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  • PÀ£ÁðlPÀ¸ÀPÁðgÀ

    f¯Áè ¥ÀAZÁAiÀÄvÀ ¨É¼ÀUÁ« G¥À¤zÉÃð±ÀPÀgÀ PÁAiÀiÁð®AiÀÄ, ¸ÁªÀðd¤PÀ ²PÀët E¯ÁSÉ ¨É¼ÀUÁ«(zÀ)

    ¥ÀjPÀ®à£É ºÁUÀÆ ªÀiÁUÀðzÀ±Àð£À : 1. ²æà J. ©. ¥ÀÄAqÀ°ÃPÀ

    G¥À¤zÉÃð±ÀPÀgÀÄ, ¸Á.².E. ¨É¼ÀUÁ«

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    «µÀAiÀÄ ¥ÀjëPÀëPÀgÀÄ : ²æà ಸಲೀಮ £ÀzÁ¥sÀ ಸಹಾಯಕ ಯೋಜನಾ ಸಮನ್ವಯಾಧಿಕಾರಿ ಡಿ.ಡಿ.ಪಿ.ಐ. ಕಾಯಾಾಲಯ ಬೆಳಗಾವಿ

    ¸ÀA¥À£ÀÆä® ªÀåQÛUÀಳು

    1. qÁ. ¸ÀĤî ¥ÀjÃl

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    2. ²æà ¥Àæ±ÁAvÀ ¥ÁgÀ¢ü

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    3. ²æà AiÀiÁ¹Ã£À CºÀªÀÄäzÀ ºÀÄ£À²PÀnÖ

    CAdĪÀÄ£À DAUïè ªÀiÁzsÀåªÀÄ ¥ËæqsÀ±Á¯É, ¨É¼ÀUÁ«

    4. ²æêÀÄw gÀÆ¥Á d£ÀUËqÁ

    UÉÆêÀÄmÉñÀ PÀ£ÀßqÀ ¥ËæqsÀ±Á¯É, ªÀÄZÉÒ ¨É¼ÀUÁ«

  • I. एक अंकवाले प्रश्न

    क्र.स.ं पाठ/पद्य विधा लेखक/कवि १ मातभृमूम कविता भगितीचरण िमाा २ कश्मीरी सेब कहानी प्रेमचंद ३ गगल्ल ू रेखागचत्र महादेिी िमाा ४ अमभनि मनषु्य कविता रामधारीमसहं ददनकर ५ मेरा बचपन आत्मकथा डॉ. ए.पी.जे. अब्दलु कलाम ६ बसतं की सच्चाई एकांकी विष्णु प्रभाकर ७ तुलसी के दोहे दोहा तुलसीदास ८ इंटरनेट क्ांतत तनबंध/चचाा सकंमलत ९ ईमानदारों के सम्मेलन में व्यगं्य हररशंकर परसाई १० दतुनया में पहला मकान लेख डॉ. विजया गपु्ता ११ समय की पहचान कविता मसयारामशरण गपु्त १२ रोबोट कहानी डॉ. प्रदीप मखु्योपाध्याय ’आलोक’ १३ मदहला की साहसगाथा व्यक्तत पररचय सकंमलत १४ सरू - श्याम पद सरूदास १५ कनााटक सपंदा तनबंध सकंमलत १६ बाल - शक्तत लघ ुनादटका जगतराम आया १७ कोमशश कनेिालों की हार नहीं होती कविता सोहनलाल द्वििेदी १ शतन: सबसे सुदंर ग्रह पूरकिाचन गणुाकर मलेु २ सत्य की मदहमा पूरकिाचन सकंमलत ३ नागररक के कताव्य पूरकिाचन

    1) ’मातभूृमम’ कववता के कवव कौन है? उत्तर:-’मातभूृमम’ कविता के कवि भगितीचरण िमाा हैं। 2) जग के रुप को बदलन ेके मलए कवव ककससे ननवेदन

    करते हैं? उत्तर:-जग के रुप को बदलने के मलए कवि मातभूृमम (भारतमाता) से ननिेदन करते हैं । 3) भारत के खेत कैसे हैं ? उत्तर:- भारत के खेत हरे-भरे हैं। 4) सुख-संपवत्त, धन-धाम को मााँ कैसे बााँट रही है ? उत्तर:-सुख-संपवि, धन– धाम को मााँ मुक्त - हस्त से बााँट रही है। 5) लेखक चीजें खरीदन ेकहााँ गये थे ? उत्तर:-लेखक चीजें खरीदन ेचौक गये थे। 6) लेखक का जी क्यों ललचा उठा? उत्तर:-गुलाबी रंग के सेब को देखकर जी ललचा उठा। 7) टोमाटो ककस का आवश्यक अंग बन गया है ? उत्तर:-टोमाटो भोजन का आिश्यक अंग बन गया है।

    8) गगलहरी का बच्चा कहााँ पडा था ? उत्तर:-गगलहरी का बच्चा गमले और दीिार की संनि में पडा था। 9) लेखखका न ेगगल्लू के घावों पर क्या लगाया ? उत्तर:-लेखखका न ेगगल्लू के िािों पर पेन्ससमलन का मरहम

    लगाया। 10) गगलहरी का वप्रय खाद्य क्या था ? उत्तर:-गगलहरर का विय खाद्य काजू था। 11) लेखखका को ककस कारण से अस्पताल में रहना पडा? उत्तर:-लेखखका को मोटर दिुाटना के कारण अस्पताल में रहना

    पडा था। 12) गगलहरी गमी के ददनों में कहााँ लेट जाता था ? उत्तर:-गगलहरी गमी के ददनों में सुराही पर लेट जाता था। 13) गगलहरी की समागध कहााँ बनायी गयी है? उत्तर:-गगलहरी की समागध सोनजुही की लता के नीचे बनायी

    गयी है। 14) आधुननक पुरुष न ेककस पर ववजय पायी है ? उत्तर:-आधुननक पुरुष न ेिकृनत पर विजय पायी है।

    अनकु्रमणिका

  • 15) अभिनि मनुष्य कविता के कवि का नाम भलणखए। उत्तर:-अमभनि मनुष्य कविता के कवि रामधारी मसहं ददनकर जी हैं। 16) अब्दलु कलाम जी के बचपन में दलुलि िस्तु क्या थी? उत्तर:-अब्दलु कलाम जी के बचपन में दलुाभ िस्तु पुस्तक थी। 17) बसंत क्या-क्या बेचता था? उत्तर:-बसंत छलनी, ददयासलाई और बटन बेचता था। 18) मुखखया को ककस के समान रहना चादहए ? उत्तर:-मुखखया को मुख के समान रहना चादहए.। 19) दया ककस का मूल है ? उत्तर:-दया धमा का मूल है। 20) पाप का मूल क्या है ? उत्तर:-पाप का मूल अमभमान है। 21) तुलसीदास के अनसुार ववपवत्त के साथी कौन हैं? उत्तर:-तुलसीदास के अनसुार विपवि के साथी विद्या, विनय

    और वििेक हैं। 22) इंटरनेट का अथथ क्या है? उत्तर:-इंटरनेट अनगगननत कंप्यूटरों के कई अंतजाालों का एक

    दसूरे से संबंध स्थावपत करन ेका जाल है। 23) इंटरनेट बैंककंग द्वारा क्या भेजा जा सकता है? उत्तर:-इंटरनेट -बैंककंग द्िारा दनुनया की ककसी भी जगह पर

    चाहे न्जतनी भी रकम भेजी जा सकती है। 24) समाज के ककन क्षेत्रों में इंटरनेट का योगदान है? उत्तर:-समाज में गचककत्सा, कृवष, अंतररक्ष ज्ञान, विज्ञान, मिक्षा

    आदद क्षेत्रों में इंटरनेट का योगदान है। 25) इंटरनेट-क्ांनत का असर ककस पर पडा है? उत्तर:-इंटरनेट का असर बड-ेबूढे से लेकर छोटे बच्चों तक

    सबपर पडा है। 26) फूल मालाएाँ ममलन ेपर लेखक क्या सोचन ेलगे ? उत्तर:-फूल मालाएाँ ममलने पर लेखक सोचन ेलग े कक आस-

    पास कोई माली होता तो फूल-मालाएाँ भी बेच लेता। 27) लेखक पहनन ेके कपड ेमसरहाने दबाकर क्यों सोये? उत्तर:-होटेल के कमरे में बहुत सारी चोररयााँ हो रही थीं,

    इसमलए लेखक पहनने के कपड ेमसरहान ेदबाकर सोये। 28) लेखक दसूरे दजे में क्यों सफर करना चाहते थे? उत्तर:-लेखक एक सौ पचास रूपये बचाने के मलए दसूरे दजे में

    सफर करना चाहते थे । 29) लेखक को कहााँ ठहराया गया? उत्तर:-लेखक को होटेल के एक बड ेकमरे में ठहराया गया। 30) स्वागत सममनत के मंत्री ककस को डााँटन ेलग े? उत्तर:-स्िागत सममनत के मंत्री कायाकतााओं को डााँटने लगे। 31) सम्मेलन में लेखक के भाग लेन ेसे ककन - ककन को

    पे्ररणा ममल सकती है ? उत्तर:-सम्मेलन में लेखक के भाग लेन ेसे ईमानदारों

    तथा उदीयमान ईमानदारों को बडी िेरणा ममल सकती है। 32) लेखक न ेधूप का चश्मा कहााँ रखा था? उत्तर:-लेखक न ेधूप का चश्मा कमरे में टेबल पर रखा था। 33) समय ककसका ददया हुआ अनुपम धन है? उत्तर:-समय ईश (भगिान)का ददया हुआ अनुपम धन है। 34) समय की पहचान कविता के कवि का नाम क्या है? उत्तर:-समय की पहचान कविता के कवि का नाम

    हैमसयाराम शरण गुप्त। 35) वषों से सक्सेना के पररवार में कौन काम कर रहा है? उत्तर:-िषों से सक्सेना के पररिार में साधोराम काम कर

    रहा है। 36) रोबोननल की मुलाकात ककससे हुई ? उत्तर:- रोबोननल की मुलाकात रोबोदीप से हुई। 37) धीरज सक्सेना ककस कायाललय में जा पहुाँचे? उत्तर:-धीरज सतसेना रोबोटोतनतस कॉपोरेशन कायाालय में

    जा पहुुँचे। 38) शमाथ पररवार के कुते्त का नाम मलखखए ? उत्तर:- िमाा पररिार के कुिे का नाम झबरू था। 39) वैज्ञाननक लेखक का नाम मलखखए ? उत्तर:-िैज्ञाननक लेखक का नाम आइज़क आमसमोि है। 40) कनलल न ेबधाई देते हुए बबछेंद्री पाल से क्या कहा? उत्तर:-कनाल न ेबधाई देते हुए बबछेंद्री पाल से कहा "देश

    को तुम पर गिा है।" 41) कृष्ि की भिकायत ककसके प्रतत है? उत्तर:- कृष्ण की मशकायत बलराम के प्रतत है। 42) यशोदा ककसकी कसम खाती है? उत्तर:- यशोधा गोधन की कसम खाती है। 43) सूर - श्याम पद के रचनयता कौन है ? उत्तर:-सूर-श्याम पद के रचनयता सूरदास है। 44) यशोदा और नंद का रंग कैसा था? उत्तर:-यिोदा और नंद का रंग गोरा था। 45) बालकृष्ण का रंग कैसा था ? उत्तर:-बालकृष्ण का रंग काला था। 46) कनाथटक में कौन-कौन से जलप्रताप हैं? उत्तर:-कनााटक में जोग,अब्बी गोकाक,मििनसमुद्र आदद जलिताप है। 47) ककस नगर को मसमलकान मसटी कहा जाता है? उत्तर:- बेंगलरूु नगर को मसमलकान मसटी कहा जाता है। 48) हमें ककस उम्र में अच्छी आदतें डालनी है ? उत्तर:- हमें छोटी उम्र में अच्छी आदतें डालनी है। 49) बच्चों की तारीफ ककसने की ? उत्तर:- बच्चों की तारीफ कलेक्टर साहब ने की।

  • II: अनुरूपता। 1. सबे : फल :: गाजर : सब्जी । 2. नागपुर : संतरा :: कश्मीर : सेब । 3. गुलाब : पौधा :: सोनजुही : लता । 4. बबल्ली : म्याऊुँ -म्याऊुँ :: गगल्लू : चचक-चचक । 5. कोयल : मधुर स्िर :: कौआ : ककल ि आिाज । 6. कंप्यूटर : संगणक यंत्र :: इंटरनेट : अंतर जाल । 7. आई.टी. : इनफारमेशन टैतनोलाजी :: आई.टी.ई.एस. :इनफारमेिन टैक्नोलाजी एनेबल्ड सविलसेस 8. फेसबुक : िरदान :: हैककंग : अभििाप । 9. िीडडयो कान्फरेन्स: विचार-विनमय :: ई-प्रशासन : प्रिासन पारदिी । 10. बलभद्र : बलराम :: कान्हा : कृष्ि । 11. जसोदा : माता :: नंद : वपता । 12. रीझना : मोदहत होना :: खखजाना : चचढाना । 13. बलबीर : बलराम :: जसोदा : यिोदा । 14. पं.राजककशोर. : ककशनगजं :: बसतं : िीखु अहीर के घर| 15. पं.राजककशोर : मजदरूों के नेता :: बसतं : प्रामाणिक लड़का| 16. दया : धमा का मलू :: आमभमान : पाप का मूल| 17. पहले दहमालय पिातारोही पुरुष.: तेनक्जंग नोगे :: पहली एिरेस्ट पिातारोही मदहला : जंुके ताबब 18. एिरेस्ट पर चढनेिाली प्रथम मदहला : जंुकेताबी :: एिरेस्ट पर चढनेिाली प्रथम भारतीय मदहला:बबछेंद्री पाल। 19. शेरू को टहलाना: रोबोतनल. :: झबरू को घुमाना : रोबोदीप 20. कनााटक : चंदन का आगार :: बेंगलरू : भसभलकान भसटी 21. सेंट कफलोममना: चचा :: जगनमोहन राजमहल : आटल गैलरी

    III. जोड़कर भलखना 1. तालाब मछली 2. हाथी पैर 3. भैंस हड्डडयाुँ 4. मसगंफो आददिासी 5. मगर, रोबोदीप, यह तो रोबोदटकी के तनयम के विरुद्ध है । 6. शाम को रोबोतनल और रोबोदीप ममले । 7. दोनों के बीच कुछ गुप्त मंत्रण हुई । 8. सतसेना पररिार रोबोतनल को पाकर फूला नहीं समा रहा था । 9. पररहरर िारर विकार 10. जब लग घट में प्राण 11. कलाम जी का जीिन सादगी में बीता 12. आज का युग इंटरनेट युग 13. विस्पररगं गैलरी िास्तुकला का दृष्टांत 14. फल खाने का समय तो प्रातःकाल है। 15. समय अनपुम धन 16. टोली का नाम बाल-शक्तत

  • 1) AÉeÉMüsÉ ÍzÉͤÉiÉ xÉqÉÉeÉ qÉåÇ ÌMüxÉMåü oÉÉUå qÉåÇ ÌuÉcÉÉU ÌMürÉÉ eÉÉiÉÉ Wæû?

    उत्तर:- AÉeÉMüsÉ ÍzÉͤÉiÉ xÉqÉÉeÉ qÉåÇ ‘ÌuÉOûÉÍqÉlÉ AÉæU mÉëÉåOûÏlÉ’ Måü oÉÉUå qÉåÇ ÌuÉcÉÉU ÌMürÉÉ eÉÉiÉÉ Wæû | 2) SÒMüÉlÉSÉU lÉå sÉåZÉMü xÉå YrÉÉ MüWûÉ?

    उत्तर:- SÒMüÉlÉSÉU lÉå sÉåZÉMü xÉå MüWûÉ ÌMü – ‘oÉÉoÉÔeÉÏ oÉÄQåû qÉÄeÉåSÉU xÉåoÉ AÉL Wæû, ZÉÉxÉ MüzqÉÏU Måü | AÉmÉ sÉå eÉÉLÆ ZÉÉMüU iÉoÉÏrÉiÉ ZÉÑzÉ WûÉå eÉÉrÉåaÉÏ |’

    3) sÉåÎZÉMüÉ lÉå ÌaÉssÉÔ Måü mÉëÉhÉ MæüxÉå oÉcÉÉrÉå?

    उत्तर:- sÉåÎZÉMüÉ ÌaÉssÉÔ MüÉå WûÉæsÉå xÉå EPûÉMüU AmÉlÉå MüqÉUå qÉåÇ sÉÉrÉÏ, ÌTüU ÂD xÉå UYiÉ mÉÉåÇNûMüU bÉÉuÉÉåÇ mÉU mÉåÎlxÉÍsÉlÉ MüÉ qÉUWûqÉ sÉaÉÉrÉÉ | MüD bÉÇOåû Måü EmÉcÉÉU Måü EmÉUÉliÉ ExÉMåü qÉÑðWû qÉåÇ LMü oÉÔðS mÉÉlÉÏ OûmÉMüÉrÉÉ eÉÉ xÉMüÉ |

    4) sÉåÎZÉMüÉ MüÉ krÉÉlÉ AÉMüÌwÉïiÉ MüUlÉå Måü ÍsÉL ÌaÉssÉÔ YrÉÉ MüUiÉÉ jÉÉ?

    उत्तर:- sÉåÎZÉMüÉ MüÉ krÉÉlÉ AÉMüÌwÉïiÉ MüUlÉå Måü ÍsÉL ÌaÉssÉÔ ElÉMåü mÉæU iÉMü AÉMüU xÉUï xÉå mÉUSå cÉÄRû eÉÉiÉÉ AÉæU ÌTüU ExÉÏ iÉåeÉÏ xÉå EiÉUiÉÉ| ExÉMüÉ rÉWû SÉæÄQûlÉå MüÉ ¢üqÉ iÉoÉ iÉMü cÉsÉiÉÉ, eÉoÉ iÉMü sÉåÎZÉMüÉ ExÉå EPûÉ lÉ sÉå |

    5) महादेिी िमाल को चौंकाने के भलए िह कहााँ-कहााँ तछप जाता था? उत्तर:- महादेिी िमाा को चौंकाने के मलए िह कभी फूलदान के फूलों में, कभी परदे की चुन्नट में और कभी सोनजुही की पवियों में तछप जाता था।

    6) अब्दलु कलाम का बचपन बहुत ही तनक्श्चंतता और सादगी में बीतन ेके कारण मलखखए? उत्तर:- अब्दलु कलाम जी का बचपन बडी ही तनक्श्चंतता तथा सादगी में गुजरा । तयोंकक उनके वपता जी एक अडंबरहीन व्यक्तत थे । परंतु घर में सभी आिश्यक चीजें समुगचत मात्रा में उपलब्ध थीं।

    7) आमशयम्मा जी अब्दलु कलाम को खाने में तया-तया देती थीं? उत्तर:- अब्दलु कलाम जी की माता आमशयम्मा जी केले के पिे पर चािल एि ंसुगंगधत स्िाददष्ट सांबार डालती थी, साथ में घर का बना अचार और नाररयल की ताजी चटनी देती थी ।

    8) eÉælÉÑsÉÉoÉSÏlÉ lÉqÉÉÄeÉ Måü oÉÉUå qÉåÇ YrÉÉ MüWûiÉå jÉå?

    उत्तर:- eÉælÉÑsÉÉoÉSÏlÉ lÉqÉÉÄeÉ Måü oÉÉUå qÉåÇ MüWûiÉå Wæû ÌMü eÉoÉ iÉÑqÉ lÉqÉÉÄeÉ mÉÄRûiÉå WûÉå iÉÉå iÉÑqÉ AmÉlÉå zÉUÏU xÉå CiÉU oÉëyqÉÉÇQû MüÉ LMü दहस्सा oÉlÉ eÉÉiÉå WûÉå, ÎeÉxÉqÉåÇ SÉæsÉiÉ, AÉrÉÑ, eÉÉÌiÉ rÉÉ kÉqÉï – mÉÇjÉ MüÉ MüÉåD pÉåSpÉÉuÉ lÉWûÏÇ होता|

    9) eÉælÉÑsÉÉoÉSÏlÉ lÉå MüÉælÉ-xÉÉ MüÉqÉ zÉÑ ÌMürÉÉ?

    उत्तर:- AoSÒsÉ MüsÉÉqÉeÉÏ Måü ÌmÉiÉÉeÉÏ eÉælÉÑsÉÉoÉSÏlÉ xjÉÉlÉÏrÉ PåûMåüSÉU AWûqÉS eÉsÉÉsÉÑSèSÏlÉ Måü xÉÉjÉ xÉqÉÑSì iÉOû Måü mÉÉxÉ lÉÉæMüÉLÆ oÉlÉÉlÉå sÉaÉå |

    10) बसंत राजककशोर से दो पैसे लेने से क्यों इनकार करता है ? उत्तर:- बसंत राजककिोर से दो पैसे लेने से इनकार करता है क्योंकक- उसे भीख समझता था। बसंत भीख नहीं लेना चाहता था।

    11) oÉxÉÇiÉ UÉeÉÌMüzÉÉåU xÉå YrÉÉ ÌuÉlÉiÉÏ MüUiÉÉ Wæû?

    उत्तर:- oÉxÉÇiÉ UÉeÉÌMüzÉÉåU xÉå ÌuÉlÉiÉÏ MüUiÉÉ Wæû ÌMü, xÉÉWûoÉ oÉOûlÉ sÉÏÎeÉL, SåxÉÏ oÉOûlÉ Wæû | xÉÉWûoÉ ÌSrÉÉxÉsÉÉD sÉÏÎeÉL | xÉÉWûoÉ, xÉoÉåUå xÉå AoÉ iÉMü MÑüNû lÉWûÏÇ ÌoÉMüÉ | AÉmÉ xÉå AÉzÉÉ jÉÏ | LMü iÉÉå sÉå sÉÏÎeÉL |

    12) urÉÉmÉÉU AÉæU oÉæÇÌMÇüaÉ qÉåÇ CÇOûUlÉåOû xÉå YrÉÉ qÉSS ÍqÉsÉiÉÏ Wæû?

    उत्तर:- urÉÉmÉÉU qÉåÇ CÇOûUlÉåOû ²ÉUÉ bÉU oÉæPåû-oÉæPåû ZÉUÏSÉUÏ MüU xÉMüiÉå Wæû | MüÉåD pÉÏ ÌoÉsÉ pÉU xÉMüiÉå हैं| oÉæÇÌMÇüaÉ qÉåÇ CÇOûUlÉåOû ²ÉUÉ SÒÌlÉårÉÉ MüÐ ÌMüxÉÏ pÉÏ eÉaÉWû mÉU cÉÉWåû ÎeÉiÉlÉÏ pÉÏ UMüqÉ pÉåeÉÏ eÉÉ xÉMüiÉÏ Wæû|

    13) D-aÉuÉlÉåïÇxÉ YrÉÉ Wæû?

    उत्तर:- D-aÉuÉlÉåïÇxÉ ²ÉUÉ xÉUMüÉU Måü xÉpÉÏ MüÉqÉMüÉeÉ MüÉ ÌuÉिरण, AÍpÉsÉåZÉ, xÉUMüÉUÏ AÉSåzÉ MüÉå rÉथाuÉiÉ sÉÉåaÉÉåÇ MüÉå xÉÔÍcÉiÉ ÌMürÉÉ eÉÉiÉÉ Wæû| CxÉxÉå mÉëzÉÉxÉlÉ mÉÉUSर्शी oÉlÉ xÉMüiÉÉ Wæû|’

    IV. दो अंकोंवाले प्रश्न

  • 14) सोशल नेटवककिं ग एक क्ांनतकारी खोज है। कैसे? उत्तर:- सोिल नेटिककिं ग एक क्ांनतकारी खोज है। इसकी िजह से दनुनया भर के लोगों को एकसूत्र में बांध ददया है। सोिल नेटिककिं ग के कई साइटस हैं जैसे फेसबुक, ऑरकूट, ई-मेल, ट्विटर आदद। इसके कारण देि विदेि के लोगों के रहन सहन आदद की जानकारी ममलती है।

    15) sÉÉÍsÉqÉ AÉæU ÌMÇücÉÉ sÉÉsÉÏSÉqÉ eÉÇaÉsÉ MüÐ AÉåU YrÉÉåÇ cÉsÉ mÉÄQåû?

    उत्तर:- sÉÉÍsÉqÉ AÉæU ÌMÇücÉÉ sÉÉsÉÏSÉxÉ दोनों SÉåxiÉÉåÇ lÉå iÉrÉ ÌMürÉÉ ÌMü uÉå qÉMüÉlÉ oÉlÉÉLÆaÉå | qÉÑÎzMüsÉ rÉWû थी ÌMü uÉå lÉहीं eÉÉlÉiÉå jÉå ÌMü qÉMüÉlÉ MæüxÉå oÉlÉÉL eÉÉiÉå हैं, CxÉÍsÉL uÉå mÉzÉÑAÉåÇ xÉå mÉÔNû-iÉÉNû MüUlÉå Måü ÍsÉL eÉÇaÉsÉ MüÐ AÉåU cÉsÉ mÉÄQåû |

    16) WûÉjÉÏ lÉå SÉåxiÉÉåÇ MüÉå YrÉÉ E¨ÉU ÌSrÉÉ?

    उत्तर:-हाथी ने दोस्तों से “इसमें कदठनाई है? पेडों से लकडी के इतने मोटे और मजबूत गोले काट लो, क्जतने मेरे पैर हैं।” 17) qÉlÉÑwrÉ Måü ÍsÉL xÉÑZÉ MüÐ mÉëÉÎmiÉ MüoÉ xÉÇpÉuÉ Wæû?

    उत्तर:-qÉlÉÑwrÉ MüÉå xÉqÉrÉ lɹ lÉÉ MüUlÉå xÉå, AÉsÉxÉ AÉæU oÉWûÉlÉÉ oÉlÉÉlÉÉ NûÉåQûMüU qÉåWûlÉiÉ xÉå MüÉqÉ MüUlÉå xÉå xÉÑZÉ MüÐ mÉëÉÎmiÉ होती Wæû| 18) समय का सदपुयोग कैसे करना चादहए?

    उत्तर:- समय बहुत ही मूल्यिान है, इसमलए हमें पल - पल समय का सदपुयोग करना चादहए। हमे जो काम आज करना है उसे अभी करना चादहए। अपने कताव्य का पालन करने में देर नहीं करनी चादहए।

    19) xÉÉkÉÉåUÉqÉ MüÉå YrÉÉ WÒûAÉ jÉÉ?

    उत्तर:- xÉÉkÉÉåUÉqÉ AcÉÉlÉMü LMü ÌSlÉ cÉsÉiÉÏ oÉxÉ xÉå ÌaÉUMüU ZÉiÉUlÉÉMü cÉÉåOû AÉ aÉD | ExÉå AxmÉiÉÉsÉ qÉåÇ pÉiÉÏï MüUÉlÉÉ mÉÄQûÉ | 20) धीरज सक्सेना को बुद्चधमान रोबोट की जरूरत क्यों थी?

    उत्तर:- सतसेना जी को बुद्गधमान रोबोट चादहए था, तयोंकक िह घर के काम के साथ उनके नाती-पोतों का होमिका करा सके तथा िडा प्रोसेसर पर उनका काम भी संभाल सके ।

    21) M×üwhÉ AmÉlÉÏ qÉÉiÉÉ rÉzÉÉåSÉ Måü mÉëÌiÉ YrÉÉåÇ lÉÉUÉÄeÉ Wæû?

    उत्तर:- M×üwhÉ AmÉlÉÏ qÉÉiÉÉ rÉzÉÉåSÉ Måü mÉëÌiÉ lÉÉUÉÄeÉ Wæû YrÉÉåÇÌMü, rÉzÉÉåSÉ WûqÉåzÉÉ M×üwhÉ MüÉå WûÏ qÉÉUiÉÏ Wæû, AÉæU pÉÉD oÉsÉUÉqÉ mÉU MüpÉÏ aÉÑxxÉÉ नहीं MüUiÉÏ AÉæU qÉÉUiÉÏ pÉÏ नहीं |

    22) oÉÉsÉM×üwhÉ AmÉlÉÏ qÉÉiÉÉ xÉå YrÉÉ-YrÉÉ ÍzÉMüÉrÉiÉ MüUiÉÉ Wæû?

    उत्तर:- oÉÉsÉM×üwhÉ AmÉlÉÏ qÉÉiÉÉ xÉå ÍzÉMüÉrÉiÉ MüUiÉÉ Wæû ÌMü, oÉsÉUÉqÉ qÉÑfÉå MüÉsÉÉ MüWûMüU mÉÑMüÉUiÉÉ Wæû | qÉÑfÉå qÉÉåsÉ ÍsÉrÉÉ Wæû LåxÉÉ MüWûiÉÉ Wæû AÉæU xÉoÉ auÉÉsÉ SÉåxiÉ qÉÑfÉå cÉÑûOûMüÐ Så SåMüU ÍNûQûÉiÉå Wæû|

    23) कृष्ि बलराम के साथ खेलने क्यों नहीं जाना चाहता? उत्तर:- बलराम कृष्ण को यह कहकर ग्िाल बालकों के सामने छेडता है कक, तुम्हें तो मोल मलया है तुम्हें यशोदा न ेकब जन्म ददया। और बार बार पूछता है कक कौन है तुम्हारी माता और कौन हैं तुम्हारे वपता। इसी कारण कृष्ण बलराम के साथ खेलने नहीं जाना चाहता।

    24) यिोदा कृष्ि के क्रोध को कैसे िांत करती है? उत्तर:- यशोदा जब मशकायत और क्ोध से भरे मुख को देखकर मन ही मन मुस्कुराती है और उसे शांत करने के मलए कहती है कक, बलराम तो जन्म से ही चुगलखोर है, मैं गोधन की सौगंध खाकर कहती हूुँ कक मैं ही तुम्हारी माता हूुँ और तुम्हीं मेरे पुत्र हो ।

    25) कलेक्टर साहब ने बच्चों की बडाई में क्या कहा? उत्तर:- कलेक्टर साहब ने बच्चों की बडाई में कहा कक, बच्चों ने गांि को साफ-सुथरा रखा है। उसहोंने गांि को एक नया रुप ददया है।

    26) सूयथ के पुत्र कौन थे? शनै:चर का अथथ क्या है ? उिर:- िनन महाराज सूया के पुत्र थे। िनै:चर का अथा होता है – धीमी गनत से चलनेिाला।

    27)शनन का ननमाथण ककस प्रकार हुआ है? उत्तर:- बहृस्पनत की तरह िनन का िायुमंदल भी हाइड्रोजन, हीमलयम, मीथेन तथा एमोननया गैसों से हुआ है।

  • 28)शास्त्र में सत्य बोलने का तरीका कैसे समझाया गया है?

    उत्तर:- िास्त्र में सत्य बोलन ेका तरीका ऐसे समझाया गया है कक- ’सत्यं ब्रूतात, वियं ब्रयूात, न ब्रूयात सत्यमवियम’ अथाात सच बोलो जो दसूरों को विय लगे, अविय सत्य मत बोलो ।

    29) 'सत्य' क्या होता है? उसका रूप कैसा होता है ? उत्तर:- सत्य! बहुत ही भोला - भाला, बहुत ही सीधा – सादा जो कुछ भी अपनी आाँखों से देखा, बबना नमक-ममचा लगाए बोल ददया - यही तो सत्य है। ककतना सरल ! सत्य दृन्ष्ट का िनतबबबं है, ज्ञान की िनतमलपी है, आत्मा की िाणी है।

    30) महात्मा गााँधी के सत्य की िक्क्त के बारे में क्या कथन है? उत्तर:- "सत्य एक विशाल िकृ्ष है। उसका क्जतना आदर ककया जाता है, उतन ेही फल उसमें लगत ेहैं। उनका अंत नहीं होता।"

    31) मीना मैडम ने छात्रों से अंत में क्या कहा? उत्तर:- मीना मैडम ने छात्रों से अंत में कहा- आज के बच्चें कल के नागररक हैं । विद्यागथायों ! आज स,े नहीं नहीं; अब स ेही आप इन कताव्यों का पालन करना शुरू करो । इससे आपका दहत तो होगा ही, देश का कल्याण भी होगा।

    1. pÉÉUiÉ qÉÉð Måü mÉëM×üÌiÉ-xÉÉæÇSrÉï MüÉ uÉhÉïlÉ MüÐÎeÉL | उत्तर: -MüÌuÉ pÉaÉuÉiÉÏ cÉUhÉ uÉqÉÉïeÉÏ pÉÉUiÉ qÉÉð Måü mÉëM×üÌiÉ-xÉÉæÇSrÉï MüÉ uÉhÉïlÉ MüUiÉå WÒûL MüWûiÉå हैं ÌMü, pÉÉUiÉ qÉåÇ WûUå-pÉUå ZÉåiÉ xÉÑlSU Wæû | TüsÉ-TÔüsÉÉåÇ xÉå pÉUÉ WÒûAÉ uÉlÉ AÉæU EmÉuÉlÉ Wæû | pÉÉUiÉ Måü pÉÔÍqÉ Måü AÇSU ZÉÌlÉeÉÉåÇ MüÉ urÉÉmÉMü kÉlÉ Wæû |

    qÉÑYiÉ WûxiÉ xÉå pÉÉUiÉ qÉÉð xÉpÉÏ MüÉå xÉÑZÉ-xÉÇmÉÌ¨É , kÉlÉ-kÉÉqÉ oÉÉðOû UWûÏ Wæû |

    2. qÉÉiÉ×pÉÔÍqÉ MüÉ xuÉÃmÉ MæüxÉå xÉÑzÉÉåÍpÉiÉ Wæû ? उत्तर: कवि की कल्पना के अनुसार मातभूृमम का स्िरूप अत्यंत संुदर तथा सुिोमभत है। मातभूृमम के एक हाथ में सयाय पताका है, जो सयायका िनतक है। तो दसूरे हाथ में ज्ञान-दीप है, जो ज्ञान का ितीक है। मााँ अपने सयाय तथा ज्ञान द्िारा बच्चों का मागादिान कर रही है।

    3. ‘mÉëM×üÌiÉ mÉU xÉuÉï§É Wæû ÌuÉeÉrÉÏ mÉÑÂwÉ AÉxÉÏlÉ’ CxÉ mÉÇÎYiÉ MüÉ AÉzÉrÉ AÉzÉrÉ xÉqÉfÉÉCL | उत्तर: ‘mÉëM×üÌiÉ mÉU xÉuÉï§É Wæû ÌuÉeÉrÉÏ mÉÑÂwÉ AÉxÉÏlÉ’ CxÉ mÉÇÎYiÉ MüÉ AÉzÉrÉ rÉWû Wæû ÌMü, AÉeÉ qÉÉlÉuÉ lÉå mÉëM×üÌiÉ Måü WûU iÉiuÉ mÉU ÌuÉeÉrÉ mÉëÉmiÉ MüU sÉÏ Wæû AÉæU mÉëM×üÌiÉ mÉU qÉÉlÉuÉ xÉuÉÉU Wæ LuÉÇ mÉëM×üÌiÉ MüÉå AmÉlÉå ÌlÉrÉǧÉhÉ qÉåÇ UZÉÉ है।

    4. ÌSlÉMüUeÉÏ Måü AlÉÑxÉÉU qÉÉlÉuÉ-qÉÉlÉuÉ Måü xÉWûÏ mÉËUcÉrÉ YrÉÉ Wæû? उत्तर: ÌSlÉMüUeÉÏ Måü AlÉÑxÉÉU qÉÉlÉuÉ-qÉÉlÉuÉ Måü oÉÏcÉ xlÉåWû xlÉåWû MüÉ oÉÉðkÉlÉÉ AÉæU LMü qÉÉlÉuÉ का SÕxÉUå qÉÉlÉuÉ xÉå mÉëåqÉ MüÉ ËUziÉÉ eÉÉåÄQûMüU AÉmÉxÉ MüÐ SÕUÏ MüÉå ÍqÉOûÉL uÉWûÏ qÉÉlÉuÉ MüWûsÉÉlÉå MüÉ AÍkÉMüÉUÏ Wæû | rÉWûÏ qÉÉlÉuÉ MüÉ xÉWûÏ mÉËUcÉrÉ Wæû |

    5. बसांत न ेराजककिोर को छलनी खरीदने के भलए ककस तरह प्रे े्ररत ककया ? उत्तर: जब राजककशोर छलनी खरीदने के बजाय बसंत को दो पैस ेदेते हैं, तब बसंत कहता है कक यह तो भीख है । मैं भीख नहीं लूुँगा । बसंत की इस बात न ेराजककशोर को छलनी खरीदने के मलए प्ररेरत ककया ।

    6. तुलसीदास जी के अनुसार मनुष्य के जीिन में प्रकाि कब फैलता है ? उत्तर: देहरी पर ददया रखने से घर के भीतर तथा आुँगन में प्रकाश फैलता है उसी तरह राम-नाम जपने से मानि की आंतररक और बाह्य शुद्गध होती है । इस तरह शुद्गध होन ेसे मनुष्य के जीिन में चारों ओर प्रकाश फैलता है ।

    V. तीन अंकोंिाल ेप्रश्न

  • 7. दक्षिि भिखर पर चढ़ते समय बबछेंद्री के अनुििों के बारे में भलणखए ।

    उत्तर: दक्षक्षण मशखर के ऊपर हिा की गतत बढ़ गई थी । हिा के झोंके बफा के कणों को चारों तरफ उड़ा रहे थे । उन्हें कुछ भी ददखायी दे नहीं रहा था । थोड़ी दरू तक कोई ऊुँ ची चढ़ाई नहीं थी। ढलान एकदम सीधी नीची चली गई थी। उनकी साुँस एकदम रूक गई थी । लेककन सफलता उनके बहुत ही नज़दीक थी । बबछेंद्री 23 मई 1984 के ददन दोपहर 1:07 ममनट पर एिरेस्ट की चोटी पर खड़ी थी ।

    8. बबछेंद्री पाल ने पहाड़ पर चढ़ने की तैयारी ककस प्रकार की ? उत्तर: कनाल खुल्लर ने साउथ कोल तक की चढ़ाई के मलए तीन मशखर दलों के दो समूह बना ददए थे । बबछेंद्री सुबह चार बजे उठ गाई। बफा वपघलाई और चाय बनाई । कुछ बबस्कुट और आधी चॉकलेट का हल्का नाश्ता करके साढ़े पाुँच बजे अपने तांब ूस ेतनकल पड़ी। अंग दोरजी भी उनके साथ थे।

    9. एिरेस्ट की चोटी पर पहुाँचने के बाद बबछेंद्री ने क्या ककया? उत्तर: एिरेस्ट की चोटी पर पहुुँचने के बाद बबछेंद्री ने खड ेहोने के मलए सुरक्षक्षत जगह बना ली। घुटनों के बल बैठी। मशखर का चंुबन ककया। हनुमान चालीसा और दगुाा माता का गचत्र लाल कपड ेमें लपेटकर पूजा की।

    10. oÉÉðkÉ AÉæU eÉsÉÉzÉrÉÉåÇ Måü YrÉÉ EmÉrÉÉåaÉ Wæû? उत्तर: MülÉÉïOûMü की mÉëqÉÑZÉ lÉÌSrÉÉåÇ पर oÉÉðkÉ oÉlÉÉL aÉL Wæû | ClÉxÉå WûÄeÉÉUÉåÇ LMüQû ÄeÉqÉÏlÉ xÉÏÇcÉÏ eÉÉiÉÏ Wæû | ClÉ lÉÌSrÉÉåÇ Måü eÉsÉÉzÉrÉÉåÇ MüÐ xÉWûÉrÉiÉÉ xÉå FeÉÉï EimÉÉSlÉ MåülSì xjÉÉÌmÉiÉ ÌMüL aÉL WæÇû ÎeÉlÉxÉå UÉerÉ MüÉå FeÉÉï mÉëÉmiÉ WûÉåiÉÏ Wæû |

    pÉÉuÉÉjÉï iÉÑsÉxÉÏ Måü SÉåWåû pÉÉuÉÉjÉï:- 3 AÇMü

    1. qÉÑÎZÉrÉÉ मखु xÉÉå cÉÉÌWûL खान पान को एक । पाल ैपोस ैसकल अाँग, तलुसी xÉÌWûiÉ ववेक ॥ भाuÉÉjÉï:-iÉÑsÉxÉÏSÉxÉ qÉÑZÉ AÉæU qÉÑÎZÉrÉÉ MüÐ xÉqÉÉlÉiÉÉ oÉiÉÉiÉå WæÇû ÌMü ÎeÉxÉ mÉëMüÉU qÉÑWû ZÉÉlÉå-पीने MüÉ MüÉrÉï AMåüsÉÉ MüUiÉÉ Wæû AÉæU ExÉxÉå WûÏ zÉUÏU Måü संपरू्ण AÇaÉ MüÉ mÉÉsÉlÉ mÉÉåwÉर् WûÉåiÉÉ Wæû| ExÉÏ

    mÉëMüÉU qÉÑÎZÉrÉÉ MüÉå ÌuÉuÉåMüuÉÉlÉ WûÉåMüU xÉoÉMåü ÌWûiÉ qÉåÇ MüÉqÉ MüUlÉÉ cÉÉÌWûL|

    2. दया धमल का मलू है पाप मूल अभिमान | तलुसी दया न छांड़ड़ए ,जब लग घट में प्राि || भाuÉÉjÉ: गोस्िामी तलुसीदासजी कहते हैं कक मनषु्य को दया कभी नहीं छोड़नी चादहए तयोंकक दया ही धमा का मलू है और इसके विपरीत अहंकार समस्त पापों की जड़ होता है| 3. iÉÑsÉxÉÏ xÉÉjÉÏ ÌuÉmÉÌ¨É Måü ÌuÉkrÉÉ ÌuÉlÉrÉ ÌuÉuÉåMü | xÉÉWûxÉ xÉÑM×üÌiÉ xÉÑxÉirÉuÉ×iÉ UÉqÉ pÉUÉåxÉå LMü ||

    भाuÉÉjÉï:-mÉëxiÉÑiÉ SÉåWåû qÉåÇ iÉÑsÉxÉÏSÉxÉ MüWûiÉå WæÇ ÌMü eÉoÉ qÉlÉÑwrÉmÉU xÉÇMüOû AÉiÉÉ Wæû iÉÉå iÉoÉ ÌuÉkrÉÉ,ÌuÉlÉrÉ AÉæU ÌuÉuÉåMü WûÏ ExÉMüÉ xÉÉjÉ SåiÉå Wæû| eÉÉ व्यक्ति UÉqÉ mÉU pÉUÉåxÉÉ MüUiÉÉ Wæû,uÉWû

    xÉÉWûxÉÏ,xÉirÉuÉ×iÉÏ AÉæU सत्यवान oÉlÉiÉÉ Wæû|

  • 1. बसंत ईमानदार लडका है। कैस?े उत्तर : बसंत एक ईमानदार लडका है। क्योंकक िह मेहनत करके अपने और अपन ेभाई का पेट पालता है । उसके मलए िह बाजार में बटन, ददयासलाई तथा छलनी जैसी चीजें बेचता है। जब पंडडत राजककिोर उसे बबना कुछ खरीदे दो पैसे देना चाहत ेहैं तो िह उसे भीख समझकर इसकार कर देता है। जब िह पं. राजककिोर के छुट्टे पैसे भूनान ेके मलए जाता है तो मोटर दिुाटना के कारण लौट न पाता है। तो उसे लौटान ेके मलए अपन ेछोटे भाई िताप को ककिनगंज राजककिोर के िर भेजता है। यह सब दिााता है कक बसंत एक ईमानदार लडका है।

    2. राजककशोर के मानवीय व्यवहार का पररचय दीजजए। उत्तर : पं. राजककिोर के मानिीय गुणों के बारे में कहना चाहें तो िे गरीब मजदरूों के नेता हैं, जो मजदरूों के दुुःख-ददा में उनकी सहायता करते हैं । दसूरा ि ेबहुत दयालु हैं क्योंकक, जब बसंत उनसे कोई चीज खरीदने को कहता है तो अिश्यकता न होन ेपर भी िे छलनी खरीदते हैं । छुट्टा न होन ेपर बसंत पर विश्िास करके नोट भुनाने भेजते हैं। जब बसंत नहीं लौटता तो ि ेिापस अपने िर चले जाते हैं। और जब उसहें बसंत की मोटरदिुाटना के बारे में सुनते हैं तो उसे ममलने उसके िर जाते हैं इलाज का सारा खचा खुद देख लेते हैं। यह सब दिााता है कक राजककिोर एक मानितािादी हैं।

    3. कनाथटक के प्राकृनतक सौंदयथ का वणथन कीजजए । उत्तर : कनााटक की िकृनतक सुषमा नयन मनोहर है। पन्श्चम में वििाल अरबी समुद्र लहराता है। दक्षक्षण स ेपन्श्चम की ओर फैली हुई पिातमालाएाँ हैं जो पन्श्चम िाट कहलाती है। न्जनमें सह्याद्री पिातमालाएाँ भी हैं दक्षक्षण में नीलगगरी पिात मालाएाँ तथा जोग, अब्बी, गोकाक, मििनसमुद्र जैसे जलिपात जैसे जलिपात इसकी िकृनतक संुदरता को बढाते हैं।

    4. कनाथटक की मशल्पकला और िास्तुकला का पररचय दीजजए। उत्तर : कनााटक की मिल्पकला अनोखी है । बादामी, ऐहोले, पट्टदकल्लू की मिल्पकला अदभुत है। बेलूर, हलेबीडू तथा सोमनाथपुर के मंददरों में पत्थर की मूनतायााँ सजीि लगती हैं। श्रिणबेलगोल की एकमिला गोमटेश्िर की मूती 57 फीट ऊाँ ची है जो विश्ि विख्यात है। विजयपुर के गोल-गंुबज की न्व्हस्पररगं गैलरी िास्तुकला का अद्वितीय दृष्टांत है। मैसूर का राजमहल, सेंट कफलोममना चचा, जगन मोहन राजमहल (आटा गैलरी) अत्यंत आकषाणीय हैं।

    5. कन्नड भाषा तथा संस्कृनत को कनाथटक के सादहत्यकारों की क्या देन है? उत्तर : कनााटक के सादहत्यकारों ने कसनड सादहत्य को अत्यंत समदृ्ध बनाया है । िचनकार बसिण्णा क्ांनतकारी समाज सुधारक थे। अक्कमहादेिी, अल्लमिभू, सिाज्ञ जैसे संतो ने अपन ेिचनों द्िारा िेम दया तथा धमा का संदेि ददया। पुरंदरदास, कनकदास, हररहर, राििांक आदद िाचीन कवियों न ेमहान काव्यों की रचना द्िारा कसनड सादहत्य को समदृ्ध बनाया है । साथ ही आधुननक सादहत्यकारों जैसे – कुिेंपु, बेंदे्र, कारंत, गोकाक, अनंतमूती, कानााड तथा कंबार जी ने भी अपने सादहत्य साधना स ेकसनड सादहत्य को समदृ्ध बनाया है।

    VI. चार अंकोंिाले प्रश्न प्रश्न

  • सगंध 1. गुणसंगध:- अ/आ स ेहोने पर ए, उ/ऊ से होने पर ओ तथा ऋ स ेहोन ेपर अर होजाता हैं, तो उसे गुण

    संगध कहते हैं।

    MüÉåÍzÉzÉ MüUlÉåuÉÉsÉÉåÇ MüÐ MüpÉÏ WûÉU lÉWûÏÇ WûÉåiÉÏ

    (xÉÉåWûlÉsÉÉsÉ Ì²uÉåSÏ)

    AxÉÄTüsÉiÉÉ LMü cÉÑlÉÉæiÉÏ Wæû, CxÉå xuÉÏMüÉU MüUÉå,

    YrÉÉ MüqÉÏ UWû aÉD, SåZÉÉå AÉæU xÉÑkÉÉU MüUÉå|

    eÉoÉ iÉMü lÉ xÉÄTüsÉ WûÉ, lÉÏÇS cÉælÉ Mü irÉÉaÉÉå iÉÑqÉ|

    xÉÇbÉwÉï MüÉ qÉæSÉlÉ NûÉåQûMüU qÉiÉ pÉÉaÉÉå iÉÑqÉ|

    MÑüछ ÌMüL ÌoÉlÉÉ WûÏ eÉrÉ-eÉrÉMüÉU lÉWûÏÇ WûÉåiÉÏ,

    MüÉåÍzÉzÉ MüUlÉåuÉÉsÉÉåÇ MüÐ कभी WûÉU lÉWûÏÇ WûÉåiÉÏ|

    तुलसी के दोहे याद कीक्जए 1. qÉÑÎZÉrÉÉ मखु xÉÉå cÉÉÌWûL खान पान को एक । पाल ैपोस ैसकल अंग, तुलसी xÉÌWûiÉ ववेक ॥ 2. जड़ चतेन गनु दोषमय बबश्ि कीन्ह करतार। सतं हंस गनु गहदह ंपय पररहरर बारर बबकार॥ 3. दया धमल का मलू है पाप मलू अभिमान | तुलसी दया न छांड़ड़ए ,जब लग घट में प्राि || 4. iÉÑsÉxÉÏ xÉÉjÉÏ ÌuÉmÉÌ¨É Måü ÌuÉद्या ÌuÉlÉrÉ ÌuÉuÉåMü | xÉÉWûxÉ xÉÑM×üÌiÉ xÉÑxÉirÉuÉ×iÉ UÉqÉ pÉUÉåसो LMü ||

    5. राम नाम मतनदीप धरु जीह देहरी द्िार | तुलसी िीतर बाहीरौ, जो चाहभस उक्जयार ||

    क्. सं. संगध उदाहरण 1 अ+इ=ए गज+इंद्र=गजेंद्र 2 अ+ई=ए परम+ईश्िर=परमेश्िर 3 आ+इ=ए महा+इंद्र=महेंद्र 4 आ+ई=ए रमा+ईि=रमेि 5 अ+उ=ओ पर+उपकार=परोपकार 6 अ+उ=ओ िावषाक+उत्सि=िावषाकोत्सि 7 अ+ऊ=ओ जल+ऊममा=जलोममा 8 आ+उ=ओ महा+उत्सि=महोत्सि 9 आ+ऊ=ओ महा+ऊममा=महोममा 10 अ+ऋ=अर सप्त+ऋवष=सप्तवषा 11 आ+ऋ=अर महा+ऋवष=महवषा

    VII. पद्यिाग पूिल करना (४ अकं)

    व्याकरण

  • 2. वदृ्गधसंगध:- "अ, आ का ए, ऐ से मले होने पर ऐ तथा अ, आ का ओ, औ स ेमेल होन ेपर औ होजाता है ते उसे िदृ्गध संगध कहत ेहैं।

    क्. सं. संगध उदाहरण

    1 अ+ए =ऐ एक+एक=एकैक

    2 अ+ऐ=ऐ मत+ऐक्य=मतैक्य

    3 आ+ए=ऐ सदा+एि=सदैि

    4 आ+ऐ=ऐ महा+ऐश्िया=महैश्िया

    5 अ+ओ=औ परम+ओज=परमौज

    6 अ+ओ=औ िन+औषगध=िनौषगध

    7 आ+ओ=औ महा+ओजस्िी=महौजस्िी

    8 आ+ओ=औ महा+औषगध=महौषगध

    3. यण संगध:- "यदद इ, ई, उ, ऊ और ऋ के बाद कोई मभसन स्िर आये तो इ-ई का य, उ-ऊका ि और ऋ का र हो जाता हैं तो उस ेयण्संगध कहते हैं।"

    क्. सं. संगध उदाहरण 1 इ+अ=य अनत+अंत=अत्यंत 2 इ+अ=य अनत+अगधक=अत्यगधक 3 इ+आ=या इनत+आदद=इत्यादद 4 इ+उ=यु िनत+उपकार=ित्युपकार 5 उ+अ=ि मनु+अंतर=मसिंतर 6 उ+आ=ि सु+आगत=स्िागत 7 ऋ+अ=र वपत+ृअनुमनत=वपत्रनुमनत 8 ऋ+अ=र वपत+ृआज्ञा=वपत्राज्ञा 9 ऋ+उ=र वपत+ृउपदेि=वपतु्रपदेि

    गणु सगंध वजृदद सगंध यण सगंध

    गजेंद्र एकैक अत्यगधक परमेश्वर मतैक्य इत्यादद महेन्द्र सदैव प्रत्यपुकार रमेश महैश्वयथ मन्वंतर गणेश परमौज स्वागत

    महोत्सव वनौषध वपत्राा्ज्ञा महोममथ सदैि वपत्रनमुनत

  • नमनेू के प्रश्न : इनम ेमें गणु सगंध का उदाहरण है – अ) पुस्तकालय आ) सदैि इ) गणेि ई) पयाािरण `धमाागधकारी’ इस सगंध का उदाहरण है – अ) गणुसगंध आ) दीिासगंध इ) िनृ्ददसगंध ई) यण् सगंध

    *****

    समास ❖ "दो या दो से अगधक शब्दों से ममलकर बने हुए एक नये और साथथक शब्द को समास कहते हैं।" समास के ननम्न मलखखत चार भेद हैं-

    1. तत्पुरुषसमास:- "न्जस समास का उिर पद िधान होता हैं, तो उसे तत्पुरुष समास कहते हैं।" क्. सं. समस्त-पद समास-ववग्रह

    1 राज महल राजा का महल 2 सत्याग्रह सत्य के मलए आग्रह 3 रसोईिर रमसई के मलए िर 4 रेलगाडी रेल पर चलनेिली गाडी 5 दयाहीन दया से हीन 6 राजकुमारी राज की कुमारी

    2) द्ववगु समास: - "न्जस में पहला पद संख्यािाची हो दसूरा पद समूहिाची हैं, तो उसे द्विगु समास कहत ेहैं।"

    क्. सं. समस्त-पद समास-ववग्रह 1 निराबत्र नौ राबत्रयों का समूह 2 सतसई सात सौ दोहों का समूह 3 बत्रधारा तीन धाराएाँ 4 पंचिटी पााँच िटों का समूह 5 बत्रकोणी तीन िखेणयों का समूह 6 िताब्दी सौ िषों का समूह 7 चौराह चार राहों का समूह 8 बारहमासा बारह मासों का समूह

  • 3) द्वंद्व समास:- "न्जस समास के दोनों पद िधान होते हैं तथा विग्रह करने पर और अथिा या एिं लगता हैं, तो उसे द्िंद्ि समास कहते हैं।

    क्.सं. समस्त-पद समास-ववग्रह 1 देि-विदेि देि और विदेि 2 राम-लक्ष्मण राम और लक्ष्मण 3 सीता-राम सीता और राम 4 पाप-पुण्य पाप और पुण्य 5 सुबह-िाम सुबह और िाम 6 सुख-दुुःख सुख और दुुःख 7 दाल-रोटी दाल और रोटी 8 इधर-उधर इधर और उधर 9 दो-चार दो और चार 10 भला-बुरा भला और बुरा

    इन में द्ववग ुसमास का उदाहरण है – अ) पंचिटी आ) राजिंि इ) सीता-राम ई) सभाभिन `राजिंि’ इस समास का उदाहरणहै – अ) तत्पुरूषसमास आ) द् िदं् िसमास इ) द्विगसुमास ई) कमाधारय

    ****** कारक

    कारक के आठ भेद :- क्सं कारक विभन्क्त रुप १. कताा कारक ने मैं ने, तुम ने, हम ने २. कमा कारक को तुम को, आप को ३. करण कारक से हम से, आप से ४. सिंदान कारक को,के मलए हम को, आप के मलए ५. अपादान कारक से हम स,े आप से ६. सबंंध कारक का,की,के

    रा.री,रे आपका,आपकी,आपके हमारा,हमारी,हमारे

    ७. अगधकरण कारक में, पर हम में, हम पर ८. सबंोधन कारक अरे,हे,ओ,हो,िाह हे!राम

    नमनेूकाप्रश्न : ररक्त स्थान में उगचत कारक होगा।

    `गगंा’ दहमालय ________ ननकलती है। अ) को आ) का इ) से ई) पर

    तत्पुरुष समास

    द्वंद्व समास जव्दग ुसमास

    कायाकुिल श्रद्धा-भन्क्त पंचिटी

    िरणागत सीता-राम बत्रधारा नरशे्रष्ठ पाप-पुण्य चौराह ग्रथंकार सबुह-िाम सतसई देिभन्क्त दाल-रोटी निरात्री जसमांध भला-बुरा िताब्दी राजिंि राजा-रानी बत्रदेि

  • ववराम गचह्न 1. अल्प विराम ---- ( , ) २.अधा विराम ----- (;) 2. पूणा विराम ---- (।) ४. िश्न गचह्न --- (?) 3. विस्मयाददबोधक गचह्न ----- (!) ६. योजक गचह्न --- (-) 4. उददरण गचह्न ------(“ “) (’ ’) ८. कोष्ठक गचह्न --- ( ) 5. वििरण गचह्न ----- (:-) / (:) नमनेू के प्रश्न : गगल्ल ूके जीिन का िथम िसतं आया। िाक्य में ियकु्त विराम गचसह है । अ) िश्निाचक आ) अल्पविराम इ) योजक ई) पूणाविराम

    ***** पे्ररणाथथक कक्या शब्द

    * नमनूाकेप्रश्न: इन में प्रथम प्रेरणाथथक कक्या रूप है। अ) मलखना आ) मलखाना इ) मलखावट ई) मलखवाना

    ववलोम शब्द

    क्.स ं धात ु कक्या प्र.प्रे.रुप जव्द.प्रे.रुप १ पढ पढना पढाना पढिाना २ कर करना कराना करिाना ३ उठ उठना उठाना उठिाना ४ सनु सनुना सनुाना सनुिाना ५ समझ समझना समझाना समझिाना ६ चल चलना चलाना चलिाना ७ हाँस हाँसना हाँसाना हाँसिाना ८ ममल ममलना ममलाना ममलिाना ९ गचपक गचपकना गचपकाना गचपकिाना १० ठहर ठहरना ठहराना ठहरिाना ११ पकड पकडना पकडाना पकडिाना १२ मलख मलखना मलखाना मलखिाना १३ जीत जीतना न्जताना न्जतिाना १४ छेड छेडना नछडाना नछडिाना १५ दौड दौडना दौडाना दौडिाना

    १६ ओढ ओढना ओढाना ओढिाना १७ लौट लौटना लौटाना लौटिाना १८ जग जगना जगाना जगिाना १९ देख देखना ददखाना ददखिाना २० खेल खलेना खखलाना खखलिाना २१ बैठ बैठना बबठाना बबठिाना २२ दे देना ददलाना ददलिाना २३ भेज भेजना मभजाना मभजिाना २४ सो सोना सलुाना सलुिाना २६ धो धोना धुलाना धुलिाना २७ पी पीना वपलाना वपलिाना २८ सी सीना मसलाना मसलिाना

    िाम x सबुह अंधकार x िकाि जय x पराजय मिक्षक्षत x अमिक्षक्षत अच्छा x बुरा अमतृ x विष सफल x असफल मलखखत x अमलखखत आगे x पीछे आधार x ननराधार आदर x अनादर मजबूतx कमजोर आय x व्यय परतंत्र x स्ितंत्र ननकट x दरू आिश्यक x अनािश्यक ऊपर x नीचे िरदान xअमभिाप सिाल x जिाब अनपुयकु्त x उपयकु्त भीतर x बाहर न्स्थरx अन्स्थर बढना x िटना विश्िास x अविश्िास चढना x उतरना ईमान x बेईमान सतंोष x असतंोष स्िस्थता x अस्िस्थता खरीदना x बेचना खबर x बेखबर विदेि x स्िदेि सदाचार x अनाचार गरीब x अमीर आदद x अंत आयात x ननयाात चैन x बेचैन

  • * नमनेूकाप्रश्न: `मजबूत’ का ववलोम शब्द है।

    अ) मजबूर आ) कोमल इ) कमजोर ई) मलुायम

    मलगं

    * नमनेू का प्रश्न: `लेखक’ का अन्यमलगं शब्द है। अ) लेखकी आ) लेखखका इ) कवव ई) कवनयत्री

    वचन एकवचन बहुवचन एकवचन बहुवचन एकवचन बहुवचन

    आाँख आाँखें चीज़ चीज़ें अदयावपका अदयावपकाएाँ बहन बहनें कुिा कुिे माता माताएाँ पुस्तक पुस्तकें केला केले लता लताएाँ सड़क सड़के कौआ कौए नौका नौकाएाँ

    वपता वपता गधा गधे कला कलाएाँ बात बातें बेटा बेटे कविता कविताएाँ पदाा पदे लड़की लड़ककयााँ थाली थामलयााँ कोमिि कोमििें खबर खबरें ककताब ककताबें गली गमलयााँ िनत िनतयााँ गडुड़या गडुड़यााँ योजना योजनाएाँ कला कलाएाँ व्यिस्था व्यिस्थाएाँ कहानी कहाननयााँ उपागध उपागधयााँ कपडा कपड ेयाद यादें पैसा पैस े चादर चादर िर िर परदा परदे बात बातें मलफाफा मलफाफे कमरा कमरे रेिडी रेिडडयााँ पेड पेड फल फल रुपया रुपए

    * नमनेूकाप्रश्न: `नौका’ शब्द का अन्य वचन है। अ) नौकाएाँ आ) नाव इ) नाववक ई) नौकाओं

    िमसद्ध x कुख्यात होि x बेहोि सजीि x ननजीि रोजगार x बेरोजगार िांनत x अिांनत सुदंर x कुरुप पूिा x पन्श्चम उपन्स्थनत x अनपुन्स्थनत ननरािा x आिा उगचत x अनगुचत बदबxू खुिब ू ममुककन x नाममुककन ददन x रात पाप x पुण्य हाँसनाx रोना स्िीकार x अस्िीकार बडा x छोटा विय x अविय सजीि x ननजीि दरुुपयोग x सदपुयोग

    पुजल्लगं स्रीमलगं पुजल्लगं स्रीमलगं पुजल्लगं स्रीमलगं पुजल्लगं स्रीमलगं नौकर नौकरानी िेर िेरनी मोर मोरनी श्रीमान श्रीमती भाग्यिान भाग्यिती दबुला दबुली कुिा कुनतया साहब सादहबा स्िामी स्िाममन ठाकुर ठकुराइन मयरू मयरूी भाई बहन भैंसा भैंस पंडडत पडंडताइन लेखक लेखखका पनत पत्नी नर नारी आदमी औरत हाथी हगथनी बाप मााँ माली मालककन सेिक सेविका कवि किनयत्री पुरुष मदहला बेटा बेटी बालक बामलका यिुक यिुती बूढा बूढी

  • महुावरे 1. अंगठूा ददखाना = देने से स्पष्ट इसकार करना 2. अंगारे उगलना = क्ोध में कठोर िचन बोलना 3. टस से मस न होना = विचमलत न होना 4. पौ फटना = िभात होना 5. अक्ल का अंधा = मखूा 6. आाँखें ददखाना = धमकाना, डराना 7. आग बबूला होना = अत्यतं क्ोगधत होना 8. कमर कसना = तैयार होना 9. दाल न गलना = सफल न होना 10. छक्के छुड़ाना = बुरी तरह हराना 11. WûÉåzÉWûuÉÉxÉ EÄQûlÉÉ - bÉoÉUÉ eÉÉlÉÉ |

    12. oÉÉsÉ – oÉÉsÉ oÉcÉlÉÉ - ZÉiÉUå xÉå oÉcÉ eÉÉlÉÉ | 13. mÉxÉÏlÉÉ oÉWûÉlÉÉ - mÉËU´ÉqÉ MüUlÉÉ | 14. ÌWûqqÉiÉ lÉ WûÉUlÉÉ - kÉÏUeÉ UZÉlÉÉ | 15. oÉÏÄQûÉ EPûÉlÉÉ - ÎeÉqqÉåSÉUÏ sÉålÉÉ | 16. AÉaÉ oÉoÉÔsÉÉ WûÉålÉÉ - ¢üÉåÍkÉiÉ WûÉålÉÉ |

    17. ZÉÔlÉ mÉxÉÏlÉÉ LMü MüUlÉÉ - oÉWÒûiÉ qÉåWûlÉiÉ MüUlÉÉ |

    18. TÔüsÉÉ lÉ xÉqÉÉlÉÉ - oÉWÒûiÉ mÉëxÉllÉ WûÉålÉÉ |

    19. sÉÉåWûÉ sÉålÉÉ - rÉÑ® MüUlÉÉ |

    20. ´ÉÏ aÉhÉåzÉ MüUlÉÉ - AÉUqpÉ MüUlÉÉ |

    21. lÉÉæ-SÉå arÉÉUWû WûÉålÉÉ - pÉÉaÉ eÉÉlÉÉ |

    22. AÉÆZÉå sÉÉsÉ WûÉålÉÉ - aÉÑxxÉÉ WûÉålÉÉ |

    * नमनेू का प्रश्न : `टस स ेमस न होना’ इस महुावरे का अथथ है। अ) शोर न मचाना आ) हानी पहुाँचाना इ) बहुत खुश होना ई) ववचमलत न होना

    रचना भाग

    VIII. ननम्नमलखखत गद्यांश को पढकर प्रश्नों के उत्तर मलखखए। 4xl=4 पुराण काल की बात है। एक जंगल में एक डाकू था । िह रोज याबत्रयों को मारकर उनका धन लूट लेता था। िह बडा कू्र स्िभाि का था । एक ददन नारद मुनन भी उसकी पकड़ में आ गये। नारद मुनन न ेमीठी बातें करके उसका क्ोध िातं ककया। इसके बाद उसहोंने उसके पाप और पुण्य काया के पररणामों के बारे में समझाया डाकू का मन पररितान हो गया। उसने बरसों दृढ़ता से तपस्या की । इससे ब्रह्मा, विष्णु और महेश्िर खुि हुए । भगिान की कृपा से िह बड़ा ज्ञानी पुरुष और महवषा बन गया। आगे चलकर उसन ेरामायण की रचना की । िह आददकवि िाल्मीकी था यदद भगिान न ेचाहा तो सबसे बड़ा पापी भी महापुरुष बन जाता है। 37. डाकू का स्वभाव कैसा था? उत्तर: डाकू का स्िभाि बडा कू्र था। 38. नारद मुनन ने डाकू का क्रोध कैसे िातं ककया? उत्तर: नारद मुनन ने मीठी बातें करके डाकू का क्ोध शांत ककया। 39. वाल्मीकी ने ककस गं्रथ की रचना की? उत्तर: िाल्मीकक ने रामायण की रचना की । 40. नारद मुनन ने डाकू को ककन के बारे में समझाया? उत्तर: नारद मुनन ने डाकू को पाप और पणु्य काया के पररणामों के बारे में समझाया।

  • IX. कन्नड या अगं्रेजी में अनुवाद कीजजए।1. एक सबे भी खाने लायक नहीं। ಒಂದು ಸೆೋಬೂ ಹಣ್ುು ಕೂಡ ತಿನ್ನಲಿಕೆೆ ಯೋಗ್ಯವಿರಲಿಲಲ. Not a single apple was fit for consumption. 2. दकुानदार ने मुझस ेक्षमा मााँगी। ಅಂಗ್ಡಿಯವನ್ುನ ನ್ನ್ನಲಿಲ ಕ್ಷಮೆ ಕೆೋಳಿದ.

    Merchant begged forgive for me. 3. गगल्लू मेरे पास रखी सुराही पर लटे जाता था। ಅಳಿಲು ನ್ನ್ನ ಹತಿಿರ ಇಟ್ಟಂತಹ ಹೂಜಿಯ (ತಲೆದಂಬು) ಮೆೋಲೆ ಮಲಗ್ುತಿಿತುಿ. Gillu used to sleep on the earthern pot kept near me.

    4. बडी मुजश्कल से बसंत को घर ले गए।

    ಬಹಳ ಕಷ್ಟದಂದ ಬಸಂತ ನ್ನ್ುನ ಮನೆಗೆ ಕರೆದುಕೊಂಡು ಹೊೋದೆವು. They took basant home with great difficulty.

    5. उसकी आयु लगभग १२ वषथ की है। ಅವನ್ ವಯಸುು ಹೆಚ್ುು-ಕಡಿಮೆ ೧೨ ವಷ್ಾವಾಗಿದೆ. His age was around 12 years. 6. मैं भीख नहीं लूाँगा। ನಾನ್ು ಭಿಕ್ಷೆಯನ್ುನ ತೆಗೆದುಕೊಳಳುವುದಲಲ. I will not accept alms. 7. इंटरनेट की सहायता से बेरोजगारी को ममटा सकते हैं। ಅಂತರ್ಜಾಲದ ಸಹಜಯದಂದ ನಿರುದ ್ ಯೀಗವನ್ುು ಹ ್ ೀಗಲಜಡಿಸಬಹುದು. Unemployment can be put to an end with the help

    of the internet.

    8. इंटरनेट आधुननक जीवनशैली का महत्वपूणथ अंग बन गया है। ಅಂತರ್ಜಾಲವು ಆಧುನಿಕ ಜೀವನ್ಶ ೈಲಯ ಮಹತವವಜದ ಅಂಗವಜಗಿದ . Internet has become an important part of modern

    lifestyle. 9. इंटरनेट द्िारा घर बैठे-बैठे खररदारी कर सकते है।

    ಅಂತರ್ಜಾಲದಂದ ಮನ ಯಲ ಲೀ ಕುಳಿತು ವಸುುಗಳನ್ುು ಕ ್ಂಡುಕ ್ಳಳಬಹುದು. Shopping can be done by Internet at home.

    10. स्टेशन पर मेरा खूब स्वागत हुआ। ರ ೈಲು ನಿಲಜಾಣದಲಲ ನ್ನ್ುಗ ಅದ್ಾರಿಯಜದ ಸ್ಜವಗತ ಮಜಡಲಜಯಿತು. I received a grand welcome at railway station.

    11. भैंस ने दोस्तों को पंजर ददखाया। ಎಮ್ಮೆಯು ಸ್ ುೀಹಿತರಿಗ ಪಂಜರ ತ ್ ೀರಿಸಿತು. Buffalo showed the Skelton to friends.

    12. तालाब में एक बहुत बडी मछली तैर रही थी।

    ಕೆರೆಯಲಿಲ ಒಂದು ದೊಡಡ ಮೋನ್ು ಈಜಾಡುತಿತಿುಿ. A very big fish was swimming in the pond.

    13.बबछेंद्री का जन्म एक साधारण पररवार में हुआ था। ಬಿಛ ೀಂದಿಯ ಜನ್ೆ ಒಂದು ಸ್ಜಧಜರಣ(ಮಧಯಮ) ಕುಟುಂಬದಲಲ ಆಯಿತು.. Bichendri was born in a middle-class family.

    14. मैं एिरेस्ट की चोटी पर पहुाँचनेिाली प्रथम िारतीय मदहला थी।

    ನಜನ್ು ಎವರ ಸ್ಟ್ ಶಿಖರದ ಮ್ಮೀಲ ತಲುಪಿದ ಮೊದಲ ಭಜರತೀಯ

    ಮಹಿಳ ಯಜಗಿದ ಾ. I was the first Indian women to reach the peak of Everest.

    15. कनाथटक में चंदन के पेड ववपलु मात्रा में हैं। ಕನಜಾಟಕದಲಲ ಗಂಧದ ಮರಗಳು ಬಹಳಷ್ು್ ಪಿಮಜಣದಲಲವ .

    Sandalwood trees are large quantity in Karnataka.

    16. वचनकार बसवण्णा क्ांनतकारी समाजसुधारक थे। ವಚನ್ಕಜರ ಬಸವಣಣನ್ವರು ಕಜಿಂತಕಜರಿ ಸಮಜಜ ಸುಧಜರಕರಜಗಿದಾರು. Vachanakarbasavanna was revolutionary social

    reformer

    17. कनालटक में कन्नड िाषा बोली जाती है और इसकी राजधानी बेंगलरूू है।

    ಕನಜಾಟಕದಲಲ ಕನ್ುಡ ಭಜಷ ಮಜತನಜಡುತಜುರ ಮತುು ಇದರ ರಜಜಧಜನಿ ಬ ಂಗಳೂರು ಇದ . Kannada language is spoken in Karnataka and

    Bangalore is its capital city.

  • X: 45) अपनी बहन की शादी के मलए चार ददनों की छुट्टी मााँगते हुए अपने प्रधानादयपक के नाम एक छुट्टी पत्र मलखखए।

    प्रेषक, ददनांक: 21-01-2019

    तसलीम मोगल, दसिीं कक्षा अंजुमन िौढिाला बेलगािी।

    सेवा में,

    िधानादयपक अंजुमन िौढिाला बेलगािी।

    पुज्य गुरुजी, ववषय: छुट्टी केभलए प्राथथना पत्र।

    उपयुाक्त विषयानुसार आप से सविनय ननिेदन है कक मैं अपनी बहन की िादी में िाममल होने के मलए बेंगलूरु जा रही हूाँ। इसमलए आप ददनांक 22-01-2019 से 25-01-2019 तक चार ददनों की छुट्टी देने की कृपा करें।

    “धन्यवाद के साथ” आपकी आज्ञाकारी छात्रा

    तसलीम मोगल

    अथिा 2) वपताजी को पत्र

    पूज्य वपताजी, ददनांक :- 21-01-2019 सादर प्रणाम। आपके आिीिााद से मैं यहााँ सकुिल हूाँ। आपका पत्र ममला, जो पढकर अत्यंत खुिी हुई। मेरी पढाई

    ठीक चल रही है। आपकी आज्ञानुसार मन लगाकर ददन-रात पढाई कर रहा हूाँ। खेल-कूद या गपिप में समय बबााद नहीं करता। आप लोग खून-पसीना एक करके हमारी मिक्षा के मलए सामग्री जोडते हैं। आपके पररश्रम के बारेमें मैं जानता हूाँ। आप मेरी पढाई के बारेमें गचतंा न कीन्जए।

    माताजी को मेरा िणाम, छोटी बहन को ढेर सारा प्यार। आपका वप्रय पुत्र,

    राजु सेवा में, श्री रामचंद्र हेगड ेमु/पो- लक्कंुडी- 591102 तहसील- बैलहोंगल जजला- बेलगावंी

  • XI. 46) ककसी एक व िषय पर १५-२० िाक्यों में तनबंध भलणखए: १. स्वच्छ भारत अमभयान

    * प्रस्तावना :- राष्रवपता महात्मा गांधी ने भारत की स्िततं्रता स ेपहले अपने समय के दौरान "स्िच्छता आजादी स ेअगधक महत्िपूणा है" कहा था। ि ेभारत के बुरे और गसदी न्स्थनत स ेअच्छी तरह पररगचत थे| उसहोंने भारत के लोगों को साफ-सफाई और स्िच्छता के बारे और इससे अपने दैननक जीिन में िाममल करने जोर ददया था। हालांकक यह लोगो के कम रूगच के कारण असफल रहा। भारत की आजादी के कई िषों के बाद, सफाई के िभािी अमभयान के रूप में इसे आरम्भ ककया गया है और लोगों की सक्ीय भागीदारी चाहती है न्जससे इस ममिन को सफलता ममले। * स्वच्छ भारत अमभयान की महता :- भारत के राष्रपनत िणब मखुजी ने जून 2014 में ससंद को सबंोगधत करत ेहुए कहा कक "एक स्िच्छ भारत ममिन िुरू ककया जाएगा जो देि भर में स्िच्छता, िेस्ट मनेैजमेंट और स्िच्छता सनुनन्श्चत करने के मलए होगा। यह महात्मा गांधी की 150 िीं जयतंी पर 2019 में हमारे तरफ से श्रद्धांजमल होगी"। महात्मा गांधी के सपने को पूरा करने और दनुनया भर में भारत को एक आदिा देि बनाने के क्म में, भारत के िधानमतं्री ने महात्मा गांधी के जसमददन (2 अक्टूबर 2014) पर स्िच्छ भारत अमभयान नामक एक अमभयान िुरू ककया। इस अमभयान के पूरा होने का लक्ष्य 2019 है जो की महात्मा गांधी की 150 िीं जयतंी है|

    इस अमभयान के मादयम से भारत सरकार िेस्ट मनेैजमेंट तकनीकों को बढ़ाने के द्िारा स्िच्छता की समस्याओं का समाधान करेगी। स्िच्छ भारत आंदोलन पूरी तरह से देि की आगथाक ताकत के साथ जुड़ा हुआ है। महात्मा गांधी के जसम की तारीख ममिन के िुभारंभ और समापन की तारीख है। स्िच्छ भारत ममिन िुरू करने के पीछे मलू लक्ष्य, देि भर में िौचालय की सवुिधा देना, साथ ही दैननक ददनचयाा में लोगों के सभी अस्िस्थ आदतो को समाप्त करना है। भारत में पहली बार सफाई अमभयान 25 मसतंबर 2014 में िुरू हुयी और इसका आरम्भ िधानमतं्री नरेंद्र मोदी द्िारा सड़क की सफाई से की गयी| * उपसहंार :- इस ममिन की सफलता परोक्ष रूप से भारत में व्यापार के ननिेिकों का दयान आकवषात करना, जीडीपी विकास दर बढ़ाने के मलए, दनुनया भर से पयाटकों को दयान खींचना, रोजगार के स्रोतों की विविधता लाने के मलए, स्िास््य लागत को कम करने, मतृ्य ुदर को कम करने, और िातक बीमारी की दर कम करने और भी कई चीजो में सहायक होंगी। स्िच्छ भारत अगधक पयाटकों को लाएगी और इससे आगथाक हालत में सधुार होगी। भारत के िधानमतं्री ने हर भारतीय को 100 िटें िनत िषा समवपात करने के मलए अनरुोध ककया है जोकक 2019 तक इस देि को एक स्िच्छ देि बनाने के मलए पयााप्त है|

    २. इंटरनेट * प्रस्तावना :- आधुतनक समय में, पूरी दतुनया में इंटरनेट एक बहुत ही शक्ततशाली और ददलचस्प माध्यम बनता जा रहा है। ये एक नेटिकों का नेटिका है और कई सारी सेिाओं तथा ससंाधनों का समहू है जो हमें कई प्रकार से लाभ पहुुँचाता है। इसके इस्तेमाल से हमलोग कहीं से भी िल्डा िाइड िेब तक पहुुँच सकत ेहै। ये हमें बड़ी तादाद में सवुिधा महैुया कराता है जैस-ेईमेल, सकफिं ग सचा इंजन, सोशल मीडडया के द्िारा बड़ी हक्स्तयों से जुड़ना, िेब पोटाल तक पहुुँच, मशक्षाप्रद िेबसाइटों को खोलना, रोजमराा की सचूनाओ ंसे अिगत रहना, विडडयो बातचीत आदद। ये सभी का सबसे अच्छा दोस्त बनता है। * इंटरनेट की महता :- आधुतनक समय में लगभग हर कोई इंटरनेट का इस्तेमाल विमभन्न उद्देश्यों के मलये कर रहा है। जबकक हमें अपने जीिन पर इससे पड़ने िाले फायदे-नकुसान के बारे में भी जानना चादहये। विद्याथीयों के मलये इसकी उपलब्धता क्जतनी लाभप्रद है उतनी ही नकुसानदायक भी तयोंकक बच्च ेअपने माता-वपता के चोरी से इसके माध्यम से गलत िेबसाइटों का भी इस्तेमाल करत ेहैं जोकक उनके भविष्य को नकुसान पहुुँचा सकता है। ज्यादातर माता-वपता इस खतरे को सम�