7 एक ररपोर्ट - dgll.nic.in¤¹िंदी... · हिन्दी कॐ ......

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हहिंदी पखवाडा समारोह 2017 - एक ररपोर्ट

हिन्दी के ऐतििासिक अविर को याद करने एवं देश में हिन्दी भाषा की मित्ता को प्रदसशिि करने के सिये दीपस्िंभ और दीपपोि मिातनदेशािय एवं अधीनस्थ तनदेशाियों में हिन्दी पखवाडा मनाया जािा िै । वषि 2017 में हदनाकं 1-14 सििंबर िक दीपस्िंभ और दीपपोि मिातनदेशािय, नोएडा में हिन्दी पखवाडा मनाया गया । ज्ञािव्य िै कक वषि 1949 में 14 सििंबर को िंवैधातनक िभा के द्वारा आधधकाररक भाषा के रुप में देवनागरी सिपी में सिखी हिन्दी को स्वीकृि ककया गया था ।

भारि में हिन्दी भाषा का बडा इतििाि िै जो इंडों-यूरोपपयन भाषा पररवार के इंडों-आयिन शाखा िे िंबंध रखिा िै । भारि की िरकार ने देश की आजादी के बाद मािभृाषा को आदिश के अनुरुप बनाने के सिये एक िक्ष्य बनाया अथािि हिन्दी भाषा को व्याकरण और वििनीयुक्ि करन ेका िक्ष्य । इिे भारि के अिावा मॉरीशि, पाककस्िान, िुरीनाम, त्रितनदाद और कुछ दिूरे देशों में भी बोिी जािी िै । इिे 258 समिीयन िोगों द्वारा मािभृाषा के रुप में बोिी जािी िै । 14 सििंबर 1949 को हिदंी भाषा (देवनागरी सिपप में सिखखि) भारि गणराज्य की आधधकाररक भाषा के रूप में अपनाई गई थी । हिदंी भाषा को भारि की आधधकाररक भाषा के रूप में उपयोग करने का तनणिय भारि के िंपवधान द्वारा (जो 1950 में 26 जनवरी को प्रभाव में आया िै) वैध ककया गया था । भारिीय िंपवधान के अनुिार, देवनागरी सिपप में सिखखि हिन्दी भाषा को पििे भारि की आधधकाररक भाषा के रूप में अनुच्छेद 343 के ििि अपनाया गया था ।

मिातनदेशािय में 1-14 सििंबर िक आयोजजि पखवाड ेके दौरान हिदंी भाषी एवं हिदंीत्तर भाषी कसमियों िेिु पथृक रूप िे पवसभन्न प्रतियोधगिाएँ आयोजजि की गई । नामिः हिदंी तनबंध, हिप्पण आिेखन, अनुवाद, हिदंी वाद-पववाद, प्रश्नोत्तरी । प्रतियोधगिाओ ं में मिातनदेशािय के िभी कसमियों ने भाग सिया । पवजेिा कसमियों को िमापन िमारोि के हदन प्रमाण पि एवं नकद पुरस्कार िे िम्मातनि ककया गया ।

हदनांक 1 सििंबर 2017 प्रािः 9.30 बजे, श्री जिवंिसििं चौिान, मिातनदेशक द्वारा दीप-प्रज्ज्विन एवं माननीय गिृ मंिी का हिदंी हदवि के उपिक्ष्य पर जारी िंदेश के वाचन िे िुआ । ित्पश्चाि मिातनदेशािय के कसमियों के सिए तनबंध प्रतियोधगिा िे पखवाड ेका शुभारंभ ककया गया ।

पखवाड ेका िमापन िमारोि 14 सििंबर, 2017 को िंपन्न िुआ । िमापन िमारोि का आरंभ मिातनदेशािय के ििायक तनदेशक(राजभाषा) के स्वागि भाषण िे िुआ । अपने भाषण में उन्िोंने किा कक राजभाषा पवभाग द्वारा जारी वापषिक कायिक्रम के िक्ष्यों को प्राप्ि करने के सिए िभी कमिचाररयों को अपना योगदान देना िोगा । ित्पश्चाि उन्िोंने हिन्दी पखवाड े की िंक्षिप्ि ररपोिि प्रस्िुि की । िमारोि की अध्यििा मिातनदेशक श्री जिवंि सििं चौिान ने की ।

श्री डी.के.सिन्िा, उप मिातनदेशक ने अपने भाषण में किा कक मेरा अपना नारा “िर

हदवि हिदंी हदवि” िै । आगे उन्िोंने किा कक हिदंी भाषा एक दिूरे के िाथ बािचीि करने के सिए बिुि आिान और िरि िाधन प्रदान करिी िै । यि पवपवध भारि को एकजुि करने में एक मित्वपूणि भूसमका तनभािी िै इिसिये इि ेिंपकि भाषा मानी जािी िै । िर िाि हिदंी को िम्मान देने और इिके मित्व को अगिी पीढी को िस्िान्िररि करने के सिये हिदंी हदवि बिुि बड े कायिक्रम के रूप में मनाया जािा िै इि सिये निीं कक यि िमारी राजभाषा िै बजकक इिसिये भी, कक यि िमारी माि ृ भाषा िै जजिका िमें िम्मान करना चाहिये । िमें िमारी राजभाषा पर गवि करना चाहिये और हिन्दी बोििे िमय कभी भी हिचककचािि मििूि निीं करना चाहिये । आजकि िभी कायि िेिों में अगें्रजी की बढिी िोकपप्रयिा के कारण िोग अगें्रजी को हिन्दी िे अधधक पिन्द करिे िैं । इि अवस्था में, हिन्दी हदवि का वापषिकोत्िव पवभाग के कसमियों को गौरवांपवि मििूि करािा िै कक एक हदन अपनी राजभाषा के सिये भी िमपपिि िै ।

अपने अध्यिीय भाषण में श्री जिवंि सििं चौिान, मिातनदेशक मिोदय ने भाषा के

मित्व पर प्रकाश डाििे िुए किा कक िम िभी को हिन्दी में अपने कायािियीन कायि में बढोिरी करने की आवश्यकिा िै । जो अभी कर रिे िैं उिे आगे बढाए और जो हिदंी में अधधक कायि निीं कर रिे िैं व ेअधधक िे अधधक कायि करें, एक बार शुरु करेंगे िो कायि अपने आप गति पकडगेा । उन्िोंने आगे किा कक हिन्दी िमारी माि ृभाषा िै और िमें इिका आदर और िम्मान करना चाहिये । देश में िकनीकी और आधथिक िमदृ्धध के एक िाथ पवकाि के कारण, हिन्दी ने किीं ना किीं अपना मित्ता खो दी िै । प्रत्येक िेि में िफििा पाने के सिये िर कोई अगें्रजी को बोिना और िीखना चाििा िै और इिी प्रकार की माँग भी िै । िािाककं, िमें अपनी माि ृभाषा को निीं छोडना चाहिये और इिमें भी रुधच िेनी चाहिये और िफि िोने के िाथ िाथ अन्य आवश्यकिाओं की पूति ि के सिये दोनों का ज्ञान एक िाथ िोना चाहिए । ककिी भी देश की भाषा और िंस्कृति ककिी भी देश में िोगों को िोगों िे जोड ेरखने में बिुि मित्वपूणि भूसमका अदा करिी िै ।

अिं में मिातनदेशक मिोदय ने उपजस्थि अधधकाररयों एवं कमिचाररयों का आभार व्यक्ि कर प्रतियोधगिाओ ं के पवजेिाओं को बधाई दी िथा आशा व्यक्ि की कक मिातनदेशािय के िमाम अधधकारी एवं कमिचारी पूरे वषि अपना िरकारी कायि हिदंी में िी करेंगे । इिके उपरांि श्री िरबजीि सििं, कतनष्ठ अनुवादक के धन्यवाद ज्ञापन िे कायिक्रम को िमाप्ि घोपषि ककया गया ।

श्री जे.एि.चौिान, मिातनदेशक द्वारा दीप प्रज्ज्विन

श्री डी.के.सिन्िा, उप मिातनदेशक द्वारा दीप प्रज्ज्विन

श्री जे.एि.चौिान, मिातनदेशक द्वारा उद्बोधन

श्री के.पवजय कुमार, ििायक तनदेशक(राजभाषा) द्वारा कायिक्रम रूपरेखा की प्रस्िुति

श्री जे.एि.चौिान, मिातनदेशक द्वारा पुरस्कार व प्रमाण पि प्रदानगी

श्री जे.एि.चौिान, मिातनदेशक द्वारा पुरस्कार व प्रमाण पि प्रदानगी

श्री डी.के.सिन्िा , उप मिातनदेशक द्वारा पुरस्कार व प्रमाण पि प्रदानगी

श्री डी.के.सिन्िा , उप मिातनदेशक द्वारा पुरस्कार व प्रमाण पि प्रदानगी

श्री बी.एि.जिवाि, तनदेशक द्वारा पुरस्कार व प्रमाण पि प्रदानगी

श्री बी.एि.जिवाि, तनदेशक द्वारा पुरस्कार व प्रमाण पि प्रदानगी

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