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Swarna Bharat Party Manifesto
घोषणा पत्र: स्वणर् भारत पाट�
स्वतंत्रता का पंुज और अवसर� क� धरती
नये भारत के �नमार्ण का नक्शा
पूणर् व्यवस्था प�रवतर्न, पूणर् स्वराज
जहा ँडाल-डाल पर सोने क� �च�ड़याँ करती ह� बसेरा
५ फ़रवर�, २०१५
http://swarnabharat.in/
आज़ाद� का स्वगर् (र�वन्द्रनाथ टैगोर, गीताजं�ल) मन जहाँ डर से परे है और �सर जहाँ ऊंचा है; �ान जहाँ स्वतंत्र है; और जहाँ द�ुनया को संक�णर् घरेलू द�वार� से छोटे-छोटे टुकड़� म� बांटा नह�ं गया; जहाँ शब्द सत्य क� गहराइय� से �नकलते ह�; जहाँ थक� हुई अथक प्रयास करती बांह� पूणर्ता क� तलाश म� ह�; जहाँ कारण क� स्पष्ट धारा है जो सुनसान रेतील� मतृ आदत के वीराने म� अपना रास्ता खो नह�ं चुक� है; जहाँ मन हमेशा व्यापक होते �वचार और स�क्रयता म� तुम्हारे ज�रए आगे चलता है; स्वतंत्रता के उस स्वगर् म�, ऐ मेरे मा�लक, मेरे देश को जागतृ करना|
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�वषय-सूची
१. मुख्य सार
२. स्वप्न और �वचारधारा
२.१ हमारे देश क� अंत:शिक्त का �वनाश
http://swarnabharat.in/
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२.२ आजाद� और सुधार का आह्वान
२.२.१. सारे �वश्व के �लए स्वतंत्रता और समदृ्�ध का गढ़ बनेगा भारत
२.३ सुधार प्र�क्रया
२.३.१. संक्रमण काल का प्रबंधन
२.४ सफलता मापने का हमारा मापदंड
३. हमार� �वचारधारा: स्वतंत्रता के साथ जवाबदेह�
३.१ स्वतंत्रता
३.२ स्वतंत्रता जवाबदेह� से ह� संभव है
३.२.१.१ अन्य जीव जन्तुओं के प्र�त जवाबदेह�
३.३. मूलभूत स्वतंत्रताएं
३.३.१. अ�भव्यिक्त क� स्वतंत्रता
३.३.२. संप�� का अ�धकार
३.३.३. धा�मर्क स्वतंत्रता
३.३.३.१. धमर् प�रवतर्न पर स्वणर् भारत पाट� का प�
३.३.३.२ धा�मर्क संस्थान� और ग�त�व�धय� को सरकार द्वारा कोई आ�थर्क मदद प्रदान
नह�ं क� जाएगी
३.३.३.३. धा�मर्क संस्थान� द्वारा सावर्ज�नक भू�म पर अ�तक्रमण रोकना
३.३.४ व्यापार एवं लेन-देfन क� आजाद�
३.३.५ कानून के तहत हर भारतवासी के साथ एक समान व्यवहार
३.३.६ अवसर� क� उ�चत समानता
३.४ प�रवार, समाज और राष्ट्र
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३.४.१ प�रवार
३.४.२ समाज
३.४.३ राष्ट्र: समग्र भारत
४. आजाद समाज म� सरकार क� भू�मका
४.१ सरकार के कायर् (इसम� वो कायर् भी शा�मल ह� जो सरकार को नह�ं करने चा�हएं)
४.१.१ पहले दज� के कायर्
४.१.२ वैकिल्पक (दसूरे दज� के) कायर्
४.१.३ गैरजरूर� (तीसरे दज� के) कायर्
४.२ स�ा क� बागडोर संभालना
४.२.१ सरकार के खच� कम करना और उसक� कायर्�मता बढ़ाना
४.२.२ संवैधा�नक दबाव और �रयायत�
४.२.२.१ नई सं�वधान सभा क� स्थापना पर �वचार
४.२.२.२ सं�वधान के �लए जरूर� संशोधन
४.२.२.३ संवैधा�नकता के �लए कानून� क� न्या�यक ताकत� द्वारा समी�ा
४.२.२.४. राज्य� को सिब्सडी और �वक� द्र�करण के अ�धकार
४.२.३ जवाबदेह� और पारद�शर्ता म� इजाफा
४.२.३.१ सरकार म� खुलापन: कतर्व्य प्रका�शत ह�
४.२.३.२ स्थानीय बोड्र्स क� मदद से नाग�रक सरकार पर सीधे �नगरानी रख�गे
४.३ प्रोत्साहन के अनुकूल और नतीज� पर केिन्द्रत शासन प्रणाल�
४.४ अच्छे शासन के दो स्तम्भ
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४.४.१ स्तम्भ १: सरकार म� योग्य लोग� को लाना
४.४.२ स्तम्भ २: ये सु�निश्चत करना क� सरकार �सफर् अपने जरूर� दा�यत्व ह� पूरे करे
स्तम्भ १: शासन �कसको करना चा�हए? अच्छे नेताओं और नौकरशाह� को|
५. ईमानदार नेता सरकार म� लाना
५.१ भ्रष्टाचार के अवसर� को कम करना
५.२ सरकार म� अच्छे लोग लाने और भ्रष्ट और अपरा�धय� को बाहर रखने के �लए
मुआवज़े का प्रबंध
५.२.१ सकारात्मक प्रोत्साहन: अच्छे लोग� के �लए दरवाजे खोलना
५.२.१.१ पप्र�त�न�धय� को �मले मत� के आधार पर स्टेट फं�डगं क� जाए
५.२.१.२ कायर् प्रदशर्न के अनुसार �नवार्�चत प्र�त�न�धय� को ज्यादा वेतन
५.२.१.३ अ�भव्यिक्त क� आजाद� और खात� का प्रकट�करण
५.२.१.४ यू�नयन और कंप�नय� द्वारा राजनी�तक चंदा
५.२.१.५ चुनावी खच� का सख्ती से ऑ�डट
५.२.१.६ �नवार्�चत प्र�त�न�धय� क� संप��य� को सावर्ज�नक करना
५.२.१.७ उम्मीदवार� के �लए चुनावी खच� कम करना
५.२.२ नकारात्मक प्रोत्साहन: बेईमान लोग� के �लए सरकार के दरवाजे बंद करना
५.२.२.१ सांसद� के �खलाफ भ्रष्टाचार और अपराध के मामले �नपटाने के �लए फ़ास्ट-टै्रक
कोट्र्स का गठन होगा
५.२.२.२ प्रधानमंत्री और मुख्यमं�त्रय� के �लए लोकपाल और स्वतंत्र सीबीआई
५.२.२.३ उच्च स्तर पर हुए भ्रष्टाचार के �खलाफ सख्त सजा
५.२.२.४ उम्मीदवार� क� आपरा�धक प्रष्ठभू�म को सावर्ज�नक करना
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५.२.२.५ मतदान केन्द्र� क� �व�डयो �नगरानी
५.२.२.६ सभी राजनी�तक दल� को RTI के अधीन लाना
५.२.२.७ स्वणर् भारत पाट� के सदस्य उच्चतम मानक� का पालन कर�गे
५.३ चुनावी लोकतंत्र म� सुधार करके उसे मजबूत करना
५.३.१ संकु�चत सोच वाले अभाव-�वरोधी कानून का खात्मा
५.३.२ प्रत्येक मत के मह�व को एक बराबर अह�मयत
५.३.३ नाग�रक� को �कसी भी राज्य म� चुनाव लड़ने क� अनुम�त
५.३.४ राजनी�तक दल� द्वारा �कये गए वाद� क� लागत आंक� जाएगी
५.३.५ सांसद� और �वधायक� के प्रदशर्न पर �नगरानी
५.३.६ सभी योग्य नाग�रक� को मतदान �दलवाना
५.३.६.१ पु�लस और र�ा बल� के �लए ऑनलाइन वो�टगं क� सु�वधा
५.३.६.२ अप्रवासी भारतीय� को मता�धकार
५.३.६.३ अपा�हज और बुजुग� को मतदान बैलट तक पहंुचाना
५.३.७ वापस बुलाने के अ�धकार क� पड़ताल
५.३.८ वैकिल्पक मतदान प्रणाल� क� पड़ताल
६. सभी स्तर� पर ईमानदार और स�म सरकार
६.१ सरकार के सभी दा�यत्व� क� पूत� हेतू नया ढांचा
६.१.१ चरण १: स्वतंत्रता �वभाग
६.१.१.१ भारत नी�त कायार्लय
६.१.१.२ भ्रष्टाचार के स्तर का सव�
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६.१.२ चरण २: संस्थागत और नी�तगत पुनरवलोकन
६.१.२.१ कामकाज क� समी�ा
६.१.२.२ सरकार को २० मंत्रालय� और १० �वभाग� म� समेटना
६.१.३ सं�वधान म� �दए अ�धकार� से ज्यादा ताक़त रखने वाल� संस्कृ�त का खात्मा
६.१.४ वर�य पद पर �नयुिक्तयां स्थायी न होकर अनुबंध के आधार पर ह�गी
६.१.५ सभी स्तर� पर तय तनख्वाह और कायर्कुशलता के �लए मुआवजा
६.१.६ नौकरशाह� को अ�धक स्वतंत्रता
६.१.७ धांधल� क� खबर देने वाल� को इनाम
६.२ नौकरशाह� म� भ्रष्टाचार को पूणर् रूप से खत्म करना
६.२.१ भ्रष्टाचार के अवसर कम करना
६.२.२ भ्रष्टाचार कम करने के �लए प्रोत्साहन
६.२.२.१ पुरस्कार
६.२.२.२ सज़ा
६.२.३ नाग�रक� द्वारा सरकार का ऑ�डट और �नगरानी
६.३ पेशेवर स्थानीय सरकार� संस्थाएं: पूणर् स्वराज
६.३.१ सीईओ और बा�क कमर्चा�रय� क� पूणर् जवाबदेह�
६.३.२ व्यविस्थत आकार
६.३.३ कुछ राज्य स्तर�य काय� का ट्रान्सफर
६.३.४ स्थानीय कराधान
६.३.५ पारषद प्रबंधन क� �मता
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६.३.६ पंचायत� क� भू�मका
६.४ [उदाहरण] स्वच्छ और चमकदार भारत
६.४.१ खुले म� शौच का अंत
६.४.२ स्ट्र�ट व�डसर्
६.५ शासन का �सद्धांत, ढांचा और प्रोत्साहन तंत्र
६.५.१ �वश्व-स्तर�य नी�त और �नयामक ढांचे
६.५.१.१ �नयामक और पुनरवलोकन संस्था
६.५.१.२ व्यवसाय� म� होने वाले �नयामक खच� को ५० प्र�तशत तक कम करना
६.५.१.३ लाइस��सगं का �नर�ण: उद्यम और व्यवसाय सबका अ�धकार ह�
६.५.१.४ कम शब्द� का इस्तेमाल कर कानून� को सरल भाषा म� �लखा जायेगा और
अनावश्यक कानून� को खत्म �कया जायेगा
६.५.२ हर १० साल� म� �नयम� को खत्म करना और कानून� को ३० साल म� बदलना
६.५.३ अन्य बेहतर�न ढाँचे
६.५.४ ई-गवन�स
स्तंभ २: एक अच्छ� सरकार को क्या करना चा�हए?
७. न्यूनतम कर, खच� पर सख्त �नयंत्रण और मजबूत �व�-व्यवस्था
७.१ संतु�लत बजट और कम कजर्
७.२ राजस्व सम्बन्धी �सद्धांत� पर एक नज़र
७.२.१ कर-वसूल� से जुड़े �सद्धांत
७.२.१.१ कर क� कुल रा�श जीडीपी के २५ प्र�तशत से ज्यादा न हो
७.२.१.२ आसान कर प्रणाल�
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७.२.१.३ ईमानदार� से �ववरण देना
७.२.१.४ �वस्ततृ कर-पटल: हर नाग�रक को कर भुगतान करना चा�हए
७.२.१.५ कर भुगतान �बना परेशानी के हो इसके �लए �नजी संस्थाओं को काम पर
लगाया जायेगा
७.२.१.६ टैक्स आय और लाभ के आधार पर वसूला जाये न �क सौद� के आधार पर
७.२.१.७ अ�धक फायदेमंद कर� का इस्तेमाल
७.२.१.८ दोहरे-कराधान का प्रावधान समाप्त होगा
७.२.१.९ पूवर्व्यापी कराधान का प्रावधान समाप्त होगा
७.२.१.१० लागत वसूल� और उपभोक्ता अदायगी �सद्धांत
७.२.१.११ कर अनुपालन के �लए टैक्स चोर� करने वाल� पर सख्त कायर्वाह� क� जाएगी
७.२.२ आयकर
७.२.२.१ प्रग�तशील आयकर
७.२.२.२ मान्य छूट� (स्टैण्डडर् �डडक्शन)
७.२.३ कॉप�रेट आयकर
७.२.३.१ अंकन लाभांश (फं्र�कंग �ड�वड�डस)
७.२.३.२ टनर्ओवर टैक्स पर �वचार �वमषर्
७.२.४ प्रग�त को नुक्सान पहँुचाने वाले अप्रत्य� कर� म� कमी
७.२.४.१ जीएसट�/वैट
७.२.४.१ कर भुगतान के �लए लोग� को प्रोत्सा�हत करने हेतू �रसीप्ट पर लौटर� स्क�म
७.२.५ अन्य कर
७.२.५.१ �सन कर
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७.२.५.२ संप�� कर� क� समी�ा
७.३ व्यय से जुड़ े�सद्धांत और जवाबदेह�
७.३.१ सरकार� खच� के प्रकट�करण के �वश्व-स्तर�य �सद्धांत
७.३.२ सरकार के �व� और प्रदशर्न का सख्ती से ऑ�डट
७.४ पयार्प्त धन: मुद्रास्फ��त के टैक्स को ख़त्म करना
७.४.१ चरण १: अ�धकतम ३ प्र�तशत मुद्रास्फ��त के �लए �व��य �नयम
७.४.२ चरण २: अ�धकतम १ प्र�तशत मुद्रास्फ��त के �लए �व��य �नयम
७.४.३ चरण ३: प्र�तस्पध� �नजी कर�सी का सोने द्वारा समथर्न
८. मजबूत र�ा और प्रभावकार� �वदेश नी�त
८.१ सुर�ा एवं राष्ट्र�य सुर�ा एज�डा
८.१.१ श्वेत पत्र
८.१.२ हमार� सेना और गुप्तचर एज��सय� को संसाधन मुहैया कराना
८.१.२.१ सुर�ा दल� और गुप्तचर एज��सय� म� सेवा देने पर सम्मान महसूस करना
८.१.३ चीफ ऑफ �डफेन्स स्टाफ
८.१.४ सुदृण गुप्तचर एज��सयां
८.१.५ र�ा उपकरण� का उत्पादन
८.१.६ सुर�ा उपकरण� का प्रबंध
८.१.७ सीमा से जुड़ी सडक� और र�ा संचार
८.१.८ आतं�रक सुर�ा म� लगे र�ा बल� क� तैनाती म� कमी
८.१.९ पूणर्का�लक सेना क� सहायता के �लए स्वयंसेवक
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८.१.१० भूतपूवर्क सै�नक� और उनके प�रवार� को सम्मान व सहायता
८.१.११ राष्ट्र�य र�ा बल संग्रहालय
८.२ एक�कृत र�ा व �वदेश नी�त
८.२.१ मुख्य �सद्धांत व प्र�क्रयाएँ
८.२.१.१ सुर�ा
८.२.१.२ दसूरे देश� से सं�धयाँ
८.२.१.३ खुला व्यापार और आ�थर्क सहयोग
८.२.१.४ �वदेशी अनुदान स्वीकार नह�ं
८.२.१.५ राजना�यक ताक़त का सशिक्तकरण
८.२.१.६ अंतरार्ष्ट्र�य संगठन
८.२.१.७ �वदेश� म� रह रहे भारतीय� को समथर्न
८.२.१.८ दोहर� नाग�रकता
८.२.२ �व�शष्ट राष्ट्र� के साथ संबंध
८.२.२.१ अमे�रका
८.२.२.२ जापान
८.२.२.३ चाइना
८.२.२.४ रूस
८.२.२.५ पा�कस्तान
८.२.२.६ बांग्लादेश
८.२.२.७ नेपाल
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८.२.२.८ श्रीलंका
८.२.२.९ द��ण-पूवर् ए�शया के साथ कॉ�रडोर
८.२.२.१० �म�डल ईस्ट के साथ समुद्र के रास्ते ऊजार् कॉ�रडोर
९. प्रभावी पु�लस फ़ोसर्, आपातकाल�न व्यवस्था और आतं�रक सुर�ा
९.१ पु�लस और पु�लस प्रणाल� म� सुधार
९.२ आपातकाल�न प्रबंधन
९.२.१ पु�लस और एम्बुल�स के �लए एक हेल्पलाइन
९.३ �व�शष्ट आतं�रक सुर�ा नी�तयां
९.३.१ आत्म-र�ा समेत �कसी भी प्रकार क� �हसंा के अ�धवक्ताओं पर मुकदमा चलाया जाएगा ९.३.२ जम्मू-कश्मीर ९.३.३ आधार काडर् (नाग�रक आईडी) ९.३.४ अयोध्या मं�दर ९.३.५ नक्सलवाद ९.३.६ उ�र पिश्चम
१०. स�म एवं प्रभावशाल� न्याय प्रणाल�
१०.१ न्याय प्रणाल� क� जड़ से समी�ा
१०.१.१ राज्य स्तर पर �नवार्�चत न्यायाधीश� के �वकल्प क� पर��ा
१०.१.२ बखार्स्तगी क� शिक्त के साथ अनुबंध पर �नयुिक्तयां
१०.२ न्याय व्यवस्था म� भ्रष्टाचार कम करने के �लए तत्काल कदम
१०.२.१ जज� के पा�रश्र�मक के �लए स्वतंत्र स�म�त १०.२.२ सभी आपरा�धक मामल� के �लए जूर� व्यवस्था
१०.२.३ सरकार� द्वारा जज� को �रश्वत देना दंडनीय होगा
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१०.३ एक ईमानदार और कुशल न्याय व्यवस्था के �लए जरूर� सुधार
१०.३.१ झूठ� गवाह� के �लए सजा का प्रावधान अ�नवायर् होगा
१०.३.२ जज� क� �नयुिक्त और स्थानान्तरण म� पारद�शर्ता १०.३.२.१ संसद द्वारा सभी सुप्रीम कोटर् जज� क� �नयुिक्त
१०.३.२.२ अंत�रम सुधार
१०.३.२.३ आंत�रक समी�ा: समय पर न्याय के �लए जवाबदेह� १०.३.२.४ वक�ल के रूप म� पयार्प्त अनुभव के �बना कोई भी जज नह�ं बनेगा
१०.३.२.५ न्याय क� गुणव�ा और द�ता म� सुधार के �लए प्र�श�ण
१०.३.३ सुप्रीम कोटर् के न्याया�धकार को सी�मत करना
१०.३.४ फ्र�डम �म�नस्टर को न्याय क� ग�त और गुणव�ा के आधार पर भुगतान �कया
जाएगा
१०.३.५ स्वतंत्र अ�भयोजन एज�सी
१०.४ सबको तय समय सीमा म� प्रभावी और उ�चत न्याय प्राप्त हो
१०.४.१ आपरा�धक मामल� म� लगातार सुनवाई
१०.४.२ अंडर ट्रायल कै�दय� के मामल� का तेजी से �नपटान
१०.४.३ जज� क� संख्या म� बड़ी वदृ्�ध
१०.४.३.१ न्याय पर होने वाले खचर् को तीन साल म� �तगुना करना
१०.४.४ फ़ास्ट-टै्रक �वकल्प
१०.४.४.१ सांसद� के �खलाफ भ्रष्टाचार/आपरा�धक आरोप� से �नपटने के �लए फास्ट टै्रक
अदालत�
१०.४.४.२ नाग�रक� के �खलाफ अपराध� के �लए फास्ट टै्रक अदालत�
१०.४.४.३ अन्य मामले िजनम� फ़ास्ट-टै्रक कोटर् क� जरूरत है
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१०.४.५ न्याय देने म� आने वाल� दे�रय� को कम करने के �लए कदम उठाये जाय�गे
१०.४.५.१ मुकदमेबाजी से पूवर् के उपाय
१०.४.५.२ या�चका पर सौदेबाज़ी
१०.४.५.३ बेमतलब क� मुक़दमेबाज़ी और �नवेदन� के �लए सख्त सजा
१०.४.५.४ कभी खत्म न होने वाल� अपील� क� रोकथाम
१०.५ न्या�यक व्यवस्था के संरचनात्मक सुधार
१०.५.१ सुप्रीम कोटर् तक पहँुच को और सुलभ बनाना
१०.५.२ व्यावसा�यक मामल� के �लए अदालत�
१०.५.३ मोबाइल कोटर्, लोक अदालत और पा�रवा�रक न्यायालय
१०.५.४ मामूल� �स�वल और फौजदार� मामल� के �लए पंचायत�
१०.५.५ �वशेष �स�वल मामल� के �लए �नजी अदालत�
१०.६ न्याय प्रणाल� को और मानवीय बनाना
१०.६.१ उच्च गुणव�ा वाल� मुफ्त कानूनी सहायता
१०.६.२ जमानत हा�सल करने म� आसानी
१०.६.३ कै�दय� के पुनवार्स और उनके पुनपर्राधीकरण म� कमी के �लए जेल� म� सुधार
१०.६.४ अपराध क� �रपो�ट�ग म� आने वाल� लागत क� समी�ा और उसम� कटौती
१०.६.४.१ गंभीर अपराध� के �शकार पी�ड़त� क� देखरेख
१०.७ कानून� का आधु�नक�करण
१०.७.१ नुकसान का उ�रदा�यत्व सरकार का होना चा�हए
१०.७.२ अदालत क� अवमानना क� समी�ा का प्रावधान
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१०.७.३ जघन्य अपराध� के �लए मौत क� सज़ा
१०.७.४ एक समान नाग�रक सं�हता नह�ं, सबके �लए न्यूनतम मानक
१०.७.५ मजबूत जवाबदेह�: कै�दय� को अपना खचार् खुद उठाना होगा
१०.७.६ सामू�हक-अपराध� और �हसंक यौन-अपराध� के �लए अ�नवायर् कारावास
१०.७.७ यातना के �खलाफ सख्त कानून
१०.७.८ पी�ड़त ह�न अपराध क� समी�ा
१०.७.९ यौन उन्मुखीकरण अपराध नह�ं
१०.७.१० व्य�भचार अपराध नह�ं
१०.७.११ बच्च� के संर�ण, घरेलू �हसंा और दहेज कानून� म� सुधार
१०.७.१२ मजबूत पशु संर�ण कानून
१०.७.१३ पारद�शर्ता के समथर्न के �लए कानून� को सुलभ और स्पष्ट बनाया जायेगा
१०.७.१३.१ लोग� क� भाषा का इस्तेमाल
१०.७.१३.२ प�रभाषा अ�ध�नयम
१०.७.१३.३ जुमार्ने, फ�स और दंड का सूचीकरण
१०.७.१३.४ कानून� और न्यायशास्त्र का कम्प्यूटर�करण
१०.७.१३.५ संवैधा�नक मामल� पर अदालत क� कायर्वाह� का प्रसारण
१०.७.१४ �नरथर्क कानून� का �नरस्तीकरण
१०.८ उपभोक्ता संर�ण
११. संप�� के मजबूत अ�धकार, कानून के तहत समानता और स्वतंत्रता क� र�ा
११.१ अच्छ� तरह से प�रभा�षत और मजबूती से संर��त संप�� अ�धकार
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११.१.१ संप�� के अ�धकार को एक मौ�लक अ�धकार के रूप म� बहाल करना
११.१.२ भ्रष्टाचार र�हत भू-अ�भलेख प्रणाल� को सु�निश्चत करना
११.१.२.१ संपदा अ�धकार प्रणाल� के पांच आधार
११.१.२.२ जमीन के स्वा�मत्व के स्वतंत्र �रकॉडर् क�पर
११.१.३ सावर्ज�नक भू�म के अ�तक्रमण, �वशेष रूप से झुग्गी बिस्तय� से �नपटना
११.१.४ केवल अत्यंत सी�मत प�रिस्थ�तय� के तहत भू�म को जब्त करना
११.१.५ �नजी संस्थाओं और संगठन� को सावर्ज�नक भू�म के अनुदान पर �नषधे
११.१.६ �कराया �नयंत्रण और �करायेदार� कानून क� समी�ा कर उसका खात्मा
११.२ सभी नाग�रक� को बराबर� का अ�धकार
११.३ हर संभव तर�के से स्वतंत्रता क� र�ा
११.३.१ म�हलाओं, बच्च� और व्यविस्थत रूप से प्रता�ड़त समूह� के �वशेषा�धकार
११.३.२ गोपनीयता
११.३.३ जनगणना
१२. मुक्त व्यापार क� भू�म के रूप म� भारत
१२.१ पहला कदम: कारोबार म� सरकार� दखल क� समािप्त
१२.२ अच्छ� तरह �व�नय�मत मुक्त बाजार
१२.२.१ एकतरफा मुक्त व्यापार और लालफ�ताशाह� का उन्मूलन
१२.२.२ �व�नयमन प्र�तयो�गता के �लए है न क� व्यापार आकार के
१२.२.३ एकल �खड़क� मंजूर�
१२.२.४ क�मत� म� ढ�ल और उन्ह� �नयंत्रण-मुक्त करना
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१२.२.५ ओपन प्रत्य� �वदेशी �नवेश (एफडीआई) - अपवाद के �बना
१२.२.६ मुक्त श्रम बाजार (�व�नय�मत सामू�हक सौदेबाजी के साथ)
१२.२.६.१ सामू�हक सौदेबाजी
१२.२.७ मानक�करण और गुणव�ा �नयंत्रण
१२.३ कोई उद्योग, नवीनता, या छोटे व्यापार क� नी�त नह�ं
१२.३.१ लघु उद्योग� के �लए आर�ण का उन्मूलन
१२.४ समथर्न बाजार� का �वकास
१२.४.१ �व�ीय और पंूजी बाजार
१२.४.२ बीमा बाजार
१२.५ पयार्वरण न्याय और प्राकृ�तक संसाधन
१२.५.१ प्राकृ�तक संसाधन� के मा�लकाना हक� का आवंटन
१२.५.१.१ राष्ट्र�य उद्यान� को �नयं�त्रत �नजी स्थल� म� प�रव�त र्त करना
१२.५.१.२ �नय�मत वा�णिज्यक कटाई और लुप्तप्राय प्रजा�तय� के अन्य उपयोग
१२.५.१.३ खान और ख�नज संपदा
१२.५.१.४ भू�मगत जल
१२.५.२ सशक्त �नयामक व्यवस्था
१२.५.२.१ प्रदषुण करने वाल� से सफाई क� लागत वसूल� जाएगी
१२.५.२.२ सामान्य प्रदषूण के �लए �पगो�वयन कर
१२.५.२.३ अं�तम उपाय: सरकार द्वारा प्रत्य� प्रबंधन
१२.६ मुक्त उद्यम के उदाहरण
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१२.६.१ सूचना प्रौद्यो�गक� �ेत्र
१२.६.२ आवास उद्योग
१२.६.३ सेक्स उद्योग को मा�फया के हाथ� से बाहर �नकालना
१३. कृ�ष म� मुक्त उद्यम
१३.१ एम.एस. स्वामीनाथन क� �सफा�रश� क� अपयार्प्तता
१३.२ एक बाजार आधा�रत कृ�ष नी�त
१३.२.१ �नमार्ण और व्यापार करने के �लए स्वतंत्रता
१३.२.२ �कसान� के �लए मजबूत संपदा अ�धकार
१३.२.३ कुल क�मत� म� ढ�ल के साथ न्यूनतम समथर्न मूल्य को तीन साल के भीतर
समाप्त करना
१३.२.४ सभी कृ�ष सिब्सडी और अनावश्यक हस्त�ेप को हटाना
१३.२.५ सरकार� ऋण� क� समािप्त
१३.२.६ कृ�ष के �लए एक आधु�नक �नयामक व्यवस्था
१३.२.६.१ कृ�ष �वपणन उत्पाद स�म�तय� (एपीएमसी) का उन्मूलन
१३.२.६.२ क�टनाशक और उवर्रक उपयोग का मजबूत �नयंत्रण
१३.२.६.३ आवश्यक वस्तु �नरसन अ�ध�नयम
१३.२.६.४ आनुवं�शक रूप से संशो�धत फसल� के �लए �नयामक व्यवस्था
१३.२.६.५ सहकार� खेती
१३.२.६.६ दाव� क� प्रामा�णकता के �लए जै�वक खेती का �नयमन
१३.२.७ समथर्न बाजार� का �वकास
१४. ततृीयक �श�ा के �ेत्र म� मुक्त उद्यम
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१४.१ ततृीयक (१२ साल के बाद क�) व्यावसा�यक �श�ा
१४.२ उच्च �श�ा
१४.२.१ उच्च �श�ा �ेत्र का व्यापक �नजीकरण
१४.२.२ छात्र� के �लए कम ब्याज पर ऋण
१५. तीन वष� म� अत्य�धक गर�बी को खत्म करना
१५.१ दसूर� क� मदद करने म� दान क� हमेशा एक भू�मका रहेगी
१५.२ सामािजक न्यूनतम सु�निश्चत करना
१५.२.१.नकारात्मक आयकर (एनआईट� प्रकार) प्रणाल�
१६. गर�ब बच्च� क� उच्च गुणव�ा वाल� स्कूल� �श�ा तक पहँुच
१६.१ स्कूल� �श�ा
१६.१.१ सभी स्कूल� का �नजीकरण
१६.१.२ �नयामक
१६.१.२.१ मानक और पाठ्यक्रम
१६.१.२.२ �श�क गुणव�ा म� सुधार
१६.१.३ स्कूल� म� बाजार प्र�तस्पधार्
१६.१.४ गर�ब� के बच्च� के �लए बाल-आधा�रत धन
१६.१.४.१ बच्च� क� पहचान
१६.१.४.२ वाउचर मूल्य क� गणना
१६.१.४.३ �कसी भी टॉप-अप का भुगतान माता-�पता द्वारा �कया जायेगा
१६.१.४.४ प्राइवेट प्रदाताओं द्वारा मैनेजम�ट
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१६.१.४.५ स्कूल� के �लए भुगतान प्रणाल�
१६.१.४.६ उन स्थान� के �लए प्लान बी जहां �नजी स्कूल अपने आप नह�ं उभरते
१६.२ स्कूल पूवर् �श�ा
१७. सभी के �लए आपातकाल�न स्वास्थ्य सु�वधाएं; गर�ब� के �लए बु�नयाद� स्वास्थ्य
सु�वधाएं
१७.१ गर�ब� के �लए बु�नयाद� स्वास्थ्य और शल्य �च�कत्सा के �लए सरकार� समथर्न
१७.२ यू�नवसर्ल ट्रॉमा देखभाल और जो भुगतान कर सकते ह� उनसे लागत वसूल�
१७.२.१.१ ट्रॉमा देखभाल का �वतरण
१७.२.१.२ प्र�तपू�त र्
१७.३ सरकार� प्राथ�मक स्वास्थ्य क� द्र� और अस्पताल� का �नजीकरण
१७.४ अन्य सावर्भौ�मक स्वास्थ्य कायर्क्रम
१७.५ ड्रग पॉ�लसी
१७.६ स्वास्थ्य �व�नयमन
१७.६.१ �नजी स्वास्थ्य बीमा प्रदाताओं का कड़ा �व�नयमन
१७.६.२ स्वास्थ्य पेशेवर� का व्यावसा�यक लाइस�सीकरण
१६.६.३ खून, गुद� और अंग� के �व�नय�मत बाजार और सरोगेसी का �नयंत्रण
१७.७ दंग� या प्राकृ�तक आपदाओं म� मतृ्यु/ घायल होने पर मुआवजा
१७.८ उदाहरण: शराब नी�त
१८. �वश्व स्तर�य भौ�तक बु�नयाद� ढांचा
१८.१ नी�त के �सद्धांत
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१८.१.१ सरकार को बु�नयाद� ढांचे का �नमार्ण करने क� नह�ं, बिल्क केवल उसे उपलब्ध
कराने व �नयं�त्रत करने क� ज़रुरत है
१८.१.२ बु�नयाद� ढांचे के �लए जवाबदेह� प्रणाल�
१८.१.२.१ सावर्ज�नक प्रकट�करण और लागत और लाभ पर परामशर्
१८.१.२.२ बु�नयाद� ढांचे का मूल्य �नधार्रण (बाजार क�मत वसूल�)
१८.१.२.३ समय पर मंजूर� और कुशल �व�नयमन
१८.२ �नजी शहर� के साथ सु�नयोिजत शहर�करण
१८.३ प�रवहन बु�नयाद� ढांचा और नी�त
१८.३.१ आपू�त र् से जुड़ी समस्याएं
१८.३.१.१ सड़क�
१८.३.१.२ हवाई अड्ड ेऔर बंदरगाह
१८.३.१.३ रेलवे
१८.३.१.४ सावर्ज�नक प�रवहन और टैिक्सयां
१८.३.२ मांग प� के मुद्दे
१८.३.२.१ ‘उपयोगकतार् भुगतान करता है’ �सद्धांत
१८.३.२.२ सड़क� और पा�क� ग पर भीड़ प्रभार शुल्क
१८.४ जल आपू�त र् हेतू बु�नयाद� ढांचा
१८.४.१ पीने का पानी
१८.४.२ �सचंाई
१८.५ ऊजार्
१८.५.१ उत्पादन
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१८.५.१.१ कोयला, तेल और गैस
१८.५.१.२ परमाणु और संलयन ऊजार्
१८.५.१.३ अ�य ऊजार्
१८.५.२ ऊजार् का �वतरण और खुदरा �बक्र�
१८.५.२.१ ट्रांस�मशन �ग्रड
१८.५.२.२ थोक और खुदरा बाजार
१८.६ सावर्ज�नक शौचालय
१८.७ �वकलांग� क� सावर्ज�नक बु�नयाद� सु�वधाओं के उपयोग तक पहँुच
१९. �ेत्र जहां सरकार क� कोई भू�मका नह�ं या बहुत सी�मत भू�मका है
१९.१ कोई जनसंख्या नी�त नह�ं: स्वतंत्रता सारे सवाल� के जवाब खुद देगी
१९.१.१ बड़ी, अच्छ� तरह �श��त जनसंख्या राष्ट्र�य 'संप��' है
१९.१.२ गभर्पात नी�त
१९.२ लोग� को अपनी सांस्कृ�तक �वरासत क� र�ा करने म� स�म बनाना
१९.२.१ संस्कृ�त के 'प्रबंधन' से बाहर �नकलना
१९.२.२ धा�मर्क ग�त�व�धय� के �लए सिब्सडी क� समािप्त
१९.२.३ पुराताित्वक �वरासत का �व�नयामक �नर��ण के तहत लोग� द्वारा संर�ण
१९.३ खेल
१९.३.१.१ खेल के �लए सामान्य समथर्न (न �क '�वजेताओं को चुनना')
१९.३.१.२ राष्ट्र�य खेल �नकाय� का �व�नयमन
१९.४ सरकार� पुरस्कार केवल सरकार� कमर्चा�रय� के �लए १९.५ �व�ान, अनुसंधान एवं �वकास और नवाचार
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१९.५.१ अनुसंधान और नवाचार द्वारा व्यावसा�यक प�रणाम� का समथर्न
१९.५.१.१ �नजी वै�ा�नक संगठन� को बढ़ावा देना
१९.५.१.२ बाजार आधा�रत नवाचार और व्यावसा�यक अनुसंधान एवं �वकास को बढ़ावा
१९.५.१.३ सरकार� वै�ा�नक संगठन� क� चरणबद्ध समािप्त
१९.५.२ स्पष्ट व्यावसा�यक प�रणाम� के �बना शुद्ध अनुसंधान
१९.६ मानव �न�मर्त ग्लोबल वा�म�ग के �लए सा�य आधा�रत दृिष्टकोण
२०. खुद पर �वश्वास रखने वाला और िजम्मेदार मुक्त समाज
२०.१ लोग नौक�रयां पैदा कर�गे न क� सरकार�
२०.२ भोजन, घर और सुर�ा
२०.३ �श�ा
२०.४ स्वास्थ्य
१. मुख्य सार
आज़ाद� के बाद भारत ने बेहतर�न शुरुआत क�| उस वक़्त हमारा सं�वधान आज़ाद� और
संप�� के ठोस अ�धकार� पर आधा�रत था| इसके बावजूद ऐसे भारत का सपना जहाँ हर
भारतवासी को उसक� आज़ाद� का हक �मलेगा अधूरा ह� रह गया| जल्द ह� सरकार का
आम लोग� के जीवन म� हस्त�ेप बढ़ने लगा| जैसे जैसे सरकार� मशीनर� का आकार
बढ़ता गया, असमथर् और भ्रष्ट सरकार ने उद्योग के साथ साथ भारतवा�सय� के सोचने
और �वचार प्रकट करने क� आजाद� पर भी अंकुश लगाना शुरू कर �दया|
इसका नतीजा यह हुआ �क आज भारत आजाद� और संपन्नता के मामले म� बा�क देश�
से �पछड़ गया है| भले ह� १९९० म� आ�थर्क उदारवाद उम्मीद क� एक नई रौशनी लेकर
आया िजसके कारण कई �ेत्र� म� सुधार हुआ| पर सह� मायने म� अभी भी देशवा�सय� को
पूर� तरह से आजाद� नह�ं �मल�| आजाद� के �लए ज़रूर� कई पहलू उस वक़्त भी अछूते
ह� रह गए| यहाँ तक क� उस दौरान समाज के �लए हा�नकारक �वकृत पंूजीवाद और
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धा�मर्क कट्टरता जैसी सोच और भी गहर� होती चल� गई| इन्ह�ं कारण� से हमारा
लोकतंत्र ढह गया| पर इसे बबार्द करने म� िजतना बड़ा हाथ अपराधी और भ्रष्ट सांसद�
का है उतना ह� बड़ा हाथ उन अच्छे लोग� का भी है जो राजनीती को तुच्छ मानकर
उससे �कनारा कर लेते ह�|
न जाने �कतने ह� योग्य और स�म लोग अवसर� और सच्ची आजाद� क� तलाश म�
भारत छोड़ कर दसूरे मुल्क� म� चले गए| ऐसा इसी�लए हुआ क्यंू�क भले ह� भारत स्वतंत्र
कहलाता हो पर यहाँ के रहने वाले आज भी सह� मायने म� आज़ाद नह�ं ह�|
शासन प्रणाल� और नी�तय� म� बु�नयाद� बदलाव लाना होगा|
हम� चा�हए �क सरकार हमार� जवाबदेह हो िजससे जनता खुद को सशक्त महसूस करे|
पर ये सब शासन प्रणाल� और नी�तय� म� बु�नयाद� बदलाव लाए �बना मुम�कन नह�ं है|
इस�लए इस एज�डा को सच्ची आजाद� क� उसी �वचारधारा पर मजबूती से खड़ा �कया
गया है िजसक� मदद से हम शासन प्रणाल� म� बदलाव ला सकते ह�| इसम� ऐसे प्रस्ताव
पेश �कये गए ह� जो ईमानदार लोग� को राजनीती से जुड़ने के �लए पे्र�रत करते ह�| इस
एज�डा म� इस बात पर भी जोर �दया गया है �क सरकार न �सफर् हमार� जवाबदेह हो
बिल्क पूणर् रूप से समथर् भी हो| हमार� आजाद� और नौकरशाह� क� जवाबदेह� बढ़ाने के
�लए इसम� द�ुनया के सबसे कारगर उदाहरण� और आ�थर्क सुधार� का ढांचा तैयार �कया
गया है| इस प्रस्ताव म� इस बात पर जोर �दया गया है �क सरकार �कसी एक �वशेष
संस्था या व्यिक्त को नह�ं बिल्क हर आम नाग�रक को अहम माने| हम� ऐसी सरकार
नह�ं चा�हए जो कुछ �गने चुने लोग� के �हत� के �लए काम करती हो| हमार� सरकार
ऐसी होनी चा�हए िजसके �लए जनता सब कुछ हो और वो उसके �हत म� ह� काम करे|
एक आदशर् सरकार वह� हो सकती है जो जनता द्वारा आये पैस� का समझदार� से
इस्तेमाल कर समाज के �लए बेहतर से बेहतर सु�वधा उपलब्ध कराये और �वकास करे,
छोट� हो पर ताक़तवर हो और जो आम लोग� क� िजंद�गय� म� कम से कम दखल दे|
एक अच्छ� सरकार वह� है िजसक� नज़र� म� सभी नाग�रक एक सामान ह�|
इस घोषणापत्र म� शा�मल प्रस्ताव� का �ववरण:
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१. नई सरकार� प्रणाल� और बेहतर�न प्रशास�नक व्यवस्था| इसम� �नम्न प्रस्ताव
शा�मल ह�:
क) मत� के अनुसार ह� सरकार चुनाव� का खचार् वहन करे, चुने हुए प्र�त�न�धय�
के �खलाफ य�द कोई मामला दजर् हो तो साल भर के अन्दर फ़ास्ट-टै्रक कोटर्
म� उसक� सुनवाई कर उसका �नपटारा �कया जाए और नेताओं को ज्यादा
वेतन �दया जाए परन्तु कोई और आ�थर्क मदद या प�शन न द� जाए| ऐसी
योजनाओं से ह� ये संभव हो पायेगा �क ईमानदार लोग राजनीती म� आएं और
भ्रष्ट लोग� को इससे दरू रखा जा सके|
ख) क� द्र सरकार के नीचे आने वाले सभी �वभाग� को दस मुख्य �वभाग� म� बाँटा
जाए, राष्ट्र�य सुर�ा से जुड़ े�वभाग� को छोड़कर बा�क हर �वभाग के �लए
वैिश्वक मुक्त बाज़ार से एक स�चव �नयुक्त �कया जाए| इसी स�चव को अपने
�वभाग के सभी उच्च पद� पर �नयुिक्त करने क� िजम्मेदार� स�पी जाए| और
उनक� �नयुिक्त भी इस शतर् पर हो �क य�द उन्ह� इस पद से हटाया जाता है
तो वो इसके �खलाफ न्या�यक मदद लेकर नह�ं बच सकते| हम अ�खल
भारतीय �स�वल सेवा और लोकसेवक� के सरं�ण से जुड़ ेप्रावधान� को �नरस्त
कर�गे| आईएएस और अन्य बड़ ेअ�धका�रय� को �निश्चत काल के �लए
�नयुक्त न करके हम उन्ह� अनुबंध पर नौक�रयां द�गे| इससे हम कुशलता से
कायर् करने म� असमथर् अ�धका�रय� को सेवा से �नरस्त कर पाएंगे|
ग) राज्य सरकार� को ऐसे अ�धकार �दए जाय� िजससे वो बेहतर प्रशास�नक
व्यवस्थाएं और उच्च स्तर क� आधा�रक संरचना मुहैया करने के �लए सीइओ
जैसे अ�धकार�य� क� �नयुिक्त कर पाएं|
घ) शानदार नी�तय� और �नयम� के ढांच� को लागू �कया जाए िजसम� �नयामक
वक्तव्य और स्वंतत्र रूप से लागत लाभ �वश्लेषण शा�मल ह�| ऐसी नी�तयाँ
बनाई जाएं िजनसे प्र�तस्पधार् को बढ़ावा तो �मले पर वो प्र�तस्पधार् �कसी को
नीचा �दखाने के �लए न हो| साफ़ तौर पर कहा जाए तो सरकार को कोई भी
सु�वधा सीधे तौर पर न मुहैया कराकर जनता को इस का�बल बनाना चा�हए
�क वो खुद अपनी सु�वधाओं का इन्तेजाम कर सके| इन सु�वधाओं म� सभी
प्रकार क� उपयो�गताएं और �श�ा भी शा�मल है|
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ङ) एक बेहतर और जवाबदेह शासन सु�निश्चत करके तीन साल के अन्दर अन्दर
भ्रष्टाचार को पूर� तरह से खत्म �कया जाए| इसम� �रयल एस्टेट प्रणाल� को
नया रूप देना भी शा�मल है|
२. सरकार का सारा ध्यान �सफर् सबसे महत्वपूणर् सरकार� काय� क� ओर केिन्द्रत
होगा|
क) कानून व्यवस्था को �बना देर �कये फौर� तौर पर सुधारा जाये िजसम� सबक�
�वशेष रूप से औरत� क� सुर�ा पर जोर �दया जाए| सबको जल्द से जल्द और
सह� मायने म� न्याय �दया जाए| अमे�रक� सं�वधान के पहले संशोधन म�
सुर��त बोलने और धमर् क� आजाद� जैसे अ�धकार� को यहाँ भी लागू �कया
जाए| िजस तरह से वहां सरकार और मजहब अलग अलग रखा जाता है वैसा
ह� यहाँ भी हो| सरकार का सबसे अहम कायर् है आपातकाल म� प�रिस्थतयां
संभालना िजसको सुधारा जाना चा�हए|
ख) जनता पर से कर� का बोझ कम करना, कर वसूल� क� व्यवस्था को मजबूत
करना और कर �नधार्रण का दायरा बढ़ाना ये सब काले धन पर लगाम लगाने
के �लए जरूर� ह�| ये मुद्रास्फ��त कम करने और सरकार� ऋण क� अदायगी को
आसान बनाने म� मदद करेगा|
ग) उत्पादन और व्यवसाय से गैरजरूर� रोक थाम हटाना आ�थर्क सुधार� म�
शा�मल हो ता�क व्यवसाय शुरू करने के अवसर बढ� और लोग� के �लए
नौक�रय� के नए अवसर पैदा ह�| इसम� ए�शयाई देश� के साथ संबंध गहरे
करना और ए�शया से और �वकास पैदा करना शा�मल हो| �कसान� के �लए
इन सुधार� क� मदद से �कसी भी बाज़ार और उपकरण तक पहँुच रख पाना
संभव हो पायेगा| इससे उन्ह� उ�चत समथर्न मूल्य और गैर फसल� सीजन म�
क्र�ष ऋण क� �कल्लत से �नजात �मल सकेगी|
३. पहले दज� के सरकार� कायर् सफलता से �नपटाने के बाद दसूरे दज� के जरूर� काय�
को पूरा करना:
क) उच्च दज� क� आधा�रक संरचना का �नमार्ण करना िजसम� यातायात, ऊजार्,
जल, स्वच्छता और ब्रॉडब�ड शा�मल ह�गे| हमारा पूरा जोर २१वी सद� क� सबसे
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महत्वपूणर् सु�वधाएं मुहैया कराने पर होगा ता�क हम व्यापर क� उत्पादकता
बढ़ा सक� और जाम और भीडभाड़ जैसी समस्याओं को दरू कर सक� |
ख) सभी नाग�रक� को एक सामान अ�धकार �मल� िजसम� गर�ब प�रवार� से
ताल्लुक रखने वाले बच्च� को उच्च स्कूल� �श�ा के अवसर प्रदान करना भी
शा�मल है| ये समूची स्कूल व्यवस्था का �नजीकरण करके और गर�ब� को
�कस्म �कस्म क� �रयायत� देकर �कया जा सकता है| एक सामान अ�धकार
सु�निश्चत करने म� गर�ब� को स्वास्थ्य बीमा कवर देने क� भी अहम भू�मका
होगी| तीन साल� म� ल��त नकारात्मक आयकर के ज़�रये गर�बी को पूर� तरह
से खत्म करने का ल�य बनाया जायेगा|
हमार� योजना देशवा�सय� को पूणर् आज़ाद� देने के साथ साथ अ�धक आय वाल� नौक�रयां
प्रदान करने क� भी है| अगर इस घोषणापत्र म� प्रस्ता�वत सभी सुधार� को पूर� इमानदार�
के साथ लागू �कया जाए तो २०५० तक ५० �ट्र�लयन डॉलर (अमे�रक� डॉलर क� वतर्मान
िस्थ�त) क� अथर्व्यवस्था हा�सल करना भारत के �लए कोई बड़ी बात नह�ं है|
स्वप्न और �वचारधारा
भारत के �लए हमारा सपना इसे पूणर् आज़ाद� और अवसर� क� धरती बनाना है|
हर साल भारत के अलग अलग कोन� से हजार� लोग अपने प�रवार और घरबार को
छोड़कर अवसर� क� तलाश म� बेगाने मुल्क� जैसे क� अमे�रका, �ब्रटेन और ऑस्टे्र�लया
चले जाते ह�| वो वहां पर अपनी िज़न्दगी शून्य से शुरू कर, एक एक कदम फँूक फँूक कर
रखते हुए सफलता हा�सल करते ह�| पर कभी हमने सोचा �क वो अपना देश छोड़कर
आ�खर क्यँू चले जाते ह�? वो यह�ं अपने देश म� क्यँू नह�ं रह जाते जहाँ न �सफर् उनक�
कमाई हुई इज्ज़त है बिल्क पहले से ह� बसा बसाया जीवन भी है?
इन सवाल� का जवाब एक कड़वे सच म� �छपा है जो है भारत म� आजाद� और अवसर क�
कमी| इसके बड़ ेकारण अन्याय, सुर�ा क� कमी और देश म� अपराध� और भ्रष्टाचार का
अपने चरम पर होना भी है| जब देश म� हमार� सुर�ा के इन्तेजाम ह� ठ�क नह�ं ह� और
व्यापर करने के �लए हर रोज़ हम� �कसी न �कसी अ�धकार� को �रश्वत �खलानी पढ़ती
हो, तो लोग तो बाहर जाय�गे ह�| जब �फरंगी मुल्क� ने ह� भारत को अ�वक�सत देश� को
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सूची म� डाल �दया हो तो हमारे लोग आ�खर कर भी क्या सकते ह�? खासतौर पर जब
लगातार को�शश� करने के बाद भी भारत ये न समझ पा रहा हो �क सुशासन के �लए
पहले उसके मूल �सद्धांत� को समझना जरूर� है|
इसे बदलना होगा| अगर जनता स्वणर् भारत पाट� को स�ा तक पहंुचा देती है तो हम
�वश्वास �दलाते ह� �क हम भारत को उसके काले वतर्मान से आज़ाद कराकर सुनहरे
भ�वष्य क� ओर ले जाय�गे| हम ऐसी योजनाय� लागू कर�गे िजससे भारत के रहने वाल�
को उस दज� क� पूणर् आजाद� और अवसर �मल सक� जैसे �वक�सत देश� म� भी नह�ं
�मलते| हम ऐसे भारत का �नमार्ण करने का यक�न �दलाते ह� जहाँ काम करने और
जीवन जीने का सपना हर �वदेशी देखेगा और िजसे छोड़कर कोई का�बल भारतवासी कभी
�कसी और देश जाने के बारे म� नह�ं सोचेगा| वो गवर् से यहाँ अपने प�रवार के साथ रह
पाएंगे|
भले ह� हमारा ये सपना आज �वश्वसनीय न लगे, पर भारत पहले भी अपनी ऐसी ह�
असाधरण उपलिब्धय� के �लए जाना जाता रहा है| हम भारत को दोबारा इतना स�म
बनाय�गे क� वो न जाने ऐसे �कतने ह� और महान ल�य हा�सल कर पायेगा| हम� अगर
�कसी चीज क� जरूरत है तो वो है जनता का साथ और ऐसा प्रग�तशील देश जो बदलाव
के �लए तैयार हो| अगर हम� लोग� का साथ �मल गया तो हम तीन साल� के अन्दर ह�
प�रवतर्न लाना शुरू कर द�गे|
२.१ हमारे देश क� अंत:शिक्त का �वनाश
हजार� साल� तक भारत का �व�ान, कृ�ष और �शल्प कौशल बा�क देश� के मुक़ाबले
असाधारण रहा है| यहाँ तक क� रोमन साम्राज्य और यूरोप क� �वला�सता से जुड़ी
ज्यादातर जरूरत� हम ह� पूर� करते थे| इसके बदले म� द�ुनया के लगभग हर कोने से
भारत म� सोना आता था| यह� कारण था जो भारत कई स�दय� तक सोने क� �च�ड़या के
नाम से जाना जाता रहा| क्यंू�क भारत ह� वो भू�म है जहाँ न जाने �कतने सारे धम� और
�वचारधाराओं का उदय हुआ इस�लए हमारे देश को मानवता को �नद��शत करने के �लए
भी जाना जाता रहा है|
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पर इससे बड़ ेदःुख क� बात क्या हो सकती है �क भारत क� वो गौरवपूणर् परंपरा ज्यादा
�दन� तक नह�ं �टक सक�| आज अंगे्रज� को भारत से �नकाले हम� ६७ साल हो चुके ह�
�फर भी हम खुद को अपनी का�ब�लयत के अनुसार सशक्त क्यँू नह�ं कर पाए? क्यंू�क
हम आज भी सह� मायने म� आज़ाद हुए ह� नह�ं ह�| हम� हमार� सरकार और न्याय
प्रणाल� पर यक�न नह�ं है| �वश्वास क� इसी कमी के चलते हम कुछ नया कर �दखाने क�
अपनी चाहत को भी पूरा नह�ं कर पाते| पर आज़ाद� हा�सल करने के छह दशक� के बाद
हम अपनी इस हालत के �लए अंगे्रज� को िजम्मेदार नह�ं ठहरा सकते|
और आजाद� के बाद जो थोड़ा बहुत �वकास हुआ भी है जैसे क� हमने खाद्यान के
मामले म� खुद को आत्म �नभर्र बनाया, संभा�वत आयु म� बढ़ोतर� हुई और संचार
व्यवस्था सुधर�, ये सब भी सरकार क� देन नह�ं है| भारत के बाहर से आ रह� टेक्नोलॉजी
ने ह� हमारे जीवन म� ये सब सुधार �कये ह� न क� हमार� �पछल� सरकार� ने| और तो
और जनता का �हत सोचने के बजाए हमार� सरकार� हम� रोकती आ रह� ह� और कदम
कदम पर धोखा देने से भी बाज नह�ं आतीं|
कुछ समय पहले तक वैिश्वक व्यापर म� िजस भारत क� २५ प्र�तशत �हस्सेदार� थी आज
वो कम होते होते बस १.२ प्र�तशत ह� रह गई है| पहले के मुकाबले आज हमार�
अथर्व्यवस्था �वश्व क� अथर्व्यवस्था का बस एक छोटा सा �हस्सा बनकर रह गई है
िजसम� उसका योगदान नाममात्र के �लए २.७ प्र�तशत ह� है| चाहे �सगंापुर, मले�शया और
हांगकांग जैसे छोटे देश ह�, मध्यम आकर के देश द��ण को�रया, ताइवान या जापान ह�
या चाइना जैसे बड़े देश, सब ह� रफ़्तार से तरक्क� कर रहे ह� जब�क भारत तरक्क� के
मामले म� लगातार �फस्सडी सा�बत हो रहा है|
अब वक़्त आ गया है �क हम िजसके योग्य ह� वो हा�सल कर�| इस सपने को पूरा करने
के �लए हम� राजनी�तक साहस और योजनाबद्द तर�के से काम करने क� जरूरत है| हम�
चा�हए �क हम अपने कमज़ोर हो चुके सरकार� ढाँचे को पूर� तरह से बदल कर रख द�|
२.२ आजाद� और सुधार का आह्वान
आज हम� खुद पर गवर् महसूस करने के �लए नए नए कारण� क� तलाश करनी पढ़ रह�
है| अगर हम कोई छोट� सी चीज भी हा�सल कर लेते ह� तो उसे बढ़ा चढ़ा कर बताते ह�
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क्यंू�क आज इतने बड़ ेदेश म� रहते हुए भी खुद पर गवर् करने के �लए हमारे पास कुछ
नह�ं बचा| इससे भी ज्यादा बुरा तब महसूस होता है जब हम उन उपलिब्धय� का सहारा
लेकर गवर् करने क� को�शश करते ह� जो हजार� साल पहले हमारे पूवर्ज� ने कमाई थीं|
और वो भी ऐसी उपलिब्धयां िजनका होना न होना भी अभी तक साफ़ नह�ं हो पाया है|
अब समय आ चुका है �क हम आत्म-सम्मान के �लए पीछे मुड़ मुड़ कर देखना छोड�
और ऐसे भारत का �नमार्ण कर� िजसपर हम गौरवािन्वत महसूस कर सक� |
अब हम� �सफर् आजाद� क� ख्वा�हश करनी चा�हए| हम� एक मकसद तलाशना होगा और
अपने देश का कायर्भार अपने हाथ� म� लेकर उसे तरक्क� के रास्ते पर ले जाना होगा|
हम हर एक भारतवासी को इस काम म� अपना सहयोग देने के �लए आमं�त्रत करते ह�
और उनसे आग्रह करते ह� �क:
• ऐसे तानाशाह� से स�ा का सुख छ�न �लया जाए जो शासन के नाम पर भारत को
लूट रहे ह�; और
• पूणर् आजाद�, सुशासन और सरकार� जवाबदेह� क� मांग पर अड़ जाया जाए|
हम� ऐसा भारत चा�हए जहाँ कोई बच्चा, कोई औरत या आदमी भूखा न सोए और जहाँ
�कसी को भी असुर��त न महसूस हो| हम� ऐसा भारत चा�हए जहाँ आजाद� हो और
अवसर� क� कमी न हो| हम� ऐसा भारत चा�हए जहाँ डाल� डाल� पर सोने क� �च�ड़या
�फर से बसेरा कर सके|
ये सपना साकार करने के �लए हम� सुधार� क� जरूरत पड़गेी न क� वाद� क�|
इस घोषणापत्र म� भारत को दोबारा उसी सुख समदृ्�ध के दौर म� ले जाने के �लए ब्लू�प्रटं
तैयार �कया गया है| हम चाहते ह� �क हमारे नौजवान इसम� हमारा साथ द� और ऐसे
भारत का �नमार्ण कर� िजसपर वो गवर् कर सक� |
२.२.१ सारे �वश्व के �लए स्वतंत्रता और समदृ्�ध का गढ़ बनेगा भारत
हम ऐसे भारत का �नमार्ण कर�गे जो �वश्व के सामने आजाद�, न्याय, शािन्त, नवीन
पहल� और समदृ्�ध क� �मसाल बनेगा| हम ऐसा भारत बनाने के �लए सम�पर्त ह�, जहाँ:
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• हमार� सरकार को उसके दा�यत्व� क� समझ हो और वो समझती हो �क वो जनता
के प्र�त�न�ध ह�, जनता से �मलने वाले पैस� से ह� इन जनसेवक� को उनक� आय
प्राप्त होती है|
• हम� अपनी ख़ुशी के �लए जो चाह� वो करने क� आजाद� हो बस उससे �कसी दसूरे
को नुक्सान नह�ं होना चा�हए|
• गैरजरूर� कर कम ह�, सरकार� ऋण का दबाव न हो, रुपया �नजी कर�सी के
मुकाबले मजबूत हो और काले धन को तेज़ी से कम �कया जाए|
• भारतीय �बना �कसी रूकावट के वैिश्वक स्तर पर कारोबार और लेन-देन कर सक� |
• भारत एक आ�थर्क बाज़ार हो जहाँ राज्य क� सीमा के अन्दर और बाहर कारोबार
करने म� कोई रोक थाम न हो|
• सबको जल्द� और एक सामान न्याय �मले, सब सुर��त महसूस कर� और औरत�
को इज्ज़त और सुर�ा प्रदान क� जाए|
• सबको तरक्क� करने और आगे बढ़ने के सामान अवसर �मल�, बाज़ार म� प्र�तस्पधार्
होने से समाज भी इनाम और योगदान देगा| इससे �कसी को नौकरशाह� के तलवे
चाटने क� जरूरत नह�ं पड़गेी|
• गर�ब बच्च� को भी उच्च दज� के स्कूल� म� �श�ा प्राप्त करने के अवसर �मल�|
• कोई भी आपातकाल�न स्वास्थ सेवाओं से वं�चत न रह जाए| अत्यंत गर�ब लोग�
को भी बु�नयाद� स्वास्थ सेवाओं के �लए बीमा क� सु�वधा द� जाए|
• ये सुनिश्चत �कया जाए �क कोई भी अत्यंत गर�बी म� जीवन यापन न करे|
• �सफर् ईमानदार नाग�रक ह� हमारे प्र�त�न�ध बनने के बारे म� सोच�|
• भ्रष्टाचार का पूर� तरह से खात्मा �कया जाए और सरकार� कमर्चा�रय� क�
जवाबदेह� हो|
• सरकार गर�ब� क� ज़मीन जबरदस्ती ह�थया कर बड़ ेकारोबा�रय� को न देती हो|
• सरकार नाग�रक� को सशक्त करे ता�क वो सडक� , ऊजार्, बंदरगाह और रेलवे, जन
सु�वधाएं और दसूर� आधा�रक संरचना के �लए जरूर� सु�वधाओं के �नमार्ण म�
मदद कर�|
• �टकाऊ �वकास हो क्यंू�क वो जैव-�व�वधता को संर��त रखने के �लए अत्यंत
महत्वपूणर् ह�|
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इस घोषणापत्र म� ऐसी और बहुत सी योजनाओं को �वस्तार से बताया गया है िजनसे हम
ये प�रणाम हा�सल कर सकते ह�| पर ये भारत क� शासन प्रणाल� और नी�तय� म� पूर�
तरह से बदलाव लाकर ह� संभव हो पायेगा|
झूठे वाद� पर चुनाव जीतकर स�ा हा�सल करने वाल� सरकार भारत को �सफर् नुक्सान ह�
पहंुचाएगी| कभी मुफ्त चावल बांटना तो कभी मुफ्त म� जल और �बजल� देने के वाद�
करना और यहाँ तक क� वोटसर् को पैसे, शराब, बतर्न और सा�रय� का लालच देकर वोट
जीतना और न जाने ऐसी �कतनी ह� चालबािजयां करके आजकल सरकार� बनती ह�| पर ये
भारत के बचे कुचे सामथ्यर् का मजाक उड़ाना भर है और कुछ नह�ं|
हम भारतवा�सय� को आगे आकर इन समस्याओं से �नजात पाने के �लए कारगार
समाधान ढँूढने के �लए आमं�त्रत करते ह�| इस प्रलेख म� हमने भारत क� ऐसी कई
समस्याओं के �लए उच्च समाधान� के बारे म� �लखा है| हम चाहते ह� �क आप इन्ह�
ध्यान से पढ़� और इन सुधार� को लागू करने म� हमार�