amogh shiv stotra
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Amogh Shiv Kavach can remove time of death.TRANSCRIPT
।।ौीगणशाय नम:।।
अमोघ िशव ःतोऽ
�विनयोगः- ॐ अःय ौीिशवकवचःतोऽमऽःय �ा ऋ�ष: अन"प छ%द :।
ौीसदािशव)िो दवता। , श-. त:। र क0लकम। ौी , .ली बीजम। ौीसदािशवी5यथ7
िशवकवचःतोऽजप �विनयोग:।
कर-%यास: - ॐ नमो भगवत 9वल99वालामािलन ॐ :ासव;श�<धा>न ईशाना5मन
अग@ाAया नम: । ॐ नमो भगवत 9वल99वालामािलन ॐ न Bर िन5यतिDधा>न
त5प)षा5मन तज;नीAया नम: । ॐ नमो भगवत 9वल99वालामािलन ॐ म )
अनाEदश-. तधा>न अघोरा5मन मFयामाAया नम: । ॐ नमो भगवत
9वल99वालामािलन ॐ िश रG ःवतऽश�<धा>न वामदवा5मन अनािमकाAया नम: ।
ॐ नमो भगवत 9वल99वालामािलन ॐ वारH अलDश�<धा>न सIो जाता5मन
किन�@काAया नम: । ॐ नमो भगवत 9वल99वालामािलन ॐयर: अनाEदश�<धा>न
सवा;5मन करतल करप@ाAया नम:।
॥ अथ Fयानम ॥
वळदL �ऽनयन कालकMठमBर%दमम ।
सहॐकरम5यम वद शभमपितम ॥ १ ॥
।।ऋषभ उवाच।।
अथापर सव;पराणगT िनश:षपापौघहर प�वऽम ।
जयद सव;�वप5मोचन वआयािम शव कवच Eहताय त ॥ २ ॥
नमःक5य महादव �व वZया�पनमी वरम।
वआय िशवमय वम; सव;र[ाकर नणाम ॥ ३ ॥
शचौ दश समासीनो यथाव5क-]पतासन: ।
-जत-%ियो -जताण- चतय-^छवमZययम ॥ ४ ॥
5पडर,क तरस-%न�व" ःवतजसा ZयाDनभोवकाशम ।
अतीEिय सआममनतताIFयाय5परानदमय महशम ॥ ५ ॥
Fयानावधता-खलकम;ब%ध चर िचतान%दिनमdनचता: ।
षड[र%याससमाEहता5मा शवन कया;5कवचन र[ाम ॥ ६ ॥
मा पात दवोऽ-खलदव5मा ससारकप पितत गभीर
त%नाम EदZय वरमऽमल धनोत म सव;मघ Eदःथम ॥ ७ ॥
सव;ऽमा र[त �व वमित;9यhितम;यानदघन- चदा5मा ।
अणोरणीयान)श-. तरक: स ई वर: पात भयादशषात ॥ ८ ॥
यो भःवjपण �बभkत �व व पाया5स भमिग;Bरशोऽ"मित;: ॥
योऽपाःवjपण नणा करोित सजीवन सोऽवत मा जलAय: ॥ ९ ॥
क]पावसान भवनािन दdFवा सवा;-ण यो न5यित भBरलील: ।
स काल)िोऽवत मा दवाdनवा;5याEदभीतर-खला^च तापात ॥ १० ॥
द,D�वI5कनकावभासो �वIावराभीित कठारपा-ण: ।
चतम;खःत5प)ष-nनऽ: ा^या -ःथत र[त मामजnम ॥ ११ ॥
कठारवदाकशपाशशलकपालढ.का[गणान दधान : ।
चतम;खोनील)िच-nनऽ: पायादघोरो Eदिश द-[णःयाम ॥ १२ ॥
कदpदशखःफEटकावभासो वदा[माला वरदाभयाक : ।
sय[ चतव;ब उ)भाव: सIोिधजातोऽवःत मा ती^याम ॥ १३ ॥
वरा[मालाभयटकहःत: सरोज Eकज]कसमानवण;: ।
�ऽलोचन चा)चतम;खो मा पायादद,^या Eदिश वामदव : ॥ १४ ॥
वदाAय"ाकशपाश टककपालढ.का[कशलपा-ण: ॥
िसतIित: पचमखोऽवता%मामीशान ऊFवv परमकाश: ॥ १५ ॥
मधा;नमZया%मम चिमौिलभा;ल ममाZयादथ भालनऽ: ।
नऽ ममा Zयाwगनऽहार, नासा सदा र[त �व वनाथ: ॥ १६ ॥
पाया^ल ती म ौितगीतक0ित;: कपोलमZया5सतत कपाली ।
वब सदा र[त पचवबो -जyा सदा र[त वद-जy: ॥ १७ ॥
कठ िगर,शोऽवत नीलकMठ: पा-ण: zय पात: �पनाकपा-ण: ।
दोम;लमZया%मम धम;वाहव;[ :ःथल द[मखातकोऽZयात ॥ १८ ॥
मनोदर पात िगर,िध%वा मFय ममाZया%मदनातकार, ।
हरबतातो मम पात नािभ पाया5कEट धज;Eटर, वरो म ॥ १९ ॥
ऊ)zय पात कबरिमऽो जानzय म जगद, वरोऽZयात ।
जघायगपगवकत{यातपादौ ममाZय5सरवIपाद: ॥ २० ॥
मह वर: पात EदनाEदयाम मा मFययामऽवत वामदव: ॥
�ऽलोचन: पात ततीययाम वषFवज: पात Eदना5ययाम ॥ २१ ॥
पाया-%नशादौ शिशशखरो मा गगाधरो र[त मा िनशीथ ।
गौर, पित: पात िनशावसान म5यजयो र[त सव;कालम ॥ २२ ॥
अ%त:-ःथत र[त शकरो मा ःथाण: सदापात बEह: -ःथत माम ।
तदतर पात पित: पशना सदािशवोर[त मा समतात ॥ २३ ॥
ित@तमZया| भवनकनाथ: पाया| ोजत थमािधनाथ: ।
वदातवIोऽवत मा िनषMण मामZयय: पात िशव: शयानम ॥ २४ ॥
माग7ष मा र[त नीलकठ: शलाEददग7ष परऽयाBर : ।
अरMयवासाEदमहावास पाया%मगZयाध उदारश�<: ॥ २५ ॥
क]पातकोटोपपटकोप -ःफटा~टहासो^चिलताडकोश: ।
घोराBरसनण;वदिन;वारमहाभयाि[त वीरभि : ॥ २६ ॥
प�य वमातगघटावjथसहॐल[ायतकोEटभीषणम ।
अ[ौEहणीना शतमातताियना िछIा%मडोघोर कठार धारया २७ ॥
िनहत दःय%लयानलािच;9व;ल�ऽशल �ऽपरातकःय ।
शाद;ल िसह[;वकाEदEहॐा%सऽासय5वीशधन : �पनाक: ॥ २८ ॥
द:ःव�नद:शकनदग;ितदौम;नःयद;िभ;[दZय;सनद :सहदय;शािस ।
उ5पातताप�वषभीितमस| महाित; Zयाधी च नाशयत म जगतामधीश: ॥ २९ ॥
ॐ नमो भगवत सदािशवाय सकलत�वा5मकाय सव;मऽःवjपाय सव;यऽािध�@ताय
सव;तऽःवjपाय सव;�व�वदराय �)िावताBरण नीलकठाय पाव;तीमनोहर�याय
सोमसया;-dनलोचनाय भःमो| धिलत�वमहाय महाम-णमकटधारणाय मा-ण.यभषणाय
स�"-ःथितलयकालरौिावताराय द[ाFवरFवसकाय महाकालभदनाय मलाधारकिनलयाय
त�वातीताय गगाधराय सव;दवािधदवाय षडाौयाय वदातसाराय
�ऽवग;साधनायानतकोEट�ाMडनायकायानतवासEकत[कककhटक� खकिलक
प�महाप�5य"महानागकलभषणायणवःवjपाय िचदाकाशाय
आकाशEद.ःवjपायमहन[ऽमािलन सकलाय कलकरEहताय सकललोककऽ7
सकललोककभऽ7 सकललोककसहऽ7 सकललोककगरव सकललोककसा-[ण
सकलिनगमगTाय सकल वदा%तपारगाय सकललोककवरदाय सकलकोलोककशकराय
शशाकशखराय शा वतिनजावासाय िनराभासाय िनरामयाय िनम;लाय िनलhभाय िनम;दाय
िन- चताय िनरहकाराय िनरकशाय िनकलकाय िनग;णाय िनकामाय िन)प�लवाय
िनरवIाय िनरतराय िनकारणाय िनरतकाय िनपचाय िन:सगाय िनzvzाय िनराधाराय
नीरागाय िनबोधाय िनम;लाय िनपापाय िनभ;याय िन�व;क]पाय िनभ7दाय िन-बयय
िनःतलाय िन:सशयाय िनरजनाय िन)पम�वभवायिन5यश�ब �
पBरपण;स-^चदानदाzयाय परमशातःवjपाय तजोjपाय तजोमयाय जय जय
)िमहारौिभिावतार महाभरव कालभरव क]पातभरव कपालमालाधर
ख~ वागख�गचम;पाशाकशडम)शलचापबाणगदाश-. तिभEदपालतोमरमसलम� गरपाशपBरघ
भशMड,शत�नीचबाIायधभीषणकरसहॐमखदLाकरालवदन�वकटा~टहास�वःफाBरत�ाडम
डल नागpिकडल नागpिहार नाग%िवलय नागpिचम;धरमयजय sयबकपरातक �व वjप
�वjपा[ �व व�र वषभवाहन �वष�वभषण �व वतोमख सव;तो र[ र[ मा 9वल 9वल
महाम5यमपम5यभय नाशयनाशयचोरभयम5सादयो5सादय �वषसप;भय शमय शमय
चोरा%मारय मारय ममशमन^चा~यो^चाटय�ऽशलन�वदारय कठारणिभिधिभभिध ख� गन
िछिध िछिध ख~ वागन �वपोथय �वपोथय मसलन िनपषय िनपषय वाण: सताडय
सताडय र[ािस भीषय भीषयशषभतािन िनिावय कमाडवतालमार,च
�रा[सगणान सऽासय सऽासय ममाभय क) क) �वऽःत मामा वासया वासय
नरकमहाभया%माम�रसजीवय सजीवय[�� Aया मामा�याय-आ�याय द:खातर
मामान%दयान%दयिशवकवचन मामा^छादया^छादयम5यजय sयबक सदािशव नमःत
नमःत नमःत।
।। ऋषभ उवाच ।।
इ5यत5कवच शव वरद Zयात मया ॥
सव;ब ाधाशमन रहःय सव;दEहनाम ॥ ३० ॥
य: सदा धारय%म5य;: शव कवचम�मम ।
न तःय जायत .वा�प भय शभोरनमहात ॥ ३१ ॥
[ीणायअ:ाDम5यवा; महारोगहतोऽ�प वा ॥
सI: सखमवा�नोित द,घ;माय च�वदित ॥ ३२ ॥
सव;दाBर�य शमन सौमग]य�ववध;नम ।
यो ध� कवच शव सदवर�प प9यत ॥ ३३ ॥
महापातकसघातम; यत चोपपातक: ।
दहात म-. तमा�नोित िशववमा;नभावत: ॥ ३४ ॥
5वम�प ौ�या व5स शव कवचम�मम
धारयःव मया द� सI: ौयो Tवा�ःयिस ॥ ३५ ॥
॥ सत उवाच ॥
इ5य.5वाऋषभो योगी तःम पािथ;वसनव ।
ददौ शख महाराव ख�ग चाBरिनषदनम ॥ ३६ ॥
पन च भःम समsय तदग पBरतोऽःपशत ।
गजाना ष~ सहॐःय Ezगणःय बल ददौ । ३७ ॥
भःमभावा5साDबल�य;धितःमित: ।
स राजपऽ: शशभ शरदक; इव िौया ॥ ३८ ॥
तमाह ाजिल भय: स योगी नपनदनम ।
एष ख� गो मया द�ःतपोमऽानभा�वत: ॥ ३९ ॥
िशतधारिममख�ग यःम दश;यस ःफटम ।
स सIो ियतशऽ: सा[ा%म5यर�प ःवयम ॥ ४० ॥
अःय शखःय िन:ा;द य ौMवित तवाEहता: ।
त म-^छ;ता: पितयित %यःतशnा �वचतना: ॥ ४१ ॥
ख� गशखा�वमौ EदZयौ परस%य िनवािशनौ ।
आ5मस%यःयप[ाणा शौय;तजो�ववध;नो ॥ ४२ ॥
एतयो च भावण शवन कवचन च ।
Ezष~ सहnनागाना बलन महता�प च ॥ ४३ ॥
भःमधारणसाम�या; छऽस%य �वजयिस ।
ा�य िसहासन �पsय गोDािस पिथवीिममाम ॥ ४४ ॥
इित भिायष स>यगनशाःय समातकम ।
ताAया प -जत: सोऽथ योगी ःवरगितय;यौ ॥ ४५ ॥
।।इित ौीःकदप राण एकाशीितसाहnया ततीय �ो�रखMड अमोघ-िशव-कवच समाDम
।।