bz&cysfvu fkm|eh - agri-clinics · 2017-04-04 · म֦दा की उवसषरता...

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iz rh;eku vuq Hko dk s ck aVus okyk eap jk"Vªh; —f"k iz ca/ku foLrkj laLFkku] कृषि सहयोग और कृषि ᳰकसान कयाण मंालय jk"Vª h; —f"k vk Sj xzkeh.k fodkl cS ad शहरी े म कृषि को यसाय के म पनाने ष कम होने के कारण हम ᳰकसी ᳰकसान को समाषनत करने कᳱ बात बत कम सुनते ह। रंतु ी एम. नागराजू इस मानक से रे है। हैदराबाद, तेलंगाना के रहते ए भी उहने इस मेोोटषलᳯनन नगर म ᳰकसान बनकर रहने को ही ना। कृषि उमी के म ी नागराजू सा साल से ᳰकसान को सेा म लगे ए है। िष 200ा म ए सी ए बी सी षशण के षशाी, नागराजू, मूलभूत तकनीᳰकय के षकास ता नोमेशन म षनत लगे रहते हे। उहने कृ षि के े म पषधकाषधक लाभ ात करने के षलए उहने ममानष फाᳺमग कᳱ पधारणा को पनाया। उनकᳱ पधारणा के ारा कई ᳰकसान षदेशी फसल, हाईनेक फामष मशीनरी का उयोग, मᳲयंग और सूम ᳲसंाई, मसमी फल सषजजय को ᳯरण बीज संमकरण, फसल उादन के सा ु कृषि इयाᳰद जैसी मयमयता के सा लाभाषत ए है। षदेशी फल एं सषजजय के बीज के आयात से उनकᳱ लोकषयता बढने लगी। तैयान से उ मूय ाले ीता के बीज जैसे एफहाईषिड डाफ ष ीता, आईस बास तरबूज, रबूज, कुछ षदेशी फल एं सषजजय के बीज उनके ारा मंगाए जाने ाले बीज म से कुछ कार है। ी नागराजू ने सस00 से पषधक गषतशील छोने एं मझोले ᳰकसान को हाईनेक ीता कृषि म षशण ᳰदया और उह सफलता ूषक माकेन से जोडा। इसके पलाा उहने तलंगाना, आर देश एं कनाषनक के स0000 से पषधक ᳰकसान को कृ षि-सलाहकारी सेा दान कᳱ है। उनकᳱ सेा एं योगदान के षत आभार कन करते ए रंगारेी षजले के ᳰकसानेां ने 29 जुलाई, 20स6 को तेलंगाना को -ऑरेᳯन एेस बक सेोल ोेᳲनंग इषमनून, राजेरनगर म आयोषजत एकᳰदसीय दशषनी सह-षशण कायषम म उनको समाषनत ᳰकया। इस कायषम का उानन ीमती ी. उिा रानी, भा..से., महाषनदेशक मैनेज, हैदराबाद ने ᳰकया। इस कायषम म भाग लेने ाले पय पषतषय म ी पनतरा, षनदेशक, नी एस सी ए बी सी नी आई, डट. बी. सुजबारायडु, ᳯरयोजना षनदेशक, आमा, रंगारेी, पषतᳯरत षनदेशक, कृषि पषधकारी, जलटक तकनीकᳱ मैने जर ीबी नी एम, सहायक तकनीकᳱ बंधक ीएनीएम और रंगारेी षजले के 200 गषतशील ᳰकसान ने भाग षलया है। षशण म समाषहत षिय ये मृदा और जल बंधन, जैी रेती, मूय जोड, बाजार सूना इयाᳰद। दशषनी म नीन तकनीᳰकय जैसे मᳲयंग ᳰफलम, फल एं सषजजय के मषरय का ोै, नाना जी आई षशषत ढाे, हाईोजल, जैषक उादन ता षदेशी फल एं सजी का दशषनी ᳰकया गया है। ी नगारजू को मोबाई: +9स 939ससाााा0. र संकष ᳰकया जा सकता है। रंड VIII पंक –IX जुलाई, 20स6 —f"km|eh bZ&cq ysfVu सेा एं समषन दान करने के षलए ᳰकसान ारा कृ षि उमी का समान bl vad esa % izR;sd —"kd }kjk csgrj —f"k सेा एं समषन दान करने के षलए ᳰकसान ारा कृषि उमी का समान इस माह के कृषि उमी:ी शरद देशांडे ,जबली, कनाषनक इस माह का संमान:भारत यूरोीय ाषणय एं याार कोठ ीआई ई सी सी आई, भोाल, मय रेश ुनयाष षशण कायषम पमराती के कृषिउमी ‘’शेनीषनठा शेनकारी ुरमकार’’ से समाषनत ** —f"k m|ferk ,d ,slk izrh;eku eap gS tgk a —f"k m|fe;k sa ] cS adjk sa ] —f"k O;olk; daifu;k sa a] uk sMy iz f'k{k.k laLFkkuk sa ] foLrkj dk;ZdrkZvksa] f'k{kk'kkfL=;ksa] vuq la/kkudrk Z vk sa rFkk —f"k O;olk; fpardk sa ] tk s ns'k esa —f"k m|ferk fodkl ds fy, dk;Z dj jgs gS a] ds vuqHkok sa dk s lcds lkFk ck aVk tkrk gS A कृषिउमी कᳱ मुत हेलाइन का उयोग कर स800 20-स006 ी एम् . नागराजू कृषि उमी को रंगा रेी षजहे के ᳰकसान ने समाषनत ᳰकया

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  • izrh;eku vuqHko dks ckaVus okyk eap

    jk"Vªh; —f"k izca/ku foLrkj

    laLFkku]

    कृषि सहयोग और कृषि ककसान

    कल्याण मतं्रालय

    jk"Vªh; —f"k vkSj

    xzkeh.k fodkl cSad

    शहरी क्षेत्रों में कृषि को व् यवससाय के ूप में प नाने ूपष कम होने के कारण हम ककसी ककसान को स् माषनत

    करने की बात बहुत कम सुनते हैं। रंतु श्री एम. नागराजू इस मानक से रे ह।ै हदैराबाद, तेलंगाना के रहते हुए भी

    उन् होंने इस मेोो टषल नन नगर में ककसान बनकर रहने को ही ना। कृषि उमी मी के ूप में श्री नागराजू सा सालों से

    ककसानों को सेवसा में लगे हुए ह।ै वसिष 200ा में ए सी ए बी सी प्रषशक्षण के प्रषशक्षार्थी, नागराजू, मूलभूत तकनीककयों के

    षवसकास तर्था नवसोन् मेशन में षनत लगे रहते ह।े उन् होंने कृषि के क्षेत्र में पषधकाषधक लाभ प्रात त करने के षलए उन् होंने म मानष

    फार्मिंग की पवसधारणा को प नाया। उनकी पवसधारणा

    के द्वारा कई ककसान षवसदशेी फसल, हाईनेक फामष

    मशीनरी का उ योग, मलल्यंग और सूक्ष् म लसं ाई, मससमी

    फलों वस सषजजयों को रक्षण बीज प्रसंम करण, फसल

    उत् ादन के सार्थ ु कृषि इत् याकद जैसी म यम यतां के

    सार्थ लाभाषन्वसत हुए है। षवसदशेी फल एवसं सषजजयों के

    बीजों के आयात से उनकी लोकषप्र यता बढने लगी।

    तैयवसान से उच् मूल् य वसाले ीता के बीज जैसे एफस

    हाईषिड डवसाफष ीता, आईस बाक् स तरबूज, ररबूज,

    कुछ षवसदशेी फल एवसं सषजजयों के बीज उनके द्वारा मंगाए

    जाने वसाले बीजों में स े कुछ प्रकार ह।ै श्री नागराजू ने

    सस00 से पषधक प्रगषतशील छोने एवसं मझोले ककसानों को

    हाईनेक ीता कृषि मैं प्रषशक्षण कदया और उन् हें सफलता

    ूवसषक माकेन से जोडा। इसके पलावसा उन् होंने तेंलंगाना,

    आन् र प्रदशे एवसं कनाषनक के स0000 से पषधक ककसानों को

    कृषि-सलाहकारी सेवसा प्रदान की ह।ै उनकी सेवसा एवसं

    योगदान के प्रषत आभार प्रकन करते हुए रंगारेड्डी षजले के

    ककसानेां ने 29 जुलाई, 20स6 को तेलंगाना को-ऑ रे नवस

    ए ेक् स बैंक सेन् ोल ोेलनंग इषन्मनूून, राजेन् रनगर में

    आयोषजत एककदवससीय प्रदशषनी सह-प्रषशक्षण कायषक्रम में

    उनको स् माषनत ककया। इस कायषक्रम का उघाटानन श्रीमती

    वसी. उिा रानी, भा.प्र.से., महाषनदशेक मैनेज, हदैराबाद ने

    ककया। इस कायषक्रम में भाग लेने वसाले पन् य पषतषर्थयों में

    श्री पनन् तरावस, षनदशेक, नी एस सी ए बी सी नी आई, डट. बी. सजु बारायडु, रयोजना षनदशेक, आत् मा, रंगारेड्डी,

    पषत रक् त षनदशेक, कृषि पषधकारी, ज लटक तकनीकी मनैजेर ीबी नी एम , सहायक तकनीकी प्रबधंक ीएनीएम और

    रंगारेड्डी षजले के 200 प्रगषतशील ककसानों न ेभाग षलया ह।ै प्रषशक्षण में समाषहत षवसिय य ेमदृा और जल प्रबधंन, जवैसी

    रतेी, मलू् य जोड, बाजार स ूना इत् याकद। प्रदशषनी में नवसीन तकनीककयों जसै ेमलल्यगं कफलम, फल एवस ंसषजजयों के मषक्रयों

    का ोै , नाना जी आई प्रषशषक्षत ढा़ाँ ,े हाईड्रोजल, जषैवसक उत् ादन तर्था षवसदशेी फल एवस ंसज जी का प्रदशषनी ककया गया ह।ै

    श्री नगारज ूको मोबाई: +9स 939ससाााा0. र स ंकष ककया जा सकता ह।ै

    रंड – VIII पंक –IX जलुाई, 20स6

    —f"km|eh bZ&cqysfVu

    सवेसा एवसं समर्थषन प्रदान करन ेके षलए ककसानों द्वारा कृषि उमी मी का स् मान bl vad esa%

    izR;sd —"kd }kjk csgrj —f"k

    सेवसा एवसं समर्थषन प्रदान करने

    के षलए ककसानों द्वारा कृषि

    उमी मी का स् मान

    इस माह के कृषि उमी मी:श्री

    शरद दशे ांडे ,हुज बली,

    कनाषनक

    इस माह का संम र्थान:भारत

    यूरो ीय वसाषणज् य एवसं व् या ार

    प्रको ठ ीआई ई सी सी आई ,

    भो ाल, म य रशे

    ुनश् याष प्रषशक्षण कायषक्रम

    पमरावसती के कृषिउमी मी

    ‘’शेनीषन ठा शेनकारी

    ुरम कार’’ से स् माषनत

    ** —f"k m|ferk ,d ,slk izrh;eku eap gS

    tgka —f"k m|fe;ksa] cSadjksa] —f"k O;olk;

    daifu;ksaa] uksMy izf'k{k.k laLFkkuksa]

    foLrkj dk;ZdrkZvks a ] f'k{kk'kkfL=;ks a]

    vuqla/kkudrkZvksa rFkk —f"k O;olk; fpardksa]

    tks ns'k esa —f"k m|ferk fodkl ds fy,

    dk;Z dj jgs gSa] ds vuqHkoksa dks lcds lkFk

    ckaVk tkrk gSA

    कृषिउमी मी की मफु्त

    हले् लाइन का उ योग करें

    स800 –ा20-स006

    श्री एम् . नागराजू कृषि उमी मी को रंगा रेड्डी षजल्ह ेके

    ककसानों ने सन्माषनत ककया

  • सफलता के बीज:

    माह का कृषिउमी मी रंड VIII पकं IX

    श्री शरद दशे ाडें

    # ८५ मयूरी एमनेन , हुजबली, कनाषनक, ५८००२३ , इ- मले : [email protected] ,मोबाइल : +9स 9ा830 स0360

    ककसानों को समय र सहायता प्रात त नह होती ह।ै वसतषमान षवसम तार तंत्र ककसानों तक हु़ाँ ने में या तो प याषत त ह ैया पनुकूल नह ह।ै कृषि -षनवसेश उमी ोग के क्षेत्र में

    30 वसिो के पनुभवस के सार्थ श्री शरद दशे ांडे ी06 हुज बली, कनाषनक से ह ैऔर वसे इस कमी को दरू करने के षलए कुछ करना ाहते है। एक योग् य सेड नेक् नोलषजम न होने

    क नाते श्री शरद दशे ांडे बीज के षवसिय में बहुत उत् साह कदरते हैं। उनका षवसश् वसास ह ैकक केवसल बीज ही दशे की बढती आबादी की रामी सुरक्षा का आश् वसासन द े ता है।

    वसे कई उदाहरणों से समझते ह ैकक मक् कई, नमानर, ररबूज इत् याकद फसलों का ैदावसार हाइषिड बीजों के ञानान ार गुना बढा ह ैजबकक पन् य इन ुन में कोई रवसतषन

    नह ककया गया। उनके पनुसार यह सुधारे गए पनुवसंशुकी की शषि ह।ै हमारे दशे की आबादी 30 करोड से ीस9ा7 पब स20 करोड ी307 प्रषतशत बढा ह ै हो गया है।

    इसी समय कृषि उ योगी भूषम षवसषभन् न कारणों से संकुष त होते जा रहा ह।ै फसल उत् ादन र उवसषरकों का पंधाधुंध उ योग एवसं पषनष त बा रि के दु प्रभावस के कारण

    मृदा की उवसषरता रत् म होते जा रही ह ैऔर कृषि एवसं किषण पसुरषक्षत होते जा रह ेहैं। इन रषमर्थषतयों का सामना करने के षलए उच् ैदावसार दनेे योग् य बीज षजसमें

    षवसिम रषमर्थषतयों के सामान् य करने की पंतरशषि होना जूपरी ह ैकक आावसश् यकता ह ैजो प ने प्रधानमंत्री जी का स ना ‘’मोर क्रट र ड्रट ’’ को ूरा करने में मद्दगार

    हो सके। श्री शरद ैदावसार को बढाने तर्था ककसानों की आय में वसृषि लाने के षलए उच् गुणवसत् ता वसले बीजों के उ योग र जोर देते ह।ै उनके पनुसार उच् गुणवसत् ता के

    बीज एवसं उन् नत कृषि षवसञानान उत् ादन के आधार ह।ै उन् होंने प ने षबषजनेस मटडल के ूप में तीन का़ाँनेदार रणनीषतयों का उ योग ककया। उच् को न के बीजों की आ ूती

    ीवसाषणज् य एवसं संषवसवसरण द्वारा ी2 ैदावसार दाता, रोग, कीन एवसं सूरे के षलए सहनशीलता ीनमूना रीक्षण केन् र धारवसार के आकलन के षलए सभी प्रकारों एवसं नमूनों

    का रीक्षण ी3 कृषि में नवसीन षवसियों के षलए कं षनयों के कमष ा रयों एवसं ककसानों का प्रषशक्षण ीकट ोरेन संम र्थां के षलए फसल षवसशेि प्रषशक्षण कायषक्रमों का

    आयोजन ग्रामीण म तर र करना

    नसकरी के षलए इम तीफा दनेे के बाद श्री शरद कमाई के षलए दसूरा ज रया रोजने लगे। इस दसरान श्री शरद ए सी वस ए बी सी योजना के बारे में सूने और इस

    योजना में सष्मषलत होने का षनणषय षलया। तदनुसार वसे श्रीराम प्रषत ठान मंडल ीएसएम ी , बेलगाषवस मैनेज द्वारा पनुमोकदत नोडल प्रषशक्षण संम र्थान ह ैजो इस

    योजना के तहत प्रषशषक्षण प्रदान करता ह।ै इस प्रषशक्षण द्वारा उनके उमी षमता कसशलों में वसृषि हुई। तुरंत बाद श्री शरद ने कृषि सलाहकारी सेवसा कायाषलय ‘’षसलीषवसया

    ोेड आई एस सी’’ के नाम र ंजीकृत करायी। उनके कक्रयाकला ों को समर्थषन प्रदान करते हुए आन् रा बैंक, षवसजयनगर, हुज बषल ने ूप.20 लार षवसत् तीय सहयोग कदया।

    उन् होने ा एकड भूषम में रोड नेन, ाली-हाऊसेस, लसं ाई व् यवसम र्था को कई फसलों के मूल् यांकन एवसं नमूनों के रीक्षण हतेु षवसकषसत की। उनके फामष र फील् ड, सज जी

    एवसं फूलों के षवसषभन् न प्रकार का रीक्षण ककया जाता ह ैऔर षन ादन को दशाषया जाता ह।ै सात नामी बीज कं षनयों में इन की सवसां का लाभ उठाया ह ैऔर नमूना

    रीक्षण सेवसाए ंप्रात त कर रह ेहैं। पब तक स,000 से पषधक प्रषशक्षार्थी षवसषभन् न फसलों र गहन प्रषशक्षण प्रात त ककए ह।ै श्री शरद उच् एवसं गुणवसत् ता युक् त िैंडों के बीज

    एवसं कीननाशकों के व् या ार से भी जुडे हुए ह।ै वसे षनयषमत ूप से ककसानों के ास जाते हैं और उन् हें सलाहकारी सेवसा प्रदान करते ह।ै वसे षवसध डेमटन् म ोेशन को भी षवसषभन् न

    फसलों एवसं तकनीहों के षलए आयोषजत करते ह।ै स00 से पषधक गा़ाँवसों के 0,000 ककसानों को उनहोंने प नी सेवसाए ंप्रदान की है। ूप.0 करोड की वसार्िषक ननषओवसर के

    सार्थ ‘’षसलषवसया ोेड आई एन सी का लक्ष् य ककसानों, छात्रों एवसं कट ोरे्स के षलए सं ूणष नमूना रीक्षण सुषवसधा तर्था ककसानों के षलए ऑनफामष प्रषशक्षण केन् र के ूप में

    व् या क बनाना है। श्री शरद बीज व् या ार में षनवसेंशकों के षलए तकनीकी सलाह ओर रणनीषतक सलाहाकरी प्रदान करते ह।ै नवस उमी षमयों के षलए उनका संदशे ह ैकक

    ‘’सही एवसं इमानदार इराद ेसे ककसानों के सार्थ काम क रए, आ षनष त ूप से सफल होंगे’’

    धारवसाड षजला नरेन् र गा़ाँवस के श्री

    बस ा फसल का दसरा ककया

    और उन् हें हाई-नेक सज जी उत् ादन

    के षलए ैकेज ऑफ प्राक् नीसेस में

    प्रषशक्षण कदया गया ह।ै उनके

    त् तागोबी का फसल पब हले से

    तीन गुना पषधक ैदावसार देता ह।ै

    उनका कहना ह ैकक बीज बोने से

    हले उसका रीक्षण कर लेना

    ाषहए। श्री शरद दशे ांडे प्रशक्षणार्थी के सार्थ षवसदेशी प्रषशक्षणार्थी गु्र षडमकशन में सहभागी

  • ekg dk laLFkku रंड VIII पकं IX

    श्रीमती पनरुाधा षसघईं

    नोडल पषधकारी

    नाम एननीआई: भारत

    यूरो ीय वसाषणज् य एवंस व् या ार

    प्रको ठ ीआई ई सी सी आई

    ता: ए सी ए बी सी एवस ं

    षनदेशक

    आई ई सी सी आई, एफ –

    स0स, रक्षा नावसर, ुन् नाभटी,

    भो ाल, म य प्रदेश

    – 462016,

    फोन सं.:700- 4270989

    मो.नं. : 9826075378

    ई-मेल: [email protected]

    वेसबसाईन: www.iecci.com

    आयोषजत प्रषशक्षण कायषक्रमों

    की सखं्या : 2

    प्रषशषक्षत उ्मीदवसारों की

    सखं्या: 61

    मर्थाष त वसें सष की सखं्या: 09

    कृषि उमी म मर्थाष त: ररगोश

    ालन, डेयरी, कृषि इन ुन

    शट , कुक्कुन, बकरी ालन

    आकद।

    षवसकषसत एवस ंसमावसशेी पर्थषव् यवसम र्था के षलए दरूदषृ : आई.ई.सी.सी. आई मतं्र

    भारत यूरो ीय वसाषणज् य एवसं व् या ार प्रको ठ ीआई ई सी सी आई एक व् या र समर्र्थषत पनुसंधान,

    रामशी एवसं आर्र्थषक षवसकास संगठन ह ैषजसकी उ षमर्थषत पषरल भारतीय म तर र तर्था जोर षन् न षवसकषसत

    क्षेत्रों र ह।ै यह औ ा रक ूप से वसिष 2002 में एक गैर-लाभकारी संम र्था के ूप में ंजीकृत हुई र्थी,

    षजसका उद्देश् य यूरो ीय दशेों के सार्थ प ने व् या ा रक संबंधों को बढावसा दनेा तर्था दशे को षन् न षवसकषसत

    क्षेत्रों का आर्र्थषक षवसकास करना र्था। भारत-यूरो ीय वसाषणज् य एवसं व् या ार प्रको ठ ीआई ई सी सी आई को

    ‘’एषग्र- षक्लषनक् स और एषग्र-षबषजनेस केरों’’ हतेु मैनेज, हैदराबाद द्वारा म य प्रदशे राज् य के षलए नोडल

    प्रषशक्षण संम र्थान ीएन नी आई के ूप में षनयुक् त ककया गया। आई ई सी सी आई एसी एवसं एबीसी कायषक्रम के

    षलए एक नया नोडल प्रषशक्षण संसंम र्थान ह ैतर्था इन संबंध में 7 जनवसरी, 20स6 को मैनज के सार्थ समझसता

    ञाना न र हम ताक्षर ककये र्थे। आई ई सी सी

    आई इस कायषक्रम के सफलता ूवसषक आयोजन

    हतेु तीन आयामी नीषत र कायषरत है और

    इसके षलए इसके ास तीन कायषक्षेत्र ह।ै

    हला कायषक्षेत्र प्रत् याशी को जुनाना ह,ै

    जहॉं लक्ष् य संभाषवसत योग् य प्रत् याषशयों में

    कायषक्रम के प्रषत ोत् साहन, प्र ार एवसं

    जागूपकता ैदा करना ह।ै यह कायषक्षेत्र

    आवसेदन आमंषत्रत करता है और म क्रीलनंग

    सषमषत की सहायता से उत् तम

    प्रत् याषशयों के यन में सहायक होता ह।ै

    दसूरा कायषक्षेत्र प्रषशक्षन समन् वसय हेतु ह।ै

    यह कायषक्षेत्र प्रषशक्षन कायषक्रमों

    षवसशेिञानों क्षेत्र दसरों, बाजार सवसेक्षणों

    आकद का समन् वसय करता ह।ै तृतीय

    कायषक्षेत्र बैककंग रयोजना र ोनष

    बनाना, बैंक औ ा रकतां र

    प्रत् याषशयों से समन् वसयन और प्रषशषक्षत

    करना तर्था ऋण मंजूरी के षलए सभी

    म तरों र बैंक से समन् वसयन करना

    शाषमल ह।ै सभी तीनो दल संयुक् त ूप

    से इस कायष की दरेरेर भी करेगे षजसमें

    ीछे से आगे की ओर ललंकेजेस के्रषडन

    ललंकेजेस षशकायत षन नान और पन् य

    मुद्दे शाषमल ह।ै आई ई सी सी आई ने एक बै ी2 मा ष, 20स6 से 30 पप्रैल, 20स6 तक सफलता ूवसषक

    ूरा ककया तर्था दसूरा बै 20 जून से स9 पगम त, 20स6 तक ह।ै

    कृषि उमी मी प्रषशक्षणार्थी संसर्थान में तर्था फील्ड षवसषजन में सहभागी

    mailto:[email protected]

  • रंड VIII पकं IX

    ‘’आधषुनक मगुी ालन प्रबधंन’’ र नुश् याष प्रषशक्षण कायषक्रम

    एषग्र-षक्लषनक् स एवंस एषग्र-षबषजनेस केन् रो ीएसी वस एबीसी योजना के पंतगषत ‘’आधुषनक मुगी ालन प्रबंधन’’ र एक

    ुनश् याष प्रषशक्षण कायषक्रम स2 से स6 जुलाई, 20स6 के दसरान आई सी ए आर मुगी ालन पनुसंधान षनदशेालय ीआइ सी ए

    आर - डी ी आर , हदैराबाद, तेंलंगाना राज् य में आयोषजत ककया गया र्था। इस प्रषशक्षण कायषक्रम में गुजरात, ह रयाणा,

    महारा ो, तषमलनाडु और उत् तर प्रदशे राज् यों से 26 कृषि उमी षमयों ने भाग षलया। कायषक्रम में मुगी ालन और आधुषनक

    मुर्गषयों को प्रजनन, आहार तर्था प्रबंधन, रोगों की रोकर्थाम और षनयंत्रण, जैषवसक सरुक्षा और वसाषणषज्यक मुगी ालन उत् ादन

    इसमे आवस रत ककय ेगये।

    ‘‘म र्थाष त कृषि उमी षमयों हते ुग्रामीण उमी म’’ र नुश् याष प्रषशक्षण कायषक्रम

    ग्रामीण उमी मों में कृषि उमी मशीलता कसशल को मजबूत बनाने के उद्दशे् य से एक कायषक्रम स2 से स6 जुलाई, 20स6 के

    दसरान ूपरल नेक् नटलोजी ाकष ीआरनी ी , रा ोीय ग्रामीण षवसकास संम र्थान एवंस ं ायत राज ीएन आई आर डी एवंस ी आर ,

    हदैराबाद, तेलंगाना में आयोषजत की गयी र्थी। कायषक्रम की शीिषक ‘’ग्रामीण उमी म’’ र्था। इस कायषक्रम में महारा ो, म यम

    प्रदशे, आंर प्रदशे, तेलंगाना, उत् तर प्रदशे, तषमलनाडु और ष म बंगाल स े29 कृषि उमी षमयों न ेभाग षलया। ॉं कदवससीय

    प्रषशक्षण कायषक्रम में बडे षवसिय जैसे ससर ऊजाष एवंस उ करण, मधुमक् री ालन, शहद की प्रोसेलसंग, लीक त लेन मेककंग, हार्थ स े

    बना कागज, मशूपम की रेती और सरंक्षण, हबषल कटम मे नक् स, मड ज लटक षनमाषण तकनीक, मटकेंनंग हतेु आई सी नी,

    प्राकृषतक हाई प्रसमी ोषगकी और काबषषनक ऊवसषरक शाषमल ककए गए। ूपरल नैक् नटलोजी ाकष में म र्थाष त उमी षमयों जो उल् लषेरत

    गषतषवसषधयों का व् यवसहार करते ह,ै वसे वसैयषिगत प्रम तुषतकरण कदया और कृषि उमी षमयों को प ने षवसषश न व् या ार के बारे में

    भी समझाया।

    कृषि उमी मी प्रषशक्षणार्थी डायरेक्नरेन ऑफ़ ोल्ोी संसर्थानके ुन याष प्रषशक्षण

    कायषक्रम में सहभागी

    कृषि उमी मी प्रषशक्षणार्थी नेशनल इंषमनूून ऑफ़ ूपरल डेवेसलो मनेन एवसम

    ं ायती राज के ुन याष प्रषशक्षण कायषक्रम में सहभागी

  • पमरावसती के कृषिउमी मी ‘’शनेीषन ठा शनेकारी रुम कार’’ स ेस् माषनत

    ‘‘शेनीषन ठा शेनकारी ुरम कार’’ श्री वससंत रावस नाईक, भूत ूवसष मुख् यमंत्री की जयंती के पवससर र महारा ो राज् य में कदया जाता ह।ै इस वसिष महारा ो के

    पमरावसती षजले के कृषि उमी मी श्री युवसराज राठसड ने कृषि षवसञानान केन् र, दगुाष ुर से एसी वस एबीसी के पंतगषत प्रषशक्षण हाषसल ककया। प्रषशक्षण की समाषति के बाद

    उन् होंने काबषषनक रेती र प ना कृषि- रामशष व् या ार शुूप ककया। पमरावसती षजला वसिाष आधा रत क्षेत्र ह ैजहॉं की मुख् य फसलों क ास, सोयाबीन और मसूर दाल

    ह।ै श्री राठसड हर वसिष षनरंतर षगरते जा रह ेफसलों के उत् ादन से रेशान र्थे। वसे समझ ुके र्थे कक इनका प्रार्थषमक कारण रेती के षलए ककसानों द्वारा प नायी जान े

    वसाली िषतयां और वसिाष र षनभषर क्षेत्र होने के लते पषनयषमत

    मससमीय रषमर्थषतयॉं भी फसल उत् ादनों र कहर बन कर नून ड रही

    हैं। शायद यही कारण र्था कक क ास और मसूर दाल उत् ादको को प ने

    षनवसेशों क बदले उतना लाभ नह षमल ा रहा र्था। इन समम यां का

    संञानान लेते हुए श्री राठसड ने क ास और मसूर दाल के षलए संतुषलत

    ोिक तत् वसों और जल प्रबंधन र दशषन आयोषजत ककया। उन् होंने

    षवसषभन् न रेतों में क ास और मसरू दाल बोया और षवसवेसक ूणष तरीके से

    उन् होंने रादमी और ानी कदया। उन् होंने दोनो फसलों में ऊवसषकर और

    ानी दनेे के षलए षनिे न िषत का उ येाग ककया। समयबि ढंग से

    ऊवसषरक और ानी दोनो की इस पनोरी िषत से पच् छे रणाम प्रात त

    होने शुूप हो गये। इस पभ् यास का ालन करते हुए तीन वसिष की समाषति

    र वसे षवसगत की तुलतना में पर्थाषत क्रमश: 30 कवंनल/एकड क ास और

    स0 कवंनल/एकड मसूर दाल के ूप तीन गुणा फसल उत् ादन लाभ प्रात त

    करने लगे। लाइन षवसभाग पषधका रयों और प्रगषतशील ककसानों ने बृहद ैमाने र इस प्रकक्रया को जोषरम और प्रसार के षलए श्री राठसड के ास आए। श्री राठसड ने

    8 गॉंवसों के 000 ककसानों को शाषमल करके षलजे में तीन काबषषनक रेतीहर क्षेत्रों को षवसकषसत ककया। सभी स00 ककसान प नी फसलें काबषषनक ढंग से उगा रह ेहैं।

    श्री राठसड ने प नी फसलों की षबक्री और बेहतर मूल् य ाने के षलए मटल् स से उत् ादकों को जोडा। श्री राठसड से मोबाईल नं. 09623098802, ई-मेल: yu-

    [email protected] र सं कष ककया जा सकता है।

    www.agriclinics.net og iksVZy gS tks ,lh rFkk ,chlh ;kstuk ds ckjs esa lwpuk iznku djrk gSA ;g iksVZy ik=rk ekunaMksa] izf'k{k.k laLFkkuksa] izf'k{k.k

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    कृषि उमी मी उमी मवसषृि षवसकास कें र ीसीएडी ,

    राष्ट्रीय कृषि षवसमतारण प्रबधं समंर्थान ीमनैजे, राजने्रनगर, हैदराबाद-000 030, भारत

    ई-मेल: [email protected]

    “कृषि उमी मी “ श्रीमती वसी.उिा रानी, आईएएस, महाषनदशेक, मनैजे द्वारा प्रकाषशत है।

    मखु्य स ंादक : श्रीमती वसी. उिा रानी, आईएएस, महाषनदशेक, मनैजे

    स ंादक : डट. ी. न्रशरेर, षनदशेक ीकृषि षवसमतार ,डट सरवसनन राज षनदशेषक ीकृषि षवसमतार

    सहायक स ंादक : डट. लक्ष्मी मरू्तष, श्रीमती. ज्योषत सहारे

    षहन्दी पनवुसाद : डट. के. श्रीवसल्ली

    पषधक प्रश्नों हते,ु कृ या [email protected] र स ंकष करें।

    श्री. युवसराज राठसड को शेषतषनष्ठा शेतकरी ुरुकार २०१६ से सन्माषनत ककया गया ह ै

    http://www.agriclinics.net/