bal gangadhar t

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दददददददद ददद ददददद दद ददद दददददद ( ददददद दददद दददद दददद दददददद ) दददददददद ददद ददददद दद ददद दददददद ( ददददद दददद दददद दददद दददददद ) ददद दददददद दददद ददद दददददद दददद दददददददद : दददददददददद

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Page 1: BAL GANGADHAR T

    दे�वना�गरी� में लि�खना� के� लि�ए सहा�यता�

( अक्सरी पू�छे� जा�ना� व��� प्रश्न )

    दे�वना�गरी� में लि�खना� के� लि�ए सहा�यता�

( अक्सरी पू�छे� जा�ना� व��� प्रश्न )

बा�� ग�ग�धरी तिता�केबा�ल गं�गं�धर तिलक

जन्मस्थल : मेंहा�री�ष्ट्र

आन्दो�लन: भा�रीता�य स्वतान्त्रता� स�ग्रा�में

प्रम�ख सं�गंठन: भा�रीता�य री�ष्ट्र�य के��ग्रा�स

बा�ल गं�गं�धर तिलक (२३ जा(��ई, 1856- १ अगस्ता  १९२०) भा�रीता के� एके प्रमें(ख ना�ता�, समें�जा स(ध�रीके औरी स्वतान्त्रता� स�ना�ना� थे�।

य� भा�रीता�य स्वतान्त्रता� स�ग्रा�में  के� पूहा�� �0केतिप्रय ना�ता� थे�। इन्हा2ना� सबास� पूहा�� भा�रीता में पू�र्ण4 स्वरी�जा के5 में�6ग उठा�ई। इनाके� केथेना "स्वरी�जा

में�री� जान्मेंलिसद्ध अधिधके�री हा; औरी में< इस� ��केरी रीहूँ6ग�" बाहुता प्रलिसद्ध हुआ। इन्हा आदेरी स� "�0केमें�न्य" (पू�री� स�स�री में सम्में�तिनाता) केहा� जा�ता� थे�।

इन्हा तिहान्दू री�ष्ट्रव�दे  के� तिपूता� भा� केहा� जा�ता� हा;।

अन�क्रम

 [छे(पू�ए6]

१ प्र�रीम्भिCके जा�वना

२ स्वता�त्रता� स�ग्रा�में

३ समें�जा स(ध�री

Page 2: BAL GANGADHAR T

४ पू(स्ताके

५ व�ह्य स�त्र

[स�पू�दिदेता केरी ]प्र�रीम्भिCके जा�वना

तिता�के के� जान्में 23 जा(��ई , 1856  के0 मेंहा�री�ष्ट्र के� रीत्ना�तिगरी� जिजा�� के� एके ग�6व में हुआ थे�। य� आध(तिनाके के���जा लिJक्षा� पू�ना� व��� पूहा��

भा�रीता�य पू�ढ़ीM में थे�। इन्हा2ना� के( छे समेंय ताके स्के� � औरी के���जा2 में गणिर्णता पूढ़ी�य�। अ�ग्रा�जा� लिJक्षा�  के� य� घो0री आ�0चके थे� औरी में�नाता� थे� तिके

यहा भा�रीता�य सभ्यता� के� प्रतिता अना�देरी लिसख�ता� हा;। इन्हा2ना� देक्खना लिJक्षा� स0स�यटीM के5 स्था�पूना� के5 ता�तिके भा�रीता में लिJक्षा� के� स्तारी स(धरी�।

[स�पू�दिदेता केरी ]स्वता�त्रता� स�ग्रा�में

बा��ग�ग�धरी तिता�के

तिता�के ना� मेंरी�ठाT में के� सरी� ना�मेंके दे;तिनाके समें�च�री पूत्र J(रु तिकेय� जा0 जाल्देM हा� जानाता� में बाहुता �0केतिप्रय हा0 गय�। तिता�के ना� अ�ग्रा�जा� सरीके�री के5

क्रू� रीता� औरी भा�रीता�य स�स्केX तिता के� प्रतिता हा�ना भा�वना� के5 बाहुता आ�0चना� के5। इन्हा2ना� में�6ग के5 तिके तिYदिटीJ सरीके�री ता(रीन्ता भा�रीता�य2 के0 पू�र्ण4 स्वरी�जा

दे�। के� सरी� में छेपूना� व��� उनाके� ��ख2 के5 वजाहा स� उन्हा केई बा�री जा�� भा�जा� गय�।

Page 3: BAL GANGADHAR T

तिता�के भा�रीता�य री�ष्ट्र�य के��ग्रा�स  में J�धिमें� हुए ��तिकेना जाल्देM हा� व� के��ग्रा�स के� नारीमेंपू�थे� रीव;य� के� तिवरुद्ध बा0�ना� �ग�। 1907 में के��ग्रा�स गरीमें

दे� औरी नारीमें दे�  में तिवभा�जिजाता हा0 गई। गरीमें दे� में तिता�के के� स�थे ���� ��जापूता री�य  औरी तिबातिपूना चन्द्र पू��  J�धिमें� थे�। इना ता�ना2

के0 ��� - बा�� - पू�� के� ना�में स� जा�ना� जा�ना� �ग�। 1908 में तिता�के ना� क्रू��तिताके�री� प्रफु( ल्� चके5  औरी ख(देMरी�में बा0स  के� बामें हामें�� के� समेंथे4ना

तिकेय� जिजासके5 वजाहा स� उन्हा बामें�4 (अबा म्य��में�री) में जा�� भा�जा दिदेय� गय�। जा�� स� छे� टीकेरी व� तिफुरी के��ग्रा�स में J�धिमें� हा0 गए औरी 1916-18

में ऐना� बा�सटी  औरी में(हाम्मेंदे अ�� जिजान्ना�  के� स�थे अखिख� भा�रीता�य हा0में रु� ��ग  के5 स्था�पूना� के5।

[स�पू�दिदेता केरी ]समें�जा स(ध�री

तिता�के ना� भा�रीता�य समें�जा में केई स(ध�री ��ना� के� प्रयत्ना तिकेए। व� बा�� - तिवव�हा  के� तिवरुद्ध थे�। उन्हा2ना�तिहान्देM के0 सम्पू�र्ण4 भा�रीता के5 भा�षा� बाना�ना� पूरी

ज़ो0री दिदेय�। मेंहा�री�ष्ट्र में उन्हा2ना� स�व4जातिनाके गर्ण�J0त्सवके5 पूरीम्पूरी� प्र�रीC के5 ता�तिके �0ग2 ताके स्वरी�जा के� सन्दे�J पूहु6च�ना� के� लि�ए एके में�च

उपू�ब्ध हा0। भा�रीता�य स�स्केX तिता, पूरीम्पूरी� औरी इतिताहा�स पूरी लि�ख� उनाके� ��ख2 स� भा�रीता के� �0ग2 में स्व�णिभामें�ना के5 भा�वना� जा�गXता हुई। उनाके� तिनाधना

पूरी �गभाग 2 ��ख �0ग2 ना� उनाके� दे�हा-स�स्के�री में तिहास्स� लि�य�।

[स�पू�दिदेता केरी ]पू(स्ताके

तिता�के ना� व�दे2 के� इतिताहा�स के� बा�री� में एके पू(स्ताके लि�ख� जिजास� के�फ़ी5 सरी�हा� जा�ता� हा;। उन्हा2ना� "आयd के� आके4 दिटीके घोरी" ना�मेंके पू(स्ताके

में खग0� J�स्त्र  के� उद्धरीर्ण दे�केरी स�तिबाता तिकेय� तिके व�दे आके4 दिटीकेक्षा�त्र में लि�ख� गए थे�। इसके� अ��व� उन्हा2ना� ग�ता�रीहास्य औरी जा�वना के�

तिहान्दू देJ4ना ना�मेंके तिकेता�बा भा� लि�ख� हा<।

[स�पू�दिदेता केरी ]व�ह्य स�त्र

भा�रीता के� मेंहा�ना सe व�ता�त्रता� स�ग्रा�में स�ना�ना� बा�� ग�ग�धरी तिता�के  (मेंहा�Jलिf)

ग(��में� के� मेंस्ताके पूरी स्वरी�ज्य के� तिता�के  (व�बादुतिनाय�)

आध(तिनाके भा�रीता के� तिनामें�4ता� तिता�के  (व�बादुतिनाय�)

�0केमें�न्य बा��ग�ग�धरी तिता�के  (ग�ग� पू(स्ताके)

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बा�� ग�ग�धरी तिता�केमें(ख्य - स�च� ▼ सरी� - ख0जा ▼ सरी� तिहान्देM - टी�इपिंपूkग

▼ टी�इपिंपूkग सहा�यता� ▼ धिमेंत्र2 के0 बाता�य ▼ ·

बा�� ग�ग�धरी तिता�के तिवद्वा�ना, गणिर्णताज्ञ, दे�J4तिनाके औरी

उग्रा री�ष्ट्रव�देM व्यलिf थे� जिजान्हा2ना� भा�रीता के5 स्वता�त्रता� के5

ना�व� रीखना� में सहा�यता� के5। उन्हा2ना� इ�तिoयना हा0मेंरू�

��ग के5 स्था�पूना� (सना 1914 ई.) के5 औरी इसके�

अध्यक्षा रीहा� ताथे� सना 1916 में में(हाम्मेंदे अ�� जिजान्ना�  के�

स�थे �खनाऊ समेंझौtता� तिकेय�, जिजासमें आज़ो�देM के� लि�ए

स�घोषा4 में तिहान्दू- में(स्लिस्�में एकेता� के� प्र�वध�ना थे�।

जा�वना पूरिरीचय

बा�� ग�ग�धरी तिता�के के� जान्में 23 जा(��ई, सना 1856 ई.

में भा�रीता के�  रीत्ना�तिगरिरी ना�मेंके स्था�ना पूरी हुआ थे�। इनाके�

पू�री� ना�में �0केमें�न्य श्री� बा�� ग�ग�धरी तिता�के थे�। तिता�के

के� जान्में एके स(स�स्केX ता, मेंध्यमेंवगxय Y�ह्मर्ण पूरिरीव�री में

हुआ थे�। उनाके� तिपूता� के� ना�में श्री� ग�ग�धरी री�मेंच�द्र

तिता�के थे�। श्री� ग�ग�धरी री�मेंच�द्र तिता�के पूहा�� रीत्ना�तिगरिरी

में सहा�यके अध्य�पूके थे� औरी तिफुरी पू�ना� ताथे� उसके� बा�दे

ठा�र्ण� में सहा�यके उपू J;णिक्षाके तिनारी�क्षाके हा0 गए थे�। व�

अपूना� समेंय के� अत्य�ता �0केतिप्रय लिJक्षाके थे�। उन्हा2ना�

तित्रके0र्णधिमेंतिता औरी व्य�केरीर्ण पूरी पू(स्ताके लि�खz जा0

प्रके�लिJता हुईं। ताथे�तिपू, वहा अपूना� पू(त्र के5 लिJक्षा�-देMक्षा�

पू�री� केरीना� के� लि�ए अधिधके समेंय ताके जा�तिवता नाहाz रीहा�।

�0केमें�न्य तिता�के के� तिपूता� श्री� ग�ग�धरी री�मेंच�द्र तिता�के के� सना 1872 ई. में तिनाधना हा0 गय�।

बा�ल गं�गं�धर तिलक

पू�र� न�म �0केमें�न्य श्री� बा�� ग�ग�धरी तिता�के

जन्म 23 जा(��ई, सना 1856 ई.

जन्म भू�मिम रीत्ना�तिगरिरी, भा�रीता

म�त्यु� 1 अगस्ता, सना 1920 ई.

म�त्यु� स्थ�न बा�बाई (वता4में�ना में(�बाई)

अति!भू�!क श्री� ग�ग�धरी री�मेंच�द्र तिता�के

न�गंरिरक� भा�रीता�य

पू�र्टी$ के��ग्रा�स

भू�षा� तिहान्देM, स�स्केX ता, मेंरी�ठाT, अ�ग्रा�ज़ो�

ज&ल यु�त्रा� री�जाद्र0हा के� में(क़देमें� में के�री�व�स

ति!द्या�लयु oक्केना के}��जा, बा�बाई तिवश्वतिवद्या��य

शि*क्षा� स्ना�ताके, वक़��ता

पू�रस्क�र-

उपू�धिध

�0केमें�न्य

ति!*&षा यु�गंदो�न इ�तिoयना हा0मेंरू� ��ग  के5 स्था�पूना�, oक्केना

एजा(के� Jना स0स�इटीM के� गठाना

प्रधिसंद्ध !�क्यु "स्वरी�जा हामें�री� जान्में लिसद्ध अधिधके�री हा; औरी

में< इस� ��केरी रीहूँ6ग�।"

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नारीमें दे� के� लि�ए तिता�के के� तिवच�री

भा�रीता�य री�ष्ट्र�य के��ग्रा�स के� नारीमें दे� के� लि�ए तिता�के के� तिवच�री ज़ोरी� ज़्य�दे� हा� उग्रा थे�। नारीमें दे� के� �0ग छे0टी� स(ध�री2 के� लि�ए

सरीके�री के� पू�स वफ़ी�दे�री प्रतितातिनाधिधमें�o� भा�जाना� में तिवश्व�स रीखता� थे�। तिता�के के� �क्ष्य स्वरी�जा थे�, छे0टी�- में0टी� स(ध�री नाहाz औरी

उन्हा2ना� के��ग्रा�स के0 अपूना� उग्रा तिवच�री2 के0 स्व�के�री केरीना� के� लि�ए री�ज़ो� केरीना� के� प्रय�स तिकेय�। इस में�में�� पूरी सना 1907 ई. में

के��ग्रा�स के� स�रीता अधिधव�Jना में नारीमें दे� के� स�थे उनाके� स�घोषा4 भा� हुआ। री�ष्ट्रव�देM Jलिfय2 में फु� टी के� ��भा उठा�केरी सरीके�री ना�

तिता�के पूरी री�जाद्र0हा औरी आता�केव�दे फ़ी; ��ना� के� आरी0पू �ग�केरी उन्हा छेहा वषा4 के� के�री�व�स के5 सज़ो� दे� देM औरी में��o��, बामें�4

(वत्में�4ना म्य��में�री) में तिनाव�4लिसता केरी दिदेय�। में��o�� जा�� में तिता�के ना� अपूना� मेंहा�ना केX तिता भागवद्गीMता�- रीहास्य के� ��खना J(रू तिकेय�,

जा0 तिहान्दुओं के5 सबास� पूतिवत्र पू(स्ताके के� में�� टीMके� हा;। तिता�के ना� भागवद्गीMता� के� इस रूदिढ़ीव�देM स�री के0 ख़ा�रिरीजा केरी दिदेय� तिके

यहा पू(स्ताके स�न्य�स के5 लिJक्षा� दे�ता� हा;; उनाके� अना(स�री, इसस� में�नावता� के� प्रतिता तिना:स्व�थे4 स�व� के� स�दे�J धिमें�ता� हा;।

इ�तिoयना हा0मेंरू� ��ग के5 स्था�पूना�

प्रथेमें तिवश्व य(द्ध के� ठाTके पूहा�� सना 1914 ई. में रिरीहा� हा0ना� पूरी वहा पू(ना: री�जाना�तिता में के� दे पूड़े� औरी

स्वरी�जा हामें�री� जान्में लिसद्ध अधिधके�री हा; औरी में< इस� ��केरी रीहूँ6ग� बा�ल गं�गं�धर तिलक

के� ना�री� के� स�थे इ�तिoयना हा0मेंरू� ��ग  के5 स्था�पूना� के5। सना 1916 ई. में वहा तिफुरी स� के��ग्रा�स में J�धिमें� हा0 गए ताथे� पिंहाkदुओं

औरी में(स�में�ना2 के� बा�च हुए ऐतिताहा�लिसके �खनाऊ समेंझौtता� पूरी हास्ता�क्षारी तिकेए, जा0 उनाके� एव� पू�तिकेस्ता�ना के� भा�व� स�स्था�पूके

में(हाम्मेंदे अ�� जिजान्ना� के� बा�च हुआ थे�, इ�तिoयना हा0मेंरू� ��ग के� अध्यक्षा के� रूपू में तिता�के सना 1918 में इ�ग्�<o गए। उन्हा2ना�

मेंहास�स तिकेय� तिके तिYटी�ना के5 री�जाना�तिता में ��बारी पू�टी� एके उदेMयमें�ना Jलिf हा;, इसलि�ए उन्हा2ना� उसके� ना�ता�ओं के� स�थे घोतिनाष्ठ

स�बा�ध क़�यमें तिकेए। उनाके5 दूरीदृधि� सहा� स�तिबाता हुई। सना 1947 ई. में ��बारी सरीके�री ना� हा� भा�रीता के5 स्वता�त्रता� के0 में�ज़ो�री� देM।

तिता�के पूहा�� व्यलिf थे�, जिजान्हा2ना� केहा� थे� तिके भा�रीता�य2 के0 तिवदे�J� J�सना के� स�थे सहाय0ग नाहाz केरीना� च�तिहाए, इस बा�ता स�

वहा बारी�बारी इनाके�री केरीता� रीहा� तिके उन्हा2ना� पिंहाkस� के� प्रय0ग के0 उकेस�य�।

लिJक्षा�

बा�� ग�ग�धरी तिता�के अपूना� तिपूता� के5 मेंXत्य( के� बा�दे 16 वषा4 के5 उम्र में अना�थे हा0 गए। उन्हा2ना� ताबा भा� तिबाना� तिकेस� व्यवध�ना के�

अपूना� लिJक्षा� जा�री� रीख� औरी अपूना� तिपूता� के5 मेंXत्य( के� च�री मेंहा�ना� के� अ�देरी में;दि�के के5 पूरी�क्षा� पू�स केरी ��। व� oक्केना के}��जा

में भाताx हा0 गए तिफुरी उन्हा2ना� सना 1876 ई. में बा�.ए. आनास4 के5 पूरी�क्षा� वहाz स� पू�स के5 सना 1879 ई. में उन्हा2ना� बा�बाई

तिवश्वतिवद्या��य स� ए�.ए�.बा�. के5 पूरी�क्षा� पू�स के5 औरी क़�ना�ना के5 पूढ़ी�ई केरीता� समेंय उन्हा2ना� आगरीकेरी स� दे0स्ता� केरी �� जा0

बा�दे में फुग्य(4सना के}��जा के� पिंप्रkलिसपू� हा0 गए। दे0ना2 दे0स्ता2 ना� इस बा�ता पूरी तिवच�री केरीता� हुए अना�के री�ता ग(जा�रीz तिके व�

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दे�Jव�लिसय2 के5 स�व� के5 केtना-स� सव�त्तमें य0जाना� बाना� सकेता� हा<। अ�ता में उन्हा2ना� स�केल्पू तिकेय� तिके व� केभा� सरीके�री� नाtकेरी�

स्व�के�री नाहाz केरीग� ताथे� नाई पू�ढ़ीM के0 सस्ता� औरी अच्छीM लिJक्षा� प्रदे�ना केरीना� के� लि�ए एके प्र�इव�टी हा�ईस्के� � औरी के}��जा

च��ए6ग�। उनाके� स�थे� छे�त्र इना आदेJ4व�देM बा�ता2 पूरी उनाके5 हा6स� उड़े�ता� थे�। ��तिकेना इना उपूहा�स2 य� बा�हारी� केदिठाना�इय2 के�

के0ई असरी उना दे0ना2 उत्स�हा� य(वके2 पूरी नाहाz हुआ।

ति!षायु सं�ची2

 [लिछेपू�ए�]

1 जा�वना पूरिरीचय

2 नारीमें दे� के� लि�ए तिता�के के� तिवच�री

3 इ�तिoयना हा0मेंरू� ��ग के5 स्था�पूना�

4 लिJक्षा�

5 तिवद्या��य के5 स्था�पूना�

6 समें�च�री पूत्र के� प्रके�Jना

7 अखिग्नापूरी�क्षा�

8 oक्केना एजा(के� Jना स0स�इटीM के� गठाना

9 समेंXद्धता�

10 तिता�के औरी आगरीकेरी के� बा�च मेंताभा�दे

11 आजा�वना सदेस्य2 के� आचरीर्ण

12 स0स�इटीM स� त्य�गपूत्र

13 स�व4जातिनाके स�व�

14 क़�ना�ना केक्षा� के5 J(रूआता

15 एकेमें�त्र में�लि�के

16 ��खके के� रूपू में

17 तिता�के के5 पू(स्ताके के5 प्रJ�स�

18 बा�पूटी के� स

19 पू�6च अधिधव�Jना

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20 तिता�के के� दृधि�के0र्ण

21 स�में�जिजाके औरी री�जाना�तिताके देJ4ना

22 स्मेंरीर्ण0त्सव आ�दे0�ना

23 अके�� के� प्रभा�व

24 प्��ग के5 बा�में�री�

25 री�जाद्र0हा के� में(क़देमें�

o 25.1 तिता�के के0 जामें�नाता

o 25.2 में(क़देमें� के5 स(नाव�ई

o 25.3 न्य�य के5 अपू��

o 25.4 रिरीहा�ई के� बा�दे

26 नाई पू(स्ताके के� प्रके�Jना

27 ता�ई मेंहा�री�जा के� में(क़देमें�

28 एस्टीना के5 वक़��ता

o 28.1 स�ता आपूरी�धिधके आरी0पू

o 28.2 उच्च न्य�य��य में अपू��

29 य0ग्य ना�ता�

30 घोटीना�-प्रध�ना जा�वना

31 मेंXत्य(

32 टीMके� दिटीप्पूर्ण� औरी स�देभा4

33 स�बा�धिधता ��ख

तिवद्या��य के5 स्था�पूना�

उस� समेंय इन्हाz तिवच�री2 के� एके बा(जा(ग4 व्यलिf तिवष्र्ण( केX ष्र्ण लिचपू��नाकेरी  उनास� धिमें��- जा0 तिवष्र्ण( J�स्त्र� के� ना�में स� जा�ना� जा�ता� थे�।

उन्हा2ना� उन्हाz दिदेना2 सरीके�री� नाtकेरी� स� इस्ता�फ़ी� दे� दिदेय� थे�, क्य2तिके अपूना� अफ़ीसरी2 स� उनाके5 नाहाz बानाता� थे�। व� इस तिनाश्चय के�

स�थे पू�ना� आए थे� तिके वहा�6 एके प्र�इव�टी हा�ई स्के� � च��ए6ग�। व� मेंरी�ठाT के� सव�त्तमें गद्या-��खके के� रूपू में प्रलिसद्ध हा0 च(के� थे�।

तिता�के औरी आगरीकेरी ना� उनाके5 य0जाना� के0 जा�नाना� के� बा�दे उनाके� स�थे तिवच�री-तिवमेंJ4 तिकेय�। बा�दे में इना ता�ना2 के� स�थे एके

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औरी व्यलिf J�धिमें� हा0 गय�- एमें.बा�. ना�मेंजा0J�, जा0 अस�ध�रीर्ण बा(जिद्ध औरी ऊजा�4 स� पूरिरीपू�र्ण4 थे�। लिचपू��नाकेरी औरी तिता�के ना�

ना�मेंजा0J� के5 सहा�यता� स� 2 जानावरी�, सना 1880 ई. के0 पू�ना� में न्य� इ�म्भिग्�J स्के� � J(रू तिकेय�। व�.एस. आप्टी� ना� जा�ना में औरी

आगरीकेरी वषा4 के� अ�ता में एमें.ए. केरीना� के� बा�दे उस स्के� � में J�धिमें� हा0 गए। इना पू�6च आदेधिमेंय2 ना� अपूना� गतितातिवधिधय2 के0

स्के� � ताके हा� स�धिमेंता नाहाz रीख�।

समें�च�री पूत्र के� प्रके�Jना

इसके� बा�दे उन्हा2ना� दे0 स�प्ता�तिहाके समें�च�री पूत्र2, मेंरी�ठाT में क& संर2 औरी अ�ग्रा�ज़ो� में दे मर�ठ�, के� में�ध्यमें स� �0ग2 के5

री�जाना�तिताके च�ताना� के0 जाग�ना� के� के�में J(रू तिकेय�। इना समें�च�री पूत्र2 के� ज़ोरिरीय� तिYदिटीJ J�सना  ताथे� उदे�री री�ष्ट्रव�दिदेय2 के5, जा0

पूणिश्चमें� ताज़ो4 पूरी स�में�जिजाके स(ध�री2 एव� स�व;ध�तिनाके तारी�क़� स� री�जाना�तिताके स(ध�री2 के� पूक्षा ��ता� थे�, केटी( आ�0चना� के� लि�ए वहा

तिवख्य�ता हा0 गए। उनाके� में�नाना� थे� तिके स�में�जिजाके स(ध�री में जाना Jलिf खच4 केरीना� स� वहा स्व�ध�नाता� के� री�जाना�तिताके स�घोषा4 में

पू�री� तारीहा नाहाz �ग पू�एग�।

उना पूत्र2 ना� दे�स� पूत्रके�रिरीता� के� क्षा�त्र में J�घ्र हा� अपूना� तिवJ�षा स्था�ना बाना� लि�य�। तिवष्र्ण( J�स्त्र� लिचपू��नाकेरी ना� इना दे0ना2

समें�च�रीपूत्र2 के� लि�ए दे0 में(द्रर्ण��य भा� स्था�तिपूता तिकेए। छेपू�ई के� लि�ए आय4 भा�षार्ण औरी �लि�ता के�� के0 प्र0त्स�हाना दे�ना� के�

व�स्ता� लिचत्रJ��� देM गई। इना गतितातिवधिधय2 में के( छे समेंय के� लि�ए पू�6च2 व्यलिf पू�री� तारीहा व्यस्ता हा0 गए। उन्हा2ना� इना के�यd के0

आग� बाढ़ी�य�। न्य� इ�म्भिग्�J स्के� � ना� J�घ्र हा� स्के� �2 में पूहा�� स्था�ना प्र�प्ता केरी लि�य�। मेंरी�ठा� औरी के� सरी� भा� oक्केना के� प्रमें(ख

समें�च�रीपूत्र बाना गए।

अखिग्नापूरी�क्षा�

दे�Jप्र�धिमेंय2 के� इस दे� के0 J�घ्र हा� अखिग्नापूरी�क्षा� में हा0केरी ग(जारीना� पूड़े�। के� सरी� औरी मेंरी�ठा� में प्रके�लिJता के( छे ��ख2 में

के0ल्हा�पू(री के� तात्के���ना मेंहा�री�जा� लिJव�जा� री�व  के� स�थे तिकेए गए व्यवहा�री के5 केठा0री आ�0चना� के5 गई थे�। री�ज्य के�

तात्के���ना के�रीभा�री� श्री� एमें. oब्ल्य�. बाव� ना� इस पूरी मेंरी�ठा� औरी के� सरी� के� स�पू�देके के� रूपू में क्रूमेंJ: तिता�के औरी श्री�

आगरीकेरी के� तिवरुद्ध में�नाहा�तिना के� में(क़देमें� च�� दिदेय�। के( छे समेंय बा�दे इना �0ग2 के5 केदिठाना�इय�6 औरी बाढ़ी गईं क्य2तिके जाबा

यहा में�में�� तिवच�री�ध�ना थे�, ताभा� श्री� व�.के� . लिचपू��नाकेरी के� दे�हा��ता हा0 गय�। उसके� बा�दे तिता�के औरी आगरीकेरी के0 दे0षा� पू�य�

गय�। उन्हा च�री-च�री मेंहा�ना� के5 स�ध�रीर्ण क़; दे के5 सज़ो� स(ना� देM गई।

oक्केना एजा(के� Jना स0स�इटीM के� गठाना

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के0ल्हा�पू(री स�बा�ध� में(क़देमें� स� स्के� � औरी दे0ना2 समें�च�रीपूत्र2 के5 �0केतिप्रयता� में औरी वXजिद्ध हुई। सभा� ओरी स� �0ग2 ना� स्व�च्छी� स�

सहा�यता� प्रदे�ना के5। श्री� लिचपू��नाकेरी के5 मेंXत्य( के� बा�दे तिता�के के�फ़ी5 समेंय ताके इस छे0टी� दे� के� में�ग4देJ4के औरी श्री� ना�मेंजा0J�

सतिक्रूय सदेस्य रीहा�। सना 1884 ई. के� उत्तरी�द्ध4 में उन्हा2ना� स्वय� के0 क़�ना�ना� अम्भिस्तात्व दे�ना� के� तिनाश्चय तिकेय�। उन्हा2ना� इस उद्दे�श्य के�

लि�ए oक्केना एजा(के� Jना स0स�इटीM, पू�ना� के� गठाना तिकेय� औरी व� इस स0स�इटीM के� पूहा�� आजा�वना सदेस्य बाना�। J�घ्र हा� स्वगxय

प्र0फु� सरी व�.व�. के� �केरी, प्र0फु� सरी धरी�पू औरी प्र0फु� सरी एमें.एस. ग0�� भा� आजा�वना सदेस्य बाना गए। बा�दे में प्र0फु� सरी ग0ख��,

प्र0फु� सरी भा�ना� औरी प्र0फु� सरी पू�टीर्णकेरी भा� आजा�वना सदेस्य बाना�।

समेंXद्धता�

सना 1885 ई. में oक्केना एजा(के� Jना स0स�इटीM के� तात्व�वध�ना में फुग्य(4सना के}��जा के5 स्था�पूना� के5 गई औरी सभा� आजा�वना

सदेस्य2 ना� इस के}��जा में 20 वषा4 ताके प्र0फु� सरी के� रूपू में के�में केरीना� के5 स्व�केX तिता देM। स0स�इटीM के5 स�स्था�ऐं J�घ्र हा� समेंXद्ध

हा0 गईं। उन्हा2ना� गद्र� व�ड़े� औरी केबा�तारीख�ना� ख�� के� में;दे�ना ख़ारी�दे लि�य�। सरी जा�म्स फुग्य(4सना के5 सरीके�री के� व�यदे� के� अना(स�री

बा�दे में �}o4 री� ना� स0स�इटीM के0 ना�ना� व�ड़े� स�पू दिदेय�। स0स�इटीM ना� चता(रीशिंJkग� के� समें�पू के}��जा के� लि�ए एके भाव्य इमें�रीता के�

तिनामें�4र्ण तिकेय�। ताथे�तिपू, स्के� � औरी के}��जा के� स�थे तिता�के के� स�बा�ध सना 1890 ई. में समें�प्ता हा0 गय�। व� के�रीर्ण जिजानाके5

वज़ोहा स� य� स�बा�ध समें�प्ता हुए, अना�के औरी अ�ग-अ�ग थे�। यहा�6 पूरी उनाके5 चच�4 केरीना� उलिचता नाहाz हा0ग�। व�स्ताव में तिवघोटीना

के5 प्रतिक्रूय� के�फ़ी5 पूहा�� J(रू हा0 गई थे�। तिवष्र्ण( J�स्त्र� के� जा�वना के�� में हा� लिचत्रJ��� एके स्वता�त्र प्रतिताष्ठ�ना हा0 गय� थे�।

तिता�के औरी आगरीकेरी के� बा�च मेंताभा�दे

सना 1888 ई. के� देtरी�ना तिता�के औरी आगरीकेरी के� बा�च स�में�जिजाके औरी ध�र्मिमेंkके प्रश्न2 पूरी मेंताभा�दे J(रू हा0 गए थे�। इनाके�

के�रीर्ण श्री� आगरीकेरी ना� के� सरी� के� सम्पू�देके पूदे स� इस्ता�फ़ी� दे� दिदेय� औरी अपूना� पूत्र सं�ध�रक के� प्रके�Jना J(रू तिकेय�। इस�

समेंय यहा स्प� हा0 गय� तिके स्के� � औरी के}��जा ताथे� समें�च�रीपूत्र2 के� तिहाता एके स� नाहाz हा<। अता: उनाके� तिवभा�जाना केरी दिदेय�

गय�, जिजासके� अना(स�री आय4 भा�षार्ण प्र�स औरी दे0 समें�च�रीपूत्र तिता�के, प्र00 के� �केरी औरी एच.एना. ग0ख�� के5 स�पूणित्त बाना गए।

प्र0. के� �केरी दे0ना2 पूत्र2 के� प्रभा�री� स�पू�देके बाना� दिदेए गए।

आजा�वना सदेस्य2 के� आचरीर्ण

यहा स्लिस्थातिता सना 1890 ई. ताके रीहा� औरी अतिनाणिश्चताके�� ताके च�ता� रीहाता�, अगरी नाए मेंताभा�दे2 के� के�रीर्ण स�बा�ध2 के5 देरी�री

अधिधके नाहाz बाढ़ीता�। य� मेंताभा�दे में(ख्य रूपू स� उना लिसद्ध��ता2 के� बा�री� में थे�, जिजानास� आजा�वना सदेस्य2 के� आचरीर्ण औरी स्के� � के�

प्रबा�ध तिनाय�तित्रता हा0ता� थे�। यहा स्लिस्थातिता सना 1889 ई. में प्र0. ग0ख�� के� स�व4जातिनाके सभा� के� सदेस्य बानाना� स� पू;दे� हुई। तिता�के

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J(रू स� हा� इस मेंता के� थे� तिके आजा�वना सदेस्य2 के0 जा�स(इटी पू�देरिरीय2 के5 तारीहा स�दे� जा�वना तिबाता�ना� च�तिहाए औरी अपूना� स�पू�र्ण4

समेंय ताथे� ऊजा�4 अध्य�पूना-के�य4 में �ग�ना� च�तिहाए। उनाके� अधिधकेतारी सहाय0ग� इस बा�ता स� सहामेंता नाहाz थे�।

���� ��जापूता री�य , बा��ग�ग�धरी तिता�के औरीतिबातिपूनाच�द्र पू��

Lala Lajpat, Bal Gangadhar Tilak and Bipinchandra Pal

स0स�इटीM स� त्य�गपूत्र

तिता�के जा� के� तिवच�री2 स� उनाके� अधिधकेतारी सहाय0तिगय2 के� सहामेंता ना हा0ना� के� के�रीर्ण तिता�के जा� ना� नाव�बारी, सना 1890 ई. में

अपूना� त्य�गपूत्र भा�जा केरी स0स�इटीM स� अपूना� सभा� स�बा�ध समें�प्ता केरी लि�य�। प्र0फु� सरी के� रूपू में तिता�के अत्य�ता �0केतिप्रय थे�। व�

गणिर्णता के� स्था�य� प्र0फु� सरी थे� औरी बा�च-बा�च में स�स्केX ता ताथे� तिवज्ञ�ना के� प्र0फु� सरी के� रूपू में भा� के�य4 केरीता� थे�। मेंtलि�केता� औरी

एके-एके बा�ता के� ध्य�ना रीखना� उनाके� आदेJ4 व�क्य थे�। औरी व� जा0 भा� तिवषाय पूढ़ी�ता� थे� उसमें उनाके� छे�त्र2 के0 केभा� भा�

लिJके�यता केरीना� के� अवसरी नाहाz धिमें�ता� थे�। गणिर्णताज्ञ के� रूपू में उनाके� जाव�बा नाहाz थे� औरी व� अपूना� छे�त्र2 के0 अक्सरी oक्केना

के}��जा के� प्र0. छेत्र� के5 य�दे दिदे��ता� थे�, जा0 तिता�के के� ग(रु भा� थे�।

स�व4जातिनाके स�व�

तिता�के जा� ना� स्के� � के� भा�री स� स्वय� के0 में(f केरीना� के� बा�दे अपूना� अधिधके��J समेंय स�व4जातिनाके स�व� में �ग�ना� के� तिनाश्चय

तिकेय�। अबा उन्हा थे0ड़े� फु( रीसता धिमें�� थे�। इस� समेंय �ड़ेतिकेय2 के� तिवव�हा के� लि�ए सहामेंतिता के5 आय( बाढ़ी�ना� के� तिवध�यके

व�इसरी�य के5 पूरिरीषादे के� स�मेंना� ��य� जा� रीहा� थे�। तिता�के पू�री� उत्स�हा स� इस तिवव�दे में के� दे पूड़े�, इसलि�ए नाहाz तिके व� समें�जा-

स(ध�री के� लिसद्ध��ता2 के� तिवरी0ध� थे�, बाम्भिल्के इसलि�ए तिके व� इस क्षा�त्र में जा0री-जाबारीदेस्ता� केरीना� के� तिवरुद्ध थे�। सहामेंतिता के5 आय( के�

तिवध�यके, च�हा� इसके� उद्दे�श्य तिकेताना� हा� प्रJ�सना�य क्य2 ना रीहा� हा2, व�स्ताव में तिहान्दू समें�जा में सरीके�री� हास्ताक्षा�पू स� स(ध�री ��ना�

के� प्रय�स थे�। अता: समें�जा-स(ध�री के� के( छे केट्टरी समेंथे4के इसके� तिवरुद्ध थे�। इस तिवषाय में तिता�के के� दृधि�के0र्ण स� पू�ना� के�

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समें�जा दे0 भा�ग2, केट्टरीपू�थे� औरी स(ध�रीव�दिदेय2 में बा6टी गय�। दे0ना2 के� बा�च के5 ख�ई नाए मेंताभा�दे2 एव� नाए झौगड़े2 के� के�रीर्ण

बाढ़ीता� गई।

क़�ना�ना केक्षा� के5 J(रूआता

के}��जा स� इस्ता�फ़ी� दे�ना� के� बा�दे तिता�के ना� क़�ना�ना के5 केक्षा� J(रू के5। यहा बा�बाई प्र�स�oस� में अपूना� ढं�ग के� पूहा�� J;क्षाणिर्णके

स�स्था�ना थे� जा0 छे�त्र2 के0 हा�ईके0टी4 औरी जिज़ो�� प्��oरीलिJपू (वक़��ता) पूरी�क्षा� के� लि�ए ता;य�री केरीता� थे�। उन्हा2ना� के� सरी� के� भा�री

भा� अपूना� ऊपूरी �� लि�य�।

एकेमें�त्र में�लि�के

प्र0. के� �केरी वषा4 के� अ�ता ताके मेंरी�ठा� के� स�पू�देके बाना� रीहा�, पूरी�ता( J�घ्र हा� उन्हा प्र0. के� �केरी के0 समें�च�रीपूत्र के� स�थे अपूना�

स�बा�ध पू�री� तारीहा समें�प्ता केरी दे�ना� पूड़े�। ताबा तिता�के दे0ना2 पूत्र2 के� स�पू�देके बाना बाए। एके वषा4 इना दे0ना2 के� बा�च प्र�स औरी

समें�च�रीपूत्र2 के� तिवभा�जाना हा0 गय�। तिता�के के� सरी� औरी मेंरी�ठा� समें�च�रीपूत्र2 के� एकेमें�त्र में�लि�के औरी स�पू�देके हा0 गए। प्र0.

के� �केरी औरी श्री� ग0ख�� आय4 भा�षार्ण प्र�स के� में�लि�के रीहा�। दे0ना2 समें�च�रीपूत्र2 के0 अपूना� जान्में के� बा�दे इस तारीहा अना�के उता�री-

चढ़ी�व2 स� ग(ज़ोरीना� पूड़े�। तिता�के द्वा�री� के� सरी� के0 स�भा��ना� के� बा�दे उसके5 ग्रा�हाके स�ख्य� में ता�ज़ो� स� वXजिद्ध हुई। ताबा इसके5

ग्रा�हाके स�ख्य� दे�J के� तिकेस� भा� अन्य समें�च�रीपूत्र के5 ग्रा�हाके स�ख्य� स� बाहुता अधिधके थे�।

��खके के� रूपू में

तिता�के अपूना� स�री� समेंय हा�के� -फु( �के� ��खना में �ग�ना� व��� व्यलिf नाहाz थे�। उन्हा2ना� अबा अपूना� ख़ा��� समेंय के� उपूय0ग

तिकेस� अच्छी� के�य4 में �ग�ना� के� स�केल्पू ��केरी उस� अपूना� तिप्रय पू(स्ताके2 भागवद्गीMता� औरी ऋग्व�दे के� पूठाना-पू�ठाना में �ग�य�। व�दे2

के� के��-तिनाध�4रीर्ण स� स�बा�धिधता अपूना� अना(स�ध�ना के� पूरिरीर्ण�मेंस्वरूपू उन्हा2ना� व�दे2 के5 प्र�च�नाता� पूरी एके तिनाबा�ध लि�ख�। जा0

गणिर्णता-ज्य0तिताषा�य अव�0केना के� प्रमें�र्ण2 पूरी आध�रिरीता थे�। उन्हा2ना� इस तिनाबा�ध के� स�री��J इं�र्टीरन&*नल क��ग्रे&सं ऑफ

ओरिरएं�र्टीधिलस्र्टी के� पू�स भा�जा� जा0 सना 1892 ई. में ��देना में हुई। अग�� वषा4 उन्हा2ना� इस पू�री� तिनाबा�ध के0 पू(स्ताके�के�री में दिदो

ओरिरऑन य� दिदो रिरसंची: इंनर्टी� दो एं�दिर्टीक्विक्!र्टी< ऑफ दिदो !&दो�ज J�षा4के के� अ�ताग4ता प्रके�लिJता तिकेय�। उन्हा2ना� इस पू(स्ताके में

ओरिरीऑना के5 ग्रा�के पूरी�पूरी� औरी �क्षात्रपू(�जा के� स�स्केX ता अथे4 अग्रा�यर्ण य� अग्राहा�यर्ण के� बा�च स�बा�ध के0 ढं��ढं� हा;।

क्य2तिके अग्रेहा�युण Jब्दे के� अथे4 !षा: क� प्र�र�भू हा?, व� इस नाता�जा� पूरी पूहु6चता� हा< तिके ऋग्व�दे के� सभा� स्त्र0ता जिजानामें इस Jब्दे

के� स�देभा4 हा; य� इसके� स�थे जा0 भा� तिवणिभान्ना पूरी�पूरी�ए6 जा(ड़े� थेz, के5 रीचना� ग्रा�के �0ग2 के� पिंहाkदुओं स� पूXथेके हा0ना� स� पू�व4 के5 गई

हा0ग�।

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यहा वहा समेंय रीहा� हा0ग�, जाबा वषा4 के� प्र�री�भा स�य4 के� ओरिरीऑना य� मेंXगJ�षा4 नाक्षात्र पू(�जा में रीहाता� समेंय अथे�4ताe, ईस� स� 4000

वषा4 पूहा�� हुआ हा0ग�। इस पू(स्ताके के5 प्रJ�स� य�री0 औरी अमें�रिरीके5 तिवद्वा�ना2 ना� के5। अबा यहा केहा� जा� सकेता� हा; तिके तिता�के के�

तिनाष्केषाd के0 �गभाग सभा� ना� स्व�के�री केरी लि�य� हा;। अना�के प्र�च्यतिवदे2, जा;स�- तिके में;क्समें(�री, व�बारी, जा�के0बा�, औरी तिवटीना� ना�

��खके के5 तिवद्वाता� औरी मेंtलि�केता� के0 स्व�के�री तिकेय� हा;। पू(स्ताके के� प्रके�Jना के� बा�दे तिता�के ना� के( छे समेंय ताके प्र0फु� सरी

में;क्समें(�री औरी व�बारी के� स�थे पू(स्ताके में उठा�ए गए के( छे भा�षा�-तिवज्ञ�ना�य प्रश्न2 पूरी दे0स्ता�ना� पूत्र व्यवहा�री तिकेय�। इसके�

पूरिरीर्ण�मेंस्वरूपू दे0ना2 पूक्षा इस बा�ता पूरी सहामेंता हुए तिके इस तिवषाय के� पूक्षा औरी तिवपूक्षा में बाहुता के( छे केहा� जा� सकेता� हा;।

तिता�के के5 पू(स्ताके के5 प्रJ�स�

अमें�रिरीके� के� प्र0. तिवटीना� ना� सना 1894 ई. में अपूना� मेंXत्य( स� के( छे पूहा�� ‘जाना4� ऑफु दिदे अमेंरी�केना ओरिरीए�टी� स0स�इटीM’ में एके

��ख लि�ख केरी तिता�के के� लिसद्ध��ता2 के5 भा�रिरी-भा�रिरी प्रJ�स� के5 थे�। इस� तारीहा जा�ना हा}पूपिंकेkस य�तिनावर्सिसkटीM के� o�. ब्��मेंफु5ल्ड ना�

एके व�र्षिषाkके0त्सव में भा�षार्ण केरीता� हुए तिता�के के5 पू(स्ताके के5 प्रJ�स� इना Jब्दे2 में के5 थे�-

बा�� ग�ग�धरी तिता�के

Bal Gangadhar Tilak

ब्ल�मफAल्ड क& *ब्दोC मD तिलक कA पू�स्क कA प्र*�सं�

‘‘तिपूछे�� दे0-ता�ना मेंहा�ना� के� देtरी�ना अत्यधिधके मेंहात्त्व के5 एके स�तिहात्यित्यके घोटीना� हुई हा;- एके ऐस� घोटीना�, जा0 तिनाश्चय हा�

आना�देदे�यके स्मेंXतिताय2 स� अधिधके तिवज्ञ�ना औरी स�स्केX तिता के5 दुतिनाय� में उथे�-पू(थे� मेंच� दे�ग�। �गभाग देस सप्ता�हा पूहा��

में(झौ� भा�रीता स� एके छे0टी� आके�री के5 पू(स्ताके धिमें��। उसके5 स�जा-सज्जा� भाद्देM थे� औरी स्था�ना�य प्र�स में छेपू�ई के� के�रीर्ण उसमें

अना�के ग़�तिताय�6 थेz। यहा पू(स्ताके में(झौ� ��खके ना�, जिजासस� में�री� के0ई पूरिरीचय नाहाz थे�, J(भाके�मेंना�ओं के� स�थे भा�जा� थे�। में<ना�

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��खके के� ना�में केभा� भा� नाहाz स(ना� थे�। बा�� ग�ग�धरी तिता�के, बा�.ए. ए�.ए�.बा�, �} के� ��क्चरीरी औरी वक़5�, पू�ना�। इस

पू(स्ताके के� प्रके�Jना श्री�मेंता� री�ध�बा�ई आत्में�री�में स;ग�ना, पू(स्ताके-तिवक्रू� ता� औरी प्रके�Jके, बा�बाई ना� तिकेय� हा;। पू(स्ताके के� J�षा4के हा;

‘ओरिरीऑना य� रिरीसच�जा इनाटी( दिदे ए�दिटीस्लिक्वटीM ऑफु व�दे�जा’। में�री� पू�स यहा पू(स्ताके में(झौ� इसके� पूक्षा में केरीना� के� लि�ए नाहाz भा�जा� गई

थे�। में<ना� इस� एके ऐस� जागहा पूरी रीख दिदेय�, जाहा�6 स� में< इस� री�तित्र-भा0जा के� बा�दे आस�ना� स� उठा� सके�6 औरी के( छे पूXष्ठ पूढ़ीना� के�

बा�दे अ�ग रीख सके�6 । o�के के� जारिरीए इस तारीहा के5 बाहुता-स�-स�मेंग्रा� में�री� पू�स पूहु6चता� रीहाता� हा;। इसके5 भा�धिमेंके� बाहुता

उत्स�हावध4के नाहाz थे�। ��खके नाम्रता� के� स�थे स�लिचता केरीता� हा; तिके ऋग्व�दे के� रीचना�के�� ईस� के� जान्में स� च�री हाज़ो�री वषा4 पूहा��

स� केमें नाहाz हा0 सकेता� औरी तिहान्दू पूरी�पूरी� के� स�थे इसके� के�� ईस� के� 6000 वषा4 पू�व4 हा0ना� च�तिहाए। पिंहाkदुओं के0 प्रच(री

केल्पूना�-Jलिf, के��गर्णना� के� बा�री� में के( छे भा� स्व�के�री केरीना� के5 प्रवXणित्त के0 ध्य�ना में रीख केरी में<ना� स0च� तिके में< पू(स्ताके के� के( छे

पून्ना� उ�टी केरी उस� में(स्के( री�हाटी के� स�थे अ�ग रीख दू6ग�। ��तिकेना के( छे हा� समेंय बा�दे में�री� में(स्के( री�हाटी ग�यबा हा0 गई औरी में(झौ�

�ग� तिके के0ई अस�ध�रीर्ण घोटीना� हा0 गई हा;। सबास� पूहा�� में< ��खके के5 इस बा�ता स� प्रभा�तिवता हुआ तिके उन्हा2ना� व;दिदेके स�तिहात्य

औरी इस तिवषाय स� स�बा�धिधता पू�श्च�त्य स�तिहात्य के� ग�भा�री अध्ययना तिकेय� हा;। J�घ्र हा� में�री� सताहा� अध्ययना ग�भा�री अध्ययना में

बादे� गय�। उपूहा�स के5 भा�वना� के� स्था�ना पूरी में< ��खके के5 बा�ता2 के� के�य� हा0ना� �ग�। तिनास्स�दे�हा यहा पू(स्ताके स�तिहात्य के� क्षा�त्र

में सनासना� पू;दे� केरीना� व��� हा;। तिता�के के5 ख0ज़ो के� पूरिरीर्ण�में2 के0 समेंझौना� में के�फ़ी5 समेंय �ग�ग�। अगरी तिता�के तात्के�� उस�

दिदेJ� में आग� बाढ़ीता� रीहाता� औरी उना अना�के प्रश्न2 के� समें�ध�ना ख0ज़ोता�, जा0 उनाके5 पू(स्ताके में अना(त्तरिरीता रीहा गए थे� ता0 अच्छी�

हा0ता�, ��तिकेना �} ��क्चरीरी औरी पूत्रके�रिरीता� व्यवस�य के� के�रीर्ण उनाके0 भा�षा�J�स्त्र औरी इतिताहा�स स� स�बा�धिधता प्रश्न2 पूरी ध्य�ना दे�ना�

के� लि�ए पूय�4प्ता समेंय नाहाz धिमें� पू�ता� थे�।

बा�पूटी के� स

तिता�के सना 1894 ई. में एके मेंहात्त्वपू�र्ण4 में�में�� में व्यस्ता हा0 गए। इस में�में�� के� स�थे उनाके� एके धिमेंत्र औरी बाड़ेtदे� रिरीय�सता,

दे0ना2 के� व्य�पूके तिहाता जा(ड़े� थे�। यहा प्रलिसद्ध ‘बा�पूटी के� स’ थे�। री�व स�हाबा oब्ल्य�. एस. बा�पूटी, जा0 बा�दे0बास्ता तिवभा�ग के� अध्यक्षा थे�,

पूरी भ्र��च�री के� अना�के आरी0पू2 पूरी में(क़देमें� च��ना� के� लि�ए तिवJ�षा आय0ग तिनाय(f तिकेय� गय� थे�। यहा के� स बा�दे0बास्ता तिवभा�ग

के� तिवरुद्ध एके षाड्यं�त्र के� नाता�जा� थे�। यहा षाड्यं�त्र व�स्ताव में तिYदिटीJ ‘पू}लि�दिटीके�’ तिवभा�ग के� के�रीना�में� थे�। श्री� बा�पूटी के�

में(eक़देमें� के5 के( छे तिवJ�षाता�ए6 थेz। यहा में(क़देमें� मेंहा�री�जा के� पू�ठा-पू�छे� च��य� जा� रीहा� थे�। व� य�री0पू के� देtरी� पूरी थे�। मेंहा�री�जा� के�

Jत्र(ओं के0 आJ� थे� तिके में(eक़देमें� के� देtरी�ना के( छे ऐस� बा�ता प्रकेटी के5 जा�ए6ग� जिजानास� मेंहा�री�जा के5 प्रJ�सना क्षामेंता� पूरी च0टी

पूहु6च�ग�। �0ग के� व� बा�दे0बास्ता तिवभा�ग स� हा� ना�री�ज़ो नाहाz थे�, बाम्भिल्के व� केई उच्चअधिधके�रिरीय2 स� भा� ना�री�ज़ो थे�। यहा�6 जिजानाके�

उल्��ख केरीना� ज़ोरूरी� नाहाz हा;। यहा स्प� थे� तिके श्री� बा�पूटी के0 बालि� के� बाकेरी� बाना�य� जा� रीहा� थे�। उन्हा ना के� व� अपूना�

अपूरी�ध2 के5, बाम्भिल्के दूसरी2 के� अपूरी�ध2 के5 भा� सज़ो� देM जा�ना� थे�। अणिभाय0जाना पूक्षा के5 ओरी स� में�नाना�य पू�.एमें. में�हाता� औरी

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बा�दे में बा;रिरीस्टीरी श्री� Y�न्सना औरी बाच�व पूक्षा के� लि�ए श्री� एमें.स�. आप्टी� औरी श्री� o�.ए. खरी� वक़5� थे�। ��तिकेना बाच�व के�

अधिधके��J भा�री तिता�के पूरी थे�। अणिभाय0जाना पूक्षा के� गव�हा2 स� के5 गई जिजारीहा औरी बाच�व पूक्षा के� लि�ए दिदेए गए उनाके� अके�ट्य

ताके4 उनाके5 में�हानाता औरी य0ग्यता� के� जा�ता�-जा�गता� प्रमें�र्ण हा<।

पू�6च अधिधव�Jना

तिता�के के5 गतितातिवधिधय�6 समेंके���ना री�जाना�तिता में थेमें� नाहाz। अबा व� री�ष्ट्र�य के��ग्रा�स के5 oक्केना स्था�य� सधिमेंतिता के� सलिचव नाहाz रीहा�

थे�, ��तिकेना बा�बाई प्र��ता�य सम्में��ना के� सलिचव के� रूपू में उन्हा2ना� उसके� पू�6च अधिधव�Jना आय0जिजाता तिकेए। पू�6चव�6 अधिधव�Jना श्री�

पू�.एमें. में�हाता� के5 अध्यक्षाता� में सना 1892 ई. में आय0जिजाता तिकेय� गय� औरी पू�री� तारीहा सफु� रीहा�।

तिता�के के� दृधि�के0र्ण

अग�� वषा4 पिंनाkदेना�य तिहान्दू-में(स्लिस्�में दे�ग� के� बा�दे अना�के नाए प्रश्न स�मेंना� आए। उनास� री�जाना�तिताके व�ता�वरीर्ण में जाबारीदेस्ता पूरिरीवता4ना

आय�। तिता�के इना नाई च(नाtतिताय2 के� स�मेंना� केरीना� के� लि�ए सबास� आग� थे�। उन्हा2ना� ए�ग्�0 इ�तिoयना अधिधके�रिरीय2 के5 ना�तिताय2 के�

जाबारीदेस्ता तिवरी0ध तिकेय�। इना अधिधके�रिरीय2 ना� भा� अना(भाव तिकेय� तिके आमें जानाता� पूरी उनाके� तिकेताना� प्रभा�व हा;। स��प्रदे�धियके दे�ग2

के� बा�री� में तिता�के के� दृधि�के0र्ण च�हा� सहा� य� ग़�ता हा0, स्प� औरी तिनाभ्र�®ता थे�। उनाके� केहाना� थे� तिके तिहान्दू-में(स्लिस्�में दे�ग0 के�

के�रीर्ण के( छे अदूरीदेJx ए�ग्�0 इ�तिoयना अधिधके�रिरीय2 द्वा�री� ग(प्ता रूपू स� इना दे0ना2 स�प्रदे�य2 के� �0ग2 के0 भाड़ेके�ना� हा;। उनाके5 री�य

में इस Jरी�रीता के5 जाड़े �}o4 oफ़ीरिरीना द्वा�री� J(रू के5 गई फ� र्टी डा�ल� और र�ज कर� के5 ना�तिता हा;। इना दे�ग2 के0 तिनाय�तित्रता केरीना�

के� एकेमें�त्र तारी�क़� यहा हा; तिके सरीके�री� अधिधके�री� तिहान्दू में(स�में�ना2 के� बा�च केड़े�ई के� स�थे तिनाष्पूक्षा आचरीर्ण केरी। उन्हा2ना� के( छे

वग4 के� अधिधके�रिरीय2 के� तिवरुद्ध पूक्षापू�ता के� प्रत्यक्षा आरी0पू �ग�य� जिजास� स्वभा�वता: इना अधिधके�रिरीय2 ना� पूस�दे नाहाz तिकेय�।

गवना4री �}o4 हा;रिरीस औरी उनाके� सलिचव श्री� �� व�ना4री- दे0ना2 तिता�के के� इना तिवच�री2 स� ना�री�ज़ो थे�, ��तिकेना तिता�के सरीके�री�

ना�री�ज़ोग� स� oरीना� औरी देबाना� व��� व्यलिf नाहाz थे�। अपूना� पूत्र के� सरी� के� जारिरीए आमें जानाता� पूरी उनाके� व्य�पूके प्रभा�व थे� औरी

यहा� प्रभा�व में(ख्य रूपू स� जानाता� में एके नाई भा�वना� तिवकेलिसता केरी रीहा� थे�। लिJणिक्षाता �0ग2 में भा� उनाके� प्रभा�व बाहुता थे�। व� दे0

बा�री स्था�ना�य तिवध�ना पूरिरीषादेe औरी बा�बाई तिवश्वतिवद्या��य के� ‘फु� �0’ तिनाव�4लिचता तिकेए गए। सना 1895 ई. में व� पू�ना� नागरीपू�लि�के� के�

सव�4धिधके मेंता2 स� सदेस्य तिनाव�4लिचता हुए। एके के( J� के�य4केता�4 के� रूपू में उन्हा सहाय0तिगय2 के� आदेरी धिमें��।

स�में�जिजाके औरी री�जाना�तिताके देJ4ना

अपूना� पू(री�ना� पूरी�पूरी� औरी स�स्था�ओं के� प्रतिता जानाता� में अबा नाई जा�गरूकेता� प्रकेटी हा0 रीहा� थे�। इसके� सबास� स्प� उदे�हारीर्ण थे�

पू(री�ना� ध�र्मिमेंkके आरी�धना�, गर्णपूतिता-पू�जाना औरी लिJव�जा� के� जा�वना स� जा(ड़े� प्रस�ग2 पूरी मेंहा0त्सव2 के� आय0जाना। इना दे0ना2

आ�दे0�ना2 के� स�थे तिता�के के� ना�में घोतिनाष्ठ रूपू स� जा(ड़े� हा;। तिता�के के� दृढ़ी तिवश्व�स थे� तिके पू(री�ना� दे�वता�ओं औरी री�ष्ट्र�य ना�ता�ओं

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के5 स्वस्था व�देना� स� �0ग2 में सच्च� री�ष्ट्र�यता� औरी दे�Jप्र�में के5 भा�वना� तिवकेलिसता हा0ग�। तिवदे�J� तिवच�री2 औरी प्रथे�ओं के�

अ�ध�ना(केरीर्ण स� नाई पू�ढ़ीM में अध�र्मिमेंkकेता� पू;दे� हा0 रीहा� हा; औरी उसके� तिवना�Jके प्रभा�व भा�रीता�य य(वके2 के� चरिरीत्र पूरी पूड़े रीहा� हा;।

तिता�के के� तिवश्व�स थे� तिके अगरी स्लिस्थातिता के0 इस� प्रके�री तिबागड़ेना� दिदेय� गय� ता0 अ�ताता: ना;तिताके देMव�लि�एपूना के5 स्लिस्थातिता आ

जा�एग�, जिजासस� के0ई भा� री�ष्ट्र उबारी नाहाz सकेता�। यहा एके ग�भा�री समेंस्य� थे� औरी भा�रीता सरीके�री ताके ना� उस समेंय इस ओरी

ध्य�ना दिदेय� थे�। सरीके�री के5 नाज़ोरी में इस बा�में�री� के� इ��जा भा�रीता�य स्के� �2 में ना;तिताके लिJक्षा� के5 पू�ठ्यपू(स्ताके2 के5 पूढ़ी�ई J(रू

केरीना� थे�। तिता�के ना� सरीके�री के� इस स(झौ�व के5 केठा0री आ�0चना� मेंरी�ठा� के� अना�के अ�के2 में के5। तिता�के के� तिवच�री में,

भा�रीता�य य(वके2 के0 स्व�व��बा� औरी अधिधके ऊजा�4व�ना बाना�ना� के� लि�ए उनाके0 अधिधके आत्में-सम्में�ना के� प्रलिJक्षार्ण दिदेय� जा�ना�

च�तिहाए। यहा ताभा� तिकेय� जा� सकेता� हा;, जाबा उन्हा अपूना� धमें4 औरी पू�व4जा2 के� अधिधके आदेरी केरीना� लिसख�य� जा�ए6। अत्यधिधके

औरी तिनारुद्दे�श्य आत्मेंआ�0चना� एके तापूस्व� य� दे�J4तिनाके के� लि�ए अच्छीM हा0 सकेता� हा;, ��तिकेना व्य�वहा�रिरीके जा�वना में इसस�

प्रतिताके� � प्रभा�व पूड़े सकेता� हा;। अतितारिरीf दे�Jप्र�में के� के�रीर्ण केभा� थे0ड़े�-बाहुता अतिप्रय स्लिस्थातिता उत्पून्ना हा0 सकेता� हा;, ��तिकेना इसके�

अच्छी� नाता�जा� भा� तिनाके�ता� हा<, जाबातिके पू�र्ण4 आत्मेंत्य�ग के� नाता�जा� के� व� आ�स्य औरी मेंtता हा0 सकेता� हा;।

स�क्षा�पू में, यहा� तिता�के के� स�में�जिजाके औरी री�जाना�तिताके देJ4ना हा;। इस बा�री� में दे0 री�य हा0 सकेता� हा< तिके यहा सहा� हा; य� नाहाz

��तिकेना के0ई व्यलिf यहा नाहाz केहा सकेता� हा; तिके उन्हा2ना� इसके� अना(सरीर्ण नाहाz तिकेय�। तिता�के पूरी अकेसरी स�में�जिजाके स(ध�री2 के�

में�में�� में ढं2ग औरी अस्लिस्थारीता� के� आरी0पू �ग�य� गय� हा;। व� अपूना� हा� तारीहा के� व्य�वहा�रिरीके समें�जा-स(ध�रीके थे�। उन्हा2ना� अपूना�

�ड़ेतिकेय2 के0 लिJक्षा� देM, J�स्त्र सम्मेंता अधिधकेतामें आय( हा0ना� ताके उनाके� तिवव�हा स्थातिगता तिकेय�, जा�तिता स�बा�ध� प्रतिताबा�ध2 में छे� टी

दे�ना� के5 अपू�� के5 औरी आमेंताtरी पूरी समें�जा-स(ध�री आ�दे0�ना के� समेंथे4ना तिकेय�। ��तिकेना इसके� बा�वज़ो�दे उन्हा2ना� समें�जा-स(ध�री

पू�टी� के5 आ�0चना� के5। सताहा� स्तारी पूरी तिनारी�क्षार्ण केरीना� व��2 के0 उनाके� व्यवहा�री में यहा तिवरी0ध�भा�स नाज़ोरी आता� हा;, जाबातिके

उनाके� तिवरी0ध� इसके� के�रीर्ण उनाके5 सस्ता� �0केतिप्रयता� प्र�प्ता केरीना� के5 इच्छी� बाता�ता� थे�। व�स्तातिवकेता� यहा हा; तिके इस तिवषाय में

उनाके� आचरीर्ण उनाके� पूक्के� तिवश्व�स के� नाता�जा� थे�। व� समें�जा-स(ध�री च�हाता� थे�- ��तिकेना उनाके0 उना आदेधिमेंय2 औरी उनाके�

तारी�क़2 पूरी (जा0 समें�जा) स(ध�री के5 आव�जा उठा� रीहा� थे�- तिवश्व�स नाहाz थे�। उनाके5 री�य में, तिपूछे�� पू�ढ़ीM के� समें�जा-स(ध�रीके2 के�

पू�स ना� ता0 वहा य0ग्यता� थे� औरी ना व� ना;तिताके ग(र्ण थे�, जा0 स(ध�री आ�दे0�ना के5 सफु�ता� के� लि�ए आवश्यके हा<। अता: उनाके5

आ�0चना� आमें ताtरी पूरी उना व्यलिfय2 के� तिवरुद्ध हा0ता� थे�, उना उद्दे�श्य2 के� तिवरुद्ध नाहाz हा0ता� थे� जिजासके� लि�ए य� �0ग के�य4 केरी

रीहा� थे�। व�स्ताव में री�जाना�तिताके औरी स�में�जिजाके प्रश्न2 के5 आ�0चना� के� बा�री� में उनाके� लिसद्ध��ता यहा� थे�। व� तिकेस� सरीके�री� क़देमें

के� अना(में0देना केरी सकेता� थे� ��तिकेना उस उपू�य के0 ��ग� केरीना� व��� अधिधके�रिरीय2 के5 आ�0चना� केरीता� थे�। इस� प्रके�री व� तिकेस�

स(ध�री के0 ��ग� केरीना� के� पूक्षा में हा0ता� थे� ��तिकेना व� उना �0ग2 के5 आ�0चना� केरीता� थे�, जा0 इस स(ध�री के� मेंठा�ध�J हा0ना� के� दे�व�

केरीता� थे�।

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स्मेंरीर्ण0त्सव आ�दे0�ना

तिता�के सना 1895 ई. में लिJव�जा� स्मेंरीर्ण0त्सव आ�दे0�ना के� स�थे जा(ड़े गए। उस वषा4 23 अप्र;� के� के� सरी� में प्रके�लिJता एके

��ख स� जानाता� में इताना� उत्स�हा जा�गXता हुआ तिके री�यगढ़ी में लिJव�जा� के5 समें�धिध के� पू(नार्षिनाkमें�4र्ण के� लि�ए थे0ड़े� हा� समेंय में

20,000 रू. एकेत्र हा0 गए। इसमें स� अधिधके��J पू;स� छे0टी�-छे0टी� च�दे2 स� प्र�प्ता हुआ थे�। उस� समेंय स� लिJव�जा� के� जान्मेंदिदेवस

औरी री�ज्य�णिभाषा�के पूरी भा� समें�री0हा मेंना�ए जा�ना� �ग�। जाबा सना 1895 ई. के� तिक्रूसमेंस के� देtरी�नापू�ना� में री�ष्ट्र�य के��ग्रा�स के�

ग्य�रीहाव�� अधिधव�Jना केरीना� के� तिनाश्चय तिकेय� गय� ता0 पू�ना� के5 सभा� पू�र्टिटीkय2 ना� सव4सम्मेंतिता स� तिता�के के0 स्व�गता सधिमेंतिता के�

सलिचव बाना�य�। इस हा;लिसयता स� के��ग्रा�स अधिधव�Jना के� आय0जाना के� सभा� के�में तिता�के के0 केरीना� पूड़े�। उन्हा2ना� लिसता�बारी ताके

के�य4 तिकेय�। जाबा इस तिवषाय पूरी तिवव�दे हा0 गय� तिके क्य� के��ग्रा�स के� पू�o�� में स�में�जिजाके पूरिरीषादे भा� हा0ग� ता0 पू�टी� में जाबारीदेस्ता

झौगड़े� हा0 गय� जिजासके� के�रीर्ण तिता�के ना� स्वय� के0 इस के�में स� अ�ग केरी लि�य�। ताथे�तिपू, उन्हा2ना� के��ग्रा�स के5 गतितातिवधिधय2 में

दिदे�चस्प� ��ना� बान्दे नाहाz तिकेय�, बाम्भिल्के बा�हारी रीहाकेरी के��ग्रा�स अधिधव�Jना के0 सफु� बाना�ना� के� पू�री� प्रय�स तिकेय�।

अके�� के� प्रभा�व

सना 1896 ई. में बा�बाई प्र�स�oस� के0 भा�यकेरी अके�� के� स�मेंना� केरीना� पूड़े�। तिता�के पू�री� तारीहा री�हाता-के�यd में जा(टी गए। उन्हा2ना�

अके��- स�तिहाता� (फु; में�ना के0o) ��ग� केरीना� के� आग्राहा बा�बाई सरीके�री स� तिकेय�। अके�� के� प्रभा�व केमें केरीना� के� लि�ए उन्हा2ना�

सरीके�री के0 अना�के स(झौ�व भा� दिदेए। अगरी उना स(झौ�व2 के0 स्व�के�री केरी लि�य� जा�ता� ता0 �0ग2 के5 ताक़��फ़ी के�फ़ी5 केमें हा0

जा�ताz। पू�ना� में उन्हा2ना� समेंय स� सस्ता� अना�जा के5 दुके�ना ख0�केरी अके�� के� के�रीर्ण हा0ना� व��� दे�ग2 के0 री0के�। जाबा

उन्हा2ना� J0��पू(री औरी अहामेंदेनागरी के� बा(नाकेरी2 के5 ताक़��फ़ी2 के� बा�री� में स(ना� ता0 व� स्वय� मेंtके� पूरी गए औरी उन्हा2ना� स्था�ना�य

ना�ता�ओं के� स�थे तिवच�री-तिवमेंJ4 केरीके� एके य0जाना� बाना�ई। इसके� अ�ताग4ता स्था�ना�य सधिमेंतिताय2 के0 सरीके�री के� स�थे सहाय0ग

केरीके� इस वग4 के� �0ग2 के0 उपूय(f री�हाता प्रदे�ना केरीना� के0 केहा� गय�। यहा य0जाना� व;स� हा� थे�, जा;स� उत्तरी पूणिश्चमें प्र��ता के�

उपूरी�ज्यपू�� ना� स्व�के�री के5 थे�। दुभा�4ग्यवJ इस तिवषाय पूरी बा�बाई सरीके�री के� असहा�ना(भा�तितापू�र्ण4 आचरीर्ण के� के�रीर्ण यहा य0जाना�

स्व�के�री नाहाz के5 गई औरी यहा� नाहाz, बा�बाई सरीके�री ना� इस तारीहा के5 य0जाना�ओं के0 में�ज़ो�री� दे�ना� के5 व्यवस्था� में स�J0धना केरी

दिदेय�। सरीके�री के5 ना�री�ज़ोग� के� के�रीर्ण यहा थे� तिके पू�ना� स�व4जातिनाके सभा�, जिजासके� प्रमें(ख ना�ता� तिता�के थे�, ना� जानाता� के0 उना

रिरीय�सता2 स� पूरिरीलिचता केरी�य� थे�, जिजास� क़�ना�ना के� अ�ताग4ता व� पू�ना� के� अधिधके�री� थे�। इसके� अ��व�, सभा� ना� सरीके�री

अधिधके�रिरीय2 के0 अच्छी� नाहाz �ग�। सभा� ना� सरीके�री के0 अना�के प्रतिताव�देना भा�जा�, ��तिकेना उनाके� य� ता0 स�णिक्षाप्ता औरी रूख� जाव�बा

धिमें�� य� के0ई जाव�बा धिमें�� हा� नाहाz, औरी अ�ताता: इस पूरी पू�री� ताtरी पूरी पू�बा�देM �ग� देM गई। यहा सबा अप्रत्यक्षा रूपू स� तिता�के पूरी

देबा�व बाना�ना� के� लि�ए तिकेय� गय� थे�, ��तिकेना व� तिनाभा4री हा0केरी अधिधके�धिधके के�य4 केरीता� रीहा�।

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प्��ग के5 बा�में�री�

तिता�के ना� प्��ग के5 बा�में�री� के� देtरी�ना दे�Jव�लिसय2 के5 जा0 स�व� के5, उस� भा� नाहाz भा(��य� जा� सकेता�। जा;स� हा� पू�ना� में प्��ग के�

�क्षार्ण प्रकेटी हुए उन्हा2ना� तिहान्दू प्��ग अस्पता�� J(रू तिकेय� औरी केई दिदेना2 ताके इसके� लि�ए धना जा(टी�ना� के� के�य4 तिकेय�। जाहा�6

पू�ना� के� अधिधके��J ना�ता� नागरी छे0ड़ेकेरी भा�ग गए थे�, तिता�के वहाz रीहा�। उन्हा2ना� �0ग2 के0 दिदे��स�-भारी0स� दिदे��य�। व� ख0जा� दे�2

के� स�थे स्वय�स�वके के� रूपू में गए, अस्पता�� के� प्रबा�ध तिकेय�, पूXथेक्केरीर्ण लिJतिवरी में तिना:J(ल्के रीस0ई के5 व्यवस्था� के5, औरी

जानाता� के� स�मेंना� आ रीहा� केदिठाना�इय2 के� बा�री� में श्री� रीo ताथे� मेंहा�मेंतिहामें गवना4री के0 बाता�ता� रीहा�। अपूना� समें�च�रीपूत्र2 में उन्हा2ना�

प्��ग के5 समें�त्यिप्ता के� लि�ए सरीके�री द्वा�री� उठा�ए गए तिवणिभान्ना क़देमें2 के� समेंथे4ना दृढ़ीता� के� स�थे तिकेय�, इस� के� स�थे उन्हा2ना�

स��हा देM तिके इना उपू�य2 के0 सहा�ना(भा�तितापू�र्ण4 औरी में;त्र�पू�र्ण4 ढं�ग स� ��ग� तिकेय� जा�ए6। उन्हा2ना� जानाता� के0 स��हा देM तिके वहा

अना�वश्यके तिवरी0ध ना केरी�।

री�जाद्र0हा के� में(क़देमें�

तिता�के ना� स�केटी के5 घोड़े� में जानाता� के0 भा�ग्य के� भारी0स� छे0ड़े दे�ना� के� लि�ए पू�ना� के� ना�ता�ओं के5 आ�0चना� के5। तिता�के के5

गतितातिवधिधय2 ना� जाल्देM हा� उन्हा तिYदिटीJ सरीके�री के� स�थे टीकेरी�व के5 स्लिस्थातिता में �� खड़े� तिकेय�। ��तिकेना उनाके5 स�व4जातिनाके स�व�ऐं

उन्हा में(क़देमें� औरी उत्पू�ड़ेना स� नाहाz बाच� सके±। सना 1897 ई. में उना पूरी पूहा�� बा�री री�जाद्र0हा के� में(क़देमें� च��य� गय�।

सरीके�री ना� उना पूरी री�जाद्र0हा के� आरी0पू �ग�केरी उन्हा जा�� भा�जा दिदेय� इस में(क़देमें� औरी सज़ो� के� के�रीर्ण उन्हा �0केमें�न्य (�0ग2

के� �0केतिप्रय ना�ता�) के5 उपू�धिध धिमें��। भा�रीता के� व�इसरी}य �}o4 केज़ो4ना ना� जाबा सना 1905 ई. में बा�ग�� के� तिवभा�जाना तिकेय�, ता0

तिता�के ना� बा�ग�लि�य2 द्वा�री� इस तिवभा�जाना के0 रीद्दे केरीना� के5 में��ग के� ज़ो0रीदे�री समेंथे4ना तिकेय� औरी तिYदिटीJ वस्ता(ओं के� बातिहाष्के�री

के5 वक़��ता के5, जा0 जाल्देM हा� एके दे�Jव्य�पू� आ�दे0�ना बाना गय�। अग�� वषा4 उन्हा2ना� सत्य�ग्राहा के� के�य4क्रूमें के5 रूपूरी�ख�

बाना�ई, जिजास� नाए दे� के� लिसद्ध��ता (टी�ना�टीeस ऑफ़ी दे न्य� पू�टी�) केहा� जा�ता� थे�। उन्हा उम्में�दे थे� तिके इसस� तिYदिटीJ J�सना के�

सम्में0हानाके�री� प्रभा�व ख़ात्में हा0ग� औरी �0ग स्वता�त्रता� प्र�त्यिप्ता हा�ता( बालि�दे�ना के� लि�ए ता;य�री हा2ग�। तिता�के द्वा�री� J(रू के5 गई

री�जाना�तिताके गतितातिवधिधय2, तिवदे�J� वस्ता(ओं के� बातिहाष्के�री औरी सत्य�ग्राहा के0 बा�दे में में0हानादे�स केरीमेंच�दे ग�6ध� ना� अ�ग्रा�ज़ो2 के� स�थे

अपिंहाkसके असहाय0ग आ�दे0�ना  में अपूना�य�।

तिलक क� जम�न

श्री� रीo औरी ��स्लि²टीनाटी आयस्टी4 के5 हात्य� के( छे अज्ञ�ता �0ग2 द्वा�री� 22 जा�ना के0 केरी देM गई। इसस� बा�बाई औरी पू�ना� में, तिवJ�षा रूपू

स� ए�ग्�0 इ�तिoयना समें(दे�य में जाबारीदेस्ता उत्त�जाना� फ़ी; ��। 26 जा(��ई के0 बा�बाई सरीके�री ना� तिता�के पूरी में(क़देमें� च��ना� के5 में�जा�री�

प्रदे�ना के5 औरी 27 जा(��ई के0 पू�वx भा�षा�ओं के� अना(व�देके श्री� बा�ग ना� बा�बाई के� च�फु प्र�स�oस� मेंजिजास्��टी श्री� जा�. सoस4 स्��टीरी के�

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स�मेंना� स�चना� रीख�। 27 जा(��ई के5 री�ता में तिता�के के0 बा�बाई में तिगरीफ़्ता�री केरी लि�य� गय� औरी दूसरी� दिदेना उन्हा मेंजिजास्��टी के�

स�मेंना� पू�J तिकेय� गय�। इसके� फुtरीना बा�दे मेंजिजास्��टी के� स�मेंना� ज़ोमें�नाता के5 अजाx दे�खिख़ा� के5 गई। सरीके�री ना� दृढ़ीता� औरी

सफु�ता� के� स�थे इसके� तिवरी0ध तिकेय�।

29 ता�री�ख के0 इस� तारीहा के5 एके अजाx उच्च न्य�य��य में दे�खिख़ा� के5 गई, जिजास� तिफुरी स� आव�देना केरीना� के5 अना(मेंतिता के� स�थे

अस्व�के�री केरी दिदेय� गय�। 2 अगस्ता के0 यहा के� स हा�ई के0टी4 स�Jना के� स(पूदे4 केरी दिदेय� गय� औरी अध्यक्षा न्य�य�ध�J, न्य�यमें�र्षिताk

बादेरुद्देMना ता;यबाजा� के� स�मेंना� जामें�नाता के5 अजाx तिफुरी दे�खिख़ा� के5 थे�। ज़ोमें�नाता के5 अजाx के� प्रबा� तिवरी0ध एoव0के� टी जानारी� ना�

तिकेय� ��तिकेना न्य�य�ध�J ना� तिता�के के0 ज़ोमें�नाता दे� देM।

म�क़दोम& कA सं�न!�ई

यहा में(क़देमें� उलिचता समेंय पूरी, 8 लिसता�बारी के0 स(नाव�ई के� लि�ए आय�। स(नाव�ई एके सप्ता�हा ताके च��। के�केत्त� बा�री के� श्री� प्य�

औरी उनाके5 सहा�यता� के� लि�ए श्री� ग�थे4 बाच�व पूक्षा में तिता�के के5 ओरी स� औरी एoव0के� टी जानारी� श्री� बा�लिस� ��ग अणिभाय0जाना

पूक्षा के5 ओरी स� थे�। न्य�यमें�र्षिताk स्�;च� ना� में(क़देमें के5 स(नाव�ई के5। जा�री� के� सदेस्य थे� पू�6च य�री0पू�य ईस�ई, एके य�री0पू�य यहूँदेM,

दे0 तिहान्दू औरी एके पू�रीस�। जा�री� के� छेहा य�री0पू�य सदेस्य2 ना� आरी0पू� के0 दे0षा� ठाहारी�य�, जाबातिके ता�ना दे�J� सदेस्य2 ना� उन्हा तिनादे�षा

में�ना�। न्य�य�ध�J ना� बाहुमेंता के� तिनार्ण4य के0 स्व�के�री केरी लि�य� औरी तिता�के के0 अठा�रीहा मेंहा�ना� के5 केड़े� क़; देM के5 सज़ो� स(ना�ई।

जाबा जा�री� के� सदेस्य अपूना� तिनार्ण4य पूरी तिवच�री केरीना� के� लि�ए च�� गए थे�, अणिभाय(f के5 ओरी स� न्य�य�ध�J के0 आव�देना दिदेय�

गय� तिके क़�ना�ना के� के( छे प्रश्न पू�री� बा<च के� तिवच�री�थे4 स(रीणिक्षाता केरी दिदेए जा�ए6। इस आव�देना के0 स्व�के�री नाहाz तिकेय� गय�। बा�दे में

एoव0के� टी जानारी� के0 दिदेय� गय� इस� तारीहा के� एके प्र�थे4ना�पूत्र ना�में�जा�री केरी दिदेय� गय�। 17 लिसता�बारी, सना 1897 ई. के0 उच्च

न्य�य��य स� यहा प्रमें�र्णपूत्र जा�री� केरीना� के� अना(री0ध तिकेय� गय� तिके यहा के� स तिप्रव� के�उ�लिस� में अपू�� केरीना� य0ग्य हा; इस

आव�देना के5 स(नाव�ई में(ख्य न्य�य�ध�J सरी च�ल्स4 फु; रीना, न्य�यमें�र्षिताk के< o� औरी न्य�यमें�र्षिताk स्�;च� ना� के5 औरी उस� अस्व�के�री केरी

दिदेय�।

न्यु�यु कA अपू2ल

तिप्रव� के�उ�लिस� में न्य�य के5 अपू�� के5 गई। में�नाना�य श्री� एसस्लिक्वथे ना�, जा0 बा�देमें इ�ग्�<o के� प्रध�नामें�त्र� हुए, 19 नाव�बारी, 1897

के0 तिता�के के5 अपू�� पूरी बाहास के5। �}o4 हा�ल्सबारी� , �}o4 च��स�री  (न्य�य तिवभा�ग के� उच्च�धिधके�री�) जा0 उस समेंय इ�ग्�<o के�

के; तिबाना�टी में�त्र� थे�, ��के स� हाटीकेरी के�उ�लिस� के5 बा;ठाके के5 अध्यक्षाता� केरीना� गए। सभा� के0 पूता� थे� तिके के; तिबाना�टी के� एके अन्य

में�त्र� (भा�रीता में�त्र�) ना� इस में(क़देमें के0 च��ना� के5 में�जा�री� देM थे�। श्री� एसस्लिक्वथे ना� अपूना� बाहास में इस बा�ता पूरी बाहुता जा0री दिदेय�

तिके न्य�यमें�र्षिताk स्�;च� ना� जा�री� के0 ग़�ता तिनादे�J दिदेए थे�। ��तिकेना तिप्रव� के�उ�लिस� ना� समें�च� गव�हा� के� स�री औरी तिववरीर्ण पूरी तिवच�री

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केरीना� के� बा�दे फ़ी; स�� में पूरिरीवता4ना केरीना� ��यक़ के0ई बा�ता नाहाz पू�ई। पूरिरीर्ण�मेंस्वरूपू अपू�� केरीना� के5 अना(मेंतिता दे�ना� के�

प्र�थे4ना�पूत्र ना�में�जा�री केरी दिदेय� गय�।

इस प्रके�री तिता�के के� लि�ए न्य�य पू�ना� के� सभा� री�स्ता� बा�दे के0 गए। ��तिकेना इना घोटीना�ओं के� गहारी� असरी तिYटी�ना के5 जानाता� पूरी

पूड़े�। प्र00 में;क्समें(�री औरी सरी तिवलि�यमें हा�टीरी ना� अपूना� तिवJ�� हृदेयता� के� स�थे, जा0 उनाके� चरिरीत्र के� अणिभान्ना पूहा�� थे�,

मेंहा�री�ना� के0 एके प्रतिताव�देना भा�जाना� के� आय0जाना तिकेय�। इस पूरी मेंहात्त्वपू�र्ण4 व्यलिfय2 के� हास्ता�क्षारी थे�। इस प्रतिताव�देना में अना(री0ध

तिकेय� गय� थे� तिके तिता�के के� प्रतिता इस आध�री पूरी देय� प्रदेर्सिJkता के5 जा�ए6 तिके व� एके तिवद्वा�ना हा< औरी उनाके5 रिरीहा�ई के� पूक्षा में

बाहुता के( छे केहा� जा� सकेता� हा;। अन्य बा�ता2 के� स�थे इस प्र�थे4ना�पूत्र के� असरी हुआ औरी बा�ताच�ता के� बा�दे तिता�के के( छे

औपूच�रिरीके Jताµ [1] में�नाना� के� लि�ए ता;य�री हा0 गए औरी उन्हा में�ग�व�री 6 लिसता�बारी, 1898 के0 बा�बाई के� मेंहा�मेंतिहामें गव4नारी के�

आदे�J2 पूरी छे0ड़े दिदेय� गय�।

रिरहा�ई क& बा�दो

तिता�के के�री�व�स में अत्यधिधके दुबा4� हा0 गए थे�। अपूना� स्व�स्थ्य स(ध�रीना� के� लि�ए उन्हा2ना� पूहा�� के( छे दिदेना शिंसkहागढ़ी स�ना�टी0रिरीयमें

(आरी0ग्य आश्रीमें) में तिबाता�ए, दिदेस�बारी में मेंद्र�स में भा�रीता�य री�ष्ट्र�य के��ग्रा�स में J�धिमें� हा0ना� के� बा�दे उन्हा2ना� श्री���के� के� देtरी�

तिकेय�। अपूना� आ�दे0�ना के0 जाहा�6 छे0ड़े� थे�, वहाz स� उस� तिफुरी J(रू केरीना� औरी आग� बाढ़ी�ना� में अग�� दे0 वषा4 उन्हा2ना� �ग�ए।

उनाके� बाहुता स� के�में उनाके� जा�� जा�ना� के� के�रीर्ण रुके गए थे�। री�यगढ़ी तिक़�� में सना 1900 ई. में एके तिवJ�� ‘लिJव�जा� मेंहा0त्सव’

आय0जिजाता तिकेय� गय�। लिJव�जा� के5 स्मेंXतिता के0 स्था�य� बाना�ना� के� लि�ए एके स्में�रीके बाना�ना� के5 दिदेJ� में भा� के( छे के�में आग� बाढ़ी�।

��तिकेना तिकेस� भा� अन्य के�य4 स� अधिधके मेंहात्तवपू�र्ण4 उनाके� व�दे2 के5 प्र�च�नाता�-स�बा�ध� के�य4 थे�।

‘ओरिरीऑना’ पूरी पू(स्ताके के� प्रके�Jना के� बा�दे उन्हा यहा के�य4 केरीना� के5 ज़ोरूरीता गहारी�ई स� मेंहास�स हा0 रीहा� थे�। अपूना� नाई

पू(स्ताके, दिदो आक: दिर्टीक हा�म इंन दिदो !&दो�ज के5 प्रस्ता�वना� में उन्हा2ना� लि�ख� तिके तिपूछे�� देस वषाd के� देtरी�ना में�री� के�फ़ी5 समेंय उना

प्रमें�र्ण2 के5 ख0ज़ो में �ग� हा;, जा0 व�दे2 पूरी छे�ए के( हारी� के0 उठा� देग� औरी ताबा उना पूरी गहारी� दृधि� o��� जा� सके� ग�। इसके� बा�दे

उन्हा2ना� ‘ओरिरीऑना’ में व्यf तिवच�रीध�री� के0 आग� बाढ़ी�ता� हुए के�में J(रू तिकेय�। मेंना(ष्य जा�तिता के� आदिदेके���ना इतिताहा�स स�

स�बा�धिधता भा�तिवज्ञ�ना औरी पू(री�तात्त्व के5 नाव�नातामें ख0ज़ो2 के� अध्ययना के� बा�दे वहा एके अ�ग तारीहा के5 ख0ज़ो के5 ओरी ध�री�-ध�री�

बाढ़ी� औरी अ�ताता: इस नाता�जा� पूरी पूहु6च� तिके व;दिदेके ऋतिषाय2 के� पू�व4जा तिहामें�ना� य(ग में उत्तरी ध्रु(व�य क्षा�त्र में रीहाता� थे�। जा�� में अपूना�

जाबारीना अवके�J के� उपूय0ग उन्हा2ना� ऋग्व�दे के� स�पू�र्ण4 स�स्केरीर्ण जिजास� उनाके� पू�स प्र0फु� सरी में;क्समें��री ना� भा�जा� थे�, के5 सहा�यता�

स� अपूना� इना लिसद्ध�न्ता2 के0 तिवकेलिसता केरीना� में तिकेय�।

नाई पू(स्ताके के� प्रके�Jना

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नाई पू(स्ताके के5 पूहा�� पू��o( लि�तिपू शिंसkहागढ़ी में सना 1898 ई. के� अ�ता में लि�ख� गई, ��तिकेना तिता�के ना� जा�नाबा�झौकेरी इसके�

प्रके�Jना दे�री स� तिकेय�। व� इस तिवषाय में भा�रीता के� स�स्केX ता तिवद्वा�ना2 स� तिवच�री-तिवमेंJ4 केरीना� च�हाता� थे�, क्य2तिके ख0ज़ो अना�के

दिदेJ�ओं में में(ड़े रीहा� थे�। पू(स्ताके में�च4, सना 1903 ई. में प्रके�लिJता के5 गई। सव4त्र इसके� स्व�गता हुआ। उसके� बा�री� में के� व�

एके तिवद्वा�ना बा0स्टीना तिवश्वतिवद्या��य के� अध्यक्षा औरी ‘पू�री�o�इजा फु�उ�o’ के� ��खके o}. एफु. oब्ल्य�. व�री�ना के� तिवच�री2 के0 यहा�6

उद्धत̧ा तिकेय� जा� रीहा� हा;, जा0 लिसता�बारी सना 1905 ई. के5 ओपून क�र्टी: म?ग़ज2न (लिJके�ग0) में प्रके�लिJता हुए थे�।

डाJ. एंफ. डाब्ल्यु�. !�र&न क& तिलक क& प्रति ति!ची�र

बा�� ग�ग�धरी तिता�के

Bal Gangadhar Tilak

‘‘यहा�6 के� व� यहा केहाना� पूय�4प्ता हा; तिके वता4में�ना ��खके ना� अपूना� री�य के� समेंथे4ना में जा0 प्रमें�र्ण दिदेए हा<, व� इसके� पूहा�� तिकेस�

भा�रीता�य य� ईरी�ना� तिवद्वा�ना द्वा�री� तिकेस� पूरिरीकेल्पूना� के0 लिसद्ध केरीना� के� लि�ए दिदेए गए प्रमें�र्ण2 स� अधिधके तिनार्ण�4यके हा<। तिवषाय के5

तिवव�चना� केरीता� हुए J(रू स� ��केरी आखिख़ारी ताके पू�री� स्प�व�दिदेता� औरी ऐतिताहा�लिसके एव� व;ज्ञ�तिनाके ख0ज़ो के� ताtरी-तारी�क़2 के� पू�री�

सम्में�ना तिकेय� गय� हा;। J(रू में में< यहा स0चता� थे� तिके इसके� सच हा0ना� के5 स�भा�वना� बाहुता केमें हा; ��तिकेना इसके� पूक्षा में जा0

प्रमें�र्ण एकेत्र तिकेए गए उनाके� के�रीर्ण में(झौ� इस� स्व�के�री केरीना� पूड़े�’’।

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बा�स वषा4 पूहा�� में�नाव जा�तिता के� में�� स्था�ना स�बा�ध� J0ध केरीता� समेंय में<ना� सभा� व;दिदेके औरी अव�स्ता�-स�बा�ध� रीचना�ए6 उस समेंय

ताके उपू�ब्ध उनाके� अना(व�दे पूढ़ी� औरी में< उस� नाता�जा� पूरी पूहु6च� जिजास पूरी तिता�के पूहु6च� हा<। में�री� ताके4 में प्र�च�ना ईरी�तिनाय2 के�

पूtरी�णिर्णके भा�ग0� औरी Yह्म��o-वर्ण4ना के� के( छे पिंबाkदुओं पूरी नाई री0Jना� o��� गई थे�। में�री� इस के�य4 के0 ईरी�ना� तिवषाय2 के� आच�य4

प्र0फु� सरी स्प�ग�� ना� स्व�के�री तिकेय�। में<ना� ‘ठाहारी� हुए जा� औरी अन्य व;दिदेके धिमेंथेके2’ के5 भा� नाई व्य�ख्य� के5। अता: में�री� लि�ए यहा

तिवJ�षा रूपू स� प्रसन्नाता� के� तिवषाय थे� तिके तिता�के भा� �गभाग उन्हाz में(ख्य तिनाष्केषाd पूरी औरी अना�के गtर्ण तिनाष्केषाd पूरी पूहु6च�,

जिजाना पूरी में< पूहु6च� थे�। उल्��खना�य हा; तिके तिता�के अपूना� ख0ज़ो के� लि�ए इना ग्रा�थे2 के� अना(व�दे पूरी नाहाz बाम्भिल्के उनाके� में��पू�ठा पूरी

तिनाभा4री थे�। स(दूरी दे�J में रीहाना� व��� इस व्यलिf के0 में< स�व4जातिनाके रूपू स� धन्यव�दे दे�ना� च�हाता� हूँ6, जिजासना� इस क्षा�त्र में में�री� के�य4

के5 सरी�हाना� केरीना� के5 उदे�रीता� प्रदेर्सिJkता के5। इस क्षा�त्र में उनाके� के�में ठा0स, में0हाके औरी अधिधके आधिधके�रिरीके हा;। जा0 के0ई भा�

मेंना0य0ग के� स�थे इस पू(स्ताके के0 औरी जा}ना ओ. ना�� के5 पू(स्ताके, दिदो न�इंर्टी आफ गं�डाLसं के0 पूढ़ी�ग�, वहा केभा� भा� यहा सव��

नाहाz पू�छे�ग� तिके आयd के� आदिदे दे�J केहा�6 थे�।

ता�ई मेंहा�री�जा के� में(क़देमें�

जाबा तिता�के के5 नाई पू(स्ताके जानाता� के� लि�ए जा�री� हुई, ताबा बा�बाई सरीके�री के� स(झौ�व पूरी व� एके औरी में(क़देमें� ता�ई मेंहा�री�जा के� स

में फु6 स� हुए थे�। इस के� स ना� सना 1901 ई. स� तिता�के के� स�री� समेंय �� लि�य� थे�। इसके� के�रीर्ण उन्हा ना के� व� य�त्रर्ण�दे�यके

Jरी�रिरीके के�, बाम्भिल्के में�नालिसके उत्पू�ड़ेना भा� भा0गना� पूड़े� औरी हाज़ो�री2 रुपूय� के5 हा�तिना भा� उठा�ना� पूड़े�।

इस में(क़देमें� के5 स�णिक्षाप्ता केहा�ना� इस प्रके�री हा;- पू�ना� के� एके प्रथेमें श्री�र्ण� के� सरीदे�री श्री� बा�बा� मेंहा�री�जा ना� तिता�के के0 अपूना�

एस्टी�टी के� च�री �त्यिस्टीय2 में स� में(ख्य �स्टीM बाना� रीख� थे�। री�जाद्र0हा के� में(क़देमें� में उच्च न्य�य��य द्वा�री� तिता�के के0 ज़ोमें�नाता पूरी

छे0ड़े� जा�ना� के� के( छे दिदेना बा�दे, 7 अगस्ता सना 1897 ई. के0 बा�बा� मेंहा�री�जा के� स्वग4व�स हा0 गय�। दुभा�4ग्य केभा� अके� �� नाहाz

आता�। तिवलिचत्र स�य0ग यहा हुआ तिके जिजास दिदेना अपूना� रिरीहा�ई के� बा�दे तिता�के बा�बाई स� �tटी�, मेंXत्य( Jय्य� पूरी ��टी� मेंहा�री�जा ना� उन्हा

बा(�व�य� औरी इस बा�ता पूरी जा0री दिदेय� तिके व� उनाके5 वस�यता के� तिनाष्पू�देके बाना। तिता�के इस भा�री� जिजाम्में�दे�री� के0 ��ना� के� लि�ए

ता;य�री हा0 गए। उन्हा आJ� थे� तिके उनाके� ऐस� केरीना� स� मेंहा�री�जा के� पूरिरीव�री के0 ऋर्णमें(f तिकेय� जा� सके� ग� औरी ऋर्णमें(f

एस्टी�टी उत्तरी�धिधके�री� के0 स2पू� जा� सके� ग�। उसके� बा�दे तिता�के ना� यहा के�में हा�थे में ��ना� पूरी पू�य� तिके दे0 में�में�2 के5 ओरी

तात्के�� ध्य�ना दे�ना� आवश्यके हा;। पूहा�� थे� ऋर्ण2 के5 समें�त्यिप्ता औरी खच4 में केमें� ताथे� दूसरी� थे� ता�ई मेंहा�री�जा के� लि�ए ग0दे

��ना� के5 व्यवस्था�। क्य2तिके उस समेंय फ़ी; � रीहा� प्��ग के� के�रीर्ण J�हारी में में�नाव जा�वना खतारी� में थे�, औरी ता�ई मेंहा�री�जा एकेमें�त्र

ऐस� मेंतिहा�� थेz जा0 अपूना� पूतिता के� लि�ए �ड़ेके� ग0दे �� सकेता� थेz। ऋर्ण2 के5 समें�त्यिप्ता के� अथे4 थे� खचd में केमें� औरी बाचता।

ता�ई मेंहा�री�जा के0 यहा पूस�दे ना थे�। तिवधव� य(वता� तिता�के के� ना�के इरी�दे2 स� पूरिरीलिचता थेz। उन्हा2ना� J(रू में ‘एस्टी�टी’ के� ना�मेंमें�त्र के�

प्रतितातिनाधिध के� रूपू में अपूना� स्लिस्थातिता के0 सहाषा4 स्व�के�री तिकेय�। इस्टी�टी के� व�स्तातिवके औरी प्रभा�व� स्व�धिमेंत्व ता0 उनाके� पूतिता द्वा�री�

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वस�यता में तिनाय(f �त्यिस्टीय2 के� पू�स थे�। ��तिकेना ता�ई मेंहा�री�जा J�घ्र हा� अपूना� तिप्रय के�रीभा�री� के� प्रभा�व में आ गईं। उसना� उन्हा

लिसख�य� तिके व� ‘एस्टी�टी’ के5 न्य�यपू�र्ण4 अधिधके�री� हा< औरी एके बा��के के0 ग0दे ��केरी उन्हा उनाके� अधिधके�री2 स� व�लिचता तिकेय� जा�

रीहा� हा;। के( छे �(टी�री� भा� वहा�6 थे�, जा0 उf तिवधव� के0 मेंध(री बा�ता2 स� बारीग��केरी उनाके� अत्य�ता तिप्रय हा0 गए थे�। व� भातिवष्य में एके

पूJनारी औरी एस्टी�टी पूरी आणिश्रीता के� रूपू में उनाके5 भा�व� हा��ता के� केमेंज़ो0री पूहा�(ओं के� बाढ़ी�-चढ़ी� केरी वर्ण4ना केरीता� थे�। उनाके�

यहा भा� केहाना� थे� तिके अगरी व� दृढ़ी इच्छी�Jलिf दिदेख�ऐं ता0 हामें�J� के� लि�ए आज़ो�दे हा0 सकेता� हा<, उस �ड़ेके� के� स�थे ऐस�

व्यवस्था� केरी सकेता� हा< तिके वहा हामें�J� आज्ञ�के�री� बा��के के5 तारीहा आचरीर्ण केरी� औरी ज़ो�यदे�दे के� प्रबा�ध इस प्रके�री स� केरी� तिके

भातिवष्य में उनाके� (ता�ई मेंहा�री�जा) औरी उनाके� तिप्रय एव� सतिक्रूय स��हा�के�री2 के� केल्य�र्ण हा0ता� रीहा ग़री�बा� में जा� रीहा� अना�के

�ड़ेके� इस हा��ता में भा� ऐस� ज़ो�यदे�दे के� लि�ए ग0दे लि�य� जा�ना� लि�ए ता;य�री हा0 जा�ए6ग�।

उनाके� भा�ई इस तारीहा के5 स्लिस्थातिता में अत्यधिधके प्रसन्ना हा2ग� क्य2तिके उनाके� पू�व4जा2 के5 स�पूणित्त के� केमें स� केमें एके व�रिरीस केमें हा0

जा�एग�। इस अभा�ग� मेंतिहा�� के� में�में�� में भा� ऐस� हा� हुआ। खच4 में केमें� स� वहा शिंचkतिताता हुईं,

औरी ना�गपू(रीकेरी औरी के0ल्हा�पू(री के� पू�तिoता मेंहा�री�जा के� ना�ताXत्व में लिसद्वा��ताहा�ना (बा�ईमें�ना) पू�टी� के� षाड़ेय�त्र के� लिJके�री बाना गईं। इना

�0ग2 ना� यहा स��ठा-ग��ठा रीच� तिके ता�ई मेंहा�री�जा पू�तिoता के� भा�ई बा��� मेंहा�री�जा के0 ग0दे �� �। ��तिकेना ना ता0 ता�ई मेंहा�री�जा के0

औरी ना ना�गपू(रीकेरी के0 यहा तिहाम्मेंता थे� तिके व� ख(�केरी �त्यिस्टीय2 के0 तिवरी0ध केरी। ता�ई मेंहा�री�जा के0 इस बा�ता के� पूक्के� तिवश्व�स थे�

तिके �स्टीM के0ई ऐस� के�में नाहाz केरीग� जिजासस� उनाके0 तिनाजा� ��भा हा0ग� औरी य� उनाके� पूतिता द्वा�री� च��ए गए भा��ई के� के�यd में

बा�ध� पूहु6च�। इताना� स्प� हा; तिके 18 जा�ना, सना 1901 ई. ताके उनाके� बा�च के0ई मेंताभा�दे नाहाz थे�। इस� दिदेना य� सबा �0ग

औरी�ग�बा�दे के� लि�ए रीव�ना� हुए, जाहा�6 अ�ताता: मेंहा�री�जा पूरिरीव�री के5 बाबारी� J�ख� के� एके �ड़ेके� के0 ता�ई मेंहा�री�जा ना� ग0दे लि�य�।

औरी�ग�बा�दे स� �tटीना� के� बा�दे ता�ई मेंहा�री�जा बा(री� स��हाके�री2 के� प्रभा�व में आ गईं। इना �0ग2 ना� उन्हा इस बा�ता के� लि�ए ता;य�री केरी

लि�य� तिके व� अपूना� पूतिता के5 वस�यता के� प्रमें�र्णपूत्र के0 ख़ा�रिरीजा केरीव� दे यहा इस आJ� में तिकेय� गय� तिके व� स्वता�त्र औरी अपूना�

मेंनामेंजाx के5 में��तिकेना हा0 जा�ए6ग�। यहा आव�देना पू�ना� जिज़ो�� के� जाजा श्री� एस्टीना के0 29 जा(��ई, सना 1901 ई. के0 दिदेय� गय�।

इस आव�देना पूरी के�री4व�ई उस ता�री�ख स� 3 अप्र;�, 1902 ताके च��। इस अवधिध में अदे��ता के5 के( छे 344 बा;ठाके हुई इनामें स�

14 में तिता�के स� जिजारीहा के5 गई। यहा के�य4 श्री� एस्टीना औरी ता�ई मेंहा�री�जा के� वक़5�2 ना� धिमें�केरी तिकेय�। इस के�री4व�ई में दे�खना�

य0ग्य में(ख्य बा�ता यहा हा; तिके यद्यातिपू इसमें औरी�ग�बा�दे में देत्तके-ग्राहार्ण के0इ में(द्दे� नाहाz थे�, श्री� एस्टीना ना� उस� तिनार्ण4य केरीना� के� लि�ए

में(ख्य में(द्दे� बाना� दिदेय�। तिता�के द्वा�री� च(नाtता� दिदेए जा�ना� औरी तिवरी0ध प्रकेटी तिकेए जा�ना� के� बा�वज़ो�दे श्री� एस्टीना ना� गव�हा� स�बा�ध�

क़�ना�ना औरी प्र�स�तिगकेता� के� आध�री पूरी ता�ई मेंहा�री�जा के5 ओरी स� ढं�री2 देस्ता�व�ज़ो� औरी मेंtखिखके गव�हा� बा�दे में J�धिमें� केरी देº।

व�स्ताव में के� व� यहा में(द्दे� उठा�य� गय� थे� तिके क्य� तिता�के औरी अन्य �0ग2 के0 जा�री� तिकेय� गय� वस�यता के� प्रमें�र्णपूत्र बा�के�री

औरी तिनाष्प्रभा�व� हा0 गय� हा;। क्य� वस�यता के0 के�य�4त्यिन्वता केरीना� व��� �0ग �स्टी में रीहाना� के� अय0ग्य हा0 गए हा;, जिजासके� के�रीर्ण

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�स्टी में नाए �0ग2 के5 तिनाय(लिf आवश्यके हा0 गई हा;। श्री� एस्टीना ना� इना प्रश्न2 के� उत्तरी हा�6 में दिदेय�। वहा इस नाता�जा� पूरी पूहु6च� तिके

औरी�ग�बा�दे के� देत्तके ग्राहार्ण लिसद्ध नाहाz हुआ हा;। उन्हा2ना� वस�यता के� प्रमें�र्णपूत्र रीद्दे केरी दिदेय� औरी यहा आदे�J दिदेय� तिके में(क़देमें�

के� खच4 तिता�के औरी श्री� ख�पूo� के0 उठा�ना� पूड़े�ग�। फ़ी; स�� �म्बा� [2] थे�। इसके� 90 प्रतिताJता भा�ग में औरी�ग�बा�दे के� देत्तके-

ग्राहार्ण औरी पू�ना� में ता�ई मेंहा�री�जा के� स�थे केलिथेता दुव्य4वहा�री आदिदे तिनाता��ता अप्र�स�तिगके ताथ्य2 के5 चच�4 हा;। यहा बा�ता ध्य�ना दे�ना�

य0ग्य हा; तिके तिता�के ना� इन्हा ‘अप्र�स�तिगके’ केहा केरी इनाके� तिवरी0ध तिकेय� थे� औरी उन्हा2ना� इनास� स�बा�धिधता के�ग़ज़ो के� एके टी(केड़े�

ताके गव�हा� के� लि�ए पू�J नाहाz तिकेय� लिसव�य उना उत्तरी2 के� जा0 उन्हा मेंज़ोबा�री� में दे�ना� पूड़े�। इस बा�री� में उन्हा2ना� अपूना� वक़5� के0

तिनादे�J दिदेय� थे� तिके वहा इस तिवषाय में उनाके� स�थे केठा0रीता� स� प्रश्न पू�छे�।

एस्टीना के5 वक़��ता

यहा स्प� हा; तिके इस तारीहा श्री� एस्टीना के� स�मेंना� इना में�में�2 के� के� व� एके तारीफु� तिववरीर्ण थे� ताथे�तिपू, उन्हा तिनार्ण4य ��ना� में के0ई

तिहाचतिकेच�हाटी नाहाz हुई औरी उन्हा2ना� ऐस� आ�0चना� के5 में�ना0 उनाके� स�मेंना� तिता�के के� पूक्षा के5 भा� सभा� गव�हा� थे�। मेंध्य य(ग में

स्प�ना में ध�र्मिमेंkके अपूरी�ध2 के� लि�ए देण्o दे�ना� व��� न्य�य��य के5 तारीहा श्री� एस्टीना के�में केरी रीहा� थे� औरी स्वय� तिता�के के� तिवरुद्ध

J;ता�ना के� वक़5� के5 तारीहा आचरीर्ण केरी रीहा� थे�।

अपूना� जा�6च के� पूरिरीर्ण�मेंस्वरूपू श्री� एस्टीना ना� पू�य� तिके ना के� व� तिता�के के0 जा�री� वस�यता के� प्रमें�र्णपूत्र रीद्दे तिकेय� जा�ना�

च�तिहाए, बाम्भिल्के उनाके� द्वा�री� तिकेए गए अना�के अपूरी�ध2 के� लि�ए उना पूरी में(क़देमें� भा� च��य� जा�ना� च�तिहाए। श्री� एस्टीना ना� अपूना�

अदे��ता के5 अना(लिचता, ग;रीक़�ना�ना� औरी के�दे�य� के�री4व�ई के5 चरीमें पूरिरीर्णतिता में तिता�के के0 [3] लिसटीM मेंजिजास्��टी के� स(पू(दे4 केरी

दिदेय�।

सं� आपूर�धिधक आर�पू

तिता�के के� तिवरुद्ध ता;य�री स�ता आपूरी�धिधके आरी0पू इस प्रके�री थे�-

1. ना�गपू(रीकेरी के� तिवरुद्ध अमें�नाता में खय�नाता के5 झौ�ठाT लिJके�यता केरीना� (इस में�में�� में

श्री� एस्टीना ना� भा�रीता�य दे�o प्रतिक्रूय� स�तिहाता� के5 ध�री� 195 स�. आरी. पू�. स�. के�

अ�ताग4ता में�ज़ो�री� के� आव�देनापूत्र दे�ना� के� लि�ए ना�गपू(रीकेरी के0 भा� ता;य�री तिकेय�)।

2. औरी�ग�बा�दे य�त्र� के� तिहास�बा-तिकेता�बा में घोटी�-बाढ़ी� केरीके� झौ�ठाT गव�हा� ता;य�री केरीना�।

3. उपूय(4f के� स�बा�ध में जा��स�ज़ो�

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4. ऐस� गव�हा� जिजासके� बा�री� में पूता� हा; तिके वहा झौ�ठाT य� जा��� हा; देत्तके-ग्रा�हार्ण पूरी ता�ई

मेंहा�री�जा के� पूXष्ठ��केना के0 सत्य�तिपूता केरीना� के� लि�ए सच्च� बाता�केरी इस्ता�में�� केरीना�

य� उस� भ्र� तारी�क़� स� इस्ता�में�� केरीना�।

5. उf देत्तके-ग्राहार्णपूत्र के0 बा�ईमें�ना� में सच्च� औरी सहा� में�नाना�।

6. ता�ई मेंहा�री�जा के� देस्ताख़ाता2 के� उपूरी��ता देत्तके पू(त्र स�बा�ध देस्ता�व�ज़ो के� इस्ता�में��

केपूटीपू�व4के सहा� देस्ता�व�ज़ो के� रूपू में केरीना�

7. जा�नाबा�झौ केरी देस व�क्य2 में झौ�ठाT गव�हा� दे�ना�, जिजान्हा ता�ना उपू-J�षा4के2 के� अ�ताग4ता

तिवभाf तिकेय� गय� थे�।

औरी�ग�बा�दे में देत्तके-ग्राहार्ण के5 घोटीना�

पू�ना� के5 हाव��� में ता�ई मेंहा�री�जा के0 बा�दे रीखना�, औरी

उस� हाव��� में बा�बा� मेंहा�री�जा के� तिवरुद्ध बा�प्रय0ग।

बा�� ग�ग�धरी तिता�के अपूना� पूरिरीव�री के� स�थे

इना आरी0पू2 पूरी तिता�के के0 अदे��ता के� स(पू(दे4 केरीना� स� श्री� एस्टीना स�ता(� नाहाz हुए। उन्हा2ना� सरीके�री के0 स(झौ�व दिदेय� तिके इस

में�में�� स� उत्पून्ना के( छे अन्य सहा�यके आरी0पू2 जा;स� के5 पू(लि�स के0 ग़�ता स�चना� दे�ना�, ध0ख�धड़े� केरीना�, ग;रीक़�ना�ना� सभा� केरीना�

आदिदे के5 जा�6च केरी�ई जा�ए6।

उच्च न्यु�यु�लयु मD अपू2ल

उच्च न्य�य��य में बा�री-बा�री अपू�� के5 गई। अगरी उच्च न्य�य��य समेंय पूरी एके समेंस्य� के� न्य�यपू�र्ण4 समें�ध�ना केरी दे�ता� ता0

उस� बा�दे में में(क़देमें2 स� नाहाz तिनापूटीना� पूड़ेता�, ��तिकेना उच्च न्य�य��य ना� वस�यता के� प्रमें�र्णपूत्र के0 तिनारीस्ता केरीना� के� श्री� एस्टीना के�

तिनार्ण4य के0 पू�टी दिदेय� मेंगरी तिता�के के� तिवरुद्ध आपूरी�धिधके के�य4व�तिहाय2 के0 जा�री� रीहाना� दिदेय�। जाहा�6 ताके झौ�ठाT लिJके�यता के�

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आरी0पू थे�, श्री� बा�में;ना ना� तिता�के के� तिवरुद्ध में(क़देमें� के5 में�ज़ो�री� के0 अना(लिचता पू�य�। ��तिकेना एके �म्बा� में(क़देमें� के� बा�दे स्प�J�

मेंजिजास्��टी श्री� क्��मेंटी ना� तिता�के के0 Jपूथे �� झौ�ठाT गव�हा� दे�ना� के� दे0षा� पू�य� औरी उन्हा अठा�रीहा मेंहा�ना� के5 केठा0री क़; दे के5 सज़ो�

स(ना�ई। ताथे�तिपू, मेंजिजास्��टी ना� यहा स्व�के�री तिकेय� तिके तिता�के स्व�थेx उद्दे�श्य2 स� प्र�रिरीता नाहाz थे�, ��तिकेना उसके5 नाज़ोरी में व� एके

उन्मेंत्त व्यलिf थे�, औरी उनाके� दिदेमें�ग दुरी�ग्राहा औरी सत्त� के� प्य�री के� क़ब्ज़ो� में थे�। ��तिकेना तिवपूणित्त के� बा�दे� छे�टी गए। स�Jना

जाजा श्री� ��केस ना� J�घ्र हा� एके अपू�� में सज़ो� के0 घोटी� केरी छेहा मेंहा�ना� केरी दिदेय� औरी तिता�के के� प्रय0जाना2 औरी इरी�दे2 के0 पू�री�

ताtरी पूरी उलिचता ठाहारी�य�। सज़ो� के� लि�ए श्री� ��केस के� तिनार्ण4य अस्लिस्थारी औरी समेंथे4ना य0ग्य नाहाz थे� औरी 4 में�च4, सना 1904 ई.

के0 उच्च न्य�य��य ना� उस� तिनारीस्ता केरी दिदेय�। Jपूथे ��केरी गव�हा� दे�ना� के� आरी0पू लिसद्ध नाहाz पू�य� गय�, फु�ता: सरीके�री ना�

तिता�के के� तिवरुद्ध �ग�ए गए सभा� आरी0पू व�पूस �� लि�य�। इस प्रके�री तिता�के इस अखिग्नापूरी�क्षा� स� के(� देना बाना केरी तिनाके��।

सरी �}�स जा�नापिंकेkस के� तिनार्ण4य सभा� व्य�वहा�रिरीके प्रय0जाना2 के� लि�ए ग0दे ��ना� के� में(क़देमें� पूरी तिनार्ण4य थे�। श्री� एस्टीना के� सहा�री�

��केरी ता�ई मेंहा�री�जा के5 पू�टी� द्वा�री� तिता�के के� तिवरुद्ध जा0 में�में�� बाना�ए गए, व� ता�J के� तिक़�� के5 भा�6तिता ढंहा गए। तिवव�दे में

बाना�ए गए ताथ्य2 के� आध�री पूरी तिता�के के� तिवरुद्ध Jपूथे �� केरी झौ�ठाT गव�हा� दे�ना� के� आरी0पू �ग�य� गय� थे�। ��तिकेना जाबा

में(क़देमें� उच्च न्य�य��य में आग� बाढ़ी� ता0 षाड्यं�त्रके�रिरीय2 ना� पू�य� तिके तिता�के के� लि�ए बाना�ए गए गड्डे� में व� स्वय� तिगरी गए हा<। इस

के� स ना� 1901 स� 1904 ताके तिता�के के� पू�री� समेंय लि�य�। इना के�य4व�तिहाय2 के� लि�ए अदे��ता के5 160 बा;ठाके हुईं। अदे��ता

के5 बा;ठाके2 के� देtरी�ना अक्सरी तिता�के के0 व्यलिfगता रूपू स� उपूस्लिस्थाता हा0ना� पूड़े�। में(क़देमें� के0 स�ग�ना बाना�ना� व��� बा�ता यहा थे�

तिके तिता�के पूरी में(क़देमें� च��केरी बा�बाई सरीके�री अप्रत्यक्षा रूपू स� उनाके� तिवरुद्ध अपूना� Jत्र(ता� पू�री� केरी रीहा� थे�। व� देत्तके-ग्राहार्ण

के� आध�री पूरी ता�ई मेंहा�री�जा के5 �ड़े�ई �ड़े रीहा� थे�। यहा सरीके�री� Jत्र(ता� औरी एके औरीता के� अपूना� तिनाजा� तिहाता के� अमें�ग�के�री�

स�य0ग थे�।

हामें यहा नाहाz जा�नाता� तिके व�स्तातिवकेता� क्य� थे�। क्य� ता�ई मेंहा�री�जा सरीके�री के� हा�थे2 में केठापू(ता�� थे� य� सरीके�री उसके� हा�थे2 में

केठापू(ता�� थे�। स�भा�वना� यहा हा; तिके इनामें स� प्रत्य�के ना� दूसरी� के� केठापू(ता�� के5 तारीहा इस्ता�में�� तिकेय� औरी एके स�में� ताके

अपूना� भा� केठापू(ता�� के5 तारीहा इस्ता�में�� हा0ना� दिदेय�। इस प्रस�ग में दुख के5 बा�ता यहा हा; तिके सरीके�री अपूना� गरिरीमें� के0 भा�� गई

औरी उसना� स्वय� के0 एके अलिJणिक्षाता, स्व�थेx औरी तिवव�केरीतिहाता औरीता के� स्तारी पूरी खड़े� केरी दिदेय�। इस सबाके� पूरिरीर्ण�मेंस्वरूपू

इस में(क़देमें� में जानाता� के5 दिदे�चस्प� बाहुता अधिधके बाढ़ी गई थे�, यद्यातिपू दिदे�चस्प� के� में(ख्य के द्र तिता�के बाना� रीहा।

इस पू�री� देtरी में तिता�के के� आचरीर्ण के; स� थे�। अपूना� में�नालिसके स�ता(�ना बाना�ए रीख केरी तिबाना� तिकेस� बा�ध� आदिदे के� व� तिकेस

प्रके�री अपूना� स�में�न्य के�में-के�जा केरी सके� । उन्हा2ना� के; स� प्रसन्नाता� के� भा�व बाना�ए रीख� औरी अपूना� क़�ना�ना� स��हाके�री2 के�

लि�ए बाtजिद्धके प्र�रीर्ण� के� स्त्र0ता बाना�। गहारी� शिंचkता�ओं, जिजास� उनाके� ज्य�ष्ठ पू(त्र के5 मेंtता ना� औरी उग्रा केरी दिदेय� थे�। तिकेस प्रके�री व�

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अपूना� मेंम्भिस्ताष्के के0 में(f औरी अ�ग-थे�ग रीख सके ता�तिके अपूना� तिप्रय स�तिहात्यित्यके अध्ययना के� के�य4 के0 जा�री� रीख सके ताथे�

अपूना� पू(स्ताके ‘दिदे आके4 दिटीके हा0में इना व�दे�जा’ के0 प्रके�लिJता केरी सके� - य� सभा� J0ध के� तिवषाय हा<।

य0ग्य ना�ता�

तिता�के बा�दे में पू�ना� के5 में�� अधिधके�री क्षा�त्र के5 अदे��ता में देत्तके-ग्राहार्ण के� में(क़देमें� जा�ता गए। इसस� उनाके� Jब्दे औरी के�य4

पू�री� तारीहा उलिचता प्रमें�णिर्णता हा0 गए। अग�� वषा4 तिता�के ना� अपूना� तिनाजा� में�में�2, तिवJ�षाकेरी समें�च�रीपूत्र औरी छे�पू�ख�ना� स� स�बा�धिधता

के�यd के0 स�गदिठाता एव� ठाTके-ठा�के तिकेय�। ‘के� सरी�’ के5 प्रस�री स�ख्य� में अत्यधिधके बाढ़ी0तारी� हा0 गई थे�। अता: उसके5 छेपू�ई के�

लि�ए एके बाड़े� मेंJ�ना के� आय�ता केरीना� ज़ोरूरी� हा0 गय� थे�। मेंहा�री�जा� ग�यकेव�ड़े ना� पू�ना� के� ग�यकेव�ड़े बा�ड़े� उन्हा उलिचता दे�में

पूरी उनाके� हा�थे2 बा�च दिदेय�। इसस� तिता�के ज़ोरूरीता के� में(ता�तिबाके अपूना� समें�च�रीपूत्र औरी उसके� छे�पू�ख�ना� के0 स्था�य� जागहा दे�

सके� । अपूना� बाहुमें(ख� प्रतिताभा� के� उपूय0ग उन्हा2ना� मेंरी�ठाT भा�षा�  के� लि�ए नाई तिकेस्में के� टी�इपू के� तिवके�स के� लि�ए भा� तिकेय�। व�

इस टी�ईपू के� इस्ता�में�� मेंरी�ठाT ��इना0 टी�इपू मेंJ�ना में केरीना� च�हाता� थे�। इस के�य4 में उन्हा उल्��खना�य सफु�ता� धिमें��। उनाके�

नाए टी�इपू के5 तिoजा�इना के0 इ�ग्�<o में ��इना0 टी�इपू तिनामें�4ता�ओं ना� में�ज़ो�री केरी लि�य� थे�, ��तिकेना मेंरी�ठाT टी�इपू स� य(f ��इना0

टी�इपू मेंJ�ना के� आय�ता में दे�री� हा0 गई। देरीअस� दे�J में बाहुता हा� केमें छे�पू�ख�ना� ऐस� थे�, जा0 दे�वना�गरी� ��इना0 टी�इपू मेंJ�ना2

के� खच4 उठा� पू�ता� थे�। इसलि�ए इ�ग्�<o के� ��इना0 टी�इपू तिनामें�4ता�ओं के0 इस बा�ता के� लि�ए ता;य�री नाहाz तिकेय� जा� सके� तिके व�

अपूना� पू�6जा� एके नाई तिकेस्में के� टी�इपू व��� मेंJ�ना में फु6 स� दे।

तिता�के सना 1905 ई. स� सतिक्रूय री�जाना�तिताके आ�दे0�ना में पू�री� तारीहा के� दे गए थे�। बा�ग�� के� तिवभा�जाना के� के�रीर्ण दे�J में री�ष्ट्रव�देM

भा�वना�ओं के� ज्व�री आय�। इस� के� स�थे स्वदे�J�, बातिहाष्के�री, री�ष्ट्र�य लिJक्षा� आदिदे स्वरी�ज्य जा;स� के�य4क्रूमें J(रू तिकेए

गए। बाना�रीस के��ग्रा�स ना� इना भा�वना�ओं के0 स�गदिठाता औरी JलिfJ��� ढं�ग स� प्रकेटी तिकेय�। यहा बा�ता स्व�के�री के5 जा�ना� �ग� तिके

तिता�के री�ष्ट्रव�दिदेय2 के5 पू�टी� (ना�Jनालि�स्टी पू�टी�) के� सबास� य0ग्य ना�ता� हा< औरी उन्हाz के� के�रीर्ण बा�ग�� के� तिवभा�जाना के� बा�दे

पूणिश्चमें� भा�रीता में री�ष्ट्रव�दे के5 मेंJ�� जा�ता� रीहा� हा;।

घोटीना�-प्रध�ना जा�वना

तिता�के के� जा�वना घोटीना�-प्रध�ना रीहा� हा;। व� मेंtलि�के तिवच�री2 के� व्यलिf थे�। वहा स�घोषा4J�� औरी पूरिरीश्रीमेंJ�� थे�। व� आस�ना� स�

के( छे भा� ठा(केरी� सकेता� थे�। वहा ताबा तिवJ�षा प्रसन्नाता� के� अना(भाव केरीता� थे�, जाबा उन्हा केदिठाना च(नाtतिताय2 के� स�मेंना� केरीना� पूड़ेता�

थे�। उनाके� अधिधके��J के�य4 पूरी0पूके�री के5 भा�वना� स� भारी� हा0ता� थे�। उनाके5 एकेमें�त्र इच्छी� थे� �0ग2 के5 भा��ई के� लि�ए के�य4

केरीना� औरी यहा बा�ता स्व�के�री के5 जा�ता� हा; तिके व� अपूना� इस इच्छी� के0 के�फ़ी5 हादे ताके पू�री� केरीना� में सफु� रीहा� थे�। उनामें

य0ग्यता�, अध्यवस�य, उद्यामेंJ��ता� औरी दे�Jप्र�में के� ऐस� अना�ठा� स�गमें थे� तिके अ�ग्रा�ज़ो सरीके�री उनास� हामें�J� चtकेस रीहाता� थे�।

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तिता�के के� अना�के धिमेंत्र उनाके� प्रतिता JलिfJ��� तिYदिटीJ सरीके�री के� रीव;य� के0 स�भावता: यहा केहा केरी स्व�के�री केरीग� तिके यहा उनाके�

व�स्तातिवके में�ल्य2 के� जा�ता�-जा�गता� प्रमें�र्णपूत्र हा;।

मेंXत्य(

सना 1919 ई. में के��ग्रा�स के5 अमेंXतासरी बा;ठाके में तिहास्स� ��ना� के� लि�ए स्वदे�J �tटीना� के� समेंय ताके तिता�के इताना� नारीमें हा0 गए थे�

तिके उन्हा2ना� में}न्टी�ग्य�- च�म्सफ़ी0o4 स(ध�री2 के� ज़ोरिरीय� स्था�तिपूता ��जिजास्��दिटीव के�उ�लिस� (तिवध�य� पूरिरीषादे2) के� च(ना�व के� बातिहाष्के�री के5

ग�6ध� के5 ना�तिता के� तिवरी0ध नाहाz तिकेय�। इसके� बाजा�य तिता�के ना� क्षा�त्र�य सरीके�री2 में के( छे हादे ताके भा�रीता�य2 के5 भा�ग�दे�री� के5

J(रूआता केरीना� व��� स(ध�री2 के0 ��ग� केरीना� के� लि�ए प्रतितातिनाधिधय2 के0 स��हा देM तिके व� उनाके� ‘प्रत्य(त्तरीपू�र्ण4 सहाय0ग के5 ना�तिता के�

पू��ना केरी। ��तिकेना नाए स(ध�री2 के0 तिनार्ण�4यके दिदेJ� दे�ना� स� पूहा�� हा� 1 अगस्ता, सना 1920 ई. में बा�बाई (वता4में�ना में(�बाई) में

तिता�के के5 मेंXत्य( हा0 गई। उन्हा श्रीद्ध��जालि� दे�ता� हुए मेंहा�त्में� ग�6ध�  ना� उन्हा आध�तिनक भू�र क� तिनम�:� औरी ना�हारू

जा� ना� भू�र2यु क्र��ति क& जनक के5 उपू�धिध देM। 

मिमत्राC सं& चीची�: करD:            

पून्ने& कA प्रगंति अ!स्थ� आध�री प्र�रीम्भिCके में�ध्यधिमेंके पू�र्ण4ता� J0ध

स�देभा4 ग्रा�थे स�च�

टीMके� दिटीप्पूर्ण� औरी स�देभा4

1. ↑  (पूXष्ठ 38, तिता�के के� में(क़देमें�)

2. ↑  (�गभाग 40 में(दिद्रता फु( �स्के� पू पूXष्ठ)

3. ↑  भा�रीता�य दे�o प्रतिक्रूय� स�तिहाता� के5 ध�री� 476 के� अ�ताग4ता

स�बा�धिधता ��ख

[लिछेपू�ए6]दे�ख • व�ता�4 • बादे�

 स्!न्त्रा� सं&न�न2 अजाय घो0षा  · अन्नाता हारिरी धिमेंत्र  · अबा(�के��में आज़ो�दे  · अब्दु� में0धिमेंना  · अब्दु� रीJ�दे  · अब्दु� रीहामें�ना ख़ा�6  · अम्बिम्बाके� चक्रूवताx  · इ�दिदेरी� ग�6ध�  · 

जा0J� · एना . ग0पू�� स्व�में� आय�गरी  · एना . जा� . री�ग�  · एना . जा� . हा�oxकेरी  · केन्हा�ई ��� देत्त  · केमें�� ना�हारू  · अरीपिंबाkदे0 घो0षा  · केमें��दे�व� चट्ट0पू�ध्य�य

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ग�6ध� · ख़ा�ना अब्दु�गफ़्फ़ी�री ख़ा�ना  ·ख(देMरी�में बा0स  · ग0पिंवkदे बाल्�भा पू�ता  · च�द्रJ�खरी आज़ो�दे  · ऊधमें शिंसkहा  · जाव�हारी��� ना�हारू  · बा�ल गं�गं�धर तिलकग�6ध� · री�जाग(रु · री�जा�न्द्र प्रस�दे  · व�री स�वरीकेरी  · तिवना0बा� भा�व�  · दुग�4 भा�भा�  · सरी0जिजाना� ना�यo�  · भागताशिंसkहा · स(खदे�व · स(भा�षा च�द्र बा0स  · ���� री�य · तिवतिपूना चन्द्र पू��  · जायप्रके�J ना�री�यर्ण  · सरीदे�री वल्�भा भा�ई पूटी��  ·मेंदेनामें0हाना में��व�य  · तिवजाय�क्ष्में� पूस्लिण्oता  · स(J��� देMदेM  · गर्ण�JJ�केरी

तिवद्या�थेx · भागव�ना दे�स  · चक्रूवताx री�जाग0पू���च�री�  · तिबाध�ना च�द्र री�य  · एना� बा�सटी  · स(भाद्र� के( में�री� चtहा�ना  · दे�दे� भा�ई नाtरी0जा�  · जागजा�वना री�में  · �0तिहाय� · तिता�के� में�6झौ�  · चtधरी� दे�व� ���  · अरुर्ण� आसफ़ी अ��  · प्रफु( ल्�च�दे च�के5  · लिचत्तरी�जाना दे�स  · बा�स���� ·ग0पू�� केX ष्र्ण ग0ख��  · जागतारी�में

हारीदेय�� · हा�स� में�हाता�  · जागबा�ध( बाख्शी�  · गर्ण�J दे�में0देरी स�वरीकेरी  · बाटी(के� श्वरी देत्त  · लिचदे�बारीमें तिपूल्�ई  · ग�ग�धरी अधिधके�री�  · चन्द्रभा�ना( ग(प्ता  · के( ��धरी च�लि�हा� · जागता ना�री�यर्ण ���  · फ़ी5री0ज़ो ग�6ध�  · तिहारी��� चनाय� दे�सप्पू�  · पूद्मजा� ना�यo�  · हाना(में�ना प्रस�दे पू0द्दे�री  · अ�जाना� दे�व� चtधरी�  · इन्द्रना�री�यर्ण

तिद्वाव�देM · ई . व� . री�में�स्व�में� ना�यकेरी  · ए . के� . ग0पू��ना  · घोनाश्य�में ��� जा0J�  · जायरी�मेंदे�स देt�तारी�में  · ज्ञ�नाच�द्र मेंजा�मेंदे�री  · छेगनारी�जा चtपू�सना� व��� स��व�री�में दे�Jपू�ण्o�  · री�में प्रस�दे तिबाम्भिस्में�  · ठा�के( री तिनारी�जाना शिंसkहा  · के� दे�री�श्वरी स�ना ग(प्ता�  · टीM . बा� . के( न्हा�  · केस�नाथे�ना� ना�ग�श्वरी री�व  · ख��के(ज्जामें�री�में · ग�ग� शिंसkहा  · गर्णपूता ��� वमें�4  · ग(रुबाख्शी दिढंल्�0  ·घोनाश्य�में दे�स तिबाड़े��  · घो�स� री�में चtधरी�  · घो�स� ��� ध�केड़े  · चन्द्रशिंसkहा गढ़ीव���  · लिचतारी�जाना

में(खजाx · लिचत्त� पू�ण्o�  · च(न्ना���� लिचत्तtड़े�  · जामेंना���� बाजा�जा  · जायना�री�यर्ण व्य�स  · जा� . एमें . स�नाग(प्ता�  · ज़ो�तिकेरी हुस;ना  · दिदेना�J च�द्र मेंजा�मेंदे�री  · दुग�4बा�ई

श्री�णिर्णय�6: प्र�रीम्भिCके अवस्था�  | प्रलिसद्ध व्यलिfत्व  | प्रलिसद्ध व्यलिfत्व के0J  | चरिरीता के0J  | री�जाना�ता� | री�जाना�तिता के0J  | स्वतान्त्रता�

स�ना�ना� | जा�वना� स�तिहात्य इंसं पून्ने& क& बा�र& मD आपूकA र�यु क्यु� हा??

केX पूय� ना�च� दिदेए तिवकेल्पू2 स� च(नाकेरी पून्ना� के5 समें�क्षा� केरी आपूके� के( छे पू� दे�ना� स� हामें भा�रीताके0J के0 अधिधके उपूय0ग� बाना�ना�

में सहा�यता� धिमें��ग�। धन्यव�दे !

ति!श्वसंन2यु�:         पू�ण:�:         तिनष्पूक्षा�:         

प्रस्�ति:         सत्र�री�भा ( �}ग - इना ). ख�ता� ख0�

पून्ना� व�ता�4 पूढ़ी स्रो0ता दे�ख इतिताहा�स दे�ख

    दे�वना�गरी� में(खपूXष्ठ

समें�जा में(खपूXष्ठ ब्�}ग केरी स�पूके4

प्रमें(ख तिवषाय स�च� भा�रीता गर्णरी�ज्य इतिताहा�स पूय4टीना स�तिहात्य जा�वना� देJ4ना धमें4 स�स्केX तिता भा�ग0�

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के�� ख�� भा�षा� के0J तिवज्ञ�ना स�में�न्य ज्ञ�ना

सहा�यता�

सहा�यके उपूकेरीर्ण

इस पून्ना� के� तिपूछे�� बादे��व 2 जा�ना 2011 के0 19:49 बाजा� हुआ थे�।

यहा पूXष्ठ 1,468 बा�री दे�ख� गय� हा;

सं!�:धिधक�र सं�रशिक्षा

ग0पूना�यता� ना�तिता

भा�रीताके0J के� बा�री� में

अस्व�केरीर्ण