्सवाे टाइम्सअनय यौन संचाररत रोगों का...

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भोपाल (मध देश) l आर ऑफ लिलिंग की ओर से भोपाि म "रन फॉर हेली िाइफ' मैराथन का आयोजन लकया गया। 23 फरिरी को सुबह 7.00 बजे यह मैराथन पॉलिरेलक चौराहे से रीरी नगसरेलियम तक आयोलजत की गई। लफर रहने के लिए सैकड़ युिा इस ौड़ म शालमि हुए। शहर के कई गणमानय िोग भी इसका लहसा बने। महापौर आिोक शमा ने हरी झंिी लखाकर मैराथन का शुभारंभ लकया। इस आयोजन म आर ऑफ लिलिंग के ससय ने महतिपूण भूलमका लनभाई। गौरी शितोले l लातूर (महारा) ितूर लजिे के रामेगांि के लिए िह 20 लन लकसी कांलत से कम नह थे। आर ऑफ लिलिंग की म से महज 20 लन म गांि 100% ओिीएफ हो गया। ओिीएफ यानी खुिे म शौच से मुकत। आर ऑफ लिलिंग लशक मकरं जाधि के नेतृति म 20 लन म गांि के सभी घर म शौचािय बन गए। िोग ने इनका इसतेमाि भी शु कर लया है। इस उपिबध म सिच भारत लमशन और लजिा पंचायत िातूर का भी सहयोग रहा। सिच भारत अलभयान के तहत शौचािय बनिाने कलिए भारत सरकार अनुान ेती है। परनतु पहिे अपने खच पर शौचािय बनिाना होता है। एक शौचािय बनिाने के लिए 12 हजार पए की जरत होती है। इतना खच करना सथानीय ामीण के बस की बात नह थी। इसे ेखते हुए आर ऑफ लिलिंग ने ामीण के शौचािय बनिाने की लजममेारी िी। आऑफ लिलिंग की तरफ से शु म पैसा खच करके शौचािय बनिाने और लफर सरकारी अनुान का पैसा आर ऑफ लिलिंग को िौराने का सताि मंजूर हो गया। सरपंच संगीता सेिके, ाम सेलिका शोभा भोजणे, उप सरपंच लिनायक जाधि, लशिाजी रामेगांिकर आल ने ामीण को अलभयान के लिए तैयार लकया। आर ऑफ लिलिंग के लिभ के युिाचाय िकरेश मंगिराम, पंकज मुंड़ा, अलन मुंड़ा आल ने गांि म रहकर 5 जनिरी से शौचािय बनिाने शु लकए। 25 जनिरी तक 340 ामीण के यहां शौचािय बन गए। िाभालथय को सरकार से पैसे लमिने के बा िह रकम आररीजीएस के जरये आर ऑफ लिलिंग के खाते म जमा कर ी जाएगी। आर ऑफ लिलिंग ने पुणे, अमरािती और िातूर लजि म अब तक इसी तरह साढ़े तीन हजार शौचािय बनिाए ह। रामेगांि मराठिाड़ा का पहिा गांि है। आर ऑफ लिलिंग की मदद से िातर का रामेगांि बना 100% ओडीएफ 20िदनमबनवािदए340शौचालय तक शौचाल के निराण की लागत है साढ़े 13 हजार पए हरक शौचाल के नलए सरकार दगी 12 हजार पए अिुदाि नत शौचाल डेढ़ हजार पए आर ऑफ नलनिंग ि खच नकए रामेगांि ाम पंचायत म लहमतनगर, फाििेिािी, झोपड़पी और रामेगांि बबसतयां ह। इनके 395 घर म 2235 िोग रहते ह। 395 घर म से मा 75 म ही शौचािय थे। इनम भी चािू हाित म लसफ 50 शौचािय थे। आर ऑफ लिलिंग ने बाकी सभी घर म शौचािय बनिाने के लिए एक सताि तैयार लकया। इसके तहत लजसके घर म भी शौचािय बनना था, उसे खु ही 8 X 4 फुर का गढ़ा खोकर ेना था। शौचािय बनिाते िकत कारीगर के लिए एक मजूर और उनके भोजन की वयिसथा भी मकान मालिक को ही करनी थी। शौचािय बनाने की सामी भी खु ही घर तक पहुंचानी थी। इन सबके बािजू हर शौचािय चािू करने पर 13500 पए खच हुए। यह खच आर ऑफ लिलिंग ने लया। सरकार से ापत होने िािे अनुान के 12 हजार पए गांि िािे आर ऑफ लिलिंग को िापस ककर गे। इस तरह हर शौचािय पर 1500 पए आर ऑफ लिलिंग का योगान रहेगा। आर ऑफ लिलिंग ने लपिे साि 28 िाख पए खच करकइस े म जि संधारण का काम लकया। इससे भूलमगत जिसतर बढ़ा और बं पड़े बोरिेि, कु म पानी आया। साि म एक बार फसि िेने िािे लकसान, अब सािाना तीन-तीन फसि िरहे ह। जि संरण के काम म भी सथानीय िोग ने 5 िाख पए तक की म की थी। पैसे खच करने जैसी लजमेारी भी गांि िाि को ही ी गई थी। इस सकारातमक परितन से गांि िि को मकरन जाधि पर पूरा भरोसा हो गया था। एक कारीगर एक लन म ो शौचािय बनाता है। एेसे 100 कारीगर की रीम युिाचाय के पास है। सब लमिकर साथ आएंगे तो आर ऑफ लिलिंग भी साथ ेकर आश गांि बनाने म िोग की म करेगा। रेणापुर तहसीि के तिणी, औसा तहसीि के हासेगांि एंि िातूर तहसीि के माई गांि से भी मकरन जाधि को शौचािय बनिाने के सताि लमिे ह। शौचािय के लिए र अमरािती से िाई गई ह। एसबेसरॉऔर िोहे के रिाजे साथ खरीे गए, तालक पैसा कम िगे। 395 घर र स 75 र थ शौचाल, चालू रहज 50 ही थ 100 कारीगर की है री28 लाख पािी पर भी खच भोपालमैराथन:ििटरहने केिलएदौड़ेसैकड़युवा राजेि कुंडू l कोलकाता आर ऑफ लिलिंग के ततिाधान म चि रहे उड़ान ोजेकर के तहत कोिकाता के सोनागाी रेि िइर एरया के ब को समार एकसि ोाम करिाया गया। 4 से 7 जनिरी तक चिे ोाम म 15 बे शालमि हुए। यह बे बहुत तनािपूण महौि म रहते ह। इनह तनाि से बचाने के लिए आर ऑफ लिलिंग लशक लिशाि पाय और अबमता पाय ने उड़ान ोजेकर के तहत लशलिर आयोलजत लकया। ोाम के ौरान ब को शारीरक ि मानलसक बसथलत म बिाि के बारे म बताया गया। ोाम लतभागी राजू (परिलतत नाम) ने बताया लक उनहने खेि- खेि म सीखा है लक हार हो या जीत, मन को खुश रखते हुए जीिन म आगे बढ़ना है। ोाम म करिाए गए ‘हंसो और ोड़ ो’ खेि म सीखा लक लकसी का लया ुख या नह रखना है। उसे हंसकर ोड़ ेना है। ब को रेि िाइर एरया के ेह वयापार के माहौि से ूर करने के लिए आर ऑफ लिलिंग ने उड़ान ोजेकर के तहत ूर जमीन खरीी है। िहां लनमाण काय चि रहा है। काय पूरा होने के बा यह बे िहां सुरलत माहौि म पढ़ाई और वयािसालयक लशण ापत कर मुखय धारा से जुड़ सकगे। सोनागाी रेि िाइर एरया म िगभग 11 हजार सेकस िकस ह। इनम 13 से 20 साि तक की युिलतयां, पुष और लकर भी शालमि ह। यह िोग बहुत गरीब ह। एच.आई.िी./एडस और अनय यौन संचाररत रोग का खतरा रहता है। इसके अिािा शारीरक यातनाएं झेिते ह और समय से पहिे िृ हो जाते ह। यहां पि रहे ब की मानलसकता म पररितन िाने के लिए आर ऑफ लिलिंग ने 2012 से उड़ान ोजेकर शु लकया था। सुशन लकया, योग और ाणायाम सीखकर सेकस िकस को भी अिसा और तनाि से मुबकत पाने म म लमिी है। देह वापार के माहौि से दर हगे बे आर ऑफ लिलिंग ने सोनागाी रेि िाइर एरया म ब को करिाया समार एकसि ोाम पानीपत (हरराणा) l हैपीनेस ोाम सं होने र आर ऑफ शलशिंग ानीत चैपरर के सियंसेिक सेिाएं कर रहे ह। 4 जनिरी को एक कंसकिन साइर र 70 से अशिक रिार को कंबल बांरे। इसी बीच सियंसेिक का धयान मजदूर के ब र गया, जो शिा से िंशचत ह। सियंसेिक करीब चार र भ र भी गए। िहां 400 से अशिक मजदूर कायरत ह, लेशकन ब की शिा का यही हाल शमला। मजदूर ने बताया शक ब को ढ़ाना है तो उनह गांि म ही छोड़ना ड़ेगा। यहां उनकी साइर बदलती रहती है। इसशलए बे शनयशमत से एक सकल म नह जा सकते ह। एलडीगो म एक कंसकिन साइर मजदूर के ब के शलए सकल शमला। हालांशक, यहां भी बे शनयशमत से नह ढ़ ाते, कयशक ररिार की साइर बदलते ही उनह सकल छोड़ना ड़ जाता है। सियंसेिक ने यहां बांे को ा सामी बांरी। सियंसेिक कंसकरर से शमलकर इन ब के शलए एलडीगो जैसा शिालय बनिाने को ेररत करगे। जहां बे अनी सुशििा के अनुसार ढ़ सक। लेशकन मजदूर तीन महीने से जयादा एक जगह र नह रखे जाते ह। इसशलए उनके बनह ढ़ ाते। एक जगह मजदूर के ब से बातचीत के दौरान ता चला शक उनह सकल और ढ़ाई जैसे िबद का मतलब ही नह ता है। 70-80 ब से जब ूछा गया शक कया िह ढ़ना चाहते ह तो शसफ एक लड़की ने कहा शक म ढ़ना चाहती हूं। ठामजदूरकेबेहोरहेिशासेवंिचत उनहनहपताहैसकलऔरपढ़ाईकामतलब टाइम वा 2 लफरनेस तंदुसत और फिट रहने कफलए अपनाएं आुद कुफकंग पेज 3 संसकार ृाम म बुजुग के साथ मनाा गा ेलटाइन-डपेज 4 सरोकार ना बड, ना बाजा, ना बाराती एक फाह ऐसा भी... पेज रा सतरीय ामीण सेिा की गलतलिलधयां संसकरण: फरिरी ि माच, 2017 द आर ऑफ शलशिंग, अनतरराीय क, बगलू

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  • भोपाल (मध्य प्रदेश) l आर्ट ऑफ लिलिंग की ओर से भोपाि में "रन फॉर हेल्ी िाइफ' मैराथन का आयोजन लकया गया। 23 फरिरी को सुबह 7.00 बजे यह मैराथन पॉलिरेलनिक चौराहे से रीरी नगर सरेलियम तक आयोलजत की गई। लफर रहने के लिए सैकड़ों युिा इस ्ौड़ में शालमि हुए। शहर के कई गणमानय िोग भी इसका लहससा बने। महापौर आिोक शमामा ने हरी झंिी ल्खाकर मैराथन का शुभारंभ लकया। इस आयोजन में आर्ट ऑफ लिलिंग के स्सयों ने महतिपूणमा भूलमका लनभाई।

    गौरी शितोल ेl लातूर (महाराष्ट्र)

    िातूर लजिे के रामेगांि के लिए िह 20 ल्न लकसी कांलत से कम नहीं थे। आर्ट ऑफ लिलिंग की म्् से महज 20 ल्न में गांि 100% ओिीएफ हो गया। ओिीएफ यानी खुिे में शौच से मुकत। आर्ट ऑफ लिलिंग प्रलशक्षक मकरं् जाधि के नेतृति में 20 ल्न में गांि के सभी घरों में शौचािय बन गए। िोगों ने इनका इसतेमाि भी शुरू कर ल्या है। इस उपिब्ध में सिच्छ भारत लमशन और लजिा पंचायत िातूर का भी सहयोग रहा।

    सिच्छ भारत अलभयान के तहत शौचािय बनिाने के लिए भारत सरकार अनु्ान ्ेती है। परनतु पहिे अपने खचमा पर शौचािय बनिाना होता है। एक शौचािय बनिाने के लिए 12 हजार रुपए की जरूरत होती है। इतना खचमा करना सथानीय ग्ामीणों के बस की बात नहीं थी। इसे ्ेखते हुए आर्ट ऑफ लिलिंग ने ग्ामीणों के शौचािय बनिाने की लजममे्ारी िी। आर्ट ऑफ लिलिंग की तरफ से शुरू में पैसा खचमा करके शौचािय बनिाने और लफर सरकारी अनु्ान का पैसा आर्ट ऑफ लिलिंग को िौराने का प्रसताि मंजूर हो गया।

    सरपंच संगीता सेिके, ग्ाम सेलिका शोभा भोजणे, उप सरपंच लिनायक जाधि, लशिाजी रामेगांिकर आल् ने ग्ामीणों को अलभयान के लिए तैयार लकया। आर्ट ऑफ लिलिंग के लि्भमा के युिाचायमा िेंकरेश मंगिराम, पंकज मुं्ड़ा, अलनरूद्ध मुं्ड़ा आल् ने गांि में रहकर 5 जनिरी से शौचािय बनिाने शुरू लकए। 25 जनिरी तक 340 ग्ामीणों के यहां शौचािय बन गए। िाभालथमायों को सरकार से पैसे लमिने के बा् िह रकम आररीजीएस के जररये आर्ट ऑफ लिलिंग के खाते में जमा कर ्ी जाएगी। आर्ट ऑफ लिलिंग ने पुणे, अमरािती और िातूर लजिों में अब तक इसी तरह साढ़े तीन हजार शौचािय बनिाए हैं। रामेगांि मराठिाड़ा का पहिा गांि है।

    आर्ट ऑफ लिलिंग की मदद से िातूर का रामेगांि बना 100% ओडीएफ

    20 िदन में बनवा िदए 340 शौचालयप्रत्येक शौचाल् के निरामाण की लागत है साढ़े 13 हजार रुपए

    हरयेक शौचाल् के नलए सरकार दयेगी 12 हजार रुपए अिुदाि

    प्रनत शौचाल् डेढ़ हजार रुपए आर्ट ऑफ नलनिंग िये खचमा नकए

    रामेगांि ग्ाम पंचायत में लहममतनगर, फाििेिािी, झोपड़पट्ी और रामेगांि बबसतयां हैं। इनके 395 घरों में 2235 िोग रहते हैं। 395 घरों में से मात्र 75 में ही शौचािय थे। इनमें भी चािू हाित में लसफ्फ 50 शौचािय थे। आर्ट ऑफ लिलिंग ने बाकी सभी घरों में शौचािय बनिाने के लिए एक प्रसताि तैयार लकया। इसके तहत लजसके घर में भी शौचािय बनना था, उसे खु् ही 8 X 4 फुर का गड् ढ़ा खो्कर ्ेना था। शौचािय बनिाते िकत कारीगरों के लिए एक मज्ूर और उनके भोजन की वयिसथा भी मकान मालिक को ही करनी थी। शौचािय बनाने की सामग्ी भी खु् ही घर तक पहुंचानी थी। इन सबके बािजू् हर शौचािय चािू करने पर 13500 रुपए खचमा हुए। यह खचमा आर्ट ऑफ लिलिंग ने ल्या। सरकार से प्रापत होने िािे अनु्ान के 12 हजार रुपए गांि िािे आर्ट ऑफ लिलिंग को िापस ककर ्ेंगे। इस तरह हर शौचािय पर 1500 रुपए आर्ट ऑफ लिलिंग का योग्ान रहेगा।

    आर्ट ऑफ लिलिंग ने लप्छिे साि 28 िाख रुपए खचमा करके इस क्षेत्र में जि संधारण का काम लकया। इससे भूलमगत जिसतर बढ़ा और बं् पड़े बोरिेि, कुओं में पानी आया। साि में एक बार फसि िेने िािे लकसान, अब सािाना तीन-तीन फसि िे रहे हैं। जि संरक्षण के काम में भी सथानीय िोगों ने 5 िाख रुपए तक की म्् की थी। पैसे खचमा करने जैसी लजममे्ारी भी गांि िािों को ही ्ी गई थी। इस सकारातमक पररितमान से गांि िािों को मकरन् जाधि पर पूरा भरोसा हो गया था।

    एक कारीगर एक ल्न में ्ो शौचािय बनाता है। एेसे 100 कारीगरों की रीम युिाचाययों के पास है। सब लमिकर साथ आएंगे तो आर्ट ऑफ लिलिंग भी साथ ्ेकर आ्शमा गांि बनाने में िोगों की म्् करेगा। रेणापुर तहसीि के तिणी, औसा तहसीि के हासेगांि एंि िातूर तहसीि के माई गांिों से भी मकरन् जाधि को शौचािय बनिाने के प्रसताि लमिे हैं। शौचािय के लिए ईंरें अमरािती से िाई गई हैं। एसबेसरॉस और िोहे के ्रिाजे साथ खरी्े गए, तालक पैसा कम िगे।

    395 घरों रें सये 75 रें थये शौचाल्, चालू रहज 50 ही थये

    100 कारीगरों की है रीर 28 लाख पािी पर भी खचचे

    भोपाल मैराथन: ििट रहने के िलए दौड़े सैकड़ों युवा राजेि कुंड ूl कोलकाता

    आर्ट ऑफ लिलिंग के ततिाधान में चि रहे उड़ान प्रोजेकर के तहत कोिकाता के सोनागा्छी रेि िाइर एररया के बच्ों को समार्ट एकसि प्रोग्ाम करिाया गया। 4 से 7 जनिरी तक चिे प्रोग्ाम में 15 बच्े शालमि हुए।

    यह बच्े बहुत तनािपूणमा महौि में रहते हैं। इनहें तनाि से बचाने के लिए आर्ट ऑफ लिलिंग प्रलशक्षक लिशाि पाय और अब्मता पाय ने उड़ान प्रोजेकर के तहत लशलिर आयोलजत लकया। प्रोग्ाम के ्ौरान बच्ों को शारीररक ि मानलसक बसथलत में ब्िाि के बारे में बताया गया। प्रोग्ाम प्रलतभागी राजू (पररिलतमात नाम) ने बताया लक उनहोंने खेि-खेि में सीखा है लक हार हो या जीत, मन को खुश रखते हुए जीिन में आगे बढ़ना है। प्रोग्ाम में करिाए गए ‘हंसो और ्छोड़ ्ो’ खेि में सीखा लक लकसी का ल्या ्ुख या् नहीं रखना है। उसे हंसकर ्छोड़ ्ेना है। बच्ों को रेि िाइर एररया के ्ेह वयापार के माहौि से ्ूर करने के लिए आर्ट ऑफ लिलिंग ने उड़ान प्रोजेकर के तहत ्ूर जमीन खरी्ी है। िहां लनमामाण कायमा चि रहा है। कायमा पूरा होने के बा् यह बच्े िहां सुरलक्षत माहौि में पढ़ाई और वयािसालयक प्रलशक्षण प्रापत कर मुखय धारा से जुड़ सकेंगे।

    सोनागा्छी रेि िाइर एररया में िगभग 11 हजार सेकस िक्फसमा हैं। इनमें 13 से 20 साि

    तक की युिलतयां, पुरुष और लकन्नर भी शालमि हैं। यह िोग बहुत गरीब हैं। एच.आई.िी./एडस और अनय यौन संचाररत रोगों का खतरा रहता है। इसके अिािा शारीररक यातनाएं झेिते हैं और समय से पहिे िृद्ध हो जाते हैं। यहां पि रहे बच्ों की

    मानलसकता में पररितमान िाने के लिए आर्ट ऑफ लिलिंग ने 2012 से उड़ान प्रोजेकर शुरू लकया था। सु्शमान लकया, योग और प्राणायाम सीखकर सेकस िक्फसमा को भी अिसा् और तनाि से मुबकत पाने में म्् लमिी है।

    देह व्ापार के माहौि से दूर होंगे बच्ेआर्ट ऑफ लिलिंग ने सोनागा्छी रेि िाइर एररया में बच्ों को करिाया समार्ट एकसि प्रोग्ाम

    पानीपत (हरर्याणा) l हैप्ीनेस प्ोग्ाम सं्न्न होने ्र आर्ट ऑफ शलशिंग ्ानी्त चैपरर के सियंसेिक सेिाएं कर रहे हैं। 4 जनिरी को एक कंसट्रकिन साइर ्र 70 से अशिक ्ररिारों को कंबल बांरे। इसी बीच सियंसेिकों का धयान मजदूरों के बच्ों ्र गया, जो शिक्ा से िंशचत हैं। सियंसेिक करीब चार ईंर भठ्ों ्र भी गए। िहां 400 से अशिक मजदूर काय्यरत हैं, लेशकन बच्ों की शिक्ा का यही हाल शमला। मजदूरों ने बताया शक बच्ों को ्ढ़ाना है तो उनहें गांि में ही छोड़ना ्ड़ेगा। यहां उनकी साइर बदलती रहती है। इसशलए बच्े शनयशमत रू् से एक सककूल में नहीं जा सकते हैं। एलडीगो में एक कंसट्रकिन साइर ्र मजदूरों के बच्ों के शलए सककूल शमला। हालांशक, यहां भी बच्े शनयशमत रू् से नहीं ्ढ़ ्ाते, कयोंशक ्ररिार की साइर बदलते ही उनहें सककूल छोड़ना ्ड़ जाता है। सियंसेिकों ने यहां बच्ांे को ्ाठ्य सामग्ी बांरी। सियंसेिक कंसट्रकरर से शमलकर इन बच्ों के शलए एलडीगो जैसा शिद्ालय बनिाने को प्ेररत करेंगे। जहां बच्े अ्नी सुशििा के अनुसार ्ढ़ सकें। लेशकन मजदूर तीन महीने से जयादा एक जगह ्र नहीं रखे जाते हैं। इसशलए उनके बच्े नहीं ्ढ़ ्ाते। एक जगह मजदूरों के बच्ों से बातचीत के दौरान ्ता चला शक उनहें सककूल और ्ढ़ाई जैसे िबदों का मतलब ही नहीं ्ता है। 70-80 बच्ों से जब ्ूछा गया शक कया िह ्ढ़ना चाहते हैं तो शसफ्फ एक लड़की ने कहा शक मैं ्ढ़ना चाहती हूं।

    भट् ठा मजदूरों के बच्े हो रहे िशक्ा से वंिचत उनहें नहीं पता है सककूल और पढ़ाई का मतलब

    टाइम्स्सवेा2 लफरनेसतंदुरुसत और फिट रहने के फलए अपनाएं आ्युर्वेद कुफकंगपेज 3 संसकारर्ृद्ाश्रम में बुजुगगों के साथ मना्या ग्या र्ेलेंटाइन-डे पेज 4 सरोकारना बैंड, ना बाजा, ना बारातीएक फर्र्ाह ऐसा भी... पेज

    राष्ट्र सतरीय ग्ामीण सेिाओं की गलतलिलधयांसंसकरण: फरिरी ि माच्य, 2017 द आर्ट ऑफ शलशिंग, अनतरराष्ट्रीय केंद्र, बेंगलूरू

  • 2 सेवा टाइमस n~ vkVZ vkWQ fyfoax] vUrjkZ’Vªh; dsanz csaxyw:फरिरी ि माच्य, 2017

    रक्तदान शिशिर को सफल बनाने के शलए बर्धिान शिले के सामदी में िागरूक्ता रैली शनकाल्ते हुए आर्ट अॉफ शलशिंग के सियंसेिक।

    युिा नेतृति प्शिक्ण काय्यक्रम की प्ेरणा से लगाया रकतदान शिशिरबर्धर्ान (पश्चिम बंगाल) l बधमािान लजिे के साम्ी में आर्ट ऑफ लिलिंग के युिाचाययों ने रकत्ान लशलिर का आयोजन लकया। यह लशलिर मुकताईचंिी आनं्मेिा सलमलत के सहयोग से आयोलजत हुआ। 8 जनिरी को राष्ट्रीय युिा ल्िस के उपिक्य में आयोलजत लशलिर में 11 मलहिाओं सलहत 52 िोगों ने रकत्ान लकया। लशलिर िगाने िािे युिाचाययों ने आर्ट ऑफ लिलिंग के युिा नेतृति प्रलशक्षण कायमाकम की प्रेरणा से यह क्म उठाया। यह कायमाकम आर्ट ऑफ लिलिंग के बंगाि आश्रम में लनयलमत अंतराि पर होता रहता है। इसके तहत ग्ामीण युिाओं को अपनी और समाज की लजममे्ारी िेने हेतु प्रलशलक्षत लकया जाता है। साम्ी के संजय, अपणामा, ल्नु, राकेश, राहुि, जेएन जैसिाि इस लशलिर का आयोजन करते हैं। प्रलशक्षण प्रापत युिा लिकास योजना के जररये गांि में बहुत बड़ा पररितमान िाते हैं। ऐसे ही कायमा का उ्ाहरण बने प्रलशक्षक जयंत, लमिन, चंचि और अलमत ने इस आयोजन में महतिपूणमा योग्ान ल्या। इनहोंने सथानीय युिाचाययों के साथ रकत्ान लशलिर को सफि बनाने के लिए घर-घर जाकर रकत्ान का महति बताया। िोगों को जागरूक करने के लिए रैिी, सोशि मीलिया, लिज्ापन, पोसरर तथा ्ोसतों-रर्ते्ार के जररये िोगों को रकत्ान के लिए आमंलत्रत लकया।

    शिंदिाडा में आर्ट ऑफ शलशिंग पररिार की ्तरफ से आयोशि्त शिशकतसा शिशिर में िांि करिा्ते िृद्ाश्रम में रहने िाले बुिुग्ध।

    शछंदिाड़ा के िृद्ाश्रम में दिा ्ाने के बाद बुजुगगों ने शदया आिीिा्यदफिंदर्ाड़ा (मध्यप्रदेश) l आर्ट ऑफ लिलिंग चैपरर ल्छं्िाड़ा ने 22 जनिरी को सथानीय िृद्धाश्रम में मेलिकि कैंप िगाया। िॉकरर रलि ्ांिेकर, िॉकरर एमएि गुपता ने बुजुगयों की हलडियों की जांच की। उनहें ्िाइयां भी ्ी गईं। कायमाकम का आयोजन आर्ट ऑफ लिलिंग प्रलशलक्षका ् िेता चड्ढा ने करिाया। आर्ट ऑफ लिलिंग िािंलरयर और आर्ट ऑफ लिलिंग प्रलशक्षक लनशांत भी इस ्ौरान उपबसथत रहे। िृद्धाश्रम में रह रहे बुजुगयों ने ्िाई पाने के बा् आयोजकों को आशीिामा् ल्या। साथ ही कहा लक आगे भी ऐसे ही कैंप िगाएं।

    सार समाचार

    शमजा्य्ुर में लगा हड्ी रोग जांच शिशिर, 150 लोगों ने करिाई जांचफमजा्धपुर (उत्तरप्रदेश) l आर्ट ऑफ लिलिंग की ओर से संचालित श्रीश्री बाि लिद्ा केंद्र में पांच ल्िसीय निचेतना लशलिर आयोलजत लकया गया। लशलिर 26 जनिरी से शुरू हुआ। इस ् ौरान हडिी रोगों की जांच का लशलिर भी िगा। रेही गांि में आयोलजत लशलिर में 150 मरीजों की जांच की गई। िाराणसी से आए िॉ. मनन लसंह ने जांच के बा् लनःशुलक ्िाएं भी लितररत कीं। लचलकतसक िा. साधना जयसिाि के लन्देशन में आयोलजत लशलिर में प्रलतमा िमामा ने योग के फाय्े लगनाए। धयान के माधयम से सिसथ रहने के तरीके लसखाए। हडिी की बीमाररयों से बचने में म्् करने िािे योगासन भी लसखाए। इस अिसर पर चंद्रशेखर ्ुबे, तेजबिी ्ुबे, लशिशंकर, बैजंती लतिारी, गोपाि शुकिा, राधे्याम ्ुबे सलहत कई िोगों का सहयोग रहा।

    सरकारी रदद िहीं नरली तो ्ुिाओं िये चंदा इकट् ठा कर चलाई एम्ुलेंसगौरी शितोले l बोपापुर (महाराष्ट्र)

    बोपापुर के ग्ामीण युिाओं ने लमिकर एक एमबुिेंस सेिा शुरू की है। यह ‘नो प्रॉलफर, नो िोस’ यानी लबना मुनाफा कमाए संचालित होगी। ग्ामीणों को लचलकतसा सुलिधा के लिए परतिाड़ा के लिए 14 और अमरािती के लिए करीब 60 लक.मी. जाना पड़ता है। इस सेिा से ग्ामीणों को बहुत सुलिधा होगी। आर्ट ऑफ लिलिंग प्रलशक्षक मनीष राउत के आह्ान और मागमा्शमान में गांि िािों ने एमबुिेंस

    सेिा शुरू की है। मनीष के नेतृति में युिाओं ने सरकारी म्् के लिए संपक्फ लकया। िहां से कोई म्् नहीं लमिी। इस पर युिाचाययों ने गांि से चं्ा इकट्ा कर एमबुिेंस शुरू कर ्ी। इससे आसपास के

    ्छोरे कसबों को फाय्ा होगा। प्रोजेकर में शंकर मािखेिे, बंरी पिार, शुभम करोिकर, रोशन चतुर, अमर हािोंिे, राहुि खिोकर, ऋृलषकेश पिार, चेतन पिार सलहत गांििािों ने म्् की।

    महाराष्ट्र में बोपापुर और आसपास के ग्ामीणों के शलए िुरू की गई एमबुलेंस की िुरुआ्त कर्ते युिा।

    n बो्ा्ुर और आस्ास के ग्ामीणों को शबना मुनाफा कमाए देते हैं सेिाएं

    85 हजार िवद्ािथथियों ने तनाव मुकत रहना सीखाकोटा में आट्ट ऑि फलफर्ंग ने चिला्या था सप्ररैफडंग समाइल अफभ्यान, राजसथान सरकार ने सराहा

    शसद्ार्य l कोटा (राजसथान)

    कोलचंग हब कोरा में पढ़ने िािे लिद्ालथमायों को तनाि मुकत करने के लिए चि रहा सप्रेलिंग समाइि कैमपेन 26 जनिरी को संपन्न हो गया। राजसथान सरकार ने इस कायमाकम को प्रशबसत पत्र ्ेकर सममालनत लकया। अलभयान की शुरुआत आर्ट ऑफ लिलिंग ने जून 2016 में की थी। इसके तहत 85 हजार से जया्ा लिद्ालथमायों को पंचकोशा धयान, प्राणायाम, भबसत्रका ि तनाि मुबकत के गुर लसखाए गए। 6 हजार से अलधक बच्ों ने सु्शमान लकया भी सीखी। यह अलभयान लजिा प्रशासन, हॉसरि मैनेजमेंर ि कोलचंग सेंररों के सहयोग से पूरा हुआ। इस अलभयान की सफिता का प्रारूप तब लसद्ध हुआ, जब 14 जनिरी को आर्ट ऑफ लिलिंग के संसथापक गुरु्ेि श्रीश्री रलिशंकर और राजसथान की मुखयमंत्री िसुधरा राजे एक मंच से बच्ों से रूबरू हुए। इस ्ौरान बच्ों ने अपने वयबकतगत प्रश्न पू्छे। इस मौके पर एक िाख से जया्ा लिद्ाथथी मौजू् रहे।

    राजेि कुंडू l जमशेदपुर

    सरीि लसरी जमशे्पुर के गोपाि मै्ान में ‘फिािर शो’ आयोलजत लकया गया। गत िषमा 24 से 28 ल्समबर तक हुए इस आयोजन में आर्ट ऑफ लिलिंग के ‘श्री श्री इंसरीट्ूर ऑफ एग्ीकलचरि साइंस एंि रेनिोिॉजी’ (एसएसआईएसरी) ने प्राकृलतक खेती पर जागरूकता अलभयान चिाया। प्राकृलतक खेती के राष्ट्रीय प्रलशक्षक सागर कामबिे ने इस ्ौरान ्शमाकों को प्राकृलतक खेती से जुड़ी जानकारी ्ी। आर्ट ऑफ लिलिंग के

    निीन गोयि और सियंसेिक अनुज और उनकी रीम ने भी जागरूकता अलभयान में सहयोग ल्या। िोगों को बताया लक पयामािरण संतुिन बनाए रखने के लिए प्राकृलतक खेती लकतनी जरूरी है। ्ेसी सब्जयां खाने के फाय्े लगनाए गए। साथ ही भूलम को प्राकृलतक तरीके से उपजाऊ बनाने के तरीके लसखाए गए। हॉलर्टकलचर सोसाइरी के इस 25िें एनुअि फिािर शो में फूि और स्जी की 100 से जया्ा प्रजालतयों के सराि िगाए गए थे। िगभग 2 िाख ् शमाकों ने इस अयोजन का िाभ उठाया।

    एसएसआईएसरी िये प्राकृनतक खयेती के नलए जागरूक नक्ा

    जमशेदपुर में आयोिजत हुआ फलावर शो

    जमशेदपुर: फलािर िो में लोगों को श्रीश्री इंसरीटययूर ऑफ एग्ीकलिरल साइंस एंड रेक्ोलॉिी के सरॉल पर प्ाकृश्तक खे्ती की िानकारी दी गई।

    तंदुरुसत और नफर रहिये के नलए अपिाएं आ्ुिचेद कुनकंग

    बरेली में लगाया पांच िदवसीय िशिवर

    ममता दीशक्त l बरेली

    आर्ट ऑफ लिलिंग के स्सयों ने बरेिी की मलहिाओं को आयुिदे् के माधयम से कुलकंग की नायाब तरकीबें लसखाईं। 6 फरिरी से शुरू हुए इस पांच ल्िसीय लशलिर में बड़ी संखया में मलहिाएं शालमि हुईं। बरेिी में पहिी बार ऐसा कोसमा आयोलजत लकया गया। िोगों को आयुिदे् के माधयम से खाना पकाने की तरकीबें लसखाई गईं, तालक सभी िोग सिसथ और लनरोगी रह सकें।

    आयुिदे् कुलकंग एकसपर्ट प्रीलत लत्रिे्ी ने बताया लक आजकि लजतनी भी सिास्थय संबंधी ल्ककतें हो रही हैं, िह केिि अनुलचत खानपान की िजह से हैं। यल् हमारा आहार, लिहार और औषलध एक्म सही है तो हम लनरोगी रह सकते हैं। कया खाना है? कैसे खाना है? कब खाना है? अगर यह चीजें आयुिदे् के अनुसार अपनाई जाएं तो लनब्चत ही िोग सिसथ जीिन जी सकेंगे। ऑयि फ्ी कुलकंग और मॉिनमा कुलकंग को अयुिदे् के माधयम से समझाया गया।

    बरेली: आयुिवेद के माधयम से मशहलाओं को कुशकंग की सिस्थयिर्धक ्तकनीकें शसखा्ते हुए आर्ट ऑफ शलशिंग एकसपर्ट प्ीश्त शरििेदी।

    युवा दिवस पर लोगों को िी कानूनी जानकारीवििेकानंद

    जयंतीआकाि शसंह l कलफचिनी (प. बंगाल)

    आर्ट ऑफ लिलिंग िाईएिरीपी किलचनी की ओर से लहसरोररकि पिेस बुकसा्ौर में सिामी लििेकानन् जयंती मनाई गई। आयोजन में उपभोकता मामिों के अलधकारी शंकर शा उपबसथत थे। बुकसा्ौर के सथानीय प्रलशक्षक ने सिामी लििेकानन् जी की जयंती मानने के लिए आर्ट ऑफ लिलिंग िाईएिरीपी को बहुत धनयिा्। इस ्ौरान िाईएिरीपी प्रलशक्षक

    रामकुमार िामा ने पूणमा रूप से जानकारी ्ी।िाईएिरीपी किलचनी की ओर से

    लििेकानन् जयनती युिा ल्िस के रूप में मनाई गई। इसका शुभारमभ अिीपुर्ुआर लजिा पररष् के सभालधपलत ने लकया। इस ्ौरान अिीपुर्ुआर के लजिा नयायािय की ओर से सेकेररी लबमान बॉस ने िोगों को कानूनी लनयमों के प्रलत जागरूक लकया। इस मौके पर सथानीय किाकारों ने िोकनृतय प्रसतुत लकए। इस आयोजन में किलचनी

    के िाईएिरीपी प्रलशक्षक रामकुमार िामा, आजा् भूजेि, पूसपि भूजेि, पुष्पा थापा, भानु भकता िओकतन, प्रतीक नायक, ट्ूना कुजूर एटसेररा आल् सहयोगी रहे।

    िहीं, ्छत्ीसगढ़ के पमपापुर बसथत श्रीश्री ज्ान मंल्र में भी मातृ-लपतृ ल्िस अयोलजत लकया गया। बच्ों ने अपने माता-लपता का पूजन आरती कर उनके साथ खाना खाया। इस मौके पर बच्ों ने सथानीय नृतय एिं माता सरसिती िं्न भी लकया।

    पश्चिमी बंगाल के कलचचिनी में हुआ आयोजन

  • 3सेवा टाइमस n~ vkVZ vkWQ fyfoax] vUrjkZ’Vªh; dsanz csaxyw:फरिरी ि माच्य, 2017

    सार समाचार

    परीक्ा से िुडी काय्धिाला में उपससथि्त शिद्ाथिथी।

    तनाि मुककत शसखाकर प्शिशक्का शिेता ने कहा- ्रीक्ा से ना घबराएं शिद्ारथीफिंदर्ाड़ा (मध्यप्रदेश) l परीक्षाओं के ्ौर में अकसर लिद्ाथथी तनािग्सत रहते हैं। इनहें तनािमुकत करने के लिए आर्ट ऑफ लिलिंग, ्ैलनक भासकर एिं सोनी

    कॉिेज के ततिाधान में एक कायमाकम आयोलजत लकया गया। इसे नाम ल्या गया ‘परीक्षा से ना घबराएं’। इसके तहत ल्छं्िाड़ा की लिलभन्न पाठशािाओं में जाकर लिद्ालथमायों से संपक्फ लकया गया। बच्ों को योगासन, धयान कराकर और नॉिेज ् ेकर परीक्षा के पूिमा की तैयारी कराई गई। यह कायमाकम 5 से 6 फरिरी तक अयोलजत लकया गया। इस कायमाकम में लजिा किेकरर जेके जैन और अपर किेकरर आिोक श्रीिासति भी मौजू् रहे।

    कढाई का वयािसाशयक प्शिक्ण प्ाप्त कर्ती मशहलाएं।

    शडब्ूगढ़ में 86 ग्ामीण मशहलाओं ने प्ापत शकया वयािसाशयक प्शिक्ण

    फडब्ूगढ़ (असम) l लिब्ूगढ़ के अलत ्ुगमाम लतखांग (कलयाणपुर) में ्ो ल्िसीय वयािसालयक प्रलशक्षण कैंप आयोलजत लकया गया। इसके तहत 86 ग्ामीण मलहिाओं को कागज के बैग, कपड़े के बैग, कारपेर, घर में पहनी जाने िािी चपपि, कपड़ों पर कढ़ाई के साथ ही अचार और जैम आल् बनाने की ट्रेलनंग ्ी गई। प्रलशक्षण कायमाकम को सफि बनाने में आर्ट ऑफ लिलिंग प्रलशक्षक शुिकरन ्ा और सथानीय युिाचाययों का पूरा योग्ान रहा।

    शिंदिाडा के िृद्ाश्रम में बुिुगगों के साथि िेलेंराइन-डे मना्ते आर्ट ऑफ शलशिंग के सियंसेिक।

    िेलेंराइन डे मनाने के बाद बुिुगगों को केक शखला्ते सियंसेिक।

    आर्ट ऑफ शलशिंग के सियंसेिकों ने िृद्ाश्रम में मनाया िेलेंराइन-डे

    फिंदर्ाड़ा (मध्यप्रदेश) l आर्ट ऑफ लिलिंग चैपरर ल्छं्िाड़ा में िेिेंराइन-िे को मातृ-लपतृ ल्िस के रूप में मनाया गया। यह आयोजन आर्ट ऑफ लिलिंग प्रलशलक्षका ्िेता चड् ढ़ा ि लनशांत चड्ढा के मागमा्शमान में हुआ। ्िेता चडढ़ा ने बताया लक किेकरर जेके जैन की इस पहि में आर्ट ऑफ लिलिंग भी शालमि हुआ। किेकरर ने िोगों से अपीि की थी लक िेिेराइन-िे को मातृ-लपतृ ल्िस के रूप में मनाएं। इसके तहत िृद्धाआश्रम में ्छोड़े गए बुजुगयों के बीच जाकर उनका पूजन एिं आरती की गई। उनके साथ केक कारा गया। इस कायमाकम में आर्ट ऑफ लिलिंग के सियंसेिक अहम् खान, लनखिेश जैन, गीता जैन, मनीष अग्िाि, राष्ट्रीय सेिा योजना के बच्े एंि पतंजलि के लिनो् लतिारी आल् शालमि हुए।

    1500 से अलिक जरूरतमंदों को लमिे कपड़े, बत्तन और लकताबेंफभलाई (ित्तीसगढ़) l गरीबों की म्् के लिए आर्ट ऑफ लिलिंग के लभिाई चैपरर ने ‘िॉि ऑफ हैपपीनेस’ प्रोजेकर शुरू लकया है। सियंसेिक हर रलििार कॉिोलनयों से कपड़े, बतमान, लखिौने, पुसतक इतयाल् िे जाकर

    गरीबों को बांरते हैं। 1500 से अलधक िोग अब तक िाभाबनित हो चुके हैं। अलभयान की शुरुआत जुिाई, 2016 में लभिाई के ज्ान मंल्र में आयोलजत यूथ हैपपीनेस कायमाकम से हुई। प्रलशलक्षका िॉ. अंजलि िमामा ने बताया लक प्रोजेकर से जुड़े युिा घर-घर जाते हैं। िोगों को घरों में अनुपयोगी पड़े

    कपड़े, लखिौने और अनय सामान ्ेने के लिए प्रेररत करते हैं। यह सामान जरूरतमं्ों को बांरा जाता है। िॉ. अंजलि बताती हैं लक एक हजार जोड़ी से अलधक कपड़े, 800 से अलधक लखिौने, 200 पुसतकें, 300 बतमान अब तक जुनिानी ि मरो्ा के आसपास बांरे गए। महज ्ो घंरे में एक हजार से अलधक िोगों को अपने लिए उपयोगी सामान लमि गया। आर्ट ऑफ लिलिंग ने पहिी ्ीिार 29 अकरटूबर को सूयामा लिहार नेहरू नगर में बनाई। लफर आनं् नगर बसथत ज्ान मंल्र में बनाई।

    असम के दुगथिम डोििया गांव में 200 पररवारों को बांटी सौर लाइट

    फडब्ुगढ़ (असम) l लजिे का अलत्ुगमाम िोलधया गांि 15 फरिरी को अंधेरे से ्ूर होने की राह पर बढ़ा। इस आल्िासी क्षेत्र में असम की अलत लप्छड़ी जालत लमरी लमलसंग रहती है। आर्ट ऑफ लिलिंग के श्रीश्री ग्ामीण लिकास कायमाकम के तहत यहां के 200 पररिारों को सौर ऊजामा पर चिने िािे िाइर लितररत की गईं। यहां के िोगों का जीिन समानय नहीं है, कयोंलक बाढ़ के प्रकोप से खेती करना संभि नहीं रहा है। यहां के िोगों के रोजगार का मुखय स्ोत सूअर पािन ि म्छिी पकड़ना है। ये िोग अपने ईष्र ्ेिता को सथानीय राइस लबयर (अपांग) ि सूअर का मांस चढ़ाते हैं। इसे यह िोग ्ेिता का प्रसा् मानते हैं और इसे ही अपने भोजन में शालमि करते हैं। आर्ट ऑफ लिलिंग की सथानीय प्रलशलक्षका मौसमी शमामा बताती हैं लक अंधेरा होते ही यहां के िोग सोने की तैयारी में िग जाते थे। िाइर लितरण के बा् से िोगों की ल्नचयामा में ब्िाि आया है। लिद्ािय जाने िािे बच्े अब इन िाइरों की म्् से रात में भी पढ़ाई कर पा रहे हैं।

    कुरूद: पंच परमेशिर गांि में ही कर रहे गांि की समस्ाओं का लनपरारा

    सेिा राइमस संिाददाता l कुरूद (ित्तीसगढ़)

    ्छत्ीसगढ़ का कुरू् गांि आपसी भाईचारे के लिए लमसाि बनकर उभरा है। गांि में िैसे तो अमूमन कोई लििा् होता नहीं है। अगर कोई लििा् हो भी जाए तो पंच परमे्िर गांि में ही इसे लनपरा ्ेते हैं। हर पक्ष पंच परमे्िर का लनणमाय मानता है।

    धमतरी लजिे में आने िािे इस गांि की आबा्ी ्ो हजार है। यहां के कु्छ युिा साि 2004 में िाईएिरीपी से जुड़े थे। िाईएिरीपी की प्रेरणा से परशुराम लनममािकर, गोधन राम, रीके्िर, फुिे्िर साहू, तामे्िर साहू, रिीनद्र कुमार, पिन साहू, जोधी ल्िांग, तोष कुमार साहू, गणेश साहू, लहरऊ राम, चुममन ्ौित परेि, चैतराम, कोमि साहू ने गांि की मूिभूत समसयाओं जैसे झगड़ा, नशा इतयाल् के लखिाफ अलभयान चिाया। िोगों को रसायन मुकत खेती भी लसखाई। िोगों को इकट्ा कर गांि के उतथान पर चचामा करते थे। युिाचाययों के प्रयासों से 2009 में लनलिमारोध पंचायत चुनी गई। उसी समय गांि मंे पंच परमे्िर की शुरुआत की गई।

    मौजू्ा सरपंच युिाचायमा भुिने्िरी गोधन साहू के

    नेतृति में गांि लजिे का पहिा ओलिएफ गांि घोलषत हुआ। युिाचाययों ने 2004 में ही यहां सिच्छता कायमाकम शुरू कर ल्ए थे। आर्ट ऑफ लिलिंग से जुड़े सभी िोग लनयलमत रूप से गांि की सफाई करते हैं। ्ूसरे िोग भी इससे प्रेररत होकर हाथ बंराते हैं। जया्ातर लकसान प्राकृलतक ि जैलिक खेती अपना चुके हंै।

    गांि को ओडीएफ बनाने पर भुिनेशिरी गोरन साहयू को सममाशन्त कर्ते राजय के मंरिी।

    हनुमंत कुमार शसंह l उत्तरप्रदेश

    फरिरी और माचमा में उत्रप्र्ेश में लिधानसभा चुनाि की प्रलकया चिी। इस ्ौरान आर्ट आॅफ लिलिंग ने मत्ाता जागरूकता अलभयान चिाया। संतकबीर नगर, शाहजहांपुर, सुलतानपुर, इिाहाबा् में पचयों, बैनर, होलििंग, रैिी ि सोशि मीलिया के जररये िोगों को जागरूक लकया। तो िहीं, 26 फरिरी को श्रीश्री बाि लिद्ा केंद्र के बच्ों ने जंगि जग्ीशपुर में िोगों से िोर िािने की अपीि की। बच्ों की यह रैिी तीन गांिों से गुजरी। 28 फरिरी को करनिर, 1 माचमा को गोरलिया और 2 माचमा को परसौनी खु्मा में जागरूकता अलभयान चिा। बच्ों ने ग्ामीणों के हाथ जोड़कर मत्ान बूथों पर पहुंचने को कहा। जागरूकता रैिी में शालमि लशक्षकों ने

    िोर की महत्ा पर भी प्रकाश िािा। प्रधानाचायमा शैिेनद्र ्त् शुकि ने ग्ामीणों को मत्ान करने की शपथ ल्िाई। प्र्ीप चहलड़या ने जात-पात से ऊपर उठकर मत्ान का आह्ान लकया। संसथा के लजिा समनियक राजेश अग्िाि, इतयाल् का सहयोग रहा।

    उत्तरप्देि में म्तदा्ताओं को िागरूक करने के शलए रैली शनकाल्ते सककूली बच्े।

    उत्तरप्रदयेश रें रतदाताओं को नक्ा जागरूक- हर प्रलोभि सये रहें दूर

    आर्ट ऑफ नलनिंग नभलाई चैपरर िये चला्ा िॉल ऑफ हैपपीियेस प्रोजयेकर

    िरूर्तमंदों को सामान बांरे आर्ट ऑफ शलशिंग के सियंसेिक।

    दिवगंगा निी में भरा 27 करोड़ लीटर पानीजल जागृवत

    अवियानगजानन नौरात्े l नसरापुर (महाराष्ट्र)

    आर्ट ऑफ लिलिंग जि जागृलत अलभयान के तहत लशिगंगा न्ी को पुनमाजीलित कर रहा है। जून 2016 से शुरू हुए अलभयान के तहत संसथा ने 25 लकिोमीरर िमबी न्ी की गहराई ि चौड़ाई बढ़ाने का लजममा उठाया है। अभी तक एक लकिोमीरर क्षेत्र से गा् लनकािी जा चुकी है। इस काम में आर्ट ऑफ लिलिंग के साथ पलसमासरेर फाउंिेशन और गांि िािों का भी सहयोग रहा। पुणे लजिे की मोर तहसीि में नसरापुर गांि में यह काम हुआ। इस ्ौरान जिपूजन मोर की प्रांत अलधकारी मौसमी बिडे और पलसमासरेर फाउंिेशन की सोनािी ्ेशपांिे ने लकया। न्ी की क्षमता बढ़ाने के लिए 6000 घनमीरर गा् लनकािकर खेतों में िािी गई। इसके बा् न्ी में 27 करोड़ िीरर पानी जमा हुआ, लजससे 2000 से जया्ा िोगों को फाय्ा हुआ। जमीन में पानी ररसने से आसपास के कुओं, बोरिेि में भी पानी आ गया। जिपूजन में नसरापुर के सरपंच गणेश लहिरेकर, मािेगांि सरपंच िक्मी बाई पांगारे, िैभि लनकम, आर्ट ऑफ लिलिंग के रमेश रमण, अपमाण चकितथी, सुरेश पिुसकर, गोपाि ननािरे, लशिाजी

    लनकम, लशिराम पािकर, लनरीकांत ्ििी, अलभजीत चरजथी, प्रभाकर लशं्े, शामा जोग आल् उपबसथत थे। इस

    काम में पुणे के लजिालधकारी सौरभ एिं आर्ट ऑफ लिलिंग के महा्ेि गोमारे, सलनि पोत्ार का सहयोग रहा।

    नदी के पुनजजीचित होने से दो हजार ग्ाम िाचसयों को पहुंचिा सीधा लाभ

    एक चकमी की लंबाई तक नदी से 6 हजार घन मीटर गाद चनकाली

    शििगंगा नदी से गाद शनकालकर िल संरारण क्म्ता बढाई गई। इसके बाद बढा िलस्तर।

    लोगों का भरोसा बढ़ा: सरपंच गणेश हिवरेकर ने किा हक आमतौर पर नवम्बर मंे नदी सूख जाती थी। लेहकन इस ्बार जनवरी तक नदी में पानी िै। इस पररणाम की वजि से गांववालों का जलसंधारण के कामों के प्रहत हवशवास ्बढा िै।

    दो साल में पूरा होगा प्ोजेकट: आर्ट ऑफ हलहवंग की पुणे समन्यवक संगीता जमदाडे किती िैं हक लाखों लोगों के हलए मितवपूण्ण 25 हकमी लं्बी हशवगंगा नदी अगले दो वर्षों में पूरी तरि से पुनजजीहवत कर ली जाएगी।

    जागरूकता अभियान के दौरान नारे भदए गए:nजो ्बांरेगा दारू वोर, उसे न देंगे इस ्बार वोरnप्रलोभन से रिें दूर, वोर देने घर से हनकले जरूरnन जाहत ना धम्ण पर वोर दीहजए कम्ण परnलोकतेत्र का िै आधार, वोर ना िो ्बेकारnजात-पात ना भेद हवचार, िमें चाहिए ऐसी सरकार

    जो भी ्ांरेगा दारू िोर उसये ि देंगये इस ्ार िोर

  • 4सेवा टाइमस n~ vkVZ vkWQ fyfoax] vUrjkZ’Vªh; dsanz csaxyw:फरिरी ि माच्य, 2017

    मानिता के नायक

    जयंत बताते हैं लक उनके गांि में भूलमगत पानी की कठोरता 1300 लमिीग्ाम/िीरर है। औसतन यह मात्रा 150 लमिीग्ाम/िीरर होनी चालहए। इतनी खराब गुणित्ा का पानी पीने के कारण गांि के िोग तिचा, हृ्यरोग, मधुमेह, अलसर ि ्िि प्रेशर जैसे रोगों के लशकार हो रहे हैं। अब आरओ पिांर िगने से िोगों को शुद्ध पानी लमिेगा। यहां जि संरक्षण के लिए सरकार की म्् से चेक िैम, जिाशय आल् तो बने थे, िेलकन बाररश न होने के कारण िह सब सूखे पड़े थे। गांि में इस साि भी पांच रैंकर पानी मंगिाना पड़ा। जयंत बताते हैं लक उनहोंने लििाह से बचे 1.70 िाख रुपए का चेक गांि के सरपंच को सौंप ल्या है।

    मोहनी श्री l जलगांर् (महाराष्ट्र)

    आर्ट ऑफ लिलिंग प्रलशक्षक जयंत भोिे आज महाराष्ट्र में पररचय के मोहताज नहीं हैं। 2007 में लि्भमा में पड़े सूखे के ्ौरान लकसानों का मनोबि बढ़ाने, युिाओं को युिा नेतृति

    प्रलशक्षण ्ेने जैसे सेिा काययों से िह जुड़े रहे हैं। हाि ही में िह एक और साहलसक क्म की िजह से चचामा में हैं। उनहोंने अपने इकिौते पुत्र तनमय के लििाह में सल्यों से जारी कुरीलतयां तोड़ते हुए ्हेज और उपहार न िेने का संकलप लिया। साथ ही शा्ी में बैंि, बाजा, घोड़ा, आलतशबाजी, बाराती जैसे अनाप-शनाप आिमबरों काे भी तयागा गया। जयंत जिगांि लजिे के िारखेड़े गांि के लनिासी हैं।

    िा ् ैंड, िा ् ाजा, िा ् ाराती एक नििाह ऐसा भी...आट्ट ऑि िलिवंग प्िशक्क जयंत भोले की अनूठी पहल: पुत्र के लििाह में आिमबरों को ्छोड़कर बचाए 1.70 िाख रुपए, अब गांि में िगिाएंगे आरओ पिांर

    n हर ्जदे के लििाह में नयूनतम खचमा। बचा पैसा ्ंपलत ि समाज पर खचमा हो सके।

    n िर ि िधू पक्ष समान रूप से मंगिोतसि मना सकें। ऐसा हर आचरण रोकना, लजससे िधू पक्ष को लकसी ्ृबष्र से हीनता न िगे।

    ्ह है पहल का लक््

    तनम्य के हववाि में ्बचे 1.70 लाख रुपए से गांव की पे्यजल की समस्या िल िोगी। गांव में आरओ पलांर लगा्या जाएगा। ज्यंत ने ्बता्या हक 11 फरवरी 2017 को िुए तनम्य एवं पूनम के हववाि से प्रेररत िो कर दो अन्य ग्ामणों ने भी आडम्बर मुकत ब्याि का अनुकरण करने का हनशच्य हक्या िै।

    दो और ग्ारीण हुए प्रयेररत

    सरपंच को सौंपा चयेकझा जेि से जुड़ा एक अनुभि बताते

    हैं। मधुबनी जेि में कायमाकम करिाने के ्ौरान उनहें एक कै्ी अिग तरह का ल्खा।

    उससे बात की। पता चिा लक िह लसबककम का लनिासी है। एसएसबी की 14िीं बरालियन का जिान

    है। नाम था बाि बहा्ुर। िह अपने ्ोसत की हतया के केस में बं् था। िह ्ोनों ्ोसत कहीं जा रहे थे। अचानक ्ोसत

    लफसिकर पहाड़ी से लगर गया। उसके लसर मंे चोर िगी थी। िह ्ोसत को असपताि िेकर पहुंचा, िेलकन तब तक खून

    जया्ा बह जाने के कारण उसकी मौत हो गई। बाि बहा्ुर पर हतया का आरोप िगा और सजा भी हो गई। घरना की जानकारी

    लमिते ही झा ने एक िकीि के जररये उसकी म्् की। आज बाि बहा्ुर जेि से ्छटूर चुका है और अपनी ड्ूरी कर रहा है।

    सेिा राइमस संिाददाता l पूफण्ध्या (फबहार)

    70 िषथीय लिनयानं् झा 12 साि से लबहार की जेिों में आर्ट ऑफ लिंलिग प्रोग्ाम करिा

    रहे हैं। 31 साि सलकय

    पत्रकाररता के बा् इनहोंने घर-पररिार का मोह तयाग ल्या। रररायरमेंर के बा्

    सामालजक काययों के लिए आर्ट ऑफ लिलिंग को माधयम बनाया। साि में ्छह महीने िह घर से ्ूर रहकर जेिों में कायमाकम करते हैं। लबहार की 55 में से 31 जेिों में प्रोग्ाम करिा चुके हैं। उनहोंने गाय घार परना की ्ो, पूलणमाया की ् ो और मुजफफरपुर के तीन बाि सुधार गृहों में कायमाकम करिाए। बेऊर, मुजफफरपुर, बकसर, गया और पूलणमाया की सेंट्रि जेि ि फुििारी शरीफ ्रभंगा, सहरसा, मधुबनी, सीतामढ़ी, बेगूसराय ि आरा की

    जेिों में भी कैल्याें को आर्ट ऑफ लिलिंग के गुर लसखाए हैं।

    70 साल के 'युिा' दे रहे कैशदयों को नई शिंदगी

    साल में 6 महीने पररवार से दूर रहते हैं िवनयानंद: लबहार की 55 में से 31 जेिों में आर्ट ऑफ लिलिंग के कायमाकम लकए कैल्यों को ब्िे की भािना से मुबकत ल्िाना है मकस्

    मधु्बनी के भराम गांव में पैदा िुए हवन्यानंद झा का ्योग की तरफ झुकाव 8वीं कलास से िी िो ग्या था। आगे चलकर ्यि इनकी हदनच्या्ण ्बन ग्या। वि किते िैं हक उनके जीवन का हसफ्फ एक िी मकसद िै- तनाव मुकत मन, रोग मुकत शरीर और िर चेिरे पर मुसकान।

    रकसद एक: नरलये स्को रुसकाि

    झा ने 2001 मंे ्बेऊर जेल परना में ररपोहरिंग के दौरान कैहद्यों को आर्ट ऑफ हलहवंग प्रोग्ाम करते देखा था। सुदश्णन हरि्या से कैहद्यों में आए पररवत्णन ने उनका ध्यान खींचा। हफर प्रहशक्षक इंदु हसनिा से ्बातकर उनिोंने भी आर्ट ऑफ हलहवंग प्रोग्ाम हक्या। "श्ीश्ी ने जीना हसखा हद्या' पुसतक में ्बता्या ग्या िै हक कैसे पत्रकार झा कैहद्यों में ्बदलाव देखकर आर्ट ऑफ हलहवंग प्रहशक्षक ्बन गए।

    कैनद्ों रें ्दलाि दयेख ्िये प्रनशक्षक

    निददोष को छुड़िा्ा

    ए. शल गन्ना गौड़ l कुरनूल (आंध्र प्रदेश)

    कुरनूि लजिे के ए. लिगन्ना गौड़ आर्ट ऑफ लिलिंग के िाईएिरीपी प्रलशक्षक हैं। िह िृक्षारोपण, जि संरक्षण, 5-एस प्रोग्ाम, आयुिदे्, पंचकमामा एिं सिास्थय लशलिर जैसे आयोजन करते रहते हैं। साथ ही िीईओ की अनुमलत से लप्छिे पंच िषयों से 10िीं कक्षा के बच्ों के लिए तनाि मुबकत कायमाकम भी करिा रहे हैं। इसके अिािा जनिरी, 2016 से िह प्राकृलतक खेती पर भी काम कर रहे हैं। कुरनूि लजिे के 245 लकसान 750 एकड़ से जया्ा जमीन पर प्राकृलतक खेती कर रहे हैं। लकसानों ने इसका प्रतयक्ष िाभ भी ्ेखा है। गत अगसत माह में बाररश नहीं हुई थी, जबलक लसतमबर में जमकर बररश हुई। प्रकृलत की इस अलनयलमतता का प्राकृलतक खेती पर कोई असर नहीं पड़ा। इस खेती में लकसानों ने शत-प्रलतशत ्ेसी गाय के गोबर ि गोमूत्र का प्रयोग लकया था।

    लसतमबर, 2016 में कुरनूि के 40 लकसानों ने गुरु्ेि श्रीश्री रलिशंकर से मुिाकात की। िहां लकसानों ने प्राकृलतक खेती से

    उपजाई गई फसि गुरु्ेि को भेंर भी की।16 जनिरी, 2017 को आंध्रप्र्ेश के मुखयमंत्री एन. चंद्रबाबू

    नायिटू ने अहम् बा्शाह को प्राकृलतक खेती से लमचमा की अच्छी फसि उगाने के लिए उतकृष्र राजय कृषक सममान से सममालनत लकया। 200 से जया्ा प्रलशलक्षलत लकसानों ने माना लक आर्ट ऑफ लिलिंग के बैनर तिे पु्पुर िक्मी ग्ुप की जागरूकता और फॉिोअप प्रलशक्षण से लबकी में कई गुना तरककी हुई है। इस साि भी 1500 िोगों को प्राकृलतक खेती का प्रलशक्षण ल्या जा रहा है। इस साि कुरनूि लजिे के िीईओ ने सहमलत जताई है लक 47 हाई सकूिों में 10िीं कक्षा के लिए सट्रेस फ्ी प्रोग्ाम का अायोजन लकया जाएगा। फरिरी में िाईएिरीपी युिाचायमा श्री सैिम के साथ लमिकर लकसानों ने प्यात्रा लनकािी। कुरनैि लजिे के अतयलधक ् ूरसथ इिाकों के 10,000 लकसानों को पु्पुर िक्मी ग्ुप के साथ लमिकर हैपपीनेस प्रोग्ाम एिं प्राकृलतक खेती की प्रलशक्षण ्े रही है।

    प्ाकृदिक खेिी के दलए दकसान को दमला राजय उतकृषट सममान

    प्ाकृश्तक खे्ती के शलए शकसान अहमद बादिाह को सममाशन्त कर्ते आंध्र प्देि के मुखयमंरिी एन. िंद्रबाबयू नायडू।

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