guru poornima funcation organized by narayan seva sanasthan

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के बिना आम चेतना सभव नह -सेवा भहातीथहषोरास से भनाई गई णथभा नारायण सेवा सथान के फडी ाभ थत सेवा भहातीथशननवाय को णथभा भहोसव संथथान संथथाऩक कै ऱाश ’मानवके वदन-अभबनदन के साथ हषोरास से भनामा गमा। इस अवसय ऩय नशतजन के नश शम चिककसा भशववय का उघाटन बी कमा गमा। देश के वभबन बाग से आए संथथान सहमोगी, साधक भशम बी फडी संमा उऩथथत थे। सभायोह देव की 501 दीऩक से आयती बी की गमी। इसके ऩिात ऩाद ारन के साथ वदना की गई। संथथान की थाऩना देव का कदभ-दयकदभ साथ देने वारी उनकी ऩनी ीभती कभरा देवी अवार का बी अभबनदन कमा गमा। संथथान अम शात अवार , नदेशक वदना अवार, सोहन रार फथमा, जगदीश आमथ , देवेर िफीसा, जगदीश आकाश आदने देव का भामाऩथण, शॉर, ीपर आदबट कय अभबनदन कमा। सभायोह के वभशट अनतचथ वण शयण ससेना (बोऩार), यानी रानी (फई), जमकाश शभाथ (गाजमाफाद), याजक भायी आय.सी.ता (नई दरी) थे।

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नारायण सेवा संस्थान के बडी ग्राम स्थित सेवा महातीर्थ में शनिवार को गुरू पूर्णिमा महोत्सव संस्थान संस्थापक श्री कैलाश ’मानव’के वन्दन-अभिनन्दन के साथ हर्षोल्लास से मनाया गया। इस अवसर पर निःशक्तजन के निःशुल्क शल्य चिकित्सा शिविर का उद्घाटन भी किया गया। देश के विभिन्न भागों से आए संस्थान सहयोगी, साधक व शिष्य भी बडी संख्या में उपस्थित थे। समारोह में गुरूदेव की 501 दीपकों से आरती भी की गयी। इसके पश्चात पाद प्रक्षालन के साथ गुरू वन्दना की गई।

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Page 1: Guru poornima funcation organized by narayan seva sanasthan

गुरू के बिना आत्म चतेना सम्भव नह ीं -सेवा भहातीथथ भें हषोल्रास स ेभनाई गई गुरू ऩूर्णथभा

नारायण सेवा सींस्थान के फडी ग्राभ स्थथत सेवा भहातीथथ भें शननवाय को गुरू ऩूर्णथभा भहोत्सव संथथान संथथाऩक श्री कैऱाश ’मानव’के वन्दन-अभबनन्दन के साथ हषोल्रास स ेभनामा गमा। इस अवसय ऩय ननिःशक्तजन के ननिःशुल्क शल्म चिककत्सा भशववय का उद्घाटन बी ककमा गमा। देश के ववभबन्न बागों स ेआए संथथान सहमोगी, साधक व भशष्म बी फडी संख्मा भें उऩस्थथत थे। सभायोह भें गुरूदेव की 501 दीऩकों से आयती बी की गमी। इसके ऩश्िात ऩाद प्रऺारन के साथ गुरू वन्दना की गई।

संथथान की थथाऩना भें गुरूदेव का कदभ-दयकदभ साथ देने वारी उनकी ऩत्नी श्रीभती कभरा देवी अग्रवार का बी अभबनन्दन ककमा गमा। संथथान अध्मऺ श्री प्रशान्त अग्रवार , ननदेशक वन्दना अग्रवार, सोहन रार ऩुर्फथमा, जगदीश आमथ, देवेन्र िफैीसा, जगदीश आकाश आदद न ेगुरूदेव का भाल्माऩथण, शॉर, श्रीपर आदद बेंट कय अभबनन्दन ककमा। सभायोह के ववभशष्ट अनतचथ ववष्णु शयण सक्सेना (बोऩार), यानी डुरानी (भुम्फई), जमप्रकाश शभाथ (गास्जमाफाद), याजकुभायी व आय.सी.गुप्ता (नई ददल्री) थे।

Page 2: Guru poornima funcation organized by narayan seva sanasthan

श्री भानव न ेसाधकों , सहमोचगमों व भशष्मों को आशीवाथद देत ेहुए कहा कक भन को सम्बारना औय उचित-अनुचित का ऻान भनुष्म के भरए अत्मन्त जरूयी है। सुसंथकृत सभाज की यिना के भरए तन के साथ भन की शुवि बी आवश्मक है। संथकाय गुरू के भाध्मभ स ेही प्राप्त होत ेहैं। सह संथथावऩका श्रीभती कभरा देवी अग्रवार न ेकहा कक अऻानता अन्धकाय है औय वववेक, प्रकाश । गुरू स ेही हभें सही ददशा भें फढ़न ेऔय जीवन को सपर फनान ेका भागथदशथन प्राप्त होता है। कामथक्रभ का ’’आथथा” िनैर के भाध्मभ स ेदेश बय भें सीधा प्रसायण ककमा गमा।

Page 3: Guru poornima funcation organized by narayan seva sanasthan

प्रायम्ब भें संथथान अध्मऺ प्रशान्त अग्रवार न ेअऩन ेथवागत बाषण भें संथथान की गनतववचधमों ऩय प्रकाश डारत ेहुए कहा कक मह गुरूदेव के सभऩथण औय प्रब ुकृऩा का ही ऩरयणाभ है कक ननिःशक्तजन की ’ननिःशुल्क’चिककत्सा एव ंबायत की सेवा ऩयम्ऩया भें संथथान ववश्व बय भें अऩनी ववशषे ऩहिान कामभ कय सका है। उन्होंन ेआगे कहा कक गुरू ददशा ही नही फतात ेअवऩत ुदशा बी फदर देत ेहैं। श्रीभती वन्दना अग्रवार, जगदीश आमथ व देवेन्र िफैीसा न ेबी अऩन ेवविाय व्मक्त कयत ेहुए कहा कक गुरू की वाणी औय कृऩा भें ही वह शस्क्त है कक जड़ बी ितेन हो जाता है। कामथक्रभ का संिारन भदहभ जैन न ेककमा।

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