prem chand ki kahaniyaa #3

40
पपपपपपपप

Upload: gapata

Post on 26-Oct-2014

150 views

Category:

Documents


0 download

DESCRIPTION

Prem Chand ki kahaniyaa #3

TRANSCRIPT

Page 1: Prem Chand ki kahaniyaa #3

प्रे�मचं�द

Page 2: Prem Chand ki kahaniyaa #3

क्रम

एक ऑंच क� कसर : 3माता क ह्रदय : 9पर�क्षा : 18ता�तार : 22नै�रश्य : 30

2

Page 3: Prem Chand ki kahaniyaa #3

एक आं�चं क� कसर

र� नैगर मा� माहाशय यश�दनैन्द क बखानै हा� रहा था। नैगर हा� मा� नैहा�, समास्ता प्रान्ता मा� उनैक� क�र्तिता$ क� जाता� था�, समाचर पत्रों' मा� टि)प्पणि,य- हा� रहा� था�, मिमात्रों�

स� प्राश-सप/,0 पत्रों' क ता-ता लग हुआ था। समाजा-स�वा इसक� कहाता� हा� ! उन्नता विवाचर क� ल�ग ऐस हा� करता� हा�। माहाशय जा� नै� शिशणिक्षाता समा:दय क मा:खा उज्जवाल कर टिदय। अब क=नै यहा कहानै� क सहास कर सकता हा� विक हामार� नै�ता क� वाल बता क� धनै� हा�, कमा क� धनै� नैहा� हा� ! माहाशय जा� चहाता� ता� अपनै� प:त्रों क� शिलए उन्हा� कमा स� कमा ब�जा हातार रूपय� दहा�जा मा� मिमालता�, उस पर खा:शमाद घाता� मा� ! मागर लल सहाब नै� शिसद्वां-ता क� समानै� धनै क� रत्ती� बरबर परवा नै क� और अपनै� प:त्रों क विवावाहा विबनै एक पई दहा�जा शिलए स्वा�कर विकय। वाहा ! वाहा ! विहाम्माता हा� ता� ऐस� हा�, शिसद्वां-ता प्रा�मा हा� ता� ऐस हा�, आदश0-पलनै हा� ता� ऐस हा� । वाहा र� सच्चे� वा�र, अपनै� माता क� सच्चे� सप/ता, ता/नै� वाहा कर टिदखाय जा� कभी� विकस� नै� विकय था। हामा बडे� गवा0 स� ता�र� समानै� मास्ताक नैवाता� हा�।

माहाशय यश�दनैन्द क� द� प:त्रों था�। बडे लडेक पढ शिलखा कर फाजिजाल हा� च:क था। उस� क विवावाहा ताय हा� रहा था और हामा द�खा च:क� हा�, विबनै क: छ दहा�जा शिलय�।

आजा क वितालक था। शहाजाहा-प:र स्वामा�दयल वितालक ल� कर आनै� वाल� था�। शहार क� ग,मान्य सज्जनै' क� विनैमान्त्रों, द� टिदय� गय� था�। वा� ल�ग जामा हा� गय� था�। माहाविफाल सजा�7 हुई था�। एक प्रावा�, शिसतारिरय अपनै क=शल टिदखाकर ल�ग� क� मा:ग्ध कर रहा था। दवाता क� समानै भी� ता�यर था ? मिमात्रोंग, यश�दनैन्द क� बधईय- द� रहा� था�।

एक माहाशय ब�ल�—ता:मानै� ता� कमाल कर टिदय !दूसर�—कमाल ! यहा कविहाए विक झण्डे� गडे टिदय�। अब ताक जिजास� द�खा मा-च पर

व्याख्यनै झडेता� हा� द�खा। जाब कमा करनै� क अवासर आता था ता� ल�ग दुमा लग ल�ता� था�।ता�सर�—क� स�-क� स� बहानै� गढ� जाता� हा�—सहाब हामा� ता� दहा�जा स� सख्ता नैफारता हा� यहा

मा�र� शिसद्वां-ता क� विवारुद्वां हा�, पर क्य करु- क्य, बच्चे� क� अम्मा�जानै नैहाX मानैता�। क�ई अपनै� बप पर फा� कता हा�, क�ई और विकस� खार0) पर।

च=था�—अजा�, विकतानै� ता� ऐस� ब�हाय हा� जा� सफा-सफा कहा द�ता� हा� विक हामानै� लडेक� क� शिशक्षा – दZक्षा मा� जिजातानै खाच0 विकय हा�, वाहा हामा� मिमालनै चविहाए। मानै� उन्हा�नै� यहा रूपय� उन्हा�नै विकस� ब[क मा� जामा विकय� था�। प-चवा�—खा/ब समाझ रहा हूं-, आप ल�ग मा:झ पर छ])� उडे रहा� हा�।इसमा� लडेक� वाल' क हा� सर द�ष हा� य लडेक� वाल' क भी� क: छ हा�।

पहाल�—लडेक� वाल' क क्य द�ष हा� शिसवा इसक� विक वाहा लडेक� क बप हा�।दूसर�—सर द�ष ईश्वर क जिजासनै� लडेविकय- प�द क` । क्य' ?प-चवा�—मा[ चयहा नैहा� कहाता। नै सर द�ष लडेक� वाल' क हा[, नै सर द�ष लडेक�

वाल' क। द�नै' क� द�ष� हा�। अगर लडेक� वाल क: छ नै द� ता� उस� यहा शिशकयता करनै� क क�ई अमिधकर नैहा� हा� विक डेल क्य' नैहा� लय�, स:-दर जा�डे� क्य' नैहा� लय�, बजा�-गजा� पर ध/माधमा क� सथा क्य' नैहा� आय� ? बताइए !

च=था�—हा-, आपक यहा प्राश्न ग=र करनै� लयक हा�। मा�र� समाझ मा� ता� ऐस� दश मा� लडेक� क� विपता स� यहा शिशकयता नै हा�नै� चविहाए।

3

Page 4: Prem Chand ki kahaniyaa #3

प-चवा�---ता� य' कविहाए विक दहा�जा क� प्राथा क� सथा हा� डेल, गहानै� और जा�डे� क� प्राथा भी� त्यज्य हा�। क� वाल दहा�जा क� मिमा)नै� क प्रायत्नै करनै व्याथा0 हा�।

यश�दनैन्द----यहा भी� Lame excuse1 हा�। मा[नै� दहा�जा नैहा� शिलय हा�।, ल�विकनै क्य डेल-गहानै� नै� ल� जाऊं- ग।

पहाल�---माहाशय आपक� बता विनैरल� हा�। आप अपनै� विगनैता� हामा दुविनैय- वाल' क� सथा क्य' करता� हा[ ? आपक स्थानै ता� द�वाताओं क� सथा हा�।

दूसर----20 हाजार क� रकमा छ�डे दZ ? क्य बता हा�। ______________________१------था�था� दल�ल

यश�दनैन्द---मा�र ता� यहा विनैश्चय हा� विक हामा� सद�वा principles 1 पर स्थिस्थार रहानै चविहाए। principal 2 क� समानै� money3 क� क�ई value4 नैहा� हा�। दहा�जा क� क: प्राथा पर मा[नै� खा:द क�ई व्याख्यनै नैहा� टिदय, शयद क�ई नै�) ताक नैहा� शिलखा। हा-, conference5 मा� इस प्रास्तावा क� second6 कर च:क हूं-। मा[ उस� ता�डेनै भी� चहूं- ता� आत्मा नै ता�डेनै� द�ग�। मा[ सत्य कहाता हूं-, यहा रूपय� ल/- ता� मा:झ� इतानै� मानैशिसक वा�दनै हा�ग� विक शयद मा[ इस आघाता स बच हा� नै सक/- ।

प-चवा�---- अब क� conference आपक� सभीपविता नै बनैय� ता� उसक घा�र अन्यय हा�।

यश�दनैन्द—मा[नै� अपनै� duty 7 कर दZउसक recognition8 हा� य नै हा�, मा:झ� इसक� परवाहा नैहा�।

इतानै� मा� खाबर हुई विक माहाशय स्वामा�दयल आ प-हुच� । ल�ग उनैक अणिभीवादनै करनै� क� ता�यर हुए, उन्हा� मासनैद पर ल विबठाय और वितालक क स-स्कर आर-म्भ हा� गय। स्वामा�दयल नै� एक ढक क� पत्तील पर नैरिरयल, स:पर�, चवाल पनै आटिद वास्ता:ए- वार क� समानै� रखाX। ब्राहृम्,' नै� मा-त्रों पढ� हावानै हुआ और वार क� माथा� पर वितालक लग टिदय गय। ता:रन्ता घार क� स्त्रिस्त्रोंय� नै� मा-गलचर, गनै श:रू विकय। यहा- पहाविफाल मा� माहाशय यश�दनैन्द नै� एक च=क� पर खाडे� हा�कर दहा�जा क� क: प्राथा पर व्याख्यनै द�नै श:रू विकय। व्याख्यनै पहाल� स� शिलखाकर ता�यर कर शिलय गय था। उन्हा�नै� दहा�जा क� ऐविताहाशिसक व्याख्य क� था�। प/वा0कल मा� दहा�जा क नैमा भी� नै था। माहाशय' ! क�ई जानैता हा� नै था विक दहा�जा य ठाहार�नै� विकस शिचविडेय क नैमा हा�। सत्य माविनैए, क�ई जानैता हा� नै था विक ठाहार=नै� हा� क्य च�जा, पश: य पक्षा�, आसमानै मा� य जामा�नै मा�, खानै� मा� य प�नै� मा� । बदशहा� जामानै� मा� इस प्राथा क� ब:-विनैयद पडे�। हामार� य:वाक स�नैओं मा� सस्त्रिम्माशिलता हा�नै� लग� । यहा वा�र ल�ग था�, स�नैओं मा� जानै गवा0 समाझता� था�। माताए- अपनै� दुलर' क� अपनै� हाथा स� शस्त्रों' स� सजा कर र,क्षा�त्रों भी�जाता� थाX। इस भीoविता य:वाक' क� स-ख्य कमा हा�नै� लग� और लडेक' क मा�ल-ता�ल श:रू हुआ। आजा यहा नै=वाता आ गय� हा� विक मा�र� इस ता:च्छ –माहाता:च्छ स�वा पर पत्रों' मा� टि)प्पणि,य- हा� रहा� हा� मानै' मा[नै� क�ई असधर, कमा विकय हा�। मा� कहाता हूं- ; अगर आप स-सर मा� जा�विवाता रहानै चहाता� हा� ता� इस प्राथा क ता:रन्ता अन्ता क�जिजाए।---------------------------------------१----शिसद्वां-ता' । २----शिसद्वां-ता 3-----धनै । 4-----मा/ल्य ।5--- सभी । 6---अनै:मा�दनै । ७ कता0व्या । ८----कदर ।

4

Page 5: Prem Chand ki kahaniyaa #3

एक माहाशय नै� श-क क�----क्य इसक अ-ता विकय� विबनै हामा सब मार जाय�ग� ?यश�दनैन्द-अगर ऐस हा�ता हा� ता� क्य प/छनै था, ल�ग� क� द-डे मिमाल जाता और

वास्तावा मा� ऐस हा�नै चविहाए। यहा ईश्वर क अत्यचर हा� विक ऐस� ल�भी�, धनै पर विगरनै� वाल�, ब:द0-फार�श, अपनै� स-तानै क विवाक्रय करनै� वाल� नैरधमा जा�विवाता हा�। और समाजा उनैक वितारस्कर नैहा� करता । मागर वाहा सब ब:द0-फार�श हा�------इत्यटिद।

व्याख्यनै बहु-ताद लम्ब ओर हास्य भीर हुआ था। ल�ग' नै� खा/ब वाहा-वाहा क� । अपनै वाक्तव्या समाप्ता करनै� क� बद उन्हा�नै� अपनै� छ�)� लडेक� परमानैन्द क�, जिजासक� अवास्था ७ वाष0 क� था�, मा-च पर खाडे विकय। उस� उन्हा�नै� एक छ�)-स व्याख्यनै शिलखाकर द� रखा था। टिदखानै चहाता� था� विक इस क: ल क� छ�)� बलक भी� विकतानै� क: शग्र ब:विद्वां हा�। सभी समाजा' मा� बलक' स� व्याख्यनै टिदलनै� क� प्राथा हा� हा�, विकस� क� क: ता/हाल नै हुआ।बलक बडे स:न्दर, हा�नैहार, हा-समा:खा था। मा:स्करता हुआ मा-च पर आय और एक जा�ब स� कगजा विनैकल कर बडे� गवा0 क� सथा उच्चे स्वार मा� पढनै� लग------

विप्राय ब-ध:वार,नैमास्कर !

आपक� पत्रों स� विवाटिदता हा�ता हा� विक आपक� मा:झ पर विवाश्वस नैहा� हा�। मा[ ईश्वर क� सक्षा� करक� धनै आपक� स�वा मा� इतानै� ग:प्ता र�विता स� पहु-च�ग विक विकस� क� ल�शमात्रों भी� सन्द�हा नै हा�ग । हा- क� वाल एक जिजाज्ञास करनै� क� धzष्टता करता हूं-। इस व्यापर क� ग:प्ता रखानै� स� आपक� जा� सम्मानै और प्राविताष्ठा – लभी हा�ग और मा�र� विनैक)वाता} मा� मा�र� जा� निंनै$द क� जाएग�, उसक� उपलक्ष्य मा� मा�र� सथा क्य रिरआयता हा�ग� ? मा�र विवानै�ता अनै:र�ध हा� विक २५ मा� स� ५ विनैकलकर मा�र� सथा न्यय विकय जाय...........।

माहाशय श्य�दनैन्द घार मा� मा�हामानै' क� शिलए भी�जानै परसनै� क आद�श करनै� गय� था�। विनैकल� ता� यहा बक्य उनैक� कनै' मा� पडे—२५ मा� स� ५ मा�र� सथा न्यय विकय क�जिजाए ।‘ च�हार फाक हा� गय, झप) कर लडेक� क� पस गय�, कगजा उसक� हाथा स� छZनै शिलय और ब=ल�--- नैलयक, यहा क्य पढ रहा हा�, यहा ता� विकस� मा:वास्थिक्कल क खाता हा� जा� उसनै� अपनै� मा:कदमा� क� बर� मा� शिलखा था। यहा ता/ कहा- स� उठा लय, श�तानै जा वाहा कगजा ल, जा� ता:झ� शिलखाकर टिदय गय था।

एक माहाशय-----पढनै� दZजिजाए, इस ताहार�र मा� जा� ल:त्फा हा�, वाहा विकस� दूसर� ताकर�र मा� नै हा�ग।

दूसर�---जादू वाहा जा� शिसर चढ क� ब�ल� !ता�सर�—अब जालस बरखास्ता क�जिजाए । मा[ ता� चल।च=था�—यहा- भी� चलता: हुए।यश�दनैन्द—ब�टिठाए-ब�टिठाए, पत्तील लगय� जा रहा� हा�।पहाल�—ब�) परमानैन्द, जार यहा- ता� आनै, ता:मानै� यहा कगजा कहा- पय ?परमानैन्द---बब/ जा� हा� ता� शिलखाकर अपनै� मा�जा क� अन्दर रखा टिदय था। मा:झस� कहा

था विक इस� पढनै। अब नैहाक मा:झस� खाफा रहा� हा�।यश�दनैन्द---- वाहा यहा कगजा था विक स:अर ! मा[नै� ता� मा�जा क� ऊंपर हा� रखा टिदय

था। ता/नै� ड्राअर मा� स� क्य' यहा कगजा विनैकल ?परमानैन्द---मा:झ� मा�जा पर नैहा� मिमाल ।

5

Page 6: Prem Chand ki kahaniyaa #3

यश�दन्नद---ता� मा:झस� क्य' नैहा� कहा, ड्राअर क्य' खा�ल ? द�खा�, आजा ऐस� खाबर ल�ता हूं- विक ता:मा भी� यद कर�ग�।

पहाल� यहा आकशवा,� हा�।दूसर�----इस क� ल�डेर� कहाता� हा� विक अपनै उल्ल/ स�ध कर� और नै�कनैमा भी� बनै�।ता�सर�----शरमा आनै� चविहाए। यहा त्यग स� मिमालता हा�, ध�खा�धडे� स� नैहा�।च=था�---मिमाल ता� गय था पर एक आ-च क� कसर रहा गय�।प-चवा�---ईश्वर प-खा-विडेय' क� य' हा� दण्डे द�ता हा�यहा कहाता� हुए ल�ग उठा खाडे� हुए। यश�दनैन्द समाझ गय� विक भी-डे फा/ ) गय, अब र-ग

नै जामा�ग। बर-बर परमानैन्द क� क: विपता नै�त्रों' स� द�खाता� था� और डे-डे ता=लकर रहा जाता� था�। इस श�तानै नै� आजा जा�ता�-जिजाताई बजा� खा� दZ, मा:-हा मा� कशिलखा लग गय�, शिसर नै�च हा� गय। ग�ल� मार द�नै� क कमा विकय हा�।

उधर रस्ता� मा� मिमात्रों-वाग0 य' टि)प्पणि,य- करता� जा रहा� था�-------एक ईश्वर नै� मा:-हा मा� क� स� कशिलमा लगय� विक हायदर हा�ग ता� अब स/रता नै

टिदखाएग।दूसर--ऐस�-ऐस� धनै�, मानै�, विवाद्वांनै ल�ग ऐस� पविताता हा� सकता� हा�। मा:झ� यहा� आश्चय0

हा�। ल�नै हा� ता� खा:ल� खाजानै� ल�, क=नै ता:म्हार हाथा पकडेता हा�; यहा क्य विक माल च:पक� -च:पक� उडेओं और यश भी� कमाओं !

ता�सर--माक्कर क मा:-हा कल !च=था—यश�दनैन्द पर दय आ रहा� हा�। ब�चर� नै� इतानै� ध/ता0ता क�, उस पर भी�

कलई खा:ल हा� गय�। बस एक आ-च क� कसर रहा गई।

6

Page 7: Prem Chand ki kahaniyaa #3

म�ता� क� ह्रदय

धवा� क� आ-खा' मा� सर स-सर अ-ध�र हा� रहा था । कई अपनै माददगर टिदखाई नै द�ता था। कहाX आश क� झलक नै था�। उस विनैध0नै घार मा� वाहा अक� ल� पडे� र�ता� था�

और क�ई आ-स/ प'छनै� वाल नै था। उसक� पविता क� मार� हुए २२ वाष0 हा� गए था�। घार मा� क�ई सम्पणित्ती नै था�। उसनै� नै- जानै� विकनै ताकल�फा' स� अपनै� बच्चे� क� पल-प�स कर बडे विकय था। वाहा� जावानै ब�) आजा उसक� ग�द स� छZनै शिलय गय था और छZनैनै� वाल� क=नै था� ? अगर माzत्य: नै� छZनै हा�ता ता� वाहा सब्रा कर ल�ता�। मा=ता स� विकस� क� द्वां�ष नैहाX हा�ता। मागर स्वार्थिथा$य' क� हाथा' यहा अत्यचर असहृ हा� रहा था। इस घा�र स-ताप क� दश मा� उसक जा� रहा-रहा कर इतानै विवाफाल हा� जाता विक इस� समाय चल/- और उस अत्यचर� स� इसक बदल ल/- जिजासनै� उस पर विनैष्ठा: र आघाता विकय हा�। मारू- य मार जाऊं- । द�नै' हा� मा� स-ता�ष हा� जाएग।

मा

विकतानै स:-दर, विकतानै हा�नैहार बलक था ! यहा� उसक� पविता क� विनैशनै�, उसक� जा�वानै क आधर उसक� अम्रं- भीर क� कमाई था�। वाहा� लडेक इस वाक्त जा�ल मा� पडे नै जानै� क्य-क्य ताकल�फा� झ�ल रहा हा�ग ! और उसक अपरध क्य था ? क: छ नैहा�। सर मा:हाल्ल उस पर जानै द�ता था। विवाधलय क� अध्यपक उस पर जानै द�ता� था�। अपनै�-ब�गनै� सभी� ता� उस� प्यर करता� था�। कभी� उसक� क�ई शिशकयता स:नैनै� मा� नैहाX आय�।ऐस� बलक क� माता हा�नै पर उस� बधई द�ता� था�। क� स सज्जनै, क� स उदर, क� स परमाथा} ! खा:द भी/खा� स� रहा� मागर क्य माजाल विक द्वांर पर आनै� वाल� अविताशिथा क� रूखा जाबब द�। ऐस बलक क्य इस य�ग्य था विक जा�ल मा� जाता ! उसक अपरध यहा� था, वाहा कभी�-कभी� स:नैनै� वाल' क� अपनै� दुखा� भीइय' क दुखाडे स:नैय करता था। अत्यचर स� प�विडेता प्राणि,य' क� मादद क� शिलए हामा�श ता�यर रहाता था। क्य यहा� उसक अपरध था?

दूसर� क� स�वा करनै भी� अपरध हा� ? विकस� अविताशिथा क� आश्रय द�नै भी� अपरध हा� ?

इस य:वाक क नैमा आत्मानै-द था। दुभी0ग्यवाश उसमा� वा� सभी� सद्गु�, था� जा� जा�ल क द्वांर खा�ल द�ता� हा�। वाहा विनैभी}क था, स्पष्टवादZ था, सहास� था, स्वाद�श-प्रा�मा� था, विनै:स्वाथा0 था, कता0व्यापरय, था। जा�लल जानै� क� शिलए इन्हाX ग:,� क� जारूरता हा�। स्वाध�नै प्राणि,य' क� शिलए वा� ग:, स्वाग0 क द्वांर खा�ल द�ता� हा�, परध�नै� क� शिलए नैरक क� ! आत्मानै-द क� स�वा-कय0 नै�, उसक� वाक्तz ताताओं नै� और उसक� रजानै�विताक ल�खा� नै� उस� सरकर� कमा0चरिरय' क� नैजार' मा� चढ टिदय था। सर प:शिलस-विवाभीग नै�च� स� ऊंपर ताक उसस� सता0क रहाता था, सबक� विनैगहा� उस पर लगX रहाता� थाX। आखिखार जिजाल� मा� एक भीय-कर डेक� नै� उन्हा� इस्थिच्छता अवासर प्रादनै कर टिदय।

आत्मानै-द क� घार क� तालश� हुई, क: छ पत्रों और ल�खा मिमाल�, जिजान्हा� प:शिलस नै� डेक� क ब�जाक शिसद्वां विकय। लगभीग २० य:वाक' क� एक )�ल� फा-स ल� गय�। आत्मानै-द इसक मा:खिखाय ठाहारय गय। शहादता� हुई । इस ब�कर� और विगरनै� क� जामानै� मा� आत्मा सस्ता� और क=नै वास्ता: हा� सकता� हा�। ब�चनै� क� और विकस� क� पस रहा हा� क्य गय हा�। नैमा मात्रों क प्राल�भीनै द�कर अच्छZ-स�-अच्छZ शहादता� मिमाल सकता� हा�, और प:शिलस क� हाथा ता� विनैकz ष्ट-स�- विनैकz ष्ट गवाविहाय- भी� द�वावा,� क माहात्वा प्राप्ता कर ल�ता� हा�। शहादता� मिमाल गयX, माहा�नै�-भीर ताक मा:कदमा क्य चल एक स्वा-ग चलता रहा और सर� अणिभीय:क्त' क� सजाए- द� दZ गयX।

7

Page 8: Prem Chand ki kahaniyaa #3

आत्मानै-द क� सबस� कठा�र द-डे मिमाल ८ वाष0 क कटिठानै करवास। माधवा� र�जा कचहार� जाता�; एक क�नै� मा� ब�ठा� सर� कय0वाई द�खा करता�।

मानैवा� चरिरत्रों विकतानै दुब0ल, विकतानै नै�च हा�, इसक उस� अब ताक अनै:मानै भी� नै हुआ था। जाब आत्मानै-द क� सजा स:नै दZ गय� और वाहा माता क� प्रा,मा करक� शिसपविहाय' क� सथा चल ता� माधवा� मा/र्थिछ$ता हा�कर विगर पडे� । द�-चर सज्जनै' नै� उस� एक ता-ग� पर ब�ठाकर घार ताक पहु-चय। जाब स� वाहा हा�श मा� आय� हा� उसक� हृदय मा� श/ल-स उठा रहा हा�। विकस� तारहा ध�य0 नैहा� हा�ता । उस घा�र आत्मा-वा�दनै क� दश मा� अब जा�वानै क एक लक्ष्य टिदखाई द�ता हा� और वाहा इस अत्यचर क बदल हा�।

अब ताक प:त्रों उसक� जा�वानै क आधर था। अब शत्रों:ओं स� बदल ल�नै हा� उसक� जा�वानै क आधर हा�ग। जा�वानै मा� उसक� शिलए क�ई आश नै था�। इस अत्यचर क बदल ल�कर वाहा अपनै जान्मा सफाल समाझग�। इस अभीग� नैर-विपशच बगच� नै� जिजास तारहा उस� रक्त क� आस/- र�लय� हा[ उस� भी-विता यहा भी� उस रूलय�ग�। नैर�-हृदय क�माल हा� ल�विकनै क� वाल अनै:क/ ल दश मा�: जिजास दश मा� प:रूष दूसर' क� दबता हा�, स्त्रों� श�ल और विवानैय क� द�वा� हा� जाता� हा�। ल�विकनै जिजासक� हाथा' मा� अपनै सवा0नैश हा� गय हा� उसक� प्राविता स्त्रों� क� प:रूष स� कमा घ्ज्ञाz, ओर क्र�ध नैहाX हा�ता अ-तार इतानै हा� हा� विक प:रूष शस्त्रों' स� कमा ल�ता हा�, स्त्रों� क=शल स� ।

र भी�गता� जाता� था� और माधवा� उठानै� क नैमा नै ल�ता� था�। उसक दु:खा प्राविताकर क� आवा�श मा� विवाल�नै हा�ता जाता था। यहा- ताक विक इसक� शिसवा उस� और विकस� बता क� यद हा� नै रहा�। उसनै� स�च, क� स� यहा कमा हा�ग? कभी� घार स� नैहाX विनैकल�।वा�धव्या क� २२ सल इस� घार क) गय� ल�विकनै अब विनैक/ ल/-गX। जाबरदस्ता� विनैकल/-ग�, णिभीखारिरनै बनै/गX, )हालनै� बनै/ग�, झ/ठा ब�ल/-ग�, सब क: कमा0 करू- ग�। सत्कमा0 क� शिलए स-सर मा� स्थानै नैहाX। ईश्वर नै� विनैरश हा�कर कदशिचता� इसक� ओर स� मा:-हा फा� र शिलय हा�। जाभी� ता� यहा- ऐस�-ऐस� अत्यचर हा�ता� हा�। और पविपय' क� दडे- नैहाX मिमालता। अब इन्हाX हाथा' स� उस� द-डे दूग�।

2ध्य क समाय था। लखानैऊं क� एक सजा� हुए ब-गल� मा� मिमात्रों' क� माहाविफाल जामा� हुई था�। गनै-बजानै हा� रहा था। एक तारफा आताशबजिजाय- रखा� हुई थाX। दूसर� कमार� मा� मा�जा'

पर खानै च:नै जा रहा था। चर' तारफा प:शिलस क� कमा0चर� नैजार आता� था� वाहा प:शिलस क� स:परिंर$)�डे�) मिमास्)र बग�च� क ब-गल हा�। कई टिदनै हुए उन्हा�नै� एक माक� क मा:कदमा जा�ता था।अफासर� नै� खा:श हा�कर उनैक� तारक्क� क� दZ था�। और उस� क� खा:श� मा� यहा उत्सवा मानैय जा रहा था। यहा- आय� टिदनै ऐस� उत्सवा हा�ता� रहाता� था�। मा:फ्ता क� गवा�य� मिमाल जाता� था�, मा:फ्ता क� अताशबजा�; फाल और मा�वा� और मिमाठाईय- आध� दमा' पर बजार स� आ जाता� थाX। और च) दवाता� हा� जाता� था�। दूसर' क� जाहा' स= लगता�, वाहा- इनैक दस स� कमा चल जाता था। द=ड़-ध/प करनै� क� शिसपविहाय' क� फा=जा था� हाX। और यहा माक� क मा:कदमा क्य था? वाहा जिजासमा� विनैरपरध य:वाक' क� बनैवा)Z शहादता स� जा�ल मा� ठा/स टिदय गय था।

स-

गनै समाप्ता हा�नै� पर ल�ग भी�जानै करनै� ब�ठा� । ब�गर क� माजादूर और पल्ल�दर जा� बजार स� दवाता और सजावा) क� समानै लय� था�, र�ता� य टिदल मा� गशिलय- द�ता� चल� गय� था�; पर एक ब:टि�य अभी� ताक द्वांर पर ब�ठा� हुई था�। और अन्य माजादूर' क� तारहा वाहा भी/नैभी:नै कर कमा नै करता� था�। हुक्मा पता� हा� खा:श-टिदल माजादूर क� तारहा हुक्मा बजा लता� था�। यहा

8

Page 9: Prem Chand ki kahaniyaa #3

माधवा� था�, जा� इस समाय माजा/रनै� क वा�ष धर, करक� अपनै घाताक स-कल्प प/र करनै� आय�। था�।

मा�हामानै चल� गय�। माहाविफाल उठा गय�। दवाता क समानै समा�) टिदय गय। चर' ओर सन्न) छ गय; ल�विकनै माधवा� अभी� ताक वाहाX ब�ठा� था�।

सहास मिमास्)र बगच� नै� प/छ—ब:ड्ढी� ता/ यहा- क्य' ब�ठा� हा�? ता:झ� क: छ खानै� क� मिमाल गय?

माधवा�—हा- हुजा/र, मिमाल गय। बगच�—ता� जाता� क्य' नैहाX? माधवा�—कहा- जाऊं- सरकर , मा�र क�ई घार-द्वांर था�ड़� हा� हा�। हुक: मा हा� ता� यहाX पडे�

रहूं-। पवा-भीर आ)� क� परवास्ता� हा� जाय हुजा:र। बगच� –नै=कर� कर�ग�?2माधवा�—क्य� नै करू- ग� सरकर, यहा� ता� चहाता� हूं-। बगच�—लड़क खिखाल सकता� हा�?माधवा�—हा- हाजा/र, वाहा मा�र� मानै क कमा हा�।बगच�—अच्छZ बता हा�। ता: आजा हा� स� रहा। जा घार मा� द�खा, जा� कमा बताय�, वाहा

कर।3

क माहा�नै ग:जार गय। माधवा� इतानै तानै-मानै स� कमा करता� हा� विक सर घार उसस� खा:श हा�। बहूं जा� क मा�जाजा बहुमा हा� शिचड़शिचड़ हा�। वाहा टिदनै-भीर खा) पर पड़� रहाता� हा� और

बता-बता पर नै=कर' पर झल्लय करता� हा�। ल�विकनै माधवा� उनैक� घा:ड़विकय' क� भी� सहाष0 सहा ल�ता� हा�। अब ताक मा:श्किश्कल स� क�ई दई एक सप्ताहा स� अमिधक ठाहार� था�। माधवा� क कल�जा हा� विक जाल�-क)Z स:नैकर भी� मा:खा पर मा�ल नैहाX आनै� द�ता�।

एमिमास्)र बगच� क� कई लड़क� हा� च:क� था�, पर यहा� सबस� छ�) बच्चे बच रहा था।

बच्चे� प�द ता� हृष्ट-पzष्ट हा�ता�, विकन्ता: जान्मा ल�ता� हा� उन्हा� एक –नै एक र�ग लग जाता था और क�ई द�-चर माहा�नै�, क�ई सल भीर जा� कर चल द�ता था। मा--बप द�नै' इस शिशश: पर प्रा, द�ता� था�। उस� जार जा:कमा भी� हा� ता� द�नै� विवाकल हा� जाता�। स्त्रों�-प:रूष द�नै� शिशणिक्षाता था�, पर बच्चे� क� रक्षा क� शिलए )�नै-)�)क , दुआता-ब�च, जान्तार-मा-तार एक स� भी� उन्हा� इनैकर नै था।

माधवा� स� यहा बलक इतानै विहाल गय विक एक क्षा, क� शिलए भी� उसक� ग�द स� नै उतारता। वाहा कहाX एक क्षा, क� शिलए चल� जाता� ता� र�-र� कर दुविनैय शिसर पर उठा ल�ता। वाहा स:लता� ता� स�ता, वाहा दूध विपलता� ता� विपता, वाहा खिखालता� ता� खा�लता, उस� क� वाहा अपनै� माता समाझता। माधवा� क� शिसवा उसक� शिलए स-सर मा� क�ई अपनै नै था। बप क� ता� वाहा टिदनै-भीर मा� क� वाल द�-नैर बर द�खाता और समाझता यहा क�ई परद�श� आदमा� हा�। मा- आलस्य और कमाजार� क� मार� ग�द मा� ल�कर )हाल नै सकता� था�। उस� वाहा अपनै� रक्षा क भीर स-भीलनै� क� य�ग्य नै समाझता था, और नै=कर-चकर उस� ग�द मा� ल� ल�ता� ता� इतानै� वा�दद� स� विक उसक� क�माल अ-ग� मा� प�ड़ हा�नै� लगता� था�। क�ई उस� ऊंपर उछल द�ता था, यहा- ताक विक अब�ध शिशश: क कल�जा मा:-हा क� आ जाता था। उनै सब' स� वाहा डेरता था। क� वाल माधवा� था� जा� उसक� स्वाभीवा क� समाझता� था�। वाहा जानैता� था� विक कब क्य करनै� स� बलक प्रासन्न हा�ग। इसशिलए बलक क� भी� उसस� प्रा�मा था।

9

Page 10: Prem Chand ki kahaniyaa #3

माधवा� नै� समाझय था, यहा- क- चनै बरसता हा�ग; ल�विकनै उस� द�खाकर विकतानै विवास्माय हुआ विक बडे� मा:श्किश्कल स� माहा�नै� क खाच0 प/र पडेता हा�। नै=कर� -ं स� एक-एक प�स� क विहासब शिलय जाता था और बहुध आवाश्यक वास्ता:ए- भी� )ल दZ जाता� थाX। एक टिदनै माधवा� नै� कहा—बच्चे� क� शिलए क�ई ता�जा गड़� क्य' नैहाX मा-गवा द�ताX। ग�द मा� उसक� ब� मार� जाता� हा�।

मिमास�जा बगजा� नै� क: ठिंठा$ता हा�कर कहा—कहा- स� मागवा- दू-? कमा स� कमा ५०-६० रुपय- मा� आय�ग�। इतानै� रुपय� कहा- हा�?

माधवा�—मालविकनै, आप भी� ऐस कहाता� हा�! मिमास�जा बगच�—झ/ठा नैहाX कहाता�। बब/ जा� क� पहाल� स्त्रों� स� प-च लड़विकय- और हा�।

सब इस समाय इलहाबद क� एक स्क/ ल मा� पढ रहा� हा[। बड़� क� उम्रं १५-१६ वाष0 स� कमा नै हा�ग�। आध वा�तानै ता� उधर हा� चल जाता हा�। विफार उनैक� शदZ क� भी� ता� विफाक्र हा�। प-च� क� विवावाहा मा� कमा-स�-कमा २५ हाजार लग�ग�। इतानै� रूपय� कहा- स� आय�ग�। मा� चिंच$ता क� मार� मार� जाता� हूं-। मा:झ� क�ई दूसर� ब�मार� नैहाX हा� क� वाल चिंच$ता क र�ग हा�।

माधवा�—घा/स भी� ता� मिमालता� हा�।मिमास�जा बगच�—ब/�Z, ऐस� कमाई मा� बरकता नैहाX हा�ता�। यहा� क्य' सच प/छ� ता� इस�

घा/स नै� हामार� यहा दुग0ता� कर रखा� हा�। क्य जानै� और' क� क� स� हाजामा हा�ता� हा�। यहा- ता� जाब ऐस� रूपय� आता� हा� ता� क�ई-नै-क�ई नै:कसनै भी� अवाश्य हा� जाता हा�। एक आता हा� ता� द� ल�कर जाता हा�। बर-बर मानै करता� हूं-, हारमा क� क=ड़� घार मा� नै लय कर�, ल�विकनै मा�र� क=नै स:नैता हा�।

बता यहा था� विक माधवा� क� बलक स� स्नै�हा हा�ता जाता था। उसक� अमा-गल क� कल्पनै भी� वाहा नै कर सकता� था�। वाहा अब उस� क� नैXद स�ता� और उस� क� नैXद जागता� था�। अपनै� सवा0नैश क� बता यद करक� एक क्षा, क� शिलए बगच� पर क्र�ध ता� हा� आता था और घावा विफार हार हा� जाता था; पर मानै पर क: स्थित्सता भीवा� -ं क आमिधपत्य नै था। घावा भीर रहा था, क� वाल ठा�स लगनै� स� दद0 हा� जाता था। उसमा� स्वा-य )Zस य जालनै नै था�। इस परिरवार पर अब उस� दय आता� था�। स�चता�, ब�चर� यहा छZनै-झप) नै कर� ता� क� स� ग:जार हा�। लड़विकय' क विवावाहा कहा- स� कर�ग�! स्त्रों� क� जाब द�खा� ब�मार हा� रहाता� हा�। उनै पर बब/ जा� क� एक ब�ताल शरब भी� र�जा चविहाए। यहा ल�ग स्वाय- अभीग� हा�। जिजासक� घार मा� ५-५क्वार� कन्यए- हा', बलक हा�-हा� कर मार जाता� हा', घारनै� द ब�मार रहाता� हा�, स्वामा� शरब क ताल� हा�, उस पर ता� य' हा� ईश्वर क क�प हा�। इनैस� ता� मा[ अभीविगनै हा� अच्छZ!

४ब0ल बलक' क� शिलए बरसता ब:र� बल हा�। कभी� खा-स� हा�, कभी� ज्वार, कभी� दस्ता। जाब हावा मा� हा� श�ता भीर� हा� ता� क�ई कहा- ताक बचय�। माधवा� एक टिदनै आपनै� घार चल�

गय� था�। बच्चे र�नै� लग ता� मा- नै� एक नै=कर क� टिदय, इस� बहार बहाल ल। नै=कर नै� बहार ल� जाकर हार�-हार� घास पर ब�ठा टिदय,। पनै� बरस कर विनैकल गय था। भी/मिमा ग�ल� हा� रहा� था�। कहाX-कहाX पनै� भी� जामा हा� गय था। बलक क� पनै� मा� छपक� लगनै� स� ज्यद प्यर और क=नै खा�ल हा� सकता हा�। खा/ब प्रा�मा स� उमा-ग-उमा-ग कर पनै� मा� ल�)नै� लग- नै=कर ब�ठा और आदमिमाय' क� सथा गप-शप करता घा-)� ग:जार गय�। बच्चे� नै� खा/ब सद� खाय�। घार आय ता� उसक� नैक बहा रहा� थाX रता क� माधवा� नै� आकर द�खा ता� बच्चे खा-स रहा था। आध� रता क� कर�ब उसक� गल� स� खा:रखा:र क� आवाजा विनैकलनै� लग�। माधवा� क कल�जा सनै स�

दु

10

Page 11: Prem Chand ki kahaniyaa #3

हा� गय। स्वामिमानै� क� जागकर ब�ल�—द�खा� ता� बच्चे� क� क्य हा� गय हा�। क्य सद�-वाद� ता� नैहाX लग गय�। हा-, सद� हा� माल/मा हा�ता� हा�।

स्वामिमानै� हाकबक कर उठा ब�ठा� और बलक क� खा:रखारहा) स:नै� ता� प-वा ताल�जामा�नै विनैकल गयX यहा भी-यकर आवाजा उसनै� कई बर स:नै� था� और उस� खा/ब पहाचनैता� था�। व्याग्र हा�कर ब�ल�—जार आग जालओ। था�ड़-स ता-ग आ गय�। आजा कहार जार द�र क� शिलए बहार ल� गय था, उस� नै� सद� मा� छ�ड़ टिदय हा�ग।

सर� रता द'नै� बलक क� स�कता� रहाX। विकस� तारहा सवा�र हुआ। मिमास्)र बगच� क� खाबर मिमाल� ता� स�ध� डेक्)र क� यहा- द=ड़�। खा�रिरयता इतानै� था� विक जाल्द एहावितायता क� गय�। ता�नै टिदनै मा� अच्छ हा� गय; ल�विकनै इतानै दुब0ल हा� गय था विक उस� द�खाकर डेर लगता था। सच प/छ' ता� माधवा� क� तापस्य नै� बलक क� बचय-। माता-विपता स� जाता, निंक$ता: माधवा� क� आ-खा' मा� नैXद नै था�। खानै-प�नै ताक भी/ल गय�। द�वाताओं क� मानै=विताय- करता� था�, बच्चे� क� बलए- ल�ता� था�, विबल्क: ल पगल हा� गय� था�, यहा वाहा� माधवा� हा� जा� अपनै� सवा0नैश क बदल ल�नै� आय� था�। अपकर क� जागहा उपकर कर रहा� था�।विवाष विपलनै� आय� था�, स:ध विपल रहा� था�। मानै:ष्य मा� द�वाता विकतानै प्राबल हा�!

प्राता:कल क समाय था। मिमास्)र बगच� शिशश: क� झ/ल� क� पस ब�ठा� हुए था�। स्त्रों� क� शिसर मा� प�ड़ हा� रहा� था�। वाहाX चरपई पर ल�)Z हुई था� और माधवा� समा�प ब�ठा� बच्चे� क� शिलए दुध गरमा कर रहा� था�। सहास बगच� नै� कहा—ब/�Z, हामा जाब ताक जिजाय�ग� ता:म्हार यश गय�ग�। ता:मानै� बच्चे� क� जिजाल शिलय-

स्त्रों�—यहा द�वा� बनैकर हामार कष्ट विनैवार, करनै� क� शिलए आ गय�। यहा नै हा�ता� ता� नै जानै� क्य हा�ता। ब/�Z, ता:मास� मा�र� एक विवानैता� हा�। य' ता� मारनै जा�नै प्रारब्ध क� हाथा हा�, ल�विकनै अपनै-अपनै प=र भी� बड़� च�जा हा�। मा[ अभीविगनै� हूं-। अबक� ता:म्हार� हा� प:ण्य-प्राताप स� बच्चे स-भील गय। मा:झ� डेर लग रहा हा� विक ईश्वर इस� हामार� हाथा स� छZनै नै� ल�। सच कहाताX हूं- ब/�Z, मा:झ� इसक ग�द मा� ल�ता� डेर लगता हा[। इस� ता:मा आजा स� अपनै बच्चे समाझ�। ता:म्हार हा�कर शयद बच जाय। हामा अभीग� हा[, हामार हा�कर इस पर विनैत्य क�ई-नै-क�ई स-क) आता रहा�ग। आजा स� ता:मा इसक� माता हा� जाआ। ता:मा इस� अपनै� घार ल� जाओ। जाहा- चहा� ल� जाओ, ता:म्हार� ग'द मा� द�र मा:झ� विफार क�ई चिंच$ता नै रहा�ग�। वास्तावा मा� ता:म्हाX इसक� माता हा�, मा� ता� रक्षास� हूं-।

माधवा�—बहूं जा�, भीगवानै� सब क: शल कर�ग�, क्य' जा� इतानै छ�) करता� हा�?मिमास्)र बगच�—नैहाX-नैहाX ब/�Z माता, इसमा� क�ई हारजा नैहाX हा�। मा� माश्किस्ताष्क स� ता�

इनै ब-ता� क� ढक�सल हा� समाझता हूं-; ल�विकनै हृदय स� इन्हा� दूर नैहाX कर सकता। मा:झ� स्वाय- मा�र� माता जा�नै� एक धविबनै क� हाथा ब�च टिदय था। मा�र� ता�नै भीई मार च:क� था�। मा� जा� बच गय ता� मा--बप नै� समाझ ब�चनै� स� हा� इसक� जानै बच गय�। ता:मा इस शिशश: क� पल�-पस�। इस� अपनै प:त्रों समाझ�। खाच0 हामा बरबर द�ता� रहा�ग�। इसक� क�ई चिंच$ता माता करनै। कभी� –कभी� जाब हामार जा� चहा�ग, आकर द�खा शिलय कर�ग�। हामा� विवाश्वस हा� विक ता:मा इसक� रक्षा हामा ल'ग' स� कहाX अच्छZ तारहा कर सकता� हा�। मा[ क: कमा} हूं-। जिजास प�श� मा� हूं-, उसमा� क: कमा0 विकय� बग�र कमा नैहाX चल सकता। झ/ठा� शहादता� बनैनै� हा� पड़ता� हा�, विनैरपरध' क� फा- सनै हा� पड़ता हा�। आत्मा इतानै� दुब0ल हा� गय� हा� विक प्राल�भीनै मा� पड़ हा� जाता हूं-। जानैता हा� हूं- विक ब:रई क फाल ब:र हा� हा�ता हा�; पर परिरस्थिस्थाविता स� माजाब/र हूं-। अगर नै करू- ता� आजा नैलयक बनैकर विनैकल टिदय जाऊं- । अग्र�जा हाजार' भी/ल� कर�, क�ई नैहाX प/छता। विहानैदूस्तानै� एक

11

Page 12: Prem Chand ki kahaniyaa #3

भी/ल भी� कर ब�ठा� ता� सर� अफासर उसक� शिसर हा� जाता� हा�। निंहा$दुस्ताविनैयता क� द�ष मिमा)नै� क� शिलए विकतानै� हा� ऐस� बता� करनै� पड़ता� हा� जिजानैक अग्र�जा क� टिदल मा� कभी� ख्यल हा� नैहाX प�द हा� सकता। ता� ब�ल�, स्वा�कर करता� हा�?

माधवा� गद्गुद� हा�कर ब�ल�—बब/ जा�, आपक� इच्छ हा� ता� मा:झस� भी� जा� क: छ बनै पडे�ग, आपक� स�वा कर दू-गX भीगवानै� बलक क� अमार कर�, मा�र� ता� उनैस� यहा� विवानैता� हा�।

माधवा� क� ऐस माल/मा हा� रहा था विक स्वाग0 क� द्वांर समानै� खा:ल� हा[ और स्वाग0 क� द�विवाय- अ-चल फा� ल-फा� ल कर आश�वा0द द� रहा� हा[, मानै� उसक� अ-तास्ताल मा� प्राकश क� लहार�-स� उठा रहाX हा�। स्नै�हामाय स�वा मा� विक विकतानै� श-विता था�।

बलक अभी� ताक चदर ओ�� स� रहा था। माधवा� नै� दूध गरमा हा� जानै� पर उस� झ/ल� पर स� उठाय, ता� शिचल्ल पड़�। बलक क� द�हा ठा-डे� हा� गय� था� और मा:-हा पर वाहा प�लपनै आ गय था जिजास� द�खाकर कल�जा विहाल जाता हा�, क- ठा स� आहा विनैकल आता� हा� और आ-खा' स� आस/- बहानै� लगता� हा[। जिजासनै� इस� एक बर द�खा हा� विफार कभी� नैहाX भी/ल सकता। माधवा� नै� शिशश: क� ग'द स� शिचप) शिलय, हालनिंक$ नै�च� उतार द�नै चविहाए था।

क: हारमा माच गय। मा- बच्चे� क� गल� स� लगय� र�ता� था�; पर उस� जामा�नै पर नै स:लता� था�। क्य बता� हा� रहा� रहा� थाX और क्य हा� गय। मा=ता क� ध�खा द�नै� मा� आन्नद आता हा�। वाहा उस वाक्त कभी� नैहाX आता� जाब ल�ग उसक� रहा द�खाता� हा�ता� हा[। र�ग� जाब स-भील जाता हा�, जाब वाहा पथ्य ल�नै� लगता हा�, उठानै�-ब�ठानै� लगता हा�, घार-भीर खा:शिशय- मानैनै� लगता हा�, सबक' विवाश्वस हा� जाता हा� विक स-क) )ल गय, उस वाक्त घाता मा� ब�ठा� हुई मा=ता शिसर पर आ जाता� हा�। यहा� उसक� विनैठा:र ल�ल हा�।

आशओं क� बग लगनै� मा� हामा विकतानै� क: शल हा[। यहा- हामा रक्त क� ब�जा ब�कर स:ध क� फाल खाता� हा[। अखिग्नै स� प=ध' क� सXचकर श�ताल छ-हा मा� ब�ठाता� हा[। हा-, मा-द ब:जि¡।

टिदनै भीर मातामा हा�ता रहा; बप र�ता था, मा- ताड़पता� था� और माधवा� बर�-बर� स� द�नै� क� समाझता� था�।यटिद अपनै� प्रा, द�कर वाहा बलक क� जिजाल सकता� ता� इस समाय अपनै धन्य भीग समाझता�। वाहा अविहाता क स-कल्प करक� यहा- आय� था� और आजा जाब उसक� मानै�कमानै प/र� हा� गय� और उस� खा:श� स� फा/ ल नै समानै चविहाए था, उस उसस� कहाX घा�र प�ड़ हा� रहा� था� जा� अपनै� प:त्रों क� जा�ल यत्रों मा� हुई था�। रूलनै� आय� था� और खा:द रता� जा रहाX था�। माता क हृदय दय क आगर हा�। उस� जालओ ता� उसमा� दय क� हा� स:ग-ध विनैकलता� हा�, प�स� ता� दय क हा� रस विनैकलता हा�। वाहा द�वा� हा�। विवापणित्ती क� क्र/ र ल�लए- भी� उस स्वाच्छ विनैमा0ल स्रो�ता क� माशिलनै नैहाX कर सकताX।

12

Page 13: Prem Chand ki kahaniyaa #3

पर�क्षा�

टिदरशहा क� स�नै मा� टिदल्ल� क� कत्ल�आमा कर रखा हा�। गशिलय' मा� खा/नै क� नैटिदय- बहा रहा� हा[। चर� तारफा हाहाकर माच हुआ हा�। बजार ब-द हा�। टिदल्ल� क� ल�ग घार' क�

द्वांर ब-द विकय� जानै क� खा�र मानै रहा� हा�। विकस� क� जानै सलमाता नैहाX हा�। कहाX घार' मा� आग लग� हुई हा�, कहाX बजार ल:) रहा हा�; क�ई विकस� क� फारिरयद नैहाX स:नैता। रईस' क� ब�गमा� माहाल� स� विनैकल� जा रहा� हा� और उनैक� ब�हुरता� क� जाता� हा�। ईरनै� शिसपविहाय' क� रक्त विपपस विकस� तारहा नैहाX ब:झता�। मानैवा हृदय क� क्र/ रता, कठा�रता और प�शशिचकता अपनै विवाकरलतामा रूप धर, विकय� हुए हा�। इस� समाय नैटिदर शहा नै� बदशहा� माहाल मा� प्रावा�श विकय।

नै

टिदल्ल� उनै टिदनै' भी�ग-विवालस क� क� द्र बनै� हुई था�। सजावा) और ताकल्ल:फा क� समानै' स� रईस' क� भीवानै भीर� रहाता� था�। स्त्रिस्त्रोंय' क� बनैवा-शिसग-र क� शिसवा क�ई कमा नै था। प:रूष' क� स:खा-भी�ग क� शिसवा और क�ई शिचन्ता नै था�। रजा�नैविता क स्थानै श�र�-शयर� नै� ल� शिलय था। समास्ता प्रान्ता� स� धनै खिंखा$च-खिंखा$च कर टिदल्ल� आता था। और पनै� क� भी-विता बहाय जाता था। वा�श्यओं क� चद] था�। कहाX ता�तार' क� जा�ड़ हा�ता� था�, कहाX ब)�र� और ब:लब:ल' क� पशिलय- ठानैता� थाX। सर नैगर विवालस –विनैद्र मा� माग्नै था। नैटिदरशहा शहा� माहाल मा� पहु-च ता� वाहा- क समानै द�खाकर उसक� आ-खा� खा:ल गयX। उसक जान्मा दरिरद्र-घार मा� हुआ था। उसक समासता जा�वानै र,भी/मिमा मा� हा� क) था। भी�ग विवालस क उस� चसक नै लग था। कहा- र,-क्षा�त्रों क� कष्ट और कहा- यहा स:खा-सम्रंज्य। जिजाधर आ-खा उठाता� था�, उधर स� हा)नै� क नैमा नै ल�ता� था�।

स-ध्य हा� गय� था�। नैटिदरशहा अपनै� सरदर' क� सथा माहाल क� स�र करता और अपनै� पस-द क� सच�जा' क� ब)�रता हुआ दZवानै�-खास मा� आकर करच�ब� मासनैद पर ब�ठा गय, सरदर' क� वाहा- स� चल� जानै� क हुक्मा द� टिदय, अपनै� सबहाशिथायर रखा टिदय� और माहाल क� दरग क� ब:लकर हुक्मा टिदय—मा� शहा� ब�गमा' क नैच द�खानै चहाता हूं-। ता:मा इस� वाक्त उनैक� स:-दर वास्त्रोंभी/ष,' स� सजाकर मा�र� समानै� लओं खाबरदर, जार भी� द�र नै हा�! मा� क�ई उज्र य इनैकर नैहाX स:नै सकता।

२र�ग नै� यहा नैटिदरशहा� हुक्मा स:नै ता� हा�श उड़ गय�। वाहा माविहालए- जिजानै पर स/य0 क� दृटि) भी� नैहाX पड़� क� स� इस माजाशिलस मा� आय�ग�! नैचनै� क ता� कहानै हा� क्य! शहा�

ब�गमा' क इतानै अपमानै कभी� नै हुआ था। हा नैरविपशच! टिदल्ल� क� खा/नै स� र-ग कर भी� ता�र शिचत्ती श-ता नैहाX हुआ। मागर नैटिदरशहा क� सम्मा:खा एक शब्द भी� जाबनै स� विनैकलनै अखिग्नै क� मा:खा मा� क/ दनै था! शिसर झ:ककर आदग लय और आकर रविनैवास मा� सब वा�गमा' क� नैदZरशहा� हुक्मा स:नै टिदय; उसक� सथा हा� यहा इत्त्ल भी� द� दZ विक जार भी� ताम्मा:ल नै हा� , नैटिदरशहा क�ई उज्र य विहाल नै स:नै�ग! शहा� खानैद�नै पर इतानै� बड़� विवापणित्ती कभी� नैहाX पड़�; पर अस समाय विवाजाय� बदशहा क� आज्ञा क� शिशर�धय0 करनै� क� शिसवा प्रा,-रक्षा क अन्य क�ई उपय नैहाX था।

ब�गमा' नै� यहा आज्ञा स:नै� ता� हाताब:जि¡-स� हा� गयX। सर�रविनैवास मा� मातामा-स छ गय। वाहा चहाल-पहाल गयब हा� गयX। स�कडे� हृदय' स� इस सहायता-यचक ल�चनै' स�

13

Page 14: Prem Chand ki kahaniyaa #3

द�खा, विकस� नै� खा:द और रस/ल क स:मिमारनै विकय; पर ऐस� एक माविहाल भी� नै था� जिजासक� विनैगहा क)र य तालवार क� तारफा गय� हा�। यद्यप� इनैमा� विकतानै� हा� ब�गमा' क� नैस' मा� रजाप/ताविनैय' क रक्त प्रावाविहाता हा� रहा था; पर इ-टिद्रयशिलप्स नै� जा=हार क� प:रनै� आग ठा-डे� कर दZ था�। स:खा-भी�ग क� ललस आत्मा सम्मानै क सवा0नैश कर द�ता� हा�। आपस मा� सलहा करक� माय0द क� रक्षा क क�ई उपय स�चनै� क� मा:हालता नै था�। एक-एक पल भीग्य क विनै,0य कर रहा था। हाताश क विनै,0य कर रहा था। हाताश हा�कर सभी� ललपओं नै� पप� क� सम्मा:खा जानै� क विनैश्चय विकय। आ-खा' स� आस/- जार� था�, अश्र:-चिंस$शिचता नै�त्रों' मा� स:रमा लगय जा रहा था और श�क-व्याशिथाता हृदय- पर स:ग-ध क ल�प विकय जा रहा था। क�ई क� श ग:-थाताX था�, क�ई मा-ग� मा� मा�विताय' विपर�ता� था�। एक भी� ऐस� पक्क� इरद� क� स्त्रों� नै था�, जा� इश्वर पर अथावा अपनै� )�क पर, इस आज्ञा क उल्ल-घानै करनै� क सहास कर सक� ।

एक घा-) भी� नै ग:जारनै� पय था विक ब�गमाता प/र�-क� -प/र�, आभी/ष,' स� जागमागताX, अपनै� मा:खा क� क-विता स� ब�ल� और ग:लब क� कशिलय' क� लजाताX, स:ग-ध क� लप)� उड़ता�, छमाछमा करता� हुई दZवानै�-खास मा� आकर दनैटिदरशहा क� समानै� खाड़� हा� गयX।

३टिदर शहा नै� एक बर कनैखिखाय' स� परिरय' क� इस दल क� द�खा और ताब मासनैद क� )�क लगकर ल�) गय। अपनै� तालवार और क)र समानै� रखा दZ। एक क्षा, मा�

उसक� आ-खा� झपकनै� लगX। उसनै� एक अगड़ई ल� और करवा) बदल ल�। जार द�र मा� उसक� खार0)' क� अवाजा� स:नैय� द�नै� लगX। ऐस जानै पड़ विक गहार� विनैद्र मा� माग्नै हा� गय हा�। आध घा-)� ताक वाहा स�ता रहा और ब�गमा� ज्य' क� त्य' शिसर विनैच विकय� दZवार क� शिचत्रों' क� भी-विता खाड़� रहाX। उनैमा� द�-एक माविहालए- जा� ढZठा थाX, घा/घा-) क� ओ) स� नैटिदरशहा क� द�खा भी� रहाX थाX और आपस मा� दब� जाबनै मा� कनैफा/ स� कर रहा� थाX—क� स भी-यकर स्वारूप हा�! विकतानै� र,�न्माता आ-खा� हा�! विकतानै भीर� शर�र हा�! आदमा� कहा� क� हा�, द�वा हा�।

नै

सहास नैटिदरशहा क� आ-खा� खा:ल गई परिरय' क दल प/वा0वाता� खाड़ था। उस� जागता� द�खाकर ब�गमा' नै� शिसर नै�च� कर शिलय� और अ-ग समा�) कर भी�ड़� क� भी-विता एक दूसर� स� मिमाल गयX। सबक� टिदल धड़क रहा� था� विक अब यहा जाशिलमा नैचनै�-गनै� क� कहा�ग, ताब क� स� हा�ग! खा:द इस जाशिलमा स� समाझ�! मागर नैच ता� नै जाय�ग। चहा� जानै हा� क्य' नै जाय। इसस� ज्यद जिजाल्लता अब नै सहा� जायग�।

सहास नैटिदरशहा कठा�र शब्द' मा� ब�ल—ऐ खा:द क� ब-टिदय�, मा�नै� ता:म्हार इम्ताहानै ल�नै� क� शिलए ब:लय था और अफास�स क� सथा कहानै पड़ता हा� विक ता:म्हार� विनैसबता मा�र जा� ग:मानै था, वाहा हाफा0 -ब-हाफा0 सच विनैकल। जाब विकस� क=मा क� औरता' मा� ग�रता नैहाX रहाता� ता� वाहा क=मा मा:रद हा� जाता� हा�।

द�खानै चहाता था विक ता:मा ल�ग' मा� अभी� क: छ ग�रता बक� हा� य नैहाX। इसशिलए मा�नै� ता:म्हा� यहा- ब:लय था। मा� ता:माहार� ब�हुरमाल� नैहाX करनै चहाता था। मा[ इतानै ऐश क ब-द नैहाX हूं- , वारनै आजा भी�ड़� क� गल्ल� चहाता हा�ता। नै इतानै हावासपरस्ता हूं-, वारनै आजा फारस मा� सर�द और शिसतार क� तानै� स:नैता हा�ता, जिजासक माजा मा� निंहा$दुस्तानै� गनै� स� कहाX ज्यद उठा सकता हूं-। मा:झ� शिसफा0 ता:म्हार इम्ताहानै ल�नै था। मा:झ� यहा द�खाकर सच मालल हा� रहा हा� विक ता:मामा� ग�रता क जा=हार बक� नै रहा। क्य यहा मा:माविकनै नै था विक ता:मा मा�र� हुक्मा क� प�र' ताल� क: चल द�ताX? जाब ता:मा यहा- आ गयX ता� मा�नै� ता:म्हा� एक और मा=क टिदय। मा�नै� नैXद क बहानै विकय। क्य यहा मा:माविकनै नै था विक ता:मामा� स� क�ई खा:द क� ब-दZ इस क)र क�

14

Page 15: Prem Chand ki kahaniyaa #3

उठाकर मा�र� जिजागर मा� च:भी द�ता�। मा� कलमा�पक क� कसमा खाकर कहाता हूं- विक ता:मामा� स� विकस� क� क)र पर हाथा रखाता� द�खाकर मा:झ� ब�हाद खा:श� हा�ता�, मा� उनै नैजा:क हाथा' क� समानै� गरदनै झ:क द�ता! पर अफास�स हा� विक आजा ता�मा/र� खानैदनै क� एक ब�)Z भी� यहा- ऐस� नैहाX विनैकल� जा� अपनै� हुरमाता विबगड़नै� पर हाथा उठाता�! अब यहा सल्लतानैता जिंजा$द नैहाX रहा सकता�। इसक� हासता� क� टिदनै विगनै� हुए हा[। इसक विनैशनै बहुता जाल्द दुविनैय स� मिमा) जाएग। ता:मा ल�ग जाओ और हा� सक� ता� अब भी� सल्तानैता क� बचओ वारनै इस� तारहा हावास क� ग:लमा� करता� हुए दुविनैय स� रुखासता हा� जाओग�।

15

Page 16: Prem Chand ki kahaniyaa #3

ता�तार

खिखार वाहा� हुआ जिजासक� आ-शक था�; जिजासक� चिंच$ता मा� घार क� सभी� ल�ग और विवाष�शता: प्रास/ता पड़� हुई था�। ता�नै� प:त्रों� क� पश्चता� कन्य क जान्मा हुआ। माता

स=र मा� स/खा गय�, विपता बहार आ-गनै मा� स/खा गय�, और क� वाz¡ माता स=र द्वांर पर स/खा गय�। अनैथा0, माहाअनैथा0 भीगवानै� हा� क: शल कर� ता� हा�? यहा प:त्रों� नैहाX रक्षास� हा�। इस अभीविगनै� क� इस� घार मा� जानै था! आनै था ता� क: छ टिदनै पहाल� क्य' नै आय�। भीगवानै� सतावा� शत्रों: क� घार भी� ता�तार क जान्मा नै द�।

विपता क नैमा था प-विड़ता दमा�दरदत्ती। शिशणिक्षाता आदमा� था�। शिशक्षा-विवाभीग हा� मा� नै=कर भी� था�; मागर इस स-स्कर क� क� स� मिमा) द�ता�, जा� परम्पर स� हृदय मा� जामा हुआ था, विक ता�सर� ब�)� क� प�ठा पर हा�नै� वाल� कन्य अभीविगनै� हा�ता� हा�, य विपता क� ल�ता� हा� य विपता क�, य अपनै� क'। उनैक� वाz¡ माता लग� नैवाजाता कन्य क� पनै� प�-प� कर क�सनै�, कलमा:-हा� हा�, कलमा:हा�! नै जानै� क्य करनै� आय� हा[ यहा-। विकस� ब-झ क� घार जाता� ता� उसक� टिदनै विफार जाता�!

दमा�दरदत्ती टिदल मा� ता� घाबरय� हुए था�, पर माता क� समाझनै� लग�—अम्मा ता�तार-ब�तार क: छ नैहाX, भीगवानै� क� इच्छ हा�ता� हा�, वाहा� हा�ता हा�। ईश्वर चहा�ग� ता� सब क: शल हा� हा�ग; गनै�वाशिलय' क� ब:ल ल�, नैहाX ल�ग कहा�ग�, ता�नै ब�)� हुए ता� क� स� फा/ ल� विफारता� थाX, एक ब�)Z हा� गय� ता� घार मा� क: हारमा माच गय।

माता—अर� ब�), ता:मा क्य जानै� इनै बता' क�, मा�र� शिसर ता� ब�ता च:क� हा[, प्रा, नैहाX मा� समाय हुआ हा[ ता�तार हा� क� जान्मा स� ता:म्हार� दद क द�हा-ता हुआ। ताभी� स� ता�तार क नैमा स:नैता� हा� मा�र कल�जा क-प उठाता हा�।

दमा�दर—इस कष्ट क� विनैवार, क भी� क�ई उपय हा�ग?माता—उपय बतानै� क� ता� बहुता हा[, प-विडेता जा� स� प/छ� ता� क�ई-नै-क�ई उपय बता

द�ग�; पर इसस� क: छ हा�ता नैहाX। मा[नै� क=नै-स� अनै:ष्ठानै नैहाX विकय�, पर प-विडेता जा� क� ता� मा:टि¬य- गरमा हुईं, यहा- जा� शिसर पर पड़नै था, वाहा पड़ हा� गय। अब )क� क� प-विडेता रहा गय� हा[, जाजामानै मार� य जिजाय� उनैक� बल स�, उनैक� दणिक्षा, मिमालनै� चविहाए। (ध�र� स�) लकड़� दुबल�-पताल� भी� नैहाX हा�। ता�नै' लकड़' स� हृष्ट-प:ष्ट हा�। बड़�-बड़� आ-खा� हा�, पताल�-पताल� लल-लल ओंठा हा[, जा�स� ग:लब क� पत्ती�। ग�र-शिचट्टा र-ग हा[, लम्ब�-स� नैक। कलमा:हा� नैहालता� समाय र�य� भी� नैहाX, ):क: र):क: र ताकता� रहा�, यहा सब लच्छनै क: छ अच्छ� था�ड़� हा� हा�।

दमा�दरदत्ती क� ता�नै' लड़क� स-वाल� था�, क: छ विवाश�ष रूपवानै भी� नै था�। लड़क� क� रूप क बखानै स:नैकर उनैक शिचत्ती क: छ प्रासन्न हुआ। ब�ल�—अम्मा जा�, ता:मा भीगवानै� क नैमा ल�कर गनै�वाशिलय' क� ब:ल भी�जा', गनै-बजानै हा�नै� द�। भीग्य मा� जा� क: छ हा[, वाहा ता� हा�ग हा�।

माता-जा� ता� हुलसता नैहाX, करू- क्य?दमा�दर—गनै नै हा�नै� स� कष्ट क विनैवार, ता� हा�ग नैहाX, विक हा� जाएग? अगर

इतानै� सस्ता� जानै छ/ )� ता� नै करओ गनै।माता—ब:लय� ल�ता� हूं- ब�), जा� क: छ हा�नै था वाहा ता� हा� गय। इतानै� मा� दई नै� स=र मा�

स� प:कर कर कहा—बहूंजा� कहाता� हा[ गनैवानै करनै� क कमा नैहाX हा�।

16

Page 17: Prem Chand ki kahaniyaa #3

माता—भील उनैस� कहा� च:प ब�ठा� रहा�, बहार विनैकलकर मानैमानै� कर�ग�, बरहा हा� टिदनै हा[ बहुता टिदनै नैहाX हा�; बहुता इतारता� विफारता� था�—यहा नै करू- ग�, वाहा नै करू- ग�, द�वा� क्य हा[, मारद' क� बता� स:नैकर वाहा� र) लगनै� लग� थाX, ता� अब च:पक� स� ब�ठाता� क्य� नैहाX। मा[ ता� ता�तार क� अश:भी नैहाX मानैताX, और सब बता' मा� मा�मा' क� बरबर� करता� हा[ ता� इस बता मा� भी� कर�।

यहा कहाकर माता जा� नै� नैइनै क� भी�जा विक जाकर गनै�वाशिलय' क� ब:ल ल, पड़�स मा� भी� कहाता� जानै।

सवा�र हा�ता� हा� बड़ लड़क स� कर उठा और आ-खा� मालता हुआ जाकर ददZ स� प/छनै� लग—बड़� अम्मा, कल अम्मा क� क्य हुआ?

माता—लड़क� ता� हुई हा�।बलक खा:श� स� उछलकर ब�ल—ओ-हा�-हा� प�जाविनैय- पहानै-पहानै कर छ: नै-छ: नै

चल�ग�, जार मा:झ� टिदखा द� ददZ जा�?माता—अर� क्य स=र मा� जायग, पगल हा� गय हा� क्य? लड़क� क� उत्स:कता नै मानैX। स=र क� द्वांर पर जाकर खाड़ हा� गय और ब�ल—

अम्मा जार बच्चे� क� मा:झ� टिदखा द�।दई नै� कहा—बच्चे� अभी� स�ता� हा�।बलक—जार टिदखा द�, ग�द मा� ल�कर।दई नै� कन्य उस� टिदखा दZ ता� वाहा- स� द=ड़ता हुआ अपनै� छ�)� भीइय� क� पस पहु-च

और उन्हा� जाग-जाग कर खा:शखाबर� स:नैय�।एक ब�ल—नैन्हाX-स� हा�ग�।बड़—विबलक: ल नैन्हाX स�! जा�स� बड़� ग:विड़य! ऐस� ग�र� हा� विक क्य विकस� सहाब क�

लड़क� हा�ग�। यहा लड़क� मा[ ल/-ग।सबस� छ�) ब�ल—अमाक� ब� टिदक द�।ता�नै' मिमालकर लड़क� क� द�खानै� आय� और वाहा- स� बगल� बजाता� उछलता�-क/ दता� बहार

आय�।बड़—द�खा क� स� हा�!मा-झल—क� स� आ-खा� ब-द विकय� पड़� था�।छ�)—हामा� हामा� ता� द�नै।बड़—खा/ब द्वांर पर बरता आय�ग�, हाथा�, घा�ड़�, बजा� आताशबजा�। मा-झल और

छ�) ऐस� माग्नै हा� रहा� था� मानै� वाहा मानै�हार दृश्य आ-खा� क� समानै� हा�, उनैक� सरल नै�त्रों मानै�ल्लस स� चमाक रहा� था�।

मा-झल ब�ल—फा: लवारिरय- भी� हा'ग�।छ�)—अमा ब� प/ल ल�ग�!

२¬Z भी� हुई, बरहा� भी� हुई, गनै-बजानै, खानै-विपलनै-द�नै-टिदलनै सब-क: छ हुआ; पर रस्मा प/र� करनै� क� शिलए, टिदल स� नैहाX, खा:श� स� नैहाX। लड़क� टिदनै-टिदनै दुब0ल और

अस्वास्था हा�ता� जाता� था�। मा- उस� द�नै' वाक्त अफा�मा खिखाल द�ता� और बशिलक टिदनै और रता क� नैश� मा� ब�हा�श पड़� रहाता�। जार भी� नैश उतारता ता� भी/खा स� विवाकल हा�कर र�नै� लगता�! मा- क: छ ऊंपर� दूध विपलकर अफा�मा खिखाल द�ता�। आश्चय0 क� बता ता� यहा था� विक अब क� उसक�

छ17

Page 18: Prem Chand ki kahaniyaa #3

छता� मा� दूध नैहाX उतार। य' भी� उस� दूध द� स� उतारता था; पर लड़क' क� ब�र उस� नैनै प्राकर क� दूधवा¡0क औषमिधय- खिखालय� जाता�, बर-बर शिशश: क� छता� स� लगय जाता, यहा- ताक विक दूध उतार हा� आता था; पर अब क� यहा आय�जानैए- नै क� गयX। फा/ ल-स� बच्चे� क: म्हालता� जाता� था�। मा- ता� कभी� उसक� ओर ताकता� भी� नै था�। हा-, नैइनै कभी� च:)विकय- बजाकर च:माकरता� ता� शिशश: क� मा:खा पर ऐस� दयनै�य, ऐस� करू, ब�दनै अ-विकता टिदखाय� द�ता� विक वाहा आ-खा� प'छता� हुई चल� जाता� था�। बहु स� क: छ कहानै�-स:नैनै� क सहास नै पड़ता। बड़ लड़क शिस¡� बर-बर कहाता—अम्मा, बच्चे� क� द� ता� बहार स� खा�ल लऊं- । पर मा- उस� जिझड़क द�ता� था�।

ता�नै-चर माहा�नै� हा� गय�। दमा�दरदत्ती रता क� पनै� प�नै� उठा� ता� द�खा विक बशिलक जाग रहा� हा�। समानै� ताखा पर मा�ठा� ता�ल क दZपक जाल रहा था, लड़क� )क)क� ब-ध� उस� दZपक क� ओर द�खाता� था�, और अपनै अ-ग/ठा च/सनै� मा� माग्नै था�। च:भी-च:भी क� आवाजा आ रहा� था�। उसक मा:खा मा:रझय हुआ था, पर वाहा नै र�ता� था� नै हाथा-प�र फा� कता� था�, बस अ-ग/ठा प�नै� मा� ऐस� माग्नै था� मानै' उसमा� स:ध-रस भीर हुआ हा�। वाहा माता क� स्तानै' क� ओर मा:-हा भी� नैहाX फा� रता� था�, मानै� उसक उनै पर क�ई अमिधकर हा� नैहाX, उसक� शिलए वाहा- क�ई आश नैहाX। बब/ सहाब क� उस पर दय आय�। इस ब�चर� क मा�र� घार जान्मा ल�नै� मा� क्य द�ष हा�? मा:झ पर य इसक� माता पर क: छ भी� पड़�, उसमा� इसक क्य अपरध हा�? हामा विकतानै� विनैद0यता कर रहा� हा[ विक क: छ कस्थिल्पता अविनैष्ट क� कर, इसक इतानै वितारस्कर कर रहा� हा�। मानै' विक क: छ अमा-गल हा� भी� जाय ता� क्य उसक� भीय स� इसक� प्रा, ल� शिलय� जाय�ग�। अगर अपरध� हा� ता� मा�र प्रारब्ध हा�। इस नैन्हा�-स� बच्चे� क� प्राविता हामार� कठा�रता क्य ईश्वर क� अच्छZ लगता� हा�ग�? उन्हा�नै� उस� ग�द मा� उठा शिलय और उसक मा:खा च/मानै� लग�। लड़क� क� कदशिचता� पहाल� बर सच्चे� स्नै�हा क ज्ञानै हुआ। वाहा हाथा-प�र उछल कर ‘ग/--ग/-’ करनै� लग� और दZपक क� ओर हाथा फा� लनै� लग�। उस� जा�वानै-ज्य�विता-स� मिमाल गय�।

प्राता:कल दमा�दरदत्ती नै� लड़क� क� ग�द मा� उठा शिलय और बहार लय�। स्त्रों� नै� बर-बर कहा—उस� पड़� रहानै� द�। ऐस� क=नै-स� बड़� स:न्दर हा�, अभीविगनै रता-टिदनै ता� प्रा, खाता� रहाता� हा[, मार भी� नैहाX जाता� विक जानै छ/ ) जाय; निंक$ता: दमा�दरदत्ती नै� नै मानै। उस� बहार लय� और अपनै� बच्चे' क� सथा ब�ठाकर खा�लनै� लग�। उनैक� माकनै क� समानै� था�ड़�-स� जामा�नै पड़� हुई था�। पड़�स क� विकस� आदमा� क� एकबकर� उसमा� आकर चर करता� था�। इस समाय भी� वाहा चर रहा� था�। बब/ सहाब नै� बड़� लड़क� स� कहा—शिस¡° जार उस बकर� क� पकड़�, ता� इस� दूध विपलय�, शयद भी/खा� हा� ब�चर�! द�खा�, ता:म्हार� नैन्हाX-स� बहानै हा� नै? इस� र�जा हावा मा� खा�लय कर�।

शिस¡� क� टिदल्लग� हाथा आय�। उसक छ�) भीई भी� द=ड़। द�नै� नै� घा�र कर बकर� क� पकड़ और उसक कनै पकड़� हुए समानै� लय�। विपता नै� शिशश: क मा:-हा बकर� थानै मा� लग टिदय। लड़क� च:बलनै� लग� और एक क्षा, मा� दूध क� धर उसक� मा:-हा मा� जानै� लग�, मानै� टि)माटि)माता� दZपक मा� ता�ल पड़ जाय�। लड़क� क मा:-हा खिखाल उठा। आजा शयद पहाल� बर उसक� क्षा:ध ताzप्ता हुई था�। वाहा विपता क� ग�द मा� हुमाक-हुमाक कर खा�लनै� लग�। लड़क' नै� भी� उस� खा/ब नैचय-क: दय।

उस टिदनै स� शिस¡� क� मानै'रजानै क एक नैय विवाषय मिमाल गय। बलक' क� बच्चे' स� बहुता प्रा�मा हा�ता हा�। अगर विकस� घा'सनैल� मा� शिचविड़य क बच्चे द�खा पय- ता� बर-बर वाहा- जाय�ग�। द�खा�ग� विक माता बच्चे� क� क� स� दनै च:गता� हा�। बच्चे क� स� च'च खा�लता हा[। क� स�

18

Page 19: Prem Chand ki kahaniyaa #3

दनै ल�ता� समाय पर' क� फाड़फाड़कर कर च�-च� करता हा�। आपस मा� बड़� गम्भ�र भीवा स� उसक� चरच कर�ग�, उपनै� अन्य सशिथाय' क� ल� जाकर उस� टिदखाय�ग�। शिस¡° ताक मा� लग द�ता, कभी� टिदनै मा� द�-द� ता�नै-ता�नै ब विपलता। बकर� क� भी/स� च�कर खिखालकर ऐस परच शिलय विक वाहा स्वाय- च�कर क� ल�भी स� चल� आता� और दूध द�कर चल� जाता�। इस भी-विता क�ई एक माहा�नै ग:जार गय, लड़क� हृष्ट-प:ष्ट हा� गय�, मा:खा प:ष्प क� समानै विवाकशिसता हा� गय। आ-खा� जाग उठा±, शिशश:कल क� सरल आभी मानै क� हारनै� लग�।

माता उसक� द�खा-द�खा कर चविकता हा�ता� था�। विकस� स� क: छ कहा ता� नै सकता�; पर टिदल मा� आश-क हा�ता� था� विक अब वाहा मारनै� क� नैहाX, हामाX ल�ग' क� शिसर जाय�ग�। कदशिचता� ईश्वर इसक� रक्षा कर रहा� हा[, जाभी� ता� टिदनै-टिदनै विनैखारता� आता� हा�, नैहाX, अब ताक ईश्वर क� घार पहु-च गय� हा�ता�।

३गर ददZ माता स� कहाX जायद चिंच$विताता था�। उस� भ्रमा हा�नै� लग विक वाहा बच्चे� क� खा/ब दूध विपल रहा� हा[, स-प क� पल रहा� हा�। शिशश: क� ओर आ-खा उठाकर भी� नै द�खाता�।

यहा- ताक विक एक टिदनै कहा ब�ठा�—लड़क� क बड़ छ�हा करता� हा�? हा- भीई, मा- हा� विक नैहाX, ता:मा नै छ�हा कर�ग�, ता� कर�ग क=नै?

मा‘अम्मा जा�, ईश्वर जानैता� हा[ जा� मा[ इस� दूध विपलता� हा�ऊं- ?’‘अर� ता� मा[ मानै था�ड़� हा� करता� हूं-, मा:झ� क्य गरजा पड़� हा� विक मा:फ्ता मा� अपनै� ऊंपर

पप ल/-, क: छ मा�र� शिसर ता� जाय�ग� नैहाX।’‘अब आपक� विवाश्वस हा� नै आय� ता� क्य कर�?’‘मा:झ� पगल समाझता� हा�, वाहा हावा प�-प� कर ऐस� हा� रहा� हा�?’‘भीगवानै� जानै� अम्मा, मा:झ� ता� अचरजा हा�ता हा�।’बहूं नै� बहुता विनैद³विषता जाताय�; निंक$ता: वाz¡ सस क� विवाश्वस नै आय। उसनै� समाझ,

वाहा मा�र� श-क क� विनैमा/0ल समाझता� हा�, मानै' मा:झ� इस बच्चे� स� क�ई ब�र हा�। उसक� मानै मा� यहा भीवा अ-क: रिरता हा�नै� लग विक इस� क: छ हा� जा�य� ताब यहा समाझ� विक मा[ झ/ठा नैहाX कहाता� था�। वाहा जिजानै प्राणि,य' क� अपनै� प्रा,' स� भी� अमिधक समाझता� थाX। उन्हाX ल�ग' क� अमा-गल कमानै करनै� लग�, क� वाल इसशिलए विक मा�र� श-कए- सत्य हा जाय-। वाहा यहा ता� नैहाX चहाता� था� विक क�ई मार जाय; पर इतानै अवाश्य चहाता� था� विक विकस� क� बहानै� स� मा[ च�ता दू- विक द�खा, ता:मानै� मा�र कहा नै मानै, यहा उस� क फाल हा�। उधर सस क� ओर स� ज्य�-ज्य' यहा द्वां�ष-भीवा प्राक) हा�ता था, बहूं क कन्य क� प्राविता स्नै�हा ब�ता था। ईश्वर स� मानैता� रहाता� था� विक विकस� भी-विता एक सल क: शल स� क) जाता ता� इनैस� प/छता�। क: छ लड़क� क भी�ल-भील च�हार, क: छ अपनै� पविता क प्रा�मा-वात्सल्य द�खाकर भी� उस� प्रा�त्सहानै मिमालता था। विवाशिचत्रों दश हा� रहा� था�, नै टिदल खा�लकर प्यर हा� कर सकता� था�, नै सम्प/,0 र�विता स� विनैद0य हा�ता� हा� बनैता था। नै हा-सता� बनैता था नै र�ता�।

इस भी-विता द� माहा�नै� और ग:जार गय� और क�ई अविनैष्ट नै हुआ। ताब ता� वाz¡ ससवा क� प�) मा� च/हा� द=ड़नै� लग�। बहूं क� द�-चर टिदनै ज्वार भी� नैहाX जाता विक मा�र� श-क क� माय0द रहा जाय�। प:त्रों भी� विकस� टिदनै प�रगड़� पर स� नैहाX विगर पड़ता, नै बहूं क� मा�क� हा� स� विकस� क� स्वाग0वास क� स:नैवानै� आता� हा�। एक टिदनै दमा�दरदत्ती नै� खा:ल� ता=र पर कहा भी� टिदय विक अम्मा, यहा सब ढक�सल हा�, ता�ता�र लड़विकय- क्य दुविनैय मा� हा�ता� हा� नैहाX, ता� सब क� सब मा--बप मार हा� जाता� हा�? अ-ता मा� उसनै� अपनै� श-कओं क� यथाथा0 शिस¡ करनै� क� एक तारक�ब

19

Page 20: Prem Chand ki kahaniyaa #3

स�च विनैकल�। एक टिदनै दमा�दरदत्ती स्क/ ल स� आय� ता� द�खा विक अम्मा जा� खा) पर अच�ता पड़� हुई हा[, स्त्रों� अ-ग�ठा� मा� आग रखा� उनैक� छता� स�क रहा� हा[ और क�ठार� क� द्वांर और खिखाड़विकय- ब-द हा�। घाबर कर कहा—अम्मा जा�, क्य दश हा�?

स्त्रों�—द�पहार हा� स� कल�जा� मा� एक श/ल उठा रहा हा�, ब�चर� बहुता ताड़फा रहा� हा�।दमा�दर—मा[ जाकर डे´क्)र सहाब क� ब:ल लऊं- नै.? द�र करनै� स� शयद र�ग ब� जाय। अम्मा जा�, अम्मा जा� क� स� ताविबयता हा�?

माता नै� आ-खा� खा�लX और करहाता� हुए ब�ल�—ब�) ता:मा आ गय�?अब नै बच/-ग�, हाय भीगवानै�, अब नै बच/-ग�। जा�स� क�ई कल�जा� मा� बरछZ च:भी रहा हा�। ऐस� प�ड़ कभी� नै हुई था�। इतानै� उम्रं ब�ता गय�, ऐस� प�ड़ कभी� नै हुई।

स्त्रों�—वाहा कलमा:हा� छ�कर� नै जानै� विकस मानैहूंस घाड़� मा� प�द हुई।सस—ब�), सब भीगवानै करता� हा�, यहा ब�चर� क्य जानै�! द�खा� मा[ मार जाऊं- ता� उस�

कश्) माता द�नै। अच्छ हुआ मा�र� शिसर आयX विकस� कक� शिसर ता� जाता� हा�, मा�र� हा� शिसर सहा�। हाय भीगवानै, अब नै बच/-ग�।

दमा�दर—जाकर डे´क्)र ब:ल लऊं- ? अभ्भी� ल=) आता हूं-।माता जा� क� क� वाल अपनै� बता क� माय0द विनैभीनै� था�, रूपय� नै खाच्र करनै� था�,

ब�ल�—नैहाX ब�), डे´क्)र क� पस जाकर क्य कर�ग�? अर�, वाहा क�ई ईश्वर हा�। डे´क्)र क� पस जाकर क्य कर�ग�? अर�, वाहा क�ई ईश्वर हा�। डे´क्)र अमाzता विपल द�ग, दस-ब�स वाहा भी� ल� जाय�ग! डे´क्)र-वा�द्य स� क: छ नै हा�ग। ब�), ता:मा कपड़� उतार�, मा�र� पस ब�ठाकर भीगवाता प��। अब नै बच/-ग�। अब नै बच/-ग�, हाय रमा!

दमा�दर—ता�तार ब:र� च�जा हा�। मा[ समाझता था विक ढक�सल हा�।स्त्रों�—इस� स� मा[ उस� कभी� नैहाX लगता� था�।माता—ब�), बच्चे' क� आरमा स� रखानै, भीगवानै ता:मा ल�ग' क� स:खा� रखा�। अच्छ

हुआ मा�र� हा� शिसर गय�, ता:मा ल�ग' क� समानै� मा�र परल�क हा� जाय�ग। कहाX विकस� दूसर� क� शिसर जाता� ता� क्य हा�ता रमा! भीगवानै� नै� मा�र� विवानैता� स:नै ल�। हाय! हाय!!

दमा�दरदत्ती क� विनैश्चय हा� गय विक अब अम्मा नै बच�ग�। बड़ दु:खा हुआ। उनैक� मानै क� बता हा�ता� ता� वाहा मा- क� बदल� ता�तार क� नै स्वा�कर करता�। जिजास जानैनै� नै� जान्मा टिदय, नैनै प्राकर क� कष्ट झ�लकर उनैक पलनै-प�ष, विकय, अकल वा�धव्या क� प्राप्ता हा�कर भी� उनैक� शिशक्षा क प्राब-ध विकय, उसक� समानै� एक दुधमा:हाX बच्चे� क कय मा/ल्य था, जिजासक� हाथा क एक विगलस पनै� भी� वाहा नै जानैता� था�। श�कता:र हा� कपड़� उतार� और मा- क� शिसरहानै� ब�ठाकर भीगवाता क� कथा स:नैनै� लग�।

रता क� बहूं भी�जानै बनैनै� चल� ता� सस स� ब�ल�—अम्मा जा�, ता:म्हार� शिलए था�ड़ स सब/दनै छ�ड़ दू-?

माता नै� व्या-ग्य करक� कहा—ब�)Z, अन्य विबनै नै मार�, भील सब/दनै मा:झस� खाय जाय�ग; जाओं, था�ड़� प/रिरय- छनै ल�। पड़�-पड़� जा� क: छ इच्छ हा�ग�, खा ल/-ग�, कच=रिरय- भी� बनै ल�नै। मारता� हूं- ता� भी�जानै क� तारस-तारस क्य' मारू- । था�ड़� मालई भी� मा-गवा ल�नै, च=क क� हा�। विफार था�ड़� खानै� आऊं- ग� ब�)Z। था�ड़�-स� क� ल� मा-गवा ल�नै, कल�जा� क� दद0 मा� क� ल� खानै� स� आरमा हा�ता हा�।

भी�जानै क� समाय प�ड़ श-ता हा� गय�; ल�विकनै आध घा-)� बद विफार जा�र स� हा�नै� लग�। आध� रता क� समाय कहाX जाकर उनैक� आ-खा लग�। एक सप्ताहा ताक उनैक� यहा� दश रहा�,

20

Page 21: Prem Chand ki kahaniyaa #3

टिदनै-भीर पड़� करहा करताX बस भी�जानै क� समाय जार वा�दनै कमा हा� जाता�। दमा�दरदत्ती शिसरहानै� ब�ठा� प-खा झलता� और माता·विवाय�ग क� आगता श�क स� र�ता�। घार क� माहार� नै� मा:हाल्ल�-भीर मा� एक खाबर फा� ल दZ; पड़�शिसनै� द�खानै� आयX, ता� सर इलजामा बशिलक क� शिसर गय।

एक नै� कहा—यहा ता� कहा� बड़� क: शल हुई विक ब:टि�य क� शिसर गय�; नैहाX ता� ता�तार मा--बप द� मा� स� एक क� ल�कर ताभी� श-ता हा�ता� हा�। द�वा नै कर� विक विकस� क� घार ता�तार क जान्मा हा�।

दूसर� ब�ल�—मा�र� ता� ता�तार क नैमा स:नैता� हा� र�य� खाड़� हा� जाता� हा�। भीगवानै� ब-झ रखा� पर ता�तार क जान्मा नै द�।

एक सप्ताहा क� बद वाz¡ क कष्ट विनैवार, हुआ, मारनै� मा� क�ई कसर नै था�, वाहा ता� कहा' प:रूखाओं क प:ण्य-प्राताप था। ब्राह्म,' क� ग�दनै टिदय गय। दुग0-पठा हुआ, ताब कहाX जाक� स-क) क)।

21

Page 22: Prem Chand ki kahaniyaa #3

नै�र�श्य

जा आदमा� अपनै� स्त्रों� स� इसशिलए नैरजा रहाता� हा[ विक उसक� लड़विकय- हा� क्य' हा�ता� हा[, लड़क� क्य' नैहाX हा�ता�। जानैता� हा[ विक इनैमा� स्त्रों� क� द�ष नैहाX हा�, य हा� ता� उतानै हा�

जिजातानै मा�र, विफार भी� जाब द�खिखाए स्त्रों� स� रूठा� रहाता� हा[, उस� अभीविगनै� कहाता� हा[ और सद�वा उसक टिदल दुखाय करता� हा[। विनैरुपमा उन्हा� अभीविगनै� स्त्रिस्त्रोंय' मा� था� और घामा-डे�लल वित्रोंपठा� उन्हाX अत्यचर� प:रुष' मा�। विनैरुपमा क� ता�नै ब�टि)य- लगतार हुई थाX और वाहा सर� घार क� विनैगहा' स� विगर गय� था�। सस-सस:र क� अप्रासन्नता क� ता� उस� विवाश�ष चिंच$ता नै था�, वाहा प:रनै� जामानै� क� ल�ग था�, जाब लड़विकय- गरदनै क ब�झ और प/वा0जान्मा' क पप समाझ� जाता� थाX। हा-, उस� दु:खा अपनै� पविताद�वा क� अप्रासन्नता क था जा� प��-शिलखा� आदमा� हा�कर भी� उस� जाल�-क)Z स:नैता� रहाता� था�। प्यर करनै ता� दूर रहा, विनैरुपमा स� स�ध� मा:-हा बता नै करता�, कई-कई टिदनै' ताक घार हा� मा� नै आता� और आता� ता� क: छ इस तारहा खिंखा$च�-तानै� हुए रहाता� विक विनैरुपमा थार-थार क-पता� रहाता� था�, कहाX गरजा नै उठा� । घार मा� धनै क अभीवा नै था; पर विनैरुपमा क� कभी� यहा सहास नै हा�ता था विक विकस� समान्य वास्ता: क� इच्छ भी� प्राक) कर सक� । वाहा समाझता� था�, मा� यथाथा0 मा� अभीविगनै� हूं-, नैहाX ता� भीगवानै� मा�र� क�खा मा� लड़विकय- हा� रचता�। पविता क� एक माzदु मा:स्कनै क� शिलए, एक मा�ठा� बता क� शिलए उसक हृदय ताड़प कर रहा जाता था। यहा- ताक विक वाहा अपनै� लड़विकय' क� प्यर करता� हुए सक: चता� था� विक ल�ग कहा�ग�, प�ताल क� नैथा पर इतानै ग:मानै करता� हा�। जाब वित्रोंपठा� जा� क� घार मा� आनै� क समाय हा�ता ता� विकस�-नै-विकस� बहानै� स� वाहा लड़विकय' क� उनैक� आ-खा' स� दूर कर द�ता� था�। सबस� बड़� विवापणित्ती यहा था� विक वित्रोंपठा� जा� नै� धमाक� दZ था� विक अब क� कन्य हुई ता� घार छ�ड़कर विनैकल जाऊं- ग, इस नैरक मा� क्षा,-भीर नै ठाहारू- ग। विनैरुपमा क� यहा चिंच$ता और भी� खाय� जाता� था�।

वाहा मा-गल क व्रता रखाता� था�, रविवावार, विनैजा0ल एकदस� और नै जानै� विकतानै� व्रता करता� था�। स्नैनै-प/जा ता� विनैत्य क विनैयमा थां; पर विकस� अनै:ष्ठानै स� मानै�कमानै नै प/र� हा�ता� था�। विनैत्य अवाहा�लनै, वितारस्कर, उप�क्षा, अपमानै सहाता�-सहाता� उसक शिचत्ती स-सर स� विवारक्त हा�ता जाता था। जाहा- कनै एक मा�ठा� बता क� शिलए, आ-खा� एक प्रा�मा-दृमिष्ट क� शिलए, हृदय एक आचिंल$गनै क� शिलए तारस कर रहा जाय�, घार मा� अपनै� क�ई बता नै प/छ� , वाहा- जा�वानै स� क्य' नै अरुशिच हा� जाय?

एक टिदनै घा�र विनैरश क� दश मा� उसनै� अपनै� बड़� भीवाजा क� एक पत्रों शिलखा। एक-एक अक्षार स� असह्य वा�दनै )पक रहा� था�। भीवाजा नै� उत्तीर टिदय—ता:म्हार� भी�य जाल्द ता:म्हा� विवाद करनै� जाय�ग�। यहा- आजाकल एक सच्चे� माहात्मा आय� हुए हा[ जिजानैक आश}वाद कभी� विनैष्फाल नैहाX जाता। यहा- कई स-तानैहा�नै स्त्रिस्त्रोंय- उनैक आश}वाद स� प:त्रोंवाता� हा� गयX। प/,0 आश हा� विक ता:म्हा� भी� उनैक आश}वाद कल्य,कर� हा�ग।

विनैरुपमा नै� यहा पत्रों पविता क� टिदखाय। वित्रोंपठा� जा� उदस�नै भीवा स� ब�ल�—सzमिष्ट-रचनै माहात्माओं क� हाथा क कमा नैहाX, ईश्वर क कमा हा�।

विनैरुपमा—हा-, ल�विकनै माहात्माओं मा� भी� ता� क: छ शिसजि¡ हा�ता� हा�।घामा-डे�लल—हा- हा�ता� हा�, पर ऐस� माहात्माओं क� दश0नै दुल0भी हा[।विनैरुपमा—मा[ ता� इस माहात्मा क� दश0नै करु- ग�।

22

Page 23: Prem Chand ki kahaniyaa #3

घामा-डे�लल—चल� जानै।विनैरुपमा—जाब ब-जिझनै' क� लड़क� हुए ता� मा[ क्य उनैस� भी� गय�-ग:जार� हूं-।घामा-डे�लल—कहा ता� टिदय भीई चल� जानै। यहा करक� भी� द�खा ल�। मा:झ� ता� ऐस

माल/मा हा�ता हा�, प:त्रों क मा:खा द�खानै हामार� भीग्य मा� हा� नैहाX हा�।2

ई टिदनै बद विनैरुपमा अपनै� भीई क� सथा मा�क� गय�। ता�नै' प:वित्रोंय- भी� सथा थाX। भीभी� नै� उन्हा� प्रा�मा स� गल� लगकर कहा, ता:म्हार� घार क� आदमा� बड़� विनैद0य� हा[। ऐस� ग:लब –

फा/ ल' क�-स� लड़विकय- पकर भी� ताकदZर क� र�ता� हा[। य� ता:म्हा� भीर� हा' ता� मा:झ� द� द�। जाब नैनैद और भीवाजा भी�जानै करक� ल�)] ता� विनैरुपमा नै� प/छ—वाहा माहात्मा कहा- रहाता� हा[?

कभीवाजा—ऐस� जाल्दZ क्य हा�, बता दू-ग�।विनैरुपमा—हा� नैग�च हा� नै?भीवाजा—बहुता नैग�च। जाब कहा�ग�, उन्हा� ब:ल दू-ग�।विनैरुपमा—ता� क्य ता:मा ल�ग' पर बहुता प्रासन्न हा[?भीवाजा—द�नै' वाक्त यहाX भी�जानै करता� हा[। यहाX रहाता� हा[।विनैरुपमा—जाब घार हा� मा� वा�द्य ता� मारिरय� क्य'? आजा मा:झ� उनैक� दश0नै कर द�नै।भीवाजा—भी�) क्य द�ग�?विनैरुपमा—मा[ विकस लयक हूं-?भीवाजा—अपनै� सबस� छ�)Z लड़क� द� द�नै।विनैरुपमा—चल�, गल� द�ता� हा�।भीवाजा—अच्छ यहा नै सहा�, एक बर उन्हा� प्रा�माचिंल$गनै करनै� द�नै।विनैरुपमा—चल�, गल� द�ता� हा�।भीवाजा—अच्छ यहा नै सहा�, एक बर उन्हा� प्रा�माचिंल$गनै करनै� द�नै।विनैरुपमा—भीभी�, मा:झस� ऐस� हा-स� कर�ग� ता� मा[ चल� आऊं- ग�।भीवाजा—वाहा माहात्मा बड़� रशिसय हा[।विनैरुपमा—ता� च/ल्हा� मा� जाय-। क�ई दुष्ट हा�ग।भीवाजा—उनैक आश}वाद ता� इस� शता0 पर मिमाल�ग। वाहा और क�ई भी�) स्वा�कर हा�

नैहाX करता�।विनैरुपमा—ता:मा ता� य' बता� कर रहा� हा� मानै� उनैक� प्राविताविनैमिध हा�।भीवाजा—हा-, वाहा यहा सब विवाषय मा�र� हा� द्वांर ताय विकय करता� हा[। मा[ भी�) ल�ता� हूं-। मा[

हा� आश}वाद द�ता� हूं-, मा[ हा� उनैक� विहाताथा0 भी�जानै कर ल�ता� हूं-।विनैरुपमा—ता� यहा कहा� विक ता:मानै� मा:झ� ब:लनै� क� शिलए यहा हा�ल विनैकल हा�।भीवाजा—नैहाX, उनैक� सथा हा� ता:म्हा� क: छ ऐस� ग:र दू-ग� जिजासस� ता:मा अपनै� घार आरमा

स� रहा।इसक� बद द�नै' सखिखाय' मा� कनैफा/ स� हा�नै� लग�। जाब भीवाजा च:प हुई ता� विनैरुपमा

ब�ल�—और जा� कहाX विफार क्य हा� हुई ता�?भीवाजा—ता� क्य? क: छ टिदनै ता� श-विता और स:खा स� जा�वानै क)�ग। यहा टिदनै ता� क�ई

ल=) नै ल�ग। प:त्रों हुआ ता� कहानै हा� क्य, प:त्रों� हुई ता� विफार क�ई नैय� य:शिक्त विनैकल� जाय�ग�। ता:म्हार� घार क� जा�स� अक्ल क� दुश्मानै' क� सथा ऐस� हा� चल� चलनै� स� ग:जार हा�।

विनैरुपमा—मा:झ� ता� स-क�च माल/मा हा�ता हा�।

23

Page 24: Prem Chand ki kahaniyaa #3

भीवाजा—वित्रोंपठा� जा� क� द�-चर टिदनै मा� पत्रों शिलखा द�नै विक माहात्मा जा� क� दश0नै हुए और उन्हा'नै� मा:झ� वारदनै टिदय हा�। ईश्वर नै� चहा ता� उस� टिदनै स� ता:म्हार� मानै-प्राविताष्ठा हा�नै� लग�। घामा-डे� द=ड़� हुए आय�ग� और ताम्हार� ऊंपर प्रा, विनैछवार कर�ग�। कमा-स�-कमा सल भीर ता� च�नै क� वा-श� बजानै। इसक� बद द�खा� जाय�ग�।

विनैरुपमा—पविता स� कप) करू- ता� पप नै लग�ग?भीवाजा—ऐस� स्वार्थिथा$य' स� कप) करनै प:ण्य हा�।

3नै चर माहा�नै� क� बद विनैरुपमा अपनै� घार आय�। घामा-डे�लल उस� विवाद करनै� गय� था�। सलहाजा नै� माहात्मा जा� क र-ग और भी� च�खा कर टिदय। ब�ल�—ऐस ता� विकस� क�

द�खा नैहाX विक इस माहात्मा जा� नै� वारदनै टिदय हा� और वाहा प/र नै हा� गय हा�। हा-, जिजासक भीग्य फा/ ) जाय� उस� क�ई क्य कर सकता हा�।

ता�घामा-डे�लल प्रात्यक्षा ता� वारदनै और आश}वाद क� उप�क्षा हा� करता� रहा�, इनै बता' पर

विवाश्वस करनै आजाकल स-क�चजानैक माल/मा हा�ता हा; पर उनैक� टिदल पर असर जारूर हुआ।विनैरुपमा क� खावितारदरिरय- हा�नै� श:रू हुईं। जाब वाहा गभी0वाता� हुई ता� सबक� टिदल' मा�

नैय�-नैय� आशए- विहाल�र� ल�नै� लग�। सस जा� उठाता� गल� और ब�ठाता� व्या-ग्य स� बता� करता� थाX अब उस� पनै क� तारहा फा� रता�—ब�)Z, ता:मा रहानै� द�, मा[ हा� रस�ई बनै ल/-ग�, ता:म्हार शिसर दुखानै� लग�ग। कभी� विनैरुपमा कलस� क पनै� य चरपई उठानै� लगता� ता� सस द=ड़ता�—बहूं,रहानै� द�, मा[ आता� हूं-, ता:मा क�ई भीर� च�जा माता उठाय कर। लड़विकय' क� बता और हा�ता� हा�, उनै पर विकस� बता क असर नैहाX हा�ता, लड़क� ता� गभी0 हा� मा� मानै करनै� लगता� हा[। अब विनैरुपमा क� शिलए दूध क उठा=नै विकय गय, जिजासस� बलक प:ष्ट और ग�र हा�। घामा-डे� वास्त्रोंभी/ष,' पर उतारू हा� गय�। हार माहा�नै� एक-नै-एक नैय� च�जा लता�। विनैरुपमा क जा�वानै इतानै स:खामाय कभी� नै था। उस समाय भी� नैहाX जाब नैवा�ल� वाध/ था�।

माहा�नै� ग:जारनै� लग�। विनैरूपमा क� अनै:भी/ता लक्षा,' स� विवाटिदता हा�नै� लग विक यहा कन्य हा� हा�; पर वाहा इस भी�द क� ग:प्ता रखाता� था�। स�चता�, सवानै क� ध/प हा�, इसक क्य भीर�स जिजातानै� च�जा ध/प मा� स:खानै� हा� स:खा ल�, विफार ता� घा) छय�ग� हा�। बता-बता पर विबगड़ता�। वाहा कभी� इतानै� मानैश�ल नै था�। पर घार मा� क�ई च/- ताक नै करता विक कहाX बहूं क टिदल नै दुखा�, नैहाX बलक क� कष्ट हा�ग। कभी�-कभी� विनैरुपमा क� वाल घारवाल' क� जालनै� क� शिलए अनै:ष्ठानै करता�, उस� उन्हा� जालनै� मा� माजा आता था। वाहा स�चता�, ता:मा स्वार्थिथा$य' क� जिजातानै जालऊं- उतानै अच्छ! ता:मा मा�र आदर इसशिलए करता� हा� नै विक मा[ बच्चे जानै/-ग� जा� ता:म्हार� क: ल क नैमा चलय�ग। मा[ क: छ नैहाX हूं-, बलक हा� सब-क: छ हा�। मा�र अपनै क�ई माहात्वा नैहाX, जा� क: छ हा� वाहा बलक क� नैता�। यहा मा�र� पविता हा[! पहाल� इन्हा� मा:झस� विकतानै प्रा�मा था, ताब इतानै� स-सर-ल�ल:प नै हुए था�। अब इनैक प्रा�मा क� वाल स्वाथा0 क स्वा-ग हा�। मा[ भी� पश: हूं- जिजास� दूध क� शिलए चर-पनै� टिदय जाता हा�। खा�र, यहा� सहा�, इस वाक्त ता� ता:मा मा�र� कब/ मा� आय� हा�! जिजातानै� गहानै� बनै सक� बनैवा ल/-, इन्हा� ता� छZनै नै ल�ग�।

इस तारहा दस माहा�नै� प/र� हा� गय�। विनैरुपमा क� द�नै' नैनैद� सस:रल स� ब:लय� गयX। बच्चे� क� शिलए पहाल� हा� स�नै� क� गहानै� बनैवा शिलय� गय�, दूध क� शिलए एक स:न्दर दुधर गय मा�ल ल� ल� गय�, घामा-डे�लल उस� हावा खिखालनै� क� एक छ�)Z-स� स�जागड़� लय�। जिजास टिदनै विनैरूपमा क� प्रासवा-वा�दनै हा�नै� लग�, द्वांर पर प-विडेता जा� मा:हूंता0 द�खानै� क� शिलए ब:लय� गय�। एक मा�रशिशकर ब-दूक छ�ड़नै� क� ब:लय गय, गयनै� मा-गल-गनै क� शिलए ब)�र ल� गयX। घार

24

Page 25: Prem Chand ki kahaniyaa #3

स� विताल-विताल कर खाबर मा-गय� जाता� था�, क्य हुआ? ल�डे� डे´क्)र भी� ब:लय� गयX। बजा� वाल� हुक्मा क� इ-ताजार मा� ब�ठा� था�। पमार भी� अपनै� सर-ग� शिलय� ‘जाच्चे मानै कर� नै-दलल स'’ क� तानै स:नैनै� क� ता�यर ब�ठा था। सर� ता�यरिरय-; सर� आशए-, सर उत्सहा समार�हा एक हा� शब्द पर अवालस्त्रिम्ब था। ज्य'-ज्य' द�र हा�ता� था� ल�ग' मा� उत्स:कता ब�ता� जाता� था�। घामा-डे�लल अपनै� मानै�भीवा' क� शिछपनै� क� शिलए एक समाचर –पत्रों द�खा रहा� था�, मानै� उन्हा� लड़क य लड़क� द�नै' हा� बरबर हा[। मागर उनैक� ब/�� विपता जा� इतानै� सवाधनै नै था�। उनैक� प�छ� खिखाल� जाता� थाX, हा-स-हा-स कर सबस� बता कर रहा� था� और प�स' क� एक था�ल� क� बर-बर उछलता� था�।

मा�रशिशकर नै� कहा—माशिलक स� अबक� पगड़� दुपट्टा ल/-ग।विपताजा� नै� खिखालकर कहा—अब� विकतानै� पगविड़य- ल�ग? इतानै� ब�भीवा क� दू-ग विक

सर क� बल ग-जा� हा� जाय�ग�।पमार ब�ल—सरकर अब क� क: छ जा�विवाक ल/-।विपताजा� खिखालकर ब�ल�—अब� विकतानै� खाय�ग; खिखाल-खिखाल कर प�) फाड़ दू-ग।सहास माहार� घार मा� स� विनैकल�। क: छ घाबरय�-स� था�। वाहा अभी� क: छ ब�लनै� भी� नै

पय� था� विक मा�रशिशकर नै� बन्दूक फा� र कर हा� ता� दZ। बन्दूक छ/ )नै� था� विक र�शनै च=क� क� तानै भी� शिछड़ गय�, पमार भी� कमार कसकर नैचनै� क� खाड़ हा� गय।

माहार�—अर� ता:मा सब क� सब भी-ग खा गय� हा� गय?मा�रशिशकर—क्य हुआ?माहार�—हुआ क्य लड़क� हा� ता� विफार हुई हा�?विपता जा�—लड़क� हुई हा�?यहा कहाता�-कहाता� वाहा कमार थामाकर ब�ठा गय� मानै� वाज्र विगर पड़। घामा-डे�लल कमार�

स� विनैकल आय� और ब�ल�—जाकर ल�डे� डेक्)र स� ता� प/छ। अच्छZ तारहा द�खा नै ल�। द�खा स:नै, चल खाड़� हुई।

माहार�—बब/जा�, मा[नै� ता� आ-खा' द�खा हा�!घामा-डे�लल—कन्य हा� हा�?विपता—हामार� ताकदZर हा� ऐस� हा� ब�)! जाओ र� सब क� सब! ता:मा सभी� क� भीग्य मा�

क: छ पनै नै शिलखा था ता� कहा- स� पता�। भीग जाओ। स[कड़' रुपय� पर पनै� विफार गय, सर� ता�यर� मिमाट्टाZ मा� मिमाल गय�।

घामा-डे�लल—इस माहात्मा स� प/छनै चविहाए। मा[ आजा डेक स� जार बच क� खाबर ल�ता हूं-।

विपता—ध/ता0 हा�, ध/ता0!घामा-डे�लल—मा[ उनैक� सर� ध/ता0ता विनैकल दू-ग। मार� डे-डे' क� खा�पड़� नै ता�ड़ दू- ता�

कविहाएग। च-डेल कहाX क! उसक� कर, मा�र� स[कड़' रुपय� पर पनै� विफार गय। यहा स�जागड़�, यहा गय, यहा पलनै, यहा स�नै� क� गहानै� विकसक� शिसर प)क/- । ऐस� हा� उसनै� विकतानै' हा� क� ठाग हा�ग। एक दफा बच हा� मारम्माता हा� जाता� ता� ठा�क हा� जाता�।

विपता जा�—ब�), उसक द�ष नैहाX, अपनै� भीग्य क द�ष हा�।घामा-डे�लल—उसनै� क्य' कहा ऐस नैहाX हा�ग। औरता' स� इस पखा-डे क� शिलए विकतानै�

हा� रुपय� ऐंठा� हा'ग�। वाहा सब उन्हा� उगलनै पड़�ग, नैहाX ता� प:शिलस मा� रप) कर दू-ग। कनै/नै मा�

25

Page 26: Prem Chand ki kahaniyaa #3

पखा-डे क भी� ता� द-डे हा�। मा[ पहाल� हा� च¼क था विक हा� नै हा� पखा-डे� हा�; ल�विकनै मा�र� सलहाजा नै� ध�खा टिदय, नैहाX ता� मा[ ऐस� पजिजाय' क� प-जा� मा� कब आनै� वाल था। एक हा� स:अर हा�।

विपताजा�—ब�) सब्रा कर�। ईश्वर क� जा� क: छ मा-जा/र था, वाहा हुआ। लड़क-लड़क� द�नै' हा� ईश्वर क� द�नै हा�, जाहा- ता�नै हा[ वाहा- एक और सहा�।

विपता और प:त्रों मा� ता� यहा बता� हा�ता� रहाX। पमार, मा�रशिशकर आटिद नै� अपनै�-अपनै� डे-डे� स-भील� और अपनै� रहा चल�। घार मा� मातामा-स छ गय, ल�डे� डे´क्)र भी� विवाद कर दZ गय�, स=र मा� जाच्चे और दई क� शिसवा क�ई नै रहा। वाz¡ माता ता� इतानै� हाताश हुई विक उस� वाक्त अ)वास-खा)वास ल�कर पड़ रहाX।

जाब बच्चे� क� बरहा� हा� गय� ता� घामा-डे�लल स्त्रों� क� पस गय� और सर�ष भीवा स� ब�ल�—विफार लड़क� हा� गय�!

विनैरुपमा—क्य करू- , मा�र क्य बस?घामा-डे�लल—उस पप� ध/ता0 नै� बड़ चकमा टिदय।विनैरुपमा—अब क्य कहा�, मा�र� भीग्य हा� मा� नै हा�ग, नैहाX ता� वाहा- विकतानै� हा� औरता�

बबजा� क� रता-टिदनै घा�र� रहाता� थाX। वाहा विकस� स� क: छ ल�ता� ता� कहाता� विक ध/ता0 हा[, कसमा ल� ल� जा� मा[नै� एक क=ड़� भी� उन्हा� दZ हा�।

घामा-डे�लल—उसनै� शिलय य नै शिलय, यहा- ता� टिदवाल विनैकल गय। माल/मा हा� गय ताकदZर मा� प:त्रों नैहाX शिलखा हा�। क: ल क नैमा डे/बनै हा� हा� ता� क्य आजा डे/ब, क्य दस सल बद डे/ब। अब कहाX चल जाऊं- ग, गzहास्था� मा� क=नै-स स:खा रखा हा�।

वाहा बहुता द�र ताक खाड़�-खाड़� अपनै� भीग्य क� र�ता� रहा�; पर विनैरुपमा नै� शिसर ताक नै उठाय।

विनैरुपमा क� शिसर विफार वाहा� विवापणित्ती आ पड़�, विफार वाहा� तानै�, वाहा� अपमानै, वाहा� अनैदर, वाहा� छZछल�दर, विकस� क� चिंच$ता नै रहाता� विक खाता�-प�ता� हा� य नैहाX, अच्छZ हा� य ब�मार, दुखा� हा� य स:खा�। घामा-डे�लल यद्यविप कहाX नै गय�, पर विनैरूपमा क� यहा� धमाक� प्राय: विनैत्य हा� मिमालता� रहाता� था�। कई माहा�नै� य' हा� ग:जार गय� ता� विनैरूपमा नै� विफार भीवाजा क� शिलखा विक ता:मानै� और भी� मा:झ� विवापणित्ती मा� डेल टिदय। इसस� ता� पहाल� हा� भील� था�। अब ता� कई बता भी� नैहाX प/छता विक मारता� हा� य जा�ता� हा�। अगर यहा� दश रहा� ता� स्वामा� जा� चहा� स-न्यस ल� य नै ल�, ल�विकनै मा[ स-सर क� अवाश्य त्यग दू-ग�।

4भी� य पत्रों पकर परिरस्थिस्थाविता समाझ गय�। अबक� उसनै� विनैरुपमा क� ब:लय नैहाX, जानैता� था� विक ल�ग विवाद हा� नै कर�ग�, पविता क� ल�कर स्वाय- आ पहु-च�। उसक नैमा

स:क� श� था। बड़� मिमालनैसर, चता:र विवानै�दश�ल स्त्रों� था�। आता� हा� आता� विनैरुपमा क� ग�द मा� कन्य द�खा� ता� ब�ल�—अर� यहा क्य?

भीसस—भीग्य हा� और क्य?स:क� श�—भीग्य क� स? इसनै� माहात्मा जा� क� बता� भी:ल दZ हा'ग�। ऐस ता� हा� हा� नैहाX

सकता विक वाहा मा:-हा स� जा� क: छ कहा द�, वाहा नै हा�। क्य' जा�, ता:मानै� मा-गल क व्रता रखा?विनैरुपमा—बरबर, एक व्रता भी� नै छ�ड़।स:क� श�—प-च ब्राह्म,' क� मा-गल क� टिदनै भी�जानै करता� रहा�?विनैरुपमा—यहा ता� उन्हा'नै� नैहाX कहा था।

26

Page 27: Prem Chand ki kahaniyaa #3

स:क� श�—ता:म्हार शिसर, मा:झ� खा/ब यद हा�, मा�र� समानै� उन्हा'नै� बहुता जा�र द�कर कहा था। ता:मानै� स�च हा�ग, ब्राह्म,' क� भी�जानै करनै� स� क्य हा�ता हा�। यहा नै समाझ विक क�ई अनै:ष्ठानै सफाल नैहाX हा�ता जाब ताक विवामिधवाता� उसक पलनै नै विकय जाय�।

सस—इसनै� कभी� इसक� चच0 हा� नैहाX क�;नैहाX;प-च क्य दस ब्राह्म,' क� जिजामा द�ता�। ता:म्हार� धमा0 स� क: छ कमा� नैहाX हा�।

स:क� श�—क: छ नैहाX, भी/ल हा� गय� और क्य। रनै�, ब�)� क मा:-हा य' द�खानै नैस�ब नैहाX हा�ता। बड़�-बड़� जाप-ताप करनै� पड़ता� हा[, ता:मा मा-गल क� व्रता हा� स� घाबर गयX?

सस—अभीविगनै� हा� और क्य?घामा-डे�लल—ऐस� क=नै-स� बड़� बता� थाX, जा� यद नै रहाX? वाहा हामा ल�ग' क� जालनै

चहाता� हा�।सस—वाहा� ता� कहूं- विक माहात्मा क� बता क� स� विनैष्फाल हुई। यहा- सता बरस' ता�

‘ता:लस� माई’ क� टिदय च�य, जाब जा क� बच्चे� क जान्मा हुआ।घामा-डे�लल—इन्हा'नै� समाझ था दल-भीता क क=र हा�!स:क� श�—खा�र, अब जा� हुआ स� हुआ कल मा-गल हा�, विफार व्रता रखा� और अब क�

सता ब्राह्म,' क� जिजामाओ, द�खा�, क� स� माहात्मा जा� क� बता नैहाX प/र� हा�ता�।घामा-डे�लल-व्याथा0 हा�, इनैक� विकय� क: छ नै हा�ग।स:क� श�—बब/जा�, आप विवाद्वांनै समाझदर हा�कर इतानै टिदल छ�) करता� हा[। अभी�

आपकक� उम्रं क्य हा�। विकतानै� प:त्रों ल�जिजाएग? नैक' दमा नै हा� जाय� ता� कविहाएग।सस—ब�)Z, दूध-प/ता स� भी� विकस� क मानै भीर हा�।

स:क� श�—ईश्वर नै� चहा ता� आप ल�ग' क मानै भीर जाय�ग। मा�र ता� भीर गय।घामा-डे�लल—स:नैता� हा� माहारनै�, अबक� क�ई ग�लमा�ल माता करनै। अपनै� भीभी�

स� सब ब्य�र अच्छZ तारहा प/छ ल�नै।स:क� श�—आप विनैश्चिंश्च$ता रहा�, मा[ यद कर दू-ग�; क्य भी�जानै करनै हा�ग, क� स� रहानै

हा�ग क� स� स्नैनै करनै हा�ग, यहा सब शिलखा दू-ग� और अम्मा जा�, आजा स� अठारहा मास बद आपस� क�ई भीर� इनैमा ल/-ग�।

स:क� श� एक सप्ताहा यहा- रहा� और विनैरुपमा क� खा/ब शिसखा-प� कर चल� गय�।5

रुपमा क एकबल विफार चमाक, घामा-डे�लल अबक� इतानै� आश्वशिसता स� रनै� हुई, सस विफार उस� पनै क� भी-विता फा� रनै� लग�, ल�ग उसक मा:-हा जा�हानै� लग�।विनै

टिदनै ग:जारनै� लग�, विनैरुपमा कभी� कहाता� अम्मा- जा�, आजा मा[नै� स्वाप्न द�खा विक वाz¡ स्त्रों� नै� आकर मा:झ� प:कर और एक नैरिरयल द�कर ब�ल�, ‘यहा ता:म्हा� टिदय� जाता� हूं-; कभी� कहाता�,’अम्मा- जा�, अबक� नै जानै� क्य' मा�र� टिदल मा� बड़�-बड़� उमा-ग� प�द हा� रहा� हा[, जा� चहाता हा� खा/ब गनै स:नै/-, नैदZ मा� खा/ब स्नैनै करू- , हारदमा नैश-स छय रहाता हा�। सस स:नैकर मा:स्करता� और कहाता�—बहूं य� श:भी लक्षा, हा[।

विनैरुपमा च:पक� -च:पक� माजा/र मा-गकर खाता� और अपनै� असल नै�त्रों' स� ताकता� हुए घामा-डे�लल स� प/छता�-मा�र� आ-खा� लल हा[ क्य?

घामा-डे�लल खा:श हा�कर कहाता�—माल/मा हा�ता हा�, नैश च� हुआ हा�। य� श:भी लक्षा, हा[।विनैरुपमा क� स:ग-ध' स� कभी� इतानै प्रा�मा नै था, फा/ ल' क� गजार' पर अब वाहा जानै द�ता�

था�।

27

Page 28: Prem Chand ki kahaniyaa #3

घामा-डे�लल अब विनैत्य स�ता� समाय उस� माहाभीरता क� वा�र कथाए- प�कर स:नैता�, कभी� ग:रु ग�निंवा$दचिंस$हा क�र्तिता$ क वा,0नै करता�। अणिभीमान्य: क� कथा स� विनैरुपमा क� बड़ प्रा�मा था। विपता अपनै� आनै� वाल� प:त्रों क� वा�र-स-स्कर' स� परिरप/रिरता कर द�नै चहाता था।

एक टिदनै विनैरुपमा नै� पविता स� कहा—नैमा क्य रखा�ग�?घामा-डे�लल—यहा ता� ता:मानै� खा/ब स�च। मा:झ� ता� इसक ध्यनै हा� नै रहा। ऐस नैमा

हा�नै चविहाए जिजासस� श=य0 और ता�जा )पक� । स�च� क�ई नैमा।द�नै' प्रा,� नैमा' क� व्याख्य करनै� लग�। जा�रवारलल स� ल�कर हारिरश्चन्द्र ताक सभी�

नैमा विगनैय� गय�, पर उस असमान्य बलक क� शिलए क�ई नैमा नै मिमाल। अ-ता मा� पविता नै� कहा ता�गबहादुर क� स नैमा हा�।

विनैरुपमा—बस-बस, यहा� नैमा मा:झ� पसन्द हा�?घामा-डे� लल—नैमा हा� ता� सब क: छ हा�। दमाड़�, छक=ड़�, घा:रहूं, कतावारू, जिजासक� नैमा

द�खा� उस� भी� ‘यथा नैमा ताथा ग:,’ हा� पय। हामार� बच्चे� क नैमा हा�ग ता�गबहादुर।6

सवा-कल आ पहु-च। विनैरुपमा क� माल/मा था विक क्य हा�नै� वाल� हा�; ल�विकनै बहार मा-गलचर, क प/र समानै था। अबक� विकस� क� ल�शमात्रों भी� स-द�हा नै था। नैच,

गनै� क प्राब-ध भी� विकय गय था। एक शमिमायनै खाड़ विकय गय था और मिमात्रोंग, उसमा� ब�ठा� खा:श-गप्पिप्पय- कर रहा� था�। हालवाई कड़ई स� प/रिरय- और मिमाठाइय- विनैकल रहा था। कई ब�र� अनैजा क� रखा� हुए था� विक श:भी समाचर पता� हा� णिभीक्षा:क' क� ब-)� जाय�। एक क्षा, क भी� विवालम्ब नै हा�, इसशिलए ब�र' क� मा:-हा खा�ल टिदय� गय� था�।

प्रा

ल�विकनै विनैरुपमा क टिदल प्राविताक्षा, ब�ठा जाता था। अब क्य हा�ग? ता�नै सल विकस� तारहा क=शल स� क) गय� और माजा� मा� क) गय�, ल�विकनै अब विवापणित्ती शिसर पर मा-डेर रहा� हा�। हाय! विनैरपरध हा�नै� पर भी� यहा� द-डे! अगर भीगवानै� क� इच्छ हा� विक मा�र� गभी0 स� क�ई प:त्रों नै जान्मा ल� ता� मा�र क्य द�ष! ल�विकनै क=नै स:नैता हा�। मा[ हा� अभीविगनै� हूं- मा[ हा� त्यज्य हूं- मा[ हा� कलमा:-हा� हूं- इस�शिलए नै विक परवाश हूं-! क्य हा�ग? अभी� एक क्षा, मा� यहा सर आनै-दत्सवा श�क मा� डे/ब जाय�ग, मा:झ पर ब=छर� पड़नै� लग�ग�, भी�तार स� बहार ताक मा:झ� क� क�स�ग�, सस-सस:र क भीय नैहाX, ल�विकनै स्वामा� जा� शयद विफार मा�र मा:-हा नै द�खा�, शयद विनैरश हा�कर घार-बर त्यग द�। चर' तारफा अमा-गल हा� अमा-गल हा[ मा[ अपनै� घार क�, अपनै� स-तानै क� दुद0श द�खानै� क� शिलए क्य' जा�विवाता हूं-। क=शल बहुता हा� च:क, अब उसस� क�ई आश नैहाX। मा�र� टिदल मा� क� स�-क� स� अरमानै था�। अपनै� प्यर� बस्थिच्चेय' क ललनै-पलनै करता�, उन्हा� ब्यहाता�, उनैक� बच्चे' क� द�खाकर स:खा� हा�ता�। पर आहा! यहा सब अरमानै झक मा� मिमाल� जाता� हा[। भीगवानै�! ता:म्हा� अब इनैक� विपता हा�, ता:म्हाX इनैक� रक्षाक हा�। मा[ ता� अब जाता� हूं-।

ल�डे� डे´क्)र नै� कहा—वा�ल! विफार लड़क� हा�।भी�तार-बहार क: हारमा माच गय, विपट्टास पड़ गय�। घामा-डे�लल नै� कहा—जाहान्न:मा मा�

जाय� ऐस� जिंजा$दग�, मा=ता भी� नैहाX आ जाता�!उनैक� विपता भी� ब�ल�—अभीविगनै� हा�, वाज्र अभीविगनै�!णिभीक्षा:क' नै� कहा—र�ओ अपनै� ताकदZर क� हामा क�ई दूसर द्वांर द�खाता� हा[।अभी� यहा श�कदगर श-ता नै हा�नै� पय था विक डे´क्)र नै� कहा मा- क हाल अच्छ

नैहाX हा�। वाहा अब नैहाX बच सकता�। उसक टिदल ब-द हा� गय हा�।

28