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ONLINE TAIYARI GROUP -->+91-9555951655 1 ONLINE TAIYARI GROUP +91-9555951655 को ारा घोषत भारत क 32 व धरोहर थल

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    यनू�ेको �ारा घो�षत भारत के32 �व� धरोहर �थल

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    यनू�ेको के �व� धरोहर �थल �वशषे भौ�तकया सा�ंकृ�तक मह�व का कोई भी �थानजसैेजगंल, झील, भवन, ��प, पहाड़,�मारक, र�ेग�तान, प�रसर या शहर, होसकता ह।ैपरूी ��नया म��फलहाल 981 �व� धरोहर�थल ह�। हाला�ंक इनम�स 3े2 �व� �वरासतसपं��या भंारत म�ह�। इन 32 म�स 2े5सा�ंकृ�तक सपं��या औंर 7 �ाकृ�तक �थलह�। आइए वष� के आधार पर भारत के सभी�व� धरोहर �थल� पर एक नजर डालत हे�।

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    1. आगरा का �कलाः वष� 1983आगरा का �कला, इस "ेलाल �कला" भी कहत हे�, भारतके आगरा शहर म���थत ह।ै वष� 1983 म�यनू�ेको नेइस �ेव� धरोहर �थल घो�षत �कया था। यह ताजमहलस केरीब 2.5 �कलोमीटर �र ह।ै वष� 1565 म�महानमगुल स�ाट अकबर न इेसका �नमा�ण करवाया था।�ाचीन काल म�आगरा भारत क� राजधानी �आ करताथा। यह शानदार �कला यमनुा नद� के �कनार बेना ह।ै380,000 वग�मीटर ( 94 एकड़) म�बना यह �कलाअ��व�ृाकार ह।ै इसके चार दरवाज हे�, �कल केे दोदरवाज–े �द�ली गटे और लाहौर गटे नाम स जेान जेातेह�।

    2. अजतंा क� गफुाए:ं वष� 1983भारत के महारा� रा�य के औरगंाबाद �जल मे�पड़नेवाली अजतंा क� गफुा� म�च�ान� क� बनी करीब 30बौ� गफुा �मारक ह��जनका �नमा�ण ई.प.ू 2 शता�द� सेलकेर 480 या 650 ई. तक �कया गया था। गफुा म�बन �ेच� बौ� धम� कला क� ��स� रचना� परआधा�रत ह�, इसम�भगवान ब�ु को भी �च��त �कयागया ह औैर जातक कथा� (भगवान ब�ु के जीवन सेसबं�ंधत कहा�नया)ं का �च�ण भी ह।ै अजतंा क� गफुाएं1983 स येनू�ेको क� �व� धरोहर �थल क� सचूी म�ह�

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    3. एलोरा क� गफुाए:ं वष� 1983एलोरा भारत के महारा� रा�य के औरगंाबाद �जल केे

    29 �कलोमीटर (18 मील) उ�र– प��म म���थत एकपराता��वक �थल ह।ै इसका �नमा�ण कलाचरूी, चाल�ुयऔर रा�कूट राजवशं न 6े ठ� स 9ेव� शता�द� के दौरानकराया था। 34 गफुाए वंा�तव म�चारन�ं� पहा�ड़य� केलबंवत �ह�स पेर बनाई गई ह�। य गेफुाए �ंह��, बौ� औरजनै धम� को सम�प�त ह�। 17 �ह�� (गफुा स�ंया13–29), 12 बौ� (गफुा स.ं 1–12) और 5 जनै (गफुास.ं 30–34) को एक �सर केे साथ– साथ बनाया गयाह।ै एलोरा क� गफुाआ�को 1983 म�यनू�ेको न �ेव�धरोहर �थल घो�षत �कया था।

    4. ताज महलः वष� 1983उ�र �दशे के आगरा �जल मे�17 ह�ेटयेर जमीन परबन मेगुल गाड�न के भीतर बना ताज महल यमनुा नद� के�कनार �े�थत ह।ै इसका �नमा�ण मगुल बादशाह शाहजहांन अेपनी बगेम ममुताज महल क� याद म�करवाया था।1632 ई. म�इसका �नमा�ण काय� श�ु �आ था और1648 म�बन कर यह तयैार हो गया था। ताज महलके म�ुय वा�तकुार उ�ताद अहमद लाहौरी थ।े इसके�नमा�ण के �लए परू सेा�ा�य और म�य ए�शया एव ईंरानसे राज�म��ी, प�थर– काटन वेाल,े भीतर क� द�वारबनानेवाल,े न�काशीकार, �च�कार�, सलुखेक�, गुंबदबनान वेाल� और अ�य कारीगर� को बलुाया गया था।

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    5. महाबलीपरुम के �मारक� का समहू:वष� 1984अभयार�य� का यह समहू, प�लव राजा� �ारा बनायागया था। 7व� और 8व� शता�द� म�कोरोमडंल के तट केच�ान� पर खदुाई करवाया गया था। यह म�ुय �प सेअपन रेथ� ( रथ के �प म�म�ंदर�), मडंप ( गफुाअभयार�य), �वशालकाय उभरी �ई न�का�शयांजसैे��स� 'गगंा के अवतरण', �शव क� म�हमा को दशा�तेहजार� म�ूत�य� वाल �ेकनार पेर बन मे�ंदर (the templeof Rivage) के �लए जाना जाता ह।ै

    6. सयू� म�ंदर कोणाक� ः वष� 1984भारत क� �वरासत म�वा�तकुला का चम�कार, कोणाक�का सयू� म�ंदर, आमतौर पर �जस केोणाक� नाम स जेानाजाता ह,ै भारत के पवू� रा�य ओडीशा (पहल उेड़ीसाकहा जाता था) म���थत ह औैर पय�टक� के �मखुआकष�ण क�� म�स एेक ह।ै कोणाक� भगवान सयू� कोसम�प�त �वशाल म�ंदर ह।ै कोणाक� श�द 'कोण' और 'अक� 'स �ेमल कर बना ह।ै 'कोण' का अथ� ह कैोना और 'अक� 'का अथ� ह सैयू�, इस�लए इसका अथ� �आ– कोन केासयू�। कोणा�क का सयू� म�ंदर परुी के उ�र पवू� कोन मे�बना ह औैर यह भगवान सयू� को सम�प�त है

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    7. काजीरगंा रा�ीय उ�ानः वष� 1985काजीरगंा भारत के असम रा�य के दो �जल� – नागावं�जल केे का�लयाबोर सब�ड�वजन और गोलाघाट �जल केेबोकाखाट सब�ड�वजन के बीच 26°30' उ और 26°45'उ आ�ाशं और 93°08' प सू 9े3°36' प दूशेातंर केबीच ��थत ह।ै काजीरगंा 378 वग� �कमी (146 वग� मील)म�फैला ह।ै यह �व� �वरासत �थल ह।ै यहा एंक–स�गवाल गे�ड के� दो– �तहाई आबाद� पाई जाती ह।ै �व� केसरं��त इलाक� म�स केाजीरगंा म�सबस अे�धक बाघपाए जात हे�और इस 2े006 म�टाइगर �रजव� घो�षत�कया गया था।

    8. केवलादवे रा�ीय उ�ान–वष� 1985भरतपरु प�ी अभयार�य के नाम स जेाना जान वेालाकेवलादवे रा�ीय उ�ान भारत के दो सबस ऐे�तहा�सकशहर� आगरा और जयपरु के बीच ह।ै उ�र भारत कायह उ�ान दशे के राज�थान रा�य के उ�र प��म �ह�सेम���थत ह।ै वष� 1982 म�इस रेा�ीय उ�ान घो�षत�कया गया था और 1985 म�यनू�ेको न इेस �ेव��वरासत �थल घो�षत �कया। यह उ�ान बा��कंग पथैॉन(बा��कंग अजगर), प�टडे �टॉक� , �हरण, नीलगाय और अ�यपश�ु समते 370 स अे�धक प�ी और पश �ुजा�तय�का �नवास �थान ह।ै यह म�ुय �प से�वासीसाइब�ेरयाई सारस� के �लए जाना जाता ह।ै

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    9. मानस व�यजीव अभयार�य-वष� 1985यह असम रा�य के भटूान– �हमालय पव�तमाला क�तलहट� म�बसा ह।ै यह अनठूे जवै�व�वधता और प�र��यके �लए ��स� ह।ै वष� 1973 म��ोज�ेट टाइगरप�रयोजना के तहत टाइगर �रजव� के नटेवक� म�शा�मलहोन वेाला यह पहला �रजव� था। 1985 म�मानसव�यजीव अभयार�य को �व� धरोहर �थल का दजा��मला। वष� 1989 म�, मानस को बायो�फ�यर �रजव� कादजा� �मला। यह प��म म�सकंोश नद� और पवू� म�धानसीरी नद� के साथ 2837 वग� �कमी के इलाके म�फैला ह।ै

    10. फतहेपरु सीकरी- वष� 1986फतहेपरु सीकरी का �नमा�ण बादशाह अकबर न 1े6व�सद� म�बनवाया था। फतहेपरु सीकरी ( �वजय का शहर)करीब दस वष� तक मगुल सा�ा�य क� राजधानी था।�मारक� का प�रसर और म�ंदर, सभी एकसमान वा�तकुलाशलैी म�बन हे�, इसम�भारत के सबस बेड़ मे��जद� म�सेएक जामा म��जद भी ह।ै सफू� सतं शखे सलीम �च�ती( जो एक गफुा म�रहत थे)े के स�मान म�बादशाहअकबर न अेपन घेर और दरबार को आगरा स लेाकरसीकरी म�बसा �लया था

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    11. गोवा के चच� और आ�म (कॉ�व�ट)-वष� 1986भारत के प��मी तट पर ��थत इस रा�य के व�ेहा (परुान)ेगोवा के चच� और आ�म पतु�गाली शासन के यगु स हेीह�। 16व� और 17व� शता�द� के बीच परुान गेोवा म��ापक �तर पर चच� और �गरजाघर� का �नमा�ण �कयागया था, इनम�शा�मल ह�– स केैथ�ेल, स�ट �ा�ंसस ऑफअसीसी के चच� और आ�म, स�ट कैथरीन चपैल,ब�ेस�लका ऑफ बोम जीसस, चच� ऑफ लडेी ऑफरोजरी, चच� ऑफ स�ट. ऑग�ट�न।

    इस भ� भवन का �नमा�ण राजा जोम सबे�ै�टयो (1557-78) के शासनकाल म�1562 ई. म�श�ु �आ था औरयह 1619 म�बन कर तयैार �आ। चच� क� लबंाई 250फ�ट और चौड़ाई 181 फ�ट ह।ै इमारत का मखु �ह�सा115 फ�ट उचंा ह।ै भवन पतु�गाली– गौ�थक शलैी म�बनाह �ैजसका बाहरी �ह�सा ट�सन शलैी और आतं�रक ह�साको�र��थयन शलैी म�बना ह।ै कैथ�ेल क� बाहरीसाज–स�जा अपन सेादगी भर शेलैी के �लए उ�लखेनीयह जैब�क इसक� गुंबदनमुा आतं�रक स�जा पय�टक� कोम�ंम�ुध कर दतेी ह।ै

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    12. हपंी म��मारक� का समहू- वष� 1986हपंी क� सादगी और भ�ता म�म�ुय �प स अे�ंतममहान �ह�� सा�ा�य �वजयनगर सा�ा�य ((14व� – 16व�शती ई.) क� राजधानी के अवशषे �मलत हे�। सपं��4187, 24 ह�ेटयेर इलाके म�ह जैो म�य कना�टक केबलेारी �जल मे�तुंगभ�ा घाट� म�ह।ैहपंी के शानदान स�ेट�ग म�भौ�तक अवशषे� क� �ापकताके साथ तुंगभ�ा नद�, ऊबड़–खाबड़ पव�त �ृंखलाए औंरखलु मेदैान क� �मखुता ह।ै बच �ेए 1600 अवशषे� सेशहरी, शाही और धा�म�क �णा�लय� क� �व�वधता का पताचलता ह।ै इन अवशषे� म��कल,े नद� �कनारेबनीकलाकृ�तया,ं शाही एव धंा�म�क प�रसर, म�ंदर, आ�म,�तभ वाल के�, मडंप, �मारक सरंचनाए,ं �ार, सरु�ा चकेपो�ट, अ�तबल, पानी क� सरंचना आ�द शा�मल ह�।

    13. खजरुाहो के �मारक� का समहू- वष� 1986खजरुाहो के म�ंदर (म�य�दशे म�) दशे के सबस खेबूसरूतम�ययगुीन �मारक� म�स एेक ह�। इन म�ंदर� का �नमा�णचदंले शासक� न 9े00 और 1130 ई. के बीच करवायाथा। वह चदंले� के शासन का �वण�यगु था। माना जाता है�क ��यके चदंले शासक न अेपन शेासनकाल के दौरानएक म�ंदर का �नमा�ण करवाया था। इस�लए खजरुाहो केसभी म�ंदर �कसी एक चदंले शासक �ारा नह� बनवाएगए ह�ब��क म�ंदर का �नमा�ण कराना चदंले� क� परपंराथी �जसका चदंले वशं के लगभग सभी शासक� न पेालन�कया।

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    14. ए�लफ�टा क� गफुाए -ं वष� 1987ए�लफ�टा क� गफुाए (ं�थानीय �तर पर घरापरुीची लनेी,मलू �प स घेरापरुी के नाम स जेाना जाता ह)ै महारा�के मुंबई म�ए�लफ�टा ��प या घरापरुी (शा��दक अथ�–गफुा� का शहर) पर ��थत म�ूत�य� क� गफुा� क��ृंखला ह।ै ��प अरब सागर म�ह,ै यहा गंफुा� के दोसमहू ह�– पहला समहू बड़ा ह औैऱ इसम��ह��� क�पाचं गफुाए हं�। �सरा समहू छोटा ह औैर इसम�दो बौ�गफुाए हं�। �ह�� गफुाआ�म�च�ान� को काट कर म�ूत�यांबनाई ग� ह�, जो शवै �ह�� स�ंदाय का �तीक ह�औरभगवान �शव को सम�प�त ह।ै

    15. महान चोल म�ंदर - वष� 1987महान चोल म�ंदर� का �नमा�ण चोल सा�ा�य के राजा��ारा करवाया गया था। यह परू दे��ण भारत औरपड़ोसी ��प� म�बना �आ ह।ै यहा 1ं1व� और 12व�शता�द� के म�ंदर– तजंावरु का बहृद�ेरा म�ंदर,गगंाईक�डाचो�ल�रम का बहृद�ेर म�ंदर और दारासरुम काएरावाट�ेर म�ंदर। गगंाईक�डाचो�ल�रम का म�ंदर का�नमा�ण राज�े� �थम न केरवाया था और यह 1035ई. म�बनकर तयैार �आ था। इसका 53 मी का �वमान (गभ�गहृमीनार) के कोन धेसं �ेए ह�और उनम�सुंदर उ�व�न�काशी क� गई ह,ै यह तजंावरु का सीधा एव सं�तमीनार के जसैा ह।ै एरावाट�े म�ंदर प�रसर का �नमा�णराजराजा ��तीय न देारासरुम म�करवाया था, इसम�24मी का �वमान और �शव क� प�थर क� म�ूत�ह।ै

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    16. प�दकल के �मारक� का समहू–वष� 1987

    कना�टक म�प�दकल उ�ारक कला का उ�कृ� नमनूा ह।ैइनका �नमा�ण चाल�ुय वशं के दौरान 7व� और 8व�शता�द� म�कराया गया था। इसम�उ�र एव दं��ण भारतक� वा�तकुला का सामजं�य दखेन केो �मलता ह।ै नौ�ह�� म�ंदर� क� �भावशाली �ृंखला के साथ– साथ इसम�एक जनै अभयार�य भी ह।ै समहू का उ�कृ�नमनूा–�व�पा� म�ंदर ह,ै इसका �नमा�ण महारानीलोकमहादवेी न 7े40 ई. म�अपन पे�त क� द��ण केराजा� पर �मली जीत क� याद म�करवाया था।

    17. सुंदरबन रा�ीय उ�ान -वष� 1987�व� का सबसेबड़ा ड�ेटा, स�ुदरबन, भारत औरबा�ंलादशे के 10,200 वग� �कमी म�फैल सेदाबहार वन म�ह।ै भारत क� सीमा म�पड़न वेाला वन का �ह�सास�ुदरबन रा�ीय उ�ान कहलाता ह औैर प��म बगंालरा�य का द��णी �ह�सा ह।ै सुंदरबन 38,500 वग� �कमीइलाके म�ह।ै इसका एक �तहाई �ह�सा पानी/दलदल सेभरा ह।ै इस जगंल म�सुंदरी व�ृ� क� स�ंया ब�त अ�धकह।ै सुंदरवन रॉयल बगंाल टाइगर के �लए �व� ��स� ह।ै

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    18. नदंा दवेी रा�ीय उ�ान - वष� 1988वष� 1982 म�नदंा दवेी रा�ीय उ�ान क� �थापना रा�ीयउ�ान के तौर पर क� गई थी। यह उ�र भारत केउ�राखडं रा�य म�नदंा दवेी क� पहाड़ी (7816 मी) पर��थत ह।ै वष� 1988 म�यनू�ेको न इेस �ेव� धरोहर �थलघो�षत �कया था। इस उ�ान को 1982 म�अ�धसचूना�ारा सजंय गाधंी रा�ीय उ�ान के नाम स �ेथा�पत �कयागया था ल�ेकन बाद म�इसका नाम नदंा दवेी रा�ीयउ�ान कर �दया गया। फूल� क� करीब 312 �जा�तय�समते यहा 1ं7 �ल�भ �जा�तया पंाई जाती ह�। दवेदार,सटं�, रोडोड��न और ज�ुनपर म�ुय वन�प�त ह�।

    19. साचंी का बौ� �तपू - वष� 1989भारत म�बौ� पय�टक� के �लए साचंी काफ� लोक��य�थान ह।ै यह म�य �दशे के रायसने �जल केे साचंी म���थत ह।ै साचंी का �तपू भारत म�सबस पेरुान पे�थर सेबनी इमारत� म�स एेक ह।ै मलू �प स इेस से�ाटअशोक न बेनवाना श�ु �कया था। �तपू 91 मीटर(298.48 फ�ट) ऊंची पहाड़ी पर बना ह।ै यनू�ेको ने1989 म�इस �ेव� �वरासत �थल घो�षत �कया था।यह भारत म�अनठूा ह �ैय��क इसक� उ� और गणुव�ा,बौ� �तरू� के समहू, म�ंदर� और साचंी के मठ (�जसे�ाचीन काल म�काका�या, काकानावा, काकानादाबोटा औरबोटा �ी पव�त कहत थे)े मौजदू सबस पेरुान बेौ�अभयार�य� म�स एेक ह�। य �ेमारक 3 सद� स 1े2व�सद� के बीच 1300 वष� क� अव�ध, लगभग सपंणू�

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    शा��ीय बौ� काल म�, के दौरान बौ� कला औरवा�तकुला क� उ�प�� एव �ंवकास क� कहानी कहत हे�।

    20. �मायूंका मकबरा, �द�ली -वष� 1993�द�ली ��थत �मायूंका मकबरा पहला भ� शाहीमकबरा ह जैो मगुल वा�तकुला और �थाप�य शलैी काउ�कृ� उदाहरण ह जैो और �जसन अेपन �ेनमा�ण के 80वष� के बाद ताज महल को ज�म �दया। �मायूंकामकबरा 21.60 ह�ेटयेर म�बना ह।ै इसम�16व� सद� केमगुल उ�ान के गुंबद� जसै नेीला गुंबद, इसा खान, बूहलीमा, अफसरवाला, नाई का मकबरा भी ह।ै साथ हीप�रसर म��मायूंके मकबर केे �लए काम पर रख गेएवा�तकुार– अरब सरेाई रहत थे।े �माय कूा मकबरा था,�मायूंके बटे मेहान शहशंाह अकबर के सरं�ण म�1560के दशक म�बना था।

    21. कुतबु मीनार, �द�ली - वष� 1993कुतबुमीनार �द�ली के द��ण म�कुछ �कलोमीटर �रकरीब 13व� सद� म�बना था। कुतबुमीनार, लाल बलआुप�थर स बेनी मीनार 72.5 मी ऊंची ह,ै इसक� चौड़ाई2.75 मीटर और इसके आधार स 1े4.32 मी. क� उचंाईस �ेाथ�ना क� जाती ह।ै इसके आस–पास अलाई दरवाजा�ार, �ह��– म�ु�लम कला का उ�कृ� नमनूा (1311 म�बना) ह।ै कुतबु मीनार के बनन मे�काफ� समय लगा(करीब 75 वष�)। इसका �नमा�ण कुतबु–उद– द�न ऐबक

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    न 1े193 म�श�ु करवाया था और इसका �नमा�ण काय�इ�ततु�मश न पेरूा कराया था।

    22. भारत के पहाड़ी रलेव -ेवष� 1999भारत के पहाड़ी रलेव मे�तीन रलेव हे�– दाज��ल�ग�हमालयन रलेव,े जो प��म बगंाल (उ�र पवू� भारत) म��हमालय क� तलहट� म���थत ह,ै ��ेफल 5.34 ह�ेट.,नील�ग�र माउटंने रलेव,े त�मलनाड (ुद��ण भारत) केनील�गरी पहाड़ी पर 4.59 हके्. ��े म�बना और कालका�शमला रलेव जेो �हमाचल �दशे (उ�र प��म भारत) म��हमालय क� तलहट� म�79.06 हके्. ��े म�ह।ै य सेभीतीन रलेव अेभी भी परूी तरह स केाम कर रह हे�औरचाल हू�।

    23. बोध गया का महाबोधी म�ंदर प�रसर- वष�2001ई.प.ू तीसरी सद� म�बना महाबोधी म�ंदर प�रसर स�ाटअशोक �ारा बनवाया गया पहला म�ंदर ह।ैवत�मान म�ंदर5व�– 6ठ� शद� का बना म�ंदर ह।ै यह परूी तरह स �ेट�स बेना सबस पेहल बेौ� म�ंदर� म�स एेक ह,ै औरस�दय� स �ेट वा��तकला के �वकास म�इसका मह�वपणू��भाव माना जाता ह।ै बोध गया म�महाबोधी म�ंदरप�रसर का वत�मान प�रसर म�50 m ऊंचा �वशाल म�ंदर,व�ासन, प�व� बोधी व�ृ औऱ भगवान ब�ु के अ�य छहप�व� �थल ह जैो कई �ाचीन �तपू� स �ेघर हे�। इनका

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    रखरखाव ब�त अ�छ से �ेकया जाता ह औैर य आेतं�रक,म�य एव बंाहरी गोलाकार चारद�वार� स सेरं��त ह�। यहकुल 4.8600 ह�ेटयेर इलाके म�ह।ै

    24. भीमबटेका पाषाण आ�य- वष� 2003यह पाचं पाषाण आ�य� का समहू ह औैर 2003 म�इसे�व� धरोहर �थल का दजा� �मला था। भीमबटेका पाषाणआ�य �व��य पव�तमाला के तलहट� म�म�य भारतीयपठार के द��णी छोर पर ��थत ह।ै ब�त मा�ा म�बलआुप�थर और अप�ेाकृत घन जेगंल� के बीच य पेाचं�ाकृ�त पाषाण आ�य� का समहू ह�। इनम�म�यपाषाणकाल स ऐे�तहा�सक काल के बीच क� �च�कला �मलतीह।ै इस �थान के आस– पास के इ�क�स गावं� के�नवा�सय� क� सा�ंकृ�तक परपंरा म�पाषाण� पर �मली�च�कारी क� ब�त अ�धक छाप �मलती ह।ै भीमबटेका केपाषाण आ�य म�पाई गई �च�कारी म�स केुछ तो करीब30,000 वष� परुान हे�। गफुाए नं�ृय के �ार�ंभक सा�य भीदते हे�। य पेाषाण �थल म�य �दशे म�ह�|

    25. चपंानरे– पावागढ़ परुात�व उ�ान - वष�2004मोटेतौर पर अनजान परुाता��वक, ऐ�तहा�सक और

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    जी�वत सा�ंकृ�तक �वरासत �थल जो �ागतैहा�सक �थल�स �ेघर �ेभावशाली ल�ड�केप के बीच ��थत ह,ै पवू� �ह��राजधानी का पहाड़ी वन और 16व� सद� तक गजुरातरा�य क� राजधानी रहा। यहा अं�य अवशषे� के साथ 8व� से14व� शती के बीच बन �ेग�, महल, धा�म�क भवन,आवासीय प�रसर, कृ�ष भ�ूम और जल ��त�ान भी ह�।पावागढ़ पहाड़ी के शीष� पर बना का�लकामाता म�ंदर कोमह�वपणू� म�ंदर माना जाता ह औैर यहा पंरू वेष� ��ालुआत रेहत हे�। यह एक मा� पणू� और अप�रव�त�तइ�लामी मगुल– पवू� शहर ह।ै

    26. छ�प�त �शवाजी ट�म�नस पहल �ेव�टो�रयाट�म�नस)-वष� 2004छ�प�त �शवाजी ट�म�नस (पहल �ेव�टो�रया ट�म�नस कहतेथ)े, अरब सागर के तट को छूत भेारत के प��मी �ह�सेम�मुंबई म�ह।ै इस भवन का �डजाइन एफ. ड��य.ू�ट�व�स न तेयैार �कया था, यह 2.85 ह�ेटयेर इलाके म�फैला ह।ै वष� 1878 म�इसका �नमा�ण काय� श�ु �आ थाऔर करीब दस वष� म�बन कर यह तयैार �आ। यह�व� के सबस अे�छ केाया��मक रलेव �ेटशेन भवन� म�सेएक ह औैर रोजाना तीस लाख स अे�धक या�ी इसका�योग करत हे�। यह दो स�ंकृ�तय� के सगंम का उ�कृ�नमनूा ह,ै �य��क इसम����टश वा�तकुार� न भेारतीयकारीगर� के साथ �मल कर काम �कया था ता�क वेभारतीय वा�तकुला परपंरा और �तीक� को इसम�शा�मलकर सके और मुंबई के �लए नई शलैी तयैार कर सक�।

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    यह उपमहा��प का पहला ��मनस �टशेन था।

    27. लाल �कला प�रसर (�द�ली)- वष� 2007वष� 1638 म�शाहजहा नं अेपनी राजधानी �द�ली कोबनाया और शाहजहाबंाद शहर क� न�व रखी। यह �द�लीका सातवा शंहर था। यह कंकड़-प�थर स बेनी द�वार से�घरी थी और जगह – जगह पर गढ़, फाटक और दरीचेबन थे।े लाल �कल मे�चौदह दरवाज हे�और लाहौरी गटेइसका म�ुय दरवाजा ह।ै इसका �नमा�ण 13 मई 1638म�महुर�म के पावन महीन मे�श�ु �आ था और आगामीनौ वष� म�यह बन कर तयैार �आ था। शाहजहा खंदुइसके �नमा�ण क� �नगरानी करत थे।े वष� 2007 म�यनू�ेको न इेस �ेव� �वरासत �थल का दजा� �दया था।

    28. जतंर– मतंर, जयपरु- वष� 2010जयपरु का जतंर मतंर खगोलीय ��ेण �थल ह �ैजसका�नमा�ण 18व� सद� के आरभं म��कया गया था। इसम�करीब 20 म�ुय �न��त उपकरण� का सटे ह।ै इसम��ातउपकरण� के �मारक सबंधंी उदाहरण ह�ल�ेकन कईमामल� म�उनके खदु के �वशषे ल�ण ह�। नगंी आखं� सेखगोलीय ��थ�त के अवलोकन हते �ुडजाइन �कए गएजतंर मतंर म�कई नवीन व�त�ु एव उंपकरण� कोलगाया गया था। यह भारत के सवा��धक मह�वपणू�, सबसे

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    �ापक और सव���े सरं��त ऐ�तहा�सक वधेशाला� म�स एेक ह।ै यह मगुल सा�ा�य के अतं म�एक �व�ानराजकुमार के खगोलीय कौशल� और ��ाडं स सेबं�ंधतअवधारणा� क� अ�भ��� ह।ै हाला�ंक इसके �नमा�ताराजकुमार जय �स�ह ��तीय के �ो�साहन के मा�यम सेवधेशाला अलग– अलग व�ैा�नक स�ंकृ�तय� क� बठैक�का क�� बना और ��ाडं �व�ान सेजड़ुे�ापकसामा�जक �था� को ज�म �दया।

    29. प��मी घाट: - वष� 2010प��मी घाट तापी नद� क� चोट� से �नकलकरक�याकुमारी क� गफुा तक 1600 �कमी क� �री तकफैला ह इैसक� औसत उचंाई 1200 मीटर ह।ै यहवा�त�वक पहाड़ी �ृंखला नह� ह,ै ब��क यह �ाय��पीयपठार के टटू �ेए �ह�स केा भाग ह।ै प��मी घाट� क�ऊंचाई उ�र स दे��ण क� तरफ बढ़ती ह जैब�क पवू�घाट क� ऊंचाई द��ण स पेवू� क� ओर बढ़ती ह।ै प��मीघाट पवू� घाट क� तलुना म�अ�धक अ�वरल ह।ै

    �हमालय क� पहाड़� स पेरुान पे��मी घाट क� पहाड़ी�ृंखला अनठूे जवैभौ�तक और पा�र��थ�तक ���याआ�केसाथ बहेद मह�वपणू� भ–ू आकृ�तय� स भेरा ह।ै इलाकेके उचं पेव�तीय वन पा�र��थ�तक� �णा�लया भंारतीयमॉनसनू के पटैन� को �भा�वत करती ह�। इलाके केउ�णक�टबधंीय जलवाय कुो सयं�मत करन केे साथ यह�थान इस �ह पर मॉनसनू �णाली का सव���े उदाहरण�

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    म�स एेक ह।ै साथ ही इसम�जवै �व�वधता एव �ंथानीयताका असाधारण उ�च �तर भी ह।ै इस �ेव� के जवै�व�वधता का आठवा संबस अे�धक आकष�कण का क��भी माना जाता ह।ै यहा कंे जगंल� म�गरै–�वषवुतीयउ�णक�टबधंीय सदाबहार वन के कुछ सबसेअ�छेउदाहरण भी �मलत हे�। य जेगंल कम– स–े कम 325�कार के फूल�, वन�प�तय�, प��य�, उभयचर�, सरीसपृ�और मछली क� �वल�ुत�ाय �जा�तय� का �नवास �थानह।ै

    30. राज�थान के पहाड़ी �कल-े वष� 2013राज�थान रा�य म���थत �सल�सलवेार �थान। इसम�छहआलीशान �कल–े �चतौड़गढ़, कुंभलगढञ, सवाई माधोपरु,झालवार, जयपरु और जसैलमरे, ह�। �कल� क� उदारवा�तकुला, 8 व� स 1े8 व� शता�द� के बीच इलाके म�राजपतू �रसायस� क� चरण स�ा का �माण आस– पासके करीब 20 �कलोमीटर के दायर मे�दतेा ह।ै र�ा�मकद�वार� स �ेघर �ेमखु शहरी क���, महल�, �ापा�रक�थान� और म�ंदर� समते अ�य भवन� अ�सर समय सेपवू� बन �ेग� म��व�ततृ स�य स�ंकृ�त का �वकास �आजो �श�ा, सगंीत और कला का समथ�न करत थे।े �ग� म�बन केुछ शहरी क�� अभी भी बच हे��य��क कई �थल�म�म�ंदर और अ�य प�व� भवन ह�। �कल इेलाके �ारा�दान �कए गए �ाकृ�तक सरु�ा उपायः पहाड़, र�ेग�तान,न�दया औंर घन वेन, का �योग करत थे।े इनम��ापक

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    जल सचंयन सरंचना भी ह �ैजनका आज भी �योग जारीह।ै

    31.रानी–क�–वाव(रानी क� बावड़ी)पाटण,गजुरातवष� 2014सर�वती नद� के �कनार पेर बनी रानी– क� – वाव का�नमा�ण आरभं म�11व� शताबद� म�एक राजा के �मारकके तौर पर कराया गया था। बाव�ड़या भंारती उपमहा��पम�भ�ूमगत जल ससंाधन और भडंारण �णा�लय� का एक�वशषे �प ह�और इनका �नमा�ण ईसा पवू� तीसरीसह�ा�द� म��कया गया था। समय के साथ इनका�वकास �आ जो मलू �प स रेतेीली �म�� म�गढ्ठा के�प म��आ करता था, �वक�सत �प म�यह वा�तकुलाएव �ंथाप�य कला क� ब�–म�ंजला इमारत बन गया।रानी– क�– वाव का �नमा�ण बावड़ी के �नमा�ण औरमा�– गजु�र �थाप�य शलैी म�कारीगर क� �मता केआधार पर बनाया गया था। यह उसके ज�टल तकनीकऔर �व�तार एव मंहारथ को दशा�ता ह।ै एक �ध मे�ंदरके �डजाइन वाल इेस बावड़ी म�पानी क� प�व�ता पर�काश डाला गया ह।ै उ�च कला�मक गणुव�ा केम�ूत�कला पनैल के साथ यह सी�ढ़य� क� सात �तर� म��वभा�जत ह।ै इसम�500 स अे�धक म�ुय और एकहजार स अे�धक गौण म�ूत�या हं�। य मे�ूत�या धंा�म�क,पौरा�णक और धम��नप�� क�पना और सा�ह��यक कृ�तय�

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    को दशा�ती ह�। चौथा �तर सबस गेहरा। इसम�9.5 मीटरगनुा 9.4 मीटर का आयताकार ट�क ह औैर उसक� गहराई23 मीटर ह।ै यह बावड़ी सपं�� के प��मी छोर पर��थत ह औैर इसम�10 मीटर �ास और 30 मीटरगहरा एक शा�ट ह।ै

    32. �टे �हमालयन रा�ीय उ�ान (GHNP)- वष�2014यह भारत के �हमाचल �दशे रा�य के कु�ल �ुजल मे���थत ह।ै जीएचएनपी को 1999 म�रा�ीय उ�ान घो�षत�कया गया था। यह 754.4 वग� �कमी इलाके म�फैला ह।ै�टे �हमालयन रा�ीय उ�ान कई �कार क� वन�प�तय�का आवास ह औैर 376 स भेी अ�धक �कार क� जीव�जा�तया यंहा पंाई जाती ह�। इनम�32 �तनधारी, 180प�ी, 3 सरीसपृ, 10 उभयचर, 12 क�ड़,े 18 घ�घा और126 �कार के मकोड़ शेा�मल ह�। 23 जनू 2014 कोइस �ेव� धरोहर �थल का दजा� �मला था।

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