएॊ हाथ की फीि वारी उॊगरी स छआए इसक फाद दाएॊ हाथ की तजमनी उॊगरी को फाम हाथ की फीि वारी उॊगरी स छआम ऐस ही फाम हाथ की अनाशभका उॊगरी को दाएॊ हाथ की सफस छोटी उॊगरी स शभराएॊ अॉगठो को खरा छोड़ द हाथ की अॊगशरमो को नीि की तयप कयन स अॊगशरमो की आकतत गाम क धनो जसी हो जाती ह इसी कायण इस धन भदरा कहत ह

सभम - इस भदरा का अभमास धीय धीय फढ़ाए ऩहर 1 स 15 शभतनट औय फाद भ 15 स 30 तथा जफ अचछी तयह मह भदरा अभमास भ आ जाए तफ इस भदरा को 45 शभतनट तक कय सकत ह

राब - धन भदरा स ऩािन तॊतर भजफत होता ह औय शयीय ताकतवय व सवसथ फनता ह मह ऩट क योगो क शरए याभफाण भदरा ह मोग साधना भ फहत ही उऩमोगी भदरा कहराती ह तॊतर एवॊ कभमकाॊड भ बी धन भदरा का परमोग ह ह ऩयानी भानमता क अनसाय मह अभत ततव को दन वारी भदरा ह मह भदरा वात वऩतत तथा कप को सॊतशरत कयती ह

अनतबोध चतनय दवारा सऩादित तरिदिवसीय मदराचचकितसा सि 28

20 मगी मदरा-

भग दहयन को कहा जाता ह मऻ क दौयान होभ की जान वारी साभगरी को इसी भदरा भ होभ ककमा जाता ह पराणामाभ ककए जान क दौयान बी इस भदरा का उऩमोग होता ह धमान कयत वतत बी इस भदरा का इसतभार ककमा जाता ह मह भदरा फनात वतत हाथ की आकतत भग क शसय क सभान हो जाती ह इसीशरए इस भगी भदरा कहा जाता ह मह एक हसत भदरा ह ववचध अऩन हाथ की अनाशभका औय भधमभा अॊगरी को अॊगठ क आग क बाग को छआ कय फाकी फिी तजमनी औय कतनटठा अॊगरी को सीधा तान दन स भगी भदरा फन जाती ह योग आसन - इस दौयान उतकटासन सखासन औय उऩासना क सभम इसतभार होन वार आसन ककए जा सकत ह

अनतबोध चतनय दवारा सऩादित तरिदिवसीय मदराचचकितसा सि 29

समय- इस भदरा को सववधानसाय कछ दय तक कय सकत ह औय इस तीन स िाय फाय ककमा जा सकता ह ऱाभ- भगी भदरा कयत सभम अॊगठ क ऩोय औय अॊगशरमो क जोड़ ऩय दफाव ऩड़ता ह उतत दफाव क कायण शसयददम औय ददभागी ऩयशानी भ राब शभरता ह एतमपरशय चिककतसा क अनसाय उतत अॊगशरमो क अॊदय दाॊत औय सामनस क तरफ ॊद होत ह तजसक कायण हभ दाॊत औय सहनस योग भ बी राब शभरता ह ववशष- भाना जाता ह कक इस भदरा को कयन स सोिन औय सभझन की शततत का ववकास बी होता ह भगी भदरा शभगी क योचगमो क शरए फहत ही राबकायी ह

21 यमहररमदरा

ववचध -सवम परधभ आऩ अऩन दोनो हाथो की सफस छोटी अॊगरी अथामत कतनटठा को आऩस भ एक दसय क परथभ ऩोय स शभरा द इसी क साथ दोनो अॊगठ को बी आऩस भ शभरा द अफ तीन अॊगशरमाॊ फाकी यह जाएॊगी- भध मभा तजमनी औय अनाशभका इन तीनो अॊगशरमो को हथरी की ओय भोड़कय भटठी जसा फनाइए अॊगशरमो की इस तसथतत को मभ हरयभदरा कहत ह

अनतबोध चतनय दवारा सऩादित तरिदिवसीय मदराचचकितसा सि 30

ऱाभ - मभहरयभदरा क तनमशभत अभमास स नाडड़मो को शततत शभरती ह इस भदरा क तनयॊतय अभमास स ऩट क योग जस- कबज बख ना रगना औय तजगय की कभजोयी दय होती ह इस भदरा स तसतरमो क सतनो क साय योगो भ बी राब शभरता ह मभ हरयभदरा को परततददन 5 शभनट सफह औय 5 शभनट शाभ को कय आऩ इसक कयन का सभम फढ़ाकय 10 शभनट तक कय सकत ह परततददन कभ स कभ ऩाॊि भदराएॊ अऩनी सववधानसाय कयनी िादहए भदराओॊ स सबी योगो भ राब ऩामा जा सकता ह मदद उनका मोग शशक स ऩछकय तनमशभत अभमास ककमा जाए भदराएॊ खासकय उन रोगो क शरए पामदभॊद सातरफत होती ह जो मोगासन कयन भ असभथम ह

22 ऩषऩाजलऱ मदरा-

अनतबोध चतनय दवारा सऩादित तरिदिवसीय मदराचचकितसा सि 31

मह भहतवऩणम हसत मोग भदरा ह जस दआ भ हाथ उठात ह मा ऩटऩ अऩमण कयत ह तफ मह भदरा फनती ह जसा कक इसका नाभ ह ऩटऩाॊजशर इसी स मह शसदध होता ह कक मह भदरा ककस परकाय की होगी ववचध- दोनो हाथो की अॊगशरमो औय अॊगठ को आऩस भ शभरा भखणफदध को बी शभरा र कपय दोनो हाथो की छोटी अॊगशरमो को एक साथ शभराकय ऐसी आकतत फना र कक जस हभ ककसी बगवान को पर िढ़ात सभम फनात ह इस ही ऩटऩाॊजशर भदरा कहत ह

ऱाभ- ऩटऩाॊजरी भदरा क तनयॊतय अभमास स नीॊद अचछी तयह स आन रगती ह आतभववशवास फढ़ता ह

23 यज भदरा-

अनतबोध चतनय दवारा सऩादित तरिदिवसीय मदराचचकितसा सि 32

यज भदरा कवर तसतरमो क शरए ह ऐसा नहीॊ फतसक अगय ऩरष इस भदरा को कयत ह तो उनक वीमम सॊफॊधी सभसत योग दय हो जात ह ववचध- यज भदरा फनाना फहत ही आसान ह कतनटठा (छोटी अॊगरी) अॊगरी को हथरी की जड़ भ भोड़कय रगान स यज भदरा फन जाती ह ऱाभ- यज भदरा स तसतरमो क भाशसक धभम सॊफॊधी योग दय होत ह इसक अरवा शसय भ बायीऩन यहना छाती भ ददम ऩट ऩीठ कभय का ददम आदद योग बी यज भदरा कयन स दय हो जात ह सतरी क साय परजनन अॊगो की ऩयशातनमो को म भदरा तरफसकर दय कय दती ह

24 अदिती मदरा-

ववचध- अॊगठ क आग क बाग को अनाशभका (छोटी उॊगरी क साथ वारी उॊगरी) उॊगरी की जड़ भ टढ़ा रगान स अददती भदरा फन जाती ह

ऱाभ- इस भदरा को कयन स हय सभम उफासी आना जमादा छीॊक आना जस योगो को दय ककमा जा सकता ह

अनतबोध चतनय दवारा सऩादित तरिदिवसीय मदराचचकितसा सि 33

समय- अददती भदरा को ददन भ 3-4 फाय 15-15 शभनटो क शरए कय सकत ह

25 हसी मदरा-

जस हॊस नीय ीय वववक की साभथमम यखता ह वस इस भदरा क कयन स सोिन औय तवरयत तनणमम की भता फढती ह मदरा िी ववचध - सखासन मा उतकटासन भ फठकय अऩन हाथ की सबी सफस छोटी अॊगरी को छोड़कय अॊगशरमो को अॊगठ क आग क बाग को दफान स हॊसी भदरा फन जाती ह अवचध- इस भदरा को परयॊब भ 5-8 शभनट स कयक 30-48 शभनट तक कय सकत ह मदरा िा ऱाभ- इस भदरा तनमशभत अभमास स वववक फढ़ता ह अथामत इसस सोिन-सभझन की शततत फढ़ती ह औय इसस शयीय का बायीऩन सभापत हो जाता ह

अनतबोध चतनय दवारा सऩादित तरिदिवसीय मदराचचकितसा सि 34

ववशषता- भाना जाता ह कक इस भदरा का तनमशभत अभमास कयन स याजशसक ताकत फढ़ती ह औय वमततत धन सॊऩनन फना यहता ह सावधानी - इस भदरा को कयत सभम ककसी बी परकाय का भॊतर नहीॊ जऩना िादहए औय ना ही कोई अनम धाशभमक उऩकरभ कय

26 हसतऩात मदरा-

ववचध- इस भदरा को कयन क शरए आऩ अऩन दोनो हाथो की हथरी क ऩीछ क बाग को आऩस भ अॊगशरमो सदहत शभरा द इस आकतत को हसतऩात भदरा कहा जाता ह मह नभसकाय भदरा जसा ही ह रककन इसभ हथरी क ऩटठ बाग को शभरा ददमा जाता ह ऱाभ- इस हसतऩात भदरा को कयन स शवास औय गर क क साय योग भ फहत राब शभरता ह तजन तसतरमाॊ मदद इसका तनमशभत अभमास कयती ह तो इसस उनक सतन सड़ौर सॊदय औय सवसथ हो जात ह तजन तसतरमो क सतन छोट ह ढीर ह मा उनक सतनो भ दध नहीॊ आता ह तो मह भदरा उनक शरए फहत राबकायी शसदध हो सकती ह

27 धयान मदरा

ववचध- ऩदमासन भ फठकय फाएॊ हाथ की हथरी ऩय दाएॊ हाथ की हथरी को (उसट हाथ ऩय सीध हाथ को) हसक स यखन स धमान भदरा फनती ह| धमान यख कक इस भदरा भ शसय गदमन एवॊ यीढ़ की हडडी सीधी यह| आॊख औय होठ सहज स फनद यह| धमान अऩन इटटदव क सवरऩ ऩय दटकाएॊ अथवा कामोतसगम कय अथामत शयीय स

अनतबोध चतनय दवारा सऩादित तरिदिवसीय मदराचचकितसा सि 35

सभता यखत हए कछ दय क शरए वविाय यदहत अवसथा भ यहन का परमास कय| अटटाॊग मोग (मभ तनमभ पराणामाभ परतमाहाय धायणा धमान औय सभाचध) क एक अॊग lsquoधमानrsquo की साधना भ मह भदरा ववशष रऩ स सहामक शसदध हई ह| ऱाभ - जो वमततत ऩदमासन नहीॊ कय सकत उनह धमान भदरा सखासन मा सवतसतक अथवा ऩारथी आसन भ कयना िादहए| मह सहज भदरा ह| सहज धमान भदरा को साधायण वमततत अचधक रमफ सभम तक सयरता स कय सकता ह| इसस धमान भदरा क राब बी शभर जात ह| धमान भदरा भ मदद हथशरमाॊ एक दसय ऩय यखन क फाद दोनो हथशरमाॊ ऻान भदरा की तसथतत भ यखी जाएॊ तो धमान भदरा तथा ऻान भदरा क सतमभशरत राब क साथ ऩदमासन क राब बी शभर जात ह| साधक क शरए धमान भदरा भ सभम की कोई सीभा नहीॊ ह| रककन सहजता क साथ ऩदमासन कयन की भता क अनरऩ धमान भदरा का अभमास कयना िादहए| साधायण वमततत को इस धीय-धीय फढ़ात हए कभ-स-कभ २० शभनट स एक घॊट तक कयना िादहए| धमान भदरा न कय सकन की अवसथा भ सहज धमान भदरा कयक राब उठाना िादहए| भन की िॊिरता शाॊत होकय चितत की एकागरता फढ़ती ह| साततवक वविायो की उतऩततत होती ह औय परब बजन भ भन रगता ह|

धमान क परबाव स साधक को धमान की उचितय तसथतत भ ऩहॊिन भ सहामता शभरती ह| आतभ साातकाय औय ईश वय क साातकाय भ मह भदरा सहामक ह|

28 शामभवी मदरा-

आॉख खरी हो रककन आऩ दख नहीॊ सकत ऐसी तसथतत जफ सध जाती ह तो उस शामबवी भदरा कहत ह ऐसी तसथतत भ आऩ नीॊद का भजा बी र सकत ह मह फहत कदठन साधना ह इसक ठीक उसटा कक जफ आॉख फॊद हो तफ आऩ दख

अनतबोध चतनय दवारा सऩादित तरिदिवसीय मदराचचकितसा सि 36

सकत ह मह बी फहत कदठन साधना ह रककन मह दोनो ही सॊबव ह असॊबव कछ बी नहीॊ फहत स ऐस ऩश औय ऩी ह जो आॉख खोरकय ही सोत ह ववचध- मदद आऩन तराटक ककमा ह मा आऩ तराटक क फाय भ जानत ह तो आऩ इस भदरा को कय सकत ह सवमपरथभ शसदधासन भ फठकय यीढ़-गदमन सीधी यखत हए ऩरको को तरफना झऩकाएॉ दखत यह रककन धमान ककसी बी िीज को दखन ऩय ना यख ददभाग तरफसकर बीतय कहीॊ रगा हो

ऱाभ- शामबवी भदरा को कयन स ददर औय ददभाग को शाॊतत शभरती ह मोगी का धमान ददर भ तसथय होन रगता ह आॉख खरी यखकय बी वमततत नीॊद औय धमान का आनॊद र सकता ह इसक सधन स वमततत बत औय बववटम का ऻाता फन सकता ह सऱाह- शामबवी भदरा ऩयी तयह स तबी शसदध हो सकती ह जफ आऩकी आॉख खरी हो ऩय व ककसी बी िीज को न दख यही हो ऐसा सभझ की आऩ ककसी धन भ जी यह हो आऩको खमार होगा कक कबी-कबी आऩ कहीॊ बी दख यह होत ह रककन आऩका धमान कहीॊ ओय यहता ह समय- इस भदरा को शरआत भ तजतनी दय हो सक कय औय फाद भ धीय-धीय इसका अभमास फढ़ात जाएॉ

अनतबोध चतनय दवारा सऩादित तरिदिवसीय मदराचचकितसा सि 37

29 शकततचालऱनी मदरा- ववचध - आठ अॊगर रॊफा औय िाय अॊगर िौड़ा भरामभ वसतर रकय नाशब ऩय रगाएॊ औय कदटसतर भ फाॊध र| कपय शयीय भ बसभ यभाकय शसदधासन भ फठ औय पराण को अऩान स मतत कय| जफ तक गहम दवाय स िरती हई वाम परकाशशत न हो इस सभम तक गहम दवाय को सॊकचित यख| इसस वाम का जो तनयोध होता ह उसभ कमबक क दवाया कणडशरनी शततत जागरत होती हई सषमना भागम स ऊऩय जाकय खड़ी हो जाती ह| मोगभदरा स ऩहर इसका अभमास कयन ऩय ही मोतन भदरा की ऩणम शसवदध होती ह| ऱाभ - इस भदरा स कणडशरनी शततत का जागयण होता ह| जफ तक मह सोती ह तफ तक सबी आॊतरयक शतततमाॊ सपत ऩड़ी यहती ह| इसशरए कणडशरनी का जागरत होना साधक क शरए फहत आवशमक ह| पराण-अऩान को सॊमतत कयन की ककरमा पराणवाम को ऩयक दवाया बीतय खीॊिन औय उडडीमान फॊध स अऩान वाम को ऊऩय की ओय आकवषमत कयन स ऩणम होती ह| इसभ गहम परदश क सॊकोि औय ववसताय का अभमास होन स अचधक सयरता हो सकती ह| 30 तड़ागी मदरा- ववचध - दोनो ऩाॊवो को दणड क सभान धयती ऩय ऩसाय र औय हाथो स उनक अॊगठो को ऩकड़न तथा दोनो जाॊघो ऩय शसय को सथावऩत कय साथ ही उदय को तड़ाग (सयोवय) क सभान कय र| ऱाभ - मह भदरा अनक योगो औय वदधावसथा को बी दय कयन भ सहामक शसदध होती ह|

अनतबोध चतनय दवारा सऩादित तरिदिवसीय मदराचचकितसा सि 38

31 माणडवी मदरा- ववचध - भख को फॊद कयक जफान को तार भ घभाएॊ औय सहसराय स टऩकत हए सधायस को जफान स धीय-धीय ऩीन का मतन कय| मही भाणडवी (मा भाणडकी) भदरा ह| ऱाभ - इसक दवाया फारो की सपदी उनका झड़ना शयीय ऩय झरयममो भॊहासो आदद का ऩड़ना तथा तनफमरता आदद दय होकय चिय-मौवन की परातपत होती ह| इसस यसोतऩादन होकय अभततव की उऩरतबध होना सॊबव हो जाता ह| 32 ऩालशनी मदरा ववचध- दोनो ऩाॊवो को कॊ ठ क ऩीछ की ओय र जाकय उनह ऩयसऩय शभराएॊ औय ऩाश क सभान दढ़ता स फाॊध र| ऱाभ - इसक अभमास स बी कणडशरनी शततत क जागयण भ फहत सगभता हो जाती ह तथा साधक क शयीय भ फर औय ऩतटट का आववबामव होता ह| भानशसक फरवदधमन भ बी मह फहत दहतकय ह| 33 िािी मदरा-

काक कौए को कहत ह कौए की िोि जसी भॊह की भदरा फना रन को काकी भदरा कहा जाता ह ववचध ककसी बी आसन भ फठकय होठो को ऩतरी सी नरी क सभान भोड़कय कौए की िोि जसा फना र अफ नाक क अगर बाग को दखत हए अऩना ऩया धमान नाक ऩय दटका द इसक फाद भॊह स धीय-धीय गहयी शवास रकय होठो को फॊद कय द कछ दय फाद शवास को नाक स फाहय तनकार द इस तयह स 10

अनतबोध चतनय दवारा सऩादित तरिदिवसीय मदराचचकितसा सि 39

शभनट तक कय ऱाभ मह भदरा जहाॊ शयीय भ ठॊडक फढ़ाती ह वहीॊ मह कई योगो को दय कयन भ राबदामक ह इस भदरा का तनयॊतय अभमास कयन स शयीय भ अॊदय बोजन ऩिान की ककरमा तज हो जाती ह इसस अमरवऩतत का फढ़ना कभ हो जाता ह

34 मातचगनी मदरा-

भातॊग का अथम होता ह भघ भाॊ दगाम का एक रऩ ह भातॊगी मह दस भहाववदमा भ स नौवीॊ ववदमा ह भातॊग नाभ स एक धमान होता ह भॊतर होता ह औय एक हाथी का नाभ बी भातॊग ह ऋवष वशशटठ की ऩतनी का एक नाभ बी भातॊगी ह ऋवष कशमऩ की ऩतरी का नाभ बी भातॊगी ह तजसस हाथी उतऩनन हए थ ववचध शाॊत जगह भ ऩानी क अॊदय गर तक शयीय को डफो र औय कपय नाक स ऩानी को खीॊिकय उस भॊह स तनकार र कपय भॊह स ऩानी को खीॊिकय नाक स फाहय तनकार द इस ककरमा को ही भातॊचगनी भदरा कहत ह ऱाभ इस भदरा क अभमास स आॊखो की योशनी तज हो जाती ह शसय ददम भ मह भदरा अतमॊत राबकायी भानी जाती ह इसस नजरा-जकाभ आदद क योग बी दय हो जात ह इस भदरा क तनयॊतय अभमास स िहय ऩय िभक आ जाती ह औय फार बी सपद नहीॊ होत ह इस भदरा क शसदध हो जान ऩय वमततत भ ताकत फढ़ जाती ह

35 नभोमदरा

नब का अथम होता ह आकाश इस भदरा भ जीब को तार की ओय रगात ह इसीशरए इस नबोभदरा कहत ह नबोभदरा कयना सयर नहीॊ ह इस ककसी मोग

अनतबोध चतनय दवारा सऩादित तरिदिवसीय मदराचचकितसा सि 40

शशक स सीखकय ही कयना िादहए मह भदरा फहत स योगो भ राबदामक शसदध हई ह इस फाय भ एक शरोक बी ह- मतर मतर तसथतो मोगी सवमकामष सवमदा उधवमतजवह तसथयो बतवाधायमतभवनॊ सदा नबोभदरा भवदषा मोदववना योग नाशशनी अथामत साय कामो भ तसथय हआ चितत अऩनी जीब क अगर बाग को भॊह क अॊदय तार भ रगाकय शवास को अॊदय योक रता ह इस तसथतत स विारयक गततववचधमाॊ ततकार फॊद हो जाती ह इसीशरए इस भदरा को यहसम का आबास ददरान वारी भदरा बी कहा जाता ह ववचध- अऩनी आॊखो को अऩनी दोनो बौहो क फीि भ जभाकय आऩकी जीब तार क साथ रगा र मह दोनो कामम एक ही साथ औय एक ही सभम भ कय सववधानसाय जफ तक सॊबव हो इसी तसथतत भ यह औय कपय कछ शभनट का धमान कय ऱाभ- नबोभदरा क तनयॊतय अभमास स जीब गर औय आॊखो क साय योग सभापत हो जात ह इसस भतसतटक भ तसथयता फढ़ती ह औय भतसतटक क योग बी दय हो जात ह

36 नालसिागर मदरा -

नाशसकागर भदरा का अथम होता ह नाक का आखखयी छोय ऊऩयी दहससा मा अगरबाग इस बाग ऩय फायी-फायी स सॊतरन फनान हए दखना ही नाकककागर भदरा मोग कहराता ह रककन मह भदरा कयन स ऩहर मोग शशक की सराह जरय र तमोकक इसक कयन स बकटी ऩय जोय ऩड़ता ह

अनतबोध चतनय दवारा सऩादित तरिदिवसीय मदराचचकितसा सि 41

ववचध- ककसी बी आसन भ फठकय नाक क आखखयी शसय ऩय नजय दटका र हो सकता ह कक ऩहर आऩ फाई आॊखो स उस दख ऩाएॊ तफ कछ दय फाद दाई आॊखो स दख इस दखन भ जया बी तनाव न हो सहजता स इस दख

ऱाभ- इसस जहाॊ आॊखो की एतसयसाइज होती ह वहीॊ मह भतसतटक क शरए बी राबदामक ह इसस भन भ एकागरता फढ़ती ह इस भदरा क रगाताय अभमास कयन स भराधाय िकर जागरत होन रगता ह तजसस कणडरीनी जागयण भ भदद शभरती ह इसस भराधाय िकर इसशरए जागरत होता ह तमोकक दोनो आॊखो क फीि ही तसथत ह इड़ा वऩ ॊगरा औय सषमना नाड़ी जो भराधाय तक गई ह समय- इस भदरा को इतनी दय तक कयना िादहए कक आॊखो ऩय इसका जमादा दफाव नहीॊ ऩड़ कपय धीय-धीय इस कयन का सभम फढ़ात जाएॊ

37 बरहम आसन मदरा-

कछ रोग इस बरहभा भदरा बी कहत ह तमोकक इस आसन भ गदमन को िाय ददशा भ घभामा जाता ह औय बरहभाजी क िाय भख थ इसीशरए इसका नाभ बरहभा भदरा आसन यखा गमा रककन असर भ मह बरहभ भदरा आसन ह औय इसभ सबी ददशाओॊ भ तसथत ऩयभशवय को जानकय उसका चिॊतन ककमा जाता ह नभाज ऩढ़त वतत मा सॊधमा वॊदन कयत वतत उतत भदरासन को ककमा जाता यहा ह ववचध- ऩदमासन शसदधासन मा वजरासन भ फठकय कभय तथा गदमन को सीधा यखत हए गदमन को धीय-धीय दामीॊ ओय र जात ह कछ सकॊ ड दामीॊ ओय रकत ह उसक फाद गदमन को धीय-धीय फामीॊ ओय र जात ह कछ सकॊ ड तक फामीॊ ओय रककय कपय दामीॊ ओय र जात ह कपय वाऩस आन क फाद गदमन को ऊऩय की ओय र जात ह उसक फाद नीि की तयप र जात ह कपय गदमन को तराकवाइज

अनतबोध चतनय दवारा सऩादित तरिदिवसीय मदराचचकितसा सि 42

औय एॊटीतराकवाइज घभाएॉ इस तयह मह एक िकर ऩया हआ अऩनी सववधानसाय इस िाय स ऩाॉि िकरो भ कय सकत ह

ऱाभ तजन रोगो को सवामइकर सऩोडराइदटस थाइयाइड नराॊटस की शशकामत ह उनक शरए मह आसन राबदामक ह इसस गदमन की भाॉसऩशशमाॉ रिीरी तथा भजफत होती ह आधमाततभक दतटट स बी मह आसन राबदामक ह आरसम बी कभ होता जाता ह तथा फदरत भौसभ क सदी-जकाभ औय खाॉसी स छटकाया बी शभरता ह

सावधाननया तजनह सवामइकर सऩोडराइदटस मा थाइयाइड की सभसमा ह व ठोडी को ऊऩय की ओय दफाएॉ गदमन को नीि की ओय र जात सभम कॊ ध न झकाएॉ कभय गदमन औय कॊ ध सीध यख गदमन मा गर भ कोई गॊबीय योग हो तो मोग चिककतसक की सराह स ही मह भदराआसन कय

38 भजचगनी मदरा- ववचध- इसभ भख को पराकय कॊ ठ स फाहयी वाम खीॊिी जाती ह| तार औय तजहवा क भधम वाम क घभन स शयीय भ अदभत शततत का आववबामव होता ह|

ऱाभ- मह भदरा अजीणम आदद उदय योगो को नटट कयन भ बी फहत उऩमोगी ह| इस परकाय भदराओॊ क अभमास स साधक को सफ परकाय क शायीरयक भानशसक औय आततभक फर की परातपत होती ह| मोगािामो क अनसाय lsquoनातसत भदरासनककॊ चित शसवदधदॊकषततभणडर (घयणड सॊदहता)rsquo अथामत भदराओॊ क सभान शसवदधदामक कोई अनम साधन ब-भॊडर ऩय नहीॊ ह| इसशरए मोगशसवदध क आकाॊीजनो को भदराओॊ का अभमास कयना शरमसकय ह|

अनतबोध चतनय दवारा सऩादित तरिदिवसीय मदराचचकितसा सि 43

39 खचरी मदरा-

भनटम की जीब (तजहवा) दो तयह की होती ह- रॊफी औय छोटी रॊफी जीब को सऩमतजहवा कहत ह कछ रोगो की जीब रॊफी होन स व उस आसानी स नाशसकागर ऩय रगा सकत ह औय खियी-भदरा कय सकत ह भगय तजसकी जीब छोटी होती ह उस तकरीपो का साभना कयना ऩड़ता ह सफस ऩहर उनह अऩनी जीब रॊफी कयनी ऩड़ती ह औय उसक शरए घषमण व दोहन का सहाया रना ऩड़ता ह जीब नीि की ओय स तजस नाड़ी स जड़ी होती ह उस काटना ऩड़ता ह खियी भदरा को शसदध कयन एवॊ अभत क सराव हत आवशमक उददीऩन भ कछ वषम बी रग सकत ह मह वमततत की मोनमता ऩय बी तनबमय कयता ह मोग भ कछ भदराएॊ ऐसी ह तजनह शसपम मोगी ही कयत ह साभानमजनो को इनह नहीॊ कयना िादहए खियी भदरा साधको क शरए भानी गई ह ववचध - इसक शरए जीब औय तार को जोड़न वार भाॊस-तॊत को धीय-धीय काटा जाता ह अथामत एक ददन जौ बय काटकय छोड़ ददमा जाता ह कपय तीन-िाय ददन फाद थोड़ा-सा औय काट ददमा जाता ह इस परकाय थोड़ा-थोड़ा काटन स उस सथान की यतत शशयाएॊ अऩना सथान बीतय की तयप फनाती जाती ह जीब को काटन क साथ ही परततददन धीय-धीय फाहय की तयप खीॊिन का अभमास ककमा जाता ह इसका अभमास कयन स कछ भहीनो भ जीब इतनी रॊफी हो जाती ह कक मदद उस ऊऩय की तयप रौटा (उसटा कयन) ददमा जाए तो वह शवास जान वार छदो को बीतय स फॊद कय दती ह इसस सभाचध क सभम शवास का आना-जाना ऩणमत योक ददमा जाता ह ऱाभ इस भदरा स पराणामाभ को शसदध कयन औय साभचध रगान भ ववशष सहामता शभरती ह साधनायत साधओॊ क शरए मह भदरा फहत ही राबदामी भानी

अनतबोध चतनय दवारा सऩादित तरिदिवसीय मदराचचकितसा सि 44

जाती ह ववशषता तनयॊतय अभमास कयत यहन स तजफ जफ रॊफी हो जाती ह तफ उस नाशसका यनरो भ परवश कयामा जा सकता ह इस परकाय धमान रगान स कऩार भागम एवॊ तरफ ॊद ववसगम स सॊफॊचधत कछ गरॊचथमो भ उददीऩन होता ह तजसक ऩरयणाभसवरऩ अभत का सराव आयॊब होता ह उसी अभत का सराव होत वतत एक ववशष परकाय का आधमाततभक अनबव होता ह इस अनबव स शसवदध औय सभाचध भ तजी स परगतत होती ह चतावनी मह आरख शसपम जानकायी हत ह कोई बी वमततत इस ऩढ़कय कयन का परमास न कय तमोकक मह शसपम साधको क शरए ह आभ रोगो क शरए नहीॊ

40 अकzwj वनी मदरा- इस भदरा स साधक भ घोड़ो जसी शततत आ जाती ह तजस lsquoहॉसम ऩॉवयrsquo कहत ह|

ववचध - इस भदरा भ गदा-दवाय का फाय-फाय सॊकोिन औय परसाय ककमा जाता ह| इसी स भदरा की शसवदध हो जाती ह| इसक दवाया कणडशरनी जागयण भ सगभता यहती ह औय अनक योग नटट होकय शायीरयक फर की ववदध होती ह|

ऱाभ - अतश वनी भदरा शसदध होन स साधक की अकारभतम कबी नहीॊ होती| गदा औय उदय स सॊफॊचधत योगो का इसक दवाया शभन होता ह तथा दीघमजीवन की उऩरतबध होती ह| तरफना भरफॊध क अतश वनी भदरा नहीॊ हो सकती| 41 बजरौऱी मदरा- फजरौरी भदरा बी भरफॊध का अचछा अभमास ककए तरफना ककसी परकाय सॊबव नहीॊ ह| मह भदरा कवर मोगी क शरए ही नहीॊ बोगी क शरए बी अतमॊत राबकायी ह|

अनतबोध चतनय दवारा सऩादित तरिदिवसीय मदराचचकितसा सि 45

ववचध - इस भदरा भ ऩहर दोनो ऩाॊवो को बशभ ऩय दढ़ताऩवमक दटकाकय दोनो ऩाॊवो को धीय-धीय दढ़ताऩवमक ऊऩय आकाश भ उठा द| इसस तरफॊद-शसवदध होती ह| शकर को धीय-धीय ऊऩय की आकॊ िन कय अथामत इॊददरम क आॊकिन क दवाया वीमम को ऊऩय की ओय खीॊिन का अभमास कय तो मह भदरा शसदध होती ह| ववदवानो का भत ह कक इस भदरा क अभमास भ सतरी का होना आवशमक ह तमोकक बग भ ऩततत होता हआ शकर ऊऩय की ओय खीॊि र तो यज औय वीमम दोनो ही िढ़ जात ह| मह ककरमा अभमास स ही शसदध होती ह| कछ मोगािामम इस परकाय का अभमास शकर क सथान ऩय दनध स कयना फतात ह| जफ दनध खीॊिन का अभमास शसदध हो जाए तफ शकर को खीॊिन का अभमास कयना िादहए| वीमम को ऊऩय खीॊिनवारा मोगी ही ऊधवमयता कहराता ह| ऱाभ - इस भदरा स शयीय रटट-ऩटट तजसवी सॊदय सडौर औय जया-भतम यदहत होता ह| शयीय क सबी अवमव दढ़ होकय भन भ तनश िरता की परातपत होती ह| इसका अभमास अचधक कदठन नहीॊ ह| मदद गहसथ बी इसक कय तो फरवदधमन औय सौदममवदधमन का ऩया राब परापत कय सकत ह चतावनी मह आरख शसपम जानकायी हत ह कोई बी वमततत इस ऩढ़कय कयन का परमास न कय तमोकक मह शसपम साधको क शरए ह आभ रोगो क शरए नहीॊ

साधना कयनवार वमततत क शरए मह आवशमक ह कक वह साधना भ कातमक वाचिक औय भानशसक ककरमाओॊ ऩय ऩया तनमॊतरण यख तथा सभम-सभम ऩय उचित ताॊतरतरक परककरमाओॊ का बी सभनवम कयता यह| इस दतटट स तजस परकाय आसन ऩातरासादन अिमन आदद भ ककरमाओॊ का ववधान ह उसी परकाय उनक साथ कछ भदरा फनान का ववधान ह| म भदराएॊ भखम रऩ-स हाथ औय उसकी उॊगशरमो क परमोग स फनती ह| जस हभाया शयीय ऩॊिततवभम ह| अत शासतरकायो न कहा ह कक इन उॊगशरमो क परमोग स इन ततवो की नमनाचधकता दय की जा

अनतबोध चतनय दवारा सऩादित तरिदिवसीय मदराचचकितसा सि 46

सकती ह तथा ततवो की सभता-ववषभता स होनवारी कभी को उॊगशरमो की भदरा स सभ फनामा जा सकता ह| इतना ही नहीॊ ऐसी भदराओॊ क सहमोग स उन ततवो को सवचछाऩवमक घटामा-फढ़ामा बी जा सकता ह| म ततव करभश अॊगटठ भ अतनन तजमनी भ वाम भधमभा भ आकाश अनाशभका भ ऩथवी औय कतनतटठका भ जर क रऩ भ ववदमभान यहत ह| दवताओॊ की परसननता चितत की शवदध औय ववववध योगो क नाश भ भदराओॊ स फड़ी सहामता शभरती ह| भदराततव को सभझकय परतमक मोगी को इनका साधन कयना िादहए| कणडशरनी शततत क जागयण भ इन भदराओॊ स सहामता शभरती ह| महाॊ हभन तजन भदराओॊ का वणमन एवॊ चितरण ककमा ह उसभ परतमक मोगी साधक को ऩरयचित होना िादहए|

अनतबोध चतनय दवारा सऩादित तरिदिवसीय मदराचचकितसा सि 47

मोग अनसाय आसन औय पराणामाभ की तसथतत को भदरा कहा जाता ह फॊध ककरमा औय भदरा भ आसन औय पराणामाभ दोनो का ही कामम होता ह मोग भ भदराओॊ को आसन औय पराणामाभ स बी फढ़कय भाना जाता ह भदरा दो तयह की होती ह- ऩहरी हसत भदरा अथामत हाथो औय उसकी अॊगशरमो को ववशष आकतत भ फनाना औय दसयी आसन भदरा अथामत तजसभ ऩया शयीय ही सॊिाशरत होता ह

Page 6: 235347477 Mudra Chikitsa Swami Ananta Bodha Chaitanya

अनतबोध चतनय दवारा सऩादित तरिदिवसीय मदराचचकितसा सि 6

समम नभसकाय की शरआत बी इसी भदरा स होती ह इसी भदरा भ कई आसन ककए जात ह परणाभ ववनम का सिक ह इस नभसकाय मा नभसत बी कह सकत ह सभि बायतवषम भ इसका परिरन ह इस भदरा को कयन क अनको पामद ह मोगासन मा अनम कामम की शरआत क ऩवम इस कयना िादहए इसको कयन स भन भ अचछा बाव उतऩनन होता ह औय कामम भ सपरता शभरती ह ववचध दोनो हाथो को जोड़कय जो भदरा फनात ह उस नभसकाय भदरा कहत ह सवम परथभ आॉख फॊद कयत हए दोनो होथो को जोड़कय अथामत दोनो हथशरमो को शभरात हए छाती क भधम भ सटाएॉ तथा दोनो हथशरमो को एक-दसय स दफात हएॉ कोहतनमाॉ को दाएॉ-फाएॉ सीधी तान द जफ म दोनो हाथ जड़ हए हभ धीय-धीय भतसतटक तक ऩहॉित ह तो नभसकाय भदरा फनती ह ऱाभ हभाय हाथ क तॊत भतटतटक क तॊतओॊ स जड़ ह हथशरमो को दफान स मा जोड़ यखन स रदमिकर औय आऻािकर भ सककरमता आती ह तजसस जागयण फढ़ता

अनतबोध चतनय दवारा सऩादित तरिदिवसीय मदराचचकितसा सि 7

ह उतत जागयण स भन शाॊत एवॊ चितत भ परसननता उतऩनन होती ह रदम भ ऩटटता आती ह तथा तनशबमकता फढ़ती ह इस भदरा का परबाव हभाय सभि बावनातभक औय विारयक भनोबावो ऩय ऩड़ता ह तजसस सकायातभकता फढ़ती ह मह साभातजक औय धाशभमक दतटट स बी राबदामक ह

2 जञान मदरा ndash

ववचध- दाङगटठतजमनी मोगो ऻान भदरा (तनतमोतसव)

अनतबोध चतनय दवारा सऩादित तरिदिवसीय मदराचचकितसा सि 8

अॊगठ औय तजमनी(ऩहरी उॊगरी) क ऩोयो को आऩस भ (तरफना जोय रगाम सहज रऩ भ) जोड़न ऩय ऻान भदरा फनती ह ऱाभ- इस भदरा क तनतम अभमास स सभयण शततत का अबतऩवम ववकाश होता हभतटतटक की दफमरता सभापत हो जाती हसाधना भ भन रगता हधमान एकागरचित होता हइस भदरा क साथ मदद भॊतर का जाऩ ककमा जाम तो वह शसदध होता ह ककसी बी धभमऩॊथ क अनमामी तमो न हो उऩासना कार भ मदद इस भदरा को कय औय अऩन इटट भ धमान एकागरचितत कय तो भन भ फीज रऩ भ तसथत परभ की अनतसशररा का अजशर शरोत सवत परसपदटत हो परवादहत होन रगता ह औय ऩयभाननद की परातपत होती हइसी भदरा क साथ तो ऋवषमो भनीवषमो तऩतसवमो न ऩयभ ऻान को परापत ककमा था ऩागरऩनअनक परकाय क भनोयोग चिडचिडाऩनकरोधिॊिरतारमऩटताअतसथयताचिॊताबमघफयाहटवमाकरताअतनदरा योग डडपरशन जस अनक भन भतसतटक समफनधी वमाचधमाॊ इसक तनमशभत अभमास स तनतशित ही सभापत हो जाती हभानशसक भता फढ़न वारा तथा सतोगण का ववकास कयन वारा मह अिक साधन ह ववदमाचथममो फवदधजीववमो स रकय परतमक आमवगम क सतरी ऩरषो को अऩन आततभक भानशसक ववकास क शरए भदराओॊ का परमोग अवशम ही कयना िादहए

अनतबोध चतनय दवारा सऩादित तरिदिवसीय मदराचचकितसा सि 9

3 वाम भदरा-

ववचध - अॊगठ क फाद वारी ऩहरी अॊगरी - तजमनी को भोड़कय उसक नाखबाग का दवाफ (हसका) अॊगठ क भर बाग (जड़) भ ककमा जाम औय अॊगठ स तजमनी ऩय दवाफ फनामा जाम शष तीनो अॉगशरमो को अऩन सीध भ सीधा यखा जामइसस जो भदरा फनती हउस वाम भदरा कहत ह राब - वाम सॊफनधी सभसत योग मथा - गदठमाजोडो का ददम वात ऩाघात हाथ ऩय मा शयीय भ कमऩन रकवा दहसटीरयमा वाम शर गस इतमादद अनक असाधम योग इस भदरा स ठीक हो जात ह इस भदरा क साथ कबी कबी पराण भदरा बी कयत यहना िादहए

अनतबोध चतनय दवारा सऩादित तरिदिवसीय मदराचचकितसा सि 10

4 आिाश मदरा

ववचध दोनो हाथो की भधमभा अॊगशरमो को अॊगठो क अगरबाग स रगाकय फाकी अॊगशरमो को सीधा कय द अफ हाथो को घटनो ऩय यख र हथशरमो का रख ऊऩय की ओय यहगा कभय-गदमन सीधी यख कय आॊख फॊद कय धमान की तसथतत भ फठ जाएॊ ऱाभ कान क योग फहयाऩन कान भ आवाज आन की सभसमा दय होन रगती ह हडडडमो की कभजोयी को बी दय कयन भ भदद शभरती ह

अनतबोध चतनय दवारा सऩादित तरिदिवसीय मदराचचकितसा सि 11

5 शनम भदरा -

ववचध - अॊगठ स दसयी अॊगरी (भधमभासफस रमफी वारी अॊगरी) को भोड़कय अॊगठ क भर बाग (जड़ भ) सऩशम कय औय अॊगठ को भोड़कय भधमभा क ऊऩय स ऐस दफाम कक भधमभा उॊगरी का तनयॊतय सऩशम अॊगठ क भर बाग स फना यह फाकी की तीनो अॉगशरमो को अऩनी सीध भ यखइस तयह स जो भदरा फनती ह उस शनम भदरा कहत ह राब - इस भदरा क तनयॊतय अभमास स कान फहना फहयाऩन कान भ ददम इतमादद कान क ववशबनन योगो स भततत सॊबव हमदद कान भ ददम उठ औय इस भदरा को परमतत ककमा जाम तो ऩाॊि सात शभनट क भधम ही राब अनबत होन रगता हइसक तनयॊतय अभमास स कान क ऩयान योग बी ऩणमत ठीक हो जात ह इसकी अनऩयक भदरा आकाश भदरा हइस भदरा क साथ साथ मदद आकाश भदरा का परमोग बी ककमा जाम तो वमाऩक राब शभरता ह

अनतबोध चतनय दवारा सऩादित तरिदिवसीय मदराचचकितसा सि 12

6 ऩथवी मदरा

ववचध दोनो हाथो की अनाशभका अॊगशरमो को अॊगठो क अगरबाग स रगाकय फाकी अॊगशरमाॊ सीधी यख अफ हाथो को घटनो ऩय यख र हथशरमो का रख ऊऩय की ओय यहगा कभय-गदमन सीधी यख कय आॊख फॊद कय धमान की तसथतत भ फठ जाएॊ ऱाभ मह भदरा शायीरयक दफरमता दय कय वजन फढ़ाती ह शयीय भ सपततम कातनत एवॊ तज फढ़ाकय जीवनी शततत का ववकास कयती ह इसक अभमास स ऩािन तनतर को फर शभरता ह

अनतबोध चतनय दवारा सऩादित तरिदिवसीय मदराचचकितसा सि 13

7 सयय मदरा

ववचध दोनो हाथो की अनाशभका अॊगशरमो को अॊगठो क भर भ रगाकय अॊगठ स दफाकय फाकी अॊगशरमो को सीधा कयक यख अफ हाथो को घटनो ऩय यख र हथशरमो का रख ऊऩय की ओय यहगा कभय-गदमन सीधी यख कय आॊख फॊद कय धमान की तसथतत भ फठ जाएॊ ऱाभ मह भदरा भोटाऩा कभ कय वजन घटाती ह शयीय भ ऊटणता फढ़ाती ह शततत का ववकास कयती ह कॉरसरॉर फढ़न नहीॊ दती भधभह व रीवय क योग भ राब ऩहॊिाती ह शयीय को सॊतशरत कय दती ह नोट कभजोय वमततत इसका अभमास न कय गभी भ इसका अभमास कभ ही कय

अनतबोध चतनय दवारा सऩादित तरिदिवसीय मदराचचकितसा सि 14

8 वरण मदरा

ववचध दोनो हाथो की कतनटठा अॊगशरमो को अॊगठो क अगरबाग ऩय रगाकय फाकी अॊगशरमो को सीधा यखन स मह भदरा फनती ह अफ हाथो को घटनो ऩय यख र हथशरमो का रख ऊऩय की ओय यहगा कभय-गदमन सीधी यख कय आॊख फॊद कय धमान की तसथतत भ फठ जाएॊ ऱाभ मह िभमयोग यतत ववकाय दय कयती ह शयीय भ रखाऩन दय कय तविा को िभकीरी व भरामभ फनान भ सहामक ह िहय की सॊदयता को फढ़ा दती ह नोट कप परकतत वार वमततत इसका अभमास जमादा न कय

अनतबोध चतनय दवारा सऩादित तरिदिवसीय मदराचचकितसा सि 15

9 जऱोिर नाशि-

ववचध कतनटठा को अॉगठ क जड़ भ रगाकय अॉगठ स दफाम राब- जर तततव की अचधकता स होन वार सबी योगसजन जरोदय आदद भ ववशष राब होता

ह योग शानत होन तक ही कय

अनतबोध चतनय दवारा सऩादित तरिदिवसीय मदराचचकितसा सि 16

10 पराण मदरा -

ववचध अॊगठ स तीसयी अनाशभका तथा िौथी कतनतटठका अॉगशरमो क ऩोयो को एकसाथ अॊगठ क ऩोय क साथ शभराकय शष दोनो अॉगशरमो को अऩन सीध भ खडा यखन स जो भदरा फनती ह उस पराण भदरा कहत ह राब - हरदम योग भ याभफाण तथा नतरजमोतत फढान भ मह भदरा ऩयभ सहामक हसाथ ही मह पराण शततत फढ़ान वारा बी होता हपराण शततत परफर होन ऩय भनटम क शरए ककसी बी परततकर ऩरयतसथततमो भ धममवान यहना अतमॊत सहज हो जाता हवसतत दढ पराण शततत ही जीवन को सखद फनाती ह इस भदरा की ववशषता मह ह कक इसक शरए अवचध की कोई फाधमता नहीॊइस कछ शभनट बी ककमा जा सकता ह

अनतबोध चतनय दवारा सऩादित तरिदिवसीय मदराचचकितसा सि 17

11 अऩान मदरा

ववचध दोनो हाथो की भधमभा तथा अनाशभका अॊगशरमो को अॊगठ क अगरबाग स रगाकय फाकी अॊगशरमो को सीधी यख अफ हाथो को घटनो ऩय यख र हथशरमो का रख ऊऩय की ओय यहगा कभय-गदमन सीधी यख कय आॊख फॊद कय धमान की तसथतत भ फठ जाएॊ ऱाभ कबज भधभह ककडनी ववकाय वाम ववकाय फवासीय को दय कयन भ सहामक ह शयीय को शदध कय नाड़ी दोषो को दय कयन वारी ह भतर का अवयोध दय कय दाॊतो को भजफत कयती ह ऩसीना बी राती ह नोट इस भदरा क अभमास स भतर अचधक आन रगता ह

अनतबोध चतनय दवारा सऩादित तरिदिवसीय मदराचचकितसा सि 18

12 वयान मदरा-

ववचध- हाथ की भधमभा अॊगरी क आग क बाग को अॊगठ क आग क बाग स शभरान औय तजमनी अॊगरी को फीि की अॊगरी क नाखन स छआएॊ फाकी फिी सायी अॊगशरमाॊ सीधी यहनी िादहए इसी को वमान भदरा कहा जाता ह अवचध- इस भदरा को सफह 15 शभनट औय शाभ को 15 शभनट तक कयना िादहए ऱाभ- वमान भदरा को कयन स ऩशाफ सॊफॊधी सबी योग दय होत ह जस- ऩशाफ जमादा आना ऩशाफ भ िीनी आना ऩशाफ क साथ घात आना ऩशाफ रक-रक कय आना आदद योग सभापत हो जात ह इसक अरावा इस भदरा क तनमशभत अभमास स भधभह परभह औय सवपनदोष बी दय होता ह तसतरमो क शरए मह भदरा सफस जमादा राबदामक फताई गई ह इस भदरा को कयन स तसतरमो क साय योग सभापत हो जात ह

अनतबोध चतनय दवारा सऩादित तरिदिवसीय मदराचचकितसा सि 19

13 उिान मदरा-

ववचध - ऩहरी भधमभा औय अनाशभका उॊगरी क आग क बाग को अॊगठ क आग क बाग स रगाएॊ इस उदान भदरा कहत ह इसका सॊफॊध कॊ ठ स भतसतटक तक होता ह मह ववशवदध िकर को परवादहत कयता ह

राब - इसस भन शाॊत होता ह औय थामयॉइड सॊफॊधी सबी योगो भ राब ऩहॊिता ह

सभमावचध - इस भदरा को बी कवर 15 स 45 शभतनट तक ही कयना िादहए

अनतबोध चतनय दवारा सऩादित तरिदिवसीय मदराचचकितसा सि 20

14 सभान भदरा

ववचध - हाथ की िायो उॊगशरमो औय अॊगठ क अगरबाग को शभरा कय ऊऩय की तयप यखन स सभान भदरा फनती ह इस भदरा भ ऩाॊिो ततव शभर जात ह

राब ndash मह भदरा हभाय वविायो को आधमाततभक फनाती ह फय वविाय दय होत ह

अनतबोध चतनय दवारा सऩादित तरिदिवसीय मदराचचकितसा सि 21

15 हिय मदरा

ववचध दोनो हाथो की तजमनी अॊगशरमो को अॊगठो क भर भ रगाकय भधमभा व अनाशभका अॊगशरमो को अॊगठ क अगरबाग ऩय रगा द व छोटी अॊगरी को सीधा कयक यख अफ हाथो को घटनो ऩय यख र हथशरमो का रख ऊऩय की ओय यहगा कभय-गदमन सीधी यख कय आॊख फॊद कय धमान की तसथतत भ फठ जाएॊ ऱाभ मह भदरा रदम योगो भ ववशष रऩ स राबकायी ह परततददन 10-15 शभनट अभमास स रदम भजफत होता ह गस फनना शसयददम असथभा व उचि यततिाऩ भ राबकायी ह सीदढ़मो ऩय िढ़न स ऩहर ही अगय मह भदरा रगा री जाए औय इस भदरा क साथ ही सीदढ़माॊ िढ़ी जाएॊ तो साॊस नहीॊ परती

अनतबोध चतनय दवारा सऩादित तरिदिवसीय मदराचचकितसा सि 22

16 लऱग मदरा

ववचध- फाएॉ हाथ का अॊगठा सीधा खडा कय दादहन हाथ स फाएॊ हाथ कक अॉगशरमो भ ऩयसऩय पॉ सात हए दोनो ऩॊजो को ऐस जोड कक दादहना अॊगठा फाएॊ अॊगठ को फहाय स आवतत कय र इस परकाय जो भदरा फनगी उस अॊगटठ भदरा कहग राब - अॊगठ भ अतनन ततव होता हइस भदरा क अभमास स शयीय भ उटभता फढ़न रगती हशयीय भ जभा कप ततव सखकय नटट हो जाता हसदी जकाभखाॊसी इतमादद योगो भ मह फड़ा राबदामी होता हकबी मदद शीत परकोऩ भ आ जाएॉ औय शयीय भ ठणड स कॊ ऩकॊ ऩाहट होन रग तो इस भदरा का परमोग तवरयत राब दता ह

अनतबोध चतनय दवारा सऩादित तरिदिवसीय मदराचचकितसा सि 23

17 शख मदरा-

ववचध - फाएॊ हाथ क अॊगठ को दोनो हाथ की भटठी भ फॊद कयक फाएॊ हाथ की तजमनी उॊगरी को दादहन हाथ क अॊगठ स शभरान स शॊख भदरा फनती ह| इस भदरा भ फाएॊ हाथ की फाकी तीन उॊगशरमो क ऩास भ सटाकय दाएॊ हाथ की फॊद उॊगशरमो ऩय हसका-सा दफाव ददमा जाता ह| इसी परकाय हाथ फदरकय अथामत दाएॊ हाथ क अॊगठ को फाएॊ हाथ की भटठी भ फॊद कयक शॊख भदरा फनाई जाती ह| इस भदरा भ ऱाभ - अॊगठ का दफाव हथरी क फीि क बाग ऩय औय भटठी की तीन उॊगशरमो का दफाव शकर ऩवमत ऩय ऩड़ता ह तजसस हथरी भ तसथत नाशब औय थाइयॉइड (ऩतसरका) गरॊचथ क क दर दफत ह| ऩरयणाभसवरऩ नाशब औय थाइयॉइड गरॊचथ क ववकाय ठीक होत ह|

अनतबोध चतनय दवारा सऩादित तरिदिवसीय मदराचचकितसा सि 24

शॊख भदरा का नाशब िकर स तनकट का सॊबॊध ह इसशरए शायीय क सनामतॊतर ऩय ववशष कामम कयती ह अत अनत औय फाहम सवासथम भ फहत राबकायी ह

मह ऩािन तॊतर को उततभ फनाती ह

तनमशभत कयन स बख फढान भ भदद शभरती ह

मह भदरा फोरत सभम उचिायण क दोषो को दय कयन भ फहत परबावी ह जस ततराना हकराना आदद दोष तनमभतत परमोग स दय हो जात ह

सॊगीत की साधना कयन वारो क शरए ववशश राबकायी ह वाणी को भधय फनाती ह

मह भदरा ऩजन भ बी परमतत होती ह| इसका परमोग रॊफ सभम तक ककमा जा सकता ह| इस भदरा का नाशबिकर स ववशष समफनध ह तजसक कायण नाशब स सॊफॊचधत शयीय की नाडड़मो ऩय सकषभ औय सवासथमवधमक परबाव ऩड़ता ह तथा सनामभणडर शतततशारी फनती ह|

अनतबोध चतनय दवारा सऩादित तरिदिवसीय मदराचचकितसा सि 25

18 योनन मदरा-

मौचगक दतटट स अऩन अॊदय कई परकाय क यहसम तछऩाए यखनवारी भदरा का वासतववक नाभ lsquoमोतन भदराrsquo ह| तत मोग क अनसाय कवर हाथो की उॊगशरमो स भहाशततत बगवती की परसननता क शरए मोतन भदरा परदशशमत कयन की आऻा ह| परतम रऩ स इसका परबाव रॊफी मोग साधना क अॊतगमत तॊतर-भॊतर-मॊतर साधना स बी दतटटगोिय होता ह| इस भदरा क तनयॊतय अभमास स साधक की पराण-अऩान वाम को शभरा दनवारी भरफॊध ककरमा को बी साथ कयन स जो तसथतत फनती ह उस ही मोतन भदरा की सॊऻा दी ह| मह फड़ी िभतकायी भदरा ह| ऩदमासन की तसथतत भ फठकय दोनो हाथो की उॊगशरमो स मोतन भदरा फनाकय औय ऩवम भरफॊध की तसथतत भ सममक बाव स तसथत होकय पराण-अऩान को शभरान की परफर बावना क साथ भराधाय सथान ऩय मौचगक सॊमभ कयन स कई परकाय की शसवदधमाॊ परापत हो जाती ह|

अनतबोध चतनय दवारा सऩादित तरिदिवसीय मदराचचकितसा सि 26

ऋवषमो का भत ह कक तजस मोगी को उऩयोतत तसथतत भ मोतन भदरा का रगाताय अभमास कयत-कयत शसवदध परापत हो गई ह उसका शयीय साधनावसथा भ बशभ स आसन सदहत ऊऩय अधय भ तसथत हो जाता ह| सॊबवत इसी कायण आदद शॊकयािाममजी न अऩन मोग यतनावरी नाभक ववशष गरॊथ भ भरफॊध का उसरख ववशष रऩ स ककमा ह|

19 धन मदरा -

बायतीम ऩयॊऩया भ धन गाम को कहा जाता ह औय मह दहनद धभम क साततवक औय भहानता का परतीक ह धन भदरा फनात सभम हाथो की उॊगशरमा गाम क थनो जसी हो जाती ह जस गाम क थनो स दध ऩीकय शयीय ऩटट फनता ह वस ही धन भदरा कयन स बी शयीय रटट ऩटट फनता ह

ववचध - अनमोनमाशबभखॊ तशरटटाकतनटठानाशभका ऩन

अनतबोध चतनय दवारा सऩादित तरिदिवसीय मदराचचकितसा सि 27

तथा ि तजमतनभधमा धन भदरा अभत परदा ( कारी तॊतर )

अऩन दोनो हाथो की अॊगशरमो क ऩोयो को एक साथ शभरा र कपय फाम हाथ की तजमनी ऊॊ गरी को दाएॊ हाथ की फीि वारी उॊगरी स छआए इसक फाद दाएॊ हाथ की तजमनी उॊगरी को फाम हाथ की फीि वारी उॊगरी स छआम ऐस ही फाम हाथ की अनाशभका उॊगरी को दाएॊ हाथ की सफस छोटी उॊगरी स शभराएॊ अॉगठो को खरा छोड़ द हाथ की अॊगशरमो को नीि की तयप कयन स अॊगशरमो की आकतत गाम क धनो जसी हो जाती ह इसी कायण इस धन भदरा कहत ह

सभम - इस भदरा का अभमास धीय धीय फढ़ाए ऩहर 1 स 15 शभतनट औय फाद भ 15 स 30 तथा जफ अचछी तयह मह भदरा अभमास भ आ जाए तफ इस भदरा को 45 शभतनट तक कय सकत ह

राब - धन भदरा स ऩािन तॊतर भजफत होता ह औय शयीय ताकतवय व सवसथ फनता ह मह ऩट क योगो क शरए याभफाण भदरा ह मोग साधना भ फहत ही उऩमोगी भदरा कहराती ह तॊतर एवॊ कभमकाॊड भ बी धन भदरा का परमोग ह ह ऩयानी भानमता क अनसाय मह अभत ततव को दन वारी भदरा ह मह भदरा वात वऩतत तथा कप को सॊतशरत कयती ह

अनतबोध चतनय दवारा सऩादित तरिदिवसीय मदराचचकितसा सि 28

20 मगी मदरा-

भग दहयन को कहा जाता ह मऻ क दौयान होभ की जान वारी साभगरी को इसी भदरा भ होभ ककमा जाता ह पराणामाभ ककए जान क दौयान बी इस भदरा का उऩमोग होता ह धमान कयत वतत बी इस भदरा का इसतभार ककमा जाता ह मह भदरा फनात वतत हाथ की आकतत भग क शसय क सभान हो जाती ह इसीशरए इस भगी भदरा कहा जाता ह मह एक हसत भदरा ह ववचध अऩन हाथ की अनाशभका औय भधमभा अॊगरी को अॊगठ क आग क बाग को छआ कय फाकी फिी तजमनी औय कतनटठा अॊगरी को सीधा तान दन स भगी भदरा फन जाती ह योग आसन - इस दौयान उतकटासन सखासन औय उऩासना क सभम इसतभार होन वार आसन ककए जा सकत ह

अनतबोध चतनय दवारा सऩादित तरिदिवसीय मदराचचकितसा सि 29

समय- इस भदरा को सववधानसाय कछ दय तक कय सकत ह औय इस तीन स िाय फाय ककमा जा सकता ह ऱाभ- भगी भदरा कयत सभम अॊगठ क ऩोय औय अॊगशरमो क जोड़ ऩय दफाव ऩड़ता ह उतत दफाव क कायण शसयददम औय ददभागी ऩयशानी भ राब शभरता ह एतमपरशय चिककतसा क अनसाय उतत अॊगशरमो क अॊदय दाॊत औय सामनस क तरफ ॊद होत ह तजसक कायण हभ दाॊत औय सहनस योग भ बी राब शभरता ह ववशष- भाना जाता ह कक इस भदरा को कयन स सोिन औय सभझन की शततत का ववकास बी होता ह भगी भदरा शभगी क योचगमो क शरए फहत ही राबकायी ह

21 यमहररमदरा

ववचध -सवम परधभ आऩ अऩन दोनो हाथो की सफस छोटी अॊगरी अथामत कतनटठा को आऩस भ एक दसय क परथभ ऩोय स शभरा द इसी क साथ दोनो अॊगठ को बी आऩस भ शभरा द अफ तीन अॊगशरमाॊ फाकी यह जाएॊगी- भध मभा तजमनी औय अनाशभका इन तीनो अॊगशरमो को हथरी की ओय भोड़कय भटठी जसा फनाइए अॊगशरमो की इस तसथतत को मभ हरयभदरा कहत ह

अनतबोध चतनय दवारा सऩादित तरिदिवसीय मदराचचकितसा सि 30

ऱाभ - मभहरयभदरा क तनमशभत अभमास स नाडड़मो को शततत शभरती ह इस भदरा क तनयॊतय अभमास स ऩट क योग जस- कबज बख ना रगना औय तजगय की कभजोयी दय होती ह इस भदरा स तसतरमो क सतनो क साय योगो भ बी राब शभरता ह मभ हरयभदरा को परततददन 5 शभनट सफह औय 5 शभनट शाभ को कय आऩ इसक कयन का सभम फढ़ाकय 10 शभनट तक कय सकत ह परततददन कभ स कभ ऩाॊि भदराएॊ अऩनी सववधानसाय कयनी िादहए भदराओॊ स सबी योगो भ राब ऩामा जा सकता ह मदद उनका मोग शशक स ऩछकय तनमशभत अभमास ककमा जाए भदराएॊ खासकय उन रोगो क शरए पामदभॊद सातरफत होती ह जो मोगासन कयन भ असभथम ह

22 ऩषऩाजलऱ मदरा-

अनतबोध चतनय दवारा सऩादित तरिदिवसीय मदराचचकितसा सि 31

मह भहतवऩणम हसत मोग भदरा ह जस दआ भ हाथ उठात ह मा ऩटऩ अऩमण कयत ह तफ मह भदरा फनती ह जसा कक इसका नाभ ह ऩटऩाॊजशर इसी स मह शसदध होता ह कक मह भदरा ककस परकाय की होगी ववचध- दोनो हाथो की अॊगशरमो औय अॊगठ को आऩस भ शभरा भखणफदध को बी शभरा र कपय दोनो हाथो की छोटी अॊगशरमो को एक साथ शभराकय ऐसी आकतत फना र कक जस हभ ककसी बगवान को पर िढ़ात सभम फनात ह इस ही ऩटऩाॊजशर भदरा कहत ह

ऱाभ- ऩटऩाॊजरी भदरा क तनयॊतय अभमास स नीॊद अचछी तयह स आन रगती ह आतभववशवास फढ़ता ह

23 यज भदरा-

अनतबोध चतनय दवारा सऩादित तरिदिवसीय मदराचचकितसा सि 32

यज भदरा कवर तसतरमो क शरए ह ऐसा नहीॊ फतसक अगय ऩरष इस भदरा को कयत ह तो उनक वीमम सॊफॊधी सभसत योग दय हो जात ह ववचध- यज भदरा फनाना फहत ही आसान ह कतनटठा (छोटी अॊगरी) अॊगरी को हथरी की जड़ भ भोड़कय रगान स यज भदरा फन जाती ह ऱाभ- यज भदरा स तसतरमो क भाशसक धभम सॊफॊधी योग दय होत ह इसक अरवा शसय भ बायीऩन यहना छाती भ ददम ऩट ऩीठ कभय का ददम आदद योग बी यज भदरा कयन स दय हो जात ह सतरी क साय परजनन अॊगो की ऩयशातनमो को म भदरा तरफसकर दय कय दती ह

24 अदिती मदरा-

ववचध- अॊगठ क आग क बाग को अनाशभका (छोटी उॊगरी क साथ वारी उॊगरी) उॊगरी की जड़ भ टढ़ा रगान स अददती भदरा फन जाती ह

ऱाभ- इस भदरा को कयन स हय सभम उफासी आना जमादा छीॊक आना जस योगो को दय ककमा जा सकता ह

अनतबोध चतनय दवारा सऩादित तरिदिवसीय मदराचचकितसा सि 33

समय- अददती भदरा को ददन भ 3-4 फाय 15-15 शभनटो क शरए कय सकत ह

25 हसी मदरा-

जस हॊस नीय ीय वववक की साभथमम यखता ह वस इस भदरा क कयन स सोिन औय तवरयत तनणमम की भता फढती ह मदरा िी ववचध - सखासन मा उतकटासन भ फठकय अऩन हाथ की सबी सफस छोटी अॊगरी को छोड़कय अॊगशरमो को अॊगठ क आग क बाग को दफान स हॊसी भदरा फन जाती ह अवचध- इस भदरा को परयॊब भ 5-8 शभनट स कयक 30-48 शभनट तक कय सकत ह मदरा िा ऱाभ- इस भदरा तनमशभत अभमास स वववक फढ़ता ह अथामत इसस सोिन-सभझन की शततत फढ़ती ह औय इसस शयीय का बायीऩन सभापत हो जाता ह

अनतबोध चतनय दवारा सऩादित तरिदिवसीय मदराचचकितसा सि 34

ववशषता- भाना जाता ह कक इस भदरा का तनमशभत अभमास कयन स याजशसक ताकत फढ़ती ह औय वमततत धन सॊऩनन फना यहता ह सावधानी - इस भदरा को कयत सभम ककसी बी परकाय का भॊतर नहीॊ जऩना िादहए औय ना ही कोई अनम धाशभमक उऩकरभ कय

26 हसतऩात मदरा-

ववचध- इस भदरा को कयन क शरए आऩ अऩन दोनो हाथो की हथरी क ऩीछ क बाग को आऩस भ अॊगशरमो सदहत शभरा द इस आकतत को हसतऩात भदरा कहा जाता ह मह नभसकाय भदरा जसा ही ह रककन इसभ हथरी क ऩटठ बाग को शभरा ददमा जाता ह ऱाभ- इस हसतऩात भदरा को कयन स शवास औय गर क क साय योग भ फहत राब शभरता ह तजन तसतरमाॊ मदद इसका तनमशभत अभमास कयती ह तो इसस उनक सतन सड़ौर सॊदय औय सवसथ हो जात ह तजन तसतरमो क सतन छोट ह ढीर ह मा उनक सतनो भ दध नहीॊ आता ह तो मह भदरा उनक शरए फहत राबकायी शसदध हो सकती ह

27 धयान मदरा

ववचध- ऩदमासन भ फठकय फाएॊ हाथ की हथरी ऩय दाएॊ हाथ की हथरी को (उसट हाथ ऩय सीध हाथ को) हसक स यखन स धमान भदरा फनती ह| धमान यख कक इस भदरा भ शसय गदमन एवॊ यीढ़ की हडडी सीधी यह| आॊख औय होठ सहज स फनद यह| धमान अऩन इटटदव क सवरऩ ऩय दटकाएॊ अथवा कामोतसगम कय अथामत शयीय स

अनतबोध चतनय दवारा सऩादित तरिदिवसीय मदराचचकितसा सि 35

सभता यखत हए कछ दय क शरए वविाय यदहत अवसथा भ यहन का परमास कय| अटटाॊग मोग (मभ तनमभ पराणामाभ परतमाहाय धायणा धमान औय सभाचध) क एक अॊग lsquoधमानrsquo की साधना भ मह भदरा ववशष रऩ स सहामक शसदध हई ह| ऱाभ - जो वमततत ऩदमासन नहीॊ कय सकत उनह धमान भदरा सखासन मा सवतसतक अथवा ऩारथी आसन भ कयना िादहए| मह सहज भदरा ह| सहज धमान भदरा को साधायण वमततत अचधक रमफ सभम तक सयरता स कय सकता ह| इसस धमान भदरा क राब बी शभर जात ह| धमान भदरा भ मदद हथशरमाॊ एक दसय ऩय यखन क फाद दोनो हथशरमाॊ ऻान भदरा की तसथतत भ यखी जाएॊ तो धमान भदरा तथा ऻान भदरा क सतमभशरत राब क साथ ऩदमासन क राब बी शभर जात ह| साधक क शरए धमान भदरा भ सभम की कोई सीभा नहीॊ ह| रककन सहजता क साथ ऩदमासन कयन की भता क अनरऩ धमान भदरा का अभमास कयना िादहए| साधायण वमततत को इस धीय-धीय फढ़ात हए कभ-स-कभ २० शभनट स एक घॊट तक कयना िादहए| धमान भदरा न कय सकन की अवसथा भ सहज धमान भदरा कयक राब उठाना िादहए| भन की िॊिरता शाॊत होकय चितत की एकागरता फढ़ती ह| साततवक वविायो की उतऩततत होती ह औय परब बजन भ भन रगता ह|

धमान क परबाव स साधक को धमान की उचितय तसथतत भ ऩहॊिन भ सहामता शभरती ह| आतभ साातकाय औय ईश वय क साातकाय भ मह भदरा सहामक ह|

28 शामभवी मदरा-

आॉख खरी हो रककन आऩ दख नहीॊ सकत ऐसी तसथतत जफ सध जाती ह तो उस शामबवी भदरा कहत ह ऐसी तसथतत भ आऩ नीॊद का भजा बी र सकत ह मह फहत कदठन साधना ह इसक ठीक उसटा कक जफ आॉख फॊद हो तफ आऩ दख

अनतबोध चतनय दवारा सऩादित तरिदिवसीय मदराचचकितसा सि 36

सकत ह मह बी फहत कदठन साधना ह रककन मह दोनो ही सॊबव ह असॊबव कछ बी नहीॊ फहत स ऐस ऩश औय ऩी ह जो आॉख खोरकय ही सोत ह ववचध- मदद आऩन तराटक ककमा ह मा आऩ तराटक क फाय भ जानत ह तो आऩ इस भदरा को कय सकत ह सवमपरथभ शसदधासन भ फठकय यीढ़-गदमन सीधी यखत हए ऩरको को तरफना झऩकाएॉ दखत यह रककन धमान ककसी बी िीज को दखन ऩय ना यख ददभाग तरफसकर बीतय कहीॊ रगा हो

ऱाभ- शामबवी भदरा को कयन स ददर औय ददभाग को शाॊतत शभरती ह मोगी का धमान ददर भ तसथय होन रगता ह आॉख खरी यखकय बी वमततत नीॊद औय धमान का आनॊद र सकता ह इसक सधन स वमततत बत औय बववटम का ऻाता फन सकता ह सऱाह- शामबवी भदरा ऩयी तयह स तबी शसदध हो सकती ह जफ आऩकी आॉख खरी हो ऩय व ककसी बी िीज को न दख यही हो ऐसा सभझ की आऩ ककसी धन भ जी यह हो आऩको खमार होगा कक कबी-कबी आऩ कहीॊ बी दख यह होत ह रककन आऩका धमान कहीॊ ओय यहता ह समय- इस भदरा को शरआत भ तजतनी दय हो सक कय औय फाद भ धीय-धीय इसका अभमास फढ़ात जाएॉ

अनतबोध चतनय दवारा सऩादित तरिदिवसीय मदराचचकितसा सि 37

29 शकततचालऱनी मदरा- ववचध - आठ अॊगर रॊफा औय िाय अॊगर िौड़ा भरामभ वसतर रकय नाशब ऩय रगाएॊ औय कदटसतर भ फाॊध र| कपय शयीय भ बसभ यभाकय शसदधासन भ फठ औय पराण को अऩान स मतत कय| जफ तक गहम दवाय स िरती हई वाम परकाशशत न हो इस सभम तक गहम दवाय को सॊकचित यख| इसस वाम का जो तनयोध होता ह उसभ कमबक क दवाया कणडशरनी शततत जागरत होती हई सषमना भागम स ऊऩय जाकय खड़ी हो जाती ह| मोगभदरा स ऩहर इसका अभमास कयन ऩय ही मोतन भदरा की ऩणम शसवदध होती ह| ऱाभ - इस भदरा स कणडशरनी शततत का जागयण होता ह| जफ तक मह सोती ह तफ तक सबी आॊतरयक शतततमाॊ सपत ऩड़ी यहती ह| इसशरए कणडशरनी का जागरत होना साधक क शरए फहत आवशमक ह| पराण-अऩान को सॊमतत कयन की ककरमा पराणवाम को ऩयक दवाया बीतय खीॊिन औय उडडीमान फॊध स अऩान वाम को ऊऩय की ओय आकवषमत कयन स ऩणम होती ह| इसभ गहम परदश क सॊकोि औय ववसताय का अभमास होन स अचधक सयरता हो सकती ह| 30 तड़ागी मदरा- ववचध - दोनो ऩाॊवो को दणड क सभान धयती ऩय ऩसाय र औय हाथो स उनक अॊगठो को ऩकड़न तथा दोनो जाॊघो ऩय शसय को सथावऩत कय साथ ही उदय को तड़ाग (सयोवय) क सभान कय र| ऱाभ - मह भदरा अनक योगो औय वदधावसथा को बी दय कयन भ सहामक शसदध होती ह|

अनतबोध चतनय दवारा सऩादित तरिदिवसीय मदराचचकितसा सि 38

31 माणडवी मदरा- ववचध - भख को फॊद कयक जफान को तार भ घभाएॊ औय सहसराय स टऩकत हए सधायस को जफान स धीय-धीय ऩीन का मतन कय| मही भाणडवी (मा भाणडकी) भदरा ह| ऱाभ - इसक दवाया फारो की सपदी उनका झड़ना शयीय ऩय झरयममो भॊहासो आदद का ऩड़ना तथा तनफमरता आदद दय होकय चिय-मौवन की परातपत होती ह| इसस यसोतऩादन होकय अभततव की उऩरतबध होना सॊबव हो जाता ह| 32 ऩालशनी मदरा ववचध- दोनो ऩाॊवो को कॊ ठ क ऩीछ की ओय र जाकय उनह ऩयसऩय शभराएॊ औय ऩाश क सभान दढ़ता स फाॊध र| ऱाभ - इसक अभमास स बी कणडशरनी शततत क जागयण भ फहत सगभता हो जाती ह तथा साधक क शयीय भ फर औय ऩतटट का आववबामव होता ह| भानशसक फरवदधमन भ बी मह फहत दहतकय ह| 33 िािी मदरा-

काक कौए को कहत ह कौए की िोि जसी भॊह की भदरा फना रन को काकी भदरा कहा जाता ह ववचध ककसी बी आसन भ फठकय होठो को ऩतरी सी नरी क सभान भोड़कय कौए की िोि जसा फना र अफ नाक क अगर बाग को दखत हए अऩना ऩया धमान नाक ऩय दटका द इसक फाद भॊह स धीय-धीय गहयी शवास रकय होठो को फॊद कय द कछ दय फाद शवास को नाक स फाहय तनकार द इस तयह स 10

अनतबोध चतनय दवारा सऩादित तरिदिवसीय मदराचचकितसा सि 39

शभनट तक कय ऱाभ मह भदरा जहाॊ शयीय भ ठॊडक फढ़ाती ह वहीॊ मह कई योगो को दय कयन भ राबदामक ह इस भदरा का तनयॊतय अभमास कयन स शयीय भ अॊदय बोजन ऩिान की ककरमा तज हो जाती ह इसस अमरवऩतत का फढ़ना कभ हो जाता ह

34 मातचगनी मदरा-

भातॊग का अथम होता ह भघ भाॊ दगाम का एक रऩ ह भातॊगी मह दस भहाववदमा भ स नौवीॊ ववदमा ह भातॊग नाभ स एक धमान होता ह भॊतर होता ह औय एक हाथी का नाभ बी भातॊग ह ऋवष वशशटठ की ऩतनी का एक नाभ बी भातॊगी ह ऋवष कशमऩ की ऩतरी का नाभ बी भातॊगी ह तजसस हाथी उतऩनन हए थ ववचध शाॊत जगह भ ऩानी क अॊदय गर तक शयीय को डफो र औय कपय नाक स ऩानी को खीॊिकय उस भॊह स तनकार र कपय भॊह स ऩानी को खीॊिकय नाक स फाहय तनकार द इस ककरमा को ही भातॊचगनी भदरा कहत ह ऱाभ इस भदरा क अभमास स आॊखो की योशनी तज हो जाती ह शसय ददम भ मह भदरा अतमॊत राबकायी भानी जाती ह इसस नजरा-जकाभ आदद क योग बी दय हो जात ह इस भदरा क तनयॊतय अभमास स िहय ऩय िभक आ जाती ह औय फार बी सपद नहीॊ होत ह इस भदरा क शसदध हो जान ऩय वमततत भ ताकत फढ़ जाती ह

35 नभोमदरा

नब का अथम होता ह आकाश इस भदरा भ जीब को तार की ओय रगात ह इसीशरए इस नबोभदरा कहत ह नबोभदरा कयना सयर नहीॊ ह इस ककसी मोग

अनतबोध चतनय दवारा सऩादित तरिदिवसीय मदराचचकितसा सि 40

शशक स सीखकय ही कयना िादहए मह भदरा फहत स योगो भ राबदामक शसदध हई ह इस फाय भ एक शरोक बी ह- मतर मतर तसथतो मोगी सवमकामष सवमदा उधवमतजवह तसथयो बतवाधायमतभवनॊ सदा नबोभदरा भवदषा मोदववना योग नाशशनी अथामत साय कामो भ तसथय हआ चितत अऩनी जीब क अगर बाग को भॊह क अॊदय तार भ रगाकय शवास को अॊदय योक रता ह इस तसथतत स विारयक गततववचधमाॊ ततकार फॊद हो जाती ह इसीशरए इस भदरा को यहसम का आबास ददरान वारी भदरा बी कहा जाता ह ववचध- अऩनी आॊखो को अऩनी दोनो बौहो क फीि भ जभाकय आऩकी जीब तार क साथ रगा र मह दोनो कामम एक ही साथ औय एक ही सभम भ कय सववधानसाय जफ तक सॊबव हो इसी तसथतत भ यह औय कपय कछ शभनट का धमान कय ऱाभ- नबोभदरा क तनयॊतय अभमास स जीब गर औय आॊखो क साय योग सभापत हो जात ह इसस भतसतटक भ तसथयता फढ़ती ह औय भतसतटक क योग बी दय हो जात ह

36 नालसिागर मदरा -

नाशसकागर भदरा का अथम होता ह नाक का आखखयी छोय ऊऩयी दहससा मा अगरबाग इस बाग ऩय फायी-फायी स सॊतरन फनान हए दखना ही नाकककागर भदरा मोग कहराता ह रककन मह भदरा कयन स ऩहर मोग शशक की सराह जरय र तमोकक इसक कयन स बकटी ऩय जोय ऩड़ता ह

अनतबोध चतनय दवारा सऩादित तरिदिवसीय मदराचचकितसा सि 41

ववचध- ककसी बी आसन भ फठकय नाक क आखखयी शसय ऩय नजय दटका र हो सकता ह कक ऩहर आऩ फाई आॊखो स उस दख ऩाएॊ तफ कछ दय फाद दाई आॊखो स दख इस दखन भ जया बी तनाव न हो सहजता स इस दख

ऱाभ- इसस जहाॊ आॊखो की एतसयसाइज होती ह वहीॊ मह भतसतटक क शरए बी राबदामक ह इसस भन भ एकागरता फढ़ती ह इस भदरा क रगाताय अभमास कयन स भराधाय िकर जागरत होन रगता ह तजसस कणडरीनी जागयण भ भदद शभरती ह इसस भराधाय िकर इसशरए जागरत होता ह तमोकक दोनो आॊखो क फीि ही तसथत ह इड़ा वऩ ॊगरा औय सषमना नाड़ी जो भराधाय तक गई ह समय- इस भदरा को इतनी दय तक कयना िादहए कक आॊखो ऩय इसका जमादा दफाव नहीॊ ऩड़ कपय धीय-धीय इस कयन का सभम फढ़ात जाएॊ

37 बरहम आसन मदरा-

कछ रोग इस बरहभा भदरा बी कहत ह तमोकक इस आसन भ गदमन को िाय ददशा भ घभामा जाता ह औय बरहभाजी क िाय भख थ इसीशरए इसका नाभ बरहभा भदरा आसन यखा गमा रककन असर भ मह बरहभ भदरा आसन ह औय इसभ सबी ददशाओॊ भ तसथत ऩयभशवय को जानकय उसका चिॊतन ककमा जाता ह नभाज ऩढ़त वतत मा सॊधमा वॊदन कयत वतत उतत भदरासन को ककमा जाता यहा ह ववचध- ऩदमासन शसदधासन मा वजरासन भ फठकय कभय तथा गदमन को सीधा यखत हए गदमन को धीय-धीय दामीॊ ओय र जात ह कछ सकॊ ड दामीॊ ओय रकत ह उसक फाद गदमन को धीय-धीय फामीॊ ओय र जात ह कछ सकॊ ड तक फामीॊ ओय रककय कपय दामीॊ ओय र जात ह कपय वाऩस आन क फाद गदमन को ऊऩय की ओय र जात ह उसक फाद नीि की तयप र जात ह कपय गदमन को तराकवाइज

अनतबोध चतनय दवारा सऩादित तरिदिवसीय मदराचचकितसा सि 42

औय एॊटीतराकवाइज घभाएॉ इस तयह मह एक िकर ऩया हआ अऩनी सववधानसाय इस िाय स ऩाॉि िकरो भ कय सकत ह

ऱाभ तजन रोगो को सवामइकर सऩोडराइदटस थाइयाइड नराॊटस की शशकामत ह उनक शरए मह आसन राबदामक ह इसस गदमन की भाॉसऩशशमाॉ रिीरी तथा भजफत होती ह आधमाततभक दतटट स बी मह आसन राबदामक ह आरसम बी कभ होता जाता ह तथा फदरत भौसभ क सदी-जकाभ औय खाॉसी स छटकाया बी शभरता ह

सावधाननया तजनह सवामइकर सऩोडराइदटस मा थाइयाइड की सभसमा ह व ठोडी को ऊऩय की ओय दफाएॉ गदमन को नीि की ओय र जात सभम कॊ ध न झकाएॉ कभय गदमन औय कॊ ध सीध यख गदमन मा गर भ कोई गॊबीय योग हो तो मोग चिककतसक की सराह स ही मह भदराआसन कय

38 भजचगनी मदरा- ववचध- इसभ भख को पराकय कॊ ठ स फाहयी वाम खीॊिी जाती ह| तार औय तजहवा क भधम वाम क घभन स शयीय भ अदभत शततत का आववबामव होता ह|

ऱाभ- मह भदरा अजीणम आदद उदय योगो को नटट कयन भ बी फहत उऩमोगी ह| इस परकाय भदराओॊ क अभमास स साधक को सफ परकाय क शायीरयक भानशसक औय आततभक फर की परातपत होती ह| मोगािामो क अनसाय lsquoनातसत भदरासनककॊ चित शसवदधदॊकषततभणडर (घयणड सॊदहता)rsquo अथामत भदराओॊ क सभान शसवदधदामक कोई अनम साधन ब-भॊडर ऩय नहीॊ ह| इसशरए मोगशसवदध क आकाॊीजनो को भदराओॊ का अभमास कयना शरमसकय ह|

अनतबोध चतनय दवारा सऩादित तरिदिवसीय मदराचचकितसा सि 43

39 खचरी मदरा-

भनटम की जीब (तजहवा) दो तयह की होती ह- रॊफी औय छोटी रॊफी जीब को सऩमतजहवा कहत ह कछ रोगो की जीब रॊफी होन स व उस आसानी स नाशसकागर ऩय रगा सकत ह औय खियी-भदरा कय सकत ह भगय तजसकी जीब छोटी होती ह उस तकरीपो का साभना कयना ऩड़ता ह सफस ऩहर उनह अऩनी जीब रॊफी कयनी ऩड़ती ह औय उसक शरए घषमण व दोहन का सहाया रना ऩड़ता ह जीब नीि की ओय स तजस नाड़ी स जड़ी होती ह उस काटना ऩड़ता ह खियी भदरा को शसदध कयन एवॊ अभत क सराव हत आवशमक उददीऩन भ कछ वषम बी रग सकत ह मह वमततत की मोनमता ऩय बी तनबमय कयता ह मोग भ कछ भदराएॊ ऐसी ह तजनह शसपम मोगी ही कयत ह साभानमजनो को इनह नहीॊ कयना िादहए खियी भदरा साधको क शरए भानी गई ह ववचध - इसक शरए जीब औय तार को जोड़न वार भाॊस-तॊत को धीय-धीय काटा जाता ह अथामत एक ददन जौ बय काटकय छोड़ ददमा जाता ह कपय तीन-िाय ददन फाद थोड़ा-सा औय काट ददमा जाता ह इस परकाय थोड़ा-थोड़ा काटन स उस सथान की यतत शशयाएॊ अऩना सथान बीतय की तयप फनाती जाती ह जीब को काटन क साथ ही परततददन धीय-धीय फाहय की तयप खीॊिन का अभमास ककमा जाता ह इसका अभमास कयन स कछ भहीनो भ जीब इतनी रॊफी हो जाती ह कक मदद उस ऊऩय की तयप रौटा (उसटा कयन) ददमा जाए तो वह शवास जान वार छदो को बीतय स फॊद कय दती ह इसस सभाचध क सभम शवास का आना-जाना ऩणमत योक ददमा जाता ह ऱाभ इस भदरा स पराणामाभ को शसदध कयन औय साभचध रगान भ ववशष सहामता शभरती ह साधनायत साधओॊ क शरए मह भदरा फहत ही राबदामी भानी

अनतबोध चतनय दवारा सऩादित तरिदिवसीय मदराचचकितसा सि 44

जाती ह ववशषता तनयॊतय अभमास कयत यहन स तजफ जफ रॊफी हो जाती ह तफ उस नाशसका यनरो भ परवश कयामा जा सकता ह इस परकाय धमान रगान स कऩार भागम एवॊ तरफ ॊद ववसगम स सॊफॊचधत कछ गरॊचथमो भ उददीऩन होता ह तजसक ऩरयणाभसवरऩ अभत का सराव आयॊब होता ह उसी अभत का सराव होत वतत एक ववशष परकाय का आधमाततभक अनबव होता ह इस अनबव स शसवदध औय सभाचध भ तजी स परगतत होती ह चतावनी मह आरख शसपम जानकायी हत ह कोई बी वमततत इस ऩढ़कय कयन का परमास न कय तमोकक मह शसपम साधको क शरए ह आभ रोगो क शरए नहीॊ

40 अकzwj वनी मदरा- इस भदरा स साधक भ घोड़ो जसी शततत आ जाती ह तजस lsquoहॉसम ऩॉवयrsquo कहत ह|

ववचध - इस भदरा भ गदा-दवाय का फाय-फाय सॊकोिन औय परसाय ककमा जाता ह| इसी स भदरा की शसवदध हो जाती ह| इसक दवाया कणडशरनी जागयण भ सगभता यहती ह औय अनक योग नटट होकय शायीरयक फर की ववदध होती ह|

ऱाभ - अतश वनी भदरा शसदध होन स साधक की अकारभतम कबी नहीॊ होती| गदा औय उदय स सॊफॊचधत योगो का इसक दवाया शभन होता ह तथा दीघमजीवन की उऩरतबध होती ह| तरफना भरफॊध क अतश वनी भदरा नहीॊ हो सकती| 41 बजरौऱी मदरा- फजरौरी भदरा बी भरफॊध का अचछा अभमास ककए तरफना ककसी परकाय सॊबव नहीॊ ह| मह भदरा कवर मोगी क शरए ही नहीॊ बोगी क शरए बी अतमॊत राबकायी ह|

अनतबोध चतनय दवारा सऩादित तरिदिवसीय मदराचचकितसा सि 45

ववचध - इस भदरा भ ऩहर दोनो ऩाॊवो को बशभ ऩय दढ़ताऩवमक दटकाकय दोनो ऩाॊवो को धीय-धीय दढ़ताऩवमक ऊऩय आकाश भ उठा द| इसस तरफॊद-शसवदध होती ह| शकर को धीय-धीय ऊऩय की आकॊ िन कय अथामत इॊददरम क आॊकिन क दवाया वीमम को ऊऩय की ओय खीॊिन का अभमास कय तो मह भदरा शसदध होती ह| ववदवानो का भत ह कक इस भदरा क अभमास भ सतरी का होना आवशमक ह तमोकक बग भ ऩततत होता हआ शकर ऊऩय की ओय खीॊि र तो यज औय वीमम दोनो ही िढ़ जात ह| मह ककरमा अभमास स ही शसदध होती ह| कछ मोगािामम इस परकाय का अभमास शकर क सथान ऩय दनध स कयना फतात ह| जफ दनध खीॊिन का अभमास शसदध हो जाए तफ शकर को खीॊिन का अभमास कयना िादहए| वीमम को ऊऩय खीॊिनवारा मोगी ही ऊधवमयता कहराता ह| ऱाभ - इस भदरा स शयीय रटट-ऩटट तजसवी सॊदय सडौर औय जया-भतम यदहत होता ह| शयीय क सबी अवमव दढ़ होकय भन भ तनश िरता की परातपत होती ह| इसका अभमास अचधक कदठन नहीॊ ह| मदद गहसथ बी इसक कय तो फरवदधमन औय सौदममवदधमन का ऩया राब परापत कय सकत ह चतावनी मह आरख शसपम जानकायी हत ह कोई बी वमततत इस ऩढ़कय कयन का परमास न कय तमोकक मह शसपम साधको क शरए ह आभ रोगो क शरए नहीॊ

साधना कयनवार वमततत क शरए मह आवशमक ह कक वह साधना भ कातमक वाचिक औय भानशसक ककरमाओॊ ऩय ऩया तनमॊतरण यख तथा सभम-सभम ऩय उचित ताॊतरतरक परककरमाओॊ का बी सभनवम कयता यह| इस दतटट स तजस परकाय आसन ऩातरासादन अिमन आदद भ ककरमाओॊ का ववधान ह उसी परकाय उनक साथ कछ भदरा फनान का ववधान ह| म भदराएॊ भखम रऩ-स हाथ औय उसकी उॊगशरमो क परमोग स फनती ह| जस हभाया शयीय ऩॊिततवभम ह| अत शासतरकायो न कहा ह कक इन उॊगशरमो क परमोग स इन ततवो की नमनाचधकता दय की जा

अनतबोध चतनय दवारा सऩादित तरिदिवसीय मदराचचकितसा सि 46

सकती ह तथा ततवो की सभता-ववषभता स होनवारी कभी को उॊगशरमो की भदरा स सभ फनामा जा सकता ह| इतना ही नहीॊ ऐसी भदराओॊ क सहमोग स उन ततवो को सवचछाऩवमक घटामा-फढ़ामा बी जा सकता ह| म ततव करभश अॊगटठ भ अतनन तजमनी भ वाम भधमभा भ आकाश अनाशभका भ ऩथवी औय कतनतटठका भ जर क रऩ भ ववदमभान यहत ह| दवताओॊ की परसननता चितत की शवदध औय ववववध योगो क नाश भ भदराओॊ स फड़ी सहामता शभरती ह| भदराततव को सभझकय परतमक मोगी को इनका साधन कयना िादहए| कणडशरनी शततत क जागयण भ इन भदराओॊ स सहामता शभरती ह| महाॊ हभन तजन भदराओॊ का वणमन एवॊ चितरण ककमा ह उसभ परतमक मोगी साधक को ऩरयचित होना िादहए|

अनतबोध चतनय दवारा सऩादित तरिदिवसीय मदराचचकितसा सि 47

मोग अनसाय आसन औय पराणामाभ की तसथतत को भदरा कहा जाता ह फॊध ककरमा औय भदरा भ आसन औय पराणामाभ दोनो का ही कामम होता ह मोग भ भदराओॊ को आसन औय पराणामाभ स बी फढ़कय भाना जाता ह भदरा दो तयह की होती ह- ऩहरी हसत भदरा अथामत हाथो औय उसकी अॊगशरमो को ववशष आकतत भ फनाना औय दसयी आसन भदरा अथामत तजसभ ऩया शयीय ही सॊिाशरत होता ह

Page 7: 235347477 Mudra Chikitsa Swami Ananta Bodha Chaitanya

अनतबोध चतनय दवारा सऩादित तरिदिवसीय मदराचचकितसा सि 7

ह उतत जागयण स भन शाॊत एवॊ चितत भ परसननता उतऩनन होती ह रदम भ ऩटटता आती ह तथा तनशबमकता फढ़ती ह इस भदरा का परबाव हभाय सभि बावनातभक औय विारयक भनोबावो ऩय ऩड़ता ह तजसस सकायातभकता फढ़ती ह मह साभातजक औय धाशभमक दतटट स बी राबदामक ह

2 जञान मदरा ndash

ववचध- दाङगटठतजमनी मोगो ऻान भदरा (तनतमोतसव)

अनतबोध चतनय दवारा सऩादित तरिदिवसीय मदराचचकितसा सि 8

अॊगठ औय तजमनी(ऩहरी उॊगरी) क ऩोयो को आऩस भ (तरफना जोय रगाम सहज रऩ भ) जोड़न ऩय ऻान भदरा फनती ह ऱाभ- इस भदरा क तनतम अभमास स सभयण शततत का अबतऩवम ववकाश होता हभतटतटक की दफमरता सभापत हो जाती हसाधना भ भन रगता हधमान एकागरचित होता हइस भदरा क साथ मदद भॊतर का जाऩ ककमा जाम तो वह शसदध होता ह ककसी बी धभमऩॊथ क अनमामी तमो न हो उऩासना कार भ मदद इस भदरा को कय औय अऩन इटट भ धमान एकागरचितत कय तो भन भ फीज रऩ भ तसथत परभ की अनतसशररा का अजशर शरोत सवत परसपदटत हो परवादहत होन रगता ह औय ऩयभाननद की परातपत होती हइसी भदरा क साथ तो ऋवषमो भनीवषमो तऩतसवमो न ऩयभ ऻान को परापत ककमा था ऩागरऩनअनक परकाय क भनोयोग चिडचिडाऩनकरोधिॊिरतारमऩटताअतसथयताचिॊताबमघफयाहटवमाकरताअतनदरा योग डडपरशन जस अनक भन भतसतटक समफनधी वमाचधमाॊ इसक तनमशभत अभमास स तनतशित ही सभापत हो जाती हभानशसक भता फढ़न वारा तथा सतोगण का ववकास कयन वारा मह अिक साधन ह ववदमाचथममो फवदधजीववमो स रकय परतमक आमवगम क सतरी ऩरषो को अऩन आततभक भानशसक ववकास क शरए भदराओॊ का परमोग अवशम ही कयना िादहए

अनतबोध चतनय दवारा सऩादित तरिदिवसीय मदराचचकितसा सि 9

3 वाम भदरा-

ववचध - अॊगठ क फाद वारी ऩहरी अॊगरी - तजमनी को भोड़कय उसक नाखबाग का दवाफ (हसका) अॊगठ क भर बाग (जड़) भ ककमा जाम औय अॊगठ स तजमनी ऩय दवाफ फनामा जाम शष तीनो अॉगशरमो को अऩन सीध भ सीधा यखा जामइसस जो भदरा फनती हउस वाम भदरा कहत ह राब - वाम सॊफनधी सभसत योग मथा - गदठमाजोडो का ददम वात ऩाघात हाथ ऩय मा शयीय भ कमऩन रकवा दहसटीरयमा वाम शर गस इतमादद अनक असाधम योग इस भदरा स ठीक हो जात ह इस भदरा क साथ कबी कबी पराण भदरा बी कयत यहना िादहए

अनतबोध चतनय दवारा सऩादित तरिदिवसीय मदराचचकितसा सि 10

4 आिाश मदरा

ववचध दोनो हाथो की भधमभा अॊगशरमो को अॊगठो क अगरबाग स रगाकय फाकी अॊगशरमो को सीधा कय द अफ हाथो को घटनो ऩय यख र हथशरमो का रख ऊऩय की ओय यहगा कभय-गदमन सीधी यख कय आॊख फॊद कय धमान की तसथतत भ फठ जाएॊ ऱाभ कान क योग फहयाऩन कान भ आवाज आन की सभसमा दय होन रगती ह हडडडमो की कभजोयी को बी दय कयन भ भदद शभरती ह

अनतबोध चतनय दवारा सऩादित तरिदिवसीय मदराचचकितसा सि 11

5 शनम भदरा -

ववचध - अॊगठ स दसयी अॊगरी (भधमभासफस रमफी वारी अॊगरी) को भोड़कय अॊगठ क भर बाग (जड़ भ) सऩशम कय औय अॊगठ को भोड़कय भधमभा क ऊऩय स ऐस दफाम कक भधमभा उॊगरी का तनयॊतय सऩशम अॊगठ क भर बाग स फना यह फाकी की तीनो अॉगशरमो को अऩनी सीध भ यखइस तयह स जो भदरा फनती ह उस शनम भदरा कहत ह राब - इस भदरा क तनयॊतय अभमास स कान फहना फहयाऩन कान भ ददम इतमादद कान क ववशबनन योगो स भततत सॊबव हमदद कान भ ददम उठ औय इस भदरा को परमतत ककमा जाम तो ऩाॊि सात शभनट क भधम ही राब अनबत होन रगता हइसक तनयॊतय अभमास स कान क ऩयान योग बी ऩणमत ठीक हो जात ह इसकी अनऩयक भदरा आकाश भदरा हइस भदरा क साथ साथ मदद आकाश भदरा का परमोग बी ककमा जाम तो वमाऩक राब शभरता ह

अनतबोध चतनय दवारा सऩादित तरिदिवसीय मदराचचकितसा सि 12

6 ऩथवी मदरा

ववचध दोनो हाथो की अनाशभका अॊगशरमो को अॊगठो क अगरबाग स रगाकय फाकी अॊगशरमाॊ सीधी यख अफ हाथो को घटनो ऩय यख र हथशरमो का रख ऊऩय की ओय यहगा कभय-गदमन सीधी यख कय आॊख फॊद कय धमान की तसथतत भ फठ जाएॊ ऱाभ मह भदरा शायीरयक दफरमता दय कय वजन फढ़ाती ह शयीय भ सपततम कातनत एवॊ तज फढ़ाकय जीवनी शततत का ववकास कयती ह इसक अभमास स ऩािन तनतर को फर शभरता ह

अनतबोध चतनय दवारा सऩादित तरिदिवसीय मदराचचकितसा सि 13

7 सयय मदरा

ववचध दोनो हाथो की अनाशभका अॊगशरमो को अॊगठो क भर भ रगाकय अॊगठ स दफाकय फाकी अॊगशरमो को सीधा कयक यख अफ हाथो को घटनो ऩय यख र हथशरमो का रख ऊऩय की ओय यहगा कभय-गदमन सीधी यख कय आॊख फॊद कय धमान की तसथतत भ फठ जाएॊ ऱाभ मह भदरा भोटाऩा कभ कय वजन घटाती ह शयीय भ ऊटणता फढ़ाती ह शततत का ववकास कयती ह कॉरसरॉर फढ़न नहीॊ दती भधभह व रीवय क योग भ राब ऩहॊिाती ह शयीय को सॊतशरत कय दती ह नोट कभजोय वमततत इसका अभमास न कय गभी भ इसका अभमास कभ ही कय

अनतबोध चतनय दवारा सऩादित तरिदिवसीय मदराचचकितसा सि 14

8 वरण मदरा

ववचध दोनो हाथो की कतनटठा अॊगशरमो को अॊगठो क अगरबाग ऩय रगाकय फाकी अॊगशरमो को सीधा यखन स मह भदरा फनती ह अफ हाथो को घटनो ऩय यख र हथशरमो का रख ऊऩय की ओय यहगा कभय-गदमन सीधी यख कय आॊख फॊद कय धमान की तसथतत भ फठ जाएॊ ऱाभ मह िभमयोग यतत ववकाय दय कयती ह शयीय भ रखाऩन दय कय तविा को िभकीरी व भरामभ फनान भ सहामक ह िहय की सॊदयता को फढ़ा दती ह नोट कप परकतत वार वमततत इसका अभमास जमादा न कय

अनतबोध चतनय दवारा सऩादित तरिदिवसीय मदराचचकितसा सि 15

9 जऱोिर नाशि-

ववचध कतनटठा को अॉगठ क जड़ भ रगाकय अॉगठ स दफाम राब- जर तततव की अचधकता स होन वार सबी योगसजन जरोदय आदद भ ववशष राब होता

ह योग शानत होन तक ही कय

अनतबोध चतनय दवारा सऩादित तरिदिवसीय मदराचचकितसा सि 16

10 पराण मदरा -

ववचध अॊगठ स तीसयी अनाशभका तथा िौथी कतनतटठका अॉगशरमो क ऩोयो को एकसाथ अॊगठ क ऩोय क साथ शभराकय शष दोनो अॉगशरमो को अऩन सीध भ खडा यखन स जो भदरा फनती ह उस पराण भदरा कहत ह राब - हरदम योग भ याभफाण तथा नतरजमोतत फढान भ मह भदरा ऩयभ सहामक हसाथ ही मह पराण शततत फढ़ान वारा बी होता हपराण शततत परफर होन ऩय भनटम क शरए ककसी बी परततकर ऩरयतसथततमो भ धममवान यहना अतमॊत सहज हो जाता हवसतत दढ पराण शततत ही जीवन को सखद फनाती ह इस भदरा की ववशषता मह ह कक इसक शरए अवचध की कोई फाधमता नहीॊइस कछ शभनट बी ककमा जा सकता ह

अनतबोध चतनय दवारा सऩादित तरिदिवसीय मदराचचकितसा सि 17

11 अऩान मदरा

ववचध दोनो हाथो की भधमभा तथा अनाशभका अॊगशरमो को अॊगठ क अगरबाग स रगाकय फाकी अॊगशरमो को सीधी यख अफ हाथो को घटनो ऩय यख र हथशरमो का रख ऊऩय की ओय यहगा कभय-गदमन सीधी यख कय आॊख फॊद कय धमान की तसथतत भ फठ जाएॊ ऱाभ कबज भधभह ककडनी ववकाय वाम ववकाय फवासीय को दय कयन भ सहामक ह शयीय को शदध कय नाड़ी दोषो को दय कयन वारी ह भतर का अवयोध दय कय दाॊतो को भजफत कयती ह ऩसीना बी राती ह नोट इस भदरा क अभमास स भतर अचधक आन रगता ह

अनतबोध चतनय दवारा सऩादित तरिदिवसीय मदराचचकितसा सि 18

12 वयान मदरा-

ववचध- हाथ की भधमभा अॊगरी क आग क बाग को अॊगठ क आग क बाग स शभरान औय तजमनी अॊगरी को फीि की अॊगरी क नाखन स छआएॊ फाकी फिी सायी अॊगशरमाॊ सीधी यहनी िादहए इसी को वमान भदरा कहा जाता ह अवचध- इस भदरा को सफह 15 शभनट औय शाभ को 15 शभनट तक कयना िादहए ऱाभ- वमान भदरा को कयन स ऩशाफ सॊफॊधी सबी योग दय होत ह जस- ऩशाफ जमादा आना ऩशाफ भ िीनी आना ऩशाफ क साथ घात आना ऩशाफ रक-रक कय आना आदद योग सभापत हो जात ह इसक अरावा इस भदरा क तनमशभत अभमास स भधभह परभह औय सवपनदोष बी दय होता ह तसतरमो क शरए मह भदरा सफस जमादा राबदामक फताई गई ह इस भदरा को कयन स तसतरमो क साय योग सभापत हो जात ह

अनतबोध चतनय दवारा सऩादित तरिदिवसीय मदराचचकितसा सि 19

13 उिान मदरा-

ववचध - ऩहरी भधमभा औय अनाशभका उॊगरी क आग क बाग को अॊगठ क आग क बाग स रगाएॊ इस उदान भदरा कहत ह इसका सॊफॊध कॊ ठ स भतसतटक तक होता ह मह ववशवदध िकर को परवादहत कयता ह

राब - इसस भन शाॊत होता ह औय थामयॉइड सॊफॊधी सबी योगो भ राब ऩहॊिता ह

सभमावचध - इस भदरा को बी कवर 15 स 45 शभतनट तक ही कयना िादहए

अनतबोध चतनय दवारा सऩादित तरिदिवसीय मदराचचकितसा सि 20

14 सभान भदरा

ववचध - हाथ की िायो उॊगशरमो औय अॊगठ क अगरबाग को शभरा कय ऊऩय की तयप यखन स सभान भदरा फनती ह इस भदरा भ ऩाॊिो ततव शभर जात ह

राब ndash मह भदरा हभाय वविायो को आधमाततभक फनाती ह फय वविाय दय होत ह

अनतबोध चतनय दवारा सऩादित तरिदिवसीय मदराचचकितसा सि 21

15 हिय मदरा

ववचध दोनो हाथो की तजमनी अॊगशरमो को अॊगठो क भर भ रगाकय भधमभा व अनाशभका अॊगशरमो को अॊगठ क अगरबाग ऩय रगा द व छोटी अॊगरी को सीधा कयक यख अफ हाथो को घटनो ऩय यख र हथशरमो का रख ऊऩय की ओय यहगा कभय-गदमन सीधी यख कय आॊख फॊद कय धमान की तसथतत भ फठ जाएॊ ऱाभ मह भदरा रदम योगो भ ववशष रऩ स राबकायी ह परततददन 10-15 शभनट अभमास स रदम भजफत होता ह गस फनना शसयददम असथभा व उचि यततिाऩ भ राबकायी ह सीदढ़मो ऩय िढ़न स ऩहर ही अगय मह भदरा रगा री जाए औय इस भदरा क साथ ही सीदढ़माॊ िढ़ी जाएॊ तो साॊस नहीॊ परती

अनतबोध चतनय दवारा सऩादित तरिदिवसीय मदराचचकितसा सि 22

16 लऱग मदरा

ववचध- फाएॉ हाथ का अॊगठा सीधा खडा कय दादहन हाथ स फाएॊ हाथ कक अॉगशरमो भ ऩयसऩय पॉ सात हए दोनो ऩॊजो को ऐस जोड कक दादहना अॊगठा फाएॊ अॊगठ को फहाय स आवतत कय र इस परकाय जो भदरा फनगी उस अॊगटठ भदरा कहग राब - अॊगठ भ अतनन ततव होता हइस भदरा क अभमास स शयीय भ उटभता फढ़न रगती हशयीय भ जभा कप ततव सखकय नटट हो जाता हसदी जकाभखाॊसी इतमादद योगो भ मह फड़ा राबदामी होता हकबी मदद शीत परकोऩ भ आ जाएॉ औय शयीय भ ठणड स कॊ ऩकॊ ऩाहट होन रग तो इस भदरा का परमोग तवरयत राब दता ह

अनतबोध चतनय दवारा सऩादित तरिदिवसीय मदराचचकितसा सि 23

17 शख मदरा-

ववचध - फाएॊ हाथ क अॊगठ को दोनो हाथ की भटठी भ फॊद कयक फाएॊ हाथ की तजमनी उॊगरी को दादहन हाथ क अॊगठ स शभरान स शॊख भदरा फनती ह| इस भदरा भ फाएॊ हाथ की फाकी तीन उॊगशरमो क ऩास भ सटाकय दाएॊ हाथ की फॊद उॊगशरमो ऩय हसका-सा दफाव ददमा जाता ह| इसी परकाय हाथ फदरकय अथामत दाएॊ हाथ क अॊगठ को फाएॊ हाथ की भटठी भ फॊद कयक शॊख भदरा फनाई जाती ह| इस भदरा भ ऱाभ - अॊगठ का दफाव हथरी क फीि क बाग ऩय औय भटठी की तीन उॊगशरमो का दफाव शकर ऩवमत ऩय ऩड़ता ह तजसस हथरी भ तसथत नाशब औय थाइयॉइड (ऩतसरका) गरॊचथ क क दर दफत ह| ऩरयणाभसवरऩ नाशब औय थाइयॉइड गरॊचथ क ववकाय ठीक होत ह|

अनतबोध चतनय दवारा सऩादित तरिदिवसीय मदराचचकितसा सि 24

शॊख भदरा का नाशब िकर स तनकट का सॊबॊध ह इसशरए शायीय क सनामतॊतर ऩय ववशष कामम कयती ह अत अनत औय फाहम सवासथम भ फहत राबकायी ह

मह ऩािन तॊतर को उततभ फनाती ह

तनमशभत कयन स बख फढान भ भदद शभरती ह

मह भदरा फोरत सभम उचिायण क दोषो को दय कयन भ फहत परबावी ह जस ततराना हकराना आदद दोष तनमभतत परमोग स दय हो जात ह

सॊगीत की साधना कयन वारो क शरए ववशश राबकायी ह वाणी को भधय फनाती ह

मह भदरा ऩजन भ बी परमतत होती ह| इसका परमोग रॊफ सभम तक ककमा जा सकता ह| इस भदरा का नाशबिकर स ववशष समफनध ह तजसक कायण नाशब स सॊफॊचधत शयीय की नाडड़मो ऩय सकषभ औय सवासथमवधमक परबाव ऩड़ता ह तथा सनामभणडर शतततशारी फनती ह|

अनतबोध चतनय दवारा सऩादित तरिदिवसीय मदराचचकितसा सि 25

18 योनन मदरा-

मौचगक दतटट स अऩन अॊदय कई परकाय क यहसम तछऩाए यखनवारी भदरा का वासतववक नाभ lsquoमोतन भदराrsquo ह| तत मोग क अनसाय कवर हाथो की उॊगशरमो स भहाशततत बगवती की परसननता क शरए मोतन भदरा परदशशमत कयन की आऻा ह| परतम रऩ स इसका परबाव रॊफी मोग साधना क अॊतगमत तॊतर-भॊतर-मॊतर साधना स बी दतटटगोिय होता ह| इस भदरा क तनयॊतय अभमास स साधक की पराण-अऩान वाम को शभरा दनवारी भरफॊध ककरमा को बी साथ कयन स जो तसथतत फनती ह उस ही मोतन भदरा की सॊऻा दी ह| मह फड़ी िभतकायी भदरा ह| ऩदमासन की तसथतत भ फठकय दोनो हाथो की उॊगशरमो स मोतन भदरा फनाकय औय ऩवम भरफॊध की तसथतत भ सममक बाव स तसथत होकय पराण-अऩान को शभरान की परफर बावना क साथ भराधाय सथान ऩय मौचगक सॊमभ कयन स कई परकाय की शसवदधमाॊ परापत हो जाती ह|

अनतबोध चतनय दवारा सऩादित तरिदिवसीय मदराचचकितसा सि 26

ऋवषमो का भत ह कक तजस मोगी को उऩयोतत तसथतत भ मोतन भदरा का रगाताय अभमास कयत-कयत शसवदध परापत हो गई ह उसका शयीय साधनावसथा भ बशभ स आसन सदहत ऊऩय अधय भ तसथत हो जाता ह| सॊबवत इसी कायण आदद शॊकयािाममजी न अऩन मोग यतनावरी नाभक ववशष गरॊथ भ भरफॊध का उसरख ववशष रऩ स ककमा ह|

19 धन मदरा -

बायतीम ऩयॊऩया भ धन गाम को कहा जाता ह औय मह दहनद धभम क साततवक औय भहानता का परतीक ह धन भदरा फनात सभम हाथो की उॊगशरमा गाम क थनो जसी हो जाती ह जस गाम क थनो स दध ऩीकय शयीय ऩटट फनता ह वस ही धन भदरा कयन स बी शयीय रटट ऩटट फनता ह

ववचध - अनमोनमाशबभखॊ तशरटटाकतनटठानाशभका ऩन

अनतबोध चतनय दवारा सऩादित तरिदिवसीय मदराचचकितसा सि 27

तथा ि तजमतनभधमा धन भदरा अभत परदा ( कारी तॊतर )

अऩन दोनो हाथो की अॊगशरमो क ऩोयो को एक साथ शभरा र कपय फाम हाथ की तजमनी ऊॊ गरी को दाएॊ हाथ की फीि वारी उॊगरी स छआए इसक फाद दाएॊ हाथ की तजमनी उॊगरी को फाम हाथ की फीि वारी उॊगरी स छआम ऐस ही फाम हाथ की अनाशभका उॊगरी को दाएॊ हाथ की सफस छोटी उॊगरी स शभराएॊ अॉगठो को खरा छोड़ द हाथ की अॊगशरमो को नीि की तयप कयन स अॊगशरमो की आकतत गाम क धनो जसी हो जाती ह इसी कायण इस धन भदरा कहत ह

सभम - इस भदरा का अभमास धीय धीय फढ़ाए ऩहर 1 स 15 शभतनट औय फाद भ 15 स 30 तथा जफ अचछी तयह मह भदरा अभमास भ आ जाए तफ इस भदरा को 45 शभतनट तक कय सकत ह

राब - धन भदरा स ऩािन तॊतर भजफत होता ह औय शयीय ताकतवय व सवसथ फनता ह मह ऩट क योगो क शरए याभफाण भदरा ह मोग साधना भ फहत ही उऩमोगी भदरा कहराती ह तॊतर एवॊ कभमकाॊड भ बी धन भदरा का परमोग ह ह ऩयानी भानमता क अनसाय मह अभत ततव को दन वारी भदरा ह मह भदरा वात वऩतत तथा कप को सॊतशरत कयती ह

अनतबोध चतनय दवारा सऩादित तरिदिवसीय मदराचचकितसा सि 28

20 मगी मदरा-

भग दहयन को कहा जाता ह मऻ क दौयान होभ की जान वारी साभगरी को इसी भदरा भ होभ ककमा जाता ह पराणामाभ ककए जान क दौयान बी इस भदरा का उऩमोग होता ह धमान कयत वतत बी इस भदरा का इसतभार ककमा जाता ह मह भदरा फनात वतत हाथ की आकतत भग क शसय क सभान हो जाती ह इसीशरए इस भगी भदरा कहा जाता ह मह एक हसत भदरा ह ववचध अऩन हाथ की अनाशभका औय भधमभा अॊगरी को अॊगठ क आग क बाग को छआ कय फाकी फिी तजमनी औय कतनटठा अॊगरी को सीधा तान दन स भगी भदरा फन जाती ह योग आसन - इस दौयान उतकटासन सखासन औय उऩासना क सभम इसतभार होन वार आसन ककए जा सकत ह

अनतबोध चतनय दवारा सऩादित तरिदिवसीय मदराचचकितसा सि 29

समय- इस भदरा को सववधानसाय कछ दय तक कय सकत ह औय इस तीन स िाय फाय ककमा जा सकता ह ऱाभ- भगी भदरा कयत सभम अॊगठ क ऩोय औय अॊगशरमो क जोड़ ऩय दफाव ऩड़ता ह उतत दफाव क कायण शसयददम औय ददभागी ऩयशानी भ राब शभरता ह एतमपरशय चिककतसा क अनसाय उतत अॊगशरमो क अॊदय दाॊत औय सामनस क तरफ ॊद होत ह तजसक कायण हभ दाॊत औय सहनस योग भ बी राब शभरता ह ववशष- भाना जाता ह कक इस भदरा को कयन स सोिन औय सभझन की शततत का ववकास बी होता ह भगी भदरा शभगी क योचगमो क शरए फहत ही राबकायी ह

21 यमहररमदरा

ववचध -सवम परधभ आऩ अऩन दोनो हाथो की सफस छोटी अॊगरी अथामत कतनटठा को आऩस भ एक दसय क परथभ ऩोय स शभरा द इसी क साथ दोनो अॊगठ को बी आऩस भ शभरा द अफ तीन अॊगशरमाॊ फाकी यह जाएॊगी- भध मभा तजमनी औय अनाशभका इन तीनो अॊगशरमो को हथरी की ओय भोड़कय भटठी जसा फनाइए अॊगशरमो की इस तसथतत को मभ हरयभदरा कहत ह

अनतबोध चतनय दवारा सऩादित तरिदिवसीय मदराचचकितसा सि 30

ऱाभ - मभहरयभदरा क तनमशभत अभमास स नाडड़मो को शततत शभरती ह इस भदरा क तनयॊतय अभमास स ऩट क योग जस- कबज बख ना रगना औय तजगय की कभजोयी दय होती ह इस भदरा स तसतरमो क सतनो क साय योगो भ बी राब शभरता ह मभ हरयभदरा को परततददन 5 शभनट सफह औय 5 शभनट शाभ को कय आऩ इसक कयन का सभम फढ़ाकय 10 शभनट तक कय सकत ह परततददन कभ स कभ ऩाॊि भदराएॊ अऩनी सववधानसाय कयनी िादहए भदराओॊ स सबी योगो भ राब ऩामा जा सकता ह मदद उनका मोग शशक स ऩछकय तनमशभत अभमास ककमा जाए भदराएॊ खासकय उन रोगो क शरए पामदभॊद सातरफत होती ह जो मोगासन कयन भ असभथम ह

22 ऩषऩाजलऱ मदरा-

अनतबोध चतनय दवारा सऩादित तरिदिवसीय मदराचचकितसा सि 31

मह भहतवऩणम हसत मोग भदरा ह जस दआ भ हाथ उठात ह मा ऩटऩ अऩमण कयत ह तफ मह भदरा फनती ह जसा कक इसका नाभ ह ऩटऩाॊजशर इसी स मह शसदध होता ह कक मह भदरा ककस परकाय की होगी ववचध- दोनो हाथो की अॊगशरमो औय अॊगठ को आऩस भ शभरा भखणफदध को बी शभरा र कपय दोनो हाथो की छोटी अॊगशरमो को एक साथ शभराकय ऐसी आकतत फना र कक जस हभ ककसी बगवान को पर िढ़ात सभम फनात ह इस ही ऩटऩाॊजशर भदरा कहत ह

ऱाभ- ऩटऩाॊजरी भदरा क तनयॊतय अभमास स नीॊद अचछी तयह स आन रगती ह आतभववशवास फढ़ता ह

23 यज भदरा-

अनतबोध चतनय दवारा सऩादित तरिदिवसीय मदराचचकितसा सि 32

यज भदरा कवर तसतरमो क शरए ह ऐसा नहीॊ फतसक अगय ऩरष इस भदरा को कयत ह तो उनक वीमम सॊफॊधी सभसत योग दय हो जात ह ववचध- यज भदरा फनाना फहत ही आसान ह कतनटठा (छोटी अॊगरी) अॊगरी को हथरी की जड़ भ भोड़कय रगान स यज भदरा फन जाती ह ऱाभ- यज भदरा स तसतरमो क भाशसक धभम सॊफॊधी योग दय होत ह इसक अरवा शसय भ बायीऩन यहना छाती भ ददम ऩट ऩीठ कभय का ददम आदद योग बी यज भदरा कयन स दय हो जात ह सतरी क साय परजनन अॊगो की ऩयशातनमो को म भदरा तरफसकर दय कय दती ह

24 अदिती मदरा-

ववचध- अॊगठ क आग क बाग को अनाशभका (छोटी उॊगरी क साथ वारी उॊगरी) उॊगरी की जड़ भ टढ़ा रगान स अददती भदरा फन जाती ह

ऱाभ- इस भदरा को कयन स हय सभम उफासी आना जमादा छीॊक आना जस योगो को दय ककमा जा सकता ह

अनतबोध चतनय दवारा सऩादित तरिदिवसीय मदराचचकितसा सि 33

समय- अददती भदरा को ददन भ 3-4 फाय 15-15 शभनटो क शरए कय सकत ह

25 हसी मदरा-

जस हॊस नीय ीय वववक की साभथमम यखता ह वस इस भदरा क कयन स सोिन औय तवरयत तनणमम की भता फढती ह मदरा िी ववचध - सखासन मा उतकटासन भ फठकय अऩन हाथ की सबी सफस छोटी अॊगरी को छोड़कय अॊगशरमो को अॊगठ क आग क बाग को दफान स हॊसी भदरा फन जाती ह अवचध- इस भदरा को परयॊब भ 5-8 शभनट स कयक 30-48 शभनट तक कय सकत ह मदरा िा ऱाभ- इस भदरा तनमशभत अभमास स वववक फढ़ता ह अथामत इसस सोिन-सभझन की शततत फढ़ती ह औय इसस शयीय का बायीऩन सभापत हो जाता ह

अनतबोध चतनय दवारा सऩादित तरिदिवसीय मदराचचकितसा सि 34

ववशषता- भाना जाता ह कक इस भदरा का तनमशभत अभमास कयन स याजशसक ताकत फढ़ती ह औय वमततत धन सॊऩनन फना यहता ह सावधानी - इस भदरा को कयत सभम ककसी बी परकाय का भॊतर नहीॊ जऩना िादहए औय ना ही कोई अनम धाशभमक उऩकरभ कय

26 हसतऩात मदरा-

ववचध- इस भदरा को कयन क शरए आऩ अऩन दोनो हाथो की हथरी क ऩीछ क बाग को आऩस भ अॊगशरमो सदहत शभरा द इस आकतत को हसतऩात भदरा कहा जाता ह मह नभसकाय भदरा जसा ही ह रककन इसभ हथरी क ऩटठ बाग को शभरा ददमा जाता ह ऱाभ- इस हसतऩात भदरा को कयन स शवास औय गर क क साय योग भ फहत राब शभरता ह तजन तसतरमाॊ मदद इसका तनमशभत अभमास कयती ह तो इसस उनक सतन सड़ौर सॊदय औय सवसथ हो जात ह तजन तसतरमो क सतन छोट ह ढीर ह मा उनक सतनो भ दध नहीॊ आता ह तो मह भदरा उनक शरए फहत राबकायी शसदध हो सकती ह

27 धयान मदरा

ववचध- ऩदमासन भ फठकय फाएॊ हाथ की हथरी ऩय दाएॊ हाथ की हथरी को (उसट हाथ ऩय सीध हाथ को) हसक स यखन स धमान भदरा फनती ह| धमान यख कक इस भदरा भ शसय गदमन एवॊ यीढ़ की हडडी सीधी यह| आॊख औय होठ सहज स फनद यह| धमान अऩन इटटदव क सवरऩ ऩय दटकाएॊ अथवा कामोतसगम कय अथामत शयीय स

अनतबोध चतनय दवारा सऩादित तरिदिवसीय मदराचचकितसा सि 35

सभता यखत हए कछ दय क शरए वविाय यदहत अवसथा भ यहन का परमास कय| अटटाॊग मोग (मभ तनमभ पराणामाभ परतमाहाय धायणा धमान औय सभाचध) क एक अॊग lsquoधमानrsquo की साधना भ मह भदरा ववशष रऩ स सहामक शसदध हई ह| ऱाभ - जो वमततत ऩदमासन नहीॊ कय सकत उनह धमान भदरा सखासन मा सवतसतक अथवा ऩारथी आसन भ कयना िादहए| मह सहज भदरा ह| सहज धमान भदरा को साधायण वमततत अचधक रमफ सभम तक सयरता स कय सकता ह| इसस धमान भदरा क राब बी शभर जात ह| धमान भदरा भ मदद हथशरमाॊ एक दसय ऩय यखन क फाद दोनो हथशरमाॊ ऻान भदरा की तसथतत भ यखी जाएॊ तो धमान भदरा तथा ऻान भदरा क सतमभशरत राब क साथ ऩदमासन क राब बी शभर जात ह| साधक क शरए धमान भदरा भ सभम की कोई सीभा नहीॊ ह| रककन सहजता क साथ ऩदमासन कयन की भता क अनरऩ धमान भदरा का अभमास कयना िादहए| साधायण वमततत को इस धीय-धीय फढ़ात हए कभ-स-कभ २० शभनट स एक घॊट तक कयना िादहए| धमान भदरा न कय सकन की अवसथा भ सहज धमान भदरा कयक राब उठाना िादहए| भन की िॊिरता शाॊत होकय चितत की एकागरता फढ़ती ह| साततवक वविायो की उतऩततत होती ह औय परब बजन भ भन रगता ह|

धमान क परबाव स साधक को धमान की उचितय तसथतत भ ऩहॊिन भ सहामता शभरती ह| आतभ साातकाय औय ईश वय क साातकाय भ मह भदरा सहामक ह|

28 शामभवी मदरा-

आॉख खरी हो रककन आऩ दख नहीॊ सकत ऐसी तसथतत जफ सध जाती ह तो उस शामबवी भदरा कहत ह ऐसी तसथतत भ आऩ नीॊद का भजा बी र सकत ह मह फहत कदठन साधना ह इसक ठीक उसटा कक जफ आॉख फॊद हो तफ आऩ दख

अनतबोध चतनय दवारा सऩादित तरिदिवसीय मदराचचकितसा सि 36

सकत ह मह बी फहत कदठन साधना ह रककन मह दोनो ही सॊबव ह असॊबव कछ बी नहीॊ फहत स ऐस ऩश औय ऩी ह जो आॉख खोरकय ही सोत ह ववचध- मदद आऩन तराटक ककमा ह मा आऩ तराटक क फाय भ जानत ह तो आऩ इस भदरा को कय सकत ह सवमपरथभ शसदधासन भ फठकय यीढ़-गदमन सीधी यखत हए ऩरको को तरफना झऩकाएॉ दखत यह रककन धमान ककसी बी िीज को दखन ऩय ना यख ददभाग तरफसकर बीतय कहीॊ रगा हो

ऱाभ- शामबवी भदरा को कयन स ददर औय ददभाग को शाॊतत शभरती ह मोगी का धमान ददर भ तसथय होन रगता ह आॉख खरी यखकय बी वमततत नीॊद औय धमान का आनॊद र सकता ह इसक सधन स वमततत बत औय बववटम का ऻाता फन सकता ह सऱाह- शामबवी भदरा ऩयी तयह स तबी शसदध हो सकती ह जफ आऩकी आॉख खरी हो ऩय व ककसी बी िीज को न दख यही हो ऐसा सभझ की आऩ ककसी धन भ जी यह हो आऩको खमार होगा कक कबी-कबी आऩ कहीॊ बी दख यह होत ह रककन आऩका धमान कहीॊ ओय यहता ह समय- इस भदरा को शरआत भ तजतनी दय हो सक कय औय फाद भ धीय-धीय इसका अभमास फढ़ात जाएॉ

अनतबोध चतनय दवारा सऩादित तरिदिवसीय मदराचचकितसा सि 37

29 शकततचालऱनी मदरा- ववचध - आठ अॊगर रॊफा औय िाय अॊगर िौड़ा भरामभ वसतर रकय नाशब ऩय रगाएॊ औय कदटसतर भ फाॊध र| कपय शयीय भ बसभ यभाकय शसदधासन भ फठ औय पराण को अऩान स मतत कय| जफ तक गहम दवाय स िरती हई वाम परकाशशत न हो इस सभम तक गहम दवाय को सॊकचित यख| इसस वाम का जो तनयोध होता ह उसभ कमबक क दवाया कणडशरनी शततत जागरत होती हई सषमना भागम स ऊऩय जाकय खड़ी हो जाती ह| मोगभदरा स ऩहर इसका अभमास कयन ऩय ही मोतन भदरा की ऩणम शसवदध होती ह| ऱाभ - इस भदरा स कणडशरनी शततत का जागयण होता ह| जफ तक मह सोती ह तफ तक सबी आॊतरयक शतततमाॊ सपत ऩड़ी यहती ह| इसशरए कणडशरनी का जागरत होना साधक क शरए फहत आवशमक ह| पराण-अऩान को सॊमतत कयन की ककरमा पराणवाम को ऩयक दवाया बीतय खीॊिन औय उडडीमान फॊध स अऩान वाम को ऊऩय की ओय आकवषमत कयन स ऩणम होती ह| इसभ गहम परदश क सॊकोि औय ववसताय का अभमास होन स अचधक सयरता हो सकती ह| 30 तड़ागी मदरा- ववचध - दोनो ऩाॊवो को दणड क सभान धयती ऩय ऩसाय र औय हाथो स उनक अॊगठो को ऩकड़न तथा दोनो जाॊघो ऩय शसय को सथावऩत कय साथ ही उदय को तड़ाग (सयोवय) क सभान कय र| ऱाभ - मह भदरा अनक योगो औय वदधावसथा को बी दय कयन भ सहामक शसदध होती ह|

अनतबोध चतनय दवारा सऩादित तरिदिवसीय मदराचचकितसा सि 38

31 माणडवी मदरा- ववचध - भख को फॊद कयक जफान को तार भ घभाएॊ औय सहसराय स टऩकत हए सधायस को जफान स धीय-धीय ऩीन का मतन कय| मही भाणडवी (मा भाणडकी) भदरा ह| ऱाभ - इसक दवाया फारो की सपदी उनका झड़ना शयीय ऩय झरयममो भॊहासो आदद का ऩड़ना तथा तनफमरता आदद दय होकय चिय-मौवन की परातपत होती ह| इसस यसोतऩादन होकय अभततव की उऩरतबध होना सॊबव हो जाता ह| 32 ऩालशनी मदरा ववचध- दोनो ऩाॊवो को कॊ ठ क ऩीछ की ओय र जाकय उनह ऩयसऩय शभराएॊ औय ऩाश क सभान दढ़ता स फाॊध र| ऱाभ - इसक अभमास स बी कणडशरनी शततत क जागयण भ फहत सगभता हो जाती ह तथा साधक क शयीय भ फर औय ऩतटट का आववबामव होता ह| भानशसक फरवदधमन भ बी मह फहत दहतकय ह| 33 िािी मदरा-

काक कौए को कहत ह कौए की िोि जसी भॊह की भदरा फना रन को काकी भदरा कहा जाता ह ववचध ककसी बी आसन भ फठकय होठो को ऩतरी सी नरी क सभान भोड़कय कौए की िोि जसा फना र अफ नाक क अगर बाग को दखत हए अऩना ऩया धमान नाक ऩय दटका द इसक फाद भॊह स धीय-धीय गहयी शवास रकय होठो को फॊद कय द कछ दय फाद शवास को नाक स फाहय तनकार द इस तयह स 10

अनतबोध चतनय दवारा सऩादित तरिदिवसीय मदराचचकितसा सि 39

शभनट तक कय ऱाभ मह भदरा जहाॊ शयीय भ ठॊडक फढ़ाती ह वहीॊ मह कई योगो को दय कयन भ राबदामक ह इस भदरा का तनयॊतय अभमास कयन स शयीय भ अॊदय बोजन ऩिान की ककरमा तज हो जाती ह इसस अमरवऩतत का फढ़ना कभ हो जाता ह

34 मातचगनी मदरा-

भातॊग का अथम होता ह भघ भाॊ दगाम का एक रऩ ह भातॊगी मह दस भहाववदमा भ स नौवीॊ ववदमा ह भातॊग नाभ स एक धमान होता ह भॊतर होता ह औय एक हाथी का नाभ बी भातॊग ह ऋवष वशशटठ की ऩतनी का एक नाभ बी भातॊगी ह ऋवष कशमऩ की ऩतरी का नाभ बी भातॊगी ह तजसस हाथी उतऩनन हए थ ववचध शाॊत जगह भ ऩानी क अॊदय गर तक शयीय को डफो र औय कपय नाक स ऩानी को खीॊिकय उस भॊह स तनकार र कपय भॊह स ऩानी को खीॊिकय नाक स फाहय तनकार द इस ककरमा को ही भातॊचगनी भदरा कहत ह ऱाभ इस भदरा क अभमास स आॊखो की योशनी तज हो जाती ह शसय ददम भ मह भदरा अतमॊत राबकायी भानी जाती ह इसस नजरा-जकाभ आदद क योग बी दय हो जात ह इस भदरा क तनयॊतय अभमास स िहय ऩय िभक आ जाती ह औय फार बी सपद नहीॊ होत ह इस भदरा क शसदध हो जान ऩय वमततत भ ताकत फढ़ जाती ह

35 नभोमदरा

नब का अथम होता ह आकाश इस भदरा भ जीब को तार की ओय रगात ह इसीशरए इस नबोभदरा कहत ह नबोभदरा कयना सयर नहीॊ ह इस ककसी मोग

अनतबोध चतनय दवारा सऩादित तरिदिवसीय मदराचचकितसा सि 40

शशक स सीखकय ही कयना िादहए मह भदरा फहत स योगो भ राबदामक शसदध हई ह इस फाय भ एक शरोक बी ह- मतर मतर तसथतो मोगी सवमकामष सवमदा उधवमतजवह तसथयो बतवाधायमतभवनॊ सदा नबोभदरा भवदषा मोदववना योग नाशशनी अथामत साय कामो भ तसथय हआ चितत अऩनी जीब क अगर बाग को भॊह क अॊदय तार भ रगाकय शवास को अॊदय योक रता ह इस तसथतत स विारयक गततववचधमाॊ ततकार फॊद हो जाती ह इसीशरए इस भदरा को यहसम का आबास ददरान वारी भदरा बी कहा जाता ह ववचध- अऩनी आॊखो को अऩनी दोनो बौहो क फीि भ जभाकय आऩकी जीब तार क साथ रगा र मह दोनो कामम एक ही साथ औय एक ही सभम भ कय सववधानसाय जफ तक सॊबव हो इसी तसथतत भ यह औय कपय कछ शभनट का धमान कय ऱाभ- नबोभदरा क तनयॊतय अभमास स जीब गर औय आॊखो क साय योग सभापत हो जात ह इसस भतसतटक भ तसथयता फढ़ती ह औय भतसतटक क योग बी दय हो जात ह

36 नालसिागर मदरा -

नाशसकागर भदरा का अथम होता ह नाक का आखखयी छोय ऊऩयी दहससा मा अगरबाग इस बाग ऩय फायी-फायी स सॊतरन फनान हए दखना ही नाकककागर भदरा मोग कहराता ह रककन मह भदरा कयन स ऩहर मोग शशक की सराह जरय र तमोकक इसक कयन स बकटी ऩय जोय ऩड़ता ह

अनतबोध चतनय दवारा सऩादित तरिदिवसीय मदराचचकितसा सि 41

ववचध- ककसी बी आसन भ फठकय नाक क आखखयी शसय ऩय नजय दटका र हो सकता ह कक ऩहर आऩ फाई आॊखो स उस दख ऩाएॊ तफ कछ दय फाद दाई आॊखो स दख इस दखन भ जया बी तनाव न हो सहजता स इस दख

ऱाभ- इसस जहाॊ आॊखो की एतसयसाइज होती ह वहीॊ मह भतसतटक क शरए बी राबदामक ह इसस भन भ एकागरता फढ़ती ह इस भदरा क रगाताय अभमास कयन स भराधाय िकर जागरत होन रगता ह तजसस कणडरीनी जागयण भ भदद शभरती ह इसस भराधाय िकर इसशरए जागरत होता ह तमोकक दोनो आॊखो क फीि ही तसथत ह इड़ा वऩ ॊगरा औय सषमना नाड़ी जो भराधाय तक गई ह समय- इस भदरा को इतनी दय तक कयना िादहए कक आॊखो ऩय इसका जमादा दफाव नहीॊ ऩड़ कपय धीय-धीय इस कयन का सभम फढ़ात जाएॊ

37 बरहम आसन मदरा-

कछ रोग इस बरहभा भदरा बी कहत ह तमोकक इस आसन भ गदमन को िाय ददशा भ घभामा जाता ह औय बरहभाजी क िाय भख थ इसीशरए इसका नाभ बरहभा भदरा आसन यखा गमा रककन असर भ मह बरहभ भदरा आसन ह औय इसभ सबी ददशाओॊ भ तसथत ऩयभशवय को जानकय उसका चिॊतन ककमा जाता ह नभाज ऩढ़त वतत मा सॊधमा वॊदन कयत वतत उतत भदरासन को ककमा जाता यहा ह ववचध- ऩदमासन शसदधासन मा वजरासन भ फठकय कभय तथा गदमन को सीधा यखत हए गदमन को धीय-धीय दामीॊ ओय र जात ह कछ सकॊ ड दामीॊ ओय रकत ह उसक फाद गदमन को धीय-धीय फामीॊ ओय र जात ह कछ सकॊ ड तक फामीॊ ओय रककय कपय दामीॊ ओय र जात ह कपय वाऩस आन क फाद गदमन को ऊऩय की ओय र जात ह उसक फाद नीि की तयप र जात ह कपय गदमन को तराकवाइज

अनतबोध चतनय दवारा सऩादित तरिदिवसीय मदराचचकितसा सि 42

औय एॊटीतराकवाइज घभाएॉ इस तयह मह एक िकर ऩया हआ अऩनी सववधानसाय इस िाय स ऩाॉि िकरो भ कय सकत ह

ऱाभ तजन रोगो को सवामइकर सऩोडराइदटस थाइयाइड नराॊटस की शशकामत ह उनक शरए मह आसन राबदामक ह इसस गदमन की भाॉसऩशशमाॉ रिीरी तथा भजफत होती ह आधमाततभक दतटट स बी मह आसन राबदामक ह आरसम बी कभ होता जाता ह तथा फदरत भौसभ क सदी-जकाभ औय खाॉसी स छटकाया बी शभरता ह

सावधाननया तजनह सवामइकर सऩोडराइदटस मा थाइयाइड की सभसमा ह व ठोडी को ऊऩय की ओय दफाएॉ गदमन को नीि की ओय र जात सभम कॊ ध न झकाएॉ कभय गदमन औय कॊ ध सीध यख गदमन मा गर भ कोई गॊबीय योग हो तो मोग चिककतसक की सराह स ही मह भदराआसन कय

38 भजचगनी मदरा- ववचध- इसभ भख को पराकय कॊ ठ स फाहयी वाम खीॊिी जाती ह| तार औय तजहवा क भधम वाम क घभन स शयीय भ अदभत शततत का आववबामव होता ह|

ऱाभ- मह भदरा अजीणम आदद उदय योगो को नटट कयन भ बी फहत उऩमोगी ह| इस परकाय भदराओॊ क अभमास स साधक को सफ परकाय क शायीरयक भानशसक औय आततभक फर की परातपत होती ह| मोगािामो क अनसाय lsquoनातसत भदरासनककॊ चित शसवदधदॊकषततभणडर (घयणड सॊदहता)rsquo अथामत भदराओॊ क सभान शसवदधदामक कोई अनम साधन ब-भॊडर ऩय नहीॊ ह| इसशरए मोगशसवदध क आकाॊीजनो को भदराओॊ का अभमास कयना शरमसकय ह|

अनतबोध चतनय दवारा सऩादित तरिदिवसीय मदराचचकितसा सि 43

39 खचरी मदरा-

भनटम की जीब (तजहवा) दो तयह की होती ह- रॊफी औय छोटी रॊफी जीब को सऩमतजहवा कहत ह कछ रोगो की जीब रॊफी होन स व उस आसानी स नाशसकागर ऩय रगा सकत ह औय खियी-भदरा कय सकत ह भगय तजसकी जीब छोटी होती ह उस तकरीपो का साभना कयना ऩड़ता ह सफस ऩहर उनह अऩनी जीब रॊफी कयनी ऩड़ती ह औय उसक शरए घषमण व दोहन का सहाया रना ऩड़ता ह जीब नीि की ओय स तजस नाड़ी स जड़ी होती ह उस काटना ऩड़ता ह खियी भदरा को शसदध कयन एवॊ अभत क सराव हत आवशमक उददीऩन भ कछ वषम बी रग सकत ह मह वमततत की मोनमता ऩय बी तनबमय कयता ह मोग भ कछ भदराएॊ ऐसी ह तजनह शसपम मोगी ही कयत ह साभानमजनो को इनह नहीॊ कयना िादहए खियी भदरा साधको क शरए भानी गई ह ववचध - इसक शरए जीब औय तार को जोड़न वार भाॊस-तॊत को धीय-धीय काटा जाता ह अथामत एक ददन जौ बय काटकय छोड़ ददमा जाता ह कपय तीन-िाय ददन फाद थोड़ा-सा औय काट ददमा जाता ह इस परकाय थोड़ा-थोड़ा काटन स उस सथान की यतत शशयाएॊ अऩना सथान बीतय की तयप फनाती जाती ह जीब को काटन क साथ ही परततददन धीय-धीय फाहय की तयप खीॊिन का अभमास ककमा जाता ह इसका अभमास कयन स कछ भहीनो भ जीब इतनी रॊफी हो जाती ह कक मदद उस ऊऩय की तयप रौटा (उसटा कयन) ददमा जाए तो वह शवास जान वार छदो को बीतय स फॊद कय दती ह इसस सभाचध क सभम शवास का आना-जाना ऩणमत योक ददमा जाता ह ऱाभ इस भदरा स पराणामाभ को शसदध कयन औय साभचध रगान भ ववशष सहामता शभरती ह साधनायत साधओॊ क शरए मह भदरा फहत ही राबदामी भानी

अनतबोध चतनय दवारा सऩादित तरिदिवसीय मदराचचकितसा सि 44

जाती ह ववशषता तनयॊतय अभमास कयत यहन स तजफ जफ रॊफी हो जाती ह तफ उस नाशसका यनरो भ परवश कयामा जा सकता ह इस परकाय धमान रगान स कऩार भागम एवॊ तरफ ॊद ववसगम स सॊफॊचधत कछ गरॊचथमो भ उददीऩन होता ह तजसक ऩरयणाभसवरऩ अभत का सराव आयॊब होता ह उसी अभत का सराव होत वतत एक ववशष परकाय का आधमाततभक अनबव होता ह इस अनबव स शसवदध औय सभाचध भ तजी स परगतत होती ह चतावनी मह आरख शसपम जानकायी हत ह कोई बी वमततत इस ऩढ़कय कयन का परमास न कय तमोकक मह शसपम साधको क शरए ह आभ रोगो क शरए नहीॊ

40 अकzwj वनी मदरा- इस भदरा स साधक भ घोड़ो जसी शततत आ जाती ह तजस lsquoहॉसम ऩॉवयrsquo कहत ह|

ववचध - इस भदरा भ गदा-दवाय का फाय-फाय सॊकोिन औय परसाय ककमा जाता ह| इसी स भदरा की शसवदध हो जाती ह| इसक दवाया कणडशरनी जागयण भ सगभता यहती ह औय अनक योग नटट होकय शायीरयक फर की ववदध होती ह|

ऱाभ - अतश वनी भदरा शसदध होन स साधक की अकारभतम कबी नहीॊ होती| गदा औय उदय स सॊफॊचधत योगो का इसक दवाया शभन होता ह तथा दीघमजीवन की उऩरतबध होती ह| तरफना भरफॊध क अतश वनी भदरा नहीॊ हो सकती| 41 बजरौऱी मदरा- फजरौरी भदरा बी भरफॊध का अचछा अभमास ककए तरफना ककसी परकाय सॊबव नहीॊ ह| मह भदरा कवर मोगी क शरए ही नहीॊ बोगी क शरए बी अतमॊत राबकायी ह|

अनतबोध चतनय दवारा सऩादित तरिदिवसीय मदराचचकितसा सि 45

ववचध - इस भदरा भ ऩहर दोनो ऩाॊवो को बशभ ऩय दढ़ताऩवमक दटकाकय दोनो ऩाॊवो को धीय-धीय दढ़ताऩवमक ऊऩय आकाश भ उठा द| इसस तरफॊद-शसवदध होती ह| शकर को धीय-धीय ऊऩय की आकॊ िन कय अथामत इॊददरम क आॊकिन क दवाया वीमम को ऊऩय की ओय खीॊिन का अभमास कय तो मह भदरा शसदध होती ह| ववदवानो का भत ह कक इस भदरा क अभमास भ सतरी का होना आवशमक ह तमोकक बग भ ऩततत होता हआ शकर ऊऩय की ओय खीॊि र तो यज औय वीमम दोनो ही िढ़ जात ह| मह ककरमा अभमास स ही शसदध होती ह| कछ मोगािामम इस परकाय का अभमास शकर क सथान ऩय दनध स कयना फतात ह| जफ दनध खीॊिन का अभमास शसदध हो जाए तफ शकर को खीॊिन का अभमास कयना िादहए| वीमम को ऊऩय खीॊिनवारा मोगी ही ऊधवमयता कहराता ह| ऱाभ - इस भदरा स शयीय रटट-ऩटट तजसवी सॊदय सडौर औय जया-भतम यदहत होता ह| शयीय क सबी अवमव दढ़ होकय भन भ तनश िरता की परातपत होती ह| इसका अभमास अचधक कदठन नहीॊ ह| मदद गहसथ बी इसक कय तो फरवदधमन औय सौदममवदधमन का ऩया राब परापत कय सकत ह चतावनी मह आरख शसपम जानकायी हत ह कोई बी वमततत इस ऩढ़कय कयन का परमास न कय तमोकक मह शसपम साधको क शरए ह आभ रोगो क शरए नहीॊ

साधना कयनवार वमततत क शरए मह आवशमक ह कक वह साधना भ कातमक वाचिक औय भानशसक ककरमाओॊ ऩय ऩया तनमॊतरण यख तथा सभम-सभम ऩय उचित ताॊतरतरक परककरमाओॊ का बी सभनवम कयता यह| इस दतटट स तजस परकाय आसन ऩातरासादन अिमन आदद भ ककरमाओॊ का ववधान ह उसी परकाय उनक साथ कछ भदरा फनान का ववधान ह| म भदराएॊ भखम रऩ-स हाथ औय उसकी उॊगशरमो क परमोग स फनती ह| जस हभाया शयीय ऩॊिततवभम ह| अत शासतरकायो न कहा ह कक इन उॊगशरमो क परमोग स इन ततवो की नमनाचधकता दय की जा

अनतबोध चतनय दवारा सऩादित तरिदिवसीय मदराचचकितसा सि 46

सकती ह तथा ततवो की सभता-ववषभता स होनवारी कभी को उॊगशरमो की भदरा स सभ फनामा जा सकता ह| इतना ही नहीॊ ऐसी भदराओॊ क सहमोग स उन ततवो को सवचछाऩवमक घटामा-फढ़ामा बी जा सकता ह| म ततव करभश अॊगटठ भ अतनन तजमनी भ वाम भधमभा भ आकाश अनाशभका भ ऩथवी औय कतनतटठका भ जर क रऩ भ ववदमभान यहत ह| दवताओॊ की परसननता चितत की शवदध औय ववववध योगो क नाश भ भदराओॊ स फड़ी सहामता शभरती ह| भदराततव को सभझकय परतमक मोगी को इनका साधन कयना िादहए| कणडशरनी शततत क जागयण भ इन भदराओॊ स सहामता शभरती ह| महाॊ हभन तजन भदराओॊ का वणमन एवॊ चितरण ककमा ह उसभ परतमक मोगी साधक को ऩरयचित होना िादहए|

अनतबोध चतनय दवारा सऩादित तरिदिवसीय मदराचचकितसा सि 47

मोग अनसाय आसन औय पराणामाभ की तसथतत को भदरा कहा जाता ह फॊध ककरमा औय भदरा भ आसन औय पराणामाभ दोनो का ही कामम होता ह मोग भ भदराओॊ को आसन औय पराणामाभ स बी फढ़कय भाना जाता ह भदरा दो तयह की होती ह- ऩहरी हसत भदरा अथामत हाथो औय उसकी अॊगशरमो को ववशष आकतत भ फनाना औय दसयी आसन भदरा अथामत तजसभ ऩया शयीय ही सॊिाशरत होता ह

Page 8: 235347477 Mudra Chikitsa Swami Ananta Bodha Chaitanya

अनतबोध चतनय दवारा सऩादित तरिदिवसीय मदराचचकितसा सि 8

अॊगठ औय तजमनी(ऩहरी उॊगरी) क ऩोयो को आऩस भ (तरफना जोय रगाम सहज रऩ भ) जोड़न ऩय ऻान भदरा फनती ह ऱाभ- इस भदरा क तनतम अभमास स सभयण शततत का अबतऩवम ववकाश होता हभतटतटक की दफमरता सभापत हो जाती हसाधना भ भन रगता हधमान एकागरचित होता हइस भदरा क साथ मदद भॊतर का जाऩ ककमा जाम तो वह शसदध होता ह ककसी बी धभमऩॊथ क अनमामी तमो न हो उऩासना कार भ मदद इस भदरा को कय औय अऩन इटट भ धमान एकागरचितत कय तो भन भ फीज रऩ भ तसथत परभ की अनतसशररा का अजशर शरोत सवत परसपदटत हो परवादहत होन रगता ह औय ऩयभाननद की परातपत होती हइसी भदरा क साथ तो ऋवषमो भनीवषमो तऩतसवमो न ऩयभ ऻान को परापत ककमा था ऩागरऩनअनक परकाय क भनोयोग चिडचिडाऩनकरोधिॊिरतारमऩटताअतसथयताचिॊताबमघफयाहटवमाकरताअतनदरा योग डडपरशन जस अनक भन भतसतटक समफनधी वमाचधमाॊ इसक तनमशभत अभमास स तनतशित ही सभापत हो जाती हभानशसक भता फढ़न वारा तथा सतोगण का ववकास कयन वारा मह अिक साधन ह ववदमाचथममो फवदधजीववमो स रकय परतमक आमवगम क सतरी ऩरषो को अऩन आततभक भानशसक ववकास क शरए भदराओॊ का परमोग अवशम ही कयना िादहए

अनतबोध चतनय दवारा सऩादित तरिदिवसीय मदराचचकितसा सि 9

3 वाम भदरा-

ववचध - अॊगठ क फाद वारी ऩहरी अॊगरी - तजमनी को भोड़कय उसक नाखबाग का दवाफ (हसका) अॊगठ क भर बाग (जड़) भ ककमा जाम औय अॊगठ स तजमनी ऩय दवाफ फनामा जाम शष तीनो अॉगशरमो को अऩन सीध भ सीधा यखा जामइसस जो भदरा फनती हउस वाम भदरा कहत ह राब - वाम सॊफनधी सभसत योग मथा - गदठमाजोडो का ददम वात ऩाघात हाथ ऩय मा शयीय भ कमऩन रकवा दहसटीरयमा वाम शर गस इतमादद अनक असाधम योग इस भदरा स ठीक हो जात ह इस भदरा क साथ कबी कबी पराण भदरा बी कयत यहना िादहए

अनतबोध चतनय दवारा सऩादित तरिदिवसीय मदराचचकितसा सि 10

4 आिाश मदरा

ववचध दोनो हाथो की भधमभा अॊगशरमो को अॊगठो क अगरबाग स रगाकय फाकी अॊगशरमो को सीधा कय द अफ हाथो को घटनो ऩय यख र हथशरमो का रख ऊऩय की ओय यहगा कभय-गदमन सीधी यख कय आॊख फॊद कय धमान की तसथतत भ फठ जाएॊ ऱाभ कान क योग फहयाऩन कान भ आवाज आन की सभसमा दय होन रगती ह हडडडमो की कभजोयी को बी दय कयन भ भदद शभरती ह

अनतबोध चतनय दवारा सऩादित तरिदिवसीय मदराचचकितसा सि 11

5 शनम भदरा -

ववचध - अॊगठ स दसयी अॊगरी (भधमभासफस रमफी वारी अॊगरी) को भोड़कय अॊगठ क भर बाग (जड़ भ) सऩशम कय औय अॊगठ को भोड़कय भधमभा क ऊऩय स ऐस दफाम कक भधमभा उॊगरी का तनयॊतय सऩशम अॊगठ क भर बाग स फना यह फाकी की तीनो अॉगशरमो को अऩनी सीध भ यखइस तयह स जो भदरा फनती ह उस शनम भदरा कहत ह राब - इस भदरा क तनयॊतय अभमास स कान फहना फहयाऩन कान भ ददम इतमादद कान क ववशबनन योगो स भततत सॊबव हमदद कान भ ददम उठ औय इस भदरा को परमतत ककमा जाम तो ऩाॊि सात शभनट क भधम ही राब अनबत होन रगता हइसक तनयॊतय अभमास स कान क ऩयान योग बी ऩणमत ठीक हो जात ह इसकी अनऩयक भदरा आकाश भदरा हइस भदरा क साथ साथ मदद आकाश भदरा का परमोग बी ककमा जाम तो वमाऩक राब शभरता ह

अनतबोध चतनय दवारा सऩादित तरिदिवसीय मदराचचकितसा सि 12

6 ऩथवी मदरा

ववचध दोनो हाथो की अनाशभका अॊगशरमो को अॊगठो क अगरबाग स रगाकय फाकी अॊगशरमाॊ सीधी यख अफ हाथो को घटनो ऩय यख र हथशरमो का रख ऊऩय की ओय यहगा कभय-गदमन सीधी यख कय आॊख फॊद कय धमान की तसथतत भ फठ जाएॊ ऱाभ मह भदरा शायीरयक दफरमता दय कय वजन फढ़ाती ह शयीय भ सपततम कातनत एवॊ तज फढ़ाकय जीवनी शततत का ववकास कयती ह इसक अभमास स ऩािन तनतर को फर शभरता ह

अनतबोध चतनय दवारा सऩादित तरिदिवसीय मदराचचकितसा सि 13

7 सयय मदरा

ववचध दोनो हाथो की अनाशभका अॊगशरमो को अॊगठो क भर भ रगाकय अॊगठ स दफाकय फाकी अॊगशरमो को सीधा कयक यख अफ हाथो को घटनो ऩय यख र हथशरमो का रख ऊऩय की ओय यहगा कभय-गदमन सीधी यख कय आॊख फॊद कय धमान की तसथतत भ फठ जाएॊ ऱाभ मह भदरा भोटाऩा कभ कय वजन घटाती ह शयीय भ ऊटणता फढ़ाती ह शततत का ववकास कयती ह कॉरसरॉर फढ़न नहीॊ दती भधभह व रीवय क योग भ राब ऩहॊिाती ह शयीय को सॊतशरत कय दती ह नोट कभजोय वमततत इसका अभमास न कय गभी भ इसका अभमास कभ ही कय

अनतबोध चतनय दवारा सऩादित तरिदिवसीय मदराचचकितसा सि 14

8 वरण मदरा

ववचध दोनो हाथो की कतनटठा अॊगशरमो को अॊगठो क अगरबाग ऩय रगाकय फाकी अॊगशरमो को सीधा यखन स मह भदरा फनती ह अफ हाथो को घटनो ऩय यख र हथशरमो का रख ऊऩय की ओय यहगा कभय-गदमन सीधी यख कय आॊख फॊद कय धमान की तसथतत भ फठ जाएॊ ऱाभ मह िभमयोग यतत ववकाय दय कयती ह शयीय भ रखाऩन दय कय तविा को िभकीरी व भरामभ फनान भ सहामक ह िहय की सॊदयता को फढ़ा दती ह नोट कप परकतत वार वमततत इसका अभमास जमादा न कय

अनतबोध चतनय दवारा सऩादित तरिदिवसीय मदराचचकितसा सि 15

9 जऱोिर नाशि-

ववचध कतनटठा को अॉगठ क जड़ भ रगाकय अॉगठ स दफाम राब- जर तततव की अचधकता स होन वार सबी योगसजन जरोदय आदद भ ववशष राब होता

ह योग शानत होन तक ही कय

अनतबोध चतनय दवारा सऩादित तरिदिवसीय मदराचचकितसा सि 16

10 पराण मदरा -

ववचध अॊगठ स तीसयी अनाशभका तथा िौथी कतनतटठका अॉगशरमो क ऩोयो को एकसाथ अॊगठ क ऩोय क साथ शभराकय शष दोनो अॉगशरमो को अऩन सीध भ खडा यखन स जो भदरा फनती ह उस पराण भदरा कहत ह राब - हरदम योग भ याभफाण तथा नतरजमोतत फढान भ मह भदरा ऩयभ सहामक हसाथ ही मह पराण शततत फढ़ान वारा बी होता हपराण शततत परफर होन ऩय भनटम क शरए ककसी बी परततकर ऩरयतसथततमो भ धममवान यहना अतमॊत सहज हो जाता हवसतत दढ पराण शततत ही जीवन को सखद फनाती ह इस भदरा की ववशषता मह ह कक इसक शरए अवचध की कोई फाधमता नहीॊइस कछ शभनट बी ककमा जा सकता ह

अनतबोध चतनय दवारा सऩादित तरिदिवसीय मदराचचकितसा सि 17

11 अऩान मदरा

ववचध दोनो हाथो की भधमभा तथा अनाशभका अॊगशरमो को अॊगठ क अगरबाग स रगाकय फाकी अॊगशरमो को सीधी यख अफ हाथो को घटनो ऩय यख र हथशरमो का रख ऊऩय की ओय यहगा कभय-गदमन सीधी यख कय आॊख फॊद कय धमान की तसथतत भ फठ जाएॊ ऱाभ कबज भधभह ककडनी ववकाय वाम ववकाय फवासीय को दय कयन भ सहामक ह शयीय को शदध कय नाड़ी दोषो को दय कयन वारी ह भतर का अवयोध दय कय दाॊतो को भजफत कयती ह ऩसीना बी राती ह नोट इस भदरा क अभमास स भतर अचधक आन रगता ह

अनतबोध चतनय दवारा सऩादित तरिदिवसीय मदराचचकितसा सि 18

12 वयान मदरा-

ववचध- हाथ की भधमभा अॊगरी क आग क बाग को अॊगठ क आग क बाग स शभरान औय तजमनी अॊगरी को फीि की अॊगरी क नाखन स छआएॊ फाकी फिी सायी अॊगशरमाॊ सीधी यहनी िादहए इसी को वमान भदरा कहा जाता ह अवचध- इस भदरा को सफह 15 शभनट औय शाभ को 15 शभनट तक कयना िादहए ऱाभ- वमान भदरा को कयन स ऩशाफ सॊफॊधी सबी योग दय होत ह जस- ऩशाफ जमादा आना ऩशाफ भ िीनी आना ऩशाफ क साथ घात आना ऩशाफ रक-रक कय आना आदद योग सभापत हो जात ह इसक अरावा इस भदरा क तनमशभत अभमास स भधभह परभह औय सवपनदोष बी दय होता ह तसतरमो क शरए मह भदरा सफस जमादा राबदामक फताई गई ह इस भदरा को कयन स तसतरमो क साय योग सभापत हो जात ह

अनतबोध चतनय दवारा सऩादित तरिदिवसीय मदराचचकितसा सि 19

13 उिान मदरा-

ववचध - ऩहरी भधमभा औय अनाशभका उॊगरी क आग क बाग को अॊगठ क आग क बाग स रगाएॊ इस उदान भदरा कहत ह इसका सॊफॊध कॊ ठ स भतसतटक तक होता ह मह ववशवदध िकर को परवादहत कयता ह

राब - इसस भन शाॊत होता ह औय थामयॉइड सॊफॊधी सबी योगो भ राब ऩहॊिता ह

सभमावचध - इस भदरा को बी कवर 15 स 45 शभतनट तक ही कयना िादहए

अनतबोध चतनय दवारा सऩादित तरिदिवसीय मदराचचकितसा सि 20

14 सभान भदरा

ववचध - हाथ की िायो उॊगशरमो औय अॊगठ क अगरबाग को शभरा कय ऊऩय की तयप यखन स सभान भदरा फनती ह इस भदरा भ ऩाॊिो ततव शभर जात ह

राब ndash मह भदरा हभाय वविायो को आधमाततभक फनाती ह फय वविाय दय होत ह

अनतबोध चतनय दवारा सऩादित तरिदिवसीय मदराचचकितसा सि 21

15 हिय मदरा

ववचध दोनो हाथो की तजमनी अॊगशरमो को अॊगठो क भर भ रगाकय भधमभा व अनाशभका अॊगशरमो को अॊगठ क अगरबाग ऩय रगा द व छोटी अॊगरी को सीधा कयक यख अफ हाथो को घटनो ऩय यख र हथशरमो का रख ऊऩय की ओय यहगा कभय-गदमन सीधी यख कय आॊख फॊद कय धमान की तसथतत भ फठ जाएॊ ऱाभ मह भदरा रदम योगो भ ववशष रऩ स राबकायी ह परततददन 10-15 शभनट अभमास स रदम भजफत होता ह गस फनना शसयददम असथभा व उचि यततिाऩ भ राबकायी ह सीदढ़मो ऩय िढ़न स ऩहर ही अगय मह भदरा रगा री जाए औय इस भदरा क साथ ही सीदढ़माॊ िढ़ी जाएॊ तो साॊस नहीॊ परती

अनतबोध चतनय दवारा सऩादित तरिदिवसीय मदराचचकितसा सि 22

16 लऱग मदरा

ववचध- फाएॉ हाथ का अॊगठा सीधा खडा कय दादहन हाथ स फाएॊ हाथ कक अॉगशरमो भ ऩयसऩय पॉ सात हए दोनो ऩॊजो को ऐस जोड कक दादहना अॊगठा फाएॊ अॊगठ को फहाय स आवतत कय र इस परकाय जो भदरा फनगी उस अॊगटठ भदरा कहग राब - अॊगठ भ अतनन ततव होता हइस भदरा क अभमास स शयीय भ उटभता फढ़न रगती हशयीय भ जभा कप ततव सखकय नटट हो जाता हसदी जकाभखाॊसी इतमादद योगो भ मह फड़ा राबदामी होता हकबी मदद शीत परकोऩ भ आ जाएॉ औय शयीय भ ठणड स कॊ ऩकॊ ऩाहट होन रग तो इस भदरा का परमोग तवरयत राब दता ह

अनतबोध चतनय दवारा सऩादित तरिदिवसीय मदराचचकितसा सि 23

17 शख मदरा-

ववचध - फाएॊ हाथ क अॊगठ को दोनो हाथ की भटठी भ फॊद कयक फाएॊ हाथ की तजमनी उॊगरी को दादहन हाथ क अॊगठ स शभरान स शॊख भदरा फनती ह| इस भदरा भ फाएॊ हाथ की फाकी तीन उॊगशरमो क ऩास भ सटाकय दाएॊ हाथ की फॊद उॊगशरमो ऩय हसका-सा दफाव ददमा जाता ह| इसी परकाय हाथ फदरकय अथामत दाएॊ हाथ क अॊगठ को फाएॊ हाथ की भटठी भ फॊद कयक शॊख भदरा फनाई जाती ह| इस भदरा भ ऱाभ - अॊगठ का दफाव हथरी क फीि क बाग ऩय औय भटठी की तीन उॊगशरमो का दफाव शकर ऩवमत ऩय ऩड़ता ह तजसस हथरी भ तसथत नाशब औय थाइयॉइड (ऩतसरका) गरॊचथ क क दर दफत ह| ऩरयणाभसवरऩ नाशब औय थाइयॉइड गरॊचथ क ववकाय ठीक होत ह|

अनतबोध चतनय दवारा सऩादित तरिदिवसीय मदराचचकितसा सि 24

शॊख भदरा का नाशब िकर स तनकट का सॊबॊध ह इसशरए शायीय क सनामतॊतर ऩय ववशष कामम कयती ह अत अनत औय फाहम सवासथम भ फहत राबकायी ह

मह ऩािन तॊतर को उततभ फनाती ह

तनमशभत कयन स बख फढान भ भदद शभरती ह

मह भदरा फोरत सभम उचिायण क दोषो को दय कयन भ फहत परबावी ह जस ततराना हकराना आदद दोष तनमभतत परमोग स दय हो जात ह

सॊगीत की साधना कयन वारो क शरए ववशश राबकायी ह वाणी को भधय फनाती ह

मह भदरा ऩजन भ बी परमतत होती ह| इसका परमोग रॊफ सभम तक ककमा जा सकता ह| इस भदरा का नाशबिकर स ववशष समफनध ह तजसक कायण नाशब स सॊफॊचधत शयीय की नाडड़मो ऩय सकषभ औय सवासथमवधमक परबाव ऩड़ता ह तथा सनामभणडर शतततशारी फनती ह|

अनतबोध चतनय दवारा सऩादित तरिदिवसीय मदराचचकितसा सि 25

18 योनन मदरा-

मौचगक दतटट स अऩन अॊदय कई परकाय क यहसम तछऩाए यखनवारी भदरा का वासतववक नाभ lsquoमोतन भदराrsquo ह| तत मोग क अनसाय कवर हाथो की उॊगशरमो स भहाशततत बगवती की परसननता क शरए मोतन भदरा परदशशमत कयन की आऻा ह| परतम रऩ स इसका परबाव रॊफी मोग साधना क अॊतगमत तॊतर-भॊतर-मॊतर साधना स बी दतटटगोिय होता ह| इस भदरा क तनयॊतय अभमास स साधक की पराण-अऩान वाम को शभरा दनवारी भरफॊध ककरमा को बी साथ कयन स जो तसथतत फनती ह उस ही मोतन भदरा की सॊऻा दी ह| मह फड़ी िभतकायी भदरा ह| ऩदमासन की तसथतत भ फठकय दोनो हाथो की उॊगशरमो स मोतन भदरा फनाकय औय ऩवम भरफॊध की तसथतत भ सममक बाव स तसथत होकय पराण-अऩान को शभरान की परफर बावना क साथ भराधाय सथान ऩय मौचगक सॊमभ कयन स कई परकाय की शसवदधमाॊ परापत हो जाती ह|

अनतबोध चतनय दवारा सऩादित तरिदिवसीय मदराचचकितसा सि 26

ऋवषमो का भत ह कक तजस मोगी को उऩयोतत तसथतत भ मोतन भदरा का रगाताय अभमास कयत-कयत शसवदध परापत हो गई ह उसका शयीय साधनावसथा भ बशभ स आसन सदहत ऊऩय अधय भ तसथत हो जाता ह| सॊबवत इसी कायण आदद शॊकयािाममजी न अऩन मोग यतनावरी नाभक ववशष गरॊथ भ भरफॊध का उसरख ववशष रऩ स ककमा ह|

19 धन मदरा -

बायतीम ऩयॊऩया भ धन गाम को कहा जाता ह औय मह दहनद धभम क साततवक औय भहानता का परतीक ह धन भदरा फनात सभम हाथो की उॊगशरमा गाम क थनो जसी हो जाती ह जस गाम क थनो स दध ऩीकय शयीय ऩटट फनता ह वस ही धन भदरा कयन स बी शयीय रटट ऩटट फनता ह

ववचध - अनमोनमाशबभखॊ तशरटटाकतनटठानाशभका ऩन

अनतबोध चतनय दवारा सऩादित तरिदिवसीय मदराचचकितसा सि 27

तथा ि तजमतनभधमा धन भदरा अभत परदा ( कारी तॊतर )

अऩन दोनो हाथो की अॊगशरमो क ऩोयो को एक साथ शभरा र कपय फाम हाथ की तजमनी ऊॊ गरी को दाएॊ हाथ की फीि वारी उॊगरी स छआए इसक फाद दाएॊ हाथ की तजमनी उॊगरी को फाम हाथ की फीि वारी उॊगरी स छआम ऐस ही फाम हाथ की अनाशभका उॊगरी को दाएॊ हाथ की सफस छोटी उॊगरी स शभराएॊ अॉगठो को खरा छोड़ द हाथ की अॊगशरमो को नीि की तयप कयन स अॊगशरमो की आकतत गाम क धनो जसी हो जाती ह इसी कायण इस धन भदरा कहत ह

सभम - इस भदरा का अभमास धीय धीय फढ़ाए ऩहर 1 स 15 शभतनट औय फाद भ 15 स 30 तथा जफ अचछी तयह मह भदरा अभमास भ आ जाए तफ इस भदरा को 45 शभतनट तक कय सकत ह

राब - धन भदरा स ऩािन तॊतर भजफत होता ह औय शयीय ताकतवय व सवसथ फनता ह मह ऩट क योगो क शरए याभफाण भदरा ह मोग साधना भ फहत ही उऩमोगी भदरा कहराती ह तॊतर एवॊ कभमकाॊड भ बी धन भदरा का परमोग ह ह ऩयानी भानमता क अनसाय मह अभत ततव को दन वारी भदरा ह मह भदरा वात वऩतत तथा कप को सॊतशरत कयती ह

अनतबोध चतनय दवारा सऩादित तरिदिवसीय मदराचचकितसा सि 28

20 मगी मदरा-

भग दहयन को कहा जाता ह मऻ क दौयान होभ की जान वारी साभगरी को इसी भदरा भ होभ ककमा जाता ह पराणामाभ ककए जान क दौयान बी इस भदरा का उऩमोग होता ह धमान कयत वतत बी इस भदरा का इसतभार ककमा जाता ह मह भदरा फनात वतत हाथ की आकतत भग क शसय क सभान हो जाती ह इसीशरए इस भगी भदरा कहा जाता ह मह एक हसत भदरा ह ववचध अऩन हाथ की अनाशभका औय भधमभा अॊगरी को अॊगठ क आग क बाग को छआ कय फाकी फिी तजमनी औय कतनटठा अॊगरी को सीधा तान दन स भगी भदरा फन जाती ह योग आसन - इस दौयान उतकटासन सखासन औय उऩासना क सभम इसतभार होन वार आसन ककए जा सकत ह

अनतबोध चतनय दवारा सऩादित तरिदिवसीय मदराचचकितसा सि 29

समय- इस भदरा को सववधानसाय कछ दय तक कय सकत ह औय इस तीन स िाय फाय ककमा जा सकता ह ऱाभ- भगी भदरा कयत सभम अॊगठ क ऩोय औय अॊगशरमो क जोड़ ऩय दफाव ऩड़ता ह उतत दफाव क कायण शसयददम औय ददभागी ऩयशानी भ राब शभरता ह एतमपरशय चिककतसा क अनसाय उतत अॊगशरमो क अॊदय दाॊत औय सामनस क तरफ ॊद होत ह तजसक कायण हभ दाॊत औय सहनस योग भ बी राब शभरता ह ववशष- भाना जाता ह कक इस भदरा को कयन स सोिन औय सभझन की शततत का ववकास बी होता ह भगी भदरा शभगी क योचगमो क शरए फहत ही राबकायी ह

21 यमहररमदरा

ववचध -सवम परधभ आऩ अऩन दोनो हाथो की सफस छोटी अॊगरी अथामत कतनटठा को आऩस भ एक दसय क परथभ ऩोय स शभरा द इसी क साथ दोनो अॊगठ को बी आऩस भ शभरा द अफ तीन अॊगशरमाॊ फाकी यह जाएॊगी- भध मभा तजमनी औय अनाशभका इन तीनो अॊगशरमो को हथरी की ओय भोड़कय भटठी जसा फनाइए अॊगशरमो की इस तसथतत को मभ हरयभदरा कहत ह

अनतबोध चतनय दवारा सऩादित तरिदिवसीय मदराचचकितसा सि 30

ऱाभ - मभहरयभदरा क तनमशभत अभमास स नाडड़मो को शततत शभरती ह इस भदरा क तनयॊतय अभमास स ऩट क योग जस- कबज बख ना रगना औय तजगय की कभजोयी दय होती ह इस भदरा स तसतरमो क सतनो क साय योगो भ बी राब शभरता ह मभ हरयभदरा को परततददन 5 शभनट सफह औय 5 शभनट शाभ को कय आऩ इसक कयन का सभम फढ़ाकय 10 शभनट तक कय सकत ह परततददन कभ स कभ ऩाॊि भदराएॊ अऩनी सववधानसाय कयनी िादहए भदराओॊ स सबी योगो भ राब ऩामा जा सकता ह मदद उनका मोग शशक स ऩछकय तनमशभत अभमास ककमा जाए भदराएॊ खासकय उन रोगो क शरए पामदभॊद सातरफत होती ह जो मोगासन कयन भ असभथम ह

22 ऩषऩाजलऱ मदरा-

अनतबोध चतनय दवारा सऩादित तरिदिवसीय मदराचचकितसा सि 31

मह भहतवऩणम हसत मोग भदरा ह जस दआ भ हाथ उठात ह मा ऩटऩ अऩमण कयत ह तफ मह भदरा फनती ह जसा कक इसका नाभ ह ऩटऩाॊजशर इसी स मह शसदध होता ह कक मह भदरा ककस परकाय की होगी ववचध- दोनो हाथो की अॊगशरमो औय अॊगठ को आऩस भ शभरा भखणफदध को बी शभरा र कपय दोनो हाथो की छोटी अॊगशरमो को एक साथ शभराकय ऐसी आकतत फना र कक जस हभ ककसी बगवान को पर िढ़ात सभम फनात ह इस ही ऩटऩाॊजशर भदरा कहत ह

ऱाभ- ऩटऩाॊजरी भदरा क तनयॊतय अभमास स नीॊद अचछी तयह स आन रगती ह आतभववशवास फढ़ता ह

23 यज भदरा-

अनतबोध चतनय दवारा सऩादित तरिदिवसीय मदराचचकितसा सि 32

यज भदरा कवर तसतरमो क शरए ह ऐसा नहीॊ फतसक अगय ऩरष इस भदरा को कयत ह तो उनक वीमम सॊफॊधी सभसत योग दय हो जात ह ववचध- यज भदरा फनाना फहत ही आसान ह कतनटठा (छोटी अॊगरी) अॊगरी को हथरी की जड़ भ भोड़कय रगान स यज भदरा फन जाती ह ऱाभ- यज भदरा स तसतरमो क भाशसक धभम सॊफॊधी योग दय होत ह इसक अरवा शसय भ बायीऩन यहना छाती भ ददम ऩट ऩीठ कभय का ददम आदद योग बी यज भदरा कयन स दय हो जात ह सतरी क साय परजनन अॊगो की ऩयशातनमो को म भदरा तरफसकर दय कय दती ह

24 अदिती मदरा-

ववचध- अॊगठ क आग क बाग को अनाशभका (छोटी उॊगरी क साथ वारी उॊगरी) उॊगरी की जड़ भ टढ़ा रगान स अददती भदरा फन जाती ह

ऱाभ- इस भदरा को कयन स हय सभम उफासी आना जमादा छीॊक आना जस योगो को दय ककमा जा सकता ह

अनतबोध चतनय दवारा सऩादित तरिदिवसीय मदराचचकितसा सि 33

समय- अददती भदरा को ददन भ 3-4 फाय 15-15 शभनटो क शरए कय सकत ह

25 हसी मदरा-

जस हॊस नीय ीय वववक की साभथमम यखता ह वस इस भदरा क कयन स सोिन औय तवरयत तनणमम की भता फढती ह मदरा िी ववचध - सखासन मा उतकटासन भ फठकय अऩन हाथ की सबी सफस छोटी अॊगरी को छोड़कय अॊगशरमो को अॊगठ क आग क बाग को दफान स हॊसी भदरा फन जाती ह अवचध- इस भदरा को परयॊब भ 5-8 शभनट स कयक 30-48 शभनट तक कय सकत ह मदरा िा ऱाभ- इस भदरा तनमशभत अभमास स वववक फढ़ता ह अथामत इसस सोिन-सभझन की शततत फढ़ती ह औय इसस शयीय का बायीऩन सभापत हो जाता ह

अनतबोध चतनय दवारा सऩादित तरिदिवसीय मदराचचकितसा सि 34

ववशषता- भाना जाता ह कक इस भदरा का तनमशभत अभमास कयन स याजशसक ताकत फढ़ती ह औय वमततत धन सॊऩनन फना यहता ह सावधानी - इस भदरा को कयत सभम ककसी बी परकाय का भॊतर नहीॊ जऩना िादहए औय ना ही कोई अनम धाशभमक उऩकरभ कय

26 हसतऩात मदरा-

ववचध- इस भदरा को कयन क शरए आऩ अऩन दोनो हाथो की हथरी क ऩीछ क बाग को आऩस भ अॊगशरमो सदहत शभरा द इस आकतत को हसतऩात भदरा कहा जाता ह मह नभसकाय भदरा जसा ही ह रककन इसभ हथरी क ऩटठ बाग को शभरा ददमा जाता ह ऱाभ- इस हसतऩात भदरा को कयन स शवास औय गर क क साय योग भ फहत राब शभरता ह तजन तसतरमाॊ मदद इसका तनमशभत अभमास कयती ह तो इसस उनक सतन सड़ौर सॊदय औय सवसथ हो जात ह तजन तसतरमो क सतन छोट ह ढीर ह मा उनक सतनो भ दध नहीॊ आता ह तो मह भदरा उनक शरए फहत राबकायी शसदध हो सकती ह

27 धयान मदरा

ववचध- ऩदमासन भ फठकय फाएॊ हाथ की हथरी ऩय दाएॊ हाथ की हथरी को (उसट हाथ ऩय सीध हाथ को) हसक स यखन स धमान भदरा फनती ह| धमान यख कक इस भदरा भ शसय गदमन एवॊ यीढ़ की हडडी सीधी यह| आॊख औय होठ सहज स फनद यह| धमान अऩन इटटदव क सवरऩ ऩय दटकाएॊ अथवा कामोतसगम कय अथामत शयीय स

अनतबोध चतनय दवारा सऩादित तरिदिवसीय मदराचचकितसा सि 35

सभता यखत हए कछ दय क शरए वविाय यदहत अवसथा भ यहन का परमास कय| अटटाॊग मोग (मभ तनमभ पराणामाभ परतमाहाय धायणा धमान औय सभाचध) क एक अॊग lsquoधमानrsquo की साधना भ मह भदरा ववशष रऩ स सहामक शसदध हई ह| ऱाभ - जो वमततत ऩदमासन नहीॊ कय सकत उनह धमान भदरा सखासन मा सवतसतक अथवा ऩारथी आसन भ कयना िादहए| मह सहज भदरा ह| सहज धमान भदरा को साधायण वमततत अचधक रमफ सभम तक सयरता स कय सकता ह| इसस धमान भदरा क राब बी शभर जात ह| धमान भदरा भ मदद हथशरमाॊ एक दसय ऩय यखन क फाद दोनो हथशरमाॊ ऻान भदरा की तसथतत भ यखी जाएॊ तो धमान भदरा तथा ऻान भदरा क सतमभशरत राब क साथ ऩदमासन क राब बी शभर जात ह| साधक क शरए धमान भदरा भ सभम की कोई सीभा नहीॊ ह| रककन सहजता क साथ ऩदमासन कयन की भता क अनरऩ धमान भदरा का अभमास कयना िादहए| साधायण वमततत को इस धीय-धीय फढ़ात हए कभ-स-कभ २० शभनट स एक घॊट तक कयना िादहए| धमान भदरा न कय सकन की अवसथा भ सहज धमान भदरा कयक राब उठाना िादहए| भन की िॊिरता शाॊत होकय चितत की एकागरता फढ़ती ह| साततवक वविायो की उतऩततत होती ह औय परब बजन भ भन रगता ह|

धमान क परबाव स साधक को धमान की उचितय तसथतत भ ऩहॊिन भ सहामता शभरती ह| आतभ साातकाय औय ईश वय क साातकाय भ मह भदरा सहामक ह|

28 शामभवी मदरा-

आॉख खरी हो रककन आऩ दख नहीॊ सकत ऐसी तसथतत जफ सध जाती ह तो उस शामबवी भदरा कहत ह ऐसी तसथतत भ आऩ नीॊद का भजा बी र सकत ह मह फहत कदठन साधना ह इसक ठीक उसटा कक जफ आॉख फॊद हो तफ आऩ दख

अनतबोध चतनय दवारा सऩादित तरिदिवसीय मदराचचकितसा सि 36

सकत ह मह बी फहत कदठन साधना ह रककन मह दोनो ही सॊबव ह असॊबव कछ बी नहीॊ फहत स ऐस ऩश औय ऩी ह जो आॉख खोरकय ही सोत ह ववचध- मदद आऩन तराटक ककमा ह मा आऩ तराटक क फाय भ जानत ह तो आऩ इस भदरा को कय सकत ह सवमपरथभ शसदधासन भ फठकय यीढ़-गदमन सीधी यखत हए ऩरको को तरफना झऩकाएॉ दखत यह रककन धमान ककसी बी िीज को दखन ऩय ना यख ददभाग तरफसकर बीतय कहीॊ रगा हो

ऱाभ- शामबवी भदरा को कयन स ददर औय ददभाग को शाॊतत शभरती ह मोगी का धमान ददर भ तसथय होन रगता ह आॉख खरी यखकय बी वमततत नीॊद औय धमान का आनॊद र सकता ह इसक सधन स वमततत बत औय बववटम का ऻाता फन सकता ह सऱाह- शामबवी भदरा ऩयी तयह स तबी शसदध हो सकती ह जफ आऩकी आॉख खरी हो ऩय व ककसी बी िीज को न दख यही हो ऐसा सभझ की आऩ ककसी धन भ जी यह हो आऩको खमार होगा कक कबी-कबी आऩ कहीॊ बी दख यह होत ह रककन आऩका धमान कहीॊ ओय यहता ह समय- इस भदरा को शरआत भ तजतनी दय हो सक कय औय फाद भ धीय-धीय इसका अभमास फढ़ात जाएॉ

अनतबोध चतनय दवारा सऩादित तरिदिवसीय मदराचचकितसा सि 37

29 शकततचालऱनी मदरा- ववचध - आठ अॊगर रॊफा औय िाय अॊगर िौड़ा भरामभ वसतर रकय नाशब ऩय रगाएॊ औय कदटसतर भ फाॊध र| कपय शयीय भ बसभ यभाकय शसदधासन भ फठ औय पराण को अऩान स मतत कय| जफ तक गहम दवाय स िरती हई वाम परकाशशत न हो इस सभम तक गहम दवाय को सॊकचित यख| इसस वाम का जो तनयोध होता ह उसभ कमबक क दवाया कणडशरनी शततत जागरत होती हई सषमना भागम स ऊऩय जाकय खड़ी हो जाती ह| मोगभदरा स ऩहर इसका अभमास कयन ऩय ही मोतन भदरा की ऩणम शसवदध होती ह| ऱाभ - इस भदरा स कणडशरनी शततत का जागयण होता ह| जफ तक मह सोती ह तफ तक सबी आॊतरयक शतततमाॊ सपत ऩड़ी यहती ह| इसशरए कणडशरनी का जागरत होना साधक क शरए फहत आवशमक ह| पराण-अऩान को सॊमतत कयन की ककरमा पराणवाम को ऩयक दवाया बीतय खीॊिन औय उडडीमान फॊध स अऩान वाम को ऊऩय की ओय आकवषमत कयन स ऩणम होती ह| इसभ गहम परदश क सॊकोि औय ववसताय का अभमास होन स अचधक सयरता हो सकती ह| 30 तड़ागी मदरा- ववचध - दोनो ऩाॊवो को दणड क सभान धयती ऩय ऩसाय र औय हाथो स उनक अॊगठो को ऩकड़न तथा दोनो जाॊघो ऩय शसय को सथावऩत कय साथ ही उदय को तड़ाग (सयोवय) क सभान कय र| ऱाभ - मह भदरा अनक योगो औय वदधावसथा को बी दय कयन भ सहामक शसदध होती ह|

अनतबोध चतनय दवारा सऩादित तरिदिवसीय मदराचचकितसा सि 38

31 माणडवी मदरा- ववचध - भख को फॊद कयक जफान को तार भ घभाएॊ औय सहसराय स टऩकत हए सधायस को जफान स धीय-धीय ऩीन का मतन कय| मही भाणडवी (मा भाणडकी) भदरा ह| ऱाभ - इसक दवाया फारो की सपदी उनका झड़ना शयीय ऩय झरयममो भॊहासो आदद का ऩड़ना तथा तनफमरता आदद दय होकय चिय-मौवन की परातपत होती ह| इसस यसोतऩादन होकय अभततव की उऩरतबध होना सॊबव हो जाता ह| 32 ऩालशनी मदरा ववचध- दोनो ऩाॊवो को कॊ ठ क ऩीछ की ओय र जाकय उनह ऩयसऩय शभराएॊ औय ऩाश क सभान दढ़ता स फाॊध र| ऱाभ - इसक अभमास स बी कणडशरनी शततत क जागयण भ फहत सगभता हो जाती ह तथा साधक क शयीय भ फर औय ऩतटट का आववबामव होता ह| भानशसक फरवदधमन भ बी मह फहत दहतकय ह| 33 िािी मदरा-

काक कौए को कहत ह कौए की िोि जसी भॊह की भदरा फना रन को काकी भदरा कहा जाता ह ववचध ककसी बी आसन भ फठकय होठो को ऩतरी सी नरी क सभान भोड़कय कौए की िोि जसा फना र अफ नाक क अगर बाग को दखत हए अऩना ऩया धमान नाक ऩय दटका द इसक फाद भॊह स धीय-धीय गहयी शवास रकय होठो को फॊद कय द कछ दय फाद शवास को नाक स फाहय तनकार द इस तयह स 10

अनतबोध चतनय दवारा सऩादित तरिदिवसीय मदराचचकितसा सि 39

शभनट तक कय ऱाभ मह भदरा जहाॊ शयीय भ ठॊडक फढ़ाती ह वहीॊ मह कई योगो को दय कयन भ राबदामक ह इस भदरा का तनयॊतय अभमास कयन स शयीय भ अॊदय बोजन ऩिान की ककरमा तज हो जाती ह इसस अमरवऩतत का फढ़ना कभ हो जाता ह

34 मातचगनी मदरा-

भातॊग का अथम होता ह भघ भाॊ दगाम का एक रऩ ह भातॊगी मह दस भहाववदमा भ स नौवीॊ ववदमा ह भातॊग नाभ स एक धमान होता ह भॊतर होता ह औय एक हाथी का नाभ बी भातॊग ह ऋवष वशशटठ की ऩतनी का एक नाभ बी भातॊगी ह ऋवष कशमऩ की ऩतरी का नाभ बी भातॊगी ह तजसस हाथी उतऩनन हए थ ववचध शाॊत जगह भ ऩानी क अॊदय गर तक शयीय को डफो र औय कपय नाक स ऩानी को खीॊिकय उस भॊह स तनकार र कपय भॊह स ऩानी को खीॊिकय नाक स फाहय तनकार द इस ककरमा को ही भातॊचगनी भदरा कहत ह ऱाभ इस भदरा क अभमास स आॊखो की योशनी तज हो जाती ह शसय ददम भ मह भदरा अतमॊत राबकायी भानी जाती ह इसस नजरा-जकाभ आदद क योग बी दय हो जात ह इस भदरा क तनयॊतय अभमास स िहय ऩय िभक आ जाती ह औय फार बी सपद नहीॊ होत ह इस भदरा क शसदध हो जान ऩय वमततत भ ताकत फढ़ जाती ह

35 नभोमदरा

नब का अथम होता ह आकाश इस भदरा भ जीब को तार की ओय रगात ह इसीशरए इस नबोभदरा कहत ह नबोभदरा कयना सयर नहीॊ ह इस ककसी मोग

अनतबोध चतनय दवारा सऩादित तरिदिवसीय मदराचचकितसा सि 40

शशक स सीखकय ही कयना िादहए मह भदरा फहत स योगो भ राबदामक शसदध हई ह इस फाय भ एक शरोक बी ह- मतर मतर तसथतो मोगी सवमकामष सवमदा उधवमतजवह तसथयो बतवाधायमतभवनॊ सदा नबोभदरा भवदषा मोदववना योग नाशशनी अथामत साय कामो भ तसथय हआ चितत अऩनी जीब क अगर बाग को भॊह क अॊदय तार भ रगाकय शवास को अॊदय योक रता ह इस तसथतत स विारयक गततववचधमाॊ ततकार फॊद हो जाती ह इसीशरए इस भदरा को यहसम का आबास ददरान वारी भदरा बी कहा जाता ह ववचध- अऩनी आॊखो को अऩनी दोनो बौहो क फीि भ जभाकय आऩकी जीब तार क साथ रगा र मह दोनो कामम एक ही साथ औय एक ही सभम भ कय सववधानसाय जफ तक सॊबव हो इसी तसथतत भ यह औय कपय कछ शभनट का धमान कय ऱाभ- नबोभदरा क तनयॊतय अभमास स जीब गर औय आॊखो क साय योग सभापत हो जात ह इसस भतसतटक भ तसथयता फढ़ती ह औय भतसतटक क योग बी दय हो जात ह

36 नालसिागर मदरा -

नाशसकागर भदरा का अथम होता ह नाक का आखखयी छोय ऊऩयी दहससा मा अगरबाग इस बाग ऩय फायी-फायी स सॊतरन फनान हए दखना ही नाकककागर भदरा मोग कहराता ह रककन मह भदरा कयन स ऩहर मोग शशक की सराह जरय र तमोकक इसक कयन स बकटी ऩय जोय ऩड़ता ह

अनतबोध चतनय दवारा सऩादित तरिदिवसीय मदराचचकितसा सि 41

ववचध- ककसी बी आसन भ फठकय नाक क आखखयी शसय ऩय नजय दटका र हो सकता ह कक ऩहर आऩ फाई आॊखो स उस दख ऩाएॊ तफ कछ दय फाद दाई आॊखो स दख इस दखन भ जया बी तनाव न हो सहजता स इस दख

ऱाभ- इसस जहाॊ आॊखो की एतसयसाइज होती ह वहीॊ मह भतसतटक क शरए बी राबदामक ह इसस भन भ एकागरता फढ़ती ह इस भदरा क रगाताय अभमास कयन स भराधाय िकर जागरत होन रगता ह तजसस कणडरीनी जागयण भ भदद शभरती ह इसस भराधाय िकर इसशरए जागरत होता ह तमोकक दोनो आॊखो क फीि ही तसथत ह इड़ा वऩ ॊगरा औय सषमना नाड़ी जो भराधाय तक गई ह समय- इस भदरा को इतनी दय तक कयना िादहए कक आॊखो ऩय इसका जमादा दफाव नहीॊ ऩड़ कपय धीय-धीय इस कयन का सभम फढ़ात जाएॊ

37 बरहम आसन मदरा-

कछ रोग इस बरहभा भदरा बी कहत ह तमोकक इस आसन भ गदमन को िाय ददशा भ घभामा जाता ह औय बरहभाजी क िाय भख थ इसीशरए इसका नाभ बरहभा भदरा आसन यखा गमा रककन असर भ मह बरहभ भदरा आसन ह औय इसभ सबी ददशाओॊ भ तसथत ऩयभशवय को जानकय उसका चिॊतन ककमा जाता ह नभाज ऩढ़त वतत मा सॊधमा वॊदन कयत वतत उतत भदरासन को ककमा जाता यहा ह ववचध- ऩदमासन शसदधासन मा वजरासन भ फठकय कभय तथा गदमन को सीधा यखत हए गदमन को धीय-धीय दामीॊ ओय र जात ह कछ सकॊ ड दामीॊ ओय रकत ह उसक फाद गदमन को धीय-धीय फामीॊ ओय र जात ह कछ सकॊ ड तक फामीॊ ओय रककय कपय दामीॊ ओय र जात ह कपय वाऩस आन क फाद गदमन को ऊऩय की ओय र जात ह उसक फाद नीि की तयप र जात ह कपय गदमन को तराकवाइज

अनतबोध चतनय दवारा सऩादित तरिदिवसीय मदराचचकितसा सि 42

औय एॊटीतराकवाइज घभाएॉ इस तयह मह एक िकर ऩया हआ अऩनी सववधानसाय इस िाय स ऩाॉि िकरो भ कय सकत ह

ऱाभ तजन रोगो को सवामइकर सऩोडराइदटस थाइयाइड नराॊटस की शशकामत ह उनक शरए मह आसन राबदामक ह इसस गदमन की भाॉसऩशशमाॉ रिीरी तथा भजफत होती ह आधमाततभक दतटट स बी मह आसन राबदामक ह आरसम बी कभ होता जाता ह तथा फदरत भौसभ क सदी-जकाभ औय खाॉसी स छटकाया बी शभरता ह

सावधाननया तजनह सवामइकर सऩोडराइदटस मा थाइयाइड की सभसमा ह व ठोडी को ऊऩय की ओय दफाएॉ गदमन को नीि की ओय र जात सभम कॊ ध न झकाएॉ कभय गदमन औय कॊ ध सीध यख गदमन मा गर भ कोई गॊबीय योग हो तो मोग चिककतसक की सराह स ही मह भदराआसन कय

38 भजचगनी मदरा- ववचध- इसभ भख को पराकय कॊ ठ स फाहयी वाम खीॊिी जाती ह| तार औय तजहवा क भधम वाम क घभन स शयीय भ अदभत शततत का आववबामव होता ह|

ऱाभ- मह भदरा अजीणम आदद उदय योगो को नटट कयन भ बी फहत उऩमोगी ह| इस परकाय भदराओॊ क अभमास स साधक को सफ परकाय क शायीरयक भानशसक औय आततभक फर की परातपत होती ह| मोगािामो क अनसाय lsquoनातसत भदरासनककॊ चित शसवदधदॊकषततभणडर (घयणड सॊदहता)rsquo अथामत भदराओॊ क सभान शसवदधदामक कोई अनम साधन ब-भॊडर ऩय नहीॊ ह| इसशरए मोगशसवदध क आकाॊीजनो को भदराओॊ का अभमास कयना शरमसकय ह|

अनतबोध चतनय दवारा सऩादित तरिदिवसीय मदराचचकितसा सि 43

39 खचरी मदरा-

भनटम की जीब (तजहवा) दो तयह की होती ह- रॊफी औय छोटी रॊफी जीब को सऩमतजहवा कहत ह कछ रोगो की जीब रॊफी होन स व उस आसानी स नाशसकागर ऩय रगा सकत ह औय खियी-भदरा कय सकत ह भगय तजसकी जीब छोटी होती ह उस तकरीपो का साभना कयना ऩड़ता ह सफस ऩहर उनह अऩनी जीब रॊफी कयनी ऩड़ती ह औय उसक शरए घषमण व दोहन का सहाया रना ऩड़ता ह जीब नीि की ओय स तजस नाड़ी स जड़ी होती ह उस काटना ऩड़ता ह खियी भदरा को शसदध कयन एवॊ अभत क सराव हत आवशमक उददीऩन भ कछ वषम बी रग सकत ह मह वमततत की मोनमता ऩय बी तनबमय कयता ह मोग भ कछ भदराएॊ ऐसी ह तजनह शसपम मोगी ही कयत ह साभानमजनो को इनह नहीॊ कयना िादहए खियी भदरा साधको क शरए भानी गई ह ववचध - इसक शरए जीब औय तार को जोड़न वार भाॊस-तॊत को धीय-धीय काटा जाता ह अथामत एक ददन जौ बय काटकय छोड़ ददमा जाता ह कपय तीन-िाय ददन फाद थोड़ा-सा औय काट ददमा जाता ह इस परकाय थोड़ा-थोड़ा काटन स उस सथान की यतत शशयाएॊ अऩना सथान बीतय की तयप फनाती जाती ह जीब को काटन क साथ ही परततददन धीय-धीय फाहय की तयप खीॊिन का अभमास ककमा जाता ह इसका अभमास कयन स कछ भहीनो भ जीब इतनी रॊफी हो जाती ह कक मदद उस ऊऩय की तयप रौटा (उसटा कयन) ददमा जाए तो वह शवास जान वार छदो को बीतय स फॊद कय दती ह इसस सभाचध क सभम शवास का आना-जाना ऩणमत योक ददमा जाता ह ऱाभ इस भदरा स पराणामाभ को शसदध कयन औय साभचध रगान भ ववशष सहामता शभरती ह साधनायत साधओॊ क शरए मह भदरा फहत ही राबदामी भानी

अनतबोध चतनय दवारा सऩादित तरिदिवसीय मदराचचकितसा सि 44

जाती ह ववशषता तनयॊतय अभमास कयत यहन स तजफ जफ रॊफी हो जाती ह तफ उस नाशसका यनरो भ परवश कयामा जा सकता ह इस परकाय धमान रगान स कऩार भागम एवॊ तरफ ॊद ववसगम स सॊफॊचधत कछ गरॊचथमो भ उददीऩन होता ह तजसक ऩरयणाभसवरऩ अभत का सराव आयॊब होता ह उसी अभत का सराव होत वतत एक ववशष परकाय का आधमाततभक अनबव होता ह इस अनबव स शसवदध औय सभाचध भ तजी स परगतत होती ह चतावनी मह आरख शसपम जानकायी हत ह कोई बी वमततत इस ऩढ़कय कयन का परमास न कय तमोकक मह शसपम साधको क शरए ह आभ रोगो क शरए नहीॊ

40 अकzwj वनी मदरा- इस भदरा स साधक भ घोड़ो जसी शततत आ जाती ह तजस lsquoहॉसम ऩॉवयrsquo कहत ह|

ववचध - इस भदरा भ गदा-दवाय का फाय-फाय सॊकोिन औय परसाय ककमा जाता ह| इसी स भदरा की शसवदध हो जाती ह| इसक दवाया कणडशरनी जागयण भ सगभता यहती ह औय अनक योग नटट होकय शायीरयक फर की ववदध होती ह|

ऱाभ - अतश वनी भदरा शसदध होन स साधक की अकारभतम कबी नहीॊ होती| गदा औय उदय स सॊफॊचधत योगो का इसक दवाया शभन होता ह तथा दीघमजीवन की उऩरतबध होती ह| तरफना भरफॊध क अतश वनी भदरा नहीॊ हो सकती| 41 बजरौऱी मदरा- फजरौरी भदरा बी भरफॊध का अचछा अभमास ककए तरफना ककसी परकाय सॊबव नहीॊ ह| मह भदरा कवर मोगी क शरए ही नहीॊ बोगी क शरए बी अतमॊत राबकायी ह|

अनतबोध चतनय दवारा सऩादित तरिदिवसीय मदराचचकितसा सि 45

ववचध - इस भदरा भ ऩहर दोनो ऩाॊवो को बशभ ऩय दढ़ताऩवमक दटकाकय दोनो ऩाॊवो को धीय-धीय दढ़ताऩवमक ऊऩय आकाश भ उठा द| इसस तरफॊद-शसवदध होती ह| शकर को धीय-धीय ऊऩय की आकॊ िन कय अथामत इॊददरम क आॊकिन क दवाया वीमम को ऊऩय की ओय खीॊिन का अभमास कय तो मह भदरा शसदध होती ह| ववदवानो का भत ह कक इस भदरा क अभमास भ सतरी का होना आवशमक ह तमोकक बग भ ऩततत होता हआ शकर ऊऩय की ओय खीॊि र तो यज औय वीमम दोनो ही िढ़ जात ह| मह ककरमा अभमास स ही शसदध होती ह| कछ मोगािामम इस परकाय का अभमास शकर क सथान ऩय दनध स कयना फतात ह| जफ दनध खीॊिन का अभमास शसदध हो जाए तफ शकर को खीॊिन का अभमास कयना िादहए| वीमम को ऊऩय खीॊिनवारा मोगी ही ऊधवमयता कहराता ह| ऱाभ - इस भदरा स शयीय रटट-ऩटट तजसवी सॊदय सडौर औय जया-भतम यदहत होता ह| शयीय क सबी अवमव दढ़ होकय भन भ तनश िरता की परातपत होती ह| इसका अभमास अचधक कदठन नहीॊ ह| मदद गहसथ बी इसक कय तो फरवदधमन औय सौदममवदधमन का ऩया राब परापत कय सकत ह चतावनी मह आरख शसपम जानकायी हत ह कोई बी वमततत इस ऩढ़कय कयन का परमास न कय तमोकक मह शसपम साधको क शरए ह आभ रोगो क शरए नहीॊ

साधना कयनवार वमततत क शरए मह आवशमक ह कक वह साधना भ कातमक वाचिक औय भानशसक ककरमाओॊ ऩय ऩया तनमॊतरण यख तथा सभम-सभम ऩय उचित ताॊतरतरक परककरमाओॊ का बी सभनवम कयता यह| इस दतटट स तजस परकाय आसन ऩातरासादन अिमन आदद भ ककरमाओॊ का ववधान ह उसी परकाय उनक साथ कछ भदरा फनान का ववधान ह| म भदराएॊ भखम रऩ-स हाथ औय उसकी उॊगशरमो क परमोग स फनती ह| जस हभाया शयीय ऩॊिततवभम ह| अत शासतरकायो न कहा ह कक इन उॊगशरमो क परमोग स इन ततवो की नमनाचधकता दय की जा

अनतबोध चतनय दवारा सऩादित तरिदिवसीय मदराचचकितसा सि 46

सकती ह तथा ततवो की सभता-ववषभता स होनवारी कभी को उॊगशरमो की भदरा स सभ फनामा जा सकता ह| इतना ही नहीॊ ऐसी भदराओॊ क सहमोग स उन ततवो को सवचछाऩवमक घटामा-फढ़ामा बी जा सकता ह| म ततव करभश अॊगटठ भ अतनन तजमनी भ वाम भधमभा भ आकाश अनाशभका भ ऩथवी औय कतनतटठका भ जर क रऩ भ ववदमभान यहत ह| दवताओॊ की परसननता चितत की शवदध औय ववववध योगो क नाश भ भदराओॊ स फड़ी सहामता शभरती ह| भदराततव को सभझकय परतमक मोगी को इनका साधन कयना िादहए| कणडशरनी शततत क जागयण भ इन भदराओॊ स सहामता शभरती ह| महाॊ हभन तजन भदराओॊ का वणमन एवॊ चितरण ककमा ह उसभ परतमक मोगी साधक को ऩरयचित होना िादहए|

अनतबोध चतनय दवारा सऩादित तरिदिवसीय मदराचचकितसा सि 47

मोग अनसाय आसन औय पराणामाभ की तसथतत को भदरा कहा जाता ह फॊध ककरमा औय भदरा भ आसन औय पराणामाभ दोनो का ही कामम होता ह मोग भ भदराओॊ को आसन औय पराणामाभ स बी फढ़कय भाना जाता ह भदरा दो तयह की होती ह- ऩहरी हसत भदरा अथामत हाथो औय उसकी अॊगशरमो को ववशष आकतत भ फनाना औय दसयी आसन भदरा अथामत तजसभ ऩया शयीय ही सॊिाशरत होता ह

Page 9: 235347477 Mudra Chikitsa Swami Ananta Bodha Chaitanya

अनतबोध चतनय दवारा सऩादित तरिदिवसीय मदराचचकितसा सि 9

3 वाम भदरा-

ववचध - अॊगठ क फाद वारी ऩहरी अॊगरी - तजमनी को भोड़कय उसक नाखबाग का दवाफ (हसका) अॊगठ क भर बाग (जड़) भ ककमा जाम औय अॊगठ स तजमनी ऩय दवाफ फनामा जाम शष तीनो अॉगशरमो को अऩन सीध भ सीधा यखा जामइसस जो भदरा फनती हउस वाम भदरा कहत ह राब - वाम सॊफनधी सभसत योग मथा - गदठमाजोडो का ददम वात ऩाघात हाथ ऩय मा शयीय भ कमऩन रकवा दहसटीरयमा वाम शर गस इतमादद अनक असाधम योग इस भदरा स ठीक हो जात ह इस भदरा क साथ कबी कबी पराण भदरा बी कयत यहना िादहए

अनतबोध चतनय दवारा सऩादित तरिदिवसीय मदराचचकितसा सि 10

4 आिाश मदरा

ववचध दोनो हाथो की भधमभा अॊगशरमो को अॊगठो क अगरबाग स रगाकय फाकी अॊगशरमो को सीधा कय द अफ हाथो को घटनो ऩय यख र हथशरमो का रख ऊऩय की ओय यहगा कभय-गदमन सीधी यख कय आॊख फॊद कय धमान की तसथतत भ फठ जाएॊ ऱाभ कान क योग फहयाऩन कान भ आवाज आन की सभसमा दय होन रगती ह हडडडमो की कभजोयी को बी दय कयन भ भदद शभरती ह

अनतबोध चतनय दवारा सऩादित तरिदिवसीय मदराचचकितसा सि 11

5 शनम भदरा -

ववचध - अॊगठ स दसयी अॊगरी (भधमभासफस रमफी वारी अॊगरी) को भोड़कय अॊगठ क भर बाग (जड़ भ) सऩशम कय औय अॊगठ को भोड़कय भधमभा क ऊऩय स ऐस दफाम कक भधमभा उॊगरी का तनयॊतय सऩशम अॊगठ क भर बाग स फना यह फाकी की तीनो अॉगशरमो को अऩनी सीध भ यखइस तयह स जो भदरा फनती ह उस शनम भदरा कहत ह राब - इस भदरा क तनयॊतय अभमास स कान फहना फहयाऩन कान भ ददम इतमादद कान क ववशबनन योगो स भततत सॊबव हमदद कान भ ददम उठ औय इस भदरा को परमतत ककमा जाम तो ऩाॊि सात शभनट क भधम ही राब अनबत होन रगता हइसक तनयॊतय अभमास स कान क ऩयान योग बी ऩणमत ठीक हो जात ह इसकी अनऩयक भदरा आकाश भदरा हइस भदरा क साथ साथ मदद आकाश भदरा का परमोग बी ककमा जाम तो वमाऩक राब शभरता ह

अनतबोध चतनय दवारा सऩादित तरिदिवसीय मदराचचकितसा सि 12

6 ऩथवी मदरा

ववचध दोनो हाथो की अनाशभका अॊगशरमो को अॊगठो क अगरबाग स रगाकय फाकी अॊगशरमाॊ सीधी यख अफ हाथो को घटनो ऩय यख र हथशरमो का रख ऊऩय की ओय यहगा कभय-गदमन सीधी यख कय आॊख फॊद कय धमान की तसथतत भ फठ जाएॊ ऱाभ मह भदरा शायीरयक दफरमता दय कय वजन फढ़ाती ह शयीय भ सपततम कातनत एवॊ तज फढ़ाकय जीवनी शततत का ववकास कयती ह इसक अभमास स ऩािन तनतर को फर शभरता ह

अनतबोध चतनय दवारा सऩादित तरिदिवसीय मदराचचकितसा सि 13

7 सयय मदरा

ववचध दोनो हाथो की अनाशभका अॊगशरमो को अॊगठो क भर भ रगाकय अॊगठ स दफाकय फाकी अॊगशरमो को सीधा कयक यख अफ हाथो को घटनो ऩय यख र हथशरमो का रख ऊऩय की ओय यहगा कभय-गदमन सीधी यख कय आॊख फॊद कय धमान की तसथतत भ फठ जाएॊ ऱाभ मह भदरा भोटाऩा कभ कय वजन घटाती ह शयीय भ ऊटणता फढ़ाती ह शततत का ववकास कयती ह कॉरसरॉर फढ़न नहीॊ दती भधभह व रीवय क योग भ राब ऩहॊिाती ह शयीय को सॊतशरत कय दती ह नोट कभजोय वमततत इसका अभमास न कय गभी भ इसका अभमास कभ ही कय

अनतबोध चतनय दवारा सऩादित तरिदिवसीय मदराचचकितसा सि 14

8 वरण मदरा

ववचध दोनो हाथो की कतनटठा अॊगशरमो को अॊगठो क अगरबाग ऩय रगाकय फाकी अॊगशरमो को सीधा यखन स मह भदरा फनती ह अफ हाथो को घटनो ऩय यख र हथशरमो का रख ऊऩय की ओय यहगा कभय-गदमन सीधी यख कय आॊख फॊद कय धमान की तसथतत भ फठ जाएॊ ऱाभ मह िभमयोग यतत ववकाय दय कयती ह शयीय भ रखाऩन दय कय तविा को िभकीरी व भरामभ फनान भ सहामक ह िहय की सॊदयता को फढ़ा दती ह नोट कप परकतत वार वमततत इसका अभमास जमादा न कय

अनतबोध चतनय दवारा सऩादित तरिदिवसीय मदराचचकितसा सि 15

9 जऱोिर नाशि-

ववचध कतनटठा को अॉगठ क जड़ भ रगाकय अॉगठ स दफाम राब- जर तततव की अचधकता स होन वार सबी योगसजन जरोदय आदद भ ववशष राब होता

ह योग शानत होन तक ही कय

अनतबोध चतनय दवारा सऩादित तरिदिवसीय मदराचचकितसा सि 16

10 पराण मदरा -

ववचध अॊगठ स तीसयी अनाशभका तथा िौथी कतनतटठका अॉगशरमो क ऩोयो को एकसाथ अॊगठ क ऩोय क साथ शभराकय शष दोनो अॉगशरमो को अऩन सीध भ खडा यखन स जो भदरा फनती ह उस पराण भदरा कहत ह राब - हरदम योग भ याभफाण तथा नतरजमोतत फढान भ मह भदरा ऩयभ सहामक हसाथ ही मह पराण शततत फढ़ान वारा बी होता हपराण शततत परफर होन ऩय भनटम क शरए ककसी बी परततकर ऩरयतसथततमो भ धममवान यहना अतमॊत सहज हो जाता हवसतत दढ पराण शततत ही जीवन को सखद फनाती ह इस भदरा की ववशषता मह ह कक इसक शरए अवचध की कोई फाधमता नहीॊइस कछ शभनट बी ककमा जा सकता ह

अनतबोध चतनय दवारा सऩादित तरिदिवसीय मदराचचकितसा सि 17

11 अऩान मदरा

ववचध दोनो हाथो की भधमभा तथा अनाशभका अॊगशरमो को अॊगठ क अगरबाग स रगाकय फाकी अॊगशरमो को सीधी यख अफ हाथो को घटनो ऩय यख र हथशरमो का रख ऊऩय की ओय यहगा कभय-गदमन सीधी यख कय आॊख फॊद कय धमान की तसथतत भ फठ जाएॊ ऱाभ कबज भधभह ककडनी ववकाय वाम ववकाय फवासीय को दय कयन भ सहामक ह शयीय को शदध कय नाड़ी दोषो को दय कयन वारी ह भतर का अवयोध दय कय दाॊतो को भजफत कयती ह ऩसीना बी राती ह नोट इस भदरा क अभमास स भतर अचधक आन रगता ह

अनतबोध चतनय दवारा सऩादित तरिदिवसीय मदराचचकितसा सि 18

12 वयान मदरा-

ववचध- हाथ की भधमभा अॊगरी क आग क बाग को अॊगठ क आग क बाग स शभरान औय तजमनी अॊगरी को फीि की अॊगरी क नाखन स छआएॊ फाकी फिी सायी अॊगशरमाॊ सीधी यहनी िादहए इसी को वमान भदरा कहा जाता ह अवचध- इस भदरा को सफह 15 शभनट औय शाभ को 15 शभनट तक कयना िादहए ऱाभ- वमान भदरा को कयन स ऩशाफ सॊफॊधी सबी योग दय होत ह जस- ऩशाफ जमादा आना ऩशाफ भ िीनी आना ऩशाफ क साथ घात आना ऩशाफ रक-रक कय आना आदद योग सभापत हो जात ह इसक अरावा इस भदरा क तनमशभत अभमास स भधभह परभह औय सवपनदोष बी दय होता ह तसतरमो क शरए मह भदरा सफस जमादा राबदामक फताई गई ह इस भदरा को कयन स तसतरमो क साय योग सभापत हो जात ह

अनतबोध चतनय दवारा सऩादित तरिदिवसीय मदराचचकितसा सि 19

13 उिान मदरा-

ववचध - ऩहरी भधमभा औय अनाशभका उॊगरी क आग क बाग को अॊगठ क आग क बाग स रगाएॊ इस उदान भदरा कहत ह इसका सॊफॊध कॊ ठ स भतसतटक तक होता ह मह ववशवदध िकर को परवादहत कयता ह

राब - इसस भन शाॊत होता ह औय थामयॉइड सॊफॊधी सबी योगो भ राब ऩहॊिता ह

सभमावचध - इस भदरा को बी कवर 15 स 45 शभतनट तक ही कयना िादहए

अनतबोध चतनय दवारा सऩादित तरिदिवसीय मदराचचकितसा सि 20

14 सभान भदरा

ववचध - हाथ की िायो उॊगशरमो औय अॊगठ क अगरबाग को शभरा कय ऊऩय की तयप यखन स सभान भदरा फनती ह इस भदरा भ ऩाॊिो ततव शभर जात ह

राब ndash मह भदरा हभाय वविायो को आधमाततभक फनाती ह फय वविाय दय होत ह

अनतबोध चतनय दवारा सऩादित तरिदिवसीय मदराचचकितसा सि 21

15 हिय मदरा

ववचध दोनो हाथो की तजमनी अॊगशरमो को अॊगठो क भर भ रगाकय भधमभा व अनाशभका अॊगशरमो को अॊगठ क अगरबाग ऩय रगा द व छोटी अॊगरी को सीधा कयक यख अफ हाथो को घटनो ऩय यख र हथशरमो का रख ऊऩय की ओय यहगा कभय-गदमन सीधी यख कय आॊख फॊद कय धमान की तसथतत भ फठ जाएॊ ऱाभ मह भदरा रदम योगो भ ववशष रऩ स राबकायी ह परततददन 10-15 शभनट अभमास स रदम भजफत होता ह गस फनना शसयददम असथभा व उचि यततिाऩ भ राबकायी ह सीदढ़मो ऩय िढ़न स ऩहर ही अगय मह भदरा रगा री जाए औय इस भदरा क साथ ही सीदढ़माॊ िढ़ी जाएॊ तो साॊस नहीॊ परती

अनतबोध चतनय दवारा सऩादित तरिदिवसीय मदराचचकितसा सि 22

16 लऱग मदरा

ववचध- फाएॉ हाथ का अॊगठा सीधा खडा कय दादहन हाथ स फाएॊ हाथ कक अॉगशरमो भ ऩयसऩय पॉ सात हए दोनो ऩॊजो को ऐस जोड कक दादहना अॊगठा फाएॊ अॊगठ को फहाय स आवतत कय र इस परकाय जो भदरा फनगी उस अॊगटठ भदरा कहग राब - अॊगठ भ अतनन ततव होता हइस भदरा क अभमास स शयीय भ उटभता फढ़न रगती हशयीय भ जभा कप ततव सखकय नटट हो जाता हसदी जकाभखाॊसी इतमादद योगो भ मह फड़ा राबदामी होता हकबी मदद शीत परकोऩ भ आ जाएॉ औय शयीय भ ठणड स कॊ ऩकॊ ऩाहट होन रग तो इस भदरा का परमोग तवरयत राब दता ह

अनतबोध चतनय दवारा सऩादित तरिदिवसीय मदराचचकितसा सि 23

17 शख मदरा-

ववचध - फाएॊ हाथ क अॊगठ को दोनो हाथ की भटठी भ फॊद कयक फाएॊ हाथ की तजमनी उॊगरी को दादहन हाथ क अॊगठ स शभरान स शॊख भदरा फनती ह| इस भदरा भ फाएॊ हाथ की फाकी तीन उॊगशरमो क ऩास भ सटाकय दाएॊ हाथ की फॊद उॊगशरमो ऩय हसका-सा दफाव ददमा जाता ह| इसी परकाय हाथ फदरकय अथामत दाएॊ हाथ क अॊगठ को फाएॊ हाथ की भटठी भ फॊद कयक शॊख भदरा फनाई जाती ह| इस भदरा भ ऱाभ - अॊगठ का दफाव हथरी क फीि क बाग ऩय औय भटठी की तीन उॊगशरमो का दफाव शकर ऩवमत ऩय ऩड़ता ह तजसस हथरी भ तसथत नाशब औय थाइयॉइड (ऩतसरका) गरॊचथ क क दर दफत ह| ऩरयणाभसवरऩ नाशब औय थाइयॉइड गरॊचथ क ववकाय ठीक होत ह|

अनतबोध चतनय दवारा सऩादित तरिदिवसीय मदराचचकितसा सि 24

शॊख भदरा का नाशब िकर स तनकट का सॊबॊध ह इसशरए शायीय क सनामतॊतर ऩय ववशष कामम कयती ह अत अनत औय फाहम सवासथम भ फहत राबकायी ह

मह ऩािन तॊतर को उततभ फनाती ह

तनमशभत कयन स बख फढान भ भदद शभरती ह

मह भदरा फोरत सभम उचिायण क दोषो को दय कयन भ फहत परबावी ह जस ततराना हकराना आदद दोष तनमभतत परमोग स दय हो जात ह

सॊगीत की साधना कयन वारो क शरए ववशश राबकायी ह वाणी को भधय फनाती ह

मह भदरा ऩजन भ बी परमतत होती ह| इसका परमोग रॊफ सभम तक ककमा जा सकता ह| इस भदरा का नाशबिकर स ववशष समफनध ह तजसक कायण नाशब स सॊफॊचधत शयीय की नाडड़मो ऩय सकषभ औय सवासथमवधमक परबाव ऩड़ता ह तथा सनामभणडर शतततशारी फनती ह|

अनतबोध चतनय दवारा सऩादित तरिदिवसीय मदराचचकितसा सि 25

18 योनन मदरा-

मौचगक दतटट स अऩन अॊदय कई परकाय क यहसम तछऩाए यखनवारी भदरा का वासतववक नाभ lsquoमोतन भदराrsquo ह| तत मोग क अनसाय कवर हाथो की उॊगशरमो स भहाशततत बगवती की परसननता क शरए मोतन भदरा परदशशमत कयन की आऻा ह| परतम रऩ स इसका परबाव रॊफी मोग साधना क अॊतगमत तॊतर-भॊतर-मॊतर साधना स बी दतटटगोिय होता ह| इस भदरा क तनयॊतय अभमास स साधक की पराण-अऩान वाम को शभरा दनवारी भरफॊध ककरमा को बी साथ कयन स जो तसथतत फनती ह उस ही मोतन भदरा की सॊऻा दी ह| मह फड़ी िभतकायी भदरा ह| ऩदमासन की तसथतत भ फठकय दोनो हाथो की उॊगशरमो स मोतन भदरा फनाकय औय ऩवम भरफॊध की तसथतत भ सममक बाव स तसथत होकय पराण-अऩान को शभरान की परफर बावना क साथ भराधाय सथान ऩय मौचगक सॊमभ कयन स कई परकाय की शसवदधमाॊ परापत हो जाती ह|

अनतबोध चतनय दवारा सऩादित तरिदिवसीय मदराचचकितसा सि 26

ऋवषमो का भत ह कक तजस मोगी को उऩयोतत तसथतत भ मोतन भदरा का रगाताय अभमास कयत-कयत शसवदध परापत हो गई ह उसका शयीय साधनावसथा भ बशभ स आसन सदहत ऊऩय अधय भ तसथत हो जाता ह| सॊबवत इसी कायण आदद शॊकयािाममजी न अऩन मोग यतनावरी नाभक ववशष गरॊथ भ भरफॊध का उसरख ववशष रऩ स ककमा ह|

19 धन मदरा -

बायतीम ऩयॊऩया भ धन गाम को कहा जाता ह औय मह दहनद धभम क साततवक औय भहानता का परतीक ह धन भदरा फनात सभम हाथो की उॊगशरमा गाम क थनो जसी हो जाती ह जस गाम क थनो स दध ऩीकय शयीय ऩटट फनता ह वस ही धन भदरा कयन स बी शयीय रटट ऩटट फनता ह

ववचध - अनमोनमाशबभखॊ तशरटटाकतनटठानाशभका ऩन

अनतबोध चतनय दवारा सऩादित तरिदिवसीय मदराचचकितसा सि 27

तथा ि तजमतनभधमा धन भदरा अभत परदा ( कारी तॊतर )

अऩन दोनो हाथो की अॊगशरमो क ऩोयो को एक साथ शभरा र कपय फाम हाथ की तजमनी ऊॊ गरी को दाएॊ हाथ की फीि वारी उॊगरी स छआए इसक फाद दाएॊ हाथ की तजमनी उॊगरी को फाम हाथ की फीि वारी उॊगरी स छआम ऐस ही फाम हाथ की अनाशभका उॊगरी को दाएॊ हाथ की सफस छोटी उॊगरी स शभराएॊ अॉगठो को खरा छोड़ द हाथ की अॊगशरमो को नीि की तयप कयन स अॊगशरमो की आकतत गाम क धनो जसी हो जाती ह इसी कायण इस धन भदरा कहत ह

सभम - इस भदरा का अभमास धीय धीय फढ़ाए ऩहर 1 स 15 शभतनट औय फाद भ 15 स 30 तथा जफ अचछी तयह मह भदरा अभमास भ आ जाए तफ इस भदरा को 45 शभतनट तक कय सकत ह

राब - धन भदरा स ऩािन तॊतर भजफत होता ह औय शयीय ताकतवय व सवसथ फनता ह मह ऩट क योगो क शरए याभफाण भदरा ह मोग साधना भ फहत ही उऩमोगी भदरा कहराती ह तॊतर एवॊ कभमकाॊड भ बी धन भदरा का परमोग ह ह ऩयानी भानमता क अनसाय मह अभत ततव को दन वारी भदरा ह मह भदरा वात वऩतत तथा कप को सॊतशरत कयती ह

अनतबोध चतनय दवारा सऩादित तरिदिवसीय मदराचचकितसा सि 28

20 मगी मदरा-

भग दहयन को कहा जाता ह मऻ क दौयान होभ की जान वारी साभगरी को इसी भदरा भ होभ ककमा जाता ह पराणामाभ ककए जान क दौयान बी इस भदरा का उऩमोग होता ह धमान कयत वतत बी इस भदरा का इसतभार ककमा जाता ह मह भदरा फनात वतत हाथ की आकतत भग क शसय क सभान हो जाती ह इसीशरए इस भगी भदरा कहा जाता ह मह एक हसत भदरा ह ववचध अऩन हाथ की अनाशभका औय भधमभा अॊगरी को अॊगठ क आग क बाग को छआ कय फाकी फिी तजमनी औय कतनटठा अॊगरी को सीधा तान दन स भगी भदरा फन जाती ह योग आसन - इस दौयान उतकटासन सखासन औय उऩासना क सभम इसतभार होन वार आसन ककए जा सकत ह

अनतबोध चतनय दवारा सऩादित तरिदिवसीय मदराचचकितसा सि 29

समय- इस भदरा को सववधानसाय कछ दय तक कय सकत ह औय इस तीन स िाय फाय ककमा जा सकता ह ऱाभ- भगी भदरा कयत सभम अॊगठ क ऩोय औय अॊगशरमो क जोड़ ऩय दफाव ऩड़ता ह उतत दफाव क कायण शसयददम औय ददभागी ऩयशानी भ राब शभरता ह एतमपरशय चिककतसा क अनसाय उतत अॊगशरमो क अॊदय दाॊत औय सामनस क तरफ ॊद होत ह तजसक कायण हभ दाॊत औय सहनस योग भ बी राब शभरता ह ववशष- भाना जाता ह कक इस भदरा को कयन स सोिन औय सभझन की शततत का ववकास बी होता ह भगी भदरा शभगी क योचगमो क शरए फहत ही राबकायी ह

21 यमहररमदरा

ववचध -सवम परधभ आऩ अऩन दोनो हाथो की सफस छोटी अॊगरी अथामत कतनटठा को आऩस भ एक दसय क परथभ ऩोय स शभरा द इसी क साथ दोनो अॊगठ को बी आऩस भ शभरा द अफ तीन अॊगशरमाॊ फाकी यह जाएॊगी- भध मभा तजमनी औय अनाशभका इन तीनो अॊगशरमो को हथरी की ओय भोड़कय भटठी जसा फनाइए अॊगशरमो की इस तसथतत को मभ हरयभदरा कहत ह

अनतबोध चतनय दवारा सऩादित तरिदिवसीय मदराचचकितसा सि 30

ऱाभ - मभहरयभदरा क तनमशभत अभमास स नाडड़मो को शततत शभरती ह इस भदरा क तनयॊतय अभमास स ऩट क योग जस- कबज बख ना रगना औय तजगय की कभजोयी दय होती ह इस भदरा स तसतरमो क सतनो क साय योगो भ बी राब शभरता ह मभ हरयभदरा को परततददन 5 शभनट सफह औय 5 शभनट शाभ को कय आऩ इसक कयन का सभम फढ़ाकय 10 शभनट तक कय सकत ह परततददन कभ स कभ ऩाॊि भदराएॊ अऩनी सववधानसाय कयनी िादहए भदराओॊ स सबी योगो भ राब ऩामा जा सकता ह मदद उनका मोग शशक स ऩछकय तनमशभत अभमास ककमा जाए भदराएॊ खासकय उन रोगो क शरए पामदभॊद सातरफत होती ह जो मोगासन कयन भ असभथम ह

22 ऩषऩाजलऱ मदरा-

अनतबोध चतनय दवारा सऩादित तरिदिवसीय मदराचचकितसा सि 31

मह भहतवऩणम हसत मोग भदरा ह जस दआ भ हाथ उठात ह मा ऩटऩ अऩमण कयत ह तफ मह भदरा फनती ह जसा कक इसका नाभ ह ऩटऩाॊजशर इसी स मह शसदध होता ह कक मह भदरा ककस परकाय की होगी ववचध- दोनो हाथो की अॊगशरमो औय अॊगठ को आऩस भ शभरा भखणफदध को बी शभरा र कपय दोनो हाथो की छोटी अॊगशरमो को एक साथ शभराकय ऐसी आकतत फना र कक जस हभ ककसी बगवान को पर िढ़ात सभम फनात ह इस ही ऩटऩाॊजशर भदरा कहत ह

ऱाभ- ऩटऩाॊजरी भदरा क तनयॊतय अभमास स नीॊद अचछी तयह स आन रगती ह आतभववशवास फढ़ता ह

23 यज भदरा-

अनतबोध चतनय दवारा सऩादित तरिदिवसीय मदराचचकितसा सि 32

यज भदरा कवर तसतरमो क शरए ह ऐसा नहीॊ फतसक अगय ऩरष इस भदरा को कयत ह तो उनक वीमम सॊफॊधी सभसत योग दय हो जात ह ववचध- यज भदरा फनाना फहत ही आसान ह कतनटठा (छोटी अॊगरी) अॊगरी को हथरी की जड़ भ भोड़कय रगान स यज भदरा फन जाती ह ऱाभ- यज भदरा स तसतरमो क भाशसक धभम सॊफॊधी योग दय होत ह इसक अरवा शसय भ बायीऩन यहना छाती भ ददम ऩट ऩीठ कभय का ददम आदद योग बी यज भदरा कयन स दय हो जात ह सतरी क साय परजनन अॊगो की ऩयशातनमो को म भदरा तरफसकर दय कय दती ह

24 अदिती मदरा-

ववचध- अॊगठ क आग क बाग को अनाशभका (छोटी उॊगरी क साथ वारी उॊगरी) उॊगरी की जड़ भ टढ़ा रगान स अददती भदरा फन जाती ह

ऱाभ- इस भदरा को कयन स हय सभम उफासी आना जमादा छीॊक आना जस योगो को दय ककमा जा सकता ह

अनतबोध चतनय दवारा सऩादित तरिदिवसीय मदराचचकितसा सि 33

समय- अददती भदरा को ददन भ 3-4 फाय 15-15 शभनटो क शरए कय सकत ह

25 हसी मदरा-

जस हॊस नीय ीय वववक की साभथमम यखता ह वस इस भदरा क कयन स सोिन औय तवरयत तनणमम की भता फढती ह मदरा िी ववचध - सखासन मा उतकटासन भ फठकय अऩन हाथ की सबी सफस छोटी अॊगरी को छोड़कय अॊगशरमो को अॊगठ क आग क बाग को दफान स हॊसी भदरा फन जाती ह अवचध- इस भदरा को परयॊब भ 5-8 शभनट स कयक 30-48 शभनट तक कय सकत ह मदरा िा ऱाभ- इस भदरा तनमशभत अभमास स वववक फढ़ता ह अथामत इसस सोिन-सभझन की शततत फढ़ती ह औय इसस शयीय का बायीऩन सभापत हो जाता ह

अनतबोध चतनय दवारा सऩादित तरिदिवसीय मदराचचकितसा सि 34

ववशषता- भाना जाता ह कक इस भदरा का तनमशभत अभमास कयन स याजशसक ताकत फढ़ती ह औय वमततत धन सॊऩनन फना यहता ह सावधानी - इस भदरा को कयत सभम ककसी बी परकाय का भॊतर नहीॊ जऩना िादहए औय ना ही कोई अनम धाशभमक उऩकरभ कय

26 हसतऩात मदरा-

ववचध- इस भदरा को कयन क शरए आऩ अऩन दोनो हाथो की हथरी क ऩीछ क बाग को आऩस भ अॊगशरमो सदहत शभरा द इस आकतत को हसतऩात भदरा कहा जाता ह मह नभसकाय भदरा जसा ही ह रककन इसभ हथरी क ऩटठ बाग को शभरा ददमा जाता ह ऱाभ- इस हसतऩात भदरा को कयन स शवास औय गर क क साय योग भ फहत राब शभरता ह तजन तसतरमाॊ मदद इसका तनमशभत अभमास कयती ह तो इसस उनक सतन सड़ौर सॊदय औय सवसथ हो जात ह तजन तसतरमो क सतन छोट ह ढीर ह मा उनक सतनो भ दध नहीॊ आता ह तो मह भदरा उनक शरए फहत राबकायी शसदध हो सकती ह

27 धयान मदरा

ववचध- ऩदमासन भ फठकय फाएॊ हाथ की हथरी ऩय दाएॊ हाथ की हथरी को (उसट हाथ ऩय सीध हाथ को) हसक स यखन स धमान भदरा फनती ह| धमान यख कक इस भदरा भ शसय गदमन एवॊ यीढ़ की हडडी सीधी यह| आॊख औय होठ सहज स फनद यह| धमान अऩन इटटदव क सवरऩ ऩय दटकाएॊ अथवा कामोतसगम कय अथामत शयीय स

अनतबोध चतनय दवारा सऩादित तरिदिवसीय मदराचचकितसा सि 35

सभता यखत हए कछ दय क शरए वविाय यदहत अवसथा भ यहन का परमास कय| अटटाॊग मोग (मभ तनमभ पराणामाभ परतमाहाय धायणा धमान औय सभाचध) क एक अॊग lsquoधमानrsquo की साधना भ मह भदरा ववशष रऩ स सहामक शसदध हई ह| ऱाभ - जो वमततत ऩदमासन नहीॊ कय सकत उनह धमान भदरा सखासन मा सवतसतक अथवा ऩारथी आसन भ कयना िादहए| मह सहज भदरा ह| सहज धमान भदरा को साधायण वमततत अचधक रमफ सभम तक सयरता स कय सकता ह| इसस धमान भदरा क राब बी शभर जात ह| धमान भदरा भ मदद हथशरमाॊ एक दसय ऩय यखन क फाद दोनो हथशरमाॊ ऻान भदरा की तसथतत भ यखी जाएॊ तो धमान भदरा तथा ऻान भदरा क सतमभशरत राब क साथ ऩदमासन क राब बी शभर जात ह| साधक क शरए धमान भदरा भ सभम की कोई सीभा नहीॊ ह| रककन सहजता क साथ ऩदमासन कयन की भता क अनरऩ धमान भदरा का अभमास कयना िादहए| साधायण वमततत को इस धीय-धीय फढ़ात हए कभ-स-कभ २० शभनट स एक घॊट तक कयना िादहए| धमान भदरा न कय सकन की अवसथा भ सहज धमान भदरा कयक राब उठाना िादहए| भन की िॊिरता शाॊत होकय चितत की एकागरता फढ़ती ह| साततवक वविायो की उतऩततत होती ह औय परब बजन भ भन रगता ह|

धमान क परबाव स साधक को धमान की उचितय तसथतत भ ऩहॊिन भ सहामता शभरती ह| आतभ साातकाय औय ईश वय क साातकाय भ मह भदरा सहामक ह|

28 शामभवी मदरा-

आॉख खरी हो रककन आऩ दख नहीॊ सकत ऐसी तसथतत जफ सध जाती ह तो उस शामबवी भदरा कहत ह ऐसी तसथतत भ आऩ नीॊद का भजा बी र सकत ह मह फहत कदठन साधना ह इसक ठीक उसटा कक जफ आॉख फॊद हो तफ आऩ दख

अनतबोध चतनय दवारा सऩादित तरिदिवसीय मदराचचकितसा सि 36

सकत ह मह बी फहत कदठन साधना ह रककन मह दोनो ही सॊबव ह असॊबव कछ बी नहीॊ फहत स ऐस ऩश औय ऩी ह जो आॉख खोरकय ही सोत ह ववचध- मदद आऩन तराटक ककमा ह मा आऩ तराटक क फाय भ जानत ह तो आऩ इस भदरा को कय सकत ह सवमपरथभ शसदधासन भ फठकय यीढ़-गदमन सीधी यखत हए ऩरको को तरफना झऩकाएॉ दखत यह रककन धमान ककसी बी िीज को दखन ऩय ना यख ददभाग तरफसकर बीतय कहीॊ रगा हो

ऱाभ- शामबवी भदरा को कयन स ददर औय ददभाग को शाॊतत शभरती ह मोगी का धमान ददर भ तसथय होन रगता ह आॉख खरी यखकय बी वमततत नीॊद औय धमान का आनॊद र सकता ह इसक सधन स वमततत बत औय बववटम का ऻाता फन सकता ह सऱाह- शामबवी भदरा ऩयी तयह स तबी शसदध हो सकती ह जफ आऩकी आॉख खरी हो ऩय व ककसी बी िीज को न दख यही हो ऐसा सभझ की आऩ ककसी धन भ जी यह हो आऩको खमार होगा कक कबी-कबी आऩ कहीॊ बी दख यह होत ह रककन आऩका धमान कहीॊ ओय यहता ह समय- इस भदरा को शरआत भ तजतनी दय हो सक कय औय फाद भ धीय-धीय इसका अभमास फढ़ात जाएॉ

अनतबोध चतनय दवारा सऩादित तरिदिवसीय मदराचचकितसा सि 37

29 शकततचालऱनी मदरा- ववचध - आठ अॊगर रॊफा औय िाय अॊगर िौड़ा भरामभ वसतर रकय नाशब ऩय रगाएॊ औय कदटसतर भ फाॊध र| कपय शयीय भ बसभ यभाकय शसदधासन भ फठ औय पराण को अऩान स मतत कय| जफ तक गहम दवाय स िरती हई वाम परकाशशत न हो इस सभम तक गहम दवाय को सॊकचित यख| इसस वाम का जो तनयोध होता ह उसभ कमबक क दवाया कणडशरनी शततत जागरत होती हई सषमना भागम स ऊऩय जाकय खड़ी हो जाती ह| मोगभदरा स ऩहर इसका अभमास कयन ऩय ही मोतन भदरा की ऩणम शसवदध होती ह| ऱाभ - इस भदरा स कणडशरनी शततत का जागयण होता ह| जफ तक मह सोती ह तफ तक सबी आॊतरयक शतततमाॊ सपत ऩड़ी यहती ह| इसशरए कणडशरनी का जागरत होना साधक क शरए फहत आवशमक ह| पराण-अऩान को सॊमतत कयन की ककरमा पराणवाम को ऩयक दवाया बीतय खीॊिन औय उडडीमान फॊध स अऩान वाम को ऊऩय की ओय आकवषमत कयन स ऩणम होती ह| इसभ गहम परदश क सॊकोि औय ववसताय का अभमास होन स अचधक सयरता हो सकती ह| 30 तड़ागी मदरा- ववचध - दोनो ऩाॊवो को दणड क सभान धयती ऩय ऩसाय र औय हाथो स उनक अॊगठो को ऩकड़न तथा दोनो जाॊघो ऩय शसय को सथावऩत कय साथ ही उदय को तड़ाग (सयोवय) क सभान कय र| ऱाभ - मह भदरा अनक योगो औय वदधावसथा को बी दय कयन भ सहामक शसदध होती ह|

अनतबोध चतनय दवारा सऩादित तरिदिवसीय मदराचचकितसा सि 38

31 माणडवी मदरा- ववचध - भख को फॊद कयक जफान को तार भ घभाएॊ औय सहसराय स टऩकत हए सधायस को जफान स धीय-धीय ऩीन का मतन कय| मही भाणडवी (मा भाणडकी) भदरा ह| ऱाभ - इसक दवाया फारो की सपदी उनका झड़ना शयीय ऩय झरयममो भॊहासो आदद का ऩड़ना तथा तनफमरता आदद दय होकय चिय-मौवन की परातपत होती ह| इसस यसोतऩादन होकय अभततव की उऩरतबध होना सॊबव हो जाता ह| 32 ऩालशनी मदरा ववचध- दोनो ऩाॊवो को कॊ ठ क ऩीछ की ओय र जाकय उनह ऩयसऩय शभराएॊ औय ऩाश क सभान दढ़ता स फाॊध र| ऱाभ - इसक अभमास स बी कणडशरनी शततत क जागयण भ फहत सगभता हो जाती ह तथा साधक क शयीय भ फर औय ऩतटट का आववबामव होता ह| भानशसक फरवदधमन भ बी मह फहत दहतकय ह| 33 िािी मदरा-

काक कौए को कहत ह कौए की िोि जसी भॊह की भदरा फना रन को काकी भदरा कहा जाता ह ववचध ककसी बी आसन भ फठकय होठो को ऩतरी सी नरी क सभान भोड़कय कौए की िोि जसा फना र अफ नाक क अगर बाग को दखत हए अऩना ऩया धमान नाक ऩय दटका द इसक फाद भॊह स धीय-धीय गहयी शवास रकय होठो को फॊद कय द कछ दय फाद शवास को नाक स फाहय तनकार द इस तयह स 10

अनतबोध चतनय दवारा सऩादित तरिदिवसीय मदराचचकितसा सि 39

शभनट तक कय ऱाभ मह भदरा जहाॊ शयीय भ ठॊडक फढ़ाती ह वहीॊ मह कई योगो को दय कयन भ राबदामक ह इस भदरा का तनयॊतय अभमास कयन स शयीय भ अॊदय बोजन ऩिान की ककरमा तज हो जाती ह इसस अमरवऩतत का फढ़ना कभ हो जाता ह

34 मातचगनी मदरा-

भातॊग का अथम होता ह भघ भाॊ दगाम का एक रऩ ह भातॊगी मह दस भहाववदमा भ स नौवीॊ ववदमा ह भातॊग नाभ स एक धमान होता ह भॊतर होता ह औय एक हाथी का नाभ बी भातॊग ह ऋवष वशशटठ की ऩतनी का एक नाभ बी भातॊगी ह ऋवष कशमऩ की ऩतरी का नाभ बी भातॊगी ह तजसस हाथी उतऩनन हए थ ववचध शाॊत जगह भ ऩानी क अॊदय गर तक शयीय को डफो र औय कपय नाक स ऩानी को खीॊिकय उस भॊह स तनकार र कपय भॊह स ऩानी को खीॊिकय नाक स फाहय तनकार द इस ककरमा को ही भातॊचगनी भदरा कहत ह ऱाभ इस भदरा क अभमास स आॊखो की योशनी तज हो जाती ह शसय ददम भ मह भदरा अतमॊत राबकायी भानी जाती ह इसस नजरा-जकाभ आदद क योग बी दय हो जात ह इस भदरा क तनयॊतय अभमास स िहय ऩय िभक आ जाती ह औय फार बी सपद नहीॊ होत ह इस भदरा क शसदध हो जान ऩय वमततत भ ताकत फढ़ जाती ह

35 नभोमदरा

नब का अथम होता ह आकाश इस भदरा भ जीब को तार की ओय रगात ह इसीशरए इस नबोभदरा कहत ह नबोभदरा कयना सयर नहीॊ ह इस ककसी मोग

अनतबोध चतनय दवारा सऩादित तरिदिवसीय मदराचचकितसा सि 40

शशक स सीखकय ही कयना िादहए मह भदरा फहत स योगो भ राबदामक शसदध हई ह इस फाय भ एक शरोक बी ह- मतर मतर तसथतो मोगी सवमकामष सवमदा उधवमतजवह तसथयो बतवाधायमतभवनॊ सदा नबोभदरा भवदषा मोदववना योग नाशशनी अथामत साय कामो भ तसथय हआ चितत अऩनी जीब क अगर बाग को भॊह क अॊदय तार भ रगाकय शवास को अॊदय योक रता ह इस तसथतत स विारयक गततववचधमाॊ ततकार फॊद हो जाती ह इसीशरए इस भदरा को यहसम का आबास ददरान वारी भदरा बी कहा जाता ह ववचध- अऩनी आॊखो को अऩनी दोनो बौहो क फीि भ जभाकय आऩकी जीब तार क साथ रगा र मह दोनो कामम एक ही साथ औय एक ही सभम भ कय सववधानसाय जफ तक सॊबव हो इसी तसथतत भ यह औय कपय कछ शभनट का धमान कय ऱाभ- नबोभदरा क तनयॊतय अभमास स जीब गर औय आॊखो क साय योग सभापत हो जात ह इसस भतसतटक भ तसथयता फढ़ती ह औय भतसतटक क योग बी दय हो जात ह

36 नालसिागर मदरा -

नाशसकागर भदरा का अथम होता ह नाक का आखखयी छोय ऊऩयी दहससा मा अगरबाग इस बाग ऩय फायी-फायी स सॊतरन फनान हए दखना ही नाकककागर भदरा मोग कहराता ह रककन मह भदरा कयन स ऩहर मोग शशक की सराह जरय र तमोकक इसक कयन स बकटी ऩय जोय ऩड़ता ह

अनतबोध चतनय दवारा सऩादित तरिदिवसीय मदराचचकितसा सि 41

ववचध- ककसी बी आसन भ फठकय नाक क आखखयी शसय ऩय नजय दटका र हो सकता ह कक ऩहर आऩ फाई आॊखो स उस दख ऩाएॊ तफ कछ दय फाद दाई आॊखो स दख इस दखन भ जया बी तनाव न हो सहजता स इस दख

ऱाभ- इसस जहाॊ आॊखो की एतसयसाइज होती ह वहीॊ मह भतसतटक क शरए बी राबदामक ह इसस भन भ एकागरता फढ़ती ह इस भदरा क रगाताय अभमास कयन स भराधाय िकर जागरत होन रगता ह तजसस कणडरीनी जागयण भ भदद शभरती ह इसस भराधाय िकर इसशरए जागरत होता ह तमोकक दोनो आॊखो क फीि ही तसथत ह इड़ा वऩ ॊगरा औय सषमना नाड़ी जो भराधाय तक गई ह समय- इस भदरा को इतनी दय तक कयना िादहए कक आॊखो ऩय इसका जमादा दफाव नहीॊ ऩड़ कपय धीय-धीय इस कयन का सभम फढ़ात जाएॊ

37 बरहम आसन मदरा-

कछ रोग इस बरहभा भदरा बी कहत ह तमोकक इस आसन भ गदमन को िाय ददशा भ घभामा जाता ह औय बरहभाजी क िाय भख थ इसीशरए इसका नाभ बरहभा भदरा आसन यखा गमा रककन असर भ मह बरहभ भदरा आसन ह औय इसभ सबी ददशाओॊ भ तसथत ऩयभशवय को जानकय उसका चिॊतन ककमा जाता ह नभाज ऩढ़त वतत मा सॊधमा वॊदन कयत वतत उतत भदरासन को ककमा जाता यहा ह ववचध- ऩदमासन शसदधासन मा वजरासन भ फठकय कभय तथा गदमन को सीधा यखत हए गदमन को धीय-धीय दामीॊ ओय र जात ह कछ सकॊ ड दामीॊ ओय रकत ह उसक फाद गदमन को धीय-धीय फामीॊ ओय र जात ह कछ सकॊ ड तक फामीॊ ओय रककय कपय दामीॊ ओय र जात ह कपय वाऩस आन क फाद गदमन को ऊऩय की ओय र जात ह उसक फाद नीि की तयप र जात ह कपय गदमन को तराकवाइज

अनतबोध चतनय दवारा सऩादित तरिदिवसीय मदराचचकितसा सि 42

औय एॊटीतराकवाइज घभाएॉ इस तयह मह एक िकर ऩया हआ अऩनी सववधानसाय इस िाय स ऩाॉि िकरो भ कय सकत ह

ऱाभ तजन रोगो को सवामइकर सऩोडराइदटस थाइयाइड नराॊटस की शशकामत ह उनक शरए मह आसन राबदामक ह इसस गदमन की भाॉसऩशशमाॉ रिीरी तथा भजफत होती ह आधमाततभक दतटट स बी मह आसन राबदामक ह आरसम बी कभ होता जाता ह तथा फदरत भौसभ क सदी-जकाभ औय खाॉसी स छटकाया बी शभरता ह

सावधाननया तजनह सवामइकर सऩोडराइदटस मा थाइयाइड की सभसमा ह व ठोडी को ऊऩय की ओय दफाएॉ गदमन को नीि की ओय र जात सभम कॊ ध न झकाएॉ कभय गदमन औय कॊ ध सीध यख गदमन मा गर भ कोई गॊबीय योग हो तो मोग चिककतसक की सराह स ही मह भदराआसन कय

38 भजचगनी मदरा- ववचध- इसभ भख को पराकय कॊ ठ स फाहयी वाम खीॊिी जाती ह| तार औय तजहवा क भधम वाम क घभन स शयीय भ अदभत शततत का आववबामव होता ह|

ऱाभ- मह भदरा अजीणम आदद उदय योगो को नटट कयन भ बी फहत उऩमोगी ह| इस परकाय भदराओॊ क अभमास स साधक को सफ परकाय क शायीरयक भानशसक औय आततभक फर की परातपत होती ह| मोगािामो क अनसाय lsquoनातसत भदरासनककॊ चित शसवदधदॊकषततभणडर (घयणड सॊदहता)rsquo अथामत भदराओॊ क सभान शसवदधदामक कोई अनम साधन ब-भॊडर ऩय नहीॊ ह| इसशरए मोगशसवदध क आकाॊीजनो को भदराओॊ का अभमास कयना शरमसकय ह|

अनतबोध चतनय दवारा सऩादित तरिदिवसीय मदराचचकितसा सि 43

39 खचरी मदरा-

भनटम की जीब (तजहवा) दो तयह की होती ह- रॊफी औय छोटी रॊफी जीब को सऩमतजहवा कहत ह कछ रोगो की जीब रॊफी होन स व उस आसानी स नाशसकागर ऩय रगा सकत ह औय खियी-भदरा कय सकत ह भगय तजसकी जीब छोटी होती ह उस तकरीपो का साभना कयना ऩड़ता ह सफस ऩहर उनह अऩनी जीब रॊफी कयनी ऩड़ती ह औय उसक शरए घषमण व दोहन का सहाया रना ऩड़ता ह जीब नीि की ओय स तजस नाड़ी स जड़ी होती ह उस काटना ऩड़ता ह खियी भदरा को शसदध कयन एवॊ अभत क सराव हत आवशमक उददीऩन भ कछ वषम बी रग सकत ह मह वमततत की मोनमता ऩय बी तनबमय कयता ह मोग भ कछ भदराएॊ ऐसी ह तजनह शसपम मोगी ही कयत ह साभानमजनो को इनह नहीॊ कयना िादहए खियी भदरा साधको क शरए भानी गई ह ववचध - इसक शरए जीब औय तार को जोड़न वार भाॊस-तॊत को धीय-धीय काटा जाता ह अथामत एक ददन जौ बय काटकय छोड़ ददमा जाता ह कपय तीन-िाय ददन फाद थोड़ा-सा औय काट ददमा जाता ह इस परकाय थोड़ा-थोड़ा काटन स उस सथान की यतत शशयाएॊ अऩना सथान बीतय की तयप फनाती जाती ह जीब को काटन क साथ ही परततददन धीय-धीय फाहय की तयप खीॊिन का अभमास ककमा जाता ह इसका अभमास कयन स कछ भहीनो भ जीब इतनी रॊफी हो जाती ह कक मदद उस ऊऩय की तयप रौटा (उसटा कयन) ददमा जाए तो वह शवास जान वार छदो को बीतय स फॊद कय दती ह इसस सभाचध क सभम शवास का आना-जाना ऩणमत योक ददमा जाता ह ऱाभ इस भदरा स पराणामाभ को शसदध कयन औय साभचध रगान भ ववशष सहामता शभरती ह साधनायत साधओॊ क शरए मह भदरा फहत ही राबदामी भानी

अनतबोध चतनय दवारा सऩादित तरिदिवसीय मदराचचकितसा सि 44

जाती ह ववशषता तनयॊतय अभमास कयत यहन स तजफ जफ रॊफी हो जाती ह तफ उस नाशसका यनरो भ परवश कयामा जा सकता ह इस परकाय धमान रगान स कऩार भागम एवॊ तरफ ॊद ववसगम स सॊफॊचधत कछ गरॊचथमो भ उददीऩन होता ह तजसक ऩरयणाभसवरऩ अभत का सराव आयॊब होता ह उसी अभत का सराव होत वतत एक ववशष परकाय का आधमाततभक अनबव होता ह इस अनबव स शसवदध औय सभाचध भ तजी स परगतत होती ह चतावनी मह आरख शसपम जानकायी हत ह कोई बी वमततत इस ऩढ़कय कयन का परमास न कय तमोकक मह शसपम साधको क शरए ह आभ रोगो क शरए नहीॊ

40 अकzwj वनी मदरा- इस भदरा स साधक भ घोड़ो जसी शततत आ जाती ह तजस lsquoहॉसम ऩॉवयrsquo कहत ह|

ववचध - इस भदरा भ गदा-दवाय का फाय-फाय सॊकोिन औय परसाय ककमा जाता ह| इसी स भदरा की शसवदध हो जाती ह| इसक दवाया कणडशरनी जागयण भ सगभता यहती ह औय अनक योग नटट होकय शायीरयक फर की ववदध होती ह|

ऱाभ - अतश वनी भदरा शसदध होन स साधक की अकारभतम कबी नहीॊ होती| गदा औय उदय स सॊफॊचधत योगो का इसक दवाया शभन होता ह तथा दीघमजीवन की उऩरतबध होती ह| तरफना भरफॊध क अतश वनी भदरा नहीॊ हो सकती| 41 बजरौऱी मदरा- फजरौरी भदरा बी भरफॊध का अचछा अभमास ककए तरफना ककसी परकाय सॊबव नहीॊ ह| मह भदरा कवर मोगी क शरए ही नहीॊ बोगी क शरए बी अतमॊत राबकायी ह|

अनतबोध चतनय दवारा सऩादित तरिदिवसीय मदराचचकितसा सि 45

ववचध - इस भदरा भ ऩहर दोनो ऩाॊवो को बशभ ऩय दढ़ताऩवमक दटकाकय दोनो ऩाॊवो को धीय-धीय दढ़ताऩवमक ऊऩय आकाश भ उठा द| इसस तरफॊद-शसवदध होती ह| शकर को धीय-धीय ऊऩय की आकॊ िन कय अथामत इॊददरम क आॊकिन क दवाया वीमम को ऊऩय की ओय खीॊिन का अभमास कय तो मह भदरा शसदध होती ह| ववदवानो का भत ह कक इस भदरा क अभमास भ सतरी का होना आवशमक ह तमोकक बग भ ऩततत होता हआ शकर ऊऩय की ओय खीॊि र तो यज औय वीमम दोनो ही िढ़ जात ह| मह ककरमा अभमास स ही शसदध होती ह| कछ मोगािामम इस परकाय का अभमास शकर क सथान ऩय दनध स कयना फतात ह| जफ दनध खीॊिन का अभमास शसदध हो जाए तफ शकर को खीॊिन का अभमास कयना िादहए| वीमम को ऊऩय खीॊिनवारा मोगी ही ऊधवमयता कहराता ह| ऱाभ - इस भदरा स शयीय रटट-ऩटट तजसवी सॊदय सडौर औय जया-भतम यदहत होता ह| शयीय क सबी अवमव दढ़ होकय भन भ तनश िरता की परातपत होती ह| इसका अभमास अचधक कदठन नहीॊ ह| मदद गहसथ बी इसक कय तो फरवदधमन औय सौदममवदधमन का ऩया राब परापत कय सकत ह चतावनी मह आरख शसपम जानकायी हत ह कोई बी वमततत इस ऩढ़कय कयन का परमास न कय तमोकक मह शसपम साधको क शरए ह आभ रोगो क शरए नहीॊ

साधना कयनवार वमततत क शरए मह आवशमक ह कक वह साधना भ कातमक वाचिक औय भानशसक ककरमाओॊ ऩय ऩया तनमॊतरण यख तथा सभम-सभम ऩय उचित ताॊतरतरक परककरमाओॊ का बी सभनवम कयता यह| इस दतटट स तजस परकाय आसन ऩातरासादन अिमन आदद भ ककरमाओॊ का ववधान ह उसी परकाय उनक साथ कछ भदरा फनान का ववधान ह| म भदराएॊ भखम रऩ-स हाथ औय उसकी उॊगशरमो क परमोग स फनती ह| जस हभाया शयीय ऩॊिततवभम ह| अत शासतरकायो न कहा ह कक इन उॊगशरमो क परमोग स इन ततवो की नमनाचधकता दय की जा

अनतबोध चतनय दवारा सऩादित तरिदिवसीय मदराचचकितसा सि 46

सकती ह तथा ततवो की सभता-ववषभता स होनवारी कभी को उॊगशरमो की भदरा स सभ फनामा जा सकता ह| इतना ही नहीॊ ऐसी भदराओॊ क सहमोग स उन ततवो को सवचछाऩवमक घटामा-फढ़ामा बी जा सकता ह| म ततव करभश अॊगटठ भ अतनन तजमनी भ वाम भधमभा भ आकाश अनाशभका भ ऩथवी औय कतनतटठका भ जर क रऩ भ ववदमभान यहत ह| दवताओॊ की परसननता चितत की शवदध औय ववववध योगो क नाश भ भदराओॊ स फड़ी सहामता शभरती ह| भदराततव को सभझकय परतमक मोगी को इनका साधन कयना िादहए| कणडशरनी शततत क जागयण भ इन भदराओॊ स सहामता शभरती ह| महाॊ हभन तजन भदराओॊ का वणमन एवॊ चितरण ककमा ह उसभ परतमक मोगी साधक को ऩरयचित होना िादहए|

अनतबोध चतनय दवारा सऩादित तरिदिवसीय मदराचचकितसा सि 47

मोग अनसाय आसन औय पराणामाभ की तसथतत को भदरा कहा जाता ह फॊध ककरमा औय भदरा भ आसन औय पराणामाभ दोनो का ही कामम होता ह मोग भ भदराओॊ को आसन औय पराणामाभ स बी फढ़कय भाना जाता ह भदरा दो तयह की होती ह- ऩहरी हसत भदरा अथामत हाथो औय उसकी अॊगशरमो को ववशष आकतत भ फनाना औय दसयी आसन भदरा अथामत तजसभ ऩया शयीय ही सॊिाशरत होता ह

Page 10: 235347477 Mudra Chikitsa Swami Ananta Bodha Chaitanya

अनतबोध चतनय दवारा सऩादित तरिदिवसीय मदराचचकितसा सि 10

4 आिाश मदरा

ववचध दोनो हाथो की भधमभा अॊगशरमो को अॊगठो क अगरबाग स रगाकय फाकी अॊगशरमो को सीधा कय द अफ हाथो को घटनो ऩय यख र हथशरमो का रख ऊऩय की ओय यहगा कभय-गदमन सीधी यख कय आॊख फॊद कय धमान की तसथतत भ फठ जाएॊ ऱाभ कान क योग फहयाऩन कान भ आवाज आन की सभसमा दय होन रगती ह हडडडमो की कभजोयी को बी दय कयन भ भदद शभरती ह

अनतबोध चतनय दवारा सऩादित तरिदिवसीय मदराचचकितसा सि 11

5 शनम भदरा -

ववचध - अॊगठ स दसयी अॊगरी (भधमभासफस रमफी वारी अॊगरी) को भोड़कय अॊगठ क भर बाग (जड़ भ) सऩशम कय औय अॊगठ को भोड़कय भधमभा क ऊऩय स ऐस दफाम कक भधमभा उॊगरी का तनयॊतय सऩशम अॊगठ क भर बाग स फना यह फाकी की तीनो अॉगशरमो को अऩनी सीध भ यखइस तयह स जो भदरा फनती ह उस शनम भदरा कहत ह राब - इस भदरा क तनयॊतय अभमास स कान फहना फहयाऩन कान भ ददम इतमादद कान क ववशबनन योगो स भततत सॊबव हमदद कान भ ददम उठ औय इस भदरा को परमतत ककमा जाम तो ऩाॊि सात शभनट क भधम ही राब अनबत होन रगता हइसक तनयॊतय अभमास स कान क ऩयान योग बी ऩणमत ठीक हो जात ह इसकी अनऩयक भदरा आकाश भदरा हइस भदरा क साथ साथ मदद आकाश भदरा का परमोग बी ककमा जाम तो वमाऩक राब शभरता ह

अनतबोध चतनय दवारा सऩादित तरिदिवसीय मदराचचकितसा सि 12

6 ऩथवी मदरा

ववचध दोनो हाथो की अनाशभका अॊगशरमो को अॊगठो क अगरबाग स रगाकय फाकी अॊगशरमाॊ सीधी यख अफ हाथो को घटनो ऩय यख र हथशरमो का रख ऊऩय की ओय यहगा कभय-गदमन सीधी यख कय आॊख फॊद कय धमान की तसथतत भ फठ जाएॊ ऱाभ मह भदरा शायीरयक दफरमता दय कय वजन फढ़ाती ह शयीय भ सपततम कातनत एवॊ तज फढ़ाकय जीवनी शततत का ववकास कयती ह इसक अभमास स ऩािन तनतर को फर शभरता ह

अनतबोध चतनय दवारा सऩादित तरिदिवसीय मदराचचकितसा सि 13

7 सयय मदरा

ववचध दोनो हाथो की अनाशभका अॊगशरमो को अॊगठो क भर भ रगाकय अॊगठ स दफाकय फाकी अॊगशरमो को सीधा कयक यख अफ हाथो को घटनो ऩय यख र हथशरमो का रख ऊऩय की ओय यहगा कभय-गदमन सीधी यख कय आॊख फॊद कय धमान की तसथतत भ फठ जाएॊ ऱाभ मह भदरा भोटाऩा कभ कय वजन घटाती ह शयीय भ ऊटणता फढ़ाती ह शततत का ववकास कयती ह कॉरसरॉर फढ़न नहीॊ दती भधभह व रीवय क योग भ राब ऩहॊिाती ह शयीय को सॊतशरत कय दती ह नोट कभजोय वमततत इसका अभमास न कय गभी भ इसका अभमास कभ ही कय

अनतबोध चतनय दवारा सऩादित तरिदिवसीय मदराचचकितसा सि 14

8 वरण मदरा

ववचध दोनो हाथो की कतनटठा अॊगशरमो को अॊगठो क अगरबाग ऩय रगाकय फाकी अॊगशरमो को सीधा यखन स मह भदरा फनती ह अफ हाथो को घटनो ऩय यख र हथशरमो का रख ऊऩय की ओय यहगा कभय-गदमन सीधी यख कय आॊख फॊद कय धमान की तसथतत भ फठ जाएॊ ऱाभ मह िभमयोग यतत ववकाय दय कयती ह शयीय भ रखाऩन दय कय तविा को िभकीरी व भरामभ फनान भ सहामक ह िहय की सॊदयता को फढ़ा दती ह नोट कप परकतत वार वमततत इसका अभमास जमादा न कय

अनतबोध चतनय दवारा सऩादित तरिदिवसीय मदराचचकितसा सि 15

9 जऱोिर नाशि-

ववचध कतनटठा को अॉगठ क जड़ भ रगाकय अॉगठ स दफाम राब- जर तततव की अचधकता स होन वार सबी योगसजन जरोदय आदद भ ववशष राब होता

ह योग शानत होन तक ही कय

अनतबोध चतनय दवारा सऩादित तरिदिवसीय मदराचचकितसा सि 16

10 पराण मदरा -

ववचध अॊगठ स तीसयी अनाशभका तथा िौथी कतनतटठका अॉगशरमो क ऩोयो को एकसाथ अॊगठ क ऩोय क साथ शभराकय शष दोनो अॉगशरमो को अऩन सीध भ खडा यखन स जो भदरा फनती ह उस पराण भदरा कहत ह राब - हरदम योग भ याभफाण तथा नतरजमोतत फढान भ मह भदरा ऩयभ सहामक हसाथ ही मह पराण शततत फढ़ान वारा बी होता हपराण शततत परफर होन ऩय भनटम क शरए ककसी बी परततकर ऩरयतसथततमो भ धममवान यहना अतमॊत सहज हो जाता हवसतत दढ पराण शततत ही जीवन को सखद फनाती ह इस भदरा की ववशषता मह ह कक इसक शरए अवचध की कोई फाधमता नहीॊइस कछ शभनट बी ककमा जा सकता ह

अनतबोध चतनय दवारा सऩादित तरिदिवसीय मदराचचकितसा सि 17

11 अऩान मदरा

ववचध दोनो हाथो की भधमभा तथा अनाशभका अॊगशरमो को अॊगठ क अगरबाग स रगाकय फाकी अॊगशरमो को सीधी यख अफ हाथो को घटनो ऩय यख र हथशरमो का रख ऊऩय की ओय यहगा कभय-गदमन सीधी यख कय आॊख फॊद कय धमान की तसथतत भ फठ जाएॊ ऱाभ कबज भधभह ककडनी ववकाय वाम ववकाय फवासीय को दय कयन भ सहामक ह शयीय को शदध कय नाड़ी दोषो को दय कयन वारी ह भतर का अवयोध दय कय दाॊतो को भजफत कयती ह ऩसीना बी राती ह नोट इस भदरा क अभमास स भतर अचधक आन रगता ह

अनतबोध चतनय दवारा सऩादित तरिदिवसीय मदराचचकितसा सि 18

12 वयान मदरा-

ववचध- हाथ की भधमभा अॊगरी क आग क बाग को अॊगठ क आग क बाग स शभरान औय तजमनी अॊगरी को फीि की अॊगरी क नाखन स छआएॊ फाकी फिी सायी अॊगशरमाॊ सीधी यहनी िादहए इसी को वमान भदरा कहा जाता ह अवचध- इस भदरा को सफह 15 शभनट औय शाभ को 15 शभनट तक कयना िादहए ऱाभ- वमान भदरा को कयन स ऩशाफ सॊफॊधी सबी योग दय होत ह जस- ऩशाफ जमादा आना ऩशाफ भ िीनी आना ऩशाफ क साथ घात आना ऩशाफ रक-रक कय आना आदद योग सभापत हो जात ह इसक अरावा इस भदरा क तनमशभत अभमास स भधभह परभह औय सवपनदोष बी दय होता ह तसतरमो क शरए मह भदरा सफस जमादा राबदामक फताई गई ह इस भदरा को कयन स तसतरमो क साय योग सभापत हो जात ह

अनतबोध चतनय दवारा सऩादित तरिदिवसीय मदराचचकितसा सि 19

13 उिान मदरा-

ववचध - ऩहरी भधमभा औय अनाशभका उॊगरी क आग क बाग को अॊगठ क आग क बाग स रगाएॊ इस उदान भदरा कहत ह इसका सॊफॊध कॊ ठ स भतसतटक तक होता ह मह ववशवदध िकर को परवादहत कयता ह

राब - इसस भन शाॊत होता ह औय थामयॉइड सॊफॊधी सबी योगो भ राब ऩहॊिता ह

सभमावचध - इस भदरा को बी कवर 15 स 45 शभतनट तक ही कयना िादहए

अनतबोध चतनय दवारा सऩादित तरिदिवसीय मदराचचकितसा सि 20

14 सभान भदरा

ववचध - हाथ की िायो उॊगशरमो औय अॊगठ क अगरबाग को शभरा कय ऊऩय की तयप यखन स सभान भदरा फनती ह इस भदरा भ ऩाॊिो ततव शभर जात ह

राब ndash मह भदरा हभाय वविायो को आधमाततभक फनाती ह फय वविाय दय होत ह

अनतबोध चतनय दवारा सऩादित तरिदिवसीय मदराचचकितसा सि 21

15 हिय मदरा

ववचध दोनो हाथो की तजमनी अॊगशरमो को अॊगठो क भर भ रगाकय भधमभा व अनाशभका अॊगशरमो को अॊगठ क अगरबाग ऩय रगा द व छोटी अॊगरी को सीधा कयक यख अफ हाथो को घटनो ऩय यख र हथशरमो का रख ऊऩय की ओय यहगा कभय-गदमन सीधी यख कय आॊख फॊद कय धमान की तसथतत भ फठ जाएॊ ऱाभ मह भदरा रदम योगो भ ववशष रऩ स राबकायी ह परततददन 10-15 शभनट अभमास स रदम भजफत होता ह गस फनना शसयददम असथभा व उचि यततिाऩ भ राबकायी ह सीदढ़मो ऩय िढ़न स ऩहर ही अगय मह भदरा रगा री जाए औय इस भदरा क साथ ही सीदढ़माॊ िढ़ी जाएॊ तो साॊस नहीॊ परती

अनतबोध चतनय दवारा सऩादित तरिदिवसीय मदराचचकितसा सि 22

16 लऱग मदरा

ववचध- फाएॉ हाथ का अॊगठा सीधा खडा कय दादहन हाथ स फाएॊ हाथ कक अॉगशरमो भ ऩयसऩय पॉ सात हए दोनो ऩॊजो को ऐस जोड कक दादहना अॊगठा फाएॊ अॊगठ को फहाय स आवतत कय र इस परकाय जो भदरा फनगी उस अॊगटठ भदरा कहग राब - अॊगठ भ अतनन ततव होता हइस भदरा क अभमास स शयीय भ उटभता फढ़न रगती हशयीय भ जभा कप ततव सखकय नटट हो जाता हसदी जकाभखाॊसी इतमादद योगो भ मह फड़ा राबदामी होता हकबी मदद शीत परकोऩ भ आ जाएॉ औय शयीय भ ठणड स कॊ ऩकॊ ऩाहट होन रग तो इस भदरा का परमोग तवरयत राब दता ह

अनतबोध चतनय दवारा सऩादित तरिदिवसीय मदराचचकितसा सि 23

17 शख मदरा-

ववचध - फाएॊ हाथ क अॊगठ को दोनो हाथ की भटठी भ फॊद कयक फाएॊ हाथ की तजमनी उॊगरी को दादहन हाथ क अॊगठ स शभरान स शॊख भदरा फनती ह| इस भदरा भ फाएॊ हाथ की फाकी तीन उॊगशरमो क ऩास भ सटाकय दाएॊ हाथ की फॊद उॊगशरमो ऩय हसका-सा दफाव ददमा जाता ह| इसी परकाय हाथ फदरकय अथामत दाएॊ हाथ क अॊगठ को फाएॊ हाथ की भटठी भ फॊद कयक शॊख भदरा फनाई जाती ह| इस भदरा भ ऱाभ - अॊगठ का दफाव हथरी क फीि क बाग ऩय औय भटठी की तीन उॊगशरमो का दफाव शकर ऩवमत ऩय ऩड़ता ह तजसस हथरी भ तसथत नाशब औय थाइयॉइड (ऩतसरका) गरॊचथ क क दर दफत ह| ऩरयणाभसवरऩ नाशब औय थाइयॉइड गरॊचथ क ववकाय ठीक होत ह|

अनतबोध चतनय दवारा सऩादित तरिदिवसीय मदराचचकितसा सि 24

शॊख भदरा का नाशब िकर स तनकट का सॊबॊध ह इसशरए शायीय क सनामतॊतर ऩय ववशष कामम कयती ह अत अनत औय फाहम सवासथम भ फहत राबकायी ह

मह ऩािन तॊतर को उततभ फनाती ह

तनमशभत कयन स बख फढान भ भदद शभरती ह

मह भदरा फोरत सभम उचिायण क दोषो को दय कयन भ फहत परबावी ह जस ततराना हकराना आदद दोष तनमभतत परमोग स दय हो जात ह

सॊगीत की साधना कयन वारो क शरए ववशश राबकायी ह वाणी को भधय फनाती ह

मह भदरा ऩजन भ बी परमतत होती ह| इसका परमोग रॊफ सभम तक ककमा जा सकता ह| इस भदरा का नाशबिकर स ववशष समफनध ह तजसक कायण नाशब स सॊफॊचधत शयीय की नाडड़मो ऩय सकषभ औय सवासथमवधमक परबाव ऩड़ता ह तथा सनामभणडर शतततशारी फनती ह|

अनतबोध चतनय दवारा सऩादित तरिदिवसीय मदराचचकितसा सि 25

18 योनन मदरा-

मौचगक दतटट स अऩन अॊदय कई परकाय क यहसम तछऩाए यखनवारी भदरा का वासतववक नाभ lsquoमोतन भदराrsquo ह| तत मोग क अनसाय कवर हाथो की उॊगशरमो स भहाशततत बगवती की परसननता क शरए मोतन भदरा परदशशमत कयन की आऻा ह| परतम रऩ स इसका परबाव रॊफी मोग साधना क अॊतगमत तॊतर-भॊतर-मॊतर साधना स बी दतटटगोिय होता ह| इस भदरा क तनयॊतय अभमास स साधक की पराण-अऩान वाम को शभरा दनवारी भरफॊध ककरमा को बी साथ कयन स जो तसथतत फनती ह उस ही मोतन भदरा की सॊऻा दी ह| मह फड़ी िभतकायी भदरा ह| ऩदमासन की तसथतत भ फठकय दोनो हाथो की उॊगशरमो स मोतन भदरा फनाकय औय ऩवम भरफॊध की तसथतत भ सममक बाव स तसथत होकय पराण-अऩान को शभरान की परफर बावना क साथ भराधाय सथान ऩय मौचगक सॊमभ कयन स कई परकाय की शसवदधमाॊ परापत हो जाती ह|

अनतबोध चतनय दवारा सऩादित तरिदिवसीय मदराचचकितसा सि 26

ऋवषमो का भत ह कक तजस मोगी को उऩयोतत तसथतत भ मोतन भदरा का रगाताय अभमास कयत-कयत शसवदध परापत हो गई ह उसका शयीय साधनावसथा भ बशभ स आसन सदहत ऊऩय अधय भ तसथत हो जाता ह| सॊबवत इसी कायण आदद शॊकयािाममजी न अऩन मोग यतनावरी नाभक ववशष गरॊथ भ भरफॊध का उसरख ववशष रऩ स ककमा ह|

19 धन मदरा -

बायतीम ऩयॊऩया भ धन गाम को कहा जाता ह औय मह दहनद धभम क साततवक औय भहानता का परतीक ह धन भदरा फनात सभम हाथो की उॊगशरमा गाम क थनो जसी हो जाती ह जस गाम क थनो स दध ऩीकय शयीय ऩटट फनता ह वस ही धन भदरा कयन स बी शयीय रटट ऩटट फनता ह

ववचध - अनमोनमाशबभखॊ तशरटटाकतनटठानाशभका ऩन

अनतबोध चतनय दवारा सऩादित तरिदिवसीय मदराचचकितसा सि 27

तथा ि तजमतनभधमा धन भदरा अभत परदा ( कारी तॊतर )

अऩन दोनो हाथो की अॊगशरमो क ऩोयो को एक साथ शभरा र कपय फाम हाथ की तजमनी ऊॊ गरी को दाएॊ हाथ की फीि वारी उॊगरी स छआए इसक फाद दाएॊ हाथ की तजमनी उॊगरी को फाम हाथ की फीि वारी उॊगरी स छआम ऐस ही फाम हाथ की अनाशभका उॊगरी को दाएॊ हाथ की सफस छोटी उॊगरी स शभराएॊ अॉगठो को खरा छोड़ द हाथ की अॊगशरमो को नीि की तयप कयन स अॊगशरमो की आकतत गाम क धनो जसी हो जाती ह इसी कायण इस धन भदरा कहत ह

सभम - इस भदरा का अभमास धीय धीय फढ़ाए ऩहर 1 स 15 शभतनट औय फाद भ 15 स 30 तथा जफ अचछी तयह मह भदरा अभमास भ आ जाए तफ इस भदरा को 45 शभतनट तक कय सकत ह

राब - धन भदरा स ऩािन तॊतर भजफत होता ह औय शयीय ताकतवय व सवसथ फनता ह मह ऩट क योगो क शरए याभफाण भदरा ह मोग साधना भ फहत ही उऩमोगी भदरा कहराती ह तॊतर एवॊ कभमकाॊड भ बी धन भदरा का परमोग ह ह ऩयानी भानमता क अनसाय मह अभत ततव को दन वारी भदरा ह मह भदरा वात वऩतत तथा कप को सॊतशरत कयती ह

अनतबोध चतनय दवारा सऩादित तरिदिवसीय मदराचचकितसा सि 28

20 मगी मदरा-

भग दहयन को कहा जाता ह मऻ क दौयान होभ की जान वारी साभगरी को इसी भदरा भ होभ ककमा जाता ह पराणामाभ ककए जान क दौयान बी इस भदरा का उऩमोग होता ह धमान कयत वतत बी इस भदरा का इसतभार ककमा जाता ह मह भदरा फनात वतत हाथ की आकतत भग क शसय क सभान हो जाती ह इसीशरए इस भगी भदरा कहा जाता ह मह एक हसत भदरा ह ववचध अऩन हाथ की अनाशभका औय भधमभा अॊगरी को अॊगठ क आग क बाग को छआ कय फाकी फिी तजमनी औय कतनटठा अॊगरी को सीधा तान दन स भगी भदरा फन जाती ह योग आसन - इस दौयान उतकटासन सखासन औय उऩासना क सभम इसतभार होन वार आसन ककए जा सकत ह

अनतबोध चतनय दवारा सऩादित तरिदिवसीय मदराचचकितसा सि 29

समय- इस भदरा को सववधानसाय कछ दय तक कय सकत ह औय इस तीन स िाय फाय ककमा जा सकता ह ऱाभ- भगी भदरा कयत सभम अॊगठ क ऩोय औय अॊगशरमो क जोड़ ऩय दफाव ऩड़ता ह उतत दफाव क कायण शसयददम औय ददभागी ऩयशानी भ राब शभरता ह एतमपरशय चिककतसा क अनसाय उतत अॊगशरमो क अॊदय दाॊत औय सामनस क तरफ ॊद होत ह तजसक कायण हभ दाॊत औय सहनस योग भ बी राब शभरता ह ववशष- भाना जाता ह कक इस भदरा को कयन स सोिन औय सभझन की शततत का ववकास बी होता ह भगी भदरा शभगी क योचगमो क शरए फहत ही राबकायी ह

21 यमहररमदरा

ववचध -सवम परधभ आऩ अऩन दोनो हाथो की सफस छोटी अॊगरी अथामत कतनटठा को आऩस भ एक दसय क परथभ ऩोय स शभरा द इसी क साथ दोनो अॊगठ को बी आऩस भ शभरा द अफ तीन अॊगशरमाॊ फाकी यह जाएॊगी- भध मभा तजमनी औय अनाशभका इन तीनो अॊगशरमो को हथरी की ओय भोड़कय भटठी जसा फनाइए अॊगशरमो की इस तसथतत को मभ हरयभदरा कहत ह

अनतबोध चतनय दवारा सऩादित तरिदिवसीय मदराचचकितसा सि 30

ऱाभ - मभहरयभदरा क तनमशभत अभमास स नाडड़मो को शततत शभरती ह इस भदरा क तनयॊतय अभमास स ऩट क योग जस- कबज बख ना रगना औय तजगय की कभजोयी दय होती ह इस भदरा स तसतरमो क सतनो क साय योगो भ बी राब शभरता ह मभ हरयभदरा को परततददन 5 शभनट सफह औय 5 शभनट शाभ को कय आऩ इसक कयन का सभम फढ़ाकय 10 शभनट तक कय सकत ह परततददन कभ स कभ ऩाॊि भदराएॊ अऩनी सववधानसाय कयनी िादहए भदराओॊ स सबी योगो भ राब ऩामा जा सकता ह मदद उनका मोग शशक स ऩछकय तनमशभत अभमास ककमा जाए भदराएॊ खासकय उन रोगो क शरए पामदभॊद सातरफत होती ह जो मोगासन कयन भ असभथम ह

22 ऩषऩाजलऱ मदरा-

अनतबोध चतनय दवारा सऩादित तरिदिवसीय मदराचचकितसा सि 31

मह भहतवऩणम हसत मोग भदरा ह जस दआ भ हाथ उठात ह मा ऩटऩ अऩमण कयत ह तफ मह भदरा फनती ह जसा कक इसका नाभ ह ऩटऩाॊजशर इसी स मह शसदध होता ह कक मह भदरा ककस परकाय की होगी ववचध- दोनो हाथो की अॊगशरमो औय अॊगठ को आऩस भ शभरा भखणफदध को बी शभरा र कपय दोनो हाथो की छोटी अॊगशरमो को एक साथ शभराकय ऐसी आकतत फना र कक जस हभ ककसी बगवान को पर िढ़ात सभम फनात ह इस ही ऩटऩाॊजशर भदरा कहत ह

ऱाभ- ऩटऩाॊजरी भदरा क तनयॊतय अभमास स नीॊद अचछी तयह स आन रगती ह आतभववशवास फढ़ता ह

23 यज भदरा-

अनतबोध चतनय दवारा सऩादित तरिदिवसीय मदराचचकितसा सि 32

यज भदरा कवर तसतरमो क शरए ह ऐसा नहीॊ फतसक अगय ऩरष इस भदरा को कयत ह तो उनक वीमम सॊफॊधी सभसत योग दय हो जात ह ववचध- यज भदरा फनाना फहत ही आसान ह कतनटठा (छोटी अॊगरी) अॊगरी को हथरी की जड़ भ भोड़कय रगान स यज भदरा फन जाती ह ऱाभ- यज भदरा स तसतरमो क भाशसक धभम सॊफॊधी योग दय होत ह इसक अरवा शसय भ बायीऩन यहना छाती भ ददम ऩट ऩीठ कभय का ददम आदद योग बी यज भदरा कयन स दय हो जात ह सतरी क साय परजनन अॊगो की ऩयशातनमो को म भदरा तरफसकर दय कय दती ह

24 अदिती मदरा-

ववचध- अॊगठ क आग क बाग को अनाशभका (छोटी उॊगरी क साथ वारी उॊगरी) उॊगरी की जड़ भ टढ़ा रगान स अददती भदरा फन जाती ह

ऱाभ- इस भदरा को कयन स हय सभम उफासी आना जमादा छीॊक आना जस योगो को दय ककमा जा सकता ह

अनतबोध चतनय दवारा सऩादित तरिदिवसीय मदराचचकितसा सि 33

समय- अददती भदरा को ददन भ 3-4 फाय 15-15 शभनटो क शरए कय सकत ह

25 हसी मदरा-

जस हॊस नीय ीय वववक की साभथमम यखता ह वस इस भदरा क कयन स सोिन औय तवरयत तनणमम की भता फढती ह मदरा िी ववचध - सखासन मा उतकटासन भ फठकय अऩन हाथ की सबी सफस छोटी अॊगरी को छोड़कय अॊगशरमो को अॊगठ क आग क बाग को दफान स हॊसी भदरा फन जाती ह अवचध- इस भदरा को परयॊब भ 5-8 शभनट स कयक 30-48 शभनट तक कय सकत ह मदरा िा ऱाभ- इस भदरा तनमशभत अभमास स वववक फढ़ता ह अथामत इसस सोिन-सभझन की शततत फढ़ती ह औय इसस शयीय का बायीऩन सभापत हो जाता ह

अनतबोध चतनय दवारा सऩादित तरिदिवसीय मदराचचकितसा सि 34

ववशषता- भाना जाता ह कक इस भदरा का तनमशभत अभमास कयन स याजशसक ताकत फढ़ती ह औय वमततत धन सॊऩनन फना यहता ह सावधानी - इस भदरा को कयत सभम ककसी बी परकाय का भॊतर नहीॊ जऩना िादहए औय ना ही कोई अनम धाशभमक उऩकरभ कय

26 हसतऩात मदरा-

ववचध- इस भदरा को कयन क शरए आऩ अऩन दोनो हाथो की हथरी क ऩीछ क बाग को आऩस भ अॊगशरमो सदहत शभरा द इस आकतत को हसतऩात भदरा कहा जाता ह मह नभसकाय भदरा जसा ही ह रककन इसभ हथरी क ऩटठ बाग को शभरा ददमा जाता ह ऱाभ- इस हसतऩात भदरा को कयन स शवास औय गर क क साय योग भ फहत राब शभरता ह तजन तसतरमाॊ मदद इसका तनमशभत अभमास कयती ह तो इसस उनक सतन सड़ौर सॊदय औय सवसथ हो जात ह तजन तसतरमो क सतन छोट ह ढीर ह मा उनक सतनो भ दध नहीॊ आता ह तो मह भदरा उनक शरए फहत राबकायी शसदध हो सकती ह

27 धयान मदरा

ववचध- ऩदमासन भ फठकय फाएॊ हाथ की हथरी ऩय दाएॊ हाथ की हथरी को (उसट हाथ ऩय सीध हाथ को) हसक स यखन स धमान भदरा फनती ह| धमान यख कक इस भदरा भ शसय गदमन एवॊ यीढ़ की हडडी सीधी यह| आॊख औय होठ सहज स फनद यह| धमान अऩन इटटदव क सवरऩ ऩय दटकाएॊ अथवा कामोतसगम कय अथामत शयीय स

अनतबोध चतनय दवारा सऩादित तरिदिवसीय मदराचचकितसा सि 35

सभता यखत हए कछ दय क शरए वविाय यदहत अवसथा भ यहन का परमास कय| अटटाॊग मोग (मभ तनमभ पराणामाभ परतमाहाय धायणा धमान औय सभाचध) क एक अॊग lsquoधमानrsquo की साधना भ मह भदरा ववशष रऩ स सहामक शसदध हई ह| ऱाभ - जो वमततत ऩदमासन नहीॊ कय सकत उनह धमान भदरा सखासन मा सवतसतक अथवा ऩारथी आसन भ कयना िादहए| मह सहज भदरा ह| सहज धमान भदरा को साधायण वमततत अचधक रमफ सभम तक सयरता स कय सकता ह| इसस धमान भदरा क राब बी शभर जात ह| धमान भदरा भ मदद हथशरमाॊ एक दसय ऩय यखन क फाद दोनो हथशरमाॊ ऻान भदरा की तसथतत भ यखी जाएॊ तो धमान भदरा तथा ऻान भदरा क सतमभशरत राब क साथ ऩदमासन क राब बी शभर जात ह| साधक क शरए धमान भदरा भ सभम की कोई सीभा नहीॊ ह| रककन सहजता क साथ ऩदमासन कयन की भता क अनरऩ धमान भदरा का अभमास कयना िादहए| साधायण वमततत को इस धीय-धीय फढ़ात हए कभ-स-कभ २० शभनट स एक घॊट तक कयना िादहए| धमान भदरा न कय सकन की अवसथा भ सहज धमान भदरा कयक राब उठाना िादहए| भन की िॊिरता शाॊत होकय चितत की एकागरता फढ़ती ह| साततवक वविायो की उतऩततत होती ह औय परब बजन भ भन रगता ह|

धमान क परबाव स साधक को धमान की उचितय तसथतत भ ऩहॊिन भ सहामता शभरती ह| आतभ साातकाय औय ईश वय क साातकाय भ मह भदरा सहामक ह|

28 शामभवी मदरा-

आॉख खरी हो रककन आऩ दख नहीॊ सकत ऐसी तसथतत जफ सध जाती ह तो उस शामबवी भदरा कहत ह ऐसी तसथतत भ आऩ नीॊद का भजा बी र सकत ह मह फहत कदठन साधना ह इसक ठीक उसटा कक जफ आॉख फॊद हो तफ आऩ दख

अनतबोध चतनय दवारा सऩादित तरिदिवसीय मदराचचकितसा सि 36

सकत ह मह बी फहत कदठन साधना ह रककन मह दोनो ही सॊबव ह असॊबव कछ बी नहीॊ फहत स ऐस ऩश औय ऩी ह जो आॉख खोरकय ही सोत ह ववचध- मदद आऩन तराटक ककमा ह मा आऩ तराटक क फाय भ जानत ह तो आऩ इस भदरा को कय सकत ह सवमपरथभ शसदधासन भ फठकय यीढ़-गदमन सीधी यखत हए ऩरको को तरफना झऩकाएॉ दखत यह रककन धमान ककसी बी िीज को दखन ऩय ना यख ददभाग तरफसकर बीतय कहीॊ रगा हो

ऱाभ- शामबवी भदरा को कयन स ददर औय ददभाग को शाॊतत शभरती ह मोगी का धमान ददर भ तसथय होन रगता ह आॉख खरी यखकय बी वमततत नीॊद औय धमान का आनॊद र सकता ह इसक सधन स वमततत बत औय बववटम का ऻाता फन सकता ह सऱाह- शामबवी भदरा ऩयी तयह स तबी शसदध हो सकती ह जफ आऩकी आॉख खरी हो ऩय व ककसी बी िीज को न दख यही हो ऐसा सभझ की आऩ ककसी धन भ जी यह हो आऩको खमार होगा कक कबी-कबी आऩ कहीॊ बी दख यह होत ह रककन आऩका धमान कहीॊ ओय यहता ह समय- इस भदरा को शरआत भ तजतनी दय हो सक कय औय फाद भ धीय-धीय इसका अभमास फढ़ात जाएॉ

अनतबोध चतनय दवारा सऩादित तरिदिवसीय मदराचचकितसा सि 37

29 शकततचालऱनी मदरा- ववचध - आठ अॊगर रॊफा औय िाय अॊगर िौड़ा भरामभ वसतर रकय नाशब ऩय रगाएॊ औय कदटसतर भ फाॊध र| कपय शयीय भ बसभ यभाकय शसदधासन भ फठ औय पराण को अऩान स मतत कय| जफ तक गहम दवाय स िरती हई वाम परकाशशत न हो इस सभम तक गहम दवाय को सॊकचित यख| इसस वाम का जो तनयोध होता ह उसभ कमबक क दवाया कणडशरनी शततत जागरत होती हई सषमना भागम स ऊऩय जाकय खड़ी हो जाती ह| मोगभदरा स ऩहर इसका अभमास कयन ऩय ही मोतन भदरा की ऩणम शसवदध होती ह| ऱाभ - इस भदरा स कणडशरनी शततत का जागयण होता ह| जफ तक मह सोती ह तफ तक सबी आॊतरयक शतततमाॊ सपत ऩड़ी यहती ह| इसशरए कणडशरनी का जागरत होना साधक क शरए फहत आवशमक ह| पराण-अऩान को सॊमतत कयन की ककरमा पराणवाम को ऩयक दवाया बीतय खीॊिन औय उडडीमान फॊध स अऩान वाम को ऊऩय की ओय आकवषमत कयन स ऩणम होती ह| इसभ गहम परदश क सॊकोि औय ववसताय का अभमास होन स अचधक सयरता हो सकती ह| 30 तड़ागी मदरा- ववचध - दोनो ऩाॊवो को दणड क सभान धयती ऩय ऩसाय र औय हाथो स उनक अॊगठो को ऩकड़न तथा दोनो जाॊघो ऩय शसय को सथावऩत कय साथ ही उदय को तड़ाग (सयोवय) क सभान कय र| ऱाभ - मह भदरा अनक योगो औय वदधावसथा को बी दय कयन भ सहामक शसदध होती ह|

अनतबोध चतनय दवारा सऩादित तरिदिवसीय मदराचचकितसा सि 38

31 माणडवी मदरा- ववचध - भख को फॊद कयक जफान को तार भ घभाएॊ औय सहसराय स टऩकत हए सधायस को जफान स धीय-धीय ऩीन का मतन कय| मही भाणडवी (मा भाणडकी) भदरा ह| ऱाभ - इसक दवाया फारो की सपदी उनका झड़ना शयीय ऩय झरयममो भॊहासो आदद का ऩड़ना तथा तनफमरता आदद दय होकय चिय-मौवन की परातपत होती ह| इसस यसोतऩादन होकय अभततव की उऩरतबध होना सॊबव हो जाता ह| 32 ऩालशनी मदरा ववचध- दोनो ऩाॊवो को कॊ ठ क ऩीछ की ओय र जाकय उनह ऩयसऩय शभराएॊ औय ऩाश क सभान दढ़ता स फाॊध र| ऱाभ - इसक अभमास स बी कणडशरनी शततत क जागयण भ फहत सगभता हो जाती ह तथा साधक क शयीय भ फर औय ऩतटट का आववबामव होता ह| भानशसक फरवदधमन भ बी मह फहत दहतकय ह| 33 िािी मदरा-

काक कौए को कहत ह कौए की िोि जसी भॊह की भदरा फना रन को काकी भदरा कहा जाता ह ववचध ककसी बी आसन भ फठकय होठो को ऩतरी सी नरी क सभान भोड़कय कौए की िोि जसा फना र अफ नाक क अगर बाग को दखत हए अऩना ऩया धमान नाक ऩय दटका द इसक फाद भॊह स धीय-धीय गहयी शवास रकय होठो को फॊद कय द कछ दय फाद शवास को नाक स फाहय तनकार द इस तयह स 10

अनतबोध चतनय दवारा सऩादित तरिदिवसीय मदराचचकितसा सि 39

शभनट तक कय ऱाभ मह भदरा जहाॊ शयीय भ ठॊडक फढ़ाती ह वहीॊ मह कई योगो को दय कयन भ राबदामक ह इस भदरा का तनयॊतय अभमास कयन स शयीय भ अॊदय बोजन ऩिान की ककरमा तज हो जाती ह इसस अमरवऩतत का फढ़ना कभ हो जाता ह

34 मातचगनी मदरा-

भातॊग का अथम होता ह भघ भाॊ दगाम का एक रऩ ह भातॊगी मह दस भहाववदमा भ स नौवीॊ ववदमा ह भातॊग नाभ स एक धमान होता ह भॊतर होता ह औय एक हाथी का नाभ बी भातॊग ह ऋवष वशशटठ की ऩतनी का एक नाभ बी भातॊगी ह ऋवष कशमऩ की ऩतरी का नाभ बी भातॊगी ह तजसस हाथी उतऩनन हए थ ववचध शाॊत जगह भ ऩानी क अॊदय गर तक शयीय को डफो र औय कपय नाक स ऩानी को खीॊिकय उस भॊह स तनकार र कपय भॊह स ऩानी को खीॊिकय नाक स फाहय तनकार द इस ककरमा को ही भातॊचगनी भदरा कहत ह ऱाभ इस भदरा क अभमास स आॊखो की योशनी तज हो जाती ह शसय ददम भ मह भदरा अतमॊत राबकायी भानी जाती ह इसस नजरा-जकाभ आदद क योग बी दय हो जात ह इस भदरा क तनयॊतय अभमास स िहय ऩय िभक आ जाती ह औय फार बी सपद नहीॊ होत ह इस भदरा क शसदध हो जान ऩय वमततत भ ताकत फढ़ जाती ह

35 नभोमदरा

नब का अथम होता ह आकाश इस भदरा भ जीब को तार की ओय रगात ह इसीशरए इस नबोभदरा कहत ह नबोभदरा कयना सयर नहीॊ ह इस ककसी मोग

अनतबोध चतनय दवारा सऩादित तरिदिवसीय मदराचचकितसा सि 40

शशक स सीखकय ही कयना िादहए मह भदरा फहत स योगो भ राबदामक शसदध हई ह इस फाय भ एक शरोक बी ह- मतर मतर तसथतो मोगी सवमकामष सवमदा उधवमतजवह तसथयो बतवाधायमतभवनॊ सदा नबोभदरा भवदषा मोदववना योग नाशशनी अथामत साय कामो भ तसथय हआ चितत अऩनी जीब क अगर बाग को भॊह क अॊदय तार भ रगाकय शवास को अॊदय योक रता ह इस तसथतत स विारयक गततववचधमाॊ ततकार फॊद हो जाती ह इसीशरए इस भदरा को यहसम का आबास ददरान वारी भदरा बी कहा जाता ह ववचध- अऩनी आॊखो को अऩनी दोनो बौहो क फीि भ जभाकय आऩकी जीब तार क साथ रगा र मह दोनो कामम एक ही साथ औय एक ही सभम भ कय सववधानसाय जफ तक सॊबव हो इसी तसथतत भ यह औय कपय कछ शभनट का धमान कय ऱाभ- नबोभदरा क तनयॊतय अभमास स जीब गर औय आॊखो क साय योग सभापत हो जात ह इसस भतसतटक भ तसथयता फढ़ती ह औय भतसतटक क योग बी दय हो जात ह

36 नालसिागर मदरा -

नाशसकागर भदरा का अथम होता ह नाक का आखखयी छोय ऊऩयी दहससा मा अगरबाग इस बाग ऩय फायी-फायी स सॊतरन फनान हए दखना ही नाकककागर भदरा मोग कहराता ह रककन मह भदरा कयन स ऩहर मोग शशक की सराह जरय र तमोकक इसक कयन स बकटी ऩय जोय ऩड़ता ह

अनतबोध चतनय दवारा सऩादित तरिदिवसीय मदराचचकितसा सि 41

ववचध- ककसी बी आसन भ फठकय नाक क आखखयी शसय ऩय नजय दटका र हो सकता ह कक ऩहर आऩ फाई आॊखो स उस दख ऩाएॊ तफ कछ दय फाद दाई आॊखो स दख इस दखन भ जया बी तनाव न हो सहजता स इस दख

ऱाभ- इसस जहाॊ आॊखो की एतसयसाइज होती ह वहीॊ मह भतसतटक क शरए बी राबदामक ह इसस भन भ एकागरता फढ़ती ह इस भदरा क रगाताय अभमास कयन स भराधाय िकर जागरत होन रगता ह तजसस कणडरीनी जागयण भ भदद शभरती ह इसस भराधाय िकर इसशरए जागरत होता ह तमोकक दोनो आॊखो क फीि ही तसथत ह इड़ा वऩ ॊगरा औय सषमना नाड़ी जो भराधाय तक गई ह समय- इस भदरा को इतनी दय तक कयना िादहए कक आॊखो ऩय इसका जमादा दफाव नहीॊ ऩड़ कपय धीय-धीय इस कयन का सभम फढ़ात जाएॊ

37 बरहम आसन मदरा-

कछ रोग इस बरहभा भदरा बी कहत ह तमोकक इस आसन भ गदमन को िाय ददशा भ घभामा जाता ह औय बरहभाजी क िाय भख थ इसीशरए इसका नाभ बरहभा भदरा आसन यखा गमा रककन असर भ मह बरहभ भदरा आसन ह औय इसभ सबी ददशाओॊ भ तसथत ऩयभशवय को जानकय उसका चिॊतन ककमा जाता ह नभाज ऩढ़त वतत मा सॊधमा वॊदन कयत वतत उतत भदरासन को ककमा जाता यहा ह ववचध- ऩदमासन शसदधासन मा वजरासन भ फठकय कभय तथा गदमन को सीधा यखत हए गदमन को धीय-धीय दामीॊ ओय र जात ह कछ सकॊ ड दामीॊ ओय रकत ह उसक फाद गदमन को धीय-धीय फामीॊ ओय र जात ह कछ सकॊ ड तक फामीॊ ओय रककय कपय दामीॊ ओय र जात ह कपय वाऩस आन क फाद गदमन को ऊऩय की ओय र जात ह उसक फाद नीि की तयप र जात ह कपय गदमन को तराकवाइज

अनतबोध चतनय दवारा सऩादित तरिदिवसीय मदराचचकितसा सि 42

औय एॊटीतराकवाइज घभाएॉ इस तयह मह एक िकर ऩया हआ अऩनी सववधानसाय इस िाय स ऩाॉि िकरो भ कय सकत ह

ऱाभ तजन रोगो को सवामइकर सऩोडराइदटस थाइयाइड नराॊटस की शशकामत ह उनक शरए मह आसन राबदामक ह इसस गदमन की भाॉसऩशशमाॉ रिीरी तथा भजफत होती ह आधमाततभक दतटट स बी मह आसन राबदामक ह आरसम बी कभ होता जाता ह तथा फदरत भौसभ क सदी-जकाभ औय खाॉसी स छटकाया बी शभरता ह

सावधाननया तजनह सवामइकर सऩोडराइदटस मा थाइयाइड की सभसमा ह व ठोडी को ऊऩय की ओय दफाएॉ गदमन को नीि की ओय र जात सभम कॊ ध न झकाएॉ कभय गदमन औय कॊ ध सीध यख गदमन मा गर भ कोई गॊबीय योग हो तो मोग चिककतसक की सराह स ही मह भदराआसन कय

38 भजचगनी मदरा- ववचध- इसभ भख को पराकय कॊ ठ स फाहयी वाम खीॊिी जाती ह| तार औय तजहवा क भधम वाम क घभन स शयीय भ अदभत शततत का आववबामव होता ह|

ऱाभ- मह भदरा अजीणम आदद उदय योगो को नटट कयन भ बी फहत उऩमोगी ह| इस परकाय भदराओॊ क अभमास स साधक को सफ परकाय क शायीरयक भानशसक औय आततभक फर की परातपत होती ह| मोगािामो क अनसाय lsquoनातसत भदरासनककॊ चित शसवदधदॊकषततभणडर (घयणड सॊदहता)rsquo अथामत भदराओॊ क सभान शसवदधदामक कोई अनम साधन ब-भॊडर ऩय नहीॊ ह| इसशरए मोगशसवदध क आकाॊीजनो को भदराओॊ का अभमास कयना शरमसकय ह|

अनतबोध चतनय दवारा सऩादित तरिदिवसीय मदराचचकितसा सि 43

39 खचरी मदरा-

भनटम की जीब (तजहवा) दो तयह की होती ह- रॊफी औय छोटी रॊफी जीब को सऩमतजहवा कहत ह कछ रोगो की जीब रॊफी होन स व उस आसानी स नाशसकागर ऩय रगा सकत ह औय खियी-भदरा कय सकत ह भगय तजसकी जीब छोटी होती ह उस तकरीपो का साभना कयना ऩड़ता ह सफस ऩहर उनह अऩनी जीब रॊफी कयनी ऩड़ती ह औय उसक शरए घषमण व दोहन का सहाया रना ऩड़ता ह जीब नीि की ओय स तजस नाड़ी स जड़ी होती ह उस काटना ऩड़ता ह खियी भदरा को शसदध कयन एवॊ अभत क सराव हत आवशमक उददीऩन भ कछ वषम बी रग सकत ह मह वमततत की मोनमता ऩय बी तनबमय कयता ह मोग भ कछ भदराएॊ ऐसी ह तजनह शसपम मोगी ही कयत ह साभानमजनो को इनह नहीॊ कयना िादहए खियी भदरा साधको क शरए भानी गई ह ववचध - इसक शरए जीब औय तार को जोड़न वार भाॊस-तॊत को धीय-धीय काटा जाता ह अथामत एक ददन जौ बय काटकय छोड़ ददमा जाता ह कपय तीन-िाय ददन फाद थोड़ा-सा औय काट ददमा जाता ह इस परकाय थोड़ा-थोड़ा काटन स उस सथान की यतत शशयाएॊ अऩना सथान बीतय की तयप फनाती जाती ह जीब को काटन क साथ ही परततददन धीय-धीय फाहय की तयप खीॊिन का अभमास ककमा जाता ह इसका अभमास कयन स कछ भहीनो भ जीब इतनी रॊफी हो जाती ह कक मदद उस ऊऩय की तयप रौटा (उसटा कयन) ददमा जाए तो वह शवास जान वार छदो को बीतय स फॊद कय दती ह इसस सभाचध क सभम शवास का आना-जाना ऩणमत योक ददमा जाता ह ऱाभ इस भदरा स पराणामाभ को शसदध कयन औय साभचध रगान भ ववशष सहामता शभरती ह साधनायत साधओॊ क शरए मह भदरा फहत ही राबदामी भानी

अनतबोध चतनय दवारा सऩादित तरिदिवसीय मदराचचकितसा सि 44

जाती ह ववशषता तनयॊतय अभमास कयत यहन स तजफ जफ रॊफी हो जाती ह तफ उस नाशसका यनरो भ परवश कयामा जा सकता ह इस परकाय धमान रगान स कऩार भागम एवॊ तरफ ॊद ववसगम स सॊफॊचधत कछ गरॊचथमो भ उददीऩन होता ह तजसक ऩरयणाभसवरऩ अभत का सराव आयॊब होता ह उसी अभत का सराव होत वतत एक ववशष परकाय का आधमाततभक अनबव होता ह इस अनबव स शसवदध औय सभाचध भ तजी स परगतत होती ह चतावनी मह आरख शसपम जानकायी हत ह कोई बी वमततत इस ऩढ़कय कयन का परमास न कय तमोकक मह शसपम साधको क शरए ह आभ रोगो क शरए नहीॊ

40 अकzwj वनी मदरा- इस भदरा स साधक भ घोड़ो जसी शततत आ जाती ह तजस lsquoहॉसम ऩॉवयrsquo कहत ह|

ववचध - इस भदरा भ गदा-दवाय का फाय-फाय सॊकोिन औय परसाय ककमा जाता ह| इसी स भदरा की शसवदध हो जाती ह| इसक दवाया कणडशरनी जागयण भ सगभता यहती ह औय अनक योग नटट होकय शायीरयक फर की ववदध होती ह|

ऱाभ - अतश वनी भदरा शसदध होन स साधक की अकारभतम कबी नहीॊ होती| गदा औय उदय स सॊफॊचधत योगो का इसक दवाया शभन होता ह तथा दीघमजीवन की उऩरतबध होती ह| तरफना भरफॊध क अतश वनी भदरा नहीॊ हो सकती| 41 बजरौऱी मदरा- फजरौरी भदरा बी भरफॊध का अचछा अभमास ककए तरफना ककसी परकाय सॊबव नहीॊ ह| मह भदरा कवर मोगी क शरए ही नहीॊ बोगी क शरए बी अतमॊत राबकायी ह|

अनतबोध चतनय दवारा सऩादित तरिदिवसीय मदराचचकितसा सि 45

ववचध - इस भदरा भ ऩहर दोनो ऩाॊवो को बशभ ऩय दढ़ताऩवमक दटकाकय दोनो ऩाॊवो को धीय-धीय दढ़ताऩवमक ऊऩय आकाश भ उठा द| इसस तरफॊद-शसवदध होती ह| शकर को धीय-धीय ऊऩय की आकॊ िन कय अथामत इॊददरम क आॊकिन क दवाया वीमम को ऊऩय की ओय खीॊिन का अभमास कय तो मह भदरा शसदध होती ह| ववदवानो का भत ह कक इस भदरा क अभमास भ सतरी का होना आवशमक ह तमोकक बग भ ऩततत होता हआ शकर ऊऩय की ओय खीॊि र तो यज औय वीमम दोनो ही िढ़ जात ह| मह ककरमा अभमास स ही शसदध होती ह| कछ मोगािामम इस परकाय का अभमास शकर क सथान ऩय दनध स कयना फतात ह| जफ दनध खीॊिन का अभमास शसदध हो जाए तफ शकर को खीॊिन का अभमास कयना िादहए| वीमम को ऊऩय खीॊिनवारा मोगी ही ऊधवमयता कहराता ह| ऱाभ - इस भदरा स शयीय रटट-ऩटट तजसवी सॊदय सडौर औय जया-भतम यदहत होता ह| शयीय क सबी अवमव दढ़ होकय भन भ तनश िरता की परातपत होती ह| इसका अभमास अचधक कदठन नहीॊ ह| मदद गहसथ बी इसक कय तो फरवदधमन औय सौदममवदधमन का ऩया राब परापत कय सकत ह चतावनी मह आरख शसपम जानकायी हत ह कोई बी वमततत इस ऩढ़कय कयन का परमास न कय तमोकक मह शसपम साधको क शरए ह आभ रोगो क शरए नहीॊ

साधना कयनवार वमततत क शरए मह आवशमक ह कक वह साधना भ कातमक वाचिक औय भानशसक ककरमाओॊ ऩय ऩया तनमॊतरण यख तथा सभम-सभम ऩय उचित ताॊतरतरक परककरमाओॊ का बी सभनवम कयता यह| इस दतटट स तजस परकाय आसन ऩातरासादन अिमन आदद भ ककरमाओॊ का ववधान ह उसी परकाय उनक साथ कछ भदरा फनान का ववधान ह| म भदराएॊ भखम रऩ-स हाथ औय उसकी उॊगशरमो क परमोग स फनती ह| जस हभाया शयीय ऩॊिततवभम ह| अत शासतरकायो न कहा ह कक इन उॊगशरमो क परमोग स इन ततवो की नमनाचधकता दय की जा

अनतबोध चतनय दवारा सऩादित तरिदिवसीय मदराचचकितसा सि 46

सकती ह तथा ततवो की सभता-ववषभता स होनवारी कभी को उॊगशरमो की भदरा स सभ फनामा जा सकता ह| इतना ही नहीॊ ऐसी भदराओॊ क सहमोग स उन ततवो को सवचछाऩवमक घटामा-फढ़ामा बी जा सकता ह| म ततव करभश अॊगटठ भ अतनन तजमनी भ वाम भधमभा भ आकाश अनाशभका भ ऩथवी औय कतनतटठका भ जर क रऩ भ ववदमभान यहत ह| दवताओॊ की परसननता चितत की शवदध औय ववववध योगो क नाश भ भदराओॊ स फड़ी सहामता शभरती ह| भदराततव को सभझकय परतमक मोगी को इनका साधन कयना िादहए| कणडशरनी शततत क जागयण भ इन भदराओॊ स सहामता शभरती ह| महाॊ हभन तजन भदराओॊ का वणमन एवॊ चितरण ककमा ह उसभ परतमक मोगी साधक को ऩरयचित होना िादहए|

अनतबोध चतनय दवारा सऩादित तरिदिवसीय मदराचचकितसा सि 47

मोग अनसाय आसन औय पराणामाभ की तसथतत को भदरा कहा जाता ह फॊध ककरमा औय भदरा भ आसन औय पराणामाभ दोनो का ही कामम होता ह मोग भ भदराओॊ को आसन औय पराणामाभ स बी फढ़कय भाना जाता ह भदरा दो तयह की होती ह- ऩहरी हसत भदरा अथामत हाथो औय उसकी अॊगशरमो को ववशष आकतत भ फनाना औय दसयी आसन भदरा अथामत तजसभ ऩया शयीय ही सॊिाशरत होता ह

Page 11: 235347477 Mudra Chikitsa Swami Ananta Bodha Chaitanya

अनतबोध चतनय दवारा सऩादित तरिदिवसीय मदराचचकितसा सि 11

5 शनम भदरा -

ववचध - अॊगठ स दसयी अॊगरी (भधमभासफस रमफी वारी अॊगरी) को भोड़कय अॊगठ क भर बाग (जड़ भ) सऩशम कय औय अॊगठ को भोड़कय भधमभा क ऊऩय स ऐस दफाम कक भधमभा उॊगरी का तनयॊतय सऩशम अॊगठ क भर बाग स फना यह फाकी की तीनो अॉगशरमो को अऩनी सीध भ यखइस तयह स जो भदरा फनती ह उस शनम भदरा कहत ह राब - इस भदरा क तनयॊतय अभमास स कान फहना फहयाऩन कान भ ददम इतमादद कान क ववशबनन योगो स भततत सॊबव हमदद कान भ ददम उठ औय इस भदरा को परमतत ककमा जाम तो ऩाॊि सात शभनट क भधम ही राब अनबत होन रगता हइसक तनयॊतय अभमास स कान क ऩयान योग बी ऩणमत ठीक हो जात ह इसकी अनऩयक भदरा आकाश भदरा हइस भदरा क साथ साथ मदद आकाश भदरा का परमोग बी ककमा जाम तो वमाऩक राब शभरता ह

अनतबोध चतनय दवारा सऩादित तरिदिवसीय मदराचचकितसा सि 12

6 ऩथवी मदरा

ववचध दोनो हाथो की अनाशभका अॊगशरमो को अॊगठो क अगरबाग स रगाकय फाकी अॊगशरमाॊ सीधी यख अफ हाथो को घटनो ऩय यख र हथशरमो का रख ऊऩय की ओय यहगा कभय-गदमन सीधी यख कय आॊख फॊद कय धमान की तसथतत भ फठ जाएॊ ऱाभ मह भदरा शायीरयक दफरमता दय कय वजन फढ़ाती ह शयीय भ सपततम कातनत एवॊ तज फढ़ाकय जीवनी शततत का ववकास कयती ह इसक अभमास स ऩािन तनतर को फर शभरता ह

अनतबोध चतनय दवारा सऩादित तरिदिवसीय मदराचचकितसा सि 13

7 सयय मदरा

ववचध दोनो हाथो की अनाशभका अॊगशरमो को अॊगठो क भर भ रगाकय अॊगठ स दफाकय फाकी अॊगशरमो को सीधा कयक यख अफ हाथो को घटनो ऩय यख र हथशरमो का रख ऊऩय की ओय यहगा कभय-गदमन सीधी यख कय आॊख फॊद कय धमान की तसथतत भ फठ जाएॊ ऱाभ मह भदरा भोटाऩा कभ कय वजन घटाती ह शयीय भ ऊटणता फढ़ाती ह शततत का ववकास कयती ह कॉरसरॉर फढ़न नहीॊ दती भधभह व रीवय क योग भ राब ऩहॊिाती ह शयीय को सॊतशरत कय दती ह नोट कभजोय वमततत इसका अभमास न कय गभी भ इसका अभमास कभ ही कय

अनतबोध चतनय दवारा सऩादित तरिदिवसीय मदराचचकितसा सि 14

8 वरण मदरा

ववचध दोनो हाथो की कतनटठा अॊगशरमो को अॊगठो क अगरबाग ऩय रगाकय फाकी अॊगशरमो को सीधा यखन स मह भदरा फनती ह अफ हाथो को घटनो ऩय यख र हथशरमो का रख ऊऩय की ओय यहगा कभय-गदमन सीधी यख कय आॊख फॊद कय धमान की तसथतत भ फठ जाएॊ ऱाभ मह िभमयोग यतत ववकाय दय कयती ह शयीय भ रखाऩन दय कय तविा को िभकीरी व भरामभ फनान भ सहामक ह िहय की सॊदयता को फढ़ा दती ह नोट कप परकतत वार वमततत इसका अभमास जमादा न कय

अनतबोध चतनय दवारा सऩादित तरिदिवसीय मदराचचकितसा सि 15

9 जऱोिर नाशि-

ववचध कतनटठा को अॉगठ क जड़ भ रगाकय अॉगठ स दफाम राब- जर तततव की अचधकता स होन वार सबी योगसजन जरोदय आदद भ ववशष राब होता

ह योग शानत होन तक ही कय

अनतबोध चतनय दवारा सऩादित तरिदिवसीय मदराचचकितसा सि 16

10 पराण मदरा -

ववचध अॊगठ स तीसयी अनाशभका तथा िौथी कतनतटठका अॉगशरमो क ऩोयो को एकसाथ अॊगठ क ऩोय क साथ शभराकय शष दोनो अॉगशरमो को अऩन सीध भ खडा यखन स जो भदरा फनती ह उस पराण भदरा कहत ह राब - हरदम योग भ याभफाण तथा नतरजमोतत फढान भ मह भदरा ऩयभ सहामक हसाथ ही मह पराण शततत फढ़ान वारा बी होता हपराण शततत परफर होन ऩय भनटम क शरए ककसी बी परततकर ऩरयतसथततमो भ धममवान यहना अतमॊत सहज हो जाता हवसतत दढ पराण शततत ही जीवन को सखद फनाती ह इस भदरा की ववशषता मह ह कक इसक शरए अवचध की कोई फाधमता नहीॊइस कछ शभनट बी ककमा जा सकता ह

अनतबोध चतनय दवारा सऩादित तरिदिवसीय मदराचचकितसा सि 17

11 अऩान मदरा

ववचध दोनो हाथो की भधमभा तथा अनाशभका अॊगशरमो को अॊगठ क अगरबाग स रगाकय फाकी अॊगशरमो को सीधी यख अफ हाथो को घटनो ऩय यख र हथशरमो का रख ऊऩय की ओय यहगा कभय-गदमन सीधी यख कय आॊख फॊद कय धमान की तसथतत भ फठ जाएॊ ऱाभ कबज भधभह ककडनी ववकाय वाम ववकाय फवासीय को दय कयन भ सहामक ह शयीय को शदध कय नाड़ी दोषो को दय कयन वारी ह भतर का अवयोध दय कय दाॊतो को भजफत कयती ह ऩसीना बी राती ह नोट इस भदरा क अभमास स भतर अचधक आन रगता ह

अनतबोध चतनय दवारा सऩादित तरिदिवसीय मदराचचकितसा सि 18

12 वयान मदरा-

ववचध- हाथ की भधमभा अॊगरी क आग क बाग को अॊगठ क आग क बाग स शभरान औय तजमनी अॊगरी को फीि की अॊगरी क नाखन स छआएॊ फाकी फिी सायी अॊगशरमाॊ सीधी यहनी िादहए इसी को वमान भदरा कहा जाता ह अवचध- इस भदरा को सफह 15 शभनट औय शाभ को 15 शभनट तक कयना िादहए ऱाभ- वमान भदरा को कयन स ऩशाफ सॊफॊधी सबी योग दय होत ह जस- ऩशाफ जमादा आना ऩशाफ भ िीनी आना ऩशाफ क साथ घात आना ऩशाफ रक-रक कय आना आदद योग सभापत हो जात ह इसक अरावा इस भदरा क तनमशभत अभमास स भधभह परभह औय सवपनदोष बी दय होता ह तसतरमो क शरए मह भदरा सफस जमादा राबदामक फताई गई ह इस भदरा को कयन स तसतरमो क साय योग सभापत हो जात ह

अनतबोध चतनय दवारा सऩादित तरिदिवसीय मदराचचकितसा सि 19

13 उिान मदरा-

ववचध - ऩहरी भधमभा औय अनाशभका उॊगरी क आग क बाग को अॊगठ क आग क बाग स रगाएॊ इस उदान भदरा कहत ह इसका सॊफॊध कॊ ठ स भतसतटक तक होता ह मह ववशवदध िकर को परवादहत कयता ह

राब - इसस भन शाॊत होता ह औय थामयॉइड सॊफॊधी सबी योगो भ राब ऩहॊिता ह

सभमावचध - इस भदरा को बी कवर 15 स 45 शभतनट तक ही कयना िादहए

अनतबोध चतनय दवारा सऩादित तरिदिवसीय मदराचचकितसा सि 20

14 सभान भदरा

ववचध - हाथ की िायो उॊगशरमो औय अॊगठ क अगरबाग को शभरा कय ऊऩय की तयप यखन स सभान भदरा फनती ह इस भदरा भ ऩाॊिो ततव शभर जात ह

राब ndash मह भदरा हभाय वविायो को आधमाततभक फनाती ह फय वविाय दय होत ह

अनतबोध चतनय दवारा सऩादित तरिदिवसीय मदराचचकितसा सि 21

15 हिय मदरा

ववचध दोनो हाथो की तजमनी अॊगशरमो को अॊगठो क भर भ रगाकय भधमभा व अनाशभका अॊगशरमो को अॊगठ क अगरबाग ऩय रगा द व छोटी अॊगरी को सीधा कयक यख अफ हाथो को घटनो ऩय यख र हथशरमो का रख ऊऩय की ओय यहगा कभय-गदमन सीधी यख कय आॊख फॊद कय धमान की तसथतत भ फठ जाएॊ ऱाभ मह भदरा रदम योगो भ ववशष रऩ स राबकायी ह परततददन 10-15 शभनट अभमास स रदम भजफत होता ह गस फनना शसयददम असथभा व उचि यततिाऩ भ राबकायी ह सीदढ़मो ऩय िढ़न स ऩहर ही अगय मह भदरा रगा री जाए औय इस भदरा क साथ ही सीदढ़माॊ िढ़ी जाएॊ तो साॊस नहीॊ परती

अनतबोध चतनय दवारा सऩादित तरिदिवसीय मदराचचकितसा सि 22

16 लऱग मदरा

ववचध- फाएॉ हाथ का अॊगठा सीधा खडा कय दादहन हाथ स फाएॊ हाथ कक अॉगशरमो भ ऩयसऩय पॉ सात हए दोनो ऩॊजो को ऐस जोड कक दादहना अॊगठा फाएॊ अॊगठ को फहाय स आवतत कय र इस परकाय जो भदरा फनगी उस अॊगटठ भदरा कहग राब - अॊगठ भ अतनन ततव होता हइस भदरा क अभमास स शयीय भ उटभता फढ़न रगती हशयीय भ जभा कप ततव सखकय नटट हो जाता हसदी जकाभखाॊसी इतमादद योगो भ मह फड़ा राबदामी होता हकबी मदद शीत परकोऩ भ आ जाएॉ औय शयीय भ ठणड स कॊ ऩकॊ ऩाहट होन रग तो इस भदरा का परमोग तवरयत राब दता ह

अनतबोध चतनय दवारा सऩादित तरिदिवसीय मदराचचकितसा सि 23

17 शख मदरा-

ववचध - फाएॊ हाथ क अॊगठ को दोनो हाथ की भटठी भ फॊद कयक फाएॊ हाथ की तजमनी उॊगरी को दादहन हाथ क अॊगठ स शभरान स शॊख भदरा फनती ह| इस भदरा भ फाएॊ हाथ की फाकी तीन उॊगशरमो क ऩास भ सटाकय दाएॊ हाथ की फॊद उॊगशरमो ऩय हसका-सा दफाव ददमा जाता ह| इसी परकाय हाथ फदरकय अथामत दाएॊ हाथ क अॊगठ को फाएॊ हाथ की भटठी भ फॊद कयक शॊख भदरा फनाई जाती ह| इस भदरा भ ऱाभ - अॊगठ का दफाव हथरी क फीि क बाग ऩय औय भटठी की तीन उॊगशरमो का दफाव शकर ऩवमत ऩय ऩड़ता ह तजसस हथरी भ तसथत नाशब औय थाइयॉइड (ऩतसरका) गरॊचथ क क दर दफत ह| ऩरयणाभसवरऩ नाशब औय थाइयॉइड गरॊचथ क ववकाय ठीक होत ह|

अनतबोध चतनय दवारा सऩादित तरिदिवसीय मदराचचकितसा सि 24

शॊख भदरा का नाशब िकर स तनकट का सॊबॊध ह इसशरए शायीय क सनामतॊतर ऩय ववशष कामम कयती ह अत अनत औय फाहम सवासथम भ फहत राबकायी ह

मह ऩािन तॊतर को उततभ फनाती ह

तनमशभत कयन स बख फढान भ भदद शभरती ह

मह भदरा फोरत सभम उचिायण क दोषो को दय कयन भ फहत परबावी ह जस ततराना हकराना आदद दोष तनमभतत परमोग स दय हो जात ह

सॊगीत की साधना कयन वारो क शरए ववशश राबकायी ह वाणी को भधय फनाती ह

मह भदरा ऩजन भ बी परमतत होती ह| इसका परमोग रॊफ सभम तक ककमा जा सकता ह| इस भदरा का नाशबिकर स ववशष समफनध ह तजसक कायण नाशब स सॊफॊचधत शयीय की नाडड़मो ऩय सकषभ औय सवासथमवधमक परबाव ऩड़ता ह तथा सनामभणडर शतततशारी फनती ह|

अनतबोध चतनय दवारा सऩादित तरिदिवसीय मदराचचकितसा सि 25

18 योनन मदरा-

मौचगक दतटट स अऩन अॊदय कई परकाय क यहसम तछऩाए यखनवारी भदरा का वासतववक नाभ lsquoमोतन भदराrsquo ह| तत मोग क अनसाय कवर हाथो की उॊगशरमो स भहाशततत बगवती की परसननता क शरए मोतन भदरा परदशशमत कयन की आऻा ह| परतम रऩ स इसका परबाव रॊफी मोग साधना क अॊतगमत तॊतर-भॊतर-मॊतर साधना स बी दतटटगोिय होता ह| इस भदरा क तनयॊतय अभमास स साधक की पराण-अऩान वाम को शभरा दनवारी भरफॊध ककरमा को बी साथ कयन स जो तसथतत फनती ह उस ही मोतन भदरा की सॊऻा दी ह| मह फड़ी िभतकायी भदरा ह| ऩदमासन की तसथतत भ फठकय दोनो हाथो की उॊगशरमो स मोतन भदरा फनाकय औय ऩवम भरफॊध की तसथतत भ सममक बाव स तसथत होकय पराण-अऩान को शभरान की परफर बावना क साथ भराधाय सथान ऩय मौचगक सॊमभ कयन स कई परकाय की शसवदधमाॊ परापत हो जाती ह|

अनतबोध चतनय दवारा सऩादित तरिदिवसीय मदराचचकितसा सि 26

ऋवषमो का भत ह कक तजस मोगी को उऩयोतत तसथतत भ मोतन भदरा का रगाताय अभमास कयत-कयत शसवदध परापत हो गई ह उसका शयीय साधनावसथा भ बशभ स आसन सदहत ऊऩय अधय भ तसथत हो जाता ह| सॊबवत इसी कायण आदद शॊकयािाममजी न अऩन मोग यतनावरी नाभक ववशष गरॊथ भ भरफॊध का उसरख ववशष रऩ स ककमा ह|

19 धन मदरा -

बायतीम ऩयॊऩया भ धन गाम को कहा जाता ह औय मह दहनद धभम क साततवक औय भहानता का परतीक ह धन भदरा फनात सभम हाथो की उॊगशरमा गाम क थनो जसी हो जाती ह जस गाम क थनो स दध ऩीकय शयीय ऩटट फनता ह वस ही धन भदरा कयन स बी शयीय रटट ऩटट फनता ह

ववचध - अनमोनमाशबभखॊ तशरटटाकतनटठानाशभका ऩन

अनतबोध चतनय दवारा सऩादित तरिदिवसीय मदराचचकितसा सि 27

तथा ि तजमतनभधमा धन भदरा अभत परदा ( कारी तॊतर )

अऩन दोनो हाथो की अॊगशरमो क ऩोयो को एक साथ शभरा र कपय फाम हाथ की तजमनी ऊॊ गरी को दाएॊ हाथ की फीि वारी उॊगरी स छआए इसक फाद दाएॊ हाथ की तजमनी उॊगरी को फाम हाथ की फीि वारी उॊगरी स छआम ऐस ही फाम हाथ की अनाशभका उॊगरी को दाएॊ हाथ की सफस छोटी उॊगरी स शभराएॊ अॉगठो को खरा छोड़ द हाथ की अॊगशरमो को नीि की तयप कयन स अॊगशरमो की आकतत गाम क धनो जसी हो जाती ह इसी कायण इस धन भदरा कहत ह

सभम - इस भदरा का अभमास धीय धीय फढ़ाए ऩहर 1 स 15 शभतनट औय फाद भ 15 स 30 तथा जफ अचछी तयह मह भदरा अभमास भ आ जाए तफ इस भदरा को 45 शभतनट तक कय सकत ह

राब - धन भदरा स ऩािन तॊतर भजफत होता ह औय शयीय ताकतवय व सवसथ फनता ह मह ऩट क योगो क शरए याभफाण भदरा ह मोग साधना भ फहत ही उऩमोगी भदरा कहराती ह तॊतर एवॊ कभमकाॊड भ बी धन भदरा का परमोग ह ह ऩयानी भानमता क अनसाय मह अभत ततव को दन वारी भदरा ह मह भदरा वात वऩतत तथा कप को सॊतशरत कयती ह

अनतबोध चतनय दवारा सऩादित तरिदिवसीय मदराचचकितसा सि 28

20 मगी मदरा-

भग दहयन को कहा जाता ह मऻ क दौयान होभ की जान वारी साभगरी को इसी भदरा भ होभ ककमा जाता ह पराणामाभ ककए जान क दौयान बी इस भदरा का उऩमोग होता ह धमान कयत वतत बी इस भदरा का इसतभार ककमा जाता ह मह भदरा फनात वतत हाथ की आकतत भग क शसय क सभान हो जाती ह इसीशरए इस भगी भदरा कहा जाता ह मह एक हसत भदरा ह ववचध अऩन हाथ की अनाशभका औय भधमभा अॊगरी को अॊगठ क आग क बाग को छआ कय फाकी फिी तजमनी औय कतनटठा अॊगरी को सीधा तान दन स भगी भदरा फन जाती ह योग आसन - इस दौयान उतकटासन सखासन औय उऩासना क सभम इसतभार होन वार आसन ककए जा सकत ह

अनतबोध चतनय दवारा सऩादित तरिदिवसीय मदराचचकितसा सि 29

समय- इस भदरा को सववधानसाय कछ दय तक कय सकत ह औय इस तीन स िाय फाय ककमा जा सकता ह ऱाभ- भगी भदरा कयत सभम अॊगठ क ऩोय औय अॊगशरमो क जोड़ ऩय दफाव ऩड़ता ह उतत दफाव क कायण शसयददम औय ददभागी ऩयशानी भ राब शभरता ह एतमपरशय चिककतसा क अनसाय उतत अॊगशरमो क अॊदय दाॊत औय सामनस क तरफ ॊद होत ह तजसक कायण हभ दाॊत औय सहनस योग भ बी राब शभरता ह ववशष- भाना जाता ह कक इस भदरा को कयन स सोिन औय सभझन की शततत का ववकास बी होता ह भगी भदरा शभगी क योचगमो क शरए फहत ही राबकायी ह

21 यमहररमदरा

ववचध -सवम परधभ आऩ अऩन दोनो हाथो की सफस छोटी अॊगरी अथामत कतनटठा को आऩस भ एक दसय क परथभ ऩोय स शभरा द इसी क साथ दोनो अॊगठ को बी आऩस भ शभरा द अफ तीन अॊगशरमाॊ फाकी यह जाएॊगी- भध मभा तजमनी औय अनाशभका इन तीनो अॊगशरमो को हथरी की ओय भोड़कय भटठी जसा फनाइए अॊगशरमो की इस तसथतत को मभ हरयभदरा कहत ह

अनतबोध चतनय दवारा सऩादित तरिदिवसीय मदराचचकितसा सि 30

ऱाभ - मभहरयभदरा क तनमशभत अभमास स नाडड़मो को शततत शभरती ह इस भदरा क तनयॊतय अभमास स ऩट क योग जस- कबज बख ना रगना औय तजगय की कभजोयी दय होती ह इस भदरा स तसतरमो क सतनो क साय योगो भ बी राब शभरता ह मभ हरयभदरा को परततददन 5 शभनट सफह औय 5 शभनट शाभ को कय आऩ इसक कयन का सभम फढ़ाकय 10 शभनट तक कय सकत ह परततददन कभ स कभ ऩाॊि भदराएॊ अऩनी सववधानसाय कयनी िादहए भदराओॊ स सबी योगो भ राब ऩामा जा सकता ह मदद उनका मोग शशक स ऩछकय तनमशभत अभमास ककमा जाए भदराएॊ खासकय उन रोगो क शरए पामदभॊद सातरफत होती ह जो मोगासन कयन भ असभथम ह

22 ऩषऩाजलऱ मदरा-

अनतबोध चतनय दवारा सऩादित तरिदिवसीय मदराचचकितसा सि 31

मह भहतवऩणम हसत मोग भदरा ह जस दआ भ हाथ उठात ह मा ऩटऩ अऩमण कयत ह तफ मह भदरा फनती ह जसा कक इसका नाभ ह ऩटऩाॊजशर इसी स मह शसदध होता ह कक मह भदरा ककस परकाय की होगी ववचध- दोनो हाथो की अॊगशरमो औय अॊगठ को आऩस भ शभरा भखणफदध को बी शभरा र कपय दोनो हाथो की छोटी अॊगशरमो को एक साथ शभराकय ऐसी आकतत फना र कक जस हभ ककसी बगवान को पर िढ़ात सभम फनात ह इस ही ऩटऩाॊजशर भदरा कहत ह

ऱाभ- ऩटऩाॊजरी भदरा क तनयॊतय अभमास स नीॊद अचछी तयह स आन रगती ह आतभववशवास फढ़ता ह

23 यज भदरा-

अनतबोध चतनय दवारा सऩादित तरिदिवसीय मदराचचकितसा सि 32

यज भदरा कवर तसतरमो क शरए ह ऐसा नहीॊ फतसक अगय ऩरष इस भदरा को कयत ह तो उनक वीमम सॊफॊधी सभसत योग दय हो जात ह ववचध- यज भदरा फनाना फहत ही आसान ह कतनटठा (छोटी अॊगरी) अॊगरी को हथरी की जड़ भ भोड़कय रगान स यज भदरा फन जाती ह ऱाभ- यज भदरा स तसतरमो क भाशसक धभम सॊफॊधी योग दय होत ह इसक अरवा शसय भ बायीऩन यहना छाती भ ददम ऩट ऩीठ कभय का ददम आदद योग बी यज भदरा कयन स दय हो जात ह सतरी क साय परजनन अॊगो की ऩयशातनमो को म भदरा तरफसकर दय कय दती ह

24 अदिती मदरा-

ववचध- अॊगठ क आग क बाग को अनाशभका (छोटी उॊगरी क साथ वारी उॊगरी) उॊगरी की जड़ भ टढ़ा रगान स अददती भदरा फन जाती ह

ऱाभ- इस भदरा को कयन स हय सभम उफासी आना जमादा छीॊक आना जस योगो को दय ककमा जा सकता ह

अनतबोध चतनय दवारा सऩादित तरिदिवसीय मदराचचकितसा सि 33

समय- अददती भदरा को ददन भ 3-4 फाय 15-15 शभनटो क शरए कय सकत ह

25 हसी मदरा-

जस हॊस नीय ीय वववक की साभथमम यखता ह वस इस भदरा क कयन स सोिन औय तवरयत तनणमम की भता फढती ह मदरा िी ववचध - सखासन मा उतकटासन भ फठकय अऩन हाथ की सबी सफस छोटी अॊगरी को छोड़कय अॊगशरमो को अॊगठ क आग क बाग को दफान स हॊसी भदरा फन जाती ह अवचध- इस भदरा को परयॊब भ 5-8 शभनट स कयक 30-48 शभनट तक कय सकत ह मदरा िा ऱाभ- इस भदरा तनमशभत अभमास स वववक फढ़ता ह अथामत इसस सोिन-सभझन की शततत फढ़ती ह औय इसस शयीय का बायीऩन सभापत हो जाता ह

अनतबोध चतनय दवारा सऩादित तरिदिवसीय मदराचचकितसा सि 34

ववशषता- भाना जाता ह कक इस भदरा का तनमशभत अभमास कयन स याजशसक ताकत फढ़ती ह औय वमततत धन सॊऩनन फना यहता ह सावधानी - इस भदरा को कयत सभम ककसी बी परकाय का भॊतर नहीॊ जऩना िादहए औय ना ही कोई अनम धाशभमक उऩकरभ कय

26 हसतऩात मदरा-

ववचध- इस भदरा को कयन क शरए आऩ अऩन दोनो हाथो की हथरी क ऩीछ क बाग को आऩस भ अॊगशरमो सदहत शभरा द इस आकतत को हसतऩात भदरा कहा जाता ह मह नभसकाय भदरा जसा ही ह रककन इसभ हथरी क ऩटठ बाग को शभरा ददमा जाता ह ऱाभ- इस हसतऩात भदरा को कयन स शवास औय गर क क साय योग भ फहत राब शभरता ह तजन तसतरमाॊ मदद इसका तनमशभत अभमास कयती ह तो इसस उनक सतन सड़ौर सॊदय औय सवसथ हो जात ह तजन तसतरमो क सतन छोट ह ढीर ह मा उनक सतनो भ दध नहीॊ आता ह तो मह भदरा उनक शरए फहत राबकायी शसदध हो सकती ह

27 धयान मदरा

ववचध- ऩदमासन भ फठकय फाएॊ हाथ की हथरी ऩय दाएॊ हाथ की हथरी को (उसट हाथ ऩय सीध हाथ को) हसक स यखन स धमान भदरा फनती ह| धमान यख कक इस भदरा भ शसय गदमन एवॊ यीढ़ की हडडी सीधी यह| आॊख औय होठ सहज स फनद यह| धमान अऩन इटटदव क सवरऩ ऩय दटकाएॊ अथवा कामोतसगम कय अथामत शयीय स

अनतबोध चतनय दवारा सऩादित तरिदिवसीय मदराचचकितसा सि 35

सभता यखत हए कछ दय क शरए वविाय यदहत अवसथा भ यहन का परमास कय| अटटाॊग मोग (मभ तनमभ पराणामाभ परतमाहाय धायणा धमान औय सभाचध) क एक अॊग lsquoधमानrsquo की साधना भ मह भदरा ववशष रऩ स सहामक शसदध हई ह| ऱाभ - जो वमततत ऩदमासन नहीॊ कय सकत उनह धमान भदरा सखासन मा सवतसतक अथवा ऩारथी आसन भ कयना िादहए| मह सहज भदरा ह| सहज धमान भदरा को साधायण वमततत अचधक रमफ सभम तक सयरता स कय सकता ह| इसस धमान भदरा क राब बी शभर जात ह| धमान भदरा भ मदद हथशरमाॊ एक दसय ऩय यखन क फाद दोनो हथशरमाॊ ऻान भदरा की तसथतत भ यखी जाएॊ तो धमान भदरा तथा ऻान भदरा क सतमभशरत राब क साथ ऩदमासन क राब बी शभर जात ह| साधक क शरए धमान भदरा भ सभम की कोई सीभा नहीॊ ह| रककन सहजता क साथ ऩदमासन कयन की भता क अनरऩ धमान भदरा का अभमास कयना िादहए| साधायण वमततत को इस धीय-धीय फढ़ात हए कभ-स-कभ २० शभनट स एक घॊट तक कयना िादहए| धमान भदरा न कय सकन की अवसथा भ सहज धमान भदरा कयक राब उठाना िादहए| भन की िॊिरता शाॊत होकय चितत की एकागरता फढ़ती ह| साततवक वविायो की उतऩततत होती ह औय परब बजन भ भन रगता ह|

धमान क परबाव स साधक को धमान की उचितय तसथतत भ ऩहॊिन भ सहामता शभरती ह| आतभ साातकाय औय ईश वय क साातकाय भ मह भदरा सहामक ह|

28 शामभवी मदरा-

आॉख खरी हो रककन आऩ दख नहीॊ सकत ऐसी तसथतत जफ सध जाती ह तो उस शामबवी भदरा कहत ह ऐसी तसथतत भ आऩ नीॊद का भजा बी र सकत ह मह फहत कदठन साधना ह इसक ठीक उसटा कक जफ आॉख फॊद हो तफ आऩ दख

अनतबोध चतनय दवारा सऩादित तरिदिवसीय मदराचचकितसा सि 36

सकत ह मह बी फहत कदठन साधना ह रककन मह दोनो ही सॊबव ह असॊबव कछ बी नहीॊ फहत स ऐस ऩश औय ऩी ह जो आॉख खोरकय ही सोत ह ववचध- मदद आऩन तराटक ककमा ह मा आऩ तराटक क फाय भ जानत ह तो आऩ इस भदरा को कय सकत ह सवमपरथभ शसदधासन भ फठकय यीढ़-गदमन सीधी यखत हए ऩरको को तरफना झऩकाएॉ दखत यह रककन धमान ककसी बी िीज को दखन ऩय ना यख ददभाग तरफसकर बीतय कहीॊ रगा हो

ऱाभ- शामबवी भदरा को कयन स ददर औय ददभाग को शाॊतत शभरती ह मोगी का धमान ददर भ तसथय होन रगता ह आॉख खरी यखकय बी वमततत नीॊद औय धमान का आनॊद र सकता ह इसक सधन स वमततत बत औय बववटम का ऻाता फन सकता ह सऱाह- शामबवी भदरा ऩयी तयह स तबी शसदध हो सकती ह जफ आऩकी आॉख खरी हो ऩय व ककसी बी िीज को न दख यही हो ऐसा सभझ की आऩ ककसी धन भ जी यह हो आऩको खमार होगा कक कबी-कबी आऩ कहीॊ बी दख यह होत ह रककन आऩका धमान कहीॊ ओय यहता ह समय- इस भदरा को शरआत भ तजतनी दय हो सक कय औय फाद भ धीय-धीय इसका अभमास फढ़ात जाएॉ

अनतबोध चतनय दवारा सऩादित तरिदिवसीय मदराचचकितसा सि 37

29 शकततचालऱनी मदरा- ववचध - आठ अॊगर रॊफा औय िाय अॊगर िौड़ा भरामभ वसतर रकय नाशब ऩय रगाएॊ औय कदटसतर भ फाॊध र| कपय शयीय भ बसभ यभाकय शसदधासन भ फठ औय पराण को अऩान स मतत कय| जफ तक गहम दवाय स िरती हई वाम परकाशशत न हो इस सभम तक गहम दवाय को सॊकचित यख| इसस वाम का जो तनयोध होता ह उसभ कमबक क दवाया कणडशरनी शततत जागरत होती हई सषमना भागम स ऊऩय जाकय खड़ी हो जाती ह| मोगभदरा स ऩहर इसका अभमास कयन ऩय ही मोतन भदरा की ऩणम शसवदध होती ह| ऱाभ - इस भदरा स कणडशरनी शततत का जागयण होता ह| जफ तक मह सोती ह तफ तक सबी आॊतरयक शतततमाॊ सपत ऩड़ी यहती ह| इसशरए कणडशरनी का जागरत होना साधक क शरए फहत आवशमक ह| पराण-अऩान को सॊमतत कयन की ककरमा पराणवाम को ऩयक दवाया बीतय खीॊिन औय उडडीमान फॊध स अऩान वाम को ऊऩय की ओय आकवषमत कयन स ऩणम होती ह| इसभ गहम परदश क सॊकोि औय ववसताय का अभमास होन स अचधक सयरता हो सकती ह| 30 तड़ागी मदरा- ववचध - दोनो ऩाॊवो को दणड क सभान धयती ऩय ऩसाय र औय हाथो स उनक अॊगठो को ऩकड़न तथा दोनो जाॊघो ऩय शसय को सथावऩत कय साथ ही उदय को तड़ाग (सयोवय) क सभान कय र| ऱाभ - मह भदरा अनक योगो औय वदधावसथा को बी दय कयन भ सहामक शसदध होती ह|

अनतबोध चतनय दवारा सऩादित तरिदिवसीय मदराचचकितसा सि 38

31 माणडवी मदरा- ववचध - भख को फॊद कयक जफान को तार भ घभाएॊ औय सहसराय स टऩकत हए सधायस को जफान स धीय-धीय ऩीन का मतन कय| मही भाणडवी (मा भाणडकी) भदरा ह| ऱाभ - इसक दवाया फारो की सपदी उनका झड़ना शयीय ऩय झरयममो भॊहासो आदद का ऩड़ना तथा तनफमरता आदद दय होकय चिय-मौवन की परातपत होती ह| इसस यसोतऩादन होकय अभततव की उऩरतबध होना सॊबव हो जाता ह| 32 ऩालशनी मदरा ववचध- दोनो ऩाॊवो को कॊ ठ क ऩीछ की ओय र जाकय उनह ऩयसऩय शभराएॊ औय ऩाश क सभान दढ़ता स फाॊध र| ऱाभ - इसक अभमास स बी कणडशरनी शततत क जागयण भ फहत सगभता हो जाती ह तथा साधक क शयीय भ फर औय ऩतटट का आववबामव होता ह| भानशसक फरवदधमन भ बी मह फहत दहतकय ह| 33 िािी मदरा-

काक कौए को कहत ह कौए की िोि जसी भॊह की भदरा फना रन को काकी भदरा कहा जाता ह ववचध ककसी बी आसन भ फठकय होठो को ऩतरी सी नरी क सभान भोड़कय कौए की िोि जसा फना र अफ नाक क अगर बाग को दखत हए अऩना ऩया धमान नाक ऩय दटका द इसक फाद भॊह स धीय-धीय गहयी शवास रकय होठो को फॊद कय द कछ दय फाद शवास को नाक स फाहय तनकार द इस तयह स 10

अनतबोध चतनय दवारा सऩादित तरिदिवसीय मदराचचकितसा सि 39

शभनट तक कय ऱाभ मह भदरा जहाॊ शयीय भ ठॊडक फढ़ाती ह वहीॊ मह कई योगो को दय कयन भ राबदामक ह इस भदरा का तनयॊतय अभमास कयन स शयीय भ अॊदय बोजन ऩिान की ककरमा तज हो जाती ह इसस अमरवऩतत का फढ़ना कभ हो जाता ह

34 मातचगनी मदरा-

भातॊग का अथम होता ह भघ भाॊ दगाम का एक रऩ ह भातॊगी मह दस भहाववदमा भ स नौवीॊ ववदमा ह भातॊग नाभ स एक धमान होता ह भॊतर होता ह औय एक हाथी का नाभ बी भातॊग ह ऋवष वशशटठ की ऩतनी का एक नाभ बी भातॊगी ह ऋवष कशमऩ की ऩतरी का नाभ बी भातॊगी ह तजसस हाथी उतऩनन हए थ ववचध शाॊत जगह भ ऩानी क अॊदय गर तक शयीय को डफो र औय कपय नाक स ऩानी को खीॊिकय उस भॊह स तनकार र कपय भॊह स ऩानी को खीॊिकय नाक स फाहय तनकार द इस ककरमा को ही भातॊचगनी भदरा कहत ह ऱाभ इस भदरा क अभमास स आॊखो की योशनी तज हो जाती ह शसय ददम भ मह भदरा अतमॊत राबकायी भानी जाती ह इसस नजरा-जकाभ आदद क योग बी दय हो जात ह इस भदरा क तनयॊतय अभमास स िहय ऩय िभक आ जाती ह औय फार बी सपद नहीॊ होत ह इस भदरा क शसदध हो जान ऩय वमततत भ ताकत फढ़ जाती ह

35 नभोमदरा

नब का अथम होता ह आकाश इस भदरा भ जीब को तार की ओय रगात ह इसीशरए इस नबोभदरा कहत ह नबोभदरा कयना सयर नहीॊ ह इस ककसी मोग

अनतबोध चतनय दवारा सऩादित तरिदिवसीय मदराचचकितसा सि 40

शशक स सीखकय ही कयना िादहए मह भदरा फहत स योगो भ राबदामक शसदध हई ह इस फाय भ एक शरोक बी ह- मतर मतर तसथतो मोगी सवमकामष सवमदा उधवमतजवह तसथयो बतवाधायमतभवनॊ सदा नबोभदरा भवदषा मोदववना योग नाशशनी अथामत साय कामो भ तसथय हआ चितत अऩनी जीब क अगर बाग को भॊह क अॊदय तार भ रगाकय शवास को अॊदय योक रता ह इस तसथतत स विारयक गततववचधमाॊ ततकार फॊद हो जाती ह इसीशरए इस भदरा को यहसम का आबास ददरान वारी भदरा बी कहा जाता ह ववचध- अऩनी आॊखो को अऩनी दोनो बौहो क फीि भ जभाकय आऩकी जीब तार क साथ रगा र मह दोनो कामम एक ही साथ औय एक ही सभम भ कय सववधानसाय जफ तक सॊबव हो इसी तसथतत भ यह औय कपय कछ शभनट का धमान कय ऱाभ- नबोभदरा क तनयॊतय अभमास स जीब गर औय आॊखो क साय योग सभापत हो जात ह इसस भतसतटक भ तसथयता फढ़ती ह औय भतसतटक क योग बी दय हो जात ह

36 नालसिागर मदरा -

नाशसकागर भदरा का अथम होता ह नाक का आखखयी छोय ऊऩयी दहससा मा अगरबाग इस बाग ऩय फायी-फायी स सॊतरन फनान हए दखना ही नाकककागर भदरा मोग कहराता ह रककन मह भदरा कयन स ऩहर मोग शशक की सराह जरय र तमोकक इसक कयन स बकटी ऩय जोय ऩड़ता ह

अनतबोध चतनय दवारा सऩादित तरिदिवसीय मदराचचकितसा सि 41

ववचध- ककसी बी आसन भ फठकय नाक क आखखयी शसय ऩय नजय दटका र हो सकता ह कक ऩहर आऩ फाई आॊखो स उस दख ऩाएॊ तफ कछ दय फाद दाई आॊखो स दख इस दखन भ जया बी तनाव न हो सहजता स इस दख

ऱाभ- इसस जहाॊ आॊखो की एतसयसाइज होती ह वहीॊ मह भतसतटक क शरए बी राबदामक ह इसस भन भ एकागरता फढ़ती ह इस भदरा क रगाताय अभमास कयन स भराधाय िकर जागरत होन रगता ह तजसस कणडरीनी जागयण भ भदद शभरती ह इसस भराधाय िकर इसशरए जागरत होता ह तमोकक दोनो आॊखो क फीि ही तसथत ह इड़ा वऩ ॊगरा औय सषमना नाड़ी जो भराधाय तक गई ह समय- इस भदरा को इतनी दय तक कयना िादहए कक आॊखो ऩय इसका जमादा दफाव नहीॊ ऩड़ कपय धीय-धीय इस कयन का सभम फढ़ात जाएॊ

37 बरहम आसन मदरा-

कछ रोग इस बरहभा भदरा बी कहत ह तमोकक इस आसन भ गदमन को िाय ददशा भ घभामा जाता ह औय बरहभाजी क िाय भख थ इसीशरए इसका नाभ बरहभा भदरा आसन यखा गमा रककन असर भ मह बरहभ भदरा आसन ह औय इसभ सबी ददशाओॊ भ तसथत ऩयभशवय को जानकय उसका चिॊतन ककमा जाता ह नभाज ऩढ़त वतत मा सॊधमा वॊदन कयत वतत उतत भदरासन को ककमा जाता यहा ह ववचध- ऩदमासन शसदधासन मा वजरासन भ फठकय कभय तथा गदमन को सीधा यखत हए गदमन को धीय-धीय दामीॊ ओय र जात ह कछ सकॊ ड दामीॊ ओय रकत ह उसक फाद गदमन को धीय-धीय फामीॊ ओय र जात ह कछ सकॊ ड तक फामीॊ ओय रककय कपय दामीॊ ओय र जात ह कपय वाऩस आन क फाद गदमन को ऊऩय की ओय र जात ह उसक फाद नीि की तयप र जात ह कपय गदमन को तराकवाइज

अनतबोध चतनय दवारा सऩादित तरिदिवसीय मदराचचकितसा सि 42

औय एॊटीतराकवाइज घभाएॉ इस तयह मह एक िकर ऩया हआ अऩनी सववधानसाय इस िाय स ऩाॉि िकरो भ कय सकत ह

ऱाभ तजन रोगो को सवामइकर सऩोडराइदटस थाइयाइड नराॊटस की शशकामत ह उनक शरए मह आसन राबदामक ह इसस गदमन की भाॉसऩशशमाॉ रिीरी तथा भजफत होती ह आधमाततभक दतटट स बी मह आसन राबदामक ह आरसम बी कभ होता जाता ह तथा फदरत भौसभ क सदी-जकाभ औय खाॉसी स छटकाया बी शभरता ह

सावधाननया तजनह सवामइकर सऩोडराइदटस मा थाइयाइड की सभसमा ह व ठोडी को ऊऩय की ओय दफाएॉ गदमन को नीि की ओय र जात सभम कॊ ध न झकाएॉ कभय गदमन औय कॊ ध सीध यख गदमन मा गर भ कोई गॊबीय योग हो तो मोग चिककतसक की सराह स ही मह भदराआसन कय

38 भजचगनी मदरा- ववचध- इसभ भख को पराकय कॊ ठ स फाहयी वाम खीॊिी जाती ह| तार औय तजहवा क भधम वाम क घभन स शयीय भ अदभत शततत का आववबामव होता ह|

ऱाभ- मह भदरा अजीणम आदद उदय योगो को नटट कयन भ बी फहत उऩमोगी ह| इस परकाय भदराओॊ क अभमास स साधक को सफ परकाय क शायीरयक भानशसक औय आततभक फर की परातपत होती ह| मोगािामो क अनसाय lsquoनातसत भदरासनककॊ चित शसवदधदॊकषततभणडर (घयणड सॊदहता)rsquo अथामत भदराओॊ क सभान शसवदधदामक कोई अनम साधन ब-भॊडर ऩय नहीॊ ह| इसशरए मोगशसवदध क आकाॊीजनो को भदराओॊ का अभमास कयना शरमसकय ह|

अनतबोध चतनय दवारा सऩादित तरिदिवसीय मदराचचकितसा सि 43

39 खचरी मदरा-

भनटम की जीब (तजहवा) दो तयह की होती ह- रॊफी औय छोटी रॊफी जीब को सऩमतजहवा कहत ह कछ रोगो की जीब रॊफी होन स व उस आसानी स नाशसकागर ऩय रगा सकत ह औय खियी-भदरा कय सकत ह भगय तजसकी जीब छोटी होती ह उस तकरीपो का साभना कयना ऩड़ता ह सफस ऩहर उनह अऩनी जीब रॊफी कयनी ऩड़ती ह औय उसक शरए घषमण व दोहन का सहाया रना ऩड़ता ह जीब नीि की ओय स तजस नाड़ी स जड़ी होती ह उस काटना ऩड़ता ह खियी भदरा को शसदध कयन एवॊ अभत क सराव हत आवशमक उददीऩन भ कछ वषम बी रग सकत ह मह वमततत की मोनमता ऩय बी तनबमय कयता ह मोग भ कछ भदराएॊ ऐसी ह तजनह शसपम मोगी ही कयत ह साभानमजनो को इनह नहीॊ कयना िादहए खियी भदरा साधको क शरए भानी गई ह ववचध - इसक शरए जीब औय तार को जोड़न वार भाॊस-तॊत को धीय-धीय काटा जाता ह अथामत एक ददन जौ बय काटकय छोड़ ददमा जाता ह कपय तीन-िाय ददन फाद थोड़ा-सा औय काट ददमा जाता ह इस परकाय थोड़ा-थोड़ा काटन स उस सथान की यतत शशयाएॊ अऩना सथान बीतय की तयप फनाती जाती ह जीब को काटन क साथ ही परततददन धीय-धीय फाहय की तयप खीॊिन का अभमास ककमा जाता ह इसका अभमास कयन स कछ भहीनो भ जीब इतनी रॊफी हो जाती ह कक मदद उस ऊऩय की तयप रौटा (उसटा कयन) ददमा जाए तो वह शवास जान वार छदो को बीतय स फॊद कय दती ह इसस सभाचध क सभम शवास का आना-जाना ऩणमत योक ददमा जाता ह ऱाभ इस भदरा स पराणामाभ को शसदध कयन औय साभचध रगान भ ववशष सहामता शभरती ह साधनायत साधओॊ क शरए मह भदरा फहत ही राबदामी भानी

अनतबोध चतनय दवारा सऩादित तरिदिवसीय मदराचचकितसा सि 44

जाती ह ववशषता तनयॊतय अभमास कयत यहन स तजफ जफ रॊफी हो जाती ह तफ उस नाशसका यनरो भ परवश कयामा जा सकता ह इस परकाय धमान रगान स कऩार भागम एवॊ तरफ ॊद ववसगम स सॊफॊचधत कछ गरॊचथमो भ उददीऩन होता ह तजसक ऩरयणाभसवरऩ अभत का सराव आयॊब होता ह उसी अभत का सराव होत वतत एक ववशष परकाय का आधमाततभक अनबव होता ह इस अनबव स शसवदध औय सभाचध भ तजी स परगतत होती ह चतावनी मह आरख शसपम जानकायी हत ह कोई बी वमततत इस ऩढ़कय कयन का परमास न कय तमोकक मह शसपम साधको क शरए ह आभ रोगो क शरए नहीॊ

40 अकzwj वनी मदरा- इस भदरा स साधक भ घोड़ो जसी शततत आ जाती ह तजस lsquoहॉसम ऩॉवयrsquo कहत ह|

ववचध - इस भदरा भ गदा-दवाय का फाय-फाय सॊकोिन औय परसाय ककमा जाता ह| इसी स भदरा की शसवदध हो जाती ह| इसक दवाया कणडशरनी जागयण भ सगभता यहती ह औय अनक योग नटट होकय शायीरयक फर की ववदध होती ह|

ऱाभ - अतश वनी भदरा शसदध होन स साधक की अकारभतम कबी नहीॊ होती| गदा औय उदय स सॊफॊचधत योगो का इसक दवाया शभन होता ह तथा दीघमजीवन की उऩरतबध होती ह| तरफना भरफॊध क अतश वनी भदरा नहीॊ हो सकती| 41 बजरौऱी मदरा- फजरौरी भदरा बी भरफॊध का अचछा अभमास ककए तरफना ककसी परकाय सॊबव नहीॊ ह| मह भदरा कवर मोगी क शरए ही नहीॊ बोगी क शरए बी अतमॊत राबकायी ह|

अनतबोध चतनय दवारा सऩादित तरिदिवसीय मदराचचकितसा सि 45

ववचध - इस भदरा भ ऩहर दोनो ऩाॊवो को बशभ ऩय दढ़ताऩवमक दटकाकय दोनो ऩाॊवो को धीय-धीय दढ़ताऩवमक ऊऩय आकाश भ उठा द| इसस तरफॊद-शसवदध होती ह| शकर को धीय-धीय ऊऩय की आकॊ िन कय अथामत इॊददरम क आॊकिन क दवाया वीमम को ऊऩय की ओय खीॊिन का अभमास कय तो मह भदरा शसदध होती ह| ववदवानो का भत ह कक इस भदरा क अभमास भ सतरी का होना आवशमक ह तमोकक बग भ ऩततत होता हआ शकर ऊऩय की ओय खीॊि र तो यज औय वीमम दोनो ही िढ़ जात ह| मह ककरमा अभमास स ही शसदध होती ह| कछ मोगािामम इस परकाय का अभमास शकर क सथान ऩय दनध स कयना फतात ह| जफ दनध खीॊिन का अभमास शसदध हो जाए तफ शकर को खीॊिन का अभमास कयना िादहए| वीमम को ऊऩय खीॊिनवारा मोगी ही ऊधवमयता कहराता ह| ऱाभ - इस भदरा स शयीय रटट-ऩटट तजसवी सॊदय सडौर औय जया-भतम यदहत होता ह| शयीय क सबी अवमव दढ़ होकय भन भ तनश िरता की परातपत होती ह| इसका अभमास अचधक कदठन नहीॊ ह| मदद गहसथ बी इसक कय तो फरवदधमन औय सौदममवदधमन का ऩया राब परापत कय सकत ह चतावनी मह आरख शसपम जानकायी हत ह कोई बी वमततत इस ऩढ़कय कयन का परमास न कय तमोकक मह शसपम साधको क शरए ह आभ रोगो क शरए नहीॊ

साधना कयनवार वमततत क शरए मह आवशमक ह कक वह साधना भ कातमक वाचिक औय भानशसक ककरमाओॊ ऩय ऩया तनमॊतरण यख तथा सभम-सभम ऩय उचित ताॊतरतरक परककरमाओॊ का बी सभनवम कयता यह| इस दतटट स तजस परकाय आसन ऩातरासादन अिमन आदद भ ककरमाओॊ का ववधान ह उसी परकाय उनक साथ कछ भदरा फनान का ववधान ह| म भदराएॊ भखम रऩ-स हाथ औय उसकी उॊगशरमो क परमोग स फनती ह| जस हभाया शयीय ऩॊिततवभम ह| अत शासतरकायो न कहा ह कक इन उॊगशरमो क परमोग स इन ततवो की नमनाचधकता दय की जा

अनतबोध चतनय दवारा सऩादित तरिदिवसीय मदराचचकितसा सि 46

सकती ह तथा ततवो की सभता-ववषभता स होनवारी कभी को उॊगशरमो की भदरा स सभ फनामा जा सकता ह| इतना ही नहीॊ ऐसी भदराओॊ क सहमोग स उन ततवो को सवचछाऩवमक घटामा-फढ़ामा बी जा सकता ह| म ततव करभश अॊगटठ भ अतनन तजमनी भ वाम भधमभा भ आकाश अनाशभका भ ऩथवी औय कतनतटठका भ जर क रऩ भ ववदमभान यहत ह| दवताओॊ की परसननता चितत की शवदध औय ववववध योगो क नाश भ भदराओॊ स फड़ी सहामता शभरती ह| भदराततव को सभझकय परतमक मोगी को इनका साधन कयना िादहए| कणडशरनी शततत क जागयण भ इन भदराओॊ स सहामता शभरती ह| महाॊ हभन तजन भदराओॊ का वणमन एवॊ चितरण ककमा ह उसभ परतमक मोगी साधक को ऩरयचित होना िादहए|

अनतबोध चतनय दवारा सऩादित तरिदिवसीय मदराचचकितसा सि 47

मोग अनसाय आसन औय पराणामाभ की तसथतत को भदरा कहा जाता ह फॊध ककरमा औय भदरा भ आसन औय पराणामाभ दोनो का ही कामम होता ह मोग भ भदराओॊ को आसन औय पराणामाभ स बी फढ़कय भाना जाता ह भदरा दो तयह की होती ह- ऩहरी हसत भदरा अथामत हाथो औय उसकी अॊगशरमो को ववशष आकतत भ फनाना औय दसयी आसन भदरा अथामत तजसभ ऩया शयीय ही सॊिाशरत होता ह

Page 12: 235347477 Mudra Chikitsa Swami Ananta Bodha Chaitanya

अनतबोध चतनय दवारा सऩादित तरिदिवसीय मदराचचकितसा सि 12

6 ऩथवी मदरा

ववचध दोनो हाथो की अनाशभका अॊगशरमो को अॊगठो क अगरबाग स रगाकय फाकी अॊगशरमाॊ सीधी यख अफ हाथो को घटनो ऩय यख र हथशरमो का रख ऊऩय की ओय यहगा कभय-गदमन सीधी यख कय आॊख फॊद कय धमान की तसथतत भ फठ जाएॊ ऱाभ मह भदरा शायीरयक दफरमता दय कय वजन फढ़ाती ह शयीय भ सपततम कातनत एवॊ तज फढ़ाकय जीवनी शततत का ववकास कयती ह इसक अभमास स ऩािन तनतर को फर शभरता ह

अनतबोध चतनय दवारा सऩादित तरिदिवसीय मदराचचकितसा सि 13

7 सयय मदरा

ववचध दोनो हाथो की अनाशभका अॊगशरमो को अॊगठो क भर भ रगाकय अॊगठ स दफाकय फाकी अॊगशरमो को सीधा कयक यख अफ हाथो को घटनो ऩय यख र हथशरमो का रख ऊऩय की ओय यहगा कभय-गदमन सीधी यख कय आॊख फॊद कय धमान की तसथतत भ फठ जाएॊ ऱाभ मह भदरा भोटाऩा कभ कय वजन घटाती ह शयीय भ ऊटणता फढ़ाती ह शततत का ववकास कयती ह कॉरसरॉर फढ़न नहीॊ दती भधभह व रीवय क योग भ राब ऩहॊिाती ह शयीय को सॊतशरत कय दती ह नोट कभजोय वमततत इसका अभमास न कय गभी भ इसका अभमास कभ ही कय

अनतबोध चतनय दवारा सऩादित तरिदिवसीय मदराचचकितसा सि 14

8 वरण मदरा

ववचध दोनो हाथो की कतनटठा अॊगशरमो को अॊगठो क अगरबाग ऩय रगाकय फाकी अॊगशरमो को सीधा यखन स मह भदरा फनती ह अफ हाथो को घटनो ऩय यख र हथशरमो का रख ऊऩय की ओय यहगा कभय-गदमन सीधी यख कय आॊख फॊद कय धमान की तसथतत भ फठ जाएॊ ऱाभ मह िभमयोग यतत ववकाय दय कयती ह शयीय भ रखाऩन दय कय तविा को िभकीरी व भरामभ फनान भ सहामक ह िहय की सॊदयता को फढ़ा दती ह नोट कप परकतत वार वमततत इसका अभमास जमादा न कय

अनतबोध चतनय दवारा सऩादित तरिदिवसीय मदराचचकितसा सि 15

9 जऱोिर नाशि-

ववचध कतनटठा को अॉगठ क जड़ भ रगाकय अॉगठ स दफाम राब- जर तततव की अचधकता स होन वार सबी योगसजन जरोदय आदद भ ववशष राब होता

ह योग शानत होन तक ही कय

अनतबोध चतनय दवारा सऩादित तरिदिवसीय मदराचचकितसा सि 16

10 पराण मदरा -

ववचध अॊगठ स तीसयी अनाशभका तथा िौथी कतनतटठका अॉगशरमो क ऩोयो को एकसाथ अॊगठ क ऩोय क साथ शभराकय शष दोनो अॉगशरमो को अऩन सीध भ खडा यखन स जो भदरा फनती ह उस पराण भदरा कहत ह राब - हरदम योग भ याभफाण तथा नतरजमोतत फढान भ मह भदरा ऩयभ सहामक हसाथ ही मह पराण शततत फढ़ान वारा बी होता हपराण शततत परफर होन ऩय भनटम क शरए ककसी बी परततकर ऩरयतसथततमो भ धममवान यहना अतमॊत सहज हो जाता हवसतत दढ पराण शततत ही जीवन को सखद फनाती ह इस भदरा की ववशषता मह ह कक इसक शरए अवचध की कोई फाधमता नहीॊइस कछ शभनट बी ककमा जा सकता ह

अनतबोध चतनय दवारा सऩादित तरिदिवसीय मदराचचकितसा सि 17

11 अऩान मदरा

ववचध दोनो हाथो की भधमभा तथा अनाशभका अॊगशरमो को अॊगठ क अगरबाग स रगाकय फाकी अॊगशरमो को सीधी यख अफ हाथो को घटनो ऩय यख र हथशरमो का रख ऊऩय की ओय यहगा कभय-गदमन सीधी यख कय आॊख फॊद कय धमान की तसथतत भ फठ जाएॊ ऱाभ कबज भधभह ककडनी ववकाय वाम ववकाय फवासीय को दय कयन भ सहामक ह शयीय को शदध कय नाड़ी दोषो को दय कयन वारी ह भतर का अवयोध दय कय दाॊतो को भजफत कयती ह ऩसीना बी राती ह नोट इस भदरा क अभमास स भतर अचधक आन रगता ह

अनतबोध चतनय दवारा सऩादित तरिदिवसीय मदराचचकितसा सि 18

12 वयान मदरा-

ववचध- हाथ की भधमभा अॊगरी क आग क बाग को अॊगठ क आग क बाग स शभरान औय तजमनी अॊगरी को फीि की अॊगरी क नाखन स छआएॊ फाकी फिी सायी अॊगशरमाॊ सीधी यहनी िादहए इसी को वमान भदरा कहा जाता ह अवचध- इस भदरा को सफह 15 शभनट औय शाभ को 15 शभनट तक कयना िादहए ऱाभ- वमान भदरा को कयन स ऩशाफ सॊफॊधी सबी योग दय होत ह जस- ऩशाफ जमादा आना ऩशाफ भ िीनी आना ऩशाफ क साथ घात आना ऩशाफ रक-रक कय आना आदद योग सभापत हो जात ह इसक अरावा इस भदरा क तनमशभत अभमास स भधभह परभह औय सवपनदोष बी दय होता ह तसतरमो क शरए मह भदरा सफस जमादा राबदामक फताई गई ह इस भदरा को कयन स तसतरमो क साय योग सभापत हो जात ह

अनतबोध चतनय दवारा सऩादित तरिदिवसीय मदराचचकितसा सि 19

13 उिान मदरा-

ववचध - ऩहरी भधमभा औय अनाशभका उॊगरी क आग क बाग को अॊगठ क आग क बाग स रगाएॊ इस उदान भदरा कहत ह इसका सॊफॊध कॊ ठ स भतसतटक तक होता ह मह ववशवदध िकर को परवादहत कयता ह

राब - इसस भन शाॊत होता ह औय थामयॉइड सॊफॊधी सबी योगो भ राब ऩहॊिता ह

सभमावचध - इस भदरा को बी कवर 15 स 45 शभतनट तक ही कयना िादहए

अनतबोध चतनय दवारा सऩादित तरिदिवसीय मदराचचकितसा सि 20

14 सभान भदरा

ववचध - हाथ की िायो उॊगशरमो औय अॊगठ क अगरबाग को शभरा कय ऊऩय की तयप यखन स सभान भदरा फनती ह इस भदरा भ ऩाॊिो ततव शभर जात ह

राब ndash मह भदरा हभाय वविायो को आधमाततभक फनाती ह फय वविाय दय होत ह

अनतबोध चतनय दवारा सऩादित तरिदिवसीय मदराचचकितसा सि 21

15 हिय मदरा

ववचध दोनो हाथो की तजमनी अॊगशरमो को अॊगठो क भर भ रगाकय भधमभा व अनाशभका अॊगशरमो को अॊगठ क अगरबाग ऩय रगा द व छोटी अॊगरी को सीधा कयक यख अफ हाथो को घटनो ऩय यख र हथशरमो का रख ऊऩय की ओय यहगा कभय-गदमन सीधी यख कय आॊख फॊद कय धमान की तसथतत भ फठ जाएॊ ऱाभ मह भदरा रदम योगो भ ववशष रऩ स राबकायी ह परततददन 10-15 शभनट अभमास स रदम भजफत होता ह गस फनना शसयददम असथभा व उचि यततिाऩ भ राबकायी ह सीदढ़मो ऩय िढ़न स ऩहर ही अगय मह भदरा रगा री जाए औय इस भदरा क साथ ही सीदढ़माॊ िढ़ी जाएॊ तो साॊस नहीॊ परती

अनतबोध चतनय दवारा सऩादित तरिदिवसीय मदराचचकितसा सि 22

16 लऱग मदरा

ववचध- फाएॉ हाथ का अॊगठा सीधा खडा कय दादहन हाथ स फाएॊ हाथ कक अॉगशरमो भ ऩयसऩय पॉ सात हए दोनो ऩॊजो को ऐस जोड कक दादहना अॊगठा फाएॊ अॊगठ को फहाय स आवतत कय र इस परकाय जो भदरा फनगी उस अॊगटठ भदरा कहग राब - अॊगठ भ अतनन ततव होता हइस भदरा क अभमास स शयीय भ उटभता फढ़न रगती हशयीय भ जभा कप ततव सखकय नटट हो जाता हसदी जकाभखाॊसी इतमादद योगो भ मह फड़ा राबदामी होता हकबी मदद शीत परकोऩ भ आ जाएॉ औय शयीय भ ठणड स कॊ ऩकॊ ऩाहट होन रग तो इस भदरा का परमोग तवरयत राब दता ह

अनतबोध चतनय दवारा सऩादित तरिदिवसीय मदराचचकितसा सि 23

17 शख मदरा-

ववचध - फाएॊ हाथ क अॊगठ को दोनो हाथ की भटठी भ फॊद कयक फाएॊ हाथ की तजमनी उॊगरी को दादहन हाथ क अॊगठ स शभरान स शॊख भदरा फनती ह| इस भदरा भ फाएॊ हाथ की फाकी तीन उॊगशरमो क ऩास भ सटाकय दाएॊ हाथ की फॊद उॊगशरमो ऩय हसका-सा दफाव ददमा जाता ह| इसी परकाय हाथ फदरकय अथामत दाएॊ हाथ क अॊगठ को फाएॊ हाथ की भटठी भ फॊद कयक शॊख भदरा फनाई जाती ह| इस भदरा भ ऱाभ - अॊगठ का दफाव हथरी क फीि क बाग ऩय औय भटठी की तीन उॊगशरमो का दफाव शकर ऩवमत ऩय ऩड़ता ह तजसस हथरी भ तसथत नाशब औय थाइयॉइड (ऩतसरका) गरॊचथ क क दर दफत ह| ऩरयणाभसवरऩ नाशब औय थाइयॉइड गरॊचथ क ववकाय ठीक होत ह|

अनतबोध चतनय दवारा सऩादित तरिदिवसीय मदराचचकितसा सि 24

शॊख भदरा का नाशब िकर स तनकट का सॊबॊध ह इसशरए शायीय क सनामतॊतर ऩय ववशष कामम कयती ह अत अनत औय फाहम सवासथम भ फहत राबकायी ह

मह ऩािन तॊतर को उततभ फनाती ह

तनमशभत कयन स बख फढान भ भदद शभरती ह

मह भदरा फोरत सभम उचिायण क दोषो को दय कयन भ फहत परबावी ह जस ततराना हकराना आदद दोष तनमभतत परमोग स दय हो जात ह

सॊगीत की साधना कयन वारो क शरए ववशश राबकायी ह वाणी को भधय फनाती ह

मह भदरा ऩजन भ बी परमतत होती ह| इसका परमोग रॊफ सभम तक ककमा जा सकता ह| इस भदरा का नाशबिकर स ववशष समफनध ह तजसक कायण नाशब स सॊफॊचधत शयीय की नाडड़मो ऩय सकषभ औय सवासथमवधमक परबाव ऩड़ता ह तथा सनामभणडर शतततशारी फनती ह|

अनतबोध चतनय दवारा सऩादित तरिदिवसीय मदराचचकितसा सि 25

18 योनन मदरा-

मौचगक दतटट स अऩन अॊदय कई परकाय क यहसम तछऩाए यखनवारी भदरा का वासतववक नाभ lsquoमोतन भदराrsquo ह| तत मोग क अनसाय कवर हाथो की उॊगशरमो स भहाशततत बगवती की परसननता क शरए मोतन भदरा परदशशमत कयन की आऻा ह| परतम रऩ स इसका परबाव रॊफी मोग साधना क अॊतगमत तॊतर-भॊतर-मॊतर साधना स बी दतटटगोिय होता ह| इस भदरा क तनयॊतय अभमास स साधक की पराण-अऩान वाम को शभरा दनवारी भरफॊध ककरमा को बी साथ कयन स जो तसथतत फनती ह उस ही मोतन भदरा की सॊऻा दी ह| मह फड़ी िभतकायी भदरा ह| ऩदमासन की तसथतत भ फठकय दोनो हाथो की उॊगशरमो स मोतन भदरा फनाकय औय ऩवम भरफॊध की तसथतत भ सममक बाव स तसथत होकय पराण-अऩान को शभरान की परफर बावना क साथ भराधाय सथान ऩय मौचगक सॊमभ कयन स कई परकाय की शसवदधमाॊ परापत हो जाती ह|

अनतबोध चतनय दवारा सऩादित तरिदिवसीय मदराचचकितसा सि 26

ऋवषमो का भत ह कक तजस मोगी को उऩयोतत तसथतत भ मोतन भदरा का रगाताय अभमास कयत-कयत शसवदध परापत हो गई ह उसका शयीय साधनावसथा भ बशभ स आसन सदहत ऊऩय अधय भ तसथत हो जाता ह| सॊबवत इसी कायण आदद शॊकयािाममजी न अऩन मोग यतनावरी नाभक ववशष गरॊथ भ भरफॊध का उसरख ववशष रऩ स ककमा ह|

19 धन मदरा -

बायतीम ऩयॊऩया भ धन गाम को कहा जाता ह औय मह दहनद धभम क साततवक औय भहानता का परतीक ह धन भदरा फनात सभम हाथो की उॊगशरमा गाम क थनो जसी हो जाती ह जस गाम क थनो स दध ऩीकय शयीय ऩटट फनता ह वस ही धन भदरा कयन स बी शयीय रटट ऩटट फनता ह

ववचध - अनमोनमाशबभखॊ तशरटटाकतनटठानाशभका ऩन

अनतबोध चतनय दवारा सऩादित तरिदिवसीय मदराचचकितसा सि 27

तथा ि तजमतनभधमा धन भदरा अभत परदा ( कारी तॊतर )

अऩन दोनो हाथो की अॊगशरमो क ऩोयो को एक साथ शभरा र कपय फाम हाथ की तजमनी ऊॊ गरी को दाएॊ हाथ की फीि वारी उॊगरी स छआए इसक फाद दाएॊ हाथ की तजमनी उॊगरी को फाम हाथ की फीि वारी उॊगरी स छआम ऐस ही फाम हाथ की अनाशभका उॊगरी को दाएॊ हाथ की सफस छोटी उॊगरी स शभराएॊ अॉगठो को खरा छोड़ द हाथ की अॊगशरमो को नीि की तयप कयन स अॊगशरमो की आकतत गाम क धनो जसी हो जाती ह इसी कायण इस धन भदरा कहत ह

सभम - इस भदरा का अभमास धीय धीय फढ़ाए ऩहर 1 स 15 शभतनट औय फाद भ 15 स 30 तथा जफ अचछी तयह मह भदरा अभमास भ आ जाए तफ इस भदरा को 45 शभतनट तक कय सकत ह

राब - धन भदरा स ऩािन तॊतर भजफत होता ह औय शयीय ताकतवय व सवसथ फनता ह मह ऩट क योगो क शरए याभफाण भदरा ह मोग साधना भ फहत ही उऩमोगी भदरा कहराती ह तॊतर एवॊ कभमकाॊड भ बी धन भदरा का परमोग ह ह ऩयानी भानमता क अनसाय मह अभत ततव को दन वारी भदरा ह मह भदरा वात वऩतत तथा कप को सॊतशरत कयती ह

अनतबोध चतनय दवारा सऩादित तरिदिवसीय मदराचचकितसा सि 28

20 मगी मदरा-

भग दहयन को कहा जाता ह मऻ क दौयान होभ की जान वारी साभगरी को इसी भदरा भ होभ ककमा जाता ह पराणामाभ ककए जान क दौयान बी इस भदरा का उऩमोग होता ह धमान कयत वतत बी इस भदरा का इसतभार ककमा जाता ह मह भदरा फनात वतत हाथ की आकतत भग क शसय क सभान हो जाती ह इसीशरए इस भगी भदरा कहा जाता ह मह एक हसत भदरा ह ववचध अऩन हाथ की अनाशभका औय भधमभा अॊगरी को अॊगठ क आग क बाग को छआ कय फाकी फिी तजमनी औय कतनटठा अॊगरी को सीधा तान दन स भगी भदरा फन जाती ह योग आसन - इस दौयान उतकटासन सखासन औय उऩासना क सभम इसतभार होन वार आसन ककए जा सकत ह

अनतबोध चतनय दवारा सऩादित तरिदिवसीय मदराचचकितसा सि 29

समय- इस भदरा को सववधानसाय कछ दय तक कय सकत ह औय इस तीन स िाय फाय ककमा जा सकता ह ऱाभ- भगी भदरा कयत सभम अॊगठ क ऩोय औय अॊगशरमो क जोड़ ऩय दफाव ऩड़ता ह उतत दफाव क कायण शसयददम औय ददभागी ऩयशानी भ राब शभरता ह एतमपरशय चिककतसा क अनसाय उतत अॊगशरमो क अॊदय दाॊत औय सामनस क तरफ ॊद होत ह तजसक कायण हभ दाॊत औय सहनस योग भ बी राब शभरता ह ववशष- भाना जाता ह कक इस भदरा को कयन स सोिन औय सभझन की शततत का ववकास बी होता ह भगी भदरा शभगी क योचगमो क शरए फहत ही राबकायी ह

21 यमहररमदरा

ववचध -सवम परधभ आऩ अऩन दोनो हाथो की सफस छोटी अॊगरी अथामत कतनटठा को आऩस भ एक दसय क परथभ ऩोय स शभरा द इसी क साथ दोनो अॊगठ को बी आऩस भ शभरा द अफ तीन अॊगशरमाॊ फाकी यह जाएॊगी- भध मभा तजमनी औय अनाशभका इन तीनो अॊगशरमो को हथरी की ओय भोड़कय भटठी जसा फनाइए अॊगशरमो की इस तसथतत को मभ हरयभदरा कहत ह

अनतबोध चतनय दवारा सऩादित तरिदिवसीय मदराचचकितसा सि 30

ऱाभ - मभहरयभदरा क तनमशभत अभमास स नाडड़मो को शततत शभरती ह इस भदरा क तनयॊतय अभमास स ऩट क योग जस- कबज बख ना रगना औय तजगय की कभजोयी दय होती ह इस भदरा स तसतरमो क सतनो क साय योगो भ बी राब शभरता ह मभ हरयभदरा को परततददन 5 शभनट सफह औय 5 शभनट शाभ को कय आऩ इसक कयन का सभम फढ़ाकय 10 शभनट तक कय सकत ह परततददन कभ स कभ ऩाॊि भदराएॊ अऩनी सववधानसाय कयनी िादहए भदराओॊ स सबी योगो भ राब ऩामा जा सकता ह मदद उनका मोग शशक स ऩछकय तनमशभत अभमास ककमा जाए भदराएॊ खासकय उन रोगो क शरए पामदभॊद सातरफत होती ह जो मोगासन कयन भ असभथम ह

22 ऩषऩाजलऱ मदरा-

अनतबोध चतनय दवारा सऩादित तरिदिवसीय मदराचचकितसा सि 31

मह भहतवऩणम हसत मोग भदरा ह जस दआ भ हाथ उठात ह मा ऩटऩ अऩमण कयत ह तफ मह भदरा फनती ह जसा कक इसका नाभ ह ऩटऩाॊजशर इसी स मह शसदध होता ह कक मह भदरा ककस परकाय की होगी ववचध- दोनो हाथो की अॊगशरमो औय अॊगठ को आऩस भ शभरा भखणफदध को बी शभरा र कपय दोनो हाथो की छोटी अॊगशरमो को एक साथ शभराकय ऐसी आकतत फना र कक जस हभ ककसी बगवान को पर िढ़ात सभम फनात ह इस ही ऩटऩाॊजशर भदरा कहत ह

ऱाभ- ऩटऩाॊजरी भदरा क तनयॊतय अभमास स नीॊद अचछी तयह स आन रगती ह आतभववशवास फढ़ता ह

23 यज भदरा-

अनतबोध चतनय दवारा सऩादित तरिदिवसीय मदराचचकितसा सि 32

यज भदरा कवर तसतरमो क शरए ह ऐसा नहीॊ फतसक अगय ऩरष इस भदरा को कयत ह तो उनक वीमम सॊफॊधी सभसत योग दय हो जात ह ववचध- यज भदरा फनाना फहत ही आसान ह कतनटठा (छोटी अॊगरी) अॊगरी को हथरी की जड़ भ भोड़कय रगान स यज भदरा फन जाती ह ऱाभ- यज भदरा स तसतरमो क भाशसक धभम सॊफॊधी योग दय होत ह इसक अरवा शसय भ बायीऩन यहना छाती भ ददम ऩट ऩीठ कभय का ददम आदद योग बी यज भदरा कयन स दय हो जात ह सतरी क साय परजनन अॊगो की ऩयशातनमो को म भदरा तरफसकर दय कय दती ह

24 अदिती मदरा-

ववचध- अॊगठ क आग क बाग को अनाशभका (छोटी उॊगरी क साथ वारी उॊगरी) उॊगरी की जड़ भ टढ़ा रगान स अददती भदरा फन जाती ह

ऱाभ- इस भदरा को कयन स हय सभम उफासी आना जमादा छीॊक आना जस योगो को दय ककमा जा सकता ह

अनतबोध चतनय दवारा सऩादित तरिदिवसीय मदराचचकितसा सि 33

समय- अददती भदरा को ददन भ 3-4 फाय 15-15 शभनटो क शरए कय सकत ह

25 हसी मदरा-

जस हॊस नीय ीय वववक की साभथमम यखता ह वस इस भदरा क कयन स सोिन औय तवरयत तनणमम की भता फढती ह मदरा िी ववचध - सखासन मा उतकटासन भ फठकय अऩन हाथ की सबी सफस छोटी अॊगरी को छोड़कय अॊगशरमो को अॊगठ क आग क बाग को दफान स हॊसी भदरा फन जाती ह अवचध- इस भदरा को परयॊब भ 5-8 शभनट स कयक 30-48 शभनट तक कय सकत ह मदरा िा ऱाभ- इस भदरा तनमशभत अभमास स वववक फढ़ता ह अथामत इसस सोिन-सभझन की शततत फढ़ती ह औय इसस शयीय का बायीऩन सभापत हो जाता ह

अनतबोध चतनय दवारा सऩादित तरिदिवसीय मदराचचकितसा सि 34

ववशषता- भाना जाता ह कक इस भदरा का तनमशभत अभमास कयन स याजशसक ताकत फढ़ती ह औय वमततत धन सॊऩनन फना यहता ह सावधानी - इस भदरा को कयत सभम ककसी बी परकाय का भॊतर नहीॊ जऩना िादहए औय ना ही कोई अनम धाशभमक उऩकरभ कय

26 हसतऩात मदरा-

ववचध- इस भदरा को कयन क शरए आऩ अऩन दोनो हाथो की हथरी क ऩीछ क बाग को आऩस भ अॊगशरमो सदहत शभरा द इस आकतत को हसतऩात भदरा कहा जाता ह मह नभसकाय भदरा जसा ही ह रककन इसभ हथरी क ऩटठ बाग को शभरा ददमा जाता ह ऱाभ- इस हसतऩात भदरा को कयन स शवास औय गर क क साय योग भ फहत राब शभरता ह तजन तसतरमाॊ मदद इसका तनमशभत अभमास कयती ह तो इसस उनक सतन सड़ौर सॊदय औय सवसथ हो जात ह तजन तसतरमो क सतन छोट ह ढीर ह मा उनक सतनो भ दध नहीॊ आता ह तो मह भदरा उनक शरए फहत राबकायी शसदध हो सकती ह

27 धयान मदरा

ववचध- ऩदमासन भ फठकय फाएॊ हाथ की हथरी ऩय दाएॊ हाथ की हथरी को (उसट हाथ ऩय सीध हाथ को) हसक स यखन स धमान भदरा फनती ह| धमान यख कक इस भदरा भ शसय गदमन एवॊ यीढ़ की हडडी सीधी यह| आॊख औय होठ सहज स फनद यह| धमान अऩन इटटदव क सवरऩ ऩय दटकाएॊ अथवा कामोतसगम कय अथामत शयीय स

अनतबोध चतनय दवारा सऩादित तरिदिवसीय मदराचचकितसा सि 35

सभता यखत हए कछ दय क शरए वविाय यदहत अवसथा भ यहन का परमास कय| अटटाॊग मोग (मभ तनमभ पराणामाभ परतमाहाय धायणा धमान औय सभाचध) क एक अॊग lsquoधमानrsquo की साधना भ मह भदरा ववशष रऩ स सहामक शसदध हई ह| ऱाभ - जो वमततत ऩदमासन नहीॊ कय सकत उनह धमान भदरा सखासन मा सवतसतक अथवा ऩारथी आसन भ कयना िादहए| मह सहज भदरा ह| सहज धमान भदरा को साधायण वमततत अचधक रमफ सभम तक सयरता स कय सकता ह| इसस धमान भदरा क राब बी शभर जात ह| धमान भदरा भ मदद हथशरमाॊ एक दसय ऩय यखन क फाद दोनो हथशरमाॊ ऻान भदरा की तसथतत भ यखी जाएॊ तो धमान भदरा तथा ऻान भदरा क सतमभशरत राब क साथ ऩदमासन क राब बी शभर जात ह| साधक क शरए धमान भदरा भ सभम की कोई सीभा नहीॊ ह| रककन सहजता क साथ ऩदमासन कयन की भता क अनरऩ धमान भदरा का अभमास कयना िादहए| साधायण वमततत को इस धीय-धीय फढ़ात हए कभ-स-कभ २० शभनट स एक घॊट तक कयना िादहए| धमान भदरा न कय सकन की अवसथा भ सहज धमान भदरा कयक राब उठाना िादहए| भन की िॊिरता शाॊत होकय चितत की एकागरता फढ़ती ह| साततवक वविायो की उतऩततत होती ह औय परब बजन भ भन रगता ह|

धमान क परबाव स साधक को धमान की उचितय तसथतत भ ऩहॊिन भ सहामता शभरती ह| आतभ साातकाय औय ईश वय क साातकाय भ मह भदरा सहामक ह|

28 शामभवी मदरा-

आॉख खरी हो रककन आऩ दख नहीॊ सकत ऐसी तसथतत जफ सध जाती ह तो उस शामबवी भदरा कहत ह ऐसी तसथतत भ आऩ नीॊद का भजा बी र सकत ह मह फहत कदठन साधना ह इसक ठीक उसटा कक जफ आॉख फॊद हो तफ आऩ दख

अनतबोध चतनय दवारा सऩादित तरिदिवसीय मदराचचकितसा सि 36

सकत ह मह बी फहत कदठन साधना ह रककन मह दोनो ही सॊबव ह असॊबव कछ बी नहीॊ फहत स ऐस ऩश औय ऩी ह जो आॉख खोरकय ही सोत ह ववचध- मदद आऩन तराटक ककमा ह मा आऩ तराटक क फाय भ जानत ह तो आऩ इस भदरा को कय सकत ह सवमपरथभ शसदधासन भ फठकय यीढ़-गदमन सीधी यखत हए ऩरको को तरफना झऩकाएॉ दखत यह रककन धमान ककसी बी िीज को दखन ऩय ना यख ददभाग तरफसकर बीतय कहीॊ रगा हो

ऱाभ- शामबवी भदरा को कयन स ददर औय ददभाग को शाॊतत शभरती ह मोगी का धमान ददर भ तसथय होन रगता ह आॉख खरी यखकय बी वमततत नीॊद औय धमान का आनॊद र सकता ह इसक सधन स वमततत बत औय बववटम का ऻाता फन सकता ह सऱाह- शामबवी भदरा ऩयी तयह स तबी शसदध हो सकती ह जफ आऩकी आॉख खरी हो ऩय व ककसी बी िीज को न दख यही हो ऐसा सभझ की आऩ ककसी धन भ जी यह हो आऩको खमार होगा कक कबी-कबी आऩ कहीॊ बी दख यह होत ह रककन आऩका धमान कहीॊ ओय यहता ह समय- इस भदरा को शरआत भ तजतनी दय हो सक कय औय फाद भ धीय-धीय इसका अभमास फढ़ात जाएॉ

अनतबोध चतनय दवारा सऩादित तरिदिवसीय मदराचचकितसा सि 37

29 शकततचालऱनी मदरा- ववचध - आठ अॊगर रॊफा औय िाय अॊगर िौड़ा भरामभ वसतर रकय नाशब ऩय रगाएॊ औय कदटसतर भ फाॊध र| कपय शयीय भ बसभ यभाकय शसदधासन भ फठ औय पराण को अऩान स मतत कय| जफ तक गहम दवाय स िरती हई वाम परकाशशत न हो इस सभम तक गहम दवाय को सॊकचित यख| इसस वाम का जो तनयोध होता ह उसभ कमबक क दवाया कणडशरनी शततत जागरत होती हई सषमना भागम स ऊऩय जाकय खड़ी हो जाती ह| मोगभदरा स ऩहर इसका अभमास कयन ऩय ही मोतन भदरा की ऩणम शसवदध होती ह| ऱाभ - इस भदरा स कणडशरनी शततत का जागयण होता ह| जफ तक मह सोती ह तफ तक सबी आॊतरयक शतततमाॊ सपत ऩड़ी यहती ह| इसशरए कणडशरनी का जागरत होना साधक क शरए फहत आवशमक ह| पराण-अऩान को सॊमतत कयन की ककरमा पराणवाम को ऩयक दवाया बीतय खीॊिन औय उडडीमान फॊध स अऩान वाम को ऊऩय की ओय आकवषमत कयन स ऩणम होती ह| इसभ गहम परदश क सॊकोि औय ववसताय का अभमास होन स अचधक सयरता हो सकती ह| 30 तड़ागी मदरा- ववचध - दोनो ऩाॊवो को दणड क सभान धयती ऩय ऩसाय र औय हाथो स उनक अॊगठो को ऩकड़न तथा दोनो जाॊघो ऩय शसय को सथावऩत कय साथ ही उदय को तड़ाग (सयोवय) क सभान कय र| ऱाभ - मह भदरा अनक योगो औय वदधावसथा को बी दय कयन भ सहामक शसदध होती ह|

अनतबोध चतनय दवारा सऩादित तरिदिवसीय मदराचचकितसा सि 38

31 माणडवी मदरा- ववचध - भख को फॊद कयक जफान को तार भ घभाएॊ औय सहसराय स टऩकत हए सधायस को जफान स धीय-धीय ऩीन का मतन कय| मही भाणडवी (मा भाणडकी) भदरा ह| ऱाभ - इसक दवाया फारो की सपदी उनका झड़ना शयीय ऩय झरयममो भॊहासो आदद का ऩड़ना तथा तनफमरता आदद दय होकय चिय-मौवन की परातपत होती ह| इसस यसोतऩादन होकय अभततव की उऩरतबध होना सॊबव हो जाता ह| 32 ऩालशनी मदरा ववचध- दोनो ऩाॊवो को कॊ ठ क ऩीछ की ओय र जाकय उनह ऩयसऩय शभराएॊ औय ऩाश क सभान दढ़ता स फाॊध र| ऱाभ - इसक अभमास स बी कणडशरनी शततत क जागयण भ फहत सगभता हो जाती ह तथा साधक क शयीय भ फर औय ऩतटट का आववबामव होता ह| भानशसक फरवदधमन भ बी मह फहत दहतकय ह| 33 िािी मदरा-

काक कौए को कहत ह कौए की िोि जसी भॊह की भदरा फना रन को काकी भदरा कहा जाता ह ववचध ककसी बी आसन भ फठकय होठो को ऩतरी सी नरी क सभान भोड़कय कौए की िोि जसा फना र अफ नाक क अगर बाग को दखत हए अऩना ऩया धमान नाक ऩय दटका द इसक फाद भॊह स धीय-धीय गहयी शवास रकय होठो को फॊद कय द कछ दय फाद शवास को नाक स फाहय तनकार द इस तयह स 10

अनतबोध चतनय दवारा सऩादित तरिदिवसीय मदराचचकितसा सि 39

शभनट तक कय ऱाभ मह भदरा जहाॊ शयीय भ ठॊडक फढ़ाती ह वहीॊ मह कई योगो को दय कयन भ राबदामक ह इस भदरा का तनयॊतय अभमास कयन स शयीय भ अॊदय बोजन ऩिान की ककरमा तज हो जाती ह इसस अमरवऩतत का फढ़ना कभ हो जाता ह

34 मातचगनी मदरा-

भातॊग का अथम होता ह भघ भाॊ दगाम का एक रऩ ह भातॊगी मह दस भहाववदमा भ स नौवीॊ ववदमा ह भातॊग नाभ स एक धमान होता ह भॊतर होता ह औय एक हाथी का नाभ बी भातॊग ह ऋवष वशशटठ की ऩतनी का एक नाभ बी भातॊगी ह ऋवष कशमऩ की ऩतरी का नाभ बी भातॊगी ह तजसस हाथी उतऩनन हए थ ववचध शाॊत जगह भ ऩानी क अॊदय गर तक शयीय को डफो र औय कपय नाक स ऩानी को खीॊिकय उस भॊह स तनकार र कपय भॊह स ऩानी को खीॊिकय नाक स फाहय तनकार द इस ककरमा को ही भातॊचगनी भदरा कहत ह ऱाभ इस भदरा क अभमास स आॊखो की योशनी तज हो जाती ह शसय ददम भ मह भदरा अतमॊत राबकायी भानी जाती ह इसस नजरा-जकाभ आदद क योग बी दय हो जात ह इस भदरा क तनयॊतय अभमास स िहय ऩय िभक आ जाती ह औय फार बी सपद नहीॊ होत ह इस भदरा क शसदध हो जान ऩय वमततत भ ताकत फढ़ जाती ह

35 नभोमदरा

नब का अथम होता ह आकाश इस भदरा भ जीब को तार की ओय रगात ह इसीशरए इस नबोभदरा कहत ह नबोभदरा कयना सयर नहीॊ ह इस ककसी मोग

अनतबोध चतनय दवारा सऩादित तरिदिवसीय मदराचचकितसा सि 40

शशक स सीखकय ही कयना िादहए मह भदरा फहत स योगो भ राबदामक शसदध हई ह इस फाय भ एक शरोक बी ह- मतर मतर तसथतो मोगी सवमकामष सवमदा उधवमतजवह तसथयो बतवाधायमतभवनॊ सदा नबोभदरा भवदषा मोदववना योग नाशशनी अथामत साय कामो भ तसथय हआ चितत अऩनी जीब क अगर बाग को भॊह क अॊदय तार भ रगाकय शवास को अॊदय योक रता ह इस तसथतत स विारयक गततववचधमाॊ ततकार फॊद हो जाती ह इसीशरए इस भदरा को यहसम का आबास ददरान वारी भदरा बी कहा जाता ह ववचध- अऩनी आॊखो को अऩनी दोनो बौहो क फीि भ जभाकय आऩकी जीब तार क साथ रगा र मह दोनो कामम एक ही साथ औय एक ही सभम भ कय सववधानसाय जफ तक सॊबव हो इसी तसथतत भ यह औय कपय कछ शभनट का धमान कय ऱाभ- नबोभदरा क तनयॊतय अभमास स जीब गर औय आॊखो क साय योग सभापत हो जात ह इसस भतसतटक भ तसथयता फढ़ती ह औय भतसतटक क योग बी दय हो जात ह

36 नालसिागर मदरा -

नाशसकागर भदरा का अथम होता ह नाक का आखखयी छोय ऊऩयी दहससा मा अगरबाग इस बाग ऩय फायी-फायी स सॊतरन फनान हए दखना ही नाकककागर भदरा मोग कहराता ह रककन मह भदरा कयन स ऩहर मोग शशक की सराह जरय र तमोकक इसक कयन स बकटी ऩय जोय ऩड़ता ह

अनतबोध चतनय दवारा सऩादित तरिदिवसीय मदराचचकितसा सि 41

ववचध- ककसी बी आसन भ फठकय नाक क आखखयी शसय ऩय नजय दटका र हो सकता ह कक ऩहर आऩ फाई आॊखो स उस दख ऩाएॊ तफ कछ दय फाद दाई आॊखो स दख इस दखन भ जया बी तनाव न हो सहजता स इस दख

ऱाभ- इसस जहाॊ आॊखो की एतसयसाइज होती ह वहीॊ मह भतसतटक क शरए बी राबदामक ह इसस भन भ एकागरता फढ़ती ह इस भदरा क रगाताय अभमास कयन स भराधाय िकर जागरत होन रगता ह तजसस कणडरीनी जागयण भ भदद शभरती ह इसस भराधाय िकर इसशरए जागरत होता ह तमोकक दोनो आॊखो क फीि ही तसथत ह इड़ा वऩ ॊगरा औय सषमना नाड़ी जो भराधाय तक गई ह समय- इस भदरा को इतनी दय तक कयना िादहए कक आॊखो ऩय इसका जमादा दफाव नहीॊ ऩड़ कपय धीय-धीय इस कयन का सभम फढ़ात जाएॊ

37 बरहम आसन मदरा-

कछ रोग इस बरहभा भदरा बी कहत ह तमोकक इस आसन भ गदमन को िाय ददशा भ घभामा जाता ह औय बरहभाजी क िाय भख थ इसीशरए इसका नाभ बरहभा भदरा आसन यखा गमा रककन असर भ मह बरहभ भदरा आसन ह औय इसभ सबी ददशाओॊ भ तसथत ऩयभशवय को जानकय उसका चिॊतन ककमा जाता ह नभाज ऩढ़त वतत मा सॊधमा वॊदन कयत वतत उतत भदरासन को ककमा जाता यहा ह ववचध- ऩदमासन शसदधासन मा वजरासन भ फठकय कभय तथा गदमन को सीधा यखत हए गदमन को धीय-धीय दामीॊ ओय र जात ह कछ सकॊ ड दामीॊ ओय रकत ह उसक फाद गदमन को धीय-धीय फामीॊ ओय र जात ह कछ सकॊ ड तक फामीॊ ओय रककय कपय दामीॊ ओय र जात ह कपय वाऩस आन क फाद गदमन को ऊऩय की ओय र जात ह उसक फाद नीि की तयप र जात ह कपय गदमन को तराकवाइज

अनतबोध चतनय दवारा सऩादित तरिदिवसीय मदराचचकितसा सि 42

औय एॊटीतराकवाइज घभाएॉ इस तयह मह एक िकर ऩया हआ अऩनी सववधानसाय इस िाय स ऩाॉि िकरो भ कय सकत ह

ऱाभ तजन रोगो को सवामइकर सऩोडराइदटस थाइयाइड नराॊटस की शशकामत ह उनक शरए मह आसन राबदामक ह इसस गदमन की भाॉसऩशशमाॉ रिीरी तथा भजफत होती ह आधमाततभक दतटट स बी मह आसन राबदामक ह आरसम बी कभ होता जाता ह तथा फदरत भौसभ क सदी-जकाभ औय खाॉसी स छटकाया बी शभरता ह

सावधाननया तजनह सवामइकर सऩोडराइदटस मा थाइयाइड की सभसमा ह व ठोडी को ऊऩय की ओय दफाएॉ गदमन को नीि की ओय र जात सभम कॊ ध न झकाएॉ कभय गदमन औय कॊ ध सीध यख गदमन मा गर भ कोई गॊबीय योग हो तो मोग चिककतसक की सराह स ही मह भदराआसन कय

38 भजचगनी मदरा- ववचध- इसभ भख को पराकय कॊ ठ स फाहयी वाम खीॊिी जाती ह| तार औय तजहवा क भधम वाम क घभन स शयीय भ अदभत शततत का आववबामव होता ह|

ऱाभ- मह भदरा अजीणम आदद उदय योगो को नटट कयन भ बी फहत उऩमोगी ह| इस परकाय भदराओॊ क अभमास स साधक को सफ परकाय क शायीरयक भानशसक औय आततभक फर की परातपत होती ह| मोगािामो क अनसाय lsquoनातसत भदरासनककॊ चित शसवदधदॊकषततभणडर (घयणड सॊदहता)rsquo अथामत भदराओॊ क सभान शसवदधदामक कोई अनम साधन ब-भॊडर ऩय नहीॊ ह| इसशरए मोगशसवदध क आकाॊीजनो को भदराओॊ का अभमास कयना शरमसकय ह|

अनतबोध चतनय दवारा सऩादित तरिदिवसीय मदराचचकितसा सि 43

39 खचरी मदरा-

भनटम की जीब (तजहवा) दो तयह की होती ह- रॊफी औय छोटी रॊफी जीब को सऩमतजहवा कहत ह कछ रोगो की जीब रॊफी होन स व उस आसानी स नाशसकागर ऩय रगा सकत ह औय खियी-भदरा कय सकत ह भगय तजसकी जीब छोटी होती ह उस तकरीपो का साभना कयना ऩड़ता ह सफस ऩहर उनह अऩनी जीब रॊफी कयनी ऩड़ती ह औय उसक शरए घषमण व दोहन का सहाया रना ऩड़ता ह जीब नीि की ओय स तजस नाड़ी स जड़ी होती ह उस काटना ऩड़ता ह खियी भदरा को शसदध कयन एवॊ अभत क सराव हत आवशमक उददीऩन भ कछ वषम बी रग सकत ह मह वमततत की मोनमता ऩय बी तनबमय कयता ह मोग भ कछ भदराएॊ ऐसी ह तजनह शसपम मोगी ही कयत ह साभानमजनो को इनह नहीॊ कयना िादहए खियी भदरा साधको क शरए भानी गई ह ववचध - इसक शरए जीब औय तार को जोड़न वार भाॊस-तॊत को धीय-धीय काटा जाता ह अथामत एक ददन जौ बय काटकय छोड़ ददमा जाता ह कपय तीन-िाय ददन फाद थोड़ा-सा औय काट ददमा जाता ह इस परकाय थोड़ा-थोड़ा काटन स उस सथान की यतत शशयाएॊ अऩना सथान बीतय की तयप फनाती जाती ह जीब को काटन क साथ ही परततददन धीय-धीय फाहय की तयप खीॊिन का अभमास ककमा जाता ह इसका अभमास कयन स कछ भहीनो भ जीब इतनी रॊफी हो जाती ह कक मदद उस ऊऩय की तयप रौटा (उसटा कयन) ददमा जाए तो वह शवास जान वार छदो को बीतय स फॊद कय दती ह इसस सभाचध क सभम शवास का आना-जाना ऩणमत योक ददमा जाता ह ऱाभ इस भदरा स पराणामाभ को शसदध कयन औय साभचध रगान भ ववशष सहामता शभरती ह साधनायत साधओॊ क शरए मह भदरा फहत ही राबदामी भानी

अनतबोध चतनय दवारा सऩादित तरिदिवसीय मदराचचकितसा सि 44

जाती ह ववशषता तनयॊतय अभमास कयत यहन स तजफ जफ रॊफी हो जाती ह तफ उस नाशसका यनरो भ परवश कयामा जा सकता ह इस परकाय धमान रगान स कऩार भागम एवॊ तरफ ॊद ववसगम स सॊफॊचधत कछ गरॊचथमो भ उददीऩन होता ह तजसक ऩरयणाभसवरऩ अभत का सराव आयॊब होता ह उसी अभत का सराव होत वतत एक ववशष परकाय का आधमाततभक अनबव होता ह इस अनबव स शसवदध औय सभाचध भ तजी स परगतत होती ह चतावनी मह आरख शसपम जानकायी हत ह कोई बी वमततत इस ऩढ़कय कयन का परमास न कय तमोकक मह शसपम साधको क शरए ह आभ रोगो क शरए नहीॊ

40 अकzwj वनी मदरा- इस भदरा स साधक भ घोड़ो जसी शततत आ जाती ह तजस lsquoहॉसम ऩॉवयrsquo कहत ह|

ववचध - इस भदरा भ गदा-दवाय का फाय-फाय सॊकोिन औय परसाय ककमा जाता ह| इसी स भदरा की शसवदध हो जाती ह| इसक दवाया कणडशरनी जागयण भ सगभता यहती ह औय अनक योग नटट होकय शायीरयक फर की ववदध होती ह|

ऱाभ - अतश वनी भदरा शसदध होन स साधक की अकारभतम कबी नहीॊ होती| गदा औय उदय स सॊफॊचधत योगो का इसक दवाया शभन होता ह तथा दीघमजीवन की उऩरतबध होती ह| तरफना भरफॊध क अतश वनी भदरा नहीॊ हो सकती| 41 बजरौऱी मदरा- फजरौरी भदरा बी भरफॊध का अचछा अभमास ककए तरफना ककसी परकाय सॊबव नहीॊ ह| मह भदरा कवर मोगी क शरए ही नहीॊ बोगी क शरए बी अतमॊत राबकायी ह|

अनतबोध चतनय दवारा सऩादित तरिदिवसीय मदराचचकितसा सि 45

ववचध - इस भदरा भ ऩहर दोनो ऩाॊवो को बशभ ऩय दढ़ताऩवमक दटकाकय दोनो ऩाॊवो को धीय-धीय दढ़ताऩवमक ऊऩय आकाश भ उठा द| इसस तरफॊद-शसवदध होती ह| शकर को धीय-धीय ऊऩय की आकॊ िन कय अथामत इॊददरम क आॊकिन क दवाया वीमम को ऊऩय की ओय खीॊिन का अभमास कय तो मह भदरा शसदध होती ह| ववदवानो का भत ह कक इस भदरा क अभमास भ सतरी का होना आवशमक ह तमोकक बग भ ऩततत होता हआ शकर ऊऩय की ओय खीॊि र तो यज औय वीमम दोनो ही िढ़ जात ह| मह ककरमा अभमास स ही शसदध होती ह| कछ मोगािामम इस परकाय का अभमास शकर क सथान ऩय दनध स कयना फतात ह| जफ दनध खीॊिन का अभमास शसदध हो जाए तफ शकर को खीॊिन का अभमास कयना िादहए| वीमम को ऊऩय खीॊिनवारा मोगी ही ऊधवमयता कहराता ह| ऱाभ - इस भदरा स शयीय रटट-ऩटट तजसवी सॊदय सडौर औय जया-भतम यदहत होता ह| शयीय क सबी अवमव दढ़ होकय भन भ तनश िरता की परातपत होती ह| इसका अभमास अचधक कदठन नहीॊ ह| मदद गहसथ बी इसक कय तो फरवदधमन औय सौदममवदधमन का ऩया राब परापत कय सकत ह चतावनी मह आरख शसपम जानकायी हत ह कोई बी वमततत इस ऩढ़कय कयन का परमास न कय तमोकक मह शसपम साधको क शरए ह आभ रोगो क शरए नहीॊ

साधना कयनवार वमततत क शरए मह आवशमक ह कक वह साधना भ कातमक वाचिक औय भानशसक ककरमाओॊ ऩय ऩया तनमॊतरण यख तथा सभम-सभम ऩय उचित ताॊतरतरक परककरमाओॊ का बी सभनवम कयता यह| इस दतटट स तजस परकाय आसन ऩातरासादन अिमन आदद भ ककरमाओॊ का ववधान ह उसी परकाय उनक साथ कछ भदरा फनान का ववधान ह| म भदराएॊ भखम रऩ-स हाथ औय उसकी उॊगशरमो क परमोग स फनती ह| जस हभाया शयीय ऩॊिततवभम ह| अत शासतरकायो न कहा ह कक इन उॊगशरमो क परमोग स इन ततवो की नमनाचधकता दय की जा

अनतबोध चतनय दवारा सऩादित तरिदिवसीय मदराचचकितसा सि 46

सकती ह तथा ततवो की सभता-ववषभता स होनवारी कभी को उॊगशरमो की भदरा स सभ फनामा जा सकता ह| इतना ही नहीॊ ऐसी भदराओॊ क सहमोग स उन ततवो को सवचछाऩवमक घटामा-फढ़ामा बी जा सकता ह| म ततव करभश अॊगटठ भ अतनन तजमनी भ वाम भधमभा भ आकाश अनाशभका भ ऩथवी औय कतनतटठका भ जर क रऩ भ ववदमभान यहत ह| दवताओॊ की परसननता चितत की शवदध औय ववववध योगो क नाश भ भदराओॊ स फड़ी सहामता शभरती ह| भदराततव को सभझकय परतमक मोगी को इनका साधन कयना िादहए| कणडशरनी शततत क जागयण भ इन भदराओॊ स सहामता शभरती ह| महाॊ हभन तजन भदराओॊ का वणमन एवॊ चितरण ककमा ह उसभ परतमक मोगी साधक को ऩरयचित होना िादहए|

अनतबोध चतनय दवारा सऩादित तरिदिवसीय मदराचचकितसा सि 47

मोग अनसाय आसन औय पराणामाभ की तसथतत को भदरा कहा जाता ह फॊध ककरमा औय भदरा भ आसन औय पराणामाभ दोनो का ही कामम होता ह मोग भ भदराओॊ को आसन औय पराणामाभ स बी फढ़कय भाना जाता ह भदरा दो तयह की होती ह- ऩहरी हसत भदरा अथामत हाथो औय उसकी अॊगशरमो को ववशष आकतत भ फनाना औय दसयी आसन भदरा अथामत तजसभ ऩया शयीय ही सॊिाशरत होता ह

Page 13: 235347477 Mudra Chikitsa Swami Ananta Bodha Chaitanya

अनतबोध चतनय दवारा सऩादित तरिदिवसीय मदराचचकितसा सि 13

7 सयय मदरा

ववचध दोनो हाथो की अनाशभका अॊगशरमो को अॊगठो क भर भ रगाकय अॊगठ स दफाकय फाकी अॊगशरमो को सीधा कयक यख अफ हाथो को घटनो ऩय यख र हथशरमो का रख ऊऩय की ओय यहगा कभय-गदमन सीधी यख कय आॊख फॊद कय धमान की तसथतत भ फठ जाएॊ ऱाभ मह भदरा भोटाऩा कभ कय वजन घटाती ह शयीय भ ऊटणता फढ़ाती ह शततत का ववकास कयती ह कॉरसरॉर फढ़न नहीॊ दती भधभह व रीवय क योग भ राब ऩहॊिाती ह शयीय को सॊतशरत कय दती ह नोट कभजोय वमततत इसका अभमास न कय गभी भ इसका अभमास कभ ही कय

अनतबोध चतनय दवारा सऩादित तरिदिवसीय मदराचचकितसा सि 14

8 वरण मदरा

ववचध दोनो हाथो की कतनटठा अॊगशरमो को अॊगठो क अगरबाग ऩय रगाकय फाकी अॊगशरमो को सीधा यखन स मह भदरा फनती ह अफ हाथो को घटनो ऩय यख र हथशरमो का रख ऊऩय की ओय यहगा कभय-गदमन सीधी यख कय आॊख फॊद कय धमान की तसथतत भ फठ जाएॊ ऱाभ मह िभमयोग यतत ववकाय दय कयती ह शयीय भ रखाऩन दय कय तविा को िभकीरी व भरामभ फनान भ सहामक ह िहय की सॊदयता को फढ़ा दती ह नोट कप परकतत वार वमततत इसका अभमास जमादा न कय

अनतबोध चतनय दवारा सऩादित तरिदिवसीय मदराचचकितसा सि 15

9 जऱोिर नाशि-

ववचध कतनटठा को अॉगठ क जड़ भ रगाकय अॉगठ स दफाम राब- जर तततव की अचधकता स होन वार सबी योगसजन जरोदय आदद भ ववशष राब होता

ह योग शानत होन तक ही कय

अनतबोध चतनय दवारा सऩादित तरिदिवसीय मदराचचकितसा सि 16

10 पराण मदरा -

ववचध अॊगठ स तीसयी अनाशभका तथा िौथी कतनतटठका अॉगशरमो क ऩोयो को एकसाथ अॊगठ क ऩोय क साथ शभराकय शष दोनो अॉगशरमो को अऩन सीध भ खडा यखन स जो भदरा फनती ह उस पराण भदरा कहत ह राब - हरदम योग भ याभफाण तथा नतरजमोतत फढान भ मह भदरा ऩयभ सहामक हसाथ ही मह पराण शततत फढ़ान वारा बी होता हपराण शततत परफर होन ऩय भनटम क शरए ककसी बी परततकर ऩरयतसथततमो भ धममवान यहना अतमॊत सहज हो जाता हवसतत दढ पराण शततत ही जीवन को सखद फनाती ह इस भदरा की ववशषता मह ह कक इसक शरए अवचध की कोई फाधमता नहीॊइस कछ शभनट बी ककमा जा सकता ह

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11 अऩान मदरा

ववचध दोनो हाथो की भधमभा तथा अनाशभका अॊगशरमो को अॊगठ क अगरबाग स रगाकय फाकी अॊगशरमो को सीधी यख अफ हाथो को घटनो ऩय यख र हथशरमो का रख ऊऩय की ओय यहगा कभय-गदमन सीधी यख कय आॊख फॊद कय धमान की तसथतत भ फठ जाएॊ ऱाभ कबज भधभह ककडनी ववकाय वाम ववकाय फवासीय को दय कयन भ सहामक ह शयीय को शदध कय नाड़ी दोषो को दय कयन वारी ह भतर का अवयोध दय कय दाॊतो को भजफत कयती ह ऩसीना बी राती ह नोट इस भदरा क अभमास स भतर अचधक आन रगता ह

अनतबोध चतनय दवारा सऩादित तरिदिवसीय मदराचचकितसा सि 18

12 वयान मदरा-

ववचध- हाथ की भधमभा अॊगरी क आग क बाग को अॊगठ क आग क बाग स शभरान औय तजमनी अॊगरी को फीि की अॊगरी क नाखन स छआएॊ फाकी फिी सायी अॊगशरमाॊ सीधी यहनी िादहए इसी को वमान भदरा कहा जाता ह अवचध- इस भदरा को सफह 15 शभनट औय शाभ को 15 शभनट तक कयना िादहए ऱाभ- वमान भदरा को कयन स ऩशाफ सॊफॊधी सबी योग दय होत ह जस- ऩशाफ जमादा आना ऩशाफ भ िीनी आना ऩशाफ क साथ घात आना ऩशाफ रक-रक कय आना आदद योग सभापत हो जात ह इसक अरावा इस भदरा क तनमशभत अभमास स भधभह परभह औय सवपनदोष बी दय होता ह तसतरमो क शरए मह भदरा सफस जमादा राबदामक फताई गई ह इस भदरा को कयन स तसतरमो क साय योग सभापत हो जात ह

अनतबोध चतनय दवारा सऩादित तरिदिवसीय मदराचचकितसा सि 19

13 उिान मदरा-

ववचध - ऩहरी भधमभा औय अनाशभका उॊगरी क आग क बाग को अॊगठ क आग क बाग स रगाएॊ इस उदान भदरा कहत ह इसका सॊफॊध कॊ ठ स भतसतटक तक होता ह मह ववशवदध िकर को परवादहत कयता ह

राब - इसस भन शाॊत होता ह औय थामयॉइड सॊफॊधी सबी योगो भ राब ऩहॊिता ह

सभमावचध - इस भदरा को बी कवर 15 स 45 शभतनट तक ही कयना िादहए

अनतबोध चतनय दवारा सऩादित तरिदिवसीय मदराचचकितसा सि 20

14 सभान भदरा

ववचध - हाथ की िायो उॊगशरमो औय अॊगठ क अगरबाग को शभरा कय ऊऩय की तयप यखन स सभान भदरा फनती ह इस भदरा भ ऩाॊिो ततव शभर जात ह

राब ndash मह भदरा हभाय वविायो को आधमाततभक फनाती ह फय वविाय दय होत ह

अनतबोध चतनय दवारा सऩादित तरिदिवसीय मदराचचकितसा सि 21

15 हिय मदरा

ववचध दोनो हाथो की तजमनी अॊगशरमो को अॊगठो क भर भ रगाकय भधमभा व अनाशभका अॊगशरमो को अॊगठ क अगरबाग ऩय रगा द व छोटी अॊगरी को सीधा कयक यख अफ हाथो को घटनो ऩय यख र हथशरमो का रख ऊऩय की ओय यहगा कभय-गदमन सीधी यख कय आॊख फॊद कय धमान की तसथतत भ फठ जाएॊ ऱाभ मह भदरा रदम योगो भ ववशष रऩ स राबकायी ह परततददन 10-15 शभनट अभमास स रदम भजफत होता ह गस फनना शसयददम असथभा व उचि यततिाऩ भ राबकायी ह सीदढ़मो ऩय िढ़न स ऩहर ही अगय मह भदरा रगा री जाए औय इस भदरा क साथ ही सीदढ़माॊ िढ़ी जाएॊ तो साॊस नहीॊ परती

अनतबोध चतनय दवारा सऩादित तरिदिवसीय मदराचचकितसा सि 22

16 लऱग मदरा

ववचध- फाएॉ हाथ का अॊगठा सीधा खडा कय दादहन हाथ स फाएॊ हाथ कक अॉगशरमो भ ऩयसऩय पॉ सात हए दोनो ऩॊजो को ऐस जोड कक दादहना अॊगठा फाएॊ अॊगठ को फहाय स आवतत कय र इस परकाय जो भदरा फनगी उस अॊगटठ भदरा कहग राब - अॊगठ भ अतनन ततव होता हइस भदरा क अभमास स शयीय भ उटभता फढ़न रगती हशयीय भ जभा कप ततव सखकय नटट हो जाता हसदी जकाभखाॊसी इतमादद योगो भ मह फड़ा राबदामी होता हकबी मदद शीत परकोऩ भ आ जाएॉ औय शयीय भ ठणड स कॊ ऩकॊ ऩाहट होन रग तो इस भदरा का परमोग तवरयत राब दता ह

अनतबोध चतनय दवारा सऩादित तरिदिवसीय मदराचचकितसा सि 23

17 शख मदरा-

ववचध - फाएॊ हाथ क अॊगठ को दोनो हाथ की भटठी भ फॊद कयक फाएॊ हाथ की तजमनी उॊगरी को दादहन हाथ क अॊगठ स शभरान स शॊख भदरा फनती ह| इस भदरा भ फाएॊ हाथ की फाकी तीन उॊगशरमो क ऩास भ सटाकय दाएॊ हाथ की फॊद उॊगशरमो ऩय हसका-सा दफाव ददमा जाता ह| इसी परकाय हाथ फदरकय अथामत दाएॊ हाथ क अॊगठ को फाएॊ हाथ की भटठी भ फॊद कयक शॊख भदरा फनाई जाती ह| इस भदरा भ ऱाभ - अॊगठ का दफाव हथरी क फीि क बाग ऩय औय भटठी की तीन उॊगशरमो का दफाव शकर ऩवमत ऩय ऩड़ता ह तजसस हथरी भ तसथत नाशब औय थाइयॉइड (ऩतसरका) गरॊचथ क क दर दफत ह| ऩरयणाभसवरऩ नाशब औय थाइयॉइड गरॊचथ क ववकाय ठीक होत ह|

अनतबोध चतनय दवारा सऩादित तरिदिवसीय मदराचचकितसा सि 24

शॊख भदरा का नाशब िकर स तनकट का सॊबॊध ह इसशरए शायीय क सनामतॊतर ऩय ववशष कामम कयती ह अत अनत औय फाहम सवासथम भ फहत राबकायी ह

मह ऩािन तॊतर को उततभ फनाती ह

तनमशभत कयन स बख फढान भ भदद शभरती ह

मह भदरा फोरत सभम उचिायण क दोषो को दय कयन भ फहत परबावी ह जस ततराना हकराना आदद दोष तनमभतत परमोग स दय हो जात ह

सॊगीत की साधना कयन वारो क शरए ववशश राबकायी ह वाणी को भधय फनाती ह

मह भदरा ऩजन भ बी परमतत होती ह| इसका परमोग रॊफ सभम तक ककमा जा सकता ह| इस भदरा का नाशबिकर स ववशष समफनध ह तजसक कायण नाशब स सॊफॊचधत शयीय की नाडड़मो ऩय सकषभ औय सवासथमवधमक परबाव ऩड़ता ह तथा सनामभणडर शतततशारी फनती ह|

अनतबोध चतनय दवारा सऩादित तरिदिवसीय मदराचचकितसा सि 25

18 योनन मदरा-

मौचगक दतटट स अऩन अॊदय कई परकाय क यहसम तछऩाए यखनवारी भदरा का वासतववक नाभ lsquoमोतन भदराrsquo ह| तत मोग क अनसाय कवर हाथो की उॊगशरमो स भहाशततत बगवती की परसननता क शरए मोतन भदरा परदशशमत कयन की आऻा ह| परतम रऩ स इसका परबाव रॊफी मोग साधना क अॊतगमत तॊतर-भॊतर-मॊतर साधना स बी दतटटगोिय होता ह| इस भदरा क तनयॊतय अभमास स साधक की पराण-अऩान वाम को शभरा दनवारी भरफॊध ककरमा को बी साथ कयन स जो तसथतत फनती ह उस ही मोतन भदरा की सॊऻा दी ह| मह फड़ी िभतकायी भदरा ह| ऩदमासन की तसथतत भ फठकय दोनो हाथो की उॊगशरमो स मोतन भदरा फनाकय औय ऩवम भरफॊध की तसथतत भ सममक बाव स तसथत होकय पराण-अऩान को शभरान की परफर बावना क साथ भराधाय सथान ऩय मौचगक सॊमभ कयन स कई परकाय की शसवदधमाॊ परापत हो जाती ह|

अनतबोध चतनय दवारा सऩादित तरिदिवसीय मदराचचकितसा सि 26

ऋवषमो का भत ह कक तजस मोगी को उऩयोतत तसथतत भ मोतन भदरा का रगाताय अभमास कयत-कयत शसवदध परापत हो गई ह उसका शयीय साधनावसथा भ बशभ स आसन सदहत ऊऩय अधय भ तसथत हो जाता ह| सॊबवत इसी कायण आदद शॊकयािाममजी न अऩन मोग यतनावरी नाभक ववशष गरॊथ भ भरफॊध का उसरख ववशष रऩ स ककमा ह|

19 धन मदरा -

बायतीम ऩयॊऩया भ धन गाम को कहा जाता ह औय मह दहनद धभम क साततवक औय भहानता का परतीक ह धन भदरा फनात सभम हाथो की उॊगशरमा गाम क थनो जसी हो जाती ह जस गाम क थनो स दध ऩीकय शयीय ऩटट फनता ह वस ही धन भदरा कयन स बी शयीय रटट ऩटट फनता ह

ववचध - अनमोनमाशबभखॊ तशरटटाकतनटठानाशभका ऩन

अनतबोध चतनय दवारा सऩादित तरिदिवसीय मदराचचकितसा सि 27

तथा ि तजमतनभधमा धन भदरा अभत परदा ( कारी तॊतर )

अऩन दोनो हाथो की अॊगशरमो क ऩोयो को एक साथ शभरा र कपय फाम हाथ की तजमनी ऊॊ गरी को दाएॊ हाथ की फीि वारी उॊगरी स छआए इसक फाद दाएॊ हाथ की तजमनी उॊगरी को फाम हाथ की फीि वारी उॊगरी स छआम ऐस ही फाम हाथ की अनाशभका उॊगरी को दाएॊ हाथ की सफस छोटी उॊगरी स शभराएॊ अॉगठो को खरा छोड़ द हाथ की अॊगशरमो को नीि की तयप कयन स अॊगशरमो की आकतत गाम क धनो जसी हो जाती ह इसी कायण इस धन भदरा कहत ह

सभम - इस भदरा का अभमास धीय धीय फढ़ाए ऩहर 1 स 15 शभतनट औय फाद भ 15 स 30 तथा जफ अचछी तयह मह भदरा अभमास भ आ जाए तफ इस भदरा को 45 शभतनट तक कय सकत ह

राब - धन भदरा स ऩािन तॊतर भजफत होता ह औय शयीय ताकतवय व सवसथ फनता ह मह ऩट क योगो क शरए याभफाण भदरा ह मोग साधना भ फहत ही उऩमोगी भदरा कहराती ह तॊतर एवॊ कभमकाॊड भ बी धन भदरा का परमोग ह ह ऩयानी भानमता क अनसाय मह अभत ततव को दन वारी भदरा ह मह भदरा वात वऩतत तथा कप को सॊतशरत कयती ह

अनतबोध चतनय दवारा सऩादित तरिदिवसीय मदराचचकितसा सि 28

20 मगी मदरा-

भग दहयन को कहा जाता ह मऻ क दौयान होभ की जान वारी साभगरी को इसी भदरा भ होभ ककमा जाता ह पराणामाभ ककए जान क दौयान बी इस भदरा का उऩमोग होता ह धमान कयत वतत बी इस भदरा का इसतभार ककमा जाता ह मह भदरा फनात वतत हाथ की आकतत भग क शसय क सभान हो जाती ह इसीशरए इस भगी भदरा कहा जाता ह मह एक हसत भदरा ह ववचध अऩन हाथ की अनाशभका औय भधमभा अॊगरी को अॊगठ क आग क बाग को छआ कय फाकी फिी तजमनी औय कतनटठा अॊगरी को सीधा तान दन स भगी भदरा फन जाती ह योग आसन - इस दौयान उतकटासन सखासन औय उऩासना क सभम इसतभार होन वार आसन ककए जा सकत ह

अनतबोध चतनय दवारा सऩादित तरिदिवसीय मदराचचकितसा सि 29

समय- इस भदरा को सववधानसाय कछ दय तक कय सकत ह औय इस तीन स िाय फाय ककमा जा सकता ह ऱाभ- भगी भदरा कयत सभम अॊगठ क ऩोय औय अॊगशरमो क जोड़ ऩय दफाव ऩड़ता ह उतत दफाव क कायण शसयददम औय ददभागी ऩयशानी भ राब शभरता ह एतमपरशय चिककतसा क अनसाय उतत अॊगशरमो क अॊदय दाॊत औय सामनस क तरफ ॊद होत ह तजसक कायण हभ दाॊत औय सहनस योग भ बी राब शभरता ह ववशष- भाना जाता ह कक इस भदरा को कयन स सोिन औय सभझन की शततत का ववकास बी होता ह भगी भदरा शभगी क योचगमो क शरए फहत ही राबकायी ह

21 यमहररमदरा

ववचध -सवम परधभ आऩ अऩन दोनो हाथो की सफस छोटी अॊगरी अथामत कतनटठा को आऩस भ एक दसय क परथभ ऩोय स शभरा द इसी क साथ दोनो अॊगठ को बी आऩस भ शभरा द अफ तीन अॊगशरमाॊ फाकी यह जाएॊगी- भध मभा तजमनी औय अनाशभका इन तीनो अॊगशरमो को हथरी की ओय भोड़कय भटठी जसा फनाइए अॊगशरमो की इस तसथतत को मभ हरयभदरा कहत ह

अनतबोध चतनय दवारा सऩादित तरिदिवसीय मदराचचकितसा सि 30

ऱाभ - मभहरयभदरा क तनमशभत अभमास स नाडड़मो को शततत शभरती ह इस भदरा क तनयॊतय अभमास स ऩट क योग जस- कबज बख ना रगना औय तजगय की कभजोयी दय होती ह इस भदरा स तसतरमो क सतनो क साय योगो भ बी राब शभरता ह मभ हरयभदरा को परततददन 5 शभनट सफह औय 5 शभनट शाभ को कय आऩ इसक कयन का सभम फढ़ाकय 10 शभनट तक कय सकत ह परततददन कभ स कभ ऩाॊि भदराएॊ अऩनी सववधानसाय कयनी िादहए भदराओॊ स सबी योगो भ राब ऩामा जा सकता ह मदद उनका मोग शशक स ऩछकय तनमशभत अभमास ककमा जाए भदराएॊ खासकय उन रोगो क शरए पामदभॊद सातरफत होती ह जो मोगासन कयन भ असभथम ह

22 ऩषऩाजलऱ मदरा-

अनतबोध चतनय दवारा सऩादित तरिदिवसीय मदराचचकितसा सि 31

मह भहतवऩणम हसत मोग भदरा ह जस दआ भ हाथ उठात ह मा ऩटऩ अऩमण कयत ह तफ मह भदरा फनती ह जसा कक इसका नाभ ह ऩटऩाॊजशर इसी स मह शसदध होता ह कक मह भदरा ककस परकाय की होगी ववचध- दोनो हाथो की अॊगशरमो औय अॊगठ को आऩस भ शभरा भखणफदध को बी शभरा र कपय दोनो हाथो की छोटी अॊगशरमो को एक साथ शभराकय ऐसी आकतत फना र कक जस हभ ककसी बगवान को पर िढ़ात सभम फनात ह इस ही ऩटऩाॊजशर भदरा कहत ह

ऱाभ- ऩटऩाॊजरी भदरा क तनयॊतय अभमास स नीॊद अचछी तयह स आन रगती ह आतभववशवास फढ़ता ह

23 यज भदरा-

अनतबोध चतनय दवारा सऩादित तरिदिवसीय मदराचचकितसा सि 32

यज भदरा कवर तसतरमो क शरए ह ऐसा नहीॊ फतसक अगय ऩरष इस भदरा को कयत ह तो उनक वीमम सॊफॊधी सभसत योग दय हो जात ह ववचध- यज भदरा फनाना फहत ही आसान ह कतनटठा (छोटी अॊगरी) अॊगरी को हथरी की जड़ भ भोड़कय रगान स यज भदरा फन जाती ह ऱाभ- यज भदरा स तसतरमो क भाशसक धभम सॊफॊधी योग दय होत ह इसक अरवा शसय भ बायीऩन यहना छाती भ ददम ऩट ऩीठ कभय का ददम आदद योग बी यज भदरा कयन स दय हो जात ह सतरी क साय परजनन अॊगो की ऩयशातनमो को म भदरा तरफसकर दय कय दती ह

24 अदिती मदरा-

ववचध- अॊगठ क आग क बाग को अनाशभका (छोटी उॊगरी क साथ वारी उॊगरी) उॊगरी की जड़ भ टढ़ा रगान स अददती भदरा फन जाती ह

ऱाभ- इस भदरा को कयन स हय सभम उफासी आना जमादा छीॊक आना जस योगो को दय ककमा जा सकता ह

अनतबोध चतनय दवारा सऩादित तरिदिवसीय मदराचचकितसा सि 33

समय- अददती भदरा को ददन भ 3-4 फाय 15-15 शभनटो क शरए कय सकत ह

25 हसी मदरा-

जस हॊस नीय ीय वववक की साभथमम यखता ह वस इस भदरा क कयन स सोिन औय तवरयत तनणमम की भता फढती ह मदरा िी ववचध - सखासन मा उतकटासन भ फठकय अऩन हाथ की सबी सफस छोटी अॊगरी को छोड़कय अॊगशरमो को अॊगठ क आग क बाग को दफान स हॊसी भदरा फन जाती ह अवचध- इस भदरा को परयॊब भ 5-8 शभनट स कयक 30-48 शभनट तक कय सकत ह मदरा िा ऱाभ- इस भदरा तनमशभत अभमास स वववक फढ़ता ह अथामत इसस सोिन-सभझन की शततत फढ़ती ह औय इसस शयीय का बायीऩन सभापत हो जाता ह

अनतबोध चतनय दवारा सऩादित तरिदिवसीय मदराचचकितसा सि 34

ववशषता- भाना जाता ह कक इस भदरा का तनमशभत अभमास कयन स याजशसक ताकत फढ़ती ह औय वमततत धन सॊऩनन फना यहता ह सावधानी - इस भदरा को कयत सभम ककसी बी परकाय का भॊतर नहीॊ जऩना िादहए औय ना ही कोई अनम धाशभमक उऩकरभ कय

26 हसतऩात मदरा-

ववचध- इस भदरा को कयन क शरए आऩ अऩन दोनो हाथो की हथरी क ऩीछ क बाग को आऩस भ अॊगशरमो सदहत शभरा द इस आकतत को हसतऩात भदरा कहा जाता ह मह नभसकाय भदरा जसा ही ह रककन इसभ हथरी क ऩटठ बाग को शभरा ददमा जाता ह ऱाभ- इस हसतऩात भदरा को कयन स शवास औय गर क क साय योग भ फहत राब शभरता ह तजन तसतरमाॊ मदद इसका तनमशभत अभमास कयती ह तो इसस उनक सतन सड़ौर सॊदय औय सवसथ हो जात ह तजन तसतरमो क सतन छोट ह ढीर ह मा उनक सतनो भ दध नहीॊ आता ह तो मह भदरा उनक शरए फहत राबकायी शसदध हो सकती ह

27 धयान मदरा

ववचध- ऩदमासन भ फठकय फाएॊ हाथ की हथरी ऩय दाएॊ हाथ की हथरी को (उसट हाथ ऩय सीध हाथ को) हसक स यखन स धमान भदरा फनती ह| धमान यख कक इस भदरा भ शसय गदमन एवॊ यीढ़ की हडडी सीधी यह| आॊख औय होठ सहज स फनद यह| धमान अऩन इटटदव क सवरऩ ऩय दटकाएॊ अथवा कामोतसगम कय अथामत शयीय स

अनतबोध चतनय दवारा सऩादित तरिदिवसीय मदराचचकितसा सि 35

सभता यखत हए कछ दय क शरए वविाय यदहत अवसथा भ यहन का परमास कय| अटटाॊग मोग (मभ तनमभ पराणामाभ परतमाहाय धायणा धमान औय सभाचध) क एक अॊग lsquoधमानrsquo की साधना भ मह भदरा ववशष रऩ स सहामक शसदध हई ह| ऱाभ - जो वमततत ऩदमासन नहीॊ कय सकत उनह धमान भदरा सखासन मा सवतसतक अथवा ऩारथी आसन भ कयना िादहए| मह सहज भदरा ह| सहज धमान भदरा को साधायण वमततत अचधक रमफ सभम तक सयरता स कय सकता ह| इसस धमान भदरा क राब बी शभर जात ह| धमान भदरा भ मदद हथशरमाॊ एक दसय ऩय यखन क फाद दोनो हथशरमाॊ ऻान भदरा की तसथतत भ यखी जाएॊ तो धमान भदरा तथा ऻान भदरा क सतमभशरत राब क साथ ऩदमासन क राब बी शभर जात ह| साधक क शरए धमान भदरा भ सभम की कोई सीभा नहीॊ ह| रककन सहजता क साथ ऩदमासन कयन की भता क अनरऩ धमान भदरा का अभमास कयना िादहए| साधायण वमततत को इस धीय-धीय फढ़ात हए कभ-स-कभ २० शभनट स एक घॊट तक कयना िादहए| धमान भदरा न कय सकन की अवसथा भ सहज धमान भदरा कयक राब उठाना िादहए| भन की िॊिरता शाॊत होकय चितत की एकागरता फढ़ती ह| साततवक वविायो की उतऩततत होती ह औय परब बजन भ भन रगता ह|

धमान क परबाव स साधक को धमान की उचितय तसथतत भ ऩहॊिन भ सहामता शभरती ह| आतभ साातकाय औय ईश वय क साातकाय भ मह भदरा सहामक ह|

28 शामभवी मदरा-

आॉख खरी हो रककन आऩ दख नहीॊ सकत ऐसी तसथतत जफ सध जाती ह तो उस शामबवी भदरा कहत ह ऐसी तसथतत भ आऩ नीॊद का भजा बी र सकत ह मह फहत कदठन साधना ह इसक ठीक उसटा कक जफ आॉख फॊद हो तफ आऩ दख

अनतबोध चतनय दवारा सऩादित तरिदिवसीय मदराचचकितसा सि 36

सकत ह मह बी फहत कदठन साधना ह रककन मह दोनो ही सॊबव ह असॊबव कछ बी नहीॊ फहत स ऐस ऩश औय ऩी ह जो आॉख खोरकय ही सोत ह ववचध- मदद आऩन तराटक ककमा ह मा आऩ तराटक क फाय भ जानत ह तो आऩ इस भदरा को कय सकत ह सवमपरथभ शसदधासन भ फठकय यीढ़-गदमन सीधी यखत हए ऩरको को तरफना झऩकाएॉ दखत यह रककन धमान ककसी बी िीज को दखन ऩय ना यख ददभाग तरफसकर बीतय कहीॊ रगा हो

ऱाभ- शामबवी भदरा को कयन स ददर औय ददभाग को शाॊतत शभरती ह मोगी का धमान ददर भ तसथय होन रगता ह आॉख खरी यखकय बी वमततत नीॊद औय धमान का आनॊद र सकता ह इसक सधन स वमततत बत औय बववटम का ऻाता फन सकता ह सऱाह- शामबवी भदरा ऩयी तयह स तबी शसदध हो सकती ह जफ आऩकी आॉख खरी हो ऩय व ककसी बी िीज को न दख यही हो ऐसा सभझ की आऩ ककसी धन भ जी यह हो आऩको खमार होगा कक कबी-कबी आऩ कहीॊ बी दख यह होत ह रककन आऩका धमान कहीॊ ओय यहता ह समय- इस भदरा को शरआत भ तजतनी दय हो सक कय औय फाद भ धीय-धीय इसका अभमास फढ़ात जाएॉ

अनतबोध चतनय दवारा सऩादित तरिदिवसीय मदराचचकितसा सि 37

29 शकततचालऱनी मदरा- ववचध - आठ अॊगर रॊफा औय िाय अॊगर िौड़ा भरामभ वसतर रकय नाशब ऩय रगाएॊ औय कदटसतर भ फाॊध र| कपय शयीय भ बसभ यभाकय शसदधासन भ फठ औय पराण को अऩान स मतत कय| जफ तक गहम दवाय स िरती हई वाम परकाशशत न हो इस सभम तक गहम दवाय को सॊकचित यख| इसस वाम का जो तनयोध होता ह उसभ कमबक क दवाया कणडशरनी शततत जागरत होती हई सषमना भागम स ऊऩय जाकय खड़ी हो जाती ह| मोगभदरा स ऩहर इसका अभमास कयन ऩय ही मोतन भदरा की ऩणम शसवदध होती ह| ऱाभ - इस भदरा स कणडशरनी शततत का जागयण होता ह| जफ तक मह सोती ह तफ तक सबी आॊतरयक शतततमाॊ सपत ऩड़ी यहती ह| इसशरए कणडशरनी का जागरत होना साधक क शरए फहत आवशमक ह| पराण-अऩान को सॊमतत कयन की ककरमा पराणवाम को ऩयक दवाया बीतय खीॊिन औय उडडीमान फॊध स अऩान वाम को ऊऩय की ओय आकवषमत कयन स ऩणम होती ह| इसभ गहम परदश क सॊकोि औय ववसताय का अभमास होन स अचधक सयरता हो सकती ह| 30 तड़ागी मदरा- ववचध - दोनो ऩाॊवो को दणड क सभान धयती ऩय ऩसाय र औय हाथो स उनक अॊगठो को ऩकड़न तथा दोनो जाॊघो ऩय शसय को सथावऩत कय साथ ही उदय को तड़ाग (सयोवय) क सभान कय र| ऱाभ - मह भदरा अनक योगो औय वदधावसथा को बी दय कयन भ सहामक शसदध होती ह|

अनतबोध चतनय दवारा सऩादित तरिदिवसीय मदराचचकितसा सि 38

31 माणडवी मदरा- ववचध - भख को फॊद कयक जफान को तार भ घभाएॊ औय सहसराय स टऩकत हए सधायस को जफान स धीय-धीय ऩीन का मतन कय| मही भाणडवी (मा भाणडकी) भदरा ह| ऱाभ - इसक दवाया फारो की सपदी उनका झड़ना शयीय ऩय झरयममो भॊहासो आदद का ऩड़ना तथा तनफमरता आदद दय होकय चिय-मौवन की परातपत होती ह| इसस यसोतऩादन होकय अभततव की उऩरतबध होना सॊबव हो जाता ह| 32 ऩालशनी मदरा ववचध- दोनो ऩाॊवो को कॊ ठ क ऩीछ की ओय र जाकय उनह ऩयसऩय शभराएॊ औय ऩाश क सभान दढ़ता स फाॊध र| ऱाभ - इसक अभमास स बी कणडशरनी शततत क जागयण भ फहत सगभता हो जाती ह तथा साधक क शयीय भ फर औय ऩतटट का आववबामव होता ह| भानशसक फरवदधमन भ बी मह फहत दहतकय ह| 33 िािी मदरा-

काक कौए को कहत ह कौए की िोि जसी भॊह की भदरा फना रन को काकी भदरा कहा जाता ह ववचध ककसी बी आसन भ फठकय होठो को ऩतरी सी नरी क सभान भोड़कय कौए की िोि जसा फना र अफ नाक क अगर बाग को दखत हए अऩना ऩया धमान नाक ऩय दटका द इसक फाद भॊह स धीय-धीय गहयी शवास रकय होठो को फॊद कय द कछ दय फाद शवास को नाक स फाहय तनकार द इस तयह स 10

अनतबोध चतनय दवारा सऩादित तरिदिवसीय मदराचचकितसा सि 39

शभनट तक कय ऱाभ मह भदरा जहाॊ शयीय भ ठॊडक फढ़ाती ह वहीॊ मह कई योगो को दय कयन भ राबदामक ह इस भदरा का तनयॊतय अभमास कयन स शयीय भ अॊदय बोजन ऩिान की ककरमा तज हो जाती ह इसस अमरवऩतत का फढ़ना कभ हो जाता ह

34 मातचगनी मदरा-

भातॊग का अथम होता ह भघ भाॊ दगाम का एक रऩ ह भातॊगी मह दस भहाववदमा भ स नौवीॊ ववदमा ह भातॊग नाभ स एक धमान होता ह भॊतर होता ह औय एक हाथी का नाभ बी भातॊग ह ऋवष वशशटठ की ऩतनी का एक नाभ बी भातॊगी ह ऋवष कशमऩ की ऩतरी का नाभ बी भातॊगी ह तजसस हाथी उतऩनन हए थ ववचध शाॊत जगह भ ऩानी क अॊदय गर तक शयीय को डफो र औय कपय नाक स ऩानी को खीॊिकय उस भॊह स तनकार र कपय भॊह स ऩानी को खीॊिकय नाक स फाहय तनकार द इस ककरमा को ही भातॊचगनी भदरा कहत ह ऱाभ इस भदरा क अभमास स आॊखो की योशनी तज हो जाती ह शसय ददम भ मह भदरा अतमॊत राबकायी भानी जाती ह इसस नजरा-जकाभ आदद क योग बी दय हो जात ह इस भदरा क तनयॊतय अभमास स िहय ऩय िभक आ जाती ह औय फार बी सपद नहीॊ होत ह इस भदरा क शसदध हो जान ऩय वमततत भ ताकत फढ़ जाती ह

35 नभोमदरा

नब का अथम होता ह आकाश इस भदरा भ जीब को तार की ओय रगात ह इसीशरए इस नबोभदरा कहत ह नबोभदरा कयना सयर नहीॊ ह इस ककसी मोग

अनतबोध चतनय दवारा सऩादित तरिदिवसीय मदराचचकितसा सि 40

शशक स सीखकय ही कयना िादहए मह भदरा फहत स योगो भ राबदामक शसदध हई ह इस फाय भ एक शरोक बी ह- मतर मतर तसथतो मोगी सवमकामष सवमदा उधवमतजवह तसथयो बतवाधायमतभवनॊ सदा नबोभदरा भवदषा मोदववना योग नाशशनी अथामत साय कामो भ तसथय हआ चितत अऩनी जीब क अगर बाग को भॊह क अॊदय तार भ रगाकय शवास को अॊदय योक रता ह इस तसथतत स विारयक गततववचधमाॊ ततकार फॊद हो जाती ह इसीशरए इस भदरा को यहसम का आबास ददरान वारी भदरा बी कहा जाता ह ववचध- अऩनी आॊखो को अऩनी दोनो बौहो क फीि भ जभाकय आऩकी जीब तार क साथ रगा र मह दोनो कामम एक ही साथ औय एक ही सभम भ कय सववधानसाय जफ तक सॊबव हो इसी तसथतत भ यह औय कपय कछ शभनट का धमान कय ऱाभ- नबोभदरा क तनयॊतय अभमास स जीब गर औय आॊखो क साय योग सभापत हो जात ह इसस भतसतटक भ तसथयता फढ़ती ह औय भतसतटक क योग बी दय हो जात ह

36 नालसिागर मदरा -

नाशसकागर भदरा का अथम होता ह नाक का आखखयी छोय ऊऩयी दहससा मा अगरबाग इस बाग ऩय फायी-फायी स सॊतरन फनान हए दखना ही नाकककागर भदरा मोग कहराता ह रककन मह भदरा कयन स ऩहर मोग शशक की सराह जरय र तमोकक इसक कयन स बकटी ऩय जोय ऩड़ता ह

अनतबोध चतनय दवारा सऩादित तरिदिवसीय मदराचचकितसा सि 41

ववचध- ककसी बी आसन भ फठकय नाक क आखखयी शसय ऩय नजय दटका र हो सकता ह कक ऩहर आऩ फाई आॊखो स उस दख ऩाएॊ तफ कछ दय फाद दाई आॊखो स दख इस दखन भ जया बी तनाव न हो सहजता स इस दख

ऱाभ- इसस जहाॊ आॊखो की एतसयसाइज होती ह वहीॊ मह भतसतटक क शरए बी राबदामक ह इसस भन भ एकागरता फढ़ती ह इस भदरा क रगाताय अभमास कयन स भराधाय िकर जागरत होन रगता ह तजसस कणडरीनी जागयण भ भदद शभरती ह इसस भराधाय िकर इसशरए जागरत होता ह तमोकक दोनो आॊखो क फीि ही तसथत ह इड़ा वऩ ॊगरा औय सषमना नाड़ी जो भराधाय तक गई ह समय- इस भदरा को इतनी दय तक कयना िादहए कक आॊखो ऩय इसका जमादा दफाव नहीॊ ऩड़ कपय धीय-धीय इस कयन का सभम फढ़ात जाएॊ

37 बरहम आसन मदरा-

कछ रोग इस बरहभा भदरा बी कहत ह तमोकक इस आसन भ गदमन को िाय ददशा भ घभामा जाता ह औय बरहभाजी क िाय भख थ इसीशरए इसका नाभ बरहभा भदरा आसन यखा गमा रककन असर भ मह बरहभ भदरा आसन ह औय इसभ सबी ददशाओॊ भ तसथत ऩयभशवय को जानकय उसका चिॊतन ककमा जाता ह नभाज ऩढ़त वतत मा सॊधमा वॊदन कयत वतत उतत भदरासन को ककमा जाता यहा ह ववचध- ऩदमासन शसदधासन मा वजरासन भ फठकय कभय तथा गदमन को सीधा यखत हए गदमन को धीय-धीय दामीॊ ओय र जात ह कछ सकॊ ड दामीॊ ओय रकत ह उसक फाद गदमन को धीय-धीय फामीॊ ओय र जात ह कछ सकॊ ड तक फामीॊ ओय रककय कपय दामीॊ ओय र जात ह कपय वाऩस आन क फाद गदमन को ऊऩय की ओय र जात ह उसक फाद नीि की तयप र जात ह कपय गदमन को तराकवाइज

अनतबोध चतनय दवारा सऩादित तरिदिवसीय मदराचचकितसा सि 42

औय एॊटीतराकवाइज घभाएॉ इस तयह मह एक िकर ऩया हआ अऩनी सववधानसाय इस िाय स ऩाॉि िकरो भ कय सकत ह

ऱाभ तजन रोगो को सवामइकर सऩोडराइदटस थाइयाइड नराॊटस की शशकामत ह उनक शरए मह आसन राबदामक ह इसस गदमन की भाॉसऩशशमाॉ रिीरी तथा भजफत होती ह आधमाततभक दतटट स बी मह आसन राबदामक ह आरसम बी कभ होता जाता ह तथा फदरत भौसभ क सदी-जकाभ औय खाॉसी स छटकाया बी शभरता ह

सावधाननया तजनह सवामइकर सऩोडराइदटस मा थाइयाइड की सभसमा ह व ठोडी को ऊऩय की ओय दफाएॉ गदमन को नीि की ओय र जात सभम कॊ ध न झकाएॉ कभय गदमन औय कॊ ध सीध यख गदमन मा गर भ कोई गॊबीय योग हो तो मोग चिककतसक की सराह स ही मह भदराआसन कय

38 भजचगनी मदरा- ववचध- इसभ भख को पराकय कॊ ठ स फाहयी वाम खीॊिी जाती ह| तार औय तजहवा क भधम वाम क घभन स शयीय भ अदभत शततत का आववबामव होता ह|

ऱाभ- मह भदरा अजीणम आदद उदय योगो को नटट कयन भ बी फहत उऩमोगी ह| इस परकाय भदराओॊ क अभमास स साधक को सफ परकाय क शायीरयक भानशसक औय आततभक फर की परातपत होती ह| मोगािामो क अनसाय lsquoनातसत भदरासनककॊ चित शसवदधदॊकषततभणडर (घयणड सॊदहता)rsquo अथामत भदराओॊ क सभान शसवदधदामक कोई अनम साधन ब-भॊडर ऩय नहीॊ ह| इसशरए मोगशसवदध क आकाॊीजनो को भदराओॊ का अभमास कयना शरमसकय ह|

अनतबोध चतनय दवारा सऩादित तरिदिवसीय मदराचचकितसा सि 43

39 खचरी मदरा-

भनटम की जीब (तजहवा) दो तयह की होती ह- रॊफी औय छोटी रॊफी जीब को सऩमतजहवा कहत ह कछ रोगो की जीब रॊफी होन स व उस आसानी स नाशसकागर ऩय रगा सकत ह औय खियी-भदरा कय सकत ह भगय तजसकी जीब छोटी होती ह उस तकरीपो का साभना कयना ऩड़ता ह सफस ऩहर उनह अऩनी जीब रॊफी कयनी ऩड़ती ह औय उसक शरए घषमण व दोहन का सहाया रना ऩड़ता ह जीब नीि की ओय स तजस नाड़ी स जड़ी होती ह उस काटना ऩड़ता ह खियी भदरा को शसदध कयन एवॊ अभत क सराव हत आवशमक उददीऩन भ कछ वषम बी रग सकत ह मह वमततत की मोनमता ऩय बी तनबमय कयता ह मोग भ कछ भदराएॊ ऐसी ह तजनह शसपम मोगी ही कयत ह साभानमजनो को इनह नहीॊ कयना िादहए खियी भदरा साधको क शरए भानी गई ह ववचध - इसक शरए जीब औय तार को जोड़न वार भाॊस-तॊत को धीय-धीय काटा जाता ह अथामत एक ददन जौ बय काटकय छोड़ ददमा जाता ह कपय तीन-िाय ददन फाद थोड़ा-सा औय काट ददमा जाता ह इस परकाय थोड़ा-थोड़ा काटन स उस सथान की यतत शशयाएॊ अऩना सथान बीतय की तयप फनाती जाती ह जीब को काटन क साथ ही परततददन धीय-धीय फाहय की तयप खीॊिन का अभमास ककमा जाता ह इसका अभमास कयन स कछ भहीनो भ जीब इतनी रॊफी हो जाती ह कक मदद उस ऊऩय की तयप रौटा (उसटा कयन) ददमा जाए तो वह शवास जान वार छदो को बीतय स फॊद कय दती ह इसस सभाचध क सभम शवास का आना-जाना ऩणमत योक ददमा जाता ह ऱाभ इस भदरा स पराणामाभ को शसदध कयन औय साभचध रगान भ ववशष सहामता शभरती ह साधनायत साधओॊ क शरए मह भदरा फहत ही राबदामी भानी

अनतबोध चतनय दवारा सऩादित तरिदिवसीय मदराचचकितसा सि 44

जाती ह ववशषता तनयॊतय अभमास कयत यहन स तजफ जफ रॊफी हो जाती ह तफ उस नाशसका यनरो भ परवश कयामा जा सकता ह इस परकाय धमान रगान स कऩार भागम एवॊ तरफ ॊद ववसगम स सॊफॊचधत कछ गरॊचथमो भ उददीऩन होता ह तजसक ऩरयणाभसवरऩ अभत का सराव आयॊब होता ह उसी अभत का सराव होत वतत एक ववशष परकाय का आधमाततभक अनबव होता ह इस अनबव स शसवदध औय सभाचध भ तजी स परगतत होती ह चतावनी मह आरख शसपम जानकायी हत ह कोई बी वमततत इस ऩढ़कय कयन का परमास न कय तमोकक मह शसपम साधको क शरए ह आभ रोगो क शरए नहीॊ

40 अकzwj वनी मदरा- इस भदरा स साधक भ घोड़ो जसी शततत आ जाती ह तजस lsquoहॉसम ऩॉवयrsquo कहत ह|

ववचध - इस भदरा भ गदा-दवाय का फाय-फाय सॊकोिन औय परसाय ककमा जाता ह| इसी स भदरा की शसवदध हो जाती ह| इसक दवाया कणडशरनी जागयण भ सगभता यहती ह औय अनक योग नटट होकय शायीरयक फर की ववदध होती ह|

ऱाभ - अतश वनी भदरा शसदध होन स साधक की अकारभतम कबी नहीॊ होती| गदा औय उदय स सॊफॊचधत योगो का इसक दवाया शभन होता ह तथा दीघमजीवन की उऩरतबध होती ह| तरफना भरफॊध क अतश वनी भदरा नहीॊ हो सकती| 41 बजरौऱी मदरा- फजरौरी भदरा बी भरफॊध का अचछा अभमास ककए तरफना ककसी परकाय सॊबव नहीॊ ह| मह भदरा कवर मोगी क शरए ही नहीॊ बोगी क शरए बी अतमॊत राबकायी ह|

अनतबोध चतनय दवारा सऩादित तरिदिवसीय मदराचचकितसा सि 45

ववचध - इस भदरा भ ऩहर दोनो ऩाॊवो को बशभ ऩय दढ़ताऩवमक दटकाकय दोनो ऩाॊवो को धीय-धीय दढ़ताऩवमक ऊऩय आकाश भ उठा द| इसस तरफॊद-शसवदध होती ह| शकर को धीय-धीय ऊऩय की आकॊ िन कय अथामत इॊददरम क आॊकिन क दवाया वीमम को ऊऩय की ओय खीॊिन का अभमास कय तो मह भदरा शसदध होती ह| ववदवानो का भत ह कक इस भदरा क अभमास भ सतरी का होना आवशमक ह तमोकक बग भ ऩततत होता हआ शकर ऊऩय की ओय खीॊि र तो यज औय वीमम दोनो ही िढ़ जात ह| मह ककरमा अभमास स ही शसदध होती ह| कछ मोगािामम इस परकाय का अभमास शकर क सथान ऩय दनध स कयना फतात ह| जफ दनध खीॊिन का अभमास शसदध हो जाए तफ शकर को खीॊिन का अभमास कयना िादहए| वीमम को ऊऩय खीॊिनवारा मोगी ही ऊधवमयता कहराता ह| ऱाभ - इस भदरा स शयीय रटट-ऩटट तजसवी सॊदय सडौर औय जया-भतम यदहत होता ह| शयीय क सबी अवमव दढ़ होकय भन भ तनश िरता की परातपत होती ह| इसका अभमास अचधक कदठन नहीॊ ह| मदद गहसथ बी इसक कय तो फरवदधमन औय सौदममवदधमन का ऩया राब परापत कय सकत ह चतावनी मह आरख शसपम जानकायी हत ह कोई बी वमततत इस ऩढ़कय कयन का परमास न कय तमोकक मह शसपम साधको क शरए ह आभ रोगो क शरए नहीॊ

साधना कयनवार वमततत क शरए मह आवशमक ह कक वह साधना भ कातमक वाचिक औय भानशसक ककरमाओॊ ऩय ऩया तनमॊतरण यख तथा सभम-सभम ऩय उचित ताॊतरतरक परककरमाओॊ का बी सभनवम कयता यह| इस दतटट स तजस परकाय आसन ऩातरासादन अिमन आदद भ ककरमाओॊ का ववधान ह उसी परकाय उनक साथ कछ भदरा फनान का ववधान ह| म भदराएॊ भखम रऩ-स हाथ औय उसकी उॊगशरमो क परमोग स फनती ह| जस हभाया शयीय ऩॊिततवभम ह| अत शासतरकायो न कहा ह कक इन उॊगशरमो क परमोग स इन ततवो की नमनाचधकता दय की जा

अनतबोध चतनय दवारा सऩादित तरिदिवसीय मदराचचकितसा सि 46

सकती ह तथा ततवो की सभता-ववषभता स होनवारी कभी को उॊगशरमो की भदरा स सभ फनामा जा सकता ह| इतना ही नहीॊ ऐसी भदराओॊ क सहमोग स उन ततवो को सवचछाऩवमक घटामा-फढ़ामा बी जा सकता ह| म ततव करभश अॊगटठ भ अतनन तजमनी भ वाम भधमभा भ आकाश अनाशभका भ ऩथवी औय कतनतटठका भ जर क रऩ भ ववदमभान यहत ह| दवताओॊ की परसननता चितत की शवदध औय ववववध योगो क नाश भ भदराओॊ स फड़ी सहामता शभरती ह| भदराततव को सभझकय परतमक मोगी को इनका साधन कयना िादहए| कणडशरनी शततत क जागयण भ इन भदराओॊ स सहामता शभरती ह| महाॊ हभन तजन भदराओॊ का वणमन एवॊ चितरण ककमा ह उसभ परतमक मोगी साधक को ऩरयचित होना िादहए|

अनतबोध चतनय दवारा सऩादित तरिदिवसीय मदराचचकितसा सि 47

मोग अनसाय आसन औय पराणामाभ की तसथतत को भदरा कहा जाता ह फॊध ककरमा औय भदरा भ आसन औय पराणामाभ दोनो का ही कामम होता ह मोग भ भदराओॊ को आसन औय पराणामाभ स बी फढ़कय भाना जाता ह भदरा दो तयह की होती ह- ऩहरी हसत भदरा अथामत हाथो औय उसकी अॊगशरमो को ववशष आकतत भ फनाना औय दसयी आसन भदरा अथामत तजसभ ऩया शयीय ही सॊिाशरत होता ह

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अनतबोध चतनय दवारा सऩादित तरिदिवसीय मदराचचकितसा सि 14

8 वरण मदरा

ववचध दोनो हाथो की कतनटठा अॊगशरमो को अॊगठो क अगरबाग ऩय रगाकय फाकी अॊगशरमो को सीधा यखन स मह भदरा फनती ह अफ हाथो को घटनो ऩय यख र हथशरमो का रख ऊऩय की ओय यहगा कभय-गदमन सीधी यख कय आॊख फॊद कय धमान की तसथतत भ फठ जाएॊ ऱाभ मह िभमयोग यतत ववकाय दय कयती ह शयीय भ रखाऩन दय कय तविा को िभकीरी व भरामभ फनान भ सहामक ह िहय की सॊदयता को फढ़ा दती ह नोट कप परकतत वार वमततत इसका अभमास जमादा न कय

अनतबोध चतनय दवारा सऩादित तरिदिवसीय मदराचचकितसा सि 15

9 जऱोिर नाशि-

ववचध कतनटठा को अॉगठ क जड़ भ रगाकय अॉगठ स दफाम राब- जर तततव की अचधकता स होन वार सबी योगसजन जरोदय आदद भ ववशष राब होता

ह योग शानत होन तक ही कय

अनतबोध चतनय दवारा सऩादित तरिदिवसीय मदराचचकितसा सि 16

10 पराण मदरा -

ववचध अॊगठ स तीसयी अनाशभका तथा िौथी कतनतटठका अॉगशरमो क ऩोयो को एकसाथ अॊगठ क ऩोय क साथ शभराकय शष दोनो अॉगशरमो को अऩन सीध भ खडा यखन स जो भदरा फनती ह उस पराण भदरा कहत ह राब - हरदम योग भ याभफाण तथा नतरजमोतत फढान भ मह भदरा ऩयभ सहामक हसाथ ही मह पराण शततत फढ़ान वारा बी होता हपराण शततत परफर होन ऩय भनटम क शरए ककसी बी परततकर ऩरयतसथततमो भ धममवान यहना अतमॊत सहज हो जाता हवसतत दढ पराण शततत ही जीवन को सखद फनाती ह इस भदरा की ववशषता मह ह कक इसक शरए अवचध की कोई फाधमता नहीॊइस कछ शभनट बी ककमा जा सकता ह

अनतबोध चतनय दवारा सऩादित तरिदिवसीय मदराचचकितसा सि 17

11 अऩान मदरा

ववचध दोनो हाथो की भधमभा तथा अनाशभका अॊगशरमो को अॊगठ क अगरबाग स रगाकय फाकी अॊगशरमो को सीधी यख अफ हाथो को घटनो ऩय यख र हथशरमो का रख ऊऩय की ओय यहगा कभय-गदमन सीधी यख कय आॊख फॊद कय धमान की तसथतत भ फठ जाएॊ ऱाभ कबज भधभह ककडनी ववकाय वाम ववकाय फवासीय को दय कयन भ सहामक ह शयीय को शदध कय नाड़ी दोषो को दय कयन वारी ह भतर का अवयोध दय कय दाॊतो को भजफत कयती ह ऩसीना बी राती ह नोट इस भदरा क अभमास स भतर अचधक आन रगता ह

अनतबोध चतनय दवारा सऩादित तरिदिवसीय मदराचचकितसा सि 18

12 वयान मदरा-

ववचध- हाथ की भधमभा अॊगरी क आग क बाग को अॊगठ क आग क बाग स शभरान औय तजमनी अॊगरी को फीि की अॊगरी क नाखन स छआएॊ फाकी फिी सायी अॊगशरमाॊ सीधी यहनी िादहए इसी को वमान भदरा कहा जाता ह अवचध- इस भदरा को सफह 15 शभनट औय शाभ को 15 शभनट तक कयना िादहए ऱाभ- वमान भदरा को कयन स ऩशाफ सॊफॊधी सबी योग दय होत ह जस- ऩशाफ जमादा आना ऩशाफ भ िीनी आना ऩशाफ क साथ घात आना ऩशाफ रक-रक कय आना आदद योग सभापत हो जात ह इसक अरावा इस भदरा क तनमशभत अभमास स भधभह परभह औय सवपनदोष बी दय होता ह तसतरमो क शरए मह भदरा सफस जमादा राबदामक फताई गई ह इस भदरा को कयन स तसतरमो क साय योग सभापत हो जात ह

अनतबोध चतनय दवारा सऩादित तरिदिवसीय मदराचचकितसा सि 19

13 उिान मदरा-

ववचध - ऩहरी भधमभा औय अनाशभका उॊगरी क आग क बाग को अॊगठ क आग क बाग स रगाएॊ इस उदान भदरा कहत ह इसका सॊफॊध कॊ ठ स भतसतटक तक होता ह मह ववशवदध िकर को परवादहत कयता ह

राब - इसस भन शाॊत होता ह औय थामयॉइड सॊफॊधी सबी योगो भ राब ऩहॊिता ह

सभमावचध - इस भदरा को बी कवर 15 स 45 शभतनट तक ही कयना िादहए

अनतबोध चतनय दवारा सऩादित तरिदिवसीय मदराचचकितसा सि 20

14 सभान भदरा

ववचध - हाथ की िायो उॊगशरमो औय अॊगठ क अगरबाग को शभरा कय ऊऩय की तयप यखन स सभान भदरा फनती ह इस भदरा भ ऩाॊिो ततव शभर जात ह

राब ndash मह भदरा हभाय वविायो को आधमाततभक फनाती ह फय वविाय दय होत ह

अनतबोध चतनय दवारा सऩादित तरिदिवसीय मदराचचकितसा सि 21

15 हिय मदरा

ववचध दोनो हाथो की तजमनी अॊगशरमो को अॊगठो क भर भ रगाकय भधमभा व अनाशभका अॊगशरमो को अॊगठ क अगरबाग ऩय रगा द व छोटी अॊगरी को सीधा कयक यख अफ हाथो को घटनो ऩय यख र हथशरमो का रख ऊऩय की ओय यहगा कभय-गदमन सीधी यख कय आॊख फॊद कय धमान की तसथतत भ फठ जाएॊ ऱाभ मह भदरा रदम योगो भ ववशष रऩ स राबकायी ह परततददन 10-15 शभनट अभमास स रदम भजफत होता ह गस फनना शसयददम असथभा व उचि यततिाऩ भ राबकायी ह सीदढ़मो ऩय िढ़न स ऩहर ही अगय मह भदरा रगा री जाए औय इस भदरा क साथ ही सीदढ़माॊ िढ़ी जाएॊ तो साॊस नहीॊ परती

अनतबोध चतनय दवारा सऩादित तरिदिवसीय मदराचचकितसा सि 22

16 लऱग मदरा

ववचध- फाएॉ हाथ का अॊगठा सीधा खडा कय दादहन हाथ स फाएॊ हाथ कक अॉगशरमो भ ऩयसऩय पॉ सात हए दोनो ऩॊजो को ऐस जोड कक दादहना अॊगठा फाएॊ अॊगठ को फहाय स आवतत कय र इस परकाय जो भदरा फनगी उस अॊगटठ भदरा कहग राब - अॊगठ भ अतनन ततव होता हइस भदरा क अभमास स शयीय भ उटभता फढ़न रगती हशयीय भ जभा कप ततव सखकय नटट हो जाता हसदी जकाभखाॊसी इतमादद योगो भ मह फड़ा राबदामी होता हकबी मदद शीत परकोऩ भ आ जाएॉ औय शयीय भ ठणड स कॊ ऩकॊ ऩाहट होन रग तो इस भदरा का परमोग तवरयत राब दता ह

अनतबोध चतनय दवारा सऩादित तरिदिवसीय मदराचचकितसा सि 23

17 शख मदरा-

ववचध - फाएॊ हाथ क अॊगठ को दोनो हाथ की भटठी भ फॊद कयक फाएॊ हाथ की तजमनी उॊगरी को दादहन हाथ क अॊगठ स शभरान स शॊख भदरा फनती ह| इस भदरा भ फाएॊ हाथ की फाकी तीन उॊगशरमो क ऩास भ सटाकय दाएॊ हाथ की फॊद उॊगशरमो ऩय हसका-सा दफाव ददमा जाता ह| इसी परकाय हाथ फदरकय अथामत दाएॊ हाथ क अॊगठ को फाएॊ हाथ की भटठी भ फॊद कयक शॊख भदरा फनाई जाती ह| इस भदरा भ ऱाभ - अॊगठ का दफाव हथरी क फीि क बाग ऩय औय भटठी की तीन उॊगशरमो का दफाव शकर ऩवमत ऩय ऩड़ता ह तजसस हथरी भ तसथत नाशब औय थाइयॉइड (ऩतसरका) गरॊचथ क क दर दफत ह| ऩरयणाभसवरऩ नाशब औय थाइयॉइड गरॊचथ क ववकाय ठीक होत ह|

अनतबोध चतनय दवारा सऩादित तरिदिवसीय मदराचचकितसा सि 24

शॊख भदरा का नाशब िकर स तनकट का सॊबॊध ह इसशरए शायीय क सनामतॊतर ऩय ववशष कामम कयती ह अत अनत औय फाहम सवासथम भ फहत राबकायी ह

मह ऩािन तॊतर को उततभ फनाती ह

तनमशभत कयन स बख फढान भ भदद शभरती ह

मह भदरा फोरत सभम उचिायण क दोषो को दय कयन भ फहत परबावी ह जस ततराना हकराना आदद दोष तनमभतत परमोग स दय हो जात ह

सॊगीत की साधना कयन वारो क शरए ववशश राबकायी ह वाणी को भधय फनाती ह

मह भदरा ऩजन भ बी परमतत होती ह| इसका परमोग रॊफ सभम तक ककमा जा सकता ह| इस भदरा का नाशबिकर स ववशष समफनध ह तजसक कायण नाशब स सॊफॊचधत शयीय की नाडड़मो ऩय सकषभ औय सवासथमवधमक परबाव ऩड़ता ह तथा सनामभणडर शतततशारी फनती ह|

अनतबोध चतनय दवारा सऩादित तरिदिवसीय मदराचचकितसा सि 25

18 योनन मदरा-

मौचगक दतटट स अऩन अॊदय कई परकाय क यहसम तछऩाए यखनवारी भदरा का वासतववक नाभ lsquoमोतन भदराrsquo ह| तत मोग क अनसाय कवर हाथो की उॊगशरमो स भहाशततत बगवती की परसननता क शरए मोतन भदरा परदशशमत कयन की आऻा ह| परतम रऩ स इसका परबाव रॊफी मोग साधना क अॊतगमत तॊतर-भॊतर-मॊतर साधना स बी दतटटगोिय होता ह| इस भदरा क तनयॊतय अभमास स साधक की पराण-अऩान वाम को शभरा दनवारी भरफॊध ककरमा को बी साथ कयन स जो तसथतत फनती ह उस ही मोतन भदरा की सॊऻा दी ह| मह फड़ी िभतकायी भदरा ह| ऩदमासन की तसथतत भ फठकय दोनो हाथो की उॊगशरमो स मोतन भदरा फनाकय औय ऩवम भरफॊध की तसथतत भ सममक बाव स तसथत होकय पराण-अऩान को शभरान की परफर बावना क साथ भराधाय सथान ऩय मौचगक सॊमभ कयन स कई परकाय की शसवदधमाॊ परापत हो जाती ह|

अनतबोध चतनय दवारा सऩादित तरिदिवसीय मदराचचकितसा सि 26

ऋवषमो का भत ह कक तजस मोगी को उऩयोतत तसथतत भ मोतन भदरा का रगाताय अभमास कयत-कयत शसवदध परापत हो गई ह उसका शयीय साधनावसथा भ बशभ स आसन सदहत ऊऩय अधय भ तसथत हो जाता ह| सॊबवत इसी कायण आदद शॊकयािाममजी न अऩन मोग यतनावरी नाभक ववशष गरॊथ भ भरफॊध का उसरख ववशष रऩ स ककमा ह|

19 धन मदरा -

बायतीम ऩयॊऩया भ धन गाम को कहा जाता ह औय मह दहनद धभम क साततवक औय भहानता का परतीक ह धन भदरा फनात सभम हाथो की उॊगशरमा गाम क थनो जसी हो जाती ह जस गाम क थनो स दध ऩीकय शयीय ऩटट फनता ह वस ही धन भदरा कयन स बी शयीय रटट ऩटट फनता ह

ववचध - अनमोनमाशबभखॊ तशरटटाकतनटठानाशभका ऩन

अनतबोध चतनय दवारा सऩादित तरिदिवसीय मदराचचकितसा सि 27

तथा ि तजमतनभधमा धन भदरा अभत परदा ( कारी तॊतर )

अऩन दोनो हाथो की अॊगशरमो क ऩोयो को एक साथ शभरा र कपय फाम हाथ की तजमनी ऊॊ गरी को दाएॊ हाथ की फीि वारी उॊगरी स छआए इसक फाद दाएॊ हाथ की तजमनी उॊगरी को फाम हाथ की फीि वारी उॊगरी स छआम ऐस ही फाम हाथ की अनाशभका उॊगरी को दाएॊ हाथ की सफस छोटी उॊगरी स शभराएॊ अॉगठो को खरा छोड़ द हाथ की अॊगशरमो को नीि की तयप कयन स अॊगशरमो की आकतत गाम क धनो जसी हो जाती ह इसी कायण इस धन भदरा कहत ह

सभम - इस भदरा का अभमास धीय धीय फढ़ाए ऩहर 1 स 15 शभतनट औय फाद भ 15 स 30 तथा जफ अचछी तयह मह भदरा अभमास भ आ जाए तफ इस भदरा को 45 शभतनट तक कय सकत ह

राब - धन भदरा स ऩािन तॊतर भजफत होता ह औय शयीय ताकतवय व सवसथ फनता ह मह ऩट क योगो क शरए याभफाण भदरा ह मोग साधना भ फहत ही उऩमोगी भदरा कहराती ह तॊतर एवॊ कभमकाॊड भ बी धन भदरा का परमोग ह ह ऩयानी भानमता क अनसाय मह अभत ततव को दन वारी भदरा ह मह भदरा वात वऩतत तथा कप को सॊतशरत कयती ह

अनतबोध चतनय दवारा सऩादित तरिदिवसीय मदराचचकितसा सि 28

20 मगी मदरा-

भग दहयन को कहा जाता ह मऻ क दौयान होभ की जान वारी साभगरी को इसी भदरा भ होभ ककमा जाता ह पराणामाभ ककए जान क दौयान बी इस भदरा का उऩमोग होता ह धमान कयत वतत बी इस भदरा का इसतभार ककमा जाता ह मह भदरा फनात वतत हाथ की आकतत भग क शसय क सभान हो जाती ह इसीशरए इस भगी भदरा कहा जाता ह मह एक हसत भदरा ह ववचध अऩन हाथ की अनाशभका औय भधमभा अॊगरी को अॊगठ क आग क बाग को छआ कय फाकी फिी तजमनी औय कतनटठा अॊगरी को सीधा तान दन स भगी भदरा फन जाती ह योग आसन - इस दौयान उतकटासन सखासन औय उऩासना क सभम इसतभार होन वार आसन ककए जा सकत ह

अनतबोध चतनय दवारा सऩादित तरिदिवसीय मदराचचकितसा सि 29

समय- इस भदरा को सववधानसाय कछ दय तक कय सकत ह औय इस तीन स िाय फाय ककमा जा सकता ह ऱाभ- भगी भदरा कयत सभम अॊगठ क ऩोय औय अॊगशरमो क जोड़ ऩय दफाव ऩड़ता ह उतत दफाव क कायण शसयददम औय ददभागी ऩयशानी भ राब शभरता ह एतमपरशय चिककतसा क अनसाय उतत अॊगशरमो क अॊदय दाॊत औय सामनस क तरफ ॊद होत ह तजसक कायण हभ दाॊत औय सहनस योग भ बी राब शभरता ह ववशष- भाना जाता ह कक इस भदरा को कयन स सोिन औय सभझन की शततत का ववकास बी होता ह भगी भदरा शभगी क योचगमो क शरए फहत ही राबकायी ह

21 यमहररमदरा

ववचध -सवम परधभ आऩ अऩन दोनो हाथो की सफस छोटी अॊगरी अथामत कतनटठा को आऩस भ एक दसय क परथभ ऩोय स शभरा द इसी क साथ दोनो अॊगठ को बी आऩस भ शभरा द अफ तीन अॊगशरमाॊ फाकी यह जाएॊगी- भध मभा तजमनी औय अनाशभका इन तीनो अॊगशरमो को हथरी की ओय भोड़कय भटठी जसा फनाइए अॊगशरमो की इस तसथतत को मभ हरयभदरा कहत ह

अनतबोध चतनय दवारा सऩादित तरिदिवसीय मदराचचकितसा सि 30

ऱाभ - मभहरयभदरा क तनमशभत अभमास स नाडड़मो को शततत शभरती ह इस भदरा क तनयॊतय अभमास स ऩट क योग जस- कबज बख ना रगना औय तजगय की कभजोयी दय होती ह इस भदरा स तसतरमो क सतनो क साय योगो भ बी राब शभरता ह मभ हरयभदरा को परततददन 5 शभनट सफह औय 5 शभनट शाभ को कय आऩ इसक कयन का सभम फढ़ाकय 10 शभनट तक कय सकत ह परततददन कभ स कभ ऩाॊि भदराएॊ अऩनी सववधानसाय कयनी िादहए भदराओॊ स सबी योगो भ राब ऩामा जा सकता ह मदद उनका मोग शशक स ऩछकय तनमशभत अभमास ककमा जाए भदराएॊ खासकय उन रोगो क शरए पामदभॊद सातरफत होती ह जो मोगासन कयन भ असभथम ह

22 ऩषऩाजलऱ मदरा-

अनतबोध चतनय दवारा सऩादित तरिदिवसीय मदराचचकितसा सि 31

मह भहतवऩणम हसत मोग भदरा ह जस दआ भ हाथ उठात ह मा ऩटऩ अऩमण कयत ह तफ मह भदरा फनती ह जसा कक इसका नाभ ह ऩटऩाॊजशर इसी स मह शसदध होता ह कक मह भदरा ककस परकाय की होगी ववचध- दोनो हाथो की अॊगशरमो औय अॊगठ को आऩस भ शभरा भखणफदध को बी शभरा र कपय दोनो हाथो की छोटी अॊगशरमो को एक साथ शभराकय ऐसी आकतत फना र कक जस हभ ककसी बगवान को पर िढ़ात सभम फनात ह इस ही ऩटऩाॊजशर भदरा कहत ह

ऱाभ- ऩटऩाॊजरी भदरा क तनयॊतय अभमास स नीॊद अचछी तयह स आन रगती ह आतभववशवास फढ़ता ह

23 यज भदरा-

अनतबोध चतनय दवारा सऩादित तरिदिवसीय मदराचचकितसा सि 32

यज भदरा कवर तसतरमो क शरए ह ऐसा नहीॊ फतसक अगय ऩरष इस भदरा को कयत ह तो उनक वीमम सॊफॊधी सभसत योग दय हो जात ह ववचध- यज भदरा फनाना फहत ही आसान ह कतनटठा (छोटी अॊगरी) अॊगरी को हथरी की जड़ भ भोड़कय रगान स यज भदरा फन जाती ह ऱाभ- यज भदरा स तसतरमो क भाशसक धभम सॊफॊधी योग दय होत ह इसक अरवा शसय भ बायीऩन यहना छाती भ ददम ऩट ऩीठ कभय का ददम आदद योग बी यज भदरा कयन स दय हो जात ह सतरी क साय परजनन अॊगो की ऩयशातनमो को म भदरा तरफसकर दय कय दती ह

24 अदिती मदरा-

ववचध- अॊगठ क आग क बाग को अनाशभका (छोटी उॊगरी क साथ वारी उॊगरी) उॊगरी की जड़ भ टढ़ा रगान स अददती भदरा फन जाती ह

ऱाभ- इस भदरा को कयन स हय सभम उफासी आना जमादा छीॊक आना जस योगो को दय ककमा जा सकता ह

अनतबोध चतनय दवारा सऩादित तरिदिवसीय मदराचचकितसा सि 33

समय- अददती भदरा को ददन भ 3-4 फाय 15-15 शभनटो क शरए कय सकत ह

25 हसी मदरा-

जस हॊस नीय ीय वववक की साभथमम यखता ह वस इस भदरा क कयन स सोिन औय तवरयत तनणमम की भता फढती ह मदरा िी ववचध - सखासन मा उतकटासन भ फठकय अऩन हाथ की सबी सफस छोटी अॊगरी को छोड़कय अॊगशरमो को अॊगठ क आग क बाग को दफान स हॊसी भदरा फन जाती ह अवचध- इस भदरा को परयॊब भ 5-8 शभनट स कयक 30-48 शभनट तक कय सकत ह मदरा िा ऱाभ- इस भदरा तनमशभत अभमास स वववक फढ़ता ह अथामत इसस सोिन-सभझन की शततत फढ़ती ह औय इसस शयीय का बायीऩन सभापत हो जाता ह

अनतबोध चतनय दवारा सऩादित तरिदिवसीय मदराचचकितसा सि 34

ववशषता- भाना जाता ह कक इस भदरा का तनमशभत अभमास कयन स याजशसक ताकत फढ़ती ह औय वमततत धन सॊऩनन फना यहता ह सावधानी - इस भदरा को कयत सभम ककसी बी परकाय का भॊतर नहीॊ जऩना िादहए औय ना ही कोई अनम धाशभमक उऩकरभ कय

26 हसतऩात मदरा-

ववचध- इस भदरा को कयन क शरए आऩ अऩन दोनो हाथो की हथरी क ऩीछ क बाग को आऩस भ अॊगशरमो सदहत शभरा द इस आकतत को हसतऩात भदरा कहा जाता ह मह नभसकाय भदरा जसा ही ह रककन इसभ हथरी क ऩटठ बाग को शभरा ददमा जाता ह ऱाभ- इस हसतऩात भदरा को कयन स शवास औय गर क क साय योग भ फहत राब शभरता ह तजन तसतरमाॊ मदद इसका तनमशभत अभमास कयती ह तो इसस उनक सतन सड़ौर सॊदय औय सवसथ हो जात ह तजन तसतरमो क सतन छोट ह ढीर ह मा उनक सतनो भ दध नहीॊ आता ह तो मह भदरा उनक शरए फहत राबकायी शसदध हो सकती ह

27 धयान मदरा

ववचध- ऩदमासन भ फठकय फाएॊ हाथ की हथरी ऩय दाएॊ हाथ की हथरी को (उसट हाथ ऩय सीध हाथ को) हसक स यखन स धमान भदरा फनती ह| धमान यख कक इस भदरा भ शसय गदमन एवॊ यीढ़ की हडडी सीधी यह| आॊख औय होठ सहज स फनद यह| धमान अऩन इटटदव क सवरऩ ऩय दटकाएॊ अथवा कामोतसगम कय अथामत शयीय स

अनतबोध चतनय दवारा सऩादित तरिदिवसीय मदराचचकितसा सि 35

सभता यखत हए कछ दय क शरए वविाय यदहत अवसथा भ यहन का परमास कय| अटटाॊग मोग (मभ तनमभ पराणामाभ परतमाहाय धायणा धमान औय सभाचध) क एक अॊग lsquoधमानrsquo की साधना भ मह भदरा ववशष रऩ स सहामक शसदध हई ह| ऱाभ - जो वमततत ऩदमासन नहीॊ कय सकत उनह धमान भदरा सखासन मा सवतसतक अथवा ऩारथी आसन भ कयना िादहए| मह सहज भदरा ह| सहज धमान भदरा को साधायण वमततत अचधक रमफ सभम तक सयरता स कय सकता ह| इसस धमान भदरा क राब बी शभर जात ह| धमान भदरा भ मदद हथशरमाॊ एक दसय ऩय यखन क फाद दोनो हथशरमाॊ ऻान भदरा की तसथतत भ यखी जाएॊ तो धमान भदरा तथा ऻान भदरा क सतमभशरत राब क साथ ऩदमासन क राब बी शभर जात ह| साधक क शरए धमान भदरा भ सभम की कोई सीभा नहीॊ ह| रककन सहजता क साथ ऩदमासन कयन की भता क अनरऩ धमान भदरा का अभमास कयना िादहए| साधायण वमततत को इस धीय-धीय फढ़ात हए कभ-स-कभ २० शभनट स एक घॊट तक कयना िादहए| धमान भदरा न कय सकन की अवसथा भ सहज धमान भदरा कयक राब उठाना िादहए| भन की िॊिरता शाॊत होकय चितत की एकागरता फढ़ती ह| साततवक वविायो की उतऩततत होती ह औय परब बजन भ भन रगता ह|

धमान क परबाव स साधक को धमान की उचितय तसथतत भ ऩहॊिन भ सहामता शभरती ह| आतभ साातकाय औय ईश वय क साातकाय भ मह भदरा सहामक ह|

28 शामभवी मदरा-

आॉख खरी हो रककन आऩ दख नहीॊ सकत ऐसी तसथतत जफ सध जाती ह तो उस शामबवी भदरा कहत ह ऐसी तसथतत भ आऩ नीॊद का भजा बी र सकत ह मह फहत कदठन साधना ह इसक ठीक उसटा कक जफ आॉख फॊद हो तफ आऩ दख

अनतबोध चतनय दवारा सऩादित तरिदिवसीय मदराचचकितसा सि 36

सकत ह मह बी फहत कदठन साधना ह रककन मह दोनो ही सॊबव ह असॊबव कछ बी नहीॊ फहत स ऐस ऩश औय ऩी ह जो आॉख खोरकय ही सोत ह ववचध- मदद आऩन तराटक ककमा ह मा आऩ तराटक क फाय भ जानत ह तो आऩ इस भदरा को कय सकत ह सवमपरथभ शसदधासन भ फठकय यीढ़-गदमन सीधी यखत हए ऩरको को तरफना झऩकाएॉ दखत यह रककन धमान ककसी बी िीज को दखन ऩय ना यख ददभाग तरफसकर बीतय कहीॊ रगा हो

ऱाभ- शामबवी भदरा को कयन स ददर औय ददभाग को शाॊतत शभरती ह मोगी का धमान ददर भ तसथय होन रगता ह आॉख खरी यखकय बी वमततत नीॊद औय धमान का आनॊद र सकता ह इसक सधन स वमततत बत औय बववटम का ऻाता फन सकता ह सऱाह- शामबवी भदरा ऩयी तयह स तबी शसदध हो सकती ह जफ आऩकी आॉख खरी हो ऩय व ककसी बी िीज को न दख यही हो ऐसा सभझ की आऩ ककसी धन भ जी यह हो आऩको खमार होगा कक कबी-कबी आऩ कहीॊ बी दख यह होत ह रककन आऩका धमान कहीॊ ओय यहता ह समय- इस भदरा को शरआत भ तजतनी दय हो सक कय औय फाद भ धीय-धीय इसका अभमास फढ़ात जाएॉ

अनतबोध चतनय दवारा सऩादित तरिदिवसीय मदराचचकितसा सि 37

29 शकततचालऱनी मदरा- ववचध - आठ अॊगर रॊफा औय िाय अॊगर िौड़ा भरामभ वसतर रकय नाशब ऩय रगाएॊ औय कदटसतर भ फाॊध र| कपय शयीय भ बसभ यभाकय शसदधासन भ फठ औय पराण को अऩान स मतत कय| जफ तक गहम दवाय स िरती हई वाम परकाशशत न हो इस सभम तक गहम दवाय को सॊकचित यख| इसस वाम का जो तनयोध होता ह उसभ कमबक क दवाया कणडशरनी शततत जागरत होती हई सषमना भागम स ऊऩय जाकय खड़ी हो जाती ह| मोगभदरा स ऩहर इसका अभमास कयन ऩय ही मोतन भदरा की ऩणम शसवदध होती ह| ऱाभ - इस भदरा स कणडशरनी शततत का जागयण होता ह| जफ तक मह सोती ह तफ तक सबी आॊतरयक शतततमाॊ सपत ऩड़ी यहती ह| इसशरए कणडशरनी का जागरत होना साधक क शरए फहत आवशमक ह| पराण-अऩान को सॊमतत कयन की ककरमा पराणवाम को ऩयक दवाया बीतय खीॊिन औय उडडीमान फॊध स अऩान वाम को ऊऩय की ओय आकवषमत कयन स ऩणम होती ह| इसभ गहम परदश क सॊकोि औय ववसताय का अभमास होन स अचधक सयरता हो सकती ह| 30 तड़ागी मदरा- ववचध - दोनो ऩाॊवो को दणड क सभान धयती ऩय ऩसाय र औय हाथो स उनक अॊगठो को ऩकड़न तथा दोनो जाॊघो ऩय शसय को सथावऩत कय साथ ही उदय को तड़ाग (सयोवय) क सभान कय र| ऱाभ - मह भदरा अनक योगो औय वदधावसथा को बी दय कयन भ सहामक शसदध होती ह|

अनतबोध चतनय दवारा सऩादित तरिदिवसीय मदराचचकितसा सि 38

31 माणडवी मदरा- ववचध - भख को फॊद कयक जफान को तार भ घभाएॊ औय सहसराय स टऩकत हए सधायस को जफान स धीय-धीय ऩीन का मतन कय| मही भाणडवी (मा भाणडकी) भदरा ह| ऱाभ - इसक दवाया फारो की सपदी उनका झड़ना शयीय ऩय झरयममो भॊहासो आदद का ऩड़ना तथा तनफमरता आदद दय होकय चिय-मौवन की परातपत होती ह| इसस यसोतऩादन होकय अभततव की उऩरतबध होना सॊबव हो जाता ह| 32 ऩालशनी मदरा ववचध- दोनो ऩाॊवो को कॊ ठ क ऩीछ की ओय र जाकय उनह ऩयसऩय शभराएॊ औय ऩाश क सभान दढ़ता स फाॊध र| ऱाभ - इसक अभमास स बी कणडशरनी शततत क जागयण भ फहत सगभता हो जाती ह तथा साधक क शयीय भ फर औय ऩतटट का आववबामव होता ह| भानशसक फरवदधमन भ बी मह फहत दहतकय ह| 33 िािी मदरा-

काक कौए को कहत ह कौए की िोि जसी भॊह की भदरा फना रन को काकी भदरा कहा जाता ह ववचध ककसी बी आसन भ फठकय होठो को ऩतरी सी नरी क सभान भोड़कय कौए की िोि जसा फना र अफ नाक क अगर बाग को दखत हए अऩना ऩया धमान नाक ऩय दटका द इसक फाद भॊह स धीय-धीय गहयी शवास रकय होठो को फॊद कय द कछ दय फाद शवास को नाक स फाहय तनकार द इस तयह स 10

अनतबोध चतनय दवारा सऩादित तरिदिवसीय मदराचचकितसा सि 39

शभनट तक कय ऱाभ मह भदरा जहाॊ शयीय भ ठॊडक फढ़ाती ह वहीॊ मह कई योगो को दय कयन भ राबदामक ह इस भदरा का तनयॊतय अभमास कयन स शयीय भ अॊदय बोजन ऩिान की ककरमा तज हो जाती ह इसस अमरवऩतत का फढ़ना कभ हो जाता ह

34 मातचगनी मदरा-

भातॊग का अथम होता ह भघ भाॊ दगाम का एक रऩ ह भातॊगी मह दस भहाववदमा भ स नौवीॊ ववदमा ह भातॊग नाभ स एक धमान होता ह भॊतर होता ह औय एक हाथी का नाभ बी भातॊग ह ऋवष वशशटठ की ऩतनी का एक नाभ बी भातॊगी ह ऋवष कशमऩ की ऩतरी का नाभ बी भातॊगी ह तजसस हाथी उतऩनन हए थ ववचध शाॊत जगह भ ऩानी क अॊदय गर तक शयीय को डफो र औय कपय नाक स ऩानी को खीॊिकय उस भॊह स तनकार र कपय भॊह स ऩानी को खीॊिकय नाक स फाहय तनकार द इस ककरमा को ही भातॊचगनी भदरा कहत ह ऱाभ इस भदरा क अभमास स आॊखो की योशनी तज हो जाती ह शसय ददम भ मह भदरा अतमॊत राबकायी भानी जाती ह इसस नजरा-जकाभ आदद क योग बी दय हो जात ह इस भदरा क तनयॊतय अभमास स िहय ऩय िभक आ जाती ह औय फार बी सपद नहीॊ होत ह इस भदरा क शसदध हो जान ऩय वमततत भ ताकत फढ़ जाती ह

35 नभोमदरा

नब का अथम होता ह आकाश इस भदरा भ जीब को तार की ओय रगात ह इसीशरए इस नबोभदरा कहत ह नबोभदरा कयना सयर नहीॊ ह इस ककसी मोग

अनतबोध चतनय दवारा सऩादित तरिदिवसीय मदराचचकितसा सि 40

शशक स सीखकय ही कयना िादहए मह भदरा फहत स योगो भ राबदामक शसदध हई ह इस फाय भ एक शरोक बी ह- मतर मतर तसथतो मोगी सवमकामष सवमदा उधवमतजवह तसथयो बतवाधायमतभवनॊ सदा नबोभदरा भवदषा मोदववना योग नाशशनी अथामत साय कामो भ तसथय हआ चितत अऩनी जीब क अगर बाग को भॊह क अॊदय तार भ रगाकय शवास को अॊदय योक रता ह इस तसथतत स विारयक गततववचधमाॊ ततकार फॊद हो जाती ह इसीशरए इस भदरा को यहसम का आबास ददरान वारी भदरा बी कहा जाता ह ववचध- अऩनी आॊखो को अऩनी दोनो बौहो क फीि भ जभाकय आऩकी जीब तार क साथ रगा र मह दोनो कामम एक ही साथ औय एक ही सभम भ कय सववधानसाय जफ तक सॊबव हो इसी तसथतत भ यह औय कपय कछ शभनट का धमान कय ऱाभ- नबोभदरा क तनयॊतय अभमास स जीब गर औय आॊखो क साय योग सभापत हो जात ह इसस भतसतटक भ तसथयता फढ़ती ह औय भतसतटक क योग बी दय हो जात ह

36 नालसिागर मदरा -

नाशसकागर भदरा का अथम होता ह नाक का आखखयी छोय ऊऩयी दहससा मा अगरबाग इस बाग ऩय फायी-फायी स सॊतरन फनान हए दखना ही नाकककागर भदरा मोग कहराता ह रककन मह भदरा कयन स ऩहर मोग शशक की सराह जरय र तमोकक इसक कयन स बकटी ऩय जोय ऩड़ता ह

अनतबोध चतनय दवारा सऩादित तरिदिवसीय मदराचचकितसा सि 41

ववचध- ककसी बी आसन भ फठकय नाक क आखखयी शसय ऩय नजय दटका र हो सकता ह कक ऩहर आऩ फाई आॊखो स उस दख ऩाएॊ तफ कछ दय फाद दाई आॊखो स दख इस दखन भ जया बी तनाव न हो सहजता स इस दख

ऱाभ- इसस जहाॊ आॊखो की एतसयसाइज होती ह वहीॊ मह भतसतटक क शरए बी राबदामक ह इसस भन भ एकागरता फढ़ती ह इस भदरा क रगाताय अभमास कयन स भराधाय िकर जागरत होन रगता ह तजसस कणडरीनी जागयण भ भदद शभरती ह इसस भराधाय िकर इसशरए जागरत होता ह तमोकक दोनो आॊखो क फीि ही तसथत ह इड़ा वऩ ॊगरा औय सषमना नाड़ी जो भराधाय तक गई ह समय- इस भदरा को इतनी दय तक कयना िादहए कक आॊखो ऩय इसका जमादा दफाव नहीॊ ऩड़ कपय धीय-धीय इस कयन का सभम फढ़ात जाएॊ

37 बरहम आसन मदरा-

कछ रोग इस बरहभा भदरा बी कहत ह तमोकक इस आसन भ गदमन को िाय ददशा भ घभामा जाता ह औय बरहभाजी क िाय भख थ इसीशरए इसका नाभ बरहभा भदरा आसन यखा गमा रककन असर भ मह बरहभ भदरा आसन ह औय इसभ सबी ददशाओॊ भ तसथत ऩयभशवय को जानकय उसका चिॊतन ककमा जाता ह नभाज ऩढ़त वतत मा सॊधमा वॊदन कयत वतत उतत भदरासन को ककमा जाता यहा ह ववचध- ऩदमासन शसदधासन मा वजरासन भ फठकय कभय तथा गदमन को सीधा यखत हए गदमन को धीय-धीय दामीॊ ओय र जात ह कछ सकॊ ड दामीॊ ओय रकत ह उसक फाद गदमन को धीय-धीय फामीॊ ओय र जात ह कछ सकॊ ड तक फामीॊ ओय रककय कपय दामीॊ ओय र जात ह कपय वाऩस आन क फाद गदमन को ऊऩय की ओय र जात ह उसक फाद नीि की तयप र जात ह कपय गदमन को तराकवाइज

अनतबोध चतनय दवारा सऩादित तरिदिवसीय मदराचचकितसा सि 42

औय एॊटीतराकवाइज घभाएॉ इस तयह मह एक िकर ऩया हआ अऩनी सववधानसाय इस िाय स ऩाॉि िकरो भ कय सकत ह

ऱाभ तजन रोगो को सवामइकर सऩोडराइदटस थाइयाइड नराॊटस की शशकामत ह उनक शरए मह आसन राबदामक ह इसस गदमन की भाॉसऩशशमाॉ रिीरी तथा भजफत होती ह आधमाततभक दतटट स बी मह आसन राबदामक ह आरसम बी कभ होता जाता ह तथा फदरत भौसभ क सदी-जकाभ औय खाॉसी स छटकाया बी शभरता ह

सावधाननया तजनह सवामइकर सऩोडराइदटस मा थाइयाइड की सभसमा ह व ठोडी को ऊऩय की ओय दफाएॉ गदमन को नीि की ओय र जात सभम कॊ ध न झकाएॉ कभय गदमन औय कॊ ध सीध यख गदमन मा गर भ कोई गॊबीय योग हो तो मोग चिककतसक की सराह स ही मह भदराआसन कय

38 भजचगनी मदरा- ववचध- इसभ भख को पराकय कॊ ठ स फाहयी वाम खीॊिी जाती ह| तार औय तजहवा क भधम वाम क घभन स शयीय भ अदभत शततत का आववबामव होता ह|

ऱाभ- मह भदरा अजीणम आदद उदय योगो को नटट कयन भ बी फहत उऩमोगी ह| इस परकाय भदराओॊ क अभमास स साधक को सफ परकाय क शायीरयक भानशसक औय आततभक फर की परातपत होती ह| मोगािामो क अनसाय lsquoनातसत भदरासनककॊ चित शसवदधदॊकषततभणडर (घयणड सॊदहता)rsquo अथामत भदराओॊ क सभान शसवदधदामक कोई अनम साधन ब-भॊडर ऩय नहीॊ ह| इसशरए मोगशसवदध क आकाॊीजनो को भदराओॊ का अभमास कयना शरमसकय ह|

अनतबोध चतनय दवारा सऩादित तरिदिवसीय मदराचचकितसा सि 43

39 खचरी मदरा-

भनटम की जीब (तजहवा) दो तयह की होती ह- रॊफी औय छोटी रॊफी जीब को सऩमतजहवा कहत ह कछ रोगो की जीब रॊफी होन स व उस आसानी स नाशसकागर ऩय रगा सकत ह औय खियी-भदरा कय सकत ह भगय तजसकी जीब छोटी होती ह उस तकरीपो का साभना कयना ऩड़ता ह सफस ऩहर उनह अऩनी जीब रॊफी कयनी ऩड़ती ह औय उसक शरए घषमण व दोहन का सहाया रना ऩड़ता ह जीब नीि की ओय स तजस नाड़ी स जड़ी होती ह उस काटना ऩड़ता ह खियी भदरा को शसदध कयन एवॊ अभत क सराव हत आवशमक उददीऩन भ कछ वषम बी रग सकत ह मह वमततत की मोनमता ऩय बी तनबमय कयता ह मोग भ कछ भदराएॊ ऐसी ह तजनह शसपम मोगी ही कयत ह साभानमजनो को इनह नहीॊ कयना िादहए खियी भदरा साधको क शरए भानी गई ह ववचध - इसक शरए जीब औय तार को जोड़न वार भाॊस-तॊत को धीय-धीय काटा जाता ह अथामत एक ददन जौ बय काटकय छोड़ ददमा जाता ह कपय तीन-िाय ददन फाद थोड़ा-सा औय काट ददमा जाता ह इस परकाय थोड़ा-थोड़ा काटन स उस सथान की यतत शशयाएॊ अऩना सथान बीतय की तयप फनाती जाती ह जीब को काटन क साथ ही परततददन धीय-धीय फाहय की तयप खीॊिन का अभमास ककमा जाता ह इसका अभमास कयन स कछ भहीनो भ जीब इतनी रॊफी हो जाती ह कक मदद उस ऊऩय की तयप रौटा (उसटा कयन) ददमा जाए तो वह शवास जान वार छदो को बीतय स फॊद कय दती ह इसस सभाचध क सभम शवास का आना-जाना ऩणमत योक ददमा जाता ह ऱाभ इस भदरा स पराणामाभ को शसदध कयन औय साभचध रगान भ ववशष सहामता शभरती ह साधनायत साधओॊ क शरए मह भदरा फहत ही राबदामी भानी

अनतबोध चतनय दवारा सऩादित तरिदिवसीय मदराचचकितसा सि 44

जाती ह ववशषता तनयॊतय अभमास कयत यहन स तजफ जफ रॊफी हो जाती ह तफ उस नाशसका यनरो भ परवश कयामा जा सकता ह इस परकाय धमान रगान स कऩार भागम एवॊ तरफ ॊद ववसगम स सॊफॊचधत कछ गरॊचथमो भ उददीऩन होता ह तजसक ऩरयणाभसवरऩ अभत का सराव आयॊब होता ह उसी अभत का सराव होत वतत एक ववशष परकाय का आधमाततभक अनबव होता ह इस अनबव स शसवदध औय सभाचध भ तजी स परगतत होती ह चतावनी मह आरख शसपम जानकायी हत ह कोई बी वमततत इस ऩढ़कय कयन का परमास न कय तमोकक मह शसपम साधको क शरए ह आभ रोगो क शरए नहीॊ

40 अकzwj वनी मदरा- इस भदरा स साधक भ घोड़ो जसी शततत आ जाती ह तजस lsquoहॉसम ऩॉवयrsquo कहत ह|

ववचध - इस भदरा भ गदा-दवाय का फाय-फाय सॊकोिन औय परसाय ककमा जाता ह| इसी स भदरा की शसवदध हो जाती ह| इसक दवाया कणडशरनी जागयण भ सगभता यहती ह औय अनक योग नटट होकय शायीरयक फर की ववदध होती ह|

ऱाभ - अतश वनी भदरा शसदध होन स साधक की अकारभतम कबी नहीॊ होती| गदा औय उदय स सॊफॊचधत योगो का इसक दवाया शभन होता ह तथा दीघमजीवन की उऩरतबध होती ह| तरफना भरफॊध क अतश वनी भदरा नहीॊ हो सकती| 41 बजरौऱी मदरा- फजरौरी भदरा बी भरफॊध का अचछा अभमास ककए तरफना ककसी परकाय सॊबव नहीॊ ह| मह भदरा कवर मोगी क शरए ही नहीॊ बोगी क शरए बी अतमॊत राबकायी ह|

अनतबोध चतनय दवारा सऩादित तरिदिवसीय मदराचचकितसा सि 45

ववचध - इस भदरा भ ऩहर दोनो ऩाॊवो को बशभ ऩय दढ़ताऩवमक दटकाकय दोनो ऩाॊवो को धीय-धीय दढ़ताऩवमक ऊऩय आकाश भ उठा द| इसस तरफॊद-शसवदध होती ह| शकर को धीय-धीय ऊऩय की आकॊ िन कय अथामत इॊददरम क आॊकिन क दवाया वीमम को ऊऩय की ओय खीॊिन का अभमास कय तो मह भदरा शसदध होती ह| ववदवानो का भत ह कक इस भदरा क अभमास भ सतरी का होना आवशमक ह तमोकक बग भ ऩततत होता हआ शकर ऊऩय की ओय खीॊि र तो यज औय वीमम दोनो ही िढ़ जात ह| मह ककरमा अभमास स ही शसदध होती ह| कछ मोगािामम इस परकाय का अभमास शकर क सथान ऩय दनध स कयना फतात ह| जफ दनध खीॊिन का अभमास शसदध हो जाए तफ शकर को खीॊिन का अभमास कयना िादहए| वीमम को ऊऩय खीॊिनवारा मोगी ही ऊधवमयता कहराता ह| ऱाभ - इस भदरा स शयीय रटट-ऩटट तजसवी सॊदय सडौर औय जया-भतम यदहत होता ह| शयीय क सबी अवमव दढ़ होकय भन भ तनश िरता की परातपत होती ह| इसका अभमास अचधक कदठन नहीॊ ह| मदद गहसथ बी इसक कय तो फरवदधमन औय सौदममवदधमन का ऩया राब परापत कय सकत ह चतावनी मह आरख शसपम जानकायी हत ह कोई बी वमततत इस ऩढ़कय कयन का परमास न कय तमोकक मह शसपम साधको क शरए ह आभ रोगो क शरए नहीॊ

साधना कयनवार वमततत क शरए मह आवशमक ह कक वह साधना भ कातमक वाचिक औय भानशसक ककरमाओॊ ऩय ऩया तनमॊतरण यख तथा सभम-सभम ऩय उचित ताॊतरतरक परककरमाओॊ का बी सभनवम कयता यह| इस दतटट स तजस परकाय आसन ऩातरासादन अिमन आदद भ ककरमाओॊ का ववधान ह उसी परकाय उनक साथ कछ भदरा फनान का ववधान ह| म भदराएॊ भखम रऩ-स हाथ औय उसकी उॊगशरमो क परमोग स फनती ह| जस हभाया शयीय ऩॊिततवभम ह| अत शासतरकायो न कहा ह कक इन उॊगशरमो क परमोग स इन ततवो की नमनाचधकता दय की जा

अनतबोध चतनय दवारा सऩादित तरिदिवसीय मदराचचकितसा सि 46

सकती ह तथा ततवो की सभता-ववषभता स होनवारी कभी को उॊगशरमो की भदरा स सभ फनामा जा सकता ह| इतना ही नहीॊ ऐसी भदराओॊ क सहमोग स उन ततवो को सवचछाऩवमक घटामा-फढ़ामा बी जा सकता ह| म ततव करभश अॊगटठ भ अतनन तजमनी भ वाम भधमभा भ आकाश अनाशभका भ ऩथवी औय कतनतटठका भ जर क रऩ भ ववदमभान यहत ह| दवताओॊ की परसननता चितत की शवदध औय ववववध योगो क नाश भ भदराओॊ स फड़ी सहामता शभरती ह| भदराततव को सभझकय परतमक मोगी को इनका साधन कयना िादहए| कणडशरनी शततत क जागयण भ इन भदराओॊ स सहामता शभरती ह| महाॊ हभन तजन भदराओॊ का वणमन एवॊ चितरण ककमा ह उसभ परतमक मोगी साधक को ऩरयचित होना िादहए|

अनतबोध चतनय दवारा सऩादित तरिदिवसीय मदराचचकितसा सि 47

मोग अनसाय आसन औय पराणामाभ की तसथतत को भदरा कहा जाता ह फॊध ककरमा औय भदरा भ आसन औय पराणामाभ दोनो का ही कामम होता ह मोग भ भदराओॊ को आसन औय पराणामाभ स बी फढ़कय भाना जाता ह भदरा दो तयह की होती ह- ऩहरी हसत भदरा अथामत हाथो औय उसकी अॊगशरमो को ववशष आकतत भ फनाना औय दसयी आसन भदरा अथामत तजसभ ऩया शयीय ही सॊिाशरत होता ह

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अनतबोध चतनय दवारा सऩादित तरिदिवसीय मदराचचकितसा सि 15

9 जऱोिर नाशि-

ववचध कतनटठा को अॉगठ क जड़ भ रगाकय अॉगठ स दफाम राब- जर तततव की अचधकता स होन वार सबी योगसजन जरोदय आदद भ ववशष राब होता

ह योग शानत होन तक ही कय

अनतबोध चतनय दवारा सऩादित तरिदिवसीय मदराचचकितसा सि 16

10 पराण मदरा -

ववचध अॊगठ स तीसयी अनाशभका तथा िौथी कतनतटठका अॉगशरमो क ऩोयो को एकसाथ अॊगठ क ऩोय क साथ शभराकय शष दोनो अॉगशरमो को अऩन सीध भ खडा यखन स जो भदरा फनती ह उस पराण भदरा कहत ह राब - हरदम योग भ याभफाण तथा नतरजमोतत फढान भ मह भदरा ऩयभ सहामक हसाथ ही मह पराण शततत फढ़ान वारा बी होता हपराण शततत परफर होन ऩय भनटम क शरए ककसी बी परततकर ऩरयतसथततमो भ धममवान यहना अतमॊत सहज हो जाता हवसतत दढ पराण शततत ही जीवन को सखद फनाती ह इस भदरा की ववशषता मह ह कक इसक शरए अवचध की कोई फाधमता नहीॊइस कछ शभनट बी ककमा जा सकता ह

अनतबोध चतनय दवारा सऩादित तरिदिवसीय मदराचचकितसा सि 17

11 अऩान मदरा

ववचध दोनो हाथो की भधमभा तथा अनाशभका अॊगशरमो को अॊगठ क अगरबाग स रगाकय फाकी अॊगशरमो को सीधी यख अफ हाथो को घटनो ऩय यख र हथशरमो का रख ऊऩय की ओय यहगा कभय-गदमन सीधी यख कय आॊख फॊद कय धमान की तसथतत भ फठ जाएॊ ऱाभ कबज भधभह ककडनी ववकाय वाम ववकाय फवासीय को दय कयन भ सहामक ह शयीय को शदध कय नाड़ी दोषो को दय कयन वारी ह भतर का अवयोध दय कय दाॊतो को भजफत कयती ह ऩसीना बी राती ह नोट इस भदरा क अभमास स भतर अचधक आन रगता ह

अनतबोध चतनय दवारा सऩादित तरिदिवसीय मदराचचकितसा सि 18

12 वयान मदरा-

ववचध- हाथ की भधमभा अॊगरी क आग क बाग को अॊगठ क आग क बाग स शभरान औय तजमनी अॊगरी को फीि की अॊगरी क नाखन स छआएॊ फाकी फिी सायी अॊगशरमाॊ सीधी यहनी िादहए इसी को वमान भदरा कहा जाता ह अवचध- इस भदरा को सफह 15 शभनट औय शाभ को 15 शभनट तक कयना िादहए ऱाभ- वमान भदरा को कयन स ऩशाफ सॊफॊधी सबी योग दय होत ह जस- ऩशाफ जमादा आना ऩशाफ भ िीनी आना ऩशाफ क साथ घात आना ऩशाफ रक-रक कय आना आदद योग सभापत हो जात ह इसक अरावा इस भदरा क तनमशभत अभमास स भधभह परभह औय सवपनदोष बी दय होता ह तसतरमो क शरए मह भदरा सफस जमादा राबदामक फताई गई ह इस भदरा को कयन स तसतरमो क साय योग सभापत हो जात ह

अनतबोध चतनय दवारा सऩादित तरिदिवसीय मदराचचकितसा सि 19

13 उिान मदरा-

ववचध - ऩहरी भधमभा औय अनाशभका उॊगरी क आग क बाग को अॊगठ क आग क बाग स रगाएॊ इस उदान भदरा कहत ह इसका सॊफॊध कॊ ठ स भतसतटक तक होता ह मह ववशवदध िकर को परवादहत कयता ह

राब - इसस भन शाॊत होता ह औय थामयॉइड सॊफॊधी सबी योगो भ राब ऩहॊिता ह

सभमावचध - इस भदरा को बी कवर 15 स 45 शभतनट तक ही कयना िादहए

अनतबोध चतनय दवारा सऩादित तरिदिवसीय मदराचचकितसा सि 20

14 सभान भदरा

ववचध - हाथ की िायो उॊगशरमो औय अॊगठ क अगरबाग को शभरा कय ऊऩय की तयप यखन स सभान भदरा फनती ह इस भदरा भ ऩाॊिो ततव शभर जात ह

राब ndash मह भदरा हभाय वविायो को आधमाततभक फनाती ह फय वविाय दय होत ह

अनतबोध चतनय दवारा सऩादित तरिदिवसीय मदराचचकितसा सि 21

15 हिय मदरा

ववचध दोनो हाथो की तजमनी अॊगशरमो को अॊगठो क भर भ रगाकय भधमभा व अनाशभका अॊगशरमो को अॊगठ क अगरबाग ऩय रगा द व छोटी अॊगरी को सीधा कयक यख अफ हाथो को घटनो ऩय यख र हथशरमो का रख ऊऩय की ओय यहगा कभय-गदमन सीधी यख कय आॊख फॊद कय धमान की तसथतत भ फठ जाएॊ ऱाभ मह भदरा रदम योगो भ ववशष रऩ स राबकायी ह परततददन 10-15 शभनट अभमास स रदम भजफत होता ह गस फनना शसयददम असथभा व उचि यततिाऩ भ राबकायी ह सीदढ़मो ऩय िढ़न स ऩहर ही अगय मह भदरा रगा री जाए औय इस भदरा क साथ ही सीदढ़माॊ िढ़ी जाएॊ तो साॊस नहीॊ परती

अनतबोध चतनय दवारा सऩादित तरिदिवसीय मदराचचकितसा सि 22

16 लऱग मदरा

ववचध- फाएॉ हाथ का अॊगठा सीधा खडा कय दादहन हाथ स फाएॊ हाथ कक अॉगशरमो भ ऩयसऩय पॉ सात हए दोनो ऩॊजो को ऐस जोड कक दादहना अॊगठा फाएॊ अॊगठ को फहाय स आवतत कय र इस परकाय जो भदरा फनगी उस अॊगटठ भदरा कहग राब - अॊगठ भ अतनन ततव होता हइस भदरा क अभमास स शयीय भ उटभता फढ़न रगती हशयीय भ जभा कप ततव सखकय नटट हो जाता हसदी जकाभखाॊसी इतमादद योगो भ मह फड़ा राबदामी होता हकबी मदद शीत परकोऩ भ आ जाएॉ औय शयीय भ ठणड स कॊ ऩकॊ ऩाहट होन रग तो इस भदरा का परमोग तवरयत राब दता ह

अनतबोध चतनय दवारा सऩादित तरिदिवसीय मदराचचकितसा सि 23

17 शख मदरा-

ववचध - फाएॊ हाथ क अॊगठ को दोनो हाथ की भटठी भ फॊद कयक फाएॊ हाथ की तजमनी उॊगरी को दादहन हाथ क अॊगठ स शभरान स शॊख भदरा फनती ह| इस भदरा भ फाएॊ हाथ की फाकी तीन उॊगशरमो क ऩास भ सटाकय दाएॊ हाथ की फॊद उॊगशरमो ऩय हसका-सा दफाव ददमा जाता ह| इसी परकाय हाथ फदरकय अथामत दाएॊ हाथ क अॊगठ को फाएॊ हाथ की भटठी भ फॊद कयक शॊख भदरा फनाई जाती ह| इस भदरा भ ऱाभ - अॊगठ का दफाव हथरी क फीि क बाग ऩय औय भटठी की तीन उॊगशरमो का दफाव शकर ऩवमत ऩय ऩड़ता ह तजसस हथरी भ तसथत नाशब औय थाइयॉइड (ऩतसरका) गरॊचथ क क दर दफत ह| ऩरयणाभसवरऩ नाशब औय थाइयॉइड गरॊचथ क ववकाय ठीक होत ह|

अनतबोध चतनय दवारा सऩादित तरिदिवसीय मदराचचकितसा सि 24

शॊख भदरा का नाशब िकर स तनकट का सॊबॊध ह इसशरए शायीय क सनामतॊतर ऩय ववशष कामम कयती ह अत अनत औय फाहम सवासथम भ फहत राबकायी ह

मह ऩािन तॊतर को उततभ फनाती ह

तनमशभत कयन स बख फढान भ भदद शभरती ह

मह भदरा फोरत सभम उचिायण क दोषो को दय कयन भ फहत परबावी ह जस ततराना हकराना आदद दोष तनमभतत परमोग स दय हो जात ह

सॊगीत की साधना कयन वारो क शरए ववशश राबकायी ह वाणी को भधय फनाती ह

मह भदरा ऩजन भ बी परमतत होती ह| इसका परमोग रॊफ सभम तक ककमा जा सकता ह| इस भदरा का नाशबिकर स ववशष समफनध ह तजसक कायण नाशब स सॊफॊचधत शयीय की नाडड़मो ऩय सकषभ औय सवासथमवधमक परबाव ऩड़ता ह तथा सनामभणडर शतततशारी फनती ह|

अनतबोध चतनय दवारा सऩादित तरिदिवसीय मदराचचकितसा सि 25

18 योनन मदरा-

मौचगक दतटट स अऩन अॊदय कई परकाय क यहसम तछऩाए यखनवारी भदरा का वासतववक नाभ lsquoमोतन भदराrsquo ह| तत मोग क अनसाय कवर हाथो की उॊगशरमो स भहाशततत बगवती की परसननता क शरए मोतन भदरा परदशशमत कयन की आऻा ह| परतम रऩ स इसका परबाव रॊफी मोग साधना क अॊतगमत तॊतर-भॊतर-मॊतर साधना स बी दतटटगोिय होता ह| इस भदरा क तनयॊतय अभमास स साधक की पराण-अऩान वाम को शभरा दनवारी भरफॊध ककरमा को बी साथ कयन स जो तसथतत फनती ह उस ही मोतन भदरा की सॊऻा दी ह| मह फड़ी िभतकायी भदरा ह| ऩदमासन की तसथतत भ फठकय दोनो हाथो की उॊगशरमो स मोतन भदरा फनाकय औय ऩवम भरफॊध की तसथतत भ सममक बाव स तसथत होकय पराण-अऩान को शभरान की परफर बावना क साथ भराधाय सथान ऩय मौचगक सॊमभ कयन स कई परकाय की शसवदधमाॊ परापत हो जाती ह|

अनतबोध चतनय दवारा सऩादित तरिदिवसीय मदराचचकितसा सि 26

ऋवषमो का भत ह कक तजस मोगी को उऩयोतत तसथतत भ मोतन भदरा का रगाताय अभमास कयत-कयत शसवदध परापत हो गई ह उसका शयीय साधनावसथा भ बशभ स आसन सदहत ऊऩय अधय भ तसथत हो जाता ह| सॊबवत इसी कायण आदद शॊकयािाममजी न अऩन मोग यतनावरी नाभक ववशष गरॊथ भ भरफॊध का उसरख ववशष रऩ स ककमा ह|

19 धन मदरा -

बायतीम ऩयॊऩया भ धन गाम को कहा जाता ह औय मह दहनद धभम क साततवक औय भहानता का परतीक ह धन भदरा फनात सभम हाथो की उॊगशरमा गाम क थनो जसी हो जाती ह जस गाम क थनो स दध ऩीकय शयीय ऩटट फनता ह वस ही धन भदरा कयन स बी शयीय रटट ऩटट फनता ह

ववचध - अनमोनमाशबभखॊ तशरटटाकतनटठानाशभका ऩन

अनतबोध चतनय दवारा सऩादित तरिदिवसीय मदराचचकितसा सि 27

तथा ि तजमतनभधमा धन भदरा अभत परदा ( कारी तॊतर )

अऩन दोनो हाथो की अॊगशरमो क ऩोयो को एक साथ शभरा र कपय फाम हाथ की तजमनी ऊॊ गरी को दाएॊ हाथ की फीि वारी उॊगरी स छआए इसक फाद दाएॊ हाथ की तजमनी उॊगरी को फाम हाथ की फीि वारी उॊगरी स छआम ऐस ही फाम हाथ की अनाशभका उॊगरी को दाएॊ हाथ की सफस छोटी उॊगरी स शभराएॊ अॉगठो को खरा छोड़ द हाथ की अॊगशरमो को नीि की तयप कयन स अॊगशरमो की आकतत गाम क धनो जसी हो जाती ह इसी कायण इस धन भदरा कहत ह

सभम - इस भदरा का अभमास धीय धीय फढ़ाए ऩहर 1 स 15 शभतनट औय फाद भ 15 स 30 तथा जफ अचछी तयह मह भदरा अभमास भ आ जाए तफ इस भदरा को 45 शभतनट तक कय सकत ह

राब - धन भदरा स ऩािन तॊतर भजफत होता ह औय शयीय ताकतवय व सवसथ फनता ह मह ऩट क योगो क शरए याभफाण भदरा ह मोग साधना भ फहत ही उऩमोगी भदरा कहराती ह तॊतर एवॊ कभमकाॊड भ बी धन भदरा का परमोग ह ह ऩयानी भानमता क अनसाय मह अभत ततव को दन वारी भदरा ह मह भदरा वात वऩतत तथा कप को सॊतशरत कयती ह

अनतबोध चतनय दवारा सऩादित तरिदिवसीय मदराचचकितसा सि 28

20 मगी मदरा-

भग दहयन को कहा जाता ह मऻ क दौयान होभ की जान वारी साभगरी को इसी भदरा भ होभ ककमा जाता ह पराणामाभ ककए जान क दौयान बी इस भदरा का उऩमोग होता ह धमान कयत वतत बी इस भदरा का इसतभार ककमा जाता ह मह भदरा फनात वतत हाथ की आकतत भग क शसय क सभान हो जाती ह इसीशरए इस भगी भदरा कहा जाता ह मह एक हसत भदरा ह ववचध अऩन हाथ की अनाशभका औय भधमभा अॊगरी को अॊगठ क आग क बाग को छआ कय फाकी फिी तजमनी औय कतनटठा अॊगरी को सीधा तान दन स भगी भदरा फन जाती ह योग आसन - इस दौयान उतकटासन सखासन औय उऩासना क सभम इसतभार होन वार आसन ककए जा सकत ह

अनतबोध चतनय दवारा सऩादित तरिदिवसीय मदराचचकितसा सि 29

समय- इस भदरा को सववधानसाय कछ दय तक कय सकत ह औय इस तीन स िाय फाय ककमा जा सकता ह ऱाभ- भगी भदरा कयत सभम अॊगठ क ऩोय औय अॊगशरमो क जोड़ ऩय दफाव ऩड़ता ह उतत दफाव क कायण शसयददम औय ददभागी ऩयशानी भ राब शभरता ह एतमपरशय चिककतसा क अनसाय उतत अॊगशरमो क अॊदय दाॊत औय सामनस क तरफ ॊद होत ह तजसक कायण हभ दाॊत औय सहनस योग भ बी राब शभरता ह ववशष- भाना जाता ह कक इस भदरा को कयन स सोिन औय सभझन की शततत का ववकास बी होता ह भगी भदरा शभगी क योचगमो क शरए फहत ही राबकायी ह

21 यमहररमदरा

ववचध -सवम परधभ आऩ अऩन दोनो हाथो की सफस छोटी अॊगरी अथामत कतनटठा को आऩस भ एक दसय क परथभ ऩोय स शभरा द इसी क साथ दोनो अॊगठ को बी आऩस भ शभरा द अफ तीन अॊगशरमाॊ फाकी यह जाएॊगी- भध मभा तजमनी औय अनाशभका इन तीनो अॊगशरमो को हथरी की ओय भोड़कय भटठी जसा फनाइए अॊगशरमो की इस तसथतत को मभ हरयभदरा कहत ह

अनतबोध चतनय दवारा सऩादित तरिदिवसीय मदराचचकितसा सि 30

ऱाभ - मभहरयभदरा क तनमशभत अभमास स नाडड़मो को शततत शभरती ह इस भदरा क तनयॊतय अभमास स ऩट क योग जस- कबज बख ना रगना औय तजगय की कभजोयी दय होती ह इस भदरा स तसतरमो क सतनो क साय योगो भ बी राब शभरता ह मभ हरयभदरा को परततददन 5 शभनट सफह औय 5 शभनट शाभ को कय आऩ इसक कयन का सभम फढ़ाकय 10 शभनट तक कय सकत ह परततददन कभ स कभ ऩाॊि भदराएॊ अऩनी सववधानसाय कयनी िादहए भदराओॊ स सबी योगो भ राब ऩामा जा सकता ह मदद उनका मोग शशक स ऩछकय तनमशभत अभमास ककमा जाए भदराएॊ खासकय उन रोगो क शरए पामदभॊद सातरफत होती ह जो मोगासन कयन भ असभथम ह

22 ऩषऩाजलऱ मदरा-

अनतबोध चतनय दवारा सऩादित तरिदिवसीय मदराचचकितसा सि 31

मह भहतवऩणम हसत मोग भदरा ह जस दआ भ हाथ उठात ह मा ऩटऩ अऩमण कयत ह तफ मह भदरा फनती ह जसा कक इसका नाभ ह ऩटऩाॊजशर इसी स मह शसदध होता ह कक मह भदरा ककस परकाय की होगी ववचध- दोनो हाथो की अॊगशरमो औय अॊगठ को आऩस भ शभरा भखणफदध को बी शभरा र कपय दोनो हाथो की छोटी अॊगशरमो को एक साथ शभराकय ऐसी आकतत फना र कक जस हभ ककसी बगवान को पर िढ़ात सभम फनात ह इस ही ऩटऩाॊजशर भदरा कहत ह

ऱाभ- ऩटऩाॊजरी भदरा क तनयॊतय अभमास स नीॊद अचछी तयह स आन रगती ह आतभववशवास फढ़ता ह

23 यज भदरा-

अनतबोध चतनय दवारा सऩादित तरिदिवसीय मदराचचकितसा सि 32

यज भदरा कवर तसतरमो क शरए ह ऐसा नहीॊ फतसक अगय ऩरष इस भदरा को कयत ह तो उनक वीमम सॊफॊधी सभसत योग दय हो जात ह ववचध- यज भदरा फनाना फहत ही आसान ह कतनटठा (छोटी अॊगरी) अॊगरी को हथरी की जड़ भ भोड़कय रगान स यज भदरा फन जाती ह ऱाभ- यज भदरा स तसतरमो क भाशसक धभम सॊफॊधी योग दय होत ह इसक अरवा शसय भ बायीऩन यहना छाती भ ददम ऩट ऩीठ कभय का ददम आदद योग बी यज भदरा कयन स दय हो जात ह सतरी क साय परजनन अॊगो की ऩयशातनमो को म भदरा तरफसकर दय कय दती ह

24 अदिती मदरा-

ववचध- अॊगठ क आग क बाग को अनाशभका (छोटी उॊगरी क साथ वारी उॊगरी) उॊगरी की जड़ भ टढ़ा रगान स अददती भदरा फन जाती ह

ऱाभ- इस भदरा को कयन स हय सभम उफासी आना जमादा छीॊक आना जस योगो को दय ककमा जा सकता ह

अनतबोध चतनय दवारा सऩादित तरिदिवसीय मदराचचकितसा सि 33

समय- अददती भदरा को ददन भ 3-4 फाय 15-15 शभनटो क शरए कय सकत ह

25 हसी मदरा-

जस हॊस नीय ीय वववक की साभथमम यखता ह वस इस भदरा क कयन स सोिन औय तवरयत तनणमम की भता फढती ह मदरा िी ववचध - सखासन मा उतकटासन भ फठकय अऩन हाथ की सबी सफस छोटी अॊगरी को छोड़कय अॊगशरमो को अॊगठ क आग क बाग को दफान स हॊसी भदरा फन जाती ह अवचध- इस भदरा को परयॊब भ 5-8 शभनट स कयक 30-48 शभनट तक कय सकत ह मदरा िा ऱाभ- इस भदरा तनमशभत अभमास स वववक फढ़ता ह अथामत इसस सोिन-सभझन की शततत फढ़ती ह औय इसस शयीय का बायीऩन सभापत हो जाता ह

अनतबोध चतनय दवारा सऩादित तरिदिवसीय मदराचचकितसा सि 34

ववशषता- भाना जाता ह कक इस भदरा का तनमशभत अभमास कयन स याजशसक ताकत फढ़ती ह औय वमततत धन सॊऩनन फना यहता ह सावधानी - इस भदरा को कयत सभम ककसी बी परकाय का भॊतर नहीॊ जऩना िादहए औय ना ही कोई अनम धाशभमक उऩकरभ कय

26 हसतऩात मदरा-

ववचध- इस भदरा को कयन क शरए आऩ अऩन दोनो हाथो की हथरी क ऩीछ क बाग को आऩस भ अॊगशरमो सदहत शभरा द इस आकतत को हसतऩात भदरा कहा जाता ह मह नभसकाय भदरा जसा ही ह रककन इसभ हथरी क ऩटठ बाग को शभरा ददमा जाता ह ऱाभ- इस हसतऩात भदरा को कयन स शवास औय गर क क साय योग भ फहत राब शभरता ह तजन तसतरमाॊ मदद इसका तनमशभत अभमास कयती ह तो इसस उनक सतन सड़ौर सॊदय औय सवसथ हो जात ह तजन तसतरमो क सतन छोट ह ढीर ह मा उनक सतनो भ दध नहीॊ आता ह तो मह भदरा उनक शरए फहत राबकायी शसदध हो सकती ह

27 धयान मदरा

ववचध- ऩदमासन भ फठकय फाएॊ हाथ की हथरी ऩय दाएॊ हाथ की हथरी को (उसट हाथ ऩय सीध हाथ को) हसक स यखन स धमान भदरा फनती ह| धमान यख कक इस भदरा भ शसय गदमन एवॊ यीढ़ की हडडी सीधी यह| आॊख औय होठ सहज स फनद यह| धमान अऩन इटटदव क सवरऩ ऩय दटकाएॊ अथवा कामोतसगम कय अथामत शयीय स

अनतबोध चतनय दवारा सऩादित तरिदिवसीय मदराचचकितसा सि 35

सभता यखत हए कछ दय क शरए वविाय यदहत अवसथा भ यहन का परमास कय| अटटाॊग मोग (मभ तनमभ पराणामाभ परतमाहाय धायणा धमान औय सभाचध) क एक अॊग lsquoधमानrsquo की साधना भ मह भदरा ववशष रऩ स सहामक शसदध हई ह| ऱाभ - जो वमततत ऩदमासन नहीॊ कय सकत उनह धमान भदरा सखासन मा सवतसतक अथवा ऩारथी आसन भ कयना िादहए| मह सहज भदरा ह| सहज धमान भदरा को साधायण वमततत अचधक रमफ सभम तक सयरता स कय सकता ह| इसस धमान भदरा क राब बी शभर जात ह| धमान भदरा भ मदद हथशरमाॊ एक दसय ऩय यखन क फाद दोनो हथशरमाॊ ऻान भदरा की तसथतत भ यखी जाएॊ तो धमान भदरा तथा ऻान भदरा क सतमभशरत राब क साथ ऩदमासन क राब बी शभर जात ह| साधक क शरए धमान भदरा भ सभम की कोई सीभा नहीॊ ह| रककन सहजता क साथ ऩदमासन कयन की भता क अनरऩ धमान भदरा का अभमास कयना िादहए| साधायण वमततत को इस धीय-धीय फढ़ात हए कभ-स-कभ २० शभनट स एक घॊट तक कयना िादहए| धमान भदरा न कय सकन की अवसथा भ सहज धमान भदरा कयक राब उठाना िादहए| भन की िॊिरता शाॊत होकय चितत की एकागरता फढ़ती ह| साततवक वविायो की उतऩततत होती ह औय परब बजन भ भन रगता ह|

धमान क परबाव स साधक को धमान की उचितय तसथतत भ ऩहॊिन भ सहामता शभरती ह| आतभ साातकाय औय ईश वय क साातकाय भ मह भदरा सहामक ह|

28 शामभवी मदरा-

आॉख खरी हो रककन आऩ दख नहीॊ सकत ऐसी तसथतत जफ सध जाती ह तो उस शामबवी भदरा कहत ह ऐसी तसथतत भ आऩ नीॊद का भजा बी र सकत ह मह फहत कदठन साधना ह इसक ठीक उसटा कक जफ आॉख फॊद हो तफ आऩ दख

अनतबोध चतनय दवारा सऩादित तरिदिवसीय मदराचचकितसा सि 36

सकत ह मह बी फहत कदठन साधना ह रककन मह दोनो ही सॊबव ह असॊबव कछ बी नहीॊ फहत स ऐस ऩश औय ऩी ह जो आॉख खोरकय ही सोत ह ववचध- मदद आऩन तराटक ककमा ह मा आऩ तराटक क फाय भ जानत ह तो आऩ इस भदरा को कय सकत ह सवमपरथभ शसदधासन भ फठकय यीढ़-गदमन सीधी यखत हए ऩरको को तरफना झऩकाएॉ दखत यह रककन धमान ककसी बी िीज को दखन ऩय ना यख ददभाग तरफसकर बीतय कहीॊ रगा हो

ऱाभ- शामबवी भदरा को कयन स ददर औय ददभाग को शाॊतत शभरती ह मोगी का धमान ददर भ तसथय होन रगता ह आॉख खरी यखकय बी वमततत नीॊद औय धमान का आनॊद र सकता ह इसक सधन स वमततत बत औय बववटम का ऻाता फन सकता ह सऱाह- शामबवी भदरा ऩयी तयह स तबी शसदध हो सकती ह जफ आऩकी आॉख खरी हो ऩय व ककसी बी िीज को न दख यही हो ऐसा सभझ की आऩ ककसी धन भ जी यह हो आऩको खमार होगा कक कबी-कबी आऩ कहीॊ बी दख यह होत ह रककन आऩका धमान कहीॊ ओय यहता ह समय- इस भदरा को शरआत भ तजतनी दय हो सक कय औय फाद भ धीय-धीय इसका अभमास फढ़ात जाएॉ

अनतबोध चतनय दवारा सऩादित तरिदिवसीय मदराचचकितसा सि 37

29 शकततचालऱनी मदरा- ववचध - आठ अॊगर रॊफा औय िाय अॊगर िौड़ा भरामभ वसतर रकय नाशब ऩय रगाएॊ औय कदटसतर भ फाॊध र| कपय शयीय भ बसभ यभाकय शसदधासन भ फठ औय पराण को अऩान स मतत कय| जफ तक गहम दवाय स िरती हई वाम परकाशशत न हो इस सभम तक गहम दवाय को सॊकचित यख| इसस वाम का जो तनयोध होता ह उसभ कमबक क दवाया कणडशरनी शततत जागरत होती हई सषमना भागम स ऊऩय जाकय खड़ी हो जाती ह| मोगभदरा स ऩहर इसका अभमास कयन ऩय ही मोतन भदरा की ऩणम शसवदध होती ह| ऱाभ - इस भदरा स कणडशरनी शततत का जागयण होता ह| जफ तक मह सोती ह तफ तक सबी आॊतरयक शतततमाॊ सपत ऩड़ी यहती ह| इसशरए कणडशरनी का जागरत होना साधक क शरए फहत आवशमक ह| पराण-अऩान को सॊमतत कयन की ककरमा पराणवाम को ऩयक दवाया बीतय खीॊिन औय उडडीमान फॊध स अऩान वाम को ऊऩय की ओय आकवषमत कयन स ऩणम होती ह| इसभ गहम परदश क सॊकोि औय ववसताय का अभमास होन स अचधक सयरता हो सकती ह| 30 तड़ागी मदरा- ववचध - दोनो ऩाॊवो को दणड क सभान धयती ऩय ऩसाय र औय हाथो स उनक अॊगठो को ऩकड़न तथा दोनो जाॊघो ऩय शसय को सथावऩत कय साथ ही उदय को तड़ाग (सयोवय) क सभान कय र| ऱाभ - मह भदरा अनक योगो औय वदधावसथा को बी दय कयन भ सहामक शसदध होती ह|

अनतबोध चतनय दवारा सऩादित तरिदिवसीय मदराचचकितसा सि 38

31 माणडवी मदरा- ववचध - भख को फॊद कयक जफान को तार भ घभाएॊ औय सहसराय स टऩकत हए सधायस को जफान स धीय-धीय ऩीन का मतन कय| मही भाणडवी (मा भाणडकी) भदरा ह| ऱाभ - इसक दवाया फारो की सपदी उनका झड़ना शयीय ऩय झरयममो भॊहासो आदद का ऩड़ना तथा तनफमरता आदद दय होकय चिय-मौवन की परातपत होती ह| इसस यसोतऩादन होकय अभततव की उऩरतबध होना सॊबव हो जाता ह| 32 ऩालशनी मदरा ववचध- दोनो ऩाॊवो को कॊ ठ क ऩीछ की ओय र जाकय उनह ऩयसऩय शभराएॊ औय ऩाश क सभान दढ़ता स फाॊध र| ऱाभ - इसक अभमास स बी कणडशरनी शततत क जागयण भ फहत सगभता हो जाती ह तथा साधक क शयीय भ फर औय ऩतटट का आववबामव होता ह| भानशसक फरवदधमन भ बी मह फहत दहतकय ह| 33 िािी मदरा-

काक कौए को कहत ह कौए की िोि जसी भॊह की भदरा फना रन को काकी भदरा कहा जाता ह ववचध ककसी बी आसन भ फठकय होठो को ऩतरी सी नरी क सभान भोड़कय कौए की िोि जसा फना र अफ नाक क अगर बाग को दखत हए अऩना ऩया धमान नाक ऩय दटका द इसक फाद भॊह स धीय-धीय गहयी शवास रकय होठो को फॊद कय द कछ दय फाद शवास को नाक स फाहय तनकार द इस तयह स 10

अनतबोध चतनय दवारा सऩादित तरिदिवसीय मदराचचकितसा सि 39

शभनट तक कय ऱाभ मह भदरा जहाॊ शयीय भ ठॊडक फढ़ाती ह वहीॊ मह कई योगो को दय कयन भ राबदामक ह इस भदरा का तनयॊतय अभमास कयन स शयीय भ अॊदय बोजन ऩिान की ककरमा तज हो जाती ह इसस अमरवऩतत का फढ़ना कभ हो जाता ह

34 मातचगनी मदरा-

भातॊग का अथम होता ह भघ भाॊ दगाम का एक रऩ ह भातॊगी मह दस भहाववदमा भ स नौवीॊ ववदमा ह भातॊग नाभ स एक धमान होता ह भॊतर होता ह औय एक हाथी का नाभ बी भातॊग ह ऋवष वशशटठ की ऩतनी का एक नाभ बी भातॊगी ह ऋवष कशमऩ की ऩतरी का नाभ बी भातॊगी ह तजसस हाथी उतऩनन हए थ ववचध शाॊत जगह भ ऩानी क अॊदय गर तक शयीय को डफो र औय कपय नाक स ऩानी को खीॊिकय उस भॊह स तनकार र कपय भॊह स ऩानी को खीॊिकय नाक स फाहय तनकार द इस ककरमा को ही भातॊचगनी भदरा कहत ह ऱाभ इस भदरा क अभमास स आॊखो की योशनी तज हो जाती ह शसय ददम भ मह भदरा अतमॊत राबकायी भानी जाती ह इसस नजरा-जकाभ आदद क योग बी दय हो जात ह इस भदरा क तनयॊतय अभमास स िहय ऩय िभक आ जाती ह औय फार बी सपद नहीॊ होत ह इस भदरा क शसदध हो जान ऩय वमततत भ ताकत फढ़ जाती ह

35 नभोमदरा

नब का अथम होता ह आकाश इस भदरा भ जीब को तार की ओय रगात ह इसीशरए इस नबोभदरा कहत ह नबोभदरा कयना सयर नहीॊ ह इस ककसी मोग

अनतबोध चतनय दवारा सऩादित तरिदिवसीय मदराचचकितसा सि 40

शशक स सीखकय ही कयना िादहए मह भदरा फहत स योगो भ राबदामक शसदध हई ह इस फाय भ एक शरोक बी ह- मतर मतर तसथतो मोगी सवमकामष सवमदा उधवमतजवह तसथयो बतवाधायमतभवनॊ सदा नबोभदरा भवदषा मोदववना योग नाशशनी अथामत साय कामो भ तसथय हआ चितत अऩनी जीब क अगर बाग को भॊह क अॊदय तार भ रगाकय शवास को अॊदय योक रता ह इस तसथतत स विारयक गततववचधमाॊ ततकार फॊद हो जाती ह इसीशरए इस भदरा को यहसम का आबास ददरान वारी भदरा बी कहा जाता ह ववचध- अऩनी आॊखो को अऩनी दोनो बौहो क फीि भ जभाकय आऩकी जीब तार क साथ रगा र मह दोनो कामम एक ही साथ औय एक ही सभम भ कय सववधानसाय जफ तक सॊबव हो इसी तसथतत भ यह औय कपय कछ शभनट का धमान कय ऱाभ- नबोभदरा क तनयॊतय अभमास स जीब गर औय आॊखो क साय योग सभापत हो जात ह इसस भतसतटक भ तसथयता फढ़ती ह औय भतसतटक क योग बी दय हो जात ह

36 नालसिागर मदरा -

नाशसकागर भदरा का अथम होता ह नाक का आखखयी छोय ऊऩयी दहससा मा अगरबाग इस बाग ऩय फायी-फायी स सॊतरन फनान हए दखना ही नाकककागर भदरा मोग कहराता ह रककन मह भदरा कयन स ऩहर मोग शशक की सराह जरय र तमोकक इसक कयन स बकटी ऩय जोय ऩड़ता ह

अनतबोध चतनय दवारा सऩादित तरिदिवसीय मदराचचकितसा सि 41

ववचध- ककसी बी आसन भ फठकय नाक क आखखयी शसय ऩय नजय दटका र हो सकता ह कक ऩहर आऩ फाई आॊखो स उस दख ऩाएॊ तफ कछ दय फाद दाई आॊखो स दख इस दखन भ जया बी तनाव न हो सहजता स इस दख

ऱाभ- इसस जहाॊ आॊखो की एतसयसाइज होती ह वहीॊ मह भतसतटक क शरए बी राबदामक ह इसस भन भ एकागरता फढ़ती ह इस भदरा क रगाताय अभमास कयन स भराधाय िकर जागरत होन रगता ह तजसस कणडरीनी जागयण भ भदद शभरती ह इसस भराधाय िकर इसशरए जागरत होता ह तमोकक दोनो आॊखो क फीि ही तसथत ह इड़ा वऩ ॊगरा औय सषमना नाड़ी जो भराधाय तक गई ह समय- इस भदरा को इतनी दय तक कयना िादहए कक आॊखो ऩय इसका जमादा दफाव नहीॊ ऩड़ कपय धीय-धीय इस कयन का सभम फढ़ात जाएॊ

37 बरहम आसन मदरा-

कछ रोग इस बरहभा भदरा बी कहत ह तमोकक इस आसन भ गदमन को िाय ददशा भ घभामा जाता ह औय बरहभाजी क िाय भख थ इसीशरए इसका नाभ बरहभा भदरा आसन यखा गमा रककन असर भ मह बरहभ भदरा आसन ह औय इसभ सबी ददशाओॊ भ तसथत ऩयभशवय को जानकय उसका चिॊतन ककमा जाता ह नभाज ऩढ़त वतत मा सॊधमा वॊदन कयत वतत उतत भदरासन को ककमा जाता यहा ह ववचध- ऩदमासन शसदधासन मा वजरासन भ फठकय कभय तथा गदमन को सीधा यखत हए गदमन को धीय-धीय दामीॊ ओय र जात ह कछ सकॊ ड दामीॊ ओय रकत ह उसक फाद गदमन को धीय-धीय फामीॊ ओय र जात ह कछ सकॊ ड तक फामीॊ ओय रककय कपय दामीॊ ओय र जात ह कपय वाऩस आन क फाद गदमन को ऊऩय की ओय र जात ह उसक फाद नीि की तयप र जात ह कपय गदमन को तराकवाइज

अनतबोध चतनय दवारा सऩादित तरिदिवसीय मदराचचकितसा सि 42

औय एॊटीतराकवाइज घभाएॉ इस तयह मह एक िकर ऩया हआ अऩनी सववधानसाय इस िाय स ऩाॉि िकरो भ कय सकत ह

ऱाभ तजन रोगो को सवामइकर सऩोडराइदटस थाइयाइड नराॊटस की शशकामत ह उनक शरए मह आसन राबदामक ह इसस गदमन की भाॉसऩशशमाॉ रिीरी तथा भजफत होती ह आधमाततभक दतटट स बी मह आसन राबदामक ह आरसम बी कभ होता जाता ह तथा फदरत भौसभ क सदी-जकाभ औय खाॉसी स छटकाया बी शभरता ह

सावधाननया तजनह सवामइकर सऩोडराइदटस मा थाइयाइड की सभसमा ह व ठोडी को ऊऩय की ओय दफाएॉ गदमन को नीि की ओय र जात सभम कॊ ध न झकाएॉ कभय गदमन औय कॊ ध सीध यख गदमन मा गर भ कोई गॊबीय योग हो तो मोग चिककतसक की सराह स ही मह भदराआसन कय

38 भजचगनी मदरा- ववचध- इसभ भख को पराकय कॊ ठ स फाहयी वाम खीॊिी जाती ह| तार औय तजहवा क भधम वाम क घभन स शयीय भ अदभत शततत का आववबामव होता ह|

ऱाभ- मह भदरा अजीणम आदद उदय योगो को नटट कयन भ बी फहत उऩमोगी ह| इस परकाय भदराओॊ क अभमास स साधक को सफ परकाय क शायीरयक भानशसक औय आततभक फर की परातपत होती ह| मोगािामो क अनसाय lsquoनातसत भदरासनककॊ चित शसवदधदॊकषततभणडर (घयणड सॊदहता)rsquo अथामत भदराओॊ क सभान शसवदधदामक कोई अनम साधन ब-भॊडर ऩय नहीॊ ह| इसशरए मोगशसवदध क आकाॊीजनो को भदराओॊ का अभमास कयना शरमसकय ह|

अनतबोध चतनय दवारा सऩादित तरिदिवसीय मदराचचकितसा सि 43

39 खचरी मदरा-

भनटम की जीब (तजहवा) दो तयह की होती ह- रॊफी औय छोटी रॊफी जीब को सऩमतजहवा कहत ह कछ रोगो की जीब रॊफी होन स व उस आसानी स नाशसकागर ऩय रगा सकत ह औय खियी-भदरा कय सकत ह भगय तजसकी जीब छोटी होती ह उस तकरीपो का साभना कयना ऩड़ता ह सफस ऩहर उनह अऩनी जीब रॊफी कयनी ऩड़ती ह औय उसक शरए घषमण व दोहन का सहाया रना ऩड़ता ह जीब नीि की ओय स तजस नाड़ी स जड़ी होती ह उस काटना ऩड़ता ह खियी भदरा को शसदध कयन एवॊ अभत क सराव हत आवशमक उददीऩन भ कछ वषम बी रग सकत ह मह वमततत की मोनमता ऩय बी तनबमय कयता ह मोग भ कछ भदराएॊ ऐसी ह तजनह शसपम मोगी ही कयत ह साभानमजनो को इनह नहीॊ कयना िादहए खियी भदरा साधको क शरए भानी गई ह ववचध - इसक शरए जीब औय तार को जोड़न वार भाॊस-तॊत को धीय-धीय काटा जाता ह अथामत एक ददन जौ बय काटकय छोड़ ददमा जाता ह कपय तीन-िाय ददन फाद थोड़ा-सा औय काट ददमा जाता ह इस परकाय थोड़ा-थोड़ा काटन स उस सथान की यतत शशयाएॊ अऩना सथान बीतय की तयप फनाती जाती ह जीब को काटन क साथ ही परततददन धीय-धीय फाहय की तयप खीॊिन का अभमास ककमा जाता ह इसका अभमास कयन स कछ भहीनो भ जीब इतनी रॊफी हो जाती ह कक मदद उस ऊऩय की तयप रौटा (उसटा कयन) ददमा जाए तो वह शवास जान वार छदो को बीतय स फॊद कय दती ह इसस सभाचध क सभम शवास का आना-जाना ऩणमत योक ददमा जाता ह ऱाभ इस भदरा स पराणामाभ को शसदध कयन औय साभचध रगान भ ववशष सहामता शभरती ह साधनायत साधओॊ क शरए मह भदरा फहत ही राबदामी भानी

अनतबोध चतनय दवारा सऩादित तरिदिवसीय मदराचचकितसा सि 44

जाती ह ववशषता तनयॊतय अभमास कयत यहन स तजफ जफ रॊफी हो जाती ह तफ उस नाशसका यनरो भ परवश कयामा जा सकता ह इस परकाय धमान रगान स कऩार भागम एवॊ तरफ ॊद ववसगम स सॊफॊचधत कछ गरॊचथमो भ उददीऩन होता ह तजसक ऩरयणाभसवरऩ अभत का सराव आयॊब होता ह उसी अभत का सराव होत वतत एक ववशष परकाय का आधमाततभक अनबव होता ह इस अनबव स शसवदध औय सभाचध भ तजी स परगतत होती ह चतावनी मह आरख शसपम जानकायी हत ह कोई बी वमततत इस ऩढ़कय कयन का परमास न कय तमोकक मह शसपम साधको क शरए ह आभ रोगो क शरए नहीॊ

40 अकzwj वनी मदरा- इस भदरा स साधक भ घोड़ो जसी शततत आ जाती ह तजस lsquoहॉसम ऩॉवयrsquo कहत ह|

ववचध - इस भदरा भ गदा-दवाय का फाय-फाय सॊकोिन औय परसाय ककमा जाता ह| इसी स भदरा की शसवदध हो जाती ह| इसक दवाया कणडशरनी जागयण भ सगभता यहती ह औय अनक योग नटट होकय शायीरयक फर की ववदध होती ह|

ऱाभ - अतश वनी भदरा शसदध होन स साधक की अकारभतम कबी नहीॊ होती| गदा औय उदय स सॊफॊचधत योगो का इसक दवाया शभन होता ह तथा दीघमजीवन की उऩरतबध होती ह| तरफना भरफॊध क अतश वनी भदरा नहीॊ हो सकती| 41 बजरौऱी मदरा- फजरौरी भदरा बी भरफॊध का अचछा अभमास ककए तरफना ककसी परकाय सॊबव नहीॊ ह| मह भदरा कवर मोगी क शरए ही नहीॊ बोगी क शरए बी अतमॊत राबकायी ह|

अनतबोध चतनय दवारा सऩादित तरिदिवसीय मदराचचकितसा सि 45

ववचध - इस भदरा भ ऩहर दोनो ऩाॊवो को बशभ ऩय दढ़ताऩवमक दटकाकय दोनो ऩाॊवो को धीय-धीय दढ़ताऩवमक ऊऩय आकाश भ उठा द| इसस तरफॊद-शसवदध होती ह| शकर को धीय-धीय ऊऩय की आकॊ िन कय अथामत इॊददरम क आॊकिन क दवाया वीमम को ऊऩय की ओय खीॊिन का अभमास कय तो मह भदरा शसदध होती ह| ववदवानो का भत ह कक इस भदरा क अभमास भ सतरी का होना आवशमक ह तमोकक बग भ ऩततत होता हआ शकर ऊऩय की ओय खीॊि र तो यज औय वीमम दोनो ही िढ़ जात ह| मह ककरमा अभमास स ही शसदध होती ह| कछ मोगािामम इस परकाय का अभमास शकर क सथान ऩय दनध स कयना फतात ह| जफ दनध खीॊिन का अभमास शसदध हो जाए तफ शकर को खीॊिन का अभमास कयना िादहए| वीमम को ऊऩय खीॊिनवारा मोगी ही ऊधवमयता कहराता ह| ऱाभ - इस भदरा स शयीय रटट-ऩटट तजसवी सॊदय सडौर औय जया-भतम यदहत होता ह| शयीय क सबी अवमव दढ़ होकय भन भ तनश िरता की परातपत होती ह| इसका अभमास अचधक कदठन नहीॊ ह| मदद गहसथ बी इसक कय तो फरवदधमन औय सौदममवदधमन का ऩया राब परापत कय सकत ह चतावनी मह आरख शसपम जानकायी हत ह कोई बी वमततत इस ऩढ़कय कयन का परमास न कय तमोकक मह शसपम साधको क शरए ह आभ रोगो क शरए नहीॊ

साधना कयनवार वमततत क शरए मह आवशमक ह कक वह साधना भ कातमक वाचिक औय भानशसक ककरमाओॊ ऩय ऩया तनमॊतरण यख तथा सभम-सभम ऩय उचित ताॊतरतरक परककरमाओॊ का बी सभनवम कयता यह| इस दतटट स तजस परकाय आसन ऩातरासादन अिमन आदद भ ककरमाओॊ का ववधान ह उसी परकाय उनक साथ कछ भदरा फनान का ववधान ह| म भदराएॊ भखम रऩ-स हाथ औय उसकी उॊगशरमो क परमोग स फनती ह| जस हभाया शयीय ऩॊिततवभम ह| अत शासतरकायो न कहा ह कक इन उॊगशरमो क परमोग स इन ततवो की नमनाचधकता दय की जा

अनतबोध चतनय दवारा सऩादित तरिदिवसीय मदराचचकितसा सि 46

सकती ह तथा ततवो की सभता-ववषभता स होनवारी कभी को उॊगशरमो की भदरा स सभ फनामा जा सकता ह| इतना ही नहीॊ ऐसी भदराओॊ क सहमोग स उन ततवो को सवचछाऩवमक घटामा-फढ़ामा बी जा सकता ह| म ततव करभश अॊगटठ भ अतनन तजमनी भ वाम भधमभा भ आकाश अनाशभका भ ऩथवी औय कतनतटठका भ जर क रऩ भ ववदमभान यहत ह| दवताओॊ की परसननता चितत की शवदध औय ववववध योगो क नाश भ भदराओॊ स फड़ी सहामता शभरती ह| भदराततव को सभझकय परतमक मोगी को इनका साधन कयना िादहए| कणडशरनी शततत क जागयण भ इन भदराओॊ स सहामता शभरती ह| महाॊ हभन तजन भदराओॊ का वणमन एवॊ चितरण ककमा ह उसभ परतमक मोगी साधक को ऩरयचित होना िादहए|

अनतबोध चतनय दवारा सऩादित तरिदिवसीय मदराचचकितसा सि 47

मोग अनसाय आसन औय पराणामाभ की तसथतत को भदरा कहा जाता ह फॊध ककरमा औय भदरा भ आसन औय पराणामाभ दोनो का ही कामम होता ह मोग भ भदराओॊ को आसन औय पराणामाभ स बी फढ़कय भाना जाता ह भदरा दो तयह की होती ह- ऩहरी हसत भदरा अथामत हाथो औय उसकी अॊगशरमो को ववशष आकतत भ फनाना औय दसयी आसन भदरा अथामत तजसभ ऩया शयीय ही सॊिाशरत होता ह

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अनतबोध चतनय दवारा सऩादित तरिदिवसीय मदराचचकितसा सि 16

10 पराण मदरा -

ववचध अॊगठ स तीसयी अनाशभका तथा िौथी कतनतटठका अॉगशरमो क ऩोयो को एकसाथ अॊगठ क ऩोय क साथ शभराकय शष दोनो अॉगशरमो को अऩन सीध भ खडा यखन स जो भदरा फनती ह उस पराण भदरा कहत ह राब - हरदम योग भ याभफाण तथा नतरजमोतत फढान भ मह भदरा ऩयभ सहामक हसाथ ही मह पराण शततत फढ़ान वारा बी होता हपराण शततत परफर होन ऩय भनटम क शरए ककसी बी परततकर ऩरयतसथततमो भ धममवान यहना अतमॊत सहज हो जाता हवसतत दढ पराण शततत ही जीवन को सखद फनाती ह इस भदरा की ववशषता मह ह कक इसक शरए अवचध की कोई फाधमता नहीॊइस कछ शभनट बी ककमा जा सकता ह

अनतबोध चतनय दवारा सऩादित तरिदिवसीय मदराचचकितसा सि 17

11 अऩान मदरा

ववचध दोनो हाथो की भधमभा तथा अनाशभका अॊगशरमो को अॊगठ क अगरबाग स रगाकय फाकी अॊगशरमो को सीधी यख अफ हाथो को घटनो ऩय यख र हथशरमो का रख ऊऩय की ओय यहगा कभय-गदमन सीधी यख कय आॊख फॊद कय धमान की तसथतत भ फठ जाएॊ ऱाभ कबज भधभह ककडनी ववकाय वाम ववकाय फवासीय को दय कयन भ सहामक ह शयीय को शदध कय नाड़ी दोषो को दय कयन वारी ह भतर का अवयोध दय कय दाॊतो को भजफत कयती ह ऩसीना बी राती ह नोट इस भदरा क अभमास स भतर अचधक आन रगता ह

अनतबोध चतनय दवारा सऩादित तरिदिवसीय मदराचचकितसा सि 18

12 वयान मदरा-

ववचध- हाथ की भधमभा अॊगरी क आग क बाग को अॊगठ क आग क बाग स शभरान औय तजमनी अॊगरी को फीि की अॊगरी क नाखन स छआएॊ फाकी फिी सायी अॊगशरमाॊ सीधी यहनी िादहए इसी को वमान भदरा कहा जाता ह अवचध- इस भदरा को सफह 15 शभनट औय शाभ को 15 शभनट तक कयना िादहए ऱाभ- वमान भदरा को कयन स ऩशाफ सॊफॊधी सबी योग दय होत ह जस- ऩशाफ जमादा आना ऩशाफ भ िीनी आना ऩशाफ क साथ घात आना ऩशाफ रक-रक कय आना आदद योग सभापत हो जात ह इसक अरावा इस भदरा क तनमशभत अभमास स भधभह परभह औय सवपनदोष बी दय होता ह तसतरमो क शरए मह भदरा सफस जमादा राबदामक फताई गई ह इस भदरा को कयन स तसतरमो क साय योग सभापत हो जात ह

अनतबोध चतनय दवारा सऩादित तरिदिवसीय मदराचचकितसा सि 19

13 उिान मदरा-

ववचध - ऩहरी भधमभा औय अनाशभका उॊगरी क आग क बाग को अॊगठ क आग क बाग स रगाएॊ इस उदान भदरा कहत ह इसका सॊफॊध कॊ ठ स भतसतटक तक होता ह मह ववशवदध िकर को परवादहत कयता ह

राब - इसस भन शाॊत होता ह औय थामयॉइड सॊफॊधी सबी योगो भ राब ऩहॊिता ह

सभमावचध - इस भदरा को बी कवर 15 स 45 शभतनट तक ही कयना िादहए

अनतबोध चतनय दवारा सऩादित तरिदिवसीय मदराचचकितसा सि 20

14 सभान भदरा

ववचध - हाथ की िायो उॊगशरमो औय अॊगठ क अगरबाग को शभरा कय ऊऩय की तयप यखन स सभान भदरा फनती ह इस भदरा भ ऩाॊिो ततव शभर जात ह

राब ndash मह भदरा हभाय वविायो को आधमाततभक फनाती ह फय वविाय दय होत ह

अनतबोध चतनय दवारा सऩादित तरिदिवसीय मदराचचकितसा सि 21

15 हिय मदरा

ववचध दोनो हाथो की तजमनी अॊगशरमो को अॊगठो क भर भ रगाकय भधमभा व अनाशभका अॊगशरमो को अॊगठ क अगरबाग ऩय रगा द व छोटी अॊगरी को सीधा कयक यख अफ हाथो को घटनो ऩय यख र हथशरमो का रख ऊऩय की ओय यहगा कभय-गदमन सीधी यख कय आॊख फॊद कय धमान की तसथतत भ फठ जाएॊ ऱाभ मह भदरा रदम योगो भ ववशष रऩ स राबकायी ह परततददन 10-15 शभनट अभमास स रदम भजफत होता ह गस फनना शसयददम असथभा व उचि यततिाऩ भ राबकायी ह सीदढ़मो ऩय िढ़न स ऩहर ही अगय मह भदरा रगा री जाए औय इस भदरा क साथ ही सीदढ़माॊ िढ़ी जाएॊ तो साॊस नहीॊ परती

अनतबोध चतनय दवारा सऩादित तरिदिवसीय मदराचचकितसा सि 22

16 लऱग मदरा

ववचध- फाएॉ हाथ का अॊगठा सीधा खडा कय दादहन हाथ स फाएॊ हाथ कक अॉगशरमो भ ऩयसऩय पॉ सात हए दोनो ऩॊजो को ऐस जोड कक दादहना अॊगठा फाएॊ अॊगठ को फहाय स आवतत कय र इस परकाय जो भदरा फनगी उस अॊगटठ भदरा कहग राब - अॊगठ भ अतनन ततव होता हइस भदरा क अभमास स शयीय भ उटभता फढ़न रगती हशयीय भ जभा कप ततव सखकय नटट हो जाता हसदी जकाभखाॊसी इतमादद योगो भ मह फड़ा राबदामी होता हकबी मदद शीत परकोऩ भ आ जाएॉ औय शयीय भ ठणड स कॊ ऩकॊ ऩाहट होन रग तो इस भदरा का परमोग तवरयत राब दता ह

अनतबोध चतनय दवारा सऩादित तरिदिवसीय मदराचचकितसा सि 23

17 शख मदरा-

ववचध - फाएॊ हाथ क अॊगठ को दोनो हाथ की भटठी भ फॊद कयक फाएॊ हाथ की तजमनी उॊगरी को दादहन हाथ क अॊगठ स शभरान स शॊख भदरा फनती ह| इस भदरा भ फाएॊ हाथ की फाकी तीन उॊगशरमो क ऩास भ सटाकय दाएॊ हाथ की फॊद उॊगशरमो ऩय हसका-सा दफाव ददमा जाता ह| इसी परकाय हाथ फदरकय अथामत दाएॊ हाथ क अॊगठ को फाएॊ हाथ की भटठी भ फॊद कयक शॊख भदरा फनाई जाती ह| इस भदरा भ ऱाभ - अॊगठ का दफाव हथरी क फीि क बाग ऩय औय भटठी की तीन उॊगशरमो का दफाव शकर ऩवमत ऩय ऩड़ता ह तजसस हथरी भ तसथत नाशब औय थाइयॉइड (ऩतसरका) गरॊचथ क क दर दफत ह| ऩरयणाभसवरऩ नाशब औय थाइयॉइड गरॊचथ क ववकाय ठीक होत ह|

अनतबोध चतनय दवारा सऩादित तरिदिवसीय मदराचचकितसा सि 24

शॊख भदरा का नाशब िकर स तनकट का सॊबॊध ह इसशरए शायीय क सनामतॊतर ऩय ववशष कामम कयती ह अत अनत औय फाहम सवासथम भ फहत राबकायी ह

मह ऩािन तॊतर को उततभ फनाती ह

तनमशभत कयन स बख फढान भ भदद शभरती ह

मह भदरा फोरत सभम उचिायण क दोषो को दय कयन भ फहत परबावी ह जस ततराना हकराना आदद दोष तनमभतत परमोग स दय हो जात ह

सॊगीत की साधना कयन वारो क शरए ववशश राबकायी ह वाणी को भधय फनाती ह

मह भदरा ऩजन भ बी परमतत होती ह| इसका परमोग रॊफ सभम तक ककमा जा सकता ह| इस भदरा का नाशबिकर स ववशष समफनध ह तजसक कायण नाशब स सॊफॊचधत शयीय की नाडड़मो ऩय सकषभ औय सवासथमवधमक परबाव ऩड़ता ह तथा सनामभणडर शतततशारी फनती ह|

अनतबोध चतनय दवारा सऩादित तरिदिवसीय मदराचचकितसा सि 25

18 योनन मदरा-

मौचगक दतटट स अऩन अॊदय कई परकाय क यहसम तछऩाए यखनवारी भदरा का वासतववक नाभ lsquoमोतन भदराrsquo ह| तत मोग क अनसाय कवर हाथो की उॊगशरमो स भहाशततत बगवती की परसननता क शरए मोतन भदरा परदशशमत कयन की आऻा ह| परतम रऩ स इसका परबाव रॊफी मोग साधना क अॊतगमत तॊतर-भॊतर-मॊतर साधना स बी दतटटगोिय होता ह| इस भदरा क तनयॊतय अभमास स साधक की पराण-अऩान वाम को शभरा दनवारी भरफॊध ककरमा को बी साथ कयन स जो तसथतत फनती ह उस ही मोतन भदरा की सॊऻा दी ह| मह फड़ी िभतकायी भदरा ह| ऩदमासन की तसथतत भ फठकय दोनो हाथो की उॊगशरमो स मोतन भदरा फनाकय औय ऩवम भरफॊध की तसथतत भ सममक बाव स तसथत होकय पराण-अऩान को शभरान की परफर बावना क साथ भराधाय सथान ऩय मौचगक सॊमभ कयन स कई परकाय की शसवदधमाॊ परापत हो जाती ह|

अनतबोध चतनय दवारा सऩादित तरिदिवसीय मदराचचकितसा सि 26

ऋवषमो का भत ह कक तजस मोगी को उऩयोतत तसथतत भ मोतन भदरा का रगाताय अभमास कयत-कयत शसवदध परापत हो गई ह उसका शयीय साधनावसथा भ बशभ स आसन सदहत ऊऩय अधय भ तसथत हो जाता ह| सॊबवत इसी कायण आदद शॊकयािाममजी न अऩन मोग यतनावरी नाभक ववशष गरॊथ भ भरफॊध का उसरख ववशष रऩ स ककमा ह|

19 धन मदरा -

बायतीम ऩयॊऩया भ धन गाम को कहा जाता ह औय मह दहनद धभम क साततवक औय भहानता का परतीक ह धन भदरा फनात सभम हाथो की उॊगशरमा गाम क थनो जसी हो जाती ह जस गाम क थनो स दध ऩीकय शयीय ऩटट फनता ह वस ही धन भदरा कयन स बी शयीय रटट ऩटट फनता ह

ववचध - अनमोनमाशबभखॊ तशरटटाकतनटठानाशभका ऩन

अनतबोध चतनय दवारा सऩादित तरिदिवसीय मदराचचकितसा सि 27

तथा ि तजमतनभधमा धन भदरा अभत परदा ( कारी तॊतर )

अऩन दोनो हाथो की अॊगशरमो क ऩोयो को एक साथ शभरा र कपय फाम हाथ की तजमनी ऊॊ गरी को दाएॊ हाथ की फीि वारी उॊगरी स छआए इसक फाद दाएॊ हाथ की तजमनी उॊगरी को फाम हाथ की फीि वारी उॊगरी स छआम ऐस ही फाम हाथ की अनाशभका उॊगरी को दाएॊ हाथ की सफस छोटी उॊगरी स शभराएॊ अॉगठो को खरा छोड़ द हाथ की अॊगशरमो को नीि की तयप कयन स अॊगशरमो की आकतत गाम क धनो जसी हो जाती ह इसी कायण इस धन भदरा कहत ह

सभम - इस भदरा का अभमास धीय धीय फढ़ाए ऩहर 1 स 15 शभतनट औय फाद भ 15 स 30 तथा जफ अचछी तयह मह भदरा अभमास भ आ जाए तफ इस भदरा को 45 शभतनट तक कय सकत ह

राब - धन भदरा स ऩािन तॊतर भजफत होता ह औय शयीय ताकतवय व सवसथ फनता ह मह ऩट क योगो क शरए याभफाण भदरा ह मोग साधना भ फहत ही उऩमोगी भदरा कहराती ह तॊतर एवॊ कभमकाॊड भ बी धन भदरा का परमोग ह ह ऩयानी भानमता क अनसाय मह अभत ततव को दन वारी भदरा ह मह भदरा वात वऩतत तथा कप को सॊतशरत कयती ह

अनतबोध चतनय दवारा सऩादित तरिदिवसीय मदराचचकितसा सि 28

20 मगी मदरा-

भग दहयन को कहा जाता ह मऻ क दौयान होभ की जान वारी साभगरी को इसी भदरा भ होभ ककमा जाता ह पराणामाभ ककए जान क दौयान बी इस भदरा का उऩमोग होता ह धमान कयत वतत बी इस भदरा का इसतभार ककमा जाता ह मह भदरा फनात वतत हाथ की आकतत भग क शसय क सभान हो जाती ह इसीशरए इस भगी भदरा कहा जाता ह मह एक हसत भदरा ह ववचध अऩन हाथ की अनाशभका औय भधमभा अॊगरी को अॊगठ क आग क बाग को छआ कय फाकी फिी तजमनी औय कतनटठा अॊगरी को सीधा तान दन स भगी भदरा फन जाती ह योग आसन - इस दौयान उतकटासन सखासन औय उऩासना क सभम इसतभार होन वार आसन ककए जा सकत ह

अनतबोध चतनय दवारा सऩादित तरिदिवसीय मदराचचकितसा सि 29

समय- इस भदरा को सववधानसाय कछ दय तक कय सकत ह औय इस तीन स िाय फाय ककमा जा सकता ह ऱाभ- भगी भदरा कयत सभम अॊगठ क ऩोय औय अॊगशरमो क जोड़ ऩय दफाव ऩड़ता ह उतत दफाव क कायण शसयददम औय ददभागी ऩयशानी भ राब शभरता ह एतमपरशय चिककतसा क अनसाय उतत अॊगशरमो क अॊदय दाॊत औय सामनस क तरफ ॊद होत ह तजसक कायण हभ दाॊत औय सहनस योग भ बी राब शभरता ह ववशष- भाना जाता ह कक इस भदरा को कयन स सोिन औय सभझन की शततत का ववकास बी होता ह भगी भदरा शभगी क योचगमो क शरए फहत ही राबकायी ह

21 यमहररमदरा

ववचध -सवम परधभ आऩ अऩन दोनो हाथो की सफस छोटी अॊगरी अथामत कतनटठा को आऩस भ एक दसय क परथभ ऩोय स शभरा द इसी क साथ दोनो अॊगठ को बी आऩस भ शभरा द अफ तीन अॊगशरमाॊ फाकी यह जाएॊगी- भध मभा तजमनी औय अनाशभका इन तीनो अॊगशरमो को हथरी की ओय भोड़कय भटठी जसा फनाइए अॊगशरमो की इस तसथतत को मभ हरयभदरा कहत ह

अनतबोध चतनय दवारा सऩादित तरिदिवसीय मदराचचकितसा सि 30

ऱाभ - मभहरयभदरा क तनमशभत अभमास स नाडड़मो को शततत शभरती ह इस भदरा क तनयॊतय अभमास स ऩट क योग जस- कबज बख ना रगना औय तजगय की कभजोयी दय होती ह इस भदरा स तसतरमो क सतनो क साय योगो भ बी राब शभरता ह मभ हरयभदरा को परततददन 5 शभनट सफह औय 5 शभनट शाभ को कय आऩ इसक कयन का सभम फढ़ाकय 10 शभनट तक कय सकत ह परततददन कभ स कभ ऩाॊि भदराएॊ अऩनी सववधानसाय कयनी िादहए भदराओॊ स सबी योगो भ राब ऩामा जा सकता ह मदद उनका मोग शशक स ऩछकय तनमशभत अभमास ककमा जाए भदराएॊ खासकय उन रोगो क शरए पामदभॊद सातरफत होती ह जो मोगासन कयन भ असभथम ह

22 ऩषऩाजलऱ मदरा-

अनतबोध चतनय दवारा सऩादित तरिदिवसीय मदराचचकितसा सि 31

मह भहतवऩणम हसत मोग भदरा ह जस दआ भ हाथ उठात ह मा ऩटऩ अऩमण कयत ह तफ मह भदरा फनती ह जसा कक इसका नाभ ह ऩटऩाॊजशर इसी स मह शसदध होता ह कक मह भदरा ककस परकाय की होगी ववचध- दोनो हाथो की अॊगशरमो औय अॊगठ को आऩस भ शभरा भखणफदध को बी शभरा र कपय दोनो हाथो की छोटी अॊगशरमो को एक साथ शभराकय ऐसी आकतत फना र कक जस हभ ककसी बगवान को पर िढ़ात सभम फनात ह इस ही ऩटऩाॊजशर भदरा कहत ह

ऱाभ- ऩटऩाॊजरी भदरा क तनयॊतय अभमास स नीॊद अचछी तयह स आन रगती ह आतभववशवास फढ़ता ह

23 यज भदरा-

अनतबोध चतनय दवारा सऩादित तरिदिवसीय मदराचचकितसा सि 32

यज भदरा कवर तसतरमो क शरए ह ऐसा नहीॊ फतसक अगय ऩरष इस भदरा को कयत ह तो उनक वीमम सॊफॊधी सभसत योग दय हो जात ह ववचध- यज भदरा फनाना फहत ही आसान ह कतनटठा (छोटी अॊगरी) अॊगरी को हथरी की जड़ भ भोड़कय रगान स यज भदरा फन जाती ह ऱाभ- यज भदरा स तसतरमो क भाशसक धभम सॊफॊधी योग दय होत ह इसक अरवा शसय भ बायीऩन यहना छाती भ ददम ऩट ऩीठ कभय का ददम आदद योग बी यज भदरा कयन स दय हो जात ह सतरी क साय परजनन अॊगो की ऩयशातनमो को म भदरा तरफसकर दय कय दती ह

24 अदिती मदरा-

ववचध- अॊगठ क आग क बाग को अनाशभका (छोटी उॊगरी क साथ वारी उॊगरी) उॊगरी की जड़ भ टढ़ा रगान स अददती भदरा फन जाती ह

ऱाभ- इस भदरा को कयन स हय सभम उफासी आना जमादा छीॊक आना जस योगो को दय ककमा जा सकता ह

अनतबोध चतनय दवारा सऩादित तरिदिवसीय मदराचचकितसा सि 33

समय- अददती भदरा को ददन भ 3-4 फाय 15-15 शभनटो क शरए कय सकत ह

25 हसी मदरा-

जस हॊस नीय ीय वववक की साभथमम यखता ह वस इस भदरा क कयन स सोिन औय तवरयत तनणमम की भता फढती ह मदरा िी ववचध - सखासन मा उतकटासन भ फठकय अऩन हाथ की सबी सफस छोटी अॊगरी को छोड़कय अॊगशरमो को अॊगठ क आग क बाग को दफान स हॊसी भदरा फन जाती ह अवचध- इस भदरा को परयॊब भ 5-8 शभनट स कयक 30-48 शभनट तक कय सकत ह मदरा िा ऱाभ- इस भदरा तनमशभत अभमास स वववक फढ़ता ह अथामत इसस सोिन-सभझन की शततत फढ़ती ह औय इसस शयीय का बायीऩन सभापत हो जाता ह

अनतबोध चतनय दवारा सऩादित तरिदिवसीय मदराचचकितसा सि 34

ववशषता- भाना जाता ह कक इस भदरा का तनमशभत अभमास कयन स याजशसक ताकत फढ़ती ह औय वमततत धन सॊऩनन फना यहता ह सावधानी - इस भदरा को कयत सभम ककसी बी परकाय का भॊतर नहीॊ जऩना िादहए औय ना ही कोई अनम धाशभमक उऩकरभ कय

26 हसतऩात मदरा-

ववचध- इस भदरा को कयन क शरए आऩ अऩन दोनो हाथो की हथरी क ऩीछ क बाग को आऩस भ अॊगशरमो सदहत शभरा द इस आकतत को हसतऩात भदरा कहा जाता ह मह नभसकाय भदरा जसा ही ह रककन इसभ हथरी क ऩटठ बाग को शभरा ददमा जाता ह ऱाभ- इस हसतऩात भदरा को कयन स शवास औय गर क क साय योग भ फहत राब शभरता ह तजन तसतरमाॊ मदद इसका तनमशभत अभमास कयती ह तो इसस उनक सतन सड़ौर सॊदय औय सवसथ हो जात ह तजन तसतरमो क सतन छोट ह ढीर ह मा उनक सतनो भ दध नहीॊ आता ह तो मह भदरा उनक शरए फहत राबकायी शसदध हो सकती ह

27 धयान मदरा

ववचध- ऩदमासन भ फठकय फाएॊ हाथ की हथरी ऩय दाएॊ हाथ की हथरी को (उसट हाथ ऩय सीध हाथ को) हसक स यखन स धमान भदरा फनती ह| धमान यख कक इस भदरा भ शसय गदमन एवॊ यीढ़ की हडडी सीधी यह| आॊख औय होठ सहज स फनद यह| धमान अऩन इटटदव क सवरऩ ऩय दटकाएॊ अथवा कामोतसगम कय अथामत शयीय स

अनतबोध चतनय दवारा सऩादित तरिदिवसीय मदराचचकितसा सि 35

सभता यखत हए कछ दय क शरए वविाय यदहत अवसथा भ यहन का परमास कय| अटटाॊग मोग (मभ तनमभ पराणामाभ परतमाहाय धायणा धमान औय सभाचध) क एक अॊग lsquoधमानrsquo की साधना भ मह भदरा ववशष रऩ स सहामक शसदध हई ह| ऱाभ - जो वमततत ऩदमासन नहीॊ कय सकत उनह धमान भदरा सखासन मा सवतसतक अथवा ऩारथी आसन भ कयना िादहए| मह सहज भदरा ह| सहज धमान भदरा को साधायण वमततत अचधक रमफ सभम तक सयरता स कय सकता ह| इसस धमान भदरा क राब बी शभर जात ह| धमान भदरा भ मदद हथशरमाॊ एक दसय ऩय यखन क फाद दोनो हथशरमाॊ ऻान भदरा की तसथतत भ यखी जाएॊ तो धमान भदरा तथा ऻान भदरा क सतमभशरत राब क साथ ऩदमासन क राब बी शभर जात ह| साधक क शरए धमान भदरा भ सभम की कोई सीभा नहीॊ ह| रककन सहजता क साथ ऩदमासन कयन की भता क अनरऩ धमान भदरा का अभमास कयना िादहए| साधायण वमततत को इस धीय-धीय फढ़ात हए कभ-स-कभ २० शभनट स एक घॊट तक कयना िादहए| धमान भदरा न कय सकन की अवसथा भ सहज धमान भदरा कयक राब उठाना िादहए| भन की िॊिरता शाॊत होकय चितत की एकागरता फढ़ती ह| साततवक वविायो की उतऩततत होती ह औय परब बजन भ भन रगता ह|

धमान क परबाव स साधक को धमान की उचितय तसथतत भ ऩहॊिन भ सहामता शभरती ह| आतभ साातकाय औय ईश वय क साातकाय भ मह भदरा सहामक ह|

28 शामभवी मदरा-

आॉख खरी हो रककन आऩ दख नहीॊ सकत ऐसी तसथतत जफ सध जाती ह तो उस शामबवी भदरा कहत ह ऐसी तसथतत भ आऩ नीॊद का भजा बी र सकत ह मह फहत कदठन साधना ह इसक ठीक उसटा कक जफ आॉख फॊद हो तफ आऩ दख

अनतबोध चतनय दवारा सऩादित तरिदिवसीय मदराचचकितसा सि 36

सकत ह मह बी फहत कदठन साधना ह रककन मह दोनो ही सॊबव ह असॊबव कछ बी नहीॊ फहत स ऐस ऩश औय ऩी ह जो आॉख खोरकय ही सोत ह ववचध- मदद आऩन तराटक ककमा ह मा आऩ तराटक क फाय भ जानत ह तो आऩ इस भदरा को कय सकत ह सवमपरथभ शसदधासन भ फठकय यीढ़-गदमन सीधी यखत हए ऩरको को तरफना झऩकाएॉ दखत यह रककन धमान ककसी बी िीज को दखन ऩय ना यख ददभाग तरफसकर बीतय कहीॊ रगा हो

ऱाभ- शामबवी भदरा को कयन स ददर औय ददभाग को शाॊतत शभरती ह मोगी का धमान ददर भ तसथय होन रगता ह आॉख खरी यखकय बी वमततत नीॊद औय धमान का आनॊद र सकता ह इसक सधन स वमततत बत औय बववटम का ऻाता फन सकता ह सऱाह- शामबवी भदरा ऩयी तयह स तबी शसदध हो सकती ह जफ आऩकी आॉख खरी हो ऩय व ककसी बी िीज को न दख यही हो ऐसा सभझ की आऩ ककसी धन भ जी यह हो आऩको खमार होगा कक कबी-कबी आऩ कहीॊ बी दख यह होत ह रककन आऩका धमान कहीॊ ओय यहता ह समय- इस भदरा को शरआत भ तजतनी दय हो सक कय औय फाद भ धीय-धीय इसका अभमास फढ़ात जाएॉ

अनतबोध चतनय दवारा सऩादित तरिदिवसीय मदराचचकितसा सि 37

29 शकततचालऱनी मदरा- ववचध - आठ अॊगर रॊफा औय िाय अॊगर िौड़ा भरामभ वसतर रकय नाशब ऩय रगाएॊ औय कदटसतर भ फाॊध र| कपय शयीय भ बसभ यभाकय शसदधासन भ फठ औय पराण को अऩान स मतत कय| जफ तक गहम दवाय स िरती हई वाम परकाशशत न हो इस सभम तक गहम दवाय को सॊकचित यख| इसस वाम का जो तनयोध होता ह उसभ कमबक क दवाया कणडशरनी शततत जागरत होती हई सषमना भागम स ऊऩय जाकय खड़ी हो जाती ह| मोगभदरा स ऩहर इसका अभमास कयन ऩय ही मोतन भदरा की ऩणम शसवदध होती ह| ऱाभ - इस भदरा स कणडशरनी शततत का जागयण होता ह| जफ तक मह सोती ह तफ तक सबी आॊतरयक शतततमाॊ सपत ऩड़ी यहती ह| इसशरए कणडशरनी का जागरत होना साधक क शरए फहत आवशमक ह| पराण-अऩान को सॊमतत कयन की ककरमा पराणवाम को ऩयक दवाया बीतय खीॊिन औय उडडीमान फॊध स अऩान वाम को ऊऩय की ओय आकवषमत कयन स ऩणम होती ह| इसभ गहम परदश क सॊकोि औय ववसताय का अभमास होन स अचधक सयरता हो सकती ह| 30 तड़ागी मदरा- ववचध - दोनो ऩाॊवो को दणड क सभान धयती ऩय ऩसाय र औय हाथो स उनक अॊगठो को ऩकड़न तथा दोनो जाॊघो ऩय शसय को सथावऩत कय साथ ही उदय को तड़ाग (सयोवय) क सभान कय र| ऱाभ - मह भदरा अनक योगो औय वदधावसथा को बी दय कयन भ सहामक शसदध होती ह|

अनतबोध चतनय दवारा सऩादित तरिदिवसीय मदराचचकितसा सि 38

31 माणडवी मदरा- ववचध - भख को फॊद कयक जफान को तार भ घभाएॊ औय सहसराय स टऩकत हए सधायस को जफान स धीय-धीय ऩीन का मतन कय| मही भाणडवी (मा भाणडकी) भदरा ह| ऱाभ - इसक दवाया फारो की सपदी उनका झड़ना शयीय ऩय झरयममो भॊहासो आदद का ऩड़ना तथा तनफमरता आदद दय होकय चिय-मौवन की परातपत होती ह| इसस यसोतऩादन होकय अभततव की उऩरतबध होना सॊबव हो जाता ह| 32 ऩालशनी मदरा ववचध- दोनो ऩाॊवो को कॊ ठ क ऩीछ की ओय र जाकय उनह ऩयसऩय शभराएॊ औय ऩाश क सभान दढ़ता स फाॊध र| ऱाभ - इसक अभमास स बी कणडशरनी शततत क जागयण भ फहत सगभता हो जाती ह तथा साधक क शयीय भ फर औय ऩतटट का आववबामव होता ह| भानशसक फरवदधमन भ बी मह फहत दहतकय ह| 33 िािी मदरा-

काक कौए को कहत ह कौए की िोि जसी भॊह की भदरा फना रन को काकी भदरा कहा जाता ह ववचध ककसी बी आसन भ फठकय होठो को ऩतरी सी नरी क सभान भोड़कय कौए की िोि जसा फना र अफ नाक क अगर बाग को दखत हए अऩना ऩया धमान नाक ऩय दटका द इसक फाद भॊह स धीय-धीय गहयी शवास रकय होठो को फॊद कय द कछ दय फाद शवास को नाक स फाहय तनकार द इस तयह स 10

अनतबोध चतनय दवारा सऩादित तरिदिवसीय मदराचचकितसा सि 39

शभनट तक कय ऱाभ मह भदरा जहाॊ शयीय भ ठॊडक फढ़ाती ह वहीॊ मह कई योगो को दय कयन भ राबदामक ह इस भदरा का तनयॊतय अभमास कयन स शयीय भ अॊदय बोजन ऩिान की ककरमा तज हो जाती ह इसस अमरवऩतत का फढ़ना कभ हो जाता ह

34 मातचगनी मदरा-

भातॊग का अथम होता ह भघ भाॊ दगाम का एक रऩ ह भातॊगी मह दस भहाववदमा भ स नौवीॊ ववदमा ह भातॊग नाभ स एक धमान होता ह भॊतर होता ह औय एक हाथी का नाभ बी भातॊग ह ऋवष वशशटठ की ऩतनी का एक नाभ बी भातॊगी ह ऋवष कशमऩ की ऩतरी का नाभ बी भातॊगी ह तजसस हाथी उतऩनन हए थ ववचध शाॊत जगह भ ऩानी क अॊदय गर तक शयीय को डफो र औय कपय नाक स ऩानी को खीॊिकय उस भॊह स तनकार र कपय भॊह स ऩानी को खीॊिकय नाक स फाहय तनकार द इस ककरमा को ही भातॊचगनी भदरा कहत ह ऱाभ इस भदरा क अभमास स आॊखो की योशनी तज हो जाती ह शसय ददम भ मह भदरा अतमॊत राबकायी भानी जाती ह इसस नजरा-जकाभ आदद क योग बी दय हो जात ह इस भदरा क तनयॊतय अभमास स िहय ऩय िभक आ जाती ह औय फार बी सपद नहीॊ होत ह इस भदरा क शसदध हो जान ऩय वमततत भ ताकत फढ़ जाती ह

35 नभोमदरा

नब का अथम होता ह आकाश इस भदरा भ जीब को तार की ओय रगात ह इसीशरए इस नबोभदरा कहत ह नबोभदरा कयना सयर नहीॊ ह इस ककसी मोग

अनतबोध चतनय दवारा सऩादित तरिदिवसीय मदराचचकितसा सि 40

शशक स सीखकय ही कयना िादहए मह भदरा फहत स योगो भ राबदामक शसदध हई ह इस फाय भ एक शरोक बी ह- मतर मतर तसथतो मोगी सवमकामष सवमदा उधवमतजवह तसथयो बतवाधायमतभवनॊ सदा नबोभदरा भवदषा मोदववना योग नाशशनी अथामत साय कामो भ तसथय हआ चितत अऩनी जीब क अगर बाग को भॊह क अॊदय तार भ रगाकय शवास को अॊदय योक रता ह इस तसथतत स विारयक गततववचधमाॊ ततकार फॊद हो जाती ह इसीशरए इस भदरा को यहसम का आबास ददरान वारी भदरा बी कहा जाता ह ववचध- अऩनी आॊखो को अऩनी दोनो बौहो क फीि भ जभाकय आऩकी जीब तार क साथ रगा र मह दोनो कामम एक ही साथ औय एक ही सभम भ कय सववधानसाय जफ तक सॊबव हो इसी तसथतत भ यह औय कपय कछ शभनट का धमान कय ऱाभ- नबोभदरा क तनयॊतय अभमास स जीब गर औय आॊखो क साय योग सभापत हो जात ह इसस भतसतटक भ तसथयता फढ़ती ह औय भतसतटक क योग बी दय हो जात ह

36 नालसिागर मदरा -

नाशसकागर भदरा का अथम होता ह नाक का आखखयी छोय ऊऩयी दहससा मा अगरबाग इस बाग ऩय फायी-फायी स सॊतरन फनान हए दखना ही नाकककागर भदरा मोग कहराता ह रककन मह भदरा कयन स ऩहर मोग शशक की सराह जरय र तमोकक इसक कयन स बकटी ऩय जोय ऩड़ता ह

अनतबोध चतनय दवारा सऩादित तरिदिवसीय मदराचचकितसा सि 41

ववचध- ककसी बी आसन भ फठकय नाक क आखखयी शसय ऩय नजय दटका र हो सकता ह कक ऩहर आऩ फाई आॊखो स उस दख ऩाएॊ तफ कछ दय फाद दाई आॊखो स दख इस दखन भ जया बी तनाव न हो सहजता स इस दख

ऱाभ- इसस जहाॊ आॊखो की एतसयसाइज होती ह वहीॊ मह भतसतटक क शरए बी राबदामक ह इसस भन भ एकागरता फढ़ती ह इस भदरा क रगाताय अभमास कयन स भराधाय िकर जागरत होन रगता ह तजसस कणडरीनी जागयण भ भदद शभरती ह इसस भराधाय िकर इसशरए जागरत होता ह तमोकक दोनो आॊखो क फीि ही तसथत ह इड़ा वऩ ॊगरा औय सषमना नाड़ी जो भराधाय तक गई ह समय- इस भदरा को इतनी दय तक कयना िादहए कक आॊखो ऩय इसका जमादा दफाव नहीॊ ऩड़ कपय धीय-धीय इस कयन का सभम फढ़ात जाएॊ

37 बरहम आसन मदरा-

कछ रोग इस बरहभा भदरा बी कहत ह तमोकक इस आसन भ गदमन को िाय ददशा भ घभामा जाता ह औय बरहभाजी क िाय भख थ इसीशरए इसका नाभ बरहभा भदरा आसन यखा गमा रककन असर भ मह बरहभ भदरा आसन ह औय इसभ सबी ददशाओॊ भ तसथत ऩयभशवय को जानकय उसका चिॊतन ककमा जाता ह नभाज ऩढ़त वतत मा सॊधमा वॊदन कयत वतत उतत भदरासन को ककमा जाता यहा ह ववचध- ऩदमासन शसदधासन मा वजरासन भ फठकय कभय तथा गदमन को सीधा यखत हए गदमन को धीय-धीय दामीॊ ओय र जात ह कछ सकॊ ड दामीॊ ओय रकत ह उसक फाद गदमन को धीय-धीय फामीॊ ओय र जात ह कछ सकॊ ड तक फामीॊ ओय रककय कपय दामीॊ ओय र जात ह कपय वाऩस आन क फाद गदमन को ऊऩय की ओय र जात ह उसक फाद नीि की तयप र जात ह कपय गदमन को तराकवाइज

अनतबोध चतनय दवारा सऩादित तरिदिवसीय मदराचचकितसा सि 42

औय एॊटीतराकवाइज घभाएॉ इस तयह मह एक िकर ऩया हआ अऩनी सववधानसाय इस िाय स ऩाॉि िकरो भ कय सकत ह

ऱाभ तजन रोगो को सवामइकर सऩोडराइदटस थाइयाइड नराॊटस की शशकामत ह उनक शरए मह आसन राबदामक ह इसस गदमन की भाॉसऩशशमाॉ रिीरी तथा भजफत होती ह आधमाततभक दतटट स बी मह आसन राबदामक ह आरसम बी कभ होता जाता ह तथा फदरत भौसभ क सदी-जकाभ औय खाॉसी स छटकाया बी शभरता ह

सावधाननया तजनह सवामइकर सऩोडराइदटस मा थाइयाइड की सभसमा ह व ठोडी को ऊऩय की ओय दफाएॉ गदमन को नीि की ओय र जात सभम कॊ ध न झकाएॉ कभय गदमन औय कॊ ध सीध यख गदमन मा गर भ कोई गॊबीय योग हो तो मोग चिककतसक की सराह स ही मह भदराआसन कय

38 भजचगनी मदरा- ववचध- इसभ भख को पराकय कॊ ठ स फाहयी वाम खीॊिी जाती ह| तार औय तजहवा क भधम वाम क घभन स शयीय भ अदभत शततत का आववबामव होता ह|

ऱाभ- मह भदरा अजीणम आदद उदय योगो को नटट कयन भ बी फहत उऩमोगी ह| इस परकाय भदराओॊ क अभमास स साधक को सफ परकाय क शायीरयक भानशसक औय आततभक फर की परातपत होती ह| मोगािामो क अनसाय lsquoनातसत भदरासनककॊ चित शसवदधदॊकषततभणडर (घयणड सॊदहता)rsquo अथामत भदराओॊ क सभान शसवदधदामक कोई अनम साधन ब-भॊडर ऩय नहीॊ ह| इसशरए मोगशसवदध क आकाॊीजनो को भदराओॊ का अभमास कयना शरमसकय ह|

अनतबोध चतनय दवारा सऩादित तरिदिवसीय मदराचचकितसा सि 43

39 खचरी मदरा-

भनटम की जीब (तजहवा) दो तयह की होती ह- रॊफी औय छोटी रॊफी जीब को सऩमतजहवा कहत ह कछ रोगो की जीब रॊफी होन स व उस आसानी स नाशसकागर ऩय रगा सकत ह औय खियी-भदरा कय सकत ह भगय तजसकी जीब छोटी होती ह उस तकरीपो का साभना कयना ऩड़ता ह सफस ऩहर उनह अऩनी जीब रॊफी कयनी ऩड़ती ह औय उसक शरए घषमण व दोहन का सहाया रना ऩड़ता ह जीब नीि की ओय स तजस नाड़ी स जड़ी होती ह उस काटना ऩड़ता ह खियी भदरा को शसदध कयन एवॊ अभत क सराव हत आवशमक उददीऩन भ कछ वषम बी रग सकत ह मह वमततत की मोनमता ऩय बी तनबमय कयता ह मोग भ कछ भदराएॊ ऐसी ह तजनह शसपम मोगी ही कयत ह साभानमजनो को इनह नहीॊ कयना िादहए खियी भदरा साधको क शरए भानी गई ह ववचध - इसक शरए जीब औय तार को जोड़न वार भाॊस-तॊत को धीय-धीय काटा जाता ह अथामत एक ददन जौ बय काटकय छोड़ ददमा जाता ह कपय तीन-िाय ददन फाद थोड़ा-सा औय काट ददमा जाता ह इस परकाय थोड़ा-थोड़ा काटन स उस सथान की यतत शशयाएॊ अऩना सथान बीतय की तयप फनाती जाती ह जीब को काटन क साथ ही परततददन धीय-धीय फाहय की तयप खीॊिन का अभमास ककमा जाता ह इसका अभमास कयन स कछ भहीनो भ जीब इतनी रॊफी हो जाती ह कक मदद उस ऊऩय की तयप रौटा (उसटा कयन) ददमा जाए तो वह शवास जान वार छदो को बीतय स फॊद कय दती ह इसस सभाचध क सभम शवास का आना-जाना ऩणमत योक ददमा जाता ह ऱाभ इस भदरा स पराणामाभ को शसदध कयन औय साभचध रगान भ ववशष सहामता शभरती ह साधनायत साधओॊ क शरए मह भदरा फहत ही राबदामी भानी

अनतबोध चतनय दवारा सऩादित तरिदिवसीय मदराचचकितसा सि 44

जाती ह ववशषता तनयॊतय अभमास कयत यहन स तजफ जफ रॊफी हो जाती ह तफ उस नाशसका यनरो भ परवश कयामा जा सकता ह इस परकाय धमान रगान स कऩार भागम एवॊ तरफ ॊद ववसगम स सॊफॊचधत कछ गरॊचथमो भ उददीऩन होता ह तजसक ऩरयणाभसवरऩ अभत का सराव आयॊब होता ह उसी अभत का सराव होत वतत एक ववशष परकाय का आधमाततभक अनबव होता ह इस अनबव स शसवदध औय सभाचध भ तजी स परगतत होती ह चतावनी मह आरख शसपम जानकायी हत ह कोई बी वमततत इस ऩढ़कय कयन का परमास न कय तमोकक मह शसपम साधको क शरए ह आभ रोगो क शरए नहीॊ

40 अकzwj वनी मदरा- इस भदरा स साधक भ घोड़ो जसी शततत आ जाती ह तजस lsquoहॉसम ऩॉवयrsquo कहत ह|

ववचध - इस भदरा भ गदा-दवाय का फाय-फाय सॊकोिन औय परसाय ककमा जाता ह| इसी स भदरा की शसवदध हो जाती ह| इसक दवाया कणडशरनी जागयण भ सगभता यहती ह औय अनक योग नटट होकय शायीरयक फर की ववदध होती ह|

ऱाभ - अतश वनी भदरा शसदध होन स साधक की अकारभतम कबी नहीॊ होती| गदा औय उदय स सॊफॊचधत योगो का इसक दवाया शभन होता ह तथा दीघमजीवन की उऩरतबध होती ह| तरफना भरफॊध क अतश वनी भदरा नहीॊ हो सकती| 41 बजरौऱी मदरा- फजरौरी भदरा बी भरफॊध का अचछा अभमास ककए तरफना ककसी परकाय सॊबव नहीॊ ह| मह भदरा कवर मोगी क शरए ही नहीॊ बोगी क शरए बी अतमॊत राबकायी ह|

अनतबोध चतनय दवारा सऩादित तरिदिवसीय मदराचचकितसा सि 45

ववचध - इस भदरा भ ऩहर दोनो ऩाॊवो को बशभ ऩय दढ़ताऩवमक दटकाकय दोनो ऩाॊवो को धीय-धीय दढ़ताऩवमक ऊऩय आकाश भ उठा द| इसस तरफॊद-शसवदध होती ह| शकर को धीय-धीय ऊऩय की आकॊ िन कय अथामत इॊददरम क आॊकिन क दवाया वीमम को ऊऩय की ओय खीॊिन का अभमास कय तो मह भदरा शसदध होती ह| ववदवानो का भत ह कक इस भदरा क अभमास भ सतरी का होना आवशमक ह तमोकक बग भ ऩततत होता हआ शकर ऊऩय की ओय खीॊि र तो यज औय वीमम दोनो ही िढ़ जात ह| मह ककरमा अभमास स ही शसदध होती ह| कछ मोगािामम इस परकाय का अभमास शकर क सथान ऩय दनध स कयना फतात ह| जफ दनध खीॊिन का अभमास शसदध हो जाए तफ शकर को खीॊिन का अभमास कयना िादहए| वीमम को ऊऩय खीॊिनवारा मोगी ही ऊधवमयता कहराता ह| ऱाभ - इस भदरा स शयीय रटट-ऩटट तजसवी सॊदय सडौर औय जया-भतम यदहत होता ह| शयीय क सबी अवमव दढ़ होकय भन भ तनश िरता की परातपत होती ह| इसका अभमास अचधक कदठन नहीॊ ह| मदद गहसथ बी इसक कय तो फरवदधमन औय सौदममवदधमन का ऩया राब परापत कय सकत ह चतावनी मह आरख शसपम जानकायी हत ह कोई बी वमततत इस ऩढ़कय कयन का परमास न कय तमोकक मह शसपम साधको क शरए ह आभ रोगो क शरए नहीॊ

साधना कयनवार वमततत क शरए मह आवशमक ह कक वह साधना भ कातमक वाचिक औय भानशसक ककरमाओॊ ऩय ऩया तनमॊतरण यख तथा सभम-सभम ऩय उचित ताॊतरतरक परककरमाओॊ का बी सभनवम कयता यह| इस दतटट स तजस परकाय आसन ऩातरासादन अिमन आदद भ ककरमाओॊ का ववधान ह उसी परकाय उनक साथ कछ भदरा फनान का ववधान ह| म भदराएॊ भखम रऩ-स हाथ औय उसकी उॊगशरमो क परमोग स फनती ह| जस हभाया शयीय ऩॊिततवभम ह| अत शासतरकायो न कहा ह कक इन उॊगशरमो क परमोग स इन ततवो की नमनाचधकता दय की जा

अनतबोध चतनय दवारा सऩादित तरिदिवसीय मदराचचकितसा सि 46

सकती ह तथा ततवो की सभता-ववषभता स होनवारी कभी को उॊगशरमो की भदरा स सभ फनामा जा सकता ह| इतना ही नहीॊ ऐसी भदराओॊ क सहमोग स उन ततवो को सवचछाऩवमक घटामा-फढ़ामा बी जा सकता ह| म ततव करभश अॊगटठ भ अतनन तजमनी भ वाम भधमभा भ आकाश अनाशभका भ ऩथवी औय कतनतटठका भ जर क रऩ भ ववदमभान यहत ह| दवताओॊ की परसननता चितत की शवदध औय ववववध योगो क नाश भ भदराओॊ स फड़ी सहामता शभरती ह| भदराततव को सभझकय परतमक मोगी को इनका साधन कयना िादहए| कणडशरनी शततत क जागयण भ इन भदराओॊ स सहामता शभरती ह| महाॊ हभन तजन भदराओॊ का वणमन एवॊ चितरण ककमा ह उसभ परतमक मोगी साधक को ऩरयचित होना िादहए|

अनतबोध चतनय दवारा सऩादित तरिदिवसीय मदराचचकितसा सि 47

मोग अनसाय आसन औय पराणामाभ की तसथतत को भदरा कहा जाता ह फॊध ककरमा औय भदरा भ आसन औय पराणामाभ दोनो का ही कामम होता ह मोग भ भदराओॊ को आसन औय पराणामाभ स बी फढ़कय भाना जाता ह भदरा दो तयह की होती ह- ऩहरी हसत भदरा अथामत हाथो औय उसकी अॊगशरमो को ववशष आकतत भ फनाना औय दसयी आसन भदरा अथामत तजसभ ऩया शयीय ही सॊिाशरत होता ह

Page 17: 235347477 Mudra Chikitsa Swami Ananta Bodha Chaitanya

अनतबोध चतनय दवारा सऩादित तरिदिवसीय मदराचचकितसा सि 17

11 अऩान मदरा

ववचध दोनो हाथो की भधमभा तथा अनाशभका अॊगशरमो को अॊगठ क अगरबाग स रगाकय फाकी अॊगशरमो को सीधी यख अफ हाथो को घटनो ऩय यख र हथशरमो का रख ऊऩय की ओय यहगा कभय-गदमन सीधी यख कय आॊख फॊद कय धमान की तसथतत भ फठ जाएॊ ऱाभ कबज भधभह ककडनी ववकाय वाम ववकाय फवासीय को दय कयन भ सहामक ह शयीय को शदध कय नाड़ी दोषो को दय कयन वारी ह भतर का अवयोध दय कय दाॊतो को भजफत कयती ह ऩसीना बी राती ह नोट इस भदरा क अभमास स भतर अचधक आन रगता ह

अनतबोध चतनय दवारा सऩादित तरिदिवसीय मदराचचकितसा सि 18

12 वयान मदरा-

ववचध- हाथ की भधमभा अॊगरी क आग क बाग को अॊगठ क आग क बाग स शभरान औय तजमनी अॊगरी को फीि की अॊगरी क नाखन स छआएॊ फाकी फिी सायी अॊगशरमाॊ सीधी यहनी िादहए इसी को वमान भदरा कहा जाता ह अवचध- इस भदरा को सफह 15 शभनट औय शाभ को 15 शभनट तक कयना िादहए ऱाभ- वमान भदरा को कयन स ऩशाफ सॊफॊधी सबी योग दय होत ह जस- ऩशाफ जमादा आना ऩशाफ भ िीनी आना ऩशाफ क साथ घात आना ऩशाफ रक-रक कय आना आदद योग सभापत हो जात ह इसक अरावा इस भदरा क तनमशभत अभमास स भधभह परभह औय सवपनदोष बी दय होता ह तसतरमो क शरए मह भदरा सफस जमादा राबदामक फताई गई ह इस भदरा को कयन स तसतरमो क साय योग सभापत हो जात ह

अनतबोध चतनय दवारा सऩादित तरिदिवसीय मदराचचकितसा सि 19

13 उिान मदरा-

ववचध - ऩहरी भधमभा औय अनाशभका उॊगरी क आग क बाग को अॊगठ क आग क बाग स रगाएॊ इस उदान भदरा कहत ह इसका सॊफॊध कॊ ठ स भतसतटक तक होता ह मह ववशवदध िकर को परवादहत कयता ह

राब - इसस भन शाॊत होता ह औय थामयॉइड सॊफॊधी सबी योगो भ राब ऩहॊिता ह

सभमावचध - इस भदरा को बी कवर 15 स 45 शभतनट तक ही कयना िादहए

अनतबोध चतनय दवारा सऩादित तरिदिवसीय मदराचचकितसा सि 20

14 सभान भदरा

ववचध - हाथ की िायो उॊगशरमो औय अॊगठ क अगरबाग को शभरा कय ऊऩय की तयप यखन स सभान भदरा फनती ह इस भदरा भ ऩाॊिो ततव शभर जात ह

राब ndash मह भदरा हभाय वविायो को आधमाततभक फनाती ह फय वविाय दय होत ह

अनतबोध चतनय दवारा सऩादित तरिदिवसीय मदराचचकितसा सि 21

15 हिय मदरा

ववचध दोनो हाथो की तजमनी अॊगशरमो को अॊगठो क भर भ रगाकय भधमभा व अनाशभका अॊगशरमो को अॊगठ क अगरबाग ऩय रगा द व छोटी अॊगरी को सीधा कयक यख अफ हाथो को घटनो ऩय यख र हथशरमो का रख ऊऩय की ओय यहगा कभय-गदमन सीधी यख कय आॊख फॊद कय धमान की तसथतत भ फठ जाएॊ ऱाभ मह भदरा रदम योगो भ ववशष रऩ स राबकायी ह परततददन 10-15 शभनट अभमास स रदम भजफत होता ह गस फनना शसयददम असथभा व उचि यततिाऩ भ राबकायी ह सीदढ़मो ऩय िढ़न स ऩहर ही अगय मह भदरा रगा री जाए औय इस भदरा क साथ ही सीदढ़माॊ िढ़ी जाएॊ तो साॊस नहीॊ परती

अनतबोध चतनय दवारा सऩादित तरिदिवसीय मदराचचकितसा सि 22

16 लऱग मदरा

ववचध- फाएॉ हाथ का अॊगठा सीधा खडा कय दादहन हाथ स फाएॊ हाथ कक अॉगशरमो भ ऩयसऩय पॉ सात हए दोनो ऩॊजो को ऐस जोड कक दादहना अॊगठा फाएॊ अॊगठ को फहाय स आवतत कय र इस परकाय जो भदरा फनगी उस अॊगटठ भदरा कहग राब - अॊगठ भ अतनन ततव होता हइस भदरा क अभमास स शयीय भ उटभता फढ़न रगती हशयीय भ जभा कप ततव सखकय नटट हो जाता हसदी जकाभखाॊसी इतमादद योगो भ मह फड़ा राबदामी होता हकबी मदद शीत परकोऩ भ आ जाएॉ औय शयीय भ ठणड स कॊ ऩकॊ ऩाहट होन रग तो इस भदरा का परमोग तवरयत राब दता ह

अनतबोध चतनय दवारा सऩादित तरिदिवसीय मदराचचकितसा सि 23

17 शख मदरा-

ववचध - फाएॊ हाथ क अॊगठ को दोनो हाथ की भटठी भ फॊद कयक फाएॊ हाथ की तजमनी उॊगरी को दादहन हाथ क अॊगठ स शभरान स शॊख भदरा फनती ह| इस भदरा भ फाएॊ हाथ की फाकी तीन उॊगशरमो क ऩास भ सटाकय दाएॊ हाथ की फॊद उॊगशरमो ऩय हसका-सा दफाव ददमा जाता ह| इसी परकाय हाथ फदरकय अथामत दाएॊ हाथ क अॊगठ को फाएॊ हाथ की भटठी भ फॊद कयक शॊख भदरा फनाई जाती ह| इस भदरा भ ऱाभ - अॊगठ का दफाव हथरी क फीि क बाग ऩय औय भटठी की तीन उॊगशरमो का दफाव शकर ऩवमत ऩय ऩड़ता ह तजसस हथरी भ तसथत नाशब औय थाइयॉइड (ऩतसरका) गरॊचथ क क दर दफत ह| ऩरयणाभसवरऩ नाशब औय थाइयॉइड गरॊचथ क ववकाय ठीक होत ह|

अनतबोध चतनय दवारा सऩादित तरिदिवसीय मदराचचकितसा सि 24

शॊख भदरा का नाशब िकर स तनकट का सॊबॊध ह इसशरए शायीय क सनामतॊतर ऩय ववशष कामम कयती ह अत अनत औय फाहम सवासथम भ फहत राबकायी ह

मह ऩािन तॊतर को उततभ फनाती ह

तनमशभत कयन स बख फढान भ भदद शभरती ह

मह भदरा फोरत सभम उचिायण क दोषो को दय कयन भ फहत परबावी ह जस ततराना हकराना आदद दोष तनमभतत परमोग स दय हो जात ह

सॊगीत की साधना कयन वारो क शरए ववशश राबकायी ह वाणी को भधय फनाती ह

मह भदरा ऩजन भ बी परमतत होती ह| इसका परमोग रॊफ सभम तक ककमा जा सकता ह| इस भदरा का नाशबिकर स ववशष समफनध ह तजसक कायण नाशब स सॊफॊचधत शयीय की नाडड़मो ऩय सकषभ औय सवासथमवधमक परबाव ऩड़ता ह तथा सनामभणडर शतततशारी फनती ह|

अनतबोध चतनय दवारा सऩादित तरिदिवसीय मदराचचकितसा सि 25

18 योनन मदरा-

मौचगक दतटट स अऩन अॊदय कई परकाय क यहसम तछऩाए यखनवारी भदरा का वासतववक नाभ lsquoमोतन भदराrsquo ह| तत मोग क अनसाय कवर हाथो की उॊगशरमो स भहाशततत बगवती की परसननता क शरए मोतन भदरा परदशशमत कयन की आऻा ह| परतम रऩ स इसका परबाव रॊफी मोग साधना क अॊतगमत तॊतर-भॊतर-मॊतर साधना स बी दतटटगोिय होता ह| इस भदरा क तनयॊतय अभमास स साधक की पराण-अऩान वाम को शभरा दनवारी भरफॊध ककरमा को बी साथ कयन स जो तसथतत फनती ह उस ही मोतन भदरा की सॊऻा दी ह| मह फड़ी िभतकायी भदरा ह| ऩदमासन की तसथतत भ फठकय दोनो हाथो की उॊगशरमो स मोतन भदरा फनाकय औय ऩवम भरफॊध की तसथतत भ सममक बाव स तसथत होकय पराण-अऩान को शभरान की परफर बावना क साथ भराधाय सथान ऩय मौचगक सॊमभ कयन स कई परकाय की शसवदधमाॊ परापत हो जाती ह|

अनतबोध चतनय दवारा सऩादित तरिदिवसीय मदराचचकितसा सि 26

ऋवषमो का भत ह कक तजस मोगी को उऩयोतत तसथतत भ मोतन भदरा का रगाताय अभमास कयत-कयत शसवदध परापत हो गई ह उसका शयीय साधनावसथा भ बशभ स आसन सदहत ऊऩय अधय भ तसथत हो जाता ह| सॊबवत इसी कायण आदद शॊकयािाममजी न अऩन मोग यतनावरी नाभक ववशष गरॊथ भ भरफॊध का उसरख ववशष रऩ स ककमा ह|

19 धन मदरा -

बायतीम ऩयॊऩया भ धन गाम को कहा जाता ह औय मह दहनद धभम क साततवक औय भहानता का परतीक ह धन भदरा फनात सभम हाथो की उॊगशरमा गाम क थनो जसी हो जाती ह जस गाम क थनो स दध ऩीकय शयीय ऩटट फनता ह वस ही धन भदरा कयन स बी शयीय रटट ऩटट फनता ह

ववचध - अनमोनमाशबभखॊ तशरटटाकतनटठानाशभका ऩन

अनतबोध चतनय दवारा सऩादित तरिदिवसीय मदराचचकितसा सि 27

तथा ि तजमतनभधमा धन भदरा अभत परदा ( कारी तॊतर )

अऩन दोनो हाथो की अॊगशरमो क ऩोयो को एक साथ शभरा र कपय फाम हाथ की तजमनी ऊॊ गरी को दाएॊ हाथ की फीि वारी उॊगरी स छआए इसक फाद दाएॊ हाथ की तजमनी उॊगरी को फाम हाथ की फीि वारी उॊगरी स छआम ऐस ही फाम हाथ की अनाशभका उॊगरी को दाएॊ हाथ की सफस छोटी उॊगरी स शभराएॊ अॉगठो को खरा छोड़ द हाथ की अॊगशरमो को नीि की तयप कयन स अॊगशरमो की आकतत गाम क धनो जसी हो जाती ह इसी कायण इस धन भदरा कहत ह

सभम - इस भदरा का अभमास धीय धीय फढ़ाए ऩहर 1 स 15 शभतनट औय फाद भ 15 स 30 तथा जफ अचछी तयह मह भदरा अभमास भ आ जाए तफ इस भदरा को 45 शभतनट तक कय सकत ह

राब - धन भदरा स ऩािन तॊतर भजफत होता ह औय शयीय ताकतवय व सवसथ फनता ह मह ऩट क योगो क शरए याभफाण भदरा ह मोग साधना भ फहत ही उऩमोगी भदरा कहराती ह तॊतर एवॊ कभमकाॊड भ बी धन भदरा का परमोग ह ह ऩयानी भानमता क अनसाय मह अभत ततव को दन वारी भदरा ह मह भदरा वात वऩतत तथा कप को सॊतशरत कयती ह

अनतबोध चतनय दवारा सऩादित तरिदिवसीय मदराचचकितसा सि 28

20 मगी मदरा-

भग दहयन को कहा जाता ह मऻ क दौयान होभ की जान वारी साभगरी को इसी भदरा भ होभ ककमा जाता ह पराणामाभ ककए जान क दौयान बी इस भदरा का उऩमोग होता ह धमान कयत वतत बी इस भदरा का इसतभार ककमा जाता ह मह भदरा फनात वतत हाथ की आकतत भग क शसय क सभान हो जाती ह इसीशरए इस भगी भदरा कहा जाता ह मह एक हसत भदरा ह ववचध अऩन हाथ की अनाशभका औय भधमभा अॊगरी को अॊगठ क आग क बाग को छआ कय फाकी फिी तजमनी औय कतनटठा अॊगरी को सीधा तान दन स भगी भदरा फन जाती ह योग आसन - इस दौयान उतकटासन सखासन औय उऩासना क सभम इसतभार होन वार आसन ककए जा सकत ह

अनतबोध चतनय दवारा सऩादित तरिदिवसीय मदराचचकितसा सि 29

समय- इस भदरा को सववधानसाय कछ दय तक कय सकत ह औय इस तीन स िाय फाय ककमा जा सकता ह ऱाभ- भगी भदरा कयत सभम अॊगठ क ऩोय औय अॊगशरमो क जोड़ ऩय दफाव ऩड़ता ह उतत दफाव क कायण शसयददम औय ददभागी ऩयशानी भ राब शभरता ह एतमपरशय चिककतसा क अनसाय उतत अॊगशरमो क अॊदय दाॊत औय सामनस क तरफ ॊद होत ह तजसक कायण हभ दाॊत औय सहनस योग भ बी राब शभरता ह ववशष- भाना जाता ह कक इस भदरा को कयन स सोिन औय सभझन की शततत का ववकास बी होता ह भगी भदरा शभगी क योचगमो क शरए फहत ही राबकायी ह

21 यमहररमदरा

ववचध -सवम परधभ आऩ अऩन दोनो हाथो की सफस छोटी अॊगरी अथामत कतनटठा को आऩस भ एक दसय क परथभ ऩोय स शभरा द इसी क साथ दोनो अॊगठ को बी आऩस भ शभरा द अफ तीन अॊगशरमाॊ फाकी यह जाएॊगी- भध मभा तजमनी औय अनाशभका इन तीनो अॊगशरमो को हथरी की ओय भोड़कय भटठी जसा फनाइए अॊगशरमो की इस तसथतत को मभ हरयभदरा कहत ह

अनतबोध चतनय दवारा सऩादित तरिदिवसीय मदराचचकितसा सि 30

ऱाभ - मभहरयभदरा क तनमशभत अभमास स नाडड़मो को शततत शभरती ह इस भदरा क तनयॊतय अभमास स ऩट क योग जस- कबज बख ना रगना औय तजगय की कभजोयी दय होती ह इस भदरा स तसतरमो क सतनो क साय योगो भ बी राब शभरता ह मभ हरयभदरा को परततददन 5 शभनट सफह औय 5 शभनट शाभ को कय आऩ इसक कयन का सभम फढ़ाकय 10 शभनट तक कय सकत ह परततददन कभ स कभ ऩाॊि भदराएॊ अऩनी सववधानसाय कयनी िादहए भदराओॊ स सबी योगो भ राब ऩामा जा सकता ह मदद उनका मोग शशक स ऩछकय तनमशभत अभमास ककमा जाए भदराएॊ खासकय उन रोगो क शरए पामदभॊद सातरफत होती ह जो मोगासन कयन भ असभथम ह

22 ऩषऩाजलऱ मदरा-

अनतबोध चतनय दवारा सऩादित तरिदिवसीय मदराचचकितसा सि 31

मह भहतवऩणम हसत मोग भदरा ह जस दआ भ हाथ उठात ह मा ऩटऩ अऩमण कयत ह तफ मह भदरा फनती ह जसा कक इसका नाभ ह ऩटऩाॊजशर इसी स मह शसदध होता ह कक मह भदरा ककस परकाय की होगी ववचध- दोनो हाथो की अॊगशरमो औय अॊगठ को आऩस भ शभरा भखणफदध को बी शभरा र कपय दोनो हाथो की छोटी अॊगशरमो को एक साथ शभराकय ऐसी आकतत फना र कक जस हभ ककसी बगवान को पर िढ़ात सभम फनात ह इस ही ऩटऩाॊजशर भदरा कहत ह

ऱाभ- ऩटऩाॊजरी भदरा क तनयॊतय अभमास स नीॊद अचछी तयह स आन रगती ह आतभववशवास फढ़ता ह

23 यज भदरा-

अनतबोध चतनय दवारा सऩादित तरिदिवसीय मदराचचकितसा सि 32

यज भदरा कवर तसतरमो क शरए ह ऐसा नहीॊ फतसक अगय ऩरष इस भदरा को कयत ह तो उनक वीमम सॊफॊधी सभसत योग दय हो जात ह ववचध- यज भदरा फनाना फहत ही आसान ह कतनटठा (छोटी अॊगरी) अॊगरी को हथरी की जड़ भ भोड़कय रगान स यज भदरा फन जाती ह ऱाभ- यज भदरा स तसतरमो क भाशसक धभम सॊफॊधी योग दय होत ह इसक अरवा शसय भ बायीऩन यहना छाती भ ददम ऩट ऩीठ कभय का ददम आदद योग बी यज भदरा कयन स दय हो जात ह सतरी क साय परजनन अॊगो की ऩयशातनमो को म भदरा तरफसकर दय कय दती ह

24 अदिती मदरा-

ववचध- अॊगठ क आग क बाग को अनाशभका (छोटी उॊगरी क साथ वारी उॊगरी) उॊगरी की जड़ भ टढ़ा रगान स अददती भदरा फन जाती ह

ऱाभ- इस भदरा को कयन स हय सभम उफासी आना जमादा छीॊक आना जस योगो को दय ककमा जा सकता ह

अनतबोध चतनय दवारा सऩादित तरिदिवसीय मदराचचकितसा सि 33

समय- अददती भदरा को ददन भ 3-4 फाय 15-15 शभनटो क शरए कय सकत ह

25 हसी मदरा-

जस हॊस नीय ीय वववक की साभथमम यखता ह वस इस भदरा क कयन स सोिन औय तवरयत तनणमम की भता फढती ह मदरा िी ववचध - सखासन मा उतकटासन भ फठकय अऩन हाथ की सबी सफस छोटी अॊगरी को छोड़कय अॊगशरमो को अॊगठ क आग क बाग को दफान स हॊसी भदरा फन जाती ह अवचध- इस भदरा को परयॊब भ 5-8 शभनट स कयक 30-48 शभनट तक कय सकत ह मदरा िा ऱाभ- इस भदरा तनमशभत अभमास स वववक फढ़ता ह अथामत इसस सोिन-सभझन की शततत फढ़ती ह औय इसस शयीय का बायीऩन सभापत हो जाता ह

अनतबोध चतनय दवारा सऩादित तरिदिवसीय मदराचचकितसा सि 34

ववशषता- भाना जाता ह कक इस भदरा का तनमशभत अभमास कयन स याजशसक ताकत फढ़ती ह औय वमततत धन सॊऩनन फना यहता ह सावधानी - इस भदरा को कयत सभम ककसी बी परकाय का भॊतर नहीॊ जऩना िादहए औय ना ही कोई अनम धाशभमक उऩकरभ कय

26 हसतऩात मदरा-

ववचध- इस भदरा को कयन क शरए आऩ अऩन दोनो हाथो की हथरी क ऩीछ क बाग को आऩस भ अॊगशरमो सदहत शभरा द इस आकतत को हसतऩात भदरा कहा जाता ह मह नभसकाय भदरा जसा ही ह रककन इसभ हथरी क ऩटठ बाग को शभरा ददमा जाता ह ऱाभ- इस हसतऩात भदरा को कयन स शवास औय गर क क साय योग भ फहत राब शभरता ह तजन तसतरमाॊ मदद इसका तनमशभत अभमास कयती ह तो इसस उनक सतन सड़ौर सॊदय औय सवसथ हो जात ह तजन तसतरमो क सतन छोट ह ढीर ह मा उनक सतनो भ दध नहीॊ आता ह तो मह भदरा उनक शरए फहत राबकायी शसदध हो सकती ह

27 धयान मदरा

ववचध- ऩदमासन भ फठकय फाएॊ हाथ की हथरी ऩय दाएॊ हाथ की हथरी को (उसट हाथ ऩय सीध हाथ को) हसक स यखन स धमान भदरा फनती ह| धमान यख कक इस भदरा भ शसय गदमन एवॊ यीढ़ की हडडी सीधी यह| आॊख औय होठ सहज स फनद यह| धमान अऩन इटटदव क सवरऩ ऩय दटकाएॊ अथवा कामोतसगम कय अथामत शयीय स

अनतबोध चतनय दवारा सऩादित तरिदिवसीय मदराचचकितसा सि 35

सभता यखत हए कछ दय क शरए वविाय यदहत अवसथा भ यहन का परमास कय| अटटाॊग मोग (मभ तनमभ पराणामाभ परतमाहाय धायणा धमान औय सभाचध) क एक अॊग lsquoधमानrsquo की साधना भ मह भदरा ववशष रऩ स सहामक शसदध हई ह| ऱाभ - जो वमततत ऩदमासन नहीॊ कय सकत उनह धमान भदरा सखासन मा सवतसतक अथवा ऩारथी आसन भ कयना िादहए| मह सहज भदरा ह| सहज धमान भदरा को साधायण वमततत अचधक रमफ सभम तक सयरता स कय सकता ह| इसस धमान भदरा क राब बी शभर जात ह| धमान भदरा भ मदद हथशरमाॊ एक दसय ऩय यखन क फाद दोनो हथशरमाॊ ऻान भदरा की तसथतत भ यखी जाएॊ तो धमान भदरा तथा ऻान भदरा क सतमभशरत राब क साथ ऩदमासन क राब बी शभर जात ह| साधक क शरए धमान भदरा भ सभम की कोई सीभा नहीॊ ह| रककन सहजता क साथ ऩदमासन कयन की भता क अनरऩ धमान भदरा का अभमास कयना िादहए| साधायण वमततत को इस धीय-धीय फढ़ात हए कभ-स-कभ २० शभनट स एक घॊट तक कयना िादहए| धमान भदरा न कय सकन की अवसथा भ सहज धमान भदरा कयक राब उठाना िादहए| भन की िॊिरता शाॊत होकय चितत की एकागरता फढ़ती ह| साततवक वविायो की उतऩततत होती ह औय परब बजन भ भन रगता ह|

धमान क परबाव स साधक को धमान की उचितय तसथतत भ ऩहॊिन भ सहामता शभरती ह| आतभ साातकाय औय ईश वय क साातकाय भ मह भदरा सहामक ह|

28 शामभवी मदरा-

आॉख खरी हो रककन आऩ दख नहीॊ सकत ऐसी तसथतत जफ सध जाती ह तो उस शामबवी भदरा कहत ह ऐसी तसथतत भ आऩ नीॊद का भजा बी र सकत ह मह फहत कदठन साधना ह इसक ठीक उसटा कक जफ आॉख फॊद हो तफ आऩ दख

अनतबोध चतनय दवारा सऩादित तरिदिवसीय मदराचचकितसा सि 36

सकत ह मह बी फहत कदठन साधना ह रककन मह दोनो ही सॊबव ह असॊबव कछ बी नहीॊ फहत स ऐस ऩश औय ऩी ह जो आॉख खोरकय ही सोत ह ववचध- मदद आऩन तराटक ककमा ह मा आऩ तराटक क फाय भ जानत ह तो आऩ इस भदरा को कय सकत ह सवमपरथभ शसदधासन भ फठकय यीढ़-गदमन सीधी यखत हए ऩरको को तरफना झऩकाएॉ दखत यह रककन धमान ककसी बी िीज को दखन ऩय ना यख ददभाग तरफसकर बीतय कहीॊ रगा हो

ऱाभ- शामबवी भदरा को कयन स ददर औय ददभाग को शाॊतत शभरती ह मोगी का धमान ददर भ तसथय होन रगता ह आॉख खरी यखकय बी वमततत नीॊद औय धमान का आनॊद र सकता ह इसक सधन स वमततत बत औय बववटम का ऻाता फन सकता ह सऱाह- शामबवी भदरा ऩयी तयह स तबी शसदध हो सकती ह जफ आऩकी आॉख खरी हो ऩय व ककसी बी िीज को न दख यही हो ऐसा सभझ की आऩ ककसी धन भ जी यह हो आऩको खमार होगा कक कबी-कबी आऩ कहीॊ बी दख यह होत ह रककन आऩका धमान कहीॊ ओय यहता ह समय- इस भदरा को शरआत भ तजतनी दय हो सक कय औय फाद भ धीय-धीय इसका अभमास फढ़ात जाएॉ

अनतबोध चतनय दवारा सऩादित तरिदिवसीय मदराचचकितसा सि 37

29 शकततचालऱनी मदरा- ववचध - आठ अॊगर रॊफा औय िाय अॊगर िौड़ा भरामभ वसतर रकय नाशब ऩय रगाएॊ औय कदटसतर भ फाॊध र| कपय शयीय भ बसभ यभाकय शसदधासन भ फठ औय पराण को अऩान स मतत कय| जफ तक गहम दवाय स िरती हई वाम परकाशशत न हो इस सभम तक गहम दवाय को सॊकचित यख| इसस वाम का जो तनयोध होता ह उसभ कमबक क दवाया कणडशरनी शततत जागरत होती हई सषमना भागम स ऊऩय जाकय खड़ी हो जाती ह| मोगभदरा स ऩहर इसका अभमास कयन ऩय ही मोतन भदरा की ऩणम शसवदध होती ह| ऱाभ - इस भदरा स कणडशरनी शततत का जागयण होता ह| जफ तक मह सोती ह तफ तक सबी आॊतरयक शतततमाॊ सपत ऩड़ी यहती ह| इसशरए कणडशरनी का जागरत होना साधक क शरए फहत आवशमक ह| पराण-अऩान को सॊमतत कयन की ककरमा पराणवाम को ऩयक दवाया बीतय खीॊिन औय उडडीमान फॊध स अऩान वाम को ऊऩय की ओय आकवषमत कयन स ऩणम होती ह| इसभ गहम परदश क सॊकोि औय ववसताय का अभमास होन स अचधक सयरता हो सकती ह| 30 तड़ागी मदरा- ववचध - दोनो ऩाॊवो को दणड क सभान धयती ऩय ऩसाय र औय हाथो स उनक अॊगठो को ऩकड़न तथा दोनो जाॊघो ऩय शसय को सथावऩत कय साथ ही उदय को तड़ाग (सयोवय) क सभान कय र| ऱाभ - मह भदरा अनक योगो औय वदधावसथा को बी दय कयन भ सहामक शसदध होती ह|

अनतबोध चतनय दवारा सऩादित तरिदिवसीय मदराचचकितसा सि 38

31 माणडवी मदरा- ववचध - भख को फॊद कयक जफान को तार भ घभाएॊ औय सहसराय स टऩकत हए सधायस को जफान स धीय-धीय ऩीन का मतन कय| मही भाणडवी (मा भाणडकी) भदरा ह| ऱाभ - इसक दवाया फारो की सपदी उनका झड़ना शयीय ऩय झरयममो भॊहासो आदद का ऩड़ना तथा तनफमरता आदद दय होकय चिय-मौवन की परातपत होती ह| इसस यसोतऩादन होकय अभततव की उऩरतबध होना सॊबव हो जाता ह| 32 ऩालशनी मदरा ववचध- दोनो ऩाॊवो को कॊ ठ क ऩीछ की ओय र जाकय उनह ऩयसऩय शभराएॊ औय ऩाश क सभान दढ़ता स फाॊध र| ऱाभ - इसक अभमास स बी कणडशरनी शततत क जागयण भ फहत सगभता हो जाती ह तथा साधक क शयीय भ फर औय ऩतटट का आववबामव होता ह| भानशसक फरवदधमन भ बी मह फहत दहतकय ह| 33 िािी मदरा-

काक कौए को कहत ह कौए की िोि जसी भॊह की भदरा फना रन को काकी भदरा कहा जाता ह ववचध ककसी बी आसन भ फठकय होठो को ऩतरी सी नरी क सभान भोड़कय कौए की िोि जसा फना र अफ नाक क अगर बाग को दखत हए अऩना ऩया धमान नाक ऩय दटका द इसक फाद भॊह स धीय-धीय गहयी शवास रकय होठो को फॊद कय द कछ दय फाद शवास को नाक स फाहय तनकार द इस तयह स 10

अनतबोध चतनय दवारा सऩादित तरिदिवसीय मदराचचकितसा सि 39

शभनट तक कय ऱाभ मह भदरा जहाॊ शयीय भ ठॊडक फढ़ाती ह वहीॊ मह कई योगो को दय कयन भ राबदामक ह इस भदरा का तनयॊतय अभमास कयन स शयीय भ अॊदय बोजन ऩिान की ककरमा तज हो जाती ह इसस अमरवऩतत का फढ़ना कभ हो जाता ह

34 मातचगनी मदरा-

भातॊग का अथम होता ह भघ भाॊ दगाम का एक रऩ ह भातॊगी मह दस भहाववदमा भ स नौवीॊ ववदमा ह भातॊग नाभ स एक धमान होता ह भॊतर होता ह औय एक हाथी का नाभ बी भातॊग ह ऋवष वशशटठ की ऩतनी का एक नाभ बी भातॊगी ह ऋवष कशमऩ की ऩतरी का नाभ बी भातॊगी ह तजसस हाथी उतऩनन हए थ ववचध शाॊत जगह भ ऩानी क अॊदय गर तक शयीय को डफो र औय कपय नाक स ऩानी को खीॊिकय उस भॊह स तनकार र कपय भॊह स ऩानी को खीॊिकय नाक स फाहय तनकार द इस ककरमा को ही भातॊचगनी भदरा कहत ह ऱाभ इस भदरा क अभमास स आॊखो की योशनी तज हो जाती ह शसय ददम भ मह भदरा अतमॊत राबकायी भानी जाती ह इसस नजरा-जकाभ आदद क योग बी दय हो जात ह इस भदरा क तनयॊतय अभमास स िहय ऩय िभक आ जाती ह औय फार बी सपद नहीॊ होत ह इस भदरा क शसदध हो जान ऩय वमततत भ ताकत फढ़ जाती ह

35 नभोमदरा

नब का अथम होता ह आकाश इस भदरा भ जीब को तार की ओय रगात ह इसीशरए इस नबोभदरा कहत ह नबोभदरा कयना सयर नहीॊ ह इस ककसी मोग

अनतबोध चतनय दवारा सऩादित तरिदिवसीय मदराचचकितसा सि 40

शशक स सीखकय ही कयना िादहए मह भदरा फहत स योगो भ राबदामक शसदध हई ह इस फाय भ एक शरोक बी ह- मतर मतर तसथतो मोगी सवमकामष सवमदा उधवमतजवह तसथयो बतवाधायमतभवनॊ सदा नबोभदरा भवदषा मोदववना योग नाशशनी अथामत साय कामो भ तसथय हआ चितत अऩनी जीब क अगर बाग को भॊह क अॊदय तार भ रगाकय शवास को अॊदय योक रता ह इस तसथतत स विारयक गततववचधमाॊ ततकार फॊद हो जाती ह इसीशरए इस भदरा को यहसम का आबास ददरान वारी भदरा बी कहा जाता ह ववचध- अऩनी आॊखो को अऩनी दोनो बौहो क फीि भ जभाकय आऩकी जीब तार क साथ रगा र मह दोनो कामम एक ही साथ औय एक ही सभम भ कय सववधानसाय जफ तक सॊबव हो इसी तसथतत भ यह औय कपय कछ शभनट का धमान कय ऱाभ- नबोभदरा क तनयॊतय अभमास स जीब गर औय आॊखो क साय योग सभापत हो जात ह इसस भतसतटक भ तसथयता फढ़ती ह औय भतसतटक क योग बी दय हो जात ह

36 नालसिागर मदरा -

नाशसकागर भदरा का अथम होता ह नाक का आखखयी छोय ऊऩयी दहससा मा अगरबाग इस बाग ऩय फायी-फायी स सॊतरन फनान हए दखना ही नाकककागर भदरा मोग कहराता ह रककन मह भदरा कयन स ऩहर मोग शशक की सराह जरय र तमोकक इसक कयन स बकटी ऩय जोय ऩड़ता ह

अनतबोध चतनय दवारा सऩादित तरिदिवसीय मदराचचकितसा सि 41

ववचध- ककसी बी आसन भ फठकय नाक क आखखयी शसय ऩय नजय दटका र हो सकता ह कक ऩहर आऩ फाई आॊखो स उस दख ऩाएॊ तफ कछ दय फाद दाई आॊखो स दख इस दखन भ जया बी तनाव न हो सहजता स इस दख

ऱाभ- इसस जहाॊ आॊखो की एतसयसाइज होती ह वहीॊ मह भतसतटक क शरए बी राबदामक ह इसस भन भ एकागरता फढ़ती ह इस भदरा क रगाताय अभमास कयन स भराधाय िकर जागरत होन रगता ह तजसस कणडरीनी जागयण भ भदद शभरती ह इसस भराधाय िकर इसशरए जागरत होता ह तमोकक दोनो आॊखो क फीि ही तसथत ह इड़ा वऩ ॊगरा औय सषमना नाड़ी जो भराधाय तक गई ह समय- इस भदरा को इतनी दय तक कयना िादहए कक आॊखो ऩय इसका जमादा दफाव नहीॊ ऩड़ कपय धीय-धीय इस कयन का सभम फढ़ात जाएॊ

37 बरहम आसन मदरा-

कछ रोग इस बरहभा भदरा बी कहत ह तमोकक इस आसन भ गदमन को िाय ददशा भ घभामा जाता ह औय बरहभाजी क िाय भख थ इसीशरए इसका नाभ बरहभा भदरा आसन यखा गमा रककन असर भ मह बरहभ भदरा आसन ह औय इसभ सबी ददशाओॊ भ तसथत ऩयभशवय को जानकय उसका चिॊतन ककमा जाता ह नभाज ऩढ़त वतत मा सॊधमा वॊदन कयत वतत उतत भदरासन को ककमा जाता यहा ह ववचध- ऩदमासन शसदधासन मा वजरासन भ फठकय कभय तथा गदमन को सीधा यखत हए गदमन को धीय-धीय दामीॊ ओय र जात ह कछ सकॊ ड दामीॊ ओय रकत ह उसक फाद गदमन को धीय-धीय फामीॊ ओय र जात ह कछ सकॊ ड तक फामीॊ ओय रककय कपय दामीॊ ओय र जात ह कपय वाऩस आन क फाद गदमन को ऊऩय की ओय र जात ह उसक फाद नीि की तयप र जात ह कपय गदमन को तराकवाइज

अनतबोध चतनय दवारा सऩादित तरिदिवसीय मदराचचकितसा सि 42

औय एॊटीतराकवाइज घभाएॉ इस तयह मह एक िकर ऩया हआ अऩनी सववधानसाय इस िाय स ऩाॉि िकरो भ कय सकत ह

ऱाभ तजन रोगो को सवामइकर सऩोडराइदटस थाइयाइड नराॊटस की शशकामत ह उनक शरए मह आसन राबदामक ह इसस गदमन की भाॉसऩशशमाॉ रिीरी तथा भजफत होती ह आधमाततभक दतटट स बी मह आसन राबदामक ह आरसम बी कभ होता जाता ह तथा फदरत भौसभ क सदी-जकाभ औय खाॉसी स छटकाया बी शभरता ह

सावधाननया तजनह सवामइकर सऩोडराइदटस मा थाइयाइड की सभसमा ह व ठोडी को ऊऩय की ओय दफाएॉ गदमन को नीि की ओय र जात सभम कॊ ध न झकाएॉ कभय गदमन औय कॊ ध सीध यख गदमन मा गर भ कोई गॊबीय योग हो तो मोग चिककतसक की सराह स ही मह भदराआसन कय

38 भजचगनी मदरा- ववचध- इसभ भख को पराकय कॊ ठ स फाहयी वाम खीॊिी जाती ह| तार औय तजहवा क भधम वाम क घभन स शयीय भ अदभत शततत का आववबामव होता ह|

ऱाभ- मह भदरा अजीणम आदद उदय योगो को नटट कयन भ बी फहत उऩमोगी ह| इस परकाय भदराओॊ क अभमास स साधक को सफ परकाय क शायीरयक भानशसक औय आततभक फर की परातपत होती ह| मोगािामो क अनसाय lsquoनातसत भदरासनककॊ चित शसवदधदॊकषततभणडर (घयणड सॊदहता)rsquo अथामत भदराओॊ क सभान शसवदधदामक कोई अनम साधन ब-भॊडर ऩय नहीॊ ह| इसशरए मोगशसवदध क आकाॊीजनो को भदराओॊ का अभमास कयना शरमसकय ह|

अनतबोध चतनय दवारा सऩादित तरिदिवसीय मदराचचकितसा सि 43

39 खचरी मदरा-

भनटम की जीब (तजहवा) दो तयह की होती ह- रॊफी औय छोटी रॊफी जीब को सऩमतजहवा कहत ह कछ रोगो की जीब रॊफी होन स व उस आसानी स नाशसकागर ऩय रगा सकत ह औय खियी-भदरा कय सकत ह भगय तजसकी जीब छोटी होती ह उस तकरीपो का साभना कयना ऩड़ता ह सफस ऩहर उनह अऩनी जीब रॊफी कयनी ऩड़ती ह औय उसक शरए घषमण व दोहन का सहाया रना ऩड़ता ह जीब नीि की ओय स तजस नाड़ी स जड़ी होती ह उस काटना ऩड़ता ह खियी भदरा को शसदध कयन एवॊ अभत क सराव हत आवशमक उददीऩन भ कछ वषम बी रग सकत ह मह वमततत की मोनमता ऩय बी तनबमय कयता ह मोग भ कछ भदराएॊ ऐसी ह तजनह शसपम मोगी ही कयत ह साभानमजनो को इनह नहीॊ कयना िादहए खियी भदरा साधको क शरए भानी गई ह ववचध - इसक शरए जीब औय तार को जोड़न वार भाॊस-तॊत को धीय-धीय काटा जाता ह अथामत एक ददन जौ बय काटकय छोड़ ददमा जाता ह कपय तीन-िाय ददन फाद थोड़ा-सा औय काट ददमा जाता ह इस परकाय थोड़ा-थोड़ा काटन स उस सथान की यतत शशयाएॊ अऩना सथान बीतय की तयप फनाती जाती ह जीब को काटन क साथ ही परततददन धीय-धीय फाहय की तयप खीॊिन का अभमास ककमा जाता ह इसका अभमास कयन स कछ भहीनो भ जीब इतनी रॊफी हो जाती ह कक मदद उस ऊऩय की तयप रौटा (उसटा कयन) ददमा जाए तो वह शवास जान वार छदो को बीतय स फॊद कय दती ह इसस सभाचध क सभम शवास का आना-जाना ऩणमत योक ददमा जाता ह ऱाभ इस भदरा स पराणामाभ को शसदध कयन औय साभचध रगान भ ववशष सहामता शभरती ह साधनायत साधओॊ क शरए मह भदरा फहत ही राबदामी भानी

अनतबोध चतनय दवारा सऩादित तरिदिवसीय मदराचचकितसा सि 44

जाती ह ववशषता तनयॊतय अभमास कयत यहन स तजफ जफ रॊफी हो जाती ह तफ उस नाशसका यनरो भ परवश कयामा जा सकता ह इस परकाय धमान रगान स कऩार भागम एवॊ तरफ ॊद ववसगम स सॊफॊचधत कछ गरॊचथमो भ उददीऩन होता ह तजसक ऩरयणाभसवरऩ अभत का सराव आयॊब होता ह उसी अभत का सराव होत वतत एक ववशष परकाय का आधमाततभक अनबव होता ह इस अनबव स शसवदध औय सभाचध भ तजी स परगतत होती ह चतावनी मह आरख शसपम जानकायी हत ह कोई बी वमततत इस ऩढ़कय कयन का परमास न कय तमोकक मह शसपम साधको क शरए ह आभ रोगो क शरए नहीॊ

40 अकzwj वनी मदरा- इस भदरा स साधक भ घोड़ो जसी शततत आ जाती ह तजस lsquoहॉसम ऩॉवयrsquo कहत ह|

ववचध - इस भदरा भ गदा-दवाय का फाय-फाय सॊकोिन औय परसाय ककमा जाता ह| इसी स भदरा की शसवदध हो जाती ह| इसक दवाया कणडशरनी जागयण भ सगभता यहती ह औय अनक योग नटट होकय शायीरयक फर की ववदध होती ह|

ऱाभ - अतश वनी भदरा शसदध होन स साधक की अकारभतम कबी नहीॊ होती| गदा औय उदय स सॊफॊचधत योगो का इसक दवाया शभन होता ह तथा दीघमजीवन की उऩरतबध होती ह| तरफना भरफॊध क अतश वनी भदरा नहीॊ हो सकती| 41 बजरौऱी मदरा- फजरौरी भदरा बी भरफॊध का अचछा अभमास ककए तरफना ककसी परकाय सॊबव नहीॊ ह| मह भदरा कवर मोगी क शरए ही नहीॊ बोगी क शरए बी अतमॊत राबकायी ह|

अनतबोध चतनय दवारा सऩादित तरिदिवसीय मदराचचकितसा सि 45

ववचध - इस भदरा भ ऩहर दोनो ऩाॊवो को बशभ ऩय दढ़ताऩवमक दटकाकय दोनो ऩाॊवो को धीय-धीय दढ़ताऩवमक ऊऩय आकाश भ उठा द| इसस तरफॊद-शसवदध होती ह| शकर को धीय-धीय ऊऩय की आकॊ िन कय अथामत इॊददरम क आॊकिन क दवाया वीमम को ऊऩय की ओय खीॊिन का अभमास कय तो मह भदरा शसदध होती ह| ववदवानो का भत ह कक इस भदरा क अभमास भ सतरी का होना आवशमक ह तमोकक बग भ ऩततत होता हआ शकर ऊऩय की ओय खीॊि र तो यज औय वीमम दोनो ही िढ़ जात ह| मह ककरमा अभमास स ही शसदध होती ह| कछ मोगािामम इस परकाय का अभमास शकर क सथान ऩय दनध स कयना फतात ह| जफ दनध खीॊिन का अभमास शसदध हो जाए तफ शकर को खीॊिन का अभमास कयना िादहए| वीमम को ऊऩय खीॊिनवारा मोगी ही ऊधवमयता कहराता ह| ऱाभ - इस भदरा स शयीय रटट-ऩटट तजसवी सॊदय सडौर औय जया-भतम यदहत होता ह| शयीय क सबी अवमव दढ़ होकय भन भ तनश िरता की परातपत होती ह| इसका अभमास अचधक कदठन नहीॊ ह| मदद गहसथ बी इसक कय तो फरवदधमन औय सौदममवदधमन का ऩया राब परापत कय सकत ह चतावनी मह आरख शसपम जानकायी हत ह कोई बी वमततत इस ऩढ़कय कयन का परमास न कय तमोकक मह शसपम साधको क शरए ह आभ रोगो क शरए नहीॊ

साधना कयनवार वमततत क शरए मह आवशमक ह कक वह साधना भ कातमक वाचिक औय भानशसक ककरमाओॊ ऩय ऩया तनमॊतरण यख तथा सभम-सभम ऩय उचित ताॊतरतरक परककरमाओॊ का बी सभनवम कयता यह| इस दतटट स तजस परकाय आसन ऩातरासादन अिमन आदद भ ककरमाओॊ का ववधान ह उसी परकाय उनक साथ कछ भदरा फनान का ववधान ह| म भदराएॊ भखम रऩ-स हाथ औय उसकी उॊगशरमो क परमोग स फनती ह| जस हभाया शयीय ऩॊिततवभम ह| अत शासतरकायो न कहा ह कक इन उॊगशरमो क परमोग स इन ततवो की नमनाचधकता दय की जा

अनतबोध चतनय दवारा सऩादित तरिदिवसीय मदराचचकितसा सि 46

सकती ह तथा ततवो की सभता-ववषभता स होनवारी कभी को उॊगशरमो की भदरा स सभ फनामा जा सकता ह| इतना ही नहीॊ ऐसी भदराओॊ क सहमोग स उन ततवो को सवचछाऩवमक घटामा-फढ़ामा बी जा सकता ह| म ततव करभश अॊगटठ भ अतनन तजमनी भ वाम भधमभा भ आकाश अनाशभका भ ऩथवी औय कतनतटठका भ जर क रऩ भ ववदमभान यहत ह| दवताओॊ की परसननता चितत की शवदध औय ववववध योगो क नाश भ भदराओॊ स फड़ी सहामता शभरती ह| भदराततव को सभझकय परतमक मोगी को इनका साधन कयना िादहए| कणडशरनी शततत क जागयण भ इन भदराओॊ स सहामता शभरती ह| महाॊ हभन तजन भदराओॊ का वणमन एवॊ चितरण ककमा ह उसभ परतमक मोगी साधक को ऩरयचित होना िादहए|

अनतबोध चतनय दवारा सऩादित तरिदिवसीय मदराचचकितसा सि 47

मोग अनसाय आसन औय पराणामाभ की तसथतत को भदरा कहा जाता ह फॊध ककरमा औय भदरा भ आसन औय पराणामाभ दोनो का ही कामम होता ह मोग भ भदराओॊ को आसन औय पराणामाभ स बी फढ़कय भाना जाता ह भदरा दो तयह की होती ह- ऩहरी हसत भदरा अथामत हाथो औय उसकी अॊगशरमो को ववशष आकतत भ फनाना औय दसयी आसन भदरा अथामत तजसभ ऩया शयीय ही सॊिाशरत होता ह

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अनतबोध चतनय दवारा सऩादित तरिदिवसीय मदराचचकितसा सि 18

12 वयान मदरा-

ववचध- हाथ की भधमभा अॊगरी क आग क बाग को अॊगठ क आग क बाग स शभरान औय तजमनी अॊगरी को फीि की अॊगरी क नाखन स छआएॊ फाकी फिी सायी अॊगशरमाॊ सीधी यहनी िादहए इसी को वमान भदरा कहा जाता ह अवचध- इस भदरा को सफह 15 शभनट औय शाभ को 15 शभनट तक कयना िादहए ऱाभ- वमान भदरा को कयन स ऩशाफ सॊफॊधी सबी योग दय होत ह जस- ऩशाफ जमादा आना ऩशाफ भ िीनी आना ऩशाफ क साथ घात आना ऩशाफ रक-रक कय आना आदद योग सभापत हो जात ह इसक अरावा इस भदरा क तनमशभत अभमास स भधभह परभह औय सवपनदोष बी दय होता ह तसतरमो क शरए मह भदरा सफस जमादा राबदामक फताई गई ह इस भदरा को कयन स तसतरमो क साय योग सभापत हो जात ह

अनतबोध चतनय दवारा सऩादित तरिदिवसीय मदराचचकितसा सि 19

13 उिान मदरा-

ववचध - ऩहरी भधमभा औय अनाशभका उॊगरी क आग क बाग को अॊगठ क आग क बाग स रगाएॊ इस उदान भदरा कहत ह इसका सॊफॊध कॊ ठ स भतसतटक तक होता ह मह ववशवदध िकर को परवादहत कयता ह

राब - इसस भन शाॊत होता ह औय थामयॉइड सॊफॊधी सबी योगो भ राब ऩहॊिता ह

सभमावचध - इस भदरा को बी कवर 15 स 45 शभतनट तक ही कयना िादहए

अनतबोध चतनय दवारा सऩादित तरिदिवसीय मदराचचकितसा सि 20

14 सभान भदरा

ववचध - हाथ की िायो उॊगशरमो औय अॊगठ क अगरबाग को शभरा कय ऊऩय की तयप यखन स सभान भदरा फनती ह इस भदरा भ ऩाॊिो ततव शभर जात ह

राब ndash मह भदरा हभाय वविायो को आधमाततभक फनाती ह फय वविाय दय होत ह

अनतबोध चतनय दवारा सऩादित तरिदिवसीय मदराचचकितसा सि 21

15 हिय मदरा

ववचध दोनो हाथो की तजमनी अॊगशरमो को अॊगठो क भर भ रगाकय भधमभा व अनाशभका अॊगशरमो को अॊगठ क अगरबाग ऩय रगा द व छोटी अॊगरी को सीधा कयक यख अफ हाथो को घटनो ऩय यख र हथशरमो का रख ऊऩय की ओय यहगा कभय-गदमन सीधी यख कय आॊख फॊद कय धमान की तसथतत भ फठ जाएॊ ऱाभ मह भदरा रदम योगो भ ववशष रऩ स राबकायी ह परततददन 10-15 शभनट अभमास स रदम भजफत होता ह गस फनना शसयददम असथभा व उचि यततिाऩ भ राबकायी ह सीदढ़मो ऩय िढ़न स ऩहर ही अगय मह भदरा रगा री जाए औय इस भदरा क साथ ही सीदढ़माॊ िढ़ी जाएॊ तो साॊस नहीॊ परती

अनतबोध चतनय दवारा सऩादित तरिदिवसीय मदराचचकितसा सि 22

16 लऱग मदरा

ववचध- फाएॉ हाथ का अॊगठा सीधा खडा कय दादहन हाथ स फाएॊ हाथ कक अॉगशरमो भ ऩयसऩय पॉ सात हए दोनो ऩॊजो को ऐस जोड कक दादहना अॊगठा फाएॊ अॊगठ को फहाय स आवतत कय र इस परकाय जो भदरा फनगी उस अॊगटठ भदरा कहग राब - अॊगठ भ अतनन ततव होता हइस भदरा क अभमास स शयीय भ उटभता फढ़न रगती हशयीय भ जभा कप ततव सखकय नटट हो जाता हसदी जकाभखाॊसी इतमादद योगो भ मह फड़ा राबदामी होता हकबी मदद शीत परकोऩ भ आ जाएॉ औय शयीय भ ठणड स कॊ ऩकॊ ऩाहट होन रग तो इस भदरा का परमोग तवरयत राब दता ह

अनतबोध चतनय दवारा सऩादित तरिदिवसीय मदराचचकितसा सि 23

17 शख मदरा-

ववचध - फाएॊ हाथ क अॊगठ को दोनो हाथ की भटठी भ फॊद कयक फाएॊ हाथ की तजमनी उॊगरी को दादहन हाथ क अॊगठ स शभरान स शॊख भदरा फनती ह| इस भदरा भ फाएॊ हाथ की फाकी तीन उॊगशरमो क ऩास भ सटाकय दाएॊ हाथ की फॊद उॊगशरमो ऩय हसका-सा दफाव ददमा जाता ह| इसी परकाय हाथ फदरकय अथामत दाएॊ हाथ क अॊगठ को फाएॊ हाथ की भटठी भ फॊद कयक शॊख भदरा फनाई जाती ह| इस भदरा भ ऱाभ - अॊगठ का दफाव हथरी क फीि क बाग ऩय औय भटठी की तीन उॊगशरमो का दफाव शकर ऩवमत ऩय ऩड़ता ह तजसस हथरी भ तसथत नाशब औय थाइयॉइड (ऩतसरका) गरॊचथ क क दर दफत ह| ऩरयणाभसवरऩ नाशब औय थाइयॉइड गरॊचथ क ववकाय ठीक होत ह|

अनतबोध चतनय दवारा सऩादित तरिदिवसीय मदराचचकितसा सि 24

शॊख भदरा का नाशब िकर स तनकट का सॊबॊध ह इसशरए शायीय क सनामतॊतर ऩय ववशष कामम कयती ह अत अनत औय फाहम सवासथम भ फहत राबकायी ह

मह ऩािन तॊतर को उततभ फनाती ह

तनमशभत कयन स बख फढान भ भदद शभरती ह

मह भदरा फोरत सभम उचिायण क दोषो को दय कयन भ फहत परबावी ह जस ततराना हकराना आदद दोष तनमभतत परमोग स दय हो जात ह

सॊगीत की साधना कयन वारो क शरए ववशश राबकायी ह वाणी को भधय फनाती ह

मह भदरा ऩजन भ बी परमतत होती ह| इसका परमोग रॊफ सभम तक ककमा जा सकता ह| इस भदरा का नाशबिकर स ववशष समफनध ह तजसक कायण नाशब स सॊफॊचधत शयीय की नाडड़मो ऩय सकषभ औय सवासथमवधमक परबाव ऩड़ता ह तथा सनामभणडर शतततशारी फनती ह|

अनतबोध चतनय दवारा सऩादित तरिदिवसीय मदराचचकितसा सि 25

18 योनन मदरा-

मौचगक दतटट स अऩन अॊदय कई परकाय क यहसम तछऩाए यखनवारी भदरा का वासतववक नाभ lsquoमोतन भदराrsquo ह| तत मोग क अनसाय कवर हाथो की उॊगशरमो स भहाशततत बगवती की परसननता क शरए मोतन भदरा परदशशमत कयन की आऻा ह| परतम रऩ स इसका परबाव रॊफी मोग साधना क अॊतगमत तॊतर-भॊतर-मॊतर साधना स बी दतटटगोिय होता ह| इस भदरा क तनयॊतय अभमास स साधक की पराण-अऩान वाम को शभरा दनवारी भरफॊध ककरमा को बी साथ कयन स जो तसथतत फनती ह उस ही मोतन भदरा की सॊऻा दी ह| मह फड़ी िभतकायी भदरा ह| ऩदमासन की तसथतत भ फठकय दोनो हाथो की उॊगशरमो स मोतन भदरा फनाकय औय ऩवम भरफॊध की तसथतत भ सममक बाव स तसथत होकय पराण-अऩान को शभरान की परफर बावना क साथ भराधाय सथान ऩय मौचगक सॊमभ कयन स कई परकाय की शसवदधमाॊ परापत हो जाती ह|

अनतबोध चतनय दवारा सऩादित तरिदिवसीय मदराचचकितसा सि 26

ऋवषमो का भत ह कक तजस मोगी को उऩयोतत तसथतत भ मोतन भदरा का रगाताय अभमास कयत-कयत शसवदध परापत हो गई ह उसका शयीय साधनावसथा भ बशभ स आसन सदहत ऊऩय अधय भ तसथत हो जाता ह| सॊबवत इसी कायण आदद शॊकयािाममजी न अऩन मोग यतनावरी नाभक ववशष गरॊथ भ भरफॊध का उसरख ववशष रऩ स ककमा ह|

19 धन मदरा -

बायतीम ऩयॊऩया भ धन गाम को कहा जाता ह औय मह दहनद धभम क साततवक औय भहानता का परतीक ह धन भदरा फनात सभम हाथो की उॊगशरमा गाम क थनो जसी हो जाती ह जस गाम क थनो स दध ऩीकय शयीय ऩटट फनता ह वस ही धन भदरा कयन स बी शयीय रटट ऩटट फनता ह

ववचध - अनमोनमाशबभखॊ तशरटटाकतनटठानाशभका ऩन

अनतबोध चतनय दवारा सऩादित तरिदिवसीय मदराचचकितसा सि 27

तथा ि तजमतनभधमा धन भदरा अभत परदा ( कारी तॊतर )

अऩन दोनो हाथो की अॊगशरमो क ऩोयो को एक साथ शभरा र कपय फाम हाथ की तजमनी ऊॊ गरी को दाएॊ हाथ की फीि वारी उॊगरी स छआए इसक फाद दाएॊ हाथ की तजमनी उॊगरी को फाम हाथ की फीि वारी उॊगरी स छआम ऐस ही फाम हाथ की अनाशभका उॊगरी को दाएॊ हाथ की सफस छोटी उॊगरी स शभराएॊ अॉगठो को खरा छोड़ द हाथ की अॊगशरमो को नीि की तयप कयन स अॊगशरमो की आकतत गाम क धनो जसी हो जाती ह इसी कायण इस धन भदरा कहत ह

सभम - इस भदरा का अभमास धीय धीय फढ़ाए ऩहर 1 स 15 शभतनट औय फाद भ 15 स 30 तथा जफ अचछी तयह मह भदरा अभमास भ आ जाए तफ इस भदरा को 45 शभतनट तक कय सकत ह

राब - धन भदरा स ऩािन तॊतर भजफत होता ह औय शयीय ताकतवय व सवसथ फनता ह मह ऩट क योगो क शरए याभफाण भदरा ह मोग साधना भ फहत ही उऩमोगी भदरा कहराती ह तॊतर एवॊ कभमकाॊड भ बी धन भदरा का परमोग ह ह ऩयानी भानमता क अनसाय मह अभत ततव को दन वारी भदरा ह मह भदरा वात वऩतत तथा कप को सॊतशरत कयती ह

अनतबोध चतनय दवारा सऩादित तरिदिवसीय मदराचचकितसा सि 28

20 मगी मदरा-

भग दहयन को कहा जाता ह मऻ क दौयान होभ की जान वारी साभगरी को इसी भदरा भ होभ ककमा जाता ह पराणामाभ ककए जान क दौयान बी इस भदरा का उऩमोग होता ह धमान कयत वतत बी इस भदरा का इसतभार ककमा जाता ह मह भदरा फनात वतत हाथ की आकतत भग क शसय क सभान हो जाती ह इसीशरए इस भगी भदरा कहा जाता ह मह एक हसत भदरा ह ववचध अऩन हाथ की अनाशभका औय भधमभा अॊगरी को अॊगठ क आग क बाग को छआ कय फाकी फिी तजमनी औय कतनटठा अॊगरी को सीधा तान दन स भगी भदरा फन जाती ह योग आसन - इस दौयान उतकटासन सखासन औय उऩासना क सभम इसतभार होन वार आसन ककए जा सकत ह

अनतबोध चतनय दवारा सऩादित तरिदिवसीय मदराचचकितसा सि 29

समय- इस भदरा को सववधानसाय कछ दय तक कय सकत ह औय इस तीन स िाय फाय ककमा जा सकता ह ऱाभ- भगी भदरा कयत सभम अॊगठ क ऩोय औय अॊगशरमो क जोड़ ऩय दफाव ऩड़ता ह उतत दफाव क कायण शसयददम औय ददभागी ऩयशानी भ राब शभरता ह एतमपरशय चिककतसा क अनसाय उतत अॊगशरमो क अॊदय दाॊत औय सामनस क तरफ ॊद होत ह तजसक कायण हभ दाॊत औय सहनस योग भ बी राब शभरता ह ववशष- भाना जाता ह कक इस भदरा को कयन स सोिन औय सभझन की शततत का ववकास बी होता ह भगी भदरा शभगी क योचगमो क शरए फहत ही राबकायी ह

21 यमहररमदरा

ववचध -सवम परधभ आऩ अऩन दोनो हाथो की सफस छोटी अॊगरी अथामत कतनटठा को आऩस भ एक दसय क परथभ ऩोय स शभरा द इसी क साथ दोनो अॊगठ को बी आऩस भ शभरा द अफ तीन अॊगशरमाॊ फाकी यह जाएॊगी- भध मभा तजमनी औय अनाशभका इन तीनो अॊगशरमो को हथरी की ओय भोड़कय भटठी जसा फनाइए अॊगशरमो की इस तसथतत को मभ हरयभदरा कहत ह

अनतबोध चतनय दवारा सऩादित तरिदिवसीय मदराचचकितसा सि 30

ऱाभ - मभहरयभदरा क तनमशभत अभमास स नाडड़मो को शततत शभरती ह इस भदरा क तनयॊतय अभमास स ऩट क योग जस- कबज बख ना रगना औय तजगय की कभजोयी दय होती ह इस भदरा स तसतरमो क सतनो क साय योगो भ बी राब शभरता ह मभ हरयभदरा को परततददन 5 शभनट सफह औय 5 शभनट शाभ को कय आऩ इसक कयन का सभम फढ़ाकय 10 शभनट तक कय सकत ह परततददन कभ स कभ ऩाॊि भदराएॊ अऩनी सववधानसाय कयनी िादहए भदराओॊ स सबी योगो भ राब ऩामा जा सकता ह मदद उनका मोग शशक स ऩछकय तनमशभत अभमास ककमा जाए भदराएॊ खासकय उन रोगो क शरए पामदभॊद सातरफत होती ह जो मोगासन कयन भ असभथम ह

22 ऩषऩाजलऱ मदरा-

अनतबोध चतनय दवारा सऩादित तरिदिवसीय मदराचचकितसा सि 31

मह भहतवऩणम हसत मोग भदरा ह जस दआ भ हाथ उठात ह मा ऩटऩ अऩमण कयत ह तफ मह भदरा फनती ह जसा कक इसका नाभ ह ऩटऩाॊजशर इसी स मह शसदध होता ह कक मह भदरा ककस परकाय की होगी ववचध- दोनो हाथो की अॊगशरमो औय अॊगठ को आऩस भ शभरा भखणफदध को बी शभरा र कपय दोनो हाथो की छोटी अॊगशरमो को एक साथ शभराकय ऐसी आकतत फना र कक जस हभ ककसी बगवान को पर िढ़ात सभम फनात ह इस ही ऩटऩाॊजशर भदरा कहत ह

ऱाभ- ऩटऩाॊजरी भदरा क तनयॊतय अभमास स नीॊद अचछी तयह स आन रगती ह आतभववशवास फढ़ता ह

23 यज भदरा-

अनतबोध चतनय दवारा सऩादित तरिदिवसीय मदराचचकितसा सि 32

यज भदरा कवर तसतरमो क शरए ह ऐसा नहीॊ फतसक अगय ऩरष इस भदरा को कयत ह तो उनक वीमम सॊफॊधी सभसत योग दय हो जात ह ववचध- यज भदरा फनाना फहत ही आसान ह कतनटठा (छोटी अॊगरी) अॊगरी को हथरी की जड़ भ भोड़कय रगान स यज भदरा फन जाती ह ऱाभ- यज भदरा स तसतरमो क भाशसक धभम सॊफॊधी योग दय होत ह इसक अरवा शसय भ बायीऩन यहना छाती भ ददम ऩट ऩीठ कभय का ददम आदद योग बी यज भदरा कयन स दय हो जात ह सतरी क साय परजनन अॊगो की ऩयशातनमो को म भदरा तरफसकर दय कय दती ह

24 अदिती मदरा-

ववचध- अॊगठ क आग क बाग को अनाशभका (छोटी उॊगरी क साथ वारी उॊगरी) उॊगरी की जड़ भ टढ़ा रगान स अददती भदरा फन जाती ह

ऱाभ- इस भदरा को कयन स हय सभम उफासी आना जमादा छीॊक आना जस योगो को दय ककमा जा सकता ह

अनतबोध चतनय दवारा सऩादित तरिदिवसीय मदराचचकितसा सि 33

समय- अददती भदरा को ददन भ 3-4 फाय 15-15 शभनटो क शरए कय सकत ह

25 हसी मदरा-

जस हॊस नीय ीय वववक की साभथमम यखता ह वस इस भदरा क कयन स सोिन औय तवरयत तनणमम की भता फढती ह मदरा िी ववचध - सखासन मा उतकटासन भ फठकय अऩन हाथ की सबी सफस छोटी अॊगरी को छोड़कय अॊगशरमो को अॊगठ क आग क बाग को दफान स हॊसी भदरा फन जाती ह अवचध- इस भदरा को परयॊब भ 5-8 शभनट स कयक 30-48 शभनट तक कय सकत ह मदरा िा ऱाभ- इस भदरा तनमशभत अभमास स वववक फढ़ता ह अथामत इसस सोिन-सभझन की शततत फढ़ती ह औय इसस शयीय का बायीऩन सभापत हो जाता ह

अनतबोध चतनय दवारा सऩादित तरिदिवसीय मदराचचकितसा सि 34

ववशषता- भाना जाता ह कक इस भदरा का तनमशभत अभमास कयन स याजशसक ताकत फढ़ती ह औय वमततत धन सॊऩनन फना यहता ह सावधानी - इस भदरा को कयत सभम ककसी बी परकाय का भॊतर नहीॊ जऩना िादहए औय ना ही कोई अनम धाशभमक उऩकरभ कय

26 हसतऩात मदरा-

ववचध- इस भदरा को कयन क शरए आऩ अऩन दोनो हाथो की हथरी क ऩीछ क बाग को आऩस भ अॊगशरमो सदहत शभरा द इस आकतत को हसतऩात भदरा कहा जाता ह मह नभसकाय भदरा जसा ही ह रककन इसभ हथरी क ऩटठ बाग को शभरा ददमा जाता ह ऱाभ- इस हसतऩात भदरा को कयन स शवास औय गर क क साय योग भ फहत राब शभरता ह तजन तसतरमाॊ मदद इसका तनमशभत अभमास कयती ह तो इसस उनक सतन सड़ौर सॊदय औय सवसथ हो जात ह तजन तसतरमो क सतन छोट ह ढीर ह मा उनक सतनो भ दध नहीॊ आता ह तो मह भदरा उनक शरए फहत राबकायी शसदध हो सकती ह

27 धयान मदरा

ववचध- ऩदमासन भ फठकय फाएॊ हाथ की हथरी ऩय दाएॊ हाथ की हथरी को (उसट हाथ ऩय सीध हाथ को) हसक स यखन स धमान भदरा फनती ह| धमान यख कक इस भदरा भ शसय गदमन एवॊ यीढ़ की हडडी सीधी यह| आॊख औय होठ सहज स फनद यह| धमान अऩन इटटदव क सवरऩ ऩय दटकाएॊ अथवा कामोतसगम कय अथामत शयीय स

अनतबोध चतनय दवारा सऩादित तरिदिवसीय मदराचचकितसा सि 35

सभता यखत हए कछ दय क शरए वविाय यदहत अवसथा भ यहन का परमास कय| अटटाॊग मोग (मभ तनमभ पराणामाभ परतमाहाय धायणा धमान औय सभाचध) क एक अॊग lsquoधमानrsquo की साधना भ मह भदरा ववशष रऩ स सहामक शसदध हई ह| ऱाभ - जो वमततत ऩदमासन नहीॊ कय सकत उनह धमान भदरा सखासन मा सवतसतक अथवा ऩारथी आसन भ कयना िादहए| मह सहज भदरा ह| सहज धमान भदरा को साधायण वमततत अचधक रमफ सभम तक सयरता स कय सकता ह| इसस धमान भदरा क राब बी शभर जात ह| धमान भदरा भ मदद हथशरमाॊ एक दसय ऩय यखन क फाद दोनो हथशरमाॊ ऻान भदरा की तसथतत भ यखी जाएॊ तो धमान भदरा तथा ऻान भदरा क सतमभशरत राब क साथ ऩदमासन क राब बी शभर जात ह| साधक क शरए धमान भदरा भ सभम की कोई सीभा नहीॊ ह| रककन सहजता क साथ ऩदमासन कयन की भता क अनरऩ धमान भदरा का अभमास कयना िादहए| साधायण वमततत को इस धीय-धीय फढ़ात हए कभ-स-कभ २० शभनट स एक घॊट तक कयना िादहए| धमान भदरा न कय सकन की अवसथा भ सहज धमान भदरा कयक राब उठाना िादहए| भन की िॊिरता शाॊत होकय चितत की एकागरता फढ़ती ह| साततवक वविायो की उतऩततत होती ह औय परब बजन भ भन रगता ह|

धमान क परबाव स साधक को धमान की उचितय तसथतत भ ऩहॊिन भ सहामता शभरती ह| आतभ साातकाय औय ईश वय क साातकाय भ मह भदरा सहामक ह|

28 शामभवी मदरा-

आॉख खरी हो रककन आऩ दख नहीॊ सकत ऐसी तसथतत जफ सध जाती ह तो उस शामबवी भदरा कहत ह ऐसी तसथतत भ आऩ नीॊद का भजा बी र सकत ह मह फहत कदठन साधना ह इसक ठीक उसटा कक जफ आॉख फॊद हो तफ आऩ दख

अनतबोध चतनय दवारा सऩादित तरिदिवसीय मदराचचकितसा सि 36

सकत ह मह बी फहत कदठन साधना ह रककन मह दोनो ही सॊबव ह असॊबव कछ बी नहीॊ फहत स ऐस ऩश औय ऩी ह जो आॉख खोरकय ही सोत ह ववचध- मदद आऩन तराटक ककमा ह मा आऩ तराटक क फाय भ जानत ह तो आऩ इस भदरा को कय सकत ह सवमपरथभ शसदधासन भ फठकय यीढ़-गदमन सीधी यखत हए ऩरको को तरफना झऩकाएॉ दखत यह रककन धमान ककसी बी िीज को दखन ऩय ना यख ददभाग तरफसकर बीतय कहीॊ रगा हो

ऱाभ- शामबवी भदरा को कयन स ददर औय ददभाग को शाॊतत शभरती ह मोगी का धमान ददर भ तसथय होन रगता ह आॉख खरी यखकय बी वमततत नीॊद औय धमान का आनॊद र सकता ह इसक सधन स वमततत बत औय बववटम का ऻाता फन सकता ह सऱाह- शामबवी भदरा ऩयी तयह स तबी शसदध हो सकती ह जफ आऩकी आॉख खरी हो ऩय व ककसी बी िीज को न दख यही हो ऐसा सभझ की आऩ ककसी धन भ जी यह हो आऩको खमार होगा कक कबी-कबी आऩ कहीॊ बी दख यह होत ह रककन आऩका धमान कहीॊ ओय यहता ह समय- इस भदरा को शरआत भ तजतनी दय हो सक कय औय फाद भ धीय-धीय इसका अभमास फढ़ात जाएॉ

अनतबोध चतनय दवारा सऩादित तरिदिवसीय मदराचचकितसा सि 37

29 शकततचालऱनी मदरा- ववचध - आठ अॊगर रॊफा औय िाय अॊगर िौड़ा भरामभ वसतर रकय नाशब ऩय रगाएॊ औय कदटसतर भ फाॊध र| कपय शयीय भ बसभ यभाकय शसदधासन भ फठ औय पराण को अऩान स मतत कय| जफ तक गहम दवाय स िरती हई वाम परकाशशत न हो इस सभम तक गहम दवाय को सॊकचित यख| इसस वाम का जो तनयोध होता ह उसभ कमबक क दवाया कणडशरनी शततत जागरत होती हई सषमना भागम स ऊऩय जाकय खड़ी हो जाती ह| मोगभदरा स ऩहर इसका अभमास कयन ऩय ही मोतन भदरा की ऩणम शसवदध होती ह| ऱाभ - इस भदरा स कणडशरनी शततत का जागयण होता ह| जफ तक मह सोती ह तफ तक सबी आॊतरयक शतततमाॊ सपत ऩड़ी यहती ह| इसशरए कणडशरनी का जागरत होना साधक क शरए फहत आवशमक ह| पराण-अऩान को सॊमतत कयन की ककरमा पराणवाम को ऩयक दवाया बीतय खीॊिन औय उडडीमान फॊध स अऩान वाम को ऊऩय की ओय आकवषमत कयन स ऩणम होती ह| इसभ गहम परदश क सॊकोि औय ववसताय का अभमास होन स अचधक सयरता हो सकती ह| 30 तड़ागी मदरा- ववचध - दोनो ऩाॊवो को दणड क सभान धयती ऩय ऩसाय र औय हाथो स उनक अॊगठो को ऩकड़न तथा दोनो जाॊघो ऩय शसय को सथावऩत कय साथ ही उदय को तड़ाग (सयोवय) क सभान कय र| ऱाभ - मह भदरा अनक योगो औय वदधावसथा को बी दय कयन भ सहामक शसदध होती ह|

अनतबोध चतनय दवारा सऩादित तरिदिवसीय मदराचचकितसा सि 38

31 माणडवी मदरा- ववचध - भख को फॊद कयक जफान को तार भ घभाएॊ औय सहसराय स टऩकत हए सधायस को जफान स धीय-धीय ऩीन का मतन कय| मही भाणडवी (मा भाणडकी) भदरा ह| ऱाभ - इसक दवाया फारो की सपदी उनका झड़ना शयीय ऩय झरयममो भॊहासो आदद का ऩड़ना तथा तनफमरता आदद दय होकय चिय-मौवन की परातपत होती ह| इसस यसोतऩादन होकय अभततव की उऩरतबध होना सॊबव हो जाता ह| 32 ऩालशनी मदरा ववचध- दोनो ऩाॊवो को कॊ ठ क ऩीछ की ओय र जाकय उनह ऩयसऩय शभराएॊ औय ऩाश क सभान दढ़ता स फाॊध र| ऱाभ - इसक अभमास स बी कणडशरनी शततत क जागयण भ फहत सगभता हो जाती ह तथा साधक क शयीय भ फर औय ऩतटट का आववबामव होता ह| भानशसक फरवदधमन भ बी मह फहत दहतकय ह| 33 िािी मदरा-

काक कौए को कहत ह कौए की िोि जसी भॊह की भदरा फना रन को काकी भदरा कहा जाता ह ववचध ककसी बी आसन भ फठकय होठो को ऩतरी सी नरी क सभान भोड़कय कौए की िोि जसा फना र अफ नाक क अगर बाग को दखत हए अऩना ऩया धमान नाक ऩय दटका द इसक फाद भॊह स धीय-धीय गहयी शवास रकय होठो को फॊद कय द कछ दय फाद शवास को नाक स फाहय तनकार द इस तयह स 10

अनतबोध चतनय दवारा सऩादित तरिदिवसीय मदराचचकितसा सि 39

शभनट तक कय ऱाभ मह भदरा जहाॊ शयीय भ ठॊडक फढ़ाती ह वहीॊ मह कई योगो को दय कयन भ राबदामक ह इस भदरा का तनयॊतय अभमास कयन स शयीय भ अॊदय बोजन ऩिान की ककरमा तज हो जाती ह इसस अमरवऩतत का फढ़ना कभ हो जाता ह

34 मातचगनी मदरा-

भातॊग का अथम होता ह भघ भाॊ दगाम का एक रऩ ह भातॊगी मह दस भहाववदमा भ स नौवीॊ ववदमा ह भातॊग नाभ स एक धमान होता ह भॊतर होता ह औय एक हाथी का नाभ बी भातॊग ह ऋवष वशशटठ की ऩतनी का एक नाभ बी भातॊगी ह ऋवष कशमऩ की ऩतरी का नाभ बी भातॊगी ह तजसस हाथी उतऩनन हए थ ववचध शाॊत जगह भ ऩानी क अॊदय गर तक शयीय को डफो र औय कपय नाक स ऩानी को खीॊिकय उस भॊह स तनकार र कपय भॊह स ऩानी को खीॊिकय नाक स फाहय तनकार द इस ककरमा को ही भातॊचगनी भदरा कहत ह ऱाभ इस भदरा क अभमास स आॊखो की योशनी तज हो जाती ह शसय ददम भ मह भदरा अतमॊत राबकायी भानी जाती ह इसस नजरा-जकाभ आदद क योग बी दय हो जात ह इस भदरा क तनयॊतय अभमास स िहय ऩय िभक आ जाती ह औय फार बी सपद नहीॊ होत ह इस भदरा क शसदध हो जान ऩय वमततत भ ताकत फढ़ जाती ह

35 नभोमदरा

नब का अथम होता ह आकाश इस भदरा भ जीब को तार की ओय रगात ह इसीशरए इस नबोभदरा कहत ह नबोभदरा कयना सयर नहीॊ ह इस ककसी मोग

अनतबोध चतनय दवारा सऩादित तरिदिवसीय मदराचचकितसा सि 40

शशक स सीखकय ही कयना िादहए मह भदरा फहत स योगो भ राबदामक शसदध हई ह इस फाय भ एक शरोक बी ह- मतर मतर तसथतो मोगी सवमकामष सवमदा उधवमतजवह तसथयो बतवाधायमतभवनॊ सदा नबोभदरा भवदषा मोदववना योग नाशशनी अथामत साय कामो भ तसथय हआ चितत अऩनी जीब क अगर बाग को भॊह क अॊदय तार भ रगाकय शवास को अॊदय योक रता ह इस तसथतत स विारयक गततववचधमाॊ ततकार फॊद हो जाती ह इसीशरए इस भदरा को यहसम का आबास ददरान वारी भदरा बी कहा जाता ह ववचध- अऩनी आॊखो को अऩनी दोनो बौहो क फीि भ जभाकय आऩकी जीब तार क साथ रगा र मह दोनो कामम एक ही साथ औय एक ही सभम भ कय सववधानसाय जफ तक सॊबव हो इसी तसथतत भ यह औय कपय कछ शभनट का धमान कय ऱाभ- नबोभदरा क तनयॊतय अभमास स जीब गर औय आॊखो क साय योग सभापत हो जात ह इसस भतसतटक भ तसथयता फढ़ती ह औय भतसतटक क योग बी दय हो जात ह

36 नालसिागर मदरा -

नाशसकागर भदरा का अथम होता ह नाक का आखखयी छोय ऊऩयी दहससा मा अगरबाग इस बाग ऩय फायी-फायी स सॊतरन फनान हए दखना ही नाकककागर भदरा मोग कहराता ह रककन मह भदरा कयन स ऩहर मोग शशक की सराह जरय र तमोकक इसक कयन स बकटी ऩय जोय ऩड़ता ह

अनतबोध चतनय दवारा सऩादित तरिदिवसीय मदराचचकितसा सि 41

ववचध- ककसी बी आसन भ फठकय नाक क आखखयी शसय ऩय नजय दटका र हो सकता ह कक ऩहर आऩ फाई आॊखो स उस दख ऩाएॊ तफ कछ दय फाद दाई आॊखो स दख इस दखन भ जया बी तनाव न हो सहजता स इस दख

ऱाभ- इसस जहाॊ आॊखो की एतसयसाइज होती ह वहीॊ मह भतसतटक क शरए बी राबदामक ह इसस भन भ एकागरता फढ़ती ह इस भदरा क रगाताय अभमास कयन स भराधाय िकर जागरत होन रगता ह तजसस कणडरीनी जागयण भ भदद शभरती ह इसस भराधाय िकर इसशरए जागरत होता ह तमोकक दोनो आॊखो क फीि ही तसथत ह इड़ा वऩ ॊगरा औय सषमना नाड़ी जो भराधाय तक गई ह समय- इस भदरा को इतनी दय तक कयना िादहए कक आॊखो ऩय इसका जमादा दफाव नहीॊ ऩड़ कपय धीय-धीय इस कयन का सभम फढ़ात जाएॊ

37 बरहम आसन मदरा-

कछ रोग इस बरहभा भदरा बी कहत ह तमोकक इस आसन भ गदमन को िाय ददशा भ घभामा जाता ह औय बरहभाजी क िाय भख थ इसीशरए इसका नाभ बरहभा भदरा आसन यखा गमा रककन असर भ मह बरहभ भदरा आसन ह औय इसभ सबी ददशाओॊ भ तसथत ऩयभशवय को जानकय उसका चिॊतन ककमा जाता ह नभाज ऩढ़त वतत मा सॊधमा वॊदन कयत वतत उतत भदरासन को ककमा जाता यहा ह ववचध- ऩदमासन शसदधासन मा वजरासन भ फठकय कभय तथा गदमन को सीधा यखत हए गदमन को धीय-धीय दामीॊ ओय र जात ह कछ सकॊ ड दामीॊ ओय रकत ह उसक फाद गदमन को धीय-धीय फामीॊ ओय र जात ह कछ सकॊ ड तक फामीॊ ओय रककय कपय दामीॊ ओय र जात ह कपय वाऩस आन क फाद गदमन को ऊऩय की ओय र जात ह उसक फाद नीि की तयप र जात ह कपय गदमन को तराकवाइज

अनतबोध चतनय दवारा सऩादित तरिदिवसीय मदराचचकितसा सि 42

औय एॊटीतराकवाइज घभाएॉ इस तयह मह एक िकर ऩया हआ अऩनी सववधानसाय इस िाय स ऩाॉि िकरो भ कय सकत ह

ऱाभ तजन रोगो को सवामइकर सऩोडराइदटस थाइयाइड नराॊटस की शशकामत ह उनक शरए मह आसन राबदामक ह इसस गदमन की भाॉसऩशशमाॉ रिीरी तथा भजफत होती ह आधमाततभक दतटट स बी मह आसन राबदामक ह आरसम बी कभ होता जाता ह तथा फदरत भौसभ क सदी-जकाभ औय खाॉसी स छटकाया बी शभरता ह

सावधाननया तजनह सवामइकर सऩोडराइदटस मा थाइयाइड की सभसमा ह व ठोडी को ऊऩय की ओय दफाएॉ गदमन को नीि की ओय र जात सभम कॊ ध न झकाएॉ कभय गदमन औय कॊ ध सीध यख गदमन मा गर भ कोई गॊबीय योग हो तो मोग चिककतसक की सराह स ही मह भदराआसन कय

38 भजचगनी मदरा- ववचध- इसभ भख को पराकय कॊ ठ स फाहयी वाम खीॊिी जाती ह| तार औय तजहवा क भधम वाम क घभन स शयीय भ अदभत शततत का आववबामव होता ह|

ऱाभ- मह भदरा अजीणम आदद उदय योगो को नटट कयन भ बी फहत उऩमोगी ह| इस परकाय भदराओॊ क अभमास स साधक को सफ परकाय क शायीरयक भानशसक औय आततभक फर की परातपत होती ह| मोगािामो क अनसाय lsquoनातसत भदरासनककॊ चित शसवदधदॊकषततभणडर (घयणड सॊदहता)rsquo अथामत भदराओॊ क सभान शसवदधदामक कोई अनम साधन ब-भॊडर ऩय नहीॊ ह| इसशरए मोगशसवदध क आकाॊीजनो को भदराओॊ का अभमास कयना शरमसकय ह|

अनतबोध चतनय दवारा सऩादित तरिदिवसीय मदराचचकितसा सि 43

39 खचरी मदरा-

भनटम की जीब (तजहवा) दो तयह की होती ह- रॊफी औय छोटी रॊफी जीब को सऩमतजहवा कहत ह कछ रोगो की जीब रॊफी होन स व उस आसानी स नाशसकागर ऩय रगा सकत ह औय खियी-भदरा कय सकत ह भगय तजसकी जीब छोटी होती ह उस तकरीपो का साभना कयना ऩड़ता ह सफस ऩहर उनह अऩनी जीब रॊफी कयनी ऩड़ती ह औय उसक शरए घषमण व दोहन का सहाया रना ऩड़ता ह जीब नीि की ओय स तजस नाड़ी स जड़ी होती ह उस काटना ऩड़ता ह खियी भदरा को शसदध कयन एवॊ अभत क सराव हत आवशमक उददीऩन भ कछ वषम बी रग सकत ह मह वमततत की मोनमता ऩय बी तनबमय कयता ह मोग भ कछ भदराएॊ ऐसी ह तजनह शसपम मोगी ही कयत ह साभानमजनो को इनह नहीॊ कयना िादहए खियी भदरा साधको क शरए भानी गई ह ववचध - इसक शरए जीब औय तार को जोड़न वार भाॊस-तॊत को धीय-धीय काटा जाता ह अथामत एक ददन जौ बय काटकय छोड़ ददमा जाता ह कपय तीन-िाय ददन फाद थोड़ा-सा औय काट ददमा जाता ह इस परकाय थोड़ा-थोड़ा काटन स उस सथान की यतत शशयाएॊ अऩना सथान बीतय की तयप फनाती जाती ह जीब को काटन क साथ ही परततददन धीय-धीय फाहय की तयप खीॊिन का अभमास ककमा जाता ह इसका अभमास कयन स कछ भहीनो भ जीब इतनी रॊफी हो जाती ह कक मदद उस ऊऩय की तयप रौटा (उसटा कयन) ददमा जाए तो वह शवास जान वार छदो को बीतय स फॊद कय दती ह इसस सभाचध क सभम शवास का आना-जाना ऩणमत योक ददमा जाता ह ऱाभ इस भदरा स पराणामाभ को शसदध कयन औय साभचध रगान भ ववशष सहामता शभरती ह साधनायत साधओॊ क शरए मह भदरा फहत ही राबदामी भानी

अनतबोध चतनय दवारा सऩादित तरिदिवसीय मदराचचकितसा सि 44

जाती ह ववशषता तनयॊतय अभमास कयत यहन स तजफ जफ रॊफी हो जाती ह तफ उस नाशसका यनरो भ परवश कयामा जा सकता ह इस परकाय धमान रगान स कऩार भागम एवॊ तरफ ॊद ववसगम स सॊफॊचधत कछ गरॊचथमो भ उददीऩन होता ह तजसक ऩरयणाभसवरऩ अभत का सराव आयॊब होता ह उसी अभत का सराव होत वतत एक ववशष परकाय का आधमाततभक अनबव होता ह इस अनबव स शसवदध औय सभाचध भ तजी स परगतत होती ह चतावनी मह आरख शसपम जानकायी हत ह कोई बी वमततत इस ऩढ़कय कयन का परमास न कय तमोकक मह शसपम साधको क शरए ह आभ रोगो क शरए नहीॊ

40 अकzwj वनी मदरा- इस भदरा स साधक भ घोड़ो जसी शततत आ जाती ह तजस lsquoहॉसम ऩॉवयrsquo कहत ह|

ववचध - इस भदरा भ गदा-दवाय का फाय-फाय सॊकोिन औय परसाय ककमा जाता ह| इसी स भदरा की शसवदध हो जाती ह| इसक दवाया कणडशरनी जागयण भ सगभता यहती ह औय अनक योग नटट होकय शायीरयक फर की ववदध होती ह|

ऱाभ - अतश वनी भदरा शसदध होन स साधक की अकारभतम कबी नहीॊ होती| गदा औय उदय स सॊफॊचधत योगो का इसक दवाया शभन होता ह तथा दीघमजीवन की उऩरतबध होती ह| तरफना भरफॊध क अतश वनी भदरा नहीॊ हो सकती| 41 बजरौऱी मदरा- फजरौरी भदरा बी भरफॊध का अचछा अभमास ककए तरफना ककसी परकाय सॊबव नहीॊ ह| मह भदरा कवर मोगी क शरए ही नहीॊ बोगी क शरए बी अतमॊत राबकायी ह|

अनतबोध चतनय दवारा सऩादित तरिदिवसीय मदराचचकितसा सि 45

ववचध - इस भदरा भ ऩहर दोनो ऩाॊवो को बशभ ऩय दढ़ताऩवमक दटकाकय दोनो ऩाॊवो को धीय-धीय दढ़ताऩवमक ऊऩय आकाश भ उठा द| इसस तरफॊद-शसवदध होती ह| शकर को धीय-धीय ऊऩय की आकॊ िन कय अथामत इॊददरम क आॊकिन क दवाया वीमम को ऊऩय की ओय खीॊिन का अभमास कय तो मह भदरा शसदध होती ह| ववदवानो का भत ह कक इस भदरा क अभमास भ सतरी का होना आवशमक ह तमोकक बग भ ऩततत होता हआ शकर ऊऩय की ओय खीॊि र तो यज औय वीमम दोनो ही िढ़ जात ह| मह ककरमा अभमास स ही शसदध होती ह| कछ मोगािामम इस परकाय का अभमास शकर क सथान ऩय दनध स कयना फतात ह| जफ दनध खीॊिन का अभमास शसदध हो जाए तफ शकर को खीॊिन का अभमास कयना िादहए| वीमम को ऊऩय खीॊिनवारा मोगी ही ऊधवमयता कहराता ह| ऱाभ - इस भदरा स शयीय रटट-ऩटट तजसवी सॊदय सडौर औय जया-भतम यदहत होता ह| शयीय क सबी अवमव दढ़ होकय भन भ तनश िरता की परातपत होती ह| इसका अभमास अचधक कदठन नहीॊ ह| मदद गहसथ बी इसक कय तो फरवदधमन औय सौदममवदधमन का ऩया राब परापत कय सकत ह चतावनी मह आरख शसपम जानकायी हत ह कोई बी वमततत इस ऩढ़कय कयन का परमास न कय तमोकक मह शसपम साधको क शरए ह आभ रोगो क शरए नहीॊ

साधना कयनवार वमततत क शरए मह आवशमक ह कक वह साधना भ कातमक वाचिक औय भानशसक ककरमाओॊ ऩय ऩया तनमॊतरण यख तथा सभम-सभम ऩय उचित ताॊतरतरक परककरमाओॊ का बी सभनवम कयता यह| इस दतटट स तजस परकाय आसन ऩातरासादन अिमन आदद भ ककरमाओॊ का ववधान ह उसी परकाय उनक साथ कछ भदरा फनान का ववधान ह| म भदराएॊ भखम रऩ-स हाथ औय उसकी उॊगशरमो क परमोग स फनती ह| जस हभाया शयीय ऩॊिततवभम ह| अत शासतरकायो न कहा ह कक इन उॊगशरमो क परमोग स इन ततवो की नमनाचधकता दय की जा

अनतबोध चतनय दवारा सऩादित तरिदिवसीय मदराचचकितसा सि 46

सकती ह तथा ततवो की सभता-ववषभता स होनवारी कभी को उॊगशरमो की भदरा स सभ फनामा जा सकता ह| इतना ही नहीॊ ऐसी भदराओॊ क सहमोग स उन ततवो को सवचछाऩवमक घटामा-फढ़ामा बी जा सकता ह| म ततव करभश अॊगटठ भ अतनन तजमनी भ वाम भधमभा भ आकाश अनाशभका भ ऩथवी औय कतनतटठका भ जर क रऩ भ ववदमभान यहत ह| दवताओॊ की परसननता चितत की शवदध औय ववववध योगो क नाश भ भदराओॊ स फड़ी सहामता शभरती ह| भदराततव को सभझकय परतमक मोगी को इनका साधन कयना िादहए| कणडशरनी शततत क जागयण भ इन भदराओॊ स सहामता शभरती ह| महाॊ हभन तजन भदराओॊ का वणमन एवॊ चितरण ककमा ह उसभ परतमक मोगी साधक को ऩरयचित होना िादहए|

अनतबोध चतनय दवारा सऩादित तरिदिवसीय मदराचचकितसा सि 47

मोग अनसाय आसन औय पराणामाभ की तसथतत को भदरा कहा जाता ह फॊध ककरमा औय भदरा भ आसन औय पराणामाभ दोनो का ही कामम होता ह मोग भ भदराओॊ को आसन औय पराणामाभ स बी फढ़कय भाना जाता ह भदरा दो तयह की होती ह- ऩहरी हसत भदरा अथामत हाथो औय उसकी अॊगशरमो को ववशष आकतत भ फनाना औय दसयी आसन भदरा अथामत तजसभ ऩया शयीय ही सॊिाशरत होता ह

Page 19: 235347477 Mudra Chikitsa Swami Ananta Bodha Chaitanya

अनतबोध चतनय दवारा सऩादित तरिदिवसीय मदराचचकितसा सि 19

13 उिान मदरा-

ववचध - ऩहरी भधमभा औय अनाशभका उॊगरी क आग क बाग को अॊगठ क आग क बाग स रगाएॊ इस उदान भदरा कहत ह इसका सॊफॊध कॊ ठ स भतसतटक तक होता ह मह ववशवदध िकर को परवादहत कयता ह

राब - इसस भन शाॊत होता ह औय थामयॉइड सॊफॊधी सबी योगो भ राब ऩहॊिता ह

सभमावचध - इस भदरा को बी कवर 15 स 45 शभतनट तक ही कयना िादहए

अनतबोध चतनय दवारा सऩादित तरिदिवसीय मदराचचकितसा सि 20

14 सभान भदरा

ववचध - हाथ की िायो उॊगशरमो औय अॊगठ क अगरबाग को शभरा कय ऊऩय की तयप यखन स सभान भदरा फनती ह इस भदरा भ ऩाॊिो ततव शभर जात ह

राब ndash मह भदरा हभाय वविायो को आधमाततभक फनाती ह फय वविाय दय होत ह

अनतबोध चतनय दवारा सऩादित तरिदिवसीय मदराचचकितसा सि 21

15 हिय मदरा

ववचध दोनो हाथो की तजमनी अॊगशरमो को अॊगठो क भर भ रगाकय भधमभा व अनाशभका अॊगशरमो को अॊगठ क अगरबाग ऩय रगा द व छोटी अॊगरी को सीधा कयक यख अफ हाथो को घटनो ऩय यख र हथशरमो का रख ऊऩय की ओय यहगा कभय-गदमन सीधी यख कय आॊख फॊद कय धमान की तसथतत भ फठ जाएॊ ऱाभ मह भदरा रदम योगो भ ववशष रऩ स राबकायी ह परततददन 10-15 शभनट अभमास स रदम भजफत होता ह गस फनना शसयददम असथभा व उचि यततिाऩ भ राबकायी ह सीदढ़मो ऩय िढ़न स ऩहर ही अगय मह भदरा रगा री जाए औय इस भदरा क साथ ही सीदढ़माॊ िढ़ी जाएॊ तो साॊस नहीॊ परती

अनतबोध चतनय दवारा सऩादित तरिदिवसीय मदराचचकितसा सि 22

16 लऱग मदरा

ववचध- फाएॉ हाथ का अॊगठा सीधा खडा कय दादहन हाथ स फाएॊ हाथ कक अॉगशरमो भ ऩयसऩय पॉ सात हए दोनो ऩॊजो को ऐस जोड कक दादहना अॊगठा फाएॊ अॊगठ को फहाय स आवतत कय र इस परकाय जो भदरा फनगी उस अॊगटठ भदरा कहग राब - अॊगठ भ अतनन ततव होता हइस भदरा क अभमास स शयीय भ उटभता फढ़न रगती हशयीय भ जभा कप ततव सखकय नटट हो जाता हसदी जकाभखाॊसी इतमादद योगो भ मह फड़ा राबदामी होता हकबी मदद शीत परकोऩ भ आ जाएॉ औय शयीय भ ठणड स कॊ ऩकॊ ऩाहट होन रग तो इस भदरा का परमोग तवरयत राब दता ह

अनतबोध चतनय दवारा सऩादित तरिदिवसीय मदराचचकितसा सि 23

17 शख मदरा-

ववचध - फाएॊ हाथ क अॊगठ को दोनो हाथ की भटठी भ फॊद कयक फाएॊ हाथ की तजमनी उॊगरी को दादहन हाथ क अॊगठ स शभरान स शॊख भदरा फनती ह| इस भदरा भ फाएॊ हाथ की फाकी तीन उॊगशरमो क ऩास भ सटाकय दाएॊ हाथ की फॊद उॊगशरमो ऩय हसका-सा दफाव ददमा जाता ह| इसी परकाय हाथ फदरकय अथामत दाएॊ हाथ क अॊगठ को फाएॊ हाथ की भटठी भ फॊद कयक शॊख भदरा फनाई जाती ह| इस भदरा भ ऱाभ - अॊगठ का दफाव हथरी क फीि क बाग ऩय औय भटठी की तीन उॊगशरमो का दफाव शकर ऩवमत ऩय ऩड़ता ह तजसस हथरी भ तसथत नाशब औय थाइयॉइड (ऩतसरका) गरॊचथ क क दर दफत ह| ऩरयणाभसवरऩ नाशब औय थाइयॉइड गरॊचथ क ववकाय ठीक होत ह|

अनतबोध चतनय दवारा सऩादित तरिदिवसीय मदराचचकितसा सि 24

शॊख भदरा का नाशब िकर स तनकट का सॊबॊध ह इसशरए शायीय क सनामतॊतर ऩय ववशष कामम कयती ह अत अनत औय फाहम सवासथम भ फहत राबकायी ह

मह ऩािन तॊतर को उततभ फनाती ह

तनमशभत कयन स बख फढान भ भदद शभरती ह

मह भदरा फोरत सभम उचिायण क दोषो को दय कयन भ फहत परबावी ह जस ततराना हकराना आदद दोष तनमभतत परमोग स दय हो जात ह

सॊगीत की साधना कयन वारो क शरए ववशश राबकायी ह वाणी को भधय फनाती ह

मह भदरा ऩजन भ बी परमतत होती ह| इसका परमोग रॊफ सभम तक ककमा जा सकता ह| इस भदरा का नाशबिकर स ववशष समफनध ह तजसक कायण नाशब स सॊफॊचधत शयीय की नाडड़मो ऩय सकषभ औय सवासथमवधमक परबाव ऩड़ता ह तथा सनामभणडर शतततशारी फनती ह|

अनतबोध चतनय दवारा सऩादित तरिदिवसीय मदराचचकितसा सि 25

18 योनन मदरा-

मौचगक दतटट स अऩन अॊदय कई परकाय क यहसम तछऩाए यखनवारी भदरा का वासतववक नाभ lsquoमोतन भदराrsquo ह| तत मोग क अनसाय कवर हाथो की उॊगशरमो स भहाशततत बगवती की परसननता क शरए मोतन भदरा परदशशमत कयन की आऻा ह| परतम रऩ स इसका परबाव रॊफी मोग साधना क अॊतगमत तॊतर-भॊतर-मॊतर साधना स बी दतटटगोिय होता ह| इस भदरा क तनयॊतय अभमास स साधक की पराण-अऩान वाम को शभरा दनवारी भरफॊध ककरमा को बी साथ कयन स जो तसथतत फनती ह उस ही मोतन भदरा की सॊऻा दी ह| मह फड़ी िभतकायी भदरा ह| ऩदमासन की तसथतत भ फठकय दोनो हाथो की उॊगशरमो स मोतन भदरा फनाकय औय ऩवम भरफॊध की तसथतत भ सममक बाव स तसथत होकय पराण-अऩान को शभरान की परफर बावना क साथ भराधाय सथान ऩय मौचगक सॊमभ कयन स कई परकाय की शसवदधमाॊ परापत हो जाती ह|

अनतबोध चतनय दवारा सऩादित तरिदिवसीय मदराचचकितसा सि 26

ऋवषमो का भत ह कक तजस मोगी को उऩयोतत तसथतत भ मोतन भदरा का रगाताय अभमास कयत-कयत शसवदध परापत हो गई ह उसका शयीय साधनावसथा भ बशभ स आसन सदहत ऊऩय अधय भ तसथत हो जाता ह| सॊबवत इसी कायण आदद शॊकयािाममजी न अऩन मोग यतनावरी नाभक ववशष गरॊथ भ भरफॊध का उसरख ववशष रऩ स ककमा ह|

19 धन मदरा -

बायतीम ऩयॊऩया भ धन गाम को कहा जाता ह औय मह दहनद धभम क साततवक औय भहानता का परतीक ह धन भदरा फनात सभम हाथो की उॊगशरमा गाम क थनो जसी हो जाती ह जस गाम क थनो स दध ऩीकय शयीय ऩटट फनता ह वस ही धन भदरा कयन स बी शयीय रटट ऩटट फनता ह

ववचध - अनमोनमाशबभखॊ तशरटटाकतनटठानाशभका ऩन

अनतबोध चतनय दवारा सऩादित तरिदिवसीय मदराचचकितसा सि 27

तथा ि तजमतनभधमा धन भदरा अभत परदा ( कारी तॊतर )

अऩन दोनो हाथो की अॊगशरमो क ऩोयो को एक साथ शभरा र कपय फाम हाथ की तजमनी ऊॊ गरी को दाएॊ हाथ की फीि वारी उॊगरी स छआए इसक फाद दाएॊ हाथ की तजमनी उॊगरी को फाम हाथ की फीि वारी उॊगरी स छआम ऐस ही फाम हाथ की अनाशभका उॊगरी को दाएॊ हाथ की सफस छोटी उॊगरी स शभराएॊ अॉगठो को खरा छोड़ द हाथ की अॊगशरमो को नीि की तयप कयन स अॊगशरमो की आकतत गाम क धनो जसी हो जाती ह इसी कायण इस धन भदरा कहत ह

सभम - इस भदरा का अभमास धीय धीय फढ़ाए ऩहर 1 स 15 शभतनट औय फाद भ 15 स 30 तथा जफ अचछी तयह मह भदरा अभमास भ आ जाए तफ इस भदरा को 45 शभतनट तक कय सकत ह

राब - धन भदरा स ऩािन तॊतर भजफत होता ह औय शयीय ताकतवय व सवसथ फनता ह मह ऩट क योगो क शरए याभफाण भदरा ह मोग साधना भ फहत ही उऩमोगी भदरा कहराती ह तॊतर एवॊ कभमकाॊड भ बी धन भदरा का परमोग ह ह ऩयानी भानमता क अनसाय मह अभत ततव को दन वारी भदरा ह मह भदरा वात वऩतत तथा कप को सॊतशरत कयती ह

अनतबोध चतनय दवारा सऩादित तरिदिवसीय मदराचचकितसा सि 28

20 मगी मदरा-

भग दहयन को कहा जाता ह मऻ क दौयान होभ की जान वारी साभगरी को इसी भदरा भ होभ ककमा जाता ह पराणामाभ ककए जान क दौयान बी इस भदरा का उऩमोग होता ह धमान कयत वतत बी इस भदरा का इसतभार ककमा जाता ह मह भदरा फनात वतत हाथ की आकतत भग क शसय क सभान हो जाती ह इसीशरए इस भगी भदरा कहा जाता ह मह एक हसत भदरा ह ववचध अऩन हाथ की अनाशभका औय भधमभा अॊगरी को अॊगठ क आग क बाग को छआ कय फाकी फिी तजमनी औय कतनटठा अॊगरी को सीधा तान दन स भगी भदरा फन जाती ह योग आसन - इस दौयान उतकटासन सखासन औय उऩासना क सभम इसतभार होन वार आसन ककए जा सकत ह

अनतबोध चतनय दवारा सऩादित तरिदिवसीय मदराचचकितसा सि 29

समय- इस भदरा को सववधानसाय कछ दय तक कय सकत ह औय इस तीन स िाय फाय ककमा जा सकता ह ऱाभ- भगी भदरा कयत सभम अॊगठ क ऩोय औय अॊगशरमो क जोड़ ऩय दफाव ऩड़ता ह उतत दफाव क कायण शसयददम औय ददभागी ऩयशानी भ राब शभरता ह एतमपरशय चिककतसा क अनसाय उतत अॊगशरमो क अॊदय दाॊत औय सामनस क तरफ ॊद होत ह तजसक कायण हभ दाॊत औय सहनस योग भ बी राब शभरता ह ववशष- भाना जाता ह कक इस भदरा को कयन स सोिन औय सभझन की शततत का ववकास बी होता ह भगी भदरा शभगी क योचगमो क शरए फहत ही राबकायी ह

21 यमहररमदरा

ववचध -सवम परधभ आऩ अऩन दोनो हाथो की सफस छोटी अॊगरी अथामत कतनटठा को आऩस भ एक दसय क परथभ ऩोय स शभरा द इसी क साथ दोनो अॊगठ को बी आऩस भ शभरा द अफ तीन अॊगशरमाॊ फाकी यह जाएॊगी- भध मभा तजमनी औय अनाशभका इन तीनो अॊगशरमो को हथरी की ओय भोड़कय भटठी जसा फनाइए अॊगशरमो की इस तसथतत को मभ हरयभदरा कहत ह

अनतबोध चतनय दवारा सऩादित तरिदिवसीय मदराचचकितसा सि 30

ऱाभ - मभहरयभदरा क तनमशभत अभमास स नाडड़मो को शततत शभरती ह इस भदरा क तनयॊतय अभमास स ऩट क योग जस- कबज बख ना रगना औय तजगय की कभजोयी दय होती ह इस भदरा स तसतरमो क सतनो क साय योगो भ बी राब शभरता ह मभ हरयभदरा को परततददन 5 शभनट सफह औय 5 शभनट शाभ को कय आऩ इसक कयन का सभम फढ़ाकय 10 शभनट तक कय सकत ह परततददन कभ स कभ ऩाॊि भदराएॊ अऩनी सववधानसाय कयनी िादहए भदराओॊ स सबी योगो भ राब ऩामा जा सकता ह मदद उनका मोग शशक स ऩछकय तनमशभत अभमास ककमा जाए भदराएॊ खासकय उन रोगो क शरए पामदभॊद सातरफत होती ह जो मोगासन कयन भ असभथम ह

22 ऩषऩाजलऱ मदरा-

अनतबोध चतनय दवारा सऩादित तरिदिवसीय मदराचचकितसा सि 31

मह भहतवऩणम हसत मोग भदरा ह जस दआ भ हाथ उठात ह मा ऩटऩ अऩमण कयत ह तफ मह भदरा फनती ह जसा कक इसका नाभ ह ऩटऩाॊजशर इसी स मह शसदध होता ह कक मह भदरा ककस परकाय की होगी ववचध- दोनो हाथो की अॊगशरमो औय अॊगठ को आऩस भ शभरा भखणफदध को बी शभरा र कपय दोनो हाथो की छोटी अॊगशरमो को एक साथ शभराकय ऐसी आकतत फना र कक जस हभ ककसी बगवान को पर िढ़ात सभम फनात ह इस ही ऩटऩाॊजशर भदरा कहत ह

ऱाभ- ऩटऩाॊजरी भदरा क तनयॊतय अभमास स नीॊद अचछी तयह स आन रगती ह आतभववशवास फढ़ता ह

23 यज भदरा-

अनतबोध चतनय दवारा सऩादित तरिदिवसीय मदराचचकितसा सि 32

यज भदरा कवर तसतरमो क शरए ह ऐसा नहीॊ फतसक अगय ऩरष इस भदरा को कयत ह तो उनक वीमम सॊफॊधी सभसत योग दय हो जात ह ववचध- यज भदरा फनाना फहत ही आसान ह कतनटठा (छोटी अॊगरी) अॊगरी को हथरी की जड़ भ भोड़कय रगान स यज भदरा फन जाती ह ऱाभ- यज भदरा स तसतरमो क भाशसक धभम सॊफॊधी योग दय होत ह इसक अरवा शसय भ बायीऩन यहना छाती भ ददम ऩट ऩीठ कभय का ददम आदद योग बी यज भदरा कयन स दय हो जात ह सतरी क साय परजनन अॊगो की ऩयशातनमो को म भदरा तरफसकर दय कय दती ह

24 अदिती मदरा-

ववचध- अॊगठ क आग क बाग को अनाशभका (छोटी उॊगरी क साथ वारी उॊगरी) उॊगरी की जड़ भ टढ़ा रगान स अददती भदरा फन जाती ह

ऱाभ- इस भदरा को कयन स हय सभम उफासी आना जमादा छीॊक आना जस योगो को दय ककमा जा सकता ह

अनतबोध चतनय दवारा सऩादित तरिदिवसीय मदराचचकितसा सि 33

समय- अददती भदरा को ददन भ 3-4 फाय 15-15 शभनटो क शरए कय सकत ह

25 हसी मदरा-

जस हॊस नीय ीय वववक की साभथमम यखता ह वस इस भदरा क कयन स सोिन औय तवरयत तनणमम की भता फढती ह मदरा िी ववचध - सखासन मा उतकटासन भ फठकय अऩन हाथ की सबी सफस छोटी अॊगरी को छोड़कय अॊगशरमो को अॊगठ क आग क बाग को दफान स हॊसी भदरा फन जाती ह अवचध- इस भदरा को परयॊब भ 5-8 शभनट स कयक 30-48 शभनट तक कय सकत ह मदरा िा ऱाभ- इस भदरा तनमशभत अभमास स वववक फढ़ता ह अथामत इसस सोिन-सभझन की शततत फढ़ती ह औय इसस शयीय का बायीऩन सभापत हो जाता ह

अनतबोध चतनय दवारा सऩादित तरिदिवसीय मदराचचकितसा सि 34

ववशषता- भाना जाता ह कक इस भदरा का तनमशभत अभमास कयन स याजशसक ताकत फढ़ती ह औय वमततत धन सॊऩनन फना यहता ह सावधानी - इस भदरा को कयत सभम ककसी बी परकाय का भॊतर नहीॊ जऩना िादहए औय ना ही कोई अनम धाशभमक उऩकरभ कय

26 हसतऩात मदरा-

ववचध- इस भदरा को कयन क शरए आऩ अऩन दोनो हाथो की हथरी क ऩीछ क बाग को आऩस भ अॊगशरमो सदहत शभरा द इस आकतत को हसतऩात भदरा कहा जाता ह मह नभसकाय भदरा जसा ही ह रककन इसभ हथरी क ऩटठ बाग को शभरा ददमा जाता ह ऱाभ- इस हसतऩात भदरा को कयन स शवास औय गर क क साय योग भ फहत राब शभरता ह तजन तसतरमाॊ मदद इसका तनमशभत अभमास कयती ह तो इसस उनक सतन सड़ौर सॊदय औय सवसथ हो जात ह तजन तसतरमो क सतन छोट ह ढीर ह मा उनक सतनो भ दध नहीॊ आता ह तो मह भदरा उनक शरए फहत राबकायी शसदध हो सकती ह

27 धयान मदरा

ववचध- ऩदमासन भ फठकय फाएॊ हाथ की हथरी ऩय दाएॊ हाथ की हथरी को (उसट हाथ ऩय सीध हाथ को) हसक स यखन स धमान भदरा फनती ह| धमान यख कक इस भदरा भ शसय गदमन एवॊ यीढ़ की हडडी सीधी यह| आॊख औय होठ सहज स फनद यह| धमान अऩन इटटदव क सवरऩ ऩय दटकाएॊ अथवा कामोतसगम कय अथामत शयीय स

अनतबोध चतनय दवारा सऩादित तरिदिवसीय मदराचचकितसा सि 35

सभता यखत हए कछ दय क शरए वविाय यदहत अवसथा भ यहन का परमास कय| अटटाॊग मोग (मभ तनमभ पराणामाभ परतमाहाय धायणा धमान औय सभाचध) क एक अॊग lsquoधमानrsquo की साधना भ मह भदरा ववशष रऩ स सहामक शसदध हई ह| ऱाभ - जो वमततत ऩदमासन नहीॊ कय सकत उनह धमान भदरा सखासन मा सवतसतक अथवा ऩारथी आसन भ कयना िादहए| मह सहज भदरा ह| सहज धमान भदरा को साधायण वमततत अचधक रमफ सभम तक सयरता स कय सकता ह| इसस धमान भदरा क राब बी शभर जात ह| धमान भदरा भ मदद हथशरमाॊ एक दसय ऩय यखन क फाद दोनो हथशरमाॊ ऻान भदरा की तसथतत भ यखी जाएॊ तो धमान भदरा तथा ऻान भदरा क सतमभशरत राब क साथ ऩदमासन क राब बी शभर जात ह| साधक क शरए धमान भदरा भ सभम की कोई सीभा नहीॊ ह| रककन सहजता क साथ ऩदमासन कयन की भता क अनरऩ धमान भदरा का अभमास कयना िादहए| साधायण वमततत को इस धीय-धीय फढ़ात हए कभ-स-कभ २० शभनट स एक घॊट तक कयना िादहए| धमान भदरा न कय सकन की अवसथा भ सहज धमान भदरा कयक राब उठाना िादहए| भन की िॊिरता शाॊत होकय चितत की एकागरता फढ़ती ह| साततवक वविायो की उतऩततत होती ह औय परब बजन भ भन रगता ह|

धमान क परबाव स साधक को धमान की उचितय तसथतत भ ऩहॊिन भ सहामता शभरती ह| आतभ साातकाय औय ईश वय क साातकाय भ मह भदरा सहामक ह|

28 शामभवी मदरा-

आॉख खरी हो रककन आऩ दख नहीॊ सकत ऐसी तसथतत जफ सध जाती ह तो उस शामबवी भदरा कहत ह ऐसी तसथतत भ आऩ नीॊद का भजा बी र सकत ह मह फहत कदठन साधना ह इसक ठीक उसटा कक जफ आॉख फॊद हो तफ आऩ दख

अनतबोध चतनय दवारा सऩादित तरिदिवसीय मदराचचकितसा सि 36

सकत ह मह बी फहत कदठन साधना ह रककन मह दोनो ही सॊबव ह असॊबव कछ बी नहीॊ फहत स ऐस ऩश औय ऩी ह जो आॉख खोरकय ही सोत ह ववचध- मदद आऩन तराटक ककमा ह मा आऩ तराटक क फाय भ जानत ह तो आऩ इस भदरा को कय सकत ह सवमपरथभ शसदधासन भ फठकय यीढ़-गदमन सीधी यखत हए ऩरको को तरफना झऩकाएॉ दखत यह रककन धमान ककसी बी िीज को दखन ऩय ना यख ददभाग तरफसकर बीतय कहीॊ रगा हो

ऱाभ- शामबवी भदरा को कयन स ददर औय ददभाग को शाॊतत शभरती ह मोगी का धमान ददर भ तसथय होन रगता ह आॉख खरी यखकय बी वमततत नीॊद औय धमान का आनॊद र सकता ह इसक सधन स वमततत बत औय बववटम का ऻाता फन सकता ह सऱाह- शामबवी भदरा ऩयी तयह स तबी शसदध हो सकती ह जफ आऩकी आॉख खरी हो ऩय व ककसी बी िीज को न दख यही हो ऐसा सभझ की आऩ ककसी धन भ जी यह हो आऩको खमार होगा कक कबी-कबी आऩ कहीॊ बी दख यह होत ह रककन आऩका धमान कहीॊ ओय यहता ह समय- इस भदरा को शरआत भ तजतनी दय हो सक कय औय फाद भ धीय-धीय इसका अभमास फढ़ात जाएॉ

अनतबोध चतनय दवारा सऩादित तरिदिवसीय मदराचचकितसा सि 37

29 शकततचालऱनी मदरा- ववचध - आठ अॊगर रॊफा औय िाय अॊगर िौड़ा भरामभ वसतर रकय नाशब ऩय रगाएॊ औय कदटसतर भ फाॊध र| कपय शयीय भ बसभ यभाकय शसदधासन भ फठ औय पराण को अऩान स मतत कय| जफ तक गहम दवाय स िरती हई वाम परकाशशत न हो इस सभम तक गहम दवाय को सॊकचित यख| इसस वाम का जो तनयोध होता ह उसभ कमबक क दवाया कणडशरनी शततत जागरत होती हई सषमना भागम स ऊऩय जाकय खड़ी हो जाती ह| मोगभदरा स ऩहर इसका अभमास कयन ऩय ही मोतन भदरा की ऩणम शसवदध होती ह| ऱाभ - इस भदरा स कणडशरनी शततत का जागयण होता ह| जफ तक मह सोती ह तफ तक सबी आॊतरयक शतततमाॊ सपत ऩड़ी यहती ह| इसशरए कणडशरनी का जागरत होना साधक क शरए फहत आवशमक ह| पराण-अऩान को सॊमतत कयन की ककरमा पराणवाम को ऩयक दवाया बीतय खीॊिन औय उडडीमान फॊध स अऩान वाम को ऊऩय की ओय आकवषमत कयन स ऩणम होती ह| इसभ गहम परदश क सॊकोि औय ववसताय का अभमास होन स अचधक सयरता हो सकती ह| 30 तड़ागी मदरा- ववचध - दोनो ऩाॊवो को दणड क सभान धयती ऩय ऩसाय र औय हाथो स उनक अॊगठो को ऩकड़न तथा दोनो जाॊघो ऩय शसय को सथावऩत कय साथ ही उदय को तड़ाग (सयोवय) क सभान कय र| ऱाभ - मह भदरा अनक योगो औय वदधावसथा को बी दय कयन भ सहामक शसदध होती ह|

अनतबोध चतनय दवारा सऩादित तरिदिवसीय मदराचचकितसा सि 38

31 माणडवी मदरा- ववचध - भख को फॊद कयक जफान को तार भ घभाएॊ औय सहसराय स टऩकत हए सधायस को जफान स धीय-धीय ऩीन का मतन कय| मही भाणडवी (मा भाणडकी) भदरा ह| ऱाभ - इसक दवाया फारो की सपदी उनका झड़ना शयीय ऩय झरयममो भॊहासो आदद का ऩड़ना तथा तनफमरता आदद दय होकय चिय-मौवन की परातपत होती ह| इसस यसोतऩादन होकय अभततव की उऩरतबध होना सॊबव हो जाता ह| 32 ऩालशनी मदरा ववचध- दोनो ऩाॊवो को कॊ ठ क ऩीछ की ओय र जाकय उनह ऩयसऩय शभराएॊ औय ऩाश क सभान दढ़ता स फाॊध र| ऱाभ - इसक अभमास स बी कणडशरनी शततत क जागयण भ फहत सगभता हो जाती ह तथा साधक क शयीय भ फर औय ऩतटट का आववबामव होता ह| भानशसक फरवदधमन भ बी मह फहत दहतकय ह| 33 िािी मदरा-

काक कौए को कहत ह कौए की िोि जसी भॊह की भदरा फना रन को काकी भदरा कहा जाता ह ववचध ककसी बी आसन भ फठकय होठो को ऩतरी सी नरी क सभान भोड़कय कौए की िोि जसा फना र अफ नाक क अगर बाग को दखत हए अऩना ऩया धमान नाक ऩय दटका द इसक फाद भॊह स धीय-धीय गहयी शवास रकय होठो को फॊद कय द कछ दय फाद शवास को नाक स फाहय तनकार द इस तयह स 10

अनतबोध चतनय दवारा सऩादित तरिदिवसीय मदराचचकितसा सि 39

शभनट तक कय ऱाभ मह भदरा जहाॊ शयीय भ ठॊडक फढ़ाती ह वहीॊ मह कई योगो को दय कयन भ राबदामक ह इस भदरा का तनयॊतय अभमास कयन स शयीय भ अॊदय बोजन ऩिान की ककरमा तज हो जाती ह इसस अमरवऩतत का फढ़ना कभ हो जाता ह

34 मातचगनी मदरा-

भातॊग का अथम होता ह भघ भाॊ दगाम का एक रऩ ह भातॊगी मह दस भहाववदमा भ स नौवीॊ ववदमा ह भातॊग नाभ स एक धमान होता ह भॊतर होता ह औय एक हाथी का नाभ बी भातॊग ह ऋवष वशशटठ की ऩतनी का एक नाभ बी भातॊगी ह ऋवष कशमऩ की ऩतरी का नाभ बी भातॊगी ह तजसस हाथी उतऩनन हए थ ववचध शाॊत जगह भ ऩानी क अॊदय गर तक शयीय को डफो र औय कपय नाक स ऩानी को खीॊिकय उस भॊह स तनकार र कपय भॊह स ऩानी को खीॊिकय नाक स फाहय तनकार द इस ककरमा को ही भातॊचगनी भदरा कहत ह ऱाभ इस भदरा क अभमास स आॊखो की योशनी तज हो जाती ह शसय ददम भ मह भदरा अतमॊत राबकायी भानी जाती ह इसस नजरा-जकाभ आदद क योग बी दय हो जात ह इस भदरा क तनयॊतय अभमास स िहय ऩय िभक आ जाती ह औय फार बी सपद नहीॊ होत ह इस भदरा क शसदध हो जान ऩय वमततत भ ताकत फढ़ जाती ह

35 नभोमदरा

नब का अथम होता ह आकाश इस भदरा भ जीब को तार की ओय रगात ह इसीशरए इस नबोभदरा कहत ह नबोभदरा कयना सयर नहीॊ ह इस ककसी मोग

अनतबोध चतनय दवारा सऩादित तरिदिवसीय मदराचचकितसा सि 40

शशक स सीखकय ही कयना िादहए मह भदरा फहत स योगो भ राबदामक शसदध हई ह इस फाय भ एक शरोक बी ह- मतर मतर तसथतो मोगी सवमकामष सवमदा उधवमतजवह तसथयो बतवाधायमतभवनॊ सदा नबोभदरा भवदषा मोदववना योग नाशशनी अथामत साय कामो भ तसथय हआ चितत अऩनी जीब क अगर बाग को भॊह क अॊदय तार भ रगाकय शवास को अॊदय योक रता ह इस तसथतत स विारयक गततववचधमाॊ ततकार फॊद हो जाती ह इसीशरए इस भदरा को यहसम का आबास ददरान वारी भदरा बी कहा जाता ह ववचध- अऩनी आॊखो को अऩनी दोनो बौहो क फीि भ जभाकय आऩकी जीब तार क साथ रगा र मह दोनो कामम एक ही साथ औय एक ही सभम भ कय सववधानसाय जफ तक सॊबव हो इसी तसथतत भ यह औय कपय कछ शभनट का धमान कय ऱाभ- नबोभदरा क तनयॊतय अभमास स जीब गर औय आॊखो क साय योग सभापत हो जात ह इसस भतसतटक भ तसथयता फढ़ती ह औय भतसतटक क योग बी दय हो जात ह

36 नालसिागर मदरा -

नाशसकागर भदरा का अथम होता ह नाक का आखखयी छोय ऊऩयी दहससा मा अगरबाग इस बाग ऩय फायी-फायी स सॊतरन फनान हए दखना ही नाकककागर भदरा मोग कहराता ह रककन मह भदरा कयन स ऩहर मोग शशक की सराह जरय र तमोकक इसक कयन स बकटी ऩय जोय ऩड़ता ह

अनतबोध चतनय दवारा सऩादित तरिदिवसीय मदराचचकितसा सि 41

ववचध- ककसी बी आसन भ फठकय नाक क आखखयी शसय ऩय नजय दटका र हो सकता ह कक ऩहर आऩ फाई आॊखो स उस दख ऩाएॊ तफ कछ दय फाद दाई आॊखो स दख इस दखन भ जया बी तनाव न हो सहजता स इस दख

ऱाभ- इसस जहाॊ आॊखो की एतसयसाइज होती ह वहीॊ मह भतसतटक क शरए बी राबदामक ह इसस भन भ एकागरता फढ़ती ह इस भदरा क रगाताय अभमास कयन स भराधाय िकर जागरत होन रगता ह तजसस कणडरीनी जागयण भ भदद शभरती ह इसस भराधाय िकर इसशरए जागरत होता ह तमोकक दोनो आॊखो क फीि ही तसथत ह इड़ा वऩ ॊगरा औय सषमना नाड़ी जो भराधाय तक गई ह समय- इस भदरा को इतनी दय तक कयना िादहए कक आॊखो ऩय इसका जमादा दफाव नहीॊ ऩड़ कपय धीय-धीय इस कयन का सभम फढ़ात जाएॊ

37 बरहम आसन मदरा-

कछ रोग इस बरहभा भदरा बी कहत ह तमोकक इस आसन भ गदमन को िाय ददशा भ घभामा जाता ह औय बरहभाजी क िाय भख थ इसीशरए इसका नाभ बरहभा भदरा आसन यखा गमा रककन असर भ मह बरहभ भदरा आसन ह औय इसभ सबी ददशाओॊ भ तसथत ऩयभशवय को जानकय उसका चिॊतन ककमा जाता ह नभाज ऩढ़त वतत मा सॊधमा वॊदन कयत वतत उतत भदरासन को ककमा जाता यहा ह ववचध- ऩदमासन शसदधासन मा वजरासन भ फठकय कभय तथा गदमन को सीधा यखत हए गदमन को धीय-धीय दामीॊ ओय र जात ह कछ सकॊ ड दामीॊ ओय रकत ह उसक फाद गदमन को धीय-धीय फामीॊ ओय र जात ह कछ सकॊ ड तक फामीॊ ओय रककय कपय दामीॊ ओय र जात ह कपय वाऩस आन क फाद गदमन को ऊऩय की ओय र जात ह उसक फाद नीि की तयप र जात ह कपय गदमन को तराकवाइज

अनतबोध चतनय दवारा सऩादित तरिदिवसीय मदराचचकितसा सि 42

औय एॊटीतराकवाइज घभाएॉ इस तयह मह एक िकर ऩया हआ अऩनी सववधानसाय इस िाय स ऩाॉि िकरो भ कय सकत ह

ऱाभ तजन रोगो को सवामइकर सऩोडराइदटस थाइयाइड नराॊटस की शशकामत ह उनक शरए मह आसन राबदामक ह इसस गदमन की भाॉसऩशशमाॉ रिीरी तथा भजफत होती ह आधमाततभक दतटट स बी मह आसन राबदामक ह आरसम बी कभ होता जाता ह तथा फदरत भौसभ क सदी-जकाभ औय खाॉसी स छटकाया बी शभरता ह

सावधाननया तजनह सवामइकर सऩोडराइदटस मा थाइयाइड की सभसमा ह व ठोडी को ऊऩय की ओय दफाएॉ गदमन को नीि की ओय र जात सभम कॊ ध न झकाएॉ कभय गदमन औय कॊ ध सीध यख गदमन मा गर भ कोई गॊबीय योग हो तो मोग चिककतसक की सराह स ही मह भदराआसन कय

38 भजचगनी मदरा- ववचध- इसभ भख को पराकय कॊ ठ स फाहयी वाम खीॊिी जाती ह| तार औय तजहवा क भधम वाम क घभन स शयीय भ अदभत शततत का आववबामव होता ह|

ऱाभ- मह भदरा अजीणम आदद उदय योगो को नटट कयन भ बी फहत उऩमोगी ह| इस परकाय भदराओॊ क अभमास स साधक को सफ परकाय क शायीरयक भानशसक औय आततभक फर की परातपत होती ह| मोगािामो क अनसाय lsquoनातसत भदरासनककॊ चित शसवदधदॊकषततभणडर (घयणड सॊदहता)rsquo अथामत भदराओॊ क सभान शसवदधदामक कोई अनम साधन ब-भॊडर ऩय नहीॊ ह| इसशरए मोगशसवदध क आकाॊीजनो को भदराओॊ का अभमास कयना शरमसकय ह|

अनतबोध चतनय दवारा सऩादित तरिदिवसीय मदराचचकितसा सि 43

39 खचरी मदरा-

भनटम की जीब (तजहवा) दो तयह की होती ह- रॊफी औय छोटी रॊफी जीब को सऩमतजहवा कहत ह कछ रोगो की जीब रॊफी होन स व उस आसानी स नाशसकागर ऩय रगा सकत ह औय खियी-भदरा कय सकत ह भगय तजसकी जीब छोटी होती ह उस तकरीपो का साभना कयना ऩड़ता ह सफस ऩहर उनह अऩनी जीब रॊफी कयनी ऩड़ती ह औय उसक शरए घषमण व दोहन का सहाया रना ऩड़ता ह जीब नीि की ओय स तजस नाड़ी स जड़ी होती ह उस काटना ऩड़ता ह खियी भदरा को शसदध कयन एवॊ अभत क सराव हत आवशमक उददीऩन भ कछ वषम बी रग सकत ह मह वमततत की मोनमता ऩय बी तनबमय कयता ह मोग भ कछ भदराएॊ ऐसी ह तजनह शसपम मोगी ही कयत ह साभानमजनो को इनह नहीॊ कयना िादहए खियी भदरा साधको क शरए भानी गई ह ववचध - इसक शरए जीब औय तार को जोड़न वार भाॊस-तॊत को धीय-धीय काटा जाता ह अथामत एक ददन जौ बय काटकय छोड़ ददमा जाता ह कपय तीन-िाय ददन फाद थोड़ा-सा औय काट ददमा जाता ह इस परकाय थोड़ा-थोड़ा काटन स उस सथान की यतत शशयाएॊ अऩना सथान बीतय की तयप फनाती जाती ह जीब को काटन क साथ ही परततददन धीय-धीय फाहय की तयप खीॊिन का अभमास ककमा जाता ह इसका अभमास कयन स कछ भहीनो भ जीब इतनी रॊफी हो जाती ह कक मदद उस ऊऩय की तयप रौटा (उसटा कयन) ददमा जाए तो वह शवास जान वार छदो को बीतय स फॊद कय दती ह इसस सभाचध क सभम शवास का आना-जाना ऩणमत योक ददमा जाता ह ऱाभ इस भदरा स पराणामाभ को शसदध कयन औय साभचध रगान भ ववशष सहामता शभरती ह साधनायत साधओॊ क शरए मह भदरा फहत ही राबदामी भानी

अनतबोध चतनय दवारा सऩादित तरिदिवसीय मदराचचकितसा सि 44

जाती ह ववशषता तनयॊतय अभमास कयत यहन स तजफ जफ रॊफी हो जाती ह तफ उस नाशसका यनरो भ परवश कयामा जा सकता ह इस परकाय धमान रगान स कऩार भागम एवॊ तरफ ॊद ववसगम स सॊफॊचधत कछ गरॊचथमो भ उददीऩन होता ह तजसक ऩरयणाभसवरऩ अभत का सराव आयॊब होता ह उसी अभत का सराव होत वतत एक ववशष परकाय का आधमाततभक अनबव होता ह इस अनबव स शसवदध औय सभाचध भ तजी स परगतत होती ह चतावनी मह आरख शसपम जानकायी हत ह कोई बी वमततत इस ऩढ़कय कयन का परमास न कय तमोकक मह शसपम साधको क शरए ह आभ रोगो क शरए नहीॊ

40 अकzwj वनी मदरा- इस भदरा स साधक भ घोड़ो जसी शततत आ जाती ह तजस lsquoहॉसम ऩॉवयrsquo कहत ह|

ववचध - इस भदरा भ गदा-दवाय का फाय-फाय सॊकोिन औय परसाय ककमा जाता ह| इसी स भदरा की शसवदध हो जाती ह| इसक दवाया कणडशरनी जागयण भ सगभता यहती ह औय अनक योग नटट होकय शायीरयक फर की ववदध होती ह|

ऱाभ - अतश वनी भदरा शसदध होन स साधक की अकारभतम कबी नहीॊ होती| गदा औय उदय स सॊफॊचधत योगो का इसक दवाया शभन होता ह तथा दीघमजीवन की उऩरतबध होती ह| तरफना भरफॊध क अतश वनी भदरा नहीॊ हो सकती| 41 बजरौऱी मदरा- फजरौरी भदरा बी भरफॊध का अचछा अभमास ककए तरफना ककसी परकाय सॊबव नहीॊ ह| मह भदरा कवर मोगी क शरए ही नहीॊ बोगी क शरए बी अतमॊत राबकायी ह|

अनतबोध चतनय दवारा सऩादित तरिदिवसीय मदराचचकितसा सि 45

ववचध - इस भदरा भ ऩहर दोनो ऩाॊवो को बशभ ऩय दढ़ताऩवमक दटकाकय दोनो ऩाॊवो को धीय-धीय दढ़ताऩवमक ऊऩय आकाश भ उठा द| इसस तरफॊद-शसवदध होती ह| शकर को धीय-धीय ऊऩय की आकॊ िन कय अथामत इॊददरम क आॊकिन क दवाया वीमम को ऊऩय की ओय खीॊिन का अभमास कय तो मह भदरा शसदध होती ह| ववदवानो का भत ह कक इस भदरा क अभमास भ सतरी का होना आवशमक ह तमोकक बग भ ऩततत होता हआ शकर ऊऩय की ओय खीॊि र तो यज औय वीमम दोनो ही िढ़ जात ह| मह ककरमा अभमास स ही शसदध होती ह| कछ मोगािामम इस परकाय का अभमास शकर क सथान ऩय दनध स कयना फतात ह| जफ दनध खीॊिन का अभमास शसदध हो जाए तफ शकर को खीॊिन का अभमास कयना िादहए| वीमम को ऊऩय खीॊिनवारा मोगी ही ऊधवमयता कहराता ह| ऱाभ - इस भदरा स शयीय रटट-ऩटट तजसवी सॊदय सडौर औय जया-भतम यदहत होता ह| शयीय क सबी अवमव दढ़ होकय भन भ तनश िरता की परातपत होती ह| इसका अभमास अचधक कदठन नहीॊ ह| मदद गहसथ बी इसक कय तो फरवदधमन औय सौदममवदधमन का ऩया राब परापत कय सकत ह चतावनी मह आरख शसपम जानकायी हत ह कोई बी वमततत इस ऩढ़कय कयन का परमास न कय तमोकक मह शसपम साधको क शरए ह आभ रोगो क शरए नहीॊ

साधना कयनवार वमततत क शरए मह आवशमक ह कक वह साधना भ कातमक वाचिक औय भानशसक ककरमाओॊ ऩय ऩया तनमॊतरण यख तथा सभम-सभम ऩय उचित ताॊतरतरक परककरमाओॊ का बी सभनवम कयता यह| इस दतटट स तजस परकाय आसन ऩातरासादन अिमन आदद भ ककरमाओॊ का ववधान ह उसी परकाय उनक साथ कछ भदरा फनान का ववधान ह| म भदराएॊ भखम रऩ-स हाथ औय उसकी उॊगशरमो क परमोग स फनती ह| जस हभाया शयीय ऩॊिततवभम ह| अत शासतरकायो न कहा ह कक इन उॊगशरमो क परमोग स इन ततवो की नमनाचधकता दय की जा

अनतबोध चतनय दवारा सऩादित तरिदिवसीय मदराचचकितसा सि 46

सकती ह तथा ततवो की सभता-ववषभता स होनवारी कभी को उॊगशरमो की भदरा स सभ फनामा जा सकता ह| इतना ही नहीॊ ऐसी भदराओॊ क सहमोग स उन ततवो को सवचछाऩवमक घटामा-फढ़ामा बी जा सकता ह| म ततव करभश अॊगटठ भ अतनन तजमनी भ वाम भधमभा भ आकाश अनाशभका भ ऩथवी औय कतनतटठका भ जर क रऩ भ ववदमभान यहत ह| दवताओॊ की परसननता चितत की शवदध औय ववववध योगो क नाश भ भदराओॊ स फड़ी सहामता शभरती ह| भदराततव को सभझकय परतमक मोगी को इनका साधन कयना िादहए| कणडशरनी शततत क जागयण भ इन भदराओॊ स सहामता शभरती ह| महाॊ हभन तजन भदराओॊ का वणमन एवॊ चितरण ककमा ह उसभ परतमक मोगी साधक को ऩरयचित होना िादहए|

अनतबोध चतनय दवारा सऩादित तरिदिवसीय मदराचचकितसा सि 47

मोग अनसाय आसन औय पराणामाभ की तसथतत को भदरा कहा जाता ह फॊध ककरमा औय भदरा भ आसन औय पराणामाभ दोनो का ही कामम होता ह मोग भ भदराओॊ को आसन औय पराणामाभ स बी फढ़कय भाना जाता ह भदरा दो तयह की होती ह- ऩहरी हसत भदरा अथामत हाथो औय उसकी अॊगशरमो को ववशष आकतत भ फनाना औय दसयी आसन भदरा अथामत तजसभ ऩया शयीय ही सॊिाशरत होता ह

Page 20: 235347477 Mudra Chikitsa Swami Ananta Bodha Chaitanya

अनतबोध चतनय दवारा सऩादित तरिदिवसीय मदराचचकितसा सि 20

14 सभान भदरा

ववचध - हाथ की िायो उॊगशरमो औय अॊगठ क अगरबाग को शभरा कय ऊऩय की तयप यखन स सभान भदरा फनती ह इस भदरा भ ऩाॊिो ततव शभर जात ह

राब ndash मह भदरा हभाय वविायो को आधमाततभक फनाती ह फय वविाय दय होत ह

अनतबोध चतनय दवारा सऩादित तरिदिवसीय मदराचचकितसा सि 21

15 हिय मदरा

ववचध दोनो हाथो की तजमनी अॊगशरमो को अॊगठो क भर भ रगाकय भधमभा व अनाशभका अॊगशरमो को अॊगठ क अगरबाग ऩय रगा द व छोटी अॊगरी को सीधा कयक यख अफ हाथो को घटनो ऩय यख र हथशरमो का रख ऊऩय की ओय यहगा कभय-गदमन सीधी यख कय आॊख फॊद कय धमान की तसथतत भ फठ जाएॊ ऱाभ मह भदरा रदम योगो भ ववशष रऩ स राबकायी ह परततददन 10-15 शभनट अभमास स रदम भजफत होता ह गस फनना शसयददम असथभा व उचि यततिाऩ भ राबकायी ह सीदढ़मो ऩय िढ़न स ऩहर ही अगय मह भदरा रगा री जाए औय इस भदरा क साथ ही सीदढ़माॊ िढ़ी जाएॊ तो साॊस नहीॊ परती

अनतबोध चतनय दवारा सऩादित तरिदिवसीय मदराचचकितसा सि 22

16 लऱग मदरा

ववचध- फाएॉ हाथ का अॊगठा सीधा खडा कय दादहन हाथ स फाएॊ हाथ कक अॉगशरमो भ ऩयसऩय पॉ सात हए दोनो ऩॊजो को ऐस जोड कक दादहना अॊगठा फाएॊ अॊगठ को फहाय स आवतत कय र इस परकाय जो भदरा फनगी उस अॊगटठ भदरा कहग राब - अॊगठ भ अतनन ततव होता हइस भदरा क अभमास स शयीय भ उटभता फढ़न रगती हशयीय भ जभा कप ततव सखकय नटट हो जाता हसदी जकाभखाॊसी इतमादद योगो भ मह फड़ा राबदामी होता हकबी मदद शीत परकोऩ भ आ जाएॉ औय शयीय भ ठणड स कॊ ऩकॊ ऩाहट होन रग तो इस भदरा का परमोग तवरयत राब दता ह

अनतबोध चतनय दवारा सऩादित तरिदिवसीय मदराचचकितसा सि 23

17 शख मदरा-

ववचध - फाएॊ हाथ क अॊगठ को दोनो हाथ की भटठी भ फॊद कयक फाएॊ हाथ की तजमनी उॊगरी को दादहन हाथ क अॊगठ स शभरान स शॊख भदरा फनती ह| इस भदरा भ फाएॊ हाथ की फाकी तीन उॊगशरमो क ऩास भ सटाकय दाएॊ हाथ की फॊद उॊगशरमो ऩय हसका-सा दफाव ददमा जाता ह| इसी परकाय हाथ फदरकय अथामत दाएॊ हाथ क अॊगठ को फाएॊ हाथ की भटठी भ फॊद कयक शॊख भदरा फनाई जाती ह| इस भदरा भ ऱाभ - अॊगठ का दफाव हथरी क फीि क बाग ऩय औय भटठी की तीन उॊगशरमो का दफाव शकर ऩवमत ऩय ऩड़ता ह तजसस हथरी भ तसथत नाशब औय थाइयॉइड (ऩतसरका) गरॊचथ क क दर दफत ह| ऩरयणाभसवरऩ नाशब औय थाइयॉइड गरॊचथ क ववकाय ठीक होत ह|

अनतबोध चतनय दवारा सऩादित तरिदिवसीय मदराचचकितसा सि 24

शॊख भदरा का नाशब िकर स तनकट का सॊबॊध ह इसशरए शायीय क सनामतॊतर ऩय ववशष कामम कयती ह अत अनत औय फाहम सवासथम भ फहत राबकायी ह

मह ऩािन तॊतर को उततभ फनाती ह

तनमशभत कयन स बख फढान भ भदद शभरती ह

मह भदरा फोरत सभम उचिायण क दोषो को दय कयन भ फहत परबावी ह जस ततराना हकराना आदद दोष तनमभतत परमोग स दय हो जात ह

सॊगीत की साधना कयन वारो क शरए ववशश राबकायी ह वाणी को भधय फनाती ह

मह भदरा ऩजन भ बी परमतत होती ह| इसका परमोग रॊफ सभम तक ककमा जा सकता ह| इस भदरा का नाशबिकर स ववशष समफनध ह तजसक कायण नाशब स सॊफॊचधत शयीय की नाडड़मो ऩय सकषभ औय सवासथमवधमक परबाव ऩड़ता ह तथा सनामभणडर शतततशारी फनती ह|

अनतबोध चतनय दवारा सऩादित तरिदिवसीय मदराचचकितसा सि 25

18 योनन मदरा-

मौचगक दतटट स अऩन अॊदय कई परकाय क यहसम तछऩाए यखनवारी भदरा का वासतववक नाभ lsquoमोतन भदराrsquo ह| तत मोग क अनसाय कवर हाथो की उॊगशरमो स भहाशततत बगवती की परसननता क शरए मोतन भदरा परदशशमत कयन की आऻा ह| परतम रऩ स इसका परबाव रॊफी मोग साधना क अॊतगमत तॊतर-भॊतर-मॊतर साधना स बी दतटटगोिय होता ह| इस भदरा क तनयॊतय अभमास स साधक की पराण-अऩान वाम को शभरा दनवारी भरफॊध ककरमा को बी साथ कयन स जो तसथतत फनती ह उस ही मोतन भदरा की सॊऻा दी ह| मह फड़ी िभतकायी भदरा ह| ऩदमासन की तसथतत भ फठकय दोनो हाथो की उॊगशरमो स मोतन भदरा फनाकय औय ऩवम भरफॊध की तसथतत भ सममक बाव स तसथत होकय पराण-अऩान को शभरान की परफर बावना क साथ भराधाय सथान ऩय मौचगक सॊमभ कयन स कई परकाय की शसवदधमाॊ परापत हो जाती ह|

अनतबोध चतनय दवारा सऩादित तरिदिवसीय मदराचचकितसा सि 26

ऋवषमो का भत ह कक तजस मोगी को उऩयोतत तसथतत भ मोतन भदरा का रगाताय अभमास कयत-कयत शसवदध परापत हो गई ह उसका शयीय साधनावसथा भ बशभ स आसन सदहत ऊऩय अधय भ तसथत हो जाता ह| सॊबवत इसी कायण आदद शॊकयािाममजी न अऩन मोग यतनावरी नाभक ववशष गरॊथ भ भरफॊध का उसरख ववशष रऩ स ककमा ह|

19 धन मदरा -

बायतीम ऩयॊऩया भ धन गाम को कहा जाता ह औय मह दहनद धभम क साततवक औय भहानता का परतीक ह धन भदरा फनात सभम हाथो की उॊगशरमा गाम क थनो जसी हो जाती ह जस गाम क थनो स दध ऩीकय शयीय ऩटट फनता ह वस ही धन भदरा कयन स बी शयीय रटट ऩटट फनता ह

ववचध - अनमोनमाशबभखॊ तशरटटाकतनटठानाशभका ऩन

अनतबोध चतनय दवारा सऩादित तरिदिवसीय मदराचचकितसा सि 27

तथा ि तजमतनभधमा धन भदरा अभत परदा ( कारी तॊतर )

अऩन दोनो हाथो की अॊगशरमो क ऩोयो को एक साथ शभरा र कपय फाम हाथ की तजमनी ऊॊ गरी को दाएॊ हाथ की फीि वारी उॊगरी स छआए इसक फाद दाएॊ हाथ की तजमनी उॊगरी को फाम हाथ की फीि वारी उॊगरी स छआम ऐस ही फाम हाथ की अनाशभका उॊगरी को दाएॊ हाथ की सफस छोटी उॊगरी स शभराएॊ अॉगठो को खरा छोड़ द हाथ की अॊगशरमो को नीि की तयप कयन स अॊगशरमो की आकतत गाम क धनो जसी हो जाती ह इसी कायण इस धन भदरा कहत ह

सभम - इस भदरा का अभमास धीय धीय फढ़ाए ऩहर 1 स 15 शभतनट औय फाद भ 15 स 30 तथा जफ अचछी तयह मह भदरा अभमास भ आ जाए तफ इस भदरा को 45 शभतनट तक कय सकत ह

राब - धन भदरा स ऩािन तॊतर भजफत होता ह औय शयीय ताकतवय व सवसथ फनता ह मह ऩट क योगो क शरए याभफाण भदरा ह मोग साधना भ फहत ही उऩमोगी भदरा कहराती ह तॊतर एवॊ कभमकाॊड भ बी धन भदरा का परमोग ह ह ऩयानी भानमता क अनसाय मह अभत ततव को दन वारी भदरा ह मह भदरा वात वऩतत तथा कप को सॊतशरत कयती ह

अनतबोध चतनय दवारा सऩादित तरिदिवसीय मदराचचकितसा सि 28

20 मगी मदरा-

भग दहयन को कहा जाता ह मऻ क दौयान होभ की जान वारी साभगरी को इसी भदरा भ होभ ककमा जाता ह पराणामाभ ककए जान क दौयान बी इस भदरा का उऩमोग होता ह धमान कयत वतत बी इस भदरा का इसतभार ककमा जाता ह मह भदरा फनात वतत हाथ की आकतत भग क शसय क सभान हो जाती ह इसीशरए इस भगी भदरा कहा जाता ह मह एक हसत भदरा ह ववचध अऩन हाथ की अनाशभका औय भधमभा अॊगरी को अॊगठ क आग क बाग को छआ कय फाकी फिी तजमनी औय कतनटठा अॊगरी को सीधा तान दन स भगी भदरा फन जाती ह योग आसन - इस दौयान उतकटासन सखासन औय उऩासना क सभम इसतभार होन वार आसन ककए जा सकत ह

अनतबोध चतनय दवारा सऩादित तरिदिवसीय मदराचचकितसा सि 29

समय- इस भदरा को सववधानसाय कछ दय तक कय सकत ह औय इस तीन स िाय फाय ककमा जा सकता ह ऱाभ- भगी भदरा कयत सभम अॊगठ क ऩोय औय अॊगशरमो क जोड़ ऩय दफाव ऩड़ता ह उतत दफाव क कायण शसयददम औय ददभागी ऩयशानी भ राब शभरता ह एतमपरशय चिककतसा क अनसाय उतत अॊगशरमो क अॊदय दाॊत औय सामनस क तरफ ॊद होत ह तजसक कायण हभ दाॊत औय सहनस योग भ बी राब शभरता ह ववशष- भाना जाता ह कक इस भदरा को कयन स सोिन औय सभझन की शततत का ववकास बी होता ह भगी भदरा शभगी क योचगमो क शरए फहत ही राबकायी ह

21 यमहररमदरा

ववचध -सवम परधभ आऩ अऩन दोनो हाथो की सफस छोटी अॊगरी अथामत कतनटठा को आऩस भ एक दसय क परथभ ऩोय स शभरा द इसी क साथ दोनो अॊगठ को बी आऩस भ शभरा द अफ तीन अॊगशरमाॊ फाकी यह जाएॊगी- भध मभा तजमनी औय अनाशभका इन तीनो अॊगशरमो को हथरी की ओय भोड़कय भटठी जसा फनाइए अॊगशरमो की इस तसथतत को मभ हरयभदरा कहत ह

अनतबोध चतनय दवारा सऩादित तरिदिवसीय मदराचचकितसा सि 30

ऱाभ - मभहरयभदरा क तनमशभत अभमास स नाडड़मो को शततत शभरती ह इस भदरा क तनयॊतय अभमास स ऩट क योग जस- कबज बख ना रगना औय तजगय की कभजोयी दय होती ह इस भदरा स तसतरमो क सतनो क साय योगो भ बी राब शभरता ह मभ हरयभदरा को परततददन 5 शभनट सफह औय 5 शभनट शाभ को कय आऩ इसक कयन का सभम फढ़ाकय 10 शभनट तक कय सकत ह परततददन कभ स कभ ऩाॊि भदराएॊ अऩनी सववधानसाय कयनी िादहए भदराओॊ स सबी योगो भ राब ऩामा जा सकता ह मदद उनका मोग शशक स ऩछकय तनमशभत अभमास ककमा जाए भदराएॊ खासकय उन रोगो क शरए पामदभॊद सातरफत होती ह जो मोगासन कयन भ असभथम ह

22 ऩषऩाजलऱ मदरा-

अनतबोध चतनय दवारा सऩादित तरिदिवसीय मदराचचकितसा सि 31

मह भहतवऩणम हसत मोग भदरा ह जस दआ भ हाथ उठात ह मा ऩटऩ अऩमण कयत ह तफ मह भदरा फनती ह जसा कक इसका नाभ ह ऩटऩाॊजशर इसी स मह शसदध होता ह कक मह भदरा ककस परकाय की होगी ववचध- दोनो हाथो की अॊगशरमो औय अॊगठ को आऩस भ शभरा भखणफदध को बी शभरा र कपय दोनो हाथो की छोटी अॊगशरमो को एक साथ शभराकय ऐसी आकतत फना र कक जस हभ ककसी बगवान को पर िढ़ात सभम फनात ह इस ही ऩटऩाॊजशर भदरा कहत ह

ऱाभ- ऩटऩाॊजरी भदरा क तनयॊतय अभमास स नीॊद अचछी तयह स आन रगती ह आतभववशवास फढ़ता ह

23 यज भदरा-

अनतबोध चतनय दवारा सऩादित तरिदिवसीय मदराचचकितसा सि 32

यज भदरा कवर तसतरमो क शरए ह ऐसा नहीॊ फतसक अगय ऩरष इस भदरा को कयत ह तो उनक वीमम सॊफॊधी सभसत योग दय हो जात ह ववचध- यज भदरा फनाना फहत ही आसान ह कतनटठा (छोटी अॊगरी) अॊगरी को हथरी की जड़ भ भोड़कय रगान स यज भदरा फन जाती ह ऱाभ- यज भदरा स तसतरमो क भाशसक धभम सॊफॊधी योग दय होत ह इसक अरवा शसय भ बायीऩन यहना छाती भ ददम ऩट ऩीठ कभय का ददम आदद योग बी यज भदरा कयन स दय हो जात ह सतरी क साय परजनन अॊगो की ऩयशातनमो को म भदरा तरफसकर दय कय दती ह

24 अदिती मदरा-

ववचध- अॊगठ क आग क बाग को अनाशभका (छोटी उॊगरी क साथ वारी उॊगरी) उॊगरी की जड़ भ टढ़ा रगान स अददती भदरा फन जाती ह

ऱाभ- इस भदरा को कयन स हय सभम उफासी आना जमादा छीॊक आना जस योगो को दय ककमा जा सकता ह

अनतबोध चतनय दवारा सऩादित तरिदिवसीय मदराचचकितसा सि 33

समय- अददती भदरा को ददन भ 3-4 फाय 15-15 शभनटो क शरए कय सकत ह

25 हसी मदरा-

जस हॊस नीय ीय वववक की साभथमम यखता ह वस इस भदरा क कयन स सोिन औय तवरयत तनणमम की भता फढती ह मदरा िी ववचध - सखासन मा उतकटासन भ फठकय अऩन हाथ की सबी सफस छोटी अॊगरी को छोड़कय अॊगशरमो को अॊगठ क आग क बाग को दफान स हॊसी भदरा फन जाती ह अवचध- इस भदरा को परयॊब भ 5-8 शभनट स कयक 30-48 शभनट तक कय सकत ह मदरा िा ऱाभ- इस भदरा तनमशभत अभमास स वववक फढ़ता ह अथामत इसस सोिन-सभझन की शततत फढ़ती ह औय इसस शयीय का बायीऩन सभापत हो जाता ह

अनतबोध चतनय दवारा सऩादित तरिदिवसीय मदराचचकितसा सि 34

ववशषता- भाना जाता ह कक इस भदरा का तनमशभत अभमास कयन स याजशसक ताकत फढ़ती ह औय वमततत धन सॊऩनन फना यहता ह सावधानी - इस भदरा को कयत सभम ककसी बी परकाय का भॊतर नहीॊ जऩना िादहए औय ना ही कोई अनम धाशभमक उऩकरभ कय

26 हसतऩात मदरा-

ववचध- इस भदरा को कयन क शरए आऩ अऩन दोनो हाथो की हथरी क ऩीछ क बाग को आऩस भ अॊगशरमो सदहत शभरा द इस आकतत को हसतऩात भदरा कहा जाता ह मह नभसकाय भदरा जसा ही ह रककन इसभ हथरी क ऩटठ बाग को शभरा ददमा जाता ह ऱाभ- इस हसतऩात भदरा को कयन स शवास औय गर क क साय योग भ फहत राब शभरता ह तजन तसतरमाॊ मदद इसका तनमशभत अभमास कयती ह तो इसस उनक सतन सड़ौर सॊदय औय सवसथ हो जात ह तजन तसतरमो क सतन छोट ह ढीर ह मा उनक सतनो भ दध नहीॊ आता ह तो मह भदरा उनक शरए फहत राबकायी शसदध हो सकती ह

27 धयान मदरा

ववचध- ऩदमासन भ फठकय फाएॊ हाथ की हथरी ऩय दाएॊ हाथ की हथरी को (उसट हाथ ऩय सीध हाथ को) हसक स यखन स धमान भदरा फनती ह| धमान यख कक इस भदरा भ शसय गदमन एवॊ यीढ़ की हडडी सीधी यह| आॊख औय होठ सहज स फनद यह| धमान अऩन इटटदव क सवरऩ ऩय दटकाएॊ अथवा कामोतसगम कय अथामत शयीय स

अनतबोध चतनय दवारा सऩादित तरिदिवसीय मदराचचकितसा सि 35

सभता यखत हए कछ दय क शरए वविाय यदहत अवसथा भ यहन का परमास कय| अटटाॊग मोग (मभ तनमभ पराणामाभ परतमाहाय धायणा धमान औय सभाचध) क एक अॊग lsquoधमानrsquo की साधना भ मह भदरा ववशष रऩ स सहामक शसदध हई ह| ऱाभ - जो वमततत ऩदमासन नहीॊ कय सकत उनह धमान भदरा सखासन मा सवतसतक अथवा ऩारथी आसन भ कयना िादहए| मह सहज भदरा ह| सहज धमान भदरा को साधायण वमततत अचधक रमफ सभम तक सयरता स कय सकता ह| इसस धमान भदरा क राब बी शभर जात ह| धमान भदरा भ मदद हथशरमाॊ एक दसय ऩय यखन क फाद दोनो हथशरमाॊ ऻान भदरा की तसथतत भ यखी जाएॊ तो धमान भदरा तथा ऻान भदरा क सतमभशरत राब क साथ ऩदमासन क राब बी शभर जात ह| साधक क शरए धमान भदरा भ सभम की कोई सीभा नहीॊ ह| रककन सहजता क साथ ऩदमासन कयन की भता क अनरऩ धमान भदरा का अभमास कयना िादहए| साधायण वमततत को इस धीय-धीय फढ़ात हए कभ-स-कभ २० शभनट स एक घॊट तक कयना िादहए| धमान भदरा न कय सकन की अवसथा भ सहज धमान भदरा कयक राब उठाना िादहए| भन की िॊिरता शाॊत होकय चितत की एकागरता फढ़ती ह| साततवक वविायो की उतऩततत होती ह औय परब बजन भ भन रगता ह|

धमान क परबाव स साधक को धमान की उचितय तसथतत भ ऩहॊिन भ सहामता शभरती ह| आतभ साातकाय औय ईश वय क साातकाय भ मह भदरा सहामक ह|

28 शामभवी मदरा-

आॉख खरी हो रककन आऩ दख नहीॊ सकत ऐसी तसथतत जफ सध जाती ह तो उस शामबवी भदरा कहत ह ऐसी तसथतत भ आऩ नीॊद का भजा बी र सकत ह मह फहत कदठन साधना ह इसक ठीक उसटा कक जफ आॉख फॊद हो तफ आऩ दख

अनतबोध चतनय दवारा सऩादित तरिदिवसीय मदराचचकितसा सि 36

सकत ह मह बी फहत कदठन साधना ह रककन मह दोनो ही सॊबव ह असॊबव कछ बी नहीॊ फहत स ऐस ऩश औय ऩी ह जो आॉख खोरकय ही सोत ह ववचध- मदद आऩन तराटक ककमा ह मा आऩ तराटक क फाय भ जानत ह तो आऩ इस भदरा को कय सकत ह सवमपरथभ शसदधासन भ फठकय यीढ़-गदमन सीधी यखत हए ऩरको को तरफना झऩकाएॉ दखत यह रककन धमान ककसी बी िीज को दखन ऩय ना यख ददभाग तरफसकर बीतय कहीॊ रगा हो

ऱाभ- शामबवी भदरा को कयन स ददर औय ददभाग को शाॊतत शभरती ह मोगी का धमान ददर भ तसथय होन रगता ह आॉख खरी यखकय बी वमततत नीॊद औय धमान का आनॊद र सकता ह इसक सधन स वमततत बत औय बववटम का ऻाता फन सकता ह सऱाह- शामबवी भदरा ऩयी तयह स तबी शसदध हो सकती ह जफ आऩकी आॉख खरी हो ऩय व ककसी बी िीज को न दख यही हो ऐसा सभझ की आऩ ककसी धन भ जी यह हो आऩको खमार होगा कक कबी-कबी आऩ कहीॊ बी दख यह होत ह रककन आऩका धमान कहीॊ ओय यहता ह समय- इस भदरा को शरआत भ तजतनी दय हो सक कय औय फाद भ धीय-धीय इसका अभमास फढ़ात जाएॉ

अनतबोध चतनय दवारा सऩादित तरिदिवसीय मदराचचकितसा सि 37

29 शकततचालऱनी मदरा- ववचध - आठ अॊगर रॊफा औय िाय अॊगर िौड़ा भरामभ वसतर रकय नाशब ऩय रगाएॊ औय कदटसतर भ फाॊध र| कपय शयीय भ बसभ यभाकय शसदधासन भ फठ औय पराण को अऩान स मतत कय| जफ तक गहम दवाय स िरती हई वाम परकाशशत न हो इस सभम तक गहम दवाय को सॊकचित यख| इसस वाम का जो तनयोध होता ह उसभ कमबक क दवाया कणडशरनी शततत जागरत होती हई सषमना भागम स ऊऩय जाकय खड़ी हो जाती ह| मोगभदरा स ऩहर इसका अभमास कयन ऩय ही मोतन भदरा की ऩणम शसवदध होती ह| ऱाभ - इस भदरा स कणडशरनी शततत का जागयण होता ह| जफ तक मह सोती ह तफ तक सबी आॊतरयक शतततमाॊ सपत ऩड़ी यहती ह| इसशरए कणडशरनी का जागरत होना साधक क शरए फहत आवशमक ह| पराण-अऩान को सॊमतत कयन की ककरमा पराणवाम को ऩयक दवाया बीतय खीॊिन औय उडडीमान फॊध स अऩान वाम को ऊऩय की ओय आकवषमत कयन स ऩणम होती ह| इसभ गहम परदश क सॊकोि औय ववसताय का अभमास होन स अचधक सयरता हो सकती ह| 30 तड़ागी मदरा- ववचध - दोनो ऩाॊवो को दणड क सभान धयती ऩय ऩसाय र औय हाथो स उनक अॊगठो को ऩकड़न तथा दोनो जाॊघो ऩय शसय को सथावऩत कय साथ ही उदय को तड़ाग (सयोवय) क सभान कय र| ऱाभ - मह भदरा अनक योगो औय वदधावसथा को बी दय कयन भ सहामक शसदध होती ह|

अनतबोध चतनय दवारा सऩादित तरिदिवसीय मदराचचकितसा सि 38

31 माणडवी मदरा- ववचध - भख को फॊद कयक जफान को तार भ घभाएॊ औय सहसराय स टऩकत हए सधायस को जफान स धीय-धीय ऩीन का मतन कय| मही भाणडवी (मा भाणडकी) भदरा ह| ऱाभ - इसक दवाया फारो की सपदी उनका झड़ना शयीय ऩय झरयममो भॊहासो आदद का ऩड़ना तथा तनफमरता आदद दय होकय चिय-मौवन की परातपत होती ह| इसस यसोतऩादन होकय अभततव की उऩरतबध होना सॊबव हो जाता ह| 32 ऩालशनी मदरा ववचध- दोनो ऩाॊवो को कॊ ठ क ऩीछ की ओय र जाकय उनह ऩयसऩय शभराएॊ औय ऩाश क सभान दढ़ता स फाॊध र| ऱाभ - इसक अभमास स बी कणडशरनी शततत क जागयण भ फहत सगभता हो जाती ह तथा साधक क शयीय भ फर औय ऩतटट का आववबामव होता ह| भानशसक फरवदधमन भ बी मह फहत दहतकय ह| 33 िािी मदरा-

काक कौए को कहत ह कौए की िोि जसी भॊह की भदरा फना रन को काकी भदरा कहा जाता ह ववचध ककसी बी आसन भ फठकय होठो को ऩतरी सी नरी क सभान भोड़कय कौए की िोि जसा फना र अफ नाक क अगर बाग को दखत हए अऩना ऩया धमान नाक ऩय दटका द इसक फाद भॊह स धीय-धीय गहयी शवास रकय होठो को फॊद कय द कछ दय फाद शवास को नाक स फाहय तनकार द इस तयह स 10

अनतबोध चतनय दवारा सऩादित तरिदिवसीय मदराचचकितसा सि 39

शभनट तक कय ऱाभ मह भदरा जहाॊ शयीय भ ठॊडक फढ़ाती ह वहीॊ मह कई योगो को दय कयन भ राबदामक ह इस भदरा का तनयॊतय अभमास कयन स शयीय भ अॊदय बोजन ऩिान की ककरमा तज हो जाती ह इसस अमरवऩतत का फढ़ना कभ हो जाता ह

34 मातचगनी मदरा-

भातॊग का अथम होता ह भघ भाॊ दगाम का एक रऩ ह भातॊगी मह दस भहाववदमा भ स नौवीॊ ववदमा ह भातॊग नाभ स एक धमान होता ह भॊतर होता ह औय एक हाथी का नाभ बी भातॊग ह ऋवष वशशटठ की ऩतनी का एक नाभ बी भातॊगी ह ऋवष कशमऩ की ऩतरी का नाभ बी भातॊगी ह तजसस हाथी उतऩनन हए थ ववचध शाॊत जगह भ ऩानी क अॊदय गर तक शयीय को डफो र औय कपय नाक स ऩानी को खीॊिकय उस भॊह स तनकार र कपय भॊह स ऩानी को खीॊिकय नाक स फाहय तनकार द इस ककरमा को ही भातॊचगनी भदरा कहत ह ऱाभ इस भदरा क अभमास स आॊखो की योशनी तज हो जाती ह शसय ददम भ मह भदरा अतमॊत राबकायी भानी जाती ह इसस नजरा-जकाभ आदद क योग बी दय हो जात ह इस भदरा क तनयॊतय अभमास स िहय ऩय िभक आ जाती ह औय फार बी सपद नहीॊ होत ह इस भदरा क शसदध हो जान ऩय वमततत भ ताकत फढ़ जाती ह

35 नभोमदरा

नब का अथम होता ह आकाश इस भदरा भ जीब को तार की ओय रगात ह इसीशरए इस नबोभदरा कहत ह नबोभदरा कयना सयर नहीॊ ह इस ककसी मोग

अनतबोध चतनय दवारा सऩादित तरिदिवसीय मदराचचकितसा सि 40

शशक स सीखकय ही कयना िादहए मह भदरा फहत स योगो भ राबदामक शसदध हई ह इस फाय भ एक शरोक बी ह- मतर मतर तसथतो मोगी सवमकामष सवमदा उधवमतजवह तसथयो बतवाधायमतभवनॊ सदा नबोभदरा भवदषा मोदववना योग नाशशनी अथामत साय कामो भ तसथय हआ चितत अऩनी जीब क अगर बाग को भॊह क अॊदय तार भ रगाकय शवास को अॊदय योक रता ह इस तसथतत स विारयक गततववचधमाॊ ततकार फॊद हो जाती ह इसीशरए इस भदरा को यहसम का आबास ददरान वारी भदरा बी कहा जाता ह ववचध- अऩनी आॊखो को अऩनी दोनो बौहो क फीि भ जभाकय आऩकी जीब तार क साथ रगा र मह दोनो कामम एक ही साथ औय एक ही सभम भ कय सववधानसाय जफ तक सॊबव हो इसी तसथतत भ यह औय कपय कछ शभनट का धमान कय ऱाभ- नबोभदरा क तनयॊतय अभमास स जीब गर औय आॊखो क साय योग सभापत हो जात ह इसस भतसतटक भ तसथयता फढ़ती ह औय भतसतटक क योग बी दय हो जात ह

36 नालसिागर मदरा -

नाशसकागर भदरा का अथम होता ह नाक का आखखयी छोय ऊऩयी दहससा मा अगरबाग इस बाग ऩय फायी-फायी स सॊतरन फनान हए दखना ही नाकककागर भदरा मोग कहराता ह रककन मह भदरा कयन स ऩहर मोग शशक की सराह जरय र तमोकक इसक कयन स बकटी ऩय जोय ऩड़ता ह

अनतबोध चतनय दवारा सऩादित तरिदिवसीय मदराचचकितसा सि 41

ववचध- ककसी बी आसन भ फठकय नाक क आखखयी शसय ऩय नजय दटका र हो सकता ह कक ऩहर आऩ फाई आॊखो स उस दख ऩाएॊ तफ कछ दय फाद दाई आॊखो स दख इस दखन भ जया बी तनाव न हो सहजता स इस दख

ऱाभ- इसस जहाॊ आॊखो की एतसयसाइज होती ह वहीॊ मह भतसतटक क शरए बी राबदामक ह इसस भन भ एकागरता फढ़ती ह इस भदरा क रगाताय अभमास कयन स भराधाय िकर जागरत होन रगता ह तजसस कणडरीनी जागयण भ भदद शभरती ह इसस भराधाय िकर इसशरए जागरत होता ह तमोकक दोनो आॊखो क फीि ही तसथत ह इड़ा वऩ ॊगरा औय सषमना नाड़ी जो भराधाय तक गई ह समय- इस भदरा को इतनी दय तक कयना िादहए कक आॊखो ऩय इसका जमादा दफाव नहीॊ ऩड़ कपय धीय-धीय इस कयन का सभम फढ़ात जाएॊ

37 बरहम आसन मदरा-

कछ रोग इस बरहभा भदरा बी कहत ह तमोकक इस आसन भ गदमन को िाय ददशा भ घभामा जाता ह औय बरहभाजी क िाय भख थ इसीशरए इसका नाभ बरहभा भदरा आसन यखा गमा रककन असर भ मह बरहभ भदरा आसन ह औय इसभ सबी ददशाओॊ भ तसथत ऩयभशवय को जानकय उसका चिॊतन ककमा जाता ह नभाज ऩढ़त वतत मा सॊधमा वॊदन कयत वतत उतत भदरासन को ककमा जाता यहा ह ववचध- ऩदमासन शसदधासन मा वजरासन भ फठकय कभय तथा गदमन को सीधा यखत हए गदमन को धीय-धीय दामीॊ ओय र जात ह कछ सकॊ ड दामीॊ ओय रकत ह उसक फाद गदमन को धीय-धीय फामीॊ ओय र जात ह कछ सकॊ ड तक फामीॊ ओय रककय कपय दामीॊ ओय र जात ह कपय वाऩस आन क फाद गदमन को ऊऩय की ओय र जात ह उसक फाद नीि की तयप र जात ह कपय गदमन को तराकवाइज

अनतबोध चतनय दवारा सऩादित तरिदिवसीय मदराचचकितसा सि 42

औय एॊटीतराकवाइज घभाएॉ इस तयह मह एक िकर ऩया हआ अऩनी सववधानसाय इस िाय स ऩाॉि िकरो भ कय सकत ह

ऱाभ तजन रोगो को सवामइकर सऩोडराइदटस थाइयाइड नराॊटस की शशकामत ह उनक शरए मह आसन राबदामक ह इसस गदमन की भाॉसऩशशमाॉ रिीरी तथा भजफत होती ह आधमाततभक दतटट स बी मह आसन राबदामक ह आरसम बी कभ होता जाता ह तथा फदरत भौसभ क सदी-जकाभ औय खाॉसी स छटकाया बी शभरता ह

सावधाननया तजनह सवामइकर सऩोडराइदटस मा थाइयाइड की सभसमा ह व ठोडी को ऊऩय की ओय दफाएॉ गदमन को नीि की ओय र जात सभम कॊ ध न झकाएॉ कभय गदमन औय कॊ ध सीध यख गदमन मा गर भ कोई गॊबीय योग हो तो मोग चिककतसक की सराह स ही मह भदराआसन कय

38 भजचगनी मदरा- ववचध- इसभ भख को पराकय कॊ ठ स फाहयी वाम खीॊिी जाती ह| तार औय तजहवा क भधम वाम क घभन स शयीय भ अदभत शततत का आववबामव होता ह|

ऱाभ- मह भदरा अजीणम आदद उदय योगो को नटट कयन भ बी फहत उऩमोगी ह| इस परकाय भदराओॊ क अभमास स साधक को सफ परकाय क शायीरयक भानशसक औय आततभक फर की परातपत होती ह| मोगािामो क अनसाय lsquoनातसत भदरासनककॊ चित शसवदधदॊकषततभणडर (घयणड सॊदहता)rsquo अथामत भदराओॊ क सभान शसवदधदामक कोई अनम साधन ब-भॊडर ऩय नहीॊ ह| इसशरए मोगशसवदध क आकाॊीजनो को भदराओॊ का अभमास कयना शरमसकय ह|

अनतबोध चतनय दवारा सऩादित तरिदिवसीय मदराचचकितसा सि 43

39 खचरी मदरा-

भनटम की जीब (तजहवा) दो तयह की होती ह- रॊफी औय छोटी रॊफी जीब को सऩमतजहवा कहत ह कछ रोगो की जीब रॊफी होन स व उस आसानी स नाशसकागर ऩय रगा सकत ह औय खियी-भदरा कय सकत ह भगय तजसकी जीब छोटी होती ह उस तकरीपो का साभना कयना ऩड़ता ह सफस ऩहर उनह अऩनी जीब रॊफी कयनी ऩड़ती ह औय उसक शरए घषमण व दोहन का सहाया रना ऩड़ता ह जीब नीि की ओय स तजस नाड़ी स जड़ी होती ह उस काटना ऩड़ता ह खियी भदरा को शसदध कयन एवॊ अभत क सराव हत आवशमक उददीऩन भ कछ वषम बी रग सकत ह मह वमततत की मोनमता ऩय बी तनबमय कयता ह मोग भ कछ भदराएॊ ऐसी ह तजनह शसपम मोगी ही कयत ह साभानमजनो को इनह नहीॊ कयना िादहए खियी भदरा साधको क शरए भानी गई ह ववचध - इसक शरए जीब औय तार को जोड़न वार भाॊस-तॊत को धीय-धीय काटा जाता ह अथामत एक ददन जौ बय काटकय छोड़ ददमा जाता ह कपय तीन-िाय ददन फाद थोड़ा-सा औय काट ददमा जाता ह इस परकाय थोड़ा-थोड़ा काटन स उस सथान की यतत शशयाएॊ अऩना सथान बीतय की तयप फनाती जाती ह जीब को काटन क साथ ही परततददन धीय-धीय फाहय की तयप खीॊिन का अभमास ककमा जाता ह इसका अभमास कयन स कछ भहीनो भ जीब इतनी रॊफी हो जाती ह कक मदद उस ऊऩय की तयप रौटा (उसटा कयन) ददमा जाए तो वह शवास जान वार छदो को बीतय स फॊद कय दती ह इसस सभाचध क सभम शवास का आना-जाना ऩणमत योक ददमा जाता ह ऱाभ इस भदरा स पराणामाभ को शसदध कयन औय साभचध रगान भ ववशष सहामता शभरती ह साधनायत साधओॊ क शरए मह भदरा फहत ही राबदामी भानी

अनतबोध चतनय दवारा सऩादित तरिदिवसीय मदराचचकितसा सि 44

जाती ह ववशषता तनयॊतय अभमास कयत यहन स तजफ जफ रॊफी हो जाती ह तफ उस नाशसका यनरो भ परवश कयामा जा सकता ह इस परकाय धमान रगान स कऩार भागम एवॊ तरफ ॊद ववसगम स सॊफॊचधत कछ गरॊचथमो भ उददीऩन होता ह तजसक ऩरयणाभसवरऩ अभत का सराव आयॊब होता ह उसी अभत का सराव होत वतत एक ववशष परकाय का आधमाततभक अनबव होता ह इस अनबव स शसवदध औय सभाचध भ तजी स परगतत होती ह चतावनी मह आरख शसपम जानकायी हत ह कोई बी वमततत इस ऩढ़कय कयन का परमास न कय तमोकक मह शसपम साधको क शरए ह आभ रोगो क शरए नहीॊ

40 अकzwj वनी मदरा- इस भदरा स साधक भ घोड़ो जसी शततत आ जाती ह तजस lsquoहॉसम ऩॉवयrsquo कहत ह|

ववचध - इस भदरा भ गदा-दवाय का फाय-फाय सॊकोिन औय परसाय ककमा जाता ह| इसी स भदरा की शसवदध हो जाती ह| इसक दवाया कणडशरनी जागयण भ सगभता यहती ह औय अनक योग नटट होकय शायीरयक फर की ववदध होती ह|

ऱाभ - अतश वनी भदरा शसदध होन स साधक की अकारभतम कबी नहीॊ होती| गदा औय उदय स सॊफॊचधत योगो का इसक दवाया शभन होता ह तथा दीघमजीवन की उऩरतबध होती ह| तरफना भरफॊध क अतश वनी भदरा नहीॊ हो सकती| 41 बजरौऱी मदरा- फजरौरी भदरा बी भरफॊध का अचछा अभमास ककए तरफना ककसी परकाय सॊबव नहीॊ ह| मह भदरा कवर मोगी क शरए ही नहीॊ बोगी क शरए बी अतमॊत राबकायी ह|

अनतबोध चतनय दवारा सऩादित तरिदिवसीय मदराचचकितसा सि 45

ववचध - इस भदरा भ ऩहर दोनो ऩाॊवो को बशभ ऩय दढ़ताऩवमक दटकाकय दोनो ऩाॊवो को धीय-धीय दढ़ताऩवमक ऊऩय आकाश भ उठा द| इसस तरफॊद-शसवदध होती ह| शकर को धीय-धीय ऊऩय की आकॊ िन कय अथामत इॊददरम क आॊकिन क दवाया वीमम को ऊऩय की ओय खीॊिन का अभमास कय तो मह भदरा शसदध होती ह| ववदवानो का भत ह कक इस भदरा क अभमास भ सतरी का होना आवशमक ह तमोकक बग भ ऩततत होता हआ शकर ऊऩय की ओय खीॊि र तो यज औय वीमम दोनो ही िढ़ जात ह| मह ककरमा अभमास स ही शसदध होती ह| कछ मोगािामम इस परकाय का अभमास शकर क सथान ऩय दनध स कयना फतात ह| जफ दनध खीॊिन का अभमास शसदध हो जाए तफ शकर को खीॊिन का अभमास कयना िादहए| वीमम को ऊऩय खीॊिनवारा मोगी ही ऊधवमयता कहराता ह| ऱाभ - इस भदरा स शयीय रटट-ऩटट तजसवी सॊदय सडौर औय जया-भतम यदहत होता ह| शयीय क सबी अवमव दढ़ होकय भन भ तनश िरता की परातपत होती ह| इसका अभमास अचधक कदठन नहीॊ ह| मदद गहसथ बी इसक कय तो फरवदधमन औय सौदममवदधमन का ऩया राब परापत कय सकत ह चतावनी मह आरख शसपम जानकायी हत ह कोई बी वमततत इस ऩढ़कय कयन का परमास न कय तमोकक मह शसपम साधको क शरए ह आभ रोगो क शरए नहीॊ

साधना कयनवार वमततत क शरए मह आवशमक ह कक वह साधना भ कातमक वाचिक औय भानशसक ककरमाओॊ ऩय ऩया तनमॊतरण यख तथा सभम-सभम ऩय उचित ताॊतरतरक परककरमाओॊ का बी सभनवम कयता यह| इस दतटट स तजस परकाय आसन ऩातरासादन अिमन आदद भ ककरमाओॊ का ववधान ह उसी परकाय उनक साथ कछ भदरा फनान का ववधान ह| म भदराएॊ भखम रऩ-स हाथ औय उसकी उॊगशरमो क परमोग स फनती ह| जस हभाया शयीय ऩॊिततवभम ह| अत शासतरकायो न कहा ह कक इन उॊगशरमो क परमोग स इन ततवो की नमनाचधकता दय की जा

अनतबोध चतनय दवारा सऩादित तरिदिवसीय मदराचचकितसा सि 46

सकती ह तथा ततवो की सभता-ववषभता स होनवारी कभी को उॊगशरमो की भदरा स सभ फनामा जा सकता ह| इतना ही नहीॊ ऐसी भदराओॊ क सहमोग स उन ततवो को सवचछाऩवमक घटामा-फढ़ामा बी जा सकता ह| म ततव करभश अॊगटठ भ अतनन तजमनी भ वाम भधमभा भ आकाश अनाशभका भ ऩथवी औय कतनतटठका भ जर क रऩ भ ववदमभान यहत ह| दवताओॊ की परसननता चितत की शवदध औय ववववध योगो क नाश भ भदराओॊ स फड़ी सहामता शभरती ह| भदराततव को सभझकय परतमक मोगी को इनका साधन कयना िादहए| कणडशरनी शततत क जागयण भ इन भदराओॊ स सहामता शभरती ह| महाॊ हभन तजन भदराओॊ का वणमन एवॊ चितरण ककमा ह उसभ परतमक मोगी साधक को ऩरयचित होना िादहए|

अनतबोध चतनय दवारा सऩादित तरिदिवसीय मदराचचकितसा सि 47

मोग अनसाय आसन औय पराणामाभ की तसथतत को भदरा कहा जाता ह फॊध ककरमा औय भदरा भ आसन औय पराणामाभ दोनो का ही कामम होता ह मोग भ भदराओॊ को आसन औय पराणामाभ स बी फढ़कय भाना जाता ह भदरा दो तयह की होती ह- ऩहरी हसत भदरा अथामत हाथो औय उसकी अॊगशरमो को ववशष आकतत भ फनाना औय दसयी आसन भदरा अथामत तजसभ ऩया शयीय ही सॊिाशरत होता ह

Page 21: 235347477 Mudra Chikitsa Swami Ananta Bodha Chaitanya

अनतबोध चतनय दवारा सऩादित तरिदिवसीय मदराचचकितसा सि 21

15 हिय मदरा

ववचध दोनो हाथो की तजमनी अॊगशरमो को अॊगठो क भर भ रगाकय भधमभा व अनाशभका अॊगशरमो को अॊगठ क अगरबाग ऩय रगा द व छोटी अॊगरी को सीधा कयक यख अफ हाथो को घटनो ऩय यख र हथशरमो का रख ऊऩय की ओय यहगा कभय-गदमन सीधी यख कय आॊख फॊद कय धमान की तसथतत भ फठ जाएॊ ऱाभ मह भदरा रदम योगो भ ववशष रऩ स राबकायी ह परततददन 10-15 शभनट अभमास स रदम भजफत होता ह गस फनना शसयददम असथभा व उचि यततिाऩ भ राबकायी ह सीदढ़मो ऩय िढ़न स ऩहर ही अगय मह भदरा रगा री जाए औय इस भदरा क साथ ही सीदढ़माॊ िढ़ी जाएॊ तो साॊस नहीॊ परती

अनतबोध चतनय दवारा सऩादित तरिदिवसीय मदराचचकितसा सि 22

16 लऱग मदरा

ववचध- फाएॉ हाथ का अॊगठा सीधा खडा कय दादहन हाथ स फाएॊ हाथ कक अॉगशरमो भ ऩयसऩय पॉ सात हए दोनो ऩॊजो को ऐस जोड कक दादहना अॊगठा फाएॊ अॊगठ को फहाय स आवतत कय र इस परकाय जो भदरा फनगी उस अॊगटठ भदरा कहग राब - अॊगठ भ अतनन ततव होता हइस भदरा क अभमास स शयीय भ उटभता फढ़न रगती हशयीय भ जभा कप ततव सखकय नटट हो जाता हसदी जकाभखाॊसी इतमादद योगो भ मह फड़ा राबदामी होता हकबी मदद शीत परकोऩ भ आ जाएॉ औय शयीय भ ठणड स कॊ ऩकॊ ऩाहट होन रग तो इस भदरा का परमोग तवरयत राब दता ह

अनतबोध चतनय दवारा सऩादित तरिदिवसीय मदराचचकितसा सि 23

17 शख मदरा-

ववचध - फाएॊ हाथ क अॊगठ को दोनो हाथ की भटठी भ फॊद कयक फाएॊ हाथ की तजमनी उॊगरी को दादहन हाथ क अॊगठ स शभरान स शॊख भदरा फनती ह| इस भदरा भ फाएॊ हाथ की फाकी तीन उॊगशरमो क ऩास भ सटाकय दाएॊ हाथ की फॊद उॊगशरमो ऩय हसका-सा दफाव ददमा जाता ह| इसी परकाय हाथ फदरकय अथामत दाएॊ हाथ क अॊगठ को फाएॊ हाथ की भटठी भ फॊद कयक शॊख भदरा फनाई जाती ह| इस भदरा भ ऱाभ - अॊगठ का दफाव हथरी क फीि क बाग ऩय औय भटठी की तीन उॊगशरमो का दफाव शकर ऩवमत ऩय ऩड़ता ह तजसस हथरी भ तसथत नाशब औय थाइयॉइड (ऩतसरका) गरॊचथ क क दर दफत ह| ऩरयणाभसवरऩ नाशब औय थाइयॉइड गरॊचथ क ववकाय ठीक होत ह|

अनतबोध चतनय दवारा सऩादित तरिदिवसीय मदराचचकितसा सि 24

शॊख भदरा का नाशब िकर स तनकट का सॊबॊध ह इसशरए शायीय क सनामतॊतर ऩय ववशष कामम कयती ह अत अनत औय फाहम सवासथम भ फहत राबकायी ह

मह ऩािन तॊतर को उततभ फनाती ह

तनमशभत कयन स बख फढान भ भदद शभरती ह

मह भदरा फोरत सभम उचिायण क दोषो को दय कयन भ फहत परबावी ह जस ततराना हकराना आदद दोष तनमभतत परमोग स दय हो जात ह

सॊगीत की साधना कयन वारो क शरए ववशश राबकायी ह वाणी को भधय फनाती ह

मह भदरा ऩजन भ बी परमतत होती ह| इसका परमोग रॊफ सभम तक ककमा जा सकता ह| इस भदरा का नाशबिकर स ववशष समफनध ह तजसक कायण नाशब स सॊफॊचधत शयीय की नाडड़मो ऩय सकषभ औय सवासथमवधमक परबाव ऩड़ता ह तथा सनामभणडर शतततशारी फनती ह|

अनतबोध चतनय दवारा सऩादित तरिदिवसीय मदराचचकितसा सि 25

18 योनन मदरा-

मौचगक दतटट स अऩन अॊदय कई परकाय क यहसम तछऩाए यखनवारी भदरा का वासतववक नाभ lsquoमोतन भदराrsquo ह| तत मोग क अनसाय कवर हाथो की उॊगशरमो स भहाशततत बगवती की परसननता क शरए मोतन भदरा परदशशमत कयन की आऻा ह| परतम रऩ स इसका परबाव रॊफी मोग साधना क अॊतगमत तॊतर-भॊतर-मॊतर साधना स बी दतटटगोिय होता ह| इस भदरा क तनयॊतय अभमास स साधक की पराण-अऩान वाम को शभरा दनवारी भरफॊध ककरमा को बी साथ कयन स जो तसथतत फनती ह उस ही मोतन भदरा की सॊऻा दी ह| मह फड़ी िभतकायी भदरा ह| ऩदमासन की तसथतत भ फठकय दोनो हाथो की उॊगशरमो स मोतन भदरा फनाकय औय ऩवम भरफॊध की तसथतत भ सममक बाव स तसथत होकय पराण-अऩान को शभरान की परफर बावना क साथ भराधाय सथान ऩय मौचगक सॊमभ कयन स कई परकाय की शसवदधमाॊ परापत हो जाती ह|

अनतबोध चतनय दवारा सऩादित तरिदिवसीय मदराचचकितसा सि 26

ऋवषमो का भत ह कक तजस मोगी को उऩयोतत तसथतत भ मोतन भदरा का रगाताय अभमास कयत-कयत शसवदध परापत हो गई ह उसका शयीय साधनावसथा भ बशभ स आसन सदहत ऊऩय अधय भ तसथत हो जाता ह| सॊबवत इसी कायण आदद शॊकयािाममजी न अऩन मोग यतनावरी नाभक ववशष गरॊथ भ भरफॊध का उसरख ववशष रऩ स ककमा ह|

19 धन मदरा -

बायतीम ऩयॊऩया भ धन गाम को कहा जाता ह औय मह दहनद धभम क साततवक औय भहानता का परतीक ह धन भदरा फनात सभम हाथो की उॊगशरमा गाम क थनो जसी हो जाती ह जस गाम क थनो स दध ऩीकय शयीय ऩटट फनता ह वस ही धन भदरा कयन स बी शयीय रटट ऩटट फनता ह

ववचध - अनमोनमाशबभखॊ तशरटटाकतनटठानाशभका ऩन

अनतबोध चतनय दवारा सऩादित तरिदिवसीय मदराचचकितसा सि 27

तथा ि तजमतनभधमा धन भदरा अभत परदा ( कारी तॊतर )

अऩन दोनो हाथो की अॊगशरमो क ऩोयो को एक साथ शभरा र कपय फाम हाथ की तजमनी ऊॊ गरी को दाएॊ हाथ की फीि वारी उॊगरी स छआए इसक फाद दाएॊ हाथ की तजमनी उॊगरी को फाम हाथ की फीि वारी उॊगरी स छआम ऐस ही फाम हाथ की अनाशभका उॊगरी को दाएॊ हाथ की सफस छोटी उॊगरी स शभराएॊ अॉगठो को खरा छोड़ द हाथ की अॊगशरमो को नीि की तयप कयन स अॊगशरमो की आकतत गाम क धनो जसी हो जाती ह इसी कायण इस धन भदरा कहत ह

सभम - इस भदरा का अभमास धीय धीय फढ़ाए ऩहर 1 स 15 शभतनट औय फाद भ 15 स 30 तथा जफ अचछी तयह मह भदरा अभमास भ आ जाए तफ इस भदरा को 45 शभतनट तक कय सकत ह

राब - धन भदरा स ऩािन तॊतर भजफत होता ह औय शयीय ताकतवय व सवसथ फनता ह मह ऩट क योगो क शरए याभफाण भदरा ह मोग साधना भ फहत ही उऩमोगी भदरा कहराती ह तॊतर एवॊ कभमकाॊड भ बी धन भदरा का परमोग ह ह ऩयानी भानमता क अनसाय मह अभत ततव को दन वारी भदरा ह मह भदरा वात वऩतत तथा कप को सॊतशरत कयती ह

अनतबोध चतनय दवारा सऩादित तरिदिवसीय मदराचचकितसा सि 28

20 मगी मदरा-

भग दहयन को कहा जाता ह मऻ क दौयान होभ की जान वारी साभगरी को इसी भदरा भ होभ ककमा जाता ह पराणामाभ ककए जान क दौयान बी इस भदरा का उऩमोग होता ह धमान कयत वतत बी इस भदरा का इसतभार ककमा जाता ह मह भदरा फनात वतत हाथ की आकतत भग क शसय क सभान हो जाती ह इसीशरए इस भगी भदरा कहा जाता ह मह एक हसत भदरा ह ववचध अऩन हाथ की अनाशभका औय भधमभा अॊगरी को अॊगठ क आग क बाग को छआ कय फाकी फिी तजमनी औय कतनटठा अॊगरी को सीधा तान दन स भगी भदरा फन जाती ह योग आसन - इस दौयान उतकटासन सखासन औय उऩासना क सभम इसतभार होन वार आसन ककए जा सकत ह

अनतबोध चतनय दवारा सऩादित तरिदिवसीय मदराचचकितसा सि 29

समय- इस भदरा को सववधानसाय कछ दय तक कय सकत ह औय इस तीन स िाय फाय ककमा जा सकता ह ऱाभ- भगी भदरा कयत सभम अॊगठ क ऩोय औय अॊगशरमो क जोड़ ऩय दफाव ऩड़ता ह उतत दफाव क कायण शसयददम औय ददभागी ऩयशानी भ राब शभरता ह एतमपरशय चिककतसा क अनसाय उतत अॊगशरमो क अॊदय दाॊत औय सामनस क तरफ ॊद होत ह तजसक कायण हभ दाॊत औय सहनस योग भ बी राब शभरता ह ववशष- भाना जाता ह कक इस भदरा को कयन स सोिन औय सभझन की शततत का ववकास बी होता ह भगी भदरा शभगी क योचगमो क शरए फहत ही राबकायी ह

21 यमहररमदरा

ववचध -सवम परधभ आऩ अऩन दोनो हाथो की सफस छोटी अॊगरी अथामत कतनटठा को आऩस भ एक दसय क परथभ ऩोय स शभरा द इसी क साथ दोनो अॊगठ को बी आऩस भ शभरा द अफ तीन अॊगशरमाॊ फाकी यह जाएॊगी- भध मभा तजमनी औय अनाशभका इन तीनो अॊगशरमो को हथरी की ओय भोड़कय भटठी जसा फनाइए अॊगशरमो की इस तसथतत को मभ हरयभदरा कहत ह

अनतबोध चतनय दवारा सऩादित तरिदिवसीय मदराचचकितसा सि 30

ऱाभ - मभहरयभदरा क तनमशभत अभमास स नाडड़मो को शततत शभरती ह इस भदरा क तनयॊतय अभमास स ऩट क योग जस- कबज बख ना रगना औय तजगय की कभजोयी दय होती ह इस भदरा स तसतरमो क सतनो क साय योगो भ बी राब शभरता ह मभ हरयभदरा को परततददन 5 शभनट सफह औय 5 शभनट शाभ को कय आऩ इसक कयन का सभम फढ़ाकय 10 शभनट तक कय सकत ह परततददन कभ स कभ ऩाॊि भदराएॊ अऩनी सववधानसाय कयनी िादहए भदराओॊ स सबी योगो भ राब ऩामा जा सकता ह मदद उनका मोग शशक स ऩछकय तनमशभत अभमास ककमा जाए भदराएॊ खासकय उन रोगो क शरए पामदभॊद सातरफत होती ह जो मोगासन कयन भ असभथम ह

22 ऩषऩाजलऱ मदरा-

अनतबोध चतनय दवारा सऩादित तरिदिवसीय मदराचचकितसा सि 31

मह भहतवऩणम हसत मोग भदरा ह जस दआ भ हाथ उठात ह मा ऩटऩ अऩमण कयत ह तफ मह भदरा फनती ह जसा कक इसका नाभ ह ऩटऩाॊजशर इसी स मह शसदध होता ह कक मह भदरा ककस परकाय की होगी ववचध- दोनो हाथो की अॊगशरमो औय अॊगठ को आऩस भ शभरा भखणफदध को बी शभरा र कपय दोनो हाथो की छोटी अॊगशरमो को एक साथ शभराकय ऐसी आकतत फना र कक जस हभ ककसी बगवान को पर िढ़ात सभम फनात ह इस ही ऩटऩाॊजशर भदरा कहत ह

ऱाभ- ऩटऩाॊजरी भदरा क तनयॊतय अभमास स नीॊद अचछी तयह स आन रगती ह आतभववशवास फढ़ता ह

23 यज भदरा-

अनतबोध चतनय दवारा सऩादित तरिदिवसीय मदराचचकितसा सि 32

यज भदरा कवर तसतरमो क शरए ह ऐसा नहीॊ फतसक अगय ऩरष इस भदरा को कयत ह तो उनक वीमम सॊफॊधी सभसत योग दय हो जात ह ववचध- यज भदरा फनाना फहत ही आसान ह कतनटठा (छोटी अॊगरी) अॊगरी को हथरी की जड़ भ भोड़कय रगान स यज भदरा फन जाती ह ऱाभ- यज भदरा स तसतरमो क भाशसक धभम सॊफॊधी योग दय होत ह इसक अरवा शसय भ बायीऩन यहना छाती भ ददम ऩट ऩीठ कभय का ददम आदद योग बी यज भदरा कयन स दय हो जात ह सतरी क साय परजनन अॊगो की ऩयशातनमो को म भदरा तरफसकर दय कय दती ह

24 अदिती मदरा-

ववचध- अॊगठ क आग क बाग को अनाशभका (छोटी उॊगरी क साथ वारी उॊगरी) उॊगरी की जड़ भ टढ़ा रगान स अददती भदरा फन जाती ह

ऱाभ- इस भदरा को कयन स हय सभम उफासी आना जमादा छीॊक आना जस योगो को दय ककमा जा सकता ह

अनतबोध चतनय दवारा सऩादित तरिदिवसीय मदराचचकितसा सि 33

समय- अददती भदरा को ददन भ 3-4 फाय 15-15 शभनटो क शरए कय सकत ह

25 हसी मदरा-

जस हॊस नीय ीय वववक की साभथमम यखता ह वस इस भदरा क कयन स सोिन औय तवरयत तनणमम की भता फढती ह मदरा िी ववचध - सखासन मा उतकटासन भ फठकय अऩन हाथ की सबी सफस छोटी अॊगरी को छोड़कय अॊगशरमो को अॊगठ क आग क बाग को दफान स हॊसी भदरा फन जाती ह अवचध- इस भदरा को परयॊब भ 5-8 शभनट स कयक 30-48 शभनट तक कय सकत ह मदरा िा ऱाभ- इस भदरा तनमशभत अभमास स वववक फढ़ता ह अथामत इसस सोिन-सभझन की शततत फढ़ती ह औय इसस शयीय का बायीऩन सभापत हो जाता ह

अनतबोध चतनय दवारा सऩादित तरिदिवसीय मदराचचकितसा सि 34

ववशषता- भाना जाता ह कक इस भदरा का तनमशभत अभमास कयन स याजशसक ताकत फढ़ती ह औय वमततत धन सॊऩनन फना यहता ह सावधानी - इस भदरा को कयत सभम ककसी बी परकाय का भॊतर नहीॊ जऩना िादहए औय ना ही कोई अनम धाशभमक उऩकरभ कय

26 हसतऩात मदरा-

ववचध- इस भदरा को कयन क शरए आऩ अऩन दोनो हाथो की हथरी क ऩीछ क बाग को आऩस भ अॊगशरमो सदहत शभरा द इस आकतत को हसतऩात भदरा कहा जाता ह मह नभसकाय भदरा जसा ही ह रककन इसभ हथरी क ऩटठ बाग को शभरा ददमा जाता ह ऱाभ- इस हसतऩात भदरा को कयन स शवास औय गर क क साय योग भ फहत राब शभरता ह तजन तसतरमाॊ मदद इसका तनमशभत अभमास कयती ह तो इसस उनक सतन सड़ौर सॊदय औय सवसथ हो जात ह तजन तसतरमो क सतन छोट ह ढीर ह मा उनक सतनो भ दध नहीॊ आता ह तो मह भदरा उनक शरए फहत राबकायी शसदध हो सकती ह

27 धयान मदरा

ववचध- ऩदमासन भ फठकय फाएॊ हाथ की हथरी ऩय दाएॊ हाथ की हथरी को (उसट हाथ ऩय सीध हाथ को) हसक स यखन स धमान भदरा फनती ह| धमान यख कक इस भदरा भ शसय गदमन एवॊ यीढ़ की हडडी सीधी यह| आॊख औय होठ सहज स फनद यह| धमान अऩन इटटदव क सवरऩ ऩय दटकाएॊ अथवा कामोतसगम कय अथामत शयीय स

अनतबोध चतनय दवारा सऩादित तरिदिवसीय मदराचचकितसा सि 35

सभता यखत हए कछ दय क शरए वविाय यदहत अवसथा भ यहन का परमास कय| अटटाॊग मोग (मभ तनमभ पराणामाभ परतमाहाय धायणा धमान औय सभाचध) क एक अॊग lsquoधमानrsquo की साधना भ मह भदरा ववशष रऩ स सहामक शसदध हई ह| ऱाभ - जो वमततत ऩदमासन नहीॊ कय सकत उनह धमान भदरा सखासन मा सवतसतक अथवा ऩारथी आसन भ कयना िादहए| मह सहज भदरा ह| सहज धमान भदरा को साधायण वमततत अचधक रमफ सभम तक सयरता स कय सकता ह| इसस धमान भदरा क राब बी शभर जात ह| धमान भदरा भ मदद हथशरमाॊ एक दसय ऩय यखन क फाद दोनो हथशरमाॊ ऻान भदरा की तसथतत भ यखी जाएॊ तो धमान भदरा तथा ऻान भदरा क सतमभशरत राब क साथ ऩदमासन क राब बी शभर जात ह| साधक क शरए धमान भदरा भ सभम की कोई सीभा नहीॊ ह| रककन सहजता क साथ ऩदमासन कयन की भता क अनरऩ धमान भदरा का अभमास कयना िादहए| साधायण वमततत को इस धीय-धीय फढ़ात हए कभ-स-कभ २० शभनट स एक घॊट तक कयना िादहए| धमान भदरा न कय सकन की अवसथा भ सहज धमान भदरा कयक राब उठाना िादहए| भन की िॊिरता शाॊत होकय चितत की एकागरता फढ़ती ह| साततवक वविायो की उतऩततत होती ह औय परब बजन भ भन रगता ह|

धमान क परबाव स साधक को धमान की उचितय तसथतत भ ऩहॊिन भ सहामता शभरती ह| आतभ साातकाय औय ईश वय क साातकाय भ मह भदरा सहामक ह|

28 शामभवी मदरा-

आॉख खरी हो रककन आऩ दख नहीॊ सकत ऐसी तसथतत जफ सध जाती ह तो उस शामबवी भदरा कहत ह ऐसी तसथतत भ आऩ नीॊद का भजा बी र सकत ह मह फहत कदठन साधना ह इसक ठीक उसटा कक जफ आॉख फॊद हो तफ आऩ दख

अनतबोध चतनय दवारा सऩादित तरिदिवसीय मदराचचकितसा सि 36

सकत ह मह बी फहत कदठन साधना ह रककन मह दोनो ही सॊबव ह असॊबव कछ बी नहीॊ फहत स ऐस ऩश औय ऩी ह जो आॉख खोरकय ही सोत ह ववचध- मदद आऩन तराटक ककमा ह मा आऩ तराटक क फाय भ जानत ह तो आऩ इस भदरा को कय सकत ह सवमपरथभ शसदधासन भ फठकय यीढ़-गदमन सीधी यखत हए ऩरको को तरफना झऩकाएॉ दखत यह रककन धमान ककसी बी िीज को दखन ऩय ना यख ददभाग तरफसकर बीतय कहीॊ रगा हो

ऱाभ- शामबवी भदरा को कयन स ददर औय ददभाग को शाॊतत शभरती ह मोगी का धमान ददर भ तसथय होन रगता ह आॉख खरी यखकय बी वमततत नीॊद औय धमान का आनॊद र सकता ह इसक सधन स वमततत बत औय बववटम का ऻाता फन सकता ह सऱाह- शामबवी भदरा ऩयी तयह स तबी शसदध हो सकती ह जफ आऩकी आॉख खरी हो ऩय व ककसी बी िीज को न दख यही हो ऐसा सभझ की आऩ ककसी धन भ जी यह हो आऩको खमार होगा कक कबी-कबी आऩ कहीॊ बी दख यह होत ह रककन आऩका धमान कहीॊ ओय यहता ह समय- इस भदरा को शरआत भ तजतनी दय हो सक कय औय फाद भ धीय-धीय इसका अभमास फढ़ात जाएॉ

अनतबोध चतनय दवारा सऩादित तरिदिवसीय मदराचचकितसा सि 37

29 शकततचालऱनी मदरा- ववचध - आठ अॊगर रॊफा औय िाय अॊगर िौड़ा भरामभ वसतर रकय नाशब ऩय रगाएॊ औय कदटसतर भ फाॊध र| कपय शयीय भ बसभ यभाकय शसदधासन भ फठ औय पराण को अऩान स मतत कय| जफ तक गहम दवाय स िरती हई वाम परकाशशत न हो इस सभम तक गहम दवाय को सॊकचित यख| इसस वाम का जो तनयोध होता ह उसभ कमबक क दवाया कणडशरनी शततत जागरत होती हई सषमना भागम स ऊऩय जाकय खड़ी हो जाती ह| मोगभदरा स ऩहर इसका अभमास कयन ऩय ही मोतन भदरा की ऩणम शसवदध होती ह| ऱाभ - इस भदरा स कणडशरनी शततत का जागयण होता ह| जफ तक मह सोती ह तफ तक सबी आॊतरयक शतततमाॊ सपत ऩड़ी यहती ह| इसशरए कणडशरनी का जागरत होना साधक क शरए फहत आवशमक ह| पराण-अऩान को सॊमतत कयन की ककरमा पराणवाम को ऩयक दवाया बीतय खीॊिन औय उडडीमान फॊध स अऩान वाम को ऊऩय की ओय आकवषमत कयन स ऩणम होती ह| इसभ गहम परदश क सॊकोि औय ववसताय का अभमास होन स अचधक सयरता हो सकती ह| 30 तड़ागी मदरा- ववचध - दोनो ऩाॊवो को दणड क सभान धयती ऩय ऩसाय र औय हाथो स उनक अॊगठो को ऩकड़न तथा दोनो जाॊघो ऩय शसय को सथावऩत कय साथ ही उदय को तड़ाग (सयोवय) क सभान कय र| ऱाभ - मह भदरा अनक योगो औय वदधावसथा को बी दय कयन भ सहामक शसदध होती ह|

अनतबोध चतनय दवारा सऩादित तरिदिवसीय मदराचचकितसा सि 38

31 माणडवी मदरा- ववचध - भख को फॊद कयक जफान को तार भ घभाएॊ औय सहसराय स टऩकत हए सधायस को जफान स धीय-धीय ऩीन का मतन कय| मही भाणडवी (मा भाणडकी) भदरा ह| ऱाभ - इसक दवाया फारो की सपदी उनका झड़ना शयीय ऩय झरयममो भॊहासो आदद का ऩड़ना तथा तनफमरता आदद दय होकय चिय-मौवन की परातपत होती ह| इसस यसोतऩादन होकय अभततव की उऩरतबध होना सॊबव हो जाता ह| 32 ऩालशनी मदरा ववचध- दोनो ऩाॊवो को कॊ ठ क ऩीछ की ओय र जाकय उनह ऩयसऩय शभराएॊ औय ऩाश क सभान दढ़ता स फाॊध र| ऱाभ - इसक अभमास स बी कणडशरनी शततत क जागयण भ फहत सगभता हो जाती ह तथा साधक क शयीय भ फर औय ऩतटट का आववबामव होता ह| भानशसक फरवदधमन भ बी मह फहत दहतकय ह| 33 िािी मदरा-

काक कौए को कहत ह कौए की िोि जसी भॊह की भदरा फना रन को काकी भदरा कहा जाता ह ववचध ककसी बी आसन भ फठकय होठो को ऩतरी सी नरी क सभान भोड़कय कौए की िोि जसा फना र अफ नाक क अगर बाग को दखत हए अऩना ऩया धमान नाक ऩय दटका द इसक फाद भॊह स धीय-धीय गहयी शवास रकय होठो को फॊद कय द कछ दय फाद शवास को नाक स फाहय तनकार द इस तयह स 10

अनतबोध चतनय दवारा सऩादित तरिदिवसीय मदराचचकितसा सि 39

शभनट तक कय ऱाभ मह भदरा जहाॊ शयीय भ ठॊडक फढ़ाती ह वहीॊ मह कई योगो को दय कयन भ राबदामक ह इस भदरा का तनयॊतय अभमास कयन स शयीय भ अॊदय बोजन ऩिान की ककरमा तज हो जाती ह इसस अमरवऩतत का फढ़ना कभ हो जाता ह

34 मातचगनी मदरा-

भातॊग का अथम होता ह भघ भाॊ दगाम का एक रऩ ह भातॊगी मह दस भहाववदमा भ स नौवीॊ ववदमा ह भातॊग नाभ स एक धमान होता ह भॊतर होता ह औय एक हाथी का नाभ बी भातॊग ह ऋवष वशशटठ की ऩतनी का एक नाभ बी भातॊगी ह ऋवष कशमऩ की ऩतरी का नाभ बी भातॊगी ह तजसस हाथी उतऩनन हए थ ववचध शाॊत जगह भ ऩानी क अॊदय गर तक शयीय को डफो र औय कपय नाक स ऩानी को खीॊिकय उस भॊह स तनकार र कपय भॊह स ऩानी को खीॊिकय नाक स फाहय तनकार द इस ककरमा को ही भातॊचगनी भदरा कहत ह ऱाभ इस भदरा क अभमास स आॊखो की योशनी तज हो जाती ह शसय ददम भ मह भदरा अतमॊत राबकायी भानी जाती ह इसस नजरा-जकाभ आदद क योग बी दय हो जात ह इस भदरा क तनयॊतय अभमास स िहय ऩय िभक आ जाती ह औय फार बी सपद नहीॊ होत ह इस भदरा क शसदध हो जान ऩय वमततत भ ताकत फढ़ जाती ह

35 नभोमदरा

नब का अथम होता ह आकाश इस भदरा भ जीब को तार की ओय रगात ह इसीशरए इस नबोभदरा कहत ह नबोभदरा कयना सयर नहीॊ ह इस ककसी मोग

अनतबोध चतनय दवारा सऩादित तरिदिवसीय मदराचचकितसा सि 40

शशक स सीखकय ही कयना िादहए मह भदरा फहत स योगो भ राबदामक शसदध हई ह इस फाय भ एक शरोक बी ह- मतर मतर तसथतो मोगी सवमकामष सवमदा उधवमतजवह तसथयो बतवाधायमतभवनॊ सदा नबोभदरा भवदषा मोदववना योग नाशशनी अथामत साय कामो भ तसथय हआ चितत अऩनी जीब क अगर बाग को भॊह क अॊदय तार भ रगाकय शवास को अॊदय योक रता ह इस तसथतत स विारयक गततववचधमाॊ ततकार फॊद हो जाती ह इसीशरए इस भदरा को यहसम का आबास ददरान वारी भदरा बी कहा जाता ह ववचध- अऩनी आॊखो को अऩनी दोनो बौहो क फीि भ जभाकय आऩकी जीब तार क साथ रगा र मह दोनो कामम एक ही साथ औय एक ही सभम भ कय सववधानसाय जफ तक सॊबव हो इसी तसथतत भ यह औय कपय कछ शभनट का धमान कय ऱाभ- नबोभदरा क तनयॊतय अभमास स जीब गर औय आॊखो क साय योग सभापत हो जात ह इसस भतसतटक भ तसथयता फढ़ती ह औय भतसतटक क योग बी दय हो जात ह

36 नालसिागर मदरा -

नाशसकागर भदरा का अथम होता ह नाक का आखखयी छोय ऊऩयी दहससा मा अगरबाग इस बाग ऩय फायी-फायी स सॊतरन फनान हए दखना ही नाकककागर भदरा मोग कहराता ह रककन मह भदरा कयन स ऩहर मोग शशक की सराह जरय र तमोकक इसक कयन स बकटी ऩय जोय ऩड़ता ह

अनतबोध चतनय दवारा सऩादित तरिदिवसीय मदराचचकितसा सि 41

ववचध- ककसी बी आसन भ फठकय नाक क आखखयी शसय ऩय नजय दटका र हो सकता ह कक ऩहर आऩ फाई आॊखो स उस दख ऩाएॊ तफ कछ दय फाद दाई आॊखो स दख इस दखन भ जया बी तनाव न हो सहजता स इस दख

ऱाभ- इसस जहाॊ आॊखो की एतसयसाइज होती ह वहीॊ मह भतसतटक क शरए बी राबदामक ह इसस भन भ एकागरता फढ़ती ह इस भदरा क रगाताय अभमास कयन स भराधाय िकर जागरत होन रगता ह तजसस कणडरीनी जागयण भ भदद शभरती ह इसस भराधाय िकर इसशरए जागरत होता ह तमोकक दोनो आॊखो क फीि ही तसथत ह इड़ा वऩ ॊगरा औय सषमना नाड़ी जो भराधाय तक गई ह समय- इस भदरा को इतनी दय तक कयना िादहए कक आॊखो ऩय इसका जमादा दफाव नहीॊ ऩड़ कपय धीय-धीय इस कयन का सभम फढ़ात जाएॊ

37 बरहम आसन मदरा-

कछ रोग इस बरहभा भदरा बी कहत ह तमोकक इस आसन भ गदमन को िाय ददशा भ घभामा जाता ह औय बरहभाजी क िाय भख थ इसीशरए इसका नाभ बरहभा भदरा आसन यखा गमा रककन असर भ मह बरहभ भदरा आसन ह औय इसभ सबी ददशाओॊ भ तसथत ऩयभशवय को जानकय उसका चिॊतन ककमा जाता ह नभाज ऩढ़त वतत मा सॊधमा वॊदन कयत वतत उतत भदरासन को ककमा जाता यहा ह ववचध- ऩदमासन शसदधासन मा वजरासन भ फठकय कभय तथा गदमन को सीधा यखत हए गदमन को धीय-धीय दामीॊ ओय र जात ह कछ सकॊ ड दामीॊ ओय रकत ह उसक फाद गदमन को धीय-धीय फामीॊ ओय र जात ह कछ सकॊ ड तक फामीॊ ओय रककय कपय दामीॊ ओय र जात ह कपय वाऩस आन क फाद गदमन को ऊऩय की ओय र जात ह उसक फाद नीि की तयप र जात ह कपय गदमन को तराकवाइज

अनतबोध चतनय दवारा सऩादित तरिदिवसीय मदराचचकितसा सि 42

औय एॊटीतराकवाइज घभाएॉ इस तयह मह एक िकर ऩया हआ अऩनी सववधानसाय इस िाय स ऩाॉि िकरो भ कय सकत ह

ऱाभ तजन रोगो को सवामइकर सऩोडराइदटस थाइयाइड नराॊटस की शशकामत ह उनक शरए मह आसन राबदामक ह इसस गदमन की भाॉसऩशशमाॉ रिीरी तथा भजफत होती ह आधमाततभक दतटट स बी मह आसन राबदामक ह आरसम बी कभ होता जाता ह तथा फदरत भौसभ क सदी-जकाभ औय खाॉसी स छटकाया बी शभरता ह

सावधाननया तजनह सवामइकर सऩोडराइदटस मा थाइयाइड की सभसमा ह व ठोडी को ऊऩय की ओय दफाएॉ गदमन को नीि की ओय र जात सभम कॊ ध न झकाएॉ कभय गदमन औय कॊ ध सीध यख गदमन मा गर भ कोई गॊबीय योग हो तो मोग चिककतसक की सराह स ही मह भदराआसन कय

38 भजचगनी मदरा- ववचध- इसभ भख को पराकय कॊ ठ स फाहयी वाम खीॊिी जाती ह| तार औय तजहवा क भधम वाम क घभन स शयीय भ अदभत शततत का आववबामव होता ह|

ऱाभ- मह भदरा अजीणम आदद उदय योगो को नटट कयन भ बी फहत उऩमोगी ह| इस परकाय भदराओॊ क अभमास स साधक को सफ परकाय क शायीरयक भानशसक औय आततभक फर की परातपत होती ह| मोगािामो क अनसाय lsquoनातसत भदरासनककॊ चित शसवदधदॊकषततभणडर (घयणड सॊदहता)rsquo अथामत भदराओॊ क सभान शसवदधदामक कोई अनम साधन ब-भॊडर ऩय नहीॊ ह| इसशरए मोगशसवदध क आकाॊीजनो को भदराओॊ का अभमास कयना शरमसकय ह|

अनतबोध चतनय दवारा सऩादित तरिदिवसीय मदराचचकितसा सि 43

39 खचरी मदरा-

भनटम की जीब (तजहवा) दो तयह की होती ह- रॊफी औय छोटी रॊफी जीब को सऩमतजहवा कहत ह कछ रोगो की जीब रॊफी होन स व उस आसानी स नाशसकागर ऩय रगा सकत ह औय खियी-भदरा कय सकत ह भगय तजसकी जीब छोटी होती ह उस तकरीपो का साभना कयना ऩड़ता ह सफस ऩहर उनह अऩनी जीब रॊफी कयनी ऩड़ती ह औय उसक शरए घषमण व दोहन का सहाया रना ऩड़ता ह जीब नीि की ओय स तजस नाड़ी स जड़ी होती ह उस काटना ऩड़ता ह खियी भदरा को शसदध कयन एवॊ अभत क सराव हत आवशमक उददीऩन भ कछ वषम बी रग सकत ह मह वमततत की मोनमता ऩय बी तनबमय कयता ह मोग भ कछ भदराएॊ ऐसी ह तजनह शसपम मोगी ही कयत ह साभानमजनो को इनह नहीॊ कयना िादहए खियी भदरा साधको क शरए भानी गई ह ववचध - इसक शरए जीब औय तार को जोड़न वार भाॊस-तॊत को धीय-धीय काटा जाता ह अथामत एक ददन जौ बय काटकय छोड़ ददमा जाता ह कपय तीन-िाय ददन फाद थोड़ा-सा औय काट ददमा जाता ह इस परकाय थोड़ा-थोड़ा काटन स उस सथान की यतत शशयाएॊ अऩना सथान बीतय की तयप फनाती जाती ह जीब को काटन क साथ ही परततददन धीय-धीय फाहय की तयप खीॊिन का अभमास ककमा जाता ह इसका अभमास कयन स कछ भहीनो भ जीब इतनी रॊफी हो जाती ह कक मदद उस ऊऩय की तयप रौटा (उसटा कयन) ददमा जाए तो वह शवास जान वार छदो को बीतय स फॊद कय दती ह इसस सभाचध क सभम शवास का आना-जाना ऩणमत योक ददमा जाता ह ऱाभ इस भदरा स पराणामाभ को शसदध कयन औय साभचध रगान भ ववशष सहामता शभरती ह साधनायत साधओॊ क शरए मह भदरा फहत ही राबदामी भानी

अनतबोध चतनय दवारा सऩादित तरिदिवसीय मदराचचकितसा सि 44

जाती ह ववशषता तनयॊतय अभमास कयत यहन स तजफ जफ रॊफी हो जाती ह तफ उस नाशसका यनरो भ परवश कयामा जा सकता ह इस परकाय धमान रगान स कऩार भागम एवॊ तरफ ॊद ववसगम स सॊफॊचधत कछ गरॊचथमो भ उददीऩन होता ह तजसक ऩरयणाभसवरऩ अभत का सराव आयॊब होता ह उसी अभत का सराव होत वतत एक ववशष परकाय का आधमाततभक अनबव होता ह इस अनबव स शसवदध औय सभाचध भ तजी स परगतत होती ह चतावनी मह आरख शसपम जानकायी हत ह कोई बी वमततत इस ऩढ़कय कयन का परमास न कय तमोकक मह शसपम साधको क शरए ह आभ रोगो क शरए नहीॊ

40 अकzwj वनी मदरा- इस भदरा स साधक भ घोड़ो जसी शततत आ जाती ह तजस lsquoहॉसम ऩॉवयrsquo कहत ह|

ववचध - इस भदरा भ गदा-दवाय का फाय-फाय सॊकोिन औय परसाय ककमा जाता ह| इसी स भदरा की शसवदध हो जाती ह| इसक दवाया कणडशरनी जागयण भ सगभता यहती ह औय अनक योग नटट होकय शायीरयक फर की ववदध होती ह|

ऱाभ - अतश वनी भदरा शसदध होन स साधक की अकारभतम कबी नहीॊ होती| गदा औय उदय स सॊफॊचधत योगो का इसक दवाया शभन होता ह तथा दीघमजीवन की उऩरतबध होती ह| तरफना भरफॊध क अतश वनी भदरा नहीॊ हो सकती| 41 बजरौऱी मदरा- फजरौरी भदरा बी भरफॊध का अचछा अभमास ककए तरफना ककसी परकाय सॊबव नहीॊ ह| मह भदरा कवर मोगी क शरए ही नहीॊ बोगी क शरए बी अतमॊत राबकायी ह|

अनतबोध चतनय दवारा सऩादित तरिदिवसीय मदराचचकितसा सि 45

ववचध - इस भदरा भ ऩहर दोनो ऩाॊवो को बशभ ऩय दढ़ताऩवमक दटकाकय दोनो ऩाॊवो को धीय-धीय दढ़ताऩवमक ऊऩय आकाश भ उठा द| इसस तरफॊद-शसवदध होती ह| शकर को धीय-धीय ऊऩय की आकॊ िन कय अथामत इॊददरम क आॊकिन क दवाया वीमम को ऊऩय की ओय खीॊिन का अभमास कय तो मह भदरा शसदध होती ह| ववदवानो का भत ह कक इस भदरा क अभमास भ सतरी का होना आवशमक ह तमोकक बग भ ऩततत होता हआ शकर ऊऩय की ओय खीॊि र तो यज औय वीमम दोनो ही िढ़ जात ह| मह ककरमा अभमास स ही शसदध होती ह| कछ मोगािामम इस परकाय का अभमास शकर क सथान ऩय दनध स कयना फतात ह| जफ दनध खीॊिन का अभमास शसदध हो जाए तफ शकर को खीॊिन का अभमास कयना िादहए| वीमम को ऊऩय खीॊिनवारा मोगी ही ऊधवमयता कहराता ह| ऱाभ - इस भदरा स शयीय रटट-ऩटट तजसवी सॊदय सडौर औय जया-भतम यदहत होता ह| शयीय क सबी अवमव दढ़ होकय भन भ तनश िरता की परातपत होती ह| इसका अभमास अचधक कदठन नहीॊ ह| मदद गहसथ बी इसक कय तो फरवदधमन औय सौदममवदधमन का ऩया राब परापत कय सकत ह चतावनी मह आरख शसपम जानकायी हत ह कोई बी वमततत इस ऩढ़कय कयन का परमास न कय तमोकक मह शसपम साधको क शरए ह आभ रोगो क शरए नहीॊ

साधना कयनवार वमततत क शरए मह आवशमक ह कक वह साधना भ कातमक वाचिक औय भानशसक ककरमाओॊ ऩय ऩया तनमॊतरण यख तथा सभम-सभम ऩय उचित ताॊतरतरक परककरमाओॊ का बी सभनवम कयता यह| इस दतटट स तजस परकाय आसन ऩातरासादन अिमन आदद भ ककरमाओॊ का ववधान ह उसी परकाय उनक साथ कछ भदरा फनान का ववधान ह| म भदराएॊ भखम रऩ-स हाथ औय उसकी उॊगशरमो क परमोग स फनती ह| जस हभाया शयीय ऩॊिततवभम ह| अत शासतरकायो न कहा ह कक इन उॊगशरमो क परमोग स इन ततवो की नमनाचधकता दय की जा

अनतबोध चतनय दवारा सऩादित तरिदिवसीय मदराचचकितसा सि 46

सकती ह तथा ततवो की सभता-ववषभता स होनवारी कभी को उॊगशरमो की भदरा स सभ फनामा जा सकता ह| इतना ही नहीॊ ऐसी भदराओॊ क सहमोग स उन ततवो को सवचछाऩवमक घटामा-फढ़ामा बी जा सकता ह| म ततव करभश अॊगटठ भ अतनन तजमनी भ वाम भधमभा भ आकाश अनाशभका भ ऩथवी औय कतनतटठका भ जर क रऩ भ ववदमभान यहत ह| दवताओॊ की परसननता चितत की शवदध औय ववववध योगो क नाश भ भदराओॊ स फड़ी सहामता शभरती ह| भदराततव को सभझकय परतमक मोगी को इनका साधन कयना िादहए| कणडशरनी शततत क जागयण भ इन भदराओॊ स सहामता शभरती ह| महाॊ हभन तजन भदराओॊ का वणमन एवॊ चितरण ककमा ह उसभ परतमक मोगी साधक को ऩरयचित होना िादहए|

अनतबोध चतनय दवारा सऩादित तरिदिवसीय मदराचचकितसा सि 47

मोग अनसाय आसन औय पराणामाभ की तसथतत को भदरा कहा जाता ह फॊध ककरमा औय भदरा भ आसन औय पराणामाभ दोनो का ही कामम होता ह मोग भ भदराओॊ को आसन औय पराणामाभ स बी फढ़कय भाना जाता ह भदरा दो तयह की होती ह- ऩहरी हसत भदरा अथामत हाथो औय उसकी अॊगशरमो को ववशष आकतत भ फनाना औय दसयी आसन भदरा अथामत तजसभ ऩया शयीय ही सॊिाशरत होता ह

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अनतबोध चतनय दवारा सऩादित तरिदिवसीय मदराचचकितसा सि 22

16 लऱग मदरा

ववचध- फाएॉ हाथ का अॊगठा सीधा खडा कय दादहन हाथ स फाएॊ हाथ कक अॉगशरमो भ ऩयसऩय पॉ सात हए दोनो ऩॊजो को ऐस जोड कक दादहना अॊगठा फाएॊ अॊगठ को फहाय स आवतत कय र इस परकाय जो भदरा फनगी उस अॊगटठ भदरा कहग राब - अॊगठ भ अतनन ततव होता हइस भदरा क अभमास स शयीय भ उटभता फढ़न रगती हशयीय भ जभा कप ततव सखकय नटट हो जाता हसदी जकाभखाॊसी इतमादद योगो भ मह फड़ा राबदामी होता हकबी मदद शीत परकोऩ भ आ जाएॉ औय शयीय भ ठणड स कॊ ऩकॊ ऩाहट होन रग तो इस भदरा का परमोग तवरयत राब दता ह

अनतबोध चतनय दवारा सऩादित तरिदिवसीय मदराचचकितसा सि 23

17 शख मदरा-

ववचध - फाएॊ हाथ क अॊगठ को दोनो हाथ की भटठी भ फॊद कयक फाएॊ हाथ की तजमनी उॊगरी को दादहन हाथ क अॊगठ स शभरान स शॊख भदरा फनती ह| इस भदरा भ फाएॊ हाथ की फाकी तीन उॊगशरमो क ऩास भ सटाकय दाएॊ हाथ की फॊद उॊगशरमो ऩय हसका-सा दफाव ददमा जाता ह| इसी परकाय हाथ फदरकय अथामत दाएॊ हाथ क अॊगठ को फाएॊ हाथ की भटठी भ फॊद कयक शॊख भदरा फनाई जाती ह| इस भदरा भ ऱाभ - अॊगठ का दफाव हथरी क फीि क बाग ऩय औय भटठी की तीन उॊगशरमो का दफाव शकर ऩवमत ऩय ऩड़ता ह तजसस हथरी भ तसथत नाशब औय थाइयॉइड (ऩतसरका) गरॊचथ क क दर दफत ह| ऩरयणाभसवरऩ नाशब औय थाइयॉइड गरॊचथ क ववकाय ठीक होत ह|

अनतबोध चतनय दवारा सऩादित तरिदिवसीय मदराचचकितसा सि 24

शॊख भदरा का नाशब िकर स तनकट का सॊबॊध ह इसशरए शायीय क सनामतॊतर ऩय ववशष कामम कयती ह अत अनत औय फाहम सवासथम भ फहत राबकायी ह

मह ऩािन तॊतर को उततभ फनाती ह

तनमशभत कयन स बख फढान भ भदद शभरती ह

मह भदरा फोरत सभम उचिायण क दोषो को दय कयन भ फहत परबावी ह जस ततराना हकराना आदद दोष तनमभतत परमोग स दय हो जात ह

सॊगीत की साधना कयन वारो क शरए ववशश राबकायी ह वाणी को भधय फनाती ह

मह भदरा ऩजन भ बी परमतत होती ह| इसका परमोग रॊफ सभम तक ककमा जा सकता ह| इस भदरा का नाशबिकर स ववशष समफनध ह तजसक कायण नाशब स सॊफॊचधत शयीय की नाडड़मो ऩय सकषभ औय सवासथमवधमक परबाव ऩड़ता ह तथा सनामभणडर शतततशारी फनती ह|

अनतबोध चतनय दवारा सऩादित तरिदिवसीय मदराचचकितसा सि 25

18 योनन मदरा-

मौचगक दतटट स अऩन अॊदय कई परकाय क यहसम तछऩाए यखनवारी भदरा का वासतववक नाभ lsquoमोतन भदराrsquo ह| तत मोग क अनसाय कवर हाथो की उॊगशरमो स भहाशततत बगवती की परसननता क शरए मोतन भदरा परदशशमत कयन की आऻा ह| परतम रऩ स इसका परबाव रॊफी मोग साधना क अॊतगमत तॊतर-भॊतर-मॊतर साधना स बी दतटटगोिय होता ह| इस भदरा क तनयॊतय अभमास स साधक की पराण-अऩान वाम को शभरा दनवारी भरफॊध ककरमा को बी साथ कयन स जो तसथतत फनती ह उस ही मोतन भदरा की सॊऻा दी ह| मह फड़ी िभतकायी भदरा ह| ऩदमासन की तसथतत भ फठकय दोनो हाथो की उॊगशरमो स मोतन भदरा फनाकय औय ऩवम भरफॊध की तसथतत भ सममक बाव स तसथत होकय पराण-अऩान को शभरान की परफर बावना क साथ भराधाय सथान ऩय मौचगक सॊमभ कयन स कई परकाय की शसवदधमाॊ परापत हो जाती ह|

अनतबोध चतनय दवारा सऩादित तरिदिवसीय मदराचचकितसा सि 26

ऋवषमो का भत ह कक तजस मोगी को उऩयोतत तसथतत भ मोतन भदरा का रगाताय अभमास कयत-कयत शसवदध परापत हो गई ह उसका शयीय साधनावसथा भ बशभ स आसन सदहत ऊऩय अधय भ तसथत हो जाता ह| सॊबवत इसी कायण आदद शॊकयािाममजी न अऩन मोग यतनावरी नाभक ववशष गरॊथ भ भरफॊध का उसरख ववशष रऩ स ककमा ह|

19 धन मदरा -

बायतीम ऩयॊऩया भ धन गाम को कहा जाता ह औय मह दहनद धभम क साततवक औय भहानता का परतीक ह धन भदरा फनात सभम हाथो की उॊगशरमा गाम क थनो जसी हो जाती ह जस गाम क थनो स दध ऩीकय शयीय ऩटट फनता ह वस ही धन भदरा कयन स बी शयीय रटट ऩटट फनता ह

ववचध - अनमोनमाशबभखॊ तशरटटाकतनटठानाशभका ऩन

अनतबोध चतनय दवारा सऩादित तरिदिवसीय मदराचचकितसा सि 27

तथा ि तजमतनभधमा धन भदरा अभत परदा ( कारी तॊतर )

अऩन दोनो हाथो की अॊगशरमो क ऩोयो को एक साथ शभरा र कपय फाम हाथ की तजमनी ऊॊ गरी को दाएॊ हाथ की फीि वारी उॊगरी स छआए इसक फाद दाएॊ हाथ की तजमनी उॊगरी को फाम हाथ की फीि वारी उॊगरी स छआम ऐस ही फाम हाथ की अनाशभका उॊगरी को दाएॊ हाथ की सफस छोटी उॊगरी स शभराएॊ अॉगठो को खरा छोड़ द हाथ की अॊगशरमो को नीि की तयप कयन स अॊगशरमो की आकतत गाम क धनो जसी हो जाती ह इसी कायण इस धन भदरा कहत ह

सभम - इस भदरा का अभमास धीय धीय फढ़ाए ऩहर 1 स 15 शभतनट औय फाद भ 15 स 30 तथा जफ अचछी तयह मह भदरा अभमास भ आ जाए तफ इस भदरा को 45 शभतनट तक कय सकत ह

राब - धन भदरा स ऩािन तॊतर भजफत होता ह औय शयीय ताकतवय व सवसथ फनता ह मह ऩट क योगो क शरए याभफाण भदरा ह मोग साधना भ फहत ही उऩमोगी भदरा कहराती ह तॊतर एवॊ कभमकाॊड भ बी धन भदरा का परमोग ह ह ऩयानी भानमता क अनसाय मह अभत ततव को दन वारी भदरा ह मह भदरा वात वऩतत तथा कप को सॊतशरत कयती ह

अनतबोध चतनय दवारा सऩादित तरिदिवसीय मदराचचकितसा सि 28

20 मगी मदरा-

भग दहयन को कहा जाता ह मऻ क दौयान होभ की जान वारी साभगरी को इसी भदरा भ होभ ककमा जाता ह पराणामाभ ककए जान क दौयान बी इस भदरा का उऩमोग होता ह धमान कयत वतत बी इस भदरा का इसतभार ककमा जाता ह मह भदरा फनात वतत हाथ की आकतत भग क शसय क सभान हो जाती ह इसीशरए इस भगी भदरा कहा जाता ह मह एक हसत भदरा ह ववचध अऩन हाथ की अनाशभका औय भधमभा अॊगरी को अॊगठ क आग क बाग को छआ कय फाकी फिी तजमनी औय कतनटठा अॊगरी को सीधा तान दन स भगी भदरा फन जाती ह योग आसन - इस दौयान उतकटासन सखासन औय उऩासना क सभम इसतभार होन वार आसन ककए जा सकत ह

अनतबोध चतनय दवारा सऩादित तरिदिवसीय मदराचचकितसा सि 29

समय- इस भदरा को सववधानसाय कछ दय तक कय सकत ह औय इस तीन स िाय फाय ककमा जा सकता ह ऱाभ- भगी भदरा कयत सभम अॊगठ क ऩोय औय अॊगशरमो क जोड़ ऩय दफाव ऩड़ता ह उतत दफाव क कायण शसयददम औय ददभागी ऩयशानी भ राब शभरता ह एतमपरशय चिककतसा क अनसाय उतत अॊगशरमो क अॊदय दाॊत औय सामनस क तरफ ॊद होत ह तजसक कायण हभ दाॊत औय सहनस योग भ बी राब शभरता ह ववशष- भाना जाता ह कक इस भदरा को कयन स सोिन औय सभझन की शततत का ववकास बी होता ह भगी भदरा शभगी क योचगमो क शरए फहत ही राबकायी ह

21 यमहररमदरा

ववचध -सवम परधभ आऩ अऩन दोनो हाथो की सफस छोटी अॊगरी अथामत कतनटठा को आऩस भ एक दसय क परथभ ऩोय स शभरा द इसी क साथ दोनो अॊगठ को बी आऩस भ शभरा द अफ तीन अॊगशरमाॊ फाकी यह जाएॊगी- भध मभा तजमनी औय अनाशभका इन तीनो अॊगशरमो को हथरी की ओय भोड़कय भटठी जसा फनाइए अॊगशरमो की इस तसथतत को मभ हरयभदरा कहत ह

अनतबोध चतनय दवारा सऩादित तरिदिवसीय मदराचचकितसा सि 30

ऱाभ - मभहरयभदरा क तनमशभत अभमास स नाडड़मो को शततत शभरती ह इस भदरा क तनयॊतय अभमास स ऩट क योग जस- कबज बख ना रगना औय तजगय की कभजोयी दय होती ह इस भदरा स तसतरमो क सतनो क साय योगो भ बी राब शभरता ह मभ हरयभदरा को परततददन 5 शभनट सफह औय 5 शभनट शाभ को कय आऩ इसक कयन का सभम फढ़ाकय 10 शभनट तक कय सकत ह परततददन कभ स कभ ऩाॊि भदराएॊ अऩनी सववधानसाय कयनी िादहए भदराओॊ स सबी योगो भ राब ऩामा जा सकता ह मदद उनका मोग शशक स ऩछकय तनमशभत अभमास ककमा जाए भदराएॊ खासकय उन रोगो क शरए पामदभॊद सातरफत होती ह जो मोगासन कयन भ असभथम ह

22 ऩषऩाजलऱ मदरा-

अनतबोध चतनय दवारा सऩादित तरिदिवसीय मदराचचकितसा सि 31

मह भहतवऩणम हसत मोग भदरा ह जस दआ भ हाथ उठात ह मा ऩटऩ अऩमण कयत ह तफ मह भदरा फनती ह जसा कक इसका नाभ ह ऩटऩाॊजशर इसी स मह शसदध होता ह कक मह भदरा ककस परकाय की होगी ववचध- दोनो हाथो की अॊगशरमो औय अॊगठ को आऩस भ शभरा भखणफदध को बी शभरा र कपय दोनो हाथो की छोटी अॊगशरमो को एक साथ शभराकय ऐसी आकतत फना र कक जस हभ ककसी बगवान को पर िढ़ात सभम फनात ह इस ही ऩटऩाॊजशर भदरा कहत ह

ऱाभ- ऩटऩाॊजरी भदरा क तनयॊतय अभमास स नीॊद अचछी तयह स आन रगती ह आतभववशवास फढ़ता ह

23 यज भदरा-

अनतबोध चतनय दवारा सऩादित तरिदिवसीय मदराचचकितसा सि 32

यज भदरा कवर तसतरमो क शरए ह ऐसा नहीॊ फतसक अगय ऩरष इस भदरा को कयत ह तो उनक वीमम सॊफॊधी सभसत योग दय हो जात ह ववचध- यज भदरा फनाना फहत ही आसान ह कतनटठा (छोटी अॊगरी) अॊगरी को हथरी की जड़ भ भोड़कय रगान स यज भदरा फन जाती ह ऱाभ- यज भदरा स तसतरमो क भाशसक धभम सॊफॊधी योग दय होत ह इसक अरवा शसय भ बायीऩन यहना छाती भ ददम ऩट ऩीठ कभय का ददम आदद योग बी यज भदरा कयन स दय हो जात ह सतरी क साय परजनन अॊगो की ऩयशातनमो को म भदरा तरफसकर दय कय दती ह

24 अदिती मदरा-

ववचध- अॊगठ क आग क बाग को अनाशभका (छोटी उॊगरी क साथ वारी उॊगरी) उॊगरी की जड़ भ टढ़ा रगान स अददती भदरा फन जाती ह

ऱाभ- इस भदरा को कयन स हय सभम उफासी आना जमादा छीॊक आना जस योगो को दय ककमा जा सकता ह

अनतबोध चतनय दवारा सऩादित तरिदिवसीय मदराचचकितसा सि 33

समय- अददती भदरा को ददन भ 3-4 फाय 15-15 शभनटो क शरए कय सकत ह

25 हसी मदरा-

जस हॊस नीय ीय वववक की साभथमम यखता ह वस इस भदरा क कयन स सोिन औय तवरयत तनणमम की भता फढती ह मदरा िी ववचध - सखासन मा उतकटासन भ फठकय अऩन हाथ की सबी सफस छोटी अॊगरी को छोड़कय अॊगशरमो को अॊगठ क आग क बाग को दफान स हॊसी भदरा फन जाती ह अवचध- इस भदरा को परयॊब भ 5-8 शभनट स कयक 30-48 शभनट तक कय सकत ह मदरा िा ऱाभ- इस भदरा तनमशभत अभमास स वववक फढ़ता ह अथामत इसस सोिन-सभझन की शततत फढ़ती ह औय इसस शयीय का बायीऩन सभापत हो जाता ह

अनतबोध चतनय दवारा सऩादित तरिदिवसीय मदराचचकितसा सि 34

ववशषता- भाना जाता ह कक इस भदरा का तनमशभत अभमास कयन स याजशसक ताकत फढ़ती ह औय वमततत धन सॊऩनन फना यहता ह सावधानी - इस भदरा को कयत सभम ककसी बी परकाय का भॊतर नहीॊ जऩना िादहए औय ना ही कोई अनम धाशभमक उऩकरभ कय

26 हसतऩात मदरा-

ववचध- इस भदरा को कयन क शरए आऩ अऩन दोनो हाथो की हथरी क ऩीछ क बाग को आऩस भ अॊगशरमो सदहत शभरा द इस आकतत को हसतऩात भदरा कहा जाता ह मह नभसकाय भदरा जसा ही ह रककन इसभ हथरी क ऩटठ बाग को शभरा ददमा जाता ह ऱाभ- इस हसतऩात भदरा को कयन स शवास औय गर क क साय योग भ फहत राब शभरता ह तजन तसतरमाॊ मदद इसका तनमशभत अभमास कयती ह तो इसस उनक सतन सड़ौर सॊदय औय सवसथ हो जात ह तजन तसतरमो क सतन छोट ह ढीर ह मा उनक सतनो भ दध नहीॊ आता ह तो मह भदरा उनक शरए फहत राबकायी शसदध हो सकती ह

27 धयान मदरा

ववचध- ऩदमासन भ फठकय फाएॊ हाथ की हथरी ऩय दाएॊ हाथ की हथरी को (उसट हाथ ऩय सीध हाथ को) हसक स यखन स धमान भदरा फनती ह| धमान यख कक इस भदरा भ शसय गदमन एवॊ यीढ़ की हडडी सीधी यह| आॊख औय होठ सहज स फनद यह| धमान अऩन इटटदव क सवरऩ ऩय दटकाएॊ अथवा कामोतसगम कय अथामत शयीय स

अनतबोध चतनय दवारा सऩादित तरिदिवसीय मदराचचकितसा सि 35

सभता यखत हए कछ दय क शरए वविाय यदहत अवसथा भ यहन का परमास कय| अटटाॊग मोग (मभ तनमभ पराणामाभ परतमाहाय धायणा धमान औय सभाचध) क एक अॊग lsquoधमानrsquo की साधना भ मह भदरा ववशष रऩ स सहामक शसदध हई ह| ऱाभ - जो वमततत ऩदमासन नहीॊ कय सकत उनह धमान भदरा सखासन मा सवतसतक अथवा ऩारथी आसन भ कयना िादहए| मह सहज भदरा ह| सहज धमान भदरा को साधायण वमततत अचधक रमफ सभम तक सयरता स कय सकता ह| इसस धमान भदरा क राब बी शभर जात ह| धमान भदरा भ मदद हथशरमाॊ एक दसय ऩय यखन क फाद दोनो हथशरमाॊ ऻान भदरा की तसथतत भ यखी जाएॊ तो धमान भदरा तथा ऻान भदरा क सतमभशरत राब क साथ ऩदमासन क राब बी शभर जात ह| साधक क शरए धमान भदरा भ सभम की कोई सीभा नहीॊ ह| रककन सहजता क साथ ऩदमासन कयन की भता क अनरऩ धमान भदरा का अभमास कयना िादहए| साधायण वमततत को इस धीय-धीय फढ़ात हए कभ-स-कभ २० शभनट स एक घॊट तक कयना िादहए| धमान भदरा न कय सकन की अवसथा भ सहज धमान भदरा कयक राब उठाना िादहए| भन की िॊिरता शाॊत होकय चितत की एकागरता फढ़ती ह| साततवक वविायो की उतऩततत होती ह औय परब बजन भ भन रगता ह|

धमान क परबाव स साधक को धमान की उचितय तसथतत भ ऩहॊिन भ सहामता शभरती ह| आतभ साातकाय औय ईश वय क साातकाय भ मह भदरा सहामक ह|

28 शामभवी मदरा-

आॉख खरी हो रककन आऩ दख नहीॊ सकत ऐसी तसथतत जफ सध जाती ह तो उस शामबवी भदरा कहत ह ऐसी तसथतत भ आऩ नीॊद का भजा बी र सकत ह मह फहत कदठन साधना ह इसक ठीक उसटा कक जफ आॉख फॊद हो तफ आऩ दख

अनतबोध चतनय दवारा सऩादित तरिदिवसीय मदराचचकितसा सि 36

सकत ह मह बी फहत कदठन साधना ह रककन मह दोनो ही सॊबव ह असॊबव कछ बी नहीॊ फहत स ऐस ऩश औय ऩी ह जो आॉख खोरकय ही सोत ह ववचध- मदद आऩन तराटक ककमा ह मा आऩ तराटक क फाय भ जानत ह तो आऩ इस भदरा को कय सकत ह सवमपरथभ शसदधासन भ फठकय यीढ़-गदमन सीधी यखत हए ऩरको को तरफना झऩकाएॉ दखत यह रककन धमान ककसी बी िीज को दखन ऩय ना यख ददभाग तरफसकर बीतय कहीॊ रगा हो

ऱाभ- शामबवी भदरा को कयन स ददर औय ददभाग को शाॊतत शभरती ह मोगी का धमान ददर भ तसथय होन रगता ह आॉख खरी यखकय बी वमततत नीॊद औय धमान का आनॊद र सकता ह इसक सधन स वमततत बत औय बववटम का ऻाता फन सकता ह सऱाह- शामबवी भदरा ऩयी तयह स तबी शसदध हो सकती ह जफ आऩकी आॉख खरी हो ऩय व ककसी बी िीज को न दख यही हो ऐसा सभझ की आऩ ककसी धन भ जी यह हो आऩको खमार होगा कक कबी-कबी आऩ कहीॊ बी दख यह होत ह रककन आऩका धमान कहीॊ ओय यहता ह समय- इस भदरा को शरआत भ तजतनी दय हो सक कय औय फाद भ धीय-धीय इसका अभमास फढ़ात जाएॉ

अनतबोध चतनय दवारा सऩादित तरिदिवसीय मदराचचकितसा सि 37

29 शकततचालऱनी मदरा- ववचध - आठ अॊगर रॊफा औय िाय अॊगर िौड़ा भरामभ वसतर रकय नाशब ऩय रगाएॊ औय कदटसतर भ फाॊध र| कपय शयीय भ बसभ यभाकय शसदधासन भ फठ औय पराण को अऩान स मतत कय| जफ तक गहम दवाय स िरती हई वाम परकाशशत न हो इस सभम तक गहम दवाय को सॊकचित यख| इसस वाम का जो तनयोध होता ह उसभ कमबक क दवाया कणडशरनी शततत जागरत होती हई सषमना भागम स ऊऩय जाकय खड़ी हो जाती ह| मोगभदरा स ऩहर इसका अभमास कयन ऩय ही मोतन भदरा की ऩणम शसवदध होती ह| ऱाभ - इस भदरा स कणडशरनी शततत का जागयण होता ह| जफ तक मह सोती ह तफ तक सबी आॊतरयक शतततमाॊ सपत ऩड़ी यहती ह| इसशरए कणडशरनी का जागरत होना साधक क शरए फहत आवशमक ह| पराण-अऩान को सॊमतत कयन की ककरमा पराणवाम को ऩयक दवाया बीतय खीॊिन औय उडडीमान फॊध स अऩान वाम को ऊऩय की ओय आकवषमत कयन स ऩणम होती ह| इसभ गहम परदश क सॊकोि औय ववसताय का अभमास होन स अचधक सयरता हो सकती ह| 30 तड़ागी मदरा- ववचध - दोनो ऩाॊवो को दणड क सभान धयती ऩय ऩसाय र औय हाथो स उनक अॊगठो को ऩकड़न तथा दोनो जाॊघो ऩय शसय को सथावऩत कय साथ ही उदय को तड़ाग (सयोवय) क सभान कय र| ऱाभ - मह भदरा अनक योगो औय वदधावसथा को बी दय कयन भ सहामक शसदध होती ह|

अनतबोध चतनय दवारा सऩादित तरिदिवसीय मदराचचकितसा सि 38

31 माणडवी मदरा- ववचध - भख को फॊद कयक जफान को तार भ घभाएॊ औय सहसराय स टऩकत हए सधायस को जफान स धीय-धीय ऩीन का मतन कय| मही भाणडवी (मा भाणडकी) भदरा ह| ऱाभ - इसक दवाया फारो की सपदी उनका झड़ना शयीय ऩय झरयममो भॊहासो आदद का ऩड़ना तथा तनफमरता आदद दय होकय चिय-मौवन की परातपत होती ह| इसस यसोतऩादन होकय अभततव की उऩरतबध होना सॊबव हो जाता ह| 32 ऩालशनी मदरा ववचध- दोनो ऩाॊवो को कॊ ठ क ऩीछ की ओय र जाकय उनह ऩयसऩय शभराएॊ औय ऩाश क सभान दढ़ता स फाॊध र| ऱाभ - इसक अभमास स बी कणडशरनी शततत क जागयण भ फहत सगभता हो जाती ह तथा साधक क शयीय भ फर औय ऩतटट का आववबामव होता ह| भानशसक फरवदधमन भ बी मह फहत दहतकय ह| 33 िािी मदरा-

काक कौए को कहत ह कौए की िोि जसी भॊह की भदरा फना रन को काकी भदरा कहा जाता ह ववचध ककसी बी आसन भ फठकय होठो को ऩतरी सी नरी क सभान भोड़कय कौए की िोि जसा फना र अफ नाक क अगर बाग को दखत हए अऩना ऩया धमान नाक ऩय दटका द इसक फाद भॊह स धीय-धीय गहयी शवास रकय होठो को फॊद कय द कछ दय फाद शवास को नाक स फाहय तनकार द इस तयह स 10

अनतबोध चतनय दवारा सऩादित तरिदिवसीय मदराचचकितसा सि 39

शभनट तक कय ऱाभ मह भदरा जहाॊ शयीय भ ठॊडक फढ़ाती ह वहीॊ मह कई योगो को दय कयन भ राबदामक ह इस भदरा का तनयॊतय अभमास कयन स शयीय भ अॊदय बोजन ऩिान की ककरमा तज हो जाती ह इसस अमरवऩतत का फढ़ना कभ हो जाता ह

34 मातचगनी मदरा-

भातॊग का अथम होता ह भघ भाॊ दगाम का एक रऩ ह भातॊगी मह दस भहाववदमा भ स नौवीॊ ववदमा ह भातॊग नाभ स एक धमान होता ह भॊतर होता ह औय एक हाथी का नाभ बी भातॊग ह ऋवष वशशटठ की ऩतनी का एक नाभ बी भातॊगी ह ऋवष कशमऩ की ऩतरी का नाभ बी भातॊगी ह तजसस हाथी उतऩनन हए थ ववचध शाॊत जगह भ ऩानी क अॊदय गर तक शयीय को डफो र औय कपय नाक स ऩानी को खीॊिकय उस भॊह स तनकार र कपय भॊह स ऩानी को खीॊिकय नाक स फाहय तनकार द इस ककरमा को ही भातॊचगनी भदरा कहत ह ऱाभ इस भदरा क अभमास स आॊखो की योशनी तज हो जाती ह शसय ददम भ मह भदरा अतमॊत राबकायी भानी जाती ह इसस नजरा-जकाभ आदद क योग बी दय हो जात ह इस भदरा क तनयॊतय अभमास स िहय ऩय िभक आ जाती ह औय फार बी सपद नहीॊ होत ह इस भदरा क शसदध हो जान ऩय वमततत भ ताकत फढ़ जाती ह

35 नभोमदरा

नब का अथम होता ह आकाश इस भदरा भ जीब को तार की ओय रगात ह इसीशरए इस नबोभदरा कहत ह नबोभदरा कयना सयर नहीॊ ह इस ककसी मोग

अनतबोध चतनय दवारा सऩादित तरिदिवसीय मदराचचकितसा सि 40

शशक स सीखकय ही कयना िादहए मह भदरा फहत स योगो भ राबदामक शसदध हई ह इस फाय भ एक शरोक बी ह- मतर मतर तसथतो मोगी सवमकामष सवमदा उधवमतजवह तसथयो बतवाधायमतभवनॊ सदा नबोभदरा भवदषा मोदववना योग नाशशनी अथामत साय कामो भ तसथय हआ चितत अऩनी जीब क अगर बाग को भॊह क अॊदय तार भ रगाकय शवास को अॊदय योक रता ह इस तसथतत स विारयक गततववचधमाॊ ततकार फॊद हो जाती ह इसीशरए इस भदरा को यहसम का आबास ददरान वारी भदरा बी कहा जाता ह ववचध- अऩनी आॊखो को अऩनी दोनो बौहो क फीि भ जभाकय आऩकी जीब तार क साथ रगा र मह दोनो कामम एक ही साथ औय एक ही सभम भ कय सववधानसाय जफ तक सॊबव हो इसी तसथतत भ यह औय कपय कछ शभनट का धमान कय ऱाभ- नबोभदरा क तनयॊतय अभमास स जीब गर औय आॊखो क साय योग सभापत हो जात ह इसस भतसतटक भ तसथयता फढ़ती ह औय भतसतटक क योग बी दय हो जात ह

36 नालसिागर मदरा -

नाशसकागर भदरा का अथम होता ह नाक का आखखयी छोय ऊऩयी दहससा मा अगरबाग इस बाग ऩय फायी-फायी स सॊतरन फनान हए दखना ही नाकककागर भदरा मोग कहराता ह रककन मह भदरा कयन स ऩहर मोग शशक की सराह जरय र तमोकक इसक कयन स बकटी ऩय जोय ऩड़ता ह

अनतबोध चतनय दवारा सऩादित तरिदिवसीय मदराचचकितसा सि 41

ववचध- ककसी बी आसन भ फठकय नाक क आखखयी शसय ऩय नजय दटका र हो सकता ह कक ऩहर आऩ फाई आॊखो स उस दख ऩाएॊ तफ कछ दय फाद दाई आॊखो स दख इस दखन भ जया बी तनाव न हो सहजता स इस दख

ऱाभ- इसस जहाॊ आॊखो की एतसयसाइज होती ह वहीॊ मह भतसतटक क शरए बी राबदामक ह इसस भन भ एकागरता फढ़ती ह इस भदरा क रगाताय अभमास कयन स भराधाय िकर जागरत होन रगता ह तजसस कणडरीनी जागयण भ भदद शभरती ह इसस भराधाय िकर इसशरए जागरत होता ह तमोकक दोनो आॊखो क फीि ही तसथत ह इड़ा वऩ ॊगरा औय सषमना नाड़ी जो भराधाय तक गई ह समय- इस भदरा को इतनी दय तक कयना िादहए कक आॊखो ऩय इसका जमादा दफाव नहीॊ ऩड़ कपय धीय-धीय इस कयन का सभम फढ़ात जाएॊ

37 बरहम आसन मदरा-

कछ रोग इस बरहभा भदरा बी कहत ह तमोकक इस आसन भ गदमन को िाय ददशा भ घभामा जाता ह औय बरहभाजी क िाय भख थ इसीशरए इसका नाभ बरहभा भदरा आसन यखा गमा रककन असर भ मह बरहभ भदरा आसन ह औय इसभ सबी ददशाओॊ भ तसथत ऩयभशवय को जानकय उसका चिॊतन ककमा जाता ह नभाज ऩढ़त वतत मा सॊधमा वॊदन कयत वतत उतत भदरासन को ककमा जाता यहा ह ववचध- ऩदमासन शसदधासन मा वजरासन भ फठकय कभय तथा गदमन को सीधा यखत हए गदमन को धीय-धीय दामीॊ ओय र जात ह कछ सकॊ ड दामीॊ ओय रकत ह उसक फाद गदमन को धीय-धीय फामीॊ ओय र जात ह कछ सकॊ ड तक फामीॊ ओय रककय कपय दामीॊ ओय र जात ह कपय वाऩस आन क फाद गदमन को ऊऩय की ओय र जात ह उसक फाद नीि की तयप र जात ह कपय गदमन को तराकवाइज

अनतबोध चतनय दवारा सऩादित तरिदिवसीय मदराचचकितसा सि 42

औय एॊटीतराकवाइज घभाएॉ इस तयह मह एक िकर ऩया हआ अऩनी सववधानसाय इस िाय स ऩाॉि िकरो भ कय सकत ह

ऱाभ तजन रोगो को सवामइकर सऩोडराइदटस थाइयाइड नराॊटस की शशकामत ह उनक शरए मह आसन राबदामक ह इसस गदमन की भाॉसऩशशमाॉ रिीरी तथा भजफत होती ह आधमाततभक दतटट स बी मह आसन राबदामक ह आरसम बी कभ होता जाता ह तथा फदरत भौसभ क सदी-जकाभ औय खाॉसी स छटकाया बी शभरता ह

सावधाननया तजनह सवामइकर सऩोडराइदटस मा थाइयाइड की सभसमा ह व ठोडी को ऊऩय की ओय दफाएॉ गदमन को नीि की ओय र जात सभम कॊ ध न झकाएॉ कभय गदमन औय कॊ ध सीध यख गदमन मा गर भ कोई गॊबीय योग हो तो मोग चिककतसक की सराह स ही मह भदराआसन कय

38 भजचगनी मदरा- ववचध- इसभ भख को पराकय कॊ ठ स फाहयी वाम खीॊिी जाती ह| तार औय तजहवा क भधम वाम क घभन स शयीय भ अदभत शततत का आववबामव होता ह|

ऱाभ- मह भदरा अजीणम आदद उदय योगो को नटट कयन भ बी फहत उऩमोगी ह| इस परकाय भदराओॊ क अभमास स साधक को सफ परकाय क शायीरयक भानशसक औय आततभक फर की परातपत होती ह| मोगािामो क अनसाय lsquoनातसत भदरासनककॊ चित शसवदधदॊकषततभणडर (घयणड सॊदहता)rsquo अथामत भदराओॊ क सभान शसवदधदामक कोई अनम साधन ब-भॊडर ऩय नहीॊ ह| इसशरए मोगशसवदध क आकाॊीजनो को भदराओॊ का अभमास कयना शरमसकय ह|

अनतबोध चतनय दवारा सऩादित तरिदिवसीय मदराचचकितसा सि 43

39 खचरी मदरा-

भनटम की जीब (तजहवा) दो तयह की होती ह- रॊफी औय छोटी रॊफी जीब को सऩमतजहवा कहत ह कछ रोगो की जीब रॊफी होन स व उस आसानी स नाशसकागर ऩय रगा सकत ह औय खियी-भदरा कय सकत ह भगय तजसकी जीब छोटी होती ह उस तकरीपो का साभना कयना ऩड़ता ह सफस ऩहर उनह अऩनी जीब रॊफी कयनी ऩड़ती ह औय उसक शरए घषमण व दोहन का सहाया रना ऩड़ता ह जीब नीि की ओय स तजस नाड़ी स जड़ी होती ह उस काटना ऩड़ता ह खियी भदरा को शसदध कयन एवॊ अभत क सराव हत आवशमक उददीऩन भ कछ वषम बी रग सकत ह मह वमततत की मोनमता ऩय बी तनबमय कयता ह मोग भ कछ भदराएॊ ऐसी ह तजनह शसपम मोगी ही कयत ह साभानमजनो को इनह नहीॊ कयना िादहए खियी भदरा साधको क शरए भानी गई ह ववचध - इसक शरए जीब औय तार को जोड़न वार भाॊस-तॊत को धीय-धीय काटा जाता ह अथामत एक ददन जौ बय काटकय छोड़ ददमा जाता ह कपय तीन-िाय ददन फाद थोड़ा-सा औय काट ददमा जाता ह इस परकाय थोड़ा-थोड़ा काटन स उस सथान की यतत शशयाएॊ अऩना सथान बीतय की तयप फनाती जाती ह जीब को काटन क साथ ही परततददन धीय-धीय फाहय की तयप खीॊिन का अभमास ककमा जाता ह इसका अभमास कयन स कछ भहीनो भ जीब इतनी रॊफी हो जाती ह कक मदद उस ऊऩय की तयप रौटा (उसटा कयन) ददमा जाए तो वह शवास जान वार छदो को बीतय स फॊद कय दती ह इसस सभाचध क सभम शवास का आना-जाना ऩणमत योक ददमा जाता ह ऱाभ इस भदरा स पराणामाभ को शसदध कयन औय साभचध रगान भ ववशष सहामता शभरती ह साधनायत साधओॊ क शरए मह भदरा फहत ही राबदामी भानी

अनतबोध चतनय दवारा सऩादित तरिदिवसीय मदराचचकितसा सि 44

जाती ह ववशषता तनयॊतय अभमास कयत यहन स तजफ जफ रॊफी हो जाती ह तफ उस नाशसका यनरो भ परवश कयामा जा सकता ह इस परकाय धमान रगान स कऩार भागम एवॊ तरफ ॊद ववसगम स सॊफॊचधत कछ गरॊचथमो भ उददीऩन होता ह तजसक ऩरयणाभसवरऩ अभत का सराव आयॊब होता ह उसी अभत का सराव होत वतत एक ववशष परकाय का आधमाततभक अनबव होता ह इस अनबव स शसवदध औय सभाचध भ तजी स परगतत होती ह चतावनी मह आरख शसपम जानकायी हत ह कोई बी वमततत इस ऩढ़कय कयन का परमास न कय तमोकक मह शसपम साधको क शरए ह आभ रोगो क शरए नहीॊ

40 अकzwj वनी मदरा- इस भदरा स साधक भ घोड़ो जसी शततत आ जाती ह तजस lsquoहॉसम ऩॉवयrsquo कहत ह|

ववचध - इस भदरा भ गदा-दवाय का फाय-फाय सॊकोिन औय परसाय ककमा जाता ह| इसी स भदरा की शसवदध हो जाती ह| इसक दवाया कणडशरनी जागयण भ सगभता यहती ह औय अनक योग नटट होकय शायीरयक फर की ववदध होती ह|

ऱाभ - अतश वनी भदरा शसदध होन स साधक की अकारभतम कबी नहीॊ होती| गदा औय उदय स सॊफॊचधत योगो का इसक दवाया शभन होता ह तथा दीघमजीवन की उऩरतबध होती ह| तरफना भरफॊध क अतश वनी भदरा नहीॊ हो सकती| 41 बजरौऱी मदरा- फजरौरी भदरा बी भरफॊध का अचछा अभमास ककए तरफना ककसी परकाय सॊबव नहीॊ ह| मह भदरा कवर मोगी क शरए ही नहीॊ बोगी क शरए बी अतमॊत राबकायी ह|

अनतबोध चतनय दवारा सऩादित तरिदिवसीय मदराचचकितसा सि 45

ववचध - इस भदरा भ ऩहर दोनो ऩाॊवो को बशभ ऩय दढ़ताऩवमक दटकाकय दोनो ऩाॊवो को धीय-धीय दढ़ताऩवमक ऊऩय आकाश भ उठा द| इसस तरफॊद-शसवदध होती ह| शकर को धीय-धीय ऊऩय की आकॊ िन कय अथामत इॊददरम क आॊकिन क दवाया वीमम को ऊऩय की ओय खीॊिन का अभमास कय तो मह भदरा शसदध होती ह| ववदवानो का भत ह कक इस भदरा क अभमास भ सतरी का होना आवशमक ह तमोकक बग भ ऩततत होता हआ शकर ऊऩय की ओय खीॊि र तो यज औय वीमम दोनो ही िढ़ जात ह| मह ककरमा अभमास स ही शसदध होती ह| कछ मोगािामम इस परकाय का अभमास शकर क सथान ऩय दनध स कयना फतात ह| जफ दनध खीॊिन का अभमास शसदध हो जाए तफ शकर को खीॊिन का अभमास कयना िादहए| वीमम को ऊऩय खीॊिनवारा मोगी ही ऊधवमयता कहराता ह| ऱाभ - इस भदरा स शयीय रटट-ऩटट तजसवी सॊदय सडौर औय जया-भतम यदहत होता ह| शयीय क सबी अवमव दढ़ होकय भन भ तनश िरता की परातपत होती ह| इसका अभमास अचधक कदठन नहीॊ ह| मदद गहसथ बी इसक कय तो फरवदधमन औय सौदममवदधमन का ऩया राब परापत कय सकत ह चतावनी मह आरख शसपम जानकायी हत ह कोई बी वमततत इस ऩढ़कय कयन का परमास न कय तमोकक मह शसपम साधको क शरए ह आभ रोगो क शरए नहीॊ

साधना कयनवार वमततत क शरए मह आवशमक ह कक वह साधना भ कातमक वाचिक औय भानशसक ककरमाओॊ ऩय ऩया तनमॊतरण यख तथा सभम-सभम ऩय उचित ताॊतरतरक परककरमाओॊ का बी सभनवम कयता यह| इस दतटट स तजस परकाय आसन ऩातरासादन अिमन आदद भ ककरमाओॊ का ववधान ह उसी परकाय उनक साथ कछ भदरा फनान का ववधान ह| म भदराएॊ भखम रऩ-स हाथ औय उसकी उॊगशरमो क परमोग स फनती ह| जस हभाया शयीय ऩॊिततवभम ह| अत शासतरकायो न कहा ह कक इन उॊगशरमो क परमोग स इन ततवो की नमनाचधकता दय की जा

अनतबोध चतनय दवारा सऩादित तरिदिवसीय मदराचचकितसा सि 46

सकती ह तथा ततवो की सभता-ववषभता स होनवारी कभी को उॊगशरमो की भदरा स सभ फनामा जा सकता ह| इतना ही नहीॊ ऐसी भदराओॊ क सहमोग स उन ततवो को सवचछाऩवमक घटामा-फढ़ामा बी जा सकता ह| म ततव करभश अॊगटठ भ अतनन तजमनी भ वाम भधमभा भ आकाश अनाशभका भ ऩथवी औय कतनतटठका भ जर क रऩ भ ववदमभान यहत ह| दवताओॊ की परसननता चितत की शवदध औय ववववध योगो क नाश भ भदराओॊ स फड़ी सहामता शभरती ह| भदराततव को सभझकय परतमक मोगी को इनका साधन कयना िादहए| कणडशरनी शततत क जागयण भ इन भदराओॊ स सहामता शभरती ह| महाॊ हभन तजन भदराओॊ का वणमन एवॊ चितरण ककमा ह उसभ परतमक मोगी साधक को ऩरयचित होना िादहए|

अनतबोध चतनय दवारा सऩादित तरिदिवसीय मदराचचकितसा सि 47

मोग अनसाय आसन औय पराणामाभ की तसथतत को भदरा कहा जाता ह फॊध ककरमा औय भदरा भ आसन औय पराणामाभ दोनो का ही कामम होता ह मोग भ भदराओॊ को आसन औय पराणामाभ स बी फढ़कय भाना जाता ह भदरा दो तयह की होती ह- ऩहरी हसत भदरा अथामत हाथो औय उसकी अॊगशरमो को ववशष आकतत भ फनाना औय दसयी आसन भदरा अथामत तजसभ ऩया शयीय ही सॊिाशरत होता ह

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अनतबोध चतनय दवारा सऩादित तरिदिवसीय मदराचचकितसा सि 23

17 शख मदरा-

ववचध - फाएॊ हाथ क अॊगठ को दोनो हाथ की भटठी भ फॊद कयक फाएॊ हाथ की तजमनी उॊगरी को दादहन हाथ क अॊगठ स शभरान स शॊख भदरा फनती ह| इस भदरा भ फाएॊ हाथ की फाकी तीन उॊगशरमो क ऩास भ सटाकय दाएॊ हाथ की फॊद उॊगशरमो ऩय हसका-सा दफाव ददमा जाता ह| इसी परकाय हाथ फदरकय अथामत दाएॊ हाथ क अॊगठ को फाएॊ हाथ की भटठी भ फॊद कयक शॊख भदरा फनाई जाती ह| इस भदरा भ ऱाभ - अॊगठ का दफाव हथरी क फीि क बाग ऩय औय भटठी की तीन उॊगशरमो का दफाव शकर ऩवमत ऩय ऩड़ता ह तजसस हथरी भ तसथत नाशब औय थाइयॉइड (ऩतसरका) गरॊचथ क क दर दफत ह| ऩरयणाभसवरऩ नाशब औय थाइयॉइड गरॊचथ क ववकाय ठीक होत ह|

अनतबोध चतनय दवारा सऩादित तरिदिवसीय मदराचचकितसा सि 24

शॊख भदरा का नाशब िकर स तनकट का सॊबॊध ह इसशरए शायीय क सनामतॊतर ऩय ववशष कामम कयती ह अत अनत औय फाहम सवासथम भ फहत राबकायी ह

मह ऩािन तॊतर को उततभ फनाती ह

तनमशभत कयन स बख फढान भ भदद शभरती ह

मह भदरा फोरत सभम उचिायण क दोषो को दय कयन भ फहत परबावी ह जस ततराना हकराना आदद दोष तनमभतत परमोग स दय हो जात ह

सॊगीत की साधना कयन वारो क शरए ववशश राबकायी ह वाणी को भधय फनाती ह

मह भदरा ऩजन भ बी परमतत होती ह| इसका परमोग रॊफ सभम तक ककमा जा सकता ह| इस भदरा का नाशबिकर स ववशष समफनध ह तजसक कायण नाशब स सॊफॊचधत शयीय की नाडड़मो ऩय सकषभ औय सवासथमवधमक परबाव ऩड़ता ह तथा सनामभणडर शतततशारी फनती ह|

अनतबोध चतनय दवारा सऩादित तरिदिवसीय मदराचचकितसा सि 25

18 योनन मदरा-

मौचगक दतटट स अऩन अॊदय कई परकाय क यहसम तछऩाए यखनवारी भदरा का वासतववक नाभ lsquoमोतन भदराrsquo ह| तत मोग क अनसाय कवर हाथो की उॊगशरमो स भहाशततत बगवती की परसननता क शरए मोतन भदरा परदशशमत कयन की आऻा ह| परतम रऩ स इसका परबाव रॊफी मोग साधना क अॊतगमत तॊतर-भॊतर-मॊतर साधना स बी दतटटगोिय होता ह| इस भदरा क तनयॊतय अभमास स साधक की पराण-अऩान वाम को शभरा दनवारी भरफॊध ककरमा को बी साथ कयन स जो तसथतत फनती ह उस ही मोतन भदरा की सॊऻा दी ह| मह फड़ी िभतकायी भदरा ह| ऩदमासन की तसथतत भ फठकय दोनो हाथो की उॊगशरमो स मोतन भदरा फनाकय औय ऩवम भरफॊध की तसथतत भ सममक बाव स तसथत होकय पराण-अऩान को शभरान की परफर बावना क साथ भराधाय सथान ऩय मौचगक सॊमभ कयन स कई परकाय की शसवदधमाॊ परापत हो जाती ह|

अनतबोध चतनय दवारा सऩादित तरिदिवसीय मदराचचकितसा सि 26

ऋवषमो का भत ह कक तजस मोगी को उऩयोतत तसथतत भ मोतन भदरा का रगाताय अभमास कयत-कयत शसवदध परापत हो गई ह उसका शयीय साधनावसथा भ बशभ स आसन सदहत ऊऩय अधय भ तसथत हो जाता ह| सॊबवत इसी कायण आदद शॊकयािाममजी न अऩन मोग यतनावरी नाभक ववशष गरॊथ भ भरफॊध का उसरख ववशष रऩ स ककमा ह|

19 धन मदरा -

बायतीम ऩयॊऩया भ धन गाम को कहा जाता ह औय मह दहनद धभम क साततवक औय भहानता का परतीक ह धन भदरा फनात सभम हाथो की उॊगशरमा गाम क थनो जसी हो जाती ह जस गाम क थनो स दध ऩीकय शयीय ऩटट फनता ह वस ही धन भदरा कयन स बी शयीय रटट ऩटट फनता ह

ववचध - अनमोनमाशबभखॊ तशरटटाकतनटठानाशभका ऩन

अनतबोध चतनय दवारा सऩादित तरिदिवसीय मदराचचकितसा सि 27

तथा ि तजमतनभधमा धन भदरा अभत परदा ( कारी तॊतर )

अऩन दोनो हाथो की अॊगशरमो क ऩोयो को एक साथ शभरा र कपय फाम हाथ की तजमनी ऊॊ गरी को दाएॊ हाथ की फीि वारी उॊगरी स छआए इसक फाद दाएॊ हाथ की तजमनी उॊगरी को फाम हाथ की फीि वारी उॊगरी स छआम ऐस ही फाम हाथ की अनाशभका उॊगरी को दाएॊ हाथ की सफस छोटी उॊगरी स शभराएॊ अॉगठो को खरा छोड़ द हाथ की अॊगशरमो को नीि की तयप कयन स अॊगशरमो की आकतत गाम क धनो जसी हो जाती ह इसी कायण इस धन भदरा कहत ह

सभम - इस भदरा का अभमास धीय धीय फढ़ाए ऩहर 1 स 15 शभतनट औय फाद भ 15 स 30 तथा जफ अचछी तयह मह भदरा अभमास भ आ जाए तफ इस भदरा को 45 शभतनट तक कय सकत ह

राब - धन भदरा स ऩािन तॊतर भजफत होता ह औय शयीय ताकतवय व सवसथ फनता ह मह ऩट क योगो क शरए याभफाण भदरा ह मोग साधना भ फहत ही उऩमोगी भदरा कहराती ह तॊतर एवॊ कभमकाॊड भ बी धन भदरा का परमोग ह ह ऩयानी भानमता क अनसाय मह अभत ततव को दन वारी भदरा ह मह भदरा वात वऩतत तथा कप को सॊतशरत कयती ह

अनतबोध चतनय दवारा सऩादित तरिदिवसीय मदराचचकितसा सि 28

20 मगी मदरा-

भग दहयन को कहा जाता ह मऻ क दौयान होभ की जान वारी साभगरी को इसी भदरा भ होभ ककमा जाता ह पराणामाभ ककए जान क दौयान बी इस भदरा का उऩमोग होता ह धमान कयत वतत बी इस भदरा का इसतभार ककमा जाता ह मह भदरा फनात वतत हाथ की आकतत भग क शसय क सभान हो जाती ह इसीशरए इस भगी भदरा कहा जाता ह मह एक हसत भदरा ह ववचध अऩन हाथ की अनाशभका औय भधमभा अॊगरी को अॊगठ क आग क बाग को छआ कय फाकी फिी तजमनी औय कतनटठा अॊगरी को सीधा तान दन स भगी भदरा फन जाती ह योग आसन - इस दौयान उतकटासन सखासन औय उऩासना क सभम इसतभार होन वार आसन ककए जा सकत ह

अनतबोध चतनय दवारा सऩादित तरिदिवसीय मदराचचकितसा सि 29

समय- इस भदरा को सववधानसाय कछ दय तक कय सकत ह औय इस तीन स िाय फाय ककमा जा सकता ह ऱाभ- भगी भदरा कयत सभम अॊगठ क ऩोय औय अॊगशरमो क जोड़ ऩय दफाव ऩड़ता ह उतत दफाव क कायण शसयददम औय ददभागी ऩयशानी भ राब शभरता ह एतमपरशय चिककतसा क अनसाय उतत अॊगशरमो क अॊदय दाॊत औय सामनस क तरफ ॊद होत ह तजसक कायण हभ दाॊत औय सहनस योग भ बी राब शभरता ह ववशष- भाना जाता ह कक इस भदरा को कयन स सोिन औय सभझन की शततत का ववकास बी होता ह भगी भदरा शभगी क योचगमो क शरए फहत ही राबकायी ह

21 यमहररमदरा

ववचध -सवम परधभ आऩ अऩन दोनो हाथो की सफस छोटी अॊगरी अथामत कतनटठा को आऩस भ एक दसय क परथभ ऩोय स शभरा द इसी क साथ दोनो अॊगठ को बी आऩस भ शभरा द अफ तीन अॊगशरमाॊ फाकी यह जाएॊगी- भध मभा तजमनी औय अनाशभका इन तीनो अॊगशरमो को हथरी की ओय भोड़कय भटठी जसा फनाइए अॊगशरमो की इस तसथतत को मभ हरयभदरा कहत ह

अनतबोध चतनय दवारा सऩादित तरिदिवसीय मदराचचकितसा सि 30

ऱाभ - मभहरयभदरा क तनमशभत अभमास स नाडड़मो को शततत शभरती ह इस भदरा क तनयॊतय अभमास स ऩट क योग जस- कबज बख ना रगना औय तजगय की कभजोयी दय होती ह इस भदरा स तसतरमो क सतनो क साय योगो भ बी राब शभरता ह मभ हरयभदरा को परततददन 5 शभनट सफह औय 5 शभनट शाभ को कय आऩ इसक कयन का सभम फढ़ाकय 10 शभनट तक कय सकत ह परततददन कभ स कभ ऩाॊि भदराएॊ अऩनी सववधानसाय कयनी िादहए भदराओॊ स सबी योगो भ राब ऩामा जा सकता ह मदद उनका मोग शशक स ऩछकय तनमशभत अभमास ककमा जाए भदराएॊ खासकय उन रोगो क शरए पामदभॊद सातरफत होती ह जो मोगासन कयन भ असभथम ह

22 ऩषऩाजलऱ मदरा-

अनतबोध चतनय दवारा सऩादित तरिदिवसीय मदराचचकितसा सि 31

मह भहतवऩणम हसत मोग भदरा ह जस दआ भ हाथ उठात ह मा ऩटऩ अऩमण कयत ह तफ मह भदरा फनती ह जसा कक इसका नाभ ह ऩटऩाॊजशर इसी स मह शसदध होता ह कक मह भदरा ककस परकाय की होगी ववचध- दोनो हाथो की अॊगशरमो औय अॊगठ को आऩस भ शभरा भखणफदध को बी शभरा र कपय दोनो हाथो की छोटी अॊगशरमो को एक साथ शभराकय ऐसी आकतत फना र कक जस हभ ककसी बगवान को पर िढ़ात सभम फनात ह इस ही ऩटऩाॊजशर भदरा कहत ह

ऱाभ- ऩटऩाॊजरी भदरा क तनयॊतय अभमास स नीॊद अचछी तयह स आन रगती ह आतभववशवास फढ़ता ह

23 यज भदरा-

अनतबोध चतनय दवारा सऩादित तरिदिवसीय मदराचचकितसा सि 32

यज भदरा कवर तसतरमो क शरए ह ऐसा नहीॊ फतसक अगय ऩरष इस भदरा को कयत ह तो उनक वीमम सॊफॊधी सभसत योग दय हो जात ह ववचध- यज भदरा फनाना फहत ही आसान ह कतनटठा (छोटी अॊगरी) अॊगरी को हथरी की जड़ भ भोड़कय रगान स यज भदरा फन जाती ह ऱाभ- यज भदरा स तसतरमो क भाशसक धभम सॊफॊधी योग दय होत ह इसक अरवा शसय भ बायीऩन यहना छाती भ ददम ऩट ऩीठ कभय का ददम आदद योग बी यज भदरा कयन स दय हो जात ह सतरी क साय परजनन अॊगो की ऩयशातनमो को म भदरा तरफसकर दय कय दती ह

24 अदिती मदरा-

ववचध- अॊगठ क आग क बाग को अनाशभका (छोटी उॊगरी क साथ वारी उॊगरी) उॊगरी की जड़ भ टढ़ा रगान स अददती भदरा फन जाती ह

ऱाभ- इस भदरा को कयन स हय सभम उफासी आना जमादा छीॊक आना जस योगो को दय ककमा जा सकता ह

अनतबोध चतनय दवारा सऩादित तरिदिवसीय मदराचचकितसा सि 33

समय- अददती भदरा को ददन भ 3-4 फाय 15-15 शभनटो क शरए कय सकत ह

25 हसी मदरा-

जस हॊस नीय ीय वववक की साभथमम यखता ह वस इस भदरा क कयन स सोिन औय तवरयत तनणमम की भता फढती ह मदरा िी ववचध - सखासन मा उतकटासन भ फठकय अऩन हाथ की सबी सफस छोटी अॊगरी को छोड़कय अॊगशरमो को अॊगठ क आग क बाग को दफान स हॊसी भदरा फन जाती ह अवचध- इस भदरा को परयॊब भ 5-8 शभनट स कयक 30-48 शभनट तक कय सकत ह मदरा िा ऱाभ- इस भदरा तनमशभत अभमास स वववक फढ़ता ह अथामत इसस सोिन-सभझन की शततत फढ़ती ह औय इसस शयीय का बायीऩन सभापत हो जाता ह

अनतबोध चतनय दवारा सऩादित तरिदिवसीय मदराचचकितसा सि 34

ववशषता- भाना जाता ह कक इस भदरा का तनमशभत अभमास कयन स याजशसक ताकत फढ़ती ह औय वमततत धन सॊऩनन फना यहता ह सावधानी - इस भदरा को कयत सभम ककसी बी परकाय का भॊतर नहीॊ जऩना िादहए औय ना ही कोई अनम धाशभमक उऩकरभ कय

26 हसतऩात मदरा-

ववचध- इस भदरा को कयन क शरए आऩ अऩन दोनो हाथो की हथरी क ऩीछ क बाग को आऩस भ अॊगशरमो सदहत शभरा द इस आकतत को हसतऩात भदरा कहा जाता ह मह नभसकाय भदरा जसा ही ह रककन इसभ हथरी क ऩटठ बाग को शभरा ददमा जाता ह ऱाभ- इस हसतऩात भदरा को कयन स शवास औय गर क क साय योग भ फहत राब शभरता ह तजन तसतरमाॊ मदद इसका तनमशभत अभमास कयती ह तो इसस उनक सतन सड़ौर सॊदय औय सवसथ हो जात ह तजन तसतरमो क सतन छोट ह ढीर ह मा उनक सतनो भ दध नहीॊ आता ह तो मह भदरा उनक शरए फहत राबकायी शसदध हो सकती ह

27 धयान मदरा

ववचध- ऩदमासन भ फठकय फाएॊ हाथ की हथरी ऩय दाएॊ हाथ की हथरी को (उसट हाथ ऩय सीध हाथ को) हसक स यखन स धमान भदरा फनती ह| धमान यख कक इस भदरा भ शसय गदमन एवॊ यीढ़ की हडडी सीधी यह| आॊख औय होठ सहज स फनद यह| धमान अऩन इटटदव क सवरऩ ऩय दटकाएॊ अथवा कामोतसगम कय अथामत शयीय स

अनतबोध चतनय दवारा सऩादित तरिदिवसीय मदराचचकितसा सि 35

सभता यखत हए कछ दय क शरए वविाय यदहत अवसथा भ यहन का परमास कय| अटटाॊग मोग (मभ तनमभ पराणामाभ परतमाहाय धायणा धमान औय सभाचध) क एक अॊग lsquoधमानrsquo की साधना भ मह भदरा ववशष रऩ स सहामक शसदध हई ह| ऱाभ - जो वमततत ऩदमासन नहीॊ कय सकत उनह धमान भदरा सखासन मा सवतसतक अथवा ऩारथी आसन भ कयना िादहए| मह सहज भदरा ह| सहज धमान भदरा को साधायण वमततत अचधक रमफ सभम तक सयरता स कय सकता ह| इसस धमान भदरा क राब बी शभर जात ह| धमान भदरा भ मदद हथशरमाॊ एक दसय ऩय यखन क फाद दोनो हथशरमाॊ ऻान भदरा की तसथतत भ यखी जाएॊ तो धमान भदरा तथा ऻान भदरा क सतमभशरत राब क साथ ऩदमासन क राब बी शभर जात ह| साधक क शरए धमान भदरा भ सभम की कोई सीभा नहीॊ ह| रककन सहजता क साथ ऩदमासन कयन की भता क अनरऩ धमान भदरा का अभमास कयना िादहए| साधायण वमततत को इस धीय-धीय फढ़ात हए कभ-स-कभ २० शभनट स एक घॊट तक कयना िादहए| धमान भदरा न कय सकन की अवसथा भ सहज धमान भदरा कयक राब उठाना िादहए| भन की िॊिरता शाॊत होकय चितत की एकागरता फढ़ती ह| साततवक वविायो की उतऩततत होती ह औय परब बजन भ भन रगता ह|

धमान क परबाव स साधक को धमान की उचितय तसथतत भ ऩहॊिन भ सहामता शभरती ह| आतभ साातकाय औय ईश वय क साातकाय भ मह भदरा सहामक ह|

28 शामभवी मदरा-

आॉख खरी हो रककन आऩ दख नहीॊ सकत ऐसी तसथतत जफ सध जाती ह तो उस शामबवी भदरा कहत ह ऐसी तसथतत भ आऩ नीॊद का भजा बी र सकत ह मह फहत कदठन साधना ह इसक ठीक उसटा कक जफ आॉख फॊद हो तफ आऩ दख

अनतबोध चतनय दवारा सऩादित तरिदिवसीय मदराचचकितसा सि 36

सकत ह मह बी फहत कदठन साधना ह रककन मह दोनो ही सॊबव ह असॊबव कछ बी नहीॊ फहत स ऐस ऩश औय ऩी ह जो आॉख खोरकय ही सोत ह ववचध- मदद आऩन तराटक ककमा ह मा आऩ तराटक क फाय भ जानत ह तो आऩ इस भदरा को कय सकत ह सवमपरथभ शसदधासन भ फठकय यीढ़-गदमन सीधी यखत हए ऩरको को तरफना झऩकाएॉ दखत यह रककन धमान ककसी बी िीज को दखन ऩय ना यख ददभाग तरफसकर बीतय कहीॊ रगा हो

ऱाभ- शामबवी भदरा को कयन स ददर औय ददभाग को शाॊतत शभरती ह मोगी का धमान ददर भ तसथय होन रगता ह आॉख खरी यखकय बी वमततत नीॊद औय धमान का आनॊद र सकता ह इसक सधन स वमततत बत औय बववटम का ऻाता फन सकता ह सऱाह- शामबवी भदरा ऩयी तयह स तबी शसदध हो सकती ह जफ आऩकी आॉख खरी हो ऩय व ककसी बी िीज को न दख यही हो ऐसा सभझ की आऩ ककसी धन भ जी यह हो आऩको खमार होगा कक कबी-कबी आऩ कहीॊ बी दख यह होत ह रककन आऩका धमान कहीॊ ओय यहता ह समय- इस भदरा को शरआत भ तजतनी दय हो सक कय औय फाद भ धीय-धीय इसका अभमास फढ़ात जाएॉ

अनतबोध चतनय दवारा सऩादित तरिदिवसीय मदराचचकितसा सि 37

29 शकततचालऱनी मदरा- ववचध - आठ अॊगर रॊफा औय िाय अॊगर िौड़ा भरामभ वसतर रकय नाशब ऩय रगाएॊ औय कदटसतर भ फाॊध र| कपय शयीय भ बसभ यभाकय शसदधासन भ फठ औय पराण को अऩान स मतत कय| जफ तक गहम दवाय स िरती हई वाम परकाशशत न हो इस सभम तक गहम दवाय को सॊकचित यख| इसस वाम का जो तनयोध होता ह उसभ कमबक क दवाया कणडशरनी शततत जागरत होती हई सषमना भागम स ऊऩय जाकय खड़ी हो जाती ह| मोगभदरा स ऩहर इसका अभमास कयन ऩय ही मोतन भदरा की ऩणम शसवदध होती ह| ऱाभ - इस भदरा स कणडशरनी शततत का जागयण होता ह| जफ तक मह सोती ह तफ तक सबी आॊतरयक शतततमाॊ सपत ऩड़ी यहती ह| इसशरए कणडशरनी का जागरत होना साधक क शरए फहत आवशमक ह| पराण-अऩान को सॊमतत कयन की ककरमा पराणवाम को ऩयक दवाया बीतय खीॊिन औय उडडीमान फॊध स अऩान वाम को ऊऩय की ओय आकवषमत कयन स ऩणम होती ह| इसभ गहम परदश क सॊकोि औय ववसताय का अभमास होन स अचधक सयरता हो सकती ह| 30 तड़ागी मदरा- ववचध - दोनो ऩाॊवो को दणड क सभान धयती ऩय ऩसाय र औय हाथो स उनक अॊगठो को ऩकड़न तथा दोनो जाॊघो ऩय शसय को सथावऩत कय साथ ही उदय को तड़ाग (सयोवय) क सभान कय र| ऱाभ - मह भदरा अनक योगो औय वदधावसथा को बी दय कयन भ सहामक शसदध होती ह|

अनतबोध चतनय दवारा सऩादित तरिदिवसीय मदराचचकितसा सि 38

31 माणडवी मदरा- ववचध - भख को फॊद कयक जफान को तार भ घभाएॊ औय सहसराय स टऩकत हए सधायस को जफान स धीय-धीय ऩीन का मतन कय| मही भाणडवी (मा भाणडकी) भदरा ह| ऱाभ - इसक दवाया फारो की सपदी उनका झड़ना शयीय ऩय झरयममो भॊहासो आदद का ऩड़ना तथा तनफमरता आदद दय होकय चिय-मौवन की परातपत होती ह| इसस यसोतऩादन होकय अभततव की उऩरतबध होना सॊबव हो जाता ह| 32 ऩालशनी मदरा ववचध- दोनो ऩाॊवो को कॊ ठ क ऩीछ की ओय र जाकय उनह ऩयसऩय शभराएॊ औय ऩाश क सभान दढ़ता स फाॊध र| ऱाभ - इसक अभमास स बी कणडशरनी शततत क जागयण भ फहत सगभता हो जाती ह तथा साधक क शयीय भ फर औय ऩतटट का आववबामव होता ह| भानशसक फरवदधमन भ बी मह फहत दहतकय ह| 33 िािी मदरा-

काक कौए को कहत ह कौए की िोि जसी भॊह की भदरा फना रन को काकी भदरा कहा जाता ह ववचध ककसी बी आसन भ फठकय होठो को ऩतरी सी नरी क सभान भोड़कय कौए की िोि जसा फना र अफ नाक क अगर बाग को दखत हए अऩना ऩया धमान नाक ऩय दटका द इसक फाद भॊह स धीय-धीय गहयी शवास रकय होठो को फॊद कय द कछ दय फाद शवास को नाक स फाहय तनकार द इस तयह स 10

अनतबोध चतनय दवारा सऩादित तरिदिवसीय मदराचचकितसा सि 39

शभनट तक कय ऱाभ मह भदरा जहाॊ शयीय भ ठॊडक फढ़ाती ह वहीॊ मह कई योगो को दय कयन भ राबदामक ह इस भदरा का तनयॊतय अभमास कयन स शयीय भ अॊदय बोजन ऩिान की ककरमा तज हो जाती ह इसस अमरवऩतत का फढ़ना कभ हो जाता ह

34 मातचगनी मदरा-

भातॊग का अथम होता ह भघ भाॊ दगाम का एक रऩ ह भातॊगी मह दस भहाववदमा भ स नौवीॊ ववदमा ह भातॊग नाभ स एक धमान होता ह भॊतर होता ह औय एक हाथी का नाभ बी भातॊग ह ऋवष वशशटठ की ऩतनी का एक नाभ बी भातॊगी ह ऋवष कशमऩ की ऩतरी का नाभ बी भातॊगी ह तजसस हाथी उतऩनन हए थ ववचध शाॊत जगह भ ऩानी क अॊदय गर तक शयीय को डफो र औय कपय नाक स ऩानी को खीॊिकय उस भॊह स तनकार र कपय भॊह स ऩानी को खीॊिकय नाक स फाहय तनकार द इस ककरमा को ही भातॊचगनी भदरा कहत ह ऱाभ इस भदरा क अभमास स आॊखो की योशनी तज हो जाती ह शसय ददम भ मह भदरा अतमॊत राबकायी भानी जाती ह इसस नजरा-जकाभ आदद क योग बी दय हो जात ह इस भदरा क तनयॊतय अभमास स िहय ऩय िभक आ जाती ह औय फार बी सपद नहीॊ होत ह इस भदरा क शसदध हो जान ऩय वमततत भ ताकत फढ़ जाती ह

35 नभोमदरा

नब का अथम होता ह आकाश इस भदरा भ जीब को तार की ओय रगात ह इसीशरए इस नबोभदरा कहत ह नबोभदरा कयना सयर नहीॊ ह इस ककसी मोग

अनतबोध चतनय दवारा सऩादित तरिदिवसीय मदराचचकितसा सि 40

शशक स सीखकय ही कयना िादहए मह भदरा फहत स योगो भ राबदामक शसदध हई ह इस फाय भ एक शरोक बी ह- मतर मतर तसथतो मोगी सवमकामष सवमदा उधवमतजवह तसथयो बतवाधायमतभवनॊ सदा नबोभदरा भवदषा मोदववना योग नाशशनी अथामत साय कामो भ तसथय हआ चितत अऩनी जीब क अगर बाग को भॊह क अॊदय तार भ रगाकय शवास को अॊदय योक रता ह इस तसथतत स विारयक गततववचधमाॊ ततकार फॊद हो जाती ह इसीशरए इस भदरा को यहसम का आबास ददरान वारी भदरा बी कहा जाता ह ववचध- अऩनी आॊखो को अऩनी दोनो बौहो क फीि भ जभाकय आऩकी जीब तार क साथ रगा र मह दोनो कामम एक ही साथ औय एक ही सभम भ कय सववधानसाय जफ तक सॊबव हो इसी तसथतत भ यह औय कपय कछ शभनट का धमान कय ऱाभ- नबोभदरा क तनयॊतय अभमास स जीब गर औय आॊखो क साय योग सभापत हो जात ह इसस भतसतटक भ तसथयता फढ़ती ह औय भतसतटक क योग बी दय हो जात ह

36 नालसिागर मदरा -

नाशसकागर भदरा का अथम होता ह नाक का आखखयी छोय ऊऩयी दहससा मा अगरबाग इस बाग ऩय फायी-फायी स सॊतरन फनान हए दखना ही नाकककागर भदरा मोग कहराता ह रककन मह भदरा कयन स ऩहर मोग शशक की सराह जरय र तमोकक इसक कयन स बकटी ऩय जोय ऩड़ता ह

अनतबोध चतनय दवारा सऩादित तरिदिवसीय मदराचचकितसा सि 41

ववचध- ककसी बी आसन भ फठकय नाक क आखखयी शसय ऩय नजय दटका र हो सकता ह कक ऩहर आऩ फाई आॊखो स उस दख ऩाएॊ तफ कछ दय फाद दाई आॊखो स दख इस दखन भ जया बी तनाव न हो सहजता स इस दख

ऱाभ- इसस जहाॊ आॊखो की एतसयसाइज होती ह वहीॊ मह भतसतटक क शरए बी राबदामक ह इसस भन भ एकागरता फढ़ती ह इस भदरा क रगाताय अभमास कयन स भराधाय िकर जागरत होन रगता ह तजसस कणडरीनी जागयण भ भदद शभरती ह इसस भराधाय िकर इसशरए जागरत होता ह तमोकक दोनो आॊखो क फीि ही तसथत ह इड़ा वऩ ॊगरा औय सषमना नाड़ी जो भराधाय तक गई ह समय- इस भदरा को इतनी दय तक कयना िादहए कक आॊखो ऩय इसका जमादा दफाव नहीॊ ऩड़ कपय धीय-धीय इस कयन का सभम फढ़ात जाएॊ

37 बरहम आसन मदरा-

कछ रोग इस बरहभा भदरा बी कहत ह तमोकक इस आसन भ गदमन को िाय ददशा भ घभामा जाता ह औय बरहभाजी क िाय भख थ इसीशरए इसका नाभ बरहभा भदरा आसन यखा गमा रककन असर भ मह बरहभ भदरा आसन ह औय इसभ सबी ददशाओॊ भ तसथत ऩयभशवय को जानकय उसका चिॊतन ककमा जाता ह नभाज ऩढ़त वतत मा सॊधमा वॊदन कयत वतत उतत भदरासन को ककमा जाता यहा ह ववचध- ऩदमासन शसदधासन मा वजरासन भ फठकय कभय तथा गदमन को सीधा यखत हए गदमन को धीय-धीय दामीॊ ओय र जात ह कछ सकॊ ड दामीॊ ओय रकत ह उसक फाद गदमन को धीय-धीय फामीॊ ओय र जात ह कछ सकॊ ड तक फामीॊ ओय रककय कपय दामीॊ ओय र जात ह कपय वाऩस आन क फाद गदमन को ऊऩय की ओय र जात ह उसक फाद नीि की तयप र जात ह कपय गदमन को तराकवाइज

अनतबोध चतनय दवारा सऩादित तरिदिवसीय मदराचचकितसा सि 42

औय एॊटीतराकवाइज घभाएॉ इस तयह मह एक िकर ऩया हआ अऩनी सववधानसाय इस िाय स ऩाॉि िकरो भ कय सकत ह

ऱाभ तजन रोगो को सवामइकर सऩोडराइदटस थाइयाइड नराॊटस की शशकामत ह उनक शरए मह आसन राबदामक ह इसस गदमन की भाॉसऩशशमाॉ रिीरी तथा भजफत होती ह आधमाततभक दतटट स बी मह आसन राबदामक ह आरसम बी कभ होता जाता ह तथा फदरत भौसभ क सदी-जकाभ औय खाॉसी स छटकाया बी शभरता ह

सावधाननया तजनह सवामइकर सऩोडराइदटस मा थाइयाइड की सभसमा ह व ठोडी को ऊऩय की ओय दफाएॉ गदमन को नीि की ओय र जात सभम कॊ ध न झकाएॉ कभय गदमन औय कॊ ध सीध यख गदमन मा गर भ कोई गॊबीय योग हो तो मोग चिककतसक की सराह स ही मह भदराआसन कय

38 भजचगनी मदरा- ववचध- इसभ भख को पराकय कॊ ठ स फाहयी वाम खीॊिी जाती ह| तार औय तजहवा क भधम वाम क घभन स शयीय भ अदभत शततत का आववबामव होता ह|

ऱाभ- मह भदरा अजीणम आदद उदय योगो को नटट कयन भ बी फहत उऩमोगी ह| इस परकाय भदराओॊ क अभमास स साधक को सफ परकाय क शायीरयक भानशसक औय आततभक फर की परातपत होती ह| मोगािामो क अनसाय lsquoनातसत भदरासनककॊ चित शसवदधदॊकषततभणडर (घयणड सॊदहता)rsquo अथामत भदराओॊ क सभान शसवदधदामक कोई अनम साधन ब-भॊडर ऩय नहीॊ ह| इसशरए मोगशसवदध क आकाॊीजनो को भदराओॊ का अभमास कयना शरमसकय ह|

अनतबोध चतनय दवारा सऩादित तरिदिवसीय मदराचचकितसा सि 43

39 खचरी मदरा-

भनटम की जीब (तजहवा) दो तयह की होती ह- रॊफी औय छोटी रॊफी जीब को सऩमतजहवा कहत ह कछ रोगो की जीब रॊफी होन स व उस आसानी स नाशसकागर ऩय रगा सकत ह औय खियी-भदरा कय सकत ह भगय तजसकी जीब छोटी होती ह उस तकरीपो का साभना कयना ऩड़ता ह सफस ऩहर उनह अऩनी जीब रॊफी कयनी ऩड़ती ह औय उसक शरए घषमण व दोहन का सहाया रना ऩड़ता ह जीब नीि की ओय स तजस नाड़ी स जड़ी होती ह उस काटना ऩड़ता ह खियी भदरा को शसदध कयन एवॊ अभत क सराव हत आवशमक उददीऩन भ कछ वषम बी रग सकत ह मह वमततत की मोनमता ऩय बी तनबमय कयता ह मोग भ कछ भदराएॊ ऐसी ह तजनह शसपम मोगी ही कयत ह साभानमजनो को इनह नहीॊ कयना िादहए खियी भदरा साधको क शरए भानी गई ह ववचध - इसक शरए जीब औय तार को जोड़न वार भाॊस-तॊत को धीय-धीय काटा जाता ह अथामत एक ददन जौ बय काटकय छोड़ ददमा जाता ह कपय तीन-िाय ददन फाद थोड़ा-सा औय काट ददमा जाता ह इस परकाय थोड़ा-थोड़ा काटन स उस सथान की यतत शशयाएॊ अऩना सथान बीतय की तयप फनाती जाती ह जीब को काटन क साथ ही परततददन धीय-धीय फाहय की तयप खीॊिन का अभमास ककमा जाता ह इसका अभमास कयन स कछ भहीनो भ जीब इतनी रॊफी हो जाती ह कक मदद उस ऊऩय की तयप रौटा (उसटा कयन) ददमा जाए तो वह शवास जान वार छदो को बीतय स फॊद कय दती ह इसस सभाचध क सभम शवास का आना-जाना ऩणमत योक ददमा जाता ह ऱाभ इस भदरा स पराणामाभ को शसदध कयन औय साभचध रगान भ ववशष सहामता शभरती ह साधनायत साधओॊ क शरए मह भदरा फहत ही राबदामी भानी

अनतबोध चतनय दवारा सऩादित तरिदिवसीय मदराचचकितसा सि 44

जाती ह ववशषता तनयॊतय अभमास कयत यहन स तजफ जफ रॊफी हो जाती ह तफ उस नाशसका यनरो भ परवश कयामा जा सकता ह इस परकाय धमान रगान स कऩार भागम एवॊ तरफ ॊद ववसगम स सॊफॊचधत कछ गरॊचथमो भ उददीऩन होता ह तजसक ऩरयणाभसवरऩ अभत का सराव आयॊब होता ह उसी अभत का सराव होत वतत एक ववशष परकाय का आधमाततभक अनबव होता ह इस अनबव स शसवदध औय सभाचध भ तजी स परगतत होती ह चतावनी मह आरख शसपम जानकायी हत ह कोई बी वमततत इस ऩढ़कय कयन का परमास न कय तमोकक मह शसपम साधको क शरए ह आभ रोगो क शरए नहीॊ

40 अकzwj वनी मदरा- इस भदरा स साधक भ घोड़ो जसी शततत आ जाती ह तजस lsquoहॉसम ऩॉवयrsquo कहत ह|

ववचध - इस भदरा भ गदा-दवाय का फाय-फाय सॊकोिन औय परसाय ककमा जाता ह| इसी स भदरा की शसवदध हो जाती ह| इसक दवाया कणडशरनी जागयण भ सगभता यहती ह औय अनक योग नटट होकय शायीरयक फर की ववदध होती ह|

ऱाभ - अतश वनी भदरा शसदध होन स साधक की अकारभतम कबी नहीॊ होती| गदा औय उदय स सॊफॊचधत योगो का इसक दवाया शभन होता ह तथा दीघमजीवन की उऩरतबध होती ह| तरफना भरफॊध क अतश वनी भदरा नहीॊ हो सकती| 41 बजरौऱी मदरा- फजरौरी भदरा बी भरफॊध का अचछा अभमास ककए तरफना ककसी परकाय सॊबव नहीॊ ह| मह भदरा कवर मोगी क शरए ही नहीॊ बोगी क शरए बी अतमॊत राबकायी ह|

अनतबोध चतनय दवारा सऩादित तरिदिवसीय मदराचचकितसा सि 45

ववचध - इस भदरा भ ऩहर दोनो ऩाॊवो को बशभ ऩय दढ़ताऩवमक दटकाकय दोनो ऩाॊवो को धीय-धीय दढ़ताऩवमक ऊऩय आकाश भ उठा द| इसस तरफॊद-शसवदध होती ह| शकर को धीय-धीय ऊऩय की आकॊ िन कय अथामत इॊददरम क आॊकिन क दवाया वीमम को ऊऩय की ओय खीॊिन का अभमास कय तो मह भदरा शसदध होती ह| ववदवानो का भत ह कक इस भदरा क अभमास भ सतरी का होना आवशमक ह तमोकक बग भ ऩततत होता हआ शकर ऊऩय की ओय खीॊि र तो यज औय वीमम दोनो ही िढ़ जात ह| मह ककरमा अभमास स ही शसदध होती ह| कछ मोगािामम इस परकाय का अभमास शकर क सथान ऩय दनध स कयना फतात ह| जफ दनध खीॊिन का अभमास शसदध हो जाए तफ शकर को खीॊिन का अभमास कयना िादहए| वीमम को ऊऩय खीॊिनवारा मोगी ही ऊधवमयता कहराता ह| ऱाभ - इस भदरा स शयीय रटट-ऩटट तजसवी सॊदय सडौर औय जया-भतम यदहत होता ह| शयीय क सबी अवमव दढ़ होकय भन भ तनश िरता की परातपत होती ह| इसका अभमास अचधक कदठन नहीॊ ह| मदद गहसथ बी इसक कय तो फरवदधमन औय सौदममवदधमन का ऩया राब परापत कय सकत ह चतावनी मह आरख शसपम जानकायी हत ह कोई बी वमततत इस ऩढ़कय कयन का परमास न कय तमोकक मह शसपम साधको क शरए ह आभ रोगो क शरए नहीॊ

साधना कयनवार वमततत क शरए मह आवशमक ह कक वह साधना भ कातमक वाचिक औय भानशसक ककरमाओॊ ऩय ऩया तनमॊतरण यख तथा सभम-सभम ऩय उचित ताॊतरतरक परककरमाओॊ का बी सभनवम कयता यह| इस दतटट स तजस परकाय आसन ऩातरासादन अिमन आदद भ ककरमाओॊ का ववधान ह उसी परकाय उनक साथ कछ भदरा फनान का ववधान ह| म भदराएॊ भखम रऩ-स हाथ औय उसकी उॊगशरमो क परमोग स फनती ह| जस हभाया शयीय ऩॊिततवभम ह| अत शासतरकायो न कहा ह कक इन उॊगशरमो क परमोग स इन ततवो की नमनाचधकता दय की जा

अनतबोध चतनय दवारा सऩादित तरिदिवसीय मदराचचकितसा सि 46

सकती ह तथा ततवो की सभता-ववषभता स होनवारी कभी को उॊगशरमो की भदरा स सभ फनामा जा सकता ह| इतना ही नहीॊ ऐसी भदराओॊ क सहमोग स उन ततवो को सवचछाऩवमक घटामा-फढ़ामा बी जा सकता ह| म ततव करभश अॊगटठ भ अतनन तजमनी भ वाम भधमभा भ आकाश अनाशभका भ ऩथवी औय कतनतटठका भ जर क रऩ भ ववदमभान यहत ह| दवताओॊ की परसननता चितत की शवदध औय ववववध योगो क नाश भ भदराओॊ स फड़ी सहामता शभरती ह| भदराततव को सभझकय परतमक मोगी को इनका साधन कयना िादहए| कणडशरनी शततत क जागयण भ इन भदराओॊ स सहामता शभरती ह| महाॊ हभन तजन भदराओॊ का वणमन एवॊ चितरण ककमा ह उसभ परतमक मोगी साधक को ऩरयचित होना िादहए|

अनतबोध चतनय दवारा सऩादित तरिदिवसीय मदराचचकितसा सि 47

मोग अनसाय आसन औय पराणामाभ की तसथतत को भदरा कहा जाता ह फॊध ककरमा औय भदरा भ आसन औय पराणामाभ दोनो का ही कामम होता ह मोग भ भदराओॊ को आसन औय पराणामाभ स बी फढ़कय भाना जाता ह भदरा दो तयह की होती ह- ऩहरी हसत भदरा अथामत हाथो औय उसकी अॊगशरमो को ववशष आकतत भ फनाना औय दसयी आसन भदरा अथामत तजसभ ऩया शयीय ही सॊिाशरत होता ह

Page 24: 235347477 Mudra Chikitsa Swami Ananta Bodha Chaitanya

अनतबोध चतनय दवारा सऩादित तरिदिवसीय मदराचचकितसा सि 24

शॊख भदरा का नाशब िकर स तनकट का सॊबॊध ह इसशरए शायीय क सनामतॊतर ऩय ववशष कामम कयती ह अत अनत औय फाहम सवासथम भ फहत राबकायी ह

मह ऩािन तॊतर को उततभ फनाती ह

तनमशभत कयन स बख फढान भ भदद शभरती ह

मह भदरा फोरत सभम उचिायण क दोषो को दय कयन भ फहत परबावी ह जस ततराना हकराना आदद दोष तनमभतत परमोग स दय हो जात ह

सॊगीत की साधना कयन वारो क शरए ववशश राबकायी ह वाणी को भधय फनाती ह

मह भदरा ऩजन भ बी परमतत होती ह| इसका परमोग रॊफ सभम तक ककमा जा सकता ह| इस भदरा का नाशबिकर स ववशष समफनध ह तजसक कायण नाशब स सॊफॊचधत शयीय की नाडड़मो ऩय सकषभ औय सवासथमवधमक परबाव ऩड़ता ह तथा सनामभणडर शतततशारी फनती ह|

अनतबोध चतनय दवारा सऩादित तरिदिवसीय मदराचचकितसा सि 25

18 योनन मदरा-

मौचगक दतटट स अऩन अॊदय कई परकाय क यहसम तछऩाए यखनवारी भदरा का वासतववक नाभ lsquoमोतन भदराrsquo ह| तत मोग क अनसाय कवर हाथो की उॊगशरमो स भहाशततत बगवती की परसननता क शरए मोतन भदरा परदशशमत कयन की आऻा ह| परतम रऩ स इसका परबाव रॊफी मोग साधना क अॊतगमत तॊतर-भॊतर-मॊतर साधना स बी दतटटगोिय होता ह| इस भदरा क तनयॊतय अभमास स साधक की पराण-अऩान वाम को शभरा दनवारी भरफॊध ककरमा को बी साथ कयन स जो तसथतत फनती ह उस ही मोतन भदरा की सॊऻा दी ह| मह फड़ी िभतकायी भदरा ह| ऩदमासन की तसथतत भ फठकय दोनो हाथो की उॊगशरमो स मोतन भदरा फनाकय औय ऩवम भरफॊध की तसथतत भ सममक बाव स तसथत होकय पराण-अऩान को शभरान की परफर बावना क साथ भराधाय सथान ऩय मौचगक सॊमभ कयन स कई परकाय की शसवदधमाॊ परापत हो जाती ह|

अनतबोध चतनय दवारा सऩादित तरिदिवसीय मदराचचकितसा सि 26

ऋवषमो का भत ह कक तजस मोगी को उऩयोतत तसथतत भ मोतन भदरा का रगाताय अभमास कयत-कयत शसवदध परापत हो गई ह उसका शयीय साधनावसथा भ बशभ स आसन सदहत ऊऩय अधय भ तसथत हो जाता ह| सॊबवत इसी कायण आदद शॊकयािाममजी न अऩन मोग यतनावरी नाभक ववशष गरॊथ भ भरफॊध का उसरख ववशष रऩ स ककमा ह|

19 धन मदरा -

बायतीम ऩयॊऩया भ धन गाम को कहा जाता ह औय मह दहनद धभम क साततवक औय भहानता का परतीक ह धन भदरा फनात सभम हाथो की उॊगशरमा गाम क थनो जसी हो जाती ह जस गाम क थनो स दध ऩीकय शयीय ऩटट फनता ह वस ही धन भदरा कयन स बी शयीय रटट ऩटट फनता ह

ववचध - अनमोनमाशबभखॊ तशरटटाकतनटठानाशभका ऩन

अनतबोध चतनय दवारा सऩादित तरिदिवसीय मदराचचकितसा सि 27

तथा ि तजमतनभधमा धन भदरा अभत परदा ( कारी तॊतर )

अऩन दोनो हाथो की अॊगशरमो क ऩोयो को एक साथ शभरा र कपय फाम हाथ की तजमनी ऊॊ गरी को दाएॊ हाथ की फीि वारी उॊगरी स छआए इसक फाद दाएॊ हाथ की तजमनी उॊगरी को फाम हाथ की फीि वारी उॊगरी स छआम ऐस ही फाम हाथ की अनाशभका उॊगरी को दाएॊ हाथ की सफस छोटी उॊगरी स शभराएॊ अॉगठो को खरा छोड़ द हाथ की अॊगशरमो को नीि की तयप कयन स अॊगशरमो की आकतत गाम क धनो जसी हो जाती ह इसी कायण इस धन भदरा कहत ह

सभम - इस भदरा का अभमास धीय धीय फढ़ाए ऩहर 1 स 15 शभतनट औय फाद भ 15 स 30 तथा जफ अचछी तयह मह भदरा अभमास भ आ जाए तफ इस भदरा को 45 शभतनट तक कय सकत ह

राब - धन भदरा स ऩािन तॊतर भजफत होता ह औय शयीय ताकतवय व सवसथ फनता ह मह ऩट क योगो क शरए याभफाण भदरा ह मोग साधना भ फहत ही उऩमोगी भदरा कहराती ह तॊतर एवॊ कभमकाॊड भ बी धन भदरा का परमोग ह ह ऩयानी भानमता क अनसाय मह अभत ततव को दन वारी भदरा ह मह भदरा वात वऩतत तथा कप को सॊतशरत कयती ह

अनतबोध चतनय दवारा सऩादित तरिदिवसीय मदराचचकितसा सि 28

20 मगी मदरा-

भग दहयन को कहा जाता ह मऻ क दौयान होभ की जान वारी साभगरी को इसी भदरा भ होभ ककमा जाता ह पराणामाभ ककए जान क दौयान बी इस भदरा का उऩमोग होता ह धमान कयत वतत बी इस भदरा का इसतभार ककमा जाता ह मह भदरा फनात वतत हाथ की आकतत भग क शसय क सभान हो जाती ह इसीशरए इस भगी भदरा कहा जाता ह मह एक हसत भदरा ह ववचध अऩन हाथ की अनाशभका औय भधमभा अॊगरी को अॊगठ क आग क बाग को छआ कय फाकी फिी तजमनी औय कतनटठा अॊगरी को सीधा तान दन स भगी भदरा फन जाती ह योग आसन - इस दौयान उतकटासन सखासन औय उऩासना क सभम इसतभार होन वार आसन ककए जा सकत ह

अनतबोध चतनय दवारा सऩादित तरिदिवसीय मदराचचकितसा सि 29

समय- इस भदरा को सववधानसाय कछ दय तक कय सकत ह औय इस तीन स िाय फाय ककमा जा सकता ह ऱाभ- भगी भदरा कयत सभम अॊगठ क ऩोय औय अॊगशरमो क जोड़ ऩय दफाव ऩड़ता ह उतत दफाव क कायण शसयददम औय ददभागी ऩयशानी भ राब शभरता ह एतमपरशय चिककतसा क अनसाय उतत अॊगशरमो क अॊदय दाॊत औय सामनस क तरफ ॊद होत ह तजसक कायण हभ दाॊत औय सहनस योग भ बी राब शभरता ह ववशष- भाना जाता ह कक इस भदरा को कयन स सोिन औय सभझन की शततत का ववकास बी होता ह भगी भदरा शभगी क योचगमो क शरए फहत ही राबकायी ह

21 यमहररमदरा

ववचध -सवम परधभ आऩ अऩन दोनो हाथो की सफस छोटी अॊगरी अथामत कतनटठा को आऩस भ एक दसय क परथभ ऩोय स शभरा द इसी क साथ दोनो अॊगठ को बी आऩस भ शभरा द अफ तीन अॊगशरमाॊ फाकी यह जाएॊगी- भध मभा तजमनी औय अनाशभका इन तीनो अॊगशरमो को हथरी की ओय भोड़कय भटठी जसा फनाइए अॊगशरमो की इस तसथतत को मभ हरयभदरा कहत ह

अनतबोध चतनय दवारा सऩादित तरिदिवसीय मदराचचकितसा सि 30

ऱाभ - मभहरयभदरा क तनमशभत अभमास स नाडड़मो को शततत शभरती ह इस भदरा क तनयॊतय अभमास स ऩट क योग जस- कबज बख ना रगना औय तजगय की कभजोयी दय होती ह इस भदरा स तसतरमो क सतनो क साय योगो भ बी राब शभरता ह मभ हरयभदरा को परततददन 5 शभनट सफह औय 5 शभनट शाभ को कय आऩ इसक कयन का सभम फढ़ाकय 10 शभनट तक कय सकत ह परततददन कभ स कभ ऩाॊि भदराएॊ अऩनी सववधानसाय कयनी िादहए भदराओॊ स सबी योगो भ राब ऩामा जा सकता ह मदद उनका मोग शशक स ऩछकय तनमशभत अभमास ककमा जाए भदराएॊ खासकय उन रोगो क शरए पामदभॊद सातरफत होती ह जो मोगासन कयन भ असभथम ह

22 ऩषऩाजलऱ मदरा-

अनतबोध चतनय दवारा सऩादित तरिदिवसीय मदराचचकितसा सि 31

मह भहतवऩणम हसत मोग भदरा ह जस दआ भ हाथ उठात ह मा ऩटऩ अऩमण कयत ह तफ मह भदरा फनती ह जसा कक इसका नाभ ह ऩटऩाॊजशर इसी स मह शसदध होता ह कक मह भदरा ककस परकाय की होगी ववचध- दोनो हाथो की अॊगशरमो औय अॊगठ को आऩस भ शभरा भखणफदध को बी शभरा र कपय दोनो हाथो की छोटी अॊगशरमो को एक साथ शभराकय ऐसी आकतत फना र कक जस हभ ककसी बगवान को पर िढ़ात सभम फनात ह इस ही ऩटऩाॊजशर भदरा कहत ह

ऱाभ- ऩटऩाॊजरी भदरा क तनयॊतय अभमास स नीॊद अचछी तयह स आन रगती ह आतभववशवास फढ़ता ह

23 यज भदरा-

अनतबोध चतनय दवारा सऩादित तरिदिवसीय मदराचचकितसा सि 32

यज भदरा कवर तसतरमो क शरए ह ऐसा नहीॊ फतसक अगय ऩरष इस भदरा को कयत ह तो उनक वीमम सॊफॊधी सभसत योग दय हो जात ह ववचध- यज भदरा फनाना फहत ही आसान ह कतनटठा (छोटी अॊगरी) अॊगरी को हथरी की जड़ भ भोड़कय रगान स यज भदरा फन जाती ह ऱाभ- यज भदरा स तसतरमो क भाशसक धभम सॊफॊधी योग दय होत ह इसक अरवा शसय भ बायीऩन यहना छाती भ ददम ऩट ऩीठ कभय का ददम आदद योग बी यज भदरा कयन स दय हो जात ह सतरी क साय परजनन अॊगो की ऩयशातनमो को म भदरा तरफसकर दय कय दती ह

24 अदिती मदरा-

ववचध- अॊगठ क आग क बाग को अनाशभका (छोटी उॊगरी क साथ वारी उॊगरी) उॊगरी की जड़ भ टढ़ा रगान स अददती भदरा फन जाती ह

ऱाभ- इस भदरा को कयन स हय सभम उफासी आना जमादा छीॊक आना जस योगो को दय ककमा जा सकता ह

अनतबोध चतनय दवारा सऩादित तरिदिवसीय मदराचचकितसा सि 33

समय- अददती भदरा को ददन भ 3-4 फाय 15-15 शभनटो क शरए कय सकत ह

25 हसी मदरा-

जस हॊस नीय ीय वववक की साभथमम यखता ह वस इस भदरा क कयन स सोिन औय तवरयत तनणमम की भता फढती ह मदरा िी ववचध - सखासन मा उतकटासन भ फठकय अऩन हाथ की सबी सफस छोटी अॊगरी को छोड़कय अॊगशरमो को अॊगठ क आग क बाग को दफान स हॊसी भदरा फन जाती ह अवचध- इस भदरा को परयॊब भ 5-8 शभनट स कयक 30-48 शभनट तक कय सकत ह मदरा िा ऱाभ- इस भदरा तनमशभत अभमास स वववक फढ़ता ह अथामत इसस सोिन-सभझन की शततत फढ़ती ह औय इसस शयीय का बायीऩन सभापत हो जाता ह

अनतबोध चतनय दवारा सऩादित तरिदिवसीय मदराचचकितसा सि 34

ववशषता- भाना जाता ह कक इस भदरा का तनमशभत अभमास कयन स याजशसक ताकत फढ़ती ह औय वमततत धन सॊऩनन फना यहता ह सावधानी - इस भदरा को कयत सभम ककसी बी परकाय का भॊतर नहीॊ जऩना िादहए औय ना ही कोई अनम धाशभमक उऩकरभ कय

26 हसतऩात मदरा-

ववचध- इस भदरा को कयन क शरए आऩ अऩन दोनो हाथो की हथरी क ऩीछ क बाग को आऩस भ अॊगशरमो सदहत शभरा द इस आकतत को हसतऩात भदरा कहा जाता ह मह नभसकाय भदरा जसा ही ह रककन इसभ हथरी क ऩटठ बाग को शभरा ददमा जाता ह ऱाभ- इस हसतऩात भदरा को कयन स शवास औय गर क क साय योग भ फहत राब शभरता ह तजन तसतरमाॊ मदद इसका तनमशभत अभमास कयती ह तो इसस उनक सतन सड़ौर सॊदय औय सवसथ हो जात ह तजन तसतरमो क सतन छोट ह ढीर ह मा उनक सतनो भ दध नहीॊ आता ह तो मह भदरा उनक शरए फहत राबकायी शसदध हो सकती ह

27 धयान मदरा

ववचध- ऩदमासन भ फठकय फाएॊ हाथ की हथरी ऩय दाएॊ हाथ की हथरी को (उसट हाथ ऩय सीध हाथ को) हसक स यखन स धमान भदरा फनती ह| धमान यख कक इस भदरा भ शसय गदमन एवॊ यीढ़ की हडडी सीधी यह| आॊख औय होठ सहज स फनद यह| धमान अऩन इटटदव क सवरऩ ऩय दटकाएॊ अथवा कामोतसगम कय अथामत शयीय स

अनतबोध चतनय दवारा सऩादित तरिदिवसीय मदराचचकितसा सि 35

सभता यखत हए कछ दय क शरए वविाय यदहत अवसथा भ यहन का परमास कय| अटटाॊग मोग (मभ तनमभ पराणामाभ परतमाहाय धायणा धमान औय सभाचध) क एक अॊग lsquoधमानrsquo की साधना भ मह भदरा ववशष रऩ स सहामक शसदध हई ह| ऱाभ - जो वमततत ऩदमासन नहीॊ कय सकत उनह धमान भदरा सखासन मा सवतसतक अथवा ऩारथी आसन भ कयना िादहए| मह सहज भदरा ह| सहज धमान भदरा को साधायण वमततत अचधक रमफ सभम तक सयरता स कय सकता ह| इसस धमान भदरा क राब बी शभर जात ह| धमान भदरा भ मदद हथशरमाॊ एक दसय ऩय यखन क फाद दोनो हथशरमाॊ ऻान भदरा की तसथतत भ यखी जाएॊ तो धमान भदरा तथा ऻान भदरा क सतमभशरत राब क साथ ऩदमासन क राब बी शभर जात ह| साधक क शरए धमान भदरा भ सभम की कोई सीभा नहीॊ ह| रककन सहजता क साथ ऩदमासन कयन की भता क अनरऩ धमान भदरा का अभमास कयना िादहए| साधायण वमततत को इस धीय-धीय फढ़ात हए कभ-स-कभ २० शभनट स एक घॊट तक कयना िादहए| धमान भदरा न कय सकन की अवसथा भ सहज धमान भदरा कयक राब उठाना िादहए| भन की िॊिरता शाॊत होकय चितत की एकागरता फढ़ती ह| साततवक वविायो की उतऩततत होती ह औय परब बजन भ भन रगता ह|

धमान क परबाव स साधक को धमान की उचितय तसथतत भ ऩहॊिन भ सहामता शभरती ह| आतभ साातकाय औय ईश वय क साातकाय भ मह भदरा सहामक ह|

28 शामभवी मदरा-

आॉख खरी हो रककन आऩ दख नहीॊ सकत ऐसी तसथतत जफ सध जाती ह तो उस शामबवी भदरा कहत ह ऐसी तसथतत भ आऩ नीॊद का भजा बी र सकत ह मह फहत कदठन साधना ह इसक ठीक उसटा कक जफ आॉख फॊद हो तफ आऩ दख

अनतबोध चतनय दवारा सऩादित तरिदिवसीय मदराचचकितसा सि 36

सकत ह मह बी फहत कदठन साधना ह रककन मह दोनो ही सॊबव ह असॊबव कछ बी नहीॊ फहत स ऐस ऩश औय ऩी ह जो आॉख खोरकय ही सोत ह ववचध- मदद आऩन तराटक ककमा ह मा आऩ तराटक क फाय भ जानत ह तो आऩ इस भदरा को कय सकत ह सवमपरथभ शसदधासन भ फठकय यीढ़-गदमन सीधी यखत हए ऩरको को तरफना झऩकाएॉ दखत यह रककन धमान ककसी बी िीज को दखन ऩय ना यख ददभाग तरफसकर बीतय कहीॊ रगा हो

ऱाभ- शामबवी भदरा को कयन स ददर औय ददभाग को शाॊतत शभरती ह मोगी का धमान ददर भ तसथय होन रगता ह आॉख खरी यखकय बी वमततत नीॊद औय धमान का आनॊद र सकता ह इसक सधन स वमततत बत औय बववटम का ऻाता फन सकता ह सऱाह- शामबवी भदरा ऩयी तयह स तबी शसदध हो सकती ह जफ आऩकी आॉख खरी हो ऩय व ककसी बी िीज को न दख यही हो ऐसा सभझ की आऩ ककसी धन भ जी यह हो आऩको खमार होगा कक कबी-कबी आऩ कहीॊ बी दख यह होत ह रककन आऩका धमान कहीॊ ओय यहता ह समय- इस भदरा को शरआत भ तजतनी दय हो सक कय औय फाद भ धीय-धीय इसका अभमास फढ़ात जाएॉ

अनतबोध चतनय दवारा सऩादित तरिदिवसीय मदराचचकितसा सि 37

29 शकततचालऱनी मदरा- ववचध - आठ अॊगर रॊफा औय िाय अॊगर िौड़ा भरामभ वसतर रकय नाशब ऩय रगाएॊ औय कदटसतर भ फाॊध र| कपय शयीय भ बसभ यभाकय शसदधासन भ फठ औय पराण को अऩान स मतत कय| जफ तक गहम दवाय स िरती हई वाम परकाशशत न हो इस सभम तक गहम दवाय को सॊकचित यख| इसस वाम का जो तनयोध होता ह उसभ कमबक क दवाया कणडशरनी शततत जागरत होती हई सषमना भागम स ऊऩय जाकय खड़ी हो जाती ह| मोगभदरा स ऩहर इसका अभमास कयन ऩय ही मोतन भदरा की ऩणम शसवदध होती ह| ऱाभ - इस भदरा स कणडशरनी शततत का जागयण होता ह| जफ तक मह सोती ह तफ तक सबी आॊतरयक शतततमाॊ सपत ऩड़ी यहती ह| इसशरए कणडशरनी का जागरत होना साधक क शरए फहत आवशमक ह| पराण-अऩान को सॊमतत कयन की ककरमा पराणवाम को ऩयक दवाया बीतय खीॊिन औय उडडीमान फॊध स अऩान वाम को ऊऩय की ओय आकवषमत कयन स ऩणम होती ह| इसभ गहम परदश क सॊकोि औय ववसताय का अभमास होन स अचधक सयरता हो सकती ह| 30 तड़ागी मदरा- ववचध - दोनो ऩाॊवो को दणड क सभान धयती ऩय ऩसाय र औय हाथो स उनक अॊगठो को ऩकड़न तथा दोनो जाॊघो ऩय शसय को सथावऩत कय साथ ही उदय को तड़ाग (सयोवय) क सभान कय र| ऱाभ - मह भदरा अनक योगो औय वदधावसथा को बी दय कयन भ सहामक शसदध होती ह|

अनतबोध चतनय दवारा सऩादित तरिदिवसीय मदराचचकितसा सि 38

31 माणडवी मदरा- ववचध - भख को फॊद कयक जफान को तार भ घभाएॊ औय सहसराय स टऩकत हए सधायस को जफान स धीय-धीय ऩीन का मतन कय| मही भाणडवी (मा भाणडकी) भदरा ह| ऱाभ - इसक दवाया फारो की सपदी उनका झड़ना शयीय ऩय झरयममो भॊहासो आदद का ऩड़ना तथा तनफमरता आदद दय होकय चिय-मौवन की परातपत होती ह| इसस यसोतऩादन होकय अभततव की उऩरतबध होना सॊबव हो जाता ह| 32 ऩालशनी मदरा ववचध- दोनो ऩाॊवो को कॊ ठ क ऩीछ की ओय र जाकय उनह ऩयसऩय शभराएॊ औय ऩाश क सभान दढ़ता स फाॊध र| ऱाभ - इसक अभमास स बी कणडशरनी शततत क जागयण भ फहत सगभता हो जाती ह तथा साधक क शयीय भ फर औय ऩतटट का आववबामव होता ह| भानशसक फरवदधमन भ बी मह फहत दहतकय ह| 33 िािी मदरा-

काक कौए को कहत ह कौए की िोि जसी भॊह की भदरा फना रन को काकी भदरा कहा जाता ह ववचध ककसी बी आसन भ फठकय होठो को ऩतरी सी नरी क सभान भोड़कय कौए की िोि जसा फना र अफ नाक क अगर बाग को दखत हए अऩना ऩया धमान नाक ऩय दटका द इसक फाद भॊह स धीय-धीय गहयी शवास रकय होठो को फॊद कय द कछ दय फाद शवास को नाक स फाहय तनकार द इस तयह स 10

अनतबोध चतनय दवारा सऩादित तरिदिवसीय मदराचचकितसा सि 39

शभनट तक कय ऱाभ मह भदरा जहाॊ शयीय भ ठॊडक फढ़ाती ह वहीॊ मह कई योगो को दय कयन भ राबदामक ह इस भदरा का तनयॊतय अभमास कयन स शयीय भ अॊदय बोजन ऩिान की ककरमा तज हो जाती ह इसस अमरवऩतत का फढ़ना कभ हो जाता ह

34 मातचगनी मदरा-

भातॊग का अथम होता ह भघ भाॊ दगाम का एक रऩ ह भातॊगी मह दस भहाववदमा भ स नौवीॊ ववदमा ह भातॊग नाभ स एक धमान होता ह भॊतर होता ह औय एक हाथी का नाभ बी भातॊग ह ऋवष वशशटठ की ऩतनी का एक नाभ बी भातॊगी ह ऋवष कशमऩ की ऩतरी का नाभ बी भातॊगी ह तजसस हाथी उतऩनन हए थ ववचध शाॊत जगह भ ऩानी क अॊदय गर तक शयीय को डफो र औय कपय नाक स ऩानी को खीॊिकय उस भॊह स तनकार र कपय भॊह स ऩानी को खीॊिकय नाक स फाहय तनकार द इस ककरमा को ही भातॊचगनी भदरा कहत ह ऱाभ इस भदरा क अभमास स आॊखो की योशनी तज हो जाती ह शसय ददम भ मह भदरा अतमॊत राबकायी भानी जाती ह इसस नजरा-जकाभ आदद क योग बी दय हो जात ह इस भदरा क तनयॊतय अभमास स िहय ऩय िभक आ जाती ह औय फार बी सपद नहीॊ होत ह इस भदरा क शसदध हो जान ऩय वमततत भ ताकत फढ़ जाती ह

35 नभोमदरा

नब का अथम होता ह आकाश इस भदरा भ जीब को तार की ओय रगात ह इसीशरए इस नबोभदरा कहत ह नबोभदरा कयना सयर नहीॊ ह इस ककसी मोग

अनतबोध चतनय दवारा सऩादित तरिदिवसीय मदराचचकितसा सि 40

शशक स सीखकय ही कयना िादहए मह भदरा फहत स योगो भ राबदामक शसदध हई ह इस फाय भ एक शरोक बी ह- मतर मतर तसथतो मोगी सवमकामष सवमदा उधवमतजवह तसथयो बतवाधायमतभवनॊ सदा नबोभदरा भवदषा मोदववना योग नाशशनी अथामत साय कामो भ तसथय हआ चितत अऩनी जीब क अगर बाग को भॊह क अॊदय तार भ रगाकय शवास को अॊदय योक रता ह इस तसथतत स विारयक गततववचधमाॊ ततकार फॊद हो जाती ह इसीशरए इस भदरा को यहसम का आबास ददरान वारी भदरा बी कहा जाता ह ववचध- अऩनी आॊखो को अऩनी दोनो बौहो क फीि भ जभाकय आऩकी जीब तार क साथ रगा र मह दोनो कामम एक ही साथ औय एक ही सभम भ कय सववधानसाय जफ तक सॊबव हो इसी तसथतत भ यह औय कपय कछ शभनट का धमान कय ऱाभ- नबोभदरा क तनयॊतय अभमास स जीब गर औय आॊखो क साय योग सभापत हो जात ह इसस भतसतटक भ तसथयता फढ़ती ह औय भतसतटक क योग बी दय हो जात ह

36 नालसिागर मदरा -

नाशसकागर भदरा का अथम होता ह नाक का आखखयी छोय ऊऩयी दहससा मा अगरबाग इस बाग ऩय फायी-फायी स सॊतरन फनान हए दखना ही नाकककागर भदरा मोग कहराता ह रककन मह भदरा कयन स ऩहर मोग शशक की सराह जरय र तमोकक इसक कयन स बकटी ऩय जोय ऩड़ता ह

अनतबोध चतनय दवारा सऩादित तरिदिवसीय मदराचचकितसा सि 41

ववचध- ककसी बी आसन भ फठकय नाक क आखखयी शसय ऩय नजय दटका र हो सकता ह कक ऩहर आऩ फाई आॊखो स उस दख ऩाएॊ तफ कछ दय फाद दाई आॊखो स दख इस दखन भ जया बी तनाव न हो सहजता स इस दख

ऱाभ- इसस जहाॊ आॊखो की एतसयसाइज होती ह वहीॊ मह भतसतटक क शरए बी राबदामक ह इसस भन भ एकागरता फढ़ती ह इस भदरा क रगाताय अभमास कयन स भराधाय िकर जागरत होन रगता ह तजसस कणडरीनी जागयण भ भदद शभरती ह इसस भराधाय िकर इसशरए जागरत होता ह तमोकक दोनो आॊखो क फीि ही तसथत ह इड़ा वऩ ॊगरा औय सषमना नाड़ी जो भराधाय तक गई ह समय- इस भदरा को इतनी दय तक कयना िादहए कक आॊखो ऩय इसका जमादा दफाव नहीॊ ऩड़ कपय धीय-धीय इस कयन का सभम फढ़ात जाएॊ

37 बरहम आसन मदरा-

कछ रोग इस बरहभा भदरा बी कहत ह तमोकक इस आसन भ गदमन को िाय ददशा भ घभामा जाता ह औय बरहभाजी क िाय भख थ इसीशरए इसका नाभ बरहभा भदरा आसन यखा गमा रककन असर भ मह बरहभ भदरा आसन ह औय इसभ सबी ददशाओॊ भ तसथत ऩयभशवय को जानकय उसका चिॊतन ककमा जाता ह नभाज ऩढ़त वतत मा सॊधमा वॊदन कयत वतत उतत भदरासन को ककमा जाता यहा ह ववचध- ऩदमासन शसदधासन मा वजरासन भ फठकय कभय तथा गदमन को सीधा यखत हए गदमन को धीय-धीय दामीॊ ओय र जात ह कछ सकॊ ड दामीॊ ओय रकत ह उसक फाद गदमन को धीय-धीय फामीॊ ओय र जात ह कछ सकॊ ड तक फामीॊ ओय रककय कपय दामीॊ ओय र जात ह कपय वाऩस आन क फाद गदमन को ऊऩय की ओय र जात ह उसक फाद नीि की तयप र जात ह कपय गदमन को तराकवाइज

अनतबोध चतनय दवारा सऩादित तरिदिवसीय मदराचचकितसा सि 42

औय एॊटीतराकवाइज घभाएॉ इस तयह मह एक िकर ऩया हआ अऩनी सववधानसाय इस िाय स ऩाॉि िकरो भ कय सकत ह

ऱाभ तजन रोगो को सवामइकर सऩोडराइदटस थाइयाइड नराॊटस की शशकामत ह उनक शरए मह आसन राबदामक ह इसस गदमन की भाॉसऩशशमाॉ रिीरी तथा भजफत होती ह आधमाततभक दतटट स बी मह आसन राबदामक ह आरसम बी कभ होता जाता ह तथा फदरत भौसभ क सदी-जकाभ औय खाॉसी स छटकाया बी शभरता ह

सावधाननया तजनह सवामइकर सऩोडराइदटस मा थाइयाइड की सभसमा ह व ठोडी को ऊऩय की ओय दफाएॉ गदमन को नीि की ओय र जात सभम कॊ ध न झकाएॉ कभय गदमन औय कॊ ध सीध यख गदमन मा गर भ कोई गॊबीय योग हो तो मोग चिककतसक की सराह स ही मह भदराआसन कय

38 भजचगनी मदरा- ववचध- इसभ भख को पराकय कॊ ठ स फाहयी वाम खीॊिी जाती ह| तार औय तजहवा क भधम वाम क घभन स शयीय भ अदभत शततत का आववबामव होता ह|

ऱाभ- मह भदरा अजीणम आदद उदय योगो को नटट कयन भ बी फहत उऩमोगी ह| इस परकाय भदराओॊ क अभमास स साधक को सफ परकाय क शायीरयक भानशसक औय आततभक फर की परातपत होती ह| मोगािामो क अनसाय lsquoनातसत भदरासनककॊ चित शसवदधदॊकषततभणडर (घयणड सॊदहता)rsquo अथामत भदराओॊ क सभान शसवदधदामक कोई अनम साधन ब-भॊडर ऩय नहीॊ ह| इसशरए मोगशसवदध क आकाॊीजनो को भदराओॊ का अभमास कयना शरमसकय ह|

अनतबोध चतनय दवारा सऩादित तरिदिवसीय मदराचचकितसा सि 43

39 खचरी मदरा-

भनटम की जीब (तजहवा) दो तयह की होती ह- रॊफी औय छोटी रॊफी जीब को सऩमतजहवा कहत ह कछ रोगो की जीब रॊफी होन स व उस आसानी स नाशसकागर ऩय रगा सकत ह औय खियी-भदरा कय सकत ह भगय तजसकी जीब छोटी होती ह उस तकरीपो का साभना कयना ऩड़ता ह सफस ऩहर उनह अऩनी जीब रॊफी कयनी ऩड़ती ह औय उसक शरए घषमण व दोहन का सहाया रना ऩड़ता ह जीब नीि की ओय स तजस नाड़ी स जड़ी होती ह उस काटना ऩड़ता ह खियी भदरा को शसदध कयन एवॊ अभत क सराव हत आवशमक उददीऩन भ कछ वषम बी रग सकत ह मह वमततत की मोनमता ऩय बी तनबमय कयता ह मोग भ कछ भदराएॊ ऐसी ह तजनह शसपम मोगी ही कयत ह साभानमजनो को इनह नहीॊ कयना िादहए खियी भदरा साधको क शरए भानी गई ह ववचध - इसक शरए जीब औय तार को जोड़न वार भाॊस-तॊत को धीय-धीय काटा जाता ह अथामत एक ददन जौ बय काटकय छोड़ ददमा जाता ह कपय तीन-िाय ददन फाद थोड़ा-सा औय काट ददमा जाता ह इस परकाय थोड़ा-थोड़ा काटन स उस सथान की यतत शशयाएॊ अऩना सथान बीतय की तयप फनाती जाती ह जीब को काटन क साथ ही परततददन धीय-धीय फाहय की तयप खीॊिन का अभमास ककमा जाता ह इसका अभमास कयन स कछ भहीनो भ जीब इतनी रॊफी हो जाती ह कक मदद उस ऊऩय की तयप रौटा (उसटा कयन) ददमा जाए तो वह शवास जान वार छदो को बीतय स फॊद कय दती ह इसस सभाचध क सभम शवास का आना-जाना ऩणमत योक ददमा जाता ह ऱाभ इस भदरा स पराणामाभ को शसदध कयन औय साभचध रगान भ ववशष सहामता शभरती ह साधनायत साधओॊ क शरए मह भदरा फहत ही राबदामी भानी

अनतबोध चतनय दवारा सऩादित तरिदिवसीय मदराचचकितसा सि 44

जाती ह ववशषता तनयॊतय अभमास कयत यहन स तजफ जफ रॊफी हो जाती ह तफ उस नाशसका यनरो भ परवश कयामा जा सकता ह इस परकाय धमान रगान स कऩार भागम एवॊ तरफ ॊद ववसगम स सॊफॊचधत कछ गरॊचथमो भ उददीऩन होता ह तजसक ऩरयणाभसवरऩ अभत का सराव आयॊब होता ह उसी अभत का सराव होत वतत एक ववशष परकाय का आधमाततभक अनबव होता ह इस अनबव स शसवदध औय सभाचध भ तजी स परगतत होती ह चतावनी मह आरख शसपम जानकायी हत ह कोई बी वमततत इस ऩढ़कय कयन का परमास न कय तमोकक मह शसपम साधको क शरए ह आभ रोगो क शरए नहीॊ

40 अकzwj वनी मदरा- इस भदरा स साधक भ घोड़ो जसी शततत आ जाती ह तजस lsquoहॉसम ऩॉवयrsquo कहत ह|

ववचध - इस भदरा भ गदा-दवाय का फाय-फाय सॊकोिन औय परसाय ककमा जाता ह| इसी स भदरा की शसवदध हो जाती ह| इसक दवाया कणडशरनी जागयण भ सगभता यहती ह औय अनक योग नटट होकय शायीरयक फर की ववदध होती ह|

ऱाभ - अतश वनी भदरा शसदध होन स साधक की अकारभतम कबी नहीॊ होती| गदा औय उदय स सॊफॊचधत योगो का इसक दवाया शभन होता ह तथा दीघमजीवन की उऩरतबध होती ह| तरफना भरफॊध क अतश वनी भदरा नहीॊ हो सकती| 41 बजरौऱी मदरा- फजरौरी भदरा बी भरफॊध का अचछा अभमास ककए तरफना ककसी परकाय सॊबव नहीॊ ह| मह भदरा कवर मोगी क शरए ही नहीॊ बोगी क शरए बी अतमॊत राबकायी ह|

अनतबोध चतनय दवारा सऩादित तरिदिवसीय मदराचचकितसा सि 45

ववचध - इस भदरा भ ऩहर दोनो ऩाॊवो को बशभ ऩय दढ़ताऩवमक दटकाकय दोनो ऩाॊवो को धीय-धीय दढ़ताऩवमक ऊऩय आकाश भ उठा द| इसस तरफॊद-शसवदध होती ह| शकर को धीय-धीय ऊऩय की आकॊ िन कय अथामत इॊददरम क आॊकिन क दवाया वीमम को ऊऩय की ओय खीॊिन का अभमास कय तो मह भदरा शसदध होती ह| ववदवानो का भत ह कक इस भदरा क अभमास भ सतरी का होना आवशमक ह तमोकक बग भ ऩततत होता हआ शकर ऊऩय की ओय खीॊि र तो यज औय वीमम दोनो ही िढ़ जात ह| मह ककरमा अभमास स ही शसदध होती ह| कछ मोगािामम इस परकाय का अभमास शकर क सथान ऩय दनध स कयना फतात ह| जफ दनध खीॊिन का अभमास शसदध हो जाए तफ शकर को खीॊिन का अभमास कयना िादहए| वीमम को ऊऩय खीॊिनवारा मोगी ही ऊधवमयता कहराता ह| ऱाभ - इस भदरा स शयीय रटट-ऩटट तजसवी सॊदय सडौर औय जया-भतम यदहत होता ह| शयीय क सबी अवमव दढ़ होकय भन भ तनश िरता की परातपत होती ह| इसका अभमास अचधक कदठन नहीॊ ह| मदद गहसथ बी इसक कय तो फरवदधमन औय सौदममवदधमन का ऩया राब परापत कय सकत ह चतावनी मह आरख शसपम जानकायी हत ह कोई बी वमततत इस ऩढ़कय कयन का परमास न कय तमोकक मह शसपम साधको क शरए ह आभ रोगो क शरए नहीॊ

साधना कयनवार वमततत क शरए मह आवशमक ह कक वह साधना भ कातमक वाचिक औय भानशसक ककरमाओॊ ऩय ऩया तनमॊतरण यख तथा सभम-सभम ऩय उचित ताॊतरतरक परककरमाओॊ का बी सभनवम कयता यह| इस दतटट स तजस परकाय आसन ऩातरासादन अिमन आदद भ ककरमाओॊ का ववधान ह उसी परकाय उनक साथ कछ भदरा फनान का ववधान ह| म भदराएॊ भखम रऩ-स हाथ औय उसकी उॊगशरमो क परमोग स फनती ह| जस हभाया शयीय ऩॊिततवभम ह| अत शासतरकायो न कहा ह कक इन उॊगशरमो क परमोग स इन ततवो की नमनाचधकता दय की जा

अनतबोध चतनय दवारा सऩादित तरिदिवसीय मदराचचकितसा सि 46

सकती ह तथा ततवो की सभता-ववषभता स होनवारी कभी को उॊगशरमो की भदरा स सभ फनामा जा सकता ह| इतना ही नहीॊ ऐसी भदराओॊ क सहमोग स उन ततवो को सवचछाऩवमक घटामा-फढ़ामा बी जा सकता ह| म ततव करभश अॊगटठ भ अतनन तजमनी भ वाम भधमभा भ आकाश अनाशभका भ ऩथवी औय कतनतटठका भ जर क रऩ भ ववदमभान यहत ह| दवताओॊ की परसननता चितत की शवदध औय ववववध योगो क नाश भ भदराओॊ स फड़ी सहामता शभरती ह| भदराततव को सभझकय परतमक मोगी को इनका साधन कयना िादहए| कणडशरनी शततत क जागयण भ इन भदराओॊ स सहामता शभरती ह| महाॊ हभन तजन भदराओॊ का वणमन एवॊ चितरण ककमा ह उसभ परतमक मोगी साधक को ऩरयचित होना िादहए|

अनतबोध चतनय दवारा सऩादित तरिदिवसीय मदराचचकितसा सि 47

मोग अनसाय आसन औय पराणामाभ की तसथतत को भदरा कहा जाता ह फॊध ककरमा औय भदरा भ आसन औय पराणामाभ दोनो का ही कामम होता ह मोग भ भदराओॊ को आसन औय पराणामाभ स बी फढ़कय भाना जाता ह भदरा दो तयह की होती ह- ऩहरी हसत भदरा अथामत हाथो औय उसकी अॊगशरमो को ववशष आकतत भ फनाना औय दसयी आसन भदरा अथामत तजसभ ऩया शयीय ही सॊिाशरत होता ह

Page 25: 235347477 Mudra Chikitsa Swami Ananta Bodha Chaitanya

अनतबोध चतनय दवारा सऩादित तरिदिवसीय मदराचचकितसा सि 25

18 योनन मदरा-

मौचगक दतटट स अऩन अॊदय कई परकाय क यहसम तछऩाए यखनवारी भदरा का वासतववक नाभ lsquoमोतन भदराrsquo ह| तत मोग क अनसाय कवर हाथो की उॊगशरमो स भहाशततत बगवती की परसननता क शरए मोतन भदरा परदशशमत कयन की आऻा ह| परतम रऩ स इसका परबाव रॊफी मोग साधना क अॊतगमत तॊतर-भॊतर-मॊतर साधना स बी दतटटगोिय होता ह| इस भदरा क तनयॊतय अभमास स साधक की पराण-अऩान वाम को शभरा दनवारी भरफॊध ककरमा को बी साथ कयन स जो तसथतत फनती ह उस ही मोतन भदरा की सॊऻा दी ह| मह फड़ी िभतकायी भदरा ह| ऩदमासन की तसथतत भ फठकय दोनो हाथो की उॊगशरमो स मोतन भदरा फनाकय औय ऩवम भरफॊध की तसथतत भ सममक बाव स तसथत होकय पराण-अऩान को शभरान की परफर बावना क साथ भराधाय सथान ऩय मौचगक सॊमभ कयन स कई परकाय की शसवदधमाॊ परापत हो जाती ह|

अनतबोध चतनय दवारा सऩादित तरिदिवसीय मदराचचकितसा सि 26

ऋवषमो का भत ह कक तजस मोगी को उऩयोतत तसथतत भ मोतन भदरा का रगाताय अभमास कयत-कयत शसवदध परापत हो गई ह उसका शयीय साधनावसथा भ बशभ स आसन सदहत ऊऩय अधय भ तसथत हो जाता ह| सॊबवत इसी कायण आदद शॊकयािाममजी न अऩन मोग यतनावरी नाभक ववशष गरॊथ भ भरफॊध का उसरख ववशष रऩ स ककमा ह|

19 धन मदरा -

बायतीम ऩयॊऩया भ धन गाम को कहा जाता ह औय मह दहनद धभम क साततवक औय भहानता का परतीक ह धन भदरा फनात सभम हाथो की उॊगशरमा गाम क थनो जसी हो जाती ह जस गाम क थनो स दध ऩीकय शयीय ऩटट फनता ह वस ही धन भदरा कयन स बी शयीय रटट ऩटट फनता ह

ववचध - अनमोनमाशबभखॊ तशरटटाकतनटठानाशभका ऩन

अनतबोध चतनय दवारा सऩादित तरिदिवसीय मदराचचकितसा सि 27

तथा ि तजमतनभधमा धन भदरा अभत परदा ( कारी तॊतर )

अऩन दोनो हाथो की अॊगशरमो क ऩोयो को एक साथ शभरा र कपय फाम हाथ की तजमनी ऊॊ गरी को दाएॊ हाथ की फीि वारी उॊगरी स छआए इसक फाद दाएॊ हाथ की तजमनी उॊगरी को फाम हाथ की फीि वारी उॊगरी स छआम ऐस ही फाम हाथ की अनाशभका उॊगरी को दाएॊ हाथ की सफस छोटी उॊगरी स शभराएॊ अॉगठो को खरा छोड़ द हाथ की अॊगशरमो को नीि की तयप कयन स अॊगशरमो की आकतत गाम क धनो जसी हो जाती ह इसी कायण इस धन भदरा कहत ह

सभम - इस भदरा का अभमास धीय धीय फढ़ाए ऩहर 1 स 15 शभतनट औय फाद भ 15 स 30 तथा जफ अचछी तयह मह भदरा अभमास भ आ जाए तफ इस भदरा को 45 शभतनट तक कय सकत ह

राब - धन भदरा स ऩािन तॊतर भजफत होता ह औय शयीय ताकतवय व सवसथ फनता ह मह ऩट क योगो क शरए याभफाण भदरा ह मोग साधना भ फहत ही उऩमोगी भदरा कहराती ह तॊतर एवॊ कभमकाॊड भ बी धन भदरा का परमोग ह ह ऩयानी भानमता क अनसाय मह अभत ततव को दन वारी भदरा ह मह भदरा वात वऩतत तथा कप को सॊतशरत कयती ह

अनतबोध चतनय दवारा सऩादित तरिदिवसीय मदराचचकितसा सि 28

20 मगी मदरा-

भग दहयन को कहा जाता ह मऻ क दौयान होभ की जान वारी साभगरी को इसी भदरा भ होभ ककमा जाता ह पराणामाभ ककए जान क दौयान बी इस भदरा का उऩमोग होता ह धमान कयत वतत बी इस भदरा का इसतभार ककमा जाता ह मह भदरा फनात वतत हाथ की आकतत भग क शसय क सभान हो जाती ह इसीशरए इस भगी भदरा कहा जाता ह मह एक हसत भदरा ह ववचध अऩन हाथ की अनाशभका औय भधमभा अॊगरी को अॊगठ क आग क बाग को छआ कय फाकी फिी तजमनी औय कतनटठा अॊगरी को सीधा तान दन स भगी भदरा फन जाती ह योग आसन - इस दौयान उतकटासन सखासन औय उऩासना क सभम इसतभार होन वार आसन ककए जा सकत ह

अनतबोध चतनय दवारा सऩादित तरिदिवसीय मदराचचकितसा सि 29

समय- इस भदरा को सववधानसाय कछ दय तक कय सकत ह औय इस तीन स िाय फाय ककमा जा सकता ह ऱाभ- भगी भदरा कयत सभम अॊगठ क ऩोय औय अॊगशरमो क जोड़ ऩय दफाव ऩड़ता ह उतत दफाव क कायण शसयददम औय ददभागी ऩयशानी भ राब शभरता ह एतमपरशय चिककतसा क अनसाय उतत अॊगशरमो क अॊदय दाॊत औय सामनस क तरफ ॊद होत ह तजसक कायण हभ दाॊत औय सहनस योग भ बी राब शभरता ह ववशष- भाना जाता ह कक इस भदरा को कयन स सोिन औय सभझन की शततत का ववकास बी होता ह भगी भदरा शभगी क योचगमो क शरए फहत ही राबकायी ह

21 यमहररमदरा

ववचध -सवम परधभ आऩ अऩन दोनो हाथो की सफस छोटी अॊगरी अथामत कतनटठा को आऩस भ एक दसय क परथभ ऩोय स शभरा द इसी क साथ दोनो अॊगठ को बी आऩस भ शभरा द अफ तीन अॊगशरमाॊ फाकी यह जाएॊगी- भध मभा तजमनी औय अनाशभका इन तीनो अॊगशरमो को हथरी की ओय भोड़कय भटठी जसा फनाइए अॊगशरमो की इस तसथतत को मभ हरयभदरा कहत ह

अनतबोध चतनय दवारा सऩादित तरिदिवसीय मदराचचकितसा सि 30

ऱाभ - मभहरयभदरा क तनमशभत अभमास स नाडड़मो को शततत शभरती ह इस भदरा क तनयॊतय अभमास स ऩट क योग जस- कबज बख ना रगना औय तजगय की कभजोयी दय होती ह इस भदरा स तसतरमो क सतनो क साय योगो भ बी राब शभरता ह मभ हरयभदरा को परततददन 5 शभनट सफह औय 5 शभनट शाभ को कय आऩ इसक कयन का सभम फढ़ाकय 10 शभनट तक कय सकत ह परततददन कभ स कभ ऩाॊि भदराएॊ अऩनी सववधानसाय कयनी िादहए भदराओॊ स सबी योगो भ राब ऩामा जा सकता ह मदद उनका मोग शशक स ऩछकय तनमशभत अभमास ककमा जाए भदराएॊ खासकय उन रोगो क शरए पामदभॊद सातरफत होती ह जो मोगासन कयन भ असभथम ह

22 ऩषऩाजलऱ मदरा-

अनतबोध चतनय दवारा सऩादित तरिदिवसीय मदराचचकितसा सि 31

मह भहतवऩणम हसत मोग भदरा ह जस दआ भ हाथ उठात ह मा ऩटऩ अऩमण कयत ह तफ मह भदरा फनती ह जसा कक इसका नाभ ह ऩटऩाॊजशर इसी स मह शसदध होता ह कक मह भदरा ककस परकाय की होगी ववचध- दोनो हाथो की अॊगशरमो औय अॊगठ को आऩस भ शभरा भखणफदध को बी शभरा र कपय दोनो हाथो की छोटी अॊगशरमो को एक साथ शभराकय ऐसी आकतत फना र कक जस हभ ककसी बगवान को पर िढ़ात सभम फनात ह इस ही ऩटऩाॊजशर भदरा कहत ह

ऱाभ- ऩटऩाॊजरी भदरा क तनयॊतय अभमास स नीॊद अचछी तयह स आन रगती ह आतभववशवास फढ़ता ह

23 यज भदरा-

अनतबोध चतनय दवारा सऩादित तरिदिवसीय मदराचचकितसा सि 32

यज भदरा कवर तसतरमो क शरए ह ऐसा नहीॊ फतसक अगय ऩरष इस भदरा को कयत ह तो उनक वीमम सॊफॊधी सभसत योग दय हो जात ह ववचध- यज भदरा फनाना फहत ही आसान ह कतनटठा (छोटी अॊगरी) अॊगरी को हथरी की जड़ भ भोड़कय रगान स यज भदरा फन जाती ह ऱाभ- यज भदरा स तसतरमो क भाशसक धभम सॊफॊधी योग दय होत ह इसक अरवा शसय भ बायीऩन यहना छाती भ ददम ऩट ऩीठ कभय का ददम आदद योग बी यज भदरा कयन स दय हो जात ह सतरी क साय परजनन अॊगो की ऩयशातनमो को म भदरा तरफसकर दय कय दती ह

24 अदिती मदरा-

ववचध- अॊगठ क आग क बाग को अनाशभका (छोटी उॊगरी क साथ वारी उॊगरी) उॊगरी की जड़ भ टढ़ा रगान स अददती भदरा फन जाती ह

ऱाभ- इस भदरा को कयन स हय सभम उफासी आना जमादा छीॊक आना जस योगो को दय ककमा जा सकता ह

अनतबोध चतनय दवारा सऩादित तरिदिवसीय मदराचचकितसा सि 33

समय- अददती भदरा को ददन भ 3-4 फाय 15-15 शभनटो क शरए कय सकत ह

25 हसी मदरा-

जस हॊस नीय ीय वववक की साभथमम यखता ह वस इस भदरा क कयन स सोिन औय तवरयत तनणमम की भता फढती ह मदरा िी ववचध - सखासन मा उतकटासन भ फठकय अऩन हाथ की सबी सफस छोटी अॊगरी को छोड़कय अॊगशरमो को अॊगठ क आग क बाग को दफान स हॊसी भदरा फन जाती ह अवचध- इस भदरा को परयॊब भ 5-8 शभनट स कयक 30-48 शभनट तक कय सकत ह मदरा िा ऱाभ- इस भदरा तनमशभत अभमास स वववक फढ़ता ह अथामत इसस सोिन-सभझन की शततत फढ़ती ह औय इसस शयीय का बायीऩन सभापत हो जाता ह

अनतबोध चतनय दवारा सऩादित तरिदिवसीय मदराचचकितसा सि 34

ववशषता- भाना जाता ह कक इस भदरा का तनमशभत अभमास कयन स याजशसक ताकत फढ़ती ह औय वमततत धन सॊऩनन फना यहता ह सावधानी - इस भदरा को कयत सभम ककसी बी परकाय का भॊतर नहीॊ जऩना िादहए औय ना ही कोई अनम धाशभमक उऩकरभ कय

26 हसतऩात मदरा-

ववचध- इस भदरा को कयन क शरए आऩ अऩन दोनो हाथो की हथरी क ऩीछ क बाग को आऩस भ अॊगशरमो सदहत शभरा द इस आकतत को हसतऩात भदरा कहा जाता ह मह नभसकाय भदरा जसा ही ह रककन इसभ हथरी क ऩटठ बाग को शभरा ददमा जाता ह ऱाभ- इस हसतऩात भदरा को कयन स शवास औय गर क क साय योग भ फहत राब शभरता ह तजन तसतरमाॊ मदद इसका तनमशभत अभमास कयती ह तो इसस उनक सतन सड़ौर सॊदय औय सवसथ हो जात ह तजन तसतरमो क सतन छोट ह ढीर ह मा उनक सतनो भ दध नहीॊ आता ह तो मह भदरा उनक शरए फहत राबकायी शसदध हो सकती ह

27 धयान मदरा

ववचध- ऩदमासन भ फठकय फाएॊ हाथ की हथरी ऩय दाएॊ हाथ की हथरी को (उसट हाथ ऩय सीध हाथ को) हसक स यखन स धमान भदरा फनती ह| धमान यख कक इस भदरा भ शसय गदमन एवॊ यीढ़ की हडडी सीधी यह| आॊख औय होठ सहज स फनद यह| धमान अऩन इटटदव क सवरऩ ऩय दटकाएॊ अथवा कामोतसगम कय अथामत शयीय स

अनतबोध चतनय दवारा सऩादित तरिदिवसीय मदराचचकितसा सि 35

सभता यखत हए कछ दय क शरए वविाय यदहत अवसथा भ यहन का परमास कय| अटटाॊग मोग (मभ तनमभ पराणामाभ परतमाहाय धायणा धमान औय सभाचध) क एक अॊग lsquoधमानrsquo की साधना भ मह भदरा ववशष रऩ स सहामक शसदध हई ह| ऱाभ - जो वमततत ऩदमासन नहीॊ कय सकत उनह धमान भदरा सखासन मा सवतसतक अथवा ऩारथी आसन भ कयना िादहए| मह सहज भदरा ह| सहज धमान भदरा को साधायण वमततत अचधक रमफ सभम तक सयरता स कय सकता ह| इसस धमान भदरा क राब बी शभर जात ह| धमान भदरा भ मदद हथशरमाॊ एक दसय ऩय यखन क फाद दोनो हथशरमाॊ ऻान भदरा की तसथतत भ यखी जाएॊ तो धमान भदरा तथा ऻान भदरा क सतमभशरत राब क साथ ऩदमासन क राब बी शभर जात ह| साधक क शरए धमान भदरा भ सभम की कोई सीभा नहीॊ ह| रककन सहजता क साथ ऩदमासन कयन की भता क अनरऩ धमान भदरा का अभमास कयना िादहए| साधायण वमततत को इस धीय-धीय फढ़ात हए कभ-स-कभ २० शभनट स एक घॊट तक कयना िादहए| धमान भदरा न कय सकन की अवसथा भ सहज धमान भदरा कयक राब उठाना िादहए| भन की िॊिरता शाॊत होकय चितत की एकागरता फढ़ती ह| साततवक वविायो की उतऩततत होती ह औय परब बजन भ भन रगता ह|

धमान क परबाव स साधक को धमान की उचितय तसथतत भ ऩहॊिन भ सहामता शभरती ह| आतभ साातकाय औय ईश वय क साातकाय भ मह भदरा सहामक ह|

28 शामभवी मदरा-

आॉख खरी हो रककन आऩ दख नहीॊ सकत ऐसी तसथतत जफ सध जाती ह तो उस शामबवी भदरा कहत ह ऐसी तसथतत भ आऩ नीॊद का भजा बी र सकत ह मह फहत कदठन साधना ह इसक ठीक उसटा कक जफ आॉख फॊद हो तफ आऩ दख

अनतबोध चतनय दवारा सऩादित तरिदिवसीय मदराचचकितसा सि 36

सकत ह मह बी फहत कदठन साधना ह रककन मह दोनो ही सॊबव ह असॊबव कछ बी नहीॊ फहत स ऐस ऩश औय ऩी ह जो आॉख खोरकय ही सोत ह ववचध- मदद आऩन तराटक ककमा ह मा आऩ तराटक क फाय भ जानत ह तो आऩ इस भदरा को कय सकत ह सवमपरथभ शसदधासन भ फठकय यीढ़-गदमन सीधी यखत हए ऩरको को तरफना झऩकाएॉ दखत यह रककन धमान ककसी बी िीज को दखन ऩय ना यख ददभाग तरफसकर बीतय कहीॊ रगा हो

ऱाभ- शामबवी भदरा को कयन स ददर औय ददभाग को शाॊतत शभरती ह मोगी का धमान ददर भ तसथय होन रगता ह आॉख खरी यखकय बी वमततत नीॊद औय धमान का आनॊद र सकता ह इसक सधन स वमततत बत औय बववटम का ऻाता फन सकता ह सऱाह- शामबवी भदरा ऩयी तयह स तबी शसदध हो सकती ह जफ आऩकी आॉख खरी हो ऩय व ककसी बी िीज को न दख यही हो ऐसा सभझ की आऩ ककसी धन भ जी यह हो आऩको खमार होगा कक कबी-कबी आऩ कहीॊ बी दख यह होत ह रककन आऩका धमान कहीॊ ओय यहता ह समय- इस भदरा को शरआत भ तजतनी दय हो सक कय औय फाद भ धीय-धीय इसका अभमास फढ़ात जाएॉ

अनतबोध चतनय दवारा सऩादित तरिदिवसीय मदराचचकितसा सि 37

29 शकततचालऱनी मदरा- ववचध - आठ अॊगर रॊफा औय िाय अॊगर िौड़ा भरामभ वसतर रकय नाशब ऩय रगाएॊ औय कदटसतर भ फाॊध र| कपय शयीय भ बसभ यभाकय शसदधासन भ फठ औय पराण को अऩान स मतत कय| जफ तक गहम दवाय स िरती हई वाम परकाशशत न हो इस सभम तक गहम दवाय को सॊकचित यख| इसस वाम का जो तनयोध होता ह उसभ कमबक क दवाया कणडशरनी शततत जागरत होती हई सषमना भागम स ऊऩय जाकय खड़ी हो जाती ह| मोगभदरा स ऩहर इसका अभमास कयन ऩय ही मोतन भदरा की ऩणम शसवदध होती ह| ऱाभ - इस भदरा स कणडशरनी शततत का जागयण होता ह| जफ तक मह सोती ह तफ तक सबी आॊतरयक शतततमाॊ सपत ऩड़ी यहती ह| इसशरए कणडशरनी का जागरत होना साधक क शरए फहत आवशमक ह| पराण-अऩान को सॊमतत कयन की ककरमा पराणवाम को ऩयक दवाया बीतय खीॊिन औय उडडीमान फॊध स अऩान वाम को ऊऩय की ओय आकवषमत कयन स ऩणम होती ह| इसभ गहम परदश क सॊकोि औय ववसताय का अभमास होन स अचधक सयरता हो सकती ह| 30 तड़ागी मदरा- ववचध - दोनो ऩाॊवो को दणड क सभान धयती ऩय ऩसाय र औय हाथो स उनक अॊगठो को ऩकड़न तथा दोनो जाॊघो ऩय शसय को सथावऩत कय साथ ही उदय को तड़ाग (सयोवय) क सभान कय र| ऱाभ - मह भदरा अनक योगो औय वदधावसथा को बी दय कयन भ सहामक शसदध होती ह|

अनतबोध चतनय दवारा सऩादित तरिदिवसीय मदराचचकितसा सि 38

31 माणडवी मदरा- ववचध - भख को फॊद कयक जफान को तार भ घभाएॊ औय सहसराय स टऩकत हए सधायस को जफान स धीय-धीय ऩीन का मतन कय| मही भाणडवी (मा भाणडकी) भदरा ह| ऱाभ - इसक दवाया फारो की सपदी उनका झड़ना शयीय ऩय झरयममो भॊहासो आदद का ऩड़ना तथा तनफमरता आदद दय होकय चिय-मौवन की परातपत होती ह| इसस यसोतऩादन होकय अभततव की उऩरतबध होना सॊबव हो जाता ह| 32 ऩालशनी मदरा ववचध- दोनो ऩाॊवो को कॊ ठ क ऩीछ की ओय र जाकय उनह ऩयसऩय शभराएॊ औय ऩाश क सभान दढ़ता स फाॊध र| ऱाभ - इसक अभमास स बी कणडशरनी शततत क जागयण भ फहत सगभता हो जाती ह तथा साधक क शयीय भ फर औय ऩतटट का आववबामव होता ह| भानशसक फरवदधमन भ बी मह फहत दहतकय ह| 33 िािी मदरा-

काक कौए को कहत ह कौए की िोि जसी भॊह की भदरा फना रन को काकी भदरा कहा जाता ह ववचध ककसी बी आसन भ फठकय होठो को ऩतरी सी नरी क सभान भोड़कय कौए की िोि जसा फना र अफ नाक क अगर बाग को दखत हए अऩना ऩया धमान नाक ऩय दटका द इसक फाद भॊह स धीय-धीय गहयी शवास रकय होठो को फॊद कय द कछ दय फाद शवास को नाक स फाहय तनकार द इस तयह स 10

अनतबोध चतनय दवारा सऩादित तरिदिवसीय मदराचचकितसा सि 39

शभनट तक कय ऱाभ मह भदरा जहाॊ शयीय भ ठॊडक फढ़ाती ह वहीॊ मह कई योगो को दय कयन भ राबदामक ह इस भदरा का तनयॊतय अभमास कयन स शयीय भ अॊदय बोजन ऩिान की ककरमा तज हो जाती ह इसस अमरवऩतत का फढ़ना कभ हो जाता ह

34 मातचगनी मदरा-

भातॊग का अथम होता ह भघ भाॊ दगाम का एक रऩ ह भातॊगी मह दस भहाववदमा भ स नौवीॊ ववदमा ह भातॊग नाभ स एक धमान होता ह भॊतर होता ह औय एक हाथी का नाभ बी भातॊग ह ऋवष वशशटठ की ऩतनी का एक नाभ बी भातॊगी ह ऋवष कशमऩ की ऩतरी का नाभ बी भातॊगी ह तजसस हाथी उतऩनन हए थ ववचध शाॊत जगह भ ऩानी क अॊदय गर तक शयीय को डफो र औय कपय नाक स ऩानी को खीॊिकय उस भॊह स तनकार र कपय भॊह स ऩानी को खीॊिकय नाक स फाहय तनकार द इस ककरमा को ही भातॊचगनी भदरा कहत ह ऱाभ इस भदरा क अभमास स आॊखो की योशनी तज हो जाती ह शसय ददम भ मह भदरा अतमॊत राबकायी भानी जाती ह इसस नजरा-जकाभ आदद क योग बी दय हो जात ह इस भदरा क तनयॊतय अभमास स िहय ऩय िभक आ जाती ह औय फार बी सपद नहीॊ होत ह इस भदरा क शसदध हो जान ऩय वमततत भ ताकत फढ़ जाती ह

35 नभोमदरा

नब का अथम होता ह आकाश इस भदरा भ जीब को तार की ओय रगात ह इसीशरए इस नबोभदरा कहत ह नबोभदरा कयना सयर नहीॊ ह इस ककसी मोग

अनतबोध चतनय दवारा सऩादित तरिदिवसीय मदराचचकितसा सि 40

शशक स सीखकय ही कयना िादहए मह भदरा फहत स योगो भ राबदामक शसदध हई ह इस फाय भ एक शरोक बी ह- मतर मतर तसथतो मोगी सवमकामष सवमदा उधवमतजवह तसथयो बतवाधायमतभवनॊ सदा नबोभदरा भवदषा मोदववना योग नाशशनी अथामत साय कामो भ तसथय हआ चितत अऩनी जीब क अगर बाग को भॊह क अॊदय तार भ रगाकय शवास को अॊदय योक रता ह इस तसथतत स विारयक गततववचधमाॊ ततकार फॊद हो जाती ह इसीशरए इस भदरा को यहसम का आबास ददरान वारी भदरा बी कहा जाता ह ववचध- अऩनी आॊखो को अऩनी दोनो बौहो क फीि भ जभाकय आऩकी जीब तार क साथ रगा र मह दोनो कामम एक ही साथ औय एक ही सभम भ कय सववधानसाय जफ तक सॊबव हो इसी तसथतत भ यह औय कपय कछ शभनट का धमान कय ऱाभ- नबोभदरा क तनयॊतय अभमास स जीब गर औय आॊखो क साय योग सभापत हो जात ह इसस भतसतटक भ तसथयता फढ़ती ह औय भतसतटक क योग बी दय हो जात ह

36 नालसिागर मदरा -

नाशसकागर भदरा का अथम होता ह नाक का आखखयी छोय ऊऩयी दहससा मा अगरबाग इस बाग ऩय फायी-फायी स सॊतरन फनान हए दखना ही नाकककागर भदरा मोग कहराता ह रककन मह भदरा कयन स ऩहर मोग शशक की सराह जरय र तमोकक इसक कयन स बकटी ऩय जोय ऩड़ता ह

अनतबोध चतनय दवारा सऩादित तरिदिवसीय मदराचचकितसा सि 41

ववचध- ककसी बी आसन भ फठकय नाक क आखखयी शसय ऩय नजय दटका र हो सकता ह कक ऩहर आऩ फाई आॊखो स उस दख ऩाएॊ तफ कछ दय फाद दाई आॊखो स दख इस दखन भ जया बी तनाव न हो सहजता स इस दख

ऱाभ- इसस जहाॊ आॊखो की एतसयसाइज होती ह वहीॊ मह भतसतटक क शरए बी राबदामक ह इसस भन भ एकागरता फढ़ती ह इस भदरा क रगाताय अभमास कयन स भराधाय िकर जागरत होन रगता ह तजसस कणडरीनी जागयण भ भदद शभरती ह इसस भराधाय िकर इसशरए जागरत होता ह तमोकक दोनो आॊखो क फीि ही तसथत ह इड़ा वऩ ॊगरा औय सषमना नाड़ी जो भराधाय तक गई ह समय- इस भदरा को इतनी दय तक कयना िादहए कक आॊखो ऩय इसका जमादा दफाव नहीॊ ऩड़ कपय धीय-धीय इस कयन का सभम फढ़ात जाएॊ

37 बरहम आसन मदरा-

कछ रोग इस बरहभा भदरा बी कहत ह तमोकक इस आसन भ गदमन को िाय ददशा भ घभामा जाता ह औय बरहभाजी क िाय भख थ इसीशरए इसका नाभ बरहभा भदरा आसन यखा गमा रककन असर भ मह बरहभ भदरा आसन ह औय इसभ सबी ददशाओॊ भ तसथत ऩयभशवय को जानकय उसका चिॊतन ककमा जाता ह नभाज ऩढ़त वतत मा सॊधमा वॊदन कयत वतत उतत भदरासन को ककमा जाता यहा ह ववचध- ऩदमासन शसदधासन मा वजरासन भ फठकय कभय तथा गदमन को सीधा यखत हए गदमन को धीय-धीय दामीॊ ओय र जात ह कछ सकॊ ड दामीॊ ओय रकत ह उसक फाद गदमन को धीय-धीय फामीॊ ओय र जात ह कछ सकॊ ड तक फामीॊ ओय रककय कपय दामीॊ ओय र जात ह कपय वाऩस आन क फाद गदमन को ऊऩय की ओय र जात ह उसक फाद नीि की तयप र जात ह कपय गदमन को तराकवाइज

अनतबोध चतनय दवारा सऩादित तरिदिवसीय मदराचचकितसा सि 42

औय एॊटीतराकवाइज घभाएॉ इस तयह मह एक िकर ऩया हआ अऩनी सववधानसाय इस िाय स ऩाॉि िकरो भ कय सकत ह

ऱाभ तजन रोगो को सवामइकर सऩोडराइदटस थाइयाइड नराॊटस की शशकामत ह उनक शरए मह आसन राबदामक ह इसस गदमन की भाॉसऩशशमाॉ रिीरी तथा भजफत होती ह आधमाततभक दतटट स बी मह आसन राबदामक ह आरसम बी कभ होता जाता ह तथा फदरत भौसभ क सदी-जकाभ औय खाॉसी स छटकाया बी शभरता ह

सावधाननया तजनह सवामइकर सऩोडराइदटस मा थाइयाइड की सभसमा ह व ठोडी को ऊऩय की ओय दफाएॉ गदमन को नीि की ओय र जात सभम कॊ ध न झकाएॉ कभय गदमन औय कॊ ध सीध यख गदमन मा गर भ कोई गॊबीय योग हो तो मोग चिककतसक की सराह स ही मह भदराआसन कय

38 भजचगनी मदरा- ववचध- इसभ भख को पराकय कॊ ठ स फाहयी वाम खीॊिी जाती ह| तार औय तजहवा क भधम वाम क घभन स शयीय भ अदभत शततत का आववबामव होता ह|

ऱाभ- मह भदरा अजीणम आदद उदय योगो को नटट कयन भ बी फहत उऩमोगी ह| इस परकाय भदराओॊ क अभमास स साधक को सफ परकाय क शायीरयक भानशसक औय आततभक फर की परातपत होती ह| मोगािामो क अनसाय lsquoनातसत भदरासनककॊ चित शसवदधदॊकषततभणडर (घयणड सॊदहता)rsquo अथामत भदराओॊ क सभान शसवदधदामक कोई अनम साधन ब-भॊडर ऩय नहीॊ ह| इसशरए मोगशसवदध क आकाॊीजनो को भदराओॊ का अभमास कयना शरमसकय ह|

अनतबोध चतनय दवारा सऩादित तरिदिवसीय मदराचचकितसा सि 43

39 खचरी मदरा-

भनटम की जीब (तजहवा) दो तयह की होती ह- रॊफी औय छोटी रॊफी जीब को सऩमतजहवा कहत ह कछ रोगो की जीब रॊफी होन स व उस आसानी स नाशसकागर ऩय रगा सकत ह औय खियी-भदरा कय सकत ह भगय तजसकी जीब छोटी होती ह उस तकरीपो का साभना कयना ऩड़ता ह सफस ऩहर उनह अऩनी जीब रॊफी कयनी ऩड़ती ह औय उसक शरए घषमण व दोहन का सहाया रना ऩड़ता ह जीब नीि की ओय स तजस नाड़ी स जड़ी होती ह उस काटना ऩड़ता ह खियी भदरा को शसदध कयन एवॊ अभत क सराव हत आवशमक उददीऩन भ कछ वषम बी रग सकत ह मह वमततत की मोनमता ऩय बी तनबमय कयता ह मोग भ कछ भदराएॊ ऐसी ह तजनह शसपम मोगी ही कयत ह साभानमजनो को इनह नहीॊ कयना िादहए खियी भदरा साधको क शरए भानी गई ह ववचध - इसक शरए जीब औय तार को जोड़न वार भाॊस-तॊत को धीय-धीय काटा जाता ह अथामत एक ददन जौ बय काटकय छोड़ ददमा जाता ह कपय तीन-िाय ददन फाद थोड़ा-सा औय काट ददमा जाता ह इस परकाय थोड़ा-थोड़ा काटन स उस सथान की यतत शशयाएॊ अऩना सथान बीतय की तयप फनाती जाती ह जीब को काटन क साथ ही परततददन धीय-धीय फाहय की तयप खीॊिन का अभमास ककमा जाता ह इसका अभमास कयन स कछ भहीनो भ जीब इतनी रॊफी हो जाती ह कक मदद उस ऊऩय की तयप रौटा (उसटा कयन) ददमा जाए तो वह शवास जान वार छदो को बीतय स फॊद कय दती ह इसस सभाचध क सभम शवास का आना-जाना ऩणमत योक ददमा जाता ह ऱाभ इस भदरा स पराणामाभ को शसदध कयन औय साभचध रगान भ ववशष सहामता शभरती ह साधनायत साधओॊ क शरए मह भदरा फहत ही राबदामी भानी

अनतबोध चतनय दवारा सऩादित तरिदिवसीय मदराचचकितसा सि 44

जाती ह ववशषता तनयॊतय अभमास कयत यहन स तजफ जफ रॊफी हो जाती ह तफ उस नाशसका यनरो भ परवश कयामा जा सकता ह इस परकाय धमान रगान स कऩार भागम एवॊ तरफ ॊद ववसगम स सॊफॊचधत कछ गरॊचथमो भ उददीऩन होता ह तजसक ऩरयणाभसवरऩ अभत का सराव आयॊब होता ह उसी अभत का सराव होत वतत एक ववशष परकाय का आधमाततभक अनबव होता ह इस अनबव स शसवदध औय सभाचध भ तजी स परगतत होती ह चतावनी मह आरख शसपम जानकायी हत ह कोई बी वमततत इस ऩढ़कय कयन का परमास न कय तमोकक मह शसपम साधको क शरए ह आभ रोगो क शरए नहीॊ

40 अकzwj वनी मदरा- इस भदरा स साधक भ घोड़ो जसी शततत आ जाती ह तजस lsquoहॉसम ऩॉवयrsquo कहत ह|

ववचध - इस भदरा भ गदा-दवाय का फाय-फाय सॊकोिन औय परसाय ककमा जाता ह| इसी स भदरा की शसवदध हो जाती ह| इसक दवाया कणडशरनी जागयण भ सगभता यहती ह औय अनक योग नटट होकय शायीरयक फर की ववदध होती ह|

ऱाभ - अतश वनी भदरा शसदध होन स साधक की अकारभतम कबी नहीॊ होती| गदा औय उदय स सॊफॊचधत योगो का इसक दवाया शभन होता ह तथा दीघमजीवन की उऩरतबध होती ह| तरफना भरफॊध क अतश वनी भदरा नहीॊ हो सकती| 41 बजरौऱी मदरा- फजरौरी भदरा बी भरफॊध का अचछा अभमास ककए तरफना ककसी परकाय सॊबव नहीॊ ह| मह भदरा कवर मोगी क शरए ही नहीॊ बोगी क शरए बी अतमॊत राबकायी ह|

अनतबोध चतनय दवारा सऩादित तरिदिवसीय मदराचचकितसा सि 45

ववचध - इस भदरा भ ऩहर दोनो ऩाॊवो को बशभ ऩय दढ़ताऩवमक दटकाकय दोनो ऩाॊवो को धीय-धीय दढ़ताऩवमक ऊऩय आकाश भ उठा द| इसस तरफॊद-शसवदध होती ह| शकर को धीय-धीय ऊऩय की आकॊ िन कय अथामत इॊददरम क आॊकिन क दवाया वीमम को ऊऩय की ओय खीॊिन का अभमास कय तो मह भदरा शसदध होती ह| ववदवानो का भत ह कक इस भदरा क अभमास भ सतरी का होना आवशमक ह तमोकक बग भ ऩततत होता हआ शकर ऊऩय की ओय खीॊि र तो यज औय वीमम दोनो ही िढ़ जात ह| मह ककरमा अभमास स ही शसदध होती ह| कछ मोगािामम इस परकाय का अभमास शकर क सथान ऩय दनध स कयना फतात ह| जफ दनध खीॊिन का अभमास शसदध हो जाए तफ शकर को खीॊिन का अभमास कयना िादहए| वीमम को ऊऩय खीॊिनवारा मोगी ही ऊधवमयता कहराता ह| ऱाभ - इस भदरा स शयीय रटट-ऩटट तजसवी सॊदय सडौर औय जया-भतम यदहत होता ह| शयीय क सबी अवमव दढ़ होकय भन भ तनश िरता की परातपत होती ह| इसका अभमास अचधक कदठन नहीॊ ह| मदद गहसथ बी इसक कय तो फरवदधमन औय सौदममवदधमन का ऩया राब परापत कय सकत ह चतावनी मह आरख शसपम जानकायी हत ह कोई बी वमततत इस ऩढ़कय कयन का परमास न कय तमोकक मह शसपम साधको क शरए ह आभ रोगो क शरए नहीॊ

साधना कयनवार वमततत क शरए मह आवशमक ह कक वह साधना भ कातमक वाचिक औय भानशसक ककरमाओॊ ऩय ऩया तनमॊतरण यख तथा सभम-सभम ऩय उचित ताॊतरतरक परककरमाओॊ का बी सभनवम कयता यह| इस दतटट स तजस परकाय आसन ऩातरासादन अिमन आदद भ ककरमाओॊ का ववधान ह उसी परकाय उनक साथ कछ भदरा फनान का ववधान ह| म भदराएॊ भखम रऩ-स हाथ औय उसकी उॊगशरमो क परमोग स फनती ह| जस हभाया शयीय ऩॊिततवभम ह| अत शासतरकायो न कहा ह कक इन उॊगशरमो क परमोग स इन ततवो की नमनाचधकता दय की जा

अनतबोध चतनय दवारा सऩादित तरिदिवसीय मदराचचकितसा सि 46

सकती ह तथा ततवो की सभता-ववषभता स होनवारी कभी को उॊगशरमो की भदरा स सभ फनामा जा सकता ह| इतना ही नहीॊ ऐसी भदराओॊ क सहमोग स उन ततवो को सवचछाऩवमक घटामा-फढ़ामा बी जा सकता ह| म ततव करभश अॊगटठ भ अतनन तजमनी भ वाम भधमभा भ आकाश अनाशभका भ ऩथवी औय कतनतटठका भ जर क रऩ भ ववदमभान यहत ह| दवताओॊ की परसननता चितत की शवदध औय ववववध योगो क नाश भ भदराओॊ स फड़ी सहामता शभरती ह| भदराततव को सभझकय परतमक मोगी को इनका साधन कयना िादहए| कणडशरनी शततत क जागयण भ इन भदराओॊ स सहामता शभरती ह| महाॊ हभन तजन भदराओॊ का वणमन एवॊ चितरण ककमा ह उसभ परतमक मोगी साधक को ऩरयचित होना िादहए|

अनतबोध चतनय दवारा सऩादित तरिदिवसीय मदराचचकितसा सि 47

मोग अनसाय आसन औय पराणामाभ की तसथतत को भदरा कहा जाता ह फॊध ककरमा औय भदरा भ आसन औय पराणामाभ दोनो का ही कामम होता ह मोग भ भदराओॊ को आसन औय पराणामाभ स बी फढ़कय भाना जाता ह भदरा दो तयह की होती ह- ऩहरी हसत भदरा अथामत हाथो औय उसकी अॊगशरमो को ववशष आकतत भ फनाना औय दसयी आसन भदरा अथामत तजसभ ऩया शयीय ही सॊिाशरत होता ह

Page 26: 235347477 Mudra Chikitsa Swami Ananta Bodha Chaitanya

अनतबोध चतनय दवारा सऩादित तरिदिवसीय मदराचचकितसा सि 26

ऋवषमो का भत ह कक तजस मोगी को उऩयोतत तसथतत भ मोतन भदरा का रगाताय अभमास कयत-कयत शसवदध परापत हो गई ह उसका शयीय साधनावसथा भ बशभ स आसन सदहत ऊऩय अधय भ तसथत हो जाता ह| सॊबवत इसी कायण आदद शॊकयािाममजी न अऩन मोग यतनावरी नाभक ववशष गरॊथ भ भरफॊध का उसरख ववशष रऩ स ककमा ह|

19 धन मदरा -

बायतीम ऩयॊऩया भ धन गाम को कहा जाता ह औय मह दहनद धभम क साततवक औय भहानता का परतीक ह धन भदरा फनात सभम हाथो की उॊगशरमा गाम क थनो जसी हो जाती ह जस गाम क थनो स दध ऩीकय शयीय ऩटट फनता ह वस ही धन भदरा कयन स बी शयीय रटट ऩटट फनता ह

ववचध - अनमोनमाशबभखॊ तशरटटाकतनटठानाशभका ऩन

अनतबोध चतनय दवारा सऩादित तरिदिवसीय मदराचचकितसा सि 27

तथा ि तजमतनभधमा धन भदरा अभत परदा ( कारी तॊतर )

अऩन दोनो हाथो की अॊगशरमो क ऩोयो को एक साथ शभरा र कपय फाम हाथ की तजमनी ऊॊ गरी को दाएॊ हाथ की फीि वारी उॊगरी स छआए इसक फाद दाएॊ हाथ की तजमनी उॊगरी को फाम हाथ की फीि वारी उॊगरी स छआम ऐस ही फाम हाथ की अनाशभका उॊगरी को दाएॊ हाथ की सफस छोटी उॊगरी स शभराएॊ अॉगठो को खरा छोड़ द हाथ की अॊगशरमो को नीि की तयप कयन स अॊगशरमो की आकतत गाम क धनो जसी हो जाती ह इसी कायण इस धन भदरा कहत ह

सभम - इस भदरा का अभमास धीय धीय फढ़ाए ऩहर 1 स 15 शभतनट औय फाद भ 15 स 30 तथा जफ अचछी तयह मह भदरा अभमास भ आ जाए तफ इस भदरा को 45 शभतनट तक कय सकत ह

राब - धन भदरा स ऩािन तॊतर भजफत होता ह औय शयीय ताकतवय व सवसथ फनता ह मह ऩट क योगो क शरए याभफाण भदरा ह मोग साधना भ फहत ही उऩमोगी भदरा कहराती ह तॊतर एवॊ कभमकाॊड भ बी धन भदरा का परमोग ह ह ऩयानी भानमता क अनसाय मह अभत ततव को दन वारी भदरा ह मह भदरा वात वऩतत तथा कप को सॊतशरत कयती ह

अनतबोध चतनय दवारा सऩादित तरिदिवसीय मदराचचकितसा सि 28

20 मगी मदरा-

भग दहयन को कहा जाता ह मऻ क दौयान होभ की जान वारी साभगरी को इसी भदरा भ होभ ककमा जाता ह पराणामाभ ककए जान क दौयान बी इस भदरा का उऩमोग होता ह धमान कयत वतत बी इस भदरा का इसतभार ककमा जाता ह मह भदरा फनात वतत हाथ की आकतत भग क शसय क सभान हो जाती ह इसीशरए इस भगी भदरा कहा जाता ह मह एक हसत भदरा ह ववचध अऩन हाथ की अनाशभका औय भधमभा अॊगरी को अॊगठ क आग क बाग को छआ कय फाकी फिी तजमनी औय कतनटठा अॊगरी को सीधा तान दन स भगी भदरा फन जाती ह योग आसन - इस दौयान उतकटासन सखासन औय उऩासना क सभम इसतभार होन वार आसन ककए जा सकत ह

अनतबोध चतनय दवारा सऩादित तरिदिवसीय मदराचचकितसा सि 29

समय- इस भदरा को सववधानसाय कछ दय तक कय सकत ह औय इस तीन स िाय फाय ककमा जा सकता ह ऱाभ- भगी भदरा कयत सभम अॊगठ क ऩोय औय अॊगशरमो क जोड़ ऩय दफाव ऩड़ता ह उतत दफाव क कायण शसयददम औय ददभागी ऩयशानी भ राब शभरता ह एतमपरशय चिककतसा क अनसाय उतत अॊगशरमो क अॊदय दाॊत औय सामनस क तरफ ॊद होत ह तजसक कायण हभ दाॊत औय सहनस योग भ बी राब शभरता ह ववशष- भाना जाता ह कक इस भदरा को कयन स सोिन औय सभझन की शततत का ववकास बी होता ह भगी भदरा शभगी क योचगमो क शरए फहत ही राबकायी ह

21 यमहररमदरा

ववचध -सवम परधभ आऩ अऩन दोनो हाथो की सफस छोटी अॊगरी अथामत कतनटठा को आऩस भ एक दसय क परथभ ऩोय स शभरा द इसी क साथ दोनो अॊगठ को बी आऩस भ शभरा द अफ तीन अॊगशरमाॊ फाकी यह जाएॊगी- भध मभा तजमनी औय अनाशभका इन तीनो अॊगशरमो को हथरी की ओय भोड़कय भटठी जसा फनाइए अॊगशरमो की इस तसथतत को मभ हरयभदरा कहत ह

अनतबोध चतनय दवारा सऩादित तरिदिवसीय मदराचचकितसा सि 30

ऱाभ - मभहरयभदरा क तनमशभत अभमास स नाडड़मो को शततत शभरती ह इस भदरा क तनयॊतय अभमास स ऩट क योग जस- कबज बख ना रगना औय तजगय की कभजोयी दय होती ह इस भदरा स तसतरमो क सतनो क साय योगो भ बी राब शभरता ह मभ हरयभदरा को परततददन 5 शभनट सफह औय 5 शभनट शाभ को कय आऩ इसक कयन का सभम फढ़ाकय 10 शभनट तक कय सकत ह परततददन कभ स कभ ऩाॊि भदराएॊ अऩनी सववधानसाय कयनी िादहए भदराओॊ स सबी योगो भ राब ऩामा जा सकता ह मदद उनका मोग शशक स ऩछकय तनमशभत अभमास ककमा जाए भदराएॊ खासकय उन रोगो क शरए पामदभॊद सातरफत होती ह जो मोगासन कयन भ असभथम ह

22 ऩषऩाजलऱ मदरा-

अनतबोध चतनय दवारा सऩादित तरिदिवसीय मदराचचकितसा सि 31

मह भहतवऩणम हसत मोग भदरा ह जस दआ भ हाथ उठात ह मा ऩटऩ अऩमण कयत ह तफ मह भदरा फनती ह जसा कक इसका नाभ ह ऩटऩाॊजशर इसी स मह शसदध होता ह कक मह भदरा ककस परकाय की होगी ववचध- दोनो हाथो की अॊगशरमो औय अॊगठ को आऩस भ शभरा भखणफदध को बी शभरा र कपय दोनो हाथो की छोटी अॊगशरमो को एक साथ शभराकय ऐसी आकतत फना र कक जस हभ ककसी बगवान को पर िढ़ात सभम फनात ह इस ही ऩटऩाॊजशर भदरा कहत ह

ऱाभ- ऩटऩाॊजरी भदरा क तनयॊतय अभमास स नीॊद अचछी तयह स आन रगती ह आतभववशवास फढ़ता ह

23 यज भदरा-

अनतबोध चतनय दवारा सऩादित तरिदिवसीय मदराचचकितसा सि 32

यज भदरा कवर तसतरमो क शरए ह ऐसा नहीॊ फतसक अगय ऩरष इस भदरा को कयत ह तो उनक वीमम सॊफॊधी सभसत योग दय हो जात ह ववचध- यज भदरा फनाना फहत ही आसान ह कतनटठा (छोटी अॊगरी) अॊगरी को हथरी की जड़ भ भोड़कय रगान स यज भदरा फन जाती ह ऱाभ- यज भदरा स तसतरमो क भाशसक धभम सॊफॊधी योग दय होत ह इसक अरवा शसय भ बायीऩन यहना छाती भ ददम ऩट ऩीठ कभय का ददम आदद योग बी यज भदरा कयन स दय हो जात ह सतरी क साय परजनन अॊगो की ऩयशातनमो को म भदरा तरफसकर दय कय दती ह

24 अदिती मदरा-

ववचध- अॊगठ क आग क बाग को अनाशभका (छोटी उॊगरी क साथ वारी उॊगरी) उॊगरी की जड़ भ टढ़ा रगान स अददती भदरा फन जाती ह

ऱाभ- इस भदरा को कयन स हय सभम उफासी आना जमादा छीॊक आना जस योगो को दय ककमा जा सकता ह

अनतबोध चतनय दवारा सऩादित तरिदिवसीय मदराचचकितसा सि 33

समय- अददती भदरा को ददन भ 3-4 फाय 15-15 शभनटो क शरए कय सकत ह

25 हसी मदरा-

जस हॊस नीय ीय वववक की साभथमम यखता ह वस इस भदरा क कयन स सोिन औय तवरयत तनणमम की भता फढती ह मदरा िी ववचध - सखासन मा उतकटासन भ फठकय अऩन हाथ की सबी सफस छोटी अॊगरी को छोड़कय अॊगशरमो को अॊगठ क आग क बाग को दफान स हॊसी भदरा फन जाती ह अवचध- इस भदरा को परयॊब भ 5-8 शभनट स कयक 30-48 शभनट तक कय सकत ह मदरा िा ऱाभ- इस भदरा तनमशभत अभमास स वववक फढ़ता ह अथामत इसस सोिन-सभझन की शततत फढ़ती ह औय इसस शयीय का बायीऩन सभापत हो जाता ह

अनतबोध चतनय दवारा सऩादित तरिदिवसीय मदराचचकितसा सि 34

ववशषता- भाना जाता ह कक इस भदरा का तनमशभत अभमास कयन स याजशसक ताकत फढ़ती ह औय वमततत धन सॊऩनन फना यहता ह सावधानी - इस भदरा को कयत सभम ककसी बी परकाय का भॊतर नहीॊ जऩना िादहए औय ना ही कोई अनम धाशभमक उऩकरभ कय

26 हसतऩात मदरा-

ववचध- इस भदरा को कयन क शरए आऩ अऩन दोनो हाथो की हथरी क ऩीछ क बाग को आऩस भ अॊगशरमो सदहत शभरा द इस आकतत को हसतऩात भदरा कहा जाता ह मह नभसकाय भदरा जसा ही ह रककन इसभ हथरी क ऩटठ बाग को शभरा ददमा जाता ह ऱाभ- इस हसतऩात भदरा को कयन स शवास औय गर क क साय योग भ फहत राब शभरता ह तजन तसतरमाॊ मदद इसका तनमशभत अभमास कयती ह तो इसस उनक सतन सड़ौर सॊदय औय सवसथ हो जात ह तजन तसतरमो क सतन छोट ह ढीर ह मा उनक सतनो भ दध नहीॊ आता ह तो मह भदरा उनक शरए फहत राबकायी शसदध हो सकती ह

27 धयान मदरा

ववचध- ऩदमासन भ फठकय फाएॊ हाथ की हथरी ऩय दाएॊ हाथ की हथरी को (उसट हाथ ऩय सीध हाथ को) हसक स यखन स धमान भदरा फनती ह| धमान यख कक इस भदरा भ शसय गदमन एवॊ यीढ़ की हडडी सीधी यह| आॊख औय होठ सहज स फनद यह| धमान अऩन इटटदव क सवरऩ ऩय दटकाएॊ अथवा कामोतसगम कय अथामत शयीय स

अनतबोध चतनय दवारा सऩादित तरिदिवसीय मदराचचकितसा सि 35

सभता यखत हए कछ दय क शरए वविाय यदहत अवसथा भ यहन का परमास कय| अटटाॊग मोग (मभ तनमभ पराणामाभ परतमाहाय धायणा धमान औय सभाचध) क एक अॊग lsquoधमानrsquo की साधना भ मह भदरा ववशष रऩ स सहामक शसदध हई ह| ऱाभ - जो वमततत ऩदमासन नहीॊ कय सकत उनह धमान भदरा सखासन मा सवतसतक अथवा ऩारथी आसन भ कयना िादहए| मह सहज भदरा ह| सहज धमान भदरा को साधायण वमततत अचधक रमफ सभम तक सयरता स कय सकता ह| इसस धमान भदरा क राब बी शभर जात ह| धमान भदरा भ मदद हथशरमाॊ एक दसय ऩय यखन क फाद दोनो हथशरमाॊ ऻान भदरा की तसथतत भ यखी जाएॊ तो धमान भदरा तथा ऻान भदरा क सतमभशरत राब क साथ ऩदमासन क राब बी शभर जात ह| साधक क शरए धमान भदरा भ सभम की कोई सीभा नहीॊ ह| रककन सहजता क साथ ऩदमासन कयन की भता क अनरऩ धमान भदरा का अभमास कयना िादहए| साधायण वमततत को इस धीय-धीय फढ़ात हए कभ-स-कभ २० शभनट स एक घॊट तक कयना िादहए| धमान भदरा न कय सकन की अवसथा भ सहज धमान भदरा कयक राब उठाना िादहए| भन की िॊिरता शाॊत होकय चितत की एकागरता फढ़ती ह| साततवक वविायो की उतऩततत होती ह औय परब बजन भ भन रगता ह|

धमान क परबाव स साधक को धमान की उचितय तसथतत भ ऩहॊिन भ सहामता शभरती ह| आतभ साातकाय औय ईश वय क साातकाय भ मह भदरा सहामक ह|

28 शामभवी मदरा-

आॉख खरी हो रककन आऩ दख नहीॊ सकत ऐसी तसथतत जफ सध जाती ह तो उस शामबवी भदरा कहत ह ऐसी तसथतत भ आऩ नीॊद का भजा बी र सकत ह मह फहत कदठन साधना ह इसक ठीक उसटा कक जफ आॉख फॊद हो तफ आऩ दख

अनतबोध चतनय दवारा सऩादित तरिदिवसीय मदराचचकितसा सि 36

सकत ह मह बी फहत कदठन साधना ह रककन मह दोनो ही सॊबव ह असॊबव कछ बी नहीॊ फहत स ऐस ऩश औय ऩी ह जो आॉख खोरकय ही सोत ह ववचध- मदद आऩन तराटक ककमा ह मा आऩ तराटक क फाय भ जानत ह तो आऩ इस भदरा को कय सकत ह सवमपरथभ शसदधासन भ फठकय यीढ़-गदमन सीधी यखत हए ऩरको को तरफना झऩकाएॉ दखत यह रककन धमान ककसी बी िीज को दखन ऩय ना यख ददभाग तरफसकर बीतय कहीॊ रगा हो

ऱाभ- शामबवी भदरा को कयन स ददर औय ददभाग को शाॊतत शभरती ह मोगी का धमान ददर भ तसथय होन रगता ह आॉख खरी यखकय बी वमततत नीॊद औय धमान का आनॊद र सकता ह इसक सधन स वमततत बत औय बववटम का ऻाता फन सकता ह सऱाह- शामबवी भदरा ऩयी तयह स तबी शसदध हो सकती ह जफ आऩकी आॉख खरी हो ऩय व ककसी बी िीज को न दख यही हो ऐसा सभझ की आऩ ककसी धन भ जी यह हो आऩको खमार होगा कक कबी-कबी आऩ कहीॊ बी दख यह होत ह रककन आऩका धमान कहीॊ ओय यहता ह समय- इस भदरा को शरआत भ तजतनी दय हो सक कय औय फाद भ धीय-धीय इसका अभमास फढ़ात जाएॉ

अनतबोध चतनय दवारा सऩादित तरिदिवसीय मदराचचकितसा सि 37

29 शकततचालऱनी मदरा- ववचध - आठ अॊगर रॊफा औय िाय अॊगर िौड़ा भरामभ वसतर रकय नाशब ऩय रगाएॊ औय कदटसतर भ फाॊध र| कपय शयीय भ बसभ यभाकय शसदधासन भ फठ औय पराण को अऩान स मतत कय| जफ तक गहम दवाय स िरती हई वाम परकाशशत न हो इस सभम तक गहम दवाय को सॊकचित यख| इसस वाम का जो तनयोध होता ह उसभ कमबक क दवाया कणडशरनी शततत जागरत होती हई सषमना भागम स ऊऩय जाकय खड़ी हो जाती ह| मोगभदरा स ऩहर इसका अभमास कयन ऩय ही मोतन भदरा की ऩणम शसवदध होती ह| ऱाभ - इस भदरा स कणडशरनी शततत का जागयण होता ह| जफ तक मह सोती ह तफ तक सबी आॊतरयक शतततमाॊ सपत ऩड़ी यहती ह| इसशरए कणडशरनी का जागरत होना साधक क शरए फहत आवशमक ह| पराण-अऩान को सॊमतत कयन की ककरमा पराणवाम को ऩयक दवाया बीतय खीॊिन औय उडडीमान फॊध स अऩान वाम को ऊऩय की ओय आकवषमत कयन स ऩणम होती ह| इसभ गहम परदश क सॊकोि औय ववसताय का अभमास होन स अचधक सयरता हो सकती ह| 30 तड़ागी मदरा- ववचध - दोनो ऩाॊवो को दणड क सभान धयती ऩय ऩसाय र औय हाथो स उनक अॊगठो को ऩकड़न तथा दोनो जाॊघो ऩय शसय को सथावऩत कय साथ ही उदय को तड़ाग (सयोवय) क सभान कय र| ऱाभ - मह भदरा अनक योगो औय वदधावसथा को बी दय कयन भ सहामक शसदध होती ह|

अनतबोध चतनय दवारा सऩादित तरिदिवसीय मदराचचकितसा सि 38

31 माणडवी मदरा- ववचध - भख को फॊद कयक जफान को तार भ घभाएॊ औय सहसराय स टऩकत हए सधायस को जफान स धीय-धीय ऩीन का मतन कय| मही भाणडवी (मा भाणडकी) भदरा ह| ऱाभ - इसक दवाया फारो की सपदी उनका झड़ना शयीय ऩय झरयममो भॊहासो आदद का ऩड़ना तथा तनफमरता आदद दय होकय चिय-मौवन की परातपत होती ह| इसस यसोतऩादन होकय अभततव की उऩरतबध होना सॊबव हो जाता ह| 32 ऩालशनी मदरा ववचध- दोनो ऩाॊवो को कॊ ठ क ऩीछ की ओय र जाकय उनह ऩयसऩय शभराएॊ औय ऩाश क सभान दढ़ता स फाॊध र| ऱाभ - इसक अभमास स बी कणडशरनी शततत क जागयण भ फहत सगभता हो जाती ह तथा साधक क शयीय भ फर औय ऩतटट का आववबामव होता ह| भानशसक फरवदधमन भ बी मह फहत दहतकय ह| 33 िािी मदरा-

काक कौए को कहत ह कौए की िोि जसी भॊह की भदरा फना रन को काकी भदरा कहा जाता ह ववचध ककसी बी आसन भ फठकय होठो को ऩतरी सी नरी क सभान भोड़कय कौए की िोि जसा फना र अफ नाक क अगर बाग को दखत हए अऩना ऩया धमान नाक ऩय दटका द इसक फाद भॊह स धीय-धीय गहयी शवास रकय होठो को फॊद कय द कछ दय फाद शवास को नाक स फाहय तनकार द इस तयह स 10

अनतबोध चतनय दवारा सऩादित तरिदिवसीय मदराचचकितसा सि 39

शभनट तक कय ऱाभ मह भदरा जहाॊ शयीय भ ठॊडक फढ़ाती ह वहीॊ मह कई योगो को दय कयन भ राबदामक ह इस भदरा का तनयॊतय अभमास कयन स शयीय भ अॊदय बोजन ऩिान की ककरमा तज हो जाती ह इसस अमरवऩतत का फढ़ना कभ हो जाता ह

34 मातचगनी मदरा-

भातॊग का अथम होता ह भघ भाॊ दगाम का एक रऩ ह भातॊगी मह दस भहाववदमा भ स नौवीॊ ववदमा ह भातॊग नाभ स एक धमान होता ह भॊतर होता ह औय एक हाथी का नाभ बी भातॊग ह ऋवष वशशटठ की ऩतनी का एक नाभ बी भातॊगी ह ऋवष कशमऩ की ऩतरी का नाभ बी भातॊगी ह तजसस हाथी उतऩनन हए थ ववचध शाॊत जगह भ ऩानी क अॊदय गर तक शयीय को डफो र औय कपय नाक स ऩानी को खीॊिकय उस भॊह स तनकार र कपय भॊह स ऩानी को खीॊिकय नाक स फाहय तनकार द इस ककरमा को ही भातॊचगनी भदरा कहत ह ऱाभ इस भदरा क अभमास स आॊखो की योशनी तज हो जाती ह शसय ददम भ मह भदरा अतमॊत राबकायी भानी जाती ह इसस नजरा-जकाभ आदद क योग बी दय हो जात ह इस भदरा क तनयॊतय अभमास स िहय ऩय िभक आ जाती ह औय फार बी सपद नहीॊ होत ह इस भदरा क शसदध हो जान ऩय वमततत भ ताकत फढ़ जाती ह

35 नभोमदरा

नब का अथम होता ह आकाश इस भदरा भ जीब को तार की ओय रगात ह इसीशरए इस नबोभदरा कहत ह नबोभदरा कयना सयर नहीॊ ह इस ककसी मोग

अनतबोध चतनय दवारा सऩादित तरिदिवसीय मदराचचकितसा सि 40

शशक स सीखकय ही कयना िादहए मह भदरा फहत स योगो भ राबदामक शसदध हई ह इस फाय भ एक शरोक बी ह- मतर मतर तसथतो मोगी सवमकामष सवमदा उधवमतजवह तसथयो बतवाधायमतभवनॊ सदा नबोभदरा भवदषा मोदववना योग नाशशनी अथामत साय कामो भ तसथय हआ चितत अऩनी जीब क अगर बाग को भॊह क अॊदय तार भ रगाकय शवास को अॊदय योक रता ह इस तसथतत स विारयक गततववचधमाॊ ततकार फॊद हो जाती ह इसीशरए इस भदरा को यहसम का आबास ददरान वारी भदरा बी कहा जाता ह ववचध- अऩनी आॊखो को अऩनी दोनो बौहो क फीि भ जभाकय आऩकी जीब तार क साथ रगा र मह दोनो कामम एक ही साथ औय एक ही सभम भ कय सववधानसाय जफ तक सॊबव हो इसी तसथतत भ यह औय कपय कछ शभनट का धमान कय ऱाभ- नबोभदरा क तनयॊतय अभमास स जीब गर औय आॊखो क साय योग सभापत हो जात ह इसस भतसतटक भ तसथयता फढ़ती ह औय भतसतटक क योग बी दय हो जात ह

36 नालसिागर मदरा -

नाशसकागर भदरा का अथम होता ह नाक का आखखयी छोय ऊऩयी दहससा मा अगरबाग इस बाग ऩय फायी-फायी स सॊतरन फनान हए दखना ही नाकककागर भदरा मोग कहराता ह रककन मह भदरा कयन स ऩहर मोग शशक की सराह जरय र तमोकक इसक कयन स बकटी ऩय जोय ऩड़ता ह

अनतबोध चतनय दवारा सऩादित तरिदिवसीय मदराचचकितसा सि 41

ववचध- ककसी बी आसन भ फठकय नाक क आखखयी शसय ऩय नजय दटका र हो सकता ह कक ऩहर आऩ फाई आॊखो स उस दख ऩाएॊ तफ कछ दय फाद दाई आॊखो स दख इस दखन भ जया बी तनाव न हो सहजता स इस दख

ऱाभ- इसस जहाॊ आॊखो की एतसयसाइज होती ह वहीॊ मह भतसतटक क शरए बी राबदामक ह इसस भन भ एकागरता फढ़ती ह इस भदरा क रगाताय अभमास कयन स भराधाय िकर जागरत होन रगता ह तजसस कणडरीनी जागयण भ भदद शभरती ह इसस भराधाय िकर इसशरए जागरत होता ह तमोकक दोनो आॊखो क फीि ही तसथत ह इड़ा वऩ ॊगरा औय सषमना नाड़ी जो भराधाय तक गई ह समय- इस भदरा को इतनी दय तक कयना िादहए कक आॊखो ऩय इसका जमादा दफाव नहीॊ ऩड़ कपय धीय-धीय इस कयन का सभम फढ़ात जाएॊ

37 बरहम आसन मदरा-

कछ रोग इस बरहभा भदरा बी कहत ह तमोकक इस आसन भ गदमन को िाय ददशा भ घभामा जाता ह औय बरहभाजी क िाय भख थ इसीशरए इसका नाभ बरहभा भदरा आसन यखा गमा रककन असर भ मह बरहभ भदरा आसन ह औय इसभ सबी ददशाओॊ भ तसथत ऩयभशवय को जानकय उसका चिॊतन ककमा जाता ह नभाज ऩढ़त वतत मा सॊधमा वॊदन कयत वतत उतत भदरासन को ककमा जाता यहा ह ववचध- ऩदमासन शसदधासन मा वजरासन भ फठकय कभय तथा गदमन को सीधा यखत हए गदमन को धीय-धीय दामीॊ ओय र जात ह कछ सकॊ ड दामीॊ ओय रकत ह उसक फाद गदमन को धीय-धीय फामीॊ ओय र जात ह कछ सकॊ ड तक फामीॊ ओय रककय कपय दामीॊ ओय र जात ह कपय वाऩस आन क फाद गदमन को ऊऩय की ओय र जात ह उसक फाद नीि की तयप र जात ह कपय गदमन को तराकवाइज

अनतबोध चतनय दवारा सऩादित तरिदिवसीय मदराचचकितसा सि 42

औय एॊटीतराकवाइज घभाएॉ इस तयह मह एक िकर ऩया हआ अऩनी सववधानसाय इस िाय स ऩाॉि िकरो भ कय सकत ह

ऱाभ तजन रोगो को सवामइकर सऩोडराइदटस थाइयाइड नराॊटस की शशकामत ह उनक शरए मह आसन राबदामक ह इसस गदमन की भाॉसऩशशमाॉ रिीरी तथा भजफत होती ह आधमाततभक दतटट स बी मह आसन राबदामक ह आरसम बी कभ होता जाता ह तथा फदरत भौसभ क सदी-जकाभ औय खाॉसी स छटकाया बी शभरता ह

सावधाननया तजनह सवामइकर सऩोडराइदटस मा थाइयाइड की सभसमा ह व ठोडी को ऊऩय की ओय दफाएॉ गदमन को नीि की ओय र जात सभम कॊ ध न झकाएॉ कभय गदमन औय कॊ ध सीध यख गदमन मा गर भ कोई गॊबीय योग हो तो मोग चिककतसक की सराह स ही मह भदराआसन कय

38 भजचगनी मदरा- ववचध- इसभ भख को पराकय कॊ ठ स फाहयी वाम खीॊिी जाती ह| तार औय तजहवा क भधम वाम क घभन स शयीय भ अदभत शततत का आववबामव होता ह|

ऱाभ- मह भदरा अजीणम आदद उदय योगो को नटट कयन भ बी फहत उऩमोगी ह| इस परकाय भदराओॊ क अभमास स साधक को सफ परकाय क शायीरयक भानशसक औय आततभक फर की परातपत होती ह| मोगािामो क अनसाय lsquoनातसत भदरासनककॊ चित शसवदधदॊकषततभणडर (घयणड सॊदहता)rsquo अथामत भदराओॊ क सभान शसवदधदामक कोई अनम साधन ब-भॊडर ऩय नहीॊ ह| इसशरए मोगशसवदध क आकाॊीजनो को भदराओॊ का अभमास कयना शरमसकय ह|

अनतबोध चतनय दवारा सऩादित तरिदिवसीय मदराचचकितसा सि 43

39 खचरी मदरा-

भनटम की जीब (तजहवा) दो तयह की होती ह- रॊफी औय छोटी रॊफी जीब को सऩमतजहवा कहत ह कछ रोगो की जीब रॊफी होन स व उस आसानी स नाशसकागर ऩय रगा सकत ह औय खियी-भदरा कय सकत ह भगय तजसकी जीब छोटी होती ह उस तकरीपो का साभना कयना ऩड़ता ह सफस ऩहर उनह अऩनी जीब रॊफी कयनी ऩड़ती ह औय उसक शरए घषमण व दोहन का सहाया रना ऩड़ता ह जीब नीि की ओय स तजस नाड़ी स जड़ी होती ह उस काटना ऩड़ता ह खियी भदरा को शसदध कयन एवॊ अभत क सराव हत आवशमक उददीऩन भ कछ वषम बी रग सकत ह मह वमततत की मोनमता ऩय बी तनबमय कयता ह मोग भ कछ भदराएॊ ऐसी ह तजनह शसपम मोगी ही कयत ह साभानमजनो को इनह नहीॊ कयना िादहए खियी भदरा साधको क शरए भानी गई ह ववचध - इसक शरए जीब औय तार को जोड़न वार भाॊस-तॊत को धीय-धीय काटा जाता ह अथामत एक ददन जौ बय काटकय छोड़ ददमा जाता ह कपय तीन-िाय ददन फाद थोड़ा-सा औय काट ददमा जाता ह इस परकाय थोड़ा-थोड़ा काटन स उस सथान की यतत शशयाएॊ अऩना सथान बीतय की तयप फनाती जाती ह जीब को काटन क साथ ही परततददन धीय-धीय फाहय की तयप खीॊिन का अभमास ककमा जाता ह इसका अभमास कयन स कछ भहीनो भ जीब इतनी रॊफी हो जाती ह कक मदद उस ऊऩय की तयप रौटा (उसटा कयन) ददमा जाए तो वह शवास जान वार छदो को बीतय स फॊद कय दती ह इसस सभाचध क सभम शवास का आना-जाना ऩणमत योक ददमा जाता ह ऱाभ इस भदरा स पराणामाभ को शसदध कयन औय साभचध रगान भ ववशष सहामता शभरती ह साधनायत साधओॊ क शरए मह भदरा फहत ही राबदामी भानी

अनतबोध चतनय दवारा सऩादित तरिदिवसीय मदराचचकितसा सि 44

जाती ह ववशषता तनयॊतय अभमास कयत यहन स तजफ जफ रॊफी हो जाती ह तफ उस नाशसका यनरो भ परवश कयामा जा सकता ह इस परकाय धमान रगान स कऩार भागम एवॊ तरफ ॊद ववसगम स सॊफॊचधत कछ गरॊचथमो भ उददीऩन होता ह तजसक ऩरयणाभसवरऩ अभत का सराव आयॊब होता ह उसी अभत का सराव होत वतत एक ववशष परकाय का आधमाततभक अनबव होता ह इस अनबव स शसवदध औय सभाचध भ तजी स परगतत होती ह चतावनी मह आरख शसपम जानकायी हत ह कोई बी वमततत इस ऩढ़कय कयन का परमास न कय तमोकक मह शसपम साधको क शरए ह आभ रोगो क शरए नहीॊ

40 अकzwj वनी मदरा- इस भदरा स साधक भ घोड़ो जसी शततत आ जाती ह तजस lsquoहॉसम ऩॉवयrsquo कहत ह|

ववचध - इस भदरा भ गदा-दवाय का फाय-फाय सॊकोिन औय परसाय ककमा जाता ह| इसी स भदरा की शसवदध हो जाती ह| इसक दवाया कणडशरनी जागयण भ सगभता यहती ह औय अनक योग नटट होकय शायीरयक फर की ववदध होती ह|

ऱाभ - अतश वनी भदरा शसदध होन स साधक की अकारभतम कबी नहीॊ होती| गदा औय उदय स सॊफॊचधत योगो का इसक दवाया शभन होता ह तथा दीघमजीवन की उऩरतबध होती ह| तरफना भरफॊध क अतश वनी भदरा नहीॊ हो सकती| 41 बजरौऱी मदरा- फजरौरी भदरा बी भरफॊध का अचछा अभमास ककए तरफना ककसी परकाय सॊबव नहीॊ ह| मह भदरा कवर मोगी क शरए ही नहीॊ बोगी क शरए बी अतमॊत राबकायी ह|

अनतबोध चतनय दवारा सऩादित तरिदिवसीय मदराचचकितसा सि 45

ववचध - इस भदरा भ ऩहर दोनो ऩाॊवो को बशभ ऩय दढ़ताऩवमक दटकाकय दोनो ऩाॊवो को धीय-धीय दढ़ताऩवमक ऊऩय आकाश भ उठा द| इसस तरफॊद-शसवदध होती ह| शकर को धीय-धीय ऊऩय की आकॊ िन कय अथामत इॊददरम क आॊकिन क दवाया वीमम को ऊऩय की ओय खीॊिन का अभमास कय तो मह भदरा शसदध होती ह| ववदवानो का भत ह कक इस भदरा क अभमास भ सतरी का होना आवशमक ह तमोकक बग भ ऩततत होता हआ शकर ऊऩय की ओय खीॊि र तो यज औय वीमम दोनो ही िढ़ जात ह| मह ककरमा अभमास स ही शसदध होती ह| कछ मोगािामम इस परकाय का अभमास शकर क सथान ऩय दनध स कयना फतात ह| जफ दनध खीॊिन का अभमास शसदध हो जाए तफ शकर को खीॊिन का अभमास कयना िादहए| वीमम को ऊऩय खीॊिनवारा मोगी ही ऊधवमयता कहराता ह| ऱाभ - इस भदरा स शयीय रटट-ऩटट तजसवी सॊदय सडौर औय जया-भतम यदहत होता ह| शयीय क सबी अवमव दढ़ होकय भन भ तनश िरता की परातपत होती ह| इसका अभमास अचधक कदठन नहीॊ ह| मदद गहसथ बी इसक कय तो फरवदधमन औय सौदममवदधमन का ऩया राब परापत कय सकत ह चतावनी मह आरख शसपम जानकायी हत ह कोई बी वमततत इस ऩढ़कय कयन का परमास न कय तमोकक मह शसपम साधको क शरए ह आभ रोगो क शरए नहीॊ

साधना कयनवार वमततत क शरए मह आवशमक ह कक वह साधना भ कातमक वाचिक औय भानशसक ककरमाओॊ ऩय ऩया तनमॊतरण यख तथा सभम-सभम ऩय उचित ताॊतरतरक परककरमाओॊ का बी सभनवम कयता यह| इस दतटट स तजस परकाय आसन ऩातरासादन अिमन आदद भ ककरमाओॊ का ववधान ह उसी परकाय उनक साथ कछ भदरा फनान का ववधान ह| म भदराएॊ भखम रऩ-स हाथ औय उसकी उॊगशरमो क परमोग स फनती ह| जस हभाया शयीय ऩॊिततवभम ह| अत शासतरकायो न कहा ह कक इन उॊगशरमो क परमोग स इन ततवो की नमनाचधकता दय की जा

अनतबोध चतनय दवारा सऩादित तरिदिवसीय मदराचचकितसा सि 46

सकती ह तथा ततवो की सभता-ववषभता स होनवारी कभी को उॊगशरमो की भदरा स सभ फनामा जा सकता ह| इतना ही नहीॊ ऐसी भदराओॊ क सहमोग स उन ततवो को सवचछाऩवमक घटामा-फढ़ामा बी जा सकता ह| म ततव करभश अॊगटठ भ अतनन तजमनी भ वाम भधमभा भ आकाश अनाशभका भ ऩथवी औय कतनतटठका भ जर क रऩ भ ववदमभान यहत ह| दवताओॊ की परसननता चितत की शवदध औय ववववध योगो क नाश भ भदराओॊ स फड़ी सहामता शभरती ह| भदराततव को सभझकय परतमक मोगी को इनका साधन कयना िादहए| कणडशरनी शततत क जागयण भ इन भदराओॊ स सहामता शभरती ह| महाॊ हभन तजन भदराओॊ का वणमन एवॊ चितरण ककमा ह उसभ परतमक मोगी साधक को ऩरयचित होना िादहए|

अनतबोध चतनय दवारा सऩादित तरिदिवसीय मदराचचकितसा सि 47

मोग अनसाय आसन औय पराणामाभ की तसथतत को भदरा कहा जाता ह फॊध ककरमा औय भदरा भ आसन औय पराणामाभ दोनो का ही कामम होता ह मोग भ भदराओॊ को आसन औय पराणामाभ स बी फढ़कय भाना जाता ह भदरा दो तयह की होती ह- ऩहरी हसत भदरा अथामत हाथो औय उसकी अॊगशरमो को ववशष आकतत भ फनाना औय दसयी आसन भदरा अथामत तजसभ ऩया शयीय ही सॊिाशरत होता ह

Page 27: 235347477 Mudra Chikitsa Swami Ananta Bodha Chaitanya

अनतबोध चतनय दवारा सऩादित तरिदिवसीय मदराचचकितसा सि 27

तथा ि तजमतनभधमा धन भदरा अभत परदा ( कारी तॊतर )

अऩन दोनो हाथो की अॊगशरमो क ऩोयो को एक साथ शभरा र कपय फाम हाथ की तजमनी ऊॊ गरी को दाएॊ हाथ की फीि वारी उॊगरी स छआए इसक फाद दाएॊ हाथ की तजमनी उॊगरी को फाम हाथ की फीि वारी उॊगरी स छआम ऐस ही फाम हाथ की अनाशभका उॊगरी को दाएॊ हाथ की सफस छोटी उॊगरी स शभराएॊ अॉगठो को खरा छोड़ द हाथ की अॊगशरमो को नीि की तयप कयन स अॊगशरमो की आकतत गाम क धनो जसी हो जाती ह इसी कायण इस धन भदरा कहत ह

सभम - इस भदरा का अभमास धीय धीय फढ़ाए ऩहर 1 स 15 शभतनट औय फाद भ 15 स 30 तथा जफ अचछी तयह मह भदरा अभमास भ आ जाए तफ इस भदरा को 45 शभतनट तक कय सकत ह

राब - धन भदरा स ऩािन तॊतर भजफत होता ह औय शयीय ताकतवय व सवसथ फनता ह मह ऩट क योगो क शरए याभफाण भदरा ह मोग साधना भ फहत ही उऩमोगी भदरा कहराती ह तॊतर एवॊ कभमकाॊड भ बी धन भदरा का परमोग ह ह ऩयानी भानमता क अनसाय मह अभत ततव को दन वारी भदरा ह मह भदरा वात वऩतत तथा कप को सॊतशरत कयती ह

अनतबोध चतनय दवारा सऩादित तरिदिवसीय मदराचचकितसा सि 28

20 मगी मदरा-

भग दहयन को कहा जाता ह मऻ क दौयान होभ की जान वारी साभगरी को इसी भदरा भ होभ ककमा जाता ह पराणामाभ ककए जान क दौयान बी इस भदरा का उऩमोग होता ह धमान कयत वतत बी इस भदरा का इसतभार ककमा जाता ह मह भदरा फनात वतत हाथ की आकतत भग क शसय क सभान हो जाती ह इसीशरए इस भगी भदरा कहा जाता ह मह एक हसत भदरा ह ववचध अऩन हाथ की अनाशभका औय भधमभा अॊगरी को अॊगठ क आग क बाग को छआ कय फाकी फिी तजमनी औय कतनटठा अॊगरी को सीधा तान दन स भगी भदरा फन जाती ह योग आसन - इस दौयान उतकटासन सखासन औय उऩासना क सभम इसतभार होन वार आसन ककए जा सकत ह

अनतबोध चतनय दवारा सऩादित तरिदिवसीय मदराचचकितसा सि 29

समय- इस भदरा को सववधानसाय कछ दय तक कय सकत ह औय इस तीन स िाय फाय ककमा जा सकता ह ऱाभ- भगी भदरा कयत सभम अॊगठ क ऩोय औय अॊगशरमो क जोड़ ऩय दफाव ऩड़ता ह उतत दफाव क कायण शसयददम औय ददभागी ऩयशानी भ राब शभरता ह एतमपरशय चिककतसा क अनसाय उतत अॊगशरमो क अॊदय दाॊत औय सामनस क तरफ ॊद होत ह तजसक कायण हभ दाॊत औय सहनस योग भ बी राब शभरता ह ववशष- भाना जाता ह कक इस भदरा को कयन स सोिन औय सभझन की शततत का ववकास बी होता ह भगी भदरा शभगी क योचगमो क शरए फहत ही राबकायी ह

21 यमहररमदरा

ववचध -सवम परधभ आऩ अऩन दोनो हाथो की सफस छोटी अॊगरी अथामत कतनटठा को आऩस भ एक दसय क परथभ ऩोय स शभरा द इसी क साथ दोनो अॊगठ को बी आऩस भ शभरा द अफ तीन अॊगशरमाॊ फाकी यह जाएॊगी- भध मभा तजमनी औय अनाशभका इन तीनो अॊगशरमो को हथरी की ओय भोड़कय भटठी जसा फनाइए अॊगशरमो की इस तसथतत को मभ हरयभदरा कहत ह

अनतबोध चतनय दवारा सऩादित तरिदिवसीय मदराचचकितसा सि 30

ऱाभ - मभहरयभदरा क तनमशभत अभमास स नाडड़मो को शततत शभरती ह इस भदरा क तनयॊतय अभमास स ऩट क योग जस- कबज बख ना रगना औय तजगय की कभजोयी दय होती ह इस भदरा स तसतरमो क सतनो क साय योगो भ बी राब शभरता ह मभ हरयभदरा को परततददन 5 शभनट सफह औय 5 शभनट शाभ को कय आऩ इसक कयन का सभम फढ़ाकय 10 शभनट तक कय सकत ह परततददन कभ स कभ ऩाॊि भदराएॊ अऩनी सववधानसाय कयनी िादहए भदराओॊ स सबी योगो भ राब ऩामा जा सकता ह मदद उनका मोग शशक स ऩछकय तनमशभत अभमास ककमा जाए भदराएॊ खासकय उन रोगो क शरए पामदभॊद सातरफत होती ह जो मोगासन कयन भ असभथम ह

22 ऩषऩाजलऱ मदरा-

अनतबोध चतनय दवारा सऩादित तरिदिवसीय मदराचचकितसा सि 31

मह भहतवऩणम हसत मोग भदरा ह जस दआ भ हाथ उठात ह मा ऩटऩ अऩमण कयत ह तफ मह भदरा फनती ह जसा कक इसका नाभ ह ऩटऩाॊजशर इसी स मह शसदध होता ह कक मह भदरा ककस परकाय की होगी ववचध- दोनो हाथो की अॊगशरमो औय अॊगठ को आऩस भ शभरा भखणफदध को बी शभरा र कपय दोनो हाथो की छोटी अॊगशरमो को एक साथ शभराकय ऐसी आकतत फना र कक जस हभ ककसी बगवान को पर िढ़ात सभम फनात ह इस ही ऩटऩाॊजशर भदरा कहत ह

ऱाभ- ऩटऩाॊजरी भदरा क तनयॊतय अभमास स नीॊद अचछी तयह स आन रगती ह आतभववशवास फढ़ता ह

23 यज भदरा-

अनतबोध चतनय दवारा सऩादित तरिदिवसीय मदराचचकितसा सि 32

यज भदरा कवर तसतरमो क शरए ह ऐसा नहीॊ फतसक अगय ऩरष इस भदरा को कयत ह तो उनक वीमम सॊफॊधी सभसत योग दय हो जात ह ववचध- यज भदरा फनाना फहत ही आसान ह कतनटठा (छोटी अॊगरी) अॊगरी को हथरी की जड़ भ भोड़कय रगान स यज भदरा फन जाती ह ऱाभ- यज भदरा स तसतरमो क भाशसक धभम सॊफॊधी योग दय होत ह इसक अरवा शसय भ बायीऩन यहना छाती भ ददम ऩट ऩीठ कभय का ददम आदद योग बी यज भदरा कयन स दय हो जात ह सतरी क साय परजनन अॊगो की ऩयशातनमो को म भदरा तरफसकर दय कय दती ह

24 अदिती मदरा-

ववचध- अॊगठ क आग क बाग को अनाशभका (छोटी उॊगरी क साथ वारी उॊगरी) उॊगरी की जड़ भ टढ़ा रगान स अददती भदरा फन जाती ह

ऱाभ- इस भदरा को कयन स हय सभम उफासी आना जमादा छीॊक आना जस योगो को दय ककमा जा सकता ह

अनतबोध चतनय दवारा सऩादित तरिदिवसीय मदराचचकितसा सि 33

समय- अददती भदरा को ददन भ 3-4 फाय 15-15 शभनटो क शरए कय सकत ह

25 हसी मदरा-

जस हॊस नीय ीय वववक की साभथमम यखता ह वस इस भदरा क कयन स सोिन औय तवरयत तनणमम की भता फढती ह मदरा िी ववचध - सखासन मा उतकटासन भ फठकय अऩन हाथ की सबी सफस छोटी अॊगरी को छोड़कय अॊगशरमो को अॊगठ क आग क बाग को दफान स हॊसी भदरा फन जाती ह अवचध- इस भदरा को परयॊब भ 5-8 शभनट स कयक 30-48 शभनट तक कय सकत ह मदरा िा ऱाभ- इस भदरा तनमशभत अभमास स वववक फढ़ता ह अथामत इसस सोिन-सभझन की शततत फढ़ती ह औय इसस शयीय का बायीऩन सभापत हो जाता ह

अनतबोध चतनय दवारा सऩादित तरिदिवसीय मदराचचकितसा सि 34

ववशषता- भाना जाता ह कक इस भदरा का तनमशभत अभमास कयन स याजशसक ताकत फढ़ती ह औय वमततत धन सॊऩनन फना यहता ह सावधानी - इस भदरा को कयत सभम ककसी बी परकाय का भॊतर नहीॊ जऩना िादहए औय ना ही कोई अनम धाशभमक उऩकरभ कय

26 हसतऩात मदरा-

ववचध- इस भदरा को कयन क शरए आऩ अऩन दोनो हाथो की हथरी क ऩीछ क बाग को आऩस भ अॊगशरमो सदहत शभरा द इस आकतत को हसतऩात भदरा कहा जाता ह मह नभसकाय भदरा जसा ही ह रककन इसभ हथरी क ऩटठ बाग को शभरा ददमा जाता ह ऱाभ- इस हसतऩात भदरा को कयन स शवास औय गर क क साय योग भ फहत राब शभरता ह तजन तसतरमाॊ मदद इसका तनमशभत अभमास कयती ह तो इसस उनक सतन सड़ौर सॊदय औय सवसथ हो जात ह तजन तसतरमो क सतन छोट ह ढीर ह मा उनक सतनो भ दध नहीॊ आता ह तो मह भदरा उनक शरए फहत राबकायी शसदध हो सकती ह

27 धयान मदरा

ववचध- ऩदमासन भ फठकय फाएॊ हाथ की हथरी ऩय दाएॊ हाथ की हथरी को (उसट हाथ ऩय सीध हाथ को) हसक स यखन स धमान भदरा फनती ह| धमान यख कक इस भदरा भ शसय गदमन एवॊ यीढ़ की हडडी सीधी यह| आॊख औय होठ सहज स फनद यह| धमान अऩन इटटदव क सवरऩ ऩय दटकाएॊ अथवा कामोतसगम कय अथामत शयीय स

अनतबोध चतनय दवारा सऩादित तरिदिवसीय मदराचचकितसा सि 35

सभता यखत हए कछ दय क शरए वविाय यदहत अवसथा भ यहन का परमास कय| अटटाॊग मोग (मभ तनमभ पराणामाभ परतमाहाय धायणा धमान औय सभाचध) क एक अॊग lsquoधमानrsquo की साधना भ मह भदरा ववशष रऩ स सहामक शसदध हई ह| ऱाभ - जो वमततत ऩदमासन नहीॊ कय सकत उनह धमान भदरा सखासन मा सवतसतक अथवा ऩारथी आसन भ कयना िादहए| मह सहज भदरा ह| सहज धमान भदरा को साधायण वमततत अचधक रमफ सभम तक सयरता स कय सकता ह| इसस धमान भदरा क राब बी शभर जात ह| धमान भदरा भ मदद हथशरमाॊ एक दसय ऩय यखन क फाद दोनो हथशरमाॊ ऻान भदरा की तसथतत भ यखी जाएॊ तो धमान भदरा तथा ऻान भदरा क सतमभशरत राब क साथ ऩदमासन क राब बी शभर जात ह| साधक क शरए धमान भदरा भ सभम की कोई सीभा नहीॊ ह| रककन सहजता क साथ ऩदमासन कयन की भता क अनरऩ धमान भदरा का अभमास कयना िादहए| साधायण वमततत को इस धीय-धीय फढ़ात हए कभ-स-कभ २० शभनट स एक घॊट तक कयना िादहए| धमान भदरा न कय सकन की अवसथा भ सहज धमान भदरा कयक राब उठाना िादहए| भन की िॊिरता शाॊत होकय चितत की एकागरता फढ़ती ह| साततवक वविायो की उतऩततत होती ह औय परब बजन भ भन रगता ह|

धमान क परबाव स साधक को धमान की उचितय तसथतत भ ऩहॊिन भ सहामता शभरती ह| आतभ साातकाय औय ईश वय क साातकाय भ मह भदरा सहामक ह|

28 शामभवी मदरा-

आॉख खरी हो रककन आऩ दख नहीॊ सकत ऐसी तसथतत जफ सध जाती ह तो उस शामबवी भदरा कहत ह ऐसी तसथतत भ आऩ नीॊद का भजा बी र सकत ह मह फहत कदठन साधना ह इसक ठीक उसटा कक जफ आॉख फॊद हो तफ आऩ दख

अनतबोध चतनय दवारा सऩादित तरिदिवसीय मदराचचकितसा सि 36

सकत ह मह बी फहत कदठन साधना ह रककन मह दोनो ही सॊबव ह असॊबव कछ बी नहीॊ फहत स ऐस ऩश औय ऩी ह जो आॉख खोरकय ही सोत ह ववचध- मदद आऩन तराटक ककमा ह मा आऩ तराटक क फाय भ जानत ह तो आऩ इस भदरा को कय सकत ह सवमपरथभ शसदधासन भ फठकय यीढ़-गदमन सीधी यखत हए ऩरको को तरफना झऩकाएॉ दखत यह रककन धमान ककसी बी िीज को दखन ऩय ना यख ददभाग तरफसकर बीतय कहीॊ रगा हो

ऱाभ- शामबवी भदरा को कयन स ददर औय ददभाग को शाॊतत शभरती ह मोगी का धमान ददर भ तसथय होन रगता ह आॉख खरी यखकय बी वमततत नीॊद औय धमान का आनॊद र सकता ह इसक सधन स वमततत बत औय बववटम का ऻाता फन सकता ह सऱाह- शामबवी भदरा ऩयी तयह स तबी शसदध हो सकती ह जफ आऩकी आॉख खरी हो ऩय व ककसी बी िीज को न दख यही हो ऐसा सभझ की आऩ ककसी धन भ जी यह हो आऩको खमार होगा कक कबी-कबी आऩ कहीॊ बी दख यह होत ह रककन आऩका धमान कहीॊ ओय यहता ह समय- इस भदरा को शरआत भ तजतनी दय हो सक कय औय फाद भ धीय-धीय इसका अभमास फढ़ात जाएॉ

अनतबोध चतनय दवारा सऩादित तरिदिवसीय मदराचचकितसा सि 37

29 शकततचालऱनी मदरा- ववचध - आठ अॊगर रॊफा औय िाय अॊगर िौड़ा भरामभ वसतर रकय नाशब ऩय रगाएॊ औय कदटसतर भ फाॊध र| कपय शयीय भ बसभ यभाकय शसदधासन भ फठ औय पराण को अऩान स मतत कय| जफ तक गहम दवाय स िरती हई वाम परकाशशत न हो इस सभम तक गहम दवाय को सॊकचित यख| इसस वाम का जो तनयोध होता ह उसभ कमबक क दवाया कणडशरनी शततत जागरत होती हई सषमना भागम स ऊऩय जाकय खड़ी हो जाती ह| मोगभदरा स ऩहर इसका अभमास कयन ऩय ही मोतन भदरा की ऩणम शसवदध होती ह| ऱाभ - इस भदरा स कणडशरनी शततत का जागयण होता ह| जफ तक मह सोती ह तफ तक सबी आॊतरयक शतततमाॊ सपत ऩड़ी यहती ह| इसशरए कणडशरनी का जागरत होना साधक क शरए फहत आवशमक ह| पराण-अऩान को सॊमतत कयन की ककरमा पराणवाम को ऩयक दवाया बीतय खीॊिन औय उडडीमान फॊध स अऩान वाम को ऊऩय की ओय आकवषमत कयन स ऩणम होती ह| इसभ गहम परदश क सॊकोि औय ववसताय का अभमास होन स अचधक सयरता हो सकती ह| 30 तड़ागी मदरा- ववचध - दोनो ऩाॊवो को दणड क सभान धयती ऩय ऩसाय र औय हाथो स उनक अॊगठो को ऩकड़न तथा दोनो जाॊघो ऩय शसय को सथावऩत कय साथ ही उदय को तड़ाग (सयोवय) क सभान कय र| ऱाभ - मह भदरा अनक योगो औय वदधावसथा को बी दय कयन भ सहामक शसदध होती ह|

अनतबोध चतनय दवारा सऩादित तरिदिवसीय मदराचचकितसा सि 38

31 माणडवी मदरा- ववचध - भख को फॊद कयक जफान को तार भ घभाएॊ औय सहसराय स टऩकत हए सधायस को जफान स धीय-धीय ऩीन का मतन कय| मही भाणडवी (मा भाणडकी) भदरा ह| ऱाभ - इसक दवाया फारो की सपदी उनका झड़ना शयीय ऩय झरयममो भॊहासो आदद का ऩड़ना तथा तनफमरता आदद दय होकय चिय-मौवन की परातपत होती ह| इसस यसोतऩादन होकय अभततव की उऩरतबध होना सॊबव हो जाता ह| 32 ऩालशनी मदरा ववचध- दोनो ऩाॊवो को कॊ ठ क ऩीछ की ओय र जाकय उनह ऩयसऩय शभराएॊ औय ऩाश क सभान दढ़ता स फाॊध र| ऱाभ - इसक अभमास स बी कणडशरनी शततत क जागयण भ फहत सगभता हो जाती ह तथा साधक क शयीय भ फर औय ऩतटट का आववबामव होता ह| भानशसक फरवदधमन भ बी मह फहत दहतकय ह| 33 िािी मदरा-

काक कौए को कहत ह कौए की िोि जसी भॊह की भदरा फना रन को काकी भदरा कहा जाता ह ववचध ककसी बी आसन भ फठकय होठो को ऩतरी सी नरी क सभान भोड़कय कौए की िोि जसा फना र अफ नाक क अगर बाग को दखत हए अऩना ऩया धमान नाक ऩय दटका द इसक फाद भॊह स धीय-धीय गहयी शवास रकय होठो को फॊद कय द कछ दय फाद शवास को नाक स फाहय तनकार द इस तयह स 10

अनतबोध चतनय दवारा सऩादित तरिदिवसीय मदराचचकितसा सि 39

शभनट तक कय ऱाभ मह भदरा जहाॊ शयीय भ ठॊडक फढ़ाती ह वहीॊ मह कई योगो को दय कयन भ राबदामक ह इस भदरा का तनयॊतय अभमास कयन स शयीय भ अॊदय बोजन ऩिान की ककरमा तज हो जाती ह इसस अमरवऩतत का फढ़ना कभ हो जाता ह

34 मातचगनी मदरा-

भातॊग का अथम होता ह भघ भाॊ दगाम का एक रऩ ह भातॊगी मह दस भहाववदमा भ स नौवीॊ ववदमा ह भातॊग नाभ स एक धमान होता ह भॊतर होता ह औय एक हाथी का नाभ बी भातॊग ह ऋवष वशशटठ की ऩतनी का एक नाभ बी भातॊगी ह ऋवष कशमऩ की ऩतरी का नाभ बी भातॊगी ह तजसस हाथी उतऩनन हए थ ववचध शाॊत जगह भ ऩानी क अॊदय गर तक शयीय को डफो र औय कपय नाक स ऩानी को खीॊिकय उस भॊह स तनकार र कपय भॊह स ऩानी को खीॊिकय नाक स फाहय तनकार द इस ककरमा को ही भातॊचगनी भदरा कहत ह ऱाभ इस भदरा क अभमास स आॊखो की योशनी तज हो जाती ह शसय ददम भ मह भदरा अतमॊत राबकायी भानी जाती ह इसस नजरा-जकाभ आदद क योग बी दय हो जात ह इस भदरा क तनयॊतय अभमास स िहय ऩय िभक आ जाती ह औय फार बी सपद नहीॊ होत ह इस भदरा क शसदध हो जान ऩय वमततत भ ताकत फढ़ जाती ह

35 नभोमदरा

नब का अथम होता ह आकाश इस भदरा भ जीब को तार की ओय रगात ह इसीशरए इस नबोभदरा कहत ह नबोभदरा कयना सयर नहीॊ ह इस ककसी मोग

अनतबोध चतनय दवारा सऩादित तरिदिवसीय मदराचचकितसा सि 40

शशक स सीखकय ही कयना िादहए मह भदरा फहत स योगो भ राबदामक शसदध हई ह इस फाय भ एक शरोक बी ह- मतर मतर तसथतो मोगी सवमकामष सवमदा उधवमतजवह तसथयो बतवाधायमतभवनॊ सदा नबोभदरा भवदषा मोदववना योग नाशशनी अथामत साय कामो भ तसथय हआ चितत अऩनी जीब क अगर बाग को भॊह क अॊदय तार भ रगाकय शवास को अॊदय योक रता ह इस तसथतत स विारयक गततववचधमाॊ ततकार फॊद हो जाती ह इसीशरए इस भदरा को यहसम का आबास ददरान वारी भदरा बी कहा जाता ह ववचध- अऩनी आॊखो को अऩनी दोनो बौहो क फीि भ जभाकय आऩकी जीब तार क साथ रगा र मह दोनो कामम एक ही साथ औय एक ही सभम भ कय सववधानसाय जफ तक सॊबव हो इसी तसथतत भ यह औय कपय कछ शभनट का धमान कय ऱाभ- नबोभदरा क तनयॊतय अभमास स जीब गर औय आॊखो क साय योग सभापत हो जात ह इसस भतसतटक भ तसथयता फढ़ती ह औय भतसतटक क योग बी दय हो जात ह

36 नालसिागर मदरा -

नाशसकागर भदरा का अथम होता ह नाक का आखखयी छोय ऊऩयी दहससा मा अगरबाग इस बाग ऩय फायी-फायी स सॊतरन फनान हए दखना ही नाकककागर भदरा मोग कहराता ह रककन मह भदरा कयन स ऩहर मोग शशक की सराह जरय र तमोकक इसक कयन स बकटी ऩय जोय ऩड़ता ह

अनतबोध चतनय दवारा सऩादित तरिदिवसीय मदराचचकितसा सि 41

ववचध- ककसी बी आसन भ फठकय नाक क आखखयी शसय ऩय नजय दटका र हो सकता ह कक ऩहर आऩ फाई आॊखो स उस दख ऩाएॊ तफ कछ दय फाद दाई आॊखो स दख इस दखन भ जया बी तनाव न हो सहजता स इस दख

ऱाभ- इसस जहाॊ आॊखो की एतसयसाइज होती ह वहीॊ मह भतसतटक क शरए बी राबदामक ह इसस भन भ एकागरता फढ़ती ह इस भदरा क रगाताय अभमास कयन स भराधाय िकर जागरत होन रगता ह तजसस कणडरीनी जागयण भ भदद शभरती ह इसस भराधाय िकर इसशरए जागरत होता ह तमोकक दोनो आॊखो क फीि ही तसथत ह इड़ा वऩ ॊगरा औय सषमना नाड़ी जो भराधाय तक गई ह समय- इस भदरा को इतनी दय तक कयना िादहए कक आॊखो ऩय इसका जमादा दफाव नहीॊ ऩड़ कपय धीय-धीय इस कयन का सभम फढ़ात जाएॊ

37 बरहम आसन मदरा-

कछ रोग इस बरहभा भदरा बी कहत ह तमोकक इस आसन भ गदमन को िाय ददशा भ घभामा जाता ह औय बरहभाजी क िाय भख थ इसीशरए इसका नाभ बरहभा भदरा आसन यखा गमा रककन असर भ मह बरहभ भदरा आसन ह औय इसभ सबी ददशाओॊ भ तसथत ऩयभशवय को जानकय उसका चिॊतन ककमा जाता ह नभाज ऩढ़त वतत मा सॊधमा वॊदन कयत वतत उतत भदरासन को ककमा जाता यहा ह ववचध- ऩदमासन शसदधासन मा वजरासन भ फठकय कभय तथा गदमन को सीधा यखत हए गदमन को धीय-धीय दामीॊ ओय र जात ह कछ सकॊ ड दामीॊ ओय रकत ह उसक फाद गदमन को धीय-धीय फामीॊ ओय र जात ह कछ सकॊ ड तक फामीॊ ओय रककय कपय दामीॊ ओय र जात ह कपय वाऩस आन क फाद गदमन को ऊऩय की ओय र जात ह उसक फाद नीि की तयप र जात ह कपय गदमन को तराकवाइज

अनतबोध चतनय दवारा सऩादित तरिदिवसीय मदराचचकितसा सि 42

औय एॊटीतराकवाइज घभाएॉ इस तयह मह एक िकर ऩया हआ अऩनी सववधानसाय इस िाय स ऩाॉि िकरो भ कय सकत ह

ऱाभ तजन रोगो को सवामइकर सऩोडराइदटस थाइयाइड नराॊटस की शशकामत ह उनक शरए मह आसन राबदामक ह इसस गदमन की भाॉसऩशशमाॉ रिीरी तथा भजफत होती ह आधमाततभक दतटट स बी मह आसन राबदामक ह आरसम बी कभ होता जाता ह तथा फदरत भौसभ क सदी-जकाभ औय खाॉसी स छटकाया बी शभरता ह

सावधाननया तजनह सवामइकर सऩोडराइदटस मा थाइयाइड की सभसमा ह व ठोडी को ऊऩय की ओय दफाएॉ गदमन को नीि की ओय र जात सभम कॊ ध न झकाएॉ कभय गदमन औय कॊ ध सीध यख गदमन मा गर भ कोई गॊबीय योग हो तो मोग चिककतसक की सराह स ही मह भदराआसन कय

38 भजचगनी मदरा- ववचध- इसभ भख को पराकय कॊ ठ स फाहयी वाम खीॊिी जाती ह| तार औय तजहवा क भधम वाम क घभन स शयीय भ अदभत शततत का आववबामव होता ह|

ऱाभ- मह भदरा अजीणम आदद उदय योगो को नटट कयन भ बी फहत उऩमोगी ह| इस परकाय भदराओॊ क अभमास स साधक को सफ परकाय क शायीरयक भानशसक औय आततभक फर की परातपत होती ह| मोगािामो क अनसाय lsquoनातसत भदरासनककॊ चित शसवदधदॊकषततभणडर (घयणड सॊदहता)rsquo अथामत भदराओॊ क सभान शसवदधदामक कोई अनम साधन ब-भॊडर ऩय नहीॊ ह| इसशरए मोगशसवदध क आकाॊीजनो को भदराओॊ का अभमास कयना शरमसकय ह|

अनतबोध चतनय दवारा सऩादित तरिदिवसीय मदराचचकितसा सि 43

39 खचरी मदरा-

भनटम की जीब (तजहवा) दो तयह की होती ह- रॊफी औय छोटी रॊफी जीब को सऩमतजहवा कहत ह कछ रोगो की जीब रॊफी होन स व उस आसानी स नाशसकागर ऩय रगा सकत ह औय खियी-भदरा कय सकत ह भगय तजसकी जीब छोटी होती ह उस तकरीपो का साभना कयना ऩड़ता ह सफस ऩहर उनह अऩनी जीब रॊफी कयनी ऩड़ती ह औय उसक शरए घषमण व दोहन का सहाया रना ऩड़ता ह जीब नीि की ओय स तजस नाड़ी स जड़ी होती ह उस काटना ऩड़ता ह खियी भदरा को शसदध कयन एवॊ अभत क सराव हत आवशमक उददीऩन भ कछ वषम बी रग सकत ह मह वमततत की मोनमता ऩय बी तनबमय कयता ह मोग भ कछ भदराएॊ ऐसी ह तजनह शसपम मोगी ही कयत ह साभानमजनो को इनह नहीॊ कयना िादहए खियी भदरा साधको क शरए भानी गई ह ववचध - इसक शरए जीब औय तार को जोड़न वार भाॊस-तॊत को धीय-धीय काटा जाता ह अथामत एक ददन जौ बय काटकय छोड़ ददमा जाता ह कपय तीन-िाय ददन फाद थोड़ा-सा औय काट ददमा जाता ह इस परकाय थोड़ा-थोड़ा काटन स उस सथान की यतत शशयाएॊ अऩना सथान बीतय की तयप फनाती जाती ह जीब को काटन क साथ ही परततददन धीय-धीय फाहय की तयप खीॊिन का अभमास ककमा जाता ह इसका अभमास कयन स कछ भहीनो भ जीब इतनी रॊफी हो जाती ह कक मदद उस ऊऩय की तयप रौटा (उसटा कयन) ददमा जाए तो वह शवास जान वार छदो को बीतय स फॊद कय दती ह इसस सभाचध क सभम शवास का आना-जाना ऩणमत योक ददमा जाता ह ऱाभ इस भदरा स पराणामाभ को शसदध कयन औय साभचध रगान भ ववशष सहामता शभरती ह साधनायत साधओॊ क शरए मह भदरा फहत ही राबदामी भानी

अनतबोध चतनय दवारा सऩादित तरिदिवसीय मदराचचकितसा सि 44

जाती ह ववशषता तनयॊतय अभमास कयत यहन स तजफ जफ रॊफी हो जाती ह तफ उस नाशसका यनरो भ परवश कयामा जा सकता ह इस परकाय धमान रगान स कऩार भागम एवॊ तरफ ॊद ववसगम स सॊफॊचधत कछ गरॊचथमो भ उददीऩन होता ह तजसक ऩरयणाभसवरऩ अभत का सराव आयॊब होता ह उसी अभत का सराव होत वतत एक ववशष परकाय का आधमाततभक अनबव होता ह इस अनबव स शसवदध औय सभाचध भ तजी स परगतत होती ह चतावनी मह आरख शसपम जानकायी हत ह कोई बी वमततत इस ऩढ़कय कयन का परमास न कय तमोकक मह शसपम साधको क शरए ह आभ रोगो क शरए नहीॊ

40 अकzwj वनी मदरा- इस भदरा स साधक भ घोड़ो जसी शततत आ जाती ह तजस lsquoहॉसम ऩॉवयrsquo कहत ह|

ववचध - इस भदरा भ गदा-दवाय का फाय-फाय सॊकोिन औय परसाय ककमा जाता ह| इसी स भदरा की शसवदध हो जाती ह| इसक दवाया कणडशरनी जागयण भ सगभता यहती ह औय अनक योग नटट होकय शायीरयक फर की ववदध होती ह|

ऱाभ - अतश वनी भदरा शसदध होन स साधक की अकारभतम कबी नहीॊ होती| गदा औय उदय स सॊफॊचधत योगो का इसक दवाया शभन होता ह तथा दीघमजीवन की उऩरतबध होती ह| तरफना भरफॊध क अतश वनी भदरा नहीॊ हो सकती| 41 बजरौऱी मदरा- फजरौरी भदरा बी भरफॊध का अचछा अभमास ककए तरफना ककसी परकाय सॊबव नहीॊ ह| मह भदरा कवर मोगी क शरए ही नहीॊ बोगी क शरए बी अतमॊत राबकायी ह|

अनतबोध चतनय दवारा सऩादित तरिदिवसीय मदराचचकितसा सि 45

ववचध - इस भदरा भ ऩहर दोनो ऩाॊवो को बशभ ऩय दढ़ताऩवमक दटकाकय दोनो ऩाॊवो को धीय-धीय दढ़ताऩवमक ऊऩय आकाश भ उठा द| इसस तरफॊद-शसवदध होती ह| शकर को धीय-धीय ऊऩय की आकॊ िन कय अथामत इॊददरम क आॊकिन क दवाया वीमम को ऊऩय की ओय खीॊिन का अभमास कय तो मह भदरा शसदध होती ह| ववदवानो का भत ह कक इस भदरा क अभमास भ सतरी का होना आवशमक ह तमोकक बग भ ऩततत होता हआ शकर ऊऩय की ओय खीॊि र तो यज औय वीमम दोनो ही िढ़ जात ह| मह ककरमा अभमास स ही शसदध होती ह| कछ मोगािामम इस परकाय का अभमास शकर क सथान ऩय दनध स कयना फतात ह| जफ दनध खीॊिन का अभमास शसदध हो जाए तफ शकर को खीॊिन का अभमास कयना िादहए| वीमम को ऊऩय खीॊिनवारा मोगी ही ऊधवमयता कहराता ह| ऱाभ - इस भदरा स शयीय रटट-ऩटट तजसवी सॊदय सडौर औय जया-भतम यदहत होता ह| शयीय क सबी अवमव दढ़ होकय भन भ तनश िरता की परातपत होती ह| इसका अभमास अचधक कदठन नहीॊ ह| मदद गहसथ बी इसक कय तो फरवदधमन औय सौदममवदधमन का ऩया राब परापत कय सकत ह चतावनी मह आरख शसपम जानकायी हत ह कोई बी वमततत इस ऩढ़कय कयन का परमास न कय तमोकक मह शसपम साधको क शरए ह आभ रोगो क शरए नहीॊ

साधना कयनवार वमततत क शरए मह आवशमक ह कक वह साधना भ कातमक वाचिक औय भानशसक ककरमाओॊ ऩय ऩया तनमॊतरण यख तथा सभम-सभम ऩय उचित ताॊतरतरक परककरमाओॊ का बी सभनवम कयता यह| इस दतटट स तजस परकाय आसन ऩातरासादन अिमन आदद भ ककरमाओॊ का ववधान ह उसी परकाय उनक साथ कछ भदरा फनान का ववधान ह| म भदराएॊ भखम रऩ-स हाथ औय उसकी उॊगशरमो क परमोग स फनती ह| जस हभाया शयीय ऩॊिततवभम ह| अत शासतरकायो न कहा ह कक इन उॊगशरमो क परमोग स इन ततवो की नमनाचधकता दय की जा

अनतबोध चतनय दवारा सऩादित तरिदिवसीय मदराचचकितसा सि 46

सकती ह तथा ततवो की सभता-ववषभता स होनवारी कभी को उॊगशरमो की भदरा स सभ फनामा जा सकता ह| इतना ही नहीॊ ऐसी भदराओॊ क सहमोग स उन ततवो को सवचछाऩवमक घटामा-फढ़ामा बी जा सकता ह| म ततव करभश अॊगटठ भ अतनन तजमनी भ वाम भधमभा भ आकाश अनाशभका भ ऩथवी औय कतनतटठका भ जर क रऩ भ ववदमभान यहत ह| दवताओॊ की परसननता चितत की शवदध औय ववववध योगो क नाश भ भदराओॊ स फड़ी सहामता शभरती ह| भदराततव को सभझकय परतमक मोगी को इनका साधन कयना िादहए| कणडशरनी शततत क जागयण भ इन भदराओॊ स सहामता शभरती ह| महाॊ हभन तजन भदराओॊ का वणमन एवॊ चितरण ककमा ह उसभ परतमक मोगी साधक को ऩरयचित होना िादहए|

अनतबोध चतनय दवारा सऩादित तरिदिवसीय मदराचचकितसा सि 47

मोग अनसाय आसन औय पराणामाभ की तसथतत को भदरा कहा जाता ह फॊध ककरमा औय भदरा भ आसन औय पराणामाभ दोनो का ही कामम होता ह मोग भ भदराओॊ को आसन औय पराणामाभ स बी फढ़कय भाना जाता ह भदरा दो तयह की होती ह- ऩहरी हसत भदरा अथामत हाथो औय उसकी अॊगशरमो को ववशष आकतत भ फनाना औय दसयी आसन भदरा अथामत तजसभ ऩया शयीय ही सॊिाशरत होता ह

Page 28: 235347477 Mudra Chikitsa Swami Ananta Bodha Chaitanya

अनतबोध चतनय दवारा सऩादित तरिदिवसीय मदराचचकितसा सि 28

20 मगी मदरा-

भग दहयन को कहा जाता ह मऻ क दौयान होभ की जान वारी साभगरी को इसी भदरा भ होभ ककमा जाता ह पराणामाभ ककए जान क दौयान बी इस भदरा का उऩमोग होता ह धमान कयत वतत बी इस भदरा का इसतभार ककमा जाता ह मह भदरा फनात वतत हाथ की आकतत भग क शसय क सभान हो जाती ह इसीशरए इस भगी भदरा कहा जाता ह मह एक हसत भदरा ह ववचध अऩन हाथ की अनाशभका औय भधमभा अॊगरी को अॊगठ क आग क बाग को छआ कय फाकी फिी तजमनी औय कतनटठा अॊगरी को सीधा तान दन स भगी भदरा फन जाती ह योग आसन - इस दौयान उतकटासन सखासन औय उऩासना क सभम इसतभार होन वार आसन ककए जा सकत ह

अनतबोध चतनय दवारा सऩादित तरिदिवसीय मदराचचकितसा सि 29

समय- इस भदरा को सववधानसाय कछ दय तक कय सकत ह औय इस तीन स िाय फाय ककमा जा सकता ह ऱाभ- भगी भदरा कयत सभम अॊगठ क ऩोय औय अॊगशरमो क जोड़ ऩय दफाव ऩड़ता ह उतत दफाव क कायण शसयददम औय ददभागी ऩयशानी भ राब शभरता ह एतमपरशय चिककतसा क अनसाय उतत अॊगशरमो क अॊदय दाॊत औय सामनस क तरफ ॊद होत ह तजसक कायण हभ दाॊत औय सहनस योग भ बी राब शभरता ह ववशष- भाना जाता ह कक इस भदरा को कयन स सोिन औय सभझन की शततत का ववकास बी होता ह भगी भदरा शभगी क योचगमो क शरए फहत ही राबकायी ह

21 यमहररमदरा

ववचध -सवम परधभ आऩ अऩन दोनो हाथो की सफस छोटी अॊगरी अथामत कतनटठा को आऩस भ एक दसय क परथभ ऩोय स शभरा द इसी क साथ दोनो अॊगठ को बी आऩस भ शभरा द अफ तीन अॊगशरमाॊ फाकी यह जाएॊगी- भध मभा तजमनी औय अनाशभका इन तीनो अॊगशरमो को हथरी की ओय भोड़कय भटठी जसा फनाइए अॊगशरमो की इस तसथतत को मभ हरयभदरा कहत ह

अनतबोध चतनय दवारा सऩादित तरिदिवसीय मदराचचकितसा सि 30

ऱाभ - मभहरयभदरा क तनमशभत अभमास स नाडड़मो को शततत शभरती ह इस भदरा क तनयॊतय अभमास स ऩट क योग जस- कबज बख ना रगना औय तजगय की कभजोयी दय होती ह इस भदरा स तसतरमो क सतनो क साय योगो भ बी राब शभरता ह मभ हरयभदरा को परततददन 5 शभनट सफह औय 5 शभनट शाभ को कय आऩ इसक कयन का सभम फढ़ाकय 10 शभनट तक कय सकत ह परततददन कभ स कभ ऩाॊि भदराएॊ अऩनी सववधानसाय कयनी िादहए भदराओॊ स सबी योगो भ राब ऩामा जा सकता ह मदद उनका मोग शशक स ऩछकय तनमशभत अभमास ककमा जाए भदराएॊ खासकय उन रोगो क शरए पामदभॊद सातरफत होती ह जो मोगासन कयन भ असभथम ह

22 ऩषऩाजलऱ मदरा-

अनतबोध चतनय दवारा सऩादित तरिदिवसीय मदराचचकितसा सि 31

मह भहतवऩणम हसत मोग भदरा ह जस दआ भ हाथ उठात ह मा ऩटऩ अऩमण कयत ह तफ मह भदरा फनती ह जसा कक इसका नाभ ह ऩटऩाॊजशर इसी स मह शसदध होता ह कक मह भदरा ककस परकाय की होगी ववचध- दोनो हाथो की अॊगशरमो औय अॊगठ को आऩस भ शभरा भखणफदध को बी शभरा र कपय दोनो हाथो की छोटी अॊगशरमो को एक साथ शभराकय ऐसी आकतत फना र कक जस हभ ककसी बगवान को पर िढ़ात सभम फनात ह इस ही ऩटऩाॊजशर भदरा कहत ह

ऱाभ- ऩटऩाॊजरी भदरा क तनयॊतय अभमास स नीॊद अचछी तयह स आन रगती ह आतभववशवास फढ़ता ह

23 यज भदरा-

अनतबोध चतनय दवारा सऩादित तरिदिवसीय मदराचचकितसा सि 32

यज भदरा कवर तसतरमो क शरए ह ऐसा नहीॊ फतसक अगय ऩरष इस भदरा को कयत ह तो उनक वीमम सॊफॊधी सभसत योग दय हो जात ह ववचध- यज भदरा फनाना फहत ही आसान ह कतनटठा (छोटी अॊगरी) अॊगरी को हथरी की जड़ भ भोड़कय रगान स यज भदरा फन जाती ह ऱाभ- यज भदरा स तसतरमो क भाशसक धभम सॊफॊधी योग दय होत ह इसक अरवा शसय भ बायीऩन यहना छाती भ ददम ऩट ऩीठ कभय का ददम आदद योग बी यज भदरा कयन स दय हो जात ह सतरी क साय परजनन अॊगो की ऩयशातनमो को म भदरा तरफसकर दय कय दती ह

24 अदिती मदरा-

ववचध- अॊगठ क आग क बाग को अनाशभका (छोटी उॊगरी क साथ वारी उॊगरी) उॊगरी की जड़ भ टढ़ा रगान स अददती भदरा फन जाती ह

ऱाभ- इस भदरा को कयन स हय सभम उफासी आना जमादा छीॊक आना जस योगो को दय ककमा जा सकता ह

अनतबोध चतनय दवारा सऩादित तरिदिवसीय मदराचचकितसा सि 33

समय- अददती भदरा को ददन भ 3-4 फाय 15-15 शभनटो क शरए कय सकत ह

25 हसी मदरा-

जस हॊस नीय ीय वववक की साभथमम यखता ह वस इस भदरा क कयन स सोिन औय तवरयत तनणमम की भता फढती ह मदरा िी ववचध - सखासन मा उतकटासन भ फठकय अऩन हाथ की सबी सफस छोटी अॊगरी को छोड़कय अॊगशरमो को अॊगठ क आग क बाग को दफान स हॊसी भदरा फन जाती ह अवचध- इस भदरा को परयॊब भ 5-8 शभनट स कयक 30-48 शभनट तक कय सकत ह मदरा िा ऱाभ- इस भदरा तनमशभत अभमास स वववक फढ़ता ह अथामत इसस सोिन-सभझन की शततत फढ़ती ह औय इसस शयीय का बायीऩन सभापत हो जाता ह

अनतबोध चतनय दवारा सऩादित तरिदिवसीय मदराचचकितसा सि 34

ववशषता- भाना जाता ह कक इस भदरा का तनमशभत अभमास कयन स याजशसक ताकत फढ़ती ह औय वमततत धन सॊऩनन फना यहता ह सावधानी - इस भदरा को कयत सभम ककसी बी परकाय का भॊतर नहीॊ जऩना िादहए औय ना ही कोई अनम धाशभमक उऩकरभ कय

26 हसतऩात मदरा-

ववचध- इस भदरा को कयन क शरए आऩ अऩन दोनो हाथो की हथरी क ऩीछ क बाग को आऩस भ अॊगशरमो सदहत शभरा द इस आकतत को हसतऩात भदरा कहा जाता ह मह नभसकाय भदरा जसा ही ह रककन इसभ हथरी क ऩटठ बाग को शभरा ददमा जाता ह ऱाभ- इस हसतऩात भदरा को कयन स शवास औय गर क क साय योग भ फहत राब शभरता ह तजन तसतरमाॊ मदद इसका तनमशभत अभमास कयती ह तो इसस उनक सतन सड़ौर सॊदय औय सवसथ हो जात ह तजन तसतरमो क सतन छोट ह ढीर ह मा उनक सतनो भ दध नहीॊ आता ह तो मह भदरा उनक शरए फहत राबकायी शसदध हो सकती ह

27 धयान मदरा

ववचध- ऩदमासन भ फठकय फाएॊ हाथ की हथरी ऩय दाएॊ हाथ की हथरी को (उसट हाथ ऩय सीध हाथ को) हसक स यखन स धमान भदरा फनती ह| धमान यख कक इस भदरा भ शसय गदमन एवॊ यीढ़ की हडडी सीधी यह| आॊख औय होठ सहज स फनद यह| धमान अऩन इटटदव क सवरऩ ऩय दटकाएॊ अथवा कामोतसगम कय अथामत शयीय स

अनतबोध चतनय दवारा सऩादित तरिदिवसीय मदराचचकितसा सि 35

सभता यखत हए कछ दय क शरए वविाय यदहत अवसथा भ यहन का परमास कय| अटटाॊग मोग (मभ तनमभ पराणामाभ परतमाहाय धायणा धमान औय सभाचध) क एक अॊग lsquoधमानrsquo की साधना भ मह भदरा ववशष रऩ स सहामक शसदध हई ह| ऱाभ - जो वमततत ऩदमासन नहीॊ कय सकत उनह धमान भदरा सखासन मा सवतसतक अथवा ऩारथी आसन भ कयना िादहए| मह सहज भदरा ह| सहज धमान भदरा को साधायण वमततत अचधक रमफ सभम तक सयरता स कय सकता ह| इसस धमान भदरा क राब बी शभर जात ह| धमान भदरा भ मदद हथशरमाॊ एक दसय ऩय यखन क फाद दोनो हथशरमाॊ ऻान भदरा की तसथतत भ यखी जाएॊ तो धमान भदरा तथा ऻान भदरा क सतमभशरत राब क साथ ऩदमासन क राब बी शभर जात ह| साधक क शरए धमान भदरा भ सभम की कोई सीभा नहीॊ ह| रककन सहजता क साथ ऩदमासन कयन की भता क अनरऩ धमान भदरा का अभमास कयना िादहए| साधायण वमततत को इस धीय-धीय फढ़ात हए कभ-स-कभ २० शभनट स एक घॊट तक कयना िादहए| धमान भदरा न कय सकन की अवसथा भ सहज धमान भदरा कयक राब उठाना िादहए| भन की िॊिरता शाॊत होकय चितत की एकागरता फढ़ती ह| साततवक वविायो की उतऩततत होती ह औय परब बजन भ भन रगता ह|

धमान क परबाव स साधक को धमान की उचितय तसथतत भ ऩहॊिन भ सहामता शभरती ह| आतभ साातकाय औय ईश वय क साातकाय भ मह भदरा सहामक ह|

28 शामभवी मदरा-

आॉख खरी हो रककन आऩ दख नहीॊ सकत ऐसी तसथतत जफ सध जाती ह तो उस शामबवी भदरा कहत ह ऐसी तसथतत भ आऩ नीॊद का भजा बी र सकत ह मह फहत कदठन साधना ह इसक ठीक उसटा कक जफ आॉख फॊद हो तफ आऩ दख

अनतबोध चतनय दवारा सऩादित तरिदिवसीय मदराचचकितसा सि 36

सकत ह मह बी फहत कदठन साधना ह रककन मह दोनो ही सॊबव ह असॊबव कछ बी नहीॊ फहत स ऐस ऩश औय ऩी ह जो आॉख खोरकय ही सोत ह ववचध- मदद आऩन तराटक ककमा ह मा आऩ तराटक क फाय भ जानत ह तो आऩ इस भदरा को कय सकत ह सवमपरथभ शसदधासन भ फठकय यीढ़-गदमन सीधी यखत हए ऩरको को तरफना झऩकाएॉ दखत यह रककन धमान ककसी बी िीज को दखन ऩय ना यख ददभाग तरफसकर बीतय कहीॊ रगा हो

ऱाभ- शामबवी भदरा को कयन स ददर औय ददभाग को शाॊतत शभरती ह मोगी का धमान ददर भ तसथय होन रगता ह आॉख खरी यखकय बी वमततत नीॊद औय धमान का आनॊद र सकता ह इसक सधन स वमततत बत औय बववटम का ऻाता फन सकता ह सऱाह- शामबवी भदरा ऩयी तयह स तबी शसदध हो सकती ह जफ आऩकी आॉख खरी हो ऩय व ककसी बी िीज को न दख यही हो ऐसा सभझ की आऩ ककसी धन भ जी यह हो आऩको खमार होगा कक कबी-कबी आऩ कहीॊ बी दख यह होत ह रककन आऩका धमान कहीॊ ओय यहता ह समय- इस भदरा को शरआत भ तजतनी दय हो सक कय औय फाद भ धीय-धीय इसका अभमास फढ़ात जाएॉ

अनतबोध चतनय दवारा सऩादित तरिदिवसीय मदराचचकितसा सि 37

29 शकततचालऱनी मदरा- ववचध - आठ अॊगर रॊफा औय िाय अॊगर िौड़ा भरामभ वसतर रकय नाशब ऩय रगाएॊ औय कदटसतर भ फाॊध र| कपय शयीय भ बसभ यभाकय शसदधासन भ फठ औय पराण को अऩान स मतत कय| जफ तक गहम दवाय स िरती हई वाम परकाशशत न हो इस सभम तक गहम दवाय को सॊकचित यख| इसस वाम का जो तनयोध होता ह उसभ कमबक क दवाया कणडशरनी शततत जागरत होती हई सषमना भागम स ऊऩय जाकय खड़ी हो जाती ह| मोगभदरा स ऩहर इसका अभमास कयन ऩय ही मोतन भदरा की ऩणम शसवदध होती ह| ऱाभ - इस भदरा स कणडशरनी शततत का जागयण होता ह| जफ तक मह सोती ह तफ तक सबी आॊतरयक शतततमाॊ सपत ऩड़ी यहती ह| इसशरए कणडशरनी का जागरत होना साधक क शरए फहत आवशमक ह| पराण-अऩान को सॊमतत कयन की ककरमा पराणवाम को ऩयक दवाया बीतय खीॊिन औय उडडीमान फॊध स अऩान वाम को ऊऩय की ओय आकवषमत कयन स ऩणम होती ह| इसभ गहम परदश क सॊकोि औय ववसताय का अभमास होन स अचधक सयरता हो सकती ह| 30 तड़ागी मदरा- ववचध - दोनो ऩाॊवो को दणड क सभान धयती ऩय ऩसाय र औय हाथो स उनक अॊगठो को ऩकड़न तथा दोनो जाॊघो ऩय शसय को सथावऩत कय साथ ही उदय को तड़ाग (सयोवय) क सभान कय र| ऱाभ - मह भदरा अनक योगो औय वदधावसथा को बी दय कयन भ सहामक शसदध होती ह|

अनतबोध चतनय दवारा सऩादित तरिदिवसीय मदराचचकितसा सि 38

31 माणडवी मदरा- ववचध - भख को फॊद कयक जफान को तार भ घभाएॊ औय सहसराय स टऩकत हए सधायस को जफान स धीय-धीय ऩीन का मतन कय| मही भाणडवी (मा भाणडकी) भदरा ह| ऱाभ - इसक दवाया फारो की सपदी उनका झड़ना शयीय ऩय झरयममो भॊहासो आदद का ऩड़ना तथा तनफमरता आदद दय होकय चिय-मौवन की परातपत होती ह| इसस यसोतऩादन होकय अभततव की उऩरतबध होना सॊबव हो जाता ह| 32 ऩालशनी मदरा ववचध- दोनो ऩाॊवो को कॊ ठ क ऩीछ की ओय र जाकय उनह ऩयसऩय शभराएॊ औय ऩाश क सभान दढ़ता स फाॊध र| ऱाभ - इसक अभमास स बी कणडशरनी शततत क जागयण भ फहत सगभता हो जाती ह तथा साधक क शयीय भ फर औय ऩतटट का आववबामव होता ह| भानशसक फरवदधमन भ बी मह फहत दहतकय ह| 33 िािी मदरा-

काक कौए को कहत ह कौए की िोि जसी भॊह की भदरा फना रन को काकी भदरा कहा जाता ह ववचध ककसी बी आसन भ फठकय होठो को ऩतरी सी नरी क सभान भोड़कय कौए की िोि जसा फना र अफ नाक क अगर बाग को दखत हए अऩना ऩया धमान नाक ऩय दटका द इसक फाद भॊह स धीय-धीय गहयी शवास रकय होठो को फॊद कय द कछ दय फाद शवास को नाक स फाहय तनकार द इस तयह स 10

अनतबोध चतनय दवारा सऩादित तरिदिवसीय मदराचचकितसा सि 39

शभनट तक कय ऱाभ मह भदरा जहाॊ शयीय भ ठॊडक फढ़ाती ह वहीॊ मह कई योगो को दय कयन भ राबदामक ह इस भदरा का तनयॊतय अभमास कयन स शयीय भ अॊदय बोजन ऩिान की ककरमा तज हो जाती ह इसस अमरवऩतत का फढ़ना कभ हो जाता ह

34 मातचगनी मदरा-

भातॊग का अथम होता ह भघ भाॊ दगाम का एक रऩ ह भातॊगी मह दस भहाववदमा भ स नौवीॊ ववदमा ह भातॊग नाभ स एक धमान होता ह भॊतर होता ह औय एक हाथी का नाभ बी भातॊग ह ऋवष वशशटठ की ऩतनी का एक नाभ बी भातॊगी ह ऋवष कशमऩ की ऩतरी का नाभ बी भातॊगी ह तजसस हाथी उतऩनन हए थ ववचध शाॊत जगह भ ऩानी क अॊदय गर तक शयीय को डफो र औय कपय नाक स ऩानी को खीॊिकय उस भॊह स तनकार र कपय भॊह स ऩानी को खीॊिकय नाक स फाहय तनकार द इस ककरमा को ही भातॊचगनी भदरा कहत ह ऱाभ इस भदरा क अभमास स आॊखो की योशनी तज हो जाती ह शसय ददम भ मह भदरा अतमॊत राबकायी भानी जाती ह इसस नजरा-जकाभ आदद क योग बी दय हो जात ह इस भदरा क तनयॊतय अभमास स िहय ऩय िभक आ जाती ह औय फार बी सपद नहीॊ होत ह इस भदरा क शसदध हो जान ऩय वमततत भ ताकत फढ़ जाती ह

35 नभोमदरा

नब का अथम होता ह आकाश इस भदरा भ जीब को तार की ओय रगात ह इसीशरए इस नबोभदरा कहत ह नबोभदरा कयना सयर नहीॊ ह इस ककसी मोग

अनतबोध चतनय दवारा सऩादित तरिदिवसीय मदराचचकितसा सि 40

शशक स सीखकय ही कयना िादहए मह भदरा फहत स योगो भ राबदामक शसदध हई ह इस फाय भ एक शरोक बी ह- मतर मतर तसथतो मोगी सवमकामष सवमदा उधवमतजवह तसथयो बतवाधायमतभवनॊ सदा नबोभदरा भवदषा मोदववना योग नाशशनी अथामत साय कामो भ तसथय हआ चितत अऩनी जीब क अगर बाग को भॊह क अॊदय तार भ रगाकय शवास को अॊदय योक रता ह इस तसथतत स विारयक गततववचधमाॊ ततकार फॊद हो जाती ह इसीशरए इस भदरा को यहसम का आबास ददरान वारी भदरा बी कहा जाता ह ववचध- अऩनी आॊखो को अऩनी दोनो बौहो क फीि भ जभाकय आऩकी जीब तार क साथ रगा र मह दोनो कामम एक ही साथ औय एक ही सभम भ कय सववधानसाय जफ तक सॊबव हो इसी तसथतत भ यह औय कपय कछ शभनट का धमान कय ऱाभ- नबोभदरा क तनयॊतय अभमास स जीब गर औय आॊखो क साय योग सभापत हो जात ह इसस भतसतटक भ तसथयता फढ़ती ह औय भतसतटक क योग बी दय हो जात ह

36 नालसिागर मदरा -

नाशसकागर भदरा का अथम होता ह नाक का आखखयी छोय ऊऩयी दहससा मा अगरबाग इस बाग ऩय फायी-फायी स सॊतरन फनान हए दखना ही नाकककागर भदरा मोग कहराता ह रककन मह भदरा कयन स ऩहर मोग शशक की सराह जरय र तमोकक इसक कयन स बकटी ऩय जोय ऩड़ता ह

अनतबोध चतनय दवारा सऩादित तरिदिवसीय मदराचचकितसा सि 41

ववचध- ककसी बी आसन भ फठकय नाक क आखखयी शसय ऩय नजय दटका र हो सकता ह कक ऩहर आऩ फाई आॊखो स उस दख ऩाएॊ तफ कछ दय फाद दाई आॊखो स दख इस दखन भ जया बी तनाव न हो सहजता स इस दख

ऱाभ- इसस जहाॊ आॊखो की एतसयसाइज होती ह वहीॊ मह भतसतटक क शरए बी राबदामक ह इसस भन भ एकागरता फढ़ती ह इस भदरा क रगाताय अभमास कयन स भराधाय िकर जागरत होन रगता ह तजसस कणडरीनी जागयण भ भदद शभरती ह इसस भराधाय िकर इसशरए जागरत होता ह तमोकक दोनो आॊखो क फीि ही तसथत ह इड़ा वऩ ॊगरा औय सषमना नाड़ी जो भराधाय तक गई ह समय- इस भदरा को इतनी दय तक कयना िादहए कक आॊखो ऩय इसका जमादा दफाव नहीॊ ऩड़ कपय धीय-धीय इस कयन का सभम फढ़ात जाएॊ

37 बरहम आसन मदरा-

कछ रोग इस बरहभा भदरा बी कहत ह तमोकक इस आसन भ गदमन को िाय ददशा भ घभामा जाता ह औय बरहभाजी क िाय भख थ इसीशरए इसका नाभ बरहभा भदरा आसन यखा गमा रककन असर भ मह बरहभ भदरा आसन ह औय इसभ सबी ददशाओॊ भ तसथत ऩयभशवय को जानकय उसका चिॊतन ककमा जाता ह नभाज ऩढ़त वतत मा सॊधमा वॊदन कयत वतत उतत भदरासन को ककमा जाता यहा ह ववचध- ऩदमासन शसदधासन मा वजरासन भ फठकय कभय तथा गदमन को सीधा यखत हए गदमन को धीय-धीय दामीॊ ओय र जात ह कछ सकॊ ड दामीॊ ओय रकत ह उसक फाद गदमन को धीय-धीय फामीॊ ओय र जात ह कछ सकॊ ड तक फामीॊ ओय रककय कपय दामीॊ ओय र जात ह कपय वाऩस आन क फाद गदमन को ऊऩय की ओय र जात ह उसक फाद नीि की तयप र जात ह कपय गदमन को तराकवाइज

अनतबोध चतनय दवारा सऩादित तरिदिवसीय मदराचचकितसा सि 42

औय एॊटीतराकवाइज घभाएॉ इस तयह मह एक िकर ऩया हआ अऩनी सववधानसाय इस िाय स ऩाॉि िकरो भ कय सकत ह

ऱाभ तजन रोगो को सवामइकर सऩोडराइदटस थाइयाइड नराॊटस की शशकामत ह उनक शरए मह आसन राबदामक ह इसस गदमन की भाॉसऩशशमाॉ रिीरी तथा भजफत होती ह आधमाततभक दतटट स बी मह आसन राबदामक ह आरसम बी कभ होता जाता ह तथा फदरत भौसभ क सदी-जकाभ औय खाॉसी स छटकाया बी शभरता ह

सावधाननया तजनह सवामइकर सऩोडराइदटस मा थाइयाइड की सभसमा ह व ठोडी को ऊऩय की ओय दफाएॉ गदमन को नीि की ओय र जात सभम कॊ ध न झकाएॉ कभय गदमन औय कॊ ध सीध यख गदमन मा गर भ कोई गॊबीय योग हो तो मोग चिककतसक की सराह स ही मह भदराआसन कय

38 भजचगनी मदरा- ववचध- इसभ भख को पराकय कॊ ठ स फाहयी वाम खीॊिी जाती ह| तार औय तजहवा क भधम वाम क घभन स शयीय भ अदभत शततत का आववबामव होता ह|

ऱाभ- मह भदरा अजीणम आदद उदय योगो को नटट कयन भ बी फहत उऩमोगी ह| इस परकाय भदराओॊ क अभमास स साधक को सफ परकाय क शायीरयक भानशसक औय आततभक फर की परातपत होती ह| मोगािामो क अनसाय lsquoनातसत भदरासनककॊ चित शसवदधदॊकषततभणडर (घयणड सॊदहता)rsquo अथामत भदराओॊ क सभान शसवदधदामक कोई अनम साधन ब-भॊडर ऩय नहीॊ ह| इसशरए मोगशसवदध क आकाॊीजनो को भदराओॊ का अभमास कयना शरमसकय ह|

अनतबोध चतनय दवारा सऩादित तरिदिवसीय मदराचचकितसा सि 43

39 खचरी मदरा-

भनटम की जीब (तजहवा) दो तयह की होती ह- रॊफी औय छोटी रॊफी जीब को सऩमतजहवा कहत ह कछ रोगो की जीब रॊफी होन स व उस आसानी स नाशसकागर ऩय रगा सकत ह औय खियी-भदरा कय सकत ह भगय तजसकी जीब छोटी होती ह उस तकरीपो का साभना कयना ऩड़ता ह सफस ऩहर उनह अऩनी जीब रॊफी कयनी ऩड़ती ह औय उसक शरए घषमण व दोहन का सहाया रना ऩड़ता ह जीब नीि की ओय स तजस नाड़ी स जड़ी होती ह उस काटना ऩड़ता ह खियी भदरा को शसदध कयन एवॊ अभत क सराव हत आवशमक उददीऩन भ कछ वषम बी रग सकत ह मह वमततत की मोनमता ऩय बी तनबमय कयता ह मोग भ कछ भदराएॊ ऐसी ह तजनह शसपम मोगी ही कयत ह साभानमजनो को इनह नहीॊ कयना िादहए खियी भदरा साधको क शरए भानी गई ह ववचध - इसक शरए जीब औय तार को जोड़न वार भाॊस-तॊत को धीय-धीय काटा जाता ह अथामत एक ददन जौ बय काटकय छोड़ ददमा जाता ह कपय तीन-िाय ददन फाद थोड़ा-सा औय काट ददमा जाता ह इस परकाय थोड़ा-थोड़ा काटन स उस सथान की यतत शशयाएॊ अऩना सथान बीतय की तयप फनाती जाती ह जीब को काटन क साथ ही परततददन धीय-धीय फाहय की तयप खीॊिन का अभमास ककमा जाता ह इसका अभमास कयन स कछ भहीनो भ जीब इतनी रॊफी हो जाती ह कक मदद उस ऊऩय की तयप रौटा (उसटा कयन) ददमा जाए तो वह शवास जान वार छदो को बीतय स फॊद कय दती ह इसस सभाचध क सभम शवास का आना-जाना ऩणमत योक ददमा जाता ह ऱाभ इस भदरा स पराणामाभ को शसदध कयन औय साभचध रगान भ ववशष सहामता शभरती ह साधनायत साधओॊ क शरए मह भदरा फहत ही राबदामी भानी

अनतबोध चतनय दवारा सऩादित तरिदिवसीय मदराचचकितसा सि 44

जाती ह ववशषता तनयॊतय अभमास कयत यहन स तजफ जफ रॊफी हो जाती ह तफ उस नाशसका यनरो भ परवश कयामा जा सकता ह इस परकाय धमान रगान स कऩार भागम एवॊ तरफ ॊद ववसगम स सॊफॊचधत कछ गरॊचथमो भ उददीऩन होता ह तजसक ऩरयणाभसवरऩ अभत का सराव आयॊब होता ह उसी अभत का सराव होत वतत एक ववशष परकाय का आधमाततभक अनबव होता ह इस अनबव स शसवदध औय सभाचध भ तजी स परगतत होती ह चतावनी मह आरख शसपम जानकायी हत ह कोई बी वमततत इस ऩढ़कय कयन का परमास न कय तमोकक मह शसपम साधको क शरए ह आभ रोगो क शरए नहीॊ

40 अकzwj वनी मदरा- इस भदरा स साधक भ घोड़ो जसी शततत आ जाती ह तजस lsquoहॉसम ऩॉवयrsquo कहत ह|

ववचध - इस भदरा भ गदा-दवाय का फाय-फाय सॊकोिन औय परसाय ककमा जाता ह| इसी स भदरा की शसवदध हो जाती ह| इसक दवाया कणडशरनी जागयण भ सगभता यहती ह औय अनक योग नटट होकय शायीरयक फर की ववदध होती ह|

ऱाभ - अतश वनी भदरा शसदध होन स साधक की अकारभतम कबी नहीॊ होती| गदा औय उदय स सॊफॊचधत योगो का इसक दवाया शभन होता ह तथा दीघमजीवन की उऩरतबध होती ह| तरफना भरफॊध क अतश वनी भदरा नहीॊ हो सकती| 41 बजरौऱी मदरा- फजरौरी भदरा बी भरफॊध का अचछा अभमास ककए तरफना ककसी परकाय सॊबव नहीॊ ह| मह भदरा कवर मोगी क शरए ही नहीॊ बोगी क शरए बी अतमॊत राबकायी ह|

अनतबोध चतनय दवारा सऩादित तरिदिवसीय मदराचचकितसा सि 45

ववचध - इस भदरा भ ऩहर दोनो ऩाॊवो को बशभ ऩय दढ़ताऩवमक दटकाकय दोनो ऩाॊवो को धीय-धीय दढ़ताऩवमक ऊऩय आकाश भ उठा द| इसस तरफॊद-शसवदध होती ह| शकर को धीय-धीय ऊऩय की आकॊ िन कय अथामत इॊददरम क आॊकिन क दवाया वीमम को ऊऩय की ओय खीॊिन का अभमास कय तो मह भदरा शसदध होती ह| ववदवानो का भत ह कक इस भदरा क अभमास भ सतरी का होना आवशमक ह तमोकक बग भ ऩततत होता हआ शकर ऊऩय की ओय खीॊि र तो यज औय वीमम दोनो ही िढ़ जात ह| मह ककरमा अभमास स ही शसदध होती ह| कछ मोगािामम इस परकाय का अभमास शकर क सथान ऩय दनध स कयना फतात ह| जफ दनध खीॊिन का अभमास शसदध हो जाए तफ शकर को खीॊिन का अभमास कयना िादहए| वीमम को ऊऩय खीॊिनवारा मोगी ही ऊधवमयता कहराता ह| ऱाभ - इस भदरा स शयीय रटट-ऩटट तजसवी सॊदय सडौर औय जया-भतम यदहत होता ह| शयीय क सबी अवमव दढ़ होकय भन भ तनश िरता की परातपत होती ह| इसका अभमास अचधक कदठन नहीॊ ह| मदद गहसथ बी इसक कय तो फरवदधमन औय सौदममवदधमन का ऩया राब परापत कय सकत ह चतावनी मह आरख शसपम जानकायी हत ह कोई बी वमततत इस ऩढ़कय कयन का परमास न कय तमोकक मह शसपम साधको क शरए ह आभ रोगो क शरए नहीॊ

साधना कयनवार वमततत क शरए मह आवशमक ह कक वह साधना भ कातमक वाचिक औय भानशसक ककरमाओॊ ऩय ऩया तनमॊतरण यख तथा सभम-सभम ऩय उचित ताॊतरतरक परककरमाओॊ का बी सभनवम कयता यह| इस दतटट स तजस परकाय आसन ऩातरासादन अिमन आदद भ ककरमाओॊ का ववधान ह उसी परकाय उनक साथ कछ भदरा फनान का ववधान ह| म भदराएॊ भखम रऩ-स हाथ औय उसकी उॊगशरमो क परमोग स फनती ह| जस हभाया शयीय ऩॊिततवभम ह| अत शासतरकायो न कहा ह कक इन उॊगशरमो क परमोग स इन ततवो की नमनाचधकता दय की जा

अनतबोध चतनय दवारा सऩादित तरिदिवसीय मदराचचकितसा सि 46

सकती ह तथा ततवो की सभता-ववषभता स होनवारी कभी को उॊगशरमो की भदरा स सभ फनामा जा सकता ह| इतना ही नहीॊ ऐसी भदराओॊ क सहमोग स उन ततवो को सवचछाऩवमक घटामा-फढ़ामा बी जा सकता ह| म ततव करभश अॊगटठ भ अतनन तजमनी भ वाम भधमभा भ आकाश अनाशभका भ ऩथवी औय कतनतटठका भ जर क रऩ भ ववदमभान यहत ह| दवताओॊ की परसननता चितत की शवदध औय ववववध योगो क नाश भ भदराओॊ स फड़ी सहामता शभरती ह| भदराततव को सभझकय परतमक मोगी को इनका साधन कयना िादहए| कणडशरनी शततत क जागयण भ इन भदराओॊ स सहामता शभरती ह| महाॊ हभन तजन भदराओॊ का वणमन एवॊ चितरण ककमा ह उसभ परतमक मोगी साधक को ऩरयचित होना िादहए|

अनतबोध चतनय दवारा सऩादित तरिदिवसीय मदराचचकितसा सि 47

मोग अनसाय आसन औय पराणामाभ की तसथतत को भदरा कहा जाता ह फॊध ककरमा औय भदरा भ आसन औय पराणामाभ दोनो का ही कामम होता ह मोग भ भदराओॊ को आसन औय पराणामाभ स बी फढ़कय भाना जाता ह भदरा दो तयह की होती ह- ऩहरी हसत भदरा अथामत हाथो औय उसकी अॊगशरमो को ववशष आकतत भ फनाना औय दसयी आसन भदरा अथामत तजसभ ऩया शयीय ही सॊिाशरत होता ह

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अनतबोध चतनय दवारा सऩादित तरिदिवसीय मदराचचकितसा सि 29

समय- इस भदरा को सववधानसाय कछ दय तक कय सकत ह औय इस तीन स िाय फाय ककमा जा सकता ह ऱाभ- भगी भदरा कयत सभम अॊगठ क ऩोय औय अॊगशरमो क जोड़ ऩय दफाव ऩड़ता ह उतत दफाव क कायण शसयददम औय ददभागी ऩयशानी भ राब शभरता ह एतमपरशय चिककतसा क अनसाय उतत अॊगशरमो क अॊदय दाॊत औय सामनस क तरफ ॊद होत ह तजसक कायण हभ दाॊत औय सहनस योग भ बी राब शभरता ह ववशष- भाना जाता ह कक इस भदरा को कयन स सोिन औय सभझन की शततत का ववकास बी होता ह भगी भदरा शभगी क योचगमो क शरए फहत ही राबकायी ह

21 यमहररमदरा

ववचध -सवम परधभ आऩ अऩन दोनो हाथो की सफस छोटी अॊगरी अथामत कतनटठा को आऩस भ एक दसय क परथभ ऩोय स शभरा द इसी क साथ दोनो अॊगठ को बी आऩस भ शभरा द अफ तीन अॊगशरमाॊ फाकी यह जाएॊगी- भध मभा तजमनी औय अनाशभका इन तीनो अॊगशरमो को हथरी की ओय भोड़कय भटठी जसा फनाइए अॊगशरमो की इस तसथतत को मभ हरयभदरा कहत ह

अनतबोध चतनय दवारा सऩादित तरिदिवसीय मदराचचकितसा सि 30

ऱाभ - मभहरयभदरा क तनमशभत अभमास स नाडड़मो को शततत शभरती ह इस भदरा क तनयॊतय अभमास स ऩट क योग जस- कबज बख ना रगना औय तजगय की कभजोयी दय होती ह इस भदरा स तसतरमो क सतनो क साय योगो भ बी राब शभरता ह मभ हरयभदरा को परततददन 5 शभनट सफह औय 5 शभनट शाभ को कय आऩ इसक कयन का सभम फढ़ाकय 10 शभनट तक कय सकत ह परततददन कभ स कभ ऩाॊि भदराएॊ अऩनी सववधानसाय कयनी िादहए भदराओॊ स सबी योगो भ राब ऩामा जा सकता ह मदद उनका मोग शशक स ऩछकय तनमशभत अभमास ककमा जाए भदराएॊ खासकय उन रोगो क शरए पामदभॊद सातरफत होती ह जो मोगासन कयन भ असभथम ह

22 ऩषऩाजलऱ मदरा-

अनतबोध चतनय दवारा सऩादित तरिदिवसीय मदराचचकितसा सि 31

मह भहतवऩणम हसत मोग भदरा ह जस दआ भ हाथ उठात ह मा ऩटऩ अऩमण कयत ह तफ मह भदरा फनती ह जसा कक इसका नाभ ह ऩटऩाॊजशर इसी स मह शसदध होता ह कक मह भदरा ककस परकाय की होगी ववचध- दोनो हाथो की अॊगशरमो औय अॊगठ को आऩस भ शभरा भखणफदध को बी शभरा र कपय दोनो हाथो की छोटी अॊगशरमो को एक साथ शभराकय ऐसी आकतत फना र कक जस हभ ककसी बगवान को पर िढ़ात सभम फनात ह इस ही ऩटऩाॊजशर भदरा कहत ह

ऱाभ- ऩटऩाॊजरी भदरा क तनयॊतय अभमास स नीॊद अचछी तयह स आन रगती ह आतभववशवास फढ़ता ह

23 यज भदरा-

अनतबोध चतनय दवारा सऩादित तरिदिवसीय मदराचचकितसा सि 32

यज भदरा कवर तसतरमो क शरए ह ऐसा नहीॊ फतसक अगय ऩरष इस भदरा को कयत ह तो उनक वीमम सॊफॊधी सभसत योग दय हो जात ह ववचध- यज भदरा फनाना फहत ही आसान ह कतनटठा (छोटी अॊगरी) अॊगरी को हथरी की जड़ भ भोड़कय रगान स यज भदरा फन जाती ह ऱाभ- यज भदरा स तसतरमो क भाशसक धभम सॊफॊधी योग दय होत ह इसक अरवा शसय भ बायीऩन यहना छाती भ ददम ऩट ऩीठ कभय का ददम आदद योग बी यज भदरा कयन स दय हो जात ह सतरी क साय परजनन अॊगो की ऩयशातनमो को म भदरा तरफसकर दय कय दती ह

24 अदिती मदरा-

ववचध- अॊगठ क आग क बाग को अनाशभका (छोटी उॊगरी क साथ वारी उॊगरी) उॊगरी की जड़ भ टढ़ा रगान स अददती भदरा फन जाती ह

ऱाभ- इस भदरा को कयन स हय सभम उफासी आना जमादा छीॊक आना जस योगो को दय ककमा जा सकता ह

अनतबोध चतनय दवारा सऩादित तरिदिवसीय मदराचचकितसा सि 33

समय- अददती भदरा को ददन भ 3-4 फाय 15-15 शभनटो क शरए कय सकत ह

25 हसी मदरा-

जस हॊस नीय ीय वववक की साभथमम यखता ह वस इस भदरा क कयन स सोिन औय तवरयत तनणमम की भता फढती ह मदरा िी ववचध - सखासन मा उतकटासन भ फठकय अऩन हाथ की सबी सफस छोटी अॊगरी को छोड़कय अॊगशरमो को अॊगठ क आग क बाग को दफान स हॊसी भदरा फन जाती ह अवचध- इस भदरा को परयॊब भ 5-8 शभनट स कयक 30-48 शभनट तक कय सकत ह मदरा िा ऱाभ- इस भदरा तनमशभत अभमास स वववक फढ़ता ह अथामत इसस सोिन-सभझन की शततत फढ़ती ह औय इसस शयीय का बायीऩन सभापत हो जाता ह

अनतबोध चतनय दवारा सऩादित तरिदिवसीय मदराचचकितसा सि 34

ववशषता- भाना जाता ह कक इस भदरा का तनमशभत अभमास कयन स याजशसक ताकत फढ़ती ह औय वमततत धन सॊऩनन फना यहता ह सावधानी - इस भदरा को कयत सभम ककसी बी परकाय का भॊतर नहीॊ जऩना िादहए औय ना ही कोई अनम धाशभमक उऩकरभ कय

26 हसतऩात मदरा-

ववचध- इस भदरा को कयन क शरए आऩ अऩन दोनो हाथो की हथरी क ऩीछ क बाग को आऩस भ अॊगशरमो सदहत शभरा द इस आकतत को हसतऩात भदरा कहा जाता ह मह नभसकाय भदरा जसा ही ह रककन इसभ हथरी क ऩटठ बाग को शभरा ददमा जाता ह ऱाभ- इस हसतऩात भदरा को कयन स शवास औय गर क क साय योग भ फहत राब शभरता ह तजन तसतरमाॊ मदद इसका तनमशभत अभमास कयती ह तो इसस उनक सतन सड़ौर सॊदय औय सवसथ हो जात ह तजन तसतरमो क सतन छोट ह ढीर ह मा उनक सतनो भ दध नहीॊ आता ह तो मह भदरा उनक शरए फहत राबकायी शसदध हो सकती ह

27 धयान मदरा

ववचध- ऩदमासन भ फठकय फाएॊ हाथ की हथरी ऩय दाएॊ हाथ की हथरी को (उसट हाथ ऩय सीध हाथ को) हसक स यखन स धमान भदरा फनती ह| धमान यख कक इस भदरा भ शसय गदमन एवॊ यीढ़ की हडडी सीधी यह| आॊख औय होठ सहज स फनद यह| धमान अऩन इटटदव क सवरऩ ऩय दटकाएॊ अथवा कामोतसगम कय अथामत शयीय स

अनतबोध चतनय दवारा सऩादित तरिदिवसीय मदराचचकितसा सि 35

सभता यखत हए कछ दय क शरए वविाय यदहत अवसथा भ यहन का परमास कय| अटटाॊग मोग (मभ तनमभ पराणामाभ परतमाहाय धायणा धमान औय सभाचध) क एक अॊग lsquoधमानrsquo की साधना भ मह भदरा ववशष रऩ स सहामक शसदध हई ह| ऱाभ - जो वमततत ऩदमासन नहीॊ कय सकत उनह धमान भदरा सखासन मा सवतसतक अथवा ऩारथी आसन भ कयना िादहए| मह सहज भदरा ह| सहज धमान भदरा को साधायण वमततत अचधक रमफ सभम तक सयरता स कय सकता ह| इसस धमान भदरा क राब बी शभर जात ह| धमान भदरा भ मदद हथशरमाॊ एक दसय ऩय यखन क फाद दोनो हथशरमाॊ ऻान भदरा की तसथतत भ यखी जाएॊ तो धमान भदरा तथा ऻान भदरा क सतमभशरत राब क साथ ऩदमासन क राब बी शभर जात ह| साधक क शरए धमान भदरा भ सभम की कोई सीभा नहीॊ ह| रककन सहजता क साथ ऩदमासन कयन की भता क अनरऩ धमान भदरा का अभमास कयना िादहए| साधायण वमततत को इस धीय-धीय फढ़ात हए कभ-स-कभ २० शभनट स एक घॊट तक कयना िादहए| धमान भदरा न कय सकन की अवसथा भ सहज धमान भदरा कयक राब उठाना िादहए| भन की िॊिरता शाॊत होकय चितत की एकागरता फढ़ती ह| साततवक वविायो की उतऩततत होती ह औय परब बजन भ भन रगता ह|

धमान क परबाव स साधक को धमान की उचितय तसथतत भ ऩहॊिन भ सहामता शभरती ह| आतभ साातकाय औय ईश वय क साातकाय भ मह भदरा सहामक ह|

28 शामभवी मदरा-

आॉख खरी हो रककन आऩ दख नहीॊ सकत ऐसी तसथतत जफ सध जाती ह तो उस शामबवी भदरा कहत ह ऐसी तसथतत भ आऩ नीॊद का भजा बी र सकत ह मह फहत कदठन साधना ह इसक ठीक उसटा कक जफ आॉख फॊद हो तफ आऩ दख

अनतबोध चतनय दवारा सऩादित तरिदिवसीय मदराचचकितसा सि 36

सकत ह मह बी फहत कदठन साधना ह रककन मह दोनो ही सॊबव ह असॊबव कछ बी नहीॊ फहत स ऐस ऩश औय ऩी ह जो आॉख खोरकय ही सोत ह ववचध- मदद आऩन तराटक ककमा ह मा आऩ तराटक क फाय भ जानत ह तो आऩ इस भदरा को कय सकत ह सवमपरथभ शसदधासन भ फठकय यीढ़-गदमन सीधी यखत हए ऩरको को तरफना झऩकाएॉ दखत यह रककन धमान ककसी बी िीज को दखन ऩय ना यख ददभाग तरफसकर बीतय कहीॊ रगा हो

ऱाभ- शामबवी भदरा को कयन स ददर औय ददभाग को शाॊतत शभरती ह मोगी का धमान ददर भ तसथय होन रगता ह आॉख खरी यखकय बी वमततत नीॊद औय धमान का आनॊद र सकता ह इसक सधन स वमततत बत औय बववटम का ऻाता फन सकता ह सऱाह- शामबवी भदरा ऩयी तयह स तबी शसदध हो सकती ह जफ आऩकी आॉख खरी हो ऩय व ककसी बी िीज को न दख यही हो ऐसा सभझ की आऩ ककसी धन भ जी यह हो आऩको खमार होगा कक कबी-कबी आऩ कहीॊ बी दख यह होत ह रककन आऩका धमान कहीॊ ओय यहता ह समय- इस भदरा को शरआत भ तजतनी दय हो सक कय औय फाद भ धीय-धीय इसका अभमास फढ़ात जाएॉ

अनतबोध चतनय दवारा सऩादित तरिदिवसीय मदराचचकितसा सि 37

29 शकततचालऱनी मदरा- ववचध - आठ अॊगर रॊफा औय िाय अॊगर िौड़ा भरामभ वसतर रकय नाशब ऩय रगाएॊ औय कदटसतर भ फाॊध र| कपय शयीय भ बसभ यभाकय शसदधासन भ फठ औय पराण को अऩान स मतत कय| जफ तक गहम दवाय स िरती हई वाम परकाशशत न हो इस सभम तक गहम दवाय को सॊकचित यख| इसस वाम का जो तनयोध होता ह उसभ कमबक क दवाया कणडशरनी शततत जागरत होती हई सषमना भागम स ऊऩय जाकय खड़ी हो जाती ह| मोगभदरा स ऩहर इसका अभमास कयन ऩय ही मोतन भदरा की ऩणम शसवदध होती ह| ऱाभ - इस भदरा स कणडशरनी शततत का जागयण होता ह| जफ तक मह सोती ह तफ तक सबी आॊतरयक शतततमाॊ सपत ऩड़ी यहती ह| इसशरए कणडशरनी का जागरत होना साधक क शरए फहत आवशमक ह| पराण-अऩान को सॊमतत कयन की ककरमा पराणवाम को ऩयक दवाया बीतय खीॊिन औय उडडीमान फॊध स अऩान वाम को ऊऩय की ओय आकवषमत कयन स ऩणम होती ह| इसभ गहम परदश क सॊकोि औय ववसताय का अभमास होन स अचधक सयरता हो सकती ह| 30 तड़ागी मदरा- ववचध - दोनो ऩाॊवो को दणड क सभान धयती ऩय ऩसाय र औय हाथो स उनक अॊगठो को ऩकड़न तथा दोनो जाॊघो ऩय शसय को सथावऩत कय साथ ही उदय को तड़ाग (सयोवय) क सभान कय र| ऱाभ - मह भदरा अनक योगो औय वदधावसथा को बी दय कयन भ सहामक शसदध होती ह|

अनतबोध चतनय दवारा सऩादित तरिदिवसीय मदराचचकितसा सि 38

31 माणडवी मदरा- ववचध - भख को फॊद कयक जफान को तार भ घभाएॊ औय सहसराय स टऩकत हए सधायस को जफान स धीय-धीय ऩीन का मतन कय| मही भाणडवी (मा भाणडकी) भदरा ह| ऱाभ - इसक दवाया फारो की सपदी उनका झड़ना शयीय ऩय झरयममो भॊहासो आदद का ऩड़ना तथा तनफमरता आदद दय होकय चिय-मौवन की परातपत होती ह| इसस यसोतऩादन होकय अभततव की उऩरतबध होना सॊबव हो जाता ह| 32 ऩालशनी मदरा ववचध- दोनो ऩाॊवो को कॊ ठ क ऩीछ की ओय र जाकय उनह ऩयसऩय शभराएॊ औय ऩाश क सभान दढ़ता स फाॊध र| ऱाभ - इसक अभमास स बी कणडशरनी शततत क जागयण भ फहत सगभता हो जाती ह तथा साधक क शयीय भ फर औय ऩतटट का आववबामव होता ह| भानशसक फरवदधमन भ बी मह फहत दहतकय ह| 33 िािी मदरा-

काक कौए को कहत ह कौए की िोि जसी भॊह की भदरा फना रन को काकी भदरा कहा जाता ह ववचध ककसी बी आसन भ फठकय होठो को ऩतरी सी नरी क सभान भोड़कय कौए की िोि जसा फना र अफ नाक क अगर बाग को दखत हए अऩना ऩया धमान नाक ऩय दटका द इसक फाद भॊह स धीय-धीय गहयी शवास रकय होठो को फॊद कय द कछ दय फाद शवास को नाक स फाहय तनकार द इस तयह स 10

अनतबोध चतनय दवारा सऩादित तरिदिवसीय मदराचचकितसा सि 39

शभनट तक कय ऱाभ मह भदरा जहाॊ शयीय भ ठॊडक फढ़ाती ह वहीॊ मह कई योगो को दय कयन भ राबदामक ह इस भदरा का तनयॊतय अभमास कयन स शयीय भ अॊदय बोजन ऩिान की ककरमा तज हो जाती ह इसस अमरवऩतत का फढ़ना कभ हो जाता ह

34 मातचगनी मदरा-

भातॊग का अथम होता ह भघ भाॊ दगाम का एक रऩ ह भातॊगी मह दस भहाववदमा भ स नौवीॊ ववदमा ह भातॊग नाभ स एक धमान होता ह भॊतर होता ह औय एक हाथी का नाभ बी भातॊग ह ऋवष वशशटठ की ऩतनी का एक नाभ बी भातॊगी ह ऋवष कशमऩ की ऩतरी का नाभ बी भातॊगी ह तजसस हाथी उतऩनन हए थ ववचध शाॊत जगह भ ऩानी क अॊदय गर तक शयीय को डफो र औय कपय नाक स ऩानी को खीॊिकय उस भॊह स तनकार र कपय भॊह स ऩानी को खीॊिकय नाक स फाहय तनकार द इस ककरमा को ही भातॊचगनी भदरा कहत ह ऱाभ इस भदरा क अभमास स आॊखो की योशनी तज हो जाती ह शसय ददम भ मह भदरा अतमॊत राबकायी भानी जाती ह इसस नजरा-जकाभ आदद क योग बी दय हो जात ह इस भदरा क तनयॊतय अभमास स िहय ऩय िभक आ जाती ह औय फार बी सपद नहीॊ होत ह इस भदरा क शसदध हो जान ऩय वमततत भ ताकत फढ़ जाती ह

35 नभोमदरा

नब का अथम होता ह आकाश इस भदरा भ जीब को तार की ओय रगात ह इसीशरए इस नबोभदरा कहत ह नबोभदरा कयना सयर नहीॊ ह इस ककसी मोग

अनतबोध चतनय दवारा सऩादित तरिदिवसीय मदराचचकितसा सि 40

शशक स सीखकय ही कयना िादहए मह भदरा फहत स योगो भ राबदामक शसदध हई ह इस फाय भ एक शरोक बी ह- मतर मतर तसथतो मोगी सवमकामष सवमदा उधवमतजवह तसथयो बतवाधायमतभवनॊ सदा नबोभदरा भवदषा मोदववना योग नाशशनी अथामत साय कामो भ तसथय हआ चितत अऩनी जीब क अगर बाग को भॊह क अॊदय तार भ रगाकय शवास को अॊदय योक रता ह इस तसथतत स विारयक गततववचधमाॊ ततकार फॊद हो जाती ह इसीशरए इस भदरा को यहसम का आबास ददरान वारी भदरा बी कहा जाता ह ववचध- अऩनी आॊखो को अऩनी दोनो बौहो क फीि भ जभाकय आऩकी जीब तार क साथ रगा र मह दोनो कामम एक ही साथ औय एक ही सभम भ कय सववधानसाय जफ तक सॊबव हो इसी तसथतत भ यह औय कपय कछ शभनट का धमान कय ऱाभ- नबोभदरा क तनयॊतय अभमास स जीब गर औय आॊखो क साय योग सभापत हो जात ह इसस भतसतटक भ तसथयता फढ़ती ह औय भतसतटक क योग बी दय हो जात ह

36 नालसिागर मदरा -

नाशसकागर भदरा का अथम होता ह नाक का आखखयी छोय ऊऩयी दहससा मा अगरबाग इस बाग ऩय फायी-फायी स सॊतरन फनान हए दखना ही नाकककागर भदरा मोग कहराता ह रककन मह भदरा कयन स ऩहर मोग शशक की सराह जरय र तमोकक इसक कयन स बकटी ऩय जोय ऩड़ता ह

अनतबोध चतनय दवारा सऩादित तरिदिवसीय मदराचचकितसा सि 41

ववचध- ककसी बी आसन भ फठकय नाक क आखखयी शसय ऩय नजय दटका र हो सकता ह कक ऩहर आऩ फाई आॊखो स उस दख ऩाएॊ तफ कछ दय फाद दाई आॊखो स दख इस दखन भ जया बी तनाव न हो सहजता स इस दख

ऱाभ- इसस जहाॊ आॊखो की एतसयसाइज होती ह वहीॊ मह भतसतटक क शरए बी राबदामक ह इसस भन भ एकागरता फढ़ती ह इस भदरा क रगाताय अभमास कयन स भराधाय िकर जागरत होन रगता ह तजसस कणडरीनी जागयण भ भदद शभरती ह इसस भराधाय िकर इसशरए जागरत होता ह तमोकक दोनो आॊखो क फीि ही तसथत ह इड़ा वऩ ॊगरा औय सषमना नाड़ी जो भराधाय तक गई ह समय- इस भदरा को इतनी दय तक कयना िादहए कक आॊखो ऩय इसका जमादा दफाव नहीॊ ऩड़ कपय धीय-धीय इस कयन का सभम फढ़ात जाएॊ

37 बरहम आसन मदरा-

कछ रोग इस बरहभा भदरा बी कहत ह तमोकक इस आसन भ गदमन को िाय ददशा भ घभामा जाता ह औय बरहभाजी क िाय भख थ इसीशरए इसका नाभ बरहभा भदरा आसन यखा गमा रककन असर भ मह बरहभ भदरा आसन ह औय इसभ सबी ददशाओॊ भ तसथत ऩयभशवय को जानकय उसका चिॊतन ककमा जाता ह नभाज ऩढ़त वतत मा सॊधमा वॊदन कयत वतत उतत भदरासन को ककमा जाता यहा ह ववचध- ऩदमासन शसदधासन मा वजरासन भ फठकय कभय तथा गदमन को सीधा यखत हए गदमन को धीय-धीय दामीॊ ओय र जात ह कछ सकॊ ड दामीॊ ओय रकत ह उसक फाद गदमन को धीय-धीय फामीॊ ओय र जात ह कछ सकॊ ड तक फामीॊ ओय रककय कपय दामीॊ ओय र जात ह कपय वाऩस आन क फाद गदमन को ऊऩय की ओय र जात ह उसक फाद नीि की तयप र जात ह कपय गदमन को तराकवाइज

अनतबोध चतनय दवारा सऩादित तरिदिवसीय मदराचचकितसा सि 42

औय एॊटीतराकवाइज घभाएॉ इस तयह मह एक िकर ऩया हआ अऩनी सववधानसाय इस िाय स ऩाॉि िकरो भ कय सकत ह

ऱाभ तजन रोगो को सवामइकर सऩोडराइदटस थाइयाइड नराॊटस की शशकामत ह उनक शरए मह आसन राबदामक ह इसस गदमन की भाॉसऩशशमाॉ रिीरी तथा भजफत होती ह आधमाततभक दतटट स बी मह आसन राबदामक ह आरसम बी कभ होता जाता ह तथा फदरत भौसभ क सदी-जकाभ औय खाॉसी स छटकाया बी शभरता ह

सावधाननया तजनह सवामइकर सऩोडराइदटस मा थाइयाइड की सभसमा ह व ठोडी को ऊऩय की ओय दफाएॉ गदमन को नीि की ओय र जात सभम कॊ ध न झकाएॉ कभय गदमन औय कॊ ध सीध यख गदमन मा गर भ कोई गॊबीय योग हो तो मोग चिककतसक की सराह स ही मह भदराआसन कय

38 भजचगनी मदरा- ववचध- इसभ भख को पराकय कॊ ठ स फाहयी वाम खीॊिी जाती ह| तार औय तजहवा क भधम वाम क घभन स शयीय भ अदभत शततत का आववबामव होता ह|

ऱाभ- मह भदरा अजीणम आदद उदय योगो को नटट कयन भ बी फहत उऩमोगी ह| इस परकाय भदराओॊ क अभमास स साधक को सफ परकाय क शायीरयक भानशसक औय आततभक फर की परातपत होती ह| मोगािामो क अनसाय lsquoनातसत भदरासनककॊ चित शसवदधदॊकषततभणडर (घयणड सॊदहता)rsquo अथामत भदराओॊ क सभान शसवदधदामक कोई अनम साधन ब-भॊडर ऩय नहीॊ ह| इसशरए मोगशसवदध क आकाॊीजनो को भदराओॊ का अभमास कयना शरमसकय ह|

अनतबोध चतनय दवारा सऩादित तरिदिवसीय मदराचचकितसा सि 43

39 खचरी मदरा-

भनटम की जीब (तजहवा) दो तयह की होती ह- रॊफी औय छोटी रॊफी जीब को सऩमतजहवा कहत ह कछ रोगो की जीब रॊफी होन स व उस आसानी स नाशसकागर ऩय रगा सकत ह औय खियी-भदरा कय सकत ह भगय तजसकी जीब छोटी होती ह उस तकरीपो का साभना कयना ऩड़ता ह सफस ऩहर उनह अऩनी जीब रॊफी कयनी ऩड़ती ह औय उसक शरए घषमण व दोहन का सहाया रना ऩड़ता ह जीब नीि की ओय स तजस नाड़ी स जड़ी होती ह उस काटना ऩड़ता ह खियी भदरा को शसदध कयन एवॊ अभत क सराव हत आवशमक उददीऩन भ कछ वषम बी रग सकत ह मह वमततत की मोनमता ऩय बी तनबमय कयता ह मोग भ कछ भदराएॊ ऐसी ह तजनह शसपम मोगी ही कयत ह साभानमजनो को इनह नहीॊ कयना िादहए खियी भदरा साधको क शरए भानी गई ह ववचध - इसक शरए जीब औय तार को जोड़न वार भाॊस-तॊत को धीय-धीय काटा जाता ह अथामत एक ददन जौ बय काटकय छोड़ ददमा जाता ह कपय तीन-िाय ददन फाद थोड़ा-सा औय काट ददमा जाता ह इस परकाय थोड़ा-थोड़ा काटन स उस सथान की यतत शशयाएॊ अऩना सथान बीतय की तयप फनाती जाती ह जीब को काटन क साथ ही परततददन धीय-धीय फाहय की तयप खीॊिन का अभमास ककमा जाता ह इसका अभमास कयन स कछ भहीनो भ जीब इतनी रॊफी हो जाती ह कक मदद उस ऊऩय की तयप रौटा (उसटा कयन) ददमा जाए तो वह शवास जान वार छदो को बीतय स फॊद कय दती ह इसस सभाचध क सभम शवास का आना-जाना ऩणमत योक ददमा जाता ह ऱाभ इस भदरा स पराणामाभ को शसदध कयन औय साभचध रगान भ ववशष सहामता शभरती ह साधनायत साधओॊ क शरए मह भदरा फहत ही राबदामी भानी

अनतबोध चतनय दवारा सऩादित तरिदिवसीय मदराचचकितसा सि 44

जाती ह ववशषता तनयॊतय अभमास कयत यहन स तजफ जफ रॊफी हो जाती ह तफ उस नाशसका यनरो भ परवश कयामा जा सकता ह इस परकाय धमान रगान स कऩार भागम एवॊ तरफ ॊद ववसगम स सॊफॊचधत कछ गरॊचथमो भ उददीऩन होता ह तजसक ऩरयणाभसवरऩ अभत का सराव आयॊब होता ह उसी अभत का सराव होत वतत एक ववशष परकाय का आधमाततभक अनबव होता ह इस अनबव स शसवदध औय सभाचध भ तजी स परगतत होती ह चतावनी मह आरख शसपम जानकायी हत ह कोई बी वमततत इस ऩढ़कय कयन का परमास न कय तमोकक मह शसपम साधको क शरए ह आभ रोगो क शरए नहीॊ

40 अकzwj वनी मदरा- इस भदरा स साधक भ घोड़ो जसी शततत आ जाती ह तजस lsquoहॉसम ऩॉवयrsquo कहत ह|

ववचध - इस भदरा भ गदा-दवाय का फाय-फाय सॊकोिन औय परसाय ककमा जाता ह| इसी स भदरा की शसवदध हो जाती ह| इसक दवाया कणडशरनी जागयण भ सगभता यहती ह औय अनक योग नटट होकय शायीरयक फर की ववदध होती ह|

ऱाभ - अतश वनी भदरा शसदध होन स साधक की अकारभतम कबी नहीॊ होती| गदा औय उदय स सॊफॊचधत योगो का इसक दवाया शभन होता ह तथा दीघमजीवन की उऩरतबध होती ह| तरफना भरफॊध क अतश वनी भदरा नहीॊ हो सकती| 41 बजरौऱी मदरा- फजरौरी भदरा बी भरफॊध का अचछा अभमास ककए तरफना ककसी परकाय सॊबव नहीॊ ह| मह भदरा कवर मोगी क शरए ही नहीॊ बोगी क शरए बी अतमॊत राबकायी ह|

अनतबोध चतनय दवारा सऩादित तरिदिवसीय मदराचचकितसा सि 45

ववचध - इस भदरा भ ऩहर दोनो ऩाॊवो को बशभ ऩय दढ़ताऩवमक दटकाकय दोनो ऩाॊवो को धीय-धीय दढ़ताऩवमक ऊऩय आकाश भ उठा द| इसस तरफॊद-शसवदध होती ह| शकर को धीय-धीय ऊऩय की आकॊ िन कय अथामत इॊददरम क आॊकिन क दवाया वीमम को ऊऩय की ओय खीॊिन का अभमास कय तो मह भदरा शसदध होती ह| ववदवानो का भत ह कक इस भदरा क अभमास भ सतरी का होना आवशमक ह तमोकक बग भ ऩततत होता हआ शकर ऊऩय की ओय खीॊि र तो यज औय वीमम दोनो ही िढ़ जात ह| मह ककरमा अभमास स ही शसदध होती ह| कछ मोगािामम इस परकाय का अभमास शकर क सथान ऩय दनध स कयना फतात ह| जफ दनध खीॊिन का अभमास शसदध हो जाए तफ शकर को खीॊिन का अभमास कयना िादहए| वीमम को ऊऩय खीॊिनवारा मोगी ही ऊधवमयता कहराता ह| ऱाभ - इस भदरा स शयीय रटट-ऩटट तजसवी सॊदय सडौर औय जया-भतम यदहत होता ह| शयीय क सबी अवमव दढ़ होकय भन भ तनश िरता की परातपत होती ह| इसका अभमास अचधक कदठन नहीॊ ह| मदद गहसथ बी इसक कय तो फरवदधमन औय सौदममवदधमन का ऩया राब परापत कय सकत ह चतावनी मह आरख शसपम जानकायी हत ह कोई बी वमततत इस ऩढ़कय कयन का परमास न कय तमोकक मह शसपम साधको क शरए ह आभ रोगो क शरए नहीॊ

साधना कयनवार वमततत क शरए मह आवशमक ह कक वह साधना भ कातमक वाचिक औय भानशसक ककरमाओॊ ऩय ऩया तनमॊतरण यख तथा सभम-सभम ऩय उचित ताॊतरतरक परककरमाओॊ का बी सभनवम कयता यह| इस दतटट स तजस परकाय आसन ऩातरासादन अिमन आदद भ ककरमाओॊ का ववधान ह उसी परकाय उनक साथ कछ भदरा फनान का ववधान ह| म भदराएॊ भखम रऩ-स हाथ औय उसकी उॊगशरमो क परमोग स फनती ह| जस हभाया शयीय ऩॊिततवभम ह| अत शासतरकायो न कहा ह कक इन उॊगशरमो क परमोग स इन ततवो की नमनाचधकता दय की जा

अनतबोध चतनय दवारा सऩादित तरिदिवसीय मदराचचकितसा सि 46

सकती ह तथा ततवो की सभता-ववषभता स होनवारी कभी को उॊगशरमो की भदरा स सभ फनामा जा सकता ह| इतना ही नहीॊ ऐसी भदराओॊ क सहमोग स उन ततवो को सवचछाऩवमक घटामा-फढ़ामा बी जा सकता ह| म ततव करभश अॊगटठ भ अतनन तजमनी भ वाम भधमभा भ आकाश अनाशभका भ ऩथवी औय कतनतटठका भ जर क रऩ भ ववदमभान यहत ह| दवताओॊ की परसननता चितत की शवदध औय ववववध योगो क नाश भ भदराओॊ स फड़ी सहामता शभरती ह| भदराततव को सभझकय परतमक मोगी को इनका साधन कयना िादहए| कणडशरनी शततत क जागयण भ इन भदराओॊ स सहामता शभरती ह| महाॊ हभन तजन भदराओॊ का वणमन एवॊ चितरण ककमा ह उसभ परतमक मोगी साधक को ऩरयचित होना िादहए|

अनतबोध चतनय दवारा सऩादित तरिदिवसीय मदराचचकितसा सि 47

मोग अनसाय आसन औय पराणामाभ की तसथतत को भदरा कहा जाता ह फॊध ककरमा औय भदरा भ आसन औय पराणामाभ दोनो का ही कामम होता ह मोग भ भदराओॊ को आसन औय पराणामाभ स बी फढ़कय भाना जाता ह भदरा दो तयह की होती ह- ऩहरी हसत भदरा अथामत हाथो औय उसकी अॊगशरमो को ववशष आकतत भ फनाना औय दसयी आसन भदरा अथामत तजसभ ऩया शयीय ही सॊिाशरत होता ह

Page 30: 235347477 Mudra Chikitsa Swami Ananta Bodha Chaitanya

अनतबोध चतनय दवारा सऩादित तरिदिवसीय मदराचचकितसा सि 30

ऱाभ - मभहरयभदरा क तनमशभत अभमास स नाडड़मो को शततत शभरती ह इस भदरा क तनयॊतय अभमास स ऩट क योग जस- कबज बख ना रगना औय तजगय की कभजोयी दय होती ह इस भदरा स तसतरमो क सतनो क साय योगो भ बी राब शभरता ह मभ हरयभदरा को परततददन 5 शभनट सफह औय 5 शभनट शाभ को कय आऩ इसक कयन का सभम फढ़ाकय 10 शभनट तक कय सकत ह परततददन कभ स कभ ऩाॊि भदराएॊ अऩनी सववधानसाय कयनी िादहए भदराओॊ स सबी योगो भ राब ऩामा जा सकता ह मदद उनका मोग शशक स ऩछकय तनमशभत अभमास ककमा जाए भदराएॊ खासकय उन रोगो क शरए पामदभॊद सातरफत होती ह जो मोगासन कयन भ असभथम ह

22 ऩषऩाजलऱ मदरा-

अनतबोध चतनय दवारा सऩादित तरिदिवसीय मदराचचकितसा सि 31

मह भहतवऩणम हसत मोग भदरा ह जस दआ भ हाथ उठात ह मा ऩटऩ अऩमण कयत ह तफ मह भदरा फनती ह जसा कक इसका नाभ ह ऩटऩाॊजशर इसी स मह शसदध होता ह कक मह भदरा ककस परकाय की होगी ववचध- दोनो हाथो की अॊगशरमो औय अॊगठ को आऩस भ शभरा भखणफदध को बी शभरा र कपय दोनो हाथो की छोटी अॊगशरमो को एक साथ शभराकय ऐसी आकतत फना र कक जस हभ ककसी बगवान को पर िढ़ात सभम फनात ह इस ही ऩटऩाॊजशर भदरा कहत ह

ऱाभ- ऩटऩाॊजरी भदरा क तनयॊतय अभमास स नीॊद अचछी तयह स आन रगती ह आतभववशवास फढ़ता ह

23 यज भदरा-

अनतबोध चतनय दवारा सऩादित तरिदिवसीय मदराचचकितसा सि 32

यज भदरा कवर तसतरमो क शरए ह ऐसा नहीॊ फतसक अगय ऩरष इस भदरा को कयत ह तो उनक वीमम सॊफॊधी सभसत योग दय हो जात ह ववचध- यज भदरा फनाना फहत ही आसान ह कतनटठा (छोटी अॊगरी) अॊगरी को हथरी की जड़ भ भोड़कय रगान स यज भदरा फन जाती ह ऱाभ- यज भदरा स तसतरमो क भाशसक धभम सॊफॊधी योग दय होत ह इसक अरवा शसय भ बायीऩन यहना छाती भ ददम ऩट ऩीठ कभय का ददम आदद योग बी यज भदरा कयन स दय हो जात ह सतरी क साय परजनन अॊगो की ऩयशातनमो को म भदरा तरफसकर दय कय दती ह

24 अदिती मदरा-

ववचध- अॊगठ क आग क बाग को अनाशभका (छोटी उॊगरी क साथ वारी उॊगरी) उॊगरी की जड़ भ टढ़ा रगान स अददती भदरा फन जाती ह

ऱाभ- इस भदरा को कयन स हय सभम उफासी आना जमादा छीॊक आना जस योगो को दय ककमा जा सकता ह

अनतबोध चतनय दवारा सऩादित तरिदिवसीय मदराचचकितसा सि 33

समय- अददती भदरा को ददन भ 3-4 फाय 15-15 शभनटो क शरए कय सकत ह

25 हसी मदरा-

जस हॊस नीय ीय वववक की साभथमम यखता ह वस इस भदरा क कयन स सोिन औय तवरयत तनणमम की भता फढती ह मदरा िी ववचध - सखासन मा उतकटासन भ फठकय अऩन हाथ की सबी सफस छोटी अॊगरी को छोड़कय अॊगशरमो को अॊगठ क आग क बाग को दफान स हॊसी भदरा फन जाती ह अवचध- इस भदरा को परयॊब भ 5-8 शभनट स कयक 30-48 शभनट तक कय सकत ह मदरा िा ऱाभ- इस भदरा तनमशभत अभमास स वववक फढ़ता ह अथामत इसस सोिन-सभझन की शततत फढ़ती ह औय इसस शयीय का बायीऩन सभापत हो जाता ह

अनतबोध चतनय दवारा सऩादित तरिदिवसीय मदराचचकितसा सि 34

ववशषता- भाना जाता ह कक इस भदरा का तनमशभत अभमास कयन स याजशसक ताकत फढ़ती ह औय वमततत धन सॊऩनन फना यहता ह सावधानी - इस भदरा को कयत सभम ककसी बी परकाय का भॊतर नहीॊ जऩना िादहए औय ना ही कोई अनम धाशभमक उऩकरभ कय

26 हसतऩात मदरा-

ववचध- इस भदरा को कयन क शरए आऩ अऩन दोनो हाथो की हथरी क ऩीछ क बाग को आऩस भ अॊगशरमो सदहत शभरा द इस आकतत को हसतऩात भदरा कहा जाता ह मह नभसकाय भदरा जसा ही ह रककन इसभ हथरी क ऩटठ बाग को शभरा ददमा जाता ह ऱाभ- इस हसतऩात भदरा को कयन स शवास औय गर क क साय योग भ फहत राब शभरता ह तजन तसतरमाॊ मदद इसका तनमशभत अभमास कयती ह तो इसस उनक सतन सड़ौर सॊदय औय सवसथ हो जात ह तजन तसतरमो क सतन छोट ह ढीर ह मा उनक सतनो भ दध नहीॊ आता ह तो मह भदरा उनक शरए फहत राबकायी शसदध हो सकती ह

27 धयान मदरा

ववचध- ऩदमासन भ फठकय फाएॊ हाथ की हथरी ऩय दाएॊ हाथ की हथरी को (उसट हाथ ऩय सीध हाथ को) हसक स यखन स धमान भदरा फनती ह| धमान यख कक इस भदरा भ शसय गदमन एवॊ यीढ़ की हडडी सीधी यह| आॊख औय होठ सहज स फनद यह| धमान अऩन इटटदव क सवरऩ ऩय दटकाएॊ अथवा कामोतसगम कय अथामत शयीय स

अनतबोध चतनय दवारा सऩादित तरिदिवसीय मदराचचकितसा सि 35

सभता यखत हए कछ दय क शरए वविाय यदहत अवसथा भ यहन का परमास कय| अटटाॊग मोग (मभ तनमभ पराणामाभ परतमाहाय धायणा धमान औय सभाचध) क एक अॊग lsquoधमानrsquo की साधना भ मह भदरा ववशष रऩ स सहामक शसदध हई ह| ऱाभ - जो वमततत ऩदमासन नहीॊ कय सकत उनह धमान भदरा सखासन मा सवतसतक अथवा ऩारथी आसन भ कयना िादहए| मह सहज भदरा ह| सहज धमान भदरा को साधायण वमततत अचधक रमफ सभम तक सयरता स कय सकता ह| इसस धमान भदरा क राब बी शभर जात ह| धमान भदरा भ मदद हथशरमाॊ एक दसय ऩय यखन क फाद दोनो हथशरमाॊ ऻान भदरा की तसथतत भ यखी जाएॊ तो धमान भदरा तथा ऻान भदरा क सतमभशरत राब क साथ ऩदमासन क राब बी शभर जात ह| साधक क शरए धमान भदरा भ सभम की कोई सीभा नहीॊ ह| रककन सहजता क साथ ऩदमासन कयन की भता क अनरऩ धमान भदरा का अभमास कयना िादहए| साधायण वमततत को इस धीय-धीय फढ़ात हए कभ-स-कभ २० शभनट स एक घॊट तक कयना िादहए| धमान भदरा न कय सकन की अवसथा भ सहज धमान भदरा कयक राब उठाना िादहए| भन की िॊिरता शाॊत होकय चितत की एकागरता फढ़ती ह| साततवक वविायो की उतऩततत होती ह औय परब बजन भ भन रगता ह|

धमान क परबाव स साधक को धमान की उचितय तसथतत भ ऩहॊिन भ सहामता शभरती ह| आतभ साातकाय औय ईश वय क साातकाय भ मह भदरा सहामक ह|

28 शामभवी मदरा-

आॉख खरी हो रककन आऩ दख नहीॊ सकत ऐसी तसथतत जफ सध जाती ह तो उस शामबवी भदरा कहत ह ऐसी तसथतत भ आऩ नीॊद का भजा बी र सकत ह मह फहत कदठन साधना ह इसक ठीक उसटा कक जफ आॉख फॊद हो तफ आऩ दख

अनतबोध चतनय दवारा सऩादित तरिदिवसीय मदराचचकितसा सि 36

सकत ह मह बी फहत कदठन साधना ह रककन मह दोनो ही सॊबव ह असॊबव कछ बी नहीॊ फहत स ऐस ऩश औय ऩी ह जो आॉख खोरकय ही सोत ह ववचध- मदद आऩन तराटक ककमा ह मा आऩ तराटक क फाय भ जानत ह तो आऩ इस भदरा को कय सकत ह सवमपरथभ शसदधासन भ फठकय यीढ़-गदमन सीधी यखत हए ऩरको को तरफना झऩकाएॉ दखत यह रककन धमान ककसी बी िीज को दखन ऩय ना यख ददभाग तरफसकर बीतय कहीॊ रगा हो

ऱाभ- शामबवी भदरा को कयन स ददर औय ददभाग को शाॊतत शभरती ह मोगी का धमान ददर भ तसथय होन रगता ह आॉख खरी यखकय बी वमततत नीॊद औय धमान का आनॊद र सकता ह इसक सधन स वमततत बत औय बववटम का ऻाता फन सकता ह सऱाह- शामबवी भदरा ऩयी तयह स तबी शसदध हो सकती ह जफ आऩकी आॉख खरी हो ऩय व ककसी बी िीज को न दख यही हो ऐसा सभझ की आऩ ककसी धन भ जी यह हो आऩको खमार होगा कक कबी-कबी आऩ कहीॊ बी दख यह होत ह रककन आऩका धमान कहीॊ ओय यहता ह समय- इस भदरा को शरआत भ तजतनी दय हो सक कय औय फाद भ धीय-धीय इसका अभमास फढ़ात जाएॉ

अनतबोध चतनय दवारा सऩादित तरिदिवसीय मदराचचकितसा सि 37

29 शकततचालऱनी मदरा- ववचध - आठ अॊगर रॊफा औय िाय अॊगर िौड़ा भरामभ वसतर रकय नाशब ऩय रगाएॊ औय कदटसतर भ फाॊध र| कपय शयीय भ बसभ यभाकय शसदधासन भ फठ औय पराण को अऩान स मतत कय| जफ तक गहम दवाय स िरती हई वाम परकाशशत न हो इस सभम तक गहम दवाय को सॊकचित यख| इसस वाम का जो तनयोध होता ह उसभ कमबक क दवाया कणडशरनी शततत जागरत होती हई सषमना भागम स ऊऩय जाकय खड़ी हो जाती ह| मोगभदरा स ऩहर इसका अभमास कयन ऩय ही मोतन भदरा की ऩणम शसवदध होती ह| ऱाभ - इस भदरा स कणडशरनी शततत का जागयण होता ह| जफ तक मह सोती ह तफ तक सबी आॊतरयक शतततमाॊ सपत ऩड़ी यहती ह| इसशरए कणडशरनी का जागरत होना साधक क शरए फहत आवशमक ह| पराण-अऩान को सॊमतत कयन की ककरमा पराणवाम को ऩयक दवाया बीतय खीॊिन औय उडडीमान फॊध स अऩान वाम को ऊऩय की ओय आकवषमत कयन स ऩणम होती ह| इसभ गहम परदश क सॊकोि औय ववसताय का अभमास होन स अचधक सयरता हो सकती ह| 30 तड़ागी मदरा- ववचध - दोनो ऩाॊवो को दणड क सभान धयती ऩय ऩसाय र औय हाथो स उनक अॊगठो को ऩकड़न तथा दोनो जाॊघो ऩय शसय को सथावऩत कय साथ ही उदय को तड़ाग (सयोवय) क सभान कय र| ऱाभ - मह भदरा अनक योगो औय वदधावसथा को बी दय कयन भ सहामक शसदध होती ह|

अनतबोध चतनय दवारा सऩादित तरिदिवसीय मदराचचकितसा सि 38

31 माणडवी मदरा- ववचध - भख को फॊद कयक जफान को तार भ घभाएॊ औय सहसराय स टऩकत हए सधायस को जफान स धीय-धीय ऩीन का मतन कय| मही भाणडवी (मा भाणडकी) भदरा ह| ऱाभ - इसक दवाया फारो की सपदी उनका झड़ना शयीय ऩय झरयममो भॊहासो आदद का ऩड़ना तथा तनफमरता आदद दय होकय चिय-मौवन की परातपत होती ह| इसस यसोतऩादन होकय अभततव की उऩरतबध होना सॊबव हो जाता ह| 32 ऩालशनी मदरा ववचध- दोनो ऩाॊवो को कॊ ठ क ऩीछ की ओय र जाकय उनह ऩयसऩय शभराएॊ औय ऩाश क सभान दढ़ता स फाॊध र| ऱाभ - इसक अभमास स बी कणडशरनी शततत क जागयण भ फहत सगभता हो जाती ह तथा साधक क शयीय भ फर औय ऩतटट का आववबामव होता ह| भानशसक फरवदधमन भ बी मह फहत दहतकय ह| 33 िािी मदरा-

काक कौए को कहत ह कौए की िोि जसी भॊह की भदरा फना रन को काकी भदरा कहा जाता ह ववचध ककसी बी आसन भ फठकय होठो को ऩतरी सी नरी क सभान भोड़कय कौए की िोि जसा फना र अफ नाक क अगर बाग को दखत हए अऩना ऩया धमान नाक ऩय दटका द इसक फाद भॊह स धीय-धीय गहयी शवास रकय होठो को फॊद कय द कछ दय फाद शवास को नाक स फाहय तनकार द इस तयह स 10

अनतबोध चतनय दवारा सऩादित तरिदिवसीय मदराचचकितसा सि 39

शभनट तक कय ऱाभ मह भदरा जहाॊ शयीय भ ठॊडक फढ़ाती ह वहीॊ मह कई योगो को दय कयन भ राबदामक ह इस भदरा का तनयॊतय अभमास कयन स शयीय भ अॊदय बोजन ऩिान की ककरमा तज हो जाती ह इसस अमरवऩतत का फढ़ना कभ हो जाता ह

34 मातचगनी मदरा-

भातॊग का अथम होता ह भघ भाॊ दगाम का एक रऩ ह भातॊगी मह दस भहाववदमा भ स नौवीॊ ववदमा ह भातॊग नाभ स एक धमान होता ह भॊतर होता ह औय एक हाथी का नाभ बी भातॊग ह ऋवष वशशटठ की ऩतनी का एक नाभ बी भातॊगी ह ऋवष कशमऩ की ऩतरी का नाभ बी भातॊगी ह तजसस हाथी उतऩनन हए थ ववचध शाॊत जगह भ ऩानी क अॊदय गर तक शयीय को डफो र औय कपय नाक स ऩानी को खीॊिकय उस भॊह स तनकार र कपय भॊह स ऩानी को खीॊिकय नाक स फाहय तनकार द इस ककरमा को ही भातॊचगनी भदरा कहत ह ऱाभ इस भदरा क अभमास स आॊखो की योशनी तज हो जाती ह शसय ददम भ मह भदरा अतमॊत राबकायी भानी जाती ह इसस नजरा-जकाभ आदद क योग बी दय हो जात ह इस भदरा क तनयॊतय अभमास स िहय ऩय िभक आ जाती ह औय फार बी सपद नहीॊ होत ह इस भदरा क शसदध हो जान ऩय वमततत भ ताकत फढ़ जाती ह

35 नभोमदरा

नब का अथम होता ह आकाश इस भदरा भ जीब को तार की ओय रगात ह इसीशरए इस नबोभदरा कहत ह नबोभदरा कयना सयर नहीॊ ह इस ककसी मोग

अनतबोध चतनय दवारा सऩादित तरिदिवसीय मदराचचकितसा सि 40

शशक स सीखकय ही कयना िादहए मह भदरा फहत स योगो भ राबदामक शसदध हई ह इस फाय भ एक शरोक बी ह- मतर मतर तसथतो मोगी सवमकामष सवमदा उधवमतजवह तसथयो बतवाधायमतभवनॊ सदा नबोभदरा भवदषा मोदववना योग नाशशनी अथामत साय कामो भ तसथय हआ चितत अऩनी जीब क अगर बाग को भॊह क अॊदय तार भ रगाकय शवास को अॊदय योक रता ह इस तसथतत स विारयक गततववचधमाॊ ततकार फॊद हो जाती ह इसीशरए इस भदरा को यहसम का आबास ददरान वारी भदरा बी कहा जाता ह ववचध- अऩनी आॊखो को अऩनी दोनो बौहो क फीि भ जभाकय आऩकी जीब तार क साथ रगा र मह दोनो कामम एक ही साथ औय एक ही सभम भ कय सववधानसाय जफ तक सॊबव हो इसी तसथतत भ यह औय कपय कछ शभनट का धमान कय ऱाभ- नबोभदरा क तनयॊतय अभमास स जीब गर औय आॊखो क साय योग सभापत हो जात ह इसस भतसतटक भ तसथयता फढ़ती ह औय भतसतटक क योग बी दय हो जात ह

36 नालसिागर मदरा -

नाशसकागर भदरा का अथम होता ह नाक का आखखयी छोय ऊऩयी दहससा मा अगरबाग इस बाग ऩय फायी-फायी स सॊतरन फनान हए दखना ही नाकककागर भदरा मोग कहराता ह रककन मह भदरा कयन स ऩहर मोग शशक की सराह जरय र तमोकक इसक कयन स बकटी ऩय जोय ऩड़ता ह

अनतबोध चतनय दवारा सऩादित तरिदिवसीय मदराचचकितसा सि 41

ववचध- ककसी बी आसन भ फठकय नाक क आखखयी शसय ऩय नजय दटका र हो सकता ह कक ऩहर आऩ फाई आॊखो स उस दख ऩाएॊ तफ कछ दय फाद दाई आॊखो स दख इस दखन भ जया बी तनाव न हो सहजता स इस दख

ऱाभ- इसस जहाॊ आॊखो की एतसयसाइज होती ह वहीॊ मह भतसतटक क शरए बी राबदामक ह इसस भन भ एकागरता फढ़ती ह इस भदरा क रगाताय अभमास कयन स भराधाय िकर जागरत होन रगता ह तजसस कणडरीनी जागयण भ भदद शभरती ह इसस भराधाय िकर इसशरए जागरत होता ह तमोकक दोनो आॊखो क फीि ही तसथत ह इड़ा वऩ ॊगरा औय सषमना नाड़ी जो भराधाय तक गई ह समय- इस भदरा को इतनी दय तक कयना िादहए कक आॊखो ऩय इसका जमादा दफाव नहीॊ ऩड़ कपय धीय-धीय इस कयन का सभम फढ़ात जाएॊ

37 बरहम आसन मदरा-

कछ रोग इस बरहभा भदरा बी कहत ह तमोकक इस आसन भ गदमन को िाय ददशा भ घभामा जाता ह औय बरहभाजी क िाय भख थ इसीशरए इसका नाभ बरहभा भदरा आसन यखा गमा रककन असर भ मह बरहभ भदरा आसन ह औय इसभ सबी ददशाओॊ भ तसथत ऩयभशवय को जानकय उसका चिॊतन ककमा जाता ह नभाज ऩढ़त वतत मा सॊधमा वॊदन कयत वतत उतत भदरासन को ककमा जाता यहा ह ववचध- ऩदमासन शसदधासन मा वजरासन भ फठकय कभय तथा गदमन को सीधा यखत हए गदमन को धीय-धीय दामीॊ ओय र जात ह कछ सकॊ ड दामीॊ ओय रकत ह उसक फाद गदमन को धीय-धीय फामीॊ ओय र जात ह कछ सकॊ ड तक फामीॊ ओय रककय कपय दामीॊ ओय र जात ह कपय वाऩस आन क फाद गदमन को ऊऩय की ओय र जात ह उसक फाद नीि की तयप र जात ह कपय गदमन को तराकवाइज

अनतबोध चतनय दवारा सऩादित तरिदिवसीय मदराचचकितसा सि 42

औय एॊटीतराकवाइज घभाएॉ इस तयह मह एक िकर ऩया हआ अऩनी सववधानसाय इस िाय स ऩाॉि िकरो भ कय सकत ह

ऱाभ तजन रोगो को सवामइकर सऩोडराइदटस थाइयाइड नराॊटस की शशकामत ह उनक शरए मह आसन राबदामक ह इसस गदमन की भाॉसऩशशमाॉ रिीरी तथा भजफत होती ह आधमाततभक दतटट स बी मह आसन राबदामक ह आरसम बी कभ होता जाता ह तथा फदरत भौसभ क सदी-जकाभ औय खाॉसी स छटकाया बी शभरता ह

सावधाननया तजनह सवामइकर सऩोडराइदटस मा थाइयाइड की सभसमा ह व ठोडी को ऊऩय की ओय दफाएॉ गदमन को नीि की ओय र जात सभम कॊ ध न झकाएॉ कभय गदमन औय कॊ ध सीध यख गदमन मा गर भ कोई गॊबीय योग हो तो मोग चिककतसक की सराह स ही मह भदराआसन कय

38 भजचगनी मदरा- ववचध- इसभ भख को पराकय कॊ ठ स फाहयी वाम खीॊिी जाती ह| तार औय तजहवा क भधम वाम क घभन स शयीय भ अदभत शततत का आववबामव होता ह|

ऱाभ- मह भदरा अजीणम आदद उदय योगो को नटट कयन भ बी फहत उऩमोगी ह| इस परकाय भदराओॊ क अभमास स साधक को सफ परकाय क शायीरयक भानशसक औय आततभक फर की परातपत होती ह| मोगािामो क अनसाय lsquoनातसत भदरासनककॊ चित शसवदधदॊकषततभणडर (घयणड सॊदहता)rsquo अथामत भदराओॊ क सभान शसवदधदामक कोई अनम साधन ब-भॊडर ऩय नहीॊ ह| इसशरए मोगशसवदध क आकाॊीजनो को भदराओॊ का अभमास कयना शरमसकय ह|

अनतबोध चतनय दवारा सऩादित तरिदिवसीय मदराचचकितसा सि 43

39 खचरी मदरा-

भनटम की जीब (तजहवा) दो तयह की होती ह- रॊफी औय छोटी रॊफी जीब को सऩमतजहवा कहत ह कछ रोगो की जीब रॊफी होन स व उस आसानी स नाशसकागर ऩय रगा सकत ह औय खियी-भदरा कय सकत ह भगय तजसकी जीब छोटी होती ह उस तकरीपो का साभना कयना ऩड़ता ह सफस ऩहर उनह अऩनी जीब रॊफी कयनी ऩड़ती ह औय उसक शरए घषमण व दोहन का सहाया रना ऩड़ता ह जीब नीि की ओय स तजस नाड़ी स जड़ी होती ह उस काटना ऩड़ता ह खियी भदरा को शसदध कयन एवॊ अभत क सराव हत आवशमक उददीऩन भ कछ वषम बी रग सकत ह मह वमततत की मोनमता ऩय बी तनबमय कयता ह मोग भ कछ भदराएॊ ऐसी ह तजनह शसपम मोगी ही कयत ह साभानमजनो को इनह नहीॊ कयना िादहए खियी भदरा साधको क शरए भानी गई ह ववचध - इसक शरए जीब औय तार को जोड़न वार भाॊस-तॊत को धीय-धीय काटा जाता ह अथामत एक ददन जौ बय काटकय छोड़ ददमा जाता ह कपय तीन-िाय ददन फाद थोड़ा-सा औय काट ददमा जाता ह इस परकाय थोड़ा-थोड़ा काटन स उस सथान की यतत शशयाएॊ अऩना सथान बीतय की तयप फनाती जाती ह जीब को काटन क साथ ही परततददन धीय-धीय फाहय की तयप खीॊिन का अभमास ककमा जाता ह इसका अभमास कयन स कछ भहीनो भ जीब इतनी रॊफी हो जाती ह कक मदद उस ऊऩय की तयप रौटा (उसटा कयन) ददमा जाए तो वह शवास जान वार छदो को बीतय स फॊद कय दती ह इसस सभाचध क सभम शवास का आना-जाना ऩणमत योक ददमा जाता ह ऱाभ इस भदरा स पराणामाभ को शसदध कयन औय साभचध रगान भ ववशष सहामता शभरती ह साधनायत साधओॊ क शरए मह भदरा फहत ही राबदामी भानी

अनतबोध चतनय दवारा सऩादित तरिदिवसीय मदराचचकितसा सि 44

जाती ह ववशषता तनयॊतय अभमास कयत यहन स तजफ जफ रॊफी हो जाती ह तफ उस नाशसका यनरो भ परवश कयामा जा सकता ह इस परकाय धमान रगान स कऩार भागम एवॊ तरफ ॊद ववसगम स सॊफॊचधत कछ गरॊचथमो भ उददीऩन होता ह तजसक ऩरयणाभसवरऩ अभत का सराव आयॊब होता ह उसी अभत का सराव होत वतत एक ववशष परकाय का आधमाततभक अनबव होता ह इस अनबव स शसवदध औय सभाचध भ तजी स परगतत होती ह चतावनी मह आरख शसपम जानकायी हत ह कोई बी वमततत इस ऩढ़कय कयन का परमास न कय तमोकक मह शसपम साधको क शरए ह आभ रोगो क शरए नहीॊ

40 अकzwj वनी मदरा- इस भदरा स साधक भ घोड़ो जसी शततत आ जाती ह तजस lsquoहॉसम ऩॉवयrsquo कहत ह|

ववचध - इस भदरा भ गदा-दवाय का फाय-फाय सॊकोिन औय परसाय ककमा जाता ह| इसी स भदरा की शसवदध हो जाती ह| इसक दवाया कणडशरनी जागयण भ सगभता यहती ह औय अनक योग नटट होकय शायीरयक फर की ववदध होती ह|

ऱाभ - अतश वनी भदरा शसदध होन स साधक की अकारभतम कबी नहीॊ होती| गदा औय उदय स सॊफॊचधत योगो का इसक दवाया शभन होता ह तथा दीघमजीवन की उऩरतबध होती ह| तरफना भरफॊध क अतश वनी भदरा नहीॊ हो सकती| 41 बजरौऱी मदरा- फजरौरी भदरा बी भरफॊध का अचछा अभमास ककए तरफना ककसी परकाय सॊबव नहीॊ ह| मह भदरा कवर मोगी क शरए ही नहीॊ बोगी क शरए बी अतमॊत राबकायी ह|

अनतबोध चतनय दवारा सऩादित तरिदिवसीय मदराचचकितसा सि 45

ववचध - इस भदरा भ ऩहर दोनो ऩाॊवो को बशभ ऩय दढ़ताऩवमक दटकाकय दोनो ऩाॊवो को धीय-धीय दढ़ताऩवमक ऊऩय आकाश भ उठा द| इसस तरफॊद-शसवदध होती ह| शकर को धीय-धीय ऊऩय की आकॊ िन कय अथामत इॊददरम क आॊकिन क दवाया वीमम को ऊऩय की ओय खीॊिन का अभमास कय तो मह भदरा शसदध होती ह| ववदवानो का भत ह कक इस भदरा क अभमास भ सतरी का होना आवशमक ह तमोकक बग भ ऩततत होता हआ शकर ऊऩय की ओय खीॊि र तो यज औय वीमम दोनो ही िढ़ जात ह| मह ककरमा अभमास स ही शसदध होती ह| कछ मोगािामम इस परकाय का अभमास शकर क सथान ऩय दनध स कयना फतात ह| जफ दनध खीॊिन का अभमास शसदध हो जाए तफ शकर को खीॊिन का अभमास कयना िादहए| वीमम को ऊऩय खीॊिनवारा मोगी ही ऊधवमयता कहराता ह| ऱाभ - इस भदरा स शयीय रटट-ऩटट तजसवी सॊदय सडौर औय जया-भतम यदहत होता ह| शयीय क सबी अवमव दढ़ होकय भन भ तनश िरता की परातपत होती ह| इसका अभमास अचधक कदठन नहीॊ ह| मदद गहसथ बी इसक कय तो फरवदधमन औय सौदममवदधमन का ऩया राब परापत कय सकत ह चतावनी मह आरख शसपम जानकायी हत ह कोई बी वमततत इस ऩढ़कय कयन का परमास न कय तमोकक मह शसपम साधको क शरए ह आभ रोगो क शरए नहीॊ

साधना कयनवार वमततत क शरए मह आवशमक ह कक वह साधना भ कातमक वाचिक औय भानशसक ककरमाओॊ ऩय ऩया तनमॊतरण यख तथा सभम-सभम ऩय उचित ताॊतरतरक परककरमाओॊ का बी सभनवम कयता यह| इस दतटट स तजस परकाय आसन ऩातरासादन अिमन आदद भ ककरमाओॊ का ववधान ह उसी परकाय उनक साथ कछ भदरा फनान का ववधान ह| म भदराएॊ भखम रऩ-स हाथ औय उसकी उॊगशरमो क परमोग स फनती ह| जस हभाया शयीय ऩॊिततवभम ह| अत शासतरकायो न कहा ह कक इन उॊगशरमो क परमोग स इन ततवो की नमनाचधकता दय की जा

अनतबोध चतनय दवारा सऩादित तरिदिवसीय मदराचचकितसा सि 46

सकती ह तथा ततवो की सभता-ववषभता स होनवारी कभी को उॊगशरमो की भदरा स सभ फनामा जा सकता ह| इतना ही नहीॊ ऐसी भदराओॊ क सहमोग स उन ततवो को सवचछाऩवमक घटामा-फढ़ामा बी जा सकता ह| म ततव करभश अॊगटठ भ अतनन तजमनी भ वाम भधमभा भ आकाश अनाशभका भ ऩथवी औय कतनतटठका भ जर क रऩ भ ववदमभान यहत ह| दवताओॊ की परसननता चितत की शवदध औय ववववध योगो क नाश भ भदराओॊ स फड़ी सहामता शभरती ह| भदराततव को सभझकय परतमक मोगी को इनका साधन कयना िादहए| कणडशरनी शततत क जागयण भ इन भदराओॊ स सहामता शभरती ह| महाॊ हभन तजन भदराओॊ का वणमन एवॊ चितरण ककमा ह उसभ परतमक मोगी साधक को ऩरयचित होना िादहए|

अनतबोध चतनय दवारा सऩादित तरिदिवसीय मदराचचकितसा सि 47

मोग अनसाय आसन औय पराणामाभ की तसथतत को भदरा कहा जाता ह फॊध ककरमा औय भदरा भ आसन औय पराणामाभ दोनो का ही कामम होता ह मोग भ भदराओॊ को आसन औय पराणामाभ स बी फढ़कय भाना जाता ह भदरा दो तयह की होती ह- ऩहरी हसत भदरा अथामत हाथो औय उसकी अॊगशरमो को ववशष आकतत भ फनाना औय दसयी आसन भदरा अथामत तजसभ ऩया शयीय ही सॊिाशरत होता ह

Page 31: 235347477 Mudra Chikitsa Swami Ananta Bodha Chaitanya

अनतबोध चतनय दवारा सऩादित तरिदिवसीय मदराचचकितसा सि 31

मह भहतवऩणम हसत मोग भदरा ह जस दआ भ हाथ उठात ह मा ऩटऩ अऩमण कयत ह तफ मह भदरा फनती ह जसा कक इसका नाभ ह ऩटऩाॊजशर इसी स मह शसदध होता ह कक मह भदरा ककस परकाय की होगी ववचध- दोनो हाथो की अॊगशरमो औय अॊगठ को आऩस भ शभरा भखणफदध को बी शभरा र कपय दोनो हाथो की छोटी अॊगशरमो को एक साथ शभराकय ऐसी आकतत फना र कक जस हभ ककसी बगवान को पर िढ़ात सभम फनात ह इस ही ऩटऩाॊजशर भदरा कहत ह

ऱाभ- ऩटऩाॊजरी भदरा क तनयॊतय अभमास स नीॊद अचछी तयह स आन रगती ह आतभववशवास फढ़ता ह

23 यज भदरा-

अनतबोध चतनय दवारा सऩादित तरिदिवसीय मदराचचकितसा सि 32

यज भदरा कवर तसतरमो क शरए ह ऐसा नहीॊ फतसक अगय ऩरष इस भदरा को कयत ह तो उनक वीमम सॊफॊधी सभसत योग दय हो जात ह ववचध- यज भदरा फनाना फहत ही आसान ह कतनटठा (छोटी अॊगरी) अॊगरी को हथरी की जड़ भ भोड़कय रगान स यज भदरा फन जाती ह ऱाभ- यज भदरा स तसतरमो क भाशसक धभम सॊफॊधी योग दय होत ह इसक अरवा शसय भ बायीऩन यहना छाती भ ददम ऩट ऩीठ कभय का ददम आदद योग बी यज भदरा कयन स दय हो जात ह सतरी क साय परजनन अॊगो की ऩयशातनमो को म भदरा तरफसकर दय कय दती ह

24 अदिती मदरा-

ववचध- अॊगठ क आग क बाग को अनाशभका (छोटी उॊगरी क साथ वारी उॊगरी) उॊगरी की जड़ भ टढ़ा रगान स अददती भदरा फन जाती ह

ऱाभ- इस भदरा को कयन स हय सभम उफासी आना जमादा छीॊक आना जस योगो को दय ककमा जा सकता ह

अनतबोध चतनय दवारा सऩादित तरिदिवसीय मदराचचकितसा सि 33

समय- अददती भदरा को ददन भ 3-4 फाय 15-15 शभनटो क शरए कय सकत ह

25 हसी मदरा-

जस हॊस नीय ीय वववक की साभथमम यखता ह वस इस भदरा क कयन स सोिन औय तवरयत तनणमम की भता फढती ह मदरा िी ववचध - सखासन मा उतकटासन भ फठकय अऩन हाथ की सबी सफस छोटी अॊगरी को छोड़कय अॊगशरमो को अॊगठ क आग क बाग को दफान स हॊसी भदरा फन जाती ह अवचध- इस भदरा को परयॊब भ 5-8 शभनट स कयक 30-48 शभनट तक कय सकत ह मदरा िा ऱाभ- इस भदरा तनमशभत अभमास स वववक फढ़ता ह अथामत इसस सोिन-सभझन की शततत फढ़ती ह औय इसस शयीय का बायीऩन सभापत हो जाता ह

अनतबोध चतनय दवारा सऩादित तरिदिवसीय मदराचचकितसा सि 34

ववशषता- भाना जाता ह कक इस भदरा का तनमशभत अभमास कयन स याजशसक ताकत फढ़ती ह औय वमततत धन सॊऩनन फना यहता ह सावधानी - इस भदरा को कयत सभम ककसी बी परकाय का भॊतर नहीॊ जऩना िादहए औय ना ही कोई अनम धाशभमक उऩकरभ कय

26 हसतऩात मदरा-

ववचध- इस भदरा को कयन क शरए आऩ अऩन दोनो हाथो की हथरी क ऩीछ क बाग को आऩस भ अॊगशरमो सदहत शभरा द इस आकतत को हसतऩात भदरा कहा जाता ह मह नभसकाय भदरा जसा ही ह रककन इसभ हथरी क ऩटठ बाग को शभरा ददमा जाता ह ऱाभ- इस हसतऩात भदरा को कयन स शवास औय गर क क साय योग भ फहत राब शभरता ह तजन तसतरमाॊ मदद इसका तनमशभत अभमास कयती ह तो इसस उनक सतन सड़ौर सॊदय औय सवसथ हो जात ह तजन तसतरमो क सतन छोट ह ढीर ह मा उनक सतनो भ दध नहीॊ आता ह तो मह भदरा उनक शरए फहत राबकायी शसदध हो सकती ह

27 धयान मदरा

ववचध- ऩदमासन भ फठकय फाएॊ हाथ की हथरी ऩय दाएॊ हाथ की हथरी को (उसट हाथ ऩय सीध हाथ को) हसक स यखन स धमान भदरा फनती ह| धमान यख कक इस भदरा भ शसय गदमन एवॊ यीढ़ की हडडी सीधी यह| आॊख औय होठ सहज स फनद यह| धमान अऩन इटटदव क सवरऩ ऩय दटकाएॊ अथवा कामोतसगम कय अथामत शयीय स

अनतबोध चतनय दवारा सऩादित तरिदिवसीय मदराचचकितसा सि 35

सभता यखत हए कछ दय क शरए वविाय यदहत अवसथा भ यहन का परमास कय| अटटाॊग मोग (मभ तनमभ पराणामाभ परतमाहाय धायणा धमान औय सभाचध) क एक अॊग lsquoधमानrsquo की साधना भ मह भदरा ववशष रऩ स सहामक शसदध हई ह| ऱाभ - जो वमततत ऩदमासन नहीॊ कय सकत उनह धमान भदरा सखासन मा सवतसतक अथवा ऩारथी आसन भ कयना िादहए| मह सहज भदरा ह| सहज धमान भदरा को साधायण वमततत अचधक रमफ सभम तक सयरता स कय सकता ह| इसस धमान भदरा क राब बी शभर जात ह| धमान भदरा भ मदद हथशरमाॊ एक दसय ऩय यखन क फाद दोनो हथशरमाॊ ऻान भदरा की तसथतत भ यखी जाएॊ तो धमान भदरा तथा ऻान भदरा क सतमभशरत राब क साथ ऩदमासन क राब बी शभर जात ह| साधक क शरए धमान भदरा भ सभम की कोई सीभा नहीॊ ह| रककन सहजता क साथ ऩदमासन कयन की भता क अनरऩ धमान भदरा का अभमास कयना िादहए| साधायण वमततत को इस धीय-धीय फढ़ात हए कभ-स-कभ २० शभनट स एक घॊट तक कयना िादहए| धमान भदरा न कय सकन की अवसथा भ सहज धमान भदरा कयक राब उठाना िादहए| भन की िॊिरता शाॊत होकय चितत की एकागरता फढ़ती ह| साततवक वविायो की उतऩततत होती ह औय परब बजन भ भन रगता ह|

धमान क परबाव स साधक को धमान की उचितय तसथतत भ ऩहॊिन भ सहामता शभरती ह| आतभ साातकाय औय ईश वय क साातकाय भ मह भदरा सहामक ह|

28 शामभवी मदरा-

आॉख खरी हो रककन आऩ दख नहीॊ सकत ऐसी तसथतत जफ सध जाती ह तो उस शामबवी भदरा कहत ह ऐसी तसथतत भ आऩ नीॊद का भजा बी र सकत ह मह फहत कदठन साधना ह इसक ठीक उसटा कक जफ आॉख फॊद हो तफ आऩ दख

अनतबोध चतनय दवारा सऩादित तरिदिवसीय मदराचचकितसा सि 36

सकत ह मह बी फहत कदठन साधना ह रककन मह दोनो ही सॊबव ह असॊबव कछ बी नहीॊ फहत स ऐस ऩश औय ऩी ह जो आॉख खोरकय ही सोत ह ववचध- मदद आऩन तराटक ककमा ह मा आऩ तराटक क फाय भ जानत ह तो आऩ इस भदरा को कय सकत ह सवमपरथभ शसदधासन भ फठकय यीढ़-गदमन सीधी यखत हए ऩरको को तरफना झऩकाएॉ दखत यह रककन धमान ककसी बी िीज को दखन ऩय ना यख ददभाग तरफसकर बीतय कहीॊ रगा हो

ऱाभ- शामबवी भदरा को कयन स ददर औय ददभाग को शाॊतत शभरती ह मोगी का धमान ददर भ तसथय होन रगता ह आॉख खरी यखकय बी वमततत नीॊद औय धमान का आनॊद र सकता ह इसक सधन स वमततत बत औय बववटम का ऻाता फन सकता ह सऱाह- शामबवी भदरा ऩयी तयह स तबी शसदध हो सकती ह जफ आऩकी आॉख खरी हो ऩय व ककसी बी िीज को न दख यही हो ऐसा सभझ की आऩ ककसी धन भ जी यह हो आऩको खमार होगा कक कबी-कबी आऩ कहीॊ बी दख यह होत ह रककन आऩका धमान कहीॊ ओय यहता ह समय- इस भदरा को शरआत भ तजतनी दय हो सक कय औय फाद भ धीय-धीय इसका अभमास फढ़ात जाएॉ

अनतबोध चतनय दवारा सऩादित तरिदिवसीय मदराचचकितसा सि 37

29 शकततचालऱनी मदरा- ववचध - आठ अॊगर रॊफा औय िाय अॊगर िौड़ा भरामभ वसतर रकय नाशब ऩय रगाएॊ औय कदटसतर भ फाॊध र| कपय शयीय भ बसभ यभाकय शसदधासन भ फठ औय पराण को अऩान स मतत कय| जफ तक गहम दवाय स िरती हई वाम परकाशशत न हो इस सभम तक गहम दवाय को सॊकचित यख| इसस वाम का जो तनयोध होता ह उसभ कमबक क दवाया कणडशरनी शततत जागरत होती हई सषमना भागम स ऊऩय जाकय खड़ी हो जाती ह| मोगभदरा स ऩहर इसका अभमास कयन ऩय ही मोतन भदरा की ऩणम शसवदध होती ह| ऱाभ - इस भदरा स कणडशरनी शततत का जागयण होता ह| जफ तक मह सोती ह तफ तक सबी आॊतरयक शतततमाॊ सपत ऩड़ी यहती ह| इसशरए कणडशरनी का जागरत होना साधक क शरए फहत आवशमक ह| पराण-अऩान को सॊमतत कयन की ककरमा पराणवाम को ऩयक दवाया बीतय खीॊिन औय उडडीमान फॊध स अऩान वाम को ऊऩय की ओय आकवषमत कयन स ऩणम होती ह| इसभ गहम परदश क सॊकोि औय ववसताय का अभमास होन स अचधक सयरता हो सकती ह| 30 तड़ागी मदरा- ववचध - दोनो ऩाॊवो को दणड क सभान धयती ऩय ऩसाय र औय हाथो स उनक अॊगठो को ऩकड़न तथा दोनो जाॊघो ऩय शसय को सथावऩत कय साथ ही उदय को तड़ाग (सयोवय) क सभान कय र| ऱाभ - मह भदरा अनक योगो औय वदधावसथा को बी दय कयन भ सहामक शसदध होती ह|

अनतबोध चतनय दवारा सऩादित तरिदिवसीय मदराचचकितसा सि 38

31 माणडवी मदरा- ववचध - भख को फॊद कयक जफान को तार भ घभाएॊ औय सहसराय स टऩकत हए सधायस को जफान स धीय-धीय ऩीन का मतन कय| मही भाणडवी (मा भाणडकी) भदरा ह| ऱाभ - इसक दवाया फारो की सपदी उनका झड़ना शयीय ऩय झरयममो भॊहासो आदद का ऩड़ना तथा तनफमरता आदद दय होकय चिय-मौवन की परातपत होती ह| इसस यसोतऩादन होकय अभततव की उऩरतबध होना सॊबव हो जाता ह| 32 ऩालशनी मदरा ववचध- दोनो ऩाॊवो को कॊ ठ क ऩीछ की ओय र जाकय उनह ऩयसऩय शभराएॊ औय ऩाश क सभान दढ़ता स फाॊध र| ऱाभ - इसक अभमास स बी कणडशरनी शततत क जागयण भ फहत सगभता हो जाती ह तथा साधक क शयीय भ फर औय ऩतटट का आववबामव होता ह| भानशसक फरवदधमन भ बी मह फहत दहतकय ह| 33 िािी मदरा-

काक कौए को कहत ह कौए की िोि जसी भॊह की भदरा फना रन को काकी भदरा कहा जाता ह ववचध ककसी बी आसन भ फठकय होठो को ऩतरी सी नरी क सभान भोड़कय कौए की िोि जसा फना र अफ नाक क अगर बाग को दखत हए अऩना ऩया धमान नाक ऩय दटका द इसक फाद भॊह स धीय-धीय गहयी शवास रकय होठो को फॊद कय द कछ दय फाद शवास को नाक स फाहय तनकार द इस तयह स 10

अनतबोध चतनय दवारा सऩादित तरिदिवसीय मदराचचकितसा सि 39

शभनट तक कय ऱाभ मह भदरा जहाॊ शयीय भ ठॊडक फढ़ाती ह वहीॊ मह कई योगो को दय कयन भ राबदामक ह इस भदरा का तनयॊतय अभमास कयन स शयीय भ अॊदय बोजन ऩिान की ककरमा तज हो जाती ह इसस अमरवऩतत का फढ़ना कभ हो जाता ह

34 मातचगनी मदरा-

भातॊग का अथम होता ह भघ भाॊ दगाम का एक रऩ ह भातॊगी मह दस भहाववदमा भ स नौवीॊ ववदमा ह भातॊग नाभ स एक धमान होता ह भॊतर होता ह औय एक हाथी का नाभ बी भातॊग ह ऋवष वशशटठ की ऩतनी का एक नाभ बी भातॊगी ह ऋवष कशमऩ की ऩतरी का नाभ बी भातॊगी ह तजसस हाथी उतऩनन हए थ ववचध शाॊत जगह भ ऩानी क अॊदय गर तक शयीय को डफो र औय कपय नाक स ऩानी को खीॊिकय उस भॊह स तनकार र कपय भॊह स ऩानी को खीॊिकय नाक स फाहय तनकार द इस ककरमा को ही भातॊचगनी भदरा कहत ह ऱाभ इस भदरा क अभमास स आॊखो की योशनी तज हो जाती ह शसय ददम भ मह भदरा अतमॊत राबकायी भानी जाती ह इसस नजरा-जकाभ आदद क योग बी दय हो जात ह इस भदरा क तनयॊतय अभमास स िहय ऩय िभक आ जाती ह औय फार बी सपद नहीॊ होत ह इस भदरा क शसदध हो जान ऩय वमततत भ ताकत फढ़ जाती ह

35 नभोमदरा

नब का अथम होता ह आकाश इस भदरा भ जीब को तार की ओय रगात ह इसीशरए इस नबोभदरा कहत ह नबोभदरा कयना सयर नहीॊ ह इस ककसी मोग

अनतबोध चतनय दवारा सऩादित तरिदिवसीय मदराचचकितसा सि 40

शशक स सीखकय ही कयना िादहए मह भदरा फहत स योगो भ राबदामक शसदध हई ह इस फाय भ एक शरोक बी ह- मतर मतर तसथतो मोगी सवमकामष सवमदा उधवमतजवह तसथयो बतवाधायमतभवनॊ सदा नबोभदरा भवदषा मोदववना योग नाशशनी अथामत साय कामो भ तसथय हआ चितत अऩनी जीब क अगर बाग को भॊह क अॊदय तार भ रगाकय शवास को अॊदय योक रता ह इस तसथतत स विारयक गततववचधमाॊ ततकार फॊद हो जाती ह इसीशरए इस भदरा को यहसम का आबास ददरान वारी भदरा बी कहा जाता ह ववचध- अऩनी आॊखो को अऩनी दोनो बौहो क फीि भ जभाकय आऩकी जीब तार क साथ रगा र मह दोनो कामम एक ही साथ औय एक ही सभम भ कय सववधानसाय जफ तक सॊबव हो इसी तसथतत भ यह औय कपय कछ शभनट का धमान कय ऱाभ- नबोभदरा क तनयॊतय अभमास स जीब गर औय आॊखो क साय योग सभापत हो जात ह इसस भतसतटक भ तसथयता फढ़ती ह औय भतसतटक क योग बी दय हो जात ह

36 नालसिागर मदरा -

नाशसकागर भदरा का अथम होता ह नाक का आखखयी छोय ऊऩयी दहससा मा अगरबाग इस बाग ऩय फायी-फायी स सॊतरन फनान हए दखना ही नाकककागर भदरा मोग कहराता ह रककन मह भदरा कयन स ऩहर मोग शशक की सराह जरय र तमोकक इसक कयन स बकटी ऩय जोय ऩड़ता ह

अनतबोध चतनय दवारा सऩादित तरिदिवसीय मदराचचकितसा सि 41

ववचध- ककसी बी आसन भ फठकय नाक क आखखयी शसय ऩय नजय दटका र हो सकता ह कक ऩहर आऩ फाई आॊखो स उस दख ऩाएॊ तफ कछ दय फाद दाई आॊखो स दख इस दखन भ जया बी तनाव न हो सहजता स इस दख

ऱाभ- इसस जहाॊ आॊखो की एतसयसाइज होती ह वहीॊ मह भतसतटक क शरए बी राबदामक ह इसस भन भ एकागरता फढ़ती ह इस भदरा क रगाताय अभमास कयन स भराधाय िकर जागरत होन रगता ह तजसस कणडरीनी जागयण भ भदद शभरती ह इसस भराधाय िकर इसशरए जागरत होता ह तमोकक दोनो आॊखो क फीि ही तसथत ह इड़ा वऩ ॊगरा औय सषमना नाड़ी जो भराधाय तक गई ह समय- इस भदरा को इतनी दय तक कयना िादहए कक आॊखो ऩय इसका जमादा दफाव नहीॊ ऩड़ कपय धीय-धीय इस कयन का सभम फढ़ात जाएॊ

37 बरहम आसन मदरा-

कछ रोग इस बरहभा भदरा बी कहत ह तमोकक इस आसन भ गदमन को िाय ददशा भ घभामा जाता ह औय बरहभाजी क िाय भख थ इसीशरए इसका नाभ बरहभा भदरा आसन यखा गमा रककन असर भ मह बरहभ भदरा आसन ह औय इसभ सबी ददशाओॊ भ तसथत ऩयभशवय को जानकय उसका चिॊतन ककमा जाता ह नभाज ऩढ़त वतत मा सॊधमा वॊदन कयत वतत उतत भदरासन को ककमा जाता यहा ह ववचध- ऩदमासन शसदधासन मा वजरासन भ फठकय कभय तथा गदमन को सीधा यखत हए गदमन को धीय-धीय दामीॊ ओय र जात ह कछ सकॊ ड दामीॊ ओय रकत ह उसक फाद गदमन को धीय-धीय फामीॊ ओय र जात ह कछ सकॊ ड तक फामीॊ ओय रककय कपय दामीॊ ओय र जात ह कपय वाऩस आन क फाद गदमन को ऊऩय की ओय र जात ह उसक फाद नीि की तयप र जात ह कपय गदमन को तराकवाइज

अनतबोध चतनय दवारा सऩादित तरिदिवसीय मदराचचकितसा सि 42

औय एॊटीतराकवाइज घभाएॉ इस तयह मह एक िकर ऩया हआ अऩनी सववधानसाय इस िाय स ऩाॉि िकरो भ कय सकत ह

ऱाभ तजन रोगो को सवामइकर सऩोडराइदटस थाइयाइड नराॊटस की शशकामत ह उनक शरए मह आसन राबदामक ह इसस गदमन की भाॉसऩशशमाॉ रिीरी तथा भजफत होती ह आधमाततभक दतटट स बी मह आसन राबदामक ह आरसम बी कभ होता जाता ह तथा फदरत भौसभ क सदी-जकाभ औय खाॉसी स छटकाया बी शभरता ह

सावधाननया तजनह सवामइकर सऩोडराइदटस मा थाइयाइड की सभसमा ह व ठोडी को ऊऩय की ओय दफाएॉ गदमन को नीि की ओय र जात सभम कॊ ध न झकाएॉ कभय गदमन औय कॊ ध सीध यख गदमन मा गर भ कोई गॊबीय योग हो तो मोग चिककतसक की सराह स ही मह भदराआसन कय

38 भजचगनी मदरा- ववचध- इसभ भख को पराकय कॊ ठ स फाहयी वाम खीॊिी जाती ह| तार औय तजहवा क भधम वाम क घभन स शयीय भ अदभत शततत का आववबामव होता ह|

ऱाभ- मह भदरा अजीणम आदद उदय योगो को नटट कयन भ बी फहत उऩमोगी ह| इस परकाय भदराओॊ क अभमास स साधक को सफ परकाय क शायीरयक भानशसक औय आततभक फर की परातपत होती ह| मोगािामो क अनसाय lsquoनातसत भदरासनककॊ चित शसवदधदॊकषततभणडर (घयणड सॊदहता)rsquo अथामत भदराओॊ क सभान शसवदधदामक कोई अनम साधन ब-भॊडर ऩय नहीॊ ह| इसशरए मोगशसवदध क आकाॊीजनो को भदराओॊ का अभमास कयना शरमसकय ह|

अनतबोध चतनय दवारा सऩादित तरिदिवसीय मदराचचकितसा सि 43

39 खचरी मदरा-

भनटम की जीब (तजहवा) दो तयह की होती ह- रॊफी औय छोटी रॊफी जीब को सऩमतजहवा कहत ह कछ रोगो की जीब रॊफी होन स व उस आसानी स नाशसकागर ऩय रगा सकत ह औय खियी-भदरा कय सकत ह भगय तजसकी जीब छोटी होती ह उस तकरीपो का साभना कयना ऩड़ता ह सफस ऩहर उनह अऩनी जीब रॊफी कयनी ऩड़ती ह औय उसक शरए घषमण व दोहन का सहाया रना ऩड़ता ह जीब नीि की ओय स तजस नाड़ी स जड़ी होती ह उस काटना ऩड़ता ह खियी भदरा को शसदध कयन एवॊ अभत क सराव हत आवशमक उददीऩन भ कछ वषम बी रग सकत ह मह वमततत की मोनमता ऩय बी तनबमय कयता ह मोग भ कछ भदराएॊ ऐसी ह तजनह शसपम मोगी ही कयत ह साभानमजनो को इनह नहीॊ कयना िादहए खियी भदरा साधको क शरए भानी गई ह ववचध - इसक शरए जीब औय तार को जोड़न वार भाॊस-तॊत को धीय-धीय काटा जाता ह अथामत एक ददन जौ बय काटकय छोड़ ददमा जाता ह कपय तीन-िाय ददन फाद थोड़ा-सा औय काट ददमा जाता ह इस परकाय थोड़ा-थोड़ा काटन स उस सथान की यतत शशयाएॊ अऩना सथान बीतय की तयप फनाती जाती ह जीब को काटन क साथ ही परततददन धीय-धीय फाहय की तयप खीॊिन का अभमास ककमा जाता ह इसका अभमास कयन स कछ भहीनो भ जीब इतनी रॊफी हो जाती ह कक मदद उस ऊऩय की तयप रौटा (उसटा कयन) ददमा जाए तो वह शवास जान वार छदो को बीतय स फॊद कय दती ह इसस सभाचध क सभम शवास का आना-जाना ऩणमत योक ददमा जाता ह ऱाभ इस भदरा स पराणामाभ को शसदध कयन औय साभचध रगान भ ववशष सहामता शभरती ह साधनायत साधओॊ क शरए मह भदरा फहत ही राबदामी भानी

अनतबोध चतनय दवारा सऩादित तरिदिवसीय मदराचचकितसा सि 44

जाती ह ववशषता तनयॊतय अभमास कयत यहन स तजफ जफ रॊफी हो जाती ह तफ उस नाशसका यनरो भ परवश कयामा जा सकता ह इस परकाय धमान रगान स कऩार भागम एवॊ तरफ ॊद ववसगम स सॊफॊचधत कछ गरॊचथमो भ उददीऩन होता ह तजसक ऩरयणाभसवरऩ अभत का सराव आयॊब होता ह उसी अभत का सराव होत वतत एक ववशष परकाय का आधमाततभक अनबव होता ह इस अनबव स शसवदध औय सभाचध भ तजी स परगतत होती ह चतावनी मह आरख शसपम जानकायी हत ह कोई बी वमततत इस ऩढ़कय कयन का परमास न कय तमोकक मह शसपम साधको क शरए ह आभ रोगो क शरए नहीॊ

40 अकzwj वनी मदरा- इस भदरा स साधक भ घोड़ो जसी शततत आ जाती ह तजस lsquoहॉसम ऩॉवयrsquo कहत ह|

ववचध - इस भदरा भ गदा-दवाय का फाय-फाय सॊकोिन औय परसाय ककमा जाता ह| इसी स भदरा की शसवदध हो जाती ह| इसक दवाया कणडशरनी जागयण भ सगभता यहती ह औय अनक योग नटट होकय शायीरयक फर की ववदध होती ह|

ऱाभ - अतश वनी भदरा शसदध होन स साधक की अकारभतम कबी नहीॊ होती| गदा औय उदय स सॊफॊचधत योगो का इसक दवाया शभन होता ह तथा दीघमजीवन की उऩरतबध होती ह| तरफना भरफॊध क अतश वनी भदरा नहीॊ हो सकती| 41 बजरौऱी मदरा- फजरौरी भदरा बी भरफॊध का अचछा अभमास ककए तरफना ककसी परकाय सॊबव नहीॊ ह| मह भदरा कवर मोगी क शरए ही नहीॊ बोगी क शरए बी अतमॊत राबकायी ह|

अनतबोध चतनय दवारा सऩादित तरिदिवसीय मदराचचकितसा सि 45

ववचध - इस भदरा भ ऩहर दोनो ऩाॊवो को बशभ ऩय दढ़ताऩवमक दटकाकय दोनो ऩाॊवो को धीय-धीय दढ़ताऩवमक ऊऩय आकाश भ उठा द| इसस तरफॊद-शसवदध होती ह| शकर को धीय-धीय ऊऩय की आकॊ िन कय अथामत इॊददरम क आॊकिन क दवाया वीमम को ऊऩय की ओय खीॊिन का अभमास कय तो मह भदरा शसदध होती ह| ववदवानो का भत ह कक इस भदरा क अभमास भ सतरी का होना आवशमक ह तमोकक बग भ ऩततत होता हआ शकर ऊऩय की ओय खीॊि र तो यज औय वीमम दोनो ही िढ़ जात ह| मह ककरमा अभमास स ही शसदध होती ह| कछ मोगािामम इस परकाय का अभमास शकर क सथान ऩय दनध स कयना फतात ह| जफ दनध खीॊिन का अभमास शसदध हो जाए तफ शकर को खीॊिन का अभमास कयना िादहए| वीमम को ऊऩय खीॊिनवारा मोगी ही ऊधवमयता कहराता ह| ऱाभ - इस भदरा स शयीय रटट-ऩटट तजसवी सॊदय सडौर औय जया-भतम यदहत होता ह| शयीय क सबी अवमव दढ़ होकय भन भ तनश िरता की परातपत होती ह| इसका अभमास अचधक कदठन नहीॊ ह| मदद गहसथ बी इसक कय तो फरवदधमन औय सौदममवदधमन का ऩया राब परापत कय सकत ह चतावनी मह आरख शसपम जानकायी हत ह कोई बी वमततत इस ऩढ़कय कयन का परमास न कय तमोकक मह शसपम साधको क शरए ह आभ रोगो क शरए नहीॊ

साधना कयनवार वमततत क शरए मह आवशमक ह कक वह साधना भ कातमक वाचिक औय भानशसक ककरमाओॊ ऩय ऩया तनमॊतरण यख तथा सभम-सभम ऩय उचित ताॊतरतरक परककरमाओॊ का बी सभनवम कयता यह| इस दतटट स तजस परकाय आसन ऩातरासादन अिमन आदद भ ककरमाओॊ का ववधान ह उसी परकाय उनक साथ कछ भदरा फनान का ववधान ह| म भदराएॊ भखम रऩ-स हाथ औय उसकी उॊगशरमो क परमोग स फनती ह| जस हभाया शयीय ऩॊिततवभम ह| अत शासतरकायो न कहा ह कक इन उॊगशरमो क परमोग स इन ततवो की नमनाचधकता दय की जा

अनतबोध चतनय दवारा सऩादित तरिदिवसीय मदराचचकितसा सि 46

सकती ह तथा ततवो की सभता-ववषभता स होनवारी कभी को उॊगशरमो की भदरा स सभ फनामा जा सकता ह| इतना ही नहीॊ ऐसी भदराओॊ क सहमोग स उन ततवो को सवचछाऩवमक घटामा-फढ़ामा बी जा सकता ह| म ततव करभश अॊगटठ भ अतनन तजमनी भ वाम भधमभा भ आकाश अनाशभका भ ऩथवी औय कतनतटठका भ जर क रऩ भ ववदमभान यहत ह| दवताओॊ की परसननता चितत की शवदध औय ववववध योगो क नाश भ भदराओॊ स फड़ी सहामता शभरती ह| भदराततव को सभझकय परतमक मोगी को इनका साधन कयना िादहए| कणडशरनी शततत क जागयण भ इन भदराओॊ स सहामता शभरती ह| महाॊ हभन तजन भदराओॊ का वणमन एवॊ चितरण ककमा ह उसभ परतमक मोगी साधक को ऩरयचित होना िादहए|

अनतबोध चतनय दवारा सऩादित तरिदिवसीय मदराचचकितसा सि 47

मोग अनसाय आसन औय पराणामाभ की तसथतत को भदरा कहा जाता ह फॊध ककरमा औय भदरा भ आसन औय पराणामाभ दोनो का ही कामम होता ह मोग भ भदराओॊ को आसन औय पराणामाभ स बी फढ़कय भाना जाता ह भदरा दो तयह की होती ह- ऩहरी हसत भदरा अथामत हाथो औय उसकी अॊगशरमो को ववशष आकतत भ फनाना औय दसयी आसन भदरा अथामत तजसभ ऩया शयीय ही सॊिाशरत होता ह

Page 32: 235347477 Mudra Chikitsa Swami Ananta Bodha Chaitanya

अनतबोध चतनय दवारा सऩादित तरिदिवसीय मदराचचकितसा सि 32

यज भदरा कवर तसतरमो क शरए ह ऐसा नहीॊ फतसक अगय ऩरष इस भदरा को कयत ह तो उनक वीमम सॊफॊधी सभसत योग दय हो जात ह ववचध- यज भदरा फनाना फहत ही आसान ह कतनटठा (छोटी अॊगरी) अॊगरी को हथरी की जड़ भ भोड़कय रगान स यज भदरा फन जाती ह ऱाभ- यज भदरा स तसतरमो क भाशसक धभम सॊफॊधी योग दय होत ह इसक अरवा शसय भ बायीऩन यहना छाती भ ददम ऩट ऩीठ कभय का ददम आदद योग बी यज भदरा कयन स दय हो जात ह सतरी क साय परजनन अॊगो की ऩयशातनमो को म भदरा तरफसकर दय कय दती ह

24 अदिती मदरा-

ववचध- अॊगठ क आग क बाग को अनाशभका (छोटी उॊगरी क साथ वारी उॊगरी) उॊगरी की जड़ भ टढ़ा रगान स अददती भदरा फन जाती ह

ऱाभ- इस भदरा को कयन स हय सभम उफासी आना जमादा छीॊक आना जस योगो को दय ककमा जा सकता ह

अनतबोध चतनय दवारा सऩादित तरिदिवसीय मदराचचकितसा सि 33

समय- अददती भदरा को ददन भ 3-4 फाय 15-15 शभनटो क शरए कय सकत ह

25 हसी मदरा-

जस हॊस नीय ीय वववक की साभथमम यखता ह वस इस भदरा क कयन स सोिन औय तवरयत तनणमम की भता फढती ह मदरा िी ववचध - सखासन मा उतकटासन भ फठकय अऩन हाथ की सबी सफस छोटी अॊगरी को छोड़कय अॊगशरमो को अॊगठ क आग क बाग को दफान स हॊसी भदरा फन जाती ह अवचध- इस भदरा को परयॊब भ 5-8 शभनट स कयक 30-48 शभनट तक कय सकत ह मदरा िा ऱाभ- इस भदरा तनमशभत अभमास स वववक फढ़ता ह अथामत इसस सोिन-सभझन की शततत फढ़ती ह औय इसस शयीय का बायीऩन सभापत हो जाता ह

अनतबोध चतनय दवारा सऩादित तरिदिवसीय मदराचचकितसा सि 34

ववशषता- भाना जाता ह कक इस भदरा का तनमशभत अभमास कयन स याजशसक ताकत फढ़ती ह औय वमततत धन सॊऩनन फना यहता ह सावधानी - इस भदरा को कयत सभम ककसी बी परकाय का भॊतर नहीॊ जऩना िादहए औय ना ही कोई अनम धाशभमक उऩकरभ कय

26 हसतऩात मदरा-

ववचध- इस भदरा को कयन क शरए आऩ अऩन दोनो हाथो की हथरी क ऩीछ क बाग को आऩस भ अॊगशरमो सदहत शभरा द इस आकतत को हसतऩात भदरा कहा जाता ह मह नभसकाय भदरा जसा ही ह रककन इसभ हथरी क ऩटठ बाग को शभरा ददमा जाता ह ऱाभ- इस हसतऩात भदरा को कयन स शवास औय गर क क साय योग भ फहत राब शभरता ह तजन तसतरमाॊ मदद इसका तनमशभत अभमास कयती ह तो इसस उनक सतन सड़ौर सॊदय औय सवसथ हो जात ह तजन तसतरमो क सतन छोट ह ढीर ह मा उनक सतनो भ दध नहीॊ आता ह तो मह भदरा उनक शरए फहत राबकायी शसदध हो सकती ह

27 धयान मदरा

ववचध- ऩदमासन भ फठकय फाएॊ हाथ की हथरी ऩय दाएॊ हाथ की हथरी को (उसट हाथ ऩय सीध हाथ को) हसक स यखन स धमान भदरा फनती ह| धमान यख कक इस भदरा भ शसय गदमन एवॊ यीढ़ की हडडी सीधी यह| आॊख औय होठ सहज स फनद यह| धमान अऩन इटटदव क सवरऩ ऩय दटकाएॊ अथवा कामोतसगम कय अथामत शयीय स

अनतबोध चतनय दवारा सऩादित तरिदिवसीय मदराचचकितसा सि 35

सभता यखत हए कछ दय क शरए वविाय यदहत अवसथा भ यहन का परमास कय| अटटाॊग मोग (मभ तनमभ पराणामाभ परतमाहाय धायणा धमान औय सभाचध) क एक अॊग lsquoधमानrsquo की साधना भ मह भदरा ववशष रऩ स सहामक शसदध हई ह| ऱाभ - जो वमततत ऩदमासन नहीॊ कय सकत उनह धमान भदरा सखासन मा सवतसतक अथवा ऩारथी आसन भ कयना िादहए| मह सहज भदरा ह| सहज धमान भदरा को साधायण वमततत अचधक रमफ सभम तक सयरता स कय सकता ह| इसस धमान भदरा क राब बी शभर जात ह| धमान भदरा भ मदद हथशरमाॊ एक दसय ऩय यखन क फाद दोनो हथशरमाॊ ऻान भदरा की तसथतत भ यखी जाएॊ तो धमान भदरा तथा ऻान भदरा क सतमभशरत राब क साथ ऩदमासन क राब बी शभर जात ह| साधक क शरए धमान भदरा भ सभम की कोई सीभा नहीॊ ह| रककन सहजता क साथ ऩदमासन कयन की भता क अनरऩ धमान भदरा का अभमास कयना िादहए| साधायण वमततत को इस धीय-धीय फढ़ात हए कभ-स-कभ २० शभनट स एक घॊट तक कयना िादहए| धमान भदरा न कय सकन की अवसथा भ सहज धमान भदरा कयक राब उठाना िादहए| भन की िॊिरता शाॊत होकय चितत की एकागरता फढ़ती ह| साततवक वविायो की उतऩततत होती ह औय परब बजन भ भन रगता ह|

धमान क परबाव स साधक को धमान की उचितय तसथतत भ ऩहॊिन भ सहामता शभरती ह| आतभ साातकाय औय ईश वय क साातकाय भ मह भदरा सहामक ह|

28 शामभवी मदरा-

आॉख खरी हो रककन आऩ दख नहीॊ सकत ऐसी तसथतत जफ सध जाती ह तो उस शामबवी भदरा कहत ह ऐसी तसथतत भ आऩ नीॊद का भजा बी र सकत ह मह फहत कदठन साधना ह इसक ठीक उसटा कक जफ आॉख फॊद हो तफ आऩ दख

अनतबोध चतनय दवारा सऩादित तरिदिवसीय मदराचचकितसा सि 36

सकत ह मह बी फहत कदठन साधना ह रककन मह दोनो ही सॊबव ह असॊबव कछ बी नहीॊ फहत स ऐस ऩश औय ऩी ह जो आॉख खोरकय ही सोत ह ववचध- मदद आऩन तराटक ककमा ह मा आऩ तराटक क फाय भ जानत ह तो आऩ इस भदरा को कय सकत ह सवमपरथभ शसदधासन भ फठकय यीढ़-गदमन सीधी यखत हए ऩरको को तरफना झऩकाएॉ दखत यह रककन धमान ककसी बी िीज को दखन ऩय ना यख ददभाग तरफसकर बीतय कहीॊ रगा हो

ऱाभ- शामबवी भदरा को कयन स ददर औय ददभाग को शाॊतत शभरती ह मोगी का धमान ददर भ तसथय होन रगता ह आॉख खरी यखकय बी वमततत नीॊद औय धमान का आनॊद र सकता ह इसक सधन स वमततत बत औय बववटम का ऻाता फन सकता ह सऱाह- शामबवी भदरा ऩयी तयह स तबी शसदध हो सकती ह जफ आऩकी आॉख खरी हो ऩय व ककसी बी िीज को न दख यही हो ऐसा सभझ की आऩ ककसी धन भ जी यह हो आऩको खमार होगा कक कबी-कबी आऩ कहीॊ बी दख यह होत ह रककन आऩका धमान कहीॊ ओय यहता ह समय- इस भदरा को शरआत भ तजतनी दय हो सक कय औय फाद भ धीय-धीय इसका अभमास फढ़ात जाएॉ

अनतबोध चतनय दवारा सऩादित तरिदिवसीय मदराचचकितसा सि 37

29 शकततचालऱनी मदरा- ववचध - आठ अॊगर रॊफा औय िाय अॊगर िौड़ा भरामभ वसतर रकय नाशब ऩय रगाएॊ औय कदटसतर भ फाॊध र| कपय शयीय भ बसभ यभाकय शसदधासन भ फठ औय पराण को अऩान स मतत कय| जफ तक गहम दवाय स िरती हई वाम परकाशशत न हो इस सभम तक गहम दवाय को सॊकचित यख| इसस वाम का जो तनयोध होता ह उसभ कमबक क दवाया कणडशरनी शततत जागरत होती हई सषमना भागम स ऊऩय जाकय खड़ी हो जाती ह| मोगभदरा स ऩहर इसका अभमास कयन ऩय ही मोतन भदरा की ऩणम शसवदध होती ह| ऱाभ - इस भदरा स कणडशरनी शततत का जागयण होता ह| जफ तक मह सोती ह तफ तक सबी आॊतरयक शतततमाॊ सपत ऩड़ी यहती ह| इसशरए कणडशरनी का जागरत होना साधक क शरए फहत आवशमक ह| पराण-अऩान को सॊमतत कयन की ककरमा पराणवाम को ऩयक दवाया बीतय खीॊिन औय उडडीमान फॊध स अऩान वाम को ऊऩय की ओय आकवषमत कयन स ऩणम होती ह| इसभ गहम परदश क सॊकोि औय ववसताय का अभमास होन स अचधक सयरता हो सकती ह| 30 तड़ागी मदरा- ववचध - दोनो ऩाॊवो को दणड क सभान धयती ऩय ऩसाय र औय हाथो स उनक अॊगठो को ऩकड़न तथा दोनो जाॊघो ऩय शसय को सथावऩत कय साथ ही उदय को तड़ाग (सयोवय) क सभान कय र| ऱाभ - मह भदरा अनक योगो औय वदधावसथा को बी दय कयन भ सहामक शसदध होती ह|

अनतबोध चतनय दवारा सऩादित तरिदिवसीय मदराचचकितसा सि 38

31 माणडवी मदरा- ववचध - भख को फॊद कयक जफान को तार भ घभाएॊ औय सहसराय स टऩकत हए सधायस को जफान स धीय-धीय ऩीन का मतन कय| मही भाणडवी (मा भाणडकी) भदरा ह| ऱाभ - इसक दवाया फारो की सपदी उनका झड़ना शयीय ऩय झरयममो भॊहासो आदद का ऩड़ना तथा तनफमरता आदद दय होकय चिय-मौवन की परातपत होती ह| इसस यसोतऩादन होकय अभततव की उऩरतबध होना सॊबव हो जाता ह| 32 ऩालशनी मदरा ववचध- दोनो ऩाॊवो को कॊ ठ क ऩीछ की ओय र जाकय उनह ऩयसऩय शभराएॊ औय ऩाश क सभान दढ़ता स फाॊध र| ऱाभ - इसक अभमास स बी कणडशरनी शततत क जागयण भ फहत सगभता हो जाती ह तथा साधक क शयीय भ फर औय ऩतटट का आववबामव होता ह| भानशसक फरवदधमन भ बी मह फहत दहतकय ह| 33 िािी मदरा-

काक कौए को कहत ह कौए की िोि जसी भॊह की भदरा फना रन को काकी भदरा कहा जाता ह ववचध ककसी बी आसन भ फठकय होठो को ऩतरी सी नरी क सभान भोड़कय कौए की िोि जसा फना र अफ नाक क अगर बाग को दखत हए अऩना ऩया धमान नाक ऩय दटका द इसक फाद भॊह स धीय-धीय गहयी शवास रकय होठो को फॊद कय द कछ दय फाद शवास को नाक स फाहय तनकार द इस तयह स 10

अनतबोध चतनय दवारा सऩादित तरिदिवसीय मदराचचकितसा सि 39

शभनट तक कय ऱाभ मह भदरा जहाॊ शयीय भ ठॊडक फढ़ाती ह वहीॊ मह कई योगो को दय कयन भ राबदामक ह इस भदरा का तनयॊतय अभमास कयन स शयीय भ अॊदय बोजन ऩिान की ककरमा तज हो जाती ह इसस अमरवऩतत का फढ़ना कभ हो जाता ह

34 मातचगनी मदरा-

भातॊग का अथम होता ह भघ भाॊ दगाम का एक रऩ ह भातॊगी मह दस भहाववदमा भ स नौवीॊ ववदमा ह भातॊग नाभ स एक धमान होता ह भॊतर होता ह औय एक हाथी का नाभ बी भातॊग ह ऋवष वशशटठ की ऩतनी का एक नाभ बी भातॊगी ह ऋवष कशमऩ की ऩतरी का नाभ बी भातॊगी ह तजसस हाथी उतऩनन हए थ ववचध शाॊत जगह भ ऩानी क अॊदय गर तक शयीय को डफो र औय कपय नाक स ऩानी को खीॊिकय उस भॊह स तनकार र कपय भॊह स ऩानी को खीॊिकय नाक स फाहय तनकार द इस ककरमा को ही भातॊचगनी भदरा कहत ह ऱाभ इस भदरा क अभमास स आॊखो की योशनी तज हो जाती ह शसय ददम भ मह भदरा अतमॊत राबकायी भानी जाती ह इसस नजरा-जकाभ आदद क योग बी दय हो जात ह इस भदरा क तनयॊतय अभमास स िहय ऩय िभक आ जाती ह औय फार बी सपद नहीॊ होत ह इस भदरा क शसदध हो जान ऩय वमततत भ ताकत फढ़ जाती ह

35 नभोमदरा

नब का अथम होता ह आकाश इस भदरा भ जीब को तार की ओय रगात ह इसीशरए इस नबोभदरा कहत ह नबोभदरा कयना सयर नहीॊ ह इस ककसी मोग

अनतबोध चतनय दवारा सऩादित तरिदिवसीय मदराचचकितसा सि 40

शशक स सीखकय ही कयना िादहए मह भदरा फहत स योगो भ राबदामक शसदध हई ह इस फाय भ एक शरोक बी ह- मतर मतर तसथतो मोगी सवमकामष सवमदा उधवमतजवह तसथयो बतवाधायमतभवनॊ सदा नबोभदरा भवदषा मोदववना योग नाशशनी अथामत साय कामो भ तसथय हआ चितत अऩनी जीब क अगर बाग को भॊह क अॊदय तार भ रगाकय शवास को अॊदय योक रता ह इस तसथतत स विारयक गततववचधमाॊ ततकार फॊद हो जाती ह इसीशरए इस भदरा को यहसम का आबास ददरान वारी भदरा बी कहा जाता ह ववचध- अऩनी आॊखो को अऩनी दोनो बौहो क फीि भ जभाकय आऩकी जीब तार क साथ रगा र मह दोनो कामम एक ही साथ औय एक ही सभम भ कय सववधानसाय जफ तक सॊबव हो इसी तसथतत भ यह औय कपय कछ शभनट का धमान कय ऱाभ- नबोभदरा क तनयॊतय अभमास स जीब गर औय आॊखो क साय योग सभापत हो जात ह इसस भतसतटक भ तसथयता फढ़ती ह औय भतसतटक क योग बी दय हो जात ह

36 नालसिागर मदरा -

नाशसकागर भदरा का अथम होता ह नाक का आखखयी छोय ऊऩयी दहससा मा अगरबाग इस बाग ऩय फायी-फायी स सॊतरन फनान हए दखना ही नाकककागर भदरा मोग कहराता ह रककन मह भदरा कयन स ऩहर मोग शशक की सराह जरय र तमोकक इसक कयन स बकटी ऩय जोय ऩड़ता ह

अनतबोध चतनय दवारा सऩादित तरिदिवसीय मदराचचकितसा सि 41

ववचध- ककसी बी आसन भ फठकय नाक क आखखयी शसय ऩय नजय दटका र हो सकता ह कक ऩहर आऩ फाई आॊखो स उस दख ऩाएॊ तफ कछ दय फाद दाई आॊखो स दख इस दखन भ जया बी तनाव न हो सहजता स इस दख

ऱाभ- इसस जहाॊ आॊखो की एतसयसाइज होती ह वहीॊ मह भतसतटक क शरए बी राबदामक ह इसस भन भ एकागरता फढ़ती ह इस भदरा क रगाताय अभमास कयन स भराधाय िकर जागरत होन रगता ह तजसस कणडरीनी जागयण भ भदद शभरती ह इसस भराधाय िकर इसशरए जागरत होता ह तमोकक दोनो आॊखो क फीि ही तसथत ह इड़ा वऩ ॊगरा औय सषमना नाड़ी जो भराधाय तक गई ह समय- इस भदरा को इतनी दय तक कयना िादहए कक आॊखो ऩय इसका जमादा दफाव नहीॊ ऩड़ कपय धीय-धीय इस कयन का सभम फढ़ात जाएॊ

37 बरहम आसन मदरा-

कछ रोग इस बरहभा भदरा बी कहत ह तमोकक इस आसन भ गदमन को िाय ददशा भ घभामा जाता ह औय बरहभाजी क िाय भख थ इसीशरए इसका नाभ बरहभा भदरा आसन यखा गमा रककन असर भ मह बरहभ भदरा आसन ह औय इसभ सबी ददशाओॊ भ तसथत ऩयभशवय को जानकय उसका चिॊतन ककमा जाता ह नभाज ऩढ़त वतत मा सॊधमा वॊदन कयत वतत उतत भदरासन को ककमा जाता यहा ह ववचध- ऩदमासन शसदधासन मा वजरासन भ फठकय कभय तथा गदमन को सीधा यखत हए गदमन को धीय-धीय दामीॊ ओय र जात ह कछ सकॊ ड दामीॊ ओय रकत ह उसक फाद गदमन को धीय-धीय फामीॊ ओय र जात ह कछ सकॊ ड तक फामीॊ ओय रककय कपय दामीॊ ओय र जात ह कपय वाऩस आन क फाद गदमन को ऊऩय की ओय र जात ह उसक फाद नीि की तयप र जात ह कपय गदमन को तराकवाइज

अनतबोध चतनय दवारा सऩादित तरिदिवसीय मदराचचकितसा सि 42

औय एॊटीतराकवाइज घभाएॉ इस तयह मह एक िकर ऩया हआ अऩनी सववधानसाय इस िाय स ऩाॉि िकरो भ कय सकत ह

ऱाभ तजन रोगो को सवामइकर सऩोडराइदटस थाइयाइड नराॊटस की शशकामत ह उनक शरए मह आसन राबदामक ह इसस गदमन की भाॉसऩशशमाॉ रिीरी तथा भजफत होती ह आधमाततभक दतटट स बी मह आसन राबदामक ह आरसम बी कभ होता जाता ह तथा फदरत भौसभ क सदी-जकाभ औय खाॉसी स छटकाया बी शभरता ह

सावधाननया तजनह सवामइकर सऩोडराइदटस मा थाइयाइड की सभसमा ह व ठोडी को ऊऩय की ओय दफाएॉ गदमन को नीि की ओय र जात सभम कॊ ध न झकाएॉ कभय गदमन औय कॊ ध सीध यख गदमन मा गर भ कोई गॊबीय योग हो तो मोग चिककतसक की सराह स ही मह भदराआसन कय

38 भजचगनी मदरा- ववचध- इसभ भख को पराकय कॊ ठ स फाहयी वाम खीॊिी जाती ह| तार औय तजहवा क भधम वाम क घभन स शयीय भ अदभत शततत का आववबामव होता ह|

ऱाभ- मह भदरा अजीणम आदद उदय योगो को नटट कयन भ बी फहत उऩमोगी ह| इस परकाय भदराओॊ क अभमास स साधक को सफ परकाय क शायीरयक भानशसक औय आततभक फर की परातपत होती ह| मोगािामो क अनसाय lsquoनातसत भदरासनककॊ चित शसवदधदॊकषततभणडर (घयणड सॊदहता)rsquo अथामत भदराओॊ क सभान शसवदधदामक कोई अनम साधन ब-भॊडर ऩय नहीॊ ह| इसशरए मोगशसवदध क आकाॊीजनो को भदराओॊ का अभमास कयना शरमसकय ह|

अनतबोध चतनय दवारा सऩादित तरिदिवसीय मदराचचकितसा सि 43

39 खचरी मदरा-

भनटम की जीब (तजहवा) दो तयह की होती ह- रॊफी औय छोटी रॊफी जीब को सऩमतजहवा कहत ह कछ रोगो की जीब रॊफी होन स व उस आसानी स नाशसकागर ऩय रगा सकत ह औय खियी-भदरा कय सकत ह भगय तजसकी जीब छोटी होती ह उस तकरीपो का साभना कयना ऩड़ता ह सफस ऩहर उनह अऩनी जीब रॊफी कयनी ऩड़ती ह औय उसक शरए घषमण व दोहन का सहाया रना ऩड़ता ह जीब नीि की ओय स तजस नाड़ी स जड़ी होती ह उस काटना ऩड़ता ह खियी भदरा को शसदध कयन एवॊ अभत क सराव हत आवशमक उददीऩन भ कछ वषम बी रग सकत ह मह वमततत की मोनमता ऩय बी तनबमय कयता ह मोग भ कछ भदराएॊ ऐसी ह तजनह शसपम मोगी ही कयत ह साभानमजनो को इनह नहीॊ कयना िादहए खियी भदरा साधको क शरए भानी गई ह ववचध - इसक शरए जीब औय तार को जोड़न वार भाॊस-तॊत को धीय-धीय काटा जाता ह अथामत एक ददन जौ बय काटकय छोड़ ददमा जाता ह कपय तीन-िाय ददन फाद थोड़ा-सा औय काट ददमा जाता ह इस परकाय थोड़ा-थोड़ा काटन स उस सथान की यतत शशयाएॊ अऩना सथान बीतय की तयप फनाती जाती ह जीब को काटन क साथ ही परततददन धीय-धीय फाहय की तयप खीॊिन का अभमास ककमा जाता ह इसका अभमास कयन स कछ भहीनो भ जीब इतनी रॊफी हो जाती ह कक मदद उस ऊऩय की तयप रौटा (उसटा कयन) ददमा जाए तो वह शवास जान वार छदो को बीतय स फॊद कय दती ह इसस सभाचध क सभम शवास का आना-जाना ऩणमत योक ददमा जाता ह ऱाभ इस भदरा स पराणामाभ को शसदध कयन औय साभचध रगान भ ववशष सहामता शभरती ह साधनायत साधओॊ क शरए मह भदरा फहत ही राबदामी भानी

अनतबोध चतनय दवारा सऩादित तरिदिवसीय मदराचचकितसा सि 44

जाती ह ववशषता तनयॊतय अभमास कयत यहन स तजफ जफ रॊफी हो जाती ह तफ उस नाशसका यनरो भ परवश कयामा जा सकता ह इस परकाय धमान रगान स कऩार भागम एवॊ तरफ ॊद ववसगम स सॊफॊचधत कछ गरॊचथमो भ उददीऩन होता ह तजसक ऩरयणाभसवरऩ अभत का सराव आयॊब होता ह उसी अभत का सराव होत वतत एक ववशष परकाय का आधमाततभक अनबव होता ह इस अनबव स शसवदध औय सभाचध भ तजी स परगतत होती ह चतावनी मह आरख शसपम जानकायी हत ह कोई बी वमततत इस ऩढ़कय कयन का परमास न कय तमोकक मह शसपम साधको क शरए ह आभ रोगो क शरए नहीॊ

40 अकzwj वनी मदरा- इस भदरा स साधक भ घोड़ो जसी शततत आ जाती ह तजस lsquoहॉसम ऩॉवयrsquo कहत ह|

ववचध - इस भदरा भ गदा-दवाय का फाय-फाय सॊकोिन औय परसाय ककमा जाता ह| इसी स भदरा की शसवदध हो जाती ह| इसक दवाया कणडशरनी जागयण भ सगभता यहती ह औय अनक योग नटट होकय शायीरयक फर की ववदध होती ह|

ऱाभ - अतश वनी भदरा शसदध होन स साधक की अकारभतम कबी नहीॊ होती| गदा औय उदय स सॊफॊचधत योगो का इसक दवाया शभन होता ह तथा दीघमजीवन की उऩरतबध होती ह| तरफना भरफॊध क अतश वनी भदरा नहीॊ हो सकती| 41 बजरौऱी मदरा- फजरौरी भदरा बी भरफॊध का अचछा अभमास ककए तरफना ककसी परकाय सॊबव नहीॊ ह| मह भदरा कवर मोगी क शरए ही नहीॊ बोगी क शरए बी अतमॊत राबकायी ह|

अनतबोध चतनय दवारा सऩादित तरिदिवसीय मदराचचकितसा सि 45

ववचध - इस भदरा भ ऩहर दोनो ऩाॊवो को बशभ ऩय दढ़ताऩवमक दटकाकय दोनो ऩाॊवो को धीय-धीय दढ़ताऩवमक ऊऩय आकाश भ उठा द| इसस तरफॊद-शसवदध होती ह| शकर को धीय-धीय ऊऩय की आकॊ िन कय अथामत इॊददरम क आॊकिन क दवाया वीमम को ऊऩय की ओय खीॊिन का अभमास कय तो मह भदरा शसदध होती ह| ववदवानो का भत ह कक इस भदरा क अभमास भ सतरी का होना आवशमक ह तमोकक बग भ ऩततत होता हआ शकर ऊऩय की ओय खीॊि र तो यज औय वीमम दोनो ही िढ़ जात ह| मह ककरमा अभमास स ही शसदध होती ह| कछ मोगािामम इस परकाय का अभमास शकर क सथान ऩय दनध स कयना फतात ह| जफ दनध खीॊिन का अभमास शसदध हो जाए तफ शकर को खीॊिन का अभमास कयना िादहए| वीमम को ऊऩय खीॊिनवारा मोगी ही ऊधवमयता कहराता ह| ऱाभ - इस भदरा स शयीय रटट-ऩटट तजसवी सॊदय सडौर औय जया-भतम यदहत होता ह| शयीय क सबी अवमव दढ़ होकय भन भ तनश िरता की परातपत होती ह| इसका अभमास अचधक कदठन नहीॊ ह| मदद गहसथ बी इसक कय तो फरवदधमन औय सौदममवदधमन का ऩया राब परापत कय सकत ह चतावनी मह आरख शसपम जानकायी हत ह कोई बी वमततत इस ऩढ़कय कयन का परमास न कय तमोकक मह शसपम साधको क शरए ह आभ रोगो क शरए नहीॊ

साधना कयनवार वमततत क शरए मह आवशमक ह कक वह साधना भ कातमक वाचिक औय भानशसक ककरमाओॊ ऩय ऩया तनमॊतरण यख तथा सभम-सभम ऩय उचित ताॊतरतरक परककरमाओॊ का बी सभनवम कयता यह| इस दतटट स तजस परकाय आसन ऩातरासादन अिमन आदद भ ककरमाओॊ का ववधान ह उसी परकाय उनक साथ कछ भदरा फनान का ववधान ह| म भदराएॊ भखम रऩ-स हाथ औय उसकी उॊगशरमो क परमोग स फनती ह| जस हभाया शयीय ऩॊिततवभम ह| अत शासतरकायो न कहा ह कक इन उॊगशरमो क परमोग स इन ततवो की नमनाचधकता दय की जा

अनतबोध चतनय दवारा सऩादित तरिदिवसीय मदराचचकितसा सि 46

सकती ह तथा ततवो की सभता-ववषभता स होनवारी कभी को उॊगशरमो की भदरा स सभ फनामा जा सकता ह| इतना ही नहीॊ ऐसी भदराओॊ क सहमोग स उन ततवो को सवचछाऩवमक घटामा-फढ़ामा बी जा सकता ह| म ततव करभश अॊगटठ भ अतनन तजमनी भ वाम भधमभा भ आकाश अनाशभका भ ऩथवी औय कतनतटठका भ जर क रऩ भ ववदमभान यहत ह| दवताओॊ की परसननता चितत की शवदध औय ववववध योगो क नाश भ भदराओॊ स फड़ी सहामता शभरती ह| भदराततव को सभझकय परतमक मोगी को इनका साधन कयना िादहए| कणडशरनी शततत क जागयण भ इन भदराओॊ स सहामता शभरती ह| महाॊ हभन तजन भदराओॊ का वणमन एवॊ चितरण ककमा ह उसभ परतमक मोगी साधक को ऩरयचित होना िादहए|

अनतबोध चतनय दवारा सऩादित तरिदिवसीय मदराचचकितसा सि 47

मोग अनसाय आसन औय पराणामाभ की तसथतत को भदरा कहा जाता ह फॊध ककरमा औय भदरा भ आसन औय पराणामाभ दोनो का ही कामम होता ह मोग भ भदराओॊ को आसन औय पराणामाभ स बी फढ़कय भाना जाता ह भदरा दो तयह की होती ह- ऩहरी हसत भदरा अथामत हाथो औय उसकी अॊगशरमो को ववशष आकतत भ फनाना औय दसयी आसन भदरा अथामत तजसभ ऩया शयीय ही सॊिाशरत होता ह

Page 33: 235347477 Mudra Chikitsa Swami Ananta Bodha Chaitanya

अनतबोध चतनय दवारा सऩादित तरिदिवसीय मदराचचकितसा सि 33

समय- अददती भदरा को ददन भ 3-4 फाय 15-15 शभनटो क शरए कय सकत ह

25 हसी मदरा-

जस हॊस नीय ीय वववक की साभथमम यखता ह वस इस भदरा क कयन स सोिन औय तवरयत तनणमम की भता फढती ह मदरा िी ववचध - सखासन मा उतकटासन भ फठकय अऩन हाथ की सबी सफस छोटी अॊगरी को छोड़कय अॊगशरमो को अॊगठ क आग क बाग को दफान स हॊसी भदरा फन जाती ह अवचध- इस भदरा को परयॊब भ 5-8 शभनट स कयक 30-48 शभनट तक कय सकत ह मदरा िा ऱाभ- इस भदरा तनमशभत अभमास स वववक फढ़ता ह अथामत इसस सोिन-सभझन की शततत फढ़ती ह औय इसस शयीय का बायीऩन सभापत हो जाता ह

अनतबोध चतनय दवारा सऩादित तरिदिवसीय मदराचचकितसा सि 34

ववशषता- भाना जाता ह कक इस भदरा का तनमशभत अभमास कयन स याजशसक ताकत फढ़ती ह औय वमततत धन सॊऩनन फना यहता ह सावधानी - इस भदरा को कयत सभम ककसी बी परकाय का भॊतर नहीॊ जऩना िादहए औय ना ही कोई अनम धाशभमक उऩकरभ कय

26 हसतऩात मदरा-

ववचध- इस भदरा को कयन क शरए आऩ अऩन दोनो हाथो की हथरी क ऩीछ क बाग को आऩस भ अॊगशरमो सदहत शभरा द इस आकतत को हसतऩात भदरा कहा जाता ह मह नभसकाय भदरा जसा ही ह रककन इसभ हथरी क ऩटठ बाग को शभरा ददमा जाता ह ऱाभ- इस हसतऩात भदरा को कयन स शवास औय गर क क साय योग भ फहत राब शभरता ह तजन तसतरमाॊ मदद इसका तनमशभत अभमास कयती ह तो इसस उनक सतन सड़ौर सॊदय औय सवसथ हो जात ह तजन तसतरमो क सतन छोट ह ढीर ह मा उनक सतनो भ दध नहीॊ आता ह तो मह भदरा उनक शरए फहत राबकायी शसदध हो सकती ह

27 धयान मदरा

ववचध- ऩदमासन भ फठकय फाएॊ हाथ की हथरी ऩय दाएॊ हाथ की हथरी को (उसट हाथ ऩय सीध हाथ को) हसक स यखन स धमान भदरा फनती ह| धमान यख कक इस भदरा भ शसय गदमन एवॊ यीढ़ की हडडी सीधी यह| आॊख औय होठ सहज स फनद यह| धमान अऩन इटटदव क सवरऩ ऩय दटकाएॊ अथवा कामोतसगम कय अथामत शयीय स

अनतबोध चतनय दवारा सऩादित तरिदिवसीय मदराचचकितसा सि 35

सभता यखत हए कछ दय क शरए वविाय यदहत अवसथा भ यहन का परमास कय| अटटाॊग मोग (मभ तनमभ पराणामाभ परतमाहाय धायणा धमान औय सभाचध) क एक अॊग lsquoधमानrsquo की साधना भ मह भदरा ववशष रऩ स सहामक शसदध हई ह| ऱाभ - जो वमततत ऩदमासन नहीॊ कय सकत उनह धमान भदरा सखासन मा सवतसतक अथवा ऩारथी आसन भ कयना िादहए| मह सहज भदरा ह| सहज धमान भदरा को साधायण वमततत अचधक रमफ सभम तक सयरता स कय सकता ह| इसस धमान भदरा क राब बी शभर जात ह| धमान भदरा भ मदद हथशरमाॊ एक दसय ऩय यखन क फाद दोनो हथशरमाॊ ऻान भदरा की तसथतत भ यखी जाएॊ तो धमान भदरा तथा ऻान भदरा क सतमभशरत राब क साथ ऩदमासन क राब बी शभर जात ह| साधक क शरए धमान भदरा भ सभम की कोई सीभा नहीॊ ह| रककन सहजता क साथ ऩदमासन कयन की भता क अनरऩ धमान भदरा का अभमास कयना िादहए| साधायण वमततत को इस धीय-धीय फढ़ात हए कभ-स-कभ २० शभनट स एक घॊट तक कयना िादहए| धमान भदरा न कय सकन की अवसथा भ सहज धमान भदरा कयक राब उठाना िादहए| भन की िॊिरता शाॊत होकय चितत की एकागरता फढ़ती ह| साततवक वविायो की उतऩततत होती ह औय परब बजन भ भन रगता ह|

धमान क परबाव स साधक को धमान की उचितय तसथतत भ ऩहॊिन भ सहामता शभरती ह| आतभ साातकाय औय ईश वय क साातकाय भ मह भदरा सहामक ह|

28 शामभवी मदरा-

आॉख खरी हो रककन आऩ दख नहीॊ सकत ऐसी तसथतत जफ सध जाती ह तो उस शामबवी भदरा कहत ह ऐसी तसथतत भ आऩ नीॊद का भजा बी र सकत ह मह फहत कदठन साधना ह इसक ठीक उसटा कक जफ आॉख फॊद हो तफ आऩ दख

अनतबोध चतनय दवारा सऩादित तरिदिवसीय मदराचचकितसा सि 36

सकत ह मह बी फहत कदठन साधना ह रककन मह दोनो ही सॊबव ह असॊबव कछ बी नहीॊ फहत स ऐस ऩश औय ऩी ह जो आॉख खोरकय ही सोत ह ववचध- मदद आऩन तराटक ककमा ह मा आऩ तराटक क फाय भ जानत ह तो आऩ इस भदरा को कय सकत ह सवमपरथभ शसदधासन भ फठकय यीढ़-गदमन सीधी यखत हए ऩरको को तरफना झऩकाएॉ दखत यह रककन धमान ककसी बी िीज को दखन ऩय ना यख ददभाग तरफसकर बीतय कहीॊ रगा हो

ऱाभ- शामबवी भदरा को कयन स ददर औय ददभाग को शाॊतत शभरती ह मोगी का धमान ददर भ तसथय होन रगता ह आॉख खरी यखकय बी वमततत नीॊद औय धमान का आनॊद र सकता ह इसक सधन स वमततत बत औय बववटम का ऻाता फन सकता ह सऱाह- शामबवी भदरा ऩयी तयह स तबी शसदध हो सकती ह जफ आऩकी आॉख खरी हो ऩय व ककसी बी िीज को न दख यही हो ऐसा सभझ की आऩ ककसी धन भ जी यह हो आऩको खमार होगा कक कबी-कबी आऩ कहीॊ बी दख यह होत ह रककन आऩका धमान कहीॊ ओय यहता ह समय- इस भदरा को शरआत भ तजतनी दय हो सक कय औय फाद भ धीय-धीय इसका अभमास फढ़ात जाएॉ

अनतबोध चतनय दवारा सऩादित तरिदिवसीय मदराचचकितसा सि 37

29 शकततचालऱनी मदरा- ववचध - आठ अॊगर रॊफा औय िाय अॊगर िौड़ा भरामभ वसतर रकय नाशब ऩय रगाएॊ औय कदटसतर भ फाॊध र| कपय शयीय भ बसभ यभाकय शसदधासन भ फठ औय पराण को अऩान स मतत कय| जफ तक गहम दवाय स िरती हई वाम परकाशशत न हो इस सभम तक गहम दवाय को सॊकचित यख| इसस वाम का जो तनयोध होता ह उसभ कमबक क दवाया कणडशरनी शततत जागरत होती हई सषमना भागम स ऊऩय जाकय खड़ी हो जाती ह| मोगभदरा स ऩहर इसका अभमास कयन ऩय ही मोतन भदरा की ऩणम शसवदध होती ह| ऱाभ - इस भदरा स कणडशरनी शततत का जागयण होता ह| जफ तक मह सोती ह तफ तक सबी आॊतरयक शतततमाॊ सपत ऩड़ी यहती ह| इसशरए कणडशरनी का जागरत होना साधक क शरए फहत आवशमक ह| पराण-अऩान को सॊमतत कयन की ककरमा पराणवाम को ऩयक दवाया बीतय खीॊिन औय उडडीमान फॊध स अऩान वाम को ऊऩय की ओय आकवषमत कयन स ऩणम होती ह| इसभ गहम परदश क सॊकोि औय ववसताय का अभमास होन स अचधक सयरता हो सकती ह| 30 तड़ागी मदरा- ववचध - दोनो ऩाॊवो को दणड क सभान धयती ऩय ऩसाय र औय हाथो स उनक अॊगठो को ऩकड़न तथा दोनो जाॊघो ऩय शसय को सथावऩत कय साथ ही उदय को तड़ाग (सयोवय) क सभान कय र| ऱाभ - मह भदरा अनक योगो औय वदधावसथा को बी दय कयन भ सहामक शसदध होती ह|

अनतबोध चतनय दवारा सऩादित तरिदिवसीय मदराचचकितसा सि 38

31 माणडवी मदरा- ववचध - भख को फॊद कयक जफान को तार भ घभाएॊ औय सहसराय स टऩकत हए सधायस को जफान स धीय-धीय ऩीन का मतन कय| मही भाणडवी (मा भाणडकी) भदरा ह| ऱाभ - इसक दवाया फारो की सपदी उनका झड़ना शयीय ऩय झरयममो भॊहासो आदद का ऩड़ना तथा तनफमरता आदद दय होकय चिय-मौवन की परातपत होती ह| इसस यसोतऩादन होकय अभततव की उऩरतबध होना सॊबव हो जाता ह| 32 ऩालशनी मदरा ववचध- दोनो ऩाॊवो को कॊ ठ क ऩीछ की ओय र जाकय उनह ऩयसऩय शभराएॊ औय ऩाश क सभान दढ़ता स फाॊध र| ऱाभ - इसक अभमास स बी कणडशरनी शततत क जागयण भ फहत सगभता हो जाती ह तथा साधक क शयीय भ फर औय ऩतटट का आववबामव होता ह| भानशसक फरवदधमन भ बी मह फहत दहतकय ह| 33 िािी मदरा-

काक कौए को कहत ह कौए की िोि जसी भॊह की भदरा फना रन को काकी भदरा कहा जाता ह ववचध ककसी बी आसन भ फठकय होठो को ऩतरी सी नरी क सभान भोड़कय कौए की िोि जसा फना र अफ नाक क अगर बाग को दखत हए अऩना ऩया धमान नाक ऩय दटका द इसक फाद भॊह स धीय-धीय गहयी शवास रकय होठो को फॊद कय द कछ दय फाद शवास को नाक स फाहय तनकार द इस तयह स 10

अनतबोध चतनय दवारा सऩादित तरिदिवसीय मदराचचकितसा सि 39

शभनट तक कय ऱाभ मह भदरा जहाॊ शयीय भ ठॊडक फढ़ाती ह वहीॊ मह कई योगो को दय कयन भ राबदामक ह इस भदरा का तनयॊतय अभमास कयन स शयीय भ अॊदय बोजन ऩिान की ककरमा तज हो जाती ह इसस अमरवऩतत का फढ़ना कभ हो जाता ह

34 मातचगनी मदरा-

भातॊग का अथम होता ह भघ भाॊ दगाम का एक रऩ ह भातॊगी मह दस भहाववदमा भ स नौवीॊ ववदमा ह भातॊग नाभ स एक धमान होता ह भॊतर होता ह औय एक हाथी का नाभ बी भातॊग ह ऋवष वशशटठ की ऩतनी का एक नाभ बी भातॊगी ह ऋवष कशमऩ की ऩतरी का नाभ बी भातॊगी ह तजसस हाथी उतऩनन हए थ ववचध शाॊत जगह भ ऩानी क अॊदय गर तक शयीय को डफो र औय कपय नाक स ऩानी को खीॊिकय उस भॊह स तनकार र कपय भॊह स ऩानी को खीॊिकय नाक स फाहय तनकार द इस ककरमा को ही भातॊचगनी भदरा कहत ह ऱाभ इस भदरा क अभमास स आॊखो की योशनी तज हो जाती ह शसय ददम भ मह भदरा अतमॊत राबकायी भानी जाती ह इसस नजरा-जकाभ आदद क योग बी दय हो जात ह इस भदरा क तनयॊतय अभमास स िहय ऩय िभक आ जाती ह औय फार बी सपद नहीॊ होत ह इस भदरा क शसदध हो जान ऩय वमततत भ ताकत फढ़ जाती ह

35 नभोमदरा

नब का अथम होता ह आकाश इस भदरा भ जीब को तार की ओय रगात ह इसीशरए इस नबोभदरा कहत ह नबोभदरा कयना सयर नहीॊ ह इस ककसी मोग

अनतबोध चतनय दवारा सऩादित तरिदिवसीय मदराचचकितसा सि 40

शशक स सीखकय ही कयना िादहए मह भदरा फहत स योगो भ राबदामक शसदध हई ह इस फाय भ एक शरोक बी ह- मतर मतर तसथतो मोगी सवमकामष सवमदा उधवमतजवह तसथयो बतवाधायमतभवनॊ सदा नबोभदरा भवदषा मोदववना योग नाशशनी अथामत साय कामो भ तसथय हआ चितत अऩनी जीब क अगर बाग को भॊह क अॊदय तार भ रगाकय शवास को अॊदय योक रता ह इस तसथतत स विारयक गततववचधमाॊ ततकार फॊद हो जाती ह इसीशरए इस भदरा को यहसम का आबास ददरान वारी भदरा बी कहा जाता ह ववचध- अऩनी आॊखो को अऩनी दोनो बौहो क फीि भ जभाकय आऩकी जीब तार क साथ रगा र मह दोनो कामम एक ही साथ औय एक ही सभम भ कय सववधानसाय जफ तक सॊबव हो इसी तसथतत भ यह औय कपय कछ शभनट का धमान कय ऱाभ- नबोभदरा क तनयॊतय अभमास स जीब गर औय आॊखो क साय योग सभापत हो जात ह इसस भतसतटक भ तसथयता फढ़ती ह औय भतसतटक क योग बी दय हो जात ह

36 नालसिागर मदरा -

नाशसकागर भदरा का अथम होता ह नाक का आखखयी छोय ऊऩयी दहससा मा अगरबाग इस बाग ऩय फायी-फायी स सॊतरन फनान हए दखना ही नाकककागर भदरा मोग कहराता ह रककन मह भदरा कयन स ऩहर मोग शशक की सराह जरय र तमोकक इसक कयन स बकटी ऩय जोय ऩड़ता ह

अनतबोध चतनय दवारा सऩादित तरिदिवसीय मदराचचकितसा सि 41

ववचध- ककसी बी आसन भ फठकय नाक क आखखयी शसय ऩय नजय दटका र हो सकता ह कक ऩहर आऩ फाई आॊखो स उस दख ऩाएॊ तफ कछ दय फाद दाई आॊखो स दख इस दखन भ जया बी तनाव न हो सहजता स इस दख

ऱाभ- इसस जहाॊ आॊखो की एतसयसाइज होती ह वहीॊ मह भतसतटक क शरए बी राबदामक ह इसस भन भ एकागरता फढ़ती ह इस भदरा क रगाताय अभमास कयन स भराधाय िकर जागरत होन रगता ह तजसस कणडरीनी जागयण भ भदद शभरती ह इसस भराधाय िकर इसशरए जागरत होता ह तमोकक दोनो आॊखो क फीि ही तसथत ह इड़ा वऩ ॊगरा औय सषमना नाड़ी जो भराधाय तक गई ह समय- इस भदरा को इतनी दय तक कयना िादहए कक आॊखो ऩय इसका जमादा दफाव नहीॊ ऩड़ कपय धीय-धीय इस कयन का सभम फढ़ात जाएॊ

37 बरहम आसन मदरा-

कछ रोग इस बरहभा भदरा बी कहत ह तमोकक इस आसन भ गदमन को िाय ददशा भ घभामा जाता ह औय बरहभाजी क िाय भख थ इसीशरए इसका नाभ बरहभा भदरा आसन यखा गमा रककन असर भ मह बरहभ भदरा आसन ह औय इसभ सबी ददशाओॊ भ तसथत ऩयभशवय को जानकय उसका चिॊतन ककमा जाता ह नभाज ऩढ़त वतत मा सॊधमा वॊदन कयत वतत उतत भदरासन को ककमा जाता यहा ह ववचध- ऩदमासन शसदधासन मा वजरासन भ फठकय कभय तथा गदमन को सीधा यखत हए गदमन को धीय-धीय दामीॊ ओय र जात ह कछ सकॊ ड दामीॊ ओय रकत ह उसक फाद गदमन को धीय-धीय फामीॊ ओय र जात ह कछ सकॊ ड तक फामीॊ ओय रककय कपय दामीॊ ओय र जात ह कपय वाऩस आन क फाद गदमन को ऊऩय की ओय र जात ह उसक फाद नीि की तयप र जात ह कपय गदमन को तराकवाइज

अनतबोध चतनय दवारा सऩादित तरिदिवसीय मदराचचकितसा सि 42

औय एॊटीतराकवाइज घभाएॉ इस तयह मह एक िकर ऩया हआ अऩनी सववधानसाय इस िाय स ऩाॉि िकरो भ कय सकत ह

ऱाभ तजन रोगो को सवामइकर सऩोडराइदटस थाइयाइड नराॊटस की शशकामत ह उनक शरए मह आसन राबदामक ह इसस गदमन की भाॉसऩशशमाॉ रिीरी तथा भजफत होती ह आधमाततभक दतटट स बी मह आसन राबदामक ह आरसम बी कभ होता जाता ह तथा फदरत भौसभ क सदी-जकाभ औय खाॉसी स छटकाया बी शभरता ह

सावधाननया तजनह सवामइकर सऩोडराइदटस मा थाइयाइड की सभसमा ह व ठोडी को ऊऩय की ओय दफाएॉ गदमन को नीि की ओय र जात सभम कॊ ध न झकाएॉ कभय गदमन औय कॊ ध सीध यख गदमन मा गर भ कोई गॊबीय योग हो तो मोग चिककतसक की सराह स ही मह भदराआसन कय

38 भजचगनी मदरा- ववचध- इसभ भख को पराकय कॊ ठ स फाहयी वाम खीॊिी जाती ह| तार औय तजहवा क भधम वाम क घभन स शयीय भ अदभत शततत का आववबामव होता ह|

ऱाभ- मह भदरा अजीणम आदद उदय योगो को नटट कयन भ बी फहत उऩमोगी ह| इस परकाय भदराओॊ क अभमास स साधक को सफ परकाय क शायीरयक भानशसक औय आततभक फर की परातपत होती ह| मोगािामो क अनसाय lsquoनातसत भदरासनककॊ चित शसवदधदॊकषततभणडर (घयणड सॊदहता)rsquo अथामत भदराओॊ क सभान शसवदधदामक कोई अनम साधन ब-भॊडर ऩय नहीॊ ह| इसशरए मोगशसवदध क आकाॊीजनो को भदराओॊ का अभमास कयना शरमसकय ह|

अनतबोध चतनय दवारा सऩादित तरिदिवसीय मदराचचकितसा सि 43

39 खचरी मदरा-

भनटम की जीब (तजहवा) दो तयह की होती ह- रॊफी औय छोटी रॊफी जीब को सऩमतजहवा कहत ह कछ रोगो की जीब रॊफी होन स व उस आसानी स नाशसकागर ऩय रगा सकत ह औय खियी-भदरा कय सकत ह भगय तजसकी जीब छोटी होती ह उस तकरीपो का साभना कयना ऩड़ता ह सफस ऩहर उनह अऩनी जीब रॊफी कयनी ऩड़ती ह औय उसक शरए घषमण व दोहन का सहाया रना ऩड़ता ह जीब नीि की ओय स तजस नाड़ी स जड़ी होती ह उस काटना ऩड़ता ह खियी भदरा को शसदध कयन एवॊ अभत क सराव हत आवशमक उददीऩन भ कछ वषम बी रग सकत ह मह वमततत की मोनमता ऩय बी तनबमय कयता ह मोग भ कछ भदराएॊ ऐसी ह तजनह शसपम मोगी ही कयत ह साभानमजनो को इनह नहीॊ कयना िादहए खियी भदरा साधको क शरए भानी गई ह ववचध - इसक शरए जीब औय तार को जोड़न वार भाॊस-तॊत को धीय-धीय काटा जाता ह अथामत एक ददन जौ बय काटकय छोड़ ददमा जाता ह कपय तीन-िाय ददन फाद थोड़ा-सा औय काट ददमा जाता ह इस परकाय थोड़ा-थोड़ा काटन स उस सथान की यतत शशयाएॊ अऩना सथान बीतय की तयप फनाती जाती ह जीब को काटन क साथ ही परततददन धीय-धीय फाहय की तयप खीॊिन का अभमास ककमा जाता ह इसका अभमास कयन स कछ भहीनो भ जीब इतनी रॊफी हो जाती ह कक मदद उस ऊऩय की तयप रौटा (उसटा कयन) ददमा जाए तो वह शवास जान वार छदो को बीतय स फॊद कय दती ह इसस सभाचध क सभम शवास का आना-जाना ऩणमत योक ददमा जाता ह ऱाभ इस भदरा स पराणामाभ को शसदध कयन औय साभचध रगान भ ववशष सहामता शभरती ह साधनायत साधओॊ क शरए मह भदरा फहत ही राबदामी भानी

अनतबोध चतनय दवारा सऩादित तरिदिवसीय मदराचचकितसा सि 44

जाती ह ववशषता तनयॊतय अभमास कयत यहन स तजफ जफ रॊफी हो जाती ह तफ उस नाशसका यनरो भ परवश कयामा जा सकता ह इस परकाय धमान रगान स कऩार भागम एवॊ तरफ ॊद ववसगम स सॊफॊचधत कछ गरॊचथमो भ उददीऩन होता ह तजसक ऩरयणाभसवरऩ अभत का सराव आयॊब होता ह उसी अभत का सराव होत वतत एक ववशष परकाय का आधमाततभक अनबव होता ह इस अनबव स शसवदध औय सभाचध भ तजी स परगतत होती ह चतावनी मह आरख शसपम जानकायी हत ह कोई बी वमततत इस ऩढ़कय कयन का परमास न कय तमोकक मह शसपम साधको क शरए ह आभ रोगो क शरए नहीॊ

40 अकzwj वनी मदरा- इस भदरा स साधक भ घोड़ो जसी शततत आ जाती ह तजस lsquoहॉसम ऩॉवयrsquo कहत ह|

ववचध - इस भदरा भ गदा-दवाय का फाय-फाय सॊकोिन औय परसाय ककमा जाता ह| इसी स भदरा की शसवदध हो जाती ह| इसक दवाया कणडशरनी जागयण भ सगभता यहती ह औय अनक योग नटट होकय शायीरयक फर की ववदध होती ह|

ऱाभ - अतश वनी भदरा शसदध होन स साधक की अकारभतम कबी नहीॊ होती| गदा औय उदय स सॊफॊचधत योगो का इसक दवाया शभन होता ह तथा दीघमजीवन की उऩरतबध होती ह| तरफना भरफॊध क अतश वनी भदरा नहीॊ हो सकती| 41 बजरौऱी मदरा- फजरौरी भदरा बी भरफॊध का अचछा अभमास ककए तरफना ककसी परकाय सॊबव नहीॊ ह| मह भदरा कवर मोगी क शरए ही नहीॊ बोगी क शरए बी अतमॊत राबकायी ह|

अनतबोध चतनय दवारा सऩादित तरिदिवसीय मदराचचकितसा सि 45

ववचध - इस भदरा भ ऩहर दोनो ऩाॊवो को बशभ ऩय दढ़ताऩवमक दटकाकय दोनो ऩाॊवो को धीय-धीय दढ़ताऩवमक ऊऩय आकाश भ उठा द| इसस तरफॊद-शसवदध होती ह| शकर को धीय-धीय ऊऩय की आकॊ िन कय अथामत इॊददरम क आॊकिन क दवाया वीमम को ऊऩय की ओय खीॊिन का अभमास कय तो मह भदरा शसदध होती ह| ववदवानो का भत ह कक इस भदरा क अभमास भ सतरी का होना आवशमक ह तमोकक बग भ ऩततत होता हआ शकर ऊऩय की ओय खीॊि र तो यज औय वीमम दोनो ही िढ़ जात ह| मह ककरमा अभमास स ही शसदध होती ह| कछ मोगािामम इस परकाय का अभमास शकर क सथान ऩय दनध स कयना फतात ह| जफ दनध खीॊिन का अभमास शसदध हो जाए तफ शकर को खीॊिन का अभमास कयना िादहए| वीमम को ऊऩय खीॊिनवारा मोगी ही ऊधवमयता कहराता ह| ऱाभ - इस भदरा स शयीय रटट-ऩटट तजसवी सॊदय सडौर औय जया-भतम यदहत होता ह| शयीय क सबी अवमव दढ़ होकय भन भ तनश िरता की परातपत होती ह| इसका अभमास अचधक कदठन नहीॊ ह| मदद गहसथ बी इसक कय तो फरवदधमन औय सौदममवदधमन का ऩया राब परापत कय सकत ह चतावनी मह आरख शसपम जानकायी हत ह कोई बी वमततत इस ऩढ़कय कयन का परमास न कय तमोकक मह शसपम साधको क शरए ह आभ रोगो क शरए नहीॊ

साधना कयनवार वमततत क शरए मह आवशमक ह कक वह साधना भ कातमक वाचिक औय भानशसक ककरमाओॊ ऩय ऩया तनमॊतरण यख तथा सभम-सभम ऩय उचित ताॊतरतरक परककरमाओॊ का बी सभनवम कयता यह| इस दतटट स तजस परकाय आसन ऩातरासादन अिमन आदद भ ककरमाओॊ का ववधान ह उसी परकाय उनक साथ कछ भदरा फनान का ववधान ह| म भदराएॊ भखम रऩ-स हाथ औय उसकी उॊगशरमो क परमोग स फनती ह| जस हभाया शयीय ऩॊिततवभम ह| अत शासतरकायो न कहा ह कक इन उॊगशरमो क परमोग स इन ततवो की नमनाचधकता दय की जा

अनतबोध चतनय दवारा सऩादित तरिदिवसीय मदराचचकितसा सि 46

सकती ह तथा ततवो की सभता-ववषभता स होनवारी कभी को उॊगशरमो की भदरा स सभ फनामा जा सकता ह| इतना ही नहीॊ ऐसी भदराओॊ क सहमोग स उन ततवो को सवचछाऩवमक घटामा-फढ़ामा बी जा सकता ह| म ततव करभश अॊगटठ भ अतनन तजमनी भ वाम भधमभा भ आकाश अनाशभका भ ऩथवी औय कतनतटठका भ जर क रऩ भ ववदमभान यहत ह| दवताओॊ की परसननता चितत की शवदध औय ववववध योगो क नाश भ भदराओॊ स फड़ी सहामता शभरती ह| भदराततव को सभझकय परतमक मोगी को इनका साधन कयना िादहए| कणडशरनी शततत क जागयण भ इन भदराओॊ स सहामता शभरती ह| महाॊ हभन तजन भदराओॊ का वणमन एवॊ चितरण ककमा ह उसभ परतमक मोगी साधक को ऩरयचित होना िादहए|

अनतबोध चतनय दवारा सऩादित तरिदिवसीय मदराचचकितसा सि 47

मोग अनसाय आसन औय पराणामाभ की तसथतत को भदरा कहा जाता ह फॊध ककरमा औय भदरा भ आसन औय पराणामाभ दोनो का ही कामम होता ह मोग भ भदराओॊ को आसन औय पराणामाभ स बी फढ़कय भाना जाता ह भदरा दो तयह की होती ह- ऩहरी हसत भदरा अथामत हाथो औय उसकी अॊगशरमो को ववशष आकतत भ फनाना औय दसयी आसन भदरा अथामत तजसभ ऩया शयीय ही सॊिाशरत होता ह

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अनतबोध चतनय दवारा सऩादित तरिदिवसीय मदराचचकितसा सि 34

ववशषता- भाना जाता ह कक इस भदरा का तनमशभत अभमास कयन स याजशसक ताकत फढ़ती ह औय वमततत धन सॊऩनन फना यहता ह सावधानी - इस भदरा को कयत सभम ककसी बी परकाय का भॊतर नहीॊ जऩना िादहए औय ना ही कोई अनम धाशभमक उऩकरभ कय

26 हसतऩात मदरा-

ववचध- इस भदरा को कयन क शरए आऩ अऩन दोनो हाथो की हथरी क ऩीछ क बाग को आऩस भ अॊगशरमो सदहत शभरा द इस आकतत को हसतऩात भदरा कहा जाता ह मह नभसकाय भदरा जसा ही ह रककन इसभ हथरी क ऩटठ बाग को शभरा ददमा जाता ह ऱाभ- इस हसतऩात भदरा को कयन स शवास औय गर क क साय योग भ फहत राब शभरता ह तजन तसतरमाॊ मदद इसका तनमशभत अभमास कयती ह तो इसस उनक सतन सड़ौर सॊदय औय सवसथ हो जात ह तजन तसतरमो क सतन छोट ह ढीर ह मा उनक सतनो भ दध नहीॊ आता ह तो मह भदरा उनक शरए फहत राबकायी शसदध हो सकती ह

27 धयान मदरा

ववचध- ऩदमासन भ फठकय फाएॊ हाथ की हथरी ऩय दाएॊ हाथ की हथरी को (उसट हाथ ऩय सीध हाथ को) हसक स यखन स धमान भदरा फनती ह| धमान यख कक इस भदरा भ शसय गदमन एवॊ यीढ़ की हडडी सीधी यह| आॊख औय होठ सहज स फनद यह| धमान अऩन इटटदव क सवरऩ ऩय दटकाएॊ अथवा कामोतसगम कय अथामत शयीय स

अनतबोध चतनय दवारा सऩादित तरिदिवसीय मदराचचकितसा सि 35

सभता यखत हए कछ दय क शरए वविाय यदहत अवसथा भ यहन का परमास कय| अटटाॊग मोग (मभ तनमभ पराणामाभ परतमाहाय धायणा धमान औय सभाचध) क एक अॊग lsquoधमानrsquo की साधना भ मह भदरा ववशष रऩ स सहामक शसदध हई ह| ऱाभ - जो वमततत ऩदमासन नहीॊ कय सकत उनह धमान भदरा सखासन मा सवतसतक अथवा ऩारथी आसन भ कयना िादहए| मह सहज भदरा ह| सहज धमान भदरा को साधायण वमततत अचधक रमफ सभम तक सयरता स कय सकता ह| इसस धमान भदरा क राब बी शभर जात ह| धमान भदरा भ मदद हथशरमाॊ एक दसय ऩय यखन क फाद दोनो हथशरमाॊ ऻान भदरा की तसथतत भ यखी जाएॊ तो धमान भदरा तथा ऻान भदरा क सतमभशरत राब क साथ ऩदमासन क राब बी शभर जात ह| साधक क शरए धमान भदरा भ सभम की कोई सीभा नहीॊ ह| रककन सहजता क साथ ऩदमासन कयन की भता क अनरऩ धमान भदरा का अभमास कयना िादहए| साधायण वमततत को इस धीय-धीय फढ़ात हए कभ-स-कभ २० शभनट स एक घॊट तक कयना िादहए| धमान भदरा न कय सकन की अवसथा भ सहज धमान भदरा कयक राब उठाना िादहए| भन की िॊिरता शाॊत होकय चितत की एकागरता फढ़ती ह| साततवक वविायो की उतऩततत होती ह औय परब बजन भ भन रगता ह|

धमान क परबाव स साधक को धमान की उचितय तसथतत भ ऩहॊिन भ सहामता शभरती ह| आतभ साातकाय औय ईश वय क साातकाय भ मह भदरा सहामक ह|

28 शामभवी मदरा-

आॉख खरी हो रककन आऩ दख नहीॊ सकत ऐसी तसथतत जफ सध जाती ह तो उस शामबवी भदरा कहत ह ऐसी तसथतत भ आऩ नीॊद का भजा बी र सकत ह मह फहत कदठन साधना ह इसक ठीक उसटा कक जफ आॉख फॊद हो तफ आऩ दख

अनतबोध चतनय दवारा सऩादित तरिदिवसीय मदराचचकितसा सि 36

सकत ह मह बी फहत कदठन साधना ह रककन मह दोनो ही सॊबव ह असॊबव कछ बी नहीॊ फहत स ऐस ऩश औय ऩी ह जो आॉख खोरकय ही सोत ह ववचध- मदद आऩन तराटक ककमा ह मा आऩ तराटक क फाय भ जानत ह तो आऩ इस भदरा को कय सकत ह सवमपरथभ शसदधासन भ फठकय यीढ़-गदमन सीधी यखत हए ऩरको को तरफना झऩकाएॉ दखत यह रककन धमान ककसी बी िीज को दखन ऩय ना यख ददभाग तरफसकर बीतय कहीॊ रगा हो

ऱाभ- शामबवी भदरा को कयन स ददर औय ददभाग को शाॊतत शभरती ह मोगी का धमान ददर भ तसथय होन रगता ह आॉख खरी यखकय बी वमततत नीॊद औय धमान का आनॊद र सकता ह इसक सधन स वमततत बत औय बववटम का ऻाता फन सकता ह सऱाह- शामबवी भदरा ऩयी तयह स तबी शसदध हो सकती ह जफ आऩकी आॉख खरी हो ऩय व ककसी बी िीज को न दख यही हो ऐसा सभझ की आऩ ककसी धन भ जी यह हो आऩको खमार होगा कक कबी-कबी आऩ कहीॊ बी दख यह होत ह रककन आऩका धमान कहीॊ ओय यहता ह समय- इस भदरा को शरआत भ तजतनी दय हो सक कय औय फाद भ धीय-धीय इसका अभमास फढ़ात जाएॉ

अनतबोध चतनय दवारा सऩादित तरिदिवसीय मदराचचकितसा सि 37

29 शकततचालऱनी मदरा- ववचध - आठ अॊगर रॊफा औय िाय अॊगर िौड़ा भरामभ वसतर रकय नाशब ऩय रगाएॊ औय कदटसतर भ फाॊध र| कपय शयीय भ बसभ यभाकय शसदधासन भ फठ औय पराण को अऩान स मतत कय| जफ तक गहम दवाय स िरती हई वाम परकाशशत न हो इस सभम तक गहम दवाय को सॊकचित यख| इसस वाम का जो तनयोध होता ह उसभ कमबक क दवाया कणडशरनी शततत जागरत होती हई सषमना भागम स ऊऩय जाकय खड़ी हो जाती ह| मोगभदरा स ऩहर इसका अभमास कयन ऩय ही मोतन भदरा की ऩणम शसवदध होती ह| ऱाभ - इस भदरा स कणडशरनी शततत का जागयण होता ह| जफ तक मह सोती ह तफ तक सबी आॊतरयक शतततमाॊ सपत ऩड़ी यहती ह| इसशरए कणडशरनी का जागरत होना साधक क शरए फहत आवशमक ह| पराण-अऩान को सॊमतत कयन की ककरमा पराणवाम को ऩयक दवाया बीतय खीॊिन औय उडडीमान फॊध स अऩान वाम को ऊऩय की ओय आकवषमत कयन स ऩणम होती ह| इसभ गहम परदश क सॊकोि औय ववसताय का अभमास होन स अचधक सयरता हो सकती ह| 30 तड़ागी मदरा- ववचध - दोनो ऩाॊवो को दणड क सभान धयती ऩय ऩसाय र औय हाथो स उनक अॊगठो को ऩकड़न तथा दोनो जाॊघो ऩय शसय को सथावऩत कय साथ ही उदय को तड़ाग (सयोवय) क सभान कय र| ऱाभ - मह भदरा अनक योगो औय वदधावसथा को बी दय कयन भ सहामक शसदध होती ह|

अनतबोध चतनय दवारा सऩादित तरिदिवसीय मदराचचकितसा सि 38

31 माणडवी मदरा- ववचध - भख को फॊद कयक जफान को तार भ घभाएॊ औय सहसराय स टऩकत हए सधायस को जफान स धीय-धीय ऩीन का मतन कय| मही भाणडवी (मा भाणडकी) भदरा ह| ऱाभ - इसक दवाया फारो की सपदी उनका झड़ना शयीय ऩय झरयममो भॊहासो आदद का ऩड़ना तथा तनफमरता आदद दय होकय चिय-मौवन की परातपत होती ह| इसस यसोतऩादन होकय अभततव की उऩरतबध होना सॊबव हो जाता ह| 32 ऩालशनी मदरा ववचध- दोनो ऩाॊवो को कॊ ठ क ऩीछ की ओय र जाकय उनह ऩयसऩय शभराएॊ औय ऩाश क सभान दढ़ता स फाॊध र| ऱाभ - इसक अभमास स बी कणडशरनी शततत क जागयण भ फहत सगभता हो जाती ह तथा साधक क शयीय भ फर औय ऩतटट का आववबामव होता ह| भानशसक फरवदधमन भ बी मह फहत दहतकय ह| 33 िािी मदरा-

काक कौए को कहत ह कौए की िोि जसी भॊह की भदरा फना रन को काकी भदरा कहा जाता ह ववचध ककसी बी आसन भ फठकय होठो को ऩतरी सी नरी क सभान भोड़कय कौए की िोि जसा फना र अफ नाक क अगर बाग को दखत हए अऩना ऩया धमान नाक ऩय दटका द इसक फाद भॊह स धीय-धीय गहयी शवास रकय होठो को फॊद कय द कछ दय फाद शवास को नाक स फाहय तनकार द इस तयह स 10

अनतबोध चतनय दवारा सऩादित तरिदिवसीय मदराचचकितसा सि 39

शभनट तक कय ऱाभ मह भदरा जहाॊ शयीय भ ठॊडक फढ़ाती ह वहीॊ मह कई योगो को दय कयन भ राबदामक ह इस भदरा का तनयॊतय अभमास कयन स शयीय भ अॊदय बोजन ऩिान की ककरमा तज हो जाती ह इसस अमरवऩतत का फढ़ना कभ हो जाता ह

34 मातचगनी मदरा-

भातॊग का अथम होता ह भघ भाॊ दगाम का एक रऩ ह भातॊगी मह दस भहाववदमा भ स नौवीॊ ववदमा ह भातॊग नाभ स एक धमान होता ह भॊतर होता ह औय एक हाथी का नाभ बी भातॊग ह ऋवष वशशटठ की ऩतनी का एक नाभ बी भातॊगी ह ऋवष कशमऩ की ऩतरी का नाभ बी भातॊगी ह तजसस हाथी उतऩनन हए थ ववचध शाॊत जगह भ ऩानी क अॊदय गर तक शयीय को डफो र औय कपय नाक स ऩानी को खीॊिकय उस भॊह स तनकार र कपय भॊह स ऩानी को खीॊिकय नाक स फाहय तनकार द इस ककरमा को ही भातॊचगनी भदरा कहत ह ऱाभ इस भदरा क अभमास स आॊखो की योशनी तज हो जाती ह शसय ददम भ मह भदरा अतमॊत राबकायी भानी जाती ह इसस नजरा-जकाभ आदद क योग बी दय हो जात ह इस भदरा क तनयॊतय अभमास स िहय ऩय िभक आ जाती ह औय फार बी सपद नहीॊ होत ह इस भदरा क शसदध हो जान ऩय वमततत भ ताकत फढ़ जाती ह

35 नभोमदरा

नब का अथम होता ह आकाश इस भदरा भ जीब को तार की ओय रगात ह इसीशरए इस नबोभदरा कहत ह नबोभदरा कयना सयर नहीॊ ह इस ककसी मोग

अनतबोध चतनय दवारा सऩादित तरिदिवसीय मदराचचकितसा सि 40

शशक स सीखकय ही कयना िादहए मह भदरा फहत स योगो भ राबदामक शसदध हई ह इस फाय भ एक शरोक बी ह- मतर मतर तसथतो मोगी सवमकामष सवमदा उधवमतजवह तसथयो बतवाधायमतभवनॊ सदा नबोभदरा भवदषा मोदववना योग नाशशनी अथामत साय कामो भ तसथय हआ चितत अऩनी जीब क अगर बाग को भॊह क अॊदय तार भ रगाकय शवास को अॊदय योक रता ह इस तसथतत स विारयक गततववचधमाॊ ततकार फॊद हो जाती ह इसीशरए इस भदरा को यहसम का आबास ददरान वारी भदरा बी कहा जाता ह ववचध- अऩनी आॊखो को अऩनी दोनो बौहो क फीि भ जभाकय आऩकी जीब तार क साथ रगा र मह दोनो कामम एक ही साथ औय एक ही सभम भ कय सववधानसाय जफ तक सॊबव हो इसी तसथतत भ यह औय कपय कछ शभनट का धमान कय ऱाभ- नबोभदरा क तनयॊतय अभमास स जीब गर औय आॊखो क साय योग सभापत हो जात ह इसस भतसतटक भ तसथयता फढ़ती ह औय भतसतटक क योग बी दय हो जात ह

36 नालसिागर मदरा -

नाशसकागर भदरा का अथम होता ह नाक का आखखयी छोय ऊऩयी दहससा मा अगरबाग इस बाग ऩय फायी-फायी स सॊतरन फनान हए दखना ही नाकककागर भदरा मोग कहराता ह रककन मह भदरा कयन स ऩहर मोग शशक की सराह जरय र तमोकक इसक कयन स बकटी ऩय जोय ऩड़ता ह

अनतबोध चतनय दवारा सऩादित तरिदिवसीय मदराचचकितसा सि 41

ववचध- ककसी बी आसन भ फठकय नाक क आखखयी शसय ऩय नजय दटका र हो सकता ह कक ऩहर आऩ फाई आॊखो स उस दख ऩाएॊ तफ कछ दय फाद दाई आॊखो स दख इस दखन भ जया बी तनाव न हो सहजता स इस दख

ऱाभ- इसस जहाॊ आॊखो की एतसयसाइज होती ह वहीॊ मह भतसतटक क शरए बी राबदामक ह इसस भन भ एकागरता फढ़ती ह इस भदरा क रगाताय अभमास कयन स भराधाय िकर जागरत होन रगता ह तजसस कणडरीनी जागयण भ भदद शभरती ह इसस भराधाय िकर इसशरए जागरत होता ह तमोकक दोनो आॊखो क फीि ही तसथत ह इड़ा वऩ ॊगरा औय सषमना नाड़ी जो भराधाय तक गई ह समय- इस भदरा को इतनी दय तक कयना िादहए कक आॊखो ऩय इसका जमादा दफाव नहीॊ ऩड़ कपय धीय-धीय इस कयन का सभम फढ़ात जाएॊ

37 बरहम आसन मदरा-

कछ रोग इस बरहभा भदरा बी कहत ह तमोकक इस आसन भ गदमन को िाय ददशा भ घभामा जाता ह औय बरहभाजी क िाय भख थ इसीशरए इसका नाभ बरहभा भदरा आसन यखा गमा रककन असर भ मह बरहभ भदरा आसन ह औय इसभ सबी ददशाओॊ भ तसथत ऩयभशवय को जानकय उसका चिॊतन ककमा जाता ह नभाज ऩढ़त वतत मा सॊधमा वॊदन कयत वतत उतत भदरासन को ककमा जाता यहा ह ववचध- ऩदमासन शसदधासन मा वजरासन भ फठकय कभय तथा गदमन को सीधा यखत हए गदमन को धीय-धीय दामीॊ ओय र जात ह कछ सकॊ ड दामीॊ ओय रकत ह उसक फाद गदमन को धीय-धीय फामीॊ ओय र जात ह कछ सकॊ ड तक फामीॊ ओय रककय कपय दामीॊ ओय र जात ह कपय वाऩस आन क फाद गदमन को ऊऩय की ओय र जात ह उसक फाद नीि की तयप र जात ह कपय गदमन को तराकवाइज

अनतबोध चतनय दवारा सऩादित तरिदिवसीय मदराचचकितसा सि 42

औय एॊटीतराकवाइज घभाएॉ इस तयह मह एक िकर ऩया हआ अऩनी सववधानसाय इस िाय स ऩाॉि िकरो भ कय सकत ह

ऱाभ तजन रोगो को सवामइकर सऩोडराइदटस थाइयाइड नराॊटस की शशकामत ह उनक शरए मह आसन राबदामक ह इसस गदमन की भाॉसऩशशमाॉ रिीरी तथा भजफत होती ह आधमाततभक दतटट स बी मह आसन राबदामक ह आरसम बी कभ होता जाता ह तथा फदरत भौसभ क सदी-जकाभ औय खाॉसी स छटकाया बी शभरता ह

सावधाननया तजनह सवामइकर सऩोडराइदटस मा थाइयाइड की सभसमा ह व ठोडी को ऊऩय की ओय दफाएॉ गदमन को नीि की ओय र जात सभम कॊ ध न झकाएॉ कभय गदमन औय कॊ ध सीध यख गदमन मा गर भ कोई गॊबीय योग हो तो मोग चिककतसक की सराह स ही मह भदराआसन कय

38 भजचगनी मदरा- ववचध- इसभ भख को पराकय कॊ ठ स फाहयी वाम खीॊिी जाती ह| तार औय तजहवा क भधम वाम क घभन स शयीय भ अदभत शततत का आववबामव होता ह|

ऱाभ- मह भदरा अजीणम आदद उदय योगो को नटट कयन भ बी फहत उऩमोगी ह| इस परकाय भदराओॊ क अभमास स साधक को सफ परकाय क शायीरयक भानशसक औय आततभक फर की परातपत होती ह| मोगािामो क अनसाय lsquoनातसत भदरासनककॊ चित शसवदधदॊकषततभणडर (घयणड सॊदहता)rsquo अथामत भदराओॊ क सभान शसवदधदामक कोई अनम साधन ब-भॊडर ऩय नहीॊ ह| इसशरए मोगशसवदध क आकाॊीजनो को भदराओॊ का अभमास कयना शरमसकय ह|

अनतबोध चतनय दवारा सऩादित तरिदिवसीय मदराचचकितसा सि 43

39 खचरी मदरा-

भनटम की जीब (तजहवा) दो तयह की होती ह- रॊफी औय छोटी रॊफी जीब को सऩमतजहवा कहत ह कछ रोगो की जीब रॊफी होन स व उस आसानी स नाशसकागर ऩय रगा सकत ह औय खियी-भदरा कय सकत ह भगय तजसकी जीब छोटी होती ह उस तकरीपो का साभना कयना ऩड़ता ह सफस ऩहर उनह अऩनी जीब रॊफी कयनी ऩड़ती ह औय उसक शरए घषमण व दोहन का सहाया रना ऩड़ता ह जीब नीि की ओय स तजस नाड़ी स जड़ी होती ह उस काटना ऩड़ता ह खियी भदरा को शसदध कयन एवॊ अभत क सराव हत आवशमक उददीऩन भ कछ वषम बी रग सकत ह मह वमततत की मोनमता ऩय बी तनबमय कयता ह मोग भ कछ भदराएॊ ऐसी ह तजनह शसपम मोगी ही कयत ह साभानमजनो को इनह नहीॊ कयना िादहए खियी भदरा साधको क शरए भानी गई ह ववचध - इसक शरए जीब औय तार को जोड़न वार भाॊस-तॊत को धीय-धीय काटा जाता ह अथामत एक ददन जौ बय काटकय छोड़ ददमा जाता ह कपय तीन-िाय ददन फाद थोड़ा-सा औय काट ददमा जाता ह इस परकाय थोड़ा-थोड़ा काटन स उस सथान की यतत शशयाएॊ अऩना सथान बीतय की तयप फनाती जाती ह जीब को काटन क साथ ही परततददन धीय-धीय फाहय की तयप खीॊिन का अभमास ककमा जाता ह इसका अभमास कयन स कछ भहीनो भ जीब इतनी रॊफी हो जाती ह कक मदद उस ऊऩय की तयप रौटा (उसटा कयन) ददमा जाए तो वह शवास जान वार छदो को बीतय स फॊद कय दती ह इसस सभाचध क सभम शवास का आना-जाना ऩणमत योक ददमा जाता ह ऱाभ इस भदरा स पराणामाभ को शसदध कयन औय साभचध रगान भ ववशष सहामता शभरती ह साधनायत साधओॊ क शरए मह भदरा फहत ही राबदामी भानी

अनतबोध चतनय दवारा सऩादित तरिदिवसीय मदराचचकितसा सि 44

जाती ह ववशषता तनयॊतय अभमास कयत यहन स तजफ जफ रॊफी हो जाती ह तफ उस नाशसका यनरो भ परवश कयामा जा सकता ह इस परकाय धमान रगान स कऩार भागम एवॊ तरफ ॊद ववसगम स सॊफॊचधत कछ गरॊचथमो भ उददीऩन होता ह तजसक ऩरयणाभसवरऩ अभत का सराव आयॊब होता ह उसी अभत का सराव होत वतत एक ववशष परकाय का आधमाततभक अनबव होता ह इस अनबव स शसवदध औय सभाचध भ तजी स परगतत होती ह चतावनी मह आरख शसपम जानकायी हत ह कोई बी वमततत इस ऩढ़कय कयन का परमास न कय तमोकक मह शसपम साधको क शरए ह आभ रोगो क शरए नहीॊ

40 अकzwj वनी मदरा- इस भदरा स साधक भ घोड़ो जसी शततत आ जाती ह तजस lsquoहॉसम ऩॉवयrsquo कहत ह|

ववचध - इस भदरा भ गदा-दवाय का फाय-फाय सॊकोिन औय परसाय ककमा जाता ह| इसी स भदरा की शसवदध हो जाती ह| इसक दवाया कणडशरनी जागयण भ सगभता यहती ह औय अनक योग नटट होकय शायीरयक फर की ववदध होती ह|

ऱाभ - अतश वनी भदरा शसदध होन स साधक की अकारभतम कबी नहीॊ होती| गदा औय उदय स सॊफॊचधत योगो का इसक दवाया शभन होता ह तथा दीघमजीवन की उऩरतबध होती ह| तरफना भरफॊध क अतश वनी भदरा नहीॊ हो सकती| 41 बजरौऱी मदरा- फजरौरी भदरा बी भरफॊध का अचछा अभमास ककए तरफना ककसी परकाय सॊबव नहीॊ ह| मह भदरा कवर मोगी क शरए ही नहीॊ बोगी क शरए बी अतमॊत राबकायी ह|

अनतबोध चतनय दवारा सऩादित तरिदिवसीय मदराचचकितसा सि 45

ववचध - इस भदरा भ ऩहर दोनो ऩाॊवो को बशभ ऩय दढ़ताऩवमक दटकाकय दोनो ऩाॊवो को धीय-धीय दढ़ताऩवमक ऊऩय आकाश भ उठा द| इसस तरफॊद-शसवदध होती ह| शकर को धीय-धीय ऊऩय की आकॊ िन कय अथामत इॊददरम क आॊकिन क दवाया वीमम को ऊऩय की ओय खीॊिन का अभमास कय तो मह भदरा शसदध होती ह| ववदवानो का भत ह कक इस भदरा क अभमास भ सतरी का होना आवशमक ह तमोकक बग भ ऩततत होता हआ शकर ऊऩय की ओय खीॊि र तो यज औय वीमम दोनो ही िढ़ जात ह| मह ककरमा अभमास स ही शसदध होती ह| कछ मोगािामम इस परकाय का अभमास शकर क सथान ऩय दनध स कयना फतात ह| जफ दनध खीॊिन का अभमास शसदध हो जाए तफ शकर को खीॊिन का अभमास कयना िादहए| वीमम को ऊऩय खीॊिनवारा मोगी ही ऊधवमयता कहराता ह| ऱाभ - इस भदरा स शयीय रटट-ऩटट तजसवी सॊदय सडौर औय जया-भतम यदहत होता ह| शयीय क सबी अवमव दढ़ होकय भन भ तनश िरता की परातपत होती ह| इसका अभमास अचधक कदठन नहीॊ ह| मदद गहसथ बी इसक कय तो फरवदधमन औय सौदममवदधमन का ऩया राब परापत कय सकत ह चतावनी मह आरख शसपम जानकायी हत ह कोई बी वमततत इस ऩढ़कय कयन का परमास न कय तमोकक मह शसपम साधको क शरए ह आभ रोगो क शरए नहीॊ

साधना कयनवार वमततत क शरए मह आवशमक ह कक वह साधना भ कातमक वाचिक औय भानशसक ककरमाओॊ ऩय ऩया तनमॊतरण यख तथा सभम-सभम ऩय उचित ताॊतरतरक परककरमाओॊ का बी सभनवम कयता यह| इस दतटट स तजस परकाय आसन ऩातरासादन अिमन आदद भ ककरमाओॊ का ववधान ह उसी परकाय उनक साथ कछ भदरा फनान का ववधान ह| म भदराएॊ भखम रऩ-स हाथ औय उसकी उॊगशरमो क परमोग स फनती ह| जस हभाया शयीय ऩॊिततवभम ह| अत शासतरकायो न कहा ह कक इन उॊगशरमो क परमोग स इन ततवो की नमनाचधकता दय की जा

अनतबोध चतनय दवारा सऩादित तरिदिवसीय मदराचचकितसा सि 46

सकती ह तथा ततवो की सभता-ववषभता स होनवारी कभी को उॊगशरमो की भदरा स सभ फनामा जा सकता ह| इतना ही नहीॊ ऐसी भदराओॊ क सहमोग स उन ततवो को सवचछाऩवमक घटामा-फढ़ामा बी जा सकता ह| म ततव करभश अॊगटठ भ अतनन तजमनी भ वाम भधमभा भ आकाश अनाशभका भ ऩथवी औय कतनतटठका भ जर क रऩ भ ववदमभान यहत ह| दवताओॊ की परसननता चितत की शवदध औय ववववध योगो क नाश भ भदराओॊ स फड़ी सहामता शभरती ह| भदराततव को सभझकय परतमक मोगी को इनका साधन कयना िादहए| कणडशरनी शततत क जागयण भ इन भदराओॊ स सहामता शभरती ह| महाॊ हभन तजन भदराओॊ का वणमन एवॊ चितरण ककमा ह उसभ परतमक मोगी साधक को ऩरयचित होना िादहए|

अनतबोध चतनय दवारा सऩादित तरिदिवसीय मदराचचकितसा सि 47

मोग अनसाय आसन औय पराणामाभ की तसथतत को भदरा कहा जाता ह फॊध ककरमा औय भदरा भ आसन औय पराणामाभ दोनो का ही कामम होता ह मोग भ भदराओॊ को आसन औय पराणामाभ स बी फढ़कय भाना जाता ह भदरा दो तयह की होती ह- ऩहरी हसत भदरा अथामत हाथो औय उसकी अॊगशरमो को ववशष आकतत भ फनाना औय दसयी आसन भदरा अथामत तजसभ ऩया शयीय ही सॊिाशरत होता ह

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अनतबोध चतनय दवारा सऩादित तरिदिवसीय मदराचचकितसा सि 35

सभता यखत हए कछ दय क शरए वविाय यदहत अवसथा भ यहन का परमास कय| अटटाॊग मोग (मभ तनमभ पराणामाभ परतमाहाय धायणा धमान औय सभाचध) क एक अॊग lsquoधमानrsquo की साधना भ मह भदरा ववशष रऩ स सहामक शसदध हई ह| ऱाभ - जो वमततत ऩदमासन नहीॊ कय सकत उनह धमान भदरा सखासन मा सवतसतक अथवा ऩारथी आसन भ कयना िादहए| मह सहज भदरा ह| सहज धमान भदरा को साधायण वमततत अचधक रमफ सभम तक सयरता स कय सकता ह| इसस धमान भदरा क राब बी शभर जात ह| धमान भदरा भ मदद हथशरमाॊ एक दसय ऩय यखन क फाद दोनो हथशरमाॊ ऻान भदरा की तसथतत भ यखी जाएॊ तो धमान भदरा तथा ऻान भदरा क सतमभशरत राब क साथ ऩदमासन क राब बी शभर जात ह| साधक क शरए धमान भदरा भ सभम की कोई सीभा नहीॊ ह| रककन सहजता क साथ ऩदमासन कयन की भता क अनरऩ धमान भदरा का अभमास कयना िादहए| साधायण वमततत को इस धीय-धीय फढ़ात हए कभ-स-कभ २० शभनट स एक घॊट तक कयना िादहए| धमान भदरा न कय सकन की अवसथा भ सहज धमान भदरा कयक राब उठाना िादहए| भन की िॊिरता शाॊत होकय चितत की एकागरता फढ़ती ह| साततवक वविायो की उतऩततत होती ह औय परब बजन भ भन रगता ह|

धमान क परबाव स साधक को धमान की उचितय तसथतत भ ऩहॊिन भ सहामता शभरती ह| आतभ साातकाय औय ईश वय क साातकाय भ मह भदरा सहामक ह|

28 शामभवी मदरा-

आॉख खरी हो रककन आऩ दख नहीॊ सकत ऐसी तसथतत जफ सध जाती ह तो उस शामबवी भदरा कहत ह ऐसी तसथतत भ आऩ नीॊद का भजा बी र सकत ह मह फहत कदठन साधना ह इसक ठीक उसटा कक जफ आॉख फॊद हो तफ आऩ दख

अनतबोध चतनय दवारा सऩादित तरिदिवसीय मदराचचकितसा सि 36

सकत ह मह बी फहत कदठन साधना ह रककन मह दोनो ही सॊबव ह असॊबव कछ बी नहीॊ फहत स ऐस ऩश औय ऩी ह जो आॉख खोरकय ही सोत ह ववचध- मदद आऩन तराटक ककमा ह मा आऩ तराटक क फाय भ जानत ह तो आऩ इस भदरा को कय सकत ह सवमपरथभ शसदधासन भ फठकय यीढ़-गदमन सीधी यखत हए ऩरको को तरफना झऩकाएॉ दखत यह रककन धमान ककसी बी िीज को दखन ऩय ना यख ददभाग तरफसकर बीतय कहीॊ रगा हो

ऱाभ- शामबवी भदरा को कयन स ददर औय ददभाग को शाॊतत शभरती ह मोगी का धमान ददर भ तसथय होन रगता ह आॉख खरी यखकय बी वमततत नीॊद औय धमान का आनॊद र सकता ह इसक सधन स वमततत बत औय बववटम का ऻाता फन सकता ह सऱाह- शामबवी भदरा ऩयी तयह स तबी शसदध हो सकती ह जफ आऩकी आॉख खरी हो ऩय व ककसी बी िीज को न दख यही हो ऐसा सभझ की आऩ ककसी धन भ जी यह हो आऩको खमार होगा कक कबी-कबी आऩ कहीॊ बी दख यह होत ह रककन आऩका धमान कहीॊ ओय यहता ह समय- इस भदरा को शरआत भ तजतनी दय हो सक कय औय फाद भ धीय-धीय इसका अभमास फढ़ात जाएॉ

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29 शकततचालऱनी मदरा- ववचध - आठ अॊगर रॊफा औय िाय अॊगर िौड़ा भरामभ वसतर रकय नाशब ऩय रगाएॊ औय कदटसतर भ फाॊध र| कपय शयीय भ बसभ यभाकय शसदधासन भ फठ औय पराण को अऩान स मतत कय| जफ तक गहम दवाय स िरती हई वाम परकाशशत न हो इस सभम तक गहम दवाय को सॊकचित यख| इसस वाम का जो तनयोध होता ह उसभ कमबक क दवाया कणडशरनी शततत जागरत होती हई सषमना भागम स ऊऩय जाकय खड़ी हो जाती ह| मोगभदरा स ऩहर इसका अभमास कयन ऩय ही मोतन भदरा की ऩणम शसवदध होती ह| ऱाभ - इस भदरा स कणडशरनी शततत का जागयण होता ह| जफ तक मह सोती ह तफ तक सबी आॊतरयक शतततमाॊ सपत ऩड़ी यहती ह| इसशरए कणडशरनी का जागरत होना साधक क शरए फहत आवशमक ह| पराण-अऩान को सॊमतत कयन की ककरमा पराणवाम को ऩयक दवाया बीतय खीॊिन औय उडडीमान फॊध स अऩान वाम को ऊऩय की ओय आकवषमत कयन स ऩणम होती ह| इसभ गहम परदश क सॊकोि औय ववसताय का अभमास होन स अचधक सयरता हो सकती ह| 30 तड़ागी मदरा- ववचध - दोनो ऩाॊवो को दणड क सभान धयती ऩय ऩसाय र औय हाथो स उनक अॊगठो को ऩकड़न तथा दोनो जाॊघो ऩय शसय को सथावऩत कय साथ ही उदय को तड़ाग (सयोवय) क सभान कय र| ऱाभ - मह भदरा अनक योगो औय वदधावसथा को बी दय कयन भ सहामक शसदध होती ह|

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31 माणडवी मदरा- ववचध - भख को फॊद कयक जफान को तार भ घभाएॊ औय सहसराय स टऩकत हए सधायस को जफान स धीय-धीय ऩीन का मतन कय| मही भाणडवी (मा भाणडकी) भदरा ह| ऱाभ - इसक दवाया फारो की सपदी उनका झड़ना शयीय ऩय झरयममो भॊहासो आदद का ऩड़ना तथा तनफमरता आदद दय होकय चिय-मौवन की परातपत होती ह| इसस यसोतऩादन होकय अभततव की उऩरतबध होना सॊबव हो जाता ह| 32 ऩालशनी मदरा ववचध- दोनो ऩाॊवो को कॊ ठ क ऩीछ की ओय र जाकय उनह ऩयसऩय शभराएॊ औय ऩाश क सभान दढ़ता स फाॊध र| ऱाभ - इसक अभमास स बी कणडशरनी शततत क जागयण भ फहत सगभता हो जाती ह तथा साधक क शयीय भ फर औय ऩतटट का आववबामव होता ह| भानशसक फरवदधमन भ बी मह फहत दहतकय ह| 33 िािी मदरा-

काक कौए को कहत ह कौए की िोि जसी भॊह की भदरा फना रन को काकी भदरा कहा जाता ह ववचध ककसी बी आसन भ फठकय होठो को ऩतरी सी नरी क सभान भोड़कय कौए की िोि जसा फना र अफ नाक क अगर बाग को दखत हए अऩना ऩया धमान नाक ऩय दटका द इसक फाद भॊह स धीय-धीय गहयी शवास रकय होठो को फॊद कय द कछ दय फाद शवास को नाक स फाहय तनकार द इस तयह स 10

अनतबोध चतनय दवारा सऩादित तरिदिवसीय मदराचचकितसा सि 39

शभनट तक कय ऱाभ मह भदरा जहाॊ शयीय भ ठॊडक फढ़ाती ह वहीॊ मह कई योगो को दय कयन भ राबदामक ह इस भदरा का तनयॊतय अभमास कयन स शयीय भ अॊदय बोजन ऩिान की ककरमा तज हो जाती ह इसस अमरवऩतत का फढ़ना कभ हो जाता ह

34 मातचगनी मदरा-

भातॊग का अथम होता ह भघ भाॊ दगाम का एक रऩ ह भातॊगी मह दस भहाववदमा भ स नौवीॊ ववदमा ह भातॊग नाभ स एक धमान होता ह भॊतर होता ह औय एक हाथी का नाभ बी भातॊग ह ऋवष वशशटठ की ऩतनी का एक नाभ बी भातॊगी ह ऋवष कशमऩ की ऩतरी का नाभ बी भातॊगी ह तजसस हाथी उतऩनन हए थ ववचध शाॊत जगह भ ऩानी क अॊदय गर तक शयीय को डफो र औय कपय नाक स ऩानी को खीॊिकय उस भॊह स तनकार र कपय भॊह स ऩानी को खीॊिकय नाक स फाहय तनकार द इस ककरमा को ही भातॊचगनी भदरा कहत ह ऱाभ इस भदरा क अभमास स आॊखो की योशनी तज हो जाती ह शसय ददम भ मह भदरा अतमॊत राबकायी भानी जाती ह इसस नजरा-जकाभ आदद क योग बी दय हो जात ह इस भदरा क तनयॊतय अभमास स िहय ऩय िभक आ जाती ह औय फार बी सपद नहीॊ होत ह इस भदरा क शसदध हो जान ऩय वमततत भ ताकत फढ़ जाती ह

35 नभोमदरा

नब का अथम होता ह आकाश इस भदरा भ जीब को तार की ओय रगात ह इसीशरए इस नबोभदरा कहत ह नबोभदरा कयना सयर नहीॊ ह इस ककसी मोग

अनतबोध चतनय दवारा सऩादित तरिदिवसीय मदराचचकितसा सि 40

शशक स सीखकय ही कयना िादहए मह भदरा फहत स योगो भ राबदामक शसदध हई ह इस फाय भ एक शरोक बी ह- मतर मतर तसथतो मोगी सवमकामष सवमदा उधवमतजवह तसथयो बतवाधायमतभवनॊ सदा नबोभदरा भवदषा मोदववना योग नाशशनी अथामत साय कामो भ तसथय हआ चितत अऩनी जीब क अगर बाग को भॊह क अॊदय तार भ रगाकय शवास को अॊदय योक रता ह इस तसथतत स विारयक गततववचधमाॊ ततकार फॊद हो जाती ह इसीशरए इस भदरा को यहसम का आबास ददरान वारी भदरा बी कहा जाता ह ववचध- अऩनी आॊखो को अऩनी दोनो बौहो क फीि भ जभाकय आऩकी जीब तार क साथ रगा र मह दोनो कामम एक ही साथ औय एक ही सभम भ कय सववधानसाय जफ तक सॊबव हो इसी तसथतत भ यह औय कपय कछ शभनट का धमान कय ऱाभ- नबोभदरा क तनयॊतय अभमास स जीब गर औय आॊखो क साय योग सभापत हो जात ह इसस भतसतटक भ तसथयता फढ़ती ह औय भतसतटक क योग बी दय हो जात ह

36 नालसिागर मदरा -

नाशसकागर भदरा का अथम होता ह नाक का आखखयी छोय ऊऩयी दहससा मा अगरबाग इस बाग ऩय फायी-फायी स सॊतरन फनान हए दखना ही नाकककागर भदरा मोग कहराता ह रककन मह भदरा कयन स ऩहर मोग शशक की सराह जरय र तमोकक इसक कयन स बकटी ऩय जोय ऩड़ता ह

अनतबोध चतनय दवारा सऩादित तरिदिवसीय मदराचचकितसा सि 41

ववचध- ककसी बी आसन भ फठकय नाक क आखखयी शसय ऩय नजय दटका र हो सकता ह कक ऩहर आऩ फाई आॊखो स उस दख ऩाएॊ तफ कछ दय फाद दाई आॊखो स दख इस दखन भ जया बी तनाव न हो सहजता स इस दख

ऱाभ- इसस जहाॊ आॊखो की एतसयसाइज होती ह वहीॊ मह भतसतटक क शरए बी राबदामक ह इसस भन भ एकागरता फढ़ती ह इस भदरा क रगाताय अभमास कयन स भराधाय िकर जागरत होन रगता ह तजसस कणडरीनी जागयण भ भदद शभरती ह इसस भराधाय िकर इसशरए जागरत होता ह तमोकक दोनो आॊखो क फीि ही तसथत ह इड़ा वऩ ॊगरा औय सषमना नाड़ी जो भराधाय तक गई ह समय- इस भदरा को इतनी दय तक कयना िादहए कक आॊखो ऩय इसका जमादा दफाव नहीॊ ऩड़ कपय धीय-धीय इस कयन का सभम फढ़ात जाएॊ

37 बरहम आसन मदरा-

कछ रोग इस बरहभा भदरा बी कहत ह तमोकक इस आसन भ गदमन को िाय ददशा भ घभामा जाता ह औय बरहभाजी क िाय भख थ इसीशरए इसका नाभ बरहभा भदरा आसन यखा गमा रककन असर भ मह बरहभ भदरा आसन ह औय इसभ सबी ददशाओॊ भ तसथत ऩयभशवय को जानकय उसका चिॊतन ककमा जाता ह नभाज ऩढ़त वतत मा सॊधमा वॊदन कयत वतत उतत भदरासन को ककमा जाता यहा ह ववचध- ऩदमासन शसदधासन मा वजरासन भ फठकय कभय तथा गदमन को सीधा यखत हए गदमन को धीय-धीय दामीॊ ओय र जात ह कछ सकॊ ड दामीॊ ओय रकत ह उसक फाद गदमन को धीय-धीय फामीॊ ओय र जात ह कछ सकॊ ड तक फामीॊ ओय रककय कपय दामीॊ ओय र जात ह कपय वाऩस आन क फाद गदमन को ऊऩय की ओय र जात ह उसक फाद नीि की तयप र जात ह कपय गदमन को तराकवाइज

अनतबोध चतनय दवारा सऩादित तरिदिवसीय मदराचचकितसा सि 42

औय एॊटीतराकवाइज घभाएॉ इस तयह मह एक िकर ऩया हआ अऩनी सववधानसाय इस िाय स ऩाॉि िकरो भ कय सकत ह

ऱाभ तजन रोगो को सवामइकर सऩोडराइदटस थाइयाइड नराॊटस की शशकामत ह उनक शरए मह आसन राबदामक ह इसस गदमन की भाॉसऩशशमाॉ रिीरी तथा भजफत होती ह आधमाततभक दतटट स बी मह आसन राबदामक ह आरसम बी कभ होता जाता ह तथा फदरत भौसभ क सदी-जकाभ औय खाॉसी स छटकाया बी शभरता ह

सावधाननया तजनह सवामइकर सऩोडराइदटस मा थाइयाइड की सभसमा ह व ठोडी को ऊऩय की ओय दफाएॉ गदमन को नीि की ओय र जात सभम कॊ ध न झकाएॉ कभय गदमन औय कॊ ध सीध यख गदमन मा गर भ कोई गॊबीय योग हो तो मोग चिककतसक की सराह स ही मह भदराआसन कय

38 भजचगनी मदरा- ववचध- इसभ भख को पराकय कॊ ठ स फाहयी वाम खीॊिी जाती ह| तार औय तजहवा क भधम वाम क घभन स शयीय भ अदभत शततत का आववबामव होता ह|

ऱाभ- मह भदरा अजीणम आदद उदय योगो को नटट कयन भ बी फहत उऩमोगी ह| इस परकाय भदराओॊ क अभमास स साधक को सफ परकाय क शायीरयक भानशसक औय आततभक फर की परातपत होती ह| मोगािामो क अनसाय lsquoनातसत भदरासनककॊ चित शसवदधदॊकषततभणडर (घयणड सॊदहता)rsquo अथामत भदराओॊ क सभान शसवदधदामक कोई अनम साधन ब-भॊडर ऩय नहीॊ ह| इसशरए मोगशसवदध क आकाॊीजनो को भदराओॊ का अभमास कयना शरमसकय ह|

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39 खचरी मदरा-

भनटम की जीब (तजहवा) दो तयह की होती ह- रॊफी औय छोटी रॊफी जीब को सऩमतजहवा कहत ह कछ रोगो की जीब रॊफी होन स व उस आसानी स नाशसकागर ऩय रगा सकत ह औय खियी-भदरा कय सकत ह भगय तजसकी जीब छोटी होती ह उस तकरीपो का साभना कयना ऩड़ता ह सफस ऩहर उनह अऩनी जीब रॊफी कयनी ऩड़ती ह औय उसक शरए घषमण व दोहन का सहाया रना ऩड़ता ह जीब नीि की ओय स तजस नाड़ी स जड़ी होती ह उस काटना ऩड़ता ह खियी भदरा को शसदध कयन एवॊ अभत क सराव हत आवशमक उददीऩन भ कछ वषम बी रग सकत ह मह वमततत की मोनमता ऩय बी तनबमय कयता ह मोग भ कछ भदराएॊ ऐसी ह तजनह शसपम मोगी ही कयत ह साभानमजनो को इनह नहीॊ कयना िादहए खियी भदरा साधको क शरए भानी गई ह ववचध - इसक शरए जीब औय तार को जोड़न वार भाॊस-तॊत को धीय-धीय काटा जाता ह अथामत एक ददन जौ बय काटकय छोड़ ददमा जाता ह कपय तीन-िाय ददन फाद थोड़ा-सा औय काट ददमा जाता ह इस परकाय थोड़ा-थोड़ा काटन स उस सथान की यतत शशयाएॊ अऩना सथान बीतय की तयप फनाती जाती ह जीब को काटन क साथ ही परततददन धीय-धीय फाहय की तयप खीॊिन का अभमास ककमा जाता ह इसका अभमास कयन स कछ भहीनो भ जीब इतनी रॊफी हो जाती ह कक मदद उस ऊऩय की तयप रौटा (उसटा कयन) ददमा जाए तो वह शवास जान वार छदो को बीतय स फॊद कय दती ह इसस सभाचध क सभम शवास का आना-जाना ऩणमत योक ददमा जाता ह ऱाभ इस भदरा स पराणामाभ को शसदध कयन औय साभचध रगान भ ववशष सहामता शभरती ह साधनायत साधओॊ क शरए मह भदरा फहत ही राबदामी भानी

अनतबोध चतनय दवारा सऩादित तरिदिवसीय मदराचचकितसा सि 44

जाती ह ववशषता तनयॊतय अभमास कयत यहन स तजफ जफ रॊफी हो जाती ह तफ उस नाशसका यनरो भ परवश कयामा जा सकता ह इस परकाय धमान रगान स कऩार भागम एवॊ तरफ ॊद ववसगम स सॊफॊचधत कछ गरॊचथमो भ उददीऩन होता ह तजसक ऩरयणाभसवरऩ अभत का सराव आयॊब होता ह उसी अभत का सराव होत वतत एक ववशष परकाय का आधमाततभक अनबव होता ह इस अनबव स शसवदध औय सभाचध भ तजी स परगतत होती ह चतावनी मह आरख शसपम जानकायी हत ह कोई बी वमततत इस ऩढ़कय कयन का परमास न कय तमोकक मह शसपम साधको क शरए ह आभ रोगो क शरए नहीॊ

40 अकzwj वनी मदरा- इस भदरा स साधक भ घोड़ो जसी शततत आ जाती ह तजस lsquoहॉसम ऩॉवयrsquo कहत ह|

ववचध - इस भदरा भ गदा-दवाय का फाय-फाय सॊकोिन औय परसाय ककमा जाता ह| इसी स भदरा की शसवदध हो जाती ह| इसक दवाया कणडशरनी जागयण भ सगभता यहती ह औय अनक योग नटट होकय शायीरयक फर की ववदध होती ह|

ऱाभ - अतश वनी भदरा शसदध होन स साधक की अकारभतम कबी नहीॊ होती| गदा औय उदय स सॊफॊचधत योगो का इसक दवाया शभन होता ह तथा दीघमजीवन की उऩरतबध होती ह| तरफना भरफॊध क अतश वनी भदरा नहीॊ हो सकती| 41 बजरौऱी मदरा- फजरौरी भदरा बी भरफॊध का अचछा अभमास ककए तरफना ककसी परकाय सॊबव नहीॊ ह| मह भदरा कवर मोगी क शरए ही नहीॊ बोगी क शरए बी अतमॊत राबकायी ह|

अनतबोध चतनय दवारा सऩादित तरिदिवसीय मदराचचकितसा सि 45

ववचध - इस भदरा भ ऩहर दोनो ऩाॊवो को बशभ ऩय दढ़ताऩवमक दटकाकय दोनो ऩाॊवो को धीय-धीय दढ़ताऩवमक ऊऩय आकाश भ उठा द| इसस तरफॊद-शसवदध होती ह| शकर को धीय-धीय ऊऩय की आकॊ िन कय अथामत इॊददरम क आॊकिन क दवाया वीमम को ऊऩय की ओय खीॊिन का अभमास कय तो मह भदरा शसदध होती ह| ववदवानो का भत ह कक इस भदरा क अभमास भ सतरी का होना आवशमक ह तमोकक बग भ ऩततत होता हआ शकर ऊऩय की ओय खीॊि र तो यज औय वीमम दोनो ही िढ़ जात ह| मह ककरमा अभमास स ही शसदध होती ह| कछ मोगािामम इस परकाय का अभमास शकर क सथान ऩय दनध स कयना फतात ह| जफ दनध खीॊिन का अभमास शसदध हो जाए तफ शकर को खीॊिन का अभमास कयना िादहए| वीमम को ऊऩय खीॊिनवारा मोगी ही ऊधवमयता कहराता ह| ऱाभ - इस भदरा स शयीय रटट-ऩटट तजसवी सॊदय सडौर औय जया-भतम यदहत होता ह| शयीय क सबी अवमव दढ़ होकय भन भ तनश िरता की परातपत होती ह| इसका अभमास अचधक कदठन नहीॊ ह| मदद गहसथ बी इसक कय तो फरवदधमन औय सौदममवदधमन का ऩया राब परापत कय सकत ह चतावनी मह आरख शसपम जानकायी हत ह कोई बी वमततत इस ऩढ़कय कयन का परमास न कय तमोकक मह शसपम साधको क शरए ह आभ रोगो क शरए नहीॊ

साधना कयनवार वमततत क शरए मह आवशमक ह कक वह साधना भ कातमक वाचिक औय भानशसक ककरमाओॊ ऩय ऩया तनमॊतरण यख तथा सभम-सभम ऩय उचित ताॊतरतरक परककरमाओॊ का बी सभनवम कयता यह| इस दतटट स तजस परकाय आसन ऩातरासादन अिमन आदद भ ककरमाओॊ का ववधान ह उसी परकाय उनक साथ कछ भदरा फनान का ववधान ह| म भदराएॊ भखम रऩ-स हाथ औय उसकी उॊगशरमो क परमोग स फनती ह| जस हभाया शयीय ऩॊिततवभम ह| अत शासतरकायो न कहा ह कक इन उॊगशरमो क परमोग स इन ततवो की नमनाचधकता दय की जा

अनतबोध चतनय दवारा सऩादित तरिदिवसीय मदराचचकितसा सि 46

सकती ह तथा ततवो की सभता-ववषभता स होनवारी कभी को उॊगशरमो की भदरा स सभ फनामा जा सकता ह| इतना ही नहीॊ ऐसी भदराओॊ क सहमोग स उन ततवो को सवचछाऩवमक घटामा-फढ़ामा बी जा सकता ह| म ततव करभश अॊगटठ भ अतनन तजमनी भ वाम भधमभा भ आकाश अनाशभका भ ऩथवी औय कतनतटठका भ जर क रऩ भ ववदमभान यहत ह| दवताओॊ की परसननता चितत की शवदध औय ववववध योगो क नाश भ भदराओॊ स फड़ी सहामता शभरती ह| भदराततव को सभझकय परतमक मोगी को इनका साधन कयना िादहए| कणडशरनी शततत क जागयण भ इन भदराओॊ स सहामता शभरती ह| महाॊ हभन तजन भदराओॊ का वणमन एवॊ चितरण ककमा ह उसभ परतमक मोगी साधक को ऩरयचित होना िादहए|

अनतबोध चतनय दवारा सऩादित तरिदिवसीय मदराचचकितसा सि 47

मोग अनसाय आसन औय पराणामाभ की तसथतत को भदरा कहा जाता ह फॊध ककरमा औय भदरा भ आसन औय पराणामाभ दोनो का ही कामम होता ह मोग भ भदराओॊ को आसन औय पराणामाभ स बी फढ़कय भाना जाता ह भदरा दो तयह की होती ह- ऩहरी हसत भदरा अथामत हाथो औय उसकी अॊगशरमो को ववशष आकतत भ फनाना औय दसयी आसन भदरा अथामत तजसभ ऩया शयीय ही सॊिाशरत होता ह

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अनतबोध चतनय दवारा सऩादित तरिदिवसीय मदराचचकितसा सि 36

सकत ह मह बी फहत कदठन साधना ह रककन मह दोनो ही सॊबव ह असॊबव कछ बी नहीॊ फहत स ऐस ऩश औय ऩी ह जो आॉख खोरकय ही सोत ह ववचध- मदद आऩन तराटक ककमा ह मा आऩ तराटक क फाय भ जानत ह तो आऩ इस भदरा को कय सकत ह सवमपरथभ शसदधासन भ फठकय यीढ़-गदमन सीधी यखत हए ऩरको को तरफना झऩकाएॉ दखत यह रककन धमान ककसी बी िीज को दखन ऩय ना यख ददभाग तरफसकर बीतय कहीॊ रगा हो

ऱाभ- शामबवी भदरा को कयन स ददर औय ददभाग को शाॊतत शभरती ह मोगी का धमान ददर भ तसथय होन रगता ह आॉख खरी यखकय बी वमततत नीॊद औय धमान का आनॊद र सकता ह इसक सधन स वमततत बत औय बववटम का ऻाता फन सकता ह सऱाह- शामबवी भदरा ऩयी तयह स तबी शसदध हो सकती ह जफ आऩकी आॉख खरी हो ऩय व ककसी बी िीज को न दख यही हो ऐसा सभझ की आऩ ककसी धन भ जी यह हो आऩको खमार होगा कक कबी-कबी आऩ कहीॊ बी दख यह होत ह रककन आऩका धमान कहीॊ ओय यहता ह समय- इस भदरा को शरआत भ तजतनी दय हो सक कय औय फाद भ धीय-धीय इसका अभमास फढ़ात जाएॉ

अनतबोध चतनय दवारा सऩादित तरिदिवसीय मदराचचकितसा सि 37

29 शकततचालऱनी मदरा- ववचध - आठ अॊगर रॊफा औय िाय अॊगर िौड़ा भरामभ वसतर रकय नाशब ऩय रगाएॊ औय कदटसतर भ फाॊध र| कपय शयीय भ बसभ यभाकय शसदधासन भ फठ औय पराण को अऩान स मतत कय| जफ तक गहम दवाय स िरती हई वाम परकाशशत न हो इस सभम तक गहम दवाय को सॊकचित यख| इसस वाम का जो तनयोध होता ह उसभ कमबक क दवाया कणडशरनी शततत जागरत होती हई सषमना भागम स ऊऩय जाकय खड़ी हो जाती ह| मोगभदरा स ऩहर इसका अभमास कयन ऩय ही मोतन भदरा की ऩणम शसवदध होती ह| ऱाभ - इस भदरा स कणडशरनी शततत का जागयण होता ह| जफ तक मह सोती ह तफ तक सबी आॊतरयक शतततमाॊ सपत ऩड़ी यहती ह| इसशरए कणडशरनी का जागरत होना साधक क शरए फहत आवशमक ह| पराण-अऩान को सॊमतत कयन की ककरमा पराणवाम को ऩयक दवाया बीतय खीॊिन औय उडडीमान फॊध स अऩान वाम को ऊऩय की ओय आकवषमत कयन स ऩणम होती ह| इसभ गहम परदश क सॊकोि औय ववसताय का अभमास होन स अचधक सयरता हो सकती ह| 30 तड़ागी मदरा- ववचध - दोनो ऩाॊवो को दणड क सभान धयती ऩय ऩसाय र औय हाथो स उनक अॊगठो को ऩकड़न तथा दोनो जाॊघो ऩय शसय को सथावऩत कय साथ ही उदय को तड़ाग (सयोवय) क सभान कय र| ऱाभ - मह भदरा अनक योगो औय वदधावसथा को बी दय कयन भ सहामक शसदध होती ह|

अनतबोध चतनय दवारा सऩादित तरिदिवसीय मदराचचकितसा सि 38

31 माणडवी मदरा- ववचध - भख को फॊद कयक जफान को तार भ घभाएॊ औय सहसराय स टऩकत हए सधायस को जफान स धीय-धीय ऩीन का मतन कय| मही भाणडवी (मा भाणडकी) भदरा ह| ऱाभ - इसक दवाया फारो की सपदी उनका झड़ना शयीय ऩय झरयममो भॊहासो आदद का ऩड़ना तथा तनफमरता आदद दय होकय चिय-मौवन की परातपत होती ह| इसस यसोतऩादन होकय अभततव की उऩरतबध होना सॊबव हो जाता ह| 32 ऩालशनी मदरा ववचध- दोनो ऩाॊवो को कॊ ठ क ऩीछ की ओय र जाकय उनह ऩयसऩय शभराएॊ औय ऩाश क सभान दढ़ता स फाॊध र| ऱाभ - इसक अभमास स बी कणडशरनी शततत क जागयण भ फहत सगभता हो जाती ह तथा साधक क शयीय भ फर औय ऩतटट का आववबामव होता ह| भानशसक फरवदधमन भ बी मह फहत दहतकय ह| 33 िािी मदरा-

काक कौए को कहत ह कौए की िोि जसी भॊह की भदरा फना रन को काकी भदरा कहा जाता ह ववचध ककसी बी आसन भ फठकय होठो को ऩतरी सी नरी क सभान भोड़कय कौए की िोि जसा फना र अफ नाक क अगर बाग को दखत हए अऩना ऩया धमान नाक ऩय दटका द इसक फाद भॊह स धीय-धीय गहयी शवास रकय होठो को फॊद कय द कछ दय फाद शवास को नाक स फाहय तनकार द इस तयह स 10

अनतबोध चतनय दवारा सऩादित तरिदिवसीय मदराचचकितसा सि 39

शभनट तक कय ऱाभ मह भदरा जहाॊ शयीय भ ठॊडक फढ़ाती ह वहीॊ मह कई योगो को दय कयन भ राबदामक ह इस भदरा का तनयॊतय अभमास कयन स शयीय भ अॊदय बोजन ऩिान की ककरमा तज हो जाती ह इसस अमरवऩतत का फढ़ना कभ हो जाता ह

34 मातचगनी मदरा-

भातॊग का अथम होता ह भघ भाॊ दगाम का एक रऩ ह भातॊगी मह दस भहाववदमा भ स नौवीॊ ववदमा ह भातॊग नाभ स एक धमान होता ह भॊतर होता ह औय एक हाथी का नाभ बी भातॊग ह ऋवष वशशटठ की ऩतनी का एक नाभ बी भातॊगी ह ऋवष कशमऩ की ऩतरी का नाभ बी भातॊगी ह तजसस हाथी उतऩनन हए थ ववचध शाॊत जगह भ ऩानी क अॊदय गर तक शयीय को डफो र औय कपय नाक स ऩानी को खीॊिकय उस भॊह स तनकार र कपय भॊह स ऩानी को खीॊिकय नाक स फाहय तनकार द इस ककरमा को ही भातॊचगनी भदरा कहत ह ऱाभ इस भदरा क अभमास स आॊखो की योशनी तज हो जाती ह शसय ददम भ मह भदरा अतमॊत राबकायी भानी जाती ह इसस नजरा-जकाभ आदद क योग बी दय हो जात ह इस भदरा क तनयॊतय अभमास स िहय ऩय िभक आ जाती ह औय फार बी सपद नहीॊ होत ह इस भदरा क शसदध हो जान ऩय वमततत भ ताकत फढ़ जाती ह

35 नभोमदरा

नब का अथम होता ह आकाश इस भदरा भ जीब को तार की ओय रगात ह इसीशरए इस नबोभदरा कहत ह नबोभदरा कयना सयर नहीॊ ह इस ककसी मोग

अनतबोध चतनय दवारा सऩादित तरिदिवसीय मदराचचकितसा सि 40

शशक स सीखकय ही कयना िादहए मह भदरा फहत स योगो भ राबदामक शसदध हई ह इस फाय भ एक शरोक बी ह- मतर मतर तसथतो मोगी सवमकामष सवमदा उधवमतजवह तसथयो बतवाधायमतभवनॊ सदा नबोभदरा भवदषा मोदववना योग नाशशनी अथामत साय कामो भ तसथय हआ चितत अऩनी जीब क अगर बाग को भॊह क अॊदय तार भ रगाकय शवास को अॊदय योक रता ह इस तसथतत स विारयक गततववचधमाॊ ततकार फॊद हो जाती ह इसीशरए इस भदरा को यहसम का आबास ददरान वारी भदरा बी कहा जाता ह ववचध- अऩनी आॊखो को अऩनी दोनो बौहो क फीि भ जभाकय आऩकी जीब तार क साथ रगा र मह दोनो कामम एक ही साथ औय एक ही सभम भ कय सववधानसाय जफ तक सॊबव हो इसी तसथतत भ यह औय कपय कछ शभनट का धमान कय ऱाभ- नबोभदरा क तनयॊतय अभमास स जीब गर औय आॊखो क साय योग सभापत हो जात ह इसस भतसतटक भ तसथयता फढ़ती ह औय भतसतटक क योग बी दय हो जात ह

36 नालसिागर मदरा -

नाशसकागर भदरा का अथम होता ह नाक का आखखयी छोय ऊऩयी दहससा मा अगरबाग इस बाग ऩय फायी-फायी स सॊतरन फनान हए दखना ही नाकककागर भदरा मोग कहराता ह रककन मह भदरा कयन स ऩहर मोग शशक की सराह जरय र तमोकक इसक कयन स बकटी ऩय जोय ऩड़ता ह

अनतबोध चतनय दवारा सऩादित तरिदिवसीय मदराचचकितसा सि 41

ववचध- ककसी बी आसन भ फठकय नाक क आखखयी शसय ऩय नजय दटका र हो सकता ह कक ऩहर आऩ फाई आॊखो स उस दख ऩाएॊ तफ कछ दय फाद दाई आॊखो स दख इस दखन भ जया बी तनाव न हो सहजता स इस दख

ऱाभ- इसस जहाॊ आॊखो की एतसयसाइज होती ह वहीॊ मह भतसतटक क शरए बी राबदामक ह इसस भन भ एकागरता फढ़ती ह इस भदरा क रगाताय अभमास कयन स भराधाय िकर जागरत होन रगता ह तजसस कणडरीनी जागयण भ भदद शभरती ह इसस भराधाय िकर इसशरए जागरत होता ह तमोकक दोनो आॊखो क फीि ही तसथत ह इड़ा वऩ ॊगरा औय सषमना नाड़ी जो भराधाय तक गई ह समय- इस भदरा को इतनी दय तक कयना िादहए कक आॊखो ऩय इसका जमादा दफाव नहीॊ ऩड़ कपय धीय-धीय इस कयन का सभम फढ़ात जाएॊ

37 बरहम आसन मदरा-

कछ रोग इस बरहभा भदरा बी कहत ह तमोकक इस आसन भ गदमन को िाय ददशा भ घभामा जाता ह औय बरहभाजी क िाय भख थ इसीशरए इसका नाभ बरहभा भदरा आसन यखा गमा रककन असर भ मह बरहभ भदरा आसन ह औय इसभ सबी ददशाओॊ भ तसथत ऩयभशवय को जानकय उसका चिॊतन ककमा जाता ह नभाज ऩढ़त वतत मा सॊधमा वॊदन कयत वतत उतत भदरासन को ककमा जाता यहा ह ववचध- ऩदमासन शसदधासन मा वजरासन भ फठकय कभय तथा गदमन को सीधा यखत हए गदमन को धीय-धीय दामीॊ ओय र जात ह कछ सकॊ ड दामीॊ ओय रकत ह उसक फाद गदमन को धीय-धीय फामीॊ ओय र जात ह कछ सकॊ ड तक फामीॊ ओय रककय कपय दामीॊ ओय र जात ह कपय वाऩस आन क फाद गदमन को ऊऩय की ओय र जात ह उसक फाद नीि की तयप र जात ह कपय गदमन को तराकवाइज

अनतबोध चतनय दवारा सऩादित तरिदिवसीय मदराचचकितसा सि 42

औय एॊटीतराकवाइज घभाएॉ इस तयह मह एक िकर ऩया हआ अऩनी सववधानसाय इस िाय स ऩाॉि िकरो भ कय सकत ह

ऱाभ तजन रोगो को सवामइकर सऩोडराइदटस थाइयाइड नराॊटस की शशकामत ह उनक शरए मह आसन राबदामक ह इसस गदमन की भाॉसऩशशमाॉ रिीरी तथा भजफत होती ह आधमाततभक दतटट स बी मह आसन राबदामक ह आरसम बी कभ होता जाता ह तथा फदरत भौसभ क सदी-जकाभ औय खाॉसी स छटकाया बी शभरता ह

सावधाननया तजनह सवामइकर सऩोडराइदटस मा थाइयाइड की सभसमा ह व ठोडी को ऊऩय की ओय दफाएॉ गदमन को नीि की ओय र जात सभम कॊ ध न झकाएॉ कभय गदमन औय कॊ ध सीध यख गदमन मा गर भ कोई गॊबीय योग हो तो मोग चिककतसक की सराह स ही मह भदराआसन कय

38 भजचगनी मदरा- ववचध- इसभ भख को पराकय कॊ ठ स फाहयी वाम खीॊिी जाती ह| तार औय तजहवा क भधम वाम क घभन स शयीय भ अदभत शततत का आववबामव होता ह|

ऱाभ- मह भदरा अजीणम आदद उदय योगो को नटट कयन भ बी फहत उऩमोगी ह| इस परकाय भदराओॊ क अभमास स साधक को सफ परकाय क शायीरयक भानशसक औय आततभक फर की परातपत होती ह| मोगािामो क अनसाय lsquoनातसत भदरासनककॊ चित शसवदधदॊकषततभणडर (घयणड सॊदहता)rsquo अथामत भदराओॊ क सभान शसवदधदामक कोई अनम साधन ब-भॊडर ऩय नहीॊ ह| इसशरए मोगशसवदध क आकाॊीजनो को भदराओॊ का अभमास कयना शरमसकय ह|

अनतबोध चतनय दवारा सऩादित तरिदिवसीय मदराचचकितसा सि 43

39 खचरी मदरा-

भनटम की जीब (तजहवा) दो तयह की होती ह- रॊफी औय छोटी रॊफी जीब को सऩमतजहवा कहत ह कछ रोगो की जीब रॊफी होन स व उस आसानी स नाशसकागर ऩय रगा सकत ह औय खियी-भदरा कय सकत ह भगय तजसकी जीब छोटी होती ह उस तकरीपो का साभना कयना ऩड़ता ह सफस ऩहर उनह अऩनी जीब रॊफी कयनी ऩड़ती ह औय उसक शरए घषमण व दोहन का सहाया रना ऩड़ता ह जीब नीि की ओय स तजस नाड़ी स जड़ी होती ह उस काटना ऩड़ता ह खियी भदरा को शसदध कयन एवॊ अभत क सराव हत आवशमक उददीऩन भ कछ वषम बी रग सकत ह मह वमततत की मोनमता ऩय बी तनबमय कयता ह मोग भ कछ भदराएॊ ऐसी ह तजनह शसपम मोगी ही कयत ह साभानमजनो को इनह नहीॊ कयना िादहए खियी भदरा साधको क शरए भानी गई ह ववचध - इसक शरए जीब औय तार को जोड़न वार भाॊस-तॊत को धीय-धीय काटा जाता ह अथामत एक ददन जौ बय काटकय छोड़ ददमा जाता ह कपय तीन-िाय ददन फाद थोड़ा-सा औय काट ददमा जाता ह इस परकाय थोड़ा-थोड़ा काटन स उस सथान की यतत शशयाएॊ अऩना सथान बीतय की तयप फनाती जाती ह जीब को काटन क साथ ही परततददन धीय-धीय फाहय की तयप खीॊिन का अभमास ककमा जाता ह इसका अभमास कयन स कछ भहीनो भ जीब इतनी रॊफी हो जाती ह कक मदद उस ऊऩय की तयप रौटा (उसटा कयन) ददमा जाए तो वह शवास जान वार छदो को बीतय स फॊद कय दती ह इसस सभाचध क सभम शवास का आना-जाना ऩणमत योक ददमा जाता ह ऱाभ इस भदरा स पराणामाभ को शसदध कयन औय साभचध रगान भ ववशष सहामता शभरती ह साधनायत साधओॊ क शरए मह भदरा फहत ही राबदामी भानी

अनतबोध चतनय दवारा सऩादित तरिदिवसीय मदराचचकितसा सि 44

जाती ह ववशषता तनयॊतय अभमास कयत यहन स तजफ जफ रॊफी हो जाती ह तफ उस नाशसका यनरो भ परवश कयामा जा सकता ह इस परकाय धमान रगान स कऩार भागम एवॊ तरफ ॊद ववसगम स सॊफॊचधत कछ गरॊचथमो भ उददीऩन होता ह तजसक ऩरयणाभसवरऩ अभत का सराव आयॊब होता ह उसी अभत का सराव होत वतत एक ववशष परकाय का आधमाततभक अनबव होता ह इस अनबव स शसवदध औय सभाचध भ तजी स परगतत होती ह चतावनी मह आरख शसपम जानकायी हत ह कोई बी वमततत इस ऩढ़कय कयन का परमास न कय तमोकक मह शसपम साधको क शरए ह आभ रोगो क शरए नहीॊ

40 अकzwj वनी मदरा- इस भदरा स साधक भ घोड़ो जसी शततत आ जाती ह तजस lsquoहॉसम ऩॉवयrsquo कहत ह|

ववचध - इस भदरा भ गदा-दवाय का फाय-फाय सॊकोिन औय परसाय ककमा जाता ह| इसी स भदरा की शसवदध हो जाती ह| इसक दवाया कणडशरनी जागयण भ सगभता यहती ह औय अनक योग नटट होकय शायीरयक फर की ववदध होती ह|

ऱाभ - अतश वनी भदरा शसदध होन स साधक की अकारभतम कबी नहीॊ होती| गदा औय उदय स सॊफॊचधत योगो का इसक दवाया शभन होता ह तथा दीघमजीवन की उऩरतबध होती ह| तरफना भरफॊध क अतश वनी भदरा नहीॊ हो सकती| 41 बजरौऱी मदरा- फजरौरी भदरा बी भरफॊध का अचछा अभमास ककए तरफना ककसी परकाय सॊबव नहीॊ ह| मह भदरा कवर मोगी क शरए ही नहीॊ बोगी क शरए बी अतमॊत राबकायी ह|

अनतबोध चतनय दवारा सऩादित तरिदिवसीय मदराचचकितसा सि 45

ववचध - इस भदरा भ ऩहर दोनो ऩाॊवो को बशभ ऩय दढ़ताऩवमक दटकाकय दोनो ऩाॊवो को धीय-धीय दढ़ताऩवमक ऊऩय आकाश भ उठा द| इसस तरफॊद-शसवदध होती ह| शकर को धीय-धीय ऊऩय की आकॊ िन कय अथामत इॊददरम क आॊकिन क दवाया वीमम को ऊऩय की ओय खीॊिन का अभमास कय तो मह भदरा शसदध होती ह| ववदवानो का भत ह कक इस भदरा क अभमास भ सतरी का होना आवशमक ह तमोकक बग भ ऩततत होता हआ शकर ऊऩय की ओय खीॊि र तो यज औय वीमम दोनो ही िढ़ जात ह| मह ककरमा अभमास स ही शसदध होती ह| कछ मोगािामम इस परकाय का अभमास शकर क सथान ऩय दनध स कयना फतात ह| जफ दनध खीॊिन का अभमास शसदध हो जाए तफ शकर को खीॊिन का अभमास कयना िादहए| वीमम को ऊऩय खीॊिनवारा मोगी ही ऊधवमयता कहराता ह| ऱाभ - इस भदरा स शयीय रटट-ऩटट तजसवी सॊदय सडौर औय जया-भतम यदहत होता ह| शयीय क सबी अवमव दढ़ होकय भन भ तनश िरता की परातपत होती ह| इसका अभमास अचधक कदठन नहीॊ ह| मदद गहसथ बी इसक कय तो फरवदधमन औय सौदममवदधमन का ऩया राब परापत कय सकत ह चतावनी मह आरख शसपम जानकायी हत ह कोई बी वमततत इस ऩढ़कय कयन का परमास न कय तमोकक मह शसपम साधको क शरए ह आभ रोगो क शरए नहीॊ

साधना कयनवार वमततत क शरए मह आवशमक ह कक वह साधना भ कातमक वाचिक औय भानशसक ककरमाओॊ ऩय ऩया तनमॊतरण यख तथा सभम-सभम ऩय उचित ताॊतरतरक परककरमाओॊ का बी सभनवम कयता यह| इस दतटट स तजस परकाय आसन ऩातरासादन अिमन आदद भ ककरमाओॊ का ववधान ह उसी परकाय उनक साथ कछ भदरा फनान का ववधान ह| म भदराएॊ भखम रऩ-स हाथ औय उसकी उॊगशरमो क परमोग स फनती ह| जस हभाया शयीय ऩॊिततवभम ह| अत शासतरकायो न कहा ह कक इन उॊगशरमो क परमोग स इन ततवो की नमनाचधकता दय की जा

अनतबोध चतनय दवारा सऩादित तरिदिवसीय मदराचचकितसा सि 46

सकती ह तथा ततवो की सभता-ववषभता स होनवारी कभी को उॊगशरमो की भदरा स सभ फनामा जा सकता ह| इतना ही नहीॊ ऐसी भदराओॊ क सहमोग स उन ततवो को सवचछाऩवमक घटामा-फढ़ामा बी जा सकता ह| म ततव करभश अॊगटठ भ अतनन तजमनी भ वाम भधमभा भ आकाश अनाशभका भ ऩथवी औय कतनतटठका भ जर क रऩ भ ववदमभान यहत ह| दवताओॊ की परसननता चितत की शवदध औय ववववध योगो क नाश भ भदराओॊ स फड़ी सहामता शभरती ह| भदराततव को सभझकय परतमक मोगी को इनका साधन कयना िादहए| कणडशरनी शततत क जागयण भ इन भदराओॊ स सहामता शभरती ह| महाॊ हभन तजन भदराओॊ का वणमन एवॊ चितरण ककमा ह उसभ परतमक मोगी साधक को ऩरयचित होना िादहए|

अनतबोध चतनय दवारा सऩादित तरिदिवसीय मदराचचकितसा सि 47

मोग अनसाय आसन औय पराणामाभ की तसथतत को भदरा कहा जाता ह फॊध ककरमा औय भदरा भ आसन औय पराणामाभ दोनो का ही कामम होता ह मोग भ भदराओॊ को आसन औय पराणामाभ स बी फढ़कय भाना जाता ह भदरा दो तयह की होती ह- ऩहरी हसत भदरा अथामत हाथो औय उसकी अॊगशरमो को ववशष आकतत भ फनाना औय दसयी आसन भदरा अथामत तजसभ ऩया शयीय ही सॊिाशरत होता ह

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अनतबोध चतनय दवारा सऩादित तरिदिवसीय मदराचचकितसा सि 37

29 शकततचालऱनी मदरा- ववचध - आठ अॊगर रॊफा औय िाय अॊगर िौड़ा भरामभ वसतर रकय नाशब ऩय रगाएॊ औय कदटसतर भ फाॊध र| कपय शयीय भ बसभ यभाकय शसदधासन भ फठ औय पराण को अऩान स मतत कय| जफ तक गहम दवाय स िरती हई वाम परकाशशत न हो इस सभम तक गहम दवाय को सॊकचित यख| इसस वाम का जो तनयोध होता ह उसभ कमबक क दवाया कणडशरनी शततत जागरत होती हई सषमना भागम स ऊऩय जाकय खड़ी हो जाती ह| मोगभदरा स ऩहर इसका अभमास कयन ऩय ही मोतन भदरा की ऩणम शसवदध होती ह| ऱाभ - इस भदरा स कणडशरनी शततत का जागयण होता ह| जफ तक मह सोती ह तफ तक सबी आॊतरयक शतततमाॊ सपत ऩड़ी यहती ह| इसशरए कणडशरनी का जागरत होना साधक क शरए फहत आवशमक ह| पराण-अऩान को सॊमतत कयन की ककरमा पराणवाम को ऩयक दवाया बीतय खीॊिन औय उडडीमान फॊध स अऩान वाम को ऊऩय की ओय आकवषमत कयन स ऩणम होती ह| इसभ गहम परदश क सॊकोि औय ववसताय का अभमास होन स अचधक सयरता हो सकती ह| 30 तड़ागी मदरा- ववचध - दोनो ऩाॊवो को दणड क सभान धयती ऩय ऩसाय र औय हाथो स उनक अॊगठो को ऩकड़न तथा दोनो जाॊघो ऩय शसय को सथावऩत कय साथ ही उदय को तड़ाग (सयोवय) क सभान कय र| ऱाभ - मह भदरा अनक योगो औय वदधावसथा को बी दय कयन भ सहामक शसदध होती ह|

अनतबोध चतनय दवारा सऩादित तरिदिवसीय मदराचचकितसा सि 38

31 माणडवी मदरा- ववचध - भख को फॊद कयक जफान को तार भ घभाएॊ औय सहसराय स टऩकत हए सधायस को जफान स धीय-धीय ऩीन का मतन कय| मही भाणडवी (मा भाणडकी) भदरा ह| ऱाभ - इसक दवाया फारो की सपदी उनका झड़ना शयीय ऩय झरयममो भॊहासो आदद का ऩड़ना तथा तनफमरता आदद दय होकय चिय-मौवन की परातपत होती ह| इसस यसोतऩादन होकय अभततव की उऩरतबध होना सॊबव हो जाता ह| 32 ऩालशनी मदरा ववचध- दोनो ऩाॊवो को कॊ ठ क ऩीछ की ओय र जाकय उनह ऩयसऩय शभराएॊ औय ऩाश क सभान दढ़ता स फाॊध र| ऱाभ - इसक अभमास स बी कणडशरनी शततत क जागयण भ फहत सगभता हो जाती ह तथा साधक क शयीय भ फर औय ऩतटट का आववबामव होता ह| भानशसक फरवदधमन भ बी मह फहत दहतकय ह| 33 िािी मदरा-

काक कौए को कहत ह कौए की िोि जसी भॊह की भदरा फना रन को काकी भदरा कहा जाता ह ववचध ककसी बी आसन भ फठकय होठो को ऩतरी सी नरी क सभान भोड़कय कौए की िोि जसा फना र अफ नाक क अगर बाग को दखत हए अऩना ऩया धमान नाक ऩय दटका द इसक फाद भॊह स धीय-धीय गहयी शवास रकय होठो को फॊद कय द कछ दय फाद शवास को नाक स फाहय तनकार द इस तयह स 10

अनतबोध चतनय दवारा सऩादित तरिदिवसीय मदराचचकितसा सि 39

शभनट तक कय ऱाभ मह भदरा जहाॊ शयीय भ ठॊडक फढ़ाती ह वहीॊ मह कई योगो को दय कयन भ राबदामक ह इस भदरा का तनयॊतय अभमास कयन स शयीय भ अॊदय बोजन ऩिान की ककरमा तज हो जाती ह इसस अमरवऩतत का फढ़ना कभ हो जाता ह

34 मातचगनी मदरा-

भातॊग का अथम होता ह भघ भाॊ दगाम का एक रऩ ह भातॊगी मह दस भहाववदमा भ स नौवीॊ ववदमा ह भातॊग नाभ स एक धमान होता ह भॊतर होता ह औय एक हाथी का नाभ बी भातॊग ह ऋवष वशशटठ की ऩतनी का एक नाभ बी भातॊगी ह ऋवष कशमऩ की ऩतरी का नाभ बी भातॊगी ह तजसस हाथी उतऩनन हए थ ववचध शाॊत जगह भ ऩानी क अॊदय गर तक शयीय को डफो र औय कपय नाक स ऩानी को खीॊिकय उस भॊह स तनकार र कपय भॊह स ऩानी को खीॊिकय नाक स फाहय तनकार द इस ककरमा को ही भातॊचगनी भदरा कहत ह ऱाभ इस भदरा क अभमास स आॊखो की योशनी तज हो जाती ह शसय ददम भ मह भदरा अतमॊत राबकायी भानी जाती ह इसस नजरा-जकाभ आदद क योग बी दय हो जात ह इस भदरा क तनयॊतय अभमास स िहय ऩय िभक आ जाती ह औय फार बी सपद नहीॊ होत ह इस भदरा क शसदध हो जान ऩय वमततत भ ताकत फढ़ जाती ह

35 नभोमदरा

नब का अथम होता ह आकाश इस भदरा भ जीब को तार की ओय रगात ह इसीशरए इस नबोभदरा कहत ह नबोभदरा कयना सयर नहीॊ ह इस ककसी मोग

अनतबोध चतनय दवारा सऩादित तरिदिवसीय मदराचचकितसा सि 40

शशक स सीखकय ही कयना िादहए मह भदरा फहत स योगो भ राबदामक शसदध हई ह इस फाय भ एक शरोक बी ह- मतर मतर तसथतो मोगी सवमकामष सवमदा उधवमतजवह तसथयो बतवाधायमतभवनॊ सदा नबोभदरा भवदषा मोदववना योग नाशशनी अथामत साय कामो भ तसथय हआ चितत अऩनी जीब क अगर बाग को भॊह क अॊदय तार भ रगाकय शवास को अॊदय योक रता ह इस तसथतत स विारयक गततववचधमाॊ ततकार फॊद हो जाती ह इसीशरए इस भदरा को यहसम का आबास ददरान वारी भदरा बी कहा जाता ह ववचध- अऩनी आॊखो को अऩनी दोनो बौहो क फीि भ जभाकय आऩकी जीब तार क साथ रगा र मह दोनो कामम एक ही साथ औय एक ही सभम भ कय सववधानसाय जफ तक सॊबव हो इसी तसथतत भ यह औय कपय कछ शभनट का धमान कय ऱाभ- नबोभदरा क तनयॊतय अभमास स जीब गर औय आॊखो क साय योग सभापत हो जात ह इसस भतसतटक भ तसथयता फढ़ती ह औय भतसतटक क योग बी दय हो जात ह

36 नालसिागर मदरा -

नाशसकागर भदरा का अथम होता ह नाक का आखखयी छोय ऊऩयी दहससा मा अगरबाग इस बाग ऩय फायी-फायी स सॊतरन फनान हए दखना ही नाकककागर भदरा मोग कहराता ह रककन मह भदरा कयन स ऩहर मोग शशक की सराह जरय र तमोकक इसक कयन स बकटी ऩय जोय ऩड़ता ह

अनतबोध चतनय दवारा सऩादित तरिदिवसीय मदराचचकितसा सि 41

ववचध- ककसी बी आसन भ फठकय नाक क आखखयी शसय ऩय नजय दटका र हो सकता ह कक ऩहर आऩ फाई आॊखो स उस दख ऩाएॊ तफ कछ दय फाद दाई आॊखो स दख इस दखन भ जया बी तनाव न हो सहजता स इस दख

ऱाभ- इसस जहाॊ आॊखो की एतसयसाइज होती ह वहीॊ मह भतसतटक क शरए बी राबदामक ह इसस भन भ एकागरता फढ़ती ह इस भदरा क रगाताय अभमास कयन स भराधाय िकर जागरत होन रगता ह तजसस कणडरीनी जागयण भ भदद शभरती ह इसस भराधाय िकर इसशरए जागरत होता ह तमोकक दोनो आॊखो क फीि ही तसथत ह इड़ा वऩ ॊगरा औय सषमना नाड़ी जो भराधाय तक गई ह समय- इस भदरा को इतनी दय तक कयना िादहए कक आॊखो ऩय इसका जमादा दफाव नहीॊ ऩड़ कपय धीय-धीय इस कयन का सभम फढ़ात जाएॊ

37 बरहम आसन मदरा-

कछ रोग इस बरहभा भदरा बी कहत ह तमोकक इस आसन भ गदमन को िाय ददशा भ घभामा जाता ह औय बरहभाजी क िाय भख थ इसीशरए इसका नाभ बरहभा भदरा आसन यखा गमा रककन असर भ मह बरहभ भदरा आसन ह औय इसभ सबी ददशाओॊ भ तसथत ऩयभशवय को जानकय उसका चिॊतन ककमा जाता ह नभाज ऩढ़त वतत मा सॊधमा वॊदन कयत वतत उतत भदरासन को ककमा जाता यहा ह ववचध- ऩदमासन शसदधासन मा वजरासन भ फठकय कभय तथा गदमन को सीधा यखत हए गदमन को धीय-धीय दामीॊ ओय र जात ह कछ सकॊ ड दामीॊ ओय रकत ह उसक फाद गदमन को धीय-धीय फामीॊ ओय र जात ह कछ सकॊ ड तक फामीॊ ओय रककय कपय दामीॊ ओय र जात ह कपय वाऩस आन क फाद गदमन को ऊऩय की ओय र जात ह उसक फाद नीि की तयप र जात ह कपय गदमन को तराकवाइज

अनतबोध चतनय दवारा सऩादित तरिदिवसीय मदराचचकितसा सि 42

औय एॊटीतराकवाइज घभाएॉ इस तयह मह एक िकर ऩया हआ अऩनी सववधानसाय इस िाय स ऩाॉि िकरो भ कय सकत ह

ऱाभ तजन रोगो को सवामइकर सऩोडराइदटस थाइयाइड नराॊटस की शशकामत ह उनक शरए मह आसन राबदामक ह इसस गदमन की भाॉसऩशशमाॉ रिीरी तथा भजफत होती ह आधमाततभक दतटट स बी मह आसन राबदामक ह आरसम बी कभ होता जाता ह तथा फदरत भौसभ क सदी-जकाभ औय खाॉसी स छटकाया बी शभरता ह

सावधाननया तजनह सवामइकर सऩोडराइदटस मा थाइयाइड की सभसमा ह व ठोडी को ऊऩय की ओय दफाएॉ गदमन को नीि की ओय र जात सभम कॊ ध न झकाएॉ कभय गदमन औय कॊ ध सीध यख गदमन मा गर भ कोई गॊबीय योग हो तो मोग चिककतसक की सराह स ही मह भदराआसन कय

38 भजचगनी मदरा- ववचध- इसभ भख को पराकय कॊ ठ स फाहयी वाम खीॊिी जाती ह| तार औय तजहवा क भधम वाम क घभन स शयीय भ अदभत शततत का आववबामव होता ह|

ऱाभ- मह भदरा अजीणम आदद उदय योगो को नटट कयन भ बी फहत उऩमोगी ह| इस परकाय भदराओॊ क अभमास स साधक को सफ परकाय क शायीरयक भानशसक औय आततभक फर की परातपत होती ह| मोगािामो क अनसाय lsquoनातसत भदरासनककॊ चित शसवदधदॊकषततभणडर (घयणड सॊदहता)rsquo अथामत भदराओॊ क सभान शसवदधदामक कोई अनम साधन ब-भॊडर ऩय नहीॊ ह| इसशरए मोगशसवदध क आकाॊीजनो को भदराओॊ का अभमास कयना शरमसकय ह|

अनतबोध चतनय दवारा सऩादित तरिदिवसीय मदराचचकितसा सि 43

39 खचरी मदरा-

भनटम की जीब (तजहवा) दो तयह की होती ह- रॊफी औय छोटी रॊफी जीब को सऩमतजहवा कहत ह कछ रोगो की जीब रॊफी होन स व उस आसानी स नाशसकागर ऩय रगा सकत ह औय खियी-भदरा कय सकत ह भगय तजसकी जीब छोटी होती ह उस तकरीपो का साभना कयना ऩड़ता ह सफस ऩहर उनह अऩनी जीब रॊफी कयनी ऩड़ती ह औय उसक शरए घषमण व दोहन का सहाया रना ऩड़ता ह जीब नीि की ओय स तजस नाड़ी स जड़ी होती ह उस काटना ऩड़ता ह खियी भदरा को शसदध कयन एवॊ अभत क सराव हत आवशमक उददीऩन भ कछ वषम बी रग सकत ह मह वमततत की मोनमता ऩय बी तनबमय कयता ह मोग भ कछ भदराएॊ ऐसी ह तजनह शसपम मोगी ही कयत ह साभानमजनो को इनह नहीॊ कयना िादहए खियी भदरा साधको क शरए भानी गई ह ववचध - इसक शरए जीब औय तार को जोड़न वार भाॊस-तॊत को धीय-धीय काटा जाता ह अथामत एक ददन जौ बय काटकय छोड़ ददमा जाता ह कपय तीन-िाय ददन फाद थोड़ा-सा औय काट ददमा जाता ह इस परकाय थोड़ा-थोड़ा काटन स उस सथान की यतत शशयाएॊ अऩना सथान बीतय की तयप फनाती जाती ह जीब को काटन क साथ ही परततददन धीय-धीय फाहय की तयप खीॊिन का अभमास ककमा जाता ह इसका अभमास कयन स कछ भहीनो भ जीब इतनी रॊफी हो जाती ह कक मदद उस ऊऩय की तयप रौटा (उसटा कयन) ददमा जाए तो वह शवास जान वार छदो को बीतय स फॊद कय दती ह इसस सभाचध क सभम शवास का आना-जाना ऩणमत योक ददमा जाता ह ऱाभ इस भदरा स पराणामाभ को शसदध कयन औय साभचध रगान भ ववशष सहामता शभरती ह साधनायत साधओॊ क शरए मह भदरा फहत ही राबदामी भानी

अनतबोध चतनय दवारा सऩादित तरिदिवसीय मदराचचकितसा सि 44

जाती ह ववशषता तनयॊतय अभमास कयत यहन स तजफ जफ रॊफी हो जाती ह तफ उस नाशसका यनरो भ परवश कयामा जा सकता ह इस परकाय धमान रगान स कऩार भागम एवॊ तरफ ॊद ववसगम स सॊफॊचधत कछ गरॊचथमो भ उददीऩन होता ह तजसक ऩरयणाभसवरऩ अभत का सराव आयॊब होता ह उसी अभत का सराव होत वतत एक ववशष परकाय का आधमाततभक अनबव होता ह इस अनबव स शसवदध औय सभाचध भ तजी स परगतत होती ह चतावनी मह आरख शसपम जानकायी हत ह कोई बी वमततत इस ऩढ़कय कयन का परमास न कय तमोकक मह शसपम साधको क शरए ह आभ रोगो क शरए नहीॊ

40 अकzwj वनी मदरा- इस भदरा स साधक भ घोड़ो जसी शततत आ जाती ह तजस lsquoहॉसम ऩॉवयrsquo कहत ह|

ववचध - इस भदरा भ गदा-दवाय का फाय-फाय सॊकोिन औय परसाय ककमा जाता ह| इसी स भदरा की शसवदध हो जाती ह| इसक दवाया कणडशरनी जागयण भ सगभता यहती ह औय अनक योग नटट होकय शायीरयक फर की ववदध होती ह|

ऱाभ - अतश वनी भदरा शसदध होन स साधक की अकारभतम कबी नहीॊ होती| गदा औय उदय स सॊफॊचधत योगो का इसक दवाया शभन होता ह तथा दीघमजीवन की उऩरतबध होती ह| तरफना भरफॊध क अतश वनी भदरा नहीॊ हो सकती| 41 बजरौऱी मदरा- फजरौरी भदरा बी भरफॊध का अचछा अभमास ककए तरफना ककसी परकाय सॊबव नहीॊ ह| मह भदरा कवर मोगी क शरए ही नहीॊ बोगी क शरए बी अतमॊत राबकायी ह|

अनतबोध चतनय दवारा सऩादित तरिदिवसीय मदराचचकितसा सि 45

ववचध - इस भदरा भ ऩहर दोनो ऩाॊवो को बशभ ऩय दढ़ताऩवमक दटकाकय दोनो ऩाॊवो को धीय-धीय दढ़ताऩवमक ऊऩय आकाश भ उठा द| इसस तरफॊद-शसवदध होती ह| शकर को धीय-धीय ऊऩय की आकॊ िन कय अथामत इॊददरम क आॊकिन क दवाया वीमम को ऊऩय की ओय खीॊिन का अभमास कय तो मह भदरा शसदध होती ह| ववदवानो का भत ह कक इस भदरा क अभमास भ सतरी का होना आवशमक ह तमोकक बग भ ऩततत होता हआ शकर ऊऩय की ओय खीॊि र तो यज औय वीमम दोनो ही िढ़ जात ह| मह ककरमा अभमास स ही शसदध होती ह| कछ मोगािामम इस परकाय का अभमास शकर क सथान ऩय दनध स कयना फतात ह| जफ दनध खीॊिन का अभमास शसदध हो जाए तफ शकर को खीॊिन का अभमास कयना िादहए| वीमम को ऊऩय खीॊिनवारा मोगी ही ऊधवमयता कहराता ह| ऱाभ - इस भदरा स शयीय रटट-ऩटट तजसवी सॊदय सडौर औय जया-भतम यदहत होता ह| शयीय क सबी अवमव दढ़ होकय भन भ तनश िरता की परातपत होती ह| इसका अभमास अचधक कदठन नहीॊ ह| मदद गहसथ बी इसक कय तो फरवदधमन औय सौदममवदधमन का ऩया राब परापत कय सकत ह चतावनी मह आरख शसपम जानकायी हत ह कोई बी वमततत इस ऩढ़कय कयन का परमास न कय तमोकक मह शसपम साधको क शरए ह आभ रोगो क शरए नहीॊ

साधना कयनवार वमततत क शरए मह आवशमक ह कक वह साधना भ कातमक वाचिक औय भानशसक ककरमाओॊ ऩय ऩया तनमॊतरण यख तथा सभम-सभम ऩय उचित ताॊतरतरक परककरमाओॊ का बी सभनवम कयता यह| इस दतटट स तजस परकाय आसन ऩातरासादन अिमन आदद भ ककरमाओॊ का ववधान ह उसी परकाय उनक साथ कछ भदरा फनान का ववधान ह| म भदराएॊ भखम रऩ-स हाथ औय उसकी उॊगशरमो क परमोग स फनती ह| जस हभाया शयीय ऩॊिततवभम ह| अत शासतरकायो न कहा ह कक इन उॊगशरमो क परमोग स इन ततवो की नमनाचधकता दय की जा

अनतबोध चतनय दवारा सऩादित तरिदिवसीय मदराचचकितसा सि 46

सकती ह तथा ततवो की सभता-ववषभता स होनवारी कभी को उॊगशरमो की भदरा स सभ फनामा जा सकता ह| इतना ही नहीॊ ऐसी भदराओॊ क सहमोग स उन ततवो को सवचछाऩवमक घटामा-फढ़ामा बी जा सकता ह| म ततव करभश अॊगटठ भ अतनन तजमनी भ वाम भधमभा भ आकाश अनाशभका भ ऩथवी औय कतनतटठका भ जर क रऩ भ ववदमभान यहत ह| दवताओॊ की परसननता चितत की शवदध औय ववववध योगो क नाश भ भदराओॊ स फड़ी सहामता शभरती ह| भदराततव को सभझकय परतमक मोगी को इनका साधन कयना िादहए| कणडशरनी शततत क जागयण भ इन भदराओॊ स सहामता शभरती ह| महाॊ हभन तजन भदराओॊ का वणमन एवॊ चितरण ककमा ह उसभ परतमक मोगी साधक को ऩरयचित होना िादहए|

अनतबोध चतनय दवारा सऩादित तरिदिवसीय मदराचचकितसा सि 47

मोग अनसाय आसन औय पराणामाभ की तसथतत को भदरा कहा जाता ह फॊध ककरमा औय भदरा भ आसन औय पराणामाभ दोनो का ही कामम होता ह मोग भ भदराओॊ को आसन औय पराणामाभ स बी फढ़कय भाना जाता ह भदरा दो तयह की होती ह- ऩहरी हसत भदरा अथामत हाथो औय उसकी अॊगशरमो को ववशष आकतत भ फनाना औय दसयी आसन भदरा अथामत तजसभ ऩया शयीय ही सॊिाशरत होता ह

Page 38: 235347477 Mudra Chikitsa Swami Ananta Bodha Chaitanya

अनतबोध चतनय दवारा सऩादित तरिदिवसीय मदराचचकितसा सि 38

31 माणडवी मदरा- ववचध - भख को फॊद कयक जफान को तार भ घभाएॊ औय सहसराय स टऩकत हए सधायस को जफान स धीय-धीय ऩीन का मतन कय| मही भाणडवी (मा भाणडकी) भदरा ह| ऱाभ - इसक दवाया फारो की सपदी उनका झड़ना शयीय ऩय झरयममो भॊहासो आदद का ऩड़ना तथा तनफमरता आदद दय होकय चिय-मौवन की परातपत होती ह| इसस यसोतऩादन होकय अभततव की उऩरतबध होना सॊबव हो जाता ह| 32 ऩालशनी मदरा ववचध- दोनो ऩाॊवो को कॊ ठ क ऩीछ की ओय र जाकय उनह ऩयसऩय शभराएॊ औय ऩाश क सभान दढ़ता स फाॊध र| ऱाभ - इसक अभमास स बी कणडशरनी शततत क जागयण भ फहत सगभता हो जाती ह तथा साधक क शयीय भ फर औय ऩतटट का आववबामव होता ह| भानशसक फरवदधमन भ बी मह फहत दहतकय ह| 33 िािी मदरा-

काक कौए को कहत ह कौए की िोि जसी भॊह की भदरा फना रन को काकी भदरा कहा जाता ह ववचध ककसी बी आसन भ फठकय होठो को ऩतरी सी नरी क सभान भोड़कय कौए की िोि जसा फना र अफ नाक क अगर बाग को दखत हए अऩना ऩया धमान नाक ऩय दटका द इसक फाद भॊह स धीय-धीय गहयी शवास रकय होठो को फॊद कय द कछ दय फाद शवास को नाक स फाहय तनकार द इस तयह स 10

अनतबोध चतनय दवारा सऩादित तरिदिवसीय मदराचचकितसा सि 39

शभनट तक कय ऱाभ मह भदरा जहाॊ शयीय भ ठॊडक फढ़ाती ह वहीॊ मह कई योगो को दय कयन भ राबदामक ह इस भदरा का तनयॊतय अभमास कयन स शयीय भ अॊदय बोजन ऩिान की ककरमा तज हो जाती ह इसस अमरवऩतत का फढ़ना कभ हो जाता ह

34 मातचगनी मदरा-

भातॊग का अथम होता ह भघ भाॊ दगाम का एक रऩ ह भातॊगी मह दस भहाववदमा भ स नौवीॊ ववदमा ह भातॊग नाभ स एक धमान होता ह भॊतर होता ह औय एक हाथी का नाभ बी भातॊग ह ऋवष वशशटठ की ऩतनी का एक नाभ बी भातॊगी ह ऋवष कशमऩ की ऩतरी का नाभ बी भातॊगी ह तजसस हाथी उतऩनन हए थ ववचध शाॊत जगह भ ऩानी क अॊदय गर तक शयीय को डफो र औय कपय नाक स ऩानी को खीॊिकय उस भॊह स तनकार र कपय भॊह स ऩानी को खीॊिकय नाक स फाहय तनकार द इस ककरमा को ही भातॊचगनी भदरा कहत ह ऱाभ इस भदरा क अभमास स आॊखो की योशनी तज हो जाती ह शसय ददम भ मह भदरा अतमॊत राबकायी भानी जाती ह इसस नजरा-जकाभ आदद क योग बी दय हो जात ह इस भदरा क तनयॊतय अभमास स िहय ऩय िभक आ जाती ह औय फार बी सपद नहीॊ होत ह इस भदरा क शसदध हो जान ऩय वमततत भ ताकत फढ़ जाती ह

35 नभोमदरा

नब का अथम होता ह आकाश इस भदरा भ जीब को तार की ओय रगात ह इसीशरए इस नबोभदरा कहत ह नबोभदरा कयना सयर नहीॊ ह इस ककसी मोग

अनतबोध चतनय दवारा सऩादित तरिदिवसीय मदराचचकितसा सि 40

शशक स सीखकय ही कयना िादहए मह भदरा फहत स योगो भ राबदामक शसदध हई ह इस फाय भ एक शरोक बी ह- मतर मतर तसथतो मोगी सवमकामष सवमदा उधवमतजवह तसथयो बतवाधायमतभवनॊ सदा नबोभदरा भवदषा मोदववना योग नाशशनी अथामत साय कामो भ तसथय हआ चितत अऩनी जीब क अगर बाग को भॊह क अॊदय तार भ रगाकय शवास को अॊदय योक रता ह इस तसथतत स विारयक गततववचधमाॊ ततकार फॊद हो जाती ह इसीशरए इस भदरा को यहसम का आबास ददरान वारी भदरा बी कहा जाता ह ववचध- अऩनी आॊखो को अऩनी दोनो बौहो क फीि भ जभाकय आऩकी जीब तार क साथ रगा र मह दोनो कामम एक ही साथ औय एक ही सभम भ कय सववधानसाय जफ तक सॊबव हो इसी तसथतत भ यह औय कपय कछ शभनट का धमान कय ऱाभ- नबोभदरा क तनयॊतय अभमास स जीब गर औय आॊखो क साय योग सभापत हो जात ह इसस भतसतटक भ तसथयता फढ़ती ह औय भतसतटक क योग बी दय हो जात ह

36 नालसिागर मदरा -

नाशसकागर भदरा का अथम होता ह नाक का आखखयी छोय ऊऩयी दहससा मा अगरबाग इस बाग ऩय फायी-फायी स सॊतरन फनान हए दखना ही नाकककागर भदरा मोग कहराता ह रककन मह भदरा कयन स ऩहर मोग शशक की सराह जरय र तमोकक इसक कयन स बकटी ऩय जोय ऩड़ता ह

अनतबोध चतनय दवारा सऩादित तरिदिवसीय मदराचचकितसा सि 41

ववचध- ककसी बी आसन भ फठकय नाक क आखखयी शसय ऩय नजय दटका र हो सकता ह कक ऩहर आऩ फाई आॊखो स उस दख ऩाएॊ तफ कछ दय फाद दाई आॊखो स दख इस दखन भ जया बी तनाव न हो सहजता स इस दख

ऱाभ- इसस जहाॊ आॊखो की एतसयसाइज होती ह वहीॊ मह भतसतटक क शरए बी राबदामक ह इसस भन भ एकागरता फढ़ती ह इस भदरा क रगाताय अभमास कयन स भराधाय िकर जागरत होन रगता ह तजसस कणडरीनी जागयण भ भदद शभरती ह इसस भराधाय िकर इसशरए जागरत होता ह तमोकक दोनो आॊखो क फीि ही तसथत ह इड़ा वऩ ॊगरा औय सषमना नाड़ी जो भराधाय तक गई ह समय- इस भदरा को इतनी दय तक कयना िादहए कक आॊखो ऩय इसका जमादा दफाव नहीॊ ऩड़ कपय धीय-धीय इस कयन का सभम फढ़ात जाएॊ

37 बरहम आसन मदरा-

कछ रोग इस बरहभा भदरा बी कहत ह तमोकक इस आसन भ गदमन को िाय ददशा भ घभामा जाता ह औय बरहभाजी क िाय भख थ इसीशरए इसका नाभ बरहभा भदरा आसन यखा गमा रककन असर भ मह बरहभ भदरा आसन ह औय इसभ सबी ददशाओॊ भ तसथत ऩयभशवय को जानकय उसका चिॊतन ककमा जाता ह नभाज ऩढ़त वतत मा सॊधमा वॊदन कयत वतत उतत भदरासन को ककमा जाता यहा ह ववचध- ऩदमासन शसदधासन मा वजरासन भ फठकय कभय तथा गदमन को सीधा यखत हए गदमन को धीय-धीय दामीॊ ओय र जात ह कछ सकॊ ड दामीॊ ओय रकत ह उसक फाद गदमन को धीय-धीय फामीॊ ओय र जात ह कछ सकॊ ड तक फामीॊ ओय रककय कपय दामीॊ ओय र जात ह कपय वाऩस आन क फाद गदमन को ऊऩय की ओय र जात ह उसक फाद नीि की तयप र जात ह कपय गदमन को तराकवाइज

अनतबोध चतनय दवारा सऩादित तरिदिवसीय मदराचचकितसा सि 42

औय एॊटीतराकवाइज घभाएॉ इस तयह मह एक िकर ऩया हआ अऩनी सववधानसाय इस िाय स ऩाॉि िकरो भ कय सकत ह

ऱाभ तजन रोगो को सवामइकर सऩोडराइदटस थाइयाइड नराॊटस की शशकामत ह उनक शरए मह आसन राबदामक ह इसस गदमन की भाॉसऩशशमाॉ रिीरी तथा भजफत होती ह आधमाततभक दतटट स बी मह आसन राबदामक ह आरसम बी कभ होता जाता ह तथा फदरत भौसभ क सदी-जकाभ औय खाॉसी स छटकाया बी शभरता ह

सावधाननया तजनह सवामइकर सऩोडराइदटस मा थाइयाइड की सभसमा ह व ठोडी को ऊऩय की ओय दफाएॉ गदमन को नीि की ओय र जात सभम कॊ ध न झकाएॉ कभय गदमन औय कॊ ध सीध यख गदमन मा गर भ कोई गॊबीय योग हो तो मोग चिककतसक की सराह स ही मह भदराआसन कय

38 भजचगनी मदरा- ववचध- इसभ भख को पराकय कॊ ठ स फाहयी वाम खीॊिी जाती ह| तार औय तजहवा क भधम वाम क घभन स शयीय भ अदभत शततत का आववबामव होता ह|

ऱाभ- मह भदरा अजीणम आदद उदय योगो को नटट कयन भ बी फहत उऩमोगी ह| इस परकाय भदराओॊ क अभमास स साधक को सफ परकाय क शायीरयक भानशसक औय आततभक फर की परातपत होती ह| मोगािामो क अनसाय lsquoनातसत भदरासनककॊ चित शसवदधदॊकषततभणडर (घयणड सॊदहता)rsquo अथामत भदराओॊ क सभान शसवदधदामक कोई अनम साधन ब-भॊडर ऩय नहीॊ ह| इसशरए मोगशसवदध क आकाॊीजनो को भदराओॊ का अभमास कयना शरमसकय ह|

अनतबोध चतनय दवारा सऩादित तरिदिवसीय मदराचचकितसा सि 43

39 खचरी मदरा-

भनटम की जीब (तजहवा) दो तयह की होती ह- रॊफी औय छोटी रॊफी जीब को सऩमतजहवा कहत ह कछ रोगो की जीब रॊफी होन स व उस आसानी स नाशसकागर ऩय रगा सकत ह औय खियी-भदरा कय सकत ह भगय तजसकी जीब छोटी होती ह उस तकरीपो का साभना कयना ऩड़ता ह सफस ऩहर उनह अऩनी जीब रॊफी कयनी ऩड़ती ह औय उसक शरए घषमण व दोहन का सहाया रना ऩड़ता ह जीब नीि की ओय स तजस नाड़ी स जड़ी होती ह उस काटना ऩड़ता ह खियी भदरा को शसदध कयन एवॊ अभत क सराव हत आवशमक उददीऩन भ कछ वषम बी रग सकत ह मह वमततत की मोनमता ऩय बी तनबमय कयता ह मोग भ कछ भदराएॊ ऐसी ह तजनह शसपम मोगी ही कयत ह साभानमजनो को इनह नहीॊ कयना िादहए खियी भदरा साधको क शरए भानी गई ह ववचध - इसक शरए जीब औय तार को जोड़न वार भाॊस-तॊत को धीय-धीय काटा जाता ह अथामत एक ददन जौ बय काटकय छोड़ ददमा जाता ह कपय तीन-िाय ददन फाद थोड़ा-सा औय काट ददमा जाता ह इस परकाय थोड़ा-थोड़ा काटन स उस सथान की यतत शशयाएॊ अऩना सथान बीतय की तयप फनाती जाती ह जीब को काटन क साथ ही परततददन धीय-धीय फाहय की तयप खीॊिन का अभमास ककमा जाता ह इसका अभमास कयन स कछ भहीनो भ जीब इतनी रॊफी हो जाती ह कक मदद उस ऊऩय की तयप रौटा (उसटा कयन) ददमा जाए तो वह शवास जान वार छदो को बीतय स फॊद कय दती ह इसस सभाचध क सभम शवास का आना-जाना ऩणमत योक ददमा जाता ह ऱाभ इस भदरा स पराणामाभ को शसदध कयन औय साभचध रगान भ ववशष सहामता शभरती ह साधनायत साधओॊ क शरए मह भदरा फहत ही राबदामी भानी

अनतबोध चतनय दवारा सऩादित तरिदिवसीय मदराचचकितसा सि 44

जाती ह ववशषता तनयॊतय अभमास कयत यहन स तजफ जफ रॊफी हो जाती ह तफ उस नाशसका यनरो भ परवश कयामा जा सकता ह इस परकाय धमान रगान स कऩार भागम एवॊ तरफ ॊद ववसगम स सॊफॊचधत कछ गरॊचथमो भ उददीऩन होता ह तजसक ऩरयणाभसवरऩ अभत का सराव आयॊब होता ह उसी अभत का सराव होत वतत एक ववशष परकाय का आधमाततभक अनबव होता ह इस अनबव स शसवदध औय सभाचध भ तजी स परगतत होती ह चतावनी मह आरख शसपम जानकायी हत ह कोई बी वमततत इस ऩढ़कय कयन का परमास न कय तमोकक मह शसपम साधको क शरए ह आभ रोगो क शरए नहीॊ

40 अकzwj वनी मदरा- इस भदरा स साधक भ घोड़ो जसी शततत आ जाती ह तजस lsquoहॉसम ऩॉवयrsquo कहत ह|

ववचध - इस भदरा भ गदा-दवाय का फाय-फाय सॊकोिन औय परसाय ककमा जाता ह| इसी स भदरा की शसवदध हो जाती ह| इसक दवाया कणडशरनी जागयण भ सगभता यहती ह औय अनक योग नटट होकय शायीरयक फर की ववदध होती ह|

ऱाभ - अतश वनी भदरा शसदध होन स साधक की अकारभतम कबी नहीॊ होती| गदा औय उदय स सॊफॊचधत योगो का इसक दवाया शभन होता ह तथा दीघमजीवन की उऩरतबध होती ह| तरफना भरफॊध क अतश वनी भदरा नहीॊ हो सकती| 41 बजरौऱी मदरा- फजरौरी भदरा बी भरफॊध का अचछा अभमास ककए तरफना ककसी परकाय सॊबव नहीॊ ह| मह भदरा कवर मोगी क शरए ही नहीॊ बोगी क शरए बी अतमॊत राबकायी ह|

अनतबोध चतनय दवारा सऩादित तरिदिवसीय मदराचचकितसा सि 45

ववचध - इस भदरा भ ऩहर दोनो ऩाॊवो को बशभ ऩय दढ़ताऩवमक दटकाकय दोनो ऩाॊवो को धीय-धीय दढ़ताऩवमक ऊऩय आकाश भ उठा द| इसस तरफॊद-शसवदध होती ह| शकर को धीय-धीय ऊऩय की आकॊ िन कय अथामत इॊददरम क आॊकिन क दवाया वीमम को ऊऩय की ओय खीॊिन का अभमास कय तो मह भदरा शसदध होती ह| ववदवानो का भत ह कक इस भदरा क अभमास भ सतरी का होना आवशमक ह तमोकक बग भ ऩततत होता हआ शकर ऊऩय की ओय खीॊि र तो यज औय वीमम दोनो ही िढ़ जात ह| मह ककरमा अभमास स ही शसदध होती ह| कछ मोगािामम इस परकाय का अभमास शकर क सथान ऩय दनध स कयना फतात ह| जफ दनध खीॊिन का अभमास शसदध हो जाए तफ शकर को खीॊिन का अभमास कयना िादहए| वीमम को ऊऩय खीॊिनवारा मोगी ही ऊधवमयता कहराता ह| ऱाभ - इस भदरा स शयीय रटट-ऩटट तजसवी सॊदय सडौर औय जया-भतम यदहत होता ह| शयीय क सबी अवमव दढ़ होकय भन भ तनश िरता की परातपत होती ह| इसका अभमास अचधक कदठन नहीॊ ह| मदद गहसथ बी इसक कय तो फरवदधमन औय सौदममवदधमन का ऩया राब परापत कय सकत ह चतावनी मह आरख शसपम जानकायी हत ह कोई बी वमततत इस ऩढ़कय कयन का परमास न कय तमोकक मह शसपम साधको क शरए ह आभ रोगो क शरए नहीॊ

साधना कयनवार वमततत क शरए मह आवशमक ह कक वह साधना भ कातमक वाचिक औय भानशसक ककरमाओॊ ऩय ऩया तनमॊतरण यख तथा सभम-सभम ऩय उचित ताॊतरतरक परककरमाओॊ का बी सभनवम कयता यह| इस दतटट स तजस परकाय आसन ऩातरासादन अिमन आदद भ ककरमाओॊ का ववधान ह उसी परकाय उनक साथ कछ भदरा फनान का ववधान ह| म भदराएॊ भखम रऩ-स हाथ औय उसकी उॊगशरमो क परमोग स फनती ह| जस हभाया शयीय ऩॊिततवभम ह| अत शासतरकायो न कहा ह कक इन उॊगशरमो क परमोग स इन ततवो की नमनाचधकता दय की जा

अनतबोध चतनय दवारा सऩादित तरिदिवसीय मदराचचकितसा सि 46

सकती ह तथा ततवो की सभता-ववषभता स होनवारी कभी को उॊगशरमो की भदरा स सभ फनामा जा सकता ह| इतना ही नहीॊ ऐसी भदराओॊ क सहमोग स उन ततवो को सवचछाऩवमक घटामा-फढ़ामा बी जा सकता ह| म ततव करभश अॊगटठ भ अतनन तजमनी भ वाम भधमभा भ आकाश अनाशभका भ ऩथवी औय कतनतटठका भ जर क रऩ भ ववदमभान यहत ह| दवताओॊ की परसननता चितत की शवदध औय ववववध योगो क नाश भ भदराओॊ स फड़ी सहामता शभरती ह| भदराततव को सभझकय परतमक मोगी को इनका साधन कयना िादहए| कणडशरनी शततत क जागयण भ इन भदराओॊ स सहामता शभरती ह| महाॊ हभन तजन भदराओॊ का वणमन एवॊ चितरण ककमा ह उसभ परतमक मोगी साधक को ऩरयचित होना िादहए|

अनतबोध चतनय दवारा सऩादित तरिदिवसीय मदराचचकितसा सि 47

मोग अनसाय आसन औय पराणामाभ की तसथतत को भदरा कहा जाता ह फॊध ककरमा औय भदरा भ आसन औय पराणामाभ दोनो का ही कामम होता ह मोग भ भदराओॊ को आसन औय पराणामाभ स बी फढ़कय भाना जाता ह भदरा दो तयह की होती ह- ऩहरी हसत भदरा अथामत हाथो औय उसकी अॊगशरमो को ववशष आकतत भ फनाना औय दसयी आसन भदरा अथामत तजसभ ऩया शयीय ही सॊिाशरत होता ह

Page 39: 235347477 Mudra Chikitsa Swami Ananta Bodha Chaitanya

अनतबोध चतनय दवारा सऩादित तरिदिवसीय मदराचचकितसा सि 39

शभनट तक कय ऱाभ मह भदरा जहाॊ शयीय भ ठॊडक फढ़ाती ह वहीॊ मह कई योगो को दय कयन भ राबदामक ह इस भदरा का तनयॊतय अभमास कयन स शयीय भ अॊदय बोजन ऩिान की ककरमा तज हो जाती ह इसस अमरवऩतत का फढ़ना कभ हो जाता ह

34 मातचगनी मदरा-

भातॊग का अथम होता ह भघ भाॊ दगाम का एक रऩ ह भातॊगी मह दस भहाववदमा भ स नौवीॊ ववदमा ह भातॊग नाभ स एक धमान होता ह भॊतर होता ह औय एक हाथी का नाभ बी भातॊग ह ऋवष वशशटठ की ऩतनी का एक नाभ बी भातॊगी ह ऋवष कशमऩ की ऩतरी का नाभ बी भातॊगी ह तजसस हाथी उतऩनन हए थ ववचध शाॊत जगह भ ऩानी क अॊदय गर तक शयीय को डफो र औय कपय नाक स ऩानी को खीॊिकय उस भॊह स तनकार र कपय भॊह स ऩानी को खीॊिकय नाक स फाहय तनकार द इस ककरमा को ही भातॊचगनी भदरा कहत ह ऱाभ इस भदरा क अभमास स आॊखो की योशनी तज हो जाती ह शसय ददम भ मह भदरा अतमॊत राबकायी भानी जाती ह इसस नजरा-जकाभ आदद क योग बी दय हो जात ह इस भदरा क तनयॊतय अभमास स िहय ऩय िभक आ जाती ह औय फार बी सपद नहीॊ होत ह इस भदरा क शसदध हो जान ऩय वमततत भ ताकत फढ़ जाती ह

35 नभोमदरा

नब का अथम होता ह आकाश इस भदरा भ जीब को तार की ओय रगात ह इसीशरए इस नबोभदरा कहत ह नबोभदरा कयना सयर नहीॊ ह इस ककसी मोग

अनतबोध चतनय दवारा सऩादित तरिदिवसीय मदराचचकितसा सि 40

शशक स सीखकय ही कयना िादहए मह भदरा फहत स योगो भ राबदामक शसदध हई ह इस फाय भ एक शरोक बी ह- मतर मतर तसथतो मोगी सवमकामष सवमदा उधवमतजवह तसथयो बतवाधायमतभवनॊ सदा नबोभदरा भवदषा मोदववना योग नाशशनी अथामत साय कामो भ तसथय हआ चितत अऩनी जीब क अगर बाग को भॊह क अॊदय तार भ रगाकय शवास को अॊदय योक रता ह इस तसथतत स विारयक गततववचधमाॊ ततकार फॊद हो जाती ह इसीशरए इस भदरा को यहसम का आबास ददरान वारी भदरा बी कहा जाता ह ववचध- अऩनी आॊखो को अऩनी दोनो बौहो क फीि भ जभाकय आऩकी जीब तार क साथ रगा र मह दोनो कामम एक ही साथ औय एक ही सभम भ कय सववधानसाय जफ तक सॊबव हो इसी तसथतत भ यह औय कपय कछ शभनट का धमान कय ऱाभ- नबोभदरा क तनयॊतय अभमास स जीब गर औय आॊखो क साय योग सभापत हो जात ह इसस भतसतटक भ तसथयता फढ़ती ह औय भतसतटक क योग बी दय हो जात ह

36 नालसिागर मदरा -

नाशसकागर भदरा का अथम होता ह नाक का आखखयी छोय ऊऩयी दहससा मा अगरबाग इस बाग ऩय फायी-फायी स सॊतरन फनान हए दखना ही नाकककागर भदरा मोग कहराता ह रककन मह भदरा कयन स ऩहर मोग शशक की सराह जरय र तमोकक इसक कयन स बकटी ऩय जोय ऩड़ता ह

अनतबोध चतनय दवारा सऩादित तरिदिवसीय मदराचचकितसा सि 41

ववचध- ककसी बी आसन भ फठकय नाक क आखखयी शसय ऩय नजय दटका र हो सकता ह कक ऩहर आऩ फाई आॊखो स उस दख ऩाएॊ तफ कछ दय फाद दाई आॊखो स दख इस दखन भ जया बी तनाव न हो सहजता स इस दख

ऱाभ- इसस जहाॊ आॊखो की एतसयसाइज होती ह वहीॊ मह भतसतटक क शरए बी राबदामक ह इसस भन भ एकागरता फढ़ती ह इस भदरा क रगाताय अभमास कयन स भराधाय िकर जागरत होन रगता ह तजसस कणडरीनी जागयण भ भदद शभरती ह इसस भराधाय िकर इसशरए जागरत होता ह तमोकक दोनो आॊखो क फीि ही तसथत ह इड़ा वऩ ॊगरा औय सषमना नाड़ी जो भराधाय तक गई ह समय- इस भदरा को इतनी दय तक कयना िादहए कक आॊखो ऩय इसका जमादा दफाव नहीॊ ऩड़ कपय धीय-धीय इस कयन का सभम फढ़ात जाएॊ

37 बरहम आसन मदरा-

कछ रोग इस बरहभा भदरा बी कहत ह तमोकक इस आसन भ गदमन को िाय ददशा भ घभामा जाता ह औय बरहभाजी क िाय भख थ इसीशरए इसका नाभ बरहभा भदरा आसन यखा गमा रककन असर भ मह बरहभ भदरा आसन ह औय इसभ सबी ददशाओॊ भ तसथत ऩयभशवय को जानकय उसका चिॊतन ककमा जाता ह नभाज ऩढ़त वतत मा सॊधमा वॊदन कयत वतत उतत भदरासन को ककमा जाता यहा ह ववचध- ऩदमासन शसदधासन मा वजरासन भ फठकय कभय तथा गदमन को सीधा यखत हए गदमन को धीय-धीय दामीॊ ओय र जात ह कछ सकॊ ड दामीॊ ओय रकत ह उसक फाद गदमन को धीय-धीय फामीॊ ओय र जात ह कछ सकॊ ड तक फामीॊ ओय रककय कपय दामीॊ ओय र जात ह कपय वाऩस आन क फाद गदमन को ऊऩय की ओय र जात ह उसक फाद नीि की तयप र जात ह कपय गदमन को तराकवाइज

अनतबोध चतनय दवारा सऩादित तरिदिवसीय मदराचचकितसा सि 42

औय एॊटीतराकवाइज घभाएॉ इस तयह मह एक िकर ऩया हआ अऩनी सववधानसाय इस िाय स ऩाॉि िकरो भ कय सकत ह

ऱाभ तजन रोगो को सवामइकर सऩोडराइदटस थाइयाइड नराॊटस की शशकामत ह उनक शरए मह आसन राबदामक ह इसस गदमन की भाॉसऩशशमाॉ रिीरी तथा भजफत होती ह आधमाततभक दतटट स बी मह आसन राबदामक ह आरसम बी कभ होता जाता ह तथा फदरत भौसभ क सदी-जकाभ औय खाॉसी स छटकाया बी शभरता ह

सावधाननया तजनह सवामइकर सऩोडराइदटस मा थाइयाइड की सभसमा ह व ठोडी को ऊऩय की ओय दफाएॉ गदमन को नीि की ओय र जात सभम कॊ ध न झकाएॉ कभय गदमन औय कॊ ध सीध यख गदमन मा गर भ कोई गॊबीय योग हो तो मोग चिककतसक की सराह स ही मह भदराआसन कय

38 भजचगनी मदरा- ववचध- इसभ भख को पराकय कॊ ठ स फाहयी वाम खीॊिी जाती ह| तार औय तजहवा क भधम वाम क घभन स शयीय भ अदभत शततत का आववबामव होता ह|

ऱाभ- मह भदरा अजीणम आदद उदय योगो को नटट कयन भ बी फहत उऩमोगी ह| इस परकाय भदराओॊ क अभमास स साधक को सफ परकाय क शायीरयक भानशसक औय आततभक फर की परातपत होती ह| मोगािामो क अनसाय lsquoनातसत भदरासनककॊ चित शसवदधदॊकषततभणडर (घयणड सॊदहता)rsquo अथामत भदराओॊ क सभान शसवदधदामक कोई अनम साधन ब-भॊडर ऩय नहीॊ ह| इसशरए मोगशसवदध क आकाॊीजनो को भदराओॊ का अभमास कयना शरमसकय ह|

अनतबोध चतनय दवारा सऩादित तरिदिवसीय मदराचचकितसा सि 43

39 खचरी मदरा-

भनटम की जीब (तजहवा) दो तयह की होती ह- रॊफी औय छोटी रॊफी जीब को सऩमतजहवा कहत ह कछ रोगो की जीब रॊफी होन स व उस आसानी स नाशसकागर ऩय रगा सकत ह औय खियी-भदरा कय सकत ह भगय तजसकी जीब छोटी होती ह उस तकरीपो का साभना कयना ऩड़ता ह सफस ऩहर उनह अऩनी जीब रॊफी कयनी ऩड़ती ह औय उसक शरए घषमण व दोहन का सहाया रना ऩड़ता ह जीब नीि की ओय स तजस नाड़ी स जड़ी होती ह उस काटना ऩड़ता ह खियी भदरा को शसदध कयन एवॊ अभत क सराव हत आवशमक उददीऩन भ कछ वषम बी रग सकत ह मह वमततत की मोनमता ऩय बी तनबमय कयता ह मोग भ कछ भदराएॊ ऐसी ह तजनह शसपम मोगी ही कयत ह साभानमजनो को इनह नहीॊ कयना िादहए खियी भदरा साधको क शरए भानी गई ह ववचध - इसक शरए जीब औय तार को जोड़न वार भाॊस-तॊत को धीय-धीय काटा जाता ह अथामत एक ददन जौ बय काटकय छोड़ ददमा जाता ह कपय तीन-िाय ददन फाद थोड़ा-सा औय काट ददमा जाता ह इस परकाय थोड़ा-थोड़ा काटन स उस सथान की यतत शशयाएॊ अऩना सथान बीतय की तयप फनाती जाती ह जीब को काटन क साथ ही परततददन धीय-धीय फाहय की तयप खीॊिन का अभमास ककमा जाता ह इसका अभमास कयन स कछ भहीनो भ जीब इतनी रॊफी हो जाती ह कक मदद उस ऊऩय की तयप रौटा (उसटा कयन) ददमा जाए तो वह शवास जान वार छदो को बीतय स फॊद कय दती ह इसस सभाचध क सभम शवास का आना-जाना ऩणमत योक ददमा जाता ह ऱाभ इस भदरा स पराणामाभ को शसदध कयन औय साभचध रगान भ ववशष सहामता शभरती ह साधनायत साधओॊ क शरए मह भदरा फहत ही राबदामी भानी

अनतबोध चतनय दवारा सऩादित तरिदिवसीय मदराचचकितसा सि 44

जाती ह ववशषता तनयॊतय अभमास कयत यहन स तजफ जफ रॊफी हो जाती ह तफ उस नाशसका यनरो भ परवश कयामा जा सकता ह इस परकाय धमान रगान स कऩार भागम एवॊ तरफ ॊद ववसगम स सॊफॊचधत कछ गरॊचथमो भ उददीऩन होता ह तजसक ऩरयणाभसवरऩ अभत का सराव आयॊब होता ह उसी अभत का सराव होत वतत एक ववशष परकाय का आधमाततभक अनबव होता ह इस अनबव स शसवदध औय सभाचध भ तजी स परगतत होती ह चतावनी मह आरख शसपम जानकायी हत ह कोई बी वमततत इस ऩढ़कय कयन का परमास न कय तमोकक मह शसपम साधको क शरए ह आभ रोगो क शरए नहीॊ

40 अकzwj वनी मदरा- इस भदरा स साधक भ घोड़ो जसी शततत आ जाती ह तजस lsquoहॉसम ऩॉवयrsquo कहत ह|

ववचध - इस भदरा भ गदा-दवाय का फाय-फाय सॊकोिन औय परसाय ककमा जाता ह| इसी स भदरा की शसवदध हो जाती ह| इसक दवाया कणडशरनी जागयण भ सगभता यहती ह औय अनक योग नटट होकय शायीरयक फर की ववदध होती ह|

ऱाभ - अतश वनी भदरा शसदध होन स साधक की अकारभतम कबी नहीॊ होती| गदा औय उदय स सॊफॊचधत योगो का इसक दवाया शभन होता ह तथा दीघमजीवन की उऩरतबध होती ह| तरफना भरफॊध क अतश वनी भदरा नहीॊ हो सकती| 41 बजरौऱी मदरा- फजरौरी भदरा बी भरफॊध का अचछा अभमास ककए तरफना ककसी परकाय सॊबव नहीॊ ह| मह भदरा कवर मोगी क शरए ही नहीॊ बोगी क शरए बी अतमॊत राबकायी ह|

अनतबोध चतनय दवारा सऩादित तरिदिवसीय मदराचचकितसा सि 45

ववचध - इस भदरा भ ऩहर दोनो ऩाॊवो को बशभ ऩय दढ़ताऩवमक दटकाकय दोनो ऩाॊवो को धीय-धीय दढ़ताऩवमक ऊऩय आकाश भ उठा द| इसस तरफॊद-शसवदध होती ह| शकर को धीय-धीय ऊऩय की आकॊ िन कय अथामत इॊददरम क आॊकिन क दवाया वीमम को ऊऩय की ओय खीॊिन का अभमास कय तो मह भदरा शसदध होती ह| ववदवानो का भत ह कक इस भदरा क अभमास भ सतरी का होना आवशमक ह तमोकक बग भ ऩततत होता हआ शकर ऊऩय की ओय खीॊि र तो यज औय वीमम दोनो ही िढ़ जात ह| मह ककरमा अभमास स ही शसदध होती ह| कछ मोगािामम इस परकाय का अभमास शकर क सथान ऩय दनध स कयना फतात ह| जफ दनध खीॊिन का अभमास शसदध हो जाए तफ शकर को खीॊिन का अभमास कयना िादहए| वीमम को ऊऩय खीॊिनवारा मोगी ही ऊधवमयता कहराता ह| ऱाभ - इस भदरा स शयीय रटट-ऩटट तजसवी सॊदय सडौर औय जया-भतम यदहत होता ह| शयीय क सबी अवमव दढ़ होकय भन भ तनश िरता की परातपत होती ह| इसका अभमास अचधक कदठन नहीॊ ह| मदद गहसथ बी इसक कय तो फरवदधमन औय सौदममवदधमन का ऩया राब परापत कय सकत ह चतावनी मह आरख शसपम जानकायी हत ह कोई बी वमततत इस ऩढ़कय कयन का परमास न कय तमोकक मह शसपम साधको क शरए ह आभ रोगो क शरए नहीॊ

साधना कयनवार वमततत क शरए मह आवशमक ह कक वह साधना भ कातमक वाचिक औय भानशसक ककरमाओॊ ऩय ऩया तनमॊतरण यख तथा सभम-सभम ऩय उचित ताॊतरतरक परककरमाओॊ का बी सभनवम कयता यह| इस दतटट स तजस परकाय आसन ऩातरासादन अिमन आदद भ ककरमाओॊ का ववधान ह उसी परकाय उनक साथ कछ भदरा फनान का ववधान ह| म भदराएॊ भखम रऩ-स हाथ औय उसकी उॊगशरमो क परमोग स फनती ह| जस हभाया शयीय ऩॊिततवभम ह| अत शासतरकायो न कहा ह कक इन उॊगशरमो क परमोग स इन ततवो की नमनाचधकता दय की जा

अनतबोध चतनय दवारा सऩादित तरिदिवसीय मदराचचकितसा सि 46

सकती ह तथा ततवो की सभता-ववषभता स होनवारी कभी को उॊगशरमो की भदरा स सभ फनामा जा सकता ह| इतना ही नहीॊ ऐसी भदराओॊ क सहमोग स उन ततवो को सवचछाऩवमक घटामा-फढ़ामा बी जा सकता ह| म ततव करभश अॊगटठ भ अतनन तजमनी भ वाम भधमभा भ आकाश अनाशभका भ ऩथवी औय कतनतटठका भ जर क रऩ भ ववदमभान यहत ह| दवताओॊ की परसननता चितत की शवदध औय ववववध योगो क नाश भ भदराओॊ स फड़ी सहामता शभरती ह| भदराततव को सभझकय परतमक मोगी को इनका साधन कयना िादहए| कणडशरनी शततत क जागयण भ इन भदराओॊ स सहामता शभरती ह| महाॊ हभन तजन भदराओॊ का वणमन एवॊ चितरण ककमा ह उसभ परतमक मोगी साधक को ऩरयचित होना िादहए|

अनतबोध चतनय दवारा सऩादित तरिदिवसीय मदराचचकितसा सि 47

मोग अनसाय आसन औय पराणामाभ की तसथतत को भदरा कहा जाता ह फॊध ककरमा औय भदरा भ आसन औय पराणामाभ दोनो का ही कामम होता ह मोग भ भदराओॊ को आसन औय पराणामाभ स बी फढ़कय भाना जाता ह भदरा दो तयह की होती ह- ऩहरी हसत भदरा अथामत हाथो औय उसकी अॊगशरमो को ववशष आकतत भ फनाना औय दसयी आसन भदरा अथामत तजसभ ऩया शयीय ही सॊिाशरत होता ह

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अनतबोध चतनय दवारा सऩादित तरिदिवसीय मदराचचकितसा सि 40

शशक स सीखकय ही कयना िादहए मह भदरा फहत स योगो भ राबदामक शसदध हई ह इस फाय भ एक शरोक बी ह- मतर मतर तसथतो मोगी सवमकामष सवमदा उधवमतजवह तसथयो बतवाधायमतभवनॊ सदा नबोभदरा भवदषा मोदववना योग नाशशनी अथामत साय कामो भ तसथय हआ चितत अऩनी जीब क अगर बाग को भॊह क अॊदय तार भ रगाकय शवास को अॊदय योक रता ह इस तसथतत स विारयक गततववचधमाॊ ततकार फॊद हो जाती ह इसीशरए इस भदरा को यहसम का आबास ददरान वारी भदरा बी कहा जाता ह ववचध- अऩनी आॊखो को अऩनी दोनो बौहो क फीि भ जभाकय आऩकी जीब तार क साथ रगा र मह दोनो कामम एक ही साथ औय एक ही सभम भ कय सववधानसाय जफ तक सॊबव हो इसी तसथतत भ यह औय कपय कछ शभनट का धमान कय ऱाभ- नबोभदरा क तनयॊतय अभमास स जीब गर औय आॊखो क साय योग सभापत हो जात ह इसस भतसतटक भ तसथयता फढ़ती ह औय भतसतटक क योग बी दय हो जात ह

36 नालसिागर मदरा -

नाशसकागर भदरा का अथम होता ह नाक का आखखयी छोय ऊऩयी दहससा मा अगरबाग इस बाग ऩय फायी-फायी स सॊतरन फनान हए दखना ही नाकककागर भदरा मोग कहराता ह रककन मह भदरा कयन स ऩहर मोग शशक की सराह जरय र तमोकक इसक कयन स बकटी ऩय जोय ऩड़ता ह

अनतबोध चतनय दवारा सऩादित तरिदिवसीय मदराचचकितसा सि 41

ववचध- ककसी बी आसन भ फठकय नाक क आखखयी शसय ऩय नजय दटका र हो सकता ह कक ऩहर आऩ फाई आॊखो स उस दख ऩाएॊ तफ कछ दय फाद दाई आॊखो स दख इस दखन भ जया बी तनाव न हो सहजता स इस दख

ऱाभ- इसस जहाॊ आॊखो की एतसयसाइज होती ह वहीॊ मह भतसतटक क शरए बी राबदामक ह इसस भन भ एकागरता फढ़ती ह इस भदरा क रगाताय अभमास कयन स भराधाय िकर जागरत होन रगता ह तजसस कणडरीनी जागयण भ भदद शभरती ह इसस भराधाय िकर इसशरए जागरत होता ह तमोकक दोनो आॊखो क फीि ही तसथत ह इड़ा वऩ ॊगरा औय सषमना नाड़ी जो भराधाय तक गई ह समय- इस भदरा को इतनी दय तक कयना िादहए कक आॊखो ऩय इसका जमादा दफाव नहीॊ ऩड़ कपय धीय-धीय इस कयन का सभम फढ़ात जाएॊ

37 बरहम आसन मदरा-

कछ रोग इस बरहभा भदरा बी कहत ह तमोकक इस आसन भ गदमन को िाय ददशा भ घभामा जाता ह औय बरहभाजी क िाय भख थ इसीशरए इसका नाभ बरहभा भदरा आसन यखा गमा रककन असर भ मह बरहभ भदरा आसन ह औय इसभ सबी ददशाओॊ भ तसथत ऩयभशवय को जानकय उसका चिॊतन ककमा जाता ह नभाज ऩढ़त वतत मा सॊधमा वॊदन कयत वतत उतत भदरासन को ककमा जाता यहा ह ववचध- ऩदमासन शसदधासन मा वजरासन भ फठकय कभय तथा गदमन को सीधा यखत हए गदमन को धीय-धीय दामीॊ ओय र जात ह कछ सकॊ ड दामीॊ ओय रकत ह उसक फाद गदमन को धीय-धीय फामीॊ ओय र जात ह कछ सकॊ ड तक फामीॊ ओय रककय कपय दामीॊ ओय र जात ह कपय वाऩस आन क फाद गदमन को ऊऩय की ओय र जात ह उसक फाद नीि की तयप र जात ह कपय गदमन को तराकवाइज

अनतबोध चतनय दवारा सऩादित तरिदिवसीय मदराचचकितसा सि 42

औय एॊटीतराकवाइज घभाएॉ इस तयह मह एक िकर ऩया हआ अऩनी सववधानसाय इस िाय स ऩाॉि िकरो भ कय सकत ह

ऱाभ तजन रोगो को सवामइकर सऩोडराइदटस थाइयाइड नराॊटस की शशकामत ह उनक शरए मह आसन राबदामक ह इसस गदमन की भाॉसऩशशमाॉ रिीरी तथा भजफत होती ह आधमाततभक दतटट स बी मह आसन राबदामक ह आरसम बी कभ होता जाता ह तथा फदरत भौसभ क सदी-जकाभ औय खाॉसी स छटकाया बी शभरता ह

सावधाननया तजनह सवामइकर सऩोडराइदटस मा थाइयाइड की सभसमा ह व ठोडी को ऊऩय की ओय दफाएॉ गदमन को नीि की ओय र जात सभम कॊ ध न झकाएॉ कभय गदमन औय कॊ ध सीध यख गदमन मा गर भ कोई गॊबीय योग हो तो मोग चिककतसक की सराह स ही मह भदराआसन कय

38 भजचगनी मदरा- ववचध- इसभ भख को पराकय कॊ ठ स फाहयी वाम खीॊिी जाती ह| तार औय तजहवा क भधम वाम क घभन स शयीय भ अदभत शततत का आववबामव होता ह|

ऱाभ- मह भदरा अजीणम आदद उदय योगो को नटट कयन भ बी फहत उऩमोगी ह| इस परकाय भदराओॊ क अभमास स साधक को सफ परकाय क शायीरयक भानशसक औय आततभक फर की परातपत होती ह| मोगािामो क अनसाय lsquoनातसत भदरासनककॊ चित शसवदधदॊकषततभणडर (घयणड सॊदहता)rsquo अथामत भदराओॊ क सभान शसवदधदामक कोई अनम साधन ब-भॊडर ऩय नहीॊ ह| इसशरए मोगशसवदध क आकाॊीजनो को भदराओॊ का अभमास कयना शरमसकय ह|

अनतबोध चतनय दवारा सऩादित तरिदिवसीय मदराचचकितसा सि 43

39 खचरी मदरा-

भनटम की जीब (तजहवा) दो तयह की होती ह- रॊफी औय छोटी रॊफी जीब को सऩमतजहवा कहत ह कछ रोगो की जीब रॊफी होन स व उस आसानी स नाशसकागर ऩय रगा सकत ह औय खियी-भदरा कय सकत ह भगय तजसकी जीब छोटी होती ह उस तकरीपो का साभना कयना ऩड़ता ह सफस ऩहर उनह अऩनी जीब रॊफी कयनी ऩड़ती ह औय उसक शरए घषमण व दोहन का सहाया रना ऩड़ता ह जीब नीि की ओय स तजस नाड़ी स जड़ी होती ह उस काटना ऩड़ता ह खियी भदरा को शसदध कयन एवॊ अभत क सराव हत आवशमक उददीऩन भ कछ वषम बी रग सकत ह मह वमततत की मोनमता ऩय बी तनबमय कयता ह मोग भ कछ भदराएॊ ऐसी ह तजनह शसपम मोगी ही कयत ह साभानमजनो को इनह नहीॊ कयना िादहए खियी भदरा साधको क शरए भानी गई ह ववचध - इसक शरए जीब औय तार को जोड़न वार भाॊस-तॊत को धीय-धीय काटा जाता ह अथामत एक ददन जौ बय काटकय छोड़ ददमा जाता ह कपय तीन-िाय ददन फाद थोड़ा-सा औय काट ददमा जाता ह इस परकाय थोड़ा-थोड़ा काटन स उस सथान की यतत शशयाएॊ अऩना सथान बीतय की तयप फनाती जाती ह जीब को काटन क साथ ही परततददन धीय-धीय फाहय की तयप खीॊिन का अभमास ककमा जाता ह इसका अभमास कयन स कछ भहीनो भ जीब इतनी रॊफी हो जाती ह कक मदद उस ऊऩय की तयप रौटा (उसटा कयन) ददमा जाए तो वह शवास जान वार छदो को बीतय स फॊद कय दती ह इसस सभाचध क सभम शवास का आना-जाना ऩणमत योक ददमा जाता ह ऱाभ इस भदरा स पराणामाभ को शसदध कयन औय साभचध रगान भ ववशष सहामता शभरती ह साधनायत साधओॊ क शरए मह भदरा फहत ही राबदामी भानी

अनतबोध चतनय दवारा सऩादित तरिदिवसीय मदराचचकितसा सि 44

जाती ह ववशषता तनयॊतय अभमास कयत यहन स तजफ जफ रॊफी हो जाती ह तफ उस नाशसका यनरो भ परवश कयामा जा सकता ह इस परकाय धमान रगान स कऩार भागम एवॊ तरफ ॊद ववसगम स सॊफॊचधत कछ गरॊचथमो भ उददीऩन होता ह तजसक ऩरयणाभसवरऩ अभत का सराव आयॊब होता ह उसी अभत का सराव होत वतत एक ववशष परकाय का आधमाततभक अनबव होता ह इस अनबव स शसवदध औय सभाचध भ तजी स परगतत होती ह चतावनी मह आरख शसपम जानकायी हत ह कोई बी वमततत इस ऩढ़कय कयन का परमास न कय तमोकक मह शसपम साधको क शरए ह आभ रोगो क शरए नहीॊ

40 अकzwj वनी मदरा- इस भदरा स साधक भ घोड़ो जसी शततत आ जाती ह तजस lsquoहॉसम ऩॉवयrsquo कहत ह|

ववचध - इस भदरा भ गदा-दवाय का फाय-फाय सॊकोिन औय परसाय ककमा जाता ह| इसी स भदरा की शसवदध हो जाती ह| इसक दवाया कणडशरनी जागयण भ सगभता यहती ह औय अनक योग नटट होकय शायीरयक फर की ववदध होती ह|

ऱाभ - अतश वनी भदरा शसदध होन स साधक की अकारभतम कबी नहीॊ होती| गदा औय उदय स सॊफॊचधत योगो का इसक दवाया शभन होता ह तथा दीघमजीवन की उऩरतबध होती ह| तरफना भरफॊध क अतश वनी भदरा नहीॊ हो सकती| 41 बजरौऱी मदरा- फजरौरी भदरा बी भरफॊध का अचछा अभमास ककए तरफना ककसी परकाय सॊबव नहीॊ ह| मह भदरा कवर मोगी क शरए ही नहीॊ बोगी क शरए बी अतमॊत राबकायी ह|

अनतबोध चतनय दवारा सऩादित तरिदिवसीय मदराचचकितसा सि 45

ववचध - इस भदरा भ ऩहर दोनो ऩाॊवो को बशभ ऩय दढ़ताऩवमक दटकाकय दोनो ऩाॊवो को धीय-धीय दढ़ताऩवमक ऊऩय आकाश भ उठा द| इसस तरफॊद-शसवदध होती ह| शकर को धीय-धीय ऊऩय की आकॊ िन कय अथामत इॊददरम क आॊकिन क दवाया वीमम को ऊऩय की ओय खीॊिन का अभमास कय तो मह भदरा शसदध होती ह| ववदवानो का भत ह कक इस भदरा क अभमास भ सतरी का होना आवशमक ह तमोकक बग भ ऩततत होता हआ शकर ऊऩय की ओय खीॊि र तो यज औय वीमम दोनो ही िढ़ जात ह| मह ककरमा अभमास स ही शसदध होती ह| कछ मोगािामम इस परकाय का अभमास शकर क सथान ऩय दनध स कयना फतात ह| जफ दनध खीॊिन का अभमास शसदध हो जाए तफ शकर को खीॊिन का अभमास कयना िादहए| वीमम को ऊऩय खीॊिनवारा मोगी ही ऊधवमयता कहराता ह| ऱाभ - इस भदरा स शयीय रटट-ऩटट तजसवी सॊदय सडौर औय जया-भतम यदहत होता ह| शयीय क सबी अवमव दढ़ होकय भन भ तनश िरता की परातपत होती ह| इसका अभमास अचधक कदठन नहीॊ ह| मदद गहसथ बी इसक कय तो फरवदधमन औय सौदममवदधमन का ऩया राब परापत कय सकत ह चतावनी मह आरख शसपम जानकायी हत ह कोई बी वमततत इस ऩढ़कय कयन का परमास न कय तमोकक मह शसपम साधको क शरए ह आभ रोगो क शरए नहीॊ

साधना कयनवार वमततत क शरए मह आवशमक ह कक वह साधना भ कातमक वाचिक औय भानशसक ककरमाओॊ ऩय ऩया तनमॊतरण यख तथा सभम-सभम ऩय उचित ताॊतरतरक परककरमाओॊ का बी सभनवम कयता यह| इस दतटट स तजस परकाय आसन ऩातरासादन अिमन आदद भ ककरमाओॊ का ववधान ह उसी परकाय उनक साथ कछ भदरा फनान का ववधान ह| म भदराएॊ भखम रऩ-स हाथ औय उसकी उॊगशरमो क परमोग स फनती ह| जस हभाया शयीय ऩॊिततवभम ह| अत शासतरकायो न कहा ह कक इन उॊगशरमो क परमोग स इन ततवो की नमनाचधकता दय की जा

अनतबोध चतनय दवारा सऩादित तरिदिवसीय मदराचचकितसा सि 46

सकती ह तथा ततवो की सभता-ववषभता स होनवारी कभी को उॊगशरमो की भदरा स सभ फनामा जा सकता ह| इतना ही नहीॊ ऐसी भदराओॊ क सहमोग स उन ततवो को सवचछाऩवमक घटामा-फढ़ामा बी जा सकता ह| म ततव करभश अॊगटठ भ अतनन तजमनी भ वाम भधमभा भ आकाश अनाशभका भ ऩथवी औय कतनतटठका भ जर क रऩ भ ववदमभान यहत ह| दवताओॊ की परसननता चितत की शवदध औय ववववध योगो क नाश भ भदराओॊ स फड़ी सहामता शभरती ह| भदराततव को सभझकय परतमक मोगी को इनका साधन कयना िादहए| कणडशरनी शततत क जागयण भ इन भदराओॊ स सहामता शभरती ह| महाॊ हभन तजन भदराओॊ का वणमन एवॊ चितरण ककमा ह उसभ परतमक मोगी साधक को ऩरयचित होना िादहए|

अनतबोध चतनय दवारा सऩादित तरिदिवसीय मदराचचकितसा सि 47

मोग अनसाय आसन औय पराणामाभ की तसथतत को भदरा कहा जाता ह फॊध ककरमा औय भदरा भ आसन औय पराणामाभ दोनो का ही कामम होता ह मोग भ भदराओॊ को आसन औय पराणामाभ स बी फढ़कय भाना जाता ह भदरा दो तयह की होती ह- ऩहरी हसत भदरा अथामत हाथो औय उसकी अॊगशरमो को ववशष आकतत भ फनाना औय दसयी आसन भदरा अथामत तजसभ ऩया शयीय ही सॊिाशरत होता ह

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अनतबोध चतनय दवारा सऩादित तरिदिवसीय मदराचचकितसा सि 41

ववचध- ककसी बी आसन भ फठकय नाक क आखखयी शसय ऩय नजय दटका र हो सकता ह कक ऩहर आऩ फाई आॊखो स उस दख ऩाएॊ तफ कछ दय फाद दाई आॊखो स दख इस दखन भ जया बी तनाव न हो सहजता स इस दख

ऱाभ- इसस जहाॊ आॊखो की एतसयसाइज होती ह वहीॊ मह भतसतटक क शरए बी राबदामक ह इसस भन भ एकागरता फढ़ती ह इस भदरा क रगाताय अभमास कयन स भराधाय िकर जागरत होन रगता ह तजसस कणडरीनी जागयण भ भदद शभरती ह इसस भराधाय िकर इसशरए जागरत होता ह तमोकक दोनो आॊखो क फीि ही तसथत ह इड़ा वऩ ॊगरा औय सषमना नाड़ी जो भराधाय तक गई ह समय- इस भदरा को इतनी दय तक कयना िादहए कक आॊखो ऩय इसका जमादा दफाव नहीॊ ऩड़ कपय धीय-धीय इस कयन का सभम फढ़ात जाएॊ

37 बरहम आसन मदरा-

कछ रोग इस बरहभा भदरा बी कहत ह तमोकक इस आसन भ गदमन को िाय ददशा भ घभामा जाता ह औय बरहभाजी क िाय भख थ इसीशरए इसका नाभ बरहभा भदरा आसन यखा गमा रककन असर भ मह बरहभ भदरा आसन ह औय इसभ सबी ददशाओॊ भ तसथत ऩयभशवय को जानकय उसका चिॊतन ककमा जाता ह नभाज ऩढ़त वतत मा सॊधमा वॊदन कयत वतत उतत भदरासन को ककमा जाता यहा ह ववचध- ऩदमासन शसदधासन मा वजरासन भ फठकय कभय तथा गदमन को सीधा यखत हए गदमन को धीय-धीय दामीॊ ओय र जात ह कछ सकॊ ड दामीॊ ओय रकत ह उसक फाद गदमन को धीय-धीय फामीॊ ओय र जात ह कछ सकॊ ड तक फामीॊ ओय रककय कपय दामीॊ ओय र जात ह कपय वाऩस आन क फाद गदमन को ऊऩय की ओय र जात ह उसक फाद नीि की तयप र जात ह कपय गदमन को तराकवाइज

अनतबोध चतनय दवारा सऩादित तरिदिवसीय मदराचचकितसा सि 42

औय एॊटीतराकवाइज घभाएॉ इस तयह मह एक िकर ऩया हआ अऩनी सववधानसाय इस िाय स ऩाॉि िकरो भ कय सकत ह

ऱाभ तजन रोगो को सवामइकर सऩोडराइदटस थाइयाइड नराॊटस की शशकामत ह उनक शरए मह आसन राबदामक ह इसस गदमन की भाॉसऩशशमाॉ रिीरी तथा भजफत होती ह आधमाततभक दतटट स बी मह आसन राबदामक ह आरसम बी कभ होता जाता ह तथा फदरत भौसभ क सदी-जकाभ औय खाॉसी स छटकाया बी शभरता ह

सावधाननया तजनह सवामइकर सऩोडराइदटस मा थाइयाइड की सभसमा ह व ठोडी को ऊऩय की ओय दफाएॉ गदमन को नीि की ओय र जात सभम कॊ ध न झकाएॉ कभय गदमन औय कॊ ध सीध यख गदमन मा गर भ कोई गॊबीय योग हो तो मोग चिककतसक की सराह स ही मह भदराआसन कय

38 भजचगनी मदरा- ववचध- इसभ भख को पराकय कॊ ठ स फाहयी वाम खीॊिी जाती ह| तार औय तजहवा क भधम वाम क घभन स शयीय भ अदभत शततत का आववबामव होता ह|

ऱाभ- मह भदरा अजीणम आदद उदय योगो को नटट कयन भ बी फहत उऩमोगी ह| इस परकाय भदराओॊ क अभमास स साधक को सफ परकाय क शायीरयक भानशसक औय आततभक फर की परातपत होती ह| मोगािामो क अनसाय lsquoनातसत भदरासनककॊ चित शसवदधदॊकषततभणडर (घयणड सॊदहता)rsquo अथामत भदराओॊ क सभान शसवदधदामक कोई अनम साधन ब-भॊडर ऩय नहीॊ ह| इसशरए मोगशसवदध क आकाॊीजनो को भदराओॊ का अभमास कयना शरमसकय ह|

अनतबोध चतनय दवारा सऩादित तरिदिवसीय मदराचचकितसा सि 43

39 खचरी मदरा-

भनटम की जीब (तजहवा) दो तयह की होती ह- रॊफी औय छोटी रॊफी जीब को सऩमतजहवा कहत ह कछ रोगो की जीब रॊफी होन स व उस आसानी स नाशसकागर ऩय रगा सकत ह औय खियी-भदरा कय सकत ह भगय तजसकी जीब छोटी होती ह उस तकरीपो का साभना कयना ऩड़ता ह सफस ऩहर उनह अऩनी जीब रॊफी कयनी ऩड़ती ह औय उसक शरए घषमण व दोहन का सहाया रना ऩड़ता ह जीब नीि की ओय स तजस नाड़ी स जड़ी होती ह उस काटना ऩड़ता ह खियी भदरा को शसदध कयन एवॊ अभत क सराव हत आवशमक उददीऩन भ कछ वषम बी रग सकत ह मह वमततत की मोनमता ऩय बी तनबमय कयता ह मोग भ कछ भदराएॊ ऐसी ह तजनह शसपम मोगी ही कयत ह साभानमजनो को इनह नहीॊ कयना िादहए खियी भदरा साधको क शरए भानी गई ह ववचध - इसक शरए जीब औय तार को जोड़न वार भाॊस-तॊत को धीय-धीय काटा जाता ह अथामत एक ददन जौ बय काटकय छोड़ ददमा जाता ह कपय तीन-िाय ददन फाद थोड़ा-सा औय काट ददमा जाता ह इस परकाय थोड़ा-थोड़ा काटन स उस सथान की यतत शशयाएॊ अऩना सथान बीतय की तयप फनाती जाती ह जीब को काटन क साथ ही परततददन धीय-धीय फाहय की तयप खीॊिन का अभमास ककमा जाता ह इसका अभमास कयन स कछ भहीनो भ जीब इतनी रॊफी हो जाती ह कक मदद उस ऊऩय की तयप रौटा (उसटा कयन) ददमा जाए तो वह शवास जान वार छदो को बीतय स फॊद कय दती ह इसस सभाचध क सभम शवास का आना-जाना ऩणमत योक ददमा जाता ह ऱाभ इस भदरा स पराणामाभ को शसदध कयन औय साभचध रगान भ ववशष सहामता शभरती ह साधनायत साधओॊ क शरए मह भदरा फहत ही राबदामी भानी

अनतबोध चतनय दवारा सऩादित तरिदिवसीय मदराचचकितसा सि 44

जाती ह ववशषता तनयॊतय अभमास कयत यहन स तजफ जफ रॊफी हो जाती ह तफ उस नाशसका यनरो भ परवश कयामा जा सकता ह इस परकाय धमान रगान स कऩार भागम एवॊ तरफ ॊद ववसगम स सॊफॊचधत कछ गरॊचथमो भ उददीऩन होता ह तजसक ऩरयणाभसवरऩ अभत का सराव आयॊब होता ह उसी अभत का सराव होत वतत एक ववशष परकाय का आधमाततभक अनबव होता ह इस अनबव स शसवदध औय सभाचध भ तजी स परगतत होती ह चतावनी मह आरख शसपम जानकायी हत ह कोई बी वमततत इस ऩढ़कय कयन का परमास न कय तमोकक मह शसपम साधको क शरए ह आभ रोगो क शरए नहीॊ

40 अकzwj वनी मदरा- इस भदरा स साधक भ घोड़ो जसी शततत आ जाती ह तजस lsquoहॉसम ऩॉवयrsquo कहत ह|

ववचध - इस भदरा भ गदा-दवाय का फाय-फाय सॊकोिन औय परसाय ककमा जाता ह| इसी स भदरा की शसवदध हो जाती ह| इसक दवाया कणडशरनी जागयण भ सगभता यहती ह औय अनक योग नटट होकय शायीरयक फर की ववदध होती ह|

ऱाभ - अतश वनी भदरा शसदध होन स साधक की अकारभतम कबी नहीॊ होती| गदा औय उदय स सॊफॊचधत योगो का इसक दवाया शभन होता ह तथा दीघमजीवन की उऩरतबध होती ह| तरफना भरफॊध क अतश वनी भदरा नहीॊ हो सकती| 41 बजरौऱी मदरा- फजरौरी भदरा बी भरफॊध का अचछा अभमास ककए तरफना ककसी परकाय सॊबव नहीॊ ह| मह भदरा कवर मोगी क शरए ही नहीॊ बोगी क शरए बी अतमॊत राबकायी ह|

अनतबोध चतनय दवारा सऩादित तरिदिवसीय मदराचचकितसा सि 45

ववचध - इस भदरा भ ऩहर दोनो ऩाॊवो को बशभ ऩय दढ़ताऩवमक दटकाकय दोनो ऩाॊवो को धीय-धीय दढ़ताऩवमक ऊऩय आकाश भ उठा द| इसस तरफॊद-शसवदध होती ह| शकर को धीय-धीय ऊऩय की आकॊ िन कय अथामत इॊददरम क आॊकिन क दवाया वीमम को ऊऩय की ओय खीॊिन का अभमास कय तो मह भदरा शसदध होती ह| ववदवानो का भत ह कक इस भदरा क अभमास भ सतरी का होना आवशमक ह तमोकक बग भ ऩततत होता हआ शकर ऊऩय की ओय खीॊि र तो यज औय वीमम दोनो ही िढ़ जात ह| मह ककरमा अभमास स ही शसदध होती ह| कछ मोगािामम इस परकाय का अभमास शकर क सथान ऩय दनध स कयना फतात ह| जफ दनध खीॊिन का अभमास शसदध हो जाए तफ शकर को खीॊिन का अभमास कयना िादहए| वीमम को ऊऩय खीॊिनवारा मोगी ही ऊधवमयता कहराता ह| ऱाभ - इस भदरा स शयीय रटट-ऩटट तजसवी सॊदय सडौर औय जया-भतम यदहत होता ह| शयीय क सबी अवमव दढ़ होकय भन भ तनश िरता की परातपत होती ह| इसका अभमास अचधक कदठन नहीॊ ह| मदद गहसथ बी इसक कय तो फरवदधमन औय सौदममवदधमन का ऩया राब परापत कय सकत ह चतावनी मह आरख शसपम जानकायी हत ह कोई बी वमततत इस ऩढ़कय कयन का परमास न कय तमोकक मह शसपम साधको क शरए ह आभ रोगो क शरए नहीॊ

साधना कयनवार वमततत क शरए मह आवशमक ह कक वह साधना भ कातमक वाचिक औय भानशसक ककरमाओॊ ऩय ऩया तनमॊतरण यख तथा सभम-सभम ऩय उचित ताॊतरतरक परककरमाओॊ का बी सभनवम कयता यह| इस दतटट स तजस परकाय आसन ऩातरासादन अिमन आदद भ ककरमाओॊ का ववधान ह उसी परकाय उनक साथ कछ भदरा फनान का ववधान ह| म भदराएॊ भखम रऩ-स हाथ औय उसकी उॊगशरमो क परमोग स फनती ह| जस हभाया शयीय ऩॊिततवभम ह| अत शासतरकायो न कहा ह कक इन उॊगशरमो क परमोग स इन ततवो की नमनाचधकता दय की जा

अनतबोध चतनय दवारा सऩादित तरिदिवसीय मदराचचकितसा सि 46

सकती ह तथा ततवो की सभता-ववषभता स होनवारी कभी को उॊगशरमो की भदरा स सभ फनामा जा सकता ह| इतना ही नहीॊ ऐसी भदराओॊ क सहमोग स उन ततवो को सवचछाऩवमक घटामा-फढ़ामा बी जा सकता ह| म ततव करभश अॊगटठ भ अतनन तजमनी भ वाम भधमभा भ आकाश अनाशभका भ ऩथवी औय कतनतटठका भ जर क रऩ भ ववदमभान यहत ह| दवताओॊ की परसननता चितत की शवदध औय ववववध योगो क नाश भ भदराओॊ स फड़ी सहामता शभरती ह| भदराततव को सभझकय परतमक मोगी को इनका साधन कयना िादहए| कणडशरनी शततत क जागयण भ इन भदराओॊ स सहामता शभरती ह| महाॊ हभन तजन भदराओॊ का वणमन एवॊ चितरण ककमा ह उसभ परतमक मोगी साधक को ऩरयचित होना िादहए|

अनतबोध चतनय दवारा सऩादित तरिदिवसीय मदराचचकितसा सि 47

मोग अनसाय आसन औय पराणामाभ की तसथतत को भदरा कहा जाता ह फॊध ककरमा औय भदरा भ आसन औय पराणामाभ दोनो का ही कामम होता ह मोग भ भदराओॊ को आसन औय पराणामाभ स बी फढ़कय भाना जाता ह भदरा दो तयह की होती ह- ऩहरी हसत भदरा अथामत हाथो औय उसकी अॊगशरमो को ववशष आकतत भ फनाना औय दसयी आसन भदरा अथामत तजसभ ऩया शयीय ही सॊिाशरत होता ह

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अनतबोध चतनय दवारा सऩादित तरिदिवसीय मदराचचकितसा सि 42

औय एॊटीतराकवाइज घभाएॉ इस तयह मह एक िकर ऩया हआ अऩनी सववधानसाय इस िाय स ऩाॉि िकरो भ कय सकत ह

ऱाभ तजन रोगो को सवामइकर सऩोडराइदटस थाइयाइड नराॊटस की शशकामत ह उनक शरए मह आसन राबदामक ह इसस गदमन की भाॉसऩशशमाॉ रिीरी तथा भजफत होती ह आधमाततभक दतटट स बी मह आसन राबदामक ह आरसम बी कभ होता जाता ह तथा फदरत भौसभ क सदी-जकाभ औय खाॉसी स छटकाया बी शभरता ह

सावधाननया तजनह सवामइकर सऩोडराइदटस मा थाइयाइड की सभसमा ह व ठोडी को ऊऩय की ओय दफाएॉ गदमन को नीि की ओय र जात सभम कॊ ध न झकाएॉ कभय गदमन औय कॊ ध सीध यख गदमन मा गर भ कोई गॊबीय योग हो तो मोग चिककतसक की सराह स ही मह भदराआसन कय

38 भजचगनी मदरा- ववचध- इसभ भख को पराकय कॊ ठ स फाहयी वाम खीॊिी जाती ह| तार औय तजहवा क भधम वाम क घभन स शयीय भ अदभत शततत का आववबामव होता ह|

ऱाभ- मह भदरा अजीणम आदद उदय योगो को नटट कयन भ बी फहत उऩमोगी ह| इस परकाय भदराओॊ क अभमास स साधक को सफ परकाय क शायीरयक भानशसक औय आततभक फर की परातपत होती ह| मोगािामो क अनसाय lsquoनातसत भदरासनककॊ चित शसवदधदॊकषततभणडर (घयणड सॊदहता)rsquo अथामत भदराओॊ क सभान शसवदधदामक कोई अनम साधन ब-भॊडर ऩय नहीॊ ह| इसशरए मोगशसवदध क आकाॊीजनो को भदराओॊ का अभमास कयना शरमसकय ह|

अनतबोध चतनय दवारा सऩादित तरिदिवसीय मदराचचकितसा सि 43

39 खचरी मदरा-

भनटम की जीब (तजहवा) दो तयह की होती ह- रॊफी औय छोटी रॊफी जीब को सऩमतजहवा कहत ह कछ रोगो की जीब रॊफी होन स व उस आसानी स नाशसकागर ऩय रगा सकत ह औय खियी-भदरा कय सकत ह भगय तजसकी जीब छोटी होती ह उस तकरीपो का साभना कयना ऩड़ता ह सफस ऩहर उनह अऩनी जीब रॊफी कयनी ऩड़ती ह औय उसक शरए घषमण व दोहन का सहाया रना ऩड़ता ह जीब नीि की ओय स तजस नाड़ी स जड़ी होती ह उस काटना ऩड़ता ह खियी भदरा को शसदध कयन एवॊ अभत क सराव हत आवशमक उददीऩन भ कछ वषम बी रग सकत ह मह वमततत की मोनमता ऩय बी तनबमय कयता ह मोग भ कछ भदराएॊ ऐसी ह तजनह शसपम मोगी ही कयत ह साभानमजनो को इनह नहीॊ कयना िादहए खियी भदरा साधको क शरए भानी गई ह ववचध - इसक शरए जीब औय तार को जोड़न वार भाॊस-तॊत को धीय-धीय काटा जाता ह अथामत एक ददन जौ बय काटकय छोड़ ददमा जाता ह कपय तीन-िाय ददन फाद थोड़ा-सा औय काट ददमा जाता ह इस परकाय थोड़ा-थोड़ा काटन स उस सथान की यतत शशयाएॊ अऩना सथान बीतय की तयप फनाती जाती ह जीब को काटन क साथ ही परततददन धीय-धीय फाहय की तयप खीॊिन का अभमास ककमा जाता ह इसका अभमास कयन स कछ भहीनो भ जीब इतनी रॊफी हो जाती ह कक मदद उस ऊऩय की तयप रौटा (उसटा कयन) ददमा जाए तो वह शवास जान वार छदो को बीतय स फॊद कय दती ह इसस सभाचध क सभम शवास का आना-जाना ऩणमत योक ददमा जाता ह ऱाभ इस भदरा स पराणामाभ को शसदध कयन औय साभचध रगान भ ववशष सहामता शभरती ह साधनायत साधओॊ क शरए मह भदरा फहत ही राबदामी भानी

अनतबोध चतनय दवारा सऩादित तरिदिवसीय मदराचचकितसा सि 44

जाती ह ववशषता तनयॊतय अभमास कयत यहन स तजफ जफ रॊफी हो जाती ह तफ उस नाशसका यनरो भ परवश कयामा जा सकता ह इस परकाय धमान रगान स कऩार भागम एवॊ तरफ ॊद ववसगम स सॊफॊचधत कछ गरॊचथमो भ उददीऩन होता ह तजसक ऩरयणाभसवरऩ अभत का सराव आयॊब होता ह उसी अभत का सराव होत वतत एक ववशष परकाय का आधमाततभक अनबव होता ह इस अनबव स शसवदध औय सभाचध भ तजी स परगतत होती ह चतावनी मह आरख शसपम जानकायी हत ह कोई बी वमततत इस ऩढ़कय कयन का परमास न कय तमोकक मह शसपम साधको क शरए ह आभ रोगो क शरए नहीॊ

40 अकzwj वनी मदरा- इस भदरा स साधक भ घोड़ो जसी शततत आ जाती ह तजस lsquoहॉसम ऩॉवयrsquo कहत ह|

ववचध - इस भदरा भ गदा-दवाय का फाय-फाय सॊकोिन औय परसाय ककमा जाता ह| इसी स भदरा की शसवदध हो जाती ह| इसक दवाया कणडशरनी जागयण भ सगभता यहती ह औय अनक योग नटट होकय शायीरयक फर की ववदध होती ह|

ऱाभ - अतश वनी भदरा शसदध होन स साधक की अकारभतम कबी नहीॊ होती| गदा औय उदय स सॊफॊचधत योगो का इसक दवाया शभन होता ह तथा दीघमजीवन की उऩरतबध होती ह| तरफना भरफॊध क अतश वनी भदरा नहीॊ हो सकती| 41 बजरौऱी मदरा- फजरौरी भदरा बी भरफॊध का अचछा अभमास ककए तरफना ककसी परकाय सॊबव नहीॊ ह| मह भदरा कवर मोगी क शरए ही नहीॊ बोगी क शरए बी अतमॊत राबकायी ह|

अनतबोध चतनय दवारा सऩादित तरिदिवसीय मदराचचकितसा सि 45

ववचध - इस भदरा भ ऩहर दोनो ऩाॊवो को बशभ ऩय दढ़ताऩवमक दटकाकय दोनो ऩाॊवो को धीय-धीय दढ़ताऩवमक ऊऩय आकाश भ उठा द| इसस तरफॊद-शसवदध होती ह| शकर को धीय-धीय ऊऩय की आकॊ िन कय अथामत इॊददरम क आॊकिन क दवाया वीमम को ऊऩय की ओय खीॊिन का अभमास कय तो मह भदरा शसदध होती ह| ववदवानो का भत ह कक इस भदरा क अभमास भ सतरी का होना आवशमक ह तमोकक बग भ ऩततत होता हआ शकर ऊऩय की ओय खीॊि र तो यज औय वीमम दोनो ही िढ़ जात ह| मह ककरमा अभमास स ही शसदध होती ह| कछ मोगािामम इस परकाय का अभमास शकर क सथान ऩय दनध स कयना फतात ह| जफ दनध खीॊिन का अभमास शसदध हो जाए तफ शकर को खीॊिन का अभमास कयना िादहए| वीमम को ऊऩय खीॊिनवारा मोगी ही ऊधवमयता कहराता ह| ऱाभ - इस भदरा स शयीय रटट-ऩटट तजसवी सॊदय सडौर औय जया-भतम यदहत होता ह| शयीय क सबी अवमव दढ़ होकय भन भ तनश िरता की परातपत होती ह| इसका अभमास अचधक कदठन नहीॊ ह| मदद गहसथ बी इसक कय तो फरवदधमन औय सौदममवदधमन का ऩया राब परापत कय सकत ह चतावनी मह आरख शसपम जानकायी हत ह कोई बी वमततत इस ऩढ़कय कयन का परमास न कय तमोकक मह शसपम साधको क शरए ह आभ रोगो क शरए नहीॊ

साधना कयनवार वमततत क शरए मह आवशमक ह कक वह साधना भ कातमक वाचिक औय भानशसक ककरमाओॊ ऩय ऩया तनमॊतरण यख तथा सभम-सभम ऩय उचित ताॊतरतरक परककरमाओॊ का बी सभनवम कयता यह| इस दतटट स तजस परकाय आसन ऩातरासादन अिमन आदद भ ककरमाओॊ का ववधान ह उसी परकाय उनक साथ कछ भदरा फनान का ववधान ह| म भदराएॊ भखम रऩ-स हाथ औय उसकी उॊगशरमो क परमोग स फनती ह| जस हभाया शयीय ऩॊिततवभम ह| अत शासतरकायो न कहा ह कक इन उॊगशरमो क परमोग स इन ततवो की नमनाचधकता दय की जा

अनतबोध चतनय दवारा सऩादित तरिदिवसीय मदराचचकितसा सि 46

सकती ह तथा ततवो की सभता-ववषभता स होनवारी कभी को उॊगशरमो की भदरा स सभ फनामा जा सकता ह| इतना ही नहीॊ ऐसी भदराओॊ क सहमोग स उन ततवो को सवचछाऩवमक घटामा-फढ़ामा बी जा सकता ह| म ततव करभश अॊगटठ भ अतनन तजमनी भ वाम भधमभा भ आकाश अनाशभका भ ऩथवी औय कतनतटठका भ जर क रऩ भ ववदमभान यहत ह| दवताओॊ की परसननता चितत की शवदध औय ववववध योगो क नाश भ भदराओॊ स फड़ी सहामता शभरती ह| भदराततव को सभझकय परतमक मोगी को इनका साधन कयना िादहए| कणडशरनी शततत क जागयण भ इन भदराओॊ स सहामता शभरती ह| महाॊ हभन तजन भदराओॊ का वणमन एवॊ चितरण ककमा ह उसभ परतमक मोगी साधक को ऩरयचित होना िादहए|

अनतबोध चतनय दवारा सऩादित तरिदिवसीय मदराचचकितसा सि 47

मोग अनसाय आसन औय पराणामाभ की तसथतत को भदरा कहा जाता ह फॊध ककरमा औय भदरा भ आसन औय पराणामाभ दोनो का ही कामम होता ह मोग भ भदराओॊ को आसन औय पराणामाभ स बी फढ़कय भाना जाता ह भदरा दो तयह की होती ह- ऩहरी हसत भदरा अथामत हाथो औय उसकी अॊगशरमो को ववशष आकतत भ फनाना औय दसयी आसन भदरा अथामत तजसभ ऩया शयीय ही सॊिाशरत होता ह

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39 खचरी मदरा-

भनटम की जीब (तजहवा) दो तयह की होती ह- रॊफी औय छोटी रॊफी जीब को सऩमतजहवा कहत ह कछ रोगो की जीब रॊफी होन स व उस आसानी स नाशसकागर ऩय रगा सकत ह औय खियी-भदरा कय सकत ह भगय तजसकी जीब छोटी होती ह उस तकरीपो का साभना कयना ऩड़ता ह सफस ऩहर उनह अऩनी जीब रॊफी कयनी ऩड़ती ह औय उसक शरए घषमण व दोहन का सहाया रना ऩड़ता ह जीब नीि की ओय स तजस नाड़ी स जड़ी होती ह उस काटना ऩड़ता ह खियी भदरा को शसदध कयन एवॊ अभत क सराव हत आवशमक उददीऩन भ कछ वषम बी रग सकत ह मह वमततत की मोनमता ऩय बी तनबमय कयता ह मोग भ कछ भदराएॊ ऐसी ह तजनह शसपम मोगी ही कयत ह साभानमजनो को इनह नहीॊ कयना िादहए खियी भदरा साधको क शरए भानी गई ह ववचध - इसक शरए जीब औय तार को जोड़न वार भाॊस-तॊत को धीय-धीय काटा जाता ह अथामत एक ददन जौ बय काटकय छोड़ ददमा जाता ह कपय तीन-िाय ददन फाद थोड़ा-सा औय काट ददमा जाता ह इस परकाय थोड़ा-थोड़ा काटन स उस सथान की यतत शशयाएॊ अऩना सथान बीतय की तयप फनाती जाती ह जीब को काटन क साथ ही परततददन धीय-धीय फाहय की तयप खीॊिन का अभमास ककमा जाता ह इसका अभमास कयन स कछ भहीनो भ जीब इतनी रॊफी हो जाती ह कक मदद उस ऊऩय की तयप रौटा (उसटा कयन) ददमा जाए तो वह शवास जान वार छदो को बीतय स फॊद कय दती ह इसस सभाचध क सभम शवास का आना-जाना ऩणमत योक ददमा जाता ह ऱाभ इस भदरा स पराणामाभ को शसदध कयन औय साभचध रगान भ ववशष सहामता शभरती ह साधनायत साधओॊ क शरए मह भदरा फहत ही राबदामी भानी

अनतबोध चतनय दवारा सऩादित तरिदिवसीय मदराचचकितसा सि 44

जाती ह ववशषता तनयॊतय अभमास कयत यहन स तजफ जफ रॊफी हो जाती ह तफ उस नाशसका यनरो भ परवश कयामा जा सकता ह इस परकाय धमान रगान स कऩार भागम एवॊ तरफ ॊद ववसगम स सॊफॊचधत कछ गरॊचथमो भ उददीऩन होता ह तजसक ऩरयणाभसवरऩ अभत का सराव आयॊब होता ह उसी अभत का सराव होत वतत एक ववशष परकाय का आधमाततभक अनबव होता ह इस अनबव स शसवदध औय सभाचध भ तजी स परगतत होती ह चतावनी मह आरख शसपम जानकायी हत ह कोई बी वमततत इस ऩढ़कय कयन का परमास न कय तमोकक मह शसपम साधको क शरए ह आभ रोगो क शरए नहीॊ

40 अकzwj वनी मदरा- इस भदरा स साधक भ घोड़ो जसी शततत आ जाती ह तजस lsquoहॉसम ऩॉवयrsquo कहत ह|

ववचध - इस भदरा भ गदा-दवाय का फाय-फाय सॊकोिन औय परसाय ककमा जाता ह| इसी स भदरा की शसवदध हो जाती ह| इसक दवाया कणडशरनी जागयण भ सगभता यहती ह औय अनक योग नटट होकय शायीरयक फर की ववदध होती ह|

ऱाभ - अतश वनी भदरा शसदध होन स साधक की अकारभतम कबी नहीॊ होती| गदा औय उदय स सॊफॊचधत योगो का इसक दवाया शभन होता ह तथा दीघमजीवन की उऩरतबध होती ह| तरफना भरफॊध क अतश वनी भदरा नहीॊ हो सकती| 41 बजरौऱी मदरा- फजरौरी भदरा बी भरफॊध का अचछा अभमास ककए तरफना ककसी परकाय सॊबव नहीॊ ह| मह भदरा कवर मोगी क शरए ही नहीॊ बोगी क शरए बी अतमॊत राबकायी ह|

अनतबोध चतनय दवारा सऩादित तरिदिवसीय मदराचचकितसा सि 45

ववचध - इस भदरा भ ऩहर दोनो ऩाॊवो को बशभ ऩय दढ़ताऩवमक दटकाकय दोनो ऩाॊवो को धीय-धीय दढ़ताऩवमक ऊऩय आकाश भ उठा द| इसस तरफॊद-शसवदध होती ह| शकर को धीय-धीय ऊऩय की आकॊ िन कय अथामत इॊददरम क आॊकिन क दवाया वीमम को ऊऩय की ओय खीॊिन का अभमास कय तो मह भदरा शसदध होती ह| ववदवानो का भत ह कक इस भदरा क अभमास भ सतरी का होना आवशमक ह तमोकक बग भ ऩततत होता हआ शकर ऊऩय की ओय खीॊि र तो यज औय वीमम दोनो ही िढ़ जात ह| मह ककरमा अभमास स ही शसदध होती ह| कछ मोगािामम इस परकाय का अभमास शकर क सथान ऩय दनध स कयना फतात ह| जफ दनध खीॊिन का अभमास शसदध हो जाए तफ शकर को खीॊिन का अभमास कयना िादहए| वीमम को ऊऩय खीॊिनवारा मोगी ही ऊधवमयता कहराता ह| ऱाभ - इस भदरा स शयीय रटट-ऩटट तजसवी सॊदय सडौर औय जया-भतम यदहत होता ह| शयीय क सबी अवमव दढ़ होकय भन भ तनश िरता की परातपत होती ह| इसका अभमास अचधक कदठन नहीॊ ह| मदद गहसथ बी इसक कय तो फरवदधमन औय सौदममवदधमन का ऩया राब परापत कय सकत ह चतावनी मह आरख शसपम जानकायी हत ह कोई बी वमततत इस ऩढ़कय कयन का परमास न कय तमोकक मह शसपम साधको क शरए ह आभ रोगो क शरए नहीॊ

साधना कयनवार वमततत क शरए मह आवशमक ह कक वह साधना भ कातमक वाचिक औय भानशसक ककरमाओॊ ऩय ऩया तनमॊतरण यख तथा सभम-सभम ऩय उचित ताॊतरतरक परककरमाओॊ का बी सभनवम कयता यह| इस दतटट स तजस परकाय आसन ऩातरासादन अिमन आदद भ ककरमाओॊ का ववधान ह उसी परकाय उनक साथ कछ भदरा फनान का ववधान ह| म भदराएॊ भखम रऩ-स हाथ औय उसकी उॊगशरमो क परमोग स फनती ह| जस हभाया शयीय ऩॊिततवभम ह| अत शासतरकायो न कहा ह कक इन उॊगशरमो क परमोग स इन ततवो की नमनाचधकता दय की जा

अनतबोध चतनय दवारा सऩादित तरिदिवसीय मदराचचकितसा सि 46

सकती ह तथा ततवो की सभता-ववषभता स होनवारी कभी को उॊगशरमो की भदरा स सभ फनामा जा सकता ह| इतना ही नहीॊ ऐसी भदराओॊ क सहमोग स उन ततवो को सवचछाऩवमक घटामा-फढ़ामा बी जा सकता ह| म ततव करभश अॊगटठ भ अतनन तजमनी भ वाम भधमभा भ आकाश अनाशभका भ ऩथवी औय कतनतटठका भ जर क रऩ भ ववदमभान यहत ह| दवताओॊ की परसननता चितत की शवदध औय ववववध योगो क नाश भ भदराओॊ स फड़ी सहामता शभरती ह| भदराततव को सभझकय परतमक मोगी को इनका साधन कयना िादहए| कणडशरनी शततत क जागयण भ इन भदराओॊ स सहामता शभरती ह| महाॊ हभन तजन भदराओॊ का वणमन एवॊ चितरण ककमा ह उसभ परतमक मोगी साधक को ऩरयचित होना िादहए|

अनतबोध चतनय दवारा सऩादित तरिदिवसीय मदराचचकितसा सि 47

मोग अनसाय आसन औय पराणामाभ की तसथतत को भदरा कहा जाता ह फॊध ककरमा औय भदरा भ आसन औय पराणामाभ दोनो का ही कामम होता ह मोग भ भदराओॊ को आसन औय पराणामाभ स बी फढ़कय भाना जाता ह भदरा दो तयह की होती ह- ऩहरी हसत भदरा अथामत हाथो औय उसकी अॊगशरमो को ववशष आकतत भ फनाना औय दसयी आसन भदरा अथामत तजसभ ऩया शयीय ही सॊिाशरत होता ह

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अनतबोध चतनय दवारा सऩादित तरिदिवसीय मदराचचकितसा सि 44

जाती ह ववशषता तनयॊतय अभमास कयत यहन स तजफ जफ रॊफी हो जाती ह तफ उस नाशसका यनरो भ परवश कयामा जा सकता ह इस परकाय धमान रगान स कऩार भागम एवॊ तरफ ॊद ववसगम स सॊफॊचधत कछ गरॊचथमो भ उददीऩन होता ह तजसक ऩरयणाभसवरऩ अभत का सराव आयॊब होता ह उसी अभत का सराव होत वतत एक ववशष परकाय का आधमाततभक अनबव होता ह इस अनबव स शसवदध औय सभाचध भ तजी स परगतत होती ह चतावनी मह आरख शसपम जानकायी हत ह कोई बी वमततत इस ऩढ़कय कयन का परमास न कय तमोकक मह शसपम साधको क शरए ह आभ रोगो क शरए नहीॊ

40 अकzwj वनी मदरा- इस भदरा स साधक भ घोड़ो जसी शततत आ जाती ह तजस lsquoहॉसम ऩॉवयrsquo कहत ह|

ववचध - इस भदरा भ गदा-दवाय का फाय-फाय सॊकोिन औय परसाय ककमा जाता ह| इसी स भदरा की शसवदध हो जाती ह| इसक दवाया कणडशरनी जागयण भ सगभता यहती ह औय अनक योग नटट होकय शायीरयक फर की ववदध होती ह|

ऱाभ - अतश वनी भदरा शसदध होन स साधक की अकारभतम कबी नहीॊ होती| गदा औय उदय स सॊफॊचधत योगो का इसक दवाया शभन होता ह तथा दीघमजीवन की उऩरतबध होती ह| तरफना भरफॊध क अतश वनी भदरा नहीॊ हो सकती| 41 बजरौऱी मदरा- फजरौरी भदरा बी भरफॊध का अचछा अभमास ककए तरफना ककसी परकाय सॊबव नहीॊ ह| मह भदरा कवर मोगी क शरए ही नहीॊ बोगी क शरए बी अतमॊत राबकायी ह|

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ववचध - इस भदरा भ ऩहर दोनो ऩाॊवो को बशभ ऩय दढ़ताऩवमक दटकाकय दोनो ऩाॊवो को धीय-धीय दढ़ताऩवमक ऊऩय आकाश भ उठा द| इसस तरफॊद-शसवदध होती ह| शकर को धीय-धीय ऊऩय की आकॊ िन कय अथामत इॊददरम क आॊकिन क दवाया वीमम को ऊऩय की ओय खीॊिन का अभमास कय तो मह भदरा शसदध होती ह| ववदवानो का भत ह कक इस भदरा क अभमास भ सतरी का होना आवशमक ह तमोकक बग भ ऩततत होता हआ शकर ऊऩय की ओय खीॊि र तो यज औय वीमम दोनो ही िढ़ जात ह| मह ककरमा अभमास स ही शसदध होती ह| कछ मोगािामम इस परकाय का अभमास शकर क सथान ऩय दनध स कयना फतात ह| जफ दनध खीॊिन का अभमास शसदध हो जाए तफ शकर को खीॊिन का अभमास कयना िादहए| वीमम को ऊऩय खीॊिनवारा मोगी ही ऊधवमयता कहराता ह| ऱाभ - इस भदरा स शयीय रटट-ऩटट तजसवी सॊदय सडौर औय जया-भतम यदहत होता ह| शयीय क सबी अवमव दढ़ होकय भन भ तनश िरता की परातपत होती ह| इसका अभमास अचधक कदठन नहीॊ ह| मदद गहसथ बी इसक कय तो फरवदधमन औय सौदममवदधमन का ऩया राब परापत कय सकत ह चतावनी मह आरख शसपम जानकायी हत ह कोई बी वमततत इस ऩढ़कय कयन का परमास न कय तमोकक मह शसपम साधको क शरए ह आभ रोगो क शरए नहीॊ

साधना कयनवार वमततत क शरए मह आवशमक ह कक वह साधना भ कातमक वाचिक औय भानशसक ककरमाओॊ ऩय ऩया तनमॊतरण यख तथा सभम-सभम ऩय उचित ताॊतरतरक परककरमाओॊ का बी सभनवम कयता यह| इस दतटट स तजस परकाय आसन ऩातरासादन अिमन आदद भ ककरमाओॊ का ववधान ह उसी परकाय उनक साथ कछ भदरा फनान का ववधान ह| म भदराएॊ भखम रऩ-स हाथ औय उसकी उॊगशरमो क परमोग स फनती ह| जस हभाया शयीय ऩॊिततवभम ह| अत शासतरकायो न कहा ह कक इन उॊगशरमो क परमोग स इन ततवो की नमनाचधकता दय की जा

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सकती ह तथा ततवो की सभता-ववषभता स होनवारी कभी को उॊगशरमो की भदरा स सभ फनामा जा सकता ह| इतना ही नहीॊ ऐसी भदराओॊ क सहमोग स उन ततवो को सवचछाऩवमक घटामा-फढ़ामा बी जा सकता ह| म ततव करभश अॊगटठ भ अतनन तजमनी भ वाम भधमभा भ आकाश अनाशभका भ ऩथवी औय कतनतटठका भ जर क रऩ भ ववदमभान यहत ह| दवताओॊ की परसननता चितत की शवदध औय ववववध योगो क नाश भ भदराओॊ स फड़ी सहामता शभरती ह| भदराततव को सभझकय परतमक मोगी को इनका साधन कयना िादहए| कणडशरनी शततत क जागयण भ इन भदराओॊ स सहामता शभरती ह| महाॊ हभन तजन भदराओॊ का वणमन एवॊ चितरण ककमा ह उसभ परतमक मोगी साधक को ऩरयचित होना िादहए|

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मोग अनसाय आसन औय पराणामाभ की तसथतत को भदरा कहा जाता ह फॊध ककरमा औय भदरा भ आसन औय पराणामाभ दोनो का ही कामम होता ह मोग भ भदराओॊ को आसन औय पराणामाभ स बी फढ़कय भाना जाता ह भदरा दो तयह की होती ह- ऩहरी हसत भदरा अथामत हाथो औय उसकी अॊगशरमो को ववशष आकतत भ फनाना औय दसयी आसन भदरा अथामत तजसभ ऩया शयीय ही सॊिाशरत होता ह

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ववचध - इस भदरा भ ऩहर दोनो ऩाॊवो को बशभ ऩय दढ़ताऩवमक दटकाकय दोनो ऩाॊवो को धीय-धीय दढ़ताऩवमक ऊऩय आकाश भ उठा द| इसस तरफॊद-शसवदध होती ह| शकर को धीय-धीय ऊऩय की आकॊ िन कय अथामत इॊददरम क आॊकिन क दवाया वीमम को ऊऩय की ओय खीॊिन का अभमास कय तो मह भदरा शसदध होती ह| ववदवानो का भत ह कक इस भदरा क अभमास भ सतरी का होना आवशमक ह तमोकक बग भ ऩततत होता हआ शकर ऊऩय की ओय खीॊि र तो यज औय वीमम दोनो ही िढ़ जात ह| मह ककरमा अभमास स ही शसदध होती ह| कछ मोगािामम इस परकाय का अभमास शकर क सथान ऩय दनध स कयना फतात ह| जफ दनध खीॊिन का अभमास शसदध हो जाए तफ शकर को खीॊिन का अभमास कयना िादहए| वीमम को ऊऩय खीॊिनवारा मोगी ही ऊधवमयता कहराता ह| ऱाभ - इस भदरा स शयीय रटट-ऩटट तजसवी सॊदय सडौर औय जया-भतम यदहत होता ह| शयीय क सबी अवमव दढ़ होकय भन भ तनश िरता की परातपत होती ह| इसका अभमास अचधक कदठन नहीॊ ह| मदद गहसथ बी इसक कय तो फरवदधमन औय सौदममवदधमन का ऩया राब परापत कय सकत ह चतावनी मह आरख शसपम जानकायी हत ह कोई बी वमततत इस ऩढ़कय कयन का परमास न कय तमोकक मह शसपम साधको क शरए ह आभ रोगो क शरए नहीॊ

साधना कयनवार वमततत क शरए मह आवशमक ह कक वह साधना भ कातमक वाचिक औय भानशसक ककरमाओॊ ऩय ऩया तनमॊतरण यख तथा सभम-सभम ऩय उचित ताॊतरतरक परककरमाओॊ का बी सभनवम कयता यह| इस दतटट स तजस परकाय आसन ऩातरासादन अिमन आदद भ ककरमाओॊ का ववधान ह उसी परकाय उनक साथ कछ भदरा फनान का ववधान ह| म भदराएॊ भखम रऩ-स हाथ औय उसकी उॊगशरमो क परमोग स फनती ह| जस हभाया शयीय ऩॊिततवभम ह| अत शासतरकायो न कहा ह कक इन उॊगशरमो क परमोग स इन ततवो की नमनाचधकता दय की जा

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सकती ह तथा ततवो की सभता-ववषभता स होनवारी कभी को उॊगशरमो की भदरा स सभ फनामा जा सकता ह| इतना ही नहीॊ ऐसी भदराओॊ क सहमोग स उन ततवो को सवचछाऩवमक घटामा-फढ़ामा बी जा सकता ह| म ततव करभश अॊगटठ भ अतनन तजमनी भ वाम भधमभा भ आकाश अनाशभका भ ऩथवी औय कतनतटठका भ जर क रऩ भ ववदमभान यहत ह| दवताओॊ की परसननता चितत की शवदध औय ववववध योगो क नाश भ भदराओॊ स फड़ी सहामता शभरती ह| भदराततव को सभझकय परतमक मोगी को इनका साधन कयना िादहए| कणडशरनी शततत क जागयण भ इन भदराओॊ स सहामता शभरती ह| महाॊ हभन तजन भदराओॊ का वणमन एवॊ चितरण ककमा ह उसभ परतमक मोगी साधक को ऩरयचित होना िादहए|

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मोग अनसाय आसन औय पराणामाभ की तसथतत को भदरा कहा जाता ह फॊध ककरमा औय भदरा भ आसन औय पराणामाभ दोनो का ही कामम होता ह मोग भ भदराओॊ को आसन औय पराणामाभ स बी फढ़कय भाना जाता ह भदरा दो तयह की होती ह- ऩहरी हसत भदरा अथामत हाथो औय उसकी अॊगशरमो को ववशष आकतत भ फनाना औय दसयी आसन भदरा अथामत तजसभ ऩया शयीय ही सॊिाशरत होता ह

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मोग अनसाय आसन औय पराणामाभ की तसथतत को भदरा कहा जाता ह फॊध ककरमा औय भदरा भ आसन औय पराणामाभ दोनो का ही कामम होता ह मोग भ भदराओॊ को आसन औय पराणामाभ स बी फढ़कय भाना जाता ह भदरा दो तयह की होती ह- ऩहरी हसत भदरा अथामत हाथो औय उसकी अॊगशरमो को ववशष आकतत भ फनाना औय दसयी आसन भदरा अथामत तजसभ ऩया शयीय ही सॊिाशरत होता ह

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मोग अनसाय आसन औय पराणामाभ की तसथतत को भदरा कहा जाता ह फॊध ककरमा औय भदरा भ आसन औय पराणामाभ दोनो का ही कामम होता ह मोग भ भदराओॊ को आसन औय पराणामाभ स बी फढ़कय भाना जाता ह भदरा दो तयह की होती ह- ऩहरी हसत भदरा अथामत हाथो औय उसकी अॊगशरमो को ववशष आकतत भ फनाना औय दसयी आसन भदरा अथामत तजसभ ऩया शयीय ही सॊिाशरत होता ह