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शूलि�नी अष्ट्टोत्तर शतंॐ ह्रीं श्रीमत्सकल लोकैक जनकायै नमःॐ ह्रीं श्रीमत्करुणानिनधये नमःॐ ह्रीं श्रीमच्चरणागतवत्सलायै नमःॐ ह्रीं श्रीमनि�शे्वश्वय� नमःॐ ह्रीं श्रीमनि�शालाक्ष्यै नमःॐ ह्रीं श्रीमनि�श्वव्यापार-वर्धिध%न्यै नमःॐ ह्रीं श्रीमत्कल्याण्यै नमःॐ ह्रीं श्रीमज्जगत्यै नमःॐ ह्रीं श्रीमत्सूक्ष्मायै नमःॐ ह्रीं श्रीमत्कामदायै नमः10ॐ ह्रीं श्रीमत्कमलेक्षणायै नमःॐ ह्रीं श्रीमत्त्त्रि./लोचनायै नमःॐ ह्रीं श्रीमन्महादेवै्य नमःॐ ह्रीं श्रीमत्सग2त्त्त्रि3नितलयप्रदायै नमःॐ ह्रीं श्रीमदमृतायै नमःॐ ह्रीं श्रीमत्सुमुख्यै नमःॐ ह्रीं श्रीमनि�द्यायै नमःॐ ह्रीं श्रीमत्परायै नमःॐ ह्रीं श्रीमत्पाशनिवमोचिचन्यै नमःॐ ह्रीं श्रीमदनामयायै नमः20ॐ ह्रीं श्रीमज्जगद्धात्र्यै नमःॐ ह्रीं श्रीमत्कचिलकल्मषनाचिशन्यै नमःॐ ह्रीं श्रीमत्कालकण्ठै्य नमःॐ ह्रीं श्रीमत्त्त्रि>वायै नमःॐ ह्रीं श्रीमद्रौद्रय्ै नमःॐ ह्रीं श्रीमत्कालरात्र्यै नमःॐ ह्रीं श्रीमन्महाबलायै नमःॐ ह्रीं श्रीमत्प्रभावत्यै नमः ॐ ह्रीं श्रीमन्महाकाल्यै नमः ॐ ह्रीं श्रीमन्महाभरवतोनिषण्यै नमः 30ॐ ह्रीं श्रीमत्सुरूपायै नमःॐ ह्रीं श्रीमत्सुभुजायै नमःॐ ह्रीं श्रीमद्भद्रायै नमःॐ ह्रीं श्रीमत्सोमचूडायै नमःॐ ह्रीं श्रीमन्मनोन्मन्यै नमःॐ ह्रीं श्रीमन्निHशुम्भशुम्भ संहत्र्य� नमःॐ ह्रीं श्रीमन्निHत्यायै नमःॐ ह्रीं श्रीमन्निHखिLलपावन्यै नमःॐ ह्रीं श्रीम>ङ्कय� नमःॐ ह्रीं श्रीमन्मोनिहन्यै नमः40ॐ ह्रीं श्रीमन्मायायै नमःॐ ह्रीं श्रीम>रभायै नमःॐ ह्रीं श्रीमत्सव2मङ्गलायै नमः

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ॐ ह्रीं श्रीमत्सरस्वत्यै नमःॐ ह्रीं श्रीमन्महालक्ष्म्यै नमःॐ ह्रीं श्रीमत्सत्त्त्रिच्चदानन्दरूनिपण्यै नमःॐ ह्रीं श्रीमन्मृत्युञ्जयायै नमःॐ ह्रीं श्रीमद्भयापघ्न्यै नमःॐ ह्रीं श्रीमनि�मलायै नमःॐ ह्रीं श्रीम�ीय2दारुणायै नमः50ॐ ह्रीं श्रीमद्भीमरूपायै नमःॐ ह्रीं श्रीमद्भीमनादायै नमःॐ ह्रीं श्रीमद्भीमोरगनिवभूषणायै नमःॐ ह्रीं श्रीमत्त्त्रित्संहासनायै नमःॐ ह्रीं श्रीमन्महाकायायै नमःॐ ह्रीं श्रीम>ूचिलन्यै नमःॐ ह्रीं श्रीमज्ज्वाचिलन्यै नमःॐ ह्रीं श्रीमद्रत्यै नमःॐ ह्रीं श्रीमद्रोगहन्त्र्यै नमःॐ ह्रीं श्रीमज्जगद्धात्र्यै नमः60ॐ ह्रीं श्रीमद्दगुा2यै नमःॐ ह्रीं श्रीमनि�जयशूचिलन्यै नमःॐ ह्रीं श्रीमदनवद्यायै नमःॐ ह्रीं श्रीम�षट्काय� नमःॐ ह्रीं श्रीमदाह्लादवर्धिध%न्यै नमःॐ ह्रीं श्रीमत्क्षुद्राभिभचारशमन्यै नमःॐ ह्रीं श्रीमन्माचिलन्यै नमःॐ ह्रीं श्रीमद्गहुायै नमः70ॐ ह्रीं श्रीमद्भत्त्त्रिञ्जन्यै नमःॐ ह्रीं श्रीमत्पत्त्त्रिञ्जन्यै नमःॐ ह्रीं श्रीमत्तुङ्गायै नमःॐ ह्रीं श्रीम�ामदेव्यै नमःॐ ह्रीं श्रीमन्मनोमय्यै नमःॐ ह्रीं श्रीमत्सुलभायै नमःॐ ह्रीं श्रीमल्लचिलतायै नमःॐ ह्रीं श्रीम>ुद्धायै नमःॐ ह्रीं श्रीमत्सोमोत्तंसायै नमःॐ ह्रीं श्रीमत्सुकेचिशन्यै नमः80ॐ ह्रीं श्रीमत्सूक्ष्मानितसूक्ष्मतरायै नमःॐ ह्रीं श्रीम>ुभ्रायै नमःॐ ह्रीं श्रीम>ोकमोहनिनवारण्यै नमःॐ ह्रीं श्रीमज्ज्योनितष्मत्यै नमःॐ ह्रीं श्रीमनि�शालाक्ष्यै नमःॐ ह्रीं श्रीमत्क्षयापस्मार-नाचिशन्यै नमःॐ ह्रीं श्रीमत्कात्यायनसुतायै नमःॐ ह्रीं श्रीमत्साध्वै्य नमःॐ ह्रीं श्रीमत्कालातीतायै नमः

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ॐ ह्रीं श्रीमदरुणारुणायै नमः90ॐ ह्रीं श्रीमदमलायै नमःॐ ह्रीं श्रीमत्परमोदारायै नमःॐ ह्रीं श्रीमदवाङ्मनसगोचरायै नमःॐ ह्रीं श्रीमदव्यक्तायै नमःॐ ह्रीं श्रीमद्रिद्रपुदप2घ्न्यै नमःॐ ह्रीं श्रीमदजिजतायै नमःॐ ह्रीं श्रीमदपराजिजतायै नमःॐ ह्रीं श्रीमद्धमा2र्थ2काममोकै्षकदान्नियन्यै नमःॐ ह्रीं श्रीमत्सुत्त्त्रि3राम्बुजायै नमःॐ ह्रीं श्रीमत्संकर्षिष%ण्यै नमः100ॐ ह्रीं श्रीमदघृणेज्योत्स्नायै नमःॐ ह्रीं श्रीमन्निHत्यानन्दायै नमःॐ ह्रीं श्रीमदखिLलेश्वय� नमःॐ ह्रीं श्रीमद्भक्तरक्षामणये नमःॐ ह्रीं श्रीमद्भाग्यदान्नियन्यै नमःॐ ह्रीं श्रीमद्दःुLभत्त्त्रिञ्जन्यै नमःॐ ह्रीं श्रीमत्सवा2र्थ2 दान्नियन्यै नमःॐ ह्रीं श्रीमद्भक्तसवा2भीष्टफलप्रदायै नमः108ॐ ह्रीं श्रीम>रभशूचिलन्यै नमः

शूचिलनी गाय/ी: ह्रीं ज्वालामाचिलनिन निवद्मह्र् महा शूचिलनिन धीमनिह तHो दुगा2 प्रचोदयात्

शूचिलनिन अक्षर न्यासः

ॐ ज्वं नमः केशेॐ लं नमः अलकेॐ ज्वं नमः अक्षणोः ॐ लं नमः ओष्ठयोः ॐ शूं नमः अंसयोःॐ लिल%ं नमः कपोलयोःॐ निन% नमः कण्ठे ॐ दंु नमः कक्षयोःॐ षं्ट नमः स्तनयोः ॐ ग्रं नमः उरचिसॐ हं नमः नाभौॐ हुं नमः गुह्येॐ फण्णमः जान्वोःॐ स्वां नमः जुल्फयोःॐ हां नमः चरणाङु्गलीषु

ॐ अस्य श्रीशरभ शूचिलनीसम्मेलन महामन्/स्य कालाखिग्नरुद्र दीघ2तपा ऋनिषभ्यां नमः चिशरचिस- जगती ककुप् छन्दाभ्यां नमः मुLे श्रीश्रीशरभशूचिलनी देवतायै नमः हृदये-Lं दंु बीजाय नमः गुहे्य -नमः स्वाहा शक्तये नमः पादयोः- फट् कीलकाय नमः नाभौ- मम श्रीगुरोराज्ञया श्रीशरभ शूचिलनी प्रीत्यर्थ} जपे निवनिनयोगः

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कर न्यास : हृदयाद्रिद न्यास : ध्यानं मूलश्रीभैरवात्म नि/निवध पद महादेवाद्रिदभिभः परीतेद्रिदवे्यलिस%हासनेन्दे्र त्त्त्रि3तमखिLलकलाबोधकं देचिशकेन्दं्रतस्याङ्के सन्निHषण्णां करुण रुचिचचयां रत्त्त्रिञ्जताशावकाशांदेवीमानन्दपूणा} अमृतकरतलीं आश्रयेऽऽश्रयेऽभीष्टचिसद्ध्यै

ॐ Lें Lां Lं फट् प्राणग्रहाचिस प्राणग्रहाचिस हुं फट् सव2श/ु संहारणाय शरभ साळुवाय पभिक्षराजाय हंु फट् स्वाहा ऐं श्रीं ह्रीं क्लीं क्ष्म्र्यूं दंु फट् ज्वल स्वाहा शूचिलनी ज्वल हंु दुष्टग्रह ठं लं क्ष्म्र्यूं भय भ्रान्तिन्त शमनं सवा2भीष्टचिसद्धिद्ध% कुरु कुरु स्वाहामहा शूचिलनी ध्यानंसंवत्ता2नला कोद्रिटकोद्रिट निवलसत्तेजोमयीं भीषणां वीराभिभः परिरवारिरताभिभरभिभतो वीरैग्र2सद्रिद्दक्चयां नानामूर्षित% महाप्रयोग निनपुणैःनि�ड्भिभः प्रयुकै्तः पुनःतानेवाशु निवनाचिशनीं भयहरां ध्याये महाशूचिलनींॐ नमो भगवनित द्रिदग्बन्धनाय कं काचिल कालरानि/ दंु दुग� शंू शूचिलनिन वं वटुकभैरनिव अध2रानि/निवलाचिसनिन महानिनचिशप्रतापकेचिलनिन महाज्ञाधरिर सव2भूतपे्रत निपशाच सव2ज्वरशान्तिन्तनिन मदभीष्टमाकष2याकष2य महावटुकभैरनिव हंु फट् स्वाहाॐ नमो भगवनित रुद्रकाचिल कालकूटमोनिहनिन ऐं क्लीं ह्रीं इष्टकाम्यार्थ2चिसजिद्धप्रदान्नियनिन सकलज्ञानिपनिन संक्रामभिण ब्राह्मी माहेश्वरु कौमारिर वैष्णनिव वारानिह महेजिन्द्र चामुत्त्त्रिण्ड वटुकभैरवेश्वरिर आकष2याकष2य आवेशयावेशय प्रवेशय प्रवेश्यकेलय् केलय भाषय भाषय ह्रीं क्लीं ऐं हन हन सप्तमातृके हंु फट् स्वाहा

The below can be saib before the mala mantra of sarabha

शरभ ध्यानंअरुणमरुणमालालङ्कृताङं्ग करागै्रःनिवधृत परशु शचिक्त पुष्पेषु चापंनिवनिवध मभिणफणीन्दै्रः भूषणैभू2निषताङं्गशरभमखिLलनार्थं नौम्यहं साळुवेशं


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