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  • ,LVªkslst if=dklaikndh;

    ��य �म�ो,

    सव��थम होली के पावन पव� क� आप सभी को

    ब�त-ब�त शुभकामनाएँ। माच� का यह महीना

    हम सभी के �लए ब�त �वशेष ह।ै इस माह से �ह� नववष� का ू

    आरभं हो रहा ह।ै चै� नवरा�� 25 तारीख़ से आरभं हो रही ह,ै

    और माँ दग� का आशीव�द हम सभी पर बना रह–ेयही कामना ु

    ह।ै ए��ोसेज ई-प��का का माच� अंक इस�लए �वशेष ह,ै

    ���क इस बार हमने क�रयर को क� ��त कर यह अंक

    �नकाला ह।ै ��� क� पढ़ाई-�लखाई से लेकर क�रयर

    �नम�ण म� �ह� क� �ा भू�मका ह,ै इस पर �व�ार से �काश

    डालने क� को�शश ह।ै इसके अ�त�र� होली और नवरा�� पर

    �वशेष साम�ी ह।ै बॉलीवुड ए�र शा�रब हाशमी से ख़ास बात

    ह,ै जो कहते ह � �क भा� �बना बॉलीवुड म� सफलता संभव

    नह� ह।ै आशा ह ै�क आपको यह अंक पसंद आएगा।

    आपक� ��त��याओं का इंतजार ह।ै हमारा ई-मेल पता

    है-

    [email protected]

    आपका

    पुनीत पा�े

    (�धान स�पादक)

    \

    माच�, 2020 वष� :1 अंक :6

    �धान स�पादक

    पुनीत पा�े

    स�पादक से प�ाचार हेतु पता:

    सहायक स�ादक

    �डजाइनर

    संयोजक

    माक� �टग �मुख�

    मृग�क शम�

    शा�तनु िनगम

    कोमल स�सेना

    िवजय पाठक

    रिव ठाकुर

    लीशा चौहान

    हरीश नेगी

    -

    -

    -

    -

    स�ादक, ए��ोसेज प��का

    A -139, सै�टर 63, नोएडा - 201307.(India)

    Phone : +91 9560670006

    Mail : [email protected]

    Website : www.astrosage.com

    सलाहकार स�ादक पीयूष पा�डे -

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  • fo"k; lwph

    �वषय पृ� सं�ा �वषय पृ� सं�ा

    011. रा�श के रंगो से खुलेगी �क�त

    2. भारत के इन सात जगह� क� होली है द�नया ु

    भर म� ��स�

    04

    3. �ह� के नज़�रए से �वसाय का �नधा�रण 08

    4. क�र यर और कुंडली का �ेम संबंध 13

    5. �ावसा�यक �योजन� म� ह�रेखा शा�

    क� भू�मका एवं योगदान

    15

    6. नीच �ह : फल और क�रयर पर �भाव 18

    7. �ह� का क�रयर कने�न 22

    8. �सतारे बनाएं मी�डया �श�ण म� क�रयर 25

    9. तारे बनाते ह� बॉलीवुड म� �सतारा 27

    10. �ान वृ�� म� सहायक कुछ अचूक उपाय 30

    11. काश ! कॉ��ए��ो मुझे पहले �मली होती! 32

    12. बृह��त के मकर रा�श म� गोचर का कमाल 36

    13. जनवरी 2020 मा�सक रा�शफल 42

    14. रा�ल ��वड़-�कन �ह� ने बनाया इ� � दीवार 46

    15. चै� नवरा�� - माता के नौ �प� क� पूजा 48

    16. मया�दा पु�षो�म भगवान �ी राम का

    ज� पव� - रामनवमी

    51

    17. वै�दक �ो�तष म� चं� �ह 55

    18. अ �भुत है माता का यह मं�दर, चुनरी

    बांधकर हर मुराद होती है पूरी

    58

    20. मुझे भा� म� ब�त भरोसा है : शा�रब हाशमी 64

    21. � यो�तष सीख� भाग-6 67

    19. ज ा�नए कैसे तीन� सेनाओं का ��त�न�ध�

    करता है मंगल �ह

    60

  • रा�श के रंगो से खलुगेी �क�त

    Page 01

    होली आई र े

    इस बार होली का �ोहार 10 माच� 2020 को पूर ेभारत वष�

    म� धूमधाम से मनाया जाएगा। होली रगं� का �ोहार ह ै

    और ऐसे म� हम इस �ोहार का फायदा हर रगं के साथ

    खेलकर उठाते ह,� ल�कन �ा आप जानते ह � �क अगर

    आप अपनी रा�श के अनुसार बताये गए रगं� के साथ होली

    खेलते ह � तो इससे आपको काफ� फायदा और

    सकारा�क �भाव भी �मल सकते ह � ?

    रा�श अनुसार होली के �लये शुभ रंग

    सबसे पहले हम बात करग� े मेष रा�श और वृ��क रा�श

    क�। इन दोन� ही रा�शय� के �ामी मंगल होते ह,� और

    मंगल को ऊज� और गु�े का कारक कहा गया ह।ै ऐसे म�

    अगर मेष और वृ��क रा�श के जातक �म� रगं� का �योग

    करते ह � तो ये उनके �लए अ�त शुभ सा�बत हो सकता ह।ै

    �म� रगं म� गुलाबी रगं, पीला रगं आपके �लए शुभ सा�बत

    हो सकता ह।ै

    इसके बाद हम बात करते ह � वृषभ और तुला रा�श क�।

    वृषभ और तुला रा�श के �ामी शु� ह � और आपका शुभ

    रगं �स�र माना जाता ह ैले�कन इस रगं का �योग आपके

    �लए �ादा शुभ सा�बत नह� होगा। ऐसे म� इन दोन� रा�श

    के जातक� को आसमानी और ह�े नीले रगं का �योग

    करने क� सलाह दी जाती ह।ै इन रगं� के �योग से आपको

    शुभ फल क� �ा�� होगी।

    अब बात करते ह � �मथुन और क�ा रा�श क�। इन दोन�

    ही रा�शय� के �ामी का दज� बुध को �दया गया ह।ै ऐसे

    म� अगर होली पर आप ह�ा हरा रगं, पीला रगं, गुलाबी

    रगं, नारगंी रगं, या आसमानी रगं का इ�ेमाल करते ह � तो

    इससे आपका �ोहार कई गुना खुशनुमा बन सकता ह।ै

    इसके बाद बात करते ह � कक� रा�श क�। कक� रा�श के

    �ामी का दज़� च�मा को �दया गया ह।ै च�मा को

    सफ़ेद रगं से जोड़ कर दखेा जाता ह।ै ऐसे म� सफ़ेद रगं या

    �कसी भी रगं म� दही �मलाकर उसे इ�ेमाल करने से

    आपको सकारा�क फल �मल सकते ह।� दही को रगं म�

    �मलाकर उपयोग करने से रगं के हा�नकारक �भाव को

    भी कम �कया जा सकता ह।ै कक� रा�श के जातक� को

    वैसे भी भावुक माना जाता ह � ऐसे म� उनके साथ होली क�

    म�ी सादगी से ही क� जाये तो अ�ा माना जाता ह।ै

    आयुषी

    चतुव�दी

  • Page 02

    अब बारी आती ह ै�सह रा�श क�। �स�ह रा�श के �ामी का �

    दज� सूय� को �दया गया ह।ै ऐसे म� इस रा�श के जातक

    सुनहर ेरगं� से होली खेल� तो ये उनके �लए काफ� शुभ

    सा�बत हो सकता ह।ै सुनहर ेरगं� म� आपके पास �वक�

    काफ� आ जाते ह � जैसे गुलाबी, ह�ा हरा, नारगंी, पीला

    इ�ा�द। इसके अलावा �स�ह रा�श के जातक आमतौर पर

    काफ� उ�ाही होते ह,� इ� � अपने जीवन म� नीरसता

    �ादा पसंद नह� होती ह।ै ऐसे म� आप इनके साथ उ�ाह

    से भरी होली भी बड़ ेही आराम से खेल सकते ह।�

    इसके बाद बारी आती ह ैधनु और मीन रा�श के जातक�

    क�। धनु और मीन, इन दोन� ही रा�श के जातक� का

    �ामी �ह गु� को माना ह।ै इन दोन� रा�श के जातक� के

    �लए पीले और नारगंी रगं काफ� फलदायी हो सकते ह।�

    आ�खर म� बात करते ह � मकर और कु� रा�श के

    जातक� क�। मकर और कंुभ रा�श के �ामी �ह का दज़�

    श�न को �दया गया ह ैऔर इनके �लए शुभ रगं� क� बात

    कर � तो इसम� नीला और �फरोज़ी रगं शा�मल होता ह।ै

    होली पर �� जलाई जाती है हो�लका?

    होली के इस �ोहार के बार े म� ��ाद, हो�लका और

    �हर�क�प क� कहानी काफ� �च�लत ह।ै इस

    पौरा�णक कथा के अनुसार बताते ह � �क, ��ाद के �पता

    �हर�क�प खुद को भगवान मानते थे। जब�क ��ाद

    भगवान �व�ु के भ� �आ करते थे। ऐसे म�

    �हर�क�प भगवान �व�ु के �वरोधी हो चुके थे। ��ाद

    क� इस बात से �ो�धत होकर �हर�क�प ने पहले तो

    उ� � �व�ु भ�� करने से रोका ले�कन जब ��ाद नह�

    माने तब �हर�क�प ने उ� � मारने का �यास �कया।

    ��ाद को जान से मारने के �लए �हर�क�प ने अपनी

    बहन हो�लका से मदद मांगी। हो�लका ने भी भाई क�

    मदद के �लए हाँ कर दी ���क उसे आग म� ना जलने का

    वरदान �मला �आ था। हो�लका तब ��ाद को अपनी

    गोद म� लेकर अ�� म� बैठ गय�। तब भगवान �व�ु क�

    कृपा से ��ाद को तो कुछ नह� �आ ले�कन हो�लका उसी

    अ�� म� जलकर भ� हो गय�। तब से इस �दन को बुराई

    पर अ�ाई क� जीत के �प म� मनाने का �रवाज़ शु� हो

    गया ह।ै

    होली का पौरा�णक मह�

    वेद� और पुराण� म� इस बात का उ�ेख ह ै �क पूर े

    भारतवष� म� होली का �ोहार वै�दक काल के समय से ही

    मनाया जा रहा ह।ै इस �दन के साथ कई सारी मा�ताएं

    भी जुड़ी �ई ह।� कहते ह � �क इसी �दन पृ�ी पर पहले

    इंसान का ज� �आ था,

    इसी �दन कामदवे का भी पुनज�� �आ था, भगवान

    �व�ु के नर�स�ह का �प धरकर इसी �दन �हरणक�प

    का वध भी �कया था।

    होली आई र े

  • Page 03

    कहते ह � �क होली के �ोहार को भगवान कृ� बड़ी ही

    धूमधाम से मनाया करते थे। ऐसे म� भगवान �ीकृ� �ारा

    शु� क� गयी ये परपंरा आज भी कृ� क� नगरी मथुरा म�

    दखेने को �मलती ह।ै भगवान कृ� अपने बाल��प से

    ही यहां होली बड़ ेही उ�ाह के साथ मनाते थे। �ोहार के

    इस ज� म� गो�पयाँ और राधा भी उनका जमकर साथ

    दतेी थ� इस�लए ही तो आज भी मथुरा म� फूल� क� होली

    मनाई जाती ह।ै जब�क राधा के गांव बरसाने क� ल�मार

    होली तो दशे और द�नया भर म� �च�लत हो चुक� ह।ै होली ु

    �ेम का पव� ह,ै �जसम� लोग अपने पुराने �गले-�शकवे

    भुलाकर एक-दसर ेके साथ खु�शयां बांटते ह � और एक ू

    दसर ेके रगं म� रगं जाते ह।�ू

    होली म� ज़�र बरत� ये सावधानी

    Ÿ होली खु�शय� का �ोहार ह ैले�कन ज़रा सी चूक रगं म�

    भंग का काम कर सकती ह।ै ऐसे म� यहाँ बेहद ज़�री ह ै

    �क आप होली खेलते समय कुछ बात� का �ान

    अव� रख� �जससे �कसी को कोई परशेानी ना हो और

    आप अपना �ोहार खु�शय� से मना सक� ।

    Ÿ रगं� के इस �ोहार को हमेशा से ही �ाकृ�तक रगं� से

    खेला जाता रहा गया ह ैले�कन बदलते समय के साथ

    रगं� म� के�मक� का उपयोग �कया जाने लग गया ह,ै

    जो हमारी �चा के �लए हा�नकारक हो सकता ह।ै

    अथवा रगं� के चयन म� सावधानी बरत� साथ ही कोई

    भी सम�ा महसूस हो तो तुरतं �च�क�क क� सलाह

    ल�।

    Ÿ �कसी भी नशीले पदाथ� का सेवन ना कर।� इससे रगं म�

    भंग पड़ने के अलावा और कुछ नह� होता ह।ै

    Ÿ �जतना हो सके जानवर� से इन रगं� को दर ही रख�। ू

    बाक� खुद भी �ोहार का आनंद ल� और आस-पास

    भी खु�शयां बांट।�

    होली आई र े

    अगर आप ए��ोसेज क� साइट पर

    जाना चाहते ह� तो यहाँ ��क कर�

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  • भारत के इन सात जगह� क�

    होली है द�नया भर म� ��स�ु

    Page 04

    �ह� धम� म� यूं तो कई �ोहार मनाये जाते ह � ले�कन होली ू

    और �दवाली, इन दो �ोहार� क� जो धूम दशे म� होती ह ैवो

    शायद ही �कसी अ� �ोहार म� दखेने को �मले। सभी

    �गले-�शक़वे भूलकर �जस तरह से लोग इन �ोहार� म�

    साथ �मलकर आनंद लेते ह � यक�नन ही ये भारत दशे क�

    ख़ूबसूरती और �व�वधता को दश�ता ह।ै वैसे तो रगं� का ये

    �ोहार होली सभी को खेलना और मनाना बेहद पसंद

    होता ह ैले�कन �फर भी कई ऐसे लोग भी होते ह � �ज� � इस

    �ोहार को खेलने से �ादा इस �ोहार को �सफ� दखेना

    पसंद होता ह।ै

    ऐसे म� आज हम भारत क� ऐसी अलग-अलग जगह� के

    बार ेम� आपको बताएंगे जहां क� होली इतनी भ� और

    खूबसूरत होती ह ै�क उसे दखेने दर-दर से लोग आते ह।� ू ू

    �सफ� भारतीय ही नह� ब�� इन जगह� क� होली �वदशेी

    सैला�नय� के �लए भी आकष�ण का क� � होती ह।ै

    जान� हो�लका दहन और होली का शुभ

    मु�त�

    दशेभर म� इस साल होली, 10 माच�, 2020,

    (मंगलवार) को मनाई जाएगी।

    हो�लका दहन मु�त� : 18:26:20 से 20:52:17 तक

    अव�ध : 2 घंटे 25 �मनट

    भ�ा पुँछा : 09:50:36 से 10:51:24 तक

    भ�ा मुखा :10:51:24 से 12:32:44 तक

    बरसाने क� लठमार होली

    ऐसा तो मुम�कन ही नह� ह ै

    �क �ज़� होली का हो और

    बरसाने क� लठमार होली

    क� बात ना आये। बरसाने

    क� ये अनोखी होली �सफ�

    भारत म� ही नह� ब�� पूर े�व� म� सु��स� ह।ै इस होली

    म� म�हलाएं पु�ष� पर लठ बरसाती ह � और पु�ष एक ढाल

    से खुद को बचाते ह।� ये नज़ारा बेहद ही खूबसूरत �तीत

    होता ह ैजब रगंो और गुलाल के बीच म�हलाएं और पु�ष

    इस अनोखे ढंग से होली का आनंद उठाते ह।� बरसाने क�

    लठ मार होली क� ये परपंरा एक ह�ा पहले ही शु� कर

    आयुषी

    चतुव�दी

    होली आई र े

  • Page 05

    दी जाती ह।ै लठमार होली क� शु�आत बरसाना के राधा

    रानी मं�दर से होती ह ैऔर रगं रगंीली गली म� प�ंचकर ख�

    होती ह।ै

    इस होली क� परपंरा के पीछे क� वजह भी बेहद ही

    खूबसूरत ह।ै मा�ता के अनुसार फा� गुन क� नवमी को

    म�हलाएं ल� अपने हाथ म� रखती ह � और यहाँ के पु�ष

    राधा रानी के म��र लाड़लीजी पर झंडा फहराने क�

    को�शश करते ह।� इस दौरान म�हलाएं उ� � लठ मारती ह �

    ले�कन पु�ष इसका �वरोध नह� कर सकते। वो �सफ�

    गुलाल उड़ा कर म�हलाओं का �ान भटका सकते ह।�

    ले�कन अगर वो लोग म�हलाओं �ारा पकड़ ेजाते ह � तो

    उनक� जमकर �पटाई होती ह ैया उ� � म�हलाओं के कपड़ े

    पहनकर, �ृंगार करके नाचना होता ह।ै ये �� वाकई

    खूबसूरत होता ह।ै

    मथुरा-वृ�ावन क� फल� वाली होलीूरगं� और गुलाल वाली

    होली तो आपने ब�त

    खेली और दखेी होगी

    ले�कन �ा आप जानते

    ह � �क मथुरा म� फूल� वाली

    होली खेलने क� भी एक अनोखी परपंरा स�दय� से चली

    आ रही ह?ै मथुरा-वृ�ावन दशे क� एक ऐसी जगह ह ैजहाँ

    होली के �ोहार क� एक अलग ही धूम दखेने को �मलती

    ह।ै बरसाने क� लठ-मार होली क� ही तरह मथुरा क� फूल�

    वाली होली भी काफ� लोक��य ह।ै फूल� वाली ये होली

    भी पूर ेएक स�ाह तक मनाई जाती ह।ै ये होली बाक�

    �बहारी मं�दर से होते �ए पूर ेदशे म� फैल जाती ह।ै

    प��म बंगाल के शां�त�नकेतन क� बसंत-

    उ�व होली

    प��म बंगाल के शां�त-

    �नकेतन म� होली को

    बसंत उ�व के �प म�

    मनाया जाता ह।ै ये होली

    बंगाल क� �व� भारती

    �यू�नव�सटी म� बीते काफ� समय से खेली जाती ह।ै बताया

    जाता ह ै�क इस अनोखी होली क� शु�आत र�व��नाथ

    टैगोर ने क� थी और बंगाल क� सं�ृ�त म� इसका काफ�

    �मह� माना जाता ह।ै यू�नव�सटी के छा� होली के �दन

    खास सां�ृ�तक काय��म� का आयोजन करते ह � �जसे

    दखेने के �लए दर-दर से लोग यहाँ इक�ा होते ह।� इस ू ू

    होली क� एक खा�सयत ये भी ह ै�क ये होली पारपं�रक

    तरह से �सफ� अबीर और गुलाल से ही खेली जाती ह।ै

    पंजाब क� होला-मोह�ा होली

    होली वैसे तो अपने आप म� एक रगंो से सराबोर रगंीन

    �ोहार ह ैले�कन इस �ोहार के और हसीन रगं दखेने ह � तो

    आपको एक बार पंजाब क� होला-मोह�ा वाली होली

    ज़�र दखेने जाना चा�हए। पंजाब म� होली के �ोहार को

    एक अलग ढंग से मनाने क� परपंरा चली आ रही ह।ै इस

    �दन एक जगह पर इक�ा होकर लोग तलवारबाज़ी,

    कु�ी, माश�ल आ�स� जैसे करतब� का आयोजन करते ह �

    और इसम� आकष�ण का क� � ये होता ह ै�क ये सब रगं� और

    गुलाल� के बीच �कया जाता ह।ै खूबसूरत रगं� के बीच

    अपने यु� कौशल को �दखाने का ये �ोहार पंजाबी

    समुदाय के बीच काफ� लोक��य ह।ै

    होली आई र े

  • Page 06

    उदयपुर क� शाही होली

    जहां बात दशे क� अनोखे

    ढंग और खूबसूरती से

    मनाई जाने वाली होली

    क� हो रही ह ैवहां रजवाड़�

    के शहर उदयपुर क� शाही

    होली का �ज़� तो अव� ही बनता ह।ै नाम से ही �� ह ै

    �क उदयपुर क� ये होली शाही ढंग से मनाई जाने के �लए

    �व�-�व�ात ह।ै इस अनोखी, ख़ास, और भ� होली म�

    �सटी पैलेस म� शाही �नवास से मानेक चौक तक शाही

    जुलूस �नकाला जाता ह।ै इस जुलूस म� घोड़,े हाथी से

    लेकर रॉयल ब�ड शा�मल होते ह।� इस �ोहार क� कई गुना

    खूबसूरती राज�ानी गीत-संगीत बढ़ा दतेा ह।ै

    जयपुर क� शाही होली

    उदयपुर के अलावा

    जयपुर म� मनाई जाने

    वाली होली को भी शाही

    होली का नाम �दया

    जाता ह।ै जयपुर के शाही

    प�रवार इस शाही होली के आयोजन का �ह�ा बनते ह �

    और इस �दन धूमधाम से इस �ोहार का आनंद लेते ह।�

    इस शाही होली म� हो�लका दहन के बाद से ही रगं� से

    खेलने का �रवाज़ ह।ै इस शाही होली का आयोजन �सटी

    पैलेस म� �कया जाता ह।ै इस ज� म� शरीक होने के �लए

    यहाँ टू�र�स् का भी जमावड़ा �सटी पैलेस म� लगा रहता

    ह।ै इस �दन �सटी पैलेस म� कई तरह के सां�ृ�तक

    काय��म� का आयोजन भी �कया जाता ह ै�जसे दखेने

    का सुख सबको जीवन म� एकबार तो अव� उठाना

    चा�हए।

    गोवा क� �शगमो�व होली

    वैसे तो आजतक आपने

    गोवा को घूमने क� जगह

    और उसके शानदार बीच�

    के �लए जाना और सुना

    होगा ले�कन आपको

    जानकर ता�ुब होगा �क गोवा क� होली भी काफ�

    लोक��य होती ह।ै बात ता�ुब करने वाली इस�लए भी

    ह ै ���क गोवा म� अमूमन पुत�गाली और ���यन

    क�ु�नटी के लोग �ादा ह।� ऐसे म� यहाँ क� होली काफ�

    अनोखी मानी जाती ह।ै गोवा क� होली को �शगमो�व

    के नाम से जाना जाता ह ैऔर इसे तकरीबन दो ह�� तक

    मनाया जाता ह।ै गोवा क� इस होली क� सबसे बड़ी

    ख़ा�सयत यह ह ै�क इसम� फागो�व और होली दोन� ही

    का �म�ण होता ह।ै

    राधा-कृ� और होली: जान� पौरा�णक

    कथा

    राधा-कृ� और होली के

    �ोहार से जुड़ी एक

    पौरा�णक कथा के

    अनुसार, बचपन म� पूतना

    �ारा �पलाये गए दध क� ू

    वजह से कृ� के शरीर

    का रगं नीला पड़ गया था �जसके चलते वो खुद को अ�

    सभी से अलग समझने लगे थे। अपने इस �व�च� रगं क�

    वजह से भगवान कृ� को ऐसा लगने लगा था �क अब

    ना ही राधा उनसे �ेम करग� ी और ना ही गो�पयां। ऐसे म�

    होली आई र े

  • Page 07

    दखी कृ�ा ने अपनी माँ को अपनी द�वधा बताई। तब ु ु

    माता यशोदा ने मासूम का�ा क� बात सुनकर उ� � ये

    सुझाव �दया �क, ‘वो राधा को जाकर अपनी पसंद के रगं

    म� रगं द।� ’

    अपनी माता क� सलाह मानकर भगवान कृ� ने राधा के

    ऊपर रगं डाल �दया और तबसे ही भगवान �ीकृ� और

    राधा न केवल अलौ�कक �ेम म� डूब गए ब�� रगं के

    �ोहार होली को भी उ�व के �प म� मनाया जाने लगा।

    होली आई र े

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  • �ह� के नज़�रए से

    �वसाय का �नधार� ण

    Page 08

    �ह व �यवसाय

    �ह� क� ���तयां और गोचर आम जीवन को �भा�वत

    करता ह।ै आपक� ज� कंुडली म� उप��त �ह� का योग

    और संयोजन आपको आप �कसी �वशेष �े� म� काम

    करने के �लए �े�रत करता ह ैतो �कसी �वशेष �े� से हटाने

    म� भी �ह� क� मु� भू�मका होती ह।ै आपक� सोच �ा

    ह,ै आपके अंदर कौन से गुण �व�मान ह � और आप �कस

    तरह क� �श�ा �हण करते ह,� इन सभी का संबंध आपके

    �ोफेशन से होता ह,ै इस�लए वै�दक �ो�तष क�

    सहायता से �ह� के �भाव �ारा यह भी जाना जा सकता ह ै

    �क आपको �कस तरह का काय� करना चा�हए और �ा

    आप �वसाय के �लए उ�म ह � या नौकरी करना आपके

    �लए �ेय�र रहगेा। आइये इसी संबंध म� इस लेख म� बात

    करते ह:�

    कोई ��� �कस �कार का �वसाय अथवा नौकरी

    करगेा, यह सभी के �लए मह�पूण� �� होता ह ै���क

    यह ��� क� आजी�वका का �� होता ह।ै सभी चाहते ह �

    �क उ� � जीवन म� तर�� �मले और एक ऐसा काम �मले,

    जो जीवन पय�त चलता रह,े �जससे उ� � सुचा� �प से

    �आमदनी होती रह ेऔर उनका आ�थक �र मजबूत रह।े

    जीवन म� आगे बढ़ने के �लए हम� कोई ना कोई �वसाय

    करना पड़ता ह।ै कुछ लोग नौकरी करने म� आसानी

    महसूस करते ह � और कुछ लोग �तं� �वसाय अपनाते ह �

    ले�कन इसके पीछे ब�त बड़ी कहानी होती ह ै���क सभी

    �ह अपना असर ��� के जीवन पर डालते ह �और उ�� के

    अनुसार ��� को अपना �वसाय करने अथवा नौकरी

    करने म� सफलता �मलती ह।ै

    आज के आधु�नक युग म� तो यह और भी मह�पूण� ��

    बन गया ह ै���क गला काट ��त�ध� के इस युग म� हर

    ��� चाहता ह ै�क उसक� संतान आगे बढ़े, इसी�लए जब

    ब�ा छोटा होता ह ैतभी यह पूछना शु� हो जाता ह ै�क

    इसे �कस �कार क� �श�ा क� ओर उ�ुख कर � ता�क यह

    जीवन म� अ�ा क�रयर बना सके।

    �वसाय �नधा�रण म� मह�पूण�

    �वचारणीय भाव

    Ÿ �थम भाव से ���� तथा ��� क� �वृ�� का पता

    चलता ह।ै

    Ÿ ��तीय भाव वाणी का भाव होता ह ैतथा धन का भाव

    माना जाता ह।ै

    Ÿ तृतीय भाव परा�म का तथा �यास� का भाव ह।ै

    ए��ोगु�

    मृगांक

  • Page 09

    Ÿ चतुथ� भाव से �श�ा क� ग�त को बताता ह।ै

    Ÿ पंचम भाव से बु�� अथ�त म�त का �ान �ा� �कया

    जाता ह।ै पंचम भाव ��� क� बु�� और उसक�

    सृजना�क �मता, क�ना श�� और �वचार� का

    भाव ह।ै ��� क� ��च �कन �े�� म� ह,ै यह भी पंचम

    भाव से पता चलता ह।ै

    Ÿ छठा भाव नौकरी म� �कए जाने वाले �यास� और

    संघष� का भाव ह,ै जो नौकरी के �लए काफ�

    मह�पूण� ह।ै छठा भाव ही ��तयोगी परी�ाओं का

    भाव भी ह।ै इस भाव से नौकरी म� �नयु�� और

    पदो��त तथा पदावन�त का अ�यन �कया जाता ह।ै

    Ÿ सातवां भाव ��� के �ापार को बढ़ाने वाला भाव

    ह।ै

    Ÿ नवम भाव उ� �श�ा म� सफलता �दान करने वाला

    भाव ह।ै इस भाव से �ानांतरण भी दखेा जाता ह।ै

    Ÿ दशम भाव काय� और �वसाय का भाव ह।ै

    Ÿ एकादश भाव को लाभ तथा आमदनी का भाव भी

    माना जाता ह ै���क इसी से �ा��याँ दखेी जाती ह।�

    मु� �प से चतुथ� भाव हाई�ूल अथवा इंटरमी�डएट

    तक क� �श�ा के बार ेम� जानकारी दतेा ह ैतथा उ� �श�ा

    क� जानकारी के �लए चतुथ� भाव के साथ नवम और

    एकादश भाव क� ���त का भी �व�ेषण �कया जाता

    ह।ै

    ल� शरीर ह ैतो दशम भाव कम� भाव ह।ै कम� क� शु�आत

    ही जीवन ह ैऔर कम� का अंत ही जीवन का अंत माना

    जाता ह।ै यही वजह ह ै�क दशम भाव ब�त मह�पूण�

    भाव ह।ै यह सबसे मजबूत और श��शाली क� � भाव

    माना गया ह ै तथा तीसरा और स�म भाव भी ब�त

    मह�पूण� होते ह।� इन भाव� का �वचार ��� क� वृ��

    और �वसाय क� �दशा जानने के �लए �ो�त�षय� �ारा

    �कया जाता ह।ै

    �तं� �वसाय अथवा नौकरी

    हम अमूमन दखेते ह � �क जब ब�ा जरा सा बड़ा होने

    लगता ह ैतो घर वाले सबसे पहले पूछते ह � �क वह बड़ा

    होकर �ा बनेगा? कोई कहता ह ैडॉ�र, कोई वक�ल,

    कोई इंजी�नयर, कोई �फ� अ�भनेता तो कोई आईएएस

    बनने का सपना दखेता ह।ै वै�दक �ो�तष के मा�म से

    इसे आसानी से समझा जा सकता ह।ै इससे यह पता

    लगाया जा सकता ह ै�क ��� �ापार करगेा अथवा

    नौकरी तथा �कस �कार के काय� अथवा �वसाय से

    उसका जुड़ाव होगा।

    �तं� �वसाय के �ो�तषीय योग�Ÿ नैस�गक �प से बुध को �ापार का कारक �ह माना

    जाता ह ैऔर दशम भाव आजी�वका का भाव ह ैतथा

    स�म भाव �ापार का भाव ह,ै इस�लए य�द बुध का

    संबंध स�म और दशम भाव से �ा�पत हो तो ���

    �ापार करता ह।ै

    Ÿ य�द स�म भाव और दशम भाव के म� कोई संबंध

    �ा�पत हो और �वशेषकर प�रवत�न संबंध हो तो

    ��� �ापार क� ओर उ�ुख होता ह ैऔर उसक�

    आजी�वका �ापार से चलती ह।ै

    Ÿ स�म �ापार का भाव तथा एकादश लाभ का भाव

    ह।ै य�द इन दोन� के म� भी संबंध बने तो ��� को

    �ापार से लाभ �मलता ह।ै

    Ÿ य�द बुध दशम भाव का �ामी होकर एकादश भाव म�

    हो या एकादश भाव का �ामी होकर दशम भाव म� हो

    तो भी जातक �ापार करने म� कुशल होता ह।ै

    �ह व �यवसाय

  • Page 10

    Ÿ तीसरा भाव परा�म और �र� लेने क� �वृ�� भी

    बताता ह ैऔर ��� क� अपनी ��चय� का भाव भी

    ह।ै य�द तीसर ेभाव और दशम भाव के म� प�रवत�न

    का संबंध हो तो ��� अपना मनपसंद �वसाय कर

    सकता ह।ै अ�र ऐसे लोग अपनी �कसी हॉबी को ही

    अपना �ोफेशन बनाते ह।�

    Ÿ पूण� परमा�ांश �ह कहलाने वाले सूय�, चं�, मंगल और

    रा� य�द ज� कंुडली के क� � अथवा ��कोण भाव� म�

    ��त हो और मजबूत अव�ा म� हो तो ��� �तं�

    �वसाय कर सकता ह।ै

    Ÿ इन �ह� का संबंध य�द लाभ भाव से बन जाए तो उ�

    को�ट का �ापारी बनने के योग ���गोचर होते ह।�

    Ÿ य�द स�म भाव से �ादश भाव के म� पांच �ह या

    उससे अ�धक �ह ��त ह� तो ऐसा ��� �ापार �ारा

    जी�वका उपाज�न करता ह ैऔर जीवन म� उ�म लाभ

    �अ�जत करता ह।ै

    Ÿ य�द कंुडली के अ�धकांश �ह वायु त� क� रा�शय� म�

    होकर बलशाली अव�ा म� ह� तो भी ��� �तं�

    �वसाय करता ह।ै

    Ÿ य�द ��� क� कंुडली म� अ�धक धन योग बन रह ेह� तो

    ��� �वसाय करके उ�म लाभ �ा� करने म� सफल

    हो सकता ह।ै

    नौकरी से स���त �ो�तषीय योग

    Ÿ श�न �ह को कम� का अ�धप�त �ह कहा गया ह।ै य�द

    श�न का संबंध �वशेष �प से दशम भाव, दशमेश, छठे

    भाव, ष�शे, अ�म भाव अथवा �ादश भाव के �ामी

    के साथ हो अथवा ��क �ान के �ा�मय� से श�न का

    संबंध बन जाए तो वह ��� नौकरी क� ओर उ�ुख

    होता ह।ै

    Ÿ य�द कंुडली का छठा भाव अ�धक मजबूत हो और

    अ�क वग� म� भी सबसे अ�धक �ब�दओं के साथ हो तो ु

    ��� नौकरी म� तर�� पाता ह।ै

    Ÿ य�द छठे भाव का �ामी दसव� भाव म� अथवा दसव�

    भाव का �ामी छठे भाव म� हो तो ��� नौकरी करता

    ह।ै

    Ÿ य�द छठे भाव का संबंध ल� और ल�ेश के साथ हो तो

    भी ��� अ�धकतर नौकरी क� ओर उ�ुख दखेा

    जाता ह।ै

    Ÿ य�द ल�, छठा भाव तथा दशम भाव का पर�र संबंध

    हो तो नौकरी म� ��� को आनंद आता ह ैऔर उसे

    अ�े पद क� �ा�� भी होती ह।ै

    Ÿ य�द नवम भाव का �ामी छठे भाव म� हो और दशम

    भाव से संबंध बनाए तो ��� नौकरी करके अपनी

    आजी�वका का उपाज�न करता ह।ै

    Ÿ य�द छठे, आठव� और बारहव� भाव के �ामी दशम

    भाव से संबंध बनाएं तो ��� अ�र नौकरी करता

    ह।ै

    Ÿ य�द अ�धकांश �ह पृ�ी त� अथवा जल त� क�

    रा�शय� म� हो तो ��� नौकरी करने म� सफलता �ा�

    करता ह।ै

    �ह व �यवसाय

  • Page 11

    �व�भ� �ह और उनसे स�ं�धत काय��े�

    �व�भ� �ह अपने �भाव और �कृ�त के अनुसार �व�भ�

    �कार के काय� �े�� पर अपना अ�धकार रखते ह,� इस�लए

    उन �ह� के �भाव से ��� �कसी खास �े� म� अपनी

    पहचान बनाता ह।ै

    सूय� �ह से संबं�धत काय� म� सरकारी नौकरी, सरकार से

    संबं�धत काम, र�ेडयम, �ै�टनम, �च�क�ा, एनाटॉमी,

    स�चवालय, उ� पद, ने� रोग �वशेष�, मं�ी अथवा

    मु�मं�ी, इलेि��कल इंजी�नयर, जौहरी, राजनी�त�,

    �शास�नक अ�धकारी, �बजली संबं�धत काय�, तांबे के

    बत�न, ऊनी कपड़,े रशेम, आ�द से संबं�धत काय� म�

    सफलता दतेा ह।ै

    चं� �ह पानी और पानी से संबं�धत काय�, पानी के

    जहाज़, औष�ध, लोक �नम�ण, कांच या शीशे का काय�,

    अनाज �व�ेता, चावल, कपास, नमक �नम�ण, दध और ू

    डयेरी �ोड�, चाँदी और चाँदी से बनी व�ुएँ, आयात

    �नय�त, भो� साम�ी का �व�य, सरकारी अ�ताल म�

    नस� का काय�, र�े�जरशेन, रसोई गैस एज�सी, जल

    शु��करण, मच�ट नेवी, मनो�व�ान, आ�द से संबं�धत

    काय� म� सफलता दतेा ह।ै

    य�द मंगल �ह क� बात क� जाए तो यह �रयल ए�ेट,

    कं���न, पु�लस, आम�, सव�, इंजी�नय�र�ग, पहलवान,

    ऑटोमोबाइल, सज�न, मैनेजम�ट, होटल �वसाय, �ॉपट�

    डी�ल�ग, आ�द काय� म� सफलता �दलाता ह।ै

    बुध �ह क� ���त से ��� ग�णत�, सां��क� म�

    �वीण, मं�� का �ाता, कॉमे�डयन, व�ा, �ो�तषी, वै�,

    �ापारी, वक�ल, �काशन, मु�क, �श�कार, दज�, डाक

    तार �वभाग, �ल�पक काय�, कं�ूटर कोस�, माक� �ट�ग,

    टेलीक�ु�नकेशन, वा�ण� काय�, दभा�षया, ब�क, ु

    फाइन�स, आ�द का काय� सफलतापूव�क करवाता ह।ै

    बृह��त �ह क� बात क� जाए तो यह �ान, अ�ा�,

    ब��क�ग, कानून एवं �व�ध, सा�ह�, अथ�शा�, वेद पुराण�

    का अ�यन, इं�ोरस� , �श�ा, सलाहकार, लेखक,

    �ा�ाता, �वचन कत�, मं�ी, धम�गु�, �ायाधीश,

    वक�ल, �ॉक �ोकर, लेखाकार, मे�डकल �ोर, फाइन�स,

    चाट�ड� अकाउंट�ट, को�च�ग, कंपनी से�े�ी, �मन �रसोस�, ूआ�द काय� म� ��� को सफल बनाता ह।ै

    शु� �ह क� कृपा से ��� कला और ��ए�टव काय�,

    गीत संगीत, वा�, का�, र�, आभूषण, कला, �च�कला,

    �फन�चर, अ�भनय, कं�ूटर, आ�कटे�र, इंटी�रयर

    डकेोरशेन, �फ� �वसाय, कॉ�े�ट�, स�दय� �साधन,

    मोम, �ा��क, �ास, रबड़ उपकरण, टै�टाइल,

    फैशन �डज़ाइ�न�ग, के�मकल इंजी�नय�र�ग, फोटो�ाफ�,

    �ूटी�शयन, इले��ॉ�नक सामान �व�य, व� �वसाय,

    आ�द संबं�धत काय� म� सफलता दतेा ह।ै

    श�न �ह ����ट�ग �ेस, कोयले का काय�, बड़ी कंप�नयां,

    �ाज का काम, कारखाने, �मल, �ेट �ोकर, बीमा, लोह े

    �ह व �यवसाय

  • Page 12

    क� व�ुएँ, तेल के �ापारी, भू�म संबं�धत कानूनी काय�,

    पुरात� �वभाग, �ायालय, जमीदारी, ख�नज पदाथ�,

    जेल से संबं�धत काय�, �वदशे नी�त, आयरन तथा �ील के

    काय�, ठेकेदारी, सरकारी सेवा, भूगभ� �व�ान, ��मक,

    कृ�ष �व�ान, ए�नमल हसब�डरी, मेटालज�, माइ�न�ग,

    �लेदर, क�टनाशक, �स�ो�रटी स�वस, �स�वल काय�,

    आ�द से संबं�धत काय� �दान करता ह।ै

    कलयुग म� रा� का �भाव सव��व�दत ह।ै इसके �भाव से

    ��� तक� शा�, रलेवे कम�चारी, कमीशन एज�ट,

    �व�ापन एज�ट, इनफाम�शन टे�ोलॉजी, �व�ुत का

    सामान, नशे क� व�ुएँ, अ�रने�टव थेरपेी, सक�स, �रसच�,

    स�ा बाजार, शेयर बाजार, वायुयान से संबं�धत काय�,

    पायलट, अंत�र� �व�ान, वायरलेस, र�ेडयो, �ेशल

    ही�ल�ग, आ�द काय� म� सफलता दतेा ह।ै

    केतु ��� को और रह�मय श�� और �ान क� ओर

    अ�सर करता ह।ै ऐसा ��� �ो�तष, अ�ा�, तं� मं�,

    ब� भाषी अथ�त कई ल��ेज को जानने वाला, खोज

    करने वाला, कं�ूटर �ो�ामर, आ�द काय� म� सफल होता

    है

    उपरो� �ह योग सामा� �कृ�त के ह,� �जनसे यह अंदाजा

    लगाया जा सकता ह ै �क कोई ��� �तं� �वसाय

    करगेा अथवा नौकरी करगेा ले�कन वा�व म� इसका

    �व�ेषण करना एक �म सा� काय� ह,ै जो एक यो�

    �ो�तषी क�ठन प�र�म के उपरांत ही आपको बता

    सकता ह।ै वा�व म� �ो�तष एक अथाह सागर ह।ै यह

    मानव जीवन को सही �दशा दनेे म� स�म ह।ै

    अगर आप ए��ोसेज क� साइट पर

    जाना चाहते ह� तो यहाँ ��क कर�

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  • क�रय र और कुंडली का �मे सबंधं

    Page 13

    क�रय र और कडलींु

    �क सी शायर ने कहा ह ै�क तरि� क य� के दौर म� उसी का

    तरीका चल गया, बनाके अपना रा� ता जो भीड़ से आगे

    �न कल गया। यानी सवा सौ करोड़ क� आबादी वाले इस

    दशे म� अपनी मेहनत के बल पर पहचान बनाना आसान

    काम नह� ह।ै �क�तु कम� और भा� य का सही तालमेल बैठ

    जाये तो सब कुछ संभव ह।ै जीवन क� या�ा म� माग� वही

    चुन� जो आपके � वभाव के अनुसार हो। जहां आपको लगे

    �क यह काम म� इस �े� म� बेहतर कर सकता �ं, उसी काय�

    को कर।� अब आपके मन म� �� उठ रहा होगा �क हम� कैसे

    पता �क �क स �े� म� हम� कामयाबी �म लेगी और � या

    काम हमार े �ल ये बेहतर रहगेा। आपको जानकर खुशी

    होगी �क इसका सीधा जवाब � यो�त ष �व �ान के पास ह।ै

    आप � वयं ही अपनी कंुडली के �ह� के आधार पर अपने

    क�र यर का चुनाव कर सकते ह,� अथवा �क सी � यो�त षी

    को अपनी कंुडली �द खाकर उनसे सलाह ले सकते ह।� ऐसे

    ही अंतम�न म� उठ रह ेकुछ सवाल� के जवाब इस आलेख म�

    दनेे का �यास कर रहा �ं।

    सामा� यत: वै�द क �ंथ� के अनुसार सूय�, चं�, मंगल, बुध,

    गु� और श�न इन सात �ह� का अपना अलग-अलग �े�

    और �भाव ह।ै ले�क न, जब इन �ह� का आपसी योग

    बनता ह ैतो �े� और �भाव बदल जाते ह।� इन �ह� के

    साथ रा� और केतु �म ल जाये, तो काय� म� बाधा उ� प� न

    करते ह।� �ावहा�रक भाशा म� कह � तो टांग अड़ाते ह।�

    ज� मकंुडली के मु� य कारक �ह ही कंुडली के �े�स डट� होते

    ह।� यानी जो भी कुछ होगा वह उन �ह� क� दखेरखे म�

    होगा, अत: यह � यान म� ज�र रख� �क इस कंुडली म� कारक

    �ह कौन से ह।� अगर कारक �ह कमजोर ह � या अ� त ह,ै

    वृ�ाव� था म� ह � तो उसके बाद वाले �ह� का असर आरभं

    हो जायेगा। मंगल, शु� और सूय�, श�न क�र यर क� दशा

    तय करते ह।� बुध और गु� उस �े� क� बु�� और �श�ा

    �दान करते ह।� य��प �े� इनका भी �न �� त ह,ै ले�क न

    इन पर �ज � मेदा�र यां � यादा रहती ह।� इस�ल ये कंुडली म�

    इनक� शि� त मह� वपूण� भू�म का �न भाती ह।ै आज हम

    �क सी एक या दो �ह� के क�र यर पर �भाव क� चच�

    करग� े। ज� मकंुडली म� वैसे तो सभी बारह भाव एक दसर ेू

    को पूरक ह,� �क�तु परा�म, �ान, कम� और लाभ इनम�

    मह� वपूण� ह।ै इसके साथ ही इन सभी भाव� का �भाव

    नवम भा� भाव से तय होता ह।ै अत: यह परम भाव ह।ै

    सूय� और मंगल यानी सोच और साहस के परम शुभ �ह

    माने गये ह।� सूय� को कंुडली क� आ� मा कहा गया ह।ै और

    शोधपरक, अ�व �ारक, रचना� मक �े� से संबं�ध त काय�

    म� इनका खास दखल रहता ह।ै मशीनरी अथवा वै�ा�न क

  • Page 14

    क�रय र और कडलींु

    काय� क� सफलता सूय�दवे के बगैर संभव ही नह� ह।ै जब

    यही सू� म काय� मानव शरीर से जुड़ जाता ह ैतो शु� का

    रोल आरभं हो जाता ह,ै � य��क म��ड कल ए� �ोजॉली म�

    शु� तं�� का तं� �व �ान के कारक ह।� यानी शु� को

    � यूरोलॉजी और गु� त रोग का �ान दनेे वाला माना गया ह।ै

    सजीव म� शु� का रोल अ�ध क रहता ह ैऔर �नज�व म� सूय�

    का रोल अ�धक रहता ह।ै य�द आपक� कंुडली म� ये दोन�

    �ह एक साथ ह � और द� अंश क� दरी पर ह � तो ह मानकर ू

    चल� �क इनका फल आपके ऊपर अ�ध क घ�टत होगा।

    तीसर ेभाव, पांचव� भाव, दशम भाव और एकादश भाव म�

    इनक� ि� थ �त आपके कुशल वै�ा�न क, अ�व�ारक,

    डॉ� टर, संगीत�, फैशन �ड जाइनर, हाट� अथवा � यूरो सज�न

    बना सकती ह।ै इन दोन� क� यु�त म� शु� बलवान ह�, तो

    � �ी रोग �व शेष� बना सकते ह।� साथ ही ल�ल त कला और

    �फ � म उ�ोग म� संगीतकार आ�द बन सकते ह।� ले�क न,

    जब इ� ह� सूय� के साथ मंगल दवे �म ले ह,� तो पु�ल स, सेना,

    इंजी�न यर, अि� न शमन �व भाग, कृ�ष काय�, जमीन-

    जायदाद, ठेकेदारी, सज�री, खेल, राजनी�त तथा अ� य

    �बंधन काय� के �े� म� अपना भा� य आजमा सकते ह।�

    य�द इनक� यु�त परा�म भाव म� दशम अथवा एकादश

    भाव म� हो इंजी�न य�र�ग, आईआईटी वै�ा�न क बनने के

    साथ-साथ अ� छे �ख लाड़ी और �शासक बनना लगभग

    सु�न �� त कर दतेी ह।ै अ�ध कतर वै�ा�न क, �ख ला�ड़ य�

    और �भावशाली � यि� त य� क� कंुडली म� यह यु�त और

    योग दखेे जा सकते ह।� आज के �ोफेशनल युग म� इनका

    �भाव और फल चरम पर रहता ह।ै इस�ल ये यह मानकर

    चल� �क य�द कंुडली म� मंगल, सूय� तीसर ेदसवे या � याहरव�

    भाव म� हो तो अ� य �ह� के �ारा बने हयु योग� को � यान म�

    रखकर उपरो� त कह ेगये �े�� म� अपना भा� य आजमाना

    चा�ह ये। य�द इनके साथ बुध भी जुड़ जाय� तो एजुकेशन,

    ब�क और बीमा �े� म� �क � मत आजमा सकते ह।� ले�क न,

    इसके �ल ये कंुडली म� बुध ओर गु� क� ि� थ �त पर � यान

    दनेे क� ज�रत ह।ै वा� तुकला तथा अ� य न� काशी वाले

    �े�� के दरवाजे भी आपके �ल ये खुल जाय�गे, इस�ल ये

    कंुडली म� अगर सूय�, मंगल क� �धानता हो तो इनके

    कारक अथवा संबं�ध त �े� अ�त लाभदायक और

    कामयाबी �द लाने वाले रहग� े, इस�ल ये जो बेहतर और

    आपक� �कृ�त को सूट कर ेवही �े� चुन�।

    पं. जयगो�व� शा�ी

    अगर आप ए��ोसेज क� साइट पर

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  • �ावसा�यक �योजन� म� ह�रखेाशा� क� भ�ूमका एवं योगदान

    Page 15

    ह�तरखा शा� े

    अ�र यह दखेा गया ह ै �क हम अपने �ावसा�यक

    �योजन� के बार ेम� काफ� �च��तत रहते ह � और यह जानने

    को उ�ुक रहते ह � �क हम कब और �कस �कार का

    �वसाय करग� े और �ा उसम� कभी कोई �वधान तो

    नह� आएगा। इन ��� का उ�र जानने के �लए हम� ह�

    रखेा शा� से काफ� सहायता �मलती ह।ै

    इस �वषय म� हम� हथेली और उंग�लय� क� बनावट व हाथ�

    पर उभरी �ई रखेाओं और पव�त� का �व�ेषण करना

    पड़ता ह।ै �जन जातक� के हाथ वग�कार और उंग�लयां

    छोटी, चपटी अथवा गोल होती ह,� वे लोग परपंरागत व

    पा�रवा�रक �वसाय म� ��च रखते ह।� ऐसे जातक

    शारी�रक व �म �धान �वसाय म� संल� होते ह।� इन

    जातक� को नए नए अ�व�ार� से कोई सरोकार नह�

    होता। ये लोग अपने �वसाय के बार ेम� बड़ ेईमानदार,

    कत���न� और अनुशासन ��य व समय के पाबंद होते ह,�

    परतुं ऐसे जातक �ादा मह�ाकां�ी नह� होते।

    आयताकार हाथ और लंबी व नुक�ली

    उंग�लयां

    �जन जातक� के हाथ आयताकार और उंग�लयां

    �लंबी व नुक�ली होती ह,� ऐसे जातक धा�मक

    �वृ�� के होते ह � और उनके �वसाय सामा�जक

    काय�कत� या सलाहकार के �े� म� होते ह।� ये लोग

    ब�त भावुक �वृ�� के होते ह � और दान पु� व

    समाज सेवा के काय� म� ब�त ��च रखते ह।�

    आयताकार हाथ और छोटी उंग�लयां

    �जन जातक� के हाथ आयताकार व उंग�लयां छोटी होती

    ह,� वे लोग संवेदनशील नह� होते और दसर� क� सम�ाएं ू

    सुलझाने म� वह अपना समय बेकार नह� करते। अ�र

    असामा�जक त� भी इस �ेणी म� आते ह।� ऐसे जातक

    �बंध �नयं�ण, �ापार व खेलकूद संबंधी �वसाय म�

    ��च रखते ह।� ऐसे जातक नए-नए अ�व�ार� के बार ेम�

    सजग रहते ह �और अपनी काय��मता को बढ़ाने का �यास

    करते ह � ता�क वे ऊँचे से ऊंचा मुकाम हा�सल कर सक� और

    हर �वसा�यक ��त�ध� म� सबसे अ�णी रह।�

    वगा�कार हाथ और ल�ी उँग�लयाँ

    ऐसे जातक �जनके हाथ वग�कार व उंग�लयां लंबी होती

    ह,� वे लोग तक� �वतक� व गहन अ�यन के काय� म� ��च

    रखते ह।� ये लोग अ�े लेखक, सा�ह�, �ान �व�ान,

    संगीत, मी�डया व आईटी और तक� �वतक� वाले �वसाय�

    अ�ण कुमार

    मेहरा

  • Page 16

    म� स��य भू�मका �नभाते ह।� ऐसे जातक� के हाथ� के पव�

    गांठ� वाले होते ह।�

    भा� रेखा से �ावसा�यक �योजन

    Ÿ �ावसा�यक �योजन� को जानने म� भा� रखेा का

    भी ब�त बड़ा योगदान होता ह।ै भा� रखेा का

    �व�ेषण जातक के दोन� हाथ� को दखेकर �कया

    जाता ह।ै अगर उसके बाएँ हाथ म� भा� रखेा ब�त

    पतली कमजोर अथवा अ�� �प म� ह ैऔर �ाकृ�तक

    �प से बढ़ती �ई �दखाई नह� दतेी तथा उसके दाएँ हाथ

    म� यह रखेा म�णबंध से शु� होकर श�न पव�त तक

    जाती ह ैऔर काफ� मजबूत ���त म� नजर आती ह ैतो

    इससे यह �स� होता ह ै �क जातक ने अपने जीवन

    काल म� अपने पु�षाथ� को �योग करके अपने भा�

    को संवारा ह ैऔर अपने कमजोर �ार� पर �वजय

    पाई ह,ै जो�क सु� अथवा अप�रप� अव�ा म� था।

    Ÿ इसी �कार अगर जातक के बाएँ हाथ म� भा� रखेा

    �वक�सत �दखाई दतेी हो परतुं उसके दाएँ हाथ म�

    अ�वक�सत अथवा कटी �ई अव�ा म� �दखाई द ेतो

    इसका अथ� ह ै�क जातक ने अपने आल� के कारण

    या अपने सगे संबं�धय� अथवा �म�� पर आ��त होकर

    पु�षाथ� नह� �कया ह,ै �जससे उसका भा� सो गया ह।ै

    ऐसे जातक भा� रखेा के उस अव�ध काल म�, जब यह

    रखेा कटी �ई अव�ा म� नजर आए, �कसी भी �कार

    के �वसाय के अवसर� से वं�चत हो जाते ह � अथवा

    अपने चलते �ए �वसाय से हाथ धो बैठते ह।�

    Ÿ कई बार ऐसा भी दखेा गया ह ै�क जातक के दोन�

    हाथ� म� भा� रखेा होती ही नह� अथवा अ�ंत महीन

    व कमजोर अव�ा म� नजर आती ह।ै ऐसे जातक

    अपने ल� से �दशा �वहीन होते ह।� वे यह �नध��रत

    करने म� अपने आप को असमथ� पाते ह � �क उ� � कौन

    सा �वसाय चुनना ह।ै शु� म� ऐसे जातक चाह ेइतने

    हो�शयार ना रह � परतुं अपनी सतत चे�ा, मेहनत व

    लगन से हर अवसर का लाभ उठाकर और �नरतंर

    प�र�म से अपना माग� ढंूढ लेते ह।� यहां उनका पु�षाथ�

    उनके �ार� के ऊपर �वजय �ा� कर लेता ह।ै ऐसे

    लोग समय-समय पर अपने �वसाय को बदलते रहते

    ह � व अपने आपको अवसरवादी बना लेते ह � और भा�

    क� ऊँचाइय� को तय कर लेते ह।� ऐसे जातक एक ही

    �कार के �वसाय म� अ�धक समय तक नह� �टक

    पाते। वे दशे, पा� और काल के �हसाब से अपना ल�

    �नध��रत कर लेते ह।�

    Ÿ ऐसे जातक �जनके हाथ म� भा� रखेा �नरतंर �प से

    लंबी होती ह,ै वे यह धारणा रखते ह � �क उनका भा�

    �न��त एवं सु�ढ़ ह ैऔर भा� अनुसार वे कोई ना कोई

    आजी�वका अपना ही ल�गे, इस�लए वह पु�षाथ� करने

    म� उदासीन रहते ह � और �कसी �वक� को ढंूढने का

    �यास नह� करते ���क इनम� मह�ाकां�ा क� कमी

    होती ह,ै परतुं ऐसे जातक अंत तक एक ही �कार का

    �वसाय चुनते और करते ह,� �जससे वे उस �वसाय म�

    महारत हा�सल कर लेते ह।� ऐसे लोग� को अपने जीवन

    काल म� आगे बढ़ने के �लए �ेरणा क� आव�कता

    होती ह ैता�क वे कुएँ के म�ढक बनने से बच सक� । ऐसे

    लोग पा�रवा�रक और पारपं�रक �वसाय करने म� ही

    ��च रखते ह।�

    Ÿ �जन जातक� के हाथ म� चं� पव�त से कोई रखेा शु�

    ह�तरखा शा� े

  • Page 17

    होकर भा� रखेा से �मलती ह,ै उनको अपने �वसाय

    म� �कसी �वपरीत �ल�गी ��� से धन अथवा सलाह के

    Ÿ �प म� सहायता �मलती ह।ै ऐसे जातक संवेदनशील व

    ब�त ज�ी �वच�लत होने वाले �भाव से ��सत होते

    ह � व समा�जक क�ाण और मातृ� के भाव को

    ��द�शत करने वाले �वसाय� म� ��च रखते ह,� ता�क वे

    समाज म� अपनी एक अलग पहचान बना सक� ।

    Ÿ �जन जातक� क� भा� रखेा म�ण बंध अथवा उसके

    काफ� करीब से आरभं होती ह,ै ऐसे जातक अपने

    �वसाय क� शु�आत जीवन म� ब�त ज�ी कर लेते

    ह।� इसके �वपरीत �जन जातक� के हाथ म� ब�त सी

    छोटी-छोटी भा� रखेाएं म��� रखेा से ऊपर के

    भाग से या �दय रखेा के ऊपर के भाग से श�न पव�त पर

    �च��त होती ह,ै वे लोग �कसी �कार का पाट� टाइम

    �वसाय अथवा अपनी �कसी हॉबी को अपने जीवन

    काल क� वृ�ाव�ा म� या�न जीवन क� साँझ होते-होते

    शु� करते ह।�

    Ÿ अगर एक भा� रखेा के साथ कुछ अव�ध के प�ात

    एक नई भा� रखेा का उदय होता ह ैतो यह इस बात

    का �तीक ह ै�क जातक अपने �वसाय म� या तो कोई

    प�रवत�न ला रहा ह ैया एक साथ दो �व�भ� �कार के

    �वसाय म� जाना चाहता ह।ै

    Ÿ अगर जातक क� भा� रखेा �ृंखलाकार हो जाए तो

    ऐसे जातक अपनी अंतरा�ा को संतु� करने वाले

    �वसाय करने के �लए बा� नह� होते ब�� उनके

    सामने कई �वक� खुले रहते ह � और ये लोग अपने

    मान स�ान व रचना�कता को �कट करने वाले

    �वसाय चुनने म� ��च रखते ह,� जैसे माक� ट �रसच�

    अथवा मी�डया और आईटी से संबं�धत �वसाय। ऐसे

    जातक एक तरह के �वसाय म� अ�धक दरे तक �टकने

    का �यास नह� करते। वे अपने ल� से भटक जाते ह �

    ���क इ� � बाहरी प�र���तयां ब�त �भा�वत करती

    ह।�

    Ÿ य�द भा� रखेा ब�त मोटी व गहरी हो तो ऐसे जातक

    अस�त तथा कठोर �भाव के होते ह � और अपनी

    �शत� पर काम करते ह � और ल� पू�त के �लए �कसी

    भी बाहरी दबाव क� उपे�ा कर दतेे ह।�

    Ÿ य�द जातक क� भा� रखेा हाथ के मूल भाग से या

    म� भाग से शु� हो तो ऐसे जातक �भाव और बु��

    म� ज�ी प�रप� हो जाते ह।�

    Ÿ य�द जातक क� भा� रखेा का उ�म जीवन रखेा के

    म� से होता ह ै तो तो ऐसा जातक पा�रवा�रक

    �वसाय को अपनाता ह ैया प�रवार के �भाव म� और

    परामश� के अनुसार ही अपना �वसाय शु� करता ह।ै

    Ÿ य�द भा� रखेा पर �कसी �ीप, न�� अथवा �ॉस का

    �च� नजर आता ह ैतो इसका अथ� ह ै�क �वसाय म�

    �कसी �कार का �वधान उ�� होने वाला ह।ै

    Ÿ उपरो� �व�ेषण और उदाहरण� से यह �स� होता ह ै

    �क ह�रखेा शा� जातक के �वसा�यक ���� के

    बार ेम� अनुमान लगाने म� काफ� सहायक �स� होता ह।ै

    ह�तरखा शा� े

  • नीच �ह :

    फल और क�रयर पर �भाव

    Page 18

    �ह� क �भावे

    �ो�तष के �हसाब से हर �ह का �भाव मानव म���

    और उनके �च� पर पड़ता ह।ै जब �कसी मनु� का ज�

    होता ह,ै तो उस समय के �ह न��� क� ���त उसके मन

    पर एक छाप छोड़ती ह।ै यह �ह न�� चेतन और अवचेतन

    मन पर अपना �भाव डालते ह।� आपने �ो�तषीय

    �आ�टकल पड़ ेह�ग�, उनम� आपने �ो�तषीय योग� के बार े

    म� भी पढ़ा होगा, कौन सा योग �ा करता ह,ै कौन-कौन

    से योग आपको क�रयर म� सफलता �दलाएंगे, इसक�

    जानकारी आपको हो सकती ह।ै

    मगर अ�र हम यह नह� दखेते �क य�द कोई �ह नीच का

    ह,ै तो वह आपके ���� म� �ा कमी लेकर आएगा,

    और उस कमी के चलते आपके क�रयर पर �ा �भाव पड़

    सकता ह।ै जब तक आपको अपनी कमज़ोरी के बार ेम�

    पता नह� होगा, आप उस पर काम नह� कर पाएंगे और

    सफलता के उस �शखर को �ा� नह� कर पाएंगे, जो आप

    �ा� करने क� �मता रखते ह।�

    आइए, अब जानते ह � �क �ह� क� नीच या दब�ल अव�ा ु

    कैसे आपके क�रयर म� आपक� �नण�य और काय� �मता

    को �भा�वत करती ह-ै

    सूय�

    आ��व�ास, इ�ा श�� म� कमी,

    जुझा� �वृ�� म� कमज़ोरी,

    �अदरद�शता। य�द आपक� कंुडली म� ू

    “सूय�” नीच अव�ा म� ह ैतो ��� के

    अंदर हमेशा दसर े से मा�ता, �शंसा ू

    �ा� करने क� भावना रहगेी। उसे समाज �सफ� सफलता

    के मापदडं से �दखता ह।ै “ सूय� “ ���क �पता का कारक

    ह ैतो ��� को जो �शंसा और मा�ता बचपन म� अपने

    �पता से �ा� नह� �ई, वह उसे दसर� से �ा� करना चाहता ू

    �ह।ै वह जो भी काय� करगेा, वह दसर� का �ान आक�षत ू

    करने के �लए करगेा, �ेय �ा� करने के �लए करगेा ना �क

    अपनी ख़ुशी के �लए। इस�लए य�द आपक� कंुडली म�

    सूय� नीच अव�ा म� ह ैतो आपको खुद पर, अपने कौशल

    पर भरोसा होना चा�हए और जो भी काय� कर,� उसम�

    अपनी ख़ुशी ढंूढ� न �क दसर� क� खोखली �शंसा। ू

    चं�मा

    असुर�ा क� भावना, खुद पर अ�व�ास,

    अ��धक भावुकता, दसर� से ज�ी ू

    �भा�वत होना, प�र���तय� पर दोष

    मढ़ना। चं�मा ���क मन का कारक ह,ै

    य�द यह अपनी नीच या दब�ल ���त म� ु

    योगेश

    दरीरा

  • Page 19

    कंुडली म� �वराजमान ह ैतो ��� हमेशा �च��तत रहता ह।ै

    छोटी- छोटी बात� पर परशेान होता ह,ै �कसी भी छोटी सी

    परशेानी म� खराब ���त क� क�ना कर ले