aadim raat ki mahek

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Hindi story phaneshwarnath renu

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Page 1: Aadim Raat Ki Mahek

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Page 2: Aadim Raat Ki Mahek

प्रस्तुतकतता :- http://freehindibooksforyou.blogspot.com/

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Page 3: Aadim Raat Ki Mahek

न ...कयभत को नीॊद नह ॊ आएगी। नए ऩक्के भकतन भें उसे कबी नीॊद नह ॊ आती। चनूत औय वतर्नाश की गॊध के भतये उसकी कनऩट के ऩतस हभेशत चौअन्नी-बय ददा चचनचचनततत यहतत है। ऩुयतनी रतइन के ऩुयतने 'इस्स्टसन' सफ हजतय ऩुयतने हों, वहतॉ नीॊद तो आती है।...रे, नतक के अॊदय फपय सुड़सुड़ी जगी ससुय ...!

कयभत छीॊकने रगत। नए भकतन भें उसकी छीॊक गूॉज उठी।

'कयभत, नीॊद नह ॊ आती?' 'फतफू' ने कैं ऩ-खतट ऩय कयवट रेते हुए ऩूछत।

गभछे से नथनुे को सतप कयते हुए कयभत ने कहत - 'महतॉ नीॊद कबी नह ॊ आएगी, भैं जतनतत थत, फतफू!'

'भुझ ेबी नीॊद नह ॊ आएगी,' फतफू ने ससगयेट सुरगतते हुए कहत - 'नई जगह भें ऩहर यतत भुझ ेनीॊद नह ॊ आती।'

कयभत ऩूछनत चतहतत थत फक नए 'ऩोख्तत' भकतन भें फतफू को बी चनूे की गॊध रगती है क्मत?

कनऩट के ऩतस ददा यहतत है हभेशत क्मत?...फतफू कोई गीत गुनगुनतने रगे। एक कुत्तत गश्त रगततत हुआ ससगनर-केबफन की ओय से आमत औय फयतभदे के ऩतस आ कय रुक गमत। कयभत चऩुचतऩ कुत्ते की नीमत को ततड़ने रगत। कुत्ते ने फतफू की खटटमत की ओय थथुनत ऊॉ चत कयके हवत भें सूॉघत। आगे फढत। कयभत सभझ गमत - जरूय जूतत-खोय कुत्तत है, सतरत!... नह ॊ, ससपा सूॉघ यहत थत। कुत्तत अफ कयभत की ओय भुड़त। हवत सूॉघने रगत। फपय भुसतफपयखतने की ओय

दरुकी चतर से चरत गमत।

फतफू ने ऩूछत - 'तुम्हतयत नतभ कयभत है मत कयभचॊद मत कयभू?'

...सतत टदन तक सतथ यहने के फतद, आज आधी यतत के ऩहय भें फतफू ने टदर खोर कय एक सवतर के जैसत सवतर फकमत है।

'फतफू, नतभ तो भेयत कयभत ह है। वैसे रोगों के हजतय भुॉह हैं, हजतय नतभ कहते हैं।...र्नततम फतफू कोयभत कहते थे, घोस फतफू कय भत कह कय फुरतते थे, ससॊघ जी ने फ टदन कतभत ह कहत औय असगय फतफू तो हभेशत कयभ-कयभ कहते थे। खशु यहने ऩय टदल्रगी कयते थे - हतम भेये कयभ!...नतभ भें क्मत है, फतफू? जो भन भें आए कटहए। हजतय नतभ...!'

'तुम्हतयत घय सॊथतर ऩयगनत भें है, मत यतॉची-हजतय फतग की ओय?'

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कयभत इस सवतर ऩय अचकचतमत, जयत! ऐसे सवतरों के जवतफ देते सभम वह यभत ेजोगी की भुद्रत फनत रेतत है। 'घय? जहतॉ धड़, वहतॉ घय। भतॉ-फतऩ-बगवतन जी!'...रेफकन, फतफू को ऐसत जवतफ तो नह ॊ दे सकतत!

...फतफू बी खफू हैं। नतभ कत 'अयथ' र्नकतर कय अनुभतन रगत सरमत - घय सॊथतर ऩयगनत मत यतॉची-हजतय फतग की ओय होगत, फकसी गतॉव भें? कयभत-ऩवा के टदन जन्भ हुआ होगत, इसीसरए नतभ कयभत ऩड़त। भतथत, कऩतर, होंठ औय देह की गठन देख कय बी...।

...फतफू तो फहुत 'गुनी' भतरुभ होते हैं। अऩने फतये भें कयभत को कुछ भतरुभ नह ॊ। औय फतफू नतभ औय कऩतर देख कय सफ कुछ फतत यहे हैं। इतने टदन के फतद एक फतफू सभरे हैं, गोऩतर फतफू जैसे!

कयभत ने कहत - 'फतफू, गोऩतर फतफू बी मह कहते थे! मह 'कयभत' नतभ तो गोऩतर फतफू कत ह टदमत हुआ है!'

कयभत ने गोऩतर फतफू कत फकस्सत शुरु फकमत - '...गोऩतर फतफू कहते थे, आसतभ से रौटती हुई कुर -गतड़ी भें एक 'डोको' के अॊदय तू ऩड़त थत, बफनत 'बफरट -यसीद' के ह ...रतवतरयस भतर।'

...चरो, फतफू को नीॊद आ गई। नतक फोरने रगी। गोऩतर फतफू कत फकस्सत अधयूत ह यह गमत।

...कुतवत फपय गश्त रगततत हुआ आमत। मह कतर्तक कत भह नत है न! ससुयत ऩस्त हो कय आमत है। हतॉप यहत है।...रे, तू बी मह ॊ सोएगत? ऊॉ ह! सतरे की देह की गॊध महतॉ तक आती है - धेत! धेत!

फतफू ने जग कय ऩूछत, 'हूॉ-ऊ-ऊ! तफ क्मत हुआ तुम्हतये गोऩतर फतफू कत?'

कुत्तत फयतभदे के नीच ेचरत गमत। उरट कय देखने रगत। गुयतामत। फपय, दो-तीन फतय दफी हुई आवतज भें 'फुप-फुप' कय जनतने भुसतफपयखतने के अॊदय चरत गमत, जहतॉ ऩैटभतन जी सोतत है।

'फतफू, सो गए क्मत?'

…चरो, फतफू को फपय नीॊद आ गई ! फतफू की नतक ठीक 'फफुआनी आवतज' भें ह 'डतकती' है!...ऩैटभतन जी तो, रगतत है, रकड़ी चीय यहे हैं! - गोऩतर फतफ ूकी नतक फीन-जैसी फजती थी

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- सुय भें!!...असगय फतफू कत खयताटत...ससॊघ जी पुपकतयते थे औय सतहू फतफू नीॊद भें फोरते थे - 'ए, डतउन दो, गतड़ी छोड़त...!'

...ततय की घॊट ! स्टेशन कत घॊटत! गतडा सतहफ की सीट ! इॊस्जन कत बफगुर! जहतज कत बोंऩो! - सैकडों सीटटमतॉ...बफगुर...बोंऩत...बों-ओॊ-ओॊ-ओॊ...!

- हजतय फतय, रतख फतय कोसशश कयके बी अऩने को येर की ऩटय से अरग नह ॊ कय सकत, कयभत। वह छटऩटतमत। चचल्रतमत, भगय जयत बी टस-से-भस नह ॊ हुई उसकी देह। वह चचऩकत यहत। धड़धड़ततत हुआ इॊस्जन गयदन औय ऩैयों को कतटतत हुआ चरत गमत। ...रतइन के एक ओय उसकत ससय रुढकत हुआ ऩड़त थत, दसूय ओय दोनों ऩैय र्छटके हुए! उसने जल्द से अऩने कटे हुए ऩैयों को फटोयत - अये, मह तो एॊटोनी 'गतट' सतहफ के फयसतती जूते कत जोड़त है! गभ-फूट!...उसकत ससय क्मत हुआ?..धेत,धेत! ससुयत नतक-कतन फचत यहत...!

'कयभत!'

- धेत-धेत!

'उठ कयभत, चतम फनत?'

कयभत धड़पड़त कय उठ फैठत।...रे, बफहतन हो गमत। भतरगतड़ी को 'थरुु-ऩतस' कयके, ऩैटभतन जी हतथ भें फेंत की कभतनी घुभततत हुआ आ यहत है। ...सतरत! ऐसत बी सऩनत होतत है, बरत? फतयह सतर भें, ऩहर फतय ऐसत अजूफत सऩनत देखत कयभत ने। फतयह सतर भें एक टदन के सरए बी येरवे-रतइन से दयू नह ॊ गमत, कयभत। इस तयह 'एकससडॊटवतरत सऩनत' कबी नह ॊ देखत उसने!

कयभत येर-कॊ ऩनी कत नौकय नह ॊ। वह चतहतत तो ऩोटय, खरतसी ऩैटभतन मत ऩतनी ऩतॉडे े़ की नौकय सभर सकती थी। खफू आसतनी से येरव-ेनौकय भें 'घुस' सकतत थत। भगय भन को कौन सभझतए! भन भतनत नह ॊ। येर-कॊ ऩनी कत नीरत कुतता औय इॊस्जन-छतऩ फटन कत शौक उसे कबी नह ॊ हुआ!

येर-कॊ ऩनी क्मत, फकसी की नौकय कयभत ने कबी नह ॊ की। नतभधतभ ऩूछने के फतद रोग ऩेश ेके फतये भें ऩूछते हैं। कयभत जवतफ देतत है - 'फतफू के 'सतथ' यहते हैं।'...एक ऩैसत बी भुसहयत न रेनेवतरों को 'नौकय' तो नह ॊ कह सकते!

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...गोऩतर फतफू के सतथ, रगतततय ऩतॉच वषा! इसके फतद फकतने फतफुओॊ के सतथ यहत, मह चगन कय कय फतरतनत होगत! रेफकन, एक फतत है - 'रयसरफपमत फतफ'ू को छोड़ कय फकसी 'सतरटन फतफू' के सतथ वह कबी नह ॊ यहत। ...सतरटन फतफू भतने फकसी 'टटसन' भें 'ऩयभतनॊट ' नौकय कयनेवतरत - पैसभर के सतथ यहनेवतरत!

...जत ये गोऩतर फतफू! वैसत फतफू अफ कहतॉ सभरे? कयभत कत भतम-फतऩ, बतम-फटहन, कुर-ऩरयवतय जो फूझझए - सफ एक गोऩतर फतफू!...बफनत 'बफरट -यसीद' कत रतवतरयस भतर थत, कयभत। येरवे अस्ऩततर से छुड़त कय अऩने सतथ यखत गोऩतर फतफू ने।जहतॉ जतत,े कयभत सतथ जततत। जो खतते, कयभत बी खततत। ...रेफकन आदभी की भर्त को क्मत कटहए! रयसरफपमत कतभ छोड़ कय सतरटतनी कतभ भें गए। फपय, एक टदन शतद कय फैठे। ...फौभत ...गोऩतर फतफ ूकी 'पैभर ' - यतभ-हो-यतभ! वह औयत थी? सतच्छतत चडु़रै! ...टदन-बय गोऩतर फतफू ठीक यहते। सतॉझ ऩड़ते ह उनकी जतन चचडड़मत की तयह 'रुकतती' फपयती।...आधी यतत को कबी-कबी 'इसऩेसर' ऩतस कयने के सरए फतफू र्नकरते। रगतत, अभय कन येरवे-इॊस्जन के 'फतमरय' भें कोमरत झोंक कय र्नकरे हैं। ...कयभत 'क्वतटय' के फयतभदे ऩय सोतत थत। तीन भह ने तक यतत भें नीॊद नह ॊ आई, कबी। ...फौभत 'पों-पों' कयती - फतफू सभनसभनत कुछ फोरते। फपय शुरु होतत योनत-कयतहनत, गतर -गरौज,

भतयऩीट। फतफू बतग कय फतहय र्नकरते औय वह औयत झऩट कय भतथे कत केश ऩकड़ रेती। ...तफ कयभत ने एक उऩतम र्नकतरत। ऐसे सभम भें वह उठ कय दयवतजत खटखटत कय कहतत - 'फतफू, 'इसऩेशर' कत 'कर' फोरतत है...।' फतफू की जतन फकतने टदनों तक फचततत कयभत? ...फौभत एक टदन चचल्रतई - 'ए छोकयत हयतभजदत के दयू कयो। मह चोय है, चो-ओ-ओ-य!'

...इसके फतद से ह फकसी 'टटसन' के पैसभर क्वतटय को देखते ह कयभत के भन भें एक ऩतर आवतज गूॉजने रगती है - चो-ओ-ओ-य! हयतभजदत! पैसभर क्वतटय ह क्मों - जनतनत भुसतफपयखतनत, जनतनत दजता, जनतनत... जनतनत नतभ से ह कयभत को उफकतई आने रगती है।

...एक ह सतर भें गोऩतर फतफू को 'हतड़-गोड़' सटहत चफत कय खत गई, वह जनतनत! पूर-जैसे सुकुभतय गोऩतर फतफू! स्जॊदगी भें ऩहर फतय पूट-पूट कय योमत थत, कयभत।

...यभतत-जोगी, फहतत-ऩतनी औय रयसरफपमत फतफू! हेड-क्वतटय भें चौफीस घॊटे हुए फक 'ऩयवतनत' कटत - परतने टटशन कत भतस्टय फीभतय है, ससक-रयऩोट आमत है। तुयॊत 'जोआएन'

कयो।...रयसरफपमत फतफू कत फोरयमत-बफस्तय हभेशत 'येडी' यहनत चतटहए। कभ-स-ेकभ एक सप्ततह रयसरफपमत फतफू। ...रकड़ी के एक फक्से भें सतय गुहस्थी फॊद कयके - आज महतॉ, कर

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वहतॉ।...ऩतनीऩतड़त से बततगतॉव, कुयैहत से यौततड़त। ऩीय, हेड-क्वतटय, कटटहतय! ...गोऩतर फतफू ने ह घोस फतफू के सतथ रगत टदमत थत - 'खफू बतरो फतफू। अच्छी तयह यखेगत। रेफकन, घोस फतफू के

सतथ एक भह नत से ज्मतदत नह ॊ यह सकत, कयभत। घोस फतफू की फेवजह गतर देने की आदत! गतर बी फहुत खयतफ-खयतफ! भतॉ-फहन की गतर ।...इसके अरतवत घोस फतफू भें कोई ऐफ नह ॊ थत। अऩने 'सभतॊग' की तयह यखते थे। ...घोस फतफू आज बी सभरते हैं तो गतर से ह फतत शुरु कयते हैं - 'की ये...कयभत? फकसकत सतथ भें हैं आजकर भतदचा...?'

घोस फतफू को भतॉ-फहन की गतर देनेवतरत कोई नह ॊ। नह ॊ तो सभझते फक भतॉ-फहन की गतर सुन कय आदभी कत खनू फकस तयह खौरने रगतत है। फकसी बरे आदभी को ऐसी खयतफ गतर फकते नह ॊ सुनत है कयभत ने, आज तक।

...यतभ फतफू की सफ आदत ठीक थी। रेफकन - बत-आ-य 'इस्की आदभी।' स्जस टटसन भें जतते, ऩैटभतन-ऩोटय-सूऩय को एकतॊत भें फुरत कय घुसय-पुसय फर्तमतते। फपय यतत भें कबी भतरगोदतभ की ओय तो कबी जनतनत भुसतफपयखतनत भें, तो कबी जनतनत-ऩैखतनत भें...र्छ्-र्छ्...जहतॉ जतते छुछुआते यहते - 'क्मत जी, असर-भतर-वतर कत कोई जोगतड़ जॊतय नह ॊ रगेगत?'...आझखय वह हुआ जो कयभत न ेकहत थत - 'भतर' ह उनकत 'कतर' हुआ। पऩछरे सतर, जोगफनी-रतइन भें एक नेऩतर ने खकुय से दो टुकड़त कतट कय यख टदमत। औय उड़तओ भतर! ...जसैी अऩनी इज्जत

वैसी ऩयतई !

...ससॊघ जी बतय 'ऩुजेगय '! ससमत सटहत यतभ-रछभन की भूर्त ा हभेशत उनकी झोर भें यहती थी। योज चतय फजे बोय से ह नहत कय ऩूजत की घॊट टहरतते यहते। इधय 'कर' की घॊट फजती। ...स्जस घय भें ठतकुय जी की झोर यहती, उसभें बफनत नहतए कोई ऩैय बी नह ॊ दे सकतत। ...कोई अऩनी देह को उस तयह फतॉध कय हभेशत कैसे यह सकतत है? कौन टदन भें दस फतय नहतए औय हजतय फतय ऩैय धोए! सो बी, जतड़ ेके भौसभ भें! ...जहतॉ कुछ छुओ फक हूॉहूॉहूॉ-हतॉहतॉहतॉ-अयेयेये-छू टदमत न? ...ऐसे छुतहत आदभी को येर-कॊ ऩनी भें आने की क्मत जरुयत? ...ससॊघ

जी कत सतथ नह ॊ र्नब सकत।

...सतहू फतफू दरयमतटदर आदभी थे। भगय भदक्की ऐसे फक टदन-दोऩहय को ऩचतस-दतरु एक फोतर ऩी कय भतरगतड़ी को 'थरुुऩतस' दे टदमत औय गतड़ी रड़ गई। कयभत को मतद है, 'एकससडॊट'

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की खफय सुन कय सतहू फतफू ने फपय एक फोतर चढत सरमत। ...आझखय डॉक्टय ने टदभतग खयतफ होने कत 'सतटटफपटटक' दे टदमत।

...रेफकन, उस 'एकससडॊट' के सभम बी फकसी यतत को कयभत ने ऐसत सऩनत नह ॊ देखत!

...न ...बोय-बतय ऐसी कुरच्छन-बय फतत फतफू को सुनत कय कयभत ने अच्छत नह ॊ फकमत। येरवे की नौकय भें अबी तुयत 'घुसवै' फकए हैं।

...न...फतफू के सभजतज कत टेय-ऩतत अफ तक कयभत को नह ॊ सभरत है। कय फ एक सप्ततह तक सतथ भें यहने के फतद, कर यतत भें ऩहर फतय टदर खोर कय दो सवतर-जवतफ फकमत फतफू ने। इसीसरए, सुफह को कयभत ने टदर खोर कय अऩने सऩने की फतत शुरु की थी। चतम की प्मतर सतभने यखने के फतद उसने हॉस कय कहत - 'हॉह फतफ,ू यतत भें हभ एक अ-जू-ऊ-ऊ-फत सऩनत देखत। धड़धड़ततत इॊस्जन... रतइन ऩय चचऩकी हभतय देह टस-स-ेभस- नह ॊ... ससय इधय औय ऩैय रतइन के उधय... एॊटोनी गतट सतहफ के फयसतती जूते कत जोड़त... गभफोट...!'

'धेत! क्मत फेससय-ऩैय की फतत कयते हो, सुफह-सुफह? गतॉजत-वतॉजत ऩीतत है क्मत?'

...कयभत ने फतफू को सऩने की फतत सुनत कय अच्छत नह ॊ फकमत।

कयभत उठ कय ततखे ऩय यखे हुए आईने भें अऩनत भुॉह देखने रगत। उसने 'अ-जू-ऊ-ऊ-फत' कह कय देखत। र्छ् उसके होंठ तीतय की चोच की तयह...।

'कत कयभचन? कत फन यहत है?'

...ऩतनी ऩतॉड़ ेबरत आदभी है। ऩुयतनी जतन-ऩहचतन है इससे, कयभत की। कई टटसन भें सॊगत हुआ हैं। रेफकन, मह ऩैटभतन 'रटऩटटमत' आदभी भतरूभ होतत है। हय फतत भें ऩुच-ऩुच कय हॉसनेवतरत।

'कयभचन, फतफू कौन जतती के हैं?'

'क्मों? फॊगतर हैं।'

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'बैमत, फॊगतर भें बी सतढे-फतयह फयन के रोग होते है।'

ऩतनी ऩतॉड़ ेजतते-जतते कह गमत, 'थोड़ी तयकतय फचत कय यखनत, कयभचन!'

...घय कहतॉ? कौन जतर्त? भर्नहतय घतट के भस्ततनत फतफत कत ससखतमत हुआ जवतफ, सबी जगह नह ॊ चरतत - हरय के बजे सो हय के होई! भगय, हरय की बी जतर्त थी! ...रे, मह घटह -गतड़ी कत इॊजन कैसे बेज टदमत इस रतइन भें आज? सॊथतर -फतॉसी जैसी ऩतर सीट -सी-ई-ई!!

...रे, पक्कत! एक बी ऩससॊजय नह ॊ उतयत, इस गतड़ी से बी। कतहे को इतनत खचता कयके येर-कॊ ऩनी ने महतॉ टटसन फनतमत, कयभत के फुपि भें नह ॊ आतत। पतमदत? फस, नतभ ह आदभऩुयत है - आभदनी नदतयद। सतत टदन भें दो टटकट कटे हैं औय ससपा ऩतॉच ऩतससॊजय उतये हैं, र्तसभें दो बफनत टटकट के। ...इतने टदन के फतद ऩॊद्रह फोयत फैंगन उस टदन फुक हुआ। ऩॊद्रह फैंगन दे कय ह कतभ फनत सरमत, उस फूढे ने।...उस फैंगनवतरे की फोर -फतनी अजीफ थी। कयभत से खरु कय

गऩ कयनत चतहतत थत फूढत। घय कहतॉ है? कौन जतर्त? घय भें कौन-कौन हैं? ...कयभत ने सबी सवतरों कत एक ह जवतफ टदमत थत - ऊऩय की ओय हतथ टदखरत कय! फूढत हॉस ऩड़त थत। ...अजीफ हॉसी!

...घटह -गतड़ी! सी-ई-ई-ई!!

कयभत भर्नहतय घतट टटसन भें बी यहत है, तीन भह ने तक एक फतय, एक भह नत दसूय फतय। ...भर्नहतय घतट टटसन की फतत र्नयतर है। कहतॉ भर्नहतय घतट औय कहतॉ आदभऩुयत कत मह पऩद्दी टटसन!

...नई जगह भें, नए टटसन भें ऩहुॉच कय आसऩतस के गतॉवों भें एकतध चक्कय घुभे-फपये बफनत कयभत को न जतने 'कैसत-कैसत' - रगतत है। रगतत है, अॊध-कूऩ भें ऩड़त हुआ है। ...वह 'डडसटन-ससॊगर' के उस ऩतय दयू-दयू तक खेत पैरे हैं। ...वह कतरत जॊगर ...ततड़ कत वह अकेरत ऩेड़ ...आज फतफू को झखरत-पऩरत कय कयभत र्नकरेगत। इस तयह फैठे यहने से उसके ऩेट कत बतत नह ॊ ऩचगेत। ...मटद गतॉव-घय औय खेत भैदतन भें नह ॊ घूभतत-फपयतत, तो वह ऩेड़ ऩय चढनत कैसे सीखतत? तैयनत कहतॉ सीखतत?

...रखऩर्तमत टटसन कत नतभ फकतनत 'जब्फड़' है! भगय टटसन ऩय एक 'सत्त-ूपयह ' की बी दकुतन नह ॊ। आसऩतस भें, ऩतॉच कोस तक कोई गतॉव नह ॊ। भगय, टटसन से ऩूयफ जो दो ऩोखये

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हैं, उन्हें कैसे बूर सकतत है कयभत? आईनत की तयह झरभरततत हुआ ऩतनी। ...फैसतख भह ने की दोऩहय भें, घॊटो गरे-बय ऩतनी भें नहतने कत सुख! भुॉह से कह कय फततमत नह ॊ जत सकतत!

...भुदत, कदभऩुयत - सचभुच कदभऩुयत है। टटसन से शुरु कयके गतॉव तक हजतयों कदभ के ऩेड़ हैं। ...कदभ की चटनी खतए एक मुग हो गमत!

...वतरयसगॊज टटसन, फीच कस्फत भें है। फड़-ेफड़ ेभतरगोदतभ, हजतयों गतॉठ-ऩतट, धतन-चतवर के फोये,

कोमरत-सीभेंट-चनूत की ढेय ! हभेशत हजतयों रोगों की बीड़! कयभत को फकसी कत चहेयत मतद नह ॊ। ...रेफकन टटसन से सटे उत्तय की ओय भैदतन भें तॊफू डतर कय यहनवेतरे गदहतवतरे भगटहमत डोभों की मतद हभेशत आती है। ...घतघय वतर औयतें, हतथ भें फड़े-फड़ ेकड़,े कतन भें झुभके ...नॊगे फच्च,े कतन भें गोर-गोर कुॊ डरवतरे भदा! ...उनके भुगे! उनके कुत्ते!

...फथनतह टटसन के चतयों ओय हजतय घय फन गए हैं। कोई ऩयतीत कयेगत फक ऩतॉच सतर ऩहरे फथनतह टटसन ऩय टदन-दोऩहय को टटटह फोरती थी।

...फकतनी जगहों, फकतने रोगों की मतद आती है! ...सोनफयसत के आभ ...कतरूचक की भछसरमतॉ ...बटोतय की दह ...कुससमतयगतॉव कत ऊख!

...भगय सफसे ज्मतदत आती है भर्नहतय घतट टटसन की मतद। एक तयप धयती, दसूय ओय ऩतनी। इधय येरगतड़ी, उधय जहतज। इस ऩतय खेत-गतॉव-भैदतन, उस ऩतय सतहेफगॊज-कजयोटटमत कत नीरत ऩहतड़। नीरत ऩतनी - सतदत फतरू! ...तीन एक, चतय-चतय भह ने तक तीसों टदन गॊगत भें नहतमत है, कयभत। चतय 'जनभ तक' ऩतऩ कत कोई असय तो नह ॊ होनत चतटहए! इतनत फटढमत नतभ शतमद ह फकसी टटसन कत होगत - भनीहतय। ...फसरहतय ! भछुवे जफ नतव से भछसरमतॉ उततयते तो चभक के भतये कयभत की आॉखे चौंचधमत जततीॊ।

...यतत भें, उधय जहतज चरत जततत - ध-ूध ूकयतत हुआ। इधय गतड़ी छकछकतती हुई कटटहतय की ओय बतगती। अजू सतह की दकुतन की 'झतॉऩी' फॊद हो जतती। तफ घतट ऩय भस्ततनफतफत की भॊडर जुटती।

...भस्ततनफतफत कुर -कुर के थे। भर्नहतय घतट ऩय ह कुर कत कतभ कयते थे। एक फतय भन ऐसत उदतस हो गमत फक दतढ औय जटत फढत कय फतफत जी हो गए। खॊजड़ी फजत कय र्नयगुन गतने रगे। फतफत कहते - 'घतट-घतट कत ऩतनी ऩी कय देखत - सफ पीकत। एक गॊगतजर भीठत...।'

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फतफत एक चचरभ गतॉजत ऩी कय ऩतॉच फकस्सत सुनत देते। सफ फेद-ऩुयतन कत फकस्सत! कयभत ने ग्मतन की दो-चतय फोर भर्नहतय घतट ऩय ह सीखीॊ। भस्ततनफतफत के सत्सॊग भें। रेफकन, गतॉजत भें उसने कबी दभ नह ॊ रगतमत। ...आज फतफू ने झुॉझरत कय जफ कहत, 'गतॉजत-वतॉजत ऩीते हो क्मत' - तो कयभत को भस्ततनफतफत की मतद आई। फतफत कहते - हय जगह की अऩनी खशुफू-फदफू होती है! ...इस आदभऩुयत की गॊध के भतये कयभत को खतनत-ऩीनत नह ॊ रुचतत।

...भस्ततनफतफत को फतद दे कय भर्नहतय घतट की मतद कबी नह ॊ आती।

कयभत ने ततखे ऩय यखे आईने भें फपय अऩनत भुखड़त देखत। उसने आॉखे अधभुॉद कयके दतॉत र्नकतर कय हॉसते हुए भस्ततनफतफत के चहेये की नकर उततयने की चषे्टत की - 'भस्त यहो! ...सदत आॉख-कतन खोर कय यहो। ...धयती फोरती है। गतछ-बफरयच्छ बी अऩने रोगों को ऩहचतनते हैं। ...पसर को नतचते-गतते देखत है, कबी? योते सुनत है कबी अभतवस्मत की यतत को? है...है...है - भस्त यहो...।'

...कयभत को क्मत ऩतत फक फतफू ऩीछे खड़ ेहो कय सफ तभतशत देख यहे हैं। फतफू ने अचयज से ऩूछत, 'तुभ जगे-जगे खड़ ेहो कय बी सऩनत देखतत है? ...कहतत है फक गतॉजत नह ॊ ऩीतत?'

सचभुच वह खड़त-खड़त सऩनत देखने रगत थत। भस्ततनफतफत कत चहेयत फयगद के ऩेड़ की तयह फड़त होतत गमत। उसकी भस्त हॉसी आकतश भें गूॉजने रगी! गतॉजे कत धआुॉ उड़ने रगत। गॊगत की रहये आईं। दयू, जहतज कत बोंऩत सुनतई ऩड़त - बों-ओॊ-ओॊ!

फतफू ने कहत, 'खतनत ऩयोसो। देखूॉ, क्मत फनतमत है? तभुको रेकय बतय भुस्श्कर है...।'

भुॉह कत ऩहरत कौय र्नगर कय फतफू कयभत कत भुॉह ततकने रगे, 'रेफकन, खतनत र्तओ फहोत फटढमत फनतमत है!'

खतते-खतते फतफू कत भन-सभजतज एकदभ फदर गमत। फपय यतत की तयह टदर खोर कय गऩ कयने रगे, 'खतनत फनतनत फकसने ससखरतमत तुभको? गोऩतर फतफू की घयवतर ने?'

...गोऩतर फतफू की घयवतर ? भतने फौभत? वह फोरत, 'फौभत कत सभजतज तो इतनत खट्टत थत फक फोर सुन कय कड़तह कत ततजत दधू पट जतए। वह फकसी को क्मत ससखतवेगी? पूहड़ औयत?'

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'औय मह फतत फनतनत फकसने ससखरतमत तुभको?'

कयभत को भस्ततन फतफत की 'फतनी' मतद आई, 'फतफू,ससखरतएगत कौन? ...सहय ससखतए कोतवतर !'

'तुम्हतय फीफी को खफू आयतभ होगत!'

फतफू कत भन-सभजतज इसी तयह ठीक यहत तो एक टदन कयभत भस्ततनफतफत कत ऩूयत फकस्सत सुनतएगत।

'फतफू, आज हभको जयत छुट्टी चतटहए।'

'छुट्टी! क्मों? कहतॉ जतएगत?'

कयभत ने एक ओय हतथ उठतते हुए कहत, 'जयत उधय घूभन-ेफपयने...।'

ऩैटभतन जी ने ऩुकतय कय कहत, 'कयभत! फतफू को फोरो, 'कर' फोरतत है।'

...तुम्हतय फीफी को खफू आयतभ होगत! ...कयभत की फीफी! वतय सगॊज टटसन ...भगटहमत डोभो के तॊफू ...उठती उभेयवतर छौंड़ी ...नतक भें नचथमत ...नतक औय नचथमत भें जभे हुए कतरे भैरे ...ऩीरे दतॉतो भें सभस्सी!!

कयभत अऩने हतथ कत फनत हुआ हरवत-ऩूय उस छौंड़ी को नह ॊ झखरत सकत। एक टदन कतगज की ऩुडड़मत भें रे गमत। रेफकन वह ऩसीने से बीग गमत। उसकी टहम्भत ह नह ॊ हुई। ...मटद मह छौंडड़मत चचल्रतने रगे फक तुभ हभको चयुत-र्छऩत कय हरवत कतहे झखरततत है? ...ओ, भइमो-मो-मो-मो-मो-मो...!!

...फतफू हजतय कहें, कयभत कत भन नह ॊ भतनतत फक उसकत घय सॊथतर-ऩयगनत मत यतॉची की ओय कह ॊ होगत। भर्नहतय घतट भें दो-दो फतय यह आमत है, वह। उस ऩतय के सतहेफगॊज-कजयौटटमत के ऩहतड़ ने उसको अऩनी ओय नह ॊ खीॊचत कबी! औय वतरयसगॊज, कदभऩुयत, कतरूचक, रखऩर्तमत कत नतभ सुनते ह उसके अॊदय कुछ झनझनत उठतत है। जतने-ऩहचतने, अचीन्हे, फकतने रोगों के चहेयों की बीड़ रग जतती है! फकतनी फततें सुख-दखु की! खेत-खसरहतन, ऩेड़-ऩौधे, नद -ऩोखये,

चचयई-चयुभुन-सबी एक सतथ टतनते हैं, कयभत को!

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...सतत टदन से वह कतरत जॊगर औय ततड़ कत ऩेड़ उसको इशतये से फुरत यहे है। जॊगर के ऊऩय आसभतन भें तैयती हुई चीर आ कय कयभत को क्मों ऩुकतय जतती है? क्मों?

येरवे-हततत ऩतय कयने के फतद बी जफ कुत्तत नह ॊ रौटत तो कयभत ने झझड़की द , 'तू कहतॉ जतएगत ससुय? जहतॉ जतएगत झतॉव-झतॉव कयके कुत्ते दौड़ेंगे। ...जत! बतग! बतग!!'

कुत्तत रुक कय कयभत को देखने रगत। धनखेतों से गुजयनेवतर ऩगडॊडी ऩकड़ कय कयभत चर यहत है। धतन की फतसरमतॉ अबी पूट कय र्नकर नह ॊ हैं। ...कयभत को हेडक्वतटय के चौधय फतफू की गबावती घयवतर की मतद आई। सुनत है, डॉक्टैयनी ने अॊदय कत पोटो रे कय देखत है - जुड़वतॉ फच्चत है ऩेट भें!

...इधय, 'हचथमत-नच्छत्तय अच्छत 'झयत' थत। खेतों भें अबी बी ऩतनी रगत हुआ है। ...भछर ?

...ऩतनी भें भतॉगुय भछसरमों को देख कय कयभत की देह अऩने-आऩ फॉध गई। वह सतॉस योक कय चऩुचतऩ खड़त यहत। फपय धीये-धीये खेत की भेंड़ ऩय चरत गमत। भछसरमतॉ छरभरतईं। आईने की तयह चथय ऩतनी अचतनक नतचने रगत। ...कयभत कमत कये? ...उधय की भेंड़ से सटत कय एक 'छेंकत' दे कय ऩतनी को उर च टदमत जतए तो...?

...हैहै-हैहै! सतरे! फन कत गीदड़, जतएगत फकधय? औय छ्रभरतओ! ...अये, कतॉटत कयभत को क्मत भतयतत है? कयभत नमत सशकतय नह ॊ।

आठ भतॉगुय औय एक गहय भछर ! सबी कतर भछसरमतॉ! कटटहतय हतट भें इसी कत दतभ फेखटके तीन रुऩमो रे रेतत। ...कभता ने गभछे भें भछसरमों को फतॉध सरमत। ऐसत 'सॊतोख'

उसको कबी नह ॊ हुआ, इसके ऩहरे। फहुत-फहुत भछर कत सशकतय फकमत उसने!

एक फूढत बैंसवतय सभरत जो अऩनी बैंस को खोज यहत थत, 'ए बतम! उधय फकसी बैंस ऩय नजय ऩड़ी है?'

बैंसवतय ने कयभत से एक फीड़ी भतॉगी। उसको अचयज हुआ - कैसत आदभी है, न फीड़ी ऩीतत है,

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न तॊफतकू खततत है। उसन ेनतयतज हो कय स्जयह शुरु फकमत, 'इधय कहतॉ जतनत है? गतॉव भें तुम्हतयत कौन है? भछर कहतॉ रे जत यहे हो?'

...ततड़ कत ऩेड़ तो ऩीछे की ओय घसकतत जततत है! कयभत ने देखत, गतॉव आ गमत। गतॉव भें कोई तभतशतवतरत आमत है। फच्च ेदौड़ यहे हैं। हतॉ, बतरू वतरत ह है। डभरु की फोर सुन कय कयभत ने सभझ सरमत थत।

...गतॉव की ऩहर गॊध! गॊध कत ऩहरत झोंकत!

...गतॉव कत ऩहरत आदभी। मह फूढत गोफी को ऩतनी से ऩटत यहत है। फतर सतदत हो गए हैं, भगय ऩतनी बयते सभम फतॉह भें जवतनी ऐॊठती है! ...अये, मह तो वह फूढत है जो उस टदन फैंगन फुक कयतने गमत थत औय कयभत से घुर-सभर कय गऩ कयनत चतहतत थत। कयभत से खोद-खोद कय ऩूछतत थत - भतम-फतऩ है नह ॊ मत भतम-फतऩ को छोड़ बतग आए हो? ...रे, उसने बी कयभत को ऩहचतन सरमत!

'क्मत है, बतई! इधय फकधय?'

'ऐसे ह । घूभन-ेफपयने! ...आऩकत घय इसी गतॉव भें है?'

फूढत हॉसत। घनी भूॉछें झखर गई। ...फूढत ठीक सत्तो फतफू ट ट के फतऩ की तयह हॉसतत है।

एक रतर सतड़ीवतर रड़की हुक्के ऩय चचरभ चढत कय पूॉ कती हुई आई। चचरभ को पूॉ कते सभम उसके दोनों गतर गोर हो गए थे। कयभत को देख कय वह टठठकी। फपय गोबी के खेत के फतड़ ेको ऩतय कयने रगी। फूढे ने कहत, 'चर फेट , दयवतजे ऩय ह हभ रोग आ यहे हैं।'

फूढत हतथ-ऩैय धो कय खेत से फतहय आमत, 'चरो!'

रड़की ने ऩूछत, 'फतफत, मह कौन आदभी है?'

'बतरू नचतनेवतरत आदभी।'

'धेत्त!'

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कयभत रजतमत। ...क्मत उसकत चहेयत-भोहयत बतरू नचतनेवतरे-जैसत है? फूढे ने ऩूछत, 'तुभ रयसरफपमत फतफू के नौकय हो न?'

'नह ॊ, नौकय नह ॊ।...ऐसे ह सतथ भें यहतत हूॉ।'

'ऐसे ह ? सतथ भें? तरफ फकतनत सभरतत है?'

'सतथ भें यहने ऩय तरफ फकतनत सभरेगत?'

...फूढत हुक्कत ऩीनत बूर गमत। फोरत, 'फस? फेतरफ कत ततफेदतय?'

फूढे ने आॉगन की ओय भुॉह कयके कहत, 'सयसर्तमत! जयत भतम को बेज दो, महतॉ। एक कभतर कत आदभी...।'

फूढ टट्टी की आड़ भें खड़ी थी। तुयत आई। फूढे न ेकहत, 'जयत देखो, इस फकल्रतठोंक-जवतन को। ऩेट बतत ऩय खटतत है। ...क्मों जी, कऩड़त बी सभरतत है?...इसी को कहते हैं - ऩेट-भतधोयतभ भदा!'

...आॉगन भें एक ऩतर झखरझखरतहट! ...बतरू नचतनेवतरत कह ॊ ऩड़ोस भें ह तभतशत टदखत यहत है। डभरु ने इस ततर ऩय बतरू हतथ टहरत-टहरत कय 'थब्फड़-थब्फड़' नतच यहत होगत - थथुनत ऊॉ चत कयके! ...अच्छत जी बोरेयतभ!

...सैकड़ों झखरझखरतहट!!

'तुम्हतयत नतभ क्मत है जी? ...कयभचन? वतह, नतभ तो खफू सगुर्नमत है। रेफकन कतभ? कतभ चलू्हचन?'

कयभत ने रजतते हुए फतत को भोड़ टदमत, 'आऩके खेत कत फैंगन फहोत फटढमत है। एकदभ घी-जैसत...।' फूढत भुसकयतने रगत।

औय फूढ की हॉसी कयभत की देह भें जतन डतर देती है। वह फोर , 'फेचतये को दभ तो रेने दो। तबी से यगेट यहे हो।'

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'भछर है? फतफू के सरए रे जतओगे?'

'नह ॊ। ऐसे ह ... यतस्ते भें सशकतय...।'

'सयसर्तमत की भतम! भेहभतन को चडू़त बून कय भछर की बतजी के सतथ झखरतओ! ...एक टदन दसूये के हतथ की फनतई भछर खत रो जी!'

जरऩतन कयते सभम कयभत ने सुनत - कोई ऩूछ यह थी, 'ए, सयसर्तमत की भतम! कहतॉ कत भेहभतन है?'

'कटटहतय कत।'

'कौन है?'

'कुटुभ ह है।'

'कटटहतय भें तुम्हतयत कुटुभ कफ से यहने रगत?'

'हतर से ह ।'

...फपय एक झखरझखरतहट! कई झखरझखरतहट!! ...चचरभ पूॉ कते सभम सयसर्तमत के गतर भोसॊफी की तयह गोर हो जतते हैं। फूढ ने दरुतय-बये स्वय भें ऩूछत, 'अच्छत ए फफुआ! ततय के अॊदय से आदभी की फोर कैसे जतती है? हभको जयत खरुतसत कयके सभझत दो।'

चरते सभम फूढ ने धीये-से कहत, 'फूढे की फतत कत फुयत न भतननत। जफ से जवतन फेटत गमत, तफ से इसी तयह उखड़ी-उखड़ी फतत कयतत है। ...करेजे कत घतव...।'

'एक टदन फपय आनत।'

'अऩनत ह घय सभझनत!'

रौटते सभम कयभत को रगत, तीन जोड़ी आॉखें उसकी ऩीठ ऩय रगी हुई हैं। आॉखें नह ॊ –

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डडसटन-ससॊगर, होभ-ससॊगर औय ऩैट ससॊगर की रतर गोर-गोर योशनी!

स्जस खेत भें कयभत ने भछर कत सशकतय फकमत थत उसकी भेंड़ ऩय एक ढोटढमत-सतॉऩ फैठत थत। पों-पों कयतत बतगत। ...हद है! कुत्तत अबी तक फैठत उसकी यतह देख यहत थत! खशुी के भतये नतचने रगत कयभत को देख कय!

येरवे-हततत भें आ कय कयभत को रगत, फूढे ने उसको फनत कय ठग सरमत। तीन रुऩए की भोट -भोट भतॉगुय भछसरमतॉ एक चटुकी चडू़त झखरत कय, चतय खट्टी-भीठी फतत सुनत कय...।

...कयभत ने भछर की फतत अऩने ऩेट भें यख र । रेफकन फतफू तो ऩहरे से ह सफकुछ जतन रेनेवतरत - 'अगयजतनी' है। दो हतथ दयू से ह फोरे, 'कयभत, तुम्हतय देह से कच्ची भछर की फतस आती है। भछर रे आए हो?'

...कयभत क्मत जवतफ दे अफ? स्जॊदगी भें ऩहर फतय फकसी फतफू के सतथ उसने पवश्वतसघतत फकमत है। ...भछर देख कय फतफू जरुय नतचने रगते!

ऩॊद्रह टदन देखते देखते ह फीत गमत।

अबी, यतत की गतड़ी से टटसन के सतरटन-भतस्टय फतफू आए हैं - फतर फच्चों के सतथ। ऩॊद्रह टदन से चऩु पैसभर -क्वतटय भें कुहयतभ भचत है। बोय की गतड़ी से ह कयभत अऩने फतफू के सतथ हेड-क्वतटय रौट जतएगत।...इसके फतद भर्नहतय घतट?

...न ...आज यतत बी कयभत को नीॊद नह ॊ आएगी। नह ॊ, अफ वतर्नाश-चनुे की गॊध नह ॊ रगती।

...फतफू तो भजे से सो यहे हैं। फतफू, सचभुच भें गोऩतर फतफ ूजैसे हैं। न फकसी की जगह से र्तर-बय भोह, न यत्ती-बय भतमत। ...कयभत क्मत कये? ऐसत तो कबी नह ॊ हुआ। ...'एक टदन फपय आनत। अऩनत ह घय सभझनत। ...कुटुभ है... ऩेट-भतधोयतभ भदा!'

...अचतनक कयभत को एक अजीफ-सी गॊध रगी। वह उठत। फकधय से मह गॊध आ यह है? उसने धीये-से प्रेकटपतभा ऩतय फकमत। चऩुचतऩ सूॉघतत हुआ आगे फढतत गमत। ...येरवे-रतइन ऩय ऩैय ऩड़ते ह सबी ससॊगर - होभ, डडसटट औय ऩैट- जोय-जोय से बफगुर पूॉ कने रगे। ...पैसभर -क्वतटय से एक औयत चचल्रतने रगी - 'चो-ओ-ओ-य!' वह बतगत। एक इॊस्जन उसके ऩीछे-ऩीछे दौड़त आ यहत है। ...भगटहमत डोभ की छौंड़ी? ...तॊफू भें वह र्छऩ गमत। ...सयसर्तमत झखरझखरत

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कय हॉसती है। उसके झफये केश, फेनहतई हुई देह की गॊध, कयभत के प्रतण भें सभत गई। ...वह डय कय सयसर्तमत की गोद भें ...नह ॊ, उसकी फूढ भतॉ की गोद भें अऩनत भुॉह र्छऩततत है। ...येर औय जहतज के बोंऩे एक सतथ फजते हैं। ससॊगर की रतर-रतर योशनी...।

'कयभत, उठ! कयभत, सतभतन फतहय र्नकतरो!'

...कयभत एक गॊध के सभुद्र भें डूफत हुआ है। उसने उठ कय कुयतत ऩहनत। फतफू कत फक्सत फतहय र्नकतरत। ऩतनी-ऩतॉड़ ेने 'कहत-सुनत भतप कयनत' कहत। कयभत डूफ यहत!

...गतड़ी आई। फतफू गतड़ी भें फैठे। कयभत ने फक्सत चढत टदमत। ...वह 'सयवेंट-दजता' भें फैठेगत। फतफू ने ऩूछत, 'सफकुछ चढत टदमत तो? कुछ छूट तो नह ॊ गमत?'...नह ॊ, कुछ छूटत नह ॊ है। ...गतड़ी ने सीट द । कयभत ने देखत, प्रेतटपतभा ऩय फैठत हुआ कुत्तत उसकी ओय देख कय कूॉ -कूॉ कय यहत है। ...फेचनै हो गमत कुत्तत!

'फतफू?'

'क्मत है?'

'भैं नह ॊ जतऊॉ गत।' कयभत चरती गतड़ी से उतय गमत। धयती ऩय ऩैय यखते ह ठोकय रगी। रेफकन सॉबर गमत।

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