भारत विकास एक कीमत पर · बहरहाल, यह...

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विरि सामी सारां 1 पररिण बद 2 भूनमका 2 मुखि मु और िाद-वििाद 4 मुखि किाकार और संसराि 8 निषकरण उोग म अंतराीि सतर पर भारत की भूनमका 9 निषकरण म पारदनता और जिाबदही को बहतर बिाि क निए मुखि विव वबदु 11 अंतराीि और घर िू NGOs की संभावित भूनमका 14 निषकर 15 1 www.revenuewatch.org | www.transparency-initiative.org उभरती ह ई अरवििसराएँ भारत: विकास एक कीमत पर निषकरण म पारदनता और उरदानिति को बढाि क निए रतविक दा (Ritwick Dutta), आर. ीिर (R. Sreedhar) और नबािी घो(Shibani Ghosh) सारां भारत म फनषकषर उग म सरकार की उदार नीफतय, िायदे की उचच दर, कम फनवेश जलखम और सरकारी संरर की वजह से फवसतार ह रहा है। हालांफक, अपने पयावरर और सामाफजक भाव के ललए यह कािी हद तक अपारदश और ग़ैर फममेदार रहा है। कानूनी, शासफनक और वैधाफनक उपाय ज फक फनषकषर उग के ललए अनुकूल ह, वे उग के तेी से फवकास के लए मुखय कारर म से कुछ के प म माने जाते ह। फनषकषर उग अब देश के सबसे द ू रस पारशसफतक सान पर और सांसकृफतक प से संवेदनशील े म फवसतार कर रहे ह, अकसर उनह सानीय समुदाय से कडे फवरध का सामना करना पडता है। उग बढती ई सावजफनक जाँच के दायरे म आ रहा है। उग और सरकार के बीच मेल, अनय मु के एक समूह के सा-सा राीय वाद-फववाद का फवषय ह, वे मुे ह: अवैध खनन, कम रॉयलटी की दर और राजय ारा अफजत राजसव की कमी के परामसवप, उफचत सामाफजक और पयावरर पर भाव के आकलन की कमी, खनन े रत फवसापन म तय और अतय प म खतरनाक ढंग से बढत, मानव अफधकार का उललंघन और ाचार। जवाबदेही और पारदफशता क बढाने के ललए सानीय समुदाय और नागरक समाज संगठन (CSOs) के सा फमलकर काम करने की आवयकता है, और सा ही सा मौजूदा कानूनी और सं सागत तं का पूरा उपयग सुफनलत करने के यास की आवयकता है। नवगरठत नेशनल ीन फबयूनल, द लकायु (लकपाल) और फनयंक और भारत के महालेखा परीक (CAG) जैसे सं सान के फनरीर म मबूत भूफमकाएँ फनभा सकते ह। पयावरर भाव आकलन (EIA) फया, फजसम एक सामाफजक भाव मूलयांकन फया शाफमल है, हसतेप के लए एक और महतवप ू र े है : EIA फनरय लेने की फया म भाफवत समुदाय की वासतफवक भागीदारी क सुफनलत करता है, और यह सुफनलत करता है फक फनषकषर उग की गफतफवफधय की वासतफवक लागत और लाभ का पता लगाया गया है। अंत म, अनय देश म भारतीय कंपफनय के फनवेश म वृर क देखते ए, फवदेश म फकए गए फनवेश पर भावी नर रखने की, और घरेलू और अंतरराीय सतर पर जानकारी क साझा करने की रत है। अंतराीय गैर सरकारी संगठन (INGOs) सवम ा क साझा करने के ारा एक सकारातमक भूफमका अदा कर सकते ह, हालांफक उनह मौजूदा नेटवक और गठबंधन के सा सानीय और राीय समूह और काय के सा फमलकर काम करना चाफहए। अंत म, पारदफशता और जवाबदेही पर चचा क मीफडया और आम जनता के बीच मुखयधारा फवषयक बनाने की बत जयादा रत है। आिार प ंखिा 2012 1 1 िण�क तौर पर उभरती हुई अरवििसराएं त ि, गैस और खिि म अनिक बी भूनमका निभा रही ह। िह ांसपरसी एं ि एकाउंटवबनिटी इनिनएडटि (T/AI) एिं रििू िाच इंसटीिूट (RWI) ारा आरंभ की गई ंखिा का एक पपर है ताडक राीि ि अंतराीि सतर पर संिाद हतु झाि एिं संभाििाीि काि िीनति का पता िगािा जाए। इस ंखिा म �ाजीि, चीि, भारत, स, मैणसको, डफिीपपींस और दणण अीका ानमि ह। इि पपर म वि डकए गए विचार इिक िखक क विचार है और िह आिशिक िहीं है डक T/AI ि RWI क भी िहीं विचार ह।

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  • विरि सामग्ी

    सारां् 1

    पररिणणी ्बद 2

    भनूमका 2

    मखुि मदु्षे और िाद-वििाद 4

    मखुि किाकार और संसराि 8

    निषकर्षण उद्ोग में अतंरा्षष्टीि सतर पर भारत की भनूमका 9

    निषकर्षण क्षेत्र में पारदन््षता और जिाबदषेही को बषेहतर बिािषे कषे निए मखुि प्विवटि वबन्द ु 11

    अतंरा्षष्टीि और घरषेि ूNGOs की संभावित भनूमका 14

    निषकर्ष 15

    1 www.revenuewatch.org | www.transparency-initiative.org

    उभरती हुई अर्षवििसराएँ

    भारत: विकास एक कीमत पर निषकर्षण क्षेत्र में पारदन््षता और उत्तरदानिति को बढािषे कषे निए

    ररतविक दत्ता (Ritwick Dutta), आर. श्ीिर (R. Sreedhar) और न्बािी घोर (Shibani Ghosh)

    सारां्भारत में फनषकष्णर उद्योग में सरकार की उदार नीफतयों, िायद ेकी उचच दर, कम फनवशे जयोलखम और सरकारी सरंक्र की वजह स ेफवसतार हयो रहा ह।ै हालांफक, अपन ेपया्णवरर और सामाफजक प्रभावों के ललए यह कािी हद तक अपारदशशी और ग़रै फज़ममदेार रहा ह।ै काननूी, प्रशासफनक और वधैाफनक उपाय जयो फक फनषकष्णर उद्योग के ललए अनकूुल हैं, व ेउद्योग के तजे़ी स ेफवकास के ललए मखुय काररों में स ेकुछ के रूप में मान ेजात ेहैं।

    फनषकष्णर उद्योग अब दशे के सबस ेदरूस् पाररशस्फतक स्ानों पर और सांसकृफतक रूप स ेसवंदेनशील क्ते्रों में फवसतार कर रह ेहैं, अकसर उनहें स्ानीय समदुायों स ेकडे फवरयोध का सामना करना पडता ह।ै उद्योग बढती हुई साव्णजफनक जाँच के दायरे में आ रहा ह।ै उद्योग और सरकार के बीच मले, अनय मदु्ों के एक समहू के सा्-सा् राष्टीय वाद-फववाद का फवषय हैं, व ेमदेु् हैं: अवधै खनन, कम रॉयलटी की दर और राजय द्ारा अफज्णत राजसव की कमी के परररामसवरूप, उफचत सामाफजक और पया्णवरर पर प्रभाव के आकलन की कमी, खनन प्ररेरत फवस्ापन में प्रतयक् और अप्रतयक् रूप में खतरनाक ढगं स ेबढत, मानव अफधकारों का उललघंन और भ्रष्टाचार।

    जवाबदहेी और पारदफश्णता कयो बढान ेके ललए स्ानीय समदुायों और नागररक समाज सगंठनों (CSOs) के सा् फमलकर काम करन ेकी आव्यकता ह,ै और सा् ही सा् मौजदूा काननूी और ससं्ागत ततं्र का परूा उपययोग सफुनलचित करन ेके प्रयासों की आव्यकता ह।ै नवगरठत नशेनल ग्रीन फट्बयनूल, द लयोकायकु्त (लयोकपाल) और फनयतं्रक और भारत के महालखेा परीक्क (CAG) जसै ेससं्ानों के फनरीक्र में मज़बतू भफूमकाएँ फनभा सकत ेहैं। पया्णवरर प्रभाव आकलन (EIA) प्रफक्या, फजसमें एक सामाफजक प्रभाव मलूयांकन प्रफक्या शाफमल ह,ै हसतक्पे के ललए एक और महतवपरू्ण क्ते्र ह:ै EIA फनर्णय लने ेकी प्रफक्या में प्रभाफवत समदुायों की वासतफवक भागीदारी कयो सफुनलचित करता ह,ै और यह सफुनलचित करता ह ैफक फनषकष्णर उद्योग की गफतफवफधयों की वासतफवक लागत और लाभ का पता लगाया गया ह।ै

    अतं में, अनय दशेों में भारतीय कंपफनयों के फनवशे में वरृधि कयो दखेत ेहुए, फवदशे में फकए गए फनवशे पर प्रभावी नज़र रखन ेकी, और घरेल ूऔर अतंरराष्टीय सतर पर जानकारी कयो साझा करन ेकी ज़रूरत ह।ै अतंरा्णष्टीय गरै सरकारी सगंठन (INGOs) सव्षत्म प्र्ाओं कयो साझा करन ेके द्ारा एक सकारातमक भफूमका अदा कर सकत ेहैं, हालांफक उनहें मौजदूा नटेवक्ण और गठबधंनों के सा् स्ानीय और राष्टीय समहूों और काय्ण के सा् फमलकर काम करना चाफहए।

    अतं में, पारदफश्णता और जवाबदहेी पर चचा्ण कयो मीफडया और आम जनता के बीच मखुयधारा फवषयक बनान ेकी बहुत जयादा ज़रूरत ह।ै

    आिार पत्र श्खंिा 20121

    1 िणै�क तौर पर उभरती हुई अर्षवििसराएं तषेि, गैस और खिि में अनिक ब़िी भनूमका निभा रही हैं। िह ट्ांसपषेरेंसी एंि एकाउंटषेवबनिटी इनिन्एडटि (T/AI) एिं रषेिषेन्ि ूिाच इंसटीट्िटू (RWI) द्ारा आरंभ की गई श्खंिा का एक पषेपर है ताडक राष्टीि ि अतंराष्टीि सतर पर संिाद हषेत ुरुझािों एिं संभाििा्ीि काि्षिीनतिों का पता िगािा जाए। इस श्खंिा में �ाजीि, चीि, भारत, रूस, मणै्सको, डफिीपपींस और दणक्ण अफ्ीका ्ानमि हैं। इि पषेपर में विक्त डकए गए विचार इिकषे िषेखकों कषे विचार है और िह आिशिक िहीं है डक T/AI ि RWI कषे भी िहीं विचार हों।

  • भारत: विकास एक कीमत पर / निषकर्षण क्षेत्र में पारदन््षता और उत्तरदानिति को बढािषे कषे निए

    2 www.revenuewatch.org | www.transparency-initiative.org

    उभरती हुई अर्षवििसराएँ

    पररिणणी ्बद

    ASSOCHAM भारत कषे िाणणजि और उद्ोग सषे संबंनित चमैबस्ष

    CAG भारतीि नििंत्रक और महािषेखा परीक्क

    CEC कषे न्द्ीि सह समन्िि और स्क्त (अनिकार प्ाप्त) सनमनत

    CIAL कोि इंडििा अफ्ीकािा निनमटािा

    CII भारतीि उद्ोग का पररसंघ

    CSOs िागररक समाज संगठि

    DGHC हाइड्ो-काब्षि कषे महानिदषे्क

    EIA पिा्षिरण प्भाि मलूिांकि

    FICCI भारतीि िाणणजि और उद्ोग मंिि महासंघ

    FIMI फषे िरषे्ि ऑफ इंडििि नमिरि इंिसट्ीज़

    GAIL गैस एरॉररटी ऑफ इंडििा निनमटषेि

    GSI भारतीि भिूजै्ानिक सिवेक्ण

    HCL डहन्दसुताि कॉपर निनमटषेि

    IBM भारतीि खाि बिरूो

    MMDR खाि और खनिज विकास और विनििमि अनिनििम 1957

    MoUs समझौता ज्ापि

    MT मीडट्क टि

    NELP िई अन्िषेरण िाइसेंनसंग िीनत

    OIL ऑिि इंडििा निनमटषेि

    ONGC तषेि और प्ाकृनतक गैस निगम

    OVL ओएिजीसी विदषे् निनमटषेि

    SEGEMAR सवि्षनसिो णजिोिॉणजको माइिरो अजजेंटीिो

    SGS सऊदी भिूजै्ानिक सिवेक्ण

    भनूमकाभारतीय खनन उद्योग छयोटी पररचालन खानों की एक बडी सखंया के द्ारा पहचाना जाता ह।ै भारत में 2009-2010 में, बरेरटस, क्योमाइट और टॉलक/सटेटाइट/पयरयोफिलीट के उतपादन में दफुनया में दसूरे स्ान पर; कयोयल,े ललगनाइट और बॉकसाइट में तीसरे स्ान पर, लौह, अयसक और केयानाइट/फसललमनेाइट में चौ् ेस्ान पर, मैंगनीज़ अयसक, इसपात (कचचा) और जसता में पांचवें स्ान पर, बॉकसाइट में छठे स्ान पर, एलयमूीफनयम में आठवें स्ान पर और मगैनसेाइट में दसवें स्ान पर ह।ै 2010-2011 के ललए सकल घरेल ूउतपाद (जीडीपी) के उननत अनमुान के अनसुार, खनन और उतखनन क्ते्र सकल घरेल ूउतपाद (जीडीपी) में लगभग 2.26 प्रफतशत (2004-2005 कीमतों पर) के ललए फज़ममदेार ह।ै

    भारत में खनन क्ते्र की एक महतवपरू्ण फवशषेता सरकारी खनन कंपफनयों के प्रभतुव का हयोना ह,ै हालांफक नीफत में बदलाव की वजह स ेफपछल ेएक दशक स ेफनजी क्ते्र की भफूमका फनरंतर बढी ह।ै 2009-2010 के दौरान, खफनज उतपादन में साव्णजफनक क्ते्र लगातार एक प्रमखु भफूमका फनभा रहा ह,ै कुल मलूय के 74.48 प्रफतशत के ललए फज़ममदेार ह।ै हालांफक, कुछ खफनजों में, फनजी क्ते्र की भफूमका प्रमखु रही ह:ै लौह अयसक में फनजी क्ते्र की फहससदेारी 63 प्रफतशत ह।ै छयोटी खानें, जयो जयादातर फनजी क्ते्र में पाई जाती हैं, व ेया तयो सवाफमतव या साझदेारी उपक्म के रूप में सचंाललत की जा रही हैं। खनन जयो 2009-2010 में परू ्णत साव्णजफनक/सयंकु्त क्ते्र द्ारा खनन/बरामद फकए जा रह े्,े व ेगाढा तांबा अयसक और गाढा तांबा, हीरा, डू्नाइट, फलयोराइट (श्रेीकृत) और गाढा िासियोराइट/रॉक िॉसिेट, सेंधा नमक, रेत (अनय), सलेनेाइट और सलिर ्।े जयादातर, ललगनाइट, सयोना (सवदशेी मलू के प्रा्फमक और माधयफमक) और फजपसम का लगभग परूा उतपादन साव्णजफनक क्ते्र द्ारा फकया गया ्ा। 2009-2010 में, साव्णजफनक क्ते्र कयोयल ेके एक बडे उतपादन (91 प्रफतशत), कचचा पटे्योललयम (86.05 प्रफतशत), प्रययोग में लाई गई प्राकृफतक गसै (76.91 प्रफतशत), गाढा रटन (58 प्रफतशत), बरेरटस (99 प्रफतशत), केनाइट (84) प्रफतशत, फसललमनेाइट (74 प्रफतशत) और मगैनसेाइट (60

    िषेखक कषे बारषे में

    ररतविक दत्ता एक पिा्षिरण िकीि हैं, जो िि और पिा्षिरण (जीिि), ईआईए संसािि और प्नतडरििा कें द् कषे निए कािूिी पहि का समन्िि करतषे हैं।

    आर. श्ीिर खािों, खनिज और िोग, खिि सषे प्भावित समहूों पर एक राष्टीि िषेटिक्ष कषे संिोजक हैं, और उन्होंिषे दो द्कों सषे अनिक कषे निए खिि सषे प्भावित समदुािों की सहािता की है।

    न्बािी घोर एक पिा्षिरण काििू ्ोिकता्ष हैं और िि और पिा्षिरण कषे निए कािूिी पहि कषे सार काम करती हैं।

    राजसि निगरािी संसराि साि्षजनिक बषेहतरी कषे निए तषेि, गैस और खनिज संसाििों कषे प्भािी, पारद्णी और जिाबदषेही कषे प्बंिि को बढािा दषेता है। क्मता निमा्षण, तकिीकी सहािता, नििीकरण और नसफारर् कषे माधिम सषे हम दषे्ों को उिकषे प्ाकृनतक संसािि बहुिता कषे विकास कषे िाभों की पहचाि करिषे में मदद करता है।

    पारदन््षता और जिाबदषेही पहिकदनमिाँ पारदन््षता और जिाबदषेही कषे क्षेत्र में िि और गनतविनि कषे प्भाि और पमैािषे का विसतार करिषे और सार ही सार ििषे क्षेत्रों में इस काि्ष कषे अिुप्िोगों का पता िगािषे का उद्षेशि रखती हैं।

  • 3 www.revenuewatch.org | www.transparency-initiative.org

    भारत: विकास एक कीमत पर / निषकर्षण क्षेत्र में पारदन््षता और उत्तरदानिति को बढािषे कषे निए उभरती हुई अर्षवििसराएँ

    प्रफतशत) के ललए फज़ममदेार रहा ह।ै

    भारत का फनषकष्णर क्ते्र बडा ह ैऔर लगातार फवकफसत हयो रहा ह।ै राष्टीय आफ््णक नीफतयों न ेबार बार फनषकष्णर क्ते्र के फवकास कयो प्रा्फमकता दने ेके महतव पर ज़योर फदया ह,ै कयोंफक यह अपन ेगरुक प्रभाव के माधयम स ेदशे की अ््णव्यवस्ा में महतवपरू्ण ययोगदान दतेा ह।ै2 दभुा्णगयवश, इस क्ते्र के आफ््णक महतव न ेइसके नकारातमक प्रभावों पर सभंाफवत साव्णजफनक फवरयोध कयो शांत करा फदया ह।ै साव्णजफनक फहत के ललए लाखों लयोगों न ेमशु्कलों कयो बदा्ण्त फकया ह।ै कुछ लयोगों कयो फजनहोंन ेफवरयोध में बात की ्ी, उनहें शक्क्तशाली उद्योग लॉबी, सरकार और जयो फनषकष्णर क्ते्र के लाभ का िायदा उठा रह ेहैं, स ेकडे प्रफतरयोध का सामना करना पडा ह।ै

    जबफक इस क्ते्र के तकनीकी और फवत्ीय फवकास कयो सपष्ट रूप स ेप्रयोतसाफहत फकया जाता ह,ै पर फनर्णय लने ेमें पारदफश्णता और प्रभावों के ललए जवाबदहेी पर अब तक बहुत ही कम धयान फदया गया ह।ै3 पारदफश्णता और जवाबदहेी के मदु्ों स ेफनपटन ेकी राजनीफतक इचछा बहुत ्योडी ह।ै खनन उद्योग, नतेाओं और सरकारी अफधकाररयों के गठजयोड का मतलब ह ैफक क्ते्र की अवधैता और प्रफतकूल प्रभावों कयो जनता और नयाफयक जाँच स ेदरू रखा गया ह।ै

    बहरहाल, यह शस्फत फपछल ेदयो वष्षं स ेकुछ बदलनी शरुू हुई ह।ै जवाबदहेी और पारदफश्णता के मदु्ों न ेमहतवपरू्ण वाद-फववाद शरुू कर फदया ह।ै लाखों डॉलर के मलूय के खफनज अयसक स ेजडेु घयोटाल ेसामन ेआए हैं।4 भ्रष्टाचार और दरुाचार के सतर न ेभारतीय जनता का धयान अपनी ओर आकफष्णत फकया ह।ै इस बात कयो मानयता दी गई ह ैफक खनन ररयायतें दने ेमें पारदफश्णता की कमी न ेघयोटालों कयो बनाए रखन ेमें मदद की ह।ै केवल काय्णकता्ण और प्रभाफवत समदुाय ही फनषकष्णर क्ते्र की गफतफवफधयों पर सवाल उठान ेवाल ेएकमात्र लयोग नहीं रह गय ेहैं; बशलक इसमें एक बडी व्यापक श्रेी फजसमें मीफडया, नयायपाललका, सवंधैाफनक अफधकारी और समाज के बडे वग्ण भी शाफमल हयो रह ेहैं।

    फनषकष्णर उद्योगों में मदु्ों का कें द्र फबनद ुएक क्ते्र स ेदसूरे क्ते्र में फवफवध रहा ह।ै भारत के दफक्री और पलचिमी राजय जसै ेफक आधं्र प्रदशे, कना्णटक और गयोवा न ेखनन क्ते्र में जवाबदहेी की कमी और समाज पर हयोन ेवाल ेभ्रष्ट प्रभाव पर धयान कें फद्रत फकया ह।ै दशे के पवू्षत्र भाग में, जाँच न ेतले के फनया्णत स ेहयोन ेवाल ेस्ानीय लयोगों कयो लाभों की कमी पर दशे के बाकी लयोगों का धयान कें फद्रत फकया ह।ै कें द्रीय भारतीय राजयों में, समदुायों कयो यह एहसास हयो गया ह ैफक खनन की वजह स ेहयोन ेवाली वरृधि का िायदा फसि्ण कंपफनयों कयो हुआ ह ैऔर उसन ेस्ानीय आफदवासी समदुायों कयो आफ््णक रूप स ेनष्ट ही फकया ह।ै इसस ेराजय और सा् ही सा् फनजी कंपफनयों के लखलाि सशस्त्र सगंठन पदैा हयो गय ेहैं। राजय और उसकी एजेंफसयों की जवाबी कार्णवाई के परररामसवरूप कािी मात्रा में मानव अफधकारों का उललघंन हुआ ह।ै राष्टीय सतर पर, साव्णजफनक वाद-फववाद अब तजे़ी स ेफनषकष्णर उद्योगों की वासतफवक लागत और लाभ पर धयान केशनद्रत कर रहा ह ैऔर फवशषे तौर पर इस बात पर फक लागतों का भगुतान कौन करता ह ैऔर उनका िायदा कौन उठाता ह।ै

    वत्णमान हालात में, फनषकष्णर क्ते्र में पारदफश्णता और जवाबदहेी की ओर सयोच-फवचार कर ललय ेहुए कदम उठाय ेजान ेचाफहए। खनन के प्रभाव, वधै या अवधै तरीके स,े अपररफमत हैं— पाररशस्फतक, सामाफजक, सांसकृफतक और आफ््णक—और इसके नकारातमक प्रभाव जयादातर समाज के आफ््णक और सामाफजक रूप स ेफपछडे वग्षं के द्ारा झले ेगए हैं। भारत के उचचतम नयायालय द्ारा फकया गया एक अवलयोकन पारदफश्णता के महतव पर ज़योर दतेा ह:ै

    खनन सचंालन की प्रकृफत खतरनाक ह।ै यह पया्णवरर और प्राकृफतक ससंाधनों पर लयोगों के अफधकारों का हनन करती ह।ै एक खनन पररचालन की स्ापना और काय्ण-पधिफत की परूी प्रफक्या में इचछुक उद्मी की ओर स ेअचछी नीयत और ईमानदारी की अतयतं आव्यकता ह।ै नगर-क्ते्र (ररहायशी इलाकों) के पास की कयोई भी खनन गफतफवफध पया्णवरर कयो खराब करती ह ैऔर इसके हवा, पानी और फमट्ी और क्ते्र के फनवाफसयों के जीवन की गरुवत्ा कयो प्रभाफवत करन ेकी सभंावना हयोती ह।ै प्रदषूर की मात्रा और सतर में हयोन ेवाली सभंाफवत वरृधि के परररामसवरूप पया्णवरर पर पडन ेवाल ेबयोझ में वरृधि सफहत परू्णत प्रकटीकरर शरुू स ेही फकया जाना चाफहए ताफक जनता और सभी सबंफंधत व्यक्क्त और अफधकाररयों सफहत यह िैसला ललया जा सकें फक कया खनन गफतफवफध कयो फकय ेजान ेकी अनमुफत दी भी जा सकती ह ैया नहीं।(ज़योर फदया गया ह)ै5

    2 राष्टीि खनिज िीनत 2008, अिचु ष्ेद 2.4। 3 राष्टीि खनिज िीनत 2008 जिाबदषेही का कोई संकषे त िहीं करती। जबडक प्ाकृनतक संसाििों जसैषे डक जंगिों, पर निषकर्षण प्डरििा कषे िकारातमक

    प्भाि को सिीकारा गिा है, पर िह िीनत अपररित्षिीि पाररणसरनतक िकुसाि कषे निए णज़ममषेदारी का मलूिांकि करिषे पर कोई माग्षद््षि प्दाि िहीं करती है। इसकषे अिािा, िह िीनत कषे िि अिसकों और ररिाितों कषे आबंटि में निजी डहतों की रक्ा कषे संबंि में क्षेत्र में पारदन््षता की ज़रूरत पर ज़ोर दषेती है।

    4 उदाहरण कषे निए, आधं्र प्दषे् कषे अबािापरुम खिि घोटािषे को दषेखें, णजसमें राजिीनतज्, उद्ोगपनत और अनिकारी ्ानमि हैं, और किा्षटक में बषेलिारी खिि घोटािा णजसमें नसद्ध हुआ है डक उचच सतर कषे अनिकारी और उद्ोगपनत एक दसूरषे कषे सार सहिोग कर रहषे रषे।

    5 M.C. Mehta Vs. Union of India & Ors., ((2004) 12 SCC 118) मामिषे में ्ीर्ष न्िािािि का निण्षि

  • भारत: विकास एक कीमत पर / निषकर्षण क्षेत्र में पारदन््षता और उत्तरदानिति को बढािषे कषे निए

    4 www.revenuewatch.org | www.transparency-initiative.org

    उभरती हुई अर्षवििसराएँ

    परू्ण प्रकटीकरर और जवाबदहेी का महतव केवल भारत के भीतर भारतीय कंपफनयों और फनयामक अफधकाररयों तक ही सीफमत नहीं फकया जाना चाफहए। कम स ेकम प्रकटीकरर और जवाबदहेी के नयनूतम मानकों कयो अतंरा्णष्टीय पररचालनों में भी अपनाया जाना चाफहए।

    मखुि मदु्षे और िाद-वििादकयोंफक खनन उद्योग भारत में फनषकष्णर क्ते्र का एक बडा भाग हैं, इसललए इस क्ते्र में सबस ेवत्णमान वाद-फववाद खनन पररचालनों और उनके प्रभावों स ेसबंफंधत हैं। फपछल ेतीन दशकों कयो फवफभनन चररों के रूप में दखेा जा सकता ह ैफजसमें स ेप्रतयके खनन स ेसबंफंधत मदु्ों के एक अलग सटे पर प्रकाश डालता ह।ै 1980 और 1990 का दशक छयोटे पमैान ेपर खनन और उतखनन पर केशनद्रत ्ा, फजसमें नयायपाललका न ेफवफशष्ट मामलों में खदान माललकों पर प्रफतबधं लगान ेके ललए हसतक्पे पर ज़योर फदया।6 1990 का दशक अपन ेसा् खनन क्ते्र में फनजीकरर स ेसबंफंधत मदु्ों कयो लाया।

    1947 में भारत के सवततं्र हयोन ेके बाद खनन क्ते्र जयादातर सरकारी अफधकार में ्ा; फनजी क्ते्र मखुय रूप स ेलघ ुखफनज क्ते्र तक ही सीफमत ्ा।7 1990 के दशक की शरुूआत में, जब फनजीकरर और उदारीकरर की नीफत कयो अपनाया गया ्ा तयो फनजी लखलाफडयों कयो इस क्ते्र में अफधक फवसततृ तौर पर प्रवशे की अनमुफत दी गई।8

    2000 के दशक की पहली छमाही में, खनन के बारे में वाद-फववाद फवस्ापन, वनों और वनयजीव के फनवास स्ान कयो नष्ट करन,े और प्रदषूर पर ही कें फद्रत ्ा। नीफत के सतर पर फकसी भी महतवपरू्ण ढगं स ेपारदफश्णता और जवाबदहेी के मदेु् नहीं उठाए गए ्।े हालांफक, 2002 में सपु्रीम कयोट्ण न ेकुद्रमेखु आयरन अयसक कमपनी कयो पया्णवररीय मानदडंों के उललघंन के ललए जवाबदहे ठहराकर एक महतवपरू्ण फनर्णय प्रदान फकया।9

    फपछल ेतीन वष्षं में, उद्योग, नतेाओं और सरकारी अफधकाररयों के गठजयोड स ेसबंफंधत अफतररक्त मदेु् सामन ेआय ेहैं। पहली बार, भय पदैा हुआ ह ैफक फनषकष्णर उद्योग की गफतफवफधयाँ न केवल पया्णवरर कयो जयोलखम में डालती हैं बशलक सा् ही अचछी शासन-प्रराली और लयोकतांफत्रक आदश्षं कयो भी प्रभाफवत करती हैं। आधं्र प्रदशे, गयोवा और कना्णटक जसै ेराजयों में खनन के अनभुव दशा्णत ेहैं फक इस क्ते्र न ेफवधानमडंल के मखुय सदसयों के सा् शासन-प्रराली में गहरी पठै बना ली ह,ै फजसस ेखनन उद्योग में मफंत्रयों का अपना फनजी फहत ह।ै कना्णटक के लयोकायकु्त द्ारा राजय के कुछ फजलों में खनन पर एक ररपयोट्ण में खनन क्ते्र के लखलाफडयों के इस गठजयोड कयो उजागर कर फदया ह ैफजनहोंन ेकाननू के शासन कयो कम आकंा ्ा:

    ऐसा लगता ्ा दशे के काननू कयो फनलफंबत कर फदया गया ्ा और चपु रहन ेके ललए मौलखक कयोडे (चपु रहन)े का इसतमेाल फकया गया ्ा। इसके िलसवरूप, प्रशासन न ेप्राकृफतक ससंाधनों में लौह अयसक की लटू की अनमुफत दी हुई ह ैजयो फबना फकसी फवरयोध के जारी रहा। बडी ररश्वतों का भगुतान फकया गया। माफिया के तरीके के पररचालन दफैनक फदनचया्ण बन गय े्।े10

    6 डहमािि की मसूरी पहाड़ििों में अििै और अिंािंुि खिि िषे िहाँ खिि कषे प्नतबंि को िागू करिषे कषे सखत आदषे्ों को िगािषे कषे निए बाधि डकिा: Rural Litigation And Entitlement Kendra v. State of U.P. & Ors, AIR 1985 SC 652. In Tarun Bharat Sangh, Alwar v. Union of India and Ors, 1993 SCC Supp. (3) 115, राजसराि कषे पाररणसरनतकी संरणक्त क्षेत्रों में सपु्ीम कोट्ष िषे खिि गनतविनििों को प्नतबंनित डकिा।

    7 भारत में खिि काििू प्मखु और गौण खनिजों कषे बीच, अनिनििम की अिसुूनचिों में उिकषे विभाजि कषे आिार पर, भषेद करता है। 8 राष्टीि खनिज िीनत 1993 िषे इण्िटी कषे 50 प्नत्त तक कषे विदषे्ी नििषे् की अिमुनत दषे दी। िह पाबन्दी 2006 में हटा दी गई। दषे् में उतपादि

    कषे कुि मलूि का 70 प्नत्त साि्षजनिक क्षेत्र सषे आता है। 9 K.M. Chinnappa v. Union of India, AIR 2003 SC 724. उलिषेखिीि है डक खिि कषे प्भाि को सीनमत करिषे कषे उपािों में सषे कु् सबसषे महतिपणू्ष

    उपाि भारतीि न्िािपानिका द्ारा डदिषे गिषे निण्षिों कषे एक पररणाम कषे रूप में ही ्रुू हुए। भारत कषे आडदिासी क्षेत्रों में खिि कषे संबंि में समता बिाम सटषेट ऑफ आधं्र प्दषे्, AIR1997 SC 3297 में, जिजातीि आबादी कषे अनिकारों कषे संरक्ण कषे संबंि में सपु्ीम कोट्ष द्ारा डदिा गिा निण्षि एक महतिपणू्ष निण्षि रा।

    10 किा्षटक कषे िोकािकु्त की ररपोट्ष, डदसंबर 2008 http://ercindia.org/adv_act.php।

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    भारत: विकास एक कीमत पर / निषकर्षण क्षेत्र में पारदन््षता और उत्तरदानिति को बढािषे कषे निए उभरती हुई अर्षवििसराएँ

    उडीसा और गयोवा राजयों में अवधै खनन पर नयायमफूत्ण शाह आययोग द्ारा आययोफजत अवधै खनन की हद की जाँच-पडताल जारी ह।ै

    खनन स ेसबंफंधत मदेु् जनसखंया के एक बडे फहसस ेकी फचतंा का फवषय हैं: फवस्ाफपत लयोग, खनन साइटों के करीब फनकटता में रहन ेवाल ेस्ानीय समदुाय, खनन के बरेु प्रभावों के फशकार व्यक्क्त, समदुायों के अफधकारों की रक्ा करन ेया पया्णवरर कयो बचान ेमें रुफच रखन ेवाल ेनागररक सामाफजक समदुाय, खफनक, आफद। अब वाद-फववाद के मखुय मदु्ों कयो मयोटे तौर पर फनमन के रूप में सचूीबधि फकया जा सकता ह:ै

    1. खनन स ेप्ररेरत फवस्ापन: प्रचरु खफनज सचंय अपके्ाकृत कम भफूम अफधग्रहर की लागत वाल ेक्ते्रों में पाए जात ेहैं, और घनी आबादी वाल ेक्ते्रों में शस्त खलुी खदान वाल ेखनन के सा् उसका शयोषर फकया जा रहा ह।ै अकसर यह फवकास भफूम के काय्णकाल की गलत पररभाषाओं और राजनीफतक रूप स ेकमज़योर और शक्क्तहीन आबादी, फवशषे रूप स ेसवदशेी लयोगों, की उपजाऊ और शहरी भफूम पर हयोता ह।ै11 जबफक खनन स ेप्रभाफवत लयोगों की सही सखंया पर कयोई व्यापक अद्तन नहीं हुआ ह,ै पर एक अनमुान ह ैफक 1947-2004 तक भारत में फवकास पररययोजनाओं न ेलगभग 60 फमललयन (6 करयोड) लयोगों कयो—करीब-करीब म ुबंई की जनसखंया के तीन गनुा लयोगों कयो फवस्ाफपत फकया ह।ै12

    2. फनषकष्णर उद्योगों स ेअफज्णत राजसव में कमी: फनषकष्णर उद्योगों के नकारातमक प्रभावों कयो लबं ेसमय तक बदा्ण्त फकया गया कयोंफक इस उद्योग कयो राजय के खजान ेमें ययोगदान के रूप में माना गया ्ा। हालांफक, अभी हाल ही में वासतफवकता जनता के सामन ेआ गई। एक खनन पट्ा फदय ेजात ेसमय पटे्दार कयो सरकार कयो रॉयलटी दर का भगुतान करना पडता ह।ै अकसर सरकार द्ारा ली जा रही रॉयलटी की रकम खफनज के बाज़ार मलूय स ेकािी कम हयोती ह।ै इसका मतलब यह ह ैफक सरकार सीफमत खफनज ससंाधनों कयो पटे् पर दते ेसमय और सभंाफवत प्रफतकूल पया्णवररीय और सामाफजक प्रभावों के ललए रासता बना रही ह,ै असल में सरकार कयो शायद ही राजसव वरृधि स ेलाभ हयो रहा ह।ै

    एक चौंकान ेवाला उदाहरर कना्णटक में लौह अयसक खनन क्ते्र में दखेा जा सकता ह।ै सरकार कयो दी जा रही रॉयलटी रुपय े16/- स ेलकेर रुपय े27/- प्रफत मीफट्क टन (MT) ह,ै जयो फक अयसक की गरुवत्ा पर फनभ्णर करती ह।ै लयोकायकु्त ररपयोट्ण के अनसुार, 2004 और 2006—शीष्ण अवफध—के बीच, लौह अयसक का फनया्णत मलूय 6,000 स े7,000 रूपय ेप्रफत मीफट्क टन की रेंज में ्ा। मदंी की अवफध में भी, लौह अयसक का फनया्णत मलूय रुपय े1,500/- स ेलकेर रुपय े2,000 प्रफत मीफट्क टन के बीच ्ा। इसका मतलब यह ह ैफक कना्णटक सरकार न ेफनया्णतक द्ारा अफज्णत राफश के 0.2 प्रफतशत स े2.5 प्रफतशत के बीच अफज्णत फकया।

    3. अवधै खनन: खान मतं्रालय द्ारा जारी आफधकाररक आकँडे अवधै खनन पर 2010-11 (फसतमबर 2010 तक) के ललए आय के बारे में फनमन डाटा प्रदान करत ेहैं:

    खदुाई डकिषे गए/ढषेर िगाए गए/िषे जाए गए अिसक/खनिज की मात्रा

    खनिज का मलूि (रुपिषे)

    मखुय खफनज 2,494,900 टन 338,747,000

    गौर खफनज 1,968,000 टन 257,195,000

    अवधै खनन ढील ेआचरर और सफक्य राजनीफतक और सरकारी सहायता के कारर जारी ह।ै मनुािे बहुत ऊंच ेहैं और अफभययोजन फवरल ेही हयोता ह।ै

    11 Ibid.

    12 िॉलटर फिजेंडिज़, “विकास सषे प्षेररत विसरापि: िग्ष और निंग दृवटिकोण,”(भारतीि अर्षवििसरा में उभरती हुई मडहिा, पर रिाइसट कॉिषेज, बंगिौर, भारत, में 26-27 ििंबर, 2007 में अतंरा्षष्टीि सममषेिि में प्सततु पषेपर)।

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    6 www.revenuewatch.org | www.transparency-initiative.org

    उभरती हुई अर्षवििसराएँ

    4. राजय एजेंफसयों की शरर के तहत फनजी कंपफनयों द्ारा खनन: सफंवधान और स्ानीय काननू उन क्ते्रों में, जहाँ आफदवासी आबादी फनवास करती ह,ै फनजी कंपफनयों द्ारा पररचालन कयो फनषधे करत ेहैं। हालांफक, जसैा फक अफधकतम आफदवासी क्ते्रों में सपष्ट ह,ै सबस ेअफधक फनजी खनन कंपफनयाँ राजय की शरर के तहत पररचालन कर रही हैं; एक राजय एजेंसी पट्ा रखती ह,ै जबफक वासतफवक खनन एक फनजी ससं्ा करती ह।ै

    उदाहरर के ललए, फरिटेन पजंीकृत वदेांता समहू की उडीसा में फववादासपद खनन पररययोजना में, खनन पटे्दार के रूप में राजय के सवाफमतव वाली उडीसा माइफनगं काप्षरेशन ्ी, जबफक सभी वासतफवक फनयतं्रर वदेांता के पास बन ेहुए ्।े इसी तरह, सऊदी अरब खनन कंपनी रास अल खाफमयास कयो आधं्र प्रदशे के आफदवासी क्ते्रों में खनन के ललए अनमुयोदन प्राप्त ह।ै हालांफक, वासतफवक खनन पट्ा, राजय के सवाफमतव वाली आधं्र प्रदशे खफनज फवकास काप्षरेशन के पास ह।ै

    5. भ्रष्टाचार: भारत का खनन उद्योग भ्रष्टाचार का एक पया्णय बन गया ह।ै खनन के ललए परफमट और अनमुयोदन कयो आसानी स ेएक मलूय दकेर खरीदा जा सकता ह।ै कना्णटक लयोकायकु्त की ररपयोट्ण ललखती ह ैफक फनजी और सरकारी ससं्ान दयोनों खनन के ललए परफमट प्राप्त करन ेके ललए ररश्वत का भगुतान करत ेहैं। ररपयोट्ण में कहा गया ह ैफक खनन क्ते्र में कई कंपफनयों न ेररश्वत का भगुतान फकया, फनया्णतों स ेकम फबल बनाय,े और नकली परफमटों का इसतमेाल फकया ह।ै नशेनल फमनरल डवेलपमेंट काप्षरेशन, खनन क्ते्र में साव्णजफनक क्ते्र की फदगगज कंपनी, पर फबक्ी स ेकम चालान बनान ेका आरयोप लगाया गया ह।ै ररपयोट्ण में अदानी एंटरप्राइज़ पर भी ररश्वत का भगुतान करन ेऔर अवधै लौह अयसक के फनया्णत की अनमुफत दने ेका आरयोप ह।ै एक और कंपनी, JSW सटील, पर न केवल ररश्वत का भगुतान करन ेबशलक पट्ों कयो हाफसल करन ेमें राजय के पय्णटन मतं्री के सा् सांठ-गांठ करन ेका भी आरयोप ह।ै

    6. साव्णजफनक ससंाधनों कयो फनजी उद्योगों कयो सौंपना: कई खफनज और खफनज सबंधंी क्ते्रों कयो सरकारी एजेंफसयों द्ारा खनन के ललए आरफक्त फकया गया ह।ै फपछल ेदशक के दौरान, महतवपरू्ण क्ते्रों कयो फनजी उद्योगों कयो बहुत कम कीमतों पर सौंपा गया ह।ै इनमें स ेअफधकांश हसतांतररों में पारदफश्णता का अभाव ह ैऔर इनहें फसि्ण कुछ कंपफनयों कयो लाभ पहुंचान ेके उदे््य स ेफकया गया ्ा। उदाहरर के ललए, 2003 में, कना्णटक सरकार न े1,162,000 हकेटेयर भफूम कयो फनजी खनन के ललए अफभफहत फकया। यह भफूम राजय के सवाफमतव में ्ी और इस ेएक साव्णजफनक सपंफत् माना जाता ्ा।

    7. फनर्णय लने ेमें साव्णजफनक भागीदारी का अभाव: पट्ों के आबटंन और खनन परफमट के सबंधं में ललय ेजान ेवाल ेफनर्णयों में जनता कयो शाफमल नहीं फकया जाता। पया्णवरर की मजंरूी प्रफक्या के दौरान एक बहुत ही सीफमत तरीके में साव्णजफनक राय की मांग की जाती ह।ै जनता फनषकष्णर उद्योग की गफतफवफधयों कयो अपनी इचछा के फवरुधि ्योपी गई एक चीज़ के रूप में दखेती ह।ै कई खनन पररययोजनाएँ फनयामक अनमुयोदन प्राप्त हयोन ेके बावजदू साव्णजफनक भागीदारी की कमी के कारर कई बार स्ानीय समदुायों और नागररक सामाफजक समहूों की आपफत् का कारर बनी हैं। प्रभाफवत समदुाय और CSOs उद्योगों की स्ापना कयो चनुौती दने,े अफधक स ेअफधक जवाबदहेी और पारदफश्णता की मांग करन ेके ललए कभी कभी अफहसंक फवरयोध का सहारा लते ेहैं या काननूी आश्य लते ेहैं।

    पॉसकयो (POSCO), एक दफक्र कयोररयाई सटील कंपनी, उडीसा में एक इसपात और खनन पररययोजना शरुू करन ेकी ययोजना बना रही ह।ै इस पररययोजना का स्ानीय प्रभाफवत हयोन ेवाल ेलयोगों द्ारा ज़योरदार फवरयोध फकया जा रहा ह,ै फजनहोंन ेकंपनी के अफधकाररयों कयो प्रवशे करन ेकी अनमुफत दने ेस ेइनकार कर फदया ह।ै समदुायों न ेइस पररययोजना की सवीकृफत कयो अदालत में भी चनुौती दी ह,ै सभी अनमुयोदन प्राप्त हयोन ेके बारे में सफुनलचित हयोन ेके बावजदू, कंपनी फनमा्णर गफतफवफधयाँ आरंभ करन ेमें असम््ण ह।ै इसी तरह, फहमाचल प्रदशे के फहमालयी राजय में, अदालत और उसके बाहर लयोगों के सघंष्ण न ेलािाज्ण सीमेंट चनूा पत्र खनन का काय्ण करन ेऔर पाररशस्फतकी नाज़कु पहाफडयों में एक सीमेंट सयंतं्र स्ाफपत करन ेकी ययोजना पर फवलबं लगा फदया ह।ै

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    भारत: विकास एक कीमत पर / निषकर्षण क्षेत्र में पारदन््षता और उत्तरदानिति को बढािषे कषे निए उभरती हुई अर्षवििसराएँ

    8. पया्णवरर और सामाज पर पडन ेवाल ेप्रभाव के उफचत आकलन की कमी: खनन उद्योगों का पया्णवरर और लयोगों की आजीफवका पर महतवपरू्ण प्रभाव पडता ह ैऔर उनहें मजंरूी केवल तभी दी जाती ह ैजब उनके पास सरकार स ेएक पया्णवररीय अनापफत् मजंरूी हयो। भारतीय पया्णवरर प्रभाव आकलन (EIA) शासन के तहत पररययोजना का प्रसताव रखन ेवाल ेकयो अपन ेसवय ंके खच्ण पर EIA अधययन करवान ेकी आव्यकता हयोती ह।ै पररययोजना का कयोई सवततं्र मलूयांकन नहीं करवाया जाता ह।ै खनन उद्योग में शायद ही कभी, अगर कभी हुआ हयो तयो, गलत या भ्रामक जानकारी के ललए जवाबदहे ठहराया गया ह।ै कई ऐसी घटनाएँ सामन ेआई हैं जब EIA सलाहकारों न ेफबलकुल अलग पया्णवररों में शस्त परूी तरह स ेअलग पररययोजनाओं की EIA ररपयोट्षं के आकलन की नकल की ह।ै

    उदाहरर के ललए, महाराष्ट में एक खनन कंपनी EIA आशापरुा माइनकेम ललफमटेड द्ारा एक खनन पररययोजना के ललए, EIA सलाहकार न ेएक रूसी ररपयोट्ण स ेररपयोट्ण के कुछ फहससों की नकल की।13 उस EIA ररपयोट्ण में फ़र और सनयोबर के पडेों का सदंभ्ण फमलता ह ैजयो महाराष्ट के उषरकरटबधंीय जलवाय ुमें नहीं पाए जात ेहैं। साफहशतयक चयोरी के इस बशेम्ण अफधफनयम कयो नज़रअदंाज कर फदया, और खनन कंपनी या उस सलाहकार के लखलाि फकसी भी कार्णवाई के फबना खनन की अनमुफत द ेदी गई।

    दयो अवसरों पर पया्णवरर और वन मतं्रालय न ेअनफुचत मलूयांकन और पररययोजना के प्रसतावक द्ारा जानकारी कयो फछपाए जान ेके कारर गयोवा राजय में खनन पररययोजनाओं के ललए दी गई अनापफत् कयो रद् कर फदया ह,ै अभी हाल ही में खनन की फवशाल कमपनी ससेा गयोवा।14

    9. मनुािे के बटंवारे पर प्रसताफवत खनन काननू के तहत वाद-फववाद: मखुय फवधान जयो फक खनन क्ते्र कयो फनयफंत्रत करता ह,ै वह खान और खफनज फवकास और फवफनयमन अफधफनयम 1957 (MMDR) ह।ै एमएमडीआर फवधयेक 2010 मौजदूा फनयामक व्यवस्ा में कई बदलावों का प्रसताव रखता ह।ै खानों के लाभ का फहससा उनके द्ारा प्रभाफवत लयोगों के सा् बांटन ेका एक नया प्रावधान जयोडा गया ह।ै फपछल ेदखे ेगए ससंकरर में, प्रफतशत फहससदेारी का आधार कयोयला व गरै-कयोयला क्ते्रों में अलग-अलग ्ा। सा् ही, ऐस ेप्रतयके फजल ेमें फजला खफनज िाउंडशेन में धन रखा जाएगा जहां खनन फकया जाता ह।ै इस िाउंडशेन का नतेतृव स्ानीय प्रशासन द्ारा फकया जाएगा जयो फनर्णय लगेा फक इस ेफकस प्रकार फवतररत फकया जाए। कई काररों स ेयह समसयाजनक ह।ै सव्णप्र्म, कंपनी के मनुािों के प्रफतशत पर आधाररत हयोन ेपर, यह सपष्ट नहीं ह ैफक प्रभाफवत आबादी के पास वासतव में कौन स ेलाभ पहुंचेंग।े दसूरा, यह परूी प्रफक्या, ससं्ाओं की कई परतों के जडुन ेके कारर अफधकारी ततं्र का गलुाम बन गया ह,ै फजसस ेभ्रष्टाचार की सभंावना बढ गई ह।ै तीसरा, प्रसताफवत फजला खफनज ससं्ान में समदुाय की फकसी प्रकार की सहभाफगता नहीं हयोगी।

    ऊपरलललखत दशा्णता ह ैफक अब यह पया्णवरर और मानव अफधकारों के मदु्ों स ेबदलकर पारदफश्णता और जवाबदहेी का मदु्ा बन गया ह।ै हालांफक पहल ेके मदेु् महतवपरू्ण रहत ेहैं, वहाँ यह भी समझा गया ह ैफक जवाबदहेी, पारदफश्णता, और साव्णजफनक भागीदारी कयो बहेतर बनान ेके ललए सधुारों के फबना और सा् ही नयाय-प्रराली की प्रभावशाली पहुचँ के फबना इस फनषकष्णर के क्ते्र स ेनकारातमक फगरावों स ेफनपटना मशु्कल हयोगा।

    उसी समय, यह भी पहचाना जा रहा ह,ै हालांफक सीफमत तौर पर, फक फनषकष्णर क्ते्र में पारदफश्णता और जवाबदहेी की कमी का उद्योगों के फवकास के ललए प्रफतकूल हयोना भी सवाभाफवक ह।ै कॉप्षरेट सामाफजक फज़ममदेारी पर भरयोसा करना पया्णप्त नहीं ह।ै

    13 पदमापरिा घोर, “्िा सरकार द्ारा पिा्षिरण मतै्रीपूण्ष कषे निए मंजरूी एक डदखािा हैं?” The Mint, डदसमबर 17, 2007, http://www.livemint.com/2007/12/27000203/Are-the-govt8217s-green-cle.html।

    14 सषेसा गोिा को उत्तरी गोिा कषे वपरिा और िािोरा गांिों में वपरिा िौह अिसक खदाि कषे निए पिा्षिरण अिापवत्त प्दाि की गई री। पिा्षिरण और िि मंत्रािि िषे 29 अगसत, 2011 को इस अिापवत्त को रद् कर डदिा। जिनसंह मगििाि को ग्ाम वपरिा, तािकु ्िषेपि्ष, णजिा दणक्ण गोिा में कैरषेमोि िौह अिसक खदाि कषे निए पिा्षिरण अिापवत्त दी गई री। िह अिापवत्त मंत्रािि द्ारा 23 अगसत, 2010 को रद् की गई री।

  • भारत: विकास एक कीमत पर / निषकर्षण क्षेत्र में पारदन््षता और उत्तरदानिति को बढािषे कषे निए

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    उभरती हुई अर्षवििसराएँ

    मखुि किाकार और संसराि भारतीय सरकार के मतं्रालय जयो फक फनषकष्णर क्ते्र कयो फवफनयफमत करन ेमें शाफमल हैं:

    • खान मतं्रालय • पटे्योललयम और प्राकृफतक गसै मतं्रालय • कयोयला मतं्रालय • पया्णवरर और वन मतं्रालय • इसपात मतं्रालय • जनजातीय मामलों के मतं्रालय • वाफरजय और उद्योग मतं्रालय

    भारतीय खान बयरूयो (IBM), खान मतं्रालय के अधीन भारतीय भवूजै्ाफनक सववेक्र (GSI), और पटे्योललयम और प्राकृफतक गसै मतं्रालय के तहत हाइड्यो-काब्णन (DGHC) के महाफनदशेक के महतवपरू्ण फवफनयामक और अनसुधंान सबंधंी काय्ण हयोत ेहैं। खान मतं्रालय न ेक्ते्र की फनगरानी और फवफनयमन क्ते्र में सहायता करन ेके ललए दयो सफमफतयों का गठन फकया ह—ैफहतधारक सफमफत और केनद्रीय सह समनवय सफमफत और सशक्त सफमफत (CEC)। च ूफंक भारत एक सघंीय राजय ह,ै यहाँ राजय सतर पर भी कुछ सरकारी फवभाग हैं जयो फक इस क्ते्र के कुछ पहलओुं कयो फवफनयफमत करन ेमें शाफमल हैं।

    फनजी लखलाफडयों का पररचय हयोन ेके बावजदू भी, दशे में उतपादन के कुल मलूय का 70 प्रफतशत साव्णजफनक क्ते्र स ेआता ह।ै वासतव में, कयोयला क्ते्र में केवल एक ही लखलाडी ह:ै सरकारी सवाफमतव वाली कयोल इंफडया ललफमटेड(CIL)। त्ाफप, यहाँ कुछ फनजी कंपफनयों सफहत अनय कंपफनयों के सवाफमतव वाली कयोयला खानें भी हैं। फनषकष्णर क्ते्र में बडे साव्णजफनक क्ते्र के उद्मों में स ेकुछ हैं:

    • नशेनल एलयमूीफनयम कंपनी ललफमटेड • फहनदसुतान कॉपर ललफमटेड (HCL) • फमनरल एकसपलयोरेशन काप्षरेशन ललफमटेड • तले और प्राकृफतक गसै काप्षरेशन (ONGC) • ऑयल इंफडया ललफमटेड (OIL) • भारत पटै्योललयम काप्षरेशन ललफमटेड • गसै अ्ॉररटी ऑि इंफडया ललफमटेड (GAIL) • एनएमडीसी ललफमटेड

    साव्णजफनक क्ते्र के सा् सा्, इस क्ते्र में कई फनजी कंपफनयाँ भी महतवपरू्ण लखलाडी हैं फजनमें शाफमल हैं:

    • ससेा गयोवा • वदेांता एलयफूमना ललफमटेड • टाटा आयरन एंड सटील कमपनी • फजनदल सटील वकस्ण • आशापरुा माइनकेम ललफमटेड • फहडंालकयो इंडसट्ीज़ ललफमटेड • सट्लाइट इंडसट्ीज़ (इंफडया) ललफमटेड • ररलायसं

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    भारत: विकास एक कीमत पर / निषकर्षण क्षेत्र में पारदन््षता और उत्तरदानिति को बढािषे कषे निए उभरती हुई अर्षवििसराएँ

    अनय ससं्ान जयो फक खनन क्ते्र में जवाबदहेी और पारदफश्णता के सबंधं में एक महतवपरू्ण भफूमका फनभा रह ेहैं, व ेहैं: भारत का सव्षचच नयायालय, फजसन ेकुछ क्ते्रों में खनन कयो बदं कर फदया ह,ै अधंाध ुधं खनन पर प्रफतबधं लगा फदया ह,ै और दशे के कुछ भागों में खनन काय्ण कयो फवफनयफमत फकया ह;ै भारत के उचचतम नयायालय न ेकें द्रीय अफधकारक सफमफत कयो अपन ेद्ारा फदय ेआदशेों की फनगरानी के ललए गरठत फकया ह;ै और कना्णटक के लयोकायकु्त, जयो कठयोर जाँच के माधयम स ेलौह अयसक खनन में प्रमखु घयोटालों कयो सामन ेलाए हैं। नशेनल ग्रीन फट्बयनूल, हाल ही में गरठत एक फवशषे पया्णवरर नयायाफधकरर, फजस ेखनन पररचालन के ललए फदय ेगय ेअनमुयोदनों कयो चनुौती दने ेवाल ेमामलों कयो सनुन ेका अफधकार क्ते्र ह,ै और उस ेखनन कंपफनयों कयो पया्णवररीय क्फत के ललए जवाबदहे ठहरान ेकी शक्क्त प्राप्त ह।ै

    कािूि और िीनतिाँ फनषकष्णर क्ते्र के ललए कें द्रीय सरकार की दयो मखुय नीफतयाँ 2008 की राष्टीय खफनज नीफत और नई अनवषेर लाइसेंफसगं नीफत (NELP) हैं। इसके अफतररक्त, खान मतं्रालय इस समय खनन क्ते्र के ललए एक फचरस्ायी फवकास ढांच ेकी तयैारी कर रहा ह।ै15 लाग ूहयोन ेवाल ेसबस ेमहतवपरू्ण काननू हैं:

    • 1957के खान और खफनज फवकास और फवफनयमन अफधफनयम (MMDR अफधफनयम 1957) • 1986का पया्णवरर (सरंक्र) अफधफनयम • 1980 का वन (सरंक्र) अफधफनयम • 1894 का भफूम अफधग्रहर अफधफनयम • अनसुफूचत क्ते्रों तक पचंायत की पहुचँ का अफधफनयम, 1996 • अनसुफूचत जनजाफतयों और अनय परंपरागत वनवाफसयों के ललए (वन अफधकारों की मानयता) 2006 का अफधफनयम • 2005का सचूना के अफधकार का अफधफनयम • 1974 का जल (प्रदषूर रयोक्ाम और फनयतं्रर) अफधफनयम • 1981 का वाय ु(प्रदषूर रयोक्ाम और फनयतं्रर) अफधफनयम

    निषकर्षण उद्ोग में अतंरा्षष्टीि सतर पर भारत की भनूमकाभारत खफनजों के एक फनया्णतक के रूप में तजेी स ेमहतवपरू्ण बनता जा रहा ह।ै16 जयादातर लयोग, हालांफक, अनय दशेों में भारतीय फनषकष्णर कंपफनयों की बढती हुई उपशस्फत के बारे में नहीं जानत ेहैं। इस तरह के अतंरा्णष्टीय पररचालनों स ेसबंफंधत मदेु् नागररक समाज के फवचार-फवमश्षं स ेसपष्ट तौर पर गरैहाफजर हैं। लगभग दफैनक आधार पर अनमुयोफदत फकय ेजा रह ेघरेल ूफनषकष्णर पररययोजनाओं के सा्, यहाँ नागररक सामाफजक सगंठनों (CSOs) कयो व्यसत रखन ेके ललए पहल ेस ेही पया्णप्त स्ानीय मदेु् मौजदू हैं। भारत के नागररक समाज सगंठन के क्ते्र और भारत सरकार दयोनों के द्ारा ही भारत सरकार और भारतीय फनजी कंपफनयों के अतंरा्णष्टीय फनषकष्णर पररचालनों में पारदफश्णता और जवाबदहेी के मदु्ों पर धयान कें फद्रत नहीं फकया जा रहा ह।ै इस पर धयान कें फद्रत करना आरंभ करन ेकी बहेद महतवपरू्ण व अतयाव्यक आव्यकता ह।ै

    इस तथय के बावजदू, फक अफधकांश में, यफद सब में नहीं तयो, जनता का पसैा ही लगा हयोता ह,ै मौजदूा साव्णजफनक बातचीत शायद ही कभी सरकारी कंपफनयों द्ारा अतंरा्णष्टीय अफधग्रहर पर धयान केशनद्रत करती हयो। फनमन सचूी उस पमैान ेका एक सफंक्प्त फववरर दतेी ह,ै फजस पर भारत सरकार और सरकारी कंपफनयाँ फनषकष्णर उद्योग में वलैश्वक उपशस्फत हाफसल प्राप्त कर रही हैं या कर ली ह।ै

    • खान मतं्रालय न ेअनय दशेों और प्रांतों के सा् 1 फसतबंर, 2009 स े31 अगसत, 2011 तक सात समझौता ज्ापनों (MoUs) पर हसताक्र फकए: नामीफबया, कनाडा, ओंटाररययो (कनाडा), मयोजामबीक, मलावी, ससकैचवान (कनाडा) और कयोलफंबया।

    • भारतीय भवूजै्ाफनक सववेक्र (GSI) न े14 अकटबूर, 2009 कयो सरवीफसययो माइनरयो अजवेटंीनयो (SEGEMAR) के सा् वजै्ाफनक और तकनीकी सहययोग के ललए एक समझौता ज्ापन (MoU) पर हसताक्र फकए। भारतीय भवूजै्ाफनक सववेक्र (GSI) न े2 माच्ण, 2011 कयो सऊदी भवूजै्ाफनक सववेक्र (SGS) के सा् तकनीकी सहययोग के ललए एक समझौता ज्ापन (MoU) पर भी हसताक्र फकए।17

    15 SDF अििोकि, http://mines.nic.in/index.aspx?level=1&lid=324&lang=1।16 मखुि नििा्षत हैं हीरषे, जो खनिज नििा्षत कषे 65 प्नत्त सषे अनिक कषे निए णज़ममषेदार हैं, उसकषे बाद िौह अिसक (20 प्नत्त), और डफर

    ग्षेिाइट और एलिनूमिा हैं। िह जािकारी खाि मंत्रािि की िषेबसाइट पर उपिबि है, http://mines.nic.in/writereaddata/Contentlinks/d7f155888d0548e180cdde54d4b961a0.pdf।

    17 डदि्ा पटषेि, राजि मंत्री, पषेट्ोनििम और प्ाकृनतक गैस मंत्रािि, द्ारा 2 नसतंबर, 2011 को संसद में जािकारी दी गई।

    भारत के नागररक समाज सगंठन के क्ते्र और भारत सरकार दयोनों के द्ारा ही भारत सरकार और भारतीय फनजी कंपफनयों के अतंरा्णष्टीय फनषकष्णर पररचालनों में पारदफश्णता और जवाबदहेी के मदु्ों पर धयान कें फद्रत नहीं फकया जा रहा ह।ै इस पर धयान कें फद्रत करना आरंभ करन ेकी बहेद महतवपरू्ण व अतयाव्यक आव्यकता ह।ै

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    उभरती हुई अर्षवििसराएँ

    • सरकारी क्ते्र की अफधकांश तले कंपफनयों के सडूान, फमस्र, लीफबया, आइवरी कयोसट, फवयतनाम, मयांमार, रूस, इराक, कतर और ऑसट्लेलया जसै ेदफुनया के फवफभनन स्ानों में तले और गसै क्ते्रों में शयेर हैं। भारत के रूस में तले पररययोजना सखाललन-I में 20 प्रफतशत शयेर हैं। ओएनजीसी (ONGC), साव्णजफनक क्ते्र की एक कंपनी, न ेकांगयो तले बलॉक के 20-25 प्रफतशत शयेरों के अफधग्रहर के ललए ENI के सा् एक समझौता फकया ह।ै18

    • कयोल इंफडया ललफमटेड, सरकार के सवाफमतव वाली एक कंपनी, अनय दशेों में अपनी सहायक कंपनी कयोल फवदशे के माधयम स ेसपंफत् प्राप्त कर रही ह;ै और इस उदे््य के ललए 60,000 फमललयन रुपय ेलगाए गय ेहैं। इसन ेएक परू्ण सवाफमतव वाली सहायक कंपनी, कयोल इंफडया अफ्ीकाना ललफमटाडा (CIAL), मयोजाशमबक में स्ाफपत की ह,ै और इस ेमयोजाशमबक की सरकार द्ारा 2010 में दयो भवूजै्ाफनक कयोयला बलॉकों के ललए एक पवूवेक्र लाइसेंस प्रदान फकया गया ह।ै19

    • तले और प्राकृफतक गसै के क्ते्र में, सरकार के सवाफमतव वाली ओएनजीसी (ONGC) फवदशे ललफमटेड (OVL) मयांमार, रूस, कज़ाफकसतान, ईरान, इराक, सीररया, सडूान, लीफबया, नाइजीररया, रिाजील, कयबूा, कयोलशमबया और वनेजेएुला में फवफभनन पररययोजनाओं में शाफमल ह।ै इन पररययोजनाओं में स ेनौ पहल ेस ेही हाइड्योकाब्णन का उतपादन कर रही हैं। कंपनी न ेसडूान में एक 741 फकलयोमीटर लमबी पाइप लाइन पररययोजना कयो परूा भी कर ललया ह।ै इसका फवदशेी सचंयी फनवशे 10 अरब डॉलर कयो पार कर गया ह।ै20

    इसके अलावा, भारत सरकार, साव्णजफनक क्ते्र और फनजी कंपफनयों की दफुनया भर में फनषकष्णर क्ते्रों की कई कंपफनयों में फहससदेारी ह।ै भारत में फनजी क्ते्र की कंपफनयों न ेभी दफुनया भर में अपन ेपररचालनों का फवसतार फकया ह।ै भारत में कयोयला खनन में शाफमल शीष्ण चार फनजी कंपफनयों (ररलायसं पावर, अदानी पावर, लैंकयो इंफ्ाटेक और जीवीके (GVK)), न ेऑसट्लेलया और इंडयोनफेशया में पररसपंफत्यों का अफधग्रहर फकया ह।ै21 भारत में लयोहा और इसपात के सबस ेबडे फनमा्णताओं में स ेएक—फजदंल सटील एंड पावर ललफमटेड—न ेबयोलीफवया में लौह अयसक भडंारों में फनवशे फकया ह।ै टाटा पावर न ेप्रमखु इनडयोनफेशयाई ्म्णल कयोयला उतपादकों पीटी कलफतम प्राइमा कयोल और पीटी अरुतफमन इंडयोनफेशया में और सा् ही सा् सबंफंधत व्यापाररक कमपफनयाँ जयो फक पीटी बफूम ससंाधन Tbk के सवाफमतव वाली कंपनी ह,ै में 30 प्रफतशत इशकवटी की फहससदेारी का अफधग्रहर फकया ह।ै22

    ईंधन, खफनज और धात ुके ललए भारत की मांग तजेी स ेबढ रही ह।ै सरकार द्ारा अनमुयोफदत की गई ्म्णल फबजली पररययोजनाओं की एक बडी सखंया कयो अचछी गरुवत्ा वाल ेकयोयल ेकी आपफूत्ण की आव्यकता हयोगी, और जल फवद्तु पररययोजनाओं के फनमा्णर के ललए इसपात और सीमेंट की भारी मात्रा में आव्यकता हयोगी। घरेल ूमांग कयो परूा करन ेके ललए, फवदशेी दशेों में अफधग्रहर में कािी अफधक मात्रा में वरृधि की गई ह।ै हालांफक, भारत के लयोगों कयो नहीं पता ह ैफक सरकार अपन ेपसै ेकयो कहाँ खच्ण कर रही ह,ै या ऐसी गफतफवफधयों के कया सामाफजक आफ््णक और पया्णवररीय प्रभाव हैं। इसललए, सरकार कयो जवाबदहे ठहरा पाना बहुत मशु्कल हयो गया ह।ै

    इस साल की शरुूआत में जारी सीएजी (CAG) की एक ररपयोट्ण के मतुाफबक, OVL (मॉररशस में पजंीकृत, बशेलजयम में कर का भगुतान कर रही) कयो 35,000 बरैल प्रफत फदन तले की अनमुाफनत उतपादन कयो प्राप्त न करन ेकी अक्मता के कारर जनवरी 2009 और माच्ण 2010 के बीच 262 फमललयन डॉलर स ेअफधक का नकुसान हुआ ह।ै23 ररपयोट्ण के मतुाफबक, OVL के उतपादन का अनमुान बहुत अफधक आशावादी ्ा। OVL कयो करदाताओं के पसै ेके इस नकुसान के ललए जवाबदहे ठहराया जाना चाफहए। लफेकन भारत में इस तरह के सौदों के बारे में बहुत ही कम जानकारी उपलबध ह,ै और सरकार ऐसी जानकारी कयो आसानी स ेसलुभ बनान ेके ललए कयोई दबाव महससू नह�