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5 फरवर� 2020 : समाचार �व�लेषण सामा�य अ�ययन ��न प� 2 से संबं�धत : राज�यव�था और शासन : रा���यापी NRC पर अभी तक कोई �नण�य नह�ं : क� � �संग : • सरकार ने लोकसभा को स�ूचत �कया �क क� � �वारा अभी तक रा���य �तर पर नाग�रक� के रा���य रिज�टर (NRC) को तयैार करने का कोई �नण�य नह�ं �लया है। �ववरण : • इसके अलावा, सरकार रा���य जनसं�या रिज�टर (NPR) को लागू करने के संबंध म� रा�य� के साथ चचा� कर रह� है। • नाग�रकता �नयम, 2003 के अनसुार, NPR, NRC के संकलन क� �दशा म� पहला कदम है। • NPR फॉम� को अभी अ�ंतम �प नह�ं �दया गया है और न ह� अ�धस�ूचत �कया गया है, ले�कन �पछले साल �ायल फॉम� म� 21 मापदंड� पर 30 लाख उ�रदाताओ ंका �ववरण एक� �कया गया था, िजसम� �पता और माता के ज�म का �थान और �नवास का अ�ंतम �थान शा�मल था। �चतंाएं : • कई �वप� शा�सत रा�य 1 अ�लै, 2020 से श�ु होने वाले NPR के साथ ह� दशक�य जनगणना का भी का मखुर �वरोध कर रहे ह�। नोट : NRC / NPR के बारे म� अ�धक जानकार� के �लए �पछले सं�करण� को पढ़�। सामा�य अ�ययन ��न प� 2 से संबं�धत : राज�यव�था और शासन : त�मलनाडु �वधायक� क� अयो�यता क� दल�ल� पर अब तक कोई कार�वाई �य� नह�ं : SC �संग : • फरवर� 2017 म� त�मलनाडु के म�ुयमं�ी एडा�पडी पलानी�वामी के �व�वास ��ताव के �खलाफ मतदान के �लए उपम�ुयमं�ी ओ. प�नीरसे�वम और अ�ना�मकु के 10 अ�य �वधायक� के �खलाफ दसवीं अनसुचूी (दलबदल �वरोधी काननू) के तहत दायर अयो�यता या�चकाओ ंके संबंध म� सव��च �यायालय ने त�मलनाडु �वधानसभा अ�य� क� �नि��यता पर सवाल उठाया है। प�ृठभ�ूम : • 20 माच�, 2017 को पाट� के आदेश� को न मानने के �लए �ी प�नीरसे�वम और 10 अ�य �वधायक� के �खलाफ दसवीं अनसुचूी के तहत या�चकाएँ दायर क� ग� थी।
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• हालाँ�क, इससे पहले �क अ�य� इन या�चकाओ ंपर कार�वाई करता, चनुाव आयोग ने �ी प�नीरसे�वम के गुट को एक "अलग समहू" के �प म� मा�यता दे द�। • इसके बाद, प�नीरसे�वम और पलानी�वामी (OPS-EPS) गुट� का �वलय हो गया। • नवंबर 2017 म�, ECI ने दोन� को AIADMK के नेता के �प म� मा�यता दे द�। • इस बीच, DMK ने 11 �वधायक� क� अयो�यता के �लए उ�च �यायालय का दरवाजा खटखटाया, ले�कन उ�च �यायालय �वारा �रट या�चकाएं खा�रज कर द� ग�, िजसके बाद मई 2018 म� DMK ने स�ुीम कोट� का �ख �कया। �ववरण : • व�र�ठ अ�धव�ता क�पल �स�बल ने �यायम�ूत� रो�हटंन नर�मन क� अगुवाई वाल� तीन-�यायाधीश� के पीठ �वारा �दए गए जनवर� 2020 के फैसले का हवाला �दया, िजसम� �पीकर को अ�धकतम तीन मह�ने के भीतर दल-बदल �वरोधी काननूी या�चकाओ ंपर �नण�य करने का �नद�श �दया गया था। • राज�� �सहं राणा मामले म� एक सं�वधान पीठ �वारा 2007 के एक फैसले ने �नधा��रत �कया था �क " अ�य� �वारा अपने अ�धकार �े� के उपयोग क� �वफलता क� ि�थ�त �या�यक समी�ा को आक�ष�त करेगी"। • राणा के फैसले को �यायम�ूत� नर�मन क� अगुवाई वाल� तीन �यायाधीश� क� पीठ के सम� जनवर� 2020 के फैसले म� उजागर और दोहराया गया था। नोट : दल-बदल �वरोधी काननू क� गहन समझ के �लए, भारतीय सं�वधान क� 10 वीं अनसुचूी पढ़�। सामा�य अ�ययन ��न प� 2 से संबं�धत : अतंरा����य संबंध : पा�क�तान संसद ने ��ताव पा�रत कर भारत से क�मीर पर अपना �नण�य वापस लेने को कहा : �संग : • पा�क�तान क� संसद ने सव�स�म�त से एक ��ताव पा�रत �कया है िजसम� क�मीर� लोग� के ��त अटूट समथ�न �य�त �कया गया है और भारत से ज�म ूऔर क�मीर क� �वशषे ि�थ�त को र�द करने के अपने फैसले को वापस लेने क� मांग क� गई है। �ववरण : • पा�क�तानी नेशनल अस�बल� या �नचले सदन म� इस ��ताव को पा�रत �कया गया है। पा�क�तान 5 फरवर� को क�मीर एकजटुता �दवस के �प म� मनाएगा। �चतंाएं : • भारत और पा�क�तान के बीच तनाव तब से बढ़ा हुआ है जब 5 अग�त 2019 को भारत सरकार ने ज�म-ूक�मीर क� �वशषे ि�थ�त को र�द करने के �लए सं�वधान के अन�ुछेद 370 को र�द कर �दया था। • भारत के इस फैसले पर पा�क�तान से तीखी ��त��याएं आ� थी, िजसने दोन� देश� के म�य राजन�यक संबंध� को कमजोर कर �दया। इस फैसले के संदभ� म� पाक ने भारतीय दतू को �न�का�सत कर �दया था।
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• भारत ने अतंरा����य समदुाय को �प�ट �प से कहा है �क ज�म-ूक�मीर क� �वशषे ि�थ�त को र�द करने वाले सं�वधान के अन�ुछेद 370 को र�द करने का उसका यह कदम एक आतं�रक मामला था और भारत ने पा�क�तान को भी वा�त�वकता �वीकार करने क� सलाह द� है। सामा�य अ�ययन ��न प� 3 से संबं�धत : आतं�रक सरु�ा : विै�वक �च�क�सा डटेा ल�क से �भा�वत रा�य� क� सचूी म� महारा�� सबसे ऊपर : �संग : • जम�न साइबर �स�यो�रट� फम� �ीनबोन स�टेनेबल रेिज�लएंस �वारा �का�शत एक हा�लया �रपोट� के अनसुार, 120 �म�लयन से अ�धक भारतीय रो�गय� का मे�डकल �ववरण ल�क हो गया है और इंटरनेट पर �वतं� �प से उपल�ध है। �ववरण : • पहल� �रपोट� अ�टूबर 2019 म� �का�शत हुई थी, िजसम� �ीनबोन ने बड़ ेपमैाने पर �यापक डटेा ल�क का खलुासा �कया था, िजसम� सीट� �कैन, ए�स-रे, MRI और यहां तक �क रो�गय� क� त�वीर� भी शा�मल थीं। • अनवुत� �रपोट�, जो नवंबर म� �का�शत हुई थी, पहल� �रपोट� साव�ज�नक होने के बाद उनक� सरकार� �वारा क� गई कार�वाई के आधार पर देश� को "संतोष�द" (Good), "गंभीर" (Bad) और "संकटमय" (Ugly) �े�णय� म� वग�कृत करती है। • य.ूएस. के बाद भारत "संकटमय" �ेणी म� दसूरे �थान पर है। म�ुदा : • �ीनबोन क� मलू �रपोट� म� कहा गया है �क �प�चर आका�इ�वगं एंड क�य�ुनकेशंस �स�ट�स (PACS) सव�र, जहाँ ये �ववरण सं�ह�त ह�, सरु��त नह�ं ह� और �बना �कसी सरु�ा के साव�ज�नक इंटरनेट से जड़ु ेहुए ह�, िजससे दभुा�वनापणू� त�व इस डटेा तक आसानी से पहँुच सकत ेह�। • �ीनबोन क� �ारं�भक �रपोट� �का�शत होने के बाद एक मह�ने के भीतर ह� इस संवेदनशील डटेा वाले डटेा भंडार �थान (trove) क� सं�या म� उ�लेखनीय व�ृ�ध हुई है। • अ�यतन �रपोट� म� ल�क से �भा�वत रा�य� म� महारा�� को सबसे ऊपर रखा गया है। �चतंाएं : • PACS सव�र हमले के �खलाफ असरु��त ह� और अतीत म� इस �वषय पर कई �रपोट� आई ह�। • हालां�क, �कसी भी �रपोट� म� असरु��त PACS सव�र से जड़ुी सम�या क� गहराई पर बात नह�ं क� गई है। • ल�क �चतंाजनक है �य��क �भा�वत रो�गय� म� आम कामकाजी आदमी से लेकर राजनेता और मशहूर हि�तयां तक कोई भी शा�मल हो सकता है।
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• इससे राजनी�त या मनोरंजन जसेै छ�व-संचा�लत �े�� के लोग� क� छ�व को बहुत बड़ा झटका लग सकता है। • एक अ�य �चतंा, �ववरण� का उपयोग करके बनाई जा रह� नकल� पहचान क� है, िजसका �कसी भी संभा�वत तर�के से द�ुपयोग �कया जा सकता है। �न�कष� : • डॉ�टर और मर�ज के बीच कोई भी संवाद �वशषेा�धकार �ा�त है। एक डॉ�टर या एक अ�पताल, इस संबंध म�, गोपनीयता बनाए रखने के �लए काननूी और न�ैतक �प से बा�य है । सामा�य अ�ययन ��न प� 2 से संबं�धत : राज�यव�था और शासन : रो�गय� के �हत� से कोई समझौता नह�ं : �संग : • नी�त आयोग मौजदूा �नजी मे�डकल कॉलेज� को िजला अ�पताल� के साथ �यवहाय�ता अतंर �व� पोषण के मा�यम से जोड़ने के �लए मसौदा मानदंड� के साथ सामने आया है, जसैा �क आकां�ी िजल� के �लए बजट 2020-21 म� घो�षत �कया गया है। �ववरण : • �वा��य मं�ी ने रा�यसभा म� ��नकाल के दौरान कहा �क, सरकार� अ�पताल� को साव�ज�नक-�नजी भागीदार� (PPP) मोड के मा�यम से �नजी मे�डकल कॉलेज� को स�पने के दौरान सरकार मर�ज� के �हत� से समझौता नह�ं करेगी। • मं�ी ने कहा �क मे�डकल काउं�सल ऑफ इं�डया (MCI) अ�ध�नयम 1999 क� धारा 2 (5) के तहत इस कदम को अनमु�त द� गई थी और यह �प�ट �कया गया था �क यह �नजी �े� को बढ़ावा देने के �लए नह�ं �कया जा रहा है। • सरकार ने कहा �क MCI क� मे�डकल कॉलेज� क� �थापना �व�नयम, 1999 क� धारा 2 (5) म� कहा गया है �क सरकार एक समझौत ेके तहत �कसी �यि�त / एज�सी / ��ट / समाज / कंपनी �वारा मे�डकल कॉलेज क� �थापना के �लए सरकार� �वा�म�व और सरकार �वारा �बं�धत अ�पताल क� स�ुवधाओ ंके उपयोग क� अनमु�त दे सकती है। • मं�ी ने कहा �क �लकं �कया जा रहा अ�पताल आव�यक �यनूतम ढांचागत स�ुवधाओ ंके साथ �यनूतम 300 �ब�तर� का होगा जो ��ता�वत मे�डकल कॉलेज के �लए एक �श�ण सं�थान के �प म� �वक�सत होने म� स�म होगा। सामा�य अ�ययन ��न प� 2 से संबं�धत : अतंरा����य संबंध : भटूान ने भारतीय पय�टक� के �लए म�ुत �वेश को ख�म �कया : �संग : • भटूान ने भारत से आने वाले पय�टक� क� �न:श�ुक �वेश को ख�म कर �दया है। अब यहां आने वाले पय�टक� को श�ुक का भगुतान करना होगा।
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• भारत से आने वाले पय�टक� को ��त�दन 1200 �पए का श�ुक देना होगा। यह श�ुक जलुाई 2020 से लागू होगा। बां�लादेश और मालद�व के पय�टक� पर भी ये श�ुक लागू होगा। • भारत, मालद�व और बां�लादेश से आने वाले पांच साल से कम उ� के ब�च� को �कसी तरह का श�ुक नह�ं देना होगा। जब�क 6 से 12 साल के ब�च� के �लए 600 �पए का श�ुक देना होगा। • श�ुक, िजसे एक सतत �वकास श�ुक (SDF) कहा जाता है , का उ�दे�य पय�टक� क� बढ़ती सं�या के म�देनजर सरकार क� मदद करना है । भटूान सरकार एक नई पय�टन नी�त के मा�यम से इसे �व�नय�मत करना चाह रह� है। सामा�य अ�ययन ��न प� 2 से संबं�धत : राज�यव�था और शासन : हर 100 आगंनवाड़ी लाभा�थ�य� म� शहर� �े�� से केवल 7 आगंनवाड़ी लाभाथ� : �संग : • सचूना के अ�धकार (RTI) के तहत पछेू गए एक ��न पर सरकार क� ��त��या के अनसुार, देश म� ��येक 100 आगंनवाड़ी लाभा�थ�य� म� शहर� �े�� से केवल 7 आगंनवाड़ी लाभाथ� ह�। • यह असमानता म�ुय �प से शहर� म� आगंनवा�ड़य� क� भार� कमी के कारण है। �ववरण : • 6 सेवाओ ंका एक समे�कत पकेैज �दान करने के �लए म�हला और बाल �वकास मं�ालय �वारा एक�कृत बाल �वकास सेवा (ICDS) के तहत आगंनबाड़ी या ड-ेकेयर क� � �था�पत �कए जात ेह�। • सेवाओ ंम� परूक पोषण शा�मल ह�। ये ह�- �ी-�कूल गैर-औपचा�रक �श�ा; ट�काकरण, पोषण और �वा��य �श�ा और रेफरल सेवाएं। • योजना का उ�दे�य �शश ुम�ृय ुदर और बाल कुपोषण को कम करना है । • लाभा�थ�य� म� छह मह�ने से छह वष� क� आय ुके ब�चे, और गभ�वती म�हलाएं और �तनपान कराने वाल� माताएं शा�मल ह�। म�ुदे : • 30 �सतंबर, 2019 तक देश म� आगंनवाड़ी योजना के कुल 7.95 करोड़ लाभाथ� थे, ले�कन शहर� आगंनबा�ड़य� म� केवल 55 लाख लाभाथ� ह� पंजीकृत थे । • इसका म�ुय कारण शहर� �े�� म� आगंनवाड़ी क� �� क� कमी का होना है। • देश भर म� लगभग 13.79 लाख आगंनवाड़ी क� � ह�, िजनम� से 9.31 लाख क� � सरकार क� वेब-स�म डटेा ��वि�ट �णाल� से जड़ु ेह� िज�ह� रै�पड �रपो�ट�ग �स�टम कहा जाता है।
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• िजन आगंनवा�ड़य� पर ऑनलाइन नजर रखी जा सकती है, उनम� से 1.09 लाख क� � शहर� इलाक� म� ि�थत ह� और शषे 8.22 लाख देश के �ामीण इलाक� म� ि�थत ह�। • 2011 क� जनगणना के अनसुार, भारत क� 1.2 �ब�लयन आबाद� म� से 32% लोग शहर� म� रहत ेह�, हालां�क �वशषे�� ने कहा है �क अगर शहर� बंदोब�त क� प�रभाषा को �यापक बनाया गया, तो शहर� आबाद� क� �ह�सेदार� बहुत अ�धक होगी। • हाल ह� म� पोषण क� ि�थ�त के बारे म� अपनी तरह के पहले अ�खल भारतीय अ�ययन (�यापक रा���य पोषण सव��ण 2016-18) म� पाया गया �क पांच साल से कम उ� के 35% ब�चे बौनेपन और 17% ब�चे वे�टेड (उ� के �हसाब से कम लंबाई) थे। यह भी पाया गया �क 5-9 साल के आय ुवग� के 22% ब�च� बौनेपन और 23% ब�चे अपनी उ� के �हसाब से कम वजन के थे। इसके अलावा, 10-19 वष� क� आय ुवग� के 20% लोग अपनी उ� के �हसाब से कम वजन के थे । • इसी अव�ध के दौरान, चार-वष�य ब�च� म� से 2%, 5-9 वष� के आय ुवग� म� 8% ब�चे और 6% �कशोर अ�धक वजन वाले थे। आकंड़� से यह भी पता चला है �क शहर� �े�� म� अ�धक वजन वाले ब�च� क� सं�या �ामीण इलाक� के ब�च� क� तलुना म� दो से तीन गुना अ�धक है। �न�कष� : • इन त�य� के साथ, नी�त आयोग ने �वासन, जनसं�या घन�वसे स�बं�धत उठने वाल� चनुौ�तय� को �यान म� रखत ेहुए, शहर� �े�� म� ICDS काय��म को मजबतू करने के �लए एक मसौदा काय�प� तयैार �कया है। सामा�य अ�ययन ��न प� 3 से संबं�धत : �व�ान और तकनीक �कसी �नयम का उ�लंघन नह�ं �कया गया : NCBS प�ृठभ�ूम : • सरकार ने नागाल�ड म� अमे�रका, चीन और भारत के शोधकता�ओ ं�वारा चमगादड़� और इंसान� पर एंट�बॉडी (एबोला के �लए) का पर��ण करने वाले एक अ�ययन क� जांच का आदेश �दया था। • अ�ययन इस�लए जाँच के दायरे म� आया �य��क 12 म� से दो शोधकता� वहुान इं�ट��यटू ऑफ इमिज�ग इ�फे�शस �डसीज से संबं�धत थे और इसे संय�ुत रा�य अमे�रका के र�ा �वभाग क� र�ा खतरा �नवारण एज�सी (DTRA) �वारा �व� पो�षत �कया गया था। • जांच का आदेश इस�लए �दया गया था �क कैसे व�ैा�नक� को �बना �कसी अनमु�त के चमगादड़ और चमगादड़ �शकार� (मन�ुय�) के जी�वत नमनू� को ए�सेस करने क� अनमु�त द� गई। �ववरण : • नेशनल स�टर फॉर बायोलॉिजकल साइंसेज (NCBS) ने कहा �क NCBS के शोधकता�ओ ंने चमगादड़� और मन�ुय� से सीरम के नमनेू एक� �कए थे। • NCBS म� इन नमनू� का पर��ण �यकू-नेशनल य�ूनव�स�ट� ऑफ़ �सगंापरु मे�डकल �कूल (�यकू-एनयएूस) �वारा आप�ूत� क� गई तकनीक� के मा�यम से �कया गया था।
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• 12 शोधकता�ओ ंम� से 2 वहुान इं�ट��यटू ऑफ इमिज�ग इंफेि�शयस �डजीज के थे, और इस अ�ययन को संय�ुत रा�य अमे�रका के र�ा �वभाग क� �डफ� स �ेट �रड�शन एज�सी (DTRA) �वारा �व� पो�षत �कया गया था। • NCBS ने कहा �क उसके शोधकता� 2012 से नागाल�ड म� बटै एंट�बॉडी का अ�ययन कर रहे ह�। • 2017 म�, NCBS और �यकू-NUS ने एक सहयोग श�ु �कया, िजसम� NCBS के शोधकता�ओ ंने चमगादड़� और मन�ुय� से सीरम के नमनेू एक� �कए। • NCBS ने कहा �क वहुान इं�ट��यटू ऑफ वायरोलॉजी के शोधकता� सीधे अ�ययन म� शा�मल नह�ं थे। उ�ह� केवल सह-लेखक� के �प म� सचूीब�ध �कया गया था �य��क वे अ�भकम�क� क� आप�ूत� करत ेथे, जो �क व�ैा�नक लेखक� के �लए मानक अ�यास है। • हालां�क, �का�शत अ�ययन के अनसुार, वहुान इं�ट��यटू ऑफ वायरोलॉजी के शोधकता�ओ ंने समी�ा �लखने और संपादन करने म� भी योगदान �दया है। • NCBS के बयान म� आगे कहा गया है �क यह DTRA के अनसुंधान �न�धय� का ��य� �ा�तकता� नह�ं है, िजसने अ�ययन को �व� पो�षत �कया है, और �कसी भी ज�ैवक नमनेू या सं�ामक एज�ट� को भारत म� या उससे बाहर �थानांत�रत नह�ं �कया गया था। अ�ययन �या सझुाव देता है? • PLOS म� �का�शत अ�ययन म� कहा गया है �क शोधकता�ओ ंको पवू��र भारत म� मानव और चमगादड़ दोन� आबाद� म� �फलोवायरस (filovirus) ��त��याशील एंट�बॉडी क� उपि�थ�त �मल� है। • नागाल�ड के अ�ययन से पता चलता है �क द��ण ए�शया म� चमगादड़ �फलोवायरस क� एक �व�वध �ेणी के मेजबान के �प म� काय� करत ेह� और इन चमगादड़� म� �फलोवायरस ि�पलओवर मानव संपक� के मा�यम से होता है।
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कई वायरस का वाहक होने के बाद भी चमगादड़ �भा�वत �य� नह�ं होता? • इबोला वायरस, �नपाह वायरस, सी�वयर ए�यटू रेि�परेटर� �स�ंोम (SARS) और �म�डल ई�ट रेि�परेटर� �स�ंोम (MERS) और 2019 नोवेल कोरोनवायरस जसेै कोरोनवायरस स�हत कई वायरस के �लए चमगादड़ �ाकृ�तक मेजबान के �प म� काय� करता है। • ये वायरस मन�ुय� को नकुसान पहंुचात ेह�, ले�कन बहुत कम ह� चमगादड़ म� �कसी भी हा�नकारक �भाव का कारण बनत ेह�। • �पछले साल जन�ल नेचर माइ�ोबायोलॉजी म� �का�शत एक अ�ययन ने चमगादड़ म� मौजदू उस तं� का खलुासा �कया िजसके कारण कई वायरस का वाहक होने के बाद भी चमगादड़ �बना �भा�वत हुए काफ� समय तक जी�वत रहता है। �थल�य �तनधा�रय� क� तलुना म� चमगादड़ का जीवनकाल लंबा होता है। • इसका कारण है - चमगादड़ ए�से�सव वायरस-इनडुसड इ��लामेशन (excessive virus-induced inflammation) से बच सकत ेह�, जो अ�सर जानवर� और वायरस से सं��मत लोग� म� गंभीर बीमा�रय� का कारण बनता है। • जब रोगजनक (pathogens) मन�ुय� और चहू� को सं��मत करत ेह�, तो ��तर�ा �णाल� स��य हो जाती है और रोगाणओु ंसे लड़ने के �लए एक �व�श�ट उ�ेजक ��त��या देखी जाती है। जब�क सं�मण से लड़ने के �लए �नयं��त उ�ेजक ��त��या मन�ुय� को �व�थ रखने म� मदद करती है, यह सं�ामक रोग� से होने वाले नकुसान म� योगदान कर सकती है, ले�कन जब उ�ेजक ��त��या अ�य�धक हो जाती है तो उ� से संबं�धत बीमा�रयां भी होने लगती ह�।
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• इसके �वपर�त, शोधकता�ओ ंने पाया �क उ�ेजक ��त��या चमगादड़ म� पाए जाने वाले वायरस क� �व�वधता म� मौजदू होती है। इसका कारण NLRP3 �ोट�न का कम उ�पादन होना है। ले�कन चहू� और मन�ुय� के मामले म� ऐसा नह�ं था। चहू� और मन�ुय� NLRP3 �ोट�न का उ�पादन अ�भा�वत रहता है। मह�वपणू� त�य : 1. कोरोना वायरस के कारण सरूत का ह�रा उ�योग �भा�वत : • चीन म� कोरोनावायरस के �कोप ने सरूत के ह�रा उ�योग पर ��तकूल �भाव डाला है, जो चीन-यएूस �यापार सं�ध के पहले सं�करण के बाद व�ृ�ध क� उ�मीद कर रहा था। • इस वायरस के अचानक और तजेी से फैलने के कारण �नया�त बढ़ने क� संभावना नह�ं है। • इस कारण सरूत के ह�रा उ�योग को एक और झटका लगेगा, �य��क सरूत, हांगकांग से अप�र�कृत र�न का आयात करता है और पॉ�लश ह�रे को हांगकांग और चीन को �नया�त करता है। • एक अनमुान के अनसुार, भारत से हांगकांग को �नया�त �कए गए ह�रे का 37-38% सरूत से होता है। इसके अलावा पॉ�लश �कए गए ह�रे से बने आभषूण भी सरूत से हांगकांग को �नया�त �कए जात ेह�। • इससे पहले, हांगकांग म� लोकतं�-समथ�क आदंोलन ने ह�रा उ�योग को �भा�वत �कया था और अब कोरोनोवायरस के डर से इस उ�योग को कई सौ करोड़ �पये का नकुसान हो सकता है। UPSC �ारं�भक पर��ा के �लए अ�यास ��न : ��न 1. �न�न�ल�खत कथन� पर �वचार कर�: 1. यनेू�को क� �व�व धरोहर �थल के �प म� एक �थान का पदनाम, इस बात का सबतू देता है �क इस तरह का �थल िजनेवा क�व�शन के तहत काननूी �प से य�ुध के काननू के अनसुार संर��त है। 2. भारत से यनेू�को क� सचूी म� शा�मल ह�ने वाला नवीनतम �व�व धरोहर �थल जयपरु है। 3. भारत के कुल 38 �थान� को यनेू�को ने �व�व धरोहर �थल के �प म� ना�मत �कया है। �दए गए कथन� म� से कौन सा सह� है / ह�? (a) केवल 1 (b) केवल 1 और 2 (c) 2 और 3 (d) 1, 2 और 3 उ�र : d �प�ट�करण : यनेू�को के �व�व �वरासत �थल एक ऐसे �थल होत ेह� िजसे संय�ुत रा�� श�ै�क, व�ैा�नक और सां�कृ�तक संगठन (यनेू�को) �वारा �वशषे सां�कृ�तक या भौ�तक मह�व के �प म� सचूीब�ध �कया गया है। यनेू�को क� �व�व धरोहर
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�थल के �प म� एक �थान का पदनाम, इस बात का सबतू देता है �क इस तरह का �थल िजनेवा क�व�शन के तहत काननूी �प से य�ुध के काननू के अनसुार संर��त है। जलुाई 2019 म�, भारत के जयपरु को यनेू�को क� �व�व �वरासत �थल क� सचूी म� शा�मल �कया गया था। इसके साथ ह�, भारत को अपना 38वां यनेू�को �व�व �वरासत �थल �मला। �व�व क� धरोहर� क� सचूी म� शा�मल राजधानी जयपरु क� �थापना 1727 म� आमेर के त�काल�न कछवाहा राजपतू शासक , सवाई जय �सहं ��वतीय �वारा क� गई थी। शहर को मदैानी भाग पर बसाया गया था और व�ैदक वा�तकुला के �काश म� �या�या�यत ��ड योजना के अनसुार इसे �न�म�त �कया गया था। भारत म� 38 �व�व धरोहर �थल ह� िजनम� 30 सां�कृ�तक �वरासत �थल, 7 �ाकृ�तक �थल और 1 �म��त �थल शा�मल ह�। ��न 2. 'अमराबाद टाइगर �रजव�' ि�थत है: (a) आ�ं �देश (b) तलेंगाना (c) त�मलनाडु (d) कना�टक उ�र : b �प�ट�करण : अमराबाद टाइगर �रज़व� पहले, 'नागाजु�नसागर-�ीशलैम टाइगर �रज़व� (NSTR)' का एक �ह�सा था, ले�कन तलेंगाना और आ�ं �देश के �वभाजन के बाद, �रजव� के उ�र� भाग को तलेंगाना रा�य म� शा�मल कर �दया गया और इसका नाम बदलकर 'अमराबाद टाइगर �रज़व�' कर �दया गया, जब�क द��णी भाग आ�ं �देश के साथ 'NSTR' के भाग के �प म� बना हुआ है। ��न 3. एक�कृत बाल �वकास योजना (ICDS) के अतंग�त �न�न�ल�खत म� से कौन सी सेवा / सेवाएं कवर ह�? 1. 14 वष� से कम उ� के ब�च� को परूक पोषण। 2. गभ�वती और �तनपान कराने वाल� माताओ ंको परूक पोषण। 3. �ी-�कूल गैर-औपचा�रक �श�ा। 4. गभ�वती और �तनपान कराने वाल� माताओ ंके �लए �वा��य जांच। सह� �वक�प चनु�: (a) केवल 1 और 2 (b) केवल 1, 2 और 3 (c) 2, 3 और 4 ह� (d) 1, 2, 3 और 4 उ�र : c �प�ट�करण: एक�कृत बाल �वकास योजना के तहत, परूक पोषण केवल 6 वष� से कम उ� के ब�च� को �दान �कया जाता है। ICDS के तहत 6 सेवाओ ंका एक समे�कत पकेैज �दान �कया जाता ह�: परूक पोषण ��तर�ा �वा��य जांच रेफरल सेवाएं
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�ी-�कूल गैर-औपचा�रक �श�ा पोषण और �वा��य �श�ा ��न 4. �न�न�ल�खत कथन� पर �वचार कर�: 1. जब �कसी सद�य को दल-बदल के आधार पर अयो�य ठहराए जाने का सवाल उठता है, तो सदन के अ�य� या सभाप�त का �नण�य अ�ंतम होता है। 2. 10 वीं अनसुचूी के तहत �कसी सदन का सद�य होने के �लए अयो�य घो�षत सद�य तब तक मं�ी के �प म� �नय�ुत नह�ं �कया जाएगा, जब तक �क वह सदन के सद�य के �प म� �फर से �नवा��चत नह�ं हो जाता। 3. �कसी भी �यायालय को 10 वीं अनसुचूी के तहत �कसी सदन के सद�य क� अयो�यता से जड़ु ेमामले के संबंध म� कोई अ�धकार �े� नह�ं होगा। �दए गए कथन म� से कौन सा सह� है / ह�? (a) केवल 1 (b) केवल 1 और 2 (c) केवल 1 और 3 (d) केवल 1, 2 और 3 उ�र : d �प�ट�करण: सभी कथन सह� ह�। �या�यक ह�त�ेप : 10 वीं अनसुचूी �कसी भी अदालत को अनसुचूी के तहत �कसी सदन के सद�य क� अयो�यता से जड़ु ेमामल� के संबंध म� �कसी भी �े�ा�धकार से रोकती है। इसके अलावा, अन�ुछेद 122 और 212 �प�ट �प से संसद और रा�य �वधानमंडल क� काय�वाह� म� अदालत� के ह�त�ेप को रोकत ेह�। हालाँ�क, अन�ुछेद 32 और 226 के अनसुार, �रट जार� करने के संबंध म� सव��च �यायालय और उ�च �यायालय� क� शि�त लागू रहती है। च�� कुमार बनाम भारत संघ म�, सव��च �यायालय ने कहा �क य�द �कसी काननू का कोई �ावधान �कसी �यायालय के �रट अ�धकार �े� को छ�नता है, तो इसे सं�वधान के मलू ढांचे का उ�लंघन माना जाएगा। �कहोटो होलोहन बनाम ज़ा�च�ल ु और अ�य के मामले के अनसुार, दसवीं अनसुचूी के तहत अयो�य ठहराए जाने वाल� या�चकाओ ंका फैसला करत ेसमय �पीकर को �या�यक जांच से ��तर�ा का लाभ नह�ं �मलता है। इस मामले म� यह भी कहा गया था �क एक अ�य� या एक सभाप�त, दसवीं अनसुचूी के तहत काय� करने वाला एक �याया�धकरण है। इस�लए इसने �पीकर के आदेश को सी�मत आधार पर �या�यक समी�ा के अधीन कर �दया। इससे यह �प�ट हो गया �क अदालत का अ�धकार �े� तब तक लागू नह�ं होगा जब तक �क अ�य� कोई आदेश पा�रत नह�ं कर देता। 2015 म�, हैदराबाद उ�च �यायालय ने एक या�चका पर सनुवाई के बाद ह�त�ेप करने से इनकार कर �दया िजसम� आरोप लगाया गया था �क तलेंगाना �वधानसभा अ�य� �वारा एक सद�य के �खलाफ दलबदल �वरोधी काननू के तहत कार�वाई म� देर� क� गई थी। UPSC म�ुय पर��ा के �लए अ�यास ��न : ��न 1. 2005 के आपदा �बंधन अ�ध�नयम म� संशोधन करने क� सरकार क� योजना के स�दभ� म� , द�घ�का�लक �रकवर� पर जोर देने के साथ आपदा �बंधन क� अवधारणा के मह�व पर चचा� कर�। द�घ�का�लक �रकवर� उपाय� पर �वचार करत ेसमय �कन घटक� को संबो�धत करने क� आव�यकता है? (15 अकं, 250 श�द)।
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��न 2. �हदं महासागर �े� म� �ाकृ�तक आपदाओ ंक� बढ़ती घटनाओ ंके संबंध म�, एक �े�ीय सरु�ा �दाता के �प म� भारत क� बढ़ती भ�ूमका पर �ट�पणी कर�। �या भारत क� बढ़ती भ�ूमका सतक� ता का �मखु कारण है? अपने उ�र के संदभ� म� उ�चत तक� द�िजए। (15 अकं, 250 श�द)।