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स�ंा और सव�नाम
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स�ंा(Noun)क� प�रभाषास�ंा उस �वकारी श�द को कहत हे,ै �जसस �ेकसी �वशषे व�त,ु भावऔर जीव के नाम का बोध हो, उस से�ंा कहत हे।ै
�सर शे�द� म�- �कसी �ाणी, व�त,ु �थान, गणु या भाव के नाम कोस�ंा कहत हे।ै
जसै-े �ा�णय� नाम-मोर, घोड़ा, अ�नल, �करण, जवाहरलाल नहे�आ�द।
व�तओु के नाम- अनार, र�ेडयो, �कताब, स��क, आ�द।
�थान� के नाम- कुतबुमीनार, नगर, भारत, मरेठ आ�द
भाव� के नाम- वीरता, बढ़ुापा, �मठास आ�द
यहा 'ँव�त'ु श�द का �योग �ापक अथ� म��आ ह,ै जो केवल वाणीऔर पदाथ� का वाचक नह�, वरन उनके धम� का भी सचूक ह।ै
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साधारण अथ� म�'व�त'ु का �योग इस अथ� म�नह� होता। अतः व�तुके अ�तग�त �ाणी, पदाथ� और धम� आत हे�। इ�ह� के आधार पर स�ंाके भदे �कय गेय हे�।
स�ंा के भदे
स�ंा के पाचँ भदे होत हे-ै
(1)���वाचक (proper noun )
(2) जा�तवाचक (common noun)
(3)भाववाचक (abstract noun)
(4)समहूवाचक (collective noun)
(5)��्वाचक (material noun)
(1)���वाचक स�ंा :- �जस श�द स �ेकसी �वशषे ���, व�त युा�थान के नाम का बोध हो उस �े��वाचक स�ंा कहत हे�।
जसै-े
��� का नाम-रवीना, सो�नया गाधँी, �याम, ह�र, सरुशे, स�चनआ�द।
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व�त कुा नाम- कार, टाटा चाय, कुरान, गीता रामायण आ�द।
�थान का नाम-ताजमहल, कुतबुमीनार, जयपरु आ�द।
�दशा� के नाम- उ�र, प��चम, द��ण, पवू�।
दशे� के नाम- भारत, जापान, अम�ेरका, पा�क�तान, बमा�।
रा�ीय जा�तय� के नाम- भारतीय, �सी, अम�ेरक�।
सम�ु� के नाम- काला सागर, भमू�य सागर, �ह�द महासागर, �शा�तमहासागर।
न�दय� के नाम- गगंा, ��प�ु, बो�गा, कृ�णा, कावरेी, �स�ध।ु
पव�त� के नाम- �हमालय, �व��याचल, अलकन�दा, कराकोरम।
नगर�, चौक� और सड़क� के नाम- वाराणसी, गया, चादँनी चौक,
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ह�रसन रोड, अशोक माग�।
प�ुतक� तथा समाचारप�� के नाम- रामच�रतमानस, ऋ�वदे, धम�यगु,इ��डयन नशेन, आया�वत�।
ऐ�तहा�सक य�ु� और घटना� के नाम- पानीपत क� पहली लड़ाई,�सपाही-�व�ोह, अ�ूबर-�ा��त।
�दन�, महीन� के नाम- मई, अ�ूबर, जलुाई, सोमवार, मगंलवार।
�योहार�, उ�सव� के नाम- होली, द�वाली, र�ाब�धन, �वजयादशमी।
(2) जा�तवाचक स�ंा :- �जस श�द स �ेकसी जा�त के सभी �ा�णय�या �दाथ� का बोध होता ह,ै उस जेा�तवाचक स�ंा कहत हे।ै
जसै-े लड़का, पश-ुप�य�, व�त,ु नद�, मन�ुय, पहाड़ आ�द।
'लड़का' स रेाजशे, सतीश, �दनशे आ�द सभी 'लड़क� का बोध होताह।ै
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'पश-ुप�य�' स गेाय, घोड़ा, कु�ा आ�द सभी जा�त का बोध होता ह।ै
'व�त'ु स मेकान कुस�, प�ुतक, कलम आ�द का बोध होता ह।ै
'नद�' स गेगंा यमनुा, कावरेी आ�द सभी न�दय� का बोध होता ह।ै
'मन�ुय' कहन से सेसंार क� मन�ुय-जा�त का बोध होता ह।ै
'पहाड़' कहन से सेसंार के सभी पहाड़� का बोध होता ह�।
(3)भाववाचक स�ंा :- �जन श�द� स �ेकसी �ाणी या पदाथ� के गणु,भाव, �वभाव या अव�था का बोध होता ह,ै उ�ह�भाववाचक स�ंाकहत हे�।
जसै-े उ�साह, ईमानदारी, बचपन, आ�द । इन उदाहरण� म�'उ�साह'सेमन का भाव ह।ै 'ईमानदारी' स गेणु का बोध होता ह।ै 'बचपन' जीवनक� एक अव�था या दशा को बताता ह।ै अतः उ�साह, ईमानदारी,बचपन, आ�द श�द भाववाचक स�ंाए ह�।
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हर पदाथ� का धम� होता ह।ै पानी म�शीतलता, आग म�गम�, मन�ुय म�दवे�व और पश�ुव इ�या�द का होना आव�यक ह।ै पदाथ� का गणु याधम� पदाथ� स अेलग नह� रह सकता। घोड़ा ह,ै तो उसम बेल ह,ै वगे हैऔर आकार भी ह।ै ���वाचक स�ंा क� तरह भाववाचक स�ंा सेभी �कसी एक ही भाव का बोध होता ह।ै 'धम�, गणु, अथ�' और 'भाव'�ायः पया�यवाची श�द ह�। इस स�ंा का अनभुव हमारी इ���य� कोहोता ह औैर �ायः इसका ब�वचन नह� होता।
भाववाचक स�ंा� का �नमा�ण
भाववाचक स�ंा� का �नमा�ण जा�तवाचक स�ंा, �वशषेण, ��या,सव�नाम और अ�य म���यय लगाकर होता ह।ै उदाहरण-
(1) जा�तवाचक स�ंा स भेाववाचक स�ंा के कुछ उदाहरण
��ी- (��ी�व) भाई- (भाईचारा)
मन�ुय- (मन�ुयता) प�ुष- (प�ुष�व, पौ�ष)
शा��- (शा��ीयता) जा�त- (जातीयता)
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पश-ु (पशतुा) ब�चा- (बचपन)
दनजु- (दनजुता) नारी-(नारी�व)
पा�- (पा�ता) बढूा- (बढ़ुापा)
लड़का- लड़कपन। �म�- �म�ता
दास- दास�व प��डत- प��डताई
अ�यापक-अ�यापन सवेक- सवेा
(2) �वशषेण स भेाववाचक स�ंा के उदाहरण
लघ-ु (लघतुा, लघ�ुव, लाघव) वीर- (वीरता, वीर�व)
एक- (एकता, एक�व) चालाक- (चालाक�)
ख�ा- (खटाई) गरीब- (गरीबी)
गवँार- (गवँारपन) पागल- (पागलपन)
बढूा- (बढ़ुापा) मोटा- (मोटापा)
नवाब- (नवाबी) द�न- (द�नता, द�ैय)
बड़ा- (बड़ाई) सुंदर- (स�दय�, सुंदरता)
भला- (भलाई) बरुा- (बरुाई)
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ढ�ठ- (�ढठाई) चौड़ा- (चौड़ाई)
लाल- (लाली, ला�लमा) बईेमान- (बईेमानी)
सरल- (सरलता, सार�य) आव�यकता- (आव�यकता)
प�र�मी- (प�र�म) अ�छा- (अ�छाई)
गभंीर- (गभंीरता, गाभंीय�) स�य- (स�यता)
�प�- (�प�ता) भावकु- (भावकुता)
अ�धक- (अ�धकता, आ�ध�य) गम�-गम�
सद�- सद� कठोर- कठोरता
मीठा- �मठास चतरु- चतरुाई
सफेद- सफेद� ��े- ��ेता
मखू�-मखू�ता रा�ीय रा�ीयता
(3) ��या स भेाववाचक स�ंा के उदाहरण
खोजना- (खोज) सीना- (�सलाई)
जीतना- (जीत) रोना- (�लाई)
लड़ना- (लड़ाई) पढ़ना- (पढ़ाई)
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चलना- (चाल, चलन) पीटना- (�पटाई)
दखेना- (�दखावा, �दखावट) समझना- (समझ)
स�चना- (�स�चाई) पड़ना- (पड़ाव)
पहनना- (पहनावा) चमकना- (चमक)
लटूना- (लटू) जोड़ना- (जोड़)
घटना- (घटाव) नाचना- (नाच)
बोलना- (बोल) पजूना- (पजून)
झलूना- (झलूा) जोतना- (जतुाई)
कमाना- (कमाई) बचना- (बचाव)
�कना- (�कावट) बनना- (बनावट)
�मलना- (�मलावट) बलुाना- (बलुावा)
भलूना- (भलू) छापना-(छापा, छपाई)
बठैना- (बठैक, बठैक�) बढ़ना- (बाढ़)
घरेना- (घरेा) छ�कना- (छ�क)
�फसलना- (�फसलन) खपना- (खपत)
रगँना- रगँाई, रगंत मसुकाना- (मसुकान)
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उड़ना- (उड़ान) घबराना- घबराहट
मड़ुना- (मोड़) सजाना- सजावट
चढ़ना- चढाई। बहना- बहाव
मारना- मार दौड़ना- दौड़
�गरना- �गरावट कूदना- कूद
(4) स�ंा स �ेवशषेण के उदाहरण
अतं- (अ�ंतम, अ�ंय) अथ�- (आ�थ�क)
अव�य- (आव�यक) अशं- (आ�ंशक)
अ�भमान- (अ�भमानी) अनभुव- (अनभुवी)
इ�छा- (ऐ��छक) इ�तहास- (ऐ�तहा�सक)
ई�वर- (ई�वरीय) उपज- (उपजाऊ)
उ��त- (उ�त) कृपा- (कृपाल)ु
काम- (कामी, कामकु) काल- (कालीन)
कुल-(कुलीन) क��- (क���य)
�म- (��मक) कागज- (कागजी)
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�कताब- (�कताबी) काटँा- (कँट�ला)
कंकड़- (कंकड़ीला) कमाई- (कमाऊ)
�ोध- (�ोधी) आवास- (आवासीय)
आसमान- (आसमानी) आय-ु (आय�ुमान)
आ�द- (आ�दम) अ�ान- (अ�ानी)
अपराध- (अपराधी) चाचा- (चचरेा)
जवाब- (जवाबी) जहर- (जहरीला)
जा�त- (जातीय) जगंल- (जगंली)
झगड़ा- (झगड़ाल)ू ताल-ु (ताल�)
तले- (तलेहा) दशे- (दशेी)
दान- (दानी) �दन- (द�ैनक)
दया- (दयाल)ु दद�- (दद�नाक)
�ध- (��धया, �धार) धन- (धनी, धनवान)
धम�- (धा�म�क) नी�त- (न�ैतक)
खपड़ा- (खपड़लै) खले-(खलेाड़ी)
खच�-(खच�ला) खनू- (खनूी)
गावँ- (गवँा�, गवँार) गठन- (गठ�ला)
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गणु- (गणुी, गणुवान) घर- (घरले)ू
घमडं- (घमडंी) घाव- (घायल)
चनुाव- (च�ुन�दा, चनुावी) चार- (चौथा)
प��चम- (प��चमी) पवू�- (पवू�)
पटे- (पटे)ू �यार- (�यारा)
�यास- (�यासा) पश-ु (पाश�वक)
प�ुतक- (प�ुतक�य) परुाण- (पौरा�णक)
�माण- (�मा�णक) �कृ�त- (�ाकृ�तक)
�पता- (पतैकृ) �ातं- (�ातंीय)
बालक- (बालक�य) बफ� - (बफ�ला)
�म- (�ामक, �ातं) भोजन- (भो�य)
भगूोल- (भौगो�लक) भारत- (भारतीय)
मन- (मान�सक) मास- (मा�सक)
माह- (माहवारी) माता- (मातकृ)
मखु- (मौ�खक) नगर- (नाग�रक)
�नयम- (�नय�मत) नाम- (नामी, नामक)
�न�चय- (�न��चत) �याय- (�यायी)
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नौ- (ना�वक) नमक- (नमक�न)
पाठ- (पा�) पजूा- (प�ूय, प�ूजत)
पीड़ा- (पी�ड़त) प�थर- (पथरीला)
पहाड़- (पहाड़ी) रोग- (रोगी)
रा�- (रा�ीय) रस- (र�सक)
लोक- (लौ�कक) लोभ- (लोभी)
वदे- (व�ैदक) वष�- (वा�ष�क)
�ापर- (�ापा�रक) �वष- (�वषलैा)
�व�तार- (�व�ततृ) �ववाह- (ववैा�हक)
�व�ान- (व�ैा�नक) �वलास- (�वलासी)
�व�ण-ु (व�ैणव) शरीर- (शारी�रक)
शा��- (शा��ीय) सा�ह�य- (सा�ह��यक)
समय- (साम�यक) �वभाव- (�वाभा�वक)
�स�ातं- (स�ैा�ंतक) �वाथ�- (�वाथ�)
�वा��य- (�व�थ) �वण�- (�व�ण�म)
मामा- (ममरेा) मद�- (मदा�ना)
मलै- (मलैा) मध-ु (मधरु)
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रगं- (रगंीन, रगँीला) रोज- (रोजाना)
साल- (सालाना) सखु-(सखुी)
समाज- (सामा�जक) ससंार- (सासंा�रक)
�वग�- (�वग�य, �व�ग�क) स�ताह- (स�ता�हक)
सम�ु- (साम�ु�क, सम�ु�) स�ंपे- (स�ं��त)
सरु- (सरुीला) सोना- (सनुहरा)
�ण- (��णक) हवा- (हवाई)
(5) ��या स �ेवशषेण के उदाहरण
लड़ना- (लड़ाकू) भागना- (भगोड़ा)
अड़ना- (अ�ड़यल) दखेना- (�दखाऊ)
लटूना- (लटुरेा) भलूना- (भलु�कड़)
पीना- (�पय�कड़) तरैना- (तरैाक)
जड़ना- (जड़ाऊ) गाना- (गवयैा)
पालना- (पालत)ू झगड़ना- (झगड़ाल)ू
�टकना- (�टकाऊ) चाटना- (चटोर)
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�बकना- (�बकाऊ) पकना- (पका)
(6) सव�नाम स भेाववाचक स�ंा
अपना- अपनापन अपनाव;
मम- ममता मम�व;
�नज- �नज�व;
पराया स पेरायापन इ�या�द।
(7) ��या �वशषेण स भेाववाचक स�ंा
म�द- म�द�;
�र- �री;
ती�- ती�ता;
शी�- शी�ता इ�या�द।
(8) अ�य स भेाववाचक स�ंा
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पर�पर- पार�पय�;
समीप- सामी�य;
�नकट- नकै�;
शाबाश- शाबाशी;
वाहवाह; वाहवाही इ�या�द।
(4)समहूवाचक स�ंा :- �जस स�ंा श�द स वे�तअु� के समहू यासमदुाय का बोध हो, उस सेमहूवाचक स�ंा कहत हे।ै
जसै-े ���य� का समहू- भीड़, जनता, सभा, क�ा; व�त�ु कासमहू- ग�ुछा, कुंज, म�डल, घौद।
(5)��्वाचक स�ंा :- �जस स�ंा स नेाप-तौलवाली व�त कुा बोध हो,उस �े�्वाचक स�ंा कहत हे।ै
�सर शे�द� म�- �जन स�ंा श�द� स �ेकसी धात,ु �व या पदाथ� का बोधहो, उ�ह���्वाचक स�ंा कहत हे।ै
जसै-े ता�बा, पीतल, चावल, घी, तले, सोना, लोहा आ�द।
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स�ंा� का �योग
स�ंा� के �योग म�कभी-कभी उलटफेर भी हो जाया करता ह।ै कुछउदाहरण यहा �ँदय जेा रह हे-ै
(क) जा�तवाचक : ���वाचक- कभी- कभी जा�तवाचक स�ंा�का �योग ���वाचक स�ंा� म�होता ह।ै जसै-े 'परुी' सेजग�ाथपरुी का 'दवेी' स �ेगा� का, 'दाऊ' स केृ�ण के भाई बलदवे का,'सवंत'् स �ेव�मी सवंत क्ा, 'भारत�े�' स बेाब हू�र�च�� का और'गो�वामी' स तेलुसीदासजी का बोध होता ह।ै इसी तरह ब�त-सीयोग�ढ़ स�ंाए मँलू �प स जेा�तवाचक होत �ेए भी �योग म����वाचक के अथ� म�चली आती ह�। जसै-े गणशे, हनमुान, �हमालय,गोपाल इ�या�द।
(ख) ���वाचक : जा�तवाचक- कभी-कभी ���वाचक स�ंा का�योग जा�तवाचक (अनके ���य� के अथ�) म�होता ह।ै ऐसा �कसी��� का असाधारण गणु या धम� �दखान केे �लए �कया जाता ह।ैऐसी अव�था म����वाचक स�ंा जा�तवाचक स�ंा म�बदल जातीह।ै जसै-े गाधँी अपन सेमय के कृ�ण थ;े यशोदा हमार घेर क� ल�मी ह;ैतमु क�लयगु के भीम हो इ�या�द।
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(ग) भाववाचक : जा�तवाचक- कभी-कभी भाववाचक स�ंा का�योग जा�तवाचक स�ंा म�होता ह।ै उदाहरणाथ�- य सेब कैस अे�छेपहराव हे।ै यहा 'ँपहरावा' भाववाचक स�ंा ह,ै �क�त �ुयोगजा�तवाचक स�ंा म��आ। 'पहराव'े स 'ेपहनन केे व��' का बोध होताह।ै
स�ंा के �पा�तर (�ल�ग, वचन और कारक म�स�ब�ध)
स�ंा �वकारी श�द ह।ै �वकार श�द�प� को प�रव�त�त अथवा�पा�त�रत करता ह।ै स�ंा के �प �ल�ग, वचन और कारक �च��(परसग�) के कारण बदलत हे�।
�ल�ग के अनसुार
नर खाता ह-ै नारी खाती ह।ै
लड़का खाता ह-ै लड़क� खाती ह।ै
इन वा�य� म�'नर' पुं�ल�ग ह औैर 'नारी' ��ी�ल�ग। 'लड़का' पुं�ल�ग हैऔर 'लड़क�' ��ी�ल�ग। इस �कार, �ल�ग के आधार पर स�ंा� का�पा�तर होता ह।ै
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वचन के अनसुार
लड़का खाता ह-ै लड़के खात हे�।
लड़क� खाती ह-ै लड़�कया खँाती ह�।
एक लड़का जा रहा ह-ै तीन लड़के जा रह हे�।
इन वा�य� म�'लड़का' श�द एक के �लए आया ह औैर 'लड़के' एक सेअ�धक के �लए। 'लड़क�' एक के �लए और 'लड़�कया'ँ एक स अे�धकके �लए �व�त �आ ह।ै यहा सँ�ंा के �पा�तर का आधार 'वचन' ह।ै'लड़का' एकवचन ह औैर 'लड़के' ब�वचन म��य�ु �आ ह।ै
कारक- �च�� के अनसुार
लड़का खाना खाता ह-ै लड़के न खेाना खाया।
लड़क� खाना खाती ह-ै लड़�कय� न खेाना खाया।
इन वा�य� म�'लड़का खाता ह'ै म�'लड़का' पुं�ल�ग एकवचन ह औैर'लड़के न खेाना खाया' म�भी 'लड़के' पुं�ल�ग एकवचन ह,ै पर दोन� के�प म�भदे ह।ै इस �पा�तर का कारण कता� कारक का �च� 'न'े ह,ै
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�जसस एेकवचन होत �ेए भी 'लड़के' �प हो गया ह।ै इसी तरह,लड़के को बलुाओ, लड़के स पेछूो, लड़के का कमरा, लड़के के �लएचाय लाओ इ�या�द वा�य� म�स�ंा (लड़का-लड़के) एकवचन म�आयीह।ै इस �कार, स�ंा �बना कारक-�च� के भी होती ह औैर कारक�च�� के साथ भी। दोन� ��थ�तय� म�स�ंाए एँकवचन म�अथवाब�वचन म��य�ु होती ह।ै
उदाहरणाथ�-
�बना कारक-�च� के-
लड़के खाना खात हे�। (ब�वचन)
लड़�कया खँाना खाती ह�। (ब�वचन)
कारक-�च�� के साथ-
लड़क� न खेाना खाया।
लड़�कय� न खेाना खाया।
लड़क� स पेछूो।
लड़�कय� स पेछूो।
इस �कार, स�ंा का �पा�तर �ल�ग, वचन और कारक के कारण होताह।ै
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...............................
सव�नाम (Pronoun)क� प�रभाषा
�जन श�द� का �योग स�ंा के �थान पर �कया जाता ह,ै उ�ह�सव�नामकहत हे।ै
�सर शे�द� म�-सव�नाम उस �वकारी श�द को कहत हे,ै जोपवूा�परसबंध स �ेकसी भी स�ंा के बदल आेता ह।ै
जसै-े म,ै त,ू वह, आप, कोई, यह, य,े व,े उसका इ�या�द।
अ�य उदाहरण
(1)'सभुाष' एक �व�ाथ� ह।ै
(2) वह (सभुाष) रोज �कूल जाता ह।ै
(3)उसके (सभुाष के) पास स�ुदर ब�ता ह।ै
(4)उस (ेसभुाष को )घमूना ब�त पस�द ह।ै
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उपय�ु वा�य� म�'सभुाष' श�द स�ंा ह तैथा इसके �थान पर वह,उसके, उस शे�द स�ंा (सभुाष) के �थान पर �योग �कय गेए ह।ैइस�लए य सेव�नाम ह।ै
सव� (सब) नाम� (स�ंा�) के बदल जेो श�द आत हे,ै उ�ह�'सव�नाम'कहत हे�।
स�ंा क� अप�ेा सव�नाम क� �वल�णता यह ह �ैक स�ंा स जेहा उँसीव�त कुा बोध होता ह,ै �जसका वह (स�ंा) नाम ह,ै वहा सँव�नाम म�पवूा�परस�ब�ध के अनसुार �कसी भी व�त कुा बोध होता ह।ै 'लड़का'कहन से केेवल लड़के का बोध होता ह,ै घर, सड़कआ�द का बोधनह� होता; �क�त 'ुवह' कहन से पेवूा�परस�ब�धके अनसुार ही �कसीव�त कुा बोध होता ह।ै
सव�नाम के भदे
सव�नाम के छ: भदे होत हे-ै
(1)प�ुषवाचक सव�नाम (personal pronoun)
(2) �न�यवाचक सव�नाम (demonstrative pronoun)
(3)अ�न�यवाचक सव�नाम (Indefinite pronoun)
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(4)सबंधंवाचक सव�नाम (Relative Pronoun)
(5)��वाचक सव�नाम (Interrogative Pronoun)
(6)�नजवाचक सव�नाम (Reflexive Pronoun)
(1) प�ुषवाचक सव�नाम :- �जन सव�नाम श�द� स �े�� का बोधहोता ह,ै उ�ह�प�ुषवाचक सव�नाम कहत हे।ै
�सर शे�द� म�-'प�ुषवाचक सव�नाम' प�ुष� (��ी या प�ुष) के नाम केबदल आेत हे�।
जसै-े म�आता �।ँ तमु जात हेो। वह भागता ह।ै
उपयु�� वा�य� म�'म�, तमु, वह' प�ुषवाचक सव�नाम ह�।
प�ुषवाचक सव�नाम के �कार
प�ुषवाचक सव�नाम तीन �कार के होत हे-ै
(i)उ�म प�ुष (ii)म�यम प�ुष (iii)अ�य प�ुष
(i)उ�म प�ुष :- �जन सव�नाम� का �योग बोलन वेाला अपन �ेलए
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करता ह,ै उ�ह�उ�म प�ुष कहत हे।ै
जसै-े म�, हमारा, हम, मझुको, आ�द।
उदाहरण- म��कूल जाऊँगा।
हम मतदान नह� कर�ग।े
(ii) म�यम प�ुष :- �जन सव�नाम� का �योग सनुन वेाल केे �लए�कया जाता ह,ै उ�ह�म�यम प�ुष कहत हे।ै
जसै-े त,ू तमु, त�ुह,े आप, आपन आे�द।
उदाहरण- तमुन हेोमवक� �य� नह� �कया
तमु सो जाओ।
(iii)अ�य प�ुष :- �जन सव�नाम श�द� का �योग �कसी अ�य ���के �लए �कया जाता ह,ै उ�ह�अ�य प�ुष कहत हे।ै
जसै-े व,े यह, वह, इनका, इ�ह�, उनस आे�द।
उदाहरण- व मेचै नही खले�ग।े
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उ�ह�न केमर कस ली ह।ै
(2) �न�यवाचक सव�नाम:- सव�नाम के �जस �प स हेम �ेकसी बातया व�त कुा �न�त �प स बेोध होता ह,ै उस �ेन�यवाचक सव�नामकहत हे।ै
�सर शे�द� म�- �जस सव�नाम स वे�ा के पास या �र क� �कसी व�तुके �न�चय का बोध होता ह,ै उस 'े�न�चयवाचक सव�नाम' कहत हे�।
जसै-े यह, वह, य,े व आे�द।
उदाहरण- पास क� व�त कुे �लए- 'यह' कोई नया काम नह� ह;ै �र क�व�त कुे �लए- रोट� मत खाओ, �य��क 'वह' जली ह।ै
(3) अ�न�यवाचक सव�नाम :- �जस सव�नाम श�द स �ेकसी �न��त��� या व�त कुा बोध न हो, उस अे�न�यवाचक सव�नाम कहत हे।ै
जसै-े कोई, कुछ, �कसी आ�द।
उदाहरण- 'कोई'- ऐसा न हो �क 'कोई' आजाय;
'कुछ'- उसन 'ेकुछ' नह� खाया।
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(4)सबंधंवाचक सव�नाम :- �जन सव�नाम श�द� का �सर सेव�नामश�द� स सेबंधं �ात हो तथा जो श�द दो वा�य� को जोड़त हे,ै उ�ह�सबंधंवाचक सव�नाम कहत हे।ै
जसै-े जो, �जसक�, सो, �जसन,े जसैा, वसैा आ�द।
उदाहरण- जसैा करगेा वसैा भरगेा।
जो प�र�म करत हे�, व सेखुी रहत हे�।
वह 'जो' न कर,े 'सो' थोड़ा
(5)��वाचक सव�नाम :- जो सव�नाम श�द सवाल पछून केे �लए�य�ु होत हे,ै उ�ह���वाचक सव�नाम कहत हे।ै
सरल श�द� म�- �� करन केे �लए �जन सव�नाम� का �योग होता ह,ैउ�ह�'��वाचक सव�नाम' कहत हे।ै
जसै-े कौन, �या, �कसन आे�द।
उदाहरण- टोकरी म��या रखा ह।ै
बाहर कौन खड़ा ह।ै
तमु �या खा रह हेो ?
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यहा पँर यह �यान रखना चा�हए �क 'कौन' का �योग चतेन जीव� के�लए और '�या' का �योग जड़ पदाथ� के �लए होता ह।ै
(6) �नजवाचक सव�नाम :- �जन सव�नाम श�द� का �योग कता� अपने�लए (�वय कंे अथ� म�) करता ह,ै उ�ह��नजवाचक सव�नाम कहत हे।ै
जसै-े अपन आेप, �नजी, खदु आ�द।
उदाहरण- मनै अेपना काय� �वयं �कया।
आप यह काय� खदु क��जय।े
'�नजवाचक सव�नाम' का �प 'आप' ह।ै ल�ेकन प�ुषवाचक केअ�यप�ुषवाल 'ेआप' स इेसका �योग �बलकुल अलग ह।ै यह कता�का बोधक ह,ै पर �वय कंता� का काम नह� करता। प�ुषवाचक 'आप'ब�वचन म�आदर के �लए �य�ु होता ह।ै जसै-े आप मरे �ेसर-आख�पर ह;ै आप �या राय दते हे ?ै �क�त,ु �नजवाचक 'आप' एक ही तरहदोन� वचन� म�आता ह औैर तीन� प�ुष� म�इसका �योग �कया जासकता ह।ै
�नजवाचक सव�नाम 'आप' का �योग �न�न�ल�खत अथ� म�होता ह-ै
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(क) �नजवाचक 'आप' का �योग �कसी स�ंा या सव�नाम केअवधारण (�न�चय) के �लए होता ह।ै जसै-े म�'आप' वह� स आेया �;ँम�'आप' वही काय� कर रहा �।ँ
(ख) �नजवाचक 'आप' का �योग �सर �े�� के �नराकरण के �लएभी होता ह।ै जसै-े उ�ह�न मेझु रेहन केो कहा और 'आप' चलत बेन;ेवह और� को नह�, 'अपन'े को सधुार रहा ह।ै
(ग) सव�साधारण के अथ� म�भी 'आप' का �योग होता ह।ै जसै-े 'आप'भला तो जग भला; 'अपन'े स बेड़� का आदर करना उ�चत ह।ै
(घ) अवधारण के अथ� म�कभी-कभी 'आप' के साथ 'ही' जोड़ा जाताह।ै जसै-े म�'आप ही' चला आता था; यह काम 'आप ही'; म�यह काम'आप ही' कर लूँगा।
सयं�ु सव�नाम
�स के �ह�द� वयैाकरण डॉ० द�म�श�स न एेक और �कार केसव�नाम का उ�लखे �कया ह औैर उस 'ेसयं�ु सव�नाम' कहा ह।ै उ�ह�
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के श�द� म�, 'सयं�ु सव�नाम' पथृक �णेी के सव�नाम ह�। सव�नाम केसब भदे� स इेनक� �भ�ता इस�लए ह,ै �य��क उनम�एक श�द नह�,ब��क एक स अे�धक श�द होत हे�। सयं�ु सव�नाम �वत�� �प स येास�ंा-श�द� के साथ भी �य�ु होता ह।ै
इसका उदाहरण कुछ इस �कार ह-ै जो कोई, सब कोई, हर कोई, औरकोई, कोई और, जो कुछ, सब कुछ, और कुछ, कुछ और, कोई एक,एक कोई, कोई भी, कुछ एक, कुछ भी, कोई-न-कोई, कुछ-न-कुछ,कुछ-कुछ, कोई-कोई इ�या�द।
सव�नाम के �पा�तर (�ल�ग, वचन और कारक)
सव�नाम का �पा�तर प�ुष, वचन और कारक क� ��� स हेोता ह।ैइनम��ल�गभदे के कारण �पा�तर नह� होता। जसै-े
वह खाता ह।ै
वह खाती ह।ै
स�ंा� के समान सव�नाम के भी दो वचन होत हे�- एकवचन औरब�वचन।
प�ुषवाचकऔर �न�चयवाचक सव�नाम को छोड़ शषे सव�नाम
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�वभ��र�हत ब�वचन म�एकवचन के समान रहत हे�।
सव�नाम म�केवल सात कारक होत हे।ै स�बोधन कारक नह� होता।
कारक� क� �वभ��या लँगन से सेव�नाम� के �प म��वकृ�त आ जातीह।ै जसै-े
म�- मझुको, मझु,े मझुस,े मरेा; तमु- त�ुह�, त�ुहारा; हम- हम�, हमारा; वह- उसन,े उसको उस,े उसस,े उसम�, उ�ह�न,े उनको; यह- इसन,े इस,ेइसस,े इ�ह�न,े इनको, इ�ह�, इनस;े कौन- �कसन,े �कसको, �कस।े
सव�नाम क� कारक-रचना (�प-रचना)
म�(उ�मप�ुष)
कारक एकवचन ब�वचन
कता� म�, म�ने हम, हमने
कम� मझु,े मझुको हम�, हमको
करण मझुसे हमसे
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स��दान मझु,े मरे �ेलए हम�, हमार �ेलए
अपादान मझुसे हमसे
स�ब�ध मरेा, मरे,े मरेी हमारा, हमार,े हमारी
अ�धकरण मझुम�, मझुपर हमम�, हमपर
त (ूम�यमप�ुष)
कारक एकवचन ब�वचन
कता� त,ू तनूे तमु, तमुन,े तमुलोग� ने
कम� तझुको, तझुे त�ुह�, तमुलोग� को
करण तझुस,ेतरे �ेारा तमुस,े त�ुहार से,े तमुलोग� से
स��दान तझुको, तरे �ेलए, तझुेत�ुह�,त�ुहार�ेलए,तमुलोग�के�लए
अपादान तझुसे तमुस,े तमुलोग� से
स�ब�ध तरेा, तरेी, तरेे त�ुहारा-री, तमुलोग� का-क�
अ�धकरण तझुम�, तझुपर तमुम�, तमुलोग� म�-पर
वह (ब�वचन)
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कारक एकवचन ब�वचन
कता� वह, उसने व,े उ�ह�ने
कम� उस,े उसको उ�ह�, उनको
करण उसस,े उसके �ारा उनस,े उनके �ारा
स��दान उसको,उस,ेउसके �लए उनको, उ�ह�, उनके �लए
अपादान उससे उनसे
स�ब�ध उसका, उसक�, उसके उनका, उनक�, उनके
अ�धकरण उसम�, उसपर उनम�, उनपर
आप(आदरसचूक)
कारक एकवचन ब�वचन
कता� आपने आपलोग� ने
कम� आपको आपलोग� को
करण आपसे आपलोग� से
स��दान आपको, के �लए आपलोग� को, के �लए
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अपादान आपसे आपलोग� से
स�ब�ध आपका, क�, के आपलोग� का, क�, के
अ�धकरण आप म�, पर आपलोग� म�, पर
यह(�नकटवत�)
कारक एकवचन ब�वचन
कता� यह, इसने य,े इ�ह�ने
कम� इसको, इसे य,े इनको, इ�ह�
करण इससे इनसे
स��दान इस,े इसको इ�ह�, इनको
अपादान इससे इनसे
स�ब�ध इसका, क�, के इनका, क�, के
अ�धकरण इसम�, इसपर इनम�, इनपर
कोई (अ�न�चयवाचक)
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कारक एकवचन ब�वचन
कता� कोई, �कसने �क�ह� ने
कम� �कसी को �क�ह� को
करण �कसी से �क�ह� से
स��दान �कसी को,�कसी के �लए �क�ह� को, �क�ह� के �लए
अपादान �कसी से �क�ह� से
स�ब�ध �कसी का,�कसी क�,�कसी के �क�ह�का,�क�ह� क�,�क�ह�के
अ�धकरण �कसी म�, �कसी पर �क�ह� म�, �क�ह� पर
सव�नाम का पद-प�रचय
सव�नाम का पद-प�रचय करत सेमय सव�नाम, सव�नाम का भदे, प�ुष,�ल�ग, वचन, कारक और अ�य पद� स उेसका स�ब�ध बताना पड़ताह।ै
उदाहरण- वह अपना काम करता ह।ै
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इस वा�य म�, 'वह' और 'अपना' सव�नाम ह।ै इनका पद-प�रचय होगा-
वह- प�ुषवाचक सव�नाम, अ�य प�ुष, प�ुल�ग, एकवचन, कता�कारक,'करता ह'ै ��या का कता�।
अपना- �नजवाचक सव�नाम, अ�यप�ुष, पुं�ल�ग, एकवचन,स�ब�धकारक, 'काम' स�ंा का �वशषेण।
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