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योग कैसे कर 0

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योग कस कर 0

योग कस कर 1

योग कस कर

एव

एक योगा क अनिभव

योग कस कर 2

योग कस कर

एव

एक योगा क अनिभव

योगी अननद जी

योग कस कर 3

इस पिसतक म सऽममऽलत समगरा क ऽकसा अश को ऽकसा भा रप म कोई परकशकलखकसपदक ndash

इस पिसतक क परकशक स अनिमऽत ऽलय ऽबन परयोग न कर ऐस करन कॉपारइट अऽधऽनयम क

उललघन करन होग

ऽदरताय ससकरण

ISBN 978-93-5288-373-8

copy लखक

योगा आननद जा

anandkyogigmailcom

httpwwwkundalinimeditationin

httpwwwyoutubecomcYogiAnandJiSahajDhyanYog

httpswwwfbcomsahajdhyanyog

योग कस कर 4

योगी अननद जी

योग कस कर 5

परसतावना

ऽपरय पठको इस लख म मन यह ऽलखन क परयस ऽकय ह ऽक सधको को धयनवसथ म ऽकस

परकर क अनिभव आत ह अनिभवो क अथथ योग मगथ म आन वल अवरोध तथ इन अवरोधो स

छि टकर ऽकस परकर पन चऽहए कि णडऽलना क ऽवषय म ढरो जनकररया ऽलखा गयी ह जावतम

बनधन स मिकत होकर ऽकस परकर अपन ऽनजसवरप म अवऽसथत होता ह इसम ऽलख गय अनिभव सवय

हमर हा ह जो अनिभव ऽसतमबर सन 1984 स मई सन 1999 तक क बाच आय ह उनहीअनिभवो को

मन इस पिसतक म ऽलख ह हमर मगथndash sbquoसहज धयन योग‛ ह

इस पिसतक को ऽलखन क हमर उददशय यहा ह ऽक सधक गण समझ सक कि णडऽलना जगरण

क बद तथ चकर खिलन बद सधक को ऽकस परकर की अनिभीऽत होता ह आज कल जयदतर सधक

भरम म रहत ह ऽक उनकी कि णडऽलना जगता हो गया ह और उनक चकर ऽकरयशाल हो गय हजबऽक ऐस

नही हआ होत ह सधक जयद स जयद आधयऽतमक लभ व उननऽत कर सक आपक जावन ऽदवय

बन आप अपन ऽजसवरप म अवऽसथत हो ऽजसस आपको ऽचरशऽत परप त हो यहा मर उददशय ह

धनयवद

- योगी अननद जी

योग कस कर 6

ववषय-सची

1 दो शबद 12

सन 1984

2

सधन करन की शिरआत पहला बर धयन पर बठ परण वयि मीलधर चकर पर

परण वयि सवऽधषठन चकर पर परण वयि नऽभ चकर पर भगवन ऽवषणि क दशथन

परण वयि रदय चकर पर

15ndash22

3

भगवन शकर क दशथन शरा मत जा क दशथन शरा मत जा क परतयकष दशथन की

इचछ भगवन शकर क दशथन परण वयि कणठचकर पर ददा म ा क सीकषम शरार

स ऽमलन

23ndash31

सन 1985

4 शरा मत जा क पस ऽमरज जन हम और आप एक हो जयग हम दाकष दा गया

तजसवा ऽशवऽलग क दशथन 34ndash41

5

अपन भव बदलो नग न कट मत कि णडऽलना शऽzwj त क दशथन उडऽडयन

बनध व मील बनध क लगन महयोग मिदर अहकर क दशथन भगवन शकर

और ॎ क दशथन

46ndash55

6

शरा मत जा क दशथन सधन करन की तावर इचछ भगवन शकर क दो रपो म

दशथन भगवन बजरगबला क दशथन वसन क दशथन सकलप नही करन

कि णडऽलना शऽzwj त क दशथन नग न कट

56ndash64

सन 1986

7 आऽदशऽzwj त दरर जञनमत पन मीलधर म ऽखचव व महयोग मिदर क लगन

तानो बधो क लगन 66ndash68

8 ऋऽषकश जन म सतरा क रप म अधथनराशवर क दशथन ऽशव शऽzwj त क दशथन

य शरार गिर क ह 69ndash75

योग कस कर 7

सन 1987

9 नग न कट सवमा ऽशवननद जा क दशथन कि णडऽलना शऽzwj त क ऽवऽभनन रपो

म दशथन पतना की मतयि बदल नही लोग 77ndash84

10 कठोर सधन करो कि णडऽलना ऊधवथ नही हो सकी रगो क दशथन जञनचकर क

दशथन 85ndash91

सन 1988

11 शरा मत लकषमा जा क दशथन शर आग क बरसन दीसरो की जनकरा परप त

होन अतप त जावतमओ स बत करन म भऽवषयवकत क पस गय 93ndash97

12 ती रख ह मत जा दरर जलगाव बिलन आप शदा कर लाऽजए पतना की

सदगऽत हई कषटो की अनिभीऽत 98ndash107

सन 1989

13

कमवसन की जगऽत नग हा नग आग क गोल व बनदर सवपन सकत

सकलप पीणथ होन आऽदगिर शकरचयथ जा क दशथन ऽमरज यतर कि णडऽलना

शऽzwj त क दशथन ऽशवऽलगो क दशथन

109ndash122

14

दीरदशथन-दीरशरवण ऽसऽि कणठचकर थोड़-स खिल ऽदवय दऽष ट खिलन म अभा

समय लगग दो जयोऽतयो क दशथन उषणत ऽवऽवध अनिभव ऽशवऽलग हा

ऽशवऽलग तासर नतर

123ndash133

15

भगवन शरा गणश जा क दशथन करण शरार स म अनतररकष म अनतररकष म ॎ

बरहमरधर क दशथन भगवन शरा कषण शरा मत जा क पतर आग-हा-आग

रदय म अऽनन और भगवन शकर

134ndash143

सन 1990

16 ऽतरशील कणठचकर स बरहमरधर तक जयोऽत अतप त जावतमएा जलशय 146ndash149

योग कस कर 8

सन 1991

17

भगवन शकर हमर दो रप ऽपछल जनम क गिरदव ऽमरज की यतर

ऽवशल मगरमचछ कि णडऽलना समबनधा अनिभव यमदीत कि णडऽलना शऽzwj त

क सहयोग मन शऽzwj तपत ऽकय

151ndash163

18

म ऽमरज आ गय मरा पराकष ला गया सवमा ऽचदननद जा अवधीत क दशथन

गरऽनथ खिलन क सकलप सवमा ऽशवननद जा क दशथन अपसरओ दरर नतय

अतप त जावतम

164ndash172

19

फी लो की सिगनध मह पिरषो क दशथन म तान बर मर कमो की पोटला

शरार धनिषकर हो गय कमथ भोगन हा होग मर ऊपर सपथ चढ़ मत

कि णडऽलना शऽzwj त पड़ और नग म शतरि नही ऽमतर ह ा

173ndash184

सन 1992

20

शरार शिि हआ म ऽनवथसतर थ अनन क तयगन कणठचकर की गरऽनथ खिल

गया लघि मऽसतषक व आजञचकर कमजोरा आ गया म गभथ म मत

कि णडऽलना दरर सतनपन करन कमधनि गय ऽसऽियो स हऽन सऽधक क

ऽवषय म जनकरा तनमतरएा

185ndash196

21

गोदलकर महरज उलट घड़ जलत पड़ शिित की ओर नऽभ पर जोर

आपक परसद इधर ह भई क सीकषम शरार दीसर लोक म जन सकलप करो

सर चकर खिल जएा माठपन

197ndash206

22

धयनवसथ म आग की ओर झिकन उनमना अवसथ कि णडऽलना शऽzwj त दरर

भोजन करन छोट बचच आाखो म ऽखचव नाच क लोको म जन

ससरा न रहो कलपवकष बरमहरधर और अधकर नालमय पिरष सथील जगत

बरहमरधर क खिलन ऊपर क लोक

208ndash224

23

बरहमरधर म सधन मदग की आवज ऽदवय-दऽष ट दरर कयथ लन कमथ

भगवन शरा कषण कि णडऽलना आाखो पर अनिभव नही आन चऽहए गिर तततव

क सवरप दीध क पान ऽहरणयमय पिरष बरहमणड जनना मिऽकत एक बर

भगवन दतततरय

227ndash241

योग कस कर 9

24

शरा मत जा पर बध गरण और हस क दशथन ऽदवयदऽष ट स कयथ ऽलय

शरा मत जा क ऽदवय सवरप पीणथत परप त करो सजजनगढ़ की यतर

आऽलदा यतर जञनशवरजा व मिकतबई आऽद क दशथन दो दल क कमल

वच ऽसऽि क परयोग

242ndash255

सन 1993

25

सकलप करो आतम सकषतकर हो महपिरष दो जनम पीवथ क दशय

कि णडऽलना शऽzwj त ईश वर गिर ससर नष ट हए क समन हआ सपत ॠऽषयो स

ऽमलन धमथ शतरि योगबल व कमथ परवचन करन तजसवा कण

आतमसकषतकर ऽशवलोक जन शरा मत जा क दशथन बनद हो गए

258ndash277

26

भयकर उषणत म बरहम ह ा बध दीर की भगवन याशि भगवन शरा कषण

और शरा मत जा बरहमण नही शरा मतजा ऽतरनतरा सतरा शरा मतजा की

इचछ गध की सवरा यह जगह छोड़ दो कि णडऽलना ऊधवथ की ऽदवय दऽष ट

खोला म शकमभरा पहाच

277ndash299

27

तमऽसक शऽzwj तयो न दिगथऽत की परकय परवश की जनकरा मत कि णडऽलना

शऽzwj त जाव और कमथ सनयसा क परणम म सर बरहमणड की म ा ह ा

मन एक सधक की कि णडऽलना ऽफर ऊधवथ की म अऽदरताय सिनदर सतरा क रप म

तरटक सवमा ऽचदननद जा

301ndash325

सन 1994

28 अहकर क तयग करन परकय परवश ऽसऽि क ऽलए मिझ मन ऽकय गय 329ndash330

29 शकमभरा आशरम छोड़ ऽदय भगवन बजरगबला जा मरा तरह बनो

ऽवशलकय हथा पथवा क आशाव थद नग 331ndash340

सन 1995

30

मिझ बहत दीर जन ह ऽतरनतरा बलक भगवन नरयण मोकष पन अतयनत

दिलथभ ह शरा मत जा क आशावथद परकऽत पररवतथनशाल ह ऽशव शऽzwj त क

सवरप

341ndash348

योग कस कर 10

31

शिित चरम साम पर भगवन दतततरय परकऽत क ऽनयमो क आदर करो

नाल वलय भगवन गौतम बिि जा मर ऽपछल जनम म ऽतरकल क गिर

ऽतरकल क वसिओ स ऽमलन सवमा ऽशवननद जा दरर मगथदशथन

349ndash365

सन 1996

32 ऽतरकल को लकर ऽमरज आशरम जन पीन की सऽधक क कणठचकर खोलन

और कि णडऽलना ऊधवथ करन ऽमरज आशरम म ऽतरकल की पराकष ला गई 367ndash368

33

ऽमरज आशरम म सऽधक क कणठचकर खोलन और कि णडऽलना ऊधवथ करन

जलग ाव म सऽधक क कणठचकर खोलन और कि णडऽलना ऊधवथ करन

मिझ शरप ऽमल

369ndash371

सन 1997

34 शरप क परभव कमजोर होन धमथ-अथथ-कम-मोकष 374

सन 1998

35

उननऽत की ओर बरहम आप मिझ ऽदखई zwjयो नही दत ह बिझ हए अगर की तरह

बनन लकषमा जा क आशावथद तषण और कि णडऽलना भिन हए चन

सिवणथमय पिरष

376ndash382

36

म सवय तप त ह ा मर शष कमथ ऽचतत पर सऽतवकत क बढ़न ऽनऽषकरय

इऽनदरया सवचछ हो ज अमत वष थ धमथ क ाट मऽणपरभ सफलत पर

सवर मय और अऽवदय

383ndash392

37

तरजी तमोगिणा अहकर क मील सरोत म ऽवलान होन मत कि णडऽलना शऽzwj त

अहकर तमोगिणा अहकर मर कमथ सीख हआ पड़ परभ बिझ हआ

अगर मय

393ndash402

38

ऽनजसवरप म अवऽसथत होन क सकलप करो अनिभव ऽकसा को न बतएा

कम थशय दखन क सकलप न करन ऽचतत ऽनमथलत की ओर आतम और जाव

अशिित क नष ट होन ऽनऽित

403ndash407

योग कस कर 11

39

सथील शरार तयगन क बद ऊधवथगमन क मगथ चरो शरार ऽचतत ऽनमथलत की

ओर इसा म अवऽसथत होन भौऽतक वसतिओ को तयगन क सकलप

कम थशयो क सकषत ऽचतत दरर तिरनत कर दन

409ndash414

40 तषण और ऽवकर शरा मत जा क ऽलए आऽदशऽzwj त स परथथन करन ऽचतत की

वऽतत और करण शरार जाव और शरार ऽसफथ lsquoॎrsquo मतर क जप करो 415ndash419

सन 1999

41

वयितथन की वऽततय ा मय नष ट होन की ओर घर वलो को धनयवद जब सब

कि छ तयग दग साऽढ़या ऽदखई दी जञन परदन ऽकय गय कऽलयिग की

कि दऽष ट सतय और असतय बरहम क हा सवरप ह सथील जगत ऽदखई zwjयो नही

दत भगवन शकर क दशथन

420ndash428

42

भगवन शकर दरर जञन क उपदश दन उतपऽतत क कनदर कि णडऽलना क शरप

व कऽलयिग की कि दऽष ट समपत हई ससर रपा वकष नष ट हो गय तिमह अगल

जनम लन अऽनवयथ

429ndash436

योग कस कर 12

दो शबद

इस पिसतक म मन जो अनिभव ऽलख हए ह व अनिभव हमरा सधन कल म आय ह मन अपना

सधन 18-20 ऽसतमबर 1984 म शिर की था सधन म शिरआत स हा मिझ बहत स अनिभव आय

मगर मन शिरआत म अपन अनिभवो को नही ऽलख थ हलऽक हमर गिरदव न कई बर हमस कह

थndash आननद कि मर तिमह धयनवसथ म अचछ-अचछ अनिभव आत ह इसऽलए ऽकसा कॉपा म अनिभवो

को ऽलख ऽलय करो पहल मन अनिभवो को ऽलखन की तरफ धयन नही ऽदय जब म जीन 1989 म शरा

मत जा क पस गय और उस समय उनक सथ रहन क सिअवसर ऽमल तब अणण जा न भा (पीजय

शरा मत जा क पऽतदव) मिझस कहndash sbquoआननद कि मर तिम अपन अनिभवो को ऽकसा कॉपा म ऽलखन

शिर कर दो हो सकत ह भऽवषय म तिमहर दरर ऽलख गय अनिभवो क लभ अनय सधको को भा

ऽमल‛ मन अणण जा क कहन पर अनिभवो को ऽलखन शिर कर ऽदय जीन 1989 स म अपन अनिभवो

को धयन म आन क तिरनत बद ऽलख ऽलय करत थ मगर जो अनिभव ऽसतमबर 1984 स मई 1989

तक आय उनको मन नही ऽलख थ इस बाच आय हए अनिभवो को मन सन 1994-95 म ऽलख थ

मगर तब तक इन अनिभवो को आय हए दस वषथ बात गय थ जो अनिभव मिझ यद आय उनम महततवपीणथ

अनिभवो को ऽलख और शष अनिभवो को छोड़ ऽदय

हम अपना सधन म जो सफलत ऽमला तथ सधनकल म जो अनिभव आय इसक शरय म

अपन परम पीजय गिरदव शरा मत जा को दत ह ा zwjयोऽक शरा मत जा की मिझ पर अपर कप रहा ह

ऽसफथ गिर हा नही बऽलक म ा क भा पयर ऽदय उनही क आशाव थद स म इस योनय हआ ह ा ऽक सधन क

समय आय हए आरऽमभक अवसथ स उचचतम अवसथ तक क अनिभवो को ऽलख सक ह ा म तो एक

ससररक मनिषय मतर थ मगर शरा गिरदव जा न अपना शरण म लन क बद मिझ तप हआ सोन बन

ऽदय ह हमर शरा मत जा व ऽपत जा न तो हम जनम ऽदय सथील शरार ऽदय मगर हमर गिरदव न

अऽवदय और मय स यिकत सथील जगत क असला सवरप क जञन कर ऽदय और अनत क मगथ ऽदख

ऽदय अब गिरदव की कप स उसा अनत क मगथ पर आग बढ़त चल ज रह ह ा

योग कस कर 13

एक बत हम और यद आ गया जब म धयन कर रह थ तब बरहमलान पीजय सवमा ऽशवननद

जा न हमस पीछndash sbquoयोगा तिम अपन अनिभव zwjयो ऽलख करत हो‛ म बोलndash sbquoसवमा जा हमर गिरदव

व गिर भइयो की इचछ था ऽक म अपन अनिभवो को ऽलखीा बस म अनिभवो को ऽलखन लग‛ सवमा

जा बोलndash sbquoय सच ह ऽक य अनिभव तिमन अपन गिरदव व गिरभइयो क कहन पर ऽलख ह मगर मर भा

आशाव थद तिमह परप त ह इसऽलए भऽवषय म तिमहर इस लख स कि छ सधको को मगथदशथन ऽमलग और

उन सधको क कलयण होग‛ य सवमा ऽशवननद जा ऋऽषकश क थ 1963 म बरहमलान हो गय थ

तथ हमर शरा गिरदव जा क गिरदव ह सवमा जा न सधन कल म हम बहत मगथ दशथन ऽदय जब योग

म मिझ उचचतम अवसथ परप त हई तब हमरा इनहोन बहत सहयत की था तथ योग की बराऽकयो को

समझय थ

ऽपरय पठको आप हमर अनिभवो को पढ़कर अवशय लभऽनवत होग तथ जो सधक सधन

करत ह उनह य अनिभव अवशय मगथ दशथन क कम करग ऐस हमर सोचन ह ऐस भा हो सकत ह

ऽक हमर अनिभव अनय योऽगयो क अनिभवो स मल न करत हो तो हम कषम कीऽजएग हमर मगथ सहज

धयन योग क ह इसऽलय सहज धयन योग क सधको को अवशय लभ ऽमलग zwjयोऽक कभा-कभा ऐस

भा होत ह ऽक एक सधक क अनिभव दीसर सधको स मल नही करत ह लऽकन अनिभवो क जो सीकषम

अथथ होत ह वह एक जस हा होत ह मगर धयन रखन वला बत यह ह ऽक योग ऽबन सदगिर क नही हो

सकत ह इसऽलए सधक क ऽलए आवशयक ह ऽक वह अपना सधन ऽकसा योनय मगथदशथक की

ऽनगरना म कर तभा योग मगथ म आग चलन समभव हो पत ह ऽसफथ पिसतको को पढ़कर योग नही

ऽकय ज सकत ह

म सधन करन स पीवथ भा आऽसतक थ पीज-पठ मऽदरो आऽद म ऽवशवस रखत थ धऽमथक

पिसतको को बहत पढ़त थ मन दीसर धमथ की पिसतको क भा अधययन ऽकय हआ ह मगर योग स

समबऽनधत पिसतक कभा नही पढ़ी था और न हा योग क ऽवषय म हम ऽकसा परकर क जञन थ जब म

योग मगथ म आय ऽफर मन पाछ मिड़कर नही दख बस आग बढ़त चल गय बहत स अवरोध आय

बड़ा-बड़ा परशऽनया आया दढ़त स परशऽनयो क समन ऽकय और जररत पड़न पर ससररक

वसतिओ क तयग भा ऽकय मगर कोई भा अवरोध य परशना हमर मगथ को रोक नही सकी

आऽखकर अत म हम सफलत ऽमल हा गया आज म अपन आपको आतररक रप स आनऽनदत पत ह ा

योग कस कर 14

मर शरा मत जा व ऽपत जा न मर नम आननद रख थ अब म आननद म ह ा दिःख हम छी भा नही

सकत ह zwjयोऽक ऽजस जगह आननद ह वहा दिःख क zwjय कम ह

ऽपरय पठको यऽद आप चह तो आप भा अपन जावन को आनऽनदत कर सकत ह योग क अथथ

यह नही हndash ऽक आप जगल म चल जय और वही पर योग क अभयस कर तभा आपक योग होग

ऐस जररा नही ह आप गहसथ म रहकर भा योग क अभयस कर सकत ह बस आपक अनदर योग क

ऽलए शरि ऽवशवस लगन व दढ़त और सयम होन चऽहए आपको भा अवशय सफलत ऽमलगा

समपीणथ जगत म मनिषय हा सबस शरषठ परणा ह मनिषय क कतथवय ह ऽक वह थोड़-स ईश वर क भा ऽचतन

कर सर जावन भौऽतक सिखो की ललस म हा वयतात नही कर दन चऽहय अर भौऽतक सिख तो

कषऽणक होत ह कषऽणक सिख क बद दिःख अवशय आयग zwjयोऽक सिख-दिःख क जोड़ होत ह इसऽलए

ऐस आननद की तलश करो जो सदव आपक पस रह और दिःख की कभा आपको अनिभीऽत हा न हो

मनिषय क कतथवय ह वह अपन ऽनजसवरप को पहचन ऽक उसक वसतऽवक सवरप कस ह आपक

सवरप ऽनतय ह सतय ह आप अमत क पितर ह अपन आपको पहचनो zwjयोऽक आप जड़ नशवर मय

और अऽवदय स यिकत पररणमा सथील जगत को अपन मन रह ह इस अधकर यिकत जगत स मिऽकत ऽसफथ

सदगिर हा ऽदल सकत ह ह अमत क पितरो आप सभा को सदगिर की परऽपत हो आपक जावन धनय हो

आपको अनत क मगथ परप त हो ऽपरय पठको आपको योग क ऽवषय म कि छ पीछन हो तथ धयन करत

समय ऽकसा परकर क (योग-समबनधा) मगथदशथन लन हो तो आप बऽझझक यी-टयीब अथव फसबिक पर

पीछ सकत ह

योगा आननद जा

योग कस कर 15

सन 1984

साधना करन की शरअत

सबस पहल म अपन गिरदव शरा मत जा को परणम करत ह ा zwjयोऽक गिर हा सधक क जावन

म सबस शरषठ होत ह उनहोन हम पर अपर कप की ह हमरा गिर शरा मत जा बना और उनहोन योग क

मगथ दशथन ऽकय उनही क मगथ दशथन म हम सधन कल म अचछ-अचछ अनिभव आय तथ योग म

सफलत परप त हई गिरदव शरा मत जा न हा सधन-कल म मर ऊपर कई बर शऽzwj तपत ऽकय तथ

उनही क आशावथद स उचचतम ऽसथऽत को परप त कर सक ह ा और मर वतथमन जनम सफल हआ अब म

अपन अनिभवो को ऽलख रह ह ा जो हम अपन सधन-कल म आय ह

मन अपना सधन की शिरआत 18-20 ऽसतमबर सन 1984 स की था उस समय मन

धयनवसथ म आय हए अनिभवो को नही ऽलख थ हलऽक कई बर सधको न व शरा मत जा न

मिझस कह थndash आप अपन अनिभवो को ऽकसा कॉपा म ऽलख ऽलय करो आपको अनिभव अचछ-

अचछ आत ह हो सकत ह आपक अनिभवो को भऽवषय म नए सधक पढ़ इसस उन सभा सधको को

लभ हो सकत ह मगर उस समय तक मन अपन अनिभव नही ऽलख थ एक बर जीन 1989 म हम शरा

मत जा न ऽमरज म बिलय मिझ वह ा पर एक-डढ़ मह रहन क अवसर भा ऽमल उस समय हमरा

सधन म और तावरत आ गया था तब अनिभव और अचछ-अचछ आन लग थ तब शरा मत जा क

पऽतदव अणण जा न मिझस स कहndash आननद कि मर आप अपन अनिभवो को एक कॉपा म ऽलख ऽलय

कर शरा मत जा व कि छ सधको न अनिभवो को ऽलखन क ऽलय कह थ ऽफर मन जीन 1989 स अपन

अनिभव ऽलखन शिर कर ऽदय थ मगर ऽसतमबर 1984 स मई 1989 तक जो अनिभव धयनवसथ म

आय थ उन अनिभवो को नही ऽलख गय थ इन अनिभवो को मन अzwjटीबर 1994 म ऽलख थ लगभग

10 वषथ बात जन क बद हम जो अनिभव यद आय तथ ऽजन अनिभवो को ऽलखन उऽचत समझ ऽसफथ

वहा अनिभव ऽलख थ

ऽसतमबर 1984 की बत ह म उस समय ऽदलला म नौकरा करत थ म डयीटा करक अपन कमर

पर लगभग 530 बज शम को आ जय करत थ कमर पर आन क बद हम ऽकसा परकर क कोई

कम नही करन पड़त थ इसऽलए खला समय म म समनय जञन व कहऽनयो की पिसतक पढ़ करत

योग कस कर 16

थ म पड़ोऽसयो व ऽमतरो स जयद मल-जोल नही रखत थ हम एकत जयद अचछ लगत थ एक

ऽदन हमर पस कोई भा पिसतक पढ़न क ऽलए नही था तब सोच खला समय म zwjय करा ग इसऽलए

पड़ोसा ऽमतर क पस गय मन उसस पिसतक पढ़न क ऽलए मागा तब ऽमतर बोलndash इस समय तो हमर पस

ऽकसा परकर की पिसतक नही ह एक आधयऽतमक पिसतक पड़ा हई ह चहो तो उस पढ़ सकत हो म

बोलndash आप हम वहा पिसतक द दाऽजए म अपन समय उसा पिसतक क सथ वयतात कर लीाग उस ऽमतर

न हम एक पिसतक द दा पिसतक की हलत बहत खरब था टइटल व कि छ पज पिसतक स गयब थ म

वह पिसतक लकर अपन कमर म आ गय ऽफर मन शिरआत स उस पिसतक को पढ़न शिर कर ऽदय

लऽकन कि छ पज पढ़न क बद हम उस पिसतक म कोई रऽच नही हई मगर ऽफर सोचndash चलो इस पढ़ लो

पढ़न म zwjय हजथ ह आऽखरकर समय हा तो वयतात करन थ जब मन 8-10 पज जलदा-जलदा पढ़

ऽलए तब इस पिसतक म मरा रऽच बढ़ गया और म मन लगकर पढ़न लग रऽच इतना बढ़ गया ऽक

पिसतक बनद करन की इचछ हा नही हो रहा था मन इस पिसतक को लगभग 2-3 घणट पढ़ ऽफर बनद

करक रख दा मन अपन ऽलय खन बनय और खन खकर सो गय zwjयोऽक रऽतर कफी हो चिकी था

दीसर ऽदन जब डयीटा स वपस आय तब अपन कमर म ऽफर स वहा पिसतक पढ़न लग इस

पिसतक म इतना जयद रऽच बढ़ गया ऽक सरा पिसतक रऽतर क सढ़ दस बज तक पढ़ डला अब हमर

अनदर भा तावर इचछ जगरत हई ऽक zwjय म भा सधन कर सकत ह ा zwjय मिझ भा सफलत ऽमल सकता

ह पिसतक क अत म कि छ पजो पर सधन करन क तराक ऽलख थ तथ लऽखक न यह भा ऽलख

थ यऽद आप योग क ऽवषय म हमस कि छ पीछग तो म अवशय बतऊा गा तथ उनहोन अपन पत भा

ऽलख थ मन ऽनिय ऽकय म भा धयन करा ग कभा-न-कभा सफलत अवशय ऽमलगा यऽद मनिषय

ऽकसा भा कयथ को दढ़त स पररशरम व लगन स कर तो सफलत zwjयो नही ऽमलगा ऽजस पिसतक क

वणथन मन अभा ऽकय ह य पिसतक हमर गिरदव शरा मत जा दरर ऽलखा हई था उस पिसतक क नम

थ lsquoऽकसा एक की सधन गथrsquo इस पिसतक म गिरदव शरा मत जा क अनिभव ऽलख हए थ यह

अनिभव उनह अपन सधन कल म आय थ

योग कस कर 17

पहली बार धयान पर बठा

रऽतर क नयरह बज रह थ सोच बद म खन बनएग पहल पिसतक म बतई गया ऽवऽध क

अनिसर धयन करा ग फशथ पर आसन लगकर म बठ गय मिझ भगवन शकर अचछ लगत ह इसाऽलए

मन अपन कमर म भगवन शकर की ऽवऽभनन मिदरओ की फोटो लग रखा थी उनम स एक फोटो को

अपन समन रखकर उसकी पीज की तथ भगवन शकर स परथथन कीndash ldquoकपय आप हम पर परसनन

होकर कप कीऽजएग तथ आशाव थद दाऽजए ऽक म सफल योगा बानीrdquo पिसतक म बतई गया ऽवऽध क

अनिसर म राढ़ साधा करक बठ गय थोड़ा दर तक म चिपचप बठ रह कि छ कषणो क बद हम ऐस

लग ऽक म कि छ बसिध स होत ज रह ह ा बद म हम अपन होश नही रह जब मरा आाख खिला तो

पय शरार क अनदर एक ऽवशष परकर की ऽकरय सा हई ऽजसक वणथन म नही कर सकत ह ा मन परसनन

थ आसन स उठकर खड़ हो गय घड़ा पर ऽनगह डला तब म चौक पड़ चौकन क करण थ घड़ा

म नयरह बजकर चलास ऽमनट हो चिक थ म तो नयरह बज धयन पर बठ थ ऽफर चलास ऽमनट कस

बात गय चलास ऽमनट क समय बहत लमब होत ह मिझ ऐस लग थndash म प ाच ऽमनट तक बठ रह

ह ा सोच शयद धयन पर बठत समय घड़ा दखन म गड़बड़ा हो गया होगा ऽफर मन खन बनय और

खय तब तक रऽतर क एक बज चिक थ इसऽलए म तिरनत सो गय

दीसर ऽदन म सिबह सढ़ तान बज जग गय zwjयोऽक धयन पर बठन थ मन बहत परसनन हो रह

थ तावर इचछ भा जगरत हो गया था ऽक मिझ अब रोजन धयन करन ह सिबह उठकर ऽनतय-ऽकरय स

फि सथत होकर 4 बज धयन पर बठ गय अबकी बर घड़ा को गौर पीवथक दख तऽक समय म कोई

गड़बड़ा न हो घड़ा सिबह क चर बज रहा था म आसन पर बठ गय ऽफर भगवन शकर की सतिऽत की

और अपना आाख बनद कर ला आाख बनद करत हा म अपना सिधबिध खो गय कि छ समय बद मरा

आाख खिल गया मन अतयत परसनन हो रह थ शरार म आलसय क नमोऽनशन नही थ अब मन घड़ा

की ओर ऽनगह डला तो दखndash घड़ा प ाच बज रहा था म ऽफर आश चयथचऽकत हआ एक घनट समय

कस बात गय हम मलीम नही हआ अभा म अपन आसन पर बठ हआ थ उठन की इचछ नही हो रहा

था आाख सवमव बनद हो रहा था ऐस लगत थ अभा और धयन पर बठ रह ा मगर सिबह क प ाच बज

रह थ इसऽलए उठकर खड़ हो गय खड़ होन पर हम महसीस हआ ऽक हम थकन सा हो गया ह म

चरपया पर लट गय अब म सोचन लग ऽक आाख बनद करन पर एक घनट कस वयतात हो गय यह

भा ऽनऽित थ ऽक म धयन पर बठकर सोय नही थ अब मर अनदर इचछ शऽzwj त और बढ़ गया म

योग कस कर 18

अवशय धयन करा ग तथ कठोर पररशरम करा ग अब मर अनदर ऽवचर आय हम सधक बनन ह

इसक ऽलए हम चह ऽजतन तयग करन पड़ शरा मत जा की पिसतक पढ़कर जञत हो चिक थ मनिषय

क कमथ यऽद अचछ हो तो सधन म शाघर सफलत ऽमलता ह मगर सधन कल म मनिषय को अपन

ऽपछल कमो क फल भा भोगन पड़त ह हम तो अपन ऽपछल जनमो क कमथ मलीम नही ह ह ा अब

अवशय म अचछ कमथ करा ग ऽजसस मरा सधन म परगऽत हो

म सिबह खन बन खकर नौ बज डयीटा पर चल गय सयकल सढ़ प ाच बज आय कि छ

समय तक आरम करक छः बज शम को ऽफर धयन पर बठ गय अबकी बर भा एक घणट क समय

धयन करन म लग गय म समझ गय शयद हमर धयन लग जत ह इसाऽलए एक घनट मलीम नही

पड़त ह रऽतर क नयरह बज धयन क ऽलए म ऽफर बठ गय आध घणट क धयन लग बरह बज रऽतर

को म सो गय सिबह उठकर ऽनतय ऽकरय स फि सथत होकर 4 बज ऽफर धयन करन क ऽलय बठ गय एक

घणट क धयन ऽकय हमर अब रोजन क ऽनयम बन गय थ सिबह चर बज धयन करत थ

सयकल 6 बज धयन करत थ ऽफर रऽतर म नयरह बज धयन करत थ इस परकर शिरआत म हमर

धयन एक ऽदन म 230 घणट क हो जत थ

पराण वाय मलाधार चकर पर

परऽतऽदन धयन करत हए हम चर-प ाच ऽदन गिजर गय थ सयकल क समय म धयन कर रह थ

तभा धयन की गहरई म डीब गय ऽफर कि छ समय बद हम होश स आन लग उस समय मिझ महसीस

हआ राढ़ क ऽबलकि ल ऽनचल सथन पर अथ थत मीलधर चकर म कि छ हो रह ह अब हमर धयन

मीलधर चकर पर क ऽदरत हो गय कि छ समय बद उस सथन पर हलक-हलक ददथ स य गिदगिदा सा

महसीस होन लगा था यह ददथ बड़ ऽवऽचतर स थ ददथ होत हए भा मिझ अचछ लग रह थ उस सथन

पर थोड़ा-सा गमी भा महसीस हो रहा था इस गमी क करण ऽनचल भग म पसान ऽनकल रह थ कि छ

समय बद वह ददथ सपषट होन लग ऐस लग रह थ जस वयि गोलकर रप म गोल-गोल घीम रहा ह जब

हम वयि क आभस हआ तब पहल स ददथ थोड़ और बढ़ स गय थ मगर हमर अनदर बड़ा परसननत

हो रहा था म और ददथ सहन क ऽलय तयर थ मगर ददथ जयद नही बढ़ अब धयनवसथ म हम महसीस

हआ हमर सथील शरार थक स रह ह हमन अपना आाख खोल दा अथ थत हमर धयन टीट गय

योग कस कर 19

धयन टीटत समय रदय क अनदर स आवज आयाndash ldquoऽजस वसति क तिम अनिभव कर रह थ वह

तिमहरा परण वयि ह तिमहरा परण वयि क ऊधवथ होन शिर हो गय हrdquo जब म धयन पर बठत थ तभा

कि छ समय बद हा यह परण वयि महसीस होन लगता था अब म ऽनयऽमत धयन ऽकय हा करत थ इसक

सथ हा ईश वर क नम-जपन भा शिर कर ऽदय थ नम जपन की इचछ सवमव जगरत हो गया था

धयनवसथ म 15 ऽदनो तक हम महसीस होत रह ऽक हमरा परण वयि इसा जगह पर गऽत कर रहा ह

पराण वाय सवावधषठान चकर पर

लगभग 15 ऽदनो तक परण वयि मीलधर चकर पर महसीस होता रहा मगर ऽफर ऐस लगन लग

ऽक परण वयि ऊपर की ओर राढ़ क सहर चढ़न क परयस कर रहा ह जब ऊपर की ओर चढ़न क

परयस करता था उस समय हलक स ददथ स होन लगत थ मगर मन म परसननत होता था कि छ ऽदनो क

बद परण वयि मीलधर चकर स थोड़ा ऊपर की ओर चला जता था मगर कि छ कषणो बद वपस नाच

मीलधर चकर पर आ जता था जब हमर मन थोड़ स एकगर होत थ तब ऽफर परण वयि ऊधवथ होन

लगता था बस यहा ऽकरय हआ करता था कि छ ऽदनो क बद परण वयि सवऽधषठन चकर पर आ गया हम

अचछा तरह महसीस हो रह थ अब परण वयि सवऽधषठन चकर पर आकर रकन लगा ह पहल कि छ ऽदन

ऐस हआndash ऽक परण वयि सवऽधषठन चकर पर थोड़ा दर तक रक जता था ऽफर वपस नाच आकर

मीलधर चकर म ठहर जता था ऽफर कि छ समय बद हमर धयन टीट जत थ

कि छ ऽदनो म परण वयि सवऽधषठन चकर पर ऽसथर हो गया तथ पहल की अपकष धयन म रऽच

और बढ़ गया कभा-कभा धयनवसथ म कि छ ऽवशष परकर क ऽवचर आन लगत थ म सोचत थ हम

ऐस गनद ऽवचर zwjयो आ रह ह मन सोच-हमर अनदर की गनदगा ऽनकल रहा ह बद म मलीम हआ

सवऽधषठन चकर जननऽदरय क सथन पर ह परण वयि सवऽधषठन चकर म होन क करण जननऽदरय पर

हलक स परभव पड़त थ इसऽलए ऐस ऽवचर आय करत थ इस चकर पर परण वयि लगभग एक सपतह

तक रकी ऽफर यह ा स भा परण वयि ऊधवथ होन क परयस करन लगा मीलधर चकर व सवऽधषठन चकर

पर सधको को अनिभव नही आत ह अzwjसर ऐस दख गय ह ऽसफथ परण वयि हा महसीस होता ह

जयदतर हमन यह भा अनिभव ऽकय ह ऽक सधको को मीलधर चकर और सवऽधषठन चकर पर परण वयि

योग कस कर 20

भा महसीस नही होता ह इसक यह अथथ नही ह ऽक उनकी सधन नही हो रहा ह धयन लगन पर सधक

क अनदर परसननत बढ़ता ह तथ हलकी-सा चतनयत की बढ़ोततरा सा होता ह

पराण वाय नावभ चकर पर

अब परण वयि धार-धार सवऽधषठन चकर स भा ऊधवथ होन क परयस करन लगा जब परण वयि

अपन पहल वल सथन स ऊपर की ओर चढ़ता ह तब सधक को हलकी-सा ददथ की अनिभीऽत होता ह

जब उस सथन पर कई बर परण वयि आता जता रहता ह अथव ठहर जता ह तब ऽफर ददथ स महसीस

नही होत ह बऽलक गिदगिदा सा महसीस होन लगता ह परण वयि धार-धार ऊधवथ होकर नऽभचकर पर आ

गय कि छ ऽदनो तक मतर कि छ कषणो क ऽलए नऽभ चकर पर आत थ ऽफर थोड़ स नाच आकर ऽसथर हो

जत थ मगर अभयस बढ़न पर परण वयि नऽभचकर पर ठहरन लग अब यहा पर धयन पहल की

अपकष अचछ लगत थ तब म अपन आपको कि छ समय क ऽलए भील जत थ यह ऽबलकि ल यद

नही रहत थ ऽक म धयन कर रह ह ा लऽकन कि छ समय बद मिझ अपना यद आन लगता था ऽक म

धयन कर रह ह ा

इस अवसथ म हम ऽवशष तरह की अनिभीऽत होन लगा था धयन पर बठन क बद हम ऐस

लगत थ ऽक हमर शरार क अनदर सनसनहट सा हो रहा ह ऽफर म अपन आपको भील जत थ मिझ

धयनवसथ म ऽदखई दत थndash ldquoम गहर अधकर म खड़ ह ा और उसा गहर अधकर म आग की ओर

चल ज रह ह ा अधकर एकदम कोयल क समन कल ह हम अपन शरार भा ऽदखई नही द रह थ

बस ऐस लगत थ म घनघोर अधकर म आग की ओर बढ़ ज रह ह ा इस अधकर म अपन आपको

अकल पकर हमर अनदर डर स महसीस होत थ इस डर क करण हमर धयन टीट जत थ‛ म

आाख खोल दत थ ऽफर धयन करन लगत थ जब धयन करन लगत थ तब ऽफर वहा अधकर म म

अपन आपको खड़ पत थ इसा परकर कि छ ऽदनो तक धयन करत रह ऽफर मन सोचndash ऽक यह कस

योग ह म अधकर को zwjयो दखत ह ा और उसा म अपन आपको पत ह ा मगर मन दढ़त स कम ऽलय

और ऽवचर ऽकय ऽक सधन करत रहो कब तक अधकर ऽदखई दग कभा-न-कभा यह अधकर

समपत हो जयग अथव इस अधकर म आग zwjय होत ह यह दखत ह ा

योग कस कर 21

कि छ ऽदनो तक यहा अनिभव आत रह ऽक म अधकर म कही चल ज रह ह ा ऽफर एक ऽदन

अनिभव आय म अधकर म चल ज रह ह ा उसा अधकर म हमस दीरा पर आग जल रहा ह म आग

की ओर चल ज रह ह ा जब म सिबह-शम य रऽतर क समय धयन पर बठत थ तब यहा अनिभव आत

थ ऽक म अधकर म आग की ओर चल ज रह ह ा आग की ओर कफी दीरा पर आग जल रहा ह आग

की लपट ऊा चा-ऊा चा उठ रहा ह य लपट इतना ऊा चा होता था मनो आसमन को छी रहा हो म आग

की लपटो ओर बढ़त चल ज रह ह ा अब आग हमर ऽनकट आ गया कि छ समय बद यह आग अपन

आप ऽदखना बनद हो जता था तभा हम अपन होश आन लगत थ ऽक म धयन कर रह ह ा धयन सवय

समपत हो जत थ म अपना आाख खोल दत थ

जब कि छ ऽदनो तक धयनवसथ म यहा अनिभव आत रह तब हमर अनदर भय स होन लग

ऽक अब zwjय करा यह अधकर और आग zwjयो ऽदखई दता ह म अधकर म दौड़त हआ zwjयो चल ज

रह ह ा इस परकर क ऽवचर हमर मन क अनदर आन लग तब म सोचन लगndash ऽक अब म zwjय करा

ऽकसस पीछी ा ऽक य सब zwjय ह यह तो धयनवसथ म ऽदखई दत ह योग की बत ह कौन बतएग मन

सोचndash zwjयो न उन शरा मत जा को पतर ऽलखीा ऽजनकी पिसतक पढ़कर मन सधन करन की शिरआत की

ह शयद वह हम कि छ उततर द द zwjयोऽक उनहोन पिसतक क अत म ऽलख हndash यऽद कोई सधक योग क

ऽवषय म मिझस पीछग तो म उसक योग क मगथ दशथन अवशय करा गा

कि छ ऽदनो बद मन लमब स पतर शरा मत जा को ऽलख उस पतर म ऽलखndash sbquoमन आपकी

पिसतक पढ़कर सधन करन शिर कर ऽदय ह सधन क ऽवषय म भा सकषप म ऽलख हमर परणो की

ऽसथऽत इस समय नऽभचकर पर ह धयनवसथ म अधकर ऽदखई दत ह म उस अधकर म आग की

ओर दौड़त हआ चल ज रह ह ा कि छ समय बद जलता हई आग ऽदखई दता ह आग की लपट ऊा चा-

ऊा चा उठ रहा होता ह जो आसमन को छी ता हई सा परतात होता ह बर-बर यहा अनिभव आत ह

इसऽलए मिझ डर स लगत ह अब म धयनवसथ म डर-डर-स रहत ह ा कपय आप हमर मगथदशथन

कीऽजएग तथ अपना पीरा जावना सकषप म ऽलखाrdquo

पतर तो मन शरा मत जा को ऽलखकर भज ऽदय मगर सधन ऽनयऽमत रप स करत रह थ धार-

धार आग वल अनिभव आन समपत हो गय अब मर डर भा दीर हो गय थ ऽफर मरा परण वयि भा

नऽभचकर स ऊपर की ओर उठन लगा जस-जस अभयस बढ़त जत थ वस-वस हमरा इचछ योग

योग कस कर 22

करन क ऽलए और तावर होता जता था ऐस लगन लग कब हमरा डयीटा समपत हो और म कमर म

जकर धयन करा

भगवान ववषण क दशशन

म रोजन की भाऽत आज सिबह क धयन कर रह थ हम अचनक हलक स परकश ऽदखई

दन लग उस परकश म एक आकऽत सा उभरना शिर होन लगा वह आकऽत जब सपषट हई तब हमरा

खिशा क ऽठकन नही रह zwjयोऽक हमर समन चतिभिथज रप म भगवन ऽवषणि पातमबर पहन हए चरो

हथो म शख चकर गद व पदम धरण ऽकय हए खड़ थ मन उनह परणम ऽकय वह ऽसफथ मिसकर रह थ

म उनह गौर पीवथक दख रह थ उनक बहत हा सिनदर सवरप थ कि छ समय बद भगवन ऽवषणि अतधयथन

हो गय हमरा आाख खिल गया धयनवसथ म हमर यह पहल अनिभव थ म अनिभव क करण बहत

परसनन हो रह थ zwjयोऽक धयन म भगवन ऽवषणि क दशथन हो गय थ मन सोच भऽवषय म भा भगवन

ऽवषणि क दशथन होग इस आश क सथ म खिश हो रह थ इस अनिभव को आय लगभग दस वषथ

(1986) हो गय ह मगर हम आज भा यह अनिभव अचछा तरह स यद ह

पराण वाय रदय चकर पर

परण वयि धार-धार नऽभचकर स ऊधवथ होकर रदयचकर की ओर आन लगा कि छ ऽदनो म परण

वयि रदय चकर म आकर ऽसथर होन लगा अब हमर धयन धार-धार एक घणट स थोड़ जयद लगन

लग सधको जब ऽकसा सधक की परण वयि रदयचकर पर आ जय तब यह ा पर बहत अचछ-अचछ

अनिभव आत ह सधक को इस अवसथ म बहत मज आत ह ऐस लगत ह ऽक म सदव धयन पर हा

बठ रह ा इसक करण ह इस चकर पर सधक को उसक इषटदव क दशथन होत ह तथ परकश भा ऽदखई

दत ह जब हमर परण वयि इस चकर पर आय तब हम भा परकश ऽदखई ऽदय थ यह परकश रोजन

ऽदखई दत थ ऐस लगत थ मनो चरो ओर च ादना जस परकश फल हआ ह उस सफद उजजवल

परकश म म घीम रह ह ा कभा-कभा बफील पहड़ ऽदखई दत थ कभा-कभा हर-भर जगल ऽदखई दत

योग कस कर 23

थ कभा-कभा समिदर ऽदखई दत थ तथ कभा-कभा उगत हआ सीरज ऽदखई दत थ कभा-कभा

बहत हआ झरन ऽदखई पड़त थ इसा परकर क ढरो अनिभव आय सभा अनिभवो को म ऽलख नही

सकत ह ा zwjयोऽक दस वषथ हो गय अब जयद अनिभव यद भा नही ह ऽसफथ जो अनिभव यद ह और

उनम स जो परमिख अनिभव ह उनही को ऽलख रह ह ा

मन कि छ ऽदन पीवथ अनिभव ऽलखकर शरा मत जा क पस पतर भज थ उसक जबब हम 20 ऽदन

बद परप त हो गय पहल मन सोच थndash पत नही शरा मत जा पतर क जबब दगा अथव नही दगा

मगर हम शरा मत जा क हथ दरर ऽलख पतर परप त हआ तब मिझ बहत परसननत हई था शरा मत जा न

ऽलख थndash sbquoजब सधक की सधन नऽभचकर पर होता ह उस समय उस जलता हई अऽनन ऽदखई दता

ह zwjयोऽक वह अऽनन क सथन ह अब आप सोऽचए आपको सवचछ पना ऽदखई द और उस पना म

कमल ऽखल हआ हो‛ सथ हा मतयिजय मतर एक कगज म छप हआ भज थ तथ उनहोन पतर म

ऽलख थndash sbquoइस मतर को धयन करन स पीवथ नयरह बर जप कीऽजए आपक डर समपत हो जयग‛ म

धयन करन स पीवथ नयरह बर मतयिजय मतर क जप करन लग धयन म बठकर सवचछ पना व कमल क

ऽवषय म भा सोचन लग कि छ ऽदनो बद धयनवसथ म सवचछ पना ऽदखई दन लग उसा पना म

कमल क ऽखल हआ फी ल ऽदखई दन लग शिरआत म गद पना ऽदखई दत थ ऽफर धार-धार

सवचछ पना क बहत हआ झरन ऽदखई पड़न लग एक दो ऽदखई ऽदयndash सवचछ पना क झरन

पहड़ स नाच की ओर ऽगर रह ह अब यह पना मर ऊपर ऽगरन लगग एक बर म धयनवसथ स

उठकर खड़ हो गय मिझ लग पहड़ क ऊपर स आय पना झरन क रप म हमर ऊपर ऽगरन वल ह

कि छ ऽदनो बद झरन क सथन पर ऽवशल जलशय ऽदखई दन लग ऐस लगत थ मनो यह पना

समिदर ह ऽफर उसा स उगत हआ सीयथ सिबह की भाऽत ऽदखई दन लग

भगवान शकर क दशशन

अभयस बढ़ जन क करण परण वयि अब रदय चकर म आकर ऽसथर होन लगा था रोजन कई

परकर क अनिभव धयनवसथ म दख करत थ आजकल म धयन करन क ऽलए 330 बज सिबह

जगत थ और चर बज धयन पर बठ जत थ उस समय ऐस लगत थndash जस रदय क पाछ राढ़ म

हव की गोला गोलकर रप म घीम रहा ह पाठ पर उस सथन पर उषणत क करण पसान भा बहन

योग कस कर 24

लगत थ उस समय म अनिभव दख करत थndash म सफद उजजवल परकश म घीम रह ह ा ऽफर हम

बफील पहड़ ऽदखई दन लगत थ म उन पहड़ो पर चढ़ जत थ और पहड़ो पर घीम करत थ कि छ

ऽदनो बद अनिभव आयndash म बफील पहड़ो पर आग की ओर चल ज रह ह ा कि छ समय बद हमन

दख भगवन शकर एक ऊा च सथन पर बठ हए ह उनक सथ शरा मत पवथता भा ऽवरजमन ह उनक

ननदा (बल) भा थोड़ा दीरा पर बठ हआ ह म उनस थोड़ा दीरा पर खड़ हआ ह ा मन दीर स हा भगवन

शकर व शरा मत पवथता को परणम ऽकय वह दोनो उततर म कि छ नही बोल परति मिसकरए अवशय थ

थोड़ा दर तक म उनह टकटकी लगय दखत रह ऽफर भगवन शकर व शरा मत पवथता जा अदशय हो

गय म भा वपस चल ऽदयकि छ दीर चलन क बद हम हर-भर जगल ऽमल यह जगल बड़ मनमोहक

थ म इस जगल म चरो ओर ऽवचरण करत रह उस जगल म वकष बहत ऊा च-ऊा च थ तज हव चल

रहा था तभा हमरा आाख खिल गया और धयन टीटन क करण अनिभव भा समपत हो गय इस परकर क

अनिभव कई बर आय थ ऽजसम भगवन शकर क दशथन करन क सिअवसर परप त हआ थ

शरी माता जी क दशशन

कि छ ऽदनो तक सधन करन क बद हमर मन म इचछ जगरत हई ऽजसकी पिसतक पढ़कर हमन

योग क अभयस करन शिर ऽकय ह तथ पतर दरर उनहोन मगथ दशथन भा ऽकय ह मन अपन मन क

अनदर उनह अपन सदगिर भा मन ऽलय ह तथ हम योग म अभा स अनिभवो क रप म सफलतएा भा

ऽमलन लगा ह ऐसा महन योऽगना क हम दशथन zwjयो नही होत ह मन म कई बर सोच ऽक शरा मत जा

क दशथन हो मगर दशथन नही हए अब म थोड़ दिःखा स रहन लग ऽक हम शरा मत जा क दशथन zwjयो

नही होत ह बस हमर मन इसा म लग रहत थ ऽक शरा मत जा क दशथन हो नौकरा म डयीटा क समय

भा म ऽचऽतत स ऽदखई दत थ कभा-कभा ऽमतर हमस पीछत थndash ldquozwjय बत ह घर की यद आ रहा हrdquo

म कह दत थndash यह बत नही ह कोई अनय करण ह ऽजसस म ऽचऽतत रहत ह ा

अब हमर मन म आयndash zwjयो न शरा मत जा को पतर ऽलखीा एक ऽदन म शरा मत जा को पतर

ऽलखन बठ गय पहल मन कि छ अपन अनिभव ऽलख ऽफर मन ऽलखndash ldquoशरा मत जा हम आपक दशथन

zwjयो नही होत ह मन कई बर सकलप भा ऽकय ऽक हम आपक दशथन हो मगर असफलत हा हथ लगा

कपय आप हम पर कप कीऽजए हम आपक दशथन होrdquo शरा मत जा क कि छ ऽदनो बद हम पतर ऽमल

योग कस कर 25

पतर ऽमलन क करण म खिश होकर अपन कमर म आ गय मिझ मलीम थ इस पतर क अनदर हमर ऽलए

अवशय शिभ सदश ऽलख होग सबस पहल म पतर पढ़न लग उसम ऽलख थndash आपक भव कमजोर

पड़त होग इसऽलय सकलप भा कमजोर होत होग आप पीणथ भव स सकलप कीऽजए म भा परभि स

परथथन करा गा ऽक आपको मर दशथन हो म पतर पढ़कर रोन लग ऽक मर भव कहा पर कमजोर पड़

जत ह यह मिझ मलीम नही ह ऽफर म खीब रोय zwjय मर मन म शरा मत जा क परऽत शरि नही ह म

यहा सोचन लग थोड़ा दर तक सोच मिदर म लट रह ऽफर हथ पर धोकर आसन पर धयन करन क

ऽलए बठ गय पहल नयरह बर मतयिजय मतर क जप ऽकय ऽफर धयन क ऽलए मन अपना आाख बनद

कर ला आाख बनद करत हा बहत तज परकश ऽदखई ऽदय परकश इतन तज थ ऽक मरा आाख

चकचौध सा हो गया समन की ओर दखन की समथयथ नही रहा ऐस लग मनो ढरो सीयथ एक सथ

परकऽशत हो गय हो उसा तज परकश म एक मनव छऽव बनता हई ऽदखई दा पल भर म वह छऽव सतरा

रप म परकट हो गया म तिरनत समझ गय ऽक य ldquoशरा मत जा हrdquo कि छ कषणो तक म शरा मत जा क

सवरप की छऽव हमर समन बना रहा ऽफर शरा मतजा अदशय हो गया ऽफर अनिभव समपत हो गय और

मरा आाख खिल गया यह अनिभव धयन पर बठत हा आय थ हमन ऽसफथ आाख हा बनद की था अभा

धयन नही लग थ

म दिबर धयन करन क ऽलय बठ गय धयनवसथ म अनिभव आयndash म ऊा च-ऊा च पहड़ो पर

घीम रह ह ा य पहड़ सफद बफथ क बन हए ह इनही पहड़ो पर बड़-बड ऊा च वकष ह तथ तावर गऽत स हव

भा चल रहा ह कि छ समय तक म वही पर घीमत रह ऽफर हमर धयन समपत हो गय लगभग एक घणट

क धयन लग शरा मत जा क दशथन होन क करण हमर मन अतयऽधक परसनन रहन लग थ नौकरा म

डयीटा क समय कब बात जत थ यह मिझ मलीम नही होत थ zwjयोऽक म शरा मत जा की यद म

खोय रहत थ

शरी माता जी क परतयकष दशशन की आचछा

शरा मत जा को मन पतर ऽलखndash sbquoशरा मत जा हम आपक दशथन हो चिक ह अब हमरा तावर

इचछ हो रहा ह हम आपक परतयकष दशथन कर म आपक पस आन चहत ह ा कपय आप मिझ बतएाndash

हम आपक पस ऽकस रसत स आय zwjयोऽक हम ऽमरज शहर क बर म जनकरा नही ह यह शहर कहा

योग कस कर 26

पर ह ऽदलला म आपक ऽशषय कहा-कहा पर रहत ह म उनस ऽमलन चहत ह ा अब हमरा बहत इचछ

होता ह ऽक सतसऽगयो स ऽमलीा तऽक सधन क ऽवषय म उनस आपस म बत कर सकीा rdquo कि छ ऽदनो बद

शरा मत जा क पतर आयndash ldquoउसम ऽदलला क दो सतसऽगयो क पत ऽलख हए थ तथ ऽमरज आन क

ऽलए आजञ द दा था शरा मत जा न यह भा ऽलख थndash हम बहत खिशा ह आपन कम उमर म हा सधन

करन शिर कर ऽदय ह हम आप जस नई पाढ़ा क यिवको क मगथ दशथन अवशय हा करगrdquo

शरा मत जा न पतर म ऽदलला क दो सधको क पत पतर म ऽलखकर भज ऽदय थ म कि छ ऽदनो बद

उन सधको क पस गय थ हमर और उन सधको क आपस म पररचय हआ ऽफर शरा मत जा क

ऽवषय म बतचात हई तथ मन उन सधको को अपन अनिभव भा सिनय और यह भा बतय म शाघर हा

शरा मत जा क पस जन वल ह ा आजकल म सदव शरा मत जा क ऽवषय म सोच करत थ तथ

हमर अनदर एक हा धिन सवर रहता था म अब जयद स जयद सधन करा ग अब हमर ऽवचर अपन

आप बदलन लग मिझ यद आ रह हndash बचपन स लकर सधन शिर करन तक हमर अनदर ईश वर क

परऽत बहत हा ऽखचव रहत ह म मऽनदरो म भा जत ह ा तथ पीज-पठ आऽद म भा बहत रऽच लत ह ा

हम मऽनदरो की सनदिर मीऽतथय ा बहत हा पसनद ह म पीणथ रप स आधयऽतमक सोच वल थ म ढरो

आधयऽतमक पिसतक भा पढ़ करत थ धऽमथक पिसतको क सगरह भा मन बहत कर रख ह

अब हमर सवभवऐस बन गय ह ऽक रत-ऽदन सदव ईश वर को यद करत रहत ह ा ईश वर क

ऽसवय अब कि छ भा अचछ नही लगत ह सधन करन क करण अब रऽतर म नीद भा कम आता था

म सोच करत थndash ldquoकब सिबह क 330 बज और म धयन पर बठी ाrdquo यहा रोजन ऽकरय ऽकय करत

थ कभा-कभा हमर पड़ोसा कहत थ zwjय बत ह आज-कल आप बहत सिबह सनन ऽकय करत हो और

ऽफर सो जत हो उततर म म ऽसफथ इतन कहत थndash मिझ सिबह सनन करन की आदत ह पड़ोऽसयो को

मलीम नही थ ऽक म zwjय ऽकय करत ह ा हमर ऽमतर भा कहत थndash ldquozwjय बत ह अब ती गिमसिम स

रहत हrdquo अब हमरा आदतो म भा सिधर आन लग थndash ऽकसा स मजक करन जयद हासन आऽद

अचछ नही लगत थ अपन कम-स-कम रखत थ हम बचपन स हा भगवन शकर अचछ लगत थ

यह मलीम नही ऐस zwjयो थ अगर सिनदरत की दऽष ट स दख जय तो भगवन शरा कषण जा क सवरप

भा बहत सिनदर ह मगर हमर शरा कषण जा की ओर कोई झिकव नही थ हम भगवन शकर हा धयनसथ

मिदर म अचछ लगत थ

योग कस कर 27

एक बर म धयन कर रह थ धयन म अनिभव आयndash सफद उजजवल परकश फल हआ ह

सफद बफील पहड़ ह वयि भा तावर गऽत स चल रहा ह म पहड़ो पर घीम रह ह ा कि छ कषणो म दखndash

हमस थोड़ा दीर एक बफीला पहड़ा पर शवत वसतरधरा एक सतरा घीम रहा ह कभा-कभा यह सतरा खड़ा होकर

हमरा ओर दखता ह ऽफर कभा वह पहड़ो पर घीमन लगता ह मिझ यद आ रह ह इस परकर क अनिभव

हमन पहल भा दख थ यह सतरा कि झ कई बर ऽदखई दा था मगर म इस पहचन नही पत थ zwjयोऽक मन

इस पहल कभा दख हा नही थ म सोच करत थndash ldquoहमरा समझ म नही आत ह यह सतरा हम बर-बर

zwjयो ऽदखई दता हrdquo म इस सतरा क दशथन दन क अथथ नही लग पय करत थ मगर म सोच अवशय

करत थndash य सतरा हम अzwjसर zwjयो ऽदखई दता ह इसक ऽदखई दन स मिझ कोई आपऽतत नही ह zwjयोऽक

उसक सवरप बहत हा सिनदर थ चहर पर ऽबलकि ल शऽत था आाखो म ऽसथरत था तथ सफद सड़ा म

अचछा लग रहा था मन ऽनणथय ऽकयndash ldquoयह कोई सधरण सतरा नही ह zwjयोऽक दखन स लगत ह यह

कोई अऽदरताय सतरा ह तभा तो धयन म बर-बर ऽदखई दता ह म अपना शरा मत जा को यद ऽकय

करत थ मगर उनक दशथन हम नही होत थ इस सतरा की उमर लगभग 50-55 वषथ की होगा मन ऐस

अदज लगय करत थ तथ उसक शरार थोड़ भरा स थ

भगवान शकर क दशशन

हमन शरा मत जा की पिसतक म पढ़ थ जब सधक की सधन रदय चकर म होन लगता ह तब

सधक को यहा पर ऽवऽभनन परकर क बहत स दशथन होन लगत ह यही पर सधक को अपन इषट क भा

दशथन होत ह अब हमर अनदर तावर इचछ जगरत हई ऽक मिझ भा भगवन शकर क दशथन हो मन

धयनवसथ म भगवन शकर क समरण ऽकय तथ उनस परथथन कीndash ldquoह परभि हम आपक दशथन हो

हमर अनदर आपक दशथन करन की तावर इचछ जगरत हई हrdquo ऽफर कि छ ऽदनो बद धयनवसथ म हम

भगवन शकर क दशथन हो गय मन दखndash समन ओर बहत ऊा चा-ऊा चा पहड़ की चोऽटयो पर बफथ फला

हई ह सबस ऊा चा चोटा पर थोड़ा सा समतल जगह ह उस समतल जगह पर छोट स चबीतरनिम सथन

ह उस चबीतर क ऊपर वयघर चमथ पर भगवन शकर धयनसथ मिदर म बठ हए ह उनक ऽतरशील भा एक

ओर बफथ म गड़ हआ ह तथ ऽतरशील म डमर भा बाध हआ ह वही पर एक ओरननदा (बल) बठ हआ

ह यह जगह सफद उजजवल परकश स यिकत ह चरो ओर बफथ हा बफथ फला हई ह यहा पर ऽकसा परकर

योग कस कर 28

क शोरगिल ऽबलकि ल नही ह और न हा ऽकसा परकर क कोई वकष ह हव भा नही चल नही रहा ह

ऽबलकि ल शऽत-हा-शऽत ह यह दशय कि छ समय तक दखत रह म बहत परसनन हो रह थ ऽफर हमर

धयन टीट गय मर धयन एक घणट तक लग रह

धयन करन क बद हम थकन सा महसीस हई म आसन स उठकर चरपया पर लट गय और

थोड़ स आरम ऽकय आज-कल अzwjटीबर-नवमबर क ऽदन थ ऽदलला म इन ऽदनो हलकी-हलकी सदी

पड़न लगता ह मगर धयनवसथ म हमर कपड़ पसान स भाग जत थ 10-15 ऽमनट आरम करन क

बद म चरपया स उठ और खन बनन शिर कर ऽदय म अपन खन सवय बनय करत थ मिझ

होटल म खन की आदत नही था ऐसा आदत हमरा शिर स रहा मिझ होटल क खन पसनद नही थ

इसऽलए म अपन हथो स खन बनय करत थ मन अपन धयन करन क समय म भा थोड़ पररवतथन

कर ऽलय थndash अब म सयकल को 630 स 730 बज तक धयन ऽकय करत थ 730 स 830 बज

तक खन बन कर ख लत थ तऽक खन थोड़ हजम हो जय ऽफर रऽतर म 10 बज धयन करन क

ऽलए दिबर बठ जत थ आध घणट तक धयन ऽकय करत थ 1030 स 1130 बज तक नौकरा स

समबऽनधत पिसतको क अधययन ऽकय करत थ ऽफर म सो जत थ सिबह लगभग तान बज जग जत

थ आध घणट म तयर होकर 330 बज स 430 बज तक धयन ऽकय करत थ 430 स 5 बज तक

आरम करत थ ऽफर 5 स 6 बज तक धयन करन क ऽलय दिबर बठ जत थ उसक बद खन

बनकर और खकर 9 बज सिबह कम पर चल जत थ शम 530 बज कमर पर वपस आ जत थ

इस परकर म ऽदन म सढ़ तान घणट तक धयन ऽकय करत थ तथ समपीणथ ऽदन मन क अनदर ldquoॎ नमः

ऽशवयrdquo क जप करत रहत थ

अब आप समझ सकत ह म सधन करन क ऽलए ऽकतन उतसिक थ यह ऽदनचय थ हमरा

सधन क शिरआत म था हमस ऽकसा न नही कह थ ऽक आप इतना सधन कीऽजए सधन क परऽत

तो हमरा जबरदसत लगन लगा हई था अब म बहत वयसत रहन लग थ तथ हमर इधर-उधर घीमन

पीरा तरह स बनद हो चिक थ कभा-कभा हम सवय अपन आप पर अचरज होत थ ऽक हम सधन क

भीत कस सवर हो गय ह पहल तो म ऐस नही थ अब इतन बदलव कस आ गय हम इस मगथ पर

अगरऽसत करन वल कोई नही थ ह ा शरा मत जा की पिसतक हा हमरा मगथ दशथक था और अब शरा

मत जा स भा पतर वयवहर शिर हो गय थ

योग कस कर 29

आजकल हम भगवन शकर क दशथन धयन म अzwjसर हो जय करत थ उनक सथ म शरा मत

पवथता जा भा होता थी दशथन होन की जगह वहा पहल वल सथन थ भगवन शकर क दशथन कभा

धयन मिदर म तो कभा शरा मत पवथता जा क सथ होत रहत थ धयनवसथ म दशथन होन क करण

आजकल म बहत खिश रहत थ मगर य खिशा क ऽदन जयद ऽदन नही चल zwjयोऽक धयनवसथ म

हमर परण वयि अब ऊपर की ओर जन क परयस करन लग थ ऽजसस हलकी सा पाड़ अथव

गिदगिदा महसीस होता था सथ हा अब हम दशथन होन भा धार-धार बनद होन लग थ पहल जस अब

धयन म मज नही आत थ इसक करण थndash धयनवसथ म दशथनो क न होन अथव कि छ ऽदनो बद

हा अगल अनिभव आत थ

ऽपरय सधको आपन इस पिसतक म पढ़ होग हमर धयन शिर स हा अपन आप लगन लग

थ पहला बर म 45 ऽमनट क धयन लग थ जबऽक शरा मत जा न अपना पिसतक म ऽलख थndash

सधक को कम स कम 15 ऽमनट तो बठन हा चऽहए कि छ ऽदनो तक धयन नही भा लग तब भा बरबर

अभयस करत रहन चऽहय आऽद मगर म आश चयथ म थ ऽक हमर धयन तो शिरआत स हा अपन

आप लगन लग थ शरा मत जा स पतर वयवहर अzwjटीबर क अऽतम ऽदनो म हआ थ अब हमरा

ऽहममत सधन करन क ऽलय और भा बढ़ गया था कभा-कभा जब म शत बठत थ तब रदय क

अनदर आवज सिनई पड़ता थाndash ldquoआननद कि मर तिम सधन करो तिमह सफलत अवशय ऽमलगाrdquo इसस

हमरा इचछ-शऽzwj त म और भा दढ़त आ गया था मिझ पत नही zwjयो ऽवशवस हो रह थ एक समय वह

भा आयग जब हमरा कि णडऽलना शऽzwj त जगरत हो जयगा तथ महनत क ऽशखर पर पहाचीग कि छ

सधको को ऽशकयत रहता ह ऽक उनक धयन जलदा नही लगत ह तथ उनह परण वयि क ऽवषय म भा

जनकरा नही होता ह ऽक उनकी सधन ऽकस चकर चल रहा ह तथ अनिभव न आन क करण दिखा भा

रहत ह हम इस परकर की कभा कोई ऽशकयत नही रहा ह

पराण वाय कणठचकर पर

सधको सधन म जो अभा तक आननद आत थ अब वह अदशय स होन लग थ zwjयोऽक

परण वयि रदय चकर स ऊधवथ होन लग थ जब परण वयि रदय-चकर स ऊधवथ होत ह तब अनिभव नही

आत ह अथव कम आत ह जब परण वयि रदय चकर म वपस आत ह तब अनिभव आन लगत ह

योग कस कर 30

इसऽलए अब अनिभव कभा-कभा हा आत थ मिझ यद आ रह ह म कणठचकर म बहत हा शाघर आ गय

थ पहल धार-धार परण वयि कणठचकर तक आत ह ऽफर ऽफर कि छ समय बद वपस होकर रदय चकर म

आ जत ह कणठचकर म अनिभव रदय चकर की तरह नही आत ह अगर कभा अनिभव आ भा गय तो

कफी ऽदनो क बद आत ह अनिभव न आन स मन थोड़ दिःखा-दिःखा स रहत थ जब भा अनिभव

आत थ तब बहत परसननत होता था अनिभव न आन स मन थोड़-स अपरसनन स रहत थ मगर

दीसरा तरफ खिशा होता था zwjयोऽक धयन म हमरा उननऽत हो गया था

अब कभा-कभा धयनवसथ म लगत थndash म घोर अधकर म परवशकरत हआ चल ज रह ह ा

हम अधकर क करण कि छ भा ऽदखई नही दत थ बस यहा अनिभव बर-बर आत थ ऽक म तावर

गऽत स आग की ओर चल ज रह ह ा पहल की अपकष अब धयन क समय थोड़ा थकन सा महसीस

होता था हमरा सधन म बरबर परगऽत हो रहा ह ऐस हम मलीम हो रह थ कि छ ऽदनो बद धयन पर

बठत हा हमर परण तजा क सथ ऊपर की ओर जत थ और कणठचकर म जकर रक जत थ नाच

उतरन क नम नही लत थ बऽलक परण और ऊपर जन क परयस करत थ मगर आग क मगथ बनद

होन क करण परण ऊपर की ओर को दबव दत थ परण क दबव क करण हमरा गदथन पाछ की ओर

झिक जता था इस करण ऽसर पाछ की ओर झिककर पाठ स ऽचपकन लगत थ ऽजसक करण हम

धयनवसथ म बड़ा तकलाफ होन लगता था जब धयन टीट जत थ तब म अपन ऽसर को साध नही

कर पत थ गदथन बिरा तरह स दिखन लगता था ऽसर साध करन क ऽलए हम अपन दोनो हथो क

सहर लन पड़त थ अब पहल की अपकष धयन क समय अपन आप बढ़ गय थ धयन सव घणट

य डढ़ घणट तक हो गय थ

कि छ ऽदनो बद हम एक ऽवऽचतर स अनिभव आन लग धयन पर बठत हा हमरा गदथन पाछ की

ओर चला जता था धयनवसथ म म अपन आप को एक सिरग जसा जगह क अनदर पत थ उस सिरग

क अनदर हलक पाल रग क परकश होत थ यह परकश उसा सिरग की गोलईनिम दावरो स अपन

आप ऽनकल रह थ अथव सिरग की दावर सवपरकऽशत था म उसा सिरग म अनदर की ओर तावरगऽत स

परवश करत चल ज रह ह ा कि छ समय बद वह सिरग आग चलकर बनद ऽमलता था म वही पर खड़

हो जत थ इतन म अनिभव समपत हो जत थ

यह अनिभव कि छ ऽदनो क बद अzwjसर आय करत थ इसक अथथ म नही समझ पत थndash ऽक

यह सिरग जसा जगह zwjय ह और इसक अथथ zwjय ह म zwjयो इस सिरग क अनदर तज गऽत स दौड़त हआ

योग कस कर 31

चल ज रह ह ा सिरग हमश आग चलकर बनद ऽमलता थी ऽफर म उसा जगह पर खड़ हो जत थ तभा

कि छ कषणो धयन टीट जत थ ऽफर मन शरा मत जा को पतर ऽलखndash ldquoउसम इस अनिभव क ऽवषय म

ऽवसतर स ऽलख और इसक अथथ भा पीछrdquo मगर मर पतर क उततर बहत ऽदनो तक नही आय बद म

हम जनकरा हई उस समय शरा मत जा बहत वयसत थी उन क घर म सवमा ऽचदननद जा पधर हए थ

अनय सधक गण भा आय हए थ इस करण वह हम पतर नही ऽलख पया थी कि छ समय बद हमन यह

ऽनऽिय ऽकय जब म भा शरा मत जा क पस जऊा ग तब उस समय इस अनिभव क अथथ पीछ लीाग

दादी माा क सकषम शरीर स वमलना

नवमबर-ऽदसमबर क महान थ उस समय म ऽदलला म नौकरा करत थ हम मलीम हआ ऽक

हमरा ददा म ा क दहत हो गय ह हमर घर स पतर आय थ उसा म ऽलख हआ थ यह खबर पकर

हम बड़ दिःख हआ इसऽलए दो तान ऽदनो तक सधन क परऽत हमर आकषथण थोड़ कम हो गय

zwjयोऽक हम अपना ददा मा की यद आ रहा था कि छ समय बद हमर अनदर अचनक खिशा की लहर

दौड़ गया खिशा क करण थ अब म सधक हो गय ह ा हम भा अनिभव आत ह शरा मत जा की

पिसतक म एक जगह वणथन ऽमलत ह परततमओ स उनक समपकथ हआ थ तथ उनहोन उसक उिर भा

ऽकय थ अब म सोचन लगndash zwjय म अपना ददा मा को धयन क मधयम स दख सकत ह ा तथ उनस

समपकथ हो सकत ह अब म सधक हो गय ह ा मगर zwjय हमर अनदर इतना योनयत ह ऽक मततमओ स

समपकथ कर सकीा बद म हमर मन न कहndash मर ददा मा स अवशय समपकथ होग मनिषय परयतन कर तो

zwjय नही हो सकत ह बस उस कयथ क ऽलए लगन शरि और पररशरम चऽहए मन ऽनिय ऽकय यऽद

हमर ददा मा स समपकथ नही हआ तो भा म इस कयथ क ऽलए परयतन करत रह ाग ऽफर सोचndash इस कयथ

क ऽलय आज शम स हा zwjयो न परयतन ऽकय जय

म शम 630 बज धयन करन क ऽलय बठ गय ऽफर भगवन स परथथन कीndash sbquoह परभि आप हम

हमरा ददा मा की जावतम स ऽमलव दाऽजएग हमरा बड़ा इचछ ह म उनस ऽमलन चहत ह ाrdquo ऽफर

म धयन पर बठ गय धयनवसथ म हम पहल जसा ऽकरय हई गदथन पाछ की ओर जकर पाठ स ऽचपक

गया ऽफर सिरग वल अनिभव आय इसक बद हमर धयन टीट गय अब की बर हमर धयन डढ़

घणट क लग थ हम थकन भा कफी महसीस हो रहा था इसऽलए म लट गय हम ददा मा क ऽवषय म

योग कस कर 32

कोई जनकरा नही ऽमला लऽकन म हतश नही हआ हम अपन ऊपर बहत बड़ ऽवशवस थ ऽक कभा न

कभा सफलत अवशय ऽमलगा जब म धयन पर बठत थ तब म ईश वर स परथथन ऽकय करत थndash परभि

ldquoहम हमरा ददा मा स ऽमलव दोrdquo

तान-चर ऽदन बद हम धयन म एक अनिभव आय अनिभव क आत हा हमर अनदर दिःख की

अनिभीऽत होन लगा दिःख क करण थ हमरा ददा मा की हलत अतयनत दयनाय था ऽलखत हए शमथ

आ रहा ह मगर ऽफर भा सधको को बतन क ऽलय सकषप म ऽलख रह ह ाndash हमरा ददा मा एक गनदगा क

ढर क ऊपर बठा हई था वह सवय बहत दिःखा था उस गनदगा क ढर स अनदर तावर दिगध ऽनकल रहा था

दिगध क करण बिर हल थ मिझ उन पर दय आ रहा था म बोलndash अमम (म उनह अमम कहत थ)

तिम इस गनदगा पर zwjयो बठा हो यहा पर बड़ा दिगध आ रहा ह चलो अचछा जगह चलकर बठो पहल

उनहोन हम गहरा दऽष ट स दख ऽफर वह कि छ नही बोला मन दिबर ददा मा स कहndash ldquoचलो अचछ

यहा स उठोrdquo हमर इतन हा कहन थ तभा उनह करोध स आ गय वह तज शबदो म बोलीndash ldquoआय

यह ा स दीसरा जगह ऽबठन वल हमरा तो यहा जगह ह कहा ऽबठएग मिझrdquo म उनक शबद सिनकर

अचऽमभत स हआ और सोचन लगndash अमम ऐस zwjयो कह रहा ह हमरा समझ म नही आय वह ऽफर

बोलीndash ldquoयहा स भग ज यहा स चल जrdquo इतन कहकर वह उसा जगह लट गयी हम वह ा पर खड़

होन भा मिऽशकल थ वह आरम स लटा हई थी उनह कोई परशना नही हो रहा था उनक शरार पर

मल-कि चल वसतर थ जबऽक उनहोन अपन जावन म अतयनत सवचछ कपड़ पहन थ म समझ गय हमर

कहन क इन पर कोई परभव नही पड़ग इतन म हमर अनिभव समपत हो गय पठको इस अनिभव को

मन इसऽलय ऽलख ह इसस आप ऽशकष ल मनिषय को अपन कमथ कभा न कभा अवशय भोगन हा पड़त

ह वतथमन जावन म मरा ददा म ा बहत हा पीज-पठ ऽकय करता था ऽबलकि ल शत सवभव वला था

ऽफर भा मतयि क बद उसक इतन बिर हल थ पीवथ जनमो क कमो क करण ऐसा अवसथ परप त हई था

अब म थोड़ गिमसिम स रहन लग इसक करण ददा मा था म यह अनिभव भील नही प रह

थ म सोचन लगndash म zwjयो अपना ददा मा क चzwjकर म पड़ गय जब शरा मत जा क पस जऊा ग तब

उनस परथथन करा ग ऽक हमरा ददा मा क इस वसन शरार स उिर कर दाऽजय कि छ ऽदनो बद हमरा

ददा मा हम सवपनवसथ म ऽदखई दा और हमस बोलाndash ldquoघरवलो न हमरा तरहवी भा नही की ह

कम-स-कम कि छ बरहमणो को भोजन कर ऽदय जत तो अचछ रहत जब म मरन लगा था तब हमरा

तावर इचछ पोत को और अपना छोटा लड़की को दखन की था मगर घरवलो न अनसिना कर दा थाrdquo म

योग कस कर 33

बोलndash ldquoअमम छोड़ो य सब बत अब इन बतो क कोई महततव नही रह गय ह zwjयोऽक वह समय बात

गय अब वपस नही आयग म कि छ ऽदनो बद शरा मत जा क पस ज रह ह ा उनस आपकी सदगऽत

की परथथन करा गrdquo तब वह बोलीndash ldquoहमर ऽलए ऽकसा स परथथन करन की जररत नही हrdquo यह कहकर

वह चला गयी इसा परकर दो-तान बर सवपनवसथ और धयनवसथ म ददा मा हम ऽफर ऽदखई था

मगर पहल की अपकष अब कि छ ठाक लग रहा थी ददा म ा न हम बतयndash तिमहर पस आन पर हम

अचछ लगत ह घर पर म ऽकसा क पस नही जऊा गा कि छ ऽदनो बद हम मलीम हआ ददा म ा दरर

बतई गया सभा बत सतय थी ऽफर मन सरा बत अपन घरवलो को बतया थी मतयि क बद उनह

वसन दह परप त हई ह उस समय वह उस लड़क (कि लदाप) क ऽवषय म सोच करता थी कि छ समय बद

उनह इस दह स मिऽकत ऽमल गया

हम पहल ऽलख चिक ह शरा मत जा क पतर आय थ उसम ऽलख थ आप ऽमरज आ सकत ह

तथ ऽदलला क दो सतसऽगयो क पत भा ऽलख थ जब म उस पत क अनिसर एक सतसगा भई क पस

गय तब उनहोन हम शरा मत जा क ऽवषय म ढर सरा जनकररय ा दी तथ फोटो क एक एलबम दखन

क ऽलय ऽदय थ उस एलबम म लग फोटो को दखकर म चौक पड़ zwjयोऽक उसम शरा मत जा क कई

फोटो लग हए थ अब हम अपन ऽपछल अनिभव यद आन लग उस समय म उस सतसगा स कि छ नही

बोल लगभग एक घणट तक हमरा और उन सतसगा भई स बतचात होता रहा ऽफर म वपस लौट

आय जब म वपस लौट रह थ तब रसत म अऽत परसनन हो रह थ परसननत क करण यह थ ऽक म

अजञनतवश शरा मत जा को पहल म नही पहचन पय थ हमर मऽसतषक म शरा मत जा की छऽव

एक दिबला-पतला सतरा की था zwjयोऽक उनकी पिसतक म सवमा ऽशवननद जा क सथ जो उनकी फोटो

छपा हई ह उस फोटो म वह दिबला-पतला थी मगर वतथमन म उनक शरार थोड़ भरा हो गय थ

वतथमन क फोटो दखकर अचछा तरह समझ गय थ ऽक हम शरा मत जा क दशथन पहल कई बर हो

चिक थ उस समय उनह पहचन नही पय थ जब पहल कई बर अनिभव आय थ बफील पहड़ो पर

सतरा घीमता हई ऽदखई दता था पहड़ो पर घीमता हई शरा मत जा क जो सवरप थ वह ऽबलकि ल वतथमन

समय क शरार स मल करत थ इसक मतलब यह हआ मिझ शरा मत जा क दशथन अzwjसर होत रहत

थ मगर पहचन नही पय थ

योग कस कर 34

सन 1985

शरी माता जी क पास वमरज जाना

शरा मत जा क पतर हम जनवरा सन 1984 क अऽतम ऽदनो म परप त हआ उसम ऽलख थndash

ldquoआप 15 फरवरा 1985 को हमर यहा (ऽमरज) आ सकत ह 17 फरवरा को महऽशवरऽतर ह

महऽशवरऽतर को हमर यह ा पर मतरो क जप होत ह उस जप म आप भा भग ल सकत ह ऽजसस

आपको आधयऽतमक लभ होग आप ऽदलला स झलम एzwjसपरस स पीन तक आइए पीन स दीसरा रल

दरर ऽमरज आइएrdquo मन 13 फरवरा क पहल स हा ररजवशन कर ऽलय थ ऽजसस यतर म ऽकसा

परकर की परशना न उठना पड़ म 13 फरवरा को सिबह ऽदलला स झलम एzwjसपरस दरर पीन क ऽलए

रवन हो गय रऽतर क समय अपना साट पर सोय हआ थ अचनक सवपन म हम ददा मा ऽदखई दा

वह हमर पस आया और बोलाndash ldquoबड़ आय हम मिऽकत ऽदलन वल शरा मत जा स हमरा सदगऽत क

ऽलए कहग ती अपन आपको ऽकतन बड़ सधक समझत हrdquo म बोलndash ldquoमिऽकत तो शरा मत जा दगा

म अपन ऽलए नही कह रह थrdquo वह करोध क भव स हम दख रहा था वह ऽफर बोलाndash ldquoमिझ अचछा

तरह मलीम ह ऽक मिझ ऽकतना मिऽकत ऽमलगाrdquo कि छ कषणो म वह अदशय हो गया हमरा आाख खिल गया

घड़ा दखन पर मलीम हआ सिबह क 4 बज ह सभा यतरा अपना-अपना साटो पर सोए हए थ म अपना

साट पर लट-लट करवट बदल रह थ ऽफर दोपहर क समय म पीन पहाच पीन स टरन बदलकर ऽमरज

पहाच गय ऽमरज तासर ऽदन सिबह पहाच थ रलव सटशन स शरा मत जा क घर क ऽलय ऑटोररzwjश

कर ऽलय थ लगभग 10 ऽमनट म शरा मत जा क घर पहाच गय ऑटो ररzwjश चलक न शरा मत जा

क घर क समन आवज लगई ऑटोररzwjश चलक न मरठा भष म शरा मत जा को बिलय मगर

अनदर स ऽहनदा भष म आवज आयाndash दरवज खिल ह आ जओ म आवज सिनकर भा अनदर नही

गय कि छ कषणो तक दरवज क बहर ठहर रह ऽफर शरा मत जा न आकर सवय दरवज खोल और

हमस बोलाndash sbquoअनदर आ जओ‛ मन शरा मत जा क घर क अनदर परवश ऽकय पहल मन उनक चरण

सपशथ ऽकय ऽफर शरा मत जा मिझ कमर म ल गयी शरा मत जा बहत परसनन थी तथ हलक-हलक

मिसकर रहा थी म उनह दखकर परसनन हो रह थ उनहोन हम बठन क इशर ऽकय म फशथ पर चटई

ऽबछकर बठ गय शरा मत जा हमस थोड़ा दीरा पर कि सी पर बठ गयी ऽफर वह हमस बोलीndash sbquoजस हा

योग कस कर 35

दरवज पर आवज आया म समझ गया था ऽक आप हा आय ह जबऽक आवज मरठा भष म था म

ऽहनदा म हा बोला थाndash ldquoदरवज खिल ह अनदर आ जओrdquo मगर जब आप नही आय तब मिझ

दरवज खोलन पड़‛

ऽफर शरा मत जा बोलीndash ldquoआप दीर स आय ह थक गय होग हथ मिाह धो लाऽजय तब तक म

चय बनता ह ाrdquo म बोलndash ldquoहथ मिाह अवशय धोऊा ग मगर शरा मत जा म चय नही पात ह ा इसऽलए

आप हमर ऽलए चय न बनएाrdquo शरा मत जा बोलीndash ldquoआप शहर म रहकर चय नही पात ह अचछा

बत ह थोड़ स दीध ल लनrdquo मिझ अपन-आपम शमथ सा आया म इनक पस आय ह ा ऊपर स य

हमर ऽलए चय बनयगा उमर भा कफी हो गया ह शरा मत जा ऽकऽचन म चला गयी म बथरम म

हथ मिाह धोन क ऽलय चल गय थोड़ा दर म म हथ मिाह धोकर वपस आ गय आऽखरकर शरा मत

जा नही मना हम थोड़ स दीध ऽपल हा ऽदय मिझ उस समय बड़ अचछ लग रह थ ऽजसक वणथन म

नही कर सकत थ थोड़ा दर तक हम और शरा मत जा आपस म बत करत रह ऽफर शरा मत जा

बोलीndash ldquoआप सनन कर लो ऽफर धयन पर बठग zwjयोऽक कोई न कोई यह ा आत रहत ह एकत नही

ऽमलगrdquo म सनन क ऽलए चल ऽदय शरा मत जा न हमस पीछndash ldquozwjय आप गमथ पना स सनन करत ह

म आपक ऽलए पना गमथ कर दीाrdquo हम यह शबद सिनकर बड़ा शमथ सा महसीस हई हमन हड़बड़कर उततर

ऽदयndash sbquoनही नही शरा मत जा आप हमर ऽलय पना गमथ न कर म सवय अपन कम करा ग आप हम

ऽसफथ समझ द शरा मत जा म गमथ पना स सनन नही करत ह ा म हमश ठणड पना स सनन करत ह ाrdquo

शरा मत जा बोलीndash ldquoअचछ कोई बत नही आप ठणड पना स सनन कर ल ऽफर 9 बज धयन पर

बठगrdquo म बोलndash ldquoजा मत जाrdquo

हम और अप एक हो जायग

म शरा मत जा क घर म बन धयन हल बठ हआ थ शरा मत जा थोड़ा दर म आ गयी और

बोलीndash ldquoचलो धयन पर थोड़ा दर बठत ह zwjयोऽक कि छ समय म ऽकसा को यह ा पर आन ह‛ धयन पर

बठन क ऽलए शरा मत जा न हम एक चदर द दा म उस चदर को चटई क ऊपर ऽबछ कर बठ गय

शरा मत जा हमस थोड़ा दीरा पर समन बठ गयी हम दोनो मतर थोड़ा दीरा पर आमन-समन बठ हए थ

शरा मत जा बोलीndash ldquoयह बत कहन की नही ह ऽफर भा कह दता ह ा zwjयोऽक मरा आदत नही ह पहल स

योग कस कर 36

कोई बत बतऊा हमम और आपम कोई फकथ नही रहग हम आप एक हो जयग आप सधन म उचच

ऽसथऽत को परप त करगrdquo य शबद शरा मत जा दरर सिनकर म आश चयथचऽकत हो गय म शरा मत जा क

मिाह दखन लग ऽफर म बोलndash ldquoशरा मत जा आपक कहन क म अथथ नही समझndash हमम आपम कोई

फकथ नही रहग हम आप एक हो जयगrdquo इस पर शरा मत जा न कोई उततर नही ऽदय ऽफर शरा मत जा

न कहndash ldquoचलो धयन करत ह हम तान बर ओकर बोलग ऽफर धयन करगrdquo शरा मत जा न ओकर

बोल ओकर बोलत हा हमरा गदथन झटक क सथ पाछ की ओर उलट गया म भा पाछ की ओर

झिकत चल गय और धयनसथ हो गय हमर धयन आध घणट क लग zwjयोऽक शरा मत जा न

ओकर ऽफर स कर ऽदय थ ओकर क सथ हा म साध होकर बठ गय धयन क समय हमर शरार

पाछ की ओर झिक हआ थ अब हमरा गदथन भा अपन आप साधा हो गया वस पहल गदथन साधा करन

क ऽलए दोनो हथो क सहर लन पड़त थ मन आाख खोल दा शरा मत जा हम दख रहा थी ऽफर

वह बोलीndash ldquoआपक बठन क तराक म थोड़ा तरिऽटय ा हrdquo ऽफर उनहोन हम समझय ऽक धयन पर इस

परकर स बठन चऽहय आपक अनदर जो ऽवचर आत ह आन दाऽजए zwjयोऽक वह आपक अनदर की

गनदगा ह

शरा मत जा धयन स उठकर अनदर चला गया म अकल वही बठ रह अब हमर अनदर भय

स आन लग zwjयोऽक शरा मत जा न हमस कह थndash sbquoआपक अनदर जो ऽवचर आत ह आन दाऽजए

घबरइए नहीrdquo मिझ लग जस मरा चोरा पकड़ा गया zwjयोऽक धयनवसथ म कभा-कभा हमर अनदर गद

ऽवचर आय करत थ वह ऽवचर इस परकर क होत थ ऽजनह हमन कभा सोच भा नही थ पत नही ऐस

ऽवचर zwjयो आय करत थ चह ऽजतन परयतन करो मगर रकत हा नही थ अब म सोचन लगndash य

ऽवचर शरा मत जा को मलीम पड़त होग तब zwjय सोचता होगा हम अपन आप पर शमथ भा आन लगा

मत जा ऽकतन पयर करता ह जबऽक हमर और शरा मत जा क सथील रप स कोई ररशत नही ह ऽफर

भा ऽबलकि ल अपना म ा जस पयर करता था थोड़ा दर म शरा मत जा न हम जलपन करन को ऽदय मन

जलपन कर ऽलय ऽफर एक घणट तक अकल बठ रह शरा मत जा न हमस कहndash ldquoआप यहा पर बठ-

बठ ऊब रह होग यहा पर ऽहनदा जनन वल ह मगर कम लोग हा ऽहनदा जनत ह म आपकी पहचन

ऽहनदा बोलन वलो स कर दीागा तऽक आप उनस बत कर सक ‛

एक घणट बद एक शरामन जा शरा मत जा क पस आय शरा मत जा उन शरामन जा स मरठा

भष म बत करता रही zwjय बत उन दोनो की आपस म होता रही म नही बत सकत ह ा zwjयोऽक उस

योग कस कर 37

समय मरठा भष हमर ऽलए नई भष था ऽफर शरा मत जा न इन शरामन जा स हमर पररचय

करयवह बोलीndash ldquoआननद कि मर जा य कि लकणी जा ह आप इनस बत कर सकत ह य ऽबजला

ऽवभग म कम करत हrdquo ऽफर हमरा और कि लकणी जा की ऽहनदा भष म बत होन लगी कि छ दर बद

कि लकणी जा बोलndash ldquoचलो बजर घीमन चलत ह आप यहा बठ-बठ बोर हो जयगrdquo हमर मन बजर

जन क ऽलय नही थ zwjयोऽक लमबा यतर करन क करण म थक हआ स थ दो ऽदन की यतर करक

आय थ म उनकी बत को इनकर नही कर सक उनक सथ बजर जन ऽलय चल ऽदय रसत म

हमरा और उनकी बत होन लगी वह बोलndash ldquoआप इतना दीर स आय हए ह आप ऐस कीऽजए परसो

महऽशवरऽतर भा ह आप शरा मत जा स दाकष ल लाऽजए दाकष लन क ऽलए मकट स थोड़ स समन

खरादन पड़ग म कल ऽफर आऊा ग तब समन खरादव दीागrdquo मिझ इन महशय जा की बत सिनकर

बहत बिर लग मन सोचndash इनह हमरा दाकष सzwjय लन दन ह हमरा रय ऽलय बगर हा दाकष लन

क ऽलए हम पर दबव डल रह ह पत नही zwjयो मन क अनदर हम करोध स आन लग म सोचन लगndash

मिझ य सजजन बजर घिमन क ऽलय ल आय ह अथव ऽकसा कयथ क ऽलए दबव दन क ऽलए ऽलव

लय ह यह मर वयऽकतगत ममल ह म ऽमरज म शरा मत जा क दशथन करन आय ह ा शरा मत जा क

ऽशषय बनन नही आय ह ा यहा मन ऽनिय ऽकय कि छ समय तक म चिपचप बन रह उनक सथ इधर-

उधर घीमत रह ऽफर शरा मत जा क घर वपस आ गय चलत समय कि लकणी जा न ऽफर हमस कहndash

ldquoम कल ऽफर आऊा ग आप तयर रहन आपकी दाकष क ऽलए थोड़ समन लगrdquo उनक शबद सिनकर

मिझ ऽफर बिर लग हमस इनह zwjय परशना ह बर-बर दाकष लन क ऽलय दवब द रह ह

म चिपचप कमर म बठ हआ थ थोड़ा दर म शरा मत जा हमर पस आ गयी मन शरा मत जा

स कहndash ldquoशरा मत जा कि लकणी जा हमस दाकष लन क ऽलय कह रह थ हमरा इचछ दाकष लन क

ऽलएनही ह पहल आप हम अचछा तरह स समझ ल zwjयोऽक म चहत ह ा जब तक हमर अनदर आपक

ऽशषय बनन की योनयत न आ जय तब तक आपक ऽशषय नही बनन चहत ह ा तऽक हमर करण

ऽकसा महपिरष की बदनमा न हो हमन बहत ऐस ऽशषय दख ह उनक गिर तो योनय ह मगर ऽशषय क

आचरण क करण उनकी बदनमा होता ह मिझ अपन अनदर इतना योनयत ऽदखई नही द रहा ह ऽक म

आपक ऽशषय बनीा‛ शरा मत जा हमरा बत गौरपीवथक सिन रहा थी मगर शरा मत जा कि छ नही बोली

ऽफर थोड़ा दर बद हमस बोलाndash ldquoहम आपको एक अलग स कमर ऽदय दत ह आप उसम रऽहय इस

कमर म धयन ऽकय जत ह कल स कि छ और सधक यहा पर आ जयग‛

योग कस कर 38

शरा मत जा क मकन उस समय बहत बड़ थ कि छ ऽकरएदर भा रहत थ शरा मत जा न मिझ

एक कमर म लकर गयी और बोलाndash ldquoआप इस कमर म रऽहयrdquo ऽफर वह भा थोड़ा दर तक हमर सथ

कमर म रही उनहोन हम सधन क ऽवषय म ढरो ऽशकषए दी तथ परणयम करन क तराक भा बतय

ऽफर शरा मत जा चला गया अब हम कि लकणी वला बत यद आ गया मन सोचndash य शरामन जा हम

जबरदसता दाकष ऽदलय द रह ह शरा मत जा भा कि छ नही बोल रही ह मन सोचndash चलो कोई बत नही

ह ऽकतन क समन आयग जब इतना दीर स खचथ करक आय ह ा तो थोड़ स खचथ और सहा यहा

ऽनणथय कर ऽलय सयकल क समय भा शरा मत जा क समन बठकर धयन ऽकय दर रऽतर तक हम

और शरा मत जा दोनो आपस बत करत रह ऽफर 12 बज अधथरऽतर क समय कमर म आकर सो गय

सिबह 5 बज धयन करन थ इसऽलय सिबह 4 बज जलदा आाख खिल गया था मगर म लट रह

अपररऽचत जगह होन क करण हमर अनदर थोड़ा ऽझझक सा था पौन प ाच बज कमर क बहर स एक

लड़की की आवज आयाndash sbquoआननद कि मरrdquo म बोलndash ldquoह ा जाrdquo लड़की बोलाndash ldquoधयन करन क ऽलए

शरा मत जा बिल रहा हrdquo म बोलndash ldquoथोड़ा दर म आ रह ह ाrdquo लड़की इतन कह कर चला गया यह

लड़की शरा मत जा की एक ऽशषय था शरा मत जा न इस लड़की को हम बिलन क ऽलय भज हआ

थ म फरश होकर सनन करन लग इसऽलय हम थोड़ स जयद समय लग गय जब म धयन ककष म

पहाच तब सभा सधक धयन पर बठ हए थ शरा मत जा धार स बोलीndash ldquoआइए हमर समन बठ

जइएrdquo शरा मत जा क समन आसन ऽबछ हआ थ म उसा आसन पर बठ गय बठत हा हमर धयन

लग गय सव घणट तक धयन लग जब मन आाख खोला तब सभा सधक धयन ककष स ज चिक थ

कि लकणी जा लगभग सिबह दस बज आ गय म उनही क इतजर कर रह थ ऽफर उनक सथ

बजर चल गय बजर स दाकष क ऽलए थोड़ स समन खराद लय सच बतऊा ndash यह समन ऽबन

इचछ क खराद थ दाकष लन क ऽलए हमरा कोई रऽच नही था शम को 630 बज धयन क ऽलए जब

सधन ककष म गय तब धयन ककष पीरा तरह स भर हआ थ शरा मत जा क समाप लड़ऽकया बठा हई

थी इसऽलए म सबस पाछ धयन करन क ऽलए बठ गय आध घणट तक धयन ऽकय ऽफर आाख खिल

गयी zwjयोऽक शरा मतजा न ओकर बोल ऽदय थ इसऽलए धयन टीट गय धयन खिलत हा शरा मत जा

मिझस बोलीndash ldquoआननद कि मर आप इधर आइएrdquo म शरा मत जा क पस आ गय उनहोन अपन समन

बठन क इशर ऽकय म फशथ पर बठ गय शरा मत जा कि सी पर बठा हई थी शरा मत जा न हमस

कहndash ldquoकल आप अपन अनिभव सिन रह थ आपन उस अनिभव क अथथ पीछ थ उस अनिभव क

योग कस कर 39

अथथ यह हndash सधक क परण जब कणठचकर म पहाचत ह तब उसक परण कणठचकर म रकत ह आग

क मगथ अवरि होत ह परण नाच स ऊपर की ओर दबव दत ह इस दबव क करण सधक की

गदथन पाछ की ओर चला जता ह यऽद सधक की सधन तावरत हो रहा ह तब उसक ऽसर पाठ स

ऽचपकन लगत ह ऽजसस सधक को परशना सा महसीस होता ह दीसरndash आपन यह भा बतय थ

आप गिफ क अनदर परवश करत ह वह गिफ आग चलकर बनद ऽमलता ह कणठचकर क पस गिफनिम

जगह होता ह इस भरमर गिफ भा कहत ह हमन अपना पिसतक म थोड़ स इस गिफ क बर म वणथन ऽकय

ह आपको यहा भरमर गिफ ऽदखई दता ह आपक परण कणठचकर म आग जन क परयस करत ह आग

क मगथ खिल न होन क करण बनद ऽदखई दत ह आग जन क ऽलए सधक को बहत कठोर सधन

करना पड़ता ह तथ कई वषो तक अभयस करन क बद हा आग क मगथ परशसत होत हrdquo जब शरा

मत जा न हमर अनिभवो क अथथ समझ ऽदय ऽफर म अपन सथन पर आकर बठ गय शरा मत जा न

हमर सभा सधक-सऽधकओ स पररचय करयndash य सधक ऽदलला स आय हए ह इनक नम आननद

कि मर ह

हम दीकषा दी गयी

17 फरवरा सन 1985 आज ऽशवरऽतर क ऽदन थ शरा मत जा क यह ा सिबह स हा बहत स

सधक बहर स आकर एकतर हो रह थ कि छ सधक दीर-दीर क शहरो स आय हए थ बहत स सधको स

हमर पररचय भा हो गय थ सिबह स हा मतयिजय मतर क जप समीऽहक रप स शिर कर ऽदय गय थ

मतर अखड रप स 12 घणट तक चलन थ आज क ऽदन सिबह 9 बज हम दाकष ऽमलना था दाकष क

समय कि छ सधक और म शरा मत जा घर क ऊपर वल कमर म आ गय थ वह ा पर एकत होन क

करण शऽनत था दाकष दन क कयथकरम शिर हो गय हम दो सऽधकओ क बद दाकष ऽमलना था

पहल शरा मत जा क चरणो की पीज करना था हमस पहल दो सऽधकओ न शरा मत जा क चरणो की

पीज की था म पीज करत समय पीज की ऽवऽध गौर पीवथक दख रह थ zwjयोऽक कि छ समय बद हम भा

पीज करना था हमन इसस पहल ऽकसा की पीज नही की था यह हमर परथम अवसर थ जब म शरा

मत जा की पीज करा ग कि छ समय बद हमन शरा मत जा क चरणो की पीज करना शिर कर दा पीज

करन क तराक पीन की एक सऽधक बतता ज रहा था जब हमर दरर की गया पीज समपनन हो गया

योग कस कर 40

ऽफर शरा मत जा न दीसर कमर म पहल कोसऽधकओ दाकष दा उस समय म यह नही जनत थ ऽक

दाकष ऽकस परकर ऽमलता ह ऽफर हम शरा मत जा न अनदर कमर म बिलय म शरा मत जा क समाप

जकर खड़ हो गय उनहोन अपन आसन फशथ पर ऽबछ रख थ उसा आसन पर सवय बठा हई था

उनक समन भा एक आसन ऽबछ हआ थ समन वल आसन पर हम बठन क इशर ऽकय म आसन

पर बठ गय ऽफर शरा मत जा मिझस बोलीndash ldquoआप भगवन ऽशव की पीज करत ह तथ भगवन ऽशव

क मतर क जप भा करत ह इसऽलए म आपको इसा मतर की दाकष दीागाrdquo ऽफर शरा मत जा न मतर

उचचरण करन क तराक बतय और बोलीndash ldquoआप थोड़ा दर क ऽलए आाख बनद करक बऽठए म

आप पर शऽzwj तपत करा गाrdquo उस समय म शऽzwj तपत क अथथ नही समझत थ म आाख बनद करक बठ

गय शरा मत जा न अपन दऽहन हथ क अागीठ को हमरा भकि ऽट पर सपशथ ऽकय ऽफर जोरदर ओकर

ऽकयndash शरा मत जा न जस हा ओकर ऽकय मिझ लग शरा मत जा क अगीठ गमथ स हो रह ह और

हमर शरार क अनदर नऽड़यो म वह गम थहट पहाच रहा ह शरा मत जा न दिबर ओकर ऽकय इसस हम

हलकी सा तकलाफ होन लगा था zwjयोऽक ओकर करत हा हमर शरार क अनदर चाऽटय सा कटन लगा

थी उसा समय हमर धयन लग गय धयन लगभग एक घनट क लग जब हमरा आाख खिला तब मन

दखndash शरा मत जा कमर क अनदर नही ह म उठकर बहर वल कमर म आ गय वह ा पर शरा मत जा

हमर इतजर कर रहा थी वह बोलीndash ldquoआपक धयन लग गय थ इसऽलए म बहर आ गया अभा

एक और सधक को दाकष दना हrdquo मन उनह नमसकर ऽकय अपन मसतक उनक चरणो पर रख ऽदय

तथ मन म सोचndash शरा मत जा अगर आप हम पर परसनन ह तो हम आशावथद द हमरा सधन अतयनत

तावर होन लग तथ म अचछ सधक बनीा ऐस सोच हा रह थ तभा शरा मत जा न हमरा पाठ

थपथपया और बोलीndash ldquoआननद कि मर आप आननद करो आपक नम भा आननद ह भऽवषय म आप

अपन नम क अनिसर आननद म होग यह हमर आपको आशावथद हrdquo इतन कहकर शरा मत जा

दीसर सधक को दाकष दन क ऽलय कमर क अनदर चला गया शरा मत जा ऽजस समय हमरा पाठ को

थपथप रहा थी उस समय ऐस लग रह थ मनो पाठ थपथप नही रहा ह बऽलक जोर-जोर स मर रहा

थी हमरा पाठ गमथ होन लगा था अब म सोचन लगndash जब शरा मत जा क हथ क सपशथ होत ह तब

बड़ ऽवऽचतर स लगत ह ऐस zwjयो म यह नही जन पय शरा मत जा न दाकष दत समय जब ओकर

ऽकय थ तब बहत ऽवऽचतर स लग थ म सोच रह थ शयद शरा मत जा क दरर जो शऽzwj त ऽनकलता

ह वहा हम इस परकर की अनिभीऽत करता ह हम अपन आपम परसननत हई अब हमर पहल जस

भव नही रह ऽक हम जबरदसता दाकष दा ज रहा ह

योग कस कर 41

मतयिजय मतर क जप शम 6 बज बनद कर ऽदय गय सभा सधक गण आपस म बत कर रह

थ मगर हमरा समझ म कि छ नही आ रह थ वही पर हमर बगल म अणणजा (शरा मत जा क

पऽतदव) बठ ऽकसा स बत कर रह थ सरा बत मरठा भष म हो रहा थी तभा ऽहनदा म कि छ शबद

अणण जा बोलndash यह लड़क ऽदलला स आय हआ ह सधन करत ह अचछ सधक ह इसाऽलए शरा

मत जा न इस दाकष दा ह इस पर थोड़ और दबव पड़ग ऽजसस इसकी सधन और अचछा हो

जयगा अणणजा की बत सिनकर म आश चयथ म पड़ गय अब हमरा समझ म आयndash शरा मत जा न

हम zwjयो दाकष दा ह हमर दिःख जो दाकष स समबऽनधत थ वह पीरा तरह स दीर हो गय हमर अनदर

खिशा की लहर दौड़ गया यह सब शरा मत जा न हमरा सधन की उननऽत क ऽलए ऽकय ह आज शम

सधको की बहत भाड़ हो गई था हम सभा सधक शरा मत जा क सथ दर रत तक बत करत रह शरा

मत जा को ऽहनदा और मरठा दोनो भष म बोलन पड़त थ ऽहनदा भष वह मर करण बोल रही थी

ऽफर रऽतर क 1230 बज म अपन कमर म सोन क ऽलए चल गय

तजसवी वशववलग क दशशन

कमर म आकर कि छ समय तक नीद नही आया म शरा मत जा क ऽवषय म सोचत रह शरा

मत जा ऽकतना अचछा ह हमर ऽकतन खयल रखता ह शरा मत जा क वयवहर म अपनतव व ममतव

भा ह यहा सब सोचत-सोचत मिझ नीद आ गया ऽफर म सो गय मिझ सवपन म बहत अचछ अनिभव

आय वह इस परकर हndash म ऽकसा जगह पर पट क बल लट हआ ह ा मन अपन मिाह थोड़ स

भिजगआसन की मिदर म ऊपर की ओर उठय तभा हम ऽदखई ऽदयndash हमस एक फीट की दीरा पर हमर

मिाह क समन एक बहत सिनदर ऽशवऽलग ह ऐस लग रह थ जस भीऽम स ऽनकल कर ऊपर की ओर आ

गय ह ऽशवऽलग कफी बड़ आकर म थ उस ऽशवऽलग स हलक नाल रग क परकश ऽनकल रह थ

वह परकश चरो ओर ऽबखर हआ थ इस करण चरो ओर की जगह परकऽशत हो रहा था उस समय

ऽशवऽलग इतन अचछ लग रह थ हमरा इचछ हई ऽक म इस ऽशवऽलग को अपन हथो म पकड़ लीा

मन पट क बल लट हए हा अपन दोनो हथ आग की ओर बढ़ए दोनो हथो स उस ऽशवऽलग को

पकड़न चह मगर वह ऽशवऽलग हमर पकड़ म नही आय मिझ आश चयथ हआ ऽशवऽलग पकड़ म zwjयो

नही आ रह ह हथ ऽशवऽलग क अनदर स आर-पर हो जत ह ऽफर ऐस महसीस हआ ऽशवऽलग ऽसफथ

योग कस कर 42

नाल परकश स बन हआ ह हमन गौरपीवथक दखndash ऽशवऽलग क सवरप ऽबलकि ल सफ व सपषट थ मन

ऽफर ऽशवऽलग को अपन हथो स पकड़न चह मगर वह पकड़ म नही आय ऽशवऽलग अपना जगह पर

ऽसथर थ दो तान बर परयस करन पर जब वह पकड़ म नही आय तब म सोचन लगndash यह कस

ऽशवऽलग ह जो पकड़ म नही आ रह ह यहा सोच रह थ उसा समय ऽशवऽलग की बगल म पर ऽदखई

ऽदय म गौरपीवथक परो को दख रह थ ऽवचर आय यह ऽकसक पर ह उस समय हमरा दऽष ट नाच की

ओर को था ऽफर मन अपन मिाह ऊपर की ओर उठय तब ऐस लग जस कोई खड़ हआ ह अपना

दऽष ट ऊपर की ओर की दऽष ट ऊपर की ओर करत हा म चौक zwjयोऽक समन शरा मत जा खड़ा हई थी

मर मिाह स ऽनकलndash शरा मत जा आप शरा मत जा क चहर तज स चमक रह थ मगर वह उततर म

कि छ नही बोली म उठकर बठ गय तब दखndash ऽशवऽलग वही पर ह और शरा मत जा भा वही पर ह

कि छ कषणो बद ऽशवऽलग व शरा मत जा दोनो अदशय हो गय उसा कषण हमरा आाख खिल गया

मन घड़ा दखा तो उसम सिबह क 430 बज रह थ ऽफर हम नीद नही आया म अनिभव क ऽवषय

म सोच रह थ ऽशवऽलग हमरा पकड़ म zwjयो नही आ रह थ तथ शरा मत जा भा वही पर खड़ा हई

थी थोड़ा दर म कमर क बहर स आवज आयाndash आननद कि मर आपको शरा मत जा धयन करन क

ऽलए बिल रहा ह म बोलndash म अभा आ रह ह ा म तयर होकर प ाच बज स थोड़ पहल सधन ककष म

पहाच गय ऽफर शरा मत जा क समन धयन करन क ऽलय बठ गय धयन करन क बद हम अनिभव क

अथथ पीछन क अवसर नही ऽमल म दोपहर 11 बज शरा मत जा क समन बठ हआ थ उस समय वहा

कोई भा सधक नही थ तब मन अपन अनिभव शरा मत जा को सिनय अनिभव सिनकर शरा मत जा

अऽत परसनन हई उनहोन समझयndash आप ऽशवऽलग को कस पकड़ सकत ह वह ऽकसा पतथर क नही बन

थ वह तो ऽसफथ परकश दरर ऽनऽमथत थ उसक सवरप करण अवसथ वल थ अथ थत वह करण जगत

स समबऽधत ह तिम सीकषम शरार स उस कस पकड़ सकत हो हमर वसतऽवक सवरप वहा ह ऽजस तिमन

दख ह तिमन गिर तततव को इस रप म दख ह इसाऽलए म ऽशवऽलग क बगल म खड़ा हई ऽदखई द रहा

था

शरा मत जा ऽफर हमस बोलाndash ldquoआननद कि मर यह अनिभव बहत अचछ आय ह आपको हमर

सवरप क दशथन हो गय हमर सवरप क दशथन एक दो सधको को हआ ह आप भनयशला हrdquo शरा

मत जा दरर ऐस शबद सिनकरहम बड़ा खिशा हई बद म शरा मत जा न कि छ अनय सधको को यहा

अनिभव सिनय बद म कि छ सधको न हमस पीछndash ldquoआपको बहत अचछ-अचछ अनिभव आत ह हम

योग कस कर 43

तो अनिभव ऽबलकि ल नही आत ह आप पर शरा मत जा की बहत कप हrdquo म बोलndash ldquoहम तो शिर स हा

बहत अनिभव आत ह जब हमर और शरा मत जा क पररचय भा नही हआ थ पतरोततर कि छ समय

बद म हआ थrdquo ऽफर वह सऽधक बोलाndash ldquoहम तो दो सल हो गय ह परति एक भा अनिभव नही

आयrdquo म बोलndash ldquoइस ऽवषय म शरा मत जा को बतएा तब वह अवशय आपको कि छ बतएागा ऽक

आपको अनिभव zwjयो नही आत हrdquo सऽधक बोलाndash ldquoशरा मत जा न हम बतय थ ऽक कि छ सधको

को अनिभव आत ह कि छ सधको को अनिभव नही आत हrdquo

ऽशवरऽतर उतसव की भाड़ अब कि छ कम होन लगा था सभा सधकगण धार-धार वपस अपन-

अपन घर चल गय अब ऽसफथ ऽमरज वल सधक हा शरा मत जा क पस आत थ म शरा मत जा क

पस चर-प ाच ऽदन रक थ इतन समय कस बात गय हम पत हा नही चल यहा पर सदव योग

समबनधा बत हा ऽकय करत थ हमरा ऽजदगा म इतना खिशा क ऽदन पहल कभा नही आय थ हमरा

इचछ घर वपस आन की ऽबलकि ल नही था लऽकन घर वपस तो आन हा थ हमन शरा मत जा स

चलन क ऽलय आजञ मागा शरा मत जा न मिझ ऽदलला जन की आजञ द दा और बोलाndash sbquoआप ज

सकत ह वपस जकर ऽदलला म खीब सधन करनrdquo म बोलndash sbquoशरा मत जा म जयद-स-जयद

सधन करन क परयतन करा गrdquo शरा मत जा बोलीndash ldquoयऽद आप सधन करग तो आपकी सधन

अवशय आग बढ़गा ह ा हमस पतर वयवहर अवशय करत रहन यऽद सधन समबनधा कोई बत हो तो

ऽलखन म आपकी सधन समबनधा समसय हल करक पतर म ऽलखकर भज ऽदय करा गाrdquo म 20

फरवरा को सयकल 9 बज शरा मत जा स आजञ लकर उनक घर स चल ऽदय

जब म शरा मत जा क घर स चल थ तब बहत परसनन थ ऽमरज रलव सटशन पर आत हा

हमरा परसननत कम हो गया और मन थोड़ उदस स हो गय मिझ शरा मत जा की बड़ा यद आ रहा

था वपसा क समय मिमबई वाटा स होकर कनपिर आय जब म घर वपस आय तब सभा को

आश चयथ हआ ऽक म सधन करन लग ह ा हमन घर म सधन क ऽवषय म बतय मगर इस ऽवषय म

ऽकसा न रऽच नही ला इसक करण यह थ ऽक घर म हमरा ऽकसा स नही बनता था मिझ धयन क

मधयम स अब कभा-कभा जनकररय ा दीसरो क ऽवषय म हो जय करता थी ऐस हमन घर वलो को

बतय थ घर म भा म सधन ऽकय करत थ उसा समय हमर घर म एक घटन घटा

हमस दो छोट भई खत म कम करत समय आपस म लड़ गय बड़ भई घर वपस आ गय

मगर छोट भई घर वपस नही आय उस बहत ढीाढ गय मगर वह नही कही नही ऽमल वह रऽतर क

योग कस कर 44

समय हा खतो स गयब हो गय घर म सभा लोग ऽचऽतत हो रह थ ऽफर इस ऽवषय म बरहमणो स पीछ

गय उनहोन बतयndash ldquoवह दऽकषण ऽदश की ओर गय ह‛ मगर भई की कही भा ऽकसा परकर की

जनकरा नही ऽमला ऽफर हम हमरा मा न कहndash ldquoधयन क मधयम स तिम जनकरा करन की कोऽशश

करो शयद तिमह कि छ जनकरा मलीम हो जयrdquo म बोलndash ldquoम ऽनऽित नही कह सकत ह ा ऽक जनकरा

होगा अथव नही होगा मगर परयतन अवशय करा ग कल सिबह म तिमह जनकरा द दीागrdquo मन

धयनवसथ म सकलप दरर इस घटन क ऽवषय म जनन चह मगर हम ऽकसा परकर की जनकरा

नही ऽमला लऽकन ऽफर हम सवपनवसथ म सरा जनकरा ऽमल गया हमन घरवलो को बतय जो इस

परकर हndash ldquoबरहमणो न कह थ भई दऽकषण ऽदश की ओर गय ह मगर यह बत गलत ह zwjयोऽक वह

दऽकषण ऽदश की ओर नही गय ह बऽलक उततर ऽदश की ओर गय ह उसन नदा को पर ऽकय ह नदा

हमर गाव क उततर ऽदश म बहता ह नदा पर करत समय हमन दखndash नदा क दोनो ऽकनर हमर गाव क

पस क ऽकनर जस नही ह अथ थत उसन अपन गाव स दीर नदा पर की ह पर करत समय आश चयथजनक

दशय ऽदखई दत ह भई एक हथ क सहर नदा म तर रह ह तथ दीसर हथ म लिगा पकड़ हए ह उस

लिगा म पोटलानिम कि छ वजनदर चाज बाधा हई ह उसन नदा को शयद दो बर तर कर पर ऽकय ह इस

समय वह नौकरा पन क परयस कर रह हrdquo

हमरा कि छ बत घरवलो को अचछा नही लगी उनक कहन थndash ldquoवह नदा zwjयो तरग zwjयोऽक

नदा म आजकल पना बहत हा कम होत ह ऽबन तर हा नदा पर की ज सकता ह दीसरा बतndash वह दो

बर नदा zwjयो पर करग इसक zwjय अथथ हndash उस पोटला म वजनदर चाज zwjय हो सकता ह उस समय

भई अपन शरार पर मतर दो तान कपड़ हा पहन थrdquo घरवलो की इन सब बतो क हमर पस कोई

उततर नही थ कि छ ऽदनो तक भई स समबऽनधत ऽकसा परकर की जनकरा नही ऽमला एक ऽदन बद

मलीम हआ हमर गाव स 25 ऽकमा दीर रलव सटशन पर एक दीऽधए को वह ऽमल थ ऽफर म ऽदलला

चल आय zwjयोऽक हमरा छि रिय ा समपत को चिकी थी कि छ ऽदनो बद हम पतर दरर जनकरा दा गयाndash

भई आगर म ऽमल गय ह तिमन जो बत बतई था वह सभा सच थी अब सकषप मndash घटन इस परकर

घटा था भई स झगड़ होन क बद उसन सोच ऽक वह घर नही जयग उस समय उस बहत भीख लगा

था उसन दीसर क खत स आली खोद ऽफर उन आलिओ को भीनकर खए शष बच आलिओ को लिगा म

बाधकर उततर ऽदश की ओर चल ऽदय नदा को दीसर ग ाव क पस स पर की था तब उस वहा पर नदा

तर कर पर करना पड़ा था zwjयोऽक वह ा पर नदा म कफी गहरई था ऽफर 25 ऽक मा दीर रलव सटशन

योग कस कर 45

तक पदल चलकर पहाच वह ा उस एक दीऽधय ऽमल भई की उसस बतचात हई जब भई को मलीम

हआ ऽक यह दीऽधय मर गाव क कि छ वयऽकतयो को जनत ह तब दीऽधय स नजर बचकर ऽदलला जन

वला रल पर बठ गय ऽदलला पहाचन पर वह सटशन क बहर नही ऽनकल पय zwjयोऽक वह ऽबन ऽटकट

थ ऽफर आगर जन वला रल पर बठकर आगर आ गय यही पर नौकरा तलशना शिर कर दा

इस अनिभव को ऽलखन क हमर भव ऽसफथ इतन हा ह ऽक हम सधन करत मतर 5-6 महान

हा हए थ अभा स हम इस परकर की जनकररय ा ऽमलना शिर हो गया थी जयदतर सधको को 5-6

महान तक अभयस करन क बद भा धयन नही लगत ह मगर हम शिरआत स हा दीसर क ऽवषय म

जनकररय ा ऽमलन लगा थी इसक करण यह थndash म ऽपछल जनमो स योग क अभयस करत चल आ

रह ह ा उसा क परभव स हम जनकररय ा ऽमल जता थी यह ऽनऽित नही थ ऽक जब भा म जनकरा

चह ाग तभा जनकरा हो जयगा बऽलक सवय अपन आप जनकररया हो जता थी कभा-कभा तो दश-

ऽवदश की घटनए पहल स हा मलीम पड़ जता थी कभा-कभा ऐस भा होत थ ऽक म लट-लट

सवपनवसथ म दश-ऽवदश की घटनए दख करत थ कभा-कभा कि छ घटनए पहल स मलीम पड़

जता थी इसा करण धयन क परऽत हमरा उतसिकत और बढ़ गया था

आजकल म धयन खीब करन लग थ जब भा खला समय ऽमलत थ तभा म धयन करन क

ऽलय बठ जत थ अब हम अपन धयन म कि छ बदलव स महसीस होन लग थ पहल धयनवसथ म

हमरा गदथन बहत पाछ की ओर चला जता था इस करण हमर शरार भा पाछ की ओर बहत हा झिकत

थ मगर जब स ऽमरज (महरषटर) जकर ऽदलला आय थ तब स हमरा गदथन पाछ की ओर कभा-कभा

ममीला सा जता था म धयनवसथ म साध बठ रहत थ म सोच करत थndash शयद हमरा सधन

कमजोर पड़न लगा ह इसऽलए म पहल स जयद सधन करन लग थ अब म ऽचत म पड़ गय यह

zwjय हो गय शयद हमस कोई गड़बड़ा हो गया ह यहा सोचकर हमन कि छ ऽदनो बद शरा मत जा को

पतर ऽलख उसम सर ऽववरण ऽलख ऽदय मर पतर क उततर एक मह म आ गय शरा मत जा न उस पतर

म ऽलख थndash हमन आपकी गदथन पाछ जन स रोक दा ह zwjयोऽक आपको बड़ा तकलाफ होता था आप

इसक अथथ यह न लगइए ऽक आपकी सधन कम पड़ गया हआपकी सधन पहल जसा हा ह हमन

आपकी तकलाफ कम कर दा ह पतर पढ़कर हमरा ऽचत दीर हो गया म कठोर अभयस करन म लग

गय

योग कस कर 46

ऄपन भाव बदलो

ऽपरय पठको म ऽशकष क तौर पर यह अनिभव ऽलख रह ह ाndash इस परकर क अनिभव सधक क

ऽचतत म ऽसथत वऽततयो क करण आत ह ऐसा वऽततय ा जनम-जनमतरो स ऽचतत म ऽसथत रहता ह हम

अनिभव आयndash म खड़ हआ ह ा मर समन पलग पर एक बहत सिनदर लड़की लटा हई ह उसक शरार पर

एक भा वसतर नही ह वह पीणथ रप स नननवसथ म ह उसक शरार सगमरमर क समन सिनदर ऽदखई द

रह ह वह लड़की हमरा ओर ऽवशष मिदर म दख रहा ह मन उस गौरपीवथक दखन शिर ऽकय उसक

चहर अऽत सिनदर थ तथ शरार सिडौल थ इतना सिनदर लड़की मन पहल कभा नही दखा था हमर

अनदर उसक परऽत ऽवकर आन शिर हो गय ऽवकर ऽसफथ इतन हा थndash यह बहत सिनदर लड़की ह

उसकी सिनदरत क वणथन हम शबदो म नही कर सकत ह म उसक परऽत आकऽषथत स हआ उसक पस

गय उसन दोनो हथो स हमर हथ पकड़ ऽलय ऽफर मिझ थोड़ स जोर लगकर अपना ओर खीच म

उसकी ओर ऽखचत चल गय और उसक शरार क ऊपर झिक गय उसक शरार स ऽवशष परकर की

सिगध ऽनकल रहा था वह सिगध हमर शरार क अनदर परवश करता गया उसा समय म अपन होठो स

उसक शरार सपशथ करन लग उसक शरार क सपशथ हम बहत अचछ लग रह थ उसन मिझ अपना

बाहो म दब ऽलय उसक मासल शरार हम बहत अचछ लग रह थ उसम कि छ ऽवशषत था उसक

शरार को सपशथ करन स मिझ अनिभीऽत हई ऽक यह समनय लड़की नही ह ऽवशष परकर की लड़की ह

zwjयोऽक उसक शरार स खिशबी भा ऽनकल रहा था कि छ समय तक म उसक शरार स ऽचपक लट रह

ऽफर उसक भव हम अचछ नही लग वह ऽसफथ हलक-हलक मिसकर रहा था इतन म हम ऐस लग जस

हमर समन कोई खड़ हआ ह मन उस ओर को दखndash समन शरा मत जा खड़ा हई थी उनह दखत हा

हमर होश उड़ गय शरा मत जा हमरा ओर दख रहा थी उनकी आाखो म तज थ उनक शरार क चरो

ओर आभ फला हई था शरा मत जा की दखन की मिदर करोध रप म नही था बऽलक ऐस लग रह थ

जस वह हम गहरई स दख रहा हो उस समय हमर बहत बिर हल थ म उस लड़की स बोलndash ldquoदखो

समन शरा मत जा खड़ा हई ह तिम उस तरफ को हो जओrdquo म डर क करण करवट बदलकर लट गय

मगर लड़की न अपन दोनो हथो स मिझ अपना ओर को कर ऽलय म समझ गय लड़की अनदर स

शऽzwj तशला ह मन करोध म लड़की स कहndash ldquoतिमह शरा मत जा स डर नही लगत ह‛ लड़की न बड़

आरम स मिसकर कर उततर ऽदयndash sbquoनहीrdquo लड़की न ऽजस ऽनडर भव स उततर ऽदय थ म

आश चयथचऽकत हआ मन लड़की स परथथन भर शबदो म कहndash sbquoमिझ कषम कर दोrdquo हमर यह शबद

योग कस कर 47

सिनत हा लड़की क भव बदल गय उसक चहर की मिसकरहट गयब हो गया तथ उसकी आाख

ऽबलकि ल शत सा हो गयी उसन हम छोड़ ऽदय म करवट बदल कर लट गय हमर मन म ऽवचर

आयndash शरा मत जा अभा यही खड़ा ह अथव चला गयी ह मन मिड़कर शरा मत जा की ओर दख शरा

मत जा वह ा पर नही थी ऽफर भा हम उनक डर लग रह थ ऽक शरा मत जा न मिझ दख ऽलय ह हमरा

दऽष ट नाच (फशथ) की ओर था तभा हम फशथ पर भा एक सतरा लटा हई ऽदखई दा मगर वह पहला सतरा क

समन ऽनवथसतर नही था म पलग स उतर कर उस सतरा क पस गय जस हा म उस सतरा को सपशथ करन क

ऽलए आग बढ़ उसा समय आकशवणा हईndash sbquoआननद कमार तम अपन भाव बदलो कया सोचकर उस

सपरश कर रह हो तमहार मह क अनदर गनदगी का ढर ह रदध होन का परयास करोrdquo य शबद सिनकर हम

बड़ दिःख हआ मन अपन मिाह म दखndash उस समय वसतव म गनदगा भरा था ऽफर मन उस लड़की को

दख वह हमर समन अदशय हो गया हमर अनिभव समपत हो गय

ऄथश- सधको म इतन अवशय कह ाग इस अनिभव म मन दो लड़ऽकय ा दखी था वह पथवालोक

की नही हो सकती ह zwjयोऽक पथवालोक म इस परकर की सिनदरत स यिकत लड़ऽकय ा नही होता ह

सधको आप सोच रह होगndash zwjय आननद कि मर ऐस ह जस अनिभव म ऽकरय कर रह थ सच तो यह

ह हमर चररतर अनदर स ऽबलकि ल शिि ह जनम-जनमतरो की ऽचतत म ऽसथत वऽततयो क करण यह

अनिभव हम आय ह म ऽपछल कई जनमो स योग क अभयस करत रह ह ा योऽगयो क अनदर इस परकर

की वऽततय ा कई जनमो पहल की ऽचतत म ऽसथत रहता ह ऽफर योग क अभयस क दरर उऽचत समय म

बहर ऽनकलता रहता ह इस अनिभव म हम शरा मत जा ऽदखई द रहा था वसतव म वह गिरतततव ह

दाकष दत समय गिर जब शऽzwj तपत करत ह वह शऽzwj त (गिरतततव) सधक क सीकषम शरार म अनदर ऽसथत

सीकषम कोऽशकओ म वयपत हो जता ह यहा शऽzwj त उऽचत समय म सधक क मगथ परससत करता रहता

ह हम शिित क करण इस शऽzwj त क दशथन अथ थत शरा मत जा क दशथन हआ थ तऽक म उस सतरा

की ओर आग न बढ़ ा ऐस हआ भा शरा मत जा क करण मिझ उस सतरा स छि टकर ऽमल गय दिबर

दीसरा सतरा क ऽलय आकशवणा न हम सतकथ कर ऽदय अनिभव पढ़न म अचछ नही लग होग म

इसक ऽलए कषम चहत ह ा मगर एक सधक होन क नत यह अनिभव ऽलख ह तऽक अनय सधक को

भा इस अनिभव स ऽशकष ऽमल इस अनिभव न हमरा ऽजनदगा बदल दा मिझ अपना सधन म और

वयऽकतगत जावन म आग बढ़न म सहयत ऽमला

योग कस कर 48

नाग न काटा

आजकल हमर धयन गहर लगत थ ऽफर भा कभा-कभा धयनवसथ म अनिभव आ जत थ

हम एक-दो बर धयनवसथ म नग ऽदखई ऽदय थ हमस थोड़ा दीरा पर नग अपन फन उपर की ओर

उठए हए हम दख रह थ मगर हम नग स डर नही लगत थ एक ऽदन ऽकसा करण स धयन करन क

ऽलए हम दर हो गया हमर मन धयन करन क ऽलय बचन स थ जब म धयन करन क ऽलय बठ तब

धयन पर बठत हा हमर परण ऊधवथ हो गय म गहरई म चल गय हम अपन आभस भा नही रह

उसा समय हम एक अनिभव आयndash चरो ओर हर-भर कषतर ह पड़ पौध भा बहत ह दशय अचछ लग

रह ह म एक पड़ क नाच जकर खड़ हो गय उस पड़ क नाच एक चबीतर बन हआ थ म उस

चबीतर पर धयन करन क ऽलए बठ गय तभा मिझ अपन समन एक नग ऽदखई ऽदय वह नग कि णडला

मर हए अपन फन ऊपर उठकर खड़ हआ थ म उस गौरपीवथक दख रह थ हम उस नग क डर नही

लग रह थ बऽलक म उस दखकर मिसकर रह थ वह भा हम शत मिदर म दख रह थ इतन म उसन

बड़ा शाघरत स हमर दऽहन पर क अागीठ म कट ऽलय नग क कटत हा म उछलकर खड़ हो गय

ऽजस परकर अनिभव म उछलकर खड़ हआ उसा परकर म सथील अवसथ म भा उछलकर खड़ हो गय

हमर अनिभव समपत हो गय

ऄथश- उस समय हम अनिभव वल भय लग थ मगर हमर कमर म लइट ऑन होन क करण

परकश फल हआ थ म चिपचप पलग पर लट गय और सोचन लगndash सपथ कटन क zwjय अथथ होत

ह धयनवसथ म उन सधको को नग अzwjसर ऽदखई दत ह ऽजनकी सधन अचछा होता ह सधको न

दख होगndash सवपनवसथ व धयनवसथ म नग तो ऽदखई दत ह वह फि फकर मरत ह पाछ करत ह

आऽद मगर सधको को वह नग कटत हआ नही ऽदखई दत ह अगर नग सधक को धयनवसथ म

कट ल तो यह बहत हा शिभ होत ह उसक अवसथ क अनिसर इनम स कोई ततपयथ होत ह पहला-

ऐस सधक भऽवषय म ऽनिय हा तजसवा होग अथ थत उसकी सधन अचछा होता ह दसरा- गिरपद पर

बठन क योनय होग अथ थत मगथदशथन करन की कषमत उसक अनदर होता ह तीसरा- यशसवा होग

चौथा- मोकष को अवशय परप त होग म समझ गय भऽवषय म हमरा सधन अवशय हा अचछा होगा

योग कस कर 49

माता कणडवलनी शवzwj त क दशशन

मन धयनवसथ म दखndash चरो ओर हररयला फला हई ह म हर-भर जगल की ओर चल ज

रह ह ा तभा मिझस थोड़ा दीरा पर घस-फी स की बना हई एक झोपड़ा ऽदखई दा झोपड़ा सिनदर बना हई

था म झोपड़ा क दरवज पर जकर खड़ हो गय कि छ कषणो म लग ऽक झोपड़ा क अनदर शयद कोई

नही ह हमरा इचछ हई ऽक म इस झोपड़ा क अनदर जकर दखीा अनदर जन की उतसिकत इसऽलए हई

zwjयोऽक आसपस हम कोई वयऽकत ऽदखई नही द रह थ ऽफर यहा पर इतना सिनदर झोपड़ा ऽकसन बनई

ह मन झोपड़ा क अनदर परवश ऽकय अनदर की जगह ऽबलकि ल सफ-सिथरा था जस वह ा पर कोई रोज

सफई करत रहत हो उस झोपड़ा क अनदर ऽकसा परकर क समन वगरह नही थ झोपड़ा अनदर स

ऽबलकि ल खला था मगर उसा कषण हम समन दावर पर एक ऽचतर टाग हई ऽदखया दा उस ऽचतर को

दखकर म चौक पड़ zwjयोऽक म ऽजस ऽचतर की रोज पीज ऽकय करत थयह वहा ऽचतर थ यह ऽचतर

भगवन शकर क थ वस बजर म भगवन शकर क ऽचतर कई परकर क ऽमलत ह मगर यह ऽचतर कि छ

ऽवशषत को ऽलय हए थ इस ऽवशषत को एक सधक हा समझ सकत ह मन जस हा अपना वला

फोटो उस झोपड़ा क अनदर दखा हमरा दऽष ट अपन आप उसा फोटो पर ठहर गया इतन म वह फोटो

एकदम सजाव सा हो गया मन सोचndash यह ऽचतर सजाव कस हो गय भगवन शकर की आाख ऽवशष

तरह की मिदर म होकर हम दखन लगी होठ कि छ जयद हा मिसकरन लग हमर मिाह स ऽनकलndash lsquoपरभ

आपrsquo इतन कहत हा हमरा परसननत एकएक गयब हो गया इसक करण यह थ उनक गल म

ऽलपट सिनहर नग भा सजाव हो गय भगवन शकर क गल स अपना लपट खोलन शिर कर ऽदय

और वह नग फोटो स बहर आन लग मर मन म ऽवचर आयndash म बहर भग जऊा तो अचछ ह जस

हा मन झोपड़ा स बहर ऽनकलन क परयस करन लग उसा समय वह नग बड़ा तजा स भगवन शकर

क गल स ऽनकल कर झोपड़ा क दरवज पर फन उठकर खड़ हो गय झोपड़ा स बहर ऽनकलन क ऽलए

दीसर मगथ नही थ मर मन म यह ऽनऽित हो गय अब यह नग अवशय कट लग मन पल भर क ऽलए

फोटो की ओर दख फोटो म भगवन शकर क वहा सजाव चहर मिसकर रह थ बड़ आश चयथ की बत

था भगवन शकर क गल म नग नही थ नग झोपड़ा क दरवज पर कि णडला मर फन ऊपर की ओर

उठ कर जोर-जोर स फि फकर रह थ नग अपना जगह पर ऽसथर बठ हआ थ और हम दख रह थ

मन समझ ऽलयndash अब हमरा मतयि ऽनऽित ह ऽफर zwjयो न छलग लगकर बहर ऽनकल जऊा मन अपना

जगह पर खड़ होकर हा नग क ऊपर स छलग लगई हमर दरर छलग लगत हा नग तजा स ऊपर

योग कस कर 50

की ओर उठ और हमर दऽहन पर क अागीठ पर डस ऽलय डर क करण म वही पर ऽगर पड़ मगर ऽगरन

पर हमर शरार पर ऽकसा परकर की चोट नही आया मिझ ऐस लग जस सपनज क गदद पर ऽगर ह ा म

उठकर बठ गय पर क अागीठ को अपन हथो स पकड़ ऽलय ददथ क नमोऽनशन नही थ हम डसकर

नग फोटो क अनदर परवश कर गय तथ पहल की भाऽत वह भगवन शकर क गल म ऽलपट गय म

झोपड़ा स थोड़ा दीर जकर खड़ हो गय मन सोचndash नग न हम कट ऽलय ह अब म अवशय मर

जऊा ग हमरा सधन भा पीरा नही हो पया ह अब हम समय स पहल हा मरन पड़ग म ऐस सोच हा

रह थ तभा हम अपन समन एक सतरा खड़ा ऽदखई दा वह हमर पस खड़ा हई था उसन लल सड़ा

पहन रखा था वह बहत सिदर था उसक चहर तज क करण चमक रह थ और उसक शरार स परकश

भा ऽनकल रह थ उसन ऽसर पर छोट-स मिकि ट लग रख थ उसकी आाख बड़ा-बड़ा चमकदर और

तजसवा थी वह मनद-मनद मिसकर रहा था कषण भर क ऽलय म उसकी सिनदरत दखत रह इतन म उसन

अपन दऽहन हथ आशावथद की मिदर म ऊपर की ओर उठय उसक हथ उठत हा हमर शरार क

अनदर स एक और शरार हमर समन हा बहर ऽनकल आय अब हमर दो शरार हो गय दोनो शरारो क

सवरप एक जस हा थ उस सतरा न हमर अनदर स ऽनकल दीसर शरार क दऽहन हथ अपन बय स

पकड़ ऽलय ऽफर उस दीसर शरार को हमस दीर लकर चला गया अब म अपन दीसर शरार म अपना

अनिभीऽत करन लग ऽजस शरार वह सतरा ऽलय ज रहा था वह सतरा हमस बोलाndash sbquoतिम ऐस zwjयो सोचत हो

ऽक तिम मर जओग अब तिम नही मरोग तिमहरा सधन भा पीरा होगा‛ इतन कहकर वह सतरा मर हथ

पकड़ कर ऊपर आकश म आग की ओर जन लगा अब म आकश म आग की ओर उस सतरा क सथ

चल ज रह थ उस समय ऐस लग रह थ मनो म ा अपन बट क हथ पकड़ हए चला ज रहा हो

कि छ कषणो बद हमर धयन टीट गय अनिभव भा समपत हो गय जस हा हमरा आाख खिला तो मन

दखndash हमर समन वहा फोटो रखा हई था ऽजस मन झोपड़ा क अनदर दख थ इसा फोटो क म रोज

पीज ऽकय करत थ

ऄथश- अनिभव म ऽदखई दन वला झोपड़ाndash यह झोपड़ा हमर ऽचतत क सवरप ह झोपड़ा म

ऽसथत नग और फोटो सजाव स हो गयndash जब कोई सथील वसति सजाव होकर ऽकरयशाल होता हई ऽदखई

द तो समझ लन चऽहय उसक समबनध सीकषम जगत स हो गय ह तथ सीकषम रप स ऽकरय हो रहा ह

अथ थत उसक आऽनतररक ऽवकस होन लग ह नग न हम कटndash वह नग सीकषम रप स कि णडऽलना क

हा सवरप नग रप म थ लल सड़ा पहन हई सतराndash वह मत कि णडऽलना शऽzwj त हा ह हमर शरार स

योग कस कर 51

दीसर शरार परकट हो गयndash वह मर सीकषम शरार ह ऽफर वह सतरा हमर सीकषम शरार को लकर अऽतररकष म

आग की जन लगा इसक अथथ यह हndash जब शिरआत म हा कि णडऽलना हमर सीकषम शरार को पकड़ कर

जन लगा ह इसस यह ऽनिय होत ह ऽक भऽवषय म म उचचवसथ को परप त करा ग कि णडऽलना क

हमर सीकषम शरार को लकर जन क अथथ हndash कि णडऽलना हम ऽनिय हा परम ऽपत (ईश वर) स भऽवषय म

ऽमलव दगा zwjयोऽक कि णडऽलना शऽzwj त हमरा मत ह मत हा ऽपत (ईश वर) स ऽमलव सकता ह इस

अनिभव क आन क बद हम बड़ा परसननत हई

ईडवडयान बनध व मल बनध का लगना

आजकल हमर धयन बहत अचछ लगत थ तथ धयन की अवऽध बढ़न क ऽलए म रऽतर क

समय 1030 स 12 बज तक धयन ऽकय करत थ जबऽक शरा मत जा न बतय थ रऽतर क 11 बज

क बद धयन नही करन चऽहय मगर मन धयन की अवऽध बढ़न क ऽलय रऽतर क समय धयन करन

शिर कर ऽदय ह अब हम धयनवसथ म एक ऽकरय और होन लगा था इस ऽकरय क अथथ न समझ पन

क करण ऽचनत भा होन लगा था जब धयन करत थ तब हमर पट अनदर की ओर होकर पाछ की

ओर ऽचपकत थ कभा-कभा पट जोर स ऽचपक जत थ ऐस लगत थndash ऽक ऽचपक हआ पट अब

पीवथ ऽसथऽत म नही आयग इस ऽकरय क सथ हमर गिद दरर भा सकि ऽचत होकर ऊपर की ओर ऽखचव

ऽकय करत थ इन दोनो ऽकरयओ क अथथ न समझ पन क करण म असमजस म पड़ गय थ और

सोचन लगत थ zwjय यह ऽकरय सहा हो रहा ह अथव गलत हो रहा ह कि छ ऽदनो पित इस ऽकरय क

ऽवषय म जनकरा ऽमल गया इसस हम बहत खिशा हई ह ऽक हमरा सधन आग की ओर बढ़ रहा ह

ऄथश- पट पाछ की ओर ऽचपकन को उडऽडयन बनध कहत ह गिद दरर सकि ऽचत होकर ऊपर की

ओर ऽखचन को मीलबनध कहत ह इन दोनो बनध क परभव स परण वयि सिषमन नड़ा क अनदर परवश

करन क ऽलए दबव दत ह

योग कस कर 52

महायोग मदरा

अब कि छ ऽदनो बद एक और ऽकरय होन लगा था जब म धयन पर बठत थ तब हमर शरार

आग की ओर झिकत थ और ऽसर भीऽम पर सपशथ करन लगत थ ऽफर शवस तजा स अनदर-बहर होन

लगता थी जस नग फि फकर रह हो हम अचछा तरह महसीस होत थ ऽक हमरा शवस जोर-जोर स

अनदर-बहर हो रहा ह मगर म इनह रोक नही सकत थ कि छ समय बद हमर ऽसर भीऽम पर दबव दन

लगत थ कभा-कभा हमर ऽसर दऽहन पर क घिटन को सपशथ करत थ ऽफर कि छ कषणो बद हमर ऽसर

बया ओर को धार-धार जकर बया घिटन को सपशथ करत थ और ऽफर ऽसर समन की ओर भीऽम पर

सपशथ करत थ यहा करम बरबर चलत रहत थ यह ऽकरय होत समय हमरा शवस बड़ा तजा स चल

करता था तथ मीलधर म ऽखचव स होत रहत थ ऐस लगत थ उस सथन पर वयि क दबव

जयद बढ़ रह ह

ऄथश- जब सधक क उडऽडयन व मीलबनध जोर स लगन लग तथ कफी ऽदनो तक यहा ऽकरय

बरबर होता रह तब सधक को यह समझ लन चऽहए उसकी कि णडऽलना न अपना आाख खोल दा ह

आाख खोलन क अथथ यह मत समझन लन ऽक सधक की कि णडऽलना ऊधवथ होन लगा ह कि णडऽलना

क आाख खोलन को हम यह कह सकत ह कि णडऽलना जगरत हो गया ह मगर समनय भष म

कि णडऽलना जगऽत होन क अथथ उसक ऊधवथ होन स हा लगय जत ह कि णडऽलना जगऽत होन और

कि णडऽलना ऊधवथ होन दोनो अलग-अलग अवसथएा ह जब उडऽडयन बनध व मीलबनध सवमव लगत

हो तथ शाघर न खिलत हो कि छ सधको को मन दख ह ऽक वह उडऽडयन बनध और मीलबनध व

जलधर बनध जन-बिझकर लगन क परयस करत ह तऽक उनकी कि णडऽलना जगरत हो जय यह जो

शवस-परशवस अपन आप जोर स हन लगत ह इसको भऽसतरक परणयम कहत ह यह कि णडऽलना क

करण होत ह zwjयोऽक सधक क शरार शिि नही होत ह तब भऽसतरक चलन स शरार म ऽसथत सीकषम

नऽड़या शिि होन लगता ह

धयनवसथ म हमर शरार आग की ओर झिकत ह तथ ऽसर भीऽम पर लगत ह ऽसर दऽहन पर

क घिटन को सपशथ करत ह ऽफर बय पर क घिटन को सपशथ करत ह इस योग की भष म महयोग मिदर

कहत ह इस मिदर क समय सधक को शराररक रप स थोड़ा परशना होता ह zwjयोऽक मीलबनध म ऽखचव

हो जत ह तथ परण वयि क धzwjक मीलधर चकर पर लगन लगत ह मीलधर म धzwjक लगन स

योग कस कर 53

कि णडऽलना को ऊधवथ होन म सहयत ऽमलता ह अथव ऊधवथ होन क परयस करता ह कभा-कभा इसा

ऽकरय म कि णडऽलना जगरत होन क परयस करता ह ऽजन सधको को महयोग मिदर नही होता ह वह

खला समय म कऽतरम रप स इस मिदर को लगन क परयस ऽकय कर इसस सधको को अपन अभयस

बढ़न म अवशय सहयत ऽमलगा कि छ मगथ दशथको क कहन हndash धयनवसथ म आग की ओर झिककर

ऽसर क भीऽम पर सपशथ करन अचछ नही होत ह मगर म इस बत को नही मनत ह ा बऽलक सधको को

रय दत ह ा इस महयोग मिदर क अवशय अभयस कर यह हमरा सवयम की अनिभीऽत ह

अब हमर मन ईश वर ऽचतन म लग रहत थ तथ तावर इचछ होता था ऽक परभि को परप त करा

शरा मत जा की हम यद बहत आता था वह हम बहत अचछा लगता थी म सोच करत थndash शरा मत

जा हर जनम म हमरा गिर मत बन म उनक ऽशषय बनीा zwjयोऽक योग समबनधा कोई समसय आन पर

परतयकष बत तो कर सकत ह ा हमन बहत स ऽशषयो को दख ह वह अपन गिर स बत भा नही कर सकत

ह उनक गिर क पस समय हा नही होत ह ऽक वह अपन हर ऽशषय स बत कर सक अथव योग क

ऽवषय म शक समधन कर सक हमर सोचन हndash गिरओ को उतन हा ऽशषय बनन चऽहए ऽजतनो क

मगथदशथन कर सक अथव मगथ दशथन क ऽलए समय हो ऽसफथ सथील जगत म परऽतषठ व यश परप त करन क

ऽलए ढर सर ऽशषय नही बन लन चऽहए यऽद ऽशषय उऽचत सखय म होग तब ऽशषयो को सधन करन म

ऽकसा परकर की कठनई य परशना क समन नही करन पड़ग zwjयोऽक ऽशषयो की सधन गिर की

दखरख म होगा खर छोऽड़य म कहा गिरओ क चzwjकर म पड़ गय यह उनक वयऽकतगत ममल ह मिझ

उनको शक की दऽष ट स नही दखन चऽहए आऽखरकर वह गिर पद पर ह

ऄहकार का दशशन

मिझ अनिभव आयndash म ऽकसा घर म ह ा मर हथ म एक कल नग ह मन उस नग को पकड़

रख ह उस समय मिझ उस कल नग स ऽबलकि ल डर नही लग रह थ बऽलक मन अपना इचछ स

पकड़ रख थ नग को बाच म पकड़ कर उसा की ओर दख रह थ वह फन उठकर हमर मिाह की ओर

जोर स फि फकर मरत थ जस हा वह फि फकर मरत थ उसा समय म अपन मिाह स ldquoॎrdquo शबद क

दाघथ उचचरण करत थ हमर दरर ॎ क उचचरण करन स नग की लमबई अपन-आप घटन लगता

था ऽफर वह नग ऽबलकि ल छोट स हो जत थ तथ वह सिसत भा हो जत थ ऽजसस वह फि फकर

योग कस कर 54

नही मर पत थ कि छ समय बद मन नग को भीऽम पर छोड़ ऽदय हमर हथ स छी टन क बद नग की

लमबई ऽफर अपन आप बढ़न लगा वह ऽफर पहल जस लमब हो गय मन ऽफर दिबर नग को

पकड़कर उठ ऽलय नग न ऽफर हमर मिाह की ओर जोरदर फि फकर मरा जब वह फि फकर मरत थ

तब म मिसकर दत थ म नग स बोलndash अचछ तिमहर करोध अभा शत ऽकय दत ह ा मन पहल की

भाऽत ऽफर स दाघथ ओकर ऽकय हमर दरर ओकर करत हा उसकी लमबई अपन आप कम होन लगा

ऽफर मन उस भीऽम पर छोड़ ऽदय हमर दरर छोड़त हा वह पहल की भाऽत ऽफर स लमब हो गयऔर

वह एक तरफ को दौड़न लग मन नग को ऽफर स अपन हथ म पकड़ ऽलय मर दरर पकड़त हा वह

पहल जसा ऽकरयओ की पिनरवऽतत करन लग हम इस कयथ को करन म मज आ रह थ तभा हमर

अनिभव समपत हो गय

ऄथश- धयन क समपत होन पर अब हम नग क डर स लगन लग मिझ नही मलीम उस समय

मन नग को कस पकड़ रख थ zwjयोऽक हम नग स बहत डर लगत ह बद म मिझ जनकरा हई यह

नग अहकर क परताक ह lsquoॎrsquo बरहम की शऽzwj त ह इसाऽलए ओकर करत समय उसक सवरप घटन

लगत थ सधको आप यह कह सकत ह पहल नग न जब कट थ तब उस कि णडऽलना क परताक

बतय थ यह नग अहकर क परताक बत रह ह योग म कभा-कभा एक हा परकर की वसति क अलग-

अलग अथथ ऽनकलत ह इसऽलए सधको को अपन अनिभव क अथथ ऽनकलन क ऽलए अपन मगथदशथक

की सहयत अवशय ल लना चऽहए धयन क सतर बदल जन पर एक हा परकर क अनिभव क अथथ भा

बदल जत ह यऽद आप गौर पीवथक बराकी स अनिभव को दखग तब समझ आयग एक हा परकर क

अनिभवो म कही-न-कही थोड़ स फकथ अवशय होत ह कभा-कभा ऐस भा होत ह सधक को कि छ

अतरल क बद एक जस हा अनिभव आ जत ह इसक अथथ एक जस भा हो सकत ह अथव

अलग-अलग भा हो सकत ह ऐसा अवसथ म आप अपन मगथ दशथक स अथथ पीछ ल कि णडऽलना जब

नग क रप म ऽदखई दता ह तब नग क रग कम कल अथव सिनहर होत ह जब सधक को सधन

म उचचवसथ परप त होता ह तब कि णडऽलना क सवरप सिनहल नग अथव तप हए सोन की भाऽत ऽदखई

दत ह मगर अहकर क रग गहर कल हा होत ह तथ दखन म थोड़ बिर स य डरवन स ऽदखई

दत ह

योग कस कर 55

भगवान शकर और ॎ का दशशन

आज हम ड यीटा स कमर म आन म कफी दर हो गया था मन सोचndashअब 15-20 ऽमनट हा

धयन पर बठ लीा म रऽतर क 1130 बज धयन पर बठ गय धयन पर बठत हा हमरा गदथन पाछ की ओर

हो गया कि छ कषणो बद म गहरई म चल गय तभा धयनवसथ म हम ऽदखई ऽदयndash समन की ओर

घोर अधकर ह म उसा अधकर म आग की ओर चल ज रह ह ा कि छ कषणो बद हम लगndash शयद

अधकर म कि छ ऽदखई पड़ रह ह मन अपना दऽष ट उसा जगह पर ऽसथर कर दा घोर अधकर म

गोलकर नाल रग क चमकदर परकश ऽदखई दन लग यह नाल रग क गोलकर परकश धार-धार

हमर पस आ रह थ इस गोलकर परकश क मधय म एक आकऽत सा बनन लगा आकऽत सपषट होन

पर म परसनन होन लग गोलकर परकश क मधय म भगवन शकर धयन मिदर म बठ हए थ भगवन

शकर क शरार स नाल रग क परकश ऽनकल रह थ कि छ कषणो तक म भगवन शकर को धयनसथ मिदर

म दखत रह ऽफर भगवन शकर अदशय हो गय मन अपन आपको अधकर म खड़ पय

म भगवन शकर क ऽवषय म सोच हा रह थ इतन म हमरा दऽष ट सवमव ऊपर की ओर हो गया

हमर मिाह भा ऊपर आसमन की ओर हो गय थ हम आश चयथ हो रह थ zwjयोऽक यह ऽकरय मन परयतन

पीवथक नही की था बऽलक सवमव हो गया था कि छ कषणो बद हम एक नाल रग क चमकदर ऽबनदि ऽदखई

ऽदय उसा नाल रग क ऽबनदि क अनदर स परकश ऽनकलन लग और गोलकर आकऽत म फलन लग

यह परकश गोलकर आकऽत म धार-धार फलत ज रह थ अब परकऽशत ऽबनदि गोलकर आकऽत म

बदल चिक थ यह गोलकर परकश लहरनिम आकर म चरो ओर फल रह थ ऽफर यह नाल रग क

परकश की गोलकर आकऽत सर आकश म वयपत हो गया इस परकश क क दर म lsquoॎrsquo की आकऽत

धार-धार सपषट होन लगा अब म गोलकर परकश क अनदर तजसवा lsquoॎrsquo को दख रह थ कि छ समय

बद गोलकर नाल परकश अपन आप म ऽसकि ड़न लग कि छ समय तक lsquoॎrsquo क सवरप सपषट ऽदखया

दत रह ऽफर lsquoॎrsquo क सवरप धार-धार हमस दीर जकर ओझल होन लग गोलकर परकश न

ऽसकि ड़कर ऽबनदि क सवरप धरण कर ऽलय ऽफर ऽबनदि भा अदशय हो गय म अपन मिाह आसमन की

ओर ऽकय हए खड़ थ तभा हमर धयन टीट गय हमरा गदथन पाछ की ओर पाठ स ऽचपक गया था

मन ऽसर को दोनो हथो क सहर दकर साध ऽकय उस समय रऽतर क सढ़ बरह बज रह थ हमर

सथील शरार थक गय थ अतः म आसन स उठकर चरपई पर लट गय

योग कस कर 56

अब म बहत वयसत हो गय थ शरार थक-थक स रहन लग आऽखरकर म बामर हो गय

मरा सधन पीरा तरह स बनद हो गया था डॉzwjटर स इलज कर रह थ कमजोरा इतना आ गया था ऽक

हमर एक ऽमतर हम सहर दकर ऽडसपशरा ल जय करत थ एक ऽदन मन डॉzwjटर स छि िा ऽलखन को

कह तब डॉzwjटर न हम दिबर चक ऽकय और छि िा ऽलखन स मन कर ऽदय डॉzwjटर बोलndash आप

ऽबलकि ल ठाक ह zwjयो आप मऽडकल छि िा माग रह ह आप डयीटा कर सकत ह हम डॉzwjटर की बत बड़ा

आश चयथ जनक लगा हमर दोसत नत टइप व परभवशला वयऽकततव वल थ उसक कहन पर डॉzwjटर

न ऽझझकत हए एक सपतह की छि िा ऽलख दा बद म हम परइवट इलज करन पड़ ऽफर मन शरा मत

जा को पतर ऽलखndash उसम हमन बामरा क सर ऽववरण ऽलख थ शरा मत जा क पतर हम डढ़ मह

बद परप त हआ शरा मत जा सवय बामर थी इसऽलए हम पतर ऽलख नही पई था जब शरा मत जा क

पतर हम परप त हआ तक म उस समय बामरा स ठाक हो चिक थ बामरा क समय म सोच करत थndash

अगर म मर जऊा तो अचछ ह zwjयोऽक सथील शरार म बहत जयद कष ट हो रह थ तथ मनऽसक रप स

कि छ परशऽनय ा भा भोग कर रह थ

शरा मत जा न पतर म ऽलखndash sbquoमनिषय क जनम ऽमलन क बद शरार तयगन क बिर ऽवचर को

तयगकर शरार क दरर जयद-स-जयद फयद उठन चऽहए दिऽनय क सथ सधक क मनमिटव

रहत हा ह समज की यहा धरण समझकर सधक को दिःखा नही होन चऽहए बऽलक दय करन

चऽहए zwjयोऽक वह अजञना ह आपकी सधन जब अचछा हो जयगा तब आप अपन को सवय सिरऽकषत

महसीस करग और दिऽनय क सथ तताय पिरष की भाऽत वयवहर करग सधन म अधारत स कम नही

चलत ह यह सफर बहत लमब ह तथ जऽटल भा ह थोड़ धारज रखो सथील शरार जाऽवत zwjयो रखीा

ऐस ऽवचर न कीऽजए यह शरार तो गिर क हrdquo शरा मत जा क पतर पढ़कर हम परसननत हई हमर

अनदर सहस और बढ़ गय धार-धार सवसथ होन क करण थोड़ा-थोड़ा सधन करन शिर कर दा था

शरी माता जी का दशशन

हमरा सधन एक बर ऽफर तावर गऽत स होन शिर हो गया था मिझ एक ऽदन धयनवसथ म शरा

मत जा क दशथन हो गय मन दखndash हमर समन एक बहत बड़ परकश वलय परकट हो गय ह यह

परकश वलय बहत तज थ आाख चकचौध हो रहा थी कि छ कषणो बद दखndash उस परकश वलय म शरा

योग कस कर 57

मत जा धयन मिदर म बठा हई ह उनक चहर सीयथ क समन चमक रह ह तथ उनक शरार स परकश

ऽनकल रह ह म बोलndash अर यह तो शरा मत जा ह मगर शरा मत जा कि छ नही बोली कि छ कषणो बद

शरा मत जा अदशय हो गयी हमर अनिभव समपत हो गय

साधना करन की तीवर आचछा

अब म सधन करन म रऽच अऽधक लन लग थ सधन करन की इचछ हमर अनदर इतना

जयद परबल हो गया ऽक मर मन अब नौकरा म नही लगत थ म सोचत रहत थndash नौकरा करन स

हमरा भौऽतक आवशयकतऐ पीरा होगा और सधन करन स हम आधयऽतमक लभ ऽमलग भौऽतक

लभ स अचछ ह ऽक आधयऽतमक लभ कमय जय वह हम मरणोपरत कम आयग भौऽतक

उपलऽबधया ऽसफथ सथील जगत तक हा साऽमत ह अब हमर मन म इसा परकर क ऽवचर आन लग हम

मलीम ह सधन करन क ऽलए सथील वसतिओ की भा आवशयकत पड़ता ह जब तक सथील शरार ह तब

तक भोजन कपड़ आऽद की आवशयकत पड़ता रहगा इसक ऽलए मन सोचndash ऐसा कई जगह ह जहा पर

भोजन कपड़ आऽद मिफत ऽमलत ह ह ा ऐसा जगहो पर कि छ-न-कि छ कम करन पड़त ह बहत स

सनयसा य योगा ऐस भा ह वह ऽसफथ ईश वर ऽचतन म लग रहत ह और अपना आवशयकतऐ माग कर पीरा

कर लत ह मन सोचndash ऐसा जगह ऋऽषकश व हररदरर म जयद ह वह ा सधन करन क अऽधक समय

ऽमलग अब नौकरा करन की हमरा इचछ नही रह गया था

इस समय मरा उमर 26 वषथ क लगभग ह अब मर धयन पतना की ओर गय तो सोचndash मा और

पतना म zwjय फकथ ह पतना जब हमर बचच की मा बन गया तब यह बचच हमर हा अश ह पतना जब

हमर अश की म ा ह तो zwjय हम उस मा क भव स नही दख सकत ह जब मर धयन पतना की ओर

जत थ तब वह हम हमरा मा जसा ऽदखई पड़ता था ऽफर मन शरा मत जा को पतर ऽलख उसम मन

अपन मन की सरा बत ऽलख दा कि छ समय बद हम शरा मत जा क पतर ऽमल उसम ऽलख थndash

sbquoआननद कि मर तिमहरा इचछ नौकरा छोड़कर सधन करन क ऽलए हररदरर-ऋऽषकश जन की ह वहा

खन मिफत ऽमलत ह इस बत की पहल जनकरा कर लाऽजए ऐस आशरमो म कम बहत करन पड़त

ह सधन करन क ऽलए समय नही ऽमलग आपन शदा करक पहल गलता की ह ऽफर एक बचच क

ऽपत भा बन गय हो अब आप हमस पीछ रह होndash zwjय म पतना को मा क रप म दख सकत ह ा अब ऐस

योग कस कर 58

करन एक तरह क पप हा ह अगर तिलसादस की तरह आपकी पतना खिशा स तयर हो जता ह तब वह

बत अलग ह आपकी पतना तड़पता रह और आप घर स ऽनकल पड़ो यह बत ठाक नही ह पहल आप

उसक ऽलए रोटा-पना क इतजम कर दाऽजए एक लड़क हो जन क करण शसतर क अनिसर आप मिकत

हो सकत ह ऐसा छोटा उमर म सधन की तावर ललस व लगन आपक मन म ह ऐसा जवना म तिम

पतना को मा क रप म दखन चहत हो इस ऽवशष गिण तयग और वरनय क ऽलए तिमहरा सरहन करता

ह ा ऐस लड़क योगा म ा को ऽमल तो उसको खिशा ह ऐस बचच को म ा बहत चहता ह लऽकन आननद

कि मर गात क उपदश दखो- तो कतथवय हा शरषठ मन गय ह जो गलता आपस पहल हई ह उसक ऽलय

अब पछतन zwjय ऽफर भा आपको पीणथ वरनय हो गय ह तो आप ऽकसकी मनोग ऽजसको वसतऽवक

वरनय परप त हआ हो उसको कौन रोक सकत ह वह अपन क ऽलए नही सोचत ह वह परभि क पयस

दर-दर भटकर अपन धयय को परप त कर लत ह लऽकन ऐस लोग लखो म एक हा ऽमलत ह आप शत

रऽहय अपना सधन बढ़इए आपकी जो भा इचछ होगा परभि पीरा कर दगrdquo

lsquoआपकी शरा मत जाrsquo

सधको हमरा शदा व लड़क सधन करन स पीवथ हए थ उस समय म एक सधरण मनिषय थ

मिझ सवय मलीम नही थ ऽक म भऽवषय म सधन करा ग वरन म शदा हा नही करत

भगवान शकर क दो रपो म दशशन

आज सयकल 8 बज धयन पर बठ मन धयनवसथ म दखndash चरो ओर परकश फल हआ

ह वही पर भगवन शकर खड़ हए ह वह हमरा ओर दखकर मिसकर रह ह भगवन शकर को दखकर

मिझ बड़ा परसननत हई म भगवन शकर को टकटकी लगए हए दख रह थ कि छ कषणो म भगवन शकर

क शरार स दीसर शरार परकट हो गय दीसर शरार भा पहल वल शरार क सवरप क समन थ भगवन

शकर क दीसर सवरप पहल वल सवरप क बगल म खड़ हो गय वह भा मिसकर रह थ हमन जब

भगवन शकर कदोनो सवरपो की ओर दखndash तब हमरा हासा छी ट गया हमर मिाह स ऽनकलndash sbquoवाह

भगवान आप दो-दो रपो मrdquo उन दोनो क सवरपो म कोई अनतर नही थ दोनो एक हा समन थ कि छ

योग कस कर 59

कषणो तक म दोनो सवरपो को दखत रह ऽफर दीसर वल भगवन क शरार पहल वल शरार म सम

गय कि छ कषणो बद वह भा अतधय थन हो गय अनिभव समपत हो गय

ऄथश- जब इस परकर कोई दवत दो सवरपो म परकट होकर दशथन द तब अभयसा को समझ

लन चऽहय उसक सीकषम शरार भा धयनवसथ म बहर ऽनकलन वल ह अथव ऽनकलत ह मगर यह

अभयसा समझ नही पत ह ऽक उसक आनतररक ऽवकस हो रह ह

भगवान बजरगबली क दशशन

यह अनिभव हम सवपनवसथ म आयndash हमन दख हमर समन अनतररकष स एक परकश पिज

हमरा ओर चल आ रह ह म उस परकश पिज को गौर पीवथक दखन लग वह हमर समन हमस थोड़ा

दीरा पर आकर ऽसथर हो गय म टकटकी लगए हए उतसिकत वश उस परकश पिज को दख रह थ तभा

उस परकश म भगवन बजरगबला ऽदखई ऽदय उनकी मिदर बड़ा ऽवऽचतर था उनहोन पलथा लगई हई

था तथ अपन दोनो हथ जोड़ रख थ आाख बनद थी जस धयन कर रह हो म उनह कि छ कषणो तक दखत

रह उसा समय हमर अनदर ऽवचर आयndash इनहोन अपन हथ zwjयो जोड़ रख ह कि छ कषणो तक भगवन

बजरगबला हम दशथन दत रह ऽफर अदशय हो गय हमर अनिभव समपत हो गय मरा आाख खिल गया म

हड़बड़ कर उठकर बठ गय घड़ा की ओर दखndash उसम पौन चर बज रह थ हमर धयन क समय हो

गय थ म सोचन लगndash आज भगवन बजरगबला क दशथन कस हो गय इनहोन हम पर कस कप कर

दा म तो इनक समरण नही ऽकय करत ह ा म तो ऽसफथ भगवन शकर क समरण ऽकय करत ह ा वस

भगवन बजरगबला जा नयरहव रदरवतर ह कि छ सलो बद मलीम हआ भगवन बजरगबला जा स

हमर गहर नत ह ऽजस हम यह ा पर सपषट नही ऽलख सकत ह भऽवषय म इनहोन कई बर मिझ दशथन

ऽदय तथ हमर मगथदशथन भा ऽकय ह हम इनक बहत सममन करत ह

योग कस कर 60

वासना क दशशन

म सिबह 330 बज धयन करन क ऽलए बठ गय धयनवसथ म अनिभव आयndash म अधकर म

आग की ओर चल ज रह ह ा अधकर इतन अऽधक ह उसम कि छ भा नही ऽदखई द रह ह हम अपन

हथ भा नजर नही आ रह ह अधकर म समन की ओर हमस दीर तज परकश ऽदखई द रह थ ऽफर वह

परकश अदशय हो जत थ यह परकश ऽकसा वहन क हड लइट क समन थ ऐस लगत थndash ऽजस

जगह स यह परकश आ रह ह उसक क दर हमस बहत दीर ह परकश बहत हा तज थ यह परकश जब

हमर मिाह पर पड़त थ तब हमरा आाख बनद हो जता थी हमर मिाह पर परकश पड़कर कषण भर म एक

ओर हो जत थ उस समय म ठहर जत थ ऽफर अधकर म म आग की ओर चलन लगत थ म

आग चल ज रह थ तभा हमर पर अपन आप रक गय zwjयोऽक हमर समन एक तरण लड़की खड़ा

हई था वह दखन म बहत सिनदर था तथ लल रग क कपड़ पहन हए था मन उस गौर पीवथक दख वह

यिवता 17-18 वषथ की लग रहा था वह धार-धार मिसकर रहा था उसक चहर बहत सिनदर थ सबस

बड़ आश चयथ यह थ ऽक अधकर क करण म अपन शरार नही दख सकत थ मगर हमस थोड़ा दीसरा

पर खड़ा हई यिवता ऽबलकि ल सपषट ऽदखई द रहा था उसक शरार पर अधकर क कोई परभव नही पड़

रह थ कि छ कषणो क ऽलए हम घबरहट सा महसीस हई zwjयोऽक वह हमर समन ऽबलकि ल पस खड़ा

था वह हम अशलाल अशलाल मिदर म दख रहा था इस मिदर क वणथन तो म खिलकर नही ऽलख सकत ह ा

इतन अवशय ऽलखीागndash उसक दखन व मिसकरन क तराक अचछ नही थ उसन हम अपना ओर आन

क इशर ऽकय मगर म अपना जगह पर ऽसथर खड़ रह जब म अपना जगह पर स नही हट तब वह

सवय दो तान कदम चलकर हमर पस आ गया हमर पस लड़की क आ जन पर हम शमथ क करण

घबरहट सा महसीस हो रहा था हम ऐस लग जस हमर पर भीऽम पर ऽचपक गय हो zwjयोऽक चहकर भा

म पाछ की ओर हट नही सक थ हमर पस आकर उस लड़की न अपना दऽष ट हमर चहर पर ऽसथर कर

दा उसक चहर हमर अऽत पस थ हमर अनदर ऽवचर आयndash ldquoयह लड़की ऽकतना सिनदर हrdquo दीसर

हा कषण मन अपना दऽष ट उसक चहर स शमथ क करण हट ला और नाच की ओर कर ला दऽष ट नाच

करत हा हम उसक सर शरार ऽदखई दन लग हमन दखndash उसक कपड़ परदशी ह उसक सर अग

सफ-सफ ऽदखई द रह ह ऽफर मन एक बर ऽहममत करक उसकी ओर दख वह पहल की भाऽत हम

दख रहा था ऐस लग रह थ जस हमर अनदर की कोई चाज पढ़ रहा हो घबरहट क करण हमर

हल बिर थ हम अपन होश आन लग ऽक म धयन पर बठ ह ा अनिभव समपत हो गय

योग कस कर 61

अनिभव समपत होन क बद हम बहत दिःख हआ यह सतरा हम zwjयो ऽदखई दा म ऽकसा सतरा को

यद नही करत ह ा ऽकसा भा सतरा को बिर भव स नही ऽदखत ह ा ऽसफथ अपना सधन स मतलब रखत ह ा

म तो ऽसफथ शरा मत जा को यद करत ह ा ऽफर हम ऐस अनिभव zwjयो आत ह म बड़ दिःखा हआ थकन

क करण हम सिबह 530 बज नीद आ गया ऽफर सवपनवसथ म हम अनिभव आयndash म कही चल ज

रह ह ा कि छ कषणो म समन की ओर एक बड़ स दरवज ऽदखई ऽदय उस दरवज क अनदर स हम एक

लड़की आता हई ऽदखई दा वह लड़की हमर समन आकर खड़ा हो गया जस हा वह लड़की हमर

समन आया मन उस पहचन ऽलय यह वहा लड़की था ऽजस मन थोड़ा दर पहल धयनवसथ म दख

थ उस लड़की क हव-भव अबकी बर भा अचछ नही थ ऽबलकि ल पहल जस थ म चिपचप खड़

हआ थ अब की बर पहल जस दशय नही थ चरो ओर परकश फल हआ थ लड़की न हमस कहndash

sbquoआननद कमार हमार घर क अनदर आ जाओ साथ ही दरवाज की ओर इरारा िकया िजधर स आयी

थीrdquo हमर मिाह स ऽनकलndashsbquoनहीrdquo मगर उसन बिर नही मन बऽलक मिसकर दा तभा अनिभव भा समपत

हो गय

अबकी बर लड़की पहल स जयद सिनदर ऽदखई द रहा था सिबह क छः बज रह थ अब हमर

हल बहत बिर थ zwjयोऽक वहा लड़की ऽफर दिबर ऽदखई दा था अब म zwjय करा यहा हल रह तो

हमरा सधन कस होगा ह भगवन मिझ कषम करन म इन लड़ऽकयो स दीर रहन चहत ह ा मन सथील

जावन म भा लड़ऽकयो स बोलन बनद कर ऽदय थ ऽसफथ मजबीरा म बोलत थ मन तिरनत शरा मत जा

को पतर ऽलखndash उसम अनिभव को ऽवसतर स ऽलख ऽदय अबकी बर शरा मत जा न पतर क उततर शाघर

हा भज ऽदय थ शरामत जा न पतर म ऽलख थndash आपक अनिभव सहा हअनिभव मndash sbquoअधकार व

परकार भी सही ह आपन जो लड़की दखी ह वह आपकी वासना की परकित ह इसिलए उसस डररए नही

बिकक तटसथ रहकर उसका अवलोकन कररए तथा अपनी साधना म दढ़ रहनाrdquo शरा मत जा क पतर

पढ़कर हमरा जन म जन आया

ऄथश- हम धयनवसथ म इतन अधकर इसऽलय ऽदखई द रह थ zwjयोऽक हमरा सधन

कणठचकर म चल रहा था यहा पर अजञन और अऽवदय क सथन होत ह तथ कणठचकर स आग की

अवसथ सीकषम जगत स समबऽनधत होता ह इसऽलय अभयसा को अपन ऽचतत पर ऽसथत तमोगिण की मतर

को बहत कम करन पड़त ह यह अभयस क दरर धार-धार कम होन होत ह वह लड़की हमरा हा

योग कस कर 62

वसन की परकऽत ह इस चकर पर वसन क भा सथन होत ह इसाऽलय हमरा वसन लड़की क रप म

ऽदखई दा था

सकलप नही करना

आजकल ऽदलला ऽवऽवध-भरता रऽडयो पर 7 बजकर 45 ऽमनट पर सयकल क समय परयोऽजत

परोगरम सपतह म एक बर आय करत थ यह बत सन 1985 की अऽतम समय की ह शयद ऽदसमबर

महान रह होग यह परोगरम धऽमथक आय करत थ ऽशवपिरण दवापिरण तथ अनय पिरणो की

कथओ पर आधररत झलऽकय ा परसररत ऽकय करत थ एक बर की झलकी म बतय गय भगवन

शकर न अपन भकत को सपपन म बतयndash sbquoम अपन भकतो की सदव रकष ऽकय करत ह ा‛ यह शबद हमर

रदय क अनदर परवश कर गय हल ाऽक यह शबद ऽकसा पिरण स ऽलए गय थ वसतऽवक सतयत zwjय था

म नही जनत ह ा उस समय म बहत भविक हो गय और सोचndash म भा तो भगवन शकर क भकत ह ा

zwjय भगवन शकर मरा भा रकष ऽकय करत ह यऽद यह सहा ह तो भगवन शकर हम अवशय दशथन द

अथव म समझीाग ऽक म उनक सचच भकत नही ह ा हमर आासी बहन लग हमन सोचndash अगर दो चर

ऽदनो म भगवन शकर क दशथन होत ह तो ठाक ह वरन हमर अनदर तरिऽटय ा ह ऽफर म धयन करन क

ऽलय बठ गय एक घणट तक धयन ऽकय मगर कोई अनिभव नही आय म थोड़ स दिःखा भव म रऽतर

क 1130 बज लट हआ आासी बह रह थ आाखो म नीद आन क नम नही थ इतन म हमरा आाख

अपन आप बनद हो गया हम अपन होश नही रह उसा समय हम अनिभव आयndash हमस दीर समन ओर

हलक नाल रग क तज परकश ऽदखई ऽदय ऽफर वह परकश धार-धार हमर पस आन लग हमस थोड़ा

दीरा पर आकर वह परकश रक गय उस परकश क अनदर स एक आकऽत सपषट रप स उभरन लगा वह

आकऽत कि छ कषणो म भगवन शकर क रप म बदल गया अब म भगवन शकर को ऽबलकि ल पस स

दख रह थ वह धयन मिदर म बठ हए थ उनक शरार स नाल परकश चरो ओर को ऽनकल रह थ

तथ भगवन शकर हलक-हलक मिसकर भा रह थ उनह दखकर म बहत परसनन हो रह थ इतन म

अनतररकष स आवज आया sbquoआननद कमार तमह इस परकार का सककप नही करना चािहए थाrdquo यह

शबद सिनकर हमरा दऽष ट ऊपर की ओर हो गया हमर अनदर ऽकसा परकर क ऽवचर नही परकट हो रह

थ ऽफर भगवन शकर धार-धार हमस दीर जकर अदशय हो गय हमर अनिभव समपत हो गय और

योग कस कर 63

आाख भा खिल गया मन सो नही रह थ बऽलक ऽसफथ आाख हा बनद की थी मन ऽनऽिय ऽकय अब म इस

परकर क सकलप कभा नही करा ग

एक बर म ऽदलला म एक सतसगा क यहा स एक पिसतक लय थ उस पिसतक क नम थndash

lsquoिचदरिि िवलासrsquo इस सवमा मिकतननद जा न ऽलख थ इस पिसतक म सवमा मिकतननद जा क अनिभव

ऽलख हए ह मन इस पिसतक क कई पज पढ़ ऽलय थ उसा समय शरा मत जा क पतर आय उसम ऽलख

थndash आप एक पथ पर चिलए परभ आपको पररणा दगा हमन उस पिसतक को पढ़ना बनद कर दा सवमा

मिकतननद जा की पिसतक ldquoऽचदशऽकत ऽवलसrdquo बहत अचछा ह उस पिसतक को पढ़न स ऽकसा भा नए

सधक को लभ ऽमलग इस पिसतक म ऽलख हndash अगर ऽकसा सधक को धयनवसथ म नग कट ल

तो उस सधक को अवशय हा मोकष ऽमलग यहा पिसतक ऽफर हमन सन 1992 म ऽमरज आशरम म मन

पढ़ा था तथ हम मगथ दशथन भा ऽमल थ हमर कि छ अनिभव इस पिसतक स ऽमलत जिलत ह यह पिसतक

हम अऽत ऽपरय ह सवमा मिकतननद जा सवय एक महन सत हो चिक ह इस पिसतक म कि णडऽलना क ऽवषय

म बहत अचछ ऽलख ह मन इस पिसतक क वणथन इसऽलए ऽकय सन 1992 म हम इस पिसतक स बहत

मगथ दशथन ऽमल थ

कणडवलनी शवzwj त क दशशन

आजकल हमर धयन ऽफर अऽधक होन लग थ zwjयोऽक हमर पस कफी समय रहत थ एक

ऽदन धयनवसथ म हम अनिभव आयndash एक ऽशवऽलग ह उस ऽशवऽलग म नग ऽलपट हआ ह म उस

ऽलपट नग को दख रह ह ा इतन म वह नग ऽशवऽलग स अपन चzwjकर खोलकर हमर समन आकर

खड़ हो गय हम उस कल नग स डर नही लग रह थ नग हमर समन ऽबलकि ल पस आकर

कि णडला मरकर फन उठकर खड़ हो गय और हम दखन लग वह नग हम दख रह थ म उस दख

रह थ उसकी आाख हम सपषट ऽदखई द रहा थी तथ उसक मिाह भा म गौरवपीवथक दख रह थ कि छ

कषणो बद उस नग न अपन फन ऽसकोड़कर थोड़ मिाह नाच की ओर कर ऽलय और कि णडला खोलकर

ऽजधर स आय थ उधर को वपस चल गय हमस थोड़ा दीरा पर उसा ऽशवऽलग पर पहल की भाऽत

घिमवदर ऽलपटकर अपन मिाह क अनदर पीाछ ऽनगल करअपना आाख बनद कर ला और शत हो गय

कि छ कषणो बद ऽशवऽलग भा अदशय हो गय हमर अनिभव समपत हो गय धयनवसथ क समय हम

योग कस कर 64

नग क ऽबलकि ल डर नही लग थ मगर धयन स उठन क बद हम डर लगन लग थ zwjयोऽक अनिभव

म मन उसक मिाह अऽत पस स सपषट दख थवहा उसक सवरप यद आ रह थ

इस अनिभव म ऽदखई दन वल नग कि णडऽलना क सवरप ह zwjयोऽक वह नग ऽशवऽलग पर सढ़

तान चzwjकर लगय हए ऽलपट थ वस भा यह कि णडऽलना मीलधर चकर पर ऽशवऽलग क सढ़ तान

चzwjकर लगए हए ऽलपटा रहता ह यह कि णडऽलना अपना पीाछ अपन मिाह क अनदर दबय रहता ह जब

सधक की कि णडऽलना जगरत होता ह तब यह नऽगन क रप म सबस पहल अपना आाख खोलता ह ऽफर

सधन क जयद अभयस होन पर वयि क धzwjक उस सथन पर लगन क करण मिाह स अपना पीाछ

उगलना शिर कर दता ह जब सरा पीाछ अपन मिाह स उगल दता ह ऽफर सधक क अभयस अऽधक होन

पर वह कि णडऽलना अपन मिाह ऊपर की ओर उठकर ऊधवथ होन लगता ह सधक क अभयस क अनिसर

हा उसकी ऊधवथगऽत होता ह ऊपर ऽलख अनिभव की तरह हम कि छ अनिभव और आय थ मगर उनक

वणथन म यहा नही कर रह ह ा

नाग न काटा

एक ऽदन धयनवसथ म अनिभव आय पहल की भाऽत ऽशवऽलग पर एक नग ऽलपट हआ

ऽदखई ऽदय कि छ कषणो बद उस नग न ऽशवऽलग स अपन चzwjकर खोलकर हमर पस आ गय ऽफर

हमर समन पहल की भाऽत फन उठकर कि णडला मरकर बठ गय मगर अबकी बर वह जोर-जोर स

शवस ल रह थ और छोड़ रह थ उसक शवस स ऽनकला हई वयि हमर मिाह को सपशथ कर रहा था कि छ

कषणो बद हम लग नग करोध म फि फकर रह ह मिझ उठकर भग जन चऽहए यह ऽवचर हमर अनदर

आय हा थ तभा उसन बड़ा शाघरत स हमर दऽहन पर क अागीठ पर कट ऽलय उसक कटन स अागीठ

म पाड़ होन लगा मन पर क अागीठ को अपन हथ स पकड़ ऽलय और उठकर खड़ हो गय तभा

अनिभव समपत हआ

इस अनिभव म एक ऽवशषत था ऽजस तरह अनिभव म म अपन दऽहन पर क अागीठ को पकड़कर

खड़ हो गय ठाक इसा परकर म सथील रप स भा अपन दऽहन पर क अागीठ को पकड़कर खड़ हो गय

थ ऽफर चरपई पर लट गय चरपई पर लट हए भा महसीस हो रह थ हमर अागीठ क इस सथन पर

योग कस कर 65

नग न कट हआ ह यह बत शयद आपको अचऽमभत भा कर रहा होगा ऽक धयनवसथ म नग न

कट और सथील अवसथ म उसकी अनिभीऽत हो रहा ह कभा-कभा ऐस भा होत ह यऽद सीकषम शरार पर

कोई परहर ऽकय गय हो तो सथील शरार भा कष ट की अनिभीऽत करत ह zwjयोऽक सथील शरार को चलन

वल तो सीकषम शरार हा ह

ऄथश- यऽद कि णडऽलना सधक को धयनवसथ म कट ल तब अभयसा को समझ लन चऽहय

उस इसा जनम म तततवजञन की परऽपत अवशय होगा तततवजञन परप त होन क करण मोकष की परऽपत होगा

अगर अहकर धयनवसथ म कट ल तब उस अभयसा को सथील जगत म सिख यश कीऽतथ गिरपद

आऽद अवशय ऽमलग इस अनिभव म हम कि णडऽलना न कट ह

योग कस कर 66

सन 1986

अवदशवzwj त दवारा जञानामत पान

मिझ यद आ रह ह यह अनिभव 26 जनवरा 1986 क ह मन दखndash म एक अबोध बलक ह ा म

एक सल स भा छोट उमर वल ह ा अथव एक सल क बचच क समककष ह ा मिझ ऽकसा सतरा न अपन गोद

म ल रख हम उसकी गोद म लट हआ ह ा ऽफर उसन कपड़ो क अनदर स अपन दऽहन सतन खोल

ऽदय अपन सतन क पस मर मिाह म ल गया उस सतरा न अपन सतन मर मिाह म लगन चह मगर मन

अपन मिाह एक ओर को कर ऽलय ऽफर उस सतरा न अपन हथ स हमर ऽसर पर अपना ओर को दबव

ऽदय मर मिाह उसक सतन स सपशथ हो गय सपशथ होत हा म सतन पन करन लग उस सतन स ऽनकलन

वल दीध क सवद बहत अचछ लग रह थ कि छ समय तक म सतन पन करत रहऽफर सतनपन करन

बनद कर ऽदय उस समय वह पयर स मर ऽसर पर हथ ऽफर रहा था मिझ उस सतरा क मिाह सपषट नही

ऽदखई द रह थ zwjयोऽक मर मिाह उसक सतन क नाच थ कि छ कषणो म मिझ उस सतरा न अपन दोनो हथो

पर उठ ऽलय उस समय मर मिाह क समन उसक मिाह थ उसन पयर स मिझ चीम ऽफर मिसकरन लगा

उसक दात मोऽतयो क समन चमकदर थ उसकी आाख बहत हा सिनदर व बड़ा-बड़ा थी कि ल ऽमलकर

उसक चहर बहत हा सिनदर थ ऽसर पर सोन क बन हआ ऊा च स मिकि ट भा थ उस मिकि ट म ढरो

मऽणया लगा हई थी इन मऽणयो स परकश ऽनकल रह थ वह मिझ दोनो हथो पर उठए हए था मिझ पयर

स दख रहा था तभा अनिभव समपत हो गय

अनिभव समपत होन क बद पहल मिझ थोड़ा सा हासा आयाndash म अनिभव म एक इतन स छोट

बचच ह ा एक सतरा मिझ दीध ऽपल रहा ह इस दीध ऽपलन क zwjय अथथ होत ह शरा मत जा हा बत

सकता हमन सोचndash शरा मत जा को पतर कस ऽलखीाग ऽफर मन ऽनणथय ऽलय वह हमरा गिर मत ह

हम शमथ नही आना चऽहए मन थोड़ शरमत हए शरा मत जा को पतर ऽलख पतर क उततर एक डढ़ मह

बद आय शरा मत जा क पतर म ऽलख थndash ldquoऐस अनिभव बहत हा कम सधको को आत ह य

कहन चऽहए सकड़ो सधको म स एक को आत ह दीध पान क मतलब होत ह मा दिग थ शऽzwj त स

जञनमत परप त करन उस समय सधक को ऽबलकि ल दीध पात बचच बनन चऽहए ऽवकर रऽहत

अहकर रऽहत ऽबलकि ल शिि होन चऽहए सधन म आपकी कफी परगऽत ह मगर सधन म वसतऽवक

योग कस कर 67

लकषय एक दो सल म परप त होन वला चाज नही ह और नही ऽकसा को परप त हई हrdquo मत जा क पतर

पढ़कर हम बहत खिशा हई zwjयोऽक हमरा सधन की तराफ की गया था जब आऽदशऽzwj त ऽकसा सधक

को इस परकर अपन सतन पन करय तब उस समझ लन चऽहय सधक को इसा जनम म तततवजञन

परप त होन वल ह

एक ऽदन धयन म मिझ अनिभव आयndash म चनदरम को दख रह ह ा चनदरम ऽबलकि ल सवचछ

आकश म चमक रह ह चनदरम की चादना चरो ओर फला हई ह ऽबलकि ल शत वतवरण ह म

चनदरम की ओर दख रह ह ा इतन म मर धयन टीट गय मझ यद आ रह ह मन धयनवसथ म कई बर

चनदरम दख ह

ऄथश- सवचछ आकश म जब चनदरम इस परकर चमकत हआ ऽदखई द तब उसक अथथ होत

हndash यह ऽचतत की एक अवसथ ह सधक शाघर हा आधयतम म उननऽत परप त करग तथ उसकी सधन

तावर गऽत स आग की बढ़ रहा ह

मलाधार म वखचाव व महायोग मदरा का लगना

आजकल मरा सधन बहत अचछा हो रहा ह मरा सधन तो अचछा हो गया ह मगर अब

धयनवसथ म थोड़ा तकलाफ होन लगा ह धयनवसथ म मरा गदथन पाछ की ओर जकर पाठ स ऽचपक

जता ह तथ मर शरार भा पाछ की ओर बहत जयद झिकत ह ऐस लगत ह ऽक म पाछ की ओर ऽगर

आऊा ग मगर ऽगरत नही ह ा ह कभा-कभा मर शरार झील की तरह झीलत रहत ह इस ऽकरय म मर

शरार बहत कष ट भोगत ह zwjयोऽक गल म परण ऊपर की ओर जन क परयस करत ह तब हमरा गदथन

दिखन लगता ह शरार जलदा स थक जत ह सर शरार पसान स तर हो जत ह अब कि छ ऽदनो स मर

मीलधर चकर म अजाब स ददथ होत रहत ह कभा-कभा हलकी सा गिदगिदा भा होता ह कभा यहा

गिदगिदा हलक स ददथ क सवरप धरण कर लता ह उस समय लगत ह मीलधर चकर म ऽखचव स हो

रह ह ऽखचव क समय वदन सा महसीस होता ह उस समय लगत हndash म धयन करन क ऽलए बठ ह ा

अथव मर कषटो क ऽपटर खोल ऽदय गय ह ढरो तरह क कषटो की अनिभीऽत होता ह मगर मज की यह

बत ह कषटो क बवजीद भा धयन खिलन क नम नही लत ह धयन उस समय कम-स-कम एक घणट क

योग कस कर 68

अवशय होत ह इस मीलधर चकर म ददथ ऽसफथ धयनवसथ क समय हा नही होत ह बऽलक जगरत

अवसथ म भा होत ह कभा-कभा मर शरार धयनवसथ म पाछ जन क बद साध हो जत ह ऽफर

आग की ओर झिकन शिर हो जत ह तब तक आग झिकत रहत ह जब तक ऽक ऽसर भीऽम पर सपशथ न

हो जय थोड़ा दर तक मर ऽसर भीऽम पर सपशथ रहत ह ऽफर ऽसर दऽहन पर क घिटन की ओर जत ह

दऽहन घिटन को सपशथ करन क बद ऽसर बएा पर क घिटन की ओर जत ह बएा घिटन को सपशथ करन क

बद ऽसर वपस आकर समन की ओर फशथ स सपशथ करत रहत ह कि छ कषणो म शवस तज चलन लगता

ह और य शवस साध मीलधर चकर म साधा ठोकर मरता ह ऽजसस मीलधर चकर म ददथ पद होत ह

शवस ऽजतना तज चलता हमीलधर चकर उतन हा जयद तज दिखत ह उस समय मिझ अपन होश

रहत ह यऽद म उस समय साध होन चह ा तो साध नही हो सकत ह ा जब म बिरा तरह स थक जत ह ा

तब मर धयन टीट जत ह धयनवसथ म कभा-कभा महसीस होत ह मीलधर चकर म परणवयि दबव

मर रहा ह उसा समय लगत ह मर गल म भा ऊपर की ओर परण वयि दबव द रहा ह

तीनो बधो का लगना

कि छ ऽदनो तक ऊपर ऽलखा ऽकरयएा होता रही मगर ऽफर मर आग की ओर झिकन अथव पाछ

की ओर झिकन बनद हो गय थ अब म ऽसफथ साध बठत थ उस समय मर गिद दरर ऊपर की ओर

सकि ऽचत होत थ तथ मर पट पाछ की ओर ऽचपकत थ नऽभ पाछ पाठ की ओर दबव मरन लगता

था शिर म यह थोड़-थोड़ हलक स ऽचपकत थ मगर कि द ऽदनो पित पट पाछ की ओर जयद

ऽचपकन लग जब पट ऽचपक जत थ तब शवस बहर छोड़न म बड़ा परशना होता था अथ थत

आतररक कि मभक जोर स लगत थ तथ हमरा ठोड़ा आग की ओर झिककर गदथन क ऽनचल ऽहसस म

सपशथ करक दबव दता था इस अवसथ म यह होत थ म शवस नही ल सकत थ और न हा म शवस

छोड़ सकत थ zwjयोऽक ठोड़ा क गदथन क ऽनचल ऽहसस म दबव दन पर शवस नला अवरि हो जता

था

ऄथश- गिद दरर क ऊपर की ओर सकि ऽचत होन को मीलबनध कहत ह पट क पाछ की ओर

ऽचपकन को उडऽडयन बनध कहत ह ठोड़ा क गदथन क ऽनचल ऽहसस म ऽचपकन को जलधर बनध कहत

ह इस परकर तानो बनध एक सथ लगत थ इन तानो बधो क लगन स मीलधर व पट क भग बहत गमथ

योग कस कर 69

होत थ कभा-कभा यह गमी बचना बढ़ दता था ऽपरय सधको ऊपर ऽलख दोनो अनिभवो क अथथ हndash

मीलधर चकर म ऽखचव होत ह और महयोग मिदर होन लगता ह तथ उसा समय भऽसतरक भा चलन

लगता ह इन दोनो परकर की ऽकरयओ क परभव भा मीलधर पर पड़त ह तथ परणो क दबव भा

मीलधर चकर पर पड़त ह तानो बनध लगन भा अऽत उततम ह य सभा ऽकरयएा मीलधर चकर को गमथ

करता ह तथ कि णडऽलना पर धzwjक मरता ह म पहल अनिभवो म ऽलख चिक ह ाndash जब सधक को

कि णडऽलना क दशथन होन लगत ह तब सधक की अवसथ कि णडऽलना ऊधवथ होन की होता ह यऽद इस

अवसथ म गिर य मगथदशथक उसकी कि णडऽलना जगरत करन क परयस करग तब कि णडऽलना बड़

आरम स ऊधवथ हो जयगा मिझ नही मलीम हndash इस अवसथ म मरा कि णडऽलना शरा मत जा न zwjयो नही

उठई था जबऽक मरा सधन की अवसथ कि णडऽलना उठन क ऽलए पररपzwjव था कि छ समय बद मिझ

मलीम हआ थ हमर दरर होन वला महयोग मिदर पर शरा मत जा बहत नरज हई था उनक कहन

थndash सधक को आग की ओर झिकन गलत ह पाछ की ओर झिकन चऽहए सधको अगर आपको

सवमव महयोग मिदर हो रहा ह तो बहत अचछा बत ह ऽसर क आग की ओर झिक कर भीऽम पर सपशथ

करन ऽफर ऽसर दऽहन पर क घिटन व बएा पर क घिटन को सपशथ करन तथ उसा समय सथ म भऽसतरक

क चलन मह योगमिदर कहलता ह

ऊवषकश जाना

मन पहल हा शरा मत जा स इचछ वयकत की थाndash म आशरम म रहन चहत ह ा तऽक मिझ सधन

करन क अवसर जयद स जयद ऽमल सक शरा मत जा न पतर म ऽलख थndash sbquoआप ऋऽषकश म सवमा

ऽशवननद आशरम म जइए वह ा जकर परम पीजय सवमा ऽचदननद जा स व सवमा मधवननद जा स

ऽमऽलए उनस पीऽछए zwjय व आशरम म आपको रखन चहग आप सोच लाऽजए आपको आशरम म

ऽजदगा ऽबतना पड़गा तथ हमर नम बतइए‛ शरा मत जा न सवमा मधवननद जा क ऽलय एक पतर

भा ऽलख थ वह पतर हम सवमा मधवननद जा को दन थ म मचथ 1986 क अऽतम ऽदनो म ऽशवननद

आशरम ऋऽषकश गय थ म ऽदलला स बस दरर सिबह हा ldquoऽशवननद आशरमrdquo पहाच गय थ वह ा

जकर मलीम हआ ऽक सवमा ऽचदननद जा ऽवदश गय हए ह सवमा मधवननद जा स सिबह 930 बज

ऽमल सकत ह सिबह 930 स पहल दशथऽनक सथलो पर घीमत रह ऽफर पौन दस बज म सवमा

योग कस कर 70

मधवननद जा क पस पहाच गय zwjयोऽक उनस ऽमलन क सवथजऽनक रप स यहा समय ऽनऽित थ इस

समय कोई भा वयऽकत सवमा जा स ऽमल सकत थ सवमा जा सभा स ऽमलन क ऽलए एक ऽनऽित जगह

पर आ जत थ जब म सवमा मधवननद जा क पस पहाच तब वहा पर बहत स पिरष बठ हए थ उनम

स कि छ पिरष ऽवदशा भा थ सवमा जा कि छ समय तक कि छ पिरषो स बत करत रह ऽफर वह ा उपऽसथत

सभा वयऽकतयो स पीछndash आप कहा आय ह तथ पररचय पीछत थ उस भाड़ म ऽसफथ म एक ऐस अकल

पिरष थ उनहोन मरा ओर एक बर दख मगर हमस ऽकसा परकर की बत नही की और नही कि छ पीछ

जब वह उठकर जन लग तब रसत म म सवमा जा स ऽमल मन शरा मत जा क नम बतय और

उनक ऽलख हआ पतर भा ऽदखय म उनस हथ जोड़कर बोलndash sbquoशरा मत जा न हम आपक पस भज

ह‛ सवमा जा न हम एक बर दख ऽफर ऽबन बोल हा आग की ओर चल ऽदय उनक इस वयवहर स

मिझ बहत दिःख हआ म सोचन लगndash ऽदलला स चलकर यह ा तक आय ह ा सवमा जा न हमस एक भा

शबद नही बोल म उसा समय दिखा भव स आशरम स बहर की ओर चल ऽदय और सोचन लगndash zwjय

जब पिरष महन हो जत ह तब छोट पिरषो स बत नही करत ह ऽफर मन सोचndash इनकी सधन और

इनकी तपसय हा महनत क करण ह इसाऽलए सभा लोग इनह पीजत ह उसा समय मन ऽनिय ऽकयndash

sbquoम अब ऽनऽित रप स अतयनत कठोर सधन करा ग मिझ ऽजदगा म चह ऽजतना बड़ा कीमत अद करना

पड़ म इतन बड़ योगा बनीाग मिझ योग क ऽवषय म ऽकसा योगा क समन ऽगड़ऽगड़न न पड़ मिझ

ऽकसा स आधयतम क ऽवषय म यचन न करना पड़‛ यहा सोचकर म ऽदलला क ऽलए वपस चल ऽदय

ऽफर ऽदलला स अपन घर कनपिर (उ पर) आ गय मगर हमर घर म ऽकसा की इचछ नही था ऽक म

नौकरा छोड़ दीा ऽफर कि छ ऽदनो म म दिःखा भव स ऽदलला वपस आ गय और सोचन लगndash हम अब

zwjय करन चऽहए मन यह भा ऽनिय ऽकय अब म ऽकसा आशरम म नही रह ाग अपन घर म रह ाग वही

पर कष ट भोगीाग इसक बद म शरा मत जा क सथ ऽसतमबर सन 1990 म ऽशवननद आशरम गय थ

ऽफर अपरल सन 1994 म ऽशवननद आशरम मत जा क सथ गय थ मगर जब अपरल 1994 म

ऽशवननद आशरम गय थ उस समय योग म मिझ बहत कि छ परप त हो चिक थ मिझ ऽकसा योगा क

समन ऽगड़ऽगड़न की आवशयकत नही था और ऽकसा योगा स ऽमलन की इचछ नही हई था मिझ सवय

अपन आप स सब कि छ परप त हो जत ह तब मिझ ऽकसा दीसर वयऽकत की zwjय जररत ह

योग कस कर 71

म सतरी क रप म

मिझ धयनवसथ म अनिभव आयndash म ऽकसा जगह पर घीम रह ह ा चरो ओर हलक परकश फल

हआ ह कि छ कषणो बद मिझ अपना यद आया zwjयोऽक मिझ अपन आप म कि छ ऽवऽचतरत सा अनिभीऽत

हई हमरा दऽष ट अपन शरार की ओर गया तब म चौक पड़ चौकन क करण यह थndash ldquoमर शरार सतरा

जस शरार वल बन गय थrdquo ऽफर मन अपन शरार को गौर पीवथक दखतो पयndash sbquoम पीणथ रप स सतरा

जस हा बन गय ह ाrdquo अब मिझ यद आय ऽक म तो पिरष थ ऽफर सतरा कस बन गय म यहा सोच रह

थndash तभा मर शरार क सर वसतर अपन आप गयब हो गय हमर शरार पर एक भा वसतर नही थ म

एकदम ऽनवथसतर थ मन चरो ओर दख कोई पिरष तो नही ह अथव हमर शरार को कोई दख तो नही

रह ह मगर आसपस कोई नही थ यह जनकर मिझ थोड़ सतोष स हआ म अपन शरार क अवयवो

को गौर पीवथक दख रह थ सोचन लग यह सब कस हो गय मर शरार अतयनत सिनदर थ रग एकदम

गोर थ शरार सवसथ व मसल थ ऽसर क बल कफी लमब-लमब सिनदर थ चहर की तवच ऽचकना व

आकषथक था सर शरार सिडौल थ म बर-बर अपन सिनदर शरार को दख रह थ और सोच रह थ

ऽक म ऽकतन सिनदर बन गय ह ा परनति सतरा बन जन क करण मिझ अपन म शमथ महसीस हो रहा था मगर

म कि छ नही कर सकत थ उस सिनसन जगह म म एक जगह बठ गय इतन म मर अनिभव समपत हो

गय

मिझ इस परकर क कई अनिभव आय ऽजसम म अपन आपको सतरा क रप म पत थ एक बर

क अनिभव ऽलख रह ह ाndash म ऽकसा सथन पर खड़ हआ ह ा इतन म हम अपना यद आया उतसिकत बस

मन अपन शरार दखndash मर शरार क कमर स ऊपरा भग सतरा क ह कमर स ऽनचल भग पिरष क ह

इस परकर क शरार दख कर मिझ बड़ आश चयथ हआ zwjयोऽक इस परकर क सतरा व पिरष कही भा नही पए

जत ह ऽक सतरा व पिरष एक हा शरार म ऽसथत हो मर शरार पर एक भा वसतर नही थ ऽफर भा म बहत

परसनन होकर इधर-उधर घीम रह थ कि छ कषणो बद मर अनिभव समपत हो गय इस तरह क हम ऽजतन

भा अनिभव धयनवसथ म आत थ उसम मर शरार पर वसतर नही होत थ एक बर मन सोचndash मिझ

अनिभव आत ह ऽक म सतरा जस शरार वल बन गय ह ा zwjय म वसतव म सतरा जस शरार वल बन

जत ह ा अथव बहरा शरार सतरा जस हो जत ह zwjय अनदर क अग भा सतरा जस हो जत ह अबकी बर

यह अवशय दखीाग कि छ ऽदनो बद ऽफर इसा परकर क अनिभव आयndash म ऽकसा सथन पर खड़ ह ा मर

शरार पीणथ रप स सतरा क बन गय ह पहल मन अपन शरार को ऽफर शरार क अगो क उतर चढ़व दख

योग कस कर 72

तब ऽनिय ऽकयndash म ऽकसा सिनदर सतरा स कम नही ह ा उसा समय मिझ यद आय मर शरार अनदर स भा

ऽसतरयो की तरह ह अथव नही ह यह सोचत हा मन अपन शरार क अनदर क अवयवो की जाच करन

शिर कर ऽदय कि छ कषणो बद मन ऽनणथय ऽकयndash हमर शरार ऽनऽिय हा अनदर और बहर स सतरा सवरप

वल ह

सधको मिझ अनिभव क दरर सतरा क ऽवषय म पीरा तरह स अनिभीऽत हो गया था इसस मिझ सबस

बड़ फयद यह हआ ऽक मर ऽखचव कभा भा सतरा की ओर नही हआ ऽजतन एक लड़की सवय अपन

ऽवषय म जनता ह उतन म भा सतरा क ऽवषय म जनत ह ा सच बोलीा तो मिझ आग चलकर ऽसतरयो क इतन

अनिभव आय ऽक सवय ऽकसा सतरा य लड़की न अपन जावन म इतन अनिभव नही ऽलए होग ऽजतन मन

ऽलए ह मिझ अपन शरार म व लड़की क शरार म कोई अनतर नही महसीस होत ह मर अनदर ऽवकर

आन ऽबलकि ल बनद हो गय अब मिझ लड़ऽकयो स बतचात म तथ उनक सथ रहन (डयीटा क समय)

म कोई परहज नही करत ह ा zwjयोऽक धयनवसथ की अनिभीऽतय ा सथील ससर की तरह कषऽणक मतर नही

होता ह बऽलक चतनयमय होता ह इसऽलए ऐसा अनिभीऽतय ा सदव यद रहता ह ऐस लगत ह यह

अनिभीऽत अभा-अभा हई ह चह मन वषो पहल वह अनिभीऽत की हो धयनवसथ म आय अनिभवो की

यहा खऽसयत होता ह

ऄधशनारीशवर क दशशन

जो अनिभव मन ऽसतरयो क ऽवषय म ऽलख ह इसा तरह क अनिभव कि छ महानो तक धयनवसथ म

आत रह ह मिझ एक ऽदन अनिभव आयndash म अपन समन की ओर थोड़ स ऊपर की ओर दरऽषट करक

हलक नाल रग क परकश दख रह ह ा उसा परकश क अनदर कि छ कषणो बद भगवन शकर परकट हो गय

म भगवन शकर क दशथन करन लग म उनह परसननत पीवथक दख रह थ तभा भगवन शकर क शरार

क बएा ओर क भग सतरा क शरार जस ऽदखई दन लग मिझ आश चयथ हआndash भगवन शकर क शरार

आध सतरा क थ और आध शरार पिरष क थ वह अपन दऽहन हथ म चमचमत हआ ऽतरशील ऽलय

थ और सतरा वल शरार पर लल रग की सड़ा पहन रखा था गल म चमकता हई मलए पहन हए था

तथ ऽसर पर चमकत हआ मिकि ट थ बया हथ नाच की ओर थ हथला खिला हई था उस समय ऐस

लग रह थ जस शरार क आध भग चारकर सतरा क तथ शरार क आध भग चारकर भगवन शकर

योग कस कर 73

क ऽचपक ऽदय गय हो उस समय भगवन शकर क चरो ओर अणडकर रप म तजसवा वलय

ऽवदयमन थ वलय स परकश की ऽचगररय ा बहर की ओर फी ट रहा थी यह दशय कि छ समय तक ऽदखई

दत रह ऽफर धार-धार अदशय हो गय

ऄथश- इस अनिभव म भगवन शकर क यह अधथनराशवर वल सवरप थ मिझ एक बत यद आ

गयाndash इस अनिभव क बद मिझ सतरा क अनिभव आन बनद हो गय थ धयनवसथ म मर शरार सतरा क हो

जत थ म हा पिरष ह ा म सतरा ह ा अथ थत म शऽzwj तमन ह ा और म हा शऽzwj त ह ा सतरा शऽzwj त सवरप होता ह

म अपन आप म पीणथ ह ा भगवन शकर क अधथनराशवर वल सवरप क अथथ ह वह पीणथ ह मिझ सतरा क

सवरप क अनिभव कि णडऽलना क करण आत थ आजकल मर शरार म गमी बहत बढ़ गया था ऐस

लगत थ पट म आग-हा-आग भरा ह कि मभक होन पर पट की गमी और बढ़ता था ऊपर स तानो बनध

लगत थ

वशव शवzwj त क दशशन

एक बर मन अनिभव म दखndash म बहत डर हआ दौड़त चल ज रह ह ा मर डरन व दौड़न क

करण यह ह मर पाछ एक वयऽकत चल आ रह ह वह वयऽकत दखन म बहत हा करी र लगत ह उसक

चहर और शरार दखन म बहत भयनक ह उसक हथ म धरदर एक हऽथयर ह दौड़न की गऽत मरा

बहत हा तज ह ऽजतन तज म दौड़त ह ा उतना हा तजगऽत स वह वयऽकत मर पाछ करत हआ चल आ

रह ह बहत समय तक दौड़न क बद जब म थक गय तब मिझ अपन समन बहत हा ऽवशल आकर

क एक ऽशवऽलग ऽदखई ऽदय म ऽशवऽलग को दखकर रक गय zwjयोऽक दशय बहत हा अचछ थ

ऽशवऽलग की ऊा चई लगभग 10-15 फीट रहा होगा ऽजतना ऊा चई ऽशवऽलग की था उतना हा उसकी

ऽवशल चौड़ई भा था उस ऽवशल ऽशवऽलग क मधय भग पर एक नग आध ऽलपट हआ थ तथ

नग क आध शरार ऽशवऽलग स ऊपर उठ हआ थ उस नग क अनऽगनत फन थ सभा फन उसन

ऽशवऽलग क ऊपर उठ रख थ हर फन क ऊपर एक-एक मऽण लगा हई था यह सभा मऽणय ा चकम रहा

था इस परकर ढरो मऽणयो क परकश वह ा पर फल हआ थ म उस नग क फनो को दख रह थ म

सोचन लगndash यह नग कस ह नग एक ह मगर इसक फन अनको ह इतन म मिझ यद आय ऽक एक

वयऽकत मर पाछ कर रह थ उस वयऽकत को यद करक मिझ डर लगन लग मन अपन पाछ की ओर

योग कस कर 74

दख वह वयऽकत मरा ओर अब भा चल आ रह थ मिझ लग यह वयऽकत मिझ मर डलग म तिरनत दौड़

कर ऽशवऽलग स ऽलपट गय इतन म यह वयऽकत मर पस आ गय डर क करण मर बिर हल थ उसा

समय आकशवणा हईndashsbquoयह वयिि हमारी ररण म ह तम इसका कछ नही िबगाड़ सकत हो‛ मन

आकश की ओर दखन लग आकशवणा होत हा वह वयऽकत अदशय हो गय अब मिझ अपना यद

आया म ऽशवऽलग पर ऽलपट हआ ह ा उस नग क ढरो फन मर ऊपर छतरा क कम कर रह थ मर

अनिभव समपत हो गय

ऄथश- इस अनिभव म ऽशव और शऽzwj त (कि णडऽलना) क दशथन हो गय वह वयऽकत ऽजसस डरकर म

भग रह ह ा वह परकऽतक-बनधन क सवरप ह म ऽशव और शऽzwj त क शरण म चल गय थ इसस हम

परकऽतक बनधन क डर स मिऽकत ऽमल गया इसक एक अथथ यह भा ह भऽवषय म परकऽतक बनधन स मिकत

हो जऊा ग जस इस अनिभव म ऽदखई ऽदय परकऽतक बनधन स मिकत होन क अथथ होत हndash मोकष को

परप त होन

उनही ऽदनो मिझ मलीम हआ ऽक शरा मत जा कि छ सतसऽगयो क सथ ऋऽषकश आ रहा ह शयद

अगसत य ऽसतमबर 1986 की महान रह होग शरा मत जा दरर ऽलख पतर हमर पस भा आय थ

ऽक आप ऋऽषकश चल सकत ह मगर मिझ नौकरा स छि िा नही ऽमला था इसऽलय म ऋषाकश नही ज

सक थजब शरा मत जा ऽदलला आया था तब म रलव सटशन पर उनक दशथन करन गय थ उस समय

उनक सथ बहत स सधक भा थ ऽफर शरा मत जा व उनक सथ आय सधक ऋऽषकश चल गय थ

ऋऽषकश स वपस आत समय शरा मत जा न ऽदलला म सतसग क ऽलय समय ऽदय थ मगर मिझ सीचन

न ऽमलन क करण सतसग म म नही पहाच पय थ ऽफर शरा मत जा न मिझ अपना लड़की क घर क

पत ऽदय थ और कह थndash आप कल इस पत पर दोपहर क समय आ जएा यह पत उनकी लड़की क

घर क थ दीसर ऽदन म शरा मत जा की लड़की क घर पहाच गय थोड़ा दर बद कि छ सधक और आ

गय कि छ समय तक शरा मत जा स धयन समबनधा बत होता रही ऽफर अवसर पकर शरा मत जा को

अधथनराशवर वल अनिभव सिनय और उसक अथथ पीछndash अनिभव सिनकर शरा मत जा मिसकरई मगर

कि छ नही बोली वही पर उपऽसथत एक सधक न कहndash ldquoअनिभव अचछ ह मगर इसम पीछन वला zwjय

बत हrdquo उसा समय हमर कि छ और सधको स पररचय हआ शरा मत जा न परवचन क समय हम

बतयndash ldquoतिमहर (मर) पट बहत गमथ होत ह तथ शरार भा बहत गमथ होत ह आप शाषथसन ऽकय

योग कस कर 75

कर सधक को कि छ-न-कि छ सधन म कष ट तो उठन हा पड़त ह गमी बढ़न सवभऽवक ह आपक

मसतक भा दिखत रहत ह परणयम खीब ऽकय करो शिित स रहन क परयतन करोrdquo

य शरीर गर का ह

नवमबर सन 1986 म म अपन घर कनपिर आय हआ थ अब म यह बतन चह ागndash मरा

घरवलो स ऽबलकि ल नही बनता था इसक करण मर ऽपत जा थ उनक और हमर ऽवचर आपस म

नही ऽमलत थ हम उनक सथ तलमल नही ऽबठ सकत थ और न हा व हमर सथ तलमल ऽबठ

सकत थ इसा करण हमरा ऽकसा स नही बनन सवभऽवक हा थ zwjयोऽक हमर ऽपत जा पीर घर को

गइड करत थ वह घर क मऽलक थ ऽसफथ हम उनकी बत नही मनत थ हमर और उनक अनदर स

ऽवरोधभस थ हमर और उनक कमथ भा मल नही करत थ म आधयतम स जिड़ हआ थ वह पीरा तरह

स सथील वद स जिड़ थ वह सभा क सथ हर तरह क वयवहर करन म ऽनपिण थ इसा करण हमरा और

ऽपतजा की नही बनता था इसा समय ऽकसा करण स हमर घर ररशतदर आय हए थ उनहा क समन

एक घटन घटाndash हमरा और ऽपत जा की लड़ई हो गया ऽकसा बत पर ऽपत जा न हमर झीठ नम

लग ऽदय वह झीठ तो बोल हा रह थ ऊपर स तकथ -ऽवतकथ भा कर रह थ हम ऽपत क नम पर घण हो

गया zwjयोऽक झीठ-पर-झीठ बोल ज रह थ म रऽतर क समय 1000-1030 बज घर स ऽनकल पड़ ऽपत

जा की पड़ोस म ऽकसा स नही बनता था ररशतदरो म भा ऽवरोध थ हम अपन कमो पर दिःख हो रह थ

ऽक कमो क करण हम ऐस घर म जनम ऽमल ह अगर कोई हमर ऽपत जा स ऽमल तब यह कोई नही

कह सकत ह ऽक य इस सवभव क होग कफी पढ़ ऽलख ह बिऽिमन भा ह मगर बिऽि को सदव पप

कमो म लगय करत ह म रऽतर समय घर स ऽनकल कर चल ऽदय अपन गाव स बहर म सिनसन रसत

पर चल ज रह थ मरा समझ म नही आ रह थ ऽक म अब zwjय करा लगभग एक डढ़ ऽकमा की दीरा

पर पहाच वहा पस म एक किआा ह म कि एा क पस पहाच पहल खड़ होकर सोच ऽफर यहा ऽनणथय

ऽकय- ऐस दिषट ऽपत स छि टकर पन क अचछ उपय ह ऽक म आतमहतय कर लीा अथव हमर पस

दीसर एक और रसत थ ऽक ऽपत की हतय कर दीा अगर ऽपत की हतय की तो मिझ zwjय ऽमलगम पप

क भगादर अवशय बन जऊा ग वह पप मिझ कभा-न-कभा भोगन हा पड़ग अचछ यहा ह ऽक म

आतमहतय कर लीा ऐस ऽपत स छि टकर तो ऽमल जयग मन पीर ऽनणथय कर ऽलयndash इस कि एा म की द

योग कस कर 76

जओ यहा दखन वल कोई नही ह म कि एा म छलग लगन को हआ उसा समय मर पर ठहर गय मर

अनदर स आवज आयाndash sbquoतम आतमहतया नही करो‛ म आवज सिनकर चौक यह आवज मिझ अपन

अनदर स सिनई द रहा था कषण भर क ऽलय लग कही मिझ धोख तो नही हआ ह अथव म आतमहतय

करन स डर तो नही गय ह ा मगर मर अनदर डर क नमोऽनशन नही थ उसा समय मर अनदर स ऽफर

आवज आया sbquoतम आतमहतया नही करोग आतमहतया स कोई लाभ नही होगा तम समझत हो तमहार

िपता दोषी ह सच तो यह ह िक तमहारा कमश ही इस परकार का ह यह ररीर जो नष ट करन जा रह हो यह

ररीर भी तमहारा नही ह यह ररीर तमहार गर का ह तमह इस ररीर स इसी जनम म बहत साधना करनी

ह यह साधना अपन िलए और दसरो क िलए भी करनी ह तमहारा यह ररीर अतयनत अमकय ह इस

अमकय ररीर का भिवषय म परा-परा लाभ उठाओग तम समझ लो तमहारी मतय हो गयी ह अब तम

अपन भी िलए िजयोग तथा दसरो क िलए भी िजयोग अिववकता व करोध वर इस ररीर को नष ट करन

क िलए आ गय हो जब तमहारा यह सथल ररीर नष ट होगा उसक बाद यह समाज आदर क साथ तमह

याद करगा कछ समय तक यही बठकर इन रबदो का िचतन करो‛ य शबद मर रदय क अनदर सपषट रप

स सिनई ऽदय थ कि छ समय क ऽलए म वही पर बठ गय मिझ लग जो यह शबद सिनई ऽदय ह इन शबदो

न मिझ बिजऽदल बन ऽदय ह ऽफर ऽनणथय ऽकयndash ldquoअब म कष ट सह ाग और अतयनत कठोर सधन

करा गrdquo यहा सोचकर रत क सननट म म वपस घर लौट गय मरा इस घटन को घर म कोई नही

जनत ह zwjयोऽक मन ऽकसा को इस ऽवषय म नही बतयह ऽफर शरा मत जा को कि छ ऽदनो बद मन पतर

ऽलख उस पतर म ऽवसतर स सर हल ऽलख मर यहा अनिभव शरा मत जा न अपना मरठा पिसतक म

भा ऽलख ह

मन अपना नौकरा छोड़ दा और सोच ऽलयndash म अब ऽसफथ सधन करा ग म जनत थ ऽक मरा

घर म नही बनता ह ऽकसा की भा इचछ नही था ऽक म नौकरा छोड़ ा मगर मिझ सधन करन क रोग लग

गय थ इसऽलए मन ऽकसा की भा नही सिना और न ऽकसा की रय मना मन अपन ऽनणथय सवय

ऽकयndash ldquoअब म ऽजऊा ग ऽसफथ सधन क ऽलए और सधन क ऽलए हा मरा ग हम अपन मगथ स कोई

नही रोक सकत ह‛ हम यह ऽनिय हो गय थ ऽक मरा दिगथऽत होना ऽनऽित ह zwjयोऽक मर मगथ

अधयऽतमक ह घरवल तो ससररकत म ऽलपत थ मरा पतना भा दिःखा रहता था zwjयोऽक मन नौकरा

जनवरा सन 1987 को छोड़ दा था

योग कस कर 77

सन 1987

नाग न काटा

यह अनिभव मिझ एक ररसतदर क यह ा आय थ म वह ा पर गय हआ थ रऽतर क समय

धयनवसथ म मिझ अनिभव आयndash समन ओर स मर पस एक कल नग आय नग को दखकर मन

दीर भगन चह मगर म भगनही सक मिझ ऐस लग रह थ जस मर पर भीऽम स ऽचपक गय हो इस

करण म चल नही प रह ह ा तभा वह नग मर समन आ गय मर समन आकर पहल वह फन उठकर

बड़ा जोर स फि फकर म उसा समय समझ गय थ यह नग हम अवशय कट लग म ऐस सोच हा रह

थndash तभा नग न बड़ा फि ती स दऽहन पर क पज क ऊपरा ऽहसस म कट ऽलय और मर समन हा वही

पर अदशय हो गय म दखत हा रह गय उसा समय मन नग को जोरदर आवज म कहndash ldquoतिमहर जहर

क असर मिझ नही हो सकत ह म तिमहर जहर को अभा ऽनकलत ह ाrdquo इतन म मन अपन दऽहन हथ

की तजथना अगिला को नग दरर कट हए सथन पर सपशथ की ऽफर अपन मिाह स जोरदर उचचरण ऽकय-

ॎऻऻऻ ॎऻऻऻ ॎऻऻऻ जस हा म ओम क उचचरण करत थ उचचरण क सथ हा कट हए सथन

स जहर बीादो क रप म ऽनकलकर बहर आन लग इसा परकर मन कई बर ओम क उचचरण ऽकय

थोड़ा दर म सर जहर बहर ऽनकल ऽदय म परसनन होकर ऽफर आग की ओर बढ़ गय ऽफर अनिभव

समपत हो गय

ऄथश- म पहल ऽलख चिक ह ाndash सधक को जब धयनवसथ म कल नग कट ल तब उस यश

कीऽतथ समपननत आऽद की परऽपत होता ह तथ गिर पद की परऽपत होता ह इस अनिभव म मन ॎ क

उचचरण करक सर जहर ऽनकल ऽदय इसक अथथ यह हआndash म इन सरा शरषठतओ को सवाकर नही

करा ग और आग बढ़ जऊा ग यह तो भऽवषय बतएग ऽक म ऐस कर पऊा ग ऽक नही कर पऊा ग

योग कस कर 78

सवामी वशवाननद जी क दशशन

हमन अपन सधक बनधिओ स कई बर सिन थ ऽक उनह सवमा ऽशवननद जा क दशथन हो गय ह

अथव होत ह वस हम बहत अनिभव आत ह मगर सवमा ऽशवननद जा क दशथन कभा नही हए एक

सधक न मिझ बतयndash म बामर हो गय थ सवमा जा न हम दशथन ऽदय तथ दवई क नम बतय और

खन क ऽलय कहndash दवई खन स वह सधक ठाक हो गय मन सोचndash कि छ सधको को मगथ दशथन क

अऽतररकत इलज भा कर दत ह और मिझ दशथन तक नही होत ह मन कि छ ऽदनो तक सवमा जा की बड़ा

सतिऽत की तऽक हम भा उनक दशथन हो सक ऽफर एक ऽदन ऐस भा आय उनहोन हम धयनवसथ म

दशथन ऽदय मन दखndash म सवय अपन शरार क अनदर परवश कर गय ह ा हमर शरार क अनदर क भग

परकश स यिकत ह मगर आश चयथ यह थ ऽक म अपन हा शरार क अनदर परवश कर गय थ अनदर जकर

मन दखndash हम दीर-दीर तक भीऽम ऽदखई द रहा ह म वही पर घीमन लग तभा हम समन ओर एक ऊा च

चबीतर ऽदखई ऽदय उस चबीतर क ऊपर आसन ऽबछ हआ थ आसन क ऊपर सवमा ऽशवननद जा

ऽवरजमन थ सवमा जा हमरा ओर दखकर मिसकर रह थ उनहोन भगव रग की एक लिगा पहन रखा था

तथ भगव रग क एक वसतर ओढ़ रख थ म उनक पस गय और बोलndash sbquoसवामी जी आपrdquo सवमा

जा बोलndash sbquoहा म‛ तिम कई ऽदनो स इचछ कर रह थ ऽक सवमा जा क दशथन नही होत ह अब तिमह हमर

दशथन हो गय ह तिम खीब सधन करन कभा भा सधन को छोड़न की इचछ मत करन ह ा तिमह

परशऽनय बहत आयगा मगर जो अचछ सधक होत ह वह परशऽनयो को सहत हआ आग की ओर

बढ़त ह परशऽनय ा तो सधक को आता हा ह इसस घबरन नही चऽहए भऽवषय म तिमह कई सतो क

आशावथद परप त होग इन शबदो को कहन क बद सवमा जा हमर समन स अदशय हो गय म उस

परकशमन जगह स वपस आन लग म ऽजस मगथ स गय थ उसा मगथ स वपस आ गय म बहत

परशनन हो रह थ zwjयोऽक सवमा जा क दशथन हो गय थ इसक सथ उनहोन ढर सरा बत बतई तथ

मगथ दशथन भा ऽकय

जनवरा सन 1987 म म अपन शरार क अनदर परवश कर गय थ तब वह ा क दशय दख थ

तथ अनदर जन क ऐस तराक थ ऽजस पढ़कर सधक आश चयथ चऽकत हो जयग धयनवसथ म मन

दखndash म अपन सथील शरार स अलग हो गय ह ा ऽफर म अपन सथील शरार क मिख स अनदर की ओर

परवश कर गय उसक बद हम यह अनिभव आय थ अनिभव म ऽदखई ऽदयndash म अपन हा शरार क

अनदर परवश कर गय ह ा सच तो यह ह सधको को जो अनिभव आत ह वह उस अपन अनदर हा ऽदखई

योग कस कर 79

पड़त ह मगर उस ऐस भऽसत होत ह ऽक वह बहर क दशय दख रह ह सर दशय दखत समय सधक

अतमिथखा हा रहत ह तथ वऽतत तो ऽचतत पर ऽसथत रहता ह ऽचतत सवथतर वयपत रहत ह सधक दशय को

ऽचतत क अनदर हा दख रह होत ह ऽचतत क सवथतर वयपक होन क करण अथ थत ऽचतत समपीणथ बरहमणड म

वयपत होत हसधक को ऽजस जगह क दशय ऽदखई दत ह वह सथन य कषतर सथील जगत य सीकषम

जगत म कही न कही ऽसथत रहत ह उस समय उस ऐस लगत ह जस वह बहर क दशय दख रह ह

सवमा जा को दखन क ऽलए म अपन शरार क अनदर चल गय अथ थत म अनतमिथखा हो गय सच तो

यह ह सवमा जा तो तपलोक म बठ हए थ मगर मिझ ऐस ऽदखई द रह थndash वह ऽकसा जगह पर ऊा च

चबीतर पर बठ हए ह ऽचतत की वऽतत अपन वयपकत क अनिसर सवरप को धरण कर सकता ह अथ थत

सधक अपन ऽचतत म हा समपीणथ दशय दखत ह

कणडवलनी शवzwj त क वववभनन रपो म दशशन

जब म ऽदलला स नौकरा छोड़कर घर आ गय तब मरा तावर इचछ था ऽक हमर घर क अनय

सदसय भा सधन कर मगर हमरा यह बत ऽकसा न नही मना ऽफर मन अपना पतना व मा को रजा कर

ऽलय ऽक वह भा मर सथ धयन करन क ऽलय बठगा एक दो ऽदन मरा मा मर सथ धयन पर बठा मगर

ऽफर उसन धयन पर बतन बनद कर ऽदय इसक बद मरा पतना भा मन करन लगा और वह बोलाndash

sbquoमझ मालम नही धयान कस लगता ह आप ही धयान िकया करो हमार साथ जबरदसती न कीिजएrdquo

जब उसन हमस ऐस कह तब म समझ गयndash जब इसक अनदर ससकर हा नही होग तब हमर सथ कब

तक आाख बनद करक बठगा म बोलndashsbquoअगर तमहारी इचछा धयान करन की नही ह तब तम हमार साथ

न बठा करो‛ ऽफर वह धयन करन क ऽलय कभा नही बठा सच तो यह थ वह मर धयन स भा ऽचढ़ता

था मगर वह इस ऽवषय म सपषट नही कहता था म उसक भव समझ गय थ ऽदलला स आन क बद

एक बर मरा सधन न ऽफर स गऽत पकड़ ला मरा सधन अब अचछा होन लगा

मिझ धयन म एक अनिभव अzwjसर आय करत थndash मर समन थोड़ा पर एक सतरा लल रग की

सड़ा पहन हए खड़ा हउसक ऽसर पर कभा-कभा सोन क ऊा च मिकि ट लग रहत थवह दखन म बहत

सिनदर लगता था वह हम अपना ओर आन क इशर ऽकय करता ह अथ थत वह सतरा मिझ बिलय करता

था म उस सतरा की ओर दखत रहत थ वह सतरा मिाह स कि छ नही बोलता था

योग कस कर 80

कभा-कभा इस परकर क अनिभव आत थndash म सिनहल परकशमन जगह म चल ज रह ह ा

कि छ समय बद हम ऽदखई ऽदयndash समन ओर थोड़ ऊपर आकश म सोन क बहत ऽवशल व ऊा च

ऽसहसन ह उसा ऽसहसन पर लल रग की सड़ा पहन हए बहत सिनदर सतरा बठा हई ह उसक ऽसर पर

चमकत हआ मिकि ट ह गल म और अनय अगो पर भा आभीषण पहन हए ह ऐस लगत ह ऽक वह सतरा

आभीषणो स लदा हई ह उसकी बड़ा-बड़ा आाख बहत सिनदर लगता ह उसकी नक व होठ भा बहत

सिनदर ह कभा-कभा जब वह मिसकरता ह तब उसक दात बहत सिनदर चमकत हए ऽदखई दत ह जस हा

म उस सतरा को दखत ह ा वह सतरा मिझ बिलन लगता ह और अपना ओर आन क इशर करता ह म उस

सिनदर सतरा को टकटकी लगए दखत रहत ह ा ऽफर सोचत ह ा यह सतरा मिझ zwjयो बिल रहा ह

कभा अनिभव इस परकर क आत हndash म कही चल ज रह ह ा मर समन थोड़ा ऊा चई पर

अनतररकष म बहत बड़ सोन क दरवज बन हआ ह वह सिनदर दरवज खिल हआ ह उस दरवज पर

सिनदर नzwjकशा बना हई ह म उस सिनदर दरवज को दखन लगत ह ा ऽसफथ दरवज हा ऽदखई दत ह

दरवज क अऽतररकत ऽकसा परकर की दावर य मकन आऽद नही ह कि छ कषणो बद वहा सतरा दरवज क

अनदर स आता हई ऽदखई दता ह ऽफर दरवज क चौखट पर आकर खड़ा हो जता ह और अपन हथो

स अपन पस आन क इशर करता ह म हर बर की तरह उस अऽदरताय सिनदर सतरा को दखत रहत ह ा

कि छ कषणो बद यह अनिभव समपत हो जत ह कभा-कभा उस सतरा क शरार पर आभीषण होत ह कभा-

कभा उसक शरार पर आभीषण नही होत ह और कभा ऽबलकि ल सधरण वशभीष म होता ह

कभा इस परकर क अनिभव आ जत थndash धयनवसथ म अनतररकष म मिझ एक महल ऽदखई

दत ह वह महल बहत हा सिनदर ह दीर स दखन पर ऐस ऽदखई दत ह जस यह महल तप हए सोन स

बन हआ ह म महल क दरवज क पस पहाचत ह ा ऽफर कि छ कषणो बद म उस महल क अनदर परवश

कर जत ह ा वह महल एकदम सिनसन-स लग रह ह म महल क अनदर आग की ओर जत ह ा तब

मिझ ऽदखई ऽदय उस महल क अनदर ढरो सिनदर कमर बन हए ह य सभा कमर सोन क हा बन हए ह तथ

दावरो पर बहत सिनदर नzwjकशा बनई गया ह कमरो क आग बलकना भा ह वह ा पर सिनदर बग भा ह

उस बग म फी ल ऽखल हए ह तथ वही बड़-बड़ जलशय भा ह म उसा महल क अनदर इधर-उधर घीमन

लगत ह ा उसा समय ऽवचर आयndash य महल ह अथव पीर शहर बन हआ हआश चयथ की बत ह इस

महल म कोई नही रहत ह इस महल की दावरो स हलक सिनहल रग क परकश ऽनकल रह थ इतन म

हम समन की ओर एक मचकर ऊा चा जगह ऽदखई दा इस मचनिम जगह पर अऽत सिनदर सोन क बन

योग कस कर 81

हआ ऽसहसन ह तथ ऽसहसन म मऽणया लगा हई ह इन मऽणयो स परकश ऽनकल रह ह उसा ऽसहसन

पर लल सड़ा पहन हए एक अऽदरताय सिनदर सतरा बठा हई ह उसक ऽसर पर ऊा च स मिकि ट लग हआ ह

गल म चमकदर परकऽशत आभीषण नक म छोट-स आभीषण हथो म भा ढरो आभीषण पहन हए ह

वह हमरा ओर दखकर मद-मद मिसकर रहा ह उसक चहर अतयनत सिनदर ह उसकी आाख बड़ा-बड़ा

पीरा तरह स खिला हई हम दख रहा ह उस सतरा को दखत हा म अपना जगह पर ठहर गय उसन मिझ

अपना ओर आन क इशर ऽकय मगर म उस सतरा की ओर नही गय और न हा उसस बोल तभा वह

वह सतरा अपन ऽसहसन स उठा और हमरा ओर आन लगा जब सतरा हमरा ओर आ रहा था तब वह

भीऽम पर नही चल रहा था बऽलक वह भीऽम स कफी ऊपर आकश म चल रहा था म उसस कफी नाच

भीऽम पर खड़ हआ थ वह सतरा हमस थोड़ा दीरा पर मगर हमस ऊा चई पर आकश म खड़ा हई था म

ऽनषभव स उस सतरा की सिनदरत टकटकी लग कर दख ज रह थ अनिभव समपत हआ

इस परकर क अनिभव हम जलदा-जलदा आत थ कभा-कभा यह सिनदर सतरा सवपन म भा ऽदखई

दता था हर बर वह अपन पस आन क ऽलय मिझ बिलय करता था मगर वह मिाह स कभा नही बोलता

था मन सोचndash यह सतरा हम zwjयो ऽदखई दता ह शरा मत जा स इसक अथथ पीछी ाग मन शरा मत जा को

ऽवसतर स पतर ऽलख मगर शरा मत जा न इस पतर क उततर नही ऽदय म समझ गय ऽक शयद शरा मत

जा हमर अनिभवो क अथथ नही बतन चहता ह अब हम और भा बचना होन लगा मगर म zwjय कर

सकत थ इसा परकर क अनिभव लगतर कि छ महानो तक आत रह उस समय म इन अनिभवो क अथथ

नही समझ सकत थ zwjयोऽक मिझम इतना योनयत नही था मगर अब मर अनदर सवय योनयत आ गया ह

ऽक म सभा परकर क अनिभवो क अथथ ऽनकल सकत ह ा

इसा परकर मिझ एक और अनिभव आय मगर अबकी बर सतरा नही ऽदखई दा म अनतररकष म

चल ज रह ह ा ऽफर वहा महल समन ओर ऽदखई ऽदय म उस महल क दरवज स अनदर परवश कर

गय अनदर जकर म पहल की भाऽत वही पर टहलन लग यहा पर सब कि छ पहल जस थ जब म

मचनिम जगह क पस पहाच तब मचनिम जगह क ऊपर वहा ऽसहसन ऽदखई ऽदय सोन स बन

खीबसीरत नzwjकशादर ऽसहसन पर अबकी बर वह सतरा नही बठा था इसऽलय म पस स ऽसहसन को

दखन लग मगर मन हथ स ऽसहसन को सपशथ नही ऽकय zwjयोऽक ऽसहसन अभा हमस थोड़ा दीरा पर

थ म ऽसहसन की सिनदरत दख रह थ तभा अचनक ऽसहसन पर बठन क सथन पर तज सिनहर

परकश परकट हो गय म उस परकश को दख रह थ तभा कि छ कषणो म वह सिनहर परकश सिनहर नग

योग कस कर 82

क रप म पररवऽतथत हो गय नग फन उठए हए कि णडला मर ऽसहसन पर बठ हआ थ उसन मरा ओर

जोरदर फि फकर मरा फि फकर मरन स उसक मिाह क अनदर स सफद भप जसा वयि ऽनकल पड़ा म

तज गऽत स महल स बहर की ओर भग कि छ कषणो म म महल स बहर आ गय अब मर जन म जन

आया मन सोचndash चलो उस सिनहल नग स छि टकर तो ऽमल म ऐस सोच हा रह थ ऽक नग की

भयकर फि फकर ऽफर सिनई द मन समन की ओर आकश म दखndash आकश को दखत हा मर होश उड़

गय समन की ओर आकश म कि णडला मर हए वहा नग हमरा ओर फि फकर रह थ नग आध

आकश म कि णडला मर फन उठए हए बठ थ इतन ऽवशल नग ऽजसन आध आकश म कि णडला

मर रखा हो तथ बहत हा ऽवशल फन ऊपर उठए बठ हो सथ हा फि फकर रह हो तो दखन वल पर

zwjय बातगा आप अदज लग सकत ह जब वह फि फकरत थ तब भप क समन य बफथ क समन

सफद वयि बहर की ओर फ कत थ म पाछ की ओर मिड़कर भग कि छ समय तक दौड़न क बद ऽफर

वहा सोन क बन हआ बहत बड़ दरवज ऽमल जो हमश ऽदखई दत थ मन सोच ऽक दरवज क

अनदर चल जऊा तो हमर बचव हो जयग जस हा म दरवज क अनदर परवश करन को हआ दरवज

की दहरा पर वहा सिनहर नग परकट हो गय उसन एक बर ऽफर जोरदर फि फकर मरा अबकी बर

उसकी शवस स इतना सफद वयि ऽनकला ऽक मन अपन आप को सफद वयि क बाच म पय अब मिझ

ऽदखई दन भा बनद हो गय मिझ ऐस लग जस म घन कोहर क बाच म खड़ ह ा इतन म मिझ अपन

होश आन लग ऽक म धयन पर बठ ह ा मर अनिभव समपत हो गय

ऄथश- लल सड़ा म ऽदखई दन वला सतरा सवय कि णडऽलना शऽzwj त हा ह वह मिझ अपन पस

बिलता था मिझ कि णडऽलना शऽzwj त क पस चल जन चऽहए थ मगर म उस पहचन नही पत थ इस

करण म उसक पस नही जत थ बस अपना जगह पर खड़ रहत थ जो सोन क महल आऽद ऽदखई

दत थ उसक करण यह ह उस भिवनशवरा भा कहत ह अऽदरताय सिनदर होन क करण उस ऽतरपिर सिदरा भा

कहत ह यह दरवज व ऽसहसन आऽद ऽदखई दन क अथथ ह- कि णडऽलना शऽzwj त क दशथन कई परकर स

होत ह उसा सथन पर कि णडऽलना शऽzwj त नग क रप म ऽदखई दा था वह आध आकश म कि णडला मर

बठा हई वह तो शऽzwj तसवरप ह सर बरहमणड तो उसा की कप स सतिऽलत रहत ह कि णडऽलना

शऽzwj तसवरप होन क करण इनही की शऽzwj त स बरहमणड क सभा परणा शऽzwj त परप त करत ह नग

फि फकरत समय सफद भप क समन वयि ऽनकल रह थndash यह सफद भप जसा ऽदखन वला वसति

सऽतवक शऽzwj त ह जो हमर ऊपर फ़ क रहा ह मिझ एक बत और ऽलखना ह ऽक जब स मिझ कि णडऽलना

योग कस कर 83

शऽzwj त क दशथन होन लग ह तब स हमर ऊपर बहत स कष ट आन लग ह इसक अथथ यह नही ह ऽक

कि णडऽलना क करण हम कष ट ऽमलन लग ह बऽलक सच तो यह ह ऽक हमर अनदर जो कई जनमो क कमथ

भर हए थउन कमो को कि णडऽलना ऽनकल कर बहर फ कन लगा कमो को तो भोगन हा होग इसऽलए

ढरो कष ट हम पर टीट पड़ ह उन कषटो को भोगन हमरा मजबीरा भा था हमरा सधन ऽजतना तावर होता

था कष ट उतन जयद बढ़ जत थ सधको म सच कह ा तो हमरा दिगथऽत होना शिर हो गया था

पतनी की मतय

मरा और ऽपत जा की आपस म जयद लड़ई हो गया म अपन पतक ऽहसस माग रह थ

उनहोन दन स इकर कर ऽदय इसऽलए हम दोनो एक दीसर क सथ अभदर वयवहर करन लग मर पस दो

ररशतदर भा आय थ ऽजनहोन हम बड़ा-बड़ा धमऽकय ा दी मगर म धमऽकयो स डरन वल नही थ

करण म मतयि क सवगत करन क ऽलए सदव तयर रहत थ उन ररशतदरो न शबदो स हमर सथ

अभदरत भा की था मगर म उस समय कि छ नही बोल zwjयोऽक म अकल थ एक ऽदन ऐस भा आय

मिझ घर क अनदर घिसन नही ऽदय गय म अपन चच क पस रहन लग उसा समय मरा पतना बामरा

स गरसत हो गया वह बामर रहन लगा म पसो क अभव स गिजर रह थ तथ घर म हम ऽहसस नही

ऽदय गय थ तथ म घर स बहर चच क पस मजबीरा म रहत थ उसक इलज नही करय गय मन

अपन छोट भई क दरर मन पतना को उसक मा क घर पहाच ऽदय कि छ ऽदनो बद मिझ खबर ऽमला वह

बहत जयद बामर ह म उसक पस पहाच उसकी हलत जयद खरब हो चिकी था म समझ गय अगर

इलज न हआ तो मतयि हो जयगा म अपन गाव वपस आ गय पसो क इतजम करन थ म गाव स

पसो क इतजम करक चलन वल थ तभा मिझ खबर ऽमला पतना क दहत हो गय ह वह 26

अzwjटीबर 1987 क ऽदन थ खबर सिनकर म शीनय-स हो गय दिःख इस बत क नही थ ऽक मरा पतना

मर गया ह दिःख इस बत क थ ऽक म इलज नही कर सक मिझ लग म परसत हो गय सोचन लग

मरा जबरदसत हर हई ह घर वलो की जात हई zwjयोऽक उन सबक मन क अनदर खिशा हो रहा था बऽलक

उस समय घर वलो न मिझस कहndash sbquoतन अपनी पतनी को मार डाला हrdquo

योग कस कर 84

बदला नही लोग

पतना की मतयि क पित म अपन घर नही आय बऽलक चच क घर आय मरा समझ म नही

आ रह थ म zwjय करा म धयन करन क ऽलए बठ गय मन सकलप ऽकयndash मिझ zwjय करन चऽहए

मर समन दो मगथ ह एकndash म सदव चिपचप बन रह ा दीसरndash चह जस हो बदल लन चऽहय zwjयोऽक

बदल लन म प ाच ऽमनट स भा कम क समय लगग म पीरा तरह स तयर थ मिझ यद आ रह थ एक

सल पहल म आतमहतय करन गय थ मगर आतम हतय नही कर सक म धयन पर बठ गय मर

धयन लग गय मिझ अपन अतःकरण स आवज सिनई दाndash sbquoतम िकसी स बदला नही लोग बदला लन

का िवचार छोड़ दो िकसी न तमहार साथ गलत वयवहार नही िकया ह हर एक की मतय का कछ-न-कछ

कारण होता ह तमहारी पतनी की िसरश इतनी ही उमर थी अब तम अपन घर वापस चल जाओ एक बात

का धयान रखना तमह िबलकल रात रहना ह‛

अतःकरण म जो शबद सिनई ऽदय उसस म और भा दिःखा हो गय zwjयोऽक म अभा घर वपस

नही जन चहत थ यह मिझ ऽबलकि ल मजीर नही थ दोपहर बद म ऽफर धयन पर बठ मन सोचndash

सधन करक म उचच अवसथ परप त कर सकत ह ा तथ धयन म कि छ और गिपत सकत ऽमल ऽजसस

भऽसत होत थ हमर भऽवषय उजजवल अवशय होग धयन स उठकर मन यहा ऽनणथय ऽकय ऽफर घर

की ओर चल ऽदय 28 अzwjटीबर सन 1987 सयकल म अपन घर कई ऽदनो बद गय उस समय ऐस

लग रह थ मिझ अपन जावन की सबस बड़ा हर ऽमला ह म अपन आपम बइजजत-स महसीस कर रह

थ मन म घरवलो क परऽत घण था म घर जकर चिपचप बठ गय मिझस कोई नही बोल म भा ऽकसा

स नही बोल सभा लोग मरा ओर दख रह थ उनक दखन स लगत थ जस उनहोन कोई बड़ा बजा

जात ला हो म चिपचप अपन कमर म जकर लट गय मिझ अपना पतना की मतयि क इतन दिःख नही

थ दिःख इस बत क थ ऽक zwjय इसा समय इसकी मतयि होना था मिझ लग रह थ परकऽत न हमर

जोरदर थपपड़ मर ह ऽजसक लभ हमर घर वलो को हआ म यहा सोच रह थ ऽक मरा दऽष ट दावर

पर टगा फोटो पर गया इस फोटो की म तान वषो स पीज ऽकय करत थ म भगवन शकर स बोलndash

sbquoठीक ह परभ हमारी पररानी आप मसकराइय पर मन आपको पराप त करन क िलए सब कछ छोड़ िदया

ह और आपन हम पररािनयो म ढकल िदया‛ इतन म मरा आाख बनद हो गया और हमर धयन लग

गय

योग कस कर 85

कठोर साधना करो

मन धयनवसथ म दखndash मर समन नाल रग क शरार वल भगवन शकर धयन मिदर म बठ हए

ह म उनह दख रह थ तभा भगवन शकर की आाख खिलन लगी उनहोन मरा ओर दख म उनक समन

खड़ हआ थ इतन म आकश स आवज आयाndash sbquoआननद कमार तम बिदधहीनो की तरह दःख म डब

हए हो तमह दःख महसस नही करना चािहए तमहारा मागश साधना क िलए पररसत हो गया ह तमहारी

पतनी तमहार साथ इतन ही िदनो क िलए आयी थी भिवषय म इस िवषय पर सारी जानकारी हो जायगी

अब तम अतयनत कठोर साधना करो िजसस तमह हमारी परािि होगीिरर दःखो स मि हो जाओग अब

तम अतयनत कठोर साधना करो अतयनत कठोर साधना करो‛ इस परकर की आवज आकश स आ

रहा था इतन म मरा आाख खिल गया मिझ य शबद यद आ रह थndash ldquoअब तिम अतयनत कठोर सधन

करोrdquo पत नही मर अनदर zwjय बदलव आय मर दिःख समपत हो गय शरार म ऽबलकि ल हलकपन

महसीस हो रह थ ऐस लग रह थ जस हमर सथ कोई घटन हा नही घटा ह

अब मिझ महसीस हआ ऽक मिझ भीख लगा ह ऽफर मन खीब खन खय और चिपचप कमर म

लट गय रऽतर क लगभग 11 बज रह होग मिझ नीद आन लगा उसा समय मिझ अपना पतना ऽदखई दा

हमरा और उसकी थोड़ा दर तक बत होता रहा उसन मिझ कि छ बतो पर अमल करन को कह थ मगर

मिझ उसकी बत पर यकीन नही आय ऽक यह बत सच होगा तभा मरा आाख खिल गया म समझ गय

मरा पतना वसन दह (अतप त) म चला गया ह कफी समय तक सोचत रह ऽक अब पतना क ऽलए zwjय

कर सकत ह ा मरा अभा इतना योनयत नही ह ऽक म वसन दह स इस मिकत कर सकीा मन सोच ऽक शरा

मत जा स कह ाग तब इस वसन दह स वह मिकत कर दगा

सधको मरा पतना न मिझ सधन म बड़ा सहयत की था वह सीकषम जगत की ढरो बत मिझ

बतय करता था ऽजनह म नही जनत थ जब वह मर पस आता था तब वह अपन सढ़ तान वषीय

लड़क स ऽमलन को कहता था म उसस कह दत थ जओ जकर ऽमल लो म कस तिमह रोक सकत ह ा

तिम तो उसकी मा हो मरन क बद उस अपन लड़क क परऽत लगव बन रह थ वह ऽनयऽमत रप स

अपन लड़क स ऽमलन आय करता था लड़क स ऽमलन क ऽलय पतना को मरा आजञ लन जररा थ

zwjयोऽक उस समय मरा इतना सधन हो चिकी था ऽक कोई भा अतप त जावतम मरा आजञ क ऽबन मर घर

क अनदर परवश नही कर सकता था जब मरा पतना अपन लड़क स ऽमलता था तब वह जोर-जोर स रोन

योग कस कर 86

लगत थ ऽफर मन यह बत अपन घर वलो को बतई तब घर वलो को यह सब अचछ नही लग

मगर घर वल इस कयथ म कर भा zwjय सकत थ ऽसफथ चिपचप रहन क अऽतररकतऔर कि छ नही कर सकत

थ म पतना को इजजत द दत थ उधर घर वलो को जग दत थ ऽफर सोत हए लड़क को ऽबठ ऽदय

जत थ तऽक उस ऽकसा परकर की कोई तकलाफ न हो मगर पतना कहता थाndash लड़क को जगय मत

करो इस बत क मन कोई उततर नही ऽदय हमर लड़क रऽतर म हमरा मा और बहन क बाच म

सिलय जत थ मगर एक ऽदन हमन घर वलो को सीऽचत नही ऽकय उस रऽतर एक ऽवऽचतर घटन घटा

लड़क रऽतर क समय चरपया क नाच बठकर रोन लग चरपया की ऊा चई इतना जयद था वह सवय

नाच उतर नही सकत थ ऽफर वह नाच कस उतर गय यह मलीम नही हो पय घरवलो को यह सब

अचछ नही लगत थ मगर वह कर भा zwjय सकत थ घरवलो न लड़क क ऽलए तबाज बनवयी तब

पतना न मिझस कहndashsbquoम नही ऽमल सकता ह ा वह तबाज पहन हए ह‛ म बोलndash sbquoतबाज कि छ नही

करग तिम जकर ऽमल लो‛ उसा समय लड़क जोर-जोर स रोन लग वह बोलndash sbquoमममा आ गया था

हमर गल दब रहा था कह रहा था हमर सथ चलो उनहोन हमर गल जोर स दबय थ‛ पतना की

इस ऽकरय पर मिझ करोध आय तब मन उसस ऽमलन पर रोक लग दा ऽफर पतना न मिझस कहndash sbquoम अब

ऐस नही करा गा‛ मगर मर सकलप न ऽमलन पर पीरा तरह स रोक लग दा मर और पतना क ऽमलन-

जिलन होत रहत थ पतना हम सीकषम जगत की ऽदलचसप जनकररय ा ऽदय करता था मर और पतना

क एक सल तक ऽमलन-जिलन बन रह थ

सधको वस मिझ पतना क ऽवषय म यहा ऽलखन नही चऽहए थ मगर मन इसऽलए ऽलखndash

इसस आप सभा को जनकरा हो जयndash मरन क बद जब वसन दह को परप त होत ह तब उनह

मनऽसक रप स बहत कष ट उठन पड़त ह इनकी उमर इस दह म बहत जयद होता ह ऽकसा की

ऽबलकि ल कम होता ह यह मतक क कमो पर आधररत होत ह वसन दह को परप त जावतमओ की

इचछओ की समऽपत पर इस दह स मिकत हो जता ह अथव योगा पिरष इस दह स ऽकसा भा जावतम को

मिकत कर सकत ह

योग कस कर 87

कणडवलनी उधवश नही हो सकी

हमन पहल ऽलख ह 28 अzwjटीबर सन 1987 को हमर धयन लट-लट हा लग गय ऽजसम हम

आजञ ऽमला था ऽक तिम कठोर सधन करो दीसर ऽदन म एकदम शत हो गय 29 अzwjटीबर की

सयकल म अपन घर क दरर पर धयन करन क ऽलए बठ गय हमर घर क दरर पर दवा क सथन भा ह

म उसा सथन क समन धयन करन क ऽलए बठ गय मर धयन तिरनत लग गय पहल मरा गदथन पाछ की

ओर गया ऽसर क ऽपछल भग पाठ स ऽचपक गय शरार पाछ की ओर झिकन लग मिझ ऐस लग ऽक

म पाछ की ओर ऽगर जऊा ग मगर ऽगर नही थ इतन म मीलधर चकर म जोर स परण वयि क दबव

बढ़न लग इस करण कि छ कषणो बद उस सथन पर पाड़ सा होन लगा ऐस लग ऽक कोई नस बड़ा

जोर स ऽखच रहा ह सथ हा मीलधर चकर क कषतर भा ऊपर की ओर ऽखचन लग कि छ समय तक म

इस पाड़ को सहत रह ऽफर म साध होकर बठ गय कि छ कषणो बद धार-धार तानो बनध लग गय

आतररक कि मभक भा लगन शिर हो गय कि मभक इतन जोर स लगत थ ऽक परण वयि बहर ऽनकलन

क नम हा नही लता था इसस मर अनदर घबरहट सा होन लगता था शवस क दरर जो परण वयि अनदर

आता था तब ऐस लगत थ ऽक परण वयि फफड़ म न जकर मीलधर चकर म ज रहा ह जब ढर सरा

परण वयि मीलधर चकर म एकतर हो जता ह उस समय यहा परण वयि आग क रप धरण कर लता ह

इसस उस सथन पर तावर जलन होन लगता था ऐस लगत ह ऽक समपीणथ पट आग बनकर जल ज रह

ह कि छ समय बद हमर जलनधर बनध खिल गयअब ऽसर आग की ओर झिकन शिर हो गय कि छ

कषणो बद ऽसर आग की ओर भीऽम पर सपशथ होन लग इस अवसथ म हम शवस लन म बड़ा परशना

होता था मरा शवस तावरत स चलन लगा इसस उडऽडयन बनध खिल गय शवसो न भयकर रप धरण

कर ऽलय ऐस लगत थ ऽक जस कोई नग भयकर रप स फि फकर रह हो म अपना शवस रोक नही

सकत थ मीलधर चकर फोड़ की तरह दिख रह थ भऽसतरक हमरा जोर-जोर स चल रहा था

भीऽम पर हमर मसतक लग हआ थ अब ठोड़ा हमरा गदथन स ऽचपकन लगा तब ऽसर क ऊपरा

भग भीऽम पर लग गय मर आसन अब भा लग हआ थ ऽफर म दोनो घिटनो क बल हो गय अब

हमर सथील शरार की आकऽत बड़ा ऽवऽचतर सा हो गया समपीणथ शरार ऽसर क ऊपरा ऽहसस व घिटनो क

बल हो गय मर दोनो हथ पट पर ऽचपक हए थ अब हम लग जस मीलधर चकर उखड़कर ऽसर की

ओर आ जयग भऽसतरक जोर-जोर स चल रहा था शवस साध मीलधर चकर पर ठोकर मर रह थ

ऐस लग रह थ ऽक मीलधर चकर म शवस नही बऽलक हथौड़ की ठोकर मरा ज रहा ह म पसान स तर

योग कस कर 88

हो रह थ शरार थक चिक थ अतयऽधक कष ट क करण मन सोच ऽक धयन करन छोड़ दीा म उठकर

खड़ हो जऊा मगर म ऐस नही कर सक इतन म मीलधर चकर म भयकर वदन हई जो म सह नही

सक म बहोश स हो गय सरा ऽकरयएा अपन आप बनद हो गया

उसा समय मिझ एक अनिभव आय अनिभव म सवचछ नाल आकश ऽदखई ऽदय उस आकश

म सीरज चनदरम तर आऽद नही थ ऽसफथ नाल सवचछ आकश थ उस ऽवशल आकश म चकचौध

कर दन वला ऽबजला चमकी और ऽफर उसा समय अदशय हो गया ऽजस समय ऽबजला चमकी था तब

सर आकश परकश स चमक उठ थ ऽबजला इस परकर चमकी था जस बरसत क समय बदलो क

बाच म ऽबजला चमकता ह और अदशय हो जता ह इतन म मिझ होश आ गय ऽफर भऽसतरक चलन शिर

हो गया मन सोचndash ऽक मिझ इतना वदन हो रहा ह इसस अचछ ह ऽक मरा मतयि हो जय वदन

असहनाय हो रहा था ऊपर स बहय कि मभक भा लगन शिर हो गय शवस बहर जय तो अनदर आन क

नम नही ल रहा था जब शवस अनदर आ जय तब बहर जन क नम नही लता था मरा नस-नस टीट

चिकी था शरार बिरा तरह स थक चिक थ मन सोचndash मिझ ऐसा सधननही चऽहए ऐसा सधन को

तयगत ह ा बस यहा सोचन लग मगर मर सोचन स zwjय होत ह इतन म मिझ लग ऽक ऽकसा न मिझ

पकड़कर उठ ऽदय ह

मिझ कि छ कषणो बद होश आ गय मर छोट भई न मिझ पकड़ कर साध कर ऽदय थ उस समय

भा मर आसन लग हआ थ धार-धार मर पर साध होन शिर हो गय मन खड़ होन क परयस ऽकय

मगर खड़ न हो सक मिझ ऐस लग ऽक मर परो म जन हा नही ह मन भई स बठन क इशर ऽकय

भई न मिझ ऽबठ ऽदय मन दख ऽक मर घर क सभा सदसय उपऽसथत थ मन अपन भई स कहndash sbquoतिमन

मिझ zwjयो उठ ऽदय ह म अपना ऽजदगा की अमीलय वसति परप त करन वल थ तिमहर उठ दन स मिझ

परप त नही हो सकीrdquo भई बोलndash sbquoहम सब बहत दर स तिमह दख रह थ ऽक तिमह बहत तकलाफ हो रहा

था कभा-कभा शवस वपस नही आता था हम यह नही जन सक ऽक य सधन ह य कि छ और ह

इसक पहल ऐस कभा नही हआ थ इसऽलए मन तिमह उठ ऽदय हrdquo म कि छ नही बोल समझ गय ऽक

मर भनय म कि णडऽलना ऊधवथ होन अभा नही ह

सधको मिझ यह ा ऽजस परकर की ऽकरय हई ह ऐसा ऽकरय ऽबरल सधक को हा होता ह

कि णडऽलना जगरण म हर सधक क अपन-अपन अनिभव अलग-अलग होत ह अथव थोड़ स मल

करत हआ हो सकत ह मिझ इस समय इसऽलए इतना तकलाफ हई था zwjयोऽक कि णडऽलना सवय ऊधवथ

योग कस कर 89

होन क परयस कर रहा था यऽद इसा समय कोई दीसर शऽzwj तपत कर दत तब कि णडऽलना आरम स

ऊधवथ हो जता

जो कि णडऽलना सवय ऊधवथ होता ह वह कि णडऽलना अऽधक शऽzwj तशला होता ह कि णडऽलना सवय

ऊधवथ तभा होता ह जब सधक की सधन उगर होता ह वरन सवय ऊधवथ नही हो पयगा हर एक सधक

की कि णडऽलना सवमव ऊधवथ नही हो सकता ह ऽजस सधक न ऽबन शऽzwj तपत क अपना कि णडऽलना

सवयमव ऊधवथ कर ला ह ऐस सधक योग क ऽवषय म भऽवषय म अतयनत शऽzwj तशला होत ह सधन

दरर सवयमव कि णडऽलना ऊधवथ करन वल सधक क शरार गमथ रहत ह ऐस उगर कि णडऽलना क दरर

होत ह शऽzwj तपत करक उठई गया कि णडऽलना इतना शऽzwj तशला नही होता ह ऽजतनासवयमव ऊधवथ

हई कि णडऽलना शऽzwj तशला होता ह सवयमव कि णडऽलना ऊधवथ करन क ऽलए सधक को कठोर सधन

करना पड़ता ह तथ ऐस सधक पीवथ जनमो म योगा रह चिक होत ह कि छ सधक ऐस होत ह ऽक गिर दरर

कि णडऽलना ऊधवथ करन पर भा उनह जयद अनिभीऽत नही होता ह ऐस तब ह जब उऽचत समय स पीवथ

कि णडऽलना ऊधवथ कर दा जता ह तथ जो सधक धयन जयद नही करत ह इसऽलए सधको को

कि णडऽलना जगरण क अलग-अलग अनिभव होत ह कि छ सधको को हमन दख ह उनह कि णडऽलना

जगरण पर कई परकर की ऽकरयएा होन लगता ह इसस उनक सथील शरार को बड़ कष ट होत ह य

ऽकरयएा शरार की शिित न होन क करण होता ह अथव कभा-कभा गलत मगथदशथन क करण भा हो

सकता ह अतयऽधक ऽकरयएा होन धयन नही होत ह इसऽलए गिर अथव मगथदशथक को चऽहए ऽक

सधक की कि णडऽलना जगरत करन क बद जयद ऽकरयएा न होन द बऽलक शऽzwj तपत कर सधक को

ऽसथर कर द तऽक वह धयनवसथ म शत बठ रह इसस सधक को मन एकगर करन म सहयत

ऽमलगा कि छ गिर कि णडऽलना जगरत तो कर दत ह मगर सधक की ऽकरयएा बनद नही कर पत ह उनक

तकथ होत ह ऽक कि णडऽलना जगरण पर ऽकरयएा तो होता हा ह यह सहा ह ऽक कभा-कभा कि छ न कि छ

ऽकरयएा होता ह मगर सधक को अचछा सधन करन क ऽलए अऽधक स अऽधक परणयम करन

चऽहए ऽजसस सधक की नऽड़या शिि हो जय नड़ा शिि होन पर ऽकरयएा होन कम हो जयगा अथव

पीरा तरह स बनद हो जयगा

हमन पहल ऽलख ह ऽक धयनवसथ म हम अऽधक वदन हई था भऽसतरक चलन स नड़ा शिि

होता ह इस समय भऽसतरक चलन पर परणवयि मीलधर चकर पर ऽसथत कि णडऽलना पर धzwjक मर रहा था

ऽजसस कि णडऽलना ऊधवथ हो जय जब कि णडऽलना म कि छ हलचल होता ह तब हम नड़ा म ऽखचव

योग कस कर 90

महसीस होत ह इसस हम लग रह थ मीलधर चकर ऽखच रह ह तथ परण वयि क दबव क करण

मीलधर चकर गमथ हो रह थ तानो बनध लगन पर मीलधर चकर पर दबव पड़त ह इसस कि णडऽलना

ऊधवथ होन म सहयत ऽमलता ह हम यह ा जो अनिभव आयndash सवचछ नाल रग क आकश म ऽबजला

चमकी था इस रप म कि णडऽलना शऽzwj त क हा दशथन ह कि णडऽलना क दशथन कई परकर क होत ह सवचछ

नाल आकश हमर ऽचतत ह मन अनिभव म यह नही ऽलख थ ऽक जब कि णडऽलना क दशथन हआ थ

तब और जोर स ऽफर स भऽसतरक चलन लगा था उस समय मर मिाह स जोर-जोर स ॎऻऻऻ ॎऻऻऻ

(ओम) शबद ऽनकल रह थ यह ओकर शबद अपन आप कि णडऽलना क करण ऽनकल रह थ

धयनवसथ म जब ओकर शबद अपन आप ऽनकलन लग तब सधक को समझ लन चऽहय

कि णडऽलना न आाख खोल दा ह यह ऽकरय उसा क दरर हो रहा होता ह

म जब कभा भा धयन पर बठत थ तब मर दरर भऽसतरक जोर-जोर स चलता था ऐस लगत

ऽक जस कोई नग फि फकर रह हो कभा-कभा आतररक और बहय कि मभक दोनो हा लगत थ मगर हम

थकन नही आता था कभा-कभा मीलधर चकर म ऽखचव अवशय होत थ मगर ऽफर पहल जसा ऽकरय

कभा नही हई अब म अपन आपको सवततर महसीस करत थ सथ हा मरा सधन अचछा होन लगा था

इसा बाच शरा मत जा क पतर आय उस पतर म ऽलख थndash आननद कि मर तिमन नौकरा छोड़ दा अब

तिमह रपय कमन क ऽलए कि छ-न-कि छ कम करन चऽहए zwjयोऽक मनिषय को पिरषथथ अवशय करन

चऽहए खच की भा आवशयकत पड़ता ह इसऽलए धन कमन क कि छ-न-कि छ जररय तो होन हा

चऽहए शरा मत जा क कहन पर मन दिकन खोल ला इलzwjटरोऽनzwjस समबनधा कम करन लग zwjयोऽक

इलzwjटरोऽनzwjस समबऽनधत कयो म म ऽनपिण ह ा

रगो का दशशन

एक बर म पीज कर रह थ मरा आाख अपन आप बनद हो गया कि छ कषणो तक म शत बठ

रह ऽफर आाख अनदर की ओर ऽखचन लगी आाख अपन आप अनदर की ओर को जोर स दबव द रहा

था उसा समय पहल अधकर ऽदखई ऽदय ऽफर उस अधकर म पाल रग ऽदखई ऽदय कि छ हा कषणो म

पाल रग चरो ओर सवथतर फल गय ऽफर वह गहर व चमकील हो गय कि छ कषणो म पाल रग अदशय

हो गय अब हर रग ऽदखई दन लग हर रग क बद करमशः नरगा धीमर व नाल रग ऽदखई ऽदय जब

योग कस कर 91

एक रग धार-धार अदशय हो जत थ तब दीसर रग ऽदखई दन लगत थ इसा परकर करमशः प ाचो रग

ऽदखई ऽदय थ य रग ऽदखई समय मिझ बहत अचछ लग रह थ ऽफर मरा आाख धार-धार खिल गया

आाखो म हलक-स ददथ य थकन-सा महसीस हो रहा था य प ाचो रग प ाचो ततवो क रग थ हर एक तततव

क अपन अपन रग होत ह

ऄथश- अनिभव म ऽदखई दन वल प ाचो रग प ाचो सथील भीतो क थ पाल रग पथवा तततव क

होत ह हर रग जल तततव क होत ह नरगा (लल) रग अऽनन तततव क होत ह धीमर क समन रग वयि

तततव क होत ह चमकील हलक नाल रग आकश तततव क होत ह इन सब रगो क ऽदखई दन क

अथथ होत हndash अभयसा की सधन सथील पचभीतो स आग सीकषमपच भीतो म शिर हो गया ह अथव शिर

होन वला ह अथ थत अब वह अनतमिथखा होकर सीकषम पचभीतो व उनस ऽनऽमथत सीकषम जगत म सधन

(ऽवकस करम) चलन लगा ह

जञानचकर क दशशन

एक ऽदन म पीज कर रह थ मरा आाख पहल की तरह अनदर की ओर अपन आप दबव दता

चला गया पहल की भाऽत रग ऽदखई ऽदय अनत म नाल रग म एक ऽबनदि ऽदखई ऽदय वह ऽबनदि मिझस

बहत दीर अनतररकष म थ ऽबनदि अपना जगह पर गोल-गोल घीम रह थ वह ऽबनदि अपना जगह पर घीमत

हआ मर पस आन लग मर पस आन पर ऽबनदि क आकर बढ़न लग ऽफर मर ऽबलकि ल पस आ

गय अब उसक आकर भा बहत बड़ हो गय ऽबनदि पहल चकमदर गोल-स ऽदखई ऽदय ऽफर

उसक सवरप रथ क पऽहय क आकर जस हो गय और चकर की भाऽत अपना जगह पर तावर गऽत स

घीमन लग धार-धार उसकी घीमन की गऽत कम होन लगा तब वह पऽहय सपषट रप स ऽदखई दन लग

पऽहय म रथ क समन आर लग हए थ वह रथ क पऽहय की भाऽत बन हआ थ पऽहय क क दर म एक

ऽछदर भा थ जब पऽहय ऽसथर हो गय तब उसक आकर बढ़न लग मरा दऽष ट उस पऽहय क मधय म

बन ऽछदर पर ऽसथत हो गया अब ऽछदर क आकर भा बढ़न लग उस ऽछदर क अनदर ऽवशल शरार धरण

ऽकय हए भगवन ऽवषणि चतिभिथज रप म खड़ हए थ उनक हथ म शख चकर गद व पदम भा थ वह

हमरा ओर दखकर मिसकर रह थ उनकी छऽव बहत हा सिनदर था मर मिाह स अचनक ऽनकल पड़ndash

sbquoपरभि आपrdquo इतन कहत हा भगवन ऽवषणि हमस दीर होत चल गय उनक आकर ऽबलकि ल छोट हो

योग कस कर 92

गय वह सवय गोलकर रप म घीमन लग तावर गऽत स घीमन क करण पऽहय जस आकर धरण कर

ऽलय ऽफर हमस दीर हटत चल जन करण कि छ कषणो म ऽबनदि रप म बदल गय अब ऽसफथ नाल

आकश रह गय ऽबनदि अदशय हो गय धयन टीट जन क करण हमरा आाख खिलन लगा ऽफर हम ऐस

दशय नही ऽदखई ऽदय

ऄथश- परतयक मनिषय क भकि ऽट स थोड़ ऊपर की ओर अनदर की तरफ सीकषम शरार म रथ क पऽहय

क सवरप म जञनचकर ऽसथत रहत ह इस जञन चकर क ऽवषय म परतयक सधक को जनकरा नही होता ह

जो सधक कठोर सधन करत ह तथ पीवथकल क योगा होत ह उनह हा इस जञनचकर क ऽवषय म जञन

होत ह ऽनपिण मगथदशथक य गिर इस जञनचकर की सहयत स अपन ऽशषयो क मगथदशथन भा करत ह

इसक दरर मगथदशथन करन परतयक गिर क बस की बत नही होता ह जञनचकर क दरर ऽकसा भा ससरा

मनिषय य सधक की योनयत क जञन ऽकय ज सकत ह जो मनिषय उचच ऽशकष परप त तावर बिऽि वल

सऽतवक सवभव वल परोपकरा व दना सवभव क होत ह उनक जञनचकर अपना जगह पर सऽतवकत

क अनिसर धामा गऽत स अपना जगह पर गऽत करत रहत ह जो मनिषय सऽतवक सधक होत ह उसकी

ऽजस सतर की सधन होता ह अथव ऽजतना आधयऽतमक योनयत होता ह उसा क अनिसर जञनचकर की

गऽत म तावरत होता ह नशाल पदथो क सवन करन वल वयऽकतयो क जञनचकर गऽत नही करत ह

बऽलक ऽसथर रहत ह योगा पिरष एक ऽवशष परकर की ऽसऽि परप त करन क ऽलए इस जञनचकर क परयोग

करत ह

अनिभव म हम यहा जञनचकर ऽदखई ऽदय थ उसक ऽछदर क अनदर भगवन ऽवषणि खड़ हए

ऽदखई ऽदय थ जञनचकर अतयनत तावर गऽत स घीम रह थ इसस सपषट होत ह ऽक हमरा सधन अतयनत

तावर गऽत चल रहा ह तथ म पीवथकल म भा सधन कर चिक ह ा

योग कस कर 93

सन 1988

शरी माता लकषमी जी क दशशन

यह अनिभव मिझ सवपनवसथ म आयndash हमर समन अनतररकष म शवत रग क तज परकश परकट

हो गय ह वह परकश अपना जगह पर तजा स गोलकर रप म चzwjकर लगन लग परकश गोलकर

चzwjकर लगत हआ मरा ओर आन लग जस-जस वह मरा ओर आत ज रह थ वस-वस उसक

आकर भा बड़ होत ज रह थ गोलकर परकश हमस थोड़ा दीरा पर आकर ऽसथर हो गय परकश क

आकर बहत बड़ थ ऽफर परकश क मधय म एक मनव आकऽत उभरन लगा कि छ कषणो बद वह

मनव आकऽत बहत बड़ा व सपषट हो गया यह मनव आकऽत शरा मत लकषमा जा की था वह कमल क

फी ल क ऊपर खड़ा हई था वह बहत सिनदर लग रहा था लल सड़ा पहल हए था गल म मऽणयो की

मलएा पहन हए था ऽसर पर ऊा च मिकि ट लग हआ थ शरा मत लकषमा जा आभीषणो स सजा हई था

वह हमरा ओर दखकर मिसकर रहा था उनक दऽहन हथ हमरा ओर आशाव थद मिदर म उठ हआ थ

कि छ कषणो तक म शरा मत लकषमा को दखत रह वह बहत अचछा लग रहा था ऽफर मर मिाह स ऽनकलndash

sbquoआप तो शरा मत लकषमा जा हrdquo ऽफर कि छ कषणो बद उनक सवरप धिाधल पड़न लग और परकश रप

म बदल गया वह परकश क गोल अपना जगह पर गऽत करन लग तथ पाछ की ओर हटत हआ

आकश म अदशय हो गय तभा मर आाख खिल गया

ऽफर धयनवसथ म मन शरा मत लकषमा स परथथन कीndash sbquoयऽद आप हम पर परसनन ह तो हम

आशावथद दो हमरा सधन अचछा हो जय तथ सधन म सफलत ऽमल हमर अनदर कभा भा धन

क ललच नही हो भऽवषय म धयन की ऽसथऽत उचच होrdquo इस परकर स दवा-दवतओ क दशथन होन क

करण यह ह जब ऽचतत म सतवगिण की मतर अऽधक होन लगता ह तब इस परकर क दशथन होन लगत ह

zwjयोऽक सऽतवक वऽतत हा दवा दवतओ क सवरप को धरण सकता ह जब ऽचतत सऽतवक होत ह तभा

दवा-दवतओ व सनत पिरषो क दशथन होत ह

योग कस कर 94

शर

धयनवसथ तथ सवपनवसथ म हम शर क अनिभव बहत आय हए ह कई मह तक शर

लगतर ऽदखई दत रह ह धयनवसथ म म दखत थndash हर-भर जगल ह जगल स दौड़त हआ शर

चल आ रह ह शर क रग सफद थ तथ उसक गल म बड़-बड़ बल भा थ शर हमर समन आकर

खड़ हो गय ऽफर बड़ा जोर स गजथन करन लग म शर को टकटकी लगए हए दख रह थ उस समय

हम थोड़-थोड़ भय-स लग रह थ शर न तान चर बर गजथन की ऽफर वपस जगल म चल गय और

अदशय हो गय

कभा कभा अनिभव म हम ऽदखई दत थndash म ऽकसा रसत पर ज रह ह ा हम ऐस महसीस हआ

ऽक कोई मर पाछ-पाछ आ रह ह मन मिड़कर पाछ की ओर दखndash तो शर हमर पाछ बड़ आरम स

चल आ रह ह डर क करण हमर बिर हल हो गय म डर क करण दौड़न लग और आग चलकर

ऽछप गय ऽफर हम शर ऽदखई नही ऽदय अनिभव समपत हो गय

कभा-कभा हम ऽदखया दत थndash म कही चल ज रह ह ा आग चलकर रसत म हम दो शर

ऽदखई ऽदय दोनो शर आपस म खल रह थ उन शरो को दखकर डर करण हमर पर रक गय मिझ लग

ऽक म भग जऊा मगर हमर पर आग बढ़न क नम नही ल रह थ ऐस लग ऽक पर भीऽम स ऽचपक गय

ह कि छ दर म एक शर एक ओर जकर अदशय हो गय इसा परकर धयनवसथ व सवपनवसथ म कई बर

शर ऽदखई ऽदय थ कभा-कभा हमर मगथ म समन खड़ हो जत थ मगर हमर ऽकसा परकर क

निकसन नही करत थ ऽसफथ कभा-कभा डर लगत थ वस शर दखन म बहत सिनदर होत थ

एक बर मन दखndash चरो ओर चादना फला हई ह इतन म अनतररकष म एक शर सफद रग क शर

परकट हो गय पहल उसन हमरा ओर दख ऽफर ऊपर की ओर मिाह उठकर गजथन करन लग समपीणथ

आकश शर की गजथन स गीाज गय एक-दो बर शर न अपन आग क पर ऊपर की ओर उठ कर गजथन

की कि छ कषणो तक गजथन करत रह ऽफर अदशय हो गय इस परकर क अनिभव ऽसफथ एक बर आय

ऄथश- सधको इन शरो क दशथनो क अथथ ऽनकलन बड़ मिऽशकल ह zwjयोऽक योग क अनिसर

शर क दशथनो क अथथ कई परकर क होत ह एकndash शर मन क भा परताक होत ह दीसरndash करोध क भा

योग कस कर 95

परताक ह तासरndash सभा जनत ह ऽक शर अमब दवा क वहन ह उनक दशथन मत अमब दवा की कप

समझना चऽहए हमन यहा पर शर क मतर कि छ अनिभव ऽलख ह एक जगह पर ऽलख ह ऽक कभा-कभा

दो शर ऽदखई दत थ मनिषय क मन दो परकर क होत हndash एक बऽहथमन दीसर अतमथन वस मन दो नही

होत ह बऽलक मन की अवसथएा दो होता हndash उतकषट मन ऽनकषट मन उतकषट मन को अतमथन कहत ह

ऽनकषट मन को बऽहथमन कहत ह हमन पहल भा ऽलख हआ ह ऽक हर सधक हो एक जस अनिभव नही

आत ह कि छ अनिभव कभा-कभा मल करत हए आत ह इसऽलए अपन अनिभवो को अथव योग

समबनधा समसयओ को अपन मगथदशथक य गिर स सिलझ लन चऽहए तऽक भरम की ऽसथऽत पद न

हो कभा-कभा ऐस भा दख गय ह ऽक दीसर गिरओ क ऽशषयो स अनिभव मल कर जत ह

अग का बरसना

मन धयनवसथ म दख म हर-भर जगल क अनदर चल ज रह ह ा उस जगल म ऊा च-ऊा च वकष

ह झऽड़य ा भा बहत ह जगला जनवर भा ऽदखई पड़ जत ह म परसनन मिदर म इधर-उधर घीम रह ह ा

तभा आकश म भयकर आवज परकट हई आवज ऐसा था जस बरसत म बदल गरजत ह मन

आकश की ओर दऽष ट की आकश ऽबलकि ल सवचछ थ म यह नही समझ सक ऽक आकश म ऽकस

सथन स आवज परकट हई ह इतन म ऽफर पहल की भाऽत आकश म आवज परकट हई मगर आवज

क सरोत समझ म नही आ रह थ म थोड़ आग की ओर बढ़ तभा आकश म तज चमक पद हई

ऽजसस सरा पथवा और आकश म परकश फल गय उस समय म पथवा पर ऊा च सथन पर खड़ हआ

थ पथवा दीर-दीर तक ऽदखई द रहा था कि छ कषणो म आकश स आग की जवल पथवा की दीसरा ओर

आकर ऽगरा इसस पथवा पर आग फल गया मन आकश की ओर दऽष ट की तो ऽदखई ऽदयndash आकश

स उलकपत की तरह पथवा पर आग की लपट ऽगर रही थी अब समपीणथ पथवा आग स जल रहा था जब

आकश स आग की लपट ऽगरता थी उस समय आकश म भयकर गजथन होता था कि छ कषणो म समपीणथ

पथवा आग की लपटो म ऽघर गया अब भा आकश म भयकर गजथन हो रहा था म पथवा पर खड़ हआ

आग स ऽघर गय थ मगर आग क असर मिझ ऽबलकि ल नही हो रह थ मर ऊपर भा आकश स आग

ऽगर रहा था ऐस लगत थ म आग म सनन कर रह ह ा इसऽलय परसनन हो रह थ पथवा पर रहन वल

जनवर जल रह थ तथ जलत हए इधर-उधर भग रह थ म यह सब दखकर हास रह थ मगर जनवर

भगकर कहा ज सकत थ चरो ओर आग हा आग फला हई था आग म जलकर सब-कि छ रख होन

योग कस कर 96

लग थ आकश ऐस लग रह थ मनो फट जयग कि छ समय बद यह ऽकरय धार-धार बनद होन

लगा zwjयोऽक पथवा क सब कि छ जलकर रख हो चिक थ पथवा पर पड़-पौध झऽड़य ा व जनवर आऽद

कि छ भा नही रह गय थ ऽसफथ म अकल परशनन मिदर म खड़ हआ थ आकश पीणथ रप स शत हो

चिक थ म परसनन मिदर म आग चल ऽदय उस समय मर अनदर ऽवचर आय- sbquoअब तो पथवा पर

अकल म हा रह गय ह ाrdquo

ऄथश- यह अवसथ मिझ भऽवषय म परप त होगा आकश और पथवा हमर हा ऽचतत ह आकश

हमर ऽचततकश ह परथवा (भीऽम) हमर ऽचतत की भीऽम ह आग हमर योगबल ह पथवा पर हर-भर

वतवरण पड़-पौध जनवर आऽद हमर कमथशय ह जो योगबल स जलकर रख हो गय ह ऽचतत पर

ऽसथत ऊपरा सतह पर जो कमथशय ह उनह ऽनकट भऽवषय म भोग कर नष ट करन ह वहा जलकर नष ट हो

गए ह इन कमथशयो क जलकर नष ट होन स आग क मगथ परशसत हो जयग यह अनिभव हमर ऽलए

बहत अचछ ह

दसरो की जानकारी पराप त होना

आजकल हम अपन ग ाव क आसपस की घटनएा अपन आप मलीम हो जता थी कि छ घटनएा

हमर ग ाव स दीर घटता था वह भा मलीम हो जता थी मगर योग की गोपनायत क करण म ऽकसा स

कोई घटन नही बतत थ म अपन कम स कम रखत थ जयद नजदाकी समबनध म ऽकसा स नही

रखत थ ऽकसा कम को करन स पहल हा हम उसक फल मलीम हो जत थ कोई भा वयऽकत कि छ

कयथ करन वल होत थ अथव कयथ करन की सोचत थ तब भा हम मलीम हो जत थ एक-दो बर

ऐस भा हआ जब ऽकसा वयऽकत न कयथ करन शिर ऽकय तब मन उसक फल कयथ पीर होन स पहल हा

बत ऽदय थ ऐस समय पर हम बड़ा परशना उठना पड़ा था लोग हमर पस पीछन क ऽलय आन लग

थ बड़ा मिऽशकल स हम इन लोगो स छि टकर ऽमल पय इसऽलए म समज क लोगो स कम समबनध

रखत थ हम यह भा अपन आप मलीम हो जत थ ऽक भीऽम क ऽकतन फीट नाच पना ह यह

जनकरा टयीबवल म सहयक होता ह इसा परकर हम मतयि क ऽवषय म भा मलीम हो जत थ ऽकस

वयऽकत की ऽनकट भऽवषय म मतयि होन वला ह उसकी जनकरा हम पहल स हो जता था ऽक अमिक

वयऽकत इस समय मर जयग

योग कस कर 97

ऄतप त जीवातमाओ स बात करना

इसा परकर हम अतप त जावतमओ की बहत जनकररया ऽमल करता थी य जावतमए

जयदतर व होता था ऽजनकी अकल मतयि हो जता था हम नही जनत य अतप त जावतमए हम कस

ढीाढ लता थी ऽक म योगा ह ा शयद हमर वलय दखकर हमर ऽवषय म जन जती होगा ऐसा

जावतमओ स हमरा बहत बतचात हआ करता था वह अपन ऽवषय म पीर पररचय भा दता थी तथ

अपन सर हलचल बतता थी हमन यह भा आकलन ऽकय जयदतर जावतमएा ऽसतरयो की होता थी

ऽजनहोन अपना आतम हतय कर ला होता था अथव उनऽक हतय कर दा जता था ऐसा जावतमओ

को वसनदह परप त होता ह ऽफर य हमस कि छ-न-कि छ अवशय मागता थी मगर म कह दत थndash मरा

सधन अभा शिर हई ह कपय आप अपना इचछ अनय ऽकसा सधक य योगा स पीरा कर ल हम

आपकी माग पीरा नही कर पएाग इस परकर की जावतमओ स बत करन म बड़ मज आत थ इचछ

पीऽतथ न होन पर जावतमएा चला जय करता थी म उनह बड़ पयर स वपस लौट दत थ उन ऽदनो मिझ

अनिभव भा अचछ-अचछ आत थ हमरा सधन भा अचछा हो चिकी था मगर शरा मत जा हमरा

कि णडऽलना उठन क ऽवषय म कि छ नही बतता थी म सोचत थndash शरा मत जा हमरा सधन क ऽवषय

म कि छ भा zwjयो नही बतता ह

म भववषयवकता क पास गया

मन एक बर शरा मत जा को पतर ऽलखndash हमरा इचछ ह ऽक हमरा भा कि णडऽलना ऊधवथ हो

कि छ ऽदनो बद शरा मत जा क पतर आय उसम ऽलख थndash आननद कि मर आपक पतर हमश भवपीणथ

होत ह गिर ऽशषय की पररपzwjव अवसथ पर कि णडऽलना ऊधवथ कर दत ह शरा मत जा क पतर स हम

ऽनरश हई हमर गाव स दीर एक भऽवषयवकत जा थ वह आम लोगो की समसयएा सिलझत रहत थ मन

सोचndash म भा भऽवषयवकत स अपना कि णडऽलना क ऽवषय म पीछी ाग म कि छ ऽदनो बद उस भऽवषयवकत क

पस गय म भा परश नकत थओ की लइन म बठ गय जब मर नमबर पीछन क ऽलय आय तब मन अपन

पररचय बतय तथ यह भा बतय म सहज धयन योग क सधक ह ा भऽवषय म हमरा कि णडऽलना

जगरत होगा अथव नही होगा कपय आप हम बत दाऽजए भऽवषयवकत जा पहल बोलndash sbquoपहल आप

मिझ धयनयोग क ऽवषय म बतइएrdquo मन उनह सकषप म धयन योग क ऽवषय म बत ऽदय ऽफर वह बोलndash

योग कस कर 98

sbquoआप यह योग करन छोड़ दाऽजए अथव गिर क समन कीऽजए zwjयोऽक यह योग अतयनत खतरनक ह

परण ऊपर चढ़त हअगर वपस नाच नही आय तो जन भा ज सकता ह‛ अब मर ऽवचर

भऽवषयवकत क परऽत बदल गय तब मन सोचndash जब इनह योग क ऽवषय म हा जनकरा नही ह तब

हमर भऽवषय zwjय बतएाग मन दिबर परश न ऽकयndash sbquoआप मिझ इतन बत दाऽजए ऽक हमरा कि णडऽलना

जगरत होगा अथव नही होगा‛ भऽवषयवकत जा बोलndash sbquoहम तो भीतपरत क दवत ह भीतपरत क ऽवषय म

बतत ह अथव भगत ह आप तो हमस आग की बत पीछत ह आप हमस आग ऽनकलन की सोच रह

ह‛ इन महशय जा की बत पर हमर मन म थोड़ स करोध आयऽक यह ऽकस परकर बत करत ह

उनहोन हमरा ऽपछला ऽजनदगा बतना शिर कर दा जो ऽबलकि ल सच थ मगर म बाच म बोल पड़

हमर सवल यह नही ह हमर सवल कि णडऽलना जगऽत क ह वह बोलndash sbquoआप अपन गिर को

परसनन कीऽजए यह समसय उनहा स हल होगा‛ म समझ गय हमर परश न क उततर दन इनकी समथयथ स

बहर ह म अपन घर वपस लौट आय सधको म अपन परश न क उततर जनत थ मगर शरा मत जा

क इस ऽवषय पर न बतन हा हमरा दिऽवध क करण बन थ

त रखा ह

भऽवषयवकत क पस स वपस आकर मन शरा मत जा को पतर ऽलखndash म भऽवषयवकत क पस

इस कयथ क ऽलए गय थ शरा मत जा क कि छ समय बद पतर आय उसम ऽलख थndash sbquoआप इधर-

उधर zwjयो भटक रह ह परभि आपकी सरा इचछए पीरा कर दग‛ मगर मिझ इतन शबदो स सतिऽषट नही

ऽमला zwjयोऽक म अपना ऽसथऽत सपषट जनन चहत थ शरा मत जा हम हमरा ऽसथऽत क ऽवषय म नही

बतती थी बऽलक यह भा कहता थी ती बहत रख ह तर भव भऽकत म जर भा नही ह रख होन क

करण तिमहरा सधन नही होता ह तिमहरा सधन म यहा रकवट ह तिम अपन गिर क परऽत सव क

भव नही रखत हो तिमहर अनदर अपन गिर क परऽत सव क भव होन चऽहए मगर मर सोचन इसस

ऽभनन होत थ योग क अभयस म रखपन क अवरोध कस मर मगथ भऽकत योग नही ह ऽफर भऽकत क

अभव म सधन म रकवट क zwjय कम ह यह सच ह भऽकत म अतःकरण शिि जलदा होत ह

लऽकन बहत स योगा ऐस भा हो चिक ह ऽजनह भऽकत स कोई मतलब हा नही रह ह ऽसफथ बदल लन की

दऽष ट स वह अपन योगबल बढ़न क ऽलए तपसय करत थ zwjय उनह योग क अभयसक दरर अपन

योग कस कर 99

लकष परप त नही हआ सच तो यह ह ऽजनकी इचछ शऽzwj त दढ़ होता ह व सधक योग म ऽनिय हा सफल

होत ह दढ़ इचछ शऽzwj त रखन वल ऽनिय हा रख होत ह अगर उनक अनदर रखपन नही होत तब

उनकी दढ़ इचछशऽzwj त भा नही होता पीवथकल म ऽवशवऽमतर न वऽशषठ को नाच ऽदखन क ऽलए कठोरत

स योग क अभयस ऽकय थ तथ भगवन परशिरम व दधाऽच न भा बदल लन की दऽष ट स योग क

अभयस ऽकय थ योग की दऽष ट म य तानो योगा ऽकसस कम रह ह तानो अपना-अपना जगह पर

महनत को परप त हए ऽजसम इचछशऽzwj त दढ़ नही होता ह तो वह योग म शाघर सफल भा नही हो सकत

ह दढ़ इचछशऽzwj त वल पिरष हा कठोर सधन कर सकत ह ऽगड़ऽगड़ कर अथव कप पर ऽकसक

योग क अभयस हआ ह जब तक आप सवय पररशरम नही करग तब तक ईश वर भा आप पर कप नही

करग कोई भा बत द ऽक सतिऽत करक ऽकसा को कि छ ऽमल गय हो तो म भा सतिऽत कर लीा ऽफर zwjयो

बकर म कठोर पररशरम करा सथील शरार को zwjयो कष ट भोगन पर मजबीर करा म भऽकत य सतिऽत क

ऽवरोध नही कर रह ह ा सच तो यह ह भकत हमस बहत महन व शरषठ होत ह zwjयोऽक उनह करोध नही आत

ह तथ अहकर स रऽहत होत ह भऽकत अतयनत कऽठन मगथ ह मगर योग क अभयस करन क ऽलए दढ़त

आवशयक ह दढ़त म कठोरत व रखपन होत ह हमन यह भा दख ह जो सधक रख होत ह उनकी

सधन अचछा होता ह ऐस सधको क अनदर दढ़त बहत होता ह ऽजस कयथ म उनकी लगन लग जय

वह कयथ करक हा छोड़त ह कऽठन कयो स व ऽवचऽलत नही होत ह ऐस सधको क मऽसतषक अऽधक

ऽकरयशाल रहत ह मगर भऽकत भव वल सधक तकथ -ऽवतकथ जयद नही करत ह zwjयो ऽक वह भवन

परधन होत ह उस अपन रदय को सनतिषट करन पड़त ह हम शरा मत जा न कई बर सभा क समन

रख कहकर समबोऽधत ऽकय उस समय उनक दरर रख कहन म हय भव होत थ मगर हमरा

सधन उततरोततर बढ़ रहा था ऽकसा परकर स कभा नही रकी सफलतएा बरबर ऽमल रहा थी

रख होन क बद भा हम सफलतएा बहत हा शाघर ऽमली ह मगर भऽकत भव वल सधक हमस

पाछ रह गय ऽसफथ भऽकत भव स हा योग नही हो जत ह योग म सफलत परप त करन क ऽलए सधक

को कठोर सधन करना पड़ता ह तभा सफलत ऽमलता ह अनयथ नही ऽमलता ह जो सधक पहल यह

सोचकर ढाल पड़ जत ह जब परभि की कप होगा अथव गिर कप होगा तब सधन बढ़ जयगा ऐस

सधको को सफलतएा ऽमलन बहत मिऽशकल होत ह ईश वर कमथधयकष तथ ऽनयमक ह सधक को

सवय अपन कमो क अनिसर फल ऽमलत ह उस चह परभि कप समझ ल अथव गिर कप समझ ल

ऽबन कमथ क ऽकसा की कप नही होता ह ऽजस आप कप समझ रह ह वह आपक कमो क फल ह जब

योग कस कर 100

गिर कप होगा सफलत ऽमल जयगा हम य समझ म नही आत ह सधक ऐस zwjयो कहत ह गिर क

ऽलए सभा सधक एक समन होत ह मगर ऽफर भा कि छ ऽशषयो को योग म शाघर सफलत ऽमलता ह कि छ

को दर म ऽमलता ह इसक अथथ यह हndash ऽजस सधक न ऽजतन पररशरम ऽकय ह उस उतना योनयत

परप त हो गया गिर पर दोषरोपण करन गलत ह ऽक वह ऽकसा पर कम कप करत ह ऽकसा पर

जयदकप करत ह यऽद सफलत और असफलत गिर क अऽधकर म होत तब वह अपन ऽशषय को

कषण भर म हा पीणथ कर दत अथव आतमसकषतकर कर दत परऽणयो क जावन चकर कमथ परधन ह

इसऽलए कमथ करन म लग जइय तभा आपको अपन लकषय परप त होग पहल आप गिर क अथथ समझ

लndash sbquoअधकर स दीर करन वल अथ थत परकश म गमन करन वल अधकर दीर होत हा परकश की

अनिभीऽत होन लगता ह ऐस परकश जो कभा नष ट नही होत हो अथ थत सतय हा नष ट नही होत ह सतय

ऽसफथ बरहम होत ह दीसर शबदो म गिर ऽसफथ मगथदशथन क कम करत ह वह तो सदव समभव स सभा

सधको को आशावथद दत ह इसा परकर हर बत पर ईश वर को नही घसाटन चऽहए ऽक यह कयथ ईश वर

क करण हआ ईश वर सभा जावो पर समभव रखत ह‛

माता जी दवारा जलगााव बलाना

जिलई सन 1988 म शरा मत जा क यह ा स पतर आयउसम ऽलख थndash गिर पीऽणथम क उतसव

मनय ज रह ह आप इस उतसव म आइए मगर म ऽकसा करण स गिर पीऽणथम उतसव पर नही ज सक

थ ऽफर शरा मत जा क पतर हम ऽसतमबर सन 1988 म ऽमल उसम ऽलख थndash sbquoम जलग ाव आया ह ा

एक-डढ़ मह रह ागा आप यहा आ सकत ह यह ा पर एकत भा ऽमलग आन स पहल पतर दरर हम

सीऽचत करन आप कब आ रह ह‛ मन पतर ऽलखndash sbquoशरा मत जा म अzwjटीबर म आ रह ह ा तथ

जलग ाव पहाचन की ऽनऽित तराख भा ऽलख दा था‛ म ऽनऽित तराख पर शरा मत जा क पस जलगाव

पहाच गय उस समय जलगाव म शरा मत जा क जयद ऽशषय नही थ जस ऽक आजकल ह कि छ

सधको स हमर पररचय भा हो गय थ एक ऽदन जलग ाव स 15-20 ऽकमा दीर कणवशरम म भा गय

थ शरा मत जा न कणवशरम क सवमा जा क ऽवषय म थोड़ स मिझ पहल बत ऽदय थ सवमा जा

थोड़ करोधा सवभव क ह ऐस शरा मत जा न मिझ बतय थ

योग कस कर 101

म और कि छ सधक शरा मत जा क सथ एक ऽदन कणवशरम म गय थ आशरम पहाचन पर सवमा

जा कि छ समय बद शरा मत जा क पस आय मन भा सवमा जा क दशथन ऽकय वह कफी ऊा च कद क

थ सवसथ शरार तजसवा चहर दखन स सफ जऽहर होत थ ऽक वह उचचकोऽट क योगा ह सभा न दीर

स उनह नमसकर ऽकय शरा मत जा क सथ कि छ ऽवऽशषट लोग भा आय हए थ ऽफर शरा मज जा न

हमर ऽवषय म सवमा जा को बतयndash sbquoय कनपिर स आय ह अचछ सधक ह‛ सवमा जा न गहरा दऽष ट

स हम दख ऽफर पीछndash sbquoतिमहर zwjय नम ह‛ म बोलndash sbquoसवमा जा मर नम आननद कि मर ऽसह ह‛

ऽफर सवमा जा कि छ नही बोल ऽसफथ कि छ कषणो तक मिझ दखत रह ऽफर वह शरा मत जा स बत करन

लग कफी समय तक बतचात होता रहा एक सतरा क पीछन पर सवमा जा न अपन ऽपछल पीर पररचय

ऽदय ऽजसक उललख म यह ा पर नही कर रह ह ा वपस चलत समय मन सवमा जा को दीर स नमसकर

ऽकयतब सवमा जा हमस बोलndash sbquoसधन करो कठोर सधन करो परभि अवशय ऽमलग‛ सवमा जा क

य शबद सिनकर मिझ बहत खिशा हई जलग ाव वपस आकर शरा मत जा न मिझ बतय ऽक सवमा जा की

तपसय बहत ह हमस भा जयद ह मगर सकषत दिव थस जा ह

एक ऽदन शरा मत जा न बतयndash sbquoअणणजा कह रह थ आननद कि मर यह ा zwjयो आय ह इस

ऽमरज म गिर पीऽणथम पर आन चऽहए थ वहा zwjयो नही आयrdquo शरा मत जा बोलीndash sbquoमन आननद

कि मर को यह ा बिलय ह यहा एकत म बतचात करन क अवसर ऽमलग वह ा भाड़भड़ म बतचात

क अवसर नही ऽमलत उसस जररा बत करना ह‛ य बत हम शरा मत जा न बतई था मिझ शरा मत

जा न मिझ अपन समन धयन पर ऽबठय म उनक समन बठकर धयन करन लग धयनवसथ म हमर

शरार आग की ओर झिकत चल गय ऽसर भीऽम पर सपशथ करन लग शवस तज गऽत स चलन लगा इसा

परकर म एक घनट तक धयन करत रह

शरा मत जा न बतयndash सिबह कि छ सधक दाकष लन आ रह ह आप भा सिबह तयर हो जन

सिबह कि छ दर तक समीऽहक धयन करग दीसर ऽदन सिबह 800-830 बज कि छ सधक शरामत जा क

पस आ गय शरा मत जा न उन सभा सधको को दाकष दा ऽफर धयन करन क ऽलए हम सभा सधक

एक सथ बठ गय म शरा मत जा क समन एक ओर को बठ गय धयनवसथ म हमर ऽसर आग की

ओर झिककर भीऽम स सपशथ करन लग ऽफर जोर-जोर स भऽसतरक चलन लगा कि छ कषणो म हम लगndash

ldquoशरा मत जा गदथन स लकर मीलधर चकर तक राढ़ क ऊपर शऽzwj तपत कर रहा ह उनक अागीठ क सपशथ

हम महसीस हो रह थ कि छ कषणो म भऽसतरक चलना बनद हो गया म साध बठ गयrdquo ऽफर म अपन

योग कस कर 102

आप को भील-स गय जब हमरा आाख खिला तब सभा सधक बठ हए थ और हमरा ओर दख रह थ

शरा मत जा धार-धार सधको स बत कर रहा थी

सधको क जन क बद शरा मत जा न मिझ बतयndash sbquoआननद कि मर आपक आग की ओर

झिकन गलत ह यह सधन नही बऽलक अवरोध ह मन यह अवरोध दीर कर ऽदय इसऽलए आप साध

होकर बठ गय थ धयनवसथ म सधक पाछ की ओर झिकत ह आग की ओर नही झिकन चऽहए

आपक सथ आपकी पतना भा आया ह तथ दो और अतप त जावतमओ क परभव आप पर ह‛ शरा

मत जा क यह शबद सिनकर म चौक और उनस कहndash sbquoदो और अतप त जावतमएा कौन हो सकता ह

मिझ अपना पतना क ऽवषय म जनकरा था मगर दो और जावतमओ क ऽवषय म जनकरा नही था

अगर हम पर दो अतप त जावतमओ क परभव थ तब हम परशना होना चऽहए था मगर हम ऽकसा

परकर की परशना कभा महसीस नही हईrdquo शरा मत जा बोलीndash sbquoवह ठाक ह मगर परशना तब होता ह

जब शरार क अनदर परवश कर इनक परभव बहर स थ‛ ऽफर म कि छ नही बोल शरा मत जा ऽफर

बोलीndash sbquoव जावतमएा तो चला जएागा म आपकी पतना को मतर भा द दीागा ऽजसस उसको भा उस दह स

(वसनदह) मिऽकत ऽमल जयगा चलो अचछ ह वह आपक सथ आ गया ह‛ दीसर ऽदन मन शरा मत

जा स कहndash sbquoआप हम जन की आजञ द दाऽजए‛ शरा मत जा बोलीndash sbquoआप एक दो ऽदन रककर

जइए कल दशहर क पवथ ह आप महरषटर क दशहर दऽखययहा पर कस मनय जत ह‛

अप शादी कर लीवजए

अगल ऽदन सिबह लगभग दस बज शरा मत जा बोलीndash sbquoचलो नाच चलत ह यहा पर कोई-न-

कोई आत रहत ह इसऽलए अवरोध आयग‛ हम और शरा मत जा नाच वल फलट म चल गय शरा

मत जा उस नाच वल फलट म रहन वला सतरा स बोलीndash sbquoमिझ एकत म इस लड़क स बत करना ह

ऊपर कोई-न-कोई आत रहत ह उस फलट वला सतरा न एक कमर खोल ऽदय म और शरा मत जा क

उस कमर म चल गय वह सतरा अपन फलट स हमनत भय क फलट पर चला गया म सोच रह थ शरा

मत जा को मिझस zwjय बत करना ह जो इतन एकत म zwjयो ल आयाह म फशथ पर दरा ऽबछकर शरा

मत जा क समन बठ गय शरा मत जा बोलीndash sbquoआननद कि मर मजो बोल रहा ह ा उसक उततर आप

सोचकर बद म द दन आज अथव कल भा उततर द सकत ह तऽक आप सहा ऽनणथय करक उततर द

योग कस कर 103

सक शरा मत जा की बत सिन कर मिझ भय-स महसीस होन लग मन सोच जरर कोई महततवपीणथ बत

कहन चहता ह शरा मत जा गहरा दऽष ट स हम दख रहा थी ऽफर कि छ कषण रककर बोलीndash sbquoआननद

कि मर आपकी पतना की मतयि हो गया ह आप अभा जवन ह आपकी उमर अभा कफी शष ह इसऽलए

आप शदा कर लाऽजए तऽक आपको बिढ़प म पछतन न पड़ zwjयोऽक बिढ़प म सथा की जररत होता

ह आप शदा कर लाऽजएrdquo शरा मत जा क शबद सिनकर हमर होश उड़ गय मिझ ऐस लग रह थndash

ldquoमिझ चzwjकर आ जयगrdquo कनो म सय-सय की आवज आन लगा ऐस लग जस कन सिनन बनद

कर दग हमरा शवस अपन आप रकन लगा शरार कि छ समय क ऽलए ऽनऽशकरय-स हो गय शरा मत जा

की दऽष ट हमर चहर पर ऽटकी हई था मन सोच ऽक यह शरा मत जा न zwjय कह ऽदय कि छ कषणो बद

हमरा चतन वपस आ गया शरार को झटक स लग हमरा आाखो स आासिओ की धर बहन लगा

मन शरा मत जा स हथ जोड़कर बड़ा मिऽशकल स आवज ऽनकलकर बोलndash sbquoशरा मत जा कपय आप

हमस शदा क ऽलए न कह ऽक आप शदा कर लाऽजयrdquo मन उनक चरण पकड़ ऽलए और जोर-जोर स

रोन लग शरा मत जा न हथ लगकर हम उठय और बोलीndash sbquoआननद कि मर ऽहममत स कम लो खीब

सोच समझ लो इसाऽलए हमन उततर दन क ऽलय समय ऽदय ह ऐस मत समझो शदा करन स सधन म

अवरोध आयग सधन शदा क बद भा होता रहगा zwjय शदा करक गहसथा बसन वल अचछ

सधक नही बनत ह बहतो न गहसथ जावन म हा सधन की ह इसऽलए आप कोई अचछा-सा लड़की

दखकर शदा कर लाऽजए उसकी छोटा जऽत न हो आपक समककष हो हमर आशावथद आपक सथ

रहगrdquo य शबद कह कर शरा मत जा चिप हो गया म ऽफर शदा क नम सिनकर दिःखा हो गय मगर

अबकी बर पहल जस दिख नही हआ थ zwjयोऽक अब हमर अनदर दढ़त आ गया था अब पीरा तरह स

आतमऽवशवस बढ़ गय थ मन शरा मत जा स हथ जोड़ और बोलndash sbquoशरा मत जा आप हम दो ऽदन

अथव दो सल क समय दाऽजए तो भा हमर ऽनणथय यहा ह अब म ऽकसा कीमत पर शदा नही

करा ग म बिढ़प म आन वल कषटो स घबरत नही ह ा हमर लकषय ऽसफथ सधन करन हा ह यऽद आप

हम आशावथद दन चहता ह तो हम अवशय आशावथद दाऽजय ऽक भऽवषय म हमरा सधन अचछा हो

हम सफलत ऽमल मन अब शदा न करन क दढ़ ऽनिय कर ऽलय हrdquo इतन कह कर मन शरा मत जा

क पर पकड़ ऽलए शरा मत जा न हमरा पाठ थपथपया और बोलीndash sbquoआननद कि मर जब आपक इतन

दढ़ ऽनिय ह तो हमर आशावथद आपक सथ ह भऽवषय म आप एक अचछ सधक बनग तथ पीणथत

भा परप त करगrdquo हम शरा मत जा क य शबद बहत अचछ लग और म बहत परसनन हआ

योग कस कर 104

शरा मत जा बोली sbquoम आपको एक मतर दीागा वह शऽzwj तमतर ह इस मतर क जप करन स आपकी

कि णडऽलना को ऊधवथ होन म सहयत ऽमलगा अथव ऊधवथ होन लगगा यह मतर अतयनत गिपत ह यह मतर

आप ऽकसा को नही बतएाग यह मतर हम सधन कल म धयनवसथ म बतय गय थ इस मतर को

ऽवऽधपीवथक बोलन चऽहए तभा फऽलत होग यह मतर म बद म बतऊा गा तथ बोलन क तराक भा

बतऊा गा चलो ऊपर चल कफी समय हो गय हrdquo शरा मत जा और म ऊपर आ गय

दोपहर क भोजन करन क बद थोड़ आरम ऽकय ऽफर शरा मत जा बोलीndash sbquoचलो ऊपर चलत

ह म आपको मतर बतऊा गाrdquo मन एक कि सी उठई और शरा मत जा क सथ पाछ-पाछ चल ऽदय

साऽढ़या चढ़त समय शरा शरा मत जा न कहndash sbquoआननद कि मर आप हमर हथ पकड़ोrdquo zwjयोऽक उनह

साऽढ़या चढ़त समय थोड़ा परशना हो रहा था मन शरा मत जा क हथ पकड़ और धार-धार साऽढ़यो

पर चढ़न लग छत पर पहाचकर एक ओर कि सी डला उस कि सी पर शरा मत जा बठ गयी म चटई

ऽबछकर नाच बठ गय शरा मत जा बोलीndashsbquoमतर पहल साख लाऽजए ऽफर आपको बोलन क तराक

बतता ह ाrdquo मन मतर को कगज पर ऽलख ऽलय शरा मत जा न मतर क उचचरण ऽकय ऽफर शरा मत

जा बोलीndash sbquoआप धयन पीवथक स उचचरण करन क तराक सिऽनए मतर म ऽकस जगह उतर चढ़व हrdquo

शरा मत जा न दो तान बर मतर क उचचरण ऽकय ऽफर हम बोलन क ऽलए कह मन भा मतर क

उचचरण ऽकय मगर उस मतर क बोलन क तराक सहा नही थ इसा परकर शरा मत जा न हम बोलन

क तराक समझय ऽफर मिझ मतर बोलन क तराक आ गय शरा मत जा न कहndash sbquoमतर बहत हा

शऽzwj तशला ह यऽद सहा उचचरण क दरर मतर को बोल जय तो कि णडऽलना अवशय ऊधवथ होन क

परयस करन लगता ह इस मतर क जप जयद स जयद करन तऽक उसक लभ शाघर ऽमल सकrdquo शरा

मत जा न एक मतर और ऽदय इस मतर स ससररक ऽसथऽत म सिधर आत ह तथ करोबर भा अचछ

चलन लगत ह शरा मत जा न यह दोनो मतर पहला बर हम हा ऽदय थ म ऽफर शरा मत जा क सथ

फलट म वपस आ गय zwjयोऽक थोड़ा दर म शरा मत जा को जलग ाव शहर म हा सतसग म जन थ

सधको शरा मत जा दरर बतए गय मतरो क वणथन म यह ा पर नही कर रह ह ा zwjयोऽक य मतर

अतयनत गिपत ह तथ बहत हा शऽzwj तशला ह सधक की कि णडऽलना ऊधवथ करन म सहयत करत ह तथ

अनय परकर क भा कयथ करत ह इन मतरो को आप अपन गिरदव य मगथदशथक स पीछ लाऽजए ऽफर म शरा

मत जा क सथ सतसग म चल गय शरा शरा मत जा नपरवचन ऽकय और धयन भा करय अबकी

योग कस कर 105

बर धयनवसथ म म इतन पाछ झिक गय मिझ ऐस लग ऽक म पाछ ऽगर जऊा ग मर पाछ बठ सधक

न हम पकड़ ऽलय तभा हमर धयन टीट गय

हमरा टरन क समय हो गय थ मन शरा मत जा स कनपिर (उपर) जन क ऽलय आजञ ल ला

एक सधक मिझ जलग ाव रलव सटशन तक छोड़ गय जलग ाव स टरन दरर हम कनपिर आ गय हमरा

अबकी बर की यतर अतयनत सफल रहा म बहत परसनन थ म घर आकर कठोरत क सथ सधन

करन लग

पतनी की सदगवत हइ

कि छ ऽदनो बद शरा मत जा क पतर आय उसम ऽलख थndash sbquoआपकी पतना मतर लन स इनकर

कर रहा ह वह अपन बचच क मोह म ह मगर म शाघर हा मतर द दीागा तथ उस वसन दह स मिकत कर

दीागाrdquo आऽखरकर उस वसन दह स मिऽकत ऽमल गया ऽफर भा सधन क परभव स हमरा और उसकी

मिलकत होता रहता था वह हम अपन बर म बतय करता था कभा-कभा वह सवय भा आ जता था

zwjयोऽक मन उस योगबल द रख थ उसा योगबल क दरर वह हमस ऽमलन आ जता था वरन वह हमस

नही ऽमल सकता था zwjयोऽक अब वह पथवा की पररऽध म नही था कभा-कभा वह हम भऽवषय की छोटा-

छोटा जनकररया द दता था अब उसम पहल जसा आसऽकत य पयर नही थ वह कि छ उखड़ा-उखड़ा

सा रहता था जब मन इसक करण पीछ तो उसन बड़ा मिऽशकल स बतयndash sbquoम जहा पर रहता ह ा वह ा

पर अचछा तरह स ह ा अब मिझ मत बिलय करो उसकी आसऽकत अब उस अपन लड़क स भा नही रह

गया था सधको उसन हम एक बत बतया वह ऽजस जगह पर रहता ह उस जगह पर उसा क समन

और भा जावतमएा रहता ह वह ा की जावतमओ को कि छ-न-कि छ कष ट अवशय बन रहत ह पतना को

भा कष ट रहत थ मगर उस कष ट सहन की आदत पड़ चिकी था

बहत ऽदनो बद एक बर मन उसस समपकथ सथऽपत ऽकय हमरा उसस मिलकत होत हा उसन

कहndash sbquoआप मिझ मत बिलय करो अब हम zwjयो बिलत हो हमरा अब मतयि हो चिकी ह म अब तिमह

नही ऽमल सकता ह ा तिमहरा मिलकत क बद हम कि छ ऽदनो तक आपकी बत यद आता रहता ह जो

हमर ऽलए अचछ नही ह आप मिझ अपना पतना मनत हो अब म आपकी पतना नही ह ा zwjयोऽक हमर

योग कस कर 106

सथील शरार नष ट हो चिक ह हमर आपक समबनध ऽसफथ सथील शरार क थ इसऽलए आप हम पर रहम

करो हमस मिलकत मत करो तऽक म आपको भील जऊा म आपक पस जयद दर तक नही रक

सकता ह ाrdquo मन उसस कि छ समय तक बत की उसक उततर म उसन कहndash sbquoअब आप सधन कररए

आपन शदा नही की यह अचछ ऽकय यह हमर लड़क क ऽलय अचछ ह मगर दीसरा शदा न करन क

करण भऽवषय म आपको परशना उठना पड़गा‛ मन कहndashsbquoआप हम अपन यहा की कभा-कभा

जनकररय ा द ऽदय करोrdquo वह बोलाndash sbquoमन आपको बहत सा बत बतई ह अब हम और मजबीर न

करोrdquo म बोलndash sbquoजब तिमह वह ा जयद परशना महसीस हो तब हमर पस साध चला आन हम उस

परशना क हल कि छ-न-कि छ अवशय ऽनकल ऽलय करग कि छ समय बद हमरा सधन और अचछा हो

जयगाrdquo वह हलक-स मिसकरई और बोलाndash sbquoयह हमर ऽलए अचछ रहगrdquo इतन कह कर वहा चला

गया सधको अब आप समझ गय होग हमरा और पतना की ऽकतना जयद बत हआ करता थी म

मतरो क जप करक सकलप दरर योगबल उसक पस पहाच ऽदय करत थ योगबल क करण उस वहा

पर बहत जयद कष ट नही सहन पड़त थ

सधको पतना क ऽवषय म एक और अनिभव ऽलख रह ह ा अभा तक म जगरत अवसथ म पतना

स ऽमल करत थ ऽसफथ आाख बनद करक बत ऽकय करत थ मगर अबकी बर उसस धयनवसथ म

ऽमल यह बत जीन सन 1990 की ह पतना स ऽमल हए डढ़ वषथ हो गय थ मन सोचndash अब उसस

ऽमलीाग हमरा सधन पहल स और जयद अचछा हो गया ह म धयन पर बठ गय मन दखndash म

अनतररकष म खड़ हआ ह ा मन अपन दऽहन हथ आशाव थद मिदर म ऊपर की ओर उठय तभा मरा

हथला क मधय भग स तान ऽकरण पाला लल और नाला रग की ऽनकली य तानो ऽकरण सीयथ की

ऽकरणो की भाऽत थी य तानो ऽकरण ऊपर की ओर आकश म चला गयी उन ऽकरणो की लमबई अपन

आप बढ़ता ज रहा था म अपन हथ आशाव थद मिदर म ऽकय हए खड़ थ कि छ समय बद उन तानो

ऽकरणो को मन हथो म रससा की भाऽत पकड़ ऽलय ऽफर मन उन ऽकरणो को रससा की भाऽत खीचन

शिर कर ऽदय कि छ कषणो तक म उन ऽकरणो को अपना ओर खीचत रह इतन म हम ऽकसा क करहन

की आवज आया हम लग जस कोई मनिषय ददथ क करण करह रह ह ऽफर मन दखndash ऽकरणो क दीसर

भग म कि छ बाध हआ ह बद म सपषट हो गय ऽकसा की मनिषय की लश जसा बाधा हई ह उसा की

करहन की आवज आ रहा था म समझ गय वह वयऽकत मत नही जाऽवत ह उस वयऽकत को दखकर म

चौक पड़ zwjयोऽक वह कोई ओर नही बऽलक मरा हा पतना था उसा क गल म तानो ऽकरण ऽलपटा हई

योग कस कर 107

थी पतना हमर समन करहत हए खड़ा हो गया और बोलाndash sbquoमर गल खोलोrdquo मन उसक गल स

ऽकरणो क चzwjकर खोल ऽदय अब वह आरम स बठ गया मन पीछndashsbquoइन ऽकरणो म तिम कस फा स गयाrdquo

वह बोलाndash sbquoतिमही न सकलप करक हम इस तरह बिलय ह मन पहल भा कह थ मिझ मत बिलय करो

तिमन जबरदसता हमर सथ ऐस वयवहर ऽकय ह इसस हम बहत तकलाफ हई हrdquo म बोलndash sbquoयऽद

तिमह इतना तकलाफ हो रहा था तब तिमन इन ऽकरणो क चzwjकरो को zwjयो नही खोल ऽलय‛ वह बोलाndash

sbquoयह कयथ हमरा समथयथ स बहर थ य ऽकरण हमर पस आकर गल म ऽलपट गयी ऽफर तिमन मिझ

घसाटन शिर कर ऽदय इसऽलए यह ा तक ऽघसटत हए आया ह ाrdquo म बोलndashsbquoहमर इरद आपको कष ट

दन क नही थ अनजन म हमर दरर आपको कष ट हआ हrdquo

सधको यहा पर पतना क ऽवषय म ऽलखन क करण यह ह आप सभा सधको को मततमओ

स ऽमलन क ऽवषय म जनकरा हो जय हर सधक एक ऽनऽित अवसथ म ऐसा जावतमओ स समपकथ

सथऽपत कर सकत ह ऐस कयो क ऽलए सधन उगर होना चऽहए अनयथ समपकथ सथऽपत नही हो

सकत ह म ऽफर अपना पतना स कभा नही ऽमल बऽलक वह सवय हमर पस ऽमलन आया था इसक

ऽववरण आग ऽदय गय ह मिझ जनकरा हो गया था अगर इसा तरह स हम दोनो ऽमलत रह तो उसक

अगल जनम दर म हो सकत ह इसा परकर मन ढर सरा जावतमओ स समपकथ सथऽपत ऽकय थ और

उनस बतचात भा ऽकय करत थ मिझ इस तरह स बत करन म मज आत थ तथ इन जावतमओ क

ऽवषय म जञन होत थ

कषटो की ऄनभवत

जलग ाव स वपस आन क बद म ऽफर कठोर सधन करन म लग गय धयनवसथ म हमरा

गदथन पाछ की ओर जकर पाठ स ऽचपक जता था गदथन पाठ स इतना जयद ऽचपक जता था ऽक धयन

खिलन क बद गदथन साधा नही कर पत थ तब अपन दोनो हथो स ऽसर को पकड़ कर गदथन धार-धार

साधा ऽकय करत थ उस समय बहत कष ट सहन पड़त थ एक बर म सव स डढ़ घणट तक क

धयन हो जत थ ऽदन म तान-चर बर धयन पर बठत थ परणयम भा दो-तान बर ऽकय करत थ

तथ शरा मत जा दरर बतए गय मतरो क भा जप ऽकय करत थ कि छ ऽदनो बद हमर शरार क अनदर

गमी बढ़ना शिर हो गया ऐस लगत थ पट जल ज रह ह म ऽजतना जयद सधन करत थ गमी

योग कस कर 108

उतना हा जयद बढ़ता था हमर घर क महौल भा बदलन लग थ अब हम सधन करन म

अतयऽधक परशना उठना पड़ता था घर क ऽवरोध भा सहन पड़त थ हमर मन म ऽवचर आय ऽक

घर को छोड़कर बहर कही सधन की जय तो अचछ ह लऽकन बहर हमरा कही भा इतना जन-

पहचन नही था ऽक ऽकसा क दरर आशरम म सधन करन क ऽलए चल जऊा ऽफर सोचndash अगर

आशरम म चल भा गय तो वह ा पर सधन करन क ऽलय समय कम ऽमलग तथ आशरम क कम भा

करन पड़ग कि छ आशरमो क हल तो हमन बहत बिर सिन ह ऽक सनयऽसयो की आपस म नही बनता

ह इसऽलए हमर मन पीरा तरह स आशरम म जन क ऽलए तयर नही हआ आप ऐस समझ लाऽजए म

अपन आप को अधर म लटक हआ पत थ मन म बड़ा खीचतना होता था कभा-कभा ऐस लगत

थ ऽक हमरा सधन कस पीरा होगा मगर हमर दढ़ ऽनिय व धयथ बहत अऽधक होन क करण हतश

नही होत थ म यह सोचत थ जब कष ट हा सहन ह तब ऽफर घर स जन क ऽलय zwjयो सोच रह ह ा

यह भा सच हndash जब तक ऽिनदगा म कष ट नही आत ह तब तक जान क मज नही आत ह लकषय

ऽजतन बड़ होत ह उतना हा अऽधक परशऽनया आती ह और उसा क अनिसर अऽधक पररशरम भा

करन पड़त ह

योग कस कर 109

सन 1989

कामवासना की जागवत

कपय पठकगण हम कषम करन म जो अब ऽलखन ज रह ह ा वह अनिभव कमवसन समबनधा

ह zwjयोऽक योग मगथ म सधक को यह अवसथ अवशय आता ह इसऽलए इस पर ऽलख रह ह ा तऽक

सधको को योग क अभयस क ऽवषय म समझन म सहयत ऽमल म ऽजतना कठोरत क सथ अऽधक

सधन करत थ परशऽनय ा भा उतना हा अऽधक आता थी अब हमर अनदर एक कमा आन लगा था

इस कमा क करण म सवय परशन रहन लग थ म सोचत थndash अब सधन करन बड़ मिऽशकल ह

यह परशना मिझ कभा नही आया था परशना क नम ldquoकमवसनrdquoथ हमर शरार क अनदर

कमवसन की जगऽत हो गया था जब म धयनवसथ म होत थ तब कमवसन उगर सवरप धरण कर

लता था मगर धयन टीटन क बद हम यह परशना नही रहता था म सोचत थ ऽक मर अनदर zwjय कमा

आ गया ह जो यह कमवसन इतना तावर गऽत स उभर आया ह हमरा समझ म नही आ रह थ ऽक

अब zwjय करा म सोचन लगतndash यऽद इस ऽवषय म ऽकसा को जनकरा हो गया तो लोग zwjय कहग यह

सधन नही करत ह ढोग कर रह ह जब म धयन नही करत थ तब हमरा कमवसन शनत रहता था

मगर धयनवसथ म हमर हल बहत खरब हो जत थ इसऽलय अब मिझ धयन स डर-स लगन लग

जब मन अपन धयन कम कर ऽदय तब इस कमवसन स थोड़ा-सा रहत ऽमलन लगा मगर धयन तो

करन हा थ इसऽलए धयन पर बठ जत थ

सधको आप हम बशमथ कहग म zwjय करा योग क अभयस म ऐस हा होत ह इसऽलए कषम

कर जब म धयन करन क ऽलय बठत थ तब ऽफर वहा कमवसन की इचछ चलन लगता था कई

बर मन को समझय मगर मन उसा ओर आकऽषथत होत रहत थ म कभा अपन इषट को यद करत

कभा शरा मत जा को यद ऽकय करत थ मगर इसक समधन नही होत थ मन तो बस कमवसन

पर हा ऽसथर रहत थ हमरा वसनएा इतना परबल हो गयी था ऽक धयनवसथ क समय हमर शरार

पसान स तर हो जत थ मिझ अपन आप स करोध आन लगत थ एक बर करोध इतन जोर स आय

ऽक धयनवसथ म हमर मिाह स ऽनकलndash sbquoनही ऽऽऽ‛ ऽफर हमर धयन टीट गय म अपन आसन पर

बठ हआ थ हमरा शवस तज चल रहा था मिझ अपन पर करोध आ रह थ म बठकर रोन लग ऽफर

योग कस कर 110

ईश वर स परथथन कीndash sbquoपरभि यऽद मर यहा हल रह तो म सधक नही बन पऊा ग ऽनमन शरणा क मनिषय

अवशय बन जऊा गrdquo हमरा समझ म कि छ नही आ रह थ जो चाज हमर अनदर ऽबलकि ल नही था वह

अब इतना तावरत स कस अपन परभव ऽदखन लगा ऽफर मन सोचndash शरा मत जा को पतर ऽलखीाग तो

शरा मत जा zwjय सोचगाndash पहल मन शदा क ऽलए कह थ तब आननद कि मर न मन कर ऽदय अब

ऐस शबद ऽलखकर भज रह ह आऽखरकर हम अपना समसय क हल चऽहए थ इसऽलए मन ऽनिय

ऽकय शरा मत जा को इस ऽवषय म बतऊा ग वहा इस समसय क हल कर सकता ह ऽफर मन शरा मत

जा को पतर ऽलख

शरा मत जा को पतर इस तरह स ऽलख थ ऽक शरा मत जा हमर भवो को समझ जएा कि छ

ऽदनो बद हमर पतर क उततर आ गय उस पतर म हम शरा मत जा न बड़ा डाट-फटकर लगई गया था

मगर हमरा यह ऽकरय बनद नही हई इसऽलए हमन सधन करना बनद कर दा सधन बनद करन पर हम

इस परशना स थोड़ आरम ऽमल गय धार-धार वसन शत हो गया zwjयोऽक मन धयन करन बनद कर

ऽदय थ अब मिझ अपन योग क अभयस पर बड़ करोध आ रह थ म सोचत थ ऽक योग क अभयस

करन बड़ मिऽशकल ह जब धयन पर बठत ह ा तब कमवसन शिर हो जता ह धयन बनद कर दत ह ा

तब कमवसन बनद हो जता ह लगभग एक मह तक धयन नही ऽकय लऽकन अब हम धयन क ऽबन

बड़ा बचना सा शिर हो गया इसऽलए धयन करन ऽफर स शिर कर ऽदय अबकी बर यह ऽकरय नही हई

अब म धयन ऽसफथ तान घणट ऽकय करत थ ऽफर ऽदन भर अपना दिकन चलय करत थ

ऽपरय सधको आप सोचत होग हमर अनदर यह कमवसन zwjयो परकट हो गई उसक अथथ

ऽलखत ह ाndash हमर पहल अनिभवो को पढ़कर आपको भऽसत हो गय होग म इस परकर क सधक नही

रह ह ा अगर म इस परकर क होत तो अपना शदा कर लत जस शरा मत जा न जलगाव म मिझस

कह थ ऽजस समय धयनवसथ म हम यह ऽकरय होता था उस समय म इसक अथथ नही समझ पत

थ शरा मत जा न हम इसक अथथ नही समझय थ बऽलक इस ऽवषय म हमरा डाट लगई था मिझ

लगत थndash य हमर अनदर की हा सीकषम वसनएा ह जो ऽचतत क ऊपरा सतह पर आ रहा ह मगर अब

पिसतक ऽलखत समय हम योग की सभा परकर की जनकररय ा परप त हो गई ह zwjयोऽक योग मगथ म

अभयस क दरर कफी सफर तय कर ऽलय ह वसतऽवकत यह थाndash ऽक योग क अभयस क दरर हमरा

कि णडऽलना ऊधवथ हो रहा था शरा मत जा को हमन कई बर पतर ऽलख थ उसम मीलधर चकर क

अनिभव भा सदव ऽलख करत थ मगर शरा मत जा उस अनिभीऽत क उततर नही दता था और न हा

योग कस कर 111

खिलकर हमर धयन क ऽवषय म बतता था वस कभा-कभा हम आभस हो जत थ ऽक हमरा

कि णडऽलना ऊधवथ हो रहा ह ऽफर म सोचत थ अगर कि णडऽलना ऊधवथ हो रहा होता तब शरा मत जा इस

ऽवषय म अवशय बतताऽक तिमहरा कि णडऽलना ऊधवथ हो रहा ह शरा मत जा हम अzwjसर बतय करता

था ऽक कि णडऽलना जब गिर दरर ऊधवथ की जता ह तभा कि णडऽलना ऊधवथ होता ह मगर जब कि छ वषो

बद मन अभयस क दरर कि णडऽलना ऊधवथ करक उसकी यतर पीणथ कर दा तब हम समपीणथ जनकरा

सवयमव हो गई कि णडऽलना सवयमव ऊधवथ हो सकता ह यऽद सधक उगर सधन करत रह तो कि णडऽलना

अवशय ऊधवथ हो जयगा सवमव ऊधवथ हई कि णडऽलना वल सधक अतयनत शऽzwj तशला होत ह तथ

अपन सधनकल म दीसरो पर शऽzwj तपत कर सकत ह कि णडऽलना ऽसथर होन क बद योगबल की मतर

पहल की अपकष स कफी अऽधक हो जत ह ऽजन सधको की कि णडऽलना ऽपछल जनम म ऊधवथ हो

चिकी ह तथ कि णडऽलना की पीणथ यतर कर ऽसथर कर ऽलय ह ऐस सधको की कि णडऽलना अवशय उगर

होता ह तथ ऐस सधक मगथदशथन म सकषम होत ह

म बत कमवसन की कर रह थ सधक की कि णडऽलना जब सवऽधषठन चकर पर आता ह तब

सधक क अनदर की कमवसन बहत जयद परकट हो जता ह zwjयोऽक सवऽधषठन चकर जननऽनदरय

अथव ऽलग क सथन पर होत ह कि णडऽलना जब वह ा पहाचता ह तब यह चकर अऽधक ऽकरयशाल हो

जत ह इसऽलए उस समय धयनवसथ म कमवसन क परभव बहत अऽधक हो जत थ मगर जब

मन धयन करन बनद कर ऽदय तब कमवसन क परभव समपत हो गय थ zwjयो कि णडऽलना क ऊधवथ

होन बनद हो गय थ वह मीलधर चकर म सिषिपत अवसथ म हो गई था यह बत जनवरा सन 1989 की

ह इसा परकर हमरा कि णडऽलना ऽसतमबर-अzwjटीबर सन 1989 म भा ऊधवथ हो गया था मगर शरा मत जा

दरर न बतय जन क करण म उधर की ओर धयन नही दत थ म सोचत थndash शरा मत जा न तो

कि णडऽलना ऊधवथ नही की ह जबऽक मिझ कि णडऽलना ऊधवथ होत हए ऽदखई दता था शरा मत जा हम zwjयो

नही बतता था वह बत म कभा समझ हा नही समझ पय जबऽक दीसर सधको क ऽवषय म सब कि छ

बतय करता था म पीणथ रप स शरा मत जा पर ऽनभथर थ ऽक शरा मत जा सवय बत दगा उस समय

ऽकसा करण स हमरा सधन कम हो गया तब ऽफर हमरा कि णडऽलना ऽफर बठ गया था ऽफर जनवरा

सन 1991 म हमरा कि णडऽलना एक ऽदवय शऽzwj त न ऊधवथ कर दा था अबकी बर कि णडऽलना ऊधवथ होकर

रदय तक आ गया था

योग कस कर 112

फरवरा सन 1991 म मत जा क पस ऽमरज-महरषटर गय थ उस समय ऽशवरऽतर पवथ पर मिझ

बिलय गय थ तब मन शरा मत जा स पीछndash कपय आप हम सपषट बतइय यह zwjय ह शरा मत जा

बोलाndash आननद कि मर आपको समझ आना चऽहएआपकी कि णडऽलना ऊधवथ हो रहा ह आपकी

कि णडऽलना लगभग सव सल पहल भा ऊधवथ हई था मगर ऽफर वह बठ गई‛ म बोलndash शरा मत जा

आपन पहल हम कि णडऽलना क ऽवषय म बतय नही थ जब गिर कि णडऽलना ऊधवथ करत ह तब

कि णडऽलना ऊधवथ होता ह शरा मत जा बोलाndash sbquoआपको समझ म आन चऽहए थ zwjय हर बत को गिर

बतएग‛ शरा मत जा क शबदो को सिन कर मिझ बड़ दिःख हआ अगर मिझ पहल मलीम हो जत ऽक

मरा कि णडऽलना ऊधवथ हो गया ह तब म और जयद समय तक सधन करत तऽक वह दिबर मीलधर

चकर म सिषिपत अवसथ म ऽसथत नही होता मन शरा मत जा स पीछndash sbquoआप बतय करता थी गिर हा

कि णडऽलना ऊधवथ करत ह तभा ऊधवथ होता ह मगर आपन हमरा कि णडऽलना ऊधवथ नही की ह शरा मत

जा बोलाndash ldquoह ा यह सहा ह मगर आपकी कि णडऽलना उठन क मन सकलप ऽकय थrdquo यह सिन म चिप

हो गय मन ऽनिय ऽकय ऽक हमरा कि णडऽलना उसा ऽदवयतम न ऊधवथ की ह यहऽदवयतम मर दो जनम

पीवथ क ऽपत शरा ह इनहीन वतथमन जनम म मरा कि णडऽलना जगऽत की था इसक ऽनिय हम बद म हो

गय थ हमर ऽपछल कई जनमो म कि णडऽलना जगरत रह चिकी ह तथ ऽपछल जनमो म मन बहत सधन

भा की ह मगर हमर कि छ कमथ अभा शष ह इसऽलए हम इस जावन म कऽठनइया ऽमल रहा ह

नाग ही नाग

यह अनिभव मचथ-अपरल 1989 म आय थ मिझ धयनवसथ ऽदखई ऽदयndash म कही चल ज

रह ह ा समन की ओर हम लतएा हा लतएा भीऽम पर फला हई ऽदखई द रहा ह लतएा अपन आपम

उलझा हई था और य लतएा बहत हा घना था मन उन लतओ क अनदर परवश ऽकय और थोड़ स

आग की ओर चल तभा हम ऽदखई ऽदयndash लतएा आपस म ऽलपटकर ऽबन ऽकसा आधर क आसमन

की ओर ज रहा ह म उनह गौरपीवथक दख रह थ तभा हम समन लतओ म ऽलपट हआ बहत बड़

पाल नग ऽदखई ऽदय जस हा मन नग की ओर दखndash उसन फन फलकर हमरा ओर जोर स फि फकर

मरा म थोड़ पाछ की ओर ऽखसक गय वह नग लतओ म ऽलपट हआ हम बरमबर फि फकर मर

ज रह थ उसक फन बहत हा चौड़ थ हलऽक वह करोध म फि फकर रह थ उस नग क रग पाल

योग कस कर 113

चमकदर होन क करण हम बड़ पयर स लग रह थ म अपन समन वल रसत तयग कर एक ओर

स आग की ओर जन क परयस ऽकय म हथो स लतओ को हटत ज रह थ इतन म एक पाल रग

क नग न हमर हथ पर फन द मर म चौक तो दखndash पहल नग की भाऽत वह भा लतओ म ऽलपट

हआ थ पहल वल नग और यह नग एक जस थ म थोड़ स दऽहन होकर आग की ओर चल हा

थ तभा ऽफरएक नग न हमर रसत रोक ऽदय मन सोचndash zwjय इन लतओ म नग हा नग रहत ह

हमर अनदर पत नही कहा स ऐस सहस आ गय ऽक नगो क हम ऽबलकि ल डर नही लगन लग अब

म उन लतओ को कि चलत हआ आग की ओर जन लग नगो क झिड-क-झिड हम ऽमलत थ वह नग

फन ऊपर उठकर जोर-जोर स फि फकर मरत थ नग लतओ म ऽलपट हए थ और भीऽम पर भा कि णडला

मर बठ हए थ नाच बठ नगो क फन हमर परो म लगत थ लतओ पर ऽलपट हए नग अपन फन

हमर हथो पर मर रह थ आग बढ़न म हम परशना होन लगा zwjयोऽक लतएा कम था नगो की सखय

जयद था भीऽम पर पर रखन भा मिऽशकल थ चरो ओर पाल रग क नग हा नग ऽदखई द रह थ नगो

की शव ास की आवज हमर कनो म बहत जोर स गीाज रहा था नगो क करण म आग नही बढ़ सक

भीऽम पर पर रखन क ऽलए जगह नही था अब म उन पाल नगो क बाच खड़ हो गय म ऽनभीक होकर

नगो को दख ज रह थ वह कि णडला मर फन उठकर फीा फकर रह थ मगर मिझ ऽकसा न कट नही

थ हमर अनिभव समपत हआ

ऄथश- सधको पाल रग क नग कि णडऽलना शऽzwj त क सवरप ह वह एक होकर भा अनक रपो म

ऽदखई द रहा ह जो ढर सरा लतएा ह वह हमर शरार क अनदर की सीकषम नऽड़यो क जल ह हर चकर

म सीकषम नऽड़यो क जल स होत ह आजकल म शऽzwj तमतर क बहत जप कर रह ह ा कि णडऽलना

जगरण स सीकषम शरार क ऽवकस होत ह सीकषम शरार क अनदर ऽसथत सीकषम कोऽशकओ की जड़त

नष ट करक चतनयत ऽवखर दता हइसऽलय सभा लतओ म नग ऽलपट हए ऽदखई द रह ह तथ जोर-जोर

स फि फकर रह ह

अग का गोला व बनदर

धयनवसथ म हम कभा-कभा बनदरो क दशथन भा होन लग ह पहल मन सोच ऽक बनदर zwjयो

ऽदखई दत ह इनक धयन स zwjय लन दन ह मगर जब इन बनदरो पर गहरा दऽष ट डलकर गौर पीवथक

योग कस कर 114

दख तब ऐस लग ऽक इनक धयन स कोई-न-कोई अथथ जरर ह नही तो य धयन म zwjयो ऽदखई दत

ह धयनवसथ म एक बर म ऽसफथ एक हा बनदर ऽदखई दत थ य सभा बनदर लल रग क होत ह

लल रग क बनदरो की पीाछ छोटा होता ह मगर धयनवसथ म इनकी पीाछ कफी बड़ा ऽदखई दता था

अनिभव म दशय इस परकर क होत थndash बनदर धार धार आग की ओर चल ज रह ह उसकी पीाछ ऊपर

की ओर उठा हई ह बनदर स आग की ओर परकऽशत आग क एक गोल ऽदखई दत ह यह आग क

गोल बनदर स दो फीट की दीरा पर ऽसथत रहत ह बनदर जस-जस आग बढ़त जत ह वस-वस आग क

गोल भा आग बढ़त जत ह मगर बनदर और आग क गोल की दीरा सदव एक-सा बना रहता ह कि छ

समय बद आग क गोल फट जत ह तब बनदर भा अदशय हो जत थ इतन म अनिभव समपत हो

जत थ यह अनिभव हम सदव सिनहल परकश म ऽदखई दत थ अनिभव सदव इसा तरह क आत ह

फकथ ऽसफथ इतन होत ह कभा कभा आग क गोल आग की बजय पाछ की ओर ऽदखई दत ह कभा-

कभा आग क गोल दो ऽदखई दत ह एक गोल आग की ओर होत ह और दीसर गोल पाछ की पाछ

रहत ह मगर बनदर स दोनो आग क गोलो की दीरा सदव समन रहता ह तथ आग क गोल फटत हा

बनदर अदशय हो जत ह

ऄथश- धयनवसथ म सधक को इस परकर क दशय ऽदखई द तब उस समझ लन चऽहए ऽक

सधक की सधन अऽनन ततव म चल रहा ह अऽनन ततव क अनतगथत ऽजसकी सधन चलता ह उसक

आनतररक ऽवकस होन शिर हो गय ह अथ थत सीकषम ऽवकस होन लगत ह यह ऽवकस सीकषम शरार क

अनतगथत चलत ह इसक समबनध सीकषम जगत स होत ह कि णडऽलना क सवरप भा अऽनन ततव स

समबऽनधत होत ह जब धयनवसथ म बर-बर लल रग क बनदर ऽदखई दन लग तब उसक अथथ

यहा लग लन चऽहए इसऽलए आग क गोल ऽदखई दत थ आग क गोल फटन क अथथ होत हndash

सधक क ऽचतत पर ऽसथत वऽततय ा जो यह दशय ऽदख रहा ह वह वयपक होन लगा ह अगर धयनवसथ

म कल मिाह वल लगीर (बनदर) ऽदखई द तब उसक अथथ वयि ततव स समबऽनधत होत ह

सवपन सकत

सधको सवपन सकत को सधन क अनिभव नही कहन चऽहए बऽलक हमर मनन ह ऽक यह

सधन की एक अवसथ होता ह सवपन सकत क अथथ हndash म सवपनवसथ म ऽजस दशय को दख रह ह ा

योग कस कर 115

ऽजस वयऽकत स बत कर रह ह ा चह वह पररवर क वयऽकत पड़ोसा ऽमतर ररसतदर जन-पऽहचन वल

हो वही सवपन वह वयऽकत भा दख रह होत ह सवपनवसथ म जो बत म अपन ऽमतर सग समबनधा स

कह रह ह ावह वयऽकत भा वहा सवपन दख रह होत ह तो उस भा मलीम हो रह ह म zwjय कह रह ह ा

कहन क अथथ हndash मर सवपन म आन वल वयऽकत भा ऽबलकि ल वहा दशय व बतचात अपन सवपनवसथ

म दख रह होत ह कह जत हndash सवपन सतय नही होत ह मनिषय क मन हा सवपन ऽदखन कम करत

ह वहा एक स अनक बनकर कलपऽनक दशय ऽदखत ह जो सच नही होत ह सवपन हर पिरष क अपन

वयऽकतगत होत ह दीसरो स उसक कि छ लन दन नही होत ह मगर जो सवपन सऽतवक वऽततयो दरर

ऽदखय जत ह वह सवपन सदव सतय होत ह

सवपन सकत की अवसथ हमरा कफी ऽदनो तक चलता रहा म सवपनवसथ म दीसरो की

जनकरा हऽसल कर लत थ मन बहत स लोगो स इस तरह स बत की यऽद हम अपन ऽमतर स कोई

बत कहना होता था तब सोन स पीवथ म उनहा बतो क सकलप करक सो जत थ ऽफर सवपनवसथ म

अपन ऽमतर स वहा बत कर रह होत थ बद म जब म अपन ऽमतर स कहत थndash आपन सवपन म यह

दख ह तथ यह बत की ह तब ऽमतर चौक पड़त थ वह कहत ऽक हमर सवपन तिमह कस मलीम हो

गय इस परकर क सवपन सकत भजन म दीरा क कोई अवरोध नही होत थ दीरा कम हो अथव जयद

हो इसम कोई फकथ नही पड़त थ यह ऽकरय उसा क सथ करत थ ऽजसस हमरा घऽनषठत होता था म

अपना वसतऽवक बत ऽकसा को नही बतत थ

सवपन सकत म ऽकसा को भा भज सकत थ चह उसन हमस बत की हो अथव बत नही की

हो अपन परयोग क तौर पर कि छ पतर ऐस चिन थ ऽजनस मन कभा बत नही की था अब म ऐस पतरो क

पस सवपन सकत भज करत थ बद म ऽकसा न ऽकसा तराक स इसकी जनकरा परप त कर लत थ

तब ऽनिय हो जत थ हमर परयोग सच ऽनकल ह मगर दीसर वयऽकत अचऽमभत हो जत थ ऽक इनह

हमर सवपन क ऽवषय म कस मलीमहो गय ह सवपन सकत ऽसफथ पिरषो को हा नही बऽलक ऽसतरयो को भा

परयोग क तौर पर भजत थ जो 100 सच होत थ कि छ समय बद मन यह सब कि छ छोड़ ऽदय मिझ

अपना सधन आग की ओर ल जना था जब एक-डढ़ वषथ बद इस परकर क परयोग ऽकय तब यह

परयोग सफल नही हआ मिझ लग यह कयथ ऽकसा ऽसऽि की तरह होत थ

योग कस कर 116

सकलप पणश होना

मन पहल भा ऽलख ह ऽक मन इलzwjटरोऽनzwjस की दिकन खोल ला था कि छ हा समय म हम

आसपस क लोग जनन लग थ zwjयोऽक इस कषतर म हमर अनिभव बहत हा अचछ ह नय सट सवय

असबल करन पिरन ररपयररग करन मिझ अचछा तरह आत थ मगर म दिकन कम हा खोलत थ

करण यह थndash म सधन पर जयद धयन दत थ तथ जयदतर बहर भा जय करत थ म ऽसफथ

दिकन उतना हा खोलत थ ऽजतना हम पसो की जररत होता था zwjयोऽक हमर लकषय सधन करन थ

धन परऽपत करन नही थ हमरा दिकन दो-दो सपतह बनद रहता था जब म दिकन खोलत थ तब रपय

आन शिर हो जत थ इस सबक करण एक थ म अपन मगथ म (इलzwjटरोऽनzwjस) बहत अनिभवा थ

इसऽलए लोग दिकन खिलन क इतजर करत रहत थ कि छ ऽदनो बद हमर अनदर एक ऽवशष गिण आ

गय सिबह म सोच लत थ ऽक आज दिकन म हमर पस इतन रपय आ जय तब दिकन म शम तक

उतन हा रपय आ जत थ उन रपयो की ऽगनता न कम होता था और नही जयद होता था यह बत हम

आश चयथ म डल दता था

एक ऽदन मन ऽनिय ऽकय ऽक मर पस इतन रपय आ जएा इन रपयो की सखय बहत हा जयद

था रपय परप त करन क लकषय असमभव स थ मगर आश चयथ की बत ह दिकन पर इतन कम आ

गय ऽक ऽदन भर म कम पीर नही कर सक थ ऽफर दिकन पर रककर रत भर कम ऽकय दीसर ऽदन

सिबह उतन हा रपय आ गय ऽजतन रपय क ऽलए मन सोच थ अब म चौक यह zwjय बत ह ऐस zwjयो

होत ह अब म अपन घर म सभा को बत ऽदय करत थ ऽक आज हमर पस इतन रपय दिकन स

परप त होग घरवल भा आश चयथ म पड़ गय थ म अपन घर म बत क जत थ मिझ आज इतन रपय

दिकन स चऽहएतब उतन हा रपय हमर पस आ जत थ पठको आपको आश चयथ हो रह होग ऽक

ऐस कस होत होग मगर यह सब सतय ह उस समय रपय की जररत चह ऽजतना हो म अपन जररत

क अनिसर हा दिकन स रपय परप त करत थ मगर रपय कभा जम नही करत थ

एक बर शरा मत जा क पतर आ गय उनहोन हम गिर पीऽणथम पर बिलय थ हमर पस रपय

ऽबलकि ल नही थ zwjयोऽक मन कभा रपय एकतर हा नही ऽकय थ जब जररत पड़ता था तब दिकन खोल

लत थ शम तक रपय परप त हो जत थ अबकी बर शरा मत जा क पस जन थ मन दिकन खोला

और दिकन स कहndash ldquoदख हम शरा मत जा क पस जन ह इतन रपय शाघर चऽहएrdquo ऽफर zwjय थ डढ़

योग कस कर 117

मह दिकन बनद रहन क बद भा गरहको की लइन लग गई तान ऽदन-तान रत दिकन पर बरबर कम

करत रह ऽफर हमर पस उतन हा रपय आ गय ऽजतन रपय हम चऽहए थ दीसर ऽदन शरा मत जा क

पस जन क चल ऽदय वह ा पर गिर पीऽणथम पवथ क उतसव मनय ज रह थ मन दिकन स कभा भा

जयद रपय क ऽलए नही सोचत थ आऽखरकर ऐस म zwjयो सोचीा हमर जावन क मिखय लकषय योग

क अभयस करन थ म सदव योग क ऽवषय म सोचत रहत थ ऽक जयद स जयद योग क अभयस

कर सकीा

ऽपरय सधको अब म यह ऽलखत ह ा ऽक यह सब कस होत थ उततरndash यह सब सधन क बल

पर होत थ मगर ऐस कयो को करन म योगबल घटत रहत ह ऽपरय सधको म आपको एक रय दत

ह ा ऽक आप ऐस कभा मत करन योगबल को सदव आधयऽतमक कयो म कलयण हति लगन चऽहए

योगबल क भौऽतक कयो म कभा परयोग नही करन चऽहए म परयोग क तौर पर यह सब ऽकय करत

थ तऽक इस परकर क कयो को करन म बराकी स जनकररय ा परप त हो सक म चिपचप बठन वल

सधक नही ह ा ऐस कयो को करन क ऽलए योग क कठोर अभयस व तयग की आवशयकत होता ह

परयोग क तौर पर मन zwjय-zwjय ऽकय ह उस आप आग पढ़ोग म उन परयोगो क ऽवषय म नही ऽलख रह

ह ा जो मन ऽसऽियो क परप त करन क ऽलए ऽकय ह

अवदगर शकराचायश जी क दशशन

अभा तक मन जो अनिभव ऽलख ह वह ऽसफथ 18-20 ऽसतमबर सन 1984 स मई सन 1989 तक

क ह zwjयोऽक इस अवऽध म आय इन अनिभवो को मन कॉपा म नही ऽलख थ अब दस वषथ बात जन क

बद इन अनिभवो को ऽलख ह मिझ मिखय रप स जो अनिभव यद आय उनह ऽलख ह ऽजन अनिभवो की

मिझ यद नही आया उनह म नही ऽलख सकत ह ा कि छ अनिभव मिझ और भा यद ह मगर उनह नही ऽलख

रह ह ा यऽद म सर अनिभव ऽलखीाग तब बहत जयद ऽलखन पड़ग

अब जो आग अनिभव ऽलख गय ह वह अनिभव धयन म आन क बद तिरनत कॉपा म ऽलख ऽलय

करत थ फरवरा सन 1994 म हम आऽदगिर शकरचयथ क आदश परप त हआ थndash ldquoअपन िपछल

अनभव याद करक िलिखए तथा योग पर भी लख िलिखएrdquo मन उनह परणम ऽकय और म बोलndash ldquoपरभि

योग कस कर 118

आपकी आजञ क पलन करा ग आप हम आशावथद द मर अनदर इतना योनयत आ जय ऽक म योग

पर लख ऽलख सकीा rdquo भगवन शकरचयथ जा बोलndash sbquoआपक अनदर अवशय पररणा जागित होगी आप

लख िलख सकग मरा आरीवाशद तमहार साथ ह भिवषय म तमहार पास योग क िवषय म ढर सारी

योगयताए होगी तम सवय अपन आप म पणश होग योग की सारी समसयाए हल करन म आप सवय

सामरथयशवान होग तथा महानता को पराप त होगrdquo म बोलndash ldquoपरभि आप स ऽनवदन ह ऽक आप हम

परकय परवश ऽसऽि क ऽवषय म बतन की कप करrdquo मरा बत सिनकर भगवन शकरचयथ जा कषणभर

क ऽलए सतबध रह गय ऽफर थोड़ मिसकरए और बोलndash ldquoयोगी इस िसिदध क िवषय म जानकर कया

करोग भिवषय म तमह तततवजञान पराप त होगा िरर इस िसिदध क िवषय म नही पछोग तथा तमहार परश न का

उततर भी िमल जायगा रीघर ही तम तततवजञान को पराप त करोग तथा असीिमत योगबल क सवामी भी होग

हमारी आजञा को रीघर पालन करना रर कर दोrdquo उनहोन आशाव थद मिदर म ऊपर की ओर हथ उठय

और अतधय थन हो गय ऽफर अzwjटीबर सन 1995 म हमर और भगवन शकरचयथ जा क धयनवसथ म

वत थलप हआ थ यह वत थलप ऽसऽि क ऽवषय म हआ थ मगर उनहोन आकश गमन ऽसऽि क

ऽवषय म बतन स इनकर कर ऽदय वह बोलndash ldquoयह ऽसऽि मिझ मलीम नही ह म तो पना क ऊपर चलन

वला ऽसऽि क ऽवषय म जनत ह ाrdquo म बोलndash ldquoकपय आप इसा ऽसऽि क ऽवषय म बत दाऽजएrdquo मगर

उनहोन कोई उततर नही ऽदय वह चिप हो गय मन कहndash ldquoपरभि म अपन जञन क दरर इस ऽसऽि क ऽवषय

म जन क रह ागrdquo मगर वह कि छ नही बोल ऽसफथ चिपचप रह बद म मिझ मलीम हो गय थ ऽक बरहम

दरर मन ऽकए जन क करण हम ऽसऽियो क ऽवषय म कि छ भा नही बतय गय मगर भऽवषय म इन

ऽसऽियो क ऽवषय म जनकरा हो गया था

वमरज यातरा

मई क आऽखरा सपतह म मिझ शरा मत जा क पतर ऽमल उसम ऽलख थndash आप 15 जीन तक

हमर पस आ जएा 18 जिलई को गिरपीऽणथम क उतसव मनय जयग तब तक आप हमर पस रह

सकत ह इस अवऽध म आपको गिर सव क अवसर ऽमलग तथ आपको अधयऽतमक लभ भा होग

पतर पढ़ कर मिझ बहत खिशा हई ऽक शरा मत जा क पस कई ऽदनो तक रहन क अवसर ऽमलग इतन

समय तक रहन क अवसर शयद हा ऽकसा ऽशषय को ऽमल होग मिझ अपन आप म बड़ा खिशा महसीस

योग कस कर 119

हई मन ऽनिय ऽकय ऽक म अवशय शरा मत जा क पस जऊा ग मन सोच कि छ समय तक क ऽलय

दिकन बनद कर दीाग घर क सदसयो न तथ ऽमतरो न हम बहत समझय ऽक तिमहरा दिकन की अभा-अभा

शिरआत हई ह तथ कम भा अचछ चल रह ह इतन पहल स ऽमरज क ऽलए मत जओ गिर पीऽणथम पर

चल जन मगर इन सभा को zwjय मलीम ऽक मिझ कौन-स लभ ऽमलन न वल ह शरा मत जा क पस

पतर ऽलखकर भज ऽदय ऽक म आपक पस 15 जीन को आ रह ह ा

म घर स 13 जीन को ऽमरज क ऽलए चल ऽदय 15 जीन को सिबह ऽमरज पहाच गय वह ा पहाच

कर मलीम हआ ऽक शरा मत जा बामर ह उस समय शरा मत जा बामरा क करण ऽकसा भा सधक

को अपन चरण सपशथ नही करन दता थामन शरा मत जा क दशथन ऽकय ऽफर उनहोन हम अपन पस

बिलन क करण बतय शरा मत जा बोलाndash आननद कि मर मन आपको यह ा पर इसऽलए बिलय ह

ऽक आप हमर पस रह सकत ह आपको खन बनन भा आत ह इसक अथथ यह नही ह ऽक आप

यहा पर खन बनएा आप इस कयथ म भा ऽनपिण ह इसऽलय मन आपको ऐस कह थ तथ यहा रहकर

आपको सधन करन क जयद समय भा ऽमलग आप वस भा जयद स जयद सधन करन चहत

ह मन स ऽवरकत भा हो चिक ह आप यह ा पर पिरषथथ क ऽलए नौकरा कर लाऽजए आपक ऽलए नौकरा

ढीाढ दा जयगा ऐस शबद सिनकर मिझ बहत आश चयथ हआ ऽक शरा मत जा क घर म रह ा उनकी सव

करा कि छ समय क ऽलएनौकरा भा कर लीा तथ सधन करन क अवसर भा ऽमलग हमन पहल तो

ऐस नही सोच थ इसऽलए यह सब सिनकर बड़ आश चयथ स लग म कि छ नही बोल zwjयोऽक म ऽनणथय

नही कर पय थ ऽक zwjय करा मन शरा मत जा स कहndash ldquoमत जा हमर घर स 4-5 ऽक०मा० दीर

कसब म हमरा दिकन भा ह म कि छ ऽदनो क ऽलय दिकन बनद करक आपक पस आ गय ह ा मिझ घऱ

वपस जन जररा ह शरा मत जा बोलाndash ldquoआप कि छ ऽदनो बद घर चल जन दिकन क समन घर म

रख कर वपस आ जन‛ म शरा मत जा क समन कि छ कह नही सकत थ इसऽलए ह ा कह ऽदय

zwjयोऽक हमर अनदर मन कर दन की समथयथ नही था

शरा मत जा न सभा सधको को बत ऽदय थ ऽक आननद कि मर हमर पस रहग मगर हमर

मन क अनदर शरा मत जा क यहा रहन की ऽबलकि ल इचछ नही था मगर यह बत म कह नही पत थ

एक ऽदन शरा मत जा न कि लकणी जा स कहndash ldquoआप आननद कि मर की नौकरा लगव दाऽजएrdquo

कि लकणी जा इस कयथ को करन ऽलय तयर हो गय ऽफर म कि लकणी जा क सथ ऽमरज शहर म ऽदन भर

नौकरा ढीाढत रह मगर नौकरा नही ऽमला नौकरा न ऽमलन क एक करण यह भा थ इलzwjटरॉऽनzwjस क

योग कस कर 120

ऽजस तरह क कयथ म मिझ महरत परप त ह उस तरह क कयथ ऽमरज शहर नही होत थ शरा मत जा क

घर की तरफ वपस लौटत समय मन अपना बत कि लकणी जा को बतई ऽक मरा इचछ शरा मत जा क

पस रहन की नही ह यह बत शरा मत जा स परतयकष कह नही पत ह ा कि लकणी जा न मिझ समझयndash

ldquoआप यही रक जइए शरा मत जा सभा स अपन पस रकन क ऽलय नही कहता ह आपक सौभनय ह

ऽक आपस कह गय हrdquo उततर म म कि छ नही बोल दीसर ऽदन एक-दो जगह नौकरा करन क ऽलए बत

हो गया था मगर कि छ करणो स वह ा पर म नही गय शरा मत जा हमर रख को जन गई थी शयद

कि लकणी जा न शरा मत जा को बत ऽदय होग zwjयोऽक शरा मत जा थोड़ा उखड़ा-उखड़ा सा रहन लगा

थी कि छ ऽदनो बद मिझ ऽकसा न जनकरा दा था शरा मत जा न पीन क शरा अऽनल टक जा स अपन

पस रहन क ऽलए कह थ मगर अऽनल जा न शरा मत जा क पस इस तरह ठहरन क ऽलए मन कर

ऽदय थ

जब म शरा मत जा क पस ऽमरज पहाच थ तब उसक तान-चर ऽदन बद जलग ाव की दो

सऽधकएा भा आ गई थी वह शरा मत जा की बड़ा सव ऽकय करती था बद म हमरा और उन दोनो

सऽधकओ की घऽनषठत हो गई था हम सब एक सथ ऽमलकर धयन करन क ऽलय बठत थ और एक

सथ ऽमलकर कम भा ऽनपट ऽलय करत थ सभा की सधन बहत तावर हो गई था उस समय हम बहत

अनिभव आन लग थ सभा सधक कहत थ आप अपन अनिभवो को zwjयो नही ऽलख करत ह आपको

अनिभव अचछ-अचछ आत ह इसऽलय अपन अनिभवो को ऽलख ऽलय करो शरा मत जा न भा हमस

कहndash ldquoआप अपन अनिभव ऽलख ऽलय करrdquo एक बर अणणजा कह थndash sbquoआननद कि मर आप बजर

स एक कॉपा खराद लाऽजय अपन अनिभव ऽलखन शिर कर दाऽजए आपको अनिभव बहत अचछ आत

ह हो सकत ह भऽवषय म आपक अनिभवो क लभ अनय सधको को भा परप त हो यहा बत बहत

पहल मन शरा मत जा को भा कहा था उनहोन भा अनिभव ऽलखन शिर कर ऽदय थ आज उन

अनिभवो क लभ आप सभा सधको को ऽमल रह हrdquo मन अणणजा की बत मन ला और अनिभव

ऽलखन शिर कर ऽदय

मन पहल ऽलख चिक ह ा शरा मत जा क सवसथय खरब चल रह थ वह ऽकसा स चरण सपशथ

नही करता थी मगर एक ऽदन सिवह चर बज धयन पर बठत समय शरा मत जा न अपन दऽहन पर क

अागीठ स हमर आजञचकर पर शऽzwj तपत ऽकय थ तब स हमर धयन और अचछ लगन लग थ मिझ

अपन घर की अपकष शरा मत जा क यह ा पर धयन बहत अचछ लगत थ zwjयोऽक यह ा पर पीरा तरह स

योग कस कर 121

आधयऽतमक वतवरण थ तथ शरा मत जा सदव परतयकष उपऽसथत रहता थी शरा मत जा हमस पीज

भा (सवमा ऽशवननद जा की) करवता था उनक धयन ककष म एक छोट-स मऽनदर ह उसम सवमा

ऽशवननद जा ( शरा मत जा क गिर) की मीऽतथ सथऽपत ह हम सभा सधक ऽमलकर एक सथ सतिऽत

हनिमन चलास तथ मतर आऽद क पठ ऽकय करत थ चौबासो घनट आधयऽतमक वतवरण बन

रहत थ

कणडवलनी शवzwj त का दशशन

अब हमर धयन बहत गहर लगन लग थ मीलधर म अzwjसर ददथ हआ करत थ इसक सथ

मीलधर म सदव ऽखचव हआ करत थ एक ऽदन धयनवसथ म म आग की ओर झिकत चल गय

ऽसर फसथ पर सपशथ करन लग थ ऽफर शवस भा तज चलन लगा य शवस मीलधर म जोर जोर स टकर

रही थी इसस मीलधर चकर म ददथ बढ़ गय थ कि छ कषणो क ऽलए म गहरई म चल गयतभा मिझ

अनिभव आयndash हमर समन भगवन ऽवषणि खड़ हए मिसकर रह ह उनक चर भिजएा ह वह पातमबर

धरण ऽकय ह गल म बहत सिनदर बड़ा सा मल पहन हए ह चरो भिजओ म शख चकर गद व पदम

धरण ऽकय हए ह म बहत परसनन हो रह थ वह अनतररकष म खड़ हए थ तथ परकश क वलय चरो

और घीम रह थ कि छ कषणो तक म भगवन ऽवषणि को दखत रह भगवन ऽवषणि क शरार परदशी स

हो गय हम उनक शरार म मीलधर चकर ऽदखई दन लग ऽफर मीलधर चकर स एक बहत तज

परकऽशत पतला सा लइन ऊपर की ओर जन लगा वह परकऽशत लइन गल तक जकर रक गई ऽफर

कि छ कषणो बद वह लइन अदशय हो गई ऽफर मीलधर चकर स अतयनत चमकीला परकश लइन ऊपर

की ओर घिमवदर चढ़ता हई तावर गऽत स जन लगा गल तक जकर अदशय हो गई यहा ऽकरय बर-बर

हो रहा था मीलधर चकर स कणठचकर तक वह परकऽशत लइन घिमवदर चढ़ता था ऽफर अदशय हो

जता था उस समय हम भगवन ऽवषणि क शरार ऽबलकि ल परदशी ऽदखई द रह थ कि छ कषणो तक म

यह ऽकरय दखत रह ऽफर भगवन ऽवषणि अतधयथन हो गय हमर धयन टीट गय

म अपन अनिभव क अथथ जनत थ ऽफर भा शरा मत जा क दरर म इस अनिभव क अथथ सिनन

चहत थ मन अपन अनिभव शरा मत जा को बतय और इसक अथथ पीछndash शरा मत जा बोला

आपको कि णडऽलना क दशथन हआ ह यह परकऽशत लइन मिझ अब भा यद ह

योग कस कर 122

वशववलगो क दशशन

एक बर धयन करत समय मन दख ऽक हमर भकि टा पर ऽशवऽलग ऽवदयमन ह म कि छ कषणो तक

उस दखत रह ऽफर वह अदशय हो गय कि छ समय बद मिझ ऽफर ऽदखई ऽदयndash ऊा चा-ऊा चा बफीला

चोऽटया ह य चोऽटया सवपरकऽशत ह उन चोऽटयो क बाच एक समतल जगह ह उस समतल जगह पर

ऽशवऽलग बन हआ ह कि छ कषणो तक म ऽशवऽलग को दखत रह ऽफर धयन की गहरई म डीब गय

कि छ समय बद मन धयनवसथ म दखndash म बफील कषतर की ओर आग बढ़त चल ज रह थ

चरो ओर बफथ हा बफथ फला हई था मरा जहा तक दऽष ट जता था बफथ हा ऽदखई द रहा था कि छ समय

तक चलन क बद म एक जगह रक गय तब मिझ समन की ओर एक गिफनिम जगह बना हई ऽदखई

दा उस गिफनिम जगह म ऽवशल आकर क ऽशवऽलग ऽसथत थ ऽशवऽलग बहत हा सिनदर थ मन

सोचndash इस बफील सिनसन जगह म यह ऽशवऽलग ऽकतन सिनदर ऽदखई द रह ह कि छ कषणो म हमर

अनिभव समपत हो गय

सधको बद म मिझ मलीम हआ ऽक यह अमरनथ क ऽशवऽलग थ मन सोच चलो अमरनथ

तो म ज नही सकत थ मगर धयन म अमरनथ क दशथन हो गय

कि छ समय क बद दखndash सोन क बहत सिनदर दरवज ह जस हा म दरवज क समन पहाच वह

अपन आप खिल गय म दरवज क अनदर परवश कर गय ऽफर आग की ओर एक और दरवज ऽदखई

ऽदय जब म उस दरवज क पस पहाच तब वह भा खिल गय इसा परकर म आग की ओर चलत गय

मिझ दरवज ऽमलत गय जस हा म दरवज क पस पहाचत थ तब वह दरवज अपन आप खिल जत

थ इसा परकर छः दरवज ऽमल वह अपन आप खिल गय थ ऽफर आग की ओर एक बहत सिनदर

ऽशवऽलग ऽदखई ऽदय ऽशवऽलग क चरो ओर परकश फल हआ थ हमरा दऽष ट ऽशवऽलग पर कि छ

समय तक ऽसथर बना रहा ऽफर ऽशवऽलग अदशय हो गय तब मन अपन आपको अऽतररकष म खड़ हआ

पय

ऄथश- अनिभव म जो य दरवज अपन आप खिलत ज रह थ और म दरवजो क अनदर परवश

करत ज रह थ यह हमर हा सीकषम शरार क अनदर ऽसथत चकर थ जो इस परकर स ऽदखई द रह थ

इसक अथथ यह हआndash मरा सधन शाघर हा छटव चकर पर पहाच जयगा यह अनिभव छटव चकर क ह

योग कस कर 123

दरदशशन-दरशरवण वसवि

आजकल हमर अभयस अतयनत उगर स हो गय थ मिझ धयन क नश स चढ़ रहत थ

ऐस लगत थ ऽक सदव धयन हा करत रह ा अभयस इतन उगर हो गय ऽक जब म सो जत थ तब म

अपन आप सोत समय धयन पर बठ जत थ हमर जब धयन टीटत थ तब मलीम होत थ ऽक म

धयन पर बठ ह ा धयन पर बठत समय मलीम नही होत थ ऽक म धयन परकब बठ गय ह ा मिझ अपना

इस ऽकरय पर आश चयथ होत थ धयन पर एक य डढ़ घनट अवशय बठ रहत थ यह ऽकरय रऽतर क एक

बज स तान बज क बाच होता था हम ऽदन म नीद ऽबलकि ल नही आता था zwjयोऽक रऽतर म म ऽकतन

सोत थ यह मिझ मलीम नही थ वस म रऽतर क 12 बज सोत थ सिबह 4 बज जग जत थ

जब सधक ऽनदरवसथ म बठकर धयन करन लग और सधक को मलीम न हो पए ऽक वह कब

धयन करन क ऽलय बठ थ तब समझ लन चऽहए ऽक सधक की सधन बहत हा ताबर गऽत स आग

की ओर बढ़ रहा ह ऐस अतयऽधक अभयस करन क करण होत ह सथील शरार सोत रहत ह सीकषम

शरार धयन पर बठन क ऽलए सथील शरार को मजबीर कर दत ह सीकषम शरार क अनदर धयन की ऽकरय

चलता रहता ह इतना कठोर सधन करन वल सधक हजरो म एक हा होत ह अथव ऽवरल हा होत

हमर सथ एक आश चयथ जनक ऽकरय होन लगा था यह ऽकरय जगऽत अवसथ म हआ करता

था म कही भा बठ ह ा चह भाड़-भड़ की जगह म बठ ह ा हमरा आाख कभा भा अपन आप बनद हो

जता था म कषण भर क ऽलए अपन आप को भील जत थ उसा समय ऽकसा भा जगह क दशय ऽदखई

दन लगत थ और वही की आवज भा सिनई दता था ऽफर हमरा आाख खिल जता था यह ऽकरय

कषऽणक दर क ऽलय होता था म सोचत थndash यह कसा ऽकरय ह ऽक हमरा आाख अपन आप बनद हो

जता ह ऽफर ऽकसा जगह क कि छ न कि छ दशय ऽदखई दत ह और वही की आवज भा सिनई दता ह

कभा-कभा ऐस भा होत थ ऽक म सधको क बाच म बठ होत थ और हमरा आाख अपन आप बनद

हो जता था ऽफर ऽकसा जगह क दशय ऽदखई दन लगत थ और वही की आवज भा सिनई दता था

यह ऽकरय कभा-कभा मतर 10 सकणड को भा होता था कभा-कभा 2-3 ऽमनट तक की हो जता था

एक बर म शरा मत जा क समन बठ हआ थ अणणजा पठ कर रह थ म और शरा मत जा

उस पठ को सिन रह थ उसा समय हमरा आाख बनद हो गई हमर मिाह भा खिल गय थ कि छ कषणो बद

योग कस कर 124

मरा आाख खिल गई शरा मत जा मिझ दख रहा थी zwjयोऽक वह हमर समन बठा हई थी ऽफर कि छ कषणो

म मरा आाख बनद हा गई और लगभग आध ऽमनट बद खिल गया म चौक पड़ zwjयो ऽक शरा मत जा

की दऽष ट हमर चहर पर ऽटकी हई था जस हा म चौक तभा शरा मत जा न मिसकर ऽदय मिझ ऐस लग

जस मरा चोरा पकड़ा गया हो मगर म zwjय कर सकत थ म सो नही रह थ आलसय भा ऽबलकि ल नही

थ हम यह महसीस होत थndash आाख बनद होन पर हमरा गदथन थोड़ा सा एक तरफ को झिक जता ह

जयदतर दऽहना ओर को गदथन झिक करता था दीसर वयऽकत यही समझग ऽक आलसय क करण म सो

जत ह ा मगर म इस ऽकरय को रोक नही सकत थ zwjयोऽक हम खिद भा मलीम नही पड़त थ ऽक यह

ऽकरय होन वला ह जब यह ऽकरय हो जता था तब जन पत थ जो इस ऽकरय क समय दशय आत थ

वह बहत हा अचछ होत थ आवज इतना जोर स सिनई दता था ऐस लगत थ कन फट ज रह हो

अणणजा न जब पठ पीर कर ऽलय तब शरा मत जा न बतयndash sbquoआननद कि मर तिमह जो

ऽकरय होता ह इस दीरदशथन-दीरशरवण ऽसऽि कहत ह ऽसऽि क परभव स आाख अपन-आप बनद हो जता

ह उस समय ऽकसा भा जगह क दशय ऽमतर सग समबनधा आऽद ऽदखई दत ह तथ उनकी आवज भा

सिनई दता ह यह ऽकरय अतयनत तावर गऽत स होता ह इस ऽसऽि म सधक को बहत अचछ लगत ह

ऽकसा भा जगह की जनकरा पलक झपकत हा की ज सकता ह अणणजा जब पठ कर रह थ उस

समय आपको यह ऽसऽि कयथ कर रहा था म तिरनत जन गया थाrdquo मन शरा मत जा स पीछndash ldquoशरा मत

जा म यह नही जनत थ ऽक यह ऽसऽि ह आपस इस ऽवषय म पीछन की ऽहममत नही हई म सोचत थ

मिझ ऐसा ऽकरय zwjयो होता ह म सोत भा नही ह ा ऽफर भा आाख बनद हो जता ह हम दशय ऽदखई भा दत

ह तथ वहा की आवज भा सिनई दता ह ऽजस समय अणणजा पठकर रह थ उस समय मिझ पीन रलव

सटशन क दशय ऽदखई द रह थ अमिक टरन जन वला था यतरा टरन पर चढ़ रह थ तथ लउडसपाकर

स उस टरन क ऽवषय म घोषण की ज रहा थाrdquo शरा मत जा बोलीndash ldquoजो आपन दख ह वह सतय होग

मगर इस ऽसऽि क कभा दिरपयोग नही करन चऽहएrdquo शरा मत जा ऽसि क ऽवषय म बतकर अनदर

रसोई म चला गयी अब हमर अनदर बहत खिशा हई ऽक मिझ यह ऽसऽि परप त हई ह मन वह ा पर

उपऽसथत कि छ सधको को बतय ऽक मिझ दीर-दशथन और दीर-शरवन ऽसऽि परप त हई ह

ऽसऽि परऽपत की खिशा मिझ बहत हई मन सोचndash अब मिझ अपन अभयस और कठोरत स करन

चऽहए मगर सधन बढ़न क समय हमर पस नही थ वतथमन समय म म बहत सधन करत थ शरा

मत जा क पस कि छ सधक आय हए थ हमर पररचय उन सधको स हो गय थ मिझ उन सधको स

योग कस कर 125

भा बत करना पड़ता था थोड़ स घरली कम भा कभा-कभा करन पड़त थ हमर अनदर ऽवचर

आय ऽक यह ऽसऽि सवय कम करता रहता ह तथ जनकररय ा परप त करता रहता ह zwjय म अपना

इचछनिसर इस ऽसऽि स कम ल सकत ह ा मन सोचndash यऽद शरा मतजा स इस ऽसऽि क ऽवषय म

पीछी ाग ऽक इस ऽसऽि स कस कयथ लत ह तो zwjय वह बतएागा हो सकत ह शरा मत जा नरज हो

जएागा इसऽलए मन ऽनणथय ऽकयndash म सवय इस ऽसऽि क ऽवषय म जनकरा करा ग ऽक यह ऽसऽि कस

कयथ करता ह जस हा मन ऽसऽि क समरण ऽकय और ऽफर सकलप करक ओकर ऽकय उसा समय

ऽसऽि न तिरनत कयथ करन शिर कर ऽदय मन अपन एक ररशतदर क यहा क सकलप ऽकय थ कषण भर

म उस ररसतदर की सरा जनकरा ऽमल गया अब म बहत परसनन हआ ऽक ऽकसा क कि छ भा जन ज

सकत ह

मन इस ऽसऽि क ऽवषय म कि छ सधको को बतय तो सधक भा परसनन हो गय तथ ऽसऽि क

ऽवषय म और भा बराकी स पीछन लग मन बतयndash म कषण भर म ऽकसा की भा जनकरा कर सकत ह ा

उसा समय मन सधक ऽमतरो को कि छ और जनकररय ा दी ऽफर बद म हम बतय गय ऽक वह

जनकररय ा सतय ह जब मरा इचछ होता था तब म ऽमरज म बठ हआ अपन घर (कनपिर उपर) की

सरा जनकररय ा कर लत थ इचछ करत हा हम टा०वा० की तरह दशय ऽदखई दन लगत थ मगर

कि छ ऽदनो स य ऽसऽि बहत कयथ करन लगा था अब म सोचन लगndash यह ऽसऽि कम कयथ कर तो

अचछ ह zwjयोऽक इसक करण सधन म अवरोध आन लग थ मन सरा बत ऽसऽि क ऽवषय म शरा

मत जा को बतया तब शरा मत जा बोलीndash ldquoआप सकलप करक इस ऽसऽि को बनद कर ऽदऽजए तथ म

भा सकलप करा गा ऽक यह ऽसऽि कयथ न कर वरन आपक धयन म अवरोध आयग तथ आप इस

ऽसऽि स कयथ ऽबलकि ल न लाऽजय ऽफर कि छ ऽदनो बद धार-धार यह धामा पड़ जयगा आपको ऽसऽि

अभा नया-नया परप त हई ह इसऽलए अऽत तावर गऽत स कयथ कर रहा हrdquo

ऽपरय सधको यह ऽसऽि कि छ ऽदनो बद अपन आप धामा पड़न लगा था मगर ऽसऽि न पीणथ रप

स कयथ करन बनद नही ऽकय इस ऽसऽि स ऽकसा की भा अतयनत गिपत बत जन सकत ह जो उस समय

वतथमन म हो रह हो आप इस ऽसऽि क चzwjकर म मत पड़न zwjयो यह अभयस क ऽलए अवरोध ह मन

ढरो जनकररय ा इस ऽसऽि दरर परप त की ह उसक ऽववरण दन उऽचत नही ह यऽद ऽसऽि स कयथ न

ऽलय जय तो ऽनऽशकरय-सा हो जता ह यऽद सधक ऽसऽि स ऽकसा भा परकर क कयथ लग तब ऽसऽि

आऽत तावर गऽत स कयथ करगा

योग कस कर 126

कणठचकर थोड़ा-सा खला

आप सोच रह होग ऽक कणठचकर थोड़-स zwjयो खिल ह पीर zwjयो नही खिल हयह कस चकर

ह सधको सभा चकरो म सबस जऽटल चकर कणठचकर हा ह यह चकर सरलत स नही खिलत ह इस

चकर को खिलन म बहत समय लग जत ह सधक को कई वषो तक अतयनत कठोर सधन करना पड़ता

ह कभा-कभा ऽकसा सधक क पीर जनम इसा चकर पर सधन करत हए बात जत ह मगर कणठचकर

नही खिलत ह ऽजन सधको न ऽपछल जनमो म सधन की होता ह अथव ऽपछल जनम क योगा होत ह

ऽफर भा वतथमन जनम म कई वषो तक उगर सधन करना पड़ता ह तब उनक कणठचकर खिल पत ह

कणठचकर की सरचन हा ऐसा ह ऽक सधक कठोर सधन करन क बद भा शाघर नही खोल पत ह

कणठचकर म सोलह दल क कमल होत ह इस कमल दलो पर जयदतर दऽवयो क सथन ह जाव और

अऽवदय क भा यही पर सथन ह कणठचकर स ऽनचल भग म जो चर चकर ऽसथत ह वह शाघर हा खिल

जत ह तथ परण राढ़ क सहर ऊधवथ होत चल जत ह मगर कणठचकर स परण ऊपर नही ज पत ह

ऊपर क मगथ म एक गरऽथ अवरोध डल रहता ह यह गरऽथ नऽड़यो क एक गिचछ ह परण जब ऊपर जन

परयस करत ह तब परणो क अऽधक दबव होन क करण गदथन पाछ की ओर मिड़ जता ह इसस सधक

को बड़ा परशना होता ह zwjयोऽक सधक क शरार पाछ की ओर झिक जत ह और इसा अवसथ म

धयन करन पड़त ह

मिझ सधन करत हए लगभग पौन प ाच वषथ हो गय ह अब इस गरऽथ पर थोड़ स अभयस क

असर हआ ह जबऽक म परणयम वययम आऽद भा भरपीर करत ह ा सधन म ऽकतना कठोर करत ह ा

यह आप पढ़कर समझ गय होग तथ म ऽपछल जनमो म योगा भा रह चिक ह ा अब थोड़ा सा सफलत

ऽमला ह अथ थत कणठचकर थोड़ स खिल गय ह इस खिल हए भग स हमरा थोड़ा सा परणवयि आजञ

चकर पर आ जता ह इस करण मसतक (भकि ऽट ) पर थोड़ा गिदगिदा भा हआ करता ह कभा-कभा

चाऽटयो-सा कटन लगता ह इसऽलए अब आजञ चकर क भा अनिभव आ जय करत ह इस अवसथ म

परण जयदतर कणठचकर पर हा रकत ह आजञचकर (मसतक) वल परण भा कि छ समय बद वपस

कणठचकर म आ जत ह परणो क आजञ चकर तक पहाचन को गऽत कहत ह मगर परणो की ऽसथऽत

कणठचकर पर हा रहता ह आजञचकर पर परण पहाचन क करण हा ढर सर ऽशवऽलग ऽदखई पड़त ह

zwjयोऽक आजञचकर पर भगवन ऽशव क सथन ह धयन पर बठत हा हम मलीम पड़ जत ह ऽक हमर

योग कस कर 127

परणो क थोड़ ऽहसस आजञ चकर पर आ गय ह जब थोड़ समय बद परण वयि वपस कणठचकर म

आत ह तब भा मलीम पड़ जत ह

एक बर धयन पर बठ हआ थ तभा धयनवसथ म दखndash म धयनपर बठ हआ ह ा अनतररकष स

बहत तज परकश हमर ऽसर क ऊपर पड़ रह ह यह परकश टचथ क परकश की भ ाऽत थ म दीर खड़

हआ अपन शरार दख रह थ ऽजसक ऽसर पर तज परकश पड़ रह थ ऽफर मन अनतररकष की ओर दऽष ट

की तब ऽदखई ऽदयndash परकश बहत ऊपर की ओर स आ रह थ परकश क शरोत ऽदखई नही द रह

सिबह क समय म धयन कर रह थ धयन बहत हा अचछ लग कफी समय तक म धयन की

गहरई म बन रह ऽफर हम अनिभव आयndash घोर अधकर ह उस अधकर म ऊपर की ओर दो अगिऽलय ा

उठा हई ह ऽफर हथ भा सपषट ऽदखई दन लग म यह नही समझ पय ऽक य हथ और ऊा गऽलया

ऽकसकी ह इसक अथथndash आतम और परमतम स समबऽनधत ह

एक ऽदन सयकल क समय म शरा मत जा क समन बठ हआ धयन कर रह थ हमर सथ

कि छ और सतसगा भई व बहन धयन कर रहा था धयनवसथ म मन दखndash म बहत नाच की ओर दख

रह ह ा कि छ कषणो म हम एक ऽशवऽलग ऽदखई ऽदय ऽशवऽलग बहत हा सिनदर थ ऽफर ऽशवऽलग म सिखथ

लल रग क तप हए सोन की तरह कि छ ऽलपट स ऽदखई दन लग ऐस लग रह थndash ऽशवऽलग पर

रससा की तरह कि छ ऽलपट हआ ह ऽफर धारा धार दशय धिाधल स पड़न लग और अदशय हो गय

ऄथश- यह दशय मीलधर चकर क ह मीलधर चकर म जो ऽतरकोण ह उसा ऽतरकोण क मधय म

ऽशवऽलग पर रससा की भाऽत ऽलपटा हई कि णडऽलना ऽदखई द रहा था

वदवय दवष ट खलन म ऄभी समय लगगा

यह अनिभव हम सवपनवसथ म आय मन दखndash कऽवत बहन हमर पस आया हई ह म उस

समय ऽकसा सथन पर बठ हआ थ कऽवत बहन हमर समन हमस थोड़ा दीरा पर आकर बठ गई उनक

हथ म गिलब क फी ल की एक पखिड़ा था मन उस पखिड़ा को दख रह थ इतन म कऽवत बहन बोलाndash

योग कस कर 128

sbquoआननद कि मर मरा ओर दखोrdquo म कऽवत बहन की ओर दखन लग उनहोन ऽफर उस गिलब क फी ल

की पखिड़ा को अपना भकि ऽट पर लगय ऽफर ऽहनदा म बोलndash sbquoआननद कि मर आपको यह ा पर कि छ

ऽदखई द रह हrdquo उनक इशर भकि ऽट की ओर थ म उनकी भकि टा को गौरपीवथक दखन लग मगर मिझ

उनकी भकि ऽट पर कि छ नही ऽदखई ऽदय म कऽवत बहन की भकि ऽट को दख रह थ तभा हमर

अनिभव समपत हो गय

ऽजस समय यह अनिभव आय थ उस समय कऽवत बहन शरा मत जा क घर पर आया हई था

मन सोचndash म सवय कऽवत बहन को यह अनिभव बतऊा ग और उनही स इस अनिभव क अथथ पीछी ाग

दोपहर क समय जब हम सब सधक भई-बहन बठ हए थ उस समय अऽनल भय को मधयम बनकर

कऽवत बहन स इस अनिभव क अथथ पीछ पहल तो उनहोन आनकना की ऽफर जयद कहन पर इस

अनिभव क अथथ बतय उनहोन कहndash sbquoआननद कि मर आपकी ऽदवय दऽष ट क ऽलए अभा समय लगग

अथ थत आपकी ऽदवयदऽष ट अभा नही खिलगा

कऽवत बहन ऽमरज क पस मलग ाव की रहन वला ह इनकी सधन बहत आग चल रहा ह यह

अनिभवो क अथथ ऽनकल लन की योनयत रखता ह इसऽलए मन इनस अनिभव क पीछ थ उस समय

इनह ऽहनदा नही आता था इसऽलए अऽनल भय को मधयम बनय थ भऽवषय म मन इनस थोड़ स मगथ

दशथन भा ऽलय थ म मन क अनदर इनकी बहत इजजत करत ह ा

दो जयोवतयो क दशशन

आज 1 जिलई सन 1989 को सयकल धयन करन क ऽलय बठ हआ थ लगभग सव घणट

क धयन लग थ तथ धयनवसथ म अनिभव आयndash चरो ओर अधकर छय हआ ह अधकर म

एक हा बर म दो जयोऽत ऽदखई दन लगी दोनो जयोऽत थोड़ा-थोड़ा दीरा पर ऽसथत थी दोनो जयोऽत क

आसपस छोटा सा आभ था मिझ कई बर अनिभव म एक हा जयोऽत ऽदखई दता था अबकी बर दो

जयोऽत ऽदखई था कि छ समय तक म दोनो जयोऽतयो को दखत रह ऽफर य दोनो अदशय हो गई अनिभव

भा समपत हो गय मन शरा मत जा स इस अनिभव क अथथ पीछndash तब शरा मत जा न बतय एक

जयोऽत जाव दीसरा जयोऽत ऽशव क परताक ह म समझ गयndash शयद इन दोनो जयोऽतयो क इसऽलए

योग कस कर 129

दशथन हआ ह zwjयोऽक हमरा सधन कणठचकर पर चल रहा ह तथ कभा-कभा परण वयि आजञ चकर पर

भा पहाच जत ह कणठचकर पर जाव क सथन हआजञ चकर भगवन ऽशव क सथन ह इसऽलए दोनो

क अनिभव एक सथ आय ह हमन ऽलख हndash पहल मिझ एक जयोऽत ऽदखई दता था वह शयद जाव क

ऽलए भऽसत करता ह zwjयोऽक म पहल कणठचकर पर थ अब आजञचकर म थोड़ स परण जत थ यह

अनिभव कई बर आय ह

आस ऄनभव का ऄथश शरी माता जी न बताया थाndash lsquoएक जाव क दीसर ऽशव क परताक हrsquo

म यह बत दीा यह जयोऽत ऽचतत की हा वऽततय ा ह अथ थतवऽततय ा हा जयोऽत क सवरप धरण कर लती ह

मगर जाव और ऽशव क परताक ह ऐस दशथ रहा ह वसतव म जाव और ऽशव नही ह

ईषणता

अब हमर शरार म बहत उषणत महसीस होन लगा था नऽभ क आसपस तो कि छ जयद हा

उषणत महसीस होता था कभा-कभा यह उषणत रदय की ओर बढ़ जता था धयनवसथ क समय यह

उषणत और भा उगर रप धरण कर लता था मीलधर चकर म उषणत सदव बना रहता था सधरण

अवसथ म भा शवस मीलधर चकर म टकरय करता था धयनवसथ म शवस क करण मीलधर चकर

दिःखत रहत थ कभा-कभा धयन क बद भा मीलधर चकर दिःखत थ एक ऽदन शरा मत जा स मन

पीछndash शरा मत जा हमर शरार क अनदर बहत गमी बढ़ गया ह तथ मीलधर चकर बहत दिखत रहत ह

शरा मत जा न कोई उततर नही ऽदय और न हा हमरा बत पर जयद गौर ऽकय हम उस समय कफी

परशना हो रहा था मीलधर चकर क ददथ क करण सर धयन यही पर एकगर हो रहत थ ऽफर कि छ

ऽदनो बद हमरा यह ऽकरय होना बनद हो गई इस परकर की ऽकरय पहल भा हो चिकी था ऽफर यह ऽकरय

अपन आप बनद हो गई था

सधको उस समय म इस ऽकरय क अथथ नही समझत थ मगर अब म इस ऽकरय क अथथ

अचछा तरह समझत ह ा यह अवसथ कि णडऽलना जगऽत कर दन की होता ह मगर शरा मत जा न हम

इसक अथथ zwjयो नही बतय यह म नही जनत ह ा शरा मत जा उस समय हमस थोड़ा उखड़ा-उखड़ा सा

रहता थी इसक करण यह थndash म ऽमरज हमश क ऽलए रकन वल नही थ और नौकरा भा नही की

योग कस कर 130

था ऽजस ऽलए हम यहा बिलय गय थ एक और बत थाndash म सभा सधको की भाऽत शरा मत जा की

सतिऽत वल शबदो परयोग नही करत थ इसऽलए मिझ रख कह जत थ हमस कई बर कह गयndash

आप रख बहत ह इसऽलए आपकी सधन म परगऽत नही ह यऽद आप म भऽकत भव होत तब आपकी

सधन बहत आग हो जता म अपन आप म दिःखा स रहत थ हमर अनदर स सदव ऐस शबद नही

ऽनकलत थ जो शबद भऽकतभव वल होत ह हमर समन शरा मत जा न कई बर नए सधको स कहndash

sbquoआपक भव गिर क परऽत बहत अचछ ह आप सरल ह आपकी कि णडऽलना बड़ आरम स उठ सकता

हrdquo म सोचन लगत थndash इनकी सधन अभा इतना अचछा भा नही ह और कि णडऽलना ऊधवथ हो सकता

ह हमरा सधन इतना आग ह ऽफर भा कि णडऽलना नही उठ सकता ह zwjयोऽक म रख ह ा म कि छ नही

बोलत थ बोल भा zwjय सकत थ आऽखरकर वह मरा गिर थी एक बत बत दीाndash म सब कि छ

समझत थ मगर मिझ अभा योग क अभयस करन थ योग क ऽलए मगथदशथक होन आवशयक थ

ववववध ऄनभव

आज दो जिलई सिबह क समय धयन पर बठ हआ थ आजकल हमर धयन भकि ऽट पर लगत

ह zwjयोऽक परण वयि क कि छ ऽहसस आजञचकर पर आकर ठहरत थ मिझ भकऽट पर लल रग क

चमकदर ऽबनदि ऽदखई ऽदय यह ऽबनदि गोलकर रप म थ

ऄथश- लल रग अऽननततव क परताक ह तथ लल रग रजोगिण क भा परताक ह

दोपहर नयरह बज धयन करत समय मन दखndash एक हलक पाल रग क नग हमस थोड़ा दीरा पर

कि णडला मर फन ऊपर उठए हए हमरा ओर दख रह ह धयन करन क बद म समझ गय यह

कि णडऽलना क सवरप ह

आज कल हम ऽकरयऐ बहत हआ करता थी इन ऽकरयओ क वणथन म यहा नही कर रह ह ा वस

ऽकरयओ क कि छ-न-कि छ अथथ अवशय होत ह धयन क समय ऽकरयएा बहत जयद होता था जब म सो

जत थ तब सोत समय भा अपन आप धयन पर बठ जत थ ऽफर धयनवसथ म ऽकरयएा हआ करता

था सधको जयद ऽकरयएा होन अभयस क ऽलए रकवट ह zwjयोऽक ऽकरयएा होत समय मन एकगर

नही रहत ह इसऽलए मगथदशथक को चऽहए ऽक वह सधक की ऽकरयएा अपन योगबल स बनद कर द

योग कस कर 131

अथव अपन गिर स य ऽकरयएा होन बनद करव ल सधक को उस समय अतयनत शिि रहन चऽहए तथ

परणयम भा खीब करन चऽहए सधक की सधन म एक अवसथ ऐसा भा आता ह ऽक कि छ मिदरएा

अवशय होता ह हर एक मिदर क कि छ न कि छ अथथ अवशय होत ह मिदरएा सधक की योनयत को भऽसत

करता ह ऽसफथ मिदर दखकर योनय मगथदशथक सधक की सधन की अवसथ समझ जएाग

आजकल सोत समय हमर शरार क अनदर अगो म कमपन बहत हआ करत थ कभा-कभा यह

कमपन इतन जयद होत थ ऽक हमरा आाख खिल जता था ऐस लगत थ जस शरार क अनदर

भीकमप-स आ रह ह सधको शरार क अनदर इस तरह क कमपन सधक की उचचवसथ को परदऽशथत

करत ह zwjयोऽक इस अवसथ म वयिततव अऽधक ऽकरयशाल रहत ह जब सथील शरार शत होत ह

तब वयि ततव अपन कयथ करन लगत थ इसस शरार क अनदर कमपन हआ करत थ यऽद सधक

बहत अऽधक परणयम क अभयस करत ह तब कफी समय बद उस शरार क अनदर कमपन-स

महसीस होन लगत ह

आज चर जिलई को सिबह धयन पर बठ तो धयन म एक जयोऽत ऽदखई दा अबकी बर इस

जयोऽत क सवरप बहत बड़ थ तथ सयकल क समय धयनवसथ म ऽशवऽलग क दशथन हए थ

आजकल मिझ लग करत ह ऽक म बहत हलक हो गय ह ा धयन क बद हलकपन कि छ जयद

हा महसीस होत रहत ह हलकपन क करण हमर शरार म कफी सफी ऽतथ सा महसीस होता था आलसय

ऽबलकि ल नही लगत थ

ऄथश- ऐस इसऽलए होत ह जब सधक क शरार क जड़ततव कम होन लगत ह तब उसक

जड़तव भा कम होन लगत ह इसऽलए सधक हलकपन महसीस करत ह

वशववलग ही वशववलग

आज 9 जिलई सयकल म धयन करन क ऽलय बठ हआ थ शरा मत जा न हमर आजञ चकर

पर शऽzwj तपत ऽकय मिझ ऐस लग ऽक म बहत ऊपर आ गय ह ा हमरा परणवयि और मन आजञ चकर

पर आ गय ह धयनवसथ म लग रह थ म बहत ऊपर अनतररकष म ऽवदयमन ह ा म बहत हलक हो गय

योग कस कर 132

ह ा कि छ समय बद म धयन की गहरई म चल गय हम अनिभव आयndash म पथवा को दीर-दीर तक दख

रह ह ा पथवा हरा-भरा ऽदखई द रहा ह म अनतररकष म बहत ऊपर बठ हआ ह ा ऐसा अनिभीऽत हो रहा था

तभा अनतररकष म बहत बड़ ऽशवऽलग ऽदखई ऽदय ऽशवऽलग क रग कल थ थोड़ा दर बद हम

अनतररकष म ढर सर ऽशवऽलग ऽदखई दन लग सर अनतररकष ऽशवऽलगो स भर गय अब म नाच की

ओर पथवा को दखन लग म पथवा पर ऽजस ओर दखत थ वही पर ऽशवऽलग परकट हो जत थ ऽफर

म पथवा क ऽजन जगहो पर दऽष ट डलत थ तब उसा जगह स ऽशवऽलग भीऽम क अनदर स ऽनकलकर

ऊपर आन लगत थ पथवा क ऽजस जगह पर ऽशवऽलग परकट होत थ वह ा पर पथवा फट जता था पथवा

क हर ऽहसस म चह मदन हो की ड़ क सथन हो चह पिरन खणडहर हो सभा सथनो स ऽशवऽलग परकट

हो रह थ अब हम पथवा धीमता हई ऽदखई दन लगा था समपीणथ पथवा म ऽशवऽलग हा ऽशवऽलग वयपत थ

दशय बहत अचछ लग रह थ

म पथवा को धीमत हए दख रह थ तथ अनतररकष को भा दख रह थ ऽशवऽलग क अऽतररकत

कि छ भा ऽदखई नही द रह थ कि छ कषणो म सर ऽशवऽलग अदशय हो गय ऽफर एक अतयनत ऽवशल

आकर म ऽशवऽलग परकट हो गय यह ऽशवऽलग समपीणथ अनतररकष म वयपत हो रह थ पथवा भा इसा

ऽशवऽलग क अनदर धीम रहा था इतन ऽवशल आकर क ऽशवऽलग थ अनतररकष और पथवा दोनो उसा

क अनदर समए हए थ यह ऽशवऽलग उजजवल सफद रग क थ तथ इसक ऊपर ऽवशष तरह क कि छ

फी ल रख हए थ यह ऽशवऽलग एक बर म नही दख ज सकत थ इस दखन क ऽलय दऽष ट ऊपर स नाच

की ओर करना पड़ता था यह ऽशवऽलग हम बहत अचछ लग रह थ इतन म हम अपन होश आन

लग ऽक म धयन पर बठ ह ा अनिभव समपत हआ

हमर परण आजञचकर म थोड़ स आय करत थ zwjयोऽक कणठचकर पीरा तरह स नही खिल थ

परण क आजञ चकर म आन क करण हमरा सधन की गऽत आजञ चकर पर था उस समय परण और

मन आजञ चकर पर ऽसथत थ इसऽलए चरो ओर सवथतर ऽशवऽलग हा ऽदखई द रह थ समपीणथ अपर परकऽत

क सवरप अथ थत ऽपणडकर म अपर-परकऽत ऽशवऽलग क समन सवरप वला होता ह ऽलग क अथथ

होत हndashlsquoवयकत रप मrsquo इस अपर परकऽत को ऽलग भा कहत ह और पर परकऽत को अऽलग कहत ह

योग कस कर 133

तीसरा नतर

जब स हमर परणवयि आजञ चकर पर आन लग ह तब स ऽसर कफी भरा-भरा रहन लग ह

तथ ऽसर म ददथ भा रह करत थ नऽड़यो म अशिित होन क करण ददथ हआ करत थ नऽड़यो को

शिि करन क ऽलएपरण वयि नऽड़यो म दबव दत थ यहा दबव ददथ की अनिभीऽत करत थ म

परणयम बहत ऽकय करत थ परणयम करन पर थोड़ स आरम ऽमलत थ आज सिबह 10 जिलई

को धयन पर बठ हआ थ तब धयनवसथ म आजञ चकर (भकि ऽट ) पर एक इच लमब खड़ आकर म

परकश ऽदखई ऽदय हमर धयन परकश की ओर क ऽदरत हो गय उसक अनदर एक लइन बहत तज

चमक रहा था वह चमकदर लइन उस परकश म नाच ऊपर हो रहा था उस परकश क अनदर मिझ कि छ

ऽदखई दन लग म गौर करक उस दखन लग सपषट होन पर मलीम हआ म एक आाख दख रह ह ा आाख

खड़ आकर म था मगर वह आाख बनद था आाख बनद होन पर भा बहत सिनदर ऽदखई द रहा था कि छ

कषणो म अनिभव समपत हो गय यह अनिभव शरा मत जा को बतय तब उनहोन मिझ बतय यह

आपक तासर नतर ह अभा बनद ह इसक खिलन म अभा समय लगग

ऊपर ऽलख अनिभव क बद हम एक और अनिभव कि छ कषणो बद आयndash घोर अधकर ऽवदयमन

ह म उस अधकर को दख रह ह ा कि छ कषणो बद अधकर म परकश पिज परकट हो गय धार-धार

परकश पिज बहत बड़ हो गय यहा परकश पिज ऽशवऽलग क रप म पररवऽतथत हो गय ऽशवऽलग क रग

सफद थ तथ उसक आकर बहत बड़ थ ऽशवऽलग क ऊपर बहत सिनदर थोड़-स फी ल रख हए थ म

ऽशवऽलग को दखकर परसनन हो रह थ ऽफर मर मिाह स आवज जो ऽनकलाndashsbquoपरभि आप ऽशवऽलग क

रप म इतन म ऽशवऽलग अनतररकष म मिझस दीर जन लग और अदशय हो गय हमर अनिभव भा

समपत हो गय यह अनिभव आजञ चकर क ह

म दोपहर क समय धयन पर बठ हआ थ धयन म हम ऊा च-ऊा च पहड़ ऽदखई दन लग ऽफर म

पहड़ की घऽटयो को दखत हआ आग बढ़न लग आग चलकर मन दखndash पना क एक सतरोत ह

थोड़-सपना वही पर भर हआ ह उसा पना न आग चलकर नल क रप ल ऽलय ह ऽफर पहड़ो

की अतयनत गहरा खईयो स होत हए पना न आग चलकर नदा क रप धरण कर ऽलय म सोचन

लगndash यह दशय कहा क दख रह ह ा उसा समय म अचनक म अपन-आप कहन लगndash sbquoयह ा तो गग

नदा हrdquo

योग कस कर 134

म आजकल धयनवसथ म मसतक पर लल रग क ऽबनदि अzwjसर दख करत थ आज एक बर

पाल रग क ऽबनदि भा दख थ अथथ- पाल रग क ऽबनदि पथवा तततव क परताक होत हलल रग क

ऽबनदि अऽनन ततव क परताक होत ह आजकल हर बर ऽवऽभनन तरह क ऽशवऽलग दख करत ह ा कि छ

सवपरकऽशत ऽशवऽलग बहत हा सिनदर ऽदखई दत ह

शरा मत जा की इचछ था ऽक म ऽमरज म रक जऊा मगर मरा इचछ ऽमरज म रकन की नही था

शरा मत जा स म सपषट नही कह सकत थ ऽक आपक पस रकन की हमरा इचछ नही ह इसऽलए हमन

उनह पतर ऽलखकर द ऽदय उसम ऽलख थndashsbquoशरा मत जा आप ऽतरकलदशी ह कपय आप हमर

भऽवषय दखकर बत दाऽजए हम कहा रहन ह हमरा इचछ आपक पस रहन की नही हrdquo शरा मत जा

न हम भा पतर ऽलखकर उततर ऽदयndash lsquoचह ा तो बत सकता ह ा ऽक आपको कह ा रहन ह यऽद आपकी

इचछ यहा रहन की नही ह तो आप गिर पीऽणथम क पवथ मनइए ऽफर आप वपस घर ज सकत ह म शरा

मत जा क पतर पढ़कर बहत खिश हआ zwjयो ऽक घर जन की आजञ ऽमल गई ह म गिर पीऽणथम क पवथ

मनन क बद अऽनल भय क सथ पीन उनक घर पर आ गय zwjयोऽक पीन स हा मर झलम एzwjसपरस क

आरकषण थ

भगवान शरी गणश जी क दशशन

यह अनिभव अऽनल भय क घर पीन म आय थ म अऽनल भय की थोड़ा-सा तराफ ऽलख दीाndash

अऽनल भय बहत अचछ सवभव क सधक ह मन उनक बहत अचछ ह तथ इस समय हमरा और

अऽनल भय की खीब बनता ह इसऽलए म इनही क सथ इनक घर आ गय ह ा ऽफर 19 और 20 जिलई

की मधयरऽतर क समय धयन करन क ऽलय बठ गयndash पहल तो हम ऽवऽभनन तरह की ऽकरयएा हई ऽफर

हमर धयन गहर लग गय मिझ अनिभव आयndash अधकर म परकश पिज परकट होत हआ ऽदखई दन

लग म परकश पिज को दखन लग वह परकश पिज कि छ समय म भगवन गणश जा क रप म पररवऽतथत

हो गय भगवन गणश जा परकश वलय क बाच म बठ हए थ और हमरा ओर दख रह थ म भगवन

गणश जा की सिनदरत दख रह थ हमरा दऽष ट भगवन गणश जा क मसतक पर ठहर गया उनक मसतक

पर परकश गोलकर रप म उभर रह थ ऽफर अदशय हो जत थ म यह ऽकरय दख रह थ तभा

उनक तासर नतर हम ऽदखई दन लग म बोलndash sbquoपरभि हम आपक तासर नतर ऽदखई द रह ह‛ मगर

योग कस कर 135

उततर म वह कि छ नही बोल बऽलक उनकी आकऽत असपषट होकर अदशय होन लगा अनिभव समपत हो

गय

ऄथश- भगवन गणश जा मीलधर चकर क दवत हयह चकर मर ऽवकऽसत हो चिक ह इसऽलय

मिझ इनक दशथन हआ ह इनक तासर नतर ऽदखई दन क अथथ हndash मरा ऽदवय-दऽष ट शाघर हा खिल

जयगा

20 जिलई को सिबह धयन पर हआ बठ थndash धयन म पहल बहत सिनदर यजञ कि णड ऽदखई ऽदय

यजञ कि णड बहत सज हआ थ तथ उस पर बहत सिनदर नzwjकशा बना हई था म यजञकि णड दख हा रह थ

ऽक उसक अनदर अऽनन परकट हो गया अऽनन की जवलएा ऊपर तक उठ रहा था ऽफर अऽनन की जवलऐ

धार-धार कम होन लगा कम होत-होत जवलऐ कि णड क ऽनचल भग म सम गई म अऽनन को दखन क

ऽलए कि णड म झ ाकन लग यह यजञ कि णड बहत गहर ऽदखई द रह थ उस यजञ कि णड क ऽनचल भग पर

भगवन गणश जा बठ हए थ म बोलndash ldquoपरभि आप उसम बठ zwjय कर रह ह मगर वह कि छ न बोलrdquo

तभा हमर अनिभव समपत हो गय अनिभव समपत होन क बद हम हासा आ गया zwjयोऽक म कह रह

थndash आप उसम बठ zwjय कर रह ह

ऄथश- सधको यजञ कि णड वल दशय मीलधर चकर क ह भगवन गणश जा मीलधर चकर क

दवत ह

आज-कल धयनवसथ म कई बरदीर-दीर तक पथवा ऽदखई दता ह चरो ओर हररयला छया

रहता ह बड़-बड़ पड़-पौध होत ह तथ पथवा पर समतल भग भा ऽदखई दत ह सधको जब सधक

क परण वयि आजञ चकर पर आत ह तब ऐस दशय ऽदखई दत ह- समतल भीऽम ह भगवन शकर धयन

मिदर म बठ हए ह

ऄथश- जो समतल भग ऽदखई दत ह वह सधक क ऽचतत की भीऽम होता ह ऽजस म बर-बर

पथवा कह रह ह ा वह भा ऽचतत की भीऽम हा ह इस चकर पर शिरआत म इसा परकर क अनिभव आत ह

योग कस कर 136

कारण शरीर स म ऄनतररकष म

21 जिलई को सिबह धयनवसथ म दखndash म अपन सथील शरार स ऽनकलकर अलग खड़ हो

गय ह ा पहल मिझ अपन सथील शरार ऽदखई ऽदय ऽक वह धयनवसथ म बठ हआ ह ऽफर हमर सीकषम

शरार अऽनल भय क घर की छत को पर करत हआ ऊपर की ओर अनतररकष म तावर गऽत स जन लग

सीकषम शरार को घर की छत को पर करन म ऽकसा परकर क अवरोध नही हआ अनतररकष म ऊपर जत

समय मन पथवा की ओर दख पथवा ऽबलकि ल छोटा सा गद क समन छोटा सा ऽदखई द रहा था म

तावर गऽत स ऊपर चल ज रह थ पथवा हमरा दऽष ट स ओझल हो गई कि छ कषणो बद म अनतररकष म

अपन आप रक गय मर सीकषम शरार क अनदर स दीसर शरार ऽनकल पड़ अब म अपन सीकषम शरार को

दख रह थ वह मनव आकर म मिऽतथ की भाऽत खड़ हआ थ सीकषम शरार शवत रग क परकश स बन

हआ थ उसक सवरप सथील शरार की तरह नही थ सीकषम शरार उजजवल परदशी थ सीकषम शरार को

अनतररकष म छोड़कर म अतयनत तावर गऽत स ऊधवथ होन लग कि छ समय बद मन सीयथ क समन परकश

क गोल दख वह गोल अपना जगह पर ऽसथर थ म उसक पस खड़ हो गय यह परकश क गोल

सीयथ क आकर क बरबर थ मर अनदर इचछ परगट हई ऽक म इस पकड़ लीा मन अपन दोनो हथ आग

की ओर बढ़ कर उस पकड़न चह मगर वह हमरा पकड़ म नही आय zwjयोऽक वह गोल परकश स

बन हआ थ म गोल क समन पट क बल लट हआ थ हमर मिाह परकश स बन गोल की तरफ थ

मर शरार लट हआ उस गोल क चरो ओर अपन आप गऽत कर रह थ जस परथवा सीयथ क चरो ओर

गऽत करता ह उस समय अनतररकष म म और परकश क गोल थ अनतररकष सवचछ परकऽशत चमकील

ऽदखई द रह थ ऽफर परकश क गोल अदशय हो गय उसा समय म अपन आप साध खड़ हो गय

और तावर गऽत स नाच की ओर आन लग जहा पर हमर सीकषम शरार खड़ हआ थ म उसा क समन

रक गय सीकषम शरार मीऽतथ क समन ऽबलकि ल ऽसथर खड़ हआ थ म सीकषम शरार क अनदर परवश कर

गय सीकषम शरार नाच की ओर तावर गऽत स आन लग उसा समय हम पथवा ऽदखई दन लगा पथवा पर

म पीन शहर क ऊपर कषऽणक दर क ऽलय रक ऽफर अपन सथील शरार क समन आकर खड़ हो गय

मन दखndash मर सथील शरार धयन पर बठ हआ ह म सथील शरार क अनदर परवश कर गय हमर

अनिभव समपत हो गय और आाख खिल गई म लगभग सव घणट धयन पर बठ रह थ इसक अथथ हndash

मन सव घणट अनतररकष म यतर की था

योग कस कर 137

ऄथश- सधको इस अनिभव म म अपन आपको करमश तान शरारो म अलग-अलग अनिभीऽत

करत ह ा तथ तानो शरारो को दख रह ह ा य तानो शरारndash सथील शरार सीकषम शरार और करण शरार ह

सथील शरार तो सथील जगत स हा समबनध रखत ह सीकषम शरार क सीकषम जगत स समबनध रहत ह

करण शरार क समबनध करण जगत स रहत ह सीकषम शरार की गऽत ऽसफथ सीकषम जगत तक साऽमत

रहता ह सीकषम शरार एक जगह जकर रक जत ह सीकषम शरार वही तक गऽत कर सकत ह जहा तक

सीकषम शरार क घनतव सीकषम जगत क घनतव स मल करत ह जब घनतव कम होन लगत ह तब सीकषम

शरार आग नही ज सकत ह zwjयोऽक उसक घनतव मल नही करत ह इसऽलए सीकषम शरार क अनदर स

करण शरार ऽनकल पड़और आग की ओर गऽत करन लग करण शरार क घनतव सीकषम शरार स बहत

कम होत ह इसऽलए वह आग की ओर गऽत कर सकत ह करण शरार करण जगत म गमन करत ह

म उस परकश क गोल को पकड़न चहत ह ा मगर पकड़ नही पत ह ा वह परकश क गोल करण शरार

स भा कम घनतव क बन हआ ह इसऽलए वह पकड़ म नही आत ह

चनदरम क समन परकश क गोल sbquoऋतमभर-परजञrdquo क सवरप ह zwjयोऽक करण शरार स वह

पकड़ म नही आय थ उस समय म ऋतमभर-परजञ को नही समझ सक थ मगर ऽफर हम इसकी

जनकरा हो गया ह म पीवथकल म ढरो जनमो स सधन करत चल आ रह ह ा यह जनम हमर अऽखरा

जनम ह आऽखरा जनम म योगा क ऽचतत म ऋतमभर-परजञ क परकटय होत ह इसा क दरर तततवजञन

परप त करय जत ह तथ अऽवदय क नश होत ह इस अनिभव म जब हम यह दशय आय थ हम

तभा समझ लन चऽहए थ ऽक भऽवषय म ऋतमभर-परजञ की परऽपत होगा तथ तततवजञन स यिकत हो

जऊा ग ऋतमभर-परजञ अजञन की दिशमन होता ह अथ थत अजञन क मील स नश कर दता ह

22 जिलई को मन धयनवसथ म दखndash मीलधरचकर स लकर बरहमरधर तक एक बहत सीकषम

पतला सा सफद रग की परदशी नड़ा ऽदखई द रहा ह इसा म सर चकर सपशथ करत हए ऽदखई द रह ह

नड़ा क ऊपर बरहमरधर क कषतर ह तथ धयनवसथ म कई परकर की ऽकरयएा व मिदरएा हई ऽजनक वणथन

म नही कर रह ह ा कभा-कभा इन मिदरओ स कष ट स होत थ अथथ- अनिभव म ऽदखई दन वला

परदशी नड़ा सिषिमन नड़ा ह

योग कस कर 138

ऄनतररकष म ॎ

म धयन पर बठ हआ थ मिझ आवज सिनई दाndash sbquoमरा ओर दखो‛ यह आवज अनतररकष स

आया था म अनतररकष की ओर दखन लग तब हम अनतररकष म कि छ ऽलख हआ ऽदखई ऽदय मन

चरो ओर अनतररकष म अपनादऽष ट की तब म उस शबद को पढ़ पय अनतररकष म lsquoॎrsquo ऽलख हआ

थ lsquoॎrsquo को एक बर म दखकर नही पढ़ ज सकत थ zwjयोऽक वह समपीणथ अनतररकष म ऽलख हआ

थ उस पढ़न क ऽलए मिझअनतररकष म एक ओर स दीसरा ओर को दखन पड़ थ तब पढ़ पय थ ऽक

lsquoॎrsquo ऽलख हआ ह यह lsquoॎrsquo परकश स बन हआ थ

एक बर म धयनवसथ म बठ हआ थ उसा समय हम सिनई ऽदयndash गर नानक मिि क कारी

िनकट ह उनक पाच िरषय अभी कारी दर ह मगर इन ऽशषयो क नम नही बतए गय थ इसऽलए म य

नही जन सक ऽक कौन स ऽशषय ह गिर ननक जा पजबा धमथ को चलय थ इसऽलए पजबा लोग

इनह भगवन की तरह मनत ह

एक बर धयनवसथ म दख ऽक म आकश की ओर दख रह ह ा तभा मिझ ऽदखई ऽदयndash पीवथ

ऽदश की ओर आकश म ऽदवय परकश परकट होकर ऽफर अदशय हो जत ह यहा ऽकरय बर-बर हो रहा

ह म यह दशय कि छ समय तक दखत रह ऽफर हमर मन म आय ऐस zwjयो हो रह ह उसा समय

आकश स हम आवज सिनई दाndash यह ऽकरय मतयिजय मतर क करण हो रहा ह ऽफर हमर यह अनिभव

समपत हो गय

ऄथश- जब अभयसा मतयिजय-मतर क अऽधक जप करत ह तब इसक परभव उसक ऽचतत पर

पड़त ह इसा करण आकश म ऽदवय परकश परकट होत हआ और अदशय होत हआ ऽदखई द रह

आजकल हम अतप त जावतमएा सवपनवसथ म बहत ऽदखई दता थी कभा ऽदखई दत थndash

कि छ अतप त जावतमएा कि छ ख रहा ह कि छ खन क इतजर कर रहा ह कि छ अतप त जावतमएा हमस

खन माग करता था मगर म उनकी इचछ पीऽतथ नही कर सकत थ यऽद म ऽकसा एक को खन दत तो

हमर पस अतप त जावतमओ की भाड़ आना शिर हो जता इसऽलय म ऽकसाको खन नही दत थ

योग कस कर 139

आज नयरह अगसत को धयनवसथ म दखndash अनतररकष म एक बहत सिनदर सतरा परकट हो गया ह

उसक चरो ओर तज परकश क वलय फल हआ ह वह सिनदर सतरा लल रग की सड़ा पहन हए और

ऽसर पर मिकि ट लगए हए खड़ा हऔर हमरा ओर दख कर मिसकि र रहा ह उस सिनदर सतरा न हम अमत क

बर म समझन लगा वह बोलाndashsbquoअमत तीन परकार का होता हrdquo तानो परकर क अमत क नम बतए

उस अमत क नम बहत हा अटपट स थ उस समय कमर क बहर शोर हो रह थ शोर होन क करण

धयन टीट गय अमत क ऽवषय म म आग नही सिन सक

मन धयनवसथ म दखndash म अनतररकष म खड़ ह ा मिझ अपन समन बहत सिनदर ऽशवऽलग ऽदखई

द रह ह ऽशवऽलग क चरो ओर तथ ऊपर भा फी ल रख हए ह ऽशवऽलग क चरो ओर परकश फल

हआ ह ऽशवऽलग स थोड़ उपर अनतररकष म परकश क दरर lsquoॎrsquo ऽलख हआ थ ऽफर हम lsquoॎrsquo व

ऽशवऽलग एक सथ ऽदखई दन लग हमर धयन टीट गय धयन टीटन क बद महसीस हआ आजञ चकर

हलक-स दिख रह ह

बरहमरधर का दशशन

आज 23 अगसत को सिबह धयन पर बठ थ मन धयनवसथ म दखndash म अपन सथील शरार क

अनदर ह ा अपन शरार क अनदर हा ऊपर की ओर दख रह ह ा ऽसर क ऊपरा भग म अधथ-वततकर सा

जगह ऽदखई द रहा ह उसक अनदर बहत तज परकश भर हआ ह उसा समय मन अपन आपस कहndash

यह बरहमरधर ह इसऽलए परकश-हा-परकश भर हआ ऽदखई द रह ह सधक को बरहमरधर क अनदर परकश

हापरकश ऽदखई दत ह जब सधक क परण बरहमरधर क अनदर आत ह तब उसकी ऽनऽवथकलप समऽध

लगन लगता ह

धयनवसथ म अब हमर मन ऽसर क ऊपरा भग की ओर चल जत थ और बरहमरधर दरर पर

जकर ठहर जत थ तथ ऽसर क अनदर भरा हई वयि क दबव भा बरहमरधर क ऽनचल भग म बन रहत

थ म यह ा पर एक बत बत दीा ऽक परण आजञ चकर पर आकर ठहर रहत थ ऽसर की नऽड़यो म भरा

हई वयि ऊपर की ओर जकर एकतर हो जता था पहला बर जब वयि ऽसर क ऊपरा (बरहमरधर क नाच)

भग म एकतर हई था तब हमर शरार म जोरदर कमपन हआ थ ऽफर म समनय हो गय थ ऽसर म ऽकरय

करन वला वयि को उदन वयि कहत ह उदन वयि कणठ क ऊपर समपीणथ ऽसर क अनदर ऽसथत रहता ह

योग कस कर 140

अथव ऽसर म ऽसथत वयि को उदन वयि कहत ह योगा पिरष हा उदन वयि को ऽकरयशाल करक अपन

अऽधकर म रखत ह मतयि क बद ऊपर क लोको म ल जन क कयथ यहा उदन वयि हा करता ह

इसक ऽनवस सथन कणठ म होत ह ऽसर क ऽजस ऊपरा भग म वयि महसीस होता ह वह जगह बरहमरधर

क ऽनचल भग थ अभा हमर कणठचकर पीर नही खिल ह बऽलक थोड़ स हा खिल ह अब धयन

करत समय मन एकगर खीब होत ह zwjयोऽक आजञ चकर म मन एकगर होत ह तथ परण वयि भा आजञ

चकर पर ऽसथत होता ह

आज 27 अगसत को मन एकदम एकगर हो गय म गहरई म चल गय उस समय दखndash

अनतररकष म चरो ओर बहत तज परकश फल हआ ह म परकश को दख रह ह ा परकश इतन तज ह ऽक

आाख चकचौध हो रहा ह उसक समन सीयथ क परकश जिगनी क समन ह ऽफर वह परकश अदशय हो

गय कि छ समय बद दखndash अनतररकष म एक बहत सिनदर ऽसहसन ह यह ऽसहसन सोन क बन हआ ह

सिनदरत व बनवट स सपषट होत ह यह ऽसहसन ऽदवयत स यिकत ह

ऄथशndash अतररकष म सोन क ऽसहसन ऽदखई दन क अथथ होत हndash अभयसा की कि णडऽलना

जगऽत हो गया ह मगर अभा ऊधवथ नही हई ह

भगवान शरी कषण

आज-कल चर-प ाच ऽदन स म बहत बामर थ घर पर इस समय कोई नही थ घर क सभा

सदसय ऽदलला गय हए थ म बामर इतन हो गय थ ऽक उठकर बठ भा नही सकत थ म अपन ऽलय

खन भा नही बन सकत थ इसऽलए दो ऽदनो स भीख हा लट हआ थ बामरा और भीख क करण

शरार कमजोर पड़ गय थ हम बहत िोर स पयस लगा हई था घर म पना उपलबध नही थ पयस क

करण मर बिर हल थ मिझ अपन आप पर करोध आ रह थ ऽक हमर कमथ इतन खरब ह ऽक म

पयस स परशन हो रह ह ा और पना भा नही पा सकत ह ा मन सोचndash sbquoइसस अचछ ह ऽक मरा मतयि हो

जयrdquo दिखा होकर मन कहndash sbquoह ईश वर म अपन घर म पयस स तड़प रह ह ा यह शरार ऽकस कम क ह

म पना भा न पा सकत ह ा इसस अचछ ह ऽक आप हम मतयि द द सधन करन स हम zwjय ऽमल म

अपना ऽजदगा म वस भा दिगथऽत भोग रह ह ा‛ बिखर क करण मर शरार आग क समन तप रह थ उसा

समय मिझ नीद आ गई और सो गय सवपनवसथ म मन अपन आपको एक बहत सिनदर बगाचनिम

योग कस कर 141

जगल म पय म उस जगल म आग की ओर चल ज रह थ इतन म हम मिरला की बहत मधिर

आवज सिनई दा म आवज सिनकर रक गय और सोचन लगndash मिरला की आवज ऽकधर स आ रहा

ह म मिरला की आवज की ओर चलन लग थोड़ हा चल पय थ तभा म ठहर गय ठहरन क

करण यह थ हमस थोड़ा दीरा पर एक पड़ क नाच भगवन शरा कषण पातमबर धरण ऽकए हए गल म

सिनदर मलएा पहन हए दोनो हथो स मिरला पकड़ हए खड़ थ म भगवन शराकषण क सवरप को दख हा

रह थ तभा आकश म जोरदर आवज गीाजाndash sbquoआननद कमार तमह कया चािहए भगवान स माग

लो‛ आवज सिनकर पहल म हास और ऽफर भगवन शराकषण स कहndash sbquoपरभि आप तो शरार पर कपड़

भा धरण नही (ऽसफथ थोड़) ऽकए हए ह म आपस zwjय म ागी‛ इतन कहकर म चिप हो गय मन भगवन

शराकषण स मजक ऽकय थ अनतररकष स ऽफर आवज आयाndash sbquoआननद कमार तमह कया चािहए माग

लो‛ अबकी बर म कि छ नही बोल ऽसफथ अनतररकष की ओर दखन लग zwjयोऽक आवज अनतररकष स

आ रहा था तासरा बर ऽफर आवज आयाndash sbquoआननद कमार तमह कया चािहए भगवान तमहार सामन

खड़ ह माग लो‛ अबकी बर आवज आन पर म जोर-जोर स रोन लग म भगवन शराकषण क समन

पट क बल भीऽम पर लट गय और हथ जोड़कर म बोलndash sbquoपरभि मिझ कि छ नही चऽहए यऽद आप हम पर

परसनन ह तो हम आपकी कप चऽहए‛ इतन कह कर हथ जोड़कर म कि छ कषणो म खड़ हो गय हमरा

आाखो स आासी बह रह थ ऽफर भगवन शराकषण हमर समन अतधय थन हो गय उसा समय वही पर

बलक क रप म शरा कषण क दशथन होन लग उस समय वह दो वषथ क बलक क समन उमर वल होग

उनकऽसर पर मोर पख बाध हआ थ वह हमरा ओर दख कर हास रह थ इतन म हमरा आाख खिल गई

अनिभव समपत हआ

उसा समय हम पड़ोस की सतरा की आहट ऽमला मन जोर लगकर उस बिलय और सरा बत

बतई मन उसस पना पान क ऽलय माग वह सतरा थोड़ा दर म पना और खन लकर आ गया और उसन

मिझस कहndash sbquoजब तक तिम बामर हो म तिमह खन द ऽदय करा गा‛ मन पना ऽपय तब मिझ कि छ रहत

ऽमला अब म अनिभव क बर म सोचन लग ऽकतन सिनदर अनिभव थ यह अनिभव 5 ऽसतमबर को

आय थ

आज-कल हमर धयन ऽसर क ऊपरा भग म लगत थ कि छ समय बद धयनवसथ म नऽभ क

आस पस जलन होन लगता था ऐस लगत थ मनो पट जल ज रह ह सथ हा उडडायन बनध भा

योग कस कर 142

लगत थ सर पट ऽसमटकर पाछ पाठ ऽक ओर चल जत थ मीलधर चकर इस ऽकरय स बहत

दिःखत थ उडडायन बनध इतन जोर स लगत थ ऽक खिलन क नम नही लत थ

18 ऽसतमबर को सिबह धयन पर पाल रग क नग क रप म कि णडऽलना क दशथन हआ नग को

इतन पस स दख ऽक उसकी आाखो म हमरा परछई ऽदखई द रहा था

शरी माता जी का पतर

शरा मत जा को पतर ऽलख हए बहत ऽदन हो गय थ उस पतर क उततर अब आय ह शरा मत जा

न पतर म ऽलख थndash आननद कि मर को अनक आशाव थद आपक दोनो पतर ऽमल जब आप यहा स

(ऽमरज स) गय थ तब ऽनऽित रप स कि छ लकर गय आपक सभा अनिभव सहा ह धयन म तरह-तरह क

अनिभव आत ह हर एक अनिभव क उततर दन कऽठन ह तथ इतन हमर पस समय भा नही ह अब हम

चहत ह ऽक अनिभव जयद न आएा जो भा आएा वह अनिभव आप सवय जन सक मन शत ऽसथर

समधना होन चऽहए बरहमरधर क अनिभव सहा ह लऽकन यह अनिभव ह अनिभीऽत नही ह

आज क ऽदन बहत शिभ ह गिरदव क जनमऽदन ह (20 ऽसतमबर) सरा ऽकरयएा सहा हो रहा ह

आपक धयन भा अचछ लग रह ह अब और गहरई म घिसन क परयतन कीऽजए मन को नऽभ पर

ऽसथर करो नऽभ स हा सरा ऽकरयएा होता ह उसा क मील पकड़ो ऽवचरो को रोको अनिभव नही आन

चऽहए शनत हो जओ अनिभव आग नही बढ़न दत ह सधन म बधक होत ह असति

sbquoतिमहरा मत जा मलता दवा बल‛

अग-ही-अग

शरा मत जा क पतर आय उसम ऽलख थ मन को नऽभ पर क ऽदरत करो मन मन को नऽभ पर

क ऽदरत करन शिर कर ऽदय शिरआत म नऽभ पर धयन करन पर ऽवऽचतर-स लगत थ पहल नऽभ क

आसपस ददथ-स महसीस हआ यह करम कि छ ऽदनो तक चलत रह ऽफर नऽभ अतयऽधक गमथ होन लगा

ऽजसस धयन म थोड़ा परशना-सा महसीस हई सर पट म आग-हा-आग महसीस होन लगा तथ

योग कस कर 143

धयनवसथ म नऽभ क आसपस आग ऽदखई दता था जब म सो जत थ तब सवपनवसथ म भा नऽभ

पर चरो ओर आग ऽदखई दता था कभा-कभा मतर आाख बनद करन पर जलता हई आग ऽदखई दता

था एक बर धयनवसथ म दखndash आग को कोई फीा क रह ह ऽजसस आग और परजवऽलत हो गई उस

समय पट क बिर हल थ ऐस लगत थ ऽक जल जयग ऽफर यह आग रदय की ओर बढ़न लगा

ऐस लग रह थ ऽक रदय आग क करण जल जयग रऽतर म सोन क बद बिर हल हो जत थ

zwjयोऽक पट और रदय इतन गमथ हो जत थ ऽक नीद नही आता था म सोत समय जग जत थ ऐस

लगत थndash सर रदय जल रह ह अब नऽभ की जलन पर थोड़ आरम स ऽमल मगर रदय म जलन

क करण कफी कष ट हो रह थ कि ल ऽमलकर इस आग स बिर हल हो गय थ पना पान स आरम

ऽबलकि ल नही ऽमलत थ मन शरा मत जा को पतर भा ऽलख मगर उसक उततर नही आय

इन ऽदनो शौच ऽकरय म बड़ा परशना होता था दो-दो ऽदन तक शौच नही जत थ सदव रदय

म जलन होता रहता था धार-धार जलन कम होन लगा एक बर धयनवसथ म दखndash ढर सरा रख़

पड़ा हई ह आग की जलन अब कम हो गया था ऐस लगत थndash जस कोई चाज जलकर रख हो गया

एक बर धयन म दखndash एक नग कि णडला मर बठ हआ ह फन ऊपर की ओर उठए हए ह वह

अपन मिाह स आग उगल रह ह जस हा वह फीा फकर मरत ह उसक मिाह स आग ऽनकलन लगता ह

सर शरार गमथ होन लगत थ

ऄथश- धयनवसथ म ऽदखई दन वल नग कि णडऽलना था वह अपन परभव स जड़त को नष ट

कर रहा था इसाऽलए नग क मिाह स आग ऽनकलता हई ऽदखई दता था जड़त क नष ट होन पर

अऽननततव क परभव बढ़न लगत ह इसस शरार म गमी की अनिभीऽत होन लगता ह धयनवसथ म

ऽदखई दन वला रख हमर कमो को जलन क बद बच हआ अवशष ह

रदय म ऄवनन और भगवान शकर

धयन म आजकल अतयनत उषणत रहता ह एक ऽदन सिबह धयन करत समय दखndash मिझ अपन

रदय ऽदखई द रह ह ऽफर रदय क अनदर ऽशवऽलग ऽदखई दन लग यह ऽशवऽलग परकश क बन

योग कस कर 144

हआ थ ऽशवऽलग स तज परकश बहर की ओर ऽनकल रह थ एक बर म धयन की गहरई म चल

गय तब ऽदखई ऽदयndash रदय म आग की लपट उठ रहा ह कि छ कषणो तक आग की लपट दखत रह

ऽफर आग की लपट धार-धार अदशय हो गया तब रदय म आग की जगह भगवन शकर समऽध मिदर म

ऽदखई दन लग उनक दऽहन बजी म रदरकष की दो मलएा थी गल म भा रदरकष की मलएा थी उस

समय उनक गल म हम नग नही ऽदखई ऽदय थ भगवन शकर क शरार नाल रग क परकश क बन

हआ थ तथ आग चरो ओर फला हई था भगवन शकर थोड़ा दर बद अदशय हो गय

यह अनिभव 29 अकती बर क ह मन धयनवसथ म दखndash म बठ हआ धयन कर रह ह ा हमर

मिाह स ॎ-ॎ क शबद ऽनकल रह थ यह शबद इतन िोर स ऽनकल की धयनवसथ म हमरा आाख खिल

गई कि छ समय बद म ऽफर धयन पर बठ गय ऽफर यहा दशय आय ऽक म धयन पर बठ ह ा और ॎ-ॎ

जोर स बोल रह ह ा इतन म हमर शरार स परकश क गोल ऽनकल और वह अनतररकष म चल गय

ऽफर म गहर धयन म डीब गय जब म धयन स उठ तब म इस अनिभव क अथथ नही समझ पय

एक ऽदन म धयन कर रह थ मन भा बहत एकगर हो रह थ ऽफर मीलधर चकर म ददथ-स

महसीस होन लग ऽफर घोर अधकर म ऽबजला चमकी और अदशय हो गई जस बरसत म बदलो क

बाच ऽबजला चमकता ह और अदशय हो जता ह

ऄथश- यह कि णडऽलना क दशथन ह कि णडऽलना क दशथन कई परकर क होत ह

मन धयनवसथ म दखndash एक वयऽकत हमर समन बठ हआ ह उस वयऽकत न अपन दऽहन हथ

ऊपर की ओर उठय और ऽफर बोलndash sbquoकलो क कलlsquoमहकल‛ इतन म उसक दऽहन हथ म एक

ऽतरशील परकट होकर आ गय चमकत हआ वह ऽतरशील बहत अचछ लग रह थ तथ ऽतरशील स

हलक-हलक परकश ऽनकल रह थ उसा समय मन मन म कहndash sbquoयह ऽतरशील भगवन शकर क ह‛

ऽफर उस वयऽकत न उसा ऽतरशील स हमर ऽसर क ऊपरा भग कट ऽदय म बड़ दिखा हआ और बोलndash

sbquoइसन हमर बरहमरधर हा कट डल‛ मन अपन ऽसर को उसा जगह ऽचपक ऽदय और ऽसर क ऊपरा

भग को पकड़कर खड़ हो गय इतन म मरा आाख खिल गई

ऄथश- यह ऽतरशील ससरा नही ह अनिभव म हमर ऽसर क ऊपरा भग ऽतरशील क दरर कट

जन बहत हा महतवपीणथ ह इसक अथथ हndash भऽवषय म हमर बरहमरधर तो खिलन ऽनऽित हा ह इसक

योग कस कर 145

सथ सथ सहसतरर चकर क भा ऽवकस होग अथ थत सहसतरर चकर भा खिलग तब तततवजञन की परऽपत

होगा मगर अनिभव म अजञनत क करण ऽसर क ऊपरा भग को ऽचपक कर पकड़ हए खड़ ह ा

कि छ ऽदनो बद हमरा सधन अपन आप कम होन लगा मन शरा मत जा को पतर ऽलख ऽक

ऐस zwjयो हो गय शरा मत जा क पतर कि छ ऽदनो बद आय उसम ऽलख थndash ldquoकभा-कभा सधन

अपन आप कम हो जता ह ऽफर अऽधक हो जता हrdquo ऐस हा हआ कि छ समय बद हमरा सधन

अपन आप अचछा होन लगा तथ तानो बनध भा लगन लग

योग कस कर 146

सन 1990

वतरशल

यह अनिभव 7 जनवरा को आय मन धयन म दखndash म आकश म उड़त चल ज रह ह ा

हमरा गऽत बहत जयद तज ह तज गऽत क करण पथवा हम ऽदखई नही द रहा ह रसत म ऊा च-ऊा च

पड़ो की टहऽनय ा व अनय अवरोध भा ऽमलत जत ह मगर य अवरोध हमर कि छ नही कर पत ह ऽबन

अवरोध क उड़त चल ज रह ह ा ऽफर एक जगह भीऽम पर जकर खड़ हो जत ह ा हमर समन पना

बह रह ह ऐस लग रह थ जस छोटा सा नदा म पना बह रह ह पना क बहन की गऽत तावर ह म

ऽकनर खड़ होकर कहत ह ाndash sbquoअगर म चाह तो इस धारा को रोक सकता ह ‛ म अपन दऽहन हथ

ऊपर की ओर उठत ह ा और जोर स lsquoॎrsquo शबद क उचचरण करत ह ा उसा समय हमर हथ म

चमचमत हआ ऽतरशील आ जत ह ऽतरशील तप हए लोह की भ ाऽत सिखथ लल ह ऽतरशील स परकश

ऽनकल कर चरो ओर फल रह थ ऽतरशील को म पना की धर क बाच म फ कन चहत ह ा ऽजसस

पना की धर रक जय मगर उसा समय आकश स आवज सिनई दता हndashsbquoनही तम ऐसा नही करोग

भिवषय म तम इस परकार क कायो म रिक त का परयोग नही करोग‛ मन आकश की ओर दख और ऽफर

ऽतरशील को दख ऽफर मर मिाह स ओकर शबद क उचचरण होन लग ओकर क उचचरण होत हा

ऽतरशील अदशय हो गय

ऄथश- सधको योग क अभयस करन की गऽत तज ह इसाऽलए म उड़त हआ चल ज रह ह ा

कोई अवरोध मिझ रोक नही पत ह पना की धरndash सथील जगत क सवरप ह हमर अभयस म यहा

अवरोध सवरप ह अथ थत ससर रपा अवरोध बड़ा तज गऽत स बह रह ह ऽतरशीलndash शऽzwj त क सवरप ह

अपन सथील अवरोधो को म शऽzwj त क दरर रोकन चहत ह ा मगर ऐस करन क ऽलय मिझ रोक ज रह

योग कस कर 147

कणठचकर स बरहमरधर तक

यह अनिभव हम 17 फरवरा को आय मन धयनवसथ म दखndash हम अपन ऽसर क अनदर क

भग ऽदखई द रह ह ऽसर क अनदर कणठचकर स आजञचकर व बरहमरधर तक क मगथ ऽदखई द रह ह

पहल मिझ कणठचकर ऽदखई ऽदय कणठचकर पर ऽसथत गरऽथ भा ऽदखई द रहा था वह ऊपर जन क मगथ

अवरोध ऽकय हए था यहा पर अतयनत सकर-स मगथ खिल हआ थ उसा सकर मगथ स परण वयि

थोड़ा सा ऊपर की ओर चला जता था शष परण वयि कणठचकर पर हा रक जता था कणठचकर क ऊपर

तान मगथ थ एकndash एक मगथ कणठचकर स ऽबलकि ल साध ऊपर की ओर जत थ जो बरहमरधर क दरर पर

पहाचत थ दीसरndash एक मगथ पीवथ की ओर जकर आजञ चकर पर आत थ ऽफर आजञ चकर स ऊपर की

ओर घिमवदर उठत हआ बरहमरधर दरर पर आत थ तासरndash एक मगथ कणठचकर स ऽसर क पऽिम भग

स होत हआ बरहमरधर दरर तक आत ह कणठचकर स बरहमरधर दरर तक तान मगथ होत ह इन मगो पर

कि णडऽलना करमशः गमन ऽकय करता ह

आजञचकर को मन गौरपीवथक दख आजञचकर क पाछ की तरफ अणडकर परकश खड़ आकर म

ऽदखई ऽदय म बद म समझ गय ऽक यह अणडकर परकश मर तासर नतर ह ऽफर बरहमरधर दरर पर

दख वह पीरा तरह स बनद थ

जयोवत

अब हम अनिभव बहत कम आत ह म जयदतर अभयस म हा लग रहत ह ा शरा मत जा न

पहल कह भा थ अब अनिभव नही आन चऽहए यह ा पर जो अनिभव ऽलख रह ह ा वह 4 ऽसतमबर को

आय थ यह अनिभव धयन म अथव सवपनवसथ म नही आय बऽलक परतयकष आय थndash म और मरा

छोटा बऽहन बत कर रह थ शम क 8 बज होग तभा मिझ 2-3 माटर दीर मोमबता की लौ क समन

परकश ऽदखई ऽदय मन बत करना बनद कर दा चिपचप उस लौ को दखन लग ऐस लग रह थ जस

ऽचतत क अनदर दाप ऽशख क समन लौ क दशथन होत ह उसा की तरह यह परकश थ म उस जयोऽत

को टकटकी लगए हए दख रह थ कि छ समय तक वह जयोऽत ऽसथर रहा ऽफर मिझस दीर हटता हई

अनतररकष म ऊपर की ओर चला गया ऊपर जकर हमरा दऽष ट स ओझल हो गया

योग कस कर 148

इस परकर क परतयकष अनिभव जावन म पहला बर आय ऐस अनिभव पर लोग कम ऽवशवस

करग मगर यह अनिभव सतय ह म इन सथील आाखो स जयोऽत को कि छ कषणो तक दखत रह थ इसा

परकर क अनिभव 19 नवमबर को आय म रऽतर क समय कमर म लट हआ थ मिझ कमर की छत पर

परतयकष रप म तज परकश क ऽबनदि ऽदखई दन लग थ ऽफर शाघर हा वह जयोऽत क रप म पररवऽतथत हो

गय यह जयोऽत भा पहला जसा जयोऽत क समन सवरप वला था म बहत समय तक ऊपर की ओर

जयोऽत को दखत रह ऽफर वह जयोऽत ऊधवथ होकर ऊपर अतररकष म चला गया और अदशय हो गया

अबकी बर ऽवशषत यह था ऽक म कमर क अनदर लट हआ थ जयोऽत ऊपर की ओर छत पर ऽदखई

द रहा था ऽफर अतररकष म जकर अदशय हो गया उस समय कमर की छत क हम आभस नही हो रह

थ हमर मन की एकगरत जयोऽत पर था जब जयोऽत अतररकष म जकर अदशय हई उस समय हम कमर

की छत ऽदखई दन लगा पहल कमर की छत zwjयो नही ऽदखई दा था य अनिभव हमरा ऽजनदगा क

ऽवशष परकर क ह zwjयोऽक सथील नतरो स म जयोऽत और समपीणथ दशय दख रह थ

ऄतप त जीवातमाएा

आजकल मर अतप त जावतमओ स समपकथ बहत हआ करत थ सवय अतप त जावतमएा

हमर पस आय करता था और अपना बत मिझ बतय करता था इसऽलए मन ऽकसा भा अतप त

जावतम क ऽवषय म सपषट नही ऽलख ह zwjयोऽक इनकी सखय बहत जयद हआ करता था इस पिसतक

म ऐस ऽलखन उऽचत नही समझ ह मगर म यहा पर एक अतप त जावतम क ऽवषय म ऽलखत रह ह ाndash

यह लड़की ऽदलला म हमर सथ कम ऽकय करता था हल ाऽक हमरा इस लड़की स उस समय भा

जयद बतचात नही होता था zwjयोऽक उसक कम ररसपशऽनसट क थ ऽसतमबर क महान थ उस

समय म घर म अकल रहत थ सिबह क धयन करक म लट गय थ तभा मिझ नीद आ गया मन

सवपनवसथ म दखndash वहा लड़की हमर पस आ गया हमर समन आकर खड़ा हो गया म

आश चयथचऽकत होकर बोलndash sbquoउम तिम‛ मर इतन कहत हा वह रोन लगा म ऽफर बोलndash sbquoतिम तो मरा

बऽहन की तरह हो zwjयो रो रहा हो मिझ बतओ‛ ऽफर वह लड़की मिझस ऽलपट गया और ऽबलख-

ऽबलखकर रोन लगा मन पीछndash sbquoउम तिमह zwjय परशना ह मिझ बतओ‛ वह बोलाndash sbquoमिझ भीख लगा

ह‛ म बोलndash sbquoघर क अनदर चला जओ जो कि छ रख हो ख लन‛ उम घर क अनदर चला गया

योग कस कर 149

कि छ समय क बद म भा घर क अनदर गय तो दखndash उम खन ख रहा था वह मिझ दखकर मिसकरन

लगा मन कहndash sbquoकोई बत नही तिमहरा जब तक इचछ हो तब तक यह ा रऽहए‛ उम बोलाndash sbquoनही-

नही भई सहब मिझ अभा ऽदलला वपस जन ह‛ म बोलndash sbquoतिमहरा जसा इचछ हो‛ वह लड़की

कि छ समय बद चला गया अनिभव समपत हो गय इस घटन क बद यह लड़की दो बर मर पस आया

था मगर अब वह परशनन था उस ऽकसा परकर क कष ट नही थ मिझ खिशा हो रहा था वह मर दरर तप त

हो गया थ

इस लड़की क सथ जो मर वत थलप हआ वह यह ा पर नही ऽलख रह ह ा उसन अपन ऽवषय म

सब कि छ बतय थ ऽक उसकी कस मतयि हो गया था ऽफर म अपरल सन 1990 म ऽदलला गय थ तब

मन अपन ऽमतरो स इस लड़की क ऽवषय म जनकरा की तब ऽमतरो न बतय ऽक कि छ समय पीवथ उसकी

मतयि हो चिकी ह मन सोच ऽक य अतप त जावतमएा ऽकतना दीरा स जनकरा कर लता ह ऽक म सधक

ह ा

जलाशय

आजकल धयनवसथ म अzwjसर चनदरम ऽदखई दत ह चनदरम क सवरप अषटमा ऽतऽथ क

चनदरम क समन छोट होत ह यह अनिभव कई बर आय

यह अनिभव नवमबर मह म आय म एक जगह खड़ ह ा समन की ओर बहत हा बड़ जलशय

ह इस जलशय क दीसर ऽकनर हम ऽदखई नही द रह ह दीर-दीर तक पना-हा-पना ऽदखई द रह ह

म जलशय को गौरपीवथक दख रह ह ा हमस थोड़ा दीरा पर हमर सतसगा ऽमतर खड़ हए ह वह भा जलशय

को दख रह ह वही पर कि छ सतसगा भई सनन कर रह ह म सतसगा ऽमतर स बोल (उसक नम नही

ऽलखन चहत ह ा)ndash sbquoअर भई अनदर आकर सनन कर लो‛ तो वह सतसगा भई बोलndash sbquoअनदर

गहरई बहत जयद ह इसऽलए म यह ा पर सनन कर रह ह ा‛ म बोलndash sbquoम इस जलशय की गहरई म

सनन करा ग‛ पना एकदम सवचछ थ गहरई सपषट ऽदखई द रहा था मन पना क अनदर परवश करन

चह तब म आश चयथचऽकत हआ zwjयोऽक पना क अनदर परवश न करक पना क ऊपर खड़ हो गय

थोड़ स पना क ऊपर चल और ऽफर म दौड़न लग मरा दौड़न की गऽत बहत हा तावर था कि छ समय

तक पना क ऊपर दौड़त रह उस जगह पर पना ऽसथर थ जलशय क पना वस भा ऽसथर रहत ह

ऽफर कि छ कषणो क ऽलए म रक गय zwjयोऽक समन बहत हा तज धर बह रहा था मन सोचndash पना की

योग कस कर 150

धर इतना तज ह ऽक म बह जऊा ग और हमरा मतयि हो जएगा मन मन म कहndash sbquoम मतयि स नही डरत

ह ा म इस धर को पर कर जऊा ग‛ ऽफर zwjय थ म अतयनत तावर गऽत स पना की धर क ऊपर दौड़न

लग ऽकनर अब भा ऽदखई नही द रह थ म धर (पना) क ऊपर दौड़ ज रह थ जस हा मन पना

की धर को पर ऽकय उसा समय जलशय क पना अदशय हो गयऔर ऽकनर आ गय म भीऽम पर

खड़ हो गय मिझ लग म बहत हा दीरा तय करक आय ह ा इतन म हम वही पर थोड़ा दीरा पर दो

सऽधकएा खड़ा हई ऽदखई दा इन सऽधकओ स हमरा बहत हा ऽमतरत था तभा हमरा दऽष ट अपन

शरार पर पड़ा तो मन दखndash हमर शरार पर एक भा वसतर नही ह मिझ अपन आप पर शमथ आ रहा था

zwjयोऽक दोनो सऽधकएा हमर पस आ रही था मन दख वही भीऽम पर एक गनद कपड़ पड़ हआ हउस

उठकर लगोटा क रप म लग ऽलय तब तक दोनो सऽधकएा हमर पस आ गया और बोलीndash sbquoभई

सहब‛ मिझ अपन आप पर लगोटा क करण शमथ आ रहा था इतन म शरा मत जा हमर समन आ

गया अब मर मन क अनदर बिर हल थ दोनो सऽधकओ न शरा मत जा स कहndash sbquoआननद कि मर

इस तज धर को पर करक आय ह‛ शरा मत जा बोलीndash sbquozwjयो आननद कि मर आप इस तज धर को

पर करक आए हो‛ म बोलndash sbquoह ा शरा मत जा म इस धर को पर करक आय ह ा‛ ऽफर शरा मत जा

बोलीndash sbquozwjयो आननद कि मर यह गनदा लगोटा zwjयो लग रखा ह‛ म कि छ न बोल शमथ क करण मर

बिर हल थ म ऽसर को नाच ऽकए हए खड़ थ अनिभव समपत हो गय

म ऽमरज गय थ तब यह अनिभव मन शरा मत जा को बतय थ शरा मत जा अनिभव सिनकर

परसनन हो गया और मिझस बोलाndash sbquoआननद कि मर आपको यह अनिभव बहत अचछ आय ह‛ वह

सधक जो पना क अनदर सनन करन स मन कर रह ह वह जावन म योग नही कर पयग आपकी

गऽत योगभयस म बहत तावर ह इसऽलए आप तावर गऽत स जलशय क ऊपर दौड़ ज रह थ जलशय म

तज धर दखकर आपन सहस ऽदखय मतयि स भा नही डर और पना की धर को पर कर ला आप

भऽवषय म ऽनिय हा मतयि पर ऽवजय परप त करोग आपन गनदा लगोटा लग ला यह अचछ नही ऽकय

यह आपक अनदर की कमा ह आपक अनतःकरण और शिि होन चऽहए आपको भऽसत नही होन

चऽहए ऽक आपक शरार पर वसतर नही ह यह कमा आपकी भऽवषय म ऽनकल जएगा शरा मत जा जब

हम इसक अथथ बत रही था तब उस समय बहत स सधक बठ हए थ वह सधक भा उस समय

उपऽसथत थ ऽजसन सनन करन स मन कर ऽदय थ वह बहत दिखा हआ यह सतय ह उसकी सधन

ऽबलकि ल नही हो रहा था

योग कस कर 151

सन 1991

भगवान शकर

यह अनिभव जनवरा क परथम सपतह म आय म एक महलनिम जगह क अनदर ह ा यह महल

अतररकष म बन हआ ह इस महल क रग पीरा तरह उजजवल सफद ह ऐस लगत ह ऽक दावर और फशथ

सगमरमर स भा सिनदर ऽकसा वसति दरर ऽनऽमथत ह महल क अनदर आगननिम बहत अचछा जगह ह म

इसा जगह क मधय म खड़ हआ ह ा इतन म पीवथ ऽदश की ओर स बहत तज परकश आत हआ ऽदखई

ऽदय यह परकश मर ऊपर भा पड़न लग सर महल परकश स चमकन लग मर ऊपर परकश पड़न स

आाख चकचौध हो रहा था परकश क अऽतररकत कि छ ऽदखई नही द रह थ उसा समय हमरा दऽष ट

पऽिम ऽदश की ओर गया मन दखndash मिझस थोड़ा दीरा पर पऽिम ऽदश म भगवन शकर अपन वहन

बल पर सवर ह बल (नऽदय) सफद रग क ऊा च कद क रषट-पिषट ह भगवन शकर क रग हलक नाल

व परकऽशत ह वह गल म रदरकष ऽक मलएा और वयघर चमथ पहन हए ह ऽसर पर बलो क ऊा च जीड़

लग हआ ह वह हमरा ओर दख रह ह मन अपन आप स कहndash sbquoयह तो भगवन शकर ह‛ इतन म

बल क बई ओर एक अऽदरताय सिनदर सतरा परकट हो गया वह बहत सजा-धजा सा था ऽसर पर सोन क

मिकि ट मऽणयो स यिकत लग हआ थ सर शरार पर ऽदवय आभीषण व लल रग की सड़ा पहन हई था सतरा

क परकट होत हा भगवन शकर न उस अपन आग बल की पाठ पर ऽबठ ऽलए बल पऽिम ऽदश की ओर

चल ऽदय उसा समय आकशवणा हईndash ldquo इस योगा क ऽलए सर दरर खोल ऽदए जएाrdquo मन यह

आवज सपषट सिना तब तक नऽदय पऽिम ऽदश म जकर अदशय हो गय म दख रह थ परकश अब

भा पीवथ ऽदश की ओर स आ रह थ तथ हमर ऊपर भा पड़ रह थ इतन म बल पऽिम ऽदश की ओर

स आत हआ ऽदखई ऽदय बल हमर समन स ऽनकलकर पीवथ ऽदश की ओर चल गय अबकी बर

बल क ऊपर कोई सवर नही थ बल अकल थ इतन म मर अनिभव समपत हो गय

ऄथश- सधको यह ा पर योगा शबद हमर ऽलए परयोग ऽकय गय ह सर दरर खोल ऽदय जएाndash

इसक अथथ ह हमर सर चकर खोल ऽदय जएा अथ थत भऽवषय म हमर सर चकर खिल जयग

योग कस कर 152

हमार दो रप

यह अनिभव जनवरा क परथम सपतह म आय मन धयनवसथ म दखndash म अतररकष म उड़त

हआ चल ज रह ह ा आग चलकर ऊा च बफील पहड़ ऽमल म पहड़ की चोऽटयो पर अऽत तावर गऽत स

चढ़ चल ज रह ह ा ऽफर मिझ ऽदखई ऽदय म पहड़ की सबस ऊा चा चोटा पर चढ़ रह ह ा जब म सबस

ऊपर चोटा पर पहाच तब ऐस लग यह चोटा आकश को छी रहा ह म खड़ होकर नाच की ओर दखन

लग मिझ लग म बहत ऊा चई पर आ गय ह ा इतन म हमर समन दो हथ परकट हो गए दोनो हथो की

हथला कि छ दन की मिदर म जिड़ा हई था ऐस लग रह थ ऽक दोनो हथ हम कि छ द रह ह उन दोनो हथो

को दखकर म सतबध रह गय zwjयोऽक वह हथ बहत जयद सिनदर थ दोनो हथो न सिनदर चीऽड़य ा पहन

रखा था वह हथ ऽकसा सतरा क थ मन उन दोनो हथो क सहर ऊपर की ओर दखन शिर कर ऽदय तब

मन दखndash मिझस डढ़ दो फीट की दीरा पर तथ थोड़ा ऊा चई पर (सवोचच ऽशखर पर) एक सतरा खड़ा हई ह

वह हर रग की ऽसतरोदर सड़ा पहन हई ह ऽसतरो स परकश ऽनकल कर ऽझलऽमल रह ह ऽसर पर

मिकि ट लगए ह तथ आभीषणो स सिशोऽभत ह जब मन उसक चहर दख तो उस चहर न मिसकर ऽदय

मगर म चहर दखकर दग रह गय zwjयोऽक वह मर हा चहर थ अब म आश चयथ चऽकत हो गय ऐस

कस हो गय म तो पिरष ह ा ऽफर म सतरा क रप म समन कस खड़ हो गय ह ा मन गौरपीवथक सतरा को दखन

शिर ऽकय उसक ऽसर पर बहत सिनदर मऽणयो स यिकत चमकील मिकि ट लग हआ थ आाख बड़ा-बड़ा

तजसवा था नक और होठ की बनवट बहत हा अचछा व आकषथक था सिनदर चहर गदथन बहत सिनदर

तवच वला था गल म मऽणयो की मलएा था हर रग क बलउज व सड़ा पहन हए था दोनो वसतरो म

ऽसतर लग हए थ वकषसथल उभर हआ थ नभा क आसपस क शरार पतल थ ऽनचल भग रषट-

पिषट थ हथ व बजी बहत सिनदर थ म बर-बर उसकी सिनदरत दख ज रह थ वह सतरा मिसकर रहा था

उस समय मिझ लग रह थ म तो पिरष क रप म खड़ हआ ह ा पल भर म मिझ लग म सतरा क रप म ऊपर

खड़ हआ ह ा हमर समन सवरप वल पिरष नाच ओर खड़ हआ ह अब म अपन सिनदर शरार दखन

लग और सोचन लगndash म बहत सिनदर सवरप वला सतरा ह ा मिझ ऽदखई द रह थndash मर समन मर समन

पिरष क शरार थोड़ा दीरा पर खड़ हआ ह और हमरा ओर दख रह ह म सतरा क रप म खड़ हआ चरो

ओर क अनतररकष दख रह थ ऽफर मिझ कि छ कषणो म लगndash म पिरष वल शरार म आ गय ह ा सतरा वल

शरार समन ऊपर की ओर खड़ हआ मिसकरकर हम कि छ द रह ह मन अपन दोनो हथ (अजिला क

आकर म) सतरा की ओर बढ़ ऽदय तभा उसन भा अपन दोनो हथो को मर समन कर ऽदए वह दोनो हथो

योग कस कर 153

म (अजिला म) कि छ ऽलय हए था सतरा न हमर हथो म कि छ डल ऽदय मगर हम यह नही ऽदखई ऽदय

ऽक उसन zwjय ऽदय ह इतन अवशय थ ऽक उसन कि छ ऽदय ह इतन म वह सतरा अदशय हो गया म नाच

की ओर अपन आप आन लग अनिभव समपत हआ

सधको उस समय मन इस अनिभव क अथथ नही समझ पय थ मगर बद म मिझ इस अनिभव

क अथथ की जनकरा हो गया था अनिभव म म सतरा भा ह ा और पिरष भा ह ा मन अपन आप को सतरा शरार

म अनिभीत भा ऽकय थ ऽफर पिरष शरार म आ गय थ आपको मलीम होगndash सतरा शऽzwj त क सवरप

होता ह म पिरष शरार म ह ा तब इस शरार की शऽzwj त सतरा रप म हा ऽदखए दगा इसऽलए म अनिभव म म

सतरा सवरप म भा ऽदखई द रह ह ा सतराशऽzwj त होता ह शऽzwj तवन पिरष होत ह इसऽलए म दोनो रपो म

ऽदखई द रह थ तथ अनिभीऽत भा कर रह थ अनिभव म सतरा न मर हथो म मिझ कि छ ऽदय मगर हम

ऽदखई नही ऽदय ऽक उसन zwjय ऽदय ह शऽzwj तसवरप सतरा हम शऽzwj त हा दगा इसक अथथ हndash हमर

अनदर कि णडऽलना शऽzwj त क शाघर जगरण होग कि छ समय बद हमरा कि णडऽलना ऊधवथ हो गया था

कि णडऽलना शऽzwj तसवरप ह

मन दखndash धयनवसथ म अतररकष स मर ऊपर परकश पड़ रह ह म परकश म सनन कर रह ह ा

मिझ अपन सर शरार परकश म सनन करत हए ऽदखई द रह थ ऽफर मिझर चनदरम ऽदखई दन लग

चनदरम क आकर सपतमा अषटमा ऽतऽथ क बरबर थ

वपछल जनम क गरदव

यह अनिभव हम जनवरा क आऽखरा सपतह म आय थ आजकल मरा सधन बहत हा उगरत स

हो रहा था इसक करण यह थndash आजकल उततर भरत म सदी बहत पड़ता ह सदी क ऽदनो म सधन

अचछा होता ह अभयस दरर परकट हई शरार की गमी सहन हो जता ह म सिबह 330 बज धयन पर

बठ गय थ मर गहर धयन लग हआ थ ऽक अचनक मीलधर चकर म जोरदर वदन हई मर गहर

धयन टीट गय हम अपन होश आन लग म ऽफर धयन करन लग मर मन अबकी बर मीलधर चकर

पर कऽनदरत हो गय zwjयोऽक मीलधर चकर म आग-सा फला हई था मिझ तावर बचना होन लगा ऽफर यह

आग राढ़ क सहर ऊपर की ओर जन लगा और सवऽधषठन चकर पर आकर ठहर गया मिझ अनिभीऽत हो

योग कस कर 154

रहा था ऽक आग ऊपर की ओर चढ़ रहा ह इतन म मर धयन कि छ कषणो क ऽलए गहर हो गय मन

धयन म दख- हमर समन ऊा च कद क सनयसा जा खड़ हए ह उनक ऽसर क बल लमब-लमब थ दढ़ा

बढ़ा हई था सभा बल ऽखचड़ा हो रह थ अथ थत आध बल पक हए सफद थ आध कल बल थ वह

मर समन खड़ हए मिझ दख कर मिसकि र रह थ ऽफर उनहोन आशाव थद मिदर म हथ ऊपर की ओर उठय

कि छ कषणो बद अदशय हो गए व सनयसा जा मिझस कि छ नही बोल और न हा म उनस कि छ बोल थ

मर अनिभव समपत हआ ऽफर सिबह जब दिबर धयन पर बठ तब हम यहा आग ऽफर स मीलधर चकर

म फला हई अनिभीऽत हई ऽफर यह आग राढ़ क सहर ऊधवथ होन लगा

ऄथश- अभा मन ऽजस आग क उललख ऽकय हमरा कि णडऽलना जगरण की अनिभीऽत इसा

परकर स हई ह zwjयोऽक हमरा कि णडऽलना बहत हा उगर ह ऽफर कि णडऽलना ऊधवथ होन की अनिभीऽत इस

परकर हई ह मन ऽजस सनयसा जा क ऽवषय म उललख ऽकय हndash इनक ऽवषय म 5 वषथ बद जनवरा

1996 म मलीम हआ थ ऽक यह मर ऽपछल दो जनम पीवथ क गिरदव जा ह और मर ऽपतशरा भा थ जो

वतथमन समय म तपलोक म रहत ह वह मर कलयण करन आए थ मगर उस समय उनहोन मिझ कि छ

नही बतय थ और न हा कोई बत की था गिरदव मरा कि णडऽलना ऊधवथ करन क ऽलए तपोलोक स

हमर पस आए हए थ इन गिरदव क ऽवषय म ऽफर ऽकसा जगह आग ऽलखीाग हमरा कि णडऽलना ऽफर

कभा भा सिषिपतवसथ म नही गई zwjयोऽक पहल दो-तान बर कि णडऽलना ऊधवथ होकर सिषिपतवसथ म चला

गया था शरा मत जा न हम इस ऽवषय म कि छ नही बतय थ बऽलक बद म कहndash sbquoआपको समझ म

आन चऽहए‛ मगर मिझ उस समय मलीम नही हआ थ ऽक मरा कि णडऽलना ऊधवथ हो गया ह ऽपरय

सधको ऽजस तरह स मिझ अपना कि णडऽलना जगरण की अनिभीऽत हई ह इस तरह स सभा सधको को

अनिभीऽत नही होता ह म पीवथ जनमो स योगा ह ा इसऽलय मरा कि णडऽलना अतयनत उगर ह इसकी उगरत क

करण हा म सर अधयऽतमक कयथ करत ह ा बहत ऐस भा सधक होत ह उनह अपना कि णडऽलना की

जयद अनिभीऽत नही होता ह

वमरज की यातरा

शरा मत जा क पतर एक वषथ स नही आय थ मन जिलई सन 1990 म शरा मत जा क सथ

ऽदलला स ऋऽषकश की यतर की था ऋऽषकश म म शरा मत जा क सथ सवमा ऽशवननद आशरम म

योग कस कर 155

रक थ उस समय बहत सखय म सधक गण आय हए थ मगर बहत ऽदनो स शरा मत जा क पतर न

आन क करण मन म थोड़ा अशऽत-सा था इसऽलए मन ऽनऽिय ऽकय अब म ऽमरज जऊा ग मर पस

ऽशवरऽतर पवथ पर आन क ऽलय ऽमरज स पतर भा आ गय थ मर पस उस समय रपयो क इतजम नही

हो प रह थ इसऽलए मन अपन ऽपत जा स कि छ रपय उधर ल ऽलए और ऽमरज क ऽलए चल ऽदय

ऽमरज जत समय रसत म जलग ाव दो ऽदन क ऽलय रक थ ऽफर जलग ाव क कि छ सतसऽगयो क सथ

ऽमरज क ऽलय चल ऽदय वह ा ऽशवरतरा पर भाड़-भड़ क करण शरा मत जा स बत न हो सकी जब

जयदतर सधक चल गए तब म शरा मत जा स बोलndash sbquoधयन पर बठत समय मीलधर चकर म बहत

गमी होता ह ऽफर रदयचकर तक जलन होन लगता ह तथ हरदय क कषतर भा जलन लगत ह म समझ

नही पय ह ा ऐस zwjयो होत ह‛

एक बर धयन पर बठत समय शरा मत जा न कहndash sbquoआननद कि मर आप हमर समन धयन पर

बऽठए‛ म शरा मत जा समन धयन करन क ऽलय बठ गय धयन पर बठत हा मिझ अनिभीऽत हईndash

मीलधर चकर स ऊपर की ओर गमथ लोह की रड (छड़) की तरह कोई चढ़न लगा ऐस लग रह थ जस

राढ़ क आसपस क कषतर जलता हई चला ज रहा ह ऽफर रदयचकर पर आकर कि छ समय क ऽलए रक

गया कि छ कषणो बद रदयचकर स ऊपर की ओर राढ़ क सहर मस को जलता हई कोई वसति ऊपर की

ओर चढ़न लगा ह अब हमरा पाठ बहत हा गमथ हो रहा था इसस मिझ कष ट की अनिभीऽत होन लगा मर

सर धयन इसा ओर आकऽषथत हो गय उस समय ऐस लगत थ ऽक पाठ की तरह बजी की नस भा

कोई कट डल रह ह हमर बजी व हथ भा गमथ होन लग मिझ इस कष ट क करण बचना तो बहत हो

रहा था ऽफर भा लगभग एक घनट क धयन लग थ ऽफर मिझ धयन तोड़न पड़ zwjयोऽक समीऽहक मतर

जप होन वल थ

एक बर शरा मत जा व अनय सतसगा भई-बऽहन एक सथ भोजन करन क ऽलए बठ थ तब

बतो-बतो म मन शरा मत जा स पीछndash sbquoशरा मत जा आज धयन म हम बड़ ऽवऽचतर स अनिभव

आय‛ शरा मत जा न बोलाndash sbquoआपको कस अनिभव आय ह‛ म बोलndash sbquoमीलधर चकर स गमथ

लल लोह की रड (छड़) की तरह एक रख ऊपर की ओर चढ़ता हई जन लगा वह सिखथ लल रग की

रख रदय चकर तक आकर ठहर गया ऽफर कि छ कषणो बद वह रख रदय चकर स ऊपर की ओर जना

लगा उस लल रग की रख स इतना तावर जलन हो रहा था पाठ क ऊपरा भग बिरा तरह जलन स

लग थ यह ा तक ऽक बजी की नस भा जलन सा लगा था जस-जस वह रख कणठचकर की ओर ज रहा

योग कस कर 156

था वस-वस जलन और तावर होकर आसपस फलता ज रहा था इतना तावर जलन मन कभा महसीस

नही की हrdquo शरा मत जा बोलीndash sbquozwjय आपको मलीम नही ह यह कि णडऽलना ह कि णडऽलना ऊपर चढ़

रहा ह वह ऽजस चकर म पहाचता ह उस चकर की जड़त को जलता चला जता ह और चतनयत को

ऽबखरता हई आग की ओर चला जता ह यह उसा क अनिभव ह‛

शरा मत जा की बत सिनकर म आश चयथचऽकत हआ वह ा पर और भा सधक बठ हए थ उन

सभा सधको न भा मर अनिभव सिन ऽफर कि छ सधको न बद म मिझस कि णडऽलना क ऽवषय म पीछ

मन उनह कि छ और कि णडऽलना क अचछ-अचछ अनिभव सिनय कि णडऽलना कणठचकर तक ऊधवथ होन क

करण म आतररक रप स बहत परसनन थ म अपना खिऽशय ा दबए हए थ

अब शरा मत जा क यह ा स सर सधक ज चिक थ ऽसफथ म अकल हा रह गय थ एक ऽदन

शरा मत जा न हम कोलहपिर जन क ऽलए कह zwjयोऽक कोलहपिर म शरा मत जा क कि छ कयथ थ शरा

मत जा बोलीndash ldquoकल सिबह शाघर यह ा स ऽनकल जन और दोपहर क खन तक वपस आ जन ऽफर

एकत म धयन करन क ऽलए बठ ग म आपकी सधन जयद कर दीागा ऽफर आपकी सधन औरअचछा

हो जएगा‛ म सिबह हा कोलहपिर क ऽलए ऽनकल चल ऽदय ऽजस समय म टरन म बठ हआ थ उस

समय कि णडऽलना ऊधवथ होन की अनिभीऽत मिझ हो रहा था कि णडऽलना ऊपर की ओर चढ़ता था कणठचकर

तक जकर कि छ कषणो तक ठहरा रहता था ऽफर नाच ऽक ओर उतर कर आ जता था रसत म यहा होत

रह थ उस समय म धयन नही कर रह थ ऽसफथ चिपचप बठ हआ थ कोलहपिर पहाच कर पहल शरा

मत जा क कयथ करन म लग रह ऽफर कोलहपिर क परऽसि लकषमानरयण मऽनदर दख यह मऽनदर

पौरऽणक ह और मऽनदर बहत हा सिनदर ह ऽफर कोलहपिर स ऽमरज क ऽलय ऽनकल पड़ म शम को

ऽमरज आ गय उस ऽदन धयन करन क अवसर नही ऽमल दीसर ऽदन सिबह प ाच बज धयन करन क

ऽलय बठ थ तब शरा मत जा मर आजञ चकर पर शऽzwj तपत ऽकय शऽzwj तपत करत समय ऐस लग ऽक

हमर मसतक पर शऽzwj त परवश हो रहा ह इसक बद गहर धयन लग गय एक घनट क धयन लग धयन

समपत करक म चलन की तयरा करन लग zwjयोऽक कि छ समय बद घर वपस आन क ऽलय टरन पकड़ना

था म शाघर हा शरा मत जा की आजञ लकर ऽमरज रलव सटशन क ऽलए चल ऽदय

योग कस कर 157

ववशाल मगरमचछ

धयनवसथ म एक ऽवशल जलशय दख उस जलशय क ऽकनर बहत स अपररऽचत मनिषय

खड़ हए ह म भा उस जलशय क ऽकनर खड़ हआ ह ा कि छ कषणो बद म जलशय क पना क ऊपर

चलन लग थोड़ स आग चलकर पना क अनदर नाच की ओर परवश कर गय और बहत गहरई म

जकर शऽत मिदर म वही पर बठ गय ऽफर कि छ समय बद पना क ऊपर ऽनकल आय और पना क

ऊपरा सतह पर खड़ हो गय तभा मन दखndash एक मगरमचछ हमर समन तर रह ह म मगरमचछ को

दख रह ह ा वह हम नही दख रह ह zwjयोऽक मगरमचछ क पीछ क भग मरा ओर ह ऽकनर पर खड़ा

भाड़ हमरा ओर दख रहा हउसा भाड़ म कि छ लोग कह रह थndash अब इस (मिझ) मगरमचछ ख जएग म

दीसर ऽकनर की ओर तावर गऽत स पना की ऊपरा सतह पर दौड़न लग कि छ कषणो बद जब हम दीसर

ऽकनर ऽमल गय ऽफर म उस पर ऽकनर पर बठ गय तभा मिझ ऽदखई ऽदय ऽक मगरमचछ मर पाछ

कर रह ह वह हमर पस आ गय कषण भर क ऽलए हम लग मगरमचछ मिझ ख जएग मगर उसा

समय मिझ अपन बगल म एक लड़क खड़ हआ ऽदखई ऽदय उस छोट-स लड़क (लगभग 10-12 वषथ

क) न मगरमचछ क मिाह पकड़ ऽलय ऽफर उसन मगरमचछ क मिाह मिझ पकड़ ऽदय मन मगरमचछ क

मिाह म लमबा सा कील ठोक दा कील इतना लमबा था ऽक वह नाच की ओर भीऽम म गड़ गया मगरमचछ

क मिाह कील म फा स गय थ अब वह छटपटन लग म मगरमचछ को छोड़ कर जलशय म पना क

ऊपर चलन लग ऽफर म उसा जगह पर पहाच जह ा पर यह मगरमचछ पहल ऽदखई ऽदय थ मन दखndash

उस जगह पर चर-प ाच मगरमचछ मरा ओर तज गऽत स आन लग म मिड़कर एक ओर को भग तऽक

मगरमचछ हम पकड़ न पए तभा एक मगरमचछ न हम पकड़ ऽलय और पना क अनदर नाच की ओर

खीचन शिर कर ऽदय म पना क अनदर नाच की ओर जन लग मिझ लग ऽक अब य मगरमचछ हम

पना क अनदर नाच गहरई म ल जएग उसा समय हमन अपन दोनो हथ ऊपर की ओर उठए और मिाह

ऊपर आकश की ओर ऽकय ऽफर म जोर स ओकर करन लग ओकर इतन जोर स ऽकय ऽक हमरा

आवज आकश म गीाजन लगा ओकर बोलत समय मर मिाह खिल हआ थ हमर मिाह स परकश की

ऽकरण ऽनकल रहा थी वह आकश को भदता हई ऊपर की ओर चला ज रहा था उस समय म अपन

मन म सोच रह थ हमरा आवज भगवन शकर तक पहाच म लगतर जोर स ओकर ऽकए ज रह

थ वह परकश की ऽकरण अऽत तावर गऽत स ऊपर की ओर चला ज रहा था मिझ मलीम नही ह वह

परकश की ऽकरण ऽकतना ऊपर तक गया होगा कि छ समय बद मर मिाह स ओकर शबद ऽनकलन बनद

योग कस कर 158

हो गय मगर मर मिाह अभा खिल हआ थ आकश म ओकर की धवऽन बरबर गीाज रहा था मिझ

आश चयथ हआ ऽक म ओकर बोल नही रह ह ा ऽफर भा ओकर की धवऽन कह ा स आ रहा ह मन दखndash

मर मिाह स ऽनकला परकश की ऽकरणो क बाच म ऊपर की ओर स छोट-छोट परकश ऽबनदि चल आ रह ह

वह परकश ऽबनदि हमर मिाह क अनदर परवश कर गएरह ह मर अनतःकरण स आवज आयाndash ldquoय परकश

ऽबनदि भगवन शकर क यह ा स आ रह हrdquo मिझ ऽदखई ऽदयndash ldquoअतररकष म भगवन शकर समऽध मिदर म

बठ हए ह‛ जस हा ऊपर की ओर स आय हए परकश ऽबनदि हमर मिाह क अनदर परवश ऽकय उसा समय

मगरमचछ न हम छोड़न शिर कर ऽदय और धार-धार छोड़ ऽदय म ऽफर पना क ऊपर चलन लग और

यह सोचन लग अब म ऽनभथय होकर पना पर ऽवचरण कर सकत ह ा जब म पना क ऊपर इधर-उधर

घीम रह थ तब भा वहा पर व मगरमचछ उपऽसथत थ मगर मिझ उनस ऽबलकि ल डर नही लग रह थ और

न हा मगरमचछ हमरा ओर दख रह थ

ऄथश- सधको य मगरमचछ रग दरष लोभ मोह तषण आऽद क परताक ह जलशयndash सथील

जगत क परताक ह अनिभव म मन मगरमचछ क मिाह म कील ठोक दा हndash इसक अथथ हआ हम लोभ

मोह आऽद परभऽवत नही कर सक ग मगर दिबर दीसर मगरमचछ न हम पकड़ ऽलय ऽफर ईश वर क कप स

उसक भा परभव स मिकत हो गय अत म सभा ऽवकरो स मिकत होकर म ससर म ऽवचरण करा ग ऐस

अनिभव म हमर भऽवषय क ऽवषय म ऽदखय गय ह

कणडवलनी समबनधी ऄनभव

मिझ एक अनिभव आय म चल ज रह ह ा समन ओर एक कमर जस मकन ऽमल म उस

कमर क अनदर चल गय वह ा पर कि छ वयऽकत व मऽहलएा बठा हई थी सभा आाख बनद ऽकय हए

धयनवसथ म बठ हए थ कि छ कषणो तक म चिपचप खड़ रह ऽफर म समन ओर ऊा च सथन पर बठा

हई वि सतरा क पस गय और वही पर बठ गय सभा न आाख खोल दी वह वि सतरा वह ा की परधन था

वह सतरा उन पिरषो स बत करन लगा zwjय बत कर रहा था म नही समझ सक zwjयोऽक अपररऽचत भष

म बत कर रहा था कि छ कषणो बद मन उस वि सतरा स पीछndash sbquoमा आप मर ऽवषय म zwjय बत कर रहा

थी‛ वह बोलाndash sbquoम आपक बर म कह रहा था ऽक यह सधरण पिरष नही ह म दख रहा ह ा इसकी

कि णडऽलना ऊधवथ होता ह भऽवषय म यह महन पिरष बनगrdquo मन पीछndash sbquoमा हमरा ऽदवयदऽष ट कब

योग कस कर 159

खिलगा‛ वह वि सतरा पहल चिप हो गया ऽफर आाख बनद करक बोलाndash sbquoआपकी ऽदवयदऽष ट खिलन म

अभा लगभग एक वषथ लग जएग उसस पहल आपको कि छ छोटा-छोटा ऽसऽिया भा ऽमलगाrdquo मर

अनिभव समपत हो गय इस वि सतरा की भऽवषयवणा ऽकतना सतय ह यह भऽवषय हा बतएग उसन

इतन अवशय सतय कह थ ऽक मरा कि णडऽलना ऊधवथ होता ह

आज 5 मचथ ह आज धयनवसथ बहत अचछ अनिभव आयndash शरा मत जा छड़ा पकड़ हए

छड़ा क सहर चला आ रहा ह वह मर समन थोड़ा ऊा चा जगह पर बठ गई मिझ बहत परसननत हो रहा

था मन शरा मत जा को परणम ऽकय उसा समय शरा मत जा न अपन दऽहन पर ऊपर की ओर

उठय ऽफर पर क अागीठ को हमरा भकि टा पर सपशथ करक ओकर ऽकय ओकर करत हा मिझ महसीस

होन लग ऽक हमर शरार क अनदर शऽzwj तपत हो रह ह शरा मत जा न तान बर ओकर ऽकय ऽफर

मिझस बोलीndash sbquoआननद कि मर आपकी सधन धार-धार हा आग की ओर बढ़गा सधन कोई ऐसा वसति

नही ह ऽक एकदम कि छ समय म पीणथ हो जएगा उनहोन हमरा पाठ को थपथपई ऽफर वह अदशय हो

गया मर अनिभव समपत हो गय

आजकल धयनवसथ म उडडायन बनध जलधर बनध और आतररक कि मभक सभा एक सथ

ऽमलकर बहत जोर स लगत ह उस समय शवस बहर ऽनकलन क नम नही लत ह इस ऽकरय स सथील

शरार को बहत कष ट होत ह मगर कि णडऽलना ऊधवथ होन म सहयत ऽमलता ह जब कि णडऽलना रदयचकर

स ऊपर जता ह तब बड़ कष ट होत ह ऐस लगत ह पाठ क ऊपर की ओर की नस कट द रहा ह इस

करण हलक-हलक ददथ स होत ह पाठ भा बड़ जोर स गमथ होता ह

आजकल कि णडऽलना शऽzwj त क बहत दशथन होत ह जयदतर अनिभव म बदलो क बाच चमकता

हई ऽबजला क रप म ऽदखई दता ह सवपन म पाल नग क रप म ऽदखता ह कभा-कभा धयनवसथ म

ऽशवऽलग पर ऽलपटा हई ऽदखई दता ह ऽफर कि णडऽलना ऽशवऽलग स अपन चzwjकर खोलन शिर कर

दता ह और ऊपर की ओर चढ़ता हई चला जता ह ऽशवऽलग पर दो चzwjकर ऽलपट शष रह जत ह इस

अवसथ म पाठ पर जलन चाऽटयो की तरह कटन य रगन और जस बलड स नस कटा ज रहा हो

ऐसा अनिभीऽत होता ह

6 मचथ की रऽतर को ऽनदरवसथ म अनिभव आयndash चरो ओर परकश फल हआ ह उसा परकश

क अनदर एक बहत तज रख चमकता हई ऽदखई दा उसा समय हमर शरार क अनदर नस चटकन की

योग कस कर 160

जोर स आवज सिनई दा ऐस लगndash जस ऽकसा न कोई नस तोड़ दा हो नस टीटन की आवज स म जग

गय और उठकर बठ गय उस समय हमरा पाठ तव क समन गमथ हो रहा था पट म गमी अऽधक हो

जन क करण ऐस लग रह थ जस पट जल ज रह ह पीरा गदथन क कषतर म आग जसा फला हई था

गदथन क आसपस हलक-स ददथ भा हो रह थ जस नस कटा गया ह मिझ लट हए हा अनिभीऽत हो रहा

था कि णडऽलना गदथन तक आ गया ह zwjयोऽक कि णडऽलना चढ़ा हई था आजकल ऐस भा होत थ मर सो

जन क बद कि णडऽलना ऊधवथ हो जता ह जब पाठ अऽधक गमथ हो जता था तब हमरा नीद अपन आप

खिल जता था ऽफर म उठकर थोड़ा दर म धयन पर बठ जत थ

जब म धयन पर बठत थ तब मरा गदथन पाछ की ओर चला जता था ऐस लगत थndash जस

गदथन म कि छ फा स हआ ह उसा समय गदथन क अनदर चाऽटया सा कट रहा ह सास भा तज चलन लगता

थी कभा-कभा धयनवसथ म जाभ तली स ऽचपक जता था ऐस लगत ह मनो जाभ उलट मिड़कर

गल क अनदर चला जएगा जाभ म अनदर जन क ऽलए बिरा तरह ऽखचव होत थ कभा-कभा

धयनवसथ म जाभ मिाह स बहर ऽनकल आता था जस सपथ अपना जाभ मिाह क बहर ऽनकलत ह ऐस

हा हमरा जाभ बहर ऽनकलकर लपलपता था तथ बहर इधर-उधर को होता था कभा-कभा खन

खत समय हा धयन लग जत थ म भोजन की थला अलग रख दत थ और धयन करन लगत थ

यमदत

एक बर अनिभव आय हमर समन 5-6 पिरष खड़ हए ह पिरषो क रग कल ह मगर उनक

मिाह पर बहत तज ह आाखो स भा तज ऽनकल रह ह उनकी आाख हलक लल रग की ह पिरष कल होत

हए भा आकषथक लग रह थ उनक शरार गठाल व सिडौल थ उनकी बजी शऽzwj तशला जसा ऽदखई द

रहा था सभा कल रग क पिरष हम दख रह थ और म उनह दख रह थ मर अनदर ऽवचर आयndash अगर

य लोग आग बढ़ और हमस कि छ बोल तो म अवशय हा इनकी ऽपटई कर दीाग म सवय चलकर उनक

पस गय और आग की ओर बढ़ मगर वह कि छ नही बोल और नही म कि छ बोल म भा उन सभा को

घीर रह थ वह सभा मिझ भा घीर रह थ कि छ कषणो बद वह सभा पिरष वपस चल गए मर अनिभव

समपत हो गय अथथ- सधको यह पिरष यमदीत थ मगर हमरा और उनकी आपस म बत नही हई था

योग कस कर 161

मिझ धयनवसथ म अनिभव आयndash मर समन बहत ऊा चई वल पहड़ ह म उस पर चढ़ रह ह ा

जब बहत ऊा चई पर चढ़ जत ह ा तब ऽफर नाच की ओर ऽफसल जत ह ा बर-बर यहा ऽकरय कर रह

ह ा ऽजस जगह तक चढ़ जत ह ा उसस ऊपर पहड़ की साधा ऊा चई ऽदखई द रहा ह उस दखकर लगत

ह इस पहड़ पर कस चढ़ जएग मगर तब तक ऽफसलकर नाच आ जत ह ा यह पहड़ बफील नही ह

हलक कल रग क पदथथ स बन हआ ह उस पहड़ म रत जस छोट-छोट कण भा चमक रह ह इन कणो

की चमक बहत तज ह पहड़ की ऊपरा परत कला ऽमिा जसा परतात होता ह इतन म अनिभव समपत हो

जत ह

ऄथश- यह अनिभव कणठचकर क ह कणठचकर स ऊपर क मगथ ऽबलकि ल साध होत ह इसऽलए

पहड़ ऊपर की ओर साध ऽदखई द रह ह मर परण व कि णडऽलना कणठचकर तक जत ह ऽफर वपस

नाच लौट आत ह इसऽलए म पहड़ पर चढ़त ह ा और ऽफर वही स ऽफसल जत ह ा ऐसा ऽकरय बरबर

कर रह ह ा

कणडवलनी शवzwj त का सहयोग

धयनवसथ म दखndash म ऽकसा साकरा जगह म खड़ ह ा चरो ओर अधकर ह इसऽलए मिझ कि छ

ऽदखई नही द रह ह उस अधकर म मर ऽसर क ऊपर की ओर एक साकर ऽछदर ह उस ऽछदर स ऊपर की

ओर परकश ऽदखई द रह ह म ऽजस जगह पर खड़ हआ ह ा वह ा पर इधर-उधर कोई रसत नही ह बस

एक हा रसत ऽदखई द रह ह यहा ऊपर वल ऽछदर हा रसत क रप म ह इस ऽछदर को मन ऊपर की

ओर दऽष ट करक गौरपीवथक दख ऽफर सोचndash इसा ऽछदर स ऊपर की ओर जय जए म अपन परो स जोर

लगकर ऊपर की ओर उछल ऽक एक बर म हा ऊपर क ओर चल चल जऊा मगर म ऽछदर म फस

गय ऽफर ऊपर जन क ऽलय मन बहत जोर लगय ऽक म ऊपर चल जऊा मगर ऊपर की ओर नही ज

सक म अब नाच भा नही आ सकत थ zwjयोऽक साकरा जगह म फा स हआ थ हमर पर नाच की ओर

लटक रह थ कि छ दर तक मन बहत जोर लगय मगर ऊपर जन क ऽलय सफलत नही ऽमला इतन म

मन नाच की ओर दखndash ldquoएक सतरा हमर परो पर नाच स ऊपर की ओर को जोर लग रहा था ऽक म ऊपर

चल जऊा rdquo म सतरा को दखकर आश चयथ म पड़ गय zwjयोऽक नाच ऽसफथ म हा खड़ हआ थ यह सतरा

कह ा स आ गया मन सतरा को गौरपीवथक दखndash वह सतरा बहत सिनदर था सोन क ऊा च स मिकि ट धरण

योग कस कर 162

ऽकय था लल रग की ऽसतरोदर सड़ा पहन हए था मन सोचndash इतना सिनदर सतरा हमर परो पर धzwjक

मरकर ऊपर ढकलन क परयस कर रहा ह म उसा ऽछदर म फा स हआ थ तभा मर अनिभव समपत हो

गय

ऄथश- सधको ऽजस जगह पर म खड़ हआ ह ा वह ा पर अधकर छय हआ हndash यह कणठचकर

क कषतर ह कणठचकर म मगथ साकर-स होत ह कणठचकर थोड़-स खिल होन क करण ऊपर की ओर

ऽछदर ऽदखई द रह ह कणठचकर स ऊपर क कषतर (ऽसर वल भग) सधक को परकऽशत ऽदखई दत ह

कणठचकर पीर नही खिल होन क करण म ऊपर की ओर नही ज प रह ह ा बहत परयस करन पर भा उस

साकर कषतर म फा स गय थ जब तक मगथ पीर नही खिल हो तब तक ऊपर नही जय ज सकत ह जो

सतरा हम ऊपर क ऽलए धzwjक मर रहा ह वह मत कि णडऽलना ह ऽफर भा म ऊपर न ज सक zwjयोऽक इस

जगह पर मगथ साकर स होत ह तथ यह ा पर गरऽथ क करण मगथ बनद स भा रहत ह इसाऽलए सधको

को यह ा स आग क मगथ परससत करन म बहत समय लग जत ह इस अनिभव म ऽदखई दत रह हndash

कि णडऽलना भा मगथ बनन म सहयत कर रहा ह इस समय मर कणठ चकर धार-धार खिल रह ह यहा

ऽदखय गय ह

आजकल हमरा भकि टा पर भा ऽकरयएा सा हआ करता ह ऐस लगत ह अनदर स भकि टा ऽहल

रहा ह य धार-धार हथोड़ स ठोक ज रह ह कभा-कभा भकि टा पर कमपन हआ करत ह ऐसा अवसथ

म मर मन भकि टा पर एकगर हआ करत ह कभा-कभा लगत ह मीलधर चकर गमथ होकर भकि टा तक

ऽखचव करत ह धयन समपत होन क नम हा नही लत ह

आज 10 मई को धयनवसथ म अनिभव आयndash कोई हमर मसतक को बड़ा जोर स नोच रह ह

मिझ पाड़ होन लगा थोड़ा दर म मिझ लगन लग ऽक मसतक दो भगो म बट गय आध भग ऽकसा न

नोच डल आध भग म पाड़ हो रहा था म बोलndash ldquoमर मसतक zwjयो नोच डलrdquo उसा समय मरा

आाख खिल गया मिझ महसीस हो रह थ ऽक मसतक पर जोर-जोर स चीऽटय कट रहा ह

ऄथश- यह ऽकरय परण वयि क दबव क करण होता ह तथ कि णडऽलना दरर भा नड़ा शिि क

होन लगता ह वह उस कषतर की जड़त नष ट कर दता ह और चतनयत ऽबखर दता ह

यह अनिभव मई क अऽतम सपतह म आय धयनवसथ म दखndash मर शरार बहत बड़ हो गय ह

मर ऽसर आकश क अनदर परवश कर गय ह पथवा मर परो क नाच दबा हई ह मन नाच की ओर दखndash

योग कस कर 163

पथवा को पर क तलव स दब रखा ह मरा दऽष ट पथवा की भोगोऽलक ऽसथऽत पर गया तब म बोलndash

sbquoयह उततरा अमररक हऔर यह दऽकषणा अमररक ह सोऽवयत सघ चान भरत जपन आऽद दश की

भौगोऽलक ऽसथऽत दखा चनदरम-तर नकषतर आऽद हमर शरार क मधय भग म ऽसथत हrdquo मिझ ऐस लगndash

म समपीणथ अतररकष म वयपत ह ा इस अनिभव म मर शरार वयपक होत हए ऽदखय गय ह जस ऽवरट

सवरप होत ह

मन शवzwj तपात वकया

जीन क परथम सपतह थ हमर घर म छोटा बऽहन की शदा था कि छ करणो स शदा म

खीचतना हो गया आऽखरकर बरत वपस चला गया सर घर और ररशतदर दिःखा हो रह थ म भा

दिःखा-स थ उसा समय हमरा दऽष ट बऽहन की ओर गया वह चिपचप लटा हई था सब लोग अपना-

अपना रय द रह थ म बोलndash sbquoअब वहा होग जो बऽहन चहगा‛ म नही जनन चहत ह ा ऽक बऽहन

zwjय चहता ह म भा बऽहन क पस बठ गय और बोलndash sbquoतिम अपन मन म सोच लो तिम zwjय चहता

हो म शऽzwj त क परयोग करा ग‛ बऽहन कि छ नही बोला मन अपन घर वलो और ररशतदरो क समन हा

बऽहन क मसतक पर शऽzwj तपत ऽकय हमर घर म उस समय शदा क करण भाड़-भड़ था सभा सदसय

हमरा ओर दख रह थ उनकी समझ म नही आ रह थ म zwjय कर रह ह ा

दो ऽदन बद लड़क (ऽजसक सथ शदा हो रहा था) क ऽपतजा आए उनहोन अपना गलता

सवाकर की एक सपतह बद शदा होन सवाकर हआ जब शदा होन लगा तब हमरा बऽहन क

सवसथय जयद खरब हो गय थ वह अपन सहर बठ भा नही सकता था उस तज बिखर आ रह थ

और कमजोरा भा हो रहा था इलज क कोई खस असर नही हो रह थउसक फर पड़न वल थ बऽहन

बठ नही प रहा था एक सतरा बऽहन को पकड़कर बठा हई था ऽफर भा वह (बऽहन) एक ओर को कमजोरा

क करण लिढ़क गया उस समय म बऽहन क पस गय ऽजस सतरा न बऽहन को पकड़ रख थ मन उसस

कहndash sbquoआप इस छोड़ दाऽजए‛ सतरा बोलाndash sbquoयऽद म इस छोड़ दीागा तो यह ऽगर जयगा‛ म बोलndash

sbquoअब यह नही ऽगरगा बऽलक सवसथ हो जयगाrdquo ऽफर मन बऽहन क आजञचकर पर शऽzwj तपत ऽकय

मिऽशकल स आध ऽमनट स कम समय लग होग बऽहन ठाक तरह स बठ गया बऽहन सवय बोलाndash

sbquoदद (भय) म ऽबलकि ल ठाक हो गया ह ाrdquo अब बऽहन क बिखर भा उतर गय और उसकी कमजोरा भा

योग कस कर 164

समपत हो गयावह ऽबलकि ल सवसथ हो गया था ऽफर उसक फर पड़न लग ऐस लग रह थ ऽक बऽहन

कभा बामर हा नही हई था सभा लोग दख रह थ ऽक मन zwjय ऽकय ह यह बऽहन ठाक हो गया पऽडत

जा न (पिरोऽहतजा) बद म कहndash ldquoसच ह भऽकत म शऽzwj त होता ह वह आज मन दख ऽलय हrdquo

ऄथश- सधको योगा चह तो ऽकसा रोग को अऽत शाघरत स ठाक कर सकत ह ऽजस रोग को

डॉzwjटर ठाक करन म बहत समय लगत ह कई ऽदनो स डॉzwjटर हमरा बऽहन को ठाक नही कर प रह थ

मन भाड़ क समन कि छ सकणड म ठाक कर ऽदय थ शऽzwj तपत करक उसक बिखर उतर ऽदय और

उसकी कमजोरा ठाक कर दा

म वमरज अ गया

मर मन सदव सधन क ऽवषय म सोचत रहत थ जीन क मधय स हमर अनदर ऽवचर आन

लग ऽक अब म यह घर को छोड़ दीाग कही और जकर सधन करा ग zwjयोऽक घर म जब तक ऽपतजा

ह तब तक कलह होन ऽनऽित ह वह जन बीझकर हमर रसत म अवरोध डलत थ म यह तो जनत

थ ऽक इनह कभा-न-कभा अपन कमथ भोगन हा होग लऽकन अभा मरा सधन क ऽलए अवरोध बन

हए ह मन कि छ लोगो स अनिरोध ऽकय ऽक म आपक खतो की रखवला करा ग उसक बदल म हम

ऽसफथ भोजन चऽहए म अपना सधन करन चहत ह ा मगर इसक ऽलय कोई भा वयऽकत रजा नही हआ

बऽलक बहत स लोगो न मर मजक उड़य ऐस इसऽलए समभव नही हआ zwjयोऽक म ऊा चा जऽत वल

ह ा हमर ऽपत शरा क पस भा कफी भीऽम ह उन लोगो न हमरा बत को मजक समझ कि छ समय बद

शरा मत जा क पतर आय उसम ऽलख थndash ldquoआप गिर-पीऽणथम उतसव म शऽमल होइएrdquo मन शाघर हा

ऽमरज जन क ऽलय अपना तयरा कर ला ऽफर 19 जिलई को घर स ऽमरज क ऽलए चल ऽदय ऽमरज

जत समय रसत म एक-दो ऽदन क ऽलय जलगाव (महरषटर) रक गय थ ऽफर म कि छ सधको क सथ

शरा मत जा क पस ऽमरज पहाच गय गिर-पिऽणथम उतसव पर बहत स सधक आय हए थ तान-चर ऽदनो

तक सधको न गिर-पीऽणथम उतसव मनय ऽफर सधक वपस जन लग शरा मत जा न कहndash sbquoआननद

कि मर आप चह तो आशरम म रक सकत ह‛ उस समय शरा मत जा क आशरम बन रह थ इसऽलए

वह ा पर ऽकसा सधक क रहन आवशयक थ आशरम ऽमरज शहर स 5-6 ऽकमा दीर बनय ज रह थ

कि छ लोगो को मलीम हो गय थ ऽक आननद कि मर ऽमरज रकन वल ह सभा सधक बनधि वपस ज

योग कस कर 165

चिक थ म और मरठ क एक लड़क शरा मत जा क पस रह गय थ इस लड़क को नौकरा करना था

सधन स इसक कोई मतलब नही थ नौकरा क ऽलए रक हआ थ शरा मत जा न मिझस कहndash

sbquoआननद कि मर आप सहा समय पर यह ा आ गय ह अब यहा पर आपकी सधन अवशय अचछा हो

जएगा आप ऽजतना सधन करन चह कर सकत ह म चहता ह ा ऽक आप पीणथ होकर यह ा स जइए

जब आपकी सधन अचछा हो जएगा तब म आपको सनयस की दाकष ऽदलव दीागा‛ इन शबदो को

सिनकर म अऽत परसनन हआ ऽफर उनहोन भोजन क समन दकर हम आशरम जन की आजञ द दा वही

पर एक छोटा-सा कि ऽटय बना हई था उसकी चबा हम द दा और मिझस कहndash sbquoआप इस कि ऽटय म

सधन करन‛ म आशरम म रहन क ऽलय आ गय आशरम म इमरत बनन क कयथ चल रह थ वह ा

पर एक कमर भा बन हआ थ सधरण-सा घस-फी स की कि ऽटय बना हई था इसा कि ऽटय म मिझ

सधन करना था आशरम म एक कमर भा बन हआ थ इसा कमर क अनदर सामट रखा हई था उसा

कमर म मन एक तरफ सफई करक अपन समन रख ऽलय और इसा म रहन लग मन ऽदन म चर बर

धयन करन क ऽलय बठत थ शिरआत म म 6-8 घनट तक धयन करत थ परणयम और वययम भा

ऽकय करत थ वह ा पर पड़ो म रोजन पना ऽदय करत थ नया बना हई इमरत म पना भा ऽछड़क

करत थ खन अपन म सवयम बनय करत थ यह मर रोजन क कम थ अब हमरा सधन

अचछा होन लगा था यह ा पर अब अzwjसर कि णडऽलना और भगवन शकर क दशथन हआ करत थ

धयनवसथ म अनिभव आयndash म अतररकष म खड़ ह ा सिनहल रग क परकश चरो ओर फल

हआ ह उस समय अतररकष म न सीयथ ह न चनदरम ह न तर ह परकश सवय चरो ओर फल हआ ह म

परसनन हो रह थ और सोच रह थ यह जगह ऽकतना अचछा ह इतन म मिझ 20-25 माटर की दीरा पर

एक ऽपणड ऽदखई ऽदय वह ऽपणड भा सवपरकऽशत स थ परकश बहत हलक स थ वह ऽपणड अपना

जगह पर घीम रह थ म गौर करक उस ऽपणड को दख ज रह थ कि छ कषणो बद म ऽपणड की ओर चल

कर उसा क ऊपर खड़ हो गय उस पर खड़ होत हा मन अपन आपको पथवा पर पय म समझ गय

यह ऽपणड तो पथवा ह

योग कस कर 166

मरी परीकषा ली गयी

यह अनिभव 14-15 अगसत क ह धयनवसथ म मन दखndash म अतररकष म खड़ हआ ह ा और

इधर-उधर दख रह ह ा उसा समय मर पस एक सतरा आ गया उस सतरा न अपन दऽहन हथ मर कनध क

ऊपर रख ऽदय उसन अपन बएा हथ स मर बया हथ पकड़ ऽलय ऽफर मर बएा कनध स ऽचपक गया

और ऽचपक हए हा हम लकर आग की ओर चलन लगा म भा मतर-मिनध-स होकर उसक सथ चल

ऽदय म सोचन लगndash यह सतरा कौन ह म उसक शरार को गौर पीवथक दखन लग वह सतरा बहत हा सिनदर

था उसक रग गोर थ उसक खीबसीरत चहर चमक रह थ वह सतरा बहत हा आकषथक था मन

सोचndash यह सतरा मिझ कह ा ऽलए ज रहा ह मगर म उस सतरा स कि छ नही बोलndash zwjयोऽक म उसकी सिनदरत

दख ज रह थ वह हमर शरार स ऽचपकी हई और मिसकरता हई चला ज रहा था मिझ उसक सपशथ

अचछ लग रह थ थोड़ा दीर आग चलकर वह खड़ा हो गया दोनो आपस म आमन-समन खड़ हो गय

और एक दीसर को दखन लग म उसक सिनदर चहर दख रह थ उसक द ात बहत सिनदर मोऽतयो क

समन थ दातो स चमक ऽनकल रहा था कभा-कभा जब वह जयद हासता था तब उसक मिाह क अनदर

क भग ऽदखई दन लगत थ वह इस परकर क परदशी कपड़ पहन हए था ऽक उसक अनदर क शरार

सपषट झलक रह थ ऽफर उस सतरा न मिझस कि छ कह (वह शबद अशलाल थ) म उसक शबद सिनकर घबर

स गय zwjयोऽक मन यह नही सोच थndash ऽक यह सतरा ऐस अशलाल शबद मिझस कह दगा मिझ घबरय स

दखकर वह ऽखलऽखल कर हास पड़ा म उसक मिाह और मोऽतयो जस द ात दख रह थ उसकी जाभ भा

सपषट ऽदखई द रहा था चहर क तज सिनदरत को बढ़ रह थ मन गहरा दऽष ट उस सतरा पर डला म

समझ गय यह सधरण सतरा नही ह ऽफर इस सतरा न हमस ऐस zwjयो कह यह हम बिर लग मन उसकी

बत को मनन स इनकर कर ऽदय वह एक ऽवशष मिदर म लपरवह-सा खड़ा हई था हम उसक भव

अचछ नही लग उसन अपन दोनो हथो स हमर दोनो हथ पकड़ ऽलए हमर अऽत नजदाक खड़ा

होकर ऽफर वहा शबद दोहरए जो पहल कह थ म ऽफर स वहा शबद सिनकर अपन हथ छि ड़कर जोर स

भग जब म कि छ दीर ऽनकल गय ऽफर पाछ मिड़कर दखndash वह सतरा वही पर खड़ा हई मिसकि र रहा था

इतन म वह सतरा तावर गऽत स उड़कर (सवय परो स नही चला) हमर समन आ गया मिझस थोड़ा दीरा पर

तथ थोड़ा सा ऊा चई पर सतरा खड़ा हो गया हमर समन उसक सवरप बदल गय अब वह मत

कि णडऽलना क सवरप वला हो गया उसक ऽसर पर सोन क मिकि ट लग हआ थ ऽसतर लग हए लल

सड़ा पहन हए था तथ आभीषण आऽद स सिसऽजजत हो गया था उसन आशाव थद मिदर म अपन दऽहन

योग कस कर 167

हथ ऊपर की ओर उठय और बोलाndash sbquoभऽवषय म तिम महन बनोग‛ मर अनिभव समपत हो गय म

पराकष म उतताणथ हो गय इसऽलय कि णडऽलना शऽzwj त न हम आशावथद ऽदय

ऄथश- सवय मत कि णडऽलना न अपन सवरप बदलकर हमरा पराकष ल रहा था zwjयोऽक वह सतरा

हमस अशलाल शबद कह रहा था मिझ उसकी बत सवाकर नही था शयद ऽकसा भा सधक को सवाकर

नही होगा दिबर वहा शबद कहन पर म उस सतरा स हथ छि ड़कर भग ऽफर कि णडऽलना (वह सतरा) हमर

समन आकर अपन वसतऽवक सवरप म आ गया ऽफर मिझ आशावथद भा ऽदय zwjयोऽक म उसकी

पराकष म उतताणथ हो गय कभा-कभा सधक को ऐसा पराकषएा दना पड़ता ह उसम सधक को उतताणथ

होन आवशयक भा ह ऐस जयदतर उनही क सथ होत ह ऽजनकी उगर सधन होता ह

अब मरा सधन तावर गऽत स होन लगा था मन बरहमरनधर क पस एकगर होत थ ऽसर म ददथ स

हआ करत थ सधन पर एक बर म 3 घनट स जयद बठत थ मन भा परसनन रहत थ कभा-कभा

ऽसर क ऊपरा भग म हलक स ददथ होत रहत थ इस सहन करन पड़त थ इसक अऽतररकत और कोई

रसत नही थ शरा मत जा न बतयndash सधक को यह ददथ सहन हा पड़त ह कि छ ऽदनो बद ऽसर म ददथ

मसतक म ऽखचव और बरहमरनधर म भा ऽखचव हआ करत थ

ऄथश- सधको यह ददथ नड़ा शिऽि न होन क करण होत थ परणयम करन स धार-धार नड़ा

शिि होन लगता ह म तो परणयम भा बहत करत थ ऽफर भा ददथ सहन पड़त थ सधको ऽजनकी

उगर सधन होता ह उनहा को ऐस ददथ होत ह मरा सधन बहत उगर था इसऽलए ददथ हआ करत थ

सवामी वचदाननद जी

धयनवसथ म अनिभव आयndash म सवमा ऽचदननद जा क सथ घीम रह ह ा सवमा जा बोलndash

sbquoआप मर सथ आइए‛ म सवमा जा को दखन लग उनक चहर पर वहा तज शरार दिबल-पतल

आवज म वहा आकषथण थ जो परतयकष ऋऽषकश म दख थ उनक शरार पर वहा दो वसतर हए थ एक

वसतर पहन हए थ दीसर ऊपर ओढ़ हए थ वह हमर आग चल रह थ म उनक पाछ चल रह थ जो वसतर

शरार क ऽनचल भग म लपट हए थ वह खिलकर भीऽम पर ऽगर गय सवमा जा ऽनवथसतर हो गय म सवमा

जा स बोलndash sbquoसवमा जा आपक वसतर नाच ऽगर गय ह‛ सवमा जा हमरा ओर मिड़ और वसतर पकड़

योग कस कर 168

कर ऊपर की उठन लग तभा सवमा जा क शरार क अगल भग भा ऽनवथसतर ऽदखई ऽदयमर बोलन

क सवमा जा पर कोई असर नही हआ और न भव बदल मन सोचन लगndash सवमा जा कस वसतर पहनत

ह जो नाच ऽगर जत ह एक कषण क ऽलए वह ननन हो गए थ अब हम दोनो आग ऽक ओर चल ज रह

थ रसत बहत हा खरब थ इसऽलय चलन म थोड़ा-सा परशना हो रहा था आग चलकर हम तान पशि

ऽमल तानो पशि खीाट स बाध हए थ य तानो पशि भस भस क बचच और गय था सवमा जा न पहल

भस क गल की जजार खोल दा ऽफर अनय दोनो की जजार खोल दा म आश चयथचऽकत होकर बोलndash

sbquoसवमा जा आपन इनह zwjयो खोल ऽदय‛ सवमा जा बोलndash sbquoइनह लकर चलन ह‛ म सोचन लग ऽक

सवमा जा इतन बड़ महतम पिरष होकर इन पशिओ क zwjय करग सवमा जा तानो पशिओ को लकर

चल ऽदए भस सबस आग थाऽफर भस क पाछ सवमा जा उनक पाछ भस क बचच ऽफर गय था म

सबस पाछ थ म गय क ऊपर हथ रख हए पाछ-पाछ चल रह थ मिझ मलीम नही थ ऽक सवमा जा

हम सभा को कहा ऽलए ज रह थ

ऄथश- सधको यसवमा जा सवमा ऽशवननद जा क ऽशषय तथ ऋऽषकश म ऽशवननद आशरम

क अधकष ह बहत महन योगा ह म इनक मन क अनदर बहत सममन करत ह ा सवमा जा क ननन होन

पर हमर अनदर ऽवकर नही आन चऽहए थ मगर ऽवकर आ गय हमर अनदर ऽवकर आन क अथथ

हndash मर अनतःकरण अभा पीरा तरह स शिि नही ह सवमा जा न हमरा पराकष ला था सवमा जा न तानो

जनवर खोल ऽदए भस क अथथ हndash हमर ऽचतत पर ऽसथत कषटो स यिकत तमोगिणा कमथ ह भस क बचच

क अथथ हndash य थोड़ स कषटो स यिकत तमोगिणा कमथ हम शाघर हा भोगन पड़ग गय हमरा जावतम क

परताक ह उसक ऊपर म हथ रख हए चल ज रह ह ा जावतम बनधन म बाधा हई था उस बन धन स

मिकत कर ऽदय ह अभा हमर कमथ शष ह इनस मिकत होन क ऽलय कमो क भोग करन होग तभा य कमथ

नष ट होग कमो क नष ट होन पर जावतम बनधन स मिकत हो जता ह इस अनिभव स सपषट होत ह म

बनधनो स मिकत हो जऊा ग

ऄवधत क दशशन

यह अनिभव 9 ऽसतमबर को आय सिबह धयनवसथ म अनिभव आयndash शरा मत जा हम ऽकसा

जगह पर ल गया वह ा पर चरो ओर अधकर छय हआ थ म और शरा मत जा अधकर म खड़ हए

योग कस कर 169

थ शरा मत जा हमर दऽहना ओर खड़ा हई थी समन ओर थोड़ा-सा जगह म हलक-स उजल थ

उसा हलक स परकश म एक पिरष बठ हए ऽदखई ऽदय उनक शरार पर वसतर नही थ उनक बठन क ढग

और उनक भव पगल मनिषय जस थ ऽसर थोड़ स नाच की ओर झिकए हए थ जब मन उनह दख

तो ऽवचर आयndash यह कौन पिरष ह जो पगलो की भ ाऽत बठ हए ह य दखन म तो सनतो जस लगत ह

मर दऽहन ओर शरा मत जा खड़ा हई थी मन उनस पीछndash sbquoशरा मत जा यह पिरष कौन ह‛ शरा मत

जा बोलीndash sbquoयह सत पिरष ह इसकी अवधीतवसथ ह‛ मर अनिभव यही पर समपत हो गय

ऄथश- शरा मत जा जब आशरम म आया तब मन उनस पीछndash sbquoशरा मत जा इस अनिभव क अथथ

zwjय ह‛ शरा मत जा बोलीndash sbquoअवधीतवसथ ऐसा हा होता ह न हा कपड़ पहनन क भन होत ह न

रोटा खन क भन होत ह ऽकसा न रोटा ऽखल दा तो ख ला वरन भीख हा बठ रह उनह सथील भन

नही होत ह ऐस सनत पिरष दशथन दकर ऽशकष भा दत ह और मगथ दशथन भा करत ह यऽद आप उनस

पीछत ऽक आप कौन ह तब वह अवशय अपन बर म बतत ऽक म कौन ह ा परण ऽजस लोक म जत ह

उस लोक क सनतो क दशथन होत ह अथव दशथन दत ह‛ यह अनिभव कणठचकर म आय ह इसऽलय

अधकर ऽदखई द रह थ

गरवनथ खलन का सकलप

मन शरा मत जा स पीछndash sbquoशरा मत जा धयन म हमरा ऽसथऽत zwjय ह‛ शरा मत जा बोलीndash

sbquoआपक परणो की गऽत आजञचकर तक ह कभा-कभा परण बरहमरधर तक पहाच जत ह मगर ऽसथऽत

कणठचकर म हा ह zwjयोऽक परण यह ा पर रकत ह पीणथ रप स परण ऊपर नही ज पत ह कणठचकर क

पस जो गरऽथ होता ह जब तक वह पीणथ रप स खिल नही जता ह तब तक परण पीणथ रप स ऊपर नही ज

सकत ह आपकी कि णडऽलना गदथन तक जता ह गरऽनथ खिलन क बद ऊपर की ओर जन लगगाrdquo

आजकल धयन क समय तानो बनध लगत थ 6 ऽसतमबर शिकरवर को शरा मत जा क पस उनक घर

गय शिकरवर होन क करण समीऽहक धयन ऽकय ज रह थ म भा सभा सधको क सथ बठ हआ

धयन कर रह थ धयनवसथ म हमरा गदथन पाछ की ओर चला गया ऽसर पाठ स ऽचपक गय शरार

भा पाछ की ओर झिक गय सर परण कणठचकर म रक हआ थ उसक सथ शवस भा अवरि हो रह

थ अबगदथन म और शरार को कष ट हो रह थ म इतन पाछ की ओर झिक गय थ ऽक मिझ लग म

योग कस कर 170

पाछ की ओर ऽगर जऊा ग उसा समय मिझ दो वषथ पहल की यद आ गया पहल भा ऐस कष ट होत थ

इस समय धयन करन क ऽलए म शरा मत जा क समन बठ हआ थ कि छ समय बद मिझ महसीस हआ

ऽक गदथन म एक तरफ शरा मत जा शऽzwj तपत कर रहा ह कि छ कषणो बद मिझ आरम ऽमल गय ऽफर मरा

गदथन अपन आप साधा होन लगा थोड़ा दर बद मन धयन तोड़ ऽदय zwjयोऽक शरा मत जा न ओकर कर

ऽदय थ

दीसर ऽदन सिबह धयनवसथ म मिझ अनिभीऽत होन लगाndash मरा कि णडऽलना कणठचकर म ऽसथत गरऽनथ

पर टzwjकर मर रहा ह गदथन की नस चटक रहा था अथव नस ऽखच रहा ह गदथन म तावर जलन हो रहा

था कि णडऽलना क करण इस कषतर म जोर स चीऽटय ा-सा कटन की अनिभीऽत रहा थी ऐस समभवतः आध

घनट तक होत रह थ जब शरा मत जा क पस उनक घर गय तब शऽzwj तपत क ऽवषय म पीछ शरा

मत जा न बतयndash sbquoआपकी गदथन बहत पाछ ज रहा था सर परण गदथन पर रक हआ थ आपकी

गदथन बहत फी ल गया था इसऽलए मन गरऽनथ खिलन क सकलप ऽकय थ तऽक परण ऊपर की ओर चल

जए गरऽनथ तिरनत नही खिलता ह ऽफर भा कि छ समय खिलन क ऽलए लग जएग‛

सवामी वशवाननद जी क दशशन

धयनवसथ म सवमा ऽशवननद जा क दशथन तासरा बर हो गय ऽसफथ दशथन हा नही हए बऽलक

उनस बत भा हई था सवमा जा भगव वसतर धरण ऽकए हए थोड़ स ऊा च सथन पर बठ थ म भा उनक

समन भगव वसतर धरण ऽकए हए खड़ थ सवमा जा बोलndash sbquoतिम 20 बरहमणो क इतजम हम करन

पड़ग‛ उनक य शबद सिनकर म अचऽमभत हआ ऽक सवमा जा न हम बरहमण शबद स समबोऽधत ऽकय

और पीर 20 बरहमणो क इतजम करन क ऽलए भा कह ह म सवमा जा क कहन क अथथ समझ नही

पय ऽक उनहोन ऐस zwjयो कह मन सवमा जा स पीछndash sbquoम आपस एकत म कि छ पीछन चहत ह ा‛

उततर म वह मिसकरए और कहndash sbquoअचछ‛ उनहोन मिझस यह नही कह ऽक पीछो zwjय पीछन ह इसऽलए

म चिप बन रह उसा समय हमर अनदर स आवज आईndash sbquoजो कि छ पीछन हो वह शरा मत जा स

पीछो‛ अनिभव समपत हो गय

योग कस कर 171

सधको शरा मत जा स हम सभा बत तो पीछ नही सकत ह zwjयोऽक उनक सथील शरार सतरा क

ह भल हा वह हमर गिर हो मगर ऽफर भा कि छ-न-कि छ मय थद अवशय होना चऽहय कभा-कभा म अपन

परश न घीम-ऽफरकर पीछ लत थ आजकल अनिभव म खीबसीरत लड़ऽकय ा य ऽसतरय ा बहत ऽदखई दता

थी कभा-कभा ऽसतरयो की सखय बहत जयद होता थी वह हमर समन नतय ऽकय करता थी ऐस

लगत थ य अपसरएा ह य सभा अतररकष य ऽदवय भवनो म होता थी कभा-कभा लड़ऽकय ा कमिक मिदर

म भा होता थी तथ वसनतमक बत करता था

ऄपसराओ दवारा नतय

एक बर धयनवसथ म दखndash म अतररकष म खड़ ह ा मर पस एक सतरा आया और वह अतररकष म

नतय करन लगा नतय क सथ सगात की भा आवज आ रहा था मगर सगात बजन वल वह ा पर कोई

नही थ सतरा नतय बहत सिनदर कर रहा था म अतररकष म बठ हआ थ सतरा क नतय शसतराय सगात पर

आधररत थ मिझ उसक नतय अचछ लग रह थ वह सतरा अतररकष म इधर-उधर दौड़-दौड़कर नतय कर

रहा था नतय क अनिसर हा सगात सवय बज रह थ सगात की आवज अतररकष स सवय आ रहा था

कि छ समय तक म नतय दखत रह ऽफर सतरा न नतय करन बनद कर ऽदय वह अऽदरताय सिनदर सतरा मर

पस आई और बोलाndash sbquoआपको मर नतय कस लग‛ म बोलndash sbquoआपक नतय बहत अचछ थ‛

मिझ शसतराय सगात पर नतय बहत अचछ लगत ह सतरा ऽवशष मिदर म बोलाndash sbquoसच मर नतय बहत

अचछ थ और म कसा ह ा‛ पहल म चौक ऽफर बोलndash sbquoआप बहत अचछा नतयगन ह‛ सतरा बोलाndash

sbquozwjय आप हमर सथ शदा करग‛ म यह शबद सिनकर कि छ नही बोल इतन म हमर पाछ ढर सरा

उसा क समन ऽसतरय ा हासता हई ऽदखई दा म उन सभा ऽसतरयो को दखकर भग मर अनिभव समपत हो

गय

ऄथशndash इस तरह क नतय ऊपर क सीकषम लोको म होत ह उचच शरणा क सधक य योगा इस

परकर क नतय कभा भा दख सकत ह मगर हम धयनवसथ म यह अनिभव सवमव आय ह सधक को

एक ऽनऽित अवसथ म इस परकर क नतय करता हई अऽदरताय सिनदर ऽसतरय ा ऽदखई दता ह य दशय ऊपर

क लोको स समबऽनधत होत ह

योग कस कर 172

ऄतप त जीवातमा

म और मरठ क लड़क एक सथ आशरम म सोय हए थ यह अनिभव आयndash सवपनवसथ म एक

तरण लड़की हमर कमर म आ गया और हमर समन खड़ा हो गया मन उसस कहndash sbquoआप कौन ह

इधर zwjयो आई ह यहा लड़ऽकयो क zwjय कम ह ‛ लड़की कि छ नही बोला उततर म ऽसफथ मिसकर दा

म जगकर बठ गय हमर धयन क समय हो गय थ मगर म उस लड़की को नही भील पय लड़की क

सहस तो दऽखए वह हमर कमर क अनदर आ गया था धयन क दरर मन उस लड़की की जनकरा ला

तब मिझ मलीम हो गय वह अतप त जावतम था उसा समय धयनवसथ म आवज सिनई दाndash sbquoआननद

कि मर‛ मन अपन धयन तोड़ ऽदय और सोचndash ldquoमिझ कौन बिल रह ह सिबह क 330 बज ह चरो

ओर सननट फल हआ ह शयद मिझ धोख हआ ह मन अपना आाख बनद कर ला ऽफर धयन करन

लग आाख बनद करत हा ऽफर आवज सिनई दाndash lsquoआननद कि मरrsquo मन ऽफर आाख खोल दी म समझ

गय जरर कोई चzwjकर ह ऽफर मन अपना आाख बनद की और बोलndash sbquoमिझ कौन बिल रह ह‛ आवज

आयाndash ldquoम वहा लड़की ह ा ऽजस कि छ समय पहल आपन दख हrdquo म बोलndash sbquoआप कौन ह अपन

पररचय दाऽजए‛ उस लड़की की आवज आयाndash sbquoम भटक रहा ह ा मरा कई वषथ पहल हतय कर दा गया

था‛ मन पीछndash ldquoआपकी हतय zwjयो कर दा गया था‛ वह बोलाndash sbquoयह म नही बत सकता ह ा आप

अपन पड़ोसा स पीछ लाऽजए‛ म बोलndash sbquoआपको हमसzwjय कम ह‛ आवज आयाndash sbquoआपक पस

आन हम अचछ लगत ह‛ म बोलndash sbquoकपय आप हम कषम कर म यह ा पर सधन करन आय ह ा

मिझ अपना सधन करन दाऽजएrdquo

म उसा ऽदनसिबह शरा मत जा क पस गय वह ा पर मलग ाव स कऽवत दादा भा आया हई थी

शरा मत जा को मन उस अतप त जावतम वला बत बतया शरा मत जा बोलीndash sbquoम सकलप करक उस

भग दीागा‛ तथ कऽवत दादा न भा सकलप ऽकय ऽक वह लड़की अब मर पस आशरम म न आय ऽफर

म शरा मत जा क घर स आशरम आ गय वह लड़की ऽफर हमर पस आशरम म नही आया मगर उसकी

आवज धयन क समय सिनई दता रहता था कभा सोत समय उसकी आवज आन लगता था मिझ सोत

समय आवज सिनई दता थाndash lsquoआननद कि मरrsquo आवज बड़ा पयरा था मिझ बड़ पयर स वह बिलय

करता था मगर मिझ तो उसकी इस ऽकरय स सधन म अवरोध हो रह थ एक बर म रतरा क 130 बज

आशरम स उस सथन पर गय जहा पर उसकी हतय की गया था मन अपन हथ जोड़ और उस लड़की स

कहndash sbquoकपय आप मरा सधन म अवरोध न कीऽजए‛ म वपस आशरम म आ गय ऽफर हम कभा भा

योग कस कर 173

उसकी आवज सिनई नही दा ऽफर मर और इसक समपकथ जनवरा सन 1996 म हआ थ हमरा और

इस लड़की की घऽनषठत हो गया मन उस थोड़ जञन भा ऽदय थ अब वह लड़की बहत परसनन ह

मन सरा बत आशरम क पड़ोस म रहन वलो को बतया तब उनहोन हम बतयndash लगभग 20-

25 वषथ पहल इस लड़की की हतय कर दा गया था जब वह कि एा पर कपड़ सफ करन गया था मर दरर

पीछन पर पड़ोसा पहल आश चयथ म पड़ गए ऽफर उनहोन हम उस लड़की क ऽवषय म सरा बत बतई जब

म आशरम म रहत थ तब आशरम क आसपस आबदा ऽबलकि ल नही था ऽसफथ दो-तान घर बन थ य

लोग खता ऽकय करत थ इन पड़ोऽसयो स मर बहत परम थ य लोग बहत अचछ थ जब म कभा बामर

हो जत थ अथव कोई परशना होता था तब य पड़ोसा खन आऽद बनकर मिझ द दत थ

फलो की सगनध

म कि ऽटय क अनदर बठ हआ धयन कर रह थ तभा कि ऽटय क अनदर फी लो की खिशबी आन

की अनिभीऽत होन लगा मन अपन धयन हलक कर ऽदय ऽफर ऐस लगन लग जस चरो ओर

खिशबीदर फी ल ऽबखर हए ह उनही की खिशबी आ रहा ह म फी लो क बाच बठ ह ा इस परकर क एहसस

आध घनट तक होत रह ऽफर म धयन की गहरई म चल गय

ऄथश- ऽपरय सधको जब सधक को तनमतरओ क सकषतकर होत ह तब इस परकर की खिशबी

आन की अनिभीऽत होता ह पथवा ततव की तनमतर गनध ह इसऽलए गनध तनमतर क सकषतकर हो रह

थ यह योग की एक अवसथ ह

महा परषो क दशशन

आजकल गदथन पर ददथ बहत बढ़ गय थ सधरण अवसथ म भा गदथन दिख करता था गदथन

को दएा-बएा ओर घिमन पर ऐस लगत थ मनो गदथन टीटा ज रहा ह धयनवसथ म गदथन की नऽड़यो

म बहत ऽखचव होत थ ऐस लगत ऽक धयन करन बनद कर दीा तो अचछ ह मसतक की नऽड़यो म

भा ऽखचव हआ करत थ म एक बर म 3 घनट तक धयन ऽकय करत थ अब 10 ऽमनट धयन करन

योग कस कर 174

मिऽशकल हो रह थ गदथन म गरऽथ की जगह ददथ हआ करत थ म धयन शाघर तोड़ दत थ zwjयोऽक गरऽथ

म असहनाय ददथ होत थ एक ऽदन सयकल क समय म धयन पर बठ हआ थ धयन बहत गहर

लग ऽफर अनिभीऽत होन लगा ऽक कि णडऽलना उगर होकर हमरा पाठ जलए द रहा ह ऐस लगत थ जस

कोई पाठ और गदथन म सिइय ा चिभो रह ह ऽफर मन एकगर हो गय तब दखndash म भगवन गौतम बिि को

दख रह ह ा ऽफर हम गिरननक जा क दशथन हए कि छ समय बद सत रऽवदस क दशथन होन लग इन तानो

महपिरषो न मिझ दशथन ऽदए और आशाव थद भा ऽदय

म तीन बार मरा

एक बर धयनवसथ म अनिभव आयndash म तान बर मर ह ा सिनन म यह बत ऽनिय हा आश चयथ

जनक लगगा कोई भा मनिषय एक बर हा मरत ह मगर म सधक होन क करण तान बर मर ह ा

अनिभव म दखndash म मर रह ह ा हमर शरार की समपीणथ परण वयि म ऽखचव हो रह ह इसऽलय कष ट क

करण म तड़प रह ह ा zwjयोऽक मिझ बहत कष ट हो रह ह कभा हम अधकर-स ऽदखई दत थ ऐस

लगत ह ऽक तीफन स आ गय ह ऽफर म होश म आन लगत ह ा बहत दर तक छटपटन क बद मिझ

लग अब मर भौऽतक शरार स जावतम ऽनकल जएगा म रोन लग zwjयो ऽक म मरन नही चहत थ

मिझ लग अब मर सब कि छ छि ट जएग ऽफर एहसस हआ अब मर सग-समबनधा सब छी ट ज रह ह

मिझ लग ऽक अभा मर लड़क बहत छोट ह इसक zwjय होग मरत समय मिखय रप स लड़क की मिझ

यद आ रहा था हमर परण ऽनकलन लग कि छ समय घोर कष ट पकर म मर गय मरन क बद म ऊपर

चल गय

दीसरा बर ऽफर मरत समय म पथवा पर नही थ बऽलक अतररकष म थ जब अतररकष म मरन लग

तो उस जगह हमर सग-समबनधा इतयऽद नही थ हमर पस दो और परणा थ वह मरा तरह छटपट रह

थ उनकी भा मतयि हो रहा था उन परऽणयो को दखकर म रोन लग zwjयोऽक वह भा मर रह थ मिझ थोड़-

स उनस परम थ इसऽलए मिझ मरन स डर लग रह थ ऽक म भा मर जऊा ग मिझ मतयि स डर लग रह

योग कस कर 175

तासरा बर जब म मरन लग तब मिझ पहल जस दिःख नही लग रह थ बऽलक म मिसकर रह

थ म सवय मरन क ऽलए तयर हो गय थ सोच रह थ म ऽजतना जलदा मर जऊा उतन हा अचछ ह

म मरन क ऽलए लट गय लटत समय मन दखndash पथवा हमरा पाठ क नाच दब गया ह मर शरार बहत

बड़ हो गय सर आकश मन चदर की भ ाऽत ओढ़ ऽलय मिझ सवय मलीम नही थ की मर शरार की

लमबई ऽकतना ह zwjयोऽक म समपीणथ आकश म लट हआ थ ऐस लग रह थndash ऽजतना मर शरार की

लमबई ह आकश मिऽशकल स उतन हा लमब होग म मिसकरन लग मरन समय मिझ ऽकसा परकर की

पाड़ नही हो रहा था बऽलक हम परसननत हो रहा था मर अनिभव समपत हो गय

मिझ धयनवसथ म मरत समय पाड़ की ऽजस परकर अनिभीऽत हई वह बहत कष टदयक था म

शबदो म वयकत नही कर सकत ह ा zwjयोऽक शबदो स वयखय अपीणथ होगा मरत समय जब मनिषय को यद

आत ह उसक सग समबनधा छी ट रह ह तब दिःख और बढ़ जत ह उस समय मरन की इचछ ऽबलकि ल

नही होता ह मगर मतयि क हथो छी ट भा नही ज सकत ह जो मतयि तासरा बर आया था वह परथम व

ऽदरताय बर की मतयि स ऽबलकि ल ऽवपरात था उस समय मनऽसक कष ट ऽबलकि ल नही थ और मन म भा

ऽकसा परकर क ऽवचर नही थ मतयि क समय अपर शऽत था तथ अपर परसननत था परथम परकर की

मतयि समनय मनिषय को आता ह दीसरा परकर की मतयि बहत कम मनिषयो को आता ह जो आधयतम

वदा होत ह कमथ थोड़ रह जत ह उनह इस परकर की मतयि आता ह तासर परकर की मतयि उचचकोऽट

क योगा को आता ह

हम तानो परकर की मतयि क अनिभव तो अभा आ गय ह मगर इसकी योनयत भऽवषय म आएगा

पहला परकर की मतयि क समय तषण क करण और परणो क करण घोर कष ट की अनिभीऽत होता ह इस

परकर की मतयि म सथील शरार और सथील जगत स समबऽनधत पदथथ छी ट जत ह दीसरा परकर की मतयि

सीकषम पदथो को तयगन पर आया था सीकषम शरार म वसनएा आऽद रहता ह इन वसनओ को तयगन

पर कष ट की अनिभीऽत होता ह zwjयोऽक अभयसा को सीकषम वसनय तयगत समय मनऽसक पाड़ होता

ह सथील पदथथ क तयगन स अऽधक सीकषम पदथथ तयगन (सीकषम वसनय) म मनऽसक कष ट की अनिभीऽत

जयद होता ह तासरा परकर की मतयि सीकषम शरार को तयगन पर आता ह उस समय उसक अनदर ऽकसा

परकर की कोई वसन नही होता ह बऽलक तततवजञन स यिकत होन क करण योगा को मतयि क समय

परसननत होता ह वह सोचत हndash चलो अचछ ह यह शरार छी ट जए तऽक महकरण शरार म ऽसथत हो

जएा zwjयोऽक अभयस दरर करण शरार को वयपक करक ईश वर क शरार म अतमिथखा हो गय ह

योग कस कर 176

सधको यह सतय ह ऽक मतयि क पित म महकरण जगत म परवश कर जऊा ग मरा मतयि अभा नही ह

मिझ अभा कई वषो तक जाऽवत रहन ह अभा कि छ महतवपीणथ कयथ भा करन ह मिझ अपना मतयि क

ऽवषय म पीर जञन ह तथ यह भा जञन ह मतयि क बद म कह ा जऊा ग zwjयोऽक ऽजस अभयसा की

ऋतमभर-परजञ ऽचतत म परगट हो जता ह उसक ऽचतत जञन क परकश स यिकत हो जत ह अनिभव म मिझ

तान बर मरत हए ऽदखय ह

कमो की पोटली

यह अनिभव मिझ सवपनवसथ म आय थ कऽवत दादा मर पस आया हई ह मर पस आत हा

मिझस पीछndash sbquoआननद कि मर वह ऽकधर हrdquo मन एक ओर को इशर करक कहndash ldquoइधर हrdquo मन एक

तरफ बन गडढ की ओर इशर ऽकय कऽवत दादा बोलीndash sbquoउस ऽनकलोrdquo म उस गडढ क अनदर धार-

धार उतरन लग वह गडढ कि एा की तरह बन हआ थ म नाच की ओर उतरत हआ चल गय नाच

उतरकर मन एक पोटला उठई और ऊपर चढ़न लग ऊपर चढ़त समय मिझ बहत तकलाफ हो रहा था

उस पोटला म zwjय ह म नही जनत थ म उस कि एानिम गडढ स बहर ऽनकल आय तभा मरा आाख

खिल गयी

ऄथश- सधको यह हमर कमो की पोटला ह तथ गनदगा आऽद स भरा हई ह इसक अथथ हndash

आप अपना गनदगा व कमथ आऽद बहर ऽनकल दो इस परकर क कमो को भोग कर नष ट ऽकय जत ह

हलक-फि लक कमथ तो परणयम और समऽध क दरर नष ट हो जत ह

शरीर धनषाकार हो गया

म पहल कई बर ऽलख चिक ह ा कणठचकर की गरऽथ न खिलन क करण गदथन पाछ की ओर हो

जता था शरार भा पाछ की ओर झिकत थ कभा-कभा शरार इतन पाछ की ओर झिकत थ ऽक

धयनवसथ म शरार झील की तरह झीलत रहत थ एक बर शरा मत जा क घर म समीऽहक धयन हो

रह थ तभा धयन करत समय म पाछ की ओर ऽगर गय मर ऽसर पाछ की ओर फशथ स टकरय और

योग कस कर 177

मर धयन टीट गय zwjयोऽक मर ऽसर दिखन लग थ ऽफर जोर लगकर साध हो गय और धयन पर बठ

गय दिबर ऽफर मर शरार पाछ की ओर झिक और पहल की भाऽत पाछ की ओर ऽगर गय वह ा पर

उपऽसथत सभा सधक हम दख रह थ अबकी बर उठकर बठन म थोड़ा दर लग गया zwjयोऽक मर शरार

थक चिक थ राढ़ भा दिःख रहा था म पसान स तर हो चिक थ शटथ उतरकर रख दा सर शरार म

कि णडऽलना क करण आग-सा लगा हई था तथ चीऽटय ा सा कट रहा था म ऽफर तासरा बर धयन पर

बठ गय गदथन ऽफर पाछ की ओर मिड़ा अबकी बर मर आसन अपन आप बदलन लग म सहजसन

पर बठ हआ थ आसन अपन आप बदलकर वारसन हो गय ऽफर मर शरार पाछ की ओर झिक और

म ऽगर गय अबकी बर हमर शरार को बहत वदन हई धयन क करण आाख नही खिल रहा था म

वारसन पर हा पाछ की ओर पाठ क बल ऽगर गय थ लट-लट हा मर धयन लगन शिर हो गय इतन

म नऽभ की नऽड़यो म ऽखचव होन लग भऽसतरक भा तज गऽत स चलन लगा इसा अवसथ म हा गदथन

पाछ की ओर जन लगा ऽसर पाठ स ऽचपक गय अब ऽसर क ऊपरा भग फशथ स ऽचपक गय थ उसा

समय नऽभ म जोरदर ऽखचव हआ नऽभ क आसपस क कषतर ऊपर आकश की ओर उठत थ अब

मर शरार दखन म धनिष क आकर क हो गय राढ़ कमन की तरह ऊपर की ओर उठा हई था तभा

नऽभ पर ऊपर की ओर जोर स झटक लग रह थ सधको आप सवय समझ सकत ह ऽक मर भौऽतक

शरार ऽकतन कष ट भोग रह थ म पीरा तरह पसान स भाग गय थ ऽफर हम धयन तोड़न पड़ zwjयोऽक

धयन टीटन क नम नही ल रह थ

कि छ ऽदनो तकधयनवसथ म सहजसन स अपन आप वारसन म बठ जत थ ऽफर बद म

धयनवसथ म अपन आप वजरसन लग जत थ शरार की रहा-सहा वदन वजरसन पीरा कर दत थ

ऐस लगत थ जस पर बिरा तरह स टीट गए हो परो म ददथ हआ करत थ वजरसन क समय शरार क

भर ऽसफथ एड़ा पर रहत थ ऽफर पाछ की ओर ऽगरकर ऽसर क बरहमरधर वल भग भीऽम पर सपशथ करत

थ शरार क भर बएा पर की एड़ा पर रहत थ शरार पीर ऊपर की ओर उठ रहत थ पाठ वल भग

भीऽम स सपशथ नही करत थवह ऊपर ओर उठ रहत था ऽफर वहा ऽकरय होता था ऽक नऽभ ऊपर की

ओर अथ थत आकश की ओर उठा रहता था और जोरदर झटक मरता था राढ़ धनिषकर हो जता था

इस अवसथ म एक-एक घनट तक धयन करत थ

सधको इस अवसथ म सथील शरार की अतयनत दिगथऽत होता था ऐस लगत थ सधन करन

अतयनत कष टदया ह बहत ऽदनो तक यहा ऽकरय होता रहा ऽफर एक ऽदन शरा मत जा न एकत म

योग कस कर 178

बिलकर हम समझयndash sbquoशरार क कमन की तरह होन नऽभ क ऊपर की ओर उठन जररा ह योग

की भष म इस तार चलन कहत ह नऽभ स परण ऽनकलकर ऊपर आकश म चल जत ह नऽभ म

उस समय बहत सर परण भर होत ह नऽभचकर एक ऐस चकर ह ऽजसम सबस जयद परण भर सकत

ह यह शरार कि णडऽलना और परण क करण पाछ को ऽगरत ह zwjयोऽक ऊपर क मगथ अवरि होत ह

कि णडऽलना क वग शरार सहन नही कर पत ह इस परकर की सधन ऽनिय हा उचचकोऽट क सधक

करत ह zwjयोऽक सवय कि णडऽलना और परण सधक क शरार को धनिषकर बन दत ह इसस नऽभ क

आसपस क कषतर व नऽभ स ऽनकलन वला नड़ी ऽकरयशाल होन लगता ह नऽभ क कषतर म कि छ नऽड़या

ऐसा होता ह ऽजनक समबनध परणा क समपीणथ जावन चकर स होत ह इसऽलए इस कषतर क इस तरह स

ऽवकस होन आवशयक ह तऽक अभयसा क जावन चकर ऽछनन-ऽभनन हो सक अथव उसकी जावन

यतर सदव क ऽलए समपत हो सक अथ थत जावन यतर पीणथ हो जए जाव मोकष की ओर गमन कर सक

शरा मत जा न बतय आपकी गल की गरऽथ अभा खिला नही ह शरार म जब और शिित

आयगा तब गरऽथ खिल जएगा इसऽलए आप हफत म एक ऽदन उपवस अवशय ऽकय कर इसस शरार की

नऽड़या अवशय शिि होगा ऽजसस गरऽथ खिलन म सहयत ऽमलगा आपक कष ट कि छ कम होग ऽफर म

सोमवर क वरत करन लग वरत क ऽदन ऽसफथ रतरा म एक कप दीध पात थ शिरआत म वरत वल ऽदन

बड़ा परशना होता था हम भीख बहत सतता रहता था ऽफर वरत रखन की आदत पड़ गया

कमश भोगना ही होगा

एक बर अनिभव आयndash म अधकर म कही चल ज रह ह ा इतन म एक ऽवशलकय वयऽकत

मर समन आ गय ऽवशलकय वयऽकत को दखकर मर अनदर भय उतपनन होन लग म उस ऽवशलकय

वयऽकत स ऽछपन की कोऽशश करन लग मगर उस वयऽकत न मिझ ऽछपत हए दख ऽलय उसन बड़ा बरहमा

स मर हथ पकड़ और मिझ लकर चल ऽदय मिझ मलीमनही थ वह मिझ कह ा ऽलए ज रह ह कि छ

दीर चलकर एक जगह जकर रक गय और मर हथ छोड़ ऽदय ऽफर उसन मिझस कि छ कह म उसकी

बत मनन को तयर नही हआ उसा समय दीर स एक अतयनत डरवन और ऽवशलकय ऽगि क

आकर क पकषा आ गय उस पकषा क शरार ऽसफथ मस और खीन क बन हआ थ उसक पख मास क

बन हए थ ऐस लग रह थ पकषा की बहय तवच अभा-अभा अलग की गया ह zwjयोऽक उसक शरार क

योग कस कर 179

मस स खीन टपक रह थ पकषा खीन स भाग हआ थ तथ वह ऽहसक ऽदखई द रह थ पकषा इतन

डरवन थ उस दखत हा मरा आवज बनद हो गया उसकी चोच एक माटर लमबा होगा वह मरा ओर

चोच खोलकर दौड़ मिझ ऐस लग वह एक बर म हा मिझ अपना चोच म दब लग मरा जोर स चाख

ऽनकल गया म उस वयऽकत स बोलndash ldquoम आपकी बत मनीागrdquo वही खड़ ऽवशलकय वयऽकत न उस

पकषा की ओर इशर ऽकय वह डरवन पकषा रक गय वह पकषा सधरण पऽकषयो की भाऽत नही थ

उसक शरार स चमक ऽनकल रहा था ऽफर वह पकषा अदशय हो गय म वही पर डर-स खड़ हआ थ

उसा समय एक छोट स लड़क परकट हो गय वह मिझ अकरण हा मरन लग म बोलndash sbquoतिम मिझ

zwjयो मर रह हो‛ म भा उस लड़क स ऽभड़ गय और उस मरन लग इतन म वहा पकषा ऽफर स परकट हो

गय जस हा वह पकषा मरा ओर चोच खोल कर दौड़ म उसा समय lsquoॎ नमः ऽशवयrsquo क जप करत

हआ उसस दीर की ओर दौड़न लग जस हा म आग की ओर दौड़ तभा मिझ समन ओर नदा ऽदखई

दा वह नदा बहत नाच की ओर बह रहा था नदा क जल नाल य कल जस थ जल सवचछ नही

थ म उसा नदा म की द पड़ और नदा क अनदर नाच गहरई म डिबकी लग ला उस नदा क अनदर

अधकर हा अधकर थ म नदा की ऽनचला सतह पर बठकर म lsquoॎ नमः ऽशवयrsquo क जप करन लग

पना क अनदर मन भगवन ऽशव स पीछndash sbquoपरभि हम आपक जप कर रह ह ऽफर भा हम उस पकषा स

zwjयो डर लग रह हrdquo इतन म आवज आयाndash lsquoकमश भोगना ही पड़ता हrsquo उसा समय वही पर पना म

ऽशवऽलग परकट हो गय मर अनिभव समपत हो गय मिझ अब भा उस डरवन पकषा स डर लग रह थ

आश चयथ की बत यह था ऽक ऽशव मतर क उस पकषा पर ऽबलकि ल परभव नही पड़ रह थ

मन ऽनिय ऽकय यह कमथ मर ऽपछल जनमो क होग तभा यह ऽवशलकय डरवन पकषा मिझ

ऽदखई द रह थ ऽफर यह अनिभव शरा मत जा को बतय उनहोन कहndash ldquoआपक ऽपछल जनम कि छ

समय क ऽलए खरब रह थ उसा समय ऐस कमथ ऽकय थ मगर ऽफर आप ऽकसा आशरम म रहन लग

आपक ऊपर ऽकसा सनयसा क आशावथद ह इसऽलए आपकी सधन तावर गऽत स हो रहा हrdquo

ऄथश- सधको यह डरवन पकषाndash मर हा ऽपछल जनमो क कमथ ह इसऽलए इस जनम म घोर

कष ट उठन पड़त ह मिझ भीख भा रहन पड़त ह ऽवशलकय पिरषndash परकऽतलय पिरष ह अथ थत

परकऽतक बधन नदाndash यहा सथील जगत ह इनही zwjलशतमक कमो क करण हा ससर म जनम लन मिझ

पड़

योग कस कर 180

मर उपर सपश चढ़ा

आजकल म 8-10 घनट धयन करत थ ऽफर शऽzwj तमतर क जप करत थ शऽzwj तमतर क परभव

स सपथ हमर कमर क अनदर आ जत थ तथ कमर क बहर बहत सपथ रहत थ एक करण यह भा थ

आशरम खतो म बन हआ थ इसऽलए जगलनिम जगह था तथ यह ा पर सपथ भा बहत पय जत ह म

सपो स इतन परशन हो गय ऽक दरवजो पर भा आकर सपथ ऽलपट जत थ कई बर सपो न हम कमर स

बहर नही ऽनकलन ऽदय मिझ पड़ोऽसयो को जोर लगकर बिलन पड़ पड़ोऽसयो न आकर सपथ स

छि टकर ऽदलय कभा-कभा सपथ छत पर लटक हए ऽदखई दत थ कमर स बहर ऽनकलत समय सपथ

रसत म बठ हए ऽमलत थ वह ा पर ऐस सपथ भा रहत थ वह दावरो पर बड़ा तजा स चढ़ जत थ ऽनडरत

क करण उस आशरम म अकल रहत थ एक ऽदन की बत ह म आशरम म अकल थ और रऽतर क

सननट छय हआ थ म भीऽम पर सोय हआ थ हमर आसपस दो सपथ लट हए थ तथ कि छ ऽबचछी

भा चटई पर ऽचपक हए थ उस समय म इनह नही जन पय थ मगर जब रऽतर क समय म लघि शक क

ऽलए उठ और लइट जलई उस समय हमरा दऽष ट चटई की ओर गया ऽजस पर म सोय हआ थ उस

चटई पर सपथ व ऽबचछिओ को दखकर म बड़ा तजा स बहर ऽनकल और लोह की छड़ उठ लय म

सपो को मरत नही थ इसऽलए उनह भग ऽदय रत हो य ऽदन सपथ कमर क अनदर आ जत थ ऐस

समय बहत ऽदनो तक चलत रह

यह घटन सोमवर 4 नवमबर की ह आज मर वरत भा थ लगभग 11 बज दोपहर को सनन

करक ऽवषणिसहसतर नम क पठ करन क ऽलए बठ गय पठ और मतर जप आऽद करक म कि णडऽलना

मतर क जप कर रह थ जप लगभग एक सव घनट तक करन क बद शरार म थकन सा आ गया तथ

शरार गमथ भा अतयऽधक हो रह थ इसऽलय म कमबल फशथ पर ऽबछ कर लट गय हथ म मल ऽलए

आाख बनद ऽकय हए कि णडऽलना मतर क जप कर रह थ अभा प ाच ऽमनट भा नही हए थ ऽक दऽहन

ओर कनध स लकर पट तक कि छ ठणड-ठणड स लगन लग मन सोचndash शयद शरार म कोई ऽकरय हो

रहा होगा इसऽलए ठणड लग रह ह जब ऽक शरार गमथ हो रह थ ठणडपन अचछ लग रह थ म मतर

जप करन म मनन थ कि छ कषणो म लग ऽक पट पर (नऽभ क पस) कोई वसति चढ़ रहा ह और वह ठणडा

लग रहा ह म ऽफर भा मतर जप करन म लग रह वह ठणडपन नऽभ क पस स होकर सान (रदय) की

ओर आन लग यह मिझ अचछ लग रह थ zwjयोऽक मतर जप क करण शरार क अनदर आग सा फला

हई था कि णडऽलना भा ऊधवथ हो रहा था जब हमर सान पर कि छ गिदगिदा अथव खिजला सा होन लगा

योग कस कर 181

ऽजस हथ स म मल पकड़ हए थ उसा हथ स मन सान पर खिजन चह आाख बनद ऽकए हए हा

खिजन क ऽलय अपन सान पर उगला लगई तभा ऐस महसीस हआ ऽक सान पर कि छ ह मन दऽहन हथ

स पकड़कर दीर फ कन क ऽलय परयस ऽकय तभा हमर हथ म सपथ क मिाह वल भग पकड़ म आ गय

ऽबजला की गऽत क समन मन उस सपथ को दीर फ क ऽदय मल हथ स छी ट गया म उठकर तजा स

दरवज पर खड़ हो गय मन दखndash कल लमब स सपथ चटई पर पड़ हआ थ सपथ की लमबई

दखकर मर होश खरब हो गए

मर पड़ोस म सपथ पकड़न वल वयऽकत रहत थ म उस बिल लय उस बिलन म मिझ दो ऽमनट

भा नही लग थ म और सपथ पकड़न वल वयऽकत जब कमर क अनदर आय तब दख सपथ वह ा नही थ

कमर म मर थोड़-स हा समन रख हआ थ उस समन म ढीाढ मगर सपथ नही ऽमल वह वयऽकत

बोलndash sbquoआपको धोख हआ होगrdquo म बोलndash sbquoनही मिझ धोख नही हआ हrdquo आऽखरकर सपथ कमर

म नही ऽमल वह वयऽकत वपस चल गय मन सोचndash सपथ मर ऽसर की तरफ स आय थ इसाऽलए

कनध ठणड-ठणड लग रह थ ऽफर हमर शरार स ऽचपकत हआ कमर की ओर गय कमर क पस स

नऽभ की ओर चढ़ सपथ हमर शरार पर चढ़ हआ नऽभ स सान (रदय) की ओर आय म कि णडऽलना

मतर क जप करत रह तब मिझ सपथ की जनकरा नही हई मगर जब सपथ की जनकरा हई तब डर क

करण मर बिर हल थ जब मन सपथ को फ क ऽदय और दरवज पर म खड़ हो गय तब सपथ मरा ओर

मिाह करक जाभ बर-बर बहर को ऽनकल रह थ ऐस लगत थ शयद वह मिझ पयर स दख रह ह

मगर म उसस पयर नही कर सकत थ zwjयोऽक सपथ को हथ स पकड़न पर डर लगत ह

म कमर बनद करक शरा मत जा क पस उनक घर गय मन सरा बत उनह बतया शरा मत जा

बोलीndash sbquoआप अब चरपई क इतजम कीऽजए उसा क परयोग कीऽजयrdquo मन जब यह बत कऽवत

दादा को बतया तो वह बोलाndash sbquoइस परकर क सपथ ऽमलत नही ह यह ऽकरय कि णडऽलना शऽzwj त क

करण होता हrdquo कि छ समय बद हम जञत हआ ऽक धयनवसथ म हमर शरार स ऽवशष परकर की ऽकरण

ऽनकलता रहता थी उन ऽकरणो क करण सपथ आकऽषथत होत थ इसऽलए मर पस बहत स सपथ आत थ

योग कस कर 182

माता कणडवलनी शवzwj त

आज सिबह मरठ वल लड़क क सथ कि छ वद-ऽववद हो गय थ मन शरा मत जा स कह तो

वह चिप रही म समझ गय वह लड़क शरा मत जा की बनवटा सतिऽत करत रहत ह इसऽलए शरा मत

जा को उसम दोष नजर नही आत ह म दीसर सवभव वल ह ा बनवटा सतिऽत नही कर सकत ह ा तथ

ऽसफथ सधन करत रहत ह ा ऽकसा स जयद मतलब नही रखत ह ा ऽफर भा अकरण कि छ-न-कि छ

अzwjसर मिझस बोल जत ह मिझ भा सधन करना ह इसऽलए चिपचप सिन लत ह ा

आज दिःखा भव म म लट हआ थ इसा ऽवषय म कि छ सोच रह थ कि छ समय बद म सो

गय सवपनवसथ म मिझ अनिभव आयndash म पलग पर पट क बल लट हआ ह ा कि छ दिःखा-स ह ा इतन म

हमर पस एक लड़की आई वह लडकी मर ऽसर पर बलो म अपन हथ फरन लगा उस समय हमरा

दऽष ट नाच की ओर था वह लड़की मर बलो पर बड़ पयर स हथ फर रहा था म सोचndash यह लड़की

कौन ह मन अपन ऽसर ऊपर की ओर उठय कि छ कषणो तक म उस लड़की को दखत रह म अब भा

दिखा भव म थ उस लड़की न झिककर मर बएा गल पर अपन होठो स बड़ा जोर स चीम और खड़ा हो

गया मिझ उसक चीमन बड़ ऽवऽचतर स लग उसक होठो क सपशथ ऐस थ म तिरनत जन गय यह

सधरण लड़की नही ह म उठकर खड़ हो गय वह लड़की समन खड़ा हई था उसकी उमर लगभग 20

वषथ की होगा मन उसक चहर दख वह ऽनषभव स मिझ दख रहा था मन सोचndash इसकी उमर हो बहत

कम ह मगर पयर lsquoमाrsquo क समन कर रहा हमन पीछndash sbquoआप कौन ह‛ वह लड़की बोलाndash sbquoजो आप

सोच रह ह म वहा ह ा‛ म बोलndash sbquoआपको दखन स लगत ह आप कम उमर की लड़की ह lsquoमाrsquo कस हो

सकता ह‛ इतन म वह लड़की हासा और बोलाndash sbquoपितर मरा उमर कम नही ह अब तिम दिःखा मत होन म

तिमहर सथ ह ा जो अनयय करत ह उस अपन कमथ अवशय भोगन पड़त ह तिमहर लकषय योग क

अभयस करन ह सभा परकर क कषटो को सहन करो‛ म बोलndash sbquoयऽद आप मरा मा ह जब म

बिलऊा ग तब आप आओगा‛ वह लड़की बोलाndash sbquoअवशय आऊा गा म तिमहर शरार म वयपत ह ा‛ म

उसक आऽखरा शबद सिनकर चौक पड़ तभा उसा समय लड़की क सवरप बदल गय म तिरनत

पहचन गय यह मत कि णडऽलना शऽzwj त ह अनिभव समपत हो गय

योग कस कर 183

ऄथश- सधको अब आप समझ सकत ह मत कि णडऽलना शऽzwj त हमर ऽलए ऽकतन परम करता

ह भऽवषय म म अपना सरा समसयएा मत कि णडऽलना स हल ऽकय करत थ ऐस लग रह थ जस

उस लड़की न अभा-अभामर बएा गल को सपशथ ऽकय गय ह

पड़ और नाग

आज 19 ऽदसमबर को सिबह धयनवसथ म अनिभव आय म ऽकसा जगह पर खड़ ह ा मिझ नग

की फि फकर की अवज सिनई दा फि फकर की आवज बड़ा जोर स आ रहा ह ऽजधर स आवज आ

रहा था म उधर की ओर चल ऽदय थोड़ आग चलकर मन दखndash एक पड़ खड़ हआ ह पड़ जयद

हर-भर भा नही ह तथ सीख भा नही ह उस पड़ पर टहना जयद नही ह इधर-उधर एक-दो पतत लग

हए ह पड़ दखन म अचछ नही लग रह ह उसकी जड़ भा खिला हई ह इस पड़ क दीसरा तरफ एक नग

(सिनहर) अपन फन उसा पड़ की जड़ो पर मर रह ह कभा फन जड़ो पर मरत ह कभा फन तन पर

मरत ह नग बहत करोध म थ म दीर खड़ हआ दख रह थ मगर नग हम नही दख रह थ कि छ कषणो

तक इस ऽकरय को दखत रह ऽफर म यह सोचकर वह ा स चल ऽदय ऽक नग हमरा ओर न आ जए

उसा समय नग न हम दख ऽलय वह मरा ओर को दौड़ म वहा स तजा स भग इतन म मर अनिभव

समपत हो गय

ऄथश- सधको पड़ndash पड़ मर हा शरार ह नग कि णडऽलना शऽzwj त ह शरार म जड़ तततव की

अऽधकत रहता ह कि णडऽलना शऽzwj त क सवरप चतनयमय ह इसऽलय वह जड़त की ऽवरोधा ह यह

जड़त को नष ट कर दता ह नग पड़ की जड़ो पर फिा फकरत हआ फन मर रह हndash नग हमर शरार की

जड़त को नष ट कर रह ह जड़त क नष ट होन पर पड़ क अऽसततव भा नष ट हो जयग ऽफर यह शरार

ऽदवयत को परप त हो जयग

योग कस कर 184

म शतर नही वमतर ह ा

म ऽकसा सिनसन जगह पर खड़ हआ ह ा मिझ नग की फि फकर सिनई दा म आवज की ओर

चल ऽदय ऽजधर स आवज आ रहा था मन आग चलकर दखndash एक ऽवशल जलशय ह उसम बहत

सवचछ पना भर हआ ह उस झाल क बाच म पना क ऊपर एक नग कि णडला मर हए बठ ह उसक

फन ऊपर की ओर उठ हआ ह वह पना म फि फकर मर रह ह मर मन म आयndash यह नग पना म

फि फकर zwjयो मर रह ह यह दशय दखकर मिझ डर लगन लग म वह ा स तावर गऽत स भग भगत समय

नग न हम दख ऽलय तभा नग फि फकरत हआ मर पाछ करन लग थोड़ा दीर तक भगन क बद मर

पर अपन आप रक गए ऐस लग जस मर पर भीऽम पर ऽचपक गए ह मन खीब जोर लगय मगर म

अपन परो को आग नही बढ़ सक इतन म वह नग मर समन आ गय मिझ लग ऽक वह मिझ कट

लग मगर उसन मिझ नही कट वह नग फन उठए हए मर समन खड़ हआ थ उसा समय आकश

स आवज आईndash sbquoम आपक शतरि नही ह ा ऽमतर ह ा आप जब भा मिझ बिलएाग म अवशय आऊा ग‛ ऽफर

नग चल गय अनिभव समपत हो गय

ऄथश- सधको कभा-कभा कि णडऽलना क दशथन इसा तरह होत ह पना क ऊपर नग कि णडला

मर बठ हआ फि फकर रह ह जलशय सथील जगत क सवरप ह पना वसतव म ऽचतत की वऽततय ा

होता ह वहा इस रप म ऽदखई दता ह फि फकरन कअथथ हndash कि णडऽलना शऽzwj त अपना चतनयत को

ऽवखर रहा ह

अब म ऽदन म दोपहर बद 2-3 बज खन खय करत थ ऽसफथ एक बर खन खन ऽक आदत

डल रखा था कभा-कभा सोमवर की तरह मगलवर व बिधवर को भा वरत हो जत थ zwjयोऽक दोपहर

म 200 ऽमला दीध और दो कल खत थ ऽजसस मर शरार और शिि हो जए

योग कस कर 185

सन 1992

शरीर शि हअ

अब महसीस होन लग थ ऽक मर शरार शिि होन लग ह म बजर की कोई भा चाज नही

खत थ चय भा नही पात थ दीसरो क हथ क ऽदय पना भा नही पात थ दीसरो क हथो क

बनय खन भा नही खत थ यऽद म दीसरो क ऽदय खन ख लीा तो सधन म हम महसीस होन

लगत थ ऽजसक खन खत थ उसक ऽवषय म सब कि छ ऽदखई दन लगत थ zwjयोऽक खन बनन

वल क ससकर उस खन म आ जत ह म भोजन पर ऽवशष धयन दत थ आजकल अनन खन बनद

कर चिक थ ऽसफथ कल और दीध ऽलय करत थ कभा-कभा आली व शकरकदा उबल कर ख लत

थ वह भा ऽबलकि ल थोड़ स हा खत थ ऽदसमबर मह म शरा मत जा क कहन पर एक बर अनन

खय थ ऽफर नही खय थ अब एक कप दीध और दो कल बस इतन हा म खन खत थ शरार म

कमजोरा की अनिभीऽत ऽबलकि ल नही होता था zwjयोऽक हमरा कि णडऽलना उगर था कि णडऽलना क करण

मर शरार म कमजोरा नही आता था म ऽकसा स जयद बत नही करत थ ऽकसा क पस जयद बठत

नही थ तऽक हमर अनदर दीसरो की अशिित न आ जए आजकल म 10-12 घनट सधन करत थ

2 घनट शऽzwj त मतर क जप करत थ लगभग 4-5 बर परणयम करत थ एक सव घनट इसम लग

जत थ ऽफर वययम भा करन होत थ आध घनट तक वययम करत थ तथ आधयऽतमक पिसतक

पढ़त थ आशरम म ऽकसा न ऽकसा क आन-जन होत हा रहत थ उसस बत भा करना पड़ता था

आशरम म लग पड़ो को पना भा दत थ रऽतर म ढई तान घनट सोय करत थ हम नीद जयद आता

नही था हमर ऽवचरो म आजकल बहत पररवतथन होन लग थ इसस लग हमर ऽवचर शिि होत ज

रह ह

म वनवशसतर था

अब इस परकर क अनिभव बहत आन लग थ अनिभव म म दखत थ ऽक म ऽनवथसतर ह ा और

सिनसन जगह म बड़ आरम स घीम रह ह ा आश चयथ की बत यह था म अपन शरार क ऽपछल भग भा

योग कस कर 186

पीरा तरह स दख सकत थ जबऽक कोई भा मनिषय अपन शरार क पाछल भग को नही दख सकत ह

मगर मिझ ऽसर स लकर पर तक अपन सर शरार ऽदखई दत थ उस सिनसन जगह म ऽवचरण करत

समय मर अनदर ऽवचर आय हम कोई इस अवसथ म दख तो नही रह ह यहा सोच हा रह थndash तभा

हम एक मनिषय अपना ओर आत हआ ऽदखई ऽदय म अऽत तावर गऽत स एक ओर को भग तऽक वह

पिरष मर पस न आ सक मन मिड़कर दखndash वह मनिषय भा तावर गऽत स चलत हआ मर पस आ रह

थ म यह सोचकर घबरन लग वह पिरष मर पस आ जएग उसा समय मिझ ऽदखई ऽदयndash हमर

दऽहन ओर एक नदा बह रहा ह म नदा क पस पहाच गय नदा बहत नाच बह रहा था मन ऊपर स

छलग लग दा छलग लगत समय म अपन शरार स ऽनकलकर अलग खड़ हो गयअब म दख रह

थndash मर पहल वल शरार छलग लग कर नदा म की द गय मिझ बहत जोर स हासा आ गया या ऽफर म

बोलndash sbquoऽनवथसतर होन क डर स यह नदा म की द गय‛ ऽफर म इतन जोर स हास ऽक हमरा आाख खिल

गया अनिभव समपत हो गय

ऄथश- सधको मिझ ऽदखई द रह थ ऽक म ऽनवथसतर ह ा इसाऽलए नदा म की द गय ऽनवथसतर होन क

अथथ होत हndash ldquoऽवकरो स रऽहत होनrdquo मगर अजञनत बस मर अनदर ऽवकर आ गयndash म ऽनवथसतर ह ा

इसऽलय मिझ कोई दख न ल ऐस ऽवकर मर अनदर नही आन चऽहय थ यह ऽवकरअभयस क दरर

समपत होग ऽवकर क करण हा म उस पिरष स डर रह ह ा नदा म की दत समय मर सीकषम शरार स एक

और शरार ऽनकल कर बहर खड़ हो गय यह मर करण शरार थ ऽवकर आन क करण म नदा म की द

गय इसऽलय इस ऽकरय को दखकर म हास रह ह ा

ऄनन का तयागना

पीणथतय अनन तयग क ऽवचर मर अनदर सवयमव आय तऽक मर शरार जयद स जयद शिि

हो जय तथ हमरा सधन और जयद उगरत क सथ अगरसर हो म परणयम जयद करन शिर कर

ऽदय ऽजसस भीख कम लगन लग अनन खन स जड़त अऽधक बढ़ता ह नऽड़यो म जड़त क करण

अवरोध आ जत ह ऐस मन धयनवसथ म महसीस ऽकय ह इसऽलए अनन तयगकर परणयम और

जयद करन लग थ शरा मत जा न एक हफत म एक बर चवल खन क ऽलय बोल थ मगर मन

अनन पीरा तरह स तयग ऽदय थ ऽदन म दो बर म आध लाटर दीध व चर कल लत थ कि छ ऽदनो तक

योग कस कर 187

ऐस करन पर हमर ऽसर क ददथ भा समपत हो गय थ पहल ऽसर म ददथ बहत हआ करत थ अब

नऽड़य ा शिि होन क करण ऽसर ददथ समपत हो गय

एक बर म शऽzwj त मतर क जप कर रह थ जप परतयक ऽदन ऽनऽित सखय म अवशय करत थ

ऽजसस मर अनदर शिित और जयद हो जय मतर जप करत समय हमरा आाख बनद हो गया तभा

अनिभव आयndash मर समन दो थऽलयो म भोजन आ गय उस भोजन स बहत अचछा खिशबी ऽनकल रहा

था मरा खन की इचछ हई मन अपन हथ आग की ओर बढ़य उसा समय मर हथ म कमपन होन

लगा मर हथ अपन आप वपस आ गय मन अपन समन थोड़ा सा ऊा चई पर एक सतरा को बठ हए

दख वह सतरा दऽवयो क समन लग रहा था उसक ऽसर पर ऊा च स चमचमत हआ मिकि ट लग थ वह

सतरा बोलाndash sbquoपतर अभी तमन सथल ररीर स अनन का तयाग िकया ह अब सकषम ररीर स भी अनन का

तयाग कर दो तािक तमहारी इचछा भोजन करन क िलए न चलrdquo

कणठचकर की गरवनथ खल गयी

धयनवसथ म मर परण कणठचकर म रकत थ इसक करण कणठचकर म ऽसथत गरऽथ ह वहा

आग क मगथ अवरोध ऽकय रहता ह गरऽथ क करण मिझ बहत कष ट भोगन पड़त थ धयनवसथ म

कि णडऽलना भा आग की ओर नही ज पता था यह गरऽथ हा सधक क ऽलए बहत बड़ा अवरोधक ह

सधक इस गरऽथ को खोलन क ऽलए वषो तक सधन करत ह तब उस सफलत ऽमलता ह वरन बहत

स सधको को यहा गरऽथ खोलन म समपीणथ जावन भर सधन करना पड़ता ह ऽफर भा यह गरऽथ नही

खिलता ह अनिभव पढ़कर आपन समझ ऽलय होग हम भा इस गरऽथ क करण बहत परशना उठना

पड़ा था धयनवसथ म अब इस गरऽथ की नऽड़य ा खिलता महसीस होता थी य नऽड़या खिलत समय गदथन

म ददथ हआ करत थ सधरण अवसथ म भा गदथन फोड़ क समन दिखता रहता था गदथन को इधर-उधर

घिमन म बड़ा तकलाफ होता था मरा समझ म आन लग थ ऽक अब शाघर हा गरऽथ खिल जएगा

zwjयोऽक गदथन क हल बहत बिर होत थ मिझ धयथ धरण ऽकय हए कई वषथ बात गए थ जो पिरष धयथ

पीवथक ऽकसा कम म लग रहत ह उस अवशय सफलत ऽमलता ह एक ऽदन धयनवसथ म गदथन की

सभा नऽड़य ा ऽखचन लगा उसा समय गरऽथ भा दिखन लगा मिझ ऐस लग ऽक कि णडऽलना न अपन मिाह

टzwjकर मरकर गरऽथ क अनदर परवश कर ऽदय ह गरऽथ की नऽड़य ा अलग-अलग होकर ऽबखर गया ह

योग कस कर 188

कि णडऽलना न ऽफर कणठचकर पर जोरदर धzwjक मर इसस उसक मिाह कणठचकर क ऊपर ऽनकल गय

उसा समय धयनवसथ म मिझ अनिभीऽत होन लगा ऽक मर कणठचकर खिल गय ह zwjयो ऽक कि णडऽलना क

मिाह कणठचकर स ऊपर ऽनकल गय थ कणठचकर पर रक परण आजञचकर पर आ गय मिझ ऐस लग

रह थ कणठचकर म बहत सरा परणवयि भरा हई था अब मिझ अपना गदथन ऽबलकि ल खोखला (पोला)

लगन लगा था zwjयोऽक कि णडऽलना और परणवयि दोनो ऊपर की ओर चल गए थ मिझ बहत खिशा हो

रहा था ऽक मर कणठचकर खिल गय ह

अब धयन म मरा ऽसथऽत बदल गया था पहल मरा ऽसथऽत कणठचकर पर था अब मरा ऽसथऽत

आजञ चकर पर हो गया ह zwjयोऽक मन और परण दोनो एक सथ आजञ चकर पर आ जत थ अब मन

पहल की भाऽत इधर-उधर नही भगत थ बऽलक मर सहयोग करत थ और सदव ईश वर ऽचतन म लग

रहत थ तथ मन अzwjसर परसनन रहत थ बिर ऽवचर आन बनद स हो गए थ मन सोचत रहत थ म

सदव धयन पर बठ रह ा मर कणठचकर जनवरा क परथम सपतह म खिल गय थ

यह अनिभव जनवरा क मधय म आय सीकषम शरार स मरा पतना मर पस आ गया वह कि छ

परशन सा लग रहा था मन पीछndash sbquozwjय हआ‛ वह बोलाndash sbquoमर पट म सदव ददथ बन रहत ह आप

सधक ह कपय हमरा सहयत कर दाऽजए‛ मन अपन बया हथ उसक ऽसर क पाछ ओर लगय

और दऽहन हथ क अागीठ स उसक मसतक पर शऽzwj तपत ऽकय शऽzwj तपत करत समय वह एक ओर को

हो गया म बोलndash sbquozwjय बत ह एक ओर को zwjयो हो गया‛ वह बोलाndash sbquoतिमन ओकर बहत जोर स

ऽकय ह मिझ सहन नही हो रह थ अब मर ददथ ठाक हो गय हrdquo वह कि छ कषणो बद वपस चला गया

इसक बद वह मर पस कभा नही आया zwjयोऽक उसन जनम धरण कर ऽलय ह

लघ मवसतषक व अजञाचकर

सधको अब हमरा कि णडऽलना कणठचकर स ऊपर की ओर जन लगा ह कणठ चकर स बरहमरधर

दरर क ऽलए तान मगथ होत ह कि णडऽलना करमश तानो मगो स होकर बरहमरधर दरर तक जता ह 1 साध

मगथ 2 पीवथ क मगथ 3 पऽिम क मगथ ह 1 सीधा मागश- यह मगथ कणठचकर स 90 अश क कोण

बनत हआ ऽबलकि ल साध ऊपर की ओरबरहमरधर दरर पर पहाचत ह 2 पवश मागश- यह मगथ कणठचकर

योग कस कर 189

स आजञचकर (भरीमधय) पर आत ह ऽफर आजञचकर स थोड़ ऊपर उठत हआ बरहमरधर दरर पर पहाचत ह

3 पविम मागश- यह मगथ कणठचकर स लघि मऽसतषक क बाच स होत हआ थोड़ स ऊपर की ओर

उठत हआ बरहमरधर दरर पर आत ह इस परकर कणठचकर स बरहमरधर दरर तक कि णडऽलना क गमन करन

ऽलए तान मगथ होत ह पीवथ क मगथ और पऽिम क मगथ को अगर गौरपीवथक स दख तो पिल क आकर

क दशय बन जत ह दोनो मगथ पीवथ व पऽिम स घिमवदर होकर ऊपर की आकर बाच म (बरहमरधर दरर

पर) ऽमल जत ह

ऄथश- सधको अभा तक कणठचकर पर कि णडऽलना शऽzwj त बहत समय तक रकी रहा था लऽकन

कि णडऽलनाशऽzwj त अगर उगर सवरप वला हो तो बरहमरधर दरर पर पहाचन म बहत जयद समय नही लगत

ह एक बत और ऽलखन चहत ह ाndash कणठचकर स कि णडऽलनाशऽzwj त जब ऊपर की ओर चढ़ता ह तब

कभा पीवथ मगथ पर चल कर आग की ओर जता ह कभा साध मगथ पर ऊपर की ओर चला जता ह तो

कभा पऽिम मगथ पर लघि मऽसतषक क बाच स रसत बनता हई आग की ओर बढ़ता ह यह पऽिमा मगथ

सधक क ऽलए कष टदया होत ह zwjयोऽक लघि मऽसतषक को कि णडऽलनाशऽzwj त बरहमा क सथ चारता

हई आग की ओर बढ़ता ह कि णडऽलनाशऽzwj त ऽजतना उगर होगा सधक को उतन हा अऽधक कष ट

भोगन होत ह zwjयोऽक उगरत क करण मगथ क आसपस क कषतर को जलता हई आग क मगथ बनता

जता ह लघि मऽसतषक की बनवट गोभा क फी ल क समन होत ह जब लघि मऽसतषक म कि णडऽलना

शऽzwj त अपन मगथ बनता हई आग की ओर जता ह तब सधक क धयन कभा-कभा टीट जत ह

zwjयोऽक उस समय ददथ बहत होत ह ऐस लगत ह मनो मस क अनदर गमथ लोह क सीज (सिआ) घिस

गय हो कभा-कभा सधक ददथ क करण अपन ऽसर पकड़कर बठ जत ह मगर सधक को यह सब

कष ट सहन हा पड़त ह अनय दोनो मगो पर कि णडऽलनाशऽzwj त क जन पर परशना अनिभीऽत नही होता

ह जब आजञचकर पर कि णडऽलनाशऽzwj त आता ह तब आजञचकर खिलत समय थोड़ा तकलाफ सहना

पड़ता ह zwjयोऽक आजञचकर म ऽसथत ऽझलला जसा चाि को कि णडऽलना नोच डलता ह जब आजञचकर

पर कि णडऽलना आता ह तब ऽदवय दऽष ट खिलकर अतयनत तावर गऽत स कयथ करन लगता ह तथ सधक

बहत जयद सीकषमरप स शऽzwj तशला हो जत ह जररत पड़न पर सधक दीसरो को जबरदसत हऽन भा

पहाच सकत ह मगर सधक को ऐस करन वऽजथत ह zwjयोऽक उसक अनदर दीसरो क परऽत कलयण क

भव होन चऽहए

योग कस कर 190

सधको अब मरा सधन म और उगरत आ गया म शऽzwj त मतर क जप बहत ऽकय करत थ

ऽजसस हमरा कि णडऽलना और उगर हो जए मतर जप करत समय कि णडऽलना ऊधवथ होकर लघि मऽसतषक

क पस पहाच जता था ऽफर लघि मऽसतषक म जोर-जोर स धzwjक मरता था उसा समय मर जप करन

बनद हो जत थ zwjयोऽक म ददथ स तड़प उठत थ इसा परकर धयनवसथ म कि णडऽलना क करण बड़

कष ट होत ह मगर इस सहन जररा थ हमरा कि णडऽलना शाघर हा भकि टा तक (आजञचकर पर) आ

गया कई ऽदनो तक लघि मऽसतषक क अनदर स मगथ बनन क बद एक ऽदन कि णडऽलना लघि मऽसतषक को

पर कर गया मन सोच चलो अब आरम ऽमल बहत कष ट होत थ जब इस मगथ पर कि णडऽलना जता

था लघि मऽसतषक क मगथ खिल जन क बद कि णडऽलना आजञचकर खोलन क परयस करन लगा साध

वल मगथ तो उसन बड़ आरम स खोल ऽदय थ मिझ सदव मलीम रहत थ ऽक कि णडऽलना अबकी बर

इस मगथ स होकर ज रहा ह जयद तर सधको को मलीम नही होत ह ऽक उनकी कि णडऽलना ऽकस मगथ

स होकर ज रहा ह ऐस शत सवभव वला कि णडऽलना अथव मधयम सवभव वला कि णडऽलना वल

सधको क सथ होत ह उगर कि णडऽलना वल सधको को हर समय जनकरा रहता ह ऽक उनकी

कि णडऽलना ऽकस सथन पर ऽसथत ह अथव इस समय कह ा पर गमन कर रहा ह

सधको यह अनिभव 31 जनवरा की रऽतर 11 बज क ह आज शिकरवर ह म हर शिकरवर को

शरा मत जा क पस जत ह ा शरा मत क पस इस ऽदन समीऽहक रप स धयन ऽकय जत ह शिकरवर

को कषतराय सधक बहत आ जत ह मन भा सभा क सथ धयन ऽकय आज धयनवसथ म मिझ बहत

परशना हई था zwjयोऽक आजञचकर क पस की नस बिरा तरह स ऽखच रही थी कि णडऽलना अपना उगरत

क करण आजञचकर म आग-हा-आग फल रहा था इस आग क करण आाखो म जलन होन लगा था

तथ आाख अनदर की ओर ऽखचता (दबता) थी ऐस लग रह थndash मनो आजञचकर फट ज रह ह मन

ऽफर धयन तोड़ ऽदय कि छ समय बद शरा मत जा स आजञ लकर रऽतर क 9 बज म आशरम आ गय

ऽफर रऽतर क नयरह बज म दिबर धयन पर बठ कि णडऽलना न बड़ा तावरत स अपन कयथ करन शिर

कर ऽदय ऐस लग जस आजञचकर फट जएग परण वयि भा आजञचकर पर दबव मर रहा था समपीणथ

आजञचकर कमपन करन लग आजञचकर क पस की नस चटकन लगा ऐस लग रह रह थ अब नस

टीट जयगा कि छ कषणो बद पाड़ चरम साम पर पहाच गया मगर मर मन आजञचकर पर ऽसथर थ इतन

ददथ म धयन कस लग सकत ह उसा समय मिझ ददथ स मिऽकत ऽमल गया सर परण वयि ऊपर की ओर

आग चल गय कि णडऽलना भा आजञचकर स थोड़ा ऊपर की ओर आग चला गया

योग कस कर 191

पऽिम मगथ स और पीवथ मगथ (आजञचकर) स आय हए दोनो परण बरहमरधर दरर पर आकर ऽमल

गय अब ऽसर क ऊपरा भग म गिदगिदा होन लगा तब ऐस लगन लग म बहत ऊपर आ गय ह ा हमर

अनदर खिशा की बढ़-सा आ गया zwjयो ाऽक हम बहत बड़ा सफलत परप त हई था मन शरा मत जा को

ऽवसतर स सरा बत बतया तब शरा मत जा बोलीndash sbquoआपक आजञचकर खिल गय हrdquo

आजञचकर खिलन क बद धयनवसथ म ऽदवय दऽष ट बहत हा तावर गऽत स कयथ करन लगा था

इसऽलए अब हम दीसरो क ऽवषय म बहत जनकररय ा हो जता थी तथ सत महतमओ क सथ

बतचात भा बहत होता रहता था ऊपर क लोको क ऽवषय म ढर सरा जनकररय ा होता रहती थी मगर

म इन सब बतो को नही ऽलख रह ह ा ऽसफथ मिखय-मिखय अनिभव ऽलख रह ह ा

कमजोरी अ गयी

मिझ फरवरा मह म कमजोरा महसीस होन लगा था म जयद पदल भा नही चल सकत थ बठन

की भा आदत जयद नही रह गया था लटन जयद अचछ लगत थ लऽकन धयन पर बठन म कभा

कमजोरा महसीस नही होता था एक मह स जयद हो गय मन अनन नही खय थ शरार म शिित

बहत आ गया था मगर कि णडऽलना क करण गमी बहत बढ़ गया था तान-तान ऽदन शौच नही जत थ

जब शौच जत थ तब शौच क सथ खीन भा आत थ मन यह बत शरा मत जा को बतया थ तब

उनहोन मिझ बतयndash आपकी आातो म कि णडऽलना की गमी क करण जखम हो गए ह आप दीध म घा

डल कर ऽपय कर तो जखम नही होग म दीध म घा डल कर पान लग ऐस लगत थ हमर शरार म

आग-हा-आग भरा हई ह यह आग सदव महसीस होता रहता था समझ म नही आत थ ऽक अब zwjय

करा zwjयोऽक अभयस कम नही कर सकत थ धयन की लगन लगा हई था इतन सर कषटो क बवजीद

मर मन परसनन रहत थ तथ कष ट सहन हम अचछ लगत थ मन सदव एकगर बन रहत थ तथ

शरार म बहत गमी क करण हमरा हलत पगलो की जसा हो गया था यऽद म बठ ह ा तो मिझ बठन

अचछ लगत थ हमरा आाखो क दखन क तराक भा ऽवऽचतर-स हो गय थ कभा-कभा हम ऽकसा

बत की सिध नही रहता था हम भील जन की आदत सा पड़ गया था कभा-कभा म दीध गमथ करत समय

दीध को हा दखत रहत थ तभा दीध उबलकर नाच ऽगर जत थ म ऽगरत हए दीध को दखत रहत थ

कि छ समय बद होश आत थ ऽक दीध उबल गय ह मगर अब zwjय कर सकत थ दीध उबलकर ऽगरन

योग कस कर 192

की ऽकरय अzwjसर हआ करता था म सोचत थ ऽक आज दीध नही उबलन दीाग मगर मर आाखो क

समन दीध उबलकर ऽनकल जत थ ऽफर मिझ अपन आप पर करोध आत थ ऐस zwjयो हो जत ह

मर शरार भा बहत दिबथल हो चिक थ शरार म हडऽडय ा मतर रह गया थी कोई पीछत zwjय बत ह

आपक सवसथय बहत खरब ह म zwjय उततर दत ऽक zwjयो मरा ऐसा हलत ह म यहा कह दत थ ऽक

मरा तबायत खरब हो गया था इस अवसथ म ईश वर को सदव यद करत रहत थ zwjयोऽक मर मन

अपन आप ईश वर की यद म लग रहत थ जो मन पहल लगन स नही लगत थ आज वह सवय एक

जगह पर ऽसथर हो जत ह कि णडऽलना की उगरत क करण मर यह हल हो गय थ

म गभश म

यह अनिभव मचथ मह म योगऽनदर अवसथ म आय एक रऽतर म सोय हआ थ मिझ अनिभव

आयndash म ऽकसा जगह घोर अधकर म ह ा मर शरार ऽवशष परकर की मिदर म ह ऐस लग रह ह मर

शरार पना म उलट-पिलट होकर तर रह ह उस पना स दिगध सा आ रहा ह दोनो परो क घिटन मिाह क

पस लग रह ह मर शरार ऽशशि क समन ह हमर शरार की ऐसा मिदर बन रहा ह जस गभथ म ऽसथत

ऽशशि की होता ह दोनो परो क घिटन मिाह पस सपशथ करत समय गदथन म ऽखचव होत थ इस करण मर

शरार दिखन लगत थ ऽफर मरा आाख भा खिल जता ह म अपन आपको पलग पर उसा मिदर म पत थ

जसा मिदर सवपनवसथ म हो रहा था म दिबर ऽफर सो गय सो जन क बद ऽफर पहल जस वहा

अनिभव आन लग ऽक म गभथ क अनदर ह ा गभथ म हमर शरार पर परण वयि क धzwjक (दबव) लग रह ह

मर शरार बहर ऽनकलन क परयस कर रह ह म बहर नही ऽनकल प रह ह ा परण वयि क दबव क

करण मर शरार दिख रह ह ऽफर हमरा आाख खिल जता ह तब म दखत ह ा पलग पर हमर सथील शरार

की वसा हा मिदर गभथ वला बना हई था हमर शरार दिख रह थ इसा परकर तान बर ऽकरय हई था

ऽफर म करवट क बल लट गय

इस अनिभव म मिझ मलीम हआ ऽक गभथ म ऽसथत ऽशशि की zwjय हलत होता ह ऽशशि सदव कष ट

भोगत रहत ह गभ थवसथ म ऽशशि ऽकस परकर क कष ट भोगत ह यह हम अनिभव क दरर ऽदखय गय

ह इसाऽलय ऽनदरवसथ म म बर-बर गभथसथ ऽशशि जसा मिदर वल बनन लगत थ इसस मर सथील

शरार कष ट भोगन लगत थ इस अनिभव को मन सकषप म ऽलख ह अनिभव तो बहत लमब थ अनिभव

योग कस कर 193

म हम समझय गय थndash ऽशशि क जनम कस होत ह उस समय उस ऽकतना अपर पाड़ होता ह मिझ

अपन जनम क समय की घटन ऽदखई गया था तथ उस समय मिझ ऽकतना पाड़ हई था उसक कि छ अश

की अनिभीऽत भा करया गया था इस अनिभव म हम अपन जनम क समय क थोड़ दशय व कषटो ऽक

अनिभीऽत ऽदखई गया था ऽकसा भा मनिषय को अपन जनम क समय क कषटो की अनिभीऽत यद नही रहता

ह मगर मिझ इस अनिभव म जनम क समय क कषटो की अनिभीऽत करया गया था तथ मिझ उस समय क

दशय भा ऽदखय गय

माता कणडवलनी दवारा सतनपान करना

मन अनिभव म दखndash म ऽबलकि ल छोट-स ऽशशि ह ा ऽकसा सतरा क सथ लट हआ ह ा उस न मिझ

अपन हथ क सहर दकर अपना ओर करवट क बल ऽलट ऽलय ऽफर अपन हथ मर ऽसर पर रख

मर मिाह अपन सतन म लगन लगा जस हा उसन सतनपन करन की चषट की मन अपन मिाह एक ओर

को हट ऽलय ऽफर उस सतरा न मर ऽसर पकड़कर सतनपन करन की कोऽशश की तब मन आपन मिाह

ऽफर एक ओर को हट ऽलय परनति तासरा बर मर ऽसर पकड़कर वह सतरा जबरदसता सतनपन करन

लगा जस हा हमर मिाह क अनदर दीध क थोड़ स अश गय उस दीध क सवद हम बहत अचछ लग

ऐस दीध सथील रप स उपलबध नही होत ह जो दीध मन इस अनिभव म ऽपय उसक सवद हलक स

माठ थ इसम ऽदवयत की अनिभीऽत हो रहा था

ऄथश- सधको यह अनिभव मन अऽत सकषप म ऽलख ह ऽवसतर म ऽलखन उऽचत नही समझत

ह ा यह सतरा सवय कि णडऽलना शऽzwj त थी आजकल म अनन नही खत ह ा भीख तो सदव महसीस होता रहता

ह इसऽलए सीकषम शरार को तप त करन क ऽलए (भीख ऽमटन क ऽलए) मत कि णडऽलना न सवयम सतनपन

करय ह जब तक मन अनन गरहण नही ऽकय तब तक मिझ ऐस हा अनिभव आत रह शयद आपको

पढ़न म आश चयथ जनक लग मगर यह सतय ह मिझ पर मत कि णडऽलना की अपर कप ह यह अनिभव

जब शरा मत जा को बतयndash तब वह बहत परसनन हई और बोलाndash एक बर आऽदगिर शकरचयथ जा परभि

म इतन खो गए ऽक भोजन करन की भा यद नही रहा उनक समन दवा की पतथर की मीऽतथ था उस पतथर

की मीऽतथ स दीध अपन ऽनकलन लग ऽफर उनहोन उसा मीती क सतनपन ऽकय और तप त हो गए

योग कस कर 194

कामधन गाय

मन अनिभव म दखndash म पथवा पर एक जगह पर बठ हआ ह ा हमर समन एक गय परकट हो

गया गय भीऽम स थोड़ ऊपर आधर हान खड़ा हई था दोनो एक-दीसर को दख रह थ गय बहत सिनदर

था उसक रग एकदम सवचछ सफद थ उसक छोट-छोट स सीग थोड़ अनदर की ओर मिड़ हए थ आाख

एकदम कला थी और सफ थी वह गय सधरण गय नही लग रहा था zwjयो ाऽक वह पथवा स एक-डढ़

फीट ऊपर आधरहान खड़ा हई था दीसरा बत उस गय क शरार स हलक-हलक परकश ऽनकल रह थ

तथ वलय चरो ओर घीम रह थ उसा समय गय न मिझस कि छ कहndash उसकी आवज तो मनिषय की

भाऽत था मगर भष म न समझ पय म बोलndash sbquoआपन मिझस zwjय कह ह म समझ नही पय कपय

दिबर बत द‛ गय दिबर बोलाndash sbquoआपकी सधन एक वषथ म अचछा हो जएगा‛ यह सिनत हा मन

उस गय को नमसकर ऽकय नमसकर करत समय उसन अपन आग वल दोनो पर मर ऽसर क ऊपर रख

ऽदय मन गय स कहndash sbquoआपन हम आशावथद ऽदय ह हम आपक आभरा ह‛ गय हमर समन उसा

समय अनतधय थन हो गया सधको यह गय दवतओ क ऽलय पीजयनाय ह य कमधनि गय गोलोक की

रहन वला ह

वसवियो स हावन

इस अनिभव म समझय गय ह ऽक ऽसऽि स zwjय लभ होत ह और उसस zwjय निकसन होत ह

ऽसऽिय ा जब मनिषय को परप त होता ह तब वह उन ऽसऽियो स मनिषय कयथ कर सकत ह समज क लोग

उस मनिषय को भगवन की तरह पीज करन लगत ह उस समय मनिषय को यश भा बहत परप त होत ह

zwjयोऽक कषण भर म आश चयथजनक कयथ करन की समथयथ होता ह बहत स वयऽकत ऽसऽि क चzwjकर म

पड़कर आपक नम कमत ह जब बहत समय बात जत ह तब यह ऽसऽिय ा एक न एक ऽदन कयथ

करन बनद कर दता ह ऽफर वह मनिषय ऽसऽि स रऽहत हो जत ह अगर उस मनिषय न ऽसऽियो स गलत

कयथ ऽलय होत ह तब य ऽसऽिय ा उस मनिषय को ऽकसा-न-ऽकसा रप म निकसन भा पहाच दता ह ऽफर

जो मनिषय उसकी पीज ऽकय करत थ अब वहा मजक उड़न लगत ह इसऽलए ऽसऽियो स बचन

चऽहए ऽसऽिया योगा क ऽलय आधयऽतमक मगथ म अवरोधक होता ह

योग कस कर 195

सावधका क ववषय म जानकारी

सधको आजकल हमरा ऽदवयदऽष ट बहत तावर गऽत स कयथ करता ह पथवा हा नही ऽकसा भा

लोक की जनकरा ऽदवय-दऽष ट स तिरनत हो जता ह कभा-कभा धयनवसथ म हम अपन आप जनकरा

हआ करता था अब म ऽमरज आशरम म बठ हा अपन पररऽचतो की तथ सधको की जनकररया कर

ऽलय करत थ मगर कि छ सधको की जनकररय ा अपन आप हो जता थी इस जगह पर एक सऽधक

क वणथन सकषप म कर रह ह ा यह सऽधक थण (मिमबई) की रहन वला ह मन ऽदवयदऽष ट स दखndash यह

सऽधक हमर समन बठा हई ह मगर उसक सथील शरार बहत कमजोर हो गय ह वह कि छ सोच मिदर

म बठा हई ह म उस सऽधक स बोलndash sbquoआपको zwjय हो गय आप इतना दिबला-पतला zwjयो हो गया

हrdquo मगर वह सऽधक उततर म कि छ न बोला बस मरा ओर दखता रहा मर अनदर ऽवचर आयndash यह

बामर ह तथ इस शराररक कष ट बहत ह इसऽलए चिपचप बठा हई ह दीसर दशय म इस सऽधक क

पऽत सऽधक स कही बहर घीमन क ऽलए दबव डल रह ह जबऽक सऽधक की अनदर स घीमन की

इचछ ऽबलकि ल नही ह इसक बद इस सऽधक क ऽवषय म ढरो जनकररय ा परप त हई ऽजसक वणथन

करन उऽचत नही ह zwjयोऽक यह उसक वयऽकतगत ममल ह

अनिभव समपत होन क बद सोचndash मन तो इस सऽधक स कभा जयद बतचात भा नही की ह

ऽफर हम इसक अनिभव zwjयो आय अनिभव स म समझ गय ऽक यह बामर रह चिकी ह ऽफर यह

सऽधक जब अकषय तताय पर आशरम म आई तब मन पीछndash sbquoआपक सवसथय कस हrdquo वह हमर

शबद सिनकर चौक गया और वह बोलाndash sbquoआपको कस मलीम हआ ऽक म बामर था मन तो ऽकसा को

नही बतय हrdquo म कि छ नही बोल ऽसफथ मिसकर ऽदय उसन शरा मत जा स पीछndash sbquoमर बर म आननद

कि मर को कस मलीम हो गय ऽक म बामर ह ा मन तो ऽकसा को नही बतय ह ऽक म बामर थाrdquo शरा

मत जा न सऽधक को बतयndash sbquoआननद कि मर को सरा बत योगबल पर मलीम हो जता ह zwjयोऽक

उसकी ऽदवयदऽष ट खिला हई ह ऽकसा की भा जनकरा कर सकत हrdquo वह सऽधक कि छ समय बद मर

पस आई और मिझस पीछndash sbquoआननद भय आपको हमर बर म zwjय-zwjय मलीम हrdquo म बोलndash sbquoम

आपक बर म बहत कि छ जनत ह ाrdquo उसक पीछन पर ऽफर मन उस बतन शिर ऽकय वह चिपचप मरा

बत सिनता रहा आऽखरकर वह समझ गया ऽक मिझस कोई बत ऽछप नही सकता ह मन उस बतयndash

sbquoसधक कभा भा ऽकसा की वयऽकतगत बत दीसरो को नही बतत ह आप मरा ओर स ऽनऽिनत हो रहrdquo

मर दरर सतवन दन पर वह सऽधक परसनन होकर चला गया

योग कस कर 196

तनमातराएा

इस परकर क अनिभव ऽसफथ सधको को हा आ सकत ह और इन अनिभवो स परसननत बहत

होता ह वस इस परकर क अनिभव धयनवसथ म आत ह मगर य अनिभव समनय अवसथ म आत थndash

मर कनो म आवज सिनई ऽदय करता थी य आवज कभा पररऽचत लोगो की होती था तो कभा

अपररऽचत लोगो की होता था अzwjसर मलीम हो जत थ ऽक कौन बोल रह ह मिझ कि छ शबद सिनई

दत थ ऽजनक उततर म अनदर स तिरनत द दत थ मिझ अचछा तरह मलीम रहत थ ऽक मन zwjय सिन ह

और zwjय जवब ऽदय ह कभा-कभा ऽमतरो की आवज सिनई दती थी ऽक आपस म zwjय बत कर रह थ

कभा शरा मत जा क शबद सिनई दत थ य शबद सपषट और तज आवज म सिनई दत थ कभा-कभा मिझ

अपन घर वलो की आवज सिनई दता था ऽक हमर घर म zwjय बत हो रहा ह इस परकर की आवज

सिन-सिनकर मन ऊब चिक थ एक बर मन शरा मत जा को बतयndash ldquoहम ऐसा ऽकरयएा होता रहता हrdquo

तब शरा मत जा न मिझस कहndash ldquoआपकी सधन तज गऽत स आग की ओर बढ़ रहा ह तभा सधक को

यह अवसथ परप त होता ह मिझ भा अपन सधन कल म ऐस आवज कि छ ऽदनो तक सिनई दा था ऽफर

य आवज अपन आप बनद हो जती हrdquo

ऄथश- जब सधक की सधन तनमतरओ म परवश करता ह तब य ऽकरयएा होना शिर हो जती ह

इन आवजो क समबनध आकश तनमतर स होत ह अभयस क दरर जब अवसथ आग की ओर

बढ़ता ह तब इस परकर की आवज सिनई दना बनद हो जती ह पहल आवज सिनन म बहत अचछ

लगत ह ऽफर इस ऽकरय स मन ऊब जत ह

एक ऽदन हमरा इचछ हई ऽक आज म धयन म बठकर नद सिनीाग म धयन पर बठ गय और नद

सिनन क परयस करन लग पहल ऽचनऽचन-ऽचनऽचन की आवज आई जस झीगर आवज ऽनकलत

ह ऽफर यह आवज धार-धार बढ़न लगा आवज इतना तज हो गया ऽक कनो को परशना होन लगा

ऽफर घनट बजन की आवज आन लगा आवज इतना तज हो गया ऽक ऐस लगन लग हमर कनो म

हजरो घनट बज रह ह म बहत समय तक इस धवऽन को सिनन म लग रह ऽफर धयन स उठ गय

zwjयोऽक मर यह मगथ नही ह

यह अनिभव हम धयनवसथ म आय मन दख- म एक सिनसन जगह पर खड़ ह ा अचनक

पथवा क अनदर स आवज आईndash जस पथवा फट रहा हो उसा समय हमर समन थोड़ा दीरा पर पथवा फट

योग कस कर 197

गया पथवा क अनदर स ऊपर की ओर एक सतरा परकट होन लगा उस सतरा क शरार क नऽभ स ऊपर क

भग पथवा क ऊपर थ नऽभ स ऽनचल भग पथवा क अनदर समय हआ थ सतरा हर रग की ऽसतरोदर

सड़ा पहन हए था ऽसर पर बहत ऊा च मिकि ट लग हआ थ उसक शरार स तज ऽनकल रह थ इतन म

उस सतरा न मिझस कि छ कहndash मगर हमरा समझ म नही आय वह सतरा जोर-जोर स कि छ कह रहा था म

सोचन लगndash सतरा की भष हमरा समझ म zwjयो नही आ रहा ह उस समय हव भा तज गऽत स चलन

लगा था इसऽलय म उसकी आवज समझ नही प रह थ

ऄथश- सधको उस सतरा न ऽकस भष म मिझस कह म समझ न सक यह सतरा पथवा क हा

सवरप थ अथ थत पथवा सतरा रप म हम ऽदखई द रहा था वह मिझस कि छ कह रहा था मगर म उसकी

भष समझ नही प रह थ वस पथवा एक गरह ह यह ऽपणड रप म ऽवदयमन ह मगर उचच शरणा क

सधको को और योऽगयो को धयनवसथ म यह सतरा रप म भा ऽदखई दता ह यऽद अभयसा चह तो

बत भा कर सकत ह

गोदलकर महाराज

धयनवसथ म हम एक अनिभव आयndash एक सतपिरष अपन ऽशषयो क सथ बठ हए थ म उनह

दीर स खड़ हआ दख रह थ मिझ उनक पस तक जन क ऽलए रसत नही थ zwjयोऽक उनक समन

उनक ऽशषय बठ हए थ मन उनह दीर स हथ जोड़कर नमसकर ऽकय और बोलndash sbquoम आपको नमसकर

करत ह ा‛ वह सत जा बोलndash sbquoमिझ‛ म बोलndash sbquoह ा म आपको नमसकर करत ह ा‛ वह मिसकरए और

बोलndash sbquoअचछ अचछ आप ऽदरताय म हा रऽहए आप तताय तताय म नही आप ऽदरताय म हा रहग‛ म

उनक समन थोड़ा दीरा पर हथ जोड़ खड़ हआ थ ऽफर मन रसत म बठ हए उनक ऽशषयो स कहndash

sbquoकपय आप एक तरफ हो जइए म सवमा जा को नमसकर करन चहत ह ा‛ उनक ऽशषयो न एक तरफ

होकर मिझ रसत द ऽदय ऽफर सवमा जा क पस पहाच कर मन उनको नमसकर ऽकय ऽफर उनहोन

हमरा पाठ थपथपई उनहोन जस हा हमरा पाठ पर हथ लगय उसा समय मरा कि णडऽलना ऊपर की

ओर चढ़न लगा उसा क सथ मर शवस भा तावर हो गय उनहोन दिबर अपन हथ मरा पाठ पर लगय

ऽसर स नाच की ओर को अपन हथ मरा पाठ पर ऽफरय उसा समय मरा कि णडऽलना वपस मीलधर

चकर म जकर शत हो गया अनिभव भा समपत हो गय

योग कस कर 198

ऄथश- सधको य सवमा जा बहत महन योगा थ महरषटर म इनह जयदतर लोग जनत ह तथ

इनकी पीज भा करत ह य सनत जा महरषटर क हा रहन वल थ सवमा जा न हमस कहndash आप ऽदरताय

म रऽहए इसक अथथ ह दीसर जनम अभा मर और होग तताय म नही अथ थत तासर जनम मर नही

होग ऽजस योगा को उचचतम अवसथ परप त होता ह वह अपन ऽपछल और अगल जनमो को जन लत

ह आवशयक जनकराndash म पठको को बतन चह ात ह ा ऽजस समय हम यह अनिभव आय थ उस

समय क कमो क अनिसर मर एक और जनम होन चऽहय थ इसाऽलय सनत जा न मिझ ऐस बोल थ

मगर कि छ समय बद मन अतयनत कठोर सधन करक ततवजञन को परप त कर ऽलय ह अब मर अगल

जनम नही होग यहा मर आऽखरा जनम ह zwjयोऽक मन कमो को बाज रप स नष ट कर ऽदय ह ऋतमभर-

परजञ क दरर मन अपन ऽचतत पर ऽसथत अजञन को नष ट कर ऽदय ह इस ऽवषय म आपको आग पढ़न को

ऽमलग

ईलटा घड़ा

यह अनिभव हम मई-जीन म धयनवसथ म शरा मत जा क समन आय शरा मत जा क समन

म धयन कर रह थ मन दखndash म ऊपर की ओर दख रह ह ा ऊपर मिझ उलट घड़ रख हआ ऽदखई द

रह थ उस घड़ क मिाह नाच की ओर ह घड़ क मिाह क पस तज परकश स यिकत एक लइन चमक रहा

ह इस परकऽशत लइन क करण चरो ओर परकश फल हआ ह ऽजसस घड़ क मिाह सपषट ऽदखई द रह

ह उस घड़ क मिाह बनद ह उस घड़ क अनदर zwjय भर हआ ह यह मलीम नही ह मन दो तान बर दखन

क परयस ऽकय मगर घड़ क अनदर कि छ भा नही ऽदखई ऽदय यह अनिभव मतर कि छ कषणो क थ

अनिभव समपत हो गय

ऄथश- ऊपर की ओर ऽदखई दन वल उलट घड़ हमर बरहमरधर ह सधक कोबरहमरधर उलट

घड़ जस हा ऽदखई दत ह बरहमरधर क मिाह नाच की ओर ह इसऽलए वह उलट घड़-स ऽदखई द रह

थ चमकदर लइन कि णडऽलना शऽzwj त ह उसा स परकश ऽनकल रह ह‛

योग कस कर 199

जलता पड़

यह अनिभव धयनवसथ म आयndash एक पड़ ह उसम मोटा-मोटा टहना लगा हई ह वह पड़ सीख-

स ऽदखई द रह ह उस पड़ म आग लग गया आग न चरो ओर स उस घर ऽलय हवह पड़ बिरा तरह

स जलन लग पड़ जलन क करण आग की ऊा चा लपट उठ रहा ह कि छ समय बद हम धिाआ ऽदखई

दन लग ऽफर ऽदखई ऽदयndash यह धिाआ मर सर शरार क अदर भर गय ह म सोचन लग ऽक यह धिाआ

zwjयो ऽदखई द रह ह अथव कह ा स आ गय ह तब यद आय शयद पड़ पीर जल गय होग इसऽलए

धिाआ ऽदखई द रह ह zwjयोऽक अब पड़ हम ऽदखई नही द रह थ मन यह अनिभव शरा मत जा को

बतय तब वह बहत परसनन हई और बोलीndash sbquoशसतर क अनिसर यह पड़ जो शरार क अनदर जलत

ऽदखई ऽदय वह तिमहर ऽपछल जनमो क तमोगिणा कमथ ह वह जलकर रख हो गए ह सधक क ऽलए

यह बहत बड़ा उपलऽबध होता ह‛

सधको शरा मत जा न बतय ऽक बिर कमथ जल रह थ मगर यह यद रखनndash योगबल पर सर

कमथ नही जलए ज सकत ह वह चह ऽजतन बड़ योगा हो ऽसफथ कि छ हा कमो को जलय ज सकत

ह वहा हमर सथ हआ मगर हमर अभा कमथ शष ह जो भोगकर हा समपत होग समऽध स बच हए

शष कमथ भोगकर हा नष ट ऽकय जत ह

शिता की ओर

यह अनिभव दोपहर एक बज धयनवसथ म आयndash म कही चल ज रह ह ा रसत म 8-9 वषथ की

एक लड़की ऽमला लड़की बहत सिनदर था बड़ा पयरा सा लग रहा था लड़की न दोनो हथो स लन क

इशर ऽकय उसा कषण मन भा अपन दोनो हथो को आग की ओर बढ़य और उस उठ ऽलयऽफर मन

अपन कनधो पर उस ऽबठ ऽलय वह लड़की मर ऽलय अपररऽचत था ऽफर भा दोनो तरफ स पररऽचत-

जस वयवहर हो रह थ म लड़की को कनधो पर ऽबठए हए तज गऽत स आग की ओर जन लग मिझ

ऐस लग रह थ म भीऽम पर नही चल रह ह ा बऽलक भीऽम स बहत ऊपर चल रह ह ा आग चलकर रसत

छोट-छोट कमरो जसा जगह म बदल गय मिझ ऐस लग रह ह एक कमर स दीसर कमर म परवश कर रह

ह ा कमर पीरा तरह स चरो ओर स बनद ह मगर लड़की क इशर करत हा दरर अपन आप खिल जत

योग कस कर 200

थ परतयक कमर की बनवट एक-जसा हा ह सभा कमर परकऽशत ह ऽफर मन सोचndash यह लड़की हम

कहा ऽलए ज रहा ह म वपस आ भा पऊा ग य नही आ पऊा ग यह भा सोच रह थ यह लड़की कौन

ह ऽजसक इशर मतर स आग क मगथ परशसत हो जत ह म तजा स आग की ओर बढ़ ज रह ह ा

आग चलकर जस हा मन कमरनिम जगह म परवश ऽकय तो दखndash समन शरा मत जा ऊा च आसन पर

ऽवरजमन ह हलकी-हलकी आभ शरा मत जा क चरो ओर फला हई ह उनक समन ढर सरा

लड़ऽकय ा बठा हई खन ख रहा ह सभा लड़ऽकय ा अतयनत खीबसीरत और अचछ कपड़ पहन हए ह शरा

मत जा न मिझ दखकर मिसकर ऽदय तभा मरा भा इचछ खन खन की हई इतन म आवज आयाndash

ldquoआपक खन यहा नही हrdquo म यह शबद सिनकर थोड़ उदस स हो गय इतन म समन की ओर बठा

हई शरा मत जा बोलीndash sbquoयह आननद कि मर ह इसको खन द दो‛ म वहा ा पर बठ गय हमर समन

अपन आप पततलनिम कोई वसति आ गया उसा समय चमच स हम खन परोस जन लग हम ऽसफथ

अकल चमच हा ऽदखई द रह थ परोसन वल ऽदखई नही द रह थ और न परोसा हई वसति ऽदखई

द रहा था म और मर सथ वला लड़की एक सथ खन खन लग खन खकर वह लड़की अदशय हो

गया शरा मत जा न एक ओर को इशर ऽकय और कहndash sbquoआप ऊधर चल जइए‛ म उसा ओर को

आग चल गय और आग चलकर म धयन पर बठ गय धयन पर बठ हए ऽकतन समय हो गय यह

मिझ मलीम नही चल मन धयन स उठकर समन ऊपर की ओर दखndash वह ा पर कि छ ऽलख हआ थ

पहल वzwjय अब हम यद नही आ रह ह म भील गय दीसर वzwjय ऽलख थndash sbquoपरण अपन सहा कयथ

कर कर रह ह बरहमरधर शिित की ओर ह‛ य शबद धधकत हए अगर क समन परकश क दरर ऽलख

हए थ वह ा पर सकड़ो सीयथ क समन तज परकश फल हआ थ

ऄथश- सधको जो लड़की मिझ मगथदशथन कर रहा था और मर सथ म खन खकर अदशय हो

गया था वह कि णडऽलना शऽzwj त था जो मन खन खय थ वह इसऽलए नही ऽदखई द रह थ zwjयोऽक

वसतव म वह सथील खन नही थ बऽलक वह अधयऽतमक परसद थ शरा मत जा क रप म गिरततव थ

जो सीकषम रप म चतनयमय शऽzwj त होता ह वहा शरा मत जा क रप म ऽदखई द रहा थी वह ा पर सथील

शरार वला मत जा नही थी ऐसा ऽसथऽत म सवय शरा मत जा को मलीम नही होत ह ऽक उनक

चतनयमय ततव ऽकसक मगथदशथन कर रह ह चतनयमय ततव सभा जगह वयपत रहत ह तथ ऽशषय क

शरार म भा वयपत होत ह वहा सीकषम नऽड़यो म परवश होकर कयथ करत ह

योग कस कर 201

नावभ पर जोर

कि छ ऽदनो स धयनवसथ म मर ऽसर नाच की ओर दबव दन लगत ह धयन क शिरआत क

समय म ऽबलकि ल साध बठत ह ा मगर थोड़ा दर बद मर ऽसर नाच की ओर दबव दन स गदथन ऽबलकि ल

ऽसकि ड़ जता ह ऽसर क ऽनचल भग कनधो पर आ जत ह तथ सर शरार धार-धार ऽसकि ड़न लगत

ह ऐस लगत ह राढ़ भा नाच की ओर ऽसकि ड़-सा रहा ह उस समय सर शरार क जोर नऽभ पर पड़त

ह यह अवसथ बहत समय तक बना रहता था कि छ ऽदनो पित नऽभ अतयऽधक गमथ होन लगा कभा-

कभा ऐस लगत थऽक नऽभ आग क गोल-स ह उसा समय भऽसतरक भा चलन लगता ह इसस

नऽभ की गमी ऊपर की ओर बढ़ता ह पट पर इतन दबव पड़त थ ऽक पट दिखन लगत थ म नाच की

ओर इतन ऽसकि ड़त ह ा ऽक मर शरार ऽबलकि ल छोट-स हा रह जत ह

ऄथश- सधको जब सधक की अवसथ आजञचकर पर य इसस ऊपर की हो जता ह तब यह

ऽकरय होता ह इसस ऽसर म ऽसथत उदन वयि नाच की ओर आता ह नाच की वयि ऊपर जता ह इसस

कि णडऽलना को उगर होन म सहयत ऽमलता ह धयन स उठन क बद म शवसन ऽकय करत थ तऽक

नऽभ की नऽड़या सहा अवसथ म आ जएाऽजसस पट म ऽकसा परकर की परशना न हो

शरा मत जा क एक ऽशषय ऽशराष जोशा जा ह वह इस समय आशरम म आए हए ह ऽशराष

जोशा शरा मत जा को बचपन स हा जनत ह हमरा इनकी घऽनषठत बहत ऽदनो स ह इन ऽदनो ऽशराष

जोशा बड़ौद (गिजरत) म रहत ह य ऽसडाकट बक म मनजर ह रोजन 50-55 ऽकलोमाटर डयीटा क

ऽलए आत-जत ह एक ऽदन शम क समय दोनो एक सथ धयन करन क ऽलय बठ ऽफर मिझ इनक ऽवषय

म कि छ जनकरा ऽमला म समझ गय इनक सथ कि छ गड़बड़ जरर हआ ह मन इनक ऽवषय म

ऽदवयदऽष ट क दरर सब कि छ जन ऽलय ऽक य बक स समबऽनधत थोड़ परशन ह सिबह ऽशराष जोशा को

मन सब कि छ बत ऽदयndash sbquoजब आप डयीटा पर जत ह तब इस परकर क पिल व जगल-स रसत म

पड़त ह रसत म भीऽम इस परकर की ह रलव क पिल ऽमलत हपिल बहत ऊा च ह रल की ऽसगल

लइन ह नदा म पना बहत कम बह रह ह नदा बरसत म बहत जयद बढ़ जता ह ऑऽफस म आपक

परऽत कि छ लोग अचछ ऽवचर नही रखत ह‛ मन आऽफस क उनह सब कि छ बत ऽदय अब ऽशराष जोशा

जा आश चयथचऽकत हो गए वह मिझस बोलndash sbquoआपको मर बर म इतना बराकी स सब कि छ कस मलीम

हो गय ह‛ म बोलndash sbquoऽदवयदऽष ट क दरर सब कि छ जन ज सकत ह‛ ऽफर मन उनक भऽवषय भा

योग कस कर 202

बत ऽदय तऽक वह सतकथ हो जएा मर दरर बतया गया सरा बत उनहोन शरा मत जा को बत दा और

पीछndash मर ऽवषय म आननद कि मर को सरा बत कस मलीम हो गया ह शरा मत जा बोलीndash sbquoआननद

कि मर को अनिभव सहा आत ह zwjयोऽक धयन म उसकी ऽसथऽत अचछा ह‛

अपका परसाद आधर ह

मन अनिभव म दखndash म ऽकसा जगह पर खड़ हआ ह ा मर समन थोड़ा ऊा चा सा जगह ह वह ा

पर कि छ पिरष खड़ हए ह म उन पिरषो को दख रह ह ा उसा समय आवज आयाndash sbquoआपक परसद इधर

ह‛आवज पाछ की ओर स आ रहा था मन पाछ मिड़कर दखndash तो अतररकष म तान दऽवय ा खड़ा हई

ऽदखई दा बयी ओर शर पर सवर दवा खड़ा हई था बाच म कमल पर एक दवा बठा हई था दऽहना

ओर एक दवा हस पर सवर था तभा शर पर सवर दवा कमल पर बठा दवा क अनदर ऽवलान गया ऽफर

हस पर बठा दवा कमल पर बठा दवा क अनदर ऽवलान हो गया कमल पर बठा दवा क तासर नतर

खिल हआ थ कमल पर बठा दवा न कहndash sbquoआपक परसद हमर पस ह आग बढ़ो और मिझस अपन

परसद ल लो‛ इतन म मर अनिभव समपत हो गय

ऄथश- सधको जो दवा हम परसद दन को कह रहा था वह मत कि णडऽलना था उसा स सरा

दऽवय ा परकट हई ह इसऽलए मिझ दोनो दऽवय ा उसा म लान होता हई ऽदखई दी मतर कि छ कषणो म यह

समपीणथ दशय ऽदखई द गय

भाइ का सकषम शरीर

धयनवसथ म मर भई क सीकषम शरार मर पस आय और बोलndash ldquoमिझ अपन मतयि क बर म

अचछा तरह स जनकरा ह zwjयोऽक वह मर रदय पटल पर ऽलखा हई ह ऽपछल जनम म मर नम

lsquoभनिपरतपrsquo थ‛ मन इस भई क ऽपछल जनम दख तो पय उसक सीकषम शरार सतय कह रह ह

zwjयोऽक सीकषम शरार को सब कि छ मलीम होत ह यह तासर नमबर क भई क सीकषम शरार थ मगर भई

को जनकरा नही ह उसक सीकषम शरार न मिझस बत की ह

योग कस कर 203

दसर लोक म जाना

यह अनिभव मिझ जिलई मह म आयndash म एक लत (बल) को पकड़-पकड़ कर उसा क सहर

तावर गऽत स ऊपर की ओर चढ़ रह ह ा यह लत साधा ऊपर आकश की ओर गया था लत ऽबलकि ल

नजिक और पतला सा ह म यह भा दख रह ह ाndash लत पर चढ़त समय आकश क ऽजस कषतर गिजर रह ह ा

वह आकश हलक नाल रग क तज परकश स यिकत ह उस आकश म सीयथ चनदरम तर आऽद नही ह

आकश सवपरकऽशत ह चढ़त-चढ़त म ऽकसा आधर पर खड़ हो गय मगर आधर ऽदखई नही द रह

थ ऽसफथ महसीस हो रह थ वह लत यहा तक आया हई था अब म अदशय आधर पर आग की ओर

चलन लग मिझ समन की ओर एक जगह पर सतरा व पिरष खड़ हए ऽदखई ऽदय म भा वहा पर जकर

खड़ हो गय वह ा पर ऽसतरयो की सखय कम था उसा समय मन अपन आप को एक सतरा क समन खड़

हआ पय मर समन ओर एक सतरा ऊा च सथन पर बन ऽसहसन पर बठा हई था वह सतरा एक ओर को

मिाह ऽकय हए था वही पर उपऽसथत कि छ पिरष उस सतरा स कहन लगndash sbquoमा यह पिरष बहत दीर स आय

हआ ह कपय आप इस दशथन द दाऽजए‛ उन पिरषो क कहन पर उस सतरा न अपन चहर मरा ओर कर

ऽलय मन उस सतरा को नमसकर ऽकय उस समय सतरा क चहर स तज ऽनकल रह थ उसक रग हलक

सावल य नाल स थ ऽसर पर ऊा च स मिकि ट लगए हए था मिझस कद म वह बहत हा जयद ऊा चा

था वह ा क पिरष व सतरा सभा बहत ऊा च कद वल थ उस सतरा क लमब-लमब बल खिल हए थ ऽफर वह

सतरा ऽसहसन स हा अनतधय थन हो गया इतन म कि छ पिरष मर पस आए और बोलndash sbquoआप कहा स आए

ह ‛ कषणभर क ऽलए म सोचन लग य लोग मिझस ऐस zwjयो पीछ रह ह ऽफर दीसर पिरष न पीछndash ldquoआप

ऽकस लोक स आए हए ह‛ मन तिरनत जवब ऽदयndash ldquoम पथवा लोक स आय ह ा‛ इतन म वह ा उपऽसथत

कि छ लोग कहन लगndash sbquoअचछ अचछ आप पथवा स आए हो वह ा पर ऽदन-रत बहत हा छोट-छोट

होत ह तथ जयदतर पिरष अधमथ म लग रहत ह मगर आप तो योगा ह इसाऽलए यहा तक आ पय हो‛

म सोचन लग य लोग ऐस zwjयो कहत ह उनम स एक पिरष बोलndash sbquoयहा पर कभा रऽतर नही होता ह

अब आप यहा स जइए यहा पर आप जयद दर तक नही ठहर सकत ह ऽफर कभा भऽवषय म आन‛

उसा समय म वह ा स नाच की ओर ऽगरन लग अनिभव समपत हो गय

ऄथश- सधको अनिभव पढ़कर आप समझ गए होग ऽक म ऽकसा ऊपर क सीकषमलोक म चल गय

थ zwjयोऽक वह सतरा हलक नाल रग की य सवल रग की था वह सतरा दवा कला य दवा चडा क बदल

हआ सवरप हो सकत ह zwjयोऽक नाल शरार वला सतरा और कौन दवा हो सकता ह वह ा क अतररकष

योग कस कर 204

हलक नाल रग स सवपरकऽशत स थ म ऽजस लत (बल) क सहर म ऊपर चढ़ रह थ वह हमरा

सिषिमन नड़ा ह

सकलप करो सार चकर खल जाएा

आजकल मर मन बहत दिःखा रहन लग थ zwjयोऽक मिझस अकरण अपमन जनक शबद कह

जत थ मन शरा मत जा स इस बत की ऽशकयत की तो उनहोन हमरा ऽशकयत नही सिना बऽलक

हमर अनदर क दोष जरर ऽनकलन लगी उनक कहन थndash ldquoम गिर (शरा मत जा) क परऽत रख ह ाrdquo

हमरा समझ म यह नही आय ऽक सदव अऽतशयोऽकत म गिर की सतिऽत करन स zwjय योग क अभयस हो

जएग अगर सदव अऽतशयोऽकत म गिर की सतिऽत करत रहन स योग क अभयस हो जत तो ऽफर ऽकसा

को योग क अभयस करन की आवशयकत नही होता सभा सतिऽत करक योग म पीणथत परप त कर लत

कमथ क महतव हा नही जत आप यह सोच रह होगndash zwjय म गिर ऽवरोधा थ ऐस नही ह यऽद म ऐस

होत तो म आशरम म नही रहत और न हा मिझ आशरम म रख जत मिझ ऽसफथ सधन करन की लगन

था अगर यह लगन न होता तो म आशरम म सवय नही रकत आशरम म मिझ ढरो परशऽनय ा होता थी

शिरआत म म ऽबलकि ल अकल रहत थ उस समय वह ा पर ऽबजला भा नही था मिझ रहन क ऽलय

सवचछ सथन भा नही थ ऽबलकि ल कम पसो म खचथ चलत थ ऽकसा न कभा यह नही पीछndash इतन कम

पसो म खचथ कस चलत ह आऽद म ऽकसा की बिरई नही कर रह ह ा ऽसफथ बत बत रह ह ा मन आशरम

म रहकर शरा मत जा क ऽपरय ऽशषयो की बहत उलटा-साधा बत सिना ह शरा मत जा क ऽपरय ऽशषय जो

अकरण कि छ न कि छ बोलत रहत थ उनकी सधन की अभा तक शिरआत भा नही हो पई ह और न हा

अभा शिरआत होगा मरा दऽष ट म अभा वषो बद तक भा सधक नही बन पएाग य पऽकतय ा ऽलख जन

तक उन सधको को 25-30 वषथ हो गय ह अभा तक अभयस म शीनय ह मन सधन क ऽलए तयग

ऽकय ह सब कि छ छोड़ ऽदय म अपन समय वयथथ म नही गवन चहत ह ा मरा सधन ऐसा अवसथ

पर आ गया ह ऽक म अचछ बिर सब कि छ समझत ह ा शरा मत जा को zwjय यह जञत नही ह जब म

दीसरो क ऽवषय म जन लत ह ा zwjय शरा मत जा क ऽवषय म नही जनत ह ा हमरा ऽदवयदऽष ट अतयनत

तजसवा होन क करण zwjय वह अपन आपको बच सकता ह ऽक उनक ऽवषय म हम जनकरा न हो मन

शरा मत जा क ऽपछल पाच जनमो को दख ह और वतथमन क म सब कि छ जनत ह ा

योग कस कर 205

सधको म गिर ऽवरोधा नही ह ा शरा मत जा स म बहत परम करत ह ा मगर सतय शरषठ होत ह म

सतय क अनिसरण करत ह ा जो सधक गिर ऽवरोधा होत ह वह वयऽकत इस ससर म सबस ऽनकषट होत ह

आजकल हमर समपीणथ कयथ गिर पर अटीट शरि क करण हा समपनन होत ह गिरऽनषठ होन क करण हा

आज म सफल ह ा इसऽलए सधको गिर ऽनषठ बनो

गिर पीऽणथम क अवसर आ गय दीर-दीर स सधकगण शरा मत जा क घर आन लग हमर

ऽपतजा भा शरा मत जा क पस आय हए थ गिर पीऽणथम पर उसा समय शरा मत जा क ऽपरय ऽशषय न

शबदो स मर बहत अपमन बहत ऽकय मगर इस ऽवषय पर शरा मत जा कि छ नही बोली जबऽक वह भा

उस समय सिन रहा थी मिझ बड़ दिःख हआ मन ऽपतजा स पीछndash sbquozwjय म घर वपस चलीा आपको कोई

परशना तो नही होगा‛ ऽपत जा बोलndash sbquoआप चऽलए हम कोई परशना नही ह‛ मन शरा मत जा को

पतर ऽलख उसम सरा बत ऽलखकर यह भा ऽलखndash म घर ज रह ह ा आशरम म ऽकसा अनय सधक की

वयवसथ कर दाऽजए शरा मत जा को पतर द ऽदय गिर पीऽणथम उतसव मर दिःख म हा वयतात हआ उसा

समय धयनवसथ म अनिभव आयndash एक सनयसा जा मर पस आए और बोलndash sbquoपितर अभा तिम घर नही

जओग यही पर सधन करो‛ मन बहत सोच ऽवचर कर घर जन क मन तयग ऽदय गिर पीऽणथम

ऽमरज क एक कय थलय म मनई गया था गिर पीऽणथम क बद बहत स सधक वपस चल गय थ कि छ

सधक अभा यही पर थ म आशरम म वपस लौट आय म अकल हा आशरम म आय थ अभा सभा

सधक ऽमरज म हा थ मिझ थकन-सा महसीस हो रहा था थकन क करण मिझ नीद आ गया

सवपनवसथ म मिझ ऽदखई ऽदयndash चौदह-पदरह सल क एक लड़क मर पस आय उसक हथ

म एकऽगलस थ वह ऽगलस उसन मिझ द ऽदय मन ऽगलस म दख दहा जसा कोई वसति ह उसन उस

पान क इशर ऽकय म उस दहा जसा वसति को पान लग जस हा मन दहा जसा वह वसति को ऽपय

और वह मर मिाह क अनदर गय हा होग तभा वह लड़क बोलndash sbquoसकलप करो ऽक सर चकर खिल

जएा‛ अचनक मर मिाह स मजक म ऽनकलndash sbquozwjयो सकलप करा ऽक हमर सर चकर खिल जएा‛ म

ऽफर ऽगलस म ऽसथत उस वसति को पान लग वह वसति दखन म दहा जसा था मगर उसक सवद हलक

माठ थ दहा जस सवद नही थ मन सर ऽगलस पाकर खला कर ऽदय वह लड़क हमरा ओर

दखकर मिसकर रह थ लड़क क चहर स बहत तज परकश ऽनकल रह थ वह लड़क दखन म बहत

सिनदर थ म भा उस दखकर मिसकरन लग ऽफर म बोलndash sbquoचलो आप कहत ह तो म सकलप ऽकय लत

ह ा ऽक हमर सर चकर खिल जए‛ म इतन हा कह पय थ ऽक लड़क मर समन हा स अनतधयथन हो

योग कस कर 206

गय उसा समय हमरा आाख खिल गया म उठकर बठ गय और अनिभव क ऽवषय म सोचन लग वह

लड़क बहत सिनदर थ अचछ लग रह थ उसन मिझस बड़ पयर स कह थ

ऄथश- सधको ऽगलस म दहा जसा वसति सऽतवक शऽzwj त था अथव आधयतम थ यहा

लड़क भऽवषय म भा दो-तान बर ऽमल तथ इसन सधन म मरा बहत सहयत की और योग म मिझ

उचच सथन पर पहाच ऽदय म इस लड़क क ऽवषय म नही जनत ह ा ऽक यह कौन ह अनिभव म लड़क

नलस म दहा जसा वसति को पान क ऽलए कह रह ह जब कभा दहा जस पदथथ अभयसा धयनवसथ

य योगऽनदर म ऽपय तब समझ लन चऽहए अभयसा की आधयतम म उननऽत होन वला ह उस लड़क न

मिझस कहndash ldquoसकलप करो ऽक तिमहर सर चकर खिल जएा‛ मनिषय क शरार म मिखय रप स सत चकर

होत ह वह लड़क सतो क खिलन क सकलप करव रह थ अथ थत सहसतरर चकर क खिलन क ऽलय भा

कह रह ह यह लड़क हमर आधयऽतमक जावन म कई बर ऽदखई ऽदय सदव हमरा सहयत करत

थ ऽफर अदशय हो जत थ

मीठापन

यह बत जीन मह की ह म शरा मत जा क पस गय हआ थ शरा मत जा न एकत म पीछndash

sbquoआननद कि मर आपन कभा महसीस ऽकय ऽक आपक गल म कि छ माठपन-स घिल रहत ह ऐस

लगत ह जस कोई माठा चाज खई हो म सोच रहा था शयद आप मिझस पीछग मगर आपन नही

पीछ‛ म बोलndash sbquoशरा मत जा हमर गल म माठ-माठ-स सवद बहत ऽदनो स बन रहत ह मगर

इसऽलए नही पीछ मन सोच शयद मर मिाह क सवद खरब रहत होग इसऽलए ऐस हो रह ह कभा-

कभा गल म ऐस लगत ह जस शहद-स घिल हआ ह यह शहद-स गढ़ तरल पदथथ ऽसर क ऊपरा

भग स नाच की ओर ऽगरत-स जन पड़त ह ऽफर बहत समय तक गल माठ बन रहत ह यह

माठपन बहत अचछ लगत ह‛ शरा मत जा न कह यह अनिभव आपक ऽबलकि ल सहा ह

सधको इस माठपन की अनिभीऽत कणठचकर खिलन क बद होता ह बरहमरधर क दरर क पस स

ऽवशष परकर क दरवय नाच की ओर ऽगर करत ह इसक सवद माठ होत ह तथ दरव गढ़-गढ़ होत

ह इस माठपन को ऽसफथ सधक हा अनिभीऽत कर सकत ह जो सधक खचरा मिदर करन जनत ह अथ थत

योग कस कर 207

खचरा मिदर म पररपzwjव ह वह इस दरव क अपना ऽजहव क अगर भग स सवद लत ह इस ऽकरय स

सधक की भीख ऽमट जता ह अथव उस ऽबलकि ल थोड़ा हा भीख लगता ह मिझ धयनवसथ म एक

ऽकरय होता रहता ह धयनवसथ म ऽसर नाच की ओर दबव दत ह उस समय यह दरव साध नऽभ पर

ऽगरत ह ऽजसस जठरऽनन शत हो जता ह भीख कम लगता ह ऽकसा-ऽकसा जगह पर इस दरव क अमत

शबद स उललख ऽमलत ह

मिझ अनिभव आयndash म ऽकसा सफ-सिथर रसत पर तावर गऽत स चल ज रह ह ा मिझ आग क

रसत दीर-दीर तक सफ ऽदखई द रह थ अचनक उस रसत पर समन ओर स एक घोड़ हमरा ओर

आत हआ ऽदखई ऽदय म भा उसा रसत पर आग की ओर चल ज रह थ म सोचन लगndash यह घोड़

कहा स आ गय घोड़ दखन म ऊा च कद क थ और उसक मिाह बहत डरवन स थ घोड़ हमर

नजदाक आत ज रह थ म ऽछपन क ऽलए एक खत की ओर चल गय उस खत म ऽसथत पड़ो पर

कट लग हए थ इसऽलए म आाख बनद करक खत क ऽकनर बठ गय कि छ कषणो बद मन आाख

खोलकर दखndash तो घोड़ बड़ आरम स मिझस थोड़ा दीरा पर खड़ हआ थ म उस घोड़ को ऽमिा क ढल

फ ककर मरन लग मगर वह घोड़ अपना जगह स नही हट म सोचन लगndash घोड़ यहा स ज zwjयो नही

रह ह उसा समय मिझ समन ओर स एक सनयसा आत हए ऽदखई ऽदय सनयसा ऽजस रसत स आ रह

थ मिझ उसा रसत पर जन थ वह सनयसा गरए वसतर धरण ऽकय थ उनक हथ म चमकता हई एक

रससा था उस सनयसा की उमर ऽबलकि ल कम था वह ऽसफथ 25 वषथ क लगत थ सनयसा हमरा पस आ

रह थ यह जनकर हमर मन म बहत खिशा हई सनयसा न थोड़ा दीरा पर खड़ होकर रससा क फद घोड़

की ओर फ क रससा क फद फ कत हा घोड़ अदशय हो गय उसा समय सनयसा भा अदशय हो गय

इतन म मर अनिभव समपत हो गय

ऄथश- सधको घोड़ मन क परताक होत ह कभा कभा इऽदरय ा भा घोड़ क रप म ऽदखई दता ह

हो सकत ह कोई इऽनदरय हमर योग मगथ म अवरोध डलन चहता हो मगर ऽकसा महपिरष न आकर

मिझ बच ऽलय

योग कस कर 208

धयानावसथा म अग की ओर झकना

सधको गिर पीऽणथम उतसव मनन क बद म आशरम म आ गय थ कि छ समय बद बहत स

सधक ऽमरज स आशरम म आ गय थ अब आशरम म कफी भाड़ हो गया था दीसर ऽदन शरा मत जा भा

आशरम म आ गया आशरम म समीऽहक रप स धयन हआ करत थ अब मिझ ऽफर स आग की ओर

झिकन की ऽकरय होन लगा था धयन पर बठत हा बड़ा वग स कि णडऽलना ऊपर चढ़ता था बरहमरधर दरर पर

टzwjकर मरत हा म आग ऽक ओर झिक जत थ मर मसतक भीऽम पर सपशथ करन लगत थ उसा समय

जलधर बनध भा लगत थ ठोड़ा सान स ऽचपक जता था ऽसर क ऊपरा भग (बरहमरधर वल) भीऽम पर

सपशथ करन लगत थ ऐस लगत थ मनो म ऽसर क बल खड़ हो जऊा ग तानो बनध तथ बहय

कि मभक भा लगत थ बहय कि मभक क करण शवस अनदर हा नही आत थ ऐस लगत थndash ldquoयऽद

थोड़ा दर शवस वपस न आई तो मरा मतयि हो जएगाrdquo बहय कि मभक बहत दर तक लगत थ जब शवस

अनदर आ जए तब आतररक कि मभक लग जत थ शवस बहर ऽनकलन क नम नही ल रह थ उसा

समय समय कि णडऽलना बरहमरधर दरर पर टzwjकर मरता था तब उसकी और पाड़ होन लगता था यहा

अवसथ हमरा एक डढ़ घनट तक बना रहता था मीलधर चकर क आस-पस क कषतर ऊपर की ओर

उठन लगन क करण म ऽसर क बल खड़ होन क ऽलए मजबीर होन लगत थ सधको उस समय हमर

शरार को घोर पाड़ होता था मगर म zwjय कर सकत थ घोर कष ट झलत रहत थ मर धयन दर तक

लगन क करण सभा सधक मरा ओर दखत रहत थ zwjयोऽक अनय सभा सधक 20-25 ऽमनट तक धयन

करन क बद आाख खोल दत थ जब म धयन स उठत थ तब शरा मत जा हमरा ओर दखता थी म

उनक दखन क भव स हा समझ जत थ ऽक शरा मत जा करोध म दख रहा ह

एक दो ऽदन बद एकत म मन शरा मत जा स उनक पस जकर पीछndash sbquoशरा मत जा हम आग

की झिकन की ऽकरय zwjयो होता ह‛ शरा मत जा बोलीndash ldquoम दख रहा था आपको यह ऽकरय होता ह यह

आपक बिर कमथ ह आननद कि मर आपकी शदा हई और पतना भा मर गया आप इस मगथ म आ तो

गए मगर आपको गहसथ म रहन चऽहए थ ठाक ह आप यह मगथ पकड़ हए ह मगर आपक कमथ

गहसथ क थ‛ यह सिनकर म बहत दिःखा हआ और सोचन लगndash अगर मर कमथ गहसथ क थ तब

हमरा योग म इतना तावर गऽत zwjयो ह अनिभव इतन अचछ-अचछ zwjयो आत ह इस समय शरा मत जा क

ऽशषयो म म दीसर नमबर क सधक zwjयो ह ा शरा मत जा क सकड़ो ऽशषय ह उनकी इतना तावर सधन

zwjयो नही ह यह सोचकर म रोन लग यह बत मन अपन ऽपतजा को भा बतया था zwjयोऽक उस समय

योग कस कर 209

वह वही पर उपऽसथत थ म खड़ हआ रो रह थ मर कमथ ऽपछल जनमो क इतन गनद ह तो म zwjय

करा मिझ अपर मनऽसक कष ट हआ अब म धयनवसथ म आग झिकत हा धयन तोड़ दत थ

चिपचप आाख खोलकर बठ रहत थ मन अपन धयन कम कर ऽदय ऽजसस हम आग की ओर झिकन

की ऽकरय हा न हो धयन कम हो जन क करण कि छ ऽदनो बद आग झिकन की ऽकरय होना बनद हो गया

अब म धयनवसथ म साध बठ रहत थ कि छ ऽदनो बद शरा मत जा जलग ाव चला गई

ईनमनी ऄवसथा

आजकल हमरा आदत पगलो की भाऽत हो गया था म हर बत को भील जत थ म सोचत

थndash अबकी बर अमिक बत यद रखीाग ऽबलकि ल नही भीलीाग मगर म भील जत थ हमरा समझ म

नही आत थ म ऐस zwjयो हो गय ह ा म चिपचप गिमसिम-स बठ रहत थ मन आज दीध ऽपय ह ऽक

नही ऽपय ह यह भा म यह भा भील जत थ zwjयोऽक म अनन ऽबलकि ल नही खत थ म पड़ोसा स दीध

ल ऽलय करत थ कभा-कभा म उसक पस दिबर दीध लन क ऽलय पहाच जत थ जब वह पड़ोसा

बतत थndash ldquoआननद कि मर आप दीध ल गएअब आप दिबर दीध लन आ गय ह तब हम यद आत

थ म तो दीध ल गय ह ा अब दिबर दीध लन आ गय ह ा कभा म दोपहर तक दीध लन नही जत थ तब

वह सवय दीध द जत थ बस म धयन करत रहत थ पड़ो को पना डल करत थ जब कोई नया

इमरत बनता था तब म उसम तरई करन क ऽलय पइप स पना डल करत थ कभा-कभा पड़ो पर

दिबर पना डलन पहाच जय करत थ मर रोज दीध उबल जय करत थ म यह सोच कर बठ जत

थndash ऽक आज दीध नही उबलन दीाग मगर जब म दीध गमथ करन लगत थ तब कि छ समय बद म दीध

उबलत हए समन दखत रहत थ और उबलत हए को दखकर हसत थ ऽक दीध उबल रह ह

अकल म म अपन गलो पर थपपड़ मर करत थ थपपड़ इतन जोर स व बरहमा स मरत थ

ऽक गलो म ददथ होन लगत थ तब म मरन बनद कर दत थ तब हमरा कभा-कभा इचछ चलता थाndash

ऽक ऽसर को दावर म मरो म ऽसर दावर म मरन लगत थ एक बर ऽसर दावर पर इतन जोर स मर

ऽक ऽसर स खीन बहन लग म ऽसर पकड़कर ददथ क करण रोन लग मिझ लग म पगल हो जऊा ग जब

अपन थपपड़ मरत अथव दावर म ऽसर पटकत थ तब थोड़ समय बद म ठाक हो जत थ कि छ

ऽदनो बद धार-धार यह ऽकरय बनद हो गया

योग कस कर 210

ऄथश- सधको उसा समय मिझ सवमा मिकतननद की एक पिसतक lsquoऽचदशऽकत ऽवलसrsquo पढ़न को

ऽमला था उसम एक जगह पर ऽलख थndash ldquoसधक की एक ऐसा अवसथ आता ह सधक सवय अपन

थपपड़ मर करत ह उसकी इचछ चलता ह ऽक म अपन थपपड़ मरा rdquo सधको यह ऽचतत की एक

अवसथ होता ह उस समय सधक को लगत ह म अपन थपपड़ नही मर रह ह ा बऽलक म इस जड़ शरार

को मर रह ह उस समय वह अपन सथील शरार को अपन नही मनत ह यह ऽकरय हर सधक को नही

होता ह इस ऽकरय को पगलपन नही कह सकत ह बऽलक उस समय ऽचतत पर सऽतवत क परभव जयद

होत ह पगल वयऽकत क ऽचतत तमोगिण स आचछऽदत रहत ह तथ मऽसतषक और बिऽि सदव क ऽलय

सहा रप स कयथ नही कर पत ह सधक की यह अवसथ समनय वयऽकत स बहत हा जयद उचच शरणा

की होता ह इस lsquoउनमना अवसथrsquo कहत ह यह अवसथ सभा सधको को परप त नही होता ह इस

अवसथ म सधक को अपन होश नही रहत ह सतवगिण क परभव स मन अनतमिथखा रहत ह इसऽलय

उस वहय पदथो क भन नही रहत ह

कणडवलनी शवzwj त दवारा भोजन कराना

धयनवसथ म अनिभव आयndash च ादना रत की तरह परकश फल हआ थ म ऽबलकि ल शत

वतवरण म बठ हआ थ म सोच रह थndash ऽकतन शत वतवरण मन को लिभन वल ह तभा हमर

समन बहत साधा-सदा सधरण स कपड़ पहन हई एक सतरा परकट हो गया उसकी आाख ऽबलकि ल शत

थी चहर मसीम स थ वह अपन दोनो हथो स एक थला पकड़ हए था वह थला उसन हमर समन

रख दा मन दखndash उस थला म दीध और चवल ह वह सतरा भा हमर समन आकर बठ गया हम दोनो

क बाच म भोजन की थला रखा हई था उसन मिझ खन क इशर ऽकय मन उस थला म खन शिर

कर ऽदय वह सतरा भा मर सथ उसा थला म खन ख रहा था जब चवल थला क समपत हो गए तब

थला म दीध बच गय थला क आध दीध पहल वह सतरा न पा ऽलय ऽफर उसन थला को मिझ द ऽदय

उस थला क शष दीध मन पा ऽलय खला थला को मन उसक समन रख दा वह सतरा खला थला

लकर खड़ा हई और अदशय हो गया म सोचन लगndash यह सतरा ऽकतना शत था मिझ खन ऽखलकर

अदशय हो गया म अपन आप म तप त हो चिक थ उसा समय मर अनिभव समपत हो गय

योग कस कर 211

ऄथश- सधको जब तक मन अनन गरहण नही ऽकय तब तक ऐस अनिभव आत रह थ इस परकर

भोजन करन क बद मर सीकषम शरार तप त हो जत थ कभा कभा 8-10 वषथ की लड़की मिझ खन

ऽखलय करता था मन कई महानो तक अनन गरहण नही ऽकय थ इसऽलए हमरा सधन इतना तावर

था आजकल म अनन नही खय करत थ अथ थत भोजन नही करत थ धयनवसथ म सतरा अथव कम

उमर की लड़की खन हम ऽखलता था इसस मर सीकषम शरार तप त हो जत थ ऽफर हम भीख की

अनिभीऽत नही होता था वस म आजकल एक कप दीध व दो कल खय करत थ शिित क करण ऐस

लगत थ मनो पाठ जला ज रहा ह शष कयथ कि णडऽलना शऽzwj त कर ऽदय करता था मरा कि णडऽलना

बहत हा जयद उगर था अनिभव म बर-बर कि णडऽलना शऽzwj त सवरप बदल कर मिझ खन ऽखलता था

छोटा बचचा

मन धयनवसथ म दखndash एक ऽबलकि ल छोट स बचच ह ऽजसकी उमर एक वषथ क लगभग

होगा बचच क शरार पर कोई वसतर नही ह ऽसफथ कमर म एक कल धग बाध हआ ह बचच बहत

सिनदर ह मरा ओर घिटनो क बल चलकर आ रह ह रसत ऊबड़-खबड़ और पथराल ह इसऽलए उस

परशना हो रहा होगा ऐस म सोच रह ह ा मगर उस बचच को कोई परशना नही हो रहा ह zwjयोऽक वह

बचच हास रह ह कषण भर म मन दखndash वही पर परदशी सीकषम शरार म शरा मत जा भा खड़ा हई ह शरा

मत जा उस बचच स बोलीndash ldquoखड़ हो ज खड़ हो ज‛ ऽफर उस बचच न घिटन क बल चलन बनद

कर ऽदय खड़ होन क परयस करन लग बचच खड़ होत समय अपन शरार क जोर लग रह थ

तथ मिसकर भा रह थ बचच खिश होकर lsquoॎ ॎ ॎrsquoकी आवज ऽनकल रह थ शरा मत जा

बोलीndash sbquoराबार खड़ा हो जा‛ बचच खड़ हो गय ऽफर शरा मत जा बोलीndash sbquoचल आग पर बढ़ा

बढ़ा आग पर‛ वह बचच पर आग बढ़न क परयतन करन लग और कषण भर म आग पर रख ऽदय शरा

मत जा ऽफर बोलीndash ldquoवह भी आग की ओर पर बढ़ा‛ बचच ओम-ओम कहत हआ दीसर भा पर

आग रख दत ह शरा मत जा बोलीndash ldquoचल आग आऻऻजा‛ ऽफर बचच परयतन करक आग आ गय

शरा मत जा बोलीndash ldquoराबार ऐस ही चलना‛ इतन म बचच क बगल म एक सतरा परकट हो गया और

बोला (बचच स कह) ndash ldquoयह बात िकसी स नही कहना‛ म चौक पड़ सोच यह सतरा कौन ह वह सतरा

परदशी सीकषम शरार म सपषट ऽदखई द रहा था मिझ आश चयथ यह हआ ऽक म भा सीकषम शरार म वही पर

योग कस कर 212

खड़ हआ थ ऽफर म उस बचच क शरार म परवश हो गय और म हासन लग यह बचच और कोई नही

म सवय हा थ शरा मत जा बोलीndash sbquoआननद कमार तम अब अपन परो स चलन लग हो भिवषय म भी

तमह अपन परो पर चलना होगा‛ वह परदशी शरार वला सतरा बोलाndash sbquoतम अपन परो पर सवय चलन

लग हो भिवषय म तम सवय अपन परो स चलोग‛ अनिभव समपत हआ

ऄथश- सधको परदशी शरार वला सतरा मत कि णडऽलना शऽzwj त था तथ शरा मत जा (गिर तततव)

न मिझ अपन परो स चलन ऽसखय ऽदय भऽवषय म म ऽनऽित हा अपन परो पर चलीाग मिझ सवय शरा

मत जा की आवशयकत नही पड़गा ऐस यह अनिभव स जञत होत ह

अाखो म वखचाव

अब हम ऽभनन-ऽभनन तरह क नद सिनई दत ह य नद धयनवसथ और जगरत अवसथ म भा

सिनई दत ह नद अzwjसर जोर स सिनई दत ह धयन पर बठत हा मर परण बरहमरधर दरर पर आ जत ह

zwjयोऽक छोट मऽसतषक और आजञचकर भा खिल गय ह कणठचकर स ऊपर परण दो भगो म बाटकर दोनो

अलग-अलग मगो स (पीवथ मगथ व पऽिम मगथ) चलकर ऽफर बरहमरधर दरर पर एक हो जत ह मगर

बरहमरधर दरर न खिलन क करण परण वह ा जयद दर तक नही ठहरत ह वपस आजञचकर पर आ जत ह

ऽफर आजञचकर पर परण दबव मरत ह आजकल म शऽzwj तमतर क जप बहत जयद ऽकय करत ह ा

शऽzwj तमतर जप करत समय धयन आजञचकर पर लग जत ह परण क सथ मन भा यही पर रहत ह तब

मन ऽबलकि ल एकगर हो जत ह इस करण मसतक पर नऽड़यो म जोर स ऽखचव होत ह नऽड़या

चटकता-सा सिनई दती ह कभा-कभा ऐस भा लगत हndash मनो मसतक पर हजरो चाऽटया कट रहा हो

कभा-कभा यह ा जलन भा होता ह यहा हल आाखो और पलको म होत ह इसऽलए आाखो व पलको म

खिजला-सा होता रहता ह कि छ कषणो बद आाखो पर अपन आप दबव पड़त ह आाख जोर स बनद हो

जती ह ऽफर आाख अनदर की ओर ऽखचती ह कभा-कभा आाख इतना अनदर की ओर ऽखचती ह तब

ऐस लगत हndash जस आाख टीटकर लघि मऽसतषक की ओर आ जएागा आाखो म ददथ होन स मिझ धयन

तोड़न पड़त ह आाख अनदर की ओर जन की ऽकरय बहत ऽदनो तक होता रहा ह

योग कस कर 213

ऄथश- सधको अभयसा की जब यह अवसथ आता ह तब आाख अनदर की ओर दबव मरता

ह ऐस लगत ह ऽक आाख अब टीट जएागा ऽखचव बरहमरनधर दरर की ओर को हआ करत ह यह ऽकरय

परणो क करण होता ह समसत परणो क ऽखचव बरहमरधर दरर की ओर होत ह ऐसा अवसथ म आाखो

पर बहत अऽधक दबव रहत ह ऐसा ऽकरय ऽसफथ उनहा सधको को होता ह ऽजनकी सधन अतयनत उगर

होता ह तथ पीवथ कल क योगा होत ह

नीच क लोको म जाना

यह अनिभव हम योग ऽनदर म आयndash म पथवा क अनदर तजा स नाच की ओर चल ज रह ह ा

नाच जन क ऽलए कोई आधर नही थ और न हा साऽढ़य ा थी उस समय म खड़ हआ थ अपना जगह

पर खड़ हए हा अपन आप नाच की ओर चल ज रह थ जब नाच की ओर ज रह थ उस समय

रसत म परकश भा नही थ ऽसफथ धिाधल अधकर-स थ म सिरग जसा जगह स नाच की ओर अऽत तावर

गऽत स चल ज रह थ नाच जकर म पना क बाच म खड़ हो गय हमर चरो ओर ऊपर-नाच पना-

हा-पना भर हआ थ मगर पना स हम ऽकसा परकर की कोई परशना नही हो रहा था म पना क अनदर

ऽवचरण करन लग वहा पर हम ऽवऽभनन परकर क जाव-जति और मनिषय भा ऽमल कि छ समय तक म वह ा

पर घीमत रह ऽफर जोरदर धमक हआ ऽफर मिझ कि छ यद नही रह जब मिझ अपन होश-स आय

तब मन अपन आप को अधकर म खड़ हआ पय वह ा पर नाच दलदल थ म थोड़ा दर तक खड़

रहकर अधकर म दखन क परयस करन लग तब थोड़ धिधल परकश म ऽदखई स दन लग मन नाच

की ओर दखndash तो ऽबलकि ल छोट-छोट मनिषय ऽदखई ऽदय म इन मनिषयो को दख कर आश चयथचऽकत

हआऔर सोचन लगndash इतन छोट मनिषय भा हो सकत ह ऽजनकी लमबई मतर तान-चर इच होगा वह

दलदल म खड़ हए थ दलदल (कीचड़) स ऽनकलकर कि छ ख रह थ मर मन दिःखा स होन लग ऽक

म कह ा गनदगा म आ गय इतन म ऽफर धमक की आवि सिनई दा ऽफर मन अपन आप को पथराला

ऊबड़-खबड़ सतह पर खड़ पय यह ा पर धिाधल परकश फल हआ थ थोड़ा दीर तक सपषट ऽदखई द

रह थ वह ा पर भा उस समय इधर उधर घीमत हए सतरा व पिरषो को दख वह मिझ दखत हा मिझस दीर

भग गए मन सोचndash यह लोग मिझ दखकर दीर zwjयो भग गय ह कि छ समय तक म वह ा पर घीमत रह

ऽफर म अऽत तावर गऽत स ऊपर की ओर आन लग म ऽजस जगह स नाच की ओर गय थ वही पर

योग कस कर 214

आकर पथवा पर खड़ हो गय ऽफर मरा आाख खिल गई म सोचन लगndash इस अनिभव क zwjय अथथ हndash

म धयन पर सकलप करक बठ गय ऽक इस अनिभव क अथथ zwjय हndash तभा आवज आया sbquoय सभा नाच

क लोक ह तिमन कि छ लोको म भरमण ऽकय शष कि छ लोको म भऽवषय म भरमण करोग‛

ऄथश- सधको यह अनिभव अऽत सकषप म ऽलख ह इन लोको म सीकषम शरारधरा मनव रहत ह

य मनव अपन कमो क भोग ऽकय करत ह य मनव ईश वर ऽचतन नही कर सकत ह चौदह लोको म स

य नाच क लोक ह य सभा सीकषम लोक ह इन लोको की जावतमएा अपन ऽनमन शरणा क कमथ भोग करत

ह यह ा सदव धिाधल अधकर रहत ह इसाऽलय इन लोको को नाच क लोक कह गय ह

ससारी न रहो

यह अनिभव आज 29 अगसत को आयndash म कि छ कयथ कर रह ह ा उसा समय यद आय मिझ

वह ा जन ह मन दखndash मर समन बहत दीर-दीर तक पना भर हआ थ वहा जन क ऽलए म पना म

की द पड़ और तजा क सथ तरत हआ आग की ओर बढ़न लग म थोड़ आग की ओर चल हा थ

तभा आवज आयाndash sbquoआननद कि मरrdquo म चौक आवज की तरफ दखन लग और सोच मर नम

ऽकसन ऽलय ह मगर मिझ कोई ऽदखई नही ऽदय ऽफर आवज आयाndash sbquoयह ससर ह तिम ऽजस पना म

तर रह हो ऽजस तिम वसतव म पना समझ रह हो वह पना ह हा नही ऽसफथ भरम मतर ह अब दखो पना

कहा ह इतन म सर पना अदशय हो गय अब म अकल आधरहान खड़ हआ थ ऽजस तरह भरम

रपा पना को वसतऽवक समझ रह थ इसा तरह ससर ह ससर भरम मतर ह इसऽलए आप ससर म रहत

हए ससरा न रह तिमन अपन जनम ऽवशष कयथ करन क ऽलए ऽलय ह वह कयथ करोrdquo ऽफर आवज

आना बनद हो गया यह आवज अतररकष स आ रहा था

कलपवकष

यह अनिभव आज दोपहर 30 अगसत को आय म नयरह बज धयन पर बठ थ मन दखndash म

अतररकष म ऊपर की ओर तावर गऽत स चल ज रह ह ा ऽफर एक जगह पर अपन आप रक गय हमर

ऽबलकि ल पस एक पड़ खड़ हआ ह वह पड़ बहत सिनदर थ म पड़ क नाच खड़ हो गय पड़ स चरो

योग कस कर 215

ओर को परकश ऽनकल रह थ इतन म उस पड़ स हमर दऽहना ओर एक फी ल ऽगर वह फी ल सफद व

चमकदर थ फी ल स भा परकश ऽनकल रह थ कि छ कषणो बद दीसर फी ल हमर बयी ओर ऽगर म

नाच की ओर दख रह थ उसा समय लग एक फी ल मर ऊपर ऽगरन वल ह मन अपन दोनो हथ ऊपर

की ओर उठ ऽदय तऽक म फी ल को अपन हथो म पकड़ लीा मगर फी ल हमर पकड़ म नही आय वह

फी ल मर ऽसर क ऊपर ऽगर और सहसतरर चकर क अनदर सम गय म बहत परसनन हो रह थ और मिसकर

रह थ हमर बगल म ऽगर दोनो फी ल अदशय हो गय मिझ फी ल बहत अचछ लग रह थ इसऽलए मन पड़

की ओर दख मगर पड़ पर एक भा फी ल नही लग थ अब म और पड़ अतररकष म थ पड़ इतन अचछ

लग रह थ ऽक म उस दखत रह ा उसा समय आकशवणा हईndash sbquoआननद कि मर आपक बरहमरधर अब

शाघर हा खिल जएग ऽजस वकष क नाच खड़ हो वह कोई सधरण वकष नही ह यह ऽदवयवकष कलपवकष

ह‛

ऄथश- अनिभव म ऽजस वकष क नाच म खड़ हआ थ वह ऽदवय वकष कलपवकष थ यह सवगथ म

ऽवदयमन रहत ह इसक सवमा दवतओ क रज इदर ह इस वकष क ऽवषय म शसतरो म वणथन ऽमलत ह

शसतरो क अनिसरndash इस वकष क नाच खड़ होकर जो वसति को म ाग जयग वह वसति उस वयऽकत को

परप त हो जयगा मगर मन कभा भा इस वकष स कि छ भा नही माग ऽफर भा मिझ बरहमरधर खिलन क

आशावथद परप त हो गय

बरहमरधर और ऄधकार

यह अनिभव ऽसतमबर मह म आय म शऽzwj तमतर क जप रऽतर क समय बहत करत ह ा मतर

अतयनत गिपत होन क करण कमर बनद कर लत ह ा तऽक बहर क कोई वयऽकत मरा आवज न सिन सक

मतर क करण मर शरार बहत शिि हो चिक ह मतर जप करत हा शरार की नऽड़यो म कमपन होन लगत

ह ऐस लगत ह ऽसर की नऽड़य ा ऽखच रहा ह इन नऽड़यो की चटकन की आवज आता ह मनो ऽसर

की नऽड़य ा ऽखच कर टीट रहा ह कि णडऽलना भा मतर क परभव स तावर गऽत स ऊधवथ होकर बरहमरधर दरर पर

जोरदर टzwjकर मरता ह ऐस लगत ह गमथ-गमथ सीआ (सीज) चिभ गय ह धयनवसथ म आजकल कई

ऽदनो स लल रग क गोलअzwjसर ऽदखई दत ह जस सऽदथयो क ऽदनो म उगत हआ सीयथ ऽदखई दत

ह जब कि णडऽलना बरहमरधर दरर पर टzwjकर मरता ह तब यह गोल बड़ा जोर स कमपन करत ह तथ

योग कस कर 216

अतररकष म इधर-उधर घीमन लगत ह इस ऽकरय को दखकर मिझ हासा आन लगता ह अब म सोचन

लगndash कि णडऽलना टzwjकर बरहमरधर दरर पर मरता ह तब यह सीयथ अतररकष म चzwjकर कटन लगत हयह

कस सीयथ ह यह अनिभव अzwjसर धयनवसथ म आय करत थ

धयन पर बठत हा हम अधकर ऽदखई दन लग यह अधकर अतयनत कल रग क थ हमरा

समझ म नही आ रह थ ऽक इतन कल अधकर zwjयो ऽदखई द रह ह ऐस अधकर तो कणठचकर म

ऽदखई दत थ यह अधकर कणठचकर स भा जयद कल थ धयनवसथ म अब तो सदव परकश हा

ऽदखई दत थ आज अधकर zwjयो ऽदखई ऽदय ऽफर मिझ अपन होश आन लग इस करण धयन

हलक स हो गय मगर कि छ कषणो बद म ऽफर अपन आपको भील गय मिझ गहर अधकर ऽनगलत ज

रह थ उस समय मरा आाख बहत जोर स अनदर की ओर ऽखच रहा थी म ऽकतन समय तक अधकर म

बन रह म बत नही सकत ह ा अधकर म जयद घबरन क करण मर धयन हलक पड़न लग और

ऽफर टीट गय अनिभव समपत हो गय मगर ऽफर इस तरह क अनिभव नही आय

ऄथश- लल रग क गोल जो सीयथ क समन ऽदखई द रह थ वह मर हा बरहमरधर क अनदर क

भग ह कि णडऽलना जब वग क सथ बरहमरधर दरर पर टzwjकर मरता था उस समय बरहमरधर क अनदर

हलचल होता था इसऽलय लल रग क सीयथ क समन गोल अतररकष म घीमन लगत थ अथव हलचल

करन लगत थ दीसर अनिभव म जो अधकर ऽदखई द रह थ वह मर हा तमोगिणा अहकर थ

नीलमय परष

सधको अबकी बर ऽजस परकर स भगवन शकर जा क दशथन हए उनह दखकर म आश चयथ म

पड़ गय थ zwjयोऽक ऐस ऽचतर उनक मन कभा दख नही ह और न हा पिरणो म पढ़ ह मन दखndash समिदर

स भा जयद ऽवसतर म पना भर हआ ह उस पना क ऊपर पथवा गद क समन गोल-गोल तर रहा ह

उसा पथवा क ऊपर भगवन शकर खड़ हए थ उनक शरार की ऊा चई बहत जयद था वह समपीणथ

अतररकष म खड़ हए थ मन उनह नाच स ऊपर की ओर दखन शिर ऽकय तब उनक समपीणथ शरार दख

पय म उनह एक बर म नही दख प रह थ उनकी दो भिजएा थी हथ म बहत लमब ऽतरशील ऽलए थ

कमर म वयघर-चमथ लपट हए थ वयघर-चमथ घिटनो तक थ गल म रदरकष की मल था ऽसर पर बलो क

योग कस कर 217

बहत ऊा च जीड़ लग हआ थ वह ऽबलकि ल शत खड़ थ उनक गल म सपथ नही थ उनक रग हलक

नाल थ तथ अतररकष म चरो ओर नाल परकश फल हआ थ उनक सवरप दखकर म सोचन लगndash

zwjयोऽक भगवन शकर बहत सिनदर लग रह थ वह इतन सिनदर थ ऽक म वणथन नही कर सकत ह ा उनक

ऽतरशील की लमबई एक ऽकलोमाटर रहा होगा इसस जयद भगवन शकर की ऊा चई था

ऄथश- भगवन शकर क दशथन मन ऽदवयदऽष ट क दरर ऽकय थ यह दशय करण जगत क थ

zwjयोऽक बहत ऽदनो स म करण शरार म परवश कर चिक ह ा योग म इनह ldquoनालमय पिरषrdquo कहत ह जब

अभयसा तावर गऽत स कठोरत क सथ सधन करत हआ आग बढ़त ह और पीवथ कल क योगा होत

ह उसा सधक को इस lsquoनालमय पिरषrsquo क दशथन होत ह सभा सधको को इनक दशथन नही होत ह

कि छ अनिभव हम नाच क लोको क आए म यह ा पर उन अनिभवो को ऽलखन उऽचत नही

समझत ह ा zwjयोऽक लख बहत जयद हो जएग धयनवसथ म नाच क लोको को कई बर दख म

सकषप म बत दीाndash उन लोको म धिाधल परकश य हलक-स परकश ऽवदयमन रहत ह उबड़-खबड़

जगह पथराला जगह छोट-छोट टाल कही पर पना-हा-पना भर हआ ह एक लोक म वयि-हा-वयि

भरा हई ह एक लोक ऽबलकि ल अधकर स यिकत ह उसम दलदल य कीचड़ भर हआ ह आऽद य सभा

लोक सीकषम ह ऽफर भा आपस म घनतव क आधर पर ऽभननत ह इन लोको म सीकषम शरार धरा

जावतमएा कमथ भोग करता ह

सथल जगत

धयनवसथ म दखndash अतररकष म ऽकसा सथन पर खड़ हआ ह ा इतन म एक पिरष मर पस

आय उसन मिझस पीछndash ldquoयह अपरध तिमन ऽकय ह‛ म उस पिरष को दखकर भग आग चलकर

मिझ नाच की और बहता हई एक नदा ऽदखई दा यह नदा बहत हा डरवना और गनदा था उसा समय

ऐस लग जस ऽकसा न मिझउठकर नदा म फ क ऽदय हो नदा म ऽगरत हा म तरन लग उस समय मिझ

लगndash म ऽकतना अचछा जगह पर थ वह जगह सवपरकऽशत था अब म इस गनदगा म आकर ऽगर गय

ह ा इस नदा म आकर मिझ कष ट महसीस होन लग म नदा स बहर ऽनकलन क रसत ढीाढन लग म नदा

म इधर-उधर भटक रह थ मगर ऽकनर नही ऽमल रह थ यह नदा बहत ऽवशल था इसक ऽकनर

योग कस कर 218

ऽकधर ह य पत हा नही लग रह थ ह इतन म मर पररऽचत एक ऽमतर ऽमल गय वह भा मर समन हा

नदा म तर रह थ म बोलndash ldquoचलो इस नदा क ऽकनर ढीढत ह मिझ ऽकनर ढीाढन म बहत परशना हो

रहा ह‛ वह ऽमतर बोलndash sbquoमिझ ऽकनर नही ढीाढन ह मिझ इसम अचछ लगत ह उसा समय मन ऊा चई

पर एक सतरा को खड़ हए दख म उस सतरा की ओर तरत हआ गय सतरा न अपन हथ बढ़कर मिझ पकड़

ऽलय ऽफर उस नदा स बहर की ओर ऽनकल ऽलय नदा स बहर ऽनकलत हा मन अपन आप को एक

अचछा जगह पर पय इतन म एक और सतरा आ गया उसन मर बय ा हथ पकड़ और मिझ लकर चल

दा मन पहल वला सतरा की ओर दख वह ऽबलकि ल शत खड़ा हई था तथ साधा-सदा ऽदखई द रहा

था मिझ जो दीसरा सतरा पकड़ हए ऽलय ज रहा था उसन लल रग की सड़ा पहन रखा था उसक मिाह

सिनदर थ और मिाह स तज ऽनकल रह थ वह मिसकरता हई आग की ओर चला ज रहा था ऽफर एक

जगह खड़ा हो गया वह सतरा मर हथ अब भा पकड़ हए था वह हमर हथ म मऽलश-सा करन लगा

मिझ लगndash ऽक यह तो मा क समन मऽलश-जसा ऽकरय कर रहा ह उसा समय मर मिाह स ऽनकल sbquoमाrdquo

मर दरर मा कहत हा वह सतरा हासा और बोलाndash sbquoमा िकसको कहा मझrdquo म बोलndash sbquoह ा आपकोrdquo वह

बोलाndash sbquoअचछा अचछाrdquo जब वह हास रहा था तब हासत समय उसक दातो स ऽकरण जसा ऽनकल रहा

थी ऽफर उस सतरा न मिझ आग जन क मगथ बत ऽदय म अकल हा आग की ओर बढ़ तभा मन अपन

आपको तज परकश क अनदर ऽवदयमन पय उस समय म बहत परसनन हो रह थ मिझ ऽकसा परकर क

कोई दिःख नही थ म अतररकष म आधरहान इचछनिसर आग की ओर जन लग तभा मिझ नाच की

ओर एक नदा बहता हई ऽदखई दा इतन म अतररकष स आवि आयाndash sbquoयह नदी िदवय ह दःखो तथा

कषटो स भरी हई ह अब आपको यह नजर नही आएगीrdquo म तावर गऽत स और आग की ओर चल ज

रह थ उसा समय ऽवचर आयndash वह नदा कहा पर ह ऽजसम म तर रह थ उस म दखन चहत ह ा

ऽफर मन अपना दऽष ट नाच की तो वहा नदा बहता हई ऽदखई दा म नाच की ओर आ गय और नदा क

ऊपर अतररकष म खड़ हो गय

मन दखndash असखय सतरा-पिरष उस नदा म कष ट भोग रह ह नदा को पर करन क ऽलए नदा म हा

डीब हआ एक रसत ऽदखई ऽदय यह रसत नदा क पना क अनदर लगभग एक माटर डीब हआ झील

पिल की तरह थ उस रसत पर कि छ पिरष खड़ हए थ मगर वह पर नही कर प रह थ इतन म एक और

रसत ऽदखई ऽदय इस रसत स सतरा-पिरष नदा म आत थ इसा रसत पर एक सतरा आता हई ऽदखई दा

ऐस लग जस जबरदसता ऽकसा न उस ढकल ऽदय ह वह सतरा नदा म ऽगरन स पहल हा बहोश हो गया

योग कस कर 219

मन सोचndash इस सतरा को यहा पर आन क ऽलय ऽकसन मजबीर ऽकय ह उसा समय आवि आयाndash sbquoइस

सतरी क कमो न‛ ऽफर म तावर गऽत स ऊपर की ओर चल गय और अतयनत तजसवा परकश म ऽवलान हो

गय उसा समय मर अनिभव समपत हआ

ऄथश- सधको इस अनिभव म पहल म डर कर भगन लग उसा समय मिझ लग मनो ऽकसा न

मिझ नदा म फ क ऽदय होndash मिझ मर कमो न फ क ऽदय थ नदा यहा सथील जगत ह ऽकनर ढीाढत समय

एक सतरा न हथ बढकर ऽनकल ऽलय यह सतरा गिरततव ह उसा न मिझ सथील जगत स हथ पकड़ कर

बहर ऽनकल दीसरा सतरा कि णडऽलना शऽzwj त ह उसन हथ पकड़ कर आग क मगथ बत ऽदय नदा म

मर एक ऽमतर भा तर रह थ उसन बहर जन स मन कर ऽदय इसक अथथ ह वह अभा ससर म रहन

चहत ह वतथमन समय म वह बहत बड़ वयपरा ह वह कन थटक म रहत ह इस अनिभव म एक और

महतवपीणथ बत ऽदखाndash उस नदा म डीब हआ एक ऐस रसत ऽवदयमन ह ऽजस पर चलकर नदा को पर

ऽकय ज सकत ह अथ थत नदा क हा अनदर वह रसत ह इसस सपषट होत हndash ससर म रहत हए इस

मगथ को पकड़ कर ससर स पर हआ ज सकत ह योगा पिरष इसा मगथ को पकड़कर ससर सगर स

पर हो जत हम सवपरकऽशत अतररकष म पहाच गय अपन भौऽतक शरार छोड़नक बद अपन लोक

म चल जऊा ग वह लोक सवपरकऽशत ह

बरहमरधर का खलना

यह अनिभव तान ऽसतमबर को आय म पहल ऽलख चिक ह ा ऽक जब म अपना सधन तज कर

दत थ तब धयनवसथ म मर ऽसर आग की ओर झिककर भीऽम पर सपशथ करत थ उसा समय बहय

कि मभक और उडऽडयन बनध जोर स लगत थ परण वयि क दबव बरहमरधर पर होत थ कभा-कभा

मिाह पर इतन दबव होत थ ऽक मिाह दिखन लगत थ उसा समय कि णडऽलना भा ऊधवथ होता था जब

बरहमरधर दरर पर कि णडऽलना टzwjकर मरता था तब उडऽडयन बनध और बहय कि मभक भा जोर स लगत

थ उसा समय कि णडऽलना अपना ऊज थ बहर की ओर छोड़ता था तब ऐस लगत थ सर शरार आग

स जल ज रह ह कभा-कभा ऐस लगत थ जस समपीणथ ऽसर म व मिाह म सिइय ा सा चिभोई ज रहा ह

उस ऽसथऽत म सर शरार कष ट हा कष ट भोगत थ म साध नही हो सकत थ ऐस लगत थndash शरार

पर मर ऽनयतरण नही रह गय ह म ऽकसा दीसर कऽनयतरण म ह ा उडऽडयन बनध और बहय कि मभक क

योग कस कर 220

समय ऽसर क दबव भीऽम पर जयद हो जत थ मसतक क बद ऽसर क ऊपरा भग (सहसतररचकर

वल कषतर) भा भीऽम पर लग जत थ ऐस लगत थ म ऽसर क बल खड़ हो जऊा ग शरार क

ऽनचल भग मीलधर चकर वल कषतर ऊपर की ओर उठन लगत थ आसन (सहजसन) लग रहत

थ म घिटनो क बल हो जत थ तब मर सथील शरार की आकऽत ऐसा ऽदखई दता था जस बचच

घिटनो क बल चलत ह मगर आसन मजबीता स लग रहत थ उसा समय भऽसतरक चलन लगता था

तब सर परण मीलधर चकर पर व बरहमरधर दरर पर जोर जोर स टzwjकर मरत थ ऐस सोचत थndash मर

परण शरार स ऽनकल जय तो अचछ ह कि छ समय तक यहा ऽकरय होता रहा उसा समय मिझ यद आय

ऽक शरा मत जा आग झिकन वला ऽकरय पर बहत नरज होता ह मगर म zwjय करा जब सधन तज

करत ह ा तब यहा ऽकरय होन लगता ह म इस ऽकरय को रोक नही सकत ह ा मिझ अपन आप पर बहत

करोध आ गय मन सोचndash अब दखत ह ा यह ऽकरय कब तक होता ह अपना सधन और जयद

करा ग म जनत ह ा सधन जयद करन बिरा बत नही ह अगर यह ऽकरय होता ह तो होन दीा

यह ऽकरय बहत दर स हो रहा था मर शरार थक कर चीर हो गय म साध नही बठ सकत थ

बहय कि मभक लगन क बद शवस अनदर आन क नम नही ल रह थ कि णडऽलना बरहमा स बरहमरधर दरर

पर टzwjकर मरता था तभा मिझ लग अब म मर जऊा ग मर शरार घिटनो क बल हो गय थ मगर आसन

लग हआ थ कभा कभा ऐस लगत थ म ऽसर क बल खड़ हो जऊा ग उसा समय मघो की भयकर

गजथन सिनई दा मनो बदल फट ज रह ह मघो की गजथन स मर कनो को कष ट होन लग उसा समय

अनिभव आयndash सवचछ आकश म उगत हए सीयथ क समन गोल ह वह अतररकष म इधर-उधर तजा स

घीमन लग ऐस लग रह थ मनो समपीणथ अतररकष म कमपन हो रह ह ऽफर मघो की गजथन सिनई दा

मन सोचndash ऽक आकश म बदल नही ह ऽफर बदल कस गरजन लग सीयथ क समन गोल बिरा तरह स

अपना जगह पर कमपन कर रह थ उसा समय मिझ अपन होश आ गय मर शरार उसा मिदर म बन

हआ थ तथ बहय कि मभक लग हआ थ मिझ लग म ऽसर क बल हो जऊा ग मगर ऐस नही हआ

तभा कि णडऽलना न बरहमरधर दरर पर जबरदसत टzwjकर मरा ऐस लग गरम-गरम सीज (सिआ) मर ऽसर म

घिस गय ह ऽफर हम कि छ भा यद नही ह zwjयोऽक म चतन शीनय हो गय थ

मिझ चतन शीनय वला अवसथ ऽकतन समय तक रहा ह म यह सहा रप स कह नही बत सकत

ह ा zwjयोऽक मिझ कि छ यद नही रह थ म बहोश हो गय थ जब मिझ होश आय तब ऐस लगndash ऽक मर

शरार म परण नही ह और म चतन शीनय ह ा मरा आाख खिल गया थी मिाह क ऊपर ढर सरा मऽzwjखय ा बठा

योग कस कर 221

हई थी मगर म उन मऽzwjखयो को उड़ नही सकत थ मिझ मर सथील शरार की अनिभीऽत नही हो रहा था म

ऽहल भा नही सकत थ मिझ लग अगर म मर गय तो पड़ोस क लोग भा नही जन पएाग ऽक म मर गय

ह ा मर कमर की कि डा अनदर स बनद ह कौन उस खोलग कि छ कषणो बद मिझ अपन मिाह की तवच पर

चतन-सा महसीस हई तब मरा आाखो की पलक सबस पहल झपकना शिर हई पलक झपकन स आाखो

पर बठा हई मऽzwjखय ा उड़न लगा मगर समपीणथ मिाह पर अब भा मऽzwjखय ा बठी हई था कि छ कषणो बद गदथन

तक चतन आ गया तब मिझ यद आयndash म अब भा ऽसर क बल ह ा तथ मर आसन लग हआ ह ऽसर

और घिटनो पर मर सथील शरार क बोझ ह मगर म परो को खोल नही सकत ह ा मर दोनो हथो की

उगऽलय ा आपस म फसा हई था और दोनो हथ पट स ऽचपक हए थ zwjयोऽक गदथन स नाच की ओर

चतन हा नही था ऽसफथ यद आ रह ह ऽक हमर सथील शरार इस मिदर म ह लगभग प ाच ऽमनट बद

हमरा चतन पीरा शरार म वपस लौट आया चतन तो वपस आ गया मगर शरार म शऽzwj त नही रह गया

था ऽक म अपन दोनो पर खोल लीा हमर दोनो हथ पट म ऽचपक हए थ म एक ओर को आसन पर हा

लिढ़क गय और चिपचप वस हा लट रह

उसा समय हमरा ऽनगह घड़ा पर गयातब म चौकndash zwjयोऽक धयन पर बठ हए तान घनट हो चिक

थ मिझ यद आ रह ह जो ऽकरय हो रहा था वह मिऽशकल स आध घनट तक हई होगा ऽफर चतनशीनय

(बहोश) हो गय थ म सोचन लगndash sbquozwjय म दो-ढई घनट बहोश बन रह मगर बहोश zwjयो हो गय

थ यह म समझ नही प रह थ zwjय यह योग की ऽकरय ह मगर शरा मत जा न कभा ऐसा कोई बत

हम नही बतया थाrdquo ऽफर यह zwjय थ म लट-लट सोच रह थ अब मिझ यद आयndash बहोश होन स

पहल कि णडऽलना हमर बरहमरधर दरर म घिस गया था उसा समय बहोश हो गय थ अब मिझ ऽसर क

ऊपरा भग बहत ऽवऽचतर-स लग रह थ zwjयोऽक उसम ढर सरा वयि भरा हई था तथ ऽसर क ऊपरा

भग म गिदगिदा हो रहा था जावन म पहला बर ऐसा अनिभीऽत हो रहा था ऽक ऽसर क ऊपरा भग म

परणवयि क करण गिदगिदा हो रहा हो यह गिदगिदा ऽसफथ सधक हा अनिभीत कर सकत ह म सोचन

लगndash zwjय मर बरहमरधर खिल गय ह ऽफर मन ऽनऽित ऽकय मर बरहमरधर हा खिल गय ह मर शरार क

अनदर बड़ा तावर गऽत स फि ती आ गया म उठकर बठ गय वही पर सवमा मिकतननद जा की पिसतक

ऽचदशऽकत-ऽवलस रखा हई था मन उस पिसतक को पढ़न शिर कर ऽदय ऽक शयद मिझ अपन अनिभव

क ऽवषय म उस पिसतक स कि छ जनकरा ऽमल सक कि छ समय बद मन ऽनिय कर ऽलय ऽक मर

बरहमरधर खिल गय ह हलऽक उस पिसतक म ऽलखन क तराक हमर अनिभवो स ऽभनन थ मगर उसक

योग कस कर 222

अथथ समझ म आ जत थ सवमा जा न ऽलख थndash sbquoजब सधक क बरहमरधर दरर खिलत ह तब वह

कि छ समय क ऽलए चतनशीनय हो जत ह कभा-कभा सधक क मल और मीतर भा छी ट जत ह आऽद‛

शरा मत जा की पिसतक म बरहमरधर खिलन क ऽवषय म अनिभव नही ऽलख ह तथ एक और सऽधक स

पीछन पर मलीम हआ उस बरहमरधर खिलत समय ऐस कि छ नही आय थ मन सोचndash ऽजनकी कि णडऽलना

उगर होता ह उनह इस परकर क अनिभीऽत होता ह मधयम व शत सवभव वला कि णडऽलना क सधको

को ऐसा अनिभीऽत नही होता

सधको ऽजस समय म बहोश हआ थ उस समय कषण भर क ऽलए एक अनिभव आय थ ऽफर

मिझ होश नही आय म दख रह थndash म अतररकष म बठ ह ा वह सीयथ क समन गोल मर ऽसर क ऊपरा

भग म ह जब कि णडऽलना बरहमरधर दरर पर टzwjकर मरता था तब वह गोल बहत जोर स कमपन करत थ

और आकश म इधर उधर गऽत करत थ ऽफर कि णडऽलना न जोरदर टzwjकर मरा वह सीयथ क समन क

गोल फट गय समपीणथ अतररकष म करोड़ो सीयथ क समन परकश सवथतर फल गय म उस परकश म नह

(सनन) गय उस समय ऐस लगndash अतररकष म बठ हआ मर शरार बहत हा बड़ हो गय ह परकश

इतन तज थ ऽक आाख चकचौध होन लगी उसा समय मिझ बहत नाच ओर समपीणथ पथवा ऽदखई द रहा

था जब आग क गोल फट थ उसा समय भयकर मघ की गजथन हई था म उस अतयनत तज परकश म

खड़ हआ बहत परसनन हो रह थ ऽफर अनिभव समपत हो गय

इस अनिभव क ऽवषय म थोड़ ऽलखन अऽनवयथ समझत ह ा zwjयोऽक बड़ बड़ अभयसा यहा पर

भरऽमत हो जत ह और अजञनत म बन रहत ह उनक सोचन होत हndash यह जो उगत हए सीयथ क समन

जस गोल फट गय ह और करोड़ो सीयो क समन परकश फल गय ह खिद अभयसा उसा परकश म

खड़ होत ह अथव अपन आपको परकश क बाच ऽवदयमन पत ह इस ऽनगिथण बरहम क सवरप

समझत ह अभयसा सोचत ह ndash मिझ ऽनगिथण बरहम क दशथन हआ ह म ऽनगिथण बरहम क बाच म ऽवदयमन

ह ा हमरा सधन पीणथ हो गया ह zwjयोऽक मिझ ऽनगिथण बरहम क सकषतकर हो गय ह आऽद आऽद अभयसा

मलीम नही अजञनतवश zwjय-zwjय सोच लत ह म यहा पर एक बत सपषट करन चहत ह ाndash अगर

अभयसा ऊपर ऽलख शबदो क अनिसर हा सोचत हndash तो वह गलत ह सतय तो यह हndash यह अहकर की

एक अतयनत सऽतवक सशकत वऽतत मतर हा ह यह बरहमरधर खिलन पर कि छ अभयऽसयो को ऽदखई दता ह

सभा अभयऽसयो को यह अनिभव नही आत ह zwjयोऽक ऐस अनिभव न आन वल अभयऽसयो की

सधन उतना उगर नही होता ह

योग कस कर 223

अभा ऐस अभयऽसयो की अवसथ बरहमरधर म हा ह यह सथन अहकर क कषतर होत ह

आजकल कई अभयसा ऐस भा ह ऽजनक बरहमरधर खिल हआ ह इसा को समझ लत ह ऽक यह सहसतरर

चकर खिल गय ह ऐस सधक अपन आपको पीणथ समझन की भील म बन रहत ह जबऽक वसतऽवक

सधन की अभा शिरआत हई ह उस ऐस समझन चऽहय म ऐस अभयऽसयो को कहन चह ागndash अभा

आपक बरहमरधर खिल ह अभा आपको बहत लमबा यतर तय करना ह अभा सहसतरर चकर क ऽवषय म

मत सोऽचय सहसतरर चकर अऽतम जनम म खिलत ह सहसतरर चकर ऽवकऽसत होत समय ततवजञन की

परऽपत होता ह

सधको आपको जञत होग शरा मत जा आग झिकन क ऽलए मिझ मन ऽकय करता थी मिझ

मन हा नही करता थी बऽलक नरज व करोऽधत भा हआ करता थी आग झिकन क करण मिझस यह भा

कह थndash sbquoआपक कमथ बहत बिर ह आपको गहसथा म रहन चऽहए आप यह मगथ पकड़ हए ह ठाक

ह आपक कमथ गहसथ क ह‛ उस समय हम पर zwjय बाता था आप अदज नही लग सकत ह मगर

मर बरहमरधर सथील शरार आग की ओर झिककर ऽसर भीऽम पर लगकर हा खिल ह हम यद आ रह ह

जब म दशहर पवथ पर जलग ाव गय थ उस समय भा म आग की ओर झिकत थ तब शरा मत जा

बहत नरज हई था ऽफर जीन 1989 म ऽमरज गय थ उस समय भा हम यहा ऽकरय आग की ओर झिकन

की हई था उस समय शरा मत जा बोलीndash sbquoआननद कि मर तिम साध होकर बठ जओ यह योग नही ह‛

ऽफर म साध होकर बठ गय ऽफर करोध म मिझस बोलीndash sbquoहमर पस ऽकतन ऽदनो स आत हो मगर

आपकी गनदगा अभा सफ नही हई ह‛ हर समय यहा कहती थाndash sbquoतिमहर कमथ बहत गनद ह इसऽलए

तिमह यह ऽकरय होता ह‛

हमरा समझ म अभा तक यह नही आयndash मर कमथ गनद थ गहसथा म रहन चऽहए थ यह

योग नही ह आऽद ऽफर मर बरहमरधर इसा ऽकरय स zwjयो खिल गय सधको अब म ऽलख रह ह ाndash यह

ऽकरय मिझ zwjयो होता था धयनवसथ म आग की ओर झिकन मसतक क समन की ओर भीऽम पर सपशथ

होन इस ऽकरय को lsquoमहयोग मिदरrsquo कहत ह इस ऽकरय म सधक की शवस मीलधर चकर म साधा

टकरन लगता ह ऐसा अवसथ म यऽद भऽसतरक चलना शिर हो जए तो और भा अचछ ह यह ऽकरय

मीलधर चकर पर ऽखचव करता ह ऽजसस कि णडऽलना ऊधवथ होन म सहयक होता ह मिझ जब यह ऽकरय

जलग ाव म हो रहा था उस समय अगर मरा कि णडऽलना ऊधवथ कर दा जता तो अवशय ऊधवथ हो जता

मगर जीन 1989 म इस ऽकरय क होन पर मरा कि णडऽलना उठन क परयस कर रहा था मगर शरा मत जा न

योग कस कर 224

कि णडऽलना ऊधवथ करन की जगह मिझ डाट ऽपलई था और कह थndash ldquoयह योग नही हrdquo ऽफर अभा गिर

पीऽणथम पर मर बरहमरधर इस ऽकरय स खिलन थ मगर शरा मत जा न मिझ अचछ खस उपदश ऽदय

इसस अचछ उपदश मर ऽलय और zwjय हो सकत ह मन जनबीझकर सधन कम कर दा था मगर तान

ऽसतमबर को इसा ऽकरय स मर बरहमरधर खिल गय

सधको सदव एक बत यद रखनndash सभा सधको को एक जस अनिभव आएाग यह जररा नही

ह इसा तरह जररा नही ऽक सभा सधको को एक हा जसा मिदरएा अथव ऽकरयएा हो ऽजस सधक की

कि णडऽलना अऽत उगर होता ह वह आग की ओर झिकत ह कि णडऽलना सिषमन नड़ा क सहर ऊपर की

ओर चढ़ता ह उस समय सधक क शरार ऽबलकि ल साध बठ होत ह यऽद गौर पीवथक धयन द भौऽतक

शरार क सतिलन आग की ओर जयद होत ह इसऽलए आग की ओर झिकत ह यह एक तकथ ह सतय

यह हndash इस अवसथ म महयोग मिदर लगन स कि णडऽलना को ऊधवथ होन म सहयत ऽमलता ह मिझ

महयोग मिदर होता था उसा क करण यह ऽकरय होता था कि णडऽलना क वग इतन इतन जयद होत ह

ऽक सधक आग की ओर झिक जत ह मिझ जनकरा ह ऽक शरा मत जा को यह ऽकरय उनक सधन

कल म नही हई था इसाऽलय वह मरा इस ऽकरय क ऽवरोध करता थी इसऽलए अचछ ह मगथदशथक को

योग की हर जनकरा होना चऽहए मगथदशथक बनन सधरण बत नही ह इसऽलए मरा और शरा मत

जा क बाच कि छ दीरा बढ़न लगा शरा मत जा क करण बरहमरधर खिलन म डढ़ मह की दरा हो गया

सधको महयोग मिदर स कि णडऽलना कि णडऽलना को ऊधवथ होन म सहयत ऽमलता ह

उपर क लोक

यह अनिभव एक ऽसतमबर को आय थ मन दखndash म अपन आशरम क एक कमर म बठ हआ

ह ा इतन म तान-चर नवयिवक कल रग क मर पस आए यह नवयिवक कह ा स आ गए यह तो म नही

जन सक उनक रग कल थ मगर व सभा तजसवा थ इतन म म बोलndash sbquoयह आशरम ह आप सभा

लोग कह ा स आ गए ऽबन आजञ क आप सभा अनदर आ गए‛ सभा यिवक मिझस थोड़ा दीर पर खड़ हए

थ जब मन उनस कहndash आप सभा लोग अनदर कस आ गए तब पाछ खड़ हआ एक यिवक करोऽधत हो

गय मगर सबस आग खड़ हआ यिवक समझदर लग रह थ उसक सवभव शत-स थ उसन अपन

सऽथयो को रकन क इशर ऽकय zwjयोऽक उसक पाछ खड़ उसक सथा हमरा ओर करोध म आन वल

योग कस कर 225

थ आग वल यिवक न हम गौर स दख ऽफर अपन सऽथयो स कहndash sbquoचलो वपस चलत ह‛ मगर पाछ

खड़ करोधा सवभव वल सथा न कहndash sbquozwjयो ‛ आग वल समझदर यिवक न कहndash sbquoयह आशरम म

रह रह ह ओर यह योगा ह‛ ऽफर अपन सऽथयो स आाख क इशर ऽकय वह सभा ऽबन कि छ बोल

वपस चल गए म आश चयथ म पड़ गय ऽक यह कल यिवक कौन थ जो जबरदसता अनदर आ गए ऽफर

मर अनिभव समपत हो गय

अब हमर अनदर यह जनन की इचछ हई आऽखरकर य यिवक कौन थ और कह ा स आए थ म

धयन करन क ऽलय बठ गय कि छ कषणो बद मिझ अपन कि छ यद नही रह ऽफर मन अपन आपको

अपन सथील शरार स बहर खड़ हआ पय मर सीकषम शरार अतयनत तावर गऽत स ऊपर की ओर जन

लग कि छ कषणो म बहत ऽवशल दरवज क अनदर स होत हआ एक जगह पर खड़ हो गय उस जगह

पर हलक स परकश (जयद तज परकश नही) ऽवदयमन थ मन चरो ओर को अपना दऽष ट की उसा

समय हमर समन थोड़ा दीरा पर खड़ हए वहा नवयिवक ऽदखई ऽदय तथ और भा सतरा पिरष खड़ हए थ

उस समझदर यिवक न हम एक बर ऽफर गौर स दख मन भा उस दख वही पर वह यिवक भा खड़ थ

जो पहल हमर ऽलए करोऽधत हो रह थ वह यिवक मिझ बहत दिषट लग रह थ zwjयोऽक वह यिवक पिरषो

को पकड़कर (जो वह ा पर खड़ थ) बिरा तरह स लत-घीसो क परहर कर रह थ तथ धzwjक मर-मरकर

आग की ओर ढकल रह थ सतरा-पिरष रोत-ऽचललत तड़पत हए आग अधकर म बढ़त ज रह थ आग

अधकर म कह ा ज रह थ यह म नही जनत ह ा zwjयोऽक अधकर क करण मिझ सवय ऽदखई नही द रह

थ वह ा पर सतरा व पिरषो की बहत हा भाड़ था मगर सभा लइन म खड़ थ वह कल रग पिरष सभा को

बरहमा स लत-घीसो स पाट रह थ म कषण भर बद वह ा स वपस चलन चह zwjयोऽक मिझ वह ा क दशय

अचछ नही लग रह थ इतन म वही करोधा सवभव वल नवयिवक हमर समन आ गय उसन मिझ भा

धzwjक दन चह मगर मन ऽनभथय होकर कहndash sbquoआप हमरा ऽगनता इन पिरषो म मत कीऽजए नही तो

बहत बिर होग‛ म भा उसक समन अकड़ कर खड़ हो गय और बोलndash sbquoअभा ती इनकी ऽपटई लग

रह ह ऽफर म तरा ऽपटई लगऊा ग‛ इतन म समझदर नवयिवक आ गय उसन अपन सथा को सखता

क सथ मन ऽकय ऽफर वह यिवक कि छ नही बोल इसक बद म वहा स चल ऽदय

कि छ कषणो म म तावर गऽत स उड़त हआ ऊपर की ओर अतररकष म चल गय मिझ समन ओर

ऽफर एक दरवज ऽमल जस हा मन दरवज स अनदर की ओर जन क परयस ऽकय तभा दरवज

अपन आप साकर हो गय म दरवज म फा स गय अनदर जन क ऽलय बहत जोर लगय मगर अनदर न

योग कस कर 226

ज सक उसा समय मर मिाह स अपन आप ओम क उचचरण ऽनकलन लग दरवज अपन आप पीवथ

ऽसथऽत म आ गय ऽफर म अनदर चल गय म जस हा अनदर की ओर आग चल समन साऽढ़य ा

ऽदखई दा म साऽढ़यो पर चढ़त हआ बहत ऊपर चल गय ऽफर एक और दरवज ऽमल उस दरवज

को पर ऽकय दरवज पर करत हा म बहत अचछा जगह पर पहाच गय वह जगह परकशमन था म

सवततर होकर वह ा घीमन लग आग चलकर महलनिम जगह ऽमला म महलनिम जगह क अनदर चल

गय वह ा पर बहत स सतरा-पिरष ऽदखई ऽदय वह ा पर बठन व लटन की बहत अचछा वयवसथ था वह ा

क सतरा-पिरष सभा परसनन थ वह ा क वतवरण बहत अचछ थ वह ा पर वि सतरा व वि पिरष नही थ

मन एक-दो पिरषो स बत भा की और ऽफर आग की ओर बढ़ गय आग चलकर एक जगह म कि छ

दखकर अपन आप रक गय वहा पर एक सतरा गिमसिम सा दिःखा बठा हई था मन पीछndash sbquoआप दिःखा

zwjयो ह यहा पर हम सभा परसनन ऽदखई द रह ह‛ मगर वह सतरा कि छ नही बोला ऽफर मन वही पर बठा

हई एक तरण लड़की स पीछndash यह सतरा zwjयो दिःखा ह वह लड़की बोलाndash ldquoअब यह इस लोक स जन

वला ह इसक जनम क समय आ गय ह जनम लन क डर स यह दिःखा हो रहा हrdquo मन दखndash वह ा पर

सभा सतरा पिरष परसनन थ सभा बिर ऽवचरो स रऽहत थ मन सोचndash यह जगह तो बहत अचछा ह यह ा पर

ऽकसा परकर क दिःख नही ह ऽफर अनिभव समपत हो गय

ऄथश- सधको कल रग क नवयिवक यमदीत थ ऽफर म धयनवसथ म सथील शरार स ऽनकल

कर सीकषम शरार क दरर भिवलोक पहाच गय भिवलोक म नरक वल कषतर म पहाच थ वही पर नवयिवक

(यमदीत) सभा की ऽपटई लग रह थ व सभा सतरा और पिरष यमदीतो की मर खत हए आग अधकर म

ऽकसा नरक क ओर चल ज रह थ ऽफर म वह ा स आग ऽपतर लोक म पहाच गय ऽपतर लोक म ऽकसा

परकर क दिःख नही होत ह सभा लोग परसनन रहत हzwjयोऽक पिणय क परभव स हा इस लोक की परऽपत

होता ह जब तक जावतम क अनदर उऽचत मतर म पिणय होत ह तब तक जावतम उस लोक म रह

सकता ह पिणय क कषाण होन पर हर जावतम क पतन हो जत ह ऽफर उस भी-लोक पर जनम लन

पड़त ह इसा ऽलय वह सतरा दिखा हो रहा था जनम क समय जावतम को घोर कष ट उठन पड़त ह उस

ऽपतर लोक म ऽसफथ सिख की अनिभीऽत होता ह ऽकसा परकर क दिख की अनिभीऽत नही होता ह

अब धयनवसथ क समय आाखो म तावर जलन क करण बहत परशना हो रहा था कि णडऽलना

जब ऊधवथ होता था तब आाखो म बहत गमी महसीस होता था तथ पलको व आाखो म जोर स चाऽटय ा सा

कटता थी आाखो क ऽकनरो म ऐस लगत थ जस बलड स कट ज रह ह म ऽजतना जयद सधन

योग कस कर 227

करत थ उतना हा जयद पाड़ बढ़ता जता थी गहर धयन क समय आाखो म अनदर की ओर ऽखचव

होत थ उसा समय अनदर की ओर पितऽलय ा घीमन लगता था आाख अनदर की ओर घिसता चला जती

था इसस ऐस लगत थआाख टीटकर ऽसर क पाछ की ओर चला जएागा इसा परकर कई घणट क

धयन करत थ समनय अवसथ म तज धीप म आाख नही खिलता थी ऐस लगत थ आाखो म और

पलको क अनदर जखम हो गय ह

बरहमरधर म साधना

आजकल मर मन अऽधक परसनन रहत थ ऽदन कब गिजर गय समझ म नही आत थ zwjयोऽक

धयन परणयम मतर जप आऽद करत रहत थ धयन पर बठत हा मर परण बरहमरधर क अनदर चल

जत थ उस समय बरहमरधर क अनदर बहत गिदगिदा होता था zwjयोऽक मन और परण दोनो बरहमरधर क

अनदर एक सथ रहत थ म बहत ऊपर आ गय ह ा ऐसा अनिभीऽत होता था कि छ समय बद आाखो म

ऽफर ऽखचव होन लगत थ आाख अनदर की ओर ऽखचती था इसस आाखो म ददथ होत थ पितऽलय ा

चरो ओर घीमता था तब ऐस लगत थ मर आाखो की रोशना न चला जए म अनध न हो जऊा शरा

मत जा अपन घर म नही थी बहत ऽदनो स जलग ाव गया हई था ऽफर इस अनिभव क ऽवषय म ऽकसस

पीाछी ऽक इसक अथथ zwjय होत ह

म धयन करन क ऽलय बठ गय धयन पर बठत हा ऽफर पहल जसा ऽकरयएा होन लगी पहल मन

सोचndash ऽक धयन स उठ जऊा और आाख खोल दीा मगर तब आाख खिल नही रही थी ऐस लग रह थ

ऽक जस ऽकसा न मरा आाख बनद कर दा हो मसतक म भा पाड़ होन लगा था बरहमरधर क अनदर परण

कि छ समय क ऽलए आय थ ऽफर परण वपस बरहमरधर दरर पर आ गय थ उसा समय कि णडऽलना ऊधवथ

होन लगा उडऽडयन बनध भा बहत जोर स लग गय बहय कि मभक भा लग हआ थ तब कि णडऽलना क

करण पट पाठ रदय गदथन और ऽसर आग क समन गमथ हो गय शरार म भयकर वदन होन लगा मिझ

लग मरा मतयि हो जएगा परण ऽफर बरहमरधर क अनदर चल गय ऽफर मिझ अपन होश नही रह मिझ

अनिभव आयndash करोड़ो सीयथ क समन तज परकश ह म उसा परकश म खड़ हआ ह ा कि छ समय बद यह

परकश अदशय हो गय मन अपन आपको हलक नाल परकश म उपऽसथत पय समपीणथ अतररकष नाल

योग कस कर 228

परकश स परकऽशत थ अनतररकष सवचछ ऽनमथल थ यह अनतररकष अचछ लग रह थ अनिभव समपत

हआ मर धयन सढ़ तान घनट क लग थ

शरा मत जा भा 6 ऽसतमबर को जलगाव स ऽमरज आ गया था म शरा मत जा क घर 7 ऽसतमबर

को गय तथ शरा मत जा स आग क गोल फटन क अथथ पीछndash शरा मत जा बोलीndash sbquoयह अनिभव

आपक बहत अचछ ह आग क गोल फटन क अथथ होत हndash बरहमरधर क खिलन जो परकश चरो

ओर फल गय थ वह परकश इसा बरहमरधर क अनदर क ह‛ शरा मत जा क मिाह स बरहमरधर खिलन की

बत सिनकर मिझ बड़ा परसननत हई शरा मत जा को मन बरहमरधर खिलत समय वला ऽकरय बतया थाndash

ldquoम आग की ओर झिक थ मर ऽसर भीऽम पर सपशथ कर रह थ मगर आप तो हम आग झिकन क ऽलए

मन करता थी मगर मर बरहमरधर तो आग झिककर हा खिल हrdquo मरा इस बत पर शरा मत जा कि छ नही

बोली जब उनस मन दिबर इसा बत को पीछndash ldquoतब वह उठकर ऽकचन म चला गया म समझ गय ऽक

मरा बत क उततर शरा मतजा क पस नही ह zwjयोऽक वह अनिभवहानत क करण मिझस गलत कह रही

था अब भा शरा मत जा हमरा बत क जवब नही द सकता ह मिझ आग झिकन क करण इनहोन कई

बर सभा क समन बहत कि छ सिनय थ

हमर शरार म कमजोरा अऽधक हो गया था मगर मर धयन बहत अचछ लगत थ एक बर शरा

मत जा आशरम म आई था ऽफर उनहोन मिझ खन भा ऽखलय थ अब म ऽदन म एक बर भोजन

ऽकय करत थ वह भा अलप भोजन करत थ धयन की अऽधकत क करण म ऽबलकि ल दिबल-

पतल हो गय मगर हमर धयन की अवऽध बहत बढ़ गया था एक बर म सढ़ तान घनट स चर घनट

तक धयन लगत थ जब म धयन म बठत थ तब ऽनऽवथकलप समऽध लगता था ऽनऽवथकलप समऽध म

सधक को अनिभव नही आत ह न हा ऽकसा परकर क ऽवचर आत ह हलऽक इस अवसथ म सधक

क ससकर शष रहत ह ऽफर भा ऽवचर नही आत ह zwjयोऽक परण और मन एक सथ बरहमरधर क अनदर

रहत ह

आजकल हमरा समऽध बहत समय तक लगता था ऽफर परण थोड़ नाच वपस बरहमरधर दरर पर

आ जत थ तब उस समय अनिभव आ जत थ जब सधक क बरहमरधर खिलत ह तब परण थोड़ समय

क ऽलए बरहमरधर क अनदर जकर ठहरत ह ऽफर वपस बरहमरधर दरर पर आ जत ह कभा-कभा

आजञचकर पर आ जत ह जस-जस अभयस बढ़त जत ह वस-वस परण बरहमरधर क अनदर जयद दर

योग कस कर 229

तक ठहरन लगत ह अभयस पररपzwjव होन पर परण ऽफर बरहमरधर क अनदर धयनवसथ म सदव बन

रहत ह

म पहल ऽलख चिक ह ा धयनवसथ म शरार म बहत उषणत हो जता था आाखो म जलन होता

रहता था तथ आाखो क ऽकनर कट गय थ ऐस लगत थ समपीणथ ऽसर जल जएाग आज प ाच ऽसतमबर

को रऽतर क समय धयन करन क ऽलय बठ हआ थ उसा समय लग बरहमरनधर स बफथ क समन एक धर

आजञचकर की ओर आ रहा ह यह ठणडा धर आजञचकर क चरो ओर फलन लगा ऽजसस समपीणथ

मसतक और आाख भा ठणडा हो गई ऽसर म अभा जो गमी क करण बिर हल थ उसम भा सभा जगह

ठणडक हो गया अब ऐस लग रह थ- जस मिझ कभा गमी क असर हआ हा नही ह यह ठणडक बहत

अचछा लग रहा था मगर मर गदथन स नाच क शरार आग म तप रह थ इस करण मर शरार कष ट

महसीस कर रह थ

मदग की अवाज

6 ऽसतमबर क सिबह 330 बज म जग गय ऐस लग जस म ऽकसा करण स म जग गय ह ा

उसा समय अनिभीऽत हई मर कनो म बड़ा जोर स मदग की आवज आ रहा था म उठकर बठ गय ऐस

लग कमर क बहर हजरो मदग एक सथ बज रही ह शिरआत म मदग की आवज अचछा लग रहा था

zwjयोऽक उसकी आवज हा अचछा होता ह म चिपचप बठ हआ मदग की आवज सिनत रह मगर ऽफर

आवज न कनो म ददथ पद कर ऽदय आवज इतना तज सिनई द रहा था ऽक कनो म ऐस लग थ ऽक

कन फट जएाग म कमर स उठकर बहर आ गय और बहर घीमन लग मन सोचndash खिल वतवरण म

टहलन स आवज आना बनद हो जएागा मगर आवज आना बनद नही हई उस समय लगत थ ऽक

चरो ऽदशओ म मदग बज रहा ह लगतर आवज सिनत-सिनत म बचन हो गय ऽफर मन आवज बनद

होन क सकलप ऽकय तब कनो म आवज सिनई दना बनद हो गया ऽफर म फरश होकर धयन पर बठ

गय धयनवसथ क समय आवज आना पीरा तरह स बनद हो गई धयन बहत अचछ लग

योग कस कर 230

ऄथश- सधको इस तरह स ऽवऽभनन परकर की आवज धयनवसथ म कई बर सिनई दा था

मिरला की आवज अzwjसर सिनई दता था यह आवज मर ऽसर क अनदर स आय करता ह इस नद

कहत ह सधक को एक ऽनऽित अवसथ म यह नद सिनई दत ह

यह अनिभव 7 ऽसतमबर को आय ह म सिबह 330 बज जग गय zwjयोऽक मर जगन क समय

हो गय थ म रोजन 330 बज जगत ह ा जस हा मरा आाख खिला तब मिझ लग ऽक धामा-धामा

आवज सिनई द रहा ह मन गौर करक आवज सिनन क परयस ऽकय तो मिझ ॎ ॎ ॎ की लगतर

आवज सिनई द रहा था आवज बहत हा धामा था ऐस लग रह थ जस बहत दीर हजरो माल स गिफ

क अनदर स आवज आ रहा ह आवज बहत समय तक सिनत रह ऽफर म धयन पर बठ गय तो

मलीम हआ आवज और कही स नही बऽलक मर बरहमरनधर क अनदर स आ रहा ह धयनवसथ म हमर

परण बरहमरनधर क अनदर आ गय तभा ऐस लग जस अनतररकष म बहत ऊपर स आवज आ रहा ह ऽफर

आवज आना बनद हो गई म समऽध म लान हो गय

ऄथश- सधको आजकल धयनवसथ म बरहमरनधर क अनदर क परकश अzwjसर ऽदखई दत ह म

अपन आप को परकश म खड़ हआ पत ह ा वह परकश करोड़ो सीयथ क समन होत ह

वदवय-दवष ट दवारा कायश लना

यह अनिभव 8 ऽसतमबर को आय धयन पर बठत हा कि णडऽलना तावरत क सथ ऊपर पहाच

गया अबकी बर मर धयन आजञचकर पर ऽसथर हो गय ऽफर मन दखndash मसतक पर तासरा आाख

ऽदखई द रहा ह वह खड़ आकर म ह आाख धार-धार खिलन लगा ह म आाख क अनदर दखन लग

तभा मरा ऽदवयदऽष ट कयथ करन लगा इतन म मिझ लगndash म सिनहला जगह पर खड़ ह ा चरो और सिनहर

परकश फल हआ ह तभा मिझस बहत दीर एक नाल रग क ऽबनदि ऽदखई द रह ह यह ऽबनदि बहत

चमकील थ मिझ बहत अचछ लग रह थ मगर कि छ कषणो म यह ऽबनदि अदशय हो गय यह ऽबनदि

ऽदवयदऽष ट क दरर दख गय थ

ऄथश- य ऽबनदि करण जगत (करण शरार) स समबऽनधत ह

योग कस कर 231

कमश

धयनवसथ म दखndash म ऽकसा जगह परकश म खड़ ह ा इतन म वही पर एक कि तत परकश म

परकट हो गय कि तत बहत अचछ ऽदख रह थ वह पीाछ ऽहल कर मरा ओर दख रह थ कभा मिझ

सीाघत थ कभा मर चरो ओर चzwjकर लगत थ म भा उस बड़ पयर स दख रह थ ऽफर म सोचन

लग ऽक कि तत की शzwjल ऽकतना अचछा ह मगर मिझ यह सीाघ zwjयो रह ह कि छ कषणो बद कि तत अदशय हो

गय

ऄथश- पठको यह कि तत हमर हा कमथ ह अथथत हमर कमथ हा कि तत क रप म ऽदखई द रह ह

इसऽलए वह मिझ बड़ पयर स दख रह ह ऽजस सधक क ऽजस परकर क कमथ होत ह कम थनिसर हा वह

पशि क रप म ऽदखई दत ह

एक बर म लट हआ थ मरा आाख बनद थी मगर म सो नही रह थ उसा समय दखndash

अनतररकष स एक कि तत दौड़त हआ चल आ रह ह वह कि तत मर ऊपर सान पर खड़ हो गय उसा

समय मन हड़बड़कर अपनाआाख खोल दी और म सोचन लग ऽक यह कि तत मिझ बर-बर zwjयो ऽदखई

दत ह

ऄथश- सधको यह कि तत हमर हा कमथ ह जो इस रप म ऽदखई द रह ह आजकल मर ऽसर म

बहत उषणत रहता ह ऽजसस कभा-कभा मरा हलत पगलो की भाऽत रहता ह मिझ कभा-कभा बिखर

आ जत ह इस तरह क बिखर म ऽकसा परकर की ददथ ऽनवरक दव कम नही करता ह कभा-कभा

ऐस सोचन लगत थ म योग क अभयस करक बिर फा स गय ह ा zwjयोऽक अब सथील शरार उषणत क

करण बिखर म तपत रहत ह ऽफर मसतक पर कपड़ की गाला पिा भा चढ़त ह ा और पाठ म गाल

कपड़ भा रखत ह ा

भगवान शरी कषण

यह अनिभव 10 ऽसतमबर शम को आय थ मन दख चरो ओर पना हा पना भर हआ ह

जहा तक दऽष ट जता था वह ा तक पना क ऽसवय कि छ और ऽदखई नही दत थ म पना क ऊपर चल

योग कस कर 232

ज रह थ ऐस लगत रह थ जस पना अनतररकष म भर हआ ह वह ा पर पथवा सीयथ चनदरम नकषतर

आऽद कि छ भा ऽदखई नही द रह थ म पना क ऊपर ऽकतन समय तक चलत रह यह नही बत सकत

ह ा मिझ ऐस लग जस म बहत चल चिक ह ा ऽफर कि छ थकन-सा महसीस होन लगा पना मिझ बहत दीर

तक ऽदखई द रह थ उसा समय मन कि छ दीरा पर कोई वसति पना क ऊपर तरता हई दखा म उसा वसति

की ओर चल ऽदय जब उसक नजदाक पहाच उस समय वह ा क दशय दखकर म परसनन हो गय मन

दखndash एक बड़ स पतत क ऊपर बलरप म भगवन शराकषण लट हए थ उनक रग स ावल थ भगवन

शराकषण क ऽसर पर मोर पख लग हआ ऽदखई द रह ह उनक बड़-बड़ घिाघरल बल थ वह दऽहन पर

क अागीठ को अपन दोनो हथो स पकड़कर मिाह म लगन वल थ तभा म उनक समन जकर खड़ हो

गय और उनहा को दखन लग वह हमरा ओर दखकर मिसकर रह थ दशय बहत हा सिनदर थ उसा

समय मर अनिभव समपत हो गय

ऄथश- सधको भगवन शराकषण जा क सवरप बहत हा अचछ लग रह थ मिझ यद आ रह ह

पिरण क अनिसर परलय क दशय मकथ णडय जा को ऽदखय गय थ उनहोन दखndash परलय क करण चरो

ओर जल-हा-जल थ जल क ऽसवय कि छ ऽदखई नही आ रह थ वह उसा जल म आग की ओर चल

ज रह थ उसा समय उनह भगवन शराकषण क इसा सवरप क दशथन हए थ मकथ णडय जा जल म चल-

चल कर थक गए थ ऽफर वह ऽगर पड़ थ उसा समय पतत क ऊपर भगवन शराकषण क बल सवरप क

दशथन हआ थ

कणडवलनी अाखो पर

मन पहल ऽलख ह आाखो म तावर जलन क करण म अऽधक परशन हो रहत थ ऐस लगत

थ आाख आग स जला ज रहा ह धयनवसथ म भा जलन और भा बढ़ जता था जलन इतना तज

होता था ऽक उागऽलयो स आाख सपशथ नही कर सकत थ ऽफर एक ऽदन मन शाश म दख ऽक आाखो की

पलक कट गई ह जस ऽकसा बलड स कट ऽदय हो तब हमरा समझ म आय ऽक आाख इतना zwjयो

दिखता ह

योग कस कर 233

11 ऽसतमबर को धयनवसथ म दखndash कि णडऽलना साध मगथ स होकर बरहमरनधर दरर पर पहाचा

ऽफर बरहमरनधर दरर स मिड़कर आग की ओर मसतक पर आ गया मिझ कि णडऽलना क पीर शरार ऽदवयदऽष ट

क दरर ऽदखई द रह थ उसक मिाह नग की तरह ह तथ शरार लल सिखथ तप हए लोह क समन ह

कि णडऽलना क मिाह भकि ऽट क पस ह जस हा मन उस दखndash कि णडऽलना न पहल एक-दो बर जाभ बहर

ऽनकला ऽफर मिाह स आग सा उगलन लगा उसा समय ऐस लग मनो मसतक पर आग बरस रहा ह

कि छ समय बद हमर धयन टीट गय तब हमरा समझ म आय कि णडऽलना क करण हमरा आाखो क

बिर हल ह अब हमरा आाख बहत हा तजसवा हो गया था

मन शरामत जा को बतय ऽक हमरा कि णडऽलनाबरहमरनधर स उलट कर आाखो पर आ गया ह

शरा मत जा थोड़ रोष म बोलीndash ldquoआननद कि मर जस आप सोचत ह ऐस नही ह कि णडऽलना बरहमरनधर

खोलकर इतना जलदा वपस नही उलटता ह आप को भरम हआ ह आपक बरहमरनधर खिल गय ह य

अचछा बत ह आप अचछ सधक ह अब आप सनयसा बनन क योनय हो गए ह आपको सवमा

ऽचदननदजा स (ऋऽषकश क) सनयस की दाकष भऽवषय म ऽदलव दीागा ऽफर आपकी इचछ आए तो

आशरम म रऽहए अथव आप अपना इचछनिसर कही भा ज सकत ह‛ म बोलndash ldquoशरा मत जा मरा

कोई इचछ नही ह ऽक म सनयस की दाकष लीा अभा मर लड़क बहत छोट ह जब तक वह बड़ नही

हो जएग तब तक म सनयसा नही बनन चहत ह ा‛ शरा मत जा ऽफर कि छ नही बोला चिप बना रहा

मन सोचndash म अगर सनयसा बन गय तो म कह ा रह ाग zwjयोऽक यहा पर मर और शरा मत जा क ऽवचर

मल नही करत ह अभा म अपन घर तो लौट सकत ह ा सनयसा बनकर कह ा रह ाग अभा-अभा मन जो

ऽदवयदऽष ट क दरर अनिभव दख ह ऽक बरहमरधर दरर स कि णडऽलना उलट कर आाखो पर आ गया ह शरा

मत जा मर इस अनिभव को कहता हndash ldquoयह सतय नही भरम हrdquo zwjयोऽक शरा मत जा हर अनिभव को

और ऽकरय को अपना सधन स जोड़ता ह उनक कहन हndash कणठचकर खिलन म 12 वषथ तो लग हा जत

ह म कहत ह ाndash कणठचकर खिलन म 12 वषथ स जयद भा सकत ह और कम भा सकत ह अब म इतन

छोट सधक नही रह गय ऽक योग क ऽवषय म म न जन सकीा कभा-कभा सवय म अपना ऽदवयदऽष ट स

शरा मत जा क सथील व सीकषम कयथकलप दख लत थ मगर म ऽकसा स कि छ नही कहत थ

योग कस कर 234

ऄनभव नही अन चावहए

धयनवसथ म परण तजा स प ाचव छठ चकर को पर करत हआ बरहमरनधर दरर तक पहाच जत

ह बरहमरनधर म धयन लगत ह लगभग प ाच ऽमनट बद अबकी बर मिझ लग म बरहमरनधर क अनदर ह ा

समपीणथ शरार क भव ऽमट गय मिझ कि छ मलीम नही रह ऽक म ह ा भा ऽक नही ह ा यह ऽसथऽत कब तक

बना रहा यह म सवय नही बत सकतह ा ऽफर मिझ अपन भन होन लग और धयन टीट गय शरा मत

जा न तान-चर ऽदन बद बतय आपको अनिभव नही आन चऽहए अनिभव आन स आग की अवसथ

परप त होन म रकवट आता ह अनिभव आत समय बिऽि व ऽवचर कयथ करत ह आग की अवसथ

ऽनऽवथकलप समऽध की ह समऽध अवसथ म मन ऽवलान हो जत ह ऽफर शरा मत जा न कऽवत दादा

क उदहरण ऽदय और कहndash कऽवत मर स जयद बतन म समथयथ ह सभा को मरा आजञ क ऽबन भा

बतता रहता ह मिझ मलीम नही होत ह बतन क कयथ करन लग तो आग की सधन रक जत ह

बतन क समथयथ इतन अऽधक बढ़ जत ह ऽक सभा क परकर क परशनो क तिरनत उततर ऽदय ज सकत

ह ऽदवयदऽष ट तो एक परकर की ऽसऽि जसा हा ह यऽद इसस कयथ लन शिरकर दो तो आग की अवसथ

म दरा स परप त होता ह आपको जो अनिभव आए ह व सभा ऽदवय ह इन अनिभवो को दखन क कयथ

ऽदवयदऽष ट करता ह अब आपको अनिभव नही आन चऽहए आग आपको अनिभव नही आएाग पहल

तो आपको ऽनरश होगा अनिभव आन zwjयो बनद हो गए मन म ढरो शकएा उठगा ऽफर मन शनत हो

जएाग और आननद की परऽपत होगा यह सब इसऽलए बतय zwjयोऽक कभा म यह ा पर होता ह ा कभा म

नही होता ह ा आप एक बत को यद रऽखए आप कि छ ऽदनो बद घर जन वल ह आपको सभा पीछग

समज आपको दीध स नहलएगा और अपक पाछ पड़ जएागा आप उनकी समसय ाय सिलझएाग ऽफर

सब कि छ आपको भोग करन पड़ग आप वही रक जएाग आप सभा स सपषट बोल दन ऽक शरा मत

जा न मन कर ऽदय ह उलट-साध कयथ करन को रोक ह आप ऽबलकि ल शनत रऽहए आग बऽढ़ए

गर तततव का सवरप

यह अनिभव 13 ऽसतमबर को आयndash शरा मत जा और म ऽकसा साकर स दरवज निम जगह स

आग की ओर चलन लग जस हा साकरा सा जगह पर की तभा म और शरा मत जा बहत तज परकश म

योग कस कर 235

पहाच गए ऐस लगत थ यह ा पर करोड़ो सीयथ क परकश फल हआ ह शरा मत जा मर आग चल रहा

थी म उनक पाछ चल रह थ उस परचणड तज परकश म मर और शरा मत जा क शरार तज स यिकत थ

कि छ समय तक म और शरा मत जा चलत रह ऽफर हम दोनो रक गए शरा मत जा मर आग खड़ा हई

थी ऽफर कषण भर बद शरा मत जा आग की ओर चला म आपना जगह पर खड़ रह शरा मत जा 5-6

माटर आग चलकर थोड़ स ऊपर की ओर चली इतन म उनक शरार स बहत तज परकश ऽनकलन

लग परकश इतन तज थ ऽक शरा मत जा क शरार पीरा तरह स सवरप रऽहत होकर परकश म पररवऽतथत

हो गय उस जगह पर बहत तज परकश ऽदखई द रह थ ऽफर यहा तज परकश मर समन समपीणथ परकश

म ऽमल गय जस हा शरा मत जा समपीणथ तज परकश म ऽवलान हो गया उसा समय मर मिाह स जोर स

आवज ऽनकलाndash ldquoमाrdquo ऽफर म कषण भर क ऽलए रक गय और सोचन लगndash ldquoमाrdquo मिझ छोड़कर परकश

म लान हो गई उस समय मिझ थोड़ स दिख हआ ऽफर म जोर स बोलndash ldquo मा म भा आपक पाछ

आऊा ग मिझ भा आप म ऽवलान होन ह म भा इसा परकश म ऽवलान होऊा ग‛ अनिभव समपत हआ

ऄथश- यह अनिभव ऽनःसनदह बरहमरनधर क अनदर क थ इस अनिभव को दखन को दखन क ऽलय

ऽदवयदऽष ट कयथ कर रहा था सधको यहा पर मन शरा मत जा क सवरप क वणथन ऽकय ह यह शरा

मत जा क शरार नही थ बऽलक गिरतततव क सवरप थ गिरतततव चतनयमय शऽzwj त होता ह शऽzwj तपत क

समय ऽशषय क शरार म वयपत होकर सीकषम रप स कयथ करता रहता ह शरा मत जा को मलीम नही होत

ह ऽक उनकी शऽzwj त zwjय कयथ कर रहा ह शरा मत जा पचभीत स बन सवरप म रहता ह जो कमो क

करण बनधन म बाध होत ह मगर गिरतततव तो चतनयमय शऽzwj त होता ह गिर दरर जब ऽशषय पर

शऽzwj तपत ऽकय जत ह जो शऽzwj त ऽशषय क अनदर परवश करता ह उस गिर तततव कहत ह उसा गिर तततव

को सधक उचचवसथ म उस शऽzwj त को ऽनरकर रप म दख सकत ह मगर सधक को अभयस क

शिरआत म यहा शऽzwj त गिर क सथील शरार वल सवरप म ऽदखई दता ह सधक को जो धयनवसथ म

अपन गिर ऽदखई दत ह वहा गिरतततव होत ह

दध का पीना

यह अनिभव 16 ऽसतमबर को आय मन धयनवसथ म दखndash म अपन कमर म बठ हआ धयन

कर रह ह ा उसा समय कि छ पदथथ (ऽमिा क कण की तरह ) उड़कर कमर क अनदर आ रह ह म सोचन

योग कस कर 236

लगत ह ाndash यहा आशरम म कमर तो बनद ह ऽफर भा यह धील जस कण (मगर धील नही) कमर क अनदर

कस आ रह ह मिझ व कण अचछ नही लग रह थ zwjयोऽक हव म उड़-उड़कर मर ऊपर भा आ रह थ मन

सोचndash यह गनदगा कौन उड़ रह ह और मर धयन म ऽवघन डल रह ह उसा समय म अपन सथील शरार

स ऽनकलकर बहर खड़ हो गय म सीकषम शरार स अपन कमर की छत पर करत हआ ऊपर की ओर

तावर गऽत स चल ऽदय ऽजधर स धील जस कण आ रह थ उसा ओर जन लग कि छ कषणो बद मन अपन

आपको एक अपररऽचत जगह म पय वह ा पर परकश फल हआ थ मन दखndash जो धील जस पदथथ क

कण मर कमर म आ रह थ उस एक लड़क उड़ रह थ जस ऽकसन अपन गह ा की उड़ई खऽलहन म

करत ह वह लड़क तसल स जो उड़ई कर रह थ उसस चमकीला वसति वही पर ऽगर रहा था

चमकीला वसति क आकर सिनहल ऽसzwjको व मऽणयो क समन थ इन ऽसzwjकनिम वसति स तथ मऽणयो

स परकश ऽनकल रह थ धील और ऽमिा जस कण उड़कर अनतररकष म होत हए मर कमर क अनदर आ

रह थ म उस लड़क को बोलndash ldquoबनद करो यह उड़ई करन यह गनदगा मर कमर म जता ह‛ लड़क न

उड़ई करन बनद कर ऽदय म वही पर खड़ होकर चरो ओर दखन लग अब मिझ दीर-दीर तक ऽदखई

दन लग ऽफर मिझ अपन आशरम भा ऽदखई दन लग जब मन चरो ओर दखन बनद कर ऽकय तब

मन अपन आपको उसा चमकीला वसति क ढर क ऊपर खड़ हआ पय म उन चमकील ऽसzwjको क ढर

स नाच उतर आय तब मिझ दीर-दीर तक क ऽदखई दन बनद हो गय ऽसफथ थोड़ा दीरा तक हा ऽदखई

दत रह तभा मरा ओर एक पिरष आत हआ ऽदखई ऽदय मर पस आकर वह पिरष बोलndash ldquoआननद

कि मर आप इतना दीर स आए ह आप भीख होग आप यह दीध पा लाऽजए‛ उसक हथ म एक बहत

छोट स एक बतथन थ उस बतथन म दीध थ वह बतथन उसन मिझ द ऽदय उस बतथन क अनदर दीध

मिऽशकल स 50 गरम हा भर होग इसस जयद दीध उस बतथन म आ हा नही सकत थ मन मन म

सोचndash ldquoइतन दीध म मिझ zwjय होगrdquo वह वयऽकत तिरनत बोलndash ldquoआप यह मत सोऽचए आपको और दीध

ऽमल जएाग‛ तभा म उस वयऽकत की बत सिनकर चौक पड़ मन सोचndash इस पिरष न मरा मन की बत

कस जन ला म तिरनत दीध पान म लग गय और सोच एक हा घीाट म सर पा जऊा ग मगर दीध समपत

होन क नम नही ल रह थ मन ऽफर जबरदसता करक सर दीध को पा ऽलय मिझ आश चयथ हआ कटोरा

म तो दीध थोड़ स हा थ मगर बड़ा मिऽशकल स मन पा पय वह पिरष मिझस बोलndash ldquozwjय आपको

और दीध चऽहए ‛ म बोलndash नहीndash ldquoमर पट भर गय ह‛ वह पिरष बोलndash ldquoमन हा आप को दीध पान

क ऽलए यह ा बिलय ह‛ म उसकी बत सिनकर अचऽमभत हआ ऽफर उस पिरष स म बोलndash ldquoअचछ म

योग कस कर 237

चलीा‛उसन इशर स जन की इजजत द दा म वह ा स चल ऽदय परकश चरो ओर फल हआ थ

रसत व आसपस की जगह बहत सिनदर था अनिभव समपत हआ

ऄथश- सधको म ऽकसा दीसर लोक म चल गय थ वह लोक कौन-स थ म नही कह सकत

ह ा zwjयोऽक एक हा लोक म ऽवऽभनन परकर क सथन व ऽवऽभनन परकर क पिरष पए जत ह दीध क

ऽपलन आधयतम अथव सऽतवक शऽzwj त परदन करन होत ह वस आधयतम म दीध क अथथ जञन भा

होत ह

वहरणयमय परष

हमरा इचछ रऽतर 1230 बज धयन क ऽलए होन लगा म लट हआ थ उठकर बठ गय धयन

करन क ऽलए आाख बनद की हा था तभा एक बहत तजसवा पिरष ऽदखई ऽदय उसक ऽसर पर बड़-बड़

सफद रग क बल थ उसकी खीबसीरत दढ़ा क बल सान तक थ दढ़ा क बल सफद व सिनहल थ

आाखो स तज ऽनकल रह थ चहर क रग तप हए सोन की तरह सिखथ लल थ उनक समपीणथ शरार

सिनहर थ तथ तज स ओतपरोत थ सिनहर परकश उनक शरार स ऽनकल रह थ वह मिझ दख रह थ

म उनह दख रह थ उसा समय उनहोन हास ऽदय उनक खीबसीरत द ात चमकन लग दातो की पऽकतय ा

बचचो क समन सिनदर था उनक हासन म एक ऽवऽचतर स भव समझ म आ रह थऐस लग रह थ जस

वह मिझस बहत परसनन हो मरा सधन की उननऽत म उनह अऽत परसननत हो रहा ह वह मर शिभऽचनतक

स लग रह थ मिझ ऐस लग जस कोई ऽबछि ड़ हआ बहत पिरन ऽमतर ऽमल गय हो उनकी आाखो म मर

ऽलए परम थ ऐस लग रह थ जस कई जनमो बद ऽमल हो उनहोन अपन दऽहन हथ ऊपर उठकर

मिझ आशाव थद ऽदय ऽफर वह अदशय हो गए मन अपना आाख खोल दी मिझ लग म अभा धयन पर

बठ हा नही थ ऽसफथ आाख बनद की थी

ऄथश- सधको इनह ldquoऽहरणयपिरषrdquo कहत ह बरहम भा कहत ह जो सऽषट की रचन करत ह य

बरहमलोक म रहत ह

योग कस कर 238

बरहमाणड जननी

यह अनिभव सिबह 18 ऽसतमबर को आय मन धयनवसथ म दखndash म बहत तज परकश म

उड़त हआ तावर गऽत स ऊपर चल ज रह ह ा जस-जस म आग जत थ वस-वस परकश परचणड तज

होत जत थ कि छ कषणो बद लगndash जस लखो-करोड़ो नही बऽलक असखय सीयथ एक सथ परकट हो

गए हो अब आग की ओर जन मिऽशकल थ zwjयोऽक आग कि छ ऽदखई नही आ रह थ ऐस लगत

रह थ जस भाषण गमी स म जल ज रह ह ा ऽफर भा आग की ओर जन बनद नही ऽकय जस आग

बढ़न क ऽलय कोई पररण द रह हो आग की ओर जत समय मन अपन दऽहन हथ की हथला अपन

आाखो क समन लग रखा था और मिाह को एक ओर को मोड़ ऽलय थ zwjयोऽक परकश क तज मरा

आाख सहन नही कर प रहा थी इसा परकर कऽठनई म म आग की ओर बढ़ रह थ ऽजस जगह पर म

चल रह थ उस जगह पर परचणड तज परकश उबल रह थ कषण भर क ऽलए ऐस लग जस म इस

परकश क उदगम (सतरोत) म म खड़ ह ा zwjयोऽक परकश जोर-जोर स ऊपर की ओर उबल रह थ उस समय

मिझ कि छ सीझ नही रह थ मिझ लग ऽक मर तासर नतर खिल हआ ह ऽफर भा मिझ कि छ समझ म नही

आ रह थ म कह ा चल ज रह ह ा अतयऽधक तज परकश क करण आग की ओर जन रक स गय

थ आाख जोर लगन पर भा नही खिल रहा थी ऽफर भा मन आग बढ़न क परयस ऽकय मन दखndash जहा

पर परकश उबल रह ह उसस थोड़ा दीरा पर एक छोटा सा लड़की खड़ा हई ह उसकी उमर लगभग 10 वषथ

होगा उसन रजसथना तरह क लहाग और बलउज पहन रख थ कपड़ो क ऽडजइन भा सपषट ऽदखई

द रह थ लहाग क ऽडजइन म पाल रग क परयोग जयद हआ थ बलऊज उनक शरार पर ऽचपक

हआ थ ऽसर पर चिनरा था आग क ऽसर थोड़ स खिल हआ थ चिनरा ऽसर पर होत हए शरार क दोनो

तरफ लटक रहा था उस समय लड़की धाम-धाम हास रहा था उसक सिनदर द ात चमक रह थ आाख भा

बहत सिनदर थी चहर अऽदरताय सिनदर थ उसा समय मर अनदर ऽवचर आयndash ldquoयह लड़की कौन हrdquo

तभा परकश क उदगम की जगह स आवज आयाndash ldquoयह बरहमाणड जननी हrdquo म थोड़ स सोच मिदर म

हआ ऽफर धार स बोलndash ldquoबरहमणड जननाrdquo इतन म वह लड़की अदशय हो गई कि छ कषणो म उसा जगह

पर एक लड़क ऽदखई दन लग वह लड़क भा अऽदरताय सिनदर थ उसकी उमर लगभग 12-13 वषथ

होगा उसक वणथन करन म म असमथथ ह ा उस तज परकश म उसक शरार क रग हलक नाल थ तथ

उसक शरार स हलक नाल रग क परकश तजा स चरो ओर को ऽनकल रह थ कषण भर म उस दखकर

मर मिाह स ऽनकलndash यह तो भगवन शराकषण जा ह मगर मिझ उनक ऽसर पर मोर पख ऽदखई नही द रह

योग कस कर 239

थ भगवन शराकषण कषण भर म अदशय हो गए ऽफर मिझ उसा जगह पर भगवन शराकषण और पहल

वला लड़की एक सथ ऽदखई दन लग लड़की शरा कष ण जा क बयी ओर खड़ा हई था दोनो को दखत

हा मर मिाह स ऽनकलndash य तो रध जा और कषण जा ह रध जा तो पहल क समन थी मगर भगवन

शराकषण गल म एक बहत बड़ा रग-ऽबरगा खीबसीरत मल पहन हए थ ऐस लग रह थ मल घिटनो तक

आ रहा ह दोनो को दखकर मन कहndash ldquoम आपको नमसकर करत ह ा‛ ऽफर म वपस आन क ऽलए

पाछ की ओर मिड़ गय तभा अनिभव समपत हो गय

ऄथश- सधको यह दशथन सधक क ऽलए अतयनत दिलथभ होत ह इस परकर क दशथन हर एक

सधक को नही हो सकत ह सधक अतयनत उचचवसथ म इस परकर क परकश उदगम दख पत ह म

तो उस जगह करण शरार म खड़ थ यह समपीणथ दशय ऽदवयदऽष ट क दरर दख गय इस अनिभव म मिझ

शरारध जा और शराकषण जा क छोटा अवसथ वल सवरप क दशथन हए ह पठकोndash कि छ वषो पीवथ धयन

क मधयम स मर शरा रध जा व शराकषण जा स समपकथ बन रह ह इसाऽलए मिझ धयन म शरा कषण क

बहत अनिभव आत थ इनक इस सवरप क दशथन करन अतयनत कऽठन होत ह

मवकत

यह अनिभव ऽसतमबर मह क तासर सपतह क ह मन दखndash म अनतररकष म खड़ हआ ह ा चरो

ओर हलक नाल रग क परकश फल हआ ह मिझ बहत दीर तक नाल परकश ऽदखई द रह ह एक

जयोऽत क आकर क परकश पिञज उस नाल अनतररकष म ऽवलान हो गय कि छ परकशपिञज वही

अनतररकष म इधर-उधर गऽत कर रह थ इस ऽकरय को कि छ कषणो तक दखत रह ऽफर सोचndash यह zwjय हो

रह ह कि छ परकशपिञज नाल अतररकष म ऽवलान हो जत ह ऽफर उनक अऽसततव हा समपत हो जत ह

और कि छ परकश पिज इधर-उधर गऽत कर रह ह उसा समय अनतररकष म स आवज आयाndash ldquoयह मिि

हrdquo मरा समझ म आ गय य परकशपिञज जावतमओ क सवरप ह जो इधर-उधर घीम रह ह उनह अभा

मिऽकत नही ऽमला उसा समय अनिभव समपत हो गय

ऄथश- इस परकर स मिझ मिऽकत क ऽवषय म बतय गय मगर सतय तो यह ह यह दशय मिझ वऽततयो

क दरर समझय गय ह वसतऽवक मिऽकत क ऽवषय म बतय हा नही ज सकत ह ऽसफथ अनिभीऽत क

योग कस कर 240

ऽवषय ह तततवजञना पिरष शरार तयगन क बद इस अपर-परकऽत को तयग कर पर-परकऽत म ऽवदयमन हो

जत ह

एक बार

यह अनिभव भा ऽसतमबर मह क तासर सपतह क ह मन दखndash परकऽशत अनतररकष म एक

लड़की खड़ा हई ह लड़की बहत सिनदर ह वह जोर-जोर स हास रहा ह वह मिझस बोलाndash ldquoआननद

कि मर एक बर मर ऽलए इसम सनन कर लोrdquo मन सोचन लगndash ldquoऽकसम सनन कर लीाrdquo ऽफर मन नाच

की ओर दखndash एक नदा बह रहा ह म उस नदा क ऽबलकि ल ऽकनर पर खड़ हआ ह ा मर परो क पस

पना बह रह ह मन उस लड़की स कहndash ldquoम zwjयो इसम सनन कर लीा मिझ zwjय मतलब ह‛ वह ऽफर

बोलाndash sbquoआननद कि मर मर ऽलय इसम सनन कर लाऽजए ऽसफथ एक बरrdquo कषणभर म मन सोच और

ऽनणथय ऽकयndash ldquoचलो इसक ऽलय एक बर सनन ऽकए लत ह ा‛ वह परकऽशत अतररकष म खड़ा हई

बरबर हास ज रहा था म सनन करन क ऽलए अपन कपड़ उतरन लग मर शरार क सर कपड़ अपन

आप अलग हो गए म दखndash म ऽनवथसतर हो गय ह ा कषण म सोचndash वह लड़की zwjय सोचगा म ऽनवथसतर ह ा

ऽफर ऽवचर आयndash उस सोचन दो वह zwjय सोचता ह उसस मिझ zwjय लन दन ह म ऽनवथसतर होकर पना

क ऊपर चलन लग अनतररकष म खड़ा लड़की मिझ दख कर मिसकर रहा था म नदा क बाच म खड़

होकर सोचन लगndash म सनन कस करा ग म तो नदा म पना क ऊपर खड़ ह ा पना क अनदर कस

जऊा ग लड़की बोलाndash ldquoआप सकलप कीऽजए नदा म सनन करन क ऽलय‛ मन नदा म सनन करन क

ऽलय सकलप ऽकय सकलप करत हा म पना क अनदर नाच की ओर जन लग मिझ ऐस लगndash पना

क अनदर कोई खीच रह ह म न चहत हए भा पना म अनदर की ओर चल ज रह थ तभा मिझ डर स

लगन लग डर क करण मर मिाह स जोर स ऽनकलाndash ldquoमिझ धोख हआ ह‛ वह लड़की ऽखल-ऽखलकर

हासन लगा उसकी हासा म कमयबा ऽदखई द रहा था जस हा मिझ ऐस लगndash ऽक धोख हआ ह म

ऽबजला क समन गऽत स पना क ऊपर एक झटक म आ गय और उस नदा स बहर की ओर भगन

लग वह लड़की अनतररकष स पना म मर पस हा की द पड़ा उस लड़की की अदशय शऽzwj त क करण म

पना क अनदर जन लग तभा घबरहट क करण मर मिाह स आवज ऽनकलाndash ldquoॎ तरयबकम

योग कस कर 241

यजमह‛ म मतयिजय मतर क जप करन लग मतर जप क परभव स म तिरनत पना क ऊपर आ गय

तभा लड़की अदशय हो गई मर अनिभव भा समपत हो गय

ऄथश- सधको नदा यहा सथील जगत ह लड़की परकऽत क सवरप था उसन एक बर सनन क

ऽलए कह और मन उसा क अनिसर हा ऽकय इसक अथथ हndash परकऽत मिझ एक बर और ससर म आन

क ऽलए कह रहा ह म आन क ऽलए तयर भा हो गय मगर उसा समय मरा समझ म आ गयndash मिझ

धोख हआ ह ऽफर म बहर ऽनकल आय इसक अथथ हआndash अब म दिबर इस ससर म नही आऊा ग

यहा हमर आऽखरा जनम होग

आजकल मिझ अपन कमथ कि तत क रप म बहत ऽदखई दत ह वह कि तत मिझ चरो ओर सीाघत ह

ऽफर अदशय हो जत ह मगर कभा-कभा मर शरार क अनदर ऽवलान हो जत ह

भगवान दततातरय

यह अनिभव 23 ऽसतमबर सिबह 330 बज आय मन दखndash म अनतररकष म खड़ ह ा उसा समय

मर समन अतयनत तज परकश फल गय जस सकड़ो सीयथ एक सथ परकट हो अय हो कि छ कषणो बद

उस परकश क अनदर भगवन दतततरय को खड़ हए दख वह बहत सिनदर ऽदखई द रह थ उनहोन भगव

धोता पहन रखा था कमर स ऊपर क शरार पर कोई वसतर नही थ वह जनऊ पहन हए थ दऽहन हथ म

लमब स ऽतरशील थ उनक शरार स परकश ऽनकल रह थ वस भा वह तज परकश म खड़ हए ऽदखई द

रह थ वह अपन बयी ओर को दख रह थ उनक बयी तरफ सनयऽसना वश म एक सतरा खड़ा था उसक

ऽसर पर भा बलो क जीड़ बलो क जिड़ बन हआ थ उसन भा भगव वसतर वसतर धरण कर रख थ

वह सतरा भा तजऽसवना ऽदखई द रहा था सनयऽसना वष म बयी तरफ खड़ा सतरा को दखकर म चौक ऽक

यह सतरा कौन ह वह सतरा भा भगवन दतततरय को दख रहा था म कि छ कषणो तक भगवन दतततरय की

सिनदरत को दखत रह ऽफर वह अतधय थन हो गए अनिभव समपत हआ

धयनवसथ म भगवन दतततरय क दशथन हो गय यह मर ऽलय बहत अचछा बत ह zwjयोऽक उनक

दशथन सधको को बहत हा कम हो पत ह मगर उस सनयऽसना को म पहचन नही सक यह अनिभव मन

शरा मत जा को बतय और सनयऽसना क ऽवषय म पीछndash तो शरा मत जा न बतय ldquoयह सनयऽसना

योग कस कर 242

योऽगना ह भगवन दतततरय न इस वरदन भा ऽदय थ‛ कहना इसा परकर हndash जब भगवन दतततरय

तपसय करत थ तो परऽतऽदन कषण नदा क बाच म जय करत थ कि छ समय बद वह वपस आ जत ह

ऽकसा न उसक पाछ ऽकय तो दख नदा क अनदर सिनदर नगर बन हआ ह उस नगर म 64 योऽगऽनया

भगवन दतततरय की पीज कर रहा ह इसऽलए भगवन दतततरय जा उन योगऽनयो को दशथन दन जय करत

थ उन 64 योऽगऽनयो म आठ परमिख थी जब भगवन दतततरयजा तपसय करक जन लग तब उनहोन

योऽगऽनयो को उनहोन वरदन ऽदयndash ldquo तिम जब नदा स बहर मर सथन पर आओगा तब तिमह हमर

दशथन परप त होग‛ यह वहा योऽगना ह

शरी माता जी पर बाधा

एक बर शरा मत जा क घर म म धयन कर रह थ शरा मत जा धयन हल म बठा हई थी म

दखndash शरा मत जा क पाछ एक गनदा सा कला औरत खड़ा हई ह वह दखन म अचछा नही लग रहा

था सधरण सा धोता पहन हए ह उस दखत हा मन कहndash ldquoयह औरत अचछा नही ह इसक यहा पर

zwjय कम ह और शरा मत जा क पाछ zwjयो खड़ा हई ह‛ मन शरा मत जा को बतय तब उनहोन मिझस

कहndash ldquoमर पाछ एक बध रहता ह वह 25 जनवरा को अपन परभव ऽदखय करता ह यह बध ऽकसा

दीसर की भजा हई ह ऽकसा को कला औरत तो ऽकसा को घीमत हआ चकर ऽदखई पड़त ह‛ ऽफर म

सोचndash ldquoकश ऐसा बध मर पस आता तो दखत भजन वल ऽकतन शऽzwj तशला हrdquo

गरण और हस का दशशन

मन धयन म दखndash म एक ऽवशलकय पकषा को दख रह ह ा वह ईगल पकषा की तरह लगत ह

उसकी दोनो आाख आग क गोल जस थी वह मिझ दख रह थ म उस दख रह थ कि छ कषणो बद वह

पकषा अदशय हो गय ऽफर उसा जगह पर दीसर सफद पकषा बहत बड़ स ऽदखई दन लग पकषा ऽबलकि ल

सफद व सिनदर थ

योग कस कर 243

ऄथश- इस अनिभव म मिझ गरड़ और हस क दशथन हआ ह ईगल जस पकषा गरड़ हा ह गरड़

नम क पकषा इस बरहमणड म ऽसफथ एक हा ह भगवन ऽवषणि क वहन यहा गरड़ पकषा ह इसक अथथ

होत हndash ldquoऽवजय परप त होनrdquo ऽचतत की अऽधक शिित होन पर सधक को उचचवसथ म इसक दशथन

होत ह तथ सधक को अभयस म सफलत परप त होता ह सधक को उचचवसथ म हस क दशथन

होत ह इस अवसथ म सधक को मय क ऽवषय म थोड़ स जञन होन लगत ह

वदवयदवष ट स कायश वलया

आज 20 ऽसतमबर को सभा सतसगा शरा मतजा क जनम ऽदन मन रह थ तभा सयकल को

मलीम हआ ऽदलला क एक सधक क एzwjसाडट हो गय दिघथटन 16 ऽसतमबर को हई ह आज चर

ऽदन बद शरा मत जा को एzwjसाडट क ऽवषय म फोन दरर बतय गय ह ऽदलला क एमस असपतल म

उसक इलज चल रह ह सधक की हलत गमभार बना हई ह उस होश नही आय ह मिझ भा यह जन

कर दिख हआ zwjयोऽक हमरा और उस सधक की उस समय बहत बनता था वह सवभव क बहत अचछ

थ तथ शरा मत जा क ऽपरय ऽशषय भा थ शरा मत जा क जनम उतसव समरोह मनन क बद म आशरम

लौट आय

21 ऽसतमबर को शरा मतजा क सथ कि छ सऽधकएा आशरम म आई था मिझ भा ऽदलला वल

सधक की यद आ रहा था हम सभा सधक भई-बऽहन आशरम म धयन करन क ऽलए बठ हए थ मिझ

अब धयनवसथ मशाघर कि छ भा ऽदखई नही दत थ zwjयोऽक अब हमरा ऽनऽवथकलप समऽध लगता

था धयन पर बठत हा ऽनऽवथकलप समऽध लग गया कि छ समय बद मरा अवसथ थोड़ा सा नाच आ

गया तब मिझ धयनवसथ म सिनई ऽदयndash ldquoऽदलला क सधक ठाक हो जएाग अभा उसकी हलत

बहत जयद खरब हrdquo यह बत मन सभा सऽधकओ को बतया कि छ समय बद शरा मत जा और

सऽधकएा वपस चला गया

28 ऽसतमबर को आशरम म अपन कमर म 3frac12 बज सिबह धयन करन क ऽलए आसन पर बठ

गय कि छ कषणो म हमरा ऽनऽवथकलप समऽध लग गया म समऽध अवसथ म थ मिझ ऐस लग जस

बहर स जोर स आवज आ रहा ह इसस मरा समऽध टीट गया मन अपना आाख खोल दा कमर क

योग कस कर 244

बहर स ऽफर आवज आया म आवज को पहचन गय बहर पकज कौऽशक (मरठ क लड़क) मिझ

बिल रह थ उसकी आवज सिनकर मिझ आश चयथ स हआndash ऽक इतन सिबह ऽमरज स आशरम zwjयो आय

ह और मिझ बिल रह ह हमरा दऽष ट घड़ा पर गया तो दख सिबह क 5frac12 बज रह थ म कमर क अनदर

स हा बोलndash पकज zwjय बत ह इतन सिबह यह ा आकर मिझ zwjयो बिल रह ह वह बोलndash अर दरवज

तो खोलो ऽफर बतऊा ग म zwjयो आपक पस आय ह ा मन दरवज खोल पकज कौऽशक कमर क

अनदर आ गय और बोलndash आननद कि मर तिमह शरा मत जा न अभा इसा समय बिलय ह म बोलndash

ldquozwjय कोई बत हो गया ह शरा मत जा न मिझ zwjयो यद ऽकय ह‛ पकज बोलndash ldquoमिझ मलीम नही ह

मत जा न मिझस कह हऽक आननद कि मर को अभा मर पस लक आओrdquo म बोल ठाक ह म सनन

कर लीा ऽफर तिमहर सथ चलत ह ा थोड़ा दर म म तयर होकर उसक सथ मोटर सइऽकल दरर मत जा

क घर क ऽलए चल ऽदय हम दोनो 10 ऽमनट म शरा मत जा क घर पहाच गय

मन मत जा को परणम ऽकय तभा शरा मत जा न पकज को बहर जन क ऽलए कहndash ldquoपकज

तिम बहर जओ जब तक म तिमह न बिलऊा तब तक अनदर नही आन और नही ऽकसा को आन दनrdquo

पकज कौऽशक बहर चल गय शरा मत जा न मिझ बतयndash ldquoआननद कि मर ऽदलला स फोन आय ह

उस सधक को अब भा होश नही आय ह तिम ऐस करो पीज बद म करन पहल धयन क ऽलए 5-10

ऽमनट बठो उस सधक क ऽवषय म दखो और जनकरा करो शयद कि छ सदश ऽमल तो मिझ बतन‛

शरा मत को मलीम ह मिझ ऽनऽवथकलप समऽध क करण अब तिरनत दशथन नही होत ह म शरा

मत जा क य शबद सिनकर हरन हो गय लऽकन गिर आजञ कस टल सकत थ म धयन करन क ऽलय

बठ गय परण साध ऊपर जकर बरहमरधर क अनदर चल गय मन परयतन ऽकय ऽक परण थोड़ नाच की

ओर आ जएा मगर वह नाच नही आय ऽफर कि छ समय बद परण बरहमरधर दरर पर आ गय तब सदश

आन शिर हो गयndash ldquoजब इतना शऽzwj तय ा उसक सथ कयथ कर रहा ह ऽफर ऽचत zwjयो करत हो तिमहर

दोसत ठाक हो जएाग‛ ऽफर धयन थोड़ स हलक हो गय zwjयोऽक कमर म कोई आ गय थ इस धयन

म अवरोध आ गय थ कि छ कषणो बद म ऽफर धयन पर बठ गय तब आकश स आवज आयाndash

ldquoसधक अगर सवय सकलप कर तो उस अऽधक लभ होत ह ऽफर भा यऽद कि छ शष रह जएा तो कमथ

समझकर सवाकर कर लन चऽहय‛ मिझ सधक क ऽवषय म ढरो जनकररय ा परप त हई ऽफर मन शरा

मत जा को धयन म परप त हई सभा बत बतया मर दरर बतया गया आऽखरा जनकरा उनह अचछा

नही लगा शरा मत जा बोलीndash ldquoशमथ जा (सधक) बहोश पड़ हए ह वह सकलप कस करग यह तिमहर

योग कस कर 245

ऽवचर होग‛ ऽफर म मऽनदर की पीज करन म लग गय कि छ समय बद कऽवत दादा भा आ गई उनह

अचछा तरह धयन म ऽदखई दत ह उनहोन भा उस सधक क ऽवषय म बतय उनकी जनकरा और

मरा जनकरा लगभग मल कर रहा थी ऽफर म आशरम म आ गय

रऽतर क समय जब म धयन पर बठ तब सकलप क दरर ऽदवयदऽष ट स कयथ लन क परयतन

ऽकय उसा समय मिझ अपना ऽदवयदऽष ट ऽदखई दन लगा ऽफर ऽदवयदऽष ट क दरर सधक की दिघथटन स

कि छ कषण पीवथ क दशय ऽदखई दन लग वह अपना पतना को सकी टर पर बठए हए ऽलय ज चल रह थ

और दिघथटन हो गई दिघथटन क समय उनक दय ा पर सकी टर क नाच दब गय वह दय ा पर सकी टर क

सइलसर क नाच आ गय थ इसऽलए दय पर क ऽनचल ऽहसस म उनह जयद परशना बढ़ गई था

zwjयोऽक दय ा पर सइलसर दरर जल गय थ ऽफर असपतल क दशय आन लग वह बहोशा हलत म

लट हए ह उनह सिई चिभोन क असर नही होत ह कभा-कभा उनह थोड़ स होश आत ह तब वह

आाख खोल दत ह ऽफर बनद कर लत ह ऐस उनहोन तान बर ऽकय ह उनह अपन कि छ भा यद नही

आत ह मरा शमथ जा (सधक) क सीकषम शरार स बत होन लगा उसन अपन दऽहन हथ मिझ ऽदखय

और बोलndash मिझ इस जगह पर बहत कष ट हो रह ह मगर म उस जगह पर कि छ भा दख नही प रह थ

शयद अनदर की नऽड़यो म कि छ परशना था उनहोन बतयndash उनक शरार म दो जगह ददथ जयद हो रह

ह एक दऽहन हथ म दीसर दऽहन पर क नाच भग म और भा कि छ बत बतया मगर उन बतो को

ऽलखन म ठाक नही समझत ह ा म शमथ जा क ऽवषय म यह तो समझ गय ऽक य ठाक हो जएाग मगर य

पीणथ रपस कभा ठाक नही हो सकत ह इनक मऽसतषक म थोड़ा सा कमा बना रहगा मऽसतषक की कमा

शम थजा को कभा भा मलीम नही पड़गा मगर दीसर वयऽकत जयद गौर करन पर यह जन जयग इनक

मऽसतषक कि छ कमा ह ऽफर म सिबह शरा मत जा क पस गय और शम थ जा क ऽवषय म समपीणथ बत

बतया तब शरा मत जा बोलीndash sbquoआप कहत ह शमथ जा आाख खोलत ह और आाख बनद करत ह

मगर ऐस नही ह zwjयोऽक वह ऽवसतर पर बहोश पड़ हए ह आाख कस खोल सकत ह‛ म बोलndash ldquoशरा

मत जा मन धयनवसथ म ऐस हा दख ह ऽक उनहोन अपना आाख खोला ह‛ शरा मत जा बोलीndash

ldquoयह सहा नही ह वह बहोश पड़ हए ह यह तिमहर अपन ऽवचर ह‛ ऽफर म कि छ नही बोल कि छ समय

बद म आशरम लौट आय

ऽफर दीसर ऽदन सिबह शरा मत जा न मर पस खबर भजाndash आपक अनिभव ऽबलकि ल सतय ह

शमथ जा आाख आाख खोलत ह और बनद कर लत ह उसकी पतना क फोन ऽदलला स आय हउनहोन

योग कस कर 246

इस बर म बतय ह मिझ लग पत नही शरा मत जा मरा बतो पर ऽवशवस zwjयो नही करता ह शरा मत

जा न शम थ जा क ऽवषय म जनन क ऽलय बहत परयतन ऽकय थ मगर कि छ भा जनकरा हऽसल नही

कर सकी तब मिझस उस सधक क ऽवषय म जनकरा लन क ऽलएकह थ

इस अनिभव म म बहत सा बत नही ऽलख रह ह ा zwjयोऽक उऽचत भा नही ह ऐसा बतो को समज

क समन वयकत नही करन चऽहय म यह सपषट कर दीाndash मर और शरा मत जा क बाच बहत सा ऐसा बत

ह जो कभा भा समज नही जन पयग zwjयो ऽक वह मरा बहत अचछा गिर क सथ म ा भा ह वतथमन

समय म लोगो को कि छ गोपनाय बत की जनकरा हो गया ह जसndash शरा मत जा हमस आधयऽतमक

कयथ ऽलय करता था यह सतय ह मगर मन कभा ऽकसा को इस ऽवषय म नही बतय ह इसाऽलए शरा

मत जा की बहत इचछ था ऽक म ऽमरज आशरम म हा रह ा वह मिझ आशरम म ऊा च पद भा दन वला था

तथ म भऽवषय म सधको क मगथ दशथन करा उनकी य परवल इचछ था मगर म उनकी इचछ को पीणथ

नही कर सक zwjयोऽक कि छ ऐस करण थ म आशरम म रह नही सकत थ ऽफर म वपस अपन गाव आ

गय

शरी माता जी का वदवय सवरप

यह अनिभव मिझ योग ऽनदर म आयndash म आशरम म अपन कमर म लट हआ थ मिझ आशरम स

शरा मत जा क घर तक क रसत सपषट ऽदखई द रह थ इस रसत की आशरम स शरा मत जा क घर की

दीरा लगभग 6-7 ऽकमा की होगा मिझ ऽसफथ रसत हा नही बऽलक सड़क क ऽकनर खड़ पड़ खत और

सीकषम स सीकषम कण भा ऽदखई द रह थ समपीणथ रसत म परकश फल हआ थ मिझ यह भा ऽदखई द रह

थ ऽक म कमर क अनदर लट हआ ह ा कमर की दावर मिझ अवरोध नही कर रहा थी दावर परदशी

वसति की भ ाऽत लग रहा थी कमर स बहर क सब-कि छ ऽदखई द रह थ आश चयथ की बत यह थाndash

कोई भा मनिषय ऽदन म जयद दीर तक नही दख सकत ह मगर म 6-7 ऽकलोमाटर तक की दीरा सपषट दख

रह ह ा वह भा एक बर म ऽदखई द रहा था कि छ कषणो बद मिझ सड़क पर एक रथ आत हआ ऽदखई

ऽदय रथ दो पऽहयो वल थ उस रथ म एक सरथा भा थ वह घोड़ो की लगम पकड़ हए रथ को ह ाक

रह थ उस रथ पर शरा मत जा ऽवरजमन थी शरा मत जा क ऽसर पर ऊा च मिकि ट लग हआ थ उसम

बहत चमकीला मऽणय ा लगा हई थी वह मऽणया चमक रही थी शरा मत जा न सफद सड़ा पहन रखा

योग कस कर 247

था मगर उनक शल हलक लल रग क थ वह शल परकश स ऽझलऽमल रह थ शल उनहोन अपन

ऊपर ओढ़ रख थ शरा मत जा रथ पर बठकर चला आ रहा थी म कमर क अनदर लट हए दख रह

थ वह रथ सड़क पर चलत हआ आशरम की ओर आ रह थ ऽफर रथ मर कमर क समन सड़क पर

रक गय शरा मत जा रथ स उतर कर शल ओढ़ हए मर कमर की ओर आन लगी म यह दख रह थndash

मर कमर क दरवज बनद ह उसा समय शरा मत जा न दरवज पर खड़ होकर बिलयndash ldquoआननद कि मर

आननद कि मर‛ मर मन क अनदर ऽबजला सा दौड़ गया मन सोचndash शरा मत जा दरवज पर खड़ा ह

और म लट हआ ह ा म जलदा स उठकर खड़ हो गय और दरवज क पस जकर मन शरा मत जा स

कहndash ldquoशरा मत जा जर ठहरो म दरवज खोल रह ह ा दरवज अनदर स बनद ह‛ आश चयथ की बत

यह ह ऽक ऽबन दरवज खोल हा म कमर क बहर खड़ हो गय मगर दरवज जयो-क-तयो बनद थ

दरवज स बहर ऽनकलत समय म बड़ आरम स बहर ऽनकल गय दावर और दरवज स मिझ कोई

अवरोध नही हआ दरवज क बहर खड़ होकर मन यह भा दखndash ldquoआननद कि मर क सथील शरार

चरपई पर लट हआ हrdquo म शरा मत जा स कमर क बहर खड़ होकर बत कर रह ह ा

कि छ कषणो बद आयndash शरा मत जा रथ स उतरकर कमर तक पदल आई ह तो मन सोचndash उनक

परो म ऽमिा लग गया होगा म उनक पर पोछ दीा म पर पोछन क ऽलए उनक परो की ओर झिक तो

ऽदखया ऽदयndash ldquoशरा मत जा क पर भीऽम पर नही ह वह भीऽम स थोड़ ऊपर (लगभग एक फीट) खड़ा

हई ह मिझ यह जनकर बड़ आश चयथ हआ वह भीऽम स थोड़ ऊपर आधरहान आकश म खड़ा हई थी

जस हा मन उनक चहर की ओर दख तब उनहोन मिसकर ऽदय उस समय उनक चहर स तज परकश

ऽनकल रह थ उनक समपीणथ शरार परकऽशत थ इतन हमरा आाख खिल गया उस समय सिबह क

330 बज थ मर शरार म आग सा फला हई था zwjयोऽक कि णडऽलना ऊपर तक चढ़ा हई था कि छ समय

बद म धयन पर बठ गय

ऄथश- सधको मिझ शरा मत जा क घर स आशरम तक 6-7 ऽकलोमाटर की जगह एक बर म

ऽदखई द रहा था यह समपीणथ दशय ऽदवयदऽष ट क दरर दख रह थ तभा इस परकर स एक बर म हा 6-7

ऽकमा ऽदखई द रह थ मर पस शरा मत जा क सीकषम शरार आय थ इसऽलए मिझ ऐस ऽदखई द रह

थ हमर सीकषम शरार कमर स ऽनकलकर बहर खड़ हो गय थ अगर अनिभव म गौर कर तो आननद

कि मर चरपई पर हा लट हआ थ मर अनदर क शरार अथ थत सीकषम शरार क दरर हा समपीणथ कयथ हो

रह थ मर कमर क दरवज बनद थ ऽफर भा म बहर ऽनकलकर खड़ हो गय अथ थत सीकषम शरार को

योग कस कर 248

दरवज व दावरो क अवरोध नही होत ह हमरा ऽदवय दऽष ट अतयनत तावर गऽत स कयथ कर रहा था

इसा करण इतन असपषट दशय ऽदखई द रह थ

पणशता पराप त करो

यह अनिभव 2 अzwjटीबर क ह धयनवसथ म सिबह 10 बज आय आजकल कभा-कभा

मनऽसक ऽसथऽत कि छ कषणो क ऽलए खरब-सा हो जता ह इसक करण यह ह कोई न कोई वयऽकत

अपमन जनक बत कह जत ह म सोचन लगत ह ाndash मर zwjय कसीर ह जो य लोग अपमन कर जत ह

म जनत ह ा इसक हल कि छ भा नही ह कभा-कभा मन म आत ह यह आशरम छोड़ दीा कई बर ऽनणथय

ऽकय ऽक आशरम छोड़ दीाग और कही सधन करा ग मगर जब धयन पर बठत ह ा तब अनदर स आवज

आता ह ऽक अभा आशरम नही छोड़न ह इसा करण कभा-कभा मन बहत उदस हो जत ह और मन म

खीचतना होता रहता ह मगर धयन म बठकर मन म शऽनत ऽमल जता था ऽफर मिझ धयन म आन

वला आवज स ऽचढ़ लगता ह ऽक ऐसा zwjयो आवज zwjयो आता ह इसा खीचतना म सिबह स बठ

हआ थ zwjयोऽक आज सिबह सत बज शरा मत जा क पस जन थ मगर वहा पर नही ज पय मन

ऽनिय ऽकयndash अब मशरा मत जा क पस ऽमरज नही जऊा ग धयन ऽबन गिर क भा हो सकत ह मरा

तो योग म अब उचचवसथ हो गई ह शरा मत जा को अपन योग पर बहत बड़ अऽभमन ह इसाऽलए

मर अनिभवो अथव ऽकरयओ को गलत बतता रहता ह जबऽक बद म वह अनिभव और ऽकरयएा सहा

ऽनकलता ह य कसा गिर य मगथदशथक ह मन ऽनिय ऽकयndash अब म शरा मत जा स जयद सधन

करा ग तथ योगबल भा शरा मत जा स जयद मर पस होग आऽद म य सब बत सोच रह थ

तभा हमरा आाख बनद होन लगी म धयन पर बठ गय धयन पर बठत हा बहत तज परकश

ऽदखई ऽदय जस ढरो सीयथ चमकन लग हो चरो ओर तावर परकश फल हआ थ म भा परकश म खड़

हआ थ कि छ कषणो म उसा तज परकश क अनदर एक सत पिरष परकट हो गय उनक कद मधयम शरणा

क थ शरार रषट-पिषट थ भगव वसतर धरण ऽकय हए थ उनहोन हलक लल रग की कीमता शल ओढ़

रखा था शल ओढ़न क ढग थोड़ ऽवऽचतर स थ शल औरतो क समन ओढ़ हए थ अथ थत ऽसर क

ऽपछल भग सल स ढक हआ थ रग उनक हलक स ावल स थ यह महपिरष मिझस थोड़ा दीरा पर

खड़ हए थ ऽफर वह महपिरष जा मिझस बोलndash ldquoबट तिमह पीणथत हर हलत म परप त करना ह आग

योग कस कर 249

चलकर तिमह बहत कयथ करन ह भऽवषय को तिमहरा जररत ह‛ म उनह टकटकी लगए हए दख रह थ

म उनस कि छ नही बोल वह ऽफर बोलndash ldquoजओ अपन गिर क पस‛ वह महपिरष इतन कह कर चिप हो

गए ऽफर मर हा समन वह अदशय हो गय इतन म मरा आाख खिल गया ऽफर म तयर होकर शरा मत जा

क पस चल गय

मन यह अनिभव शरा मत जा को यह अनिभव सिनय मगर शरा मत जा अनिभव सिनकर उततर म

कि छ नही बोली म समझ गय शरा मत जा को हमर अनिभव अचछ नही लग होग मर सोचन थndash

जो शबद उन सनयसा जा न कह थ उस सिनकर शरा मत जा मर अनिभव स परसनन हो जयगा मगर

परसननत की जगह उनह कि छ और हा महसीस हआआपकी सोच को गिरदव धनय ह ऽशषय की

कमयबा पर गिर को परसननत होना चऽहए मगर मर गिरदव चिप ह

ऄथश- सधको य सनयसा कोई सधरण सनयसा नही थ य भगवन गौतम बिि क ऽपरय व वररषठ

ऽशषय थ इनक नम आननद थ इस समय य तपलोक क उचचसतर पर रहत ह जहा पर बरहमलोक और

तपलोक ऽमलत ह यह बत सन 1996 क जनवरा मह म मलीम हई था

मरा ऽदवयदऽष ट बहत हा तज होन क करण दीर-दऽष ट तज गऽत स कयथ करता ह दीर-दऽष ट

योगऽनदर म भा कयथ करता ह जब म सो जत ह ा तब मर परण बरहमरनधर क अनदर चल जत ह उसा

समय हमरा दीर-दऽष ट कयथ करता ह दीर-दऽष ट ऽसि होन क करण मिझ धयनवसथ म दीर-दीर तक ऽदखई

दत ह तथ योगऽनदर म भा कि णडऽलना ऊपर तक चढ़ता उतरता रहता ह जब कि णडऽलना क करण शरार

म गमी अऽधक बढ़ जता ह तब सोत समय म मरा नीद खिल जता थाzwjयोऽक गमी क करण शरार को

पाड़ होन लगता ह यऽद म इस अवसथ म एक मह और बन रहत तो अवशय हा बहत सर अनिभव

आत अब पथवा की वतथमन समय म घटन वला घटनएा और ऊपर क लोक क ऽवषय म ढरो सीकषम

जनकररय ा ऽमलता रहता थी यह सरा जनकररय ा ऽदवयदऽष ट क दरर परप त होता थी आजकल मर

शरार म बहत जयद शिित बढ़ गई था ऽकसा क नजदाक बठन मिझ अचछ नही लगत थ बस

अकलपन हा अचछ लगत थ उस समय खन की भा इचछ नही होता था कोई मर पस स ऽनकल

जएा य बत करक चल जएा तो भा अचछ नही लगत थ कभा-कभा मिझ अपन आप स झिझलहट

सा महसीस होता था मरा यददशत बहत कमजोर हो गई था यह ससर अचछ नही लगत थ अब मर

मन म मोह नही रह गय थ बस यहा लगत थ कठोर सधन करक पीणथत परप त करा

योग कस कर 250

मन एक बर सोच एक-डढ़ सल हो गय ह अब म घर हो आऊा मन घर (कनपिर ) जन क

ऽनिय कर ऽकय ऽफर मन शरा मत जा को बतय ऽक म घर जन चहत ह ा शरा मत जा न कहndash

ldquoआप एक मह क ऽलए घर हो आइए तिम मर सथ 7 अzwjटीबर को ऽनकलो मिझ जलग ाव जन ह

सतर पीन होत हए जलग ाव रकन ऽफर अपन घर चल जन zwjयोऽक कि छ सधको की इचछ ह

आननद कि मर पीन व जलग ाव म आय इसऽलए आप मर सथ चऽलए‛ मन 7 अकती बर को घर जन की

तयरा कर ला मगर मरा ऽसथऽत तो ऐसा था मिझ ऽकसा क दरर सपशथ स वदन होता था ऽकसा स बत

करन अचछ नही लगत थ बहत ऽदनो स मरा वचऽसऽि कयथ कर रहा था जब म सतर पीन और

जलग ाव जऊा ग तब सभा शहरो म सधको स बत भा करना होगा और सभा जगह खन भा खन

होग इसाऽलए अपन शरार को अशिि करन शिर कर ऽदय तऽक मिझ सधको क दरर परप त अशिित

स परशना न उठना पड़ मन अपना सधन कम कर दा ऽफर शरा मत जा न मिझ बतयndash ldquoआपको

सतर इसऽलए ऽलए ज रह ह ऽकसा क सथ आपको सजजनगढ़ भज दग वह ा पर समथथ गिर रमदस जा

की समऽध ह समऽध क दशथन करन‛ मन शरा मत जा स परथथन कीndash ldquoमरा इचछ यह भा ह ऽक म

आऽलदा म सत जञनशवरजा की समऽध क दशथन करा ‛ शरा मत जा न मिझ आजञ द दा

सजजनगढ़ की यातरा

7 अzwjटीबर को सिबह म शरा मत जा क सथ सजजनगढ़ क ऽलए कर स चल ऽदय सथ म कि छ

और भा सतसगा थ कर जब सजजनगढ़ क पस पहाचा तब शरा मत जा मिझस बोलीndash ldquoआननद कि मर

समन जो वह पहड़ा ऽदख रहा ह वह सजजनगढ़ ह‛ उस समय म कर क अनदर स हा सजजनगढ़ क

आसपस की परकऽतक-सौदयथ दख रह थ आसपस क कषतर बहत अचछ ऽदखई द रह थ ऽजसक म

शबदो म वणथन नही कर सकत ह ा यऽद ऽकसा सधक को सऽषट-सौदयथ व आधयतम क आननद लन हो तो

सजजनगढ़ अवशय जएा कि छ समय बद म सजजनगढ़ की पहड़ा पर पहाच गय कर ऊपर तक नही ज

सकता था zwjयोऽक कर क ऽलए आग क रसत नही थ कर स उतरकर हम सभा को साऽढ़या चढ़ना

पड़ी शरा मत जा न बतयndash ldquoसड़क यहा तक अभा बना ह पहल सरा पहड़ा साऽढ़यो दरर चढ़ कर

तय करना पड़ता था पहड़ा की ऊा चई बहत जयद था पहल बहत पररशरम करक ऊपर चढ़न पड़त

थ अब तो थोड़ा हा साऽढ़या चढ़ना पड़ता ह zwjयोऽक पहड़ा पर सड़क बन गई ह‛ हम सभा सधक

योग कस कर 251

पहड़ा क ऊपर पहाच गय थोड़ आरम करक समथथ गिर रमदस की समऽध पर गय वह ा पर समऽध क

दशथन ऽकए ऽफर हम सभा सधको न थोड़ स वही पर धयन भा ऽकय दोपहर को सभा न परसद भा

पय शरा मत जा आरम करन ऽलय एकत म चली गई हम सभा सधक सजजनगढ़ म घीमन लग ऽफर

एक ओर जकर पहड़ा पर बठ गए वह ा स चरो ओर दीर-दीर तक परकऽतक सौदयथ ऽदखई द रह थ

हरा-भरा छोटा-छोटा पहऽड़यो क आकषथण इतन जयद थ ऽक मर मन कह रह थ यही पर बन रहो

वह ा पर तान-चर घनट क समय कब बात गय मलीम हा हआ ऽफर वह ा स सतर क जन क ऽलए हम

सभा चल ऽदय सतर पहाच कर मलीम हआ यह ा पर मिझ तान ऽदन रकन ह सतर म तान ऽदनो तक

सतसग ऽकय ऽफर 10 अzwjटीबर को सिबह म पीन क जन क ऽलए शरा मत क सथ चल ऽदय

अवलदी यातरा

पीन मिझ 5 ऽदन रकन थ पीन पहाचन क दो ऽदन बदआऽलदा जन क परोगरम बन शरा मत

जा न कहndash ldquoआप आऽलदा ज रह हो तो ऽसिपाठ अवशय जन यह आऽलदा स एक डढ़ ऽकलोमाटर

की दीरा पर ह आऽलदा म तो जञनशवर जा की समऽध ह मगर ऽसिपाठ म जञनशवर जा की तपोभीऽम ह‛

मर मन म सत जञनशवर जा क ऽलए बहत आकषथण थ मिझ धयन म भा कभा इनक दशथन नही हए अब

मिझ इस बत क सतोष थ ऽक मिझ उनकी समऽध क दशथन होग सिबह 6-7 बज कि छ सधको क सथ

बस दरर आऽलदा पहाच गय सभा न आऽलदा म समऽध क दशथन ऽकए ऽफर हम सभा कि छ समय क

ऽलए धयन पर बठ गए धयन म मिझ एक सत क दशथन हए उनक ऽसर पर मरठा ढग की पगड़ा बाधा हई

था मसतक पर चनदन क ऽतलक लग थ उस सत की उमर भा जयद लग रहा था म उनक जयद

वणथन नही कर सकत ह ा zwjयोऽक मन उनह पहल कभा नही दख थ धयन लगभग 15-20 ऽमनट क

ऽकय थ ऽफर मन वही पर एक फोटो दख मन एक सधक स पीछndash ldquoयह फोटो ऽकसक ह‛ तब उस

सधक न बतयndash यह फोटो सत जञनशवर जा क बड़ भई ऽनवऽततनथ जा क ह म तिरनत समझ गय मिझ

इनही क दशथन हआ ह ऽफर कि छ समय बद पदल चल करहम सभा ऽसिपाठ पहाच गय वह ा पर कि छ

समय बद हम सभा सधक धयन करन क ऽलए बठ गए

योग कस कर 252

जञानशवरजी व मकताबाइ अवद क दशशन

मरा सधन अचछा चल रहा था इसऽलए आसन पर बठत हा धयन लग गय मन सत जञनशवर

जा स परथथन कीndash sbquoमरा बड़ा इचछ ह ऽक मिझ आपक दशथन हो कपय आप मिझ दशथन दकर मरा इचछ

पीरा कर दाऽजय‛ म सकलप करक धयन म करन गय कि छ कषणो बद आवज आईndash ldquoरदय म धयन

करो‛ आवज सिनकर मन सोचndash म रदय म धयन कस करा आवज आत हा मन रदय पर धयन

लगन क परयतन ऽकय मगर रदय म मन एकगर नही हआ मिझ ऐस लग ऽक अब मर धयन हा नही

लगग मगर इसा खीचतना म मन कब एकगर हो गय मिझ मलीम नही हआ वस मर मन बरहमरनधर क

अनदर साध पहाचत थ मगर अबकी बर मिझ महसीस हआ ऽक परण और मन दोनो हा आजञचकर म एक

सथ रक गए इस करण आजञचकर पर दबव पड़न लग मिझ लगndash म आजञचकर क अनदर परवश कर

रह ह ा कषणभर म मसतक पर खड़ आकर म एक आाख ऽदखई दन लगा वह आाख इन सथील आाखो स

बड़ा था यह आाख पीरा तरह स खिला हई था आाख ऽबलकि ल सवचछ और तज था कि छ समय तक म

इस आाख को दखत रह ऽफर यह आाख ऽदखई दना बनद हो गई

उसा समय दीसर दशय आ गय मिझ एक लड़की ऽदखई दन लगा वह लड़की तरण था लड़की

क रग गोर थ उनक चहर बहत तजसवा थ उसन नक म गोल ररग पहन रखा था उसक चहर मर

अऽत नजदाक थ वह मिसकर रहा था कि छ कषणो म मर धयन कमजोर पड़ गय कि छ कषणो बद म गहर

धयन म लान हो गय ऽफर मिझ वहा आाख खड़ आकर म मसतक पर ऽदखई दन लगा इसा आाख क

दरर मिझ अपन समन एक नवयिवक ऽदखई दन लग वह नवयिवक मिझस थोड़ा दीर पर बठ हआ थ

उसक रग गोर थ मगर वह जयद गोर नही थ सिडौल सिनदर शरार थ उमर 18-19 वषथ क लगभग

रहा होगा कमर स ऊपर शरार पर कोई कपड़ नही थ कमर म धोता पहन हए थ उसक ऽसर क बल

थोड़ घिाघरल स व लमब थ बल कनधो पर रख हए थ बल ऐस लग रह थ जस अभा-अभा सनन करक

बठ ह zwjयोऽक उसक बल कि छ उलझ हए स थ समभवतः उसक शरार की लमबई सढ़ प ाच फीट स 6

फीट क बाच रहा होगा वह नवयिवक मरा ओर दखत हए मिसकर रह थ उस दखत हा मिझ आवज

सिनई दाndash ldquoय सतजञनशवर जा ह‛ य शबद सिनत हा मर धयन ऽफर कमजोर पड़न गय म अपन अनदर

परसनन हो रह थ ऽफर स गहर धयन लग गय तभा मिझ मसतक पर खड़ा आकर म आाख ऽदखई दन

लगा इतन म एक ऽवशल आकर वल मनव चहर समन आ गय उनक ऽसर क बल सफद व

लमब-लमब थ मसतक पर तवच की ऽसलवट सफ ऽदखई द रहा थी चहर क रग सिखथ लल थ चहर

योग कस कर 253

स आग जस परकश ऽनकल रह थ वह मिझ शनत मिदर म दख रह थ उनकी आाख ऽबलकि ल शनत थी

इन महपिरष को दखत हा मर मन म आय ऽक य मह पिरष इस यिग क नही ह zwjयोऽक उसक चहर

ऽवशल व तजसवा थ

ऄथश- इस अनिभव क बद ऽफर मर धयन कमजोर हो गय मर मन तो नही कर रह थ ऽक म

धयन स न उठीा मगर मर शरार थक गय थ आजञचकर क कषतर बिरा तरह स दिखन लग थ आाख म ददथ

स होन लग थ म लगभग डढ़-दो घनट धयन पर बठ रह मन हमर बहत अऽधक परसनन हो रह थ

zwjयोऽक मरा इचछ पीरा हो गई था मिझ यद आयndash आजकल फोटो म जस सत जञनशवर जा बहत सिनदर

ऽदखत ह वसतव म इतन सिनदर नही थ लऽकन वह बहत तजसवा बहत थ उनक रग गनहआ (जयद

गोर नही) थ ह ा उनकी छोटा बहन मिकतबई गोरा था और बहत सिनदर भा था य भा अतयनत तजसवा

था मिझ जो लड़की ऽदखई दा वह सत जञनशवर जा की बऽहन मिकतबई था मगर म उन महपिरष को नही

पहचन सकऽजनक चहर बहत बड़ व ऽसर क बल सफद थ धयनवसथ म मिझ बर बर एक आाख

ऽदखई दता था वह मरा ऽदवयदऽष ट था ऽदवयदऽष ट क दरर मिझ य सभा अनिभव आए थ

धयन स उठकर हम सभा सधको न खन खय ऽफर मन अपन अनिभव सभा सधको को

सिनए कि छ दर तक वह ा पर बठ रह ऽफर आऽलदा क ऽलय वह ा स चल ऽदय पीन आकर शरा मत जा

को सभा अनिभव सिनए अनिभव सिनकर शरा मत जा बहत परसनन हई 14 अकती बर की रऽतर को पीन स

टरन दरर जलग ाव क ऽलए चल ऽदय जलग ाव आकर मिझ वह ा पर 6-7 ऽदनो तक रकन पड़ यहा पर

जलग ाव क सधको क सथ आधयऽतमक आननद लत रह सभा सधको क परशनो क उततर दन म म

समथयथ रखत थ तथ ऽकसा भा सधक क कि छ भा जन सकत थ सधक बनधि आधयतम स हटकर

भा ससर क ऽवषय म भा पीछत थ तब म कि छ कषणो म हा उनक सटाक उततर द दत थ जलगाव क

सधको स हमरा बहत बनता था जलग ाव स कई सधक-बधिओ क सथ कणवशरम भा गय थ ऽफर

जलग ाव स 12-13 ऽकमा दीर जफरबद म महन ऽसि पिरष ऽजपपरी अणण की समऽध पर गयवहा पर

थोड़ स धयन भा ऽकय थ ऽफर वपस आ गय दीसर ऽदन अजनत की गिफएा दखन कि छ सधको क

सथ गय थ अजनत की गिफओ म भगवन बिि क जावन चररतर पर ऽचतरकरा व ऽशलपकरा दखन को

ऽमला य सभा गिफएा बहत सिनदर था ऽफर 20-21 अzwjटीबर को घर क ऽलए (कनपिर) चल ऽदय घर म

एक मह तक रह उस समय अनिभव भा आए थ मगर यह ा पर उन अनिभवो को ऽलखन उऽचत नही

योग कस कर 254

समझत ह ा ऽफर ऽदलला होत हए जलग ाव आ गय अबकी बर जलग ाव म 8 ऽदनो तक रक ऽफर म

अकल हा ऽमरज आ गय शरा मत जा जलगाव म हा बना रही

अब शरा मत जा मिझ धयन म अzwjसर ऽदखई ऽदय करता था धयनवसथ म अनिभव जयद

नही आत थ कभा-कभा आ जत थ अब अनिभव योगऽनदर म आन लग थndash अनिभव म म कि छ भा कर

रह ह ा तभा शरा मत जा उपऽसथत हो जता थी म कही ज रह ह ा तभा ऽदखई दन लगत थ ऽक मर

सथ शरा मत जा भा चल रही ह कभा-कभा शरा मत जा स मिझ डर लगन लगत थ zwjयोऽक वह हर

समय मर सथ रहता थी एक बर शरा मत जा आशरम म आई तब म उनस पीछndash ldquoशरा मत जा जब म

सो जत ह ा आप सवपन म मर सथ रहता ह कही भा घीम रह ह ा (अनिभव म) तो आप मर आग ओर और

दय य बय ओर होती ह कभा-कभा सवपन म कोई कयथ करन लगीा तो आप उसा समय वही पर

उपऽसथत हो जता ह कभा-कभा कयथ करन क ऽलय आप मन भा कर दता ह शरा मत जा यह कस

होत ह ऽक आप अब सदव मर सथ रहता हrdquo शरा मत जा न बतयndash ldquoआपकी सधन की जो ऽसथऽत

ह उसक करण आपम और मिझम कोई जयद दीरा नही रह गई ह आप मर अऽत नजदाक आ गए ह

इसऽलए म हमश आपको सवपन म ऽदखई दता ह ा मगर जब गिर और ऽशषय एक हो जत ह तब इस तरह

ऽदखन बनद हो जत ह इस अवसथ म कौन ऽकस दखग zwjयोऽक दोनो एक हा हो जत ह‛ ऽफर उनहोन

सवमा जा क उदहरण ऽदय सवमा जा क रप म कभा म सधको को ऽदख जता ह ा कभा म और

सवमा जा एक सथ होत ह मन सवमा जा स पीछndash तो सवमा जा न बतय sbquoजब हम और आप एक

हो गय ह तो तिमह कस ऽदखई दीा ‛

दो दल का कमल

यह अनिभव 31 ऽदसमबर क ह सिबह धयनवसथ म दखndash म तज परकश म खड़ हआ ह ा चरो

ओर परकश हा परकश ह मर समन बहत बड़ आकर क एक कमल क फी ल ऽखल हआ ऽदखई द

रह ह इस कमल क फी ल म दो हा पखिड़ा ह यह कमल क फी ल रगान नही ह बऽलक परकश क सतरगा

ऽकरणो स दोनो पखिऽड़य ा बना हई ह रगहान होत हए भा कमल क फी ल बहत अचछ लग रह ह उसा

फी ल को दखकर म मिसकर रह ह ा मन तिरनत कहndash ldquoयह कस कमल क फी ल ह इसकी दो हा पखिऽड़य ा

ह‛ उसा समय आवज आईndash ldquoयह आजञाचकर का कमल ह इसम दो ही पखिड़या होती ह आननद

योग कस कर 255

कमार तमह बहत बरा लगता ह जब लोग अकारण उकटा-सीधा बोलत ह इन सभी को बोलन द खब

बोलन द तयाग इसको सब कछ तयाग आग की ओर बढ़ और आग‛ ऽफर कि छ कषणो बद आवज

आईndash sbquoतम आपन को साधक समझत हो अभी मरी दिष ट म साधक नही बन हो रानत हो जाओ

िबलकल रानत रानत योग म उचचतम अवसथा को पराप त करो‛

वाचा वसवि का परयोग

मर अनदर योगबल दरर कोई नय परयोग करन की इचछ जगऽत हई था मन यह परयोग गिर

पीऽणथम स पहल ऽकय थ मर य परयोग पीरा तरह स सफल रह थ आशरम म एक कि ऽतय अzwjसर आय

करता था कि ऽतय क शरार ऽसफथ हडऽडयो क ढ ाच मतर थ म दोपहर को खन खय करत थ तब

उस कि ऽतय को भा थोड़ स डल ऽदय करत थ शम क समय म खन हा नही खय करत थ मगर

कि ऽतय शम को भा खन क इनतजर ऽकय करता था और वपस चला जता था ऽफर दोपहर को वह

खन क एक घणट पहल आ जता था और खन क इनतजर ऽकय करता था धार-धार वह मर पस

बठ जय करता था तब म पयर स उसक शरार पर हथ ऽफरय करत थ तथ शम क ऽलए कि ऽतय को

खन दन क ऽलए रख ऽलय करत थ म शम को खन नही खत थ मगर कि ऽतय को अवशय

ऽखलत थ कभा-कभा कि ऽतय क ऽलए शम को नमकीन चवल बन ऽलय करत थ उस समय मर

मन म एक और बत आईndash zwjय म जनवरो क वलय दरर जनवरो क मन की बत जन सकत ह ा यह

परयोग मिझ करन थ उसक ऽलय मन इसा कि ऽतय को हा चिन थ उस समय मर शरार बहत जयद शिि

हो गय थ म धयन बहत अऽधक ऽकय करत थ और मतर जप भा बहत ऽकय करत थ इसाऽलए

ऽकसा पिरष क ऽनकट आन पर उसक वलय क दरर उसकी ढरो जनकररय ा मिझ हो जता था म उस

पिरष क ऽवषय म बहत कि छ जन लत थ

मन कि ऽतय पर परयोग क ऽलए उसक शरार पर हथ ऽफरन शिर कर ऽदय वह घस पर लटा हई

था उसन आाख भा बनद कर रखा थी मन उसक आग क पर पकड़कर जोर स ओकर ऽकय ओकर

करत समय कि ऽतय क शरार म कमपन होन लग कि ऽतय न आाख खोल दा और ऽफर बनद कर ली म

अपना आाख बनद करक धयन करन लग म धयन करत समय कि ऽतय क आग क पर पकड़ रख थ कि छ

योग कस कर 256

समय बद सकत ऽमलन शिर हो गयndash ldquoवह उस समय भा भीख स पाऽड़त था उस खन खन की इचछ

था मर सपशथ उसको अचछ लग रह थ मर सपशथ स कि ऽतय को शऽनत की अनिभीऽत हो रहा था

कि छ ऽदनो बद मर एक गिर बधि पीन स आय हए थ वह डॉzwjटर थ मन डॉzwjटर सहब को म सरा

बत बतई एक ऽदन शरा मत जा क यह ा स डॉzwjटर सहब मर पस आए और बोलndash आपको और मिझ

शरा मत जा न सिबह बिलय हआ ह दीसर ऽदन सिबह हम दोनो शरा मतजा क पस पहाच गय शरा मत

जा क यह ा मिझ बहत समय लग गय अब मर मन कि ऽतय की ओर गय ऽक वह आज भीखा रह

जएागा म और डॉzwjटर सहब शरा मत जा क यह ा स रऽतर 10 बज आशरम म आ पए उस समय

आसपस म घन बदल छए हए थ तथ हलकी-हलकी बररश हो रहा था हम दोनो कमर की ओर आ रह

थ डॉzwjटर सहब आग-आग चल रह थ घोर अधकर थ कि छ भा ऽदखई नही दत थ कमर क दरवज

पर पहाचत हा डॉzwjटर सहब बोलndash आननद कि मर जा यह ा पर कि छ ह मर पर क नाच कि छ पड़ गय ह

डॉzwjटर सहब पाछ की ओर लौट आए म बोलndash ldquoडॉzwjटर सहब वह ा पर सपथ होग पाछ की ओर आ

जओ म पड़ोसा स टचथ म ाग क लत ह ाrdquo उसा समय डॉzwjटर सहब बोलndash ldquoआ जइए आननद कि मर

जा यह ा पर आपकी कि ऽतय हrdquo मन आग बढ़कर दरवज खोल लइट जलन पर मलीम हआ ऽक

कि ऽतय पीरा तरह स भाग चिकी ह वह ठनड स काप रहा ह मिझ उसकी हलत दखकर बहत दिःख हआ म

कि ऽतय को भर पट खन भा नही द सकत थ ऽसफथ थोड़ स भोजन क ऽलए यह बररश म बठा हई भाग

रहा था जन कब स मर इनतजर कर रहा होगा म यह बत दीाndash यह पलती कि ऽतय था मगर इसक

मऽलक शयद खन नही दत थ अथव पट भर क खन नही ऽखलत थ वह मजदीरा क कम करत

थ तथ आशरम स थोड़ा दीरा पर रहत थ

आशरम वपस आत समय शरा मत जा न थोड़ खन मिझ द ऽदय थ मन डॉzwjटर सहब स

पीछndash ldquoऽकतना रोऽटया ह‛ डॉzwjटर सहब बोलndash ldquoचर रोऽटया ह‛ म बोलndash एक रोटा कि ऽतय को

ऽनकल दो म खन नही खऊा ग एक रोटा कि ऽतय को द दा गया ऽफर तान रोऽटयो म हा दोनो न खन

खय zwjयोऽक डॉzwjटर सहब न मिझ खन क ऽलए मजबीर ऽकय थ ऽफर दोनो सो गए सिबह म दिःखा स

थ म ऽनऽित ऽकय कि ऽतय को इस शरार स छि ड़ दीाग zwjयोऽक कि ऽतय की हलत रोज-रोज दखा नही

जता था उसा समय कि ऽतय भा वही पर आ गई मन कि ऽतय को पकड़ कर भीऽम पर ऽलट ऽदय मन

कि ऽतय क ऽसर क ऊपर सपशथ करक ओकर ऽकय ऽफर उस पर वच ऽसऽि क परयोग ऽकय और कहndash

ldquoइस कि ऽतय को शाघर हा इस शरार स छि टकर ऽमल जय‛ आज शिकरवर क ऽदन थ हम दोनो शरा

योग कस कर 257

मत जा क पस चल गए डॉzwjटर सहब को वपस पीन भा जन थ वह शरा मत जा क पस ठहर गय

म रऽतर क समय ऽमरज स अकल आशरम वपस आ गय मन इधर-उधर कि ऽतय दखा मगर कि ऽतय कही

भा ऽदखई नही दा मन जोर-जोर स कि ऽतय को बिलन शिर कर ऽदय मगर कि ऽतय नही आया ऽफर

पड़ोसा न आकर बतयndash आननद कि मर आपकी कि ऽतय टरक क नाच आ गई ह और वह मर गई ह म

मन म बहत खिश हआ चलो इस शरार स उस मिऽकत तो ऽमला ऽफर मन सकलप ऽकयndash ldquoकि ऽतय क

मऽलक भा यहा स चल जएाrdquo ऽफर 10-15 ऽदन बद मिझ बतय गय कि ऽतय क मऽलक वपस

कनथटक चल गय ह उसक लड़क बामर थ और उसक पस रपय नही थ

ऄथश- सधको मन वच-ऽसऽि स और भा कयथ ऽलए ह मगर म उन कयो क ऽवषय म ऽलख

नही रह ह ाzwjयोऽक ऽलखन आवशयक नही समझत ह ा वच-ऽसऽि स अचछ कयथ ऽकय ज सकत ह

और अधमथ स यिकत भा कयथ ऽकय आ सकत ह इसऽलय यह ऽसऽि अचछा भा होता ह और बिरा भा होता

ह यह सधक क ऊपर ह वह इस ऽसऽि स कस कयथ लन चहत ह वच ऽसऽि क समय सधक को

बहत समभल कर बोलन होत ह इस ऽसऽि क दरर मन बहत स सधको क मगथदशथन क कयथ ऽकय

सधको अगर योग म सधक की उचचतम ऽसथऽत ह तो धयन क मधयम स आप पड़ो स सीकषम

सदश गरहण कर सकत ह तथ अनय कई परकर की जनकरा परप त कर सकत ह ऐस परयोग मन ढरो बर

ऽकए ह पड़ो म भा कई परकर की जऽतया होता ह कि छ पड़ो म शिित जयद होता ह कि छ पड़ो म

शिित कम होता ह यो तो सभा पड़ो म जड़तततव की परधनत होता ह ऽफर भा कि छ पड़ अचछ होत ह

अचछ पड़ो म फलदर वकषो की सखय अऽधक ह यऽद आप पड़ो स दीसरो क ऽवषय म जनकररय ा परप त

करन चह तो कर सकत ह पड़ो म भा तो चतन तततव होत ह इसा चतन तततव क करण सर कयथ

समपनन होत ह पड़ो पर परयोग कस करत ह इसक उललख म नही कर रह ह ा zwjयोऽक इस कयथ को करन

क ऽलए सधक की उचचतम अवसथ होना अऽत आवशयक ह

योग कस कर 258

सन 1993

सकलप करो अतमा साकषातकार हो

शरा मत जा जनवरा क परथम सपतह म कि छ सऽधकओ क सथ आशरम म आयी था ऽफर वह

दो तान ऽदनो तक आशरम म रकी था उस समय हम सभा सधक शरा मत जा क समन धयन पर बठ हए

थ ऽफर 8 जनवरा की रऽतर को शरामत जा न मिझ समझयndash ldquoआननद कि मर आप बठत हा धयन करन

शिर कर दत ह आपक धयन भा लग जत ह आप कि छ सकलप आऽद नही करत ह आपको सकलप

करन चऽहए ऽबन सकलप क आपको zwjय परप त होग कि छ लकषय तो होन चऽहए मरा समझ म नही

आयndash zwjय सकलप होन चऽहए zwjय लकषय होन चऽहए मन शरा मत जा स पीछndash ldquoमिझ zwjय सकलप

करन चऽहए‛ शरा मत जा बोलीndash ldquoआपको सकलप करन चऽहए मिझ जञन की परऽपत हो तभा मलीम

होग इस जगत क ऽनम थण zwjयो हआ हम कहा स आए ह zwjयो आए ह आप को यह भा सकलप करन

चऽहए मिझ आतमसकषतकर हो यहा आपक लकषय होन चऽहए ऽफर मन म वयपकत और आएगा

अब आपक अनदर जञन परप त की इचछ परबल होना चऽहए तऽक आपको जञन परप त हो सक

महापरष

धयनवसथ म अनिभव आयndash म चबीतर जसा आकर वला जगह पर बठ हआ ह ा मर समन

एक पतर म कि छ रख हआ ह उस पतर म zwjय रख हआ ह म नही बत सकत ह ा पतर म कि छ ह ऐस

भऽसत हो रह ह मगर zwjय ह यह मिझ मलीम नही ह इतन म मर पस एक महपिरष आत हए ऽदखई

ऽदय जब वह मर पस आ गए तो मन दखndash उनक कद लमब ह लगभग सढ़ छह फीट रह होग ऽसर

पर बड़-बड़ बल थ तथ दढ़ा क बल भा लमब-लमब थ ऽसर और दढ़ा क बल ऽखचड़ा थ यह

महपिरष तजसवा ऽदखई द रह थ इसस सपषट होत थ ऽक य उचचकोऽट क योगा ह जब महपिरष मर

पस आए तो बोलndash ldquoवह दखो आपक पतर ल गई‛ म उनक यह वzwjय सिनकर अचऽमभत हआ और

सोच ऽक कौन मर पतर ल गया इतन म मन दख जो पतर म अपन गिर क पस ल जन वल थ वह

पतर एक सतरा लकर चला गई इतन म मन उस सतरा क शाघरत स पाछ ऽकय वह सतरा थोड़ स हा आग

योग कस कर 259

ज पई था ऽफर वह एक जगह बठ गई वह सतरा अपन हथ म उस पतर को ऽलय हए था म उसक समन

खड़ हो गय ऽफर म बोलndash ldquoयह पतर मर हrdquo मगर वह सतरा कि छ नही बोला ऽसफथ मिसकरई उस सतरा न

पतर क अनदर भर हआ पदथथ पा ऽलय मिझ लगndash यह म अपन गिर क ऽलए ल ज रह थ यह तो

इसन पा ऽलय ऽफर म बोलndash ldquoजो आपन पा ऽलय ह उस पतर समत वपस करोrdquo वह सतरा कि छ नही

बोला ऽसफथ मिसकर दा अब म उस सतरा को गौरपीवथक दखन लगndash वह अतयनत सिनदर था उसक शरार स

तज आभ ऽनकल रहा था तथ वह सवय परकश म बठा हई था म भा परकश म उसा क समन खड़

हआ थ म ऽफर उसस बोलndash ldquoमिझ वह पतर व उसक पदथथ चऽहएrdquo इतन म अनतररकष स आवज

आईndash ldquoउसक बदल म तिमह शाघर हा दीसर ऽमल जएाग‛ मगर अब भा वह सतरा हमरा ओर मिसकर रहा

था अनिभव समपत हो गय

ऄथश- सधको यह सतरा कि णडऽलना शऽzwj त था जो उस पतर को लकर चला गया था मगर पतर म

zwjय भर हआ थ म नही समझ सक उसम सऽतवक शऽzwj त था वह सवयम कि णडऽलना शऽzwj त न पा

ऽलय वह अब मिझ भऽवषय म ऽमल जयग इस अनिभव म वह महपिरष मर दो जनम पीवथ क ऽपत शरा थ

दो जनम पवश का दशय

अभा मन ऽपछल अनिभव म मन ऽजस महपिरष क वणथन ऽकय ह उनही महपिरष क इस अनिभव

म मिझ दशथन हो गय ऽबलकि ल पहल वल वहा ऊा च कद सिडौल शरार वहा ऽसर पर सफद-कल बल

व दढ़ा था एक पड़ क नाच चबीतरनिम जगह था उसा चबीतरनिम जगह पर आसन ऽबछकर बठ हए

थ उनक हथो म ससकत की एक मोटा पिसतक था उनक समन चबीतर क नाच एक यिवक भा बठ हआ

थ यिवक की उमर 20-22 वषथ क लगभग रहा होगा उसक कद भा उनही (महपिरष) क समन ऊा च थ

सिडौल व गठाल शरार थ उस यिवक क रग गोर थ उसन ऽसफथ सफद धोता पहन रखा था चहर पर

हलकी सा दढ़ा भा आ गई था यिवक बहत सिनदर व आकषथक थ यह यिवक भा एक पिसतक हथो म

ऽलए हए थ वह महपिरष उस यिवक को ससकत भष म कि छ पढ़ रह थ ऐस लगत थ यिवक को वदो

क मतरो क उचचरण करन ऽसख रह थ वह यिवक भा मतरो क उचचरण शाघरत स करत ज रह थ

योग कस कर 260

ऄथश- सधको यह दशय मर दो जनम पीवथ क थ वह नवयिवक म हा थ जो महपिरष मिझ पढ़

रह थ वह मर ऽपतशरा थ वहा मर उस जनम म गिरदव भा थ मर ऽपतशरा महन योगा थ वतथमन समय म

वह तपलोक म उचचसतर म समऽध म लान रहत ह हमरा ऽपत शरा स एक बर बत हई था यह बत

कफी लमबा हई था यह बत ऽदसमबर सन 1995 की ह सधको अपन ऽपछल कई जनमो क ऽवषय म

जनत ह ा ऽजसक वणथन म थोड़ स म आग करा ग

कणडवलनी शवzwj त

यह अनिभव 18 जनवरा क ह मन दखndash छह साढ़ानिम छोट-छोट जलशय ह जस पहड़ो पर

करमशः ऊपर की ओर साऽढ़या बना होता ह इन जलशयो को थोड़ दीर स तथ अनतररकष म खड़ होकर

दख जएा तो ऐस ऽदखई दत थ जस साऽढ़यो की करमशः एक स दीसर की ऊा चई जयद होता जता ह

इसा परकर जलशय बन हए ह एक जलशय स दीसर जलशय आग की ओर थोड़ स ऊपर ऽवदयमन

ह मन ऽगनकर दख वह छोट-छोट छह(6) जलशय बन हए ह छठव जलशय क ऊपर स ऽबलकि ल

सवचछ परदशी पना परकट हो रह ह और तावर धर क रप म छठव जलशय म आ जत ह छठव

जलशय क दीसर ओर स पना ऽनकलकर प ाचव जलशय म आ जत ह ऽफर पाचव जलशय क पना

दीसर ओर स ऽनकलकर चौथ जलशय म आ जत थ इसा परकर सबस नाच पहल वल जलशय म

पना आत ह सबस नाच पहल वल जलशय क पना अपन आप अदशय हो जत ह उसम पना की

मतर बढ़ता नही ह बऽलक पहल जस बना रहता ह इस परकर छठव जलशय क ऊपर स पना परकट

होकर नाच की ओर पहल जलशय तक आत ह ऽफर उसा म ऽवलान होत रहत ह

ऽजस जगह स पना परकट हो रह ह वह ा पर सरोत ऽदखई नही द रह ह बऽलक अनतररकष स अपन

आप पना परकट हो रह ह जहा स पना परकट हो रह हम वही पर खड़ हआ इन जलशयो को दख

रह ह ा उसा समय पना क अनदर एक सपथ ऽदखई द रह थ वह सधरण सपो की तरह नही ह उसक

शरार सिखथ लल तप हए सोन की भ ाऽत ह ऐस लग रह ह वह अऽनन स बन हआ ह उस सपथ क शरार

बहत लमब ह उसकी पीाछ ऽनचल परथम जलशय म ह और उसक मिाह छठव जलशय स ऊपर ह सपथ

क शरार सभा जलशयो स होत हआ ऊपर तक ऽवदयमन ह सपथ जोर लगकर पना क उदगम तक जत

ह और ऽफर ऽफसल कर थोड़ स नाच की ओर आ जत ह उसा समय मर मिाह स आवज आयाndash यह

योग कस कर 261

सपथ सधरण सपो की तरह नही ह यह कि णडऽलना शऽzwj त ह कि णडऽलना शऽzwj त बहत सधन करन क बद

जगरत होता ह कि छ कषणो म पना अपन आप ऽसथर हो गय सपथ पना क उदगम क पस आय और पना

क ऊपरा सतह क ऊपर कि णडला मर कर बठ गय उसक मिाह (फन) ऊपर की ओर उठ हआ थ म उस

दख रह थ वह मिझ दख रह थ ऽफर अनिभव समपत हो गय

ऄथश- इस परकर क अनिभव मन पहला बर दख ह कि णडऽलना क सवरप सिखथ लल तप हए

सोन क समन ह तथ पना क ऊपर कि णडला मर बठा हई मिझ दख रहा था महतवपीणथ बत यह हndash वह

छठव जलशय स ऊपर उदगम कषतर म कि णडला मर बठा था पना अपन आप जह ा क तह ा रक गय थ

जब मन यह अनिभव शरा मतजा को सिनय तब उनहोन जो अथथ मिझ बतय उसस म सतिषट नही हआ

उनक दरर ऽनकल गय अथथ मर योगभयस स मल नही करत थ zwjयोऽक म अपना ऽसथऽत अचछा तरह

जत थ य छह जलशय जो साढ़ानिम ऽदखई द रह ह वह मर सीकषम शरार क छ (6) चकर ह उसक

ऊपर पना क उदगम कषतर मर शरार म ऽसथत बरहमरनधर ह कि णडऽलना शऽzwj त सबस ऊपर उदगम कषतर म

कि णडऽलना मरकर ऽसथर हो गईndash कि णडऽलना बरहमरनधर क अनदर नही जता ह बऽलक बरहमरनधर दरर को

खोलकर धयनवसथ म साधा खड़ा रहता ह ऽफर सधक की सधन क अनिसर कि छ ऽदनो बद अथव

जयद ऽदनो म कि णडऽलना बरहमरनधर दरर होत हए आजञ चकर पर आता ह ऽफर आजञ चकर स साध-नाच

की ओर अपन मगथ बनत समय तली को कटत हए रदय म आ जता ह ऽफर रदय म ऽसथत कमो को

अभयसनिसर जलन लगता हतथ रदय म ऽसथत वयि को सोखन लगता ह इस अवसथ म कि णडऽलना

क आकर बहत हा लमब हो जत ह मीलधर स लकर बरहमरनधर तक ऽफर बरहमरनधर स आजञ चकर होत

हए तली को कटत साध रदय म परवश कर जता ह कि णडऽलना की लमबई समभवतः इतना हो जता ह

सधक क भौऽतक शरार की लमबई क बरबर स थोड़ा सा कम लमबई रह जता ह धयन समपत होन

पर कि णडऽलना रदय स वपस ऽफर मीलधर चकर म चला जता ह और मीलधर चकर म ऽसथत ऽशवऽलग

पर ऽलपट जता ह जब कि णडऽलना समऽध क अभयस दरर ऽसथर हो जता ह तब वपस मीलधर म

वपस नही आता ह बऽलक वह अपन अऽनन तततव वल सवरप को तयग कर वयि तततव म ऽवलान होकर

सर शरार म वयपत हो जता ह इस कि णडऽलना की पीणथ यतर अथव कि णडऽलना क ऽसथर होन कहत ह

zwjयोऽक सधक न अऽनन तततव स समबऽनधत सीकषम शरार क ऽवकस कर ऽलय ह अब उस वयि तततव स

समबऽनधत अपन सीकषम शरार क ऽवकस करन ह

योग कस कर 262

सधको इस अनिभव म कि णडऽलना ऽसथर होन क दशय दख थ हमरा कि णडऽलना बहत हा शाघर

ऽसथर हो गई था ऐस मर ऽपछल जनमो क कठोर अभयस तथ वतथमन जनम क तयग और कठोर

अभयस क करण हआ ह म जनत ह ा बरहमरनधर खिलन क बद कि णडऽलना ऽसथर होन म सधक को

अभयस करत हए कई वषथ बात जत ह तब कि णडऽलना ऽसथर हो पता ह ऽकसा-ऽकसा सधक को

समपीणथ जावन हा बात जत ह मगर कि णडऽलना ऽसथर नही हो पता ह सवय शरा मत जा को बरहमरनधर

खिलन क बद कि णडऽलना ऽसथर करन क ऽलय कई वषो तक अभयस करन क बद हा समभव हआ थ

ऐस मन ऽदवय दऽष ट क दरर दख थ

ऽजन सधको की कि णडऽलना अतयनत उगर होता ह उनकी कि णडऽलना ऽसथर शाघर हा हो जता ह

मधयम शरणा की कि णडऽलना वल सधको को कि णडऽलना ऽसथर होन म कई वषथ लग जत ह शनत

सवभव वला कि णडऽलना क सधको को कि णडऽलना ऊधवथ होन क बद ऽसथर करन क ऽलए ऽनऽित हा

कई वषथ लग जत ह कभा-कभा एक जनम म ऽसथर नही होता ह म ऐस कि छ सधको को जनत ह ा

ऽजनकी कि णडऽलना ऊधवथ हए 20 वषथ बात गए मगर कणठचकर नही खोल पय ह ऐस सधको की

कि णडऽलना की पीणथ यतर होकर ऽसथर कब होगा यह मिझ मलीम नही ह एकndash ऐस सधक सधन कम

करत ह इसऽलए इतन समय लग जत ह इसऽलए ऽकसा क ऽवषय म कि छ नही कह ज सकत ह ऽक

कि णडऽलना कब ऽसथर होगा दोndash यऽद सधक क ऽपछल जनम दख जएा तथ वतथमन सधन क अनिसर

अनिमन लगय जएा तो कि छ बतय ज सकत ह

इश वर

यह अनिभव 27 जनवरा को आय धयनवसथ म यह जनकरा अपन आप दा गया मितश पजा

स िचतत म रिदध होती ह इसस मन एकागर करन म सहयता िमलती ह कया ईश वर िसरश मितश क अनदर बठा

हआ ह ईश वर तो सवशतर वयाि ह सभी परािणयो म तथा समपणश जड़ पदाथश म भी वयाि ह ईश वर बरहम का

सगण सवरप होता ह िजस तरह स बरहम क अनदर समपणश बरहमाणड वयाि ह उसी तरह स ईश वर क अनदर

भी बरहमाणड वयाि होता ह ईश वर का ररीर परा-परकित क दवारा बना हआ होता ह िरर भी वह परकित स

पर होता ह कयोिक परा-परकित चाह िजतनी सरितश वान हो िरर भी वह जड़ ही ह ईश वर क ररीर को

महाकारण ररीर कहत ह तततवजञानी योगी भी सथल ररीर तयागन क बाद महाकारण जगत म (परा-

योग कस कर 263

परकित) िसथत हो जाता ह योगी चाह िजतनी साधना कर ल मगर वह कभी ईश वर नही बन सकता ह

कयोिक ईश वर अजनमा ह परकित का परभाव ईश वर पर नही पड़ता ह इसिलए ईश वर ही सवश शरषठ ह वह

सवशतर ह और वयापक ह ईश वर की ितरगणातमक परकित सामयावसथा म रहती ह इसिलए ईश वर की

वयापकता असीिमत ह यिद हम िसरश मितश म ही ईश वर को दखग तो समझना चािहए मर िवचार सकिचत

ह मितश को तो िरकपकार न पतथर स बनाया होता ह यिद हम ईश वर को मितश म दखत ह तो कयो न हम

ईश वर को पहाड़ो म निदयो म पड़-पौधो म पर-पिियो म तथा मनषयो म दख तो अचछा ह सतय तो

यही ह ईश वर अितसकषम होन क कारण कण-कण म वयाि रहता ह ईर वर को हर रप म सवशतर दखो यहा

पर मिझ ईश वर क ऽवषय म समझय गय ह ऽक वह सवथवयपक ह मगर म ऽकसा भा सधक को शिरआता

अवसथ म अवशय हा मीऽतथ पीज क ऽलए कह ाग य भऽकत मगथ म आत ह इस मगथ क सधको क

अतःकरण ऽनमथल होत ह तथ उसक सवभव म सरलत आता ह हमर शसतरो म मीऽतथ पीज क ऽलए

बतय गय ह

गर

यह अनिभव भा ऊपर ऽलख अनिभव क बद आय गर एक ऐसा सपातर होता ह जो परकित क

िनयमो को जानकर परकित क िनयमो क अनदर रहकर अपन िरषय का मागश दरशन करता ह ऐसा समझो

ईश वर आपक सामन परतयि तो आएगा नही आयगा वह गर को ही माधयम बनाता ह और अपन सार

कायश अदशय रप स इसी गर रपी माधयम स करवाता रहता ह इसिलए कछ योिगयो व किवयो न गर

को ईश वर स शरषठ ह की उपािध द दी ह जबिक ईश वर ही शरषठ होता ह गर अपन कमो क दवारा परकित क

बधनो म बधा हआ ह मगर गर क दवारा मागश दरशन िदए जान क कारण िरषय का समपकश ईश वर तक हो

जाता ह अथवा मोि तक पहच जाता ह इसिलए गर शरषठ कहा गया ह मनषय का कमश जब ईश वर की

ओर जान क िलए परररत करता ह तब मनषय क कमाशनसार गर की परािि होती ह वही गर दीिा दकर

अपनी चतनयमय रिक त िरषय क ररीर म परवर करा दता ह वही चतनयमय रिक त िरषय क ररीर म

वयाि होकर मागशदरशन का काम करती ह अजञानरपी अधकार को दर कर जञानरपी परकार म साधक गमन

करता ह इसम िरषय का कमश व गर दवारा मागशदरशन मखय भिमका िनभात ह

योग कस कर 264

ससार नष ट हए क समान हअ

यह अनिभव 28 जनवरा को सिबह आय धयनवसथम दखndash म एकनत जगह पर खड़ हआ ह ा

वह जगह परकशमन ह उसा समय मन दख मिझस थोड़ा दीरा पर नाच की ओर छोटा सा मगर गनदा नदा

बह रहा ह एक पिरष नदा को पर करत हआ उस पर चल ज रह ह मन सोच यह पिरष उस पर कह ा

ज रह ह उधर तो परकश हा परकश ह मर मन म भा आय चलो नदा को दख जएा यह कसा ह यह

सोचकर म चल ऽदय म नदा क पस पहाच और ऽकनर खड़ हो गय जस हा मन नदा म परवश करन

चह तभा नदा सीख गई नदा क पना अपन आप अदशय हो गय जह ा पर नदा म पना भर हआ थ

उस जगह पर रत चादा क समन चमकन लग म उसा रत क ऊपर चलन लग उस समय मिझ लग रह

थ ऽक यहा पर कभा पना भर रह होग मन सोचndash नदा म परवश करत हा इसक पना सीख zwjयो गय

मन ऽनऽित ऽकय इस नदा क उदगम (सरोत) सथन पर जऊा ग सकलप करत हा उदगम क सथन पर पहाच

गय तब उदगम स पना ऽनकलन बनद हो चिक थ उस सथन की भीऽम ढह चिकी था ऽफर मिझ आश चयथ

हआ यह उदगम zwjयो सीख गय म आग की ओर चल ऽदय आग चलन पर ऊा चा-ऊा चा चढ़इय ा ऽदखई

दन लगी म उन चढ़इयो को बड़ आरम स चढ़कर आग की ओर चल ज रह थ जस-जस चढ़इया

रसत म ऽमलता ज रहा था म तावर गऽत स चलत हआ और चढ़ई पर चढ़कर पर करत हआ आग की

ओर चल ज रह थ ऐसा कई चढ़इय ा मर समन आई म ऽबन रक पर करत हआ चल जत थ

अब म ऽजस चढ़ई को चढ़ रह थ उसा समय वही पर मिझ एक सतरा ऽदखई दा वह सतरा भा मर सथ

चलन लगा ऐस सपषट ऽदखई द रह थ उस समय वह सतरा जोर स हासत हए कहकह लग रहा था

इसस सपषट हो रह थ उस मरा सफलत पर खिशा हो रहा ह अनिभव समपत हो गय

कि छ कषणो बद मिझ एक अनिभव और आय म अपन घर पहाच गय ह ा उस समय घर म मर

ऽपतजा व मतजा ह म उनक समन ऽनवथसतर खड़ ह ा ऽनवथसतर दखकर ऽपतजा एकदम चौक पड़ उनको

हमरा ऽनवथसतरत अचछा नही लगा जबऽक मरा म ा को ऽकसा परकर की परऽतऽकरय नही हई मन ऽपतजा

स कहndash म आपक पितर आननद कि मर ह ा आप मिझ इस अवसथ म दखकर अचऽमभत zwjयो हो गए मगर

वह उततर म कि छ नही बोल म ऽवकरो स रऽहत होकर उनक समन खड़ हआ थ

ऄथश- नदाndash यहा सथील जगत ह पना सीख जन क अथथ हndash सथील जगत मर ऽलय नष ट हए क

समन हो गय सथील जगत क मिझ पर ऽकसा परकर क परभव नही होग मरा आसऽकत सथील जगत म

योग कस कर 265

नही ह इसऽलए ऐस ऽदखई द रह ह मर समबनध करण जगत स ह उदगम क सीख जन योग क

अभयस करण मरा उचच ऽसथऽत को दशथ रह ह यह दशय एक तरह स मोकष को दशथत रह ह म चढ़ई

चढ़त ज रह ह ाndash अभयस क मगथ म आन वल सभा परकर क अवरोधो को पर करत ज रह ह ा मर

सथ-सथ चलन वला सतरा हास रहा हndash वह सतरा कि णडऽलना शऽzwj त ह दीसर अनिभव म म अपन ऽपतजा व

मतजा क समन ऽनवथसतर खड़ ह ा इसक अथथ हndash मर अनदर क ऽवकर समपत हो गए ह यह अवसथ मिझ

भऽवषय म परप त होगा

सपत ॠवषयो स वमलना

धयनवसथ म मन दखndash म आसमन को छी ता हई ऽहमऽशखरो की ऊा चइयो पर चढ़त चल ज

रह ह ा वह ा ऽसफथ सफद उजजवल बफथ हा बफथ क ऽसवय और कि छ नही ऽदखई द रह ह वह ा पर वयि क

परभव की अनिभीऽत भा नही हो रहा ह बहत स ऽहमऽशखरो को चढ़कर पर करन क बद म सबस ऊा चा

चोटा पर खड़ हो गय वह बफीला चोटा आसमन को छी रहा था चरो ओर दखन पर नाच की ओर

बफीला चोऽटय ा ऽदखई द रहा थी ऐस लगत थ म आसमन म खड़ ह ा वही सवोचच ऽशखर पर थोड़ा

सा समतल भीऽम था उसा सथन पर मिझ कि छ महपिरष ऽदखई ऽदए उनक शरार अतयनत परदशी थ मन

उन सभा महपिरषो को नमसकर ऽकय मगर वह उततर म कि छ नही बोल ऽसफथ आशाव थद मिदर म ऊपर

की ओर हथ उठय ऽफर कि छ कषणो तक खड़ रहन क बद सभा महपिरष और म गोलकर रप म बठ

गए मन दखndash मर पस एक तरण सतरा भा बठा हई ह उन महपिरषो की सखय सत था उन महपिरषो क

सथ एक सतरा भा था वह सतरा महन तपसवा ऽदखई द रहा था उन सभा महपिरषो क कद वतथमन मनिषयो

स बहत ऊा च ऽवशल शरार ऽसर व दढ़ा क बल सफद थ दढ़ा नऽभ तक बढ़ा हई था ऽसर म बलो

क जीड़ लग हआ थ उन सभा तपऽसवयो क शरार पर परदशी वसतर थ उनक समपीणथ शरार तजसवा

ऽदखई द रह थ ऐस लग रह थndash बहत सधन य तपसय क करण उनक शरार तजोमया हो चिक

ह जो महपिरष मर समन बठ हए थ उनह दखकर मर अनदर ऽवचर आयndash यह तो वऽशषठ जा ह उसा

समय अनतररकष स आवज आईndash ldquoयोगी तमहारा सोचना सही ह यह बरहमा जी क मानस पतर विरषठ ह

तथा उनक साथ उनकी पतनी अरधती ह अब तम समझ गए होग य महापरष कौन ह‛ ऽफर म सभा

महपिरषो को गौरपीवथक दखन लग सभा महपिरष लगभग एक समन हा ऽदखई द रह थ वही पर सभा

योग कस कर 266

महपिरष धयन मिदर म बठ गय थ जो मर पस सतरा बठा हई था मन उस सतरा स कहndash ldquoआप भा धयन पर

बऽठए इस जगह पर ऽबलकि ल शऽनत ह सधन हा मर मिखय लकषय ह ऐस लगत ह म इसा जगह पर

सधन करत रह ाrdquo ऽफर हम सभा धयन पर बठ गए उस समय वह महपिरष कि छ भा नही बोल थ सभा

ऽबलकि ल शनत थ

ऄथश- सधको य महपिरष सपतऋऽष थ उनक शरार अतयनत परदशी थ इसऽलए म उनक

ऽवषय म जयद नही ऽलख सकत ह ा जो तरण सतरा मर पस बठा हई था वह कि णडऽलना शऽzwj त था

अऽतसीकषम जगत क दशय थ इस अनिभव म सपत ॠऽषयो क पस चल गय थ

धमश

यह अनिभव आज 28 जनवरा की शम को धयनवसथ म आय अनतररकष स आवज सिनई

दाndash ldquoधमश कया ह‛ उततर म म चिप रह म zwjय बोलत zwjयोऽक म धमथ की पररभष नही जनत थ

कि छ समय बद मर अनदर आवज आईndash ldquoधमश सभी को मानवता का जञान करता ह सभी धमश एक

समान ह सभी धमो का िनचोड़ तततव रप स एक ही ह सभी धमो की िरिाए एक जसी ही ह इन धमो क

अनयाइयो को दखन पर और उनक अनसरण करन क तरीक म एक जसा परतीत नही होता ह सभी धमो

म अिहसा परोपकार व परम क िलए बताया गया ह सबस पराना धमश सनातन धमश हrdquo

शतर

यह अनिभव 28 जनवरा को सिबह आय धयन म अनतररकष स आवज सिनई दाndash ldquoआपका

सबस बड़ा रतर कौन ह‛ म बोलndash ldquoमरा इऽदरय ा हा मरा सबस बड़ा शतरि ह‛ हर मनिषय की इऽनदरय ा

उसक पतन क करण बनता ह यऽद इनही इऽनदरय ाओ को अनतमिथखा कर ऽदय जए तो मनिषय क उतथन

होन ऽनऽित ह

योग कस कर 267

29 जनवरा की शम को धयनवसथ म जनकरा ऽमलाndash ldquoबरहमाणड की सरचना सवमव हई ह

सरचना स पवश नाद परकट हआ ह नाद क साथ बरहमाणड की सरचना हईrdquo ldquoतम अिधकारी बनो‛ ldquoतम

यह जान चक हो यह ससार भरम मातर ह तमहारी मिजल बहत आग ह िनरनतर धयान करत रहो‛

योगबल व कमश

यह अनिभव 30 जनवरा को सिबह आयndash म एक कमर म चिपचप शनत बठ हआ ह ा कमर की

एक ऽखड़की खिला हई ह म उसा स बहर क दशय दख रह ह ा मिझ एक हथा जत हआ ऽदखई ऽदय

वह बड़ आरम स चल ज रह ह मन सोच जब हथा ऽनकल जए तब म बहर को ऽनकलीाग zwjयोऽक

हथा स मिझ डर लग रह थ तभा हथा पलट कर हमरा ओर आन लग कमर क पस आकर उसा

ऽखड़की स अनदर की ओर हमरा तरफ दखन लग म कमर क अनदर बठ हआ डर रह थ म सोचन

लगndash ऽक हथा न मिझ दख ऽलय ह उसा समय हथा न ऽखड़की तोड़ दा और उसन अपना सीाड को

कमर क अनदर हमरा ओर को करन लग महथा को दखकर कमर स ऽनकल कर भगन लग जबऽक

हथा की बड़ा-बड़ा आाख ऽबलकि ल शनत थी उसकी आाखो म ऽकसा परकर की दिषटत य करोध ऽदखई

नही द रह थ इस हथा क शरार समनय हथा क शरार स बहत जयद बड़ थ म साऽढ़यो दरर

चढ़त हआ कमर की छत पर चल गय मन दखndash वह हथा छत पर भा बड़ आरम स चल आ रह

थ मन सोचndash इतन ऽवशलकय हथा कमर की छत पर कस आ गय यह तो मर पाछ नही छोड़ रह

ह म छत स की दकर भगन लग म हथा को चकम दन क ऽलय इधर-उधर को भग रह थ मगर उस म

चकम नही द सक zwjयोऽक हथा बड़ आरम स मर पाछ-पाछ चल आ रह थ कि छ कषणो बद म एक

सथन पर बठ गय ऽफर हथा ऽदखई नही ऽदय म शऽनतपीवथक स बठ हआ थ तभा अचनक दखndash

मर हथ की उागला को ऽबलला अपन मिाह म दब कर कट सा रहा ह मिझ ऽबलला की इस ऽकरय स बड़ा

पाड़ होन लगा zwjयोऽक ऽबलला क निकील द ात हमरा ऊा गऽलयो म सिई क समन चिभ रह थ मन अपन

हथ झटक कर ऽबलला को छि टन चह मगर ऽबलला नही छी टा उसन मर हथ को मजबीता स पकड़

रख थ मरा इस ऽकरय स ऽबलला अतयऽधक करोऽधत हो गया ऽफर मन अपन हथ ऊपर की ओर

उठकर जोर स ऽबलला को पटक ऽदय मर दरर पटकन जन स ऽबलला को ऽबलकि ल परशना नही हई

हमर हथ ऽबलला क मिाह स छी ट गय मगर ऽबलला न ऽफर शाघरत स मर हथ पकड़ ऽलय और हथ

योग कस कर 268

को अपन निकील द ातो स कटन लगा इसस मिझ बहत पाड़ हई अब म ऽबलला को उलट-साध करक

पटकन लग मगर ऽबलला को ऽकसा परकर की कोई परशना नही हो रहा था बऽलक वह मिझस

अतयऽधक करोऽधत हो गई म उसक कि छ नही ऽबगड़ पय अब म उसस मनऽसक रप स परशन स हो

गय मन उस बड़ा जोर स झटक मर ऽफर वह मर हथो स छी ट गई म आग क ओर को चल ऽदय

थोड़ स हा आग की ओर चल थ तभा उसन मिझ ऽबलला न आग स घर ऽलय और वह जोर-जोर स

गिर थन लगा डर क करण मर बिर हल हो रह थ हमर अनिभव समपत हो गय

ऄथश- सधको ऽवशल शरार वल हथा मर योगबल ह मगर उस समय उसक अथथ न समझ

पन क करण मर अनदर डर उतपनन हो गय zwjयोऽक म उस ऽसफथ ऽवशल हथा क रप म दख रह थ

ऽबलला क रप म मर शष zwjलशतमक कमथ ह य zwjलशतमक कमथ मिझ भोगन हा होग इनह भोगत समय

मिझ घोर कषटो स गिजरन होग इसाऽलय म अनिभव म ऽबलला (कमो) को परसत नही कर सक अनिभव

म ऽदखई दन वल हथा क कई परकर क अथथ होत ह इसऽलय इसक अथथ ऽनकलत समय अभयसा को

बिऽि क परयोग करन चऽहय

यह जनकरा मिझ 31 जनवरा को शम क समय ऽमलाndash मनिषय क सिख और दिःख क ऽलय ईश वर

ऽजममदर नही होत ह बऽलक यह सब मन क खल ह और इऽदरयो की उथल-पिथल ह सवय उसा क

कमो क अनिसर सिख और दिख ऽक परऽपत पर होता ह

यह जनकरा मिझ 31 जनवरा को ऽमला धयन पर बठत समय मन सकलप ऽकयndash ldquoमरा सधन

पीणथ कब होगा अथव मिझ पीणथत कब परप त होगाrdquo उसा समय अतररकष स आवज आईndash ldquoतिमह पीणथत

शाघर परप त होगा ऽनरनतर सधन करो मगर वसतव म पीणथ होन अतयनत दिलथभ ह‛

परवचन करना

यह अनिभव आज 2 फरवरा को आय म ऽकसा सथन पर आसन क ऊपर बठ हआ ह ा मर

समन दोवयऽकत मरा ओर मिाह ऽकय हए बठ ह मिझस थोड़ा दीरा पर कि छ वयऽकत व ऽसतरया अधथचदरकर म

बठा हई ह इतन म दोनो वयऽकतयो न कि छ शबद कह उन वयऽकतयो क शबद सिनकर म चौक पड़ तथ

परसननत भा हई ऽक सभा वयऽकत सतसगा ह zwjयोऽक उन दोनो वयऽकतयो न आधयऽतमक बत कही थी म

योग कस कर 269

भा कि छ कषणो म बोलndash ldquoसधन क सतर बदलन क सथ-सथ मन क भा सतर बदलत हrdquo मर शबद

सिनकर सभा उपऽसथत वयऽकत और ऽसतरया मरा ओर दखन लगी मर पस बठ हए दोनो वयऽकत

सममनसीचक शबदो म मिझस बोलndash sbquoआप थोड़ इधर बठ जइए‛ समन ओर बठ दोनो वयऽकत एक

तरफ को हट गए ऽफर उनहोन मिझ सममऽनत जगह पर ऽबठ ऽदय वह ा पर उपऽसथत सभा लोग टकटकी

लगए हए मरा ओर दख रह थ ऽफर एक वयऽकत मिझस बोलndash ldquoकपय आप मिझ योग क ऽवषय म

बतइए‛ कि छ कषणो क पित म उन सभा क समन योग क ऽवषय म बोलन लग उसा समय हमर

अनिभव समपत हो गय

यह अनिभव 2 फरवरा क ह मन धयनवसथ म दखndash म अपन सथील शरार स ऽनकल कर थोड़ा

दीरा पर खड़ ह ा मर सथील शरार धयनमिदर म बठ हआ ह उसा समय दखndash मर सथील शरार पर एक

ऽगरऽगट चढ़ हआ ह वह शरार पर ऊपर-नाच चरो ओर घीम रह ह वह कषणभर रककर चरो ओर

दखत ह ऽफर शरार पर चरो ओर चzwjकर लगन लगत थ इस ऽकरय को म सपषट दख रह थ आसन

पर बठ हआ मर शरार सपषट ऽदखई द रह थ ऽगरऽगट अपना ऽकरय बड़ा तावरत स कर रह थ मन

अपन सथील शरार क पस एक सतरा को खड़ हआ दख उस सतरा न अपन हथ बढ़कर उस ऽगरऽगट को

पकड़न चह उसा समय मन उस सतरा स कहndash sbquoइस मत पकड़ो यह सवय मिझ छोड़कर चल जएाग‛

वह सतरा रक गई मर दखत हा ऽगरऽगट अदशय हो गय

कि छ समय बद मर सथील शरार क पस तान ऽसतरय ा परकट होकर वही पर खड़ा हो गया यह ऽसतरया

एक सथ परकट हई था उन तानो ऽक वशभीष अलग-अलग था म तिरनत जन गय ऽक य तानो ऽसतरय ा

दऽवय ा ह यह सपषट समझ म आ रह थ वह तानो दऽवय ा धयन पर बठ हए मर शरार को मिसकरत हए

दख रहा थी मगर वह कि छ नही बोली कि छ कषणो बद अदशय हो गई म अब भा अपन सथील शरार को

धयन पर बठ हआ दख रह थ उसा समय आकश स आवज आईndash ldquoयह चिड़या अब उसक हाथ म

नही आएगीrdquo यह शबद सिनकर म हरन हो गय ऽफर मन सोच zwjय म कोई सतरा ह ा चीऽड़यो क मर हथ

स zwjय लन दन मन अनतररकष की ओर मिाह उठकर कहndash ldquoम चीऽड़यो क अथथ नही समझ यह चीऽड़य ा

zwjय हrdquo अनतररकष स आवज आईndash ldquoयह चिड़या बनधन ह‛ म समझ गय zwjयोऽक चीऽड़य ा पहनई

जता ह अब मिझ मय क बनधन म कोई नही ब ाध सकत ह

ऄथश- इस बर क धयन बहत अचछ लग जब म धयन स उठ तब ऐस लग थ ऽक म शयद

5 ऽमनट क ऽलए धयन पर बठ रह ह ा मगर घड़ा दखन पर जञत हआ ऽक पीर तान घनट तक धयन पर बठ

योग कस कर 270

रह ह ा समऽध लग जन क करण समय क अनिमन नही हो पत ह जब सऽवकलप समऽध म रहत ह ा

तब अनिभव आत ह सधको ऽगरऽगट मय क परताक ह ऽजस सतरा न उस ऽगरऽगट पकड़न चह वह

सतरा कि णडऽलना शऽzwj त ह परकट होन वला तानो दऽवया लकषमा जा पवथता जा व सरसवता जा थी

यह अनिभव तान फरवरा दोपहर 1130 बज धयनवसथ म आय मन दखndash एक घोड़ मर

समन खड़ हआ ह घोड़ की पीाछ वल भग हमरा ओर ह मिझ यह दखकर मिझ आश चयथ हआ ऽक

घोड़ क शरार कि तत क शरार क बरबर ह उस दखकर मन सोच यह घोड़ इतन छोट zwjयो ह उसा

समय हमर धयन टीट गय ऽफर म सकलप करक धयन पर बठ गय इस अनिभव क अथथ zwjय ह

जवब आयndash घोड़ा मन और इिियो का परतीक ह इििया जब कमजोर हो जाती ह अथवा उनका परभाव

कम हो जाता ह तब वह छोट घोड़ क रप म िदखाई दन लगती ह मिझ यद आयndash पहल भा घोड़

बहत बड़ ऽदखई ऽदय थ उस घोड़ स सनयसा न छि टकर ऽदलवय थ अब यह सवय हा छोट हो

गय ह म समझ गय सधन क उततरोतर बढ़न क करण ऐस हआ ह

यह अनिभव 4 फरवरा को दोपहर को आय म गहर धयन पर बठ हआ थ मिझ अपन आभस

नही हो रह थ zwjयोऽक म समऽध म लान थ अचनक मर ऽसर म जबरदसत झटक लग म अपन

आसन पर उछल गय और मर शरार बई ओर को झिक गय इतन म मिझ अपन होश आन लग मर

धयन टीट गय म तिरनत नही समझ सक ऽक यह zwjय हआ म साध बठ गय सोचन लगndash ऽक मिझ

zwjय हआ थ तब महसीस हआ मर लघि मऽसतषक क ऊपरा भग म पाड़ सा हो रहा ह ऐस लग ऽक

जस कोई नस टीट गई हो उस जगह पर आग सा फला हई था इसाऽलए जलन भा हो रहा था समपीणथ शरार

गमथ हो रह थ अबकी बर परणवयि लघि मऽसतषक क ऊपरा भग म दबव मर रह थ म सोचन लग

थ अबकी बर उलटा ऽकरय zwjयो हई कि छ समय बद अनिभीऽत हई ऽक गदथन की नस टीट रही ह अथव

चटक रहा ह मिझ सपषट सिनई पड़ रह थ जब म कणठ चकर म थ उस समय भा गदथन की नस टीटता य

चटकता हई सिनई दता था मगर अब उस सथन पर नही चटक रहा थी अबकी बर गदथन क ऽपछल भग

म टीटता य चटकता हई सिनई द रहा था zwjयोऽक जब कि णडऽलना उलट कर वपस रदय की ओर जता ह

तब कणठचकर स नही जता ह बऽलक कणठचकर क बगल स एक मगथ बनकर रदय की ओर जता ह

इसऽलए गदथन क ऽपछल भग म नस चटकता सिनई दता था

योग कस कर 271

ऄथश- सधको लघि मऽसतषक म जो नस टीटता हई सिनई द रहा था वह वसतव म टीटता नही था

बऽलक वह नस खिल रहा होता था अथव ऽकरयशाल हो रहा था इसऽलए नस चटकता हई सिनई द रहा

था ऐस समय म नसो (नऽड़यो) म कभा-कभा ऽखचव बहत होत ह

तजसवी कण

यह अनिभव 8 फरवरा को सिबह आय थ मन दखndash मर शरार अतयनत ऽवशल ह म बठ हआ

अपन ऽवशल शरार को दख रह ह ा चरो ओर चमकील हलक नाल रग क परकश फल हआ ह कि छ

कषणो बद मन दखndash म ऽबलकि ल शनत बठ हआ ह ा मर शरार क अनदर स अतयनत तजसवा कण ऽनकल

कर बहत दीर-दीर तक चल जत ह ऐस लगत थ जस फि लझड़ा स चमकीला ऽचगररय ा तावर गऽत स

बहर की ओर ऽनकल रहा ह उसा तरह अतयनत तजसवा कण मर शरार स ऽनकल रह ह ऽफर मन सोचndash

यह तजसवा कण कहा चल ज रह ह इतन सोचत हा मिझ बहत दीर तक ऽदखई दन लग मन दख

तजसवा कण आग चलकर अपन आप नष ट हो जतह कि छ तजसवा कण थोड़ा दीरा तक जकर हमरा

शरार म वपस ऽवलान हो जत ह कि छ तजसवा कण बहत दीर जकर जयोऽत क रप म पररवऽतथत हो जत

ह ऽफर आग बढ़ जत ह उतसिकत बस जयोऽत रप वल कणो को म दखन लगndash ऽक आग जकर

इनक zwjय होत ह तब मन दखndash आग चलकर जयोऽतयो क परकश कमजोर पड़ जत ह य सभा

जयोऽतय ा एक जलशय म ऽवलान हो जती ह जलशय बहत बड़ ह उस जलशय को म पीणथरप स नही

दख सकत थ और नही जलशय क ऽकनर ऽदखई द रह थ उस जलशय स मन अपना दऽष ट हट

ला म अपना ओर दखन लग अब भा वहा तजसवा कण मर शरार स ऽनकल रह थ एक बर ऽफर मन

अपना दऽष ट दीरगमा की तो वहा पहल वल दशय ऽदखई दन लगndash वहा तजसवा कणो क सवरप बदल

कर जलशय म ऽवलान हो रह थ उस समय हमरा दऽष ट बहत दीर तक दखन म समथथवन था यह

समपीणथ दशय म हलक नाल परकश म दख रह थ

ऄथश- सधको मर यह अनिभव सबस उचच अवसथ वल ह य तजसवा कण जो आग चलकर

जयोऽत क रप म ऽदखन लगत थ वह जावतमओ क परताक ह जलशय बरहमणड क सवरप ह इसाऽलए

म समपीणथ जलशय एक बर म नही दख सक अनिभव म दख रह ह ाndash ऽक तजसवा कण रपा जावतमएा

मर शरार स परगट हो रही ह ऐस लगत ह ऽक बरहम म हा ह ा zwjयोऽक जावतमओ क परकटय इसा परकर

योग कस कर 272

होत ह मिझ अपन सवरप ऽदखय गय यह मिझ वऽततयो क दरर ऽदखय गय ह परलय क बद ऽफर स

दिबर जावतमएा इसा परकर अपर परकऽत क ऽवशष कषतर स परकट होकर जनम धरण करन क ऽलय चल

दता ह य वो जावतमएा होता ह जो परलय क समय अपर-परकऽत क अनदर ऽवदयमन हो जता ह

यह जनकरा 8 फरवरा को सयकल को ऽमला ह धयनवसथ म कि छ परश न और उततर हए मन

पीछndash lsquoम ह ाrsquo यह कहनवल कौन ह zwjयोऽक बरहम अऽवकरा ह अगर अऽवकरा ह तो lsquoम बरहम ह ाrsquo वह

यह कस कह सकत ह उततरndash sbquoम बरहम ह ‛ यह अपन आप सवय रबद िनकलता ह अहकार ही बरहम की

ओर स िनदरन करता ह म बोलndashयऽद यह अपन आप ऽनकलत ह तो यह ऽकरय कौन करत ह

zwjयोऽक बरहम क ऽसवय और कोई नही ह ऽकसा कयथ को करन वल अवशय कोई होत ह सर कयथ

अगर बरहम क दरर होत ह तो वह अकतथ कस हआ जबबndash सार पदाथश व िकरयायो का परादभाशव बरहम स

ही हआ ह इन सभी का आधार होत हए भी वह िवकार स रिहत ह और अकताश कहा गया ह मरा समझ

म य नही आय समपीणथ ऽकरयएा उसा क दरर समपनन होता ह ऽफर भा उसको अकतथ कहत ह उततरndash

कमल कीचड़ म होत हए भी कीचड़ का परभाव उस पर नही पड़ता ह

ऽफर कि छ समय बद मन परश न ऽकयndash मन जो अनिभव ऽलख ह उसक zwjय अथथ ह उततरndash sbquoजो

आपको मालम ह वही इसका अथश हrdquo परश नndash zwjय म अपन अनिभव को सहा समझीा उततरndash sbquoअवशय‛

परश नndash zwjय म योग म पीणथ हो गय ह ा उततरndash sbquoनहीrdquo परश नndash अनिभव क अथथ योग म पीणथत को भऽसत

करत ह उततरndash sbquoआप िजस पणशता की बात करत ह वह अतयनत दलशभ हrdquo इस तरह क वत थलप

धयनवसथ म हआ इसऽलए पीणथ रप स यद नही ह ऽक zwjय-zwjय वत थलप हआ जो बत यद आ

गयी उनही को ऽलख गय ह zwjयोऽक धयन की गहरई म वत थलप हआ थ

अतमसाकषातकार

यह अनिभव 9 फरवरा को आय आजकल धयनवसथ म म ऽनऽवथकलप समऽध म चल जत

ह ा इस बर म ऽफर धयन की अननत गहरई म चल गय धयनवसथ म मिझ ऽदखई ऽदयndash रदय म

अतयनत तजसवा दाप ऽशख क समन एक जयोऽत जल रहा ह म उस दखन लग उस जयोऽत क परकश

आसपस चरो ओर फल रह थ वह समनय जयोऽतयो स बहत बड़ा व तजसवा था कि छ समय बद

योग कस कर 273

मिझ अपन आभस होन लग मर धयन हलक होन लग तब मन म ऽवचर आयndash रदय म इस परकर

की जयोऽत पहला बर ऽदखई दा ह इसक अथथ zwjय ह ऐस सकलप करक म धयन करन लग मिझ एक

बर ऽफर रदय म पहल क समन जयोऽत ऽदखई दन लगाndash रदय म आल (niche) क समन जगह ह

उसा क अनदर दाप ऽशख क समन एक जयोऽत जल रहा ह वह जयोऽत ऽहलता डिलता नही ह ऽबलकि ल

ऽसथर ह वह ा पर चरो ओर परकश फल हआ ह म उस दख कर परसनन हो रह ह ा मन जो सकलप ऽकय

थ उसक उततर मिझ नही ऽमल बऽलक पहल क समन क समन दिबर ऽफर अनिभव ऽदखई ऽदय

ऄथश- धयन समपत होन क बद सोचन लगndash यह तो आतम क दशथन हो रह थ इसक अथथ ह

मिझ आतमसकषतकर हो रह थ zwjयोऽक म कि छ समय स सोच रह थndash मरा कि णडऽलना की ऽसथऽत zwjय

ह बहत परयस करन पर भा कि णडऽलना ऽदखई नही दता था और ऊधवथ होत हए महसीस भा नही होता

था म समझ नही प रह थ ऐस zwjयो हो रह ह मिझ यद आ रह ह धयन म बठत समय जब कि णडऽलना

ऊधवथ होता था तब मिझ अचछा तरह स अनिभीऽत होता था मगर अब ऽबलकि ल हा अनिभीऽत नही होता ह

म चह ऽजतन जयद आतररक कि मभक लगऊा अथव परणयम करा मर तो शरार अपन आप गमथ

रहत ह सधको मरा कि णडऽलना अब ऽसथर हो चिकी ह कि छ ऽदन पीवथ ऽसथर होन क करण अऽनन तततव

वल सवरप छोड़कर वयितततव म ऽवलान हो गया ह कि णडऽलना ऽसथर होन क बद हा सधक को आतम

सकषतकर ऽचतत म दापऽशख क समन जलता हई लौ क रप म होत ह

जयदतर मगथदशथको क कहन होत ह यहा आतम क सवरप ह यहा आतम सकषतकर ह

बहत स भकत भा कहत हndash रदय क अनदर जो लौ जल करता ह उसा क ऽचनतन करन चऽहए मिझ

मलीम ह बहत स अभयसा अपन आप को यहा पर पीणथ समझ लत ह उनक कहन होत हndash मिझ रदय

म आतम क (लौ क) सकषतकर हो चिक ह म यह बत दीाndash यह आतम क सवरप नही होत ह बऽलक

ऽचतत की एक अतयनत सऽतवक सशकत वऽतत होता ह जो दाप ऽशख क समन सवरप को धरण कर लता

ह उस समय ऽचतत पर ऽसथत उसकी (जयोऽत) अनय सहयोगा वऽततय ा इस वऽतत क सहयोग करता ह

अजञनत क करण अभयसा इस वऽतत को आतम समझन की भरा भील करत ह आतम की वयपकत

और सीकषमत ऽचतत स कही जयद होता ह ऽफर वह ऽचतत क अनदर इस सवरप म कस ऽदखई द सकता ह

अजञनत की अवसथ म आतम ऽचततकर भऽसत होता ह मगर जञन की अवसथ म ऽचतत आतमकर हो

जत ह सधको सदव यद रखन आतम कभा भा ऽदखई नही द सकता ह आतम को कौन दख

सकत ह आतम म ऽसथत हआ जत ह ऽजस आतमऽसथऽत कहत ह

योग कस कर 274

वशवलोक जाना

धयनवसथ म म ऽकसा दिगथम रसत पर चल ज रह ह ा वह रसत अचछ नही ह इसऽलय उस

रसत पर चलत समय बहत तकलाफ हो रहा ह रसत म बएा तरफ ऊा चा दावर य पहड़ जसा जगह ह

दऽहन तरफ बहत गहरा खई ह खई म बड़-बड़ गडढ ह उसम गद पना भर हआ ह यह रसत बएा

तरफ की दावर कटकर बनय गय ह रसत बहत साकर ह ऐस लगत ह रसत दावर कटकर बनय

गय ह रसत की चौड़ई ऽसफथ 6 ईच होगा मर शरार क बया भग दावर स सट हआ ह म धार-धार

आग की ओर समभल कर चल रह ह ा हर समय डर रह ह अगर जर भा दऽहन तरफ को मर शरार झिक

गय अथव ऽफसल गय तब गहरा खई म ऽगर जऊा ग ऽफर ऊपर आ पन असमभव हो जयग ह

नाच ऽगरत हा मरा हडडा-पसला टीट जएागा म धार-धार डर-डरकर आग की बढ़ रह ह ा कही-कही पर

रसत एक य दो माटर तक टीट हआ ऽमल रह ह तब समभल कर और छलग लगकर आग जन

पड़त ह रसत बहत हा जयद खरब ह मगर वह रसत सवपरकऽशत ह परकश की कमा नही ह म

आग की ओर चल ज रह थ उसा समय मिझ लगndash कोई मर पाछ स आ रह ह मन मिड़कर पाछ की

ओर दखndash मर पाछ थोड़ा दीर पर एक हथा बड़ आरम स चल आ रह ह हथा क ऊपर महवत बठ

हआ ह म आश चयथचऽकत हआ और सोचndash इस साकर रसत पर मिझ चलन मिऽशकल हो रह ह यह

ऽवशल हथा कस बड़ा मसता स चल आ रह ह मर मन म थोड़ स हथा क परऽत डर उतपनन होन

लग इसऽलय मन अपना गऽत तज कर दा तऽक हथा मर पस न आ पए

तभा मिझ समन ओर एक दरवज ऽदखई ऽदय दरवज बहत सिनदर व ऽवशल आकर वल

थ म दरवज क अनदर परवश कर गय दरवज क अनदर परवश करत हा मन अपन आप को बहत सिनदर

परकऽशत कषतर म पय चरो ओर हलक नाल परकश फल हआ थ ऽबलकि ल शऽनत था वहा

आसपस कोई ऽदखई नही द रह थ ऽसफथ म अकल थ वह ा पर पहाचत हा मन क अनदर परसननत आ

गया म इधर-उधर घीमन लग ह ा मिझ इस समय बहत दीर तक ऽदखई दन लग थ मिझस थोड़ा दीरा पर

बरगद क एक पड़ ऽदखई ऽदय उतसिकतवश म उधर की ओर चल ऽदय जब म बरगद क पड़ क नाच

पहाच तब ऐस लग यह ा पर अभा-अभा सफई की गया ह उसा समय मिझ समन की ओर बहत बड़

आकर म एक ऽशवऽलग ऽदखई ऽदय ऽशवऽलग क पस ऽवशल आकर म नदा की भा मीती ऽवदयमन

था यह जगह मिझ बहत अचछा लगा बरगद क पड़ दखन पर हजरो सल पिरन लगत थ उसकी

शखएा बहत लमबा-लमबा थी मन अनिमन लगयndash इसकी शखएा 2-3 ऽकलोमाटर लमबा अवशय

योग कस कर 275

होगा उसकी शखओ स जड़ ऽनकलकर भीऽम क अनदर चला गया थी उन जड़ो न तन क सवरप धरण

कर ऽलय थ इस परकर उन जड़ो स सकड़ो तन बन गय थ म उन तनो क बाच म घीमन लग ऽफर मिझ

लग यह बरगद समनय पड़ नही ह zwjयोऽक बरगद क अनत ऽदखई नही द रह थ म ऽजतन आग की

ओर बढ़त थ बरगद क पड़ उतन हा अऽधक ऽवसतत ऽदखई दत थ अब यह जनन असमभव हो

गय ऽक शखएा और तन ऽकतना दीरा तक फल हए ह ऽफर म शनत होकर एक तन क नाच बठ गय

वह ा तो वयि क कमपन क आभस हा नही हो रह थ मर अनदर ऽवचर आयndash यह जगह धयन करन

क ऽलय बहत हा अचछा रहगा म यही पर समऽध लगऊा तो हमरा समऽध बहत जयद अवऽध तक

लगा रहगा इतन म आवज सिनई दाndash sbquoमझ भजा गया ह और कहा गया ह मर पतर को हाथी पर

िबठाकर घमाया जायrdquo म आवज की ओर दखन लग ऽजधर स आवज आया थाndash सोच यहा पर तो

कोई नही ह यह आवज ऽकसकी सिनई दर हा था कौन ऽकसस बत कर रह थ इचछ करत हा मिझ

और जयद दीर तक ऽदखई दन लग वही पर खड़ होकर दखन लग नाच की ओर बहत दीरा पर ऽदखई

ऽदयndash एक ऽवशल दरवज ह उस दरवज पर एक पिरष खड़ हआ ह एक सतरा उसा पिरष स बत कर

रहा ह पिरष बोलndash ldquoवह कहा पर ह‛ सतरा बोलाndash sbquoवह यही पर कही हrdquo ऽफर वह दोनो चिप हो गए

वह हमरा ओर दखन लग म उनस बहत दीरा पर खड़ हआ थ शयद वह मिझ नही दख प रह होग

zwjयोऽक म बरगद क पड़ क तनो क बाच खड़ हआ थ मर अनदर ऽवचर आयndash इस सतरा को ऽकसन

भज ह आवज आईndash sbquoपतर धमश न भजा हrdquo मन ऽफर सोचndash यहा पर तो ऽसफथ म ह ा य पितर ऽकस कह

रहा ह तभा आवज आईndash sbquoआपको कह रही हrdquo मिझ लगndash धमथ मिझ पितर कह कर समबोऽधत कर रह

ह अनतररकष स आवज आईndashsbquoहाrdquo मन पीछndash sbquoजब धमथ अपन पितर कह कर समबोऽधत कर रह ह तो

मिझ अपन दशथन zwjयो नही द रह हrdquo अनतररकष स आवज आईndash sbquoकयोिक आप पणश रप स सतयवादी

नही ह इसिलए उनक दरशन आपको नही हो सकत ह उनका दरशन होना अतयनत दलशभ हrdquo तभा म

सवयम अपन आप कहन लगndash sbquoम समझ गय ह ा यह इनदर क हा ऐरवत ह म उस पर zwjयो बठी ा उस पर

ऽसफथ इनदर को हा बठन क अऽधकर ह मिझ उस पर नही बठन ह उस पर बठन तो दीर की बत ह म

उसक नगर म भा नही जऊा ग हथा पर बठकर आप मिझ ऐशवयथवन बनन चहत ह मिझ सिख नही

चऽहए मर सथन सवगथ म नही ह ऽजस सथन पर म खड़ ह ा वहा मर सथन यह हrdquo

कि छ कषणो क बद मन ईश वर स परथथन कीndash sbquoपरभि मिझ यहा सथन द दो म इसा सथन पर धयन

करा ग मिझ और कि छ नही चऽहए इसस सिनदर सथन मर ऽलए और कोई नही हो सकत ह यहा वयि क

योग कस कर 276

भा शोर भा नही हrdquoअनतररकष स आवज आईndash योगा तिमह मलीम नही ह इस सथन पर धयन करन क

ऽलए योऽगयो को योग म उचचतम अवसथ परप त करना होता ह ऽफर भगवन ऽशव की कप स यह सथन

परप त होत ह ऽसफथ उचचतम अवसथ परप त कर लन हा पय थपत नही ह भगवन ऽशव को भा परसनन करन

आवशयक होत ह zwjय तिम ऐस कर सकोग म बोलndash sbquoम कठोर सधन करन स घबरत नही ह ा म

वह योगा नही ह ा जो कऽठनइयो क समन आन स अपन मगथ स ऽवचऽलत हो जऊा भगवन ऽशव को

परशनन करन की जो बत आपन बतई ह उसक ऽलए अतयनत कठोर सधन करा ग उनह परसनन होन हा

होगrdquo अनतररकष स आवज आईndash sbquoतो ऽफर जओ अतयनत कठोर सधन करो अपन शष कमो को भा

भोग कर नष ट कर दो कमथ नष ट करत समय तिमहरा बहत दिगथऽत होगाrdquo ऽफर म बोलndash sbquoमिझ य सब मजीर

हrdquo ऽफर मिझ अनतररकष स आवज सिनई नही दा म बरगद क तन पकड़ हए खड़ थ म नाल परकश

को दख रह थ अनिभव समपत हआ

ऄथश- सधको अनिभव म म चल ज रह थ तब हथा मर पाछ आ रह थ वह हमर योगबल

ह रसत साकर और टीट हआ हndash अब योगमगथ पर चलन बहत कऽठन होग दऽहन ओर खई हndash

भऽवषय म मिझ समभल कर चलन होग नही म तो परशना म पड़ सकत ह ा यह ऽशवलोक क दरर थ

म ऽशवलोक म चल गय थ बरगद क पड़ अतयनत ऽवशल थ उस समय मरा ऽदवय दऽष ट भा बरगद

क पीर सवरप दख पन दीर की बत ह वह एक डला को भा पीणथ रप स नही दख पई था यह बरगद

क पड़ ऽदवय पड़ ह यही पर आवज सिनई दा था मन नाच की ओर बहत दीर दरवज दख थ जहा

मर ऽलए सतरा-पिरष बत कर रह थ वह सवगथ क दरवज थ ऐरवत पर चढ़न क अथथ होत हndash sbquoयश

और धन स पररपीणथ होनrdquo मगर मिझ य दोनो नही चऽहए जयदतर योऽगयो को अनिभव आत ह वह

सवगथ गए उनक सवगत ऽकय गय तथ सवगथ को घीम अथव घिमय गय ह ऐस योऽगयो को पथवा पर

अवशय हा कि छ-न-कि छ यश व धन की परऽपत होता ह मगर मन कभा सवगथ नही घीम ह इसऽलए उसक

वणथन म जयद नही कर सकत ह ा मन सवगथ घीमन क बदल उस लोक म बरगद क पड़ क नाच धयन

करन क ऽलए माग थ इसस सफ सपषट होत ह म धयन अऽनतम समय तक करत रह ाग मर ऽदन गराबा

म व परशना म गिजरग zwjयोऽक मिझ कमथशीनय होन ह ऽनिय हा ऽशवलोक की यतर हमरा सफल रहा

मिझ अनिभव म जो हथा ऽदखई दत ह वह मर योगबल ह मगर कभा-कभा एक और अथथ ऽनकलत हndash

उसक अथथ कमथ होत ह अनिभव म जब हथा सिनदर ऽदखई द व सफद रग क हो तब उसक अथथ होत

योग कस कर 277

हndash lsquoयोगबलrsquo और कभा कभा बहत हा lsquoशिभrsquo व lsquoयश क परप त होनrsquo होत ह जब हथा कल ऽदखई

द तब उसक अथथ होत हndash lsquoतमोगिणा कमथrsquo

शरी माता जी क दशशन बनद हो गए

यह अनिभव 3-4 फरवरा को आय थ मगरउस समय ऽलख नही थ मन दखndash एक अतयनत

परकऽशत जगह ह ऐस लगत ह म समपीणथ ऽकषऽतज क नाच अनतररकष म बठ ह ा मर समन शरा मत जा

और एक बरहमण पिरष (शवत वसतरधरा सनयसा) बठ हआ ह तानो क बाच म एक थला म भोजन रख

हआ ह कि छ कषणो म हम तानो एक सथ भोजन करन लग शरा मत जा मिझ दखकर बर-बर हास रहा

थी वह मिझस बहत परसनन थी शरा मत जा क सथ भोजन करन क करण मिझ थोड़ आश चयथ स हआ

zwjयोऽक सथील रप स कभा ऐस अवसर नही आय थ ऽक एक थला म खन खय हो बरहमण ऽबलकि ल

शनत थ अनिभव समपत हआ

इस अनिभव क बद मिझ शरा मत जा क दशथन होन पीणथरप स बनद हो गए zwjयोऽक बद म मिझ 9

फरवरा को ऽचतत म जलता हई लौ दाप ऽशख क समन ऽदखई दा था इस अवसथ क बद ऽचतत म

ऽसथरत बहत हा जयद बढ़ जता ह अभयसा को अनिभव भा कम आन लगत ह म और शरा मत जा

एक हो गए ह ऽफर कौन ऽकस दख य दशथन द ह ा शवत वसतरधरा बरहमण क अथथ हndash अब मर

आधयऽतमक सवरप इसा बरहमण क समन हो गय ह

भयकर ईषणता

आजकल मर शरार क तप कभा-कभा इतन बढ़ जत थ ऽक उस तप को सहन करन

मिऽशकल होत थ जबऽक फरवरा महान होन क करण हलकी सा ठनड पड़ रहा था ऽफर भा शरार क

अनदर भयकर गमी होन क करण कष ट की अनिभीऽत हो रहा था उस समय पाठ नऽभ और रदय म आग

हा आग क ऽसवय कि छ भा ऽदखई नही दत थ शरार की गमी सहन करन क ऽलय पाठ पर गाल कपड़

की चौड़ा सा पट टा चढ़कर पट क बल लट रहत थ उसा अवसथ म धयन भा लग जत थ मिझ

योग कस कर 278

चर-प ाच घणट पट क बल लट रहन पड़त थ उस समय मर सथ म जलग ाव क एक सतसगा रह रह

थ उनस मिझ बहत सहयत ऽमलता था वह गाल कपड़ करक मरा पाठ पर रख दत थ इस तरह गाल

कपड़ स पाठ की ऊपरा तवच पर थोड़ स आरम ऽमलत थ मगर अनदर की उषणत तो सहना हा

पड़ता था इसक अऽतररकत अनय कोई रसत नही थ शरामत जा न मिझ बतयndash ldquoआप ऽकसा क हथ

क बन खन मत खइए सवय खन बनइए और खइए एकनत म रऽहए ऽकसा स जयद बत मत

कीऽजए अतयनत शिित स रऽहए zwjयोऽक आपको शिित की बहत जररत हrdquo

म बरहम ह ा

मिझ अनिभव आयndash चरो ओर हलक नाल रग क तज परकश फल हआ ह म उसा परकश म

खड़ हआ ह ा मर मिाह स अपन आप आवज ऽनकल रहा हndash sbquoम ह ाrdquo sbquoऽसफथ म हा ह ाrdquo sbquoम हा ह ाrdquo ldquoम हा

बरहम ह ाrdquo यह शबद म कह रह थ मर दरर आवज इतना तज ऽनकल रहा था ऽक समपीणथ आकश गीाज

रह थ म यहा शबद जोर-जोर स नाल परकश म खड़ होकर कह रह थ उसा समय ऊपर अऽतररकष की

ओर स lsquoॎrsquo की बहत तज आवज आई ऐस लग lsquoॎrsquo की तज आवज स आकश फट जएग इधर

मर दरर भा अपन आप आवज ऽनकल रहा थाndash sbquoम हा बरहम ह ाrdquo मरा आवज स आकश गीाज रह थ

तभा मर धयन टीट गय मर सथील शरार स भा आवज आ रहा थाndash ldquoम हा बरहम ह ाrdquo मर सथील शरार

तप क करण गमथ हो रह थ

ऄथश- सधको आप सोच रह होगndash म धयनवसथ म अपन हा मिाह स कह रह थndash sbquoम हा बरहम

ह ाrdquo जब योगा समऽध क दरर उचचततम अवसथ परप त करत ह तब अहकर क सकषतकर होत ह

उसा अहकर क दरर य शबद ऽनकलत हndashldquoम हा बरहम ह ाrdquo zwjयोऽक अहकर क दरर हा समपीणथ बरहमणड

ऽक उतपऽतत होता ह यह अहकर ऽचतत की हा एक वऽतत होता ह यह वऽतत (अहकर वला) बरहम ऽक ओर

स ऽनदशन करता ह यह वऽतत अतयनत शिि सऽतवक और वयपक होता ह

योग कस कर 279

बाधा दर की

यह बध जलग ाव की एक सऽधक को था जीन सन 1989 म इस सऽधक क सथ डढ़ मह शरा

मत जा क घर ऽमरज म रहन क अवसर ऽमल थ उस समय मर और सऽधक क बाच म घऽनषठत हो

गया था उसा समय मरा समझ म आ गय थ ऽक इस ऽकसा परकर की बध ह ऽफर अzwjटीबर सन

1992 म शरा मत जा क सथ जलग ाव गय थ तब म इसा सऽधक क घर म रक थ तभा मन इस

बध को सपषट रप स दख थ इसा बध क करण इस सऽधक की सधन रकी हई था तथ

धयनवसथ म ऽवऽचतर ऽकरयएा ऽकय करता था म समझ गय थndash यह सधन नही बऽलक एक रकवट

ह सिबह क समय थ सऽधक धयन पर बठा हई था म भा उसा समय अपना ऽदवय दऽष ट को परररत

करक उस सऽधक क पाछ आाख बनद करक बठ गय तभा मिझ बध ऽदखई दा वह बध दिषट सवभव

की था उसन मर समन अभदरत क वयवहर ऽकय थोड़ स करोध क सथ मर मिाह स ऽनकलndash

ldquoबदतमाजrdquo मर दरर बोल गय इस शबद स उसक ऊपर कोई असर नही हआ उसकी इस ऽकरय स मर

अनदर करोध आ गय मगर म कि छ नही बोल ऽफर यह बत मन सऽधक को बतया कि छ समय क बद

शरा मत जा क पस चल गय वह अपन लड़क क पस रकी हई था मन शरा मत जा को बतयndash ldquoउस

सऽधक को कोई बध हrdquo शरा मत जा बोलीndash ldquoह ा उस सऽधक को कोई बध हrdquo ऽफर म अपन घर

(कनपिर) जकर ऽमरज वपस आ गय ऽशवरऽतर पर जलग ाव क कि छ सधक ऽमरज आशरम आए हए थ

मन परयोग क तौर पर बध को दीर करन क ऽनिय ऽकय मन सोच इसस मर अनिभव और बढ़ग

जलग ाव क सभा सधक आशरम म रक हए थ 15 फरवरा सिबह चर बज मन उस सऽधक को

अपन समन बठन को कह सभा सधक वही पर धयन कर रह थ धयनवसथ म मन उस बध को

दख जो उस सऽधक क अनदर ऽवदयमन था मन बध स कहndash sbquoकपय आप इस सऽधक को

छोड़कर चला जएrdquo ऽफर ईश वर स परथथन कीndash ldquoपरभि इस बध क करण इस सऽधक की सधन रकी

हई ह आप इस पर कप कर इसक कमथ भा एक ऽनऽित मतर म धार-धार जल जएाrdquo ऐस सकलप

करक मन सऽधक पर शऽzwj तपत ऽकय ऽफर म शनत होकर बठ गय और ऽदवयदऽष ट क दरर म उस

सऽधक क अनदर की सीकषम हलचल दखन लग मन दखndash वह बध उस सऽधक को छोड़कर जन

को तयर नही ह ऽफर zwjय थ मिझ थोड़ स करोध आ गय मन सऽधक पर अबकी बर जबरदसत

शऽzwj तपत ऽकय शऽzwj तपत होत हा बध क शरार म जोरदर कमपन हआ और सऽधक क शरार स

जन को तयर हो गया म अब भा थोड़ करोध स उस दख रह थ उस बध न अपन हथ जोड़ और

योग कस कर 280

ऽगड़ऽगड़ कर बोलाndash ldquoयोगा जा म ज रही ह ाrdquo म बोलndash ldquoआज क बद इस सऽधक की ओर मिड़कर

भा न दखन वरन म तिमहरा दिगथऽत कर दीागrdquo बध बोलाndash sbquoकषम कर म अब कभा नही आऊा गाrdquo

बध को ऽनकलकर म धयन की गहरई म डीब गय धयन टीटन क बद म आशरम क कयो म

लग गय मन उस सऽधक स कि छ नही बतय ऽक मन उसक सथ zwjय ऽकय ह शम को उस सऽधक

न मिझस पीछndash भय आपन सिबह zwjय ऽकय थ मन बोलndash ldquoकि छ नहीrdquo उसन कहndash आपन मरा बध

ऽनकल दा ह और आप कहत ह कि छ नही ऽकय मन पीछndash आपको कस मलीम हआ ऽक मन बध

ऽनकल दा ह ऽफर सऽधक न अपन अनिभव मिझ सिनयndash आपक दरर शऽzwj तपत करन क बद मिझ

एक सतरा ऽदखई दा था वह शzwjल म अचछा नही था वह सतरा हथ जोड़ हए खड़ा था मिझस बोलाndash

sbquoअब म ज रहा ह ा मिझ कषम कर दो अब म आपक पस कभा नही आऊा गाrdquo यह कहकर वह सतरा चला

गया ऽफर मर अनदर स आवज सिनई दाndash ldquoआपक कमथ धार-धार एक ऽनऽित मतर म जल जएागrdquo ऽफर

कि छ कषणो क बद एक जयोऽत ऽदखई दा

मन शरामत जा को मन सरा बत बतया तब उनहोन मिझ समझयndash ऐस कयथ करन स पहल

आप अपन कवच बन ऽलय कर ऽफर ऐस कयथ कर नही तो ऐसा बधएा आप पर भा हमल कर

सकता ह उनह सतिषट करक भजन चऽहए ऽक उनह zwjय चऽहय zwjयोऽक ऐसा दिषट शऽzwj तया भोजन आऽद

भा मागती ह सधको मिझ शरा मत जा न समझय थndash मिझ इस परकर स बहर नही ऽनकलन चऽहए

थ मन अपन जावन म ढरो परयोग ऽवऽभनन परकर क ऽकए ह बड़ा-बड़ा तमऽसक शऽzwj तयो स स मर

झगड़ भा हआ ह मगर मन कवच कभा भा नही बनय इसक करण यह ह मर पस योगबल की कभा

भा कमा नही हई ह ऐसा शऽzwj तय ा मर वलय दखकर हा भग जता ह म भिवलोक की तमऽसक

शऽzwj तयो स भा लड़ सकत ह ा म चह ा तो उनह मील सरोत म ऽवलान कर दीा मिझ एक ऽवशष परकर की

शऽzwj त परप त ह इसऽलय म इस परकर की शऽzwj तयो स नही डरत ह ा

भगवान यीश भगवान शरी कषण और शरी माता जी

यह अनिभव एक मचथ को आय थ म रऽतर क 11 बज लट हआ थ मरा आाख अपन आप

बनद हो गया मिझ ऽदखई ऽदयndash अनतररकष म सिनहल रग की लमबा लइन तज परकश की जोर स चमकी

योग कस कर 281

जस बरसत म बदलो क बाच म ऽबजला चमकता ह तज परकश की लइन क चमकत हा उसम

ऽवसफोट हो गय ऽवसफोट होत हा समपीणथ आकश तज परकश स यिकत हो गय उसा तज परकऽशत

आकश म एक परकश सतमभ ऽदखई दन लग उसा परकश सतमभ म भगवन याशि क दशथन होन लग

उनक शरार तज परकश स बन हआ थ म तिरनत बोलndash ldquoआप तो परभि याशि हrdquo मर शबद सिन कर वह

मिसकरन लग ऽफर उनहोन मिझ आशावथद ऽदय मन उनह परणम ऽकय परभि याशि कि छ नही बोल ऽफर

अदशय हो गए हमर भव परभि याशि की ओर ऽवदयथी जावन स हा रह ह मन बइबल क भा बहत

अधययन ऽकय ह इसऽलए परभि याशि मिझ अचछ लगत ह

परभि याशि क अदशय होन क कि छ कषणो बद हा उसा सतमभ पर भगवन कषण ऽदखई दन लग

भगवन कषण क सवरप यिव थ और उनक शरार तज परकश स बन हआ थ मर मिाह स आवज

ऽनकलाndashsbquoपरभि आप‛ वह मिसकि र रह थ उसा समय मरा आाख खिल गया म सो नही रह थ ऽसफथ मरा

आाख बनद था म परभि याशि और भगवन शरा कषण क ऽवषय म सोच रह थ ऽफर दोबर मरा आाख बनद

हो गई तभा शरा मतजा क परदशी शरार ऽदखई दन लग उसा समय अतररकष स आवज आईndash ldquoयह

सकषम ररीर तमहार गर का हrdquo उस परदशी सीकषम शरार म सभा चकर ऽदखई द रह थ तथ कि णडऽलना भा

ऽदखई द रहा था मीलधर चकर स बरहमरनधर तक ऽफर बरहमरधर स रदय तक आई हई था इतन म मरा

आाख खिल गई म उठकर बठ गय

सधको य सभा दशय ऽदवयदऽष ट क दरर ऽदखई द रह थ ऽफर म थोड़ा दर क ऽलए धयन पर बठ

गय मिझ धयन म बरहमरनधर क अनदर स ऊपरा भग ऽदखई ऽदय बरहमरधर की ऊपरा सतह ऽवशष परकर

स चमक रहा था ऐस लगत थ जस परदशी काच हो उसा समय आवज आईndash ldquoयह बरहमरनर का

ऊपरी भाग हrdquo योगा शरार छोडत समय अपन सीकषम शरार यही स बहर ऽनकलत ह यह दशय लगतर

दो अनिभवो म आय थ

बराहमण नही

यह अनिभव 12 मचथ दोपहर 11 बज आयथ मन धयन म दखndash म ऽकसा परकशमन जगह पर

बठ हआ ह ा मर समन बहत मोट गरनथ रख हआ ह म उस पढ़ रह ह ा zwjय पढ़ रह ह ा यह मिझ अब

योग कस कर 282

मलीम नही ह गरनथ पढ़त समय मरा ऊा गला एक लइन पर रक गई ऽफर म थोड़ तज आवज म बोलndash

ldquoजो बरहमण सतय क अवलमबन नही करत ह वह बरहमण कहलन योनय नही ह बरहम की अनिभीऽत करन

वल हा बरहमण होत हrdquo इतन पढ़त हा मर हथ वहा पर रक गय ऽफर म आग कि छ नही बोल उसा

समय मिझ अपन आभस होन लग

शरी माताजी

यह अनिभव मिझ योगऽनदर म 15 मचथको आय थ म अकल हा कही चल ज रह थ चरो

ओर सिनहर परकश फल हआ थ कि छ कषणो बद मिझ ऐस लग जस मर बयी ओर कि छ ह मन अपना

दऽष ट बयी ओर की तो आश चयथ म पड़ गय मर बयी ओर मिझस कई फीट ऊा च ऽबन आधर क पना

ऽसथत थ आश चयथ यह थ ऽक पना दावर की भ ाऽत ऽबलकि ल ऽहलडिल ऽबन हा रक हआ थ जबऽक

पना को दावर की भाऽत ठहरन क ऽलए कि छ आधर होन चऽहए वह असाऽमत पना बफथ क समन

ऽसथर थ पना अतयनत सवचछ और परदशथक थ म थोड़ आग की ओर बढ़ और अपन आप रक

गय उसा जगह पना क ऊपरा सतह पर कि छ हलचल सा होन क करण हलकी-हलकी तरग उठ रही था

वही पर मिझ एक ऽवशल मछला तरता हई ऽदखई दा मछला पना क ऊपरा सतह पर तर रहा था मरा

दऽष ट जस हा मछला पर पड़ा यह मिझ बहत बिर लगndash ऽक सवचछ पना म इस मछला क zwjय कयथ ह

इतन म वह मछला थोड़ा मरा ओर आई और मिझ टकटकी लगकर दखन लगा मछला अतयनत

खीबसीरत था उसकी तवच चादा क समन चमक रहा था जब वह मरा तरफ दख रहा था उस समय मर

अनदर ऽवचर आयndash sbquoचह ा तो इस मछला को पकड़ सकत ह ा‛ म अपना जगह स थोड़ ऊपर की ओर

होकर मछला की ओर बढ़ मन मछला पकड़न क ऽलए अपन हथ आग की ओर बढ़य इचछ करत

हा मर हथ की लमबई अपन आप बढ़न लगा जस हा म उस मछला को पकड़न वल थ तभा

आवज आईndash sbquoनही‛ मन उस आवज की ओर दख ऽजधर स आवज आई था मन दखndash मिझस

थोड़ा दीरा पर घिटनो तक उसा पना म खड़ा हई शरामत जा ऽदखई दा वह मरा ओर दख रहा थी और

मिसकि र भा रहा था म तिरत समझ गय lsquoनहीrsquo शबद शरा मत जा न हा कह ह शरामत जा ऽफर बोलीndash

sbquoआप उस मछला को मत पकड़ो उसको उसा पना म रहन दो‛ शरा मत जा दरर यह शबद सिनकर म

दग रह गय मर मन म ऽवचर आय य शबद मतजा को नही कहन चऽहए म दिखा भव स शरा मत

योग कस कर 283

जा को दख रह थ मन ऽफर मछला को दखndash मछला मिझ अब भा दख रहा था उस समय मिझ ऐस

लग रह थ मनो मछला कह रहा हो तिम मिझ ऽसफथ दखत रहो पकड़न क सहस मत करो कि छ कषणो म

मर दखत हा दखत मछला ऽफर पना क ऊपरा सतह पर फि दकन लगा म दिखा भव स आग की ओर बढ़

गय म सोच रह थndash ऽकतना शिि जगह म यह मछला ह बड़ दिःख की बत ह

ऄथश- सधको म इस अनिभव क अथथ नही ऽलख रह ह ा यऽद इस अनिभव क अथथ ऽलख दीाग

तो मर ओर शरा मत जा क ऽवषय म जनकरा हो जएगा आप अपन जञन क दरर अथथ ऽनकल लाऽजए

मिझ कोई आपऽतत नही ह म इतन अवशय ऽलखीाग मिझ शरामत जा क ऽवषय म इस जनकरा स दिःख

हआ

वतरनतरी सतरी

यह अनिभव मिझ योग ऽनदर म आय मिझ लग म ऽकसा साकर ऽछदरनिम जगह स नाच की ओर

ऽगर गय नाच ऽगरत हा ऐस लग ऽक म ऽकसा ढलन पर ऽगर ह ा म अपन हथो स भीऽम को पकड़ रह

थ ऽफर भा भीऽम मर हथो म पकड़ म नही आ रहा था म नाच की ओर ऽफसलत ज रह थ कि छ

समय क बद मन अपन को ऽसथर कर ऽलय और खड़ हो गय तब मन दखndash म ऽकसा गनदा नदा क

ऽकनर खड़ ह ा उसक पना अतयनत गद ह मिझस थोड़ा दीरा पर कि छ सतरा-पिरष खड़ हए थ इनम स कि छ

सतरा-पिरष नदा म ऽगरत थ और गयब हो जत थ कि छ सतरा पिरष नदा क ऽकनर खड़ हए नदा को गौर स

दख रह थ वह सभा लोग डर हए स लग रह थ कि छ कषणो बद य सभा सतरा पिरष नदा म ऽगरकर अदशय

हो गए

इसा परकर अनतररकष स सतरा-पिरष ऽगरत और ऽफसलत हए नदा म ऽगरकर अदशय हो रह थ उसा

समय मर अनदर ऽवचर आयndash यह सतरा और पिरष नदा म zwjयो ऽगर रह ह तिरनत आकश स आवज

आईndash sbquoय सतरी-परष जो नदी म िगरकर समा गए व ससार म जनम लन क िलय आ गए ह जो नदी क

िकनार खड़ हए ह वह भी ससार म कछ समय बाद जनम लग‛ अब मरा समझ म आ गय यह नदा

अपन हा मतयिलोक ह मन अपन आप स कहndash sbquoनही मिझ इसम (मतयिलोक म) नही जन ह म ऽजधर

स आय ह ा उधर वपस जऊा ग‛ इतन म मन ऊपर की ओर दख ऽजधर स म आय थ मर ऊपर एक

योग कस कर 284

साकर स छद थ उस साकर स छद क ऊपर की ओर तज परकश ऽदखई द रह थ थोड़ स परकश छद

स आकर मर ऊपर भा पड़ रह थ म सोच रह थndash इस साकर छद स ऊपर कस जऊा ग उसा समय म

अपन आप ऊपर की ओर उठन लग उस साकर ऽछदर म मर शरार समन लग मिझ आश चयथ हो रह थ

ऽछदर ऽबलकि ल साकर होन क बवजीद मर शरार ऽबन कष ट क उस ऽछदर स होत हआ ऊपर चल गय

ऽछदर पर करत हा म नई जगह पर पहाच गय

नई जगह पहाचन पर दखndash वह ा पर सिनहर तज परकश फल हआ थ उस समय मरा दऽष ट

दीरगमा हो गया था मिझस कि छ दीरा पर उसा तज परकश म एक सतरा बठा हई ऽदखई दा वह सतरा अतयनत

खीबसीरत था लल सड़ा पहन हए था उसक खीबसीरत लमब-लमब बल थ वह सतरा इतना सिनदर था

इसक वणथन म यहा पर नही कर सकत ह ा वह सतरा ऽनषभव स बठा हई मरा ओर दख रहा था उस सिनदर

सतरा को दखत हा म आश चयथ म पड़ गय ऽक अतयनत सिनदर तजसवा सतरा यह ा पर अकला बठा हई मरा

ओर दख रहा ह उसा समय मन दखndash उस सतरा क तान नतर ह उसक तासर नतर खिल हआ ह यह नतर

बहत हा सिनदर ऽदखई द रह ह म उस सतरा क पस पहाच उस समय म भा उस ऽनषभव स दख रह थ

मन अपन दोनो हथो स उस सतरा क मिाह बचचो क समन पकड़ ऽलय जस हा मन उसक मिाह को सपशथ

ऽकय उसा समय उसक तासर नतर अपन आप अदशय हो गय म इस ऽकरय स बड़ दिखा हआ मन

उस सतरा स पीछndash आपक तासर नतर अदशय zwjयो हो गय ह वह उततर म कि छ नही बोला मिझ ऽनषभव

स दख ज रहा था तभा मिझ लगndash उसक मिाह को मन अपन हथो स पकड़ रख ह उसक सपशथ मिझ

अचछ लग रह थ उसक मिाह (दोनो गल) की तवच अतयनत मिलयम ह ऐस मिाह समनय ऽसतरयो जस

नही होत ह ऐस ऽवचर मर मन म आत हा वह सतरा बोलाndash sbquoबट म तिमहरा म ा ह ा‛ उसक दरर यह

शबद कहत हा मिझ अपन अनदर शमथ सा आ गई उसक मिाह मर हथो स अपन आप छी ट गय शमथ स

हमर ऽसर नाच की ओर झिक गय और म सोचन लगndash मिझ मा क परऽत ऽवकर zwjयो आ गय इसस

बड़ दिःख की बत और zwjय हो सकता ह मन ऽफर उसा सतरा की ओर दख उसा कषण उस सतरा क शरार स

ढरो ऽसतरया परकट होन लगा य सभा ऽसतरया ऽतरनतरधरा थी अनतररकष स आवज आईndash sbquoिवशव की समपणश

िसतरया तमहारी मा हrdquo हमर अनिभव समपत हो गय

ऄथश- म नीद स जग कर बठ गय और सोचन लगndash मर अनदर ऽवकर zwjयो आ गय मिझ

समझत दर नही लगा म ऽशवरऽतर क अवसर पर सभा क हथो क बन खत रहत ह ा इसऽलए मर

अनदर ऽवकर आ गय मिझस शरा मतजा न पहल हा कह थ आप सवय अपन हथो स खन बनकर

योग कस कर 285

खइए सभा स दीर रऽहए तिमह शिित की अतयनत आवशयकत ह म ऽजस ऽछदर स नाच की ओर गय थ

ऽफर उसा ऽछदर स ऊपर वपस आ गय थ अनय सतरा-पिरष अपन आप अनतररकष स ऽगरत हए ऽदखई द

रह थ यह ऽतरनतरा सतरा कि णडऽलना शऽzwj त था मिझ अनिभव म ऽदखय गय जनम लन क समय ऽकस परकर

स सतरा-पिरष ऊपर स नाच की ओर ऽगर रह थ और नदा रपा ससर म अदशय हो रह थ ससर म आकर

मनिषय अपन आप को भील जत ह

कि छ ऽदनो पित मन धयनवसथ म दखndash लल सड़ा पहन हए ऽसर पर मऽणयो स यिकत मिकि ट

लगए हए मत कि णडऽलना शऽzwj त बठा हई ह वह मरा ओर दख रही ह उसक पाछ आग सा जल रहा ह

यह दशथन मिझ रदय म हआ ह अब रदय म दशथन शयद इसऽलए हआ zwjयोऽक कि णडऽलना रदय

म आकर ऽसथर हो चिकी ह धार-धार कमो क नश भा होन लग ह कमो क जलन क दशय भा जलता

हई आग क रप म ऽदखए द रह ह अब जयदतर अनिभव रदय म आत ह

शरी माताजी की आचछा

मन दखndash शरामत जा चला आ रही ह उनक पाछ-पाछ और कभा-कभा बगल म शर चल रह

ह शरामत जा अपन हथो म कोई वसति ऽलए हए ह शर को वह वसति डलता जर रहा ह शर उस वसति

ख लत ह इसा परकर शरामत जा आग की ओर चला ज रही ह एक सथन पर खड़ा होकर उनहोन ढर

सरा वसति शर क समन डल दा शर पीाछ ऽहलत हआ उस वसति को खन लग शरामत जा वही खड़ा

होकर दखन लगी

ऄथश- मर अनदर ऽवचर आयndash शरामत जा को शर क ऽलए कि छ भा नही डलन चऽहए शर

मन और करोध क परताक होत ह मिझ दिःख हआ आऽखरकर शरामत जा को zwjय चऽहए जो यह सब

कि छ कर रहा ह यऽद भऽवषय म सतकथ त स कम न ऽकय तो पतन होन ऽनऽित ह

योग कस कर 286

गध की सवारी

मन अपरल मह म धयनवसथ म दखndash म गध पर सवर ह ा गध मिझ कही ऽलए ज रह ह

उसकी चलन की गऽत बहत हा तज ह मन बयी ओर अपन दोनो पर लटक रख ह गध दौड़त भा ज

रह ह और अपन मिाह मोड़कर मर परो क तलव भा चटत ज रह ह म सोच रह थndash मर पर क तलव

zwjयो चट ज रह ह मगर गध यहा ऽकरय करत रह परो क तलव भा चटत ज रह ह और दौड़त भा

ज रह ह गध क भगन की गऽत अतयनत तावर था म बोलndash अर धार-धार चलो नही तो ऽगर जओग

गध बोलndash ldquoनही म नही ऽगरा गrdquo अनिभव समपत हो गय

मन अपन अनिभव शरामत जा को बतय तब शरामत जा बोलीndash ldquoआपकी बिऽि भरषट हो गई ह

zwjयोऽक गध बिऽिहानत क परताक होत हrdquo शरा मतजा न इस अनिभव क अथथ बहत अचछ ऽनकल

ह मगर यह zwjयो नही दखती ह ऽक गध मर तलव चट रह ह और दौड़त भा ज रह ह म कमयबा

पर सवर ह ा कमयबा मर तलव चट रहा ह भऽवषय म म कही जऊा ग zwjयोऽक गध पर बठकर ज रह

ह ा वह ा तावर गऽत स कमयबा ऽमलगा लोग गध को बिऽिहान कहत ह सच तो यह ह गध सबस बड़

बिऽिमन व सहनशाल जनवर होत ह सवभव स साध होन क अथथ बिऽिहान होन तो नही ह मगर

अब मर भऽवषय ऽनऽित करग ऽक zwjय होग एक अथथ यह भा ह ऽक भऽवषय म मिझ परशऽनया आएागा

गध क अथथ होत हndash lsquoपरशना य कष टrsquo म परशना पर सवर ह ा परशऽनया मर तलव चट रही ह

अथ थत भऽवषय म मिझ परशऽनय ा अवशय आएागा मगर व परशऽनय ा मर कि छ नही ऽबगड़ पएागा

बऽलक म उन परशऽनयो पर सवर होकर तावरगऽत स आग क मगथ तय करत जऊा ग

यह जगह छोड़ दो

लगभग डढ़ मह हआ धयन म अzwjसर अतःकरण स आवज आय करता थाndash sbquoकि छ समय क

ऽलए इस जगह को छोड़ दो‛ पहल मन इन शबदो पर कोई धयन नही ऽदय सोचndash शयद गहरई म पड़

हए ऽवचर ऽनकल रह ह इसऽलय ऐस शबद सिनई द रह ह मगर धयनवसथ म यहा शबद बर-बर सिनई

दन लग तब म ऽचऽतत स हआ मर अनदर स ऐसा आवज zwjयो ऽनकलता ह अवशय हा कोई करण

होग ऽफर मन सकलप करक पीछndash sbquoय शबद मर मन की उथल-पिथल ह अथव मर ऽलए यह ऽनदश हrsquo

योग कस कर 287

उततर ऽमलndash sbquoकया धयान म सनाई दन वाल हर रबद मन की ही उथल-पथल होत ह‛ म आश चयथ म पड़

गयndash परश न क उततर परश न स ऽमल ऽफर अतःकरण स आवज आईndash ldquoआपको यह जगह कछ समय क

िलए छोड़नी ही होगीrdquo म कि छ नही बोल धयन समपत करक सोचन लगndash zwjय बत ह zwjय होन

वल ह समझ म नही आत ह बर-बर यहा शबद सिनई दन पर मन ऽखननत सा होन लगा ऽक मिझ

और कही कि छ समय क ऽलए जन चऽहए मरा समझ म नही आ रह थ म zwjय ऽनणथय लीा ऽनणथय लत

समय यहा आवज आन लगता थाndash sbquoतमह यहा स जाना ही होगाrdquo उसा समय म सोचन लगत थndash

अब म कहा जऊा ग अतःकरण स आवज आई ndashsbquoआपको यह अवसथा धयान दवारा िमली ह िरर भी

आप घबरात ह आपक साथ यही होगा न िक आपको कष ट िमलग कष ट और तयाग क िबना कोई वसत

पराप त नही होती ह योग का मागश वस भी किठनाइयो और दखो स भरा हआ होता ह तमह कठोर साधना

करनी होगी‛ अब मर अनदर आतमऽवशवस जग और सोचndash ldquoठाक ह म यहा स कि छ समय क ऽलए

चल जऊा गrdquo म जब भा धयन म बठत तब यहा आवज सिनई दता थाndash sbquoतमह हर हालात म यह

जगह छोड़नी होगी‛ ऽफर म धयन म सकलप करक बठ गय और पीछndash sbquoमिझ यह जगह ऽकतन ऽदनो क

ऽलए छोड़ना होगाrdquo अनतररकष स आवज सिनई दाndash ldquoकम स कम तीन वषश क िलए छोड़ना ह इस

अनतराल म तम िकसी सतसगी स पतर वयवहार या समपकश नही करोग यहा तक िक शरी माताजी स भी

समपकश नही करोगrdquo मन पीछndash ldquoकपय आप मिझ बत दाऽजय म कहा चल जऊा ‛ अनतररकष स

आवज आईndash sbquoउततर भारत‛ मन पीछndash ldquoउततर भरत म ऽकस जगह जन ह‛ अनतररकष स आवज

आईndash sbquoचाहो तो कछ समय क िलए घमन क तौर पर िकसी आशरम म जा सकत हो मगर साधना क

उददशय स नही जाना कयोिक आपकी साधना िकसी अनय आशरम म होन वाली नही ह और न ही आशरम

म इतना समय िमलगा िक तम वहा पर साधना कर सको‛ मन पीछndash ह परभि म कहा चल जऊा मर

रहन और खन क इतजम कहा होग अनतररकष स आवज आईndash sbquoआप सवय नही जा रह हो बिकक

भज जा रह हो इसिलए भजन वाला सवय इतजाम करगा तम िचता करन वाल कौन होत हो तमह

भिवषय म साधना क बल पर ढर सार कायश करन हrdquo मन पीछndash ldquoभऽवषय म मिझ zwjय-zwjय कयथ करन ह

अनतररकष स आवज आई- sbquoअभी जानन की कोिरर न करो भिवषय सवय तमहार सामन होगा हा

कठोर साधना क समय तमह बहत सरारीररक और मानिसक कष ट उठान होग उसक िलए हमरा तयार

रहो िबना कष ट भोग साधना नही होती ह िजतना जयादा कष ट उठाओग साधना म उतनी ही जयादा

सरलताए िमलगी‛

योग कस कर 288

ऽफर कई ऽदनो तक म सोच म बन रह ऽक zwjय ऽकय जएकि छ समझ म नही आ रह ह उस

जगह की कहा तलश करा जह ा पर मिझ जन ह ऽफर कि छ ऽदनो बद म धयन म सकलप करक बठ गय

और पीछndash परभि कप करक मिझ बत दो ऽजस जगह पर जन ह अनतररकष स आवज आईndash sbquoतमहारी

सहायता म कर गा िनििनत हो जाओ तमह अपन िपताजी की कपा पर या िपताजी दवारा इतजाम करा

िदया जाएगा मगर एक बात का धयान रखना तम बहत कम बोलोग और ढर सारी बात अकारण सननी

पड़ सकती ह‛ मन पीछndash मिझ कब जन होग अनतररकष स आवज आईndash sbquoअपरल क अिनतम िदनो म

जाना ह अब तमहारी साधना यहा पर नही होगी जसी साधना तम करना चाहत हो‛ य सभा बत एक-

डढ़ मह म मलीम हई थी

इधर शरामत जा स म कस कह सकत थ ऽक म यह ा स जन चहत ह ा आशरम छोड़न क

सथील करण तो कि छ भा नही बनत थ म सवय ऽचऽनतत हो रह थ zwjयोऽक शरा मत जा मिझस बहत

पयर करती था उस पयर को दखकर मर अनदर सहस नही हो प रह थ ऽक म उनस कस कह दीाndash

ldquoशरामत जा म आशरम छोड़कर ज रह ह ाrdquo ह ा मन कि छ समय ऐस दख हndash मरा सधन क ऽलए

समय और जगह की उनह पहल जसा कोई परवह नही रह गया था इधर आशरम म लोग आकर रहन

लगत थ इसस मिझ कभा-कभा सधन म अवरोध भा होत रहत थ मन दखndash मर अपमन हमश

होत रहत ह उसक कोई हल भा नही थ इसऽलए आशरम स हमर मन ऊबन स लग थ जब स

आशरम म सधन करन क ऽलय आय ह ा तबस ऽकसा न ऽकसा की अकरण सिनत हा रहत ह ा ऽफर भा

मर ऽलए कह जत ह ऽक आननद कि मर कि छ कम नही करत ह अथ थत आशरम क कम नही करत ह ा

यहा बत मिझस कई लोगो न कहा मगर म सिनकर टल दत थ zwjयोऽक मिझ अपना सधन करना था

इसऽलय मरा मजबीरा क लभ उठय ज रह थ

आजकल जलग ाव स एक लड़क कि छ समय क ऽलय आशरम म रहन क ऽलए आय हआ थ

वह आशरम स शरामत जा क पस रोजन जय करत थ उसन सत अपरल को मिझ बतयndash आज मिझ

सइऽकल क करण बहत डाट पड़ा ह अणण जा करोऽधत हो रह थ सइऽकल यहा (ऽमरज म) मत रख

करो इस आशरम म रखो उस समय शरामत जा बोलीndash ldquoआननद कि मर कि छ कम नही करत ह कम क

ऽलए मन कर दत हrdquo शखर कि लकणी स कहndash ldquozwjय म नौकर ह ा चरपई भा उसन नही बनवई गमल

ल जन क ऽलए उसन मन कर दत ह इसऽलए सइऽकल ऽनऽतन को कम क ऽलए दा हrdquo (ऽनऽतन यहा

लड़क जो जलग ाव स आशरम म आय ह) यह सब सिनकर मन अपन आप म सोचndash ldquoआननद कि मर

योग कस कर 289

लनत ह तिझ पर ऽसफथ खन क ऽलए इस आशरम म रक हआ हrdquo मिझ पर शरामत जा न झीठ आरोप

लगए गिर और योगा होकर इतन बड़ झीठ बोलता ह मन तिरनत ऽनणथय ऽलय म अभा आशरम छोड़त

ह ा ऽनऽतन को एक पतर ऽलखकर शरामत जा क ऽलए द ऽदय वह पतर लकर शरामत जा क पस गय और

मर पतर शरा मत जा को द ऽदय उततर म ऽफर शरामत जा न मिझ एक पतर ऽलखndash ldquoआपको जन ह तो

जओ मन कि छ परशन हआ तो कि छ कह ऽदय होगrdquo मन ऽफर एक पतर शरामत जा क ऽलय ऽलख

और ऽनऽतन दरर शरामत जा क पस भज शरामत जा न पतर क जबब ऽदय जो अऽत सकषप म इस

परकर हndash sbquoहमरा कोई इचछ नही ह ऽक आप आशरम छोड़कर जएा आप अपना मजी स ज रह ह‛

मिझ इस पतर पर बहत करोध आय मरा बइजजता भा की ज रहा ह और यह कह ज रह ह ऽक हमरा

कोई मजी नही ह आप अपना मजी स ज रह ह

उस समय मर पस घर जन क ऽलए ऽकरय नही थ तथ कि छ लोगो क यह कहन पर म रक

गयndash यऽद आप अभा चल जएाग तो अनय सधक zwjय सोचग शरामत जा न कि छ कह ऽदय होग

शरामत जा की बदनमा होगा तथ जब तक आशरम म वयवसथ न हो जएा तब तक रक रऽहए अचनक

चल जन स लोग सोचग आननद कि मर zwjयो चल गय यह बत मिझ उऽचत लगा मिझ अचनक नही

चल जन चऽहए यह बत मिझ वघमर जा (शरा मत जा क ऽशषय) न कहा था इसऽलए 15-20 ऽदनो

क ऽलए रक गय अकषय तताय (24 अपरल) क बद चल जऊा ग सोच जब ज हा रह ह ा तो झगड़

करक zwjयो जऊा आरम स जऊा इसऽलए चिप हो गय बहत स सधको न मिझस पीछndash ldquoआप zwjयो

आशरम छोड़कर ज रह ह‛ म बोलndash अपना मजी स ज रह ह ा शरामत जा क सधको स कहन थndash

sbquoआननद कि मर दो-चर महान म आ जएाग उसक घर मउसक समन कोई ऐसा बत हो जएागा वह

ऽफर यहा पर आ जएग‛

ऽमरज (महरषटर) स चलत समय शरा मत जा न मिझस कहndash ldquoतिम दो चर महान क ऽलय जहा

भा चहो घीम आओ ऽफर घीम क यहा आशरम म आ जन zwjयोऽक तिमहरा घर म तो सधन नही होगाrdquo

म शरामत जा की ह ा म ह ा ऽमलत रह zwjयोऽक वह मरा गिर ह अब दखन ह ऽक म ऽकतन ऽदनो बद

आशरम म रहन क ऽलए वपस आत ह ा मरा सधन घर म नही होगा अथव अनय कोई घटन घटगा ऽक

नही घटगा यह मर भऽवषय बतएग शरामत जा हमश सोचता रही ह ऽक आननद कि मर की घर म

बनता नही ह सधन क ऽलए यहा पर रहन उसकी मजबीरा ह इसऽलए शरामत जा क गिणगन गन वल

सधक मिझ आए ऽदन कि छ-न-कि छ सिनत रहत थ जब म शरा मतजा स इस बत को कहत थ तब वह

योग कस कर 290

मिझ हा डाटन लगता था और कहताndash ldquoपत नही आजकल लोग ऽकतना ईषय थ करन लग ह ऽशकयत

करन चल आत ह थोड़ बहत ऽकसा न कि छ कह भा ऽदय तो कि छ सिन नही सकत हrdquo म चिपचप

सिनकर वपस आ जत थ

म यह ा पर कि छ बत बतन चहत ह ाndash आशरम क समपीणथ कयथ म हा करत थ जसndash पड़ो को

पना दन घस ऽनकलन सलप य दावर पर पना दन (जब नई दावर बनता था) आऽद ऽफर भा

समझ म नही आत ह ऽक मिझस शरामत जा zwjय कम लन चहती थी zwjयोऽक वह सदव कहती रहता

थीndash ldquoआननद कि मर कम नही करत हrdquo य सब मर समन नही कहती थी दीसर सधको स कहती थी

शरा मत जा को मरा सधन की सफलत पर भा ऽवशवस नही होत थ उनहोन मिझस कई बर

कहndash ldquoआननद कि मर इतना जलदा अगला सफलत सधन म नही ऽमलता ह ऽजतन तिम समझत होrdquo

कई बर उनहोन मरा अवसथ पर हा परश न ऽचनह लग ऽदय थ मन शरा मत जा को एक बर बतयndash ldquoमरा

कि णडऽलना बरहमरधर दरर स मिड़कर भकि टा तक आ गया ह इस पर शरामत जा नरज सा हो गया और वह

बोलाndash ldquoआप जस समझत ह ऐस नही होत ह कि णडऽलना इतना जलदा उलट कर भकि टा पर नही आता

ह जबऽक म धयनवसथ म दख करत थ मरा कि णडऽलना उलट करभकि टा पर आ गया ह एक बर

जलग ाव क लड़क सऽचन पऽटल आशरम म आय हआ थ उसन मिझस कहndash ldquoभई सहब आप

सदव भरम म रहत ह आप अपना सधन को बढ़-चढ़ कर बोलत रहत हrdquo मर पीछन पर उसन बतयndash

ऐस मिझस शरा मत जा न बतय ह वह बोल रहा थाndash ldquoआननद कि मर कह रह थ मरा कि णडऽलना

उलट करभकि टा पर आ गया ह मगर ऐस सतय नही ह कि छ भा बोलत रहत हrdquo म सऽचन पऽटल की

बत सिनकर दग रह गय

शरा मत जा न मिझस एक बर कहndash ldquoआननद कि मर आपको यह ा आय हए बहत समय हो गय

ह आप अभा तक ऽहनदा हा बोलत ह आपको मरठा भष बोलना चऽहय अभा तक आपन मरठा

बोलन zwjयो नही साख ह अब आपको मरठा बोलन चऽहएrdquo म बोलndash ldquoशरा मत जा मरठा भष

बोलन नही आता ह म मरठा भष की पिसतक पढ़त रहत ह ाrdquo शरा मत जा बोलाndash ldquoयहा रहन ह तो

मरठा बोलन साखन होगrdquo म चिपचप बठ हआ सिनत रह कि छ बोल भा नही सकत थ म दिखा

होकर आशरम आ गय और सोचन लगndash शरा मत जा न ऐस तो ऽकसा स नही कह ह ऽफर इनहोन

मिझस ऐस zwjयो कह मरा समझ स बहर की बत ह ऽफर मिझ मरठा बोलन क ऽलय कई बर कह गय

मगर म सिनत रहत थ

योग कस कर 291

एक बर आशरम म जलगाव क रहन वल शरा मत जा क ऽशषय आय उस शरामत जा न

आशरम म मर सथ रहन क ऽलय कह ऽदय वह सधन नही करत थ मरा और उसकी ऽबलकि ल नही

बनता था एक ऽदन उसन मिझस कहndash ldquoआननद कि मर मिझस मरठा म बत ऽकय करो ऽहनदा म बत

मत ऽकय करो यहा ऽहनदा नही बोला जयगा उसन कई सधको स कहndash sbquoआननद कि मर स कोई ऽहनदा

म बत नही करग मिझस मत जा न कह हrdquo म सब कि छ समझ गयअब मर यह ा रकन मिऽशकल ह

यहा पर अब ऽहनदा मरठा भष की भा बत होन लगा मन इस ऽवषय म ऽकसा स नही कह म चिपचप

सहत रह म समझ गय अब म बहत ऽदन यह ा ठहर नही पऊा ग अब आजकल य सधक पीन म रहत

ह ऐस ऽवरोधा सधक क सथ मन बहत ऽदन ऽबतय वह ऽकसा न ऽकसा परकर स मिझ परशन करत

रहत थ यह बत मन शरा मत जा को बतई था वह कि छ नही बोला ऽफर मन कि छ समय बद आशरम

छोड़ दन क ऽनणथय कर ऽलय थ

ऽशवरऽतर उतसव क बद मन आशरम म हा शरामत जा स एकनत म पीछndash ldquoशरा मतजा अब

आपक मर बर म zwjय ऽवचर ह म आपस सपषट जनन चहत ह ा म जब आशरम म आय थ उस

समय मन आपस सपषट नही पीछ थ तब आपक ऽवचर थ ऽक म आशरम म रहकर पीणथत परप त करा rdquo

शरा मत जा बोलाndash sbquoतब हमर ऽवचर थ आप यह ा रहकर पीणथत परप त कर अब चह तो आप रक

सकत ह यहा क लोग आपस परम करत ह मर बद भा आपक रकन समभव हो सकत ह आपकी

जसा इचछ हो वस कर अभा सधन करन क ऽलए हम आपकी झोपड़ा ठाक कर दत ह कि छ समय क

बद आप झोपड़ा म रऽहए उसा म आप खन बनइए म आपको उसम लइट नही द पऊा गा zwjयोऽक

झोपड़ा म आग लगन क खतर रहग म सोचती ह ा ऽक आपक ऽपतजा 500 र झोपड़ा मरममत क ऽलए

द द तो अचछ रहग बकय म सवय लग दीागा आपको इस समय सधन क ऽलए बड़ा परशना होता

होगा आपक ऽलए एकनत म जगह नही होन क करण सधन नही हो पता ह‛ शरामत जा ऽफर

बोलीndash ldquoमिझस कि छ लोगो न कह ह आननद कि मर कह रह थndash ldquoम उततरकशा जऊा गrdquo मन उनलोगो

स कहndash ldquoआननद कि मर शौक स जएा हम आशरम म 100-200 र जयद दकर कोई नौकर रख लग

वस भा हम आपको 300 र दत ह आपक जन स मिझ zwjय फकथ पड़गrdquo यह शबद सिनकर मिझ बड़

दिःख हआ मन शरामत जा स कि छ नही कह मगर म समझ गय ऽक वह zwjय कहन चहता ह म

आशरम म रहत ह ा झोपड़ा ररपयररग क ऽलए 500 र मर ऽपतजा स ऽलय जएाग मरा ऽपतजा स नही

बनता ह शरा मत जा को अचछा तरह मलीम ह उधर धयन म अzwjसर सिन करत थndash ldquoआननद कमार

योग कस कर 292

यह जगह छोड़ दो यहा क लोग आपकी बड़ी बइजजती करत हrdquo यह आवज सद अनतररकष स आय

करता था

हमरा जब कि णडऽलना ऽसथर हो गया तब मिझ अपन आप म लगndash मर अनदर कि छ ऽवशषत

ऽदखई नही द रहा ह म तो एक सधरण पिरष की भ ाऽत ह ा म अपना आतररक शऽzwj त को आजमन

चहत ह ा तऽक मिझ जनकरा हो मर अनदर शऽzwj त ह य नही ह मगर शऽzwj त आजमन क ऽलए योनय

पतर भा चऽहए तऽक उसक भा भल हो जय म सोचन लग मिझ अपना शऽzwj त कस आजमना चऽहए

ऽफर सोचndash म ऽकसा नए सधक की कि णडऽलना उठऊा ग पररपzwjव अवसथ वल सधक की तो

कि णडऽलना सभा उठत ह य उठ सकत ह म नए सधक कीकि णडऽलना उठन चहत ह ा ऽजसन

ऽबलकि ल सधन न की हो उस ऽकसा परकर की ऽकरय य परशना भा नही होन दीाग मिझ कि णडऽलना

उठन क ऽलए दो सिपतर जलग ाव म ऽदखई ऽदय यह दोनो सिपतर लड़ऽकय ा था मन सोचndash जब अपन

घर वपस कनपिर क ऽलय जऊा ग तब यह कयथ करा ग इन दोनो लड़ऽकयो म एक लड़की को जयद

सिपतर समझ ऽफर ऽमरज आशरम म रऽतर क समय धयन पर बठ उस लड़की क सीकषम शरार स समपकथ

ऽकय ऽफर उसक सीकषम शरार स कहndashआप 15-20 ऽमनट क ऽलए धयन पर बठ कर ऽफर वह लड़की

अपन आप धयन पर बठन लगा उस समय वह लड़की शयद बा-टक कर रहा था यह परयोग मर महतव

पीणथ थ मिझ ऽकसा न नही बतय थ और न हा मन ऽकसा स पीछ थ ऽक म उस लड़की स ऽकस परकर

स समपकथ सथऽपत करा उसक सीकषम शरार भा मरा बत मन ल ऽफर मन समपकथ करक सवय अपन जञन

स पीछndash म इस लड़की (जलग ाव की) को कस सनदश दीा मर जञन न मिझ बत ऽदय ऽफर मन वस हा

ऽकय उस लड़की क सीकषम शरार मरा बत मन गय ऽफर वह लड़की अपन आप धयन पर बठन लगा

ऽमरज शहर स जलग ाव शहर की दीरा शयद 700 ऽक मा होगा मगर आधयतम म सथील दीरा क महतव

नही होत ह

मर पस घर स पतर आय घर म शदा था इसऽलए 20 अपरल तक बिलय हआ थ मिझ ऽमरज स

19 अपरल को ऽनकलन थ मगर जलग ाव रकन क करण मन 17 अपरल को रकन क ऽनिय ऽकय

अब म घर ज रह थ इसऽलए कऽवत दादा स ऽमलन जररा समझ 15 अपरल को म उनस ऽमलन क

ऽलय उनक घर मलग ाव पहाच गय वह ा उनक पस बठकर पीर सढ़ सत घणट तक बरबर बतचात

करत रह बत समपत होन क नम नही ल रही था ऽफर कऽवत दादा बोलीndash ldquozwjय आपको पीन की

सऽधक क पतर ऽमल हrdquo म बोलndash ldquoमिझ नही ऽमल हrdquo दादा बोलाndash ldquoउसन आपक पस ऽमरज म

योग कस कर 293

तान पतर डल ह वह पतर ऽकसा क पस होग शयद वह आपक पस नही पहाच पएrdquo उन पतरो म ऽलख

हndash sbquoमर ऊपर जो पाड़ ह कपय आप दीर कर दाऽजए मत जा कहता ह आपक ऽपछल जनमो क फल

ह यह समपत होग य नही‛ दादा ऽफर बोलीndash sbquoआप घर ज रह ह तो पीन रकत हए जइए आप उसस

ऽमल लन उस आपस रहत ऽमलगा आप उसकी कि णडऽलना उठ दाऽजए वह बहत साधा-सधा भा हrdquo

म दादा स बोलndash ldquoम परयतन करा ग अगर रक सक तो रक जऊा गrdquo मन कऽवत दादा को नमसकर

ऽकय और ऽमरज क ऽलए चल ऽदय

शम क समय ऽनऽतन मत जा क घर स आशरम आ गय थ zwjयोऽक वह ऽदन म मत जा क पस

जय करत थ मन ऽनऽतन स पीछndash शरा मत जा मर समबनध म zwjय बत ऽकय करता ह वह बोलndash

जब आपन घर जन क ऽनिय ऽकय कर ऽलय तब मत जा व अनय सधको न मिझ बहत डाट और

कहndash sbquoय बत आननद कि मर स नही कहनी चऽहए थीrdquo और यह भा कह- ldquoअब कोई भा बत आननद

कि मर स नही कहनrdquo वह बचर लड़क थ इसऽलए डर गय ऽफर कोई भा बत उसन मिझ नही बतया

मर पीछन पर उस लड़क न सफ मन कर ऽदय जब मन उस कफी समझय और कहndash म तिमहर करण

नही ज रह ह ा बऽलक मिझ तो यहा स जन हा थ तिम मर जन क करण अवशय बन गए हम ऽकसा स

कि छ नही कहग तिम मिझ बत दो ऽफर कि छ कषणो तक सोचन क बद बतयndash आज वघमर जा (शरामत

जा क एक ऽशषय) शरामत जा स पीछ रह थ आननद कि मर चल जएग ऽफर वपस आएग ऽक नही

आयग तब तक आशरम म कौन रहग शरामत जा बोलीndash आननद कि मर नवमबर-ऽदसमबर तक वपस

आ जएग उसक सथ अवशय कोई घटन घटगा ऽजसक करण उस यहा आन पड़ग उस सधन क

ऽलए एकनत चऽहए वह एकनत ऽकसा आशरम म नही ऽमलग इसऽलए वह यह ा पर ऽफर आ जएग

तब तक कोई नौकर रख दग म ऽनऽतन क शबद सिनकर दग रह गय ऽफर मन सोचndash zwjय सचमिच

नवमबर-ऽदसमबर म मिझ आशरम म वपस आन पड़ग अब मर भऽवषय बतएग ऽक म कब आशरम म

आऊा ग

इसा समय एक-दो ऽदन क ऽलए ऽनऽतन क ऽपतजा आशरम म आए हए थ वह भा जलग ाव जन

वल थ सोच हम दोनो 17 अपरल को सिबह जलगाव क ऽलए ऽनकलगम और ऽनऽतन क ऽपतजा 16

अपरल की शम को अपन समन लकर ऽमरज आ गए रऽतर क समय हम दोनो एक सधक क घर म रक

गय सिबह 6 बज शरा मत जा क घर उनस ऽमलन क ऽलय गय चलत समय शरा मत जा हासकर मिझस

बोलीndash sbquoजलदा वपस आ जन‛ मन कोई जबब नही ऽदय ऽफर कि छ कषणो क बद बोलndash sbquoसतय तो

योग कस कर 294

यह ह म यहा स नही ज रह ह ा मिझ यहा स भज ज रह ह जब ईश वर की कप होगा तब आ जऊा ग‛

इतन म अणण जा बोलndash ldquoपतर वयवहर करत रहनrdquo म बोलndash ldquoपतर अवशय डलत रह ागrdquo ऽमरज स

चलत समय दिःख अवशय थ पहल जब ऽमरज आय थ तब ऽकतन परसनन थ जब म उचचवसथ को

परप त हो गय ह ा तब म दिखा होकर ज रह ह ा zwjयोऽक महौल हा ऐस बन गय ह यहा सोचकर शरामत

जा क घर स कदम आग की ओर बढ़ ऽदए मिझ ऽवशवस थ जो शऽzwj त मिझ आशरम छोड़कर चल जन की

पररण द रहा ह वहा शऽzwj त अवशय आग भा मगथदशथन करगा

दोपहर 12 बज टरन पीन पहाचा पलटफमथ पर पीन क सधक बहन-भई मिझस ऽमलन क ऽलय

आए सभा न पीछndash ldquozwjय बत हो गया भई सहब आप अचनक चल ऽदएrdquo म बोलndash ह ा अवशय

कोई बत हई होगा इसाऽलए तो घर वपस ज रह ह ा अब म नही आऊा गrdquo सभा स थोड़ा दर तक

करमशः बत हई पीन की एक सऽधक को धयन म अचछा ऽसथऽत परप त हई ह वह बोलाndash ldquoभई

सहबअकषय तताय पर आपक समन धयन पर बठन की मरा बहत इचछ था मगर आप उसस पहल हा

चल ऽदएrdquo पलट फमथ स 20 ऽमनट क बद टरन चल दा मन सभा को नमसकर ऽकय तब तक टरन

पलटफमथ छोड़न लगा था रऽतर क समय जलगाव शहर पहाच सिबह 18 तराख को मन उस लड़की क

पस सनदश भजndash उस लड़की स कहन आननद भय आएा ह आप स ऽमलन चहत ह उस लड़की क

सनदश आयndash ldquoम 12 बज दोपहर को आऊा गाrdquo म जलग ाव म पहल भा ऽनऽतन क घर ठहरत थ

इसऽलए म अबकी बर भा ऽनऽतन क घर ठहर हआ थ दोपहर को वह लड़की कलज स साधा मर पस

आ गया मरा उसस धयन क ऽवषय म बत हई वह धयन करन क ऽलए तयर पहल स हा था हम दोनो

ऽनऽतन क घर क बगल वला सऽधक क घर म चल गए zwjयोऽक उस सऽधक क घर म एकनत थ वह

लड़की बोलाndash ldquoम 15 ऽदनो स 20-25 ऽमनट क ऽलए धयन पर रोजन बठता ह ा हा भय मरा बहत

इचछ ह ऽक म सधन करा अब म रोजन धयन पर बठ करा गाrdquo मन अपना दऽष ट पना की तऽक उस

लड़की क ऽवषय म अनदर तक की जनकरा हो सक मन दखndash वसतव म इस लड़की की सधन करन

की बड़ा इचछ ह म बोलndash zwjय मर समन आप धयन पर बठगा वह बोलाndash आपक समन धयन पर

बठनमर ऽलय सौभनय होग हम दोनो आसन लगकर धयन पर बठ गए पहल मन उस मन क ऽवषय

म समझय वह लड़की बोलाndash ldquoमर मन म कोई ऽवचर नही हrdquo ऽफर वह लड़की धयन करन लगा मन

आऽदशऽzwj त मत कि णडऽलना स परथथन की आप इसक शरार म जगरत हो जइए ऽफर मन वशला (इस

लड़की क नम) क ऽसर पर हथ रखकर जोरदर ओकर ऽकय और कि णडऽलना जगरत करन क सकलप

योग कस कर 295

ऽकय ऽफर म शनत होकर धयनसथ हो गय मन अपना ऽदवय दऽष ट स दखndash उसकी कि णडऽलना थोड़ा

सा ऽहला ह और उसन अपन मिाह थोड़ स ऊपर की ओर ऽकय ऽफर मन अपन धयन तोड़ ऽदय तो

मन दखndash वशला शनत भव स चिपचप धयन पर बठा हई ह उस ऽकसा परकर की वहय ऽकरय नही हो

रहा था हम भा यहा चहत थ ऽक इस ऽकसा परकर की वहय ऽकरय न हो तथ मन ऽनिय ऽकय इस वहय

ऽकरय नही होन दीाग उसन आध घणट क धयन ऽकय ऽफर आाख खोल दा तब मन उसस पीछndashldquozwjय

आपको कोई अनिभव आय‛ वह बोलाndash ldquoह ा मन दख ह ऽक म बहत हलकी हो गई ह ा म हव म उड़

रहा ह ाअनतररकष म उलट-पिलट हो रही ह ा उस समय बहत अचछ लग रह थrdquo म बोलndash ldquoआपक

अनिभव अचछ ह म जो चहत थ ऽबलकि ल वस हा हआrdquo मन उसस कहndash sbquoआप कल सिबह आ

जनrdquo वह लड़की अपन घर चला गई

कणडवलनी उधवश की

दीसर ऽदन वह लड़की कलज स साध मर पस सिबह दस बज आ गई कि छ समय बद हम दोनो

धयन पर बठ गए मन ऽवशष तरह क सकलप करक शऽzwj तपत ऽकय वह लड़की आध घणट तक धयन

म बठा रहा म समझ गय थ ऽक मिझ कमयबा ऽमल चिकी ह zwjयोऽक म अपना ऽदवयदऽष ट स सब कि छ

दख रह थ धयन टीटन क बद उसन बतयndash ldquoएक नग कि णडला मर फन ऊपर उठए हए मर मिाह क

समन फीा फकर मर रह थ मगर मिझ डर नही लग रह थ कि छ समय बद लग म एक हवन-कि णड दख

रहा ह ा वह हवन-कि णड बहत अचछ बन हआ ह उसम आग जल रहा ह वही पर एक सवणथ कलश रख

हआ ह उस कलश क मिाह पर नररयल रख हआ ह उस नररयल क आसपस आम क पतत जस पतत ह

कलश क चरो ओर परकश फल हआ ह म कल रऽतर धयन पर बठा हई था मिझ लगndash मर पट अनदर

की ओर ऽखच ज रह हrdquo

ऄथश- म उस लड़की स बोलndash ldquoआपको जो नग ऽदखई द रह थ वह आपकी कि णडऽलना

शऽzwj त था जो आपको हवन-कि णड व कलश ऽदखई ऽदय ह वह आपक मीलधर चकर क कषतर ह पट

क पाछ की ओर जन बहत अचछा बत ह इस उडऽडयन बनध कहत ह अब आप अपन घर जइए

ऽफर शम को आ जनrdquo

योग कस कर 296

वदवय दवष ट खोली

शम क समय वशला अपन ऽपत जा क सथ आ गया कि छ समय बद हम दोनो धयन पर बठ

गए अनय सभा को कमर स बहर ऽनकल ऽदय मन ऽफर उस शऽzwj तपत करन चह उस समय मन

सोचndash zwjयो न इसकी कि णडऽलना थोड़ा सा ऊधवथ कर दा जए वशला धयन पर बठा हई था मन

शऽzwj तपत कर कि णडऽलना को ऊपर की ओर उठन क परयस ऽकय तब कि णडऽलना थोड़ा सा ऊपर की

ओर आ गया मन ऽदवयदऽष ट स दखndash उसकी कि णडऽलना नऽभचकर तक आ गया था ऽफर मर मन म

आयndash इस लड़की क अगर तासर नतर खोल कर दख जए तो zwjय अभा स तासर नतर खिल सकत ह

अथव नही खिल सकत ह ऐस सोच कर उसक मसतक पर जबरदसत शऽzwj तपत ऽकय ऽफर म सवयम

धयन करन लग आध घणट क बद म धयन स उठकर बहर आ गय बहर सभा लोग बठ हए थ कि छ

कषणो बद वह लड़की भा आ गया ऽफर उसन अपन अनिभव सिनएवह बोलाndash ldquoअबकी बर मिझ नग

ऽफर स ऽदखई ऽदय थ उसक फन क ऊपर मऽण चमक रहा था उस मऽण क परकश बहत तज थ कि छ

कषणो तक म उस दखता रहा ऽफर वह नग अदशय हो गय कि छ कषणो क बद वह नग ऽफर स ऽदखई दन

लग उसक फन क ऊपर मऽण चमक रहा था उस मऽण क परकश बहत हा तज थ थोड़ समय तक म

उस दखता रहा ऽफर वह नग अदशय हो गय कि छ कषणो क बद वह नग ऽफर ऽदखई ऽदय वह नग फन

उठए हए खड़ थ अबकी बर उसक फन पर अनको मऽणया चमक रही थी मऽणयो क परकश ऐस थ

जस ढरो सीयथ ऽनकल आए हो उन मऽणयो क परकश स आसमन परकशमन हो रह थ इसक बद

महसीस हआ आप मर मसतक पर शऽzwj तपत कर रह ह ऽफर म धयन म डीब गया मन दखndash मसतक पर

मर एक आाख खड़ आकर म ह वह आाख धार-धार खिलना शिर हो गया ह कि छ कषणो म वह पीरा तरह स

खिल गया उसक अनदर स बहर की ओर परकश की ऽकरण ऽनकल रहा था य ऽकरण आग चलकर

परकश क रप म फलना शिर हो गई उसा परकश म ऽशरडा क सई बब ऽदखई ऽदए व मिझ आशावथद

द रह थrdquo म उस लड़की स बोलndash यह अनिभव अभा ऽकसा को नही बतन

मर ऽलए यह एक बड़ा कमयबा था इस लड़की न सधन नही की था ऽफर भा मन इसक

तासर नतर खोल ऽदय थ zwjयोऽक मन ऐस ऽकसा पिसतक म नही पढ़ ह ऽक ऽबन सधन ऽकय

शऽzwj तपत दरर तासर नतर खोल ऽदय जए मिझ अपना सफलत पर अनदर स बहत खिशा हो रहा था

अब मिझ अपन पर यकीन हो गय ऽक म शऽzwj तशला ह ा ऐस कयथ करन की ऽवऽध मिझ ऽकसा न बतई

नही था सवय अपन जञन क दरर साखा था अब मिझ यकीन हो गय थ ऽक म मगथदशथन कर सकत ह ा

योग कस कर 297

मिझ अपन घर भा आन थ मिझ भिसवल स टरन पकड़ना था भिसवल तक छोड़न क ऽलए दो

सधक भा मर सथ आए थ मन सोचndash मरा घऽनषठत उन दोनो सऽधकओ स था ऽजनक घर म ठहर

करत थ मगर अधयऽतमक सिपतरत क ऽलए वशला क नम आय इस पीवथकल क अचछ कमथ कहत

ह यऽद यह लड़की सधन करगा तो कि णडऽलना ऊधवथ बना रहगा वरन ऽफर मीलधर चकर म सिषिपत

अवसथ म चला जएगा मन इस लड़की पर जो परयोग ऽकए व सर परयोग पीणथ रप स सफल रह zwjयोऽक

कि णडऽलना ऽबलकि ल आसना स जगत होकर ऊधवथ हो गया था सबस जऽटल कयथ थndash ऽजस वयऽकत न

सधन ऽबलकि ल न की हो उसक तासर नतर खोल ऽदय जए म इस कयथ म सफल रह zwjयोऽक उस

लड़की की ऽदवय-दऽष ट कयथ कर रहा था इस परकर क कयथ पीवथकल की योगा भा नही करत थ अभा

तो म सधन हा कर रह ह ा और छोट स हा सधक ह ा इन परयोगो क बद मर आतमऽवशवस बहत हा

बढ़ गय मिझ लगन लगndash म अचछा तरह स सधको क मगथदशथन कर सकत ह ा सफल मगथदशथन

करन क ऽलए ऽदवयदऽष ट क तज गऽत स कयथ करन अऽत आवशयक होत ह तथ योगबल क भणडर

भा होन आवशयक ह zwjयोऽक योगबल क दरर हा समपीणथ कयथ समपन होत ह यऽद मगथदशथक की

ऽदवयदऽष ट कयथ नही कर रहा ह तथ योगबल भा कम ह ऐस मगथदशथक सदव हा असफल रहत ह ऽसफथ

ऽशषय बन लन स कोई लभ नही होत ह अथ थत ऐस गिरओ को ऽशषय नही बनन चऽहए उस कठोरत

क सथ अपना सधन करत रहन चऽहय

21 अपरल को म अपन घर आ गय भई की शदा था तो शदा क कम कज म वयसत बन

रह इस समय म जयद धयन नही कर सक थ ऽमरज आशरम म मरा बत मरठ (उपर) क एक सधक

स हो गया था उनहोन कह थ म आपको शकमभरा क आशरम म इनतजम करव दीाग म वह ा क ऽवषय

म जनकरा लकर मरठ स आपको पतर पोसट करा ग शकमभराताथथसथल सहरनपिर ऽजल (उपर) म ह

शऽzwj त क 108 नमो म एक नम शकमभरा दवा क भा ह इस दवा क मऽनदर ऽशवऽलक पहऽड़यो की

घऽटयो म बन हआ ह वह ा पर ऽबलकि ल शनत वतवरण ह मरठ क सधक ऽमरज स मिझस दो ऽदन

पहल हा मरठ क ऽलए ऽनकल पड़ थ मरठ क सधक क पतर मिझ 19 मई को परप त हआ थ उसम

आशरम क सर ऽववरण ऽलख हआ थ मन उस पतर क उततर म एक पतर डल थ उस पतर म ऽलख

थndash म अभा बामर ह ा जब ठाक हो जऊा ग तब म आपक पस आ जऊा ग कि छ ऽदनो बद म ठाक हो

गय ऽफर सवसथय लभ लत रह मर मन म ऽवचर आयndash मरा सधन तो हो गया ह अब मिझ कि छ

खोज भा करना चऽहए मर मऽसतषक म ऽवचर आयndash परकय-परवश ऽसऽि क ऽवषय म खोज करना

योग कस कर 298

चऽहए अब मिझ परकय-परवश ऽसऽि क ऽवषय म जनन क ऽलए उतसिकत जयद बढ़ गया एक बर म

धयन पर बठ हआ थ उस समय मन सकलप ऽकयndash परकय परवश ऽसऽि क ऽवषय म जनन क ऽलए

ऽकन ऽकन बतो क होन जररा ह तब जञन न मिझ बतयndash इस ऽसऽि क ऽवषय म जनन क ऽलय कि छ

बत सधक क ऽलय अतयनत जररा ह 1 कठोर सधन 2 अतयनत कठोर इऽनदरयसयम 3 इस ऽवषय म

परगत मगथदशथक पहल की दोनो बत मर ऽलय ऽबलकि ल सरल ह मगर तासरा बत को पीणथ कर पन

बड़ मिऽशकल ह मिऽशकल हा नही बऽलक असमभव स ह इसक करण हndash एक तो यह ऽवदय धार-धार

लिपत सा हो रहा ह दीसर जो महपिरष इस ऽवदय को जनन वल होग वह मिझ zwjयो बतएाग ऽक म इस

ऽवदय म परगत ह ा मिझ मलीम ह इस ऽवदय क गिर नही ऽमलग ऽफर भा म इस ऽसऽि की जनकरा

अवशय करा ग ऽफर मन ऽनिय ऽकयndash जहा तक हो सकग इस ऽवदय की जनकरा क परयस करत

रह ाग सथ सथ मरा सधन भा चलता रहगा इसक ऽलए मिझ पीणथ रप स एकनत चऽहए वह एकनत

शयद शकमभरा म ऽमल जए जब म ऽमरज आशरम म थउस समय मन इस ऽसऽि क ऽवषय म शरा मत

जा स बत की था वह नरज हो गया था

म मरठ जन क ऽलए तयर हो गय zwjयोऽक मरठ होकर मिझ शकमभरा जन थ म ऽफर बामर

हो गय म जब मरठ जन क ऽलए तयर होत थ तभा म बामर हो जत थ ऐस तान-चर बर हआ

मन सोच ऐस zwjयो हो रह ह जरर कोई बत ह धयन पर बठन पर मलीम हआndash ऽक मिझ मरठ जन क

ऽलए अवरोध डल ज रह ह यह जन कर म दिखा हआ मर ऽपतजा न कहndash आप मत जइए अगर

अवरोध आ रह ह हम आपक यही इतजम कर दग म बोलndash म मरठ अवशय जऊा ग मिझ चह

वपस आन पड़ मर ऽलए ऽकतन अवरोध खड़ ऽकय जत ह यह मिझ दखन ह म 29 जिलई को

अपन घर स मरठ जन क ऽलए चल ऽदय मरठ म कि छ ऽदनो तक सतसऽगयो क सथ रह मरठ क

सतसऽगयो न मिझस कहndash आप मरठ म हा रक जइए आपक सर इतजम यही पर कर ऽदय जएग

मन कह मिझ शकमभरा जन ह म आपक ऽलए बोझ नही बनन चहत ह ा ऽफर कि छ ऽदनो बद उस

सधक क सथ शकमभरा क ऽलय चल ऽदय

योग कस कर 299

म शाकमभरी पहाचा

पहल म आपको शकमभरा क ऽवषय म बत दीा आऽदशऽzwj त दवा क 108 नम म स शकमभरा

दवा क भा एक नम ह दिग थ सपतशता म शकमभरा क नम आय ह यह ताथथसथल सहरनपिर स लगभग

45 ऽकलोमाटर दीर ऽशवऽलक पहऽड़यो म बन हआ ह हर-भर पहड़ वही पर बहता हई छोटा सा नदा

ह चरो ओर हररयला छई हई ह वह ा क परकऽतक सौदयथ बहत हा अचछ ह यही शकमभरा म

शकरचयथ जा क एक आशरम ह म इसा आशरम म आ गय ह ा यह आशरम बहत हा बड़ ह इसम एक

ससकत ऽवदयलय भा ह बहत स ऽवदयथी यह ा पर पढ़त ह इन ऽवदयऽथथयो क सर खचथ आशरम वहन

करत ह यह ससकत ऽवदयलय समपीण थननद ऽवशवऽवदयलय की एक शख ह जब म आशरम पहाच तो

आशरम क अधयकष सवमा अभयननद जा ऽमल व (मरठ वल) सधक को पहल स पहचनत थ उस

सधक न मर पररचय सवमा जा स करय मरा और सवमा जा की कि छ समय तक बतचात होता रहा

ऽफर सवमा जा न मर ऽलए एक कमर द ऽदय और बोलndash sbquoआप इस कमर म रऽहएrdquo ऽफर मन शम

530 स 830 बज तक धयन ऽकय धयन म मिझ एक अनिभव आय

मन दखndash मर समन एक ऽवशल शरार वल एक पिरष खड़ हआ ह उस पिरष क रग कल

ह उसक ऽसर पर बड़-बड़ बल ऽसतरयो की भाऽत पाठ पर रख हए थ उसक चहर दखन म अचछ नही

लग रह ह उसक चहर अफरीकी पिरषो स ऽमलत जिलत ह चहर डरवन स ह म उस दखकर दग रह

गय यह कस ऽवशलकय पिरष ह वह कि छ कषणो क बद अदशय हो गय ऽफर आवज सिनई दाndash

sbquoआननद कि मर आप यह ा जयद ऽदन तक ठहर नही सकत हrdquo मन सोचndash यह आवज मिझ zwjयो सिनई

दा धयन समपत होन पर वही आशरम म खन खन क ऽलए चल गय दीसर ऽदन सिबह वह सधक जा

वपस मरठ जन लग उनहोन मिझस कहndash ldquoयऽद आपको कोई परशना हो तो मिझ पतर डलन‛ ऽफर वह

थोड़ा दर बद चल गए शम क समय म नदा क ऽकनर दीर तक घीमन चल गय आग पहड़ो की

घऽटया व सिनसन जगह थाl म वही नदा क बाच म एक पतथर पर बठ गय और सोचन लगndash उस

अनिभव म कल ऽवशल पिरष कौन ह यह कोई अचछा बत नही ह ऽक धयनवसथ म ऐस पिरष कल

कि रप पिरष ऽदखई द म आशरम वपस आ गय मर धयन क समय हो चिक थ म कमर म आकर

धयन पर बठ गय तभा कि छ समय बद समीऽहक रप स बोल जन वल मतरोचचरण सिनई दन लग

आशरम म रहन वल छतर हवन कि णड म हवन कर रह थ हवन करत समय मतरोचचरण सिनई द रह थ

योग कस कर 300

मर कमर दीसरा मऽजल पर थवही नाच बगल म हवन हो रह थ इसऽलय ऽवदयऽथथयो दरर बोल जन

वल मतर मिझ सिनई द रह थ कि छ समय बद मर धयन गहर लग गय

मन दखndash ऽजस जगह पर हवन हो रह ह उस जगह पर कल कपड़ पहन हए एक छोट स

बचच बठ हआ ह तभा एक हथ आग की ओर बढ़ (ऽसफथ हथ नजर आ रह थ) उस बचच को हथ

पकड़ कर खड़ कर ऽदय वह बचच खड़ होत हा पीरा तरह स पिरष बन गय इस पिरष क समपीणथ शरार

कोयल क समन कल थ उसक ऽसर क बल बड़-बड़ खिल हए थ उसकी अतयनत डरवना शzwjल

लग रहा था मन सोचndash जहा ऽदन-रत रोजन हवन होत हो वहा इस परकर की तमऽसक शऽzwj तयो क

zwjय कम ह म कि छ कषणो बद म सब कि छ समझ गय मन अपन धयन समपत कर ऽदय मिझ जनकरा

हो गया यहा पर तमऽसक शऽzwj तयो क रज ह हवन क सीकषम भग तमऽसक शऽzwj तय ा हा गरहण कर लता

ह इसऽलए य इतना बऽलषठ ह

ऽफर म नयरह बज धयन पर बठ एक घनट धयन करक म लट गय म गहरा नीद म सोय हआ

थ ऽफर सोत समय अचनक मर मिाह स जोरदर आवज ऽनकलाndash ॎऻऻऻ ऽफर एक झटक क सथ

उठकर म बठ गय उसा समय मिझ अनिभीऽत हई जस मर मिाह पर निकील पज जसा चाज चिभा हो ददथ

इतन जयद हआ ऽक मरा चाख ऽनकल गया कषणभर म समपीणथ ऽकरय हो गया कमर म अनधर छय

हआ थ म तखत स उठकर खड़ हो गय ऽफर सोचndash कमर की लइट ऑन कर दीा ऽसवच आन करन

पर मलीम हआ ऽक आशरम म ऽबजला नही ह मन टॉचथ जलकर सर कमर अनदर स दख मगर कमर

म कि छ भा नही ऽदखई ऽदय मन सोचndash शयद मर ऊपर ऽछपकला ऽगरा होगा उसक पज मर मिाह पर

चिभ गय होग मगर कमर म ऽछपकला भा नही था म सोचन लगndash ऽछपकला क चरो पज मर दोनो

गलो पर नही आ सकत ह मिझ समझत दर नही लगा यहा अवशय हा कोई गड़बड़ ह नीद जोर स लगा

हई था इसऽलए म ऽफर दिबर सो गय कि छ हा दर हई था म नीद म उछल पड़ और एक हा झटक म म

उठकर बठ गय मर मिाह स जोर स चाख ऽनकला अबकी बर मिझ लगndash sbquoमर पट म दो पज अतयनत

निकील घिस गए और पट क सर मास खीच ऽलयrdquo म उठ कर बठ गय थ ऽफर भा मर पट म ददथ हो

रह थ मिाह म तो पहल स हा ददथ हो रह थ म दखndash चरो ओर सननट छय हआ थ म दीसरा

मऽजल क कमर पर थ इसऽलए दीर-दीर तक अधकर ऽदखई द रह थ मरा समझ म नही आ रह थ ऽक

यह zwjय ह और इस समय zwjय ऽकय जए मगर मिझ डर ऽबलकि ल नही लग रह थ zwjयोऽक म ऽनडर ह ा

म ऽफर कि छ समय बद सो गय

योग कस कर 301

तामवसक शवzwj तयो न दगशवत की

जब म ऽफर सो गय तब सवपन म मन दखndash म कही पर लट हआ ह ा मर ऊपर बहत वजन की

कोई वसति रखा हई ह ऐस मिझ लग रह थ उस वजनदर वसति क करण मरा नस-नस टीटा ज रहा ह

मन अपना आाख खोल दा (सवपनवसथ म) zwjयोऽक उस समय मरा आाख बनद थी आाख खोलत हा मन

दखndash मर ऊपर कोई पिरष लट हआ ह म उस पिरष को एक तरफ ढकलन क परयतन करन लग मगर

उसक बहत भरा शरार मिझस ऽहल नही रह थ म सोच रह थndash यह पिरष मर ऊपर zwjयो लट हआ ह

मर दरर बहत जोर लगन पर वह पिरष धार-धार बयी ओर लिढ़क गय म उठकर बठ गय मर शरार

बिरा तरह स दिःख रह थ जस हा म उठकर बठ गय तब मन दखndash वह पिरष एक तरफ पड़ हआ ह

उस पिरष को दखत हा मर होश उड़ गए मिझ ऐस लग ऽक उस पिरष की ऽकसा न हतय करक लश मर

ऊपर फ क दा गई हो म सोचndash यह लश ऽकसन मर ऊपर फ की ह मन चरो ओर दखndash तान पिरष खड़

हए मरा ओर घीर-घीरकर दख रह थ मन उनस पीछndash यह लश मर ऊपर ऽकसन फ की ह उततर म वह तानो

पिरष कि छ नही बोलndash बऽलक उनक दखन क ढग ऐस थ मनो वह मिझ ख जएाग तभा मिझ एक वयऽकत

जयद उमर क ऽदखई ऽदय म उसक पस गय और कहndash दखो ऽकसा न इस पिरष की हतय कर दा ह

उसकी लश वह पड़ा ह मिझ मलीम नही यह लश ऽकसन मर ऊपर फ की दा ह वह वयऽकत बोलndash

ldquoऽकसन ऽकसकी हतय कर दा इसस तिमह कि छ लन दन नही ह तिम यहा स चल जओrdquo म यह शबद

सिनकर अचऽमभत हो गय वह वयऽकत मिझस करोध म बोल रह थ म वह ा स चल ऽदय अभा थोड़ हा

आग की ओर चल थ तभा उस वयऽकत न बदतमाजा स हम बिलयndash sbquoऐ इधर आ‛ म उस वयऽकत क

पस पहाच ऽफर वह वयऽकत गिर थकर बोलndash ldquoमन zwjय कह ह तिम यहा स चल जओrdquo म सोचन लगndash

य महशय कह ा स जन क ऽलय कह रह ह वह वयऽकत ऽफर बोलndash ldquoम इस आशरम को छोड़कर जन की

बत कर रह ह ा वरन दिगथऽत कर दा जएगाrdquo इतन म मरा आाख खिल गई

म तखत पर लट हआ थ मगर मर सथील शरार अब भा दिःख रह थ मन घड़ा म दखndash तो

सिबह क लगभग चर बज रह थ म फरश होकर धयन पर बठ गय मन सकलप ऽकयndash अभा-अभा जो

अनिभव मन दख ह य लोग कौन ह यहा पर ऽकसकी हतय कर दा गई ह तथ य लोग मिझ आशरम

छोड़कर जन क ऽलए zwjयो कह रह ह मिझ इस ऽवषय म जनकरा हो धयनवसथ म मिझ समपीणथ

जनकरा हो गई धयन समपत करन क बद म सोचन लगndash य तमऽसक लोग ह और शऽzwj तशला भा ह

योग कस कर 302

य ऽगनता म बहत ह इसा ऽवदयलय क परधनधयपक की हतय कर दा गई ह यह परधनधयपक उततर

परदश क पीवी इलक क थ यहा पढ़न आय थ आऽद

दोपहर क समय म आशरम क अधयकष सवमा अभयननद जा स ऽमल और उनस कहndash ldquoम

आपस एकनत म ऽमलन चहत ह ाrdquo वह बोलndash ldquoम आपस अवशय ऽमलीागrdquo म शम क समय नदा क

ऽकनर-ऽकनर पहड़ो पर घीमन चल गय थ ऽफर शम को 6 बज म आशरम म वपस आ गय म अपन

कमर म बठ हआ थ तभा 630 बज सवमा अभयननद जा मर पस आ गए और बोलndash ldquozwjय बत

आपको करना थाrdquo म बोलndash ldquoसवमा जा पहल म अपन ऽवषय म आपको बतत ह ाrdquo सवमा जा

बोलndash ldquoमन आपक ऽवषय म पहल हा जनकरा कर ला ह आप बतइए मिझस बत करन क आपक

उददशय zwjय ह म भा उस जनीा‛ पहल मन अपन ऽवषय म सकषप म बतय ऽफर मन कहndash sbquoमिझ एकनत

म परकय-परवश क समबनध म जनकरा लना ह‛ सवमा जा बोलndash ldquoयह ऽवदय अतयनत जऽटल और

खतरनक हrdquo म बोलndash ldquoयह मिझ मलीम ह इसाऽलए एकनत चऽहएrdquo सवमा जा बोलndash ldquoमरा ओर स

आपको एकनत ऽमलग इसाऽलए यह कमर मन आपक ऽलए चिन ह आप सवय अपना सधन कीऽजए

तथ हम सभा को भा यहा पर योग ऽसखइय एक समय ऽनऽित कर लग उसा समय हम सभा ऽवदयथी

योग साख करग तथ म यहा पर सभा लोगो स आपक पररचय कर दीागआपक नम दीर-दीर तक हो

जएग मन सवमा जा स हथ जोड़ और बोलndash ldquoकपय आप मर ऽवषय म ऽकसा स कि छ भा न बतएा

म गिपत रप स यहा रहन चहत ह ाrdquo सवमा जा न बतयndash ldquoम भा एयरफोसथ म zwjलस वन आऽफसर थ

ररटयर हए बहत समय हो गय ह अब मिझ पनसन ऽमलता ह फतहपिर शहर म मरा एक कोठा ह अब

मन सनयस ल ऽलय ह और यहा पर इस समय वयवसथपक ह ाrdquo ऽफर सवमा जा चल गए मन रऽतर

वला घटन नही बतई

म रऽतर क समय धयन करक सो गय मिझ सवपनवसथ म अनिभव आयndash कि छ वयऽकत मिझ

पकड़कर ऽलए ज रह ह उनहोन मिझ बरहमा स पकड़ रख ह उन लोगो न एक वयऽकत क समन मिझ

लकर खड़ कर ऽदय ह वह वयऽकत थोड़ ऊा च सथन पर बठ हआ थ वह वयऽकत मिझस बोलndash मन

तिमस कह थ यहा स चल जओ मगर तिम यहा स नही गए अब बतओ तिम यहा स जओग ऽक नही

जओग उस वयऽकत को मन उततर नही ऽदय और न हा म उसस कि छ बोल म सोचन लगndash य लोग हम

जन क ऽलए zwjयो कहत ह मर न बोलन स वह वयऽकत करोऽधत हो गय उसन उन वयऽकतयो स कि छ इशर

ऽकय जो मिझ पकड़कर लए थ इतन म कि छ पिरषो न ऽमलकर मिझ पट क बल जोर स पटक ऽदय और

योग कस कर 303

मरा पाठ पर परो स परहर करन लग उन लोगो की मर स मर शरार की नस-नस टीटा ज रहा था वह मिझ

बरहमा स मर ज रह थ ऊा चा जगह पर बठ हआ वयऽकत बोलndash sbquoतोड़ द इसक हथ‛ ऽफर दो वयऽकत

मरा दऽहना हथ पर लतो (परो) क परहर करन लग इनकी मर स म कि छ हा दर म बहोश हो गय मिझ

होश ऽकतन समय बद आय यह म नही बत सकत ह ा जब मिझ होश आय तब कि छ वयऽकतयो न मिझ

पकड़कर खड़कर ऽदय मिझस खड़ नही हआ ज रह थ वह बठ हआ वयऽकत मिझस ऽफर बोलndash

sbquoबोल यह ा स जएग ऽक नही जएग‛ म कि छ समय पित बोलndash sbquoमन आपक zwjय ऽबगड़ ह जो

आप मिझ मर रह हो‛ उस बठ हए वयऽकत न मरा ओर घीरकर दख और जोर स lsquoह ाrsquo की आवज

ऽनकला ऽफर बोलndash sbquoती zwjय तर बप भा यहा स जएगrdquo ऽफर उन वयऽकतयो स बोलndash sbquoचढ़ द इसक

लप‛ य शबद कहत हा उसा समय अतयनत तज दिगथनध आना शिर हो गई मन समन की ओर दखndash

समन ढर सर सड़ हआ म ास रख थ एक वयऽकत न अपन हथ म ढर सर सड़ हआ म ास ऽलय ऽफर

मर ऽसर पर लपकर ऽदय वह सड़ हआ म ास लप होत हा मर ऽसर म ऽचपक जत थ ऽफर वह मर हा

मर अग (शरार) बन जत थ उस वयऽकत न मर ऽसर पर कफी मोट लप चढ़ ऽदय वह जस-जस मर

ऽसर पर लप चढ़त जत थ वस वस उस जगह की उसा समय मरा चतन लिपत सा होता जता था ऽफर

शरार क उस सथन पर ऽकसा परकर की अनिभीऽत नही होता था वह सथन शीनय हो जत थ

मन ऽसर पर सड़ हए म ास क लप पकड़कर दखndash तब महसीस हआ यह मर हा शरार (अग) ह

मास क लप लगभग प ाच इच मोट चढ़य गय थ मर ऽसर बहत हा बड़ हो गय थ मरा पगलो

जसा हलत हो गई था अब मरा आाख जोर लगन पर थोड़ा सा खिलता थी मतर थोड़ा दीरा तक हा

ऽबलकि ल धिाधल स ऽदखई पड़ रह थ अब मिझ कम ऽदखई दन लग थ ऽफर उस वयऽकत न दोनो

कनधो और दोनो बजिओ म भा मोट स लप चढ़ ऽदय मरा पाठ पर लप चढ़न क बद मरा पाठ पर

15-20 ऽकलो मास नाच की ओर लटकन लग थ ऽसर क दोनो तरफ तान-चर मास ऽपणडो म 2-3

ऽकलो क टिकड़ (मास ऽपणड) लटक रह थ हथ म भा (दऽहन) ढर सर मास लटक रह थ य सभा

टिकड़ (म ास ऽपणड) ऽबलकि ल पतला नऽड़यो क सहर लटक रह थ ऽचपक हआ मास य लटक मास

मर शरार महसीस हो रह थ म इधर-उधर छटपटत हआ चल रह थ आाखो स लगभग ऽदखई दन

बनद हो गय थ ऽसफथ एक दो माटर दीर धिाधल स ऽदखई द रह थ उस समय मर कनो म जोर-जोर स

हासन की आवज आ रहा था मिझ कोई वयऽकत ऽदखई नही द रह थ इतन म मर कनो म आवज

गीाजाndash ldquoतिम अपना पतना को दखोग दखो तिमहरा पतना वह खड़ा हrdquo मन सोचndash यहा मरा पतना कहा स

योग कस कर 304

आ गया वह तो मर चिकी ह उस समय म म ास क वजन क करण झिक कर चल रह थ ऽसर को थोड़

स ऽतरछ करक ऽफर आाखो स कि छ दखन क परयस ऽकय तो दखndash वसतव म मरा पतना मिझस थोड़ा

दीरा पर खड़ा हई था हमर और उसक बाच एक परदशी ऽझलला जसा दावर था म अधकर म खड़

हआ थ मरा पतना परकश म खड़ा हई था ऽफर आवज आईndash ldquoवह तिझ कभा भा यद नही करता ह ती

उस कभा-कभा यद करत ह उसक पसजएग म तिझ वह ा पहाच सकत ह ाrdquo मन कहndash lsquoमिझ उसक

पस नही जन हrsquo ऽफर उसन कहndash ldquoतरा पतना तर ऽपतजा क करण मरा ह तीन सल उसकी हतय

zwjयो नही कर दाrdquo मन कहndash ldquoयह मर वयऽकतगत ममल हrdquo ऽफर वह वयऽकत बोलndash ldquoती zwjय उसकी

हतय करग ती तो बिजऽदल ह इसाऽलए तरा दिगथऽत होता ह‛ यह आवज म पहचन गय उसा बठ हए

वयऽकत की था म अपन शरार पर लप ऽकय हए सड़ म ास क बोझ ढोत हए आग बढ़ रह थ इतन म

समन ओर स आत हआ एक पिरष ऽदखई ऽदय उसक शरार सवसथ थ उसक ऽसर पर बल नही

थवह सत जस ऽदखई द रह थ मन उस पिरष स कहndash कपय आप लटकत हआ म ास कट दाऽजए मिझ

बहत वदन हो रहा ह वह पिरष कि छ भा नही बोल उसन पाठ पर और ऽसर पर लटकत हआ मास कट

ऽदय हथ क लटकत हआ म ास कटन लग मन कहndash ldquoमर यह दय ा हथ कम नही कर रह ह

इसा दएा हथ म बहत मर ह‛ तब तक उस पिरष न हथ क लटकत हआ म ास कट ऽदय मन उसस

कहndash ldquoमर मसतक पर कि छ बनध हआ स ह ऐस महसीस हो रह ह कपय आप इस खोल दाऽजय

अथव इस कट दाऽजय वह पिरष बोलndash ldquoम उस नही कट सकत ह ा zwjयोऽक उसम शऽzwj त लगा हई ह

इस कटन मरा समथयथ क बहर हrdquo म चौक और सोचन लग कहा पर शऽzwj त लगा हई ह मन उस

शऽzwj त को दखन क परयस ऽकय मगर मिझ कि छ नही ऽदखई ऽदय ऽसफथ महसीस हो रह थ ऽक कोई

सप थकर वसति ऽलपटा हई ह इतन म मन दखndash वह महपिरष ज चिक थ शयद मर कयथ करन क ऽलए

हा मर पस आए थ मन ऐस अनिमन लगय इतन म मरा नीद खिल गई म तखत पर लट हआ थ सर

शरार क ददथ स बिर हल थ मन सोचndash तखत स उठकर कमर की ऽबजला जल दीा मगर म उठ नही

सक zwjयोऽक सर शरार बिरा तरह स ददथ कर रह थ

जो अनिभव आय थ उस मिझ समझत दर नही लगा परनति मिझ डर ऽबलकि ल नही लग रह थ

मन अपन दऽहन हथ ऊपर की ओर उठन क परयस ऽकय मगर हथ ऊपर की ओर उठ नही सक

वह ऽनऽषकरय स एक ओर पड़ हआ थ म अपन हथ दख कर घबर स गय और सोचndash ldquoमर दऽहन

हथ खरब तो नही हो गय ह नही तो मिझ अपन जावन एक बोझ क तरह ढोन पड़गrdquo कमर क चरो

योग कस कर 305

ओर सननट की आवज आ रहा था म कमर म चिपचप अकल मजबीर स लट हआ थ इस समय

ऽकसा को बिल भा नही सकत थ zwjयोऽक आशरम क सभा लोग ऽनचला मऽजल म मिझस दीर सोए हए थ

ऽफर मन अपन पस रखा हई टचथ जलया और घड़ा की ओर दखndash घड़ा म लगभग सिबह क तान बजन

वल थ ऽफर म चिपचप लट रह मिझ नीद नही आई म सोचन लगndash यह घटन मर सथ zwjयो घटा मर

हथ अगर खरब हो गय तो म जावन म कि छ नही कर पऊा ग ऐसा अवसथ म अब zwjय म यहा पर

सधन कर पऊा ग यह जगह मर ऽलए खतर स खला नही ह म यहा पर परकय परवश ऽसऽि की खोज

करन आय ह ा य लोग इस ऽसऽि की खोज करत समय मर हा डलग मरा मतयि यह ा पर ऽनऽित ह इसस

अचछ ह म यह ा स सिबह चल जऊा यऽद म अपना शऽzwj त क परयोग करक कि छ ऽदन रक भा गय तब

भा म अपन कयथ यह ा पर नही कर पऊा ग ऽफर यहा पर रकन स zwjय लभ होग म इस ऽवषय म यहा

सोचत रह ऽफर मन ऽनणथय ऽकय ऽक म यह ा स सिबह चल जऊा ग

मन लट-लट हा धयन ऽकय लगभग 45 ऽमनट क लग ऽफर म उठकर बठ गय मर दऽहन

हथ एक ओर को लटक हआ थ मन बएा हथ स अपन दऽहन हथ सहलय ऽफर धार-धार हथ

उठन क परयस ऽकय कि छ समय बद हथ म चतनयत सा आना शिर हो गई थोड़ा दर बद मन सवमा

जा को एक पतर ऽलख उस पतर म मन बहत सकषप म रत वला घटन ऽलखा और आशरम स जन क

ऽलए आजञ मागा ऽफर सवमा जा क कमर म जकर उस पतर को उनह द ऽदय और म फरस होन को बहर

चल गय जब फरस होकर म कमर की ओर चल ज रह थ उसा समय एक ऽवदयथी मर पस आय

और मिझस वह बोलndash ldquoयोगा जा आपको सवमा जा बिल रह हrdquo मिझ मलीम थ सवमा जा मिझ अवशय

बिलएाग म सवमा जा क पस पहाच और उनस पीछndash ldquoसवमा जा zwjय आपन मिझ बिलय हrdquo सवमा

जा बोलndash ldquoह ा आपको मन बिलय ह आपन पतर म जो ऽलख ह वह सच ह मगर हम आपको जन की

आजञ नही दग यऽद आप चल जएाग तो मरा उन सब बतो क zwjय होग ऽजन आशओ को पीर करन

क ऽलय मन आपको यह ा बिलय ह और आपको आशरम म रख हrdquo ऽफर मन रऽतर वला सरा घटन

सवमा जा को सिन दा और म बोलndash ldquoमर सर शरार ददथ स पाऽड़त ह तथ मन अपन दऽहन हथ भा

उनह ऽदखयrdquo सवमा जा बोलndash ldquoयोगा जा आप इतन बलवन ह आप उनह भग नही सकत ह आप

उनस यिि करो जब आपक यह हल ह तब हम सब आपस सधन कस साखग मरा योजन अधीरा रह

जएगाrdquo म बोलndash ldquoसवमा जा म शऽनत मगथ क सधक ह ा ऽबन मतलब म ऽकसा स झगड़ मोल नही

लत ह ाrdquo सवमा जा बोलndash ldquoआशरम क कलयण क ऽलए आपको यह कयथ करन हा पड़गrdquo ऽफर म

योग कस कर 306

ऽनरततर हो गय सवमा जा बोलndash ldquoआज म जलदा म ह ा पनापत ज रह ह ा कल म आ जऊा ग तब

तक आप कहा नही जएाग आप अपन कमर म जओ और आरम करोrdquo म कमर म आ गय और

सोचndash कलयण क चzwjकर म म अपन हथ हा न गव ा बठी ा अब म समझ गयndash ऽजस कयथ क ऽलए म

यहा पर आय थ वह कयथ यहा पर नही हो सकत ह

मन सवमा जा को पतर म ऽलख थndash यह ा क एक अधयपक की पीवथकल म हतय कर दा गई था

म उन हतयरो को जनत ह ा zwjयोऽक मन ऽदवय दऽष ट क दरर उनको दख ह उस अधयपक को ऽकस परकर

स आशरम स दीर ल जकर कि छ लोगो न उसकी हतय कर दा था सवमा जा न बतय थndash आशरम म मर

आन स पहल यह ा क परधनचयथ की हतय कर दा गया था ऐस मन सिन ह वहा परधनचयथ यहा

आशरम की वयवसथ भा दखत थ

ऄथश- सधको इसा परधनचयथ क सीकषम शरार भा मरा दिगथऽत क समय थ अनिभव म जो शरार

मर ऊपर लश की तरह रख हआ थ वह परधनचयथ जा क सीकषम शरार थ अब य इन तमऽसक

शऽzwj तयो क अऽधकर म थ य पीवी उततर परदश क रहन वल थ ऽजस सनयसा पिरष न मर शरार पर

ऽचपक हआ सड़ म ास कट कर मरा सहयत की था उनक नम जवल परसद जा थ इनहोन हा इस

आशरम को बनवय थ और इसा आशरम म अपन सनयसा जावन वयतात ऽकय थ इस आशरम म

तमऽसक शऽzwj तय ा रहता ह मन बराकी स दखndash आशरम क ऽवदयथी सिबह-शम मतरो दरर यजञ कि णड म

आहऽत ऽदय करत थ उनक दरर मतर बोलन क तराक गलत थ इसऽलय उन आहऽतयो को य

तमऽसक शऽzwj तय ा गरहण कर लता था इनही आहऽतयो को गरहण कर लन क करण य सभा शऽzwj तशला

हो रह थ य तमऽसक शऽzwj तय ा अकरण हा सऽतवक शऽzwj तयो स दरष करता ह इसाऽलय इनहोन मर सथ

ऐस वयवहर ऽकय और मिझ आशरम छोड़ कर चल जन क ऽलय कह रहा ह

मन सोचndash म कल चल जऊा ग म 11 बज दोपहर को धयन पर बठ धयन पर बठत हा मिझ

आवज सिनई दाndash ldquoअभा गय नही आज रऽतर को तिमहर दीसर हथ भा तोड़ ऽदय जएगrdquo इतन

सिनत हा मन धयन को तोड़ ऽदय और ऽनिय ऽकय मिझ अपन हथ नही गावन ह कमर म रख हए

अपन समन को सीटकस म रख और म सीटकस को लकर नाच पहाच गय मनजर मिझस बोलndash ldquozwjय

बत ह योगा जा आप तो यहा रहन आए थ अब आप ज zwjयो रह हrdquo म बोलndash ldquoआशरम म म रहन हा

आय थ इसाऽलय मिझ यह ा बिलय गय थ मगर म यह ा स मजबीरा म ज रह ह ाrdquo इसा ऽवदयलय म

एक शसतरा जा पढ़य करत थ उनहोन भा मिझस पीछndash ldquoआप तो यहा पर सभा को योग ऽसखन वल थ

योग कस कर 307

मिझ बड़ा परसननत हई था zwjय आपको आशरम की ओर स वयवसथ म कोई कमा की अनिभीऽत हई

हआप zwjयो ज रह ह‛ ऽफर मन सकषप म शसतरा जा को सभा बत बतई ऽफर उन शसतरा जा न मिझ

बतयndash आज म यह ा पर अधयपक ह ा पहल इसा आशरम म एक छतर क रप म रहत थ उस समय

दीसरा मऽजल पर एक तऽतरक रह करत थ उसक पस दो छतर आय करत थ तऽतरक न उन छतरो स

कह थndash हम आपको पासाएस की पराकष पस कर दग कि छ समय बद एक छतर पराकष म पस

भा हो गय थ इसऽलय दीसर छतर को यह ऽनिय हो गय ऽक तऽतरक दरर मिझ भा अवशय पस कर

ऽदय जएग मगर कि छ समय बद इस छतर की पना म डीबन स मतयि हो गई लोग कहत ह उस तऽतरक

न हा मर डल थ वह तऽतरक उस छतर की अधजला हडऽडय ा भा लकर अपन कमर म आय थ वह

तऽतरक अपन कमर स नही ऽनकलत थ मलीम नही कमर बनद करक वह zwjय ऽकय करत थ इनही

सवमा अभयननद स उस तऽतरक की कहसिना हो गई था ऽफर उस तऽतरक की पिऽलस वलो न बहत

ऽपटई की था उसन अपन सर जिमथ कबील कर ऽलय थ उसक कमर की तलशा लन पर उसक बzwjस

स उसा ऽवदयथी की हडऽडय ा ऽनकला था उसक पस lsquoॎrsquo क एक ऽचतर भा ऽनकल थ ऽफर मन चलत

समय शसतरा जा स कहndash ldquoम कि छ ऽदनो बद ऽफर आशरम म आऊा गrdquo म वह ा स मरठ क ऽलय चल

ऽदय

मरठ आकर शकमभरा वला घटन मन सभा को सिनई सभा सधक लोग उस घटन को सिन

आश चयथचऽकत हो गए मर दऽहन हथ अब भा बिरा तरह स ददथ कर रह थ उस हथ को म ऊपर की

ओर नही उठ सकत थ और नही उस हथ स म बजन उठ सकत थ ऐस लगत थ मनो उस हथ म

लकव स मर गय हो मिझ ऽकसा न ऽवशष परकर की मऽलश करन की रय दा ऽफर रऽतर क समय मन

एक सधक स हथ की मऽलश करवयावह सधक मऽलश करन म पररपzwjव थ कि छ ऽदनो तक

मऽलश होता रहा ऽफर मर हथ धार-धार ठाक होन लग मन सोचndash म अपन घर चल जऊा तो अचछ

ह ऽकसा क घर म रहन उऽचत नही ह मगर कि छ ऽदनो बद मरठ स 10 ऽकलोमाटर दीर एक आशरम म

मरा वयवसथ हो गई यह आशरम योग स समबऽनधत नही थ यहा पर परकऽतक ऽचऽकतस होता था हर

शिकरवर को म मरठ आ जत थ शऽनवर को वपस आशरम चल आत थ

योग कस कर 308

परकाया परवश की जानकारी

यह अनिभव ऽसतमबर मह म आय थ धयनवसथ म दखndash म ऽकसा सिरग जसा जगह म परवश

करत चल ज रह ह ा कि छ समय तक चलन क बद वह सिरग साकरा सा होकर आग की ओर बनद था

आग बनद होन क करण म वही पर खड़ हो गय सोचन लगndash ldquoयह सिरग आग की ओर बनद ह अब म

आग की ओर कस ज पऊा गrdquo उसा समय मिझ जनकरा ऽमलाndash इस बनद जगह क खलन क बाद आप

अपन सथल ररीर स अलग हो जाएग ऽफर मर मन म तिरनत ऽवचर आयndash सथील शरार स अगर बहर भा

हो गय ऽफर वपस नही आ पय तब मरा मतयि हो जएगा उसा कषण मिझ होश आन लग ऽक म धयन

पर बठ ह ा अनिभव समपत हो गय

अनिभव समपत होन क बद म सोचन लगndash अब मिझ zwjय करन चऽहए यह बनद जगह कभा न

कभा तो खिल हा जएगा अगर इस शरार स ऽनकलन क बद म वपस नही आ पय तो अवशय मतयि हो

जएगा इसक ऽलए इस मगथ क जनकर गिर अवशय होन चऽहए इस मगथ क परगत गिर ऽमलन

पीणथरप स असमभव ह मगर यह कयथ गिर क ऽबन अतयनत मिऽशकल ह zwjयोऽक मिझ वपस आन क मगथ

और जनकरा मलीम नही ह एक ऽदन म धयन पर बठ हआ थ मन दखndash म उसा सिरग जसा जगह म

आग की ओर चल ज रह ह ा आग चलकर म रक गय zwjयोऽक वह सिरग जसा जगह आग की ओर

बनद था म वहा पर खड़ हो गय आग की ओर जन क ऽलए मगथ हा नही थ ऽफर वहा ऽवचर आयndash

यऽद म आग जकर ऽनकल भा गय ऽफर वपस नही आ पय तो मर मतयि ऽनऽित ह यहा ऽवचर आत

हा मर धयन कमजोर हो गय मिझ अपन होश आन लग गय ऽक म धयन पर बठ हआ ह ा

म बठ कर सोचन लगndash अब zwjय ऽकय जए मिझ अपन आप पर ऽवशवस थ ऽक म बहर

अवशय हा ऽनकल जऊा गबहर ऽनकलन क ऽलए ऽसफथ कि छ ऽदन हा लगग मगर वपस शरार म न आ

पय तब मरा मतयि ऽनऽित हा हो जएगा ऽफर शाघर हा दिबर जनम लकर सधन करना पड़गा अभा मरा

उमर बहत शष ह इसऽलए परकय परवश क ऽवचर तयग दन चऽहए मगर मर मऽसतषक म तो परकय

परवश क भीत सवर थ मन कई बर जञन स पीछ ऽक परकय परवश क बर म मिझ बत दो वह भा कि छ

नही बोलत थ ऽफर एक बर मिझ आवज सिनई दाndash यिद यह िसिदध तमह िमल भी गई तो तम इस

िसिदध स कया पराप त करना चाहत हो अपना अमकय समय वयथश न करो योग क अभयास म आग की

ओर बढ़न का परयास करत रहो यही तमहार िलए िहतकर ह

योग कस कर 309

सधको अनिभव म मिझ ऽदखई दत ह म एक सिरग म परवश करत चल ज रह ह ा वह सिरगनिम

जगह आग की ओर बनद हndash वसतव म वह एक नड़ा ह इस नड़ा क दरर ऽचतत बह करत ह यह अऽत

सीकषम नड़ा ऽचतत म ऽसथत रहता ह मिझ ऐस लगndash परकय परवश करन वल योगा इसा नड़ा क परयोग

करत ह zwjयोऽक नड़ा आग की ओर बनद ह म बहर हा नही ज सकत ह ा मगर सकलप और अभयस क

दरर यह नड़ा अवशय खिल जएगा ऐस मिझ ऽवशवस थ उसा समय मर अनदर अजञनत क करण डर

उतपनन हो जत ह और धयन टीट जत ह मगर मन हर नही मना तथ इसा की खोज म लग रह म

धयन करत समय सदव सकलप ऽकय करत थ तथ जञन को परररत करत थ जञन तिम सवय मर

मगथदशथन करो zwjयोऽक म जनत ह ा परकय परवश ऽसऽि को अगर छोड़ दीा तो योग क अभयस म आग

क मर मगथदशथन कौन करग जञन न बतयndash ldquoआपका मागशदरशक उततर भारत म ह ढढ़न का परयास

करत रहो एक न एक िदन वह अवशय िमल जाएगा वह तमहार सभी परशनो का उततर दगा वह अतयनत

उचचकोिट का योगी होगाrdquo मन सोचndash उततर भरत म ऐस कौन स योगा हो सकत ह zwjयोऽक उसक

योगबल और योनयत मिझस भा जयद होगा योगबल क मन भा भडर कर रख ह हर एक योगा क

योगबल मिऽशकल स जञत होत ह योनयत अवशय जलदा मलीम पड़ जता ह ऐस योगा उततर भरत म

मिझ दो हा समझ म आय एकndash सवमा ऽशवननद क ऽशषय और ऽशवननद आशरम क अधयकष सवमा

ऽचदननद जा इनक ऋऽषकश म आशरम ह इन पर मिझ पीर ऽवशवस ह योग म मरा समसयओ क हल

कर सकत ह दीसरndash दलई लम य ऽतबबत क धऽमथक गिर ह आजकल य धमथशल ऽहमचल परदश म

रहत ह इन दोनो स ऽमलन बहत हा मिऽशकल ह

माता कणडवलनी शवzwj त

मन धयनवसथ म दखndash म ऊा चा जगह पर बठ हआ ह ा मरा बई ओर एक स तरा मिझस ऽचपकी

हई बठा ह जब मिझ महसीस हआ ऽक मर बगल म एक स तरा बठा हई ह और म उसस ऽचपक हआ बठ

ह ा तब मिझ अपन पर बड़ आश चयथ हआ zwjयोऽक म ऽस तरयो स दीर हा रहत ह ा मन उस स तरा को गौर स

दखndash वह एक बहत हा सिनदर यिवता था उसक कद मिझस भा ऊा च थ म उसकी सिनदरत दख रह थ

मगर मर मन म ऽकसा परकर क भव नही थ और न हा उस स तरा क चहर स ऽकसा परकर क भव ऽदखई द

रह थ मन अपन थोड़ स ऽसर ऊपर की ओर उठकर दख वह स तरा मरा ओर गौर पीवथक दख रहा था

योग कस कर 310

उसा समय उसक शरार ओर ऊा च हो गय म उसक समन ऽबलकि ल छोट-स लग रह थ उसन अपन

दऽहन सतन कपड़ो स बहर की ओर ऽनकल और मिझ बचचो क समन उठकर अपना गोदा म ऽलट

ऽलय म उस समय पीरा तरह स वतथमन की भाऽत शरार वल पिरष थ उसन मिझ अपना गोदा म ऽलट

कर मर ऽसर पर हथ रख ऽफर हथ क दबव स मर मिाह उसन अपन सतन म लग ऽदय म सतनपन

करन लग उस समय म बहत परसनन हो रह थ मिझ दीध क सवद हलक माठ लग रह थ कि छ कषणो

तक म सतनपन करत रह ऽफर उसन मिझ उठकर खड़ कर ऽदय अपन सतन कपड़ो क अनदर ढक

ऽलय वह तरण स तरा खड़ा होकर मिसकरन लगा मरा इचछ थाndash ldquoम अभा और सतनपन करा rdquo उसा

समय वह स तरा थोड़ स ऊपर की ओर अतररकष म खड़ा हो गई उसक कपड़ अपन आप बदल गए वह

ऽसतरदर लल सड़ा पहन हए था उसक ऽसर पर ऊा च-स मिकि ट लग हआ थ वह स तरा अणडकर

परकश वलय क अनदर खड़ा हई था म तिरनत समझ गय ऽक यह स तरा मत कि णडऽलना शऽzwj त ह म

बोलndash ldquoह मत म आपको परणम करत ह ाrdquo उततर म मत कि णडऽलना न हथ उठकर मिझ आशाव थद

ऽदय म बोलndash ldquoह मत म आपस कि छ परथथन करन चहत ह ाrdquo मत कि णडऽलना कि छ नही बोला

ऽसफथ मिसकर रहा था म बोलndash ldquoमत आप मिझ आशाव थद द ऽक म महन योगा बनीाrdquo मत

कि णडऽलना बोलाndash sbquoभिवषय म तम अवशय महान योगी बनोग ढर सारी रिक तयो स यक त होग तथा जञान

की परािप त होगीrdquo म बोलndash ldquoमत उततर भरत म कौन-स मर गिर ह ऽजसस मिझ जञन परप त करन

होगrdquo मत कि णडऽलना बोलाndash ldquoभिवषय म वह सवय आपक पास आ जाएगाrdquo ऽफर मत कि णडऽलना

अदशय हो गई मर अनिभव समप त हो गय

सधको यह अनिभव मर ऽलए बहत हा अचछ थ zwjयोऽक इस परकर क अनिभव सधको को

बहत कम आत ह अबकी बर सतनपन क समय म बचच नही थ बऽलक वतथमन उमर वल शरार थ

सच तो यह ह इस परकर क अनिभव ऽवरल सधको को आत ह जब इस परकर स कि णडऽलना शऽzwj त

सतनपन करए तब अभयसा को समझ लन चऽहए भऽवषय म कि णडऽलना शऽzwj त की ऽवशष परकर की

कप होन वला ह तथ जञन की परऽप त होगा ऐस अभयसा ऽनश चय हा पीवथकल क महन योगा होत ह

मिझ मरठ म मलीम हआ ऽक ऽदलला म अमिक ऽदन माऽटग ह ऽफर म तथ एक सधक

(आशितोष) मरठ स ऽदलला गए अब वह ा मलीम हआ शरा मत जा फरवरा मह म ऽदलला आन चहता

ह तथ दो सधक ऽदलला स जलग ाव शरा मत जा क जनम ऽदन मनन क ऽलएज रह ह शरा मत जा

क जनमऽदन 20 ऽसतमबर को मनय जत ह मन और मरठ क सधक न भा परोगरम बन ऽलय ऽक शरा

योग कस कर 311

मत जा क जनमऽदन पर जलग ाव जएाग हम दोनो क सथ मरठ क दो ओर सधक शरा मत जा क

जनमऽदन मनन क ऽलए तयर हो गए इसऽलए 18 ऽसतमबर को मरठ स चर और ऽदलला स दो सधक

जलग ाव क ऽलए रल दरर चल ऽदए जलग ाव पहाचन पर प ाचो सधक शरा मत जा क पस चल गए

मगर म अजी दादा (ऽनऽतन की म ा) क घर आ गय zwjयोऽक मरा और इस पररवर की बहत बनता था

म जलग ाव पहाच कर वशला क ऽवषय म सोच रह थ zwjयोऽक मन उसकी कि णडऽलना पहल

ऊधवथ की था दोपहर को एक डढ़ बज वशला सवय आ गई मगर ऽकसा करण स वशला स योग क

ऽवषय म बत नही हो सकी म सवय शम को वशला क घर पहाच गय मन वशला स पीछndash मन जो

तिमहरा कि णडऽलना उठई था उसक ऽवषय म शरा मत जा न तिमस zwjय कह थ उसन बतय शरा मत

जा न गिरपीऽणथम (सन 1993) पर एकत म बिलकर पीछndash ldquoआननद कि मर न जो कि णडऽलना उठई था

उसक आपको zwjय अनिभव आयrdquo मन अपन सभा अनिभव सिन ऽदए तब शरा मत जा बोलीndash

अनिभव आपको आए वह ठाक ह मगर आपकी कि णडऽलना नही उठा ह उसक ऽलए बहत नड़ा शिि

चऽहए वह ऐस नही उठता ह यऽद उठ भा गई तो बठ जएगा उसक बठ जन अचछ ह म यह शबद

सिनकर दग रह गय ऽक यह शबद एक ऽसित को परप त स तरा कह रहा हndash ldquoऽक कि णडऽलना नही उठा हrdquo

म सोचन लग उनहोन ऐस zwjयो कह जबऽक 100 (परऽतशत) सतय ह ऽक कि णडऽलना ऊधवथ हई था म

बोलndash यऽद कि णडऽलना न ऊधवथ हई हो तो म अपना सरा सधन तयग दीाग और कभा भा सधन क

नम नही लीाग उस समय वशला क सभा घर क सदसय और पड़ोसा बठ हए थ यह शबद शरा मत जा

न ऽकस भव स कह थ यह म नही समझ पय थ ऽफर मन सोचndash zwjय उनह ऽदवय दऽष ट स ऽदखई नही

दत ह ऽक कि णडऽलना को वह ऽसफथ पररपzwjव अवसथ म ऊधवथ करता ह ऐसा अवसथ म नम मतर क

शऽzwj तपत स कि णडऽलना ऊधवथ हो जता ह नए सधक की कि णडऽलना उठन शरा मत जा क बस की

बत नही ह zwjयोऽक ढर सर योग बल लगन पड़त ह शरा मत जा न ईषयथ भव स यह बत कहा ह

ऽक कि णडऽलना नही उठा ह zwjयोऽक आननद कि मर क यश फलग और उसक नम ऊा च होग यह बत

शरा मत जा को सहन नही होता ह मिझ अपन गिर पर बड़ गवथ थ ऽक मर गिर इतन महन ह आज मर

गवथ चकनचीर हो गय

एक सऽधक न मिझ बतयndash ऽजसकी कि णडऽलना जबरदसता उठई जता ह जब ऽसर तक पहाच

जता ह तब वह सधक पगल हो जत ह यहा शरा मत जा न परवचन म कह थ इसा परकर मिझ

बहत-सा बत बतई गई हमर समझ म आ गय ऽक उनहोन ऐस zwjयीा कह तऽक आननद कि मर स मगथ

योग कस कर 312

दशथन क ऽलएकोई सधक तयर न हो मिझ और भा ढरो आरोप सिनन पड़ थ मगर म चिप रह zwjयोऽक म

समझ गय थ शरा मत जा जनबिझ कर झीठ बोल रहा ह अब उनको आदत सा पड़ गई इसक

परयऽश चत भऽवषय म उनह करन पड़ग यह सच ह ऽक जबरदसता उठई गई कि णडऽलना क ऽलए सधक

को अऽधक सधन चऽहए तभा वह ऊधवथ रह सकगा वरन कि णडऽलना सिषिपत अवसथ म चला जएगा

मन अबकी बर दख- जो सधक मिझस बहत परम करत थ अब वहा मिझस बत करन स भा कतरत ह

अब मरा समझ म आ गय शरा मत जा मिझ जलग ाव म रकन क ऽलए सदव zwjयो मन ऽकय करता थी

शरा मत जा स मरा कोई खस बत नही हई ऽसफथ शरा मत जा न हलचल पीछ- मन उसक

जवब द ऽदय ऽफर मन परकय परवश क ऽवषय म बत की मन शरा मत जा को बतयndash म परकय

परवश ऽसऽि क ऽवषय म कफी खोज कर रह ह ा zwjय आप मिझ कि छ इस ऽवषय म बतएागा शरा मत जा

बोलीndash ऐसा ऽसऽियो को म पसनद नही करता ह ा मिझ परकय परवश क ऽवषय म जञन नही ह ऽफर म शरा

मत जा क पस स चल आय जब म ऽमरज म रहत थ तब मन शरा मत जा स इस ऽसऽि क ऽवषय म

पीछ थ उस समय शरा मत जा नरज हो गई था म उनक पस स उठ कर बहर चल आय थ

मिझ 29 ऽसतमबर को आशरम म (मरठ क पस) परवचन करन थ zwjयोऽक मर करण आशरम म

दीर-दीर स लोग बिलए गए थ तथ योग की ऽशकष दना था म 25 ऽसतमबर को जलग ाव स मरठ क ऽलए

चल ऽदय चलत समय शरा मत जा न परकय परवश की ऽसऽि क ऽलए मन कर ऽदय ऽक इस ऽसऽि

को छोड़ दाऽजए यह ऽसऽि अचछा नही ह 28 ऽसतमबर को ऽदलला होत हए म मरठ आ गय मिझ यह

जनकरा ऽमला था ऽक मरठ क सधक न शकमभरा वला घटन शरा मत जा तक पहाचई था मरठ म

मर मजक उड़य गय थ मरा समझ म नही आ रह थndash ldquoम ऽकस पर ऽवशवस करा और ऽकस पर

ऽवशवस न करा rdquo इसऽलए मन ऽनऽश चय ऽकय मरठ स दीर रह जए तऽक यहा क सधको स जयद न

ऽमल सकीा इस ऽवषय म मन ऽकसा स रय नही ला मन सोचndash म अभा घर भा नही जऊा ग एक बर

अब म शकमभरा दवा अवशय जऊा ग कि छ ऽदनो क ऽलए मन अपन लकषय बदल ऽदय अब म उन

तमऽसक शऽzwj तयो स झगड़ करन चहत थ ऽजन शऽzwj तयो न मरा इतना दिगथऽत कर दा था अब म

शकमभरा दवा रकत ह ा ऽक नही रकत ह ा मर मन म ऽसफथ तमऽसक शऽzwj तयो स झगड़ करन क इरद

थ मन सोचndash म भा ऽदवय शऽzwj तयो स यिzwj त ह ा ऽफर इनस डर zwjयो रह ह ा पहल म इनस झगड़ नही

करन चहत थ मगर अब उन तमऽसक शऽzwj तयो स झगड़ करन हा ज रह थ मिझ मलिम थ ऽक

अभा मरा मतयि तो नही हो सकता ह म 4 अzwjटीबर को शकमभरा दवा (सहरनपिर) म शकरचयथ आशरम

योग कस कर 313

म आ गय ऽफर म उसा पहल वल कमर म ठहर थ अबकी बर मर मन म इचछ शऽzwj त बहत हा दढ़

था मन सोचndash जब तक शकमभरा दवा म म रकीा ग तब तक य तमऽसक शऽzwj तय ा मरा ओर भीलकर भा

नही दखगा शकरचयथ आशरम म सवमा जा बहत परसन न हए zwjयोऽक म वपस आशरम म आ गय थ

जीव और कमश

4 अzwjटीबर की शम 630 बज म धयन पर बठ गय पहल अपन शरार क चरो ओर मतयिजय

मतर दरर कवच ओढ़ ऽलय ऽफर सकलप ऽकयndash ldquoअर तमऽसक शऽzwj तयो तिम कह ा हो अबकी बर म

नही बऽलक तिम यह इलक छोड़ कर भग जओग तिमहरा सहयत करन वल कोई भा इस भीलोक

लोक पर तो zwjय भिवलोक स भा नही आएग‛ ऽफर म धयन की गहरई म चल गय मन धयनवसथ

म दखndash एक बहत सिनदर आकषथक गय मर कमर क अनदर आ गई ह जबऽक कमर अनदर स बनद थ

गय सफद रग की बहत पयरा लग रहा था म गय क अथथ तो समझ गय ऽफर कि छ कषणो बद दखndash

मर समन एक कि तत बड़ आरम स चिपचप बठ हआ ह इतन म मन दखndash एक पिरष न कि तत को हथ स

कि छ इशर ऽकय ऽक वह कि तत मरा ओर दख मगर कि तत न ऽसर ऽहल कर मन कर ऽदय और आाख बनद

करक चिपचप बठ गय

ऄथश- सधको गय क अथथ हndash गय जावतम क परऽतक होता ह कि तत क अथथndash मर ऽचतत पर

ऽसथत शष कमथ ह वह आाख बनद करक चिपचप बठ गयndash मर कमथ बऽहमिथखा होन को तयर नही हो रह

ह एक पिरष न कि तत को इशर भा ऽकय ऽक मिझ दख मगर नही दखndash यह पिरष परकऽतक-बधन ह यऽद

कि तत मरा ओर करोध म दखतndash तब मिझ अपन कमथ भोगन पड़त अथ थत तमऽसक शऽzwj तय ा ऽफर मिझ

पर हवा हो जता मगर मर कमथ चिपचप ह मन कमथ स कहndash तिझ एक न एक ऽदन जन हा होग अथ थत

नष ट होन हा होग

योग कस कर 314

सनयासी का परणाम

एक ऽदन म शम क समय धयन कर रह थ मिझ अनिभव आयndash म ऽकसा सथन पर थोड़ा सा

ऊा चई पर बठ हआ ह ा मर समन थोड़ा दीरा पर एक नवयिवक सनयसा ऽकसा स बत कर रह थ

नवयिवक सनयसा ऽकसा स कह रह थndash sbquoवह ततवजञानी ह आप उसकी बराबरी नही कर सकत हrdquo

मन अपना दऽष ट इधर-उधर की ओर की और सोचndash यह नवयिवक सनयसा ऽकसस बत कर रह ह ऽफर

नवयिवक सनयसा न मरा ओर उगला उठकर कह sbquoयह ततवजञानी ह आप इसक चककर म न पिड़ए

आप इसकी बराबरी नही कर सकत ह‛ उसा समय मिझ उस नवयिवक सनयसा क समन एक पिरष खड़

हआ ऽदखई ऽदय म समझ गय यह सनयसा इसा स बत कर रह ह जबऽक नवयिवक सनयसा की

मिझस ऽकसा परकर की बत नही हई था दोनो मर समन अदशय हो गए

कि छ कषणो बद मन दखndash मर समन अतयनत तजसवा सनयसा परकट हो गय उसकी उमर 30-35

सल क लगभग होगा उसन गरव वस तर धरण कर रख थ उसक ऽसर पर बल नही थ और दढ़ा भा नही

था उसक शरार सवसथ थ लमबई 6 फीट क लगभग रहा होगा यह सनयसा बहत हा जयद तजसवा

थ उसक शरार क चरो ओर परकश फल हआ थ कषणभर तक वह खड़ हआ मिझ दखत रह ऽफर

वह मिसकि रय और मिझ नमसकर करन क ऽलए आग की ओर बढ़ मिझ बहत आश चयथ हआ एक

तजसवा सनयसा मिझ नमसकर zwjयो कर रह ह म तिरनत पाछ की ओर हट गय ऽफर म उस सनयसा स

बोलndash sbquoम आपस नमसकार कस ल सकता ह आप तो सनयासी ह म िकसी सनयासी का नमसकार नही

ल सकता ह ‛ मगर मरा बतो क उस सनयसा पर कोई असर नही हआ वह मिझस लगभग दो फीट दीर

जमान पर नमसकर करन लग उसा समय मन भा बड़ा तजा क सथ उस सनयसा स लगभग एक फीट

की दीरा स जमान पर उस नमसकर ऽकय ऽफर म खड़ हो गय हम दोनो आमन-समन खड़ हए मिसकर

रह थ उसकी मिसकरहट म कि छ ऽवशषत सा था ऽजस म नही समझ सक उसन बस इतन हा कहndash

sbquoआप ततवजञानी ह‛ म उसक शबद सिनकर अचऽमभत हो गय इतन महन सनयसा मिझ ततवजञना कह

रह ह सनयसा जा ऽफर बोलndash sbquoतिम महन योगा हो इसऽलए तिमह जन कलयण क ऽलए कि छ करन

चऽहए‛ म सनयसा जा क कहन क अथथ नही समझ सक म उनस बोलndash sbquoकपया आप सपष ट किहए

तािक म आपक रबदो का अथश समझ सक ‛ सनयसा जा बोलndash sbquoआप योग पर लख िलिखए‛ म

बोलndash sbquoमर अनदर इतनी योगयता नही ह म लख कस िलख सकता ह वह भी योग पर लख िलखना तो

और भी मिशकल कायश ह योग पर लख िलखन का अथश ह योग म पररपणश होना तभी यह समभव हो

योग कस कर 315

सकता ह‛ सनयसा जा बोलndash sbquoतम अपन आप को अयोगय कयो समझत हो तम लख िलखना रर कर

दो तमहार अनदर िमता सवमव आ जाएगी भिवषय म तम योग क िवषय म पररपणश होग मरा आरीवाशद

तमहार साथ ह ऐसा समझो म इसीिलए तमहार पास आया ह तािक तमह योग पर लख िलखन की पररणा

द‛ म बोलndash sbquoआपकी आजञा का पालन होगा म लख िलखन का परयास कर गा कपया आप अपना

मझ पररचय द‛ सनयसा जा बोलndash sbquoसबस बड़ा मरा पररचय यही ह म भी योगी ह और तमहार सामन

खड़ा ह पवशकाल म मन भी परथवी पर जनककयाण हत योग का परचार िकया था तम सवय जान जाओग

म कौन ह ‛ इतन कहकर सनयसा अदशय हो गए मर धयन टीट गय

म सोचन लग य ऽक य सनयसा जा कौन थ जो मिझ ततवजञना कह रह थ तथ उनहोन मिझ

नमसकर भा ऽकय थ यह इस सनयसा की महनत ह ऽफर उनहोन मिझ योग पर लख ऽलखन क ऽलए

परररत ऽकय मन धयन पर बठकर सकलप दरर जनन क परयस ऽकय ऽक य सनयसा जा कौन थ तभा

अतररकष स आवज आईndash sbquoआिदगर रकराचायश‛ नम उनक नम सिनकर म आश चयथचऽकत हो गय

ऽफर योग पर लख ऽलखन क परयस शिर कर ऽदय यह लख अब आपक समन परसतित ह ऽपरय पठको

जब मिझ आऽदगिर शकरचयथ जा न ततवजञना शबद स समबोऽधत ऽकय थ उस समय मिझ ततवजञन की

परऽप त नही हई था तततवजञन की परऽप त सन 2000 क बद होन शिर हआ थ वह सब कि छ जनन म

सकषम ह इसऽलए उनहोन मिझ पहल स हा तततवजञना शबद स समबोऽधत कर ऽकय आऽदगिर शकरचयथ

जा सवय तततवजञना ह

म सार बरहमाणड की माा ह ा

यह अनिभव मिझ नवमबर मह म रऽतर क समय नयरह बज धयनवसथ म आय थ मन दखndash

थोड़ा सा ऊा चा जगह ह उस जगह पर एक स तरा बठा हई ह वह सफ़द रग की उजजवल सड़ा पहन हए ह

उसक सर शरार तज परकश स चमक रह ह वह स तरा अतयनत खीबसीरत ह म उस दखत हा उसक पस

गय मन अपन दोनो हथो स उसक दोनो परो क घिटनो को पकड़कर उसक समन जमान पर बठ गय

मन अपना दऽष ट उसक चहर पर जम दा उसक चहर मिझ अतयनत खीबसीरत लग रह थ वह स तरा मनद-

मनद मिसकरन लगा मिझ उसक सर शरार व सफद उजजवल सड़ा अचछा लग रहा था zwjयोऽक सड़ा स

चमक (हलक परकश) ऽनकल रहा था जब मन उसक शरार की बनवट दखा तब समझ गय यह स तरा

योग कस कर 316

पथवा लोक की नही ह म ऐस सोच हा रह थ ऽक तभा वह स तरा बोलाndash sbquoम यहा की रानी ह ‛ म उसक

शबद सिनकर चौक और बोलndash sbquoआप यहा की रना हrdquo यहा तो पहड़-हा-पहड़ ह‛ वह स तरा ऽफर

बोलाndash sbquoहा म यहा की रानी ह और तमहारी मा भी ह ‛ आऽखरा शबद सिनत हा मर हथ जो उस स तरा क

घिटनो पर रख थ वह कपन स लग म उसस बोलndash sbquozwjय आप मरा मा ह‛ वह ऽफर बोलाndash sbquoम सार

बरहमाणड की मा ह ‛ इन शबदो को सिनत हा म समझ गय यह कौन ह मन उस स तरा को परणम ऽकय वह

स तरा बोलाndash sbquoमरा इस रप म दरशन इसिलए हआ ह कयोिक तमन कई बार इसी रप म दरशन क िलए

सककप िकया था‛ ऽफर वह मर समन अतधय थन हो गई

सधको मन कई बर सकलप ऽकय थ ऽक मत शकमभरा क मिझ दशथन हो इसऽलए मिझ यह

दशथन हए ह zwjयोऽक म शकमभरा क दशथन क ऽलए तान-चर बर मऽनदर गय थ वह ा की मीऽतथ तो

सधरण सा ऽदखई दता ह मगर मन वसतव म मत शकमभरा क दशथन क ऽलए परथथन की था

ऽपरय सधको मिझ ऽवऽभनन परकर क अनिभव आए कि छ अनिभव ऐस आए जो पढ़न म अचछ

नही लगग हलऽक ऐस अनिभव भा योग की एक अवसथ म आत ह तथ योग म उनक कि छ-न-कि छ

अथथ होत ह मगर मन ऐस अनिभवो को नही ऽलख ह मन बहत स अनिभव छोड़ ऽदए ह एक अनिभव

मिझ आयndash यह मरा उचचवसथ को भऽषत करत ह मगर ससररक दऽष ट स यह पढ़न म थोड़ अचछ-

स नही लगत ह इसऽलए मिझ कषम करन एक बर धयनवसथ म मन दखndash ldquoम अऽदरताय सिनदर स तरा

बन गय ह ा म अपना गोद म एक छोट-स बचच ऽलए हए ह ा वह मर सतन पन कर रह ह बचच न

दीसर सतन को अपन हथ स पकड़ रख ह इसस मिझ गिदगिदा सा हो रहा ह मन बचच क हथ पकड़ कर

एक तरफ कर ऽदय उसन ऽफर स मर दीसर सतन पकड़ ऽलय इस ऽकरय स मिझ बहत गिदगिदा हो रहा ह

इसऽलए म हास रह ह ा ऽफर मन सोचndash ldquoयह बचच ऐस zwjयो कर रह हrdquo उसा समय मिझ अपन यद

आई ऽक म तो पिरष थ ऽफर स तरा कस बन गय अब म zwjय करा यह बचच भा मर ह ऽफर मन अपन

शरार को दख तो पय म बहत हा जयद सिनदर स तरा ह ा मर ऽसर पर मिकि ट भा लग हआ ह म बहत

अचछ गहन भा पहन हए ह ा तभा मिझ लग म तो कि णडऽलना दवा क समन सवरप वल बन गय ह ा

उसा समय मर अनिभव समप त हो गय

ऄथश- अनिभव म म अपन आप को कि णडऽलना समझ रह ह ाndash म अपन आपको शऽzwj त क रप म

दख रह ह ा कि णडऽलना जगरण क समय भा ऐस अनिभव आय थ म पिरष सवरप म ह ा और स तरा सवरप

म भा ह ा दोनो सवरप आमन-समन खड़ हए ह उस बचच क अथथ हndash वह मर हा सवरप थ योग क

योग कस कर 317

अभयस की दऽष ट स मर सवरप बचच क समन हा ह सधको यह योग म मरा सबस उचचवसथ ह

zwjयो ाऽक पिरष भा म हा ह ा और स तरा भा म हा ह ा बरहम स शऽzwj तमन (ईश वर) व शऽzwj त दोनो परकट हए ह

इसऽलए अपन आपको कि णडऽलना क रप म दखन उचचवसथ क परताक ह कभा-कभा सधक

अभयस क समय इसा अवसथ म भरम म हो जत ह वह अपन आप को अवतर समझन लगत ह

जबऽक ऐस होत नही ह मनिषय कभा भा अवतर नही बन सकत ह

मन एक साधक की कणडवलनी वफर उधवश की

म शकमभरा स घीमन क ऽलए ऽफर मरठ आ गय थ zwjयोऽक सदी क कपड़ मर यही पर रख हए

थ ऽपछला बर जब म शकमभरा गय थ तब मरठ म ऽकसा को बोलकर नही गय थ ऽक म शकमभरा

ज रह ह ा इसऽलए मरठ वलो को मलीम नही थ ऽक म कह ा पर ह ा ऽजस सधक क घर म रक थऽसफथ

उनह हा मलीम थ मिझ यद आय जब म जलग ाव स वपस लौट थ तब आशितोष न मिझस कह थndash

sbquoआप एक बार मझ पर परयोग करक दख ल िक मरी कणडिलनी जागत होती ह या नही होती ह कयोिक

जलगाव म यह कहा गया था िक वराली की कणडिलनी जागत नही हई हrdquo उस समय मन आशितोष को

कोई जवब नही ऽदय थ लऽकन अब मन आशितोष स कह- sbquoयिद आपकी इचछा हो तो मझ कोई

आपितत नही ह आपकी कणडिलनी उठान को म तयार ह rdquo एक बत क धयन रखन यऽद आपस कोई

पीछ चह शरा मत जा हा zwjयो न हो पीछndash तो आपको अपन ऊपर ऽजममदरा लना होगा zwjयोऽक आपकी

और वशला की कि णडऽलना ऊधवथ करन म फकथ ह वशला पर मन अपन परयोग ऽकय थ उस परयोग म

आश स अऽधक सफल हआ थ आशितोष न कहndash sbquoआप मरी कणडिलनी उठा दीिजए मरी सवय

इचछा हrdquo म बोल- sbquoठीक ह आप सबह कमर म आ जानाrdquo दीसर ऽदन सिबह हा आशितोष आ गय

मन उस अपन समन धयन पर बठय अबकी बर ऽनश चय ऽकय ऽक नऽभ स नाच सपशथ करक

कि णडऽलना को ऊधवथ करा ग

आशितोष मर समन धयन पर बठ गय कि छ कषणो बद मन शऽzwj तपत करन क ऽलए आशितोष

की नऽभ क नाच सपशथ ऽकय और जबरदसत ओकर ऽकय ऽफर म धयन पर बठ गय मन ऽदवयदऽष ट क

परयोग ऽकय तो दखndash उसकी कि णडऽलना बड़ आरम स सोई सोई हई ह यह मिझ सपष ट ऽदखई द रह थ

ऽक वह ऽशवऽलग परगोलकर चzwjकर लगए ऽलपटा हई चिपचप सो रहा ह म समझ गय पय थत सधन

योग कस कर 318

न होन क करण वह तिरनत ऊधवथ नही हो सकी ह ऽफर म गहर धयन म चल गय धयनवसथ म दखndash

उसकी कि णडऽलना ऽदखई द रहा ह कि णडऽलना न मिाह स अपना पीछ उगल दा ह अब वह अपन मिाह धार-

धार ऊपर की ओर उठ रहा ह उसन अपन फन थोड़-स चौड़ ऽकय तब मिझ अपन आप म सतोष

हआ मन आध घनट तक धयन ऽकय ऽफर लट गय 40-45 ऽमनट बद आशितोष न भा धयन खोल

ऽदय उसन मिझस कहndash sbquoम डयटी पर जा रहा ह छट टी लकर वापस जकदी लौट आऊ गाrdquo

वह मर पस दोपहर 12 बज वपस आ गय मन उसस पीछndash sbquoकया कोई अनभव आया था‛

वह बोलndash sbquoमझ अनभव तो आया था मगर वह जकदी की वजह स आपको बता नही पाया थाrdquo मन

दखndash एक मनव आकर मर समन खड़ हआ ह उसन एक हथ स नग को पकड़ कर उठ ऽदय ह

नग क रग हलक लल ह उस नग न अपना बनद आाख भा खोल दा ह वह अपन मिाह भा खोल हए ह

म उस दख रह ह ा म बोलndash sbquoआपकी साधना पयाशि न होन क कारण मझ जोर स रिक तपात करना पड़ा

था यह नाग आपकी कणडिलनी रिक त ह मानव आकार म म ही ह rdquo उसन ऽफर एक बर धयन पर बठन

की इचछ वयzwj त की ऽफर हम दोनो थोड़ा दर म धयन करन क ऽलए बठ गए सयकल क समय म उसक

घर धयन करन क ऽलए चल गय कि छ समय बद हम दोनो धयन करन क ऽलए बठ गए अबकी बर

तासर नतर खोलन क ऽलए उसक मसतक पर शऽzwj तपत ऽकय ऽफर मन दखndash उसकी गदथन पाछ की ओर

ज रहा ह सकलप करक गदथन को पाछ जन स रोक ऽदय अब वह ऽबलकि ल साध बठ गय अबकी

बर उसक चहर पर शऽत क भव ऽदखई द रह थ उसक धयन सव घनट क लग थ तथ उस कि छ

अनिभव भा आए उसन मिझ अपन अनिभव भा बतएndash sbquoमन दखा एक बहत बड़ा जलारय ह उस

जलारय क पानी क ऊपर कणडली मार हए एक काला नाग बठा हआ ह उस पानी क ऊपर पड़ क हर-

हर पतत िगर रह ह जस ही पड़ स पतत िगरत ह उसी समय वह नाग उन पततो को खा जाता ह कछ िणो

तक म यही दखता रहाrdquo

िरर मन दसरा अनभव दखाndash एक मानव आकार का पारदरी सा ररीर ह वह ररीर उजवल

सरद तज परकार स बना हआ ह उसक चारो ओर लोह क काटदार तारो जसा जाल बना हआ ह मर

दखत ही वह मानव आकार ऊपर अतररि की और जान लगा थोड़ा सा ऊपर जाकर काटदार तारो का

जल टट गया और टकड़ टकड़ होकर िबखर गया मानव आकार ऊपर अतररि म चला गया

कछ िणो बाद िरर अनभव आयाndash ldquoबहत बड़ा जलारय ह उसक पानी क कारी ऊपर कमल

का रल िखला हआ ह उस कमल क रल क चारो ओर हकका नीला परकार रला हआ हrdquo जब मन

योग कस कर 319

पीछndash sbquoउस िखल हए कमल क रल म िकतनी पखिड़या थीrdquo तब उसन कहndash sbquoम यह नही बता सकता

ह िक उस रल म िकतनी पखिड़या थी

कछ िणो बाद िरर अनभव आयाndash ldquoएक बहत सनदर िरविलग ह उसक ऊपर सरद रग क

बहत सनदर रल रख हए हrdquo

िरर एक और अनभव आयाndash मझ खड़ आकार म मसतक परएक आख िदखाई दी वह आख

इन आखो स बड़ी थी वह िबककल सवचछ और चमकीली थीrdquo

ऄथश- मन इन अनिभवो को समझन शिर ऽकय पना क ऊपर नग पतत ख रह हndash नग आपकी

कि णडऽलना ह पतत जड़ तततव य पथवा ततव ह कि णडऽलना जगत होत हा पथवा ततव को खन शिर कर

दता ह zwjयोऽक वह सवय चतनयमय ह कि णडऽलना सवय अऽनन तततव सवरप स परऽणयो क शरार म

ऽवदयमन रहता ह मनव आकरndash सवय आपक सीकषम शरार ह कटदर तरो क जलndash आपक सवय क

बधन ह ऽखल हआ कमल क फी लndash आपक कोई चकर ह यऽद आप उस फी ल की पखिऽड़य ा ऽगन लत

तो आपको मलीम हो जत ऽक आपक कौन-स चकर खिल हआ ह zwjयोऽक हर चकर क कमल क फी ल

की पखिऽड़य ा अलग-अलग सखय म होता ह अनिभव म आपको एक आाख ऽदखई दाndash वह आपकी

तासरा आाख ह उस मन शऽzwj तपत करक खोल दा ह तऽक आपको बराकी स अनिभव ऽदखई द मगर

आपकी सधन पय थपत नही होन क करण आपको ऽदवय वसतिएा जयद नही ऽदखई दगा यह आाख कि छ

ऽदनो बद अपन आप बनद हो जएगा zwjयोऽक मन शऽzwj तपत करक जबरदसता खोल दा ह

दीसर ऽदन आशितोष न बतयndash शर पर सवर एक तजसवा स तरा ऽदखई दा म तिरनत समझ गय

की यह शर वला (अमब दवा) ह उसक चरो ओर परकश क गोलकर वलय घीम रह थ कि छ कषणो

बद वह शर स उतरा और मरा ओर आशाव थद मिदर म हथ उठय ऽफर वह अदशय हो गई

मन बतयndash यह अनिभव आपक बहत हा अचछ ह zwjयोऽक अमब दवा और कि णडऽलना शऽzwj त

दोनो एक हा ह आपक शरार म जगत होन क करण आशाव थद दन की मिदर म ऽदखई द रहा ह ऽफर

मन कि छ परणयम व आसन बतए अगल ऽदन म शकमभरा जन को तयर हो गय शकमभरा चलत

समय मन आशितोष स कहndash sbquoआपको कठोर साधना करनी ह तभी कणडिलनी ऊधवश रह पायगी वरना

मलाधार चकर म बठ जाएगीrdquo मर जन क बद आपको अनिभव कम आएाग अथव नही आएाग कम स

कम तान घनट रोजन सधन अवशय करन अब मिझ अपन आप पर पीर ऽवशवस हो गय ऽक म

योग कस कर 320

शऽzwj तपत कर कि छ समय क ऽलए ऽदवयदऽष ट भा खोल सकत ह ा इतन अवशय जञन हआ गहसथ वलो

की कि णडऽलना उठन क ऽलए अऽधक शऽzwj तपत करन होत ह वशला (जलगाव) को मन हलक-स

शऽzwj तपत ऽकय थ zwjयोऽक उस समय उसकी शदा नही हई था इसऽलए मिझ सफलत ऽमल गई था म

26 नवमबर को मरठ स शकमभरा म शकरचयथ आशरम आ गय

शकमभरा आकर मर मन म ऽवचर आयndash व तमऽसक शऽzwj तय ा कह ा चला गई मिझ ऽदखई

zwjयो नही दता ह ऽफर मन सकलप ऽकयndash ldquoमिझ वहा तमऽसक शऽzwj तय ा ऽदखई द अथव मिझस झगड़

करrdquo मगर दो-तान ऽदनो तक मिझ इन तमऽसक शऽzwj तयो क ऽवषय म कोई जनकरा नही ऽमला अब

मिझ अपन आप पर करोध आन लग पहल इनहोन मिझ भग ऽदय थ अब नजर नही आ रह ह एक ऽदन

म रऽतर क समय म लट हआ थ मिझ ऐस लग जस मिझ ऽकसा न सपशथ ऽकय ह मर शरार म कमपन स

हआ मिझ समझत दर नही लगा म उठकर बठ गय मन अपना आाख बनद कर ला और जोर स बोलndash

sbquoहरामजादो कततो दखो म तमहारा बाप ह म तम पर परहार कर रहा ह अपन को बचा सको तो

बचाओrdquo उसा समय मन उन सभा तमऽसक शऽzwj तयो पर अपना शऽzwj त क जबरदसत परहर ऽकय मरा

शऽzwj त क परहर स वह सभा अतररकष म मिझस दीर भगन लगा उसा समय मिझ मर जञन न बतयndash ldquoतिम

अपन ऽसि मतर क परयोग करोrdquo मन ऽफर दिबर शऽzwj तमतर क परयोग ऽकय वह सभा अतररकष म ऊपर

की ओर जन लगा ऽफर मन और मतर शऽzwj त क परयोग ऽकय शऽzwj त मतर दरर ऽनकला शऽzwj त न उन सभा

को गोल घर म कद कर ऽदय म मतर बल क तावर गऽत स परयोग कर रह थ वह तमऽसक शऽzwj तय ा

ऽगनता म दस थी मगर शऽzwj त मतर दरर बन उस घर को वह सभा तोड़ नही सक अब म बरहमा स उन

दसो को बिरा तरह स यतन दन लग व सभा बिरा तरह स तड़प रह थ तथ ददथ क करण चाख भा रह थ

उनम स कि छ तमऽसक शऽzwj तय ा बाज मतर भा बोल रही थी मन सकलप करक कहndash sbquoह कोई इनह बचन

वाला मझस आकर िभड़ अब मालम हो जाएगा िक एक योगी स दष टता दन का कया पररणाम होता हrdquo

यतन दत समय कि छ तमऽसक शऽzwj तय ा कला डरवना कि रप शzwjलो म बदल गए म तिरनत समझ गय

ऽक अब य तमऽसक शऽzwj तय ा अपन वसतऽवक सवरप म आ गई ह कि छ समय तक मन जमकर इनकी

दिगथत की ऽफर मर समन एक योगा जा परकट हो गए ओर बोलndash sbquoबटा यह कायश योिगयो को रोभा नही

दता ह इनह छोड़ दोrdquo म बोलndash sbquoिजस समय य सभी मरी दगशित कर रह थ उस समय आप कहा थrdquo

योगा जा बोलndash sbquoबटा तम जञानी हो इसिलए तमह अपना कमश समझ कर रात हो जाना चािहए उनह

कभी न कभी अवशय दणड िमलगाrdquo म योगा जा स बोलndash sbquoयोगी जी कपया आप जाइए मर सामन

योग कस कर 321

एक ही उददशय ह मरी दगशित अथवा इनकी दगशितrdquo वह योगा जा तिरनत अदशय हो गए म योग बल व

ऽसिमतर की शऽzwj त क परहर ऽकए ज रह थ वह तड़प रह थ उसा समय अतररकष स आवज आईndash

sbquoइन दषटो को छोड़ दो अब य तमहार पास आन का साहस नही करगrdquo म बोलndash sbquoपरभ आपकी जो

आजञाrdquo म ऽफर उन तमऽसक शऽzwj तयो स बोलndash sbquoअर दषटो यह मत समझ लना परथवी पर योगी नही रह

गए ह दखो म िबककल छोटा-सा योगी ह तब भी तमहारी यह गित कर दी ह जब तक म परथवी पर ह

जब तमहारी इचछा चल झगड़ा करन क िलए आ जानाrdquo मन अपना शऽzwj त वपस ल ला मरा शऽzwj त मर

शरार म ऽवलान हो गई वह दिष ट भा अदशय हो गए ऽफर कभा उनहोन मरा ओर नही दख

म ऄवदवतीय सनदर स तरी क रप म

यह अनिभव हम 2 ऽदसमबर को आयndash म नदा क ऽकनर खड़ हआ ह ा नदा क पना एकदम

सवचछ ह म पना को दखकर कह रह ह ा मिझ इसम सनन करन की कोई इचछ नही ह मगर जब म यह ा

पर आय ह ा तो सनन करन हा पड़ग ऽफर म सोचन लगndash यऽद म पना क सपशथ करा ग तो इस पना

क परभव मिझ पर अवशय पड़ग जस हा नदा क अनदर परवश करन क ऽलए मन अपन पर आग की ओर

बढ़य उसा समय वही पना स एक मगरमचछ परकट हो गय और अपन मिाह खोलकर मिझ पर हमल

करन चह मन तिरनत अपन पर पाछ की ओर वपस कर ऽलय ऽफर थोड़ स और पाछ की ओर

होकर खड़ हो गय zwjयोऽक आग की ओर पना म मगरमचछ अपन पीर मिाह खोल हए थ जस हा म

पाछ की ओर को हआ उसा समय मरा पाठ की ओर एक दावर परकट हो गई अब म पाछ की ओर नही

हो सक zwjयोऽक दावर परकट हो गई था मर बिर हल थ zwjयोऽक पाछ की ओर ज नही सकत थ

आग की ओर मगरमचछ क करण पना म परवश नही कर सकत थ डर क करण पाछ की ओर म पाठ

क बल ऽगर पड़ उसा समय मगरमचछ क बगल म एक अऽत सिनदर स तरा परकट हो गई उस स तरा न हर रग

की सड़ा पहन रखा था उसकी सड़ा म ऽसतर लग हए थ ऽसतरो स ऽझलऽमलत हआ परकश ऽनकल

रह थ उसक रग एकदम गोर थ चहर पर तज झलक रह थ ऽसर पर ऊा च स मिकि ट थ ऽजसम

मऽणय ा लगा हई थी उन मऽणयो स हलक-हलक परकश ऽनकल रह थ मिकि ट क करण उसक मसतक

थोड़ स ऽदखई द रह थ आाख बड़ा-बड़ा बहत सिनदर लग रहा थी उसकी आाखो की पलक सपष ट

ऽदखई द रहा थी दोनो भव कमन क समन सिनदर थी नक म एक छोट-स आभीषण तथ कनो म

योग कस कर 322

कि णडल पहन हए था उसक चहर की तवच ऽचकना व आकषथक था होठो पर हलकी-सा लऽलम

ऽवदयमन था वह मनद-मनद मिसकर रहा था उसक बल लमब-लमब खिल हए पाठ पर स होत हए कमर

क नाच तक लटक रह थ उसकी गदथन खीबसीरत ऽदखई द रहा था वह हर रग क बलउज व सड़ा पहन

हए था उसक वकषसथल सिनदर उभर हए थ नऽभ परदश क भग ऽबलकि ल सकर थ ऽनतमब उभर हए

सिनदर लग रह थ जघ सिनदर म ासल सा थी परो म आभीषण पहन हए था हथो म ढर सरा सिनदर चीऽड़य ा

पहन हई था कि ल ऽमलकर वह स तरा अतयनत सिनदर था उसक अग-अग खीबसीरत थ मिसकरत समय

कभा-कभा उसक दात चमक जत थ ऐस लगत थ जस- दातो म मऽणयो क समन चमक ह ऽफर उसा

समय म अचऽमभत हो गय ऽक इतना सिनदर स तरा कह ा स आ गई ऽफर वह मिसकरत हए मिझस बोलाndash

sbquoयह लो इस खा लो‛ उसन अपन दऽहन हथ मरा ओर बढ़य मन दखndash उसक हथ म पऽसल की

मोटई क बरबर लगभग आध इच लमबा वनसपऽत औषऽध सा था कषणभर सोच कर म मन कहndash

sbquoनही म इस नही खाऊ गा‛

अब मर धयन मगरमचछ की ओर गय वह अब भा मिाह खोल हए मिझ दख रह थ मिझ अपना

जन की पड़ा हई था वह स तरा ऽफर बोलाndash sbquoलो इस खा लो‛ अबकी बर मन उस वनसपऽत औषऽध को

अपन हथ म पकड़ ऽलय अब म औषऽध को हथो म पकड़ कर उस गौर पीवथक दखन लग मिझ वह

औषऽध सधरण लकड़ा की भ ाऽत महसीस हो रहा था मन उस लकड़ा निम औषऽध को अपन मिाह म रख

ऽलय और उस खन लग जस हा मन औषऽध को हथ म पकड़ उसा समय वह मगरमचछ अपन आप

गयब हो गय औषऽध खत हा मिझ हलकी-सा नीद य आलसय स आन लग तभा मर शरार क अनदर

हलकी-सा हलचल की अनिभीऽत होन लगा मिझ ऐस लगन लगndash मर बहरा शरार म कि छ बदलव-स हो

रह ह मर शरार कि छ कषणो म अतयनत गोर रग क हो गय ऽस तरयो क समन मर वकषसथल बढ़न लग मर

शरार पर ऽसतरोदर हर रग की सड़ा अपन आप ऽदखई दन लगा कि छ कषणो बद म पीणथ रप स स तरा रप

म पररवऽतथत हो गय इस समय म अतयनत सिनदर यिवता क रप म खड़ हआ थ मर समन खड़ा हई स तरा

मिझ दख कर मिसकर रहा था मिझ महसीस हो रह थ ऽक मर ऽसर पर मिकि ट लग हआ ह मर भा ऽसर क

लमब-लमब बल कमर क नाच तक लटक रह ह ह ाथो म चीऽड़य ा और शरार पर आभीषण ह ऽफर मन

समन वला स तरा को दख तो मिझ ऐस लग ऽक मर व उस स तरा क सवरप ऽबलकि ल एक जस हा ह

कपड़ व गहन मिकि ट व ऽसर क बल भा एक समन हा ह उस समय ऐस लग रह थ एक हा स तरा क दो

रप ह दोनो एक जस हा ह अथ थत जस सवरप समन खड़ा हई स तरा क थ वस हा मर भा सवरप थ

योग कस कर 323

म अपना यह अवसथ दखकर अऽत परसनन हो रह थ ऽक अब म अऽदरताय सिनदर स तरा क रप म खड़

हआ थ हम दोनो एक दीसर को दखकर मिसकर रह थ इतन म वह स तरा अदशय हो गई उसा समय मर

पट म अजाब-सा ऽकरय होता हई महसीस होन लगा मन अपना दऽष ट अपन पट पर डला तो दख ऽक

मर पट बहत बड़ हो चिक ह उसा समय मिझ लग मर पट म बचच ह अब म मनऽसक तौर पर हलक-

स परशन हआ और सोचन लगndash यह बचच अब पद होग यह सोचत हा मिझ डर स लगन लग

मिझ यद आय बचच पद होत समय मतओ को अतयनत कष ट उठन पड़त ह उस समय ऽसफथ म

अकल थ चरो ओर परकश फल हआ थ मिझ चरो ओर कोई ऽदखई नही द रह थ मिझ लगndash

बचच पद होन म बहत कष ट होग सहयत क ऽलए यह ा पर कोई नही ह एक बत म बत दीाndash मर पट म

ऽकसा तरह क बोझ य कष ट ऽबलकि ल नही हो रह थ मिझ लगndash बचच अभा पद होग- म अपन पर

साध करक बठ गय अपन शरार थोड़ स पाछ की ओर झिकय मर शरार समभवत 130-140 अश

क कोण बनत हआ पाछ की ओर झिक हआ थ तभा नऽभ क नाच थोड़ा हलचल-सा महसीस हई म

समझ गय बचच अभा पद हो जएग उसा समय बड़ा ऽवऽचतर ऽकरय हई- नऽभ क चर अगिल नाच स

जह ा बचच की हलचल महसीस हो रहा था वही स नाल रग की तज परकश की ऽकरण ऽनकलना शिर हो

गई वह ऽकरण मिझस दो-तान फीट की दीरा पर गोलकर रप म एकतर होन लगी ऽफर कि छ कषणो बद मर

पट समनय हो गय गोलकर रप म एकतर नाल रग की तजसवा ऽकरण एक बचच क रप म पररवऽतथत

हो गई वह बचच बठ हआ मरा ओर मिसकर रह थ म उस बड़ पयर स दख ज रह थ वह तजसवा

बचच बहत हा खीबसीरत थ म उस बचच क हथ पकड़कर चल ऽदय बचच प ाच वषथ क बलक की

भऽत लग रह थ म उस समय आधरहान अतररकष म चल ज रह थ चरो ओर परकश फल हआ

थ उसा समय ऽकसा न मर बचच क ऽलए पीछndash sbquoयह कौन हrdquo म बोलndash sbquoयह िदवय रिक तयो स यक त

मरा पतर ह इस साधारण न समझोrdquo म उस बचच क हथ पकड़ हए हलक नाल रग क परकऽशत अतररकष

म चल ज रह थ लड़क भा धार-धार मर सथ चल रह थ उस समय म अऽदरताय सिनदर स तरा क रप

म चल ज रह थ ऐस लगत थ ऽक सर बरहमणड की रचन मन हा की ह अनिभव समप त हो गय

मन अपना आाख खोल दा

ऄथश- सधको आप सभा समझ गए होग ऽक मर यह अनिभव अतयनत उचचकोऽट क ह नदाndash

सथील ससर ह ससर क सपशथ करत हा मय क परभव मिझ पर आ जएग मय क करण हा

अजञनत आ जता ह अजञनत क करण तषण उतपनन होता ह यहा तषण मगरमचछ क रप म ऽदखई

योग कस कर 324

द रहा ह ऽजसस म डर रह ह ा हरा सड़ा पहन हए मत परकऽत दवा हा ह मत परकऽत न मिझ औषऽध क

रप म बधन स मिzwj त होन क ऽलए अपन रहसयमया जञन ऽदय ह तथ मिझ आशाव थद भा ऽदय सधको

जब तक आप परकऽत क ऽवषय म पीणथ रप स जञन परप त नही कर लत ह तब तक आपको जनम लन

अऽत आवशयक ह परकऽत क जञन हो जन पर मय परभऽवत नही करता ह अजञन भा चल जत ह

ऐस तभा होत ह जब जञन (ततवजञन) परप त हो जत ह बद म म ऽफर सवय परकऽत दवा क समन बन

गय यह मरा योग म अतयनत उचचवसथ ह आग चलकर म परकऽत क बधन स मिzwj त हो जऊा ग

इसऽलए अनिभव म म परकऽत दवा की तरह बन गय ह ा यह बचच तततवजञन स यिzwj त मर हा सवरप ह यह

अवसथ मिझ भऽवषय म परप त हो जएगा सधको पिरष होत हए भा मिझ ऽस तरयो की हर परकर की

अनिभीऽत अनिभव क दरर परप त हो चिकी ह अथ थत म पिरष भा ह ा और स तरा भा ह ा इसक अथथ हndash ldquoम

पीणथ ह ाrdquo यऽद आप मर अनिभवो को गौर स पढ़ग तो अवशय कई जगह पीणथत की झलक पढ़न क ऽलए

ऽमलगा यह अवसथ मिझ भऽवषय म परप त होगा इस अनिभव स सपष ट होत हndash मिझम और परकऽत म कोई

अनतर नही रह गय ह अथ थत म परकऽत ह ा और पिरष भा ह ा

तराटक

आजकल म तरटक क अभयस बहत करत ह ा एक बर म लगभग एक घनट तक तरटक क

अभयस करत ह ा पहल म ऽबनदि पर तरटक करत ह ा ऽफर दपथण पर तरटक करन लगत ह ा इसक बद म

रऽतर क समय मोमबतता की लौ पर तरटक करत ह ा ऽदन क समय उगत हए सीयथ पर और डीबत हए सीयथ पर

कफी समय तक तरटक करत रहत ह ा कभा-कभा ऊा च-ऊा च पहड़ स पड़ क ऊपर की नोक पर तरटक

करत ह ा तथ रऽतर क समय आसमन म तरो पर तरटक करत ह ा तरटक क अभयस मन बहत कर

ऽलय ह तरटक क अऽधक अभयस होन पर आाखो दरर शऽzwj तपत ऽकय ज सकत ह सपशथ करन की

आवशयकत नही रहता ह सभा सधको को तरटक क अभयस अवशय करन चऽहए zwjयोऽक तरटक क

दरर मन एकगर होत ह आाखो की जयोऽत बढ़ता ह मगर सीयथ पर तरटक करन स पहल अपन मगथदशथक

स अवशय समपीणथ जनकरा कर ल तरटक क ऽवषय म जयद जनकरा परप त करन क ऽलए मर दरर

तरटक पर ऽलखा गई पिसतक पऽढ़ए

योग कस कर 325

सवामी वचदाननद जी

यह अनिभव 25 ऽदसमबर को सिबह 3 बज आयndash म ऽकसा जगह भीऽम पर खड़ हआ ह ा चरो

ओर सिनहर परकश फल हआ ह मर परो क नाच हलकी-सा आवज क सथ भीऽम फट गई मर दोनो

परो क बाच म फटा हई भीऽम पर दरर चौड़ा होन लगा उस दरर क अनदर नाच की ओर अधरा खई सा

ऽदखई दन लगा म बई ओर वला फटकर अलग हई भीऽम की सतह पर ऽकनर खड़ हो गय दऽहना

ओर की भीऽम की सतह कफी दीर तक ऽखसक गई था अब नाच की ओर अधकर यिzwj त खई परकट हो

गई था अब भीऽम मिझ बहत दीर तक फटा हई ऽदखई द रहा था उसा समय मिझ लगndash ldquoम फटा हई भीऽम

क अनदर (खई म) ऽगर जऊा ग मर शरार खई की ओर झिक गय मगर तभा आकश स नाच की ओर

एक रससा लटकता हई ऽदखई दा मन उस रससा को दोनो हथो स पकड़ ला रससा पकड़त हा बई ओर

की भीऽम बई ओर को ऽखसक गई अब म रससा क सहर लटक हआ थ मन नाच की ओर दखndash नाच

अधकर स यिzwj त गहरा खई था मर दई ओर की भीऽम की सतह पर घोर अधकर थ बई ओर की

सतह पर परकश थ बहत आश चयथ जनक दशय थ बई ओर भीऽम की सतह पर परकश थ दऽहना ओर

की भीऽम की सतह पर घोर अधकर थ नाच कला अधरा खई था उसा समय मिझ यद आयndash ऽजस

रससा पर म लटक रह ह ा वह रससा कहा स आ गई ह मन ऊपर ऽक ओर दऽष ट की तो दखndash म एक

सफ़द रग की मोटा रससा पकड़ हए ह ा रससा क ऽनचल ऽसर मर हथो म ह रससा क दीसर ऽसर

अतररकष म ऊपर जकर अदशय हो गय ह अतररकष म ऊपर की ओर परकश ऽदखई द रह थ परकश क

करण रससा क ऊपरा ऽसर ऽदखई नही द रह थ म रससा क सहर खई क ऊपर लटक रह थ बई

ओर की सतह (चिन य भीऽम) मिझस एक-डढ़ माटर दीर था मन रससा पर लटक हए हा पर को चिन

की ओर बढ़य और सोच शयद मर पर चिन तक पहाच जएग मगर मर पर भीऽम की सतह तक नही

पहाच सक अब मन दऽहना ओर घोर अधकर म दखन क परयस ऽकय घोर अधकर म चिन (सतह)

ऽदखई नही द रहा था मगर थोड़ा दीर पर अधकर म सिरग सा ऽदखई रहा था उस सिरग क अनदर तज

परकश फल हआ थ मगर म सिरग क दरवज तक नही पहाच सकत थ मिझ रससा पर लटक हए बहत

समय वयतात हो गय थ अपन बचव क रसत ऽदखई नही द रह थ इतन म बई ओर स एक लड़क

न मिझ जोरदर धzwjक मर धzwjक लगत हा मर ह ाथो स रससा छी ट गई म सिरग क अनदर जकर ऽगर गय

वह लड़क भा मर सथ हा सिरग क अनदर जकर ऽगर गय मगर मिझ ऽकसा तरह की चोट नही लगा म

योग कस कर 326

उठकर खड़ हो गय और उस लड़क की ओर दखन लग ऽजसन मिझ धzwjक मर थ वह 12-13 वषथ

क गोर रग क खीबसीरत स लड़क थ वह मिझ दख कर मिसकर रह थ ऽफर लड़क अदशय हो गय

अब म सिरग क अनदर परकश की ओर जन लग zwjयोऽक उधर स परकश आ रह थ म थोड़

हा आग की ओर बढ़ थ तभा सिरग समप त हो गई म खिला जगह म आ गय मगर म उसा समय

चौक zwjयोऽक मर समन सवमा ऽचदनद जा खड़ हए थ वह मिझ दखकर हास रह थ म परसननत पीवथक

उनस स बोलndash sbquoसवामीजी आपrdquo सवमाजा न ह ा की मिदर म ऽसर ऽहलय सवमाजा अब भा हास ज

रह थ उनक दात सपष ट ऽदखई द रह थ उनक दिबल-पतल शरार चहर स ऽनकलत हआ तज घिटनो

क नाच तक (ऽपडऽलयो तक) लिगा पहन हए थ म बोलndash ldquoसवामीजी मरी बड़ी इचछा थी िक मझ

आपक दरशन हो और आपस बात करन का अवसर िमलrdquo सवमाजा बस हास ज रह थ ऽफर कि छ कषणो

बद बोलndash sbquoअचछाrdquo ऽफर म और सवमा जा एक जगह पर बठ गए सवमाजा न मिझस कि छ कह- मगर

म उनकी भष समझ नही पय म बोलndash sbquoसवामीजी आपन मझस कया कहा ह म समझ नही पाया

ह rdquo सवमा जा दिबर ऽफर कि छ कह मगर अबकी बर भा मर समझ म कि छ नही आय सवमाजा ऽकस

भष म बोल रह थ म कि छ नही समझ सक इतन अवशय थ वह उततर भरत य मधय भरत की भष

नही बोल रह थ म ऽफर बोलndashldquoसवामीजीमझ आपकी गढ़ भाषा समझ म नही आ रही हrdquo सवमा जा

ऽफर बोल- sbquoचलोrdquo म और सवमाजा उठकर खड़ हो गए सवमा जा आग चलन लग म उनक पाछ-

पाछ चल ऽदय कि छ समय बद मिझ लगndash म ऽकसा साढ़ा पर चढ़ रह ह ा साढ़ा ऽबलकि ल साधा (90

अश क कोण बनता खड़ा हई ह) खड़ा हई ह साढ़ा की ऊा चई बहत जयद था मन ऊपर की ओर

दखndash तो सवमाजा बड़ आरम स साढ़ा पर चढ़त चल ज रह ह जस उनह ऽकसा परकर क पररशरम हा

नही करन पड़ रह हो म बहत थक चिक थ सवमा जा सवोचच ऽसर पर पहाच और साढ़ा स हलकी-सा

छलग लगकर दीसर ओर क सतह पर खड़ हो गए म भा उनक पाछ-पाछ चढ़त हआ थक-स सवोचच

साढ़ा पर पहाच गय ऽफर मन भा जोरदर छलग लगई और दीसर ओर की सतह पर खड़ हो गय ऊपर

पहाच कर म सिनहल रग क परकश म आ गय उस समय वह ा पर म और सवमाजा थ मिझ लग रह थ

ऽक म और सवमाजा अतररकष क सबस ऊपरा भग म खड़ हए ह ऽसर पर अतररकष सपशथ स कर रह थ

दशय ऐस लग रह थ जस म ऽकसा तमबीनिम अतररकष म आ गय ह ा उसा समय हमन दखndash सवमाजा

बठ हए ह उनक समन एक थला रखा हई ह म भा उनक समन बठ गय सवमाजा पहल की भाऽत

हास रह थ उनक दात सपष ट ऽदखई द रह थ सवमाजा मिझस बोलndash sbquoआननद कमार खाइएrdquo म उसा

योग कस कर 327

थला म खन लग मगर zwjय ख रह ह ा यह मिझ ऽदखई नही द रह थ सवमाजा भा उसा थला म ख

रह थ अथ थत दोनो एक सथ थला म ख रह थ कि छ समय बद म उठकर खड़ हो गय और ऽजस ओर

साढ़ा लगा हई था उधर आ गय मन नाच की ओर दखndash ऽजस साढ़ा स म और सवमाजा ऊपर आ गए

थ उस पर एक लड़क बठ हआ ह यह वहा लड़क ह ऽजसन मिझ धzwjक दकर सिरग क अनदर ऽकय

थ वह मरा ओर दखकर मिसकर रह थ उसन साढ़ा नाच की ओर ऽखसक दा तब मिझ ऽदखई ऽदयndash

यह समनय साढ़ा नही ह उसकी लमबई असाऽमत ह इसक मतलब यह ह म बहत ऊपर आ गय ह ा

मन उस लड़क स कह- ldquoसीढ़ी नीच की ओर कयो िखसका दी अब म उतर कर नीच कस जाऊ गा‛

उस लड़क न इशर स मन कर ऽदय उसक इशर क अथथ थndash अब आप नाच की ओर नही आ सकत

ह वही ऊपर हा रऽहए म सवमा जा क पस वपस लौट आय सवमाजा अब भा भोजन कर रह थ वह

बोलndash sbquoआप नीच जान क िलए कयो िचितत हो रह ह अब आप यही रिहए चलो मर साथ भोजन

करोrdquo म सवमा जा क सथ भोजन करन लग अनिभव समप त हो गय

ऄथश- इस अनिभव म मन ऽजस लड़क क वणथन ऽकय ह यहा अनिभव पहल ऽमरज आशरम म

गिरपीऽणथम (सन 1992) को आय थ इसा लड़क न कह थndash सकलप करो ऽक सर चकर खिल जएा ऽफर

दहा जस पदथथ ऽपल ऽदय थ अनिभव म सवमाजा मिझ बहत ऊपर ल गए थndash मिझ शाघर हा उचच

अवसथ परप त होगा ऽफर उस अवसथ स कभा भा नाच नही आऊा ग उनहोन मिझ अपन सथ भोजन

करयndash यऽद कोई सनयसा अनिभव म अपन सथ भोजन करए तो सधक को उस सनयसा क समककष

हो गय ह ऐस समझन चऽहए अब आग सवमा ऽचदननद जा मिझ शयद मगथदशथन नही दग zwjयोऽक

तततव रप स म और सवमाजा एक हो गए ह सवमा ऽचदननद अतयनत महन योगा ह म उनक बहत हा

सममन करत ह ा परतयकष म व मिझ नही जनत ह उनकी चतनयमय शऽzwj त मगथदशथन कर रहा था उनह

सवय मलीम नही होग ऽक उनहोन मिझ मगथदशथन ऽकय ह य सवमा जा ऽशवननद आशरम क अधयकष ह

यह आशरम ऋऽषकश स थोड़ आग रम झील क पस और गग नदा क ऽकनर बन हआ ह इस अनिभव

म ऽदखई दन वल लड़क योग म सदव मरा सहयत करत रह ह इस लड़क न कभा अपन पररचय

नही ऽदय ह

यह अनिभव ऽदसमबर मह म आय थ मन धयनवसथ म दखndash म पथवा पर इधर-उधर घीम रह

ह ा ऽजस ओर को म जत ह ा उस ओर की समपीणथ मनव जऽत क ऽवनश हो चिक होत ह बहत स

मनिषय मर रह ह ऐस लगत ह जस य सभा यिि म मर गए ह मर मन दिःखा स हो जत ह ऽफर मन

योग कस कर 328

सोचndash ldquoअब म अकल रहकर zwjय करा ग मर कोई जनन वल भा नही बच हrdquo यहा सोचत हआ

म अकल आग बढ़त ज रह ह ा उसा समय आकश स आवज आईndash ldquoजब ऽवनश होत ह तब ऐसा

हा ऽसथऽत हो जता ह और नय यिग आ जत हrdquo मर मन म ऽवचर आयndash नए यिग क आन पर बच हए

मनिषयो को बहत कष ट उठन पड़त होग zwjयोऽक दीर-दीर तक मनिषय क नमोऽनशन तक नही होत ह म

यहा सोचत हआ आग की ओर बढ़त चल ज रह ह ा और ऽफर जगल म परवश करत ह ा जगल म पड़-

पौधो क अलव कि छ भा नही ह ऽसफथ म हा अकल बच हआ ह ा ऊा चा जगह पर खड़ होकर चरो

ओर को दऽष ट दौड़त ह ा सवथतर मनव ऽवहान हा पथवा ऽदखई दता ह

योग कस कर 329

सन 1994

ऄहकार का तयाग करना

यह अनिभव मिझ जनवरा क तासर सप तह म आय म ऽकसा ऽवशल जलशय क पस खड़ ह ा

इचछ करत हा जलशय क पना की सतह स कि छ ऊपर म चलन लग ह ा म परो स नही चल रह ह ा म

अपना जगह पर खड़ हआ थ अपन आप तावर गऽत स आग की ओर चल ज रह ह ा अथ थत मर शरार

अपन आप आग की ओर ऽखसकत ज रह थ मर पर पना की सतह स लगभग एक फीट ऊपर थ

कि छ कषणो बद मन ऽवशल जलशय पर कर ऽलय पर करत समय मन म अऽत परसननत था म सोच

रह थndash इस ऽवशल जलशय को पर करन म मिझ कोई परशना नही हई म जलशय क उस पर खड़

हो गय वह ा की भीऽम बहत चमकीला व हलकी सा परकऽशत था तथ ऽबलकि ल शत वतवरण थ म

थोड़ स आग की ओर चल तो दखndash एक पड़ क नाच पड़ क तन क पस ऊा च सथन पर एक योगा

जा धयन मन न बठ हए ह उनक ऽसर क ऊपर जटओ क एक जीड़ लग हआ ह योगा जा क शरार

परदशी ह मगर वह सपष ट ऽदखई द रह ह वह पड़ भा तजोमय ह इन समनय पड़ो जस नही ह पड़ स

हलक स परकश ऽनकल रह ह म उस योगा क समन जकर खड़ हो गय उस समय म अपन दऽहन

हथ म एक कल नग पकड़ हए थ नग अपन फन पीरा तरह स ऊपर की ओर उठए हए थ मगर वह

नग मिझ डरवन नही लग रह थ zwjयोऽक वह ऽबलकि ल शत स थ ऐस लग रह थ जस म कोई

सधरण लकड़ा पकड़ हए ह ा कि छ कषणो तक म उस योगा को दखत रह वह कफी गहन समऽध म थ

मन वह नग उनही क समन पटक ऽदय और बोल- sbquoअब म इसक िबना चल सकता ह मझ इसकी कोई

जररत नही हrdquo उस नग को योगा क समन छोड़कर म वपस चल ऽदय और जलशय क ऽकनर

आकर खड़ हो गय मन सोच- म जह ा स आय ह ा वहा वपस जऊा ग जस हा मन जलशय क ऊपर

पर रखन चह उसा समय आवज आई- sbquoअब आप वापस नही जा सकत हrdquo म आवज सिनकर ठहर

गय और सोचन लग म वपस zwjयो नही ज सकत ह ा उसा समय मर धयन टीट गय मन आाख खोल

दा

ऄथश- सधको म कल नग पकड़ हए ह ाndash वह मर तमऽसक अहकर ह अहकर को उस योगा

क समन छोड़ ऽदय- अहकर क तयग कर ऽदय जलशयndash सथील जगत ह सथील जगत को मन पर

योग कस कर 330

कर ऽलय मगर ऽफर सथील जगत म वपस नही आ सक अथ थत अब मिझ सथील जगत म वपस नही

आन ह आजकल म अनिभवो म अzwjसर दखत ह ा ऽक जलशय को पर कर ऽलय ह और ऽफर वपस

नही आ पय ह ा इसऽलए अब इस परकर क अनिभवो क उललख नही करा ग अपन हथो म म नग को

पकड़ हए थ वह नग ऽबलकि ल शत थndash इसक अथथ ह म अहकर क आधान नही थ बऽलक अहकर

को अपन हथो म पकड़ हए थ और उस तयग भा दत ह ा यह तमोगिणा अहकर ह इस अहकर को

तयग दन स अथव इस पर पीणथ ऽवजय परप त कर लन वल अभयसा को सथील जगत म वपस नही आन

पड़त हउस जनम-मतयि आयि स छि टकर ऽमल जत ह

परकाया परवश वसवि क वलए मझ मना वकया गया

सधको मर मन म परकय परवश ऽसऽि क ऽवषय म जनकरा क ऽलए कि छ ऽदनो स ऽफर इचछ

जगरत होन लगा ह म सदव इसा ऽसऽि क ऽवषय म सोचत रहत थ ऽक वह बनद जगह कस खोला

जए म धयन पर बठ कर जनकरा करन लग एक बर मिझ ऽफर वहा ऽकरय हई म सिरगनिम जगह क

अनदर आग की ओर चल ज रह थ आग चल कर ऽफर वहा बनद जगह ऽमला म वही पर खड़ होकर

सोचन लगndash ऽक बनद जगह कस खोला जए उसा समय मर मिाह स दाघथ ओकर ऽनकलन लग ओकर

क उचचरण स बनद जगह म थोड़ा सा हलचल-सा होन लगा ऽजस जगह पर म खड़ हआ थ वह जगह

भा कमपन कर रहा था उसा समय मर जञन न मिझ समझयndash ldquoतिम और ओकर करो तथ यह सकलप

करोrdquo मन ऽफर दोबर वही खड़ होकर जोर स दाघथ ओकर ऽकय ऽफर ऐस लग- जस बनद जगह म

तीफन-स आ गय ह आकश म भा उथल-पिथल हो रहा ह म जोर स बोल- sbquoह अवरोध त दर हो

जाrdquo मगर मर सकलप करन स समसय हल नही हई जब म लगतर ओकर करन लग तब वह बनद

जगह खिलता-सा ऽदखई दना लगा मगर तभा मर कनो म बहत तज आवज सिनई दाndash sbquoयोगी ऐसी

भल मत करना तमह अपन मागश म आग बढ़ना चािहएrdquo उसा समय मर धयन टीट गय मन अपना

आाख खोल दा

ऽफर म बठ कर सोचन लग इस आवज न मिझ ऐस zwjयो कहndash sbquoऐसी भल मत करनाrdquo zwjय म

कोई पप अथव अधमथ कर रह ह ा यह भा तो योग हा ह मन सोचndash अब म जञनचकर क दरर बहर

ऽनकलीाग म कि छ ऽदनो तक जञनचकर दरर ऽनकलन क परयस करत रह मगर मिझ सफलत नही ऽमला

योग कस कर 331

म भा हरन वल अभयसा नही ह ा आऽखरकर एक ऽदन कमयबा ऽमल गई मन धयनवसथ म दखndash

जञनचकर दीर अतररकष स मर पस आत ज रह ह वह अपना जगह पर तावर गऽत स घीम रह थ ऽफर

धार-धार उसकी गऽत कम होता गई कि छ कषणो बद वह ऽबलकि ल ऽसथर हो गय अब जञनचकर मर

ऽबलकि ल पस आ गय तथ उसक आकर भा पहल की अपकष बहत बड़ हो गय मिझ जञनचकर क

मधय भग म ऽछदर क आकर बहत बड़ ऽदखई द रह थ इसा ऽछदर क दरर मिझ उस पर जन थ म

तजा स अतररकष म ऊपर की ओर उठत हआ उस ऽछदर म परवश कर गय और ऽछदर म आग की ओर

बढ़त गय जञनचकर न अपन सथन पर गऽत करन शिर कर ऽदय म तावर गऽत स आग की ओर चल

ज रह थ तभा मिझ लग म अतररकष म आ गय ह ा अतररकष म हलक नाल चमकील परकश फल

हआ थ उसा समय मन समन की ओर दखndash मर समन भगवन ऽवषणि ऽवशलकय शरार म खड़ हए

थ म उनक समन ऽबलकि ल छोट-स लग रह थ म भगवन ऽवषणि क सिनदर शरार दख रह थ वह

पातमबर पहन हए थ वह चरो भिजओ म शख चकर गद व पदम धरण ऽकए हए थ वह धार-धार

मिसकर रह थ म भा उनह दखकर मिसकर रह थ म बोलndash sbquoपरभ आप‛ वह ऽसफथ मिसकर रह थ कि छ

कषणो बद वह बोलndash sbquoयोगी पतर तम इस िसिदध क िवषय म कयो जानना चाहत हो‛ पहल म चिप रह

ऽफर म बोलndash sbquoमन सोचा कछ खोज की जाए इसिलए इस िसिदध क िवषय म जानना चाहता ह म इस

िसिदध को पराप त भी करना चाहता ह ‛ भगवन ऽवषणि बोलndash sbquoयोगी पतर तम लौट जाओ तम इस िसिदध

को पराप त करन यहा नही आए हो तम भलोक पर जञान पराप त करन क िलए गए होतमह जञान पराप त करना

चािहएतम योग का रल पराप त करो यह िसिदध तमहार िलए अवरोध हrdquo ऽफर भगवन ऽवषणि अदशय हो

गए उसा समय म जञनचकर क ऽछदर स वपस आन लग ऽफर वपस आकर म अतररकष म खड़ हो गय

तभा मरा आाख खिल गई म सोचन लग इस ऽवषय म शयद अब जयद नही जन पऊा ग zwjयोऽक मर

मगथ क आग भगवन ऽवषणि खड़ हो गए ह

शाकमभरी अशरम छोड़ वदया

सधको म ऽजस आशरम म रहत थ उसम अzwjसर बहरा लोगो दरर भडर होत रहत थ

इसऽलए मिझ भा वह ा पर कभा-कभा भोजन करन पड़त थ ताथथसथल होन क करण इस आशरम म

कभा-कभा बहत भाड़ हो जता था इस करण मिझ धयन करन म थोड़ा असिऽवध सा होता था तथ वहा

योग कस कर 332

पर सदव अशिित क रजय रहत थ ऊपर स कभा कभा भडर क भोजन करन पड़त थ आशरम म

हर परकर क लोग आत-जत थ पिऽलस भा कभा-कभा उलट-साध लोगो को पकड़न क ऽलए आय

करता था मर मन यह ा स भर गय थ अब मरा इचछ यह ा रकन की ऽबलकि ल नही था zwjयोऽक मिझ

शिित वला जगह चऽहए था यह ा पर अशिित हा अशिित था मन सोच- कि छ समय म यह ा स चल

जऊा ग वयऽकतगऽत रप स एकत म सवमा जा न धयन करन क ऽलए समपीणथ वयवसथ कर रखा था ऽफर

भा मर मन कह रह थ मिझ यह ा स चल जन चऽहए

मचथ मह क दीसर सप तह थ सदी बहत पड़ रहा था शकमभरा म मल लग हआ थ इस

करण आशरम म बहत जयद भाड़ था एक ऽदन सिबह तान बज शौच क ऽलए चल ऽदय म आशरम क

अनदर स होत हए चल ज रह थ आशरम क मधय भग म एक किा आ ह उसा म नल लग हआ ह मिझ

नल स शौच क ऽलए पना भरन थ आशरम म सभा जगह तज रोशना क परबनध थ रऽतर क समय भा

ऽदन जस परकश बन रहत थ म कि एा स पना भरन ज रह थ उसा समय मिझ नल चलन की आवज

सिनई दा मन सोच नल स कोई पना ल रह होग जस हा कि एा क पस पहाच तो वह ा क दशय दखकर

मर पर अपन आप सतऽमभत हो गए मरा आाख खिला-की-खिला रह गई म अपना जगह स ऽहल नही

सक zwjयोऽक मर समन 22-24 सल की स तरा ऽबलकि ल ऽनवथस तर खड़ा हई था शयद मर परो की आहट

स उस मलीम हो गय होग ऽक कोई आ रह ह इसऽलए वह मरा ओर दख रहा था वह स तरा सनन कर

रहा था उसन अपन दोनो हथ ऽसर क ऊपर बलो म लग रख थ वह इसा मिदर म खड़ा हई था उसक

ऽसर क ऊपर तज बलब जल रह थ यह जगह आगननिम ह तथ चरो ओर स खिला हई ह म एक तरफ

स आकर उसक समन ऽबलकि ल पस आकर खड़ हो गय थ कि छ कषणो तक म उस दखत रह वह

मिझ दख रहा था मिझ ऐस लग मनो मर शरार म जन हा नही ह ऽफर वह स तरा मरा ओर पाठ करक बठ

गई वही पर दीसरा स तरा उसा उमर की नल चल रहा था उसन भा ऐस कपड़ पहन हए थ ऽक मिझ दखकर

शमथ आ गई मन भा अपना पाठ उसा की ओर को कर ला मिझ शौच जोर स आ रह थ इसऽलए

परशना सा महसीस हई मन अपन लोट आग की ओर बढ़ ऽदयऔर बोलndash sbquoकपया आप इस लोट म

पानी भर दrdquo नल चलन वला स तरा न मिझ पना भर कर द ऽदय म शौच करन क ऽलए चल गय शौच

करक जब वपस आय तब दीसरा स तरा सनन कर रहा था म दीसरा तरफ स होकर अपन कमर म आ गय

ऽफर उन ऽस तरयो क ऽवषय म सोचन लग धयन करन क समय हो गय थ इसऽलए म धयन पर बठ गय

बहत परयस करन क बद भा धयन नही लग zwjयोऽक मन दिखा हो रह थ उसा समय मन ऽनऽश चय

योग कस कर 333

ऽकय म शाघर हा आशरम छोड़ दीाग मन अपना बत सवमा जा को बतई सवमा जा बोलndashsbquoआपका

इसम कया दोष ह मन यह सोच कर आपको रखा था िक आप हम सभी को योग िसखाएग िरर भी आप

जाना चाह तो जा सकत हrdquo बद म मलीम हआ ऽक वह दोनो ऽस तरय ा उचच घरन की थी उनह भा धोख

हआ होग उनहोन सोच होगndash आशरम म सभा लोग सोए हए ह इसऽलए ननन होकर सनन कर रहा थी

यह मर दिभ थनय थ ऽक म उनक समन ऐसा अवसथ म पहाच गय मन ऽनश चय ऽकय म अब इस आशरम

म नही रह ाग मन दो ऽदन बद शकमभरा आशरम छोड़ ऽदय ऽफर म मरठ होत हए म अपन घर आ गय

भगवान बजरगबली जी

यह अनिभव अपरल मह क परथम सप तह म आय थ धयनवसथ म दखndash म नदा क अनदर

पना म चलकर उलट बहव की ओर ज रह ह ा अथथत नदा म ऽजस ओर स पना आ रह ह म अपन

मन म सोच रह ह ा ऽक इस नदा क उद गम कहा पर ह यह म दखन चहत ह ा ऽजस समय म नदा क

अनदर पना म चल रह थ उस समय पना अपन आप दोनो ओर को हट जत थ अथ थत पना मिझ

रसत दत ज रह थ म नदा क अनदर रताला सतह पर चल रह थ zwjयोऽक पना अपन आप दो भगो

म बाट जत थ इसस नदा की भीऽम परकट हो जता था कि छ समय तक इसा परकर चलन क बद नदा

सकरा व उथला हो गई था म नदा क आऽखरा ऽकनर पर आ गय ऽफर मन दख नदा क पना एक गिफ़

क अनदर स आ रह ह मन गिफ़ क अनदर परवश ऽकय गिफ़ क अनदर की लमबई 15-20 माटर रहा

होगा जस हा मन गिफ़ क अनदर परवश ऽकय तो दखndash गिफ़ क दऽहना ओर भगवन बजरग बला जा

लट हए ह मन उनह दखत हा कहndash sbquoपरभ आप आप यहा लट हए हrdquo मगर वह नही बोल वह दऽहना

करवट क बल लट हए थ उनक शरार ऽवशल आकर वल थ उनक पर गिफ़ क दरवज की ओर थ

ऽसर गिफ़ क अनदर की ओर थ उनक ऽसर क पस हा गिफ़ समप त होता था वह पना स अलग भीऽम

पर लट हए थ उनक शरार तजसवा थ तथ उनक शरार स हलक सिनहर परकश ऽनकल रह थ मर

बिलन पर जब वह नही बोल तो म उनक पस आ गय मन उनक परो पर नमसकर ऽकय ऽफर म वही

उनक परो क पस पना म बठ गय मर बठत हा पना सवमव उतना जगह स अलग हो गय जस पना न

मिझ बठन क ऽलए जगह द दा हो पना क ऊपरा सतह स म एक-डढ़ फीट नाच बठ हआ थ पना

मिझस दीर होकर बह रह थ मन एक बर भगवन बजरगबला जा को जा भर क दख zwjयोऽक वह मिझ

योग कस कर 334

बहत सिनदर लग रह थ वह ऽबलकि ल शत लट हए थ म उनक परो क पस बठ हआ उनक चहर दख

रह थ ऽफर म उस उद गम (सरोत) को दखन लग जह ा स पना ऽनकल रह थ वह ा पर ऽबलकि ल छोट-

स गडढ बन हआ थ मन सोचndash म उस गडढ म हथ डलकर दखीाग ऽक यह गडढ ऽकतन गहर ह

और पना कह ा स आत ह उसा समय उद गम स आवज आईndash ldquoआप इस उद गम म हथ मत डऽलए

यह ऽसफथ दखन म छोट-स ऽदखई दत ह मगर यह अथह ह आप अपन ऽवचर तयग दाऽजए जब स

बरहमणड की रचन हई ह तब स लकर आज तक कोई इसक थह नही ल पय हrdquo म सोचन लगndash

इसम ऐसा ऽकतना गहरई ह जो आज तक कोई थह नही ल पय ह म यहा सोच हा रह थ तभा

उद गम क ऊपर कि णडला मर फन ऊपर उठए हए एक नग ऽदखई ऽदय कि छ कषणो क ऽलए म आश चयथ

चऽकत रह गय ऽफर म हास और बोलndash sbquoवाह मा म आपको पहचान गया आप कणडिलनी रिक त ह

म आपक इस सवरप स नही डरता ह rdquo इतन म वह नग पना क ऊपर कि णडला मर हए पना म बहत

हआ मर पस आ गय और मर शरार को चटन लग उसक चटन स मर शरार म ऽवऽचतर-सा गिदगिदा-सा

होन लगा इतन म मर अनिभव समप त हआ

ऄथश- नदा- सथील जगत ह म सथील जगत क उद गम सथन पर पहाच गय थ म नदा क अनदर

चल ज रह थ पना अपन आप अलग होत ज रह थndash सथील जगत क परभव मिझ पर नही पड़ रह

थ तथ उसक परभव अलग हो जत थ गिफ़ क अनदर क उद गम कषतर बरहमणड क वह सथन ह ऽजस

जगह स उतपऽतत शिर हई ह वह सथन अतयनत तजोमया ह वहा यह ा पर उद गम क रप म ऽदख रह ह

चतनयमय शऽzwj त क क दर यहा सथन ह चतनयमय शऽzwj त अथ थत कि णडऽलना शऽzwj त इसाऽलए उद गम

सथन क ऊपर ऽदखई द रहा ह मिझ चटन लगा अथ थत मिझस सनह कर रहा ह zwjयोऽक म उसक पितर भा

ह ा अनिभव म मिझ जो गिफ़ ऽदखई दा था ऽफर म उसक अनदर चल गयndash यह गिफ़ परऽणयो क ऽचतत म

रदय-गिफ़ क रप म जना जता ह गिफ़ क अनदर बजरगबला जा (हनिमन जा) लट हए थndash बजरगबला

जा वयिततव स उतपनन हए ह तथ ससर की सरचन भा वयिततव क दरर आकश म अऽधऽषठत होकर

हई ह इसऽलए बजरग बला जा अपन ऽवशल सवरप धरण ऽकए हए लट थवस भा वह नयरहव रदर क

अशवतर ह ससर की उतपऽतत क सथन म हा शऽzwj त सवरप कि णडऽलना ऽदखई द रहा ह अथ थत अपर-

परकऽत क परकटय क सथ हा शऽzwj त सवरप कि णडऽलना क परकटय हो जत ह इसऽलए मिझस कह

गयndash ldquoउद गम सथान बहत गहरा हrdquo zwjयोऽक अपर-परकऽत क परकटय पर परकऽत क अनदर हा हआ ह

अथ थत अपर परकऽत क अऽसततव पर परकऽत क अनदर ऽसऽमत कषतर म होत हयह उतपऽतत क कनदर

योग कस कर 335

वऽततयो क दरर ऽदखय गय ह वसतव म उतपऽतत क कनदर ऽभनन परकर क ह मन इसक वणथन अनय

जगह पर ऽकय हआ ह

मरी तरह बनो

15 अपरल क ऽदन थ घर म कि छ वद-ऽववद हो गय थ इसऽलए थोड़ ऽचऽतत थ म सिबह

हा गाव की नदा क ऽकनर-ऽकनर दीर तक चल गय कि छ दीर ऽनकल कर नदा क ऽकनर बबील क पड़ क

नाच बठ गय यहा पर ऽकसा परकर क कोलहल नही थ वतवरण ऽबलकि ल शनत थ म बबील क

पड़ क नाच घना छ ाव म बठ हआ थ बहत तज गमी क करण यहा पर ठणडक सा लग रहा था म

आसन लगकर बठ गय ऽचऽतत होन क करण बहत जयद गहर धयन नही लग ऽफर भा एक घनट

क धयन ऽकय धयन क उपरनत वही भीऽम पर लट गय मन क अनदर मनतरोचरण हो रह थ सथ हा

ईश वर को भा यद कर रह थ मन ईश वर स कहndash sbquoपरभि जब मर जस सधक क यह हल ह तो बचर

नए सधको क zwjय हल होत होग इतना परशऽनयो म वह अपन लकषय स हा भटक जएाग यह सहा

ह सधको को कभा-कभा ऽबन करण क हा कष ट उठन पड़त ह यह तो आऽदकल स चल आ रह

हrdquo उस समय ली बहत चल रहा था इसऽलए गमी बहत बढ़ गई था मरा इचछ धयन करन की हई म

धयन पर बठ गय धयन लगभग डढ़ घनट क लग धयन क करण मन थोड़ परसनन स हो गय शरार

म थोड़ा थकन-सा हई इसऽलए म वही पर बबील क पड़ क नाच लट गय मन अपना आाख बनद कर ला

और बबील क पड़ स पीछndash ldquoहलो ऽमतर कस होrdquo उततर ऽमलndash ldquoम नदा क ऽकनर खड़ हआ लहलह

रह ह ा गराषम ऋति की चह चलता हई ली हो अथव शरद ऋति की चलता हई ठणडा हवएा हो ऽफर भा म

मसता म झीमत रहत ह ा मनिषय आकर कि लहड़ा स मरा डऽलय ा कटत ह ऽफर भा म उफ नही करत ह ा

मर शरार म क ाट ह तो zwjय हआ मनिषयो को म शातल छय दत ह ा उस समय म तज धीप सहन करत

ह ा अब आप मरा छय म लट हए ह म ऽबलकि ल परसनन ह ा एक आप ह जो थोड़ा-सा बत पर ऽचऽतत हो

रह ह आप अपन आपको सधक कहत ह अभा और सधन करो और मरा तरह बनो आप सवय कष ट

सहो और दीसरो की सव करोrdquo

ऄथश- बबील क पड़ न ऽकतना ऽशकषपरद बत कहा ह सधक योग की उचचतम अवसथ म पड़ो

क दरर ऽदए गए सकत समझ सकत ह य मनिषय की तरह बत तो नही कर सकत ह मगर सीकषम तरग

योग कस कर 336

छोड़त रहत ह योगा इन तरगो क अथथ समझ सकत ह इस ऽवऽध स समपकथ करन क ऽलए योगा को

करण अवसथ म होन जररा ह मन पड़ो पर बहत परयोग ऽकए ह उन परयोगो क ऽवषय म म नही ऽलख

रह ह ा zwjयोऽक उनक ऽलखन उऽचत नही समझत ह ा

सधको धयनवसथ म अब अनिभव नही आत ह अनिभव अब इस अवसथ म आन भा नही

चऽहए zwjयोऽक अनिभव आन स इस अवसथ म समऽध क ऽलए बध होत ह कभा-कभा अनिभव

समऽध टीटन क बद आ जत ह जब परण बरहमरनधर स नाच आ जत ह अथव बहत समय क बद

योगऽनदर म अनिभव आ जत ह इस वषथ क शिरआत म एक दो अनिभव आए उसक बद ऽफर अनिभव

नही आए ह ा जनकररया आऽद बरबर होता रहता ह उनको यह ा पर ऽलखन उऽचत नही समझत ह ा

अब कि छ अनिभव अगसत मह म आए ह एक-दो अनिभवो को ऽलख रह ह ा

अगसत मह क परथम सप तह म अनिभव आयndash अतररकष म चरो ओर हलक नाल रग क तज

परकश फल हआ ह म उसा अनतररकष म इधर-उधर घीम रह ह ा तभा मिझ अपन समन एक स तरा ऽदखई

दा उस स तरा क तान नतर थ उसक तानो नतर खिल हए थ मन उस स तरा क चहर गौर पीवथक दख रह थ

वह स तरा बहत सिनदर था मन उस स तरा स उसक तासर नतर की ओर इशर करत हए कहndash ldquoआपक तो तान

नतर ह सभा परऽणयो क तो दो नतर होत हrdquo वह स तरा कि छ नही बोला ऽसफथ मिसकर दा ऽफर lsquoह ाrsquo म ऽसर

ऽहलय म सोच रह थndash इस स तरा क तान नतर ह यह ऽकतना अचछा लग रहा ह म समझ गय यह स तरा

समनय स तरा नही ह म उस स तरा स कि छ भा उतसिकत बस पीछत तो वह lsquoह ाrsquo म ऽसर ऽहल दता था वह

स तरा कि छ कषणो तक मर सथ अनतररकष म घीमता रहा ऽफर अदशय हो गई

ऄथश- सधको यह अनिभव करण जगत क थ जब सर अनतररकष हलक नाल परकश स चमक

रह हो तथ चरो ओर नाल परकश हा ऽदखई द उसक बरहमरधर खिल हो तब समझ लन चऽहए ऽक

यह दशय करण जगत क ह योगा क ऽलए यहा उचच अवसथ की शिरआत होता ह

ववशालकाय हाथी

यह अनिभव शयद 11-12 अगसत को आय थ म नाल रग क आसमन म खड़ ह ा चरो ओर

नाल रग क तज परकश हा परकश फल हआ ह मर अलव वह ा पर कोई नही ह मर पाछ की ओर मर

योग कस कर 337

घर ह (यह सथील घर नही) उसा समय म बोलन लगndash ldquoमन उसक तयग कर ऽदय ह मर घर स उस ल

जओrdquo मर दरर इन शबदो को बोलन स समपीणथ आकश गीाज उठ मर दरर इतन कहत हा मर घर क

अनदर स एक हथा ऽनकल कर मरा ओर समन आ गय मन हथा को दखत हा कहndash ldquoआप जइए म

आपको गरहण नही करा ग मिझ आपकी जररत नही हrdquo इतन कहत हा वह हथा एक और को चल

ऽदय थोड़ स आग की ओर चलकर हथा अनतररकष म ऊपर की ओर जन लग मर दखत हा नाल

परकश म ऽवलान हो गय म अनतररकष की ओर दखत रह गय हथा दखन म बहत सिनदर लग रह थ

तभा कि छ कषणो म दखndash ऽवलान होन क सथन स वहा हथा ऽफर परकट होकर मरा ओर आन

लग अबकी बर उसक ऊपर एक महवत बठ हआ थ वह महवत हथा को ह ाक रह थ अबकी

बर हथा क शरार अतयनत ऽवशल व बहत ऊा च थ उसक इतन ऽवशल शरार दखकर म आश चयथ म

पड़ गय हथा मिझस 20-25 माटर की दीरा पर आकर खड़ हो गय महवत मिझस बोलndash ldquoयह आपक

ऽलए हा ह आप इस सवाकर कर लrdquo वह ऽवशलकय हथा मरा ओर ऽनषभव स दख रह थ महवत

भा उतर कर नाच खड़ हो गय म महवत स बोलndash ldquoमिझ यह हथा नही चऽहए म इसक तयग कर

चीक ह ाrdquo मगर महवत न उततर म कि छ नही बोलndash उसन नमरत स अपन हथ जोड़कर मर समन झिक

और अकल वपस चल ऽदय म हथा स बोलndash ldquoकपय आप जइए मिझ आपकी आवशयकत नही

हrdquo हथा मरा ओर दख रह थ म भा हथा को छोड़कर एक तरफ को चल ऽदय मर अनिभव समप त

हो गय

ऄथश- यह अनिभव भा करण जगत स समबऽनधत ह अनिभव म हथा क अथथ ऽभनन-ऽभनन परकर

क होत ह जब कल रग क हथा ऽदखई द तथ कि छ डरवन स लग तब सधक को समझ लन

चऽहए यह उसक तमोगिणा कमथ ह य कमथ उस भोगन हा होग जब हथा सफद रग क ऽदखई द तब

सधक को समझ लन चऽहए उस शाघर हा यस कीऽतथ और ऽवऽभनन परकर क सिख भोगन हा होग

यहा पर हथा क अथथ हndash यश कीऽतथ सिख और धन क परप त होन ह मन हथा को तयग ऽदय ह

अथ थत मिझ यश कीऽतथ और सिख नही चऽहए अनत म महवत हथा को मर समन छोड़कर चल गय

ऽफर म भा हथा को छोड़कर चल ऽदय अथ थत भऽवषय म मिझ यश कीऽतथ सिख और धन जयद नही

ऽमलग zwjयोऽक मन उसक तयग कर ऽदय ह मगर हथा मरा ओर दख रह हndash इसऽलए कभा न कभा

यश क परभव मिझ पर अवशय पड़ग ऐस बहत समय बद भऽवषय म होग

योग कस कर 338

इस अनिभव क बद मर ऽचतत म वरनय वला वऽततय ा परकट होन लगीndash ldquoऽक इस ससर म आपक

ऽनकट-समबनधा कोई नही ह ऽसफथ कमो क करण वह आपक समबनधा बन ह वह अपन कमथ कर रह ह

और भोग रह ह आप भा अपन कमथ कर रह ह और भोग रह ह तिम zwjयो ऽकसा की ऽचत करत हो तिम

जो कमथ करत हो वहा भऽवषय म भोग करोग तिम ससर म अकल हो तिमह वह ा जन ह जह ा पर योगा

जत ह इसऽलए अपन समय क सदिपयोग करो तयग दो ससर की सरा वसतिओ को और मिzwj त हो

जओ तिमन अचछ ऽकय जो हथा क तयग कर ऽदय अपन ऽनज सवरप की ओर जओrdquo कभा-कभा

लगत ह जस मर मऽसतषक खला ह zwjयोऽक म कि छ भा नही सोच रह होत ह ा कभा-कभा मर मिाह स

अपन आप ऽनकलत हndash ldquoससर भरम मतर हrdquo यह योग क अभयस क मधयम स पहल हा जन चिक ह ा

अब मन योग पर लख ऽलखन शिर कर ऽदय थ zwjयोऽक शकमभरा म आऽद गिर शकरचयथ जा

न मिझ परररत ऽकय थ ऽक आप योग पर लख ऽलऽखए मगर मर अनदर ऐसा पररण जगरत हईndash ldquoआप

लख ऽलखन रोक दाऽजए पहल कि छ समय तक कठोर सधन करोrdquo मन लखन कयथ बनद कर ऽदय

आजकल म घर म अकल रहत थ घर क सभा सदसय ऽदलला गए हए थ म कठोर सधन करन म लग

गय मन भोजन लन भा बनद कर ऽदय थ सिबह-शम ऽसफथ दीध लत थ दोपहर क समय थोड़ स

तरल पदथथ लत थ म कठोर सधन करन म लान हो गय मर शरार ऽदन-पर-ऽदन दिबथल होन लग थ

कि छ ऽदनो बद मर शरार ऽबलकि ल हडऽडयो क ढ ाच बन गय मिझ अब थकन भा आन लगता था

मगर समऽध क समय बहत जयद बढ़ गय थ अब मरा सधन सो जन क बद भा ऽनदरवसथ म भा

हआ करता था म जयदतर चिप हा रहत थ ग ाव वलो स जयद समबनध नही रखत थ अब मिझ

अचछा तरह मलीम हो चिक थ मरा अवसथ बहत उचच हो गई ह शष कमथ भा योग क अभयस क दरर

सीकषम व कमजोर होन लग ह मिझ अपन आप म परसननत था ऽक मन कठोर सधन करक इस अवसथ

को परप त कर ऽलय ह इस अवसथ को परप त करन क ऽलए मन समज क और अपन कह जन वलो

क बहत अपमन सह हइस समय मरा बहत हा दिगथऽत हई ह मगर मन योग नही छोड़ और न हा कभा

योग छोड़न क ऽवचर आय एक बर मन अपन ऽपतजा स कहndash ldquoआप मरा चह ऽजतना दिगथऽत कर

मर खचथ बनद कर मर भोजन चह ऽजतन ऽदन बनद रख मगर आप मर योग नही छि ड़ सकत ह आपक

अनदर समथयथ नही ह मर योग को बनद करव दन क आपक मगथ पप क ह उसक फल अवशय

भोगग उस समय आपकी दिगथऽत होगा मन कष ट सहकर योग क अभयस ऽकय ह इसऽलएयोग म मरा

यह ऽसथऽत ह वस आप मर सथ कलयण क कयथ कर रह ह आप कष ट दकर मर कमो को नष ट कर रह

योग कस कर 339

ह तथ य समझ रह हो ऽक इस दिऽनय म तर कोई नही ह मिझ इस वयवहर स बहत ऽशकष ऽमला ह हम

आपक आभरा हrdquo

पथवी का अशीवाशद

यह अनिभव ऽसतमबर मह क आऽखरा सप तह म आय थ म पथवा पर ऽकसा सथन पर खड़ ह ा

मिझस 10-15 मा की दीरा पर अचनक हलकी-सा आवज क सथ पथवा फट गई उस फट हए भग स

ऊपर की ओर एक अतयनत सिनदर स तरा परकट हो गई स तरा क शरार क कमर स ऊपर क भग पथवा क

धरतल स ऊपर थ कमर स ऽनचल भग पथवा क अनदर समय हआ थ उस स तरा न हर रग की सड़ा

पहन रखा था उसक ऽसर पर बहत सिनदर चमचमत हआ मिकि ट थ उसक चहर अतयनत सिनदर थ

गल म सिनदर मल था उस मल म मऽणय ा चमक रहा थी उसन अपन दोनो हथ मरा ओर बढ़ ऽदए म

उसस बहत दीरा पर खड़ हआ थ उसक हथ मरा ओर को लमब होत गए उस स तरा क 10-15 मा लमब

हथ मर पस आ गए वह हथो म कि छ हथ म ऽलए हए था मगर मिझ यह ऽदखई नही द रह थ ऽक

हथो म वह zwjय ऽलए हए ह उस स तरा न वह वसति मिझ द दा मन दोनो हथो म उस वसति को ल ऽलय

मगर मरा समझ म यह नही आ रह थ ऽक मन उसस zwjय ल ऽलय ह ऽफर वह स तरा बोलाndash ldquoपतर तम

जान गए होग िक म परथवी ह rdquo म बोलndash ldquoह ा मत मिझ मलीम ह ऽक आप पथवा हrdquo वह बोलाndash ldquoजो

मन िदया ह वह गरहण करो इसस भिवषय म तमह बहत लाभ होगा जब तम मरा समरण करोग उस समय

तमहार ररीर का परथवी तततव िनिश चत मातरा म कम हो जाएगा इसस रिक तपात करन की िमता बढ़

जाएगी कयोिक योगी क िलए परथवी तततव अवरोध क समान हrdquo म यह सिनकर परसनन हो गय मन दीर स

हा अपन हथो को जोड़कर उस स तरा को नमसकर ऽकय उनहोन मिझ आशाव थद ऽदय ऽफर वह धार-धार

पथवा क अनदर म सम गई उस सथन पर फटा हई पथवा अपन आप जिड़ गई उसा समय मर अनिभव

समप त हो गय मिझ यह अनिभव योगऽनदर म आय थ

ऄथश- सधको पथवा क यह आशाव थद मर ऽलए आजावन कयथ करग तथ शऽzwj तपत करन की

कषमत भा बढ़ जएगा zwjयोऽक पथवा तततव म सबस जयद जड़त होता ह इसऽलए योगा क ऽलए यह

तततव सबस जयद अवरोध क कयथ करत ह तथ अब पथवा तततव कम होन क करण शाघर हा शरार म

सतवगिण ऽक अऽधकत बढ़न लगगा

योग कस कर 340

नाग

यह अनिभव मिझ एक अzwjटीबर को योगऽनदर म आय थ मिझ थोड़ा दीरा पर एक नग (कल)

फन चौड़ ऽकए हए शनत भव स बठ हआ ऽदखई ऽदय कि छ लोगो न मिझस कहndash ldquoइस नग को मर

डलोrdquo म बोलndash ldquoम जावो को नही मरत ह ाrdquo ऽफर वह नग एक ओर को चल ऽदय म भा दीसरा ओर

को चल ऽदय उसा समय मिझ अपन पाछ परकश-स महसीस हआ मन मिड़कर दख- तो वहा नग मिझस

थोड़ा दीरा पर फन ऊपर की ओर उठए मिाह खोल हए खड़ थ उसक मिाह म तज परकश भर हआ थ

नग अपन मिाह स वहा परकश उगल रह थ इस करण चरो ओर परकश फल रह थ मन सोचन लगndash

यह नग ऽकतन अचछ ह इसक दरर इतना जगह परकऽशत हो रहा ह

3 अzwjटीबर की शम को मरा और ऽपतशरा की बहत कि छ कह-सिना हो गई था वह घर की जमान

बच रह थ (पतक खता) मन उनक ऽवरोध ऽकय इसा बत पर कि छ कह-सिना जयद हो गई म जनत

थ यह वयऽकत इस घर को नष ट करन म लग हआ ह यह वयऽकत हर कयथ सिऽनयोऽजत ढग स करत थ

उसक उददशय थ ऽक म घर छोड़कर चल जऊा मिझ लगन लग ऽक सधन क दरर मरा यह अवसथ

परप त हई ह ऽफर भा म घर क परऽत मोह रखत ह ा उसक बदल मिझ पर ऽनकष ट आरोप लगए जत ह म

यह भा जनत ह ा वह अपन बिर कमो क फल अवशय भोगग दीसर ऽदन सिबह सढ़ तान बज धयन पर

बठ उसा समय अनतररकष स आवज आईndash ldquoअशवतथमन सिऽवरढ़ मीलम सग शसतरण दढ़न ऽछतवrdquo यह

शलोक गात क पदरहव अधयय क तासर शलोक ह यह आध शलोक ह ऽफर मन उठकर गात पढ़ा गात

म इस शलोक क अथथ भा पढ़ इसस इस अनिभव क अथथ समझ म आ गय तब मिझ परसननत हई

योग कस कर 341

सन 1995

मझ बहत दर जाना ह

यह अनिभव फरवरा मह क तासर सप तह म आय म ऽकसा सथन पर बठ हआ ह ा वह जगह

कमरनिम जसा ऽदखई द रहा ह हलक-स परकश चरो ओर फल हआ ह इतन म पीन की एक

सऽधक मर पस हासता हई आई (इस जगह पर नम ऽलखन उऽचत नही समझत ह ा) और मिझस बोलाndash

ldquoआननद कि मर इसम मरा समपीणथ जावना ऽलखा ह आप इस पढ़ लाऽजएrdquo इतन कहत हा उसन मर

समन एक सिनदर-सा पिसतक रख दा उसक चहर पर परसननत क भव ऽदखई द रह थ मन उस पिसतक

को दख ऽफर उस खोलकर पढ़न लग जब वह 15 सल की था तब स उसक ऽवषय म उस पिसतक म

ऽलख थ उसम एक-दो घटनएा महततवपीणथ ऽलखा हई थी म इन घटनओ को पढ़कर गभार हो गय उस

पिसतक स उसक जावन कल की ढरो बतो की जनकरा हो गई म उन बतो को ऽलखन उऽचत नही

समझत ह ा zwjयोऽक य घटनएा उसकी वयऽकतगत थी जब मन समपीणथ पिसतक पढ़ ला तब मन उस सऽधक

की ओर दख मगर वह सऽधक ऽदखई नही दा मन सोचndash शयद वह बहर चला गई होगा इसऽलए

म भा बहर आ गय बहर आत हा मन अपन आप को तजसवा सथन पर उपऽसथत पय उस समय उस

सथन पर शरा मत जा और वहा सऽधक भा था सऽधक क मिाह स ldquoशरी राम जय राम जय जय

रामrdquo ऽनकल रह थ मन उस सऽधक को दख तब वह बहत सिनदर लग रहा था तथ उसक शरार स

तज भा ऽनकल रह थ उसन सफद रग की उजजवल सड़ा पहन रखा था उस समय वह दवा जसा लग

रहा था सतवगिण क परभव उसक अनदर ऽदखई द रह थ मर मिाह स सऽधक क ऽलए कि छ शबद अपन

आप ऽनकल पड़ndash आप दवा जसा लग रहा ह मगर वह कि छ नही बोला ऽसफथ मिसकर दा म उस

सऽधक स बोल- ldquoचलो मर सथ चलोrdquo वह बोला- ldquoआप चऽलए म बद म आऊा गाrdquo ऽफर म और

शरा मत जा एक सथ आग ऽक ओर चल ऽदए ऽफर मन पाछ की ओर मिड़कर दखndash वह सऽधक उसा

सथन पर बठा हई मतर जप कर रहा था ऽफर म और शरा मत जा आग चलकर एक जगह पर रक कर

खड़ हो गए वही स अलग-अलग दो रसत हो गए थ म वही पर खड़ होकर सोचन लगndash मर रसत

अभा और आग तक ह अभा मिझ बहत दीर जन ह शरा मत जा क रसत बएा ओर जत ह उनह

थोड़ा दीर तक जन ह वह शाघर हा पहाच जएागा मन ऽफर पाछ मिड़कर उस सऽधक की ओर दख वह

योग कस कर 342

वही पर बठा हई मतर जप कर रहा था म बोलndash ldquoइस सऽधक को यहा तक (जह ा म खड़ थ) आन म

अभा बहत समय लग जएगrdquo ऽफर म शरा मत जा स बोलndash ldquoशरा मत जा म चलत ह ा मिझ अभा

बहत दीर जन ह आप तो शाघर हा अपन लकषय पर पहाच जएागा आपक मगथ थोड़ रह गय हrdquo उसा

समय म आग की ओर चल ऽदय शरा मत जा उसा सथन पर खड़ा हई था उसा समय अनिभव समप त

हो गय

ऄथश- सऽधक क सिनदर ऽदखई दन क करण यह थndash उसकी कि णडऽलना क जगरत हो गई था

इसऽलए वह सफद सड़ा म सतवगिणा लग रहा था मर सथ वह कस चल सकता था वह अभा नई

सऽधक था शरा मत जा और म एक सथ चल रह ह ऽफर थोड़ा दीर चलकर एक जगह पर खड़ हो गए

शरा मत जा अब जयद दीर ओर नही जएागा zwjयोऽक वहा स वह सथन ऽदखई पड़ रह ह जहा शरा मत

जा को पहाचन ह वह सथन ऽबलकि ल थोड़ा-सा दीरा पर ह उसा समय मिझ अपन मगथ ऽदखई ऽदय वह

साध मगथ बहत दीर तक ऽदखई द रह थ ऽजस जगह जकर मिझ रकन ह वह सथन अभा बहत जयद

दीरा पर ह इसस यह ऽसि होत ह ऽक अभा मिझ बहत दीर तक जन ह शरा मत जा वह हम एक सथ

चल रह थ आग चल कर दोनो ठहर गए शरा मत जा को उस मगथ स हटकर एक ओर थोड़ स चलकर

ठहर जन थndash इसक करण ह शरा मत जा की आशरम म इतना आसzwj त हो गई ह ऽक आशरम चलन क

ऽलए मील मगथ स थोड़ एक ओर हो गई जब कोई मगथदशथक आशरम चलन म वयसत हो जत ह तब

उसक आधयऽतमक मगथ म ठहरव स आ जत ह मगर जो योगा तततवजञना होत ह वह कभा भा आशरम

आऽद म आसzwj त नही होत ह अनिभव म ऽदखई ऽदय-अभा मिझ अपन मगथ म बहत आग जन ह और

आऽखरा लकषयndash परप त करन ह

वतरनतरी बालक

यह अनिभव 27 फरवरा को ऽशवरऽतर क ऽदन सिबह आय थndash मन दख मर समन एक सिनदर

स तरा बठा हई ह उसकी गोद म एक छोट-स बचच बठ हआ ह उसकी उमर लगभग एक वषथ होगा वह

बचच मरा ओर दख रह ह और थोड़-स हास भा रह ह मरा दऽष ट बचच क मसतक की ओर गई बचच

क मसतक पर एक आाख भा था वह आाख समनय आाख स थोड़ा बड़ा था तथ वह आाख चमक भा

रहा था मर मिाह स ऽनकलndash इसकी तो तानो आाख खिला हई ह उसा समय उसकी तासरा आाख अनदर

योग कस कर 343

की ओर धसन लगा तथ धार-धार मरा दऽष ट स ओझल होन लगा मर मिाह स अपन आप ऽनकलndash

ॎऻऻऻ ओम क उचचरण करत हा उस बचच की तासरा आाख ऽफर पहल की भाऽत ऽदखई दन लगा

मर दरर ओम कहत हा बचच परसननत स हासन लग अब म ओम क बर-बर उचचरण कर रह थ

वह बचच लगतर हास ज रह थ इतन म वह स तरा बचच लकर चल दा म बोलndash ldquoआप मत जइए

यह बचच मिझ बहत अचछ लगत ह इसकी तानो आाख खिला हई हrdquo ऽफर वह स तरा व बचच दोनो

अदशय हो गए मर अनिभव भा समप त हो गय मर मिाह स ओम-ओम क उचचरण अपन-आप ऽनकल

रह थ यह अनिभव मिझ योगऽनदर म आय थ

भगवान नारायण

यह अनिभव मिझ मचथ महान क मधय म आय थ मन दखndash म नाल रग क तज चमकील परकश

म खड़ हआ ह ा चरो ओर नाल रग क परकश क अऽतररzwj त कि छ नही थ उसा समय मरा दऽष ट समन

की ओर थोड़ा-सा ऊधवथ हो गई मन अपन स थोड़ा दीरा पर भगवन नरयण को दखndash वह शषनग की

कि णडला क ऊपर ऽवशष मिदर म लट हए मिसकर रह थ उनक शरार भा हलक नाल रग क थ उनकी

नऽभ स एक कमल की नल ऽनकलकर ऊपर को चला गई था उस नल क ऊपरा ऽसर पर हलक लल

रग क एक फी ल थ पहल मन भगवन नरयण को जा भर क दख zwjयोऽक वह मिझ अचछ लग रह थ

ऽफर मर मिाह स जोरदर आवज ऽनकलाndash ldquoपरभि यऽद आप सोचत होग ऽक आननद कि मर को धन क

लोभ ऽदखकर उधर को मोड़ दग और म धन परऽप त म लग जऊा ग तो ऐस नही होग ईश वर की परऽप त

क ऽलए म लगोटा लगन को तयर ह ाrdquo मरा आवज चरो ओर गीाज रहा था भगवन नरयण पहल की

भ ाऽत मिसकरए ज रह थ कि छ कषणो म मर अनिभव समप त हो गय

ऄथश- इस अनिभव म कमल क फी ल पर भगवन बरहम जा नही ऽदखई ऽदए थ लगोटा लगन क

अथथ थndash भाख म ाग लीाग मगर योग नही छोडी ग zwjयोऽक कि छ ऽदनो स धन परऽप त करन की वऽतत उठ रहा

था शयद इसाऽलए म भगवन नरयण स यह कह रह थ इस अवसथ म भगवन नरयण क इस

परकर क दशथन होन शरषठत क परताक मन जत ह

योग कस कर 344

मोकष पाना ऄतयनत दलशभ ह

यह अनिभव मिझ 10 मई को आय थndash म एक घर क अनदर खड़ हआ ह ा मिझ उस घर क अनदर

जनकरा ऽमला ऽक इस घर क अनदर नग परवश करन वल ह मर अनदर पररण हई वह नग आकर मिझ

कट लग उसा समय म घर स बहर ऽनकल आय घर क बहर ऽनकलत समय दो-तान सल की

लड़की को मन गोद म ल ऽलए थ वह लड़की सिनदर था यह लड़की कौन ह म उस नही जनत ह ा घर क

बहर आत हा मन अपन आपको एक खिल मदन म पय म यह सोचकर चरो ओर दख रह थ कही

नग न आ जए मिझ नग कही भा ऽदखई नही द रह थ मन उस लड़की को गोद स उतर कर उसा

समय खड़ कर ऽदय zwjयोऽक म अब भा उस गोद म ऽलए हए खड़ थ लड़की को खड़ करक म उसस

बोलndash ldquoमा मिझ नगो स बड़ डर लगत ह कि छ समय बद मिझ नग कट सकत हrdquo वह लड़की धार

स मिसकर दा म उस दो-तान सल की लड़की स lsquoमाrsquo शबद क परयोग कर रह थ इतन म मिझ अनतररकष

स धामा आवज सिनई दाndash ldquoऽजस नग क डर स ती परशन ह वह नग सवय यहा लड़की ह ऽजस मा

कह रह हrdquo यह बत सिनकर म मिसकर ऽदय और मन क अनदर कहन लगndash ldquoअचछ मा हा वह नग

हrdquo मर डर एकदम दीर हो गय और म खिश हो गय इतन म वहा लड़की नग क रप म बदल गई म

आरम स ऽनडर होकर वहा पर खड़ रह उस नग न मर पर म जोरदर फी फकर मरकर कट ऽलय ऽफर

वह नग अदशय हो गय इसक बद म आकश की ओर टकटकी लगए ऽवचरो स रऽहत होकर दखन

लग उसा समय मिझ अपन शरार क अनदर भगवन शराकषण क दशथन हो गए उनक शरार हलक नाल रग

क थ वह मिसकर रह थ म वह ा स चल ऽदय मिझ आग रसत म दो पिरष बठ हए ऽदखई ऽदए उनहोन

मिझस परश न ऽकयndash ldquozwjय आपको मोकष ऽमलन समभव हrdquo अचनक ऐस परश न सिनकर म गभार हो गय

कि छ कषणो बद बोलndash ldquoअभा मिझ मोकष नही ऽमल ह zwjयोऽक मोकष ऽमलन अतयनत दिलथभ ह मोकष क

ऽवषय म समझ पन अतयनत जऽटल हrdquo ऽजस समय म यह शबद कह रह थ उस समय भगवन शराकषण

मिझ रदय म ऽदखई द रह थ म ऽफर अनतररकष म आग की ओर चल ऽदय

ऄथश- सधको मन जो यहा पर नग कटन क अनिभव ऽलख ह इसस पहल दो बर और ऽलख

चिक ह ा ऽक नग न मिझ कट ह महन सत सवमा मिकतननद जा क अनिसर इसक अथथ हndash सधक को

जब नग कट ल तब उस मोकष ऽमलन ऽनऽश चत होत ह मगर म अनिभव म सवय मोकष ऽमलन स इनकर

कर रह ह ा ऽफर आपस म दोनो क शबदो म ऽवरोधभस ह ऽजस समय मिझस पीछ गय थndash ldquozwjय तिमह

मोकष ऽमलग‛ उस समय की योनयत क अनिसर मिझ मोकष ऽमलन समभव नही ह zwjयोऽक अभा मर

योग कस कर 345

ऽचतत म कमथशय ऽवदयमन ह जब तक अभयसा को तततवजञन परप त नही होत ह तब तक मोकष ऽमलन

समभव नही होत ह zwjयो ऽचतत पर अजञन ऽवदयमन रहत ह इसक अथथ हndash भऽवषय म मिझ तततवजञन की

परऽप त होगा तभा मोकष ऽमलन समभव होग

आजकल म बहत कठोरत स सधन कर रह ह ा परणयम को महततव थोड़ जयद द रह ह ा

ऽदन म कई बर परणयम करत ह ा भोजन भा ऽबलकि ल थोड़ स लत ह ा हल ाऽक शरार बहत कमजोर

हो गय ह परणयम की अऽधकत क करण शरार हलक-स हो गय ह परणयम करन की एक ऽवशष

ऽवऽध ह ऽजसस तमोगिण य रजोगिण कम हो जत ह और सतवगिण की मतर अऽधक हो जता ह मिझ

महसीस होन लग ह पथवा तततव की कमा हो रहा ह जलतततव भा कम हो रह ह अऽनन तततव की

अऽधकत हो रहा ह कभा-कभा जगरत अवसथ म भा ऽचतत की गहरई म चल जत ह ा उस समय मर

अनदर ऽवचर उठन लगत ह वह ऽवचर ऐस होत ह उनक समधन करन क ऽलए जञना पिरष चऽहए

मगर इस समय म ऽकसा जञना पिरष को नही जनत ह ा मगर जो सतपिरष योग क ऽवषय म जयद जनत ह

वह मिझस बहत दीरा पर ह उनक पस शयद समय भा नही होग इसऽलए मर समधन नही हो प रह

ह कभा-कभा ऐस लगत हndash म शरार म नही ह ा म शरार स बहर ह ा इसकी अनिभीऽत मिझ अचछा तरह

स हो रहा ह इसक करण यह भा ह ऽक परणयम क करण मर शरार बहत हलक हो गय ह हथो व

परो म ऐस लगत ह जस रzwj त हा नही रह गय ह ऽसफथ वयि हा भरा ह चतनयत अब अऽधक बढ़ गई ह

इस करण रत म नीद ऽबलकि ल कम (डढ़-दो घणट) आता ह आाख बनद रखीा य खोल रह ा अथव रऽतर

क समय घोर अधकर म रह ा तो भा मिझ सदव नाल रग क ऽबनदि ऽदखई दत रहत ह नाल ऽबनदि क

अनदर सिई क नोक क बरबर रगो स रऽहत एक चमकील ऽबन दि कषऽणक दर क ऽलए चमक जत ह

कभा-कभा इसकी चमक इतना तज होता ह ऽक सीयथ की चमक भा उसक समन फीकी हो जता ह

जबऽक ऽबनदि क आकर सिई की नोक क बरबर होत ह नाल रग क ऽबनदि बरबर चमकत रहत ह म

तरटक भा बहत करत ह ा

नाल रग क ऽबनदि क उललख योग की पिसतको म बरबर ऽमलत ह मगर ऽबनदि क अनदर सिई क

नोक क बरबर अतयनत चमकील रगहान ऽबनदि क उललख कहा पढ़न को नही ऽमलत ह यह ऽबनदि

शयद अतयऽधक परणयम व तरटक क अभयस करन क करण ऽदखई दत ह नाल ऽबनदि क समबनध

करण जगत स ह यह ऽबनदि उसक बाच म सिई की नोक क बरबर ऽदखई दत ह झटक क सथ

चमककर लिपत हो जत ह इसक अथथ हndash करण जगत स पर क परकश ऽबनदि ऽजस म भौऽतक नतरो स

योग कस कर 346

दख रह ह ा मर शरार बहत जयद शिि ह तथ ऽसर म ऽवदयमन रहन वला उदन वयि को जबरदसता

मीलधर स नाच लत ह ा ऽजस समय म उदन वयि को मीलधर स नाच लकर रोकत ह ा उस समय म

पौन तान ऽमनट स तान ऽमनट क बाच कि मभक लगत ह ा तब ऐस लगत हndash यह शरार गमी क करण

फट जएग लगत ह जस पिर शरार म आग हा आग भरा हई ह और म अपन सथील शरार स थोड़ा दीरा

पर खड़ ह ा इसाऽलए म ऽवशष परकर क परणयम करत थ इस ऽवऽध को म नही ऽलख रह ह ा zwjयोऽक

यह ऽवऽध ऽसफथ वहा परयोग कर सकत ह ऽजस सधक न अपना कि णडऽलना की पीणथ यतर करक ऽसथर कर

ला ह इस परणयम क ऽलए बरहमरनधर क खिल होन अऽत आवशयक ह म इस परणयम क परयोग

ऽजस लकषय क ऽलए कर रह ह ा वह लकषय मिझस अभा बहत दीर ह यऽद म उस लकषय को परप त नही भा कर

पय तो भा ढरो परकर की शऽzwj तयो क सवमा अवशय बन जऊा ग मर जो लकषय ह उसक मगथदशथक

कोई नही ह इस ऽवदय क परचलन आऽद कल म थ ह ा सथील शरार अवशय घोर कष ट भोगत रहत ह

जब परणयम करत ह ा तब ऐस लगत ह- मरा जावतम अभा शरार क तयग क दगा उसा समय म

सवय कहत ह ाndash ldquoदख जावतम मिझ जो कयथ करन ह वह अवशय करा ग तिमह अगर इस शरार को

तयगन ह तो अवशय तयग दो मिझ ऽफर नय शरार धरण करन होग म ऽफर योग क अभयस करा ग

मिझ कोई आपऽतत नही ह इसऽलए ती मर सथ दrdquo

शरी माता जी का अशीवाशद

यह अनिभव 13 मई क ह धयनवसथ म दखndash मन एक कमर म परवश ऽकय उस कमर म

ऽसहसन निम एक कि सी पर शरा मत जा ऽवरजमन थी उनक समन फशथ पर सऽधकएा बठा हई थी

वह ा पर कोई पिरष नही थ उस कमर क अनदर चरपई भा था म उसा चरपई पर जकर बठ गय शरा

मत जा एक सऽधक स बत कर रहा थी मन कमर म चरो ओर को दऽष ट दौड़ई तो दख ऽक सभा

सऽधकएा फशथ पर बठा हई थी म उनस दीर चरपई पर बठ हआ थ अब मिझ यद आयndash ldquoमन कमर

क अनदर परवश करत समय शरा मत जा को नमसकर नही ऽकय हrdquo इतन म शरा मत जा कि सी स

उठकर कमर क बहर चला गई म कषणभर क ऽलए अपना जगह पर खड़ हो गय कि छ कषणो बद शरा

मत जा दीर स आता हई ऽदखई दा शरा मत जा न कमर क बहर स आवज दाndash ldquoआननद कि मर इधर

आ जओrdquo म कमर स बहर ऽनकल आय कमर स बहर अब परकश फल हआ ऽदखई द रह थ शरा

योग कस कर 347

मत जा एक ओर भीऽम पर बठ गई उस समय भीऽम पर कि छ भा नही ऽबछ हआ थ शरा मत जा बहत

परसनन मिदर म थी वह जोर-जोर स हास रहा थी उनकी इस परकर की परसननत पहला बर दखा था म शरा

मत जा क समन घिटनो व पजो क बल बठ गय zwjयोऽक शरा मत जा को म नमसकर करन वल थ

म शरा मत जा स बोलndash ldquoशरा मत जा आपन भीऽम पर कि छ भा नही ऽबछय हआ ह आप भीऽम पर

बठ गई हrdquo शरा मत जा जोर-जोर स हासता हई बोलीndash ldquoअर मर ऽशषय आय हआ ह मिझ बहत खिशा

हो रहा ह आसन ऽबछन की जररत नही हrdquo उस समय शरा मत जा क हथ म तान फल ऽबलकि ल

सफ-सिथर थ दखन म अचछ लग रह थ म शरा मत जा स बोलndash ldquoशरा मत जा आपन जो फल हथ

म ल रख ह वह बहत हा सिनदर हrdquo शरा मत जा बोलीndash ldquoयह आपक ऽलए ह अपन ऽशषय को परसद

दीागाrdquo मन एक बर ऽफर शरा मत जा को गौरपीवथक दखndash वह बहत हा जयद परसनन थी और हास रहा

थी उनक शरार तज स नहय हआ थ मन शरा मत जा को नमसकर करत समय अपन ऽसर उनक

चरणो पर रख ऽदय शरा मत जा न अपन बया हथ मर ऽसर पर ऽफरय और दऽहन हथ स मरा पाठ

थपथपई मिझ ऐस लगndash मर शरार हलक व परदशी हो गय ह मिझ अपन शरार क समपीणथ अवयव

ऽदखई दन लग उसा समय मर मिाह स ऽनकलndash lsquoमाrsquo तभा मिझ बहोशा आन लगा और म बहोश हो

गय

यह अनिभव मिझ योगऽनदर म आय थ ऽजस समय म जग उस समय मर सथील शरार बहत

थक हआ स लग रह थ कि छ कषणो तक म उठ नही पय ऽफर मिझ चतन-सा आ गई और समनय हो

गय इस अनिभव म दो बत मिखय हndash एक- म शरा मत जा क समन चरपई पर बठ गय जबऽक सभा

सऽधकएा नाच फशथ पर बठा हई था उस समय मिझ भा नाच बठन चऽहए थ दसरा- शरा मत जा न

आसन नही ऽबछय थ म उनक समन बठ हआ थ दोनो जगहो पर म समककष-स ह ा यह गिरतततव ह

शरा मत जा को इस ऽवषय म ऽबलकि ल मलीम नही होग ह zwjयोऽक गिरतततव सधक क मगथदशथन करत

रहत ह

परकवत पररवतशनशील ह

यह अनिभव 21 मई को योगऽनदर म आयndash यह ा पर अनिभव तो नही ऽलख रह ह ा zwjयोऽक

अनिभव बहत ऽवऽचतर स ह इसऽलए म उसक अथथ ऽलख रह ह ा उसक अथथ हndash परकऽत पररवतथनशाल

योग कस कर 348

ह उसक दशय कि छ ऐस थ ऽक समपीणथ पदथथ पररवऽतथत हो जत ह ऽफर बहत समय क बद परकऽत क

सवरप पहल जस होन लगत ह उसा समय मर अनदर ऽवचर आय यह zwjय हो रह ह अनतररकष स

आवज आईndash ldquoपरकऽत पररवतथनशाल ह यह उसा क दशय हrdquo उन दशयो स ऐस लगत थ परकऽत क जो

आज सवरप ह वह पहल भा आऽदकल म रह चिक ह इसस यह भा तकथ ऽदय ज सकत ह परकऽत क

जो आज सवरप ह वह कभा-न-कभा भऽवषय म अवशय आएग चह कई यिगो अथव परलय क बद

आए मर यह अनिभव कह ा तक सहा ह इस तततवजञना योगा हा सतय बत सकत ह

वशव शवzwj त का सवरप

यह अनिभव मई मह क ह ऽजस समय मन अनन क तयग कर ऽदय थ और परणयम की

ऽवशष ऽवऽध अपन रह थ तथ कठोर सधन कर रह थ उस समय यह अनिभव योगऽनदर म आय थ

मन अनतररकष म अपन समन दखndash पड़ क तन अथव गोल खमब जस मर समन ह मगर वह पड़ क

तन नही ह उसकी मोटई बहत जयद था मगर उसकी मोटई सभा जगह एक समन ह वह खमब

सवपरकऽशत स लगत ह वह परकश क बन हआ ह उसकी आभ चरो ओर फल रहा था म उस

खमब क अऽत समाप खड़ हआ ह ा पहल मन उस खमब को ऊपर की ओर दखndashखमब अनतररकष म

खड़ हआ थ मरा दऽष ट बहत ऊपर तक चला गई zwjयोऽक म बहत दीर तक दखन म समथयथवन थ

ऽफर भा उस तन क आऽखरा ऽसर ऽदखई नही द रह थ अब मन नाच की ओर दखन शिर कर ऽदय

मरा दऽष ट बहत नाच तक चला गई zwjयोऽक उस समय ऽदवय दऽष ट कयथ कर रहा था जयद नाच की ओर

दखन पर अधकर स ऽदखई दन लग थ इसऽलए मन उस तन क ऽनचल ऽसर भा नही दख पय

कि छ कषणो बद म सोचन लगndash ldquoइस खमब की लमबई इतना जयद ह ऽक ऊपरा ऽसर और नाच क

ऽसर ऽदखई नही द रह हrdquo मन खमब को ऽफर दिबर दखndash तो मिझ ऽदखई ऽदय यह तो परकश क

बन हआ लमब लटठ क समन ऽदखई द रह ह समपीणथ अनतररकष म परकश क मोट लटठ-स खड़ हआ

ह यहा म सोच रह थndash तभा मर समन उस खमब पर ऽलपट हआ एक पाल तजसवा चमकदर नग

ऽदखई ऽदय उसन अपना पीाछ स तन पर एक चzwjकर लपट रख थ और ऊपर की ओर फन उठए हए

थ उसक फन मर ऽसर क ऊपर छतरा की तरह थ zwjयोऽक म उस परकश क लटठ क पस खड़ हआ थ

इसऽलए ऐस लग रह थndash ldquoवह नग अपन फन मर ऽसर क ऊपर छतरा क समन ऽकए हए मरा रकष कर

योग कस कर 349

रह हrdquo मन अपन दऽष ट ऊपर की ओर को की तो दख- मर ऽसर स उसक फन की ऊा चई एक फीट रहा

होगा म और नग एक-दीसर की आाखो म आाख डलकर दख रह थ उसा समय मर मिाह स आवज

ऽनकला ldquoवह आप तो मर ऽसर क ऊपर ऐस फन उठए हए ह जस मरा रकष कर रह ह कररए कररए

मरा रकष कीऽजए वस आपक सवरप बहत सिनदर ह ऐस ऽदखई द रह ह जस कि छ जनत हा नही ह मगर

मिझ कभा-कभा आपक इस सवरप स डर भा लगन लगत ह इसऽलए म थोड़ दीर खड़ हो जऊा rdquo इन

शबदो क कहन क सथ हा म थोड़ पाछ की ओर हट गय तऽक नग स थोड़ दीर खड़ हो जऊा म जस

हा उस जगह स थोड़ पाछ की ओर हट उसा समय नग न जोरदर फी फकर मरा वह नग तन (परकश

क लटठ) समत मर पस आ गय म ऽफर अपना जगह स थोड़ पाछ की ओर हट गय मगर तन

(परकश क लटठ) समत नग मर पस आ गय म नग स दीरा रखन चहत थ मगर ऐस नही कर सक

इसा घबरहट म मरा नीद खिल गई अनिभव समप त हो गय

ऄथश- म सोचन लगndash यह अनिभव ऽकतन अचछ व उचचकोऽट क आय ह यह अनिभव

योऽगयो क ऽलए दिलथभ ह परकश क बन हआ लटठ जो अनतररकष म ऊपर व नाच की ओर असाऽमत

ऽदखई द रह ह शसतरो क अनिसर वह सवय भगवन ऽशव क ऽनगिथण सवरप मन गय ह उस परकऽशत

लटठ (खमब य तन) पर ऽलपट हआ नग शऽzwj त सवरप कि णडऽलना शऽzwj त हा ह इस परकऽशत लटठ क

आऽदकल म भगवन बरहम और भगवन ऽवषणि भा दोनो ऽसर नही ढीाढ पय थ zwjयोऽक वह परम ऽशव क

रप ह परम ऽशव क सथ आऽदशऽzwj त सदव ऽवदयमन रहता ह इसऽलए उसक नम ldquoऽशवशऽzwj तrdquo पड़

गय दोनो एक-दीसर क पीरक ह इसाऽलए इनक दीसर सवरप भगवन शकर को अधथनराशवर भा कह गय

शिता चरम सीमा पर

सधको मिझ इस समय एक ऽवशष परकर की अनिभीऽत हआ करता ह मई मह म मर यह ा भाषण

गमी पड़ रहा ह मगर धीप म मर शरार पर ली क परभव नही होत ह इसक करण यह भा हो सकत ह

ऽक मर शरार क अनदर भा बहत जयद गमी ऽवदयमन ह तज वयि क चलन पर भा मर सथील शरार को

वयि क सपशथ महसीस नही होत ह म दखत करत ह ाndash वयि क तज चलन क करण पड़-पौध जोर स

ऽहल रह ह मगर मिझ वयि क सपशथ की अनिभीऽत नही होता ह कभा-कभा मन अपन आप पर गौर ऽकय

योग कस कर 350

तब मलीम हआ म श वस भा समनय वयऽकतयो स बहत दर म लत ह ा अथ थत कम लत ह ा तथ श वस

बहत हलकी-सा लत ह ा रऽतर क समय म नीद बहत हा कम य न क बरबर आता ह शरार थक जन क

करण यऽद म सो जऊा तो दोनो हथ मर आसमन की ओर उठ जत ह और ऐस हा उठ रहत थ तब मरा

आाख खिल जता ह उस समय लगत ह मर हथो व परो म सभा जगह वयि भरा हई ह म ऽबलकि ल

हलक स हो गय ह ा धयन करत समय लगत हndash ldquoम अपन आसन स ऊपर की ओर उठ जऊा गrdquo मगर

ऊपर की ओर उठत नही थ मर शरार बहत कमजोर हो चिक ह कमजोरा क करण म कम सधन

करन लग ह ा समनय अवसथ म मर ऽचतत ऽसथर बन रहत ह तथ म शरार की भाषण गमी सहन नही

कर प रह ह ा मन सोचndash इस परकर की सधन ऽफर भऽवषय म करा ग मिझ इस समय महसीस हो रह थ

म बहत हा जयद आधयऽतमक रप स शऽzwj तशला हो गय ह ा

जीन क अऽनतम ऽदनो म म ऽदलला चल गय थ मरा मा की तऽबयत जयद खरब हो गई था म

दीसर नमबर क भई स बोलndash ldquoअमम की मतयि ऽनऽश चत ह मतयि कि छ ऽदनो बद हो जएगाrdquo असपतल

म इलज चल रह थ कि छ ऽदनो बद डॉzwjटर क बतन क अनिसर म ा को मऽसतषक क सर थ म 27

जिलई को घर वपस आ गय 24 अगसत को मरा म ा की मतयि हो गई उनकी मतयि क मिझ दिःख तो नही

हआ zwjयोऽक मिझ म ा क ऽवषय म सब कि छ मलीम थ ऽफर भा सथील रप स उनकी अनिपऽसथऽत महसीस

होन लगा

भगवान दततातरय

ऽदलला स म 27 जिलई को घर वपस आ गय यह अनिभव शयद 30-31 जिलई क ह मन

दखndash म नाल रग क तज चमकील परकश म खड़ हआ ह ा ऊपर की ओर आकश मिझस थोड़ा ऊा चई

पर ऽसथत ह ऐस भऽषत हो रह ह मर शरार हलक नाल रग क परदशी ह मिझ थोड़ा दीरा पर एक

मनव आकऽत ऽदखई दा उस मनव आकऽत स दीसरा मनव आकऽत परकट हो गई दीसरा मनव आकऽत

धार-धार सपष ट होन लगा सपष ट होन क बद वह भगवन शकर क रप म ऽदखई दन लगा ऽफर उस

(पहल वला) आकऽत स एक और मनव आकऽत परकट हो गई वह धार-धार सपष ट होकर भगवन ऽवषणि

क रप म पररवऽतथत हो गई कि छ कषणो बद उस मनव आकऽत स एक और मनव आकऽत परकट हो गई

वह भगवन बरहम क रप म पररवऽतथत हो गई ऽफर तानो दवत एक सथ पस म खड़ हो गए मर मिाह स

योग कस कर 351

अपन आप आवज ऽनकलाndash ldquoवह भगवन ऽवषणि भगवन शकर व भगवन बरहम तानो एक सथrdquo

अब म उस मनव आकऽत की ओर दखन लग ऽजसस य तानो दवत परकट हए थ वह मनव आकऽत

धार-धार भगवन दतततरय क रप म पररवऽतथत हो गई मर मिाह स आवज ऽनकलाndash ldquoपरभि म आपको

पहचन गय आप भगवन दतततरय जा हrdquo

हम प ाचो आमन-समन थोड़ा दीरा पर खड़ हए थ म परसनन हो रह थ और मिसकर भा रह थ

प ाचो क शरार एक समन और एक जस हा तततव स बन हए थ सभा क शरार परदशी व हलक नाल रग

क थ मर शरार भा उनही की तरह बन हआ थ म यह समझ गय भगवन दतततरय स परकट होकर तानो

दवो क ऽदखई दन क अथथ zwjय ह मिझ यह तो मलीम ह भगवन दतततरय तानो दवतओ क अश ह

तथ ऽतरगिणतमक शऽzwj त क परताक ह

परकवत क वनयमो का अदर करो

यह अनिभव मिझ अगसत मह क परथम सप तह म योगऽनदर म आय थ मन दखndash म ऽकसा घर

निम जगह म परवश करन वल ह ा अनदर की ओर परवश करत हा समन एक शर खड़ दख जस हा शर

न मिझ दख वह मरा ओर झपट म डर क करण वह ा स बहर की ओर दौड़न लग जस हा मकन निम

जगह स बहर आय मन दखndash एक नदा बह रहा ह नदा उसा मकन निम जगह स ऽनकला ह नदा क

सरोत भा उसा जगह ह म नदा क पना क ऊपर तज गऽत स दौड़न लग zwjयोऽक शर मर पाछ कर रह

थ म डर क करण तावर गऽत स भगत ज रह थ उसा समय मिझ मलीम हो गयndash यह नदा समनय

नदा नही ह इसकी बहत जयद गहरई ह कि छ समय नदा क ऊपर दौड़न क बद म अनतररकष म दौड़न

लग आग चलकर म तज परकश म पहाच गय म आग की ओर चलत गय ऽफर मन दखndash 8-10

पिरष मर मगथ अवरोध ऽकए हए खड़ ह म वहा पर रक गय म उन पिरषो को गहरा दऽष ट स दखन लग

वह सभा पिरष कल व तजसवा ऽदखई द रह थ उन सभा पिरषो म एक पिरष परमिख लग रह थ उन सभा

पिरषो न ऽवशष परकर क अस तर ल रख थ मन अपन समन खड़ हए उस तजसवा परधन पिरष स पीछndash

ldquoआप सभा मर मगथ अवरि ऽकए zwjयो खड़ ह‛ मर शबद सिनकर वह परधन पिरष मिसकरय मगर कि छ

नही बोल उसा समय पाछ की ओर खड़ एक पिरष बोलndash ldquoती अपन आप को बहत समथयथवन

समझत ह इसऽलए हम तर समन खड़ हए हrdquo मरा समझ म नही आय उस पिरष क कहन क भव zwjय

योग कस कर 352

ह उततर म म कि छ नही बोल ऽसफथ उन सभा को दखत रह वह पिरष ऽफर बोलndash ldquoहम तिमहर समथयथ

दखन आए हrdquo म बोलndash ldquoआप zwjय कह रह ह मरा समझ म नही आ रह हrdquo वह पिरष बोलndash ldquoतिमन

अपना म ा की बामरा को रोकन क परयस ऽकय तथ मतयि भा रोकन क परयस कर रह होrdquo य शबद

सिनत हा मर भव बदल गय म थोड़ करोध म बोलndash ldquoवह मरा मा ह म उसक ऽलए कि छ भा करा

आपको zwjय मतलब ह जहा तक मर अनदर समथयथत की बत ह म मा क कष ट दख नही सकत थ

इसऽलए ऐस ऽकय मिझ मलीम ह ऽक उसकी मतयि होन वला ह ऽफर भा मतयि को आग ढकलन क

परयस करा गrdquo मर शबद सिनकर वह पिरष करोऽधत हो गय उसक सथ और भा पिरष खड़ हए थ वह

सभा करोऽधत भव म ऽदखई द रह थ मगर सबस आग खड़ हआ परधन पिरष अब भा मिसकर रह थ

यह परधन पिरष मिझ शनत सवभव क व दयलि जस लग अनय सभा पिरष करी र जस थ परधन पिरष

मिझस बोलndash ldquoआप मर सथ चऽलएrdquo यह सिनत हा मन आग चलन क ऽलए कदम बढ़य जस हा म

चलन क ऽलए मिड़ उस पहल वल करी र पिरष न कहndash ldquoअपन आपको बहत बड़ योगा समझत ह

दखत ह ा इसकी समथयथतrdquo यह शबद कहत हा उसन आकश म छलग लगई और मर दोनो कनधो पर

दोनो परो स परहर ऽकय ऽफर वह मरा पाठ पर चढ़ गय कषणभर क ऽलए मर कनधो पर ददथ-स महसीस

हआ मगर उसा समय मन उस फि ती स पाठ स उतरकर अनतररकष म पटक ऽदय वह कि छ कषणो तक नही

उठ सक मन गरजकर कहndash ldquoमर योग समथयथ को दखन क चzwjकर म न पड़ो तिम सब मर कि छ नही

ऽबगड़ सकत हो अगर ऽहममत ह तो तिम सब मिझस लड़कर दखोrdquo मरा बत क ऽकसा न जवब नही

ऽदय म करोध म खड़ हआ थ मन उस परधन पिरष की ओर दखndash वह अब भा पहल की भ ाऽत मिसकर

रह थ उसक पिरष क तज और बढ़ गय ऽफर वह मिझस बोलndash ldquoआननद कि मर मरा बत धयनपीवथक

सिनो- मिझ मलीम ह ऽक आप योगा ह मगर आपको परकऽत क ऽनयमो क आदर करन चऽहए आपको

योगबल पर परकऽत क ऽनयमो क उललघन करन क परयस नही करन चऽहए आप जञना ह इसऽलए

पलन करन आपक कतथवय ह तिमह भा मलीम ह और म भा कह रह ह ा आपकी म ा क समय पीर हो

गय ह इसऽलए मतयि ऽनऽश चत ह उसकी मतयि क ऽलए ऽकसा परकर क अवरोध न डऽलएrdquo ऽफर सभा

पिरष अदशय हो गए म अकल उस परकश म सोच मिदर म खड़ हआ थ म सोचन लगndash ldquoयह परधन

पिरष कौन थ जञऽनयो की भ ाऽत मिझ ऽशकष द रह थ उसा समय वह परधन पिरष मर समन परकट हो

गय वह पहल की भ ाऽत मिसकर रह थ उसक सवरप बदल गय उसक शरार तज स यिzwj त हो गय

ऽसर पर ऊा च मिकि ट लग हआ थ उसक शरार क रग हलक कल स थ एक हथ म गद व दीसर

हथ खला थ वह सिनदर रजओ की भ ाऽत वस तर पहन हए थ म उस दख रख थ मगर म पहचन नही

योग कस कर 353

सक ऽफर अनतररकष स आवज आईndash ldquoय यमरज जा हrdquo कि छ कषणो बद अदशय हो गए ऽफर मन

ऽनश चय ऽकयndash ldquoअब म अमम की मतयि क ऽलए कोई अवरोध नही डलीागrdquo

ऄथश- सधको इस अनिभव क समय मरा म ा क इलज ऽदलला क सबदरजग असपतल म चल

रह थ य सच हndash मन मा की बामरा को दबन क परयस ऽकय थ मिझ अचछा तरह जञत ऽक कि छ

ऽदनो बद म ा की मतयि होन ऽनऽश चत ह ऽफर भा म योगबल क दरर मतयि को आग ढकलन क परयस कर

रह थ इस अनिभव म नदा सथील जगत ह म इस सथील जगत क उद गम कषतर म पहाच गय थ उसा समय

शर न मर पाछ ऽकय शर क अथथ हndash ldquoमर अहकरrdquo मिझ अपन आप म अहकर थ ऽक ldquoमाrdquo को

क सर होन क बवजीद म उसकी मतयि को कि छ मह आग की ओर ढ़कल सकत ह ा इसा करण इस परकर

क अनिभव आय ह

नीला वलय

यह अनिभव 11 अगसत क ह म रऽतर क लगभग 2 बज धयन पर बठ गय उस समय

धयनवसथ म अनिभव आयndash म अनतररकष म बठ हआ ह ा मर शरार ऽवशल सवरप वल ह उस

समय ऐस परतात हो रह थ ऽजतना मर शरार की ऊा चई ह उतना हा अनतररकष की ऊा चई ह समपीणथ

अनतररकष म ऽसफथ म हा अकल ह ा zwjयोऽक नाच धरतल पर म बठ हआ थ मगर मर ऽसर अनतररकष क

ऊपरा भग को छी रह थ म समपीणथ अनतररकष को दख रह थ मर चरो ओर हलक नाल रग क तज

परकश बहत दीरा पर गोलकर चzwjकर लग रह थ वह नाल रग क गोलकर वलय समपीणथ अनतररकष

म वयपत थ उस समय म पदमसन की मिदर म बठ हआ मिसकर रह थ मर समन थोड़ा दीरा पर नदा क

उद गम थ नदा आग चलकर बहत ऽवसतत हो गई था उस नदा क अनत भा मिझ ऽदखई द रह थ कि छ

समय तक नदा क उद गम (सरोत) स अनत तक दखत रह वह नदा मिझ अचछा नही लग रहा था ऽफर

अपना दऽष ट नदा स हटकर चरो ओर चzwjकरदर घीमत हए वलय पर की तब म अपन आप कहन

लगndash ldquoम तो समपीणथ अनतररकष म वयपत ह ा अचछा न लगन वला नदा म भा वयपत ह ा बऽलक यह नदा

(समपीणथ नदा) मरा वयपतत म मतर थोड़ा-सा जगह म ऽसथत हrdquo इतन म मर धयन टीट गय

योग कस कर 354

सधको मन इस अनिभव म ऽलख हndash म रऽतर क दो बज धयन करन क ऽलए बठ गय जबऽक

रऽतर क नयरह बज स तान बज तक धयन नही करन चऽहए zwjयोऽक अनतररकष म तमऽसक शऽzwj तयो क

परभव जयद बन रहत ह मगर मिझ इस अवसथ म ऽकसा परकर की तमऽसक शऽzwj तयो स कोई डर नही

लगत ह इसऽलए मन अब अपन धयन क समय रऽतर क 10 बज स सिबह 6 बज तक रख ह इस

अवऽध म रऽतर क सननट म धयन बहत अचछ व गहर लगत ह वतवरण म शऽनत बना रहता ह मगर

नए सधक रऽतर क नयरह स सिबह तान बज तक धयन ऽबलकि ल न कर तभा अचछ ह रऽतर क समय म

म ऽबलकि ल नही सोत ह ा ऽदन म एक स दो घणट क बाच सोत ह ा चौबास घणट म म 10 बर परणयम

करत ह ा ऽदन म भा धयन करत ह ा तथ मतरो क जप भा करत ह ा अभा चर-प ाच ऽदन हो गए म एक

ऽमनट भा नही सोय ह ा शरार म भयकर गमी वयपत हो गई ह मिझ ऐस लगन लग हndash उदन वयि पर मर

अऽधकर स हो गय ह ऐस धयन करन म मिझ बहत अचछ लगत थ सथील शरार अतयनत कमजोर

होन क करण म जयद बत नही करत ह ा सथील शरार क व सीकषम शरार क अगो की मिझ बहत सा

जनकररय ा ऽमली ह म सधको स जरर कहन चह ाग अगर सफलत परप त करना ह तो योग क ऽलए

सयम बहत हा अऽनवयथ ह यऽद सधक सयऽमत रहग तो सफलत अवशय ऽमलगा परणयम भा

जयद मतर म करन चऽहए अलप मतर म सऽतवक भोजन करन जररा ह तमऽसक भोजन क पीणथ

रप स तयग कर दन चऽहए

इस अनिभव म जो नदा हndash वह यह सथील जगत ह सथील स लकर सभा सीकषम लोक पररवतथनशाल

ह इसाऽलए पतल लोक स लकर बरहमलोक तक सभा लोक कषण-भगिर कह गए ह म उस नदा रपा

समपीणथ ससर क आऽद और अनत दख रह ह ा zwjयोऽक म समपीणथ अनतररकष म वयपत ह ा यह समपीणथ लोक

मर शरार म मतर थोड़-स भग म ऽसथत ह अथ थत म अपन आपको ऽवभि (वयपक) रप म दख रह ह ा ह

सधको अपन आपको पहचनो आप ऽसफथ सथील शरार नही ह ससर म आप ऽजस भीभग म रहत ह

वह कि छ समय बद दीसर क हो जएग zwjयोऽक पहल आपक नही थ और नही रहग ऽफर आप अपन

zwjयो समझत ह zwjय आपन शमशन-भीऽम नही दखा ह आप शमशन भीऽम म जकर दऽखए और ऽशकष

गरहण कीऽजए आप महन ह वयपक ह और चतन ह मगर अजञनत बस आप अपन को मतर सथील

शरार हा समझत ह तथ मतयि को परप त होत ह आप परयस करक दऽखए कभा-न-कभा आपको अपन

वसतऽवक सवरप की अवशय पहचन हो जएगा

योग कस कर 355

भगवान गौतम बि जी

यह अनिभव 26 ऽसतमबर को सिबह आय मन दखndash म भगवन बिि क समन बठ हआ ह ा

भगवन गौतम बिि जा भा मर समन आसन पर बठ हए ह कि छ कषणो बद मन उनस परथथन कीndash ldquoआप

मिझ मगथदशथन करन की कप कर मगर भगवन बिि जा कि छ नही बोलrdquo म उनह टकटकी लगए दखत

रह उसा समय उनक पस बठ हए एक और सनयसा ऽदखई ऽदए म उन सनयसा जा को दखकर

पहचन गय zwjयोऽक इन सनयसा जा न मिझ सन 1992 म मगथदशथन ऽकय थ ऽफर गौतम बिि जा अपन

सथन स उठ और एक ओर को चल गए ऽफर कि छ कषणो म वपस आ गए उस समय उनक हथ म एक

शॉल बहत हा सिनदर व आकषथक थ वह शल दखन म कीमता व रजसा लग रह थ उस शॉल को

ऽदखत हए मिझस बोलndash ldquoकभी-कभी साधको को म इस रॉल को ओढ़ हए िदखाई दता ह rdquo उस शॉल

को दखकर म पहचन गय ऽक इसा शॉल को ओढ़कर उस सनयसा जा न मिझ दशथन ऽदए थ ऽजनक

उललख मन इस अनिभव म ऽकय ह भगवन गौतम बिि जा बोलndash ldquoमझ मालम ह परथवी पर िजस तरह

का मरा िचतर परचिलत हrdquo ऽफर उनहोन मिझ एक पिसतक ऽदखई उस पिसतक को खोलकर पज पर ऊा गला

स इशर ऽकय और बोलndash ldquoदखो मरी यह िरिाए हrdquo मन पिसतक क उस सथन पर दख जह ा पर

गौतम बििजा उगला क इशर कर रह थ मगर उस पिसतक क लख मरा समझ म नही आ रह थ उस

पिसतक क लख अनय ऽकसा भष म थ म उनक अऽत नजदाक बठ हआ थ म उनस बोलndash ldquoपरभि

आप मिझ मगथदशथन दाऽजए म आपस परथथन करत ह ा म महन योगा बनन चहत ह ा अभा मर अनदर

बहत कऽमय ा ह उनह दीर करन चहत ह ा मिझ जञत ह म अभा आपक समन बठ हआ ह ा परतयकष रप स

आपक समन होन क करण आप स बत कर सकत ह ा अथव ऽकसा भा परकर की परथथन कर सकत

ह ा ऽफर मिझ आपक दशथन करन दिलथभ होग कपय आप मर मगथदशथन कीऽजएrdquo उततर म भगवन बिि

जा न मिझ पर गहरा दऽष ट डला उस समय वह अतयनत शनत मिदर म थ मगर कि छ नही बोल अनिभव

समप त हो गय

भगवन गौतम बिि जा की लमबई 6 फीट स कम नही होगा उनक अतयनत सिनदर सिडौल शरार

थ उनक रग गोर थ उनक शरार तज स चमक रह थ शरार की तवच अगीर क समन ऽचकना था

उनक ऽसर पर बल नही थ और कनो म कि णडल नही थ वह योगा क रप म बहत सिनदर ऽदखई द रह थ

मन यहा पर ऽजस सनयसा क वणथन ऽकय ह वह भगवन गौतम बिि जा क ऽशषय थ उनहोन ऽमरज

आशरम म मर मगथदशथन ऽकय थ और मिझस कह थndash ldquoबट अपन गिर क पस जओ और पीणथत

योग कस कर 356

परप त करो भऽवषय म समज को तिमहरा जररत पड़गाrdquo वहा सनयसा जा यह ा भगवन गौतम बिि जा क

पस ऽवरजमन ऽदखई द रह थ सधको इस अनिभव क तान-चर मह बद मिझ गौतम बिि जा न

अपना कि छ ऽशकषएा (बौि धमथ की) दा थी मिझ अभा वह ऽशकषएा कि छ यद ह यहा पर उनक उललख

नही कर रह ह ा

मर वपछल जनम

सधको सभा योऽगयो की भ ाऽत मिझ भा अपन ऽपछल जनमो क दशय धयनवसथ म ऽदखई ऽदए

य अनिभव मिझ ऽमरज आशरम (महरषटर) म आए थ य अनिभव मन ऽलखकर रख भा ह उन अनिभवो क

उललख मन इस पिसतक म अभा तक कही भा नही ऽकय ह ऽपछल जनमो क ऽवषय म थोड़ स सकषप म

अब ऽलख रह ह ा मिझ अपन तरह ऽपछल जनम यद आ रह ह चह ा तो म और भा ऽपछल जनम दख

सकत ह ा इसकी मन आवशयकत नही समझा मिझ अपन ऽपछल तान-चर जनम तो सवमव धयन म

ऽदखई ऽदए थ लऽकन ऽफर ऽकसा करण वश मिझ और अपन ऽपछल जनम दखन पड़ तऽक म अपना

वतथमन समसयएा हल कर सकीा मिझ अपन बरहवा जनम यद नही ह zwjयोऽक नयरहव जनम स तरहव

जनम म आ गय थ उस समय बरहव जनम क ऽवषय म जनन की जररत नही समझा इसऽलए बरहव

जनम क ऽवषय म मिझ मलीम नही ह मिझ अपन ऽपछल जनम इस तरह यद ह जस अभा-अभा कि छ ऽदन

पहल घटन घटा हो

सधको तिम सोचत होग यह ऽपछल जनम ऽकस परकर ऽदखई दत ह अथव यह कस ऽनणथय

करत ह ऽक यह ऽपछल जनमो क दशय ह अथव कौन स जनम कदशय ह जब सधक क कणठचकर खिल

जत ह कि णडऽलना आजञचकर पर आता ह उस अवसथ म सधक की सऽवकलप समऽध लगता ह

समऽध क समय यह जनकररय ा दशय क रप म ऽदखई दता ह zwjयोऽक ऽपछल कई जनमो क ससकर

ऽचतत म ऽसथत रहत ह उनही ससकरो क आधर पर जनकरा होता ह जब ऽपछल जनमो की वऽतयो

(कमथशय) स सकषतकर होत ह तब उसक दशय ऽदखई पड़न लगत ह जो घटनएा पीवथ जनम म घटता ह

वहा ससकर धयनवसथ म आपक समन दऽष टगोचर होत ह जञन क दरर मलीम हो जत हndash यह

घटन ऽकस जनम की ह उस समय सधक की ऽदवयदऽष ट भा कयथ करता ह सधक की अपना-अपना

योनयत योग म अलग-अलग सतर पर होता ह उसा योनयतनिसर अपन ऽपछल जनमो की घटनएा

योग कस कर 357

बराऽकयो स दख सकत ह यऽद सधक न उचचतम अवसथ परप त की ह तो वह अपन ऽपछल कई जनमो

को दखन व अनय जनकररय ा परप त करन म समथयथवन होत ह मर जञन यह कहत ह ऽक जब स वह

बरहम स अलग हआ ह तब तक क ऽवषय म जन ज सकत ह zwjयोऽक बरहम स अलग अपना अनिभीऽत

करन हा अजञनत ह इसा अजञनत क करण आसऽकत उतपनन होता ह तभा स ऽचतत म ससकर

(कमथशय) बनन शिर हो जत ह इनही वऽततयो (कमथशय) क दरर ऽपछल जनमो क ऽवषय म जन ज

सकत ह उस जनम की घटनएा सपष ट ऽदखई दता ह ऐस वऽततयो क सकषतकर करन स होत ह इसा

परकर उचच कोऽट क सधक दीसरो क ऽचतत पर ऽसथत ससकरो क दरर अथ थत ससकरो क सकषतकर

करक ऽपछल जनमो की घटनएा अपना योनयतनिसर जन सकत ह मिझ अपन ऽपछल जनम की ढरो

जनकररय ा सीकषम रप स यद ह वस ऽकसा भा योगा न अपन ऽपछल जनम क ऽवषय म अपन लख य

पिसतक म नही ऽलख होग zwjयोऽक उसन ऐसा बत ऽलखन उऽचत नही समझ होग शयद मिझ भा इस

ऽवषय म नही ऽलखन चऽहए ऽफर भा म अपन ऽपछल जनमो क ऽवषय म मतर कि छ शबदो म (अऽत सकषप

म) ऽलख रह ह ा

वतशमान जनम- आपन इस लख क दरर जन हा ऽलय होग ऽक म योग क अभयस कर रह ह ा

आऽद मन पचचास वषथ की उमर म योग क अभयस करन शिर ऽकय ऽफर कभा मिड़ कर नही दख कठोर

अभयस करन और मगथ म आए अवरोध सवरप ससररक पदथो क तयग करत चल गय बहत स

कष ट आए उनको भोगत हआ आग बढ़त हा रह इसक शरय हमरा गिर मत को जत ह पीवथकल क

कमो क अनिसर हम ऽनश चय हा परमशरषठ गिर मत ऽमला उनहा क मगथदशथन म आज म सफलत क

चरम ऽबदि पर आ गय ह ाअब आप सभा क मगथ दशथन कर रह ह ा

दसरा जनम- मर ऽपछल जनम म मर घर अतयनत गराबा झल रह थ मिझ सत सल की उमर यद

आ रहा ह मर घर म म मतजा और ऽपतजा थ उसा समय मरा बहन न जनम ऽलय थ तभा मर

ऽपतजाधन कमन क ऽलए घर स चल गए मगर ऽफर कभा वपस नही आए एक ऽदन म भीख स

वयकि ल होन क करण इसा अवसथ म जमीदर क लड़क स जवर छान ला बस इसा जवर क करण

मरा ऽजनदगा नरक बन गई अथ थत इस लड़क स मरा सदव क ऽलए दिशमना हो गई जब म 16-17 क

हआ तब तक बिर वयऽकत बन चिक थ दीसरो की ऽछन-झपटा मर कम थ बस यहा कयथ करत रहत

थ मर नम स इलक वल डरन लग थ zwjयोऽक मर शरार बहत हा बऽलष ट थ म बड़-बड़ लोगो की

दिगथऽत कर दत थ इस अवऽध म म बहत मरपाट करत थ पिऽलस (वतथमन की तरह पिऽलस नही

योग कस कर 358

था)कई बर मिझ पकड़न आई मगर म उस समय भग जत थ पिऽलस वल ऽगनता म चर-प ाच होत थ

ऽजस लड़क की मन बचपन म जवर छाना था वह अब मर सबस बड़ दिशमन बन गय थ उसक सथ

दो यिवक और रहत थ वहा तानो पिऽलस की सहयत स मिझ पकड़वन चहत थ अपन ग ाव क अलव

भा अनय गावो म रसत अथव आम व अमरद क बगो म रोजन छान-झपटा करन मर कम थ

एक ऽदन म अपन घर आय हआ थ तब मरा 12-13 वषीय बहन न मिझस कहndash ldquoभय आप यह गनद

कयथ zwjयो करत हो पिऽलस घर आकर अमम को बिर भल कहता हrdquo म बोलndash ldquoतिझ zwjय मलीम मन

मजबीरा म यह कयथ ऽकय ह अब मरा यह आदत बन गई हrdquo मरा उमर लगभग 19-20 वषथ की होगा

तब तक मन खीब अपरध वल कयथ ऽकए मगर गराबो स कभा भा छान-झपटा नही की था हमश पस

वलो स झगड़ करत रहत थ मन पिऽलस स भा एक बर झगड़ ऽकय थ इसा करण पिऽलस मर पाछ

पड़ा रहता था एक ऽदन म घर पहाच तब मरा म ा बोलाndash ldquoती इस घर को छोड़कर अभा चल ज तर

करण मिझ लऽजजत होन पड़त ह घर स ऽनकल जrdquo उसा समय मिझ पकड़न क ऽलए घर पर कई पिऽलस

वल आ गए म घर स बड़ा तजा स भग कि छ दीरा पर एक नदा था मन नदा को पर ऽकय जगलो स

होकर आग की ओर भगत रह zwjयोऽक पिऽलस मर पाछ कर था म थककर चीर हो गय रसत म पड़

हए पतथर की ठोकर लगा और म ऽगर पड़ ऽफर मिझ होश नही आय कि छ समय बद होश आय म

जोर लगकर उठकर बठ गय मन दखndash मर ऊपर खीन क छीट पड़ हए ह म चौक यह खीन कह ा स

आय ह उसा समय मलीम हआ मसतक पर जोरदर चोट लगा ह उसा स खीन बह कर ऽनकल थ वह

अब सिख गय ह म उठकर आग की ओर चलन को हआ तभा म चौक पड़ zwjयोऽक मिझस थोड़ा दीरा

पर पड़ क नाच एक योगा जा आसन लगए हए मरा ओर दख रह थ वह योगा जा मिझस बोल- ldquoआओ

पतर म तमहारा बहत समय स इतजार कर रहा थाrdquo म योगा जा स बोलndash sbquoसवमा जा मर पाछ पिऽलस

आ रहा ह वह बोलndash ldquoअब तमहार पास पिलस कभी नही आएगी कयोिक पिलस स तम बहत दर आ

गए होrdquo मन थोड़ा रहत की श वस ला योगा जा बोलndash sbquoतिम अपना ऽपछला ऽजनदगा भील जओ और

मर सथ चलो म तिमहर हा यह ा इतजर कर रह थrdquo थोड़ा दर तक मरा और योगा जा की बत होता

रही ऽफर म चिमबक की तरह ऽखच हआ योगा जा क सथ चल ऽदय वह मिझ एक आशरम म ल गए

वह आशरम बहत बड़ थ उस आशरम क वह मऽलक थ म उसा आशरम म रहन लग योगा जा न मिझ

दाकष दाअब वह योगा जा मर गिरदव बन गए थ मन योग क अभयस करन शिर कर ऽदय उस

आशरम म बहत ऽशषय रहत थ मन कठोर योग क अभयस करन शिर कर ऽदय म अहकरा सवभव

वल सधक बन गय थ म अपन गिरदव की बत अzwjसर नही मनत थ ऽसफथ योग क अभयस

योग कस कर 359

करत रहत थ मर गिरदव क सवभव बहत हा सरल थ तथ वह अतयनत उचचकोऽट क योगा थ मन

आशरम म रहन स इनकर कर ऽदय तब गिरदव न आशरम स बहर मर ऽलए एक झोपड़ा बनव दा म उसा

म रहन लग थ मर ऽलए आशरम स भोजन आ जत थ कठोरत क सथ योग क अभयस करन हा

मर कयथ थ ऽजतन जयद योग क अभयस करत थ उतन हा जयद मर अहकर भा बढ़त जत

एक ऽदन धयनवसथ म एक अनिभव आयndash म उस अनिभव क अथथ नही समझ सक मन अपन

एक गिर भई को बिलय और कहndash ldquoजओ गिरजा को बिल लओ मिझ अनिभव क अथथ आकर

समझएाrdquo वह गिर भई बोलndash ldquoआपको सवय गिर जा पस जन चऽहए zwjयोऽक वह तिमहर गिर हrdquo म

बोलndash ldquoमिझ ऽशकष मत द उनह यहा पर आन हा होग zwjयोऽक मिझ योग क मधयम स मिझ मलीम हो

गय ह ऽक म हा उनक उततरऽधकरा ह ाrdquo गिर भई आशरम क अनदर मर सनदश दन चल गय कि छ कषणो

बद शरा गिरदव जा आ गए उस समय वह परवचन कर रह थ जस हा मर सनदश उनह बतय गय उनहोन

सधको स कहndash ldquoमिझ दो ऽमनट क कयथ आ गय ह इसऽलए म ज रह ह ाrdquo मर पस आकर उनहोन मर

अनिभव क अथथ बतय और ऽफर वपस चल गए मर गिरदव ऐस थ मिझ यद आ रह ह एक बर वह

मिझस बोलndash ldquoबटा तमहार कमश बहत जयादा खराब ह योगबल स अपन कछ कमश जला दोrdquo म बोलाndash

ldquoगरदव य कमश मन कमाए हए ह इसिलए म ही इनका भोग कर गा योगबल स इनह नही जलाऊ गाrdquo

योगबल क दरर ऽसफथ वहा कमथ जलए ज सकत ह जो हलक-फि लक होत ह जो कमथ महततव पीणथ होत ह

अथ थत ऐस कमथ ऽजन कमो स जावन म महततव पीणथ घटन घटना अऽनवयथ ह वह कमथ नही जलए ज

सकत ह तथ अशिित भा ऽनऽश चत मतर तक हा जलई ज सकता ह

म उस आशरम क उततरऽधकरा बनकर बहत समय तक आशरम म रह और योग क मगथदशथन

सधको को करत रह सथील शरार तयगन क बद म तपलोक होत हए परकऽत क आवरण म ऽवदयमन

होकर समऽध म लान हो गय कि छ वषो बद एक समय परकऽत दवा न मरा समऽध भग कर दा और

बोलीndash ldquoपतर भलोक पर जाओ तमहार जनम का समय हो गया हrdquo मपरकऽत दवा स बोलndash ldquoमत

अभा-अभा तो म यह ा पर आय ह ा इतना जलदा मर जनम लन क समय हो गयrdquo वह बोलीndash ldquoतमहार

िलए भ-लोक पर वयवसथा कर दी गई ह अपना समपणश कमश भोग कर नष ट कर दना तमह योग का रल

िमलन वाला हrdquo मन पथवा की ओर दख तभा परकऽत दवा न मिझ बतयndash ldquoआप यहा जनम लाऽजए

इसस आपक कमथ नष ट हो जएग अगर अपन जावन कि छ बदलव करन ह तो अभा कर सकत होrdquo म

योग कस कर 360

बोलndash ldquoनही मतrdquo मन ऽदवयदऽष ट दरर अपन अगल जनम (वतथमन जनम) दख ऽलय ह और जनम लन

क ऽलए परकऽत क आवरण छोड़कर तपलोक होत हए भी-लोक पर आ गय सधको मर सथा तपलोक

म अब भा समऽध म लान ह म यह ा पर योग क अभयस कर रह ह ा तथ अपन कमो को भोग रह ह ा

ऽपछल जनम क गिर जा स मरा बतचात सन 1995-96 म हई था मर ऽमतर (ऽपछल जनम क) भा वह ा

पहाचन क इतजर कर रह ह म बोलndash ldquoअभा मिझ भी-लोक पर कई वषो तक रहन ह योग करन ह

अपन कमथ भोगन ह तथ कि छ कयथ भा करन हमर ऽपछल जनम क कि छ ऽशषय इस समय शरा मत जा क

पस ह दो-तान ऽशषयो को मन पहचन ऽलय ह

परकऽत दवा स मरा ऽजस परकर स बतचात हई इस परकर की बतचात ऽसफथ परकऽतलय अवसथ

वल योगा हा कर सकत ह इस अवसथ स नाच वल योगा इस परकर बत नही कर सकत ह zwjयोऽक

परकऽतलय अवसथ वल योगा को वतथमन जनम म अपन ऽचतत पर ऽसथत शष-कमथ भोग कर नष ट करन

होत ह कम थशयो स रऽहत हआ ऽचतत समऽध की ऽवशरदत को परप त होत ह अभयसा क ऽचतत म

ऋतमभर-परजञ क परकटय होत ह तब तततवजञन परप त करन क समय आत ह

तीसरा जनम- मर तासर जनम दऽकषण भरत म हआ थ मर जनम क बद ऽपतजा घर छोड़कर

चल गए जगल म योग क अभयस करन लग वह अपन पीवथ जनमो क अनिसर महन योगा थ इसऽलए

घर छोड़कर चल गए ऽकसा तरह स मरा मत न मर पलन पोषण ऽकय उस समय मरा मत को ढरो

कष ट झलन पड़ जब मरा उमर 10 वषथ की हई तब एक ऽदन ऽपतजा घर आ गए और मरा मत स बोलndash

ldquoइस पितर को म अपन सथ ल जऊा ग और योग ऽसखऊा गrdquo मरा मा न इस बत क ऽवरोध ऽकय तब

ऽपतजा न मरा मत को समझयndash ldquoयह पीवथ जनमो क योगा ह अगर म इस नही ल जऊा ग तब यह

कि छ समय बद यह सवय घर छोड़कर चल जएग‛ मगर मरा म ा ऽवरोध करता रहा मर ऽपतशरा मिझ

लकर जगल म आ गए उनहोन मिझ शसतरो क अधयन करय और योग की ऽशकष दा इस जनम क दो

अनिभव मन इस पिसतक म ऽलख हए ह इस जनम म मर शरार लगभग 6 फीट की ऊा च रह होग मर रग

गोर व बहत सिनदर थ उस जनम म मन शदा नही की था जबऽक ऽकसा न मिझ पर बहत दबव डल

थ मगर म और मर ऽपतजा शदा क ऽलए रजा न हए मरा उमर लगभग 55-60 वषथ की रहा होगा उस

समय मर ऽपतजा कही बहर गए हए थ तभा एक नग न उसा समय मिझ डस ऽलय और मरा मतयि हो

गई मतयि क बद म तपलोक पहाच गय उस समय मर ऽपतजा न योग क मधयम स मिझस समपकथ भा

ऽकय थ मर ऽपतजा की भा कि छ वषो बद मतयि हो गई और वह भा तपलोक म आ गए अब भा वह

योग कस कर 361

तपलोक क उचच सतर पर समऽध लगए हए ह जनवरा सन 1996 म मर और उनक समपकथ हआ थ

वह बोलndash ldquoतिमह पथवा पर कमथ भोगकर आन ह य शष कमथ बहत हा zwjलशतमक ह इसऽलए कष ट

सहोrdquo आनहो न ही आस जनम म मरी कणडवलनी उधवश की थी वफर कणडवलनी कभी भी सषपत

ऄवसथा म नही गइ

चौथा जनम- मर चौथ जनम भा मर दऽकषण भरत म हआ वतथमन म शयद वह जगह कन थटक

म य उसक आसपस होगा zwjयोऽक ऐस दशय आत ह जो कनथटक य महरषटर की साम स ऽमलत-

जिलत ह लगभग 22-24 वषथ की उमर म योग क अभयस करन लग थ इस जनम क दशय जयद नही

ऽदखई ऽदए मन भा जयद जनन की इचछ नही की

पााचवाा जनम- मर प ाचव ा जनम थोड़ महततव पीणथ ह इसऽलए इस थोड़ ऽवसतर स ऽलख रह ह ा

म गराब मत-ऽपत क पितर थ म छोटा जऽत क नही थ मगर रहन-सहन मर छोटा जऽत जस हा थ

कभा-कभा मत-ऽपत को मजदीरा भा करना पड़ता था तब पट भरत थ कभा-कभा म भा भीख हा सो

जत थ मरा मा एक बड़ घर म कम करन जय करता था उस समय म भा उसक सथ जय करत

थ उस घर क लोग मिझ खन द ऽदय करत थ जहा मरा मा कम करन जय करता था एक ऽदन

अतयऽधक भीख क करण मन रोऽटयो की चोरा कर ला और म पकड़ गय मरा म ा को मर करण बहत

सिनन पड़ थ पड़ोस क लड़क मिझ चोर कहकर सबोऽधत करन लग सभा मिझ अपन घर स भग दत थ

ऽक म चोर ह ा एक ऽदन दिःखा होकर म अपन घर स भग गय और जगल म चल गय म अपन घर स

बहत दीर ऽनकल आय थ म जगल म एक जगह बठ हआ थ उसा समय एक स तरा मर पस आई वह

मिझ अपन सथ ल गई वह स तरा जगल म रह करता था उसकी झोपड़ा म म भा रहन लग वह स तरा

जगल म योग क अभयस ऽकय करता था मिझ पयर भा बहत करता था एक ऽदन ऽकसा कि छ करण

बस उसन मर मिाह पर थपपड़ मर ऽदय म करोध म आकर वह ा स चल ऽदय वही पर एक छोटा-सा नदा

बहता था उस नदा को पर करक म चल ऽदय मिझ उस स तरा न वपस आन क ऽलए बहत बिलय मगर

म वपस नही गय जगल क रसत पकड़कर म दीर चल गय म ऽकतना दीर तक चल गय यह मिझ

मलीम नही ह म भीख स वयकि ल होकर एक जगह रसत म लट गय और सो गय मिझ एक अपररऽचत

लड़क न आकर जग ऽदय उस लड़क की उमर 20-22 वषथ रहा होगा उसन मिझस पीछndash ldquoतिम कौन हो

कहा स आए हो‛ म बोलndash म भगकर आय ह ा मिझ बहत भीख लगा हrdquo वह लड़क बोलndash ldquoतिम

थोड़ा दर तक और रको म थोड़ा लकड़ा एकतर कर लीा ऽफर मर सथ चलनrdquo उस लड़क न पड़ स

योग कस कर 362

लकड़ा कटा और लकऽड़यो को बाधकर चल ऽदय म भा उसक सथ पाछ-पाछ चल ऽदय वह लड़क

मिझ एक आशरम म ल गय कि छ समय बद वह मिझ अपन गिर क पस ल गय उसक गिर न मिझ दख

और पीछndash ldquoबट कहा स आए होrdquo म बोलndash ldquoम भगकर आय ह ाrdquo ऽफर मन अपना समपीणथ बत

बतई कि छ समय तक वह योगाजा (गिरदव) मिझ गहरा दऽष ट स दखत रह ऽफर बोलndash sbquoबट अब तिम

यही रहोrdquo म वहा पर आशरम म रहन लग म जगल म जकर लकड़ा लय करत थ म भा वही पर

योग क अभयस करन लग ऽफर यहा योगाजा भऽवषय म मर गिरदव बन मन आजावन इसा आशरम म

योग क कठोर अभयस ऽकय

सधको इसम महततव पीणथ बत यह ह ऽजस स तरा क पस म जगल म लगभग दो-तान वषथ रह वह

स तरा वतथमन जनम म मरा गिरदव शरा मत जा हा ह शरा मत जा भा उस जनम म जगल म रहकर कठोर

योग क अभयस ऽकय करता थी इसम कोई शक नही ऽक वह मिझस बहत पयर करता थी उनक कोई

पितर नही थ वह मिझ पितर क समन रखता थी जब म उनक पस स चल गय तब उनह बहत दिःख हआ

उनहोन योगबल क परयोग कर सकलप ऽकयndash ldquoयह लड़क मिझ ऽफर ऽमल जएrdquo उस जनम म म ऽमल

नही ऽमल सक zwjयोऽक म आशरम म योग क अभयस करन लग थ उस जनम क बद म इस जनम म शरा

मत जा को ऽमल ह ा इस जनम म ऽकस परकर ऽमल और उनस अलग हो गय यह मर अनिभव पढ़कर

आपन जनकरा परप त कर ला होगा अब आप यह कह सकत ह म इस जनम म zwjयो ऽमल बाच क तान

जनमो म zwjयो नही ऽमल इसक करण सवय शरा मत जा क जनम ह शरा मत जा की ऽपछल जनम म

ऽकशोरवसथ म एक नग क डसन स मतयि हो गई था उस जनम म शरा मत जा को योग क अभयस

करन क समय नही ऽमल बाच क दो जनम शरा मत जा क अनय दह म चल गए इस जनम म शरा मत

जा न योग क अभयस ऽकय ह मिझ भा उमर क अनिसर योग क अभयस करन थ शरा मतजा न पीवथ

जनम म जो सकलप ऽकय थ वह पीर होन थ इसऽलए म सवय मत जा क पस पहाच गय ऽफर उनहोन

मिझ अपना इचछ स दाकष दा मिझ कि छ वषो तक उनक पस रहन क अवसर ऽमल तथ योग क

अभयस भा ऽकय ह उस जनम म म मत जा को छोड़कर चल गय थ इसा परकर पीवथ जनमो क

ससकरो क करण वतथमन जनम म म उनक आशरम तयग कर चल आय zwjयोऽक मिझ उततर भरत म

योग क अभयस करन थ और बहत स सधको क मगथदशथन करन थ

म अनय जनमो क ऽवषय म ऽलखन ऊऽचत नही समझत ह ा zwjयोऽक इस पिसतक म म अपन

अनिभवो क ऽवषय ऽलख रह ह ा

योग कस कर 363

म वतरकाल का गर

अब म एक बर ऽफर अपन घर की ओर आत ह ा म पहल ऽलख चिक ह ा मरा म ा की मतयि

ऽदलला म क सर क करण हो गई था सर पररवर ऽदलला म रहत थ मर लड़क की दखभल मरा मा

ऽकय करता था म ा की मतयि क बद ऽपतजा न लड़क की पढ़ई बनद कर दा लड़क घर आ गय म

उस पढ़ नही सकत थ zwjयोऽक मिझ सवय अपन खन व खचथ क ऽलए परशना रहता था इस ऽवषय म म

जयद नही ऽलखीाग zwjयोऽक म घोर कष ट स गिजर रह थ मन अपन लड़क को योग ऽसखन शिर कर

ऽदय मर पस और कोई रसत नही थ उस 28 ऽसतमबर सन 1995 की शम को अपन समन (लड़क

को) धयन करन क ऽलए बठय धयन पर बठत हा उसकी भऽस तरक चलन लगा भऽस तरक की आवज

सिन कर मन अपना आाख खोल दा अब म सोचन लगndash इस यह ऽकरय zwjयो हो रहा ह ऽफर म धयन पर

बठ गय मन धयनवसथ म दखndash लड़क की कि णडऽलना जगरत होकर ऊधवथ हो रहा ह अब म सोच म

डीब गय इसकी कि णडऽलना कस ऊधवथ हो गई तभा उसन अपना आाख खोल दा ऽफर उसन मिझ

बतयndash ldquoपप धयन म मन दखndash आकश म एक ऽशवऽलग ह उसम नग ऽलपट हआ ह वह नग

फन उठकर मिझ फी फकर रह ह नग क फन पर मऽण ह वह चमक रहा ह ऽशवऽलग पर फी ल ऊपर स

अपन आप ऽगर रह हrdquo मन उस अथथ समझय और ऽफर बोलndash ldquoजओ जकर सो जओ म सिबह चर

बज जगऊा ग तिमह ऽफर धयन करन हrdquo वह लड़क सोन क ऽलए घर चल गय

अब म सोचन लगndash धयन पर बठत हा इसकी कि णडऽलना ऊधवथ हो गई ऐस ऽकसा को कभा

नही हआ ह इसन अनिभव भा सिनय जबऽक यह लड़क योग स अपररऽचत ह तथ उसकी उमर भा

ऽबलकि ल कम ह वहधयन पर लगभग 8-10 ऽमनट बठ होग मन दीसर ऽदन सिबह ऽफर उस धयन पर

अपन समन बठय तब उसकी कि णडऽलना ऊधवथ होकर नऽभ चकर स ऊपर तक आ गई म समझ गय

ऽक यह अवशय ऽपछल जनम क महन योगा ह वह धयन पर ऽसफथ 5-7 ऽमनट बठत थ उतना हा दर म

उसकी कि णडऽलना ऊपर तक चढ़ जता था उस अनिभव इतन अचछ आत थ ऽक म आश चयथ म पड़ गय

उसकी मतर कि छ ऽदनो म कि णडऽलना पीणथ यतर कर ऽसथर हो गई मन समय क अनिमन लगय ऽक सढ़

प ाच घणट स 6 (छ) घणट क बाच म कि णडऽलना पीणथ यतर करक ऽसथर हो गई वह धयन करन क ऽलए

ऽसफथ प ाच ऽमनट हा बठत थ कभा-कभा तो वह दो ऽमनट हा बठत थ कि णडऽलना क वग इतन

जयद थ ऽक पाड़ क करण धयन स उसकी आाख खिल जता था जब वह धयन करत थ तब म

उसक समन बठत थ तऽक उस ऽकसा परकर की पाड़ न हो उसकी ऽदवयदऽष ट करण शरार स खिला

योग कस कर 364

हई था वह सब कि छ सथील आाखो स दख सकत थ उस खिला हई आाखो स पथवा क अनदर क सब

कि छ ऽदखई दत थ ऊपर क कि छ लोक खिला हई आाखो स दख सकत थ मिझ कि छ ऽदनो बद मलीम

हआ उसक ऽपछल जनम नम ऽतरकल ह अथ थत तानो कलो को जनन वल ह वह सऽषट क आरमभ स

लकर आज तक की घटनएा बतन म समथयथ रखत थ उसकी ऽदवयदऽष ट स कि छ भा बच नही सकत

वह कि छ भा बत सकत थ उसक नम दीर-दीर तक फल गय लोग दीर दीर स कि छ न कि छ पीछन

क ऽलए आन लग मगर मन सभा को मन कर ऽदय और कहndash म योगा ह ा ससररक कयो स मर कि छ

नही लन-दन ह कपय आप सभा लोग वपस हो जएा मन अपन लड़क स बरहमणड क ऽवषय म जञन

लन शिर कर ऽदय म उसस कि छ भा पीछत तब वह तिरनत उततर द दत थ zwjयोऽक वह ऽतरकलजञ थ

मन उस लड़क स अपना इचछनिसर जञन परप त ऽकय ऽफर म तप त हो गय और सोच अब मिझ इसस

कि छ भा जनकरा नही लना ह अब मिझ यद आय मिझस पहल कह गय थ ऽक आपक गिर उततर

भरत म ह इस जञन को परप त करन क ऽलए म अनय योऽगयो क ऽवषय म सोच करत थ मगर मिझ

मलीम नही थ ऽक मर हा लड़क मर मगथ दशथन करग उसकी ऽदवयदऽष ट महततव पीणथ था आजकल

पथवा पर ऽकसा भा योगा की ऐसा ऽदवयदऽष ट नही ह उस पना क अनदर ऽवदयमन बzwjटररय भा ऽदखई द

जत थ उसक सममन सीकषम शऽzwj तय ा भा करता थ इसा क करण म कि छ समय म ढरो शऽzwj तयो क

सवमा बन गय

मिझ बहत परसन नत था जब मर लड़क क नम चरो ओर फलन लग यह बत मर ऽपतजा को

बहत बिरा लगा zwjयोऽक उनकी चल फल हो चिकी था मिझ ऊपर क लोक वल ऽतरकल क गिर कहत थ

अब मिझ गिर शबद अचछ नही लगत थ zwjयोऽक म ऽकसा क गिर नही बनन चहत थ मिझ मगथदशथक

कह जए तो बिर नही लगत थ मरा ऊपर क लोक क योऽगयो स घऽनषठत हो गई था मिझ परकऽत क

ढरो रहसय मलीम हो चिक थ इस समय सवमा ऽशवननद हम दोनो क मगथदशथन कर रह थ ऽशवननद

सवमा जा इस समय तपलोक म रहत ह वह भा मिझ कि छ न कि छ जञन व लोको क ऽवषय म समझत रहत

थ पथवा पर जो भा कयथ मिझ करन होत थ वह बत दत थ वह भा मिझ ऽतरकल क गिर कहकर

समबोऽधत करत थ

योग कस कर 365

वतरकाल का वसओ स वमलना

ऽतरकल जब सधन कर रह थ तब उस धयनवसथ म अनिभव आयndash वह वसिलोक पहाच

गय आठो वसि ऽशवऽलग की पीज कर रह थ तभा ऽतरकल न उन वसिओ को नमसकर करन चह उसा

समय वसि बोलndash ldquoितरकाल तम अपन गर को नमसकार करो कयोिक म तमहार गर क ररीर म िवराजमान

ह तथा तमहार गर परतयि हrdquo उसा समय उसक धयन टीट गय और ऽफर उसन मिझ नमसकर ऽकय मन

उसस पीछ तिमन मिझ नमसकर zwjयो ऽकय तब वह बोलndash ldquoपप मिझस ऐस कह गय ह‛ ऽफर उसन

मिझ सरा बत बतई म आश चयथ म पड़ गय वसि भा मिझ ऽतरकल क गिर कहत ह म बोलndash ldquoधयन पर

बठो और वसिओ को मर परणम कहन और बोलन मर पप कहत ह म तिमहर गिर नही ह ाrdquo ऽतरकल

बोलndash ldquoशयद वहा अनिभव नही आय तोrdquo म बोलndash म शऽzwj तपत करत ह ा तिमह वहा अनिभव

आएग ऽफर मन उसक ऊपर शऽzwj तपत ऽकय ऽफर वह धयन करन लग कि छ समय बद उसन आाख

खोल दी और उसन मिझ बतयndash ldquoमिझ वहा अनिभव आय थ अनिभव म वसिओ न मिझ स कह आओ

ऽतरकल तिम अपन गिर की शऽzwj त पर हमर पस आए होrdquo ऽफर ऽतरकल न अपना बत उन सभा स कह

दाndash तब वसि बोलndash ldquoितरकाल तमहार गर को अपना िपछला समय याद नही ह कयोिक वह इस समय

मतयलोक म ह परकित की ओर स पवशकाल म िनिश चत कर िदया गया था िक वही तमहार गर होगrdquo ऽफर

म चिप हो गय zwjयोऽक वसि कभा असतय नही कह सकत ह

इस सऽषट म वसिओ की सखय ऽसफथ आठ हा ह ऽजस लोक म य आठो वसि रहत ह उस लोक को

वसि लोक कह जत ह य वसि ऽशव भzwj त होन क करण सदव भगवन ऽशव की पिज करत रहत ह

महभरत कल म दवा गग दरर जनम आठो पितर यहा वसि थ आठव वसि दवरथ थ जो भऽवषय म कठोर

परऽतजञ क करण भाषम ऽपतमह क नम स जन गए

सवामी वशवाननद जी दवारा मागशदशशन

सवमा ऽशवननद न धयनवसथ म एक बर मिझस कहndash आप गाव स बहर एक झोपड़ा बनइए

उसा म आप समऽध लगय करो भऽवषय म तिमह उस झोपड़ा म कि छ कयथ करन होग ऽफर मन नदा क

ऽकनर ग ाव स बहर एक झोपड़ा बन ला और उसा म धयन करन लग मिझ गिपत रप स वहा कि छ

योग कस कर 366

ऽसऽिय ा ऽसखई गई तथ मन समऽध क दरर अपन योगबल को बढ़न शिर कर ऽदय कि छ मतर मिझ

पीवथकल स ऽसि थ उन मतरो क परयोग करक उनस भा योगबल बढ़न शिर कर ऽदय ऽफर असाऽमत

योगबल क सवमा बन गय मिझ कि छ वरदन ऽमल उन वरदनो क उललख म यहा पर नही करा ग

zwjयोऽक य वरदन अतयनत गिपत ह म ऽसफथ आऽदशऽzwj त कि णडऽलना क वरदन क ऽववरण थोड़ स द रह

ह ा zwjयोऽक इसक परयोग मन सऽधकओ पर ऽकय ह उस आग ऽलखीाग

मन मत कि णडऽलना शऽzwj त को परसन न ऽकय थ उसन मिझ वरदन ऽदयndash ldquoतिमह योगबल की

कभा भा कमा नही होगाrdquo ऽजस समय मर वरदन क परयोग करोग उस समय वह कयथ हो जएग

zwjयोऽक वरदन तिमह शऽzwj त क ऽदय गय ह मगर धयन रखन कभा मर वरदन स अनिऽचत लभ नही

लन यह वरदन तिमहर ऽलए मतयि क बद भा कम करग सदव क ऽलए यह वरदन आपक पस रहग

ऽपरय सधको नवमबर सन 1995 स फरवरा सन 1996 तक क समय मर हा बहत अचछ रह

zwjयोऽक मिझ योग क ऽवषय म जो जनकरा करना था वह जनकरा हो चिकी था मिझ जो परप त करन थ

वह मन परप त कर ऽलय थ म तप त हो गय थ अब मिझ ऽसफथ योग क अभयस करन थ तथ शष

कमो को भोगकर नष ट करन थ

योग कस कर 367

सन 1996

वतरकाल को लकर वमरज अशरम जाना

सवमा ऽशवननद जा क कहन पर शरा मत जा स पतर वयवहर करन शिर कर ऽकय zwjयोऽक शरा

मत जा क गिरदव सवमा ऽशवननद जा हा ह मन पतर म ऽतरकल क ऽवषय म ऽलख थ शरा मत जा

और मर कि छ ऽदनो तक पतर वयवहर होन क बद ऽनश ऽचत हआ ऽक म ऽमरज जऊा ग मरा ऽमरज की

तयरा हो गई म और ऽतरकल 15 फरवरा 1996 को गोव एzwjसपरस स ऽदलला स ऽनकल और दीसर ऽदन

शम क समय पीन पहाच पीन रलव सटशन पर कि छ सधक मिझस ऽमलन आए तब मिझ मलीम हआ ऽक

अणण जा क सवगथवस हो चिक ह ऽमरज आशरम म शोक ह ऽफर म पीन म हा उतर गय और एक

सऽधक क घर चल गए zwjयोऽक वह सऽधक रलव सटशन पर मिझस ऽमलन आई था उसा क घर स मन

ऽमरज आशरम म समपकथ ऽकय तब ऽनश चय हआ म तान-चर ऽदन बद ऽमरज जऊा ग मरा और उस

सऽधक स योग समबनधा बत होना शिर हो गई उस अपन समन मन धयन पर बठय तब मन उस

बतय- ldquoआपकी कि णडऽलना ऽफर बठ गई ह मन कि णडऽलना को ऊधवथ कर ऽदय मर पस योगबल की

कमा नही था मन कि णडऽलना को ऊधवथ करक कणठचकर तक पहाच ऽदय दीसर ऽदन ऽशवरऽतर था सिबह

म और ऽतरकल उस सऽधक क सथ आऽलदा चल गए वह ा पर सत जञनशवरजा की समऽध पर कि छ

समय तक ठहर रह ऽफर दोपहर को वपस पीन आ गए

वपस आत समय रसत म मत कि णडऽलना शऽzwj त क सदश ऽमल आप इस सधक क

कणठचकर खोल दाऽजए म मत कि णडऽलना शऽzwj त स बोलndash ldquoमत म इसक कणठचकर कस खोल

सकत ह ा इस चकर को खोलन क ऽलए सधक को कई वषथ अथव कई जनम लग जत हrdquo मत

कि णडऽलना बोलीndash ldquoपतर मर वरदान का परयोग करो इसका कणठचकर खल जाएगाrdquo उसा समय मत

कि णडऽलना शऽzwj त न कणठचकर खोलन की मिझ ऽवऽध बतई वसतव म यह ऽवऽध बहत हा ऽवऽचतर था

और उतना हा गिपत भा था

योग कस कर 368

पना की सावधका का कणठचकर खोलना और कणडवलनी उधवश करना

आऽलदा स वपस आकर सऽधक को उसक कणठचकर क ऽवषय म बतय मरा बत सिनकर

सऽधक बहत परसन न हो गई कि छ समय बद मन सऽधक को अपन समन बठय और बोलndash ldquoम

आपक अभा कणठचकर खोल दीाग मिझ मत कि णडऽलना दरर आदश ऽमल हrdquo वह सऽधक परसनन

मिदर म था आऽखरकर मिझ उसक कणठचकर खोलन थ मन ऽतरकल स कहndash ldquoतिम अपना ऽदवयदऽष ट

स दखो म इसक कणठचकर खोल रह ह ाrdquo उसा समय उसक कणठचकर स (सऽधक क) आवज आईndash

ldquoआप मिझ खोल रह ह मगर इस जगह क कमथ कहा जएग पहल कमथ क परबनध करो मिझ बद म

खोलोrdquo उसा समय मर शरार म कि णडऽलना क वग (वरदन क वग) आन लग म तिरनत बोलndash ldquoह

चकर तिम खिल जओ यह मर आदश ह ह कमथ ती तान भगो म बाट ज एक भग क कमथ ऊपर लोको

म चल जए दीसर भग कऽलयिग ती गरहण कर ल तासर भग पथवा क वयिमणडल म वयपत हो जएrdquo

उसा समय सऽधक क शरार स कल-कल रग क कणो क रप म ढर सर कमथ ऽनकलन लग कि छ

कषणो म ऽनऽश चत मतर म कमथ ऽनकलकर सकलपनिसर जह ा पहाचन थ वह ा चल गय ऽफर मन

उसक कणठचकर खोल ऽदय जो तराक मिझ मत कि णडऽलना शऽzwj त न बतय थ उसा तराक क परयोग

मन ऽकय थ सऽधक न ऽफर मिझ बतयndash मर कणठचकर खिल गय ह इसकी मिझ अनिभीऽत हो रहा ह

वह अचऽमभत हो रहा था ऽक कणठचकर ऐस कस खिल गय मन उस बतयndash sbquoमिझ मत कि णडऽलना

शऽzwj त क वरदन परप त ह उसा क परयोग ऽकय हrdquo ऽफर बद म मन उस सऽधक की कि णडऽलना

आजञचकर तक ऊधवथ कर दा और उसक लघि मऽसतषक भा खोल ऽदय ऽफर 19 तराख को सिबह ऽमरज

क ऽलए ऽनकल चल ऽदय

वमरज अशरम म वतरकाल की परीकषा ली गइ

ऽमरज आशरम म म दोपहर बद तान-चर बज पहाच गय वह ा कि छ पररऽचत सधक भा थ वह ा

मिझ एक कमर द ऽदय गय म और ऽतरकल उसा कमर म आरम करन लग शम क समय घीमन क

ऽलए ऽनकल म तान वषथ बद यहा आय थ इसऽलए आशरम क आसपस क लोगो स भा ऽमल

आशरम क नzwjश हा बदल चिक थ पहल स अब बहत अचछ बन चिक थ कि छ कमरो क ऽनम थण

योग कस कर 369

भा हो चिक थ शम क समय शरा मत जा अपन घर स आशरम आ गई था मन उनह परणम ऽकय ऽफर

उनस दो-तान ऽमनट तक बत की दीसर ऽदन शम क समय ऽदलला क एक सधक ऽतरकल की पराकष लन

लग आशरम म उस समय ढरो सधक उपऽसथत थ ऽतरकल उनक परशनो क उततर दत रह लगभग एक

घणट तक उस सधक न ऽतरकल स ढरो परश न ऽकए ऽतरकल उसक उततर दत रह ऽफर वह सधक शनत

हो गय तब ऽतरकल बोलndash ldquoअकल जा आपन तो कि छ भा नही पीछ ऽसफथ ऽनचल सतर की बत करत

रह थोड़ जञन क ऽवषय म पीछत तो अचछ रहतrdquo वह सधक बोल- ldquoबट ठाक ह आपकी सधन

अचछा हrdquo ऽतरकल बोलndash ldquoअकल जा आप कहत ह मरा सधन बरहमरनधर म चल रहा ह मगर म दख

रह ह ा आपक अभा कणठचकर भा नही खिल हrdquo ऽफर वह सधक कि छ नही बोल ऽदलला क य सधक

ऽतरकल स पीछ रह थ उसक कहन हndash मिझ गौतम बिि धयन म योग क ऽवषय म बतत ह म वहा

शबद धयन क बद ऽलख दत ह ा

वमरज अशरम म सावधका का कणठचकर खोलना और कणडवलनी उधवश करना

तासर ऽदन आशरम म एक सऽधक (जलग ाव की) क कणठचकर खोलन क ऽलए मत कि णडऽलना

शऽzwj त क आदश ऽमल म उस सऽधक स बोलndash ldquoमिझ मत कि णडऽलना शऽzwj त क आदश ऽमल ह ऽक

म आपक कणठचकर खोल दीाrdquo वह सऽधक परसनन हो गई ऽफर अपन कमर म उस सऽधक को धयन म

बठकर पीन वला सऽधक की भ ाऽत इसक भा कणठचकर खोल ऽदय कणठचकर खिलन क इस

सऽधक को अनिभव भा आय तथ कि णडऽलना थोड़ा सा कणठचकर स ऊपर की ओर चला गई

कणठचकर खिलन क अनिभव सऽधक न शरा मत जा को सिनय मगर शरा मत जा उस सऽधक स कि छ

नही बोली चौथ ऽदन शरा मत जा न ऽतरकल को अपन कमर क अनदर बिलवय उसा समय म भा कमर

क अनदर चल गय तऽक शरा मत जा को ऽकसा परकर की बत करन म परशना न हो zwjयोऽक उस

समय शरा मत जा थोड़ ऊा च सिनता थी शरा मत जा न कहndash ldquoऽतरकल म परवता क अवतर ह ा

zwjय आपको मलीम हrdquo ऽतरकल बोलndash ldquoशरा मत जा आपको भरम हो गय ह आप मत परवता क

अवतर नही हrdquo इसा बत को लकर वद-ऽववद हो गय तब सवमा ऽशवननद क सदश आय आप

इसा समय ऽमरज आशरम छोड़ दाऽजए शरा मत जा ऽतरकल स बोलीndash ldquoआप पर तमऽसक शऽzwj त क

परभव पड़त ह इसऽलए यह ऽकरय होता ह मतयिजय मतर क जप ऽकय करोrdquo मिझ उस समय करोध आ

योग कस कर 370

गय मगर म कि छ नही बोल ऽफर म और ऽतरकल जलग ाव की सऽधक क सथ जलग ाव जन क ऽलए

चल ऽदए

जलगााव म सावधका का कणठचकर खोलना और कणडवलनी उधवश करना

दीसर ऽदन सिबह जलग ाव आ गय म अजी बहन क घर म ठहर गय ऽफर अजी बहन न इचछ

वयzwj त कर दाndash ldquoआननद भय आप मर कणठचकर खोल दाऽजएrdquo उसकी अभा कि णडऽलना भा ऊधवथ नही

हई था पहल मन उस धयन पर बठय ऽफर मन उसकी कि णडऽलना ऊधवथ कर दा कि णडऽलना को धार-

धार ऊधवथ करत हए उस कणठचकर तक लय इस कयथ को करन क ऽलए म मत कि णडऽलना क वरदन

परयोग करत थ जब कणठचकर म खोलन लग उसा समय कणठचकर स आवज आईndash ldquoआप कणठचकर

खोल रह ह यहा पर ऽसथत कमथ कहा जएागrdquo मन उसक कमो को वहन करन क ऽलए अपन आपस

अनिमऽत म ागा मर अतकरण स आवज आईndash ldquoम उसक कमथ क ऽजममदर नही ह ा और इसक

कणठचकर खोलन क ऽलए मरा आजञ नही हrdquo कमथ लन क ऽलए कोई तयर नही हआ मन कऽलयिग स

कहndash ldquoतिम अधमथ स यिzwj त हो तिमहर सवभव पप म ऽलपत रहन ह तिम इस सऽधक क थोड़ स कमथ ल

लोrdquo वह बोल-ldquoयोगा म उसक कमथ zwjयो गरहण करा rdquo मिझ उसा समय करोध आ गय म बोलndash

ldquoइसक अथथ यह ह म अपना इचछ स कि छ भा नही कर सकत ह ाrdquo उसा समय म बोलndash sbquoह कणठचकर

ती खिल ज म मत कि णडऽलना शऽzwj त क वरदन क परयोग करत ह ाrdquo कणठचकर म खिलन की ऽकरय होन

लगा तभा सऽधक क कणठचकर स तमोगिणा कमथ ऽनकलन लग मन उन कमो स कहndash ह कमथ ती

कऽलयिग म परवश हो जrdquo उस सऽधक क कमथ कऽलयिग क पस चल गए मगर कऽलयिग न कमथ लन स

इनकर कर ऽदय कमथ ऽफर वपस मर पस आ गए मिझ ऽफर कमो क अनदर स आवज आईndash ldquoम कहा

जऊा कऽलयिग न मिझ सवाकर करन स इनकर कर ऽदय ह मन कऽलयिग पर कि णडऽलना क वरदन क

परहर ऽकय ऽफर उसन कमो को ल ऽलयrdquo सधको मन यह कयथ बहत गलत ऽकय ऽक कऽलयिग पर

कि णडऽलना शऽzwj त क परहर कर ऽदय ऽफर मर कऽलयिग क सथ इसा बत को लकर झगड़ हआ

कऽलयिग बोलndash ldquoम अपन यिग म योऽगयो की दिगथऽत कर दत ह ा तिम ऽकस खत की मीला होrdquo म बोलndash

ldquoमर जस योगा अभा नही ऽमल होग तिम zwjय मरा दिगथऽत करोग म भऽवषय म वस भा अपन शष कमो

योग कस कर 371

को भोगीागrdquo ऽफर मन उस सऽधक की कि णडऽलना आजञचकर तक कर दा कि छ ऽदन जलग ाव रककर म

और ऽतरकल अपन घर कनपिर आ गए

घर वपस आकर म अपन योग क अभयस म गय म ऽदन क समय अपना झोपड़ा म रहत थ

वही पर धयन ऽकय करत थ रऽतर क समय घर आ जत थ घर म रऽतर क समय भा धयन ऽकय

करत थ मगर ऽतरकल अब धयन नही ऽकय करत थ वह इधर-उधर खलत रहत थ मन कई बर

उस समझय अब धयन ऽकय करो तो वह कहतndash ldquoमर मन धयन म नही लगत हrdquo म धयन नही

करा ग उस पर मर ऽपत जा क परभव होन लग थ

मझ शराप वमला

एक बर अचनक ऊपर क लोक की एक शऽzwj त स मर झगड़ हो गय यह धनवनतरा क ऽशषय

थ इनक नम कलयण थ मर और कलयण क झगड़ जयद बढ़ गय इनहोन मिझ अचनक शरप द

ऽदय मन सोचndash ldquoमन इनक zwjय ऽबगड़ ह जो इनहोन मिझ शरप द ऽदय‛ शरप ऐस थ ऽक मिझ सहन

नही हो रह थ मन बरहम (आकश) स कहndash ldquoह परम ऽपत मिझ अकरण शरप zwjयो ऽदय गय‛ मिझ

आकश स आवज सिनई दाndash ldquoयोगा यह तो मरा लालएा ह म zwjय करत ह ा zwjयो करत ह ा ऽकसा को

उततर दन क ऽलए बधय नही ह ाrdquo ऽफर मन परकऽत दवा स कहndash ldquoमत मर सथ ऐस वयवहर zwjयो ऽकय

गय‛ मगर परकऽत दवा चिप रही मन सभा स समपकथ ऽकय मगर ऽकसा न कोई सनतोषजनक उततर नही

ऽदय मन सवमा ऽशवननद जा स पीछ तो वह बोलndash ldquoम इस ऽवषय म कि छ नही कर सकत ह ा मिझ जो

बरहम आदश दत थ ऽसफथ म उनही कयो क म ऽनदशन करत थrdquo इतन कहकर सवमा जा समऽध म

लान हो गए अब म समझ गय मर सथ अवशय कोई घटन घटन वला ह कि छ समय बद मिझ करोध

आ गय म झोपड़ा म ऽतरकल को लकर आ गय मन ऽतरकल स कहndash ldquoतिम अपना ऽदवयदऽष ट स मिझ

सर हल बतत जओ zwjयोऽक तिमह मिझस जयद सपष ट ऽदखई दत हrdquo म योगबल क परहर करत ह ा

म बोलndash ldquoकहा ह कलयण समन परकट हो जओ मन सदव आपक आदर करत रह और तिमन मिझ

शरप द डलrdquo कलयण जा समन अनतररकष म खड़ हए ऽदखई दन लग वह बोलndash ldquoयोगी मरी इचछा

थी मन तमह शराप द िदयाrdquo म बोलndash ldquoतिम सीकषम जगत म ऽसथत हो इसऽलए यह मर दिभ थनय ह इस

समय कऽलयिग क रज चल रह ह मर यह सथील शरार कऽलयिग क आधान ह मगर यह मत समझन

योग कस कर 372

ऽक इस समय पथवा पर योगा हा नही रह गए तिमन zwjय समझकर मिझ शरप द ऽदय तो अब सिन ल

अपन शरप क यह दणड भोगोrdquo ऽफर मन एक ऽवशष परकर की ऽकरय की ऽजसस उनह कष ट की अनिभीऽत

होन लगा लऽकन कि छ कषणो क बद एक शऽzwj त न आकर मिझ समझयndash ldquoयोगी तमह कछ और भी

कायश करन ह इसक शराप का कोई कारण रहा होगाrdquo ऽफर और भा कि छ गिपत बत हई इस करण म उस

शऽzwj त की बत मन गय

सधको जब सधक कठोर सधन करत ह तब बहत समय बद उसक अनदर शिित आन पर

उऽचत समय पर चकर खिलन लगत ह अथ थत चकर खोलन क ऽलए सधक को अपन आनतररक ऽवकस

करन पड़त ह इसक बद तब चकर खिलत ह आनतररक ऽवकस न होन क करण और अशिित क

करण चकर अऽवकऽसत अवसथ म अशिित स ढक रहत ह जब सधक कठोर अभयस रपा कमथ

करत ह तब चकर क ऊपर ढकी अशिित अभयसनिसर धार-धार कम होन लगता हअशिित क

नश होन पर शिित क बढ़ जन पर चकर क ऽवकस-करम शिर हो जत ह कणठचकर खोलन क ऽलए

सधक को कई वषथ लग जत ह जयद तर सधको को कणठचकर खोलन क ऽलए अगल जनम क

इतजर करन पड़त ह अगर कणठचकर दस वषो तक सधन करन क पित खिलन ह तब सधक दस

वषथ तक पररशरम करक ऽचतत स कमो क नश ऽकय करत ह सभा परकर क कमथऽचतत म ऽवदयमन रहत

ह सधक अभयस क दरर ऽचतत स कमो क नश करत ह तब चकर खिलत ह जब तक ऽचतत स कमो

क नश नही होग तब तक चकर क ऽवकस नही होग अथ थत चकर नही खिलग म कि णडऽलना क

वरदन परयोग करक चकर खोलत थ ऐसा अवसथ म सधक क ऽचतत पर ऽसथत कमथ कहा जए उन

कमो को कौन भोगग कमो क ऽनयम होत ह उनह भोग कर हा नष ट ऽकए ज सकत ह

एक ऽदन ऽतरकल की ऽदवयदऽष ट छान ला गई उस ऽदखई दन बनद हो गय मिझ और ऽतरकल

को शरप द ऽदय गय शरप कि णडऽलना दवा न ऽदय ऽतरकल क ऽवचर बदल गए उसन योग करन बनद

कर ऽदय मन बहत समझय मगर वह मिझस हा ऽबगड़ गय वह ऽपत जा क कहन पर चलन लग म

समझ गय अब इसक पतन होन ऽनऽश चत ह मन योग क ऽलए ऽतरकल स कड़ई की ऽपतशरा पलन क

मितऽबक पहल स हाबठ हए थ मर ऽपतशरा मर ऊपर डडो स परहर करन लग बहत समय तक म मर

खत रह ऽफर म भा ऽपत जा स ऽभड़ गय मरा और उनकी दिशमना हो गई ऽतरकल भा मर दिशमन बन

गय घर स मर खन-पान बनद कर ऽदय गय डढ़ वषथ तक मन गाव वलो क यहा खन खय उसा

समय ऽदलला स सबस छोट भई आय उसन मर समन जबरदसता छान ऽलय ऽपतजा स जयद

योग कस कर 373

ऽतरकल मर दिशमन हो गय वह मरा दिगथऽत पर परसनन होत मन उस शरप दकर योगबल जमकर ऽदय

और भा ढरो परऽतबध (योग समबनधा) लग ऽदए तऽक ऽपतशरा ऽतरकल स योग स समबऽनधत गलत लभ

न ल सक वतथमन समय म वह योग क ऽवरोधा हो चिक ह म नही जनत ह ा वह कब ठाक होग उस

अब अपन ऽपछल शरप भोगन ह जो उस तपलोक म एक योगा न ऽदय थ

योग कस कर 374

सन 1997

शराप का परभाव कमजोर होना

कि णडऽलना क शरप एक सल क बद मिझ पर कि छ कमजोर पड़न लग मिझ शरप ऽमल खीब

कष ट भा भोग मगर योग बरबर करत रह zwjयोऽक मिझ जञन क दरर सब कि छ मलीम होत रहत थ

ऽकसा म भा इतना समथयथ नही थ ऽक कोई मर योग क अभयस को बनद कर द मिझ चह ऽजतन कष ट

भोगन पड़ मगर म योग बनद नही करा ग योग हा मर कमथ ह योग हा मर धमथ ह रहा बत कष टो की

मर सवय क कमथ हा मिझ ऽकसा-न-ऽकसा रप म कष ट द रह ह योगा वस भा सदव कष ट भोगत रहत ह

धमश-ऄथश-काम-मोकष

यह अनिभव मिझ 23 फरवरा 1997 को आय मन दख आसमन म घनघोर कल बदल छए

थ बदल इतन कल थ ऽक आसमन हा नही ऽदखई द रह थ म उनही कल बदलो क नाच भीऽम पर

लट हआ बदलो को दख रह थ तथ सोच रह थndash ऽक इन बदलो क रग इतन कल zwjयो ह उसा

समय मन दखndash कल बदल एक जगह स फटन लग कल बदलो क फटत हा ऊपर की ओर

चकचौध कर दन वल परकश ऽदखई ऽदय उसा समय फट हए बदलो क बाच स मर ऊपर परकश की

ऽकरण पड़न लगी ऽजसस मरा आाख चकचौध हो गई म अपना आाखो क ऊपर हथला लगकर ऊपर

की ओर दखन लग बदलो क बाच एक दरर हो गई था बदल ऽबखर नही थ कि छ कषणो बद फट हए

बदलो क बाच दरर म कि छ आकऽत सा बनन लगा म गौरपीवथक उस आकऽत को दखन लग वह

आकऽत बदलो की दरर स परकशपिज क सहर मरा ओर आन लगा उसा आकऽत क करण मर चरो

ओर परकश फल गय वह आकऽत मर ओर नजदाक आ गई तब वह सपष ट ऽदखई दन लगा मन दखndash

एक मनिषय घोड़ पर सवर थ वह मनिषय घोड़ स नाच उतर और मर पस आकर खड़ हो गय उसक

शरार समनय पिरष स जयद बड़ और बऽलष ट थ उसन ऽसर पर कि छ पगड़ा-सा बाध रखा था मर समन

खड़ होत हा उसन अपन दऽहन हथ मरा ओर बढ़ ऽदय और बोलndash ldquoवह तो नही आए ह अथव

ऐस समझो उनक आन क अभा समय नही आय ह इन कल-कल मघो क हटत हा वह आपक पस

योग कस कर 375

उपऽसथत होग मिझ उनक दीत अथव उनक पितर समझो मिझ उनही न भज ह और यह लो अब आप

इसक योनय हो गए होrdquo वह पिरष अपन दऽहन हथ मरा ओर ऽकए हए यह सब बत कह रह थ कि छ

समय क ऽलए म सोच मिदर म हो गय ऽक यह वयऽzwj त ऽकसक ऽलए कह रह हndash ldquoवह तो नही आए हrdquo

उसा समय मर अन तकरण स आवज आईndash ldquoयह बरहम क ऽलए कह रह हrdquo मर अनदर ऽवचर आयndash

ldquoअचछ तो यह बरहम क दीत अथव पितर ह म उसा पिरष को दख रह थ वह खड़ हआ मिसकर रह थ

उस पिरष क दऽहन हथ की हथला मरा ओर था वह कि छ दन चहत थ उसकी हथला पर कि छ रख

हआ थ मगर म समझ नही पय थ ऽक हथला म रखा वसति zwjय चाज ह शयद वह पिरष मर अनदर

की भवन को समझ गय होगrdquo वह पिरष बोलndash ldquoयह धमथ अथथ कम मोकष ह यह तिमह दन क ऽलए

मिझ भज गय हrdquo इतन कहत हा उसन मर दोनो हथो की हथऽलयो पर चरो वसतिएा रख दा म उन चरो

वसतिओ को आश चयथ चऽकत होकर दख ज रह थ ऽफर म उस पिरष स बोलndash ldquoउनस जकर कहन

मिझ य चरो वसतिएा zwjयो द दा ह धमथ अथथ व कम मिझ नही चऽहए मिझ इनस कोई कम नही ह म योगा

ह ा मिझ ऽसफथ मोकष चऽहएrdquo मगर वह पिरष कि छ नही बोल ऽसफथ कि छ कषणो तक मिझ दखत रह ऽफर

पाछ मिड़कर कि छ दीरा पर खड़ घोड़ पर सवर हो गय और वपस होकर परकश पिज म लिप त हो गय फट

हए कल बदल आपस म जिड़ गए ऽफर अधकर छ गय

ऄथश- ऽजस समय मिझ यह अनिभव आय थ उस समय म घोर कष टो स गिजर रह थ यह कल

बदल मर तमऽसक अहकर ह इस अनिभव म घोड़ पर सवर जो पिरष आय हआ थ उस योग की

भष म ldquoऽववक-खयऽतrdquo कहत ह ऽववक-खयऽत को बरहम की ओर स भज हआ दीत समझन चऽहय

ऽववक-खयऽत बरहम परऽप त क परवशदरर होत ह अभा मरा यह अवसथ नही आई ह यह अवसथ

भऽवषय म शाघर हा आ जएगा अनिभव म मन ऽसफथ मोकष को हा सवाकर ऽकय अनय तानो धमथ अथथ

कम को वपस कर ऽदय योऽगयो क इन तानो स zwjय लन दन ह अथ थत य तानो वसतिएा मर ऽलय

तयजय ह यह अनिभव ऽसफथ उनह आत ह ऽजनह भऽवषय म तततवजञन परप त होन ह

योग कस कर 376

सन 1998

ईननवत की ओर

यह अनिभव जनवरा मह म आय थ उन ऽदनो म बहत जयद धयन करन लग थ हमश

धयन म लग रहत थ म झोपड़ा म बठ हआ धयन कर रह थ मन दख- ऽकसा ऊा च सथन पर कबीतर

की तरह क एक पकषा बठ हआ ह वह अपना गदथन मोड़-मोड़ कर अपना चोच अपन पखो म मर रह

ह ऽफर वह अपन पख फलकर फड़फड़न लग यहा ऽकरय बर-बर कर रह थ उस पकषा को दखकर

म बोलndash ldquoयह पकषा उड़न चहत हrdquo इतन म मर धयन टीट गय

ऄथश- अब म सोचन लगndash इस पकषा क मतलब zwjय ह zwjयो उड़न चहत ह कि छ समझ म

नही आय म आाख बनद करक धयन पर बठ गय ऽक इस अनिभव क अथथ zwjय ह मन जञन स पीछ-

ldquoइस अनिभव क अथथ zwjय ह‛ जञन न बतयndash ldquoयोगा जो पकषा दख रह हो वह तिम हा हो पकषा उड़न

चहत ह इसक अथथ हndash अब तिम योग म शाघर हा तावरत स ओर आग बढ़ोगrdquo योग की भष म इस

ऽवहगम मगथ कहत ह

यह अनिभव ऊपर ऽलख अनिभव क कि छ ऽदन बद आय धयनवसथ म दखndash एक कल पकषा

आसमन म उड़ रह ह वह ऊपर की ओर तावर गऽत स ज रह ह ऽफर म धयन की गहरई म चल गय

कि छ समय बद यह पकषा ऽफर ऽदखई ऽदय अब वह अनतररकष म बहत ऊपर चल गय कि छ कषणो म वह

आाखो स ओझल हो गय उसा समय मर धयन टीट गय जयद धयन करन क करण शरार दिबथल हो

गय थ शिित की मतर अवशय बढ़ गई था

यह अनिभव जनवरा क तासर सप तह म आय धयनवसथ म दख- अतयनत तज परकश स यिकत

जगह ह वहा कल पकषा परकश क अनदर बठ हआ ह जो मिझ पहल अनिभवो म ऽदखई ऽदय थ म

यह भा समझ गय थ ऽक यह पकषा अब इसस ऊपर क ऽलए उड़न नही भर सकत ह zwjयोऽक इसक आग

आकश हा नही थ बऽलक परकश हा परकश थ परकश दरर छत जसा बना हई था वह कल पकषा

छत क नाच सट हआ बठ थ म समझ गय इस पकषा की उड़न समप त हो गई ह तभा अनिभव समप त

योग कस कर 377

हो गय यह पकषा कल इसऽलए ऽदखई पड़ रह ह zwjयोऽक मर तमोगिणा अहकर अभा समप त नही

हआ ह तमोगिणा अहकर समप त होन पर यह पकषा कल नही ऽदखई दग

यह अनिभव चौथ सप तह म मतरोचचरण करत समय आय उस समय म lsquoॎrsquo मतर क उचचरण

कर रह थ उसा समय मन परकश को तज पिज क रप म दख जब म ओकर करत थ तब तजपिज स

नाल रग क छलल ऽनकलकर धार-धार गोलकर रप म बड़ होकर समपीणथ बरहमणड म वयप त हो जत थ

यह मतर मिझ पीवथ जनम स ऽसि भा ह

बरहम अप मझ वदखाइ zwjयो नही दत ह

यह अनिभव 16 मचथ को आय एक सफद रग क चबीतर ह म उसचबीतर पर लट हआ ह ा

मर मिाह ऊपर आसमन की ओर ह हलक-हलक उजल फल हआ ह मन आसमन की ओर दखndash

आसमन म कोयल क कणो की तरह कल कल कण उड़ रह ह यह कण इतन घन और जयद मतर म

थ ऽक दखन म कल बदलो जस लगत ह आसमन कल बदलो जस परतात होत थ उसा समय मन

चबीतर पर लट हए हा ऊपर की ओर तज आवज म बोलndash ldquoबरहम आप मिझ ऽदखई zwjयो नही दत ह

कपय आप मिझ ऽदखई दrdquo मगर मिझ ऽकसा परकर क उततर नही ऽमल मन दिबर तज आवज म

बोलndash ldquoबरहम आप मिझ ऽदखई zwjयो नही दत ह‛ इस बर भा ऽकसा परकर क उततर नही ऽमल म कषण

भर आसमन की ओर दखत रह म ऽफर बोलndash ldquozwjय मरा आवज कोई सिन रह ह‛ इतन म अनतररकष

स आवज सिनई दाndash ldquoह ा म सिन रह ह ाrdquo मन अपना आाख बनद की तब मन दखndash ldquoमर समन अतयनत

तजसवा परकश हा परकश ह इसा परकश क मघय स आवज अपन आप उतपनन हो रहा थाrdquo म परकश

की ओर इतन आकऽषथत हआ ऽक टकटकी लगकर दखन लग zwjयोऽक इतन आकऽषथत परकश मन

कभा नही दख थ इसा परकश स ऽफर आवज आईndash ldquoयोगा म तिमह इसऽलए नही ऽदखई दत ह ा तिम

यह कल अधकर दख रह हो यह तिमहर अहकर ह इस अहकर को पहल समप त करो ऽफर तिमह मर

दशथन हो सक गrdquo उसा समय मन अपना आाख खोल दा म सफद चबीतर पर लट हआ थ आसमन म

कल अधकर छय हआ थ इतन म कल अधकर को चारत हआ ऊपर की ओर स हलक नाल रग

क चमकील तज परकश आय और मर ऊपर पड़न लग मरा आाख चकचौध हो गई मर धयन टीट

गय मन अपना आाख खोल दी

योग कस कर 378

मिझ अब भा तज परकश यद आ रह थ zwjयोऽक इतन आकषथक परकश मन कभा नही दख

थ इस परकश क समन सीयथ क परकश की कोई गणन हा नही था यह परकश इतन सिनदर थ ऽक म

कई ऽदनो तक उसा परकश की यद करक सोचत रह ऽक मिझ और कि छ नही चऽहए बस इसा परकश

को दखत रह ा

ऽपरय सधको ऽजस जगह स आवज उतपनन हो रहा था उस जगह पर lsquoॎrsquo की धवऽन सदव

उतपनन हआ करता ह यह ऽकरय वह ा पर सदव सवमव होता रहता ह ऽजस समय म बरहम स यह कह रह

थndash आप मिझ ऽदखई zwjयो नही दत ह उस समय मर मिाह स इतन जोर स योगबल ऽनकल रह थ ऽक

आसमन म छय हआ अधकर अननत ऊपर की ओर उड़त हआ चल गय थ मर और बरहम क बाच

यहा तमोगिणा अहकर हा अवरोध ह यह तमोगिण धार-धार हा अभयस क अनिसर हा हटग इस

तमोगिणा अहकर को समप त करत समय समज म ढर सर कष ट तथ मनऽसक zwjलश उठन पड़त ह

इस अवसथ म योगा को कष ट अपन आप आ जत ह इसऽलए योगा को जञन क सहर लन पड़त ह

तभा उसक आग क मगथ तय होत ह

बझ हए ऄगार की तरह बनना

यह अनिभव ऊपर ऽलख अनिभव क तान-चर ऽदन बद आय धयनवसथ म दखndash म अनतररकष

म बठ हआ ह ा मर समन थोड़ा दीरा पर एक तरण लड़की बड़ा तजा स मरा ओर आ रहा ह म उस

लड़की को गौरपीवथक दखन लग zwjयोऽक उसन हर रग क ऽवशष तरह स एक वस तर पहन रख थ म

सोचन लगndash इसक वस तर क रग बहत जयद गहर हर ह तथ वस तर पहनन क तराक भा बड़ ऽवऽचतर

स ह एक हा वस तर स लड़की क समपीणथ अग ढक हए थ म उसा की तरफ तटसथ होकर दख रह थ

उसक चहर पर ऽकसा तरह क भव नही थ जब वह लड़की मर ऽनकट आई- तब मन दखndash उसक हथ

म बहत बड़ बिझ हआ अगर ह म उस बिझ हए अगर की ओर दख रह थ वह लड़की मर ऽनकट आ

गई और बोलाndash ldquoयोगा तिमह इसक समन बनन ह दख रह हो यह पीरा तरह स शनत हो चिक ह ऽसफथ

रख क ढर मतर हrdquo उततर म म कि छ नही बोलndash म बिझ हए अगर की ओर दख रह थ वह लड़की

तजा स आग की ओर बढ़ गई अनिभव समप त हो गय

योग कस कर 379

ऄथश- बिझ हए अगर क अथथ ह- ऽकसा अगर पर पना डल दो तो अगर बिझ जएग अगर

की अऽनन समप त हो जएगा ऽसफथ रख क ढर रह जएग इसक अथथ हndash ldquoपीरा तरह स शनत हो

जनrdquo ऽकसा परकर क ऽवकर उतपनन न होन सभा परकर क कमो क नष ट हो जन बिझ हए अगर क

समन अवसथ परप त करन को ऽनवथण अथव मोकष कहत ह यह लड़की परकऽत (वयऽषट परकऽत) क

सवरप ह

यह अनिभव 25-26 मचथ को आय मन दखndash मन ऽकसा सथन पर खड़ ह ा मर समन एक

कि तत बठ हआ ह कि तत बहत सवसथ ह उसा समय मर समन एक वयऽzwj त परकट हो जत ह उस वयऽzwj त

क शरार परदशी ह उसन मिझस कहndash ldquoतिम इस कि तत को मर डलोrdquo उसा समय उस वयऽzwj त न मिझ

एक धरदर हऽथयर भा ऽदय मन उस वयऽzwj त क हथ स हऽथयर ल ऽलय तथ कि तत क शरार पर परहर

ऽकय कि तत जोर स चाख तथ मिझस बोलndash ldquoयोगा तिमन मिझ अकरण हा मर डल म तो वस भा

चल जतrdquo म कि छ नही बोल कि तत मर समन बिरा तरह स छटपट रह थ

ऄथश- सधको यह कि तत मर हा कमथ ह मन अपन कमथ बहत जयद मतर म नष ट कर ऽदय ह

तथ भोगकर समप त भा कर ऽदय ह अब भा मर ऽचतत पर शषकमथ ह

लकषमी जी का अशीवाशद

यह अनिभव मचथ क अऽनतम सप तह म आय रऽतर क समय धयनवसथ म दखndash एक सफद रग

क ऽवशल हथा क ऊपर एक स तरा बठा हई ह म उसक समन खड़-खड़ मिसकर रह ह ा स तरा बहत

सिनदर ह वह मिकि ट भा धरण ऽकए हए ह वह स तरा चर-प ाच इच चौड़ परदशी फीत जसा वसति मरा

ओर फ क रहा ह इस फीत स परकश स ऽनकल रह ह मर समन थोड़ा दीरा पर फीत क रप म परकश

पिज स जम हो गय म अपना जगह पर तटसथ खड़ हआ फीत को दख रह ह ा उस स तरा न फीत रपा

तज पिज को लन क इशर ऽकय मगर म कि छ नही बोल कषणभर क ऽलए उस स तरा न तरटक की भाऽत

मिझ पर दऽष ट डला म अब भा शनत खड़ हआ थ उसा समय फीत क रप म तज पिज अदशय हो गय

स तरा न अपन मिाह खोल और दोनो हथ की हथऽलय ा मरा ओर की मिाह व हथऽलयो स ऽवशष तरह की

चमकीला वसतिएा ऽनकलकर नाच की ओर ऽगरन लगी मर समन चमकीला वसति क ढर लग गय म

योग कस कर 380

तिरनत समझ गय ऽक यह मऽणयो की तरह कोई कीमता वसति ह वह स तरा बोलाndash ldquoयोगा इनह ल लो

(मऽणयो की ओर इशर करक)rdquo म बोलndash ldquoनही मिझ यह सब नही चऽहए आप कौन ह यह सब zwjयो

द रहा ह‛ वह स तरा बोला- ldquoयोगा पितर zwjय तिम मिझ नही पहचनत हो मिझ धयन स दखो म कौन ह ा‛

इतन कहत हा उस स तरा न मिसकर ऽदयrdquo म बोलndash ldquoह ा मत मन आपको पहचन ऽलय ह मगर आप

मा होकर भा यह चमकील पदथथ zwjयो द रहा ह यह मर ऽकस कम क ह म योगा ह ा कपय आप मिझ

आशावथद दाऽजए म महन योगा बनीाrdquo मत बोलीndash ldquoऐस हा होगrdquo ऽफर वह अदशय हो गई और

अनिभव समप त हो गय

ऄथश- अनिभव म ऽदखई दन वला स तरा मत लकषमा जा थी वह चमकील फीत जसा वसति मिझ

लन क ऽलए कह रहा थाndash म परोपकर रपा बधन म बध जत ऽफर मिझ आशरम य ससथ बनकर

चलन पड़त अगर म चमकीला मऽणयो जसा वसति ल लतndash तब इसा जनम म म धनवन बन जत

इसस मरा यश और कीऽतथ भा होता मगर मन यह सब सवाकर नही ऽकय इसाऽलए सदव धन क अभव

म जावन वयतात होत रह ह य सब वसतिएा योगा को पतन म धकल दता ह

तषणा और कणडवलनी

यह अनिभव भा मचथ क अऽनतम सप तह म आयndash म ऽकसा सथन पर बठ हआ ह ा चरो ओर

सिनहर परकश फ़ल हआ ह मरा दऽष ट समन की ओर गई समन थोड़ा दीरा पर एक घोड़ खड़ हआ ह

घोड़ सिडौल व रषट-पिषट ह घोड़ क पस एक नग परकट हो गय नग सिनहर व बहत सिनदर ह ऐस लग

रह थ मनो अऽनन म तपए हए सोन क बन हआ ह नग न अपन फन उठकर घोड़ की ओर दखndash

घोड़ अपना जगह पर चिपचप खड़ हआ थ नग न अपन शरार बहत लमब कर ऽलय ऽफर घोड़ क

पस पहाच नग न घोड़ क चरो परो को अपन शरार स दो-तान चzwjकर लग कर लपट ऽलय ऽफर नग

अपन शरार कड़ करन लग इस ऽकरय स घोड़ क चरो पर एक जगह एकतर होन लग इसऽलए घोड़

छटपटन लग उसन अपन एक पर नग की पकड़ स बहर ऽनकल ऽलय उसा समय नग न बड़ा तजा

स उस पर को ऽफर अपना लपट म ल ऽलय ऽफर नग अपना लपट कड़ा करन लग इसस घोड़ क परो

की दीररय ा कम होन लगी एक बर घोड़ ऽफर छटपटय घोड़ न अपन एक पर नग की पकड़ स ऽफर

बहर ऽनकल ऽलय बस यहा ऽकरय बरबर हो रहा था नग घोड़ क परो को अपना लपट म लत थ

योग कस कर 381

और घोड़ अपन (एक) पर बहर ऽनकल लत थ यह ऽकरय कि छ समय तक चलता रहा म दीर बठ

हआ हास रह थ ऽफर सोचन लग- यह सिनहर नग घोड़ क परो को zwjयो तोड़न म लग हआ ह इतन म

नग न घोड़ क परो को अपना लपट म कड़ करक घोड़ को ऽगर ऽदय ऽफर घोड़ क चरो परो को अपना

लपट स तोड़ ऽदय नग न अपना लपट क दरर घोड़ की पसऽलय ा भा तोड़ दी घोड़ बिरा तरह स

छटपट रह थ नग न घोड़ क शरार पर कई जगह डस ऽफर घोड़ अपना अऽनतम श वस ऽगनन लग

मगर घोड़ मर नही बऽलक जाऽवत बन रह

ऄथश- ऽपरय सधको घोड़ndash मरा तषण ह जो घोड़ क रप म ऽदखई पड़ रहा ह सिनहर नगndash

कि णडऽलना शकती ह कि णडऽलना अपन परभव स मरा तषण नष ट कर रहा ह वस योग म घोड़ मन क

परताक मन जत ह पर यह ा पर घोड़ क अथथ तषण स ह कि णडऽलना मर अनदर तषण क परभव को

नष ट कर करन क परयस कर रहा ह

भन हए चन

यह अनिभव मचथ क अऽनतम ऽदनो म आय धयनवसथ म दखndash म ऽकसा सथन पर बठ हआ

धयन कर रह ह ा उसा समय आवज आईndash ldquoयोगा यह लोrdquo मन अपना आाख खोल दा एक लड़की

अपना मिटठा म कि छ ऽलए हए मर समन खड़ा हई था उसकी मिटठा मर समन था म समझ गय इसा

लड़की न मिझ आवज दा ह म सोचन लगndash ldquoइस मिटठा म zwjय ह जो मिझ दन चहता हrdquo इस लड़की स

थोड़ा दीरा पर एक और लड़की खड़ा हई था दोनो लड़ऽकयो की उमर 20-20 वषथ लग रहा था मिझ सोच

मिदर म दखकर लड़की न अपना मिटठा खोल दा उसकी हथला म भिन हए चन थ म बोलndash ldquoयह तो भिन

हए चन हrdquo लड़की बोलाndash ldquoयोगा तिम इन चनो को चब लो अब तिम इसक योनय हो गए होrdquo मन उस

लड़की स भिन हए चन ल ऽलए और चबन लग कि छ कषणो बद दीसरा लड़की न भा अपन हथ मरा

ओर बढ़ ऽदय उसक हथ म भा भिन हए चन थ म बोलndash ldquoमर पस अभा चन ह पहल म इनह चब

लीाrdquo दोनो लड़ऽकय ा मिझस थोड़ा दीरा पर जकर बठ गई म भिन हए चन चब रह थ दीसरा लड़की अपन

हथ म अब भा चन ऽलए हए बठा था

योग कस कर 382

ऄथश- ऽपरय सधको भिन हए चन क अथथ हndash ऽकसा भा बाज को आग म भीनन क बद उसम

अकि रण की कषमत नष ट हो जता ह ऽफर उसक अनदर स अकि र नही ऽनकल सकत ह इसा परकर योगा

की योगऽनन स ऽचतत क समपीणथ कम थशय जल जत ह ऽचतत म ऽकसा परकर की वऽततय ा नही रह जता ह

इस अवसथ म कमो क न रहन क करण जावतम को भोग करन क ऽलए जनम गरहण नही करन पड़त

ह इसम एक लड़की परकऽत ह दीसरा लड़की मय ह परकऽत क ऽदए चन तो हमन चब ऽलए मय क

चन मन गरहण नही ऽकए इसक मतलब मय क परभव मिझ पर अभा बन रहग इस अनिभव क

अनिसर मरा अवसथ भऽवषय म आएगा इन अनिभवो स लगत ह कि छ समय बद शष कमो की समऽपत

हो जएगा ऽफर अभयसा क ऽचतत पर नय ससकर नही बनत ह उसा समय तमोगिणा अहकर भा नष ट हो

जएग

सवणशमय परष

यह अनिभव अपरल मह क परथम सप तह म आयndash म अनतररकष म बठ हआ ह ा अपन समन

थोड़ नाच की ओर दख रह ह ा नाच की ओर एक नदा जसा ह मगर इस नदा म सफद उजजवल दीध क

समन सफद पदथथ उबल रह ह इस नदा म बहव नही ह बस यहा सफद तरल पदथथ कही-कही पर

सरोत की तरह नाच स ऊपर की ओर उबल रह थ जगह-जगह पर उबलत हआ सफद पदथथ बहत हा

सिनदर ऽदख रह थ उसा समय मन दखndash एक सिनहर रग क पिरष ह उसक बल भा सिनहर हा ह इसक

समपीणथ शरार सोन जस पदथथ स बन हआ ह उसक शरार गठाल ह यह सिनहर पिरष अपन दोनो हथो

म एक लड़क को उठए ऽलए चल ज रह ह लड़क क शरार भा सवणथ क समन सिनहर रग क बन

हआ ह सिनहर रग क पिरष न नदा क अनदर परवश ऽकय जब वह नदा क बाच म पहाच तब म जोर स

हास मर हासन क करण यह थndash ldquoवह पिरष ऽजस लड़क को ऽलए ज रह थ वह लड़क कोई और

नही बऽलक सवय म हा थ म अतयनत सिनदर सिनहर शरार वल थ म उसा की ब ाहो म शनत लट हआ

थ पिरष बड़ आरम स नदा क अनदर चल ज रह थ म बोलndash ldquoदखो यह पिरष मर शरार को ऽलए

ज रह हrdquo ऽफर म चौक और सोचndash ldquoमर शरार पिरष ऽलए ज रह ह मगर म तो यह ा उसस दीर

अनतररकष म बठ हआ ह ाrdquo ऽफर मन अपन आपको दख तब मिझ अपन शरार हा नही ऽदखई ऽदय मिझ

बड़ आश चयथ हआ मर शरार हा नही ह म सवय अपन आप को नही दख प रह ह ा समन की ओर मर

योग कस कर 383

शरार सिनहर पिरष ऽलए ज रह ह म अपन शरार स बहत ऊपर ऽवदयमन ह ा ऽजस जगह पर म ह ा उस

जगह पर मर शरार हा नही ह मिझ ऽसफथ भऽषत हो रह ह ऽक म ह ा उसा समय मिझ होश आन लग

अनिभव समप त हआ

ऽपरय सधको यह अनिभव बड़ ऽवऽचतर स ह इस अनिभव म म सवय अपन शरार को नही दख

प रह ह ा मगर मर शरार मिझस ऽनचल सतर पर सिनहर रग क पिरष ऽलए ज रह ह सिनहर पिरषndash इस

पिरष को ldquoऽहरणयपिरष और ऽहरणयगभथrdquo कहत ह ऽहरणयगभथ बरहम जा को कहत ह जो बरहमलोक म रहत ह

तथ यहा सऽष ट की रचन करन वल ह मरा वसतऽवक ऽसथऽत इस सथन स बहत ऊपर ह उस सथन पर

योऽगयो क शरार अतयनत सीकषम होत ह इसाऽलए मर शरार ऽसफथ भऽषत हो रह थ ऽक म ह ा अथव मरा

उपऽसथऽत ह इस सथन पर योगा ऽसफथ धयनसथ रहत ह इचछ स रऽहत होकर धयनसथ होन क करण

समऽध क समय बहत हा जयद होत ह कमो क करण जनम क समय आ जन पर परकऽत की पररण

स समऽध भग हो जता ह अथव जररत पड़न पर जनम गरहण करक कठोर योग क अभयस करत हए

परकऽत क कयो म लग जत ह

म सवय तप त ह ा

यह अनिभव अपरल क परथम सप तह म आयndash म ऽकसा अतयनत तजसवा सथन पर बठ हआ ह ा

मर आसपस ढर समपीणथ सधक बठ हए ह मिझस थोड़ा दीरा पर ऊा च सथन पर एक सनयसा बठ हआ ह

उसन अपन शरार पर भगव वसतर धरण ऽकय हआ ह तथ उसक शरार अतयनत तजसवा ह वह योग क

ऽवषय म सधको को कि छ बत रह ह जब कोई सधक योग क ऽवषय म कि छ पीछत ह तब सनयसा जा

उततर द दत ह अपना-अपना समसयओ क हल हो जन पर सभा सधकगण उठकर चल जत ह म भा

वही पर बठ हआ उनह दखकर मिसकर रह ह ा मर अनदर भा उनक ऽलए बहत शरि ह जब सभा

सधकगण चल गए ऽसफथ म अकल रह गय तब उनहोन मिसकरत हए मरा ओर दख अपन सथन पर

बठ हआ हा मन सनयसा जा को परणम ऽकय मर परणम सवाकर करत हए उनहोन मिसकर ऽदय ऽफर

सनयसा जा बोलndash ldquoयोगा zwjय तिमह भा कि छ पीछन ह अथव योग म तिमहरा भा कोई समसय हrdquo म

बोलndash sbquoम सवय अपन आप म तप त ह ाrdquo ऽफर सनयसा जा ऽसफथ मिसकरए उनहोन आशाव थद मिदर म मरा

ओर हथ उठ ऽदय हम दोनो एक-दीसर की ओर दखकर मिसकर रह थ अनिभव समप त हो गय

योग कस कर 384

मरा शष कमश

यह अनिभव मधय अपरल म आयndash आसमन म सीयथ ऽनकल हआ ह सीयथ क परकश चरो ओर

फ़ल हआ ह उस परकश म कि त त क एक छोट-स बचच खड़ हआ ह वह अपना पीाछ ऽहल रह ह

और मरा ओर दख रह ह म भा मिसकर कर ऽपलल (कि त त क बचच) की ओर दख रह ह ा सधको यह

ऽपलल (कि त त क बचच) मर कमथ ह जो भऽवषय म धार-धार नष ट हो जएग

यह अनिभव अपरल मह क चौथ सप तह क हndash म ऽकसा सथन पर बठ हआ ह ा इतन म मर पस

कि त त क नवजत ऽशशि आ गय म बोलndash ldquozwjयो र ती इतन छोट कस रह गयrdquo वह मर परो क पस

आकर बठ गय मन अपन दोनो हथो स पकड़कर उस इतन जोर स दबय वह बिरा तरह स तड़पकर

आवज ऽनकलन लग उसकी आवज इतना तज था ऽक मर कनो को चिभ रहा था उसा समय मरा

आाख खिल गई अनिभव समप त हो गय

ऄथश- सधको दोनो अनिभवो स लगत ह मर कमथ अतयनत कम हो गय ह आऽखरकर मिझ

कमो को शीनय पर ल जन ह

वचतत पर सावतवकता का बढ़ना

यह अनिभव 2 मई को आय थ धयनवसथ म मन दखndash एक सफद रग की ऽचऽड़य न मर पस

स ऊपर की ओर अनतररकष म उड़न भरा और ऊपर अतररकष म उड़ा चला ज रहा ह आसमन म सफद

रग क बदल छय हए ह चरो ओर परकश फ़ल हआ ह ऽचऽड़य अपन पजो म एक मल दबए हए

उड़ रहा था यह मल बहत बड़ आकर म था वह मल परदशी व तज परकश स यिzwj त था उस मल

म नौ-दस ग ाठ अथव फी ल थोड़ा-थोड़ा दीरा पर बन हए थ ग ाठ अथव फी ल की दीरा आपस म बरबर

था म कभा सिनदर ऽचऽड़य को दखत थ कभा ऽवऽचतरनिम मल को दखत थ कभा आसमन म छय

हए सफद बदलो को दखत थ

ऄथश- सधको आकश म छय हए सफद बदल मर ऽचतत पर ऽसथत कमथशय हा ह जो

सऽतवकत को ऽलए हए ह कल पकषा की जगह अब ऽचऽड़य सफद ऽदखई दा था इसक अथथ ह- मर

योग कस कर 385

अनदर क तमोगिण धार-धार सफ हो रह ह म ऽजस तरह बदल पकषा कि त त क अथथ ऽलख रह ह ा

इसक मतलब यह नही ह ऽक अनय सधक भा इसा तरह स अनिभवो क अथथ ऽनकल हर सधक क

योग की ऽसथऽत क अनिसर एक हा दशय क अलग-अलग अथथ होत ह

वनवषकरय आवनदरयाा

यह अनिभव 6 मई को धयनवसथ म आयndash म झोपड़ा क अनदर बठ हआ ह ा बहर स ऽवऽचतर-

सा आवज आ रहा ह आवज सिनकर म झोपड़ा स बहर ऽनकल तो दखत ह ाndash झोपड़ा क बहर बहत

सिनदर हर-भर मदन ह सिनदर-सिनदर पड़ ह म उसा समय कहत ह ाndash मरा झोपड़ा ऽकतन सिनदर सथन पर

बना हई ह म यहा सोच रह थ ऽफर ऽकसा जनवर की आवज सिनई दा आवज ऐसा था जस घयल

अवसथ म करह रह हो मन आवज की ओर दखndash मिझस थोड़ा दीरा पर घोड़ क समन एक जनवर

बिरा तरह स तड़प रह ह वह भीऽम पर पड़ हआ ह उस जनवर क पट मिाह और चरो परो म मास नही

ह ऽसफथ हडडा हा हडडा ह उसकी राढ़ और गदथन म थोड़-स मास रह गय ह आश चयथ यह थ उस

अवसथ म भा तड़पन की आवज आ रहा ह इस दख कर म सोचन लग ऽक इसक मास कौन ख गय

उसक शरार स लगत थ वह सवय पहल शऽzwj तशला रह होग इतन म म दखत ह ा- मिझस बहत दीरा पर

(लगभग frac12 ऽकमा दीर) एक हथा खड़ हआ मरा ओर दख रह थ हथा स थोड़ा दीरा पर शर खड़ थ

इसा परकर मिझ कई जनवर खड़ हए ऽदखई ऽदए यह सभा जनवर अधथ वततकर रप म खड़ हए थ म

यह दखकर थोड़ सहम स गय ऽक मर ऊपर य जनवर हमल न कर द म झोपड़ा क अनदर आ गय

झोपड़ा क अनदर एक बहत सिनदर लौ (जयोऽत) जल रहा था कषणभर तक म उस जयोऽत को दखत रह

zwjयोऽक वह बहत सिनदर था झोपड़ा क अनदर परकश फ़ल हआ थ म जयोऽत स बोलndash ldquoअब तिम बिझ

जओ झोपड़ा क अनदर परकश दखकर जनवर हमल न कर दrdquo जयोऽत अदशय हो गई जयोऽत क

अदशय होन पर भा झोपड़ा क अनदर परकश फ़ल हआ थ अब झोपड़ा क अनदर स म जनवरो को

दखन लग झोपड़ा चरो ओर स बनद था ऽफर भा जनवर मिझ ऽदखई द रह थ ऐस लग रह थ मनो

ऽकसा न इनह पतथर की मीऽतथ बन ऽदय हो सभा जनवर ऽबलकि ल ऽनऽषकरय हए खड़ थ ऽफर म शनत

होकर आाख बनद करक धयन करन लग अनिभव समप त हो गय

योग कस कर 386

ऄथश- सधको घोड़ की तरह घयल जनवर मरा तषण ह जो अभा पीरा तरह समप त नही हई ह

zwjयोऽक वह घोड़ क रप म अभा जाऽवत ह मिझ अधथवततकर म खड़ मीऽतथ क समन ऽनऽषकरय जनवर

ऽदखई ऽदए वह मरा इचछएा आऽद ह वह ऽनऽषकरय-सा हो गई ह यह धयन रखनndash इऽनदरय ा अनतमिथखा

होकर ऽनऽषकरय-सा हो जता ह तथ जयद अभयस क करण ऽनऽषकरय सा हो जता ह यऽद इऽनदरयो को

अवसर ऽमल जए तो ऽफर ऽकरयशाल हो सकता ह झोपड़ा क बहर जो हर भर सिनदर मदन ऽदखई द

रह ह वह ऽचतत की भीऽम ह झोपड़ा- ऽचतत क ऽवशष सथन जो आल क समन अभसा को ऽदखई दत

ह यही पर दाप ऽशख क समन जलता हई जयोऽत ऽदखई दता ह जलता हई जयोता ऽचतत की सऽतवक

वऽतत होता ह म इस बिझन क ऽलए कहत ह ाndash ऽचतत वऽतत रऽहत होन पर ऋतमभर-परजञ क परकटय होत

ह ऽफर ऽचतत सवपरकऽशत स हो जत ह

सवचछ हो जा

ऊपर ऽलख अनिभव क 15-20 ऽमनट बद अनिभव आयndash म अपन बय हथ म एक मनव

आकर ऽलए हए ह ा यह मनव आकर पीरा तरह स चतनयमय स ह उसकी लमबई व आकर ऽबलकि ल

थोड़ा सा ह म अपन दऽहन हथ स मनव आकर की सफई कर रह ह ा सफ करत समय कह रह ह ाndash

ldquoदख भई ती पीरा तरह स सवचछ हो जrdquo इतन कहकर म ऽफर दऽहन हथ स उस सवचछ करन म लग

गय तथ सोच रह ह ाndash ldquoम इस इतन सवचछ करा ग ऽक इसक अनदर गनदगा नम की कोई चाज नही रह

जएगाrdquo कि छ समय बद वह मनव आकर सवचछ हो जत ह अब म दोनो हथो स उस मनव आकर

को पकड़ हए खड़ ह ा मन सोचndash ldquoअब म इसक zwjय करा ‛ यहा सोच रह थ उसा समय मिझ लग

यह मनव आकर मर अनदर क शरार ह ऽफर म सोचन लगndash ldquoयह मनव आकर मर शरार क अनदर

कस जएगrdquo बस सोचन भर की दर था मनव आकर मर हथो स छी ट कर मर शरार क अनदर परवश

करक अदशय हो गय इस ऽकरय पर मरा हासा छी ट गई ऽक मनव आकर मर शरार क अनदर सम गय

जबऽक म सवय मनव (मनिषय) ह ा मनव आकर चमकील नाल रग क परकश स बन हआ थ

ऄथश- सधको मनव आकर हलक नाल रग क परकश स बन होन क करण इसक अथथ हndash यह

मर करण शरार ह करण शरार को सवचछ ऽसफथ जञन हा कर सकत ह

योग कस कर 387

यह अनिभव 8 मई को आयndash ऽबलकि ल सवचछ चमकदर हलक नाल रग क आकश ह आकश

(अनतररकष) बहत हा सिनदर ह म गौरपीवथक आकश को दख रह ह ा और बहत हा परसनन हो रह ह ा म

आकश क ऊपरा भग म बठ हआ ह ा मन अपना दऽष ट थोड़ा नाच की ओर की तब उसा समय मिझ

एक पापल क पड़ ऽदखई ऽदय ऐस लगत हndash पड़ हजरो सल पिरन ह zwjयोऽक उसक तन ऽबलकि ल

बकर स हो गय थ तन की बहय परत ऽबलकि ल बकर सा व उसम छोट-छोट गडढ जसा हो गया ह

तथ तन भा सीख स ऽदखई द रह ह तन को दखकर लगत ह यह पहल ऽवशल वकष रह होग अब

तन स दो डऽलया ऽनकलकर ऊपर की ओर चला गई ह डऽलय ा भा ऽबलकि ल बकर सा हो गया ह

डऽलयो क अऽनतम ऽसर पर मतर कि छ पतत शष रह गए ह ह ा यह पतत हर अवशय थ जब मन इस पड़ को

दखndash तो बहत बिर लग मन सोचndash यह ऽकतन अचछ अनतररकष ह अनतररकष सवपरकऽशत ह ऽफर

यह गनद-स पड़ यह ा पर zwjयो खड़ हआ ह ऽफर मर अनदर स आवज आईndash ldquoय दोनो डऽलया भा

जयद ऽदन नही रह पएगा य सवय नष ट हो जएगाrdquo इतन म मरा आाख खिल गई

ऄथश- पापल क पड़ व डऽलय ा मर शरार व तषण स यिzwj त इचछएा ह पड़ म डऽलया ऽसफथ दो

हा ह यह सतय ह ऽक मरा इचछएा भा ऽसफथ दो हा ह य दोनो इचछएा बिरा नही ह बऽलक अचछा ह ऽफर

भा इन इचछओ को नष ट तो करन हा ह कि छ समय बद नष ट हो जएागा आवज भा सिनई दा थाndash

ldquoयह तन सवय नष ट हो जएगrdquo हलक नाल रग क परकश स यिzwj त सवचछ आकश मर हा ऽचतत ह ऽचतत

इसऽलए परकऽशत ऽदखई द रह ह zwjयोऽक सतवगिण क सवभव हndash ldquoपरकऽशत होनrdquo सतव गिण की

चतन तततव क अऽत नजदाक उपऽसथऽत रहता ह तथ सतवगिण म शिित क करण उसम परकऽशत होन क

गिण आ जत ह जस दपथण पर सीयथ क परऽतऽबमब पड़न पर दपथण दरर परकश ऽकरणो को पररवऽतथत कर

ऽदय जत ह उस समय ऐस लगत हndash दपथण परकऽशत हो रह ह इसा परकर सतवगिण सवय जड़ ह मगर

चतनतततव क अऽत नजदाक होन क करण अऽभवयजक परकश परकट हो जत ह इसऽलए वह सवय

परकऽशत स ऽदखई स पड़त ह जबऽक ऽचतत जड़ ह

ऄमत वषाश

यह अनिभव 16 मई को आय म धयन करक बठ हआ कि छ सोच रह थ उसा समय मरा

आाख बनद हो गई मन दखndash ldquoमर समन अनतररकष म बहत हा दीर स कोई वसति मरा ओर आ रहा ह कि छ

योग कस कर 388

समय बद मरा ओर वह वसति नजदाक आ गई तब उसक सवरप सपष ट ऽदखई दन लग वह तब क

एक बड़-स लोटनिम पतर थ लोट क मिाह ऊपर की ओर थ वह लोटनिम पतर मर ऽसर क ऊपर

आकर रक गय अब उस पतर क मिाह नाच की ओर ऽतरछ होन लग तब मन दख लोटनिम पतर क

अनदर पना जस तरल पदथथ भर हआ ह वह पदथथ पना स थोड़ जयद गढ़ लग रह थ तथ रग म

भा ममीला-स अनतर थ उस पतर क मिाह नाच की ओर होत हा पना जस पदथथ मर ऽसर क ऊपर ऽगरन

लग ऽसर क ऊपर ऽगर वह तरल पदथथ मर समपीणथ शरार क अनदर वयप त हो रह थ उस समय मिझ

बहत अचछ लग रह थ मिझ लोटनिम पतर स ऽगरत हआ तरल पदथथ ऽदखई द रह थ मिझ अपन

ऽसर भा ऽदखई द रह थ समपीणथ शरार म तरल पदथथ वयप त होत हए भा दख रह थ कि छ समय तक

उस पतर स तरल पदथथ ऽगरत रह मगर उस पतर स तरल पदथथ कम नही हो रह थ ऽफर वह पतर अपन

आप साध हो गय ऽफर मर ऽसर पर तरल पदथथ ऽगरन बनद हो गय तब पतर मिझस दीर जन लग ऽजस

मगथ स आय थ उसा मगथ स वपस जन लग धार-धार मिझस दीर होत हआ अनतररकष म अदशय हो

गय म उस सथन को दख रह थ जह ा पर वह पतर अदशय हआ थ

कि छ कषणो म उसा सथन स ऽफर कि छ आकऽत-सा परकट हो गया म उस आकऽत को गौरपीवथक

दख रह थ वह आकऽत अननत दीर स मरा ओर आन लगा वह आकऽत मर पस आन पर सपष ट ऽदखई

दन लगा वह दखन म तब क कलश जस थ वह मिझस थोड़ा दीरा पर आकश म आकर रक गय

ऽफर वह ऽतरछ होकर उसक मिाह थोड़-स नाच की ओर हआ मन दखndash इस कलश क अनदर भा

पहल जस तरल पदथथ भर हआ थ कलश क ऽतरछ होत हा वह तरल पदथथ नाच की ओर ऽगरन

लग कलश पीरा तरह स उलट हो गय वह तरल पदथथ बहत जयद मतर म नाच की ओर ऽगर रह थ

मन सोचndash यह तरल पदथथ ऽकस जगह ऽगर रह ह मन दऽष ट थोड़ा नाच की ओर की तो दखndash एक बहत

बड़ ऽशवऽलग ह वह तरल पदथथ ऽशवऽलग पर ऽगर रह ह ऽशवऽलग पर ऽगर हआ तरल पदथथ वही पर

अदशय हो जत थ म यह दख कर मिसकर रह थ तथ सोच रह थ ऽक तमर पतर क पदथथ कम नही

हो रह ह ऽशवऽलग पर ऽगर हआ पना भा अदशय हो जत ह थोड़ा दर म कलश साध अपना जगह पर

साध हो गय उसम तरल पदथथ जयो-क-तयो भर हआ थ कलश मिझस दीर वपस अनतररकष म लौटन

लग ऽजस मगथ स आय थ उसा मगथ स वपस जन लग कि छ कषणो म कलश अदशय हो गय

यह अनिभव धयन म नही आय थआाख अपन आप बनद हो गई थी उसा समय यह अनिभव

आय थ मन लोट और कलश की तरह पतर क वणथन ऽकय ह यह दोनो पतर लोट और कलश क

योग कस कर 389

समन ऽमलत-जिलत थ मगर पतर बहत सिनदर थ उनक बहरा सतह पर नzwjकशा बना हई था दोनो पतरो

म एक हा पदथथ थ मन बद म अपन जञन स पीछ तब जञन न बतयndash यह तरल पदथथ सधको क ऽलए

अमत क समन होत ह वह पदथथ ऽगरत समय समपीणथ शरार म वयप त होकर अदशय हो रह थ इस

ऽकरय स ऐस लग रह थ मनो म तप त हो रह ह ा इसऽलए म परसनन हो रह थ

ऊपर ऽलख अनिभव क बद यह अनिभव आय धयन करन क पश चत म lsquoॎrsquo मतर क जप

करन लग जप करत समय हा मर धयन लग गय उसा समय मिझ छोट-स अनिभव अपन शरार क

अनदर आय मन दखndash एक ऽबलकि ल छोट-स कछि ए क बचच ह उसन अपन परो व मिाह को अपन

शरार क अनदर स बहर ऽनकल ऽलय चरो परो व मिाह को भीऽम म ऽचपकए हए वह ऽबलकि ल शनत मिदर

म बठ हआ ह वह ऽबलकि ल ऽहल-डिल नही रह थ थोड़ा दर म उसक समपीणथ शरार पर छोट-छोट कट

स उभर आए शरार पर कट उभरन क करण छटपटन-स लग ऽफर कि छ कषणो म उसकी मतयि हो गई

म चौकndash यह तो मर गय यह सोच हा रह थ ऽक इतन म एक अदशय शऽzwj त न कछि ए क बचच को पाछ

की ओर खीच ऽफर कि छ कषणो म मर हए कछि ए क बचच अदशय हो गय

ऄथश- मिझ इस अनिभव स बड़ा परसननत हई कछि ए क बचच इऽदरयो क समीह क परताक ह

अनिभव म कछि ए क बचच मरत हआ ऽदखई ऽदय ऽफर कि छ समय म वह मर भा गय इसक अथथ ह-

मरा इऽनदरय ा मर हए क समन हो गया ह धयन दन योनय बत हndash इऽनदरया कभा मरता नही ह वह अभयस

क परभव स अनतमिथखा होकर धार-धार सीकषम अवसथ म चला जता ह सधक को एक अवसथ ऐसा

आता ह इऽनदरय ा मर हए क समन हो जता ह जब तक अभयसा को तततवजञन की परऽप त नही हो जता

ह तब तक अभयसा को सदव सतकथ रहन चऽहए जर सा भा असवधना हई तो य इऽनदरया बऽहमिथखा

हो सकता ह और अभयसा क पतन भा हो सकत ह इसऽलए अभयसा को सदव सतकथ रहन चऽहए

कभा लपरवहा नही बरतना चऽहए

धमश कााटा

यह अनिभव मिझ 22-23 मई की रऽतर को आय मन योग ऽनदर म दखndash हलक नाल चमकील रग

क परकश वल अनतररकष ह उस अनतररकष म एक तरजी ह तरजी इतन बड़ व ऽवऽसतरत ह वह समपीणथ

अनतररकष म समय हआ ह म उस तरजी क क ाट दख रह ह ा क ाट कभा दऽहना ओर होत ह तो कभा

योग कस कर 390

बयी ओर होत ह यहा ऽकरय जलदा-जलदा हो रहा ह मरा दऽष ट तरजी क पलड़ो पर गया दोनो पलड़

करमशः ऊपर नाच हो रह ह म यहा ऽकरय दख रह ह ा मर अनदर ऽवचर आयndash यह तरजी ऽसथर zwjयो नही

हो रह ह कि छ कषणो बद मर अनिभव समप त हो गय

ऄथश- जब मन अपना आाख खोला तो सोचन लग- इस तरह तरजी zwjयो ऽदखई द रह थ ऐस

तरजी तो भगवन धमथरज जा क पस ह वह तरजी बरहमणड क धमथ-अधमथ क ऽनणथय करत ह यह तरजी

मिझ zwjयो ऽदखई ऽदय तथ क ाट ऽसथर zwjयो नही थ इसक अथथ हndash धमथ अथव नयय की कही पर

गड़बड़ा अवशय ह अधमथ की मतर बढ़ गई ह सधको यह तरजी भगवन धमथरज क समन सदव

उपऽसथत रहत ह यह धमथ-अधमथ और नयय-अनयय क ऽनणथय करत ह

मवणपरभा

यह अनिभव मिझ जीन म आय मन दख- म नाल अनतररकष म खड़ हआ ह ा मिझस थोड़ा दीरा पर

ऊपर की ओर एक अतयनत उजजवल (सफऽटक क समन) मऽण चमक रहा ह मिझ वह मऽण बहत अचछा

लग रहा था उसा समय म मऽण क पस अपन आप पट क बल लट हए पहाच गय मऽण स मर मिाह मतर

एक फीट की दीरा पर थ जस हा म लट हए मऽण क पस पहाच मऽण क परकश मर मिाह पर पड़न लग

मर शरार मऽण क चरो ओर चकर क समन घीमन लग मऽण अपना जगह पर ऽसथर बना हई था मर

शरार मऽण क चरो ओर घीमन क करण मिाह भा मऽण क चरो ओर घीम रह थ मगर मरा दऽष ट मऽण पर

हा ऽसथर था कि छ कषणो बद मर शरार ऽसथर हो गय म मऽण को अब भा टकटकी लगए हए दख रह

थ म मिसकर रह थ तथ सोच रह थndash यह मऽण ऽकतना सिनदर ह म मऽण की फला हई परभ को दख

रह थ परभ म बहत हा जयद आकषथण थ ऽफर यह मऽण मिझस थोड़ा दीर ऊपर की ओर हो गई ह और

अदशय हो गई अब म नाल परकशमन अनतररकष म खड़ हआ थ तभा मर अनिभव समप त हो गय

ऄथश- सधको म नाल अनतररकष म खड़ हआ ह ाndash यह नाल अनतररकष सवय मर ऽचततकश ह

नाल परकशमन इसऽलए ऽदखई द रह ह zwjयोऽक वह करण जगत स समबऽनधत ह मऽण- यह ऽचतत की

एक सऽतवक वऽतत ह जो मऽण क रप म ऽदखई द रहा ह यह ऽचतत की उचच अवसथ क परताक ह जब

सधक को इस परकर मऽण ऽदखई द तो समझ लन चऽहए ऽक कि छ समय बद सधक को उचचऽसथऽत

योग कस कर 391

परप त होन वला ह सधक की कि णडऽलना जब ऽसथर जो जता ह ऽफर भा वह समऽध क अभयस करत

रहत ह तब बहत समय बद धयनवसथ म (समऽध अवसथ म) सीयथ ऽदखई दत ह यह सीयथ एक बर

अथव कई बर ऽदखई द सकत ह ऽफर अभयस बढ़न पर चनदरम ऽदखई दन लगत ह यह चनदरम

पीऽणथम अषटमा अथव अनय ऽतऽथयो की भाऽत ऽदखई दत ह मगर यह चनदरम बहत सिनदर होत ह

चनदरम म ऽकसा परकर क धबब ऽदखई नही दत ह वह ऽबलकि ल सवचछ उजजवल होत ह सथील

चनदरम की तरह नही ऽदखई दत ह सधक क अभयस जब और अऽधक बढ़त ह उस समय शष

ससकरो को भा भोगत रहत ह इस अवसथ म ऽचतत म तमोगिण ऽवदयमन रहत ह इस तमोगिण को

समप त करन क ऽलए सधक को अऽत कठोर सधन करना पड़ता ह तथ इसा समय सधक पर घोर

परशऽनया भा आ जता ह zwjयोऽक शष ससकर भोग रह होत ह यऽद सधक की कठोर सधन चल

रहा ह तब उस धयनवसथ म कभा-कभा आकश म कल बदल ऽदखई दग य सधक क तमोगिणा

कमथशय होत ह जो इस रप म ऽदखई दत ह उसा घन कल बदलो क बाच म कभा-कभा एक

चमकदर तर (नकषतर) ऽदखई दत ह ऽफर वह लिप त हो जत ह कल बदलो क बाच म यह तर बहत

सिनदर ऽदखई दत ह ऐस लगत ह ऽक एक बर ऽफर ऽदखई द

सधको इन ससकरो को भोग लन पर यह कल बदल नष ट हो जत ह zwjयोऽक तमोगिण कम हो

जत ह इस अवसथ म सधक को सथील जगत म घोर अपमन सहन पड़त ह इसऽलए कह गय ह ऽक

य शष कमथ zwjलशतमक होत ह इन zwjलशतमक कमो को भोगत समय सधक की तषण कम होन लगगा

zwjयोऽक ऽजसक परऽत तषण होता ह उसा स सधक को कष ट ऽमलत ह अपन सग समबऽनधयो व ऽमतरो स

कष ट भोगन पड़त ह वस समज म ऽकसा स भा कष ट ऽमल सकत ह इन कष टो क करण उस सथील

जगत स अरऽच हो जता ह यऽद दीसरा ओर स सोच तो यह कष ट सधक क ऽलए लभकरा होत ह

इसस भौऽतक ससर स लगव छी ट जत ह और जञन ऽमलन लगत ह जब सधक को मऽणपरभ क दशथन

हो तो समझ लन चऽहए ऽक उस उचचऽसथऽत परप त होन वला ह यह मऽण सफऽटक क समन सवचछ

होता ह कि छ समय बद सधक क ऽचतत सफऽटक क समन सवचछ होन लगत ह यह ऽचतत की सबस

उचच अवसथ होता ह सधको कि णडऽलना ऽसथर होन क बद कई वषो तक कठोर अभयस करन पर सीयथ

चनदरम नकषतर व मऽणपरभ आऽद ऽदखई दता ह यह ऽचतत की अवसथएा होता ह zwjयोऽक यह वऽतत शिि

सतवगिण की होता ह इसऽलए मऽण क सवरप धरण कर लता ह इस अवसथ म ऽचतत पर अभा भा थोड़

स ससकर-शष ऽवदयमन रहत ह जो कि छ वषो म सधक भोगकर समप त कर दत ह यह अवसथ सधक

योग कस कर 392

को अऽनतम जनम म ऽमलता ह जो ऽबरल सधको को परप त होता ह इस अवसथ को सधक इस भीलोक

पर ऽकतन ह यह बत पन बड़ मिऽशकल ह

सफलता पर सवार

यह अनिभव जीन मह म आयndash म नवल क ऊपर सवर ह ा नवल अऽत तावर गऽत स मिझ ऽलए

ज रह ह मर समन बहत हा ऊा च पहड़ ह मगर नवल न अऽतशाघर मिझ कल पहड़ की चोटा पर

पहाच ऽदय पहड़ की चोटा पर पहाच कर मन चरो ओर दखndash नाच की ओर बहत गहरा खई था म

नवल की पाठ स उतर कर गय खड़ हो गय नवल तजा स चोटा क थोड़ स (पहड़ क) नाच एक

जगह पर बठ गय म जोर-जोर स हास रह थ म बोलndash मिझ ऊपर चढ़कर आप (नवल) नाच जकर

कस आरम स बठ गए पहड़ क सबस ऊा चा चोटा पर खड़ हआ म हास रह थ चरो ओर तज सिनहर

परकश फ़ल थ अनिभव समप त हो गय

ऄथश- सधको नवल छोट-स हा परणा होत ह मगर म उसक ऊपर बड़ आरम स बठ गय

पहड़ की चोटा बहत ऊा चा था मगर वह तिरनत चढ़ गयndash म तावर गऽत स सफलत परप त करा ग पहड़

क रग कल थndash शष ससकर zwjलशतमक और तमोगिणा होत ह पहड़ इनही क परताक ह म कल

पहड़ क ऊपर चोटा पर खड़ हो गयndash अथ थत भऽवषय म म तमोगिणा ससकरो परशऽनयो व कष टो पर

ऽवजय परप त करा ग

माया और ऄववदया

यह अनिभव 5 अगसत को आय थndash म ऽकसा ऊा च सथन पर बठ हआ ह ा मिझस बहत दीरा पर

थोड़ नाच की ओर एक पिरष खड़ हआ ह उस पिरष क हथ म (बय हथ म) दो रऽससय ा ह इन दोनो

रऽससयो क एक ऽसर अपन बय हथ म पकड़ हए ह इन रऽससयो क दीसर ऽसरो पर दो ऽस तरय ा अलग-

अलग बाधा हई ह ऽस तरयो क शरार म रऽससय ा ऽलपटा हई थी ऽफर रससा क फद गल म फा स हआ थ

पिरष स य दोनो ऽस तरय ा थोड़ा दीरा पर खड़ा हई थी य ऽस तरय ा पिरष स बहत डर रहा थी दशय ऐस थndash जस

योग कस कर 393

बनदर नचन वल मदरा बनदर क गल म रससा बाध रहत ह ठाक इसा परकर पिरष ऽस तरयो क गल म

रससा क फद डल हए थ और रऽससयो क भा ऽखचव ऽकए हए थ पिरष रऽससयो स झटक दकर

ऽस तरयो क ऽखचव कर रह थ ऽस तरय ा उसस डर कर थर-थर क ाप रहा थी म दीर बठ हआ इसदशय को

दख कर हास रह थ और मन म कह रह थndash ldquoपिरष इन ऽस तरयो को बनदर की भाऽत नच रह हrdquo पिरष न

ऽस तरयो स कि छ कहndash ऽस तरयो न lsquoह ाrsquo म अपन ऽसर ऽहलय उसा समय पिरष न एक स तरा को रससा क

सहर झटक ऽदय और बोलndash ldquoचल इसस मफी माग ऽफर यहा स चला जrdquo जो स तरा आग की ओर

खड़ा हई था वह फशथ पर दणडवत रप म लट गई और मफी मागन लगा ऽफर बोलाndash ldquoअब म उस

परशन नही करा गा मर परभव उस पर नही रहगrdquo म यह दशय बहत दर स दख रह थ म सोचन

लगndash ldquoयह मफी ऽकसस माग रहा हrdquo यह मिझ नही मलीम हआ य ऽस तरय ा इस पिरष स इतन zwjयो डरता

ह वह स तरा अब भा फशथ पर पट क बल लटा हई हथ जोड़ मफी म ाग रहा था उसा समय मर अनिभव

समप त हो गय

ऄथश- सधको य दोनो ऽस तरया समनय ऽस तरया नही थी एक स तरा हरा सड़ा पहन हए था एक स तरा

लल सड़ा पहन हए था दोनो की सऽड़यो म ऽसतर लग हए थ तथ ऽसर पर छोट-छोट सिनदर मिकि ट लग

हए थ य ऽस तरय ा मय और अऽवदय थी जो स तरा लटकर मफी माग रहा था वह अऽवदय था दीसरा स तरा

जो लल रग की सड़ा पहन हए था वह मय था वह पिरष जो दोनो ऽस तरयो को रससा स ब ाध हए थndash

वह पिरष जञन क परताक ह इस अनिभव स एक बत सपष ट होता ह जब अऽवध मफी मागन लग और

सवय कह उसक परभव अभयसा पर नही रहग अथव नही पड़ग तब समझ लन चऽहए अभयसा को

भऽवषय म तततवजञन की परऽप त होन वला ह

तराज

यह अनिभव11अगसत को आय थ मन दखndash मर समन एक तरजी बहत बड़ सइि क ह

तरजी क दऽहन पलड़ पर म बठ हआ ह ा बय पलड़ पर कि छ रख हआ ह उस पलड़ म zwjय रख हआ

ह यह म नही जन सक उसा समय तरजी क दोनो पलड़ बरबर होन को हए मगर मर वल पलड़

ऊपर की ओर उठत उसा समय ऽमिा की बना ब ाबा वही पर परकट हो गई ऽजस पलड़ पर मन बठ हआ

योग कस कर 394

थवह पलड़ बाबा म अटक गय मन खड़ हआ दीर स दख रह थ म बोलndash ldquoयह बाबा मर ऽलए

अवरोध हrdquo अनिभव समप त हो गय

ऄथश- इस अनिभव म म दो सवरपो म ह ा एक- तरजी पर बठ हआ ह ा दसरा- म दीर खड़ हआ

समपीणथ दशय दख रह ह ा तरजी म तिलत समय मर वल पलड़ ब ाबा म अटक गयndash बाबा म नग रहत

ह नग अहकर क परताक होत ह अथ थत अभा हमर ऽचतत पर तमोगिणा कमथ ह तरजी म बठ हआ

शरार मर सीकषम शरार थ दीर खड़ हआ शरार मर करण शरार थ यहा करण शरार समपीणथ दशय दख

रह थ अनिभव क अथथ हndash ऽचतत को अभा और शिि करन ह zwjयोऽक अहकरा वऽततयो स यिzwj त ह

तमोगणी ऄहकार का मल सरोत म ववलीन होना

यह अनिभव अगसत क अऽनतम सप तह म आय थ मन दोपहर को धयनवसथ म दखndash म एक

बहत पिरना ब ाबा को दख रह ह ा जो बहत हा पिरना ऽमिा की बना ऽदखई द रहा ह मिझ उस ब ाबा म

एक ऽछदर सपष ट ऽदखई द रह थ मरा दऽष ट उसा ऽछदर पर ऽसथर था कि छ कषणो म उसा ऽछदर स एक पिरन

कल नग ऽनकलन लग वह नग मरा ओर आन लग उसकी लमबई समनय स जयद था वह नग

जब मर नजदाक आ गय उसा समय मन दखndash नग क मिाह स प ाच-छः इच पाछ पाठ की ओर एक

मकड़ा क समन कोई परणा मजबीता स ऽचपक हआ ह मन सोचndash इस कल नग पर यह परणा इतना

मजबीता स कस ऽचपक हआ ह नग क शरार पर कोई परणा इस तरह स नही ऽचपक सकत ह म यहा

सोच रह थ तब तक नग मर अऽत नजदाक आ गय म चौक पड़ और सोचndash इस नग को मिझस zwjय

कम ह तभा उस भयकर नग न अपन मिाह ऊपर की ओर उठय और मर रदय क अनदर परवश करन

लग म तिरनत बोलndash ldquoठहर जा त मर ररीर क अनदर परवर नही कर सकता हrdquo तिरनत हा मन ओकर

ऽकय ओकर करत हा नग अपना जगह पर ठहर गय मगर नग क मिाह वल भग मर शरार (रदय) क

अनदर परवश कर गय थ नग क शष शरार बहर थ उस समय म अनिभव म धयन मिदर म बठ हआ

थ म नग स बोलndash ldquoत मर ररीर स बाहर िनकल जाrdquo उसा समय ऽचतत स आवज आईndash ldquoयोगा इस

अनदर परवश करन दो यह तिमहर तमोगिणा अहकर ह और यह अपन सरोत म ऽवलान हो रह ह ऽफर म

कि छ नही बोल नग मर शरार क अनदर ऽवलान हो गय अब म उस बाबा को दखन लग ऽजस ब ाबा स

ऽनकल हआ थ उसा समय मर धयन टीट गय

योग कस कर 395

सधको बाबा उस कहत ह जो दामक क घर होत ह दामक अपन घर ऽमिा क बनता ह

उसा म गहर-गहर ऽछदर होत ह सथील रप स सपथ इसा परकर क सथनो पर रहत ह दखन म नग बहत

पिरन लगत थ zwjयोऽक उसकी शzwjल हा ऐसा था नग क मिाह क पस जो मकड़ा स ऽमलत-जिलत

परणा (कीड़) बड़ा मजबीता स ऽचपक थ इसक अथथ zwjय ह इस जनन क ऽलए म धयन पर ऽफर

बठ तथ जनकरा क परयस ऽकय तो मलीम हआ वह परणा (कीड़) क रप म ऽजसक आकर मकड़ा

क समन थ वह अऽवदय क सवरप थ वस भा अऽवदय की उतपऽतत तमोगिणा अहकर स हा होता ह

zwjयोऽक अऽवदय तमोगिणा अहकर म बाज रप म छि पा रहता ह अथ थत बाज रप म ऽवदयमन रहता ह

समऽध क समय अहकर ऽचतत म अतमिथखा हो रह थ समऽध भग होन पर अहकर ऽफर बऽहमिथखा होकर

वयवहर म आ जत ह अहकर कभा नष ट नही होत ह समऽध क अभयस स तथ अनय सयमो क

दरर अहकर धार-धार शिि होन लगत ह जस-जस शिित क अनिसर उसम सऽतवकत बढ़ता जता ह

वस-वस अहकर धार-धार अतमिथखा होन लगत ह तभा अऽवदय भा धार-धार कमजोर पड़न लगता ह

अथ थत अभयसा क ऽचतत स अजञनत नष ट होन लगता ह अहकर ऽजतन शिि होग उतन हा वह

वयपक होग

सधको आप समझ हा सकत ह ऽक अनिभव उचचवसथ क ह इस अवसथ को परप त करन म

मिझ अतयनत कष ट सहन पड़ ह तथ मरा खीब दिगथऽत भा हई zwjयोऽक ऽनऽवथकर समऽध क बद शष-

ससकर रह गए थ यह शष- ससकर अतयनत zwjलशतमक होत ह य ससकर योगबल स नष ट नही ऽकए

ज सकत ह ऽसफथ भोग करक समप त ऽकए जत ह यहा ससकर म भोग रह ह ा कि छ समय बद अवशय

इन ससकरो स मिऽकत ऽमल जएगा मन योगबल स दख ऽक मर ऽचतत म अब भा कि छ ससकर-शष ह

माता कणडवलनी शवzwj त

ऽसतमबर मह क अऽनतम सप तह म नवरऽतर क समय थ म कई वषो स नवरऽतर म मत

कि णडऽलना को दीध पान क ऽलए आवहन ऽकय करत ह ा ऽफर अपना ऽदवयदऽष ट स दखत ह ा ऽक मत

कि णडऽलना को दीध ऽमल ह ऽक नही ऽमल ह हमश की भ ाऽत अब की बर भा दीध पान क ऽलए

आवहन ऽकय 21 ऽसतमबर को दीध क सीकषम भग योगबल दरर मत कि णडऽलना क पस भज ऽदय

और आाख बनद करक बठ गय कि छ कषणो बद मन दखndash आकश स मर समन खला पतर आकर

योग कस कर 396

ऽगर आकश स ऽगर हआ पतर उस पतर म सम गय ऽजसम म दीध ऽलए बठ हआ थ म समझ गय

दीध मत कि णडऽलना न पा ऽलय ह

सधको दीध ऽपलत समय यहा अनिभव आत थ ऽक अनतररकष स दीध वल पतर (आकश स)

वपस आ जत थ और सथील पतर म सम जत थ zwjयोऽक योगबल पर पतर क सीकषम भग भा दीध क

सथ चल जत थ यऽद म दीध को ऽकसा ऽगलस म ऽलए हए ह ा तो सथील ऽगलस व दीध स सीकषम

ऽगलस व दीध ऽनकलकर अनतररकष म चल जत थ ऽफर सीकषम ऽगलस वपस आकर सथील ऽगलस म

सम जत थ

दीसर ऽदन मन सकलप ऽकयndash मत कि णडऽलना इसा ऽगलस म (सथील ऽगलस म) दीध ऽपय ऽफर

म आाख बनद करक म बठ गय और ऽदवय-दऽष ट स दखन लग तभा मिझ ऽदखई ऽदयndash मर समन बहत

बड़ ऽगलस रख हआ ह उस ऽगलस म दीध भर ह म उस दीध को दख रह ह ा दीध अपन आप कम

होत चल ज रह ह उसा दीध म मिझ एक नग ऽदखई ऽदय वह नग दीध म डीब हआ ह और दीध पा

रह ह कि छ समय बद दीध ऽबलकि ल समप त हो गय ऽसफथ सवचछ ऽगलस रह गय और उस ऽगलस म

नग रह गय नग अपन मिाह ऊपर उठकर ऽगलस स बहर ऽनकल ऽफर मर शरार क अनदर परवश कर

गय उसा समय मरा आाख खिल गई म समझ गय यह नग मत कि णडऽलना शकती क हा सवरप ह

परतयकष म सथील रप स ऽगलस म दीध वस हा भर रहत थ मत कि णडऽलना शऽzwj त सीकषम रप स दीध

पाता था सधको सदव धयन रखनndash ऽदवय शऽzwj तय ा कभा भा भोजन नही करता ह वह ऽसफथ अपन

भकत क सममन करता ह मरा ऽजद क करण कि णडऽलना शकती न ऐस करक ऽदखय ह अथ थत समपथण

भव क सममन करत ह बस

इसक बद म जब भा मत कि णडऽलना को दीध ऽपलत थ तब दखत थndash ऽगलस क दीध

अपन आप धार-धार कम हो जत ह ऽफर खला ऽगलस रह जत ह म इस समय कि णडऽलना शऽzwj त क

म बहत ऽचनतन ऽकय करत थ zwjयोऽक कि णडऽलना क दरर मिझ असाऽमत योगबल परप त हो गय थ

सवय कि णडऽलना शऽzwj त न मिझ एक गिप त ऽवऽध बतई थाndash ऽजसस मर योगबल कभा भा ऽकसा कयथ म

कम नही पड़त थ म नवरऽतर क समय कि णडऽलना शऽzwj त की ऽवशष परकर स पीज ऽकय करत थ

तभा उनह दीध भा ऽपलत थ म योगबल स सथील दीध स सीकषम दीध ऽनकल लत थ ऽफर मत

कि णडऽलना शऽzwj त क पस भज दत ह यह ऽकरय म ऽदवय दऽष ट स दख करत थ

योग कस कर 397

ऄहकार

एक अzwj तीबर को योग ऽनदर म अनिभव आय म पथवा पर ऽजधर जत ह ा उधर नग-हा-नग

ऽमलत ह नग हर पदथथ क अनदर ऽदखई दत ह यऽद म छोट-छोट पौधो को तोड़ ा तो उसक अनदर स भा

अतयनत छोट-स नग ऽनकल आत थ मगर मिझ ऽकसा परकर क डर नही लगत थ उसा समय मन

एक पड़ की अतयनत छोटा डला तोड़ दा तो उसक अनदर स भा नग ऽनकल आय म आश चयथ म पड़

गय ऽक मिझ नग हा नग zwjयो सवथतर ऽदखई दत ह म ओर आग की ओर चल समन की ओर चढ़ई

था म चढ़त ज रह थ रसत म छोट-छोट नग लट हए थ मन सोचndash यह नग मर पर क नाच न

कि चल जएा इसऽलए म नगो को उठकर फ कन लग ऽफर आग चढ़ई चढ़न लग उसा समय मर

अनिभव समप त हो गय

ऄथश- सधको बद म मन सोचndash मिझ सवथतर नग हा नग zwjयो ऽदखई ऽदए तथ कण-कण म

zwjयो वयप त थ कि छ समय बद मिझ जनकरा हो गई तततव रप म यह अहकर ह अहकर सवथतर वयप त

होत ह इसऽलए ऐस ऽदखई द रह थ अहकर क दरर हा समसत सऽष ट क सजन हआ ह वहा गरहय

और गरहण क रप ऽवभzwj त होकर बऽहमिथखा हो जत ह सधको कि णडऽलना और अहकर दोनो क

सवरपो (नग रप म) म आपस म ऽभननत होता ह

तमोगणी ऄहकार

यह अनिभव मिझ 3 अzwj तीबर को योगऽनदर म आय थndash म जगलनिम कषतर को पर करत हए चल

ज रह ह ा उसा समय मन दखndash मर दऽहन हथ म पड़ की एक बहत बड़ा डला ह म उस डला को

अपन आग ऽकए हए ह ा और उस आग की ओर ठलत (डला को) हआ चल ज रह ह ा मिझ उस जगल

म आग की ओर जन म कोई परशना नही हो रहा ह कि छ समय बद मिझ लगndash ऽक मर शरार म कोई

चाज ऽलपटा हई ह मन पाछ की ओर मिड़कर दख तो म दखकर चौक पड़ zwjयोऽक मरा कमर म आध

नग ऽलपट हआ थ नग क पीाछ की ओर क आध शरार भीऽम पर ऽघसट रह थ मन नग स छी टन क

परयस ऽकय मगर म अपन आपको नही छि ट सक मन अपन समन की ओर दखndash मिझस थोड़ा दीरा

पर एक पिरष खड़ हआ थ म उस पिरष स बोलndash मर पाछ की ओर कमर म एक नग ऽलपट हआ ह

योग कस कर 398

कपय आप इस अलग कर दाऽजए वह पिरष कि छ नही बोल बऽलक वह थोड़ स आग की ओर चल

उसन मर हथ स डला छानकर एक ओर को फ क दा उसा समय मर कमर म ऽलपट हआ नग छी ट गय

और अदशय हो गय म अपन आप सिनहर रग क परकश म खड़ हो गय जगलनिम कषतर अब भा थ

रसत सपष ट नजर आ रह थ म आग की ओर बढ़न लग मन दखndash रसत म और जगल म हलक

सिनहर व सफद रग क मर हए नग पड़ हए ह यह दशय दखकर म अचऽमभत हो गय ऽक यह नग मर हए

zwjयो पड़ ह मन नगो को उठकर दख उनक शरार लकड़ा की भ ाऽत जड़ थ मिझ एक बर ऽफर

आश चयथ हआ इन नगो क शरार लकड़ा की भाऽत जड़ zwjयो ह इनक शरार मास क zwjयो नही बन

हआ ह ऽफर म हास और बोलndash ldquoय तो जड़ ही हrdquo अब म पर की ठोकर स इन नगो क शरार को एक

ओर करत हआ तथ कभा-कभा कि चलत हआ आग की ओर बढ़न लग चरो ओर परकश फ़ल

हआ थ अनिभव समप त हो गय

ऄथश- सधको इस अनिभव क अथथ ऽलख रह ह ाndash म ऽजस जगल म अपन हथ म डला पकड़

हए आग की ओर चल ज रह ह ा वह जगल यहा सथील ससर ह डलाndash इसा सथील ससर क एक अश

ह कमर म ऽलपट हआ नगndash मर अहकर ह समपीणथ ससररक पदथथ तयग दन पर अहकर स मिzwj त हो

जत ह हलक धिाधल परकशndash तमोगिणा वऽतत क करण हलक धिाधल परकश ऽदखई दत ह रसत म

मत सपथ (नग) लकड़ा क समन जड़ रप म ऽमलndash जब अहकर क सकषतकर हो जत ह तब अहकर

जड़ रप म भऽषत होन लगत ह zwjयोऽक अहकर ऽचतत की ऽवकऽत ह जब ऽकसा ऽवकऽत क सकषतकर

हो जत ह तब वह जड़ रप म भऽषत होन लगता ह अनिभव क अत मndash पहल उन मर हए जड़ नगो

को रसत स एक ओर को पर की ठोकर स कर दत ह ा ऽफर कि चलत हआ आग की ओर चल ज रह ह ा

म डला क अथथ ऽलख दीाndash zwjयोऽक म उस पकड़ हए ह ा जब वह छी ट जएगा उस समय मरा ऽसथऽत अपन

आप म हो जएगा मिझ ससररक सभा वसतिओ क तयग करन होग तथ मर जञन भा यहा कहत हndash

सथील वसतिओ क तयग कर द ईश वर तिमहरा जररत पीरा करगसधको यह ऽसथऽत मरा कि छ समय

बद आएगा

योग कस कर 399

मरा कमश

4 अzwj तीबर दोपहर को योग ऽनदर म अनिभव आयndash मर समन कि त त क एक ऽपलल आ गयndash

यह ऽपलल (कि त त क ऽबलकि ल छोट-स बचच) सवचछ सफद रग क ह वह मिझस थोड़ा दीरा पर खड़

हो गय और मिझ भौकन लग म उस ऽपलल को दख रह थ उस ऽपलल की आवज बहत जयद तज

था आवज मर कनो को चिभ रहा था मिझ आश चयथ हो रह थ इतन छोट ऽपलल स इतना तज आवज

कस ऽनकल रहा ह तभा कनो म ऽपलल की आवज चिभन क करण मरा आाख खिल गई और अनिभव

समप त हो गय

ऄथश- आाख खिलन पर म तिरनत समझ गय सिनदर छोट स ऽपलल क रप म यह मर कमथ ह मर

शष कमथ मिझ पर अपन परभव ऽदख रह थ मगर वह मिझस थोड़ा दीरा पर खड़ थ तथ ऽकसा परकर

क मिझ निकसन भा नही पहाच रह थ मिझ अपन ऽवरोध अवशय ऽदख रह थ म सोच रह ह ाndash शयद

इसऽलए निकसन नही पहाच रह थ zwjयोऽक वह ऽबलकि ल छोट-स थ तथ उजजवल सफद थ यह

महततव पीणथ ह सधको यह मर शष कमथ तो ह मगर सऽतवक रप म ह zwjयोऽक ऽपलल क रग ऽबलकि ल

सफद ह तथ सवचछ भा ह सभवतः कमथ कि छ समय बद ऽबलकि ल कम रह जएग zwjयोऽक यह

ऽकरयशाल होकर बऽहमिथखा हो गय ह इसऽलए इस अब कम हा होन ह अब यह भऽवषय बतएग ऽक

मर कमथ कब समप त होग

सखा हअ पड़

यह अनिभव 14 अzwj तीबर को सिबह धयनवसथ म आयndash धिाधल परकश म एक सीख हआ पड़

खड़ हआ ह उसकी मोटा-मोटा डऽलया व तन ऽदखई द रह ह य डऽलय ा व तन पीरा तरह स सिख

चिक ह म इस सीख हए पड़ को दख रह ह ा कि छ समय बद इस सीख हए पड़ की डऽलय ा अदशय हो

गया अब ऽसफथ तन हा ऽदखई द रह थ यह तन भा सिख कर ऽबलकि ल बकर हो चिक ह ऽफर अनिभव

समप त हो गय

ऄथश- आपन पहल भा पढ़ होग मिझ एक अनिभव (8 मई को) आय थ उस अनिभव म एक

पड़ म दो डऽलया हरा-भरा पततो स यिzwj त ऽदखई दा थी और जनकरा ऽमला थाndash य दोनो डऽलया भा

योग कस कर 400

जयद ऽदन नही रहगा तथ तन भा सवय नष ट हो जएग मगर आज क अनिभव म यह पड़ पीरा तरह स

सिख गय ह कि छ समय बद ऽसफथ तन रह गय थ वह भा सिख कर बकर हो चिक थ यह अनिभव

धिाधल परकश म आय अथ थत तमोगिणा वऽतत क परभव स ऽदखई ऽदय अब मरा इचछएा इस ससर क

परऽत नही रह गई इसाऽलए पड़ पीरा तरह स सीख हआ ऽदखई द रह ह इसस सपष ट होत ह ऽक मर कमथ

भा लगभग कषाण होन की ओर आ गय ह zwjयोऽक वऽततयो क रप म हा कमथ बहर ऽनकल करत ह मगर

अभा सीख हए पड़ क जड़ पदथथ (सीखा लकड़ा) अभा ऽचतत म शष ह ऽचतत को ऽबलकि ल सवचछ होन

चऽहए ऽजस परकर सफऽटक सवचछ होता ह अभा मर ऽचतत को सवचछ होन म समय लगग सवचछ होत

समय ऽकसा-न-ऽकसा परकर स इन कमो को भोगन होग अनिभव म सीख पड़ की जगह कि छ समय बद

ऽसफथ तन हा ऽबलकि ल बकर अवसथ म ऽदखई ऽदय इसक अथथ हndash कि छ समय बद सीख पड़ क रप

म ऽचतत म ऽसथत कमथ भा ऽबलकि ल कम हो जएग यह सीख पड़ भा कमथ हा ह वह अब हर-भर नही

हो सकत ह उसक अऽसततव धार-धार कषाण होकर समप त हो जन ऽनऽश चत ह सीख हए पड़ क कि छ

समय बद नमोऽनशन ऽमट जत ह उसक अऽसततव पीरा तरह स परकऽत म ऽवलान हो जत ह इसा

परकर जब सीख पड़ रपा कम थशय जब ऽचतत म नही रह जएाग तब ऽचतत कमो स धार-धार शीनय होन

लगग ऐस कई वषो तक अभयस करत-रहन पर होत ह उस अवसथ म परजञ क परकटय हो जत ह

वहा ऽचतत को ऽनमथल बनता ह ऐस अभयसा क अऽनतम जनम म होत ह

यह अनिभव अzwj तीबर मह क तासर सप तह म आय थ मन योगऽनदर म दखndash सिनहर परकश

फ़ल हआ ह म बहत ऊा चा व बहत लमबा चढ़ई चढ़त चल ज रह ह ा मन पाछ मिड़कर दख तो मिझ

लग ऽक म बहत लमबा चढ़ई चढ़क आय ह ा अभा थोड़ा ओर चढ़ई शष ह अब मिझ हलकी-हलकी

थकन महसीस होन लगा ह मगर अभा थोड़ा सा चढ़ई शष था इसऽलए म रक नही बऽलक आग की

ओर चढ़त ज रह थ

ऄथश- इस तरह की चढ़ई चढ़न क अथथ हndash ldquoभऽवषय म सफलत क ऽमलनrdquo चढ़ई ऽजतना

ऊा चा व लमबा होगा सफलत भा उतना हा बड़ा होता ह यऽद सधक को धयनवसथ म चढ़ई ऽदखई द

और सधक उस चढ़ई नही चढ़ प रह हो तो समझन चऽहए सफलत अभा नही ऽमलगा यऽद सधक

क मगथ म अचनक दावर परकट हो जए अथव ऊा च पहड़ परकट हो जए सधक को पर करन

असमभव हो तो उसक अथथ हndash ldquoसफलत म अवरोध आ गयrdquo सधक धयनवसथ म आग ज रह

हो आग खई आ जए अथव खई परकट हो जए तो उसक अथथ यहा लगन चऽहए- योग मगथ म

योग कस कर 401

अवरोध आ गय ह जब इस परकर क अनिभव सधक को आत हो तब सधक को कभा-कभा सथील

रप स अवरोध आ जत ह

परभा

यह अनिभव 21 अzwj तीबर को सिबह धयनवसथ म आयndash म जस हा समऽध की गहरई म गय

उसा समय परकश परकट हो गय म उस परकश को दखकर चौक पड़ मरा आाख खिल गई और धयन

टीट गय कषणभर क ऽलए मिझ लग ऽक म ऽजस कमर म धयन करन क ऽलए बठ ह ा उसम परकश कस

परकट हो गय यह बत मन कषणभर म सोच ला परनति जब आाख खिल गई तब ऽदखई ऽदय ऽक कमर म

अनधकर छय हआ ह zwjयोऽक सिबह नही हई था म ऽफर आाख बनद करक धयन करन क ऽलए बठ

गय आाख बनद करत हा पहल की भाऽत परकश परकट हो गय म ऽफर चौक पड़ मरा आाख ऽफर खिल

गई म कमर क अनदर अनधकर म बठकर सोचन लगndash इस परकश क परकट होत हा मरा आाख zwjयो

खिल जता ह म समझ गय यह परकश मर ऽचतत क अनदर परकट होत ह म ऽफर आाख बनद करक धयन

करन क ऽलए बठ गय उसा समय एक बर ऽफर परकश परकट हआ मगर अब की बर मर धयन नही

टीट म धयन पर बठ रह ऽफर म अपन आपको भील गय और धयन की गहरई म चल गय

ऄथश- यह अलौऽकक परकश स थ यह परकश ldquoपरभrdquo जस परकश थ अथव ऽचतत जयद

ऽनमथल हो जन पर परभ क ऐस सवरप ऽदखई दत होग परभ ऽचतत की अऽनतम सवोचच ऽसथऽत पर

ऽदखई दता ह इस अवसथ म ऽचतत ऽबलकि ल सवचछ ऽनमथल जो जत ह तथ योगा क अनदर वरनय पीरा

तरह आ जत ह

बझा हअ ऄगारा

यह अनिभव 22 अzwj तीबर को सिबह धयनवसथ म आय मन दखndash मर समन बहत बड़ बिझ

हआ अगर रख ह म उस गौरपीवथक दख रह ह ा ऽफर म सोचन लगndash ldquoयह पीरा तरह स बिझ गय हrdquo

कि छ कषणो बद अगर अदशय हो गय म गहरई म चल गय

योग कस कर 402

ऄथश- बिझ हए अगर क ऽवषय म थोड़ पहल भा ऽलख चिक ह ा इसक अथथ होत हndash ldquoयोगा

बिझ हए अगर क समन शनत हो चिक ह उसकी समपीणथ इचछएा शनत हो चिकी ह इऽनदरय ा अनतमिथखा

होकर शनत हो चिकी ह अब भोग भोगन क ऽलए कि छ भा शष नही रह गय ह जब योगा क अनदर य

सभा योनयतएा आ जता ह तभा वह बिझ हए अगर क समन हो जत ह योगा को ऽनव थण की परऽप त क

ऽलए बिझ हए अगर क समन बनन होत ह तभा ऽनवथण को परप त होन समभव होत ह यह अवसथ

मरा कई वषो बद आएगा

माया

यह अनिभव ऊपर ऽलख हए अनिभव क बद योग ऽनदर म आय धयन करन क पश चत म लट

गय उसा समय मरा आाख अपन आप बनद हो गई म योग ऽनदर म चल गय तब मिझ अनिभव आयndash

म ऽकसा स तरा क पाछ क रह ह ा कि छ कषणो म मन दौड़कर स तरा को पकड़ ऽलय म उस स तरा क हथ

मजबीता स पकड़ हए थ स तरा दखन म बहत सिनदर था वह स तरा मिझस कि छ डर-सा रहा था म अपन बय

हथ स स तरा क दऽहन हथ पकड़ हआ थ अपन दऽहन हथ स उस स तरा क मिाह पर ऽवशष परकर स

यतन द रह थ स तरा डरा-सा अपन मिाह पर अपन हथ रख रहा था म उसक हथ मिाह स हटकर उसक

मिाह पर यतन द रह थ उसा समय म उसस बोलndash ldquoतीन मिझ धोख zwjयो ऽदय ती मिझ भरम म zwjयो डल

रहाrdquo म यहा शबद बर-बर दोहर रह थ वह कि छ नही बोल रहा था म अपन अनदर सोच रह थndash

यह पीवथकल म मरा स तरा था ऽफर भा इसन मिझ धोख ऽदय मिझ भरम म डल रहा उसा समय वह मर हथ

स छी ट गई zwjयोऽक मन अपन पकड़ ढाला कर दा था मरा पकड़ स छी टकर भगत समय उस स तरा क

आकर ऽबलकि ल छोटा बचचा क समन हो गय अब वह दो-तान सल की बचचा (लड़की) लग रहा था

वह बड़ा तजा स भग रहा था मगर मन दौड़कर उस पकड़ ऽलय zwjयोऽक वह दौड़त समय ऽगर पड़ा था

तभा म उस बचचा क पस पहाच गय अब मर शरार ऽवशल आकर क हो गय मर हथ बहत लमब-

लमब हो गए थ मन उस बचचा को अपना मिटठा क अनदर बनद कर ऽलय और बोलndash ldquoअब ती मरा पकड़

स कभा नही छी ट पएगाrdquo मन उस बचचा को मिटठा क अनदर जोर स दबय लड़की क आकर धार-धार

कम होत चल गय ऽफर वह अदशय हो गई मन अपना मिटठा खोला तो दखndash मिटठा क अनदर वह लड़की

योग कस कर 403

नही था मर मिाह स आवज ऽनकलाndash ldquoयह ऽसफथ भरम थrdquo तभा मरा आाख खिल गई अनिभव समप त हो

गय

ऄथश- अनिभव क अथथ दशथत हndash यह मय क सवरप थ zwjयोऽक म अनिभव म कहत ह ा- ldquoती

मिझ भरम म zwjयो डल रहा‛ भरम म डलन क कयथ मय हा करता ह मगर म ऐस zwjयो सोच रह ह ा वह

स तरा पीवथकल म मरा स तरा था ऽफर भा भरम म डल रहा इस जगह पर पीवथकल क अथथndash ldquoआऽदकल तो

नही ह‛ आजकल मर अनदर भा सीकषम रप स बहत बड़ पररवतथन आन लग ह मर अनदर पीरा तरह स

वरनय आ गय ह यह वरनय बहत समय स आ चिक ह परति बहर स म ससरा जस ऽदखत ह ा ऐस

इसऽलए तऽक समज वल मर वसतऽवक सवरप पहचन न सक

वनजसवरप म ऄववसथत होन का सकलप करो

24 अकती बर को सयकल म धयन पर बठ हआ थ धयनवसथ म मर ऽचतत क अनदर स

आवज आईndash ldquoयोगी अब तमह बरहमाणड की िकसी भी वसत की इचछा नही करनी चािहए अब िसरश

इचछा कीिजए िक तमह ईश वर की परािप त हो अथवा िनजसवरप म अविसथित हो जाए इसक अलावा

िकसी भी वसत की परािप त की इचछा नही करनी चािहए अब िकसी भी लोक और उस लोक क अमक

सतर की भी इचछा नही करनी चािहए परथवी की िकसी भी वसत की परािप त का तमहारा लकषय नही होना

चािहए अब धयान पर बठन स पवश सदव आपको सककप करना चािहएndash ईश वर की परािप त हो अथवा

िनजसवरप म अविसथत हो जाऊ इन दोनो म तमह जो िपरय हो उसी का सककप करन का िनणशय तमह

करना होगाrdquo अब म धयनवसथ म इन शबदो क ऽवषय म सोचन लग ऽक मिझ इन दोनो म स कौन-सा

परऽप त क ऽलए सकलप करन चऽहए तभा मन ऽनश चय ऽकयndash ldquoमिझ अपन ऽनज सवरप म अवऽसथत होन

क ऽलए सकलप करन चऽहएrdquo

ऄथश- यह आवज मर ऽचतत स आई था ऐसा वऽतत अतयनत सऽतवक होता ह म पहल भा ऽलख

चिक ह ा- मिझ अहकर क सकषतकर हआ ह अहकर ऽचतत की पहला ऽवकऽत ह ऽचतत की पहला

ऽवकऽत क सकषतकर होन क बद अब मिझ अऽसमत क सकषतकर होन चऽहए अऽसमत ऐस

योग कस कर 404

समझो जड़ और चतन की गाठ होता ह इसक सकषतकर होन पर आतम और ऽचतत की ऽभननत क जञन

होत ह इसऽलए मिझ आतम म अवऽसथत होन क मर लकषय होन चऽहए

ऄनभव वकसी को न बताएा

25 अzwj तीबर दोपहर को म ऽकसा ऽवषय पर लख ऽलख रह थ तभा मरा आाख बनद होन लगा

मिझ ऐस लगन लग मिझ बहत जोर स नीद आ रहा ह zwjयोऽक मरा आाख अपन आप बनद हो रहा था

मर सवभव ह ऽक म ऽदन क समय सोत नही ह ा मगर मिझ आज zwjय हो गय ह सर शरार भरा-भरा

हो गय आाख खिलन क नम नही ल रहा ह मजबीरा म मन लख ऽलखन बनद कर ऽदय कषण भर ल

ऽलए आाख बनद करक सोचन लगndash यह ऽकरय मिझ zwjयो हो रहा ह तभा आवज सिनई दाndash ldquoआप सो

जइए आपको कि छ सदश ऽमलन वल हrdquo म उसा समय चरपई पर लट गय और मिझ नीद आ गई

तब योगऽनदर म सिनई ऽदयndash ldquoअब आप अपन योग क ऽवषय म ऽकसा को भा नही बतएाग आपको

योग म जो सफलत ऽमला ह अथव इस समय योगमगथ म जो आपकी ऽसथऽत ह वह ऽकसा को मलीम

नही होना चऽहए आप ऽजस वयऽकत को अपना ऽसथऽत बतन चहत ह वह भऽवषय म आपक मजक

उड़एाग य लोग आपक भव को नही समझग आपक सवभव ह अपना योनयत सभा को बत दत ह

मगर अब आप अपन योग क ऽवषय म ऽकसा को न बतएाrdquo इन शबदो क बद आवज आना बनद हो

गई मरा आाख खिल गई अब मरा आाखो म नीद क नमोऽनशन भा नही थ

कमाशशय दखन का सकलप न करना

26 अzwj तीबर को धयनवसथ म मन सकलप ऽकयndash ldquoअभा मर ऽकतन और शष-कमथशय ह

मिझ ऽदखई दrdquo उसा समय ऽचतत स आवज आईndash ldquoयोगा अब शष कम थशय दखन क सकलप कभा भा

मत करन zwjयोऽक अब आपक कमथशय अतयनत कम रह गए ह कि छ ऽवशष परकर क कम थशयो को

भोगन होग इस अवसथ म कम थशय दखन क सकलप ऽबलकि ल नही करन चऽहएrdquo इन शबदो को

योग कस कर 405

सिनकर कि छ समय तक म इनही शबदो क ऽवषय म सोचत रह मिझ ऐस शबद zwjयो सिनई ऽदए ऽफर म

धयन की गहरई म चल गय

आज क ऽदन मर सथ एक ससररक घटन घट गई इस घटन क करण म ऽचऽनतत-स हो गय

मन बहत सोच की ऽचऽनतत न होऊा मगर उस ऽचनत को अपन मऽसतषक स ऽनकल नही सक 27

अzwj तीबर को सयकल क समय धयन क मधयम स उस घटन क बर म जनकरा हो गई इस जनकरा

म कि छ शबद इस परकर क थndash ldquoइस घटन क घटन क बद ऽनश चय हा तिमहरा अवसथ परम उचच हो

जएगा ती शरषठ योऽगयो की भ ाऽत इस मगथ पर आग की ओर बढ़त जएगrdquo इन शबदो को सिनकर म

परसनन हो गय उसा समय मर धयन टीट गय

वचतत वनमशलता की ओर

28 अzwj तीबर को दोपहर 11 बज म झोपड़ा क अनदर धयन करन क ऽलए गय मर सवभव ह

जब म झोपड़ा म धयन करत ह ा तब पहल एक मल शऽzwj तमतर क जप करत ह ा इसऽलए मन शऽzwj तमतर

क जप करन शिर कर ऽदय तभा अतररकष स आवज सिनई दाndash ldquoतिम अपन कम थशय दखन चहत

थ मतरजप करन क पश चत धयनवसथ म तिमह तिमहर कम थशय क कि छ अश ऽदखई दगrdquo मन एक

मल शऽzwj तमतर क जप कर ऽलय ऽफर म धयन पर बठ गय धयनवसथ म आवज सिनई दा ldquoपहल

आप सकलप कीऽजए ऽक आपको शष-कमथशय ऽदखई दrdquo मन सकलप ऽकयndash ldquoमिझ अपन शष

कमथशय ऽदखई दrdquo कि छ कषणो बद मिझ ऽदखई ऽदय मिझस बहत दीरा पर सवचछ सफद कोई वसति

चमक रहा ह ऽफर वह मर पस आन लगा वह वसति मिझस थोड़ा दीरा पर आकर ठहर गई म उस सफद

सवचछ वसति को समझ नही सक ऽक यह zwjय ह यह वसति ऽबलकि ल छोट स ढर की तरह था तभा उस

सफद सवचछ वसति क पस एक घड़ परकट हो गय घड़ क मिाह ऊपर की ओर थ वह सवचछ सफद

वसति अपन आप घड़ क अनदर समन लगा जबऽक सवचछ सफद वसति और घड़ की आपस म लगभग

एक फीट की दीरा था म दीर बठ मिसकरत हआ इस ऽकरय को दख रह थ तभा मर अनदर ऽवचर

आयndash ldquoइस घड़ क zwjय अथथ ह यह zwjयो ऽदखई द रह हrdquo तभा आवज आईndash ldquoइस घड़ को ऽचतत

समझो और उजजवल सफद वसति को जञन क सवरप समझो यह जञन समपीणथ ऽचतत म वयप त हो जएगrdquo

उसा समय मिझ दीर स हा घड़ क अनदर क दशय ऽदखई दन लग घड़ उस सफद वसति स धार-धार भर

योग कस कर 406

रह थ कि छ समय म घड़ ऊपर तक भर गय अब घड़ क अनदर सवचछ सफद वसति मzwjखन क समन

ऽदखई द रहा था इस मzwjखन जसा वसति स आभ सा ऽनकल रहा था तभा घड़ क मिाह एक ओर को

थोड़ स ऽतरछ होकर मzwjखन क समन घड़ म भरा हई वसति समपीणथ अनतररकष म फलन लगा अनतररकष

म फला सफद वसति अपन आप अदशय हो जता था उसा समय मिझ अतररकष स आवज सिनई दाndash

ldquoयोगा तिम तषण और सभा परकर की ऽचनतओ स मिzwj त होकर ऽवचरण करत हए ऽनभथय होकर इस

भीलोक पर रहो भोजन की ऽचनत मत करो ईश वर सवय तिमहर भोजन की वयवसथ करग अब तिम

अपन को ऽनतयमिzwj त समझो zwjयोऽक ती भऽवषय म ऽनतयमिzwj त हो जएगrdquo तभा मर धयन टीट गय

म परसनन मिदर म बठ हआ इनही शबदो को सोचन लगndash ldquoतिम अपन को ऽनतयमिzwj त समझो तिम

तषण और सभा परकर की ऽचनतओ स रऽहत होकर ऽवचरत हए ऽनभथय होकर पथवा पर रहोrdquo मिझ इन

शबदो को सिनकर बहत परसननत हई घड़ क दरर मzwjखन जस पदथथ समपीणथ अनतररकष म फ़लय गय

इसस मर ऽचतत ऽनमथल होन शिर हो जएग ऽचतत क अतयनत ऽनमथलत स समऽध परगत परप त होता ह

ऽजस समऽध की ऽवशरदत भा कहत ह इसस बद ऽचतत पर ऋतमभर-परजञ क परकटय होत ह

अतमा और जीव

यह अनिभव भा ऊपर ऽलख अनिभव क बद आय मन धयनवसथ म दखndash मिझस थोड़ा दीरा पर

सफद उजजवल आभ क समन परकश परकट हो गय वह परकश गोलकर रप म थ म परसनन मिदर म

उस परकश को दख रह थ कि छ कषणो म परकश मर और थोड़ नजदाक आ गय उस आभ जस

परकश क अनदर दो अतयनत छोट पकषा क बचच ऽदखई ऽदए पकषा क बचच बहत हा सिनदर ऽदखई द रह

थ यह पकषा उजजवल सफद रग क थ इनह दखन पर ऐस लगत थ ऽक इन पऽकषयो को दखत रह ा दोनो

पकषा मरा ओर मिाह ऽकए हए बठ थ इन दोनो म एक पकषा ऽबलकि ल शनत सवभव क थ वह ऽबलकि ल

ऽहल-डिल नही रह थ चिपचप बठ हआ थ मगर दीसर पकषा थोड़-स चचल सवभव क थ वह

अपना जगह पर इधर-उधर दख रह थ कभा वह इधर-उधर अपना गदथन ऽहलत थ तथ कभा शनत

सवभव वल पकषा की ओर दखत थ इस चचल सवभव वल पकषा की चोच थोड़ा सा ऽवऽचतर-सा था

म आश चयथ चऽकत होकर उसकी चोच की ओर दख रह थ zwjयोऽक पकषा की सिनदरत क अनिसर चोच

इतना सिनदर नही था कि छ कषणो म इसा चचल सवभव वल पकषा न शनत सवभव वल पकषा क गदथन क

योग कस कर 407

ऊपर अपन मिाह रख ऽदय शनत सवभव वल पकषा ऽबलकि ल शनत व ऽसथर बठ हआ थ उसन ऽकसा

परकर की ऽकरय नही की म इस चचल पकषा की चचलत दखकर और शनत सवभव वल पकषा की

शनत व ऽसथरत दखकर मिसकर रह थ तभा मर अनिभव समप त हो गय

ऄथश- सधको जो पकषा शनत व ऽसथर सवभव वल ह वह आतम क परताक ह आतम क

अनदर ऽकसा परकर क ऽवकर नही होत ह वह ऽसफथ दषट क रप म रहता ह इसाऽलए वह पकषा शनत व

ऽसथर थ जो पकषा चचल ह वह जाव क परताक ह पकषा रपा जाव ऽतरगिणतमक पररवतथनशाल परकऽत म

आसकत हो रहत ह इसऽलए सिख-दिख रपा फल को खत रहत ह जो पकषा आतम रप ह वह कभा भा

ऽतरगिणतमक परकऽत पर आसकत नही होत ह ऽसफथ दषट रप म रहत ह इसाऽलए वह शनत ऽदखई द रह

थ दीसर पकषा (जाव) की चोच अचछा नही हndash इसक करण ह ऽतरगिणतमक परकऽत म उसकी आसऽzwj त

ह तथ सिख-दिख की अनिभीऽत करत ह अनिभव म एक महततव पीणथ बत यह ह जो पकषा आतम क

परताक ह उसक गदथन पर दीसर पकषा न अपन मिाह रख ऽदय इसक अथथ हndash भऽवषय म वह आतम की

ओर उनमिख होग ऐस तभा हो सकग जब वह ऽतरगिणतमक परकऽत की ओर स अपना आसऽzwj त हट

लग अथ थत अभयस क दरर भऽवषय म मरा आसऽzwj त ससर स हट जयगा ऽफर मन अपन सवरप म

अवऽसथत होन लगीाग

ऄशिता का नष ट होना वनवश चत

म 29 अzwj तीबर को सिबह झोपड़ा म धयन कर रह थ धयनवसथ म दखndash मर समन बहत

सिनदर सवणथ कलश परकट हो गय कि छ पलो तक दखत रहन क पश चत म मन दखndash उस सवणथ कलश

को दो हथ पकड़ हए ह वह दोनो हथ बहत हा कल थ म कल हथो को दखकर चौक ऽफर सोचन

लगndash ldquoय हथ ऽकसक हrdquo उसा समय मिझ कलश क अनदर क दशय ऽदखई दन लग कलश क अनदर

बहत हा कल गनद-स तरल पदथथ भर हआ ह म तिरनत समझ गय यह तमोगिण स सबऽनधत ह

अथ थत अशिभ क सकत ह तभा म उन कल-कल हथो को दखन लग हथो क सहर ऊपर की ओर

दऽष ट की मन सोचndash ldquoयह कलश कौन ऽलए हए ह‛तभा मिझ ऽदखई ऽदयndash बहत लमब-लमब हथ

अनतररकष म समए हए ह ऽफर मिझ पर क घिटनो स लकर सान तक स तरा क शरार ऽदखई दन लग मिझ

बहत आश चयथ हआndash समपीणथ अनतररकष म स तरा क शरार क ऽसफथ इतन हा भग ऽदखई द रह थ पर व

योग कस कर 408

घिटनो स ऽनचल भग भा मिझ ऽदखई नही द रह थ म अपना दऽष ट बहत नाच की ओर की ऽफर भा

कि छ ऽदखई नही ऽदय उस स तरा क ऽसर व कनध ऊपर की ओर अनतररकष म ऽदखई नही द रह थ zwjयोऽक

उसक शरार क सान तक हा समपीणथ अनतररकष थ इसऽलए ऊपर क शरार ऽदखई हा नही द रह थ अब

मरा दऽष ट सवणथ कलश की ओर गई उस कलश क मिाह उन दोनो हथो न ऽतरछ कर ऽदय थ उसस

कल गढ़ तरल पदथथ नाच की ओर ऽगरन लग तभा म बोलndash ldquoठहरो यह कल तरल पदथथ अशिभ

क सकत ह मर ऊपर तो नही ऽगरय ज रह हrdquo तभा आवज आईndash ldquoनही यह पदथथ आपक ऊपर

नही ऽगरय ज रह ह तिम अपना दऽष ट नाच की ओर करो और दखो- यह ऽकसक ऊपर ऽगर रह हrdquo मन

अपना दऽष ट नाच की और दखndash ldquoयह पदथथ एक स तरा क ऊपर ऽगर रह ह स तरा अपन बल ऽबखर हए

बठा था स तरा क रग कल थ यह स तरा मरा ओर पाठ ऽकए हए बठा था कल तरल पदथथ स तरा क ऽसर

क ऊपर ऽगरकर अदशय होत ज रह थrdquo तभा मिझ अनिभीऽत हईndash ldquoमर शरार की लमबई बहत जयद

हrdquo अब कलश स कल तरल पदथथ ऽगरन बनद हो गय थ स तरा आसन पर धयन मिदर बठा हई था

स तरा क शरार अपन आप आग की ओर ऽखसकन लग आग की ओर पना ऽवसतत कषतर म भर हआ

थ मगर बहत पना ऽबलकि ल सवचछ थ स तरा क शरार धयन मिदर म बठ हआ पना क ऊपर पहाच गय

ऽफर स तरा नाच की ओर पना क अनदर समन लगा तभा मरा ऽदवय दऽष ट अतयनत तजसवा हो गई zwjयोऽक

स तरा पना क अनदर अननत गहरई म परवश करता ज रहा था मिझ पना क अनदर अननत गहरई तक

ऽदखई द रह थ तभा स तरा क शरार पना म ऽवलान होकर अदशय हो गय अब मरा दऽष ट सवणथ कलश

की ओर गई सवणथ कलश म जयो-क-तयो पीरा तरह स कल तरल पदथथ भर हआ थ ऽफर सवणथ

कलश भा अदशय हो गय उसा समय मन पीछndashldquoयह स तरी कौन थी िजसक ऊपर काला तरल पदाथश िगर

रहा था िरर पानी म िवलीन कयो हो गई‛ ऽफर आवज आईndashldquoयह आपकी अरदधता थी आपकी

अरदधता िवलीन हो चकी हrdquo अनिभव समप त हो गय

ऄथश- यह अशिित हा योगमगथ म अवरोध क कयथ करता ह वतथमन यिग कऽलयिग क ह

कऽलयिग म अशिित क रजय चलत ह धयनवसथ म मरा अशिित स कई बर बतचात हई जो स तरा

सवणथ कलश पकड़ हए था उसक समपीणथ शरार मिझ नही ऽदखई द रह थ उसक ऽवषय म म अभा कि छ

नही ऽलख सकत ह ा ऽक वह कौन था अपन सधन कल म इतन ऊा च आकर क शरार कभा नही दख

थ वस अशिित (तमोगिण )की दवा कला दवा और चणडा दवा ह यह दोनो सवरप आऽदशऽzwj त क हा

योग कस कर 409

यह अशिित योगा क ऽचतत पर ऽसथत रहता ह ऽनमथल जञन क दरर ऽचतत स अशिित रपा

आवरण नष ट हो जन स ससररक ऽवषय वसन न उतपनन होन पर उतकषथ अवसथ वल जञन उतपनन

होत ह इस उतकषथ अवसथ वल जञन स योगा पिरष आतम म अवऽसथऽत तक पहाचत ह आतम म

अवऽसथऽत क अभयस करन वल योगा sbquoजावनमिzwj त‛ कह जत ह इसऽलए ऽचतत स अशिित क दीर

होन अऽत आवशयक ह इस अशिित क हट ऽबन अभयसा आतम म अवऽसथत नही हो सकत ह मन

यह ा पर अशिित शबद क परयोग ऽकय ह यह अशिित तमोगिणा कमो दरर आता ह तथ ऽचतत पर

ऽसथत तमोगिण हा इसक करण होत ह आज ससर म तमोगिण क हा वयपर फ़ल हआ ह ऽचतत इसा

करण मऽलन हो जत ह ऽचतत की मऽलनत हा अशिित कहा जता ह आऽद ऽजस स तरा पर कल तरल

पदथथ डल ज रह ह वह मर ऽचतत पर हा ऽसथत ह कल पदथथ जो डल ज रह ह वह भा अशिित

य तमोगिण स यिzwj त ह सवचछ पना मर ऽचतत पर ऽसथत अचछ कमथ ह यह स तरा मर शष-ससकरो म

ऽवलान हो गई इसक अथथ यह हndash जब म अशिित को अभयस क दरर तथ भोगकर नष ट करा ग तब

ऽनश चय हा मरा दिगथऽत होगा मगर यह भा ऽनऽश चत हndash ऽचतत पर ऽसथत अशिित को नष ट होन हा होग

इसक बद ऽचतत अतयनत ऽनमथल हो जएग

सथल शरीर तयागन क बाद उधवशगमन का मागश

30 अzwj तीबर को झोपड़ा म धयन कर रह थ धयनवसथ म दखndash ऊपर की ओर अनतररकष म

तज परकश चमकन लग तभा मरा दऽष ट ऊपर की ओर हो गई जहा पर परकश चमक थ उस सथन पर

अब भा परकश फल हआ थ यह परकश धार-धार कम होत चल गय परकश लिप त हो जन पर

परकश क सथन पर सफद रग क चमकील बदल ऽदखई दन लग इन सफद बदलो म कही-कही पर

हलकी-हलकी कऽलम भा था अब उन सफद बदलो क बाच म एक ऽछदर ऽदखई दन लग ऽफर बदल

भा नाच की ओर आन लग मगर मरा दऽष ट बदलो क बाच म बन ऽछदर पर था ऽछदर क आकर चनदरम

क आकर क बरबर थ कि छ कषणो क बद सफद बदल मर ऽसर क पस आ गए अब ऽछदर मिझ बहत

बड़ आकर म ऽदखई दन लग ऽछदर मर ऽसर क ऊपर हा ऽदखई द रह थ तभा मिझ ऐस लग जस यह

ऽछदर मर बरहमरनधर क ऊपरा भग (ऽसर क ऊपरा भग) पर ह कषण भर क ऽलए म भील गय ऽक यह ऽछदर

बदलो क बाच म थ अब ऽछदर मिझ बरहमरनधर क ऊपरा भग पर ऽदखई द रह थ ऐस लगत थ- मर

योग कस कर 410

ऽसर क ऊपरा भग म हा यह ऽछदर ह कि छ कषणो बद ऽछदर ऊपर की ओर उठत चल गय अब ऽफर मिझ

बदलो की सतह ऽदखई दन लगा ऽछदर ऽबलकि ल सपष ट ऽदखई द रह थ

उसा समय अनतररकष स आवज आईndash ldquoयोगी इस िछि को धयान पवशक दखो योगी परष सकषम

ररीर क दवारा इसी िछि स ऊपर आ जाता ह अब िछि क ऊपर का भाग दिखएrdquo उसी समय म बादलो

क बीच स होता हआ ऊपर की ओर चला गया अब बादल मझस नीच की ओर िदखाई दन लग मगर

मरी दिष ट अब भी उसी िछि पर िसथर थी िरर अतररि स अवाज आई- योगीपरष सकषम ररीर क दवारा

इसी िछि स ऊपर आ जाता ह ऊपर की ओर की ओर अनतररि दखो इसी अनतररि म योगी िनवास

करता हrdquo मन अपना दऽष ट अनतररकष म चरो ओर दौड़ई अनतररकष एकदम सवचछ एव शनतथ तभा

म बदलो क बाच स होत हआ नाच आ गय बदल व ऽछदर मिझस थोड़ा दीरा पर ऽसथत थ ऽफर आवज

आई- ldquoयोगी परष जस ही अपना सथल ररीर तयागता ह उसी समय सकषम ररीर इस िछि क ऊपर चला

जाता ह योगीपरष का सकषम ररीर बरहमरनर क ऊपरी भाग स बाहर िनकलता ह उस ऊपरी भाग म एक

िछि होता ह यह िछि अित सकषम रप म िवदयमान होता ह बादलो क बीच जो िछि दख रह हो इसका

समबनध बरहमरनर क ऊपरी िछि स होता ह बरहमरनर का ऊपरी िछि खलत ही ऐसा लगता ह उसका सकषम

ररीर सथल ररीर स नही बिकक बादलो वाल िछि स ऊपर िनकला ह कयोिक बरहमरनर का ऊपरी िछि

और यह िछि एक ही ह यह िछि सकषम रप म ह इसिलए यह तमस अलग िदखाई द रहा ह तमह यह

दशय िदखाकर बताया गया ह वह िछि िसर क ऊपरी भाग म िसथत ह तािक तमह दोनो िछिो म िभननता

नजर न आए यह मागश िसरश योिगयो क िलए हrdquo

ऄथश- इस अनिभव म मिझ ऽदखय गय योगा पिरष अपन सथील शरार छोड़न क बद ऽकस मगथ

स ऊधवथगमन करत ह मगर ससरा पिरष सथील शरार छोड़न क बद तषण क करण पथवा क अनतररकष म

वसनदह म रहत ह और मनऽसक कष ट भोगत रहत ह वसन दह वला जावतमएा इन बदलो की

परत पर नही कर सकता ह वसनदह नष ट होन पर अथव ऽकसा योगा पिरष दरर ऊधवथगमन करन पर

हा सीकषम शरार इन बदलो स ऊपर ज पता ह

योग कस कर 411

चारो शरीर

एक नवमबर को म अपन कमर म धयन कर रह थ धयनवसथ म दखndash मिझस थोड़ा दीरा पर

अनतररकष म जलता हई मोटा लौ अतयनत सिनदर ऽदखई द रहा था लौ क चरो ओर अणडकर परकश

क आवरण बन हआ थ इस आवरण स बहर ओर चरो तरफ थोड़ा दीरा पर एक और अणडकर

परकश क आवरण बन थ इसा परकर लौ क बहर चरो ओर अणडकर थोड़ा-थोड़ा दीरा पर चर

आवरण बन थ म एक सथ चरो आवरण और लौ को दख रह थ मरा दऽष ट लौ पर कऽनदरत था म लौ

क सवरप दखकर मिसकर रह थ

ऄथश- सधको आज तक जलता हई लौ क कई बर सकषतकर ऽकय मगर अब की बर लौ

क सवरप कि छ जयद हा सिनदर थ इसक करण ह अभा तक ऽजन वऽतयो न लौ क सवरप धरण

ऽकय थ उन वऽततयो स यह वऽतत अतयनत सऽतवक व ऽवभि (वयपक) था अब ऽचतत म ऽसफथ कि छ हा

zwjलशतमक ससकर-शष ह ऽचतत की अशिित भा कम होता ज रहा ह पहल की सऽतवक वऽतय ा इतना

वयपक नही हई थी zwjयोऽक पहल ऽचतत पर अशिित की मतर जयद था जो लौ क दशथन हआndash यह

अतयनत ऽनमथल वऽतत था इस वऽतत स भा आसऽzwj त हटना होगा लौ क चरो ओर चर आवरण मर चरो

शरार थ पहला अवरण- महकरण शरार थ दसरा अवरण- करण शरार थ तीसरा अवरण-

सीकषम शरार क थ चौथा अवरण- सथील शरार थ वतथमन म मरा ऽसथऽत करण शरार म ह य चरो

शरार आवरण रप म वऽततयो दरर ऽदखय गय

यह अनिभव ऊपर ऽलख अनिभव क बद आय मन दखndash मर समन ऊपर की ओर ऽनमथल वयि

की लहर उठ रहा था म उन लहरो को गौरपीवथक दख रह थ लहर ऽबलकि ल ऽनमथल रगहान परदशी ह

उस परदशी वयि की लहरो म एक-दो परकश क कण इधर-उधर चमक जत ह तभा मर मिाह स ऽनकलndash

ldquoयह लहर िकतनी सवचछ व पारदरी हrdquo ऽफर आवज आईndash ldquoयोगी जो यह अतयनत िनमशल पारदरी

वितत दख रह हो तमह इसक उस पार जाना ह तमहारा ही जञान िनमशल पारदरी वितत क रप म िदखाई द

रहा हrdquo कि छ कषणो तक म उस वऽतत को दखत रह तभा मर अनदर ऽवचर आयndash ldquoयह ऽनमथल परदशी

वऽतत ऽकतना सिनदर हrdquo ऽफर अनिभव समप त हो गय

ऄथश- यह जो अतयनत परदशी ऽनमथल वऽतत वयि क रप म ऽदखई दा इसस सपष ट होत हndash मर

ऽचतत अब शाघरत स ऽनमथल होत ज रह ह

योग कस कर 412

वचतत वनमशलता की ओर

यह अनिभव एक नवमबर को आय मन दखndash म थोड़-स आग चलकर रक गय ह ा zwjयोऽक

समन क दशय दखकर म मिसकर रह थ म ऽजस सथन पर खड़ हआ थ मर समन की ओर लगभग

एक फि ट की साधा ऊा चई था यह ऊा चई मर पर क घिटन स भा कम था इस ऊा चई स आग की ओर

हलकी-सा चढ़ई था चढ़ई लगभग तान-चर माटर लमबा होगा उस चढ़ई स आग की ओर मिझ बहत

हा सिनदर परकश क दशथन हो रह थ म इस छोटा-सा चढ़ई व सिनदर परकश को दखकर मिसकर रह थ

इस अनिभव म एक ऽवशषत था समपीणथ दशय परकशमन हा थ सथ म दशय की भीऽम भा परकऽशत था

भीऽम स भा परकश ऽनकल रह थ उसा समय मरा दऽष ट नाच की ओर हो गई ऽजस सथन पर म खड़

हआ थ मन दखndash मर घिटनो क बरबर जो ऊा चई था वही स ऊपर की ओर हलकी-सा चढ़ई शिर

होता था लगभग एक ऽफट की चढ़ई क बद अतयनत सवचछ ऽनमथल पना ऽनकल रह थ उस पना क

बहव मरा ओर आ रह थ zwjयोऽक मरा ओर ढलव जमान था पना मरा ओर आकर नाच ऽगर रह थ

म अतयनत सवचछ पना की ओर दखकर हास और बोलndash ldquoपना ऽकतन सवचछ हrdquo तभा मन दख-

पना ऽजस सथन स ऽनकल रह ह उस सथन पर पना क सतरोत नही ह बऽलक भीऽम स लगभग एक-डढ़

फीट ऊपर आकश स पना सवय परकट हो रह ह म उस पना स बोलndash ldquoआप तो सवय परकट हो रह ह

और मरी ओर आ रह हrdquo म सोचndash ldquoयह पना कहा ज रह हrdquo तभा मिझ आश चयथ हआ zwjयोऽक पना

मर परो क पजो क पस आकर अदशय होत ज रह थ उस अतयनत छोटा-सा चढ़ई क आग परकश

अब भा अपना जगह पर ऽसथर थ तभा अनिभव समप त हो गय

ऄथश- सधको अनिभव म ऽचतत की भीऽम स एक फीट ऊपर आकश स अतयनत सवचछ ऽनमथल

पना परकट होकर मरा ओर बहकर परो क पजो पर आकर अदशय हो जत ह यह जो पना बह रह ह

यह मर हा ऽचतत की वऽततयो क सवरप ह ऽचतत की वऽततय ा पना क रप म मरा ओर बहकर मर म हा

लान हो जता ह ऽचतत म ऽजस कषतर स वऽततय ा परकट होकर बहर आता ह वहा कषतर सपष ट ऽदखई द रह

ह पना रपा ऽनकला हई अतयत ऽनमथल वऽततय ा मर अधयतम मगथ म सहयक होगा

योग कस कर 413

आसी म ऄववसथत होना

यह अनिभव भा एक नवमबर को आय मन अनिभव म दखndash म खड़ हआ ह ा मर शरार अतयनत

ऽवशल ह मर समन की ओर ऽसफथ परकश हा परकश ह म उस परकश स थोड़ दीर खड़ हआ ह ा उसा

समय आकश स आवज आईndash ldquoआपको इसा परकश म अवऽसथत होन हrdquo म ऽसफथ उस चतनयमय

परकश को दखकर मिसकर रह थ तभा अनिभव समप त हो गय

ऄथश- सधको इस अनिभव म जो अऽत सिनदर परकश ऽदखई द रह ह इसक वणथन म शबदो म

नही कर सकत ह ा म इस परकश स थोड़ा दीरा पर खड़ ह ा zwjयोऽक म अभा उस परकश तक नही पहाच ह ा

जब समऽध क अभयस दरर ऽचतत की वऽतत को ऽनरि कर दीाग तब उस परकश म पहाच जऊा ग

आकश न मिझ बत भा ऽदयndash ldquoआपको इसी परकार म अविसथत होना हrdquo तब म अऽत परसनन हआ

सधको यह चतनयमय परकश वसतऽवक नही ह इस वऽततयो क दरर ऽदखय गय यह अवसथ भऽवषय

म आएगा

भौवतक वसतओ को तयागन का सकलप

आपन मर ऽपछल अनिभवो को पढ़ होग वतथमन समय म मरा जो अवसथ ह वह अवसथ

सधक को तभा परप त होता ह जब उस ससररक पदथो क ऽवषय म पीरा तरह स जञन होन लगत ह

तथ जो तयगन योनय ह वह तयग ऽदय ह अथ थत ससररक पदथथ तयगन योनय ह zwjयोऽक ससररक

पदथथ पररवतथनशाल ह पररवतथनशाल पदथथ दिःख सवरप होत ह य पदथथ सदव समन रप म नही रहत

ह जब मनिषय को ऽकसा पदथथ स रग हो जत ह उस पदथथ क सवरप बदल जन पर रग होन क

करण दिःख की अनिभीऽत करन लगत ह इसऽलए ससररक पदथथ तयगन योनय हा ह ससररक पदथो

को ऽबन तयग जञन की उतकषथ अवसथ परप त नही की ज सकता ह अथव अभयस दरर जब जञन की

उतकषथ अवसथ आता ह तब योगा पहल हा सीकषम रप स ससररक पदथो को तयग कर चिक होत ह

zwjयोऽक ऽबन पदथो क तयग यह अवसथ परप त नही की ज सकता ह म भा लगभग डढ़ मह स सीकषम

रप स और सथील रप स तयग कर चिक ह ा तान नवमबर को मन अपना झोपड़ा म सकलप करक भौऽतक

वसतिओ क तयग कर ऽदय थ म झोपड़ा क अनदर धयन करन क ऽलए बठ ऽफर सकलप ऽकय पहल

योग कस कर 414

मन अपन योगबल स कहndash ldquoह योगबल य रबद मर समपणश बरहमाणड म गज जाएrdquo zwjयोऽक मर

योगबल हा समपीणथ बरहमणड म मर शबद पहाचन क कयथ कर सकत ह ऽफर मन सकलप ऽकयndash‛ ह

ऊधवथ लोक क वऽसयो योऽगयो तपऽसवयो भzwj तो ऋऽष-मिऽनयो तपलोक क मर पीवथ पररऽचतो ऽमतरो

सऽतवक शऽzwj तयो आऽदशऽzwj त क समसत सवरपो दऽवयो दवतओ मर इष ट भगवन शकर (भगवन

ऽवषणि जा व भगवन शराकषण जा) मर चरो गिरवो व चतन बरहम म आप सभा को परणम करत ह ा तथ

आप सभा को सकषा मनकर सकलप करत ह ा पथवा की ऽजतना भा वसतिएा मर अऽधकर म ह म उनक

तयग करत ह ा आप सभा स परथथन करत ह ा ऽक यऽद मर अनदर सीकषम रप स भा ऽकसा वसति क परऽत

तषण जगत होन लग तो कपय आप सभा मरा सहयत कर मिझ आशाव थद दो म अपन दरर ऽकए

गए सकलप क सदव पलन करत रह ाrdquo तभा अनतररकष स आवज आईndash ldquoह योगी त िनिय ही परम

उचचकोिट का योगी ह तन पहल ही सकषम रप स सथल पदाथो का तयाग कर िदया ह िरर तन सथल रप

स तयागन का सककप करक अचछा ही िकया ह तझ सरलता अवशय िमलगी जब तक तरा सथल ररीर

ह तब तक ससारी वसतओ की आवशयकता पड़गी इसिलए सथल ररीर क िलए उिचत मातरा म सथल

पदाथश को गरहण करत रहो और अपन मागश पर आग बढ़त रहो तझ िजस कायश क िलए परथवी पर रीघर

जाना पड़ा ह उस कायश को परा करो बस यही तरा लकषय होना चािहएrdquo म इन शबदो को सिनकर बहत

परसनन हआ ऽफर म झोपड़ा क बहर आ गय

कमाशशयो का साकषात वचतत दवारा तरनत करा दना

यह अनिभव म 6 नवमबर को ऽलख रह ह ा लगभग 15-20 ऽदन हए धयनवसथ म मिझ यह

अनिभव आय थ मन दखndash मर समन एक छोट-स कि तत क बचच खड़ हआ ह जस हा मरा दऽष ट

उस कि तत पर पड़ा वह कि तत अपन आप छोट होत चल गय जब उसक आकर एक ऽपलल क समन

रह गय तो वह जात जगत ऽपलल जड़ रप म बदल गय ऐस लग यह ऽपलल ऽमिा क बन हआ

ह कि छ कषणो म ऽमिा क पतर क समन फी ट गय और जड़ पदथथ क रप म इधर-उधर ऽबखर गय ऐस

लग जस ऽकसा बचच न ऽमिा क ऽखलौन पटक ऽदय हो और टीटकर इधर-उधर ऽबखर गय हो तभा

मर अनिभव समप त हो गय म बठकर सोचन लग इस अनिभव क अथथ zwjय ह मगर कि छ समझ म

नही आय

योग कस कर 415

दीसर ऽदन ऽफर इसा परकर क ऽमलत-जिलत अनिभव आय मन अनिभव की ओर धयन नही

ऽदय मन सोचndash धयनवसथ म कई परकर क अनिभव आत ह जररा नही ऽक सभा अनिभवो क अथथ

समझ ज सक मगर जब एक सप तह तक बरबर इसा परकर क अनिभव आत रह तब म सोच म पड़

गय इन अनिभवो क अथथ अवशय कि छ होग ऽफर एक ऽदन सवय जञन न मिझ बतयndash इन अनिभवो क

अथथ हndashldquoिचतत दवारा कमाशरयो का सािात कर दनाrdquoजो कमथ अब आप कर रह ह और जो कमथशय आप

वलय दरर दीसरो क गरहण कर लत ह उनही कमो क सकषतकर हो जत ह अब य कमथशय ऽचतत पर

नही ठहरत ह ऽचतत पर कमथशय बनत ह इसऽलए अनिभव क रप म ऐस दशय ऽदखई दत ह पहल

आपक कमथ चतनयमय स ऽदखई दत ह ऽफर वहा कमथ जड़ रप भऽषत हो जत ह ऐस इसऽलए होत ह

अब ऽचतत सवचछ ऽनमथल होन क करण ऽचतत पर बनन वल कमथशयो क वसतऽवक सवरप क दशथन

(सकषत) कर दत ह पीणथ रप स यह योनयत भऽवषय म आएगा

तषणा और ववकार

यह अनिभव 13 नवमबर को सिबह चर बज योगऽनदर म आय योगऽनदर म दखndash म आग की

ओर चल हा थ समन क दशय दखकर म ठहर गय zwjयोऽक समन मिझस थोड़ा दीरा पर घोड़ क समन

शरार वल एक जनवर लट हआ थ इस जनवर क गदथन क ऊपर स होकर एक सिनहर सपथ चल ज

रह थ इस घोड़ क समन जनवर को दखकर मर मिाह स ऽनकलndash ldquoयह तो मर गया हrdquo ऽफर मरा दऽष ट

सपथ की ओर ऽसथर हो गई सपथ पीवथ ऽदश की ओर चल ज रह थ मर मिाह उततर ऽदश की ओर थ

ऽबलकि ल शनत वतवरण थ दशय म ऽदखई दन वला भीऽम सवपरकऽशत था सपथ क शरार की लमबई

अपन आप जयद हो गई सपथ ऽबलकि ल शनत सवभव क थ म सपथ ऽक लमबई दखकर आश चयथचऽकत

हो रह थ इसकी लमबई लगभग दस माटर रहा होगा तभा मर मिाह स अपन आप शबद ऽनकलndash

ldquoइसकी (सपश की) लमबाई इतनी नही होनी चािहएrdquo सपथ दखन म बिर नही लग रह थ वह पीवथ ऽदश

ऽक ओर बड़ आरम स चल ज रह थपीवथ ऽदश म सपथ स थोड़ा दीरा पर अलौऽकक स तज परकश

चमक रह थ उसा समय मिझ अपन अनदर आवज सिनई दाndash ldquoयह सपश इस परकार म िवलीन हो

जाएगाrdquo मन अपना दऽष ट चरो ओर को घिमई चरो ओर ऽबलकि ल शनत वतवरण थ अनतररकष भा

योग कस कर 416

हलक नाल रग क परकश स परकऽशत थ पीवथ की ओर तजसवा परकश फल हआ थ तभा अनिभव

समप त हो गय मरा आाख खिल गई धयन पर बठन क समय हो गय थ

ऄथश- घोड़ क समन जनवरndash यह मरा हा तषण ह ऽजस मर हआ दख रह ह ा सच तो यह ह

तषण जो मरा हई ऽदखई द रहा ह वह कभा मरता नही ह बऽलक अऽत सीकषम हो-हो कर उसक अऽसततव

समप त हो जत ह भीऽम व अनतररकष मर हा ऽचतत ह ऽचतत इस अनिभव म सवपरकऽशत स ऽदखई द रह

ह ऽचतत सवपरकऽशत नही होत ह मगर जब ऽचतत म तमोगिण क परभव कम होन लगत ह तब ऽचतत पर

सतवगिण क परभव बढ़न लगत ह सतवगिण की अऽधकत स ऽचतत परकऽशत स ऽदखई दन लगत ह

शरी माता जी क वलए अवदशवzwj त स पराथशना करना

यह अनिभव 14 नवमबर को सिबह तान बज योगऽनदर म आयndash एक अऽदरताय सिनदर स तरा ऊा च

ऽसहसन पर बठा हई ह उसक ऽसर पर मिकि ट व समपीणथ शरार पर सिनदर गहन पहन हए ह तथ लल रग

की सड़ा पहन हए ह सड़ा म चमकील ऽसतर लग हए ह उसक ऽसर क बल खिल हए पाठ पर ऽबखर

हए ह म उस ऽसहसन स थोड़ नाच दऽहना ओर खड़ ह ा उसा समय शरा मत जा समन की ओर स

आई और ऽसहसन स थोड़ा दीरा पर आकर खड़ा हो गई शरा मत जा अपन दऽहन हथ म रोल ऽकए हए

सफद रग क कगज ऽलए हए ह शरा मत जा न उस कगज को ऽसहसन पर बठा स तरा क समन आग की

ओर (दन की मिदर म) ऽकय मगर उस स तरा न शरा मत जा की ओर धयन नही ऽदय उसा समय मन

अपन दोनो हथो को जोड़कर ऽसहसन पर बठा हई स तरा स बोलndash ldquoह आिदरिक त माता यह स तरी मरी

सद गर ह तथा परषाथश का कायश भी करती ह कपया आप पराथशना सवीकार कर लीिजएrdquo उसा समय

आऽदशऽzwj त न अपन हथ आग बढ़कर शरा मत जा क हथो स कगज ल ऽलय और उस पढ़न लगा

तभा मर जञन न बतय- ldquoशरी माता जी अभी और परषाथश करना चाहती ह अथाशत अभी और सथल

ररीर म रहना चाहती हrdquo तभा मर अनिभव समप त हो गय

ऄथश- आऽदशऽzwj त क सवरप हा ऽसहसन पर बठा हई स तरा ह आऽदशऽzwj त न zwjय ऽनणथय ऽलय

यह म नही बत सकत ह ा zwjयोऽक तभा अनिभव समप त हो गय मर इस अनिभव स लगत ह ऽक शरा

मत जा अभा और जावन जान चहता ह सधको मन अपन कि छ सधक ऽमतरो स सन 1990 म हा शरा

योग कस कर 417

मत जा की मतयि क ऽवषय म कह थ ऽक उनकी मतयि सन 1999 म हो जएगा मगर यह धयन रखन

वला बत ह ऽक योगा अपन योगबल पर कि छ समय क ऽलए अपना मतयि को टल सकत ह शरा मत

जा महन योगा ह वह अपना मतयि आग बढ़ सकता ह वस सन 1999 म उनक सथील शरार छी ट जन

चऽहए थ मिझ अपना मतयि क ऽवषय म भा मलीम ह मगर म अपना मतयि को आग नही बढ़ऊा ग मिझ

मलीम ह ऽक म मतयि क बद ऽकस लोक म पहाचीाग मगर जब तक म सथील शरार म ह ा तब तक इस शरार

क म पीर लभ उठऊा ग zwjयोऽक मर उददशय योग मगथ म आग बढ़त जन ह

वचतत की ववतत और कारण शरीर

यह अनिभव 16 नवमबर को धयनवसथ म आयndash म जलता हई लौ को दख रह ह ा लौ क

परकश स समपीणथ जगह परकशमन हो रहा ह लौ क आकर तो छोट ह मगर बहत सिनदर ह लौ क चरो

ओर ऽवशष परकर क परदशी आवरण चढ़ हआ ह इस परदशी आवरण क बाच म लौ परकशमन हो

रहा ह लौ क परकश परदशी आवरण को पर करत हआ समपीणथ जगह को परकऽशत कर रह ह म लौ

को भा दख रह ह ा तथ अतयनत सवचछ परदशी आवरण को भा दख रह ह ा कि छ कषणो बद लौ अदशय

हो गई मगर समपीणथ जगह फल हआ परकश पहल की भ ाऽत हा अब भा ऽवदयमन थ अब म ऽसफथ

परदशी आवरण क दख रह थ ऽफर अनिभव समप त हो गय

ऄथश- जलता हई लौ ऽदखई द रहा ह- वह ऽचतत की सऽतवक सशकत वऽतत ह जो इस रप म ऽदख

रहा ह उसक ऊपर परदशी आवरण मर हा करण शरार ह अब करण शरार मर पहल की अपकष

बहत हा शिि हो गय ह

जीव और शरीर

यह अनिभव 17 नवमबर को सिबह 10 बज झोपड़ा म आय म मतर जप कर चिक थ धयन

करन क ऽलए आाख बनद की हा थी तभा मिझ अपना ओर कि छ आत हआ कि छ ऽदखई ऽदय मन

अपना दऽष ट उस वसति पर ऽटक दा वह वसति अनतररकष म बहत दीर स मरा ओर आ रहा था कि छ कषणो म

सपष ट होन लग ऽक य घोड़ क चर पर ह घोड़ क पर क ऽबलकि ल ऽनचल भग मिझ ऽदखई द रह थ घोड़

योग कस कर 418

क पर छलग लगत हए मरा ओर आ रह थ कि छ कषणो बद सपष ट हो गय एक घोड़ तजा स दौड़त

हआ मरा ओर आ रह ह उसकी पाठ सिनदर कपड़ स सिसऽजजत था यह सिनदर कपड़ घोड़ क दोनो ओर

नाच तक लटक रह थ कपड़ क करण घोड़ क पर क ऽनचल भग मतर एक फीट य इसस कम ऽदखई

द रह थ घोड़ मिझस थोड़ा दीरा पर आकर ठहर गय घोड़ एक रथ म जित हआ थ रथ म ऽसफथ दो

पऽहए थ रथ क ऊपर बडा सा छतरा लगा हई था रथ पर बठन क सथन ऊा च थ जब रथ और घोड़

मर समन आकर रक तब रथ और घोड़ अपना जगह पर खड़ हए हा गोलकर रप म घीम गय

गोलकर रप म घीमन क करण मिझ घोड़ व रथ क समपीणथ भग ऽदखई द गय उसा समय अनतररकष स

आवज आई ldquoयोगी अब त इस रथ पर बठ और इस रथ को त ही हाक (सारथी का कमश कर)rdquo उततर

म म कि छ नही बोल मिझ रथ और घोड़ जन zwjयो अचछ नही लग रह थ जबऽक रथ और घोड़ दखन

म बहत हा सिनदर थ उसा समय म अपन आप रथ क ऊपर बठ गय जबऽक म रथ स दीर ऽसथत अपन

सथन स ऽहल-डिल नही थ मर एक शरार रजओ की भ ाऽत रथ पर बठ हआ थ तथ म दीर स बठ

हआ दषट रप स समपीणथ दशय दख भा रह थ मर दोनो हथो म घोड़ की लगम था घोड़ शनत व ऽसर

नाच ऽकए हए खड़ थ मन पीछ- ldquoइस रथ और घोड़ का अथश कया हrdquo अनतररकष स आवज आईndash

ldquoरथ तरा ही ररीर ह घोड़ा तरा ही मन ह अब इस ररीर को व मन को जसा चाहो वसा चलाओrdquo मिझ

अनदर स घोड़ व रथ अचछ नही लग रह थ म बोलndash ldquoमझ रथ और घोड़ा अचछा नही लग रहा हldquo

मगर इसक जवब अनतररकष स नही आय

ऽजस समय रथ पर म रजओ की भ ाऽत अपन आप बठ गय उस समय रथ व घोड़ तथ मर

शरार रथ म बठ हआ सपष ट ऽदखई द रह थ उस समय मिझ अपन शरार (जो रथ पर बठ ह) भा

अचछ नही लग रह थ जबऽक म रथ पर रजओ की भ ाऽत कपड़ पहन हए बठ थ म रज क समन

परतात हो रह थ ऽफर भा मिझ तानो (घोड़ रथ और अपन शरार) अचछ नही लग रह थ मरा कोई

इचछ नही था ऽक म रथ पर बठी ा और घोड़ की लगम पकड़ ा मगर zwjय करत अपन आप सब कि छ हो

रह थ जबऽक म तानो को व चरो ओर फल हई परकश को दख रह थ उस समय म दषट की भ ाऽत दीर

स दख रह थ मिझ अब भा यद आ रह ह म शरार स रऽहत आकर स रऽहत समपीणथ दशय क दषट थ

जब रथ पर बठ मर शरार न घोड़ क लगम पकड़ा और रथ को आग की ओर ह ाकन चह तभा अनिभव

समप त हो गय घोड़ क रग हलक लल थ रथ व मर शरार और परकश सफद उजजवल थ

योग कस कर 419

ऄथश- घोड़- मर मन ह रथndash मर शरार ह यह घोड़ रपा मन शनत व ऽसथर खड़ हआ ह रथ

मर हा शरार ह मिझ अपन मन व शरार अचछ नही लग रह ह जबऽक दखन म सिनदर लग रह ह इन

दोनो को म हय दऽष ट स दख रह ह ा आकशवणा हईndash ldquoयोगी त इस रथ को हाकrdquo मगर म कि छ नही

बोल zwjयोऽक म रथ और घोड़ को हय दऽष ट स दख रह थ म चलकर रथ क ऊपर नही बठ बऽलक म

ऽबन चल हा रथ क ऊपर अपन आप बठ गय रथ पर रजओ की भ ाऽत बठ हआ मर शरार जीव का

परतीक ह म दषट रप म दीर स समपीणथ दशय दख रह ह ा मिझस कह गयndash ldquoइस रथ को ह ाकrdquondash अभा

तक इस रथ रपा शरार को इऽनदरया चल रहा थाअथथत यह शरार इऽनदरयो क आधान थ अब अपना

इऽनदरया मन और शरार को अपन आधान कर अपन इचछनिसर चलओ ऐस ऽसफथ योगा पिरष हा कर

सकत ह ससरा पिरष सदव अपनाइऽनदरयो क आधान रहत ह इसाऽलय वह इऽनदरयो क दस बन

रहत ह सधको सभा सधक क उदशय यहा होन चऽहए ऽक वह आतम म अवऽसथत हो सक इस

अवसथ को परप त करन म अभयसा को कई जनम लग जत ह

वसफश lsquoॎrsquo मतर का जाप करो

20 नवमबर को सयकल धयन पर बठ धयन पर बठन क कि छ कषणो बद आवज सिनई दाndash

ldquoयोगी अब तम िसरश lsquoॎrsquo मतर का ही जाप करो अथवा आतमा का समरण करो अनय मतरो का जाप

िबककल बनद कर दो कयोिक तम िजन मतरो का जाप कर रह हो वह सगण रप म ह िरव मतर का भी

जाप कछ समय क िलए बनद कर दोrdquo ऽफर मन ऽशवमतर क जप बनद कर ऽदय zwjयोऽक मर अन तकरण

म ऽशवमतर क जप चल रह थ ऽफर म धयन की गहरई म चल गय

सधको मिझ सभा सगिण मतरो क जप करन क ऽलए मन कर ऽदय गय तऽक मर मन पीरा तरह

स चतन तततव क हा ऽचनतन कर अथव उसम अतमिथखा रह म जयदतर शऽzwj तमतर क जप करत थ

मिझ शऽzwj तमतर ऽसि ह इसा क परभव स मर अनदर कभा भा योगबल कम नही हआ शऽzwj तमतर ऽसि होन

क करण सदव योगबल क भडर मर पस रहत ह योग स समबऽनधत ऽकसा भा कयथ म म असफल नही

हआ ह ा मगर अब ऽसफथ lsquoॎrsquo मतर क हा जप करत ह ा इसा मतर क परभव स सभा परकर स

आधयऽतमक कयथ करत ह ा

योग कस कर 420

सन 1999

वयतथान की ववततयाा

नवमबर 1998 क बद मर अन तकरण म वयितथन की वऽततय ा उतपनन होन लगी इन वयितथन की

वऽततयो क करण मिझ सिख और दिःख मोहआऽद उतपनन होत ह इन वऽततयो म अजञनत और अशिित

क ऽमशरण होत ह इस परकर की वऽततयो क करण सथील ससर म लगव-स हो गय ह जस अमिक

वयऽzwj त न मर सथ दिवयथवहर ऽकय अमिक वयऽzwj त न मिझ धोख ऽदय ह मन जन बीझकर अपना सधन

कम कर दा ह तऽक वयितथन की वऽततयो स म परभऽवत हो सकीा जब म ऐसा वऽततयो स परभऽवत हो

जऊा ग तब ऐसा वऽततयो क ऽवषय म म जयद समझ सकीा ग अब मरा यह अवसथ ह इस परकर

वऽततयो स म पीरा तरह परभऽवत ह ा मन इन वऽततयो क ऽवषय म बहत जञन परप त कर ऽलय ह

इस अवसथ म म अपन ऽचतत को पीरा तरह स दखत रहत ह ा मन सपष ट दख हndash ऽक मर ऽचतत

गनद होन लग ह ऽचतत म ऽवकर उठन शिर हो गए ह इऽनदरया मन अहकर आऽद बऽहमिथखा होन लग ह

म इन सबको बऽहमिथखा दखकर हासत ह ा अब य सब बऽहमिथखा होकर अपन-अपन कम करन म लग

गए ह मन अनिभव म दखndash नग क छोट-स बचच एकदम कल बहत हा फि तील मरा ओर फन

उठकर बहत जोर स मिझ फी फकर रह ह म तिरनत समझ गय ऽक यह मर अहकर ह मय क दशय

बहत सिनदर थ सकषप म ऽलख रह ह ा

माया नष ट होन की ओर

म आग की ओर चल ज रह थ एक लड़की न अपन पस आन क मिझ इशर ऽकय वह

लड़की समन थोड़ा दीरा पर मर मगथ म एक ओर खड़ा हई था लड़की को अपन समन दखत हा म

अपना जगह पर ठहर गय मन अपन मन म सोचndash मिझ इस लड़की स zwjय लन-दन ह म zwjयो इसक

पस जऊा ऽफर मर मन म आय दखत ह ा यह मर zwjय कर लगा यहा सोचकर म लड़की क पस चल

गय वह लड़की अतयनत सिनदर था बहत सिनदर कपड़ पहन हए था उमर 16-17 सल जसा लग रहा था

योग कस कर 421

म उसक पस पहाचकर उसकी सिनदरत धयन पीवथक दखा ऽफर म बोलndashldquoआप वासतव म बहत सनदर

हrdquo वह लड़की उततर म कि छ नही बोला ऽसफथ मिसकरई और मिझ आऽलगन कर ऽलय म ऽसथर खड़

हआ मिसकर रह थ कि छ कषणो बद लड़की सवय मिझस अलग हो गई म उसस बोलndash ldquoआपन मझ

कयो बलायाrdquo लड़की बोलाndash ldquoम आपकी ह आपक साथ रह गीrdquo म आश चयथ भर शबदो म बोलndash

ldquoअचछाrdquo कछ िणो बाद म िरर बोलाndash ldquoयिद आपकी इचछा ह तो आप मर साथ रह सकती हrdquo वह

लड़की परसनन हो गई ऽफर लड़की मरा दऽहना ओर कमर पर ऽचपक कर बचचो क समन बठ गई मर

दऽहन कनध मजबीता स पकड़ ऽलय लड़की को इस तरह कमर पर बठन को मन मन नही ऽकय

बऽलक अपन दऽहन हथ स सहर द ऽदय अब म आग की ओर तावर गऽत स बढ़न लग म और

लड़की दोनो परसनन थ जस-जस म आग की ओर बढ़त ज रह थ वस-वस लड़की क शरार परदशी

होत ज रह थ आग की ओर जन की मरा गऽत तावर था लड़की क शरार ऐस लग रह थ मनो

परदशी होकर नष ट होत ज रह ह म परकश की ओर चल ज रह थ अनिभव समप त हो गय

ऄथश- लड़की ऽस तरयो की भ ाऽत कपड़ पहन हए था सधको यहा लड़की मय था मय क

परभव धार-धार भऽवशय म नष ट हो जएग zwjयोऽक उसक सवरप धार धार परदशी होत ज रह ह

ह सधको वयितथन की वऽततयो को मन जन बीझकर ऽलख ह तऽक आप सभा ऽशकष ल सक

म इस परकर की वऽततयो क ऽवषय म अऽधक जनकरा कर सकीा इसक ऽलए मन अपना सधन अतयनत

धामा कर दा तऽक य वऽततय ा जयद-स-जयद परगट हो सक इस समय मर अनदर इऽनदरया मन अहकर

आऽद बऽहमिथखा हो गए ह पढ़न स लगत ह की मर पतन हो गय ह मगर वसतव म ऐस नही ह म तो

अहकर आऽद को पहल हा अतमिथखा कर चिक ह ा इन सभा क ऽवषय म म अचछा तरह स पररऽचत ह ा

इसऽलए अब य मिझ अपन ऽशकज म नही जकड़ सकत ह zwjयोऽक एक बर म छी ट चिक ह ा अब न तो य

मर योग मगथ को अवरोध कर सकत ह और न हा य मिझ भरऽमत कर सकत ह अब जब चह ाग कठोर

सधन करक अतमिथखा कर दीाग

घर वालो को धनयवाद

पठको आजकल मर घर वलो न हा मरा खीब दिगथऽत कर दा ह दिगथऽत इसऽलए कर दा गई की म

उनक अनिसर zwjयो नही चल रह ह ा म योगा होकर अपन पररवर वलो क अनिसर कस चल सकत ह ा

योग कस कर 422

आऽखरकर म योग क ऽनयमो क ऽवरि नही ज सकत ह ा मर सब कि छ छान ऽलय गय मर पस कि छ

भा नही रह गय कि छ ऽदन घर म भीख भा रह ऽफर वयवसथ हो गई मिझ मलीम हndash जो मर सथ गलत

वयवहर कर रह ह उनह सवय नही मलीम ऽक वह zwjय कर रह ह भऽवषय म य सभा अपन कमथ भोगग

ईश वर इनह सदबिऽि द सधको वस मिझ ऐस पिरषो को धनयवद दन चऽहए zwjयोऽक य मर बिर कमो को

धो रह ह सवय बिर कमो को गरहण कर लत ह इस परकर क कष टो को भोगत समय योगा क ऽचतत ऽनमथल

होन लगत ह सतय तो य ह ऽक लोग करण बन जत ह वस इस अवसथ को परप त करन वल योगा

अतयनत शऽzwj तशला होत ह चह तो सवय अपन योगबल स इनको दणड द सकत ह मगर योगा को

जञन परप त होन क करण कभा भा दीसरो क अऽहत नही करत ह आजकल म अतयनत कष ट स गिजर रह

थ मगर यह कष ट ऽसफथ समज वलो की दऽष ट म थ म अनदर स सदव परसनन रहत थ zwjयोऽक हर घटन

म पहल स हा जन लत थ य घटनएा कभा-कभा मिझस आजञ भा लता था मगर ससरा पिरष zwjय

समझ की म zwjय कर रह ह ा ससरा पिरषो क ऽनगहो म म कष ट भोग रह होत ह ा अकल म म हास

करत थ

जब सब कछ तयाग दगा

यह अनिभव मचथ क दीसर सप तह म आय म ऽकसा करण स थोड़ा दिखा थ दोपहर क समय म

झोपड़ा (कि ऽटय) क अनदर धयन करन क ऽलय बठ गय कि छ कषणो म मर गहर धयन लग गय उसा

समय अनतररकष स आवज आईndash ldquoह माता कािलक आपक इस भि योगी क दःखो का अनत कब

होगाrdquo उसा समय अनतररकष स स तरा की आवज आईndash ldquoजब सब कछ तयाग दगा तब इसक दःखो का

अत हो जाएगाrdquo मरा आाख खिल गया म बठकर सोचन लगndash यह मत कला की आवज ह उनक

कहन क अथथ ह ldquoम ससर की सभा वसतिओ क तयग क दीा zwjयोऽक सथील वसतिओ स आसकत होन क

करण दिःख परप त होत हrdquo

योग कस कर 423

सीवढ़याा वदखाइ दी

यह अनिभव अपरल क तासर सप तह म आय- म ऽकसा सथन पर अकल चल ज रह थ कि छ

कषणो बद मिझ एक पिरष ऽदखई ऽदय वह मिझस बोलndash ldquoआप मर पीछ-पीछ आइएrdquo म उस पिरष क

पाछ-पाछ ऽबन कि छ सोच-समझ चलन लग वह पिरष मिझ एक घर क अनदर ल गय घर क अनदर

आागन निम जगह म साऽढ़य ा बना हई थी वह पिरष साऽढ़यो पर चढ़त हआ ऊपर की ओर चल गय

ऽफर मरा दऽष ट स ओझल हो गय म भा साऽढ़यो पर तजा स चढ़न लग लगभग आधा साऽढ़या चढ़न क

बद ऊपर की साऽढ़या साकरा हो गई अब मर शरार साऽढ़यो म फा सन लग आग चढ़न मिऽशकल हो रह

थ म उसा समय साऽढ़यो स नाच की द गय और बोलndash ldquoम अनय मागश स ऊपर की ओर आऊ गाrdquo िरर

म वापस चल िदया‛

ऊपर ऽलख अनिभव क एक सप तह बद यह अनिभव आयndash म हलक नाल रग क सवपरकऽशत

आकश म खड़ ह ा मर समन थोड़ा दीरा पर चर-प ाच साऽढ़य ा बना हई ह यह साऽढ़य ा साधा ऊपर की

ओर बना हई ह म ऊपर वला आऽखरा साढ़ा को दख रह ह ा ऊपर की आऽखरा साढ़ा बहत चौड़ा और

अचछा ह साढ़ा स सवय परकश ऽनकल रह ह इस आऽखरा साढ़ा पर एकदम उजजवल सफद कपस

जस छोट-स बदल क टिकड़ उड़ रह ह और समपीणथ आकश म कही भा बदल नही ह तभा मर मिाह

स अपन आप आवज ऽनकलाndash मिझ इसा अऽनतम साढ़ा तक पहाचन ह अनिभव समप त हो गय यहा

अनतररकष अतयनत कम घनतव वल थ परकश भा तज फल हआ थ

ऄथश- ऽपरय सधको इस अनिभव स मलीम हो जत ह ऽक मिझ अभा और आग क रसत तय

करन ह इसाऽलए य साऽढ़य ा ऽदखई द रहा ह ऽचतत पीरा तरह स अतयनत ऽनमथल नही हआ ह साऽढ़यो

क साकरा हो जनndash अभा आग की उननऽत क ऽलय अवरोध ह दसर ऄनभव मndash आऽखरा साढ़ा पर

सफद बदल क टिकड़ ह इसक घनतव भा बहत कम हndash ऽचतत की और सवचछत क बद बदल क

टिकड़ अदशय हो जएग हलक नाल अनतररकष मर ऽचततकश ह

योग कस कर 424

जञान परदान वकया गया

यह अनिभव मई मह क परथम सप तह म आय आजकल म नदा क ऽकनर झोपड़ा बन कर

रहत ह ा ऽसफथ खन खन की ऽलए घर जत ह ा एक ऽदन म भीख स पाऽड़त थ दोपहर हो गई था ली भा

अऽधक चल रहा था इसऽलए झोपड़ा क दरवज बनद ऽकए हए चरपई पर लट हआ थ ऽखड़की स

कि ऽटय क अनदर परकश आ रह थ चरपई पर लट हए हा मरा आाख बनद हो गई मिझ ऐस लग ऽक

मर ऊपर कोई लट हआ ह zwjयोऽक ऽकसा क शरार क भर मिझ महसीस हो रह थ उसा समय मिझ

ऽदखई ऽदय एक अऽत सिनदर गोर रग की स तरा मर ऊपर लटा हई ह म साध चरपई पर लट हआ थ

वह स तरा मर ऊपर पट क बल लटा हई था उस स तरा क दय ा सतन मर मिाह को सपशथ कर रह थ म भीख

क करण उसक सतनपन करन लग कि छ कषणो बद उस स तरा न अपन बय ा सतन मर मिाह म लग ऽदय

म उसक बय ा सतन पन करन लग मर मिाह उस स तरा क वकषसथल क नाच थ ऽफर भा स तरा क ऽसर स

नऽभ तक क शरार ऽदवय दऽष ट क दरर ऽदखई द रह थ स तरा क शरार अतयनत ऽवशल थ उसकी

नऽभ क पस मर परो क पज थ उसक मिाह मर ऽसर क पाछ की ओर थ उसक ऽसर क बल बहत लमब

थ बल लमब और घन होन क करण स तरा की पाठ पीरा तरह स ऽसर क बलो स ढकी हई था स तरा क

नऽभ स ऽनचल शरार मिझ ऽदखई नही द रह थ नऽभ स ऊपरा भग पर कोई भा वस तर नही थ स तरा क

मिाह मर ऽसर क पाछ होन क बद भा मिझ सपष ट ऽदखई द रह थ उस ऽवशल स तरा क शरार क भर मिझ

महसीस हो रह थ मगर मिझ ऽकसा परकर की कोई परशना नही हो रहा था स तरा क शरार स हलकी-

हलकी खिशबी ऽनकल रहा था जब मन स तरा क दोनो सतन पन कर चिक तब वह अदशय हो गई मरा

धार-धार आाख खिलन लगा मिझ झोपड़ा क अनदर स सीयथ क परकश ऽदखई दन लग म जगत हए भा

बहोश जस थ म ऽहल-डिल नही सकत थ

कि छ कषणो बद मरा आाख ऽफर अपन आप बनद हो गई मिझ ऐस लग ऽक मर ऊपर कोई लट

हआ ह मिझ पहल जस दशय ऽफर ऽदखई ऽदयndash ऽक मर ऊपर गोर रग की स तरा पहल की भाऽत लटा हई

ह मगर यह पहल वला स तरा नही ह बऽलक यह दीसरा स तरा ह म उस स तरा क दय ा सतन पन करन लग

इसक शरार स भा हलकी-हलकी सिगनध ऽनकल रहा था इस स तरा क भा ऽसर स नऽभ तक क शरार

ऽदखई द रह थ ऽसर क ऽबखर हए लमब-लमब बल स तरा को व मिझ ढक हए थ उसक चहर अऽत

सिनदर थ कि छ कषणो बद म म बय ा सतन पन करन लग ऽफर यह स तरा कि छ समय बद अदशय हो गई

मरा आाख खिल गई

योग कस कर 425

मर शरार शनत ऽसथर चतन शीनय स लट हआ थ मरा आाख ऽफर बनद हो गई मन अपन ऊपर

एक सावला स तरा (पहल वला ऽस तरयो क समन शरार वला) को लट हआ पय इस स तरा क रग

स ावल होत हए भा बहत सिनदर था उसकी आाख अतयनत सिनदर ऽदखई द रहा था पहल की भ ाऽत इस

स तरा क भा सतन पन करन लग सतनपन करत समय मिझ अपना झोपड़ा की ऽखड़की क दरर आय

हआ अनदर की ओर क परकश ऽदखई द जत थ म पीरा तरह स जगरत अवसथ म थ तथ यह भा

दख रह थ ऽक म ऽकसा स तरा क सतनपन कर रह ह ा मरा बहत ऽवऽचतर अवसथ था जगरत अवसथ म

हा वह स तरा मर ऊपर लटा हई था सतनपन करत समय म भील जत थ ऽक म झोपड़ा क अनदर लट

हआ ह ा मिझ एक बत ओर यद आ रहा हndash इस स तरा क सतन स दीध ऽनकलन बनद हो गय थ तब मन

सतनपन करन बनद कर ऽदय ऽफर यह स तरा अदशय हो गई तभा म हड़बड़ कर उठकर बठ गय और

सोचन लगndash यह कस अनिभव ह zwjयोऽक म जगरत अवसथ म थ तानो ऽस तरयो क शरार क सपशथ और

उनक शरार क भर मिझ अब भा महसीस हो रह थ ऽफर म कि छ कषणो क ऽलए धयन पर बठ गय

धयनवसथ म मन जञन स पीछ- इस अनिभव क zwjय अथथ ह जञन न बतयndash ldquoयोगी तम उस

अनभव का अथश समझ चक हो िरर भी मझस पछ रह होrdquo म बोलndash ldquoआप सवय मझ बतान की कपा

कर िक इसका अथश कया हrdquo जञन न बतयndash ldquoिजनह तम िस तरया कह रह हो वह आिदरिक त क तीनो

रप ह सतनपान करन का अथश ह- ldquoजञान पराप त करनाrdquo इसक परभाव की जानकारी तमह कछ समय बाद

होगी सकषम रप स तमहारी इस समय भख भी िमट गई ह मगर सथल ररीर की भख सथल भोजन स ही

िमटगी घर जाओ और भोजन करोrdquo मन धयन समप त कर ऽदय तभा मिझ महसीस हआ मरा भीख

समप त सा हो गई ह

सधको यह अनिभव मिझ जगरत अवसथ म आय थ तथ आाख भा अपन आप बनद हो जता

था उन ऽस तरयो क सतन पन करत समय म अपन आप को भील जत थ इस परकर क अनिभव मिझ

पहल कभा नही आय थ सब कि छ जगरत अवसथ म अवसथ म अनिभीऽत हो रहा था उन ऽस तरयो क

शरार ऽवशल थ मिझ नऽभ स नाच क शरार ऽदखई नही द रह थ समभवतः उनक शरार की लमबई

12-13 फीट रहा होगा ऽस तरयो क अतयनत कल घन लमब बलो स उनक शरार ढाक हआ थ म यह ा

पर उनक शरार क सिनदरत क वणथन नही कर रह ह ा म यहा कह ाग उनक शरार की सिनदरत क वणथन

करन क ऽलए मर पस शबद नही ह जस मतएा बचच को सतनपन करत समय बचचो को गोद म ल

लता ह अथव अपन ऊपर ऽलट लता ह मगर इन अनिभवो म य मतएा मर ऊपर लटा हई थी zwjयोऽक म

योग कस कर 426

चरपई पर लट हआ थ अनिभव जगरत अवसथ म मतर आाख बनद होन पर आ रह थ इन तानो

ऽवशलकय ऽस तरयो न मिझ अपन सतनपन करय जब सतन स दीध ऽनकलन बनद हो जत थ तब

दीसर सतनपन करन लगता था जब दीसर सतन स भा दीध ऽनकलन बनद हो जत थ तब वह स तरा

अदशय हो जता था इसा परकर पहला और दीसरा स तरा न ऽकय थ मगर तासरा स तरा जो हलक सावल रग

की था जब उसन सतनपन करन शिर ऽकय तब कि छ कषणो बद उसक सतन ऽसकि ड़न शिर हो गय

धार-धार उसक सतन ऽबलकि ल ऽसकि ड़ गय ऐस लग रह थ मनो वि स तरा क म सतनपन कर रह ह ा

उस सतन स दीध ऽनकलन पीरा तरह स बनद हो गय थ ऽफर उसन अपन दीसर सतनपन करन शिरकर

ऽदय कि छ कषणो बद यह सतन भा धार-धार ऽसकि ड़न लग तथ दीध ऽनकलन बनद हो गय इसक अथथ

हndash ldquoतानो ऽस तरयो क दरर मिझ जञन परदन ऽकय जनrdquo अनिभव म तासरा स तरा क सतन स दीध ऽनकलन

बनद हो गय तथ सतन भा ऽसकि ड़ गय इसक अथथ हndash ldquoमिझ पीणथ जञन परदन ऽकय गय हrdquo इस

अनिभव स सपष ट हndash भऽवषय म मिझ तततवजञन परप त होग तथ समपीणथ परकऽत मर ऽलय नष ट हए क समन

हो जएगा यह धयन क अनिभव नही बऽलक परतयकष अनिभीऽत था

कवलयग की कदवष ट

यह अनिभव मई क ऽदरताय सप तह म आय म दोपहर क समय धयन कर रह थ तब

धयनवसथ म दखndash दीर अनतररकष स एक अतयनत कल ऽवशल शरार वल पिरष मरा ओर चल आ

रह ह जब वह पिरष मर पस आ गय तब मिझ ऽदखई ऽदय ऽक उसक ऽसर पर बड़-स घड़ रख ह

तथ उसन एकदम श वत रग क वस तर पहन हए ह वह कल पिरष और मर नजदाक आ गय ऽसर पर रख

हआ घड़ अपन हथो म ल ऽलय ऽफर घड़ क मिाह धार-धार नाच की ओर करन लग तभा घड़ क

अनदर स कोयल क समन कल गढ़ तरल पदथथ नाच ऽगरन लग उसा समय म उसस बोलndash ldquoयह

गनदा पदाथश मर ऊपर कयो डाल रह हो मझस दर रहो‛ म कल तरल पदथथ को घण की दऽष ट स दखन

लग वह कल पिरष बोलndash ldquoम तमहार ऊपर नही डाल रहा ह rdquo मन दखndash मिझस दस माटर की दीरा पर

उसन सर घड़ उलट ऽदय और पिरष अदशय हो गय वह कल तरल पदथथ उस घड़ स बहत जयद

मतर म ऽनकल थ तरल पदथथ मरा ओर बहकर आन लग उस समय म बठ हआ थ तरल पदथथ

योग कस कर 427

मरा ओर बहत हआ रदय म परवश कर गय मर मन घण स भर गय मिझ अपन आप स अरऽच सा हो

गई zwjयोऽक न चहत हए भा वह तरल पदथथ मर रदय म परवश कर गय अनिभव समप त हो गय

ऽफर धयन पर बठकर मन कऽलयिग स पीछndash ldquoआपन काला गनदा तरल पदाथश मर ररीर म परवर

करा िदयाrdquo कऽलयिग बोलndash ldquoयोगा म भा तो बरहम क हा सवरप ह ा आप मिझस इतना घण zwjयो करत

ह म उततर म कि छ नही बोल सधको अब मिझ उस तरल पदथथ क करण ऽदन भर आलसय बन रहत

ह और बहत सोत रहत ह ा मरा सधन बहत कम हो गई ह मगर कि छ ऽदनो बद मन दढ़त स कम

ऽलय ऽफर आलसय कम होन लग इस कल गढ़ स तरल पदथथ क परभव धार समप त हो गय यह

कल गढ़ पदथथ तमोगिण थ ऽजस भोग कर मन समप त कर ऽदय

सतय और ऄसतय बरहम का ही सवरप ह

सधको मिझ बचपन स लकर अभा तक चोरा करन वलो झीठ बोलन वलो स तथ बईमनो स

अतयनत घण ह झीठ तो आजकल जयदतर लोग बोलत ह इसऽलए मरा ऽकसा स नही बनता ह म कि छ

रख स हो गय ह ा और सोचत ह ाndash लोग झीठ zwjयो बोलत ह मिझ उचचवसथ परप त होन पर भा अभा

तक झीठ बोलन वलो क परऽत घण समप त नही कर सक ह ा म एक ऽदन धयन पर बठ हआ थ तभा

अनतररकष स आवज सिनई दाndash ldquoपप भा म ह ा पिणय भा म हा ह ा तिम ऽकसस घण करत हो असतय स

सतय भा म ह ा असतय भा म ह ा असतय क रप म म हा सभा जगह वयप त रहत ह ा मर असतय रपा

सवरप स तिम घण करत हो असतय क ऽबन सऽष ट असमभव ह तिम मर सत रपा सवरप को नही

पहचन पए हो इसऽलए तिमह कष ट महसीस होत ह मर इस सवरप को पहचनत हा कष टो स मिकत हो

जओग सतय और असतय मर दोनो सवरपो को समभव स दखो जब तक मनिषय अजञन स गरऽसत रहत

ह उसक दरर ऽकए गए कमो स पप और पिणय रपा कम थशय बनत ह अजञन स रऽहत जो जन पर उसक

दरर ऽकए गए कमो क कमथशय नही बनत ह चह zwjयो न उसन असतय क सहर लकर कमथ ऽकय हो

वह पप क भगादरा नही बनत ह zwjयोऽक ऐस पिरष (योगा) मरा पररण स अथव ऽवऽध क ऽवधन क

अनिसर कयथ करत हrdquo ऽफर मर अनिभव समप त हो गय

योग कस कर 428

इस अनिभव क बद मर अनदर बहत बदलव स आ गय मरा लगभग जयद तर समसयएा

सिलझ गई म एकत म चिपचप शनत बठ रहत ह ा मिझ अब लगत ह जनन क ऽलए अब कि छ शष नही

रह गय ह म सब कि छ जन गय ह ा जो जनन चऽहए थ

सथल जगत वदखाइ zwjयो नही दता

यह अनिभव 15 मई को आयndash मन ऽकसा सिनसन जगह म अकल चल ज रह ह ा कि छ समय

तक चलन क बद म एक जगह ठहर गय ऽफर गौर पीवथक कि छ दखन लग कि छ कषणो म म अपन आप

बोलndash पहल यही पर कही नदा था अब वह नदा कहा चला गई मिझ zwjयो नही ऽदखई दता ह मर

अऽनतम शबद पीर होत हा मिझस थोड़ा दीरा पर एक तरफ (बई ओर) नदा परकट हो गई म ऽफर बोलndash

मिझ यह नदा पहल zwjयो नही ऽदखई द रहा था मर कहत हा अपन आप परगट होकर ऽदखई दन लगा ह

ऽफर म एक ओर को चल ऽदय तभा मर समन साऽढ़य ा परकट हो गया म साऽढ़यो क ऊपर चढ़न लग

ऽफर अनिभव समप त हो गय

ऄथश- सधको नदाndash सथील जगत ह पहल सथील जगत ऽदखई नही द रह द रह थ जब मन

उसक समरण ऽकय तब वह परकट होकर ऽदखई दन लग अथ थत म सथील जगत म रहत हए भा सथील

जगत म नही रहत ह ा आवशयकत पड़न पर म अपन आपको सथील जगत म लत ह ा साऽढ़यो पर

चढ़नndash भऽवषय म आधयऽतमक उननऽत परप त होगा

भगवान शकर का दशशन

यह अनिभव 14 मई को सिबह आयndash म समतल भीऽम पर अकल खड़ ह ा मर ब ाया तरफ मिझस

थोड़ा दीरा पर भीऽम स थोड़ ऊपर ऽबन आधर क अतयनत सवचछ पना भर हआ ह म उस सवचछ पना

को दख रह थ तभा मन दखndash एक अतयनत सिनदर स तरा उस पना म डीबा ज रहा ह स तरा क ऊपर उठ

हए हथ ऽदखई द रह ह कि छ हा पलो म ऊपर की ओर उठ हए हथ भा पना म डीब गए अब मरा दऽष ट

पना की ऊपरा सतह पर ऽसथर हो गई कि छ कषणो बद मिझ ऐस लगndash ऽक पना क अनदर कि छ हलचल

योग कस कर 429

हो रहा ह ऽफर पना क अनदर स ऊपर की ओर को एक पिरष ऽनकलत हआ ऽदखई ऽदय वह

ऽवशलकय सिनदर पिरष पना क ऊपर खड़ हो गय उसक ऽसर क ऊपर बलो क जीड़ लग हआ थ

गल म नग डल हए थ कमर म मगछल ऽलपटा हई था शष शरार पर कोई वस तर नही थ वह पिरष

मिसकरत हआ मर पस आ गय और मिझस थोड़ा दीरा पर खड़ हो गय उसकी लमबई 15-16 फीट

रहा होगा ऽसर पर बलो क जीड़ और गल म नग को दखकर म बोलndash ldquoआप तो भगवन शकर जस

ऽदखई द हrdquo मगर वह पिरष कि छ नही बोल ऽसफथ मिसकरत रह गल म ऽलपट हए नग फन नही उठए

हए थ बऽलक दोनो नगो क मिाह आग की ओर नाच लटक रह थ ऽफर नगो न अपन मिाह उस पिरष क

नऽभ पर ऽचपक ऽलय थ मन उसक शरार परो क पजो स लकर ऊपर ऽसर तक दख समपीणथ शरार

सिडौल व बऽलष ट थ तभा म उस पिरष स बोलndash आपक गल म ऽलपट हए नग फन zwjयो नही उठ रह

ह य नग अपन मिाह आपकी नऽभ क पस zwjयो ऽचपकए हए ह वह पिरष मिसकरत हआ बोलndash

ldquoअचछा आपको य नाग रन उठाए हए िदखाई दन चािहएrdquo ऽफर वह पिरष मरा ओर थोड़ स बढ़

तभा नगो न अपन फन ऊपर की ओर उठ ऽलय म एक ओर को भग और बोलndash ldquoनही नही मिझ

नगो स डर लगत हrdquo तभा अनिभव समप त हो गय

ऄथश- इस अनिभव म सवचछ पना भीऽम जल स भा थोड़ ऊपर की ओर उठ हआ ऽसथर ह वह

जल अथह भर हआ ह सवचछ जल म डीबन वला सिनदर स तरा मय ह ऽसथर सवचछ जल मर ऽचतत क

हा सवरप ह इस अनिभव म भगवन शकर ऽतरशील नही ऽलए हए ह उनक रग गोर ह जबऽक भगवन

शकर क शरार क रग हलक नाल ह नग नाच की ओर मिाह ऽकए हए ह इसक अथथ हndash मर ऽलए अब

अहकर अतमिथखा हो गय ह

भगवान शकर दवारा जञान का ईपदश दना

यह उपदश 14 मई को शम 7 बज धयनवसथ म ऽदय गयndash मर बरहमरनधर क अनदर स भगवन

शकर की आवज आन लगाndash ldquoह योगा पितर तिम बर-बर कहत हो ऽक तानो ऽस तरयो न मिझ सतनपन

करय य ऽस तरय ा नही तिमहरा मतएा ह इनह सममन सीचक शबदो क परयोग करो अब य तिमह सतनपन

करन नही आएागा उनह परणम करो तिम zwjयो बर-बर सोच रह हो अनिभव म मर रग गोर zwjयो ऽदखई

ऽदय ऽसर पर बड़ा-बड़ा जटएा zwjयो नही थी वह मर हा सवरप थ भzwj तो को म कभा-कभा ऽवऽभनन

योग कस कर 430

रपो म भा ऽदखई दत ह ा जररा नही ह ऽक जस तिमन सोच रख ह कलश पवथत वल सवरप म हा

ऽदखीा यह बत अचछा तरह स जन लो म हा परकश ह ा म हा अनधकर ह ा म हा पप ह ा म हा पिणय ह ा म

हा कषर ह ा म हा अकषर ह ा म हा दान ह ा म हा अदान ह ा म हा सतय ऽनगिथण बरहम ह ा म हा असतय रप म

परकऽत ह ा म सभा परकर क कयो को करवत ह ा म हा सभा परकर क कयो को करत ह ा म हा सऽष ट ह ा

म हा परलय ह ा सदव समऽध लगन वल योऽगयो म म हा ह ा पप कमथ करन वल पिरषो म म हा

ऽवरजमन ह ा सभा मनिषयो म म ह ा सभा पशि पऽकषयो म म ह ा म ऽसफथ कलश म हा नही ह ा समसत

अनतररकष म व भीलोक म ऽवदयमन ह ा तिम zwjय समझत हो जञन परप त होन पर भऽवषय म तिमह दिःख नही

ऽमलग योगा को सदव दिःख सहन करन पड़त ह तिमन अभा तक इतन दिःख सहन ऽकय ह ऽफर अब

दिःखो स zwjयो डरत हो जब तक भीलोक पर रहोग तब तक दिःख ऽमलत रहग आज तक सभा योऽगयो न

दिःख को सहन ऽकय ह अभा जो बत तिमह मन बतई ह उन पर अमल करोrdquo ऽफर भगवन शकर क

दशथन ऽदवय- दऽष ट क दरर होन लग ऽफर हमरा अपन आप आाख खिल गया

ऄथश- सधको यह सब मिझ अनिभव म नही सिनई ऽदय धयन पर बठत हा बरहमरनधर स आवज

सिनई द रहा था म चिपचप बठ हआ सिन रह थ आवज बहत तज आ रहा था आवज सिनन स

लगत थ ऽक बोलन म थोड़ रखपन ह अब मिझ लगत ह शयद जञन मिझ परप त होन वल ह ऽदवय

दऽष ट क दरर म भगवन शकर क दशथन कर रह थ मिझ उपदश तो बहत ऽदय गय मगर ऽलखत समय

जो यद रह ऽसफथ उसा को ऽलख सक

ईतपवतत का कनदर

यह अनिभव मई मह क तासर सप तह म आय सधको मिझ कषम करन यह अनिभव पढ़न म

थोड़ गनद स लगत ह मगर योग की दऽष ट म महततव पीणथ ह इसऽलए म यह ा पर ऽलख रह ह ा अनिभव म

दखndash म एक बहत सिनदर गोर रग की स तरा क समन खड़ ह ा वह स तरा एकदम स ऽनवथस तर ह उसक शरार

क ऊपर एक भा वस तर नही ह म उसक अऽत सिनदर ऽनवथस तर शरार क एक-एक अग बड़ धयन स दख रह

ह ा उस समय मर मन म ऽकसा परकर क भव नही थ म बोल ldquoमाता आपrdquo वह स तरा उततर म ऽसफथ

मिसकरई म ऽफर उस स तरा स बोलndash ldquoमाता आप सनदर बहत ह आपका हर अग सनदर हrdquo वह स तरा

ऽफर भा कि छ नही बोला वह स तरा उसा सथन पर बठ गई जह ा पर खड़ा हई था म भा उसा क पस बठ

योग कस कर 431

गय मरा दऽष ट उसकी जननऽनदरय क सथन पर गई उस स तरा की जननऽनदरय क सथन सपष ट ऽदखई द रह

थ कि छ कषणो म जननऽनदरय क आकर बढ़न लग मरा दऽष ट जननऽनदरय क सथन पर कऽनदरत था तभा म

उस स तरा क जननऽनदरय क अनदर परवश कर गय अनदर आग क मगथ ऽबलकि ल बनद थ मन दोनो हथो

स आग क मगथ बनय अनदर की ओर जत समय म दोनो हथो स दोनो ओर की म ासनिम दावर

ऽवपरात ऽदश म दऽहना और बई ओर को ढ़कलत हआ चल ज रह थ यह कयथ बहत आसना स

हो रह थ अनदर म ासनिम दावरो स सवमव हलक स परकश ऽनकल रह थ अथ थत अनदर क मगथ

परकश स यिकत थ तथ म तावर गऽत स अनदर की ओर चल ज रह थ ऽकतन समय तक अनदर की

ओर गऽत करत रह यह म नही बत सकत ह ा ऽफर मर अनदर ऽवचर आय म बहत समय स अनदर

की ओर चल ज रह ह ा मगर इसक अऽनतम सथन zwjयो नही ऽमल अऽनतम सथन न ऽमलन क करण

कि छ कषणो तक अपन सथन पर ठहरन क बद म वपस चल ऽदय जब म जननऽनदरय स बहर ऽनकल

आय तब पहल की भ ाऽत उस सिनदर स तरा को बठ हआ पय वह स तरा खड़ा हो गई और मिसकर रहा

था मन हथ जोड़कर पीछndash ldquoमाता म आपकी जननिनिय क अनदर बहत दर चला गया मगर अिनतम

सथान कयो नही िमलाrdquo मर शबद सिनकर वह स तरा हास पड़ा और बोलाndash ldquoपतर यह तमहारी उतपितत का

सथान ह तम उसका कनि कस ढढ सकत हो उतपितत का क ि अननत ह इसिलए कनि तक नही पहच

सक आिदकाल म बरहमा जी न भी उतपितत का क ि नही ढढ पाए थ तम िजस कनि को ढढ रह थ यह

समसत बरहमाणड की उतपितत का कनि हrdquo म उस स तरा क शबद बड़ धयनपीवथक सिन रह थ ऽफर वह स तरा

अदशय हो गई मर अनिभव भा समप त हो गय

ह सधको यह अनिभव पढ़न म थोड़ ऽवऽचतर स लग रह होग म इस स तरा को ऽनवथस तर भा दख

रह ह ा तथ मत कहकर समबोधन भा कर रह ह ा उस समय मर अनदर ऽकसा परकर क भव नही थ

ऐस ऽवकर रऽहत होन पर होत ह वह स तरा अतयनत सिनदर था सिनदर zwjयो न हो आऽखरकर वह बरहमणड

जनना था

कणडवलनी का शराप व कवलयग की कदवष ट समाप त हइ

सधको म पहल ऽलख चिक ह ा मिझ तान वषथ पीवथ मत कि णडऽलना शऽzwj त न मिझ शरप ऽदय थ

वह शरप म अभा तक भोग रह ह ा इसा करण भौऽतक रप स अतयनत कष ट ऽमल रह ह अभा कि छ ऽदन

योग कस कर 432

पीवथ धयनवसथ म कऽलयिग न मर समन घड़ स गनद कल तरल पदथथ उड़ल ऽदय थ यह कल तरल

पदथथ मर रदय म परवश कर गय थ इसक वणथन म पहल कर चिक ह ा तब स मर शरार म आलसय

इतन बढ़ गय ऽक म सदव आलसा वयऽzwj तयो क भाऽत अzwjसर ऽनदर गरसत रहत थ ऐस लगत थ जस

वषो स म सोय नही ह ा सर शरार दिःखत रहत थ तथ धयन भा थोड़ हा कर पत थ एक ऽदन जञन

न मिझस कहndash ldquoयोगी अब त योगी नही रह गया ह बजिदलो की तरह हार मानकर आलिसयो की तरह

सोया रहता ह धयान नही कर सकता ह तो कया मतर जाप भी नही कर सकता ह ऊपर की सकषमरिक तया

िकतना अवरोध डालगी सथल रप स मतरो का उचचारण कर तो सकता हrdquo उस समय मर सथील शरार

बहत कमजोर हो गय थ इस समय म भोजन भा साऽमत करत थ

मन शऽzwj त मतर जप करन क ऽनिय ऽकय zwjयोऽक कि णडऽलना शऽzwj त न हा मिझ शरप ऽदय थ

यह मतर मिझ ऽसि भा ह मन शऽzwj त मतर जप करन आरमभ कर ऽदय यह जप ऽसफथ आसन पर हा नही

बऽलक सथील कयथ करत समय चरपई पर लट समय भा मर मतरजप शिर रहत थ जप करत-करत

जब मर मिाह थक जत थ तब मन क अनदर जप करन लगत थ तथ सीकषम शऽzwj तयो स कहत थndash

zwjय आप मतर जप करन म अवरोध डल सकत ह यऽद आप अवरोध डल सकत हो तो अवशय डलो

म आपक अवरोधो क सवगत करा ग आऽखरकर म मतर जप बरबर करत रह एक बर मतर जप

करत समय मिझ लग ऽसर क चरो ओर बहरा तरफ कोई वसति ऽलपटा हई ह तथ वह वसति हमर ऽसर म

कसव कर रहा ह कि छ कषणो बद मन दखndash एक कल नग मर ऽसर म दो चzwjकर लगए हए जोर स

ऽलपट ह नग की पीाछ दऽहन कन की तरफ नाच ओर लटक रहा ह बय कन की तरफ फन वल भग

ह नग अपन फन उठए हए हव म (अकश म) लहर रह ह मर जप स मतर दरर जो शऽzwj त ऽनकलता

ह वह उस नग क मिाह क अनदर चला जता ह अथ थत मतर दरर ऽनकला हई शऽzwj त को नग ख रह ह म

यह दशय दखकर मिसकरन लग तथ आसन पर बठ हआ मतर जप करत रह मिझ सथील रप स भा

महसीस हो रह थ ऽक नग अपन शरार क दरर लगए गए चzwjकर स मर ऽसर क कसव कर रह ह जब

मन मतर जप करन बनद कर ऽदय तब म नग स बोलndash चह आप मर समपीणथ योगबल ख जएा म

अपन कयथ स ऽवचऽलत नही होऊा ग

कि छ ऽदनो स मर कठोर मतर जप चल रह थ मतर जप करत समय मिझ अपन सथील शरार

ऽदखई दन लग ऽसर क ऊपरा वल भग मिझ सपष ट ऽदखई द रह थ म मतर क जप भा जोर-जोर स

कर रह थ तभा मर ऽसर क ऊपर बहरा ऽहसस म जोरदर कमपन हआ कि छ कषणो म ऽसर क ऊपरा ऽहसस

योग कस कर 433

ढzwjकन की तरह खिलकर एक ओर लटक गय अब म ऊपर स ऽसर क अनदर क भग सपष ट दख रह थ

ऽसर क अनदर मिलयम लिचलिच म ास भर हआ थ जब म मतर बोलत थ तब उस लिचलिच म ास म

जोरदर कमपन होत थ मतर जप क परभव स ऽसर क अनदर क म ास जोरदर कमपन कर रह थ कमपन

होन स ऽसर क अनदर क म ास उबलन स लग थ इस म ास स कल धिएा जस पदथथ ऊपर की ऽनकलन

लग ऽसर क ऊपर क भग खिल हआ थ ऽसर क अनदर स कल धिआा-स कि छ समय तक ऊपर की

ओर ऽनकलत रह जब धिएा निम पदथथ ऽनकलन बनद हो गय तब ऐस लगन लग- ऽसर क अनदर जो

म ास भर हआ थ वह पीरा तरह स कल पदथथ क रप म बदल गय ह अब यह कल पदथथ ऽसर स

नाच की ओर जन लग मर ऽसर पीरा तरह स खोखल हो गय थ म यह सोच कर मिसकर रह थ ऽक

मर ऽसर अनदर स खोखल हो गय ह ऽसर क अनदर खला जगह सपष ट रप स ऽदखई द रहा था

मर मतर जप जोर-जोर स चल रह थ अब गल तक भर हआ कल पदथथ नाच की ओर जन

लग म ऊपर स झाककर दख रह थndash ऽक मतर जप क परभव स गल स ऽनचल भग धार-धार खोखल

हो रह ह म सोच रह थ मर शरार क अनदर मास रकत और हडऽडय ा हा नही ह ऽसफथ कोयल क समन

कल पदथथ भर हआ ह अब वकषसथल (सान) व पट क अनदर क भग खला हो चिक ह ऽसर स

लकर कमर तक मर शरार अनदर स खोखल हो चिक ह म अपन आसन पर बठ हआ मतर जप

एकगरत स कर रह थ मर शरार क अनदर कमर स नाच कल पदथथ अब भा भर हआ थ सथील रप

स थक जन क करण मतर जप बनद करन बनद करक चरपई पर लट गय

अब इस दशय क ऽवषय म म सोचन लगndash मतर जप करत समय मिझ अपन सथील शरार lsquoकवरrsquo

य आवरण क समन ऽदखई द रह थ इस शरार क अनदर ऽसफथ कोयल क समन कल पदथथ भर

हआ थ मतर जप क परभव स यह तमोगिणा कल पदथथ कल धिाआ स बन कर ऽसर क ऊपरा खिल

हए भग स ऊपर की ओर ऽनकल रह थ

म जब भा आसन पर बठकर मतर जप करत थ तब यहा दशय आत थndash मर ऽसर क ऊपरा भग

ढzwjकन क समन खिल हआ ह म उसा क अनदर दख रह ह ा शरार क अनदर भर हआ कल पदथथ ऽसर

स नाच की ओर चल जत ह ऽफर समपीणथ शरार खला हो जत ह सथील शरार खोखल क समन हो

जत ह यहा खोखल शरार मतर जप कर रह ह कि छ ऽदनो तक यहा दशय आत रह एक बर मतर जप

करत समय ऽसर क ऊपर खिल हए भग स ऽसर क अनदर स बहर की ओर ऽनकलत हआ कल नग

दख यह नग मर ऽसर स थोड़ ऊपर (लगभग एक फीट) आकश म कि णडला मरन लग उस नग क

योग कस कर 434

फन क ऊपर एक लौ (दाप क समन) जल रहा था मरा दऽष ट नग क फन क ऊपर लौ पर था उस समय

मर अनदर ऽवचर आयndash इसक फन क ऊपर लौ zwjयो जल रहा ह म दख रह थ अभा नग क पीाछ

वल भग मर ऽसर क अनदर स ऽनकल रह थ तभा मर पस बहर स कोई आ गय मिझ मतर जप करन

बनद करन पड़ अनिभव अधीर हा रह गय

ऄथश- इस अनिभव म मर ऽसर पर ऽलपट हआ नग व मर ऽसर क अनदर स ऽनकल हआ नग

कि णडऽलना शऽzwj त दरर ऽदय गय शरप ह यह शरप मर शरार स ऽनकलकर ऊपर अनतररकष म चल गय

कल पदथथ कऽलयिग दरर उड़ल गय तमोगिण ह तथ सथील शरार म भा तमोगिण की मतर अऽधक

रहता ह आजकल सथील जगत म तमोगिण क हा वयपर चलत ह इस परकर क दशय ऽदवय-दऽष ट क

दरर ऽदखय ज रह थ मर सथील शरार खोखल आवरण स ऽदखई द रह थ इस आवरण क अनदर

कोयल क समन कल पदथथ भर हआ थ ससरा लोग इसा शरार आसकत होत ह मतर जप क परभव

स यह शरार कस ऽदखई दत ह

ससार रपी वकष नष ट हो गया

एक ऽदन म शऽzwj त मतर क जप कर रह थ मिझ वहा दशय ऽफर ऽदखई ऽदयndash मर ऽसर म भर

हआ कल पदथथ गल तक आ गय ऽसर खला हो गय तभा मिझ ऽसर क अनदर एक और ऽसर ऽदखई

ऽदय अनदर वल ऽसर क भा धार-धार ऊपरा भग ढzwjकन क समन खिल गय इस ऽसर क अनदर भा

वहा कल पदथथ भर हआ थ ऽफर मन दखndash मर सथील शरार क अनदर एक और मनव शरार (सीकषम

शरार) ऽवदयमन ह इसा दीसर शरार क ऽसर मिझ ऽदखई द रह ह ऽफर धार-धार दीसर शरार क भा कल

पदथथ कि छ ऽदनो म मतरजप क परभव स समप त हो गय अब मिझ एक बर म दो-दो खोखल शरार

ऽदखई दन लग जो एक क अनदर दीसर खोखल शरार भर हआ थ अथव ऽसथत थ

28 मई को मतर जप करत समय मिझ अनिभव आयndash मर ऽसर क अनदर बहत सिनदर घड़ ऽसथत

ह उसक मिाह ऊपर की ओर ह यह घड़ मर ऽसर क खिल हए ऊपरा भग स ऽनकलकर ऽसर क ऊपर

लगभग एक फीट की दीरा पर आकश म ऽसथत हो गय मरा दऽष ट घड़ पर हा ऽटकी हई था तभा घड़ क

मिाह थोड़ नाच की ओर झिक गय तब मन दखndash घड़ क अनदर ऽबलकि ल सवचछ पना भर हआ ह घड़

योग कस कर 435

क मिाह थोड़ और नाच की ओर झिकन पर उसक अनदर क भर हआ पना मर शरार पर ऽगरन लग म

उस पना म सनन स करन लग घड़ स ऽगरन वल पना क एक बीाद भा बहर की ओर नही फल थ

इस पना को मर सथील शरार सोख लत थ तभा मरा दऽष ट ऽफर स ऽसर क अनदर की ओर को हई मन

दखndash हमर ऽसर म दीसर शरार क ऽसर क अनदर एक अतयनत सिनदर सिनहल रग क ऽबलकि ल छोट स

बचच नाच की ओर दऽष ट ऽकए हए बठ ह म उस सिनहल रग क बचच को दख रह थ तभा उस सिनहल

बचच क शरार क अनदर एक वकष ऽदखई ऽदय वह वकष बड़ ऽवऽचतर स थ वकष क सवरप ऽबलकि ल

उलट थ जड़ ऊपर की ओर डऽलय ा व पतत नाच की ओर लटकी हई थी वकष की जड़ बचच क ऽसर क

ऊपरा भग म वयप त थी कि छ कषणो म डऽलय ा और पतत ऊपर की ओर ऽखचन लग ऽफर पड़ की

डऽलय ा व पतत सिनहल बचच क ऽसर क ऊपर ऽखचव क करण आ गए पड़ ऊपर की ओर साध हो

गय पड़ साध होन क करण उसक तन मर ऽसर क ऊपर बहर की ओर आकश म(एक-डढ़ फीट)

ऽवदयमन हो गय पड़ की जड़ अब भा सिनहल बचच क ऽसर क ऊपरा भग म वयप त थी यह पड़ पापल

क थ जब पड़ साध खड़ होन लग थ तब पड़ की डऽलया अपन आप अदशय होन लगा था पड़ म

ऽसफथ तान-चर पतत हा लग रह गय थ म अपन सथील शरार व सीकषम शरार क खोखल ऽसर को भा दख

रह थ म यह दशय दखकर हास रह थ ऽक पापल क पड़ सिनहल बचच क ऽसर पर उग हआ ह मर

शरार पर अब घड़ क पना ऽगर रह थ तभा घड़ क पना ऽसर क ऊपर खिल हए भग म ऽगरन लग

पना की धर साध सिनहल बचच क ऽसर पर ऽगर रहा था पना ऽगरन क करण पापल क पड़ की जड़

ऽहलन लगी तभा मर मिाह स आवज ऽनकलाndash ldquoपना की धर और तज हो जए तऽक पड़ की जड़ टीट

जएा और पड़ नष ट हो जएrdquo कि छ कषणो म पापल क पड़ की जड़ सिनहल बचच क ऽसर स उखड़ गई

पापल क पड़ मर सथील शरार स दीर जकर ऽगर गय उसा समय अनिभव समप त हो गय म इस पड़ क

उखड़ जन पर अऽत परसनन हो रह थ

ऄथश- सधको यह अनिभव मतर जप करत समय आय म ऽसफथ आाख बनद ऽकए हए थ इन

दशयो को ऽदवय-दऽष ट ऽदख रहा था सथील शरार व सीकषम शरारदोनो खोखल रप म अथव आवरण क

रप म ऽदखई द ह इनक अनदर ऽसफथ कल पदथथ अथव तमोगिण भर हआ ह मिझ दोनो शरारो की

वसतऽवकत ऽदखई गई ह सिनहर बचच ऽहरणयगभथ क सवरप ह इनह भगवन बरहम भा कहत ह यह

पापल क पड़ndash कषणभगिर चौदह लोको की सऽष ट क परताक ह इस सऽष ट क सजन ऽहरणयगभथ (भगवन

बरहम) करत ह इनक शरार क रग तप हए सवणथ क समन ह इसाऽलए बचच सिनहर ऽदखई द रह ह

योग कस कर 436

इसा पापल क पड़ क ऽवषय म गात क 15 व अधयय क पहल दीसर और तासर शलोक म ऽवसतर पीवथक

वणथन ऽमलत ह पापल क पड़ क उखड़ जन क अथथ हndash सऽष ट क परयोजन योगा क ऽलए समप त हो

जन ह ऐस योगा सथील शरार तयगन क बद ईश वर क लोक म रहत ह ईश वर क लोक इन चौदह

लोको (अपर-परकऽत) स अतयनत सीकषम होत ह उस लोक क पर-परकऽत क कषतर भा कहत ह ईश वर क

लोक म पहाचन वला जावतमओ को कभा भा जनम गरहण करन क ऽलए भीलोक पर नही आन पड़त

ह इन लोको म वहा योगा पहाचत ह ऽजनहोन अपन समपीणथ कम थशय को समप त कर ऽदए ह तथ ऽनबीज

समऽध क अभयस कर रह ह

तमह ऄगला जनम लना ऄवनवायश

यह अनिभव 28 मई को मतर जप करत समय आय मतर जप करत समय मरा ऽदवय दऽष ट रदय

(ऽचतत) क अनदर क दशय लन लगा उस समय मिझ अपन रदय क अनदर कि छ धिाधल स ऽदखई द रह

थ धिाधला आकऽत जब सफ हई तब वह चतिभिथजा स तरा क रप म ऽदखई दन लगा यह चतिभिथजा स तरा

मर रदय म ऽबलकि ल छोट आकर म ऽदख रहा था कि छ कषणो बद स तरा क शरार क आकर बहत बड़ हो

गय तभा रदय म एक ऽवशष परकर की वसति परगट हो गया वह वसति रदय स ऽनकलकर भकि टा पर आ

गई इस ऽकरय को दखकर म बोल- यह zwjय ह मरा भकि टा पर zwjयो आ गई चतिभिथजा स तरा बोलाndash ldquoयह

वसति तिमहरा ऽदवयदऽष ट म सहयत करगाrdquo उसा समय वह वसति मरा ऽदवय दऽष ट म सम गई चतिभिथजा

स तरा क शरार बड़ होकर मर शरार म वयप त हो गय मर मतर जप बरबर चल रह थ

कि छ कषणो बद मिझ अपन रदय म एक ऽबलकि ल छोटा ऽचऽड़य बठा हई ऽदखई दा वह बड़

शनत भव म बठा हई था म उस ऽचऽड़य को कि छ कषणो तक दखत रह वह ऽचऽड़य अणड क रप म

पररवऽतथत हो गई अब मर रदय म एक अणड रख हआ थ वह अणड मर शरार क अनदर स ऽनकलकर

सवमव बहर की ओर जन लग म बोलndash ती बहर zwjयो ज रह ह मर रदय म ऽसथत रहो अणड क

अनदर स आवज आईndash ldquoतमह अगला जनम लना अिनवायश हrdquo वह अणड दीर जकर अनतररकष म

अदशय हो गय म अनतररकष की ओर दख रह थ ऽफर अनतररकष स आवज आईndash ldquoतमह अगला जनम

लना अिनवायश ह इसीिलए बरहम न उस अपन अिधकार म ल िलया हrdquo मन अपना आाख खोल दा मतर

जप करन बनद कर ऽदय

योग कस कर 437

इस अनिभव म जो मिझ अणड ऽदखई ऽदय ह यहा अगल जनम लन क ऽलए मजबीर करग यह

अण ड मर हा कम थशय ह अगल जनम गरहण करन क ऽलए कि छ-न-कि छ करण तो चऽहए इसऽलए मर

सथ यह ऽकरय की गई ह योगबल स कमथशय जलन क बद उसक अवशष रह जत ह जस लकड़ा

क जलन क बद रख शष रह जता ह इसाऽलय मन जो कमथ भोग ऽलए ह वह समप त हो गए मगर जो

योगबल स जल गए उनक कि छ अवशष बकी रह गय म इस जनम म इस अवशष रपा कमो को भोगन

को तयर ह ा मगर परकऽत को ऐस मजीर नही ह इनक कहन ह सऽष ट क कयथ हति आपको एक और जनम

लन अऽनवयथ ह ऽजस परकर कि महर क चक बतथन बनन क बद भा घीमत रहत ह उस समय घीमन

क कोई करण नही होत ह इसा तरह कमो की समपता क बद भा कि छ योऽगयो को लन पड़ जत ह इस

परकर क जनम धमथ परचर क ऽलए अथव सऽष ट क अनय कयो क ऽलए होत ह यऽद यह कमथशय रपा

अणड यऽद मर रदय म ऽवदयमन रहत तब मतर जप क परभव स फट जत अथ थत अणड नष ट हो जत

अणड क अनदर वह तततव मौजीद रहत ह ऽजनक दरर सथील शरार क ऽनम थण होत ह

वपरय पाठको अप मरी तीसरी पसतक तततवजञान म पढ़ग- यही मरा ऄवनतम जनम ह ऄब

मझ ऄगला जनम नही लना पड़गा zwjयोवक मन वतशमान जनम म ही तततवजञान पराप त कर वचतत पर

वसथत ऄजञानता को नष ट कर वदया ह वचतत पर ऊतमभरा-परजञा क पराकटय होन क कारण

वनबीज-समावध का ऄभयास कर रहा ह ा आसस बाद क ऄनभव ऄब अप हमारी तीसरी पसतक

ldquoतततवजञानrdquo म पढ़ग

ऽपरय पठको अभा आपन मर धयन म आए अनिभवो को पढ़ यह अनिभव मई सन 1999 क

ह मन मिखय-मिखय अनिभव ऽलख शष अनिभवो को छोड़ ऽदय अब मिझ शयद न क बरबर अनिभव

आएा आपक अनिभव भल हा मर अनिभवो स मल न करत हो मगर धयनपीवथक पढ़न पर यह समझ म आ

जएग ऽक ऽकस अवसथ म कस अनिभव आत ह मिझ आश ह मर अनिभवो को पढ़न स आपको

कि छ-न-कि छ आधयऽतमक लभ अवशय ऽमलग इन शबदो क सथ अब म ऽलखन बनद कर रह ह ा आप

अपन मगथ म आग बढ़त जएा ईश वर आप पर कप कर आपको मरा शिभकमनएा

योगी अननद जी

योग कस कर 438

योग कस कर 439

वपरय साधको

ऄभयास दवारा अतररक ववकास होन पर करमशः चकरो का

खलना कणडवलनी का जागरत होकर उधवश होना वदवय-दवष ट का

खलना और बरहमरधर का खलना समभव हो पाता ह सहसतरार चकर

ऄवतम जनम म कलशातमक कमो को भोग कर नष ट करन क बाद ही

ववकवसत होना शर होता ह zwjयोवक वह जञान का अयतन ह

पणश ववकवसत होन क वलए यम-वनयम का पालन करत हए

योनय गर क मागशदशशन म कइ वषो तक ऄथवा कइ जनमो तक कठोर

सयम क साथ ऄभयास करना पड़ता ह

जो साधक वबना पररशरम वकय वकसी स कछ पराप त करन की

आचछा रखत ह वह ऄकमशणयो की भाावत भरम म जी रह ह आसवलए

पररशरम करो तभी कछ परापत होगा अप ठग न जाय और योग

समबनधी भरावतयो को वमटान क वलय वतशमान समय म यह पसतक

बहत ईपयोगी ह

-योगी अननद जी

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योग कस कर 1

योग कस कर

एव

एक योगा क अनिभव

योग कस कर 2

योग कस कर

एव

एक योगा क अनिभव

योगी अननद जी

योग कस कर 3

इस पिसतक म सऽममऽलत समगरा क ऽकसा अश को ऽकसा भा रप म कोई परकशकलखकसपदक ndash

इस पिसतक क परकशक स अनिमऽत ऽलय ऽबन परयोग न कर ऐस करन कॉपारइट अऽधऽनयम क

उललघन करन होग

ऽदरताय ससकरण

ISBN 978-93-5288-373-8

copy लखक

योगा आननद जा

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योग कस कर 4

योगी अननद जी

योग कस कर 5

परसतावना

ऽपरय पठको इस लख म मन यह ऽलखन क परयस ऽकय ह ऽक सधको को धयनवसथ म ऽकस

परकर क अनिभव आत ह अनिभवो क अथथ योग मगथ म आन वल अवरोध तथ इन अवरोधो स

छि टकर ऽकस परकर पन चऽहए कि णडऽलना क ऽवषय म ढरो जनकररया ऽलखा गयी ह जावतम

बनधन स मिकत होकर ऽकस परकर अपन ऽनजसवरप म अवऽसथत होता ह इसम ऽलख गय अनिभव सवय

हमर हा ह जो अनिभव ऽसतमबर सन 1984 स मई सन 1999 तक क बाच आय ह उनहीअनिभवो को

मन इस पिसतक म ऽलख ह हमर मगथndash sbquoसहज धयन योग‛ ह

इस पिसतक को ऽलखन क हमर उददशय यहा ह ऽक सधक गण समझ सक कि णडऽलना जगरण

क बद तथ चकर खिलन बद सधक को ऽकस परकर की अनिभीऽत होता ह आज कल जयदतर सधक

भरम म रहत ह ऽक उनकी कि णडऽलना जगता हो गया ह और उनक चकर ऽकरयशाल हो गय हजबऽक ऐस

नही हआ होत ह सधक जयद स जयद आधयऽतमक लभ व उननऽत कर सक आपक जावन ऽदवय

बन आप अपन ऽजसवरप म अवऽसथत हो ऽजसस आपको ऽचरशऽत परप त हो यहा मर उददशय ह

धनयवद

- योगी अननद जी

योग कस कर 6

ववषय-सची

1 दो शबद 12

सन 1984

2

सधन करन की शिरआत पहला बर धयन पर बठ परण वयि मीलधर चकर पर

परण वयि सवऽधषठन चकर पर परण वयि नऽभ चकर पर भगवन ऽवषणि क दशथन

परण वयि रदय चकर पर

15ndash22

3

भगवन शकर क दशथन शरा मत जा क दशथन शरा मत जा क परतयकष दशथन की

इचछ भगवन शकर क दशथन परण वयि कणठचकर पर ददा म ा क सीकषम शरार

स ऽमलन

23ndash31

सन 1985

4 शरा मत जा क पस ऽमरज जन हम और आप एक हो जयग हम दाकष दा गया

तजसवा ऽशवऽलग क दशथन 34ndash41

5

अपन भव बदलो नग न कट मत कि णडऽलना शऽzwj त क दशथन उडऽडयन

बनध व मील बनध क लगन महयोग मिदर अहकर क दशथन भगवन शकर

और ॎ क दशथन

46ndash55

6

शरा मत जा क दशथन सधन करन की तावर इचछ भगवन शकर क दो रपो म

दशथन भगवन बजरगबला क दशथन वसन क दशथन सकलप नही करन

कि णडऽलना शऽzwj त क दशथन नग न कट

56ndash64

सन 1986

7 आऽदशऽzwj त दरर जञनमत पन मीलधर म ऽखचव व महयोग मिदर क लगन

तानो बधो क लगन 66ndash68

8 ऋऽषकश जन म सतरा क रप म अधथनराशवर क दशथन ऽशव शऽzwj त क दशथन

य शरार गिर क ह 69ndash75

योग कस कर 7

सन 1987

9 नग न कट सवमा ऽशवननद जा क दशथन कि णडऽलना शऽzwj त क ऽवऽभनन रपो

म दशथन पतना की मतयि बदल नही लोग 77ndash84

10 कठोर सधन करो कि णडऽलना ऊधवथ नही हो सकी रगो क दशथन जञनचकर क

दशथन 85ndash91

सन 1988

11 शरा मत लकषमा जा क दशथन शर आग क बरसन दीसरो की जनकरा परप त

होन अतप त जावतमओ स बत करन म भऽवषयवकत क पस गय 93ndash97

12 ती रख ह मत जा दरर जलगाव बिलन आप शदा कर लाऽजए पतना की

सदगऽत हई कषटो की अनिभीऽत 98ndash107

सन 1989

13

कमवसन की जगऽत नग हा नग आग क गोल व बनदर सवपन सकत

सकलप पीणथ होन आऽदगिर शकरचयथ जा क दशथन ऽमरज यतर कि णडऽलना

शऽzwj त क दशथन ऽशवऽलगो क दशथन

109ndash122

14

दीरदशथन-दीरशरवण ऽसऽि कणठचकर थोड़-स खिल ऽदवय दऽष ट खिलन म अभा

समय लगग दो जयोऽतयो क दशथन उषणत ऽवऽवध अनिभव ऽशवऽलग हा

ऽशवऽलग तासर नतर

123ndash133

15

भगवन शरा गणश जा क दशथन करण शरार स म अनतररकष म अनतररकष म ॎ

बरहमरधर क दशथन भगवन शरा कषण शरा मत जा क पतर आग-हा-आग

रदय म अऽनन और भगवन शकर

134ndash143

सन 1990

16 ऽतरशील कणठचकर स बरहमरधर तक जयोऽत अतप त जावतमएा जलशय 146ndash149

योग कस कर 8

सन 1991

17

भगवन शकर हमर दो रप ऽपछल जनम क गिरदव ऽमरज की यतर

ऽवशल मगरमचछ कि णडऽलना समबनधा अनिभव यमदीत कि णडऽलना शऽzwj त

क सहयोग मन शऽzwj तपत ऽकय

151ndash163

18

म ऽमरज आ गय मरा पराकष ला गया सवमा ऽचदननद जा अवधीत क दशथन

गरऽनथ खिलन क सकलप सवमा ऽशवननद जा क दशथन अपसरओ दरर नतय

अतप त जावतम

164ndash172

19

फी लो की सिगनध मह पिरषो क दशथन म तान बर मर कमो की पोटला

शरार धनिषकर हो गय कमथ भोगन हा होग मर ऊपर सपथ चढ़ मत

कि णडऽलना शऽzwj त पड़ और नग म शतरि नही ऽमतर ह ा

173ndash184

सन 1992

20

शरार शिि हआ म ऽनवथसतर थ अनन क तयगन कणठचकर की गरऽनथ खिल

गया लघि मऽसतषक व आजञचकर कमजोरा आ गया म गभथ म मत

कि णडऽलना दरर सतनपन करन कमधनि गय ऽसऽियो स हऽन सऽधक क

ऽवषय म जनकरा तनमतरएा

185ndash196

21

गोदलकर महरज उलट घड़ जलत पड़ शिित की ओर नऽभ पर जोर

आपक परसद इधर ह भई क सीकषम शरार दीसर लोक म जन सकलप करो

सर चकर खिल जएा माठपन

197ndash206

22

धयनवसथ म आग की ओर झिकन उनमना अवसथ कि णडऽलना शऽzwj त दरर

भोजन करन छोट बचच आाखो म ऽखचव नाच क लोको म जन

ससरा न रहो कलपवकष बरमहरधर और अधकर नालमय पिरष सथील जगत

बरहमरधर क खिलन ऊपर क लोक

208ndash224

23

बरहमरधर म सधन मदग की आवज ऽदवय-दऽष ट दरर कयथ लन कमथ

भगवन शरा कषण कि णडऽलना आाखो पर अनिभव नही आन चऽहए गिर तततव

क सवरप दीध क पान ऽहरणयमय पिरष बरहमणड जनना मिऽकत एक बर

भगवन दतततरय

227ndash241

योग कस कर 9

24

शरा मत जा पर बध गरण और हस क दशथन ऽदवयदऽष ट स कयथ ऽलय

शरा मत जा क ऽदवय सवरप पीणथत परप त करो सजजनगढ़ की यतर

आऽलदा यतर जञनशवरजा व मिकतबई आऽद क दशथन दो दल क कमल

वच ऽसऽि क परयोग

242ndash255

सन 1993

25

सकलप करो आतम सकषतकर हो महपिरष दो जनम पीवथ क दशय

कि णडऽलना शऽzwj त ईश वर गिर ससर नष ट हए क समन हआ सपत ॠऽषयो स

ऽमलन धमथ शतरि योगबल व कमथ परवचन करन तजसवा कण

आतमसकषतकर ऽशवलोक जन शरा मत जा क दशथन बनद हो गए

258ndash277

26

भयकर उषणत म बरहम ह ा बध दीर की भगवन याशि भगवन शरा कषण

और शरा मत जा बरहमण नही शरा मतजा ऽतरनतरा सतरा शरा मतजा की

इचछ गध की सवरा यह जगह छोड़ दो कि णडऽलना ऊधवथ की ऽदवय दऽष ट

खोला म शकमभरा पहाच

277ndash299

27

तमऽसक शऽzwj तयो न दिगथऽत की परकय परवश की जनकरा मत कि णडऽलना

शऽzwj त जाव और कमथ सनयसा क परणम म सर बरहमणड की म ा ह ा

मन एक सधक की कि णडऽलना ऽफर ऊधवथ की म अऽदरताय सिनदर सतरा क रप म

तरटक सवमा ऽचदननद जा

301ndash325

सन 1994

28 अहकर क तयग करन परकय परवश ऽसऽि क ऽलए मिझ मन ऽकय गय 329ndash330

29 शकमभरा आशरम छोड़ ऽदय भगवन बजरगबला जा मरा तरह बनो

ऽवशलकय हथा पथवा क आशाव थद नग 331ndash340

सन 1995

30

मिझ बहत दीर जन ह ऽतरनतरा बलक भगवन नरयण मोकष पन अतयनत

दिलथभ ह शरा मत जा क आशावथद परकऽत पररवतथनशाल ह ऽशव शऽzwj त क

सवरप

341ndash348

योग कस कर 10

31

शिित चरम साम पर भगवन दतततरय परकऽत क ऽनयमो क आदर करो

नाल वलय भगवन गौतम बिि जा मर ऽपछल जनम म ऽतरकल क गिर

ऽतरकल क वसिओ स ऽमलन सवमा ऽशवननद जा दरर मगथदशथन

349ndash365

सन 1996

32 ऽतरकल को लकर ऽमरज आशरम जन पीन की सऽधक क कणठचकर खोलन

और कि णडऽलना ऊधवथ करन ऽमरज आशरम म ऽतरकल की पराकष ला गई 367ndash368

33

ऽमरज आशरम म सऽधक क कणठचकर खोलन और कि णडऽलना ऊधवथ करन

जलग ाव म सऽधक क कणठचकर खोलन और कि णडऽलना ऊधवथ करन

मिझ शरप ऽमल

369ndash371

सन 1997

34 शरप क परभव कमजोर होन धमथ-अथथ-कम-मोकष 374

सन 1998

35

उननऽत की ओर बरहम आप मिझ ऽदखई zwjयो नही दत ह बिझ हए अगर की तरह

बनन लकषमा जा क आशावथद तषण और कि णडऽलना भिन हए चन

सिवणथमय पिरष

376ndash382

36

म सवय तप त ह ा मर शष कमथ ऽचतत पर सऽतवकत क बढ़न ऽनऽषकरय

इऽनदरया सवचछ हो ज अमत वष थ धमथ क ाट मऽणपरभ सफलत पर

सवर मय और अऽवदय

383ndash392

37

तरजी तमोगिणा अहकर क मील सरोत म ऽवलान होन मत कि णडऽलना शऽzwj त

अहकर तमोगिणा अहकर मर कमथ सीख हआ पड़ परभ बिझ हआ

अगर मय

393ndash402

38

ऽनजसवरप म अवऽसथत होन क सकलप करो अनिभव ऽकसा को न बतएा

कम थशय दखन क सकलप न करन ऽचतत ऽनमथलत की ओर आतम और जाव

अशिित क नष ट होन ऽनऽित

403ndash407

योग कस कर 11

39

सथील शरार तयगन क बद ऊधवथगमन क मगथ चरो शरार ऽचतत ऽनमथलत की

ओर इसा म अवऽसथत होन भौऽतक वसतिओ को तयगन क सकलप

कम थशयो क सकषत ऽचतत दरर तिरनत कर दन

409ndash414

40 तषण और ऽवकर शरा मत जा क ऽलए आऽदशऽzwj त स परथथन करन ऽचतत की

वऽतत और करण शरार जाव और शरार ऽसफथ lsquoॎrsquo मतर क जप करो 415ndash419

सन 1999

41

वयितथन की वऽततय ा मय नष ट होन की ओर घर वलो को धनयवद जब सब

कि छ तयग दग साऽढ़या ऽदखई दी जञन परदन ऽकय गय कऽलयिग की

कि दऽष ट सतय और असतय बरहम क हा सवरप ह सथील जगत ऽदखई zwjयो नही

दत भगवन शकर क दशथन

420ndash428

42

भगवन शकर दरर जञन क उपदश दन उतपऽतत क कनदर कि णडऽलना क शरप

व कऽलयिग की कि दऽष ट समपत हई ससर रपा वकष नष ट हो गय तिमह अगल

जनम लन अऽनवयथ

429ndash436

योग कस कर 12

दो शबद

इस पिसतक म मन जो अनिभव ऽलख हए ह व अनिभव हमरा सधन कल म आय ह मन अपना

सधन 18-20 ऽसतमबर 1984 म शिर की था सधन म शिरआत स हा मिझ बहत स अनिभव आय

मगर मन शिरआत म अपन अनिभवो को नही ऽलख थ हलऽक हमर गिरदव न कई बर हमस कह

थndash आननद कि मर तिमह धयनवसथ म अचछ-अचछ अनिभव आत ह इसऽलए ऽकसा कॉपा म अनिभवो

को ऽलख ऽलय करो पहल मन अनिभवो को ऽलखन की तरफ धयन नही ऽदय जब म जीन 1989 म शरा

मत जा क पस गय और उस समय उनक सथ रहन क सिअवसर ऽमल तब अणण जा न भा (पीजय

शरा मत जा क पऽतदव) मिझस कहndash sbquoआननद कि मर तिम अपन अनिभवो को ऽकसा कॉपा म ऽलखन

शिर कर दो हो सकत ह भऽवषय म तिमहर दरर ऽलख गय अनिभवो क लभ अनय सधको को भा

ऽमल‛ मन अणण जा क कहन पर अनिभवो को ऽलखन शिर कर ऽदय जीन 1989 स म अपन अनिभवो

को धयन म आन क तिरनत बद ऽलख ऽलय करत थ मगर जो अनिभव ऽसतमबर 1984 स मई 1989

तक आय उनको मन नही ऽलख थ इस बाच आय हए अनिभवो को मन सन 1994-95 म ऽलख थ

मगर तब तक इन अनिभवो को आय हए दस वषथ बात गय थ जो अनिभव मिझ यद आय उनम महततवपीणथ

अनिभवो को ऽलख और शष अनिभवो को छोड़ ऽदय

हम अपना सधन म जो सफलत ऽमला तथ सधनकल म जो अनिभव आय इसक शरय म

अपन परम पीजय गिरदव शरा मत जा को दत ह ा zwjयोऽक शरा मत जा की मिझ पर अपर कप रहा ह

ऽसफथ गिर हा नही बऽलक म ा क भा पयर ऽदय उनही क आशाव थद स म इस योनय हआ ह ा ऽक सधन क

समय आय हए आरऽमभक अवसथ स उचचतम अवसथ तक क अनिभवो को ऽलख सक ह ा म तो एक

ससररक मनिषय मतर थ मगर शरा गिरदव जा न अपना शरण म लन क बद मिझ तप हआ सोन बन

ऽदय ह हमर शरा मत जा व ऽपत जा न तो हम जनम ऽदय सथील शरार ऽदय मगर हमर गिरदव न

अऽवदय और मय स यिकत सथील जगत क असला सवरप क जञन कर ऽदय और अनत क मगथ ऽदख

ऽदय अब गिरदव की कप स उसा अनत क मगथ पर आग बढ़त चल ज रह ह ा

योग कस कर 13

एक बत हम और यद आ गया जब म धयन कर रह थ तब बरहमलान पीजय सवमा ऽशवननद

जा न हमस पीछndash sbquoयोगा तिम अपन अनिभव zwjयो ऽलख करत हो‛ म बोलndash sbquoसवमा जा हमर गिरदव

व गिर भइयो की इचछ था ऽक म अपन अनिभवो को ऽलखीा बस म अनिभवो को ऽलखन लग‛ सवमा

जा बोलndash sbquoय सच ह ऽक य अनिभव तिमन अपन गिरदव व गिरभइयो क कहन पर ऽलख ह मगर मर भा

आशाव थद तिमह परप त ह इसऽलए भऽवषय म तिमहर इस लख स कि छ सधको को मगथदशथन ऽमलग और

उन सधको क कलयण होग‛ य सवमा ऽशवननद जा ऋऽषकश क थ 1963 म बरहमलान हो गय थ

तथ हमर शरा गिरदव जा क गिरदव ह सवमा जा न सधन कल म हम बहत मगथ दशथन ऽदय जब योग

म मिझ उचचतम अवसथ परप त हई तब हमरा इनहोन बहत सहयत की था तथ योग की बराऽकयो को

समझय थ

ऽपरय पठको आप हमर अनिभवो को पढ़कर अवशय लभऽनवत होग तथ जो सधक सधन

करत ह उनह य अनिभव अवशय मगथ दशथन क कम करग ऐस हमर सोचन ह ऐस भा हो सकत ह

ऽक हमर अनिभव अनय योऽगयो क अनिभवो स मल न करत हो तो हम कषम कीऽजएग हमर मगथ सहज

धयन योग क ह इसऽलय सहज धयन योग क सधको को अवशय लभ ऽमलग zwjयोऽक कभा-कभा ऐस

भा होत ह ऽक एक सधक क अनिभव दीसर सधको स मल नही करत ह लऽकन अनिभवो क जो सीकषम

अथथ होत ह वह एक जस हा होत ह मगर धयन रखन वला बत यह ह ऽक योग ऽबन सदगिर क नही हो

सकत ह इसऽलए सधक क ऽलए आवशयक ह ऽक वह अपना सधन ऽकसा योनय मगथदशथक की

ऽनगरना म कर तभा योग मगथ म आग चलन समभव हो पत ह ऽसफथ पिसतको को पढ़कर योग नही

ऽकय ज सकत ह

म सधन करन स पीवथ भा आऽसतक थ पीज-पठ मऽदरो आऽद म ऽवशवस रखत थ धऽमथक

पिसतको को बहत पढ़त थ मन दीसर धमथ की पिसतको क भा अधययन ऽकय हआ ह मगर योग स

समबऽनधत पिसतक कभा नही पढ़ी था और न हा योग क ऽवषय म हम ऽकसा परकर क जञन थ जब म

योग मगथ म आय ऽफर मन पाछ मिड़कर नही दख बस आग बढ़त चल गय बहत स अवरोध आय

बड़ा-बड़ा परशऽनया आया दढ़त स परशऽनयो क समन ऽकय और जररत पड़न पर ससररक

वसतिओ क तयग भा ऽकय मगर कोई भा अवरोध य परशना हमर मगथ को रोक नही सकी

आऽखकर अत म हम सफलत ऽमल हा गया आज म अपन आपको आतररक रप स आनऽनदत पत ह ा

योग कस कर 14

मर शरा मत जा व ऽपत जा न मर नम आननद रख थ अब म आननद म ह ा दिःख हम छी भा नही

सकत ह zwjयोऽक ऽजस जगह आननद ह वहा दिःख क zwjय कम ह

ऽपरय पठको यऽद आप चह तो आप भा अपन जावन को आनऽनदत कर सकत ह योग क अथथ

यह नही हndash ऽक आप जगल म चल जय और वही पर योग क अभयस कर तभा आपक योग होग

ऐस जररा नही ह आप गहसथ म रहकर भा योग क अभयस कर सकत ह बस आपक अनदर योग क

ऽलए शरि ऽवशवस लगन व दढ़त और सयम होन चऽहए आपको भा अवशय सफलत ऽमलगा

समपीणथ जगत म मनिषय हा सबस शरषठ परणा ह मनिषय क कतथवय ह ऽक वह थोड़-स ईश वर क भा ऽचतन

कर सर जावन भौऽतक सिखो की ललस म हा वयतात नही कर दन चऽहय अर भौऽतक सिख तो

कषऽणक होत ह कषऽणक सिख क बद दिःख अवशय आयग zwjयोऽक सिख-दिःख क जोड़ होत ह इसऽलए

ऐस आननद की तलश करो जो सदव आपक पस रह और दिःख की कभा आपको अनिभीऽत हा न हो

मनिषय क कतथवय ह वह अपन ऽनजसवरप को पहचन ऽक उसक वसतऽवक सवरप कस ह आपक

सवरप ऽनतय ह सतय ह आप अमत क पितर ह अपन आपको पहचनो zwjयोऽक आप जड़ नशवर मय

और अऽवदय स यिकत पररणमा सथील जगत को अपन मन रह ह इस अधकर यिकत जगत स मिऽकत ऽसफथ

सदगिर हा ऽदल सकत ह ह अमत क पितरो आप सभा को सदगिर की परऽपत हो आपक जावन धनय हो

आपको अनत क मगथ परप त हो ऽपरय पठको आपको योग क ऽवषय म कि छ पीछन हो तथ धयन करत

समय ऽकसा परकर क (योग-समबनधा) मगथदशथन लन हो तो आप बऽझझक यी-टयीब अथव फसबिक पर

पीछ सकत ह

योगा आननद जा

योग कस कर 15

सन 1984

साधना करन की शरअत

सबस पहल म अपन गिरदव शरा मत जा को परणम करत ह ा zwjयोऽक गिर हा सधक क जावन

म सबस शरषठ होत ह उनहोन हम पर अपर कप की ह हमरा गिर शरा मत जा बना और उनहोन योग क

मगथ दशथन ऽकय उनही क मगथ दशथन म हम सधन कल म अचछ-अचछ अनिभव आय तथ योग म

सफलत परप त हई गिरदव शरा मत जा न हा सधन-कल म मर ऊपर कई बर शऽzwj तपत ऽकय तथ

उनही क आशावथद स उचचतम ऽसथऽत को परप त कर सक ह ा और मर वतथमन जनम सफल हआ अब म

अपन अनिभवो को ऽलख रह ह ा जो हम अपन सधन-कल म आय ह

मन अपना सधन की शिरआत 18-20 ऽसतमबर सन 1984 स की था उस समय मन

धयनवसथ म आय हए अनिभवो को नही ऽलख थ हलऽक कई बर सधको न व शरा मत जा न

मिझस कह थndash आप अपन अनिभवो को ऽकसा कॉपा म ऽलख ऽलय करो आपको अनिभव अचछ-

अचछ आत ह हो सकत ह आपक अनिभवो को भऽवषय म नए सधक पढ़ इसस उन सभा सधको को

लभ हो सकत ह मगर उस समय तक मन अपन अनिभव नही ऽलख थ एक बर जीन 1989 म हम शरा

मत जा न ऽमरज म बिलय मिझ वह ा पर एक-डढ़ मह रहन क अवसर भा ऽमल उस समय हमरा

सधन म और तावरत आ गया था तब अनिभव और अचछ-अचछ आन लग थ तब शरा मत जा क

पऽतदव अणण जा न मिझस स कहndash आननद कि मर आप अपन अनिभवो को एक कॉपा म ऽलख ऽलय

कर शरा मत जा व कि छ सधको न अनिभवो को ऽलखन क ऽलय कह थ ऽफर मन जीन 1989 स अपन

अनिभव ऽलखन शिर कर ऽदय थ मगर ऽसतमबर 1984 स मई 1989 तक जो अनिभव धयनवसथ म

आय थ उन अनिभवो को नही ऽलख गय थ इन अनिभवो को मन अzwjटीबर 1994 म ऽलख थ लगभग

10 वषथ बात जन क बद हम जो अनिभव यद आय तथ ऽजन अनिभवो को ऽलखन उऽचत समझ ऽसफथ

वहा अनिभव ऽलख थ

ऽसतमबर 1984 की बत ह म उस समय ऽदलला म नौकरा करत थ म डयीटा करक अपन कमर

पर लगभग 530 बज शम को आ जय करत थ कमर पर आन क बद हम ऽकसा परकर क कोई

कम नही करन पड़त थ इसऽलए खला समय म म समनय जञन व कहऽनयो की पिसतक पढ़ करत

योग कस कर 16

थ म पड़ोऽसयो व ऽमतरो स जयद मल-जोल नही रखत थ हम एकत जयद अचछ लगत थ एक

ऽदन हमर पस कोई भा पिसतक पढ़न क ऽलए नही था तब सोच खला समय म zwjय करा ग इसऽलए

पड़ोसा ऽमतर क पस गय मन उसस पिसतक पढ़न क ऽलए मागा तब ऽमतर बोलndash इस समय तो हमर पस

ऽकसा परकर की पिसतक नही ह एक आधयऽतमक पिसतक पड़ा हई ह चहो तो उस पढ़ सकत हो म

बोलndash आप हम वहा पिसतक द दाऽजए म अपन समय उसा पिसतक क सथ वयतात कर लीाग उस ऽमतर

न हम एक पिसतक द दा पिसतक की हलत बहत खरब था टइटल व कि छ पज पिसतक स गयब थ म

वह पिसतक लकर अपन कमर म आ गय ऽफर मन शिरआत स उस पिसतक को पढ़न शिर कर ऽदय

लऽकन कि छ पज पढ़न क बद हम उस पिसतक म कोई रऽच नही हई मगर ऽफर सोचndash चलो इस पढ़ लो

पढ़न म zwjय हजथ ह आऽखरकर समय हा तो वयतात करन थ जब मन 8-10 पज जलदा-जलदा पढ़

ऽलए तब इस पिसतक म मरा रऽच बढ़ गया और म मन लगकर पढ़न लग रऽच इतना बढ़ गया ऽक

पिसतक बनद करन की इचछ हा नही हो रहा था मन इस पिसतक को लगभग 2-3 घणट पढ़ ऽफर बनद

करक रख दा मन अपन ऽलय खन बनय और खन खकर सो गय zwjयोऽक रऽतर कफी हो चिकी था

दीसर ऽदन जब डयीटा स वपस आय तब अपन कमर म ऽफर स वहा पिसतक पढ़न लग इस

पिसतक म इतना जयद रऽच बढ़ गया ऽक सरा पिसतक रऽतर क सढ़ दस बज तक पढ़ डला अब हमर

अनदर भा तावर इचछ जगरत हई ऽक zwjय म भा सधन कर सकत ह ा zwjय मिझ भा सफलत ऽमल सकता

ह पिसतक क अत म कि छ पजो पर सधन करन क तराक ऽलख थ तथ लऽखक न यह भा ऽलख

थ यऽद आप योग क ऽवषय म हमस कि छ पीछग तो म अवशय बतऊा गा तथ उनहोन अपन पत भा

ऽलख थ मन ऽनिय ऽकय म भा धयन करा ग कभा-न-कभा सफलत अवशय ऽमलगा यऽद मनिषय

ऽकसा भा कयथ को दढ़त स पररशरम व लगन स कर तो सफलत zwjयो नही ऽमलगा ऽजस पिसतक क

वणथन मन अभा ऽकय ह य पिसतक हमर गिरदव शरा मत जा दरर ऽलखा हई था उस पिसतक क नम

थ lsquoऽकसा एक की सधन गथrsquo इस पिसतक म गिरदव शरा मत जा क अनिभव ऽलख हए थ यह

अनिभव उनह अपन सधन कल म आय थ

योग कस कर 17

पहली बार धयान पर बठा

रऽतर क नयरह बज रह थ सोच बद म खन बनएग पहल पिसतक म बतई गया ऽवऽध क

अनिसर धयन करा ग फशथ पर आसन लगकर म बठ गय मिझ भगवन शकर अचछ लगत ह इसाऽलए

मन अपन कमर म भगवन शकर की ऽवऽभनन मिदरओ की फोटो लग रखा थी उनम स एक फोटो को

अपन समन रखकर उसकी पीज की तथ भगवन शकर स परथथन कीndash ldquoकपय आप हम पर परसनन

होकर कप कीऽजएग तथ आशाव थद दाऽजए ऽक म सफल योगा बानीrdquo पिसतक म बतई गया ऽवऽध क

अनिसर म राढ़ साधा करक बठ गय थोड़ा दर तक म चिपचप बठ रह कि छ कषणो क बद हम ऐस

लग ऽक म कि छ बसिध स होत ज रह ह ा बद म हम अपन होश नही रह जब मरा आाख खिला तो

पय शरार क अनदर एक ऽवशष परकर की ऽकरय सा हई ऽजसक वणथन म नही कर सकत ह ा मन परसनन

थ आसन स उठकर खड़ हो गय घड़ा पर ऽनगह डला तब म चौक पड़ चौकन क करण थ घड़ा

म नयरह बजकर चलास ऽमनट हो चिक थ म तो नयरह बज धयन पर बठ थ ऽफर चलास ऽमनट कस

बात गय चलास ऽमनट क समय बहत लमब होत ह मिझ ऐस लग थndash म प ाच ऽमनट तक बठ रह

ह ा सोच शयद धयन पर बठत समय घड़ा दखन म गड़बड़ा हो गया होगा ऽफर मन खन बनय और

खय तब तक रऽतर क एक बज चिक थ इसऽलए म तिरनत सो गय

दीसर ऽदन म सिबह सढ़ तान बज जग गय zwjयोऽक धयन पर बठन थ मन बहत परसनन हो रह

थ तावर इचछ भा जगरत हो गया था ऽक मिझ अब रोजन धयन करन ह सिबह उठकर ऽनतय-ऽकरय स

फि सथत होकर 4 बज धयन पर बठ गय अबकी बर घड़ा को गौर पीवथक दख तऽक समय म कोई

गड़बड़ा न हो घड़ा सिबह क चर बज रहा था म आसन पर बठ गय ऽफर भगवन शकर की सतिऽत की

और अपना आाख बनद कर ला आाख बनद करत हा म अपना सिधबिध खो गय कि छ समय बद मरा

आाख खिल गया मन अतयत परसनन हो रह थ शरार म आलसय क नमोऽनशन नही थ अब मन घड़ा

की ओर ऽनगह डला तो दखndash घड़ा प ाच बज रहा था म ऽफर आश चयथचऽकत हआ एक घनट समय

कस बात गय हम मलीम नही हआ अभा म अपन आसन पर बठ हआ थ उठन की इचछ नही हो रहा

था आाख सवमव बनद हो रहा था ऐस लगत थ अभा और धयन पर बठ रह ा मगर सिबह क प ाच बज

रह थ इसऽलए उठकर खड़ हो गय खड़ होन पर हम महसीस हआ ऽक हम थकन सा हो गया ह म

चरपया पर लट गय अब म सोचन लग ऽक आाख बनद करन पर एक घनट कस वयतात हो गय यह

भा ऽनऽित थ ऽक म धयन पर बठकर सोय नही थ अब मर अनदर इचछ शऽzwj त और बढ़ गया म

योग कस कर 18

अवशय धयन करा ग तथ कठोर पररशरम करा ग अब मर अनदर ऽवचर आय हम सधक बनन ह

इसक ऽलए हम चह ऽजतन तयग करन पड़ शरा मत जा की पिसतक पढ़कर जञत हो चिक थ मनिषय

क कमथ यऽद अचछ हो तो सधन म शाघर सफलत ऽमलता ह मगर सधन कल म मनिषय को अपन

ऽपछल कमो क फल भा भोगन पड़त ह हम तो अपन ऽपछल जनमो क कमथ मलीम नही ह ह ा अब

अवशय म अचछ कमथ करा ग ऽजसस मरा सधन म परगऽत हो

म सिबह खन बन खकर नौ बज डयीटा पर चल गय सयकल सढ़ प ाच बज आय कि छ

समय तक आरम करक छः बज शम को ऽफर धयन पर बठ गय अबकी बर भा एक घणट क समय

धयन करन म लग गय म समझ गय शयद हमर धयन लग जत ह इसाऽलए एक घनट मलीम नही

पड़त ह रऽतर क नयरह बज धयन क ऽलए म ऽफर बठ गय आध घणट क धयन लग बरह बज रऽतर

को म सो गय सिबह उठकर ऽनतय ऽकरय स फि सथत होकर 4 बज ऽफर धयन करन क ऽलय बठ गय एक

घणट क धयन ऽकय हमर अब रोजन क ऽनयम बन गय थ सिबह चर बज धयन करत थ

सयकल 6 बज धयन करत थ ऽफर रऽतर म नयरह बज धयन करत थ इस परकर शिरआत म हमर

धयन एक ऽदन म 230 घणट क हो जत थ

पराण वाय मलाधार चकर पर

परऽतऽदन धयन करत हए हम चर-प ाच ऽदन गिजर गय थ सयकल क समय म धयन कर रह थ

तभा धयन की गहरई म डीब गय ऽफर कि छ समय बद हम होश स आन लग उस समय मिझ महसीस

हआ राढ़ क ऽबलकि ल ऽनचल सथन पर अथ थत मीलधर चकर म कि छ हो रह ह अब हमर धयन

मीलधर चकर पर क ऽदरत हो गय कि छ समय बद उस सथन पर हलक-हलक ददथ स य गिदगिदा सा

महसीस होन लगा था यह ददथ बड़ ऽवऽचतर स थ ददथ होत हए भा मिझ अचछ लग रह थ उस सथन

पर थोड़ा-सा गमी भा महसीस हो रहा था इस गमी क करण ऽनचल भग म पसान ऽनकल रह थ कि छ

समय बद वह ददथ सपषट होन लग ऐस लग रह थ जस वयि गोलकर रप म गोल-गोल घीम रहा ह जब

हम वयि क आभस हआ तब पहल स ददथ थोड़ और बढ़ स गय थ मगर हमर अनदर बड़ा परसननत

हो रहा था म और ददथ सहन क ऽलय तयर थ मगर ददथ जयद नही बढ़ अब धयनवसथ म हम महसीस

हआ हमर सथील शरार थक स रह ह हमन अपना आाख खोल दा अथ थत हमर धयन टीट गय

योग कस कर 19

धयन टीटत समय रदय क अनदर स आवज आयाndash ldquoऽजस वसति क तिम अनिभव कर रह थ वह

तिमहरा परण वयि ह तिमहरा परण वयि क ऊधवथ होन शिर हो गय हrdquo जब म धयन पर बठत थ तभा

कि छ समय बद हा यह परण वयि महसीस होन लगता था अब म ऽनयऽमत धयन ऽकय हा करत थ इसक

सथ हा ईश वर क नम-जपन भा शिर कर ऽदय थ नम जपन की इचछ सवमव जगरत हो गया था

धयनवसथ म 15 ऽदनो तक हम महसीस होत रह ऽक हमरा परण वयि इसा जगह पर गऽत कर रहा ह

पराण वाय सवावधषठान चकर पर

लगभग 15 ऽदनो तक परण वयि मीलधर चकर पर महसीस होता रहा मगर ऽफर ऐस लगन लग

ऽक परण वयि ऊपर की ओर राढ़ क सहर चढ़न क परयस कर रहा ह जब ऊपर की ओर चढ़न क

परयस करता था उस समय हलक स ददथ स होन लगत थ मगर मन म परसननत होता था कि छ ऽदनो क

बद परण वयि मीलधर चकर स थोड़ा ऊपर की ओर चला जता था मगर कि छ कषणो बद वपस नाच

मीलधर चकर पर आ जता था जब हमर मन थोड़ स एकगर होत थ तब ऽफर परण वयि ऊधवथ होन

लगता था बस यहा ऽकरय हआ करता था कि छ ऽदनो क बद परण वयि सवऽधषठन चकर पर आ गया हम

अचछा तरह महसीस हो रह थ अब परण वयि सवऽधषठन चकर पर आकर रकन लगा ह पहल कि छ ऽदन

ऐस हआndash ऽक परण वयि सवऽधषठन चकर पर थोड़ा दर तक रक जता था ऽफर वपस नाच आकर

मीलधर चकर म ठहर जता था ऽफर कि छ समय बद हमर धयन टीट जत थ

कि छ ऽदनो म परण वयि सवऽधषठन चकर पर ऽसथर हो गया तथ पहल की अपकष धयन म रऽच

और बढ़ गया कभा-कभा धयनवसथ म कि छ ऽवशष परकर क ऽवचर आन लगत थ म सोचत थ हम

ऐस गनद ऽवचर zwjयो आ रह ह मन सोच-हमर अनदर की गनदगा ऽनकल रहा ह बद म मलीम हआ

सवऽधषठन चकर जननऽदरय क सथन पर ह परण वयि सवऽधषठन चकर म होन क करण जननऽदरय पर

हलक स परभव पड़त थ इसऽलए ऐस ऽवचर आय करत थ इस चकर पर परण वयि लगभग एक सपतह

तक रकी ऽफर यह ा स भा परण वयि ऊधवथ होन क परयस करन लगा मीलधर चकर व सवऽधषठन चकर

पर सधको को अनिभव नही आत ह अzwjसर ऐस दख गय ह ऽसफथ परण वयि हा महसीस होता ह

जयदतर हमन यह भा अनिभव ऽकय ह ऽक सधको को मीलधर चकर और सवऽधषठन चकर पर परण वयि

योग कस कर 20

भा महसीस नही होता ह इसक यह अथथ नही ह ऽक उनकी सधन नही हो रहा ह धयन लगन पर सधक

क अनदर परसननत बढ़ता ह तथ हलकी-सा चतनयत की बढ़ोततरा सा होता ह

पराण वाय नावभ चकर पर

अब परण वयि धार-धार सवऽधषठन चकर स भा ऊधवथ होन क परयस करन लगा जब परण वयि

अपन पहल वल सथन स ऊपर की ओर चढ़ता ह तब सधक को हलकी-सा ददथ की अनिभीऽत होता ह

जब उस सथन पर कई बर परण वयि आता जता रहता ह अथव ठहर जता ह तब ऽफर ददथ स महसीस

नही होत ह बऽलक गिदगिदा सा महसीस होन लगता ह परण वयि धार-धार ऊधवथ होकर नऽभचकर पर आ

गय कि छ ऽदनो तक मतर कि छ कषणो क ऽलए नऽभ चकर पर आत थ ऽफर थोड़ स नाच आकर ऽसथर हो

जत थ मगर अभयस बढ़न पर परण वयि नऽभचकर पर ठहरन लग अब यहा पर धयन पहल की

अपकष अचछ लगत थ तब म अपन आपको कि छ समय क ऽलए भील जत थ यह ऽबलकि ल यद

नही रहत थ ऽक म धयन कर रह ह ा लऽकन कि छ समय बद मिझ अपना यद आन लगता था ऽक म

धयन कर रह ह ा

इस अवसथ म हम ऽवशष तरह की अनिभीऽत होन लगा था धयन पर बठन क बद हम ऐस

लगत थ ऽक हमर शरार क अनदर सनसनहट सा हो रहा ह ऽफर म अपन आपको भील जत थ मिझ

धयनवसथ म ऽदखई दत थndash ldquoम गहर अधकर म खड़ ह ा और उसा गहर अधकर म आग की ओर

चल ज रह ह ा अधकर एकदम कोयल क समन कल ह हम अपन शरार भा ऽदखई नही द रह थ

बस ऐस लगत थ म घनघोर अधकर म आग की ओर बढ़ ज रह ह ा इस अधकर म अपन आपको

अकल पकर हमर अनदर डर स महसीस होत थ इस डर क करण हमर धयन टीट जत थ‛ म

आाख खोल दत थ ऽफर धयन करन लगत थ जब धयन करन लगत थ तब ऽफर वहा अधकर म म

अपन आपको खड़ पत थ इसा परकर कि छ ऽदनो तक धयन करत रह ऽफर मन सोचndash ऽक यह कस

योग ह म अधकर को zwjयो दखत ह ा और उसा म अपन आपको पत ह ा मगर मन दढ़त स कम ऽलय

और ऽवचर ऽकय ऽक सधन करत रहो कब तक अधकर ऽदखई दग कभा-न-कभा यह अधकर

समपत हो जयग अथव इस अधकर म आग zwjय होत ह यह दखत ह ा

योग कस कर 21

कि छ ऽदनो तक यहा अनिभव आत रह ऽक म अधकर म कही चल ज रह ह ा ऽफर एक ऽदन

अनिभव आय म अधकर म चल ज रह ह ा उसा अधकर म हमस दीरा पर आग जल रहा ह म आग

की ओर चल ज रह ह ा जब म सिबह-शम य रऽतर क समय धयन पर बठत थ तब यहा अनिभव आत

थ ऽक म अधकर म आग की ओर चल ज रह ह ा आग की ओर कफी दीरा पर आग जल रहा ह आग

की लपट ऊा चा-ऊा चा उठ रहा ह य लपट इतना ऊा चा होता था मनो आसमन को छी रहा हो म आग

की लपटो ओर बढ़त चल ज रह ह ा अब आग हमर ऽनकट आ गया कि छ समय बद यह आग अपन

आप ऽदखना बनद हो जता था तभा हम अपन होश आन लगत थ ऽक म धयन कर रह ह ा धयन सवय

समपत हो जत थ म अपना आाख खोल दत थ

जब कि छ ऽदनो तक धयनवसथ म यहा अनिभव आत रह तब हमर अनदर भय स होन लग

ऽक अब zwjय करा यह अधकर और आग zwjयो ऽदखई दता ह म अधकर म दौड़त हआ zwjयो चल ज

रह ह ा इस परकर क ऽवचर हमर मन क अनदर आन लग तब म सोचन लगndash ऽक अब म zwjय करा

ऽकसस पीछी ा ऽक य सब zwjय ह यह तो धयनवसथ म ऽदखई दत ह योग की बत ह कौन बतएग मन

सोचndash zwjयो न उन शरा मत जा को पतर ऽलखीा ऽजनकी पिसतक पढ़कर मन सधन करन की शिरआत की

ह शयद वह हम कि छ उततर द द zwjयोऽक उनहोन पिसतक क अत म ऽलख हndash यऽद कोई सधक योग क

ऽवषय म मिझस पीछग तो म उसक योग क मगथ दशथन अवशय करा गा

कि छ ऽदनो बद मन लमब स पतर शरा मत जा को ऽलख उस पतर म ऽलखndash sbquoमन आपकी

पिसतक पढ़कर सधन करन शिर कर ऽदय ह सधन क ऽवषय म भा सकषप म ऽलख हमर परणो की

ऽसथऽत इस समय नऽभचकर पर ह धयनवसथ म अधकर ऽदखई दत ह म उस अधकर म आग की

ओर दौड़त हआ चल ज रह ह ा कि छ समय बद जलता हई आग ऽदखई दता ह आग की लपट ऊा चा-

ऊा चा उठ रहा होता ह जो आसमन को छी ता हई सा परतात होता ह बर-बर यहा अनिभव आत ह

इसऽलए मिझ डर स लगत ह अब म धयनवसथ म डर-डर-स रहत ह ा कपय आप हमर मगथदशथन

कीऽजएग तथ अपना पीरा जावना सकषप म ऽलखाrdquo

पतर तो मन शरा मत जा को ऽलखकर भज ऽदय मगर सधन ऽनयऽमत रप स करत रह थ धार-

धार आग वल अनिभव आन समपत हो गय अब मर डर भा दीर हो गय थ ऽफर मरा परण वयि भा

नऽभचकर स ऊपर की ओर उठन लगा जस-जस अभयस बढ़त जत थ वस-वस हमरा इचछ योग

योग कस कर 22

करन क ऽलए और तावर होता जता था ऐस लगन लग कब हमरा डयीटा समपत हो और म कमर म

जकर धयन करा

भगवान ववषण क दशशन

म रोजन की भाऽत आज सिबह क धयन कर रह थ हम अचनक हलक स परकश ऽदखई

दन लग उस परकश म एक आकऽत सा उभरना शिर होन लगा वह आकऽत जब सपषट हई तब हमरा

खिशा क ऽठकन नही रह zwjयोऽक हमर समन चतिभिथज रप म भगवन ऽवषणि पातमबर पहन हए चरो

हथो म शख चकर गद व पदम धरण ऽकय हए खड़ थ मन उनह परणम ऽकय वह ऽसफथ मिसकर रह थ

म उनह गौर पीवथक दख रह थ उनक बहत हा सिनदर सवरप थ कि छ समय बद भगवन ऽवषणि अतधयथन

हो गय हमरा आाख खिल गया धयनवसथ म हमर यह पहल अनिभव थ म अनिभव क करण बहत

परसनन हो रह थ zwjयोऽक धयन म भगवन ऽवषणि क दशथन हो गय थ मन सोच भऽवषय म भा भगवन

ऽवषणि क दशथन होग इस आश क सथ म खिश हो रह थ इस अनिभव को आय लगभग दस वषथ

(1986) हो गय ह मगर हम आज भा यह अनिभव अचछा तरह स यद ह

पराण वाय रदय चकर पर

परण वयि धार-धार नऽभचकर स ऊधवथ होकर रदयचकर की ओर आन लगा कि छ ऽदनो म परण

वयि रदय चकर म आकर ऽसथर होन लगा अब हमर धयन धार-धार एक घणट स थोड़ जयद लगन

लग सधको जब ऽकसा सधक की परण वयि रदयचकर पर आ जय तब यह ा पर बहत अचछ-अचछ

अनिभव आत ह सधक को इस अवसथ म बहत मज आत ह ऐस लगत ह ऽक म सदव धयन पर हा

बठ रह ा इसक करण ह इस चकर पर सधक को उसक इषटदव क दशथन होत ह तथ परकश भा ऽदखई

दत ह जब हमर परण वयि इस चकर पर आय तब हम भा परकश ऽदखई ऽदय थ यह परकश रोजन

ऽदखई दत थ ऐस लगत थ मनो चरो ओर च ादना जस परकश फल हआ ह उस सफद उजजवल

परकश म म घीम रह ह ा कभा-कभा बफील पहड़ ऽदखई दत थ कभा-कभा हर-भर जगल ऽदखई दत

योग कस कर 23

थ कभा-कभा समिदर ऽदखई दत थ तथ कभा-कभा उगत हआ सीरज ऽदखई दत थ कभा-कभा

बहत हआ झरन ऽदखई पड़त थ इसा परकर क ढरो अनिभव आय सभा अनिभवो को म ऽलख नही

सकत ह ा zwjयोऽक दस वषथ हो गय अब जयद अनिभव यद भा नही ह ऽसफथ जो अनिभव यद ह और

उनम स जो परमिख अनिभव ह उनही को ऽलख रह ह ा

मन कि छ ऽदन पीवथ अनिभव ऽलखकर शरा मत जा क पस पतर भज थ उसक जबब हम 20 ऽदन

बद परप त हो गय पहल मन सोच थndash पत नही शरा मत जा पतर क जबब दगा अथव नही दगा

मगर हम शरा मत जा क हथ दरर ऽलख पतर परप त हआ तब मिझ बहत परसननत हई था शरा मत जा न

ऽलख थndash sbquoजब सधक की सधन नऽभचकर पर होता ह उस समय उस जलता हई अऽनन ऽदखई दता

ह zwjयोऽक वह अऽनन क सथन ह अब आप सोऽचए आपको सवचछ पना ऽदखई द और उस पना म

कमल ऽखल हआ हो‛ सथ हा मतयिजय मतर एक कगज म छप हआ भज थ तथ उनहोन पतर म

ऽलख थndash sbquoइस मतर को धयन करन स पीवथ नयरह बर जप कीऽजए आपक डर समपत हो जयग‛ म

धयन करन स पीवथ नयरह बर मतयिजय मतर क जप करन लग धयन म बठकर सवचछ पना व कमल क

ऽवषय म भा सोचन लग कि छ ऽदनो बद धयनवसथ म सवचछ पना ऽदखई दन लग उसा पना म

कमल क ऽखल हआ फी ल ऽदखई दन लग शिरआत म गद पना ऽदखई दत थ ऽफर धार-धार

सवचछ पना क बहत हआ झरन ऽदखई पड़न लग एक दो ऽदखई ऽदयndash सवचछ पना क झरन

पहड़ स नाच की ओर ऽगर रह ह अब यह पना मर ऊपर ऽगरन लगग एक बर म धयनवसथ स

उठकर खड़ हो गय मिझ लग पहड़ क ऊपर स आय पना झरन क रप म हमर ऊपर ऽगरन वल ह

कि छ ऽदनो बद झरन क सथन पर ऽवशल जलशय ऽदखई दन लग ऐस लगत थ मनो यह पना

समिदर ह ऽफर उसा स उगत हआ सीयथ सिबह की भाऽत ऽदखई दन लग

भगवान शकर क दशशन

अभयस बढ़ जन क करण परण वयि अब रदय चकर म आकर ऽसथर होन लगा था रोजन कई

परकर क अनिभव धयनवसथ म दख करत थ आजकल म धयन करन क ऽलए 330 बज सिबह

जगत थ और चर बज धयन पर बठ जत थ उस समय ऐस लगत थndash जस रदय क पाछ राढ़ म

हव की गोला गोलकर रप म घीम रहा ह पाठ पर उस सथन पर उषणत क करण पसान भा बहन

योग कस कर 24

लगत थ उस समय म अनिभव दख करत थndash म सफद उजजवल परकश म घीम रह ह ा ऽफर हम

बफील पहड़ ऽदखई दन लगत थ म उन पहड़ो पर चढ़ जत थ और पहड़ो पर घीम करत थ कि छ

ऽदनो बद अनिभव आयndash म बफील पहड़ो पर आग की ओर चल ज रह ह ा कि छ समय बद हमन

दख भगवन शकर एक ऊा च सथन पर बठ हए ह उनक सथ शरा मत पवथता भा ऽवरजमन ह उनक

ननदा (बल) भा थोड़ा दीरा पर बठ हआ ह म उनस थोड़ा दीरा पर खड़ हआ ह ा मन दीर स हा भगवन

शकर व शरा मत पवथता को परणम ऽकय वह दोनो उततर म कि छ नही बोल परति मिसकरए अवशय थ

थोड़ा दर तक म उनह टकटकी लगय दखत रह ऽफर भगवन शकर व शरा मत पवथता जा अदशय हो

गय म भा वपस चल ऽदयकि छ दीर चलन क बद हम हर-भर जगल ऽमल यह जगल बड़ मनमोहक

थ म इस जगल म चरो ओर ऽवचरण करत रह उस जगल म वकष बहत ऊा च-ऊा च थ तज हव चल

रहा था तभा हमरा आाख खिल गया और धयन टीटन क करण अनिभव भा समपत हो गय इस परकर क

अनिभव कई बर आय थ ऽजसम भगवन शकर क दशथन करन क सिअवसर परप त हआ थ

शरी माता जी क दशशन

कि छ ऽदनो तक सधन करन क बद हमर मन म इचछ जगरत हई ऽजसकी पिसतक पढ़कर हमन

योग क अभयस करन शिर ऽकय ह तथ पतर दरर उनहोन मगथ दशथन भा ऽकय ह मन अपन मन क

अनदर उनह अपन सदगिर भा मन ऽलय ह तथ हम योग म अभा स अनिभवो क रप म सफलतएा भा

ऽमलन लगा ह ऐसा महन योऽगना क हम दशथन zwjयो नही होत ह मन म कई बर सोच ऽक शरा मत जा

क दशथन हो मगर दशथन नही हए अब म थोड़ दिःखा स रहन लग ऽक हम शरा मत जा क दशथन zwjयो

नही होत ह बस हमर मन इसा म लग रहत थ ऽक शरा मत जा क दशथन हो नौकरा म डयीटा क समय

भा म ऽचऽतत स ऽदखई दत थ कभा-कभा ऽमतर हमस पीछत थndash ldquozwjय बत ह घर की यद आ रहा हrdquo

म कह दत थndash यह बत नही ह कोई अनय करण ह ऽजसस म ऽचऽतत रहत ह ा

अब हमर मन म आयndash zwjयो न शरा मत जा को पतर ऽलखीा एक ऽदन म शरा मत जा को पतर

ऽलखन बठ गय पहल मन कि छ अपन अनिभव ऽलख ऽफर मन ऽलखndash ldquoशरा मत जा हम आपक दशथन

zwjयो नही होत ह मन कई बर सकलप भा ऽकय ऽक हम आपक दशथन हो मगर असफलत हा हथ लगा

कपय आप हम पर कप कीऽजए हम आपक दशथन होrdquo शरा मत जा क कि छ ऽदनो बद हम पतर ऽमल

योग कस कर 25

पतर ऽमलन क करण म खिश होकर अपन कमर म आ गय मिझ मलीम थ इस पतर क अनदर हमर ऽलए

अवशय शिभ सदश ऽलख होग सबस पहल म पतर पढ़न लग उसम ऽलख थndash आपक भव कमजोर

पड़त होग इसऽलय सकलप भा कमजोर होत होग आप पीणथ भव स सकलप कीऽजए म भा परभि स

परथथन करा गा ऽक आपको मर दशथन हो म पतर पढ़कर रोन लग ऽक मर भव कहा पर कमजोर पड़

जत ह यह मिझ मलीम नही ह ऽफर म खीब रोय zwjय मर मन म शरा मत जा क परऽत शरि नही ह म

यहा सोचन लग थोड़ा दर तक सोच मिदर म लट रह ऽफर हथ पर धोकर आसन पर धयन करन क

ऽलए बठ गय पहल नयरह बर मतयिजय मतर क जप ऽकय ऽफर धयन क ऽलए मन अपना आाख बनद

कर ला आाख बनद करत हा बहत तज परकश ऽदखई ऽदय परकश इतन तज थ ऽक मरा आाख

चकचौध सा हो गया समन की ओर दखन की समथयथ नही रहा ऐस लग मनो ढरो सीयथ एक सथ

परकऽशत हो गय हो उसा तज परकश म एक मनव छऽव बनता हई ऽदखई दा पल भर म वह छऽव सतरा

रप म परकट हो गया म तिरनत समझ गय ऽक य ldquoशरा मत जा हrdquo कि छ कषणो तक म शरा मत जा क

सवरप की छऽव हमर समन बना रहा ऽफर शरा मतजा अदशय हो गया ऽफर अनिभव समपत हो गय और

मरा आाख खिल गया यह अनिभव धयन पर बठत हा आय थ हमन ऽसफथ आाख हा बनद की था अभा

धयन नही लग थ

म दिबर धयन करन क ऽलय बठ गय धयनवसथ म अनिभव आयndash म ऊा च-ऊा च पहड़ो पर

घीम रह ह ा य पहड़ सफद बफथ क बन हए ह इनही पहड़ो पर बड़-बड ऊा च वकष ह तथ तावर गऽत स हव

भा चल रहा ह कि छ समय तक म वही पर घीमत रह ऽफर हमर धयन समपत हो गय लगभग एक घणट

क धयन लग शरा मत जा क दशथन होन क करण हमर मन अतयऽधक परसनन रहन लग थ नौकरा म

डयीटा क समय कब बात जत थ यह मिझ मलीम नही होत थ zwjयोऽक म शरा मत जा की यद म

खोय रहत थ

शरी माता जी क परतयकष दशशन की आचछा

शरा मत जा को मन पतर ऽलखndash sbquoशरा मत जा हम आपक दशथन हो चिक ह अब हमरा तावर

इचछ हो रहा ह हम आपक परतयकष दशथन कर म आपक पस आन चहत ह ा कपय आप मिझ बतएाndash

हम आपक पस ऽकस रसत स आय zwjयोऽक हम ऽमरज शहर क बर म जनकरा नही ह यह शहर कहा

योग कस कर 26

पर ह ऽदलला म आपक ऽशषय कहा-कहा पर रहत ह म उनस ऽमलन चहत ह ा अब हमरा बहत इचछ

होता ह ऽक सतसऽगयो स ऽमलीा तऽक सधन क ऽवषय म उनस आपस म बत कर सकीा rdquo कि छ ऽदनो बद

शरा मत जा क पतर आयndash ldquoउसम ऽदलला क दो सतसऽगयो क पत ऽलख हए थ तथ ऽमरज आन क

ऽलए आजञ द दा था शरा मत जा न यह भा ऽलख थndash हम बहत खिशा ह आपन कम उमर म हा सधन

करन शिर कर ऽदय ह हम आप जस नई पाढ़ा क यिवको क मगथ दशथन अवशय हा करगrdquo

शरा मत जा न पतर म ऽदलला क दो सधको क पत पतर म ऽलखकर भज ऽदय थ म कि छ ऽदनो बद

उन सधको क पस गय थ हमर और उन सधको क आपस म पररचय हआ ऽफर शरा मत जा क

ऽवषय म बतचात हई तथ मन उन सधको को अपन अनिभव भा सिनय और यह भा बतय म शाघर हा

शरा मत जा क पस जन वल ह ा आजकल म सदव शरा मत जा क ऽवषय म सोच करत थ तथ

हमर अनदर एक हा धिन सवर रहता था म अब जयद स जयद सधन करा ग अब हमर ऽवचर अपन

आप बदलन लग मिझ यद आ रह हndash बचपन स लकर सधन शिर करन तक हमर अनदर ईश वर क

परऽत बहत हा ऽखचव रहत ह म मऽनदरो म भा जत ह ा तथ पीज-पठ आऽद म भा बहत रऽच लत ह ा

हम मऽनदरो की सनदिर मीऽतथय ा बहत हा पसनद ह म पीणथ रप स आधयऽतमक सोच वल थ म ढरो

आधयऽतमक पिसतक भा पढ़ करत थ धऽमथक पिसतको क सगरह भा मन बहत कर रख ह

अब हमर सवभवऐस बन गय ह ऽक रत-ऽदन सदव ईश वर को यद करत रहत ह ा ईश वर क

ऽसवय अब कि छ भा अचछ नही लगत ह सधन करन क करण अब रऽतर म नीद भा कम आता था

म सोच करत थndash ldquoकब सिबह क 330 बज और म धयन पर बठी ाrdquo यहा रोजन ऽकरय ऽकय करत

थ कभा-कभा हमर पड़ोसा कहत थ zwjय बत ह आज-कल आप बहत सिबह सनन ऽकय करत हो और

ऽफर सो जत हो उततर म म ऽसफथ इतन कहत थndash मिझ सिबह सनन करन की आदत ह पड़ोऽसयो को

मलीम नही थ ऽक म zwjय ऽकय करत ह ा हमर ऽमतर भा कहत थndash ldquozwjय बत ह अब ती गिमसिम स

रहत हrdquo अब हमरा आदतो म भा सिधर आन लग थndash ऽकसा स मजक करन जयद हासन आऽद

अचछ नही लगत थ अपन कम-स-कम रखत थ हम बचपन स हा भगवन शकर अचछ लगत थ

यह मलीम नही ऐस zwjयो थ अगर सिनदरत की दऽष ट स दख जय तो भगवन शरा कषण जा क सवरप

भा बहत सिनदर ह मगर हमर शरा कषण जा की ओर कोई झिकव नही थ हम भगवन शकर हा धयनसथ

मिदर म अचछ लगत थ

योग कस कर 27

एक बर म धयन कर रह थ धयन म अनिभव आयndash सफद उजजवल परकश फल हआ ह

सफद बफील पहड़ ह वयि भा तावर गऽत स चल रहा ह म पहड़ो पर घीम रह ह ा कि छ कषणो म दखndash

हमस थोड़ा दीर एक बफीला पहड़ा पर शवत वसतरधरा एक सतरा घीम रहा ह कभा-कभा यह सतरा खड़ा होकर

हमरा ओर दखता ह ऽफर कभा वह पहड़ो पर घीमन लगता ह मिझ यद आ रह ह इस परकर क अनिभव

हमन पहल भा दख थ यह सतरा कि झ कई बर ऽदखई दा था मगर म इस पहचन नही पत थ zwjयोऽक मन

इस पहल कभा दख हा नही थ म सोच करत थndash ldquoहमरा समझ म नही आत ह यह सतरा हम बर-बर

zwjयो ऽदखई दता हrdquo म इस सतरा क दशथन दन क अथथ नही लग पय करत थ मगर म सोच अवशय

करत थndash य सतरा हम अzwjसर zwjयो ऽदखई दता ह इसक ऽदखई दन स मिझ कोई आपऽतत नही ह zwjयोऽक

उसक सवरप बहत हा सिनदर थ चहर पर ऽबलकि ल शऽत था आाखो म ऽसथरत था तथ सफद सड़ा म

अचछा लग रहा था मन ऽनणथय ऽकयndash ldquoयह कोई सधरण सतरा नही ह zwjयोऽक दखन स लगत ह यह

कोई अऽदरताय सतरा ह तभा तो धयन म बर-बर ऽदखई दता ह म अपना शरा मत जा को यद ऽकय

करत थ मगर उनक दशथन हम नही होत थ इस सतरा की उमर लगभग 50-55 वषथ की होगा मन ऐस

अदज लगय करत थ तथ उसक शरार थोड़ भरा स थ

भगवान शकर क दशशन

हमन शरा मत जा की पिसतक म पढ़ थ जब सधक की सधन रदय चकर म होन लगता ह तब

सधक को यहा पर ऽवऽभनन परकर क बहत स दशथन होन लगत ह यही पर सधक को अपन इषट क भा

दशथन होत ह अब हमर अनदर तावर इचछ जगरत हई ऽक मिझ भा भगवन शकर क दशथन हो मन

धयनवसथ म भगवन शकर क समरण ऽकय तथ उनस परथथन कीndash ldquoह परभि हम आपक दशथन हो

हमर अनदर आपक दशथन करन की तावर इचछ जगरत हई हrdquo ऽफर कि छ ऽदनो बद धयनवसथ म हम

भगवन शकर क दशथन हो गय मन दखndash समन ओर बहत ऊा चा-ऊा चा पहड़ की चोऽटयो पर बफथ फला

हई ह सबस ऊा चा चोटा पर थोड़ा सा समतल जगह ह उस समतल जगह पर छोट स चबीतरनिम सथन

ह उस चबीतर क ऊपर वयघर चमथ पर भगवन शकर धयनसथ मिदर म बठ हए ह उनक ऽतरशील भा एक

ओर बफथ म गड़ हआ ह तथ ऽतरशील म डमर भा बाध हआ ह वही पर एक ओरननदा (बल) बठ हआ

ह यह जगह सफद उजजवल परकश स यिकत ह चरो ओर बफथ हा बफथ फला हई ह यहा पर ऽकसा परकर

योग कस कर 28

क शोरगिल ऽबलकि ल नही ह और न हा ऽकसा परकर क कोई वकष ह हव भा नही चल नही रहा ह

ऽबलकि ल शऽत-हा-शऽत ह यह दशय कि छ समय तक दखत रह म बहत परसनन हो रह थ ऽफर हमर

धयन टीट गय मर धयन एक घणट तक लग रह

धयन करन क बद हम थकन सा महसीस हई म आसन स उठकर चरपया पर लट गय और

थोड़ स आरम ऽकय आज-कल अzwjटीबर-नवमबर क ऽदन थ ऽदलला म इन ऽदनो हलकी-हलकी सदी

पड़न लगता ह मगर धयनवसथ म हमर कपड़ पसान स भाग जत थ 10-15 ऽमनट आरम करन क

बद म चरपया स उठ और खन बनन शिर कर ऽदय म अपन खन सवय बनय करत थ मिझ

होटल म खन की आदत नही था ऐसा आदत हमरा शिर स रहा मिझ होटल क खन पसनद नही थ

इसऽलए म अपन हथो स खन बनय करत थ मन अपन धयन करन क समय म भा थोड़ पररवतथन

कर ऽलय थndash अब म सयकल को 630 स 730 बज तक धयन ऽकय करत थ 730 स 830 बज

तक खन बन कर ख लत थ तऽक खन थोड़ हजम हो जय ऽफर रऽतर म 10 बज धयन करन क

ऽलए दिबर बठ जत थ आध घणट तक धयन ऽकय करत थ 1030 स 1130 बज तक नौकरा स

समबऽनधत पिसतको क अधययन ऽकय करत थ ऽफर म सो जत थ सिबह लगभग तान बज जग जत

थ आध घणट म तयर होकर 330 बज स 430 बज तक धयन ऽकय करत थ 430 स 5 बज तक

आरम करत थ ऽफर 5 स 6 बज तक धयन करन क ऽलय दिबर बठ जत थ उसक बद खन

बनकर और खकर 9 बज सिबह कम पर चल जत थ शम 530 बज कमर पर वपस आ जत थ

इस परकर म ऽदन म सढ़ तान घणट तक धयन ऽकय करत थ तथ समपीणथ ऽदन मन क अनदर ldquoॎ नमः

ऽशवयrdquo क जप करत रहत थ

अब आप समझ सकत ह म सधन करन क ऽलए ऽकतन उतसिक थ यह ऽदनचय थ हमरा

सधन क शिरआत म था हमस ऽकसा न नही कह थ ऽक आप इतना सधन कीऽजए सधन क परऽत

तो हमरा जबरदसत लगन लगा हई था अब म बहत वयसत रहन लग थ तथ हमर इधर-उधर घीमन

पीरा तरह स बनद हो चिक थ कभा-कभा हम सवय अपन आप पर अचरज होत थ ऽक हम सधन क

भीत कस सवर हो गय ह पहल तो म ऐस नही थ अब इतन बदलव कस आ गय हम इस मगथ पर

अगरऽसत करन वल कोई नही थ ह ा शरा मत जा की पिसतक हा हमरा मगथ दशथक था और अब शरा

मत जा स भा पतर वयवहर शिर हो गय थ

योग कस कर 29

आजकल हम भगवन शकर क दशथन धयन म अzwjसर हो जय करत थ उनक सथ म शरा मत

पवथता जा भा होता थी दशथन होन की जगह वहा पहल वल सथन थ भगवन शकर क दशथन कभा

धयन मिदर म तो कभा शरा मत पवथता जा क सथ होत रहत थ धयनवसथ म दशथन होन क करण

आजकल म बहत खिश रहत थ मगर य खिशा क ऽदन जयद ऽदन नही चल zwjयोऽक धयनवसथ म

हमर परण वयि अब ऊपर की ओर जन क परयस करन लग थ ऽजसस हलकी सा पाड़ अथव

गिदगिदा महसीस होता था सथ हा अब हम दशथन होन भा धार-धार बनद होन लग थ पहल जस अब

धयन म मज नही आत थ इसक करण थndash धयनवसथ म दशथनो क न होन अथव कि छ ऽदनो बद

हा अगल अनिभव आत थ

ऽपरय सधको आपन इस पिसतक म पढ़ होग हमर धयन शिर स हा अपन आप लगन लग

थ पहला बर म 45 ऽमनट क धयन लग थ जबऽक शरा मत जा न अपना पिसतक म ऽलख थndash

सधक को कम स कम 15 ऽमनट तो बठन हा चऽहए कि छ ऽदनो तक धयन नही भा लग तब भा बरबर

अभयस करत रहन चऽहय आऽद मगर म आश चयथ म थ ऽक हमर धयन तो शिरआत स हा अपन

आप लगन लग थ शरा मत जा स पतर वयवहर अzwjटीबर क अऽतम ऽदनो म हआ थ अब हमरा

ऽहममत सधन करन क ऽलय और भा बढ़ गया था कभा-कभा जब म शत बठत थ तब रदय क

अनदर आवज सिनई पड़ता थाndash ldquoआननद कि मर तिम सधन करो तिमह सफलत अवशय ऽमलगाrdquo इसस

हमरा इचछ-शऽzwj त म और भा दढ़त आ गया था मिझ पत नही zwjयो ऽवशवस हो रह थ एक समय वह

भा आयग जब हमरा कि णडऽलना शऽzwj त जगरत हो जयगा तथ महनत क ऽशखर पर पहाचीग कि छ

सधको को ऽशकयत रहता ह ऽक उनक धयन जलदा नही लगत ह तथ उनह परण वयि क ऽवषय म भा

जनकरा नही होता ह ऽक उनकी सधन ऽकस चकर चल रहा ह तथ अनिभव न आन क करण दिखा भा

रहत ह हम इस परकर की कभा कोई ऽशकयत नही रहा ह

पराण वाय कणठचकर पर

सधको सधन म जो अभा तक आननद आत थ अब वह अदशय स होन लग थ zwjयोऽक

परण वयि रदय चकर स ऊधवथ होन लग थ जब परण वयि रदय-चकर स ऊधवथ होत ह तब अनिभव नही

आत ह अथव कम आत ह जब परण वयि रदय चकर म वपस आत ह तब अनिभव आन लगत ह

योग कस कर 30

इसऽलए अब अनिभव कभा-कभा हा आत थ मिझ यद आ रह ह म कणठचकर म बहत हा शाघर आ गय

थ पहल धार-धार परण वयि कणठचकर तक आत ह ऽफर ऽफर कि छ समय बद वपस होकर रदय चकर म

आ जत ह कणठचकर म अनिभव रदय चकर की तरह नही आत ह अगर कभा अनिभव आ भा गय तो

कफी ऽदनो क बद आत ह अनिभव न आन स मन थोड़ दिःखा-दिःखा स रहत थ जब भा अनिभव

आत थ तब बहत परसननत होता था अनिभव न आन स मन थोड़-स अपरसनन स रहत थ मगर

दीसरा तरफ खिशा होता था zwjयोऽक धयन म हमरा उननऽत हो गया था

अब कभा-कभा धयनवसथ म लगत थndash म घोर अधकर म परवशकरत हआ चल ज रह ह ा

हम अधकर क करण कि छ भा ऽदखई नही दत थ बस यहा अनिभव बर-बर आत थ ऽक म तावर

गऽत स आग की ओर चल ज रह ह ा पहल की अपकष अब धयन क समय थोड़ा थकन सा महसीस

होता था हमरा सधन म बरबर परगऽत हो रहा ह ऐस हम मलीम हो रह थ कि छ ऽदनो बद धयन पर

बठत हा हमर परण तजा क सथ ऊपर की ओर जत थ और कणठचकर म जकर रक जत थ नाच

उतरन क नम नही लत थ बऽलक परण और ऊपर जन क परयस करत थ मगर आग क मगथ बनद

होन क करण परण ऊपर की ओर को दबव दत थ परण क दबव क करण हमरा गदथन पाछ की ओर

झिक जता था इस करण ऽसर पाछ की ओर झिककर पाठ स ऽचपकन लगत थ ऽजसक करण हम

धयनवसथ म बड़ा तकलाफ होन लगता था जब धयन टीट जत थ तब म अपन ऽसर को साध नही

कर पत थ गदथन बिरा तरह स दिखन लगता था ऽसर साध करन क ऽलए हम अपन दोनो हथो क

सहर लन पड़त थ अब पहल की अपकष धयन क समय अपन आप बढ़ गय थ धयन सव घणट

य डढ़ घणट तक हो गय थ

कि छ ऽदनो बद हम एक ऽवऽचतर स अनिभव आन लग धयन पर बठत हा हमरा गदथन पाछ की

ओर चला जता था धयनवसथ म म अपन आप को एक सिरग जसा जगह क अनदर पत थ उस सिरग

क अनदर हलक पाल रग क परकश होत थ यह परकश उसा सिरग की गोलईनिम दावरो स अपन

आप ऽनकल रह थ अथव सिरग की दावर सवपरकऽशत था म उसा सिरग म अनदर की ओर तावरगऽत स

परवश करत चल ज रह ह ा कि छ समय बद वह सिरग आग चलकर बनद ऽमलता था म वही पर खड़

हो जत थ इतन म अनिभव समपत हो जत थ

यह अनिभव कि छ ऽदनो क बद अzwjसर आय करत थ इसक अथथ म नही समझ पत थndash ऽक

यह सिरग जसा जगह zwjय ह और इसक अथथ zwjय ह म zwjयो इस सिरग क अनदर तज गऽत स दौड़त हआ

योग कस कर 31

चल ज रह ह ा सिरग हमश आग चलकर बनद ऽमलता थी ऽफर म उसा जगह पर खड़ हो जत थ तभा

कि छ कषणो धयन टीट जत थ ऽफर मन शरा मत जा को पतर ऽलखndash ldquoउसम इस अनिभव क ऽवषय म

ऽवसतर स ऽलख और इसक अथथ भा पीछrdquo मगर मर पतर क उततर बहत ऽदनो तक नही आय बद म

हम जनकरा हई उस समय शरा मत जा बहत वयसत थी उन क घर म सवमा ऽचदननद जा पधर हए थ

अनय सधक गण भा आय हए थ इस करण वह हम पतर नही ऽलख पया थी कि छ समय बद हमन यह

ऽनऽिय ऽकय जब म भा शरा मत जा क पस जऊा ग तब उस समय इस अनिभव क अथथ पीछ लीाग

दादी माा क सकषम शरीर स वमलना

नवमबर-ऽदसमबर क महान थ उस समय म ऽदलला म नौकरा करत थ हम मलीम हआ ऽक

हमरा ददा म ा क दहत हो गय ह हमर घर स पतर आय थ उसा म ऽलख हआ थ यह खबर पकर

हम बड़ दिःख हआ इसऽलए दो तान ऽदनो तक सधन क परऽत हमर आकषथण थोड़ कम हो गय

zwjयोऽक हम अपना ददा मा की यद आ रहा था कि छ समय बद हमर अनदर अचनक खिशा की लहर

दौड़ गया खिशा क करण थ अब म सधक हो गय ह ा हम भा अनिभव आत ह शरा मत जा की

पिसतक म एक जगह वणथन ऽमलत ह परततमओ स उनक समपकथ हआ थ तथ उनहोन उसक उिर भा

ऽकय थ अब म सोचन लगndash zwjय म अपना ददा मा को धयन क मधयम स दख सकत ह ा तथ उनस

समपकथ हो सकत ह अब म सधक हो गय ह ा मगर zwjय हमर अनदर इतना योनयत ह ऽक मततमओ स

समपकथ कर सकीा बद म हमर मन न कहndash मर ददा मा स अवशय समपकथ होग मनिषय परयतन कर तो

zwjय नही हो सकत ह बस उस कयथ क ऽलए लगन शरि और पररशरम चऽहए मन ऽनिय ऽकय यऽद

हमर ददा मा स समपकथ नही हआ तो भा म इस कयथ क ऽलए परयतन करत रह ाग ऽफर सोचndash इस कयथ

क ऽलय आज शम स हा zwjयो न परयतन ऽकय जय

म शम 630 बज धयन करन क ऽलय बठ गय ऽफर भगवन स परथथन कीndash sbquoह परभि आप हम

हमरा ददा मा की जावतम स ऽमलव दाऽजएग हमरा बड़ा इचछ ह म उनस ऽमलन चहत ह ाrdquo ऽफर

म धयन पर बठ गय धयनवसथ म हम पहल जसा ऽकरय हई गदथन पाछ की ओर जकर पाठ स ऽचपक

गया ऽफर सिरग वल अनिभव आय इसक बद हमर धयन टीट गय अब की बर हमर धयन डढ़

घणट क लग थ हम थकन भा कफी महसीस हो रहा था इसऽलए म लट गय हम ददा मा क ऽवषय म

योग कस कर 32

कोई जनकरा नही ऽमला लऽकन म हतश नही हआ हम अपन ऊपर बहत बड़ ऽवशवस थ ऽक कभा न

कभा सफलत अवशय ऽमलगा जब म धयन पर बठत थ तब म ईश वर स परथथन ऽकय करत थndash परभि

ldquoहम हमरा ददा मा स ऽमलव दोrdquo

तान-चर ऽदन बद हम धयन म एक अनिभव आय अनिभव क आत हा हमर अनदर दिःख की

अनिभीऽत होन लगा दिःख क करण थ हमरा ददा मा की हलत अतयनत दयनाय था ऽलखत हए शमथ

आ रहा ह मगर ऽफर भा सधको को बतन क ऽलय सकषप म ऽलख रह ह ाndash हमरा ददा मा एक गनदगा क

ढर क ऊपर बठा हई था वह सवय बहत दिःखा था उस गनदगा क ढर स अनदर तावर दिगध ऽनकल रहा था

दिगध क करण बिर हल थ मिझ उन पर दय आ रहा था म बोलndash अमम (म उनह अमम कहत थ)

तिम इस गनदगा पर zwjयो बठा हो यहा पर बड़ा दिगध आ रहा ह चलो अचछा जगह चलकर बठो पहल

उनहोन हम गहरा दऽष ट स दख ऽफर वह कि छ नही बोला मन दिबर ददा मा स कहndash ldquoचलो अचछ

यहा स उठोrdquo हमर इतन हा कहन थ तभा उनह करोध स आ गय वह तज शबदो म बोलीndash ldquoआय

यह ा स दीसरा जगह ऽबठन वल हमरा तो यहा जगह ह कहा ऽबठएग मिझrdquo म उनक शबद सिनकर

अचऽमभत स हआ और सोचन लगndash अमम ऐस zwjयो कह रहा ह हमरा समझ म नही आय वह ऽफर

बोलीndash ldquoयहा स भग ज यहा स चल जrdquo इतन कहकर वह उसा जगह लट गयी हम वह ा पर खड़

होन भा मिऽशकल थ वह आरम स लटा हई थी उनह कोई परशना नही हो रहा था उनक शरार पर

मल-कि चल वसतर थ जबऽक उनहोन अपन जावन म अतयनत सवचछ कपड़ पहन थ म समझ गय हमर

कहन क इन पर कोई परभव नही पड़ग इतन म हमर अनिभव समपत हो गय पठको इस अनिभव को

मन इसऽलय ऽलख ह इसस आप ऽशकष ल मनिषय को अपन कमथ कभा न कभा अवशय भोगन हा पड़त

ह वतथमन जावन म मरा ददा म ा बहत हा पीज-पठ ऽकय करता था ऽबलकि ल शत सवभव वला था

ऽफर भा मतयि क बद उसक इतन बिर हल थ पीवथ जनमो क कमो क करण ऐसा अवसथ परप त हई था

अब म थोड़ गिमसिम स रहन लग इसक करण ददा मा था म यह अनिभव भील नही प रह

थ म सोचन लगndash म zwjयो अपना ददा मा क चzwjकर म पड़ गय जब शरा मत जा क पस जऊा ग तब

उनस परथथन करा ग ऽक हमरा ददा मा क इस वसन शरार स उिर कर दाऽजय कि छ ऽदनो बद हमरा

ददा मा हम सवपनवसथ म ऽदखई दा और हमस बोलाndash ldquoघरवलो न हमरा तरहवी भा नही की ह

कम-स-कम कि छ बरहमणो को भोजन कर ऽदय जत तो अचछ रहत जब म मरन लगा था तब हमरा

तावर इचछ पोत को और अपना छोटा लड़की को दखन की था मगर घरवलो न अनसिना कर दा थाrdquo म

योग कस कर 33

बोलndash ldquoअमम छोड़ो य सब बत अब इन बतो क कोई महततव नही रह गय ह zwjयोऽक वह समय बात

गय अब वपस नही आयग म कि छ ऽदनो बद शरा मत जा क पस ज रह ह ा उनस आपकी सदगऽत

की परथथन करा गrdquo तब वह बोलीndash ldquoहमर ऽलए ऽकसा स परथथन करन की जररत नही हrdquo यह कहकर

वह चला गयी इसा परकर दो-तान बर सवपनवसथ और धयनवसथ म ददा मा हम ऽफर ऽदखई था

मगर पहल की अपकष अब कि छ ठाक लग रहा थी ददा म ा न हम बतयndash तिमहर पस आन पर हम

अचछ लगत ह घर पर म ऽकसा क पस नही जऊा गा कि छ ऽदनो बद हम मलीम हआ ददा म ा दरर

बतई गया सभा बत सतय थी ऽफर मन सरा बत अपन घरवलो को बतया थी मतयि क बद उनह

वसन दह परप त हई ह उस समय वह उस लड़क (कि लदाप) क ऽवषय म सोच करता थी कि छ समय बद

उनह इस दह स मिऽकत ऽमल गया

हम पहल ऽलख चिक ह शरा मत जा क पतर आय थ उसम ऽलख थ आप ऽमरज आ सकत ह

तथ ऽदलला क दो सतसऽगयो क पत भा ऽलख थ जब म उस पत क अनिसर एक सतसगा भई क पस

गय तब उनहोन हम शरा मत जा क ऽवषय म ढर सरा जनकररय ा दी तथ फोटो क एक एलबम दखन

क ऽलय ऽदय थ उस एलबम म लग फोटो को दखकर म चौक पड़ zwjयोऽक उसम शरा मत जा क कई

फोटो लग हए थ अब हम अपन ऽपछल अनिभव यद आन लग उस समय म उस सतसगा स कि छ नही

बोल लगभग एक घणट तक हमरा और उन सतसगा भई स बतचात होता रहा ऽफर म वपस लौट

आय जब म वपस लौट रह थ तब रसत म अऽत परसनन हो रह थ परसननत क करण यह थ ऽक म

अजञनतवश शरा मत जा को पहल म नही पहचन पय थ हमर मऽसतषक म शरा मत जा की छऽव

एक दिबला-पतला सतरा की था zwjयोऽक उनकी पिसतक म सवमा ऽशवननद जा क सथ जो उनकी फोटो

छपा हई ह उस फोटो म वह दिबला-पतला थी मगर वतथमन म उनक शरार थोड़ भरा हो गय थ

वतथमन क फोटो दखकर अचछा तरह समझ गय थ ऽक हम शरा मत जा क दशथन पहल कई बर हो

चिक थ उस समय उनह पहचन नही पय थ जब पहल कई बर अनिभव आय थ बफील पहड़ो पर

सतरा घीमता हई ऽदखई दता था पहड़ो पर घीमता हई शरा मत जा क जो सवरप थ वह ऽबलकि ल वतथमन

समय क शरार स मल करत थ इसक मतलब यह हआ मिझ शरा मत जा क दशथन अzwjसर होत रहत

थ मगर पहचन नही पय थ

योग कस कर 34

सन 1985

शरी माता जी क पास वमरज जाना

शरा मत जा क पतर हम जनवरा सन 1984 क अऽतम ऽदनो म परप त हआ उसम ऽलख थndash

ldquoआप 15 फरवरा 1985 को हमर यहा (ऽमरज) आ सकत ह 17 फरवरा को महऽशवरऽतर ह

महऽशवरऽतर को हमर यह ा पर मतरो क जप होत ह उस जप म आप भा भग ल सकत ह ऽजसस

आपको आधयऽतमक लभ होग आप ऽदलला स झलम एzwjसपरस स पीन तक आइए पीन स दीसरा रल

दरर ऽमरज आइएrdquo मन 13 फरवरा क पहल स हा ररजवशन कर ऽलय थ ऽजसस यतर म ऽकसा

परकर की परशना न उठना पड़ म 13 फरवरा को सिबह ऽदलला स झलम एzwjसपरस दरर पीन क ऽलए

रवन हो गय रऽतर क समय अपना साट पर सोय हआ थ अचनक सवपन म हम ददा मा ऽदखई दा

वह हमर पस आया और बोलाndash ldquoबड़ आय हम मिऽकत ऽदलन वल शरा मत जा स हमरा सदगऽत क

ऽलए कहग ती अपन आपको ऽकतन बड़ सधक समझत हrdquo म बोलndash ldquoमिऽकत तो शरा मत जा दगा

म अपन ऽलए नही कह रह थrdquo वह करोध क भव स हम दख रहा था वह ऽफर बोलाndash ldquoमिझ अचछा

तरह मलीम ह ऽक मिझ ऽकतना मिऽकत ऽमलगाrdquo कि छ कषणो म वह अदशय हो गया हमरा आाख खिल गया

घड़ा दखन पर मलीम हआ सिबह क 4 बज ह सभा यतरा अपना-अपना साटो पर सोए हए थ म अपना

साट पर लट-लट करवट बदल रह थ ऽफर दोपहर क समय म पीन पहाच पीन स टरन बदलकर ऽमरज

पहाच गय ऽमरज तासर ऽदन सिबह पहाच थ रलव सटशन स शरा मत जा क घर क ऽलय ऑटोररzwjश

कर ऽलय थ लगभग 10 ऽमनट म शरा मत जा क घर पहाच गय ऑटो ररzwjश चलक न शरा मत जा

क घर क समन आवज लगई ऑटोररzwjश चलक न मरठा भष म शरा मत जा को बिलय मगर

अनदर स ऽहनदा भष म आवज आयाndash दरवज खिल ह आ जओ म आवज सिनकर भा अनदर नही

गय कि छ कषणो तक दरवज क बहर ठहर रह ऽफर शरा मत जा न आकर सवय दरवज खोल और

हमस बोलाndash sbquoअनदर आ जओ‛ मन शरा मत जा क घर क अनदर परवश ऽकय पहल मन उनक चरण

सपशथ ऽकय ऽफर शरा मत जा मिझ कमर म ल गयी शरा मत जा बहत परसनन थी तथ हलक-हलक

मिसकर रहा थी म उनह दखकर परसनन हो रह थ उनहोन हम बठन क इशर ऽकय म फशथ पर चटई

ऽबछकर बठ गय शरा मत जा हमस थोड़ा दीरा पर कि सी पर बठ गयी ऽफर वह हमस बोलीndash sbquoजस हा

योग कस कर 35

दरवज पर आवज आया म समझ गया था ऽक आप हा आय ह जबऽक आवज मरठा भष म था म

ऽहनदा म हा बोला थाndash ldquoदरवज खिल ह अनदर आ जओrdquo मगर जब आप नही आय तब मिझ

दरवज खोलन पड़‛

ऽफर शरा मत जा बोलीndash ldquoआप दीर स आय ह थक गय होग हथ मिाह धो लाऽजय तब तक म

चय बनता ह ाrdquo म बोलndash ldquoहथ मिाह अवशय धोऊा ग मगर शरा मत जा म चय नही पात ह ा इसऽलए

आप हमर ऽलए चय न बनएाrdquo शरा मत जा बोलीndash ldquoआप शहर म रहकर चय नही पात ह अचछा

बत ह थोड़ स दीध ल लनrdquo मिझ अपन-आपम शमथ सा आया म इनक पस आय ह ा ऊपर स य

हमर ऽलए चय बनयगा उमर भा कफी हो गया ह शरा मत जा ऽकऽचन म चला गयी म बथरम म

हथ मिाह धोन क ऽलय चल गय थोड़ा दर म म हथ मिाह धोकर वपस आ गय आऽखरकर शरा मत

जा नही मना हम थोड़ स दीध ऽपल हा ऽदय मिझ उस समय बड़ अचछ लग रह थ ऽजसक वणथन म

नही कर सकत थ थोड़ा दर तक हम और शरा मत जा आपस म बत करत रह ऽफर शरा मत जा

बोलीndash ldquoआप सनन कर लो ऽफर धयन पर बठग zwjयोऽक कोई न कोई यह ा आत रहत ह एकत नही

ऽमलगrdquo म सनन क ऽलए चल ऽदय शरा मत जा न हमस पीछndash ldquozwjय आप गमथ पना स सनन करत ह

म आपक ऽलए पना गमथ कर दीाrdquo हम यह शबद सिनकर बड़ा शमथ सा महसीस हई हमन हड़बड़कर उततर

ऽदयndash sbquoनही नही शरा मत जा आप हमर ऽलय पना गमथ न कर म सवय अपन कम करा ग आप हम

ऽसफथ समझ द शरा मत जा म गमथ पना स सनन नही करत ह ा म हमश ठणड पना स सनन करत ह ाrdquo

शरा मत जा बोलीndash ldquoअचछ कोई बत नही आप ठणड पना स सनन कर ल ऽफर 9 बज धयन पर

बठगrdquo म बोलndash ldquoजा मत जाrdquo

हम और अप एक हो जायग

म शरा मत जा क घर म बन धयन हल बठ हआ थ शरा मत जा थोड़ा दर म आ गयी और

बोलीndash ldquoचलो धयन पर थोड़ा दर बठत ह zwjयोऽक कि छ समय म ऽकसा को यह ा पर आन ह‛ धयन पर

बठन क ऽलए शरा मत जा न हम एक चदर द दा म उस चदर को चटई क ऊपर ऽबछ कर बठ गय

शरा मत जा हमस थोड़ा दीरा पर समन बठ गयी हम दोनो मतर थोड़ा दीरा पर आमन-समन बठ हए थ

शरा मत जा बोलीndash ldquoयह बत कहन की नही ह ऽफर भा कह दता ह ा zwjयोऽक मरा आदत नही ह पहल स

योग कस कर 36

कोई बत बतऊा हमम और आपम कोई फकथ नही रहग हम आप एक हो जयग आप सधन म उचच

ऽसथऽत को परप त करगrdquo य शबद शरा मत जा दरर सिनकर म आश चयथचऽकत हो गय म शरा मत जा क

मिाह दखन लग ऽफर म बोलndash ldquoशरा मत जा आपक कहन क म अथथ नही समझndash हमम आपम कोई

फकथ नही रहग हम आप एक हो जयगrdquo इस पर शरा मत जा न कोई उततर नही ऽदय ऽफर शरा मत जा

न कहndash ldquoचलो धयन करत ह हम तान बर ओकर बोलग ऽफर धयन करगrdquo शरा मत जा न ओकर

बोल ओकर बोलत हा हमरा गदथन झटक क सथ पाछ की ओर उलट गया म भा पाछ की ओर

झिकत चल गय और धयनसथ हो गय हमर धयन आध घणट क लग zwjयोऽक शरा मत जा न

ओकर ऽफर स कर ऽदय थ ओकर क सथ हा म साध होकर बठ गय धयन क समय हमर शरार

पाछ की ओर झिक हआ थ अब हमरा गदथन भा अपन आप साधा हो गया वस पहल गदथन साधा करन

क ऽलए दोनो हथो क सहर लन पड़त थ मन आाख खोल दा शरा मत जा हम दख रहा थी ऽफर

वह बोलीndash ldquoआपक बठन क तराक म थोड़ा तरिऽटय ा हrdquo ऽफर उनहोन हम समझय ऽक धयन पर इस

परकर स बठन चऽहय आपक अनदर जो ऽवचर आत ह आन दाऽजए zwjयोऽक वह आपक अनदर की

गनदगा ह

शरा मत जा धयन स उठकर अनदर चला गया म अकल वही बठ रह अब हमर अनदर भय

स आन लग zwjयोऽक शरा मत जा न हमस कह थndash sbquoआपक अनदर जो ऽवचर आत ह आन दाऽजए

घबरइए नहीrdquo मिझ लग जस मरा चोरा पकड़ा गया zwjयोऽक धयनवसथ म कभा-कभा हमर अनदर गद

ऽवचर आय करत थ वह ऽवचर इस परकर क होत थ ऽजनह हमन कभा सोच भा नही थ पत नही ऐस

ऽवचर zwjयो आय करत थ चह ऽजतन परयतन करो मगर रकत हा नही थ अब म सोचन लगndash य

ऽवचर शरा मत जा को मलीम पड़त होग तब zwjय सोचता होगा हम अपन आप पर शमथ भा आन लगा

मत जा ऽकतन पयर करता ह जबऽक हमर और शरा मत जा क सथील रप स कोई ररशत नही ह ऽफर

भा ऽबलकि ल अपना म ा जस पयर करता था थोड़ा दर म शरा मत जा न हम जलपन करन को ऽदय मन

जलपन कर ऽलय ऽफर एक घणट तक अकल बठ रह शरा मत जा न हमस कहndash ldquoआप यहा पर बठ-

बठ ऊब रह होग यहा पर ऽहनदा जनन वल ह मगर कम लोग हा ऽहनदा जनत ह म आपकी पहचन

ऽहनदा बोलन वलो स कर दीागा तऽक आप उनस बत कर सक ‛

एक घणट बद एक शरामन जा शरा मत जा क पस आय शरा मत जा उन शरामन जा स मरठा

भष म बत करता रही zwjय बत उन दोनो की आपस म होता रही म नही बत सकत ह ा zwjयोऽक उस

योग कस कर 37

समय मरठा भष हमर ऽलए नई भष था ऽफर शरा मत जा न इन शरामन जा स हमर पररचय

करयवह बोलीndash ldquoआननद कि मर जा य कि लकणी जा ह आप इनस बत कर सकत ह य ऽबजला

ऽवभग म कम करत हrdquo ऽफर हमरा और कि लकणी जा की ऽहनदा भष म बत होन लगी कि छ दर बद

कि लकणी जा बोलndash ldquoचलो बजर घीमन चलत ह आप यहा बठ-बठ बोर हो जयगrdquo हमर मन बजर

जन क ऽलय नही थ zwjयोऽक लमबा यतर करन क करण म थक हआ स थ दो ऽदन की यतर करक

आय थ म उनकी बत को इनकर नही कर सक उनक सथ बजर जन ऽलय चल ऽदय रसत म

हमरा और उनकी बत होन लगी वह बोलndash ldquoआप इतना दीर स आय हए ह आप ऐस कीऽजए परसो

महऽशवरऽतर भा ह आप शरा मत जा स दाकष ल लाऽजए दाकष लन क ऽलए मकट स थोड़ स समन

खरादन पड़ग म कल ऽफर आऊा ग तब समन खरादव दीागrdquo मिझ इन महशय जा की बत सिनकर

बहत बिर लग मन सोचndash इनह हमरा दाकष सzwjय लन दन ह हमरा रय ऽलय बगर हा दाकष लन

क ऽलए हम पर दबव डल रह ह पत नही zwjयो मन क अनदर हम करोध स आन लग म सोचन लगndash

मिझ य सजजन बजर घिमन क ऽलय ल आय ह अथव ऽकसा कयथ क ऽलए दबव दन क ऽलए ऽलव

लय ह यह मर वयऽकतगत ममल ह म ऽमरज म शरा मत जा क दशथन करन आय ह ा शरा मत जा क

ऽशषय बनन नही आय ह ा यहा मन ऽनिय ऽकय कि छ समय तक म चिपचप बन रह उनक सथ इधर-

उधर घीमत रह ऽफर शरा मत जा क घर वपस आ गय चलत समय कि लकणी जा न ऽफर हमस कहndash

ldquoम कल ऽफर आऊा ग आप तयर रहन आपकी दाकष क ऽलए थोड़ समन लगrdquo उनक शबद सिनकर

मिझ ऽफर बिर लग हमस इनह zwjय परशना ह बर-बर दाकष लन क ऽलय दवब द रह ह

म चिपचप कमर म बठ हआ थ थोड़ा दर म शरा मत जा हमर पस आ गयी मन शरा मत जा

स कहndash ldquoशरा मत जा कि लकणी जा हमस दाकष लन क ऽलय कह रह थ हमरा इचछ दाकष लन क

ऽलएनही ह पहल आप हम अचछा तरह स समझ ल zwjयोऽक म चहत ह ा जब तक हमर अनदर आपक

ऽशषय बनन की योनयत न आ जय तब तक आपक ऽशषय नही बनन चहत ह ा तऽक हमर करण

ऽकसा महपिरष की बदनमा न हो हमन बहत ऐस ऽशषय दख ह उनक गिर तो योनय ह मगर ऽशषय क

आचरण क करण उनकी बदनमा होता ह मिझ अपन अनदर इतना योनयत ऽदखई नही द रहा ह ऽक म

आपक ऽशषय बनीा‛ शरा मत जा हमरा बत गौरपीवथक सिन रहा थी मगर शरा मत जा कि छ नही बोली

ऽफर थोड़ा दर बद हमस बोलाndash ldquoहम आपको एक अलग स कमर ऽदय दत ह आप उसम रऽहय इस

कमर म धयन ऽकय जत ह कल स कि छ और सधक यहा पर आ जयग‛

योग कस कर 38

शरा मत जा क मकन उस समय बहत बड़ थ कि छ ऽकरएदर भा रहत थ शरा मत जा न मिझ

एक कमर म लकर गयी और बोलाndash ldquoआप इस कमर म रऽहयrdquo ऽफर वह भा थोड़ा दर तक हमर सथ

कमर म रही उनहोन हम सधन क ऽवषय म ढरो ऽशकषए दी तथ परणयम करन क तराक भा बतय

ऽफर शरा मत जा चला गया अब हम कि लकणी वला बत यद आ गया मन सोचndash य शरामन जा हम

जबरदसता दाकष ऽदलय द रह ह शरा मत जा भा कि छ नही बोल रही ह मन सोचndash चलो कोई बत नही

ह ऽकतन क समन आयग जब इतना दीर स खचथ करक आय ह ा तो थोड़ स खचथ और सहा यहा

ऽनणथय कर ऽलय सयकल क समय भा शरा मत जा क समन बठकर धयन ऽकय दर रऽतर तक हम

और शरा मत जा दोनो आपस बत करत रह ऽफर 12 बज अधथरऽतर क समय कमर म आकर सो गय

सिबह 5 बज धयन करन थ इसऽलय सिबह 4 बज जलदा आाख खिल गया था मगर म लट रह

अपररऽचत जगह होन क करण हमर अनदर थोड़ा ऽझझक सा था पौन प ाच बज कमर क बहर स एक

लड़की की आवज आयाndash sbquoआननद कि मरrdquo म बोलndash ldquoह ा जाrdquo लड़की बोलाndash ldquoधयन करन क ऽलए

शरा मत जा बिल रहा हrdquo म बोलndash ldquoथोड़ा दर म आ रह ह ाrdquo लड़की इतन कह कर चला गया यह

लड़की शरा मत जा की एक ऽशषय था शरा मत जा न इस लड़की को हम बिलन क ऽलय भज हआ

थ म फरश होकर सनन करन लग इसऽलय हम थोड़ स जयद समय लग गय जब म धयन ककष म

पहाच तब सभा सधक धयन पर बठ हए थ शरा मत जा धार स बोलीndash ldquoआइए हमर समन बठ

जइएrdquo शरा मत जा क समन आसन ऽबछ हआ थ म उसा आसन पर बठ गय बठत हा हमर धयन

लग गय सव घणट तक धयन लग जब मन आाख खोला तब सभा सधक धयन ककष स ज चिक थ

कि लकणी जा लगभग सिबह दस बज आ गय म उनही क इतजर कर रह थ ऽफर उनक सथ

बजर चल गय बजर स दाकष क ऽलए थोड़ स समन खराद लय सच बतऊा ndash यह समन ऽबन

इचछ क खराद थ दाकष लन क ऽलए हमरा कोई रऽच नही था शम को 630 बज धयन क ऽलए जब

सधन ककष म गय तब धयन ककष पीरा तरह स भर हआ थ शरा मत जा क समाप लड़ऽकया बठा हई

थी इसऽलए म सबस पाछ धयन करन क ऽलए बठ गय आध घणट तक धयन ऽकय ऽफर आाख खिल

गयी zwjयोऽक शरा मतजा न ओकर बोल ऽदय थ इसऽलए धयन टीट गय धयन खिलत हा शरा मत जा

मिझस बोलीndash ldquoआननद कि मर आप इधर आइएrdquo म शरा मत जा क पस आ गय उनहोन अपन समन

बठन क इशर ऽकय म फशथ पर बठ गय शरा मत जा कि सी पर बठा हई थी शरा मत जा न हमस

कहndash ldquoकल आप अपन अनिभव सिन रह थ आपन उस अनिभव क अथथ पीछ थ उस अनिभव क

योग कस कर 39

अथथ यह हndash सधक क परण जब कणठचकर म पहाचत ह तब उसक परण कणठचकर म रकत ह आग

क मगथ अवरि होत ह परण नाच स ऊपर की ओर दबव दत ह इस दबव क करण सधक की

गदथन पाछ की ओर चला जता ह यऽद सधक की सधन तावरत हो रहा ह तब उसक ऽसर पाठ स

ऽचपकन लगत ह ऽजसस सधक को परशना सा महसीस होता ह दीसरndash आपन यह भा बतय थ

आप गिफ क अनदर परवश करत ह वह गिफ आग चलकर बनद ऽमलता ह कणठचकर क पस गिफनिम

जगह होता ह इस भरमर गिफ भा कहत ह हमन अपना पिसतक म थोड़ स इस गिफ क बर म वणथन ऽकय

ह आपको यहा भरमर गिफ ऽदखई दता ह आपक परण कणठचकर म आग जन क परयस करत ह आग

क मगथ खिल न होन क करण बनद ऽदखई दत ह आग जन क ऽलए सधक को बहत कठोर सधन

करना पड़ता ह तथ कई वषो तक अभयस करन क बद हा आग क मगथ परशसत होत हrdquo जब शरा

मत जा न हमर अनिभवो क अथथ समझ ऽदय ऽफर म अपन सथन पर आकर बठ गय शरा मत जा न

हमर सभा सधक-सऽधकओ स पररचय करयndash य सधक ऽदलला स आय हए ह इनक नम आननद

कि मर ह

हम दीकषा दी गयी

17 फरवरा सन 1985 आज ऽशवरऽतर क ऽदन थ शरा मत जा क यह ा सिबह स हा बहत स

सधक बहर स आकर एकतर हो रह थ कि छ सधक दीर-दीर क शहरो स आय हए थ बहत स सधको स

हमर पररचय भा हो गय थ सिबह स हा मतयिजय मतर क जप समीऽहक रप स शिर कर ऽदय गय थ

मतर अखड रप स 12 घणट तक चलन थ आज क ऽदन सिबह 9 बज हम दाकष ऽमलना था दाकष क

समय कि छ सधक और म शरा मत जा घर क ऊपर वल कमर म आ गय थ वह ा पर एकत होन क

करण शऽनत था दाकष दन क कयथकरम शिर हो गय हम दो सऽधकओ क बद दाकष ऽमलना था

पहल शरा मत जा क चरणो की पीज करना था हमस पहल दो सऽधकओ न शरा मत जा क चरणो की

पीज की था म पीज करत समय पीज की ऽवऽध गौर पीवथक दख रह थ zwjयोऽक कि छ समय बद हम भा

पीज करना था हमन इसस पहल ऽकसा की पीज नही की था यह हमर परथम अवसर थ जब म शरा

मत जा की पीज करा ग कि छ समय बद हमन शरा मत जा क चरणो की पीज करना शिर कर दा पीज

करन क तराक पीन की एक सऽधक बतता ज रहा था जब हमर दरर की गया पीज समपनन हो गया

योग कस कर 40

ऽफर शरा मत जा न दीसर कमर म पहल कोसऽधकओ दाकष दा उस समय म यह नही जनत थ ऽक

दाकष ऽकस परकर ऽमलता ह ऽफर हम शरा मत जा न अनदर कमर म बिलय म शरा मत जा क समाप

जकर खड़ हो गय उनहोन अपन आसन फशथ पर ऽबछ रख थ उसा आसन पर सवय बठा हई था

उनक समन भा एक आसन ऽबछ हआ थ समन वल आसन पर हम बठन क इशर ऽकय म आसन

पर बठ गय ऽफर शरा मत जा मिझस बोलीndash ldquoआप भगवन ऽशव की पीज करत ह तथ भगवन ऽशव

क मतर क जप भा करत ह इसऽलए म आपको इसा मतर की दाकष दीागाrdquo ऽफर शरा मत जा न मतर

उचचरण करन क तराक बतय और बोलीndash ldquoआप थोड़ा दर क ऽलए आाख बनद करक बऽठए म

आप पर शऽzwj तपत करा गाrdquo उस समय म शऽzwj तपत क अथथ नही समझत थ म आाख बनद करक बठ

गय शरा मत जा न अपन दऽहन हथ क अागीठ को हमरा भकि ऽट पर सपशथ ऽकय ऽफर जोरदर ओकर

ऽकयndash शरा मत जा न जस हा ओकर ऽकय मिझ लग शरा मत जा क अगीठ गमथ स हो रह ह और

हमर शरार क अनदर नऽड़यो म वह गम थहट पहाच रहा ह शरा मत जा न दिबर ओकर ऽकय इसस हम

हलकी सा तकलाफ होन लगा था zwjयोऽक ओकर करत हा हमर शरार क अनदर चाऽटय सा कटन लगा

थी उसा समय हमर धयन लग गय धयन लगभग एक घनट क लग जब हमरा आाख खिला तब मन

दखndash शरा मत जा कमर क अनदर नही ह म उठकर बहर वल कमर म आ गय वह ा पर शरा मत जा

हमर इतजर कर रहा थी वह बोलीndash ldquoआपक धयन लग गय थ इसऽलए म बहर आ गया अभा

एक और सधक को दाकष दना हrdquo मन उनह नमसकर ऽकय अपन मसतक उनक चरणो पर रख ऽदय

तथ मन म सोचndash शरा मत जा अगर आप हम पर परसनन ह तो हम आशावथद द हमरा सधन अतयनत

तावर होन लग तथ म अचछ सधक बनीा ऐस सोच हा रह थ तभा शरा मत जा न हमरा पाठ

थपथपया और बोलीndash ldquoआननद कि मर आप आननद करो आपक नम भा आननद ह भऽवषय म आप

अपन नम क अनिसर आननद म होग यह हमर आपको आशावथद हrdquo इतन कहकर शरा मत जा

दीसर सधक को दाकष दन क ऽलय कमर क अनदर चला गया शरा मत जा ऽजस समय हमरा पाठ को

थपथप रहा थी उस समय ऐस लग रह थ मनो पाठ थपथप नही रहा ह बऽलक जोर-जोर स मर रहा

थी हमरा पाठ गमथ होन लगा था अब म सोचन लगndash जब शरा मत जा क हथ क सपशथ होत ह तब

बड़ ऽवऽचतर स लगत ह ऐस zwjयो म यह नही जन पय शरा मत जा न दाकष दत समय जब ओकर

ऽकय थ तब बहत ऽवऽचतर स लग थ म सोच रह थ शयद शरा मत जा क दरर जो शऽzwj त ऽनकलता

ह वहा हम इस परकर की अनिभीऽत करता ह हम अपन आपम परसननत हई अब हमर पहल जस

भव नही रह ऽक हम जबरदसता दाकष दा ज रहा ह

योग कस कर 41

मतयिजय मतर क जप शम 6 बज बनद कर ऽदय गय सभा सधक गण आपस म बत कर रह

थ मगर हमरा समझ म कि छ नही आ रह थ वही पर हमर बगल म अणणजा (शरा मत जा क

पऽतदव) बठ ऽकसा स बत कर रह थ सरा बत मरठा भष म हो रहा थी तभा ऽहनदा म कि छ शबद

अणण जा बोलndash यह लड़क ऽदलला स आय हआ ह सधन करत ह अचछ सधक ह इसाऽलए शरा

मत जा न इस दाकष दा ह इस पर थोड़ और दबव पड़ग ऽजसस इसकी सधन और अचछा हो

जयगा अणणजा की बत सिनकर म आश चयथ म पड़ गय अब हमरा समझ म आयndash शरा मत जा न

हम zwjयो दाकष दा ह हमर दिःख जो दाकष स समबऽनधत थ वह पीरा तरह स दीर हो गय हमर अनदर

खिशा की लहर दौड़ गया यह सब शरा मत जा न हमरा सधन की उननऽत क ऽलए ऽकय ह आज शम

सधको की बहत भाड़ हो गई था हम सभा सधक शरा मत जा क सथ दर रत तक बत करत रह शरा

मत जा को ऽहनदा और मरठा दोनो भष म बोलन पड़त थ ऽहनदा भष वह मर करण बोल रही थी

ऽफर रऽतर क 1230 बज म अपन कमर म सोन क ऽलए चल गय

तजसवी वशववलग क दशशन

कमर म आकर कि छ समय तक नीद नही आया म शरा मत जा क ऽवषय म सोचत रह शरा

मत जा ऽकतना अचछा ह हमर ऽकतन खयल रखता ह शरा मत जा क वयवहर म अपनतव व ममतव

भा ह यहा सब सोचत-सोचत मिझ नीद आ गया ऽफर म सो गय मिझ सवपन म बहत अचछ अनिभव

आय वह इस परकर हndash म ऽकसा जगह पर पट क बल लट हआ ह ा मन अपन मिाह थोड़ स

भिजगआसन की मिदर म ऊपर की ओर उठय तभा हम ऽदखई ऽदयndash हमस एक फीट की दीरा पर हमर

मिाह क समन एक बहत सिनदर ऽशवऽलग ह ऐस लग रह थ जस भीऽम स ऽनकल कर ऊपर की ओर आ

गय ह ऽशवऽलग कफी बड़ आकर म थ उस ऽशवऽलग स हलक नाल रग क परकश ऽनकल रह थ

वह परकश चरो ओर ऽबखर हआ थ इस करण चरो ओर की जगह परकऽशत हो रहा था उस समय

ऽशवऽलग इतन अचछ लग रह थ हमरा इचछ हई ऽक म इस ऽशवऽलग को अपन हथो म पकड़ लीा

मन पट क बल लट हए हा अपन दोनो हथ आग की ओर बढ़ए दोनो हथो स उस ऽशवऽलग को

पकड़न चह मगर वह ऽशवऽलग हमर पकड़ म नही आय मिझ आश चयथ हआ ऽशवऽलग पकड़ म zwjयो

नही आ रह ह हथ ऽशवऽलग क अनदर स आर-पर हो जत ह ऽफर ऐस महसीस हआ ऽशवऽलग ऽसफथ

योग कस कर 42

नाल परकश स बन हआ ह हमन गौरपीवथक दखndash ऽशवऽलग क सवरप ऽबलकि ल सफ व सपषट थ मन

ऽफर ऽशवऽलग को अपन हथो स पकड़न चह मगर वह पकड़ म नही आय ऽशवऽलग अपना जगह पर

ऽसथर थ दो तान बर परयस करन पर जब वह पकड़ म नही आय तब म सोचन लगndash यह कस

ऽशवऽलग ह जो पकड़ म नही आ रह ह यहा सोच रह थ उसा समय ऽशवऽलग की बगल म पर ऽदखई

ऽदय म गौरपीवथक परो को दख रह थ ऽवचर आय यह ऽकसक पर ह उस समय हमरा दऽष ट नाच की

ओर को था ऽफर मन अपन मिाह ऊपर की ओर उठय तब ऐस लग जस कोई खड़ हआ ह अपना

दऽष ट ऊपर की ओर की दऽष ट ऊपर की ओर करत हा म चौक zwjयोऽक समन शरा मत जा खड़ा हई थी

मर मिाह स ऽनकलndash शरा मत जा आप शरा मत जा क चहर तज स चमक रह थ मगर वह उततर म

कि छ नही बोली म उठकर बठ गय तब दखndash ऽशवऽलग वही पर ह और शरा मत जा भा वही पर ह

कि छ कषणो बद ऽशवऽलग व शरा मत जा दोनो अदशय हो गय उसा कषण हमरा आाख खिल गया

मन घड़ा दखा तो उसम सिबह क 430 बज रह थ ऽफर हम नीद नही आया म अनिभव क ऽवषय

म सोच रह थ ऽशवऽलग हमरा पकड़ म zwjयो नही आ रह थ तथ शरा मत जा भा वही पर खड़ा हई

थी थोड़ा दर म कमर क बहर स आवज आयाndash आननद कि मर आपको शरा मत जा धयन करन क

ऽलए बिल रहा ह म बोलndash म अभा आ रह ह ा म तयर होकर प ाच बज स थोड़ पहल सधन ककष म

पहाच गय ऽफर शरा मत जा क समन धयन करन क ऽलय बठ गय धयन करन क बद हम अनिभव क

अथथ पीछन क अवसर नही ऽमल म दोपहर 11 बज शरा मत जा क समन बठ हआ थ उस समय वहा

कोई भा सधक नही थ तब मन अपन अनिभव शरा मत जा को सिनय अनिभव सिनकर शरा मत जा

अऽत परसनन हई उनहोन समझयndash आप ऽशवऽलग को कस पकड़ सकत ह वह ऽकसा पतथर क नही बन

थ वह तो ऽसफथ परकश दरर ऽनऽमथत थ उसक सवरप करण अवसथ वल थ अथ थत वह करण जगत

स समबऽधत ह तिम सीकषम शरार स उस कस पकड़ सकत हो हमर वसतऽवक सवरप वहा ह ऽजस तिमन

दख ह तिमन गिर तततव को इस रप म दख ह इसाऽलए म ऽशवऽलग क बगल म खड़ा हई ऽदखई द रहा

था

शरा मत जा ऽफर हमस बोलाndash ldquoआननद कि मर यह अनिभव बहत अचछ आय ह आपको हमर

सवरप क दशथन हो गय हमर सवरप क दशथन एक दो सधको को हआ ह आप भनयशला हrdquo शरा

मत जा दरर ऐस शबद सिनकरहम बड़ा खिशा हई बद म शरा मत जा न कि छ अनय सधको को यहा

अनिभव सिनय बद म कि छ सधको न हमस पीछndash ldquoआपको बहत अचछ-अचछ अनिभव आत ह हम

योग कस कर 43

तो अनिभव ऽबलकि ल नही आत ह आप पर शरा मत जा की बहत कप हrdquo म बोलndash ldquoहम तो शिर स हा

बहत अनिभव आत ह जब हमर और शरा मत जा क पररचय भा नही हआ थ पतरोततर कि छ समय

बद म हआ थrdquo ऽफर वह सऽधक बोलाndash ldquoहम तो दो सल हो गय ह परति एक भा अनिभव नही

आयrdquo म बोलndash ldquoइस ऽवषय म शरा मत जा को बतएा तब वह अवशय आपको कि छ बतएागा ऽक

आपको अनिभव zwjयो नही आत हrdquo सऽधक बोलाndash ldquoशरा मत जा न हम बतय थ ऽक कि छ सधको

को अनिभव आत ह कि छ सधको को अनिभव नही आत हrdquo

ऽशवरऽतर उतसव की भाड़ अब कि छ कम होन लगा था सभा सधकगण धार-धार वपस अपन-

अपन घर चल गय अब ऽसफथ ऽमरज वल सधक हा शरा मत जा क पस आत थ म शरा मत जा क

पस चर-प ाच ऽदन रक थ इतन समय कस बात गय हम पत हा नही चल यहा पर सदव योग

समबनधा बत हा ऽकय करत थ हमरा ऽजदगा म इतना खिशा क ऽदन पहल कभा नही आय थ हमरा

इचछ घर वपस आन की ऽबलकि ल नही था लऽकन घर वपस तो आन हा थ हमन शरा मत जा स

चलन क ऽलय आजञ मागा शरा मत जा न मिझ ऽदलला जन की आजञ द दा और बोलाndash sbquoआप ज

सकत ह वपस जकर ऽदलला म खीब सधन करनrdquo म बोलndash sbquoशरा मत जा म जयद-स-जयद

सधन करन क परयतन करा गrdquo शरा मत जा बोलीndash ldquoयऽद आप सधन करग तो आपकी सधन

अवशय आग बढ़गा ह ा हमस पतर वयवहर अवशय करत रहन यऽद सधन समबनधा कोई बत हो तो

ऽलखन म आपकी सधन समबनधा समसय हल करक पतर म ऽलखकर भज ऽदय करा गाrdquo म 20

फरवरा को सयकल 9 बज शरा मत जा स आजञ लकर उनक घर स चल ऽदय

जब म शरा मत जा क घर स चल थ तब बहत परसनन थ ऽमरज रलव सटशन पर आत हा

हमरा परसननत कम हो गया और मन थोड़ उदस स हो गय मिझ शरा मत जा की बड़ा यद आ रहा

था वपसा क समय मिमबई वाटा स होकर कनपिर आय जब म घर वपस आय तब सभा को

आश चयथ हआ ऽक म सधन करन लग ह ा हमन घर म सधन क ऽवषय म बतय मगर इस ऽवषय म

ऽकसा न रऽच नही ला इसक करण यह थ ऽक घर म हमरा ऽकसा स नही बनता था मिझ धयन क

मधयम स अब कभा-कभा जनकररय ा दीसरो क ऽवषय म हो जय करता थी ऐस हमन घर वलो को

बतय थ घर म भा म सधन ऽकय करत थ उसा समय हमर घर म एक घटन घटा

हमस दो छोट भई खत म कम करत समय आपस म लड़ गय बड़ भई घर वपस आ गय

मगर छोट भई घर वपस नही आय उस बहत ढीाढ गय मगर वह नही कही नही ऽमल वह रऽतर क

योग कस कर 44

समय हा खतो स गयब हो गय घर म सभा लोग ऽचऽतत हो रह थ ऽफर इस ऽवषय म बरहमणो स पीछ

गय उनहोन बतयndash ldquoवह दऽकषण ऽदश की ओर गय ह‛ मगर भई की कही भा ऽकसा परकर की

जनकरा नही ऽमला ऽफर हम हमरा मा न कहndash ldquoधयन क मधयम स तिम जनकरा करन की कोऽशश

करो शयद तिमह कि छ जनकरा मलीम हो जयrdquo म बोलndash ldquoम ऽनऽित नही कह सकत ह ा ऽक जनकरा

होगा अथव नही होगा मगर परयतन अवशय करा ग कल सिबह म तिमह जनकरा द दीागrdquo मन

धयनवसथ म सकलप दरर इस घटन क ऽवषय म जनन चह मगर हम ऽकसा परकर की जनकरा

नही ऽमला लऽकन ऽफर हम सवपनवसथ म सरा जनकरा ऽमल गया हमन घरवलो को बतय जो इस

परकर हndash ldquoबरहमणो न कह थ भई दऽकषण ऽदश की ओर गय ह मगर यह बत गलत ह zwjयोऽक वह

दऽकषण ऽदश की ओर नही गय ह बऽलक उततर ऽदश की ओर गय ह उसन नदा को पर ऽकय ह नदा

हमर गाव क उततर ऽदश म बहता ह नदा पर करत समय हमन दखndash नदा क दोनो ऽकनर हमर गाव क

पस क ऽकनर जस नही ह अथ थत उसन अपन गाव स दीर नदा पर की ह पर करत समय आश चयथजनक

दशय ऽदखई दत ह भई एक हथ क सहर नदा म तर रह ह तथ दीसर हथ म लिगा पकड़ हए ह उस

लिगा म पोटलानिम कि छ वजनदर चाज बाधा हई ह उसन नदा को शयद दो बर तर कर पर ऽकय ह इस

समय वह नौकरा पन क परयस कर रह हrdquo

हमरा कि छ बत घरवलो को अचछा नही लगी उनक कहन थndash ldquoवह नदा zwjयो तरग zwjयोऽक

नदा म आजकल पना बहत हा कम होत ह ऽबन तर हा नदा पर की ज सकता ह दीसरा बतndash वह दो

बर नदा zwjयो पर करग इसक zwjय अथथ हndash उस पोटला म वजनदर चाज zwjय हो सकता ह उस समय

भई अपन शरार पर मतर दो तान कपड़ हा पहन थrdquo घरवलो की इन सब बतो क हमर पस कोई

उततर नही थ कि छ ऽदनो तक भई स समबऽनधत ऽकसा परकर की जनकरा नही ऽमला एक ऽदन बद

मलीम हआ हमर गाव स 25 ऽकमा दीर रलव सटशन पर एक दीऽधए को वह ऽमल थ ऽफर म ऽदलला

चल आय zwjयोऽक हमरा छि रिय ा समपत को चिकी थी कि छ ऽदनो बद हम पतर दरर जनकरा दा गयाndash

भई आगर म ऽमल गय ह तिमन जो बत बतई था वह सभा सच थी अब सकषप मndash घटन इस परकर

घटा था भई स झगड़ होन क बद उसन सोच ऽक वह घर नही जयग उस समय उस बहत भीख लगा

था उसन दीसर क खत स आली खोद ऽफर उन आलिओ को भीनकर खए शष बच आलिओ को लिगा म

बाधकर उततर ऽदश की ओर चल ऽदय नदा को दीसर ग ाव क पस स पर की था तब उस वहा पर नदा

तर कर पर करना पड़ा था zwjयोऽक वह ा पर नदा म कफी गहरई था ऽफर 25 ऽक मा दीर रलव सटशन

योग कस कर 45

तक पदल चलकर पहाच वह ा उस एक दीऽधय ऽमल भई की उसस बतचात हई जब भई को मलीम

हआ ऽक यह दीऽधय मर गाव क कि छ वयऽकतयो को जनत ह तब दीऽधय स नजर बचकर ऽदलला जन

वला रल पर बठ गय ऽदलला पहाचन पर वह सटशन क बहर नही ऽनकल पय zwjयोऽक वह ऽबन ऽटकट

थ ऽफर आगर जन वला रल पर बठकर आगर आ गय यही पर नौकरा तलशना शिर कर दा

इस अनिभव को ऽलखन क हमर भव ऽसफथ इतन हा ह ऽक हम सधन करत मतर 5-6 महान

हा हए थ अभा स हम इस परकर की जनकररय ा ऽमलना शिर हो गया थी जयदतर सधको को 5-6

महान तक अभयस करन क बद भा धयन नही लगत ह मगर हम शिरआत स हा दीसर क ऽवषय म

जनकररय ा ऽमलन लगा थी इसक करण यह थndash म ऽपछल जनमो स योग क अभयस करत चल आ

रह ह ा उसा क परभव स हम जनकररय ा ऽमल जता थी यह ऽनऽित नही थ ऽक जब भा म जनकरा

चह ाग तभा जनकरा हो जयगा बऽलक सवय अपन आप जनकररया हो जता थी कभा-कभा तो दश-

ऽवदश की घटनए पहल स हा मलीम पड़ जता थी कभा-कभा ऐस भा होत थ ऽक म लट-लट

सवपनवसथ म दश-ऽवदश की घटनए दख करत थ कभा-कभा कि छ घटनए पहल स मलीम पड़

जता थी इसा करण धयन क परऽत हमरा उतसिकत और बढ़ गया था

आजकल म धयन खीब करन लग थ जब भा खला समय ऽमलत थ तभा म धयन करन क

ऽलय बठ जत थ अब हम अपन धयन म कि छ बदलव स महसीस होन लग थ पहल धयनवसथ म

हमरा गदथन बहत पाछ की ओर चला जता था इस करण हमर शरार भा पाछ की ओर बहत हा झिकत

थ मगर जब स ऽमरज (महरषटर) जकर ऽदलला आय थ तब स हमरा गदथन पाछ की ओर कभा-कभा

ममीला सा जता था म धयनवसथ म साध बठ रहत थ म सोच करत थndash शयद हमरा सधन

कमजोर पड़न लगा ह इसऽलए म पहल स जयद सधन करन लग थ अब म ऽचत म पड़ गय यह

zwjय हो गय शयद हमस कोई गड़बड़ा हो गया ह यहा सोचकर हमन कि छ ऽदनो बद शरा मत जा को

पतर ऽलख उसम सर ऽववरण ऽलख ऽदय मर पतर क उततर एक मह म आ गय शरा मत जा न उस पतर

म ऽलख थndash हमन आपकी गदथन पाछ जन स रोक दा ह zwjयोऽक आपको बड़ा तकलाफ होता था आप

इसक अथथ यह न लगइए ऽक आपकी सधन कम पड़ गया हआपकी सधन पहल जसा हा ह हमन

आपकी तकलाफ कम कर दा ह पतर पढ़कर हमरा ऽचत दीर हो गया म कठोर अभयस करन म लग

गय

योग कस कर 46

ऄपन भाव बदलो

ऽपरय पठको म ऽशकष क तौर पर यह अनिभव ऽलख रह ह ाndash इस परकर क अनिभव सधक क

ऽचतत म ऽसथत वऽततयो क करण आत ह ऐसा वऽततय ा जनम-जनमतरो स ऽचतत म ऽसथत रहता ह हम

अनिभव आयndash म खड़ हआ ह ा मर समन पलग पर एक बहत सिनदर लड़की लटा हई ह उसक शरार पर

एक भा वसतर नही ह वह पीणथ रप स नननवसथ म ह उसक शरार सगमरमर क समन सिनदर ऽदखई द

रह ह वह लड़की हमरा ओर ऽवशष मिदर म दख रहा ह मन उस गौरपीवथक दखन शिर ऽकय उसक

चहर अऽत सिनदर थ तथ शरार सिडौल थ इतना सिनदर लड़की मन पहल कभा नही दखा था हमर

अनदर उसक परऽत ऽवकर आन शिर हो गय ऽवकर ऽसफथ इतन हा थndash यह बहत सिनदर लड़की ह

उसकी सिनदरत क वणथन हम शबदो म नही कर सकत ह म उसक परऽत आकऽषथत स हआ उसक पस

गय उसन दोनो हथो स हमर हथ पकड़ ऽलय ऽफर मिझ थोड़ स जोर लगकर अपना ओर खीच म

उसकी ओर ऽखचत चल गय और उसक शरार क ऊपर झिक गय उसक शरार स ऽवशष परकर की

सिगध ऽनकल रहा था वह सिगध हमर शरार क अनदर परवश करता गया उसा समय म अपन होठो स

उसक शरार सपशथ करन लग उसक शरार क सपशथ हम बहत अचछ लग रह थ उसन मिझ अपना

बाहो म दब ऽलय उसक मासल शरार हम बहत अचछ लग रह थ उसम कि छ ऽवशषत था उसक

शरार को सपशथ करन स मिझ अनिभीऽत हई ऽक यह समनय लड़की नही ह ऽवशष परकर की लड़की ह

zwjयोऽक उसक शरार स खिशबी भा ऽनकल रहा था कि छ समय तक म उसक शरार स ऽचपक लट रह

ऽफर उसक भव हम अचछ नही लग वह ऽसफथ हलक-हलक मिसकर रहा था इतन म हम ऐस लग जस

हमर समन कोई खड़ हआ ह मन उस ओर को दखndash समन शरा मत जा खड़ा हई थी उनह दखत हा

हमर होश उड़ गय शरा मत जा हमरा ओर दख रहा थी उनकी आाखो म तज थ उनक शरार क चरो

ओर आभ फला हई था शरा मत जा की दखन की मिदर करोध रप म नही था बऽलक ऐस लग रह थ

जस वह हम गहरई स दख रहा हो उस समय हमर बहत बिर हल थ म उस लड़की स बोलndash ldquoदखो

समन शरा मत जा खड़ा हई ह तिम उस तरफ को हो जओrdquo म डर क करण करवट बदलकर लट गय

मगर लड़की न अपन दोनो हथो स मिझ अपना ओर को कर ऽलय म समझ गय लड़की अनदर स

शऽzwj तशला ह मन करोध म लड़की स कहndash ldquoतिमह शरा मत जा स डर नही लगत ह‛ लड़की न बड़

आरम स मिसकर कर उततर ऽदयndash sbquoनहीrdquo लड़की न ऽजस ऽनडर भव स उततर ऽदय थ म

आश चयथचऽकत हआ मन लड़की स परथथन भर शबदो म कहndash sbquoमिझ कषम कर दोrdquo हमर यह शबद

योग कस कर 47

सिनत हा लड़की क भव बदल गय उसक चहर की मिसकरहट गयब हो गया तथ उसकी आाख

ऽबलकि ल शत सा हो गयी उसन हम छोड़ ऽदय म करवट बदल कर लट गय हमर मन म ऽवचर

आयndash शरा मत जा अभा यही खड़ा ह अथव चला गयी ह मन मिड़कर शरा मत जा की ओर दख शरा

मत जा वह ा पर नही थी ऽफर भा हम उनक डर लग रह थ ऽक शरा मत जा न मिझ दख ऽलय ह हमरा

दऽष ट नाच (फशथ) की ओर था तभा हम फशथ पर भा एक सतरा लटा हई ऽदखई दा मगर वह पहला सतरा क

समन ऽनवथसतर नही था म पलग स उतर कर उस सतरा क पस गय जस हा म उस सतरा को सपशथ करन क

ऽलए आग बढ़ उसा समय आकशवणा हईndash sbquoआननद कमार तम अपन भाव बदलो कया सोचकर उस

सपरश कर रह हो तमहार मह क अनदर गनदगी का ढर ह रदध होन का परयास करोrdquo य शबद सिनकर हम

बड़ दिःख हआ मन अपन मिाह म दखndash उस समय वसतव म गनदगा भरा था ऽफर मन उस लड़की को

दख वह हमर समन अदशय हो गया हमर अनिभव समपत हो गय

ऄथश- सधको म इतन अवशय कह ाग इस अनिभव म मन दो लड़ऽकय ा दखी था वह पथवालोक

की नही हो सकती ह zwjयोऽक पथवालोक म इस परकर की सिनदरत स यिकत लड़ऽकय ा नही होता ह

सधको आप सोच रह होगndash zwjय आननद कि मर ऐस ह जस अनिभव म ऽकरय कर रह थ सच तो यह

ह हमर चररतर अनदर स ऽबलकि ल शिि ह जनम-जनमतरो की ऽचतत म ऽसथत वऽततयो क करण यह

अनिभव हम आय ह म ऽपछल कई जनमो स योग क अभयस करत रह ह ा योऽगयो क अनदर इस परकर

की वऽततय ा कई जनमो पहल की ऽचतत म ऽसथत रहता ह ऽफर योग क अभयस क दरर उऽचत समय म

बहर ऽनकलता रहता ह इस अनिभव म हम शरा मत जा ऽदखई द रहा था वसतव म वह गिरतततव ह

दाकष दत समय गिर जब शऽzwj तपत करत ह वह शऽzwj त (गिरतततव) सधक क सीकषम शरार म अनदर ऽसथत

सीकषम कोऽशकओ म वयपत हो जता ह यहा शऽzwj त उऽचत समय म सधक क मगथ परससत करता रहता

ह हम शिित क करण इस शऽzwj त क दशथन अथ थत शरा मत जा क दशथन हआ थ तऽक म उस सतरा

की ओर आग न बढ़ ा ऐस हआ भा शरा मत जा क करण मिझ उस सतरा स छि टकर ऽमल गय दिबर

दीसरा सतरा क ऽलय आकशवणा न हम सतकथ कर ऽदय अनिभव पढ़न म अचछ नही लग होग म

इसक ऽलए कषम चहत ह ा मगर एक सधक होन क नत यह अनिभव ऽलख ह तऽक अनय सधक को

भा इस अनिभव स ऽशकष ऽमल इस अनिभव न हमरा ऽजनदगा बदल दा मिझ अपना सधन म और

वयऽकतगत जावन म आग बढ़न म सहयत ऽमला

योग कस कर 48

नाग न काटा

आजकल हमर धयन गहर लगत थ ऽफर भा कभा-कभा धयनवसथ म अनिभव आ जत थ

हम एक-दो बर धयनवसथ म नग ऽदखई ऽदय थ हमस थोड़ा दीरा पर नग अपन फन उपर की ओर

उठए हए हम दख रह थ मगर हम नग स डर नही लगत थ एक ऽदन ऽकसा करण स धयन करन क

ऽलए हम दर हो गया हमर मन धयन करन क ऽलय बचन स थ जब म धयन करन क ऽलय बठ तब

धयन पर बठत हा हमर परण ऊधवथ हो गय म गहरई म चल गय हम अपन आभस भा नही रह

उसा समय हम एक अनिभव आयndash चरो ओर हर-भर कषतर ह पड़ पौध भा बहत ह दशय अचछ लग

रह ह म एक पड़ क नाच जकर खड़ हो गय उस पड़ क नाच एक चबीतर बन हआ थ म उस

चबीतर पर धयन करन क ऽलए बठ गय तभा मिझ अपन समन एक नग ऽदखई ऽदय वह नग कि णडला

मर हए अपन फन ऊपर उठकर खड़ हआ थ म उस गौरपीवथक दख रह थ हम उस नग क डर नही

लग रह थ बऽलक म उस दखकर मिसकर रह थ वह भा हम शत मिदर म दख रह थ इतन म उसन

बड़ा शाघरत स हमर दऽहन पर क अागीठ म कट ऽलय नग क कटत हा म उछलकर खड़ हो गय

ऽजस परकर अनिभव म उछलकर खड़ हआ उसा परकर म सथील अवसथ म भा उछलकर खड़ हो गय

हमर अनिभव समपत हो गय

ऄथश- उस समय हम अनिभव वल भय लग थ मगर हमर कमर म लइट ऑन होन क करण

परकश फल हआ थ म चिपचप पलग पर लट गय और सोचन लगndash सपथ कटन क zwjय अथथ होत

ह धयनवसथ म उन सधको को नग अzwjसर ऽदखई दत ह ऽजनकी सधन अचछा होता ह सधको न

दख होगndash सवपनवसथ व धयनवसथ म नग तो ऽदखई दत ह वह फि फकर मरत ह पाछ करत ह

आऽद मगर सधको को वह नग कटत हआ नही ऽदखई दत ह अगर नग सधक को धयनवसथ म

कट ल तो यह बहत हा शिभ होत ह उसक अवसथ क अनिसर इनम स कोई ततपयथ होत ह पहला-

ऐस सधक भऽवषय म ऽनिय हा तजसवा होग अथ थत उसकी सधन अचछा होता ह दसरा- गिरपद पर

बठन क योनय होग अथ थत मगथदशथन करन की कषमत उसक अनदर होता ह तीसरा- यशसवा होग

चौथा- मोकष को अवशय परप त होग म समझ गय भऽवषय म हमरा सधन अवशय हा अचछा होगा

योग कस कर 49

माता कणडवलनी शवzwj त क दशशन

मन धयनवसथ म दखndash चरो ओर हररयला फला हई ह म हर-भर जगल की ओर चल ज

रह ह ा तभा मिझस थोड़ा दीरा पर घस-फी स की बना हई एक झोपड़ा ऽदखई दा झोपड़ा सिनदर बना हई

था म झोपड़ा क दरवज पर जकर खड़ हो गय कि छ कषणो म लग ऽक झोपड़ा क अनदर शयद कोई

नही ह हमरा इचछ हई ऽक म इस झोपड़ा क अनदर जकर दखीा अनदर जन की उतसिकत इसऽलए हई

zwjयोऽक आसपस हम कोई वयऽकत ऽदखई नही द रह थ ऽफर यहा पर इतना सिनदर झोपड़ा ऽकसन बनई

ह मन झोपड़ा क अनदर परवश ऽकय अनदर की जगह ऽबलकि ल सफ-सिथरा था जस वह ा पर कोई रोज

सफई करत रहत हो उस झोपड़ा क अनदर ऽकसा परकर क समन वगरह नही थ झोपड़ा अनदर स

ऽबलकि ल खला था मगर उसा कषण हम समन दावर पर एक ऽचतर टाग हई ऽदखया दा उस ऽचतर को

दखकर म चौक पड़ zwjयोऽक म ऽजस ऽचतर की रोज पीज ऽकय करत थयह वहा ऽचतर थ यह ऽचतर

भगवन शकर क थ वस बजर म भगवन शकर क ऽचतर कई परकर क ऽमलत ह मगर यह ऽचतर कि छ

ऽवशषत को ऽलय हए थ इस ऽवशषत को एक सधक हा समझ सकत ह मन जस हा अपना वला

फोटो उस झोपड़ा क अनदर दखा हमरा दऽष ट अपन आप उसा फोटो पर ठहर गया इतन म वह फोटो

एकदम सजाव सा हो गया मन सोचndash यह ऽचतर सजाव कस हो गय भगवन शकर की आाख ऽवशष

तरह की मिदर म होकर हम दखन लगी होठ कि छ जयद हा मिसकरन लग हमर मिाह स ऽनकलndash lsquoपरभ

आपrsquo इतन कहत हा हमरा परसननत एकएक गयब हो गया इसक करण यह थ उनक गल म

ऽलपट सिनहर नग भा सजाव हो गय भगवन शकर क गल स अपना लपट खोलन शिर कर ऽदय

और वह नग फोटो स बहर आन लग मर मन म ऽवचर आयndash म बहर भग जऊा तो अचछ ह जस

हा मन झोपड़ा स बहर ऽनकलन क परयस करन लग उसा समय वह नग बड़ा तजा स भगवन शकर

क गल स ऽनकल कर झोपड़ा क दरवज पर फन उठकर खड़ हो गय झोपड़ा स बहर ऽनकलन क ऽलए

दीसर मगथ नही थ मर मन म यह ऽनऽित हो गय अब यह नग अवशय कट लग मन पल भर क ऽलए

फोटो की ओर दख फोटो म भगवन शकर क वहा सजाव चहर मिसकर रह थ बड़ आश चयथ की बत

था भगवन शकर क गल म नग नही थ नग झोपड़ा क दरवज पर कि णडला मर फन ऊपर की ओर

उठ कर जोर-जोर स फि फकर रह थ नग अपना जगह पर ऽसथर बठ हआ थ और हम दख रह थ

मन समझ ऽलयndash अब हमरा मतयि ऽनऽित ह ऽफर zwjयो न छलग लगकर बहर ऽनकल जऊा मन अपना

जगह पर खड़ होकर हा नग क ऊपर स छलग लगई हमर दरर छलग लगत हा नग तजा स ऊपर

योग कस कर 50

की ओर उठ और हमर दऽहन पर क अागीठ पर डस ऽलय डर क करण म वही पर ऽगर पड़ मगर ऽगरन

पर हमर शरार पर ऽकसा परकर की चोट नही आया मिझ ऐस लग जस सपनज क गदद पर ऽगर ह ा म

उठकर बठ गय पर क अागीठ को अपन हथो स पकड़ ऽलय ददथ क नमोऽनशन नही थ हम डसकर

नग फोटो क अनदर परवश कर गय तथ पहल की भाऽत वह भगवन शकर क गल म ऽलपट गय म

झोपड़ा स थोड़ा दीर जकर खड़ हो गय मन सोचndash नग न हम कट ऽलय ह अब म अवशय मर

जऊा ग हमरा सधन भा पीरा नही हो पया ह अब हम समय स पहल हा मरन पड़ग म ऐस सोच हा

रह थ तभा हम अपन समन एक सतरा खड़ा ऽदखई दा वह हमर पस खड़ा हई था उसन लल सड़ा

पहन रखा था वह बहत सिदर था उसक चहर तज क करण चमक रह थ और उसक शरार स परकश

भा ऽनकल रह थ उसन ऽसर पर छोट-स मिकि ट लग रख थ उसकी आाख बड़ा-बड़ा चमकदर और

तजसवा थी वह मनद-मनद मिसकर रहा था कषण भर क ऽलय म उसकी सिनदरत दखत रह इतन म उसन

अपन दऽहन हथ आशावथद की मिदर म ऊपर की ओर उठय उसक हथ उठत हा हमर शरार क

अनदर स एक और शरार हमर समन हा बहर ऽनकल आय अब हमर दो शरार हो गय दोनो शरारो क

सवरप एक जस हा थ उस सतरा न हमर अनदर स ऽनकल दीसर शरार क दऽहन हथ अपन बय स

पकड़ ऽलय ऽफर उस दीसर शरार को हमस दीर लकर चला गया अब म अपन दीसर शरार म अपना

अनिभीऽत करन लग ऽजस शरार वह सतरा ऽलय ज रहा था वह सतरा हमस बोलाndash sbquoतिम ऐस zwjयो सोचत हो

ऽक तिम मर जओग अब तिम नही मरोग तिमहरा सधन भा पीरा होगा‛ इतन कहकर वह सतरा मर हथ

पकड़ कर ऊपर आकश म आग की ओर जन लगा अब म आकश म आग की ओर उस सतरा क सथ

चल ज रह थ उस समय ऐस लग रह थ मनो म ा अपन बट क हथ पकड़ हए चला ज रहा हो

कि छ कषणो बद हमर धयन टीट गय अनिभव भा समपत हो गय जस हा हमरा आाख खिला तो मन

दखndash हमर समन वहा फोटो रखा हई था ऽजस मन झोपड़ा क अनदर दख थ इसा फोटो क म रोज

पीज ऽकय करत थ

ऄथश- अनिभव म ऽदखई दन वला झोपड़ाndash यह झोपड़ा हमर ऽचतत क सवरप ह झोपड़ा म

ऽसथत नग और फोटो सजाव स हो गयndash जब कोई सथील वसति सजाव होकर ऽकरयशाल होता हई ऽदखई

द तो समझ लन चऽहय उसक समबनध सीकषम जगत स हो गय ह तथ सीकषम रप स ऽकरय हो रहा ह

अथ थत उसक आऽनतररक ऽवकस होन लग ह नग न हम कटndash वह नग सीकषम रप स कि णडऽलना क

हा सवरप नग रप म थ लल सड़ा पहन हई सतराndash वह मत कि णडऽलना शऽzwj त हा ह हमर शरार स

योग कस कर 51

दीसर शरार परकट हो गयndash वह मर सीकषम शरार ह ऽफर वह सतरा हमर सीकषम शरार को लकर अऽतररकष म

आग की जन लगा इसक अथथ यह हndash जब शिरआत म हा कि णडऽलना हमर सीकषम शरार को पकड़ कर

जन लगा ह इसस यह ऽनिय होत ह ऽक भऽवषय म म उचचवसथ को परप त करा ग कि णडऽलना क

हमर सीकषम शरार को लकर जन क अथथ हndash कि णडऽलना हम ऽनिय हा परम ऽपत (ईश वर) स भऽवषय म

ऽमलव दगा zwjयोऽक कि णडऽलना शऽzwj त हमरा मत ह मत हा ऽपत (ईश वर) स ऽमलव सकता ह इस

अनिभव क आन क बद हम बड़ा परसननत हई

ईडवडयान बनध व मल बनध का लगना

आजकल हमर धयन बहत अचछ लगत थ तथ धयन की अवऽध बढ़न क ऽलए म रऽतर क

समय 1030 स 12 बज तक धयन ऽकय करत थ जबऽक शरा मत जा न बतय थ रऽतर क 11 बज

क बद धयन नही करन चऽहय मगर मन धयन की अवऽध बढ़न क ऽलय रऽतर क समय धयन करन

शिर कर ऽदय ह अब हम धयनवसथ म एक ऽकरय और होन लगा था इस ऽकरय क अथथ न समझ पन

क करण ऽचनत भा होन लगा था जब धयन करत थ तब हमर पट अनदर की ओर होकर पाछ की

ओर ऽचपकत थ कभा-कभा पट जोर स ऽचपक जत थ ऐस लगत थndash ऽक ऽचपक हआ पट अब

पीवथ ऽसथऽत म नही आयग इस ऽकरय क सथ हमर गिद दरर भा सकि ऽचत होकर ऊपर की ओर ऽखचव

ऽकय करत थ इन दोनो ऽकरयओ क अथथ न समझ पन क करण म असमजस म पड़ गय थ और

सोचन लगत थ zwjय यह ऽकरय सहा हो रहा ह अथव गलत हो रहा ह कि छ ऽदनो पित इस ऽकरय क

ऽवषय म जनकरा ऽमल गया इसस हम बहत खिशा हई ह ऽक हमरा सधन आग की ओर बढ़ रहा ह

ऄथश- पट पाछ की ओर ऽचपकन को उडऽडयन बनध कहत ह गिद दरर सकि ऽचत होकर ऊपर की

ओर ऽखचन को मीलबनध कहत ह इन दोनो बनध क परभव स परण वयि सिषमन नड़ा क अनदर परवश

करन क ऽलए दबव दत ह

योग कस कर 52

महायोग मदरा

अब कि छ ऽदनो बद एक और ऽकरय होन लगा था जब म धयन पर बठत थ तब हमर शरार

आग की ओर झिकत थ और ऽसर भीऽम पर सपशथ करन लगत थ ऽफर शवस तजा स अनदर-बहर होन

लगता थी जस नग फि फकर रह हो हम अचछा तरह महसीस होत थ ऽक हमरा शवस जोर-जोर स

अनदर-बहर हो रहा ह मगर म इनह रोक नही सकत थ कि छ समय बद हमर ऽसर भीऽम पर दबव दन

लगत थ कभा-कभा हमर ऽसर दऽहन पर क घिटन को सपशथ करत थ ऽफर कि छ कषणो बद हमर ऽसर

बया ओर को धार-धार जकर बया घिटन को सपशथ करत थ और ऽफर ऽसर समन की ओर भीऽम पर

सपशथ करत थ यहा करम बरबर चलत रहत थ यह ऽकरय होत समय हमरा शवस बड़ा तजा स चल

करता था तथ मीलधर म ऽखचव स होत रहत थ ऐस लगत थ उस सथन पर वयि क दबव

जयद बढ़ रह ह

ऄथश- जब सधक क उडऽडयन व मीलबनध जोर स लगन लग तथ कफी ऽदनो तक यहा ऽकरय

बरबर होता रह तब सधक को यह समझ लन चऽहए उसकी कि णडऽलना न अपना आाख खोल दा ह

आाख खोलन क अथथ यह मत समझन लन ऽक सधक की कि णडऽलना ऊधवथ होन लगा ह कि णडऽलना

क आाख खोलन को हम यह कह सकत ह कि णडऽलना जगरत हो गया ह मगर समनय भष म

कि णडऽलना जगऽत होन क अथथ उसक ऊधवथ होन स हा लगय जत ह कि णडऽलना जगऽत होन और

कि णडऽलना ऊधवथ होन दोनो अलग-अलग अवसथएा ह जब उडऽडयन बनध व मीलबनध सवमव लगत

हो तथ शाघर न खिलत हो कि छ सधको को मन दख ह ऽक वह उडऽडयन बनध और मीलबनध व

जलधर बनध जन-बिझकर लगन क परयस करत ह तऽक उनकी कि णडऽलना जगरत हो जय यह जो

शवस-परशवस अपन आप जोर स हन लगत ह इसको भऽसतरक परणयम कहत ह यह कि णडऽलना क

करण होत ह zwjयोऽक सधक क शरार शिि नही होत ह तब भऽसतरक चलन स शरार म ऽसथत सीकषम

नऽड़या शिि होन लगता ह

धयनवसथ म हमर शरार आग की ओर झिकत ह तथ ऽसर भीऽम पर लगत ह ऽसर दऽहन पर

क घिटन को सपशथ करत ह ऽफर बय पर क घिटन को सपशथ करत ह इस योग की भष म महयोग मिदर

कहत ह इस मिदर क समय सधक को शराररक रप स थोड़ा परशना होता ह zwjयोऽक मीलबनध म ऽखचव

हो जत ह तथ परण वयि क धzwjक मीलधर चकर पर लगन लगत ह मीलधर म धzwjक लगन स

योग कस कर 53

कि णडऽलना को ऊधवथ होन म सहयत ऽमलता ह अथव ऊधवथ होन क परयस करता ह कभा-कभा इसा

ऽकरय म कि णडऽलना जगरत होन क परयस करता ह ऽजन सधको को महयोग मिदर नही होता ह वह

खला समय म कऽतरम रप स इस मिदर को लगन क परयस ऽकय कर इसस सधको को अपन अभयस

बढ़न म अवशय सहयत ऽमलगा कि छ मगथ दशथको क कहन हndash धयनवसथ म आग की ओर झिककर

ऽसर क भीऽम पर सपशथ करन अचछ नही होत ह मगर म इस बत को नही मनत ह ा बऽलक सधको को

रय दत ह ा इस महयोग मिदर क अवशय अभयस कर यह हमरा सवयम की अनिभीऽत ह

अब हमर मन ईश वर ऽचतन म लग रहत थ तथ तावर इचछ होता था ऽक परभि को परप त करा

शरा मत जा की हम यद बहत आता था वह हम बहत अचछा लगता थी म सोच करत थndash शरा मत

जा हर जनम म हमरा गिर मत बन म उनक ऽशषय बनीा zwjयोऽक योग समबनधा कोई समसय आन पर

परतयकष बत तो कर सकत ह ा हमन बहत स ऽशषयो को दख ह वह अपन गिर स बत भा नही कर सकत

ह उनक गिर क पस समय हा नही होत ह ऽक वह अपन हर ऽशषय स बत कर सक अथव योग क

ऽवषय म शक समधन कर सक हमर सोचन हndash गिरओ को उतन हा ऽशषय बनन चऽहए ऽजतनो क

मगथदशथन कर सक अथव मगथ दशथन क ऽलए समय हो ऽसफथ सथील जगत म परऽतषठ व यश परप त करन क

ऽलए ढर सर ऽशषय नही बन लन चऽहए यऽद ऽशषय उऽचत सखय म होग तब ऽशषयो को सधन करन म

ऽकसा परकर की कठनई य परशना क समन नही करन पड़ग zwjयोऽक ऽशषयो की सधन गिर की

दखरख म होगा खर छोऽड़य म कहा गिरओ क चzwjकर म पड़ गय यह उनक वयऽकतगत ममल ह मिझ

उनको शक की दऽष ट स नही दखन चऽहए आऽखरकर वह गिर पद पर ह

ऄहकार का दशशन

मिझ अनिभव आयndash म ऽकसा घर म ह ा मर हथ म एक कल नग ह मन उस नग को पकड़

रख ह उस समय मिझ उस कल नग स ऽबलकि ल डर नही लग रह थ बऽलक मन अपना इचछ स

पकड़ रख थ नग को बाच म पकड़ कर उसा की ओर दख रह थ वह फन उठकर हमर मिाह की ओर

जोर स फि फकर मरत थ जस हा वह फि फकर मरत थ उसा समय म अपन मिाह स ldquoॎrdquo शबद क

दाघथ उचचरण करत थ हमर दरर ॎ क उचचरण करन स नग की लमबई अपन-आप घटन लगता

था ऽफर वह नग ऽबलकि ल छोट स हो जत थ तथ वह सिसत भा हो जत थ ऽजसस वह फि फकर

योग कस कर 54

नही मर पत थ कि छ समय बद मन नग को भीऽम पर छोड़ ऽदय हमर हथ स छी टन क बद नग की

लमबई ऽफर अपन आप बढ़न लगा वह ऽफर पहल जस लमब हो गय मन ऽफर दिबर नग को

पकड़कर उठ ऽलय नग न ऽफर हमर मिाह की ओर जोरदर फि फकर मरा जब वह फि फकर मरत थ

तब म मिसकर दत थ म नग स बोलndash अचछ तिमहर करोध अभा शत ऽकय दत ह ा मन पहल की

भाऽत ऽफर स दाघथ ओकर ऽकय हमर दरर ओकर करत हा उसकी लमबई अपन आप कम होन लगा

ऽफर मन उस भीऽम पर छोड़ ऽदय हमर दरर छोड़त हा वह पहल की भाऽत ऽफर स लमब हो गयऔर

वह एक तरफ को दौड़न लग मन नग को ऽफर स अपन हथ म पकड़ ऽलय मर दरर पकड़त हा वह

पहल जसा ऽकरयओ की पिनरवऽतत करन लग हम इस कयथ को करन म मज आ रह थ तभा हमर

अनिभव समपत हो गय

ऄथश- धयन क समपत होन पर अब हम नग क डर स लगन लग मिझ नही मलीम उस समय

मन नग को कस पकड़ रख थ zwjयोऽक हम नग स बहत डर लगत ह बद म मिझ जनकरा हई यह

नग अहकर क परताक ह lsquoॎrsquo बरहम की शऽzwj त ह इसाऽलए ओकर करत समय उसक सवरप घटन

लगत थ सधको आप यह कह सकत ह पहल नग न जब कट थ तब उस कि णडऽलना क परताक

बतय थ यह नग अहकर क परताक बत रह ह योग म कभा-कभा एक हा परकर की वसति क अलग-

अलग अथथ ऽनकलत ह इसऽलए सधको को अपन अनिभव क अथथ ऽनकलन क ऽलए अपन मगथदशथक

की सहयत अवशय ल लना चऽहए धयन क सतर बदल जन पर एक हा परकर क अनिभव क अथथ भा

बदल जत ह यऽद आप गौर पीवथक बराकी स अनिभव को दखग तब समझ आयग एक हा परकर क

अनिभवो म कही-न-कही थोड़ स फकथ अवशय होत ह कभा-कभा ऐस भा होत ह सधक को कि छ

अतरल क बद एक जस हा अनिभव आ जत ह इसक अथथ एक जस भा हो सकत ह अथव

अलग-अलग भा हो सकत ह ऐसा अवसथ म आप अपन मगथ दशथक स अथथ पीछ ल कि णडऽलना जब

नग क रप म ऽदखई दता ह तब नग क रग कम कल अथव सिनहर होत ह जब सधक को सधन

म उचचवसथ परप त होता ह तब कि णडऽलना क सवरप सिनहल नग अथव तप हए सोन की भाऽत ऽदखई

दत ह मगर अहकर क रग गहर कल हा होत ह तथ दखन म थोड़ बिर स य डरवन स ऽदखई

दत ह

योग कस कर 55

भगवान शकर और ॎ का दशशन

आज हम ड यीटा स कमर म आन म कफी दर हो गया था मन सोचndashअब 15-20 ऽमनट हा

धयन पर बठ लीा म रऽतर क 1130 बज धयन पर बठ गय धयन पर बठत हा हमरा गदथन पाछ की ओर

हो गया कि छ कषणो बद म गहरई म चल गय तभा धयनवसथ म हम ऽदखई ऽदयndash समन की ओर

घोर अधकर ह म उसा अधकर म आग की ओर चल ज रह ह ा कि छ कषणो बद हम लगndash शयद

अधकर म कि छ ऽदखई पड़ रह ह मन अपना दऽष ट उसा जगह पर ऽसथर कर दा घोर अधकर म

गोलकर नाल रग क चमकदर परकश ऽदखई दन लग यह नाल रग क गोलकर परकश धार-धार

हमर पस आ रह थ इस गोलकर परकश क मधय म एक आकऽत सा बनन लगा आकऽत सपषट होन

पर म परसनन होन लग गोलकर परकश क मधय म भगवन शकर धयन मिदर म बठ हए थ भगवन

शकर क शरार स नाल रग क परकश ऽनकल रह थ कि छ कषणो तक म भगवन शकर को धयनसथ मिदर

म दखत रह ऽफर भगवन शकर अदशय हो गय मन अपन आपको अधकर म खड़ पय

म भगवन शकर क ऽवषय म सोच हा रह थ इतन म हमरा दऽष ट सवमव ऊपर की ओर हो गया

हमर मिाह भा ऊपर आसमन की ओर हो गय थ हम आश चयथ हो रह थ zwjयोऽक यह ऽकरय मन परयतन

पीवथक नही की था बऽलक सवमव हो गया था कि छ कषणो बद हम एक नाल रग क चमकदर ऽबनदि ऽदखई

ऽदय उसा नाल रग क ऽबनदि क अनदर स परकश ऽनकलन लग और गोलकर आकऽत म फलन लग

यह परकश गोलकर आकऽत म धार-धार फलत ज रह थ अब परकऽशत ऽबनदि गोलकर आकऽत म

बदल चिक थ यह गोलकर परकश लहरनिम आकर म चरो ओर फल रह थ ऽफर यह नाल रग क

परकश की गोलकर आकऽत सर आकश म वयपत हो गया इस परकश क क दर म lsquoॎrsquo की आकऽत

धार-धार सपषट होन लगा अब म गोलकर परकश क अनदर तजसवा lsquoॎrsquo को दख रह थ कि छ समय

बद गोलकर नाल परकश अपन आप म ऽसकि ड़न लग कि छ समय तक lsquoॎrsquo क सवरप सपषट ऽदखया

दत रह ऽफर lsquoॎrsquo क सवरप धार-धार हमस दीर जकर ओझल होन लग गोलकर परकश न

ऽसकि ड़कर ऽबनदि क सवरप धरण कर ऽलय ऽफर ऽबनदि भा अदशय हो गय म अपन मिाह आसमन की

ओर ऽकय हए खड़ थ तभा हमर धयन टीट गय हमरा गदथन पाछ की ओर पाठ स ऽचपक गया था

मन ऽसर को दोनो हथो क सहर दकर साध ऽकय उस समय रऽतर क सढ़ बरह बज रह थ हमर

सथील शरार थक गय थ अतः म आसन स उठकर चरपई पर लट गय

योग कस कर 56

अब म बहत वयसत हो गय थ शरार थक-थक स रहन लग आऽखरकर म बामर हो गय

मरा सधन पीरा तरह स बनद हो गया था डॉzwjटर स इलज कर रह थ कमजोरा इतना आ गया था ऽक

हमर एक ऽमतर हम सहर दकर ऽडसपशरा ल जय करत थ एक ऽदन मन डॉzwjटर स छि िा ऽलखन को

कह तब डॉzwjटर न हम दिबर चक ऽकय और छि िा ऽलखन स मन कर ऽदय डॉzwjटर बोलndash आप

ऽबलकि ल ठाक ह zwjयो आप मऽडकल छि िा माग रह ह आप डयीटा कर सकत ह हम डॉzwjटर की बत बड़ा

आश चयथ जनक लगा हमर दोसत नत टइप व परभवशला वयऽकततव वल थ उसक कहन पर डॉzwjटर

न ऽझझकत हए एक सपतह की छि िा ऽलख दा बद म हम परइवट इलज करन पड़ ऽफर मन शरा मत

जा को पतर ऽलखndash उसम हमन बामरा क सर ऽववरण ऽलख थ शरा मत जा क पतर हम डढ़ मह

बद परप त हआ शरा मत जा सवय बामर थी इसऽलए हम पतर ऽलख नही पई था जब शरा मत जा क

पतर हम परप त हआ तक म उस समय बामरा स ठाक हो चिक थ बामरा क समय म सोच करत थndash

अगर म मर जऊा तो अचछ ह zwjयोऽक सथील शरार म बहत जयद कष ट हो रह थ तथ मनऽसक रप स

कि छ परशऽनय ा भा भोग कर रह थ

शरा मत जा न पतर म ऽलखndash sbquoमनिषय क जनम ऽमलन क बद शरार तयगन क बिर ऽवचर को

तयगकर शरार क दरर जयद-स-जयद फयद उठन चऽहए दिऽनय क सथ सधक क मनमिटव

रहत हा ह समज की यहा धरण समझकर सधक को दिःखा नही होन चऽहए बऽलक दय करन

चऽहए zwjयोऽक वह अजञना ह आपकी सधन जब अचछा हो जयगा तब आप अपन को सवय सिरऽकषत

महसीस करग और दिऽनय क सथ तताय पिरष की भाऽत वयवहर करग सधन म अधारत स कम नही

चलत ह यह सफर बहत लमब ह तथ जऽटल भा ह थोड़ धारज रखो सथील शरार जाऽवत zwjयो रखीा

ऐस ऽवचर न कीऽजए यह शरार तो गिर क हrdquo शरा मत जा क पतर पढ़कर हम परसननत हई हमर

अनदर सहस और बढ़ गय धार-धार सवसथ होन क करण थोड़ा-थोड़ा सधन करन शिर कर दा था

शरी माता जी का दशशन

हमरा सधन एक बर ऽफर तावर गऽत स होन शिर हो गया था मिझ एक ऽदन धयनवसथ म शरा

मत जा क दशथन हो गय मन दखndash हमर समन एक बहत बड़ परकश वलय परकट हो गय ह यह

परकश वलय बहत तज थ आाख चकचौध हो रहा थी कि छ कषणो बद दखndash उस परकश वलय म शरा

योग कस कर 57

मत जा धयन मिदर म बठा हई ह उनक चहर सीयथ क समन चमक रह ह तथ उनक शरार स परकश

ऽनकल रह ह म बोलndash अर यह तो शरा मत जा ह मगर शरा मत जा कि छ नही बोली कि छ कषणो बद

शरा मत जा अदशय हो गयी हमर अनिभव समपत हो गय

साधना करन की तीवर आचछा

अब म सधन करन म रऽच अऽधक लन लग थ सधन करन की इचछ हमर अनदर इतना

जयद परबल हो गया ऽक मर मन अब नौकरा म नही लगत थ म सोचत रहत थndash नौकरा करन स

हमरा भौऽतक आवशयकतऐ पीरा होगा और सधन करन स हम आधयऽतमक लभ ऽमलग भौऽतक

लभ स अचछ ह ऽक आधयऽतमक लभ कमय जय वह हम मरणोपरत कम आयग भौऽतक

उपलऽबधया ऽसफथ सथील जगत तक हा साऽमत ह अब हमर मन म इसा परकर क ऽवचर आन लग हम

मलीम ह सधन करन क ऽलए सथील वसतिओ की भा आवशयकत पड़ता ह जब तक सथील शरार ह तब

तक भोजन कपड़ आऽद की आवशयकत पड़ता रहगा इसक ऽलए मन सोचndash ऐसा कई जगह ह जहा पर

भोजन कपड़ आऽद मिफत ऽमलत ह ह ा ऐसा जगहो पर कि छ-न-कि छ कम करन पड़त ह बहत स

सनयसा य योगा ऐस भा ह वह ऽसफथ ईश वर ऽचतन म लग रहत ह और अपना आवशयकतऐ माग कर पीरा

कर लत ह मन सोचndash ऐसा जगह ऋऽषकश व हररदरर म जयद ह वह ा सधन करन क अऽधक समय

ऽमलग अब नौकरा करन की हमरा इचछ नही रह गया था

इस समय मरा उमर 26 वषथ क लगभग ह अब मर धयन पतना की ओर गय तो सोचndash मा और

पतना म zwjय फकथ ह पतना जब हमर बचच की मा बन गया तब यह बचच हमर हा अश ह पतना जब

हमर अश की म ा ह तो zwjय हम उस मा क भव स नही दख सकत ह जब मर धयन पतना की ओर

जत थ तब वह हम हमरा मा जसा ऽदखई पड़ता था ऽफर मन शरा मत जा को पतर ऽलख उसम मन

अपन मन की सरा बत ऽलख दा कि छ समय बद हम शरा मत जा क पतर ऽमल उसम ऽलख थndash

sbquoआननद कि मर तिमहरा इचछ नौकरा छोड़कर सधन करन क ऽलए हररदरर-ऋऽषकश जन की ह वहा

खन मिफत ऽमलत ह इस बत की पहल जनकरा कर लाऽजए ऐस आशरमो म कम बहत करन पड़त

ह सधन करन क ऽलए समय नही ऽमलग आपन शदा करक पहल गलता की ह ऽफर एक बचच क

ऽपत भा बन गय हो अब आप हमस पीछ रह होndash zwjय म पतना को मा क रप म दख सकत ह ा अब ऐस

योग कस कर 58

करन एक तरह क पप हा ह अगर तिलसादस की तरह आपकी पतना खिशा स तयर हो जता ह तब वह

बत अलग ह आपकी पतना तड़पता रह और आप घर स ऽनकल पड़ो यह बत ठाक नही ह पहल आप

उसक ऽलए रोटा-पना क इतजम कर दाऽजए एक लड़क हो जन क करण शसतर क अनिसर आप मिकत

हो सकत ह ऐसा छोटा उमर म सधन की तावर ललस व लगन आपक मन म ह ऐसा जवना म तिम

पतना को मा क रप म दखन चहत हो इस ऽवशष गिण तयग और वरनय क ऽलए तिमहरा सरहन करता

ह ा ऐस लड़क योगा म ा को ऽमल तो उसको खिशा ह ऐस बचच को म ा बहत चहता ह लऽकन आननद

कि मर गात क उपदश दखो- तो कतथवय हा शरषठ मन गय ह जो गलता आपस पहल हई ह उसक ऽलय

अब पछतन zwjय ऽफर भा आपको पीणथ वरनय हो गय ह तो आप ऽकसकी मनोग ऽजसको वसतऽवक

वरनय परप त हआ हो उसको कौन रोक सकत ह वह अपन क ऽलए नही सोचत ह वह परभि क पयस

दर-दर भटकर अपन धयय को परप त कर लत ह लऽकन ऐस लोग लखो म एक हा ऽमलत ह आप शत

रऽहय अपना सधन बढ़इए आपकी जो भा इचछ होगा परभि पीरा कर दगrdquo

lsquoआपकी शरा मत जाrsquo

सधको हमरा शदा व लड़क सधन करन स पीवथ हए थ उस समय म एक सधरण मनिषय थ

मिझ सवय मलीम नही थ ऽक म भऽवषय म सधन करा ग वरन म शदा हा नही करत

भगवान शकर क दो रपो म दशशन

आज सयकल 8 बज धयन पर बठ मन धयनवसथ म दखndash चरो ओर परकश फल हआ

ह वही पर भगवन शकर खड़ हए ह वह हमरा ओर दखकर मिसकर रह ह भगवन शकर को दखकर

मिझ बड़ा परसननत हई म भगवन शकर को टकटकी लगए हए दख रह थ कि छ कषणो म भगवन शकर

क शरार स दीसर शरार परकट हो गय दीसर शरार भा पहल वल शरार क सवरप क समन थ भगवन

शकर क दीसर सवरप पहल वल सवरप क बगल म खड़ हो गय वह भा मिसकर रह थ हमन जब

भगवन शकर कदोनो सवरपो की ओर दखndash तब हमरा हासा छी ट गया हमर मिाह स ऽनकलndash sbquoवाह

भगवान आप दो-दो रपो मrdquo उन दोनो क सवरपो म कोई अनतर नही थ दोनो एक हा समन थ कि छ

योग कस कर 59

कषणो तक म दोनो सवरपो को दखत रह ऽफर दीसर वल भगवन क शरार पहल वल शरार म सम

गय कि छ कषणो बद वह भा अतधय थन हो गय अनिभव समपत हो गय

ऄथश- जब इस परकर कोई दवत दो सवरपो म परकट होकर दशथन द तब अभयसा को समझ

लन चऽहय उसक सीकषम शरार भा धयनवसथ म बहर ऽनकलन वल ह अथव ऽनकलत ह मगर यह

अभयसा समझ नही पत ह ऽक उसक आनतररक ऽवकस हो रह ह

भगवान बजरगबली क दशशन

यह अनिभव हम सवपनवसथ म आयndash हमन दख हमर समन अनतररकष स एक परकश पिज

हमरा ओर चल आ रह ह म उस परकश पिज को गौर पीवथक दखन लग वह हमर समन हमस थोड़ा

दीरा पर आकर ऽसथर हो गय म टकटकी लगए हए उतसिकत वश उस परकश पिज को दख रह थ तभा

उस परकश म भगवन बजरगबला ऽदखई ऽदय उनकी मिदर बड़ा ऽवऽचतर था उनहोन पलथा लगई हई

था तथ अपन दोनो हथ जोड़ रख थ आाख बनद थी जस धयन कर रह हो म उनह कि छ कषणो तक दखत

रह उसा समय हमर अनदर ऽवचर आयndash इनहोन अपन हथ zwjयो जोड़ रख ह कि छ कषणो तक भगवन

बजरगबला हम दशथन दत रह ऽफर अदशय हो गय हमर अनिभव समपत हो गय मरा आाख खिल गया म

हड़बड़ कर उठकर बठ गय घड़ा की ओर दखndash उसम पौन चर बज रह थ हमर धयन क समय हो

गय थ म सोचन लगndash आज भगवन बजरगबला क दशथन कस हो गय इनहोन हम पर कस कप कर

दा म तो इनक समरण नही ऽकय करत ह ा म तो ऽसफथ भगवन शकर क समरण ऽकय करत ह ा वस

भगवन बजरगबला जा नयरहव रदरवतर ह कि छ सलो बद मलीम हआ भगवन बजरगबला जा स

हमर गहर नत ह ऽजस हम यह ा पर सपषट नही ऽलख सकत ह भऽवषय म इनहोन कई बर मिझ दशथन

ऽदय तथ हमर मगथदशथन भा ऽकय ह हम इनक बहत सममन करत ह

योग कस कर 60

वासना क दशशन

म सिबह 330 बज धयन करन क ऽलए बठ गय धयनवसथ म अनिभव आयndash म अधकर म

आग की ओर चल ज रह ह ा अधकर इतन अऽधक ह उसम कि छ भा नही ऽदखई द रह ह हम अपन

हथ भा नजर नही आ रह ह अधकर म समन की ओर हमस दीर तज परकश ऽदखई द रह थ ऽफर वह

परकश अदशय हो जत थ यह परकश ऽकसा वहन क हड लइट क समन थ ऐस लगत थndash ऽजस

जगह स यह परकश आ रह ह उसक क दर हमस बहत दीर ह परकश बहत हा तज थ यह परकश जब

हमर मिाह पर पड़त थ तब हमरा आाख बनद हो जता थी हमर मिाह पर परकश पड़कर कषण भर म एक

ओर हो जत थ उस समय म ठहर जत थ ऽफर अधकर म म आग की ओर चलन लगत थ म

आग चल ज रह थ तभा हमर पर अपन आप रक गय zwjयोऽक हमर समन एक तरण लड़की खड़ा

हई था वह दखन म बहत सिनदर था तथ लल रग क कपड़ पहन हए था मन उस गौर पीवथक दख वह

यिवता 17-18 वषथ की लग रहा था वह धार-धार मिसकर रहा था उसक चहर बहत सिनदर थ सबस

बड़ आश चयथ यह थ ऽक अधकर क करण म अपन शरार नही दख सकत थ मगर हमस थोड़ा दीसरा

पर खड़ा हई यिवता ऽबलकि ल सपषट ऽदखई द रहा था उसक शरार पर अधकर क कोई परभव नही पड़

रह थ कि छ कषणो क ऽलए हम घबरहट सा महसीस हई zwjयोऽक वह हमर समन ऽबलकि ल पस खड़ा

था वह हम अशलाल अशलाल मिदर म दख रहा था इस मिदर क वणथन तो म खिलकर नही ऽलख सकत ह ा

इतन अवशय ऽलखीागndash उसक दखन व मिसकरन क तराक अचछ नही थ उसन हम अपना ओर आन

क इशर ऽकय मगर म अपना जगह पर ऽसथर खड़ रह जब म अपना जगह पर स नही हट तब वह

सवय दो तान कदम चलकर हमर पस आ गया हमर पस लड़की क आ जन पर हम शमथ क करण

घबरहट सा महसीस हो रहा था हम ऐस लग जस हमर पर भीऽम पर ऽचपक गय हो zwjयोऽक चहकर भा

म पाछ की ओर हट नही सक थ हमर पस आकर उस लड़की न अपना दऽष ट हमर चहर पर ऽसथर कर

दा उसक चहर हमर अऽत पस थ हमर अनदर ऽवचर आयndash ldquoयह लड़की ऽकतना सिनदर हrdquo दीसर

हा कषण मन अपना दऽष ट उसक चहर स शमथ क करण हट ला और नाच की ओर कर ला दऽष ट नाच

करत हा हम उसक सर शरार ऽदखई दन लग हमन दखndash उसक कपड़ परदशी ह उसक सर अग

सफ-सफ ऽदखई द रह ह ऽफर मन एक बर ऽहममत करक उसकी ओर दख वह पहल की भाऽत हम

दख रहा था ऐस लग रह थ जस हमर अनदर की कोई चाज पढ़ रहा हो घबरहट क करण हमर

हल बिर थ हम अपन होश आन लग ऽक म धयन पर बठ ह ा अनिभव समपत हो गय

योग कस कर 61

अनिभव समपत होन क बद हम बहत दिःख हआ यह सतरा हम zwjयो ऽदखई दा म ऽकसा सतरा को

यद नही करत ह ा ऽकसा भा सतरा को बिर भव स नही ऽदखत ह ा ऽसफथ अपना सधन स मतलब रखत ह ा

म तो ऽसफथ शरा मत जा को यद करत ह ा ऽफर हम ऐस अनिभव zwjयो आत ह म बड़ दिःखा हआ थकन

क करण हम सिबह 530 बज नीद आ गया ऽफर सवपनवसथ म हम अनिभव आयndash म कही चल ज

रह ह ा कि छ कषणो म समन की ओर एक बड़ स दरवज ऽदखई ऽदय उस दरवज क अनदर स हम एक

लड़की आता हई ऽदखई दा वह लड़की हमर समन आकर खड़ा हो गया जस हा वह लड़की हमर

समन आया मन उस पहचन ऽलय यह वहा लड़की था ऽजस मन थोड़ा दर पहल धयनवसथ म दख

थ उस लड़की क हव-भव अबकी बर भा अचछ नही थ ऽबलकि ल पहल जस थ म चिपचप खड़

हआ थ अब की बर पहल जस दशय नही थ चरो ओर परकश फल हआ थ लड़की न हमस कहndash

sbquoआननद कमार हमार घर क अनदर आ जाओ साथ ही दरवाज की ओर इरारा िकया िजधर स आयी

थीrdquo हमर मिाह स ऽनकलndashsbquoनहीrdquo मगर उसन बिर नही मन बऽलक मिसकर दा तभा अनिभव भा समपत

हो गय

अबकी बर लड़की पहल स जयद सिनदर ऽदखई द रहा था सिबह क छः बज रह थ अब हमर

हल बहत बिर थ zwjयोऽक वहा लड़की ऽफर दिबर ऽदखई दा था अब म zwjय करा यहा हल रह तो

हमरा सधन कस होगा ह भगवन मिझ कषम करन म इन लड़ऽकयो स दीर रहन चहत ह ा मन सथील

जावन म भा लड़ऽकयो स बोलन बनद कर ऽदय थ ऽसफथ मजबीरा म बोलत थ मन तिरनत शरा मत जा

को पतर ऽलखndash उसम अनिभव को ऽवसतर स ऽलख ऽदय अबकी बर शरा मत जा न पतर क उततर शाघर

हा भज ऽदय थ शरामत जा न पतर म ऽलख थndash आपक अनिभव सहा हअनिभव मndash sbquoअधकार व

परकार भी सही ह आपन जो लड़की दखी ह वह आपकी वासना की परकित ह इसिलए उसस डररए नही

बिकक तटसथ रहकर उसका अवलोकन कररए तथा अपनी साधना म दढ़ रहनाrdquo शरा मत जा क पतर

पढ़कर हमरा जन म जन आया

ऄथश- हम धयनवसथ म इतन अधकर इसऽलय ऽदखई द रह थ zwjयोऽक हमरा सधन

कणठचकर म चल रहा था यहा पर अजञन और अऽवदय क सथन होत ह तथ कणठचकर स आग की

अवसथ सीकषम जगत स समबऽनधत होता ह इसऽलय अभयसा को अपन ऽचतत पर ऽसथत तमोगिण की मतर

को बहत कम करन पड़त ह यह अभयस क दरर धार-धार कम होन होत ह वह लड़की हमरा हा

योग कस कर 62

वसन की परकऽत ह इस चकर पर वसन क भा सथन होत ह इसाऽलय हमरा वसन लड़की क रप म

ऽदखई दा था

सकलप नही करना

आजकल ऽदलला ऽवऽवध-भरता रऽडयो पर 7 बजकर 45 ऽमनट पर सयकल क समय परयोऽजत

परोगरम सपतह म एक बर आय करत थ यह बत सन 1985 की अऽतम समय की ह शयद ऽदसमबर

महान रह होग यह परोगरम धऽमथक आय करत थ ऽशवपिरण दवापिरण तथ अनय पिरणो की

कथओ पर आधररत झलऽकय ा परसररत ऽकय करत थ एक बर की झलकी म बतय गय भगवन

शकर न अपन भकत को सपपन म बतयndash sbquoम अपन भकतो की सदव रकष ऽकय करत ह ा‛ यह शबद हमर

रदय क अनदर परवश कर गय हल ाऽक यह शबद ऽकसा पिरण स ऽलए गय थ वसतऽवक सतयत zwjय था

म नही जनत ह ा उस समय म बहत भविक हो गय और सोचndash म भा तो भगवन शकर क भकत ह ा

zwjय भगवन शकर मरा भा रकष ऽकय करत ह यऽद यह सहा ह तो भगवन शकर हम अवशय दशथन द

अथव म समझीाग ऽक म उनक सचच भकत नही ह ा हमर आासी बहन लग हमन सोचndash अगर दो चर

ऽदनो म भगवन शकर क दशथन होत ह तो ठाक ह वरन हमर अनदर तरिऽटय ा ह ऽफर म धयन करन क

ऽलय बठ गय एक घणट तक धयन ऽकय मगर कोई अनिभव नही आय म थोड़ स दिःखा भव म रऽतर

क 1130 बज लट हआ आासी बह रह थ आाखो म नीद आन क नम नही थ इतन म हमरा आाख

अपन आप बनद हो गया हम अपन होश नही रह उसा समय हम अनिभव आयndash हमस दीर समन ओर

हलक नाल रग क तज परकश ऽदखई ऽदय ऽफर वह परकश धार-धार हमर पस आन लग हमस थोड़ा

दीरा पर आकर वह परकश रक गय उस परकश क अनदर स एक आकऽत सपषट रप स उभरन लगा वह

आकऽत कि छ कषणो म भगवन शकर क रप म बदल गया अब म भगवन शकर को ऽबलकि ल पस स

दख रह थ वह धयन मिदर म बठ हए थ उनक शरार स नाल परकश चरो ओर को ऽनकल रह थ

तथ भगवन शकर हलक-हलक मिसकर भा रह थ उनह दखकर म बहत परसनन हो रह थ इतन म

अनतररकष स आवज आया sbquoआननद कमार तमह इस परकार का सककप नही करना चािहए थाrdquo यह

शबद सिनकर हमरा दऽष ट ऊपर की ओर हो गया हमर अनदर ऽकसा परकर क ऽवचर नही परकट हो रह

थ ऽफर भगवन शकर धार-धार हमस दीर जकर अदशय हो गय हमर अनिभव समपत हो गय और

योग कस कर 63

आाख भा खिल गया मन सो नही रह थ बऽलक ऽसफथ आाख हा बनद की थी मन ऽनऽिय ऽकय अब म इस

परकर क सकलप कभा नही करा ग

एक बर म ऽदलला म एक सतसगा क यहा स एक पिसतक लय थ उस पिसतक क नम थndash

lsquoिचदरिि िवलासrsquo इस सवमा मिकतननद जा न ऽलख थ इस पिसतक म सवमा मिकतननद जा क अनिभव

ऽलख हए ह मन इस पिसतक क कई पज पढ़ ऽलय थ उसा समय शरा मत जा क पतर आय उसम ऽलख

थndash आप एक पथ पर चिलए परभ आपको पररणा दगा हमन उस पिसतक को पढ़ना बनद कर दा सवमा

मिकतननद जा की पिसतक ldquoऽचदशऽकत ऽवलसrdquo बहत अचछा ह उस पिसतक को पढ़न स ऽकसा भा नए

सधक को लभ ऽमलग इस पिसतक म ऽलख हndash अगर ऽकसा सधक को धयनवसथ म नग कट ल

तो उस सधक को अवशय हा मोकष ऽमलग यहा पिसतक ऽफर हमन सन 1992 म ऽमरज आशरम म मन

पढ़ा था तथ हम मगथ दशथन भा ऽमल थ हमर कि छ अनिभव इस पिसतक स ऽमलत जिलत ह यह पिसतक

हम अऽत ऽपरय ह सवमा मिकतननद जा सवय एक महन सत हो चिक ह इस पिसतक म कि णडऽलना क ऽवषय

म बहत अचछ ऽलख ह मन इस पिसतक क वणथन इसऽलए ऽकय सन 1992 म हम इस पिसतक स बहत

मगथ दशथन ऽमल थ

कणडवलनी शवzwj त क दशशन

आजकल हमर धयन ऽफर अऽधक होन लग थ zwjयोऽक हमर पस कफी समय रहत थ एक

ऽदन धयनवसथ म हम अनिभव आयndash एक ऽशवऽलग ह उस ऽशवऽलग म नग ऽलपट हआ ह म उस

ऽलपट नग को दख रह ह ा इतन म वह नग ऽशवऽलग स अपन चzwjकर खोलकर हमर समन आकर

खड़ हो गय हम उस कल नग स डर नही लग रह थ नग हमर समन ऽबलकि ल पस आकर

कि णडला मरकर फन उठकर खड़ हो गय और हम दखन लग वह नग हम दख रह थ म उस दख

रह थ उसकी आाख हम सपषट ऽदखई द रहा थी तथ उसक मिाह भा म गौरवपीवथक दख रह थ कि छ

कषणो बद उस नग न अपन फन ऽसकोड़कर थोड़ मिाह नाच की ओर कर ऽलय और कि णडला खोलकर

ऽजधर स आय थ उधर को वपस चल गय हमस थोड़ा दीरा पर उसा ऽशवऽलग पर पहल की भाऽत

घिमवदर ऽलपटकर अपन मिाह क अनदर पीाछ ऽनगल करअपना आाख बनद कर ला और शत हो गय

कि छ कषणो बद ऽशवऽलग भा अदशय हो गय हमर अनिभव समपत हो गय धयनवसथ क समय हम

योग कस कर 64

नग क ऽबलकि ल डर नही लग थ मगर धयन स उठन क बद हम डर लगन लग थ zwjयोऽक अनिभव

म मन उसक मिाह अऽत पस स सपषट दख थवहा उसक सवरप यद आ रह थ

इस अनिभव म ऽदखई दन वल नग कि णडऽलना क सवरप ह zwjयोऽक वह नग ऽशवऽलग पर सढ़

तान चzwjकर लगय हए ऽलपट थ वस भा यह कि णडऽलना मीलधर चकर पर ऽशवऽलग क सढ़ तान

चzwjकर लगए हए ऽलपटा रहता ह यह कि णडऽलना अपना पीाछ अपन मिाह क अनदर दबय रहता ह जब

सधक की कि णडऽलना जगरत होता ह तब यह नऽगन क रप म सबस पहल अपना आाख खोलता ह ऽफर

सधन क जयद अभयस होन पर वयि क धzwjक उस सथन पर लगन क करण मिाह स अपना पीाछ

उगलना शिर कर दता ह जब सरा पीाछ अपन मिाह स उगल दता ह ऽफर सधक क अभयस अऽधक होन

पर वह कि णडऽलना अपन मिाह ऊपर की ओर उठकर ऊधवथ होन लगता ह सधक क अभयस क अनिसर

हा उसकी ऊधवथगऽत होता ह ऊपर ऽलख अनिभव की तरह हम कि छ अनिभव और आय थ मगर उनक

वणथन म यहा नही कर रह ह ा

नाग न काटा

एक ऽदन धयनवसथ म अनिभव आय पहल की भाऽत ऽशवऽलग पर एक नग ऽलपट हआ

ऽदखई ऽदय कि छ कषणो बद उस नग न ऽशवऽलग स अपन चzwjकर खोलकर हमर पस आ गय ऽफर

हमर समन पहल की भाऽत फन उठकर कि णडला मरकर बठ गय मगर अबकी बर वह जोर-जोर स

शवस ल रह थ और छोड़ रह थ उसक शवस स ऽनकला हई वयि हमर मिाह को सपशथ कर रहा था कि छ

कषणो बद हम लग नग करोध म फि फकर रह ह मिझ उठकर भग जन चऽहए यह ऽवचर हमर अनदर

आय हा थ तभा उसन बड़ा शाघरत स हमर दऽहन पर क अागीठ पर कट ऽलय उसक कटन स अागीठ

म पाड़ होन लगा मन पर क अागीठ को अपन हथ स पकड़ ऽलय और उठकर खड़ हो गय तभा

अनिभव समपत हआ

इस अनिभव म एक ऽवशषत था ऽजस तरह अनिभव म म अपन दऽहन पर क अागीठ को पकड़कर

खड़ हो गय ठाक इसा परकर म सथील रप स भा अपन दऽहन पर क अागीठ को पकड़कर खड़ हो गय

थ ऽफर चरपई पर लट गय चरपई पर लट हए भा महसीस हो रह थ हमर अागीठ क इस सथन पर

योग कस कर 65

नग न कट हआ ह यह बत शयद आपको अचऽमभत भा कर रहा होगा ऽक धयनवसथ म नग न

कट और सथील अवसथ म उसकी अनिभीऽत हो रहा ह कभा-कभा ऐस भा होत ह यऽद सीकषम शरार पर

कोई परहर ऽकय गय हो तो सथील शरार भा कष ट की अनिभीऽत करत ह zwjयोऽक सथील शरार को चलन

वल तो सीकषम शरार हा ह

ऄथश- यऽद कि णडऽलना सधक को धयनवसथ म कट ल तब अभयसा को समझ लन चऽहय

उस इसा जनम म तततवजञन की परऽपत अवशय होगा तततवजञन परप त होन क करण मोकष की परऽपत होगा

अगर अहकर धयनवसथ म कट ल तब उस अभयसा को सथील जगत म सिख यश कीऽतथ गिरपद

आऽद अवशय ऽमलग इस अनिभव म हम कि णडऽलना न कट ह

योग कस कर 66

सन 1986

अवदशवzwj त दवारा जञानामत पान

मिझ यद आ रह ह यह अनिभव 26 जनवरा 1986 क ह मन दखndash म एक अबोध बलक ह ा म

एक सल स भा छोट उमर वल ह ा अथव एक सल क बचच क समककष ह ा मिझ ऽकसा सतरा न अपन गोद

म ल रख हम उसकी गोद म लट हआ ह ा ऽफर उसन कपड़ो क अनदर स अपन दऽहन सतन खोल

ऽदय अपन सतन क पस मर मिाह म ल गया उस सतरा न अपन सतन मर मिाह म लगन चह मगर मन

अपन मिाह एक ओर को कर ऽलय ऽफर उस सतरा न अपन हथ स हमर ऽसर पर अपना ओर को दबव

ऽदय मर मिाह उसक सतन स सपशथ हो गय सपशथ होत हा म सतन पन करन लग उस सतन स ऽनकलन

वल दीध क सवद बहत अचछ लग रह थ कि छ समय तक म सतन पन करत रहऽफर सतनपन करन

बनद कर ऽदय उस समय वह पयर स मर ऽसर पर हथ ऽफर रहा था मिझ उस सतरा क मिाह सपषट नही

ऽदखई द रह थ zwjयोऽक मर मिाह उसक सतन क नाच थ कि छ कषणो म मिझ उस सतरा न अपन दोनो हथो

पर उठ ऽलय उस समय मर मिाह क समन उसक मिाह थ उसन पयर स मिझ चीम ऽफर मिसकरन लगा

उसक दात मोऽतयो क समन चमकदर थ उसकी आाख बहत हा सिनदर व बड़ा-बड़ा थी कि ल ऽमलकर

उसक चहर बहत हा सिनदर थ ऽसर पर सोन क बन हआ ऊा च स मिकि ट भा थ उस मिकि ट म ढरो

मऽणया लगा हई थी इन मऽणयो स परकश ऽनकल रह थ वह मिझ दोनो हथो पर उठए हए था मिझ पयर

स दख रहा था तभा अनिभव समपत हो गय

अनिभव समपत होन क बद पहल मिझ थोड़ा सा हासा आयाndash म अनिभव म एक इतन स छोट

बचच ह ा एक सतरा मिझ दीध ऽपल रहा ह इस दीध ऽपलन क zwjय अथथ होत ह शरा मत जा हा बत

सकता हमन सोचndash शरा मत जा को पतर कस ऽलखीाग ऽफर मन ऽनणथय ऽलय वह हमरा गिर मत ह

हम शमथ नही आना चऽहए मन थोड़ शरमत हए शरा मत जा को पतर ऽलख पतर क उततर एक डढ़ मह

बद आय शरा मत जा क पतर म ऽलख थndash ldquoऐस अनिभव बहत हा कम सधको को आत ह य

कहन चऽहए सकड़ो सधको म स एक को आत ह दीध पान क मतलब होत ह मा दिग थ शऽzwj त स

जञनमत परप त करन उस समय सधक को ऽबलकि ल दीध पात बचच बनन चऽहए ऽवकर रऽहत

अहकर रऽहत ऽबलकि ल शिि होन चऽहए सधन म आपकी कफी परगऽत ह मगर सधन म वसतऽवक

योग कस कर 67

लकषय एक दो सल म परप त होन वला चाज नही ह और नही ऽकसा को परप त हई हrdquo मत जा क पतर

पढ़कर हम बहत खिशा हई zwjयोऽक हमरा सधन की तराफ की गया था जब आऽदशऽzwj त ऽकसा सधक

को इस परकर अपन सतन पन करय तब उस समझ लन चऽहय सधक को इसा जनम म तततवजञन

परप त होन वल ह

एक ऽदन धयन म मिझ अनिभव आयndash म चनदरम को दख रह ह ा चनदरम ऽबलकि ल सवचछ

आकश म चमक रह ह चनदरम की चादना चरो ओर फला हई ह ऽबलकि ल शत वतवरण ह म

चनदरम की ओर दख रह ह ा इतन म मर धयन टीट गय मझ यद आ रह ह मन धयनवसथ म कई बर

चनदरम दख ह

ऄथश- सवचछ आकश म जब चनदरम इस परकर चमकत हआ ऽदखई द तब उसक अथथ होत

हndash यह ऽचतत की एक अवसथ ह सधक शाघर हा आधयतम म उननऽत परप त करग तथ उसकी सधन

तावर गऽत स आग की बढ़ रहा ह

मलाधार म वखचाव व महायोग मदरा का लगना

आजकल मरा सधन बहत अचछा हो रहा ह मरा सधन तो अचछा हो गया ह मगर अब

धयनवसथ म थोड़ा तकलाफ होन लगा ह धयनवसथ म मरा गदथन पाछ की ओर जकर पाठ स ऽचपक

जता ह तथ मर शरार भा पाछ की ओर बहत जयद झिकत ह ऐस लगत ह ऽक म पाछ की ओर ऽगर

आऊा ग मगर ऽगरत नही ह ा ह कभा-कभा मर शरार झील की तरह झीलत रहत ह इस ऽकरय म मर

शरार बहत कष ट भोगत ह zwjयोऽक गल म परण ऊपर की ओर जन क परयस करत ह तब हमरा गदथन

दिखन लगता ह शरार जलदा स थक जत ह सर शरार पसान स तर हो जत ह अब कि छ ऽदनो स मर

मीलधर चकर म अजाब स ददथ होत रहत ह कभा-कभा हलकी सा गिदगिदा भा होता ह कभा यहा

गिदगिदा हलक स ददथ क सवरप धरण कर लता ह उस समय लगत ह मीलधर चकर म ऽखचव स हो

रह ह ऽखचव क समय वदन सा महसीस होता ह उस समय लगत हndash म धयन करन क ऽलए बठ ह ा

अथव मर कषटो क ऽपटर खोल ऽदय गय ह ढरो तरह क कषटो की अनिभीऽत होता ह मगर मज की यह

बत ह कषटो क बवजीद भा धयन खिलन क नम नही लत ह धयन उस समय कम-स-कम एक घणट क

योग कस कर 68

अवशय होत ह इस मीलधर चकर म ददथ ऽसफथ धयनवसथ क समय हा नही होत ह बऽलक जगरत

अवसथ म भा होत ह कभा-कभा मर शरार धयनवसथ म पाछ जन क बद साध हो जत ह ऽफर

आग की ओर झिकन शिर हो जत ह तब तक आग झिकत रहत ह जब तक ऽक ऽसर भीऽम पर सपशथ न

हो जय थोड़ा दर तक मर ऽसर भीऽम पर सपशथ रहत ह ऽफर ऽसर दऽहन पर क घिटन की ओर जत ह

दऽहन घिटन को सपशथ करन क बद ऽसर बएा पर क घिटन की ओर जत ह बएा घिटन को सपशथ करन क

बद ऽसर वपस आकर समन की ओर फशथ स सपशथ करत रहत ह कि छ कषणो म शवस तज चलन लगता

ह और य शवस साध मीलधर चकर म साधा ठोकर मरता ह ऽजसस मीलधर चकर म ददथ पद होत ह

शवस ऽजतना तज चलता हमीलधर चकर उतन हा जयद तज दिखत ह उस समय मिझ अपन होश

रहत ह यऽद म उस समय साध होन चह ा तो साध नही हो सकत ह ा जब म बिरा तरह स थक जत ह ा

तब मर धयन टीट जत ह धयनवसथ म कभा-कभा महसीस होत ह मीलधर चकर म परणवयि दबव

मर रहा ह उसा समय लगत ह मर गल म भा ऊपर की ओर परण वयि दबव द रहा ह

तीनो बधो का लगना

कि छ ऽदनो तक ऊपर ऽलखा ऽकरयएा होता रही मगर ऽफर मर आग की ओर झिकन अथव पाछ

की ओर झिकन बनद हो गय थ अब म ऽसफथ साध बठत थ उस समय मर गिद दरर ऊपर की ओर

सकि ऽचत होत थ तथ मर पट पाछ की ओर ऽचपकत थ नऽभ पाछ पाठ की ओर दबव मरन लगता

था शिर म यह थोड़-थोड़ हलक स ऽचपकत थ मगर कि द ऽदनो पित पट पाछ की ओर जयद

ऽचपकन लग जब पट ऽचपक जत थ तब शवस बहर छोड़न म बड़ा परशना होता था अथ थत

आतररक कि मभक जोर स लगत थ तथ हमरा ठोड़ा आग की ओर झिककर गदथन क ऽनचल ऽहसस म

सपशथ करक दबव दता था इस अवसथ म यह होत थ म शवस नही ल सकत थ और न हा म शवस

छोड़ सकत थ zwjयोऽक ठोड़ा क गदथन क ऽनचल ऽहसस म दबव दन पर शवस नला अवरि हो जता

था

ऄथश- गिद दरर क ऊपर की ओर सकि ऽचत होन को मीलबनध कहत ह पट क पाछ की ओर

ऽचपकन को उडऽडयन बनध कहत ह ठोड़ा क गदथन क ऽनचल ऽहसस म ऽचपकन को जलधर बनध कहत

ह इस परकर तानो बनध एक सथ लगत थ इन तानो बधो क लगन स मीलधर व पट क भग बहत गमथ

योग कस कर 69

होत थ कभा-कभा यह गमी बचना बढ़ दता था ऽपरय सधको ऊपर ऽलख दोनो अनिभवो क अथथ हndash

मीलधर चकर म ऽखचव होत ह और महयोग मिदर होन लगता ह तथ उसा समय भऽसतरक भा चलन

लगता ह इन दोनो परकर की ऽकरयओ क परभव भा मीलधर पर पड़त ह तथ परणो क दबव भा

मीलधर चकर पर पड़त ह तानो बनध लगन भा अऽत उततम ह य सभा ऽकरयएा मीलधर चकर को गमथ

करता ह तथ कि णडऽलना पर धzwjक मरता ह म पहल अनिभवो म ऽलख चिक ह ाndash जब सधक को

कि णडऽलना क दशथन होन लगत ह तब सधक की अवसथ कि णडऽलना ऊधवथ होन की होता ह यऽद इस

अवसथ म गिर य मगथदशथक उसकी कि णडऽलना जगरत करन क परयस करग तब कि णडऽलना बड़

आरम स ऊधवथ हो जयगा मिझ नही मलीम हndash इस अवसथ म मरा कि णडऽलना शरा मत जा न zwjयो नही

उठई था जबऽक मरा सधन की अवसथ कि णडऽलना उठन क ऽलए पररपzwjव था कि छ समय बद मिझ

मलीम हआ थ हमर दरर होन वला महयोग मिदर पर शरा मत जा बहत नरज हई था उनक कहन

थndash सधक को आग की ओर झिकन गलत ह पाछ की ओर झिकन चऽहए सधको अगर आपको

सवमव महयोग मिदर हो रहा ह तो बहत अचछा बत ह ऽसर क आग की ओर झिक कर भीऽम पर सपशथ

करन ऽफर ऽसर दऽहन पर क घिटन व बएा पर क घिटन को सपशथ करन तथ उसा समय सथ म भऽसतरक

क चलन मह योगमिदर कहलता ह

ऊवषकश जाना

मन पहल हा शरा मत जा स इचछ वयकत की थाndash म आशरम म रहन चहत ह ा तऽक मिझ सधन

करन क अवसर जयद स जयद ऽमल सक शरा मत जा न पतर म ऽलख थndash sbquoआप ऋऽषकश म सवमा

ऽशवननद आशरम म जइए वह ा जकर परम पीजय सवमा ऽचदननद जा स व सवमा मधवननद जा स

ऽमऽलए उनस पीऽछए zwjय व आशरम म आपको रखन चहग आप सोच लाऽजए आपको आशरम म

ऽजदगा ऽबतना पड़गा तथ हमर नम बतइए‛ शरा मत जा न सवमा मधवननद जा क ऽलय एक पतर

भा ऽलख थ वह पतर हम सवमा मधवननद जा को दन थ म मचथ 1986 क अऽतम ऽदनो म ऽशवननद

आशरम ऋऽषकश गय थ म ऽदलला स बस दरर सिबह हा ldquoऽशवननद आशरमrdquo पहाच गय थ वह ा

जकर मलीम हआ ऽक सवमा ऽचदननद जा ऽवदश गय हए ह सवमा मधवननद जा स सिबह 930 बज

ऽमल सकत ह सिबह 930 स पहल दशथऽनक सथलो पर घीमत रह ऽफर पौन दस बज म सवमा

योग कस कर 70

मधवननद जा क पस पहाच गय zwjयोऽक उनस ऽमलन क सवथजऽनक रप स यहा समय ऽनऽित थ इस

समय कोई भा वयऽकत सवमा जा स ऽमल सकत थ सवमा जा सभा स ऽमलन क ऽलए एक ऽनऽित जगह

पर आ जत थ जब म सवमा मधवननद जा क पस पहाच तब वहा पर बहत स पिरष बठ हए थ उनम

स कि छ पिरष ऽवदशा भा थ सवमा जा कि छ समय तक कि छ पिरषो स बत करत रह ऽफर वह ा उपऽसथत

सभा वयऽकतयो स पीछndash आप कहा आय ह तथ पररचय पीछत थ उस भाड़ म ऽसफथ म एक ऐस अकल

पिरष थ उनहोन मरा ओर एक बर दख मगर हमस ऽकसा परकर की बत नही की और नही कि छ पीछ

जब वह उठकर जन लग तब रसत म म सवमा जा स ऽमल मन शरा मत जा क नम बतय और

उनक ऽलख हआ पतर भा ऽदखय म उनस हथ जोड़कर बोलndash sbquoशरा मत जा न हम आपक पस भज

ह‛ सवमा जा न हम एक बर दख ऽफर ऽबन बोल हा आग की ओर चल ऽदय उनक इस वयवहर स

मिझ बहत दिःख हआ म सोचन लगndash ऽदलला स चलकर यह ा तक आय ह ा सवमा जा न हमस एक भा

शबद नही बोल म उसा समय दिखा भव स आशरम स बहर की ओर चल ऽदय और सोचन लगndash zwjय

जब पिरष महन हो जत ह तब छोट पिरषो स बत नही करत ह ऽफर मन सोचndash इनकी सधन और

इनकी तपसय हा महनत क करण ह इसाऽलए सभा लोग इनह पीजत ह उसा समय मन ऽनिय ऽकयndash

sbquoम अब ऽनऽित रप स अतयनत कठोर सधन करा ग मिझ ऽजदगा म चह ऽजतना बड़ा कीमत अद करना

पड़ म इतन बड़ योगा बनीाग मिझ योग क ऽवषय म ऽकसा योगा क समन ऽगड़ऽगड़न न पड़ मिझ

ऽकसा स आधयतम क ऽवषय म यचन न करना पड़‛ यहा सोचकर म ऽदलला क ऽलए वपस चल ऽदय

ऽफर ऽदलला स अपन घर कनपिर (उ पर) आ गय मगर हमर घर म ऽकसा की इचछ नही था ऽक म

नौकरा छोड़ दीा ऽफर कि छ ऽदनो म म दिःखा भव स ऽदलला वपस आ गय और सोचन लगndash हम अब

zwjय करन चऽहए मन यह भा ऽनिय ऽकय अब म ऽकसा आशरम म नही रह ाग अपन घर म रह ाग वही

पर कष ट भोगीाग इसक बद म शरा मत जा क सथ ऽसतमबर सन 1990 म ऽशवननद आशरम गय थ

ऽफर अपरल सन 1994 म ऽशवननद आशरम मत जा क सथ गय थ मगर जब अपरल 1994 म

ऽशवननद आशरम गय थ उस समय योग म मिझ बहत कि छ परप त हो चिक थ मिझ ऽकसा योगा क

समन ऽगड़ऽगड़न की आवशयकत नही था और ऽकसा योगा स ऽमलन की इचछ नही हई था मिझ सवय

अपन आप स सब कि छ परप त हो जत ह तब मिझ ऽकसा दीसर वयऽकत की zwjय जररत ह

योग कस कर 71

म सतरी क रप म

मिझ धयनवसथ म अनिभव आयndash म ऽकसा जगह पर घीम रह ह ा चरो ओर हलक परकश फल

हआ ह कि छ कषणो बद मिझ अपना यद आया zwjयोऽक मिझ अपन आप म कि छ ऽवऽचतरत सा अनिभीऽत

हई हमरा दऽष ट अपन शरार की ओर गया तब म चौक पड़ चौकन क करण यह थndash ldquoमर शरार सतरा

जस शरार वल बन गय थrdquo ऽफर मन अपन शरार को गौर पीवथक दखतो पयndash sbquoम पीणथ रप स सतरा

जस हा बन गय ह ाrdquo अब मिझ यद आय ऽक म तो पिरष थ ऽफर सतरा कस बन गय म यहा सोच रह

थndash तभा मर शरार क सर वसतर अपन आप गयब हो गय हमर शरार पर एक भा वसतर नही थ म

एकदम ऽनवथसतर थ मन चरो ओर दख कोई पिरष तो नही ह अथव हमर शरार को कोई दख तो नही

रह ह मगर आसपस कोई नही थ यह जनकर मिझ थोड़ सतोष स हआ म अपन शरार क अवयवो

को गौर पीवथक दख रह थ सोचन लग यह सब कस हो गय मर शरार अतयनत सिनदर थ रग एकदम

गोर थ शरार सवसथ व मसल थ ऽसर क बल कफी लमब-लमब सिनदर थ चहर की तवच ऽचकना व

आकषथक था सर शरार सिडौल थ म बर-बर अपन सिनदर शरार को दख रह थ और सोच रह थ

ऽक म ऽकतन सिनदर बन गय ह ा परनति सतरा बन जन क करण मिझ अपन म शमथ महसीस हो रहा था मगर

म कि छ नही कर सकत थ उस सिनसन जगह म म एक जगह बठ गय इतन म मर अनिभव समपत हो

गय

मिझ इस परकर क कई अनिभव आय ऽजसम म अपन आपको सतरा क रप म पत थ एक बर

क अनिभव ऽलख रह ह ाndash म ऽकसा सथन पर खड़ हआ ह ा इतन म हम अपना यद आया उतसिकत बस

मन अपन शरार दखndash मर शरार क कमर स ऊपरा भग सतरा क ह कमर स ऽनचल भग पिरष क ह

इस परकर क शरार दख कर मिझ बड़ आश चयथ हआ zwjयोऽक इस परकर क सतरा व पिरष कही भा नही पए

जत ह ऽक सतरा व पिरष एक हा शरार म ऽसथत हो मर शरार पर एक भा वसतर नही थ ऽफर भा म बहत

परसनन होकर इधर-उधर घीम रह थ कि छ कषणो बद मर अनिभव समपत हो गय इस तरह क हम ऽजतन

भा अनिभव धयनवसथ म आत थ उसम मर शरार पर वसतर नही होत थ एक बर मन सोचndash मिझ

अनिभव आत ह ऽक म सतरा जस शरार वल बन गय ह ा zwjय म वसतव म सतरा जस शरार वल बन

जत ह ा अथव बहरा शरार सतरा जस हो जत ह zwjय अनदर क अग भा सतरा जस हो जत ह अबकी बर

यह अवशय दखीाग कि छ ऽदनो बद ऽफर इसा परकर क अनिभव आयndash म ऽकसा सथन पर खड़ ह ा मर

शरार पीणथ रप स सतरा क बन गय ह पहल मन अपन शरार को ऽफर शरार क अगो क उतर चढ़व दख

योग कस कर 72

तब ऽनिय ऽकयndash म ऽकसा सिनदर सतरा स कम नही ह ा उसा समय मिझ यद आय मर शरार अनदर स भा

ऽसतरयो की तरह ह अथव नही ह यह सोचत हा मन अपन शरार क अनदर क अवयवो की जाच करन

शिर कर ऽदय कि छ कषणो बद मन ऽनणथय ऽकयndash हमर शरार ऽनऽिय हा अनदर और बहर स सतरा सवरप

वल ह

सधको मिझ अनिभव क दरर सतरा क ऽवषय म पीरा तरह स अनिभीऽत हो गया था इसस मिझ सबस

बड़ फयद यह हआ ऽक मर ऽखचव कभा भा सतरा की ओर नही हआ ऽजतन एक लड़की सवय अपन

ऽवषय म जनता ह उतन म भा सतरा क ऽवषय म जनत ह ा सच बोलीा तो मिझ आग चलकर ऽसतरयो क इतन

अनिभव आय ऽक सवय ऽकसा सतरा य लड़की न अपन जावन म इतन अनिभव नही ऽलए होग ऽजतन मन

ऽलए ह मिझ अपन शरार म व लड़की क शरार म कोई अनतर नही महसीस होत ह मर अनदर ऽवकर

आन ऽबलकि ल बनद हो गय अब मिझ लड़ऽकयो स बतचात म तथ उनक सथ रहन (डयीटा क समय)

म कोई परहज नही करत ह ा zwjयोऽक धयनवसथ की अनिभीऽतय ा सथील ससर की तरह कषऽणक मतर नही

होता ह बऽलक चतनयमय होता ह इसऽलए ऐसा अनिभीऽतय ा सदव यद रहता ह ऐस लगत ह यह

अनिभीऽत अभा-अभा हई ह चह मन वषो पहल वह अनिभीऽत की हो धयनवसथ म आय अनिभवो की

यहा खऽसयत होता ह

ऄधशनारीशवर क दशशन

जो अनिभव मन ऽसतरयो क ऽवषय म ऽलख ह इसा तरह क अनिभव कि छ महानो तक धयनवसथ म

आत रह ह मिझ एक ऽदन अनिभव आयndash म अपन समन की ओर थोड़ स ऊपर की ओर दरऽषट करक

हलक नाल रग क परकश दख रह ह ा उसा परकश क अनदर कि छ कषणो बद भगवन शकर परकट हो गय

म भगवन शकर क दशथन करन लग म उनह परसननत पीवथक दख रह थ तभा भगवन शकर क शरार

क बएा ओर क भग सतरा क शरार जस ऽदखई दन लग मिझ आश चयथ हआndash भगवन शकर क शरार

आध सतरा क थ और आध शरार पिरष क थ वह अपन दऽहन हथ म चमचमत हआ ऽतरशील ऽलय

थ और सतरा वल शरार पर लल रग की सड़ा पहन रखा था गल म चमकता हई मलए पहन हए था

तथ ऽसर पर चमकत हआ मिकि ट थ बया हथ नाच की ओर थ हथला खिला हई था उस समय ऐस

लग रह थ जस शरार क आध भग चारकर सतरा क तथ शरार क आध भग चारकर भगवन शकर

योग कस कर 73

क ऽचपक ऽदय गय हो उस समय भगवन शकर क चरो ओर अणडकर रप म तजसवा वलय

ऽवदयमन थ वलय स परकश की ऽचगररय ा बहर की ओर फी ट रहा थी यह दशय कि छ समय तक ऽदखई

दत रह ऽफर धार-धार अदशय हो गय

ऄथश- इस अनिभव म भगवन शकर क यह अधथनराशवर वल सवरप थ मिझ एक बत यद आ

गयाndash इस अनिभव क बद मिझ सतरा क अनिभव आन बनद हो गय थ धयनवसथ म मर शरार सतरा क हो

जत थ म हा पिरष ह ा म सतरा ह ा अथ थत म शऽzwj तमन ह ा और म हा शऽzwj त ह ा सतरा शऽzwj त सवरप होता ह

म अपन आप म पीणथ ह ा भगवन शकर क अधथनराशवर वल सवरप क अथथ ह वह पीणथ ह मिझ सतरा क

सवरप क अनिभव कि णडऽलना क करण आत थ आजकल मर शरार म गमी बहत बढ़ गया था ऐस

लगत थ पट म आग-हा-आग भरा ह कि मभक होन पर पट की गमी और बढ़ता था ऊपर स तानो बनध

लगत थ

वशव शवzwj त क दशशन

एक बर मन अनिभव म दखndash म बहत डर हआ दौड़त चल ज रह ह ा मर डरन व दौड़न क

करण यह ह मर पाछ एक वयऽकत चल आ रह ह वह वयऽकत दखन म बहत हा करी र लगत ह उसक

चहर और शरार दखन म बहत भयनक ह उसक हथ म धरदर एक हऽथयर ह दौड़न की गऽत मरा

बहत हा तज ह ऽजतन तज म दौड़त ह ा उतना हा तजगऽत स वह वयऽकत मर पाछ करत हआ चल आ

रह ह बहत समय तक दौड़न क बद जब म थक गय तब मिझ अपन समन बहत हा ऽवशल आकर

क एक ऽशवऽलग ऽदखई ऽदय म ऽशवऽलग को दखकर रक गय zwjयोऽक दशय बहत हा अचछ थ

ऽशवऽलग की ऊा चई लगभग 10-15 फीट रहा होगा ऽजतना ऊा चई ऽशवऽलग की था उतना हा उसकी

ऽवशल चौड़ई भा था उस ऽवशल ऽशवऽलग क मधय भग पर एक नग आध ऽलपट हआ थ तथ

नग क आध शरार ऽशवऽलग स ऊपर उठ हआ थ उस नग क अनऽगनत फन थ सभा फन उसन

ऽशवऽलग क ऊपर उठ रख थ हर फन क ऊपर एक-एक मऽण लगा हई था यह सभा मऽणय ा चकम रहा

था इस परकर ढरो मऽणयो क परकश वह ा पर फल हआ थ म उस नग क फनो को दख रह थ म

सोचन लगndash यह नग कस ह नग एक ह मगर इसक फन अनको ह इतन म मिझ यद आय ऽक एक

वयऽकत मर पाछ कर रह थ उस वयऽकत को यद करक मिझ डर लगन लग मन अपन पाछ की ओर

योग कस कर 74

दख वह वयऽकत मरा ओर अब भा चल आ रह थ मिझ लग यह वयऽकत मिझ मर डलग म तिरनत दौड़

कर ऽशवऽलग स ऽलपट गय इतन म यह वयऽकत मर पस आ गय डर क करण मर बिर हल थ उसा

समय आकशवणा हईndashsbquoयह वयिि हमारी ररण म ह तम इसका कछ नही िबगाड़ सकत हो‛ मन

आकश की ओर दखन लग आकशवणा होत हा वह वयऽकत अदशय हो गय अब मिझ अपना यद

आया म ऽशवऽलग पर ऽलपट हआ ह ा उस नग क ढरो फन मर ऊपर छतरा क कम कर रह थ मर

अनिभव समपत हो गय

ऄथश- इस अनिभव म ऽशव और शऽzwj त (कि णडऽलना) क दशथन हो गय वह वयऽकत ऽजसस डरकर म

भग रह ह ा वह परकऽतक-बनधन क सवरप ह म ऽशव और शऽzwj त क शरण म चल गय थ इसस हम

परकऽतक बनधन क डर स मिऽकत ऽमल गया इसक एक अथथ यह भा ह भऽवषय म परकऽतक बनधन स मिकत

हो जऊा ग जस इस अनिभव म ऽदखई ऽदय परकऽतक बनधन स मिकत होन क अथथ होत हndash मोकष को

परप त होन

उनही ऽदनो मिझ मलीम हआ ऽक शरा मत जा कि छ सतसऽगयो क सथ ऋऽषकश आ रहा ह शयद

अगसत य ऽसतमबर 1986 की महान रह होग शरा मत जा दरर ऽलख पतर हमर पस भा आय थ

ऽक आप ऋऽषकश चल सकत ह मगर मिझ नौकरा स छि िा नही ऽमला था इसऽलय म ऋषाकश नही ज

सक थजब शरा मत जा ऽदलला आया था तब म रलव सटशन पर उनक दशथन करन गय थ उस समय

उनक सथ बहत स सधक भा थ ऽफर शरा मत जा व उनक सथ आय सधक ऋऽषकश चल गय थ

ऋऽषकश स वपस आत समय शरा मत जा न ऽदलला म सतसग क ऽलय समय ऽदय थ मगर मिझ सीचन

न ऽमलन क करण सतसग म म नही पहाच पय थ ऽफर शरा मत जा न मिझ अपना लड़की क घर क

पत ऽदय थ और कह थndash आप कल इस पत पर दोपहर क समय आ जएा यह पत उनकी लड़की क

घर क थ दीसर ऽदन म शरा मत जा की लड़की क घर पहाच गय थोड़ा दर बद कि छ सधक और आ

गय कि छ समय तक शरा मत जा स धयन समबनधा बत होता रही ऽफर अवसर पकर शरा मत जा को

अधथनराशवर वल अनिभव सिनय और उसक अथथ पीछndash अनिभव सिनकर शरा मत जा मिसकरई मगर

कि छ नही बोली वही पर उपऽसथत एक सधक न कहndash ldquoअनिभव अचछ ह मगर इसम पीछन वला zwjय

बत हrdquo उसा समय हमर कि छ और सधको स पररचय हआ शरा मत जा न परवचन क समय हम

बतयndash ldquoतिमहर (मर) पट बहत गमथ होत ह तथ शरार भा बहत गमथ होत ह आप शाषथसन ऽकय

योग कस कर 75

कर सधक को कि छ-न-कि छ सधन म कष ट तो उठन हा पड़त ह गमी बढ़न सवभऽवक ह आपक

मसतक भा दिखत रहत ह परणयम खीब ऽकय करो शिित स रहन क परयतन करोrdquo

य शरीर गर का ह

नवमबर सन 1986 म म अपन घर कनपिर आय हआ थ अब म यह बतन चह ागndash मरा

घरवलो स ऽबलकि ल नही बनता था इसक करण मर ऽपत जा थ उनक और हमर ऽवचर आपस म

नही ऽमलत थ हम उनक सथ तलमल नही ऽबठ सकत थ और न हा व हमर सथ तलमल ऽबठ

सकत थ इसा करण हमरा ऽकसा स नही बनन सवभऽवक हा थ zwjयोऽक हमर ऽपत जा पीर घर को

गइड करत थ वह घर क मऽलक थ ऽसफथ हम उनकी बत नही मनत थ हमर और उनक अनदर स

ऽवरोधभस थ हमर और उनक कमथ भा मल नही करत थ म आधयतम स जिड़ हआ थ वह पीरा तरह

स सथील वद स जिड़ थ वह सभा क सथ हर तरह क वयवहर करन म ऽनपिण थ इसा करण हमरा और

ऽपतजा की नही बनता था इसा समय ऽकसा करण स हमर घर ररशतदर आय हए थ उनहा क समन

एक घटन घटाndash हमरा और ऽपत जा की लड़ई हो गया ऽकसा बत पर ऽपत जा न हमर झीठ नम

लग ऽदय वह झीठ तो बोल हा रह थ ऊपर स तकथ -ऽवतकथ भा कर रह थ हम ऽपत क नम पर घण हो

गया zwjयोऽक झीठ-पर-झीठ बोल ज रह थ म रऽतर क समय 1000-1030 बज घर स ऽनकल पड़ ऽपत

जा की पड़ोस म ऽकसा स नही बनता था ररशतदरो म भा ऽवरोध थ हम अपन कमो पर दिःख हो रह थ

ऽक कमो क करण हम ऐस घर म जनम ऽमल ह अगर कोई हमर ऽपत जा स ऽमल तब यह कोई नही

कह सकत ह ऽक य इस सवभव क होग कफी पढ़ ऽलख ह बिऽिमन भा ह मगर बिऽि को सदव पप

कमो म लगय करत ह म रऽतर समय घर स ऽनकल कर चल ऽदय अपन गाव स बहर म सिनसन रसत

पर चल ज रह थ मरा समझ म नही आ रह थ ऽक म अब zwjय करा लगभग एक डढ़ ऽकमा की दीरा

पर पहाच वहा पस म एक किआा ह म कि एा क पस पहाच पहल खड़ होकर सोच ऽफर यहा ऽनणथय

ऽकय- ऐस दिषट ऽपत स छि टकर पन क अचछ उपय ह ऽक म आतमहतय कर लीा अथव हमर पस

दीसर एक और रसत थ ऽक ऽपत की हतय कर दीा अगर ऽपत की हतय की तो मिझ zwjय ऽमलगम पप

क भगादर अवशय बन जऊा ग वह पप मिझ कभा-न-कभा भोगन हा पड़ग अचछ यहा ह ऽक म

आतमहतय कर लीा ऐस ऽपत स छि टकर तो ऽमल जयग मन पीर ऽनणथय कर ऽलयndash इस कि एा म की द

योग कस कर 76

जओ यहा दखन वल कोई नही ह म कि एा म छलग लगन को हआ उसा समय मर पर ठहर गय मर

अनदर स आवज आयाndash sbquoतम आतमहतया नही करो‛ म आवज सिनकर चौक यह आवज मिझ अपन

अनदर स सिनई द रहा था कषण भर क ऽलय लग कही मिझ धोख तो नही हआ ह अथव म आतमहतय

करन स डर तो नही गय ह ा मगर मर अनदर डर क नमोऽनशन नही थ उसा समय मर अनदर स ऽफर

आवज आया sbquoतम आतमहतया नही करोग आतमहतया स कोई लाभ नही होगा तम समझत हो तमहार

िपता दोषी ह सच तो यह ह िक तमहारा कमश ही इस परकार का ह यह ररीर जो नष ट करन जा रह हो यह

ररीर भी तमहारा नही ह यह ररीर तमहार गर का ह तमह इस ररीर स इसी जनम म बहत साधना करनी

ह यह साधना अपन िलए और दसरो क िलए भी करनी ह तमहारा यह ररीर अतयनत अमकय ह इस

अमकय ररीर का भिवषय म परा-परा लाभ उठाओग तम समझ लो तमहारी मतय हो गयी ह अब तम

अपन भी िलए िजयोग तथा दसरो क िलए भी िजयोग अिववकता व करोध वर इस ररीर को नष ट करन

क िलए आ गय हो जब तमहारा यह सथल ररीर नष ट होगा उसक बाद यह समाज आदर क साथ तमह

याद करगा कछ समय तक यही बठकर इन रबदो का िचतन करो‛ य शबद मर रदय क अनदर सपषट रप

स सिनई ऽदय थ कि छ समय क ऽलए म वही पर बठ गय मिझ लग जो यह शबद सिनई ऽदय ह इन शबदो

न मिझ बिजऽदल बन ऽदय ह ऽफर ऽनणथय ऽकयndash ldquoअब म कष ट सह ाग और अतयनत कठोर सधन

करा गrdquo यहा सोचकर रत क सननट म म वपस घर लौट गय मरा इस घटन को घर म कोई नही

जनत ह zwjयोऽक मन ऽकसा को इस ऽवषय म नही बतयह ऽफर शरा मत जा को कि छ ऽदनो बद मन पतर

ऽलख उस पतर म ऽवसतर स सर हल ऽलख मर यहा अनिभव शरा मत जा न अपना मरठा पिसतक म

भा ऽलख ह

मन अपना नौकरा छोड़ दा और सोच ऽलयndash म अब ऽसफथ सधन करा ग म जनत थ ऽक मरा

घर म नही बनता ह ऽकसा की भा इचछ नही था ऽक म नौकरा छोड़ ा मगर मिझ सधन करन क रोग लग

गय थ इसऽलए मन ऽकसा की भा नही सिना और न ऽकसा की रय मना मन अपन ऽनणथय सवय

ऽकयndash ldquoअब म ऽजऊा ग ऽसफथ सधन क ऽलए और सधन क ऽलए हा मरा ग हम अपन मगथ स कोई

नही रोक सकत ह‛ हम यह ऽनिय हो गय थ ऽक मरा दिगथऽत होना ऽनऽित ह zwjयोऽक मर मगथ

अधयऽतमक ह घरवल तो ससररकत म ऽलपत थ मरा पतना भा दिःखा रहता था zwjयोऽक मन नौकरा

जनवरा सन 1987 को छोड़ दा था

योग कस कर 77

सन 1987

नाग न काटा

यह अनिभव मिझ एक ररसतदर क यह ा आय थ म वह ा पर गय हआ थ रऽतर क समय

धयनवसथ म मिझ अनिभव आयndash समन ओर स मर पस एक कल नग आय नग को दखकर मन

दीर भगन चह मगर म भगनही सक मिझ ऐस लग रह थ जस मर पर भीऽम स ऽचपक गय हो इस

करण म चल नही प रह ह ा तभा वह नग मर समन आ गय मर समन आकर पहल वह फन उठकर

बड़ा जोर स फि फकर म उसा समय समझ गय थ यह नग हम अवशय कट लग म ऐस सोच हा रह

थndash तभा नग न बड़ा फि ती स दऽहन पर क पज क ऊपरा ऽहसस म कट ऽलय और मर समन हा वही

पर अदशय हो गय म दखत हा रह गय उसा समय मन नग को जोरदर आवज म कहndash ldquoतिमहर जहर

क असर मिझ नही हो सकत ह म तिमहर जहर को अभा ऽनकलत ह ाrdquo इतन म मन अपन दऽहन हथ

की तजथना अगिला को नग दरर कट हए सथन पर सपशथ की ऽफर अपन मिाह स जोरदर उचचरण ऽकय-

ॎऻऻऻ ॎऻऻऻ ॎऻऻऻ जस हा म ओम क उचचरण करत थ उचचरण क सथ हा कट हए सथन

स जहर बीादो क रप म ऽनकलकर बहर आन लग इसा परकर मन कई बर ओम क उचचरण ऽकय

थोड़ा दर म सर जहर बहर ऽनकल ऽदय म परसनन होकर ऽफर आग की ओर बढ़ गय ऽफर अनिभव

समपत हो गय

ऄथश- म पहल ऽलख चिक ह ाndash सधक को जब धयनवसथ म कल नग कट ल तब उस यश

कीऽतथ समपननत आऽद की परऽपत होता ह तथ गिर पद की परऽपत होता ह इस अनिभव म मन ॎ क

उचचरण करक सर जहर ऽनकल ऽदय इसक अथथ यह हआndash म इन सरा शरषठतओ को सवाकर नही

करा ग और आग बढ़ जऊा ग यह तो भऽवषय बतएग ऽक म ऐस कर पऊा ग ऽक नही कर पऊा ग

योग कस कर 78

सवामी वशवाननद जी क दशशन

हमन अपन सधक बनधिओ स कई बर सिन थ ऽक उनह सवमा ऽशवननद जा क दशथन हो गय ह

अथव होत ह वस हम बहत अनिभव आत ह मगर सवमा ऽशवननद जा क दशथन कभा नही हए एक

सधक न मिझ बतयndash म बामर हो गय थ सवमा जा न हम दशथन ऽदय तथ दवई क नम बतय और

खन क ऽलय कहndash दवई खन स वह सधक ठाक हो गय मन सोचndash कि छ सधको को मगथ दशथन क

अऽतररकत इलज भा कर दत ह और मिझ दशथन तक नही होत ह मन कि छ ऽदनो तक सवमा जा की बड़ा

सतिऽत की तऽक हम भा उनक दशथन हो सक ऽफर एक ऽदन ऐस भा आय उनहोन हम धयनवसथ म

दशथन ऽदय मन दखndash म सवय अपन शरार क अनदर परवश कर गय ह ा हमर शरार क अनदर क भग

परकश स यिकत ह मगर आश चयथ यह थ ऽक म अपन हा शरार क अनदर परवश कर गय थ अनदर जकर

मन दखndash हम दीर-दीर तक भीऽम ऽदखई द रहा ह म वही पर घीमन लग तभा हम समन ओर एक ऊा च

चबीतर ऽदखई ऽदय उस चबीतर क ऊपर आसन ऽबछ हआ थ आसन क ऊपर सवमा ऽशवननद जा

ऽवरजमन थ सवमा जा हमरा ओर दखकर मिसकर रह थ उनहोन भगव रग की एक लिगा पहन रखा था

तथ भगव रग क एक वसतर ओढ़ रख थ म उनक पस गय और बोलndash sbquoसवामी जी आपrdquo सवमा

जा बोलndash sbquoहा म‛ तिम कई ऽदनो स इचछ कर रह थ ऽक सवमा जा क दशथन नही होत ह अब तिमह हमर

दशथन हो गय ह तिम खीब सधन करन कभा भा सधन को छोड़न की इचछ मत करन ह ा तिमह

परशऽनय बहत आयगा मगर जो अचछ सधक होत ह वह परशऽनयो को सहत हआ आग की ओर

बढ़त ह परशऽनय ा तो सधक को आता हा ह इसस घबरन नही चऽहए भऽवषय म तिमह कई सतो क

आशावथद परप त होग इन शबदो को कहन क बद सवमा जा हमर समन स अदशय हो गय म उस

परकशमन जगह स वपस आन लग म ऽजस मगथ स गय थ उसा मगथ स वपस आ गय म बहत

परशनन हो रह थ zwjयोऽक सवमा जा क दशथन हो गय थ इसक सथ उनहोन ढर सरा बत बतई तथ

मगथ दशथन भा ऽकय

जनवरा सन 1987 म म अपन शरार क अनदर परवश कर गय थ तब वह ा क दशय दख थ

तथ अनदर जन क ऐस तराक थ ऽजस पढ़कर सधक आश चयथ चऽकत हो जयग धयनवसथ म मन

दखndash म अपन सथील शरार स अलग हो गय ह ा ऽफर म अपन सथील शरार क मिख स अनदर की ओर

परवश कर गय उसक बद हम यह अनिभव आय थ अनिभव म ऽदखई ऽदयndash म अपन हा शरार क

अनदर परवश कर गय ह ा सच तो यह ह सधको को जो अनिभव आत ह वह उस अपन अनदर हा ऽदखई

योग कस कर 79

पड़त ह मगर उस ऐस भऽसत होत ह ऽक वह बहर क दशय दख रह ह सर दशय दखत समय सधक

अतमिथखा हा रहत ह तथ वऽतत तो ऽचतत पर ऽसथत रहता ह ऽचतत सवथतर वयपत रहत ह सधक दशय को

ऽचतत क अनदर हा दख रह होत ह ऽचतत क सवथतर वयपक होन क करण अथ थत ऽचतत समपीणथ बरहमणड म

वयपत होत हसधक को ऽजस जगह क दशय ऽदखई दत ह वह सथन य कषतर सथील जगत य सीकषम

जगत म कही न कही ऽसथत रहत ह उस समय उस ऐस लगत ह जस वह बहर क दशय दख रह ह

सवमा जा को दखन क ऽलए म अपन शरार क अनदर चल गय अथ थत म अनतमिथखा हो गय सच तो

यह ह सवमा जा तो तपलोक म बठ हए थ मगर मिझ ऐस ऽदखई द रह थndash वह ऽकसा जगह पर ऊा च

चबीतर पर बठ हए ह ऽचतत की वऽतत अपन वयपकत क अनिसर सवरप को धरण कर सकता ह अथ थत

सधक अपन ऽचतत म हा समपीणथ दशय दखत ह

कणडवलनी शवzwj त क वववभनन रपो म दशशन

जब म ऽदलला स नौकरा छोड़कर घर आ गय तब मरा तावर इचछ था ऽक हमर घर क अनय

सदसय भा सधन कर मगर हमरा यह बत ऽकसा न नही मना ऽफर मन अपना पतना व मा को रजा कर

ऽलय ऽक वह भा मर सथ धयन करन क ऽलय बठगा एक दो ऽदन मरा मा मर सथ धयन पर बठा मगर

ऽफर उसन धयन पर बतन बनद कर ऽदय इसक बद मरा पतना भा मन करन लगा और वह बोलाndash

sbquoमझ मालम नही धयान कस लगता ह आप ही धयान िकया करो हमार साथ जबरदसती न कीिजएrdquo

जब उसन हमस ऐस कह तब म समझ गयndash जब इसक अनदर ससकर हा नही होग तब हमर सथ कब

तक आाख बनद करक बठगा म बोलndashsbquoअगर तमहारी इचछा धयान करन की नही ह तब तम हमार साथ

न बठा करो‛ ऽफर वह धयन करन क ऽलय कभा नही बठा सच तो यह थ वह मर धयन स भा ऽचढ़ता

था मगर वह इस ऽवषय म सपषट नही कहता था म उसक भव समझ गय थ ऽदलला स आन क बद

एक बर मरा सधन न ऽफर स गऽत पकड़ ला मरा सधन अब अचछा होन लगा

मिझ धयन म एक अनिभव अzwjसर आय करत थndash मर समन थोड़ा पर एक सतरा लल रग की

सड़ा पहन हए खड़ा हउसक ऽसर पर कभा-कभा सोन क ऊा च मिकि ट लग रहत थवह दखन म बहत

सिनदर लगता था वह हम अपना ओर आन क इशर ऽकय करता ह अथ थत वह सतरा मिझ बिलय करता

था म उस सतरा की ओर दखत रहत थ वह सतरा मिाह स कि छ नही बोलता था

योग कस कर 80

कभा-कभा इस परकर क अनिभव आत थndash म सिनहल परकशमन जगह म चल ज रह ह ा

कि छ समय बद हम ऽदखई ऽदयndash समन ओर थोड़ ऊपर आकश म सोन क बहत ऽवशल व ऊा च

ऽसहसन ह उसा ऽसहसन पर लल रग की सड़ा पहन हए बहत सिनदर सतरा बठा हई ह उसक ऽसर पर

चमकत हआ मिकि ट ह गल म और अनय अगो पर भा आभीषण पहन हए ह ऐस लगत ह ऽक वह सतरा

आभीषणो स लदा हई ह उसकी बड़ा-बड़ा आाख बहत सिनदर लगता ह उसकी नक व होठ भा बहत

सिनदर ह कभा-कभा जब वह मिसकरता ह तब उसक दात बहत सिनदर चमकत हए ऽदखई दत ह जस हा

म उस सतरा को दखत ह ा वह सतरा मिझ बिलन लगता ह और अपना ओर आन क इशर करता ह म उस

सिनदर सतरा को टकटकी लगए दखत रहत ह ा ऽफर सोचत ह ा यह सतरा मिझ zwjयो बिल रहा ह

कभा अनिभव इस परकर क आत हndash म कही चल ज रह ह ा मर समन थोड़ा ऊा चई पर

अनतररकष म बहत बड़ सोन क दरवज बन हआ ह वह सिनदर दरवज खिल हआ ह उस दरवज पर

सिनदर नzwjकशा बना हई ह म उस सिनदर दरवज को दखन लगत ह ा ऽसफथ दरवज हा ऽदखई दत ह

दरवज क अऽतररकत ऽकसा परकर की दावर य मकन आऽद नही ह कि छ कषणो बद वहा सतरा दरवज क

अनदर स आता हई ऽदखई दता ह ऽफर दरवज क चौखट पर आकर खड़ा हो जता ह और अपन हथो

स अपन पस आन क इशर करता ह म हर बर की तरह उस अऽदरताय सिनदर सतरा को दखत रहत ह ा

कि छ कषणो बद यह अनिभव समपत हो जत ह कभा-कभा उस सतरा क शरार पर आभीषण होत ह कभा-

कभा उसक शरार पर आभीषण नही होत ह और कभा ऽबलकि ल सधरण वशभीष म होता ह

कभा इस परकर क अनिभव आ जत थndash धयनवसथ म अनतररकष म मिझ एक महल ऽदखई

दत ह वह महल बहत हा सिनदर ह दीर स दखन पर ऐस ऽदखई दत ह जस यह महल तप हए सोन स

बन हआ ह म महल क दरवज क पस पहाचत ह ा ऽफर कि छ कषणो बद म उस महल क अनदर परवश

कर जत ह ा वह महल एकदम सिनसन-स लग रह ह म महल क अनदर आग की ओर जत ह ा तब

मिझ ऽदखई ऽदय उस महल क अनदर ढरो सिनदर कमर बन हए ह य सभा कमर सोन क हा बन हए ह तथ

दावरो पर बहत सिनदर नzwjकशा बनई गया ह कमरो क आग बलकना भा ह वह ा पर सिनदर बग भा ह

उस बग म फी ल ऽखल हए ह तथ वही बड़-बड़ जलशय भा ह म उसा महल क अनदर इधर-उधर घीमन

लगत ह ा उसा समय ऽवचर आयndash य महल ह अथव पीर शहर बन हआ हआश चयथ की बत ह इस

महल म कोई नही रहत ह इस महल की दावरो स हलक सिनहल रग क परकश ऽनकल रह थ इतन म

हम समन की ओर एक मचकर ऊा चा जगह ऽदखई दा इस मचनिम जगह पर अऽत सिनदर सोन क बन

योग कस कर 81

हआ ऽसहसन ह तथ ऽसहसन म मऽणया लगा हई ह इन मऽणयो स परकश ऽनकल रह ह उसा ऽसहसन

पर लल सड़ा पहन हए एक अऽदरताय सिनदर सतरा बठा हई ह उसक ऽसर पर ऊा च स मिकि ट लग हआ ह

गल म चमकदर परकऽशत आभीषण नक म छोट-स आभीषण हथो म भा ढरो आभीषण पहन हए ह

वह हमरा ओर दखकर मद-मद मिसकर रहा ह उसक चहर अतयनत सिनदर ह उसकी आाख बड़ा-बड़ा

पीरा तरह स खिला हई हम दख रहा ह उस सतरा को दखत हा म अपना जगह पर ठहर गय उसन मिझ

अपना ओर आन क इशर ऽकय मगर म उस सतरा की ओर नही गय और न हा उसस बोल तभा वह

वह सतरा अपन ऽसहसन स उठा और हमरा ओर आन लगा जब सतरा हमरा ओर आ रहा था तब वह

भीऽम पर नही चल रहा था बऽलक वह भीऽम स कफी ऊपर आकश म चल रहा था म उसस कफी नाच

भीऽम पर खड़ हआ थ वह सतरा हमस थोड़ा दीरा पर मगर हमस ऊा चई पर आकश म खड़ा हई था म

ऽनषभव स उस सतरा की सिनदरत टकटकी लग कर दख ज रह थ अनिभव समपत हआ

इस परकर क अनिभव हम जलदा-जलदा आत थ कभा-कभा यह सिनदर सतरा सवपन म भा ऽदखई

दता था हर बर वह अपन पस आन क ऽलय मिझ बिलय करता था मगर वह मिाह स कभा नही बोलता

था मन सोचndash यह सतरा हम zwjयो ऽदखई दता ह शरा मत जा स इसक अथथ पीछी ाग मन शरा मत जा को

ऽवसतर स पतर ऽलख मगर शरा मत जा न इस पतर क उततर नही ऽदय म समझ गय ऽक शयद शरा मत

जा हमर अनिभवो क अथथ नही बतन चहता ह अब हम और भा बचना होन लगा मगर म zwjय कर

सकत थ इसा परकर क अनिभव लगतर कि छ महानो तक आत रह उस समय म इन अनिभवो क अथथ

नही समझ सकत थ zwjयोऽक मिझम इतना योनयत नही था मगर अब मर अनदर सवय योनयत आ गया ह

ऽक म सभा परकर क अनिभवो क अथथ ऽनकल सकत ह ा

इसा परकर मिझ एक और अनिभव आय मगर अबकी बर सतरा नही ऽदखई दा म अनतररकष म

चल ज रह ह ा ऽफर वहा महल समन ओर ऽदखई ऽदय म उस महल क दरवज स अनदर परवश कर

गय अनदर जकर म पहल की भाऽत वही पर टहलन लग यहा पर सब कि छ पहल जस थ जब म

मचनिम जगह क पस पहाच तब मचनिम जगह क ऊपर वहा ऽसहसन ऽदखई ऽदय सोन स बन

खीबसीरत नzwjकशादर ऽसहसन पर अबकी बर वह सतरा नही बठा था इसऽलय म पस स ऽसहसन को

दखन लग मगर मन हथ स ऽसहसन को सपशथ नही ऽकय zwjयोऽक ऽसहसन अभा हमस थोड़ा दीरा पर

थ म ऽसहसन की सिनदरत दख रह थ तभा अचनक ऽसहसन पर बठन क सथन पर तज सिनहर

परकश परकट हो गय म उस परकश को दख रह थ तभा कि छ कषणो म वह सिनहर परकश सिनहर नग

योग कस कर 82

क रप म पररवऽतथत हो गय नग फन उठए हए कि णडला मर ऽसहसन पर बठ हआ थ उसन मरा ओर

जोरदर फि फकर मरा फि फकर मरन स उसक मिाह क अनदर स सफद भप जसा वयि ऽनकल पड़ा म

तज गऽत स महल स बहर की ओर भग कि छ कषणो म म महल स बहर आ गय अब मर जन म जन

आया मन सोचndash चलो उस सिनहल नग स छि टकर तो ऽमल म ऐस सोच हा रह थ ऽक नग की

भयकर फि फकर ऽफर सिनई द मन समन की ओर आकश म दखndash आकश को दखत हा मर होश उड़

गय समन की ओर आकश म कि णडला मर हए वहा नग हमरा ओर फि फकर रह थ नग आध

आकश म कि णडला मर फन उठए हए बठ थ इतन ऽवशल नग ऽजसन आध आकश म कि णडला

मर रखा हो तथ बहत हा ऽवशल फन ऊपर उठए बठ हो सथ हा फि फकर रह हो तो दखन वल पर

zwjय बातगा आप अदज लग सकत ह जब वह फि फकरत थ तब भप क समन य बफथ क समन

सफद वयि बहर की ओर फ कत थ म पाछ की ओर मिड़कर भग कि छ समय तक दौड़न क बद ऽफर

वहा सोन क बन हआ बहत बड़ दरवज ऽमल जो हमश ऽदखई दत थ मन सोच ऽक दरवज क

अनदर चल जऊा तो हमर बचव हो जयग जस हा म दरवज क अनदर परवश करन को हआ दरवज

की दहरा पर वहा सिनहर नग परकट हो गय उसन एक बर ऽफर जोरदर फि फकर मरा अबकी बर

उसकी शवस स इतना सफद वयि ऽनकला ऽक मन अपन आप को सफद वयि क बाच म पय अब मिझ

ऽदखई दन भा बनद हो गय मिझ ऐस लग जस म घन कोहर क बाच म खड़ ह ा इतन म मिझ अपन

होश आन लग ऽक म धयन पर बठ ह ा मर अनिभव समपत हो गय

ऄथश- लल सड़ा म ऽदखई दन वला सतरा सवय कि णडऽलना शऽzwj त हा ह वह मिझ अपन पस

बिलता था मिझ कि णडऽलना शऽzwj त क पस चल जन चऽहए थ मगर म उस पहचन नही पत थ इस

करण म उसक पस नही जत थ बस अपना जगह पर खड़ रहत थ जो सोन क महल आऽद ऽदखई

दत थ उसक करण यह ह उस भिवनशवरा भा कहत ह अऽदरताय सिनदर होन क करण उस ऽतरपिर सिदरा भा

कहत ह यह दरवज व ऽसहसन आऽद ऽदखई दन क अथथ ह- कि णडऽलना शऽzwj त क दशथन कई परकर स

होत ह उसा सथन पर कि णडऽलना शऽzwj त नग क रप म ऽदखई दा था वह आध आकश म कि णडला मर

बठा हई वह तो शऽzwj तसवरप ह सर बरहमणड तो उसा की कप स सतिऽलत रहत ह कि णडऽलना

शऽzwj तसवरप होन क करण इनही की शऽzwj त स बरहमणड क सभा परणा शऽzwj त परप त करत ह नग

फि फकरत समय सफद भप क समन वयि ऽनकल रह थndash यह सफद भप जसा ऽदखन वला वसति

सऽतवक शऽzwj त ह जो हमर ऊपर फ़ क रहा ह मिझ एक बत और ऽलखना ह ऽक जब स मिझ कि णडऽलना

योग कस कर 83

शऽzwj त क दशथन होन लग ह तब स हमर ऊपर बहत स कष ट आन लग ह इसक अथथ यह नही ह ऽक

कि णडऽलना क करण हम कष ट ऽमलन लग ह बऽलक सच तो यह ह ऽक हमर अनदर जो कई जनमो क कमथ

भर हए थउन कमो को कि णडऽलना ऽनकल कर बहर फ कन लगा कमो को तो भोगन हा होग इसऽलए

ढरो कष ट हम पर टीट पड़ ह उन कषटो को भोगन हमरा मजबीरा भा था हमरा सधन ऽजतना तावर होता

था कष ट उतन जयद बढ़ जत थ सधको म सच कह ा तो हमरा दिगथऽत होना शिर हो गया था

पतनी की मतय

मरा और ऽपत जा की आपस म जयद लड़ई हो गया म अपन पतक ऽहसस माग रह थ

उनहोन दन स इकर कर ऽदय इसऽलए हम दोनो एक दीसर क सथ अभदर वयवहर करन लग मर पस दो

ररशतदर भा आय थ ऽजनहोन हम बड़ा-बड़ा धमऽकय ा दी मगर म धमऽकयो स डरन वल नही थ

करण म मतयि क सवगत करन क ऽलए सदव तयर रहत थ उन ररशतदरो न शबदो स हमर सथ

अभदरत भा की था मगर म उस समय कि छ नही बोल zwjयोऽक म अकल थ एक ऽदन ऐस भा आय

मिझ घर क अनदर घिसन नही ऽदय गय म अपन चच क पस रहन लग उसा समय मरा पतना बामरा

स गरसत हो गया वह बामर रहन लगा म पसो क अभव स गिजर रह थ तथ घर म हम ऽहसस नही

ऽदय गय थ तथ म घर स बहर चच क पस मजबीरा म रहत थ उसक इलज नही करय गय मन

अपन छोट भई क दरर मन पतना को उसक मा क घर पहाच ऽदय कि छ ऽदनो बद मिझ खबर ऽमला वह

बहत जयद बामर ह म उसक पस पहाच उसकी हलत जयद खरब हो चिकी था म समझ गय अगर

इलज न हआ तो मतयि हो जयगा म अपन गाव वपस आ गय पसो क इतजम करन थ म गाव स

पसो क इतजम करक चलन वल थ तभा मिझ खबर ऽमला पतना क दहत हो गय ह वह 26

अzwjटीबर 1987 क ऽदन थ खबर सिनकर म शीनय-स हो गय दिःख इस बत क नही थ ऽक मरा पतना

मर गया ह दिःख इस बत क थ ऽक म इलज नही कर सक मिझ लग म परसत हो गय सोचन लग

मरा जबरदसत हर हई ह घर वलो की जात हई zwjयोऽक उन सबक मन क अनदर खिशा हो रहा था बऽलक

उस समय घर वलो न मिझस कहndash sbquoतन अपनी पतनी को मार डाला हrdquo

योग कस कर 84

बदला नही लोग

पतना की मतयि क पित म अपन घर नही आय बऽलक चच क घर आय मरा समझ म नही

आ रह थ म zwjय करा म धयन करन क ऽलए बठ गय मन सकलप ऽकयndash मिझ zwjय करन चऽहए

मर समन दो मगथ ह एकndash म सदव चिपचप बन रह ा दीसरndash चह जस हो बदल लन चऽहय zwjयोऽक

बदल लन म प ाच ऽमनट स भा कम क समय लगग म पीरा तरह स तयर थ मिझ यद आ रह थ एक

सल पहल म आतमहतय करन गय थ मगर आतम हतय नही कर सक म धयन पर बठ गय मर

धयन लग गय मिझ अपन अतःकरण स आवज सिनई दाndash sbquoतम िकसी स बदला नही लोग बदला लन

का िवचार छोड़ दो िकसी न तमहार साथ गलत वयवहार नही िकया ह हर एक की मतय का कछ-न-कछ

कारण होता ह तमहारी पतनी की िसरश इतनी ही उमर थी अब तम अपन घर वापस चल जाओ एक बात

का धयान रखना तमह िबलकल रात रहना ह‛

अतःकरण म जो शबद सिनई ऽदय उसस म और भा दिःखा हो गय zwjयोऽक म अभा घर वपस

नही जन चहत थ यह मिझ ऽबलकि ल मजीर नही थ दोपहर बद म ऽफर धयन पर बठ मन सोचndash

सधन करक म उचच अवसथ परप त कर सकत ह ा तथ धयन म कि छ और गिपत सकत ऽमल ऽजसस

भऽसत होत थ हमर भऽवषय उजजवल अवशय होग धयन स उठकर मन यहा ऽनणथय ऽकय ऽफर घर

की ओर चल ऽदय 28 अzwjटीबर सन 1987 सयकल म अपन घर कई ऽदनो बद गय उस समय ऐस

लग रह थ मिझ अपन जावन की सबस बड़ा हर ऽमला ह म अपन आपम बइजजत-स महसीस कर रह

थ मन म घरवलो क परऽत घण था म घर जकर चिपचप बठ गय मिझस कोई नही बोल म भा ऽकसा

स नही बोल सभा लोग मरा ओर दख रह थ उनक दखन स लगत थ जस उनहोन कोई बड़ा बजा

जात ला हो म चिपचप अपन कमर म जकर लट गय मिझ अपना पतना की मतयि क इतन दिःख नही

थ दिःख इस बत क थ ऽक zwjय इसा समय इसकी मतयि होना था मिझ लग रह थ परकऽत न हमर

जोरदर थपपड़ मर ह ऽजसक लभ हमर घर वलो को हआ म यहा सोच रह थ ऽक मरा दऽष ट दावर

पर टगा फोटो पर गया इस फोटो की म तान वषो स पीज ऽकय करत थ म भगवन शकर स बोलndash

sbquoठीक ह परभ हमारी पररानी आप मसकराइय पर मन आपको पराप त करन क िलए सब कछ छोड़ िदया

ह और आपन हम पररािनयो म ढकल िदया‛ इतन म मरा आाख बनद हो गया और हमर धयन लग

गय

योग कस कर 85

कठोर साधना करो

मन धयनवसथ म दखndash मर समन नाल रग क शरार वल भगवन शकर धयन मिदर म बठ हए

ह म उनह दख रह थ तभा भगवन शकर की आाख खिलन लगी उनहोन मरा ओर दख म उनक समन

खड़ हआ थ इतन म आकश स आवज आयाndash sbquoआननद कमार तम बिदधहीनो की तरह दःख म डब

हए हो तमह दःख महसस नही करना चािहए तमहारा मागश साधना क िलए पररसत हो गया ह तमहारी

पतनी तमहार साथ इतन ही िदनो क िलए आयी थी भिवषय म इस िवषय पर सारी जानकारी हो जायगी

अब तम अतयनत कठोर साधना करो िजसस तमह हमारी परािि होगीिरर दःखो स मि हो जाओग अब

तम अतयनत कठोर साधना करो अतयनत कठोर साधना करो‛ इस परकर की आवज आकश स आ

रहा था इतन म मरा आाख खिल गया मिझ य शबद यद आ रह थndash ldquoअब तिम अतयनत कठोर सधन

करोrdquo पत नही मर अनदर zwjय बदलव आय मर दिःख समपत हो गय शरार म ऽबलकि ल हलकपन

महसीस हो रह थ ऐस लग रह थ जस हमर सथ कोई घटन हा नही घटा ह

अब मिझ महसीस हआ ऽक मिझ भीख लगा ह ऽफर मन खीब खन खय और चिपचप कमर म

लट गय रऽतर क लगभग 11 बज रह होग मिझ नीद आन लगा उसा समय मिझ अपना पतना ऽदखई दा

हमरा और उसकी थोड़ा दर तक बत होता रहा उसन मिझ कि छ बतो पर अमल करन को कह थ मगर

मिझ उसकी बत पर यकीन नही आय ऽक यह बत सच होगा तभा मरा आाख खिल गया म समझ गय

मरा पतना वसन दह (अतप त) म चला गया ह कफी समय तक सोचत रह ऽक अब पतना क ऽलए zwjय

कर सकत ह ा मरा अभा इतना योनयत नही ह ऽक म वसन दह स इस मिकत कर सकीा मन सोच ऽक शरा

मत जा स कह ाग तब इस वसन दह स वह मिकत कर दगा

सधको मरा पतना न मिझ सधन म बड़ा सहयत की था वह सीकषम जगत की ढरो बत मिझ

बतय करता था ऽजनह म नही जनत थ जब वह मर पस आता था तब वह अपन सढ़ तान वषीय

लड़क स ऽमलन को कहता था म उसस कह दत थ जओ जकर ऽमल लो म कस तिमह रोक सकत ह ा

तिम तो उसकी मा हो मरन क बद उस अपन लड़क क परऽत लगव बन रह थ वह ऽनयऽमत रप स

अपन लड़क स ऽमलन आय करता था लड़क स ऽमलन क ऽलय पतना को मरा आजञ लन जररा थ

zwjयोऽक उस समय मरा इतना सधन हो चिकी था ऽक कोई भा अतप त जावतम मरा आजञ क ऽबन मर घर

क अनदर परवश नही कर सकता था जब मरा पतना अपन लड़क स ऽमलता था तब वह जोर-जोर स रोन

योग कस कर 86

लगत थ ऽफर मन यह बत अपन घर वलो को बतई तब घर वलो को यह सब अचछ नही लग

मगर घर वल इस कयथ म कर भा zwjय सकत थ ऽसफथ चिपचप रहन क अऽतररकतऔर कि छ नही कर सकत

थ म पतना को इजजत द दत थ उधर घर वलो को जग दत थ ऽफर सोत हए लड़क को ऽबठ ऽदय

जत थ तऽक उस ऽकसा परकर की कोई तकलाफ न हो मगर पतना कहता थाndash लड़क को जगय मत

करो इस बत क मन कोई उततर नही ऽदय हमर लड़क रऽतर म हमरा मा और बहन क बाच म

सिलय जत थ मगर एक ऽदन हमन घर वलो को सीऽचत नही ऽकय उस रऽतर एक ऽवऽचतर घटन घटा

लड़क रऽतर क समय चरपया क नाच बठकर रोन लग चरपया की ऊा चई इतना जयद था वह सवय

नाच उतर नही सकत थ ऽफर वह नाच कस उतर गय यह मलीम नही हो पय घरवलो को यह सब

अचछ नही लगत थ मगर वह कर भा zwjय सकत थ घरवलो न लड़क क ऽलए तबाज बनवयी तब

पतना न मिझस कहndashsbquoम नही ऽमल सकता ह ा वह तबाज पहन हए ह‛ म बोलndash sbquoतबाज कि छ नही

करग तिम जकर ऽमल लो‛ उसा समय लड़क जोर-जोर स रोन लग वह बोलndash sbquoमममा आ गया था

हमर गल दब रहा था कह रहा था हमर सथ चलो उनहोन हमर गल जोर स दबय थ‛ पतना की

इस ऽकरय पर मिझ करोध आय तब मन उसस ऽमलन पर रोक लग दा ऽफर पतना न मिझस कहndash sbquoम अब

ऐस नही करा गा‛ मगर मर सकलप न ऽमलन पर पीरा तरह स रोक लग दा मर और पतना क ऽमलन-

जिलन होत रहत थ पतना हम सीकषम जगत की ऽदलचसप जनकररय ा ऽदय करता था मर और पतना

क एक सल तक ऽमलन-जिलन बन रह थ

सधको वस मिझ पतना क ऽवषय म यहा ऽलखन नही चऽहए थ मगर मन इसऽलए ऽलखndash

इसस आप सभा को जनकरा हो जयndash मरन क बद जब वसन दह को परप त होत ह तब उनह

मनऽसक रप स बहत कष ट उठन पड़त ह इनकी उमर इस दह म बहत जयद होता ह ऽकसा की

ऽबलकि ल कम होता ह यह मतक क कमो पर आधररत होत ह वसन दह को परप त जावतमओ की

इचछओ की समऽपत पर इस दह स मिकत हो जता ह अथव योगा पिरष इस दह स ऽकसा भा जावतम को

मिकत कर सकत ह

योग कस कर 87

कणडवलनी उधवश नही हो सकी

हमन पहल ऽलख ह 28 अzwjटीबर सन 1987 को हमर धयन लट-लट हा लग गय ऽजसम हम

आजञ ऽमला था ऽक तिम कठोर सधन करो दीसर ऽदन म एकदम शत हो गय 29 अzwjटीबर की

सयकल म अपन घर क दरर पर धयन करन क ऽलए बठ गय हमर घर क दरर पर दवा क सथन भा ह

म उसा सथन क समन धयन करन क ऽलए बठ गय मर धयन तिरनत लग गय पहल मरा गदथन पाछ की

ओर गया ऽसर क ऽपछल भग पाठ स ऽचपक गय शरार पाछ की ओर झिकन लग मिझ ऐस लग ऽक

म पाछ की ओर ऽगर जऊा ग मगर ऽगर नही थ इतन म मीलधर चकर म जोर स परण वयि क दबव

बढ़न लग इस करण कि छ कषणो बद उस सथन पर पाड़ सा होन लगा ऐस लग ऽक कोई नस बड़ा

जोर स ऽखच रहा ह सथ हा मीलधर चकर क कषतर भा ऊपर की ओर ऽखचन लग कि छ समय तक म

इस पाड़ को सहत रह ऽफर म साध होकर बठ गय कि छ कषणो बद धार-धार तानो बनध लग गय

आतररक कि मभक भा लगन शिर हो गय कि मभक इतन जोर स लगत थ ऽक परण वयि बहर ऽनकलन

क नम हा नही लता था इसस मर अनदर घबरहट सा होन लगता था शवस क दरर जो परण वयि अनदर

आता था तब ऐस लगत थ ऽक परण वयि फफड़ म न जकर मीलधर चकर म ज रहा ह जब ढर सरा

परण वयि मीलधर चकर म एकतर हो जता ह उस समय यहा परण वयि आग क रप धरण कर लता ह

इसस उस सथन पर तावर जलन होन लगता था ऐस लगत ह ऽक समपीणथ पट आग बनकर जल ज रह

ह कि छ समय बद हमर जलनधर बनध खिल गयअब ऽसर आग की ओर झिकन शिर हो गय कि छ

कषणो बद ऽसर आग की ओर भीऽम पर सपशथ होन लग इस अवसथ म हम शवस लन म बड़ा परशना

होता था मरा शवस तावरत स चलन लगा इसस उडऽडयन बनध खिल गय शवसो न भयकर रप धरण

कर ऽलय ऐस लगत थ ऽक जस कोई नग भयकर रप स फि फकर रह हो म अपना शवस रोक नही

सकत थ मीलधर चकर फोड़ की तरह दिख रह थ भऽसतरक हमरा जोर-जोर स चल रहा था

भीऽम पर हमर मसतक लग हआ थ अब ठोड़ा हमरा गदथन स ऽचपकन लगा तब ऽसर क ऊपरा

भग भीऽम पर लग गय मर आसन अब भा लग हआ थ ऽफर म दोनो घिटनो क बल हो गय अब

हमर सथील शरार की आकऽत बड़ा ऽवऽचतर सा हो गया समपीणथ शरार ऽसर क ऊपरा ऽहसस व घिटनो क

बल हो गय मर दोनो हथ पट पर ऽचपक हए थ अब हम लग जस मीलधर चकर उखड़कर ऽसर की

ओर आ जयग भऽसतरक जोर-जोर स चल रहा था शवस साध मीलधर चकर पर ठोकर मर रह थ

ऐस लग रह थ ऽक मीलधर चकर म शवस नही बऽलक हथौड़ की ठोकर मरा ज रहा ह म पसान स तर

योग कस कर 88

हो रह थ शरार थक चिक थ अतयऽधक कष ट क करण मन सोच ऽक धयन करन छोड़ दीा म उठकर

खड़ हो जऊा मगर म ऐस नही कर सक इतन म मीलधर चकर म भयकर वदन हई जो म सह नही

सक म बहोश स हो गय सरा ऽकरयएा अपन आप बनद हो गया

उसा समय मिझ एक अनिभव आय अनिभव म सवचछ नाल आकश ऽदखई ऽदय उस आकश

म सीरज चनदरम तर आऽद नही थ ऽसफथ नाल सवचछ आकश थ उस ऽवशल आकश म चकचौध

कर दन वला ऽबजला चमकी और ऽफर उसा समय अदशय हो गया ऽजस समय ऽबजला चमकी था तब

सर आकश परकश स चमक उठ थ ऽबजला इस परकर चमकी था जस बरसत क समय बदलो क

बाच म ऽबजला चमकता ह और अदशय हो जता ह इतन म मिझ होश आ गय ऽफर भऽसतरक चलन शिर

हो गया मन सोचndash ऽक मिझ इतना वदन हो रहा ह इसस अचछ ह ऽक मरा मतयि हो जय वदन

असहनाय हो रहा था ऊपर स बहय कि मभक भा लगन शिर हो गय शवस बहर जय तो अनदर आन क

नम नही ल रहा था जब शवस अनदर आ जय तब बहर जन क नम नही लता था मरा नस-नस टीट

चिकी था शरार बिरा तरह स थक चिक थ मन सोचndash मिझ ऐसा सधननही चऽहए ऐसा सधन को

तयगत ह ा बस यहा सोचन लग मगर मर सोचन स zwjय होत ह इतन म मिझ लग ऽक ऽकसा न मिझ

पकड़कर उठ ऽदय ह

मिझ कि छ कषणो बद होश आ गय मर छोट भई न मिझ पकड़ कर साध कर ऽदय थ उस समय

भा मर आसन लग हआ थ धार-धार मर पर साध होन शिर हो गय मन खड़ होन क परयस ऽकय

मगर खड़ न हो सक मिझ ऐस लग ऽक मर परो म जन हा नही ह मन भई स बठन क इशर ऽकय

भई न मिझ ऽबठ ऽदय मन दख ऽक मर घर क सभा सदसय उपऽसथत थ मन अपन भई स कहndash sbquoतिमन

मिझ zwjयो उठ ऽदय ह म अपना ऽजदगा की अमीलय वसति परप त करन वल थ तिमहर उठ दन स मिझ

परप त नही हो सकीrdquo भई बोलndash sbquoहम सब बहत दर स तिमह दख रह थ ऽक तिमह बहत तकलाफ हो रहा

था कभा-कभा शवस वपस नही आता था हम यह नही जन सक ऽक य सधन ह य कि छ और ह

इसक पहल ऐस कभा नही हआ थ इसऽलए मन तिमह उठ ऽदय हrdquo म कि छ नही बोल समझ गय ऽक

मर भनय म कि णडऽलना ऊधवथ होन अभा नही ह

सधको मिझ यह ा ऽजस परकर की ऽकरय हई ह ऐसा ऽकरय ऽबरल सधक को हा होता ह

कि णडऽलना जगरण म हर सधक क अपन-अपन अनिभव अलग-अलग होत ह अथव थोड़ स मल

करत हआ हो सकत ह मिझ इस समय इसऽलए इतना तकलाफ हई था zwjयोऽक कि णडऽलना सवय ऊधवथ

योग कस कर 89

होन क परयस कर रहा था यऽद इसा समय कोई दीसर शऽzwj तपत कर दत तब कि णडऽलना आरम स

ऊधवथ हो जता

जो कि णडऽलना सवय ऊधवथ होता ह वह कि णडऽलना अऽधक शऽzwj तशला होता ह कि णडऽलना सवय

ऊधवथ तभा होता ह जब सधक की सधन उगर होता ह वरन सवय ऊधवथ नही हो पयगा हर एक सधक

की कि णडऽलना सवमव ऊधवथ नही हो सकता ह ऽजस सधक न ऽबन शऽzwj तपत क अपना कि णडऽलना

सवयमव ऊधवथ कर ला ह ऐस सधक योग क ऽवषय म भऽवषय म अतयनत शऽzwj तशला होत ह सधन

दरर सवयमव कि णडऽलना ऊधवथ करन वल सधक क शरार गमथ रहत ह ऐस उगर कि णडऽलना क दरर

होत ह शऽzwj तपत करक उठई गया कि णडऽलना इतना शऽzwj तशला नही होता ह ऽजतनासवयमव ऊधवथ

हई कि णडऽलना शऽzwj तशला होता ह सवयमव कि णडऽलना ऊधवथ करन क ऽलए सधक को कठोर सधन

करना पड़ता ह तथ ऐस सधक पीवथ जनमो म योगा रह चिक होत ह कि छ सधक ऐस होत ह ऽक गिर दरर

कि णडऽलना ऊधवथ करन पर भा उनह जयद अनिभीऽत नही होता ह ऐस तब ह जब उऽचत समय स पीवथ

कि णडऽलना ऊधवथ कर दा जता ह तथ जो सधक धयन जयद नही करत ह इसऽलए सधको को

कि णडऽलना जगरण क अलग-अलग अनिभव होत ह कि छ सधको को हमन दख ह उनह कि णडऽलना

जगरण पर कई परकर की ऽकरयएा होन लगता ह इसस उनक सथील शरार को बड़ कष ट होत ह य

ऽकरयएा शरार की शिित न होन क करण होता ह अथव कभा-कभा गलत मगथदशथन क करण भा हो

सकता ह अतयऽधक ऽकरयएा होन धयन नही होत ह इसऽलए गिर अथव मगथदशथक को चऽहए ऽक

सधक की कि णडऽलना जगरत करन क बद जयद ऽकरयएा न होन द बऽलक शऽzwj तपत कर सधक को

ऽसथर कर द तऽक वह धयनवसथ म शत बठ रह इसस सधक को मन एकगर करन म सहयत

ऽमलगा कि छ गिर कि णडऽलना जगरत तो कर दत ह मगर सधक की ऽकरयएा बनद नही कर पत ह उनक

तकथ होत ह ऽक कि णडऽलना जगरण पर ऽकरयएा तो होता हा ह यह सहा ह ऽक कभा-कभा कि छ न कि छ

ऽकरयएा होता ह मगर सधक को अचछा सधन करन क ऽलए अऽधक स अऽधक परणयम करन

चऽहए ऽजसस सधक की नऽड़या शिि हो जय नड़ा शिि होन पर ऽकरयएा होन कम हो जयगा अथव

पीरा तरह स बनद हो जयगा

हमन पहल ऽलख ह ऽक धयनवसथ म हम अऽधक वदन हई था भऽसतरक चलन स नड़ा शिि

होता ह इस समय भऽसतरक चलन पर परणवयि मीलधर चकर पर ऽसथत कि णडऽलना पर धzwjक मर रहा था

ऽजसस कि णडऽलना ऊधवथ हो जय जब कि णडऽलना म कि छ हलचल होता ह तब हम नड़ा म ऽखचव

योग कस कर 90

महसीस होत ह इसस हम लग रह थ मीलधर चकर ऽखच रह ह तथ परण वयि क दबव क करण

मीलधर चकर गमथ हो रह थ तानो बनध लगन पर मीलधर चकर पर दबव पड़त ह इसस कि णडऽलना

ऊधवथ होन म सहयत ऽमलता ह हम यह ा जो अनिभव आयndash सवचछ नाल रग क आकश म ऽबजला

चमकी था इस रप म कि णडऽलना शऽzwj त क हा दशथन ह कि णडऽलना क दशथन कई परकर क होत ह सवचछ

नाल आकश हमर ऽचतत ह मन अनिभव म यह नही ऽलख थ ऽक जब कि णडऽलना क दशथन हआ थ

तब और जोर स ऽफर स भऽसतरक चलन लगा था उस समय मर मिाह स जोर-जोर स ॎऻऻऻ ॎऻऻऻ

(ओम) शबद ऽनकल रह थ यह ओकर शबद अपन आप कि णडऽलना क करण ऽनकल रह थ

धयनवसथ म जब ओकर शबद अपन आप ऽनकलन लग तब सधक को समझ लन चऽहय

कि णडऽलना न आाख खोल दा ह यह ऽकरय उसा क दरर हो रहा होता ह

म जब कभा भा धयन पर बठत थ तब मर दरर भऽसतरक जोर-जोर स चलता था ऐस लगत

ऽक जस कोई नग फि फकर रह हो कभा-कभा आतररक और बहय कि मभक दोनो हा लगत थ मगर हम

थकन नही आता था कभा-कभा मीलधर चकर म ऽखचव अवशय होत थ मगर ऽफर पहल जसा ऽकरय

कभा नही हई अब म अपन आपको सवततर महसीस करत थ सथ हा मरा सधन अचछा होन लगा था

इसा बाच शरा मत जा क पतर आय उस पतर म ऽलख थndash आननद कि मर तिमन नौकरा छोड़ दा अब

तिमह रपय कमन क ऽलए कि छ-न-कि छ कम करन चऽहए zwjयोऽक मनिषय को पिरषथथ अवशय करन

चऽहए खच की भा आवशयकत पड़ता ह इसऽलए धन कमन क कि छ-न-कि छ जररय तो होन हा

चऽहए शरा मत जा क कहन पर मन दिकन खोल ला इलzwjटरोऽनzwjस समबनधा कम करन लग zwjयोऽक

इलzwjटरोऽनzwjस समबऽनधत कयो म म ऽनपिण ह ा

रगो का दशशन

एक बर म पीज कर रह थ मरा आाख अपन आप बनद हो गया कि छ कषणो तक म शत बठ

रह ऽफर आाख अनदर की ओर ऽखचन लगी आाख अपन आप अनदर की ओर को जोर स दबव द रहा

था उसा समय पहल अधकर ऽदखई ऽदय ऽफर उस अधकर म पाल रग ऽदखई ऽदय कि छ हा कषणो म

पाल रग चरो ओर सवथतर फल गय ऽफर वह गहर व चमकील हो गय कि छ कषणो म पाल रग अदशय

हो गय अब हर रग ऽदखई दन लग हर रग क बद करमशः नरगा धीमर व नाल रग ऽदखई ऽदय जब

योग कस कर 91

एक रग धार-धार अदशय हो जत थ तब दीसर रग ऽदखई दन लगत थ इसा परकर करमशः प ाचो रग

ऽदखई ऽदय थ य रग ऽदखई समय मिझ बहत अचछ लग रह थ ऽफर मरा आाख धार-धार खिल गया

आाखो म हलक-स ददथ य थकन-सा महसीस हो रहा था य प ाचो रग प ाचो ततवो क रग थ हर एक तततव

क अपन अपन रग होत ह

ऄथश- अनिभव म ऽदखई दन वल प ाचो रग प ाचो सथील भीतो क थ पाल रग पथवा तततव क

होत ह हर रग जल तततव क होत ह नरगा (लल) रग अऽनन तततव क होत ह धीमर क समन रग वयि

तततव क होत ह चमकील हलक नाल रग आकश तततव क होत ह इन सब रगो क ऽदखई दन क

अथथ होत हndash अभयसा की सधन सथील पचभीतो स आग सीकषमपच भीतो म शिर हो गया ह अथव शिर

होन वला ह अथ थत अब वह अनतमिथखा होकर सीकषम पचभीतो व उनस ऽनऽमथत सीकषम जगत म सधन

(ऽवकस करम) चलन लगा ह

जञानचकर क दशशन

एक ऽदन म पीज कर रह थ मरा आाख पहल की तरह अनदर की ओर अपन आप दबव दता

चला गया पहल की भाऽत रग ऽदखई ऽदय अनत म नाल रग म एक ऽबनदि ऽदखई ऽदय वह ऽबनदि मिझस

बहत दीर अनतररकष म थ ऽबनदि अपना जगह पर गोल-गोल घीम रह थ वह ऽबनदि अपना जगह पर घीमत

हआ मर पस आन लग मर पस आन पर ऽबनदि क आकर बढ़न लग ऽफर मर ऽबलकि ल पस आ

गय अब उसक आकर भा बहत बड़ हो गय ऽबनदि पहल चकमदर गोल-स ऽदखई ऽदय ऽफर

उसक सवरप रथ क पऽहय क आकर जस हो गय और चकर की भाऽत अपना जगह पर तावर गऽत स

घीमन लग धार-धार उसकी घीमन की गऽत कम होन लगा तब वह पऽहय सपषट रप स ऽदखई दन लग

पऽहय म रथ क समन आर लग हए थ वह रथ क पऽहय की भाऽत बन हआ थ पऽहय क क दर म एक

ऽछदर भा थ जब पऽहय ऽसथर हो गय तब उसक आकर बढ़न लग मरा दऽष ट उस पऽहय क मधय म

बन ऽछदर पर ऽसथत हो गया अब ऽछदर क आकर भा बढ़न लग उस ऽछदर क अनदर ऽवशल शरार धरण

ऽकय हए भगवन ऽवषणि चतिभिथज रप म खड़ हए थ उनक हथ म शख चकर गद व पदम भा थ वह

हमरा ओर दखकर मिसकर रह थ उनकी छऽव बहत हा सिनदर था मर मिाह स अचनक ऽनकल पड़ndash

sbquoपरभि आपrdquo इतन कहत हा भगवन ऽवषणि हमस दीर होत चल गय उनक आकर ऽबलकि ल छोट हो

योग कस कर 92

गय वह सवय गोलकर रप म घीमन लग तावर गऽत स घीमन क करण पऽहय जस आकर धरण कर

ऽलय ऽफर हमस दीर हटत चल जन करण कि छ कषणो म ऽबनदि रप म बदल गय अब ऽसफथ नाल

आकश रह गय ऽबनदि अदशय हो गय धयन टीट जन क करण हमरा आाख खिलन लगा ऽफर हम ऐस

दशय नही ऽदखई ऽदय

ऄथश- परतयक मनिषय क भकि ऽट स थोड़ ऊपर की ओर अनदर की तरफ सीकषम शरार म रथ क पऽहय

क सवरप म जञनचकर ऽसथत रहत ह इस जञन चकर क ऽवषय म परतयक सधक को जनकरा नही होता ह

जो सधक कठोर सधन करत ह तथ पीवथकल क योगा होत ह उनह हा इस जञनचकर क ऽवषय म जञन

होत ह ऽनपिण मगथदशथक य गिर इस जञनचकर की सहयत स अपन ऽशषयो क मगथदशथन भा करत ह

इसक दरर मगथदशथन करन परतयक गिर क बस की बत नही होता ह जञनचकर क दरर ऽकसा भा ससरा

मनिषय य सधक की योनयत क जञन ऽकय ज सकत ह जो मनिषय उचच ऽशकष परप त तावर बिऽि वल

सऽतवक सवभव वल परोपकरा व दना सवभव क होत ह उनक जञनचकर अपना जगह पर सऽतवकत

क अनिसर धामा गऽत स अपना जगह पर गऽत करत रहत ह जो मनिषय सऽतवक सधक होत ह उसकी

ऽजस सतर की सधन होता ह अथव ऽजतना आधयऽतमक योनयत होता ह उसा क अनिसर जञनचकर की

गऽत म तावरत होता ह नशाल पदथो क सवन करन वल वयऽकतयो क जञनचकर गऽत नही करत ह

बऽलक ऽसथर रहत ह योगा पिरष एक ऽवशष परकर की ऽसऽि परप त करन क ऽलए इस जञनचकर क परयोग

करत ह

अनिभव म हम यहा जञनचकर ऽदखई ऽदय थ उसक ऽछदर क अनदर भगवन ऽवषणि खड़ हए

ऽदखई ऽदय थ जञनचकर अतयनत तावर गऽत स घीम रह थ इसस सपषट होत ह ऽक हमरा सधन अतयनत

तावर गऽत चल रहा ह तथ म पीवथकल म भा सधन कर चिक ह ा

योग कस कर 93

सन 1988

शरी माता लकषमी जी क दशशन

यह अनिभव मिझ सवपनवसथ म आयndash हमर समन अनतररकष म शवत रग क तज परकश परकट

हो गय ह वह परकश अपना जगह पर तजा स गोलकर रप म चzwjकर लगन लग परकश गोलकर

चzwjकर लगत हआ मरा ओर आन लग जस-जस वह मरा ओर आत ज रह थ वस-वस उसक

आकर भा बड़ होत ज रह थ गोलकर परकश हमस थोड़ा दीरा पर आकर ऽसथर हो गय परकश क

आकर बहत बड़ थ ऽफर परकश क मधय म एक मनव आकऽत उभरन लगा कि छ कषणो बद वह

मनव आकऽत बहत बड़ा व सपषट हो गया यह मनव आकऽत शरा मत लकषमा जा की था वह कमल क

फी ल क ऊपर खड़ा हई था वह बहत सिनदर लग रहा था लल सड़ा पहल हए था गल म मऽणयो की

मलएा पहन हए था ऽसर पर ऊा च मिकि ट लग हआ थ शरा मत लकषमा जा आभीषणो स सजा हई था

वह हमरा ओर दखकर मिसकर रहा था उनक दऽहन हथ हमरा ओर आशाव थद मिदर म उठ हआ थ

कि छ कषणो तक म शरा मत लकषमा को दखत रह वह बहत अचछा लग रहा था ऽफर मर मिाह स ऽनकलndash

sbquoआप तो शरा मत लकषमा जा हrdquo ऽफर कि छ कषणो बद उनक सवरप धिाधल पड़न लग और परकश रप

म बदल गया वह परकश क गोल अपना जगह पर गऽत करन लग तथ पाछ की ओर हटत हआ

आकश म अदशय हो गय तभा मर आाख खिल गया

ऽफर धयनवसथ म मन शरा मत लकषमा स परथथन कीndash sbquoयऽद आप हम पर परसनन ह तो हम

आशावथद दो हमरा सधन अचछा हो जय तथ सधन म सफलत ऽमल हमर अनदर कभा भा धन

क ललच नही हो भऽवषय म धयन की ऽसथऽत उचच होrdquo इस परकर स दवा-दवतओ क दशथन होन क

करण यह ह जब ऽचतत म सतवगिण की मतर अऽधक होन लगता ह तब इस परकर क दशथन होन लगत ह

zwjयोऽक सऽतवक वऽतत हा दवा दवतओ क सवरप को धरण सकता ह जब ऽचतत सऽतवक होत ह तभा

दवा-दवतओ व सनत पिरषो क दशथन होत ह

योग कस कर 94

शर

धयनवसथ तथ सवपनवसथ म हम शर क अनिभव बहत आय हए ह कई मह तक शर

लगतर ऽदखई दत रह ह धयनवसथ म म दखत थndash हर-भर जगल ह जगल स दौड़त हआ शर

चल आ रह ह शर क रग सफद थ तथ उसक गल म बड़-बड़ बल भा थ शर हमर समन आकर

खड़ हो गय ऽफर बड़ा जोर स गजथन करन लग म शर को टकटकी लगए हए दख रह थ उस समय

हम थोड़-थोड़ भय-स लग रह थ शर न तान चर बर गजथन की ऽफर वपस जगल म चल गय और

अदशय हो गय

कभा कभा अनिभव म हम ऽदखई दत थndash म ऽकसा रसत पर ज रह ह ा हम ऐस महसीस हआ

ऽक कोई मर पाछ-पाछ आ रह ह मन मिड़कर पाछ की ओर दखndash तो शर हमर पाछ बड़ आरम स

चल आ रह ह डर क करण हमर बिर हल हो गय म डर क करण दौड़न लग और आग चलकर

ऽछप गय ऽफर हम शर ऽदखई नही ऽदय अनिभव समपत हो गय

कभा-कभा हम ऽदखया दत थndash म कही चल ज रह ह ा आग चलकर रसत म हम दो शर

ऽदखई ऽदय दोनो शर आपस म खल रह थ उन शरो को दखकर डर करण हमर पर रक गय मिझ लग

ऽक म भग जऊा मगर हमर पर आग बढ़न क नम नही ल रह थ ऐस लग ऽक पर भीऽम स ऽचपक गय

ह कि छ दर म एक शर एक ओर जकर अदशय हो गय इसा परकर धयनवसथ व सवपनवसथ म कई बर

शर ऽदखई ऽदय थ कभा-कभा हमर मगथ म समन खड़ हो जत थ मगर हमर ऽकसा परकर क

निकसन नही करत थ ऽसफथ कभा-कभा डर लगत थ वस शर दखन म बहत सिनदर होत थ

एक बर मन दखndash चरो ओर चादना फला हई ह इतन म अनतररकष म एक शर सफद रग क शर

परकट हो गय पहल उसन हमरा ओर दख ऽफर ऊपर की ओर मिाह उठकर गजथन करन लग समपीणथ

आकश शर की गजथन स गीाज गय एक-दो बर शर न अपन आग क पर ऊपर की ओर उठ कर गजथन

की कि छ कषणो तक गजथन करत रह ऽफर अदशय हो गय इस परकर क अनिभव ऽसफथ एक बर आय

ऄथश- सधको इन शरो क दशथनो क अथथ ऽनकलन बड़ मिऽशकल ह zwjयोऽक योग क अनिसर

शर क दशथनो क अथथ कई परकर क होत ह एकndash शर मन क भा परताक होत ह दीसरndash करोध क भा

योग कस कर 95

परताक ह तासरndash सभा जनत ह ऽक शर अमब दवा क वहन ह उनक दशथन मत अमब दवा की कप

समझना चऽहए हमन यहा पर शर क मतर कि छ अनिभव ऽलख ह एक जगह पर ऽलख ह ऽक कभा-कभा

दो शर ऽदखई दत थ मनिषय क मन दो परकर क होत हndash एक बऽहथमन दीसर अतमथन वस मन दो नही

होत ह बऽलक मन की अवसथएा दो होता हndash उतकषट मन ऽनकषट मन उतकषट मन को अतमथन कहत ह

ऽनकषट मन को बऽहथमन कहत ह हमन पहल भा ऽलख हआ ह ऽक हर सधक हो एक जस अनिभव नही

आत ह कि छ अनिभव कभा-कभा मल करत हए आत ह इसऽलए अपन अनिभवो को अथव योग

समबनधा समसयओ को अपन मगथदशथक य गिर स सिलझ लन चऽहए तऽक भरम की ऽसथऽत पद न

हो कभा-कभा ऐस भा दख गय ह ऽक दीसर गिरओ क ऽशषयो स अनिभव मल कर जत ह

अग का बरसना

मन धयनवसथ म दख म हर-भर जगल क अनदर चल ज रह ह ा उस जगल म ऊा च-ऊा च वकष

ह झऽड़य ा भा बहत ह जगला जनवर भा ऽदखई पड़ जत ह म परसनन मिदर म इधर-उधर घीम रह ह ा

तभा आकश म भयकर आवज परकट हई आवज ऐसा था जस बरसत म बदल गरजत ह मन

आकश की ओर दऽष ट की आकश ऽबलकि ल सवचछ थ म यह नही समझ सक ऽक आकश म ऽकस

सथन स आवज परकट हई ह इतन म ऽफर पहल की भाऽत आकश म आवज परकट हई मगर आवज

क सरोत समझ म नही आ रह थ म थोड़ आग की ओर बढ़ तभा आकश म तज चमक पद हई

ऽजसस सरा पथवा और आकश म परकश फल गय उस समय म पथवा पर ऊा च सथन पर खड़ हआ

थ पथवा दीर-दीर तक ऽदखई द रहा था कि छ कषणो म आकश स आग की जवल पथवा की दीसरा ओर

आकर ऽगरा इसस पथवा पर आग फल गया मन आकश की ओर दऽष ट की तो ऽदखई ऽदयndash आकश

स उलकपत की तरह पथवा पर आग की लपट ऽगर रही थी अब समपीणथ पथवा आग स जल रहा था जब

आकश स आग की लपट ऽगरता थी उस समय आकश म भयकर गजथन होता था कि छ कषणो म समपीणथ

पथवा आग की लपटो म ऽघर गया अब भा आकश म भयकर गजथन हो रहा था म पथवा पर खड़ हआ

आग स ऽघर गय थ मगर आग क असर मिझ ऽबलकि ल नही हो रह थ मर ऊपर भा आकश स आग

ऽगर रहा था ऐस लगत थ म आग म सनन कर रह ह ा इसऽलय परसनन हो रह थ पथवा पर रहन वल

जनवर जल रह थ तथ जलत हए इधर-उधर भग रह थ म यह सब दखकर हास रह थ मगर जनवर

भगकर कहा ज सकत थ चरो ओर आग हा आग फला हई था आग म जलकर सब-कि छ रख होन

योग कस कर 96

लग थ आकश ऐस लग रह थ मनो फट जयग कि छ समय बद यह ऽकरय धार-धार बनद होन

लगा zwjयोऽक पथवा क सब कि छ जलकर रख हो चिक थ पथवा पर पड़-पौध झऽड़य ा व जनवर आऽद

कि छ भा नही रह गय थ ऽसफथ म अकल परशनन मिदर म खड़ हआ थ आकश पीणथ रप स शत हो

चिक थ म परसनन मिदर म आग चल ऽदय उस समय मर अनदर ऽवचर आय- sbquoअब तो पथवा पर

अकल म हा रह गय ह ाrdquo

ऄथश- यह अवसथ मिझ भऽवषय म परप त होगा आकश और पथवा हमर हा ऽचतत ह आकश

हमर ऽचततकश ह परथवा (भीऽम) हमर ऽचतत की भीऽम ह आग हमर योगबल ह पथवा पर हर-भर

वतवरण पड़-पौध जनवर आऽद हमर कमथशय ह जो योगबल स जलकर रख हो गय ह ऽचतत पर

ऽसथत ऊपरा सतह पर जो कमथशय ह उनह ऽनकट भऽवषय म भोग कर नष ट करन ह वहा जलकर नष ट हो

गए ह इन कमथशयो क जलकर नष ट होन स आग क मगथ परशसत हो जयग यह अनिभव हमर ऽलए

बहत अचछ ह

दसरो की जानकारी पराप त होना

आजकल हम अपन ग ाव क आसपस की घटनएा अपन आप मलीम हो जता थी कि छ घटनएा

हमर ग ाव स दीर घटता था वह भा मलीम हो जता थी मगर योग की गोपनायत क करण म ऽकसा स

कोई घटन नही बतत थ म अपन कम स कम रखत थ जयद नजदाकी समबनध म ऽकसा स नही

रखत थ ऽकसा कम को करन स पहल हा हम उसक फल मलीम हो जत थ कोई भा वयऽकत कि छ

कयथ करन वल होत थ अथव कयथ करन की सोचत थ तब भा हम मलीम हो जत थ एक-दो बर

ऐस भा हआ जब ऽकसा वयऽकत न कयथ करन शिर ऽकय तब मन उसक फल कयथ पीर होन स पहल हा

बत ऽदय थ ऐस समय पर हम बड़ा परशना उठना पड़ा था लोग हमर पस पीछन क ऽलय आन लग

थ बड़ा मिऽशकल स हम इन लोगो स छि टकर ऽमल पय इसऽलए म समज क लोगो स कम समबनध

रखत थ हम यह भा अपन आप मलीम हो जत थ ऽक भीऽम क ऽकतन फीट नाच पना ह यह

जनकरा टयीबवल म सहयक होता ह इसा परकर हम मतयि क ऽवषय म भा मलीम हो जत थ ऽकस

वयऽकत की ऽनकट भऽवषय म मतयि होन वला ह उसकी जनकरा हम पहल स हो जता था ऽक अमिक

वयऽकत इस समय मर जयग

योग कस कर 97

ऄतप त जीवातमाओ स बात करना

इसा परकर हम अतप त जावतमओ की बहत जनकररया ऽमल करता थी य जावतमए

जयदतर व होता था ऽजनकी अकल मतयि हो जता था हम नही जनत य अतप त जावतमए हम कस

ढीाढ लता थी ऽक म योगा ह ा शयद हमर वलय दखकर हमर ऽवषय म जन जती होगा ऐसा

जावतमओ स हमरा बहत बतचात हआ करता था वह अपन ऽवषय म पीर पररचय भा दता थी तथ

अपन सर हलचल बतता थी हमन यह भा आकलन ऽकय जयदतर जावतमएा ऽसतरयो की होता थी

ऽजनहोन अपना आतम हतय कर ला होता था अथव उनऽक हतय कर दा जता था ऐसा जावतमओ

को वसनदह परप त होता ह ऽफर य हमस कि छ-न-कि छ अवशय मागता थी मगर म कह दत थndash मरा

सधन अभा शिर हई ह कपय आप अपना इचछ अनय ऽकसा सधक य योगा स पीरा कर ल हम

आपकी माग पीरा नही कर पएाग इस परकर की जावतमओ स बत करन म बड़ मज आत थ इचछ

पीऽतथ न होन पर जावतमएा चला जय करता थी म उनह बड़ पयर स वपस लौट दत थ उन ऽदनो मिझ

अनिभव भा अचछ-अचछ आत थ हमरा सधन भा अचछा हो चिकी था मगर शरा मत जा हमरा

कि णडऽलना उठन क ऽवषय म कि छ नही बतता थी म सोचत थndash शरा मत जा हमरा सधन क ऽवषय

म कि छ भा zwjयो नही बतता ह

म भववषयवकता क पास गया

मन एक बर शरा मत जा को पतर ऽलखndash हमरा इचछ ह ऽक हमरा भा कि णडऽलना ऊधवथ हो

कि छ ऽदनो बद शरा मत जा क पतर आय उसम ऽलख थndash आननद कि मर आपक पतर हमश भवपीणथ

होत ह गिर ऽशषय की पररपzwjव अवसथ पर कि णडऽलना ऊधवथ कर दत ह शरा मत जा क पतर स हम

ऽनरश हई हमर गाव स दीर एक भऽवषयवकत जा थ वह आम लोगो की समसयएा सिलझत रहत थ मन

सोचndash म भा भऽवषयवकत स अपना कि णडऽलना क ऽवषय म पीछी ाग म कि छ ऽदनो बद उस भऽवषयवकत क

पस गय म भा परश नकत थओ की लइन म बठ गय जब मर नमबर पीछन क ऽलय आय तब मन अपन

पररचय बतय तथ यह भा बतय म सहज धयन योग क सधक ह ा भऽवषय म हमरा कि णडऽलना

जगरत होगा अथव नही होगा कपय आप हम बत दाऽजए भऽवषयवकत जा पहल बोलndash sbquoपहल आप

मिझ धयनयोग क ऽवषय म बतइएrdquo मन उनह सकषप म धयन योग क ऽवषय म बत ऽदय ऽफर वह बोलndash

योग कस कर 98

sbquoआप यह योग करन छोड़ दाऽजए अथव गिर क समन कीऽजए zwjयोऽक यह योग अतयनत खतरनक ह

परण ऊपर चढ़त हअगर वपस नाच नही आय तो जन भा ज सकता ह‛ अब मर ऽवचर

भऽवषयवकत क परऽत बदल गय तब मन सोचndash जब इनह योग क ऽवषय म हा जनकरा नही ह तब

हमर भऽवषय zwjय बतएाग मन दिबर परश न ऽकयndash sbquoआप मिझ इतन बत दाऽजए ऽक हमरा कि णडऽलना

जगरत होगा अथव नही होगा‛ भऽवषयवकत जा बोलndash sbquoहम तो भीतपरत क दवत ह भीतपरत क ऽवषय म

बतत ह अथव भगत ह आप तो हमस आग की बत पीछत ह आप हमस आग ऽनकलन की सोच रह

ह‛ इन महशय जा की बत पर हमर मन म थोड़ स करोध आयऽक यह ऽकस परकर बत करत ह

उनहोन हमरा ऽपछला ऽजनदगा बतना शिर कर दा जो ऽबलकि ल सच थ मगर म बाच म बोल पड़

हमर सवल यह नही ह हमर सवल कि णडऽलना जगऽत क ह वह बोलndash sbquoआप अपन गिर को

परसनन कीऽजए यह समसय उनहा स हल होगा‛ म समझ गय हमर परश न क उततर दन इनकी समथयथ स

बहर ह म अपन घर वपस लौट आय सधको म अपन परश न क उततर जनत थ मगर शरा मत जा

क इस ऽवषय पर न बतन हा हमरा दिऽवध क करण बन थ

त रखा ह

भऽवषयवकत क पस स वपस आकर मन शरा मत जा को पतर ऽलखndash म भऽवषयवकत क पस

इस कयथ क ऽलए गय थ शरा मत जा क कि छ समय बद पतर आय उसम ऽलख थndash sbquoआप इधर-

उधर zwjयो भटक रह ह परभि आपकी सरा इचछए पीरा कर दग‛ मगर मिझ इतन शबदो स सतिऽषट नही

ऽमला zwjयोऽक म अपना ऽसथऽत सपषट जनन चहत थ शरा मत जा हम हमरा ऽसथऽत क ऽवषय म नही

बतती थी बऽलक यह भा कहता थी ती बहत रख ह तर भव भऽकत म जर भा नही ह रख होन क

करण तिमहरा सधन नही होता ह तिमहरा सधन म यहा रकवट ह तिम अपन गिर क परऽत सव क

भव नही रखत हो तिमहर अनदर अपन गिर क परऽत सव क भव होन चऽहए मगर मर सोचन इसस

ऽभनन होत थ योग क अभयस म रखपन क अवरोध कस मर मगथ भऽकत योग नही ह ऽफर भऽकत क

अभव म सधन म रकवट क zwjय कम ह यह सच ह भऽकत म अतःकरण शिि जलदा होत ह

लऽकन बहत स योगा ऐस भा हो चिक ह ऽजनह भऽकत स कोई मतलब हा नही रह ह ऽसफथ बदल लन की

दऽष ट स वह अपन योगबल बढ़न क ऽलए तपसय करत थ zwjय उनह योग क अभयसक दरर अपन

योग कस कर 99

लकष परप त नही हआ सच तो यह ह ऽजनकी इचछ शऽzwj त दढ़ होता ह व सधक योग म ऽनिय हा सफल

होत ह दढ़ इचछ शऽzwj त रखन वल ऽनिय हा रख होत ह अगर उनक अनदर रखपन नही होत तब

उनकी दढ़ इचछशऽzwj त भा नही होता पीवथकल म ऽवशवऽमतर न वऽशषठ को नाच ऽदखन क ऽलए कठोरत

स योग क अभयस ऽकय थ तथ भगवन परशिरम व दधाऽच न भा बदल लन की दऽष ट स योग क

अभयस ऽकय थ योग की दऽष ट म य तानो योगा ऽकसस कम रह ह तानो अपना-अपना जगह पर

महनत को परप त हए ऽजसम इचछशऽzwj त दढ़ नही होता ह तो वह योग म शाघर सफल भा नही हो सकत

ह दढ़ इचछशऽzwj त वल पिरष हा कठोर सधन कर सकत ह ऽगड़ऽगड़ कर अथव कप पर ऽकसक

योग क अभयस हआ ह जब तक आप सवय पररशरम नही करग तब तक ईश वर भा आप पर कप नही

करग कोई भा बत द ऽक सतिऽत करक ऽकसा को कि छ ऽमल गय हो तो म भा सतिऽत कर लीा ऽफर zwjयो

बकर म कठोर पररशरम करा सथील शरार को zwjयो कष ट भोगन पर मजबीर करा म भऽकत य सतिऽत क

ऽवरोध नही कर रह ह ा सच तो यह ह भकत हमस बहत महन व शरषठ होत ह zwjयोऽक उनह करोध नही आत

ह तथ अहकर स रऽहत होत ह भऽकत अतयनत कऽठन मगथ ह मगर योग क अभयस करन क ऽलए दढ़त

आवशयक ह दढ़त म कठोरत व रखपन होत ह हमन यह भा दख ह जो सधक रख होत ह उनकी

सधन अचछा होता ह ऐस सधको क अनदर दढ़त बहत होता ह ऽजस कयथ म उनकी लगन लग जय

वह कयथ करक हा छोड़त ह कऽठन कयो स व ऽवचऽलत नही होत ह ऐस सधको क मऽसतषक अऽधक

ऽकरयशाल रहत ह मगर भऽकत भव वल सधक तकथ -ऽवतकथ जयद नही करत ह zwjयो ऽक वह भवन

परधन होत ह उस अपन रदय को सनतिषट करन पड़त ह हम शरा मत जा न कई बर सभा क समन

रख कहकर समबोऽधत ऽकय उस समय उनक दरर रख कहन म हय भव होत थ मगर हमरा

सधन उततरोततर बढ़ रहा था ऽकसा परकर स कभा नही रकी सफलतएा बरबर ऽमल रहा थी

रख होन क बद भा हम सफलतएा बहत हा शाघर ऽमली ह मगर भऽकत भव वल सधक हमस

पाछ रह गय ऽसफथ भऽकत भव स हा योग नही हो जत ह योग म सफलत परप त करन क ऽलए सधक

को कठोर सधन करना पड़ता ह तभा सफलत ऽमलता ह अनयथ नही ऽमलता ह जो सधक पहल यह

सोचकर ढाल पड़ जत ह जब परभि की कप होगा अथव गिर कप होगा तब सधन बढ़ जयगा ऐस

सधको को सफलतएा ऽमलन बहत मिऽशकल होत ह ईश वर कमथधयकष तथ ऽनयमक ह सधक को

सवय अपन कमो क अनिसर फल ऽमलत ह उस चह परभि कप समझ ल अथव गिर कप समझ ल

ऽबन कमथ क ऽकसा की कप नही होता ह ऽजस आप कप समझ रह ह वह आपक कमो क फल ह जब

योग कस कर 100

गिर कप होगा सफलत ऽमल जयगा हम य समझ म नही आत ह सधक ऐस zwjयो कहत ह गिर क

ऽलए सभा सधक एक समन होत ह मगर ऽफर भा कि छ ऽशषयो को योग म शाघर सफलत ऽमलता ह कि छ

को दर म ऽमलता ह इसक अथथ यह हndash ऽजस सधक न ऽजतन पररशरम ऽकय ह उस उतना योनयत

परप त हो गया गिर पर दोषरोपण करन गलत ह ऽक वह ऽकसा पर कम कप करत ह ऽकसा पर

जयदकप करत ह यऽद सफलत और असफलत गिर क अऽधकर म होत तब वह अपन ऽशषय को

कषण भर म हा पीणथ कर दत अथव आतमसकषतकर कर दत परऽणयो क जावन चकर कमथ परधन ह

इसऽलए कमथ करन म लग जइय तभा आपको अपन लकषय परप त होग पहल आप गिर क अथथ समझ

लndash sbquoअधकर स दीर करन वल अथ थत परकश म गमन करन वल अधकर दीर होत हा परकश की

अनिभीऽत होन लगता ह ऐस परकश जो कभा नष ट नही होत हो अथ थत सतय हा नष ट नही होत ह सतय

ऽसफथ बरहम होत ह दीसर शबदो म गिर ऽसफथ मगथदशथन क कम करत ह वह तो सदव समभव स सभा

सधको को आशावथद दत ह इसा परकर हर बत पर ईश वर को नही घसाटन चऽहए ऽक यह कयथ ईश वर

क करण हआ ईश वर सभा जावो पर समभव रखत ह‛

माता जी दवारा जलगााव बलाना

जिलई सन 1988 म शरा मत जा क यह ा स पतर आयउसम ऽलख थndash गिर पीऽणथम क उतसव

मनय ज रह ह आप इस उतसव म आइए मगर म ऽकसा करण स गिर पीऽणथम उतसव पर नही ज सक

थ ऽफर शरा मत जा क पतर हम ऽसतमबर सन 1988 म ऽमल उसम ऽलख थndash sbquoम जलग ाव आया ह ा

एक-डढ़ मह रह ागा आप यहा आ सकत ह यह ा पर एकत भा ऽमलग आन स पहल पतर दरर हम

सीऽचत करन आप कब आ रह ह‛ मन पतर ऽलखndash sbquoशरा मत जा म अzwjटीबर म आ रह ह ा तथ

जलग ाव पहाचन की ऽनऽित तराख भा ऽलख दा था‛ म ऽनऽित तराख पर शरा मत जा क पस जलगाव

पहाच गय उस समय जलगाव म शरा मत जा क जयद ऽशषय नही थ जस ऽक आजकल ह कि छ

सधको स हमर पररचय भा हो गय थ एक ऽदन जलग ाव स 15-20 ऽकमा दीर कणवशरम म भा गय

थ शरा मत जा न कणवशरम क सवमा जा क ऽवषय म थोड़ स मिझ पहल बत ऽदय थ सवमा जा

थोड़ करोधा सवभव क ह ऐस शरा मत जा न मिझ बतय थ

योग कस कर 101

म और कि छ सधक शरा मत जा क सथ एक ऽदन कणवशरम म गय थ आशरम पहाचन पर सवमा

जा कि छ समय बद शरा मत जा क पस आय मन भा सवमा जा क दशथन ऽकय वह कफी ऊा च कद क

थ सवसथ शरार तजसवा चहर दखन स सफ जऽहर होत थ ऽक वह उचचकोऽट क योगा ह सभा न दीर

स उनह नमसकर ऽकय शरा मत जा क सथ कि छ ऽवऽशषट लोग भा आय हए थ ऽफर शरा मज जा न

हमर ऽवषय म सवमा जा को बतयndash sbquoय कनपिर स आय ह अचछ सधक ह‛ सवमा जा न गहरा दऽष ट

स हम दख ऽफर पीछndash sbquoतिमहर zwjय नम ह‛ म बोलndash sbquoसवमा जा मर नम आननद कि मर ऽसह ह‛

ऽफर सवमा जा कि छ नही बोल ऽसफथ कि छ कषणो तक मिझ दखत रह ऽफर वह शरा मत जा स बत करन

लग कफी समय तक बतचात होता रहा एक सतरा क पीछन पर सवमा जा न अपन ऽपछल पीर पररचय

ऽदय ऽजसक उललख म यह ा पर नही कर रह ह ा वपस चलत समय मन सवमा जा को दीर स नमसकर

ऽकयतब सवमा जा हमस बोलndash sbquoसधन करो कठोर सधन करो परभि अवशय ऽमलग‛ सवमा जा क

य शबद सिनकर मिझ बहत खिशा हई जलग ाव वपस आकर शरा मत जा न मिझ बतय ऽक सवमा जा की

तपसय बहत ह हमस भा जयद ह मगर सकषत दिव थस जा ह

एक ऽदन शरा मत जा न बतयndash sbquoअणणजा कह रह थ आननद कि मर यह ा zwjयो आय ह इस

ऽमरज म गिर पीऽणथम पर आन चऽहए थ वहा zwjयो नही आयrdquo शरा मत जा बोलीndash sbquoमन आननद

कि मर को यह ा बिलय ह यहा एकत म बतचात करन क अवसर ऽमलग वह ा भाड़भड़ म बतचात

क अवसर नही ऽमलत उसस जररा बत करना ह‛ य बत हम शरा मत जा न बतई था मिझ शरा मत

जा न मिझ अपन समन धयन पर ऽबठय म उनक समन बठकर धयन करन लग धयनवसथ म हमर

शरार आग की ओर झिकत चल गय ऽसर भीऽम पर सपशथ करन लग शवस तज गऽत स चलन लगा इसा

परकर म एक घनट तक धयन करत रह

शरा मत जा न बतयndash सिबह कि छ सधक दाकष लन आ रह ह आप भा सिबह तयर हो जन

सिबह कि छ दर तक समीऽहक धयन करग दीसर ऽदन सिबह 800-830 बज कि छ सधक शरामत जा क

पस आ गय शरा मत जा न उन सभा सधको को दाकष दा ऽफर धयन करन क ऽलए हम सभा सधक

एक सथ बठ गय म शरा मत जा क समन एक ओर को बठ गय धयनवसथ म हमर ऽसर आग की

ओर झिककर भीऽम स सपशथ करन लग ऽफर जोर-जोर स भऽसतरक चलन लगा कि छ कषणो म हम लगndash

ldquoशरा मत जा गदथन स लकर मीलधर चकर तक राढ़ क ऊपर शऽzwj तपत कर रहा ह उनक अागीठ क सपशथ

हम महसीस हो रह थ कि छ कषणो म भऽसतरक चलना बनद हो गया म साध बठ गयrdquo ऽफर म अपन

योग कस कर 102

आप को भील-स गय जब हमरा आाख खिला तब सभा सधक बठ हए थ और हमरा ओर दख रह थ

शरा मत जा धार-धार सधको स बत कर रहा थी

सधको क जन क बद शरा मत जा न मिझ बतयndash sbquoआननद कि मर आपक आग की ओर

झिकन गलत ह यह सधन नही बऽलक अवरोध ह मन यह अवरोध दीर कर ऽदय इसऽलए आप साध

होकर बठ गय थ धयनवसथ म सधक पाछ की ओर झिकत ह आग की ओर नही झिकन चऽहए

आपक सथ आपकी पतना भा आया ह तथ दो और अतप त जावतमओ क परभव आप पर ह‛ शरा

मत जा क यह शबद सिनकर म चौक और उनस कहndash sbquoदो और अतप त जावतमएा कौन हो सकता ह

मिझ अपना पतना क ऽवषय म जनकरा था मगर दो और जावतमओ क ऽवषय म जनकरा नही था

अगर हम पर दो अतप त जावतमओ क परभव थ तब हम परशना होना चऽहए था मगर हम ऽकसा

परकर की परशना कभा महसीस नही हईrdquo शरा मत जा बोलीndash sbquoवह ठाक ह मगर परशना तब होता ह

जब शरार क अनदर परवश कर इनक परभव बहर स थ‛ ऽफर म कि छ नही बोल शरा मत जा ऽफर

बोलीndash sbquoव जावतमएा तो चला जएागा म आपकी पतना को मतर भा द दीागा ऽजसस उसको भा उस दह स

(वसनदह) मिऽकत ऽमल जयगा चलो अचछ ह वह आपक सथ आ गया ह‛ दीसर ऽदन मन शरा मत

जा स कहndash sbquoआप हम जन की आजञ द दाऽजए‛ शरा मत जा बोलीndash sbquoआप एक दो ऽदन रककर

जइए कल दशहर क पवथ ह आप महरषटर क दशहर दऽखययहा पर कस मनय जत ह‛

अप शादी कर लीवजए

अगल ऽदन सिबह लगभग दस बज शरा मत जा बोलीndash sbquoचलो नाच चलत ह यहा पर कोई-न-

कोई आत रहत ह इसऽलए अवरोध आयग‛ हम और शरा मत जा नाच वल फलट म चल गय शरा

मत जा उस नाच वल फलट म रहन वला सतरा स बोलीndash sbquoमिझ एकत म इस लड़क स बत करना ह

ऊपर कोई-न-कोई आत रहत ह उस फलट वला सतरा न एक कमर खोल ऽदय म और शरा मत जा क

उस कमर म चल गय वह सतरा अपन फलट स हमनत भय क फलट पर चला गया म सोच रह थ शरा

मत जा को मिझस zwjय बत करना ह जो इतन एकत म zwjयो ल आयाह म फशथ पर दरा ऽबछकर शरा

मत जा क समन बठ गय शरा मत जा बोलीndash sbquoआननद कि मर मजो बोल रहा ह ा उसक उततर आप

सोचकर बद म द दन आज अथव कल भा उततर द सकत ह तऽक आप सहा ऽनणथय करक उततर द

योग कस कर 103

सक शरा मत जा की बत सिन कर मिझ भय-स महसीस होन लग मन सोच जरर कोई महततवपीणथ बत

कहन चहता ह शरा मत जा गहरा दऽष ट स हम दख रहा थी ऽफर कि छ कषण रककर बोलीndash sbquoआननद

कि मर आपकी पतना की मतयि हो गया ह आप अभा जवन ह आपकी उमर अभा कफी शष ह इसऽलए

आप शदा कर लाऽजए तऽक आपको बिढ़प म पछतन न पड़ zwjयोऽक बिढ़प म सथा की जररत होता

ह आप शदा कर लाऽजएrdquo शरा मत जा क शबद सिनकर हमर होश उड़ गय मिझ ऐस लग रह थndash

ldquoमिझ चzwjकर आ जयगrdquo कनो म सय-सय की आवज आन लगा ऐस लग जस कन सिनन बनद

कर दग हमरा शवस अपन आप रकन लगा शरार कि छ समय क ऽलए ऽनऽशकरय-स हो गय शरा मत जा

की दऽष ट हमर चहर पर ऽटकी हई था मन सोच ऽक यह शरा मत जा न zwjय कह ऽदय कि छ कषणो बद

हमरा चतन वपस आ गया शरार को झटक स लग हमरा आाखो स आासिओ की धर बहन लगा

मन शरा मत जा स हथ जोड़कर बड़ा मिऽशकल स आवज ऽनकलकर बोलndash sbquoशरा मत जा कपय आप

हमस शदा क ऽलए न कह ऽक आप शदा कर लाऽजयrdquo मन उनक चरण पकड़ ऽलए और जोर-जोर स

रोन लग शरा मत जा न हथ लगकर हम उठय और बोलीndash sbquoआननद कि मर ऽहममत स कम लो खीब

सोच समझ लो इसाऽलए हमन उततर दन क ऽलय समय ऽदय ह ऐस मत समझो शदा करन स सधन म

अवरोध आयग सधन शदा क बद भा होता रहगा zwjय शदा करक गहसथा बसन वल अचछ

सधक नही बनत ह बहतो न गहसथ जावन म हा सधन की ह इसऽलए आप कोई अचछा-सा लड़की

दखकर शदा कर लाऽजए उसकी छोटा जऽत न हो आपक समककष हो हमर आशावथद आपक सथ

रहगrdquo य शबद कह कर शरा मत जा चिप हो गया म ऽफर शदा क नम सिनकर दिःखा हो गय मगर

अबकी बर पहल जस दिख नही हआ थ zwjयोऽक अब हमर अनदर दढ़त आ गया था अब पीरा तरह स

आतमऽवशवस बढ़ गय थ मन शरा मत जा स हथ जोड़ और बोलndash sbquoशरा मत जा आप हम दो ऽदन

अथव दो सल क समय दाऽजए तो भा हमर ऽनणथय यहा ह अब म ऽकसा कीमत पर शदा नही

करा ग म बिढ़प म आन वल कषटो स घबरत नही ह ा हमर लकषय ऽसफथ सधन करन हा ह यऽद आप

हम आशावथद दन चहता ह तो हम अवशय आशावथद दाऽजय ऽक भऽवषय म हमरा सधन अचछा हो

हम सफलत ऽमल मन अब शदा न करन क दढ़ ऽनिय कर ऽलय हrdquo इतन कह कर मन शरा मत जा

क पर पकड़ ऽलए शरा मत जा न हमरा पाठ थपथपया और बोलीndash sbquoआननद कि मर जब आपक इतन

दढ़ ऽनिय ह तो हमर आशावथद आपक सथ ह भऽवषय म आप एक अचछ सधक बनग तथ पीणथत

भा परप त करगrdquo हम शरा मत जा क य शबद बहत अचछ लग और म बहत परसनन हआ

योग कस कर 104

शरा मत जा बोली sbquoम आपको एक मतर दीागा वह शऽzwj तमतर ह इस मतर क जप करन स आपकी

कि णडऽलना को ऊधवथ होन म सहयत ऽमलगा अथव ऊधवथ होन लगगा यह मतर अतयनत गिपत ह यह मतर

आप ऽकसा को नही बतएाग यह मतर हम सधन कल म धयनवसथ म बतय गय थ इस मतर को

ऽवऽधपीवथक बोलन चऽहए तभा फऽलत होग यह मतर म बद म बतऊा गा तथ बोलन क तराक भा

बतऊा गा चलो ऊपर चल कफी समय हो गय हrdquo शरा मत जा और म ऊपर आ गय

दोपहर क भोजन करन क बद थोड़ आरम ऽकय ऽफर शरा मत जा बोलीndash sbquoचलो ऊपर चलत

ह म आपको मतर बतऊा गाrdquo मन एक कि सी उठई और शरा मत जा क सथ पाछ-पाछ चल ऽदय

साऽढ़या चढ़त समय शरा शरा मत जा न कहndash sbquoआननद कि मर आप हमर हथ पकड़ोrdquo zwjयोऽक उनह

साऽढ़या चढ़त समय थोड़ा परशना हो रहा था मन शरा मत जा क हथ पकड़ और धार-धार साऽढ़यो

पर चढ़न लग छत पर पहाचकर एक ओर कि सी डला उस कि सी पर शरा मत जा बठ गयी म चटई

ऽबछकर नाच बठ गय शरा मत जा बोलीndashsbquoमतर पहल साख लाऽजए ऽफर आपको बोलन क तराक

बतता ह ाrdquo मन मतर को कगज पर ऽलख ऽलय शरा मत जा न मतर क उचचरण ऽकय ऽफर शरा मत

जा बोलीndash sbquoआप धयन पीवथक स उचचरण करन क तराक सिऽनए मतर म ऽकस जगह उतर चढ़व हrdquo

शरा मत जा न दो तान बर मतर क उचचरण ऽकय ऽफर हम बोलन क ऽलए कह मन भा मतर क

उचचरण ऽकय मगर उस मतर क बोलन क तराक सहा नही थ इसा परकर शरा मत जा न हम बोलन

क तराक समझय ऽफर मिझ मतर बोलन क तराक आ गय शरा मत जा न कहndash sbquoमतर बहत हा

शऽzwj तशला ह यऽद सहा उचचरण क दरर मतर को बोल जय तो कि णडऽलना अवशय ऊधवथ होन क

परयस करन लगता ह इस मतर क जप जयद स जयद करन तऽक उसक लभ शाघर ऽमल सकrdquo शरा

मत जा न एक मतर और ऽदय इस मतर स ससररक ऽसथऽत म सिधर आत ह तथ करोबर भा अचछ

चलन लगत ह शरा मत जा न यह दोनो मतर पहला बर हम हा ऽदय थ म ऽफर शरा मत जा क सथ

फलट म वपस आ गय zwjयोऽक थोड़ा दर म शरा मत जा को जलग ाव शहर म हा सतसग म जन थ

सधको शरा मत जा दरर बतए गय मतरो क वणथन म यह ा पर नही कर रह ह ा zwjयोऽक य मतर

अतयनत गिपत ह तथ बहत हा शऽzwj तशला ह सधक की कि णडऽलना ऊधवथ करन म सहयत करत ह तथ

अनय परकर क भा कयथ करत ह इन मतरो को आप अपन गिरदव य मगथदशथक स पीछ लाऽजए ऽफर म शरा

मत जा क सथ सतसग म चल गय शरा शरा मत जा नपरवचन ऽकय और धयन भा करय अबकी

योग कस कर 105

बर धयनवसथ म म इतन पाछ झिक गय मिझ ऐस लग ऽक म पाछ ऽगर जऊा ग मर पाछ बठ सधक

न हम पकड़ ऽलय तभा हमर धयन टीट गय

हमरा टरन क समय हो गय थ मन शरा मत जा स कनपिर (उपर) जन क ऽलय आजञ ल ला

एक सधक मिझ जलग ाव रलव सटशन तक छोड़ गय जलग ाव स टरन दरर हम कनपिर आ गय हमरा

अबकी बर की यतर अतयनत सफल रहा म बहत परसनन थ म घर आकर कठोरत क सथ सधन

करन लग

पतनी की सदगवत हइ

कि छ ऽदनो बद शरा मत जा क पतर आय उसम ऽलख थndash sbquoआपकी पतना मतर लन स इनकर

कर रहा ह वह अपन बचच क मोह म ह मगर म शाघर हा मतर द दीागा तथ उस वसन दह स मिकत कर

दीागाrdquo आऽखरकर उस वसन दह स मिऽकत ऽमल गया ऽफर भा सधन क परभव स हमरा और उसकी

मिलकत होता रहता था वह हम अपन बर म बतय करता था कभा-कभा वह सवय भा आ जता था

zwjयोऽक मन उस योगबल द रख थ उसा योगबल क दरर वह हमस ऽमलन आ जता था वरन वह हमस

नही ऽमल सकता था zwjयोऽक अब वह पथवा की पररऽध म नही था कभा-कभा वह हम भऽवषय की छोटा-

छोटा जनकररया द दता था अब उसम पहल जसा आसऽकत य पयर नही थ वह कि छ उखड़ा-उखड़ा

सा रहता था जब मन इसक करण पीछ तो उसन बड़ा मिऽशकल स बतयndash sbquoम जहा पर रहता ह ा वह ा

पर अचछा तरह स ह ा अब मिझ मत बिलय करो उसकी आसऽकत अब उस अपन लड़क स भा नही रह

गया था सधको उसन हम एक बत बतया वह ऽजस जगह पर रहता ह उस जगह पर उसा क समन

और भा जावतमएा रहता ह वह ा की जावतमओ को कि छ-न-कि छ कष ट अवशय बन रहत ह पतना को

भा कष ट रहत थ मगर उस कष ट सहन की आदत पड़ चिकी था

बहत ऽदनो बद एक बर मन उसस समपकथ सथऽपत ऽकय हमरा उसस मिलकत होत हा उसन

कहndash sbquoआप मिझ मत बिलय करो अब हम zwjयो बिलत हो हमरा अब मतयि हो चिकी ह म अब तिमह

नही ऽमल सकता ह ा तिमहरा मिलकत क बद हम कि छ ऽदनो तक आपकी बत यद आता रहता ह जो

हमर ऽलए अचछ नही ह आप मिझ अपना पतना मनत हो अब म आपकी पतना नही ह ा zwjयोऽक हमर

योग कस कर 106

सथील शरार नष ट हो चिक ह हमर आपक समबनध ऽसफथ सथील शरार क थ इसऽलए आप हम पर रहम

करो हमस मिलकत मत करो तऽक म आपको भील जऊा म आपक पस जयद दर तक नही रक

सकता ह ाrdquo मन उसस कि छ समय तक बत की उसक उततर म उसन कहndash sbquoअब आप सधन कररए

आपन शदा नही की यह अचछ ऽकय यह हमर लड़क क ऽलय अचछ ह मगर दीसरा शदा न करन क

करण भऽवषय म आपको परशना उठना पड़गा‛ मन कहndashsbquoआप हम अपन यहा की कभा-कभा

जनकररय ा द ऽदय करोrdquo वह बोलाndash sbquoमन आपको बहत सा बत बतई ह अब हम और मजबीर न

करोrdquo म बोलndash sbquoजब तिमह वह ा जयद परशना महसीस हो तब हमर पस साध चला आन हम उस

परशना क हल कि छ-न-कि छ अवशय ऽनकल ऽलय करग कि छ समय बद हमरा सधन और अचछा हो

जयगाrdquo वह हलक-स मिसकरई और बोलाndash sbquoयह हमर ऽलए अचछ रहगrdquo इतन कह कर वहा चला

गया सधको अब आप समझ गय होग हमरा और पतना की ऽकतना जयद बत हआ करता थी म

मतरो क जप करक सकलप दरर योगबल उसक पस पहाच ऽदय करत थ योगबल क करण उस वहा

पर बहत जयद कष ट नही सहन पड़त थ

सधको पतना क ऽवषय म एक और अनिभव ऽलख रह ह ा अभा तक म जगरत अवसथ म पतना

स ऽमल करत थ ऽसफथ आाख बनद करक बत ऽकय करत थ मगर अबकी बर उसस धयनवसथ म

ऽमल यह बत जीन सन 1990 की ह पतना स ऽमल हए डढ़ वषथ हो गय थ मन सोचndash अब उसस

ऽमलीाग हमरा सधन पहल स और जयद अचछा हो गया ह म धयन पर बठ गय मन दखndash म

अनतररकष म खड़ हआ ह ा मन अपन दऽहन हथ आशाव थद मिदर म ऊपर की ओर उठय तभा मरा

हथला क मधय भग स तान ऽकरण पाला लल और नाला रग की ऽनकली य तानो ऽकरण सीयथ की

ऽकरणो की भाऽत थी य तानो ऽकरण ऊपर की ओर आकश म चला गयी उन ऽकरणो की लमबई अपन

आप बढ़ता ज रहा था म अपन हथ आशाव थद मिदर म ऽकय हए खड़ थ कि छ समय बद उन तानो

ऽकरणो को मन हथो म रससा की भाऽत पकड़ ऽलय ऽफर मन उन ऽकरणो को रससा की भाऽत खीचन

शिर कर ऽदय कि छ कषणो तक म उन ऽकरणो को अपना ओर खीचत रह इतन म हम ऽकसा क करहन

की आवज आया हम लग जस कोई मनिषय ददथ क करण करह रह ह ऽफर मन दखndash ऽकरणो क दीसर

भग म कि छ बाध हआ ह बद म सपषट हो गय ऽकसा की मनिषय की लश जसा बाधा हई ह उसा की

करहन की आवज आ रहा था म समझ गय वह वयऽकत मत नही जाऽवत ह उस वयऽकत को दखकर म

चौक पड़ zwjयोऽक वह कोई ओर नही बऽलक मरा हा पतना था उसा क गल म तानो ऽकरण ऽलपटा हई

योग कस कर 107

थी पतना हमर समन करहत हए खड़ा हो गया और बोलाndash sbquoमर गल खोलोrdquo मन उसक गल स

ऽकरणो क चzwjकर खोल ऽदय अब वह आरम स बठ गया मन पीछndashsbquoइन ऽकरणो म तिम कस फा स गयाrdquo

वह बोलाndash sbquoतिमही न सकलप करक हम इस तरह बिलय ह मन पहल भा कह थ मिझ मत बिलय करो

तिमन जबरदसता हमर सथ ऐस वयवहर ऽकय ह इसस हम बहत तकलाफ हई हrdquo म बोलndash sbquoयऽद

तिमह इतना तकलाफ हो रहा था तब तिमन इन ऽकरणो क चzwjकरो को zwjयो नही खोल ऽलय‛ वह बोलाndash

sbquoयह कयथ हमरा समथयथ स बहर थ य ऽकरण हमर पस आकर गल म ऽलपट गयी ऽफर तिमन मिझ

घसाटन शिर कर ऽदय इसऽलए यह ा तक ऽघसटत हए आया ह ाrdquo म बोलndashsbquoहमर इरद आपको कष ट

दन क नही थ अनजन म हमर दरर आपको कष ट हआ हrdquo

सधको यहा पर पतना क ऽवषय म ऽलखन क करण यह ह आप सभा सधको को मततमओ

स ऽमलन क ऽवषय म जनकरा हो जय हर सधक एक ऽनऽित अवसथ म ऐसा जावतमओ स समपकथ

सथऽपत कर सकत ह ऐस कयो क ऽलए सधन उगर होना चऽहए अनयथ समपकथ सथऽपत नही हो

सकत ह म ऽफर अपना पतना स कभा नही ऽमल बऽलक वह सवय हमर पस ऽमलन आया था इसक

ऽववरण आग ऽदय गय ह मिझ जनकरा हो गया था अगर इसा तरह स हम दोनो ऽमलत रह तो उसक

अगल जनम दर म हो सकत ह इसा परकर मन ढर सरा जावतमओ स समपकथ सथऽपत ऽकय थ और

उनस बतचात भा ऽकय करत थ मिझ इस तरह स बत करन म मज आत थ तथ इन जावतमओ क

ऽवषय म जञन होत थ

कषटो की ऄनभवत

जलग ाव स वपस आन क बद म ऽफर कठोर सधन करन म लग गय धयनवसथ म हमरा

गदथन पाछ की ओर जकर पाठ स ऽचपक जता था गदथन पाठ स इतना जयद ऽचपक जता था ऽक धयन

खिलन क बद गदथन साधा नही कर पत थ तब अपन दोनो हथो स ऽसर को पकड़ कर गदथन धार-धार

साधा ऽकय करत थ उस समय बहत कष ट सहन पड़त थ एक बर म सव स डढ़ घणट तक क

धयन हो जत थ ऽदन म तान-चर बर धयन पर बठत थ परणयम भा दो-तान बर ऽकय करत थ

तथ शरा मत जा दरर बतए गय मतरो क भा जप ऽकय करत थ कि छ ऽदनो बद हमर शरार क अनदर

गमी बढ़ना शिर हो गया ऐस लगत थ पट जल ज रह ह म ऽजतना जयद सधन करत थ गमी

योग कस कर 108

उतना हा जयद बढ़ता था हमर घर क महौल भा बदलन लग थ अब हम सधन करन म

अतयऽधक परशना उठना पड़ता था घर क ऽवरोध भा सहन पड़त थ हमर मन म ऽवचर आय ऽक

घर को छोड़कर बहर कही सधन की जय तो अचछ ह लऽकन बहर हमरा कही भा इतना जन-

पहचन नही था ऽक ऽकसा क दरर आशरम म सधन करन क ऽलए चल जऊा ऽफर सोचndash अगर

आशरम म चल भा गय तो वह ा पर सधन करन क ऽलय समय कम ऽमलग तथ आशरम क कम भा

करन पड़ग कि छ आशरमो क हल तो हमन बहत बिर सिन ह ऽक सनयऽसयो की आपस म नही बनता

ह इसऽलए हमर मन पीरा तरह स आशरम म जन क ऽलए तयर नही हआ आप ऐस समझ लाऽजए म

अपन आप को अधर म लटक हआ पत थ मन म बड़ा खीचतना होता था कभा-कभा ऐस लगत

थ ऽक हमरा सधन कस पीरा होगा मगर हमर दढ़ ऽनिय व धयथ बहत अऽधक होन क करण हतश

नही होत थ म यह सोचत थ जब कष ट हा सहन ह तब ऽफर घर स जन क ऽलय zwjयो सोच रह ह ा

यह भा सच हndash जब तक ऽिनदगा म कष ट नही आत ह तब तक जान क मज नही आत ह लकषय

ऽजतन बड़ होत ह उतना हा अऽधक परशऽनया आती ह और उसा क अनिसर अऽधक पररशरम भा

करन पड़त ह

योग कस कर 109

सन 1989

कामवासना की जागवत

कपय पठकगण हम कषम करन म जो अब ऽलखन ज रह ह ा वह अनिभव कमवसन समबनधा

ह zwjयोऽक योग मगथ म सधक को यह अवसथ अवशय आता ह इसऽलए इस पर ऽलख रह ह ा तऽक

सधको को योग क अभयस क ऽवषय म समझन म सहयत ऽमल म ऽजतना कठोरत क सथ अऽधक

सधन करत थ परशऽनय ा भा उतना हा अऽधक आता थी अब हमर अनदर एक कमा आन लगा था

इस कमा क करण म सवय परशन रहन लग थ म सोचत थndash अब सधन करन बड़ मिऽशकल ह

यह परशना मिझ कभा नही आया था परशना क नम ldquoकमवसनrdquoथ हमर शरार क अनदर

कमवसन की जगऽत हो गया था जब म धयनवसथ म होत थ तब कमवसन उगर सवरप धरण कर

लता था मगर धयन टीटन क बद हम यह परशना नही रहता था म सोचत थ ऽक मर अनदर zwjय कमा

आ गया ह जो यह कमवसन इतना तावर गऽत स उभर आया ह हमरा समझ म नही आ रह थ ऽक

अब zwjय करा म सोचन लगतndash यऽद इस ऽवषय म ऽकसा को जनकरा हो गया तो लोग zwjय कहग यह

सधन नही करत ह ढोग कर रह ह जब म धयन नही करत थ तब हमरा कमवसन शनत रहता था

मगर धयनवसथ म हमर हल बहत खरब हो जत थ इसऽलय अब मिझ धयन स डर-स लगन लग

जब मन अपन धयन कम कर ऽदय तब इस कमवसन स थोड़ा-सा रहत ऽमलन लगा मगर धयन तो

करन हा थ इसऽलए धयन पर बठ जत थ

सधको आप हम बशमथ कहग म zwjय करा योग क अभयस म ऐस हा होत ह इसऽलए कषम

कर जब म धयन करन क ऽलय बठत थ तब ऽफर वहा कमवसन की इचछ चलन लगता था कई

बर मन को समझय मगर मन उसा ओर आकऽषथत होत रहत थ म कभा अपन इषट को यद करत

कभा शरा मत जा को यद ऽकय करत थ मगर इसक समधन नही होत थ मन तो बस कमवसन

पर हा ऽसथर रहत थ हमरा वसनएा इतना परबल हो गयी था ऽक धयनवसथ क समय हमर शरार

पसान स तर हो जत थ मिझ अपन आप स करोध आन लगत थ एक बर करोध इतन जोर स आय

ऽक धयनवसथ म हमर मिाह स ऽनकलndash sbquoनही ऽऽऽ‛ ऽफर हमर धयन टीट गय म अपन आसन पर

बठ हआ थ हमरा शवस तज चल रहा था मिझ अपन पर करोध आ रह थ म बठकर रोन लग ऽफर

योग कस कर 110

ईश वर स परथथन कीndash sbquoपरभि यऽद मर यहा हल रह तो म सधक नही बन पऊा ग ऽनमन शरणा क मनिषय

अवशय बन जऊा गrdquo हमरा समझ म कि छ नही आ रह थ जो चाज हमर अनदर ऽबलकि ल नही था वह

अब इतना तावरत स कस अपन परभव ऽदखन लगा ऽफर मन सोचndash शरा मत जा को पतर ऽलखीाग तो

शरा मत जा zwjय सोचगाndash पहल मन शदा क ऽलए कह थ तब आननद कि मर न मन कर ऽदय अब

ऐस शबद ऽलखकर भज रह ह आऽखरकर हम अपना समसय क हल चऽहए थ इसऽलए मन ऽनिय

ऽकय शरा मत जा को इस ऽवषय म बतऊा ग वहा इस समसय क हल कर सकता ह ऽफर मन शरा मत

जा को पतर ऽलख

शरा मत जा को पतर इस तरह स ऽलख थ ऽक शरा मत जा हमर भवो को समझ जएा कि छ

ऽदनो बद हमर पतर क उततर आ गय उस पतर म हम शरा मत जा न बड़ा डाट-फटकर लगई गया था

मगर हमरा यह ऽकरय बनद नही हई इसऽलए हमन सधन करना बनद कर दा सधन बनद करन पर हम

इस परशना स थोड़ आरम ऽमल गय धार-धार वसन शत हो गया zwjयोऽक मन धयन करन बनद कर

ऽदय थ अब मिझ अपन योग क अभयस पर बड़ करोध आ रह थ म सोचत थ ऽक योग क अभयस

करन बड़ मिऽशकल ह जब धयन पर बठत ह ा तब कमवसन शिर हो जता ह धयन बनद कर दत ह ा

तब कमवसन बनद हो जता ह लगभग एक मह तक धयन नही ऽकय लऽकन अब हम धयन क ऽबन

बड़ा बचना सा शिर हो गया इसऽलए धयन करन ऽफर स शिर कर ऽदय अबकी बर यह ऽकरय नही हई

अब म धयन ऽसफथ तान घणट ऽकय करत थ ऽफर ऽदन भर अपना दिकन चलय करत थ

ऽपरय सधको आप सोचत होग हमर अनदर यह कमवसन zwjयो परकट हो गई उसक अथथ

ऽलखत ह ाndash हमर पहल अनिभवो को पढ़कर आपको भऽसत हो गय होग म इस परकर क सधक नही

रह ह ा अगर म इस परकर क होत तो अपना शदा कर लत जस शरा मत जा न जलगाव म मिझस

कह थ ऽजस समय धयनवसथ म हम यह ऽकरय होता था उस समय म इसक अथथ नही समझ पत

थ शरा मत जा न हम इसक अथथ नही समझय थ बऽलक इस ऽवषय म हमरा डाट लगई था मिझ

लगत थndash य हमर अनदर की हा सीकषम वसनएा ह जो ऽचतत क ऊपरा सतह पर आ रहा ह मगर अब

पिसतक ऽलखत समय हम योग की सभा परकर की जनकररय ा परप त हो गई ह zwjयोऽक योग मगथ म

अभयस क दरर कफी सफर तय कर ऽलय ह वसतऽवकत यह थाndash ऽक योग क अभयस क दरर हमरा

कि णडऽलना ऊधवथ हो रहा था शरा मत जा को हमन कई बर पतर ऽलख थ उसम मीलधर चकर क

अनिभव भा सदव ऽलख करत थ मगर शरा मत जा उस अनिभीऽत क उततर नही दता था और न हा

योग कस कर 111

खिलकर हमर धयन क ऽवषय म बतता था वस कभा-कभा हम आभस हो जत थ ऽक हमरा

कि णडऽलना ऊधवथ हो रहा ह ऽफर म सोचत थ अगर कि णडऽलना ऊधवथ हो रहा होता तब शरा मत जा इस

ऽवषय म अवशय बतताऽक तिमहरा कि णडऽलना ऊधवथ हो रहा ह शरा मत जा हम अzwjसर बतय करता

था ऽक कि णडऽलना जब गिर दरर ऊधवथ की जता ह तभा कि णडऽलना ऊधवथ होता ह मगर जब कि छ वषो

बद मन अभयस क दरर कि णडऽलना ऊधवथ करक उसकी यतर पीणथ कर दा तब हम समपीणथ जनकरा

सवयमव हो गई कि णडऽलना सवयमव ऊधवथ हो सकता ह यऽद सधक उगर सधन करत रह तो कि णडऽलना

अवशय ऊधवथ हो जयगा सवमव ऊधवथ हई कि णडऽलना वल सधक अतयनत शऽzwj तशला होत ह तथ

अपन सधनकल म दीसरो पर शऽzwj तपत कर सकत ह कि णडऽलना ऽसथर होन क बद योगबल की मतर

पहल की अपकष स कफी अऽधक हो जत ह ऽजन सधको की कि णडऽलना ऽपछल जनम म ऊधवथ हो

चिकी ह तथ कि णडऽलना की पीणथ यतर कर ऽसथर कर ऽलय ह ऐस सधको की कि णडऽलना अवशय उगर

होता ह तथ ऐस सधक मगथदशथन म सकषम होत ह

म बत कमवसन की कर रह थ सधक की कि णडऽलना जब सवऽधषठन चकर पर आता ह तब

सधक क अनदर की कमवसन बहत जयद परकट हो जता ह zwjयोऽक सवऽधषठन चकर जननऽनदरय

अथव ऽलग क सथन पर होत ह कि णडऽलना जब वह ा पहाचता ह तब यह चकर अऽधक ऽकरयशाल हो

जत ह इसऽलए उस समय धयनवसथ म कमवसन क परभव बहत अऽधक हो जत थ मगर जब

मन धयन करन बनद कर ऽदय तब कमवसन क परभव समपत हो गय थ zwjयो कि णडऽलना क ऊधवथ

होन बनद हो गय थ वह मीलधर चकर म सिषिपत अवसथ म हो गई था यह बत जनवरा सन 1989 की

ह इसा परकर हमरा कि णडऽलना ऽसतमबर-अzwjटीबर सन 1989 म भा ऊधवथ हो गया था मगर शरा मत जा

दरर न बतय जन क करण म उधर की ओर धयन नही दत थ म सोचत थndash शरा मत जा न तो

कि णडऽलना ऊधवथ नही की ह जबऽक मिझ कि णडऽलना ऊधवथ होत हए ऽदखई दता था शरा मत जा हम zwjयो

नही बतता था वह बत म कभा समझ हा नही समझ पय जबऽक दीसर सधको क ऽवषय म सब कि छ

बतय करता था म पीणथ रप स शरा मत जा पर ऽनभथर थ ऽक शरा मत जा सवय बत दगा उस समय

ऽकसा करण स हमरा सधन कम हो गया तब ऽफर हमरा कि णडऽलना ऽफर बठ गया था ऽफर जनवरा

सन 1991 म हमरा कि णडऽलना एक ऽदवय शऽzwj त न ऊधवथ कर दा था अबकी बर कि णडऽलना ऊधवथ होकर

रदय तक आ गया था

योग कस कर 112

फरवरा सन 1991 म मत जा क पस ऽमरज-महरषटर गय थ उस समय ऽशवरऽतर पवथ पर मिझ

बिलय गय थ तब मन शरा मत जा स पीछndash कपय आप हम सपषट बतइय यह zwjय ह शरा मत जा

बोलाndash आननद कि मर आपको समझ आना चऽहएआपकी कि णडऽलना ऊधवथ हो रहा ह आपकी

कि णडऽलना लगभग सव सल पहल भा ऊधवथ हई था मगर ऽफर वह बठ गई‛ म बोलndash शरा मत जा

आपन पहल हम कि णडऽलना क ऽवषय म बतय नही थ जब गिर कि णडऽलना ऊधवथ करत ह तब

कि णडऽलना ऊधवथ होता ह शरा मत जा बोलाndash sbquoआपको समझ म आन चऽहए थ zwjय हर बत को गिर

बतएग‛ शरा मत जा क शबदो को सिन कर मिझ बड़ दिःख हआ अगर मिझ पहल मलीम हो जत ऽक

मरा कि णडऽलना ऊधवथ हो गया ह तब म और जयद समय तक सधन करत तऽक वह दिबर मीलधर

चकर म सिषिपत अवसथ म ऽसथत नही होता मन शरा मत जा स पीछndash sbquoआप बतय करता थी गिर हा

कि णडऽलना ऊधवथ करत ह तभा ऊधवथ होता ह मगर आपन हमरा कि णडऽलना ऊधवथ नही की ह शरा मत

जा बोलाndash ldquoह ा यह सहा ह मगर आपकी कि णडऽलना उठन क मन सकलप ऽकय थrdquo यह सिन म चिप

हो गय मन ऽनिय ऽकय ऽक हमरा कि णडऽलना उसा ऽदवयतम न ऊधवथ की ह यहऽदवयतम मर दो जनम

पीवथ क ऽपत शरा ह इनहीन वतथमन जनम म मरा कि णडऽलना जगऽत की था इसक ऽनिय हम बद म हो

गय थ हमर ऽपछल कई जनमो म कि णडऽलना जगरत रह चिकी ह तथ ऽपछल जनमो म मन बहत सधन

भा की ह मगर हमर कि छ कमथ अभा शष ह इसऽलए हम इस जावन म कऽठनइया ऽमल रहा ह

नाग ही नाग

यह अनिभव मचथ-अपरल 1989 म आय थ मिझ धयनवसथ ऽदखई ऽदयndash म कही चल ज

रह ह ा समन की ओर हम लतएा हा लतएा भीऽम पर फला हई ऽदखई द रहा ह लतएा अपन आपम

उलझा हई था और य लतएा बहत हा घना था मन उन लतओ क अनदर परवश ऽकय और थोड़ स

आग की ओर चल तभा हम ऽदखई ऽदयndash लतएा आपस म ऽलपटकर ऽबन ऽकसा आधर क आसमन

की ओर ज रहा ह म उनह गौरपीवथक दख रह थ तभा हम समन लतओ म ऽलपट हआ बहत बड़

पाल नग ऽदखई ऽदय जस हा मन नग की ओर दखndash उसन फन फलकर हमरा ओर जोर स फि फकर

मरा म थोड़ पाछ की ओर ऽखसक गय वह नग लतओ म ऽलपट हआ हम बरमबर फि फकर मर

ज रह थ उसक फन बहत हा चौड़ थ हलऽक वह करोध म फि फकर रह थ उस नग क रग पाल

योग कस कर 113

चमकदर होन क करण हम बड़ पयर स लग रह थ म अपन समन वल रसत तयग कर एक ओर

स आग की ओर जन क परयस ऽकय म हथो स लतओ को हटत ज रह थ इतन म एक पाल रग

क नग न हमर हथ पर फन द मर म चौक तो दखndash पहल नग की भाऽत वह भा लतओ म ऽलपट

हआ थ पहल वल नग और यह नग एक जस थ म थोड़ स दऽहन होकर आग की ओर चल हा

थ तभा ऽफरएक नग न हमर रसत रोक ऽदय मन सोचndash zwjय इन लतओ म नग हा नग रहत ह

हमर अनदर पत नही कहा स ऐस सहस आ गय ऽक नगो क हम ऽबलकि ल डर नही लगन लग अब

म उन लतओ को कि चलत हआ आग की ओर जन लग नगो क झिड-क-झिड हम ऽमलत थ वह नग

फन ऊपर उठकर जोर-जोर स फि फकर मरत थ नग लतओ म ऽलपट हए थ और भीऽम पर भा कि णडला

मर बठ हए थ नाच बठ नगो क फन हमर परो म लगत थ लतओ पर ऽलपट हए नग अपन फन

हमर हथो पर मर रह थ आग बढ़न म हम परशना होन लगा zwjयोऽक लतएा कम था नगो की सखय

जयद था भीऽम पर पर रखन भा मिऽशकल थ चरो ओर पाल रग क नग हा नग ऽदखई द रह थ नगो

की शव ास की आवज हमर कनो म बहत जोर स गीाज रहा था नगो क करण म आग नही बढ़ सक

भीऽम पर पर रखन क ऽलए जगह नही था अब म उन पाल नगो क बाच खड़ हो गय म ऽनभीक होकर

नगो को दख ज रह थ वह कि णडला मर फन उठकर फीा फकर रह थ मगर मिझ ऽकसा न कट नही

थ हमर अनिभव समपत हआ

ऄथश- सधको पाल रग क नग कि णडऽलना शऽzwj त क सवरप ह वह एक होकर भा अनक रपो म

ऽदखई द रहा ह जो ढर सरा लतएा ह वह हमर शरार क अनदर की सीकषम नऽड़यो क जल ह हर चकर

म सीकषम नऽड़यो क जल स होत ह आजकल म शऽzwj तमतर क बहत जप कर रह ह ा कि णडऽलना

जगरण स सीकषम शरार क ऽवकस होत ह सीकषम शरार क अनदर ऽसथत सीकषम कोऽशकओ की जड़त

नष ट करक चतनयत ऽवखर दता हइसऽलय सभा लतओ म नग ऽलपट हए ऽदखई द रह ह तथ जोर-जोर

स फि फकर रह ह

अग का गोला व बनदर

धयनवसथ म हम कभा-कभा बनदरो क दशथन भा होन लग ह पहल मन सोच ऽक बनदर zwjयो

ऽदखई दत ह इनक धयन स zwjय लन दन ह मगर जब इन बनदरो पर गहरा दऽष ट डलकर गौर पीवथक

योग कस कर 114

दख तब ऐस लग ऽक इनक धयन स कोई-न-कोई अथथ जरर ह नही तो य धयन म zwjयो ऽदखई दत

ह धयनवसथ म एक बर म ऽसफथ एक हा बनदर ऽदखई दत थ य सभा बनदर लल रग क होत ह

लल रग क बनदरो की पीाछ छोटा होता ह मगर धयनवसथ म इनकी पीाछ कफी बड़ा ऽदखई दता था

अनिभव म दशय इस परकर क होत थndash बनदर धार धार आग की ओर चल ज रह ह उसकी पीाछ ऊपर

की ओर उठा हई ह बनदर स आग की ओर परकऽशत आग क एक गोल ऽदखई दत ह यह आग क

गोल बनदर स दो फीट की दीरा पर ऽसथत रहत ह बनदर जस-जस आग बढ़त जत ह वस-वस आग क

गोल भा आग बढ़त जत ह मगर बनदर और आग क गोल की दीरा सदव एक-सा बना रहता ह कि छ

समय बद आग क गोल फट जत ह तब बनदर भा अदशय हो जत थ इतन म अनिभव समपत हो

जत थ यह अनिभव हम सदव सिनहल परकश म ऽदखई दत थ अनिभव सदव इसा तरह क आत ह

फकथ ऽसफथ इतन होत ह कभा कभा आग क गोल आग की बजय पाछ की ओर ऽदखई दत ह कभा-

कभा आग क गोल दो ऽदखई दत ह एक गोल आग की ओर होत ह और दीसर गोल पाछ की पाछ

रहत ह मगर बनदर स दोनो आग क गोलो की दीरा सदव समन रहता ह तथ आग क गोल फटत हा

बनदर अदशय हो जत ह

ऄथश- धयनवसथ म सधक को इस परकर क दशय ऽदखई द तब उस समझ लन चऽहए ऽक

सधक की सधन अऽनन ततव म चल रहा ह अऽनन ततव क अनतगथत ऽजसकी सधन चलता ह उसक

आनतररक ऽवकस होन शिर हो गय ह अथ थत सीकषम ऽवकस होन लगत ह यह ऽवकस सीकषम शरार क

अनतगथत चलत ह इसक समबनध सीकषम जगत स होत ह कि णडऽलना क सवरप भा अऽनन ततव स

समबऽनधत होत ह जब धयनवसथ म बर-बर लल रग क बनदर ऽदखई दन लग तब उसक अथथ

यहा लग लन चऽहए इसऽलए आग क गोल ऽदखई दत थ आग क गोल फटन क अथथ होत हndash

सधक क ऽचतत पर ऽसथत वऽततय ा जो यह दशय ऽदख रहा ह वह वयपक होन लगा ह अगर धयनवसथ

म कल मिाह वल लगीर (बनदर) ऽदखई द तब उसक अथथ वयि ततव स समबऽनधत होत ह

सवपन सकत

सधको सवपन सकत को सधन क अनिभव नही कहन चऽहए बऽलक हमर मनन ह ऽक यह

सधन की एक अवसथ होता ह सवपन सकत क अथथ हndash म सवपनवसथ म ऽजस दशय को दख रह ह ा

योग कस कर 115

ऽजस वयऽकत स बत कर रह ह ा चह वह पररवर क वयऽकत पड़ोसा ऽमतर ररसतदर जन-पऽहचन वल

हो वही सवपन वह वयऽकत भा दख रह होत ह सवपनवसथ म जो बत म अपन ऽमतर सग समबनधा स

कह रह ह ावह वयऽकत भा वहा सवपन दख रह होत ह तो उस भा मलीम हो रह ह म zwjय कह रह ह ा

कहन क अथथ हndash मर सवपन म आन वल वयऽकत भा ऽबलकि ल वहा दशय व बतचात अपन सवपनवसथ

म दख रह होत ह कह जत हndash सवपन सतय नही होत ह मनिषय क मन हा सवपन ऽदखन कम करत

ह वहा एक स अनक बनकर कलपऽनक दशय ऽदखत ह जो सच नही होत ह सवपन हर पिरष क अपन

वयऽकतगत होत ह दीसरो स उसक कि छ लन दन नही होत ह मगर जो सवपन सऽतवक वऽततयो दरर

ऽदखय जत ह वह सवपन सदव सतय होत ह

सवपन सकत की अवसथ हमरा कफी ऽदनो तक चलता रहा म सवपनवसथ म दीसरो की

जनकरा हऽसल कर लत थ मन बहत स लोगो स इस तरह स बत की यऽद हम अपन ऽमतर स कोई

बत कहना होता था तब सोन स पीवथ म उनहा बतो क सकलप करक सो जत थ ऽफर सवपनवसथ म

अपन ऽमतर स वहा बत कर रह होत थ बद म जब म अपन ऽमतर स कहत थndash आपन सवपन म यह

दख ह तथ यह बत की ह तब ऽमतर चौक पड़त थ वह कहत ऽक हमर सवपन तिमह कस मलीम हो

गय इस परकर क सवपन सकत भजन म दीरा क कोई अवरोध नही होत थ दीरा कम हो अथव जयद

हो इसम कोई फकथ नही पड़त थ यह ऽकरय उसा क सथ करत थ ऽजसस हमरा घऽनषठत होता था म

अपना वसतऽवक बत ऽकसा को नही बतत थ

सवपन सकत म ऽकसा को भा भज सकत थ चह उसन हमस बत की हो अथव बत नही की

हो अपन परयोग क तौर पर कि छ पतर ऐस चिन थ ऽजनस मन कभा बत नही की था अब म ऐस पतरो क

पस सवपन सकत भज करत थ बद म ऽकसा न ऽकसा तराक स इसकी जनकरा परप त कर लत थ

तब ऽनिय हो जत थ हमर परयोग सच ऽनकल ह मगर दीसर वयऽकत अचऽमभत हो जत थ ऽक इनह

हमर सवपन क ऽवषय म कस मलीमहो गय ह सवपन सकत ऽसफथ पिरषो को हा नही बऽलक ऽसतरयो को भा

परयोग क तौर पर भजत थ जो 100 सच होत थ कि छ समय बद मन यह सब कि छ छोड़ ऽदय मिझ

अपना सधन आग की ओर ल जना था जब एक-डढ़ वषथ बद इस परकर क परयोग ऽकय तब यह

परयोग सफल नही हआ मिझ लग यह कयथ ऽकसा ऽसऽि की तरह होत थ

योग कस कर 116

सकलप पणश होना

मन पहल भा ऽलख ह ऽक मन इलzwjटरोऽनzwjस की दिकन खोल ला था कि छ हा समय म हम

आसपस क लोग जनन लग थ zwjयोऽक इस कषतर म हमर अनिभव बहत हा अचछ ह नय सट सवय

असबल करन पिरन ररपयररग करन मिझ अचछा तरह आत थ मगर म दिकन कम हा खोलत थ

करण यह थndash म सधन पर जयद धयन दत थ तथ जयदतर बहर भा जय करत थ म ऽसफथ

दिकन उतना हा खोलत थ ऽजतना हम पसो की जररत होता था zwjयोऽक हमर लकषय सधन करन थ

धन परऽपत करन नही थ हमरा दिकन दो-दो सपतह बनद रहता था जब म दिकन खोलत थ तब रपय

आन शिर हो जत थ इस सबक करण एक थ म अपन मगथ म (इलzwjटरोऽनzwjस) बहत अनिभवा थ

इसऽलए लोग दिकन खिलन क इतजर करत रहत थ कि छ ऽदनो बद हमर अनदर एक ऽवशष गिण आ

गय सिबह म सोच लत थ ऽक आज दिकन म हमर पस इतन रपय आ जय तब दिकन म शम तक

उतन हा रपय आ जत थ उन रपयो की ऽगनता न कम होता था और नही जयद होता था यह बत हम

आश चयथ म डल दता था

एक ऽदन मन ऽनिय ऽकय ऽक मर पस इतन रपय आ जएा इन रपयो की सखय बहत हा जयद

था रपय परप त करन क लकषय असमभव स थ मगर आश चयथ की बत ह दिकन पर इतन कम आ

गय ऽक ऽदन भर म कम पीर नही कर सक थ ऽफर दिकन पर रककर रत भर कम ऽकय दीसर ऽदन

सिबह उतन हा रपय आ गय ऽजतन रपय क ऽलए मन सोच थ अब म चौक यह zwjय बत ह ऐस zwjयो

होत ह अब म अपन घर म सभा को बत ऽदय करत थ ऽक आज हमर पस इतन रपय दिकन स

परप त होग घरवल भा आश चयथ म पड़ गय थ म अपन घर म बत क जत थ मिझ आज इतन रपय

दिकन स चऽहएतब उतन हा रपय हमर पस आ जत थ पठको आपको आश चयथ हो रह होग ऽक

ऐस कस होत होग मगर यह सब सतय ह उस समय रपय की जररत चह ऽजतना हो म अपन जररत

क अनिसर हा दिकन स रपय परप त करत थ मगर रपय कभा जम नही करत थ

एक बर शरा मत जा क पतर आ गय उनहोन हम गिर पीऽणथम पर बिलय थ हमर पस रपय

ऽबलकि ल नही थ zwjयोऽक मन कभा रपय एकतर हा नही ऽकय थ जब जररत पड़ता था तब दिकन खोल

लत थ शम तक रपय परप त हो जत थ अबकी बर शरा मत जा क पस जन थ मन दिकन खोला

और दिकन स कहndash ldquoदख हम शरा मत जा क पस जन ह इतन रपय शाघर चऽहएrdquo ऽफर zwjय थ डढ़

योग कस कर 117

मह दिकन बनद रहन क बद भा गरहको की लइन लग गई तान ऽदन-तान रत दिकन पर बरबर कम

करत रह ऽफर हमर पस उतन हा रपय आ गय ऽजतन रपय हम चऽहए थ दीसर ऽदन शरा मत जा क

पस जन क चल ऽदय वह ा पर गिर पीऽणथम पवथ क उतसव मनय ज रह थ मन दिकन स कभा भा

जयद रपय क ऽलए नही सोचत थ आऽखरकर ऐस म zwjयो सोचीा हमर जावन क मिखय लकषय योग

क अभयस करन थ म सदव योग क ऽवषय म सोचत रहत थ ऽक जयद स जयद योग क अभयस

कर सकीा

ऽपरय सधको अब म यह ऽलखत ह ा ऽक यह सब कस होत थ उततरndash यह सब सधन क बल

पर होत थ मगर ऐस कयो को करन म योगबल घटत रहत ह ऽपरय सधको म आपको एक रय दत

ह ा ऽक आप ऐस कभा मत करन योगबल को सदव आधयऽतमक कयो म कलयण हति लगन चऽहए

योगबल क भौऽतक कयो म कभा परयोग नही करन चऽहए म परयोग क तौर पर यह सब ऽकय करत

थ तऽक इस परकर क कयो को करन म बराकी स जनकररय ा परप त हो सक म चिपचप बठन वल

सधक नही ह ा ऐस कयो को करन क ऽलए योग क कठोर अभयस व तयग की आवशयकत होता ह

परयोग क तौर पर मन zwjय-zwjय ऽकय ह उस आप आग पढ़ोग म उन परयोगो क ऽवषय म नही ऽलख रह

ह ा जो मन ऽसऽियो क परप त करन क ऽलए ऽकय ह

अवदगर शकराचायश जी क दशशन

अभा तक मन जो अनिभव ऽलख ह वह ऽसफथ 18-20 ऽसतमबर सन 1984 स मई सन 1989 तक

क ह zwjयोऽक इस अवऽध म आय इन अनिभवो को मन कॉपा म नही ऽलख थ अब दस वषथ बात जन क

बद इन अनिभवो को ऽलख ह मिझ मिखय रप स जो अनिभव यद आय उनह ऽलख ह ऽजन अनिभवो की

मिझ यद नही आया उनह म नही ऽलख सकत ह ा कि छ अनिभव मिझ और भा यद ह मगर उनह नही ऽलख

रह ह ा यऽद म सर अनिभव ऽलखीाग तब बहत जयद ऽलखन पड़ग

अब जो आग अनिभव ऽलख गय ह वह अनिभव धयन म आन क बद तिरनत कॉपा म ऽलख ऽलय

करत थ फरवरा सन 1994 म हम आऽदगिर शकरचयथ क आदश परप त हआ थndash ldquoअपन िपछल

अनभव याद करक िलिखए तथा योग पर भी लख िलिखएrdquo मन उनह परणम ऽकय और म बोलndash ldquoपरभि

योग कस कर 118

आपकी आजञ क पलन करा ग आप हम आशावथद द मर अनदर इतना योनयत आ जय ऽक म योग

पर लख ऽलख सकीा rdquo भगवन शकरचयथ जा बोलndash sbquoआपक अनदर अवशय पररणा जागित होगी आप

लख िलख सकग मरा आरीवाशद तमहार साथ ह भिवषय म तमहार पास योग क िवषय म ढर सारी

योगयताए होगी तम सवय अपन आप म पणश होग योग की सारी समसयाए हल करन म आप सवय

सामरथयशवान होग तथा महानता को पराप त होगrdquo म बोलndash ldquoपरभि आप स ऽनवदन ह ऽक आप हम

परकय परवश ऽसऽि क ऽवषय म बतन की कप करrdquo मरा बत सिनकर भगवन शकरचयथ जा कषणभर

क ऽलए सतबध रह गय ऽफर थोड़ मिसकरए और बोलndash ldquoयोगी इस िसिदध क िवषय म जानकर कया

करोग भिवषय म तमह तततवजञान पराप त होगा िरर इस िसिदध क िवषय म नही पछोग तथा तमहार परश न का

उततर भी िमल जायगा रीघर ही तम तततवजञान को पराप त करोग तथा असीिमत योगबल क सवामी भी होग

हमारी आजञा को रीघर पालन करना रर कर दोrdquo उनहोन आशाव थद मिदर म ऊपर की ओर हथ उठय

और अतधय थन हो गय ऽफर अzwjटीबर सन 1995 म हमर और भगवन शकरचयथ जा क धयनवसथ म

वत थलप हआ थ यह वत थलप ऽसऽि क ऽवषय म हआ थ मगर उनहोन आकश गमन ऽसऽि क

ऽवषय म बतन स इनकर कर ऽदय वह बोलndash ldquoयह ऽसऽि मिझ मलीम नही ह म तो पना क ऊपर चलन

वला ऽसऽि क ऽवषय म जनत ह ाrdquo म बोलndash ldquoकपय आप इसा ऽसऽि क ऽवषय म बत दाऽजएrdquo मगर

उनहोन कोई उततर नही ऽदय वह चिप हो गय मन कहndash ldquoपरभि म अपन जञन क दरर इस ऽसऽि क ऽवषय

म जन क रह ागrdquo मगर वह कि छ नही बोल ऽसफथ चिपचप रह बद म मिझ मलीम हो गय थ ऽक बरहम

दरर मन ऽकए जन क करण हम ऽसऽियो क ऽवषय म कि छ भा नही बतय गय मगर भऽवषय म इन

ऽसऽियो क ऽवषय म जनकरा हो गया था

वमरज यातरा

मई क आऽखरा सपतह म मिझ शरा मत जा क पतर ऽमल उसम ऽलख थndash आप 15 जीन तक

हमर पस आ जएा 18 जिलई को गिरपीऽणथम क उतसव मनय जयग तब तक आप हमर पस रह

सकत ह इस अवऽध म आपको गिर सव क अवसर ऽमलग तथ आपको अधयऽतमक लभ भा होग

पतर पढ़ कर मिझ बहत खिशा हई ऽक शरा मत जा क पस कई ऽदनो तक रहन क अवसर ऽमलग इतन

समय तक रहन क अवसर शयद हा ऽकसा ऽशषय को ऽमल होग मिझ अपन आप म बड़ा खिशा महसीस

योग कस कर 119

हई मन ऽनिय ऽकय ऽक म अवशय शरा मत जा क पस जऊा ग मन सोच कि छ समय तक क ऽलय

दिकन बनद कर दीाग घर क सदसयो न तथ ऽमतरो न हम बहत समझय ऽक तिमहरा दिकन की अभा-अभा

शिरआत हई ह तथ कम भा अचछ चल रह ह इतन पहल स ऽमरज क ऽलए मत जओ गिर पीऽणथम पर

चल जन मगर इन सभा को zwjय मलीम ऽक मिझ कौन-स लभ ऽमलन न वल ह शरा मत जा क पस

पतर ऽलखकर भज ऽदय ऽक म आपक पस 15 जीन को आ रह ह ा

म घर स 13 जीन को ऽमरज क ऽलए चल ऽदय 15 जीन को सिबह ऽमरज पहाच गय वह ा पहाच

कर मलीम हआ ऽक शरा मत जा बामर ह उस समय शरा मत जा बामरा क करण ऽकसा भा सधक

को अपन चरण सपशथ नही करन दता थामन शरा मत जा क दशथन ऽकय ऽफर उनहोन हम अपन पस

बिलन क करण बतय शरा मत जा बोलाndash आननद कि मर मन आपको यह ा पर इसऽलए बिलय ह

ऽक आप हमर पस रह सकत ह आपको खन बनन भा आत ह इसक अथथ यह नही ह ऽक आप

यहा पर खन बनएा आप इस कयथ म भा ऽनपिण ह इसऽलय मन आपको ऐस कह थ तथ यहा रहकर

आपको सधन करन क जयद समय भा ऽमलग आप वस भा जयद स जयद सधन करन चहत

ह मन स ऽवरकत भा हो चिक ह आप यह ा पर पिरषथथ क ऽलए नौकरा कर लाऽजए आपक ऽलए नौकरा

ढीाढ दा जयगा ऐस शबद सिनकर मिझ बहत आश चयथ हआ ऽक शरा मत जा क घर म रह ा उनकी सव

करा कि छ समय क ऽलएनौकरा भा कर लीा तथ सधन करन क अवसर भा ऽमलग हमन पहल तो

ऐस नही सोच थ इसऽलए यह सब सिनकर बड़ आश चयथ स लग म कि छ नही बोल zwjयोऽक म ऽनणथय

नही कर पय थ ऽक zwjय करा मन शरा मत जा स कहndash ldquoमत जा हमर घर स 4-5 ऽक०मा० दीर

कसब म हमरा दिकन भा ह म कि छ ऽदनो क ऽलय दिकन बनद करक आपक पस आ गय ह ा मिझ घऱ

वपस जन जररा ह शरा मत जा बोलाndash ldquoआप कि छ ऽदनो बद घर चल जन दिकन क समन घर म

रख कर वपस आ जन‛ म शरा मत जा क समन कि छ कह नही सकत थ इसऽलए ह ा कह ऽदय

zwjयोऽक हमर अनदर मन कर दन की समथयथ नही था

शरा मत जा न सभा सधको को बत ऽदय थ ऽक आननद कि मर हमर पस रहग मगर हमर

मन क अनदर शरा मत जा क यहा रहन की ऽबलकि ल इचछ नही था मगर यह बत म कह नही पत थ

एक ऽदन शरा मत जा न कि लकणी जा स कहndash ldquoआप आननद कि मर की नौकरा लगव दाऽजएrdquo

कि लकणी जा इस कयथ को करन ऽलय तयर हो गय ऽफर म कि लकणी जा क सथ ऽमरज शहर म ऽदन भर

नौकरा ढीाढत रह मगर नौकरा नही ऽमला नौकरा न ऽमलन क एक करण यह भा थ इलzwjटरॉऽनzwjस क

योग कस कर 120

ऽजस तरह क कयथ म मिझ महरत परप त ह उस तरह क कयथ ऽमरज शहर नही होत थ शरा मत जा क

घर की तरफ वपस लौटत समय मन अपना बत कि लकणी जा को बतई ऽक मरा इचछ शरा मत जा क

पस रहन की नही ह यह बत शरा मत जा स परतयकष कह नही पत ह ा कि लकणी जा न मिझ समझयndash

ldquoआप यही रक जइए शरा मत जा सभा स अपन पस रकन क ऽलय नही कहता ह आपक सौभनय ह

ऽक आपस कह गय हrdquo उततर म म कि छ नही बोल दीसर ऽदन एक-दो जगह नौकरा करन क ऽलए बत

हो गया था मगर कि छ करणो स वह ा पर म नही गय शरा मत जा हमर रख को जन गई थी शयद

कि लकणी जा न शरा मत जा को बत ऽदय होग zwjयोऽक शरा मत जा थोड़ा उखड़ा-उखड़ा सा रहन लगा

थी कि छ ऽदनो बद मिझ ऽकसा न जनकरा दा था शरा मत जा न पीन क शरा अऽनल टक जा स अपन

पस रहन क ऽलए कह थ मगर अऽनल जा न शरा मत जा क पस इस तरह ठहरन क ऽलए मन कर

ऽदय थ

जब म शरा मत जा क पस ऽमरज पहाच थ तब उसक तान-चर ऽदन बद जलग ाव की दो

सऽधकएा भा आ गई थी वह शरा मत जा की बड़ा सव ऽकय करती था बद म हमरा और उन दोनो

सऽधकओ की घऽनषठत हो गई था हम सब एक सथ ऽमलकर धयन करन क ऽलय बठत थ और एक

सथ ऽमलकर कम भा ऽनपट ऽलय करत थ सभा की सधन बहत तावर हो गई था उस समय हम बहत

अनिभव आन लग थ सभा सधक कहत थ आप अपन अनिभवो को zwjयो नही ऽलख करत ह आपको

अनिभव अचछ-अचछ आत ह इसऽलय अपन अनिभवो को ऽलख ऽलय करो शरा मत जा न भा हमस

कहndash ldquoआप अपन अनिभव ऽलख ऽलय करrdquo एक बर अणणजा कह थndash sbquoआननद कि मर आप बजर

स एक कॉपा खराद लाऽजय अपन अनिभव ऽलखन शिर कर दाऽजए आपको अनिभव बहत अचछ आत

ह हो सकत ह भऽवषय म आपक अनिभवो क लभ अनय सधको को भा परप त हो यहा बत बहत

पहल मन शरा मत जा को भा कहा था उनहोन भा अनिभव ऽलखन शिर कर ऽदय थ आज उन

अनिभवो क लभ आप सभा सधको को ऽमल रह हrdquo मन अणणजा की बत मन ला और अनिभव

ऽलखन शिर कर ऽदय

मन पहल ऽलख चिक ह ा शरा मत जा क सवसथय खरब चल रह थ वह ऽकसा स चरण सपशथ

नही करता थी मगर एक ऽदन सिवह चर बज धयन पर बठत समय शरा मत जा न अपन दऽहन पर क

अागीठ स हमर आजञचकर पर शऽzwj तपत ऽकय थ तब स हमर धयन और अचछ लगन लग थ मिझ

अपन घर की अपकष शरा मत जा क यह ा पर धयन बहत अचछ लगत थ zwjयोऽक यह ा पर पीरा तरह स

योग कस कर 121

आधयऽतमक वतवरण थ तथ शरा मत जा सदव परतयकष उपऽसथत रहता थी शरा मत जा हमस पीज

भा (सवमा ऽशवननद जा की) करवता था उनक धयन ककष म एक छोट-स मऽनदर ह उसम सवमा

ऽशवननद जा ( शरा मत जा क गिर) की मीऽतथ सथऽपत ह हम सभा सधक ऽमलकर एक सथ सतिऽत

हनिमन चलास तथ मतर आऽद क पठ ऽकय करत थ चौबासो घनट आधयऽतमक वतवरण बन

रहत थ

कणडवलनी शवzwj त का दशशन

अब हमर धयन बहत गहर लगन लग थ मीलधर म अzwjसर ददथ हआ करत थ इसक सथ

मीलधर म सदव ऽखचव हआ करत थ एक ऽदन धयनवसथ म म आग की ओर झिकत चल गय

ऽसर फसथ पर सपशथ करन लग थ ऽफर शवस भा तज चलन लगा य शवस मीलधर म जोर जोर स टकर

रही थी इसस मीलधर चकर म ददथ बढ़ गय थ कि छ कषणो क ऽलए म गहरई म चल गयतभा मिझ

अनिभव आयndash हमर समन भगवन ऽवषणि खड़ हए मिसकर रह ह उनक चर भिजएा ह वह पातमबर

धरण ऽकय ह गल म बहत सिनदर बड़ा सा मल पहन हए ह चरो भिजओ म शख चकर गद व पदम

धरण ऽकय हए ह म बहत परसनन हो रह थ वह अनतररकष म खड़ हए थ तथ परकश क वलय चरो

और घीम रह थ कि छ कषणो तक म भगवन ऽवषणि को दखत रह भगवन ऽवषणि क शरार परदशी स

हो गय हम उनक शरार म मीलधर चकर ऽदखई दन लग ऽफर मीलधर चकर स एक बहत तज

परकऽशत पतला सा लइन ऊपर की ओर जन लगा वह परकऽशत लइन गल तक जकर रक गई ऽफर

कि छ कषणो बद वह लइन अदशय हो गई ऽफर मीलधर चकर स अतयनत चमकीला परकश लइन ऊपर

की ओर घिमवदर चढ़ता हई तावर गऽत स जन लगा गल तक जकर अदशय हो गई यहा ऽकरय बर-बर

हो रहा था मीलधर चकर स कणठचकर तक वह परकऽशत लइन घिमवदर चढ़ता था ऽफर अदशय हो

जता था उस समय हम भगवन ऽवषणि क शरार ऽबलकि ल परदशी ऽदखई द रह थ कि छ कषणो तक म

यह ऽकरय दखत रह ऽफर भगवन ऽवषणि अतधयथन हो गय हमर धयन टीट गय

म अपन अनिभव क अथथ जनत थ ऽफर भा शरा मत जा क दरर म इस अनिभव क अथथ सिनन

चहत थ मन अपन अनिभव शरा मत जा को बतय और इसक अथथ पीछndash शरा मत जा बोला

आपको कि णडऽलना क दशथन हआ ह यह परकऽशत लइन मिझ अब भा यद ह

योग कस कर 122

वशववलगो क दशशन

एक बर धयन करत समय मन दख ऽक हमर भकि टा पर ऽशवऽलग ऽवदयमन ह म कि छ कषणो तक

उस दखत रह ऽफर वह अदशय हो गय कि छ समय बद मिझ ऽफर ऽदखई ऽदयndash ऊा चा-ऊा चा बफीला

चोऽटया ह य चोऽटया सवपरकऽशत ह उन चोऽटयो क बाच एक समतल जगह ह उस समतल जगह पर

ऽशवऽलग बन हआ ह कि छ कषणो तक म ऽशवऽलग को दखत रह ऽफर धयन की गहरई म डीब गय

कि छ समय बद मन धयनवसथ म दखndash म बफील कषतर की ओर आग बढ़त चल ज रह थ

चरो ओर बफथ हा बफथ फला हई था मरा जहा तक दऽष ट जता था बफथ हा ऽदखई द रहा था कि छ समय

तक चलन क बद म एक जगह रक गय तब मिझ समन की ओर एक गिफनिम जगह बना हई ऽदखई

दा उस गिफनिम जगह म ऽवशल आकर क ऽशवऽलग ऽसथत थ ऽशवऽलग बहत हा सिनदर थ मन

सोचndash इस बफील सिनसन जगह म यह ऽशवऽलग ऽकतन सिनदर ऽदखई द रह ह कि छ कषणो म हमर

अनिभव समपत हो गय

सधको बद म मिझ मलीम हआ ऽक यह अमरनथ क ऽशवऽलग थ मन सोच चलो अमरनथ

तो म ज नही सकत थ मगर धयन म अमरनथ क दशथन हो गय

कि छ समय क बद दखndash सोन क बहत सिनदर दरवज ह जस हा म दरवज क समन पहाच वह

अपन आप खिल गय म दरवज क अनदर परवश कर गय ऽफर आग की ओर एक और दरवज ऽदखई

ऽदय जब म उस दरवज क पस पहाच तब वह भा खिल गय इसा परकर म आग की ओर चलत गय

मिझ दरवज ऽमलत गय जस हा म दरवज क पस पहाचत थ तब वह दरवज अपन आप खिल जत

थ इसा परकर छः दरवज ऽमल वह अपन आप खिल गय थ ऽफर आग की ओर एक बहत सिनदर

ऽशवऽलग ऽदखई ऽदय ऽशवऽलग क चरो ओर परकश फल हआ थ हमरा दऽष ट ऽशवऽलग पर कि छ

समय तक ऽसथर बना रहा ऽफर ऽशवऽलग अदशय हो गय तब मन अपन आपको अऽतररकष म खड़ हआ

पय

ऄथश- अनिभव म जो य दरवज अपन आप खिलत ज रह थ और म दरवजो क अनदर परवश

करत ज रह थ यह हमर हा सीकषम शरार क अनदर ऽसथत चकर थ जो इस परकर स ऽदखई द रह थ

इसक अथथ यह हआndash मरा सधन शाघर हा छटव चकर पर पहाच जयगा यह अनिभव छटव चकर क ह

योग कस कर 123

दरदशशन-दरशरवण वसवि

आजकल हमर अभयस अतयनत उगर स हो गय थ मिझ धयन क नश स चढ़ रहत थ

ऐस लगत थ ऽक सदव धयन हा करत रह ा अभयस इतन उगर हो गय ऽक जब म सो जत थ तब म

अपन आप सोत समय धयन पर बठ जत थ हमर जब धयन टीटत थ तब मलीम होत थ ऽक म

धयन पर बठ ह ा धयन पर बठत समय मलीम नही होत थ ऽक म धयन परकब बठ गय ह ा मिझ अपना

इस ऽकरय पर आश चयथ होत थ धयन पर एक य डढ़ घनट अवशय बठ रहत थ यह ऽकरय रऽतर क एक

बज स तान बज क बाच होता था हम ऽदन म नीद ऽबलकि ल नही आता था zwjयोऽक रऽतर म म ऽकतन

सोत थ यह मिझ मलीम नही थ वस म रऽतर क 12 बज सोत थ सिबह 4 बज जग जत थ

जब सधक ऽनदरवसथ म बठकर धयन करन लग और सधक को मलीम न हो पए ऽक वह कब

धयन करन क ऽलय बठ थ तब समझ लन चऽहए ऽक सधक की सधन बहत हा ताबर गऽत स आग

की ओर बढ़ रहा ह ऐस अतयऽधक अभयस करन क करण होत ह सथील शरार सोत रहत ह सीकषम

शरार धयन पर बठन क ऽलए सथील शरार को मजबीर कर दत ह सीकषम शरार क अनदर धयन की ऽकरय

चलता रहता ह इतना कठोर सधन करन वल सधक हजरो म एक हा होत ह अथव ऽवरल हा होत

हमर सथ एक आश चयथ जनक ऽकरय होन लगा था यह ऽकरय जगऽत अवसथ म हआ करता

था म कही भा बठ ह ा चह भाड़-भड़ की जगह म बठ ह ा हमरा आाख कभा भा अपन आप बनद हो

जता था म कषण भर क ऽलए अपन आप को भील जत थ उसा समय ऽकसा भा जगह क दशय ऽदखई

दन लगत थ और वही की आवज भा सिनई दता था ऽफर हमरा आाख खिल जता था यह ऽकरय

कषऽणक दर क ऽलय होता था म सोचत थndash यह कसा ऽकरय ह ऽक हमरा आाख अपन आप बनद हो

जता ह ऽफर ऽकसा जगह क कि छ न कि छ दशय ऽदखई दत ह और वही की आवज भा सिनई दता ह

कभा-कभा ऐस भा होत थ ऽक म सधको क बाच म बठ होत थ और हमरा आाख अपन आप बनद

हो जता था ऽफर ऽकसा जगह क दशय ऽदखई दन लगत थ और वही की आवज भा सिनई दता था

यह ऽकरय कभा-कभा मतर 10 सकणड को भा होता था कभा-कभा 2-3 ऽमनट तक की हो जता था

एक बर म शरा मत जा क समन बठ हआ थ अणणजा पठ कर रह थ म और शरा मत जा

उस पठ को सिन रह थ उसा समय हमरा आाख बनद हो गई हमर मिाह भा खिल गय थ कि छ कषणो बद

योग कस कर 124

मरा आाख खिल गई शरा मत जा मिझ दख रहा थी zwjयोऽक वह हमर समन बठा हई थी ऽफर कि छ कषणो

म मरा आाख बनद हा गई और लगभग आध ऽमनट बद खिल गया म चौक पड़ zwjयो ऽक शरा मत जा

की दऽष ट हमर चहर पर ऽटकी हई था जस हा म चौक तभा शरा मत जा न मिसकर ऽदय मिझ ऐस लग

जस मरा चोरा पकड़ा गया हो मगर म zwjय कर सकत थ म सो नही रह थ आलसय भा ऽबलकि ल नही

थ हम यह महसीस होत थndash आाख बनद होन पर हमरा गदथन थोड़ा सा एक तरफ को झिक जता ह

जयदतर दऽहना ओर को गदथन झिक करता था दीसर वयऽकत यही समझग ऽक आलसय क करण म सो

जत ह ा मगर म इस ऽकरय को रोक नही सकत थ zwjयोऽक हम खिद भा मलीम नही पड़त थ ऽक यह

ऽकरय होन वला ह जब यह ऽकरय हो जता था तब जन पत थ जो इस ऽकरय क समय दशय आत थ

वह बहत हा अचछ होत थ आवज इतना जोर स सिनई दता था ऐस लगत थ कन फट ज रह हो

अणणजा न जब पठ पीर कर ऽलय तब शरा मत जा न बतयndash sbquoआननद कि मर तिमह जो

ऽकरय होता ह इस दीरदशथन-दीरशरवण ऽसऽि कहत ह ऽसऽि क परभव स आाख अपन-आप बनद हो जता

ह उस समय ऽकसा भा जगह क दशय ऽमतर सग समबनधा आऽद ऽदखई दत ह तथ उनकी आवज भा

सिनई दता ह यह ऽकरय अतयनत तावर गऽत स होता ह इस ऽसऽि म सधक को बहत अचछ लगत ह

ऽकसा भा जगह की जनकरा पलक झपकत हा की ज सकता ह अणणजा जब पठ कर रह थ उस

समय आपको यह ऽसऽि कयथ कर रहा था म तिरनत जन गया थाrdquo मन शरा मत जा स पीछndash ldquoशरा मत

जा म यह नही जनत थ ऽक यह ऽसऽि ह आपस इस ऽवषय म पीछन की ऽहममत नही हई म सोचत थ

मिझ ऐसा ऽकरय zwjयो होता ह म सोत भा नही ह ा ऽफर भा आाख बनद हो जता ह हम दशय ऽदखई भा दत

ह तथ वहा की आवज भा सिनई दता ह ऽजस समय अणणजा पठकर रह थ उस समय मिझ पीन रलव

सटशन क दशय ऽदखई द रह थ अमिक टरन जन वला था यतरा टरन पर चढ़ रह थ तथ लउडसपाकर

स उस टरन क ऽवषय म घोषण की ज रहा थाrdquo शरा मत जा बोलीndash ldquoजो आपन दख ह वह सतय होग

मगर इस ऽसऽि क कभा दिरपयोग नही करन चऽहएrdquo शरा मत जा ऽसि क ऽवषय म बतकर अनदर

रसोई म चला गयी अब हमर अनदर बहत खिशा हई ऽक मिझ यह ऽसऽि परप त हई ह मन वह ा पर

उपऽसथत कि छ सधको को बतय ऽक मिझ दीर-दशथन और दीर-शरवन ऽसऽि परप त हई ह

ऽसऽि परऽपत की खिशा मिझ बहत हई मन सोचndash अब मिझ अपन अभयस और कठोरत स करन

चऽहए मगर सधन बढ़न क समय हमर पस नही थ वतथमन समय म म बहत सधन करत थ शरा

मत जा क पस कि छ सधक आय हए थ हमर पररचय उन सधको स हो गय थ मिझ उन सधको स

योग कस कर 125

भा बत करना पड़ता था थोड़ स घरली कम भा कभा-कभा करन पड़त थ हमर अनदर ऽवचर

आय ऽक यह ऽसऽि सवय कम करता रहता ह तथ जनकररय ा परप त करता रहता ह zwjय म अपना

इचछनिसर इस ऽसऽि स कम ल सकत ह ा मन सोचndash यऽद शरा मतजा स इस ऽसऽि क ऽवषय म

पीछी ाग ऽक इस ऽसऽि स कस कयथ लत ह तो zwjय वह बतएागा हो सकत ह शरा मत जा नरज हो

जएागा इसऽलए मन ऽनणथय ऽकयndash म सवय इस ऽसऽि क ऽवषय म जनकरा करा ग ऽक यह ऽसऽि कस

कयथ करता ह जस हा मन ऽसऽि क समरण ऽकय और ऽफर सकलप करक ओकर ऽकय उसा समय

ऽसऽि न तिरनत कयथ करन शिर कर ऽदय मन अपन एक ररशतदर क यहा क सकलप ऽकय थ कषण भर

म उस ररसतदर की सरा जनकरा ऽमल गया अब म बहत परसनन हआ ऽक ऽकसा क कि छ भा जन ज

सकत ह

मन इस ऽसऽि क ऽवषय म कि छ सधको को बतय तो सधक भा परसनन हो गय तथ ऽसऽि क

ऽवषय म और भा बराकी स पीछन लग मन बतयndash म कषण भर म ऽकसा की भा जनकरा कर सकत ह ा

उसा समय मन सधक ऽमतरो को कि छ और जनकररय ा दी ऽफर बद म हम बतय गय ऽक वह

जनकररय ा सतय ह जब मरा इचछ होता था तब म ऽमरज म बठ हआ अपन घर (कनपिर उपर) की

सरा जनकररय ा कर लत थ इचछ करत हा हम टा०वा० की तरह दशय ऽदखई दन लगत थ मगर

कि छ ऽदनो स य ऽसऽि बहत कयथ करन लगा था अब म सोचन लगndash यह ऽसऽि कम कयथ कर तो

अचछ ह zwjयोऽक इसक करण सधन म अवरोध आन लग थ मन सरा बत ऽसऽि क ऽवषय म शरा

मत जा को बतया तब शरा मत जा बोलीndash ldquoआप सकलप करक इस ऽसऽि को बनद कर ऽदऽजए तथ म

भा सकलप करा गा ऽक यह ऽसऽि कयथ न कर वरन आपक धयन म अवरोध आयग तथ आप इस

ऽसऽि स कयथ ऽबलकि ल न लाऽजय ऽफर कि छ ऽदनो बद धार-धार यह धामा पड़ जयगा आपको ऽसऽि

अभा नया-नया परप त हई ह इसऽलए अऽत तावर गऽत स कयथ कर रहा हrdquo

ऽपरय सधको यह ऽसऽि कि छ ऽदनो बद अपन आप धामा पड़न लगा था मगर ऽसऽि न पीणथ रप

स कयथ करन बनद नही ऽकय इस ऽसऽि स ऽकसा की भा अतयनत गिपत बत जन सकत ह जो उस समय

वतथमन म हो रह हो आप इस ऽसऽि क चzwjकर म मत पड़न zwjयो यह अभयस क ऽलए अवरोध ह मन

ढरो जनकररय ा इस ऽसऽि दरर परप त की ह उसक ऽववरण दन उऽचत नही ह यऽद ऽसऽि स कयथ न

ऽलय जय तो ऽनऽशकरय-सा हो जता ह यऽद सधक ऽसऽि स ऽकसा भा परकर क कयथ लग तब ऽसऽि

आऽत तावर गऽत स कयथ करगा

योग कस कर 126

कणठचकर थोड़ा-सा खला

आप सोच रह होग ऽक कणठचकर थोड़-स zwjयो खिल ह पीर zwjयो नही खिल हयह कस चकर

ह सधको सभा चकरो म सबस जऽटल चकर कणठचकर हा ह यह चकर सरलत स नही खिलत ह इस

चकर को खिलन म बहत समय लग जत ह सधक को कई वषो तक अतयनत कठोर सधन करना पड़ता

ह कभा-कभा ऽकसा सधक क पीर जनम इसा चकर पर सधन करत हए बात जत ह मगर कणठचकर

नही खिलत ह ऽजन सधको न ऽपछल जनमो म सधन की होता ह अथव ऽपछल जनम क योगा होत ह

ऽफर भा वतथमन जनम म कई वषो तक उगर सधन करना पड़ता ह तब उनक कणठचकर खिल पत ह

कणठचकर की सरचन हा ऐसा ह ऽक सधक कठोर सधन करन क बद भा शाघर नही खोल पत ह

कणठचकर म सोलह दल क कमल होत ह इस कमल दलो पर जयदतर दऽवयो क सथन ह जाव और

अऽवदय क भा यही पर सथन ह कणठचकर स ऽनचल भग म जो चर चकर ऽसथत ह वह शाघर हा खिल

जत ह तथ परण राढ़ क सहर ऊधवथ होत चल जत ह मगर कणठचकर स परण ऊपर नही ज पत ह

ऊपर क मगथ म एक गरऽथ अवरोध डल रहता ह यह गरऽथ नऽड़यो क एक गिचछ ह परण जब ऊपर जन

परयस करत ह तब परणो क अऽधक दबव होन क करण गदथन पाछ की ओर मिड़ जता ह इसस सधक

को बड़ा परशना होता ह zwjयोऽक सधक क शरार पाछ की ओर झिक जत ह और इसा अवसथ म

धयन करन पड़त ह

मिझ सधन करत हए लगभग पौन प ाच वषथ हो गय ह अब इस गरऽथ पर थोड़ स अभयस क

असर हआ ह जबऽक म परणयम वययम आऽद भा भरपीर करत ह ा सधन म ऽकतना कठोर करत ह ा

यह आप पढ़कर समझ गय होग तथ म ऽपछल जनमो म योगा भा रह चिक ह ा अब थोड़ा सा सफलत

ऽमला ह अथ थत कणठचकर थोड़ स खिल गय ह इस खिल हए भग स हमरा थोड़ा सा परणवयि आजञ

चकर पर आ जता ह इस करण मसतक (भकि ऽट ) पर थोड़ा गिदगिदा भा हआ करता ह कभा-कभा

चाऽटयो-सा कटन लगता ह इसऽलए अब आजञ चकर क भा अनिभव आ जय करत ह इस अवसथ म

परण जयदतर कणठचकर पर हा रकत ह आजञचकर (मसतक) वल परण भा कि छ समय बद वपस

कणठचकर म आ जत ह परणो क आजञ चकर तक पहाचन को गऽत कहत ह मगर परणो की ऽसथऽत

कणठचकर पर हा रहता ह आजञचकर पर परण पहाचन क करण हा ढर सर ऽशवऽलग ऽदखई पड़त ह

zwjयोऽक आजञचकर पर भगवन ऽशव क सथन ह धयन पर बठत हा हम मलीम पड़ जत ह ऽक हमर

योग कस कर 127

परणो क थोड़ ऽहसस आजञ चकर पर आ गय ह जब थोड़ समय बद परण वयि वपस कणठचकर म

आत ह तब भा मलीम पड़ जत ह

एक बर धयन पर बठ हआ थ तभा धयनवसथ म दखndash म धयनपर बठ हआ ह ा अनतररकष स

बहत तज परकश हमर ऽसर क ऊपर पड़ रह ह यह परकश टचथ क परकश की भ ाऽत थ म दीर खड़

हआ अपन शरार दख रह थ ऽजसक ऽसर पर तज परकश पड़ रह थ ऽफर मन अनतररकष की ओर दऽष ट

की तब ऽदखई ऽदयndash परकश बहत ऊपर की ओर स आ रह थ परकश क शरोत ऽदखई नही द रह

सिबह क समय म धयन कर रह थ धयन बहत हा अचछ लग कफी समय तक म धयन की

गहरई म बन रह ऽफर हम अनिभव आयndash घोर अधकर ह उस अधकर म ऊपर की ओर दो अगिऽलय ा

उठा हई ह ऽफर हथ भा सपषट ऽदखई दन लग म यह नही समझ पय ऽक य हथ और ऊा गऽलया

ऽकसकी ह इसक अथथndash आतम और परमतम स समबऽनधत ह

एक ऽदन सयकल क समय म शरा मत जा क समन बठ हआ धयन कर रह थ हमर सथ

कि छ और सतसगा भई व बहन धयन कर रहा था धयनवसथ म मन दखndash म बहत नाच की ओर दख

रह ह ा कि छ कषणो म हम एक ऽशवऽलग ऽदखई ऽदय ऽशवऽलग बहत हा सिनदर थ ऽफर ऽशवऽलग म सिखथ

लल रग क तप हए सोन की तरह कि छ ऽलपट स ऽदखई दन लग ऐस लग रह थndash ऽशवऽलग पर

रससा की तरह कि छ ऽलपट हआ ह ऽफर धारा धार दशय धिाधल स पड़न लग और अदशय हो गय

ऄथश- यह दशय मीलधर चकर क ह मीलधर चकर म जो ऽतरकोण ह उसा ऽतरकोण क मधय म

ऽशवऽलग पर रससा की भाऽत ऽलपटा हई कि णडऽलना ऽदखई द रहा था

वदवय दवष ट खलन म ऄभी समय लगगा

यह अनिभव हम सवपनवसथ म आय मन दखndash कऽवत बहन हमर पस आया हई ह म उस

समय ऽकसा सथन पर बठ हआ थ कऽवत बहन हमर समन हमस थोड़ा दीरा पर आकर बठ गई उनक

हथ म गिलब क फी ल की एक पखिड़ा था मन उस पखिड़ा को दख रह थ इतन म कऽवत बहन बोलाndash

योग कस कर 128

sbquoआननद कि मर मरा ओर दखोrdquo म कऽवत बहन की ओर दखन लग उनहोन ऽफर उस गिलब क फी ल

की पखिड़ा को अपना भकि ऽट पर लगय ऽफर ऽहनदा म बोलndash sbquoआननद कि मर आपको यह ा पर कि छ

ऽदखई द रह हrdquo उनक इशर भकि ऽट की ओर थ म उनकी भकि टा को गौरपीवथक दखन लग मगर मिझ

उनकी भकि ऽट पर कि छ नही ऽदखई ऽदय म कऽवत बहन की भकि ऽट को दख रह थ तभा हमर

अनिभव समपत हो गय

ऽजस समय यह अनिभव आय थ उस समय कऽवत बहन शरा मत जा क घर पर आया हई था

मन सोचndash म सवय कऽवत बहन को यह अनिभव बतऊा ग और उनही स इस अनिभव क अथथ पीछी ाग

दोपहर क समय जब हम सब सधक भई-बहन बठ हए थ उस समय अऽनल भय को मधयम बनकर

कऽवत बहन स इस अनिभव क अथथ पीछ पहल तो उनहोन आनकना की ऽफर जयद कहन पर इस

अनिभव क अथथ बतय उनहोन कहndash sbquoआननद कि मर आपकी ऽदवय दऽष ट क ऽलए अभा समय लगग

अथ थत आपकी ऽदवयदऽष ट अभा नही खिलगा

कऽवत बहन ऽमरज क पस मलग ाव की रहन वला ह इनकी सधन बहत आग चल रहा ह यह

अनिभवो क अथथ ऽनकल लन की योनयत रखता ह इसऽलए मन इनस अनिभव क पीछ थ उस समय

इनह ऽहनदा नही आता था इसऽलए अऽनल भय को मधयम बनय थ भऽवषय म मन इनस थोड़ स मगथ

दशथन भा ऽलय थ म मन क अनदर इनकी बहत इजजत करत ह ा

दो जयोवतयो क दशशन

आज 1 जिलई सन 1989 को सयकल धयन करन क ऽलय बठ हआ थ लगभग सव घणट

क धयन लग थ तथ धयनवसथ म अनिभव आयndash चरो ओर अधकर छय हआ ह अधकर म

एक हा बर म दो जयोऽत ऽदखई दन लगी दोनो जयोऽत थोड़ा-थोड़ा दीरा पर ऽसथत थी दोनो जयोऽत क

आसपस छोटा सा आभ था मिझ कई बर अनिभव म एक हा जयोऽत ऽदखई दता था अबकी बर दो

जयोऽत ऽदखई था कि छ समय तक म दोनो जयोऽतयो को दखत रह ऽफर य दोनो अदशय हो गई अनिभव

भा समपत हो गय मन शरा मत जा स इस अनिभव क अथथ पीछndash तब शरा मत जा न बतय एक

जयोऽत जाव दीसरा जयोऽत ऽशव क परताक ह म समझ गयndash शयद इन दोनो जयोऽतयो क इसऽलए

योग कस कर 129

दशथन हआ ह zwjयोऽक हमरा सधन कणठचकर पर चल रहा ह तथ कभा-कभा परण वयि आजञ चकर पर

भा पहाच जत ह कणठचकर पर जाव क सथन हआजञ चकर भगवन ऽशव क सथन ह इसऽलए दोनो

क अनिभव एक सथ आय ह हमन ऽलख हndash पहल मिझ एक जयोऽत ऽदखई दता था वह शयद जाव क

ऽलए भऽसत करता ह zwjयोऽक म पहल कणठचकर पर थ अब आजञचकर म थोड़ स परण जत थ यह

अनिभव कई बर आय ह

आस ऄनभव का ऄथश शरी माता जी न बताया थाndash lsquoएक जाव क दीसर ऽशव क परताक हrsquo

म यह बत दीा यह जयोऽत ऽचतत की हा वऽततय ा ह अथ थतवऽततय ा हा जयोऽत क सवरप धरण कर लती ह

मगर जाव और ऽशव क परताक ह ऐस दशथ रहा ह वसतव म जाव और ऽशव नही ह

ईषणता

अब हमर शरार म बहत उषणत महसीस होन लगा था नऽभ क आसपस तो कि छ जयद हा

उषणत महसीस होता था कभा-कभा यह उषणत रदय की ओर बढ़ जता था धयनवसथ क समय यह

उषणत और भा उगर रप धरण कर लता था मीलधर चकर म उषणत सदव बना रहता था सधरण

अवसथ म भा शवस मीलधर चकर म टकरय करता था धयनवसथ म शवस क करण मीलधर चकर

दिःखत रहत थ कभा-कभा धयन क बद भा मीलधर चकर दिःखत थ एक ऽदन शरा मत जा स मन

पीछndash शरा मत जा हमर शरार क अनदर बहत गमी बढ़ गया ह तथ मीलधर चकर बहत दिखत रहत ह

शरा मत जा न कोई उततर नही ऽदय और न हा हमरा बत पर जयद गौर ऽकय हम उस समय कफी

परशना हो रहा था मीलधर चकर क ददथ क करण सर धयन यही पर एकगर हो रहत थ ऽफर कि छ

ऽदनो बद हमरा यह ऽकरय होना बनद हो गई इस परकर की ऽकरय पहल भा हो चिकी था ऽफर यह ऽकरय

अपन आप बनद हो गई था

सधको उस समय म इस ऽकरय क अथथ नही समझत थ मगर अब म इस ऽकरय क अथथ

अचछा तरह समझत ह ा यह अवसथ कि णडऽलना जगऽत कर दन की होता ह मगर शरा मत जा न हम

इसक अथथ zwjयो नही बतय यह म नही जनत ह ा शरा मत जा उस समय हमस थोड़ा उखड़ा-उखड़ा सा

रहता थी इसक करण यह थndash म ऽमरज हमश क ऽलए रकन वल नही थ और नौकरा भा नही की

योग कस कर 130

था ऽजस ऽलए हम यहा बिलय गय थ एक और बत थाndash म सभा सधको की भाऽत शरा मत जा की

सतिऽत वल शबदो परयोग नही करत थ इसऽलए मिझ रख कह जत थ हमस कई बर कह गयndash

आप रख बहत ह इसऽलए आपकी सधन म परगऽत नही ह यऽद आप म भऽकत भव होत तब आपकी

सधन बहत आग हो जता म अपन आप म दिःखा स रहत थ हमर अनदर स सदव ऐस शबद नही

ऽनकलत थ जो शबद भऽकतभव वल होत ह हमर समन शरा मत जा न कई बर नए सधको स कहndash

sbquoआपक भव गिर क परऽत बहत अचछ ह आप सरल ह आपकी कि णडऽलना बड़ आरम स उठ सकता

हrdquo म सोचन लगत थndash इनकी सधन अभा इतना अचछा भा नही ह और कि णडऽलना ऊधवथ हो सकता

ह हमरा सधन इतना आग ह ऽफर भा कि णडऽलना नही उठ सकता ह zwjयोऽक म रख ह ा म कि छ नही

बोलत थ बोल भा zwjय सकत थ आऽखरकर वह मरा गिर थी एक बत बत दीाndash म सब कि छ

समझत थ मगर मिझ अभा योग क अभयस करन थ योग क ऽलए मगथदशथक होन आवशयक थ

ववववध ऄनभव

आज दो जिलई सिबह क समय धयन पर बठ हआ थ आजकल हमर धयन भकि ऽट पर लगत

ह zwjयोऽक परण वयि क कि छ ऽहसस आजञचकर पर आकर ठहरत थ मिझ भकऽट पर लल रग क

चमकदर ऽबनदि ऽदखई ऽदय यह ऽबनदि गोलकर रप म थ

ऄथश- लल रग अऽननततव क परताक ह तथ लल रग रजोगिण क भा परताक ह

दोपहर नयरह बज धयन करत समय मन दखndash एक हलक पाल रग क नग हमस थोड़ा दीरा पर

कि णडला मर फन ऊपर उठए हए हमरा ओर दख रह ह धयन करन क बद म समझ गय यह

कि णडऽलना क सवरप ह

आज कल हम ऽकरयऐ बहत हआ करता थी इन ऽकरयओ क वणथन म यहा नही कर रह ह ा वस

ऽकरयओ क कि छ-न-कि छ अथथ अवशय होत ह धयन क समय ऽकरयएा बहत जयद होता था जब म सो

जत थ तब सोत समय भा अपन आप धयन पर बठ जत थ ऽफर धयनवसथ म ऽकरयएा हआ करता

था सधको जयद ऽकरयएा होन अभयस क ऽलए रकवट ह zwjयोऽक ऽकरयएा होत समय मन एकगर

नही रहत ह इसऽलए मगथदशथक को चऽहए ऽक वह सधक की ऽकरयएा अपन योगबल स बनद कर द

योग कस कर 131

अथव अपन गिर स य ऽकरयएा होन बनद करव ल सधक को उस समय अतयनत शिि रहन चऽहए तथ

परणयम भा खीब करन चऽहए सधक की सधन म एक अवसथ ऐसा भा आता ह ऽक कि छ मिदरएा

अवशय होता ह हर एक मिदर क कि छ न कि छ अथथ अवशय होत ह मिदरएा सधक की योनयत को भऽसत

करता ह ऽसफथ मिदर दखकर योनय मगथदशथक सधक की सधन की अवसथ समझ जएाग

आजकल सोत समय हमर शरार क अनदर अगो म कमपन बहत हआ करत थ कभा-कभा यह

कमपन इतन जयद होत थ ऽक हमरा आाख खिल जता था ऐस लगत थ जस शरार क अनदर

भीकमप-स आ रह ह सधको शरार क अनदर इस तरह क कमपन सधक की उचचवसथ को परदऽशथत

करत ह zwjयोऽक इस अवसथ म वयिततव अऽधक ऽकरयशाल रहत ह जब सथील शरार शत होत ह

तब वयि ततव अपन कयथ करन लगत थ इसस शरार क अनदर कमपन हआ करत थ यऽद सधक

बहत अऽधक परणयम क अभयस करत ह तब कफी समय बद उस शरार क अनदर कमपन-स

महसीस होन लगत ह

आज चर जिलई को सिबह धयन पर बठ तो धयन म एक जयोऽत ऽदखई दा अबकी बर इस

जयोऽत क सवरप बहत बड़ थ तथ सयकल क समय धयनवसथ म ऽशवऽलग क दशथन हए थ

आजकल मिझ लग करत ह ऽक म बहत हलक हो गय ह ा धयन क बद हलकपन कि छ जयद

हा महसीस होत रहत ह हलकपन क करण हमर शरार म कफी सफी ऽतथ सा महसीस होता था आलसय

ऽबलकि ल नही लगत थ

ऄथश- ऐस इसऽलए होत ह जब सधक क शरार क जड़ततव कम होन लगत ह तब उसक

जड़तव भा कम होन लगत ह इसऽलए सधक हलकपन महसीस करत ह

वशववलग ही वशववलग

आज 9 जिलई सयकल म धयन करन क ऽलय बठ हआ थ शरा मत जा न हमर आजञ चकर

पर शऽzwj तपत ऽकय मिझ ऐस लग ऽक म बहत ऊपर आ गय ह ा हमरा परणवयि और मन आजञ चकर

पर आ गय ह धयनवसथ म लग रह थ म बहत ऊपर अनतररकष म ऽवदयमन ह ा म बहत हलक हो गय

योग कस कर 132

ह ा कि छ समय बद म धयन की गहरई म चल गय हम अनिभव आयndash म पथवा को दीर-दीर तक दख

रह ह ा पथवा हरा-भरा ऽदखई द रहा ह म अनतररकष म बहत ऊपर बठ हआ ह ा ऐसा अनिभीऽत हो रहा था

तभा अनतररकष म बहत बड़ ऽशवऽलग ऽदखई ऽदय ऽशवऽलग क रग कल थ थोड़ा दर बद हम

अनतररकष म ढर सर ऽशवऽलग ऽदखई दन लग सर अनतररकष ऽशवऽलगो स भर गय अब म नाच की

ओर पथवा को दखन लग म पथवा पर ऽजस ओर दखत थ वही पर ऽशवऽलग परकट हो जत थ ऽफर

म पथवा क ऽजन जगहो पर दऽष ट डलत थ तब उसा जगह स ऽशवऽलग भीऽम क अनदर स ऽनकलकर

ऊपर आन लगत थ पथवा क ऽजस जगह पर ऽशवऽलग परकट होत थ वह ा पर पथवा फट जता था पथवा

क हर ऽहसस म चह मदन हो की ड़ क सथन हो चह पिरन खणडहर हो सभा सथनो स ऽशवऽलग परकट

हो रह थ अब हम पथवा धीमता हई ऽदखई दन लगा था समपीणथ पथवा म ऽशवऽलग हा ऽशवऽलग वयपत थ

दशय बहत अचछ लग रह थ

म पथवा को धीमत हए दख रह थ तथ अनतररकष को भा दख रह थ ऽशवऽलग क अऽतररकत

कि छ भा ऽदखई नही द रह थ कि छ कषणो म सर ऽशवऽलग अदशय हो गय ऽफर एक अतयनत ऽवशल

आकर म ऽशवऽलग परकट हो गय यह ऽशवऽलग समपीणथ अनतररकष म वयपत हो रह थ पथवा भा इसा

ऽशवऽलग क अनदर धीम रहा था इतन ऽवशल आकर क ऽशवऽलग थ अनतररकष और पथवा दोनो उसा

क अनदर समए हए थ यह ऽशवऽलग उजजवल सफद रग क थ तथ इसक ऊपर ऽवशष तरह क कि छ

फी ल रख हए थ यह ऽशवऽलग एक बर म नही दख ज सकत थ इस दखन क ऽलय दऽष ट ऊपर स नाच

की ओर करना पड़ता था यह ऽशवऽलग हम बहत अचछ लग रह थ इतन म हम अपन होश आन

लग ऽक म धयन पर बठ ह ा अनिभव समपत हआ

हमर परण आजञचकर म थोड़ स आय करत थ zwjयोऽक कणठचकर पीरा तरह स नही खिल थ

परण क आजञ चकर म आन क करण हमरा सधन की गऽत आजञ चकर पर था उस समय परण और

मन आजञ चकर पर ऽसथत थ इसऽलए चरो ओर सवथतर ऽशवऽलग हा ऽदखई द रह थ समपीणथ अपर परकऽत

क सवरप अथ थत ऽपणडकर म अपर-परकऽत ऽशवऽलग क समन सवरप वला होता ह ऽलग क अथथ

होत हndashlsquoवयकत रप मrsquo इस अपर परकऽत को ऽलग भा कहत ह और पर परकऽत को अऽलग कहत ह

योग कस कर 133

तीसरा नतर

जब स हमर परणवयि आजञ चकर पर आन लग ह तब स ऽसर कफी भरा-भरा रहन लग ह

तथ ऽसर म ददथ भा रह करत थ नऽड़यो म अशिित होन क करण ददथ हआ करत थ नऽड़यो को

शिि करन क ऽलएपरण वयि नऽड़यो म दबव दत थ यहा दबव ददथ की अनिभीऽत करत थ म

परणयम बहत ऽकय करत थ परणयम करन पर थोड़ स आरम ऽमलत थ आज सिबह 10 जिलई

को धयन पर बठ हआ थ तब धयनवसथ म आजञ चकर (भकि ऽट ) पर एक इच लमब खड़ आकर म

परकश ऽदखई ऽदय हमर धयन परकश की ओर क ऽदरत हो गय उसक अनदर एक लइन बहत तज

चमक रहा था वह चमकदर लइन उस परकश म नाच ऊपर हो रहा था उस परकश क अनदर मिझ कि छ

ऽदखई दन लग म गौर करक उस दखन लग सपषट होन पर मलीम हआ म एक आाख दख रह ह ा आाख

खड़ आकर म था मगर वह आाख बनद था आाख बनद होन पर भा बहत सिनदर ऽदखई द रहा था कि छ

कषणो म अनिभव समपत हो गय यह अनिभव शरा मत जा को बतय तब उनहोन मिझ बतय यह

आपक तासर नतर ह अभा बनद ह इसक खिलन म अभा समय लगग

ऊपर ऽलख अनिभव क बद हम एक और अनिभव कि छ कषणो बद आयndash घोर अधकर ऽवदयमन

ह म उस अधकर को दख रह ह ा कि छ कषणो बद अधकर म परकश पिज परकट हो गय धार-धार

परकश पिज बहत बड़ हो गय यहा परकश पिज ऽशवऽलग क रप म पररवऽतथत हो गय ऽशवऽलग क रग

सफद थ तथ उसक आकर बहत बड़ थ ऽशवऽलग क ऊपर बहत सिनदर थोड़-स फी ल रख हए थ म

ऽशवऽलग को दखकर परसनन हो रह थ ऽफर मर मिाह स आवज जो ऽनकलाndashsbquoपरभि आप ऽशवऽलग क

रप म इतन म ऽशवऽलग अनतररकष म मिझस दीर जन लग और अदशय हो गय हमर अनिभव भा

समपत हो गय यह अनिभव आजञ चकर क ह

म दोपहर क समय धयन पर बठ हआ थ धयन म हम ऊा च-ऊा च पहड़ ऽदखई दन लग ऽफर म

पहड़ की घऽटयो को दखत हआ आग बढ़न लग आग चलकर मन दखndash पना क एक सतरोत ह

थोड़-सपना वही पर भर हआ ह उसा पना न आग चलकर नल क रप ल ऽलय ह ऽफर पहड़ो

की अतयनत गहरा खईयो स होत हए पना न आग चलकर नदा क रप धरण कर ऽलय म सोचन

लगndash यह दशय कहा क दख रह ह ा उसा समय म अचनक म अपन-आप कहन लगndash sbquoयह ा तो गग

नदा हrdquo

योग कस कर 134

म आजकल धयनवसथ म मसतक पर लल रग क ऽबनदि अzwjसर दख करत थ आज एक बर

पाल रग क ऽबनदि भा दख थ अथथ- पाल रग क ऽबनदि पथवा तततव क परताक होत हलल रग क

ऽबनदि अऽनन ततव क परताक होत ह आजकल हर बर ऽवऽभनन तरह क ऽशवऽलग दख करत ह ा कि छ

सवपरकऽशत ऽशवऽलग बहत हा सिनदर ऽदखई दत ह

शरा मत जा की इचछ था ऽक म ऽमरज म रक जऊा मगर मरा इचछ ऽमरज म रकन की नही था

शरा मत जा स म सपषट नही कह सकत थ ऽक आपक पस रकन की हमरा इचछ नही ह इसऽलए हमन

उनह पतर ऽलखकर द ऽदय उसम ऽलख थndashsbquoशरा मत जा आप ऽतरकलदशी ह कपय आप हमर

भऽवषय दखकर बत दाऽजए हम कहा रहन ह हमरा इचछ आपक पस रहन की नही हrdquo शरा मत जा

न हम भा पतर ऽलखकर उततर ऽदयndash lsquoचह ा तो बत सकता ह ा ऽक आपको कह ा रहन ह यऽद आपकी

इचछ यहा रहन की नही ह तो आप गिर पीऽणथम क पवथ मनइए ऽफर आप वपस घर ज सकत ह म शरा

मत जा क पतर पढ़कर बहत खिश हआ zwjयो ऽक घर जन की आजञ ऽमल गई ह म गिर पीऽणथम क पवथ

मनन क बद अऽनल भय क सथ पीन उनक घर पर आ गय zwjयोऽक पीन स हा मर झलम एzwjसपरस क

आरकषण थ

भगवान शरी गणश जी क दशशन

यह अनिभव अऽनल भय क घर पीन म आय थ म अऽनल भय की थोड़ा-सा तराफ ऽलख दीाndash

अऽनल भय बहत अचछ सवभव क सधक ह मन उनक बहत अचछ ह तथ इस समय हमरा और

अऽनल भय की खीब बनता ह इसऽलए म इनही क सथ इनक घर आ गय ह ा ऽफर 19 और 20 जिलई

की मधयरऽतर क समय धयन करन क ऽलय बठ गयndash पहल तो हम ऽवऽभनन तरह की ऽकरयएा हई ऽफर

हमर धयन गहर लग गय मिझ अनिभव आयndash अधकर म परकश पिज परकट होत हआ ऽदखई दन

लग म परकश पिज को दखन लग वह परकश पिज कि छ समय म भगवन गणश जा क रप म पररवऽतथत

हो गय भगवन गणश जा परकश वलय क बाच म बठ हए थ और हमरा ओर दख रह थ म भगवन

गणश जा की सिनदरत दख रह थ हमरा दऽष ट भगवन गणश जा क मसतक पर ठहर गया उनक मसतक

पर परकश गोलकर रप म उभर रह थ ऽफर अदशय हो जत थ म यह ऽकरय दख रह थ तभा

उनक तासर नतर हम ऽदखई दन लग म बोलndash sbquoपरभि हम आपक तासर नतर ऽदखई द रह ह‛ मगर

योग कस कर 135

उततर म वह कि छ नही बोल बऽलक उनकी आकऽत असपषट होकर अदशय होन लगा अनिभव समपत हो

गय

ऄथश- भगवन गणश जा मीलधर चकर क दवत हयह चकर मर ऽवकऽसत हो चिक ह इसऽलय

मिझ इनक दशथन हआ ह इनक तासर नतर ऽदखई दन क अथथ हndash मरा ऽदवय-दऽष ट शाघर हा खिल

जयगा

20 जिलई को सिबह धयन पर हआ बठ थndash धयन म पहल बहत सिनदर यजञ कि णड ऽदखई ऽदय

यजञ कि णड बहत सज हआ थ तथ उस पर बहत सिनदर नzwjकशा बना हई था म यजञकि णड दख हा रह थ

ऽक उसक अनदर अऽनन परकट हो गया अऽनन की जवलएा ऊपर तक उठ रहा था ऽफर अऽनन की जवलऐ

धार-धार कम होन लगा कम होत-होत जवलऐ कि णड क ऽनचल भग म सम गई म अऽनन को दखन क

ऽलए कि णड म झ ाकन लग यह यजञ कि णड बहत गहर ऽदखई द रह थ उस यजञ कि णड क ऽनचल भग पर

भगवन गणश जा बठ हए थ म बोलndash ldquoपरभि आप उसम बठ zwjय कर रह ह मगर वह कि छ न बोलrdquo

तभा हमर अनिभव समपत हो गय अनिभव समपत होन क बद हम हासा आ गया zwjयोऽक म कह रह

थndash आप उसम बठ zwjय कर रह ह

ऄथश- सधको यजञ कि णड वल दशय मीलधर चकर क ह भगवन गणश जा मीलधर चकर क

दवत ह

आज-कल धयनवसथ म कई बरदीर-दीर तक पथवा ऽदखई दता ह चरो ओर हररयला छया

रहता ह बड़-बड़ पड़-पौध होत ह तथ पथवा पर समतल भग भा ऽदखई दत ह सधको जब सधक

क परण वयि आजञ चकर पर आत ह तब ऐस दशय ऽदखई दत ह- समतल भीऽम ह भगवन शकर धयन

मिदर म बठ हए ह

ऄथश- जो समतल भग ऽदखई दत ह वह सधक क ऽचतत की भीऽम होता ह ऽजस म बर-बर

पथवा कह रह ह ा वह भा ऽचतत की भीऽम हा ह इस चकर पर शिरआत म इसा परकर क अनिभव आत ह

योग कस कर 136

कारण शरीर स म ऄनतररकष म

21 जिलई को सिबह धयनवसथ म दखndash म अपन सथील शरार स ऽनकलकर अलग खड़ हो

गय ह ा पहल मिझ अपन सथील शरार ऽदखई ऽदय ऽक वह धयनवसथ म बठ हआ ह ऽफर हमर सीकषम

शरार अऽनल भय क घर की छत को पर करत हआ ऊपर की ओर अनतररकष म तावर गऽत स जन लग

सीकषम शरार को घर की छत को पर करन म ऽकसा परकर क अवरोध नही हआ अनतररकष म ऊपर जत

समय मन पथवा की ओर दख पथवा ऽबलकि ल छोटा सा गद क समन छोटा सा ऽदखई द रहा था म

तावर गऽत स ऊपर चल ज रह थ पथवा हमरा दऽष ट स ओझल हो गई कि छ कषणो बद म अनतररकष म

अपन आप रक गय मर सीकषम शरार क अनदर स दीसर शरार ऽनकल पड़ अब म अपन सीकषम शरार को

दख रह थ वह मनव आकर म मिऽतथ की भाऽत खड़ हआ थ सीकषम शरार शवत रग क परकश स बन

हआ थ उसक सवरप सथील शरार की तरह नही थ सीकषम शरार उजजवल परदशी थ सीकषम शरार को

अनतररकष म छोड़कर म अतयनत तावर गऽत स ऊधवथ होन लग कि छ समय बद मन सीयथ क समन परकश

क गोल दख वह गोल अपना जगह पर ऽसथर थ म उसक पस खड़ हो गय यह परकश क गोल

सीयथ क आकर क बरबर थ मर अनदर इचछ परगट हई ऽक म इस पकड़ लीा मन अपन दोनो हथ आग

की ओर बढ़ कर उस पकड़न चह मगर वह हमरा पकड़ म नही आय zwjयोऽक वह गोल परकश स

बन हआ थ म गोल क समन पट क बल लट हआ थ हमर मिाह परकश स बन गोल की तरफ थ

मर शरार लट हआ उस गोल क चरो ओर अपन आप गऽत कर रह थ जस परथवा सीयथ क चरो ओर

गऽत करता ह उस समय अनतररकष म म और परकश क गोल थ अनतररकष सवचछ परकऽशत चमकील

ऽदखई द रह थ ऽफर परकश क गोल अदशय हो गय उसा समय म अपन आप साध खड़ हो गय

और तावर गऽत स नाच की ओर आन लग जहा पर हमर सीकषम शरार खड़ हआ थ म उसा क समन

रक गय सीकषम शरार मीऽतथ क समन ऽबलकि ल ऽसथर खड़ हआ थ म सीकषम शरार क अनदर परवश कर

गय सीकषम शरार नाच की ओर तावर गऽत स आन लग उसा समय हम पथवा ऽदखई दन लगा पथवा पर

म पीन शहर क ऊपर कषऽणक दर क ऽलय रक ऽफर अपन सथील शरार क समन आकर खड़ हो गय

मन दखndash मर सथील शरार धयन पर बठ हआ ह म सथील शरार क अनदर परवश कर गय हमर

अनिभव समपत हो गय और आाख खिल गई म लगभग सव घणट धयन पर बठ रह थ इसक अथथ हndash

मन सव घणट अनतररकष म यतर की था

योग कस कर 137

ऄथश- सधको इस अनिभव म म अपन आपको करमश तान शरारो म अलग-अलग अनिभीऽत

करत ह ा तथ तानो शरारो को दख रह ह ा य तानो शरारndash सथील शरार सीकषम शरार और करण शरार ह

सथील शरार तो सथील जगत स हा समबनध रखत ह सीकषम शरार क सीकषम जगत स समबनध रहत ह

करण शरार क समबनध करण जगत स रहत ह सीकषम शरार की गऽत ऽसफथ सीकषम जगत तक साऽमत

रहता ह सीकषम शरार एक जगह जकर रक जत ह सीकषम शरार वही तक गऽत कर सकत ह जहा तक

सीकषम शरार क घनतव सीकषम जगत क घनतव स मल करत ह जब घनतव कम होन लगत ह तब सीकषम

शरार आग नही ज सकत ह zwjयोऽक उसक घनतव मल नही करत ह इसऽलए सीकषम शरार क अनदर स

करण शरार ऽनकल पड़और आग की ओर गऽत करन लग करण शरार क घनतव सीकषम शरार स बहत

कम होत ह इसऽलए वह आग की ओर गऽत कर सकत ह करण शरार करण जगत म गमन करत ह

म उस परकश क गोल को पकड़न चहत ह ा मगर पकड़ नही पत ह ा वह परकश क गोल करण शरार

स भा कम घनतव क बन हआ ह इसऽलए वह पकड़ म नही आत ह

चनदरम क समन परकश क गोल sbquoऋतमभर-परजञrdquo क सवरप ह zwjयोऽक करण शरार स वह

पकड़ म नही आय थ उस समय म ऋतमभर-परजञ को नही समझ सक थ मगर ऽफर हम इसकी

जनकरा हो गया ह म पीवथकल म ढरो जनमो स सधन करत चल आ रह ह ा यह जनम हमर अऽखरा

जनम ह आऽखरा जनम म योगा क ऽचतत म ऋतमभर-परजञ क परकटय होत ह इसा क दरर तततवजञन

परप त करय जत ह तथ अऽवदय क नश होत ह इस अनिभव म जब हम यह दशय आय थ हम

तभा समझ लन चऽहए थ ऽक भऽवषय म ऋतमभर-परजञ की परऽपत होगा तथ तततवजञन स यिकत हो

जऊा ग ऋतमभर-परजञ अजञन की दिशमन होता ह अथ थत अजञन क मील स नश कर दता ह

22 जिलई को मन धयनवसथ म दखndash मीलधरचकर स लकर बरहमरधर तक एक बहत सीकषम

पतला सा सफद रग की परदशी नड़ा ऽदखई द रहा ह इसा म सर चकर सपशथ करत हए ऽदखई द रह ह

नड़ा क ऊपर बरहमरधर क कषतर ह तथ धयनवसथ म कई परकर की ऽकरयएा व मिदरएा हई ऽजनक वणथन

म नही कर रह ह ा कभा-कभा इन मिदरओ स कष ट स होत थ अथथ- अनिभव म ऽदखई दन वला

परदशी नड़ा सिषिमन नड़ा ह

योग कस कर 138

ऄनतररकष म ॎ

म धयन पर बठ हआ थ मिझ आवज सिनई दाndash sbquoमरा ओर दखो‛ यह आवज अनतररकष स

आया था म अनतररकष की ओर दखन लग तब हम अनतररकष म कि छ ऽलख हआ ऽदखई ऽदय मन

चरो ओर अनतररकष म अपनादऽष ट की तब म उस शबद को पढ़ पय अनतररकष म lsquoॎrsquo ऽलख हआ

थ lsquoॎrsquo को एक बर म दखकर नही पढ़ ज सकत थ zwjयोऽक वह समपीणथ अनतररकष म ऽलख हआ

थ उस पढ़न क ऽलए मिझअनतररकष म एक ओर स दीसरा ओर को दखन पड़ थ तब पढ़ पय थ ऽक

lsquoॎrsquo ऽलख हआ ह यह lsquoॎrsquo परकश स बन हआ थ

एक बर म धयनवसथ म बठ हआ थ उसा समय हम सिनई ऽदयndash गर नानक मिि क कारी

िनकट ह उनक पाच िरषय अभी कारी दर ह मगर इन ऽशषयो क नम नही बतए गय थ इसऽलए म य

नही जन सक ऽक कौन स ऽशषय ह गिर ननक जा पजबा धमथ को चलय थ इसऽलए पजबा लोग

इनह भगवन की तरह मनत ह

एक बर धयनवसथ म दख ऽक म आकश की ओर दख रह ह ा तभा मिझ ऽदखई ऽदयndash पीवथ

ऽदश की ओर आकश म ऽदवय परकश परकट होकर ऽफर अदशय हो जत ह यहा ऽकरय बर-बर हो रहा

ह म यह दशय कि छ समय तक दखत रह ऽफर हमर मन म आय ऐस zwjयो हो रह ह उसा समय

आकश स हम आवज सिनई दाndash यह ऽकरय मतयिजय मतर क करण हो रहा ह ऽफर हमर यह अनिभव

समपत हो गय

ऄथश- जब अभयसा मतयिजय-मतर क अऽधक जप करत ह तब इसक परभव उसक ऽचतत पर

पड़त ह इसा करण आकश म ऽदवय परकश परकट होत हआ और अदशय होत हआ ऽदखई द रह

आजकल हम अतप त जावतमएा सवपनवसथ म बहत ऽदखई दता थी कभा ऽदखई दत थndash

कि छ अतप त जावतमएा कि छ ख रहा ह कि छ खन क इतजर कर रहा ह कि छ अतप त जावतमएा हमस

खन माग करता था मगर म उनकी इचछ पीऽतथ नही कर सकत थ यऽद म ऽकसा एक को खन दत तो

हमर पस अतप त जावतमओ की भाड़ आना शिर हो जता इसऽलय म ऽकसाको खन नही दत थ

योग कस कर 139

आज नयरह अगसत को धयनवसथ म दखndash अनतररकष म एक बहत सिनदर सतरा परकट हो गया ह

उसक चरो ओर तज परकश क वलय फल हआ ह वह सिनदर सतरा लल रग की सड़ा पहन हए और

ऽसर पर मिकि ट लगए हए खड़ा हऔर हमरा ओर दख कर मिसकि र रहा ह उस सिनदर सतरा न हम अमत क

बर म समझन लगा वह बोलाndashsbquoअमत तीन परकार का होता हrdquo तानो परकर क अमत क नम बतए

उस अमत क नम बहत हा अटपट स थ उस समय कमर क बहर शोर हो रह थ शोर होन क करण

धयन टीट गय अमत क ऽवषय म म आग नही सिन सक

मन धयनवसथ म दखndash म अनतररकष म खड़ ह ा मिझ अपन समन बहत सिनदर ऽशवऽलग ऽदखई

द रह ह ऽशवऽलग क चरो ओर तथ ऊपर भा फी ल रख हए ह ऽशवऽलग क चरो ओर परकश फल

हआ ह ऽशवऽलग स थोड़ उपर अनतररकष म परकश क दरर lsquoॎrsquo ऽलख हआ थ ऽफर हम lsquoॎrsquo व

ऽशवऽलग एक सथ ऽदखई दन लग हमर धयन टीट गय धयन टीटन क बद महसीस हआ आजञ चकर

हलक-स दिख रह ह

बरहमरधर का दशशन

आज 23 अगसत को सिबह धयन पर बठ थ मन धयनवसथ म दखndash म अपन सथील शरार क

अनदर ह ा अपन शरार क अनदर हा ऊपर की ओर दख रह ह ा ऽसर क ऊपरा भग म अधथ-वततकर सा

जगह ऽदखई द रहा ह उसक अनदर बहत तज परकश भर हआ ह उसा समय मन अपन आपस कहndash

यह बरहमरधर ह इसऽलए परकश-हा-परकश भर हआ ऽदखई द रह ह सधक को बरहमरधर क अनदर परकश

हापरकश ऽदखई दत ह जब सधक क परण बरहमरधर क अनदर आत ह तब उसकी ऽनऽवथकलप समऽध

लगन लगता ह

धयनवसथ म अब हमर मन ऽसर क ऊपरा भग की ओर चल जत थ और बरहमरधर दरर पर

जकर ठहर जत थ तथ ऽसर क अनदर भरा हई वयि क दबव भा बरहमरधर क ऽनचल भग म बन रहत

थ म यह ा पर एक बत बत दीा ऽक परण आजञ चकर पर आकर ठहर रहत थ ऽसर की नऽड़यो म भरा

हई वयि ऊपर की ओर जकर एकतर हो जता था पहला बर जब वयि ऽसर क ऊपरा (बरहमरधर क नाच)

भग म एकतर हई था तब हमर शरार म जोरदर कमपन हआ थ ऽफर म समनय हो गय थ ऽसर म ऽकरय

करन वला वयि को उदन वयि कहत ह उदन वयि कणठ क ऊपर समपीणथ ऽसर क अनदर ऽसथत रहता ह

योग कस कर 140

अथव ऽसर म ऽसथत वयि को उदन वयि कहत ह योगा पिरष हा उदन वयि को ऽकरयशाल करक अपन

अऽधकर म रखत ह मतयि क बद ऊपर क लोको म ल जन क कयथ यहा उदन वयि हा करता ह

इसक ऽनवस सथन कणठ म होत ह ऽसर क ऽजस ऊपरा भग म वयि महसीस होता ह वह जगह बरहमरधर

क ऽनचल भग थ अभा हमर कणठचकर पीर नही खिल ह बऽलक थोड़ स हा खिल ह अब धयन

करत समय मन एकगर खीब होत ह zwjयोऽक आजञ चकर म मन एकगर होत ह तथ परण वयि भा आजञ

चकर पर ऽसथत होता ह

आज 27 अगसत को मन एकदम एकगर हो गय म गहरई म चल गय उस समय दखndash

अनतररकष म चरो ओर बहत तज परकश फल हआ ह म परकश को दख रह ह ा परकश इतन तज ह ऽक

आाख चकचौध हो रहा ह उसक समन सीयथ क परकश जिगनी क समन ह ऽफर वह परकश अदशय हो

गय कि छ समय बद दखndash अनतररकष म एक बहत सिनदर ऽसहसन ह यह ऽसहसन सोन क बन हआ ह

सिनदरत व बनवट स सपषट होत ह यह ऽसहसन ऽदवयत स यिकत ह

ऄथशndash अतररकष म सोन क ऽसहसन ऽदखई दन क अथथ होत हndash अभयसा की कि णडऽलना

जगऽत हो गया ह मगर अभा ऊधवथ नही हई ह

भगवान शरी कषण

आज-कल चर-प ाच ऽदन स म बहत बामर थ घर पर इस समय कोई नही थ घर क सभा

सदसय ऽदलला गय हए थ म बामर इतन हो गय थ ऽक उठकर बठ भा नही सकत थ म अपन ऽलय

खन भा नही बन सकत थ इसऽलए दो ऽदनो स भीख हा लट हआ थ बामरा और भीख क करण

शरार कमजोर पड़ गय थ हम बहत िोर स पयस लगा हई था घर म पना उपलबध नही थ पयस क

करण मर बिर हल थ मिझ अपन आप पर करोध आ रह थ ऽक हमर कमथ इतन खरब ह ऽक म

पयस स परशन हो रह ह ा और पना भा नही पा सकत ह ा मन सोचndash sbquoइसस अचछ ह ऽक मरा मतयि हो

जयrdquo दिखा होकर मन कहndash sbquoह ईश वर म अपन घर म पयस स तड़प रह ह ा यह शरार ऽकस कम क ह

म पना भा न पा सकत ह ा इसस अचछ ह ऽक आप हम मतयि द द सधन करन स हम zwjय ऽमल म

अपना ऽजदगा म वस भा दिगथऽत भोग रह ह ा‛ बिखर क करण मर शरार आग क समन तप रह थ उसा

समय मिझ नीद आ गई और सो गय सवपनवसथ म मन अपन आपको एक बहत सिनदर बगाचनिम

योग कस कर 141

जगल म पय म उस जगल म आग की ओर चल ज रह थ इतन म हम मिरला की बहत मधिर

आवज सिनई दा म आवज सिनकर रक गय और सोचन लगndash मिरला की आवज ऽकधर स आ रहा

ह म मिरला की आवज की ओर चलन लग थोड़ हा चल पय थ तभा म ठहर गय ठहरन क

करण यह थ हमस थोड़ा दीरा पर एक पड़ क नाच भगवन शरा कषण पातमबर धरण ऽकए हए गल म

सिनदर मलएा पहन हए दोनो हथो स मिरला पकड़ हए खड़ थ म भगवन शराकषण क सवरप को दख हा

रह थ तभा आकश म जोरदर आवज गीाजाndash sbquoआननद कमार तमह कया चािहए भगवान स माग

लो‛ आवज सिनकर पहल म हास और ऽफर भगवन शराकषण स कहndash sbquoपरभि आप तो शरार पर कपड़

भा धरण नही (ऽसफथ थोड़) ऽकए हए ह म आपस zwjय म ागी‛ इतन कहकर म चिप हो गय मन भगवन

शराकषण स मजक ऽकय थ अनतररकष स ऽफर आवज आयाndash sbquoआननद कमार तमह कया चािहए माग

लो‛ अबकी बर म कि छ नही बोल ऽसफथ अनतररकष की ओर दखन लग zwjयोऽक आवज अनतररकष स

आ रहा था तासरा बर ऽफर आवज आयाndash sbquoआननद कमार तमह कया चािहए भगवान तमहार सामन

खड़ ह माग लो‛ अबकी बर आवज आन पर म जोर-जोर स रोन लग म भगवन शराकषण क समन

पट क बल भीऽम पर लट गय और हथ जोड़कर म बोलndash sbquoपरभि मिझ कि छ नही चऽहए यऽद आप हम पर

परसनन ह तो हम आपकी कप चऽहए‛ इतन कह कर हथ जोड़कर म कि छ कषणो म खड़ हो गय हमरा

आाखो स आासी बह रह थ ऽफर भगवन शराकषण हमर समन अतधय थन हो गय उसा समय वही पर

बलक क रप म शरा कषण क दशथन होन लग उस समय वह दो वषथ क बलक क समन उमर वल होग

उनकऽसर पर मोर पख बाध हआ थ वह हमरा ओर दख कर हास रह थ इतन म हमरा आाख खिल गई

अनिभव समपत हआ

उसा समय हम पड़ोस की सतरा की आहट ऽमला मन जोर लगकर उस बिलय और सरा बत

बतई मन उसस पना पान क ऽलय माग वह सतरा थोड़ा दर म पना और खन लकर आ गया और उसन

मिझस कहndash sbquoजब तक तिम बामर हो म तिमह खन द ऽदय करा गा‛ मन पना ऽपय तब मिझ कि छ रहत

ऽमला अब म अनिभव क बर म सोचन लग ऽकतन सिनदर अनिभव थ यह अनिभव 5 ऽसतमबर को

आय थ

आज-कल हमर धयन ऽसर क ऊपरा भग म लगत थ कि छ समय बद धयनवसथ म नऽभ क

आस पस जलन होन लगता था ऐस लगत थ मनो पट जल ज रह ह सथ हा उडडायन बनध भा

योग कस कर 142

लगत थ सर पट ऽसमटकर पाछ पाठ ऽक ओर चल जत थ मीलधर चकर इस ऽकरय स बहत

दिःखत थ उडडायन बनध इतन जोर स लगत थ ऽक खिलन क नम नही लत थ

18 ऽसतमबर को सिबह धयन पर पाल रग क नग क रप म कि णडऽलना क दशथन हआ नग को

इतन पस स दख ऽक उसकी आाखो म हमरा परछई ऽदखई द रहा था

शरी माता जी का पतर

शरा मत जा को पतर ऽलख हए बहत ऽदन हो गय थ उस पतर क उततर अब आय ह शरा मत जा

न पतर म ऽलख थndash आननद कि मर को अनक आशाव थद आपक दोनो पतर ऽमल जब आप यहा स

(ऽमरज स) गय थ तब ऽनऽित रप स कि छ लकर गय आपक सभा अनिभव सहा ह धयन म तरह-तरह क

अनिभव आत ह हर एक अनिभव क उततर दन कऽठन ह तथ इतन हमर पस समय भा नही ह अब हम

चहत ह ऽक अनिभव जयद न आएा जो भा आएा वह अनिभव आप सवय जन सक मन शत ऽसथर

समधना होन चऽहए बरहमरधर क अनिभव सहा ह लऽकन यह अनिभव ह अनिभीऽत नही ह

आज क ऽदन बहत शिभ ह गिरदव क जनमऽदन ह (20 ऽसतमबर) सरा ऽकरयएा सहा हो रहा ह

आपक धयन भा अचछ लग रह ह अब और गहरई म घिसन क परयतन कीऽजए मन को नऽभ पर

ऽसथर करो नऽभ स हा सरा ऽकरयएा होता ह उसा क मील पकड़ो ऽवचरो को रोको अनिभव नही आन

चऽहए शनत हो जओ अनिभव आग नही बढ़न दत ह सधन म बधक होत ह असति

sbquoतिमहरा मत जा मलता दवा बल‛

अग-ही-अग

शरा मत जा क पतर आय उसम ऽलख थ मन को नऽभ पर क ऽदरत करो मन मन को नऽभ पर

क ऽदरत करन शिर कर ऽदय शिरआत म नऽभ पर धयन करन पर ऽवऽचतर-स लगत थ पहल नऽभ क

आसपस ददथ-स महसीस हआ यह करम कि छ ऽदनो तक चलत रह ऽफर नऽभ अतयऽधक गमथ होन लगा

ऽजसस धयन म थोड़ा परशना-सा महसीस हई सर पट म आग-हा-आग महसीस होन लगा तथ

योग कस कर 143

धयनवसथ म नऽभ क आसपस आग ऽदखई दता था जब म सो जत थ तब सवपनवसथ म भा नऽभ

पर चरो ओर आग ऽदखई दता था कभा-कभा मतर आाख बनद करन पर जलता हई आग ऽदखई दता

था एक बर धयनवसथ म दखndash आग को कोई फीा क रह ह ऽजसस आग और परजवऽलत हो गई उस

समय पट क बिर हल थ ऐस लगत थ ऽक जल जयग ऽफर यह आग रदय की ओर बढ़न लगा

ऐस लग रह थ ऽक रदय आग क करण जल जयग रऽतर म सोन क बद बिर हल हो जत थ

zwjयोऽक पट और रदय इतन गमथ हो जत थ ऽक नीद नही आता था म सोत समय जग जत थ ऐस

लगत थndash सर रदय जल रह ह अब नऽभ की जलन पर थोड़ आरम स ऽमल मगर रदय म जलन

क करण कफी कष ट हो रह थ कि ल ऽमलकर इस आग स बिर हल हो गय थ पना पान स आरम

ऽबलकि ल नही ऽमलत थ मन शरा मत जा को पतर भा ऽलख मगर उसक उततर नही आय

इन ऽदनो शौच ऽकरय म बड़ा परशना होता था दो-दो ऽदन तक शौच नही जत थ सदव रदय

म जलन होता रहता था धार-धार जलन कम होन लगा एक बर धयनवसथ म दखndash ढर सरा रख़

पड़ा हई ह आग की जलन अब कम हो गया था ऐस लगत थndash जस कोई चाज जलकर रख हो गया

एक बर धयन म दखndash एक नग कि णडला मर बठ हआ ह फन ऊपर की ओर उठए हए ह वह

अपन मिाह स आग उगल रह ह जस हा वह फीा फकर मरत ह उसक मिाह स आग ऽनकलन लगता ह

सर शरार गमथ होन लगत थ

ऄथश- धयनवसथ म ऽदखई दन वल नग कि णडऽलना था वह अपन परभव स जड़त को नष ट

कर रहा था इसाऽलए नग क मिाह स आग ऽनकलता हई ऽदखई दता था जड़त क नष ट होन पर

अऽननततव क परभव बढ़न लगत ह इसस शरार म गमी की अनिभीऽत होन लगता ह धयनवसथ म

ऽदखई दन वला रख हमर कमो को जलन क बद बच हआ अवशष ह

रदय म ऄवनन और भगवान शकर

धयन म आजकल अतयनत उषणत रहता ह एक ऽदन सिबह धयन करत समय दखndash मिझ अपन

रदय ऽदखई द रह ह ऽफर रदय क अनदर ऽशवऽलग ऽदखई दन लग यह ऽशवऽलग परकश क बन

योग कस कर 144

हआ थ ऽशवऽलग स तज परकश बहर की ओर ऽनकल रह थ एक बर म धयन की गहरई म चल

गय तब ऽदखई ऽदयndash रदय म आग की लपट उठ रहा ह कि छ कषणो तक आग की लपट दखत रह

ऽफर आग की लपट धार-धार अदशय हो गया तब रदय म आग की जगह भगवन शकर समऽध मिदर म

ऽदखई दन लग उनक दऽहन बजी म रदरकष की दो मलएा थी गल म भा रदरकष की मलएा थी उस

समय उनक गल म हम नग नही ऽदखई ऽदय थ भगवन शकर क शरार नाल रग क परकश क बन

हआ थ तथ आग चरो ओर फला हई था भगवन शकर थोड़ा दर बद अदशय हो गय

यह अनिभव 29 अकती बर क ह मन धयनवसथ म दखndash म बठ हआ धयन कर रह ह ा हमर

मिाह स ॎ-ॎ क शबद ऽनकल रह थ यह शबद इतन िोर स ऽनकल की धयनवसथ म हमरा आाख खिल

गई कि छ समय बद म ऽफर धयन पर बठ गय ऽफर यहा दशय आय ऽक म धयन पर बठ ह ा और ॎ-ॎ

जोर स बोल रह ह ा इतन म हमर शरार स परकश क गोल ऽनकल और वह अनतररकष म चल गय

ऽफर म गहर धयन म डीब गय जब म धयन स उठ तब म इस अनिभव क अथथ नही समझ पय

एक ऽदन म धयन कर रह थ मन भा बहत एकगर हो रह थ ऽफर मीलधर चकर म ददथ-स

महसीस होन लग ऽफर घोर अधकर म ऽबजला चमकी और अदशय हो गई जस बरसत म बदलो क

बाच ऽबजला चमकता ह और अदशय हो जता ह

ऄथश- यह कि णडऽलना क दशथन ह कि णडऽलना क दशथन कई परकर क होत ह

मन धयनवसथ म दखndash एक वयऽकत हमर समन बठ हआ ह उस वयऽकत न अपन दऽहन हथ

ऊपर की ओर उठय और ऽफर बोलndash sbquoकलो क कलlsquoमहकल‛ इतन म उसक दऽहन हथ म एक

ऽतरशील परकट होकर आ गय चमकत हआ वह ऽतरशील बहत अचछ लग रह थ तथ ऽतरशील स

हलक-हलक परकश ऽनकल रह थ उसा समय मन मन म कहndash sbquoयह ऽतरशील भगवन शकर क ह‛

ऽफर उस वयऽकत न उसा ऽतरशील स हमर ऽसर क ऊपरा भग कट ऽदय म बड़ दिखा हआ और बोलndash

sbquoइसन हमर बरहमरधर हा कट डल‛ मन अपन ऽसर को उसा जगह ऽचपक ऽदय और ऽसर क ऊपरा

भग को पकड़कर खड़ हो गय इतन म मरा आाख खिल गई

ऄथश- यह ऽतरशील ससरा नही ह अनिभव म हमर ऽसर क ऊपरा भग ऽतरशील क दरर कट

जन बहत हा महतवपीणथ ह इसक अथथ हndash भऽवषय म हमर बरहमरधर तो खिलन ऽनऽित हा ह इसक

योग कस कर 145

सथ सथ सहसतरर चकर क भा ऽवकस होग अथ थत सहसतरर चकर भा खिलग तब तततवजञन की परऽपत

होगा मगर अनिभव म अजञनत क करण ऽसर क ऊपरा भग को ऽचपक कर पकड़ हए खड़ ह ा

कि छ ऽदनो बद हमरा सधन अपन आप कम होन लगा मन शरा मत जा को पतर ऽलख ऽक

ऐस zwjयो हो गय शरा मत जा क पतर कि छ ऽदनो बद आय उसम ऽलख थndash ldquoकभा-कभा सधन

अपन आप कम हो जता ह ऽफर अऽधक हो जता हrdquo ऐस हा हआ कि छ समय बद हमरा सधन

अपन आप अचछा होन लगा तथ तानो बनध भा लगन लग

योग कस कर 146

सन 1990

वतरशल

यह अनिभव 7 जनवरा को आय मन धयन म दखndash म आकश म उड़त चल ज रह ह ा

हमरा गऽत बहत जयद तज ह तज गऽत क करण पथवा हम ऽदखई नही द रहा ह रसत म ऊा च-ऊा च

पड़ो की टहऽनय ा व अनय अवरोध भा ऽमलत जत ह मगर य अवरोध हमर कि छ नही कर पत ह ऽबन

अवरोध क उड़त चल ज रह ह ा ऽफर एक जगह भीऽम पर जकर खड़ हो जत ह ा हमर समन पना

बह रह ह ऐस लग रह थ जस छोटा सा नदा म पना बह रह ह पना क बहन की गऽत तावर ह म

ऽकनर खड़ होकर कहत ह ाndash sbquoअगर म चाह तो इस धारा को रोक सकता ह ‛ म अपन दऽहन हथ

ऊपर की ओर उठत ह ा और जोर स lsquoॎrsquo शबद क उचचरण करत ह ा उसा समय हमर हथ म

चमचमत हआ ऽतरशील आ जत ह ऽतरशील तप हए लोह की भ ाऽत सिखथ लल ह ऽतरशील स परकश

ऽनकल कर चरो ओर फल रह थ ऽतरशील को म पना की धर क बाच म फ कन चहत ह ा ऽजसस

पना की धर रक जय मगर उसा समय आकश स आवज सिनई दता हndashsbquoनही तम ऐसा नही करोग

भिवषय म तम इस परकार क कायो म रिक त का परयोग नही करोग‛ मन आकश की ओर दख और ऽफर

ऽतरशील को दख ऽफर मर मिाह स ओकर शबद क उचचरण होन लग ओकर क उचचरण होत हा

ऽतरशील अदशय हो गय

ऄथश- सधको योग क अभयस करन की गऽत तज ह इसाऽलए म उड़त हआ चल ज रह ह ा

कोई अवरोध मिझ रोक नही पत ह पना की धरndash सथील जगत क सवरप ह हमर अभयस म यहा

अवरोध सवरप ह अथ थत ससर रपा अवरोध बड़ा तज गऽत स बह रह ह ऽतरशीलndash शऽzwj त क सवरप ह

अपन सथील अवरोधो को म शऽzwj त क दरर रोकन चहत ह ा मगर ऐस करन क ऽलय मिझ रोक ज रह

योग कस कर 147

कणठचकर स बरहमरधर तक

यह अनिभव हम 17 फरवरा को आय मन धयनवसथ म दखndash हम अपन ऽसर क अनदर क

भग ऽदखई द रह ह ऽसर क अनदर कणठचकर स आजञचकर व बरहमरधर तक क मगथ ऽदखई द रह ह

पहल मिझ कणठचकर ऽदखई ऽदय कणठचकर पर ऽसथत गरऽथ भा ऽदखई द रहा था वह ऊपर जन क मगथ

अवरोध ऽकय हए था यहा पर अतयनत सकर-स मगथ खिल हआ थ उसा सकर मगथ स परण वयि

थोड़ा सा ऊपर की ओर चला जता था शष परण वयि कणठचकर पर हा रक जता था कणठचकर क ऊपर

तान मगथ थ एकndash एक मगथ कणठचकर स ऽबलकि ल साध ऊपर की ओर जत थ जो बरहमरधर क दरर पर

पहाचत थ दीसरndash एक मगथ पीवथ की ओर जकर आजञ चकर पर आत थ ऽफर आजञ चकर स ऊपर की

ओर घिमवदर उठत हआ बरहमरधर दरर पर आत थ तासरndash एक मगथ कणठचकर स ऽसर क पऽिम भग

स होत हआ बरहमरधर दरर तक आत ह कणठचकर स बरहमरधर दरर तक तान मगथ होत ह इन मगो पर

कि णडऽलना करमशः गमन ऽकय करता ह

आजञचकर को मन गौरपीवथक दख आजञचकर क पाछ की तरफ अणडकर परकश खड़ आकर म

ऽदखई ऽदय म बद म समझ गय ऽक यह अणडकर परकश मर तासर नतर ह ऽफर बरहमरधर दरर पर

दख वह पीरा तरह स बनद थ

जयोवत

अब हम अनिभव बहत कम आत ह म जयदतर अभयस म हा लग रहत ह ा शरा मत जा न

पहल कह भा थ अब अनिभव नही आन चऽहए यह ा पर जो अनिभव ऽलख रह ह ा वह 4 ऽसतमबर को

आय थ यह अनिभव धयन म अथव सवपनवसथ म नही आय बऽलक परतयकष आय थndash म और मरा

छोटा बऽहन बत कर रह थ शम क 8 बज होग तभा मिझ 2-3 माटर दीर मोमबता की लौ क समन

परकश ऽदखई ऽदय मन बत करना बनद कर दा चिपचप उस लौ को दखन लग ऐस लग रह थ जस

ऽचतत क अनदर दाप ऽशख क समन लौ क दशथन होत ह उसा की तरह यह परकश थ म उस जयोऽत

को टकटकी लगए हए दख रह थ कि छ समय तक वह जयोऽत ऽसथर रहा ऽफर मिझस दीर हटता हई

अनतररकष म ऊपर की ओर चला गया ऊपर जकर हमरा दऽष ट स ओझल हो गया

योग कस कर 148

इस परकर क परतयकष अनिभव जावन म पहला बर आय ऐस अनिभव पर लोग कम ऽवशवस

करग मगर यह अनिभव सतय ह म इन सथील आाखो स जयोऽत को कि छ कषणो तक दखत रह थ इसा

परकर क अनिभव 19 नवमबर को आय म रऽतर क समय कमर म लट हआ थ मिझ कमर की छत पर

परतयकष रप म तज परकश क ऽबनदि ऽदखई दन लग थ ऽफर शाघर हा वह जयोऽत क रप म पररवऽतथत हो

गय यह जयोऽत भा पहला जसा जयोऽत क समन सवरप वला था म बहत समय तक ऊपर की ओर

जयोऽत को दखत रह ऽफर वह जयोऽत ऊधवथ होकर ऊपर अतररकष म चला गया और अदशय हो गया

अबकी बर ऽवशषत यह था ऽक म कमर क अनदर लट हआ थ जयोऽत ऊपर की ओर छत पर ऽदखई

द रहा था ऽफर अतररकष म जकर अदशय हो गया उस समय कमर की छत क हम आभस नही हो रह

थ हमर मन की एकगरत जयोऽत पर था जब जयोऽत अतररकष म जकर अदशय हई उस समय हम कमर

की छत ऽदखई दन लगा पहल कमर की छत zwjयो नही ऽदखई दा था य अनिभव हमरा ऽजनदगा क

ऽवशष परकर क ह zwjयोऽक सथील नतरो स म जयोऽत और समपीणथ दशय दख रह थ

ऄतप त जीवातमाएा

आजकल मर अतप त जावतमओ स समपकथ बहत हआ करत थ सवय अतप त जावतमएा

हमर पस आय करता था और अपना बत मिझ बतय करता था इसऽलए मन ऽकसा भा अतप त

जावतम क ऽवषय म सपषट नही ऽलख ह zwjयोऽक इनकी सखय बहत जयद हआ करता था इस पिसतक

म ऐस ऽलखन उऽचत नही समझ ह मगर म यहा पर एक अतप त जावतम क ऽवषय म ऽलखत रह ह ाndash

यह लड़की ऽदलला म हमर सथ कम ऽकय करता था हल ाऽक हमरा इस लड़की स उस समय भा

जयद बतचात नही होता था zwjयोऽक उसक कम ररसपशऽनसट क थ ऽसतमबर क महान थ उस

समय म घर म अकल रहत थ सिबह क धयन करक म लट गय थ तभा मिझ नीद आ गया मन

सवपनवसथ म दखndash वहा लड़की हमर पस आ गया हमर समन आकर खड़ा हो गया म

आश चयथचऽकत होकर बोलndash sbquoउम तिम‛ मर इतन कहत हा वह रोन लगा म ऽफर बोलndash sbquoतिम तो मरा

बऽहन की तरह हो zwjयो रो रहा हो मिझ बतओ‛ ऽफर वह लड़की मिझस ऽलपट गया और ऽबलख-

ऽबलखकर रोन लगा मन पीछndash sbquoउम तिमह zwjय परशना ह मिझ बतओ‛ वह बोलाndash sbquoमिझ भीख लगा

ह‛ म बोलndash sbquoघर क अनदर चला जओ जो कि छ रख हो ख लन‛ उम घर क अनदर चला गया

योग कस कर 149

कि छ समय क बद म भा घर क अनदर गय तो दखndash उम खन ख रहा था वह मिझ दखकर मिसकरन

लगा मन कहndash sbquoकोई बत नही तिमहरा जब तक इचछ हो तब तक यह ा रऽहए‛ उम बोलाndash sbquoनही-

नही भई सहब मिझ अभा ऽदलला वपस जन ह‛ म बोलndash sbquoतिमहरा जसा इचछ हो‛ वह लड़की

कि छ समय बद चला गया अनिभव समपत हो गय इस घटन क बद यह लड़की दो बर मर पस आया

था मगर अब वह परशनन था उस ऽकसा परकर क कष ट नही थ मिझ खिशा हो रहा था वह मर दरर तप त

हो गया थ

इस लड़की क सथ जो मर वत थलप हआ वह यह ा पर नही ऽलख रह ह ा उसन अपन ऽवषय म

सब कि छ बतय थ ऽक उसकी कस मतयि हो गया था ऽफर म अपरल सन 1990 म ऽदलला गय थ तब

मन अपन ऽमतरो स इस लड़की क ऽवषय म जनकरा की तब ऽमतरो न बतय ऽक कि छ समय पीवथ उसकी

मतयि हो चिकी ह मन सोच ऽक य अतप त जावतमएा ऽकतना दीरा स जनकरा कर लता ह ऽक म सधक

ह ा

जलाशय

आजकल धयनवसथ म अzwjसर चनदरम ऽदखई दत ह चनदरम क सवरप अषटमा ऽतऽथ क

चनदरम क समन छोट होत ह यह अनिभव कई बर आय

यह अनिभव नवमबर मह म आय म एक जगह खड़ ह ा समन की ओर बहत हा बड़ जलशय

ह इस जलशय क दीसर ऽकनर हम ऽदखई नही द रह ह दीर-दीर तक पना-हा-पना ऽदखई द रह ह

म जलशय को गौरपीवथक दख रह ह ा हमस थोड़ा दीरा पर हमर सतसगा ऽमतर खड़ हए ह वह भा जलशय

को दख रह ह वही पर कि छ सतसगा भई सनन कर रह ह म सतसगा ऽमतर स बोल (उसक नम नही

ऽलखन चहत ह ा)ndash sbquoअर भई अनदर आकर सनन कर लो‛ तो वह सतसगा भई बोलndash sbquoअनदर

गहरई बहत जयद ह इसऽलए म यह ा पर सनन कर रह ह ा‛ म बोलndash sbquoम इस जलशय की गहरई म

सनन करा ग‛ पना एकदम सवचछ थ गहरई सपषट ऽदखई द रहा था मन पना क अनदर परवश करन

चह तब म आश चयथचऽकत हआ zwjयोऽक पना क अनदर परवश न करक पना क ऊपर खड़ हो गय

थोड़ स पना क ऊपर चल और ऽफर म दौड़न लग मरा दौड़न की गऽत बहत हा तावर था कि छ समय

तक पना क ऊपर दौड़त रह उस जगह पर पना ऽसथर थ जलशय क पना वस भा ऽसथर रहत ह

ऽफर कि छ कषणो क ऽलए म रक गय zwjयोऽक समन बहत हा तज धर बह रहा था मन सोचndash पना की

योग कस कर 150

धर इतना तज ह ऽक म बह जऊा ग और हमरा मतयि हो जएगा मन मन म कहndash sbquoम मतयि स नही डरत

ह ा म इस धर को पर कर जऊा ग‛ ऽफर zwjय थ म अतयनत तावर गऽत स पना की धर क ऊपर दौड़न

लग ऽकनर अब भा ऽदखई नही द रह थ म धर (पना) क ऊपर दौड़ ज रह थ जस हा मन पना

की धर को पर ऽकय उसा समय जलशय क पना अदशय हो गयऔर ऽकनर आ गय म भीऽम पर

खड़ हो गय मिझ लग म बहत हा दीरा तय करक आय ह ा इतन म हम वही पर थोड़ा दीरा पर दो

सऽधकएा खड़ा हई ऽदखई दा इन सऽधकओ स हमरा बहत हा ऽमतरत था तभा हमरा दऽष ट अपन

शरार पर पड़ा तो मन दखndash हमर शरार पर एक भा वसतर नही ह मिझ अपन आप पर शमथ आ रहा था

zwjयोऽक दोनो सऽधकएा हमर पस आ रही था मन दख वही भीऽम पर एक गनद कपड़ पड़ हआ हउस

उठकर लगोटा क रप म लग ऽलय तब तक दोनो सऽधकएा हमर पस आ गया और बोलीndash sbquoभई

सहब‛ मिझ अपन आप पर लगोटा क करण शमथ आ रहा था इतन म शरा मत जा हमर समन आ

गया अब मर मन क अनदर बिर हल थ दोनो सऽधकओ न शरा मत जा स कहndash sbquoआननद कि मर

इस तज धर को पर करक आय ह‛ शरा मत जा बोलीndash sbquozwjयो आननद कि मर आप इस तज धर को

पर करक आए हो‛ म बोलndash sbquoह ा शरा मत जा म इस धर को पर करक आय ह ा‛ ऽफर शरा मत जा

बोलीndash sbquozwjयो आननद कि मर यह गनदा लगोटा zwjयो लग रखा ह‛ म कि छ न बोल शमथ क करण मर

बिर हल थ म ऽसर को नाच ऽकए हए खड़ थ अनिभव समपत हो गय

म ऽमरज गय थ तब यह अनिभव मन शरा मत जा को बतय थ शरा मत जा अनिभव सिनकर

परसनन हो गया और मिझस बोलाndash sbquoआननद कि मर आपको यह अनिभव बहत अचछ आय ह‛ वह

सधक जो पना क अनदर सनन करन स मन कर रह ह वह जावन म योग नही कर पयग आपकी

गऽत योगभयस म बहत तावर ह इसऽलए आप तावर गऽत स जलशय क ऊपर दौड़ ज रह थ जलशय म

तज धर दखकर आपन सहस ऽदखय मतयि स भा नही डर और पना की धर को पर कर ला आप

भऽवषय म ऽनिय हा मतयि पर ऽवजय परप त करोग आपन गनदा लगोटा लग ला यह अचछ नही ऽकय

यह आपक अनदर की कमा ह आपक अनतःकरण और शिि होन चऽहए आपको भऽसत नही होन

चऽहए ऽक आपक शरार पर वसतर नही ह यह कमा आपकी भऽवषय म ऽनकल जएगा शरा मत जा जब

हम इसक अथथ बत रही था तब उस समय बहत स सधक बठ हए थ वह सधक भा उस समय

उपऽसथत थ ऽजसन सनन करन स मन कर ऽदय थ वह बहत दिखा हआ यह सतय ह उसकी सधन

ऽबलकि ल नही हो रहा था

योग कस कर 151

सन 1991

भगवान शकर

यह अनिभव जनवरा क परथम सपतह म आय म एक महलनिम जगह क अनदर ह ा यह महल

अतररकष म बन हआ ह इस महल क रग पीरा तरह उजजवल सफद ह ऐस लगत ह ऽक दावर और फशथ

सगमरमर स भा सिनदर ऽकसा वसति दरर ऽनऽमथत ह महल क अनदर आगननिम बहत अचछा जगह ह म

इसा जगह क मधय म खड़ हआ ह ा इतन म पीवथ ऽदश की ओर स बहत तज परकश आत हआ ऽदखई

ऽदय यह परकश मर ऊपर भा पड़न लग सर महल परकश स चमकन लग मर ऊपर परकश पड़न स

आाख चकचौध हो रहा था परकश क अऽतररकत कि छ ऽदखई नही द रह थ उसा समय हमरा दऽष ट

पऽिम ऽदश की ओर गया मन दखndash मिझस थोड़ा दीरा पर पऽिम ऽदश म भगवन शकर अपन वहन

बल पर सवर ह बल (नऽदय) सफद रग क ऊा च कद क रषट-पिषट ह भगवन शकर क रग हलक नाल

व परकऽशत ह वह गल म रदरकष ऽक मलएा और वयघर चमथ पहन हए ह ऽसर पर बलो क ऊा च जीड़

लग हआ ह वह हमरा ओर दख रह ह मन अपन आप स कहndash sbquoयह तो भगवन शकर ह‛ इतन म

बल क बई ओर एक अऽदरताय सिनदर सतरा परकट हो गया वह बहत सजा-धजा सा था ऽसर पर सोन क

मिकि ट मऽणयो स यिकत लग हआ थ सर शरार पर ऽदवय आभीषण व लल रग की सड़ा पहन हई था सतरा

क परकट होत हा भगवन शकर न उस अपन आग बल की पाठ पर ऽबठ ऽलए बल पऽिम ऽदश की ओर

चल ऽदय उसा समय आकशवणा हईndash ldquo इस योगा क ऽलए सर दरर खोल ऽदए जएाrdquo मन यह

आवज सपषट सिना तब तक नऽदय पऽिम ऽदश म जकर अदशय हो गय म दख रह थ परकश अब

भा पीवथ ऽदश की ओर स आ रह थ तथ हमर ऊपर भा पड़ रह थ इतन म बल पऽिम ऽदश की ओर

स आत हआ ऽदखई ऽदय बल हमर समन स ऽनकलकर पीवथ ऽदश की ओर चल गय अबकी बर

बल क ऊपर कोई सवर नही थ बल अकल थ इतन म मर अनिभव समपत हो गय

ऄथश- सधको यह ा पर योगा शबद हमर ऽलए परयोग ऽकय गय ह सर दरर खोल ऽदय जएाndash

इसक अथथ ह हमर सर चकर खोल ऽदय जएा अथ थत भऽवषय म हमर सर चकर खिल जयग

योग कस कर 152

हमार दो रप

यह अनिभव जनवरा क परथम सपतह म आय मन धयनवसथ म दखndash म अतररकष म उड़त

हआ चल ज रह ह ा आग चलकर ऊा च बफील पहड़ ऽमल म पहड़ की चोऽटयो पर अऽत तावर गऽत स

चढ़ चल ज रह ह ा ऽफर मिझ ऽदखई ऽदय म पहड़ की सबस ऊा चा चोटा पर चढ़ रह ह ा जब म सबस

ऊपर चोटा पर पहाच तब ऐस लग यह चोटा आकश को छी रहा ह म खड़ होकर नाच की ओर दखन

लग मिझ लग म बहत ऊा चई पर आ गय ह ा इतन म हमर समन दो हथ परकट हो गए दोनो हथो की

हथला कि छ दन की मिदर म जिड़ा हई था ऐस लग रह थ ऽक दोनो हथ हम कि छ द रह ह उन दोनो हथो

को दखकर म सतबध रह गय zwjयोऽक वह हथ बहत जयद सिनदर थ दोनो हथो न सिनदर चीऽड़य ा पहन

रखा था वह हथ ऽकसा सतरा क थ मन उन दोनो हथो क सहर ऊपर की ओर दखन शिर कर ऽदय तब

मन दखndash मिझस डढ़ दो फीट की दीरा पर तथ थोड़ा ऊा चई पर (सवोचच ऽशखर पर) एक सतरा खड़ा हई ह

वह हर रग की ऽसतरोदर सड़ा पहन हई ह ऽसतरो स परकश ऽनकल कर ऽझलऽमल रह ह ऽसर पर

मिकि ट लगए ह तथ आभीषणो स सिशोऽभत ह जब मन उसक चहर दख तो उस चहर न मिसकर ऽदय

मगर म चहर दखकर दग रह गय zwjयोऽक वह मर हा चहर थ अब म आश चयथ चऽकत हो गय ऐस

कस हो गय म तो पिरष ह ा ऽफर म सतरा क रप म समन कस खड़ हो गय ह ा मन गौरपीवथक सतरा को दखन

शिर ऽकय उसक ऽसर पर बहत सिनदर मऽणयो स यिकत चमकील मिकि ट लग हआ थ आाख बड़ा-बड़ा

तजसवा था नक और होठ की बनवट बहत हा अचछा व आकषथक था सिनदर चहर गदथन बहत सिनदर

तवच वला था गल म मऽणयो की मलएा था हर रग क बलउज व सड़ा पहन हए था दोनो वसतरो म

ऽसतर लग हए थ वकषसथल उभर हआ थ नभा क आसपस क शरार पतल थ ऽनचल भग रषट-

पिषट थ हथ व बजी बहत सिनदर थ म बर-बर उसकी सिनदरत दख ज रह थ वह सतरा मिसकर रहा था

उस समय मिझ लग रह थ म तो पिरष क रप म खड़ हआ ह ा पल भर म मिझ लग म सतरा क रप म ऊपर

खड़ हआ ह ा हमर समन सवरप वल पिरष नाच ओर खड़ हआ ह अब म अपन सिनदर शरार दखन

लग और सोचन लगndash म बहत सिनदर सवरप वला सतरा ह ा मिझ ऽदखई द रह थndash मर समन मर समन

पिरष क शरार थोड़ा दीरा पर खड़ हआ ह और हमरा ओर दख रह ह म सतरा क रप म खड़ हआ चरो

ओर क अनतररकष दख रह थ ऽफर मिझ कि छ कषणो म लगndash म पिरष वल शरार म आ गय ह ा सतरा वल

शरार समन ऊपर की ओर खड़ हआ मिसकरकर हम कि छ द रह ह मन अपन दोनो हथ (अजिला क

आकर म) सतरा की ओर बढ़ ऽदय तभा उसन भा अपन दोनो हथो को मर समन कर ऽदए वह दोनो हथो

योग कस कर 153

म (अजिला म) कि छ ऽलय हए था सतरा न हमर हथो म कि छ डल ऽदय मगर हम यह नही ऽदखई ऽदय

ऽक उसन zwjय ऽदय ह इतन अवशय थ ऽक उसन कि छ ऽदय ह इतन म वह सतरा अदशय हो गया म नाच

की ओर अपन आप आन लग अनिभव समपत हआ

सधको उस समय मन इस अनिभव क अथथ नही समझ पय थ मगर बद म मिझ इस अनिभव

क अथथ की जनकरा हो गया था अनिभव म म सतरा भा ह ा और पिरष भा ह ा मन अपन आप को सतरा शरार

म अनिभीत भा ऽकय थ ऽफर पिरष शरार म आ गय थ आपको मलीम होगndash सतरा शऽzwj त क सवरप

होता ह म पिरष शरार म ह ा तब इस शरार की शऽzwj त सतरा रप म हा ऽदखए दगा इसऽलए म अनिभव म म

सतरा सवरप म भा ऽदखई द रह ह ा सतराशऽzwj त होता ह शऽzwj तवन पिरष होत ह इसऽलए म दोनो रपो म

ऽदखई द रह थ तथ अनिभीऽत भा कर रह थ अनिभव म सतरा न मर हथो म मिझ कि छ ऽदय मगर हम

ऽदखई नही ऽदय ऽक उसन zwjय ऽदय ह शऽzwj तसवरप सतरा हम शऽzwj त हा दगा इसक अथथ हndash हमर

अनदर कि णडऽलना शऽzwj त क शाघर जगरण होग कि छ समय बद हमरा कि णडऽलना ऊधवथ हो गया था

कि णडऽलना शऽzwj तसवरप ह

मन दखndash धयनवसथ म अतररकष स मर ऊपर परकश पड़ रह ह म परकश म सनन कर रह ह ा

मिझ अपन सर शरार परकश म सनन करत हए ऽदखई द रह थ ऽफर मिझर चनदरम ऽदखई दन लग

चनदरम क आकर सपतमा अषटमा ऽतऽथ क बरबर थ

वपछल जनम क गरदव

यह अनिभव हम जनवरा क आऽखरा सपतह म आय थ आजकल मरा सधन बहत हा उगरत स

हो रहा था इसक करण यह थndash आजकल उततर भरत म सदी बहत पड़ता ह सदी क ऽदनो म सधन

अचछा होता ह अभयस दरर परकट हई शरार की गमी सहन हो जता ह म सिबह 330 बज धयन पर

बठ गय थ मर गहर धयन लग हआ थ ऽक अचनक मीलधर चकर म जोरदर वदन हई मर गहर

धयन टीट गय हम अपन होश आन लग म ऽफर धयन करन लग मर मन अबकी बर मीलधर चकर

पर कऽनदरत हो गय zwjयोऽक मीलधर चकर म आग-सा फला हई था मिझ तावर बचना होन लगा ऽफर यह

आग राढ़ क सहर ऊपर की ओर जन लगा और सवऽधषठन चकर पर आकर ठहर गया मिझ अनिभीऽत हो

योग कस कर 154

रहा था ऽक आग ऊपर की ओर चढ़ रहा ह इतन म मर धयन कि छ कषणो क ऽलए गहर हो गय मन

धयन म दख- हमर समन ऊा च कद क सनयसा जा खड़ हए ह उनक ऽसर क बल लमब-लमब थ दढ़ा

बढ़ा हई था सभा बल ऽखचड़ा हो रह थ अथ थत आध बल पक हए सफद थ आध कल बल थ वह

मर समन खड़ हए मिझ दख कर मिसकि र रह थ ऽफर उनहोन आशाव थद मिदर म हथ ऊपर की ओर उठय

कि छ कषणो बद अदशय हो गए व सनयसा जा मिझस कि छ नही बोल और न हा म उनस कि छ बोल थ

मर अनिभव समपत हआ ऽफर सिबह जब दिबर धयन पर बठ तब हम यहा आग ऽफर स मीलधर चकर

म फला हई अनिभीऽत हई ऽफर यह आग राढ़ क सहर ऊधवथ होन लगा

ऄथश- अभा मन ऽजस आग क उललख ऽकय हमरा कि णडऽलना जगरण की अनिभीऽत इसा

परकर स हई ह zwjयोऽक हमरा कि णडऽलना बहत हा उगर ह ऽफर कि णडऽलना ऊधवथ होन की अनिभीऽत इस

परकर हई ह मन ऽजस सनयसा जा क ऽवषय म उललख ऽकय हndash इनक ऽवषय म 5 वषथ बद जनवरा

1996 म मलीम हआ थ ऽक यह मर ऽपछल दो जनम पीवथ क गिरदव जा ह और मर ऽपतशरा भा थ जो

वतथमन समय म तपलोक म रहत ह वह मर कलयण करन आए थ मगर उस समय उनहोन मिझ कि छ

नही बतय थ और न हा कोई बत की था गिरदव मरा कि णडऽलना ऊधवथ करन क ऽलए तपोलोक स

हमर पस आए हए थ इन गिरदव क ऽवषय म ऽफर ऽकसा जगह आग ऽलखीाग हमरा कि णडऽलना ऽफर

कभा भा सिषिपतवसथ म नही गई zwjयोऽक पहल दो-तान बर कि णडऽलना ऊधवथ होकर सिषिपतवसथ म चला

गया था शरा मत जा न हम इस ऽवषय म कि छ नही बतय थ बऽलक बद म कहndash sbquoआपको समझ म

आन चऽहए‛ मगर मिझ उस समय मलीम नही हआ थ ऽक मरा कि णडऽलना ऊधवथ हो गया ह ऽपरय

सधको ऽजस तरह स मिझ अपना कि णडऽलना जगरण की अनिभीऽत हई ह इस तरह स सभा सधको को

अनिभीऽत नही होता ह म पीवथ जनमो स योगा ह ा इसऽलय मरा कि णडऽलना अतयनत उगर ह इसकी उगरत क

करण हा म सर अधयऽतमक कयथ करत ह ा बहत ऐस भा सधक होत ह उनह अपना कि णडऽलना की

जयद अनिभीऽत नही होता ह

वमरज की यातरा

शरा मत जा क पतर एक वषथ स नही आय थ मन जिलई सन 1990 म शरा मत जा क सथ

ऽदलला स ऋऽषकश की यतर की था ऋऽषकश म म शरा मत जा क सथ सवमा ऽशवननद आशरम म

योग कस कर 155

रक थ उस समय बहत सखय म सधक गण आय हए थ मगर बहत ऽदनो स शरा मत जा क पतर न

आन क करण मन म थोड़ा अशऽत-सा था इसऽलए मन ऽनऽिय ऽकय अब म ऽमरज जऊा ग मर पस

ऽशवरऽतर पवथ पर आन क ऽलय ऽमरज स पतर भा आ गय थ मर पस उस समय रपयो क इतजम नही

हो प रह थ इसऽलए मन अपन ऽपत जा स कि छ रपय उधर ल ऽलए और ऽमरज क ऽलए चल ऽदय

ऽमरज जत समय रसत म जलग ाव दो ऽदन क ऽलय रक थ ऽफर जलग ाव क कि छ सतसऽगयो क सथ

ऽमरज क ऽलय चल ऽदय वह ा ऽशवरतरा पर भाड़-भड़ क करण शरा मत जा स बत न हो सकी जब

जयदतर सधक चल गए तब म शरा मत जा स बोलndash sbquoधयन पर बठत समय मीलधर चकर म बहत

गमी होता ह ऽफर रदयचकर तक जलन होन लगता ह तथ हरदय क कषतर भा जलन लगत ह म समझ

नही पय ह ा ऐस zwjयो होत ह‛

एक बर धयन पर बठत समय शरा मत जा न कहndash sbquoआननद कि मर आप हमर समन धयन पर

बऽठए‛ म शरा मत जा समन धयन करन क ऽलय बठ गय धयन पर बठत हा मिझ अनिभीऽत हईndash

मीलधर चकर स ऊपर की ओर गमथ लोह की रड (छड़) की तरह कोई चढ़न लगा ऐस लग रह थ जस

राढ़ क आसपस क कषतर जलता हई चला ज रहा ह ऽफर रदयचकर पर आकर कि छ समय क ऽलए रक

गया कि छ कषणो बद रदयचकर स ऊपर की ओर राढ़ क सहर मस को जलता हई कोई वसति ऊपर की

ओर चढ़न लगा ह अब हमरा पाठ बहत हा गमथ हो रहा था इसस मिझ कष ट की अनिभीऽत होन लगा मर

सर धयन इसा ओर आकऽषथत हो गय उस समय ऐस लगत थ ऽक पाठ की तरह बजी की नस भा

कोई कट डल रह ह हमर बजी व हथ भा गमथ होन लग मिझ इस कष ट क करण बचना तो बहत हो

रहा था ऽफर भा लगभग एक घनट क धयन लग थ ऽफर मिझ धयन तोड़न पड़ zwjयोऽक समीऽहक मतर

जप होन वल थ

एक बर शरा मत जा व अनय सतसगा भई-बऽहन एक सथ भोजन करन क ऽलए बठ थ तब

बतो-बतो म मन शरा मत जा स पीछndash sbquoशरा मत जा आज धयन म हम बड़ ऽवऽचतर स अनिभव

आय‛ शरा मत जा न बोलाndash sbquoआपको कस अनिभव आय ह‛ म बोलndash sbquoमीलधर चकर स गमथ

लल लोह की रड (छड़) की तरह एक रख ऊपर की ओर चढ़ता हई जन लगा वह सिखथ लल रग की

रख रदय चकर तक आकर ठहर गया ऽफर कि छ कषणो बद वह रख रदय चकर स ऊपर की ओर जना

लगा उस लल रग की रख स इतना तावर जलन हो रहा था पाठ क ऊपरा भग बिरा तरह जलन स

लग थ यह ा तक ऽक बजी की नस भा जलन सा लगा था जस-जस वह रख कणठचकर की ओर ज रहा

योग कस कर 156

था वस-वस जलन और तावर होकर आसपस फलता ज रहा था इतना तावर जलन मन कभा महसीस

नही की हrdquo शरा मत जा बोलीndash sbquozwjय आपको मलीम नही ह यह कि णडऽलना ह कि णडऽलना ऊपर चढ़

रहा ह वह ऽजस चकर म पहाचता ह उस चकर की जड़त को जलता चला जता ह और चतनयत को

ऽबखरता हई आग की ओर चला जता ह यह उसा क अनिभव ह‛

शरा मत जा की बत सिनकर म आश चयथचऽकत हआ वह ा पर और भा सधक बठ हए थ उन

सभा सधको न भा मर अनिभव सिन ऽफर कि छ सधको न बद म मिझस कि णडऽलना क ऽवषय म पीछ

मन उनह कि छ और कि णडऽलना क अचछ-अचछ अनिभव सिनय कि णडऽलना कणठचकर तक ऊधवथ होन क

करण म आतररक रप स बहत परसनन थ म अपना खिऽशय ा दबए हए थ

अब शरा मत जा क यह ा स सर सधक ज चिक थ ऽसफथ म अकल हा रह गय थ एक ऽदन

शरा मत जा न हम कोलहपिर जन क ऽलए कह zwjयोऽक कोलहपिर म शरा मत जा क कि छ कयथ थ शरा

मत जा बोलीndash ldquoकल सिबह शाघर यह ा स ऽनकल जन और दोपहर क खन तक वपस आ जन ऽफर

एकत म धयन करन क ऽलए बठ ग म आपकी सधन जयद कर दीागा ऽफर आपकी सधन औरअचछा

हो जएगा‛ म सिबह हा कोलहपिर क ऽलए ऽनकल चल ऽदय ऽजस समय म टरन म बठ हआ थ उस

समय कि णडऽलना ऊधवथ होन की अनिभीऽत मिझ हो रहा था कि णडऽलना ऊपर की ओर चढ़ता था कणठचकर

तक जकर कि छ कषणो तक ठहरा रहता था ऽफर नाच ऽक ओर उतर कर आ जता था रसत म यहा होत

रह थ उस समय म धयन नही कर रह थ ऽसफथ चिपचप बठ हआ थ कोलहपिर पहाच कर पहल शरा

मत जा क कयथ करन म लग रह ऽफर कोलहपिर क परऽसि लकषमानरयण मऽनदर दख यह मऽनदर

पौरऽणक ह और मऽनदर बहत हा सिनदर ह ऽफर कोलहपिर स ऽमरज क ऽलय ऽनकल पड़ म शम को

ऽमरज आ गय उस ऽदन धयन करन क अवसर नही ऽमल दीसर ऽदन सिबह प ाच बज धयन करन क

ऽलय बठ थ तब शरा मत जा मर आजञ चकर पर शऽzwj तपत ऽकय शऽzwj तपत करत समय ऐस लग ऽक

हमर मसतक पर शऽzwj त परवश हो रहा ह इसक बद गहर धयन लग गय एक घनट क धयन लग धयन

समपत करक म चलन की तयरा करन लग zwjयोऽक कि छ समय बद घर वपस आन क ऽलय टरन पकड़ना

था म शाघर हा शरा मत जा की आजञ लकर ऽमरज रलव सटशन क ऽलए चल ऽदय

योग कस कर 157

ववशाल मगरमचछ

धयनवसथ म एक ऽवशल जलशय दख उस जलशय क ऽकनर बहत स अपररऽचत मनिषय

खड़ हए ह म भा उस जलशय क ऽकनर खड़ हआ ह ा कि छ कषणो बद म जलशय क पना क ऊपर

चलन लग थोड़ स आग चलकर पना क अनदर नाच की ओर परवश कर गय और बहत गहरई म

जकर शऽत मिदर म वही पर बठ गय ऽफर कि छ समय बद पना क ऊपर ऽनकल आय और पना क

ऊपरा सतह पर खड़ हो गय तभा मन दखndash एक मगरमचछ हमर समन तर रह ह म मगरमचछ को

दख रह ह ा वह हम नही दख रह ह zwjयोऽक मगरमचछ क पीछ क भग मरा ओर ह ऽकनर पर खड़ा

भाड़ हमरा ओर दख रहा हउसा भाड़ म कि छ लोग कह रह थndash अब इस (मिझ) मगरमचछ ख जएग म

दीसर ऽकनर की ओर तावर गऽत स पना की ऊपरा सतह पर दौड़न लग कि छ कषणो बद जब हम दीसर

ऽकनर ऽमल गय ऽफर म उस पर ऽकनर पर बठ गय तभा मिझ ऽदखई ऽदय ऽक मगरमचछ मर पाछ

कर रह ह वह हमर पस आ गय कषण भर क ऽलए हम लग मगरमचछ मिझ ख जएग मगर उसा

समय मिझ अपन बगल म एक लड़क खड़ हआ ऽदखई ऽदय उस छोट-स लड़क (लगभग 10-12 वषथ

क) न मगरमचछ क मिाह पकड़ ऽलय ऽफर उसन मगरमचछ क मिाह मिझ पकड़ ऽदय मन मगरमचछ क

मिाह म लमबा सा कील ठोक दा कील इतना लमबा था ऽक वह नाच की ओर भीऽम म गड़ गया मगरमचछ

क मिाह कील म फा स गय थ अब वह छटपटन लग म मगरमचछ को छोड़ कर जलशय म पना क

ऊपर चलन लग ऽफर म उसा जगह पर पहाच जह ा पर यह मगरमचछ पहल ऽदखई ऽदय थ मन दखndash

उस जगह पर चर-प ाच मगरमचछ मरा ओर तज गऽत स आन लग म मिड़कर एक ओर को भग तऽक

मगरमचछ हम पकड़ न पए तभा एक मगरमचछ न हम पकड़ ऽलय और पना क अनदर नाच की ओर

खीचन शिर कर ऽदय म पना क अनदर नाच की ओर जन लग मिझ लग ऽक अब य मगरमचछ हम

पना क अनदर नाच गहरई म ल जएग उसा समय हमन अपन दोनो हथ ऊपर की ओर उठए और मिाह

ऊपर आकश की ओर ऽकय ऽफर म जोर स ओकर करन लग ओकर इतन जोर स ऽकय ऽक हमरा

आवज आकश म गीाजन लगा ओकर बोलत समय मर मिाह खिल हआ थ हमर मिाह स परकश की

ऽकरण ऽनकल रहा थी वह आकश को भदता हई ऊपर की ओर चला ज रहा था उस समय म अपन

मन म सोच रह थ हमरा आवज भगवन शकर तक पहाच म लगतर जोर स ओकर ऽकए ज रह

थ वह परकश की ऽकरण अऽत तावर गऽत स ऊपर की ओर चला ज रहा था मिझ मलीम नही ह वह

परकश की ऽकरण ऽकतना ऊपर तक गया होगा कि छ समय बद मर मिाह स ओकर शबद ऽनकलन बनद

योग कस कर 158

हो गय मगर मर मिाह अभा खिल हआ थ आकश म ओकर की धवऽन बरबर गीाज रहा था मिझ

आश चयथ हआ ऽक म ओकर बोल नही रह ह ा ऽफर भा ओकर की धवऽन कह ा स आ रहा ह मन दखndash

मर मिाह स ऽनकला परकश की ऽकरणो क बाच म ऊपर की ओर स छोट-छोट परकश ऽबनदि चल आ रह ह

वह परकश ऽबनदि हमर मिाह क अनदर परवश कर गएरह ह मर अनतःकरण स आवज आयाndash ldquoय परकश

ऽबनदि भगवन शकर क यह ा स आ रह हrdquo मिझ ऽदखई ऽदयndash ldquoअतररकष म भगवन शकर समऽध मिदर म

बठ हए ह‛ जस हा ऊपर की ओर स आय हए परकश ऽबनदि हमर मिाह क अनदर परवश ऽकय उसा समय

मगरमचछ न हम छोड़न शिर कर ऽदय और धार-धार छोड़ ऽदय म ऽफर पना क ऊपर चलन लग और

यह सोचन लग अब म ऽनभथय होकर पना पर ऽवचरण कर सकत ह ा जब म पना क ऊपर इधर-उधर

घीम रह थ तब भा वहा पर व मगरमचछ उपऽसथत थ मगर मिझ उनस ऽबलकि ल डर नही लग रह थ और

न हा मगरमचछ हमरा ओर दख रह थ

ऄथश- सधको य मगरमचछ रग दरष लोभ मोह तषण आऽद क परताक ह जलशयndash सथील

जगत क परताक ह अनिभव म मन मगरमचछ क मिाह म कील ठोक दा हndash इसक अथथ हआ हम लोभ

मोह आऽद परभऽवत नही कर सक ग मगर दिबर दीसर मगरमचछ न हम पकड़ ऽलय ऽफर ईश वर क कप स

उसक भा परभव स मिकत हो गय अत म सभा ऽवकरो स मिकत होकर म ससर म ऽवचरण करा ग ऐस

अनिभव म हमर भऽवषय क ऽवषय म ऽदखय गय ह

कणडवलनी समबनधी ऄनभव

मिझ एक अनिभव आय म चल ज रह ह ा समन ओर एक कमर जस मकन ऽमल म उस

कमर क अनदर चल गय वह ा पर कि छ वयऽकत व मऽहलएा बठा हई थी सभा आाख बनद ऽकय हए

धयनवसथ म बठ हए थ कि छ कषणो तक म चिपचप खड़ रह ऽफर म समन ओर ऊा च सथन पर बठा

हई वि सतरा क पस गय और वही पर बठ गय सभा न आाख खोल दी वह वि सतरा वह ा की परधन था

वह सतरा उन पिरषो स बत करन लगा zwjय बत कर रहा था म नही समझ सक zwjयोऽक अपररऽचत भष

म बत कर रहा था कि छ कषणो बद मन उस वि सतरा स पीछndash sbquoमा आप मर ऽवषय म zwjय बत कर रहा

थी‛ वह बोलाndash sbquoम आपक बर म कह रहा था ऽक यह सधरण पिरष नही ह म दख रहा ह ा इसकी

कि णडऽलना ऊधवथ होता ह भऽवषय म यह महन पिरष बनगrdquo मन पीछndash sbquoमा हमरा ऽदवयदऽष ट कब

योग कस कर 159

खिलगा‛ वह वि सतरा पहल चिप हो गया ऽफर आाख बनद करक बोलाndash sbquoआपकी ऽदवयदऽष ट खिलन म

अभा लगभग एक वषथ लग जएग उसस पहल आपको कि छ छोटा-छोटा ऽसऽिया भा ऽमलगाrdquo मर

अनिभव समपत हो गय इस वि सतरा की भऽवषयवणा ऽकतना सतय ह यह भऽवषय हा बतएग उसन

इतन अवशय सतय कह थ ऽक मरा कि णडऽलना ऊधवथ होता ह

आज 5 मचथ ह आज धयनवसथ बहत अचछ अनिभव आयndash शरा मत जा छड़ा पकड़ हए

छड़ा क सहर चला आ रहा ह वह मर समन थोड़ा ऊा चा जगह पर बठ गई मिझ बहत परसननत हो रहा

था मन शरा मत जा को परणम ऽकय उसा समय शरा मत जा न अपन दऽहन पर ऊपर की ओर

उठय ऽफर पर क अागीठ को हमरा भकि टा पर सपशथ करक ओकर ऽकय ओकर करत हा मिझ महसीस

होन लग ऽक हमर शरार क अनदर शऽzwj तपत हो रह ह शरा मत जा न तान बर ओकर ऽकय ऽफर

मिझस बोलीndash sbquoआननद कि मर आपकी सधन धार-धार हा आग की ओर बढ़गा सधन कोई ऐसा वसति

नही ह ऽक एकदम कि छ समय म पीणथ हो जएगा उनहोन हमरा पाठ को थपथपई ऽफर वह अदशय हो

गया मर अनिभव समपत हो गय

आजकल धयनवसथ म उडडायन बनध जलधर बनध और आतररक कि मभक सभा एक सथ

ऽमलकर बहत जोर स लगत ह उस समय शवस बहर ऽनकलन क नम नही लत ह इस ऽकरय स सथील

शरार को बहत कष ट होत ह मगर कि णडऽलना ऊधवथ होन म सहयत ऽमलता ह जब कि णडऽलना रदयचकर

स ऊपर जता ह तब बड़ कष ट होत ह ऐस लगत ह पाठ क ऊपर की ओर की नस कट द रहा ह इस

करण हलक-हलक ददथ स होत ह पाठ भा बड़ जोर स गमथ होता ह

आजकल कि णडऽलना शऽzwj त क बहत दशथन होत ह जयदतर अनिभव म बदलो क बाच चमकता

हई ऽबजला क रप म ऽदखई दता ह सवपन म पाल नग क रप म ऽदखता ह कभा-कभा धयनवसथ म

ऽशवऽलग पर ऽलपटा हई ऽदखई दता ह ऽफर कि णडऽलना ऽशवऽलग स अपन चzwjकर खोलन शिर कर

दता ह और ऊपर की ओर चढ़ता हई चला जता ह ऽशवऽलग पर दो चzwjकर ऽलपट शष रह जत ह इस

अवसथ म पाठ पर जलन चाऽटयो की तरह कटन य रगन और जस बलड स नस कटा ज रहा हो

ऐसा अनिभीऽत होता ह

6 मचथ की रऽतर को ऽनदरवसथ म अनिभव आयndash चरो ओर परकश फल हआ ह उसा परकश

क अनदर एक बहत तज रख चमकता हई ऽदखई दा उसा समय हमर शरार क अनदर नस चटकन की

योग कस कर 160

जोर स आवज सिनई दा ऐस लगndash जस ऽकसा न कोई नस तोड़ दा हो नस टीटन की आवज स म जग

गय और उठकर बठ गय उस समय हमरा पाठ तव क समन गमथ हो रहा था पट म गमी अऽधक हो

जन क करण ऐस लग रह थ जस पट जल ज रह ह पीरा गदथन क कषतर म आग जसा फला हई था

गदथन क आसपस हलक-स ददथ भा हो रह थ जस नस कटा गया ह मिझ लट हए हा अनिभीऽत हो रहा

था कि णडऽलना गदथन तक आ गया ह zwjयोऽक कि णडऽलना चढ़ा हई था आजकल ऐस भा होत थ मर सो

जन क बद कि णडऽलना ऊधवथ हो जता ह जब पाठ अऽधक गमथ हो जता था तब हमरा नीद अपन आप

खिल जता था ऽफर म उठकर थोड़ा दर म धयन पर बठ जत थ

जब म धयन पर बठत थ तब मरा गदथन पाछ की ओर चला जता था ऐस लगत थndash जस

गदथन म कि छ फा स हआ ह उसा समय गदथन क अनदर चाऽटया सा कट रहा ह सास भा तज चलन लगता

थी कभा-कभा धयनवसथ म जाभ तली स ऽचपक जता था ऐस लगत ह मनो जाभ उलट मिड़कर

गल क अनदर चला जएगा जाभ म अनदर जन क ऽलए बिरा तरह ऽखचव होत थ कभा-कभा

धयनवसथ म जाभ मिाह स बहर ऽनकल आता था जस सपथ अपना जाभ मिाह क बहर ऽनकलत ह ऐस

हा हमरा जाभ बहर ऽनकलकर लपलपता था तथ बहर इधर-उधर को होता था कभा-कभा खन

खत समय हा धयन लग जत थ म भोजन की थला अलग रख दत थ और धयन करन लगत थ

यमदत

एक बर अनिभव आय हमर समन 5-6 पिरष खड़ हए ह पिरषो क रग कल ह मगर उनक

मिाह पर बहत तज ह आाखो स भा तज ऽनकल रह ह उनकी आाख हलक लल रग की ह पिरष कल होत

हए भा आकषथक लग रह थ उनक शरार गठाल व सिडौल थ उनकी बजी शऽzwj तशला जसा ऽदखई द

रहा था सभा कल रग क पिरष हम दख रह थ और म उनह दख रह थ मर अनदर ऽवचर आयndash अगर

य लोग आग बढ़ और हमस कि छ बोल तो म अवशय हा इनकी ऽपटई कर दीाग म सवय चलकर उनक

पस गय और आग की ओर बढ़ मगर वह कि छ नही बोल और नही म कि छ बोल म भा उन सभा को

घीर रह थ वह सभा मिझ भा घीर रह थ कि छ कषणो बद वह सभा पिरष वपस चल गए मर अनिभव

समपत हो गय अथथ- सधको यह पिरष यमदीत थ मगर हमरा और उनकी आपस म बत नही हई था

योग कस कर 161

मिझ धयनवसथ म अनिभव आयndash मर समन बहत ऊा चई वल पहड़ ह म उस पर चढ़ रह ह ा

जब बहत ऊा चई पर चढ़ जत ह ा तब ऽफर नाच की ओर ऽफसल जत ह ा बर-बर यहा ऽकरय कर रह

ह ा ऽजस जगह तक चढ़ जत ह ा उसस ऊपर पहड़ की साधा ऊा चई ऽदखई द रहा ह उस दखकर लगत

ह इस पहड़ पर कस चढ़ जएग मगर तब तक ऽफसलकर नाच आ जत ह ा यह पहड़ बफील नही ह

हलक कल रग क पदथथ स बन हआ ह उस पहड़ म रत जस छोट-छोट कण भा चमक रह ह इन कणो

की चमक बहत तज ह पहड़ की ऊपरा परत कला ऽमिा जसा परतात होता ह इतन म अनिभव समपत हो

जत ह

ऄथश- यह अनिभव कणठचकर क ह कणठचकर स ऊपर क मगथ ऽबलकि ल साध होत ह इसऽलए

पहड़ ऊपर की ओर साध ऽदखई द रह ह मर परण व कि णडऽलना कणठचकर तक जत ह ऽफर वपस

नाच लौट आत ह इसऽलए म पहड़ पर चढ़त ह ा और ऽफर वही स ऽफसल जत ह ा ऐसा ऽकरय बरबर

कर रह ह ा

कणडवलनी शवzwj त का सहयोग

धयनवसथ म दखndash म ऽकसा साकरा जगह म खड़ ह ा चरो ओर अधकर ह इसऽलए मिझ कि छ

ऽदखई नही द रह ह उस अधकर म मर ऽसर क ऊपर की ओर एक साकर ऽछदर ह उस ऽछदर स ऊपर की

ओर परकश ऽदखई द रह ह म ऽजस जगह पर खड़ हआ ह ा वह ा पर इधर-उधर कोई रसत नही ह बस

एक हा रसत ऽदखई द रह ह यहा ऊपर वल ऽछदर हा रसत क रप म ह इस ऽछदर को मन ऊपर की

ओर दऽष ट करक गौरपीवथक दख ऽफर सोचndash इसा ऽछदर स ऊपर की ओर जय जए म अपन परो स जोर

लगकर ऊपर की ओर उछल ऽक एक बर म हा ऊपर क ओर चल चल जऊा मगर म ऽछदर म फस

गय ऽफर ऊपर जन क ऽलय मन बहत जोर लगय ऽक म ऊपर चल जऊा मगर ऊपर की ओर नही ज

सक म अब नाच भा नही आ सकत थ zwjयोऽक साकरा जगह म फा स हआ थ हमर पर नाच की ओर

लटक रह थ कि छ दर तक मन बहत जोर लगय मगर ऊपर जन क ऽलय सफलत नही ऽमला इतन म

मन नाच की ओर दखndash ldquoएक सतरा हमर परो पर नाच स ऊपर की ओर को जोर लग रहा था ऽक म ऊपर

चल जऊा rdquo म सतरा को दखकर आश चयथ म पड़ गय zwjयोऽक नाच ऽसफथ म हा खड़ हआ थ यह सतरा

कह ा स आ गया मन सतरा को गौरपीवथक दखndash वह सतरा बहत सिनदर था सोन क ऊा च स मिकि ट धरण

योग कस कर 162

ऽकय था लल रग की ऽसतरोदर सड़ा पहन हए था मन सोचndash इतना सिनदर सतरा हमर परो पर धzwjक

मरकर ऊपर ढकलन क परयस कर रहा ह म उसा ऽछदर म फा स हआ थ तभा मर अनिभव समपत हो

गय

ऄथश- सधको ऽजस जगह पर म खड़ हआ ह ा वह ा पर अधकर छय हआ हndash यह कणठचकर

क कषतर ह कणठचकर म मगथ साकर-स होत ह कणठचकर थोड़-स खिल होन क करण ऊपर की ओर

ऽछदर ऽदखई द रह ह कणठचकर स ऊपर क कषतर (ऽसर वल भग) सधक को परकऽशत ऽदखई दत ह

कणठचकर पीर नही खिल होन क करण म ऊपर की ओर नही ज प रह ह ा बहत परयस करन पर भा उस

साकर कषतर म फा स गय थ जब तक मगथ पीर नही खिल हो तब तक ऊपर नही जय ज सकत ह जो

सतरा हम ऊपर क ऽलए धzwjक मर रहा ह वह मत कि णडऽलना ह ऽफर भा म ऊपर न ज सक zwjयोऽक इस

जगह पर मगथ साकर स होत ह तथ यह ा पर गरऽथ क करण मगथ बनद स भा रहत ह इसाऽलए सधको

को यह ा स आग क मगथ परससत करन म बहत समय लग जत ह इस अनिभव म ऽदखई दत रह हndash

कि णडऽलना भा मगथ बनन म सहयत कर रहा ह इस समय मर कणठ चकर धार-धार खिल रह ह यहा

ऽदखय गय ह

आजकल हमरा भकि टा पर भा ऽकरयएा सा हआ करता ह ऐस लगत ह अनदर स भकि टा ऽहल

रहा ह य धार-धार हथोड़ स ठोक ज रह ह कभा-कभा भकि टा पर कमपन हआ करत ह ऐसा अवसथ

म मर मन भकि टा पर एकगर हआ करत ह कभा-कभा लगत ह मीलधर चकर गमथ होकर भकि टा तक

ऽखचव करत ह धयन समपत होन क नम हा नही लत ह

आज 10 मई को धयनवसथ म अनिभव आयndash कोई हमर मसतक को बड़ा जोर स नोच रह ह

मिझ पाड़ होन लगा थोड़ा दर म मिझ लगन लग ऽक मसतक दो भगो म बट गय आध भग ऽकसा न

नोच डल आध भग म पाड़ हो रहा था म बोलndash ldquoमर मसतक zwjयो नोच डलrdquo उसा समय मरा

आाख खिल गया मिझ महसीस हो रह थ ऽक मसतक पर जोर-जोर स चीऽटय कट रहा ह

ऄथश- यह ऽकरय परण वयि क दबव क करण होता ह तथ कि णडऽलना दरर भा नड़ा शिि क

होन लगता ह वह उस कषतर की जड़त नष ट कर दता ह और चतनयत ऽबखर दता ह

यह अनिभव मई क अऽतम सपतह म आय धयनवसथ म दखndash मर शरार बहत बड़ हो गय ह

मर ऽसर आकश क अनदर परवश कर गय ह पथवा मर परो क नाच दबा हई ह मन नाच की ओर दखndash

योग कस कर 163

पथवा को पर क तलव स दब रखा ह मरा दऽष ट पथवा की भोगोऽलक ऽसथऽत पर गया तब म बोलndash

sbquoयह उततरा अमररक हऔर यह दऽकषणा अमररक ह सोऽवयत सघ चान भरत जपन आऽद दश की

भौगोऽलक ऽसथऽत दखा चनदरम-तर नकषतर आऽद हमर शरार क मधय भग म ऽसथत हrdquo मिझ ऐस लगndash

म समपीणथ अतररकष म वयपत ह ा इस अनिभव म मर शरार वयपक होत हए ऽदखय गय ह जस ऽवरट

सवरप होत ह

मन शवzwj तपात वकया

जीन क परथम सपतह थ हमर घर म छोटा बऽहन की शदा था कि छ करणो स शदा म

खीचतना हो गया आऽखरकर बरत वपस चला गया सर घर और ररशतदर दिःखा हो रह थ म भा

दिःखा-स थ उसा समय हमरा दऽष ट बऽहन की ओर गया वह चिपचप लटा हई था सब लोग अपना-

अपना रय द रह थ म बोलndash sbquoअब वहा होग जो बऽहन चहगा‛ म नही जनन चहत ह ा ऽक बऽहन

zwjय चहता ह म भा बऽहन क पस बठ गय और बोलndash sbquoतिम अपन मन म सोच लो तिम zwjय चहता

हो म शऽzwj त क परयोग करा ग‛ बऽहन कि छ नही बोला मन अपन घर वलो और ररशतदरो क समन हा

बऽहन क मसतक पर शऽzwj तपत ऽकय हमर घर म उस समय शदा क करण भाड़-भड़ था सभा सदसय

हमरा ओर दख रह थ उनकी समझ म नही आ रह थ म zwjय कर रह ह ा

दो ऽदन बद लड़क (ऽजसक सथ शदा हो रहा था) क ऽपतजा आए उनहोन अपना गलता

सवाकर की एक सपतह बद शदा होन सवाकर हआ जब शदा होन लगा तब हमरा बऽहन क

सवसथय जयद खरब हो गय थ वह अपन सहर बठ भा नही सकता था उस तज बिखर आ रह थ

और कमजोरा भा हो रहा था इलज क कोई खस असर नही हो रह थउसक फर पड़न वल थ बऽहन

बठ नही प रहा था एक सतरा बऽहन को पकड़कर बठा हई था ऽफर भा वह (बऽहन) एक ओर को कमजोरा

क करण लिढ़क गया उस समय म बऽहन क पस गय ऽजस सतरा न बऽहन को पकड़ रख थ मन उसस

कहndash sbquoआप इस छोड़ दाऽजए‛ सतरा बोलाndash sbquoयऽद म इस छोड़ दीागा तो यह ऽगर जयगा‛ म बोलndash

sbquoअब यह नही ऽगरगा बऽलक सवसथ हो जयगाrdquo ऽफर मन बऽहन क आजञचकर पर शऽzwj तपत ऽकय

मिऽशकल स आध ऽमनट स कम समय लग होग बऽहन ठाक तरह स बठ गया बऽहन सवय बोलाndash

sbquoदद (भय) म ऽबलकि ल ठाक हो गया ह ाrdquo अब बऽहन क बिखर भा उतर गय और उसकी कमजोरा भा

योग कस कर 164

समपत हो गयावह ऽबलकि ल सवसथ हो गया था ऽफर उसक फर पड़न लग ऐस लग रह थ ऽक बऽहन

कभा बामर हा नही हई था सभा लोग दख रह थ ऽक मन zwjय ऽकय ह यह बऽहन ठाक हो गया पऽडत

जा न (पिरोऽहतजा) बद म कहndash ldquoसच ह भऽकत म शऽzwj त होता ह वह आज मन दख ऽलय हrdquo

ऄथश- सधको योगा चह तो ऽकसा रोग को अऽत शाघरत स ठाक कर सकत ह ऽजस रोग को

डॉzwjटर ठाक करन म बहत समय लगत ह कई ऽदनो स डॉzwjटर हमरा बऽहन को ठाक नही कर प रह थ

मन भाड़ क समन कि छ सकणड म ठाक कर ऽदय थ शऽzwj तपत करक उसक बिखर उतर ऽदय और

उसकी कमजोरा ठाक कर दा

म वमरज अ गया

मर मन सदव सधन क ऽवषय म सोचत रहत थ जीन क मधय स हमर अनदर ऽवचर आन

लग ऽक अब म यह घर को छोड़ दीाग कही और जकर सधन करा ग zwjयोऽक घर म जब तक ऽपतजा

ह तब तक कलह होन ऽनऽित ह वह जन बीझकर हमर रसत म अवरोध डलत थ म यह तो जनत

थ ऽक इनह कभा-न-कभा अपन कमथ भोगन हा होग लऽकन अभा मरा सधन क ऽलए अवरोध बन

हए ह मन कि छ लोगो स अनिरोध ऽकय ऽक म आपक खतो की रखवला करा ग उसक बदल म हम

ऽसफथ भोजन चऽहए म अपना सधन करन चहत ह ा मगर इसक ऽलय कोई भा वयऽकत रजा नही हआ

बऽलक बहत स लोगो न मर मजक उड़य ऐस इसऽलए समभव नही हआ zwjयोऽक म ऊा चा जऽत वल

ह ा हमर ऽपत शरा क पस भा कफी भीऽम ह उन लोगो न हमरा बत को मजक समझ कि छ समय बद

शरा मत जा क पतर आय उसम ऽलख थndash ldquoआप गिर-पीऽणथम उतसव म शऽमल होइएrdquo मन शाघर हा

ऽमरज जन क ऽलय अपना तयरा कर ला ऽफर 19 जिलई को घर स ऽमरज क ऽलए चल ऽदय ऽमरज

जत समय रसत म एक-दो ऽदन क ऽलय जलगाव (महरषटर) रक गय थ ऽफर म कि छ सधको क सथ

शरा मत जा क पस ऽमरज पहाच गय गिर-पिऽणथम उतसव पर बहत स सधक आय हए थ तान-चर ऽदनो

तक सधको न गिर-पीऽणथम उतसव मनय ऽफर सधक वपस जन लग शरा मत जा न कहndash sbquoआननद

कि मर आप चह तो आशरम म रक सकत ह‛ उस समय शरा मत जा क आशरम बन रह थ इसऽलए

वह ा पर ऽकसा सधक क रहन आवशयक थ आशरम ऽमरज शहर स 5-6 ऽकमा दीर बनय ज रह थ

कि छ लोगो को मलीम हो गय थ ऽक आननद कि मर ऽमरज रकन वल ह सभा सधक बनधि वपस ज

योग कस कर 165

चिक थ म और मरठ क एक लड़क शरा मत जा क पस रह गय थ इस लड़क को नौकरा करना था

सधन स इसक कोई मतलब नही थ नौकरा क ऽलए रक हआ थ शरा मत जा न मिझस कहndash

sbquoआननद कि मर आप सहा समय पर यह ा आ गय ह अब यहा पर आपकी सधन अवशय अचछा हो

जएगा आप ऽजतना सधन करन चह कर सकत ह म चहता ह ा ऽक आप पीणथ होकर यह ा स जइए

जब आपकी सधन अचछा हो जएगा तब म आपको सनयस की दाकष ऽदलव दीागा‛ इन शबदो को

सिनकर म अऽत परसनन हआ ऽफर उनहोन भोजन क समन दकर हम आशरम जन की आजञ द दा वही

पर एक छोटा-सा कि ऽटय बना हई था उसकी चबा हम द दा और मिझस कहndash sbquoआप इस कि ऽटय म

सधन करन‛ म आशरम म रहन क ऽलय आ गय आशरम म इमरत बनन क कयथ चल रह थ वह ा

पर एक कमर भा बन हआ थ सधरण-सा घस-फी स की कि ऽटय बना हई था इसा कि ऽटय म मिझ

सधन करना था आशरम म एक कमर भा बन हआ थ इसा कमर क अनदर सामट रखा हई था उसा

कमर म मन एक तरफ सफई करक अपन समन रख ऽलय और इसा म रहन लग मन ऽदन म चर बर

धयन करन क ऽलय बठत थ शिरआत म म 6-8 घनट तक धयन करत थ परणयम और वययम भा

ऽकय करत थ वह ा पर पड़ो म रोजन पना ऽदय करत थ नया बना हई इमरत म पना भा ऽछड़क

करत थ खन अपन म सवयम बनय करत थ यह मर रोजन क कम थ अब हमरा सधन

अचछा होन लगा था यह ा पर अब अzwjसर कि णडऽलना और भगवन शकर क दशथन हआ करत थ

धयनवसथ म अनिभव आयndash म अतररकष म खड़ ह ा सिनहल रग क परकश चरो ओर फल

हआ ह उस समय अतररकष म न सीयथ ह न चनदरम ह न तर ह परकश सवय चरो ओर फल हआ ह म

परसनन हो रह थ और सोच रह थ यह जगह ऽकतना अचछा ह इतन म मिझ 20-25 माटर की दीरा पर

एक ऽपणड ऽदखई ऽदय वह ऽपणड भा सवपरकऽशत स थ परकश बहत हलक स थ वह ऽपणड अपना

जगह पर घीम रह थ म गौर करक उस ऽपणड को दख ज रह थ कि छ कषणो बद म ऽपणड की ओर चल

कर उसा क ऊपर खड़ हो गय उस पर खड़ होत हा मन अपन आपको पथवा पर पय म समझ गय

यह ऽपणड तो पथवा ह

योग कस कर 166

मरी परीकषा ली गयी

यह अनिभव 14-15 अगसत क ह धयनवसथ म मन दखndash म अतररकष म खड़ हआ ह ा और

इधर-उधर दख रह ह ा उसा समय मर पस एक सतरा आ गया उस सतरा न अपन दऽहन हथ मर कनध क

ऊपर रख ऽदय उसन अपन बएा हथ स मर बया हथ पकड़ ऽलय ऽफर मर बएा कनध स ऽचपक गया

और ऽचपक हए हा हम लकर आग की ओर चलन लगा म भा मतर-मिनध-स होकर उसक सथ चल

ऽदय म सोचन लगndash यह सतरा कौन ह म उसक शरार को गौर पीवथक दखन लग वह सतरा बहत हा सिनदर

था उसक रग गोर थ उसक खीबसीरत चहर चमक रह थ वह सतरा बहत हा आकषथक था मन

सोचndash यह सतरा मिझ कह ा ऽलए ज रहा ह मगर म उस सतरा स कि छ नही बोलndash zwjयोऽक म उसकी सिनदरत

दख ज रह थ वह हमर शरार स ऽचपकी हई और मिसकरता हई चला ज रहा था मिझ उसक सपशथ

अचछ लग रह थ थोड़ा दीर आग चलकर वह खड़ा हो गया दोनो आपस म आमन-समन खड़ हो गय

और एक दीसर को दखन लग म उसक सिनदर चहर दख रह थ उसक द ात बहत सिनदर मोऽतयो क

समन थ दातो स चमक ऽनकल रहा था कभा-कभा जब वह जयद हासता था तब उसक मिाह क अनदर

क भग ऽदखई दन लगत थ वह इस परकर क परदशी कपड़ पहन हए था ऽक उसक अनदर क शरार

सपषट झलक रह थ ऽफर उस सतरा न मिझस कि छ कह (वह शबद अशलाल थ) म उसक शबद सिनकर घबर

स गय zwjयोऽक मन यह नही सोच थndash ऽक यह सतरा ऐस अशलाल शबद मिझस कह दगा मिझ घबरय स

दखकर वह ऽखलऽखल कर हास पड़ा म उसक मिाह और मोऽतयो जस द ात दख रह थ उसकी जाभ भा

सपषट ऽदखई द रहा था चहर क तज सिनदरत को बढ़ रह थ मन गहरा दऽष ट उस सतरा पर डला म

समझ गय यह सधरण सतरा नही ह ऽफर इस सतरा न हमस ऐस zwjयो कह यह हम बिर लग मन उसकी

बत को मनन स इनकर कर ऽदय वह एक ऽवशष मिदर म लपरवह-सा खड़ा हई था हम उसक भव

अचछ नही लग उसन अपन दोनो हथो स हमर दोनो हथ पकड़ ऽलए हमर अऽत नजदाक खड़ा

होकर ऽफर वहा शबद दोहरए जो पहल कह थ म ऽफर स वहा शबद सिनकर अपन हथ छि ड़कर जोर स

भग जब म कि छ दीर ऽनकल गय ऽफर पाछ मिड़कर दखndash वह सतरा वही पर खड़ा हई मिसकि र रहा था

इतन म वह सतरा तावर गऽत स उड़कर (सवय परो स नही चला) हमर समन आ गया मिझस थोड़ा दीरा पर

तथ थोड़ा सा ऊा चई पर सतरा खड़ा हो गया हमर समन उसक सवरप बदल गय अब वह मत

कि णडऽलना क सवरप वला हो गया उसक ऽसर पर सोन क मिकि ट लग हआ थ ऽसतर लग हए लल

सड़ा पहन हए था तथ आभीषण आऽद स सिसऽजजत हो गया था उसन आशाव थद मिदर म अपन दऽहन

योग कस कर 167

हथ ऊपर की ओर उठय और बोलाndash sbquoभऽवषय म तिम महन बनोग‛ मर अनिभव समपत हो गय म

पराकष म उतताणथ हो गय इसऽलय कि णडऽलना शऽzwj त न हम आशावथद ऽदय

ऄथश- सवय मत कि णडऽलना न अपन सवरप बदलकर हमरा पराकष ल रहा था zwjयोऽक वह सतरा

हमस अशलाल शबद कह रहा था मिझ उसकी बत सवाकर नही था शयद ऽकसा भा सधक को सवाकर

नही होगा दिबर वहा शबद कहन पर म उस सतरा स हथ छि ड़कर भग ऽफर कि णडऽलना (वह सतरा) हमर

समन आकर अपन वसतऽवक सवरप म आ गया ऽफर मिझ आशावथद भा ऽदय zwjयोऽक म उसकी

पराकष म उतताणथ हो गय कभा-कभा सधक को ऐसा पराकषएा दना पड़ता ह उसम सधक को उतताणथ

होन आवशयक भा ह ऐस जयदतर उनही क सथ होत ह ऽजनकी उगर सधन होता ह

अब मरा सधन तावर गऽत स होन लगा था मन बरहमरनधर क पस एकगर होत थ ऽसर म ददथ स

हआ करत थ सधन पर एक बर म 3 घनट स जयद बठत थ मन भा परसनन रहत थ कभा-कभा

ऽसर क ऊपरा भग म हलक स ददथ होत रहत थ इस सहन करन पड़त थ इसक अऽतररकत और कोई

रसत नही थ शरा मत जा न बतयndash सधक को यह ददथ सहन हा पड़त ह कि छ ऽदनो बद ऽसर म ददथ

मसतक म ऽखचव और बरहमरनधर म भा ऽखचव हआ करत थ

ऄथश- सधको यह ददथ नड़ा शिऽि न होन क करण होत थ परणयम करन स धार-धार नड़ा

शिि होन लगता ह म तो परणयम भा बहत करत थ ऽफर भा ददथ सहन पड़त थ सधको ऽजनकी

उगर सधन होता ह उनहा को ऐस ददथ होत ह मरा सधन बहत उगर था इसऽलए ददथ हआ करत थ

सवामी वचदाननद जी

धयनवसथ म अनिभव आयndash म सवमा ऽचदननद जा क सथ घीम रह ह ा सवमा जा बोलndash

sbquoआप मर सथ आइए‛ म सवमा जा को दखन लग उनक चहर पर वहा तज शरार दिबल-पतल

आवज म वहा आकषथण थ जो परतयकष ऋऽषकश म दख थ उनक शरार पर वहा दो वसतर हए थ एक

वसतर पहन हए थ दीसर ऊपर ओढ़ हए थ वह हमर आग चल रह थ म उनक पाछ चल रह थ जो वसतर

शरार क ऽनचल भग म लपट हए थ वह खिलकर भीऽम पर ऽगर गय सवमा जा ऽनवथसतर हो गय म सवमा

जा स बोलndash sbquoसवमा जा आपक वसतर नाच ऽगर गय ह‛ सवमा जा हमरा ओर मिड़ और वसतर पकड़

योग कस कर 168

कर ऊपर की उठन लग तभा सवमा जा क शरार क अगल भग भा ऽनवथसतर ऽदखई ऽदयमर बोलन

क सवमा जा पर कोई असर नही हआ और न भव बदल मन सोचन लगndash सवमा जा कस वसतर पहनत

ह जो नाच ऽगर जत ह एक कषण क ऽलए वह ननन हो गए थ अब हम दोनो आग ऽक ओर चल ज रह

थ रसत बहत हा खरब थ इसऽलय चलन म थोड़ा-सा परशना हो रहा था आग चलकर हम तान पशि

ऽमल तानो पशि खीाट स बाध हए थ य तानो पशि भस भस क बचच और गय था सवमा जा न पहल

भस क गल की जजार खोल दा ऽफर अनय दोनो की जजार खोल दा म आश चयथचऽकत होकर बोलndash

sbquoसवमा जा आपन इनह zwjयो खोल ऽदय‛ सवमा जा बोलndash sbquoइनह लकर चलन ह‛ म सोचन लग ऽक

सवमा जा इतन बड़ महतम पिरष होकर इन पशिओ क zwjय करग सवमा जा तानो पशिओ को लकर

चल ऽदए भस सबस आग थाऽफर भस क पाछ सवमा जा उनक पाछ भस क बचच ऽफर गय था म

सबस पाछ थ म गय क ऊपर हथ रख हए पाछ-पाछ चल रह थ मिझ मलीम नही थ ऽक सवमा जा

हम सभा को कहा ऽलए ज रह थ

ऄथश- सधको यसवमा जा सवमा ऽशवननद जा क ऽशषय तथ ऋऽषकश म ऽशवननद आशरम

क अधकष ह बहत महन योगा ह म इनक मन क अनदर बहत सममन करत ह ा सवमा जा क ननन होन

पर हमर अनदर ऽवकर नही आन चऽहए थ मगर ऽवकर आ गय हमर अनदर ऽवकर आन क अथथ

हndash मर अनतःकरण अभा पीरा तरह स शिि नही ह सवमा जा न हमरा पराकष ला था सवमा जा न तानो

जनवर खोल ऽदए भस क अथथ हndash हमर ऽचतत पर ऽसथत कषटो स यिकत तमोगिणा कमथ ह भस क बचच

क अथथ हndash य थोड़ स कषटो स यिकत तमोगिणा कमथ हम शाघर हा भोगन पड़ग गय हमरा जावतम क

परताक ह उसक ऊपर म हथ रख हए चल ज रह ह ा जावतम बनधन म बाधा हई था उस बन धन स

मिकत कर ऽदय ह अभा हमर कमथ शष ह इनस मिकत होन क ऽलय कमो क भोग करन होग तभा य कमथ

नष ट होग कमो क नष ट होन पर जावतम बनधन स मिकत हो जता ह इस अनिभव स सपषट होत ह म

बनधनो स मिकत हो जऊा ग

ऄवधत क दशशन

यह अनिभव 9 ऽसतमबर को आय सिबह धयनवसथ म अनिभव आयndash शरा मत जा हम ऽकसा

जगह पर ल गया वह ा पर चरो ओर अधकर छय हआ थ म और शरा मत जा अधकर म खड़ हए

योग कस कर 169

थ शरा मत जा हमर दऽहना ओर खड़ा हई थी समन ओर थोड़ा-सा जगह म हलक-स उजल थ

उसा हलक स परकश म एक पिरष बठ हए ऽदखई ऽदय उनक शरार पर वसतर नही थ उनक बठन क ढग

और उनक भव पगल मनिषय जस थ ऽसर थोड़ स नाच की ओर झिकए हए थ जब मन उनह दख

तो ऽवचर आयndash यह कौन पिरष ह जो पगलो की भ ाऽत बठ हए ह य दखन म तो सनतो जस लगत ह

मर दऽहन ओर शरा मत जा खड़ा हई थी मन उनस पीछndash sbquoशरा मत जा यह पिरष कौन ह‛ शरा मत

जा बोलीndash sbquoयह सत पिरष ह इसकी अवधीतवसथ ह‛ मर अनिभव यही पर समपत हो गय

ऄथश- शरा मत जा जब आशरम म आया तब मन उनस पीछndash sbquoशरा मत जा इस अनिभव क अथथ

zwjय ह‛ शरा मत जा बोलीndash sbquoअवधीतवसथ ऐसा हा होता ह न हा कपड़ पहनन क भन होत ह न

रोटा खन क भन होत ह ऽकसा न रोटा ऽखल दा तो ख ला वरन भीख हा बठ रह उनह सथील भन

नही होत ह ऐस सनत पिरष दशथन दकर ऽशकष भा दत ह और मगथ दशथन भा करत ह यऽद आप उनस

पीछत ऽक आप कौन ह तब वह अवशय अपन बर म बतत ऽक म कौन ह ा परण ऽजस लोक म जत ह

उस लोक क सनतो क दशथन होत ह अथव दशथन दत ह‛ यह अनिभव कणठचकर म आय ह इसऽलय

अधकर ऽदखई द रह थ

गरवनथ खलन का सकलप

मन शरा मत जा स पीछndash sbquoशरा मत जा धयन म हमरा ऽसथऽत zwjय ह‛ शरा मत जा बोलीndash

sbquoआपक परणो की गऽत आजञचकर तक ह कभा-कभा परण बरहमरधर तक पहाच जत ह मगर ऽसथऽत

कणठचकर म हा ह zwjयोऽक परण यह ा पर रकत ह पीणथ रप स परण ऊपर नही ज पत ह कणठचकर क

पस जो गरऽथ होता ह जब तक वह पीणथ रप स खिल नही जता ह तब तक परण पीणथ रप स ऊपर नही ज

सकत ह आपकी कि णडऽलना गदथन तक जता ह गरऽनथ खिलन क बद ऊपर की ओर जन लगगाrdquo

आजकल धयन क समय तानो बनध लगत थ 6 ऽसतमबर शिकरवर को शरा मत जा क पस उनक घर

गय शिकरवर होन क करण समीऽहक धयन ऽकय ज रह थ म भा सभा सधको क सथ बठ हआ

धयन कर रह थ धयनवसथ म हमरा गदथन पाछ की ओर चला गया ऽसर पाठ स ऽचपक गय शरार

भा पाछ की ओर झिक गय सर परण कणठचकर म रक हआ थ उसक सथ शवस भा अवरि हो रह

थ अबगदथन म और शरार को कष ट हो रह थ म इतन पाछ की ओर झिक गय थ ऽक मिझ लग म

योग कस कर 170

पाछ की ओर ऽगर जऊा ग उसा समय मिझ दो वषथ पहल की यद आ गया पहल भा ऐस कष ट होत थ

इस समय धयन करन क ऽलए म शरा मत जा क समन बठ हआ थ कि छ समय बद मिझ महसीस हआ

ऽक गदथन म एक तरफ शरा मत जा शऽzwj तपत कर रहा ह कि छ कषणो बद मिझ आरम ऽमल गय ऽफर मरा

गदथन अपन आप साधा होन लगा थोड़ा दर बद मन धयन तोड़ ऽदय zwjयोऽक शरा मत जा न ओकर कर

ऽदय थ

दीसर ऽदन सिबह धयनवसथ म मिझ अनिभीऽत होन लगाndash मरा कि णडऽलना कणठचकर म ऽसथत गरऽनथ

पर टzwjकर मर रहा ह गदथन की नस चटक रहा था अथव नस ऽखच रहा ह गदथन म तावर जलन हो रहा

था कि णडऽलना क करण इस कषतर म जोर स चीऽटय ा-सा कटन की अनिभीऽत रहा थी ऐस समभवतः आध

घनट तक होत रह थ जब शरा मत जा क पस उनक घर गय तब शऽzwj तपत क ऽवषय म पीछ शरा

मत जा न बतयndash sbquoआपकी गदथन बहत पाछ ज रहा था सर परण गदथन पर रक हआ थ आपकी

गदथन बहत फी ल गया था इसऽलए मन गरऽनथ खिलन क सकलप ऽकय थ तऽक परण ऊपर की ओर चल

जए गरऽनथ तिरनत नही खिलता ह ऽफर भा कि छ समय खिलन क ऽलए लग जएग‛

सवामी वशवाननद जी क दशशन

धयनवसथ म सवमा ऽशवननद जा क दशथन तासरा बर हो गय ऽसफथ दशथन हा नही हए बऽलक

उनस बत भा हई था सवमा जा भगव वसतर धरण ऽकए हए थोड़ स ऊा च सथन पर बठ थ म भा उनक

समन भगव वसतर धरण ऽकए हए खड़ थ सवमा जा बोलndash sbquoतिम 20 बरहमणो क इतजम हम करन

पड़ग‛ उनक य शबद सिनकर म अचऽमभत हआ ऽक सवमा जा न हम बरहमण शबद स समबोऽधत ऽकय

और पीर 20 बरहमणो क इतजम करन क ऽलए भा कह ह म सवमा जा क कहन क अथथ समझ नही

पय ऽक उनहोन ऐस zwjयो कह मन सवमा जा स पीछndash sbquoम आपस एकत म कि छ पीछन चहत ह ा‛

उततर म वह मिसकरए और कहndash sbquoअचछ‛ उनहोन मिझस यह नही कह ऽक पीछो zwjय पीछन ह इसऽलए

म चिप बन रह उसा समय हमर अनदर स आवज आईndash sbquoजो कि छ पीछन हो वह शरा मत जा स

पीछो‛ अनिभव समपत हो गय

योग कस कर 171

सधको शरा मत जा स हम सभा बत तो पीछ नही सकत ह zwjयोऽक उनक सथील शरार सतरा क

ह भल हा वह हमर गिर हो मगर ऽफर भा कि छ-न-कि छ मय थद अवशय होना चऽहय कभा-कभा म अपन

परश न घीम-ऽफरकर पीछ लत थ आजकल अनिभव म खीबसीरत लड़ऽकय ा य ऽसतरय ा बहत ऽदखई दता

थी कभा-कभा ऽसतरयो की सखय बहत जयद होता थी वह हमर समन नतय ऽकय करता थी ऐस

लगत थ य अपसरएा ह य सभा अतररकष य ऽदवय भवनो म होता थी कभा-कभा लड़ऽकय ा कमिक मिदर

म भा होता थी तथ वसनतमक बत करता था

ऄपसराओ दवारा नतय

एक बर धयनवसथ म दखndash म अतररकष म खड़ ह ा मर पस एक सतरा आया और वह अतररकष म

नतय करन लगा नतय क सथ सगात की भा आवज आ रहा था मगर सगात बजन वल वह ा पर कोई

नही थ सतरा नतय बहत सिनदर कर रहा था म अतररकष म बठ हआ थ सतरा क नतय शसतराय सगात पर

आधररत थ मिझ उसक नतय अचछ लग रह थ वह सतरा अतररकष म इधर-उधर दौड़-दौड़कर नतय कर

रहा था नतय क अनिसर हा सगात सवय बज रह थ सगात की आवज अतररकष स सवय आ रहा था

कि छ समय तक म नतय दखत रह ऽफर सतरा न नतय करन बनद कर ऽदय वह अऽदरताय सिनदर सतरा मर

पस आई और बोलाndash sbquoआपको मर नतय कस लग‛ म बोलndash sbquoआपक नतय बहत अचछ थ‛

मिझ शसतराय सगात पर नतय बहत अचछ लगत ह सतरा ऽवशष मिदर म बोलाndash sbquoसच मर नतय बहत

अचछ थ और म कसा ह ा‛ पहल म चौक ऽफर बोलndash sbquoआप बहत अचछा नतयगन ह‛ सतरा बोलाndash

sbquozwjय आप हमर सथ शदा करग‛ म यह शबद सिनकर कि छ नही बोल इतन म हमर पाछ ढर सरा

उसा क समन ऽसतरय ा हासता हई ऽदखई दा म उन सभा ऽसतरयो को दखकर भग मर अनिभव समपत हो

गय

ऄथशndash इस तरह क नतय ऊपर क सीकषम लोको म होत ह उचच शरणा क सधक य योगा इस

परकर क नतय कभा भा दख सकत ह मगर हम धयनवसथ म यह अनिभव सवमव आय ह सधक को

एक ऽनऽित अवसथ म इस परकर क नतय करता हई अऽदरताय सिनदर ऽसतरय ा ऽदखई दता ह य दशय ऊपर

क लोको स समबऽनधत होत ह

योग कस कर 172

ऄतप त जीवातमा

म और मरठ क लड़क एक सथ आशरम म सोय हए थ यह अनिभव आयndash सवपनवसथ म एक

तरण लड़की हमर कमर म आ गया और हमर समन खड़ा हो गया मन उसस कहndash sbquoआप कौन ह

इधर zwjयो आई ह यहा लड़ऽकयो क zwjय कम ह ‛ लड़की कि छ नही बोला उततर म ऽसफथ मिसकर दा

म जगकर बठ गय हमर धयन क समय हो गय थ मगर म उस लड़की को नही भील पय लड़की क

सहस तो दऽखए वह हमर कमर क अनदर आ गया था धयन क दरर मन उस लड़की की जनकरा ला

तब मिझ मलीम हो गय वह अतप त जावतम था उसा समय धयनवसथ म आवज सिनई दाndash sbquoआननद

कि मर‛ मन अपन धयन तोड़ ऽदय और सोचndash ldquoमिझ कौन बिल रह ह सिबह क 330 बज ह चरो

ओर सननट फल हआ ह शयद मिझ धोख हआ ह मन अपना आाख बनद कर ला ऽफर धयन करन

लग आाख बनद करत हा ऽफर आवज सिनई दाndash lsquoआननद कि मरrsquo मन ऽफर आाख खोल दी म समझ

गय जरर कोई चzwjकर ह ऽफर मन अपना आाख बनद की और बोलndash sbquoमिझ कौन बिल रह ह‛ आवज

आयाndash ldquoम वहा लड़की ह ा ऽजस कि छ समय पहल आपन दख हrdquo म बोलndash sbquoआप कौन ह अपन

पररचय दाऽजए‛ उस लड़की की आवज आयाndash sbquoम भटक रहा ह ा मरा कई वषथ पहल हतय कर दा गया

था‛ मन पीछndash ldquoआपकी हतय zwjयो कर दा गया था‛ वह बोलाndash sbquoयह म नही बत सकता ह ा आप

अपन पड़ोसा स पीछ लाऽजए‛ म बोलndash sbquoआपको हमसzwjय कम ह‛ आवज आयाndash sbquoआपक पस

आन हम अचछ लगत ह‛ म बोलndash sbquoकपय आप हम कषम कर म यह ा पर सधन करन आय ह ा

मिझ अपना सधन करन दाऽजएrdquo

म उसा ऽदनसिबह शरा मत जा क पस गय वह ा पर मलग ाव स कऽवत दादा भा आया हई थी

शरा मत जा को मन उस अतप त जावतम वला बत बतया शरा मत जा बोलीndash sbquoम सकलप करक उस

भग दीागा‛ तथ कऽवत दादा न भा सकलप ऽकय ऽक वह लड़की अब मर पस आशरम म न आय ऽफर

म शरा मत जा क घर स आशरम आ गय वह लड़की ऽफर हमर पस आशरम म नही आया मगर उसकी

आवज धयन क समय सिनई दता रहता था कभा सोत समय उसकी आवज आन लगता था मिझ सोत

समय आवज सिनई दता थाndash lsquoआननद कि मरrsquo आवज बड़ा पयरा था मिझ बड़ पयर स वह बिलय

करता था मगर मिझ तो उसकी इस ऽकरय स सधन म अवरोध हो रह थ एक बर म रतरा क 130 बज

आशरम स उस सथन पर गय जहा पर उसकी हतय की गया था मन अपन हथ जोड़ और उस लड़की स

कहndash sbquoकपय आप मरा सधन म अवरोध न कीऽजए‛ म वपस आशरम म आ गय ऽफर हम कभा भा

योग कस कर 173

उसकी आवज सिनई नही दा ऽफर मर और इसक समपकथ जनवरा सन 1996 म हआ थ हमरा और

इस लड़की की घऽनषठत हो गया मन उस थोड़ जञन भा ऽदय थ अब वह लड़की बहत परसनन ह

मन सरा बत आशरम क पड़ोस म रहन वलो को बतया तब उनहोन हम बतयndash लगभग 20-

25 वषथ पहल इस लड़की की हतय कर दा गया था जब वह कि एा पर कपड़ सफ करन गया था मर दरर

पीछन पर पड़ोसा पहल आश चयथ म पड़ गए ऽफर उनहोन हम उस लड़की क ऽवषय म सरा बत बतई जब

म आशरम म रहत थ तब आशरम क आसपस आबदा ऽबलकि ल नही था ऽसफथ दो-तान घर बन थ य

लोग खता ऽकय करत थ इन पड़ोऽसयो स मर बहत परम थ य लोग बहत अचछ थ जब म कभा बामर

हो जत थ अथव कोई परशना होता था तब य पड़ोसा खन आऽद बनकर मिझ द दत थ

फलो की सगनध

म कि ऽटय क अनदर बठ हआ धयन कर रह थ तभा कि ऽटय क अनदर फी लो की खिशबी आन

की अनिभीऽत होन लगा मन अपन धयन हलक कर ऽदय ऽफर ऐस लगन लग जस चरो ओर

खिशबीदर फी ल ऽबखर हए ह उनही की खिशबी आ रहा ह म फी लो क बाच बठ ह ा इस परकर क एहसस

आध घनट तक होत रह ऽफर म धयन की गहरई म चल गय

ऄथश- ऽपरय सधको जब सधक को तनमतरओ क सकषतकर होत ह तब इस परकर की खिशबी

आन की अनिभीऽत होता ह पथवा ततव की तनमतर गनध ह इसऽलए गनध तनमतर क सकषतकर हो रह

थ यह योग की एक अवसथ ह

महा परषो क दशशन

आजकल गदथन पर ददथ बहत बढ़ गय थ सधरण अवसथ म भा गदथन दिख करता था गदथन

को दएा-बएा ओर घिमन पर ऐस लगत थ मनो गदथन टीटा ज रहा ह धयनवसथ म गदथन की नऽड़यो

म बहत ऽखचव होत थ ऐस लगत ऽक धयन करन बनद कर दीा तो अचछ ह मसतक की नऽड़यो म

भा ऽखचव हआ करत थ म एक बर म 3 घनट तक धयन ऽकय करत थ अब 10 ऽमनट धयन करन

योग कस कर 174

मिऽशकल हो रह थ गदथन म गरऽथ की जगह ददथ हआ करत थ म धयन शाघर तोड़ दत थ zwjयोऽक गरऽथ

म असहनाय ददथ होत थ एक ऽदन सयकल क समय म धयन पर बठ हआ थ धयन बहत गहर

लग ऽफर अनिभीऽत होन लगा ऽक कि णडऽलना उगर होकर हमरा पाठ जलए द रहा ह ऐस लगत थ जस

कोई पाठ और गदथन म सिइय ा चिभो रह ह ऽफर मन एकगर हो गय तब दखndash म भगवन गौतम बिि को

दख रह ह ा ऽफर हम गिरननक जा क दशथन हए कि छ समय बद सत रऽवदस क दशथन होन लग इन तानो

महपिरषो न मिझ दशथन ऽदए और आशाव थद भा ऽदय

म तीन बार मरा

एक बर धयनवसथ म अनिभव आयndash म तान बर मर ह ा सिनन म यह बत ऽनिय हा आश चयथ

जनक लगगा कोई भा मनिषय एक बर हा मरत ह मगर म सधक होन क करण तान बर मर ह ा

अनिभव म दखndash म मर रह ह ा हमर शरार की समपीणथ परण वयि म ऽखचव हो रह ह इसऽलय कष ट क

करण म तड़प रह ह ा zwjयोऽक मिझ बहत कष ट हो रह ह कभा हम अधकर-स ऽदखई दत थ ऐस

लगत ह ऽक तीफन स आ गय ह ऽफर म होश म आन लगत ह ा बहत दर तक छटपटन क बद मिझ

लग अब मर भौऽतक शरार स जावतम ऽनकल जएगा म रोन लग zwjयो ऽक म मरन नही चहत थ

मिझ लग अब मर सब कि छ छि ट जएग ऽफर एहसस हआ अब मर सग-समबनधा सब छी ट ज रह ह

मिझ लग ऽक अभा मर लड़क बहत छोट ह इसक zwjय होग मरत समय मिखय रप स लड़क की मिझ

यद आ रहा था हमर परण ऽनकलन लग कि छ समय घोर कष ट पकर म मर गय मरन क बद म ऊपर

चल गय

दीसरा बर ऽफर मरत समय म पथवा पर नही थ बऽलक अतररकष म थ जब अतररकष म मरन लग

तो उस जगह हमर सग-समबनधा इतयऽद नही थ हमर पस दो और परणा थ वह मरा तरह छटपट रह

थ उनकी भा मतयि हो रहा था उन परऽणयो को दखकर म रोन लग zwjयोऽक वह भा मर रह थ मिझ थोड़-

स उनस परम थ इसऽलए मिझ मरन स डर लग रह थ ऽक म भा मर जऊा ग मिझ मतयि स डर लग रह

योग कस कर 175

तासरा बर जब म मरन लग तब मिझ पहल जस दिःख नही लग रह थ बऽलक म मिसकर रह

थ म सवय मरन क ऽलए तयर हो गय थ सोच रह थ म ऽजतना जलदा मर जऊा उतन हा अचछ ह

म मरन क ऽलए लट गय लटत समय मन दखndash पथवा हमरा पाठ क नाच दब गया ह मर शरार बहत

बड़ हो गय सर आकश मन चदर की भ ाऽत ओढ़ ऽलय मिझ सवय मलीम नही थ की मर शरार की

लमबई ऽकतना ह zwjयोऽक म समपीणथ आकश म लट हआ थ ऐस लग रह थndash ऽजतना मर शरार की

लमबई ह आकश मिऽशकल स उतन हा लमब होग म मिसकरन लग मरन समय मिझ ऽकसा परकर की

पाड़ नही हो रहा था बऽलक हम परसननत हो रहा था मर अनिभव समपत हो गय

मिझ धयनवसथ म मरत समय पाड़ की ऽजस परकर अनिभीऽत हई वह बहत कष टदयक था म

शबदो म वयकत नही कर सकत ह ा zwjयोऽक शबदो स वयखय अपीणथ होगा मरत समय जब मनिषय को यद

आत ह उसक सग समबनधा छी ट रह ह तब दिःख और बढ़ जत ह उस समय मरन की इचछ ऽबलकि ल

नही होता ह मगर मतयि क हथो छी ट भा नही ज सकत ह जो मतयि तासरा बर आया था वह परथम व

ऽदरताय बर की मतयि स ऽबलकि ल ऽवपरात था उस समय मनऽसक कष ट ऽबलकि ल नही थ और मन म भा

ऽकसा परकर क ऽवचर नही थ मतयि क समय अपर शऽत था तथ अपर परसननत था परथम परकर की

मतयि समनय मनिषय को आता ह दीसरा परकर की मतयि बहत कम मनिषयो को आता ह जो आधयतम

वदा होत ह कमथ थोड़ रह जत ह उनह इस परकर की मतयि आता ह तासर परकर की मतयि उचचकोऽट

क योगा को आता ह

हम तानो परकर की मतयि क अनिभव तो अभा आ गय ह मगर इसकी योनयत भऽवषय म आएगा

पहला परकर की मतयि क समय तषण क करण और परणो क करण घोर कष ट की अनिभीऽत होता ह इस

परकर की मतयि म सथील शरार और सथील जगत स समबऽनधत पदथथ छी ट जत ह दीसरा परकर की मतयि

सीकषम पदथो को तयगन पर आया था सीकषम शरार म वसनएा आऽद रहता ह इन वसनओ को तयगन

पर कष ट की अनिभीऽत होता ह zwjयोऽक अभयसा को सीकषम वसनय तयगत समय मनऽसक पाड़ होता

ह सथील पदथथ क तयगन स अऽधक सीकषम पदथथ तयगन (सीकषम वसनय) म मनऽसक कष ट की अनिभीऽत

जयद होता ह तासरा परकर की मतयि सीकषम शरार को तयगन पर आता ह उस समय उसक अनदर ऽकसा

परकर की कोई वसन नही होता ह बऽलक तततवजञन स यिकत होन क करण योगा को मतयि क समय

परसननत होता ह वह सोचत हndash चलो अचछ ह यह शरार छी ट जए तऽक महकरण शरार म ऽसथत हो

जएा zwjयोऽक अभयस दरर करण शरार को वयपक करक ईश वर क शरार म अतमिथखा हो गय ह

योग कस कर 176

सधको यह सतय ह ऽक मतयि क पित म महकरण जगत म परवश कर जऊा ग मरा मतयि अभा नही ह

मिझ अभा कई वषो तक जाऽवत रहन ह अभा कि छ महतवपीणथ कयथ भा करन ह मिझ अपना मतयि क

ऽवषय म पीर जञन ह तथ यह भा जञन ह मतयि क बद म कह ा जऊा ग zwjयोऽक ऽजस अभयसा की

ऋतमभर-परजञ ऽचतत म परगट हो जता ह उसक ऽचतत जञन क परकश स यिकत हो जत ह अनिभव म मिझ

तान बर मरत हए ऽदखय ह

कमो की पोटली

यह अनिभव मिझ सवपनवसथ म आय थ कऽवत दादा मर पस आया हई ह मर पस आत हा

मिझस पीछndash sbquoआननद कि मर वह ऽकधर हrdquo मन एक ओर को इशर करक कहndash ldquoइधर हrdquo मन एक

तरफ बन गडढ की ओर इशर ऽकय कऽवत दादा बोलीndash sbquoउस ऽनकलोrdquo म उस गडढ क अनदर धार-

धार उतरन लग वह गडढ कि एा की तरह बन हआ थ म नाच की ओर उतरत हआ चल गय नाच

उतरकर मन एक पोटला उठई और ऊपर चढ़न लग ऊपर चढ़त समय मिझ बहत तकलाफ हो रहा था

उस पोटला म zwjय ह म नही जनत थ म उस कि एानिम गडढ स बहर ऽनकल आय तभा मरा आाख

खिल गयी

ऄथश- सधको यह हमर कमो की पोटला ह तथ गनदगा आऽद स भरा हई ह इसक अथथ हndash

आप अपना गनदगा व कमथ आऽद बहर ऽनकल दो इस परकर क कमो को भोग कर नष ट ऽकय जत ह

हलक-फि लक कमथ तो परणयम और समऽध क दरर नष ट हो जत ह

शरीर धनषाकार हो गया

म पहल कई बर ऽलख चिक ह ा कणठचकर की गरऽथ न खिलन क करण गदथन पाछ की ओर हो

जता था शरार भा पाछ की ओर झिकत थ कभा-कभा शरार इतन पाछ की ओर झिकत थ ऽक

धयनवसथ म शरार झील की तरह झीलत रहत थ एक बर शरा मत जा क घर म समीऽहक धयन हो

रह थ तभा धयन करत समय म पाछ की ओर ऽगर गय मर ऽसर पाछ की ओर फशथ स टकरय और

योग कस कर 177

मर धयन टीट गय zwjयोऽक मर ऽसर दिखन लग थ ऽफर जोर लगकर साध हो गय और धयन पर बठ

गय दिबर ऽफर मर शरार पाछ की ओर झिक और पहल की भाऽत पाछ की ओर ऽगर गय वह ा पर

उपऽसथत सभा सधक हम दख रह थ अबकी बर उठकर बठन म थोड़ा दर लग गया zwjयोऽक मर शरार

थक चिक थ राढ़ भा दिःख रहा था म पसान स तर हो चिक थ शटथ उतरकर रख दा सर शरार म

कि णडऽलना क करण आग-सा लगा हई था तथ चीऽटय ा सा कट रहा था म ऽफर तासरा बर धयन पर

बठ गय गदथन ऽफर पाछ की ओर मिड़ा अबकी बर मर आसन अपन आप बदलन लग म सहजसन

पर बठ हआ थ आसन अपन आप बदलकर वारसन हो गय ऽफर मर शरार पाछ की ओर झिक और

म ऽगर गय अबकी बर हमर शरार को बहत वदन हई धयन क करण आाख नही खिल रहा था म

वारसन पर हा पाछ की ओर पाठ क बल ऽगर गय थ लट-लट हा मर धयन लगन शिर हो गय इतन

म नऽभ की नऽड़यो म ऽखचव होन लग भऽसतरक भा तज गऽत स चलन लगा इसा अवसथ म हा गदथन

पाछ की ओर जन लगा ऽसर पाठ स ऽचपक गय अब ऽसर क ऊपरा भग फशथ स ऽचपक गय थ उसा

समय नऽभ म जोरदर ऽखचव हआ नऽभ क आसपस क कषतर ऊपर आकश की ओर उठत थ अब

मर शरार दखन म धनिष क आकर क हो गय राढ़ कमन की तरह ऊपर की ओर उठा हई था तभा

नऽभ पर ऊपर की ओर जोर स झटक लग रह थ सधको आप सवय समझ सकत ह ऽक मर भौऽतक

शरार ऽकतन कष ट भोग रह थ म पीरा तरह पसान स भाग गय थ ऽफर हम धयन तोड़न पड़ zwjयोऽक

धयन टीटन क नम नही ल रह थ

कि छ ऽदनो तकधयनवसथ म सहजसन स अपन आप वारसन म बठ जत थ ऽफर बद म

धयनवसथ म अपन आप वजरसन लग जत थ शरार की रहा-सहा वदन वजरसन पीरा कर दत थ

ऐस लगत थ जस पर बिरा तरह स टीट गए हो परो म ददथ हआ करत थ वजरसन क समय शरार क

भर ऽसफथ एड़ा पर रहत थ ऽफर पाछ की ओर ऽगरकर ऽसर क बरहमरधर वल भग भीऽम पर सपशथ करत

थ शरार क भर बएा पर की एड़ा पर रहत थ शरार पीर ऊपर की ओर उठ रहत थ पाठ वल भग

भीऽम स सपशथ नही करत थवह ऊपर ओर उठ रहत था ऽफर वहा ऽकरय होता था ऽक नऽभ ऊपर की

ओर अथ थत आकश की ओर उठा रहता था और जोरदर झटक मरता था राढ़ धनिषकर हो जता था

इस अवसथ म एक-एक घनट तक धयन करत थ

सधको इस अवसथ म सथील शरार की अतयनत दिगथऽत होता था ऐस लगत थ सधन करन

अतयनत कष टदया ह बहत ऽदनो तक यहा ऽकरय होता रहा ऽफर एक ऽदन शरा मत जा न एकत म

योग कस कर 178

बिलकर हम समझयndash sbquoशरार क कमन की तरह होन नऽभ क ऊपर की ओर उठन जररा ह योग

की भष म इस तार चलन कहत ह नऽभ स परण ऽनकलकर ऊपर आकश म चल जत ह नऽभ म

उस समय बहत सर परण भर होत ह नऽभचकर एक ऐस चकर ह ऽजसम सबस जयद परण भर सकत

ह यह शरार कि णडऽलना और परण क करण पाछ को ऽगरत ह zwjयोऽक ऊपर क मगथ अवरि होत ह

कि णडऽलना क वग शरार सहन नही कर पत ह इस परकर की सधन ऽनिय हा उचचकोऽट क सधक

करत ह zwjयोऽक सवय कि णडऽलना और परण सधक क शरार को धनिषकर बन दत ह इसस नऽभ क

आसपस क कषतर व नऽभ स ऽनकलन वला नड़ी ऽकरयशाल होन लगता ह नऽभ क कषतर म कि छ नऽड़या

ऐसा होता ह ऽजनक समबनध परणा क समपीणथ जावन चकर स होत ह इसऽलए इस कषतर क इस तरह स

ऽवकस होन आवशयक ह तऽक अभयसा क जावन चकर ऽछनन-ऽभनन हो सक अथव उसकी जावन

यतर सदव क ऽलए समपत हो सक अथ थत जावन यतर पीणथ हो जए जाव मोकष की ओर गमन कर सक

शरा मत जा न बतय आपकी गल की गरऽथ अभा खिला नही ह शरार म जब और शिित

आयगा तब गरऽथ खिल जएगा इसऽलए आप हफत म एक ऽदन उपवस अवशय ऽकय कर इसस शरार की

नऽड़या अवशय शिि होगा ऽजसस गरऽथ खिलन म सहयत ऽमलगा आपक कष ट कि छ कम होग ऽफर म

सोमवर क वरत करन लग वरत क ऽदन ऽसफथ रतरा म एक कप दीध पात थ शिरआत म वरत वल ऽदन

बड़ा परशना होता था हम भीख बहत सतता रहता था ऽफर वरत रखन की आदत पड़ गया

कमश भोगना ही होगा

एक बर अनिभव आयndash म अधकर म कही चल ज रह ह ा इतन म एक ऽवशलकय वयऽकत

मर समन आ गय ऽवशलकय वयऽकत को दखकर मर अनदर भय उतपनन होन लग म उस ऽवशलकय

वयऽकत स ऽछपन की कोऽशश करन लग मगर उस वयऽकत न मिझ ऽछपत हए दख ऽलय उसन बड़ा बरहमा

स मर हथ पकड़ और मिझ लकर चल ऽदय मिझ मलीमनही थ वह मिझ कह ा ऽलए ज रह ह कि छ

दीर चलकर एक जगह जकर रक गय और मर हथ छोड़ ऽदय ऽफर उसन मिझस कि छ कह म उसकी

बत मनन को तयर नही हआ उसा समय दीर स एक अतयनत डरवन और ऽवशलकय ऽगि क

आकर क पकषा आ गय उस पकषा क शरार ऽसफथ मस और खीन क बन हआ थ उसक पख मास क

बन हए थ ऐस लग रह थ पकषा की बहय तवच अभा-अभा अलग की गया ह zwjयोऽक उसक शरार क

योग कस कर 179

मस स खीन टपक रह थ पकषा खीन स भाग हआ थ तथ वह ऽहसक ऽदखई द रह थ पकषा इतन

डरवन थ उस दखत हा मरा आवज बनद हो गया उसकी चोच एक माटर लमबा होगा वह मरा ओर

चोच खोलकर दौड़ मिझ ऐस लग वह एक बर म हा मिझ अपना चोच म दब लग मरा जोर स चाख

ऽनकल गया म उस वयऽकत स बोलndash ldquoम आपकी बत मनीागrdquo वही खड़ ऽवशलकय वयऽकत न उस

पकषा की ओर इशर ऽकय वह डरवन पकषा रक गय वह पकषा सधरण पऽकषयो की भाऽत नही थ

उसक शरार स चमक ऽनकल रहा था ऽफर वह पकषा अदशय हो गय म वही पर डर-स खड़ हआ थ

उसा समय एक छोट स लड़क परकट हो गय वह मिझ अकरण हा मरन लग म बोलndash sbquoतिम मिझ

zwjयो मर रह हो‛ म भा उस लड़क स ऽभड़ गय और उस मरन लग इतन म वहा पकषा ऽफर स परकट हो

गय जस हा वह पकषा मरा ओर चोच खोल कर दौड़ म उसा समय lsquoॎ नमः ऽशवयrsquo क जप करत

हआ उसस दीर की ओर दौड़न लग जस हा म आग की ओर दौड़ तभा मिझ समन ओर नदा ऽदखई

दा वह नदा बहत नाच की ओर बह रहा था नदा क जल नाल य कल जस थ जल सवचछ नही

थ म उसा नदा म की द पड़ और नदा क अनदर नाच गहरई म डिबकी लग ला उस नदा क अनदर

अधकर हा अधकर थ म नदा की ऽनचला सतह पर बठकर म lsquoॎ नमः ऽशवयrsquo क जप करन लग

पना क अनदर मन भगवन ऽशव स पीछndash sbquoपरभि हम आपक जप कर रह ह ऽफर भा हम उस पकषा स

zwjयो डर लग रह हrdquo इतन म आवज आयाndash lsquoकमश भोगना ही पड़ता हrsquo उसा समय वही पर पना म

ऽशवऽलग परकट हो गय मर अनिभव समपत हो गय मिझ अब भा उस डरवन पकषा स डर लग रह थ

आश चयथ की बत यह था ऽक ऽशव मतर क उस पकषा पर ऽबलकि ल परभव नही पड़ रह थ

मन ऽनिय ऽकय यह कमथ मर ऽपछल जनमो क होग तभा यह ऽवशलकय डरवन पकषा मिझ

ऽदखई द रह थ ऽफर यह अनिभव शरा मत जा को बतय उनहोन कहndash ldquoआपक ऽपछल जनम कि छ

समय क ऽलए खरब रह थ उसा समय ऐस कमथ ऽकय थ मगर ऽफर आप ऽकसा आशरम म रहन लग

आपक ऊपर ऽकसा सनयसा क आशावथद ह इसऽलए आपकी सधन तावर गऽत स हो रहा हrdquo

ऄथश- सधको यह डरवन पकषाndash मर हा ऽपछल जनमो क कमथ ह इसऽलए इस जनम म घोर

कष ट उठन पड़त ह मिझ भीख भा रहन पड़त ह ऽवशलकय पिरषndash परकऽतलय पिरष ह अथ थत

परकऽतक बधन नदाndash यहा सथील जगत ह इनही zwjलशतमक कमो क करण हा ससर म जनम लन मिझ

पड़

योग कस कर 180

मर उपर सपश चढ़ा

आजकल म 8-10 घनट धयन करत थ ऽफर शऽzwj तमतर क जप करत थ शऽzwj तमतर क परभव

स सपथ हमर कमर क अनदर आ जत थ तथ कमर क बहर बहत सपथ रहत थ एक करण यह भा थ

आशरम खतो म बन हआ थ इसऽलए जगलनिम जगह था तथ यह ा पर सपथ भा बहत पय जत ह म

सपो स इतन परशन हो गय ऽक दरवजो पर भा आकर सपथ ऽलपट जत थ कई बर सपो न हम कमर स

बहर नही ऽनकलन ऽदय मिझ पड़ोऽसयो को जोर लगकर बिलन पड़ पड़ोऽसयो न आकर सपथ स

छि टकर ऽदलय कभा-कभा सपथ छत पर लटक हए ऽदखई दत थ कमर स बहर ऽनकलत समय सपथ

रसत म बठ हए ऽमलत थ वह ा पर ऐस सपथ भा रहत थ वह दावरो पर बड़ा तजा स चढ़ जत थ ऽनडरत

क करण उस आशरम म अकल रहत थ एक ऽदन की बत ह म आशरम म अकल थ और रऽतर क

सननट छय हआ थ म भीऽम पर सोय हआ थ हमर आसपस दो सपथ लट हए थ तथ कि छ ऽबचछी

भा चटई पर ऽचपक हए थ उस समय म इनह नही जन पय थ मगर जब रऽतर क समय म लघि शक क

ऽलए उठ और लइट जलई उस समय हमरा दऽष ट चटई की ओर गया ऽजस पर म सोय हआ थ उस

चटई पर सपथ व ऽबचछिओ को दखकर म बड़ा तजा स बहर ऽनकल और लोह की छड़ उठ लय म

सपो को मरत नही थ इसऽलए उनह भग ऽदय रत हो य ऽदन सपथ कमर क अनदर आ जत थ ऐस

समय बहत ऽदनो तक चलत रह

यह घटन सोमवर 4 नवमबर की ह आज मर वरत भा थ लगभग 11 बज दोपहर को सनन

करक ऽवषणिसहसतर नम क पठ करन क ऽलए बठ गय पठ और मतर जप आऽद करक म कि णडऽलना

मतर क जप कर रह थ जप लगभग एक सव घनट तक करन क बद शरार म थकन सा आ गया तथ

शरार गमथ भा अतयऽधक हो रह थ इसऽलय म कमबल फशथ पर ऽबछ कर लट गय हथ म मल ऽलए

आाख बनद ऽकय हए कि णडऽलना मतर क जप कर रह थ अभा प ाच ऽमनट भा नही हए थ ऽक दऽहन

ओर कनध स लकर पट तक कि छ ठणड-ठणड स लगन लग मन सोचndash शयद शरार म कोई ऽकरय हो

रहा होगा इसऽलए ठणड लग रह ह जब ऽक शरार गमथ हो रह थ ठणडपन अचछ लग रह थ म मतर

जप करन म मनन थ कि छ कषणो म लग ऽक पट पर (नऽभ क पस) कोई वसति चढ़ रहा ह और वह ठणडा

लग रहा ह म ऽफर भा मतर जप करन म लग रह वह ठणडपन नऽभ क पस स होकर सान (रदय) की

ओर आन लग यह मिझ अचछ लग रह थ zwjयोऽक मतर जप क करण शरार क अनदर आग सा फला

हई था कि णडऽलना भा ऊधवथ हो रहा था जब हमर सान पर कि छ गिदगिदा अथव खिजला सा होन लगा

योग कस कर 181

ऽजस हथ स म मल पकड़ हए थ उसा हथ स मन सान पर खिजन चह आाख बनद ऽकए हए हा

खिजन क ऽलय अपन सान पर उगला लगई तभा ऐस महसीस हआ ऽक सान पर कि छ ह मन दऽहन हथ

स पकड़कर दीर फ कन क ऽलय परयस ऽकय तभा हमर हथ म सपथ क मिाह वल भग पकड़ म आ गय

ऽबजला की गऽत क समन मन उस सपथ को दीर फ क ऽदय मल हथ स छी ट गया म उठकर तजा स

दरवज पर खड़ हो गय मन दखndash कल लमब स सपथ चटई पर पड़ हआ थ सपथ की लमबई

दखकर मर होश खरब हो गए

मर पड़ोस म सपथ पकड़न वल वयऽकत रहत थ म उस बिल लय उस बिलन म मिझ दो ऽमनट

भा नही लग थ म और सपथ पकड़न वल वयऽकत जब कमर क अनदर आय तब दख सपथ वह ा नही थ

कमर म मर थोड़-स हा समन रख हआ थ उस समन म ढीाढ मगर सपथ नही ऽमल वह वयऽकत

बोलndash sbquoआपको धोख हआ होगrdquo म बोलndash sbquoनही मिझ धोख नही हआ हrdquo आऽखरकर सपथ कमर

म नही ऽमल वह वयऽकत वपस चल गय मन सोचndash सपथ मर ऽसर की तरफ स आय थ इसाऽलए

कनध ठणड-ठणड लग रह थ ऽफर हमर शरार स ऽचपकत हआ कमर की ओर गय कमर क पस स

नऽभ की ओर चढ़ सपथ हमर शरार पर चढ़ हआ नऽभ स सान (रदय) की ओर आय म कि णडऽलना

मतर क जप करत रह तब मिझ सपथ की जनकरा नही हई मगर जब सपथ की जनकरा हई तब डर क

करण मर बिर हल थ जब मन सपथ को फ क ऽदय और दरवज पर म खड़ हो गय तब सपथ मरा ओर

मिाह करक जाभ बर-बर बहर को ऽनकल रह थ ऐस लगत थ शयद वह मिझ पयर स दख रह ह

मगर म उसस पयर नही कर सकत थ zwjयोऽक सपथ को हथ स पकड़न पर डर लगत ह

म कमर बनद करक शरा मत जा क पस उनक घर गय मन सरा बत उनह बतया शरा मत जा

बोलीndash sbquoआप अब चरपई क इतजम कीऽजए उसा क परयोग कीऽजयrdquo मन जब यह बत कऽवत

दादा को बतया तो वह बोलाndash sbquoइस परकर क सपथ ऽमलत नही ह यह ऽकरय कि णडऽलना शऽzwj त क

करण होता हrdquo कि छ समय बद हम जञत हआ ऽक धयनवसथ म हमर शरार स ऽवशष परकर की ऽकरण

ऽनकलता रहता थी उन ऽकरणो क करण सपथ आकऽषथत होत थ इसऽलए मर पस बहत स सपथ आत थ

योग कस कर 182

माता कणडवलनी शवzwj त

आज सिबह मरठ वल लड़क क सथ कि छ वद-ऽववद हो गय थ मन शरा मत जा स कह तो

वह चिप रही म समझ गय वह लड़क शरा मत जा की बनवटा सतिऽत करत रहत ह इसऽलए शरा मत

जा को उसम दोष नजर नही आत ह म दीसर सवभव वल ह ा बनवटा सतिऽत नही कर सकत ह ा तथ

ऽसफथ सधन करत रहत ह ा ऽकसा स जयद मतलब नही रखत ह ा ऽफर भा अकरण कि छ-न-कि छ

अzwjसर मिझस बोल जत ह मिझ भा सधन करना ह इसऽलए चिपचप सिन लत ह ा

आज दिःखा भव म म लट हआ थ इसा ऽवषय म कि छ सोच रह थ कि छ समय बद म सो

गय सवपनवसथ म मिझ अनिभव आयndash म पलग पर पट क बल लट हआ ह ा कि छ दिःखा-स ह ा इतन म

हमर पस एक लड़की आई वह लडकी मर ऽसर पर बलो म अपन हथ फरन लगा उस समय हमरा

दऽष ट नाच की ओर था वह लड़की मर बलो पर बड़ पयर स हथ फर रहा था म सोचndash यह लड़की

कौन ह मन अपन ऽसर ऊपर की ओर उठय कि छ कषणो तक म उस लड़की को दखत रह म अब भा

दिखा भव म थ उस लड़की न झिककर मर बएा गल पर अपन होठो स बड़ा जोर स चीम और खड़ा हो

गया मिझ उसक चीमन बड़ ऽवऽचतर स लग उसक होठो क सपशथ ऐस थ म तिरनत जन गय यह

सधरण लड़की नही ह म उठकर खड़ हो गय वह लड़की समन खड़ा हई था उसकी उमर लगभग 20

वषथ की होगा मन उसक चहर दख वह ऽनषभव स मिझ दख रहा था मन सोचndash इसकी उमर हो बहत

कम ह मगर पयर lsquoमाrsquo क समन कर रहा हमन पीछndash sbquoआप कौन ह‛ वह लड़की बोलाndash sbquoजो आप

सोच रह ह म वहा ह ा‛ म बोलndash sbquoआपको दखन स लगत ह आप कम उमर की लड़की ह lsquoमाrsquo कस हो

सकता ह‛ इतन म वह लड़की हासा और बोलाndash sbquoपितर मरा उमर कम नही ह अब तिम दिःखा मत होन म

तिमहर सथ ह ा जो अनयय करत ह उस अपन कमथ अवशय भोगन पड़त ह तिमहर लकषय योग क

अभयस करन ह सभा परकर क कषटो को सहन करो‛ म बोलndash sbquoयऽद आप मरा मा ह जब म

बिलऊा ग तब आप आओगा‛ वह लड़की बोलाndash sbquoअवशय आऊा गा म तिमहर शरार म वयपत ह ा‛ म

उसक आऽखरा शबद सिनकर चौक पड़ तभा उसा समय लड़की क सवरप बदल गय म तिरनत

पहचन गय यह मत कि णडऽलना शऽzwj त ह अनिभव समपत हो गय

योग कस कर 183

ऄथश- सधको अब आप समझ सकत ह मत कि णडऽलना शऽzwj त हमर ऽलए ऽकतन परम करता

ह भऽवषय म म अपना सरा समसयएा मत कि णडऽलना स हल ऽकय करत थ ऐस लग रह थ जस

उस लड़की न अभा-अभामर बएा गल को सपशथ ऽकय गय ह

पड़ और नाग

आज 19 ऽदसमबर को सिबह धयनवसथ म अनिभव आय म ऽकसा जगह पर खड़ ह ा मिझ नग

की फि फकर की अवज सिनई दा फि फकर की आवज बड़ा जोर स आ रहा ह ऽजधर स आवज आ

रहा था म उधर की ओर चल ऽदय थोड़ आग चलकर मन दखndash एक पड़ खड़ हआ ह पड़ जयद

हर-भर भा नही ह तथ सीख भा नही ह उस पड़ पर टहना जयद नही ह इधर-उधर एक-दो पतत लग

हए ह पड़ दखन म अचछ नही लग रह ह उसकी जड़ भा खिला हई ह इस पड़ क दीसरा तरफ एक नग

(सिनहर) अपन फन उसा पड़ की जड़ो पर मर रह ह कभा फन जड़ो पर मरत ह कभा फन तन पर

मरत ह नग बहत करोध म थ म दीर खड़ हआ दख रह थ मगर नग हम नही दख रह थ कि छ कषणो

तक इस ऽकरय को दखत रह ऽफर म यह सोचकर वह ा स चल ऽदय ऽक नग हमरा ओर न आ जए

उसा समय नग न हम दख ऽलय वह मरा ओर को दौड़ म वहा स तजा स भग इतन म मर अनिभव

समपत हो गय

ऄथश- सधको पड़ndash पड़ मर हा शरार ह नग कि णडऽलना शऽzwj त ह शरार म जड़ तततव की

अऽधकत रहता ह कि णडऽलना शऽzwj त क सवरप चतनयमय ह इसऽलय वह जड़त की ऽवरोधा ह यह

जड़त को नष ट कर दता ह नग पड़ की जड़ो पर फिा फकरत हआ फन मर रह हndash नग हमर शरार की

जड़त को नष ट कर रह ह जड़त क नष ट होन पर पड़ क अऽसततव भा नष ट हो जयग ऽफर यह शरार

ऽदवयत को परप त हो जयग

योग कस कर 184

म शतर नही वमतर ह ा

म ऽकसा सिनसन जगह पर खड़ हआ ह ा मिझ नग की फि फकर सिनई दा म आवज की ओर

चल ऽदय ऽजधर स आवज आ रहा था मन आग चलकर दखndash एक ऽवशल जलशय ह उसम बहत

सवचछ पना भर हआ ह उस झाल क बाच म पना क ऊपर एक नग कि णडला मर हए बठ ह उसक

फन ऊपर की ओर उठ हआ ह वह पना म फि फकर मर रह ह मर मन म आयndash यह नग पना म

फि फकर zwjयो मर रह ह यह दशय दखकर मिझ डर लगन लग म वह ा स तावर गऽत स भग भगत समय

नग न हम दख ऽलय तभा नग फि फकरत हआ मर पाछ करन लग थोड़ा दीर तक भगन क बद मर

पर अपन आप रक गए ऐस लग जस मर पर भीऽम पर ऽचपक गए ह मन खीब जोर लगय मगर म

अपन परो को आग नही बढ़ सक इतन म वह नग मर समन आ गय मिझ लग ऽक वह मिझ कट

लग मगर उसन मिझ नही कट वह नग फन उठए हए मर समन खड़ हआ थ उसा समय आकश

स आवज आईndash sbquoम आपक शतरि नही ह ा ऽमतर ह ा आप जब भा मिझ बिलएाग म अवशय आऊा ग‛ ऽफर

नग चल गय अनिभव समपत हो गय

ऄथश- सधको कभा-कभा कि णडऽलना क दशथन इसा तरह होत ह पना क ऊपर नग कि णडला

मर बठ हआ फि फकर रह ह जलशय सथील जगत क सवरप ह पना वसतव म ऽचतत की वऽततय ा

होता ह वहा इस रप म ऽदखई दता ह फि फकरन कअथथ हndash कि णडऽलना शऽzwj त अपना चतनयत को

ऽवखर रहा ह

अब म ऽदन म दोपहर बद 2-3 बज खन खय करत थ ऽसफथ एक बर खन खन ऽक आदत

डल रखा था कभा-कभा सोमवर की तरह मगलवर व बिधवर को भा वरत हो जत थ zwjयोऽक दोपहर

म 200 ऽमला दीध और दो कल खत थ ऽजसस मर शरार और शिि हो जए

योग कस कर 185

सन 1992

शरीर शि हअ

अब महसीस होन लग थ ऽक मर शरार शिि होन लग ह म बजर की कोई भा चाज नही

खत थ चय भा नही पात थ दीसरो क हथ क ऽदय पना भा नही पात थ दीसरो क हथो क

बनय खन भा नही खत थ यऽद म दीसरो क ऽदय खन ख लीा तो सधन म हम महसीस होन

लगत थ ऽजसक खन खत थ उसक ऽवषय म सब कि छ ऽदखई दन लगत थ zwjयोऽक खन बनन

वल क ससकर उस खन म आ जत ह म भोजन पर ऽवशष धयन दत थ आजकल अनन खन बनद

कर चिक थ ऽसफथ कल और दीध ऽलय करत थ कभा-कभा आली व शकरकदा उबल कर ख लत

थ वह भा ऽबलकि ल थोड़ स हा खत थ ऽदसमबर मह म शरा मत जा क कहन पर एक बर अनन

खय थ ऽफर नही खय थ अब एक कप दीध और दो कल बस इतन हा म खन खत थ शरार म

कमजोरा की अनिभीऽत ऽबलकि ल नही होता था zwjयोऽक हमरा कि णडऽलना उगर था कि णडऽलना क करण

मर शरार म कमजोरा नही आता था म ऽकसा स जयद बत नही करत थ ऽकसा क पस जयद बठत

नही थ तऽक हमर अनदर दीसरो की अशिित न आ जए आजकल म 10-12 घनट सधन करत थ

2 घनट शऽzwj त मतर क जप करत थ लगभग 4-5 बर परणयम करत थ एक सव घनट इसम लग

जत थ ऽफर वययम भा करन होत थ आध घनट तक वययम करत थ तथ आधयऽतमक पिसतक

पढ़त थ आशरम म ऽकसा न ऽकसा क आन-जन होत हा रहत थ उसस बत भा करना पड़ता था

आशरम म लग पड़ो को पना भा दत थ रऽतर म ढई तान घनट सोय करत थ हम नीद जयद आता

नही था हमर ऽवचरो म आजकल बहत पररवतथन होन लग थ इसस लग हमर ऽवचर शिि होत ज

रह ह

म वनवशसतर था

अब इस परकर क अनिभव बहत आन लग थ अनिभव म म दखत थ ऽक म ऽनवथसतर ह ा और

सिनसन जगह म बड़ आरम स घीम रह ह ा आश चयथ की बत यह था म अपन शरार क ऽपछल भग भा

योग कस कर 186

पीरा तरह स दख सकत थ जबऽक कोई भा मनिषय अपन शरार क पाछल भग को नही दख सकत ह

मगर मिझ ऽसर स लकर पर तक अपन सर शरार ऽदखई दत थ उस सिनसन जगह म ऽवचरण करत

समय मर अनदर ऽवचर आय हम कोई इस अवसथ म दख तो नही रह ह यहा सोच हा रह थndash तभा

हम एक मनिषय अपना ओर आत हआ ऽदखई ऽदय म अऽत तावर गऽत स एक ओर को भग तऽक वह

पिरष मर पस न आ सक मन मिड़कर दखndash वह मनिषय भा तावर गऽत स चलत हआ मर पस आ रह

थ म यह सोचकर घबरन लग वह पिरष मर पस आ जएग उसा समय मिझ ऽदखई ऽदयndash हमर

दऽहन ओर एक नदा बह रहा ह म नदा क पस पहाच गय नदा बहत नाच बह रहा था मन ऊपर स

छलग लग दा छलग लगत समय म अपन शरार स ऽनकलकर अलग खड़ हो गयअब म दख रह

थndash मर पहल वल शरार छलग लग कर नदा म की द गय मिझ बहत जोर स हासा आ गया या ऽफर म

बोलndash sbquoऽनवथसतर होन क डर स यह नदा म की द गय‛ ऽफर म इतन जोर स हास ऽक हमरा आाख खिल

गया अनिभव समपत हो गय

ऄथश- सधको मिझ ऽदखई द रह थ ऽक म ऽनवथसतर ह ा इसाऽलए नदा म की द गय ऽनवथसतर होन क

अथथ होत हndash ldquoऽवकरो स रऽहत होनrdquo मगर अजञनत बस मर अनदर ऽवकर आ गयndash म ऽनवथसतर ह ा

इसऽलय मिझ कोई दख न ल ऐस ऽवकर मर अनदर नही आन चऽहय थ यह ऽवकरअभयस क दरर

समपत होग ऽवकर क करण हा म उस पिरष स डर रह ह ा नदा म की दत समय मर सीकषम शरार स एक

और शरार ऽनकल कर बहर खड़ हो गय यह मर करण शरार थ ऽवकर आन क करण म नदा म की द

गय इसऽलय इस ऽकरय को दखकर म हास रह ह ा

ऄनन का तयागना

पीणथतय अनन तयग क ऽवचर मर अनदर सवयमव आय तऽक मर शरार जयद स जयद शिि

हो जय तथ हमरा सधन और जयद उगरत क सथ अगरसर हो म परणयम जयद करन शिर कर

ऽदय ऽजसस भीख कम लगन लग अनन खन स जड़त अऽधक बढ़ता ह नऽड़यो म जड़त क करण

अवरोध आ जत ह ऐस मन धयनवसथ म महसीस ऽकय ह इसऽलए अनन तयगकर परणयम और

जयद करन लग थ शरा मत जा न एक हफत म एक बर चवल खन क ऽलय बोल थ मगर मन

अनन पीरा तरह स तयग ऽदय थ ऽदन म दो बर म आध लाटर दीध व चर कल लत थ कि छ ऽदनो तक

योग कस कर 187

ऐस करन पर हमर ऽसर क ददथ भा समपत हो गय थ पहल ऽसर म ददथ बहत हआ करत थ अब

नऽड़य ा शिि होन क करण ऽसर ददथ समपत हो गय

एक बर म शऽzwj त मतर क जप कर रह थ जप परतयक ऽदन ऽनऽित सखय म अवशय करत थ

ऽजसस मर अनदर शिित और जयद हो जय मतर जप करत समय हमरा आाख बनद हो गया तभा

अनिभव आयndash मर समन दो थऽलयो म भोजन आ गय उस भोजन स बहत अचछा खिशबी ऽनकल रहा

था मरा खन की इचछ हई मन अपन हथ आग की ओर बढ़य उसा समय मर हथ म कमपन होन

लगा मर हथ अपन आप वपस आ गय मन अपन समन थोड़ा सा ऊा चई पर एक सतरा को बठ हए

दख वह सतरा दऽवयो क समन लग रहा था उसक ऽसर पर ऊा च स चमचमत हआ मिकि ट लग थ वह

सतरा बोलाndash sbquoपतर अभी तमन सथल ररीर स अनन का तयाग िकया ह अब सकषम ररीर स भी अनन का

तयाग कर दो तािक तमहारी इचछा भोजन करन क िलए न चलrdquo

कणठचकर की गरवनथ खल गयी

धयनवसथ म मर परण कणठचकर म रकत थ इसक करण कणठचकर म ऽसथत गरऽथ ह वहा

आग क मगथ अवरोध ऽकय रहता ह गरऽथ क करण मिझ बहत कष ट भोगन पड़त थ धयनवसथ म

कि णडऽलना भा आग की ओर नही ज पता था यह गरऽथ हा सधक क ऽलए बहत बड़ा अवरोधक ह

सधक इस गरऽथ को खोलन क ऽलए वषो तक सधन करत ह तब उस सफलत ऽमलता ह वरन बहत

स सधको को यहा गरऽथ खोलन म समपीणथ जावन भर सधन करना पड़ता ह ऽफर भा यह गरऽथ नही

खिलता ह अनिभव पढ़कर आपन समझ ऽलय होग हम भा इस गरऽथ क करण बहत परशना उठना

पड़ा था धयनवसथ म अब इस गरऽथ की नऽड़य ा खिलता महसीस होता थी य नऽड़या खिलत समय गदथन

म ददथ हआ करत थ सधरण अवसथ म भा गदथन फोड़ क समन दिखता रहता था गदथन को इधर-उधर

घिमन म बड़ा तकलाफ होता था मरा समझ म आन लग थ ऽक अब शाघर हा गरऽथ खिल जएगा

zwjयोऽक गदथन क हल बहत बिर होत थ मिझ धयथ धरण ऽकय हए कई वषथ बात गए थ जो पिरष धयथ

पीवथक ऽकसा कम म लग रहत ह उस अवशय सफलत ऽमलता ह एक ऽदन धयनवसथ म गदथन की

सभा नऽड़य ा ऽखचन लगा उसा समय गरऽथ भा दिखन लगा मिझ ऐस लग ऽक कि णडऽलना न अपन मिाह

टzwjकर मरकर गरऽथ क अनदर परवश कर ऽदय ह गरऽथ की नऽड़य ा अलग-अलग होकर ऽबखर गया ह

योग कस कर 188

कि णडऽलना न ऽफर कणठचकर पर जोरदर धzwjक मर इसस उसक मिाह कणठचकर क ऊपर ऽनकल गय

उसा समय धयनवसथ म मिझ अनिभीऽत होन लगा ऽक मर कणठचकर खिल गय ह zwjयो ऽक कि णडऽलना क

मिाह कणठचकर स ऊपर ऽनकल गय थ कणठचकर पर रक परण आजञचकर पर आ गय मिझ ऐस लग

रह थ कणठचकर म बहत सरा परणवयि भरा हई था अब मिझ अपना गदथन ऽबलकि ल खोखला (पोला)

लगन लगा था zwjयोऽक कि णडऽलना और परणवयि दोनो ऊपर की ओर चल गए थ मिझ बहत खिशा हो

रहा था ऽक मर कणठचकर खिल गय ह

अब धयन म मरा ऽसथऽत बदल गया था पहल मरा ऽसथऽत कणठचकर पर था अब मरा ऽसथऽत

आजञ चकर पर हो गया ह zwjयोऽक मन और परण दोनो एक सथ आजञ चकर पर आ जत थ अब मन

पहल की भाऽत इधर-उधर नही भगत थ बऽलक मर सहयोग करत थ और सदव ईश वर ऽचतन म लग

रहत थ तथ मन अzwjसर परसनन रहत थ बिर ऽवचर आन बनद स हो गए थ मन सोचत रहत थ म

सदव धयन पर बठ रह ा मर कणठचकर जनवरा क परथम सपतह म खिल गय थ

यह अनिभव जनवरा क मधय म आय सीकषम शरार स मरा पतना मर पस आ गया वह कि छ

परशन सा लग रहा था मन पीछndash sbquozwjय हआ‛ वह बोलाndash sbquoमर पट म सदव ददथ बन रहत ह आप

सधक ह कपय हमरा सहयत कर दाऽजए‛ मन अपन बया हथ उसक ऽसर क पाछ ओर लगय

और दऽहन हथ क अागीठ स उसक मसतक पर शऽzwj तपत ऽकय शऽzwj तपत करत समय वह एक ओर को

हो गया म बोलndash sbquozwjय बत ह एक ओर को zwjयो हो गया‛ वह बोलाndash sbquoतिमन ओकर बहत जोर स

ऽकय ह मिझ सहन नही हो रह थ अब मर ददथ ठाक हो गय हrdquo वह कि छ कषणो बद वपस चला गया

इसक बद वह मर पस कभा नही आया zwjयोऽक उसन जनम धरण कर ऽलय ह

लघ मवसतषक व अजञाचकर

सधको अब हमरा कि णडऽलना कणठचकर स ऊपर की ओर जन लगा ह कणठ चकर स बरहमरधर

दरर क ऽलए तान मगथ होत ह कि णडऽलना करमश तानो मगो स होकर बरहमरधर दरर तक जता ह 1 साध

मगथ 2 पीवथ क मगथ 3 पऽिम क मगथ ह 1 सीधा मागश- यह मगथ कणठचकर स 90 अश क कोण

बनत हआ ऽबलकि ल साध ऊपर की ओरबरहमरधर दरर पर पहाचत ह 2 पवश मागश- यह मगथ कणठचकर

योग कस कर 189

स आजञचकर (भरीमधय) पर आत ह ऽफर आजञचकर स थोड़ ऊपर उठत हआ बरहमरधर दरर पर पहाचत ह

3 पविम मागश- यह मगथ कणठचकर स लघि मऽसतषक क बाच स होत हआ थोड़ स ऊपर की ओर

उठत हआ बरहमरधर दरर पर आत ह इस परकर कणठचकर स बरहमरधर दरर तक कि णडऽलना क गमन करन

ऽलए तान मगथ होत ह पीवथ क मगथ और पऽिम क मगथ को अगर गौरपीवथक स दख तो पिल क आकर

क दशय बन जत ह दोनो मगथ पीवथ व पऽिम स घिमवदर होकर ऊपर की आकर बाच म (बरहमरधर दरर

पर) ऽमल जत ह

ऄथश- सधको अभा तक कणठचकर पर कि णडऽलना शऽzwj त बहत समय तक रकी रहा था लऽकन

कि णडऽलनाशऽzwj त अगर उगर सवरप वला हो तो बरहमरधर दरर पर पहाचन म बहत जयद समय नही लगत

ह एक बत और ऽलखन चहत ह ाndash कणठचकर स कि णडऽलनाशऽzwj त जब ऊपर की ओर चढ़ता ह तब

कभा पीवथ मगथ पर चल कर आग की ओर जता ह कभा साध मगथ पर ऊपर की ओर चला जता ह तो

कभा पऽिम मगथ पर लघि मऽसतषक क बाच स रसत बनता हई आग की ओर बढ़ता ह यह पऽिमा मगथ

सधक क ऽलए कष टदया होत ह zwjयोऽक लघि मऽसतषक को कि णडऽलनाशऽzwj त बरहमा क सथ चारता

हई आग की ओर बढ़ता ह कि णडऽलनाशऽzwj त ऽजतना उगर होगा सधक को उतन हा अऽधक कष ट

भोगन होत ह zwjयोऽक उगरत क करण मगथ क आसपस क कषतर को जलता हई आग क मगथ बनता

जता ह लघि मऽसतषक की बनवट गोभा क फी ल क समन होत ह जब लघि मऽसतषक म कि णडऽलना

शऽzwj त अपन मगथ बनता हई आग की ओर जता ह तब सधक क धयन कभा-कभा टीट जत ह

zwjयोऽक उस समय ददथ बहत होत ह ऐस लगत ह मनो मस क अनदर गमथ लोह क सीज (सिआ) घिस

गय हो कभा-कभा सधक ददथ क करण अपन ऽसर पकड़कर बठ जत ह मगर सधक को यह सब

कष ट सहन हा पड़त ह अनय दोनो मगो पर कि णडऽलनाशऽzwj त क जन पर परशना अनिभीऽत नही होता

ह जब आजञचकर पर कि णडऽलनाशऽzwj त आता ह तब आजञचकर खिलत समय थोड़ा तकलाफ सहना

पड़ता ह zwjयोऽक आजञचकर म ऽसथत ऽझलला जसा चाि को कि णडऽलना नोच डलता ह जब आजञचकर

पर कि णडऽलना आता ह तब ऽदवय दऽष ट खिलकर अतयनत तावर गऽत स कयथ करन लगता ह तथ सधक

बहत जयद सीकषमरप स शऽzwj तशला हो जत ह जररत पड़न पर सधक दीसरो को जबरदसत हऽन भा

पहाच सकत ह मगर सधक को ऐस करन वऽजथत ह zwjयोऽक उसक अनदर दीसरो क परऽत कलयण क

भव होन चऽहए

योग कस कर 190

सधको अब मरा सधन म और उगरत आ गया म शऽzwj त मतर क जप बहत ऽकय करत थ

ऽजसस हमरा कि णडऽलना और उगर हो जए मतर जप करत समय कि णडऽलना ऊधवथ होकर लघि मऽसतषक

क पस पहाच जता था ऽफर लघि मऽसतषक म जोर-जोर स धzwjक मरता था उसा समय मर जप करन

बनद हो जत थ zwjयोऽक म ददथ स तड़प उठत थ इसा परकर धयनवसथ म कि णडऽलना क करण बड़

कष ट होत ह मगर इस सहन जररा थ हमरा कि णडऽलना शाघर हा भकि टा तक (आजञचकर पर) आ

गया कई ऽदनो तक लघि मऽसतषक क अनदर स मगथ बनन क बद एक ऽदन कि णडऽलना लघि मऽसतषक को

पर कर गया मन सोच चलो अब आरम ऽमल बहत कष ट होत थ जब इस मगथ पर कि णडऽलना जता

था लघि मऽसतषक क मगथ खिल जन क बद कि णडऽलना आजञचकर खोलन क परयस करन लगा साध

वल मगथ तो उसन बड़ आरम स खोल ऽदय थ मिझ सदव मलीम रहत थ ऽक कि णडऽलना अबकी बर

इस मगथ स होकर ज रहा ह जयद तर सधको को मलीम नही होत ह ऽक उनकी कि णडऽलना ऽकस मगथ

स होकर ज रहा ह ऐस शत सवभव वला कि णडऽलना अथव मधयम सवभव वला कि णडऽलना वल

सधको क सथ होत ह उगर कि णडऽलना वल सधको को हर समय जनकरा रहता ह ऽक उनकी

कि णडऽलना ऽकस सथन पर ऽसथत ह अथव इस समय कह ा पर गमन कर रहा ह

सधको यह अनिभव 31 जनवरा की रऽतर 11 बज क ह आज शिकरवर ह म हर शिकरवर को

शरा मत जा क पस जत ह ा शरा मत क पस इस ऽदन समीऽहक रप स धयन ऽकय जत ह शिकरवर

को कषतराय सधक बहत आ जत ह मन भा सभा क सथ धयन ऽकय आज धयनवसथ म मिझ बहत

परशना हई था zwjयोऽक आजञचकर क पस की नस बिरा तरह स ऽखच रही थी कि णडऽलना अपना उगरत

क करण आजञचकर म आग-हा-आग फल रहा था इस आग क करण आाखो म जलन होन लगा था

तथ आाख अनदर की ओर ऽखचता (दबता) थी ऐस लग रह थndash मनो आजञचकर फट ज रह ह मन

ऽफर धयन तोड़ ऽदय कि छ समय बद शरा मत जा स आजञ लकर रऽतर क 9 बज म आशरम आ गय

ऽफर रऽतर क नयरह बज म दिबर धयन पर बठ कि णडऽलना न बड़ा तावरत स अपन कयथ करन शिर

कर ऽदय ऐस लग जस आजञचकर फट जएग परण वयि भा आजञचकर पर दबव मर रहा था समपीणथ

आजञचकर कमपन करन लग आजञचकर क पस की नस चटकन लगा ऐस लग रह रह थ अब नस

टीट जयगा कि छ कषणो बद पाड़ चरम साम पर पहाच गया मगर मर मन आजञचकर पर ऽसथर थ इतन

ददथ म धयन कस लग सकत ह उसा समय मिझ ददथ स मिऽकत ऽमल गया सर परण वयि ऊपर की ओर

आग चल गय कि णडऽलना भा आजञचकर स थोड़ा ऊपर की ओर आग चला गया

योग कस कर 191

पऽिम मगथ स और पीवथ मगथ (आजञचकर) स आय हए दोनो परण बरहमरधर दरर पर आकर ऽमल

गय अब ऽसर क ऊपरा भग म गिदगिदा होन लगा तब ऐस लगन लग म बहत ऊपर आ गय ह ा हमर

अनदर खिशा की बढ़-सा आ गया zwjयो ाऽक हम बहत बड़ा सफलत परप त हई था मन शरा मत जा को

ऽवसतर स सरा बत बतया तब शरा मत जा बोलीndash sbquoआपक आजञचकर खिल गय हrdquo

आजञचकर खिलन क बद धयनवसथ म ऽदवय दऽष ट बहत हा तावर गऽत स कयथ करन लगा था

इसऽलए अब हम दीसरो क ऽवषय म बहत जनकररय ा हो जता थी तथ सत महतमओ क सथ

बतचात भा बहत होता रहता था ऊपर क लोको क ऽवषय म ढर सरा जनकररय ा होता रहती थी मगर

म इन सब बतो को नही ऽलख रह ह ा ऽसफथ मिखय-मिखय अनिभव ऽलख रह ह ा

कमजोरी अ गयी

मिझ फरवरा मह म कमजोरा महसीस होन लगा था म जयद पदल भा नही चल सकत थ बठन

की भा आदत जयद नही रह गया था लटन जयद अचछ लगत थ लऽकन धयन पर बठन म कभा

कमजोरा महसीस नही होता था एक मह स जयद हो गय मन अनन नही खय थ शरार म शिित

बहत आ गया था मगर कि णडऽलना क करण गमी बहत बढ़ गया था तान-तान ऽदन शौच नही जत थ

जब शौच जत थ तब शौच क सथ खीन भा आत थ मन यह बत शरा मत जा को बतया थ तब

उनहोन मिझ बतयndash आपकी आातो म कि णडऽलना की गमी क करण जखम हो गए ह आप दीध म घा

डल कर ऽपय कर तो जखम नही होग म दीध म घा डल कर पान लग ऐस लगत थ हमर शरार म

आग-हा-आग भरा हई ह यह आग सदव महसीस होता रहता था समझ म नही आत थ ऽक अब zwjय

करा zwjयोऽक अभयस कम नही कर सकत थ धयन की लगन लगा हई था इतन सर कषटो क बवजीद

मर मन परसनन रहत थ तथ कष ट सहन हम अचछ लगत थ मन सदव एकगर बन रहत थ तथ

शरार म बहत गमी क करण हमरा हलत पगलो की जसा हो गया था यऽद म बठ ह ा तो मिझ बठन

अचछ लगत थ हमरा आाखो क दखन क तराक भा ऽवऽचतर-स हो गय थ कभा-कभा हम ऽकसा

बत की सिध नही रहता था हम भील जन की आदत सा पड़ गया था कभा-कभा म दीध गमथ करत समय

दीध को हा दखत रहत थ तभा दीध उबलकर नाच ऽगर जत थ म ऽगरत हए दीध को दखत रहत थ

कि छ समय बद होश आत थ ऽक दीध उबल गय ह मगर अब zwjय कर सकत थ दीध उबलकर ऽगरन

योग कस कर 192

की ऽकरय अzwjसर हआ करता था म सोचत थ ऽक आज दीध नही उबलन दीाग मगर मर आाखो क

समन दीध उबलकर ऽनकल जत थ ऽफर मिझ अपन आप पर करोध आत थ ऐस zwjयो हो जत ह

मर शरार भा बहत दिबथल हो चिक थ शरार म हडऽडय ा मतर रह गया थी कोई पीछत zwjय बत ह

आपक सवसथय बहत खरब ह म zwjय उततर दत ऽक zwjयो मरा ऐसा हलत ह म यहा कह दत थ ऽक

मरा तबायत खरब हो गया था इस अवसथ म ईश वर को सदव यद करत रहत थ zwjयोऽक मर मन

अपन आप ईश वर की यद म लग रहत थ जो मन पहल लगन स नही लगत थ आज वह सवय एक

जगह पर ऽसथर हो जत ह कि णडऽलना की उगरत क करण मर यह हल हो गय थ

म गभश म

यह अनिभव मचथ मह म योगऽनदर अवसथ म आय एक रऽतर म सोय हआ थ मिझ अनिभव

आयndash म ऽकसा जगह घोर अधकर म ह ा मर शरार ऽवशष परकर की मिदर म ह ऐस लग रह ह मर

शरार पना म उलट-पिलट होकर तर रह ह उस पना स दिगध सा आ रहा ह दोनो परो क घिटन मिाह क

पस लग रह ह मर शरार ऽशशि क समन ह हमर शरार की ऐसा मिदर बन रहा ह जस गभथ म ऽसथत

ऽशशि की होता ह दोनो परो क घिटन मिाह पस सपशथ करत समय गदथन म ऽखचव होत थ इस करण मर

शरार दिखन लगत थ ऽफर मरा आाख भा खिल जता ह म अपन आपको पलग पर उसा मिदर म पत थ

जसा मिदर सवपनवसथ म हो रहा था म दिबर ऽफर सो गय सो जन क बद ऽफर पहल जस वहा

अनिभव आन लग ऽक म गभथ क अनदर ह ा गभथ म हमर शरार पर परण वयि क धzwjक (दबव) लग रह ह

मर शरार बहर ऽनकलन क परयस कर रह ह म बहर नही ऽनकल प रह ह ा परण वयि क दबव क

करण मर शरार दिख रह ह ऽफर हमरा आाख खिल जता ह तब म दखत ह ा पलग पर हमर सथील शरार

की वसा हा मिदर गभथ वला बना हई था हमर शरार दिख रह थ इसा परकर तान बर ऽकरय हई था

ऽफर म करवट क बल लट गय

इस अनिभव म मिझ मलीम हआ ऽक गभथ म ऽसथत ऽशशि की zwjय हलत होता ह ऽशशि सदव कष ट

भोगत रहत ह गभ थवसथ म ऽशशि ऽकस परकर क कष ट भोगत ह यह हम अनिभव क दरर ऽदखय गय

ह इसाऽलय ऽनदरवसथ म म बर-बर गभथसथ ऽशशि जसा मिदर वल बनन लगत थ इसस मर सथील

शरार कष ट भोगन लगत थ इस अनिभव को मन सकषप म ऽलख ह अनिभव तो बहत लमब थ अनिभव

योग कस कर 193

म हम समझय गय थndash ऽशशि क जनम कस होत ह उस समय उस ऽकतना अपर पाड़ होता ह मिझ

अपन जनम क समय की घटन ऽदखई गया था तथ उस समय मिझ ऽकतना पाड़ हई था उसक कि छ अश

की अनिभीऽत भा करया गया था इस अनिभव म हम अपन जनम क समय क थोड़ दशय व कषटो ऽक

अनिभीऽत ऽदखई गया था ऽकसा भा मनिषय को अपन जनम क समय क कषटो की अनिभीऽत यद नही रहता

ह मगर मिझ इस अनिभव म जनम क समय क कषटो की अनिभीऽत करया गया था तथ मिझ उस समय क

दशय भा ऽदखय गय

माता कणडवलनी दवारा सतनपान करना

मन अनिभव म दखndash म ऽबलकि ल छोट-स ऽशशि ह ा ऽकसा सतरा क सथ लट हआ ह ा उस न मिझ

अपन हथ क सहर दकर अपना ओर करवट क बल ऽलट ऽलय ऽफर अपन हथ मर ऽसर पर रख

मर मिाह अपन सतन म लगन लगा जस हा उसन सतनपन करन की चषट की मन अपन मिाह एक ओर

को हट ऽलय ऽफर उस सतरा न मर ऽसर पकड़कर सतनपन करन की कोऽशश की तब मन आपन मिाह

ऽफर एक ओर को हट ऽलय परनति तासरा बर मर ऽसर पकड़कर वह सतरा जबरदसता सतनपन करन

लगा जस हा हमर मिाह क अनदर दीध क थोड़ स अश गय उस दीध क सवद हम बहत अचछ लग

ऐस दीध सथील रप स उपलबध नही होत ह जो दीध मन इस अनिभव म ऽपय उसक सवद हलक स

माठ थ इसम ऽदवयत की अनिभीऽत हो रहा था

ऄथश- सधको यह अनिभव मन अऽत सकषप म ऽलख ह ऽवसतर म ऽलखन उऽचत नही समझत

ह ा यह सतरा सवय कि णडऽलना शऽzwj त थी आजकल म अनन नही खत ह ा भीख तो सदव महसीस होता रहता

ह इसऽलए सीकषम शरार को तप त करन क ऽलए (भीख ऽमटन क ऽलए) मत कि णडऽलना न सवयम सतनपन

करय ह जब तक मन अनन गरहण नही ऽकय तब तक मिझ ऐस हा अनिभव आत रह शयद आपको

पढ़न म आश चयथ जनक लग मगर यह सतय ह मिझ पर मत कि णडऽलना की अपर कप ह यह अनिभव

जब शरा मत जा को बतयndash तब वह बहत परसनन हई और बोलाndash एक बर आऽदगिर शकरचयथ जा परभि

म इतन खो गए ऽक भोजन करन की भा यद नही रहा उनक समन दवा की पतथर की मीऽतथ था उस पतथर

की मीऽतथ स दीध अपन ऽनकलन लग ऽफर उनहोन उसा मीती क सतनपन ऽकय और तप त हो गए

योग कस कर 194

कामधन गाय

मन अनिभव म दखndash म पथवा पर एक जगह पर बठ हआ ह ा हमर समन एक गय परकट हो

गया गय भीऽम स थोड़ ऊपर आधर हान खड़ा हई था दोनो एक-दीसर को दख रह थ गय बहत सिनदर

था उसक रग एकदम सवचछ सफद थ उसक छोट-छोट स सीग थोड़ अनदर की ओर मिड़ हए थ आाख

एकदम कला थी और सफ थी वह गय सधरण गय नही लग रहा था zwjयो ाऽक वह पथवा स एक-डढ़

फीट ऊपर आधरहान खड़ा हई था दीसरा बत उस गय क शरार स हलक-हलक परकश ऽनकल रह थ

तथ वलय चरो ओर घीम रह थ उसा समय गय न मिझस कि छ कहndash उसकी आवज तो मनिषय की

भाऽत था मगर भष म न समझ पय म बोलndash sbquoआपन मिझस zwjय कह ह म समझ नही पय कपय

दिबर बत द‛ गय दिबर बोलाndash sbquoआपकी सधन एक वषथ म अचछा हो जएगा‛ यह सिनत हा मन

उस गय को नमसकर ऽकय नमसकर करत समय उसन अपन आग वल दोनो पर मर ऽसर क ऊपर रख

ऽदय मन गय स कहndash sbquoआपन हम आशावथद ऽदय ह हम आपक आभरा ह‛ गय हमर समन उसा

समय अनतधय थन हो गया सधको यह गय दवतओ क ऽलय पीजयनाय ह य कमधनि गय गोलोक की

रहन वला ह

वसवियो स हावन

इस अनिभव म समझय गय ह ऽक ऽसऽि स zwjय लभ होत ह और उसस zwjय निकसन होत ह

ऽसऽिय ा जब मनिषय को परप त होता ह तब वह उन ऽसऽियो स मनिषय कयथ कर सकत ह समज क लोग

उस मनिषय को भगवन की तरह पीज करन लगत ह उस समय मनिषय को यश भा बहत परप त होत ह

zwjयोऽक कषण भर म आश चयथजनक कयथ करन की समथयथ होता ह बहत स वयऽकत ऽसऽि क चzwjकर म

पड़कर आपक नम कमत ह जब बहत समय बात जत ह तब यह ऽसऽिय ा एक न एक ऽदन कयथ

करन बनद कर दता ह ऽफर वह मनिषय ऽसऽि स रऽहत हो जत ह अगर उस मनिषय न ऽसऽियो स गलत

कयथ ऽलय होत ह तब य ऽसऽिय ा उस मनिषय को ऽकसा-न-ऽकसा रप म निकसन भा पहाच दता ह ऽफर

जो मनिषय उसकी पीज ऽकय करत थ अब वहा मजक उड़न लगत ह इसऽलए ऽसऽियो स बचन

चऽहए ऽसऽिया योगा क ऽलय आधयऽतमक मगथ म अवरोधक होता ह

योग कस कर 195

सावधका क ववषय म जानकारी

सधको आजकल हमरा ऽदवयदऽष ट बहत तावर गऽत स कयथ करता ह पथवा हा नही ऽकसा भा

लोक की जनकरा ऽदवय-दऽष ट स तिरनत हो जता ह कभा-कभा धयनवसथ म हम अपन आप जनकरा

हआ करता था अब म ऽमरज आशरम म बठ हा अपन पररऽचतो की तथ सधको की जनकररया कर

ऽलय करत थ मगर कि छ सधको की जनकररय ा अपन आप हो जता थी इस जगह पर एक सऽधक

क वणथन सकषप म कर रह ह ा यह सऽधक थण (मिमबई) की रहन वला ह मन ऽदवयदऽष ट स दखndash यह

सऽधक हमर समन बठा हई ह मगर उसक सथील शरार बहत कमजोर हो गय ह वह कि छ सोच मिदर

म बठा हई ह म उस सऽधक स बोलndash sbquoआपको zwjय हो गय आप इतना दिबला-पतला zwjयो हो गया

हrdquo मगर वह सऽधक उततर म कि छ न बोला बस मरा ओर दखता रहा मर अनदर ऽवचर आयndash यह

बामर ह तथ इस शराररक कष ट बहत ह इसऽलए चिपचप बठा हई ह दीसर दशय म इस सऽधक क

पऽत सऽधक स कही बहर घीमन क ऽलए दबव डल रह ह जबऽक सऽधक की अनदर स घीमन की

इचछ ऽबलकि ल नही ह इसक बद इस सऽधक क ऽवषय म ढरो जनकररय ा परप त हई ऽजसक वणथन

करन उऽचत नही ह zwjयोऽक यह उसक वयऽकतगत ममल ह

अनिभव समपत होन क बद सोचndash मन तो इस सऽधक स कभा जयद बतचात भा नही की ह

ऽफर हम इसक अनिभव zwjयो आय अनिभव स म समझ गय ऽक यह बामर रह चिकी ह ऽफर यह

सऽधक जब अकषय तताय पर आशरम म आई तब मन पीछndash sbquoआपक सवसथय कस हrdquo वह हमर

शबद सिनकर चौक गया और वह बोलाndash sbquoआपको कस मलीम हआ ऽक म बामर था मन तो ऽकसा को

नही बतय हrdquo म कि छ नही बोल ऽसफथ मिसकर ऽदय उसन शरा मत जा स पीछndash sbquoमर बर म आननद

कि मर को कस मलीम हो गय ऽक म बामर ह ा मन तो ऽकसा को नही बतय ह ऽक म बामर थाrdquo शरा

मत जा न सऽधक को बतयndash sbquoआननद कि मर को सरा बत योगबल पर मलीम हो जता ह zwjयोऽक

उसकी ऽदवयदऽष ट खिला हई ह ऽकसा की भा जनकरा कर सकत हrdquo वह सऽधक कि छ समय बद मर

पस आई और मिझस पीछndash sbquoआननद भय आपको हमर बर म zwjय-zwjय मलीम हrdquo म बोलndash sbquoम

आपक बर म बहत कि छ जनत ह ाrdquo उसक पीछन पर ऽफर मन उस बतन शिर ऽकय वह चिपचप मरा

बत सिनता रहा आऽखरकर वह समझ गया ऽक मिझस कोई बत ऽछप नही सकता ह मन उस बतयndash

sbquoसधक कभा भा ऽकसा की वयऽकतगत बत दीसरो को नही बतत ह आप मरा ओर स ऽनऽिनत हो रहrdquo

मर दरर सतवन दन पर वह सऽधक परसनन होकर चला गया

योग कस कर 196

तनमातराएा

इस परकर क अनिभव ऽसफथ सधको को हा आ सकत ह और इन अनिभवो स परसननत बहत

होता ह वस इस परकर क अनिभव धयनवसथ म आत ह मगर य अनिभव समनय अवसथ म आत थndash

मर कनो म आवज सिनई ऽदय करता थी य आवज कभा पररऽचत लोगो की होती था तो कभा

अपररऽचत लोगो की होता था अzwjसर मलीम हो जत थ ऽक कौन बोल रह ह मिझ कि छ शबद सिनई

दत थ ऽजनक उततर म अनदर स तिरनत द दत थ मिझ अचछा तरह मलीम रहत थ ऽक मन zwjय सिन ह

और zwjय जवब ऽदय ह कभा-कभा ऽमतरो की आवज सिनई दती थी ऽक आपस म zwjय बत कर रह थ

कभा शरा मत जा क शबद सिनई दत थ य शबद सपषट और तज आवज म सिनई दत थ कभा-कभा मिझ

अपन घर वलो की आवज सिनई दता था ऽक हमर घर म zwjय बत हो रहा ह इस परकर की आवज

सिन-सिनकर मन ऊब चिक थ एक बर मन शरा मत जा को बतयndash ldquoहम ऐसा ऽकरयएा होता रहता हrdquo

तब शरा मत जा न मिझस कहndash ldquoआपकी सधन तज गऽत स आग की ओर बढ़ रहा ह तभा सधक को

यह अवसथ परप त होता ह मिझ भा अपन सधन कल म ऐस आवज कि छ ऽदनो तक सिनई दा था ऽफर

य आवज अपन आप बनद हो जती हrdquo

ऄथश- जब सधक की सधन तनमतरओ म परवश करता ह तब य ऽकरयएा होना शिर हो जती ह

इन आवजो क समबनध आकश तनमतर स होत ह अभयस क दरर जब अवसथ आग की ओर

बढ़ता ह तब इस परकर की आवज सिनई दना बनद हो जती ह पहल आवज सिनन म बहत अचछ

लगत ह ऽफर इस ऽकरय स मन ऊब जत ह

एक ऽदन हमरा इचछ हई ऽक आज म धयन म बठकर नद सिनीाग म धयन पर बठ गय और नद

सिनन क परयस करन लग पहल ऽचनऽचन-ऽचनऽचन की आवज आई जस झीगर आवज ऽनकलत

ह ऽफर यह आवज धार-धार बढ़न लगा आवज इतना तज हो गया ऽक कनो को परशना होन लगा

ऽफर घनट बजन की आवज आन लगा आवज इतना तज हो गया ऽक ऐस लगन लग हमर कनो म

हजरो घनट बज रह ह म बहत समय तक इस धवऽन को सिनन म लग रह ऽफर धयन स उठ गय

zwjयोऽक मर यह मगथ नही ह

यह अनिभव हम धयनवसथ म आय मन दख- म एक सिनसन जगह पर खड़ ह ा अचनक

पथवा क अनदर स आवज आईndash जस पथवा फट रहा हो उसा समय हमर समन थोड़ा दीरा पर पथवा फट

योग कस कर 197

गया पथवा क अनदर स ऊपर की ओर एक सतरा परकट होन लगा उस सतरा क शरार क नऽभ स ऊपर क

भग पथवा क ऊपर थ नऽभ स ऽनचल भग पथवा क अनदर समय हआ थ सतरा हर रग की ऽसतरोदर

सड़ा पहन हए था ऽसर पर बहत ऊा च मिकि ट लग हआ थ उसक शरार स तज ऽनकल रह थ इतन म

उस सतरा न मिझस कि छ कहndash मगर हमरा समझ म नही आय वह सतरा जोर-जोर स कि छ कह रहा था म

सोचन लगndash सतरा की भष हमरा समझ म zwjयो नही आ रहा ह उस समय हव भा तज गऽत स चलन

लगा था इसऽलय म उसकी आवज समझ नही प रह थ

ऄथश- सधको उस सतरा न ऽकस भष म मिझस कह म समझ न सक यह सतरा पथवा क हा

सवरप थ अथ थत पथवा सतरा रप म हम ऽदखई द रहा था वह मिझस कि छ कह रहा था मगर म उसकी

भष समझ नही प रह थ वस पथवा एक गरह ह यह ऽपणड रप म ऽवदयमन ह मगर उचच शरणा क

सधको को और योऽगयो को धयनवसथ म यह सतरा रप म भा ऽदखई दता ह यऽद अभयसा चह तो

बत भा कर सकत ह

गोदलकर महाराज

धयनवसथ म हम एक अनिभव आयndash एक सतपिरष अपन ऽशषयो क सथ बठ हए थ म उनह

दीर स खड़ हआ दख रह थ मिझ उनक पस तक जन क ऽलए रसत नही थ zwjयोऽक उनक समन

उनक ऽशषय बठ हए थ मन उनह दीर स हथ जोड़कर नमसकर ऽकय और बोलndash sbquoम आपको नमसकर

करत ह ा‛ वह सत जा बोलndash sbquoमिझ‛ म बोलndash sbquoह ा म आपको नमसकर करत ह ा‛ वह मिसकरए और

बोलndash sbquoअचछ अचछ आप ऽदरताय म हा रऽहए आप तताय तताय म नही आप ऽदरताय म हा रहग‛ म

उनक समन थोड़ा दीरा पर हथ जोड़ खड़ हआ थ ऽफर मन रसत म बठ हए उनक ऽशषयो स कहndash

sbquoकपय आप एक तरफ हो जइए म सवमा जा को नमसकर करन चहत ह ा‛ उनक ऽशषयो न एक तरफ

होकर मिझ रसत द ऽदय ऽफर सवमा जा क पस पहाच कर मन उनको नमसकर ऽकय ऽफर उनहोन

हमरा पाठ थपथपई उनहोन जस हा हमरा पाठ पर हथ लगय उसा समय मरा कि णडऽलना ऊपर की

ओर चढ़न लगा उसा क सथ मर शवस भा तावर हो गय उनहोन दिबर अपन हथ मरा पाठ पर लगय

ऽसर स नाच की ओर को अपन हथ मरा पाठ पर ऽफरय उसा समय मरा कि णडऽलना वपस मीलधर

चकर म जकर शत हो गया अनिभव भा समपत हो गय

योग कस कर 198

ऄथश- सधको य सवमा जा बहत महन योगा थ महरषटर म इनह जयदतर लोग जनत ह तथ

इनकी पीज भा करत ह य सनत जा महरषटर क हा रहन वल थ सवमा जा न हमस कहndash आप ऽदरताय

म रऽहए इसक अथथ ह दीसर जनम अभा मर और होग तताय म नही अथ थत तासर जनम मर नही

होग ऽजस योगा को उचचतम अवसथ परप त होता ह वह अपन ऽपछल और अगल जनमो को जन लत

ह आवशयक जनकराndash म पठको को बतन चह ात ह ा ऽजस समय हम यह अनिभव आय थ उस

समय क कमो क अनिसर मर एक और जनम होन चऽहय थ इसाऽलय सनत जा न मिझ ऐस बोल थ

मगर कि छ समय बद मन अतयनत कठोर सधन करक ततवजञन को परप त कर ऽलय ह अब मर अगल

जनम नही होग यहा मर आऽखरा जनम ह zwjयोऽक मन कमो को बाज रप स नष ट कर ऽदय ह ऋतमभर-

परजञ क दरर मन अपन ऽचतत पर ऽसथत अजञन को नष ट कर ऽदय ह इस ऽवषय म आपको आग पढ़न को

ऽमलग

ईलटा घड़ा

यह अनिभव हम मई-जीन म धयनवसथ म शरा मत जा क समन आय शरा मत जा क समन

म धयन कर रह थ मन दखndash म ऊपर की ओर दख रह ह ा ऊपर मिझ उलट घड़ रख हआ ऽदखई द

रह थ उस घड़ क मिाह नाच की ओर ह घड़ क मिाह क पस तज परकश स यिकत एक लइन चमक रहा

ह इस परकऽशत लइन क करण चरो ओर परकश फल हआ ह ऽजसस घड़ क मिाह सपषट ऽदखई द रह

ह उस घड़ क मिाह बनद ह उस घड़ क अनदर zwjय भर हआ ह यह मलीम नही ह मन दो तान बर दखन

क परयस ऽकय मगर घड़ क अनदर कि छ भा नही ऽदखई ऽदय यह अनिभव मतर कि छ कषणो क थ

अनिभव समपत हो गय

ऄथश- ऊपर की ओर ऽदखई दन वल उलट घड़ हमर बरहमरधर ह सधक कोबरहमरधर उलट

घड़ जस हा ऽदखई दत ह बरहमरधर क मिाह नाच की ओर ह इसऽलए वह उलट घड़-स ऽदखई द रह

थ चमकदर लइन कि णडऽलना शऽzwj त ह उसा स परकश ऽनकल रह ह‛

योग कस कर 199

जलता पड़

यह अनिभव धयनवसथ म आयndash एक पड़ ह उसम मोटा-मोटा टहना लगा हई ह वह पड़ सीख-

स ऽदखई द रह ह उस पड़ म आग लग गया आग न चरो ओर स उस घर ऽलय हवह पड़ बिरा तरह

स जलन लग पड़ जलन क करण आग की ऊा चा लपट उठ रहा ह कि छ समय बद हम धिाआ ऽदखई

दन लग ऽफर ऽदखई ऽदयndash यह धिाआ मर सर शरार क अदर भर गय ह म सोचन लग ऽक यह धिाआ

zwjयो ऽदखई द रह ह अथव कह ा स आ गय ह तब यद आय शयद पड़ पीर जल गय होग इसऽलए

धिाआ ऽदखई द रह ह zwjयोऽक अब पड़ हम ऽदखई नही द रह थ मन यह अनिभव शरा मत जा को

बतय तब वह बहत परसनन हई और बोलीndash sbquoशसतर क अनिसर यह पड़ जो शरार क अनदर जलत

ऽदखई ऽदय वह तिमहर ऽपछल जनमो क तमोगिणा कमथ ह वह जलकर रख हो गए ह सधक क ऽलए

यह बहत बड़ा उपलऽबध होता ह‛

सधको शरा मत जा न बतय ऽक बिर कमथ जल रह थ मगर यह यद रखनndash योगबल पर सर

कमथ नही जलए ज सकत ह वह चह ऽजतन बड़ योगा हो ऽसफथ कि छ हा कमो को जलय ज सकत

ह वहा हमर सथ हआ मगर हमर अभा कमथ शष ह जो भोगकर हा समपत होग समऽध स बच हए

शष कमथ भोगकर हा नष ट ऽकय जत ह

शिता की ओर

यह अनिभव दोपहर एक बज धयनवसथ म आयndash म कही चल ज रह ह ा रसत म 8-9 वषथ की

एक लड़की ऽमला लड़की बहत सिनदर था बड़ा पयरा सा लग रहा था लड़की न दोनो हथो स लन क

इशर ऽकय उसा कषण मन भा अपन दोनो हथो को आग की ओर बढ़य और उस उठ ऽलयऽफर मन

अपन कनधो पर उस ऽबठ ऽलय वह लड़की मर ऽलय अपररऽचत था ऽफर भा दोनो तरफ स पररऽचत-

जस वयवहर हो रह थ म लड़की को कनधो पर ऽबठए हए तज गऽत स आग की ओर जन लग मिझ

ऐस लग रह थ म भीऽम पर नही चल रह ह ा बऽलक भीऽम स बहत ऊपर चल रह ह ा आग चलकर रसत

छोट-छोट कमरो जसा जगह म बदल गय मिझ ऐस लग रह ह एक कमर स दीसर कमर म परवश कर रह

ह ा कमर पीरा तरह स चरो ओर स बनद ह मगर लड़की क इशर करत हा दरर अपन आप खिल जत

योग कस कर 200

थ परतयक कमर की बनवट एक-जसा हा ह सभा कमर परकऽशत ह ऽफर मन सोचndash यह लड़की हम

कहा ऽलए ज रहा ह म वपस आ भा पऊा ग य नही आ पऊा ग यह भा सोच रह थ यह लड़की कौन

ह ऽजसक इशर मतर स आग क मगथ परशसत हो जत ह म तजा स आग की ओर बढ़ ज रह ह ा

आग चलकर जस हा मन कमरनिम जगह म परवश ऽकय तो दखndash समन शरा मत जा ऊा च आसन पर

ऽवरजमन ह हलकी-हलकी आभ शरा मत जा क चरो ओर फला हई ह उनक समन ढर सरा

लड़ऽकय ा बठा हई खन ख रहा ह सभा लड़ऽकय ा अतयनत खीबसीरत और अचछ कपड़ पहन हए ह शरा

मत जा न मिझ दखकर मिसकर ऽदय तभा मरा भा इचछ खन खन की हई इतन म आवज आयाndash

ldquoआपक खन यहा नही हrdquo म यह शबद सिनकर थोड़ उदस स हो गय इतन म समन की ओर बठा

हई शरा मत जा बोलीndash sbquoयह आननद कि मर ह इसको खन द दो‛ म वहा ा पर बठ गय हमर समन

अपन आप पततलनिम कोई वसति आ गया उसा समय चमच स हम खन परोस जन लग हम ऽसफथ

अकल चमच हा ऽदखई द रह थ परोसन वल ऽदखई नही द रह थ और न परोसा हई वसति ऽदखई

द रहा था म और मर सथ वला लड़की एक सथ खन खन लग खन खकर वह लड़की अदशय हो

गया शरा मत जा न एक ओर को इशर ऽकय और कहndash sbquoआप ऊधर चल जइए‛ म उसा ओर को

आग चल गय और आग चलकर म धयन पर बठ गय धयन पर बठ हए ऽकतन समय हो गय यह

मिझ मलीम नही चल मन धयन स उठकर समन ऊपर की ओर दखndash वह ा पर कि छ ऽलख हआ थ

पहल वzwjय अब हम यद नही आ रह ह म भील गय दीसर वzwjय ऽलख थndash sbquoपरण अपन सहा कयथ

कर कर रह ह बरहमरधर शिित की ओर ह‛ य शबद धधकत हए अगर क समन परकश क दरर ऽलख

हए थ वह ा पर सकड़ो सीयथ क समन तज परकश फल हआ थ

ऄथश- सधको जो लड़की मिझ मगथदशथन कर रहा था और मर सथ म खन खकर अदशय हो

गया था वह कि णडऽलना शऽzwj त था जो मन खन खय थ वह इसऽलए नही ऽदखई द रह थ zwjयोऽक

वसतव म वह सथील खन नही थ बऽलक वह अधयऽतमक परसद थ शरा मत जा क रप म गिरततव थ

जो सीकषम रप म चतनयमय शऽzwj त होता ह वहा शरा मत जा क रप म ऽदखई द रहा थी वह ा पर सथील

शरार वला मत जा नही थी ऐसा ऽसथऽत म सवय शरा मत जा को मलीम नही होत ह ऽक उनक

चतनयमय ततव ऽकसक मगथदशथन कर रह ह चतनयमय ततव सभा जगह वयपत रहत ह तथ ऽशषय क

शरार म भा वयपत होत ह वहा सीकषम नऽड़यो म परवश होकर कयथ करत ह

योग कस कर 201

नावभ पर जोर

कि छ ऽदनो स धयनवसथ म मर ऽसर नाच की ओर दबव दन लगत ह धयन क शिरआत क

समय म ऽबलकि ल साध बठत ह ा मगर थोड़ा दर बद मर ऽसर नाच की ओर दबव दन स गदथन ऽबलकि ल

ऽसकि ड़ जता ह ऽसर क ऽनचल भग कनधो पर आ जत ह तथ सर शरार धार-धार ऽसकि ड़न लगत

ह ऐस लगत ह राढ़ भा नाच की ओर ऽसकि ड़-सा रहा ह उस समय सर शरार क जोर नऽभ पर पड़त

ह यह अवसथ बहत समय तक बना रहता था कि छ ऽदनो पित नऽभ अतयऽधक गमथ होन लगा कभा-

कभा ऐस लगत थऽक नऽभ आग क गोल-स ह उसा समय भऽसतरक भा चलन लगता ह इसस

नऽभ की गमी ऊपर की ओर बढ़ता ह पट पर इतन दबव पड़त थ ऽक पट दिखन लगत थ म नाच की

ओर इतन ऽसकि ड़त ह ा ऽक मर शरार ऽबलकि ल छोट-स हा रह जत ह

ऄथश- सधको जब सधक की अवसथ आजञचकर पर य इसस ऊपर की हो जता ह तब यह

ऽकरय होता ह इसस ऽसर म ऽसथत उदन वयि नाच की ओर आता ह नाच की वयि ऊपर जता ह इसस

कि णडऽलना को उगर होन म सहयत ऽमलता ह धयन स उठन क बद म शवसन ऽकय करत थ तऽक

नऽभ की नऽड़या सहा अवसथ म आ जएाऽजसस पट म ऽकसा परकर की परशना न हो

शरा मत जा क एक ऽशषय ऽशराष जोशा जा ह वह इस समय आशरम म आए हए ह ऽशराष

जोशा शरा मत जा को बचपन स हा जनत ह हमरा इनकी घऽनषठत बहत ऽदनो स ह इन ऽदनो ऽशराष

जोशा बड़ौद (गिजरत) म रहत ह य ऽसडाकट बक म मनजर ह रोजन 50-55 ऽकलोमाटर डयीटा क

ऽलए आत-जत ह एक ऽदन शम क समय दोनो एक सथ धयन करन क ऽलय बठ ऽफर मिझ इनक ऽवषय

म कि छ जनकरा ऽमला म समझ गय इनक सथ कि छ गड़बड़ जरर हआ ह मन इनक ऽवषय म

ऽदवयदऽष ट क दरर सब कि छ जन ऽलय ऽक य बक स समबऽनधत थोड़ परशन ह सिबह ऽशराष जोशा को

मन सब कि छ बत ऽदयndash sbquoजब आप डयीटा पर जत ह तब इस परकर क पिल व जगल-स रसत म

पड़त ह रसत म भीऽम इस परकर की ह रलव क पिल ऽमलत हपिल बहत ऊा च ह रल की ऽसगल

लइन ह नदा म पना बहत कम बह रह ह नदा बरसत म बहत जयद बढ़ जता ह ऑऽफस म आपक

परऽत कि छ लोग अचछ ऽवचर नही रखत ह‛ मन आऽफस क उनह सब कि छ बत ऽदय अब ऽशराष जोशा

जा आश चयथचऽकत हो गए वह मिझस बोलndash sbquoआपको मर बर म इतना बराकी स सब कि छ कस मलीम

हो गय ह‛ म बोलndash sbquoऽदवयदऽष ट क दरर सब कि छ जन ज सकत ह‛ ऽफर मन उनक भऽवषय भा

योग कस कर 202

बत ऽदय तऽक वह सतकथ हो जएा मर दरर बतया गया सरा बत उनहोन शरा मत जा को बत दा और

पीछndash मर ऽवषय म आननद कि मर को सरा बत कस मलीम हो गया ह शरा मत जा बोलीndash sbquoआननद

कि मर को अनिभव सहा आत ह zwjयोऽक धयन म उसकी ऽसथऽत अचछा ह‛

अपका परसाद आधर ह

मन अनिभव म दखndash म ऽकसा जगह पर खड़ हआ ह ा मर समन थोड़ा ऊा चा सा जगह ह वह ा

पर कि छ पिरष खड़ हए ह म उन पिरषो को दख रह ह ा उसा समय आवज आयाndash sbquoआपक परसद इधर

ह‛आवज पाछ की ओर स आ रहा था मन पाछ मिड़कर दखndash तो अतररकष म तान दऽवय ा खड़ा हई

ऽदखई दा बयी ओर शर पर सवर दवा खड़ा हई था बाच म कमल पर एक दवा बठा हई था दऽहना

ओर एक दवा हस पर सवर था तभा शर पर सवर दवा कमल पर बठा दवा क अनदर ऽवलान गया ऽफर

हस पर बठा दवा कमल पर बठा दवा क अनदर ऽवलान हो गया कमल पर बठा दवा क तासर नतर

खिल हआ थ कमल पर बठा दवा न कहndash sbquoआपक परसद हमर पस ह आग बढ़ो और मिझस अपन

परसद ल लो‛ इतन म मर अनिभव समपत हो गय

ऄथश- सधको जो दवा हम परसद दन को कह रहा था वह मत कि णडऽलना था उसा स सरा

दऽवय ा परकट हई ह इसऽलए मिझ दोनो दऽवय ा उसा म लान होता हई ऽदखई दी मतर कि छ कषणो म यह

समपीणथ दशय ऽदखई द गय

भाइ का सकषम शरीर

धयनवसथ म मर भई क सीकषम शरार मर पस आय और बोलndash ldquoमिझ अपन मतयि क बर म

अचछा तरह स जनकरा ह zwjयोऽक वह मर रदय पटल पर ऽलखा हई ह ऽपछल जनम म मर नम

lsquoभनिपरतपrsquo थ‛ मन इस भई क ऽपछल जनम दख तो पय उसक सीकषम शरार सतय कह रह ह

zwjयोऽक सीकषम शरार को सब कि छ मलीम होत ह यह तासर नमबर क भई क सीकषम शरार थ मगर भई

को जनकरा नही ह उसक सीकषम शरार न मिझस बत की ह

योग कस कर 203

दसर लोक म जाना

यह अनिभव मिझ जिलई मह म आयndash म एक लत (बल) को पकड़-पकड़ कर उसा क सहर

तावर गऽत स ऊपर की ओर चढ़ रह ह ा यह लत साधा ऊपर आकश की ओर गया था लत ऽबलकि ल

नजिक और पतला सा ह म यह भा दख रह ह ाndash लत पर चढ़त समय आकश क ऽजस कषतर गिजर रह ह ा

वह आकश हलक नाल रग क तज परकश स यिकत ह उस आकश म सीयथ चनदरम तर आऽद नही ह

आकश सवपरकऽशत ह चढ़त-चढ़त म ऽकसा आधर पर खड़ हो गय मगर आधर ऽदखई नही द रह

थ ऽसफथ महसीस हो रह थ वह लत यहा तक आया हई था अब म अदशय आधर पर आग की ओर

चलन लग मिझ समन की ओर एक जगह पर सतरा व पिरष खड़ हए ऽदखई ऽदय म भा वहा पर जकर

खड़ हो गय वह ा पर ऽसतरयो की सखय कम था उसा समय मन अपन आप को एक सतरा क समन खड़

हआ पय मर समन ओर एक सतरा ऊा च सथन पर बन ऽसहसन पर बठा हई था वह सतरा एक ओर को

मिाह ऽकय हए था वही पर उपऽसथत कि छ पिरष उस सतरा स कहन लगndash sbquoमा यह पिरष बहत दीर स आय

हआ ह कपय आप इस दशथन द दाऽजए‛ उन पिरषो क कहन पर उस सतरा न अपन चहर मरा ओर कर

ऽलय मन उस सतरा को नमसकर ऽकय उस समय सतरा क चहर स तज ऽनकल रह थ उसक रग हलक

सावल य नाल स थ ऽसर पर ऊा च स मिकि ट लगए हए था मिझस कद म वह बहत हा जयद ऊा चा

था वह ा क पिरष व सतरा सभा बहत ऊा च कद वल थ उस सतरा क लमब-लमब बल खिल हए थ ऽफर वह

सतरा ऽसहसन स हा अनतधय थन हो गया इतन म कि छ पिरष मर पस आए और बोलndash sbquoआप कहा स आए

ह ‛ कषणभर क ऽलए म सोचन लग य लोग मिझस ऐस zwjयो पीछ रह ह ऽफर दीसर पिरष न पीछndash ldquoआप

ऽकस लोक स आए हए ह‛ मन तिरनत जवब ऽदयndash ldquoम पथवा लोक स आय ह ा‛ इतन म वह ा उपऽसथत

कि छ लोग कहन लगndash sbquoअचछ अचछ आप पथवा स आए हो वह ा पर ऽदन-रत बहत हा छोट-छोट

होत ह तथ जयदतर पिरष अधमथ म लग रहत ह मगर आप तो योगा ह इसाऽलए यहा तक आ पय हो‛

म सोचन लग य लोग ऐस zwjयो कहत ह उनम स एक पिरष बोलndash sbquoयहा पर कभा रऽतर नही होता ह

अब आप यहा स जइए यहा पर आप जयद दर तक नही ठहर सकत ह ऽफर कभा भऽवषय म आन‛

उसा समय म वह ा स नाच की ओर ऽगरन लग अनिभव समपत हो गय

ऄथश- सधको अनिभव पढ़कर आप समझ गए होग ऽक म ऽकसा ऊपर क सीकषमलोक म चल गय

थ zwjयोऽक वह सतरा हलक नाल रग की य सवल रग की था वह सतरा दवा कला य दवा चडा क बदल

हआ सवरप हो सकत ह zwjयोऽक नाल शरार वला सतरा और कौन दवा हो सकता ह वह ा क अतररकष

योग कस कर 204

हलक नाल रग स सवपरकऽशत स थ म ऽजस लत (बल) क सहर म ऊपर चढ़ रह थ वह हमरा

सिषिमन नड़ा ह

सकलप करो सार चकर खल जाएा

आजकल मर मन बहत दिःखा रहन लग थ zwjयोऽक मिझस अकरण अपमन जनक शबद कह

जत थ मन शरा मत जा स इस बत की ऽशकयत की तो उनहोन हमरा ऽशकयत नही सिना बऽलक

हमर अनदर क दोष जरर ऽनकलन लगी उनक कहन थndash ldquoम गिर (शरा मत जा) क परऽत रख ह ाrdquo

हमरा समझ म यह नही आय ऽक सदव अऽतशयोऽकत म गिर की सतिऽत करन स zwjय योग क अभयस हो

जएग अगर सदव अऽतशयोऽकत म गिर की सतिऽत करत रहन स योग क अभयस हो जत तो ऽफर ऽकसा

को योग क अभयस करन की आवशयकत नही होता सभा सतिऽत करक योग म पीणथत परप त कर लत

कमथ क महतव हा नही जत आप यह सोच रह होगndash zwjय म गिर ऽवरोधा थ ऐस नही ह यऽद म ऐस

होत तो म आशरम म नही रहत और न हा मिझ आशरम म रख जत मिझ ऽसफथ सधन करन की लगन

था अगर यह लगन न होता तो म आशरम म सवय नही रकत आशरम म मिझ ढरो परशऽनय ा होता थी

शिरआत म म ऽबलकि ल अकल रहत थ उस समय वह ा पर ऽबजला भा नही था मिझ रहन क ऽलय

सवचछ सथन भा नही थ ऽबलकि ल कम पसो म खचथ चलत थ ऽकसा न कभा यह नही पीछndash इतन कम

पसो म खचथ कस चलत ह आऽद म ऽकसा की बिरई नही कर रह ह ा ऽसफथ बत बत रह ह ा मन आशरम

म रहकर शरा मत जा क ऽपरय ऽशषयो की बहत उलटा-साधा बत सिना ह शरा मत जा क ऽपरय ऽशषय जो

अकरण कि छ न कि छ बोलत रहत थ उनकी सधन की अभा तक शिरआत भा नही हो पई ह और न हा

अभा शिरआत होगा मरा दऽष ट म अभा वषो बद तक भा सधक नही बन पएाग य पऽकतय ा ऽलख जन

तक उन सधको को 25-30 वषथ हो गय ह अभा तक अभयस म शीनय ह मन सधन क ऽलए तयग

ऽकय ह सब कि छ छोड़ ऽदय म अपन समय वयथथ म नही गवन चहत ह ा मरा सधन ऐसा अवसथ

पर आ गया ह ऽक म अचछ बिर सब कि छ समझत ह ा शरा मत जा को zwjय यह जञत नही ह जब म

दीसरो क ऽवषय म जन लत ह ा zwjय शरा मत जा क ऽवषय म नही जनत ह ा हमरा ऽदवयदऽष ट अतयनत

तजसवा होन क करण zwjय वह अपन आपको बच सकता ह ऽक उनक ऽवषय म हम जनकरा न हो मन

शरा मत जा क ऽपछल पाच जनमो को दख ह और वतथमन क म सब कि छ जनत ह ा

योग कस कर 205

सधको म गिर ऽवरोधा नही ह ा शरा मत जा स म बहत परम करत ह ा मगर सतय शरषठ होत ह म

सतय क अनिसरण करत ह ा जो सधक गिर ऽवरोधा होत ह वह वयऽकत इस ससर म सबस ऽनकषट होत ह

आजकल हमर समपीणथ कयथ गिर पर अटीट शरि क करण हा समपनन होत ह गिरऽनषठ होन क करण हा

आज म सफल ह ा इसऽलए सधको गिर ऽनषठ बनो

गिर पीऽणथम क अवसर आ गय दीर-दीर स सधकगण शरा मत जा क घर आन लग हमर

ऽपतजा भा शरा मत जा क पस आय हए थ गिर पीऽणथम पर उसा समय शरा मत जा क ऽपरय ऽशषय न

शबदो स मर बहत अपमन बहत ऽकय मगर इस ऽवषय पर शरा मत जा कि छ नही बोली जबऽक वह भा

उस समय सिन रहा थी मिझ बड़ दिःख हआ मन ऽपतजा स पीछndash sbquozwjय म घर वपस चलीा आपको कोई

परशना तो नही होगा‛ ऽपत जा बोलndash sbquoआप चऽलए हम कोई परशना नही ह‛ मन शरा मत जा को

पतर ऽलख उसम सरा बत ऽलखकर यह भा ऽलखndash म घर ज रह ह ा आशरम म ऽकसा अनय सधक की

वयवसथ कर दाऽजए शरा मत जा को पतर द ऽदय गिर पीऽणथम उतसव मर दिःख म हा वयतात हआ उसा

समय धयनवसथ म अनिभव आयndash एक सनयसा जा मर पस आए और बोलndash sbquoपितर अभा तिम घर नही

जओग यही पर सधन करो‛ मन बहत सोच ऽवचर कर घर जन क मन तयग ऽदय गिर पीऽणथम

ऽमरज क एक कय थलय म मनई गया था गिर पीऽणथम क बद बहत स सधक वपस चल गय थ कि छ

सधक अभा यही पर थ म आशरम म वपस लौट आय म अकल हा आशरम म आय थ अभा सभा

सधक ऽमरज म हा थ मिझ थकन-सा महसीस हो रहा था थकन क करण मिझ नीद आ गया

सवपनवसथ म मिझ ऽदखई ऽदयndash चौदह-पदरह सल क एक लड़क मर पस आय उसक हथ

म एकऽगलस थ वह ऽगलस उसन मिझ द ऽदय मन ऽगलस म दख दहा जसा कोई वसति ह उसन उस

पान क इशर ऽकय म उस दहा जसा वसति को पान लग जस हा मन दहा जसा वह वसति को ऽपय

और वह मर मिाह क अनदर गय हा होग तभा वह लड़क बोलndash sbquoसकलप करो ऽक सर चकर खिल

जएा‛ अचनक मर मिाह स मजक म ऽनकलndash sbquozwjयो सकलप करा ऽक हमर सर चकर खिल जएा‛ म

ऽफर ऽगलस म ऽसथत उस वसति को पान लग वह वसति दखन म दहा जसा था मगर उसक सवद हलक

माठ थ दहा जस सवद नही थ मन सर ऽगलस पाकर खला कर ऽदय वह लड़क हमरा ओर

दखकर मिसकर रह थ लड़क क चहर स बहत तज परकश ऽनकल रह थ वह लड़क दखन म बहत

सिनदर थ म भा उस दखकर मिसकरन लग ऽफर म बोलndash sbquoचलो आप कहत ह तो म सकलप ऽकय लत

ह ा ऽक हमर सर चकर खिल जए‛ म इतन हा कह पय थ ऽक लड़क मर समन हा स अनतधयथन हो

योग कस कर 206

गय उसा समय हमरा आाख खिल गया म उठकर बठ गय और अनिभव क ऽवषय म सोचन लग वह

लड़क बहत सिनदर थ अचछ लग रह थ उसन मिझस बड़ पयर स कह थ

ऄथश- सधको ऽगलस म दहा जसा वसति सऽतवक शऽzwj त था अथव आधयतम थ यहा

लड़क भऽवषय म भा दो-तान बर ऽमल तथ इसन सधन म मरा बहत सहयत की और योग म मिझ

उचच सथन पर पहाच ऽदय म इस लड़क क ऽवषय म नही जनत ह ा ऽक यह कौन ह अनिभव म लड़क

नलस म दहा जसा वसति को पान क ऽलए कह रह ह जब कभा दहा जस पदथथ अभयसा धयनवसथ

य योगऽनदर म ऽपय तब समझ लन चऽहए अभयसा की आधयतम म उननऽत होन वला ह उस लड़क न

मिझस कहndash ldquoसकलप करो ऽक तिमहर सर चकर खिल जएा‛ मनिषय क शरार म मिखय रप स सत चकर

होत ह वह लड़क सतो क खिलन क सकलप करव रह थ अथ थत सहसतरर चकर क खिलन क ऽलय भा

कह रह ह यह लड़क हमर आधयऽतमक जावन म कई बर ऽदखई ऽदय सदव हमरा सहयत करत

थ ऽफर अदशय हो जत थ

मीठापन

यह बत जीन मह की ह म शरा मत जा क पस गय हआ थ शरा मत जा न एकत म पीछndash

sbquoआननद कि मर आपन कभा महसीस ऽकय ऽक आपक गल म कि छ माठपन-स घिल रहत ह ऐस

लगत ह जस कोई माठा चाज खई हो म सोच रहा था शयद आप मिझस पीछग मगर आपन नही

पीछ‛ म बोलndash sbquoशरा मत जा हमर गल म माठ-माठ-स सवद बहत ऽदनो स बन रहत ह मगर

इसऽलए नही पीछ मन सोच शयद मर मिाह क सवद खरब रहत होग इसऽलए ऐस हो रह ह कभा-

कभा गल म ऐस लगत ह जस शहद-स घिल हआ ह यह शहद-स गढ़ तरल पदथथ ऽसर क ऊपरा

भग स नाच की ओर ऽगरत-स जन पड़त ह ऽफर बहत समय तक गल माठ बन रहत ह यह

माठपन बहत अचछ लगत ह‛ शरा मत जा न कह यह अनिभव आपक ऽबलकि ल सहा ह

सधको इस माठपन की अनिभीऽत कणठचकर खिलन क बद होता ह बरहमरधर क दरर क पस स

ऽवशष परकर क दरवय नाच की ओर ऽगर करत ह इसक सवद माठ होत ह तथ दरव गढ़-गढ़ होत

ह इस माठपन को ऽसफथ सधक हा अनिभीऽत कर सकत ह जो सधक खचरा मिदर करन जनत ह अथ थत

योग कस कर 207

खचरा मिदर म पररपzwjव ह वह इस दरव क अपना ऽजहव क अगर भग स सवद लत ह इस ऽकरय स

सधक की भीख ऽमट जता ह अथव उस ऽबलकि ल थोड़ा हा भीख लगता ह मिझ धयनवसथ म एक

ऽकरय होता रहता ह धयनवसथ म ऽसर नाच की ओर दबव दत ह उस समय यह दरव साध नऽभ पर

ऽगरत ह ऽजसस जठरऽनन शत हो जता ह भीख कम लगता ह ऽकसा-ऽकसा जगह पर इस दरव क अमत

शबद स उललख ऽमलत ह

मिझ अनिभव आयndash म ऽकसा सफ-सिथर रसत पर तावर गऽत स चल ज रह ह ा मिझ आग क

रसत दीर-दीर तक सफ ऽदखई द रह थ अचनक उस रसत पर समन ओर स एक घोड़ हमरा ओर

आत हआ ऽदखई ऽदय म भा उसा रसत पर आग की ओर चल ज रह थ म सोचन लगndash यह घोड़

कहा स आ गय घोड़ दखन म ऊा च कद क थ और उसक मिाह बहत डरवन स थ घोड़ हमर

नजदाक आत ज रह थ म ऽछपन क ऽलए एक खत की ओर चल गय उस खत म ऽसथत पड़ो पर

कट लग हए थ इसऽलए म आाख बनद करक खत क ऽकनर बठ गय कि छ कषणो बद मन आाख

खोलकर दखndash तो घोड़ बड़ आरम स मिझस थोड़ा दीरा पर खड़ हआ थ म उस घोड़ को ऽमिा क ढल

फ ककर मरन लग मगर वह घोड़ अपना जगह स नही हट म सोचन लगndash घोड़ यहा स ज zwjयो नही

रह ह उसा समय मिझ समन ओर स एक सनयसा आत हए ऽदखई ऽदय सनयसा ऽजस रसत स आ रह

थ मिझ उसा रसत पर जन थ वह सनयसा गरए वसतर धरण ऽकय थ उनक हथ म चमकता हई एक

रससा था उस सनयसा की उमर ऽबलकि ल कम था वह ऽसफथ 25 वषथ क लगत थ सनयसा हमरा पस आ

रह थ यह जनकर हमर मन म बहत खिशा हई सनयसा न थोड़ा दीरा पर खड़ होकर रससा क फद घोड़

की ओर फ क रससा क फद फ कत हा घोड़ अदशय हो गय उसा समय सनयसा भा अदशय हो गय

इतन म मर अनिभव समपत हो गय

ऄथश- सधको घोड़ मन क परताक होत ह कभा कभा इऽदरय ा भा घोड़ क रप म ऽदखई दता ह

हो सकत ह कोई इऽनदरय हमर योग मगथ म अवरोध डलन चहता हो मगर ऽकसा महपिरष न आकर

मिझ बच ऽलय

योग कस कर 208

धयानावसथा म अग की ओर झकना

सधको गिर पीऽणथम उतसव मनन क बद म आशरम म आ गय थ कि छ समय बद बहत स

सधक ऽमरज स आशरम म आ गय थ अब आशरम म कफी भाड़ हो गया था दीसर ऽदन शरा मत जा भा

आशरम म आ गया आशरम म समीऽहक रप स धयन हआ करत थ अब मिझ ऽफर स आग की ओर

झिकन की ऽकरय होन लगा था धयन पर बठत हा बड़ा वग स कि णडऽलना ऊपर चढ़ता था बरहमरधर दरर पर

टzwjकर मरत हा म आग ऽक ओर झिक जत थ मर मसतक भीऽम पर सपशथ करन लगत थ उसा समय

जलधर बनध भा लगत थ ठोड़ा सान स ऽचपक जता था ऽसर क ऊपरा भग (बरहमरधर वल) भीऽम पर

सपशथ करन लगत थ ऐस लगत थ मनो म ऽसर क बल खड़ हो जऊा ग तानो बनध तथ बहय

कि मभक भा लगत थ बहय कि मभक क करण शवस अनदर हा नही आत थ ऐस लगत थndash ldquoयऽद

थोड़ा दर शवस वपस न आई तो मरा मतयि हो जएगाrdquo बहय कि मभक बहत दर तक लगत थ जब शवस

अनदर आ जए तब आतररक कि मभक लग जत थ शवस बहर ऽनकलन क नम नही ल रह थ उसा

समय समय कि णडऽलना बरहमरधर दरर पर टzwjकर मरता था तब उसकी और पाड़ होन लगता था यहा

अवसथ हमरा एक डढ़ घनट तक बना रहता था मीलधर चकर क आस-पस क कषतर ऊपर की ओर

उठन लगन क करण म ऽसर क बल खड़ होन क ऽलए मजबीर होन लगत थ सधको उस समय हमर

शरार को घोर पाड़ होता था मगर म zwjय कर सकत थ घोर कष ट झलत रहत थ मर धयन दर तक

लगन क करण सभा सधक मरा ओर दखत रहत थ zwjयोऽक अनय सभा सधक 20-25 ऽमनट तक धयन

करन क बद आाख खोल दत थ जब म धयन स उठत थ तब शरा मत जा हमरा ओर दखता थी म

उनक दखन क भव स हा समझ जत थ ऽक शरा मत जा करोध म दख रहा ह

एक दो ऽदन बद एकत म मन शरा मत जा स उनक पस जकर पीछndash sbquoशरा मत जा हम आग

की झिकन की ऽकरय zwjयो होता ह‛ शरा मत जा बोलीndash ldquoम दख रहा था आपको यह ऽकरय होता ह यह

आपक बिर कमथ ह आननद कि मर आपकी शदा हई और पतना भा मर गया आप इस मगथ म आ तो

गए मगर आपको गहसथ म रहन चऽहए थ ठाक ह आप यह मगथ पकड़ हए ह मगर आपक कमथ

गहसथ क थ‛ यह सिनकर म बहत दिःखा हआ और सोचन लगndash अगर मर कमथ गहसथ क थ तब

हमरा योग म इतना तावर गऽत zwjयो ह अनिभव इतन अचछ-अचछ zwjयो आत ह इस समय शरा मत जा क

ऽशषयो म म दीसर नमबर क सधक zwjयो ह ा शरा मत जा क सकड़ो ऽशषय ह उनकी इतना तावर सधन

zwjयो नही ह यह सोचकर म रोन लग यह बत मन अपन ऽपतजा को भा बतया था zwjयोऽक उस समय

योग कस कर 209

वह वही पर उपऽसथत थ म खड़ हआ रो रह थ मर कमथ ऽपछल जनमो क इतन गनद ह तो म zwjय

करा मिझ अपर मनऽसक कष ट हआ अब म धयनवसथ म आग झिकत हा धयन तोड़ दत थ

चिपचप आाख खोलकर बठ रहत थ मन अपन धयन कम कर ऽदय ऽजसस हम आग की ओर झिकन

की ऽकरय हा न हो धयन कम हो जन क करण कि छ ऽदनो बद आग झिकन की ऽकरय होना बनद हो गया

अब म धयनवसथ म साध बठ रहत थ कि छ ऽदनो बद शरा मत जा जलग ाव चला गई

ईनमनी ऄवसथा

आजकल हमरा आदत पगलो की भाऽत हो गया था म हर बत को भील जत थ म सोचत

थndash अबकी बर अमिक बत यद रखीाग ऽबलकि ल नही भीलीाग मगर म भील जत थ हमरा समझ म

नही आत थ म ऐस zwjयो हो गय ह ा म चिपचप गिमसिम-स बठ रहत थ मन आज दीध ऽपय ह ऽक

नही ऽपय ह यह भा म यह भा भील जत थ zwjयोऽक म अनन ऽबलकि ल नही खत थ म पड़ोसा स दीध

ल ऽलय करत थ कभा-कभा म उसक पस दिबर दीध लन क ऽलय पहाच जत थ जब वह पड़ोसा

बतत थndash ldquoआननद कि मर आप दीध ल गएअब आप दिबर दीध लन आ गय ह तब हम यद आत

थ म तो दीध ल गय ह ा अब दिबर दीध लन आ गय ह ा कभा म दोपहर तक दीध लन नही जत थ तब

वह सवय दीध द जत थ बस म धयन करत रहत थ पड़ो को पना डल करत थ जब कोई नया

इमरत बनता था तब म उसम तरई करन क ऽलय पइप स पना डल करत थ कभा-कभा पड़ो पर

दिबर पना डलन पहाच जय करत थ मर रोज दीध उबल जय करत थ म यह सोच कर बठ जत

थndash ऽक आज दीध नही उबलन दीाग मगर जब म दीध गमथ करन लगत थ तब कि छ समय बद म दीध

उबलत हए समन दखत रहत थ और उबलत हए को दखकर हसत थ ऽक दीध उबल रह ह

अकल म म अपन गलो पर थपपड़ मर करत थ थपपड़ इतन जोर स व बरहमा स मरत थ

ऽक गलो म ददथ होन लगत थ तब म मरन बनद कर दत थ तब हमरा कभा-कभा इचछ चलता थाndash

ऽक ऽसर को दावर म मरो म ऽसर दावर म मरन लगत थ एक बर ऽसर दावर पर इतन जोर स मर

ऽक ऽसर स खीन बहन लग म ऽसर पकड़कर ददथ क करण रोन लग मिझ लग म पगल हो जऊा ग जब

अपन थपपड़ मरत अथव दावर म ऽसर पटकत थ तब थोड़ समय बद म ठाक हो जत थ कि छ

ऽदनो बद धार-धार यह ऽकरय बनद हो गया

योग कस कर 210

ऄथश- सधको उसा समय मिझ सवमा मिकतननद की एक पिसतक lsquoऽचदशऽकत ऽवलसrsquo पढ़न को

ऽमला था उसम एक जगह पर ऽलख थndash ldquoसधक की एक ऐसा अवसथ आता ह सधक सवय अपन

थपपड़ मर करत ह उसकी इचछ चलता ह ऽक म अपन थपपड़ मरा rdquo सधको यह ऽचतत की एक

अवसथ होता ह उस समय सधक को लगत ह म अपन थपपड़ नही मर रह ह ा बऽलक म इस जड़ शरार

को मर रह ह उस समय वह अपन सथील शरार को अपन नही मनत ह यह ऽकरय हर सधक को नही

होता ह इस ऽकरय को पगलपन नही कह सकत ह बऽलक उस समय ऽचतत पर सऽतवत क परभव जयद

होत ह पगल वयऽकत क ऽचतत तमोगिण स आचछऽदत रहत ह तथ मऽसतषक और बिऽि सदव क ऽलय

सहा रप स कयथ नही कर पत ह सधक की यह अवसथ समनय वयऽकत स बहत हा जयद उचच शरणा

की होता ह इस lsquoउनमना अवसथrsquo कहत ह यह अवसथ सभा सधको को परप त नही होता ह इस

अवसथ म सधक को अपन होश नही रहत ह सतवगिण क परभव स मन अनतमिथखा रहत ह इसऽलय

उस वहय पदथो क भन नही रहत ह

कणडवलनी शवzwj त दवारा भोजन कराना

धयनवसथ म अनिभव आयndash च ादना रत की तरह परकश फल हआ थ म ऽबलकि ल शत

वतवरण म बठ हआ थ म सोच रह थndash ऽकतन शत वतवरण मन को लिभन वल ह तभा हमर

समन बहत साधा-सदा सधरण स कपड़ पहन हई एक सतरा परकट हो गया उसकी आाख ऽबलकि ल शत

थी चहर मसीम स थ वह अपन दोनो हथो स एक थला पकड़ हए था वह थला उसन हमर समन

रख दा मन दखndash उस थला म दीध और चवल ह वह सतरा भा हमर समन आकर बठ गया हम दोनो

क बाच म भोजन की थला रखा हई था उसन मिझ खन क इशर ऽकय मन उस थला म खन शिर

कर ऽदय वह सतरा भा मर सथ उसा थला म खन ख रहा था जब चवल थला क समपत हो गए तब

थला म दीध बच गय थला क आध दीध पहल वह सतरा न पा ऽलय ऽफर उसन थला को मिझ द ऽदय

उस थला क शष दीध मन पा ऽलय खला थला को मन उसक समन रख दा वह सतरा खला थला

लकर खड़ा हई और अदशय हो गया म सोचन लगndash यह सतरा ऽकतना शत था मिझ खन ऽखलकर

अदशय हो गया म अपन आप म तप त हो चिक थ उसा समय मर अनिभव समपत हो गय

योग कस कर 211

ऄथश- सधको जब तक मन अनन गरहण नही ऽकय तब तक ऐस अनिभव आत रह थ इस परकर

भोजन करन क बद मर सीकषम शरार तप त हो जत थ कभा कभा 8-10 वषथ की लड़की मिझ खन

ऽखलय करता था मन कई महानो तक अनन गरहण नही ऽकय थ इसऽलए हमरा सधन इतना तावर

था आजकल म अनन नही खय करत थ अथ थत भोजन नही करत थ धयनवसथ म सतरा अथव कम

उमर की लड़की खन हम ऽखलता था इसस मर सीकषम शरार तप त हो जत थ ऽफर हम भीख की

अनिभीऽत नही होता था वस म आजकल एक कप दीध व दो कल खय करत थ शिित क करण ऐस

लगत थ मनो पाठ जला ज रहा ह शष कयथ कि णडऽलना शऽzwj त कर ऽदय करता था मरा कि णडऽलना

बहत हा जयद उगर था अनिभव म बर-बर कि णडऽलना शऽzwj त सवरप बदल कर मिझ खन ऽखलता था

छोटा बचचा

मन धयनवसथ म दखndash एक ऽबलकि ल छोट स बचच ह ऽजसकी उमर एक वषथ क लगभग

होगा बचच क शरार पर कोई वसतर नही ह ऽसफथ कमर म एक कल धग बाध हआ ह बचच बहत

सिनदर ह मरा ओर घिटनो क बल चलकर आ रह ह रसत ऊबड़-खबड़ और पथराल ह इसऽलए उस

परशना हो रहा होगा ऐस म सोच रह ह ा मगर उस बचच को कोई परशना नही हो रहा ह zwjयोऽक वह

बचच हास रह ह कषण भर म मन दखndash वही पर परदशी सीकषम शरार म शरा मत जा भा खड़ा हई ह शरा

मत जा उस बचच स बोलीndash ldquoखड़ हो ज खड़ हो ज‛ ऽफर उस बचच न घिटन क बल चलन बनद

कर ऽदय खड़ होन क परयस करन लग बचच खड़ होत समय अपन शरार क जोर लग रह थ

तथ मिसकर भा रह थ बचच खिश होकर lsquoॎ ॎ ॎrsquoकी आवज ऽनकल रह थ शरा मत जा

बोलीndash sbquoराबार खड़ा हो जा‛ बचच खड़ हो गय ऽफर शरा मत जा बोलीndash sbquoचल आग पर बढ़ा

बढ़ा आग पर‛ वह बचच पर आग बढ़न क परयतन करन लग और कषण भर म आग पर रख ऽदय शरा

मत जा ऽफर बोलीndash ldquoवह भी आग की ओर पर बढ़ा‛ बचच ओम-ओम कहत हआ दीसर भा पर

आग रख दत ह शरा मत जा बोलीndash ldquoचल आग आऻऻजा‛ ऽफर बचच परयतन करक आग आ गय

शरा मत जा बोलीndash ldquoराबार ऐस ही चलना‛ इतन म बचच क बगल म एक सतरा परकट हो गया और

बोला (बचच स कह) ndash ldquoयह बात िकसी स नही कहना‛ म चौक पड़ सोच यह सतरा कौन ह वह सतरा

परदशी सीकषम शरार म सपषट ऽदखई द रहा था मिझ आश चयथ यह हआ ऽक म भा सीकषम शरार म वही पर

योग कस कर 212

खड़ हआ थ ऽफर म उस बचच क शरार म परवश हो गय और म हासन लग यह बचच और कोई नही

म सवय हा थ शरा मत जा बोलीndash sbquoआननद कमार तम अब अपन परो स चलन लग हो भिवषय म भी

तमह अपन परो पर चलना होगा‛ वह परदशी शरार वला सतरा बोलाndash sbquoतम अपन परो पर सवय चलन

लग हो भिवषय म तम सवय अपन परो स चलोग‛ अनिभव समपत हआ

ऄथश- सधको परदशी शरार वला सतरा मत कि णडऽलना शऽzwj त था तथ शरा मत जा (गिर तततव)

न मिझ अपन परो स चलन ऽसखय ऽदय भऽवषय म म ऽनऽित हा अपन परो पर चलीाग मिझ सवय शरा

मत जा की आवशयकत नही पड़गा ऐस यह अनिभव स जञत होत ह

अाखो म वखचाव

अब हम ऽभनन-ऽभनन तरह क नद सिनई दत ह य नद धयनवसथ और जगरत अवसथ म भा

सिनई दत ह नद अzwjसर जोर स सिनई दत ह धयन पर बठत हा मर परण बरहमरधर दरर पर आ जत ह

zwjयोऽक छोट मऽसतषक और आजञचकर भा खिल गय ह कणठचकर स ऊपर परण दो भगो म बाटकर दोनो

अलग-अलग मगो स (पीवथ मगथ व पऽिम मगथ) चलकर ऽफर बरहमरधर दरर पर एक हो जत ह मगर

बरहमरधर दरर न खिलन क करण परण वह ा जयद दर तक नही ठहरत ह वपस आजञचकर पर आ जत ह

ऽफर आजञचकर पर परण दबव मरत ह आजकल म शऽzwj तमतर क जप बहत जयद ऽकय करत ह ा

शऽzwj तमतर जप करत समय धयन आजञचकर पर लग जत ह परण क सथ मन भा यही पर रहत ह तब

मन ऽबलकि ल एकगर हो जत ह इस करण मसतक पर नऽड़यो म जोर स ऽखचव होत ह नऽड़या

चटकता-सा सिनई दती ह कभा-कभा ऐस भा लगत हndash मनो मसतक पर हजरो चाऽटया कट रहा हो

कभा-कभा यह ा जलन भा होता ह यहा हल आाखो और पलको म होत ह इसऽलए आाखो व पलको म

खिजला-सा होता रहता ह कि छ कषणो बद आाखो पर अपन आप दबव पड़त ह आाख जोर स बनद हो

जती ह ऽफर आाख अनदर की ओर ऽखचती ह कभा-कभा आाख इतना अनदर की ओर ऽखचती ह तब

ऐस लगत हndash जस आाख टीटकर लघि मऽसतषक की ओर आ जएागा आाखो म ददथ होन स मिझ धयन

तोड़न पड़त ह आाख अनदर की ओर जन की ऽकरय बहत ऽदनो तक होता रहा ह

योग कस कर 213

ऄथश- सधको अभयसा की जब यह अवसथ आता ह तब आाख अनदर की ओर दबव मरता

ह ऐस लगत ह ऽक आाख अब टीट जएागा ऽखचव बरहमरनधर दरर की ओर को हआ करत ह यह ऽकरय

परणो क करण होता ह समसत परणो क ऽखचव बरहमरधर दरर की ओर होत ह ऐसा अवसथ म आाखो

पर बहत अऽधक दबव रहत ह ऐसा ऽकरय ऽसफथ उनहा सधको को होता ह ऽजनकी सधन अतयनत उगर

होता ह तथ पीवथ कल क योगा होत ह

नीच क लोको म जाना

यह अनिभव हम योग ऽनदर म आयndash म पथवा क अनदर तजा स नाच की ओर चल ज रह ह ा

नाच जन क ऽलए कोई आधर नही थ और न हा साऽढ़य ा थी उस समय म खड़ हआ थ अपना जगह

पर खड़ हए हा अपन आप नाच की ओर चल ज रह थ जब नाच की ओर ज रह थ उस समय

रसत म परकश भा नही थ ऽसफथ धिाधल अधकर-स थ म सिरग जसा जगह स नाच की ओर अऽत तावर

गऽत स चल ज रह थ नाच जकर म पना क बाच म खड़ हो गय हमर चरो ओर ऊपर-नाच पना-

हा-पना भर हआ थ मगर पना स हम ऽकसा परकर की कोई परशना नही हो रहा था म पना क अनदर

ऽवचरण करन लग वहा पर हम ऽवऽभनन परकर क जाव-जति और मनिषय भा ऽमल कि छ समय तक म वह ा

पर घीमत रह ऽफर जोरदर धमक हआ ऽफर मिझ कि छ यद नही रह जब मिझ अपन होश-स आय

तब मन अपन आप को अधकर म खड़ हआ पय वह ा पर नाच दलदल थ म थोड़ा दर तक खड़

रहकर अधकर म दखन क परयस करन लग तब थोड़ धिधल परकश म ऽदखई स दन लग मन नाच

की ओर दखndash तो ऽबलकि ल छोट-छोट मनिषय ऽदखई ऽदय म इन मनिषयो को दख कर आश चयथचऽकत

हआऔर सोचन लगndash इतन छोट मनिषय भा हो सकत ह ऽजनकी लमबई मतर तान-चर इच होगा वह

दलदल म खड़ हए थ दलदल (कीचड़) स ऽनकलकर कि छ ख रह थ मर मन दिःखा स होन लग ऽक

म कह ा गनदगा म आ गय इतन म ऽफर धमक की आवि सिनई दा ऽफर मन अपन आप को पथराला

ऊबड़-खबड़ सतह पर खड़ पय यह ा पर धिाधल परकश फल हआ थ थोड़ा दीर तक सपषट ऽदखई द

रह थ वह ा पर भा उस समय इधर उधर घीमत हए सतरा व पिरषो को दख वह मिझ दखत हा मिझस दीर

भग गए मन सोचndash यह लोग मिझ दखकर दीर zwjयो भग गय ह कि छ समय तक म वह ा पर घीमत रह

ऽफर म अऽत तावर गऽत स ऊपर की ओर आन लग म ऽजस जगह स नाच की ओर गय थ वही पर

योग कस कर 214

आकर पथवा पर खड़ हो गय ऽफर मरा आाख खिल गई म सोचन लगndash इस अनिभव क zwjय अथथ हndash

म धयन पर सकलप करक बठ गय ऽक इस अनिभव क अथथ zwjय हndash तभा आवज आया sbquoय सभा नाच

क लोक ह तिमन कि छ लोको म भरमण ऽकय शष कि छ लोको म भऽवषय म भरमण करोग‛

ऄथश- सधको यह अनिभव अऽत सकषप म ऽलख ह इन लोको म सीकषम शरारधरा मनव रहत ह

य मनव अपन कमो क भोग ऽकय करत ह य मनव ईश वर ऽचतन नही कर सकत ह चौदह लोको म स

य नाच क लोक ह य सभा सीकषम लोक ह इन लोको की जावतमएा अपन ऽनमन शरणा क कमथ भोग करत

ह यह ा सदव धिाधल अधकर रहत ह इसाऽलय इन लोको को नाच क लोक कह गय ह

ससारी न रहो

यह अनिभव आज 29 अगसत को आयndash म कि छ कयथ कर रह ह ा उसा समय यद आय मिझ

वह ा जन ह मन दखndash मर समन बहत दीर-दीर तक पना भर हआ थ वहा जन क ऽलए म पना म

की द पड़ और तजा क सथ तरत हआ आग की ओर बढ़न लग म थोड़ आग की ओर चल हा थ

तभा आवज आयाndash sbquoआननद कि मरrdquo म चौक आवज की तरफ दखन लग और सोच मर नम

ऽकसन ऽलय ह मगर मिझ कोई ऽदखई नही ऽदय ऽफर आवज आयाndash sbquoयह ससर ह तिम ऽजस पना म

तर रह हो ऽजस तिम वसतव म पना समझ रह हो वह पना ह हा नही ऽसफथ भरम मतर ह अब दखो पना

कहा ह इतन म सर पना अदशय हो गय अब म अकल आधरहान खड़ हआ थ ऽजस तरह भरम

रपा पना को वसतऽवक समझ रह थ इसा तरह ससर ह ससर भरम मतर ह इसऽलए आप ससर म रहत

हए ससरा न रह तिमन अपन जनम ऽवशष कयथ करन क ऽलए ऽलय ह वह कयथ करोrdquo ऽफर आवज

आना बनद हो गया यह आवज अतररकष स आ रहा था

कलपवकष

यह अनिभव आज दोपहर 30 अगसत को आय म नयरह बज धयन पर बठ थ मन दखndash म

अतररकष म ऊपर की ओर तावर गऽत स चल ज रह ह ा ऽफर एक जगह पर अपन आप रक गय हमर

ऽबलकि ल पस एक पड़ खड़ हआ ह वह पड़ बहत सिनदर थ म पड़ क नाच खड़ हो गय पड़ स चरो

योग कस कर 215

ओर को परकश ऽनकल रह थ इतन म उस पड़ स हमर दऽहना ओर एक फी ल ऽगर वह फी ल सफद व

चमकदर थ फी ल स भा परकश ऽनकल रह थ कि छ कषणो बद दीसर फी ल हमर बयी ओर ऽगर म

नाच की ओर दख रह थ उसा समय लग एक फी ल मर ऊपर ऽगरन वल ह मन अपन दोनो हथ ऊपर

की ओर उठ ऽदय तऽक म फी ल को अपन हथो म पकड़ लीा मगर फी ल हमर पकड़ म नही आय वह

फी ल मर ऽसर क ऊपर ऽगर और सहसतरर चकर क अनदर सम गय म बहत परसनन हो रह थ और मिसकर

रह थ हमर बगल म ऽगर दोनो फी ल अदशय हो गय मिझ फी ल बहत अचछ लग रह थ इसऽलए मन पड़

की ओर दख मगर पड़ पर एक भा फी ल नही लग थ अब म और पड़ अतररकष म थ पड़ इतन अचछ

लग रह थ ऽक म उस दखत रह ा उसा समय आकशवणा हईndash sbquoआननद कि मर आपक बरहमरधर अब

शाघर हा खिल जएग ऽजस वकष क नाच खड़ हो वह कोई सधरण वकष नही ह यह ऽदवयवकष कलपवकष

ह‛

ऄथश- अनिभव म ऽजस वकष क नाच म खड़ हआ थ वह ऽदवय वकष कलपवकष थ यह सवगथ म

ऽवदयमन रहत ह इसक सवमा दवतओ क रज इदर ह इस वकष क ऽवषय म शसतरो म वणथन ऽमलत ह

शसतरो क अनिसरndash इस वकष क नाच खड़ होकर जो वसति को म ाग जयग वह वसति उस वयऽकत को

परप त हो जयगा मगर मन कभा भा इस वकष स कि छ भा नही माग ऽफर भा मिझ बरहमरधर खिलन क

आशावथद परप त हो गय

बरहमरधर और ऄधकार

यह अनिभव ऽसतमबर मह म आय म शऽzwj तमतर क जप रऽतर क समय बहत करत ह ा मतर

अतयनत गिपत होन क करण कमर बनद कर लत ह ा तऽक बहर क कोई वयऽकत मरा आवज न सिन सक

मतर क करण मर शरार बहत शिि हो चिक ह मतर जप करत हा शरार की नऽड़यो म कमपन होन लगत

ह ऐस लगत ह ऽसर की नऽड़य ा ऽखच रहा ह इन नऽड़यो की चटकन की आवज आता ह मनो ऽसर

की नऽड़य ा ऽखच कर टीट रहा ह कि णडऽलना भा मतर क परभव स तावर गऽत स ऊधवथ होकर बरहमरधर दरर पर

जोरदर टzwjकर मरता ह ऐस लगत ह गमथ-गमथ सीआ (सीज) चिभ गय ह धयनवसथ म आजकल कई

ऽदनो स लल रग क गोलअzwjसर ऽदखई दत ह जस सऽदथयो क ऽदनो म उगत हआ सीयथ ऽदखई दत

ह जब कि णडऽलना बरहमरधर दरर पर टzwjकर मरता ह तब यह गोल बड़ा जोर स कमपन करत ह तथ

योग कस कर 216

अतररकष म इधर-उधर घीमन लगत ह इस ऽकरय को दखकर मिझ हासा आन लगता ह अब म सोचन

लगndash कि णडऽलना टzwjकर बरहमरधर दरर पर मरता ह तब यह सीयथ अतररकष म चzwjकर कटन लगत हयह

कस सीयथ ह यह अनिभव अzwjसर धयनवसथ म आय करत थ

धयन पर बठत हा हम अधकर ऽदखई दन लग यह अधकर अतयनत कल रग क थ हमरा

समझ म नही आ रह थ ऽक इतन कल अधकर zwjयो ऽदखई द रह ह ऐस अधकर तो कणठचकर म

ऽदखई दत थ यह अधकर कणठचकर स भा जयद कल थ धयनवसथ म अब तो सदव परकश हा

ऽदखई दत थ आज अधकर zwjयो ऽदखई ऽदय ऽफर मिझ अपन होश आन लग इस करण धयन

हलक स हो गय मगर कि छ कषणो बद म ऽफर अपन आपको भील गय मिझ गहर अधकर ऽनगलत ज

रह थ उस समय मरा आाख बहत जोर स अनदर की ओर ऽखच रहा थी म ऽकतन समय तक अधकर म

बन रह म बत नही सकत ह ा अधकर म जयद घबरन क करण मर धयन हलक पड़न लग और

ऽफर टीट गय अनिभव समपत हो गय मगर ऽफर इस तरह क अनिभव नही आय

ऄथश- लल रग क गोल जो सीयथ क समन ऽदखई द रह थ वह मर हा बरहमरधर क अनदर क

भग ह कि णडऽलना जब वग क सथ बरहमरधर दरर पर टzwjकर मरता था उस समय बरहमरधर क अनदर

हलचल होता था इसऽलय लल रग क सीयथ क समन गोल अतररकष म घीमन लगत थ अथव हलचल

करन लगत थ दीसर अनिभव म जो अधकर ऽदखई द रह थ वह मर हा तमोगिणा अहकर थ

नीलमय परष

सधको अबकी बर ऽजस परकर स भगवन शकर जा क दशथन हए उनह दखकर म आश चयथ म

पड़ गय थ zwjयोऽक ऐस ऽचतर उनक मन कभा दख नही ह और न हा पिरणो म पढ़ ह मन दखndash समिदर

स भा जयद ऽवसतर म पना भर हआ ह उस पना क ऊपर पथवा गद क समन गोल-गोल तर रहा ह

उसा पथवा क ऊपर भगवन शकर खड़ हए थ उनक शरार की ऊा चई बहत जयद था वह समपीणथ

अतररकष म खड़ हए थ मन उनह नाच स ऊपर की ओर दखन शिर ऽकय तब उनक समपीणथ शरार दख

पय म उनह एक बर म नही दख प रह थ उनकी दो भिजएा थी हथ म बहत लमब ऽतरशील ऽलए थ

कमर म वयघर-चमथ लपट हए थ वयघर-चमथ घिटनो तक थ गल म रदरकष की मल था ऽसर पर बलो क

योग कस कर 217

बहत ऊा च जीड़ लग हआ थ वह ऽबलकि ल शत खड़ थ उनक गल म सपथ नही थ उनक रग हलक

नाल थ तथ अतररकष म चरो ओर नाल परकश फल हआ थ उनक सवरप दखकर म सोचन लगndash

zwjयोऽक भगवन शकर बहत सिनदर लग रह थ वह इतन सिनदर थ ऽक म वणथन नही कर सकत ह ा उनक

ऽतरशील की लमबई एक ऽकलोमाटर रहा होगा इसस जयद भगवन शकर की ऊा चई था

ऄथश- भगवन शकर क दशथन मन ऽदवयदऽष ट क दरर ऽकय थ यह दशय करण जगत क थ

zwjयोऽक बहत ऽदनो स म करण शरार म परवश कर चिक ह ा योग म इनह ldquoनालमय पिरषrdquo कहत ह जब

अभयसा तावर गऽत स कठोरत क सथ सधन करत हआ आग बढ़त ह और पीवथ कल क योगा होत

ह उसा सधक को इस lsquoनालमय पिरषrsquo क दशथन होत ह सभा सधको को इनक दशथन नही होत ह

कि छ अनिभव हम नाच क लोको क आए म यह ा पर उन अनिभवो को ऽलखन उऽचत नही

समझत ह ा zwjयोऽक लख बहत जयद हो जएग धयनवसथ म नाच क लोको को कई बर दख म

सकषप म बत दीाndash उन लोको म धिाधल परकश य हलक-स परकश ऽवदयमन रहत ह उबड़-खबड़

जगह पथराला जगह छोट-छोट टाल कही पर पना-हा-पना भर हआ ह एक लोक म वयि-हा-वयि

भरा हई ह एक लोक ऽबलकि ल अधकर स यिकत ह उसम दलदल य कीचड़ भर हआ ह आऽद य सभा

लोक सीकषम ह ऽफर भा आपस म घनतव क आधर पर ऽभननत ह इन लोको म सीकषम शरार धरा

जावतमएा कमथ भोग करता ह

सथल जगत

धयनवसथ म दखndash अतररकष म ऽकसा सथन पर खड़ हआ ह ा इतन म एक पिरष मर पस

आय उसन मिझस पीछndash ldquoयह अपरध तिमन ऽकय ह‛ म उस पिरष को दखकर भग आग चलकर

मिझ नाच की और बहता हई एक नदा ऽदखई दा यह नदा बहत हा डरवना और गनदा था उसा समय

ऐस लग जस ऽकसा न मिझउठकर नदा म फ क ऽदय हो नदा म ऽगरत हा म तरन लग उस समय मिझ

लगndash म ऽकतना अचछा जगह पर थ वह जगह सवपरकऽशत था अब म इस गनदगा म आकर ऽगर गय

ह ा इस नदा म आकर मिझ कष ट महसीस होन लग म नदा स बहर ऽनकलन क रसत ढीाढन लग म नदा

म इधर-उधर भटक रह थ मगर ऽकनर नही ऽमल रह थ यह नदा बहत ऽवशल था इसक ऽकनर

योग कस कर 218

ऽकधर ह य पत हा नही लग रह थ ह इतन म मर पररऽचत एक ऽमतर ऽमल गय वह भा मर समन हा

नदा म तर रह थ म बोलndash ldquoचलो इस नदा क ऽकनर ढीढत ह मिझ ऽकनर ढीाढन म बहत परशना हो

रहा ह‛ वह ऽमतर बोलndash sbquoमिझ ऽकनर नही ढीाढन ह मिझ इसम अचछ लगत ह उसा समय मन ऊा चई

पर एक सतरा को खड़ हए दख म उस सतरा की ओर तरत हआ गय सतरा न अपन हथ बढ़कर मिझ पकड़

ऽलय ऽफर उस नदा स बहर की ओर ऽनकल ऽलय नदा स बहर ऽनकलत हा मन अपन आप को एक

अचछा जगह पर पय इतन म एक और सतरा आ गया उसन मर बय ा हथ पकड़ और मिझ लकर चल

दा मन पहल वला सतरा की ओर दख वह ऽबलकि ल शत खड़ा हई था तथ साधा-सदा ऽदखई द रहा

था मिझ जो दीसरा सतरा पकड़ हए ऽलय ज रहा था उसन लल रग की सड़ा पहन रखा था उसक मिाह

सिनदर थ और मिाह स तज ऽनकल रह थ वह मिसकरता हई आग की ओर चला ज रहा था ऽफर एक

जगह खड़ा हो गया वह सतरा मर हथ अब भा पकड़ हए था वह हमर हथ म मऽलश-सा करन लगा

मिझ लगndash ऽक यह तो मा क समन मऽलश-जसा ऽकरय कर रहा ह उसा समय मर मिाह स ऽनकल sbquoमाrdquo

मर दरर मा कहत हा वह सतरा हासा और बोलाndash sbquoमा िकसको कहा मझrdquo म बोलndash sbquoह ा आपकोrdquo वह

बोलाndash sbquoअचछा अचछाrdquo जब वह हास रहा था तब हासत समय उसक दातो स ऽकरण जसा ऽनकल रहा

थी ऽफर उस सतरा न मिझ आग जन क मगथ बत ऽदय म अकल हा आग की ओर बढ़ तभा मन अपन

आपको तज परकश क अनदर ऽवदयमन पय उस समय म बहत परसनन हो रह थ मिझ ऽकसा परकर क

कोई दिःख नही थ म अतररकष म आधरहान इचछनिसर आग की ओर जन लग तभा मिझ नाच की

ओर एक नदा बहता हई ऽदखई दा इतन म अतररकष स आवि आयाndash sbquoयह नदी िदवय ह दःखो तथा

कषटो स भरी हई ह अब आपको यह नजर नही आएगीrdquo म तावर गऽत स और आग की ओर चल ज

रह थ उसा समय ऽवचर आयndash वह नदा कहा पर ह ऽजसम म तर रह थ उस म दखन चहत ह ा

ऽफर मन अपना दऽष ट नाच की तो वहा नदा बहता हई ऽदखई दा म नाच की ओर आ गय और नदा क

ऊपर अतररकष म खड़ हो गय

मन दखndash असखय सतरा-पिरष उस नदा म कष ट भोग रह ह नदा को पर करन क ऽलए नदा म हा

डीब हआ एक रसत ऽदखई ऽदय यह रसत नदा क पना क अनदर लगभग एक माटर डीब हआ झील

पिल की तरह थ उस रसत पर कि छ पिरष खड़ हए थ मगर वह पर नही कर प रह थ इतन म एक और

रसत ऽदखई ऽदय इस रसत स सतरा-पिरष नदा म आत थ इसा रसत पर एक सतरा आता हई ऽदखई दा

ऐस लग जस जबरदसता ऽकसा न उस ढकल ऽदय ह वह सतरा नदा म ऽगरन स पहल हा बहोश हो गया

योग कस कर 219

मन सोचndash इस सतरा को यहा पर आन क ऽलय ऽकसन मजबीर ऽकय ह उसा समय आवि आयाndash sbquoइस

सतरी क कमो न‛ ऽफर म तावर गऽत स ऊपर की ओर चल गय और अतयनत तजसवा परकश म ऽवलान हो

गय उसा समय मर अनिभव समपत हआ

ऄथश- सधको इस अनिभव म पहल म डर कर भगन लग उसा समय मिझ लग मनो ऽकसा न

मिझ नदा म फ क ऽदय होndash मिझ मर कमो न फ क ऽदय थ नदा यहा सथील जगत ह ऽकनर ढीाढत समय

एक सतरा न हथ बढकर ऽनकल ऽलय यह सतरा गिरततव ह उसा न मिझ सथील जगत स हथ पकड़ कर

बहर ऽनकल दीसरा सतरा कि णडऽलना शऽzwj त ह उसन हथ पकड़ कर आग क मगथ बत ऽदय नदा म

मर एक ऽमतर भा तर रह थ उसन बहर जन स मन कर ऽदय इसक अथथ ह वह अभा ससर म रहन

चहत ह वतथमन समय म वह बहत बड़ वयपरा ह वह कन थटक म रहत ह इस अनिभव म एक और

महतवपीणथ बत ऽदखाndash उस नदा म डीब हआ एक ऐस रसत ऽवदयमन ह ऽजस पर चलकर नदा को पर

ऽकय ज सकत ह अथ थत नदा क हा अनदर वह रसत ह इसस सपषट होत हndash ससर म रहत हए इस

मगथ को पकड़ कर ससर स पर हआ ज सकत ह योगा पिरष इसा मगथ को पकड़कर ससर सगर स

पर हो जत हम सवपरकऽशत अतररकष म पहाच गय अपन भौऽतक शरार छोड़नक बद अपन लोक

म चल जऊा ग वह लोक सवपरकऽशत ह

बरहमरधर का खलना

यह अनिभव तान ऽसतमबर को आय म पहल ऽलख चिक ह ा ऽक जब म अपना सधन तज कर

दत थ तब धयनवसथ म मर ऽसर आग की ओर झिककर भीऽम पर सपशथ करत थ उसा समय बहय

कि मभक और उडऽडयन बनध जोर स लगत थ परण वयि क दबव बरहमरधर पर होत थ कभा-कभा

मिाह पर इतन दबव होत थ ऽक मिाह दिखन लगत थ उसा समय कि णडऽलना भा ऊधवथ होता था जब

बरहमरधर दरर पर कि णडऽलना टzwjकर मरता था तब उडऽडयन बनध और बहय कि मभक भा जोर स लगत

थ उसा समय कि णडऽलना अपना ऊज थ बहर की ओर छोड़ता था तब ऐस लगत थ सर शरार आग

स जल ज रह ह कभा-कभा ऐस लगत थ जस समपीणथ ऽसर म व मिाह म सिइय ा सा चिभोई ज रहा ह

उस ऽसथऽत म सर शरार कष ट हा कष ट भोगत थ म साध नही हो सकत थ ऐस लगत थndash शरार

पर मर ऽनयतरण नही रह गय ह म ऽकसा दीसर कऽनयतरण म ह ा उडऽडयन बनध और बहय कि मभक क

योग कस कर 220

समय ऽसर क दबव भीऽम पर जयद हो जत थ मसतक क बद ऽसर क ऊपरा भग (सहसतररचकर

वल कषतर) भा भीऽम पर लग जत थ ऐस लगत थ म ऽसर क बल खड़ हो जऊा ग शरार क

ऽनचल भग मीलधर चकर वल कषतर ऊपर की ओर उठन लगत थ आसन (सहजसन) लग रहत

थ म घिटनो क बल हो जत थ तब मर सथील शरार की आकऽत ऐसा ऽदखई दता था जस बचच

घिटनो क बल चलत ह मगर आसन मजबीता स लग रहत थ उसा समय भऽसतरक चलन लगता था

तब सर परण मीलधर चकर पर व बरहमरधर दरर पर जोर जोर स टzwjकर मरत थ ऐस सोचत थndash मर

परण शरार स ऽनकल जय तो अचछ ह कि छ समय तक यहा ऽकरय होता रहा उसा समय मिझ यद आय

ऽक शरा मत जा आग झिकन वला ऽकरय पर बहत नरज होता ह मगर म zwjय करा जब सधन तज

करत ह ा तब यहा ऽकरय होन लगता ह म इस ऽकरय को रोक नही सकत ह ा मिझ अपन आप पर बहत

करोध आ गय मन सोचndash अब दखत ह ा यह ऽकरय कब तक होता ह अपना सधन और जयद

करा ग म जनत ह ा सधन जयद करन बिरा बत नही ह अगर यह ऽकरय होता ह तो होन दीा

यह ऽकरय बहत दर स हो रहा था मर शरार थक कर चीर हो गय म साध नही बठ सकत थ

बहय कि मभक लगन क बद शवस अनदर आन क नम नही ल रह थ कि णडऽलना बरहमा स बरहमरधर दरर

पर टzwjकर मरता था तभा मिझ लग अब म मर जऊा ग मर शरार घिटनो क बल हो गय थ मगर आसन

लग हआ थ कभा कभा ऐस लगत थ म ऽसर क बल खड़ हो जऊा ग उसा समय मघो की भयकर

गजथन सिनई दा मनो बदल फट ज रह ह मघो की गजथन स मर कनो को कष ट होन लग उसा समय

अनिभव आयndash सवचछ आकश म उगत हए सीयथ क समन गोल ह वह अतररकष म इधर-उधर तजा स

घीमन लग ऐस लग रह थ मनो समपीणथ अतररकष म कमपन हो रह ह ऽफर मघो की गजथन सिनई दा

मन सोचndash ऽक आकश म बदल नही ह ऽफर बदल कस गरजन लग सीयथ क समन गोल बिरा तरह स

अपना जगह पर कमपन कर रह थ उसा समय मिझ अपन होश आ गय मर शरार उसा मिदर म बन

हआ थ तथ बहय कि मभक लग हआ थ मिझ लग म ऽसर क बल हो जऊा ग मगर ऐस नही हआ

तभा कि णडऽलना न बरहमरधर दरर पर जबरदसत टzwjकर मरा ऐस लग गरम-गरम सीज (सिआ) मर ऽसर म

घिस गय ह ऽफर हम कि छ भा यद नही ह zwjयोऽक म चतन शीनय हो गय थ

मिझ चतन शीनय वला अवसथ ऽकतन समय तक रहा ह म यह सहा रप स कह नही बत सकत

ह ा zwjयोऽक मिझ कि छ यद नही रह थ म बहोश हो गय थ जब मिझ होश आय तब ऐस लगndash ऽक मर

शरार म परण नही ह और म चतन शीनय ह ा मरा आाख खिल गया थी मिाह क ऊपर ढर सरा मऽzwjखय ा बठा

योग कस कर 221

हई थी मगर म उन मऽzwjखयो को उड़ नही सकत थ मिझ मर सथील शरार की अनिभीऽत नही हो रहा था म

ऽहल भा नही सकत थ मिझ लग अगर म मर गय तो पड़ोस क लोग भा नही जन पएाग ऽक म मर गय

ह ा मर कमर की कि डा अनदर स बनद ह कौन उस खोलग कि छ कषणो बद मिझ अपन मिाह की तवच पर

चतन-सा महसीस हई तब मरा आाखो की पलक सबस पहल झपकना शिर हई पलक झपकन स आाखो

पर बठा हई मऽzwjखय ा उड़न लगा मगर समपीणथ मिाह पर अब भा मऽzwjखय ा बठी हई था कि छ कषणो बद गदथन

तक चतन आ गया तब मिझ यद आयndash म अब भा ऽसर क बल ह ा तथ मर आसन लग हआ ह ऽसर

और घिटनो पर मर सथील शरार क बोझ ह मगर म परो को खोल नही सकत ह ा मर दोनो हथो की

उगऽलय ा आपस म फसा हई था और दोनो हथ पट स ऽचपक हए थ zwjयोऽक गदथन स नाच की ओर

चतन हा नही था ऽसफथ यद आ रह ह ऽक हमर सथील शरार इस मिदर म ह लगभग प ाच ऽमनट बद

हमरा चतन पीरा शरार म वपस लौट आया चतन तो वपस आ गया मगर शरार म शऽzwj त नही रह गया

था ऽक म अपन दोनो पर खोल लीा हमर दोनो हथ पट म ऽचपक हए थ म एक ओर को आसन पर हा

लिढ़क गय और चिपचप वस हा लट रह

उसा समय हमरा ऽनगह घड़ा पर गयातब म चौकndash zwjयोऽक धयन पर बठ हए तान घनट हो चिक

थ मिझ यद आ रह ह जो ऽकरय हो रहा था वह मिऽशकल स आध घनट तक हई होगा ऽफर चतनशीनय

(बहोश) हो गय थ म सोचन लगndash sbquozwjय म दो-ढई घनट बहोश बन रह मगर बहोश zwjयो हो गय

थ यह म समझ नही प रह थ zwjय यह योग की ऽकरय ह मगर शरा मत जा न कभा ऐसा कोई बत

हम नही बतया थाrdquo ऽफर यह zwjय थ म लट-लट सोच रह थ अब मिझ यद आयndash बहोश होन स

पहल कि णडऽलना हमर बरहमरधर दरर म घिस गया था उसा समय बहोश हो गय थ अब मिझ ऽसर क

ऊपरा भग बहत ऽवऽचतर-स लग रह थ zwjयोऽक उसम ढर सरा वयि भरा हई था तथ ऽसर क ऊपरा

भग म गिदगिदा हो रहा था जावन म पहला बर ऐसा अनिभीऽत हो रहा था ऽक ऽसर क ऊपरा भग म

परणवयि क करण गिदगिदा हो रहा हो यह गिदगिदा ऽसफथ सधक हा अनिभीत कर सकत ह म सोचन

लगndash zwjय मर बरहमरधर खिल गय ह ऽफर मन ऽनऽित ऽकय मर बरहमरधर हा खिल गय ह मर शरार क

अनदर बड़ा तावर गऽत स फि ती आ गया म उठकर बठ गय वही पर सवमा मिकतननद जा की पिसतक

ऽचदशऽकत-ऽवलस रखा हई था मन उस पिसतक को पढ़न शिर कर ऽदय ऽक शयद मिझ अपन अनिभव

क ऽवषय म उस पिसतक स कि छ जनकरा ऽमल सक कि छ समय बद मन ऽनिय कर ऽलय ऽक मर

बरहमरधर खिल गय ह हलऽक उस पिसतक म ऽलखन क तराक हमर अनिभवो स ऽभनन थ मगर उसक

योग कस कर 222

अथथ समझ म आ जत थ सवमा जा न ऽलख थndash sbquoजब सधक क बरहमरधर दरर खिलत ह तब वह

कि छ समय क ऽलए चतनशीनय हो जत ह कभा-कभा सधक क मल और मीतर भा छी ट जत ह आऽद‛

शरा मत जा की पिसतक म बरहमरधर खिलन क ऽवषय म अनिभव नही ऽलख ह तथ एक और सऽधक स

पीछन पर मलीम हआ उस बरहमरधर खिलत समय ऐस कि छ नही आय थ मन सोचndash ऽजनकी कि णडऽलना

उगर होता ह उनह इस परकर क अनिभीऽत होता ह मधयम व शत सवभव वला कि णडऽलना क सधको

को ऐसा अनिभीऽत नही होता

सधको ऽजस समय म बहोश हआ थ उस समय कषण भर क ऽलए एक अनिभव आय थ ऽफर

मिझ होश नही आय म दख रह थndash म अतररकष म बठ ह ा वह सीयथ क समन गोल मर ऽसर क ऊपरा

भग म ह जब कि णडऽलना बरहमरधर दरर पर टzwjकर मरता था तब वह गोल बहत जोर स कमपन करत थ

और आकश म इधर उधर गऽत करत थ ऽफर कि णडऽलना न जोरदर टzwjकर मरा वह सीयथ क समन क

गोल फट गय समपीणथ अतररकष म करोड़ो सीयथ क समन परकश सवथतर फल गय म उस परकश म नह

(सनन) गय उस समय ऐस लगndash अतररकष म बठ हआ मर शरार बहत हा बड़ हो गय ह परकश

इतन तज थ ऽक आाख चकचौध होन लगी उसा समय मिझ बहत नाच ओर समपीणथ पथवा ऽदखई द रहा

था जब आग क गोल फट थ उसा समय भयकर मघ की गजथन हई था म उस अतयनत तज परकश म

खड़ हआ बहत परसनन हो रह थ ऽफर अनिभव समपत हो गय

इस अनिभव क ऽवषय म थोड़ ऽलखन अऽनवयथ समझत ह ा zwjयोऽक बड़ बड़ अभयसा यहा पर

भरऽमत हो जत ह और अजञनत म बन रहत ह उनक सोचन होत हndash यह जो उगत हए सीयथ क समन

जस गोल फट गय ह और करोड़ो सीयो क समन परकश फल गय ह खिद अभयसा उसा परकश म

खड़ होत ह अथव अपन आपको परकश क बाच ऽवदयमन पत ह इस ऽनगिथण बरहम क सवरप

समझत ह अभयसा सोचत ह ndash मिझ ऽनगिथण बरहम क दशथन हआ ह म ऽनगिथण बरहम क बाच म ऽवदयमन

ह ा हमरा सधन पीणथ हो गया ह zwjयोऽक मिझ ऽनगिथण बरहम क सकषतकर हो गय ह आऽद आऽद अभयसा

मलीम नही अजञनतवश zwjय-zwjय सोच लत ह म यहा पर एक बत सपषट करन चहत ह ाndash अगर

अभयसा ऊपर ऽलख शबदो क अनिसर हा सोचत हndash तो वह गलत ह सतय तो यह हndash यह अहकर की

एक अतयनत सऽतवक सशकत वऽतत मतर हा ह यह बरहमरधर खिलन पर कि छ अभयऽसयो को ऽदखई दता ह

सभा अभयऽसयो को यह अनिभव नही आत ह zwjयोऽक ऐस अनिभव न आन वल अभयऽसयो की

सधन उतना उगर नही होता ह

योग कस कर 223

अभा ऐस अभयऽसयो की अवसथ बरहमरधर म हा ह यह सथन अहकर क कषतर होत ह

आजकल कई अभयसा ऐस भा ह ऽजनक बरहमरधर खिल हआ ह इसा को समझ लत ह ऽक यह सहसतरर

चकर खिल गय ह ऐस सधक अपन आपको पीणथ समझन की भील म बन रहत ह जबऽक वसतऽवक

सधन की अभा शिरआत हई ह उस ऐस समझन चऽहय म ऐस अभयऽसयो को कहन चह ागndash अभा

आपक बरहमरधर खिल ह अभा आपको बहत लमबा यतर तय करना ह अभा सहसतरर चकर क ऽवषय म

मत सोऽचय सहसतरर चकर अऽतम जनम म खिलत ह सहसतरर चकर ऽवकऽसत होत समय ततवजञन की

परऽपत होता ह

सधको आपको जञत होग शरा मत जा आग झिकन क ऽलए मिझ मन ऽकय करता थी मिझ

मन हा नही करता थी बऽलक नरज व करोऽधत भा हआ करता थी आग झिकन क करण मिझस यह भा

कह थndash sbquoआपक कमथ बहत बिर ह आपको गहसथा म रहन चऽहए आप यह मगथ पकड़ हए ह ठाक

ह आपक कमथ गहसथ क ह‛ उस समय हम पर zwjय बाता था आप अदज नही लग सकत ह मगर

मर बरहमरधर सथील शरार आग की ओर झिककर ऽसर भीऽम पर लगकर हा खिल ह हम यद आ रह ह

जब म दशहर पवथ पर जलग ाव गय थ उस समय भा म आग की ओर झिकत थ तब शरा मत जा

बहत नरज हई था ऽफर जीन 1989 म ऽमरज गय थ उस समय भा हम यहा ऽकरय आग की ओर झिकन

की हई था उस समय शरा मत जा बोलीndash sbquoआननद कि मर तिम साध होकर बठ जओ यह योग नही ह‛

ऽफर म साध होकर बठ गय ऽफर करोध म मिझस बोलीndash sbquoहमर पस ऽकतन ऽदनो स आत हो मगर

आपकी गनदगा अभा सफ नही हई ह‛ हर समय यहा कहती थाndash sbquoतिमहर कमथ बहत गनद ह इसऽलए

तिमह यह ऽकरय होता ह‛

हमरा समझ म अभा तक यह नही आयndash मर कमथ गनद थ गहसथा म रहन चऽहए थ यह

योग नही ह आऽद ऽफर मर बरहमरधर इसा ऽकरय स zwjयो खिल गय सधको अब म ऽलख रह ह ाndash यह

ऽकरय मिझ zwjयो होता था धयनवसथ म आग की ओर झिकन मसतक क समन की ओर भीऽम पर सपशथ

होन इस ऽकरय को lsquoमहयोग मिदरrsquo कहत ह इस ऽकरय म सधक की शवस मीलधर चकर म साधा

टकरन लगता ह ऐसा अवसथ म यऽद भऽसतरक चलना शिर हो जए तो और भा अचछ ह यह ऽकरय

मीलधर चकर पर ऽखचव करता ह ऽजसस कि णडऽलना ऊधवथ होन म सहयक होता ह मिझ जब यह ऽकरय

जलग ाव म हो रहा था उस समय अगर मरा कि णडऽलना ऊधवथ कर दा जता तो अवशय ऊधवथ हो जता

मगर जीन 1989 म इस ऽकरय क होन पर मरा कि णडऽलना उठन क परयस कर रहा था मगर शरा मत जा न

योग कस कर 224

कि णडऽलना ऊधवथ करन की जगह मिझ डाट ऽपलई था और कह थndash ldquoयह योग नही हrdquo ऽफर अभा गिर

पीऽणथम पर मर बरहमरधर इस ऽकरय स खिलन थ मगर शरा मत जा न मिझ अचछ खस उपदश ऽदय

इसस अचछ उपदश मर ऽलय और zwjय हो सकत ह मन जनबीझकर सधन कम कर दा था मगर तान

ऽसतमबर को इसा ऽकरय स मर बरहमरधर खिल गय

सधको सदव एक बत यद रखनndash सभा सधको को एक जस अनिभव आएाग यह जररा नही

ह इसा तरह जररा नही ऽक सभा सधको को एक हा जसा मिदरएा अथव ऽकरयएा हो ऽजस सधक की

कि णडऽलना अऽत उगर होता ह वह आग की ओर झिकत ह कि णडऽलना सिषमन नड़ा क सहर ऊपर की

ओर चढ़ता ह उस समय सधक क शरार ऽबलकि ल साध बठ होत ह यऽद गौर पीवथक धयन द भौऽतक

शरार क सतिलन आग की ओर जयद होत ह इसऽलए आग की ओर झिकत ह यह एक तकथ ह सतय

यह हndash इस अवसथ म महयोग मिदर लगन स कि णडऽलना को ऊधवथ होन म सहयत ऽमलता ह मिझ

महयोग मिदर होता था उसा क करण यह ऽकरय होता था कि णडऽलना क वग इतन इतन जयद होत ह

ऽक सधक आग की ओर झिक जत ह मिझ जनकरा ह ऽक शरा मत जा को यह ऽकरय उनक सधन

कल म नही हई था इसाऽलय वह मरा इस ऽकरय क ऽवरोध करता थी इसऽलए अचछ ह मगथदशथक को

योग की हर जनकरा होना चऽहए मगथदशथक बनन सधरण बत नही ह इसऽलए मरा और शरा मत

जा क बाच कि छ दीरा बढ़न लगा शरा मत जा क करण बरहमरधर खिलन म डढ़ मह की दरा हो गया

सधको महयोग मिदर स कि णडऽलना कि णडऽलना को ऊधवथ होन म सहयत ऽमलता ह

उपर क लोक

यह अनिभव एक ऽसतमबर को आय थ मन दखndash म अपन आशरम क एक कमर म बठ हआ

ह ा इतन म तान-चर नवयिवक कल रग क मर पस आए यह नवयिवक कह ा स आ गए यह तो म नही

जन सक उनक रग कल थ मगर व सभा तजसवा थ इतन म म बोलndash sbquoयह आशरम ह आप सभा

लोग कह ा स आ गए ऽबन आजञ क आप सभा अनदर आ गए‛ सभा यिवक मिझस थोड़ा दीर पर खड़ हए

थ जब मन उनस कहndash आप सभा लोग अनदर कस आ गए तब पाछ खड़ हआ एक यिवक करोऽधत हो

गय मगर सबस आग खड़ हआ यिवक समझदर लग रह थ उसक सवभव शत-स थ उसन अपन

सऽथयो को रकन क इशर ऽकय zwjयोऽक उसक पाछ खड़ उसक सथा हमरा ओर करोध म आन वल

योग कस कर 225

थ आग वल यिवक न हम गौर स दख ऽफर अपन सऽथयो स कहndash sbquoचलो वपस चलत ह‛ मगर पाछ

खड़ करोधा सवभव वल सथा न कहndash sbquozwjयो ‛ आग वल समझदर यिवक न कहndash sbquoयह आशरम म

रह रह ह ओर यह योगा ह‛ ऽफर अपन सऽथयो स आाख क इशर ऽकय वह सभा ऽबन कि छ बोल

वपस चल गए म आश चयथ म पड़ गय ऽक यह कल यिवक कौन थ जो जबरदसता अनदर आ गए ऽफर

मर अनिभव समपत हो गय

अब हमर अनदर यह जनन की इचछ हई आऽखरकर य यिवक कौन थ और कह ा स आए थ म

धयन करन क ऽलय बठ गय कि छ कषणो बद मिझ अपन कि छ यद नही रह ऽफर मन अपन आपको

अपन सथील शरार स बहर खड़ हआ पय मर सीकषम शरार अतयनत तावर गऽत स ऊपर की ओर जन

लग कि छ कषणो म बहत ऽवशल दरवज क अनदर स होत हआ एक जगह पर खड़ हो गय उस जगह

पर हलक स परकश (जयद तज परकश नही) ऽवदयमन थ मन चरो ओर को अपना दऽष ट की उसा

समय हमर समन थोड़ा दीरा पर खड़ हए वहा नवयिवक ऽदखई ऽदय तथ और भा सतरा पिरष खड़ हए थ

उस समझदर यिवक न हम एक बर ऽफर गौर स दख मन भा उस दख वही पर वह यिवक भा खड़ थ

जो पहल हमर ऽलए करोऽधत हो रह थ वह यिवक मिझ बहत दिषट लग रह थ zwjयोऽक वह यिवक पिरषो

को पकड़कर (जो वह ा पर खड़ थ) बिरा तरह स लत-घीसो क परहर कर रह थ तथ धzwjक मर-मरकर

आग की ओर ढकल रह थ सतरा-पिरष रोत-ऽचललत तड़पत हए आग अधकर म बढ़त ज रह थ आग

अधकर म कह ा ज रह थ यह म नही जनत ह ा zwjयोऽक अधकर क करण मिझ सवय ऽदखई नही द रह

थ वह ा पर सतरा व पिरषो की बहत हा भाड़ था मगर सभा लइन म खड़ थ वह कल रग पिरष सभा को

बरहमा स लत-घीसो स पाट रह थ म कषण भर बद वह ा स वपस चलन चह zwjयोऽक मिझ वह ा क दशय

अचछ नही लग रह थ इतन म वही करोधा सवभव वल नवयिवक हमर समन आ गय उसन मिझ भा

धzwjक दन चह मगर मन ऽनभथय होकर कहndash sbquoआप हमरा ऽगनता इन पिरषो म मत कीऽजए नही तो

बहत बिर होग‛ म भा उसक समन अकड़ कर खड़ हो गय और बोलndash sbquoअभा ती इनकी ऽपटई लग

रह ह ऽफर म तरा ऽपटई लगऊा ग‛ इतन म समझदर नवयिवक आ गय उसन अपन सथा को सखता

क सथ मन ऽकय ऽफर वह यिवक कि छ नही बोल इसक बद म वहा स चल ऽदय

कि छ कषणो म म तावर गऽत स उड़त हआ ऊपर की ओर अतररकष म चल गय मिझ समन ओर

ऽफर एक दरवज ऽमल जस हा मन दरवज स अनदर की ओर जन क परयस ऽकय तभा दरवज

अपन आप साकर हो गय म दरवज म फा स गय अनदर जन क ऽलय बहत जोर लगय मगर अनदर न

योग कस कर 226

ज सक उसा समय मर मिाह स अपन आप ओम क उचचरण ऽनकलन लग दरवज अपन आप पीवथ

ऽसथऽत म आ गय ऽफर म अनदर चल गय म जस हा अनदर की ओर आग चल समन साऽढ़य ा

ऽदखई दा म साऽढ़यो पर चढ़त हआ बहत ऊपर चल गय ऽफर एक और दरवज ऽमल उस दरवज

को पर ऽकय दरवज पर करत हा म बहत अचछा जगह पर पहाच गय वह जगह परकशमन था म

सवततर होकर वह ा घीमन लग आग चलकर महलनिम जगह ऽमला म महलनिम जगह क अनदर चल

गय वह ा पर बहत स सतरा-पिरष ऽदखई ऽदय वह ा पर बठन व लटन की बहत अचछा वयवसथ था वह ा

क सतरा-पिरष सभा परसनन थ वह ा क वतवरण बहत अचछ थ वह ा पर वि सतरा व वि पिरष नही थ

मन एक-दो पिरषो स बत भा की और ऽफर आग की ओर बढ़ गय आग चलकर एक जगह म कि छ

दखकर अपन आप रक गय वहा पर एक सतरा गिमसिम सा दिःखा बठा हई था मन पीछndash sbquoआप दिःखा

zwjयो ह यहा पर हम सभा परसनन ऽदखई द रह ह‛ मगर वह सतरा कि छ नही बोला ऽफर मन वही पर बठा

हई एक तरण लड़की स पीछndash यह सतरा zwjयो दिःखा ह वह लड़की बोलाndash ldquoअब यह इस लोक स जन

वला ह इसक जनम क समय आ गय ह जनम लन क डर स यह दिःखा हो रहा हrdquo मन दखndash वह ा पर

सभा सतरा पिरष परसनन थ सभा बिर ऽवचरो स रऽहत थ मन सोचndash यह जगह तो बहत अचछा ह यह ा पर

ऽकसा परकर क दिःख नही ह ऽफर अनिभव समपत हो गय

ऄथश- सधको कल रग क नवयिवक यमदीत थ ऽफर म धयनवसथ म सथील शरार स ऽनकल

कर सीकषम शरार क दरर भिवलोक पहाच गय भिवलोक म नरक वल कषतर म पहाच थ वही पर नवयिवक

(यमदीत) सभा की ऽपटई लग रह थ व सभा सतरा और पिरष यमदीतो की मर खत हए आग अधकर म

ऽकसा नरक क ओर चल ज रह थ ऽफर म वह ा स आग ऽपतर लोक म पहाच गय ऽपतर लोक म ऽकसा

परकर क दिःख नही होत ह सभा लोग परसनन रहत हzwjयोऽक पिणय क परभव स हा इस लोक की परऽपत

होता ह जब तक जावतम क अनदर उऽचत मतर म पिणय होत ह तब तक जावतम उस लोक म रह

सकता ह पिणय क कषाण होन पर हर जावतम क पतन हो जत ह ऽफर उस भी-लोक पर जनम लन

पड़त ह इसा ऽलय वह सतरा दिखा हो रहा था जनम क समय जावतम को घोर कष ट उठन पड़त ह उस

ऽपतर लोक म ऽसफथ सिख की अनिभीऽत होता ह ऽकसा परकर क दिख की अनिभीऽत नही होता ह

अब धयनवसथ क समय आाखो म तावर जलन क करण बहत परशना हो रहा था कि णडऽलना

जब ऊधवथ होता था तब आाखो म बहत गमी महसीस होता था तथ पलको व आाखो म जोर स चाऽटय ा सा

कटता थी आाखो क ऽकनरो म ऐस लगत थ जस बलड स कट ज रह ह म ऽजतना जयद सधन

योग कस कर 227

करत थ उतना हा जयद पाड़ बढ़ता जता थी गहर धयन क समय आाखो म अनदर की ओर ऽखचव

होत थ उसा समय अनदर की ओर पितऽलय ा घीमन लगता था आाख अनदर की ओर घिसता चला जती

था इसस ऐस लगत थआाख टीटकर ऽसर क पाछ की ओर चला जएागा इसा परकर कई घणट क

धयन करत थ समनय अवसथ म तज धीप म आाख नही खिलता थी ऐस लगत थ आाखो म और

पलको क अनदर जखम हो गय ह

बरहमरधर म साधना

आजकल मर मन अऽधक परसनन रहत थ ऽदन कब गिजर गय समझ म नही आत थ zwjयोऽक

धयन परणयम मतर जप आऽद करत रहत थ धयन पर बठत हा मर परण बरहमरधर क अनदर चल

जत थ उस समय बरहमरधर क अनदर बहत गिदगिदा होता था zwjयोऽक मन और परण दोनो बरहमरधर क

अनदर एक सथ रहत थ म बहत ऊपर आ गय ह ा ऐसा अनिभीऽत होता था कि छ समय बद आाखो म

ऽफर ऽखचव होन लगत थ आाख अनदर की ओर ऽखचती था इसस आाखो म ददथ होत थ पितऽलय ा

चरो ओर घीमता था तब ऐस लगत थ मर आाखो की रोशना न चला जए म अनध न हो जऊा शरा

मत जा अपन घर म नही थी बहत ऽदनो स जलग ाव गया हई था ऽफर इस अनिभव क ऽवषय म ऽकसस

पीाछी ऽक इसक अथथ zwjय होत ह

म धयन करन क ऽलय बठ गय धयन पर बठत हा ऽफर पहल जसा ऽकरयएा होन लगी पहल मन

सोचndash ऽक धयन स उठ जऊा और आाख खोल दीा मगर तब आाख खिल नही रही थी ऐस लग रह थ

ऽक जस ऽकसा न मरा आाख बनद कर दा हो मसतक म भा पाड़ होन लगा था बरहमरधर क अनदर परण

कि छ समय क ऽलए आय थ ऽफर परण वपस बरहमरधर दरर पर आ गय थ उसा समय कि णडऽलना ऊधवथ

होन लगा उडऽडयन बनध भा बहत जोर स लग गय बहय कि मभक भा लग हआ थ तब कि णडऽलना क

करण पट पाठ रदय गदथन और ऽसर आग क समन गमथ हो गय शरार म भयकर वदन होन लगा मिझ

लग मरा मतयि हो जएगा परण ऽफर बरहमरधर क अनदर चल गय ऽफर मिझ अपन होश नही रह मिझ

अनिभव आयndash करोड़ो सीयथ क समन तज परकश ह म उसा परकश म खड़ हआ ह ा कि छ समय बद यह

परकश अदशय हो गय मन अपन आपको हलक नाल परकश म उपऽसथत पय समपीणथ अतररकष नाल

योग कस कर 228

परकश स परकऽशत थ अनतररकष सवचछ ऽनमथल थ यह अनतररकष अचछ लग रह थ अनिभव समपत

हआ मर धयन सढ़ तान घनट क लग थ

शरा मत जा भा 6 ऽसतमबर को जलगाव स ऽमरज आ गया था म शरा मत जा क घर 7 ऽसतमबर

को गय तथ शरा मत जा स आग क गोल फटन क अथथ पीछndash शरा मत जा बोलीndash sbquoयह अनिभव

आपक बहत अचछ ह आग क गोल फटन क अथथ होत हndash बरहमरधर क खिलन जो परकश चरो

ओर फल गय थ वह परकश इसा बरहमरधर क अनदर क ह‛ शरा मत जा क मिाह स बरहमरधर खिलन की

बत सिनकर मिझ बड़ा परसननत हई शरा मत जा को मन बरहमरधर खिलत समय वला ऽकरय बतया थाndash

ldquoम आग की ओर झिक थ मर ऽसर भीऽम पर सपशथ कर रह थ मगर आप तो हम आग झिकन क ऽलए

मन करता थी मगर मर बरहमरधर तो आग झिककर हा खिल हrdquo मरा इस बत पर शरा मत जा कि छ नही

बोली जब उनस मन दिबर इसा बत को पीछndash ldquoतब वह उठकर ऽकचन म चला गया म समझ गय ऽक

मरा बत क उततर शरा मतजा क पस नही ह zwjयोऽक वह अनिभवहानत क करण मिझस गलत कह रही

था अब भा शरा मत जा हमरा बत क जवब नही द सकता ह मिझ आग झिकन क करण इनहोन कई

बर सभा क समन बहत कि छ सिनय थ

हमर शरार म कमजोरा अऽधक हो गया था मगर मर धयन बहत अचछ लगत थ एक बर शरा

मत जा आशरम म आई था ऽफर उनहोन मिझ खन भा ऽखलय थ अब म ऽदन म एक बर भोजन

ऽकय करत थ वह भा अलप भोजन करत थ धयन की अऽधकत क करण म ऽबलकि ल दिबल-

पतल हो गय मगर हमर धयन की अवऽध बहत बढ़ गया था एक बर म सढ़ तान घनट स चर घनट

तक धयन लगत थ जब म धयन म बठत थ तब ऽनऽवथकलप समऽध लगता था ऽनऽवथकलप समऽध म

सधक को अनिभव नही आत ह न हा ऽकसा परकर क ऽवचर आत ह हलऽक इस अवसथ म सधक

क ससकर शष रहत ह ऽफर भा ऽवचर नही आत ह zwjयोऽक परण और मन एक सथ बरहमरधर क अनदर

रहत ह

आजकल हमरा समऽध बहत समय तक लगता था ऽफर परण थोड़ नाच वपस बरहमरधर दरर पर

आ जत थ तब उस समय अनिभव आ जत थ जब सधक क बरहमरधर खिलत ह तब परण थोड़ समय

क ऽलए बरहमरधर क अनदर जकर ठहरत ह ऽफर वपस बरहमरधर दरर पर आ जत ह कभा-कभा

आजञचकर पर आ जत ह जस-जस अभयस बढ़त जत ह वस-वस परण बरहमरधर क अनदर जयद दर

योग कस कर 229

तक ठहरन लगत ह अभयस पररपzwjव होन पर परण ऽफर बरहमरधर क अनदर धयनवसथ म सदव बन

रहत ह

म पहल ऽलख चिक ह ा धयनवसथ म शरार म बहत उषणत हो जता था आाखो म जलन होता

रहता था तथ आाखो क ऽकनर कट गय थ ऐस लगत थ समपीणथ ऽसर जल जएाग आज प ाच ऽसतमबर

को रऽतर क समय धयन करन क ऽलय बठ हआ थ उसा समय लग बरहमरनधर स बफथ क समन एक धर

आजञचकर की ओर आ रहा ह यह ठणडा धर आजञचकर क चरो ओर फलन लगा ऽजसस समपीणथ

मसतक और आाख भा ठणडा हो गई ऽसर म अभा जो गमी क करण बिर हल थ उसम भा सभा जगह

ठणडक हो गया अब ऐस लग रह थ- जस मिझ कभा गमी क असर हआ हा नही ह यह ठणडक बहत

अचछा लग रहा था मगर मर गदथन स नाच क शरार आग म तप रह थ इस करण मर शरार कष ट

महसीस कर रह थ

मदग की अवाज

6 ऽसतमबर क सिबह 330 बज म जग गय ऐस लग जस म ऽकसा करण स म जग गय ह ा

उसा समय अनिभीऽत हई मर कनो म बड़ा जोर स मदग की आवज आ रहा था म उठकर बठ गय ऐस

लग कमर क बहर हजरो मदग एक सथ बज रही ह शिरआत म मदग की आवज अचछा लग रहा था

zwjयोऽक उसकी आवज हा अचछा होता ह म चिपचप बठ हआ मदग की आवज सिनत रह मगर ऽफर

आवज न कनो म ददथ पद कर ऽदय आवज इतना तज सिनई द रहा था ऽक कनो म ऐस लग थ ऽक

कन फट जएाग म कमर स उठकर बहर आ गय और बहर घीमन लग मन सोचndash खिल वतवरण म

टहलन स आवज आना बनद हो जएागा मगर आवज आना बनद नही हई उस समय लगत थ ऽक

चरो ऽदशओ म मदग बज रहा ह लगतर आवज सिनत-सिनत म बचन हो गय ऽफर मन आवज बनद

होन क सकलप ऽकय तब कनो म आवज सिनई दना बनद हो गया ऽफर म फरश होकर धयन पर बठ

गय धयनवसथ क समय आवज आना पीरा तरह स बनद हो गई धयन बहत अचछ लग

योग कस कर 230

ऄथश- सधको इस तरह स ऽवऽभनन परकर की आवज धयनवसथ म कई बर सिनई दा था

मिरला की आवज अzwjसर सिनई दता था यह आवज मर ऽसर क अनदर स आय करता ह इस नद

कहत ह सधक को एक ऽनऽित अवसथ म यह नद सिनई दत ह

यह अनिभव 7 ऽसतमबर को आय ह म सिबह 330 बज जग गय zwjयोऽक मर जगन क समय

हो गय थ म रोजन 330 बज जगत ह ा जस हा मरा आाख खिला तब मिझ लग ऽक धामा-धामा

आवज सिनई द रहा ह मन गौर करक आवज सिनन क परयस ऽकय तो मिझ ॎ ॎ ॎ की लगतर

आवज सिनई द रहा था आवज बहत हा धामा था ऐस लग रह थ जस बहत दीर हजरो माल स गिफ

क अनदर स आवज आ रहा ह आवज बहत समय तक सिनत रह ऽफर म धयन पर बठ गय तो

मलीम हआ आवज और कही स नही बऽलक मर बरहमरनधर क अनदर स आ रहा ह धयनवसथ म हमर

परण बरहमरनधर क अनदर आ गय तभा ऐस लग जस अनतररकष म बहत ऊपर स आवज आ रहा ह ऽफर

आवज आना बनद हो गई म समऽध म लान हो गय

ऄथश- सधको आजकल धयनवसथ म बरहमरनधर क अनदर क परकश अzwjसर ऽदखई दत ह म

अपन आप को परकश म खड़ हआ पत ह ा वह परकश करोड़ो सीयथ क समन होत ह

वदवय-दवष ट दवारा कायश लना

यह अनिभव 8 ऽसतमबर को आय धयन पर बठत हा कि णडऽलना तावरत क सथ ऊपर पहाच

गया अबकी बर मर धयन आजञचकर पर ऽसथर हो गय ऽफर मन दखndash मसतक पर तासरा आाख

ऽदखई द रहा ह वह खड़ आकर म ह आाख धार-धार खिलन लगा ह म आाख क अनदर दखन लग

तभा मरा ऽदवयदऽष ट कयथ करन लगा इतन म मिझ लगndash म सिनहला जगह पर खड़ ह ा चरो और सिनहर

परकश फल हआ ह तभा मिझस बहत दीर एक नाल रग क ऽबनदि ऽदखई द रह ह यह ऽबनदि बहत

चमकील थ मिझ बहत अचछ लग रह थ मगर कि छ कषणो म यह ऽबनदि अदशय हो गय यह ऽबनदि

ऽदवयदऽष ट क दरर दख गय थ

ऄथश- य ऽबनदि करण जगत (करण शरार) स समबऽनधत ह

योग कस कर 231

कमश

धयनवसथ म दखndash म ऽकसा जगह परकश म खड़ ह ा इतन म वही पर एक कि तत परकश म

परकट हो गय कि तत बहत अचछ ऽदख रह थ वह पीाछ ऽहल कर मरा ओर दख रह थ कभा मिझ

सीाघत थ कभा मर चरो ओर चzwjकर लगत थ म भा उस बड़ पयर स दख रह थ ऽफर म सोचन

लग ऽक कि तत की शzwjल ऽकतना अचछा ह मगर मिझ यह सीाघ zwjयो रह ह कि छ कषणो बद कि तत अदशय हो

गय

ऄथश- पठको यह कि तत हमर हा कमथ ह अथथत हमर कमथ हा कि तत क रप म ऽदखई द रह ह

इसऽलए वह मिझ बड़ पयर स दख रह ह ऽजस सधक क ऽजस परकर क कमथ होत ह कम थनिसर हा वह

पशि क रप म ऽदखई दत ह

एक बर म लट हआ थ मरा आाख बनद थी मगर म सो नही रह थ उसा समय दखndash

अनतररकष स एक कि तत दौड़त हआ चल आ रह ह वह कि तत मर ऊपर सान पर खड़ हो गय उसा

समय मन हड़बड़कर अपनाआाख खोल दी और म सोचन लग ऽक यह कि तत मिझ बर-बर zwjयो ऽदखई

दत ह

ऄथश- सधको यह कि तत हमर हा कमथ ह जो इस रप म ऽदखई द रह ह आजकल मर ऽसर म

बहत उषणत रहता ह ऽजसस कभा-कभा मरा हलत पगलो की भाऽत रहता ह मिझ कभा-कभा बिखर

आ जत ह इस तरह क बिखर म ऽकसा परकर की ददथ ऽनवरक दव कम नही करता ह कभा-कभा

ऐस सोचन लगत थ म योग क अभयस करक बिर फा स गय ह ा zwjयोऽक अब सथील शरार उषणत क

करण बिखर म तपत रहत ह ऽफर मसतक पर कपड़ की गाला पिा भा चढ़त ह ा और पाठ म गाल

कपड़ भा रखत ह ा

भगवान शरी कषण

यह अनिभव 10 ऽसतमबर शम को आय थ मन दख चरो ओर पना हा पना भर हआ ह

जहा तक दऽष ट जता था वह ा तक पना क ऽसवय कि छ और ऽदखई नही दत थ म पना क ऊपर चल

योग कस कर 232

ज रह थ ऐस लगत रह थ जस पना अनतररकष म भर हआ ह वह ा पर पथवा सीयथ चनदरम नकषतर

आऽद कि छ भा ऽदखई नही द रह थ म पना क ऊपर ऽकतन समय तक चलत रह यह नही बत सकत

ह ा मिझ ऐस लग जस म बहत चल चिक ह ा ऽफर कि छ थकन-सा महसीस होन लगा पना मिझ बहत दीर

तक ऽदखई द रह थ उसा समय मन कि छ दीरा पर कोई वसति पना क ऊपर तरता हई दखा म उसा वसति

की ओर चल ऽदय जब उसक नजदाक पहाच उस समय वह ा क दशय दखकर म परसनन हो गय मन

दखndash एक बड़ स पतत क ऊपर बलरप म भगवन शराकषण लट हए थ उनक रग स ावल थ भगवन

शराकषण क ऽसर पर मोर पख लग हआ ऽदखई द रह ह उनक बड़-बड़ घिाघरल बल थ वह दऽहन पर

क अागीठ को अपन दोनो हथो स पकड़कर मिाह म लगन वल थ तभा म उनक समन जकर खड़ हो

गय और उनहा को दखन लग वह हमरा ओर दखकर मिसकर रह थ दशय बहत हा सिनदर थ उसा

समय मर अनिभव समपत हो गय

ऄथश- सधको भगवन शराकषण जा क सवरप बहत हा अचछ लग रह थ मिझ यद आ रह ह

पिरण क अनिसर परलय क दशय मकथ णडय जा को ऽदखय गय थ उनहोन दखndash परलय क करण चरो

ओर जल-हा-जल थ जल क ऽसवय कि छ ऽदखई नही आ रह थ वह उसा जल म आग की ओर चल

ज रह थ उसा समय उनह भगवन शराकषण क इसा सवरप क दशथन हए थ मकथ णडय जा जल म चल-

चल कर थक गए थ ऽफर वह ऽगर पड़ थ उसा समय पतत क ऊपर भगवन शराकषण क बल सवरप क

दशथन हआ थ

कणडवलनी अाखो पर

मन पहल ऽलख ह आाखो म तावर जलन क करण म अऽधक परशन हो रहत थ ऐस लगत

थ आाख आग स जला ज रहा ह धयनवसथ म भा जलन और भा बढ़ जता था जलन इतना तज

होता था ऽक उागऽलयो स आाख सपशथ नही कर सकत थ ऽफर एक ऽदन मन शाश म दख ऽक आाखो की

पलक कट गई ह जस ऽकसा बलड स कट ऽदय हो तब हमरा समझ म आय ऽक आाख इतना zwjयो

दिखता ह

योग कस कर 233

11 ऽसतमबर को धयनवसथ म दखndash कि णडऽलना साध मगथ स होकर बरहमरनधर दरर पर पहाचा

ऽफर बरहमरनधर दरर स मिड़कर आग की ओर मसतक पर आ गया मिझ कि णडऽलना क पीर शरार ऽदवयदऽष ट

क दरर ऽदखई द रह थ उसक मिाह नग की तरह ह तथ शरार लल सिखथ तप हए लोह क समन ह

कि णडऽलना क मिाह भकि ऽट क पस ह जस हा मन उस दखndash कि णडऽलना न पहल एक-दो बर जाभ बहर

ऽनकला ऽफर मिाह स आग सा उगलन लगा उसा समय ऐस लग मनो मसतक पर आग बरस रहा ह

कि छ समय बद हमर धयन टीट गय तब हमरा समझ म आय कि णडऽलना क करण हमरा आाखो क

बिर हल ह अब हमरा आाख बहत हा तजसवा हो गया था

मन शरामत जा को बतय ऽक हमरा कि णडऽलनाबरहमरनधर स उलट कर आाखो पर आ गया ह

शरा मत जा थोड़ रोष म बोलीndash ldquoआननद कि मर जस आप सोचत ह ऐस नही ह कि णडऽलना बरहमरनधर

खोलकर इतना जलदा वपस नही उलटता ह आप को भरम हआ ह आपक बरहमरनधर खिल गय ह य

अचछा बत ह आप अचछ सधक ह अब आप सनयसा बनन क योनय हो गए ह आपको सवमा

ऽचदननदजा स (ऋऽषकश क) सनयस की दाकष भऽवषय म ऽदलव दीागा ऽफर आपकी इचछ आए तो

आशरम म रऽहए अथव आप अपना इचछनिसर कही भा ज सकत ह‛ म बोलndash ldquoशरा मत जा मरा

कोई इचछ नही ह ऽक म सनयस की दाकष लीा अभा मर लड़क बहत छोट ह जब तक वह बड़ नही

हो जएग तब तक म सनयसा नही बनन चहत ह ा‛ शरा मत जा ऽफर कि छ नही बोला चिप बना रहा

मन सोचndash म अगर सनयसा बन गय तो म कह ा रह ाग zwjयोऽक यहा पर मर और शरा मत जा क ऽवचर

मल नही करत ह अभा म अपन घर तो लौट सकत ह ा सनयसा बनकर कह ा रह ाग अभा-अभा मन जो

ऽदवयदऽष ट क दरर अनिभव दख ह ऽक बरहमरधर दरर स कि णडऽलना उलट कर आाखो पर आ गया ह शरा

मत जा मर इस अनिभव को कहता हndash ldquoयह सतय नही भरम हrdquo zwjयोऽक शरा मत जा हर अनिभव को

और ऽकरय को अपना सधन स जोड़ता ह उनक कहन हndash कणठचकर खिलन म 12 वषथ तो लग हा जत

ह म कहत ह ाndash कणठचकर खिलन म 12 वषथ स जयद भा सकत ह और कम भा सकत ह अब म इतन

छोट सधक नही रह गय ऽक योग क ऽवषय म म न जन सकीा कभा-कभा सवय म अपना ऽदवयदऽष ट स

शरा मत जा क सथील व सीकषम कयथकलप दख लत थ मगर म ऽकसा स कि छ नही कहत थ

योग कस कर 234

ऄनभव नही अन चावहए

धयनवसथ म परण तजा स प ाचव छठ चकर को पर करत हआ बरहमरनधर दरर तक पहाच जत

ह बरहमरनधर म धयन लगत ह लगभग प ाच ऽमनट बद अबकी बर मिझ लग म बरहमरनधर क अनदर ह ा

समपीणथ शरार क भव ऽमट गय मिझ कि छ मलीम नही रह ऽक म ह ा भा ऽक नही ह ा यह ऽसथऽत कब तक

बना रहा यह म सवय नही बत सकतह ा ऽफर मिझ अपन भन होन लग और धयन टीट गय शरा मत

जा न तान-चर ऽदन बद बतय आपको अनिभव नही आन चऽहए अनिभव आन स आग की अवसथ

परप त होन म रकवट आता ह अनिभव आत समय बिऽि व ऽवचर कयथ करत ह आग की अवसथ

ऽनऽवथकलप समऽध की ह समऽध अवसथ म मन ऽवलान हो जत ह ऽफर शरा मत जा न कऽवत दादा

क उदहरण ऽदय और कहndash कऽवत मर स जयद बतन म समथयथ ह सभा को मरा आजञ क ऽबन भा

बतता रहता ह मिझ मलीम नही होत ह बतन क कयथ करन लग तो आग की सधन रक जत ह

बतन क समथयथ इतन अऽधक बढ़ जत ह ऽक सभा क परकर क परशनो क तिरनत उततर ऽदय ज सकत

ह ऽदवयदऽष ट तो एक परकर की ऽसऽि जसा हा ह यऽद इसस कयथ लन शिरकर दो तो आग की अवसथ

म दरा स परप त होता ह आपको जो अनिभव आए ह व सभा ऽदवय ह इन अनिभवो को दखन क कयथ

ऽदवयदऽष ट करता ह अब आपको अनिभव नही आन चऽहए आग आपको अनिभव नही आएाग पहल

तो आपको ऽनरश होगा अनिभव आन zwjयो बनद हो गए मन म ढरो शकएा उठगा ऽफर मन शनत हो

जएाग और आननद की परऽपत होगा यह सब इसऽलए बतय zwjयोऽक कभा म यह ा पर होता ह ा कभा म

नही होता ह ा आप एक बत को यद रऽखए आप कि छ ऽदनो बद घर जन वल ह आपको सभा पीछग

समज आपको दीध स नहलएगा और अपक पाछ पड़ जएागा आप उनकी समसय ाय सिलझएाग ऽफर

सब कि छ आपको भोग करन पड़ग आप वही रक जएाग आप सभा स सपषट बोल दन ऽक शरा मत

जा न मन कर ऽदय ह उलट-साध कयथ करन को रोक ह आप ऽबलकि ल शनत रऽहए आग बऽढ़ए

गर तततव का सवरप

यह अनिभव 13 ऽसतमबर को आयndash शरा मत जा और म ऽकसा साकर स दरवज निम जगह स

आग की ओर चलन लग जस हा साकरा सा जगह पर की तभा म और शरा मत जा बहत तज परकश म

योग कस कर 235

पहाच गए ऐस लगत थ यह ा पर करोड़ो सीयथ क परकश फल हआ ह शरा मत जा मर आग चल रहा

थी म उनक पाछ चल रह थ उस परचणड तज परकश म मर और शरा मत जा क शरार तज स यिकत थ

कि छ समय तक म और शरा मत जा चलत रह ऽफर हम दोनो रक गए शरा मत जा मर आग खड़ा हई

थी ऽफर कषण भर बद शरा मत जा आग की ओर चला म आपना जगह पर खड़ रह शरा मत जा 5-6

माटर आग चलकर थोड़ स ऊपर की ओर चली इतन म उनक शरार स बहत तज परकश ऽनकलन

लग परकश इतन तज थ ऽक शरा मत जा क शरार पीरा तरह स सवरप रऽहत होकर परकश म पररवऽतथत

हो गय उस जगह पर बहत तज परकश ऽदखई द रह थ ऽफर यहा तज परकश मर समन समपीणथ परकश

म ऽमल गय जस हा शरा मत जा समपीणथ तज परकश म ऽवलान हो गया उसा समय मर मिाह स जोर स

आवज ऽनकलाndash ldquoमाrdquo ऽफर म कषण भर क ऽलए रक गय और सोचन लगndash ldquoमाrdquo मिझ छोड़कर परकश

म लान हो गई उस समय मिझ थोड़ स दिख हआ ऽफर म जोर स बोलndash ldquo मा म भा आपक पाछ

आऊा ग मिझ भा आप म ऽवलान होन ह म भा इसा परकश म ऽवलान होऊा ग‛ अनिभव समपत हआ

ऄथश- यह अनिभव ऽनःसनदह बरहमरनधर क अनदर क थ इस अनिभव को दखन को दखन क ऽलय

ऽदवयदऽष ट कयथ कर रहा था सधको यहा पर मन शरा मत जा क सवरप क वणथन ऽकय ह यह शरा

मत जा क शरार नही थ बऽलक गिरतततव क सवरप थ गिरतततव चतनयमय शऽzwj त होता ह शऽzwj तपत क

समय ऽशषय क शरार म वयपत होकर सीकषम रप स कयथ करता रहता ह शरा मत जा को मलीम नही होत

ह ऽक उनकी शऽzwj त zwjय कयथ कर रहा ह शरा मत जा पचभीत स बन सवरप म रहता ह जो कमो क

करण बनधन म बाध होत ह मगर गिरतततव तो चतनयमय शऽzwj त होता ह गिर दरर जब ऽशषय पर

शऽzwj तपत ऽकय जत ह जो शऽzwj त ऽशषय क अनदर परवश करता ह उस गिर तततव कहत ह उसा गिर तततव

को सधक उचचवसथ म उस शऽzwj त को ऽनरकर रप म दख सकत ह मगर सधक को अभयस क

शिरआत म यहा शऽzwj त गिर क सथील शरार वल सवरप म ऽदखई दता ह सधक को जो धयनवसथ म

अपन गिर ऽदखई दत ह वहा गिरतततव होत ह

दध का पीना

यह अनिभव 16 ऽसतमबर को आय मन धयनवसथ म दखndash म अपन कमर म बठ हआ धयन

कर रह ह ा उसा समय कि छ पदथथ (ऽमिा क कण की तरह ) उड़कर कमर क अनदर आ रह ह म सोचन

योग कस कर 236

लगत ह ाndash यहा आशरम म कमर तो बनद ह ऽफर भा यह धील जस कण (मगर धील नही) कमर क अनदर

कस आ रह ह मिझ व कण अचछ नही लग रह थ zwjयोऽक हव म उड़-उड़कर मर ऊपर भा आ रह थ मन

सोचndash यह गनदगा कौन उड़ रह ह और मर धयन म ऽवघन डल रह ह उसा समय म अपन सथील शरार

स ऽनकलकर बहर खड़ हो गय म सीकषम शरार स अपन कमर की छत पर करत हआ ऊपर की ओर

तावर गऽत स चल ऽदय ऽजधर स धील जस कण आ रह थ उसा ओर जन लग कि छ कषणो बद मन अपन

आपको एक अपररऽचत जगह म पय वह ा पर परकश फल हआ थ मन दखndash जो धील जस पदथथ क

कण मर कमर म आ रह थ उस एक लड़क उड़ रह थ जस ऽकसन अपन गह ा की उड़ई खऽलहन म

करत ह वह लड़क तसल स जो उड़ई कर रह थ उसस चमकीला वसति वही पर ऽगर रहा था

चमकीला वसति क आकर सिनहल ऽसzwjको व मऽणयो क समन थ इन ऽसzwjकनिम वसति स तथ मऽणयो

स परकश ऽनकल रह थ धील और ऽमिा जस कण उड़कर अनतररकष म होत हए मर कमर क अनदर आ

रह थ म उस लड़क को बोलndash ldquoबनद करो यह उड़ई करन यह गनदगा मर कमर म जता ह‛ लड़क न

उड़ई करन बनद कर ऽदय म वही पर खड़ होकर चरो ओर दखन लग अब मिझ दीर-दीर तक ऽदखई

दन लग ऽफर मिझ अपन आशरम भा ऽदखई दन लग जब मन चरो ओर दखन बनद कर ऽकय तब

मन अपन आपको उसा चमकीला वसति क ढर क ऊपर खड़ हआ पय म उन चमकील ऽसzwjको क ढर

स नाच उतर आय तब मिझ दीर-दीर तक क ऽदखई दन बनद हो गय ऽसफथ थोड़ा दीरा तक हा ऽदखई

दत रह तभा मरा ओर एक पिरष आत हआ ऽदखई ऽदय मर पस आकर वह पिरष बोलndash ldquoआननद

कि मर आप इतना दीर स आए ह आप भीख होग आप यह दीध पा लाऽजए‛ उसक हथ म एक बहत

छोट स एक बतथन थ उस बतथन म दीध थ वह बतथन उसन मिझ द ऽदय उस बतथन क अनदर दीध

मिऽशकल स 50 गरम हा भर होग इसस जयद दीध उस बतथन म आ हा नही सकत थ मन मन म

सोचndash ldquoइतन दीध म मिझ zwjय होगrdquo वह वयऽकत तिरनत बोलndash ldquoआप यह मत सोऽचए आपको और दीध

ऽमल जएाग‛ तभा म उस वयऽकत की बत सिनकर चौक पड़ मन सोचndash इस पिरष न मरा मन की बत

कस जन ला म तिरनत दीध पान म लग गय और सोच एक हा घीाट म सर पा जऊा ग मगर दीध समपत

होन क नम नही ल रह थ मन ऽफर जबरदसता करक सर दीध को पा ऽलय मिझ आश चयथ हआ कटोरा

म तो दीध थोड़ स हा थ मगर बड़ा मिऽशकल स मन पा पय वह पिरष मिझस बोलndash ldquozwjय आपको

और दीध चऽहए ‛ म बोलndash नहीndash ldquoमर पट भर गय ह‛ वह पिरष बोलndash ldquoमन हा आप को दीध पान

क ऽलए यह ा बिलय ह‛ म उसकी बत सिनकर अचऽमभत हआ ऽफर उस पिरष स म बोलndash ldquoअचछ म

योग कस कर 237

चलीा‛उसन इशर स जन की इजजत द दा म वह ा स चल ऽदय परकश चरो ओर फल हआ थ

रसत व आसपस की जगह बहत सिनदर था अनिभव समपत हआ

ऄथश- सधको म ऽकसा दीसर लोक म चल गय थ वह लोक कौन-स थ म नही कह सकत

ह ा zwjयोऽक एक हा लोक म ऽवऽभनन परकर क सथन व ऽवऽभनन परकर क पिरष पए जत ह दीध क

ऽपलन आधयतम अथव सऽतवक शऽzwj त परदन करन होत ह वस आधयतम म दीध क अथथ जञन भा

होत ह

वहरणयमय परष

हमरा इचछ रऽतर 1230 बज धयन क ऽलए होन लगा म लट हआ थ उठकर बठ गय धयन

करन क ऽलए आाख बनद की हा था तभा एक बहत तजसवा पिरष ऽदखई ऽदय उसक ऽसर पर बड़-बड़

सफद रग क बल थ उसकी खीबसीरत दढ़ा क बल सान तक थ दढ़ा क बल सफद व सिनहल थ

आाखो स तज ऽनकल रह थ चहर क रग तप हए सोन की तरह सिखथ लल थ उनक समपीणथ शरार

सिनहर थ तथ तज स ओतपरोत थ सिनहर परकश उनक शरार स ऽनकल रह थ वह मिझ दख रह थ

म उनह दख रह थ उसा समय उनहोन हास ऽदय उनक खीबसीरत द ात चमकन लग दातो की पऽकतय ा

बचचो क समन सिनदर था उनक हासन म एक ऽवऽचतर स भव समझ म आ रह थऐस लग रह थ जस

वह मिझस बहत परसनन हो मरा सधन की उननऽत म उनह अऽत परसननत हो रहा ह वह मर शिभऽचनतक

स लग रह थ मिझ ऐस लग जस कोई ऽबछि ड़ हआ बहत पिरन ऽमतर ऽमल गय हो उनकी आाखो म मर

ऽलए परम थ ऐस लग रह थ जस कई जनमो बद ऽमल हो उनहोन अपन दऽहन हथ ऊपर उठकर

मिझ आशाव थद ऽदय ऽफर वह अदशय हो गए मन अपना आाख खोल दी मिझ लग म अभा धयन पर

बठ हा नही थ ऽसफथ आाख बनद की थी

ऄथश- सधको इनह ldquoऽहरणयपिरषrdquo कहत ह बरहम भा कहत ह जो सऽषट की रचन करत ह य

बरहमलोक म रहत ह

योग कस कर 238

बरहमाणड जननी

यह अनिभव सिबह 18 ऽसतमबर को आय मन धयनवसथ म दखndash म बहत तज परकश म

उड़त हआ तावर गऽत स ऊपर चल ज रह ह ा जस-जस म आग जत थ वस-वस परकश परचणड तज

होत जत थ कि छ कषणो बद लगndash जस लखो-करोड़ो नही बऽलक असखय सीयथ एक सथ परकट हो

गए हो अब आग की ओर जन मिऽशकल थ zwjयोऽक आग कि छ ऽदखई नही आ रह थ ऐस लगत

रह थ जस भाषण गमी स म जल ज रह ह ा ऽफर भा आग की ओर जन बनद नही ऽकय जस आग

बढ़न क ऽलय कोई पररण द रह हो आग की ओर जत समय मन अपन दऽहन हथ की हथला अपन

आाखो क समन लग रखा था और मिाह को एक ओर को मोड़ ऽलय थ zwjयोऽक परकश क तज मरा

आाख सहन नही कर प रहा थी इसा परकर कऽठनई म म आग की ओर बढ़ रह थ ऽजस जगह पर म

चल रह थ उस जगह पर परचणड तज परकश उबल रह थ कषण भर क ऽलए ऐस लग जस म इस

परकश क उदगम (सतरोत) म म खड़ ह ा zwjयोऽक परकश जोर-जोर स ऊपर की ओर उबल रह थ उस समय

मिझ कि छ सीझ नही रह थ मिझ लग ऽक मर तासर नतर खिल हआ ह ऽफर भा मिझ कि छ समझ म नही

आ रह थ म कह ा चल ज रह ह ा अतयऽधक तज परकश क करण आग की ओर जन रक स गय

थ आाख जोर लगन पर भा नही खिल रहा थी ऽफर भा मन आग बढ़न क परयस ऽकय मन दखndash जहा

पर परकश उबल रह ह उसस थोड़ा दीरा पर एक छोटा सा लड़की खड़ा हई ह उसकी उमर लगभग 10 वषथ

होगा उसन रजसथना तरह क लहाग और बलउज पहन रख थ कपड़ो क ऽडजइन भा सपषट ऽदखई

द रह थ लहाग क ऽडजइन म पाल रग क परयोग जयद हआ थ बलऊज उनक शरार पर ऽचपक

हआ थ ऽसर पर चिनरा था आग क ऽसर थोड़ स खिल हआ थ चिनरा ऽसर पर होत हए शरार क दोनो

तरफ लटक रहा था उस समय लड़की धाम-धाम हास रहा था उसक सिनदर द ात चमक रह थ आाख भा

बहत सिनदर थी चहर अऽदरताय सिनदर थ उसा समय मर अनदर ऽवचर आयndash ldquoयह लड़की कौन हrdquo

तभा परकश क उदगम की जगह स आवज आयाndash ldquoयह बरहमाणड जननी हrdquo म थोड़ स सोच मिदर म

हआ ऽफर धार स बोलndash ldquoबरहमणड जननाrdquo इतन म वह लड़की अदशय हो गई कि छ कषणो म उसा जगह

पर एक लड़क ऽदखई दन लग वह लड़क भा अऽदरताय सिनदर थ उसकी उमर लगभग 12-13 वषथ

होगा उसक वणथन करन म म असमथथ ह ा उस तज परकश म उसक शरार क रग हलक नाल थ तथ

उसक शरार स हलक नाल रग क परकश तजा स चरो ओर को ऽनकल रह थ कषण भर म उस दखकर

मर मिाह स ऽनकलndash यह तो भगवन शराकषण जा ह मगर मिझ उनक ऽसर पर मोर पख ऽदखई नही द रह

योग कस कर 239

थ भगवन शराकषण कषण भर म अदशय हो गए ऽफर मिझ उसा जगह पर भगवन शराकषण और पहल

वला लड़की एक सथ ऽदखई दन लग लड़की शरा कष ण जा क बयी ओर खड़ा हई था दोनो को दखत

हा मर मिाह स ऽनकलndash य तो रध जा और कषण जा ह रध जा तो पहल क समन थी मगर भगवन

शराकषण गल म एक बहत बड़ा रग-ऽबरगा खीबसीरत मल पहन हए थ ऐस लग रह थ मल घिटनो तक

आ रहा ह दोनो को दखकर मन कहndash ldquoम आपको नमसकर करत ह ा‛ ऽफर म वपस आन क ऽलए

पाछ की ओर मिड़ गय तभा अनिभव समपत हो गय

ऄथश- सधको यह दशथन सधक क ऽलए अतयनत दिलथभ होत ह इस परकर क दशथन हर एक

सधक को नही हो सकत ह सधक अतयनत उचचवसथ म इस परकर क परकश उदगम दख पत ह म

तो उस जगह करण शरार म खड़ थ यह समपीणथ दशय ऽदवयदऽष ट क दरर दख गय इस अनिभव म मिझ

शरारध जा और शराकषण जा क छोटा अवसथ वल सवरप क दशथन हए ह पठकोndash कि छ वषो पीवथ धयन

क मधयम स मर शरा रध जा व शराकषण जा स समपकथ बन रह ह इसाऽलए मिझ धयन म शरा कषण क

बहत अनिभव आत थ इनक इस सवरप क दशथन करन अतयनत कऽठन होत ह

मवकत

यह अनिभव ऽसतमबर मह क तासर सपतह क ह मन दखndash म अनतररकष म खड़ हआ ह ा चरो

ओर हलक नाल रग क परकश फल हआ ह मिझ बहत दीर तक नाल परकश ऽदखई द रह ह एक

जयोऽत क आकर क परकश पिञज उस नाल अनतररकष म ऽवलान हो गय कि छ परकशपिञज वही

अनतररकष म इधर-उधर गऽत कर रह थ इस ऽकरय को कि छ कषणो तक दखत रह ऽफर सोचndash यह zwjय हो

रह ह कि छ परकशपिञज नाल अतररकष म ऽवलान हो जत ह ऽफर उनक अऽसततव हा समपत हो जत ह

और कि छ परकश पिज इधर-उधर गऽत कर रह ह उसा समय अनतररकष म स आवज आयाndash ldquoयह मिि

हrdquo मरा समझ म आ गय य परकशपिञज जावतमओ क सवरप ह जो इधर-उधर घीम रह ह उनह अभा

मिऽकत नही ऽमला उसा समय अनिभव समपत हो गय

ऄथश- इस परकर स मिझ मिऽकत क ऽवषय म बतय गय मगर सतय तो यह ह यह दशय मिझ वऽततयो

क दरर समझय गय ह वसतऽवक मिऽकत क ऽवषय म बतय हा नही ज सकत ह ऽसफथ अनिभीऽत क

योग कस कर 240

ऽवषय ह तततवजञना पिरष शरार तयगन क बद इस अपर-परकऽत को तयग कर पर-परकऽत म ऽवदयमन हो

जत ह

एक बार

यह अनिभव भा ऽसतमबर मह क तासर सपतह क ह मन दखndash परकऽशत अनतररकष म एक

लड़की खड़ा हई ह लड़की बहत सिनदर ह वह जोर-जोर स हास रहा ह वह मिझस बोलाndash ldquoआननद

कि मर एक बर मर ऽलए इसम सनन कर लोrdquo मन सोचन लगndash ldquoऽकसम सनन कर लीाrdquo ऽफर मन नाच

की ओर दखndash एक नदा बह रहा ह म उस नदा क ऽबलकि ल ऽकनर पर खड़ हआ ह ा मर परो क पस

पना बह रह ह मन उस लड़की स कहndash ldquoम zwjयो इसम सनन कर लीा मिझ zwjय मतलब ह‛ वह ऽफर

बोलाndash sbquoआननद कि मर मर ऽलय इसम सनन कर लाऽजए ऽसफथ एक बरrdquo कषणभर म मन सोच और

ऽनणथय ऽकयndash ldquoचलो इसक ऽलय एक बर सनन ऽकए लत ह ा‛ वह परकऽशत अतररकष म खड़ा हई

बरबर हास ज रहा था म सनन करन क ऽलए अपन कपड़ उतरन लग मर शरार क सर कपड़ अपन

आप अलग हो गए म दखndash म ऽनवथसतर हो गय ह ा कषण म सोचndash वह लड़की zwjय सोचगा म ऽनवथसतर ह ा

ऽफर ऽवचर आयndash उस सोचन दो वह zwjय सोचता ह उसस मिझ zwjय लन दन ह म ऽनवथसतर होकर पना

क ऊपर चलन लग अनतररकष म खड़ा लड़की मिझ दख कर मिसकर रहा था म नदा क बाच म खड़

होकर सोचन लगndash म सनन कस करा ग म तो नदा म पना क ऊपर खड़ ह ा पना क अनदर कस

जऊा ग लड़की बोलाndash ldquoआप सकलप कीऽजए नदा म सनन करन क ऽलय‛ मन नदा म सनन करन क

ऽलय सकलप ऽकय सकलप करत हा म पना क अनदर नाच की ओर जन लग मिझ ऐस लगndash पना

क अनदर कोई खीच रह ह म न चहत हए भा पना म अनदर की ओर चल ज रह थ तभा मिझ डर स

लगन लग डर क करण मर मिाह स जोर स ऽनकलाndash ldquoमिझ धोख हआ ह‛ वह लड़की ऽखल-ऽखलकर

हासन लगा उसकी हासा म कमयबा ऽदखई द रहा था जस हा मिझ ऐस लगndash ऽक धोख हआ ह म

ऽबजला क समन गऽत स पना क ऊपर एक झटक म आ गय और उस नदा स बहर की ओर भगन

लग वह लड़की अनतररकष स पना म मर पस हा की द पड़ा उस लड़की की अदशय शऽzwj त क करण म

पना क अनदर जन लग तभा घबरहट क करण मर मिाह स आवज ऽनकलाndash ldquoॎ तरयबकम

योग कस कर 241

यजमह‛ म मतयिजय मतर क जप करन लग मतर जप क परभव स म तिरनत पना क ऊपर आ गय

तभा लड़की अदशय हो गई मर अनिभव भा समपत हो गय

ऄथश- सधको नदा यहा सथील जगत ह लड़की परकऽत क सवरप था उसन एक बर सनन क

ऽलए कह और मन उसा क अनिसर हा ऽकय इसक अथथ हndash परकऽत मिझ एक बर और ससर म आन

क ऽलए कह रहा ह म आन क ऽलए तयर भा हो गय मगर उसा समय मरा समझ म आ गयndash मिझ

धोख हआ ह ऽफर म बहर ऽनकल आय इसक अथथ हआndash अब म दिबर इस ससर म नही आऊा ग

यहा हमर आऽखरा जनम होग

आजकल मिझ अपन कमथ कि तत क रप म बहत ऽदखई दत ह वह कि तत मिझ चरो ओर सीाघत ह

ऽफर अदशय हो जत ह मगर कभा-कभा मर शरार क अनदर ऽवलान हो जत ह

भगवान दततातरय

यह अनिभव 23 ऽसतमबर सिबह 330 बज आय मन दखndash म अनतररकष म खड़ ह ा उसा समय

मर समन अतयनत तज परकश फल गय जस सकड़ो सीयथ एक सथ परकट हो अय हो कि छ कषणो बद

उस परकश क अनदर भगवन दतततरय को खड़ हए दख वह बहत सिनदर ऽदखई द रह थ उनहोन भगव

धोता पहन रखा था कमर स ऊपर क शरार पर कोई वसतर नही थ वह जनऊ पहन हए थ दऽहन हथ म

लमब स ऽतरशील थ उनक शरार स परकश ऽनकल रह थ वस भा वह तज परकश म खड़ हए ऽदखई द

रह थ वह अपन बयी ओर को दख रह थ उनक बयी तरफ सनयऽसना वश म एक सतरा खड़ा था उसक

ऽसर पर भा बलो क जीड़ बलो क जिड़ बन हआ थ उसन भा भगव वसतर वसतर धरण कर रख थ

वह सतरा भा तजऽसवना ऽदखई द रहा था सनयऽसना वष म बयी तरफ खड़ा सतरा को दखकर म चौक ऽक

यह सतरा कौन ह वह सतरा भा भगवन दतततरय को दख रहा था म कि छ कषणो तक भगवन दतततरय की

सिनदरत को दखत रह ऽफर वह अतधय थन हो गए अनिभव समपत हआ

धयनवसथ म भगवन दतततरय क दशथन हो गय यह मर ऽलय बहत अचछा बत ह zwjयोऽक उनक

दशथन सधको को बहत हा कम हो पत ह मगर उस सनयऽसना को म पहचन नही सक यह अनिभव मन

शरा मत जा को बतय और सनयऽसना क ऽवषय म पीछndash तो शरा मत जा न बतय ldquoयह सनयऽसना

योग कस कर 242

योऽगना ह भगवन दतततरय न इस वरदन भा ऽदय थ‛ कहना इसा परकर हndash जब भगवन दतततरय

तपसय करत थ तो परऽतऽदन कषण नदा क बाच म जय करत थ कि छ समय बद वह वपस आ जत ह

ऽकसा न उसक पाछ ऽकय तो दख नदा क अनदर सिनदर नगर बन हआ ह उस नगर म 64 योऽगऽनया

भगवन दतततरय की पीज कर रहा ह इसऽलए भगवन दतततरय जा उन योगऽनयो को दशथन दन जय करत

थ उन 64 योऽगऽनयो म आठ परमिख थी जब भगवन दतततरयजा तपसय करक जन लग तब उनहोन

योऽगऽनयो को उनहोन वरदन ऽदयndash ldquo तिम जब नदा स बहर मर सथन पर आओगा तब तिमह हमर

दशथन परप त होग‛ यह वहा योऽगना ह

शरी माता जी पर बाधा

एक बर शरा मत जा क घर म म धयन कर रह थ शरा मत जा धयन हल म बठा हई थी म

दखndash शरा मत जा क पाछ एक गनदा सा कला औरत खड़ा हई ह वह दखन म अचछा नही लग रहा

था सधरण सा धोता पहन हए ह उस दखत हा मन कहndash ldquoयह औरत अचछा नही ह इसक यहा पर

zwjय कम ह और शरा मत जा क पाछ zwjयो खड़ा हई ह‛ मन शरा मत जा को बतय तब उनहोन मिझस

कहndash ldquoमर पाछ एक बध रहता ह वह 25 जनवरा को अपन परभव ऽदखय करता ह यह बध ऽकसा

दीसर की भजा हई ह ऽकसा को कला औरत तो ऽकसा को घीमत हआ चकर ऽदखई पड़त ह‛ ऽफर म

सोचndash ldquoकश ऐसा बध मर पस आता तो दखत भजन वल ऽकतन शऽzwj तशला हrdquo

गरण और हस का दशशन

मन धयन म दखndash म एक ऽवशलकय पकषा को दख रह ह ा वह ईगल पकषा की तरह लगत ह

उसकी दोनो आाख आग क गोल जस थी वह मिझ दख रह थ म उस दख रह थ कि छ कषणो बद वह

पकषा अदशय हो गय ऽफर उसा जगह पर दीसर सफद पकषा बहत बड़ स ऽदखई दन लग पकषा ऽबलकि ल

सफद व सिनदर थ

योग कस कर 243

ऄथश- इस अनिभव म मिझ गरड़ और हस क दशथन हआ ह ईगल जस पकषा गरड़ हा ह गरड़

नम क पकषा इस बरहमणड म ऽसफथ एक हा ह भगवन ऽवषणि क वहन यहा गरड़ पकषा ह इसक अथथ

होत हndash ldquoऽवजय परप त होनrdquo ऽचतत की अऽधक शिित होन पर सधक को उचचवसथ म इसक दशथन

होत ह तथ सधक को अभयस म सफलत परप त होता ह सधक को उचचवसथ म हस क दशथन

होत ह इस अवसथ म सधक को मय क ऽवषय म थोड़ स जञन होन लगत ह

वदवयदवष ट स कायश वलया

आज 20 ऽसतमबर को सभा सतसगा शरा मतजा क जनम ऽदन मन रह थ तभा सयकल को

मलीम हआ ऽदलला क एक सधक क एzwjसाडट हो गय दिघथटन 16 ऽसतमबर को हई ह आज चर

ऽदन बद शरा मत जा को एzwjसाडट क ऽवषय म फोन दरर बतय गय ह ऽदलला क एमस असपतल म

उसक इलज चल रह ह सधक की हलत गमभार बना हई ह उस होश नही आय ह मिझ भा यह जन

कर दिख हआ zwjयोऽक हमरा और उस सधक की उस समय बहत बनता था वह सवभव क बहत अचछ

थ तथ शरा मत जा क ऽपरय ऽशषय भा थ शरा मत जा क जनम उतसव समरोह मनन क बद म आशरम

लौट आय

21 ऽसतमबर को शरा मतजा क सथ कि छ सऽधकएा आशरम म आई था मिझ भा ऽदलला वल

सधक की यद आ रहा था हम सभा सधक भई-बऽहन आशरम म धयन करन क ऽलए बठ हए थ मिझ

अब धयनवसथ मशाघर कि छ भा ऽदखई नही दत थ zwjयोऽक अब हमरा ऽनऽवथकलप समऽध लगता

था धयन पर बठत हा ऽनऽवथकलप समऽध लग गया कि छ समय बद मरा अवसथ थोड़ा सा नाच आ

गया तब मिझ धयनवसथ म सिनई ऽदयndash ldquoऽदलला क सधक ठाक हो जएाग अभा उसकी हलत

बहत जयद खरब हrdquo यह बत मन सभा सऽधकओ को बतया कि छ समय बद शरा मत जा और

सऽधकएा वपस चला गया

28 ऽसतमबर को आशरम म अपन कमर म 3frac12 बज सिबह धयन करन क ऽलए आसन पर बठ

गय कि छ कषणो म हमरा ऽनऽवथकलप समऽध लग गया म समऽध अवसथ म थ मिझ ऐस लग जस

बहर स जोर स आवज आ रहा ह इसस मरा समऽध टीट गया मन अपना आाख खोल दा कमर क

योग कस कर 244

बहर स ऽफर आवज आया म आवज को पहचन गय बहर पकज कौऽशक (मरठ क लड़क) मिझ

बिल रह थ उसकी आवज सिनकर मिझ आश चयथ स हआndash ऽक इतन सिबह ऽमरज स आशरम zwjयो आय

ह और मिझ बिल रह ह हमरा दऽष ट घड़ा पर गया तो दख सिबह क 5frac12 बज रह थ म कमर क अनदर

स हा बोलndash पकज zwjय बत ह इतन सिबह यह ा आकर मिझ zwjयो बिल रह ह वह बोलndash अर दरवज

तो खोलो ऽफर बतऊा ग म zwjयो आपक पस आय ह ा मन दरवज खोल पकज कौऽशक कमर क

अनदर आ गय और बोलndash आननद कि मर तिमह शरा मत जा न अभा इसा समय बिलय ह म बोलndash

ldquozwjय कोई बत हो गया ह शरा मत जा न मिझ zwjयो यद ऽकय ह‛ पकज बोलndash ldquoमिझ मलीम नही ह

मत जा न मिझस कह हऽक आननद कि मर को अभा मर पस लक आओrdquo म बोल ठाक ह म सनन

कर लीा ऽफर तिमहर सथ चलत ह ा थोड़ा दर म म तयर होकर उसक सथ मोटर सइऽकल दरर मत जा

क घर क ऽलए चल ऽदय हम दोनो 10 ऽमनट म शरा मत जा क घर पहाच गय

मन मत जा को परणम ऽकय तभा शरा मत जा न पकज को बहर जन क ऽलए कहndash ldquoपकज

तिम बहर जओ जब तक म तिमह न बिलऊा तब तक अनदर नही आन और नही ऽकसा को आन दनrdquo

पकज कौऽशक बहर चल गय शरा मत जा न मिझ बतयndash ldquoआननद कि मर ऽदलला स फोन आय ह

उस सधक को अब भा होश नही आय ह तिम ऐस करो पीज बद म करन पहल धयन क ऽलए 5-10

ऽमनट बठो उस सधक क ऽवषय म दखो और जनकरा करो शयद कि छ सदश ऽमल तो मिझ बतन‛

शरा मत को मलीम ह मिझ ऽनऽवथकलप समऽध क करण अब तिरनत दशथन नही होत ह म शरा

मत जा क य शबद सिनकर हरन हो गय लऽकन गिर आजञ कस टल सकत थ म धयन करन क ऽलय

बठ गय परण साध ऊपर जकर बरहमरधर क अनदर चल गय मन परयतन ऽकय ऽक परण थोड़ नाच की

ओर आ जएा मगर वह नाच नही आय ऽफर कि छ समय बद परण बरहमरधर दरर पर आ गय तब सदश

आन शिर हो गयndash ldquoजब इतना शऽzwj तय ा उसक सथ कयथ कर रहा ह ऽफर ऽचत zwjयो करत हो तिमहर

दोसत ठाक हो जएाग‛ ऽफर धयन थोड़ स हलक हो गय zwjयोऽक कमर म कोई आ गय थ इस धयन

म अवरोध आ गय थ कि छ कषणो बद म ऽफर धयन पर बठ गय तब आकश स आवज आयाndash

ldquoसधक अगर सवय सकलप कर तो उस अऽधक लभ होत ह ऽफर भा यऽद कि छ शष रह जएा तो कमथ

समझकर सवाकर कर लन चऽहय‛ मिझ सधक क ऽवषय म ढरो जनकररय ा परप त हई ऽफर मन शरा

मत जा को धयन म परप त हई सभा बत बतया मर दरर बतया गया आऽखरा जनकरा उनह अचछा

नही लगा शरा मत जा बोलीndash ldquoशमथ जा (सधक) बहोश पड़ हए ह वह सकलप कस करग यह तिमहर

योग कस कर 245

ऽवचर होग‛ ऽफर म मऽनदर की पीज करन म लग गय कि छ समय बद कऽवत दादा भा आ गई उनह

अचछा तरह धयन म ऽदखई दत ह उनहोन भा उस सधक क ऽवषय म बतय उनकी जनकरा और

मरा जनकरा लगभग मल कर रहा थी ऽफर म आशरम म आ गय

रऽतर क समय जब म धयन पर बठ तब सकलप क दरर ऽदवयदऽष ट स कयथ लन क परयतन

ऽकय उसा समय मिझ अपना ऽदवयदऽष ट ऽदखई दन लगा ऽफर ऽदवयदऽष ट क दरर सधक की दिघथटन स

कि छ कषण पीवथ क दशय ऽदखई दन लग वह अपना पतना को सकी टर पर बठए हए ऽलय ज चल रह थ

और दिघथटन हो गई दिघथटन क समय उनक दय ा पर सकी टर क नाच दब गय वह दय ा पर सकी टर क

सइलसर क नाच आ गय थ इसऽलए दय पर क ऽनचल ऽहसस म उनह जयद परशना बढ़ गई था

zwjयोऽक दय ा पर सइलसर दरर जल गय थ ऽफर असपतल क दशय आन लग वह बहोशा हलत म

लट हए ह उनह सिई चिभोन क असर नही होत ह कभा-कभा उनह थोड़ स होश आत ह तब वह

आाख खोल दत ह ऽफर बनद कर लत ह ऐस उनहोन तान बर ऽकय ह उनह अपन कि छ भा यद नही

आत ह मरा शमथ जा (सधक) क सीकषम शरार स बत होन लगा उसन अपन दऽहन हथ मिझ ऽदखय

और बोलndash मिझ इस जगह पर बहत कष ट हो रह ह मगर म उस जगह पर कि छ भा दख नही प रह थ

शयद अनदर की नऽड़यो म कि छ परशना था उनहोन बतयndash उनक शरार म दो जगह ददथ जयद हो रह

ह एक दऽहन हथ म दीसर दऽहन पर क नाच भग म और भा कि छ बत बतया मगर उन बतो को

ऽलखन म ठाक नही समझत ह ा म शमथ जा क ऽवषय म यह तो समझ गय ऽक य ठाक हो जएाग मगर य

पीणथ रपस कभा ठाक नही हो सकत ह इनक मऽसतषक म थोड़ा सा कमा बना रहगा मऽसतषक की कमा

शम थजा को कभा भा मलीम नही पड़गा मगर दीसर वयऽकत जयद गौर करन पर यह जन जयग इनक

मऽसतषक कि छ कमा ह ऽफर म सिबह शरा मत जा क पस गय और शम थ जा क ऽवषय म समपीणथ बत

बतया तब शरा मत जा बोलीndash sbquoआप कहत ह शमथ जा आाख खोलत ह और आाख बनद करत ह

मगर ऐस नही ह zwjयोऽक वह ऽवसतर पर बहोश पड़ हए ह आाख कस खोल सकत ह‛ म बोलndash ldquoशरा

मत जा मन धयनवसथ म ऐस हा दख ह ऽक उनहोन अपना आाख खोला ह‛ शरा मत जा बोलीndash

ldquoयह सहा नही ह वह बहोश पड़ हए ह यह तिमहर अपन ऽवचर ह‛ ऽफर म कि छ नही बोल कि छ समय

बद म आशरम लौट आय

ऽफर दीसर ऽदन सिबह शरा मत जा न मर पस खबर भजाndash आपक अनिभव ऽबलकि ल सतय ह

शमथ जा आाख आाख खोलत ह और बनद कर लत ह उसकी पतना क फोन ऽदलला स आय हउनहोन

योग कस कर 246

इस बर म बतय ह मिझ लग पत नही शरा मत जा मरा बतो पर ऽवशवस zwjयो नही करता ह शरा मत

जा न शम थ जा क ऽवषय म जनन क ऽलय बहत परयतन ऽकय थ मगर कि छ भा जनकरा हऽसल नही

कर सकी तब मिझस उस सधक क ऽवषय म जनकरा लन क ऽलएकह थ

इस अनिभव म म बहत सा बत नही ऽलख रह ह ा zwjयोऽक उऽचत भा नही ह ऐसा बतो को समज

क समन वयकत नही करन चऽहय म यह सपषट कर दीाndash मर और शरा मत जा क बाच बहत सा ऐसा बत

ह जो कभा भा समज नही जन पयग zwjयो ऽक वह मरा बहत अचछा गिर क सथ म ा भा ह वतथमन

समय म लोगो को कि छ गोपनाय बत की जनकरा हो गया ह जसndash शरा मत जा हमस आधयऽतमक

कयथ ऽलय करता था यह सतय ह मगर मन कभा ऽकसा को इस ऽवषय म नही बतय ह इसाऽलए शरा

मत जा की बहत इचछ था ऽक म ऽमरज आशरम म हा रह ा वह मिझ आशरम म ऊा च पद भा दन वला था

तथ म भऽवषय म सधको क मगथ दशथन करा उनकी य परवल इचछ था मगर म उनकी इचछ को पीणथ

नही कर सक zwjयोऽक कि छ ऐस करण थ म आशरम म रह नही सकत थ ऽफर म वपस अपन गाव आ

गय

शरी माता जी का वदवय सवरप

यह अनिभव मिझ योग ऽनदर म आयndash म आशरम म अपन कमर म लट हआ थ मिझ आशरम स

शरा मत जा क घर तक क रसत सपषट ऽदखई द रह थ इस रसत की आशरम स शरा मत जा क घर की

दीरा लगभग 6-7 ऽकमा की होगा मिझ ऽसफथ रसत हा नही बऽलक सड़क क ऽकनर खड़ पड़ खत और

सीकषम स सीकषम कण भा ऽदखई द रह थ समपीणथ रसत म परकश फल हआ थ मिझ यह भा ऽदखई द रह

थ ऽक म कमर क अनदर लट हआ ह ा कमर की दावर मिझ अवरोध नही कर रहा थी दावर परदशी

वसति की भ ाऽत लग रहा थी कमर स बहर क सब-कि छ ऽदखई द रह थ आश चयथ की बत यह थाndash

कोई भा मनिषय ऽदन म जयद दीर तक नही दख सकत ह मगर म 6-7 ऽकलोमाटर तक की दीरा सपषट दख

रह ह ा वह भा एक बर म ऽदखई द रहा था कि छ कषणो बद मिझ सड़क पर एक रथ आत हआ ऽदखई

ऽदय रथ दो पऽहयो वल थ उस रथ म एक सरथा भा थ वह घोड़ो की लगम पकड़ हए रथ को ह ाक

रह थ उस रथ पर शरा मत जा ऽवरजमन थी शरा मत जा क ऽसर पर ऊा च मिकि ट लग हआ थ उसम

बहत चमकीला मऽणय ा लगा हई थी वह मऽणया चमक रही थी शरा मत जा न सफद सड़ा पहन रखा

योग कस कर 247

था मगर उनक शल हलक लल रग क थ वह शल परकश स ऽझलऽमल रह थ शल उनहोन अपन

ऊपर ओढ़ रख थ शरा मत जा रथ पर बठकर चला आ रहा थी म कमर क अनदर लट हए दख रह

थ वह रथ सड़क पर चलत हआ आशरम की ओर आ रह थ ऽफर रथ मर कमर क समन सड़क पर

रक गय शरा मत जा रथ स उतर कर शल ओढ़ हए मर कमर की ओर आन लगी म यह दख रह थndash

मर कमर क दरवज बनद ह उसा समय शरा मत जा न दरवज पर खड़ होकर बिलयndash ldquoआननद कि मर

आननद कि मर‛ मर मन क अनदर ऽबजला सा दौड़ गया मन सोचndash शरा मत जा दरवज पर खड़ा ह

और म लट हआ ह ा म जलदा स उठकर खड़ हो गय और दरवज क पस जकर मन शरा मत जा स

कहndash ldquoशरा मत जा जर ठहरो म दरवज खोल रह ह ा दरवज अनदर स बनद ह‛ आश चयथ की बत

यह ह ऽक ऽबन दरवज खोल हा म कमर क बहर खड़ हो गय मगर दरवज जयो-क-तयो बनद थ

दरवज स बहर ऽनकलत समय म बड़ आरम स बहर ऽनकल गय दावर और दरवज स मिझ कोई

अवरोध नही हआ दरवज क बहर खड़ होकर मन यह भा दखndash ldquoआननद कि मर क सथील शरार

चरपई पर लट हआ हrdquo म शरा मत जा स कमर क बहर खड़ होकर बत कर रह ह ा

कि छ कषणो बद आयndash शरा मत जा रथ स उतरकर कमर तक पदल आई ह तो मन सोचndash उनक

परो म ऽमिा लग गया होगा म उनक पर पोछ दीा म पर पोछन क ऽलए उनक परो की ओर झिक तो

ऽदखया ऽदयndash ldquoशरा मत जा क पर भीऽम पर नही ह वह भीऽम स थोड़ ऊपर (लगभग एक फीट) खड़ा

हई ह मिझ यह जनकर बड़ आश चयथ हआ वह भीऽम स थोड़ ऊपर आधरहान आकश म खड़ा हई थी

जस हा मन उनक चहर की ओर दख तब उनहोन मिसकर ऽदय उस समय उनक चहर स तज परकश

ऽनकल रह थ उनक समपीणथ शरार परकऽशत थ इतन हमरा आाख खिल गया उस समय सिबह क

330 बज थ मर शरार म आग सा फला हई था zwjयोऽक कि णडऽलना ऊपर तक चढ़ा हई था कि छ समय

बद म धयन पर बठ गय

ऄथश- सधको मिझ शरा मत जा क घर स आशरम तक 6-7 ऽकलोमाटर की जगह एक बर म

ऽदखई द रहा था यह समपीणथ दशय ऽदवयदऽष ट क दरर दख रह थ तभा इस परकर स एक बर म हा 6-7

ऽकमा ऽदखई द रह थ मर पस शरा मत जा क सीकषम शरार आय थ इसऽलए मिझ ऐस ऽदखई द रह

थ हमर सीकषम शरार कमर स ऽनकलकर बहर खड़ हो गय थ अगर अनिभव म गौर कर तो आननद

कि मर चरपई पर हा लट हआ थ मर अनदर क शरार अथ थत सीकषम शरार क दरर हा समपीणथ कयथ हो

रह थ मर कमर क दरवज बनद थ ऽफर भा म बहर ऽनकलकर खड़ हो गय अथ थत सीकषम शरार को

योग कस कर 248

दरवज व दावरो क अवरोध नही होत ह हमरा ऽदवय दऽष ट अतयनत तावर गऽत स कयथ कर रहा था

इसा करण इतन असपषट दशय ऽदखई द रह थ

पणशता पराप त करो

यह अनिभव 2 अzwjटीबर क ह धयनवसथ म सिबह 10 बज आय आजकल कभा-कभा

मनऽसक ऽसथऽत कि छ कषणो क ऽलए खरब-सा हो जता ह इसक करण यह ह कोई न कोई वयऽकत

अपमन जनक बत कह जत ह म सोचन लगत ह ाndash मर zwjय कसीर ह जो य लोग अपमन कर जत ह

म जनत ह ा इसक हल कि छ भा नही ह कभा-कभा मन म आत ह यह आशरम छोड़ दीा कई बर ऽनणथय

ऽकय ऽक आशरम छोड़ दीाग और कही सधन करा ग मगर जब धयन पर बठत ह ा तब अनदर स आवज

आता ह ऽक अभा आशरम नही छोड़न ह इसा करण कभा-कभा मन बहत उदस हो जत ह और मन म

खीचतना होता रहता ह मगर धयन म बठकर मन म शऽनत ऽमल जता था ऽफर मिझ धयन म आन

वला आवज स ऽचढ़ लगता ह ऽक ऐसा zwjयो आवज zwjयो आता ह इसा खीचतना म सिबह स बठ

हआ थ zwjयोऽक आज सिबह सत बज शरा मत जा क पस जन थ मगर वहा पर नही ज पय मन

ऽनिय ऽकयndash अब मशरा मत जा क पस ऽमरज नही जऊा ग धयन ऽबन गिर क भा हो सकत ह मरा

तो योग म अब उचचवसथ हो गई ह शरा मत जा को अपन योग पर बहत बड़ अऽभमन ह इसाऽलए

मर अनिभवो अथव ऽकरयओ को गलत बतता रहता ह जबऽक बद म वह अनिभव और ऽकरयएा सहा

ऽनकलता ह य कसा गिर य मगथदशथक ह मन ऽनिय ऽकयndash अब म शरा मत जा स जयद सधन

करा ग तथ योगबल भा शरा मत जा स जयद मर पस होग आऽद म य सब बत सोच रह थ

तभा हमरा आाख बनद होन लगी म धयन पर बठ गय धयन पर बठत हा बहत तज परकश

ऽदखई ऽदय जस ढरो सीयथ चमकन लग हो चरो ओर तावर परकश फल हआ थ म भा परकश म खड़

हआ थ कि छ कषणो म उसा तज परकश क अनदर एक सत पिरष परकट हो गय उनक कद मधयम शरणा

क थ शरार रषट-पिषट थ भगव वसतर धरण ऽकय हए थ उनहोन हलक लल रग की कीमता शल ओढ़

रखा था शल ओढ़न क ढग थोड़ ऽवऽचतर स थ शल औरतो क समन ओढ़ हए थ अथ थत ऽसर क

ऽपछल भग सल स ढक हआ थ रग उनक हलक स ावल स थ यह महपिरष मिझस थोड़ा दीरा पर

खड़ हए थ ऽफर वह महपिरष जा मिझस बोलndash ldquoबट तिमह पीणथत हर हलत म परप त करना ह आग

योग कस कर 249

चलकर तिमह बहत कयथ करन ह भऽवषय को तिमहरा जररत ह‛ म उनह टकटकी लगए हए दख रह थ

म उनस कि छ नही बोल वह ऽफर बोलndash ldquoजओ अपन गिर क पस‛ वह महपिरष इतन कह कर चिप हो

गए ऽफर मर हा समन वह अदशय हो गय इतन म मरा आाख खिल गया ऽफर म तयर होकर शरा मत जा

क पस चल गय

मन यह अनिभव शरा मत जा को यह अनिभव सिनय मगर शरा मत जा अनिभव सिनकर उततर म

कि छ नही बोली म समझ गय शरा मत जा को हमर अनिभव अचछ नही लग होग मर सोचन थndash

जो शबद उन सनयसा जा न कह थ उस सिनकर शरा मत जा मर अनिभव स परसनन हो जयगा मगर

परसननत की जगह उनह कि छ और हा महसीस हआआपकी सोच को गिरदव धनय ह ऽशषय की

कमयबा पर गिर को परसननत होना चऽहए मगर मर गिरदव चिप ह

ऄथश- सधको य सनयसा कोई सधरण सनयसा नही थ य भगवन गौतम बिि क ऽपरय व वररषठ

ऽशषय थ इनक नम आननद थ इस समय य तपलोक क उचचसतर पर रहत ह जहा पर बरहमलोक और

तपलोक ऽमलत ह यह बत सन 1996 क जनवरा मह म मलीम हई था

मरा ऽदवयदऽष ट बहत हा तज होन क करण दीर-दऽष ट तज गऽत स कयथ करता ह दीर-दऽष ट

योगऽनदर म भा कयथ करता ह जब म सो जत ह ा तब मर परण बरहमरनधर क अनदर चल जत ह उसा

समय हमरा दीर-दऽष ट कयथ करता ह दीर-दऽष ट ऽसि होन क करण मिझ धयनवसथ म दीर-दीर तक ऽदखई

दत ह तथ योगऽनदर म भा कि णडऽलना ऊपर तक चढ़ता उतरता रहता ह जब कि णडऽलना क करण शरार

म गमी अऽधक बढ़ जता ह तब सोत समय म मरा नीद खिल जता थाzwjयोऽक गमी क करण शरार को

पाड़ होन लगता ह यऽद म इस अवसथ म एक मह और बन रहत तो अवशय हा बहत सर अनिभव

आत अब पथवा की वतथमन समय म घटन वला घटनएा और ऊपर क लोक क ऽवषय म ढरो सीकषम

जनकररय ा ऽमलता रहता थी यह सरा जनकररय ा ऽदवयदऽष ट क दरर परप त होता थी आजकल मर

शरार म बहत जयद शिित बढ़ गई था ऽकसा क नजदाक बठन मिझ अचछ नही लगत थ बस

अकलपन हा अचछ लगत थ उस समय खन की भा इचछ नही होता था कोई मर पस स ऽनकल

जएा य बत करक चल जएा तो भा अचछ नही लगत थ कभा-कभा मिझ अपन आप स झिझलहट

सा महसीस होता था मरा यददशत बहत कमजोर हो गई था यह ससर अचछ नही लगत थ अब मर

मन म मोह नही रह गय थ बस यहा लगत थ कठोर सधन करक पीणथत परप त करा

योग कस कर 250

मन एक बर सोच एक-डढ़ सल हो गय ह अब म घर हो आऊा मन घर (कनपिर ) जन क

ऽनिय कर ऽकय ऽफर मन शरा मत जा को बतय ऽक म घर जन चहत ह ा शरा मत जा न कहndash

ldquoआप एक मह क ऽलए घर हो आइए तिम मर सथ 7 अzwjटीबर को ऽनकलो मिझ जलग ाव जन ह

सतर पीन होत हए जलग ाव रकन ऽफर अपन घर चल जन zwjयोऽक कि छ सधको की इचछ ह

आननद कि मर पीन व जलग ाव म आय इसऽलए आप मर सथ चऽलए‛ मन 7 अकती बर को घर जन की

तयरा कर ला मगर मरा ऽसथऽत तो ऐसा था मिझ ऽकसा क दरर सपशथ स वदन होता था ऽकसा स बत

करन अचछ नही लगत थ बहत ऽदनो स मरा वचऽसऽि कयथ कर रहा था जब म सतर पीन और

जलग ाव जऊा ग तब सभा शहरो म सधको स बत भा करना होगा और सभा जगह खन भा खन

होग इसाऽलए अपन शरार को अशिि करन शिर कर ऽदय तऽक मिझ सधको क दरर परप त अशिित

स परशना न उठना पड़ मन अपना सधन कम कर दा ऽफर शरा मत जा न मिझ बतयndash ldquoआपको

सतर इसऽलए ऽलए ज रह ह ऽकसा क सथ आपको सजजनगढ़ भज दग वह ा पर समथथ गिर रमदस जा

की समऽध ह समऽध क दशथन करन‛ मन शरा मत जा स परथथन कीndash ldquoमरा इचछ यह भा ह ऽक म

आऽलदा म सत जञनशवरजा की समऽध क दशथन करा ‛ शरा मत जा न मिझ आजञ द दा

सजजनगढ़ की यातरा

7 अzwjटीबर को सिबह म शरा मत जा क सथ सजजनगढ़ क ऽलए कर स चल ऽदय सथ म कि छ

और भा सतसगा थ कर जब सजजनगढ़ क पस पहाचा तब शरा मत जा मिझस बोलीndash ldquoआननद कि मर

समन जो वह पहड़ा ऽदख रहा ह वह सजजनगढ़ ह‛ उस समय म कर क अनदर स हा सजजनगढ़ क

आसपस की परकऽतक-सौदयथ दख रह थ आसपस क कषतर बहत अचछ ऽदखई द रह थ ऽजसक म

शबदो म वणथन नही कर सकत ह ा यऽद ऽकसा सधक को सऽषट-सौदयथ व आधयतम क आननद लन हो तो

सजजनगढ़ अवशय जएा कि छ समय बद म सजजनगढ़ की पहड़ा पर पहाच गय कर ऊपर तक नही ज

सकता था zwjयोऽक कर क ऽलए आग क रसत नही थ कर स उतरकर हम सभा को साऽढ़या चढ़ना

पड़ी शरा मत जा न बतयndash ldquoसड़क यहा तक अभा बना ह पहल सरा पहड़ा साऽढ़यो दरर चढ़ कर

तय करना पड़ता था पहड़ा की ऊा चई बहत जयद था पहल बहत पररशरम करक ऊपर चढ़न पड़त

थ अब तो थोड़ा हा साऽढ़या चढ़ना पड़ता ह zwjयोऽक पहड़ा पर सड़क बन गई ह‛ हम सभा सधक

योग कस कर 251

पहड़ा क ऊपर पहाच गय थोड़ आरम करक समथथ गिर रमदस की समऽध पर गय वह ा पर समऽध क

दशथन ऽकए ऽफर हम सभा सधको न थोड़ स वही पर धयन भा ऽकय दोपहर को सभा न परसद भा

पय शरा मत जा आरम करन ऽलय एकत म चली गई हम सभा सधक सजजनगढ़ म घीमन लग ऽफर

एक ओर जकर पहड़ा पर बठ गए वह ा स चरो ओर दीर-दीर तक परकऽतक सौदयथ ऽदखई द रह थ

हरा-भरा छोटा-छोटा पहऽड़यो क आकषथण इतन जयद थ ऽक मर मन कह रह थ यही पर बन रहो

वह ा पर तान-चर घनट क समय कब बात गय मलीम हा हआ ऽफर वह ा स सतर क जन क ऽलए हम

सभा चल ऽदय सतर पहाच कर मलीम हआ यह ा पर मिझ तान ऽदन रकन ह सतर म तान ऽदनो तक

सतसग ऽकय ऽफर 10 अzwjटीबर को सिबह म पीन क जन क ऽलए शरा मत क सथ चल ऽदय

अवलदी यातरा

पीन मिझ 5 ऽदन रकन थ पीन पहाचन क दो ऽदन बदआऽलदा जन क परोगरम बन शरा मत

जा न कहndash ldquoआप आऽलदा ज रह हो तो ऽसिपाठ अवशय जन यह आऽलदा स एक डढ़ ऽकलोमाटर

की दीरा पर ह आऽलदा म तो जञनशवर जा की समऽध ह मगर ऽसिपाठ म जञनशवर जा की तपोभीऽम ह‛

मर मन म सत जञनशवर जा क ऽलए बहत आकषथण थ मिझ धयन म भा कभा इनक दशथन नही हए अब

मिझ इस बत क सतोष थ ऽक मिझ उनकी समऽध क दशथन होग सिबह 6-7 बज कि छ सधको क सथ

बस दरर आऽलदा पहाच गय सभा न आऽलदा म समऽध क दशथन ऽकए ऽफर हम सभा कि छ समय क

ऽलए धयन पर बठ गए धयन म मिझ एक सत क दशथन हए उनक ऽसर पर मरठा ढग की पगड़ा बाधा हई

था मसतक पर चनदन क ऽतलक लग थ उस सत की उमर भा जयद लग रहा था म उनक जयद

वणथन नही कर सकत ह ा zwjयोऽक मन उनह पहल कभा नही दख थ धयन लगभग 15-20 ऽमनट क

ऽकय थ ऽफर मन वही पर एक फोटो दख मन एक सधक स पीछndash ldquoयह फोटो ऽकसक ह‛ तब उस

सधक न बतयndash यह फोटो सत जञनशवर जा क बड़ भई ऽनवऽततनथ जा क ह म तिरनत समझ गय मिझ

इनही क दशथन हआ ह ऽफर कि छ समय बद पदल चल करहम सभा ऽसिपाठ पहाच गय वह ा पर कि छ

समय बद हम सभा सधक धयन करन क ऽलए बठ गए

योग कस कर 252

जञानशवरजी व मकताबाइ अवद क दशशन

मरा सधन अचछा चल रहा था इसऽलए आसन पर बठत हा धयन लग गय मन सत जञनशवर

जा स परथथन कीndash sbquoमरा बड़ा इचछ ह ऽक मिझ आपक दशथन हो कपय आप मिझ दशथन दकर मरा इचछ

पीरा कर दाऽजय‛ म सकलप करक धयन म करन गय कि छ कषणो बद आवज आईndash ldquoरदय म धयन

करो‛ आवज सिनकर मन सोचndash म रदय म धयन कस करा आवज आत हा मन रदय पर धयन

लगन क परयतन ऽकय मगर रदय म मन एकगर नही हआ मिझ ऐस लग ऽक अब मर धयन हा नही

लगग मगर इसा खीचतना म मन कब एकगर हो गय मिझ मलीम नही हआ वस मर मन बरहमरनधर क

अनदर साध पहाचत थ मगर अबकी बर मिझ महसीस हआ ऽक परण और मन दोनो हा आजञचकर म एक

सथ रक गए इस करण आजञचकर पर दबव पड़न लग मिझ लगndash म आजञचकर क अनदर परवश कर

रह ह ा कषणभर म मसतक पर खड़ आकर म एक आाख ऽदखई दन लगा वह आाख इन सथील आाखो स

बड़ा था यह आाख पीरा तरह स खिला हई था आाख ऽबलकि ल सवचछ और तज था कि छ समय तक म

इस आाख को दखत रह ऽफर यह आाख ऽदखई दना बनद हो गई

उसा समय दीसर दशय आ गय मिझ एक लड़की ऽदखई दन लगा वह लड़की तरण था लड़की

क रग गोर थ उनक चहर बहत तजसवा थ उसन नक म गोल ररग पहन रखा था उसक चहर मर

अऽत नजदाक थ वह मिसकर रहा था कि छ कषणो म मर धयन कमजोर पड़ गय कि छ कषणो बद म गहर

धयन म लान हो गय ऽफर मिझ वहा आाख खड़ आकर म मसतक पर ऽदखई दन लगा इसा आाख क

दरर मिझ अपन समन एक नवयिवक ऽदखई दन लग वह नवयिवक मिझस थोड़ा दीर पर बठ हआ थ

उसक रग गोर थ मगर वह जयद गोर नही थ सिडौल सिनदर शरार थ उमर 18-19 वषथ क लगभग

रहा होगा कमर स ऊपर शरार पर कोई कपड़ नही थ कमर म धोता पहन हए थ उसक ऽसर क बल

थोड़ घिाघरल स व लमब थ बल कनधो पर रख हए थ बल ऐस लग रह थ जस अभा-अभा सनन करक

बठ ह zwjयोऽक उसक बल कि छ उलझ हए स थ समभवतः उसक शरार की लमबई सढ़ प ाच फीट स 6

फीट क बाच रहा होगा वह नवयिवक मरा ओर दखत हए मिसकर रह थ उस दखत हा मिझ आवज

सिनई दाndash ldquoय सतजञनशवर जा ह‛ य शबद सिनत हा मर धयन ऽफर कमजोर पड़न गय म अपन अनदर

परसनन हो रह थ ऽफर स गहर धयन लग गय तभा मिझ मसतक पर खड़ा आकर म आाख ऽदखई दन

लगा इतन म एक ऽवशल आकर वल मनव चहर समन आ गय उनक ऽसर क बल सफद व

लमब-लमब थ मसतक पर तवच की ऽसलवट सफ ऽदखई द रहा थी चहर क रग सिखथ लल थ चहर

योग कस कर 253

स आग जस परकश ऽनकल रह थ वह मिझ शनत मिदर म दख रह थ उनकी आाख ऽबलकि ल शनत थी

इन महपिरष को दखत हा मर मन म आय ऽक य मह पिरष इस यिग क नही ह zwjयोऽक उसक चहर

ऽवशल व तजसवा थ

ऄथश- इस अनिभव क बद ऽफर मर धयन कमजोर हो गय मर मन तो नही कर रह थ ऽक म

धयन स न उठीा मगर मर शरार थक गय थ आजञचकर क कषतर बिरा तरह स दिखन लग थ आाख म ददथ

स होन लग थ म लगभग डढ़-दो घनट धयन पर बठ रह मन हमर बहत अऽधक परसनन हो रह थ

zwjयोऽक मरा इचछ पीरा हो गई था मिझ यद आयndash आजकल फोटो म जस सत जञनशवर जा बहत सिनदर

ऽदखत ह वसतव म इतन सिनदर नही थ लऽकन वह बहत तजसवा बहत थ उनक रग गनहआ (जयद

गोर नही) थ ह ा उनकी छोटा बहन मिकतबई गोरा था और बहत सिनदर भा था य भा अतयनत तजसवा

था मिझ जो लड़की ऽदखई दा वह सत जञनशवर जा की बऽहन मिकतबई था मगर म उन महपिरष को नही

पहचन सकऽजनक चहर बहत बड़ व ऽसर क बल सफद थ धयनवसथ म मिझ बर बर एक आाख

ऽदखई दता था वह मरा ऽदवयदऽष ट था ऽदवयदऽष ट क दरर मिझ य सभा अनिभव आए थ

धयन स उठकर हम सभा सधको न खन खय ऽफर मन अपन अनिभव सभा सधको को

सिनए कि छ दर तक वह ा पर बठ रह ऽफर आऽलदा क ऽलय वह ा स चल ऽदय पीन आकर शरा मत जा

को सभा अनिभव सिनए अनिभव सिनकर शरा मत जा बहत परसनन हई 14 अकती बर की रऽतर को पीन स

टरन दरर जलग ाव क ऽलए चल ऽदय जलग ाव आकर मिझ वह ा पर 6-7 ऽदनो तक रकन पड़ यहा पर

जलग ाव क सधको क सथ आधयऽतमक आननद लत रह सभा सधको क परशनो क उततर दन म म

समथयथ रखत थ तथ ऽकसा भा सधक क कि छ भा जन सकत थ सधक बनधि आधयतम स हटकर

भा ससर क ऽवषय म भा पीछत थ तब म कि छ कषणो म हा उनक सटाक उततर द दत थ जलगाव क

सधको स हमरा बहत बनता था जलग ाव स कई सधक-बधिओ क सथ कणवशरम भा गय थ ऽफर

जलग ाव स 12-13 ऽकमा दीर जफरबद म महन ऽसि पिरष ऽजपपरी अणण की समऽध पर गयवहा पर

थोड़ स धयन भा ऽकय थ ऽफर वपस आ गय दीसर ऽदन अजनत की गिफएा दखन कि छ सधको क

सथ गय थ अजनत की गिफओ म भगवन बिि क जावन चररतर पर ऽचतरकरा व ऽशलपकरा दखन को

ऽमला य सभा गिफएा बहत सिनदर था ऽफर 20-21 अzwjटीबर को घर क ऽलए (कनपिर) चल ऽदय घर म

एक मह तक रह उस समय अनिभव भा आए थ मगर यह ा पर उन अनिभवो को ऽलखन उऽचत नही

योग कस कर 254

समझत ह ा ऽफर ऽदलला होत हए जलग ाव आ गय अबकी बर जलग ाव म 8 ऽदनो तक रक ऽफर म

अकल हा ऽमरज आ गय शरा मत जा जलगाव म हा बना रही

अब शरा मत जा मिझ धयन म अzwjसर ऽदखई ऽदय करता था धयनवसथ म अनिभव जयद

नही आत थ कभा-कभा आ जत थ अब अनिभव योगऽनदर म आन लग थndash अनिभव म म कि छ भा कर

रह ह ा तभा शरा मत जा उपऽसथत हो जता थी म कही ज रह ह ा तभा ऽदखई दन लगत थ ऽक मर

सथ शरा मत जा भा चल रही ह कभा-कभा शरा मत जा स मिझ डर लगन लगत थ zwjयोऽक वह हर

समय मर सथ रहता थी एक बर शरा मत जा आशरम म आई तब म उनस पीछndash ldquoशरा मत जा जब म

सो जत ह ा आप सवपन म मर सथ रहता ह कही भा घीम रह ह ा (अनिभव म) तो आप मर आग ओर और

दय य बय ओर होती ह कभा-कभा सवपन म कोई कयथ करन लगीा तो आप उसा समय वही पर

उपऽसथत हो जता ह कभा-कभा कयथ करन क ऽलय आप मन भा कर दता ह शरा मत जा यह कस

होत ह ऽक आप अब सदव मर सथ रहता हrdquo शरा मत जा न बतयndash ldquoआपकी सधन की जो ऽसथऽत

ह उसक करण आपम और मिझम कोई जयद दीरा नही रह गई ह आप मर अऽत नजदाक आ गए ह

इसऽलए म हमश आपको सवपन म ऽदखई दता ह ा मगर जब गिर और ऽशषय एक हो जत ह तब इस तरह

ऽदखन बनद हो जत ह इस अवसथ म कौन ऽकस दखग zwjयोऽक दोनो एक हा हो जत ह‛ ऽफर उनहोन

सवमा जा क उदहरण ऽदय सवमा जा क रप म कभा म सधको को ऽदख जता ह ा कभा म और

सवमा जा एक सथ होत ह मन सवमा जा स पीछndash तो सवमा जा न बतय sbquoजब हम और आप एक

हो गय ह तो तिमह कस ऽदखई दीा ‛

दो दल का कमल

यह अनिभव 31 ऽदसमबर क ह सिबह धयनवसथ म दखndash म तज परकश म खड़ हआ ह ा चरो

ओर परकश हा परकश ह मर समन बहत बड़ आकर क एक कमल क फी ल ऽखल हआ ऽदखई द

रह ह इस कमल क फी ल म दो हा पखिड़ा ह यह कमल क फी ल रगान नही ह बऽलक परकश क सतरगा

ऽकरणो स दोनो पखिऽड़य ा बना हई ह रगहान होत हए भा कमल क फी ल बहत अचछ लग रह ह उसा

फी ल को दखकर म मिसकर रह ह ा मन तिरनत कहndash ldquoयह कस कमल क फी ल ह इसकी दो हा पखिऽड़य ा

ह‛ उसा समय आवज आईndash ldquoयह आजञाचकर का कमल ह इसम दो ही पखिड़या होती ह आननद

योग कस कर 255

कमार तमह बहत बरा लगता ह जब लोग अकारण उकटा-सीधा बोलत ह इन सभी को बोलन द खब

बोलन द तयाग इसको सब कछ तयाग आग की ओर बढ़ और आग‛ ऽफर कि छ कषणो बद आवज

आईndash sbquoतम आपन को साधक समझत हो अभी मरी दिष ट म साधक नही बन हो रानत हो जाओ

िबलकल रानत रानत योग म उचचतम अवसथा को पराप त करो‛

वाचा वसवि का परयोग

मर अनदर योगबल दरर कोई नय परयोग करन की इचछ जगऽत हई था मन यह परयोग गिर

पीऽणथम स पहल ऽकय थ मर य परयोग पीरा तरह स सफल रह थ आशरम म एक कि ऽतय अzwjसर आय

करता था कि ऽतय क शरार ऽसफथ हडऽडयो क ढ ाच मतर थ म दोपहर को खन खय करत थ तब

उस कि ऽतय को भा थोड़ स डल ऽदय करत थ शम क समय म खन हा नही खय करत थ मगर

कि ऽतय शम को भा खन क इनतजर ऽकय करता था और वपस चला जता था ऽफर दोपहर को वह

खन क एक घणट पहल आ जता था और खन क इनतजर ऽकय करता था धार-धार वह मर पस

बठ जय करता था तब म पयर स उसक शरार पर हथ ऽफरय करत थ तथ शम क ऽलए कि ऽतय को

खन दन क ऽलए रख ऽलय करत थ म शम को खन नही खत थ मगर कि ऽतय को अवशय

ऽखलत थ कभा-कभा कि ऽतय क ऽलए शम को नमकीन चवल बन ऽलय करत थ उस समय मर

मन म एक और बत आईndash zwjय म जनवरो क वलय दरर जनवरो क मन की बत जन सकत ह ा यह

परयोग मिझ करन थ उसक ऽलय मन इसा कि ऽतय को हा चिन थ उस समय मर शरार बहत जयद शिि

हो गय थ म धयन बहत अऽधक ऽकय करत थ और मतर जप भा बहत ऽकय करत थ इसाऽलए

ऽकसा पिरष क ऽनकट आन पर उसक वलय क दरर उसकी ढरो जनकररय ा मिझ हो जता था म उस

पिरष क ऽवषय म बहत कि छ जन लत थ

मन कि ऽतय पर परयोग क ऽलए उसक शरार पर हथ ऽफरन शिर कर ऽदय वह घस पर लटा हई

था उसन आाख भा बनद कर रखा थी मन उसक आग क पर पकड़कर जोर स ओकर ऽकय ओकर

करत समय कि ऽतय क शरार म कमपन होन लग कि ऽतय न आाख खोल दा और ऽफर बनद कर ली म

अपना आाख बनद करक धयन करन लग म धयन करत समय कि ऽतय क आग क पर पकड़ रख थ कि छ

योग कस कर 256

समय बद सकत ऽमलन शिर हो गयndash ldquoवह उस समय भा भीख स पाऽड़त था उस खन खन की इचछ

था मर सपशथ उसको अचछ लग रह थ मर सपशथ स कि ऽतय को शऽनत की अनिभीऽत हो रहा था

कि छ ऽदनो बद मर एक गिर बधि पीन स आय हए थ वह डॉzwjटर थ मन डॉzwjटर सहब को म सरा

बत बतई एक ऽदन शरा मत जा क यह ा स डॉzwjटर सहब मर पस आए और बोलndash आपको और मिझ

शरा मत जा न सिबह बिलय हआ ह दीसर ऽदन सिबह हम दोनो शरा मतजा क पस पहाच गय शरा मत

जा क यह ा मिझ बहत समय लग गय अब मर मन कि ऽतय की ओर गय ऽक वह आज भीखा रह

जएागा म और डॉzwjटर सहब शरा मत जा क यह ा स रऽतर 10 बज आशरम म आ पए उस समय

आसपस म घन बदल छए हए थ तथ हलकी-हलकी बररश हो रहा था हम दोनो कमर की ओर आ रह

थ डॉzwjटर सहब आग-आग चल रह थ घोर अधकर थ कि छ भा ऽदखई नही दत थ कमर क दरवज

पर पहाचत हा डॉzwjटर सहब बोलndash आननद कि मर जा यह ा पर कि छ ह मर पर क नाच कि छ पड़ गय ह

डॉzwjटर सहब पाछ की ओर लौट आए म बोलndash ldquoडॉzwjटर सहब वह ा पर सपथ होग पाछ की ओर आ

जओ म पड़ोसा स टचथ म ाग क लत ह ाrdquo उसा समय डॉzwjटर सहब बोलndash ldquoआ जइए आननद कि मर

जा यह ा पर आपकी कि ऽतय हrdquo मन आग बढ़कर दरवज खोल लइट जलन पर मलीम हआ ऽक

कि ऽतय पीरा तरह स भाग चिकी ह वह ठनड स काप रहा ह मिझ उसकी हलत दखकर बहत दिःख हआ म

कि ऽतय को भर पट खन भा नही द सकत थ ऽसफथ थोड़ स भोजन क ऽलए यह बररश म बठा हई भाग

रहा था जन कब स मर इनतजर कर रहा होगा म यह बत दीाndash यह पलती कि ऽतय था मगर इसक

मऽलक शयद खन नही दत थ अथव पट भर क खन नही ऽखलत थ वह मजदीरा क कम करत

थ तथ आशरम स थोड़ा दीरा पर रहत थ

आशरम वपस आत समय शरा मत जा न थोड़ खन मिझ द ऽदय थ मन डॉzwjटर सहब स

पीछndash ldquoऽकतना रोऽटया ह‛ डॉzwjटर सहब बोलndash ldquoचर रोऽटया ह‛ म बोलndash एक रोटा कि ऽतय को

ऽनकल दो म खन नही खऊा ग एक रोटा कि ऽतय को द दा गया ऽफर तान रोऽटयो म हा दोनो न खन

खय zwjयोऽक डॉzwjटर सहब न मिझ खन क ऽलए मजबीर ऽकय थ ऽफर दोनो सो गए सिबह म दिःखा स

थ म ऽनऽित ऽकय कि ऽतय को इस शरार स छि ड़ दीाग zwjयोऽक कि ऽतय की हलत रोज-रोज दखा नही

जता था उसा समय कि ऽतय भा वही पर आ गई मन कि ऽतय को पकड़ कर भीऽम पर ऽलट ऽदय मन

कि ऽतय क ऽसर क ऊपर सपशथ करक ओकर ऽकय ऽफर उस पर वच ऽसऽि क परयोग ऽकय और कहndash

ldquoइस कि ऽतय को शाघर हा इस शरार स छि टकर ऽमल जय‛ आज शिकरवर क ऽदन थ हम दोनो शरा

योग कस कर 257

मत जा क पस चल गए डॉzwjटर सहब को वपस पीन भा जन थ वह शरा मत जा क पस ठहर गय

म रऽतर क समय ऽमरज स अकल आशरम वपस आ गय मन इधर-उधर कि ऽतय दखा मगर कि ऽतय कही

भा ऽदखई नही दा मन जोर-जोर स कि ऽतय को बिलन शिर कर ऽदय मगर कि ऽतय नही आया ऽफर

पड़ोसा न आकर बतयndash आननद कि मर आपकी कि ऽतय टरक क नाच आ गई ह और वह मर गई ह म

मन म बहत खिश हआ चलो इस शरार स उस मिऽकत तो ऽमला ऽफर मन सकलप ऽकयndash ldquoकि ऽतय क

मऽलक भा यहा स चल जएाrdquo ऽफर 10-15 ऽदन बद मिझ बतय गय कि ऽतय क मऽलक वपस

कनथटक चल गय ह उसक लड़क बामर थ और उसक पस रपय नही थ

ऄथश- सधको मन वच-ऽसऽि स और भा कयथ ऽलए ह मगर म उन कयो क ऽवषय म ऽलख

नही रह ह ाzwjयोऽक ऽलखन आवशयक नही समझत ह ा वच-ऽसऽि स अचछ कयथ ऽकय ज सकत ह

और अधमथ स यिकत भा कयथ ऽकय आ सकत ह इसऽलय यह ऽसऽि अचछा भा होता ह और बिरा भा होता

ह यह सधक क ऊपर ह वह इस ऽसऽि स कस कयथ लन चहत ह वच ऽसऽि क समय सधक को

बहत समभल कर बोलन होत ह इस ऽसऽि क दरर मन बहत स सधको क मगथदशथन क कयथ ऽकय

सधको अगर योग म सधक की उचचतम ऽसथऽत ह तो धयन क मधयम स आप पड़ो स सीकषम

सदश गरहण कर सकत ह तथ अनय कई परकर की जनकरा परप त कर सकत ह ऐस परयोग मन ढरो बर

ऽकए ह पड़ो म भा कई परकर की जऽतया होता ह कि छ पड़ो म शिित जयद होता ह कि छ पड़ो म

शिित कम होता ह यो तो सभा पड़ो म जड़तततव की परधनत होता ह ऽफर भा कि छ पड़ अचछ होत ह

अचछ पड़ो म फलदर वकषो की सखय अऽधक ह यऽद आप पड़ो स दीसरो क ऽवषय म जनकररय ा परप त

करन चह तो कर सकत ह पड़ो म भा तो चतन तततव होत ह इसा चतन तततव क करण सर कयथ

समपनन होत ह पड़ो पर परयोग कस करत ह इसक उललख म नही कर रह ह ा zwjयोऽक इस कयथ को करन

क ऽलए सधक की उचचतम अवसथ होना अऽत आवशयक ह

योग कस कर 258

सन 1993

सकलप करो अतमा साकषातकार हो

शरा मत जा जनवरा क परथम सपतह म कि छ सऽधकओ क सथ आशरम म आयी था ऽफर वह

दो तान ऽदनो तक आशरम म रकी था उस समय हम सभा सधक शरा मत जा क समन धयन पर बठ हए

थ ऽफर 8 जनवरा की रऽतर को शरामत जा न मिझ समझयndash ldquoआननद कि मर आप बठत हा धयन करन

शिर कर दत ह आपक धयन भा लग जत ह आप कि छ सकलप आऽद नही करत ह आपको सकलप

करन चऽहए ऽबन सकलप क आपको zwjय परप त होग कि छ लकषय तो होन चऽहए मरा समझ म नही

आयndash zwjय सकलप होन चऽहए zwjय लकषय होन चऽहए मन शरा मत जा स पीछndash ldquoमिझ zwjय सकलप

करन चऽहए‛ शरा मत जा बोलीndash ldquoआपको सकलप करन चऽहए मिझ जञन की परऽपत हो तभा मलीम

होग इस जगत क ऽनम थण zwjयो हआ हम कहा स आए ह zwjयो आए ह आप को यह भा सकलप करन

चऽहए मिझ आतमसकषतकर हो यहा आपक लकषय होन चऽहए ऽफर मन म वयपकत और आएगा

अब आपक अनदर जञन परप त की इचछ परबल होना चऽहए तऽक आपको जञन परप त हो सक

महापरष

धयनवसथ म अनिभव आयndash म चबीतर जसा आकर वला जगह पर बठ हआ ह ा मर समन

एक पतर म कि छ रख हआ ह उस पतर म zwjय रख हआ ह म नही बत सकत ह ा पतर म कि छ ह ऐस

भऽसत हो रह ह मगर zwjय ह यह मिझ मलीम नही ह इतन म मर पस एक महपिरष आत हए ऽदखई

ऽदय जब वह मर पस आ गए तो मन दखndash उनक कद लमब ह लगभग सढ़ छह फीट रह होग ऽसर

पर बड़-बड़ बल थ तथ दढ़ा क बल भा लमब-लमब थ ऽसर और दढ़ा क बल ऽखचड़ा थ यह

महपिरष तजसवा ऽदखई द रह थ इसस सपषट होत थ ऽक य उचचकोऽट क योगा ह जब महपिरष मर

पस आए तो बोलndash ldquoवह दखो आपक पतर ल गई‛ म उनक यह वzwjय सिनकर अचऽमभत हआ और

सोच ऽक कौन मर पतर ल गया इतन म मन दख जो पतर म अपन गिर क पस ल जन वल थ वह

पतर एक सतरा लकर चला गई इतन म मन उस सतरा क शाघरत स पाछ ऽकय वह सतरा थोड़ स हा आग

योग कस कर 259

ज पई था ऽफर वह एक जगह बठ गई वह सतरा अपन हथ म उस पतर को ऽलय हए था म उसक समन

खड़ हो गय ऽफर म बोलndash ldquoयह पतर मर हrdquo मगर वह सतरा कि छ नही बोला ऽसफथ मिसकरई उस सतरा न

पतर क अनदर भर हआ पदथथ पा ऽलय मिझ लगndash यह म अपन गिर क ऽलए ल ज रह थ यह तो

इसन पा ऽलय ऽफर म बोलndash ldquoजो आपन पा ऽलय ह उस पतर समत वपस करोrdquo वह सतरा कि छ नही

बोला ऽसफथ मिसकर दा अब म उस सतरा को गौरपीवथक दखन लगndash वह अतयनत सिनदर था उसक शरार स

तज आभ ऽनकल रहा था तथ वह सवय परकश म बठा हई था म भा परकश म उसा क समन खड़

हआ थ म ऽफर उसस बोलndash ldquoमिझ वह पतर व उसक पदथथ चऽहएrdquo इतन म अनतररकष स आवज

आईndash ldquoउसक बदल म तिमह शाघर हा दीसर ऽमल जएाग‛ मगर अब भा वह सतरा हमरा ओर मिसकर रहा

था अनिभव समपत हो गय

ऄथश- सधको यह सतरा कि णडऽलना शऽzwj त था जो उस पतर को लकर चला गया था मगर पतर म

zwjय भर हआ थ म नही समझ सक उसम सऽतवक शऽzwj त था वह सवयम कि णडऽलना शऽzwj त न पा

ऽलय वह अब मिझ भऽवषय म ऽमल जयग इस अनिभव म वह महपिरष मर दो जनम पीवथ क ऽपत शरा थ

दो जनम पवश का दशय

अभा मन ऽपछल अनिभव म मन ऽजस महपिरष क वणथन ऽकय ह उनही महपिरष क इस अनिभव

म मिझ दशथन हो गय ऽबलकि ल पहल वल वहा ऊा च कद सिडौल शरार वहा ऽसर पर सफद-कल बल

व दढ़ा था एक पड़ क नाच चबीतरनिम जगह था उसा चबीतरनिम जगह पर आसन ऽबछकर बठ हए

थ उनक हथो म ससकत की एक मोटा पिसतक था उनक समन चबीतर क नाच एक यिवक भा बठ हआ

थ यिवक की उमर 20-22 वषथ क लगभग रहा होगा उसक कद भा उनही (महपिरष) क समन ऊा च थ

सिडौल व गठाल शरार थ उस यिवक क रग गोर थ उसन ऽसफथ सफद धोता पहन रखा था चहर पर

हलकी सा दढ़ा भा आ गई था यिवक बहत सिनदर व आकषथक थ यह यिवक भा एक पिसतक हथो म

ऽलए हए थ वह महपिरष उस यिवक को ससकत भष म कि छ पढ़ रह थ ऐस लगत थ यिवक को वदो

क मतरो क उचचरण करन ऽसख रह थ वह यिवक भा मतरो क उचचरण शाघरत स करत ज रह थ

योग कस कर 260

ऄथश- सधको यह दशय मर दो जनम पीवथ क थ वह नवयिवक म हा थ जो महपिरष मिझ पढ़

रह थ वह मर ऽपतशरा थ वहा मर उस जनम म गिरदव भा थ मर ऽपतशरा महन योगा थ वतथमन समय म

वह तपलोक म उचचसतर म समऽध म लान रहत ह हमरा ऽपत शरा स एक बर बत हई था यह बत

कफी लमबा हई था यह बत ऽदसमबर सन 1995 की ह सधको अपन ऽपछल कई जनमो क ऽवषय म

जनत ह ा ऽजसक वणथन म थोड़ स म आग करा ग

कणडवलनी शवzwj त

यह अनिभव 18 जनवरा क ह मन दखndash छह साढ़ानिम छोट-छोट जलशय ह जस पहड़ो पर

करमशः ऊपर की ओर साऽढ़या बना होता ह इन जलशयो को थोड़ दीर स तथ अनतररकष म खड़ होकर

दख जएा तो ऐस ऽदखई दत थ जस साऽढ़यो की करमशः एक स दीसर की ऊा चई जयद होता जता ह

इसा परकर जलशय बन हए ह एक जलशय स दीसर जलशय आग की ओर थोड़ स ऊपर ऽवदयमन

ह मन ऽगनकर दख वह छोट-छोट छह(6) जलशय बन हए ह छठव जलशय क ऊपर स ऽबलकि ल

सवचछ परदशी पना परकट हो रह ह और तावर धर क रप म छठव जलशय म आ जत ह छठव

जलशय क दीसर ओर स पना ऽनकलकर प ाचव जलशय म आ जत ह ऽफर पाचव जलशय क पना

दीसर ओर स ऽनकलकर चौथ जलशय म आ जत थ इसा परकर सबस नाच पहल वल जलशय म

पना आत ह सबस नाच पहल वल जलशय क पना अपन आप अदशय हो जत ह उसम पना की

मतर बढ़ता नही ह बऽलक पहल जस बना रहता ह इस परकर छठव जलशय क ऊपर स पना परकट

होकर नाच की ओर पहल जलशय तक आत ह ऽफर उसा म ऽवलान होत रहत ह

ऽजस जगह स पना परकट हो रह ह वह ा पर सरोत ऽदखई नही द रह ह बऽलक अनतररकष स अपन

आप पना परकट हो रह ह जहा स पना परकट हो रह हम वही पर खड़ हआ इन जलशयो को दख

रह ह ा उसा समय पना क अनदर एक सपथ ऽदखई द रह थ वह सधरण सपो की तरह नही ह उसक

शरार सिखथ लल तप हए सोन की भ ाऽत ह ऐस लग रह ह वह अऽनन स बन हआ ह उस सपथ क शरार

बहत लमब ह उसकी पीाछ ऽनचल परथम जलशय म ह और उसक मिाह छठव जलशय स ऊपर ह सपथ

क शरार सभा जलशयो स होत हआ ऊपर तक ऽवदयमन ह सपथ जोर लगकर पना क उदगम तक जत

ह और ऽफर ऽफसल कर थोड़ स नाच की ओर आ जत ह उसा समय मर मिाह स आवज आयाndash यह

योग कस कर 261

सपथ सधरण सपो की तरह नही ह यह कि णडऽलना शऽzwj त ह कि णडऽलना शऽzwj त बहत सधन करन क बद

जगरत होता ह कि छ कषणो म पना अपन आप ऽसथर हो गय सपथ पना क उदगम क पस आय और पना

क ऊपरा सतह क ऊपर कि णडला मर कर बठ गय उसक मिाह (फन) ऊपर की ओर उठ हआ थ म उस

दख रह थ वह मिझ दख रह थ ऽफर अनिभव समपत हो गय

ऄथश- इस परकर क अनिभव मन पहला बर दख ह कि णडऽलना क सवरप सिखथ लल तप हए

सोन क समन ह तथ पना क ऊपर कि णडला मर बठा हई मिझ दख रहा था महतवपीणथ बत यह हndash वह

छठव जलशय स ऊपर उदगम कषतर म कि णडला मर बठा था पना अपन आप जह ा क तह ा रक गय थ

जब मन यह अनिभव शरा मतजा को सिनय तब उनहोन जो अथथ मिझ बतय उसस म सतिषट नही हआ

उनक दरर ऽनकल गय अथथ मर योगभयस स मल नही करत थ zwjयोऽक म अपना ऽसथऽत अचछा तरह

जत थ य छह जलशय जो साढ़ानिम ऽदखई द रह ह वह मर सीकषम शरार क छ (6) चकर ह उसक

ऊपर पना क उदगम कषतर मर शरार म ऽसथत बरहमरनधर ह कि णडऽलना शऽzwj त सबस ऊपर उदगम कषतर म

कि णडऽलना मरकर ऽसथर हो गईndash कि णडऽलना बरहमरनधर क अनदर नही जता ह बऽलक बरहमरनधर दरर को

खोलकर धयनवसथ म साधा खड़ा रहता ह ऽफर सधक की सधन क अनिसर कि छ ऽदनो बद अथव

जयद ऽदनो म कि णडऽलना बरहमरनधर दरर होत हए आजञ चकर पर आता ह ऽफर आजञ चकर स साध-नाच

की ओर अपन मगथ बनत समय तली को कटत हए रदय म आ जता ह ऽफर रदय म ऽसथत कमो को

अभयसनिसर जलन लगता हतथ रदय म ऽसथत वयि को सोखन लगता ह इस अवसथ म कि णडऽलना

क आकर बहत हा लमब हो जत ह मीलधर स लकर बरहमरनधर तक ऽफर बरहमरनधर स आजञ चकर होत

हए तली को कटत साध रदय म परवश कर जता ह कि णडऽलना की लमबई समभवतः इतना हो जता ह

सधक क भौऽतक शरार की लमबई क बरबर स थोड़ा सा कम लमबई रह जता ह धयन समपत होन

पर कि णडऽलना रदय स वपस ऽफर मीलधर चकर म चला जता ह और मीलधर चकर म ऽसथत ऽशवऽलग

पर ऽलपट जता ह जब कि णडऽलना समऽध क अभयस दरर ऽसथर हो जता ह तब वपस मीलधर म

वपस नही आता ह बऽलक वह अपन अऽनन तततव वल सवरप को तयग कर वयि तततव म ऽवलान होकर

सर शरार म वयपत हो जता ह इस कि णडऽलना की पीणथ यतर अथव कि णडऽलना क ऽसथर होन कहत ह

zwjयोऽक सधक न अऽनन तततव स समबऽनधत सीकषम शरार क ऽवकस कर ऽलय ह अब उस वयि तततव स

समबऽनधत अपन सीकषम शरार क ऽवकस करन ह

योग कस कर 262

सधको इस अनिभव म कि णडऽलना ऽसथर होन क दशय दख थ हमरा कि णडऽलना बहत हा शाघर

ऽसथर हो गई था ऐस मर ऽपछल जनमो क कठोर अभयस तथ वतथमन जनम क तयग और कठोर

अभयस क करण हआ ह म जनत ह ा बरहमरनधर खिलन क बद कि णडऽलना ऽसथर होन म सधक को

अभयस करत हए कई वषथ बात जत ह तब कि णडऽलना ऽसथर हो पता ह ऽकसा-ऽकसा सधक को

समपीणथ जावन हा बात जत ह मगर कि णडऽलना ऽसथर नही हो पता ह सवय शरा मत जा को बरहमरनधर

खिलन क बद कि णडऽलना ऽसथर करन क ऽलय कई वषो तक अभयस करन क बद हा समभव हआ थ

ऐस मन ऽदवय दऽष ट क दरर दख थ

ऽजन सधको की कि णडऽलना अतयनत उगर होता ह उनकी कि णडऽलना ऽसथर शाघर हा हो जता ह

मधयम शरणा की कि णडऽलना वल सधको को कि णडऽलना ऽसथर होन म कई वषथ लग जत ह शनत

सवभव वला कि णडऽलना क सधको को कि णडऽलना ऊधवथ होन क बद ऽसथर करन क ऽलए ऽनऽित हा

कई वषथ लग जत ह कभा-कभा एक जनम म ऽसथर नही होता ह म ऐस कि छ सधको को जनत ह ा

ऽजनकी कि णडऽलना ऊधवथ हए 20 वषथ बात गए मगर कणठचकर नही खोल पय ह ऐस सधको की

कि णडऽलना की पीणथ यतर होकर ऽसथर कब होगा यह मिझ मलीम नही ह एकndash ऐस सधक सधन कम

करत ह इसऽलए इतन समय लग जत ह इसऽलए ऽकसा क ऽवषय म कि छ नही कह ज सकत ह ऽक

कि णडऽलना कब ऽसथर होगा दोndash यऽद सधक क ऽपछल जनम दख जएा तथ वतथमन सधन क अनिसर

अनिमन लगय जएा तो कि छ बतय ज सकत ह

इश वर

यह अनिभव 27 जनवरा को आय धयनवसथ म यह जनकरा अपन आप दा गया मितश पजा

स िचतत म रिदध होती ह इसस मन एकागर करन म सहयता िमलती ह कया ईश वर िसरश मितश क अनदर बठा

हआ ह ईश वर तो सवशतर वयाि ह सभी परािणयो म तथा समपणश जड़ पदाथश म भी वयाि ह ईश वर बरहम का

सगण सवरप होता ह िजस तरह स बरहम क अनदर समपणश बरहमाणड वयाि ह उसी तरह स ईश वर क अनदर

भी बरहमाणड वयाि होता ह ईश वर का ररीर परा-परकित क दवारा बना हआ होता ह िरर भी वह परकित स

पर होता ह कयोिक परा-परकित चाह िजतनी सरितश वान हो िरर भी वह जड़ ही ह ईश वर क ररीर को

महाकारण ररीर कहत ह तततवजञानी योगी भी सथल ररीर तयागन क बाद महाकारण जगत म (परा-

योग कस कर 263

परकित) िसथत हो जाता ह योगी चाह िजतनी साधना कर ल मगर वह कभी ईश वर नही बन सकता ह

कयोिक ईश वर अजनमा ह परकित का परभाव ईश वर पर नही पड़ता ह इसिलए ईश वर ही सवश शरषठ ह वह

सवशतर ह और वयापक ह ईश वर की ितरगणातमक परकित सामयावसथा म रहती ह इसिलए ईश वर की

वयापकता असीिमत ह यिद हम िसरश मितश म ही ईश वर को दखग तो समझना चािहए मर िवचार सकिचत

ह मितश को तो िरकपकार न पतथर स बनाया होता ह यिद हम ईश वर को मितश म दखत ह तो कयो न हम

ईश वर को पहाड़ो म निदयो म पड़-पौधो म पर-पिियो म तथा मनषयो म दख तो अचछा ह सतय तो

यही ह ईश वर अितसकषम होन क कारण कण-कण म वयाि रहता ह ईर वर को हर रप म सवशतर दखो यहा

पर मिझ ईश वर क ऽवषय म समझय गय ह ऽक वह सवथवयपक ह मगर म ऽकसा भा सधक को शिरआता

अवसथ म अवशय हा मीऽतथ पीज क ऽलए कह ाग य भऽकत मगथ म आत ह इस मगथ क सधको क

अतःकरण ऽनमथल होत ह तथ उसक सवभव म सरलत आता ह हमर शसतरो म मीऽतथ पीज क ऽलए

बतय गय ह

गर

यह अनिभव भा ऊपर ऽलख अनिभव क बद आय गर एक ऐसा सपातर होता ह जो परकित क

िनयमो को जानकर परकित क िनयमो क अनदर रहकर अपन िरषय का मागश दरशन करता ह ऐसा समझो

ईश वर आपक सामन परतयि तो आएगा नही आयगा वह गर को ही माधयम बनाता ह और अपन सार

कायश अदशय रप स इसी गर रपी माधयम स करवाता रहता ह इसिलए कछ योिगयो व किवयो न गर

को ईश वर स शरषठ ह की उपािध द दी ह जबिक ईश वर ही शरषठ होता ह गर अपन कमो क दवारा परकित क

बधनो म बधा हआ ह मगर गर क दवारा मागश दरशन िदए जान क कारण िरषय का समपकश ईश वर तक हो

जाता ह अथवा मोि तक पहच जाता ह इसिलए गर शरषठ कहा गया ह मनषय का कमश जब ईश वर की

ओर जान क िलए परररत करता ह तब मनषय क कमाशनसार गर की परािि होती ह वही गर दीिा दकर

अपनी चतनयमय रिक त िरषय क ररीर म परवर करा दता ह वही चतनयमय रिक त िरषय क ररीर म

वयाि होकर मागशदरशन का काम करती ह अजञानरपी अधकार को दर कर जञानरपी परकार म साधक गमन

करता ह इसम िरषय का कमश व गर दवारा मागशदरशन मखय भिमका िनभात ह

योग कस कर 264

ससार नष ट हए क समान हअ

यह अनिभव 28 जनवरा को सिबह आय धयनवसथम दखndash म एकनत जगह पर खड़ हआ ह ा

वह जगह परकशमन ह उसा समय मन दख मिझस थोड़ा दीरा पर नाच की ओर छोटा सा मगर गनदा नदा

बह रहा ह एक पिरष नदा को पर करत हआ उस पर चल ज रह ह मन सोच यह पिरष उस पर कह ा

ज रह ह उधर तो परकश हा परकश ह मर मन म भा आय चलो नदा को दख जएा यह कसा ह यह

सोचकर म चल ऽदय म नदा क पस पहाच और ऽकनर खड़ हो गय जस हा मन नदा म परवश करन

चह तभा नदा सीख गई नदा क पना अपन आप अदशय हो गय जह ा पर नदा म पना भर हआ थ

उस जगह पर रत चादा क समन चमकन लग म उसा रत क ऊपर चलन लग उस समय मिझ लग रह

थ ऽक यहा पर कभा पना भर रह होग मन सोचndash नदा म परवश करत हा इसक पना सीख zwjयो गय

मन ऽनऽित ऽकय इस नदा क उदगम (सरोत) सथन पर जऊा ग सकलप करत हा उदगम क सथन पर पहाच

गय तब उदगम स पना ऽनकलन बनद हो चिक थ उस सथन की भीऽम ढह चिकी था ऽफर मिझ आश चयथ

हआ यह उदगम zwjयो सीख गय म आग की ओर चल ऽदय आग चलन पर ऊा चा-ऊा चा चढ़इय ा ऽदखई

दन लगी म उन चढ़इयो को बड़ आरम स चढ़कर आग की ओर चल ज रह थ जस-जस चढ़इया

रसत म ऽमलता ज रहा था म तावर गऽत स चलत हआ और चढ़ई पर चढ़कर पर करत हआ आग की

ओर चल ज रह थ ऐसा कई चढ़इय ा मर समन आई म ऽबन रक पर करत हआ चल जत थ

अब म ऽजस चढ़ई को चढ़ रह थ उसा समय वही पर मिझ एक सतरा ऽदखई दा वह सतरा भा मर सथ

चलन लगा ऐस सपषट ऽदखई द रह थ उस समय वह सतरा जोर स हासत हए कहकह लग रहा था

इसस सपषट हो रह थ उस मरा सफलत पर खिशा हो रहा ह अनिभव समपत हो गय

कि छ कषणो बद मिझ एक अनिभव और आय म अपन घर पहाच गय ह ा उस समय घर म मर

ऽपतजा व मतजा ह म उनक समन ऽनवथसतर खड़ ह ा ऽनवथसतर दखकर ऽपतजा एकदम चौक पड़ उनको

हमरा ऽनवथसतरत अचछा नही लगा जबऽक मरा म ा को ऽकसा परकर की परऽतऽकरय नही हई मन ऽपतजा

स कहndash म आपक पितर आननद कि मर ह ा आप मिझ इस अवसथ म दखकर अचऽमभत zwjयो हो गए मगर

वह उततर म कि छ नही बोल म ऽवकरो स रऽहत होकर उनक समन खड़ हआ थ

ऄथश- नदाndash यहा सथील जगत ह पना सीख जन क अथथ हndash सथील जगत मर ऽलय नष ट हए क

समन हो गय सथील जगत क मिझ पर ऽकसा परकर क परभव नही होग मरा आसऽकत सथील जगत म

योग कस कर 265

नही ह इसऽलए ऐस ऽदखई द रह ह मर समबनध करण जगत स ह उदगम क सीख जन योग क

अभयस करण मरा उचच ऽसथऽत को दशथ रह ह यह दशय एक तरह स मोकष को दशथत रह ह म चढ़ई

चढ़त ज रह ह ाndash अभयस क मगथ म आन वल सभा परकर क अवरोधो को पर करत ज रह ह ा मर

सथ-सथ चलन वला सतरा हास रहा हndash वह सतरा कि णडऽलना शऽzwj त ह दीसर अनिभव म म अपन ऽपतजा व

मतजा क समन ऽनवथसतर खड़ ह ा इसक अथथ हndash मर अनदर क ऽवकर समपत हो गए ह यह अवसथ मिझ

भऽवषय म परप त होगा

सपत ॠवषयो स वमलना

धयनवसथ म मन दखndash म आसमन को छी ता हई ऽहमऽशखरो की ऊा चइयो पर चढ़त चल ज

रह ह ा वह ा ऽसफथ सफद उजजवल बफथ हा बफथ क ऽसवय और कि छ नही ऽदखई द रह ह वह ा पर वयि क

परभव की अनिभीऽत भा नही हो रहा ह बहत स ऽहमऽशखरो को चढ़कर पर करन क बद म सबस ऊा चा

चोटा पर खड़ हो गय वह बफीला चोटा आसमन को छी रहा था चरो ओर दखन पर नाच की ओर

बफीला चोऽटय ा ऽदखई द रहा थी ऐस लगत थ म आसमन म खड़ ह ा वही सवोचच ऽशखर पर थोड़ा

सा समतल भीऽम था उसा सथन पर मिझ कि छ महपिरष ऽदखई ऽदए उनक शरार अतयनत परदशी थ मन

उन सभा महपिरषो को नमसकर ऽकय मगर वह उततर म कि छ नही बोल ऽसफथ आशाव थद मिदर म ऊपर

की ओर हथ उठय ऽफर कि छ कषणो तक खड़ रहन क बद सभा महपिरष और म गोलकर रप म बठ

गए मन दखndash मर पस एक तरण सतरा भा बठा हई ह उन महपिरषो की सखय सत था उन महपिरषो क

सथ एक सतरा भा था वह सतरा महन तपसवा ऽदखई द रहा था उन सभा महपिरषो क कद वतथमन मनिषयो

स बहत ऊा च ऽवशल शरार ऽसर व दढ़ा क बल सफद थ दढ़ा नऽभ तक बढ़ा हई था ऽसर म बलो

क जीड़ लग हआ थ उन सभा तपऽसवयो क शरार पर परदशी वसतर थ उनक समपीणथ शरार तजसवा

ऽदखई द रह थ ऐस लग रह थndash बहत सधन य तपसय क करण उनक शरार तजोमया हो चिक

ह जो महपिरष मर समन बठ हए थ उनह दखकर मर अनदर ऽवचर आयndash यह तो वऽशषठ जा ह उसा

समय अनतररकष स आवज आईndash ldquoयोगी तमहारा सोचना सही ह यह बरहमा जी क मानस पतर विरषठ ह

तथा उनक साथ उनकी पतनी अरधती ह अब तम समझ गए होग य महापरष कौन ह‛ ऽफर म सभा

महपिरषो को गौरपीवथक दखन लग सभा महपिरष लगभग एक समन हा ऽदखई द रह थ वही पर सभा

योग कस कर 266

महपिरष धयन मिदर म बठ गय थ जो मर पस सतरा बठा हई था मन उस सतरा स कहndash ldquoआप भा धयन पर

बऽठए इस जगह पर ऽबलकि ल शऽनत ह सधन हा मर मिखय लकषय ह ऐस लगत ह म इसा जगह पर

सधन करत रह ाrdquo ऽफर हम सभा धयन पर बठ गए उस समय वह महपिरष कि छ भा नही बोल थ सभा

ऽबलकि ल शनत थ

ऄथश- सधको य महपिरष सपतऋऽष थ उनक शरार अतयनत परदशी थ इसऽलए म उनक

ऽवषय म जयद नही ऽलख सकत ह ा जो तरण सतरा मर पस बठा हई था वह कि णडऽलना शऽzwj त था

अऽतसीकषम जगत क दशय थ इस अनिभव म सपत ॠऽषयो क पस चल गय थ

धमश

यह अनिभव आज 28 जनवरा की शम को धयनवसथ म आय अनतररकष स आवज सिनई

दाndash ldquoधमश कया ह‛ उततर म म चिप रह म zwjय बोलत zwjयोऽक म धमथ की पररभष नही जनत थ

कि छ समय बद मर अनदर आवज आईndash ldquoधमश सभी को मानवता का जञान करता ह सभी धमश एक

समान ह सभी धमो का िनचोड़ तततव रप स एक ही ह सभी धमो की िरिाए एक जसी ही ह इन धमो क

अनयाइयो को दखन पर और उनक अनसरण करन क तरीक म एक जसा परतीत नही होता ह सभी धमो

म अिहसा परोपकार व परम क िलए बताया गया ह सबस पराना धमश सनातन धमश हrdquo

शतर

यह अनिभव 28 जनवरा को सिबह आय धयन म अनतररकष स आवज सिनई दाndash ldquoआपका

सबस बड़ा रतर कौन ह‛ म बोलndash ldquoमरा इऽदरय ा हा मरा सबस बड़ा शतरि ह‛ हर मनिषय की इऽनदरय ा

उसक पतन क करण बनता ह यऽद इनही इऽनदरय ाओ को अनतमिथखा कर ऽदय जए तो मनिषय क उतथन

होन ऽनऽित ह

योग कस कर 267

29 जनवरा की शम को धयनवसथ म जनकरा ऽमलाndash ldquoबरहमाणड की सरचना सवमव हई ह

सरचना स पवश नाद परकट हआ ह नाद क साथ बरहमाणड की सरचना हईrdquo ldquoतम अिधकारी बनो‛ ldquoतम

यह जान चक हो यह ससार भरम मातर ह तमहारी मिजल बहत आग ह िनरनतर धयान करत रहो‛

योगबल व कमश

यह अनिभव 30 जनवरा को सिबह आयndash म एक कमर म चिपचप शनत बठ हआ ह ा कमर की

एक ऽखड़की खिला हई ह म उसा स बहर क दशय दख रह ह ा मिझ एक हथा जत हआ ऽदखई ऽदय

वह बड़ आरम स चल ज रह ह मन सोच जब हथा ऽनकल जए तब म बहर को ऽनकलीाग zwjयोऽक

हथा स मिझ डर लग रह थ तभा हथा पलट कर हमरा ओर आन लग कमर क पस आकर उसा

ऽखड़की स अनदर की ओर हमरा तरफ दखन लग म कमर क अनदर बठ हआ डर रह थ म सोचन

लगndash ऽक हथा न मिझ दख ऽलय ह उसा समय हथा न ऽखड़की तोड़ दा और उसन अपना सीाड को

कमर क अनदर हमरा ओर को करन लग महथा को दखकर कमर स ऽनकल कर भगन लग जबऽक

हथा की बड़ा-बड़ा आाख ऽबलकि ल शनत थी उसकी आाखो म ऽकसा परकर की दिषटत य करोध ऽदखई

नही द रह थ इस हथा क शरार समनय हथा क शरार स बहत जयद बड़ थ म साऽढ़यो दरर

चढ़त हआ कमर की छत पर चल गय मन दखndash वह हथा छत पर भा बड़ आरम स चल आ रह

थ मन सोचndash इतन ऽवशलकय हथा कमर की छत पर कस आ गय यह तो मर पाछ नही छोड़ रह

ह म छत स की दकर भगन लग म हथा को चकम दन क ऽलय इधर-उधर को भग रह थ मगर उस म

चकम नही द सक zwjयोऽक हथा बड़ आरम स मर पाछ-पाछ चल आ रह थ कि छ कषणो बद म एक

सथन पर बठ गय ऽफर हथा ऽदखई नही ऽदय म शऽनतपीवथक स बठ हआ थ तभा अचनक दखndash

मर हथ की उागला को ऽबलला अपन मिाह म दब कर कट सा रहा ह मिझ ऽबलला की इस ऽकरय स बड़ा

पाड़ होन लगा zwjयोऽक ऽबलला क निकील द ात हमरा ऊा गऽलयो म सिई क समन चिभ रह थ मन अपन

हथ झटक कर ऽबलला को छि टन चह मगर ऽबलला नही छी टा उसन मर हथ को मजबीता स पकड़

रख थ मरा इस ऽकरय स ऽबलला अतयऽधक करोऽधत हो गया ऽफर मन अपन हथ ऊपर की ओर

उठकर जोर स ऽबलला को पटक ऽदय मर दरर पटकन जन स ऽबलला को ऽबलकि ल परशना नही हई

हमर हथ ऽबलला क मिाह स छी ट गय मगर ऽबलला न ऽफर शाघरत स मर हथ पकड़ ऽलय और हथ

योग कस कर 268

को अपन निकील द ातो स कटन लगा इसस मिझ बहत पाड़ हई अब म ऽबलला को उलट-साध करक

पटकन लग मगर ऽबलला को ऽकसा परकर की कोई परशना नही हो रहा था बऽलक वह मिझस

अतयऽधक करोऽधत हो गई म उसक कि छ नही ऽबगड़ पय अब म उसस मनऽसक रप स परशन स हो

गय मन उस बड़ा जोर स झटक मर ऽफर वह मर हथो स छी ट गई म आग क ओर को चल ऽदय

थोड़ स हा आग की ओर चल थ तभा उसन मिझ ऽबलला न आग स घर ऽलय और वह जोर-जोर स

गिर थन लगा डर क करण मर बिर हल हो रह थ हमर अनिभव समपत हो गय

ऄथश- सधको ऽवशल शरार वल हथा मर योगबल ह मगर उस समय उसक अथथ न समझ

पन क करण मर अनदर डर उतपनन हो गय zwjयोऽक म उस ऽसफथ ऽवशल हथा क रप म दख रह थ

ऽबलला क रप म मर शष zwjलशतमक कमथ ह य zwjलशतमक कमथ मिझ भोगन हा होग इनह भोगत समय

मिझ घोर कषटो स गिजरन होग इसाऽलय म अनिभव म ऽबलला (कमो) को परसत नही कर सक अनिभव

म ऽदखई दन वल हथा क कई परकर क अथथ होत ह इसऽलय इसक अथथ ऽनकलत समय अभयसा को

बिऽि क परयोग करन चऽहय

यह जनकरा मिझ 31 जनवरा को शम क समय ऽमलाndash मनिषय क सिख और दिःख क ऽलय ईश वर

ऽजममदर नही होत ह बऽलक यह सब मन क खल ह और इऽदरयो की उथल-पिथल ह सवय उसा क

कमो क अनिसर सिख और दिख ऽक परऽपत पर होता ह

यह जनकरा मिझ 31 जनवरा को ऽमला धयन पर बठत समय मन सकलप ऽकयndash ldquoमरा सधन

पीणथ कब होगा अथव मिझ पीणथत कब परप त होगाrdquo उसा समय अतररकष स आवज आईndash ldquoतिमह पीणथत

शाघर परप त होगा ऽनरनतर सधन करो मगर वसतव म पीणथ होन अतयनत दिलथभ ह‛

परवचन करना

यह अनिभव आज 2 फरवरा को आय म ऽकसा सथन पर आसन क ऊपर बठ हआ ह ा मर

समन दोवयऽकत मरा ओर मिाह ऽकय हए बठ ह मिझस थोड़ा दीरा पर कि छ वयऽकत व ऽसतरया अधथचदरकर म

बठा हई ह इतन म दोनो वयऽकतयो न कि छ शबद कह उन वयऽकतयो क शबद सिनकर म चौक पड़ तथ

परसननत भा हई ऽक सभा वयऽकत सतसगा ह zwjयोऽक उन दोनो वयऽकतयो न आधयऽतमक बत कही थी म

योग कस कर 269

भा कि छ कषणो म बोलndash ldquoसधन क सतर बदलन क सथ-सथ मन क भा सतर बदलत हrdquo मर शबद

सिनकर सभा उपऽसथत वयऽकत और ऽसतरया मरा ओर दखन लगी मर पस बठ हए दोनो वयऽकत

सममनसीचक शबदो म मिझस बोलndash sbquoआप थोड़ इधर बठ जइए‛ समन ओर बठ दोनो वयऽकत एक

तरफ को हट गए ऽफर उनहोन मिझ सममऽनत जगह पर ऽबठ ऽदय वह ा पर उपऽसथत सभा लोग टकटकी

लगए हए मरा ओर दख रह थ ऽफर एक वयऽकत मिझस बोलndash ldquoकपय आप मिझ योग क ऽवषय म

बतइए‛ कि छ कषणो क पित म उन सभा क समन योग क ऽवषय म बोलन लग उसा समय हमर

अनिभव समपत हो गय

यह अनिभव 2 फरवरा क ह मन धयनवसथ म दखndash म अपन सथील शरार स ऽनकल कर थोड़ा

दीरा पर खड़ ह ा मर सथील शरार धयनमिदर म बठ हआ ह उसा समय दखndash मर सथील शरार पर एक

ऽगरऽगट चढ़ हआ ह वह शरार पर ऊपर-नाच चरो ओर घीम रह ह वह कषणभर रककर चरो ओर

दखत ह ऽफर शरार पर चरो ओर चzwjकर लगन लगत थ इस ऽकरय को म सपषट दख रह थ आसन

पर बठ हआ मर शरार सपषट ऽदखई द रह थ ऽगरऽगट अपना ऽकरय बड़ा तावरत स कर रह थ मन

अपन सथील शरार क पस एक सतरा को खड़ हआ दख उस सतरा न अपन हथ बढ़कर उस ऽगरऽगट को

पकड़न चह उसा समय मन उस सतरा स कहndash sbquoइस मत पकड़ो यह सवय मिझ छोड़कर चल जएाग‛

वह सतरा रक गई मर दखत हा ऽगरऽगट अदशय हो गय

कि छ समय बद मर सथील शरार क पस तान ऽसतरय ा परकट होकर वही पर खड़ा हो गया यह ऽसतरया

एक सथ परकट हई था उन तानो ऽक वशभीष अलग-अलग था म तिरनत जन गय ऽक य तानो ऽसतरय ा

दऽवय ा ह यह सपषट समझ म आ रह थ वह तानो दऽवय ा धयन पर बठ हए मर शरार को मिसकरत हए

दख रहा थी मगर वह कि छ नही बोली कि छ कषणो बद अदशय हो गई म अब भा अपन सथील शरार को

धयन पर बठ हआ दख रह थ उसा समय आकश स आवज आईndash ldquoयह चिड़या अब उसक हाथ म

नही आएगीrdquo यह शबद सिनकर म हरन हो गय ऽफर मन सोच zwjय म कोई सतरा ह ा चीऽड़यो क मर हथ

स zwjय लन दन मन अनतररकष की ओर मिाह उठकर कहndash ldquoम चीऽड़यो क अथथ नही समझ यह चीऽड़य ा

zwjय हrdquo अनतररकष स आवज आईndash ldquoयह चिड़या बनधन ह‛ म समझ गय zwjयोऽक चीऽड़य ा पहनई

जता ह अब मिझ मय क बनधन म कोई नही ब ाध सकत ह

ऄथश- इस बर क धयन बहत अचछ लग जब म धयन स उठ तब ऐस लग थ ऽक म शयद

5 ऽमनट क ऽलए धयन पर बठ रह ह ा मगर घड़ा दखन पर जञत हआ ऽक पीर तान घनट तक धयन पर बठ

योग कस कर 270

रह ह ा समऽध लग जन क करण समय क अनिमन नही हो पत ह जब सऽवकलप समऽध म रहत ह ा

तब अनिभव आत ह सधको ऽगरऽगट मय क परताक ह ऽजस सतरा न उस ऽगरऽगट पकड़न चह वह

सतरा कि णडऽलना शऽzwj त ह परकट होन वला तानो दऽवया लकषमा जा पवथता जा व सरसवता जा थी

यह अनिभव तान फरवरा दोपहर 1130 बज धयनवसथ म आय मन दखndash एक घोड़ मर

समन खड़ हआ ह घोड़ की पीाछ वल भग हमरा ओर ह मिझ यह दखकर मिझ आश चयथ हआ ऽक

घोड़ क शरार कि तत क शरार क बरबर ह उस दखकर मन सोच यह घोड़ इतन छोट zwjयो ह उसा

समय हमर धयन टीट गय ऽफर म सकलप करक धयन पर बठ गय इस अनिभव क अथथ zwjय ह

जवब आयndash घोड़ा मन और इिियो का परतीक ह इििया जब कमजोर हो जाती ह अथवा उनका परभाव

कम हो जाता ह तब वह छोट घोड़ क रप म िदखाई दन लगती ह मिझ यद आयndash पहल भा घोड़

बहत बड़ ऽदखई ऽदय थ उस घोड़ स सनयसा न छि टकर ऽदलवय थ अब यह सवय हा छोट हो

गय ह म समझ गय सधन क उततरोतर बढ़न क करण ऐस हआ ह

यह अनिभव 4 फरवरा को दोपहर को आय म गहर धयन पर बठ हआ थ मिझ अपन आभस

नही हो रह थ zwjयोऽक म समऽध म लान थ अचनक मर ऽसर म जबरदसत झटक लग म अपन

आसन पर उछल गय और मर शरार बई ओर को झिक गय इतन म मिझ अपन होश आन लग मर

धयन टीट गय म तिरनत नही समझ सक ऽक यह zwjय हआ म साध बठ गय सोचन लगndash ऽक मिझ

zwjय हआ थ तब महसीस हआ मर लघि मऽसतषक क ऊपरा भग म पाड़ सा हो रहा ह ऐस लग ऽक

जस कोई नस टीट गई हो उस जगह पर आग सा फला हई था इसाऽलए जलन भा हो रहा था समपीणथ शरार

गमथ हो रह थ अबकी बर परणवयि लघि मऽसतषक क ऊपरा भग म दबव मर रह थ म सोचन लग

थ अबकी बर उलटा ऽकरय zwjयो हई कि छ समय बद अनिभीऽत हई ऽक गदथन की नस टीट रही ह अथव

चटक रहा ह मिझ सपषट सिनई पड़ रह थ जब म कणठ चकर म थ उस समय भा गदथन की नस टीटता य

चटकता हई सिनई दता था मगर अब उस सथन पर नही चटक रहा थी अबकी बर गदथन क ऽपछल भग

म टीटता य चटकता हई सिनई द रहा था zwjयोऽक जब कि णडऽलना उलट कर वपस रदय की ओर जता ह

तब कणठचकर स नही जता ह बऽलक कणठचकर क बगल स एक मगथ बनकर रदय की ओर जता ह

इसऽलए गदथन क ऽपछल भग म नस चटकता सिनई दता था

योग कस कर 271

ऄथश- सधको लघि मऽसतषक म जो नस टीटता हई सिनई द रहा था वह वसतव म टीटता नही था

बऽलक वह नस खिल रहा होता था अथव ऽकरयशाल हो रहा था इसऽलए नस चटकता हई सिनई द रहा

था ऐस समय म नसो (नऽड़यो) म कभा-कभा ऽखचव बहत होत ह

तजसवी कण

यह अनिभव 8 फरवरा को सिबह आय थ मन दखndash मर शरार अतयनत ऽवशल ह म बठ हआ

अपन ऽवशल शरार को दख रह ह ा चरो ओर चमकील हलक नाल रग क परकश फल हआ ह कि छ

कषणो बद मन दखndash म ऽबलकि ल शनत बठ हआ ह ा मर शरार क अनदर स अतयनत तजसवा कण ऽनकल

कर बहत दीर-दीर तक चल जत ह ऐस लगत थ जस फि लझड़ा स चमकीला ऽचगररय ा तावर गऽत स

बहर की ओर ऽनकल रहा ह उसा तरह अतयनत तजसवा कण मर शरार स ऽनकल रह ह ऽफर मन सोचndash

यह तजसवा कण कहा चल ज रह ह इतन सोचत हा मिझ बहत दीर तक ऽदखई दन लग मन दख

तजसवा कण आग चलकर अपन आप नष ट हो जतह कि छ तजसवा कण थोड़ा दीरा तक जकर हमरा

शरार म वपस ऽवलान हो जत ह कि छ तजसवा कण बहत दीर जकर जयोऽत क रप म पररवऽतथत हो जत

ह ऽफर आग बढ़ जत ह उतसिकत बस जयोऽत रप वल कणो को म दखन लगndash ऽक आग जकर

इनक zwjय होत ह तब मन दखndash आग चलकर जयोऽतयो क परकश कमजोर पड़ जत ह य सभा

जयोऽतय ा एक जलशय म ऽवलान हो जती ह जलशय बहत बड़ ह उस जलशय को म पीणथरप स नही

दख सकत थ और नही जलशय क ऽकनर ऽदखई द रह थ उस जलशय स मन अपना दऽष ट हट

ला म अपना ओर दखन लग अब भा वहा तजसवा कण मर शरार स ऽनकल रह थ एक बर ऽफर मन

अपना दऽष ट दीरगमा की तो वहा पहल वल दशय ऽदखई दन लगndash वहा तजसवा कणो क सवरप बदल

कर जलशय म ऽवलान हो रह थ उस समय हमरा दऽष ट बहत दीर तक दखन म समथथवन था यह

समपीणथ दशय म हलक नाल परकश म दख रह थ

ऄथश- सधको मर यह अनिभव सबस उचच अवसथ वल ह य तजसवा कण जो आग चलकर

जयोऽत क रप म ऽदखन लगत थ वह जावतमओ क परताक ह जलशय बरहमणड क सवरप ह इसाऽलए

म समपीणथ जलशय एक बर म नही दख सक अनिभव म दख रह ह ाndash ऽक तजसवा कण रपा जावतमएा

मर शरार स परगट हो रही ह ऐस लगत ह ऽक बरहम म हा ह ा zwjयोऽक जावतमओ क परकटय इसा परकर

योग कस कर 272

होत ह मिझ अपन सवरप ऽदखय गय यह मिझ वऽततयो क दरर ऽदखय गय ह परलय क बद ऽफर स

दिबर जावतमएा इसा परकर अपर परकऽत क ऽवशष कषतर स परकट होकर जनम धरण करन क ऽलय चल

दता ह य वो जावतमएा होता ह जो परलय क समय अपर-परकऽत क अनदर ऽवदयमन हो जता ह

यह जनकरा 8 फरवरा को सयकल को ऽमला ह धयनवसथ म कि छ परश न और उततर हए मन

पीछndash lsquoम ह ाrsquo यह कहनवल कौन ह zwjयोऽक बरहम अऽवकरा ह अगर अऽवकरा ह तो lsquoम बरहम ह ाrsquo वह

यह कस कह सकत ह उततरndash sbquoम बरहम ह ‛ यह अपन आप सवय रबद िनकलता ह अहकार ही बरहम की

ओर स िनदरन करता ह म बोलndashयऽद यह अपन आप ऽनकलत ह तो यह ऽकरय कौन करत ह

zwjयोऽक बरहम क ऽसवय और कोई नही ह ऽकसा कयथ को करन वल अवशय कोई होत ह सर कयथ

अगर बरहम क दरर होत ह तो वह अकतथ कस हआ जबबndash सार पदाथश व िकरयायो का परादभाशव बरहम स

ही हआ ह इन सभी का आधार होत हए भी वह िवकार स रिहत ह और अकताश कहा गया ह मरा समझ

म य नही आय समपीणथ ऽकरयएा उसा क दरर समपनन होता ह ऽफर भा उसको अकतथ कहत ह उततरndash

कमल कीचड़ म होत हए भी कीचड़ का परभाव उस पर नही पड़ता ह

ऽफर कि छ समय बद मन परश न ऽकयndash मन जो अनिभव ऽलख ह उसक zwjय अथथ ह उततरndash sbquoजो

आपको मालम ह वही इसका अथश हrdquo परश नndash zwjय म अपन अनिभव को सहा समझीा उततरndash sbquoअवशय‛

परश नndash zwjय म योग म पीणथ हो गय ह ा उततरndash sbquoनहीrdquo परश नndash अनिभव क अथथ योग म पीणथत को भऽसत

करत ह उततरndash sbquoआप िजस पणशता की बात करत ह वह अतयनत दलशभ हrdquo इस तरह क वत थलप

धयनवसथ म हआ इसऽलए पीणथ रप स यद नही ह ऽक zwjय-zwjय वत थलप हआ जो बत यद आ

गयी उनही को ऽलख गय ह zwjयोऽक धयन की गहरई म वत थलप हआ थ

अतमसाकषातकार

यह अनिभव 9 फरवरा को आय आजकल धयनवसथ म म ऽनऽवथकलप समऽध म चल जत

ह ा इस बर म ऽफर धयन की अननत गहरई म चल गय धयनवसथ म मिझ ऽदखई ऽदयndash रदय म

अतयनत तजसवा दाप ऽशख क समन एक जयोऽत जल रहा ह म उस दखन लग उस जयोऽत क परकश

आसपस चरो ओर फल रह थ वह समनय जयोऽतयो स बहत बड़ा व तजसवा था कि छ समय बद

योग कस कर 273

मिझ अपन आभस होन लग मर धयन हलक होन लग तब मन म ऽवचर आयndash रदय म इस परकर

की जयोऽत पहला बर ऽदखई दा ह इसक अथथ zwjय ह ऐस सकलप करक म धयन करन लग मिझ एक

बर ऽफर रदय म पहल क समन जयोऽत ऽदखई दन लगाndash रदय म आल (niche) क समन जगह ह

उसा क अनदर दाप ऽशख क समन एक जयोऽत जल रहा ह वह जयोऽत ऽहलता डिलता नही ह ऽबलकि ल

ऽसथर ह वह ा पर चरो ओर परकश फल हआ ह म उस दख कर परसनन हो रह ह ा मन जो सकलप ऽकय

थ उसक उततर मिझ नही ऽमल बऽलक पहल क समन क समन दिबर ऽफर अनिभव ऽदखई ऽदय

ऄथश- धयन समपत होन क बद सोचन लगndash यह तो आतम क दशथन हो रह थ इसक अथथ ह

मिझ आतमसकषतकर हो रह थ zwjयोऽक म कि छ समय स सोच रह थndash मरा कि णडऽलना की ऽसथऽत zwjय

ह बहत परयस करन पर भा कि णडऽलना ऽदखई नही दता था और ऊधवथ होत हए महसीस भा नही होता

था म समझ नही प रह थ ऐस zwjयो हो रह ह मिझ यद आ रह ह धयन म बठत समय जब कि णडऽलना

ऊधवथ होता था तब मिझ अचछा तरह स अनिभीऽत होता था मगर अब ऽबलकि ल हा अनिभीऽत नही होता ह

म चह ऽजतन जयद आतररक कि मभक लगऊा अथव परणयम करा मर तो शरार अपन आप गमथ

रहत ह सधको मरा कि णडऽलना अब ऽसथर हो चिकी ह कि छ ऽदन पीवथ ऽसथर होन क करण अऽनन तततव

वल सवरप छोड़कर वयितततव म ऽवलान हो गया ह कि णडऽलना ऽसथर होन क बद हा सधक को आतम

सकषतकर ऽचतत म दापऽशख क समन जलता हई लौ क रप म होत ह

जयदतर मगथदशथको क कहन होत ह यहा आतम क सवरप ह यहा आतम सकषतकर ह

बहत स भकत भा कहत हndash रदय क अनदर जो लौ जल करता ह उसा क ऽचनतन करन चऽहए मिझ

मलीम ह बहत स अभयसा अपन आप को यहा पर पीणथ समझ लत ह उनक कहन होत हndash मिझ रदय

म आतम क (लौ क) सकषतकर हो चिक ह म यह बत दीाndash यह आतम क सवरप नही होत ह बऽलक

ऽचतत की एक अतयनत सऽतवक सशकत वऽतत होता ह जो दाप ऽशख क समन सवरप को धरण कर लता

ह उस समय ऽचतत पर ऽसथत उसकी (जयोऽत) अनय सहयोगा वऽततय ा इस वऽतत क सहयोग करता ह

अजञनत क करण अभयसा इस वऽतत को आतम समझन की भरा भील करत ह आतम की वयपकत

और सीकषमत ऽचतत स कही जयद होता ह ऽफर वह ऽचतत क अनदर इस सवरप म कस ऽदखई द सकता ह

अजञनत की अवसथ म आतम ऽचततकर भऽसत होता ह मगर जञन की अवसथ म ऽचतत आतमकर हो

जत ह सधको सदव यद रखन आतम कभा भा ऽदखई नही द सकता ह आतम को कौन दख

सकत ह आतम म ऽसथत हआ जत ह ऽजस आतमऽसथऽत कहत ह

योग कस कर 274

वशवलोक जाना

धयनवसथ म म ऽकसा दिगथम रसत पर चल ज रह ह ा वह रसत अचछ नही ह इसऽलय उस

रसत पर चलत समय बहत तकलाफ हो रहा ह रसत म बएा तरफ ऊा चा दावर य पहड़ जसा जगह ह

दऽहन तरफ बहत गहरा खई ह खई म बड़-बड़ गडढ ह उसम गद पना भर हआ ह यह रसत बएा

तरफ की दावर कटकर बनय गय ह रसत बहत साकर ह ऐस लगत ह रसत दावर कटकर बनय

गय ह रसत की चौड़ई ऽसफथ 6 ईच होगा मर शरार क बया भग दावर स सट हआ ह म धार-धार

आग की ओर समभल कर चल रह ह ा हर समय डर रह ह अगर जर भा दऽहन तरफ को मर शरार झिक

गय अथव ऽफसल गय तब गहरा खई म ऽगर जऊा ग ऽफर ऊपर आ पन असमभव हो जयग ह

नाच ऽगरत हा मरा हडडा-पसला टीट जएागा म धार-धार डर-डरकर आग की बढ़ रह ह ा कही-कही पर

रसत एक य दो माटर तक टीट हआ ऽमल रह ह तब समभल कर और छलग लगकर आग जन

पड़त ह रसत बहत हा जयद खरब ह मगर वह रसत सवपरकऽशत ह परकश की कमा नही ह म

आग की ओर चल ज रह थ उसा समय मिझ लगndash कोई मर पाछ स आ रह ह मन मिड़कर पाछ की

ओर दखndash मर पाछ थोड़ा दीर पर एक हथा बड़ आरम स चल आ रह ह हथा क ऊपर महवत बठ

हआ ह म आश चयथचऽकत हआ और सोचndash इस साकर रसत पर मिझ चलन मिऽशकल हो रह ह यह

ऽवशल हथा कस बड़ा मसता स चल आ रह ह मर मन म थोड़ स हथा क परऽत डर उतपनन होन

लग इसऽलय मन अपना गऽत तज कर दा तऽक हथा मर पस न आ पए

तभा मिझ समन ओर एक दरवज ऽदखई ऽदय दरवज बहत सिनदर व ऽवशल आकर वल

थ म दरवज क अनदर परवश कर गय दरवज क अनदर परवश करत हा मन अपन आप को बहत सिनदर

परकऽशत कषतर म पय चरो ओर हलक नाल परकश फल हआ थ ऽबलकि ल शऽनत था वहा

आसपस कोई ऽदखई नही द रह थ ऽसफथ म अकल थ वह ा पर पहाचत हा मन क अनदर परसननत आ

गया म इधर-उधर घीमन लग ह ा मिझ इस समय बहत दीर तक ऽदखई दन लग थ मिझस थोड़ा दीरा पर

बरगद क एक पड़ ऽदखई ऽदय उतसिकतवश म उधर की ओर चल ऽदय जब म बरगद क पड़ क नाच

पहाच तब ऐस लग यह ा पर अभा-अभा सफई की गया ह उसा समय मिझ समन की ओर बहत बड़

आकर म एक ऽशवऽलग ऽदखई ऽदय ऽशवऽलग क पस ऽवशल आकर म नदा की भा मीती ऽवदयमन

था यह जगह मिझ बहत अचछा लगा बरगद क पड़ दखन पर हजरो सल पिरन लगत थ उसकी

शखएा बहत लमबा-लमबा थी मन अनिमन लगयndash इसकी शखएा 2-3 ऽकलोमाटर लमबा अवशय

योग कस कर 275

होगा उसकी शखओ स जड़ ऽनकलकर भीऽम क अनदर चला गया थी उन जड़ो न तन क सवरप धरण

कर ऽलय थ इस परकर उन जड़ो स सकड़ो तन बन गय थ म उन तनो क बाच म घीमन लग ऽफर मिझ

लग यह बरगद समनय पड़ नही ह zwjयोऽक बरगद क अनत ऽदखई नही द रह थ म ऽजतन आग की

ओर बढ़त थ बरगद क पड़ उतन हा अऽधक ऽवसतत ऽदखई दत थ अब यह जनन असमभव हो

गय ऽक शखएा और तन ऽकतना दीरा तक फल हए ह ऽफर म शनत होकर एक तन क नाच बठ गय

वह ा तो वयि क कमपन क आभस हा नही हो रह थ मर अनदर ऽवचर आयndash यह जगह धयन करन

क ऽलय बहत हा अचछा रहगा म यही पर समऽध लगऊा तो हमरा समऽध बहत जयद अवऽध तक

लगा रहगा इतन म आवज सिनई दाndash sbquoमझ भजा गया ह और कहा गया ह मर पतर को हाथी पर

िबठाकर घमाया जायrdquo म आवज की ओर दखन लग ऽजधर स आवज आया थाndash सोच यहा पर तो

कोई नही ह यह आवज ऽकसकी सिनई दर हा था कौन ऽकसस बत कर रह थ इचछ करत हा मिझ

और जयद दीर तक ऽदखई दन लग वही पर खड़ होकर दखन लग नाच की ओर बहत दीरा पर ऽदखई

ऽदयndash एक ऽवशल दरवज ह उस दरवज पर एक पिरष खड़ हआ ह एक सतरा उसा पिरष स बत कर

रहा ह पिरष बोलndash ldquoवह कहा पर ह‛ सतरा बोलाndash sbquoवह यही पर कही हrdquo ऽफर वह दोनो चिप हो गए

वह हमरा ओर दखन लग म उनस बहत दीरा पर खड़ हआ थ शयद वह मिझ नही दख प रह होग

zwjयोऽक म बरगद क पड़ क तनो क बाच खड़ हआ थ मर अनदर ऽवचर आयndash इस सतरा को ऽकसन

भज ह आवज आईndash sbquoपतर धमश न भजा हrdquo मन ऽफर सोचndash यहा पर तो ऽसफथ म ह ा य पितर ऽकस कह

रहा ह तभा आवज आईndash sbquoआपको कह रही हrdquo मिझ लगndash धमथ मिझ पितर कह कर समबोऽधत कर रह

ह अनतररकष स आवज आईndashsbquoहाrdquo मन पीछndash sbquoजब धमथ अपन पितर कह कर समबोऽधत कर रह ह तो

मिझ अपन दशथन zwjयो नही द रह हrdquo अनतररकष स आवज आईndash sbquoकयोिक आप पणश रप स सतयवादी

नही ह इसिलए उनक दरशन आपको नही हो सकत ह उनका दरशन होना अतयनत दलशभ हrdquo तभा म

सवयम अपन आप कहन लगndash sbquoम समझ गय ह ा यह इनदर क हा ऐरवत ह म उस पर zwjयो बठी ा उस पर

ऽसफथ इनदर को हा बठन क अऽधकर ह मिझ उस पर नही बठन ह उस पर बठन तो दीर की बत ह म

उसक नगर म भा नही जऊा ग हथा पर बठकर आप मिझ ऐशवयथवन बनन चहत ह मिझ सिख नही

चऽहए मर सथन सवगथ म नही ह ऽजस सथन पर म खड़ ह ा वहा मर सथन यह हrdquo

कि छ कषणो क बद मन ईश वर स परथथन कीndash sbquoपरभि मिझ यहा सथन द दो म इसा सथन पर धयन

करा ग मिझ और कि छ नही चऽहए इसस सिनदर सथन मर ऽलए और कोई नही हो सकत ह यहा वयि क

योग कस कर 276

भा शोर भा नही हrdquoअनतररकष स आवज आईndash योगा तिमह मलीम नही ह इस सथन पर धयन करन क

ऽलए योऽगयो को योग म उचचतम अवसथ परप त करना होता ह ऽफर भगवन ऽशव की कप स यह सथन

परप त होत ह ऽसफथ उचचतम अवसथ परप त कर लन हा पय थपत नही ह भगवन ऽशव को भा परसनन करन

आवशयक होत ह zwjय तिम ऐस कर सकोग म बोलndash sbquoम कठोर सधन करन स घबरत नही ह ा म

वह योगा नही ह ा जो कऽठनइयो क समन आन स अपन मगथ स ऽवचऽलत हो जऊा भगवन ऽशव को

परशनन करन की जो बत आपन बतई ह उसक ऽलए अतयनत कठोर सधन करा ग उनह परसनन होन हा

होगrdquo अनतररकष स आवज आईndash sbquoतो ऽफर जओ अतयनत कठोर सधन करो अपन शष कमो को भा

भोग कर नष ट कर दो कमथ नष ट करत समय तिमहरा बहत दिगथऽत होगाrdquo ऽफर म बोलndash sbquoमिझ य सब मजीर

हrdquo ऽफर मिझ अनतररकष स आवज सिनई नही दा म बरगद क तन पकड़ हए खड़ थ म नाल परकश

को दख रह थ अनिभव समपत हआ

ऄथश- सधको अनिभव म म चल ज रह थ तब हथा मर पाछ आ रह थ वह हमर योगबल

ह रसत साकर और टीट हआ हndash अब योगमगथ पर चलन बहत कऽठन होग दऽहन ओर खई हndash

भऽवषय म मिझ समभल कर चलन होग नही म तो परशना म पड़ सकत ह ा यह ऽशवलोक क दरर थ

म ऽशवलोक म चल गय थ बरगद क पड़ अतयनत ऽवशल थ उस समय मरा ऽदवय दऽष ट भा बरगद

क पीर सवरप दख पन दीर की बत ह वह एक डला को भा पीणथ रप स नही दख पई था यह बरगद

क पड़ ऽदवय पड़ ह यही पर आवज सिनई दा था मन नाच की ओर बहत दीर दरवज दख थ जहा

मर ऽलए सतरा-पिरष बत कर रह थ वह सवगथ क दरवज थ ऐरवत पर चढ़न क अथथ होत हndash sbquoयश

और धन स पररपीणथ होनrdquo मगर मिझ य दोनो नही चऽहए जयदतर योऽगयो को अनिभव आत ह वह

सवगथ गए उनक सवगत ऽकय गय तथ सवगथ को घीम अथव घिमय गय ह ऐस योऽगयो को पथवा पर

अवशय हा कि छ-न-कि छ यश व धन की परऽपत होता ह मगर मन कभा सवगथ नही घीम ह इसऽलए उसक

वणथन म जयद नही कर सकत ह ा मन सवगथ घीमन क बदल उस लोक म बरगद क पड़ क नाच धयन

करन क ऽलए माग थ इसस सफ सपषट होत ह म धयन अऽनतम समय तक करत रह ाग मर ऽदन गराबा

म व परशना म गिजरग zwjयोऽक मिझ कमथशीनय होन ह ऽनिय हा ऽशवलोक की यतर हमरा सफल रहा

मिझ अनिभव म जो हथा ऽदखई दत ह वह मर योगबल ह मगर कभा-कभा एक और अथथ ऽनकलत हndash

उसक अथथ कमथ होत ह अनिभव म जब हथा सिनदर ऽदखई द व सफद रग क हो तब उसक अथथ होत

योग कस कर 277

हndash lsquoयोगबलrsquo और कभा कभा बहत हा lsquoशिभrsquo व lsquoयश क परप त होनrsquo होत ह जब हथा कल ऽदखई

द तब उसक अथथ होत हndash lsquoतमोगिणा कमथrsquo

शरी माता जी क दशशन बनद हो गए

यह अनिभव 3-4 फरवरा को आय थ मगरउस समय ऽलख नही थ मन दखndash एक अतयनत

परकऽशत जगह ह ऐस लगत ह म समपीणथ ऽकषऽतज क नाच अनतररकष म बठ ह ा मर समन शरा मत जा

और एक बरहमण पिरष (शवत वसतरधरा सनयसा) बठ हआ ह तानो क बाच म एक थला म भोजन रख

हआ ह कि छ कषणो म हम तानो एक सथ भोजन करन लग शरा मत जा मिझ दखकर बर-बर हास रहा

थी वह मिझस बहत परसनन थी शरा मत जा क सथ भोजन करन क करण मिझ थोड़ आश चयथ स हआ

zwjयोऽक सथील रप स कभा ऐस अवसर नही आय थ ऽक एक थला म खन खय हो बरहमण ऽबलकि ल

शनत थ अनिभव समपत हआ

इस अनिभव क बद मिझ शरा मत जा क दशथन होन पीणथरप स बनद हो गए zwjयोऽक बद म मिझ 9

फरवरा को ऽचतत म जलता हई लौ दाप ऽशख क समन ऽदखई दा था इस अवसथ क बद ऽचतत म

ऽसथरत बहत हा जयद बढ़ जता ह अभयसा को अनिभव भा कम आन लगत ह म और शरा मत जा

एक हो गए ह ऽफर कौन ऽकस दख य दशथन द ह ा शवत वसतरधरा बरहमण क अथथ हndash अब मर

आधयऽतमक सवरप इसा बरहमण क समन हो गय ह

भयकर ईषणता

आजकल मर शरार क तप कभा-कभा इतन बढ़ जत थ ऽक उस तप को सहन करन

मिऽशकल होत थ जबऽक फरवरा महान होन क करण हलकी सा ठनड पड़ रहा था ऽफर भा शरार क

अनदर भयकर गमी होन क करण कष ट की अनिभीऽत हो रहा था उस समय पाठ नऽभ और रदय म आग

हा आग क ऽसवय कि छ भा ऽदखई नही दत थ शरार की गमी सहन करन क ऽलय पाठ पर गाल कपड़

की चौड़ा सा पट टा चढ़कर पट क बल लट रहत थ उसा अवसथ म धयन भा लग जत थ मिझ

योग कस कर 278

चर-प ाच घणट पट क बल लट रहन पड़त थ उस समय मर सथ म जलग ाव क एक सतसगा रह रह

थ उनस मिझ बहत सहयत ऽमलता था वह गाल कपड़ करक मरा पाठ पर रख दत थ इस तरह गाल

कपड़ स पाठ की ऊपरा तवच पर थोड़ स आरम ऽमलत थ मगर अनदर की उषणत तो सहना हा

पड़ता था इसक अऽतररकत अनय कोई रसत नही थ शरामत जा न मिझ बतयndash ldquoआप ऽकसा क हथ

क बन खन मत खइए सवय खन बनइए और खइए एकनत म रऽहए ऽकसा स जयद बत मत

कीऽजए अतयनत शिित स रऽहए zwjयोऽक आपको शिित की बहत जररत हrdquo

म बरहम ह ा

मिझ अनिभव आयndash चरो ओर हलक नाल रग क तज परकश फल हआ ह म उसा परकश म

खड़ हआ ह ा मर मिाह स अपन आप आवज ऽनकल रहा हndash sbquoम ह ाrdquo sbquoऽसफथ म हा ह ाrdquo sbquoम हा ह ाrdquo ldquoम हा

बरहम ह ाrdquo यह शबद म कह रह थ मर दरर आवज इतना तज ऽनकल रहा था ऽक समपीणथ आकश गीाज

रह थ म यहा शबद जोर-जोर स नाल परकश म खड़ होकर कह रह थ उसा समय ऊपर अऽतररकष की

ओर स lsquoॎrsquo की बहत तज आवज आई ऐस लग lsquoॎrsquo की तज आवज स आकश फट जएग इधर

मर दरर भा अपन आप आवज ऽनकल रहा थाndash sbquoम हा बरहम ह ाrdquo मरा आवज स आकश गीाज रह थ

तभा मर धयन टीट गय मर सथील शरार स भा आवज आ रहा थाndash ldquoम हा बरहम ह ाrdquo मर सथील शरार

तप क करण गमथ हो रह थ

ऄथश- सधको आप सोच रह होगndash म धयनवसथ म अपन हा मिाह स कह रह थndash sbquoम हा बरहम

ह ाrdquo जब योगा समऽध क दरर उचचततम अवसथ परप त करत ह तब अहकर क सकषतकर होत ह

उसा अहकर क दरर य शबद ऽनकलत हndashldquoम हा बरहम ह ाrdquo zwjयोऽक अहकर क दरर हा समपीणथ बरहमणड

ऽक उतपऽतत होता ह यह अहकर ऽचतत की हा एक वऽतत होता ह यह वऽतत (अहकर वला) बरहम ऽक ओर

स ऽनदशन करता ह यह वऽतत अतयनत शिि सऽतवक और वयपक होता ह

योग कस कर 279

बाधा दर की

यह बध जलग ाव की एक सऽधक को था जीन सन 1989 म इस सऽधक क सथ डढ़ मह शरा

मत जा क घर ऽमरज म रहन क अवसर ऽमल थ उस समय मर और सऽधक क बाच म घऽनषठत हो

गया था उसा समय मरा समझ म आ गय थ ऽक इस ऽकसा परकर की बध ह ऽफर अzwjटीबर सन

1992 म शरा मत जा क सथ जलग ाव गय थ तब म इसा सऽधक क घर म रक थ तभा मन इस

बध को सपषट रप स दख थ इसा बध क करण इस सऽधक की सधन रकी हई था तथ

धयनवसथ म ऽवऽचतर ऽकरयएा ऽकय करता था म समझ गय थndash यह सधन नही बऽलक एक रकवट

ह सिबह क समय थ सऽधक धयन पर बठा हई था म भा उसा समय अपना ऽदवय दऽष ट को परररत

करक उस सऽधक क पाछ आाख बनद करक बठ गय तभा मिझ बध ऽदखई दा वह बध दिषट सवभव

की था उसन मर समन अभदरत क वयवहर ऽकय थोड़ स करोध क सथ मर मिाह स ऽनकलndash

ldquoबदतमाजrdquo मर दरर बोल गय इस शबद स उसक ऊपर कोई असर नही हआ उसकी इस ऽकरय स मर

अनदर करोध आ गय मगर म कि छ नही बोल ऽफर यह बत मन सऽधक को बतया कि छ समय क बद

शरा मत जा क पस चल गय वह अपन लड़क क पस रकी हई था मन शरा मत जा को बतयndash ldquoउस

सऽधक को कोई बध हrdquo शरा मत जा बोलीndash ldquoह ा उस सऽधक को कोई बध हrdquo ऽफर म अपन घर

(कनपिर) जकर ऽमरज वपस आ गय ऽशवरऽतर पर जलग ाव क कि छ सधक ऽमरज आशरम आए हए थ

मन परयोग क तौर पर बध को दीर करन क ऽनिय ऽकय मन सोच इसस मर अनिभव और बढ़ग

जलग ाव क सभा सधक आशरम म रक हए थ 15 फरवरा सिबह चर बज मन उस सऽधक को

अपन समन बठन को कह सभा सधक वही पर धयन कर रह थ धयनवसथ म मन उस बध को

दख जो उस सऽधक क अनदर ऽवदयमन था मन बध स कहndash sbquoकपय आप इस सऽधक को

छोड़कर चला जएrdquo ऽफर ईश वर स परथथन कीndash ldquoपरभि इस बध क करण इस सऽधक की सधन रकी

हई ह आप इस पर कप कर इसक कमथ भा एक ऽनऽित मतर म धार-धार जल जएाrdquo ऐस सकलप

करक मन सऽधक पर शऽzwj तपत ऽकय ऽफर म शनत होकर बठ गय और ऽदवयदऽष ट क दरर म उस

सऽधक क अनदर की सीकषम हलचल दखन लग मन दखndash वह बध उस सऽधक को छोड़कर जन

को तयर नही ह ऽफर zwjय थ मिझ थोड़ स करोध आ गय मन सऽधक पर अबकी बर जबरदसत

शऽzwj तपत ऽकय शऽzwj तपत होत हा बध क शरार म जोरदर कमपन हआ और सऽधक क शरार स

जन को तयर हो गया म अब भा थोड़ करोध स उस दख रह थ उस बध न अपन हथ जोड़ और

योग कस कर 280

ऽगड़ऽगड़ कर बोलाndash ldquoयोगा जा म ज रही ह ाrdquo म बोलndash ldquoआज क बद इस सऽधक की ओर मिड़कर

भा न दखन वरन म तिमहरा दिगथऽत कर दीागrdquo बध बोलाndash sbquoकषम कर म अब कभा नही आऊा गाrdquo

बध को ऽनकलकर म धयन की गहरई म डीब गय धयन टीटन क बद म आशरम क कयो म

लग गय मन उस सऽधक स कि छ नही बतय ऽक मन उसक सथ zwjय ऽकय ह शम को उस सऽधक

न मिझस पीछndash भय आपन सिबह zwjय ऽकय थ मन बोलndash ldquoकि छ नहीrdquo उसन कहndash आपन मरा बध

ऽनकल दा ह और आप कहत ह कि छ नही ऽकय मन पीछndash आपको कस मलीम हआ ऽक मन बध

ऽनकल दा ह ऽफर सऽधक न अपन अनिभव मिझ सिनयndash आपक दरर शऽzwj तपत करन क बद मिझ

एक सतरा ऽदखई दा था वह शzwjल म अचछा नही था वह सतरा हथ जोड़ हए खड़ा था मिझस बोलाndash

sbquoअब म ज रहा ह ा मिझ कषम कर दो अब म आपक पस कभा नही आऊा गाrdquo यह कहकर वह सतरा चला

गया ऽफर मर अनदर स आवज सिनई दाndash ldquoआपक कमथ धार-धार एक ऽनऽित मतर म जल जएागrdquo ऽफर

कि छ कषणो क बद एक जयोऽत ऽदखई दा

मन शरामत जा को मन सरा बत बतया तब उनहोन मिझ समझयndash ऐस कयथ करन स पहल

आप अपन कवच बन ऽलय कर ऽफर ऐस कयथ कर नही तो ऐसा बधएा आप पर भा हमल कर

सकता ह उनह सतिषट करक भजन चऽहए ऽक उनह zwjय चऽहय zwjयोऽक ऐसा दिषट शऽzwj तया भोजन आऽद

भा मागती ह सधको मिझ शरा मत जा न समझय थndash मिझ इस परकर स बहर नही ऽनकलन चऽहए

थ मन अपन जावन म ढरो परयोग ऽवऽभनन परकर क ऽकए ह बड़ा-बड़ा तमऽसक शऽzwj तयो स स मर

झगड़ भा हआ ह मगर मन कवच कभा भा नही बनय इसक करण यह ह मर पस योगबल की कभा

भा कमा नही हई ह ऐसा शऽzwj तय ा मर वलय दखकर हा भग जता ह म भिवलोक की तमऽसक

शऽzwj तयो स भा लड़ सकत ह ा म चह ा तो उनह मील सरोत म ऽवलान कर दीा मिझ एक ऽवशष परकर की

शऽzwj त परप त ह इसऽलय म इस परकर की शऽzwj तयो स नही डरत ह ा

भगवान यीश भगवान शरी कषण और शरी माता जी

यह अनिभव एक मचथ को आय थ म रऽतर क 11 बज लट हआ थ मरा आाख अपन आप

बनद हो गया मिझ ऽदखई ऽदयndash अनतररकष म सिनहल रग की लमबा लइन तज परकश की जोर स चमकी

योग कस कर 281

जस बरसत म बदलो क बाच म ऽबजला चमकता ह तज परकश की लइन क चमकत हा उसम

ऽवसफोट हो गय ऽवसफोट होत हा समपीणथ आकश तज परकश स यिकत हो गय उसा तज परकऽशत

आकश म एक परकश सतमभ ऽदखई दन लग उसा परकश सतमभ म भगवन याशि क दशथन होन लग

उनक शरार तज परकश स बन हआ थ म तिरनत बोलndash ldquoआप तो परभि याशि हrdquo मर शबद सिन कर वह

मिसकरन लग ऽफर उनहोन मिझ आशावथद ऽदय मन उनह परणम ऽकय परभि याशि कि छ नही बोल ऽफर

अदशय हो गए हमर भव परभि याशि की ओर ऽवदयथी जावन स हा रह ह मन बइबल क भा बहत

अधययन ऽकय ह इसऽलए परभि याशि मिझ अचछ लगत ह

परभि याशि क अदशय होन क कि छ कषणो बद हा उसा सतमभ पर भगवन कषण ऽदखई दन लग

भगवन कषण क सवरप यिव थ और उनक शरार तज परकश स बन हआ थ मर मिाह स आवज

ऽनकलाndashsbquoपरभि आप‛ वह मिसकि र रह थ उसा समय मरा आाख खिल गया म सो नही रह थ ऽसफथ मरा

आाख बनद था म परभि याशि और भगवन शरा कषण क ऽवषय म सोच रह थ ऽफर दोबर मरा आाख बनद

हो गई तभा शरा मतजा क परदशी शरार ऽदखई दन लग उसा समय अतररकष स आवज आईndash ldquoयह

सकषम ररीर तमहार गर का हrdquo उस परदशी सीकषम शरार म सभा चकर ऽदखई द रह थ तथ कि णडऽलना भा

ऽदखई द रहा था मीलधर चकर स बरहमरनधर तक ऽफर बरहमरधर स रदय तक आई हई था इतन म मरा

आाख खिल गई म उठकर बठ गय

सधको य सभा दशय ऽदवयदऽष ट क दरर ऽदखई द रह थ ऽफर म थोड़ा दर क ऽलए धयन पर बठ

गय मिझ धयन म बरहमरनधर क अनदर स ऊपरा भग ऽदखई ऽदय बरहमरधर की ऊपरा सतह ऽवशष परकर

स चमक रहा था ऐस लगत थ जस परदशी काच हो उसा समय आवज आईndash ldquoयह बरहमरनर का

ऊपरी भाग हrdquo योगा शरार छोडत समय अपन सीकषम शरार यही स बहर ऽनकलत ह यह दशय लगतर

दो अनिभवो म आय थ

बराहमण नही

यह अनिभव 12 मचथ दोपहर 11 बज आयथ मन धयन म दखndash म ऽकसा परकशमन जगह पर

बठ हआ ह ा मर समन बहत मोट गरनथ रख हआ ह म उस पढ़ रह ह ा zwjय पढ़ रह ह ा यह मिझ अब

योग कस कर 282

मलीम नही ह गरनथ पढ़त समय मरा ऊा गला एक लइन पर रक गई ऽफर म थोड़ तज आवज म बोलndash

ldquoजो बरहमण सतय क अवलमबन नही करत ह वह बरहमण कहलन योनय नही ह बरहम की अनिभीऽत करन

वल हा बरहमण होत हrdquo इतन पढ़त हा मर हथ वहा पर रक गय ऽफर म आग कि छ नही बोल उसा

समय मिझ अपन आभस होन लग

शरी माताजी

यह अनिभव मिझ योगऽनदर म 15 मचथको आय थ म अकल हा कही चल ज रह थ चरो

ओर सिनहर परकश फल हआ थ कि छ कषणो बद मिझ ऐस लग जस मर बयी ओर कि छ ह मन अपना

दऽष ट बयी ओर की तो आश चयथ म पड़ गय मर बयी ओर मिझस कई फीट ऊा च ऽबन आधर क पना

ऽसथत थ आश चयथ यह थ ऽक पना दावर की भ ाऽत ऽबलकि ल ऽहलडिल ऽबन हा रक हआ थ जबऽक

पना को दावर की भाऽत ठहरन क ऽलए कि छ आधर होन चऽहए वह असाऽमत पना बफथ क समन

ऽसथर थ पना अतयनत सवचछ और परदशथक थ म थोड़ आग की ओर बढ़ और अपन आप रक

गय उसा जगह पना क ऊपरा सतह पर कि छ हलचल सा होन क करण हलकी-हलकी तरग उठ रही था

वही पर मिझ एक ऽवशल मछला तरता हई ऽदखई दा मछला पना क ऊपरा सतह पर तर रहा था मरा

दऽष ट जस हा मछला पर पड़ा यह मिझ बहत बिर लगndash ऽक सवचछ पना म इस मछला क zwjय कयथ ह

इतन म वह मछला थोड़ा मरा ओर आई और मिझ टकटकी लगकर दखन लगा मछला अतयनत

खीबसीरत था उसकी तवच चादा क समन चमक रहा था जब वह मरा तरफ दख रहा था उस समय मर

अनदर ऽवचर आयndash sbquoचह ा तो इस मछला को पकड़ सकत ह ा‛ म अपना जगह स थोड़ ऊपर की ओर

होकर मछला की ओर बढ़ मन मछला पकड़न क ऽलए अपन हथ आग की ओर बढ़य इचछ करत

हा मर हथ की लमबई अपन आप बढ़न लगा जस हा म उस मछला को पकड़न वल थ तभा

आवज आईndash sbquoनही‛ मन उस आवज की ओर दख ऽजधर स आवज आई था मन दखndash मिझस

थोड़ा दीरा पर घिटनो तक उसा पना म खड़ा हई शरामत जा ऽदखई दा वह मरा ओर दख रहा थी और

मिसकि र भा रहा था म तिरत समझ गय lsquoनहीrsquo शबद शरा मत जा न हा कह ह शरामत जा ऽफर बोलीndash

sbquoआप उस मछला को मत पकड़ो उसको उसा पना म रहन दो‛ शरा मत जा दरर यह शबद सिनकर म

दग रह गय मर मन म ऽवचर आय य शबद मतजा को नही कहन चऽहए म दिखा भव स शरा मत

योग कस कर 283

जा को दख रह थ मन ऽफर मछला को दखndash मछला मिझ अब भा दख रहा था उस समय मिझ ऐस

लग रह थ मनो मछला कह रहा हो तिम मिझ ऽसफथ दखत रहो पकड़न क सहस मत करो कि छ कषणो म

मर दखत हा दखत मछला ऽफर पना क ऊपरा सतह पर फि दकन लगा म दिखा भव स आग की ओर बढ़

गय म सोच रह थndash ऽकतना शिि जगह म यह मछला ह बड़ दिःख की बत ह

ऄथश- सधको म इस अनिभव क अथथ नही ऽलख रह ह ा यऽद इस अनिभव क अथथ ऽलख दीाग

तो मर ओर शरा मत जा क ऽवषय म जनकरा हो जएगा आप अपन जञन क दरर अथथ ऽनकल लाऽजए

मिझ कोई आपऽतत नही ह म इतन अवशय ऽलखीाग मिझ शरामत जा क ऽवषय म इस जनकरा स दिःख

हआ

वतरनतरी सतरी

यह अनिभव मिझ योग ऽनदर म आय मिझ लग म ऽकसा साकर ऽछदरनिम जगह स नाच की ओर

ऽगर गय नाच ऽगरत हा ऐस लग ऽक म ऽकसा ढलन पर ऽगर ह ा म अपन हथो स भीऽम को पकड़ रह

थ ऽफर भा भीऽम मर हथो म पकड़ म नही आ रहा था म नाच की ओर ऽफसलत ज रह थ कि छ

समय क बद मन अपन को ऽसथर कर ऽलय और खड़ हो गय तब मन दखndash म ऽकसा गनदा नदा क

ऽकनर खड़ ह ा उसक पना अतयनत गद ह मिझस थोड़ा दीरा पर कि छ सतरा-पिरष खड़ हए थ इनम स कि छ

सतरा-पिरष नदा म ऽगरत थ और गयब हो जत थ कि छ सतरा पिरष नदा क ऽकनर खड़ हए नदा को गौर स

दख रह थ वह सभा लोग डर हए स लग रह थ कि छ कषणो बद य सभा सतरा पिरष नदा म ऽगरकर अदशय

हो गए

इसा परकर अनतररकष स सतरा-पिरष ऽगरत और ऽफसलत हए नदा म ऽगरकर अदशय हो रह थ उसा

समय मर अनदर ऽवचर आयndash यह सतरा और पिरष नदा म zwjयो ऽगर रह ह तिरनत आकश स आवज

आईndash sbquoय सतरी-परष जो नदी म िगरकर समा गए व ससार म जनम लन क िलय आ गए ह जो नदी क

िकनार खड़ हए ह वह भी ससार म कछ समय बाद जनम लग‛ अब मरा समझ म आ गय यह नदा

अपन हा मतयिलोक ह मन अपन आप स कहndash sbquoनही मिझ इसम (मतयिलोक म) नही जन ह म ऽजधर

स आय ह ा उधर वपस जऊा ग‛ इतन म मन ऊपर की ओर दख ऽजधर स म आय थ मर ऊपर एक

योग कस कर 284

साकर स छद थ उस साकर स छद क ऊपर की ओर तज परकश ऽदखई द रह थ थोड़ स परकश छद

स आकर मर ऊपर भा पड़ रह थ म सोच रह थndash इस साकर छद स ऊपर कस जऊा ग उसा समय म

अपन आप ऊपर की ओर उठन लग उस साकर ऽछदर म मर शरार समन लग मिझ आश चयथ हो रह थ

ऽछदर ऽबलकि ल साकर होन क बवजीद मर शरार ऽबन कष ट क उस ऽछदर स होत हआ ऊपर चल गय

ऽछदर पर करत हा म नई जगह पर पहाच गय

नई जगह पहाचन पर दखndash वह ा पर सिनहर तज परकश फल हआ थ उस समय मरा दऽष ट

दीरगमा हो गया था मिझस कि छ दीरा पर उसा तज परकश म एक सतरा बठा हई ऽदखई दा वह सतरा अतयनत

खीबसीरत था लल सड़ा पहन हए था उसक खीबसीरत लमब-लमब बल थ वह सतरा इतना सिनदर था

इसक वणथन म यहा पर नही कर सकत ह ा वह सतरा ऽनषभव स बठा हई मरा ओर दख रहा था उस सिनदर

सतरा को दखत हा म आश चयथ म पड़ गय ऽक अतयनत सिनदर तजसवा सतरा यह ा पर अकला बठा हई मरा

ओर दख रहा ह उसा समय मन दखndash उस सतरा क तान नतर ह उसक तासर नतर खिल हआ ह यह नतर

बहत हा सिनदर ऽदखई द रह ह म उस सतरा क पस पहाच उस समय म भा उस ऽनषभव स दख रह थ

मन अपन दोनो हथो स उस सतरा क मिाह बचचो क समन पकड़ ऽलय जस हा मन उसक मिाह को सपशथ

ऽकय उसा समय उसक तासर नतर अपन आप अदशय हो गय म इस ऽकरय स बड़ दिखा हआ मन

उस सतरा स पीछndash आपक तासर नतर अदशय zwjयो हो गय ह वह उततर म कि छ नही बोला मिझ ऽनषभव

स दख ज रहा था तभा मिझ लगndash उसक मिाह को मन अपन हथो स पकड़ रख ह उसक सपशथ मिझ

अचछ लग रह थ उसक मिाह (दोनो गल) की तवच अतयनत मिलयम ह ऐस मिाह समनय ऽसतरयो जस

नही होत ह ऐस ऽवचर मर मन म आत हा वह सतरा बोलाndash sbquoबट म तिमहरा म ा ह ा‛ उसक दरर यह

शबद कहत हा मिझ अपन अनदर शमथ सा आ गई उसक मिाह मर हथो स अपन आप छी ट गय शमथ स

हमर ऽसर नाच की ओर झिक गय और म सोचन लगndash मिझ मा क परऽत ऽवकर zwjयो आ गय इसस

बड़ दिःख की बत और zwjय हो सकता ह मन ऽफर उसा सतरा की ओर दख उसा कषण उस सतरा क शरार स

ढरो ऽसतरया परकट होन लगा य सभा ऽसतरया ऽतरनतरधरा थी अनतररकष स आवज आईndash sbquoिवशव की समपणश

िसतरया तमहारी मा हrdquo हमर अनिभव समपत हो गय

ऄथश- म नीद स जग कर बठ गय और सोचन लगndash मर अनदर ऽवकर zwjयो आ गय मिझ

समझत दर नही लगा म ऽशवरऽतर क अवसर पर सभा क हथो क बन खत रहत ह ा इसऽलए मर

अनदर ऽवकर आ गय मिझस शरा मतजा न पहल हा कह थ आप सवय अपन हथो स खन बनकर

योग कस कर 285

खइए सभा स दीर रऽहए तिमह शिित की अतयनत आवशयकत ह म ऽजस ऽछदर स नाच की ओर गय थ

ऽफर उसा ऽछदर स ऊपर वपस आ गय थ अनय सतरा-पिरष अपन आप अनतररकष स ऽगरत हए ऽदखई द

रह थ यह ऽतरनतरा सतरा कि णडऽलना शऽzwj त था मिझ अनिभव म ऽदखय गय जनम लन क समय ऽकस परकर

स सतरा-पिरष ऊपर स नाच की ओर ऽगर रह थ और नदा रपा ससर म अदशय हो रह थ ससर म आकर

मनिषय अपन आप को भील जत ह

कि छ ऽदनो पित मन धयनवसथ म दखndash लल सड़ा पहन हए ऽसर पर मऽणयो स यिकत मिकि ट

लगए हए मत कि णडऽलना शऽzwj त बठा हई ह वह मरा ओर दख रही ह उसक पाछ आग सा जल रहा ह

यह दशथन मिझ रदय म हआ ह अब रदय म दशथन शयद इसऽलए हआ zwjयोऽक कि णडऽलना रदय

म आकर ऽसथर हो चिकी ह धार-धार कमो क नश भा होन लग ह कमो क जलन क दशय भा जलता

हई आग क रप म ऽदखए द रह ह अब जयदतर अनिभव रदय म आत ह

शरी माताजी की आचछा

मन दखndash शरामत जा चला आ रही ह उनक पाछ-पाछ और कभा-कभा बगल म शर चल रह

ह शरामत जा अपन हथो म कोई वसति ऽलए हए ह शर को वह वसति डलता जर रहा ह शर उस वसति

ख लत ह इसा परकर शरामत जा आग की ओर चला ज रही ह एक सथन पर खड़ा होकर उनहोन ढर

सरा वसति शर क समन डल दा शर पीाछ ऽहलत हआ उस वसति को खन लग शरामत जा वही खड़ा

होकर दखन लगी

ऄथश- मर अनदर ऽवचर आयndash शरामत जा को शर क ऽलए कि छ भा नही डलन चऽहए शर

मन और करोध क परताक होत ह मिझ दिःख हआ आऽखरकर शरामत जा को zwjय चऽहए जो यह सब

कि छ कर रहा ह यऽद भऽवषय म सतकथ त स कम न ऽकय तो पतन होन ऽनऽित ह

योग कस कर 286

गध की सवारी

मन अपरल मह म धयनवसथ म दखndash म गध पर सवर ह ा गध मिझ कही ऽलए ज रह ह

उसकी चलन की गऽत बहत हा तज ह मन बयी ओर अपन दोनो पर लटक रख ह गध दौड़त भा ज

रह ह और अपन मिाह मोड़कर मर परो क तलव भा चटत ज रह ह म सोच रह थndash मर पर क तलव

zwjयो चट ज रह ह मगर गध यहा ऽकरय करत रह परो क तलव भा चटत ज रह ह और दौड़त भा

ज रह ह गध क भगन की गऽत अतयनत तावर था म बोलndash अर धार-धार चलो नही तो ऽगर जओग

गध बोलndash ldquoनही म नही ऽगरा गrdquo अनिभव समपत हो गय

मन अपन अनिभव शरामत जा को बतय तब शरामत जा बोलीndash ldquoआपकी बिऽि भरषट हो गई ह

zwjयोऽक गध बिऽिहानत क परताक होत हrdquo शरा मतजा न इस अनिभव क अथथ बहत अचछ ऽनकल

ह मगर यह zwjयो नही दखती ह ऽक गध मर तलव चट रह ह और दौड़त भा ज रह ह म कमयबा

पर सवर ह ा कमयबा मर तलव चट रहा ह भऽवषय म म कही जऊा ग zwjयोऽक गध पर बठकर ज रह

ह ा वह ा तावर गऽत स कमयबा ऽमलगा लोग गध को बिऽिहान कहत ह सच तो यह ह गध सबस बड़

बिऽिमन व सहनशाल जनवर होत ह सवभव स साध होन क अथथ बिऽिहान होन तो नही ह मगर

अब मर भऽवषय ऽनऽित करग ऽक zwjय होग एक अथथ यह भा ह ऽक भऽवषय म मिझ परशऽनया आएागा

गध क अथथ होत हndash lsquoपरशना य कष टrsquo म परशना पर सवर ह ा परशऽनया मर तलव चट रही ह

अथ थत भऽवषय म मिझ परशऽनय ा अवशय आएागा मगर व परशऽनय ा मर कि छ नही ऽबगड़ पएागा

बऽलक म उन परशऽनयो पर सवर होकर तावरगऽत स आग क मगथ तय करत जऊा ग

यह जगह छोड़ दो

लगभग डढ़ मह हआ धयन म अzwjसर अतःकरण स आवज आय करता थाndash sbquoकि छ समय क

ऽलए इस जगह को छोड़ दो‛ पहल मन इन शबदो पर कोई धयन नही ऽदय सोचndash शयद गहरई म पड़

हए ऽवचर ऽनकल रह ह इसऽलय ऐस शबद सिनई द रह ह मगर धयनवसथ म यहा शबद बर-बर सिनई

दन लग तब म ऽचऽतत स हआ मर अनदर स ऐसा आवज zwjयो ऽनकलता ह अवशय हा कोई करण

होग ऽफर मन सकलप करक पीछndash sbquoय शबद मर मन की उथल-पिथल ह अथव मर ऽलए यह ऽनदश हrsquo

योग कस कर 287

उततर ऽमलndash sbquoकया धयान म सनाई दन वाल हर रबद मन की ही उथल-पथल होत ह‛ म आश चयथ म पड़

गयndash परश न क उततर परश न स ऽमल ऽफर अतःकरण स आवज आईndash ldquoआपको यह जगह कछ समय क

िलए छोड़नी ही होगीrdquo म कि छ नही बोल धयन समपत करक सोचन लगndash zwjय बत ह zwjय होन

वल ह समझ म नही आत ह बर-बर यहा शबद सिनई दन पर मन ऽखननत सा होन लगा ऽक मिझ

और कही कि छ समय क ऽलए जन चऽहए मरा समझ म नही आ रह थ म zwjय ऽनणथय लीा ऽनणथय लत

समय यहा आवज आन लगता थाndash sbquoतमह यहा स जाना ही होगाrdquo उसा समय म सोचन लगत थndash

अब म कहा जऊा ग अतःकरण स आवज आई ndashsbquoआपको यह अवसथा धयान दवारा िमली ह िरर भी

आप घबरात ह आपक साथ यही होगा न िक आपको कष ट िमलग कष ट और तयाग क िबना कोई वसत

पराप त नही होती ह योग का मागश वस भी किठनाइयो और दखो स भरा हआ होता ह तमह कठोर साधना

करनी होगी‛ अब मर अनदर आतमऽवशवस जग और सोचndash ldquoठाक ह म यहा स कि छ समय क ऽलए

चल जऊा गrdquo म जब भा धयन म बठत तब यहा आवज सिनई दता थाndash sbquoतमह हर हालात म यह

जगह छोड़नी होगी‛ ऽफर म धयन म सकलप करक बठ गय और पीछndash sbquoमिझ यह जगह ऽकतन ऽदनो क

ऽलए छोड़ना होगाrdquo अनतररकष स आवज सिनई दाndash ldquoकम स कम तीन वषश क िलए छोड़ना ह इस

अनतराल म तम िकसी सतसगी स पतर वयवहार या समपकश नही करोग यहा तक िक शरी माताजी स भी

समपकश नही करोगrdquo मन पीछndash ldquoकपय आप मिझ बत दाऽजय म कहा चल जऊा ‛ अनतररकष स

आवज आईndash sbquoउततर भारत‛ मन पीछndash ldquoउततर भरत म ऽकस जगह जन ह‛ अनतररकष स आवज

आईndash sbquoचाहो तो कछ समय क िलए घमन क तौर पर िकसी आशरम म जा सकत हो मगर साधना क

उददशय स नही जाना कयोिक आपकी साधना िकसी अनय आशरम म होन वाली नही ह और न ही आशरम

म इतना समय िमलगा िक तम वहा पर साधना कर सको‛ मन पीछndash ह परभि म कहा चल जऊा मर

रहन और खन क इतजम कहा होग अनतररकष स आवज आईndash sbquoआप सवय नही जा रह हो बिकक

भज जा रह हो इसिलए भजन वाला सवय इतजाम करगा तम िचता करन वाल कौन होत हो तमह

भिवषय म साधना क बल पर ढर सार कायश करन हrdquo मन पीछndash ldquoभऽवषय म मिझ zwjय-zwjय कयथ करन ह

अनतररकष स आवज आई- sbquoअभी जानन की कोिरर न करो भिवषय सवय तमहार सामन होगा हा

कठोर साधना क समय तमह बहत सरारीररक और मानिसक कष ट उठान होग उसक िलए हमरा तयार

रहो िबना कष ट भोग साधना नही होती ह िजतना जयादा कष ट उठाओग साधना म उतनी ही जयादा

सरलताए िमलगी‛

योग कस कर 288

ऽफर कई ऽदनो तक म सोच म बन रह ऽक zwjय ऽकय जएकि छ समझ म नही आ रह ह उस

जगह की कहा तलश करा जह ा पर मिझ जन ह ऽफर कि छ ऽदनो बद म धयन म सकलप करक बठ गय

और पीछndash परभि कप करक मिझ बत दो ऽजस जगह पर जन ह अनतररकष स आवज आईndash sbquoतमहारी

सहायता म कर गा िनििनत हो जाओ तमह अपन िपताजी की कपा पर या िपताजी दवारा इतजाम करा

िदया जाएगा मगर एक बात का धयान रखना तम बहत कम बोलोग और ढर सारी बात अकारण सननी

पड़ सकती ह‛ मन पीछndash मिझ कब जन होग अनतररकष स आवज आईndash sbquoअपरल क अिनतम िदनो म

जाना ह अब तमहारी साधना यहा पर नही होगी जसी साधना तम करना चाहत हो‛ य सभा बत एक-

डढ़ मह म मलीम हई थी

इधर शरामत जा स म कस कह सकत थ ऽक म यह ा स जन चहत ह ा आशरम छोड़न क

सथील करण तो कि छ भा नही बनत थ म सवय ऽचऽनतत हो रह थ zwjयोऽक शरा मत जा मिझस बहत

पयर करती था उस पयर को दखकर मर अनदर सहस नही हो प रह थ ऽक म उनस कस कह दीाndash

ldquoशरामत जा म आशरम छोड़कर ज रह ह ाrdquo ह ा मन कि छ समय ऐस दख हndash मरा सधन क ऽलए

समय और जगह की उनह पहल जसा कोई परवह नही रह गया था इधर आशरम म लोग आकर रहन

लगत थ इसस मिझ कभा-कभा सधन म अवरोध भा होत रहत थ मन दखndash मर अपमन हमश

होत रहत ह उसक कोई हल भा नही थ इसऽलए आशरम स हमर मन ऊबन स लग थ जब स

आशरम म सधन करन क ऽलय आय ह ा तबस ऽकसा न ऽकसा की अकरण सिनत हा रहत ह ा ऽफर भा

मर ऽलए कह जत ह ऽक आननद कि मर कि छ कम नही करत ह अथ थत आशरम क कम नही करत ह ा

यहा बत मिझस कई लोगो न कहा मगर म सिनकर टल दत थ zwjयोऽक मिझ अपना सधन करना था

इसऽलय मरा मजबीरा क लभ उठय ज रह थ

आजकल जलग ाव स एक लड़क कि छ समय क ऽलय आशरम म रहन क ऽलए आय हआ थ

वह आशरम स शरामत जा क पस रोजन जय करत थ उसन सत अपरल को मिझ बतयndash आज मिझ

सइऽकल क करण बहत डाट पड़ा ह अणण जा करोऽधत हो रह थ सइऽकल यहा (ऽमरज म) मत रख

करो इस आशरम म रखो उस समय शरामत जा बोलीndash ldquoआननद कि मर कि छ कम नही करत ह कम क

ऽलए मन कर दत हrdquo शखर कि लकणी स कहndash ldquozwjय म नौकर ह ा चरपई भा उसन नही बनवई गमल

ल जन क ऽलए उसन मन कर दत ह इसऽलए सइऽकल ऽनऽतन को कम क ऽलए दा हrdquo (ऽनऽतन यहा

लड़क जो जलग ाव स आशरम म आय ह) यह सब सिनकर मन अपन आप म सोचndash ldquoआननद कि मर

योग कस कर 289

लनत ह तिझ पर ऽसफथ खन क ऽलए इस आशरम म रक हआ हrdquo मिझ पर शरामत जा न झीठ आरोप

लगए गिर और योगा होकर इतन बड़ झीठ बोलता ह मन तिरनत ऽनणथय ऽलय म अभा आशरम छोड़त

ह ा ऽनऽतन को एक पतर ऽलखकर शरामत जा क ऽलए द ऽदय वह पतर लकर शरामत जा क पस गय और

मर पतर शरा मत जा को द ऽदय उततर म ऽफर शरामत जा न मिझ एक पतर ऽलखndash ldquoआपको जन ह तो

जओ मन कि छ परशन हआ तो कि छ कह ऽदय होगrdquo मन ऽफर एक पतर शरामत जा क ऽलय ऽलख

और ऽनऽतन दरर शरामत जा क पस भज शरामत जा न पतर क जबब ऽदय जो अऽत सकषप म इस

परकर हndash sbquoहमरा कोई इचछ नही ह ऽक आप आशरम छोड़कर जएा आप अपना मजी स ज रह ह‛

मिझ इस पतर पर बहत करोध आय मरा बइजजता भा की ज रहा ह और यह कह ज रह ह ऽक हमरा

कोई मजी नही ह आप अपना मजी स ज रह ह

उस समय मर पस घर जन क ऽलए ऽकरय नही थ तथ कि छ लोगो क यह कहन पर म रक

गयndash यऽद आप अभा चल जएाग तो अनय सधक zwjय सोचग शरामत जा न कि छ कह ऽदय होग

शरामत जा की बदनमा होगा तथ जब तक आशरम म वयवसथ न हो जएा तब तक रक रऽहए अचनक

चल जन स लोग सोचग आननद कि मर zwjयो चल गय यह बत मिझ उऽचत लगा मिझ अचनक नही

चल जन चऽहए यह बत मिझ वघमर जा (शरा मत जा क ऽशषय) न कहा था इसऽलए 15-20 ऽदनो

क ऽलए रक गय अकषय तताय (24 अपरल) क बद चल जऊा ग सोच जब ज हा रह ह ा तो झगड़

करक zwjयो जऊा आरम स जऊा इसऽलए चिप हो गय बहत स सधको न मिझस पीछndash ldquoआप zwjयो

आशरम छोड़कर ज रह ह‛ म बोलndash अपना मजी स ज रह ह ा शरामत जा क सधको स कहन थndash

sbquoआननद कि मर दो-चर महान म आ जएाग उसक घर मउसक समन कोई ऐसा बत हो जएागा वह

ऽफर यहा पर आ जएग‛

ऽमरज (महरषटर) स चलत समय शरा मत जा न मिझस कहndash ldquoतिम दो चर महान क ऽलय जहा

भा चहो घीम आओ ऽफर घीम क यहा आशरम म आ जन zwjयोऽक तिमहरा घर म तो सधन नही होगाrdquo

म शरामत जा की ह ा म ह ा ऽमलत रह zwjयोऽक वह मरा गिर ह अब दखन ह ऽक म ऽकतन ऽदनो बद

आशरम म रहन क ऽलए वपस आत ह ा मरा सधन घर म नही होगा अथव अनय कोई घटन घटगा ऽक

नही घटगा यह मर भऽवषय बतएग शरामत जा हमश सोचता रही ह ऽक आननद कि मर की घर म

बनता नही ह सधन क ऽलए यहा पर रहन उसकी मजबीरा ह इसऽलए शरामत जा क गिणगन गन वल

सधक मिझ आए ऽदन कि छ-न-कि छ सिनत रहत थ जब म शरा मतजा स इस बत को कहत थ तब वह

योग कस कर 290

मिझ हा डाटन लगता था और कहताndash ldquoपत नही आजकल लोग ऽकतना ईषय थ करन लग ह ऽशकयत

करन चल आत ह थोड़ बहत ऽकसा न कि छ कह भा ऽदय तो कि छ सिन नही सकत हrdquo म चिपचप

सिनकर वपस आ जत थ

म यह ा पर कि छ बत बतन चहत ह ाndash आशरम क समपीणथ कयथ म हा करत थ जसndash पड़ो को

पना दन घस ऽनकलन सलप य दावर पर पना दन (जब नई दावर बनता था) आऽद ऽफर भा

समझ म नही आत ह ऽक मिझस शरामत जा zwjय कम लन चहती थी zwjयोऽक वह सदव कहती रहता

थीndash ldquoआननद कि मर कम नही करत हrdquo य सब मर समन नही कहती थी दीसर सधको स कहती थी

शरा मत जा को मरा सधन की सफलत पर भा ऽवशवस नही होत थ उनहोन मिझस कई बर

कहndash ldquoआननद कि मर इतना जलदा अगला सफलत सधन म नही ऽमलता ह ऽजतन तिम समझत होrdquo

कई बर उनहोन मरा अवसथ पर हा परश न ऽचनह लग ऽदय थ मन शरा मत जा को एक बर बतयndash ldquoमरा

कि णडऽलना बरहमरधर दरर स मिड़कर भकि टा तक आ गया ह इस पर शरामत जा नरज सा हो गया और वह

बोलाndash ldquoआप जस समझत ह ऐस नही होत ह कि णडऽलना इतना जलदा उलट कर भकि टा पर नही आता

ह जबऽक म धयनवसथ म दख करत थ मरा कि णडऽलना उलट करभकि टा पर आ गया ह एक बर

जलग ाव क लड़क सऽचन पऽटल आशरम म आय हआ थ उसन मिझस कहndash ldquoभई सहब आप

सदव भरम म रहत ह आप अपना सधन को बढ़-चढ़ कर बोलत रहत हrdquo मर पीछन पर उसन बतयndash

ऐस मिझस शरा मत जा न बतय ह वह बोल रहा थाndash ldquoआननद कि मर कह रह थ मरा कि णडऽलना

उलट करभकि टा पर आ गया ह मगर ऐस सतय नही ह कि छ भा बोलत रहत हrdquo म सऽचन पऽटल की

बत सिनकर दग रह गय

शरा मत जा न मिझस एक बर कहndash ldquoआननद कि मर आपको यह ा आय हए बहत समय हो गय

ह आप अभा तक ऽहनदा हा बोलत ह आपको मरठा भष बोलना चऽहय अभा तक आपन मरठा

बोलन zwjयो नही साख ह अब आपको मरठा बोलन चऽहएrdquo म बोलndash ldquoशरा मत जा मरठा भष

बोलन नही आता ह म मरठा भष की पिसतक पढ़त रहत ह ाrdquo शरा मत जा बोलाndash ldquoयहा रहन ह तो

मरठा बोलन साखन होगrdquo म चिपचप बठ हआ सिनत रह कि छ बोल भा नही सकत थ म दिखा

होकर आशरम आ गय और सोचन लगndash शरा मत जा न ऐस तो ऽकसा स नही कह ह ऽफर इनहोन

मिझस ऐस zwjयो कह मरा समझ स बहर की बत ह ऽफर मिझ मरठा बोलन क ऽलय कई बर कह गय

मगर म सिनत रहत थ

योग कस कर 291

एक बर आशरम म जलगाव क रहन वल शरा मत जा क ऽशषय आय उस शरामत जा न

आशरम म मर सथ रहन क ऽलय कह ऽदय वह सधन नही करत थ मरा और उसकी ऽबलकि ल नही

बनता था एक ऽदन उसन मिझस कहndash ldquoआननद कि मर मिझस मरठा म बत ऽकय करो ऽहनदा म बत

मत ऽकय करो यहा ऽहनदा नही बोला जयगा उसन कई सधको स कहndash sbquoआननद कि मर स कोई ऽहनदा

म बत नही करग मिझस मत जा न कह हrdquo म सब कि छ समझ गयअब मर यह ा रकन मिऽशकल ह

यहा पर अब ऽहनदा मरठा भष की भा बत होन लगा मन इस ऽवषय म ऽकसा स नही कह म चिपचप

सहत रह म समझ गय अब म बहत ऽदन यह ा ठहर नही पऊा ग अब आजकल य सधक पीन म रहत

ह ऐस ऽवरोधा सधक क सथ मन बहत ऽदन ऽबतय वह ऽकसा न ऽकसा परकर स मिझ परशन करत

रहत थ यह बत मन शरा मत जा को बतई था वह कि छ नही बोला ऽफर मन कि छ समय बद आशरम

छोड़ दन क ऽनणथय कर ऽलय थ

ऽशवरऽतर उतसव क बद मन आशरम म हा शरामत जा स एकनत म पीछndash ldquoशरा मतजा अब

आपक मर बर म zwjय ऽवचर ह म आपस सपषट जनन चहत ह ा म जब आशरम म आय थ उस

समय मन आपस सपषट नही पीछ थ तब आपक ऽवचर थ ऽक म आशरम म रहकर पीणथत परप त करा rdquo

शरा मत जा बोलाndash sbquoतब हमर ऽवचर थ आप यह ा रहकर पीणथत परप त कर अब चह तो आप रक

सकत ह यहा क लोग आपस परम करत ह मर बद भा आपक रकन समभव हो सकत ह आपकी

जसा इचछ हो वस कर अभा सधन करन क ऽलए हम आपकी झोपड़ा ठाक कर दत ह कि छ समय क

बद आप झोपड़ा म रऽहए उसा म आप खन बनइए म आपको उसम लइट नही द पऊा गा zwjयोऽक

झोपड़ा म आग लगन क खतर रहग म सोचती ह ा ऽक आपक ऽपतजा 500 र झोपड़ा मरममत क ऽलए

द द तो अचछ रहग बकय म सवय लग दीागा आपको इस समय सधन क ऽलए बड़ा परशना होता

होगा आपक ऽलए एकनत म जगह नही होन क करण सधन नही हो पता ह‛ शरामत जा ऽफर

बोलीndash ldquoमिझस कि छ लोगो न कह ह आननद कि मर कह रह थndash ldquoम उततरकशा जऊा गrdquo मन उनलोगो

स कहndash ldquoआननद कि मर शौक स जएा हम आशरम म 100-200 र जयद दकर कोई नौकर रख लग

वस भा हम आपको 300 र दत ह आपक जन स मिझ zwjय फकथ पड़गrdquo यह शबद सिनकर मिझ बड़

दिःख हआ मन शरामत जा स कि छ नही कह मगर म समझ गय ऽक वह zwjय कहन चहता ह म

आशरम म रहत ह ा झोपड़ा ररपयररग क ऽलए 500 र मर ऽपतजा स ऽलय जएाग मरा ऽपतजा स नही

बनता ह शरा मत जा को अचछा तरह मलीम ह उधर धयन म अzwjसर सिन करत थndash ldquoआननद कमार

योग कस कर 292

यह जगह छोड़ दो यहा क लोग आपकी बड़ी बइजजती करत हrdquo यह आवज सद अनतररकष स आय

करता था

हमरा जब कि णडऽलना ऽसथर हो गया तब मिझ अपन आप म लगndash मर अनदर कि छ ऽवशषत

ऽदखई नही द रहा ह म तो एक सधरण पिरष की भ ाऽत ह ा म अपना आतररक शऽzwj त को आजमन

चहत ह ा तऽक मिझ जनकरा हो मर अनदर शऽzwj त ह य नही ह मगर शऽzwj त आजमन क ऽलए योनय

पतर भा चऽहए तऽक उसक भा भल हो जय म सोचन लग मिझ अपना शऽzwj त कस आजमना चऽहए

ऽफर सोचndash म ऽकसा नए सधक की कि णडऽलना उठऊा ग पररपzwjव अवसथ वल सधक की तो

कि णडऽलना सभा उठत ह य उठ सकत ह म नए सधक कीकि णडऽलना उठन चहत ह ा ऽजसन

ऽबलकि ल सधन न की हो उस ऽकसा परकर की ऽकरय य परशना भा नही होन दीाग मिझ कि णडऽलना

उठन क ऽलए दो सिपतर जलग ाव म ऽदखई ऽदय यह दोनो सिपतर लड़ऽकय ा था मन सोचndash जब अपन

घर वपस कनपिर क ऽलय जऊा ग तब यह कयथ करा ग इन दोनो लड़ऽकयो म एक लड़की को जयद

सिपतर समझ ऽफर ऽमरज आशरम म रऽतर क समय धयन पर बठ उस लड़की क सीकषम शरार स समपकथ

ऽकय ऽफर उसक सीकषम शरार स कहndashआप 15-20 ऽमनट क ऽलए धयन पर बठ कर ऽफर वह लड़की

अपन आप धयन पर बठन लगा उस समय वह लड़की शयद बा-टक कर रहा था यह परयोग मर महतव

पीणथ थ मिझ ऽकसा न नही बतय थ और न हा मन ऽकसा स पीछ थ ऽक म उस लड़की स ऽकस परकर

स समपकथ सथऽपत करा उसक सीकषम शरार भा मरा बत मन ल ऽफर मन समपकथ करक सवय अपन जञन

स पीछndash म इस लड़की (जलग ाव की) को कस सनदश दीा मर जञन न मिझ बत ऽदय ऽफर मन वस हा

ऽकय उस लड़की क सीकषम शरार मरा बत मन गय ऽफर वह लड़की अपन आप धयन पर बठन लगा

ऽमरज शहर स जलग ाव शहर की दीरा शयद 700 ऽक मा होगा मगर आधयतम म सथील दीरा क महतव

नही होत ह

मर पस घर स पतर आय घर म शदा था इसऽलए 20 अपरल तक बिलय हआ थ मिझ ऽमरज स

19 अपरल को ऽनकलन थ मगर जलग ाव रकन क करण मन 17 अपरल को रकन क ऽनिय ऽकय

अब म घर ज रह थ इसऽलए कऽवत दादा स ऽमलन जररा समझ 15 अपरल को म उनस ऽमलन क

ऽलय उनक घर मलग ाव पहाच गय वह ा उनक पस बठकर पीर सढ़ सत घणट तक बरबर बतचात

करत रह बत समपत होन क नम नही ल रही था ऽफर कऽवत दादा बोलीndash ldquozwjय आपको पीन की

सऽधक क पतर ऽमल हrdquo म बोलndash ldquoमिझ नही ऽमल हrdquo दादा बोलाndash ldquoउसन आपक पस ऽमरज म

योग कस कर 293

तान पतर डल ह वह पतर ऽकसा क पस होग शयद वह आपक पस नही पहाच पएrdquo उन पतरो म ऽलख

हndash sbquoमर ऊपर जो पाड़ ह कपय आप दीर कर दाऽजए मत जा कहता ह आपक ऽपछल जनमो क फल

ह यह समपत होग य नही‛ दादा ऽफर बोलीndash sbquoआप घर ज रह ह तो पीन रकत हए जइए आप उसस

ऽमल लन उस आपस रहत ऽमलगा आप उसकी कि णडऽलना उठ दाऽजए वह बहत साधा-सधा भा हrdquo

म दादा स बोलndash ldquoम परयतन करा ग अगर रक सक तो रक जऊा गrdquo मन कऽवत दादा को नमसकर

ऽकय और ऽमरज क ऽलए चल ऽदय

शम क समय ऽनऽतन मत जा क घर स आशरम आ गय थ zwjयोऽक वह ऽदन म मत जा क पस

जय करत थ मन ऽनऽतन स पीछndash शरा मत जा मर समबनध म zwjय बत ऽकय करता ह वह बोलndash

जब आपन घर जन क ऽनिय ऽकय कर ऽलय तब मत जा व अनय सधको न मिझ बहत डाट और

कहndash sbquoय बत आननद कि मर स नही कहनी चऽहए थीrdquo और यह भा कह- ldquoअब कोई भा बत आननद

कि मर स नही कहनrdquo वह बचर लड़क थ इसऽलए डर गय ऽफर कोई भा बत उसन मिझ नही बतया

मर पीछन पर उस लड़क न सफ मन कर ऽदय जब मन उस कफी समझय और कहndash म तिमहर करण

नही ज रह ह ा बऽलक मिझ तो यहा स जन हा थ तिम मर जन क करण अवशय बन गए हम ऽकसा स

कि छ नही कहग तिम मिझ बत दो ऽफर कि छ कषणो तक सोचन क बद बतयndash आज वघमर जा (शरामत

जा क एक ऽशषय) शरामत जा स पीछ रह थ आननद कि मर चल जएग ऽफर वपस आएग ऽक नही

आयग तब तक आशरम म कौन रहग शरामत जा बोलीndash आननद कि मर नवमबर-ऽदसमबर तक वपस

आ जएग उसक सथ अवशय कोई घटन घटगा ऽजसक करण उस यहा आन पड़ग उस सधन क

ऽलए एकनत चऽहए वह एकनत ऽकसा आशरम म नही ऽमलग इसऽलए वह यह ा पर ऽफर आ जएग

तब तक कोई नौकर रख दग म ऽनऽतन क शबद सिनकर दग रह गय ऽफर मन सोचndash zwjय सचमिच

नवमबर-ऽदसमबर म मिझ आशरम म वपस आन पड़ग अब मर भऽवषय बतएग ऽक म कब आशरम म

आऊा ग

इसा समय एक-दो ऽदन क ऽलए ऽनऽतन क ऽपतजा आशरम म आए हए थ वह भा जलग ाव जन

वल थ सोच हम दोनो 17 अपरल को सिबह जलगाव क ऽलए ऽनकलगम और ऽनऽतन क ऽपतजा 16

अपरल की शम को अपन समन लकर ऽमरज आ गए रऽतर क समय हम दोनो एक सधक क घर म रक

गय सिबह 6 बज शरा मत जा क घर उनस ऽमलन क ऽलय गय चलत समय शरा मत जा हासकर मिझस

बोलीndash sbquoजलदा वपस आ जन‛ मन कोई जबब नही ऽदय ऽफर कि छ कषणो क बद बोलndash sbquoसतय तो

योग कस कर 294

यह ह म यहा स नही ज रह ह ा मिझ यहा स भज ज रह ह जब ईश वर की कप होगा तब आ जऊा ग‛

इतन म अणण जा बोलndash ldquoपतर वयवहर करत रहनrdquo म बोलndash ldquoपतर अवशय डलत रह ागrdquo ऽमरज स

चलत समय दिःख अवशय थ पहल जब ऽमरज आय थ तब ऽकतन परसनन थ जब म उचचवसथ को

परप त हो गय ह ा तब म दिखा होकर ज रह ह ा zwjयोऽक महौल हा ऐस बन गय ह यहा सोचकर शरामत

जा क घर स कदम आग की ओर बढ़ ऽदए मिझ ऽवशवस थ जो शऽzwj त मिझ आशरम छोड़कर चल जन की

पररण द रहा ह वहा शऽzwj त अवशय आग भा मगथदशथन करगा

दोपहर 12 बज टरन पीन पहाचा पलटफमथ पर पीन क सधक बहन-भई मिझस ऽमलन क ऽलय

आए सभा न पीछndash ldquozwjय बत हो गया भई सहब आप अचनक चल ऽदएrdquo म बोलndash ह ा अवशय

कोई बत हई होगा इसाऽलए तो घर वपस ज रह ह ा अब म नही आऊा गrdquo सभा स थोड़ा दर तक

करमशः बत हई पीन की एक सऽधक को धयन म अचछा ऽसथऽत परप त हई ह वह बोलाndash ldquoभई

सहबअकषय तताय पर आपक समन धयन पर बठन की मरा बहत इचछ था मगर आप उसस पहल हा

चल ऽदएrdquo पलट फमथ स 20 ऽमनट क बद टरन चल दा मन सभा को नमसकर ऽकय तब तक टरन

पलटफमथ छोड़न लगा था रऽतर क समय जलगाव शहर पहाच सिबह 18 तराख को मन उस लड़की क

पस सनदश भजndash उस लड़की स कहन आननद भय आएा ह आप स ऽमलन चहत ह उस लड़की क

सनदश आयndash ldquoम 12 बज दोपहर को आऊा गाrdquo म जलग ाव म पहल भा ऽनऽतन क घर ठहरत थ

इसऽलए म अबकी बर भा ऽनऽतन क घर ठहर हआ थ दोपहर को वह लड़की कलज स साधा मर पस

आ गया मरा उसस धयन क ऽवषय म बत हई वह धयन करन क ऽलए तयर पहल स हा था हम दोनो

ऽनऽतन क घर क बगल वला सऽधक क घर म चल गए zwjयोऽक उस सऽधक क घर म एकनत थ वह

लड़की बोलाndash ldquoम 15 ऽदनो स 20-25 ऽमनट क ऽलए धयन पर रोजन बठता ह ा हा भय मरा बहत

इचछ ह ऽक म सधन करा अब म रोजन धयन पर बठ करा गाrdquo मन अपना दऽष ट पना की तऽक उस

लड़की क ऽवषय म अनदर तक की जनकरा हो सक मन दखndash वसतव म इस लड़की की सधन करन

की बड़ा इचछ ह म बोलndash zwjय मर समन आप धयन पर बठगा वह बोलाndash आपक समन धयन पर

बठनमर ऽलय सौभनय होग हम दोनो आसन लगकर धयन पर बठ गए पहल मन उस मन क ऽवषय

म समझय वह लड़की बोलाndash ldquoमर मन म कोई ऽवचर नही हrdquo ऽफर वह लड़की धयन करन लगा मन

आऽदशऽzwj त मत कि णडऽलना स परथथन की आप इसक शरार म जगरत हो जइए ऽफर मन वशला (इस

लड़की क नम) क ऽसर पर हथ रखकर जोरदर ओकर ऽकय और कि णडऽलना जगरत करन क सकलप

योग कस कर 295

ऽकय ऽफर म शनत होकर धयनसथ हो गय मन अपना ऽदवय दऽष ट स दखndash उसकी कि णडऽलना थोड़ा

सा ऽहला ह और उसन अपन मिाह थोड़ स ऊपर की ओर ऽकय ऽफर मन अपन धयन तोड़ ऽदय तो

मन दखndash वशला शनत भव स चिपचप धयन पर बठा हई ह उस ऽकसा परकर की वहय ऽकरय नही हो

रहा था हम भा यहा चहत थ ऽक इस ऽकसा परकर की वहय ऽकरय न हो तथ मन ऽनिय ऽकय इस वहय

ऽकरय नही होन दीाग उसन आध घणट क धयन ऽकय ऽफर आाख खोल दा तब मन उसस पीछndashldquozwjय

आपको कोई अनिभव आय‛ वह बोलाndash ldquoह ा मन दख ह ऽक म बहत हलकी हो गई ह ा म हव म उड़

रहा ह ाअनतररकष म उलट-पिलट हो रही ह ा उस समय बहत अचछ लग रह थrdquo म बोलndash ldquoआपक

अनिभव अचछ ह म जो चहत थ ऽबलकि ल वस हा हआrdquo मन उसस कहndash sbquoआप कल सिबह आ

जनrdquo वह लड़की अपन घर चला गई

कणडवलनी उधवश की

दीसर ऽदन वह लड़की कलज स साध मर पस सिबह दस बज आ गई कि छ समय बद हम दोनो

धयन पर बठ गए मन ऽवशष तरह क सकलप करक शऽzwj तपत ऽकय वह लड़की आध घणट तक धयन

म बठा रहा म समझ गय थ ऽक मिझ कमयबा ऽमल चिकी ह zwjयोऽक म अपना ऽदवयदऽष ट स सब कि छ

दख रह थ धयन टीटन क बद उसन बतयndash ldquoएक नग कि णडला मर फन ऊपर उठए हए मर मिाह क

समन फीा फकर मर रह थ मगर मिझ डर नही लग रह थ कि छ समय बद लग म एक हवन-कि णड दख

रहा ह ा वह हवन-कि णड बहत अचछ बन हआ ह उसम आग जल रहा ह वही पर एक सवणथ कलश रख

हआ ह उस कलश क मिाह पर नररयल रख हआ ह उस नररयल क आसपस आम क पतत जस पतत ह

कलश क चरो ओर परकश फल हआ ह म कल रऽतर धयन पर बठा हई था मिझ लगndash मर पट अनदर

की ओर ऽखच ज रह हrdquo

ऄथश- म उस लड़की स बोलndash ldquoआपको जो नग ऽदखई द रह थ वह आपकी कि णडऽलना

शऽzwj त था जो आपको हवन-कि णड व कलश ऽदखई ऽदय ह वह आपक मीलधर चकर क कषतर ह पट

क पाछ की ओर जन बहत अचछा बत ह इस उडऽडयन बनध कहत ह अब आप अपन घर जइए

ऽफर शम को आ जनrdquo

योग कस कर 296

वदवय दवष ट खोली

शम क समय वशला अपन ऽपत जा क सथ आ गया कि छ समय बद हम दोनो धयन पर बठ

गए अनय सभा को कमर स बहर ऽनकल ऽदय मन ऽफर उस शऽzwj तपत करन चह उस समय मन

सोचndash zwjयो न इसकी कि णडऽलना थोड़ा सा ऊधवथ कर दा जए वशला धयन पर बठा हई था मन

शऽzwj तपत कर कि णडऽलना को ऊपर की ओर उठन क परयस ऽकय तब कि णडऽलना थोड़ा सा ऊपर की

ओर आ गया मन ऽदवयदऽष ट स दखndash उसकी कि णडऽलना नऽभचकर तक आ गया था ऽफर मर मन म

आयndash इस लड़की क अगर तासर नतर खोल कर दख जए तो zwjय अभा स तासर नतर खिल सकत ह

अथव नही खिल सकत ह ऐस सोच कर उसक मसतक पर जबरदसत शऽzwj तपत ऽकय ऽफर म सवयम

धयन करन लग आध घणट क बद म धयन स उठकर बहर आ गय बहर सभा लोग बठ हए थ कि छ

कषणो बद वह लड़की भा आ गया ऽफर उसन अपन अनिभव सिनएवह बोलाndash ldquoअबकी बर मिझ नग

ऽफर स ऽदखई ऽदय थ उसक फन क ऊपर मऽण चमक रहा था उस मऽण क परकश बहत तज थ कि छ

कषणो तक म उस दखता रहा ऽफर वह नग अदशय हो गय कि छ कषणो क बद वह नग ऽफर स ऽदखई दन

लग उसक फन क ऊपर मऽण चमक रहा था उस मऽण क परकश बहत हा तज थ थोड़ समय तक म

उस दखता रहा ऽफर वह नग अदशय हो गय कि छ कषणो क बद वह नग ऽफर ऽदखई ऽदय वह नग फन

उठए हए खड़ थ अबकी बर उसक फन पर अनको मऽणया चमक रही थी मऽणयो क परकश ऐस थ

जस ढरो सीयथ ऽनकल आए हो उन मऽणयो क परकश स आसमन परकशमन हो रह थ इसक बद

महसीस हआ आप मर मसतक पर शऽzwj तपत कर रह ह ऽफर म धयन म डीब गया मन दखndash मसतक पर

मर एक आाख खड़ आकर म ह वह आाख धार-धार खिलना शिर हो गया ह कि छ कषणो म वह पीरा तरह स

खिल गया उसक अनदर स बहर की ओर परकश की ऽकरण ऽनकल रहा था य ऽकरण आग चलकर

परकश क रप म फलना शिर हो गई उसा परकश म ऽशरडा क सई बब ऽदखई ऽदए व मिझ आशावथद

द रह थrdquo म उस लड़की स बोलndash यह अनिभव अभा ऽकसा को नही बतन

मर ऽलए यह एक बड़ा कमयबा था इस लड़की न सधन नही की था ऽफर भा मन इसक

तासर नतर खोल ऽदय थ zwjयोऽक मन ऐस ऽकसा पिसतक म नही पढ़ ह ऽक ऽबन सधन ऽकय

शऽzwj तपत दरर तासर नतर खोल ऽदय जए मिझ अपना सफलत पर अनदर स बहत खिशा हो रहा था

अब मिझ अपन पर यकीन हो गय ऽक म शऽzwj तशला ह ा ऐस कयथ करन की ऽवऽध मिझ ऽकसा न बतई

नही था सवय अपन जञन क दरर साखा था अब मिझ यकीन हो गय थ ऽक म मगथदशथन कर सकत ह ा

योग कस कर 297

मिझ अपन घर भा आन थ मिझ भिसवल स टरन पकड़ना था भिसवल तक छोड़न क ऽलए दो

सधक भा मर सथ आए थ मन सोचndash मरा घऽनषठत उन दोनो सऽधकओ स था ऽजनक घर म ठहर

करत थ मगर अधयऽतमक सिपतरत क ऽलए वशला क नम आय इस पीवथकल क अचछ कमथ कहत

ह यऽद यह लड़की सधन करगा तो कि णडऽलना ऊधवथ बना रहगा वरन ऽफर मीलधर चकर म सिषिपत

अवसथ म चला जएगा मन इस लड़की पर जो परयोग ऽकए व सर परयोग पीणथ रप स सफल रह zwjयोऽक

कि णडऽलना ऽबलकि ल आसना स जगत होकर ऊधवथ हो गया था सबस जऽटल कयथ थndash ऽजस वयऽकत न

सधन ऽबलकि ल न की हो उसक तासर नतर खोल ऽदय जए म इस कयथ म सफल रह zwjयोऽक उस

लड़की की ऽदवय-दऽष ट कयथ कर रहा था इस परकर क कयथ पीवथकल की योगा भा नही करत थ अभा

तो म सधन हा कर रह ह ा और छोट स हा सधक ह ा इन परयोगो क बद मर आतमऽवशवस बहत हा

बढ़ गय मिझ लगन लगndash म अचछा तरह स सधको क मगथदशथन कर सकत ह ा सफल मगथदशथन

करन क ऽलए ऽदवयदऽष ट क तज गऽत स कयथ करन अऽत आवशयक होत ह तथ योगबल क भणडर

भा होन आवशयक ह zwjयोऽक योगबल क दरर हा समपीणथ कयथ समपन होत ह यऽद मगथदशथक की

ऽदवयदऽष ट कयथ नही कर रहा ह तथ योगबल भा कम ह ऐस मगथदशथक सदव हा असफल रहत ह ऽसफथ

ऽशषय बन लन स कोई लभ नही होत ह अथ थत ऐस गिरओ को ऽशषय नही बनन चऽहए उस कठोरत

क सथ अपना सधन करत रहन चऽहय

21 अपरल को म अपन घर आ गय भई की शदा था तो शदा क कम कज म वयसत बन

रह इस समय म जयद धयन नही कर सक थ ऽमरज आशरम म मरा बत मरठ (उपर) क एक सधक

स हो गया था उनहोन कह थ म आपको शकमभरा क आशरम म इनतजम करव दीाग म वह ा क ऽवषय

म जनकरा लकर मरठ स आपको पतर पोसट करा ग शकमभराताथथसथल सहरनपिर ऽजल (उपर) म ह

शऽzwj त क 108 नमो म एक नम शकमभरा दवा क भा ह इस दवा क मऽनदर ऽशवऽलक पहऽड़यो की

घऽटयो म बन हआ ह वह ा पर ऽबलकि ल शनत वतवरण ह मरठ क सधक ऽमरज स मिझस दो ऽदन

पहल हा मरठ क ऽलए ऽनकल पड़ थ मरठ क सधक क पतर मिझ 19 मई को परप त हआ थ उसम

आशरम क सर ऽववरण ऽलख हआ थ मन उस पतर क उततर म एक पतर डल थ उस पतर म ऽलख

थndash म अभा बामर ह ा जब ठाक हो जऊा ग तब म आपक पस आ जऊा ग कि छ ऽदनो बद म ठाक हो

गय ऽफर सवसथय लभ लत रह मर मन म ऽवचर आयndash मरा सधन तो हो गया ह अब मिझ कि छ

खोज भा करना चऽहए मर मऽसतषक म ऽवचर आयndash परकय-परवश ऽसऽि क ऽवषय म खोज करना

योग कस कर 298

चऽहए अब मिझ परकय-परवश ऽसऽि क ऽवषय म जनन क ऽलए उतसिकत जयद बढ़ गया एक बर म

धयन पर बठ हआ थ उस समय मन सकलप ऽकयndash परकय परवश ऽसऽि क ऽवषय म जनन क ऽलए

ऽकन ऽकन बतो क होन जररा ह तब जञन न मिझ बतयndash इस ऽसऽि क ऽवषय म जनन क ऽलय कि छ

बत सधक क ऽलय अतयनत जररा ह 1 कठोर सधन 2 अतयनत कठोर इऽनदरयसयम 3 इस ऽवषय म

परगत मगथदशथक पहल की दोनो बत मर ऽलय ऽबलकि ल सरल ह मगर तासरा बत को पीणथ कर पन

बड़ मिऽशकल ह मिऽशकल हा नही बऽलक असमभव स ह इसक करण हndash एक तो यह ऽवदय धार-धार

लिपत सा हो रहा ह दीसर जो महपिरष इस ऽवदय को जनन वल होग वह मिझ zwjयो बतएाग ऽक म इस

ऽवदय म परगत ह ा मिझ मलीम ह इस ऽवदय क गिर नही ऽमलग ऽफर भा म इस ऽसऽि की जनकरा

अवशय करा ग ऽफर मन ऽनिय ऽकयndash जहा तक हो सकग इस ऽवदय की जनकरा क परयस करत

रह ाग सथ सथ मरा सधन भा चलता रहगा इसक ऽलए मिझ पीणथ रप स एकनत चऽहए वह एकनत

शयद शकमभरा म ऽमल जए जब म ऽमरज आशरम म थउस समय मन इस ऽसऽि क ऽवषय म शरा मत

जा स बत की था वह नरज हो गया था

म मरठ जन क ऽलए तयर हो गय zwjयोऽक मरठ होकर मिझ शकमभरा जन थ म ऽफर बामर

हो गय म जब मरठ जन क ऽलए तयर होत थ तभा म बामर हो जत थ ऐस तान-चर बर हआ

मन सोच ऐस zwjयो हो रह ह जरर कोई बत ह धयन पर बठन पर मलीम हआndash ऽक मिझ मरठ जन क

ऽलए अवरोध डल ज रह ह यह जन कर म दिखा हआ मर ऽपतजा न कहndash आप मत जइए अगर

अवरोध आ रह ह हम आपक यही इतजम कर दग म बोलndash म मरठ अवशय जऊा ग मिझ चह

वपस आन पड़ मर ऽलए ऽकतन अवरोध खड़ ऽकय जत ह यह मिझ दखन ह म 29 जिलई को

अपन घर स मरठ जन क ऽलए चल ऽदय मरठ म कि छ ऽदनो तक सतसऽगयो क सथ रह मरठ क

सतसऽगयो न मिझस कहndash आप मरठ म हा रक जइए आपक सर इतजम यही पर कर ऽदय जएग

मन कह मिझ शकमभरा जन ह म आपक ऽलए बोझ नही बनन चहत ह ा ऽफर कि छ ऽदनो बद उस

सधक क सथ शकमभरा क ऽलय चल ऽदय

योग कस कर 299

म शाकमभरी पहाचा

पहल म आपको शकमभरा क ऽवषय म बत दीा आऽदशऽzwj त दवा क 108 नम म स शकमभरा

दवा क भा एक नम ह दिग थ सपतशता म शकमभरा क नम आय ह यह ताथथसथल सहरनपिर स लगभग

45 ऽकलोमाटर दीर ऽशवऽलक पहऽड़यो म बन हआ ह हर-भर पहड़ वही पर बहता हई छोटा सा नदा

ह चरो ओर हररयला छई हई ह वह ा क परकऽतक सौदयथ बहत हा अचछ ह यही शकमभरा म

शकरचयथ जा क एक आशरम ह म इसा आशरम म आ गय ह ा यह आशरम बहत हा बड़ ह इसम एक

ससकत ऽवदयलय भा ह बहत स ऽवदयथी यह ा पर पढ़त ह इन ऽवदयऽथथयो क सर खचथ आशरम वहन

करत ह यह ससकत ऽवदयलय समपीण थननद ऽवशवऽवदयलय की एक शख ह जब म आशरम पहाच तो

आशरम क अधयकष सवमा अभयननद जा ऽमल व (मरठ वल) सधक को पहल स पहचनत थ उस

सधक न मर पररचय सवमा जा स करय मरा और सवमा जा की कि छ समय तक बतचात होता रहा

ऽफर सवमा जा न मर ऽलए एक कमर द ऽदय और बोलndash sbquoआप इस कमर म रऽहएrdquo ऽफर मन शम

530 स 830 बज तक धयन ऽकय धयन म मिझ एक अनिभव आय

मन दखndash मर समन एक ऽवशल शरार वल एक पिरष खड़ हआ ह उस पिरष क रग कल

ह उसक ऽसर पर बड़-बड़ बल ऽसतरयो की भाऽत पाठ पर रख हए थ उसक चहर दखन म अचछ नही

लग रह ह उसक चहर अफरीकी पिरषो स ऽमलत जिलत ह चहर डरवन स ह म उस दखकर दग रह

गय यह कस ऽवशलकय पिरष ह वह कि छ कषणो क बद अदशय हो गय ऽफर आवज सिनई दाndash

sbquoआननद कि मर आप यह ा जयद ऽदन तक ठहर नही सकत हrdquo मन सोचndash यह आवज मिझ zwjयो सिनई

दा धयन समपत होन पर वही आशरम म खन खन क ऽलए चल गय दीसर ऽदन सिबह वह सधक जा

वपस मरठ जन लग उनहोन मिझस कहndash ldquoयऽद आपको कोई परशना हो तो मिझ पतर डलन‛ ऽफर वह

थोड़ा दर बद चल गए शम क समय म नदा क ऽकनर दीर तक घीमन चल गय आग पहड़ो की

घऽटया व सिनसन जगह थाl म वही नदा क बाच म एक पतथर पर बठ गय और सोचन लगndash उस

अनिभव म कल ऽवशल पिरष कौन ह यह कोई अचछा बत नही ह ऽक धयनवसथ म ऐस पिरष कल

कि रप पिरष ऽदखई द म आशरम वपस आ गय मर धयन क समय हो चिक थ म कमर म आकर

धयन पर बठ गय तभा कि छ समय बद समीऽहक रप स बोल जन वल मतरोचचरण सिनई दन लग

आशरम म रहन वल छतर हवन कि णड म हवन कर रह थ हवन करत समय मतरोचचरण सिनई द रह थ

योग कस कर 300

मर कमर दीसरा मऽजल पर थवही नाच बगल म हवन हो रह थ इसऽलय ऽवदयऽथथयो दरर बोल जन

वल मतर मिझ सिनई द रह थ कि छ समय बद मर धयन गहर लग गय

मन दखndash ऽजस जगह पर हवन हो रह ह उस जगह पर कल कपड़ पहन हए एक छोट स

बचच बठ हआ ह तभा एक हथ आग की ओर बढ़ (ऽसफथ हथ नजर आ रह थ) उस बचच को हथ

पकड़ कर खड़ कर ऽदय वह बचच खड़ होत हा पीरा तरह स पिरष बन गय इस पिरष क समपीणथ शरार

कोयल क समन कल थ उसक ऽसर क बल बड़-बड़ खिल हए थ उसकी अतयनत डरवना शzwjल

लग रहा था मन सोचndash जहा ऽदन-रत रोजन हवन होत हो वहा इस परकर की तमऽसक शऽzwj तयो क

zwjय कम ह म कि छ कषणो बद म सब कि छ समझ गय मन अपन धयन समपत कर ऽदय मिझ जनकरा

हो गया यहा पर तमऽसक शऽzwj तयो क रज ह हवन क सीकषम भग तमऽसक शऽzwj तय ा हा गरहण कर लता

ह इसऽलए य इतना बऽलषठ ह

ऽफर म नयरह बज धयन पर बठ एक घनट धयन करक म लट गय म गहरा नीद म सोय हआ

थ ऽफर सोत समय अचनक मर मिाह स जोरदर आवज ऽनकलाndash ॎऻऻऻ ऽफर एक झटक क सथ

उठकर म बठ गय उसा समय मिझ अनिभीऽत हई जस मर मिाह पर निकील पज जसा चाज चिभा हो ददथ

इतन जयद हआ ऽक मरा चाख ऽनकल गया कषणभर म समपीणथ ऽकरय हो गया कमर म अनधर छय

हआ थ म तखत स उठकर खड़ हो गय ऽफर सोचndash कमर की लइट ऑन कर दीा ऽसवच आन करन

पर मलीम हआ ऽक आशरम म ऽबजला नही ह मन टॉचथ जलकर सर कमर अनदर स दख मगर कमर

म कि छ भा नही ऽदखई ऽदय मन सोचndash शयद मर ऊपर ऽछपकला ऽगरा होगा उसक पज मर मिाह पर

चिभ गय होग मगर कमर म ऽछपकला भा नही था म सोचन लगndash ऽछपकला क चरो पज मर दोनो

गलो पर नही आ सकत ह मिझ समझत दर नही लगा यहा अवशय हा कोई गड़बड़ ह नीद जोर स लगा

हई था इसऽलए म ऽफर दिबर सो गय कि छ हा दर हई था म नीद म उछल पड़ और एक हा झटक म म

उठकर बठ गय मर मिाह स जोर स चाख ऽनकला अबकी बर मिझ लगndash sbquoमर पट म दो पज अतयनत

निकील घिस गए और पट क सर मास खीच ऽलयrdquo म उठ कर बठ गय थ ऽफर भा मर पट म ददथ हो

रह थ मिाह म तो पहल स हा ददथ हो रह थ म दखndash चरो ओर सननट छय हआ थ म दीसरा

मऽजल क कमर पर थ इसऽलए दीर-दीर तक अधकर ऽदखई द रह थ मरा समझ म नही आ रह थ ऽक

यह zwjय ह और इस समय zwjय ऽकय जए मगर मिझ डर ऽबलकि ल नही लग रह थ zwjयोऽक म ऽनडर ह ा

म ऽफर कि छ समय बद सो गय

योग कस कर 301

तामवसक शवzwj तयो न दगशवत की

जब म ऽफर सो गय तब सवपन म मन दखndash म कही पर लट हआ ह ा मर ऊपर बहत वजन की

कोई वसति रखा हई ह ऐस मिझ लग रह थ उस वजनदर वसति क करण मरा नस-नस टीटा ज रहा ह

मन अपना आाख खोल दा (सवपनवसथ म) zwjयोऽक उस समय मरा आाख बनद थी आाख खोलत हा मन

दखndash मर ऊपर कोई पिरष लट हआ ह म उस पिरष को एक तरफ ढकलन क परयतन करन लग मगर

उसक बहत भरा शरार मिझस ऽहल नही रह थ म सोच रह थndash यह पिरष मर ऊपर zwjयो लट हआ ह

मर दरर बहत जोर लगन पर वह पिरष धार-धार बयी ओर लिढ़क गय म उठकर बठ गय मर शरार

बिरा तरह स दिःख रह थ जस हा म उठकर बठ गय तब मन दखndash वह पिरष एक तरफ पड़ हआ ह

उस पिरष को दखत हा मर होश उड़ गए मिझ ऐस लग ऽक उस पिरष की ऽकसा न हतय करक लश मर

ऊपर फ क दा गई हो म सोचndash यह लश ऽकसन मर ऊपर फ की ह मन चरो ओर दखndash तान पिरष खड़

हए मरा ओर घीर-घीरकर दख रह थ मन उनस पीछndash यह लश मर ऊपर ऽकसन फ की ह उततर म वह तानो

पिरष कि छ नही बोलndash बऽलक उनक दखन क ढग ऐस थ मनो वह मिझ ख जएाग तभा मिझ एक वयऽकत

जयद उमर क ऽदखई ऽदय म उसक पस गय और कहndash दखो ऽकसा न इस पिरष की हतय कर दा ह

उसकी लश वह पड़ा ह मिझ मलीम नही यह लश ऽकसन मर ऊपर फ की दा ह वह वयऽकत बोलndash

ldquoऽकसन ऽकसकी हतय कर दा इसस तिमह कि छ लन दन नही ह तिम यहा स चल जओrdquo म यह शबद

सिनकर अचऽमभत हो गय वह वयऽकत मिझस करोध म बोल रह थ म वह ा स चल ऽदय अभा थोड़ हा

आग की ओर चल थ तभा उस वयऽकत न बदतमाजा स हम बिलयndash sbquoऐ इधर आ‛ म उस वयऽकत क

पस पहाच ऽफर वह वयऽकत गिर थकर बोलndash ldquoमन zwjय कह ह तिम यहा स चल जओrdquo म सोचन लगndash

य महशय कह ा स जन क ऽलय कह रह ह वह वयऽकत ऽफर बोलndash ldquoम इस आशरम को छोड़कर जन की

बत कर रह ह ा वरन दिगथऽत कर दा जएगाrdquo इतन म मरा आाख खिल गई

म तखत पर लट हआ थ मगर मर सथील शरार अब भा दिःख रह थ मन घड़ा म दखndash तो

सिबह क लगभग चर बज रह थ म फरश होकर धयन पर बठ गय मन सकलप ऽकयndash अभा-अभा जो

अनिभव मन दख ह य लोग कौन ह यहा पर ऽकसकी हतय कर दा गई ह तथ य लोग मिझ आशरम

छोड़कर जन क ऽलए zwjयो कह रह ह मिझ इस ऽवषय म जनकरा हो धयनवसथ म मिझ समपीणथ

जनकरा हो गई धयन समपत करन क बद म सोचन लगndash य तमऽसक लोग ह और शऽzwj तशला भा ह

योग कस कर 302

य ऽगनता म बहत ह इसा ऽवदयलय क परधनधयपक की हतय कर दा गई ह यह परधनधयपक उततर

परदश क पीवी इलक क थ यहा पढ़न आय थ आऽद

दोपहर क समय म आशरम क अधयकष सवमा अभयननद जा स ऽमल और उनस कहndash ldquoम

आपस एकनत म ऽमलन चहत ह ाrdquo वह बोलndash ldquoम आपस अवशय ऽमलीागrdquo म शम क समय नदा क

ऽकनर-ऽकनर पहड़ो पर घीमन चल गय थ ऽफर शम को 6 बज म आशरम म वपस आ गय म अपन

कमर म बठ हआ थ तभा 630 बज सवमा अभयननद जा मर पस आ गए और बोलndash ldquozwjय बत

आपको करना थाrdquo म बोलndash ldquoसवमा जा पहल म अपन ऽवषय म आपको बतत ह ाrdquo सवमा जा

बोलndash ldquoमन आपक ऽवषय म पहल हा जनकरा कर ला ह आप बतइए मिझस बत करन क आपक

उददशय zwjय ह म भा उस जनीा‛ पहल मन अपन ऽवषय म सकषप म बतय ऽफर मन कहndash sbquoमिझ एकनत

म परकय-परवश क समबनध म जनकरा लना ह‛ सवमा जा बोलndash ldquoयह ऽवदय अतयनत जऽटल और

खतरनक हrdquo म बोलndash ldquoयह मिझ मलीम ह इसाऽलए एकनत चऽहएrdquo सवमा जा बोलndash ldquoमरा ओर स

आपको एकनत ऽमलग इसाऽलए यह कमर मन आपक ऽलए चिन ह आप सवय अपना सधन कीऽजए

तथ हम सभा को भा यहा पर योग ऽसखइय एक समय ऽनऽित कर लग उसा समय हम सभा ऽवदयथी

योग साख करग तथ म यहा पर सभा लोगो स आपक पररचय कर दीागआपक नम दीर-दीर तक हो

जएग मन सवमा जा स हथ जोड़ और बोलndash ldquoकपय आप मर ऽवषय म ऽकसा स कि छ भा न बतएा

म गिपत रप स यहा रहन चहत ह ाrdquo सवमा जा न बतयndash ldquoम भा एयरफोसथ म zwjलस वन आऽफसर थ

ररटयर हए बहत समय हो गय ह अब मिझ पनसन ऽमलता ह फतहपिर शहर म मरा एक कोठा ह अब

मन सनयस ल ऽलय ह और यहा पर इस समय वयवसथपक ह ाrdquo ऽफर सवमा जा चल गए मन रऽतर

वला घटन नही बतई

म रऽतर क समय धयन करक सो गय मिझ सवपनवसथ म अनिभव आयndash कि छ वयऽकत मिझ

पकड़कर ऽलए ज रह ह उनहोन मिझ बरहमा स पकड़ रख ह उन लोगो न एक वयऽकत क समन मिझ

लकर खड़ कर ऽदय ह वह वयऽकत थोड़ ऊा च सथन पर बठ हआ थ वह वयऽकत मिझस बोलndash मन

तिमस कह थ यहा स चल जओ मगर तिम यहा स नही गए अब बतओ तिम यहा स जओग ऽक नही

जओग उस वयऽकत को मन उततर नही ऽदय और न हा म उसस कि छ बोल म सोचन लगndash य लोग हम

जन क ऽलए zwjयो कहत ह मर न बोलन स वह वयऽकत करोऽधत हो गय उसन उन वयऽकतयो स कि छ इशर

ऽकय जो मिझ पकड़कर लए थ इतन म कि छ पिरषो न ऽमलकर मिझ पट क बल जोर स पटक ऽदय और

योग कस कर 303

मरा पाठ पर परो स परहर करन लग उन लोगो की मर स मर शरार की नस-नस टीटा ज रहा था वह मिझ

बरहमा स मर ज रह थ ऊा चा जगह पर बठ हआ वयऽकत बोलndash sbquoतोड़ द इसक हथ‛ ऽफर दो वयऽकत

मरा दऽहना हथ पर लतो (परो) क परहर करन लग इनकी मर स म कि छ हा दर म बहोश हो गय मिझ

होश ऽकतन समय बद आय यह म नही बत सकत ह ा जब मिझ होश आय तब कि छ वयऽकतयो न मिझ

पकड़कर खड़कर ऽदय मिझस खड़ नही हआ ज रह थ वह बठ हआ वयऽकत मिझस ऽफर बोलndash

sbquoबोल यह ा स जएग ऽक नही जएग‛ म कि छ समय पित बोलndash sbquoमन आपक zwjय ऽबगड़ ह जो

आप मिझ मर रह हो‛ उस बठ हए वयऽकत न मरा ओर घीरकर दख और जोर स lsquoह ाrsquo की आवज

ऽनकला ऽफर बोलndash sbquoती zwjय तर बप भा यहा स जएगrdquo ऽफर उन वयऽकतयो स बोलndash sbquoचढ़ द इसक

लप‛ य शबद कहत हा उसा समय अतयनत तज दिगथनध आना शिर हो गई मन समन की ओर दखndash

समन ढर सर सड़ हआ म ास रख थ एक वयऽकत न अपन हथ म ढर सर सड़ हआ म ास ऽलय ऽफर

मर ऽसर पर लपकर ऽदय वह सड़ हआ म ास लप होत हा मर ऽसर म ऽचपक जत थ ऽफर वह मर हा

मर अग (शरार) बन जत थ उस वयऽकत न मर ऽसर पर कफी मोट लप चढ़ ऽदय वह जस-जस मर

ऽसर पर लप चढ़त जत थ वस वस उस जगह की उसा समय मरा चतन लिपत सा होता जता था ऽफर

शरार क उस सथन पर ऽकसा परकर की अनिभीऽत नही होता था वह सथन शीनय हो जत थ

मन ऽसर पर सड़ हए म ास क लप पकड़कर दखndash तब महसीस हआ यह मर हा शरार (अग) ह

मास क लप लगभग प ाच इच मोट चढ़य गय थ मर ऽसर बहत हा बड़ हो गय थ मरा पगलो

जसा हलत हो गई था अब मरा आाख जोर लगन पर थोड़ा सा खिलता थी मतर थोड़ा दीरा तक हा

ऽबलकि ल धिाधल स ऽदखई पड़ रह थ अब मिझ कम ऽदखई दन लग थ ऽफर उस वयऽकत न दोनो

कनधो और दोनो बजिओ म भा मोट स लप चढ़ ऽदय मरा पाठ पर लप चढ़न क बद मरा पाठ पर

15-20 ऽकलो मास नाच की ओर लटकन लग थ ऽसर क दोनो तरफ तान-चर मास ऽपणडो म 2-3

ऽकलो क टिकड़ (मास ऽपणड) लटक रह थ हथ म भा (दऽहन) ढर सर मास लटक रह थ य सभा

टिकड़ (म ास ऽपणड) ऽबलकि ल पतला नऽड़यो क सहर लटक रह थ ऽचपक हआ मास य लटक मास

मर शरार महसीस हो रह थ म इधर-उधर छटपटत हआ चल रह थ आाखो स लगभग ऽदखई दन

बनद हो गय थ ऽसफथ एक दो माटर दीर धिाधल स ऽदखई द रह थ उस समय मर कनो म जोर-जोर स

हासन की आवज आ रहा था मिझ कोई वयऽकत ऽदखई नही द रह थ इतन म मर कनो म आवज

गीाजाndash ldquoतिम अपना पतना को दखोग दखो तिमहरा पतना वह खड़ा हrdquo मन सोचndash यहा मरा पतना कहा स

योग कस कर 304

आ गया वह तो मर चिकी ह उस समय म म ास क वजन क करण झिक कर चल रह थ ऽसर को थोड़

स ऽतरछ करक ऽफर आाखो स कि छ दखन क परयस ऽकय तो दखndash वसतव म मरा पतना मिझस थोड़ा

दीरा पर खड़ा हई था हमर और उसक बाच एक परदशी ऽझलला जसा दावर था म अधकर म खड़

हआ थ मरा पतना परकश म खड़ा हई था ऽफर आवज आईndash ldquoवह तिझ कभा भा यद नही करता ह ती

उस कभा-कभा यद करत ह उसक पसजएग म तिझ वह ा पहाच सकत ह ाrdquo मन कहndash lsquoमिझ उसक

पस नही जन हrsquo ऽफर उसन कहndash ldquoतरा पतना तर ऽपतजा क करण मरा ह तीन सल उसकी हतय

zwjयो नही कर दाrdquo मन कहndash ldquoयह मर वयऽकतगत ममल हrdquo ऽफर वह वयऽकत बोलndash ldquoती zwjय उसकी

हतय करग ती तो बिजऽदल ह इसाऽलए तरा दिगथऽत होता ह‛ यह आवज म पहचन गय उसा बठ हए

वयऽकत की था म अपन शरार पर लप ऽकय हए सड़ म ास क बोझ ढोत हए आग बढ़ रह थ इतन म

समन ओर स आत हआ एक पिरष ऽदखई ऽदय उसक शरार सवसथ थ उसक ऽसर पर बल नही

थवह सत जस ऽदखई द रह थ मन उस पिरष स कहndash कपय आप लटकत हआ म ास कट दाऽजए मिझ

बहत वदन हो रहा ह वह पिरष कि छ भा नही बोल उसन पाठ पर और ऽसर पर लटकत हआ मास कट

ऽदय हथ क लटकत हआ म ास कटन लग मन कहndash ldquoमर यह दय ा हथ कम नही कर रह ह

इसा दएा हथ म बहत मर ह‛ तब तक उस पिरष न हथ क लटकत हआ म ास कट ऽदय मन उसस

कहndash ldquoमर मसतक पर कि छ बनध हआ स ह ऐस महसीस हो रह ह कपय आप इस खोल दाऽजय

अथव इस कट दाऽजय वह पिरष बोलndash ldquoम उस नही कट सकत ह ा zwjयोऽक उसम शऽzwj त लगा हई ह

इस कटन मरा समथयथ क बहर हrdquo म चौक और सोचन लग कहा पर शऽzwj त लगा हई ह मन उस

शऽzwj त को दखन क परयस ऽकय मगर मिझ कि छ नही ऽदखई ऽदय ऽसफथ महसीस हो रह थ ऽक कोई

सप थकर वसति ऽलपटा हई ह इतन म मन दखndash वह महपिरष ज चिक थ शयद मर कयथ करन क ऽलए

हा मर पस आए थ मन ऐस अनिमन लगय इतन म मरा नीद खिल गई म तखत पर लट हआ थ सर

शरार क ददथ स बिर हल थ मन सोचndash तखत स उठकर कमर की ऽबजला जल दीा मगर म उठ नही

सक zwjयोऽक सर शरार बिरा तरह स ददथ कर रह थ

जो अनिभव आय थ उस मिझ समझत दर नही लगा परनति मिझ डर ऽबलकि ल नही लग रह थ

मन अपन दऽहन हथ ऊपर की ओर उठन क परयस ऽकय मगर हथ ऊपर की ओर उठ नही सक

वह ऽनऽषकरय स एक ओर पड़ हआ थ म अपन हथ दख कर घबर स गय और सोचndash ldquoमर दऽहन

हथ खरब तो नही हो गय ह नही तो मिझ अपन जावन एक बोझ क तरह ढोन पड़गrdquo कमर क चरो

योग कस कर 305

ओर सननट की आवज आ रहा था म कमर म चिपचप अकल मजबीर स लट हआ थ इस समय

ऽकसा को बिल भा नही सकत थ zwjयोऽक आशरम क सभा लोग ऽनचला मऽजल म मिझस दीर सोए हए थ

ऽफर मन अपन पस रखा हई टचथ जलया और घड़ा की ओर दखndash घड़ा म लगभग सिबह क तान बजन

वल थ ऽफर म चिपचप लट रह मिझ नीद नही आई म सोचन लगndash यह घटन मर सथ zwjयो घटा मर

हथ अगर खरब हो गय तो म जावन म कि छ नही कर पऊा ग ऐसा अवसथ म अब zwjय म यहा पर

सधन कर पऊा ग यह जगह मर ऽलए खतर स खला नही ह म यहा पर परकय परवश ऽसऽि की खोज

करन आय ह ा य लोग इस ऽसऽि की खोज करत समय मर हा डलग मरा मतयि यह ा पर ऽनऽित ह इसस

अचछ ह म यह ा स सिबह चल जऊा यऽद म अपना शऽzwj त क परयोग करक कि छ ऽदन रक भा गय तब

भा म अपन कयथ यह ा पर नही कर पऊा ग ऽफर यहा पर रकन स zwjय लभ होग म इस ऽवषय म यहा

सोचत रह ऽफर मन ऽनणथय ऽकय ऽक म यह ा स सिबह चल जऊा ग

मन लट-लट हा धयन ऽकय लगभग 45 ऽमनट क लग ऽफर म उठकर बठ गय मर दऽहन

हथ एक ओर को लटक हआ थ मन बएा हथ स अपन दऽहन हथ सहलय ऽफर धार-धार हथ

उठन क परयस ऽकय कि छ समय बद हथ म चतनयत सा आना शिर हो गई थोड़ा दर बद मन सवमा

जा को एक पतर ऽलख उस पतर म मन बहत सकषप म रत वला घटन ऽलखा और आशरम स जन क

ऽलए आजञ मागा ऽफर सवमा जा क कमर म जकर उस पतर को उनह द ऽदय और म फरस होन को बहर

चल गय जब फरस होकर म कमर की ओर चल ज रह थ उसा समय एक ऽवदयथी मर पस आय

और मिझस वह बोलndash ldquoयोगा जा आपको सवमा जा बिल रह हrdquo मिझ मलीम थ सवमा जा मिझ अवशय

बिलएाग म सवमा जा क पस पहाच और उनस पीछndash ldquoसवमा जा zwjय आपन मिझ बिलय हrdquo सवमा

जा बोलndash ldquoह ा आपको मन बिलय ह आपन पतर म जो ऽलख ह वह सच ह मगर हम आपको जन की

आजञ नही दग यऽद आप चल जएाग तो मरा उन सब बतो क zwjय होग ऽजन आशओ को पीर करन

क ऽलय मन आपको यह ा बिलय ह और आपको आशरम म रख हrdquo ऽफर मन रऽतर वला सरा घटन

सवमा जा को सिन दा और म बोलndash ldquoमर सर शरार ददथ स पाऽड़त ह तथ मन अपन दऽहन हथ भा

उनह ऽदखयrdquo सवमा जा बोलndash ldquoयोगा जा आप इतन बलवन ह आप उनह भग नही सकत ह आप

उनस यिि करो जब आपक यह हल ह तब हम सब आपस सधन कस साखग मरा योजन अधीरा रह

जएगाrdquo म बोलndash ldquoसवमा जा म शऽनत मगथ क सधक ह ा ऽबन मतलब म ऽकसा स झगड़ मोल नही

लत ह ाrdquo सवमा जा बोलndash ldquoआशरम क कलयण क ऽलए आपको यह कयथ करन हा पड़गrdquo ऽफर म

योग कस कर 306

ऽनरततर हो गय सवमा जा बोलndash ldquoआज म जलदा म ह ा पनापत ज रह ह ा कल म आ जऊा ग तब

तक आप कहा नही जएाग आप अपन कमर म जओ और आरम करोrdquo म कमर म आ गय और

सोचndash कलयण क चzwjकर म म अपन हथ हा न गव ा बठी ा अब म समझ गयndash ऽजस कयथ क ऽलए म

यहा पर आय थ वह कयथ यहा पर नही हो सकत ह

मन सवमा जा को पतर म ऽलख थndash यह ा क एक अधयपक की पीवथकल म हतय कर दा गई था

म उन हतयरो को जनत ह ा zwjयोऽक मन ऽदवय दऽष ट क दरर उनको दख ह उस अधयपक को ऽकस परकर

स आशरम स दीर ल जकर कि छ लोगो न उसकी हतय कर दा था सवमा जा न बतय थndash आशरम म मर

आन स पहल यह ा क परधनचयथ की हतय कर दा गया था ऐस मन सिन ह वहा परधनचयथ यहा

आशरम की वयवसथ भा दखत थ

ऄथश- सधको इसा परधनचयथ क सीकषम शरार भा मरा दिगथऽत क समय थ अनिभव म जो शरार

मर ऊपर लश की तरह रख हआ थ वह परधनचयथ जा क सीकषम शरार थ अब य इन तमऽसक

शऽzwj तयो क अऽधकर म थ य पीवी उततर परदश क रहन वल थ ऽजस सनयसा पिरष न मर शरार पर

ऽचपक हआ सड़ म ास कट कर मरा सहयत की था उनक नम जवल परसद जा थ इनहोन हा इस

आशरम को बनवय थ और इसा आशरम म अपन सनयसा जावन वयतात ऽकय थ इस आशरम म

तमऽसक शऽzwj तय ा रहता ह मन बराकी स दखndash आशरम क ऽवदयथी सिबह-शम मतरो दरर यजञ कि णड म

आहऽत ऽदय करत थ उनक दरर मतर बोलन क तराक गलत थ इसऽलय उन आहऽतयो को य

तमऽसक शऽzwj तय ा गरहण कर लता था इनही आहऽतयो को गरहण कर लन क करण य सभा शऽzwj तशला

हो रह थ य तमऽसक शऽzwj तय ा अकरण हा सऽतवक शऽzwj तयो स दरष करता ह इसाऽलय इनहोन मर सथ

ऐस वयवहर ऽकय और मिझ आशरम छोड़ कर चल जन क ऽलय कह रहा ह

मन सोचndash म कल चल जऊा ग म 11 बज दोपहर को धयन पर बठ धयन पर बठत हा मिझ

आवज सिनई दाndash ldquoअभा गय नही आज रऽतर को तिमहर दीसर हथ भा तोड़ ऽदय जएगrdquo इतन

सिनत हा मन धयन को तोड़ ऽदय और ऽनिय ऽकय मिझ अपन हथ नही गावन ह कमर म रख हए

अपन समन को सीटकस म रख और म सीटकस को लकर नाच पहाच गय मनजर मिझस बोलndash ldquozwjय

बत ह योगा जा आप तो यहा रहन आए थ अब आप ज zwjयो रह हrdquo म बोलndash ldquoआशरम म म रहन हा

आय थ इसाऽलय मिझ यह ा बिलय गय थ मगर म यह ा स मजबीरा म ज रह ह ाrdquo इसा ऽवदयलय म

एक शसतरा जा पढ़य करत थ उनहोन भा मिझस पीछndash ldquoआप तो यहा पर सभा को योग ऽसखन वल थ

योग कस कर 307

मिझ बड़ा परसननत हई था zwjय आपको आशरम की ओर स वयवसथ म कोई कमा की अनिभीऽत हई

हआप zwjयो ज रह ह‛ ऽफर मन सकषप म शसतरा जा को सभा बत बतई ऽफर उन शसतरा जा न मिझ

बतयndash आज म यह ा पर अधयपक ह ा पहल इसा आशरम म एक छतर क रप म रहत थ उस समय

दीसरा मऽजल पर एक तऽतरक रह करत थ उसक पस दो छतर आय करत थ तऽतरक न उन छतरो स

कह थndash हम आपको पासाएस की पराकष पस कर दग कि छ समय बद एक छतर पराकष म पस

भा हो गय थ इसऽलय दीसर छतर को यह ऽनिय हो गय ऽक तऽतरक दरर मिझ भा अवशय पस कर

ऽदय जएग मगर कि छ समय बद इस छतर की पना म डीबन स मतयि हो गई लोग कहत ह उस तऽतरक

न हा मर डल थ वह तऽतरक उस छतर की अधजला हडऽडय ा भा लकर अपन कमर म आय थ वह

तऽतरक अपन कमर स नही ऽनकलत थ मलीम नही कमर बनद करक वह zwjय ऽकय करत थ इनही

सवमा अभयननद स उस तऽतरक की कहसिना हो गई था ऽफर उस तऽतरक की पिऽलस वलो न बहत

ऽपटई की था उसन अपन सर जिमथ कबील कर ऽलय थ उसक कमर की तलशा लन पर उसक बzwjस

स उसा ऽवदयथी की हडऽडय ा ऽनकला था उसक पस lsquoॎrsquo क एक ऽचतर भा ऽनकल थ ऽफर मन चलत

समय शसतरा जा स कहndash ldquoम कि छ ऽदनो बद ऽफर आशरम म आऊा गrdquo म वह ा स मरठ क ऽलय चल

ऽदय

मरठ आकर शकमभरा वला घटन मन सभा को सिनई सभा सधक लोग उस घटन को सिन

आश चयथचऽकत हो गए मर दऽहन हथ अब भा बिरा तरह स ददथ कर रह थ उस हथ को म ऊपर की

ओर नही उठ सकत थ और नही उस हथ स म बजन उठ सकत थ ऐस लगत थ मनो उस हथ म

लकव स मर गय हो मिझ ऽकसा न ऽवशष परकर की मऽलश करन की रय दा ऽफर रऽतर क समय मन

एक सधक स हथ की मऽलश करवयावह सधक मऽलश करन म पररपzwjव थ कि छ ऽदनो तक

मऽलश होता रहा ऽफर मर हथ धार-धार ठाक होन लग मन सोचndash म अपन घर चल जऊा तो अचछ

ह ऽकसा क घर म रहन उऽचत नही ह मगर कि छ ऽदनो बद मरठ स 10 ऽकलोमाटर दीर एक आशरम म

मरा वयवसथ हो गई यह आशरम योग स समबऽनधत नही थ यहा पर परकऽतक ऽचऽकतस होता था हर

शिकरवर को म मरठ आ जत थ शऽनवर को वपस आशरम चल आत थ

योग कस कर 308

परकाया परवश की जानकारी

यह अनिभव ऽसतमबर मह म आय थ धयनवसथ म दखndash म ऽकसा सिरग जसा जगह म परवश

करत चल ज रह ह ा कि छ समय तक चलन क बद वह सिरग साकरा सा होकर आग की ओर बनद था

आग बनद होन क करण म वही पर खड़ हो गय सोचन लगndash ldquoयह सिरग आग की ओर बनद ह अब म

आग की ओर कस ज पऊा गrdquo उसा समय मिझ जनकरा ऽमलाndash इस बनद जगह क खलन क बाद आप

अपन सथल ररीर स अलग हो जाएग ऽफर मर मन म तिरनत ऽवचर आयndash सथील शरार स अगर बहर भा

हो गय ऽफर वपस नही आ पय तब मरा मतयि हो जएगा उसा कषण मिझ होश आन लग ऽक म धयन

पर बठ ह ा अनिभव समपत हो गय

अनिभव समपत होन क बद म सोचन लगndash अब मिझ zwjय करन चऽहए यह बनद जगह कभा न

कभा तो खिल हा जएगा अगर इस शरार स ऽनकलन क बद म वपस नही आ पय तो अवशय मतयि हो

जएगा इसक ऽलए इस मगथ क जनकर गिर अवशय होन चऽहए इस मगथ क परगत गिर ऽमलन

पीणथरप स असमभव ह मगर यह कयथ गिर क ऽबन अतयनत मिऽशकल ह zwjयोऽक मिझ वपस आन क मगथ

और जनकरा मलीम नही ह एक ऽदन म धयन पर बठ हआ थ मन दखndash म उसा सिरग जसा जगह म

आग की ओर चल ज रह ह ा आग चलकर म रक गय zwjयोऽक वह सिरग जसा जगह आग की ओर

बनद था म वहा पर खड़ हो गय आग की ओर जन क ऽलए मगथ हा नही थ ऽफर वहा ऽवचर आयndash

यऽद म आग जकर ऽनकल भा गय ऽफर वपस नही आ पय तो मर मतयि ऽनऽित ह यहा ऽवचर आत

हा मर धयन कमजोर हो गय मिझ अपन होश आन लग गय ऽक म धयन पर बठ हआ ह ा

म बठ कर सोचन लगndash अब zwjय ऽकय जए मिझ अपन आप पर ऽवशवस थ ऽक म बहर

अवशय हा ऽनकल जऊा गबहर ऽनकलन क ऽलए ऽसफथ कि छ ऽदन हा लगग मगर वपस शरार म न आ

पय तब मरा मतयि ऽनऽित हा हो जएगा ऽफर शाघर हा दिबर जनम लकर सधन करना पड़गा अभा मरा

उमर बहत शष ह इसऽलए परकय परवश क ऽवचर तयग दन चऽहए मगर मर मऽसतषक म तो परकय

परवश क भीत सवर थ मन कई बर जञन स पीछ ऽक परकय परवश क बर म मिझ बत दो वह भा कि छ

नही बोलत थ ऽफर एक बर मिझ आवज सिनई दाndash यिद यह िसिदध तमह िमल भी गई तो तम इस

िसिदध स कया पराप त करना चाहत हो अपना अमकय समय वयथश न करो योग क अभयास म आग की

ओर बढ़न का परयास करत रहो यही तमहार िलए िहतकर ह

योग कस कर 309

सधको अनिभव म मिझ ऽदखई दत ह म एक सिरग म परवश करत चल ज रह ह ा वह सिरगनिम

जगह आग की ओर बनद हndash वसतव म वह एक नड़ा ह इस नड़ा क दरर ऽचतत बह करत ह यह अऽत

सीकषम नड़ा ऽचतत म ऽसथत रहता ह मिझ ऐस लगndash परकय परवश करन वल योगा इसा नड़ा क परयोग

करत ह zwjयोऽक नड़ा आग की ओर बनद ह म बहर हा नही ज सकत ह ा मगर सकलप और अभयस क

दरर यह नड़ा अवशय खिल जएगा ऐस मिझ ऽवशवस थ उसा समय मर अनदर अजञनत क करण डर

उतपनन हो जत ह और धयन टीट जत ह मगर मन हर नही मना तथ इसा की खोज म लग रह म

धयन करत समय सदव सकलप ऽकय करत थ तथ जञन को परररत करत थ जञन तिम सवय मर

मगथदशथन करो zwjयोऽक म जनत ह ा परकय परवश ऽसऽि को अगर छोड़ दीा तो योग क अभयस म आग

क मर मगथदशथन कौन करग जञन न बतयndash ldquoआपका मागशदरशक उततर भारत म ह ढढ़न का परयास

करत रहो एक न एक िदन वह अवशय िमल जाएगा वह तमहार सभी परशनो का उततर दगा वह अतयनत

उचचकोिट का योगी होगाrdquo मन सोचndash उततर भरत म ऐस कौन स योगा हो सकत ह zwjयोऽक उसक

योगबल और योनयत मिझस भा जयद होगा योगबल क मन भा भडर कर रख ह हर एक योगा क

योगबल मिऽशकल स जञत होत ह योनयत अवशय जलदा मलीम पड़ जता ह ऐस योगा उततर भरत म

मिझ दो हा समझ म आय एकndash सवमा ऽशवननद क ऽशषय और ऽशवननद आशरम क अधयकष सवमा

ऽचदननद जा इनक ऋऽषकश म आशरम ह इन पर मिझ पीर ऽवशवस ह योग म मरा समसयओ क हल

कर सकत ह दीसरndash दलई लम य ऽतबबत क धऽमथक गिर ह आजकल य धमथशल ऽहमचल परदश म

रहत ह इन दोनो स ऽमलन बहत हा मिऽशकल ह

माता कणडवलनी शवzwj त

मन धयनवसथ म दखndash म ऊा चा जगह पर बठ हआ ह ा मरा बई ओर एक स तरा मिझस ऽचपकी

हई बठा ह जब मिझ महसीस हआ ऽक मर बगल म एक स तरा बठा हई ह और म उसस ऽचपक हआ बठ

ह ा तब मिझ अपन पर बड़ आश चयथ हआ zwjयोऽक म ऽस तरयो स दीर हा रहत ह ा मन उस स तरा को गौर स

दखndash वह एक बहत हा सिनदर यिवता था उसक कद मिझस भा ऊा च थ म उसकी सिनदरत दख रह थ

मगर मर मन म ऽकसा परकर क भव नही थ और न हा उस स तरा क चहर स ऽकसा परकर क भव ऽदखई द

रह थ मन अपन थोड़ स ऽसर ऊपर की ओर उठकर दख वह स तरा मरा ओर गौर पीवथक दख रहा था

योग कस कर 310

उसा समय उसक शरार ओर ऊा च हो गय म उसक समन ऽबलकि ल छोट-स लग रह थ उसन अपन

दऽहन सतन कपड़ो स बहर की ओर ऽनकल और मिझ बचचो क समन उठकर अपना गोदा म ऽलट

ऽलय म उस समय पीरा तरह स वतथमन की भाऽत शरार वल पिरष थ उसन मिझ अपना गोदा म ऽलट

कर मर ऽसर पर हथ रख ऽफर हथ क दबव स मर मिाह उसन अपन सतन म लग ऽदय म सतनपन

करन लग उस समय म बहत परसनन हो रह थ मिझ दीध क सवद हलक माठ लग रह थ कि छ कषणो

तक म सतनपन करत रह ऽफर उसन मिझ उठकर खड़ कर ऽदय अपन सतन कपड़ो क अनदर ढक

ऽलय वह तरण स तरा खड़ा होकर मिसकरन लगा मरा इचछ थाndash ldquoम अभा और सतनपन करा rdquo उसा

समय वह स तरा थोड़ स ऊपर की ओर अतररकष म खड़ा हो गई उसक कपड़ अपन आप बदल गए वह

ऽसतरदर लल सड़ा पहन हए था उसक ऽसर पर ऊा च-स मिकि ट लग हआ थ वह स तरा अणडकर

परकश वलय क अनदर खड़ा हई था म तिरनत समझ गय ऽक यह स तरा मत कि णडऽलना शऽzwj त ह म

बोलndash ldquoह मत म आपको परणम करत ह ाrdquo उततर म मत कि णडऽलना न हथ उठकर मिझ आशाव थद

ऽदय म बोलndash ldquoह मत म आपस कि छ परथथन करन चहत ह ाrdquo मत कि णडऽलना कि छ नही बोला

ऽसफथ मिसकर रहा था म बोलndash ldquoमत आप मिझ आशाव थद द ऽक म महन योगा बनीाrdquo मत

कि णडऽलना बोलाndash sbquoभिवषय म तम अवशय महान योगी बनोग ढर सारी रिक तयो स यक त होग तथा जञान

की परािप त होगीrdquo म बोलndash ldquoमत उततर भरत म कौन-स मर गिर ह ऽजसस मिझ जञन परप त करन

होगrdquo मत कि णडऽलना बोलाndash ldquoभिवषय म वह सवय आपक पास आ जाएगाrdquo ऽफर मत कि णडऽलना

अदशय हो गई मर अनिभव समप त हो गय

सधको यह अनिभव मर ऽलए बहत हा अचछ थ zwjयोऽक इस परकर क अनिभव सधको को

बहत कम आत ह अबकी बर सतनपन क समय म बचच नही थ बऽलक वतथमन उमर वल शरार थ

सच तो यह ह इस परकर क अनिभव ऽवरल सधको को आत ह जब इस परकर स कि णडऽलना शऽzwj त

सतनपन करए तब अभयसा को समझ लन चऽहए भऽवषय म कि णडऽलना शऽzwj त की ऽवशष परकर की

कप होन वला ह तथ जञन की परऽप त होगा ऐस अभयसा ऽनश चय हा पीवथकल क महन योगा होत ह

मिझ मरठ म मलीम हआ ऽक ऽदलला म अमिक ऽदन माऽटग ह ऽफर म तथ एक सधक

(आशितोष) मरठ स ऽदलला गए अब वह ा मलीम हआ शरा मत जा फरवरा मह म ऽदलला आन चहता

ह तथ दो सधक ऽदलला स जलग ाव शरा मत जा क जनम ऽदन मनन क ऽलएज रह ह शरा मत जा

क जनमऽदन 20 ऽसतमबर को मनय जत ह मन और मरठ क सधक न भा परोगरम बन ऽलय ऽक शरा

योग कस कर 311

मत जा क जनमऽदन पर जलग ाव जएाग हम दोनो क सथ मरठ क दो ओर सधक शरा मत जा क

जनमऽदन मनन क ऽलए तयर हो गए इसऽलए 18 ऽसतमबर को मरठ स चर और ऽदलला स दो सधक

जलग ाव क ऽलए रल दरर चल ऽदए जलग ाव पहाचन पर प ाचो सधक शरा मत जा क पस चल गए

मगर म अजी दादा (ऽनऽतन की म ा) क घर आ गय zwjयोऽक मरा और इस पररवर की बहत बनता था

म जलग ाव पहाच कर वशला क ऽवषय म सोच रह थ zwjयोऽक मन उसकी कि णडऽलना पहल

ऊधवथ की था दोपहर को एक डढ़ बज वशला सवय आ गई मगर ऽकसा करण स वशला स योग क

ऽवषय म बत नही हो सकी म सवय शम को वशला क घर पहाच गय मन वशला स पीछndash मन जो

तिमहरा कि णडऽलना उठई था उसक ऽवषय म शरा मत जा न तिमस zwjय कह थ उसन बतय शरा मत

जा न गिरपीऽणथम (सन 1993) पर एकत म बिलकर पीछndash ldquoआननद कि मर न जो कि णडऽलना उठई था

उसक आपको zwjय अनिभव आयrdquo मन अपन सभा अनिभव सिन ऽदए तब शरा मत जा बोलीndash

अनिभव आपको आए वह ठाक ह मगर आपकी कि णडऽलना नही उठा ह उसक ऽलए बहत नड़ा शिि

चऽहए वह ऐस नही उठता ह यऽद उठ भा गई तो बठ जएगा उसक बठ जन अचछ ह म यह शबद

सिनकर दग रह गय ऽक यह शबद एक ऽसित को परप त स तरा कह रहा हndash ldquoऽक कि णडऽलना नही उठा हrdquo

म सोचन लग उनहोन ऐस zwjयो कह जबऽक 100 (परऽतशत) सतय ह ऽक कि णडऽलना ऊधवथ हई था म

बोलndash यऽद कि णडऽलना न ऊधवथ हई हो तो म अपना सरा सधन तयग दीाग और कभा भा सधन क

नम नही लीाग उस समय वशला क सभा घर क सदसय और पड़ोसा बठ हए थ यह शबद शरा मत जा

न ऽकस भव स कह थ यह म नही समझ पय थ ऽफर मन सोचndash zwjय उनह ऽदवय दऽष ट स ऽदखई नही

दत ह ऽक कि णडऽलना को वह ऽसफथ पररपzwjव अवसथ म ऊधवथ करता ह ऐसा अवसथ म नम मतर क

शऽzwj तपत स कि णडऽलना ऊधवथ हो जता ह नए सधक की कि णडऽलना उठन शरा मत जा क बस की

बत नही ह zwjयोऽक ढर सर योग बल लगन पड़त ह शरा मत जा न ईषयथ भव स यह बत कहा ह

ऽक कि णडऽलना नही उठा ह zwjयोऽक आननद कि मर क यश फलग और उसक नम ऊा च होग यह बत

शरा मत जा को सहन नही होता ह मिझ अपन गिर पर बड़ गवथ थ ऽक मर गिर इतन महन ह आज मर

गवथ चकनचीर हो गय

एक सऽधक न मिझ बतयndash ऽजसकी कि णडऽलना जबरदसता उठई जता ह जब ऽसर तक पहाच

जता ह तब वह सधक पगल हो जत ह यहा शरा मत जा न परवचन म कह थ इसा परकर मिझ

बहत-सा बत बतई गई हमर समझ म आ गय ऽक उनहोन ऐस zwjयीा कह तऽक आननद कि मर स मगथ

योग कस कर 312

दशथन क ऽलएकोई सधक तयर न हो मिझ और भा ढरो आरोप सिनन पड़ थ मगर म चिप रह zwjयोऽक म

समझ गय थ शरा मत जा जनबिझ कर झीठ बोल रहा ह अब उनको आदत सा पड़ गई इसक

परयऽश चत भऽवषय म उनह करन पड़ग यह सच ह ऽक जबरदसता उठई गई कि णडऽलना क ऽलए सधक

को अऽधक सधन चऽहए तभा वह ऊधवथ रह सकगा वरन कि णडऽलना सिषिपत अवसथ म चला जएगा

मन अबकी बर दख- जो सधक मिझस बहत परम करत थ अब वहा मिझस बत करन स भा कतरत ह

अब मरा समझ म आ गय शरा मत जा मिझ जलग ाव म रकन क ऽलए सदव zwjयो मन ऽकय करता थी

शरा मत जा स मरा कोई खस बत नही हई ऽसफथ शरा मत जा न हलचल पीछ- मन उसक

जवब द ऽदय ऽफर मन परकय परवश क ऽवषय म बत की मन शरा मत जा को बतयndash म परकय

परवश ऽसऽि क ऽवषय म कफी खोज कर रह ह ा zwjय आप मिझ कि छ इस ऽवषय म बतएागा शरा मत जा

बोलीndash ऐसा ऽसऽियो को म पसनद नही करता ह ा मिझ परकय परवश क ऽवषय म जञन नही ह ऽफर म शरा

मत जा क पस स चल आय जब म ऽमरज म रहत थ तब मन शरा मत जा स इस ऽसऽि क ऽवषय म

पीछ थ उस समय शरा मत जा नरज हो गई था म उनक पस स उठ कर बहर चल आय थ

मिझ 29 ऽसतमबर को आशरम म (मरठ क पस) परवचन करन थ zwjयोऽक मर करण आशरम म

दीर-दीर स लोग बिलए गए थ तथ योग की ऽशकष दना था म 25 ऽसतमबर को जलग ाव स मरठ क ऽलए

चल ऽदय चलत समय शरा मत जा न परकय परवश की ऽसऽि क ऽलए मन कर ऽदय ऽक इस ऽसऽि

को छोड़ दाऽजए यह ऽसऽि अचछा नही ह 28 ऽसतमबर को ऽदलला होत हए म मरठ आ गय मिझ यह

जनकरा ऽमला था ऽक मरठ क सधक न शकमभरा वला घटन शरा मत जा तक पहाचई था मरठ म

मर मजक उड़य गय थ मरा समझ म नही आ रह थndash ldquoम ऽकस पर ऽवशवस करा और ऽकस पर

ऽवशवस न करा rdquo इसऽलए मन ऽनऽश चय ऽकय मरठ स दीर रह जए तऽक यहा क सधको स जयद न

ऽमल सकीा इस ऽवषय म मन ऽकसा स रय नही ला मन सोचndash म अभा घर भा नही जऊा ग एक बर

अब म शकमभरा दवा अवशय जऊा ग कि छ ऽदनो क ऽलए मन अपन लकषय बदल ऽदय अब म उन

तमऽसक शऽzwj तयो स झगड़ करन चहत थ ऽजन शऽzwj तयो न मरा इतना दिगथऽत कर दा था अब म

शकमभरा दवा रकत ह ा ऽक नही रकत ह ा मर मन म ऽसफथ तमऽसक शऽzwj तयो स झगड़ करन क इरद

थ मन सोचndash म भा ऽदवय शऽzwj तयो स यिzwj त ह ा ऽफर इनस डर zwjयो रह ह ा पहल म इनस झगड़ नही

करन चहत थ मगर अब उन तमऽसक शऽzwj तयो स झगड़ करन हा ज रह थ मिझ मलिम थ ऽक

अभा मरा मतयि तो नही हो सकता ह म 4 अzwjटीबर को शकमभरा दवा (सहरनपिर) म शकरचयथ आशरम

योग कस कर 313

म आ गय ऽफर म उसा पहल वल कमर म ठहर थ अबकी बर मर मन म इचछ शऽzwj त बहत हा दढ़

था मन सोचndash जब तक शकमभरा दवा म म रकीा ग तब तक य तमऽसक शऽzwj तय ा मरा ओर भीलकर भा

नही दखगा शकरचयथ आशरम म सवमा जा बहत परसन न हए zwjयोऽक म वपस आशरम म आ गय थ

जीव और कमश

4 अzwjटीबर की शम 630 बज म धयन पर बठ गय पहल अपन शरार क चरो ओर मतयिजय

मतर दरर कवच ओढ़ ऽलय ऽफर सकलप ऽकयndash ldquoअर तमऽसक शऽzwj तयो तिम कह ा हो अबकी बर म

नही बऽलक तिम यह इलक छोड़ कर भग जओग तिमहरा सहयत करन वल कोई भा इस भीलोक

लोक पर तो zwjय भिवलोक स भा नही आएग‛ ऽफर म धयन की गहरई म चल गय मन धयनवसथ

म दखndash एक बहत सिनदर आकषथक गय मर कमर क अनदर आ गई ह जबऽक कमर अनदर स बनद थ

गय सफद रग की बहत पयरा लग रहा था म गय क अथथ तो समझ गय ऽफर कि छ कषणो बद दखndash

मर समन एक कि तत बड़ आरम स चिपचप बठ हआ ह इतन म मन दखndash एक पिरष न कि तत को हथ स

कि छ इशर ऽकय ऽक वह कि तत मरा ओर दख मगर कि तत न ऽसर ऽहल कर मन कर ऽदय और आाख बनद

करक चिपचप बठ गय

ऄथश- सधको गय क अथथ हndash गय जावतम क परऽतक होता ह कि तत क अथथndash मर ऽचतत पर

ऽसथत शष कमथ ह वह आाख बनद करक चिपचप बठ गयndash मर कमथ बऽहमिथखा होन को तयर नही हो रह

ह एक पिरष न कि तत को इशर भा ऽकय ऽक मिझ दख मगर नही दखndash यह पिरष परकऽतक-बधन ह यऽद

कि तत मरा ओर करोध म दखतndash तब मिझ अपन कमथ भोगन पड़त अथ थत तमऽसक शऽzwj तय ा ऽफर मिझ

पर हवा हो जता मगर मर कमथ चिपचप ह मन कमथ स कहndash तिझ एक न एक ऽदन जन हा होग अथ थत

नष ट होन हा होग

योग कस कर 314

सनयासी का परणाम

एक ऽदन म शम क समय धयन कर रह थ मिझ अनिभव आयndash म ऽकसा सथन पर थोड़ा सा

ऊा चई पर बठ हआ ह ा मर समन थोड़ा दीरा पर एक नवयिवक सनयसा ऽकसा स बत कर रह थ

नवयिवक सनयसा ऽकसा स कह रह थndash sbquoवह ततवजञानी ह आप उसकी बराबरी नही कर सकत हrdquo

मन अपना दऽष ट इधर-उधर की ओर की और सोचndash यह नवयिवक सनयसा ऽकसस बत कर रह ह ऽफर

नवयिवक सनयसा न मरा ओर उगला उठकर कह sbquoयह ततवजञानी ह आप इसक चककर म न पिड़ए

आप इसकी बराबरी नही कर सकत ह‛ उसा समय मिझ उस नवयिवक सनयसा क समन एक पिरष खड़

हआ ऽदखई ऽदय म समझ गय यह सनयसा इसा स बत कर रह ह जबऽक नवयिवक सनयसा की

मिझस ऽकसा परकर की बत नही हई था दोनो मर समन अदशय हो गए

कि छ कषणो बद मन दखndash मर समन अतयनत तजसवा सनयसा परकट हो गय उसकी उमर 30-35

सल क लगभग होगा उसन गरव वस तर धरण कर रख थ उसक ऽसर पर बल नही थ और दढ़ा भा नही

था उसक शरार सवसथ थ लमबई 6 फीट क लगभग रहा होगा यह सनयसा बहत हा जयद तजसवा

थ उसक शरार क चरो ओर परकश फल हआ थ कषणभर तक वह खड़ हआ मिझ दखत रह ऽफर

वह मिसकि रय और मिझ नमसकर करन क ऽलए आग की ओर बढ़ मिझ बहत आश चयथ हआ एक

तजसवा सनयसा मिझ नमसकर zwjयो कर रह ह म तिरनत पाछ की ओर हट गय ऽफर म उस सनयसा स

बोलndash sbquoम आपस नमसकार कस ल सकता ह आप तो सनयासी ह म िकसी सनयासी का नमसकार नही

ल सकता ह ‛ मगर मरा बतो क उस सनयसा पर कोई असर नही हआ वह मिझस लगभग दो फीट दीर

जमान पर नमसकर करन लग उसा समय मन भा बड़ा तजा क सथ उस सनयसा स लगभग एक फीट

की दीरा स जमान पर उस नमसकर ऽकय ऽफर म खड़ हो गय हम दोनो आमन-समन खड़ हए मिसकर

रह थ उसकी मिसकरहट म कि छ ऽवशषत सा था ऽजस म नही समझ सक उसन बस इतन हा कहndash

sbquoआप ततवजञानी ह‛ म उसक शबद सिनकर अचऽमभत हो गय इतन महन सनयसा मिझ ततवजञना कह

रह ह सनयसा जा ऽफर बोलndash sbquoतिम महन योगा हो इसऽलए तिमह जन कलयण क ऽलए कि छ करन

चऽहए‛ म सनयसा जा क कहन क अथथ नही समझ सक म उनस बोलndash sbquoकपया आप सपष ट किहए

तािक म आपक रबदो का अथश समझ सक ‛ सनयसा जा बोलndash sbquoआप योग पर लख िलिखए‛ म

बोलndash sbquoमर अनदर इतनी योगयता नही ह म लख कस िलख सकता ह वह भी योग पर लख िलखना तो

और भी मिशकल कायश ह योग पर लख िलखन का अथश ह योग म पररपणश होना तभी यह समभव हो

योग कस कर 315

सकता ह‛ सनयसा जा बोलndash sbquoतम अपन आप को अयोगय कयो समझत हो तम लख िलखना रर कर

दो तमहार अनदर िमता सवमव आ जाएगी भिवषय म तम योग क िवषय म पररपणश होग मरा आरीवाशद

तमहार साथ ह ऐसा समझो म इसीिलए तमहार पास आया ह तािक तमह योग पर लख िलखन की पररणा

द‛ म बोलndash sbquoआपकी आजञा का पालन होगा म लख िलखन का परयास कर गा कपया आप अपना

मझ पररचय द‛ सनयसा जा बोलndash sbquoसबस बड़ा मरा पररचय यही ह म भी योगी ह और तमहार सामन

खड़ा ह पवशकाल म मन भी परथवी पर जनककयाण हत योग का परचार िकया था तम सवय जान जाओग

म कौन ह ‛ इतन कहकर सनयसा अदशय हो गए मर धयन टीट गय

म सोचन लग य ऽक य सनयसा जा कौन थ जो मिझ ततवजञना कह रह थ तथ उनहोन मिझ

नमसकर भा ऽकय थ यह इस सनयसा की महनत ह ऽफर उनहोन मिझ योग पर लख ऽलखन क ऽलए

परररत ऽकय मन धयन पर बठकर सकलप दरर जनन क परयस ऽकय ऽक य सनयसा जा कौन थ तभा

अतररकष स आवज आईndash sbquoआिदगर रकराचायश‛ नम उनक नम सिनकर म आश चयथचऽकत हो गय

ऽफर योग पर लख ऽलखन क परयस शिर कर ऽदय यह लख अब आपक समन परसतित ह ऽपरय पठको

जब मिझ आऽदगिर शकरचयथ जा न ततवजञना शबद स समबोऽधत ऽकय थ उस समय मिझ ततवजञन की

परऽप त नही हई था तततवजञन की परऽप त सन 2000 क बद होन शिर हआ थ वह सब कि छ जनन म

सकषम ह इसऽलए उनहोन मिझ पहल स हा तततवजञना शबद स समबोऽधत कर ऽकय आऽदगिर शकरचयथ

जा सवय तततवजञना ह

म सार बरहमाणड की माा ह ा

यह अनिभव मिझ नवमबर मह म रऽतर क समय नयरह बज धयनवसथ म आय थ मन दखndash

थोड़ा सा ऊा चा जगह ह उस जगह पर एक स तरा बठा हई ह वह सफ़द रग की उजजवल सड़ा पहन हए ह

उसक सर शरार तज परकश स चमक रह ह वह स तरा अतयनत खीबसीरत ह म उस दखत हा उसक पस

गय मन अपन दोनो हथो स उसक दोनो परो क घिटनो को पकड़कर उसक समन जमान पर बठ गय

मन अपना दऽष ट उसक चहर पर जम दा उसक चहर मिझ अतयनत खीबसीरत लग रह थ वह स तरा मनद-

मनद मिसकरन लगा मिझ उसक सर शरार व सफद उजजवल सड़ा अचछा लग रहा था zwjयोऽक सड़ा स

चमक (हलक परकश) ऽनकल रहा था जब मन उसक शरार की बनवट दखा तब समझ गय यह स तरा

योग कस कर 316

पथवा लोक की नही ह म ऐस सोच हा रह थ ऽक तभा वह स तरा बोलाndash sbquoम यहा की रानी ह ‛ म उसक

शबद सिनकर चौक और बोलndash sbquoआप यहा की रना हrdquo यहा तो पहड़-हा-पहड़ ह‛ वह स तरा ऽफर

बोलाndash sbquoहा म यहा की रानी ह और तमहारी मा भी ह ‛ आऽखरा शबद सिनत हा मर हथ जो उस स तरा क

घिटनो पर रख थ वह कपन स लग म उसस बोलndash sbquozwjय आप मरा मा ह‛ वह ऽफर बोलाndash sbquoम सार

बरहमाणड की मा ह ‛ इन शबदो को सिनत हा म समझ गय यह कौन ह मन उस स तरा को परणम ऽकय वह

स तरा बोलाndash sbquoमरा इस रप म दरशन इसिलए हआ ह कयोिक तमन कई बार इसी रप म दरशन क िलए

सककप िकया था‛ ऽफर वह मर समन अतधय थन हो गई

सधको मन कई बर सकलप ऽकय थ ऽक मत शकमभरा क मिझ दशथन हो इसऽलए मिझ यह

दशथन हए ह zwjयोऽक म शकमभरा क दशथन क ऽलए तान-चर बर मऽनदर गय थ वह ा की मीऽतथ तो

सधरण सा ऽदखई दता ह मगर मन वसतव म मत शकमभरा क दशथन क ऽलए परथथन की था

ऽपरय सधको मिझ ऽवऽभनन परकर क अनिभव आए कि छ अनिभव ऐस आए जो पढ़न म अचछ

नही लगग हलऽक ऐस अनिभव भा योग की एक अवसथ म आत ह तथ योग म उनक कि छ-न-कि छ

अथथ होत ह मगर मन ऐस अनिभवो को नही ऽलख ह मन बहत स अनिभव छोड़ ऽदए ह एक अनिभव

मिझ आयndash यह मरा उचचवसथ को भऽषत करत ह मगर ससररक दऽष ट स यह पढ़न म थोड़ अचछ-

स नही लगत ह इसऽलए मिझ कषम करन एक बर धयनवसथ म मन दखndash ldquoम अऽदरताय सिनदर स तरा

बन गय ह ा म अपना गोद म एक छोट-स बचच ऽलए हए ह ा वह मर सतन पन कर रह ह बचच न

दीसर सतन को अपन हथ स पकड़ रख ह इसस मिझ गिदगिदा सा हो रहा ह मन बचच क हथ पकड़ कर

एक तरफ कर ऽदय उसन ऽफर स मर दीसर सतन पकड़ ऽलय इस ऽकरय स मिझ बहत गिदगिदा हो रहा ह

इसऽलए म हास रह ह ा ऽफर मन सोचndash ldquoयह बचच ऐस zwjयो कर रह हrdquo उसा समय मिझ अपन यद

आई ऽक म तो पिरष थ ऽफर स तरा कस बन गय अब म zwjय करा यह बचच भा मर ह ऽफर मन अपन

शरार को दख तो पय म बहत हा जयद सिनदर स तरा ह ा मर ऽसर पर मिकि ट भा लग हआ ह म बहत

अचछ गहन भा पहन हए ह ा तभा मिझ लग म तो कि णडऽलना दवा क समन सवरप वल बन गय ह ा

उसा समय मर अनिभव समप त हो गय

ऄथश- अनिभव म म अपन आप को कि णडऽलना समझ रह ह ाndash म अपन आपको शऽzwj त क रप म

दख रह ह ा कि णडऽलना जगरण क समय भा ऐस अनिभव आय थ म पिरष सवरप म ह ा और स तरा सवरप

म भा ह ा दोनो सवरप आमन-समन खड़ हए ह उस बचच क अथथ हndash वह मर हा सवरप थ योग क

योग कस कर 317

अभयस की दऽष ट स मर सवरप बचच क समन हा ह सधको यह योग म मरा सबस उचचवसथ ह

zwjयो ाऽक पिरष भा म हा ह ा और स तरा भा म हा ह ा बरहम स शऽzwj तमन (ईश वर) व शऽzwj त दोनो परकट हए ह

इसऽलए अपन आपको कि णडऽलना क रप म दखन उचचवसथ क परताक ह कभा-कभा सधक

अभयस क समय इसा अवसथ म भरम म हो जत ह वह अपन आप को अवतर समझन लगत ह

जबऽक ऐस होत नही ह मनिषय कभा भा अवतर नही बन सकत ह

मन एक साधक की कणडवलनी वफर उधवश की

म शकमभरा स घीमन क ऽलए ऽफर मरठ आ गय थ zwjयोऽक सदी क कपड़ मर यही पर रख हए

थ ऽपछला बर जब म शकमभरा गय थ तब मरठ म ऽकसा को बोलकर नही गय थ ऽक म शकमभरा

ज रह ह ा इसऽलए मरठ वलो को मलीम नही थ ऽक म कह ा पर ह ा ऽजस सधक क घर म रक थऽसफथ

उनह हा मलीम थ मिझ यद आय जब म जलग ाव स वपस लौट थ तब आशितोष न मिझस कह थndash

sbquoआप एक बार मझ पर परयोग करक दख ल िक मरी कणडिलनी जागत होती ह या नही होती ह कयोिक

जलगाव म यह कहा गया था िक वराली की कणडिलनी जागत नही हई हrdquo उस समय मन आशितोष को

कोई जवब नही ऽदय थ लऽकन अब मन आशितोष स कह- sbquoयिद आपकी इचछा हो तो मझ कोई

आपितत नही ह आपकी कणडिलनी उठान को म तयार ह rdquo एक बत क धयन रखन यऽद आपस कोई

पीछ चह शरा मत जा हा zwjयो न हो पीछndash तो आपको अपन ऊपर ऽजममदरा लना होगा zwjयोऽक आपकी

और वशला की कि णडऽलना ऊधवथ करन म फकथ ह वशला पर मन अपन परयोग ऽकय थ उस परयोग म

आश स अऽधक सफल हआ थ आशितोष न कहndash sbquoआप मरी कणडिलनी उठा दीिजए मरी सवय

इचछा हrdquo म बोल- sbquoठीक ह आप सबह कमर म आ जानाrdquo दीसर ऽदन सिबह हा आशितोष आ गय

मन उस अपन समन धयन पर बठय अबकी बर ऽनश चय ऽकय ऽक नऽभ स नाच सपशथ करक

कि णडऽलना को ऊधवथ करा ग

आशितोष मर समन धयन पर बठ गय कि छ कषणो बद मन शऽzwj तपत करन क ऽलए आशितोष

की नऽभ क नाच सपशथ ऽकय और जबरदसत ओकर ऽकय ऽफर म धयन पर बठ गय मन ऽदवयदऽष ट क

परयोग ऽकय तो दखndash उसकी कि णडऽलना बड़ आरम स सोई सोई हई ह यह मिझ सपष ट ऽदखई द रह थ

ऽक वह ऽशवऽलग परगोलकर चzwjकर लगए ऽलपटा हई चिपचप सो रहा ह म समझ गय पय थत सधन

योग कस कर 318

न होन क करण वह तिरनत ऊधवथ नही हो सकी ह ऽफर म गहर धयन म चल गय धयनवसथ म दखndash

उसकी कि णडऽलना ऽदखई द रहा ह कि णडऽलना न मिाह स अपना पीछ उगल दा ह अब वह अपन मिाह धार-

धार ऊपर की ओर उठ रहा ह उसन अपन फन थोड़-स चौड़ ऽकय तब मिझ अपन आप म सतोष

हआ मन आध घनट तक धयन ऽकय ऽफर लट गय 40-45 ऽमनट बद आशितोष न भा धयन खोल

ऽदय उसन मिझस कहndash sbquoम डयटी पर जा रहा ह छट टी लकर वापस जकदी लौट आऊ गाrdquo

वह मर पस दोपहर 12 बज वपस आ गय मन उसस पीछndash sbquoकया कोई अनभव आया था‛

वह बोलndash sbquoमझ अनभव तो आया था मगर वह जकदी की वजह स आपको बता नही पाया थाrdquo मन

दखndash एक मनव आकर मर समन खड़ हआ ह उसन एक हथ स नग को पकड़ कर उठ ऽदय ह

नग क रग हलक लल ह उस नग न अपना बनद आाख भा खोल दा ह वह अपन मिाह भा खोल हए ह

म उस दख रह ह ा म बोलndash sbquoआपकी साधना पयाशि न होन क कारण मझ जोर स रिक तपात करना पड़ा

था यह नाग आपकी कणडिलनी रिक त ह मानव आकार म म ही ह rdquo उसन ऽफर एक बर धयन पर बठन

की इचछ वयzwj त की ऽफर हम दोनो थोड़ा दर म धयन करन क ऽलए बठ गए सयकल क समय म उसक

घर धयन करन क ऽलए चल गय कि छ समय बद हम दोनो धयन करन क ऽलए बठ गए अबकी बर

तासर नतर खोलन क ऽलए उसक मसतक पर शऽzwj तपत ऽकय ऽफर मन दखndash उसकी गदथन पाछ की ओर

ज रहा ह सकलप करक गदथन को पाछ जन स रोक ऽदय अब वह ऽबलकि ल साध बठ गय अबकी

बर उसक चहर पर शऽत क भव ऽदखई द रह थ उसक धयन सव घनट क लग थ तथ उस कि छ

अनिभव भा आए उसन मिझ अपन अनिभव भा बतएndash sbquoमन दखा एक बहत बड़ा जलारय ह उस

जलारय क पानी क ऊपर कणडली मार हए एक काला नाग बठा हआ ह उस पानी क ऊपर पड़ क हर-

हर पतत िगर रह ह जस ही पड़ स पतत िगरत ह उसी समय वह नाग उन पततो को खा जाता ह कछ िणो

तक म यही दखता रहाrdquo

िरर मन दसरा अनभव दखाndash एक मानव आकार का पारदरी सा ररीर ह वह ररीर उजवल

सरद तज परकार स बना हआ ह उसक चारो ओर लोह क काटदार तारो जसा जाल बना हआ ह मर

दखत ही वह मानव आकार ऊपर अतररि की और जान लगा थोड़ा सा ऊपर जाकर काटदार तारो का

जल टट गया और टकड़ टकड़ होकर िबखर गया मानव आकार ऊपर अतररि म चला गया

कछ िणो बाद िरर अनभव आयाndash ldquoबहत बड़ा जलारय ह उसक पानी क कारी ऊपर कमल

का रल िखला हआ ह उस कमल क रल क चारो ओर हकका नीला परकार रला हआ हrdquo जब मन

योग कस कर 319

पीछndash sbquoउस िखल हए कमल क रल म िकतनी पखिड़या थीrdquo तब उसन कहndash sbquoम यह नही बता सकता

ह िक उस रल म िकतनी पखिड़या थी

कछ िणो बाद िरर अनभव आयाndash ldquoएक बहत सनदर िरविलग ह उसक ऊपर सरद रग क

बहत सनदर रल रख हए हrdquo

िरर एक और अनभव आयाndash मझ खड़ आकार म मसतक परएक आख िदखाई दी वह आख

इन आखो स बड़ी थी वह िबककल सवचछ और चमकीली थीrdquo

ऄथश- मन इन अनिभवो को समझन शिर ऽकय पना क ऊपर नग पतत ख रह हndash नग आपकी

कि णडऽलना ह पतत जड़ तततव य पथवा ततव ह कि णडऽलना जगत होत हा पथवा ततव को खन शिर कर

दता ह zwjयोऽक वह सवय चतनयमय ह कि णडऽलना सवय अऽनन तततव सवरप स परऽणयो क शरार म

ऽवदयमन रहता ह मनव आकरndash सवय आपक सीकषम शरार ह कटदर तरो क जलndash आपक सवय क

बधन ह ऽखल हआ कमल क फी लndash आपक कोई चकर ह यऽद आप उस फी ल की पखिऽड़य ा ऽगन लत

तो आपको मलीम हो जत ऽक आपक कौन-स चकर खिल हआ ह zwjयोऽक हर चकर क कमल क फी ल

की पखिऽड़य ा अलग-अलग सखय म होता ह अनिभव म आपको एक आाख ऽदखई दाndash वह आपकी

तासरा आाख ह उस मन शऽzwj तपत करक खोल दा ह तऽक आपको बराकी स अनिभव ऽदखई द मगर

आपकी सधन पय थपत नही होन क करण आपको ऽदवय वसतिएा जयद नही ऽदखई दगा यह आाख कि छ

ऽदनो बद अपन आप बनद हो जएगा zwjयोऽक मन शऽzwj तपत करक जबरदसता खोल दा ह

दीसर ऽदन आशितोष न बतयndash शर पर सवर एक तजसवा स तरा ऽदखई दा म तिरनत समझ गय

की यह शर वला (अमब दवा) ह उसक चरो ओर परकश क गोलकर वलय घीम रह थ कि छ कषणो

बद वह शर स उतरा और मरा ओर आशाव थद मिदर म हथ उठय ऽफर वह अदशय हो गई

मन बतयndash यह अनिभव आपक बहत हा अचछ ह zwjयोऽक अमब दवा और कि णडऽलना शऽzwj त

दोनो एक हा ह आपक शरार म जगत होन क करण आशाव थद दन की मिदर म ऽदखई द रहा ह ऽफर

मन कि छ परणयम व आसन बतए अगल ऽदन म शकमभरा जन को तयर हो गय शकमभरा चलत

समय मन आशितोष स कहndash sbquoआपको कठोर साधना करनी ह तभी कणडिलनी ऊधवश रह पायगी वरना

मलाधार चकर म बठ जाएगीrdquo मर जन क बद आपको अनिभव कम आएाग अथव नही आएाग कम स

कम तान घनट रोजन सधन अवशय करन अब मिझ अपन आप पर पीर ऽवशवस हो गय ऽक म

योग कस कर 320

शऽzwj तपत कर कि छ समय क ऽलए ऽदवयदऽष ट भा खोल सकत ह ा इतन अवशय जञन हआ गहसथ वलो

की कि णडऽलना उठन क ऽलए अऽधक शऽzwj तपत करन होत ह वशला (जलगाव) को मन हलक-स

शऽzwj तपत ऽकय थ zwjयोऽक उस समय उसकी शदा नही हई था इसऽलए मिझ सफलत ऽमल गई था म

26 नवमबर को मरठ स शकमभरा म शकरचयथ आशरम आ गय

शकमभरा आकर मर मन म ऽवचर आयndash व तमऽसक शऽzwj तय ा कह ा चला गई मिझ ऽदखई

zwjयो नही दता ह ऽफर मन सकलप ऽकयndash ldquoमिझ वहा तमऽसक शऽzwj तय ा ऽदखई द अथव मिझस झगड़

करrdquo मगर दो-तान ऽदनो तक मिझ इन तमऽसक शऽzwj तयो क ऽवषय म कोई जनकरा नही ऽमला अब

मिझ अपन आप पर करोध आन लग पहल इनहोन मिझ भग ऽदय थ अब नजर नही आ रह ह एक ऽदन

म रऽतर क समय म लट हआ थ मिझ ऐस लग जस मिझ ऽकसा न सपशथ ऽकय ह मर शरार म कमपन स

हआ मिझ समझत दर नही लगा म उठकर बठ गय मन अपना आाख बनद कर ला और जोर स बोलndash

sbquoहरामजादो कततो दखो म तमहारा बाप ह म तम पर परहार कर रहा ह अपन को बचा सको तो

बचाओrdquo उसा समय मन उन सभा तमऽसक शऽzwj तयो पर अपना शऽzwj त क जबरदसत परहर ऽकय मरा

शऽzwj त क परहर स वह सभा अतररकष म मिझस दीर भगन लगा उसा समय मिझ मर जञन न बतयndash ldquoतिम

अपन ऽसि मतर क परयोग करोrdquo मन ऽफर दिबर शऽzwj तमतर क परयोग ऽकय वह सभा अतररकष म ऊपर

की ओर जन लगा ऽफर मन और मतर शऽzwj त क परयोग ऽकय शऽzwj त मतर दरर ऽनकला शऽzwj त न उन सभा

को गोल घर म कद कर ऽदय म मतर बल क तावर गऽत स परयोग कर रह थ वह तमऽसक शऽzwj तय ा

ऽगनता म दस थी मगर शऽzwj त मतर दरर बन उस घर को वह सभा तोड़ नही सक अब म बरहमा स उन

दसो को बिरा तरह स यतन दन लग व सभा बिरा तरह स तड़प रह थ तथ ददथ क करण चाख भा रह थ

उनम स कि छ तमऽसक शऽzwj तय ा बाज मतर भा बोल रही थी मन सकलप करक कहndash sbquoह कोई इनह बचन

वाला मझस आकर िभड़ अब मालम हो जाएगा िक एक योगी स दष टता दन का कया पररणाम होता हrdquo

यतन दत समय कि छ तमऽसक शऽzwj तय ा कला डरवना कि रप शzwjलो म बदल गए म तिरनत समझ गय

ऽक अब य तमऽसक शऽzwj तय ा अपन वसतऽवक सवरप म आ गई ह कि छ समय तक मन जमकर इनकी

दिगथत की ऽफर मर समन एक योगा जा परकट हो गए ओर बोलndash sbquoबटा यह कायश योिगयो को रोभा नही

दता ह इनह छोड़ दोrdquo म बोलndash sbquoिजस समय य सभी मरी दगशित कर रह थ उस समय आप कहा थrdquo

योगा जा बोलndash sbquoबटा तम जञानी हो इसिलए तमह अपना कमश समझ कर रात हो जाना चािहए उनह

कभी न कभी अवशय दणड िमलगाrdquo म योगा जा स बोलndash sbquoयोगी जी कपया आप जाइए मर सामन

योग कस कर 321

एक ही उददशय ह मरी दगशित अथवा इनकी दगशितrdquo वह योगा जा तिरनत अदशय हो गए म योग बल व

ऽसिमतर की शऽzwj त क परहर ऽकए ज रह थ वह तड़प रह थ उसा समय अतररकष स आवज आईndash

sbquoइन दषटो को छोड़ दो अब य तमहार पास आन का साहस नही करगrdquo म बोलndash sbquoपरभ आपकी जो

आजञाrdquo म ऽफर उन तमऽसक शऽzwj तयो स बोलndash sbquoअर दषटो यह मत समझ लना परथवी पर योगी नही रह

गए ह दखो म िबककल छोटा-सा योगी ह तब भी तमहारी यह गित कर दी ह जब तक म परथवी पर ह

जब तमहारी इचछा चल झगड़ा करन क िलए आ जानाrdquo मन अपना शऽzwj त वपस ल ला मरा शऽzwj त मर

शरार म ऽवलान हो गई वह दिष ट भा अदशय हो गए ऽफर कभा उनहोन मरा ओर नही दख

म ऄवदवतीय सनदर स तरी क रप म

यह अनिभव हम 2 ऽदसमबर को आयndash म नदा क ऽकनर खड़ हआ ह ा नदा क पना एकदम

सवचछ ह म पना को दखकर कह रह ह ा मिझ इसम सनन करन की कोई इचछ नही ह मगर जब म यह ा

पर आय ह ा तो सनन करन हा पड़ग ऽफर म सोचन लगndash यऽद म पना क सपशथ करा ग तो इस पना

क परभव मिझ पर अवशय पड़ग जस हा नदा क अनदर परवश करन क ऽलए मन अपन पर आग की ओर

बढ़य उसा समय वही पना स एक मगरमचछ परकट हो गय और अपन मिाह खोलकर मिझ पर हमल

करन चह मन तिरनत अपन पर पाछ की ओर वपस कर ऽलय ऽफर थोड़ स और पाछ की ओर

होकर खड़ हो गय zwjयोऽक आग की ओर पना म मगरमचछ अपन पीर मिाह खोल हए थ जस हा म

पाछ की ओर को हआ उसा समय मरा पाठ की ओर एक दावर परकट हो गई अब म पाछ की ओर नही

हो सक zwjयोऽक दावर परकट हो गई था मर बिर हल थ zwjयोऽक पाछ की ओर ज नही सकत थ

आग की ओर मगरमचछ क करण पना म परवश नही कर सकत थ डर क करण पाछ की ओर म पाठ

क बल ऽगर पड़ उसा समय मगरमचछ क बगल म एक अऽत सिनदर स तरा परकट हो गई उस स तरा न हर रग

की सड़ा पहन रखा था उसकी सड़ा म ऽसतर लग हए थ ऽसतरो स ऽझलऽमलत हआ परकश ऽनकल

रह थ उसक रग एकदम गोर थ चहर पर तज झलक रह थ ऽसर पर ऊा च स मिकि ट थ ऽजसम

मऽणय ा लगा हई थी उन मऽणयो स हलक-हलक परकश ऽनकल रह थ मिकि ट क करण उसक मसतक

थोड़ स ऽदखई द रह थ आाख बड़ा-बड़ा बहत सिनदर लग रहा थी उसकी आाखो की पलक सपष ट

ऽदखई द रहा थी दोनो भव कमन क समन सिनदर थी नक म एक छोट-स आभीषण तथ कनो म

योग कस कर 322

कि णडल पहन हए था उसक चहर की तवच ऽचकना व आकषथक था होठो पर हलकी-सा लऽलम

ऽवदयमन था वह मनद-मनद मिसकर रहा था उसक बल लमब-लमब खिल हए पाठ पर स होत हए कमर

क नाच तक लटक रह थ उसकी गदथन खीबसीरत ऽदखई द रहा था वह हर रग क बलउज व सड़ा पहन

हए था उसक वकषसथल सिनदर उभर हए थ नऽभ परदश क भग ऽबलकि ल सकर थ ऽनतमब उभर हए

सिनदर लग रह थ जघ सिनदर म ासल सा थी परो म आभीषण पहन हए था हथो म ढर सरा सिनदर चीऽड़य ा

पहन हई था कि ल ऽमलकर वह स तरा अतयनत सिनदर था उसक अग-अग खीबसीरत थ मिसकरत समय

कभा-कभा उसक दात चमक जत थ ऐस लगत थ जस- दातो म मऽणयो क समन चमक ह ऽफर उसा

समय म अचऽमभत हो गय ऽक इतना सिनदर स तरा कह ा स आ गई ऽफर वह मिसकरत हए मिझस बोलाndash

sbquoयह लो इस खा लो‛ उसन अपन दऽहन हथ मरा ओर बढ़य मन दखndash उसक हथ म पऽसल की

मोटई क बरबर लगभग आध इच लमबा वनसपऽत औषऽध सा था कषणभर सोच कर म मन कहndash

sbquoनही म इस नही खाऊ गा‛

अब मर धयन मगरमचछ की ओर गय वह अब भा मिाह खोल हए मिझ दख रह थ मिझ अपना

जन की पड़ा हई था वह स तरा ऽफर बोलाndash sbquoलो इस खा लो‛ अबकी बर मन उस वनसपऽत औषऽध को

अपन हथ म पकड़ ऽलय अब म औषऽध को हथो म पकड़ कर उस गौर पीवथक दखन लग मिझ वह

औषऽध सधरण लकड़ा की भ ाऽत महसीस हो रहा था मन उस लकड़ा निम औषऽध को अपन मिाह म रख

ऽलय और उस खन लग जस हा मन औषऽध को हथ म पकड़ उसा समय वह मगरमचछ अपन आप

गयब हो गय औषऽध खत हा मिझ हलकी-सा नीद य आलसय स आन लग तभा मर शरार क अनदर

हलकी-सा हलचल की अनिभीऽत होन लगा मिझ ऐस लगन लगndash मर बहरा शरार म कि छ बदलव-स हो

रह ह मर शरार कि छ कषणो म अतयनत गोर रग क हो गय ऽस तरयो क समन मर वकषसथल बढ़न लग मर

शरार पर ऽसतरोदर हर रग की सड़ा अपन आप ऽदखई दन लगा कि छ कषणो बद म पीणथ रप स स तरा रप

म पररवऽतथत हो गय इस समय म अतयनत सिनदर यिवता क रप म खड़ हआ थ मर समन खड़ा हई स तरा

मिझ दख कर मिसकर रहा था मिझ महसीस हो रह थ ऽक मर ऽसर पर मिकि ट लग हआ ह मर भा ऽसर क

लमब-लमब बल कमर क नाच तक लटक रह ह ह ाथो म चीऽड़य ा और शरार पर आभीषण ह ऽफर मन

समन वला स तरा को दख तो मिझ ऐस लग ऽक मर व उस स तरा क सवरप ऽबलकि ल एक जस हा ह

कपड़ व गहन मिकि ट व ऽसर क बल भा एक समन हा ह उस समय ऐस लग रह थ एक हा स तरा क दो

रप ह दोनो एक जस हा ह अथ थत जस सवरप समन खड़ा हई स तरा क थ वस हा मर भा सवरप थ

योग कस कर 323

म अपना यह अवसथ दखकर अऽत परसनन हो रह थ ऽक अब म अऽदरताय सिनदर स तरा क रप म खड़

हआ थ हम दोनो एक दीसर को दखकर मिसकर रह थ इतन म वह स तरा अदशय हो गई उसा समय मर

पट म अजाब-सा ऽकरय होता हई महसीस होन लगा मन अपना दऽष ट अपन पट पर डला तो दख ऽक

मर पट बहत बड़ हो चिक ह उसा समय मिझ लग मर पट म बचच ह अब म मनऽसक तौर पर हलक-

स परशन हआ और सोचन लगndash यह बचच अब पद होग यह सोचत हा मिझ डर स लगन लग

मिझ यद आय बचच पद होत समय मतओ को अतयनत कष ट उठन पड़त ह उस समय ऽसफथ म

अकल थ चरो ओर परकश फल हआ थ मिझ चरो ओर कोई ऽदखई नही द रह थ मिझ लगndash

बचच पद होन म बहत कष ट होग सहयत क ऽलए यह ा पर कोई नही ह एक बत म बत दीाndash मर पट म

ऽकसा तरह क बोझ य कष ट ऽबलकि ल नही हो रह थ मिझ लगndash बचच अभा पद होग- म अपन पर

साध करक बठ गय अपन शरार थोड़ स पाछ की ओर झिकय मर शरार समभवत 130-140 अश

क कोण बनत हआ पाछ की ओर झिक हआ थ तभा नऽभ क नाच थोड़ा हलचल-सा महसीस हई म

समझ गय बचच अभा पद हो जएग उसा समय बड़ा ऽवऽचतर ऽकरय हई- नऽभ क चर अगिल नाच स

जह ा बचच की हलचल महसीस हो रहा था वही स नाल रग की तज परकश की ऽकरण ऽनकलना शिर हो

गई वह ऽकरण मिझस दो-तान फीट की दीरा पर गोलकर रप म एकतर होन लगी ऽफर कि छ कषणो बद मर

पट समनय हो गय गोलकर रप म एकतर नाल रग की तजसवा ऽकरण एक बचच क रप म पररवऽतथत

हो गई वह बचच बठ हआ मरा ओर मिसकर रह थ म उस बड़ पयर स दख ज रह थ वह तजसवा

बचच बहत हा खीबसीरत थ म उस बचच क हथ पकड़कर चल ऽदय बचच प ाच वषथ क बलक की

भऽत लग रह थ म उस समय आधरहान अतररकष म चल ज रह थ चरो ओर परकश फल हआ

थ उसा समय ऽकसा न मर बचच क ऽलए पीछndash sbquoयह कौन हrdquo म बोलndash sbquoयह िदवय रिक तयो स यक त

मरा पतर ह इस साधारण न समझोrdquo म उस बचच क हथ पकड़ हए हलक नाल रग क परकऽशत अतररकष

म चल ज रह थ लड़क भा धार-धार मर सथ चल रह थ उस समय म अऽदरताय सिनदर स तरा क रप

म चल ज रह थ ऐस लगत थ ऽक सर बरहमणड की रचन मन हा की ह अनिभव समप त हो गय

मन अपना आाख खोल दा

ऄथश- सधको आप सभा समझ गए होग ऽक मर यह अनिभव अतयनत उचचकोऽट क ह नदाndash

सथील ससर ह ससर क सपशथ करत हा मय क परभव मिझ पर आ जएग मय क करण हा

अजञनत आ जता ह अजञनत क करण तषण उतपनन होता ह यहा तषण मगरमचछ क रप म ऽदखई

योग कस कर 324

द रहा ह ऽजसस म डर रह ह ा हरा सड़ा पहन हए मत परकऽत दवा हा ह मत परकऽत न मिझ औषऽध क

रप म बधन स मिzwj त होन क ऽलए अपन रहसयमया जञन ऽदय ह तथ मिझ आशाव थद भा ऽदय सधको

जब तक आप परकऽत क ऽवषय म पीणथ रप स जञन परप त नही कर लत ह तब तक आपको जनम लन

अऽत आवशयक ह परकऽत क जञन हो जन पर मय परभऽवत नही करता ह अजञन भा चल जत ह

ऐस तभा होत ह जब जञन (ततवजञन) परप त हो जत ह बद म म ऽफर सवय परकऽत दवा क समन बन

गय यह मरा योग म अतयनत उचचवसथ ह आग चलकर म परकऽत क बधन स मिzwj त हो जऊा ग

इसऽलए अनिभव म म परकऽत दवा की तरह बन गय ह ा यह बचच तततवजञन स यिzwj त मर हा सवरप ह यह

अवसथ मिझ भऽवषय म परप त हो जएगा सधको पिरष होत हए भा मिझ ऽस तरयो की हर परकर की

अनिभीऽत अनिभव क दरर परप त हो चिकी ह अथ थत म पिरष भा ह ा और स तरा भा ह ा इसक अथथ हndash ldquoम

पीणथ ह ाrdquo यऽद आप मर अनिभवो को गौर स पढ़ग तो अवशय कई जगह पीणथत की झलक पढ़न क ऽलए

ऽमलगा यह अवसथ मिझ भऽवषय म परप त होगा इस अनिभव स सपष ट होत हndash मिझम और परकऽत म कोई

अनतर नही रह गय ह अथ थत म परकऽत ह ा और पिरष भा ह ा

तराटक

आजकल म तरटक क अभयस बहत करत ह ा एक बर म लगभग एक घनट तक तरटक क

अभयस करत ह ा पहल म ऽबनदि पर तरटक करत ह ा ऽफर दपथण पर तरटक करन लगत ह ा इसक बद म

रऽतर क समय मोमबतता की लौ पर तरटक करत ह ा ऽदन क समय उगत हए सीयथ पर और डीबत हए सीयथ पर

कफी समय तक तरटक करत रहत ह ा कभा-कभा ऊा च-ऊा च पहड़ स पड़ क ऊपर की नोक पर तरटक

करत ह ा तथ रऽतर क समय आसमन म तरो पर तरटक करत ह ा तरटक क अभयस मन बहत कर

ऽलय ह तरटक क अऽधक अभयस होन पर आाखो दरर शऽzwj तपत ऽकय ज सकत ह सपशथ करन की

आवशयकत नही रहता ह सभा सधको को तरटक क अभयस अवशय करन चऽहए zwjयोऽक तरटक क

दरर मन एकगर होत ह आाखो की जयोऽत बढ़ता ह मगर सीयथ पर तरटक करन स पहल अपन मगथदशथक

स अवशय समपीणथ जनकरा कर ल तरटक क ऽवषय म जयद जनकरा परप त करन क ऽलए मर दरर

तरटक पर ऽलखा गई पिसतक पऽढ़ए

योग कस कर 325

सवामी वचदाननद जी

यह अनिभव 25 ऽदसमबर को सिबह 3 बज आयndash म ऽकसा जगह भीऽम पर खड़ हआ ह ा चरो

ओर सिनहर परकश फल हआ ह मर परो क नाच हलकी-सा आवज क सथ भीऽम फट गई मर दोनो

परो क बाच म फटा हई भीऽम पर दरर चौड़ा होन लगा उस दरर क अनदर नाच की ओर अधरा खई सा

ऽदखई दन लगा म बई ओर वला फटकर अलग हई भीऽम की सतह पर ऽकनर खड़ हो गय दऽहना

ओर की भीऽम की सतह कफी दीर तक ऽखसक गई था अब नाच की ओर अधकर यिzwj त खई परकट हो

गई था अब भीऽम मिझ बहत दीर तक फटा हई ऽदखई द रहा था उसा समय मिझ लगndash ldquoम फटा हई भीऽम

क अनदर (खई म) ऽगर जऊा ग मर शरार खई की ओर झिक गय मगर तभा आकश स नाच की ओर

एक रससा लटकता हई ऽदखई दा मन उस रससा को दोनो हथो स पकड़ ला रससा पकड़त हा बई ओर

की भीऽम बई ओर को ऽखसक गई अब म रससा क सहर लटक हआ थ मन नाच की ओर दखndash नाच

अधकर स यिzwj त गहरा खई था मर दई ओर की भीऽम की सतह पर घोर अधकर थ बई ओर की

सतह पर परकश थ बहत आश चयथ जनक दशय थ बई ओर भीऽम की सतह पर परकश थ दऽहना ओर

की भीऽम की सतह पर घोर अधकर थ नाच कला अधरा खई था उसा समय मिझ यद आयndash ऽजस

रससा पर म लटक रह ह ा वह रससा कहा स आ गई ह मन ऊपर ऽक ओर दऽष ट की तो दखndash म एक

सफ़द रग की मोटा रससा पकड़ हए ह ा रससा क ऽनचल ऽसर मर हथो म ह रससा क दीसर ऽसर

अतररकष म ऊपर जकर अदशय हो गय ह अतररकष म ऊपर की ओर परकश ऽदखई द रह थ परकश क

करण रससा क ऊपरा ऽसर ऽदखई नही द रह थ म रससा क सहर खई क ऊपर लटक रह थ बई

ओर की सतह (चिन य भीऽम) मिझस एक-डढ़ माटर दीर था मन रससा पर लटक हए हा पर को चिन

की ओर बढ़य और सोच शयद मर पर चिन तक पहाच जएग मगर मर पर भीऽम की सतह तक नही

पहाच सक अब मन दऽहना ओर घोर अधकर म दखन क परयस ऽकय घोर अधकर म चिन (सतह)

ऽदखई नही द रहा था मगर थोड़ा दीर पर अधकर म सिरग सा ऽदखई रहा था उस सिरग क अनदर तज

परकश फल हआ थ मगर म सिरग क दरवज तक नही पहाच सकत थ मिझ रससा पर लटक हए बहत

समय वयतात हो गय थ अपन बचव क रसत ऽदखई नही द रह थ इतन म बई ओर स एक लड़क

न मिझ जोरदर धzwjक मर धzwjक लगत हा मर ह ाथो स रससा छी ट गई म सिरग क अनदर जकर ऽगर गय

वह लड़क भा मर सथ हा सिरग क अनदर जकर ऽगर गय मगर मिझ ऽकसा तरह की चोट नही लगा म

योग कस कर 326

उठकर खड़ हो गय और उस लड़क की ओर दखन लग ऽजसन मिझ धzwjक मर थ वह 12-13 वषथ

क गोर रग क खीबसीरत स लड़क थ वह मिझ दख कर मिसकर रह थ ऽफर लड़क अदशय हो गय

अब म सिरग क अनदर परकश की ओर जन लग zwjयोऽक उधर स परकश आ रह थ म थोड़

हा आग की ओर बढ़ थ तभा सिरग समप त हो गई म खिला जगह म आ गय मगर म उसा समय

चौक zwjयोऽक मर समन सवमा ऽचदनद जा खड़ हए थ वह मिझ दखकर हास रह थ म परसननत पीवथक

उनस स बोलndash sbquoसवामीजी आपrdquo सवमाजा न ह ा की मिदर म ऽसर ऽहलय सवमाजा अब भा हास ज

रह थ उनक दात सपष ट ऽदखई द रह थ उनक दिबल-पतल शरार चहर स ऽनकलत हआ तज घिटनो

क नाच तक (ऽपडऽलयो तक) लिगा पहन हए थ म बोलndash ldquoसवामीजी मरी बड़ी इचछा थी िक मझ

आपक दरशन हो और आपस बात करन का अवसर िमलrdquo सवमाजा बस हास ज रह थ ऽफर कि छ कषणो

बद बोलndash sbquoअचछाrdquo ऽफर म और सवमा जा एक जगह पर बठ गए सवमाजा न मिझस कि छ कह- मगर

म उनकी भष समझ नही पय म बोलndash sbquoसवामीजी आपन मझस कया कहा ह म समझ नही पाया

ह rdquo सवमा जा दिबर ऽफर कि छ कह मगर अबकी बर भा मर समझ म कि छ नही आय सवमाजा ऽकस

भष म बोल रह थ म कि छ नही समझ सक इतन अवशय थ वह उततर भरत य मधय भरत की भष

नही बोल रह थ म ऽफर बोलndashldquoसवामीजीमझ आपकी गढ़ भाषा समझ म नही आ रही हrdquo सवमा जा

ऽफर बोल- sbquoचलोrdquo म और सवमाजा उठकर खड़ हो गए सवमा जा आग चलन लग म उनक पाछ-

पाछ चल ऽदय कि छ समय बद मिझ लगndash म ऽकसा साढ़ा पर चढ़ रह ह ा साढ़ा ऽबलकि ल साधा (90

अश क कोण बनता खड़ा हई ह) खड़ा हई ह साढ़ा की ऊा चई बहत जयद था मन ऊपर की ओर

दखndash तो सवमाजा बड़ आरम स साढ़ा पर चढ़त चल ज रह ह जस उनह ऽकसा परकर क पररशरम हा

नही करन पड़ रह हो म बहत थक चिक थ सवमा जा सवोचच ऽसर पर पहाच और साढ़ा स हलकी-सा

छलग लगकर दीसर ओर क सतह पर खड़ हो गए म भा उनक पाछ-पाछ चढ़त हआ थक-स सवोचच

साढ़ा पर पहाच गय ऽफर मन भा जोरदर छलग लगई और दीसर ओर की सतह पर खड़ हो गय ऊपर

पहाच कर म सिनहल रग क परकश म आ गय उस समय वह ा पर म और सवमाजा थ मिझ लग रह थ

ऽक म और सवमाजा अतररकष क सबस ऊपरा भग म खड़ हए ह ऽसर पर अतररकष सपशथ स कर रह थ

दशय ऐस लग रह थ जस म ऽकसा तमबीनिम अतररकष म आ गय ह ा उसा समय हमन दखndash सवमाजा

बठ हए ह उनक समन एक थला रखा हई ह म भा उनक समन बठ गय सवमाजा पहल की भाऽत

हास रह थ उनक दात सपष ट ऽदखई द रह थ सवमाजा मिझस बोलndash sbquoआननद कमार खाइएrdquo म उसा

योग कस कर 327

थला म खन लग मगर zwjय ख रह ह ा यह मिझ ऽदखई नही द रह थ सवमाजा भा उसा थला म ख

रह थ अथ थत दोनो एक सथ थला म ख रह थ कि छ समय बद म उठकर खड़ हो गय और ऽजस ओर

साढ़ा लगा हई था उधर आ गय मन नाच की ओर दखndash ऽजस साढ़ा स म और सवमाजा ऊपर आ गए

थ उस पर एक लड़क बठ हआ ह यह वहा लड़क ह ऽजसन मिझ धzwjक दकर सिरग क अनदर ऽकय

थ वह मरा ओर दखकर मिसकर रह थ उसन साढ़ा नाच की ओर ऽखसक दा तब मिझ ऽदखई ऽदयndash

यह समनय साढ़ा नही ह उसकी लमबई असाऽमत ह इसक मतलब यह ह म बहत ऊपर आ गय ह ा

मन उस लड़क स कह- ldquoसीढ़ी नीच की ओर कयो िखसका दी अब म उतर कर नीच कस जाऊ गा‛

उस लड़क न इशर स मन कर ऽदय उसक इशर क अथथ थndash अब आप नाच की ओर नही आ सकत

ह वही ऊपर हा रऽहए म सवमा जा क पस वपस लौट आय सवमाजा अब भा भोजन कर रह थ वह

बोलndash sbquoआप नीच जान क िलए कयो िचितत हो रह ह अब आप यही रिहए चलो मर साथ भोजन

करोrdquo म सवमा जा क सथ भोजन करन लग अनिभव समप त हो गय

ऄथश- इस अनिभव म मन ऽजस लड़क क वणथन ऽकय ह यहा अनिभव पहल ऽमरज आशरम म

गिरपीऽणथम (सन 1992) को आय थ इसा लड़क न कह थndash सकलप करो ऽक सर चकर खिल जएा ऽफर

दहा जस पदथथ ऽपल ऽदय थ अनिभव म सवमाजा मिझ बहत ऊपर ल गए थndash मिझ शाघर हा उचच

अवसथ परप त होगा ऽफर उस अवसथ स कभा भा नाच नही आऊा ग उनहोन मिझ अपन सथ भोजन

करयndash यऽद कोई सनयसा अनिभव म अपन सथ भोजन करए तो सधक को उस सनयसा क समककष

हो गय ह ऐस समझन चऽहए अब आग सवमा ऽचदननद जा मिझ शयद मगथदशथन नही दग zwjयोऽक

तततव रप स म और सवमाजा एक हो गए ह सवमा ऽचदननद अतयनत महन योगा ह म उनक बहत हा

सममन करत ह ा परतयकष म व मिझ नही जनत ह उनकी चतनयमय शऽzwj त मगथदशथन कर रहा था उनह

सवय मलीम नही होग ऽक उनहोन मिझ मगथदशथन ऽकय ह य सवमा जा ऽशवननद आशरम क अधयकष ह

यह आशरम ऋऽषकश स थोड़ आग रम झील क पस और गग नदा क ऽकनर बन हआ ह इस अनिभव

म ऽदखई दन वल लड़क योग म सदव मरा सहयत करत रह ह इस लड़क न कभा अपन पररचय

नही ऽदय ह

यह अनिभव ऽदसमबर मह म आय थ मन धयनवसथ म दखndash म पथवा पर इधर-उधर घीम रह

ह ा ऽजस ओर को म जत ह ा उस ओर की समपीणथ मनव जऽत क ऽवनश हो चिक होत ह बहत स

मनिषय मर रह ह ऐस लगत ह जस य सभा यिि म मर गए ह मर मन दिःखा स हो जत ह ऽफर मन

योग कस कर 328

सोचndash ldquoअब म अकल रहकर zwjय करा ग मर कोई जनन वल भा नही बच हrdquo यहा सोचत हआ

म अकल आग बढ़त ज रह ह ा उसा समय आकश स आवज आईndash ldquoजब ऽवनश होत ह तब ऐसा

हा ऽसथऽत हो जता ह और नय यिग आ जत हrdquo मर मन म ऽवचर आयndash नए यिग क आन पर बच हए

मनिषयो को बहत कष ट उठन पड़त होग zwjयोऽक दीर-दीर तक मनिषय क नमोऽनशन तक नही होत ह म

यहा सोचत हआ आग की ओर बढ़त चल ज रह ह ा और ऽफर जगल म परवश करत ह ा जगल म पड़-

पौधो क अलव कि छ भा नही ह ऽसफथ म हा अकल बच हआ ह ा ऊा चा जगह पर खड़ होकर चरो

ओर को दऽष ट दौड़त ह ा सवथतर मनव ऽवहान हा पथवा ऽदखई दता ह

योग कस कर 329

सन 1994

ऄहकार का तयाग करना

यह अनिभव मिझ जनवरा क तासर सप तह म आय म ऽकसा ऽवशल जलशय क पस खड़ ह ा

इचछ करत हा जलशय क पना की सतह स कि छ ऊपर म चलन लग ह ा म परो स नही चल रह ह ा म

अपना जगह पर खड़ हआ थ अपन आप तावर गऽत स आग की ओर चल ज रह ह ा अथ थत मर शरार

अपन आप आग की ओर ऽखसकत ज रह थ मर पर पना की सतह स लगभग एक फीट ऊपर थ

कि छ कषणो बद मन ऽवशल जलशय पर कर ऽलय पर करत समय मन म अऽत परसननत था म सोच

रह थndash इस ऽवशल जलशय को पर करन म मिझ कोई परशना नही हई म जलशय क उस पर खड़

हो गय वह ा की भीऽम बहत चमकीला व हलकी सा परकऽशत था तथ ऽबलकि ल शत वतवरण थ म

थोड़ स आग की ओर चल तो दखndash एक पड़ क नाच पड़ क तन क पस ऊा च सथन पर एक योगा

जा धयन मन न बठ हए ह उनक ऽसर क ऊपर जटओ क एक जीड़ लग हआ ह योगा जा क शरार

परदशी ह मगर वह सपष ट ऽदखई द रह ह वह पड़ भा तजोमय ह इन समनय पड़ो जस नही ह पड़ स

हलक स परकश ऽनकल रह ह म उस योगा क समन जकर खड़ हो गय उस समय म अपन दऽहन

हथ म एक कल नग पकड़ हए थ नग अपन फन पीरा तरह स ऊपर की ओर उठए हए थ मगर वह

नग मिझ डरवन नही लग रह थ zwjयोऽक वह ऽबलकि ल शत स थ ऐस लग रह थ जस म कोई

सधरण लकड़ा पकड़ हए ह ा कि छ कषणो तक म उस योगा को दखत रह वह कफी गहन समऽध म थ

मन वह नग उनही क समन पटक ऽदय और बोल- sbquoअब म इसक िबना चल सकता ह मझ इसकी कोई

जररत नही हrdquo उस नग को योगा क समन छोड़कर म वपस चल ऽदय और जलशय क ऽकनर

आकर खड़ हो गय मन सोच- म जह ा स आय ह ा वहा वपस जऊा ग जस हा मन जलशय क ऊपर

पर रखन चह उसा समय आवज आई- sbquoअब आप वापस नही जा सकत हrdquo म आवज सिनकर ठहर

गय और सोचन लग म वपस zwjयो नही ज सकत ह ा उसा समय मर धयन टीट गय मन आाख खोल

दा

ऄथश- सधको म कल नग पकड़ हए ह ाndash वह मर तमऽसक अहकर ह अहकर को उस योगा

क समन छोड़ ऽदय- अहकर क तयग कर ऽदय जलशयndash सथील जगत ह सथील जगत को मन पर

योग कस कर 330

कर ऽलय मगर ऽफर सथील जगत म वपस नही आ सक अथ थत अब मिझ सथील जगत म वपस नही

आन ह आजकल म अनिभवो म अzwjसर दखत ह ा ऽक जलशय को पर कर ऽलय ह और ऽफर वपस

नही आ पय ह ा इसऽलए अब इस परकर क अनिभवो क उललख नही करा ग अपन हथो म म नग को

पकड़ हए थ वह नग ऽबलकि ल शत थndash इसक अथथ ह म अहकर क आधान नही थ बऽलक अहकर

को अपन हथो म पकड़ हए थ और उस तयग भा दत ह ा यह तमोगिणा अहकर ह इस अहकर को

तयग दन स अथव इस पर पीणथ ऽवजय परप त कर लन वल अभयसा को सथील जगत म वपस नही आन

पड़त हउस जनम-मतयि आयि स छि टकर ऽमल जत ह

परकाया परवश वसवि क वलए मझ मना वकया गया

सधको मर मन म परकय परवश ऽसऽि क ऽवषय म जनकरा क ऽलए कि छ ऽदनो स ऽफर इचछ

जगरत होन लगा ह म सदव इसा ऽसऽि क ऽवषय म सोचत रहत थ ऽक वह बनद जगह कस खोला

जए म धयन पर बठ कर जनकरा करन लग एक बर मिझ ऽफर वहा ऽकरय हई म सिरगनिम जगह क

अनदर आग की ओर चल ज रह थ आग चल कर ऽफर वहा बनद जगह ऽमला म वही पर खड़ होकर

सोचन लगndash ऽक बनद जगह कस खोला जए उसा समय मर मिाह स दाघथ ओकर ऽनकलन लग ओकर

क उचचरण स बनद जगह म थोड़ा सा हलचल-सा होन लगा ऽजस जगह पर म खड़ हआ थ वह जगह

भा कमपन कर रहा था उसा समय मर जञन न मिझ समझयndash ldquoतिम और ओकर करो तथ यह सकलप

करोrdquo मन ऽफर दोबर वही खड़ होकर जोर स दाघथ ओकर ऽकय ऽफर ऐस लग- जस बनद जगह म

तीफन-स आ गय ह आकश म भा उथल-पिथल हो रहा ह म जोर स बोल- sbquoह अवरोध त दर हो

जाrdquo मगर मर सकलप करन स समसय हल नही हई जब म लगतर ओकर करन लग तब वह बनद

जगह खिलता-सा ऽदखई दना लगा मगर तभा मर कनो म बहत तज आवज सिनई दाndash sbquoयोगी ऐसी

भल मत करना तमह अपन मागश म आग बढ़ना चािहएrdquo उसा समय मर धयन टीट गय मन अपना

आाख खोल दा

ऽफर म बठ कर सोचन लग इस आवज न मिझ ऐस zwjयो कहndash sbquoऐसी भल मत करनाrdquo zwjय म

कोई पप अथव अधमथ कर रह ह ा यह भा तो योग हा ह मन सोचndash अब म जञनचकर क दरर बहर

ऽनकलीाग म कि छ ऽदनो तक जञनचकर दरर ऽनकलन क परयस करत रह मगर मिझ सफलत नही ऽमला

योग कस कर 331

म भा हरन वल अभयसा नही ह ा आऽखरकर एक ऽदन कमयबा ऽमल गई मन धयनवसथ म दखndash

जञनचकर दीर अतररकष स मर पस आत ज रह ह वह अपना जगह पर तावर गऽत स घीम रह थ ऽफर

धार-धार उसकी गऽत कम होता गई कि छ कषणो बद वह ऽबलकि ल ऽसथर हो गय अब जञनचकर मर

ऽबलकि ल पस आ गय तथ उसक आकर भा पहल की अपकष बहत बड़ हो गय मिझ जञनचकर क

मधय भग म ऽछदर क आकर बहत बड़ ऽदखई द रह थ इसा ऽछदर क दरर मिझ उस पर जन थ म

तजा स अतररकष म ऊपर की ओर उठत हआ उस ऽछदर म परवश कर गय और ऽछदर म आग की ओर

बढ़त गय जञनचकर न अपन सथन पर गऽत करन शिर कर ऽदय म तावर गऽत स आग की ओर चल

ज रह थ तभा मिझ लग म अतररकष म आ गय ह ा अतररकष म हलक नाल चमकील परकश फल

हआ थ उसा समय मन समन की ओर दखndash मर समन भगवन ऽवषणि ऽवशलकय शरार म खड़ हए

थ म उनक समन ऽबलकि ल छोट-स लग रह थ म भगवन ऽवषणि क सिनदर शरार दख रह थ वह

पातमबर पहन हए थ वह चरो भिजओ म शख चकर गद व पदम धरण ऽकए हए थ वह धार-धार

मिसकर रह थ म भा उनह दखकर मिसकर रह थ म बोलndash sbquoपरभ आप‛ वह ऽसफथ मिसकर रह थ कि छ

कषणो बद वह बोलndash sbquoयोगी पतर तम इस िसिदध क िवषय म कयो जानना चाहत हो‛ पहल म चिप रह

ऽफर म बोलndash sbquoमन सोचा कछ खोज की जाए इसिलए इस िसिदध क िवषय म जानना चाहता ह म इस

िसिदध को पराप त भी करना चाहता ह ‛ भगवन ऽवषणि बोलndash sbquoयोगी पतर तम लौट जाओ तम इस िसिदध

को पराप त करन यहा नही आए हो तम भलोक पर जञान पराप त करन क िलए गए होतमह जञान पराप त करना

चािहएतम योग का रल पराप त करो यह िसिदध तमहार िलए अवरोध हrdquo ऽफर भगवन ऽवषणि अदशय हो

गए उसा समय म जञनचकर क ऽछदर स वपस आन लग ऽफर वपस आकर म अतररकष म खड़ हो गय

तभा मरा आाख खिल गई म सोचन लग इस ऽवषय म शयद अब जयद नही जन पऊा ग zwjयोऽक मर

मगथ क आग भगवन ऽवषणि खड़ हो गए ह

शाकमभरी अशरम छोड़ वदया

सधको म ऽजस आशरम म रहत थ उसम अzwjसर बहरा लोगो दरर भडर होत रहत थ

इसऽलए मिझ भा वह ा पर कभा-कभा भोजन करन पड़त थ ताथथसथल होन क करण इस आशरम म

कभा-कभा बहत भाड़ हो जता था इस करण मिझ धयन करन म थोड़ा असिऽवध सा होता था तथ वहा

योग कस कर 332

पर सदव अशिित क रजय रहत थ ऊपर स कभा कभा भडर क भोजन करन पड़त थ आशरम म

हर परकर क लोग आत-जत थ पिऽलस भा कभा-कभा उलट-साध लोगो को पकड़न क ऽलए आय

करता था मर मन यह ा स भर गय थ अब मरा इचछ यह ा रकन की ऽबलकि ल नही था zwjयोऽक मिझ

शिित वला जगह चऽहए था यह ा पर अशिित हा अशिित था मन सोच- कि छ समय म यह ा स चल

जऊा ग वयऽकतगऽत रप स एकत म सवमा जा न धयन करन क ऽलए समपीणथ वयवसथ कर रखा था ऽफर

भा मर मन कह रह थ मिझ यह ा स चल जन चऽहए

मचथ मह क दीसर सप तह थ सदी बहत पड़ रहा था शकमभरा म मल लग हआ थ इस

करण आशरम म बहत जयद भाड़ था एक ऽदन सिबह तान बज शौच क ऽलए चल ऽदय म आशरम क

अनदर स होत हए चल ज रह थ आशरम क मधय भग म एक किा आ ह उसा म नल लग हआ ह मिझ

नल स शौच क ऽलए पना भरन थ आशरम म सभा जगह तज रोशना क परबनध थ रऽतर क समय भा

ऽदन जस परकश बन रहत थ म कि एा स पना भरन ज रह थ उसा समय मिझ नल चलन की आवज

सिनई दा मन सोच नल स कोई पना ल रह होग जस हा कि एा क पस पहाच तो वह ा क दशय दखकर

मर पर अपन आप सतऽमभत हो गए मरा आाख खिला-की-खिला रह गई म अपना जगह स ऽहल नही

सक zwjयोऽक मर समन 22-24 सल की स तरा ऽबलकि ल ऽनवथस तर खड़ा हई था शयद मर परो की आहट

स उस मलीम हो गय होग ऽक कोई आ रह ह इसऽलए वह मरा ओर दख रहा था वह स तरा सनन कर

रहा था उसन अपन दोनो हथ ऽसर क ऊपर बलो म लग रख थ वह इसा मिदर म खड़ा हई था उसक

ऽसर क ऊपर तज बलब जल रह थ यह जगह आगननिम ह तथ चरो ओर स खिला हई ह म एक तरफ

स आकर उसक समन ऽबलकि ल पस आकर खड़ हो गय थ कि छ कषणो तक म उस दखत रह वह

मिझ दख रहा था मिझ ऐस लग मनो मर शरार म जन हा नही ह ऽफर वह स तरा मरा ओर पाठ करक बठ

गई वही पर दीसरा स तरा उसा उमर की नल चल रहा था उसन भा ऐस कपड़ पहन हए थ ऽक मिझ दखकर

शमथ आ गई मन भा अपना पाठ उसा की ओर को कर ला मिझ शौच जोर स आ रह थ इसऽलए

परशना सा महसीस हई मन अपन लोट आग की ओर बढ़ ऽदयऔर बोलndash sbquoकपया आप इस लोट म

पानी भर दrdquo नल चलन वला स तरा न मिझ पना भर कर द ऽदय म शौच करन क ऽलए चल गय शौच

करक जब वपस आय तब दीसरा स तरा सनन कर रहा था म दीसरा तरफ स होकर अपन कमर म आ गय

ऽफर उन ऽस तरयो क ऽवषय म सोचन लग धयन करन क समय हो गय थ इसऽलए म धयन पर बठ गय

बहत परयस करन क बद भा धयन नही लग zwjयोऽक मन दिखा हो रह थ उसा समय मन ऽनऽश चय

योग कस कर 333

ऽकय म शाघर हा आशरम छोड़ दीाग मन अपना बत सवमा जा को बतई सवमा जा बोलndashsbquoआपका

इसम कया दोष ह मन यह सोच कर आपको रखा था िक आप हम सभी को योग िसखाएग िरर भी आप

जाना चाह तो जा सकत हrdquo बद म मलीम हआ ऽक वह दोनो ऽस तरय ा उचच घरन की थी उनह भा धोख

हआ होग उनहोन सोच होगndash आशरम म सभा लोग सोए हए ह इसऽलए ननन होकर सनन कर रहा थी

यह मर दिभ थनय थ ऽक म उनक समन ऐसा अवसथ म पहाच गय मन ऽनश चय ऽकय म अब इस आशरम

म नही रह ाग मन दो ऽदन बद शकमभरा आशरम छोड़ ऽदय ऽफर म मरठ होत हए म अपन घर आ गय

भगवान बजरगबली जी

यह अनिभव अपरल मह क परथम सप तह म आय थ धयनवसथ म दखndash म नदा क अनदर

पना म चलकर उलट बहव की ओर ज रह ह ा अथथत नदा म ऽजस ओर स पना आ रह ह म अपन

मन म सोच रह ह ा ऽक इस नदा क उद गम कहा पर ह यह म दखन चहत ह ा ऽजस समय म नदा क

अनदर पना म चल रह थ उस समय पना अपन आप दोनो ओर को हट जत थ अथ थत पना मिझ

रसत दत ज रह थ म नदा क अनदर रताला सतह पर चल रह थ zwjयोऽक पना अपन आप दो भगो

म बाट जत थ इसस नदा की भीऽम परकट हो जता था कि छ समय तक इसा परकर चलन क बद नदा

सकरा व उथला हो गई था म नदा क आऽखरा ऽकनर पर आ गय ऽफर मन दख नदा क पना एक गिफ़

क अनदर स आ रह ह मन गिफ़ क अनदर परवश ऽकय गिफ़ क अनदर की लमबई 15-20 माटर रहा

होगा जस हा मन गिफ़ क अनदर परवश ऽकय तो दखndash गिफ़ क दऽहना ओर भगवन बजरग बला जा

लट हए ह मन उनह दखत हा कहndash sbquoपरभ आप आप यहा लट हए हrdquo मगर वह नही बोल वह दऽहना

करवट क बल लट हए थ उनक शरार ऽवशल आकर वल थ उनक पर गिफ़ क दरवज की ओर थ

ऽसर गिफ़ क अनदर की ओर थ उनक ऽसर क पस हा गिफ़ समप त होता था वह पना स अलग भीऽम

पर लट हए थ उनक शरार तजसवा थ तथ उनक शरार स हलक सिनहर परकश ऽनकल रह थ मर

बिलन पर जब वह नही बोल तो म उनक पस आ गय मन उनक परो पर नमसकर ऽकय ऽफर म वही

उनक परो क पस पना म बठ गय मर बठत हा पना सवमव उतना जगह स अलग हो गय जस पना न

मिझ बठन क ऽलए जगह द दा हो पना क ऊपरा सतह स म एक-डढ़ फीट नाच बठ हआ थ पना

मिझस दीर होकर बह रह थ मन एक बर भगवन बजरगबला जा को जा भर क दख zwjयोऽक वह मिझ

योग कस कर 334

बहत सिनदर लग रह थ वह ऽबलकि ल शत लट हए थ म उनक परो क पस बठ हआ उनक चहर दख

रह थ ऽफर म उस उद गम (सरोत) को दखन लग जह ा स पना ऽनकल रह थ वह ा पर ऽबलकि ल छोट-

स गडढ बन हआ थ मन सोचndash म उस गडढ म हथ डलकर दखीाग ऽक यह गडढ ऽकतन गहर ह

और पना कह ा स आत ह उसा समय उद गम स आवज आईndash ldquoआप इस उद गम म हथ मत डऽलए

यह ऽसफथ दखन म छोट-स ऽदखई दत ह मगर यह अथह ह आप अपन ऽवचर तयग दाऽजए जब स

बरहमणड की रचन हई ह तब स लकर आज तक कोई इसक थह नही ल पय हrdquo म सोचन लगndash

इसम ऐसा ऽकतना गहरई ह जो आज तक कोई थह नही ल पय ह म यहा सोच हा रह थ तभा

उद गम क ऊपर कि णडला मर फन ऊपर उठए हए एक नग ऽदखई ऽदय कि छ कषणो क ऽलए म आश चयथ

चऽकत रह गय ऽफर म हास और बोलndash sbquoवाह मा म आपको पहचान गया आप कणडिलनी रिक त ह

म आपक इस सवरप स नही डरता ह rdquo इतन म वह नग पना क ऊपर कि णडला मर हए पना म बहत

हआ मर पस आ गय और मर शरार को चटन लग उसक चटन स मर शरार म ऽवऽचतर-सा गिदगिदा-सा

होन लगा इतन म मर अनिभव समप त हआ

ऄथश- नदा- सथील जगत ह म सथील जगत क उद गम सथन पर पहाच गय थ म नदा क अनदर

चल ज रह थ पना अपन आप अलग होत ज रह थndash सथील जगत क परभव मिझ पर नही पड़ रह

थ तथ उसक परभव अलग हो जत थ गिफ़ क अनदर क उद गम कषतर बरहमणड क वह सथन ह ऽजस

जगह स उतपऽतत शिर हई ह वह सथन अतयनत तजोमया ह वहा यह ा पर उद गम क रप म ऽदख रह ह

चतनयमय शऽzwj त क क दर यहा सथन ह चतनयमय शऽzwj त अथ थत कि णडऽलना शऽzwj त इसाऽलए उद गम

सथन क ऊपर ऽदखई द रहा ह मिझ चटन लगा अथ थत मिझस सनह कर रहा ह zwjयोऽक म उसक पितर भा

ह ा अनिभव म मिझ जो गिफ़ ऽदखई दा था ऽफर म उसक अनदर चल गयndash यह गिफ़ परऽणयो क ऽचतत म

रदय-गिफ़ क रप म जना जता ह गिफ़ क अनदर बजरगबला जा (हनिमन जा) लट हए थndash बजरगबला

जा वयिततव स उतपनन हए ह तथ ससर की सरचन भा वयिततव क दरर आकश म अऽधऽषठत होकर

हई ह इसऽलए बजरग बला जा अपन ऽवशल सवरप धरण ऽकए हए लट थवस भा वह नयरहव रदर क

अशवतर ह ससर की उतपऽतत क सथन म हा शऽzwj त सवरप कि णडऽलना ऽदखई द रहा ह अथ थत अपर-

परकऽत क परकटय क सथ हा शऽzwj त सवरप कि णडऽलना क परकटय हो जत ह इसऽलए मिझस कह

गयndash ldquoउद गम सथान बहत गहरा हrdquo zwjयोऽक अपर-परकऽत क परकटय पर परकऽत क अनदर हा हआ ह

अथ थत अपर परकऽत क अऽसततव पर परकऽत क अनदर ऽसऽमत कषतर म होत हयह उतपऽतत क कनदर

योग कस कर 335

वऽततयो क दरर ऽदखय गय ह वसतव म उतपऽतत क कनदर ऽभनन परकर क ह मन इसक वणथन अनय

जगह पर ऽकय हआ ह

मरी तरह बनो

15 अपरल क ऽदन थ घर म कि छ वद-ऽववद हो गय थ इसऽलए थोड़ ऽचऽतत थ म सिबह

हा गाव की नदा क ऽकनर-ऽकनर दीर तक चल गय कि छ दीर ऽनकल कर नदा क ऽकनर बबील क पड़ क

नाच बठ गय यहा पर ऽकसा परकर क कोलहल नही थ वतवरण ऽबलकि ल शनत थ म बबील क

पड़ क नाच घना छ ाव म बठ हआ थ बहत तज गमी क करण यहा पर ठणडक सा लग रहा था म

आसन लगकर बठ गय ऽचऽतत होन क करण बहत जयद गहर धयन नही लग ऽफर भा एक घनट

क धयन ऽकय धयन क उपरनत वही भीऽम पर लट गय मन क अनदर मनतरोचरण हो रह थ सथ हा

ईश वर को भा यद कर रह थ मन ईश वर स कहndash sbquoपरभि जब मर जस सधक क यह हल ह तो बचर

नए सधको क zwjय हल होत होग इतना परशऽनयो म वह अपन लकषय स हा भटक जएाग यह सहा

ह सधको को कभा-कभा ऽबन करण क हा कष ट उठन पड़त ह यह तो आऽदकल स चल आ रह

हrdquo उस समय ली बहत चल रहा था इसऽलए गमी बहत बढ़ गई था मरा इचछ धयन करन की हई म

धयन पर बठ गय धयन लगभग डढ़ घनट क लग धयन क करण मन थोड़ परसनन स हो गय शरार

म थोड़ा थकन-सा हई इसऽलए म वही पर बबील क पड़ क नाच लट गय मन अपना आाख बनद कर ला

और बबील क पड़ स पीछndash ldquoहलो ऽमतर कस होrdquo उततर ऽमलndash ldquoम नदा क ऽकनर खड़ हआ लहलह

रह ह ा गराषम ऋति की चह चलता हई ली हो अथव शरद ऋति की चलता हई ठणडा हवएा हो ऽफर भा म

मसता म झीमत रहत ह ा मनिषय आकर कि लहड़ा स मरा डऽलय ा कटत ह ऽफर भा म उफ नही करत ह ा

मर शरार म क ाट ह तो zwjय हआ मनिषयो को म शातल छय दत ह ा उस समय म तज धीप सहन करत

ह ा अब आप मरा छय म लट हए ह म ऽबलकि ल परसनन ह ा एक आप ह जो थोड़ा-सा बत पर ऽचऽतत हो

रह ह आप अपन आपको सधक कहत ह अभा और सधन करो और मरा तरह बनो आप सवय कष ट

सहो और दीसरो की सव करोrdquo

ऄथश- बबील क पड़ न ऽकतना ऽशकषपरद बत कहा ह सधक योग की उचचतम अवसथ म पड़ो

क दरर ऽदए गए सकत समझ सकत ह य मनिषय की तरह बत तो नही कर सकत ह मगर सीकषम तरग

योग कस कर 336

छोड़त रहत ह योगा इन तरगो क अथथ समझ सकत ह इस ऽवऽध स समपकथ करन क ऽलए योगा को

करण अवसथ म होन जररा ह मन पड़ो पर बहत परयोग ऽकए ह उन परयोगो क ऽवषय म म नही ऽलख

रह ह ा zwjयोऽक उनक ऽलखन उऽचत नही समझत ह ा

सधको धयनवसथ म अब अनिभव नही आत ह अनिभव अब इस अवसथ म आन भा नही

चऽहए zwjयोऽक अनिभव आन स इस अवसथ म समऽध क ऽलए बध होत ह कभा-कभा अनिभव

समऽध टीटन क बद आ जत ह जब परण बरहमरनधर स नाच आ जत ह अथव बहत समय क बद

योगऽनदर म अनिभव आ जत ह इस वषथ क शिरआत म एक दो अनिभव आए उसक बद ऽफर अनिभव

नही आए ह ा जनकररया आऽद बरबर होता रहता ह उनको यह ा पर ऽलखन उऽचत नही समझत ह ा

अब कि छ अनिभव अगसत मह म आए ह एक-दो अनिभवो को ऽलख रह ह ा

अगसत मह क परथम सप तह म अनिभव आयndash अतररकष म चरो ओर हलक नाल रग क तज

परकश फल हआ ह म उसा अनतररकष म इधर-उधर घीम रह ह ा तभा मिझ अपन समन एक स तरा ऽदखई

दा उस स तरा क तान नतर थ उसक तानो नतर खिल हए थ मन उस स तरा क चहर गौर पीवथक दख रह थ

वह स तरा बहत सिनदर था मन उस स तरा स उसक तासर नतर की ओर इशर करत हए कहndash ldquoआपक तो तान

नतर ह सभा परऽणयो क तो दो नतर होत हrdquo वह स तरा कि छ नही बोला ऽसफथ मिसकर दा ऽफर lsquoह ाrsquo म ऽसर

ऽहलय म सोच रह थndash इस स तरा क तान नतर ह यह ऽकतना अचछा लग रहा ह म समझ गय यह स तरा

समनय स तरा नही ह म उस स तरा स कि छ भा उतसिकत बस पीछत तो वह lsquoह ाrsquo म ऽसर ऽहल दता था वह

स तरा कि छ कषणो तक मर सथ अनतररकष म घीमता रहा ऽफर अदशय हो गई

ऄथश- सधको यह अनिभव करण जगत क थ जब सर अनतररकष हलक नाल परकश स चमक

रह हो तथ चरो ओर नाल परकश हा ऽदखई द उसक बरहमरधर खिल हो तब समझ लन चऽहए ऽक

यह दशय करण जगत क ह योगा क ऽलए यहा उचच अवसथ की शिरआत होता ह

ववशालकाय हाथी

यह अनिभव शयद 11-12 अगसत को आय थ म नाल रग क आसमन म खड़ ह ा चरो ओर

नाल रग क तज परकश हा परकश फल हआ ह मर अलव वह ा पर कोई नही ह मर पाछ की ओर मर

योग कस कर 337

घर ह (यह सथील घर नही) उसा समय म बोलन लगndash ldquoमन उसक तयग कर ऽदय ह मर घर स उस ल

जओrdquo मर दरर इन शबदो को बोलन स समपीणथ आकश गीाज उठ मर दरर इतन कहत हा मर घर क

अनदर स एक हथा ऽनकल कर मरा ओर समन आ गय मन हथा को दखत हा कहndash ldquoआप जइए म

आपको गरहण नही करा ग मिझ आपकी जररत नही हrdquo इतन कहत हा वह हथा एक और को चल

ऽदय थोड़ स आग की ओर चलकर हथा अनतररकष म ऊपर की ओर जन लग मर दखत हा नाल

परकश म ऽवलान हो गय म अनतररकष की ओर दखत रह गय हथा दखन म बहत सिनदर लग रह थ

तभा कि छ कषणो म दखndash ऽवलान होन क सथन स वहा हथा ऽफर परकट होकर मरा ओर आन

लग अबकी बर उसक ऊपर एक महवत बठ हआ थ वह महवत हथा को ह ाक रह थ अबकी

बर हथा क शरार अतयनत ऽवशल व बहत ऊा च थ उसक इतन ऽवशल शरार दखकर म आश चयथ म

पड़ गय हथा मिझस 20-25 माटर की दीरा पर आकर खड़ हो गय महवत मिझस बोलndash ldquoयह आपक

ऽलए हा ह आप इस सवाकर कर लrdquo वह ऽवशलकय हथा मरा ओर ऽनषभव स दख रह थ महवत

भा उतर कर नाच खड़ हो गय म महवत स बोलndash ldquoमिझ यह हथा नही चऽहए म इसक तयग कर

चीक ह ाrdquo मगर महवत न उततर म कि छ नही बोलndash उसन नमरत स अपन हथ जोड़कर मर समन झिक

और अकल वपस चल ऽदय म हथा स बोलndash ldquoकपय आप जइए मिझ आपकी आवशयकत नही

हrdquo हथा मरा ओर दख रह थ म भा हथा को छोड़कर एक तरफ को चल ऽदय मर अनिभव समप त

हो गय

ऄथश- यह अनिभव भा करण जगत स समबऽनधत ह अनिभव म हथा क अथथ ऽभनन-ऽभनन परकर

क होत ह जब कल रग क हथा ऽदखई द तथ कि छ डरवन स लग तब सधक को समझ लन

चऽहए यह उसक तमोगिणा कमथ ह य कमथ उस भोगन हा होग जब हथा सफद रग क ऽदखई द तब

सधक को समझ लन चऽहए उस शाघर हा यस कीऽतथ और ऽवऽभनन परकर क सिख भोगन हा होग

यहा पर हथा क अथथ हndash यश कीऽतथ सिख और धन क परप त होन ह मन हथा को तयग ऽदय ह

अथ थत मिझ यश कीऽतथ और सिख नही चऽहए अनत म महवत हथा को मर समन छोड़कर चल गय

ऽफर म भा हथा को छोड़कर चल ऽदय अथ थत भऽवषय म मिझ यश कीऽतथ सिख और धन जयद नही

ऽमलग zwjयोऽक मन उसक तयग कर ऽदय ह मगर हथा मरा ओर दख रह हndash इसऽलए कभा न कभा

यश क परभव मिझ पर अवशय पड़ग ऐस बहत समय बद भऽवषय म होग

योग कस कर 338

इस अनिभव क बद मर ऽचतत म वरनय वला वऽततय ा परकट होन लगीndash ldquoऽक इस ससर म आपक

ऽनकट-समबनधा कोई नही ह ऽसफथ कमो क करण वह आपक समबनधा बन ह वह अपन कमथ कर रह ह

और भोग रह ह आप भा अपन कमथ कर रह ह और भोग रह ह तिम zwjयो ऽकसा की ऽचत करत हो तिम

जो कमथ करत हो वहा भऽवषय म भोग करोग तिम ससर म अकल हो तिमह वह ा जन ह जह ा पर योगा

जत ह इसऽलए अपन समय क सदिपयोग करो तयग दो ससर की सरा वसतिओ को और मिzwj त हो

जओ तिमन अचछ ऽकय जो हथा क तयग कर ऽदय अपन ऽनज सवरप की ओर जओrdquo कभा-कभा

लगत ह जस मर मऽसतषक खला ह zwjयोऽक म कि छ भा नही सोच रह होत ह ा कभा-कभा मर मिाह स

अपन आप ऽनकलत हndash ldquoससर भरम मतर हrdquo यह योग क अभयस क मधयम स पहल हा जन चिक ह ा

अब मन योग पर लख ऽलखन शिर कर ऽदय थ zwjयोऽक शकमभरा म आऽद गिर शकरचयथ जा

न मिझ परररत ऽकय थ ऽक आप योग पर लख ऽलऽखए मगर मर अनदर ऐसा पररण जगरत हईndash ldquoआप

लख ऽलखन रोक दाऽजए पहल कि छ समय तक कठोर सधन करोrdquo मन लखन कयथ बनद कर ऽदय

आजकल म घर म अकल रहत थ घर क सभा सदसय ऽदलला गए हए थ म कठोर सधन करन म लग

गय मन भोजन लन भा बनद कर ऽदय थ सिबह-शम ऽसफथ दीध लत थ दोपहर क समय थोड़ स

तरल पदथथ लत थ म कठोर सधन करन म लान हो गय मर शरार ऽदन-पर-ऽदन दिबथल होन लग थ

कि छ ऽदनो बद मर शरार ऽबलकि ल हडऽडयो क ढ ाच बन गय मिझ अब थकन भा आन लगता था

मगर समऽध क समय बहत जयद बढ़ गय थ अब मरा सधन सो जन क बद भा ऽनदरवसथ म भा

हआ करता था म जयदतर चिप हा रहत थ ग ाव वलो स जयद समबनध नही रखत थ अब मिझ

अचछा तरह मलीम हो चिक थ मरा अवसथ बहत उचच हो गई ह शष कमथ भा योग क अभयस क दरर

सीकषम व कमजोर होन लग ह मिझ अपन आप म परसननत था ऽक मन कठोर सधन करक इस अवसथ

को परप त कर ऽलय ह इस अवसथ को परप त करन क ऽलए मन समज क और अपन कह जन वलो

क बहत अपमन सह हइस समय मरा बहत हा दिगथऽत हई ह मगर मन योग नही छोड़ और न हा कभा

योग छोड़न क ऽवचर आय एक बर मन अपन ऽपतजा स कहndash ldquoआप मरा चह ऽजतना दिगथऽत कर

मर खचथ बनद कर मर भोजन चह ऽजतन ऽदन बनद रख मगर आप मर योग नही छि ड़ सकत ह आपक

अनदर समथयथ नही ह मर योग को बनद करव दन क आपक मगथ पप क ह उसक फल अवशय

भोगग उस समय आपकी दिगथऽत होगा मन कष ट सहकर योग क अभयस ऽकय ह इसऽलएयोग म मरा

यह ऽसथऽत ह वस आप मर सथ कलयण क कयथ कर रह ह आप कष ट दकर मर कमो को नष ट कर रह

योग कस कर 339

ह तथ य समझ रह हो ऽक इस दिऽनय म तर कोई नही ह मिझ इस वयवहर स बहत ऽशकष ऽमला ह हम

आपक आभरा हrdquo

पथवी का अशीवाशद

यह अनिभव ऽसतमबर मह क आऽखरा सप तह म आय थ म पथवा पर ऽकसा सथन पर खड़ ह ा

मिझस 10-15 मा की दीरा पर अचनक हलकी-सा आवज क सथ पथवा फट गई उस फट हए भग स

ऊपर की ओर एक अतयनत सिनदर स तरा परकट हो गई स तरा क शरार क कमर स ऊपर क भग पथवा क

धरतल स ऊपर थ कमर स ऽनचल भग पथवा क अनदर समय हआ थ उस स तरा न हर रग की सड़ा

पहन रखा था उसक ऽसर पर बहत सिनदर चमचमत हआ मिकि ट थ उसक चहर अतयनत सिनदर थ

गल म सिनदर मल था उस मल म मऽणय ा चमक रहा थी उसन अपन दोनो हथ मरा ओर बढ़ ऽदए म

उसस बहत दीरा पर खड़ हआ थ उसक हथ मरा ओर को लमब होत गए उस स तरा क 10-15 मा लमब

हथ मर पस आ गए वह हथो म कि छ हथ म ऽलए हए था मगर मिझ यह ऽदखई नही द रह थ ऽक

हथो म वह zwjय ऽलए हए ह उस स तरा न वह वसति मिझ द दा मन दोनो हथो म उस वसति को ल ऽलय

मगर मरा समझ म यह नही आ रह थ ऽक मन उसस zwjय ल ऽलय ह ऽफर वह स तरा बोलाndash ldquoपतर तम

जान गए होग िक म परथवी ह rdquo म बोलndash ldquoह ा मत मिझ मलीम ह ऽक आप पथवा हrdquo वह बोलाndash ldquoजो

मन िदया ह वह गरहण करो इसस भिवषय म तमह बहत लाभ होगा जब तम मरा समरण करोग उस समय

तमहार ररीर का परथवी तततव िनिश चत मातरा म कम हो जाएगा इसस रिक तपात करन की िमता बढ़

जाएगी कयोिक योगी क िलए परथवी तततव अवरोध क समान हrdquo म यह सिनकर परसनन हो गय मन दीर स

हा अपन हथो को जोड़कर उस स तरा को नमसकर ऽकय उनहोन मिझ आशाव थद ऽदय ऽफर वह धार-धार

पथवा क अनदर म सम गई उस सथन पर फटा हई पथवा अपन आप जिड़ गई उसा समय मर अनिभव

समप त हो गय मिझ यह अनिभव योगऽनदर म आय थ

ऄथश- सधको पथवा क यह आशाव थद मर ऽलए आजावन कयथ करग तथ शऽzwj तपत करन की

कषमत भा बढ़ जएगा zwjयोऽक पथवा तततव म सबस जयद जड़त होता ह इसऽलए योगा क ऽलए यह

तततव सबस जयद अवरोध क कयथ करत ह तथ अब पथवा तततव कम होन क करण शाघर हा शरार म

सतवगिण ऽक अऽधकत बढ़न लगगा

योग कस कर 340

नाग

यह अनिभव मिझ एक अzwjटीबर को योगऽनदर म आय थ मिझ थोड़ा दीरा पर एक नग (कल)

फन चौड़ ऽकए हए शनत भव स बठ हआ ऽदखई ऽदय कि छ लोगो न मिझस कहndash ldquoइस नग को मर

डलोrdquo म बोलndash ldquoम जावो को नही मरत ह ाrdquo ऽफर वह नग एक ओर को चल ऽदय म भा दीसरा ओर

को चल ऽदय उसा समय मिझ अपन पाछ परकश-स महसीस हआ मन मिड़कर दख- तो वहा नग मिझस

थोड़ा दीरा पर फन ऊपर की ओर उठए मिाह खोल हए खड़ थ उसक मिाह म तज परकश भर हआ थ

नग अपन मिाह स वहा परकश उगल रह थ इस करण चरो ओर परकश फल रह थ मन सोचन लगndash

यह नग ऽकतन अचछ ह इसक दरर इतना जगह परकऽशत हो रहा ह

3 अzwjटीबर की शम को मरा और ऽपतशरा की बहत कि छ कह-सिना हो गई था वह घर की जमान

बच रह थ (पतक खता) मन उनक ऽवरोध ऽकय इसा बत पर कि छ कह-सिना जयद हो गई म जनत

थ यह वयऽकत इस घर को नष ट करन म लग हआ ह यह वयऽकत हर कयथ सिऽनयोऽजत ढग स करत थ

उसक उददशय थ ऽक म घर छोड़कर चल जऊा मिझ लगन लग ऽक सधन क दरर मरा यह अवसथ

परप त हई ह ऽफर भा म घर क परऽत मोह रखत ह ा उसक बदल मिझ पर ऽनकष ट आरोप लगए जत ह म

यह भा जनत ह ा वह अपन बिर कमो क फल अवशय भोगग दीसर ऽदन सिबह सढ़ तान बज धयन पर

बठ उसा समय अनतररकष स आवज आईndash ldquoअशवतथमन सिऽवरढ़ मीलम सग शसतरण दढ़न ऽछतवrdquo यह

शलोक गात क पदरहव अधयय क तासर शलोक ह यह आध शलोक ह ऽफर मन उठकर गात पढ़ा गात

म इस शलोक क अथथ भा पढ़ इसस इस अनिभव क अथथ समझ म आ गय तब मिझ परसननत हई

योग कस कर 341

सन 1995

मझ बहत दर जाना ह

यह अनिभव फरवरा मह क तासर सप तह म आय म ऽकसा सथन पर बठ हआ ह ा वह जगह

कमरनिम जसा ऽदखई द रहा ह हलक-स परकश चरो ओर फल हआ ह इतन म पीन की एक

सऽधक मर पस हासता हई आई (इस जगह पर नम ऽलखन उऽचत नही समझत ह ा) और मिझस बोलाndash

ldquoआननद कि मर इसम मरा समपीणथ जावना ऽलखा ह आप इस पढ़ लाऽजएrdquo इतन कहत हा उसन मर

समन एक सिनदर-सा पिसतक रख दा उसक चहर पर परसननत क भव ऽदखई द रह थ मन उस पिसतक

को दख ऽफर उस खोलकर पढ़न लग जब वह 15 सल की था तब स उसक ऽवषय म उस पिसतक म

ऽलख थ उसम एक-दो घटनएा महततवपीणथ ऽलखा हई थी म इन घटनओ को पढ़कर गभार हो गय उस

पिसतक स उसक जावन कल की ढरो बतो की जनकरा हो गई म उन बतो को ऽलखन उऽचत नही

समझत ह ा zwjयोऽक य घटनएा उसकी वयऽकतगत थी जब मन समपीणथ पिसतक पढ़ ला तब मन उस सऽधक

की ओर दख मगर वह सऽधक ऽदखई नही दा मन सोचndash शयद वह बहर चला गई होगा इसऽलए

म भा बहर आ गय बहर आत हा मन अपन आप को तजसवा सथन पर उपऽसथत पय उस समय उस

सथन पर शरा मत जा और वहा सऽधक भा था सऽधक क मिाह स ldquoशरी राम जय राम जय जय

रामrdquo ऽनकल रह थ मन उस सऽधक को दख तब वह बहत सिनदर लग रहा था तथ उसक शरार स

तज भा ऽनकल रह थ उसन सफद रग की उजजवल सड़ा पहन रखा था उस समय वह दवा जसा लग

रहा था सतवगिण क परभव उसक अनदर ऽदखई द रह थ मर मिाह स सऽधक क ऽलए कि छ शबद अपन

आप ऽनकल पड़ndash आप दवा जसा लग रहा ह मगर वह कि छ नही बोला ऽसफथ मिसकर दा म उस

सऽधक स बोल- ldquoचलो मर सथ चलोrdquo वह बोला- ldquoआप चऽलए म बद म आऊा गाrdquo ऽफर म और

शरा मत जा एक सथ आग ऽक ओर चल ऽदए ऽफर मन पाछ की ओर मिड़कर दखndash वह सऽधक उसा

सथन पर बठा हई मतर जप कर रहा था ऽफर म और शरा मत जा आग चलकर एक जगह पर रक कर

खड़ हो गए वही स अलग-अलग दो रसत हो गए थ म वही पर खड़ होकर सोचन लगndash मर रसत

अभा और आग तक ह अभा मिझ बहत दीर जन ह शरा मत जा क रसत बएा ओर जत ह उनह

थोड़ा दीर तक जन ह वह शाघर हा पहाच जएागा मन ऽफर पाछ मिड़कर उस सऽधक की ओर दख वह

योग कस कर 342

वही पर बठा हई मतर जप कर रहा था म बोलndash ldquoइस सऽधक को यहा तक (जह ा म खड़ थ) आन म

अभा बहत समय लग जएगrdquo ऽफर म शरा मत जा स बोलndash ldquoशरा मत जा म चलत ह ा मिझ अभा

बहत दीर जन ह आप तो शाघर हा अपन लकषय पर पहाच जएागा आपक मगथ थोड़ रह गय हrdquo उसा

समय म आग की ओर चल ऽदय शरा मत जा उसा सथन पर खड़ा हई था उसा समय अनिभव समप त

हो गय

ऄथश- सऽधक क सिनदर ऽदखई दन क करण यह थndash उसकी कि णडऽलना क जगरत हो गई था

इसऽलए वह सफद सड़ा म सतवगिणा लग रहा था मर सथ वह कस चल सकता था वह अभा नई

सऽधक था शरा मत जा और म एक सथ चल रह ह ऽफर थोड़ा दीर चलकर एक जगह पर खड़ हो गए

शरा मत जा अब जयद दीर ओर नही जएागा zwjयोऽक वहा स वह सथन ऽदखई पड़ रह ह जहा शरा मत

जा को पहाचन ह वह सथन ऽबलकि ल थोड़ा-सा दीरा पर ह उसा समय मिझ अपन मगथ ऽदखई ऽदय वह

साध मगथ बहत दीर तक ऽदखई द रह थ ऽजस जगह जकर मिझ रकन ह वह सथन अभा बहत जयद

दीरा पर ह इसस यह ऽसि होत ह ऽक अभा मिझ बहत दीर तक जन ह शरा मत जा वह हम एक सथ

चल रह थ आग चल कर दोनो ठहर गए शरा मत जा को उस मगथ स हटकर एक ओर थोड़ स चलकर

ठहर जन थndash इसक करण ह शरा मत जा की आशरम म इतना आसzwj त हो गई ह ऽक आशरम चलन क

ऽलए मील मगथ स थोड़ एक ओर हो गई जब कोई मगथदशथक आशरम चलन म वयसत हो जत ह तब

उसक आधयऽतमक मगथ म ठहरव स आ जत ह मगर जो योगा तततवजञना होत ह वह कभा भा आशरम

आऽद म आसzwj त नही होत ह अनिभव म ऽदखई ऽदय-अभा मिझ अपन मगथ म बहत आग जन ह और

आऽखरा लकषयndash परप त करन ह

वतरनतरी बालक

यह अनिभव 27 फरवरा को ऽशवरऽतर क ऽदन सिबह आय थndash मन दख मर समन एक सिनदर

स तरा बठा हई ह उसकी गोद म एक छोट-स बचच बठ हआ ह उसकी उमर लगभग एक वषथ होगा वह

बचच मरा ओर दख रह ह और थोड़-स हास भा रह ह मरा दऽष ट बचच क मसतक की ओर गई बचच

क मसतक पर एक आाख भा था वह आाख समनय आाख स थोड़ा बड़ा था तथ वह आाख चमक भा

रहा था मर मिाह स ऽनकलndash इसकी तो तानो आाख खिला हई ह उसा समय उसकी तासरा आाख अनदर

योग कस कर 343

की ओर धसन लगा तथ धार-धार मरा दऽष ट स ओझल होन लगा मर मिाह स अपन आप ऽनकलndash

ॎऻऻऻ ओम क उचचरण करत हा उस बचच की तासरा आाख ऽफर पहल की भाऽत ऽदखई दन लगा

मर दरर ओम कहत हा बचच परसननत स हासन लग अब म ओम क बर-बर उचचरण कर रह थ

वह बचच लगतर हास ज रह थ इतन म वह स तरा बचच लकर चल दा म बोलndash ldquoआप मत जइए

यह बचच मिझ बहत अचछ लगत ह इसकी तानो आाख खिला हई हrdquo ऽफर वह स तरा व बचच दोनो

अदशय हो गए मर अनिभव भा समप त हो गय मर मिाह स ओम-ओम क उचचरण अपन-आप ऽनकल

रह थ यह अनिभव मिझ योगऽनदर म आय थ

भगवान नारायण

यह अनिभव मिझ मचथ महान क मधय म आय थ मन दखndash म नाल रग क तज चमकील परकश

म खड़ हआ ह ा चरो ओर नाल रग क परकश क अऽतररzwj त कि छ नही थ उसा समय मरा दऽष ट समन

की ओर थोड़ा-सा ऊधवथ हो गई मन अपन स थोड़ा दीरा पर भगवन नरयण को दखndash वह शषनग की

कि णडला क ऊपर ऽवशष मिदर म लट हए मिसकर रह थ उनक शरार भा हलक नाल रग क थ उनकी

नऽभ स एक कमल की नल ऽनकलकर ऊपर को चला गई था उस नल क ऊपरा ऽसर पर हलक लल

रग क एक फी ल थ पहल मन भगवन नरयण को जा भर क दख zwjयोऽक वह मिझ अचछ लग रह थ

ऽफर मर मिाह स जोरदर आवज ऽनकलाndash ldquoपरभि यऽद आप सोचत होग ऽक आननद कि मर को धन क

लोभ ऽदखकर उधर को मोड़ दग और म धन परऽप त म लग जऊा ग तो ऐस नही होग ईश वर की परऽप त

क ऽलए म लगोटा लगन को तयर ह ाrdquo मरा आवज चरो ओर गीाज रहा था भगवन नरयण पहल की

भ ाऽत मिसकरए ज रह थ कि छ कषणो म मर अनिभव समप त हो गय

ऄथश- इस अनिभव म कमल क फी ल पर भगवन बरहम जा नही ऽदखई ऽदए थ लगोटा लगन क

अथथ थndash भाख म ाग लीाग मगर योग नही छोडी ग zwjयोऽक कि छ ऽदनो स धन परऽप त करन की वऽतत उठ रहा

था शयद इसाऽलए म भगवन नरयण स यह कह रह थ इस अवसथ म भगवन नरयण क इस

परकर क दशथन होन शरषठत क परताक मन जत ह

योग कस कर 344

मोकष पाना ऄतयनत दलशभ ह

यह अनिभव मिझ 10 मई को आय थndash म एक घर क अनदर खड़ हआ ह ा मिझ उस घर क अनदर

जनकरा ऽमला ऽक इस घर क अनदर नग परवश करन वल ह मर अनदर पररण हई वह नग आकर मिझ

कट लग उसा समय म घर स बहर ऽनकल आय घर क बहर ऽनकलत समय दो-तान सल की

लड़की को मन गोद म ल ऽलए थ वह लड़की सिनदर था यह लड़की कौन ह म उस नही जनत ह ा घर क

बहर आत हा मन अपन आपको एक खिल मदन म पय म यह सोचकर चरो ओर दख रह थ कही

नग न आ जए मिझ नग कही भा ऽदखई नही द रह थ मन उस लड़की को गोद स उतर कर उसा

समय खड़ कर ऽदय zwjयोऽक म अब भा उस गोद म ऽलए हए खड़ थ लड़की को खड़ करक म उसस

बोलndash ldquoमा मिझ नगो स बड़ डर लगत ह कि छ समय बद मिझ नग कट सकत हrdquo वह लड़की धार

स मिसकर दा म उस दो-तान सल की लड़की स lsquoमाrsquo शबद क परयोग कर रह थ इतन म मिझ अनतररकष

स धामा आवज सिनई दाndash ldquoऽजस नग क डर स ती परशन ह वह नग सवय यहा लड़की ह ऽजस मा

कह रह हrdquo यह बत सिनकर म मिसकर ऽदय और मन क अनदर कहन लगndash ldquoअचछ मा हा वह नग

हrdquo मर डर एकदम दीर हो गय और म खिश हो गय इतन म वहा लड़की नग क रप म बदल गई म

आरम स ऽनडर होकर वहा पर खड़ रह उस नग न मर पर म जोरदर फी फकर मरकर कट ऽलय ऽफर

वह नग अदशय हो गय इसक बद म आकश की ओर टकटकी लगए ऽवचरो स रऽहत होकर दखन

लग उसा समय मिझ अपन शरार क अनदर भगवन शराकषण क दशथन हो गए उनक शरार हलक नाल रग

क थ वह मिसकर रह थ म वह ा स चल ऽदय मिझ आग रसत म दो पिरष बठ हए ऽदखई ऽदए उनहोन

मिझस परश न ऽकयndash ldquozwjय आपको मोकष ऽमलन समभव हrdquo अचनक ऐस परश न सिनकर म गभार हो गय

कि छ कषणो बद बोलndash ldquoअभा मिझ मोकष नही ऽमल ह zwjयोऽक मोकष ऽमलन अतयनत दिलथभ ह मोकष क

ऽवषय म समझ पन अतयनत जऽटल हrdquo ऽजस समय म यह शबद कह रह थ उस समय भगवन शराकषण

मिझ रदय म ऽदखई द रह थ म ऽफर अनतररकष म आग की ओर चल ऽदय

ऄथश- सधको मन जो यहा पर नग कटन क अनिभव ऽलख ह इसस पहल दो बर और ऽलख

चिक ह ा ऽक नग न मिझ कट ह महन सत सवमा मिकतननद जा क अनिसर इसक अथथ हndash सधक को

जब नग कट ल तब उस मोकष ऽमलन ऽनऽश चत होत ह मगर म अनिभव म सवय मोकष ऽमलन स इनकर

कर रह ह ा ऽफर आपस म दोनो क शबदो म ऽवरोधभस ह ऽजस समय मिझस पीछ गय थndash ldquozwjय तिमह

मोकष ऽमलग‛ उस समय की योनयत क अनिसर मिझ मोकष ऽमलन समभव नही ह zwjयोऽक अभा मर

योग कस कर 345

ऽचतत म कमथशय ऽवदयमन ह जब तक अभयसा को तततवजञन परप त नही होत ह तब तक मोकष ऽमलन

समभव नही होत ह zwjयो ऽचतत पर अजञन ऽवदयमन रहत ह इसक अथथ हndash भऽवषय म मिझ तततवजञन की

परऽप त होगा तभा मोकष ऽमलन समभव होग

आजकल म बहत कठोरत स सधन कर रह ह ा परणयम को महततव थोड़ जयद द रह ह ा

ऽदन म कई बर परणयम करत ह ा भोजन भा ऽबलकि ल थोड़ स लत ह ा हल ाऽक शरार बहत कमजोर

हो गय ह परणयम की अऽधकत क करण शरार हलक-स हो गय ह परणयम करन की एक ऽवशष

ऽवऽध ह ऽजसस तमोगिण य रजोगिण कम हो जत ह और सतवगिण की मतर अऽधक हो जता ह मिझ

महसीस होन लग ह पथवा तततव की कमा हो रहा ह जलतततव भा कम हो रह ह अऽनन तततव की

अऽधकत हो रहा ह कभा-कभा जगरत अवसथ म भा ऽचतत की गहरई म चल जत ह ा उस समय मर

अनदर ऽवचर उठन लगत ह वह ऽवचर ऐस होत ह उनक समधन करन क ऽलए जञना पिरष चऽहए

मगर इस समय म ऽकसा जञना पिरष को नही जनत ह ा मगर जो सतपिरष योग क ऽवषय म जयद जनत ह

वह मिझस बहत दीरा पर ह उनक पस शयद समय भा नही होग इसऽलए मर समधन नही हो प रह

ह कभा-कभा ऐस लगत हndash म शरार म नही ह ा म शरार स बहर ह ा इसकी अनिभीऽत मिझ अचछा तरह

स हो रहा ह इसक करण यह भा ह ऽक परणयम क करण मर शरार बहत हलक हो गय ह हथो व

परो म ऐस लगत ह जस रzwj त हा नही रह गय ह ऽसफथ वयि हा भरा ह चतनयत अब अऽधक बढ़ गई ह

इस करण रत म नीद ऽबलकि ल कम (डढ़-दो घणट) आता ह आाख बनद रखीा य खोल रह ा अथव रऽतर

क समय घोर अधकर म रह ा तो भा मिझ सदव नाल रग क ऽबनदि ऽदखई दत रहत ह नाल ऽबनदि क

अनदर सिई क नोक क बरबर रगो स रऽहत एक चमकील ऽबन दि कषऽणक दर क ऽलए चमक जत ह

कभा-कभा इसकी चमक इतना तज होता ह ऽक सीयथ की चमक भा उसक समन फीकी हो जता ह

जबऽक ऽबनदि क आकर सिई की नोक क बरबर होत ह नाल रग क ऽबनदि बरबर चमकत रहत ह म

तरटक भा बहत करत ह ा

नाल रग क ऽबनदि क उललख योग की पिसतको म बरबर ऽमलत ह मगर ऽबनदि क अनदर सिई क

नोक क बरबर अतयनत चमकील रगहान ऽबनदि क उललख कहा पढ़न को नही ऽमलत ह यह ऽबनदि

शयद अतयऽधक परणयम व तरटक क अभयस करन क करण ऽदखई दत ह नाल ऽबनदि क समबनध

करण जगत स ह यह ऽबनदि उसक बाच म सिई की नोक क बरबर ऽदखई दत ह झटक क सथ

चमककर लिपत हो जत ह इसक अथथ हndash करण जगत स पर क परकश ऽबनदि ऽजस म भौऽतक नतरो स

योग कस कर 346

दख रह ह ा मर शरार बहत जयद शिि ह तथ ऽसर म ऽवदयमन रहन वला उदन वयि को जबरदसता

मीलधर स नाच लत ह ा ऽजस समय म उदन वयि को मीलधर स नाच लकर रोकत ह ा उस समय म

पौन तान ऽमनट स तान ऽमनट क बाच कि मभक लगत ह ा तब ऐस लगत हndash यह शरार गमी क करण

फट जएग लगत ह जस पिर शरार म आग हा आग भरा हई ह और म अपन सथील शरार स थोड़ा दीरा

पर खड़ ह ा इसाऽलए म ऽवशष परकर क परणयम करत थ इस ऽवऽध को म नही ऽलख रह ह ा zwjयोऽक

यह ऽवऽध ऽसफथ वहा परयोग कर सकत ह ऽजस सधक न अपना कि णडऽलना की पीणथ यतर करक ऽसथर कर

ला ह इस परणयम क ऽलए बरहमरनधर क खिल होन अऽत आवशयक ह म इस परणयम क परयोग

ऽजस लकषय क ऽलए कर रह ह ा वह लकषय मिझस अभा बहत दीर ह यऽद म उस लकषय को परप त नही भा कर

पय तो भा ढरो परकर की शऽzwj तयो क सवमा अवशय बन जऊा ग मर जो लकषय ह उसक मगथदशथक

कोई नही ह इस ऽवदय क परचलन आऽद कल म थ ह ा सथील शरार अवशय घोर कष ट भोगत रहत ह

जब परणयम करत ह ा तब ऐस लगत ह- मरा जावतम अभा शरार क तयग क दगा उसा समय म

सवय कहत ह ाndash ldquoदख जावतम मिझ जो कयथ करन ह वह अवशय करा ग तिमह अगर इस शरार को

तयगन ह तो अवशय तयग दो मिझ ऽफर नय शरार धरण करन होग म ऽफर योग क अभयस करा ग

मिझ कोई आपऽतत नही ह इसऽलए ती मर सथ दrdquo

शरी माता जी का अशीवाशद

यह अनिभव 13 मई क ह धयनवसथ म दखndash मन एक कमर म परवश ऽकय उस कमर म

ऽसहसन निम एक कि सी पर शरा मत जा ऽवरजमन थी उनक समन फशथ पर सऽधकएा बठा हई थी

वह ा पर कोई पिरष नही थ उस कमर क अनदर चरपई भा था म उसा चरपई पर जकर बठ गय शरा

मत जा एक सऽधक स बत कर रहा थी मन कमर म चरो ओर को दऽष ट दौड़ई तो दख ऽक सभा

सऽधकएा फशथ पर बठा हई थी म उनस दीर चरपई पर बठ हआ थ अब मिझ यद आयndash ldquoमन कमर

क अनदर परवश करत समय शरा मत जा को नमसकर नही ऽकय हrdquo इतन म शरा मत जा कि सी स

उठकर कमर क बहर चला गई म कषणभर क ऽलए अपना जगह पर खड़ हो गय कि छ कषणो बद शरा

मत जा दीर स आता हई ऽदखई दा शरा मत जा न कमर क बहर स आवज दाndash ldquoआननद कि मर इधर

आ जओrdquo म कमर स बहर ऽनकल आय कमर स बहर अब परकश फल हआ ऽदखई द रह थ शरा

योग कस कर 347

मत जा एक ओर भीऽम पर बठ गई उस समय भीऽम पर कि छ भा नही ऽबछ हआ थ शरा मत जा बहत

परसनन मिदर म थी वह जोर-जोर स हास रहा थी उनकी इस परकर की परसननत पहला बर दखा था म शरा

मत जा क समन घिटनो व पजो क बल बठ गय zwjयोऽक शरा मत जा को म नमसकर करन वल थ

म शरा मत जा स बोलndash ldquoशरा मत जा आपन भीऽम पर कि छ भा नही ऽबछय हआ ह आप भीऽम पर

बठ गई हrdquo शरा मत जा जोर-जोर स हासता हई बोलीndash ldquoअर मर ऽशषय आय हआ ह मिझ बहत खिशा

हो रहा ह आसन ऽबछन की जररत नही हrdquo उस समय शरा मत जा क हथ म तान फल ऽबलकि ल

सफ-सिथर थ दखन म अचछ लग रह थ म शरा मत जा स बोलndash ldquoशरा मत जा आपन जो फल हथ

म ल रख ह वह बहत हा सिनदर हrdquo शरा मत जा बोलीndash ldquoयह आपक ऽलए ह अपन ऽशषय को परसद

दीागाrdquo मन एक बर ऽफर शरा मत जा को गौरपीवथक दखndash वह बहत हा जयद परसनन थी और हास रहा

थी उनक शरार तज स नहय हआ थ मन शरा मत जा को नमसकर करत समय अपन ऽसर उनक

चरणो पर रख ऽदय शरा मत जा न अपन बया हथ मर ऽसर पर ऽफरय और दऽहन हथ स मरा पाठ

थपथपई मिझ ऐस लगndash मर शरार हलक व परदशी हो गय ह मिझ अपन शरार क समपीणथ अवयव

ऽदखई दन लग उसा समय मर मिाह स ऽनकलndash lsquoमाrsquo तभा मिझ बहोशा आन लगा और म बहोश हो

गय

यह अनिभव मिझ योगऽनदर म आय थ ऽजस समय म जग उस समय मर सथील शरार बहत

थक हआ स लग रह थ कि छ कषणो तक म उठ नही पय ऽफर मिझ चतन-सा आ गई और समनय हो

गय इस अनिभव म दो बत मिखय हndash एक- म शरा मत जा क समन चरपई पर बठ गय जबऽक सभा

सऽधकएा नाच फशथ पर बठा हई था उस समय मिझ भा नाच बठन चऽहए थ दसरा- शरा मत जा न

आसन नही ऽबछय थ म उनक समन बठ हआ थ दोनो जगहो पर म समककष-स ह ा यह गिरतततव ह

शरा मत जा को इस ऽवषय म ऽबलकि ल मलीम नही होग ह zwjयोऽक गिरतततव सधक क मगथदशथन करत

रहत ह

परकवत पररवतशनशील ह

यह अनिभव 21 मई को योगऽनदर म आयndash यह ा पर अनिभव तो नही ऽलख रह ह ा zwjयोऽक

अनिभव बहत ऽवऽचतर स ह इसऽलए म उसक अथथ ऽलख रह ह ा उसक अथथ हndash परकऽत पररवतथनशाल

योग कस कर 348

ह उसक दशय कि छ ऐस थ ऽक समपीणथ पदथथ पररवऽतथत हो जत ह ऽफर बहत समय क बद परकऽत क

सवरप पहल जस होन लगत ह उसा समय मर अनदर ऽवचर आय यह zwjय हो रह ह अनतररकष स

आवज आईndash ldquoपरकऽत पररवतथनशाल ह यह उसा क दशय हrdquo उन दशयो स ऐस लगत थ परकऽत क जो

आज सवरप ह वह पहल भा आऽदकल म रह चिक ह इसस यह भा तकथ ऽदय ज सकत ह परकऽत क

जो आज सवरप ह वह कभा-न-कभा भऽवषय म अवशय आएग चह कई यिगो अथव परलय क बद

आए मर यह अनिभव कह ा तक सहा ह इस तततवजञना योगा हा सतय बत सकत ह

वशव शवzwj त का सवरप

यह अनिभव मई मह क ह ऽजस समय मन अनन क तयग कर ऽदय थ और परणयम की

ऽवशष ऽवऽध अपन रह थ तथ कठोर सधन कर रह थ उस समय यह अनिभव योगऽनदर म आय थ

मन अनतररकष म अपन समन दखndash पड़ क तन अथव गोल खमब जस मर समन ह मगर वह पड़ क

तन नही ह उसकी मोटई बहत जयद था मगर उसकी मोटई सभा जगह एक समन ह वह खमब

सवपरकऽशत स लगत ह वह परकश क बन हआ ह उसकी आभ चरो ओर फल रहा था म उस

खमब क अऽत समाप खड़ हआ ह ा पहल मन उस खमब को ऊपर की ओर दखndashखमब अनतररकष म

खड़ हआ थ मरा दऽष ट बहत ऊपर तक चला गई zwjयोऽक म बहत दीर तक दखन म समथयथवन थ

ऽफर भा उस तन क आऽखरा ऽसर ऽदखई नही द रह थ अब मन नाच की ओर दखन शिर कर ऽदय

मरा दऽष ट बहत नाच तक चला गई zwjयोऽक उस समय ऽदवय दऽष ट कयथ कर रहा था जयद नाच की ओर

दखन पर अधकर स ऽदखई दन लग थ इसऽलए मन उस तन क ऽनचल ऽसर भा नही दख पय

कि छ कषणो बद म सोचन लगndash ldquoइस खमब की लमबई इतना जयद ह ऽक ऊपरा ऽसर और नाच क

ऽसर ऽदखई नही द रह हrdquo मन खमब को ऽफर दिबर दखndash तो मिझ ऽदखई ऽदय यह तो परकश क

बन हआ लमब लटठ क समन ऽदखई द रह ह समपीणथ अनतररकष म परकश क मोट लटठ-स खड़ हआ

ह यहा म सोच रह थndash तभा मर समन उस खमब पर ऽलपट हआ एक पाल तजसवा चमकदर नग

ऽदखई ऽदय उसन अपना पीाछ स तन पर एक चzwjकर लपट रख थ और ऊपर की ओर फन उठए हए

थ उसक फन मर ऽसर क ऊपर छतरा की तरह थ zwjयोऽक म उस परकश क लटठ क पस खड़ हआ थ

इसऽलए ऐस लग रह थndash ldquoवह नग अपन फन मर ऽसर क ऊपर छतरा क समन ऽकए हए मरा रकष कर

योग कस कर 349

रह हrdquo मन अपन दऽष ट ऊपर की ओर को की तो दख- मर ऽसर स उसक फन की ऊा चई एक फीट रहा

होगा म और नग एक-दीसर की आाखो म आाख डलकर दख रह थ उसा समय मर मिाह स आवज

ऽनकला ldquoवह आप तो मर ऽसर क ऊपर ऐस फन उठए हए ह जस मरा रकष कर रह ह कररए कररए

मरा रकष कीऽजए वस आपक सवरप बहत सिनदर ह ऐस ऽदखई द रह ह जस कि छ जनत हा नही ह मगर

मिझ कभा-कभा आपक इस सवरप स डर भा लगन लगत ह इसऽलए म थोड़ दीर खड़ हो जऊा rdquo इन

शबदो क कहन क सथ हा म थोड़ पाछ की ओर हट गय तऽक नग स थोड़ दीर खड़ हो जऊा म जस

हा उस जगह स थोड़ पाछ की ओर हट उसा समय नग न जोरदर फी फकर मरा वह नग तन (परकश

क लटठ) समत मर पस आ गय म ऽफर अपना जगह स थोड़ पाछ की ओर हट गय मगर तन

(परकश क लटठ) समत नग मर पस आ गय म नग स दीरा रखन चहत थ मगर ऐस नही कर सक

इसा घबरहट म मरा नीद खिल गई अनिभव समप त हो गय

ऄथश- म सोचन लगndash यह अनिभव ऽकतन अचछ व उचचकोऽट क आय ह यह अनिभव

योऽगयो क ऽलए दिलथभ ह परकश क बन हआ लटठ जो अनतररकष म ऊपर व नाच की ओर असाऽमत

ऽदखई द रह ह शसतरो क अनिसर वह सवय भगवन ऽशव क ऽनगिथण सवरप मन गय ह उस परकऽशत

लटठ (खमब य तन) पर ऽलपट हआ नग शऽzwj त सवरप कि णडऽलना शऽzwj त हा ह इस परकऽशत लटठ क

आऽदकल म भगवन बरहम और भगवन ऽवषणि भा दोनो ऽसर नही ढीाढ पय थ zwjयोऽक वह परम ऽशव क

रप ह परम ऽशव क सथ आऽदशऽzwj त सदव ऽवदयमन रहता ह इसऽलए उसक नम ldquoऽशवशऽzwj तrdquo पड़

गय दोनो एक-दीसर क पीरक ह इसाऽलए इनक दीसर सवरप भगवन शकर को अधथनराशवर भा कह गय

शिता चरम सीमा पर

सधको मिझ इस समय एक ऽवशष परकर की अनिभीऽत हआ करता ह मई मह म मर यह ा भाषण

गमी पड़ रहा ह मगर धीप म मर शरार पर ली क परभव नही होत ह इसक करण यह भा हो सकत ह

ऽक मर शरार क अनदर भा बहत जयद गमी ऽवदयमन ह तज वयि क चलन पर भा मर सथील शरार को

वयि क सपशथ महसीस नही होत ह म दखत करत ह ाndash वयि क तज चलन क करण पड़-पौध जोर स

ऽहल रह ह मगर मिझ वयि क सपशथ की अनिभीऽत नही होता ह कभा-कभा मन अपन आप पर गौर ऽकय

योग कस कर 350

तब मलीम हआ म श वस भा समनय वयऽकतयो स बहत दर म लत ह ा अथ थत कम लत ह ा तथ श वस

बहत हलकी-सा लत ह ा रऽतर क समय म नीद बहत हा कम य न क बरबर आता ह शरार थक जन क

करण यऽद म सो जऊा तो दोनो हथ मर आसमन की ओर उठ जत ह और ऐस हा उठ रहत थ तब मरा

आाख खिल जता ह उस समय लगत ह मर हथो व परो म सभा जगह वयि भरा हई ह म ऽबलकि ल

हलक स हो गय ह ा धयन करत समय लगत हndash ldquoम अपन आसन स ऊपर की ओर उठ जऊा गrdquo मगर

ऊपर की ओर उठत नही थ मर शरार बहत कमजोर हो चिक ह कमजोरा क करण म कम सधन

करन लग ह ा समनय अवसथ म मर ऽचतत ऽसथर बन रहत ह तथ म शरार की भाषण गमी सहन नही

कर प रह ह ा मन सोचndash इस परकर की सधन ऽफर भऽवषय म करा ग मिझ इस समय महसीस हो रह थ

म बहत हा जयद आधयऽतमक रप स शऽzwj तशला हो गय ह ा

जीन क अऽनतम ऽदनो म म ऽदलला चल गय थ मरा मा की तऽबयत जयद खरब हो गई था म

दीसर नमबर क भई स बोलndash ldquoअमम की मतयि ऽनऽश चत ह मतयि कि छ ऽदनो बद हो जएगाrdquo असपतल

म इलज चल रह थ कि छ ऽदनो बद डॉzwjटर क बतन क अनिसर म ा को मऽसतषक क सर थ म 27

जिलई को घर वपस आ गय 24 अगसत को मरा म ा की मतयि हो गई उनकी मतयि क मिझ दिःख तो नही

हआ zwjयोऽक मिझ म ा क ऽवषय म सब कि छ मलीम थ ऽफर भा सथील रप स उनकी अनिपऽसथऽत महसीस

होन लगा

भगवान दततातरय

ऽदलला स म 27 जिलई को घर वपस आ गय यह अनिभव शयद 30-31 जिलई क ह मन

दखndash म नाल रग क तज चमकील परकश म खड़ हआ ह ा ऊपर की ओर आकश मिझस थोड़ा ऊा चई

पर ऽसथत ह ऐस भऽषत हो रह ह मर शरार हलक नाल रग क परदशी ह मिझ थोड़ा दीरा पर एक

मनव आकऽत ऽदखई दा उस मनव आकऽत स दीसरा मनव आकऽत परकट हो गई दीसरा मनव आकऽत

धार-धार सपष ट होन लगा सपष ट होन क बद वह भगवन शकर क रप म ऽदखई दन लगा ऽफर उस

(पहल वला) आकऽत स एक और मनव आकऽत परकट हो गई वह धार-धार सपष ट होकर भगवन ऽवषणि

क रप म पररवऽतथत हो गई कि छ कषणो बद उस मनव आकऽत स एक और मनव आकऽत परकट हो गई

वह भगवन बरहम क रप म पररवऽतथत हो गई ऽफर तानो दवत एक सथ पस म खड़ हो गए मर मिाह स

योग कस कर 351

अपन आप आवज ऽनकलाndash ldquoवह भगवन ऽवषणि भगवन शकर व भगवन बरहम तानो एक सथrdquo

अब म उस मनव आकऽत की ओर दखन लग ऽजसस य तानो दवत परकट हए थ वह मनव आकऽत

धार-धार भगवन दतततरय क रप म पररवऽतथत हो गई मर मिाह स आवज ऽनकलाndash ldquoपरभि म आपको

पहचन गय आप भगवन दतततरय जा हrdquo

हम प ाचो आमन-समन थोड़ा दीरा पर खड़ हए थ म परसनन हो रह थ और मिसकर भा रह थ

प ाचो क शरार एक समन और एक जस हा तततव स बन हए थ सभा क शरार परदशी व हलक नाल रग

क थ मर शरार भा उनही की तरह बन हआ थ म यह समझ गय भगवन दतततरय स परकट होकर तानो

दवो क ऽदखई दन क अथथ zwjय ह मिझ यह तो मलीम ह भगवन दतततरय तानो दवतओ क अश ह

तथ ऽतरगिणतमक शऽzwj त क परताक ह

परकवत क वनयमो का अदर करो

यह अनिभव मिझ अगसत मह क परथम सप तह म योगऽनदर म आय थ मन दखndash म ऽकसा घर

निम जगह म परवश करन वल ह ा अनदर की ओर परवश करत हा समन एक शर खड़ दख जस हा शर

न मिझ दख वह मरा ओर झपट म डर क करण वह ा स बहर की ओर दौड़न लग जस हा मकन निम

जगह स बहर आय मन दखndash एक नदा बह रहा ह नदा उसा मकन निम जगह स ऽनकला ह नदा क

सरोत भा उसा जगह ह म नदा क पना क ऊपर तज गऽत स दौड़न लग zwjयोऽक शर मर पाछ कर रह

थ म डर क करण तावर गऽत स भगत ज रह थ उसा समय मिझ मलीम हो गयndash यह नदा समनय

नदा नही ह इसकी बहत जयद गहरई ह कि छ समय नदा क ऊपर दौड़न क बद म अनतररकष म दौड़न

लग आग चलकर म तज परकश म पहाच गय म आग की ओर चलत गय ऽफर मन दखndash 8-10

पिरष मर मगथ अवरोध ऽकए हए खड़ ह म वहा पर रक गय म उन पिरषो को गहरा दऽष ट स दखन लग

वह सभा पिरष कल व तजसवा ऽदखई द रह थ उन सभा पिरषो म एक पिरष परमिख लग रह थ उन सभा

पिरषो न ऽवशष परकर क अस तर ल रख थ मन अपन समन खड़ हए उस तजसवा परधन पिरष स पीछndash

ldquoआप सभा मर मगथ अवरि ऽकए zwjयो खड़ ह‛ मर शबद सिनकर वह परधन पिरष मिसकरय मगर कि छ

नही बोल उसा समय पाछ की ओर खड़ एक पिरष बोलndash ldquoती अपन आप को बहत समथयथवन

समझत ह इसऽलए हम तर समन खड़ हए हrdquo मरा समझ म नही आय उस पिरष क कहन क भव zwjय

योग कस कर 352

ह उततर म म कि छ नही बोल ऽसफथ उन सभा को दखत रह वह पिरष ऽफर बोलndash ldquoहम तिमहर समथयथ

दखन आए हrdquo म बोलndash ldquoआप zwjय कह रह ह मरा समझ म नही आ रह हrdquo वह पिरष बोलndash ldquoतिमन

अपना म ा की बामरा को रोकन क परयस ऽकय तथ मतयि भा रोकन क परयस कर रह होrdquo य शबद

सिनत हा मर भव बदल गय म थोड़ करोध म बोलndash ldquoवह मरा मा ह म उसक ऽलए कि छ भा करा

आपको zwjय मतलब ह जहा तक मर अनदर समथयथत की बत ह म मा क कष ट दख नही सकत थ

इसऽलए ऐस ऽकय मिझ मलीम ह ऽक उसकी मतयि होन वला ह ऽफर भा मतयि को आग ढकलन क

परयस करा गrdquo मर शबद सिनकर वह पिरष करोऽधत हो गय उसक सथ और भा पिरष खड़ हए थ वह

सभा करोऽधत भव म ऽदखई द रह थ मगर सबस आग खड़ हआ परधन पिरष अब भा मिसकर रह थ

यह परधन पिरष मिझ शनत सवभव क व दयलि जस लग अनय सभा पिरष करी र जस थ परधन पिरष

मिझस बोलndash ldquoआप मर सथ चऽलएrdquo यह सिनत हा मन आग चलन क ऽलए कदम बढ़य जस हा म

चलन क ऽलए मिड़ उस पहल वल करी र पिरष न कहndash ldquoअपन आपको बहत बड़ योगा समझत ह

दखत ह ा इसकी समथयथतrdquo यह शबद कहत हा उसन आकश म छलग लगई और मर दोनो कनधो पर

दोनो परो स परहर ऽकय ऽफर वह मरा पाठ पर चढ़ गय कषणभर क ऽलए मर कनधो पर ददथ-स महसीस

हआ मगर उसा समय मन उस फि ती स पाठ स उतरकर अनतररकष म पटक ऽदय वह कि छ कषणो तक नही

उठ सक मन गरजकर कहndash ldquoमर योग समथयथ को दखन क चzwjकर म न पड़ो तिम सब मर कि छ नही

ऽबगड़ सकत हो अगर ऽहममत ह तो तिम सब मिझस लड़कर दखोrdquo मरा बत क ऽकसा न जवब नही

ऽदय म करोध म खड़ हआ थ मन उस परधन पिरष की ओर दखndash वह अब भा पहल की भ ाऽत मिसकर

रह थ उसक पिरष क तज और बढ़ गय ऽफर वह मिझस बोलndash ldquoआननद कि मर मरा बत धयनपीवथक

सिनो- मिझ मलीम ह ऽक आप योगा ह मगर आपको परकऽत क ऽनयमो क आदर करन चऽहए आपको

योगबल पर परकऽत क ऽनयमो क उललघन करन क परयस नही करन चऽहए आप जञना ह इसऽलए

पलन करन आपक कतथवय ह तिमह भा मलीम ह और म भा कह रह ह ा आपकी म ा क समय पीर हो

गय ह इसऽलए मतयि ऽनऽश चत ह उसकी मतयि क ऽलए ऽकसा परकर क अवरोध न डऽलएrdquo ऽफर सभा

पिरष अदशय हो गए म अकल उस परकश म सोच मिदर म खड़ हआ थ म सोचन लगndash ldquoयह परधन

पिरष कौन थ जञऽनयो की भ ाऽत मिझ ऽशकष द रह थ उसा समय वह परधन पिरष मर समन परकट हो

गय वह पहल की भ ाऽत मिसकर रह थ उसक सवरप बदल गय उसक शरार तज स यिzwj त हो गय

ऽसर पर ऊा च मिकि ट लग हआ थ उसक शरार क रग हलक कल स थ एक हथ म गद व दीसर

हथ खला थ वह सिनदर रजओ की भ ाऽत वस तर पहन हए थ म उस दख रख थ मगर म पहचन नही

योग कस कर 353

सक ऽफर अनतररकष स आवज आईndash ldquoय यमरज जा हrdquo कि छ कषणो बद अदशय हो गए ऽफर मन

ऽनश चय ऽकयndash ldquoअब म अमम की मतयि क ऽलए कोई अवरोध नही डलीागrdquo

ऄथश- सधको इस अनिभव क समय मरा म ा क इलज ऽदलला क सबदरजग असपतल म चल

रह थ य सच हndash मन मा की बामरा को दबन क परयस ऽकय थ मिझ अचछा तरह जञत ऽक कि छ

ऽदनो बद म ा की मतयि होन ऽनऽश चत ह ऽफर भा म योगबल क दरर मतयि को आग ढकलन क परयस कर

रह थ इस अनिभव म नदा सथील जगत ह म इस सथील जगत क उद गम कषतर म पहाच गय थ उसा समय

शर न मर पाछ ऽकय शर क अथथ हndash ldquoमर अहकरrdquo मिझ अपन आप म अहकर थ ऽक ldquoमाrdquo को

क सर होन क बवजीद म उसकी मतयि को कि छ मह आग की ओर ढ़कल सकत ह ा इसा करण इस परकर

क अनिभव आय ह

नीला वलय

यह अनिभव 11 अगसत क ह म रऽतर क लगभग 2 बज धयन पर बठ गय उस समय

धयनवसथ म अनिभव आयndash म अनतररकष म बठ हआ ह ा मर शरार ऽवशल सवरप वल ह उस

समय ऐस परतात हो रह थ ऽजतना मर शरार की ऊा चई ह उतना हा अनतररकष की ऊा चई ह समपीणथ

अनतररकष म ऽसफथ म हा अकल ह ा zwjयोऽक नाच धरतल पर म बठ हआ थ मगर मर ऽसर अनतररकष क

ऊपरा भग को छी रह थ म समपीणथ अनतररकष को दख रह थ मर चरो ओर हलक नाल रग क तज

परकश बहत दीरा पर गोलकर चzwjकर लग रह थ वह नाल रग क गोलकर वलय समपीणथ अनतररकष

म वयपत थ उस समय म पदमसन की मिदर म बठ हआ मिसकर रह थ मर समन थोड़ा दीरा पर नदा क

उद गम थ नदा आग चलकर बहत ऽवसतत हो गई था उस नदा क अनत भा मिझ ऽदखई द रह थ कि छ

समय तक नदा क उद गम (सरोत) स अनत तक दखत रह वह नदा मिझ अचछा नही लग रहा था ऽफर

अपना दऽष ट नदा स हटकर चरो ओर चzwjकरदर घीमत हए वलय पर की तब म अपन आप कहन

लगndash ldquoम तो समपीणथ अनतररकष म वयपत ह ा अचछा न लगन वला नदा म भा वयपत ह ा बऽलक यह नदा

(समपीणथ नदा) मरा वयपतत म मतर थोड़ा-सा जगह म ऽसथत हrdquo इतन म मर धयन टीट गय

योग कस कर 354

सधको मन इस अनिभव म ऽलख हndash म रऽतर क दो बज धयन करन क ऽलए बठ गय जबऽक

रऽतर क नयरह बज स तान बज तक धयन नही करन चऽहए zwjयोऽक अनतररकष म तमऽसक शऽzwj तयो क

परभव जयद बन रहत ह मगर मिझ इस अवसथ म ऽकसा परकर की तमऽसक शऽzwj तयो स कोई डर नही

लगत ह इसऽलए मन अब अपन धयन क समय रऽतर क 10 बज स सिबह 6 बज तक रख ह इस

अवऽध म रऽतर क सननट म धयन बहत अचछ व गहर लगत ह वतवरण म शऽनत बना रहता ह मगर

नए सधक रऽतर क नयरह स सिबह तान बज तक धयन ऽबलकि ल न कर तभा अचछ ह रऽतर क समय म

म ऽबलकि ल नही सोत ह ा ऽदन म एक स दो घणट क बाच सोत ह ा चौबास घणट म म 10 बर परणयम

करत ह ा ऽदन म भा धयन करत ह ा तथ मतरो क जप भा करत ह ा अभा चर-प ाच ऽदन हो गए म एक

ऽमनट भा नही सोय ह ा शरार म भयकर गमी वयपत हो गई ह मिझ ऐस लगन लग हndash उदन वयि पर मर

अऽधकर स हो गय ह ऐस धयन करन म मिझ बहत अचछ लगत थ सथील शरार अतयनत कमजोर

होन क करण म जयद बत नही करत ह ा सथील शरार क व सीकषम शरार क अगो की मिझ बहत सा

जनकररय ा ऽमली ह म सधको स जरर कहन चह ाग अगर सफलत परप त करना ह तो योग क ऽलए

सयम बहत हा अऽनवयथ ह यऽद सधक सयऽमत रहग तो सफलत अवशय ऽमलगा परणयम भा

जयद मतर म करन चऽहए अलप मतर म सऽतवक भोजन करन जररा ह तमऽसक भोजन क पीणथ

रप स तयग कर दन चऽहए

इस अनिभव म जो नदा हndash वह यह सथील जगत ह सथील स लकर सभा सीकषम लोक पररवतथनशाल

ह इसाऽलए पतल लोक स लकर बरहमलोक तक सभा लोक कषण-भगिर कह गए ह म उस नदा रपा

समपीणथ ससर क आऽद और अनत दख रह ह ा zwjयोऽक म समपीणथ अनतररकष म वयपत ह ा यह समपीणथ लोक

मर शरार म मतर थोड़-स भग म ऽसथत ह अथ थत म अपन आपको ऽवभि (वयपक) रप म दख रह ह ा ह

सधको अपन आपको पहचनो आप ऽसफथ सथील शरार नही ह ससर म आप ऽजस भीभग म रहत ह

वह कि छ समय बद दीसर क हो जएग zwjयोऽक पहल आपक नही थ और नही रहग ऽफर आप अपन

zwjयो समझत ह zwjय आपन शमशन-भीऽम नही दखा ह आप शमशन भीऽम म जकर दऽखए और ऽशकष

गरहण कीऽजए आप महन ह वयपक ह और चतन ह मगर अजञनत बस आप अपन को मतर सथील

शरार हा समझत ह तथ मतयि को परप त होत ह आप परयस करक दऽखए कभा-न-कभा आपको अपन

वसतऽवक सवरप की अवशय पहचन हो जएगा

योग कस कर 355

भगवान गौतम बि जी

यह अनिभव 26 ऽसतमबर को सिबह आय मन दखndash म भगवन बिि क समन बठ हआ ह ा

भगवन गौतम बिि जा भा मर समन आसन पर बठ हए ह कि छ कषणो बद मन उनस परथथन कीndash ldquoआप

मिझ मगथदशथन करन की कप कर मगर भगवन बिि जा कि छ नही बोलrdquo म उनह टकटकी लगए दखत

रह उसा समय उनक पस बठ हए एक और सनयसा ऽदखई ऽदए म उन सनयसा जा को दखकर

पहचन गय zwjयोऽक इन सनयसा जा न मिझ सन 1992 म मगथदशथन ऽकय थ ऽफर गौतम बिि जा अपन

सथन स उठ और एक ओर को चल गए ऽफर कि छ कषणो म वपस आ गए उस समय उनक हथ म एक

शॉल बहत हा सिनदर व आकषथक थ वह शल दखन म कीमता व रजसा लग रह थ उस शॉल को

ऽदखत हए मिझस बोलndash ldquoकभी-कभी साधको को म इस रॉल को ओढ़ हए िदखाई दता ह rdquo उस शॉल

को दखकर म पहचन गय ऽक इसा शॉल को ओढ़कर उस सनयसा जा न मिझ दशथन ऽदए थ ऽजनक

उललख मन इस अनिभव म ऽकय ह भगवन गौतम बिि जा बोलndash ldquoमझ मालम ह परथवी पर िजस तरह

का मरा िचतर परचिलत हrdquo ऽफर उनहोन मिझ एक पिसतक ऽदखई उस पिसतक को खोलकर पज पर ऊा गला

स इशर ऽकय और बोलndash ldquoदखो मरी यह िरिाए हrdquo मन पिसतक क उस सथन पर दख जह ा पर

गौतम बििजा उगला क इशर कर रह थ मगर उस पिसतक क लख मरा समझ म नही आ रह थ उस

पिसतक क लख अनय ऽकसा भष म थ म उनक अऽत नजदाक बठ हआ थ म उनस बोलndash ldquoपरभि

आप मिझ मगथदशथन दाऽजए म आपस परथथन करत ह ा म महन योगा बनन चहत ह ा अभा मर अनदर

बहत कऽमय ा ह उनह दीर करन चहत ह ा मिझ जञत ह म अभा आपक समन बठ हआ ह ा परतयकष रप स

आपक समन होन क करण आप स बत कर सकत ह ा अथव ऽकसा भा परकर की परथथन कर सकत

ह ा ऽफर मिझ आपक दशथन करन दिलथभ होग कपय आप मर मगथदशथन कीऽजएrdquo उततर म भगवन बिि

जा न मिझ पर गहरा दऽष ट डला उस समय वह अतयनत शनत मिदर म थ मगर कि छ नही बोल अनिभव

समप त हो गय

भगवन गौतम बिि जा की लमबई 6 फीट स कम नही होगा उनक अतयनत सिनदर सिडौल शरार

थ उनक रग गोर थ उनक शरार तज स चमक रह थ शरार की तवच अगीर क समन ऽचकना था

उनक ऽसर पर बल नही थ और कनो म कि णडल नही थ वह योगा क रप म बहत सिनदर ऽदखई द रह थ

मन यहा पर ऽजस सनयसा क वणथन ऽकय ह वह भगवन गौतम बिि जा क ऽशषय थ उनहोन ऽमरज

आशरम म मर मगथदशथन ऽकय थ और मिझस कह थndash ldquoबट अपन गिर क पस जओ और पीणथत

योग कस कर 356

परप त करो भऽवषय म समज को तिमहरा जररत पड़गाrdquo वहा सनयसा जा यह ा भगवन गौतम बिि जा क

पस ऽवरजमन ऽदखई द रह थ सधको इस अनिभव क तान-चर मह बद मिझ गौतम बिि जा न

अपना कि छ ऽशकषएा (बौि धमथ की) दा थी मिझ अभा वह ऽशकषएा कि छ यद ह यहा पर उनक उललख

नही कर रह ह ा

मर वपछल जनम

सधको सभा योऽगयो की भ ाऽत मिझ भा अपन ऽपछल जनमो क दशय धयनवसथ म ऽदखई ऽदए

य अनिभव मिझ ऽमरज आशरम (महरषटर) म आए थ य अनिभव मन ऽलखकर रख भा ह उन अनिभवो क

उललख मन इस पिसतक म अभा तक कही भा नही ऽकय ह ऽपछल जनमो क ऽवषय म थोड़ स सकषप म

अब ऽलख रह ह ा मिझ अपन तरह ऽपछल जनम यद आ रह ह चह ा तो म और भा ऽपछल जनम दख

सकत ह ा इसकी मन आवशयकत नही समझा मिझ अपन ऽपछल तान-चर जनम तो सवमव धयन म

ऽदखई ऽदए थ लऽकन ऽफर ऽकसा करण वश मिझ और अपन ऽपछल जनम दखन पड़ तऽक म अपना

वतथमन समसयएा हल कर सकीा मिझ अपन बरहवा जनम यद नही ह zwjयोऽक नयरहव जनम स तरहव

जनम म आ गय थ उस समय बरहव जनम क ऽवषय म जनन की जररत नही समझा इसऽलए बरहव

जनम क ऽवषय म मिझ मलीम नही ह मिझ अपन ऽपछल जनम इस तरह यद ह जस अभा-अभा कि छ ऽदन

पहल घटन घटा हो

सधको तिम सोचत होग यह ऽपछल जनम ऽकस परकर ऽदखई दत ह अथव यह कस ऽनणथय

करत ह ऽक यह ऽपछल जनमो क दशय ह अथव कौन स जनम कदशय ह जब सधक क कणठचकर खिल

जत ह कि णडऽलना आजञचकर पर आता ह उस अवसथ म सधक की सऽवकलप समऽध लगता ह

समऽध क समय यह जनकररय ा दशय क रप म ऽदखई दता ह zwjयोऽक ऽपछल कई जनमो क ससकर

ऽचतत म ऽसथत रहत ह उनही ससकरो क आधर पर जनकरा होता ह जब ऽपछल जनमो की वऽतयो

(कमथशय) स सकषतकर होत ह तब उसक दशय ऽदखई पड़न लगत ह जो घटनएा पीवथ जनम म घटता ह

वहा ससकर धयनवसथ म आपक समन दऽष टगोचर होत ह जञन क दरर मलीम हो जत हndash यह

घटन ऽकस जनम की ह उस समय सधक की ऽदवयदऽष ट भा कयथ करता ह सधक की अपना-अपना

योनयत योग म अलग-अलग सतर पर होता ह उसा योनयतनिसर अपन ऽपछल जनमो की घटनएा

योग कस कर 357

बराऽकयो स दख सकत ह यऽद सधक न उचचतम अवसथ परप त की ह तो वह अपन ऽपछल कई जनमो

को दखन व अनय जनकररय ा परप त करन म समथयथवन होत ह मर जञन यह कहत ह ऽक जब स वह

बरहम स अलग हआ ह तब तक क ऽवषय म जन ज सकत ह zwjयोऽक बरहम स अलग अपना अनिभीऽत

करन हा अजञनत ह इसा अजञनत क करण आसऽकत उतपनन होता ह तभा स ऽचतत म ससकर

(कमथशय) बनन शिर हो जत ह इनही वऽततयो (कमथशय) क दरर ऽपछल जनमो क ऽवषय म जन ज

सकत ह उस जनम की घटनएा सपष ट ऽदखई दता ह ऐस वऽततयो क सकषतकर करन स होत ह इसा

परकर उचच कोऽट क सधक दीसरो क ऽचतत पर ऽसथत ससकरो क दरर अथ थत ससकरो क सकषतकर

करक ऽपछल जनमो की घटनएा अपना योनयतनिसर जन सकत ह मिझ अपन ऽपछल जनम की ढरो

जनकररय ा सीकषम रप स यद ह वस ऽकसा भा योगा न अपन ऽपछल जनम क ऽवषय म अपन लख य

पिसतक म नही ऽलख होग zwjयोऽक उसन ऐसा बत ऽलखन उऽचत नही समझ होग शयद मिझ भा इस

ऽवषय म नही ऽलखन चऽहए ऽफर भा म अपन ऽपछल जनमो क ऽवषय म मतर कि छ शबदो म (अऽत सकषप

म) ऽलख रह ह ा

वतशमान जनम- आपन इस लख क दरर जन हा ऽलय होग ऽक म योग क अभयस कर रह ह ा

आऽद मन पचचास वषथ की उमर म योग क अभयस करन शिर ऽकय ऽफर कभा मिड़ कर नही दख कठोर

अभयस करन और मगथ म आए अवरोध सवरप ससररक पदथो क तयग करत चल गय बहत स

कष ट आए उनको भोगत हआ आग बढ़त हा रह इसक शरय हमरा गिर मत को जत ह पीवथकल क

कमो क अनिसर हम ऽनश चय हा परमशरषठ गिर मत ऽमला उनहा क मगथदशथन म आज म सफलत क

चरम ऽबदि पर आ गय ह ाअब आप सभा क मगथ दशथन कर रह ह ा

दसरा जनम- मर ऽपछल जनम म मर घर अतयनत गराबा झल रह थ मिझ सत सल की उमर यद

आ रहा ह मर घर म म मतजा और ऽपतजा थ उसा समय मरा बहन न जनम ऽलय थ तभा मर

ऽपतजाधन कमन क ऽलए घर स चल गए मगर ऽफर कभा वपस नही आए एक ऽदन म भीख स

वयकि ल होन क करण इसा अवसथ म जमीदर क लड़क स जवर छान ला बस इसा जवर क करण

मरा ऽजनदगा नरक बन गई अथ थत इस लड़क स मरा सदव क ऽलए दिशमना हो गई जब म 16-17 क

हआ तब तक बिर वयऽकत बन चिक थ दीसरो की ऽछन-झपटा मर कम थ बस यहा कयथ करत रहत

थ मर नम स इलक वल डरन लग थ zwjयोऽक मर शरार बहत हा बऽलष ट थ म बड़-बड़ लोगो की

दिगथऽत कर दत थ इस अवऽध म म बहत मरपाट करत थ पिऽलस (वतथमन की तरह पिऽलस नही

योग कस कर 358

था)कई बर मिझ पकड़न आई मगर म उस समय भग जत थ पिऽलस वल ऽगनता म चर-प ाच होत थ

ऽजस लड़क की मन बचपन म जवर छाना था वह अब मर सबस बड़ दिशमन बन गय थ उसक सथ

दो यिवक और रहत थ वहा तानो पिऽलस की सहयत स मिझ पकड़वन चहत थ अपन ग ाव क अलव

भा अनय गावो म रसत अथव आम व अमरद क बगो म रोजन छान-झपटा करन मर कम थ

एक ऽदन म अपन घर आय हआ थ तब मरा 12-13 वषीय बहन न मिझस कहndash ldquoभय आप यह गनद

कयथ zwjयो करत हो पिऽलस घर आकर अमम को बिर भल कहता हrdquo म बोलndash ldquoतिझ zwjय मलीम मन

मजबीरा म यह कयथ ऽकय ह अब मरा यह आदत बन गई हrdquo मरा उमर लगभग 19-20 वषथ की होगा

तब तक मन खीब अपरध वल कयथ ऽकए मगर गराबो स कभा भा छान-झपटा नही की था हमश पस

वलो स झगड़ करत रहत थ मन पिऽलस स भा एक बर झगड़ ऽकय थ इसा करण पिऽलस मर पाछ

पड़ा रहता था एक ऽदन म घर पहाच तब मरा म ा बोलाndash ldquoती इस घर को छोड़कर अभा चल ज तर

करण मिझ लऽजजत होन पड़त ह घर स ऽनकल जrdquo उसा समय मिझ पकड़न क ऽलए घर पर कई पिऽलस

वल आ गए म घर स बड़ा तजा स भग कि छ दीरा पर एक नदा था मन नदा को पर ऽकय जगलो स

होकर आग की ओर भगत रह zwjयोऽक पिऽलस मर पाछ कर था म थककर चीर हो गय रसत म पड़

हए पतथर की ठोकर लगा और म ऽगर पड़ ऽफर मिझ होश नही आय कि छ समय बद होश आय म

जोर लगकर उठकर बठ गय मन दखndash मर ऊपर खीन क छीट पड़ हए ह म चौक यह खीन कह ा स

आय ह उसा समय मलीम हआ मसतक पर जोरदर चोट लगा ह उसा स खीन बह कर ऽनकल थ वह

अब सिख गय ह म उठकर आग की ओर चलन को हआ तभा म चौक पड़ zwjयोऽक मिझस थोड़ा दीरा

पर पड़ क नाच एक योगा जा आसन लगए हए मरा ओर दख रह थ वह योगा जा मिझस बोल- ldquoआओ

पतर म तमहारा बहत समय स इतजार कर रहा थाrdquo म योगा जा स बोलndash sbquoसवमा जा मर पाछ पिऽलस

आ रहा ह वह बोलndash ldquoअब तमहार पास पिलस कभी नही आएगी कयोिक पिलस स तम बहत दर आ

गए होrdquo मन थोड़ा रहत की श वस ला योगा जा बोलndash sbquoतिम अपना ऽपछला ऽजनदगा भील जओ और

मर सथ चलो म तिमहर हा यह ा इतजर कर रह थrdquo थोड़ा दर तक मरा और योगा जा की बत होता

रही ऽफर म चिमबक की तरह ऽखच हआ योगा जा क सथ चल ऽदय वह मिझ एक आशरम म ल गए

वह आशरम बहत बड़ थ उस आशरम क वह मऽलक थ म उसा आशरम म रहन लग योगा जा न मिझ

दाकष दाअब वह योगा जा मर गिरदव बन गए थ मन योग क अभयस करन शिर कर ऽदय उस

आशरम म बहत ऽशषय रहत थ मन कठोर योग क अभयस करन शिर कर ऽदय म अहकरा सवभव

वल सधक बन गय थ म अपन गिरदव की बत अzwjसर नही मनत थ ऽसफथ योग क अभयस

योग कस कर 359

करत रहत थ मर गिरदव क सवभव बहत हा सरल थ तथ वह अतयनत उचचकोऽट क योगा थ मन

आशरम म रहन स इनकर कर ऽदय तब गिरदव न आशरम स बहर मर ऽलए एक झोपड़ा बनव दा म उसा

म रहन लग थ मर ऽलए आशरम स भोजन आ जत थ कठोरत क सथ योग क अभयस करन हा

मर कयथ थ ऽजतन जयद योग क अभयस करत थ उतन हा जयद मर अहकर भा बढ़त जत

एक ऽदन धयनवसथ म एक अनिभव आयndash म उस अनिभव क अथथ नही समझ सक मन अपन

एक गिर भई को बिलय और कहndash ldquoजओ गिरजा को बिल लओ मिझ अनिभव क अथथ आकर

समझएाrdquo वह गिर भई बोलndash ldquoआपको सवय गिर जा पस जन चऽहए zwjयोऽक वह तिमहर गिर हrdquo म

बोलndash ldquoमिझ ऽशकष मत द उनह यहा पर आन हा होग zwjयोऽक मिझ योग क मधयम स मिझ मलीम हो

गय ह ऽक म हा उनक उततरऽधकरा ह ाrdquo गिर भई आशरम क अनदर मर सनदश दन चल गय कि छ कषणो

बद शरा गिरदव जा आ गए उस समय वह परवचन कर रह थ जस हा मर सनदश उनह बतय गय उनहोन

सधको स कहndash ldquoमिझ दो ऽमनट क कयथ आ गय ह इसऽलए म ज रह ह ाrdquo मर पस आकर उनहोन मर

अनिभव क अथथ बतय और ऽफर वपस चल गए मर गिरदव ऐस थ मिझ यद आ रह ह एक बर वह

मिझस बोलndash ldquoबटा तमहार कमश बहत जयादा खराब ह योगबल स अपन कछ कमश जला दोrdquo म बोलाndash

ldquoगरदव य कमश मन कमाए हए ह इसिलए म ही इनका भोग कर गा योगबल स इनह नही जलाऊ गाrdquo

योगबल क दरर ऽसफथ वहा कमथ जलए ज सकत ह जो हलक-फि लक होत ह जो कमथ महततव पीणथ होत ह

अथ थत ऐस कमथ ऽजन कमो स जावन म महततव पीणथ घटन घटना अऽनवयथ ह वह कमथ नही जलए ज

सकत ह तथ अशिित भा ऽनऽश चत मतर तक हा जलई ज सकता ह

म उस आशरम क उततरऽधकरा बनकर बहत समय तक आशरम म रह और योग क मगथदशथन

सधको को करत रह सथील शरार तयगन क बद म तपलोक होत हए परकऽत क आवरण म ऽवदयमन

होकर समऽध म लान हो गय कि छ वषो बद एक समय परकऽत दवा न मरा समऽध भग कर दा और

बोलीndash ldquoपतर भलोक पर जाओ तमहार जनम का समय हो गया हrdquo मपरकऽत दवा स बोलndash ldquoमत

अभा-अभा तो म यह ा पर आय ह ा इतना जलदा मर जनम लन क समय हो गयrdquo वह बोलीndash ldquoतमहार

िलए भ-लोक पर वयवसथा कर दी गई ह अपना समपणश कमश भोग कर नष ट कर दना तमह योग का रल

िमलन वाला हrdquo मन पथवा की ओर दख तभा परकऽत दवा न मिझ बतयndash ldquoआप यहा जनम लाऽजए

इसस आपक कमथ नष ट हो जएग अगर अपन जावन कि छ बदलव करन ह तो अभा कर सकत होrdquo म

योग कस कर 360

बोलndash ldquoनही मतrdquo मन ऽदवयदऽष ट दरर अपन अगल जनम (वतथमन जनम) दख ऽलय ह और जनम लन

क ऽलए परकऽत क आवरण छोड़कर तपलोक होत हए भी-लोक पर आ गय सधको मर सथा तपलोक

म अब भा समऽध म लान ह म यह ा पर योग क अभयस कर रह ह ा तथ अपन कमो को भोग रह ह ा

ऽपछल जनम क गिर जा स मरा बतचात सन 1995-96 म हई था मर ऽमतर (ऽपछल जनम क) भा वह ा

पहाचन क इतजर कर रह ह म बोलndash ldquoअभा मिझ भी-लोक पर कई वषो तक रहन ह योग करन ह

अपन कमथ भोगन ह तथ कि छ कयथ भा करन हमर ऽपछल जनम क कि छ ऽशषय इस समय शरा मत जा क

पस ह दो-तान ऽशषयो को मन पहचन ऽलय ह

परकऽत दवा स मरा ऽजस परकर स बतचात हई इस परकर की बतचात ऽसफथ परकऽतलय अवसथ

वल योगा हा कर सकत ह इस अवसथ स नाच वल योगा इस परकर बत नही कर सकत ह zwjयोऽक

परकऽतलय अवसथ वल योगा को वतथमन जनम म अपन ऽचतत पर ऽसथत शष-कमथ भोग कर नष ट करन

होत ह कम थशयो स रऽहत हआ ऽचतत समऽध की ऽवशरदत को परप त होत ह अभयसा क ऽचतत म

ऋतमभर-परजञ क परकटय होत ह तब तततवजञन परप त करन क समय आत ह

तीसरा जनम- मर तासर जनम दऽकषण भरत म हआ थ मर जनम क बद ऽपतजा घर छोड़कर

चल गए जगल म योग क अभयस करन लग वह अपन पीवथ जनमो क अनिसर महन योगा थ इसऽलए

घर छोड़कर चल गए ऽकसा तरह स मरा मत न मर पलन पोषण ऽकय उस समय मरा मत को ढरो

कष ट झलन पड़ जब मरा उमर 10 वषथ की हई तब एक ऽदन ऽपतजा घर आ गए और मरा मत स बोलndash

ldquoइस पितर को म अपन सथ ल जऊा ग और योग ऽसखऊा गrdquo मरा मा न इस बत क ऽवरोध ऽकय तब

ऽपतजा न मरा मत को समझयndash ldquoयह पीवथ जनमो क योगा ह अगर म इस नही ल जऊा ग तब यह

कि छ समय बद यह सवय घर छोड़कर चल जएग‛ मगर मरा म ा ऽवरोध करता रहा मर ऽपतशरा मिझ

लकर जगल म आ गए उनहोन मिझ शसतरो क अधयन करय और योग की ऽशकष दा इस जनम क दो

अनिभव मन इस पिसतक म ऽलख हए ह इस जनम म मर शरार लगभग 6 फीट की ऊा च रह होग मर रग

गोर व बहत सिनदर थ उस जनम म मन शदा नही की था जबऽक ऽकसा न मिझ पर बहत दबव डल

थ मगर म और मर ऽपतजा शदा क ऽलए रजा न हए मरा उमर लगभग 55-60 वषथ की रहा होगा उस

समय मर ऽपतजा कही बहर गए हए थ तभा एक नग न उसा समय मिझ डस ऽलय और मरा मतयि हो

गई मतयि क बद म तपलोक पहाच गय उस समय मर ऽपतजा न योग क मधयम स मिझस समपकथ भा

ऽकय थ मर ऽपतजा की भा कि छ वषो बद मतयि हो गई और वह भा तपलोक म आ गए अब भा वह

योग कस कर 361

तपलोक क उचच सतर पर समऽध लगए हए ह जनवरा सन 1996 म मर और उनक समपकथ हआ थ

वह बोलndash ldquoतिमह पथवा पर कमथ भोगकर आन ह य शष कमथ बहत हा zwjलशतमक ह इसऽलए कष ट

सहोrdquo आनहो न ही आस जनम म मरी कणडवलनी उधवश की थी वफर कणडवलनी कभी भी सषपत

ऄवसथा म नही गइ

चौथा जनम- मर चौथ जनम भा मर दऽकषण भरत म हआ वतथमन म शयद वह जगह कन थटक

म य उसक आसपस होगा zwjयोऽक ऐस दशय आत ह जो कनथटक य महरषटर की साम स ऽमलत-

जिलत ह लगभग 22-24 वषथ की उमर म योग क अभयस करन लग थ इस जनम क दशय जयद नही

ऽदखई ऽदए मन भा जयद जनन की इचछ नही की

पााचवाा जनम- मर प ाचव ा जनम थोड़ महततव पीणथ ह इसऽलए इस थोड़ ऽवसतर स ऽलख रह ह ा

म गराब मत-ऽपत क पितर थ म छोटा जऽत क नही थ मगर रहन-सहन मर छोटा जऽत जस हा थ

कभा-कभा मत-ऽपत को मजदीरा भा करना पड़ता था तब पट भरत थ कभा-कभा म भा भीख हा सो

जत थ मरा मा एक बड़ घर म कम करन जय करता था उस समय म भा उसक सथ जय करत

थ उस घर क लोग मिझ खन द ऽदय करत थ जहा मरा मा कम करन जय करता था एक ऽदन

अतयऽधक भीख क करण मन रोऽटयो की चोरा कर ला और म पकड़ गय मरा म ा को मर करण बहत

सिनन पड़ थ पड़ोस क लड़क मिझ चोर कहकर सबोऽधत करन लग सभा मिझ अपन घर स भग दत थ

ऽक म चोर ह ा एक ऽदन दिःखा होकर म अपन घर स भग गय और जगल म चल गय म अपन घर स

बहत दीर ऽनकल आय थ म जगल म एक जगह बठ हआ थ उसा समय एक स तरा मर पस आई वह

मिझ अपन सथ ल गई वह स तरा जगल म रह करता था उसकी झोपड़ा म म भा रहन लग वह स तरा

जगल म योग क अभयस ऽकय करता था मिझ पयर भा बहत करता था एक ऽदन ऽकसा कि छ करण

बस उसन मर मिाह पर थपपड़ मर ऽदय म करोध म आकर वह ा स चल ऽदय वही पर एक छोटा-सा नदा

बहता था उस नदा को पर करक म चल ऽदय मिझ उस स तरा न वपस आन क ऽलए बहत बिलय मगर

म वपस नही गय जगल क रसत पकड़कर म दीर चल गय म ऽकतना दीर तक चल गय यह मिझ

मलीम नही ह म भीख स वयकि ल होकर एक जगह रसत म लट गय और सो गय मिझ एक अपररऽचत

लड़क न आकर जग ऽदय उस लड़क की उमर 20-22 वषथ रहा होगा उसन मिझस पीछndash ldquoतिम कौन हो

कहा स आए हो‛ म बोलndash म भगकर आय ह ा मिझ बहत भीख लगा हrdquo वह लड़क बोलndash ldquoतिम

थोड़ा दर तक और रको म थोड़ा लकड़ा एकतर कर लीा ऽफर मर सथ चलनrdquo उस लड़क न पड़ स

योग कस कर 362

लकड़ा कटा और लकऽड़यो को बाधकर चल ऽदय म भा उसक सथ पाछ-पाछ चल ऽदय वह लड़क

मिझ एक आशरम म ल गय कि छ समय बद वह मिझ अपन गिर क पस ल गय उसक गिर न मिझ दख

और पीछndash ldquoबट कहा स आए होrdquo म बोलndash ldquoम भगकर आय ह ाrdquo ऽफर मन अपना समपीणथ बत

बतई कि छ समय तक वह योगाजा (गिरदव) मिझ गहरा दऽष ट स दखत रह ऽफर बोलndash sbquoबट अब तिम

यही रहोrdquo म वहा पर आशरम म रहन लग म जगल म जकर लकड़ा लय करत थ म भा वही पर

योग क अभयस करन लग ऽफर यहा योगाजा भऽवषय म मर गिरदव बन मन आजावन इसा आशरम म

योग क कठोर अभयस ऽकय

सधको इसम महततव पीणथ बत यह ह ऽजस स तरा क पस म जगल म लगभग दो-तान वषथ रह वह

स तरा वतथमन जनम म मरा गिरदव शरा मत जा हा ह शरा मत जा भा उस जनम म जगल म रहकर कठोर

योग क अभयस ऽकय करता थी इसम कोई शक नही ऽक वह मिझस बहत पयर करता थी उनक कोई

पितर नही थ वह मिझ पितर क समन रखता थी जब म उनक पस स चल गय तब उनह बहत दिःख हआ

उनहोन योगबल क परयोग कर सकलप ऽकयndash ldquoयह लड़क मिझ ऽफर ऽमल जएrdquo उस जनम म म ऽमल

नही ऽमल सक zwjयोऽक म आशरम म योग क अभयस करन लग थ उस जनम क बद म इस जनम म शरा

मत जा को ऽमल ह ा इस जनम म ऽकस परकर ऽमल और उनस अलग हो गय यह मर अनिभव पढ़कर

आपन जनकरा परप त कर ला होगा अब आप यह कह सकत ह म इस जनम म zwjयो ऽमल बाच क तान

जनमो म zwjयो नही ऽमल इसक करण सवय शरा मत जा क जनम ह शरा मत जा की ऽपछल जनम म

ऽकशोरवसथ म एक नग क डसन स मतयि हो गई था उस जनम म शरा मत जा को योग क अभयस

करन क समय नही ऽमल बाच क दो जनम शरा मत जा क अनय दह म चल गए इस जनम म शरा मत

जा न योग क अभयस ऽकय ह मिझ भा उमर क अनिसर योग क अभयस करन थ शरा मतजा न पीवथ

जनम म जो सकलप ऽकय थ वह पीर होन थ इसऽलए म सवय मत जा क पस पहाच गय ऽफर उनहोन

मिझ अपना इचछ स दाकष दा मिझ कि छ वषो तक उनक पस रहन क अवसर ऽमल तथ योग क

अभयस भा ऽकय ह उस जनम म म मत जा को छोड़कर चल गय थ इसा परकर पीवथ जनमो क

ससकरो क करण वतथमन जनम म म उनक आशरम तयग कर चल आय zwjयोऽक मिझ उततर भरत म

योग क अभयस करन थ और बहत स सधको क मगथदशथन करन थ

म अनय जनमो क ऽवषय म ऽलखन ऊऽचत नही समझत ह ा zwjयोऽक इस पिसतक म म अपन

अनिभवो क ऽवषय ऽलख रह ह ा

योग कस कर 363

म वतरकाल का गर

अब म एक बर ऽफर अपन घर की ओर आत ह ा म पहल ऽलख चिक ह ा मरा म ा की मतयि

ऽदलला म क सर क करण हो गई था सर पररवर ऽदलला म रहत थ मर लड़क की दखभल मरा मा

ऽकय करता था म ा की मतयि क बद ऽपतजा न लड़क की पढ़ई बनद कर दा लड़क घर आ गय म

उस पढ़ नही सकत थ zwjयोऽक मिझ सवय अपन खन व खचथ क ऽलए परशना रहता था इस ऽवषय म म

जयद नही ऽलखीाग zwjयोऽक म घोर कष ट स गिजर रह थ मन अपन लड़क को योग ऽसखन शिर कर

ऽदय मर पस और कोई रसत नही थ उस 28 ऽसतमबर सन 1995 की शम को अपन समन (लड़क

को) धयन करन क ऽलए बठय धयन पर बठत हा उसकी भऽस तरक चलन लगा भऽस तरक की आवज

सिन कर मन अपना आाख खोल दा अब म सोचन लगndash इस यह ऽकरय zwjयो हो रहा ह ऽफर म धयन पर

बठ गय मन धयनवसथ म दखndash लड़क की कि णडऽलना जगरत होकर ऊधवथ हो रहा ह अब म सोच म

डीब गय इसकी कि णडऽलना कस ऊधवथ हो गई तभा उसन अपना आाख खोल दा ऽफर उसन मिझ

बतयndash ldquoपप धयन म मन दखndash आकश म एक ऽशवऽलग ह उसम नग ऽलपट हआ ह वह नग

फन उठकर मिझ फी फकर रह ह नग क फन पर मऽण ह वह चमक रहा ह ऽशवऽलग पर फी ल ऊपर स

अपन आप ऽगर रह हrdquo मन उस अथथ समझय और ऽफर बोलndash ldquoजओ जकर सो जओ म सिबह चर

बज जगऊा ग तिमह ऽफर धयन करन हrdquo वह लड़क सोन क ऽलए घर चल गय

अब म सोचन लगndash धयन पर बठत हा इसकी कि णडऽलना ऊधवथ हो गई ऐस ऽकसा को कभा

नही हआ ह इसन अनिभव भा सिनय जबऽक यह लड़क योग स अपररऽचत ह तथ उसकी उमर भा

ऽबलकि ल कम ह वहधयन पर लगभग 8-10 ऽमनट बठ होग मन दीसर ऽदन सिबह ऽफर उस धयन पर

अपन समन बठय तब उसकी कि णडऽलना ऊधवथ होकर नऽभ चकर स ऊपर तक आ गई म समझ गय

ऽक यह अवशय ऽपछल जनम क महन योगा ह वह धयन पर ऽसफथ 5-7 ऽमनट बठत थ उतना हा दर म

उसकी कि णडऽलना ऊपर तक चढ़ जता था उस अनिभव इतन अचछ आत थ ऽक म आश चयथ म पड़ गय

उसकी मतर कि छ ऽदनो म कि णडऽलना पीणथ यतर कर ऽसथर हो गई मन समय क अनिमन लगय ऽक सढ़

प ाच घणट स 6 (छ) घणट क बाच म कि णडऽलना पीणथ यतर करक ऽसथर हो गई वह धयन करन क ऽलए

ऽसफथ प ाच ऽमनट हा बठत थ कभा-कभा तो वह दो ऽमनट हा बठत थ कि णडऽलना क वग इतन

जयद थ ऽक पाड़ क करण धयन स उसकी आाख खिल जता था जब वह धयन करत थ तब म

उसक समन बठत थ तऽक उस ऽकसा परकर की पाड़ न हो उसकी ऽदवयदऽष ट करण शरार स खिला

योग कस कर 364

हई था वह सब कि छ सथील आाखो स दख सकत थ उस खिला हई आाखो स पथवा क अनदर क सब

कि छ ऽदखई दत थ ऊपर क कि छ लोक खिला हई आाखो स दख सकत थ मिझ कि छ ऽदनो बद मलीम

हआ उसक ऽपछल जनम नम ऽतरकल ह अथ थत तानो कलो को जनन वल ह वह सऽषट क आरमभ स

लकर आज तक की घटनएा बतन म समथयथ रखत थ उसकी ऽदवयदऽष ट स कि छ भा बच नही सकत

वह कि छ भा बत सकत थ उसक नम दीर-दीर तक फल गय लोग दीर दीर स कि छ न कि छ पीछन

क ऽलए आन लग मगर मन सभा को मन कर ऽदय और कहndash म योगा ह ा ससररक कयो स मर कि छ

नही लन-दन ह कपय आप सभा लोग वपस हो जएा मन अपन लड़क स बरहमणड क ऽवषय म जञन

लन शिर कर ऽदय म उसस कि छ भा पीछत तब वह तिरनत उततर द दत थ zwjयोऽक वह ऽतरकलजञ थ

मन उस लड़क स अपना इचछनिसर जञन परप त ऽकय ऽफर म तप त हो गय और सोच अब मिझ इसस

कि छ भा जनकरा नही लना ह अब मिझ यद आय मिझस पहल कह गय थ ऽक आपक गिर उततर

भरत म ह इस जञन को परप त करन क ऽलए म अनय योऽगयो क ऽवषय म सोच करत थ मगर मिझ

मलीम नही थ ऽक मर हा लड़क मर मगथ दशथन करग उसकी ऽदवयदऽष ट महततव पीणथ था आजकल

पथवा पर ऽकसा भा योगा की ऐसा ऽदवयदऽष ट नही ह उस पना क अनदर ऽवदयमन बzwjटररय भा ऽदखई द

जत थ उसक सममन सीकषम शऽzwj तय ा भा करता थ इसा क करण म कि छ समय म ढरो शऽzwj तयो क

सवमा बन गय

मिझ बहत परसन नत था जब मर लड़क क नम चरो ओर फलन लग यह बत मर ऽपतजा को

बहत बिरा लगा zwjयोऽक उनकी चल फल हो चिकी था मिझ ऊपर क लोक वल ऽतरकल क गिर कहत थ

अब मिझ गिर शबद अचछ नही लगत थ zwjयोऽक म ऽकसा क गिर नही बनन चहत थ मिझ मगथदशथक

कह जए तो बिर नही लगत थ मरा ऊपर क लोक क योऽगयो स घऽनषठत हो गई था मिझ परकऽत क

ढरो रहसय मलीम हो चिक थ इस समय सवमा ऽशवननद हम दोनो क मगथदशथन कर रह थ ऽशवननद

सवमा जा इस समय तपलोक म रहत ह वह भा मिझ कि छ न कि छ जञन व लोको क ऽवषय म समझत रहत

थ पथवा पर जो भा कयथ मिझ करन होत थ वह बत दत थ वह भा मिझ ऽतरकल क गिर कहकर

समबोऽधत करत थ

योग कस कर 365

वतरकाल का वसओ स वमलना

ऽतरकल जब सधन कर रह थ तब उस धयनवसथ म अनिभव आयndash वह वसिलोक पहाच

गय आठो वसि ऽशवऽलग की पीज कर रह थ तभा ऽतरकल न उन वसिओ को नमसकर करन चह उसा

समय वसि बोलndash ldquoितरकाल तम अपन गर को नमसकार करो कयोिक म तमहार गर क ररीर म िवराजमान

ह तथा तमहार गर परतयि हrdquo उसा समय उसक धयन टीट गय और ऽफर उसन मिझ नमसकर ऽकय मन

उसस पीछ तिमन मिझ नमसकर zwjयो ऽकय तब वह बोलndash ldquoपप मिझस ऐस कह गय ह‛ ऽफर उसन

मिझ सरा बत बतई म आश चयथ म पड़ गय वसि भा मिझ ऽतरकल क गिर कहत ह म बोलndash ldquoधयन पर

बठो और वसिओ को मर परणम कहन और बोलन मर पप कहत ह म तिमहर गिर नही ह ाrdquo ऽतरकल

बोलndash ldquoशयद वहा अनिभव नही आय तोrdquo म बोलndash म शऽzwj तपत करत ह ा तिमह वहा अनिभव

आएग ऽफर मन उसक ऊपर शऽzwj तपत ऽकय ऽफर वह धयन करन लग कि छ समय बद उसन आाख

खोल दी और उसन मिझ बतयndash ldquoमिझ वहा अनिभव आय थ अनिभव म वसिओ न मिझ स कह आओ

ऽतरकल तिम अपन गिर की शऽzwj त पर हमर पस आए होrdquo ऽफर ऽतरकल न अपना बत उन सभा स कह

दाndash तब वसि बोलndash ldquoितरकाल तमहार गर को अपना िपछला समय याद नही ह कयोिक वह इस समय

मतयलोक म ह परकित की ओर स पवशकाल म िनिश चत कर िदया गया था िक वही तमहार गर होगrdquo ऽफर

म चिप हो गय zwjयोऽक वसि कभा असतय नही कह सकत ह

इस सऽषट म वसिओ की सखय ऽसफथ आठ हा ह ऽजस लोक म य आठो वसि रहत ह उस लोक को

वसि लोक कह जत ह य वसि ऽशव भzwj त होन क करण सदव भगवन ऽशव की पिज करत रहत ह

महभरत कल म दवा गग दरर जनम आठो पितर यहा वसि थ आठव वसि दवरथ थ जो भऽवषय म कठोर

परऽतजञ क करण भाषम ऽपतमह क नम स जन गए

सवामी वशवाननद जी दवारा मागशदशशन

सवमा ऽशवननद न धयनवसथ म एक बर मिझस कहndash आप गाव स बहर एक झोपड़ा बनइए

उसा म आप समऽध लगय करो भऽवषय म तिमह उस झोपड़ा म कि छ कयथ करन होग ऽफर मन नदा क

ऽकनर ग ाव स बहर एक झोपड़ा बन ला और उसा म धयन करन लग मिझ गिपत रप स वहा कि छ

योग कस कर 366

ऽसऽिय ा ऽसखई गई तथ मन समऽध क दरर अपन योगबल को बढ़न शिर कर ऽदय कि छ मतर मिझ

पीवथकल स ऽसि थ उन मतरो क परयोग करक उनस भा योगबल बढ़न शिर कर ऽदय ऽफर असाऽमत

योगबल क सवमा बन गय मिझ कि छ वरदन ऽमल उन वरदनो क उललख म यहा पर नही करा ग

zwjयोऽक य वरदन अतयनत गिपत ह म ऽसफथ आऽदशऽzwj त कि णडऽलना क वरदन क ऽववरण थोड़ स द रह

ह ा zwjयोऽक इसक परयोग मन सऽधकओ पर ऽकय ह उस आग ऽलखीाग

मन मत कि णडऽलना शऽzwj त को परसन न ऽकय थ उसन मिझ वरदन ऽदयndash ldquoतिमह योगबल की

कभा भा कमा नही होगाrdquo ऽजस समय मर वरदन क परयोग करोग उस समय वह कयथ हो जएग

zwjयोऽक वरदन तिमह शऽzwj त क ऽदय गय ह मगर धयन रखन कभा मर वरदन स अनिऽचत लभ नही

लन यह वरदन तिमहर ऽलए मतयि क बद भा कम करग सदव क ऽलए यह वरदन आपक पस रहग

ऽपरय सधको नवमबर सन 1995 स फरवरा सन 1996 तक क समय मर हा बहत अचछ रह

zwjयोऽक मिझ योग क ऽवषय म जो जनकरा करना था वह जनकरा हो चिकी था मिझ जो परप त करन थ

वह मन परप त कर ऽलय थ म तप त हो गय थ अब मिझ ऽसफथ योग क अभयस करन थ तथ शष

कमो को भोगकर नष ट करन थ

योग कस कर 367

सन 1996

वतरकाल को लकर वमरज अशरम जाना

सवमा ऽशवननद जा क कहन पर शरा मत जा स पतर वयवहर करन शिर कर ऽकय zwjयोऽक शरा

मत जा क गिरदव सवमा ऽशवननद जा हा ह मन पतर म ऽतरकल क ऽवषय म ऽलख थ शरा मत जा

और मर कि छ ऽदनो तक पतर वयवहर होन क बद ऽनश ऽचत हआ ऽक म ऽमरज जऊा ग मरा ऽमरज की

तयरा हो गई म और ऽतरकल 15 फरवरा 1996 को गोव एzwjसपरस स ऽदलला स ऽनकल और दीसर ऽदन

शम क समय पीन पहाच पीन रलव सटशन पर कि छ सधक मिझस ऽमलन आए तब मिझ मलीम हआ ऽक

अणण जा क सवगथवस हो चिक ह ऽमरज आशरम म शोक ह ऽफर म पीन म हा उतर गय और एक

सऽधक क घर चल गए zwjयोऽक वह सऽधक रलव सटशन पर मिझस ऽमलन आई था उसा क घर स मन

ऽमरज आशरम म समपकथ ऽकय तब ऽनश चय हआ म तान-चर ऽदन बद ऽमरज जऊा ग मरा और उस

सऽधक स योग समबनधा बत होना शिर हो गई उस अपन समन मन धयन पर बठय तब मन उस

बतय- ldquoआपकी कि णडऽलना ऽफर बठ गई ह मन कि णडऽलना को ऊधवथ कर ऽदय मर पस योगबल की

कमा नही था मन कि णडऽलना को ऊधवथ करक कणठचकर तक पहाच ऽदय दीसर ऽदन ऽशवरऽतर था सिबह

म और ऽतरकल उस सऽधक क सथ आऽलदा चल गए वह ा पर सत जञनशवरजा की समऽध पर कि छ

समय तक ठहर रह ऽफर दोपहर को वपस पीन आ गए

वपस आत समय रसत म मत कि णडऽलना शऽzwj त क सदश ऽमल आप इस सधक क

कणठचकर खोल दाऽजए म मत कि णडऽलना शऽzwj त स बोलndash ldquoमत म इसक कणठचकर कस खोल

सकत ह ा इस चकर को खोलन क ऽलए सधक को कई वषथ अथव कई जनम लग जत हrdquo मत

कि णडऽलना बोलीndash ldquoपतर मर वरदान का परयोग करो इसका कणठचकर खल जाएगाrdquo उसा समय मत

कि णडऽलना शऽzwj त न कणठचकर खोलन की मिझ ऽवऽध बतई वसतव म यह ऽवऽध बहत हा ऽवऽचतर था

और उतना हा गिपत भा था

योग कस कर 368

पना की सावधका का कणठचकर खोलना और कणडवलनी उधवश करना

आऽलदा स वपस आकर सऽधक को उसक कणठचकर क ऽवषय म बतय मरा बत सिनकर

सऽधक बहत परसन न हो गई कि छ समय बद मन सऽधक को अपन समन बठय और बोलndash ldquoम

आपक अभा कणठचकर खोल दीाग मिझ मत कि णडऽलना दरर आदश ऽमल हrdquo वह सऽधक परसनन

मिदर म था आऽखरकर मिझ उसक कणठचकर खोलन थ मन ऽतरकल स कहndash ldquoतिम अपना ऽदवयदऽष ट

स दखो म इसक कणठचकर खोल रह ह ाrdquo उसा समय उसक कणठचकर स (सऽधक क) आवज आईndash

ldquoआप मिझ खोल रह ह मगर इस जगह क कमथ कहा जएग पहल कमथ क परबनध करो मिझ बद म

खोलोrdquo उसा समय मर शरार म कि णडऽलना क वग (वरदन क वग) आन लग म तिरनत बोलndash ldquoह

चकर तिम खिल जओ यह मर आदश ह ह कमथ ती तान भगो म बाट ज एक भग क कमथ ऊपर लोको

म चल जए दीसर भग कऽलयिग ती गरहण कर ल तासर भग पथवा क वयिमणडल म वयपत हो जएrdquo

उसा समय सऽधक क शरार स कल-कल रग क कणो क रप म ढर सर कमथ ऽनकलन लग कि छ

कषणो म ऽनऽश चत मतर म कमथ ऽनकलकर सकलपनिसर जह ा पहाचन थ वह ा चल गय ऽफर मन

उसक कणठचकर खोल ऽदय जो तराक मिझ मत कि णडऽलना शऽzwj त न बतय थ उसा तराक क परयोग

मन ऽकय थ सऽधक न ऽफर मिझ बतयndash मर कणठचकर खिल गय ह इसकी मिझ अनिभीऽत हो रहा ह

वह अचऽमभत हो रहा था ऽक कणठचकर ऐस कस खिल गय मन उस बतयndash sbquoमिझ मत कि णडऽलना

शऽzwj त क वरदन परप त ह उसा क परयोग ऽकय हrdquo ऽफर बद म मन उस सऽधक की कि णडऽलना

आजञचकर तक ऊधवथ कर दा और उसक लघि मऽसतषक भा खोल ऽदय ऽफर 19 तराख को सिबह ऽमरज

क ऽलए ऽनकल चल ऽदय

वमरज अशरम म वतरकाल की परीकषा ली गइ

ऽमरज आशरम म म दोपहर बद तान-चर बज पहाच गय वह ा कि छ पररऽचत सधक भा थ वह ा

मिझ एक कमर द ऽदय गय म और ऽतरकल उसा कमर म आरम करन लग शम क समय घीमन क

ऽलए ऽनकल म तान वषथ बद यहा आय थ इसऽलए आशरम क आसपस क लोगो स भा ऽमल

आशरम क नzwjश हा बदल चिक थ पहल स अब बहत अचछ बन चिक थ कि छ कमरो क ऽनम थण

योग कस कर 369

भा हो चिक थ शम क समय शरा मत जा अपन घर स आशरम आ गई था मन उनह परणम ऽकय ऽफर

उनस दो-तान ऽमनट तक बत की दीसर ऽदन शम क समय ऽदलला क एक सधक ऽतरकल की पराकष लन

लग आशरम म उस समय ढरो सधक उपऽसथत थ ऽतरकल उनक परशनो क उततर दत रह लगभग एक

घणट तक उस सधक न ऽतरकल स ढरो परश न ऽकए ऽतरकल उसक उततर दत रह ऽफर वह सधक शनत

हो गय तब ऽतरकल बोलndash ldquoअकल जा आपन तो कि छ भा नही पीछ ऽसफथ ऽनचल सतर की बत करत

रह थोड़ जञन क ऽवषय म पीछत तो अचछ रहतrdquo वह सधक बोल- ldquoबट ठाक ह आपकी सधन

अचछा हrdquo ऽतरकल बोलndash ldquoअकल जा आप कहत ह मरा सधन बरहमरनधर म चल रहा ह मगर म दख

रह ह ा आपक अभा कणठचकर भा नही खिल हrdquo ऽफर वह सधक कि छ नही बोल ऽदलला क य सधक

ऽतरकल स पीछ रह थ उसक कहन हndash मिझ गौतम बिि धयन म योग क ऽवषय म बतत ह म वहा

शबद धयन क बद ऽलख दत ह ा

वमरज अशरम म सावधका का कणठचकर खोलना और कणडवलनी उधवश करना

तासर ऽदन आशरम म एक सऽधक (जलग ाव की) क कणठचकर खोलन क ऽलए मत कि णडऽलना

शऽzwj त क आदश ऽमल म उस सऽधक स बोलndash ldquoमिझ मत कि णडऽलना शऽzwj त क आदश ऽमल ह ऽक

म आपक कणठचकर खोल दीाrdquo वह सऽधक परसनन हो गई ऽफर अपन कमर म उस सऽधक को धयन म

बठकर पीन वला सऽधक की भ ाऽत इसक भा कणठचकर खोल ऽदय कणठचकर खिलन क इस

सऽधक को अनिभव भा आय तथ कि णडऽलना थोड़ा सा कणठचकर स ऊपर की ओर चला गई

कणठचकर खिलन क अनिभव सऽधक न शरा मत जा को सिनय मगर शरा मत जा उस सऽधक स कि छ

नही बोली चौथ ऽदन शरा मत जा न ऽतरकल को अपन कमर क अनदर बिलवय उसा समय म भा कमर

क अनदर चल गय तऽक शरा मत जा को ऽकसा परकर की बत करन म परशना न हो zwjयोऽक उस

समय शरा मत जा थोड़ ऊा च सिनता थी शरा मत जा न कहndash ldquoऽतरकल म परवता क अवतर ह ा

zwjय आपको मलीम हrdquo ऽतरकल बोलndash ldquoशरा मत जा आपको भरम हो गय ह आप मत परवता क

अवतर नही हrdquo इसा बत को लकर वद-ऽववद हो गय तब सवमा ऽशवननद क सदश आय आप

इसा समय ऽमरज आशरम छोड़ दाऽजए शरा मत जा ऽतरकल स बोलीndash ldquoआप पर तमऽसक शऽzwj त क

परभव पड़त ह इसऽलए यह ऽकरय होता ह मतयिजय मतर क जप ऽकय करोrdquo मिझ उस समय करोध आ

योग कस कर 370

गय मगर म कि छ नही बोल ऽफर म और ऽतरकल जलग ाव की सऽधक क सथ जलग ाव जन क ऽलए

चल ऽदए

जलगााव म सावधका का कणठचकर खोलना और कणडवलनी उधवश करना

दीसर ऽदन सिबह जलग ाव आ गय म अजी बहन क घर म ठहर गय ऽफर अजी बहन न इचछ

वयzwj त कर दाndash ldquoआननद भय आप मर कणठचकर खोल दाऽजएrdquo उसकी अभा कि णडऽलना भा ऊधवथ नही

हई था पहल मन उस धयन पर बठय ऽफर मन उसकी कि णडऽलना ऊधवथ कर दा कि णडऽलना को धार-

धार ऊधवथ करत हए उस कणठचकर तक लय इस कयथ को करन क ऽलए म मत कि णडऽलना क वरदन

परयोग करत थ जब कणठचकर म खोलन लग उसा समय कणठचकर स आवज आईndash ldquoआप कणठचकर

खोल रह ह यहा पर ऽसथत कमथ कहा जएागrdquo मन उसक कमो को वहन करन क ऽलए अपन आपस

अनिमऽत म ागा मर अतकरण स आवज आईndash ldquoम उसक कमथ क ऽजममदर नही ह ा और इसक

कणठचकर खोलन क ऽलए मरा आजञ नही हrdquo कमथ लन क ऽलए कोई तयर नही हआ मन कऽलयिग स

कहndash ldquoतिम अधमथ स यिzwj त हो तिमहर सवभव पप म ऽलपत रहन ह तिम इस सऽधक क थोड़ स कमथ ल

लोrdquo वह बोल-ldquoयोगा म उसक कमथ zwjयो गरहण करा rdquo मिझ उसा समय करोध आ गय म बोलndash

ldquoइसक अथथ यह ह म अपना इचछ स कि छ भा नही कर सकत ह ाrdquo उसा समय म बोलndash sbquoह कणठचकर

ती खिल ज म मत कि णडऽलना शऽzwj त क वरदन क परयोग करत ह ाrdquo कणठचकर म खिलन की ऽकरय होन

लगा तभा सऽधक क कणठचकर स तमोगिणा कमथ ऽनकलन लग मन उन कमो स कहndash ह कमथ ती

कऽलयिग म परवश हो जrdquo उस सऽधक क कमथ कऽलयिग क पस चल गए मगर कऽलयिग न कमथ लन स

इनकर कर ऽदय कमथ ऽफर वपस मर पस आ गए मिझ ऽफर कमो क अनदर स आवज आईndash ldquoम कहा

जऊा कऽलयिग न मिझ सवाकर करन स इनकर कर ऽदय ह मन कऽलयिग पर कि णडऽलना क वरदन क

परहर ऽकय ऽफर उसन कमो को ल ऽलयrdquo सधको मन यह कयथ बहत गलत ऽकय ऽक कऽलयिग पर

कि णडऽलना शऽzwj त क परहर कर ऽदय ऽफर मर कऽलयिग क सथ इसा बत को लकर झगड़ हआ

कऽलयिग बोलndash ldquoम अपन यिग म योऽगयो की दिगथऽत कर दत ह ा तिम ऽकस खत की मीला होrdquo म बोलndash

ldquoमर जस योगा अभा नही ऽमल होग तिम zwjय मरा दिगथऽत करोग म भऽवषय म वस भा अपन शष कमो

योग कस कर 371

को भोगीागrdquo ऽफर मन उस सऽधक की कि णडऽलना आजञचकर तक कर दा कि छ ऽदन जलग ाव रककर म

और ऽतरकल अपन घर कनपिर आ गए

घर वपस आकर म अपन योग क अभयस म गय म ऽदन क समय अपना झोपड़ा म रहत थ

वही पर धयन ऽकय करत थ रऽतर क समय घर आ जत थ घर म रऽतर क समय भा धयन ऽकय

करत थ मगर ऽतरकल अब धयन नही ऽकय करत थ वह इधर-उधर खलत रहत थ मन कई बर

उस समझय अब धयन ऽकय करो तो वह कहतndash ldquoमर मन धयन म नही लगत हrdquo म धयन नही

करा ग उस पर मर ऽपत जा क परभव होन लग थ

मझ शराप वमला

एक बर अचनक ऊपर क लोक की एक शऽzwj त स मर झगड़ हो गय यह धनवनतरा क ऽशषय

थ इनक नम कलयण थ मर और कलयण क झगड़ जयद बढ़ गय इनहोन मिझ अचनक शरप द

ऽदय मन सोचndash ldquoमन इनक zwjय ऽबगड़ ह जो इनहोन मिझ शरप द ऽदय‛ शरप ऐस थ ऽक मिझ सहन

नही हो रह थ मन बरहम (आकश) स कहndash ldquoह परम ऽपत मिझ अकरण शरप zwjयो ऽदय गय‛ मिझ

आकश स आवज सिनई दाndash ldquoयोगा यह तो मरा लालएा ह म zwjय करत ह ा zwjयो करत ह ा ऽकसा को

उततर दन क ऽलए बधय नही ह ाrdquo ऽफर मन परकऽत दवा स कहndash ldquoमत मर सथ ऐस वयवहर zwjयो ऽकय

गय‛ मगर परकऽत दवा चिप रही मन सभा स समपकथ ऽकय मगर ऽकसा न कोई सनतोषजनक उततर नही

ऽदय मन सवमा ऽशवननद जा स पीछ तो वह बोलndash ldquoम इस ऽवषय म कि छ नही कर सकत ह ा मिझ जो

बरहम आदश दत थ ऽसफथ म उनही कयो क म ऽनदशन करत थrdquo इतन कहकर सवमा जा समऽध म

लान हो गए अब म समझ गय मर सथ अवशय कोई घटन घटन वला ह कि छ समय बद मिझ करोध

आ गय म झोपड़ा म ऽतरकल को लकर आ गय मन ऽतरकल स कहndash ldquoतिम अपना ऽदवयदऽष ट स मिझ

सर हल बतत जओ zwjयोऽक तिमह मिझस जयद सपष ट ऽदखई दत हrdquo म योगबल क परहर करत ह ा

म बोलndash ldquoकहा ह कलयण समन परकट हो जओ मन सदव आपक आदर करत रह और तिमन मिझ

शरप द डलrdquo कलयण जा समन अनतररकष म खड़ हए ऽदखई दन लग वह बोलndash ldquoयोगी मरी इचछा

थी मन तमह शराप द िदयाrdquo म बोलndash ldquoतिम सीकषम जगत म ऽसथत हो इसऽलए यह मर दिभ थनय ह इस

समय कऽलयिग क रज चल रह ह मर यह सथील शरार कऽलयिग क आधान ह मगर यह मत समझन

योग कस कर 372

ऽक इस समय पथवा पर योगा हा नही रह गए तिमन zwjय समझकर मिझ शरप द ऽदय तो अब सिन ल

अपन शरप क यह दणड भोगोrdquo ऽफर मन एक ऽवशष परकर की ऽकरय की ऽजसस उनह कष ट की अनिभीऽत

होन लगा लऽकन कि छ कषणो क बद एक शऽzwj त न आकर मिझ समझयndash ldquoयोगी तमह कछ और भी

कायश करन ह इसक शराप का कोई कारण रहा होगाrdquo ऽफर और भा कि छ गिपत बत हई इस करण म उस

शऽzwj त की बत मन गय

सधको जब सधक कठोर सधन करत ह तब बहत समय बद उसक अनदर शिित आन पर

उऽचत समय पर चकर खिलन लगत ह अथ थत चकर खोलन क ऽलए सधक को अपन आनतररक ऽवकस

करन पड़त ह इसक बद तब चकर खिलत ह आनतररक ऽवकस न होन क करण और अशिित क

करण चकर अऽवकऽसत अवसथ म अशिित स ढक रहत ह जब सधक कठोर अभयस रपा कमथ

करत ह तब चकर क ऊपर ढकी अशिित अभयसनिसर धार-धार कम होन लगता हअशिित क

नश होन पर शिित क बढ़ जन पर चकर क ऽवकस-करम शिर हो जत ह कणठचकर खोलन क ऽलए

सधक को कई वषथ लग जत ह जयद तर सधको को कणठचकर खोलन क ऽलए अगल जनम क

इतजर करन पड़त ह अगर कणठचकर दस वषो तक सधन करन क पित खिलन ह तब सधक दस

वषथ तक पररशरम करक ऽचतत स कमो क नश ऽकय करत ह सभा परकर क कमथऽचतत म ऽवदयमन रहत

ह सधक अभयस क दरर ऽचतत स कमो क नश करत ह तब चकर खिलत ह जब तक ऽचतत स कमो

क नश नही होग तब तक चकर क ऽवकस नही होग अथ थत चकर नही खिलग म कि णडऽलना क

वरदन परयोग करक चकर खोलत थ ऐसा अवसथ म सधक क ऽचतत पर ऽसथत कमथ कहा जए उन

कमो को कौन भोगग कमो क ऽनयम होत ह उनह भोग कर हा नष ट ऽकए ज सकत ह

एक ऽदन ऽतरकल की ऽदवयदऽष ट छान ला गई उस ऽदखई दन बनद हो गय मिझ और ऽतरकल

को शरप द ऽदय गय शरप कि णडऽलना दवा न ऽदय ऽतरकल क ऽवचर बदल गए उसन योग करन बनद

कर ऽदय मन बहत समझय मगर वह मिझस हा ऽबगड़ गय वह ऽपत जा क कहन पर चलन लग म

समझ गय अब इसक पतन होन ऽनऽश चत ह मन योग क ऽलए ऽतरकल स कड़ई की ऽपतशरा पलन क

मितऽबक पहल स हाबठ हए थ मर ऽपतशरा मर ऊपर डडो स परहर करन लग बहत समय तक म मर

खत रह ऽफर म भा ऽपत जा स ऽभड़ गय मरा और उनकी दिशमना हो गई ऽतरकल भा मर दिशमन बन

गय घर स मर खन-पान बनद कर ऽदय गय डढ़ वषथ तक मन गाव वलो क यहा खन खय उसा

समय ऽदलला स सबस छोट भई आय उसन मर समन जबरदसता छान ऽलय ऽपतजा स जयद

योग कस कर 373

ऽतरकल मर दिशमन हो गय वह मरा दिगथऽत पर परसनन होत मन उस शरप दकर योगबल जमकर ऽदय

और भा ढरो परऽतबध (योग समबनधा) लग ऽदए तऽक ऽपतशरा ऽतरकल स योग स समबऽनधत गलत लभ

न ल सक वतथमन समय म वह योग क ऽवरोधा हो चिक ह म नही जनत ह ा वह कब ठाक होग उस

अब अपन ऽपछल शरप भोगन ह जो उस तपलोक म एक योगा न ऽदय थ

योग कस कर 374

सन 1997

शराप का परभाव कमजोर होना

कि णडऽलना क शरप एक सल क बद मिझ पर कि छ कमजोर पड़न लग मिझ शरप ऽमल खीब

कष ट भा भोग मगर योग बरबर करत रह zwjयोऽक मिझ जञन क दरर सब कि छ मलीम होत रहत थ

ऽकसा म भा इतना समथयथ नही थ ऽक कोई मर योग क अभयस को बनद कर द मिझ चह ऽजतन कष ट

भोगन पड़ मगर म योग बनद नही करा ग योग हा मर कमथ ह योग हा मर धमथ ह रहा बत कष टो की

मर सवय क कमथ हा मिझ ऽकसा-न-ऽकसा रप म कष ट द रह ह योगा वस भा सदव कष ट भोगत रहत ह

धमश-ऄथश-काम-मोकष

यह अनिभव मिझ 23 फरवरा 1997 को आय मन दख आसमन म घनघोर कल बदल छए

थ बदल इतन कल थ ऽक आसमन हा नही ऽदखई द रह थ म उनही कल बदलो क नाच भीऽम पर

लट हआ बदलो को दख रह थ तथ सोच रह थndash ऽक इन बदलो क रग इतन कल zwjयो ह उसा

समय मन दखndash कल बदल एक जगह स फटन लग कल बदलो क फटत हा ऊपर की ओर

चकचौध कर दन वल परकश ऽदखई ऽदय उसा समय फट हए बदलो क बाच स मर ऊपर परकश की

ऽकरण पड़न लगी ऽजसस मरा आाख चकचौध हो गई म अपना आाखो क ऊपर हथला लगकर ऊपर

की ओर दखन लग बदलो क बाच एक दरर हो गई था बदल ऽबखर नही थ कि छ कषणो बद फट हए

बदलो क बाच दरर म कि छ आकऽत सा बनन लगा म गौरपीवथक उस आकऽत को दखन लग वह

आकऽत बदलो की दरर स परकशपिज क सहर मरा ओर आन लगा उसा आकऽत क करण मर चरो

ओर परकश फल गय वह आकऽत मर ओर नजदाक आ गई तब वह सपष ट ऽदखई दन लगा मन दखndash

एक मनिषय घोड़ पर सवर थ वह मनिषय घोड़ स नाच उतर और मर पस आकर खड़ हो गय उसक

शरार समनय पिरष स जयद बड़ और बऽलष ट थ उसन ऽसर पर कि छ पगड़ा-सा बाध रखा था मर समन

खड़ होत हा उसन अपन दऽहन हथ मरा ओर बढ़ ऽदय और बोलndash ldquoवह तो नही आए ह अथव

ऐस समझो उनक आन क अभा समय नही आय ह इन कल-कल मघो क हटत हा वह आपक पस

योग कस कर 375

उपऽसथत होग मिझ उनक दीत अथव उनक पितर समझो मिझ उनही न भज ह और यह लो अब आप

इसक योनय हो गए होrdquo वह पिरष अपन दऽहन हथ मरा ओर ऽकए हए यह सब बत कह रह थ कि छ

समय क ऽलए म सोच मिदर म हो गय ऽक यह वयऽzwj त ऽकसक ऽलए कह रह हndash ldquoवह तो नही आए हrdquo

उसा समय मर अन तकरण स आवज आईndash ldquoयह बरहम क ऽलए कह रह हrdquo मर अनदर ऽवचर आयndash

ldquoअचछ तो यह बरहम क दीत अथव पितर ह म उसा पिरष को दख रह थ वह खड़ हआ मिसकर रह थ

उस पिरष क दऽहन हथ की हथला मरा ओर था वह कि छ दन चहत थ उसकी हथला पर कि छ रख

हआ थ मगर म समझ नही पय थ ऽक हथला म रखा वसति zwjय चाज ह शयद वह पिरष मर अनदर

की भवन को समझ गय होगrdquo वह पिरष बोलndash ldquoयह धमथ अथथ कम मोकष ह यह तिमह दन क ऽलए

मिझ भज गय हrdquo इतन कहत हा उसन मर दोनो हथो की हथऽलयो पर चरो वसतिएा रख दा म उन चरो

वसतिओ को आश चयथ चऽकत होकर दख ज रह थ ऽफर म उस पिरष स बोलndash ldquoउनस जकर कहन

मिझ य चरो वसतिएा zwjयो द दा ह धमथ अथथ व कम मिझ नही चऽहए मिझ इनस कोई कम नही ह म योगा

ह ा मिझ ऽसफथ मोकष चऽहएrdquo मगर वह पिरष कि छ नही बोल ऽसफथ कि छ कषणो तक मिझ दखत रह ऽफर

पाछ मिड़कर कि छ दीरा पर खड़ घोड़ पर सवर हो गय और वपस होकर परकश पिज म लिप त हो गय फट

हए कल बदल आपस म जिड़ गए ऽफर अधकर छ गय

ऄथश- ऽजस समय मिझ यह अनिभव आय थ उस समय म घोर कष टो स गिजर रह थ यह कल

बदल मर तमऽसक अहकर ह इस अनिभव म घोड़ पर सवर जो पिरष आय हआ थ उस योग की

भष म ldquoऽववक-खयऽतrdquo कहत ह ऽववक-खयऽत को बरहम की ओर स भज हआ दीत समझन चऽहय

ऽववक-खयऽत बरहम परऽप त क परवशदरर होत ह अभा मरा यह अवसथ नही आई ह यह अवसथ

भऽवषय म शाघर हा आ जएगा अनिभव म मन ऽसफथ मोकष को हा सवाकर ऽकय अनय तानो धमथ अथथ

कम को वपस कर ऽदय योऽगयो क इन तानो स zwjय लन दन ह अथ थत य तानो वसतिएा मर ऽलय

तयजय ह यह अनिभव ऽसफथ उनह आत ह ऽजनह भऽवषय म तततवजञन परप त होन ह

योग कस कर 376

सन 1998

ईननवत की ओर

यह अनिभव जनवरा मह म आय थ उन ऽदनो म बहत जयद धयन करन लग थ हमश

धयन म लग रहत थ म झोपड़ा म बठ हआ धयन कर रह थ मन दख- ऽकसा ऊा च सथन पर कबीतर

की तरह क एक पकषा बठ हआ ह वह अपना गदथन मोड़-मोड़ कर अपना चोच अपन पखो म मर रह

ह ऽफर वह अपन पख फलकर फड़फड़न लग यहा ऽकरय बर-बर कर रह थ उस पकषा को दखकर

म बोलndash ldquoयह पकषा उड़न चहत हrdquo इतन म मर धयन टीट गय

ऄथश- अब म सोचन लगndash इस पकषा क मतलब zwjय ह zwjयो उड़न चहत ह कि छ समझ म

नही आय म आाख बनद करक धयन पर बठ गय ऽक इस अनिभव क अथथ zwjय ह मन जञन स पीछ-

ldquoइस अनिभव क अथथ zwjय ह‛ जञन न बतयndash ldquoयोगा जो पकषा दख रह हो वह तिम हा हो पकषा उड़न

चहत ह इसक अथथ हndash अब तिम योग म शाघर हा तावरत स ओर आग बढ़ोगrdquo योग की भष म इस

ऽवहगम मगथ कहत ह

यह अनिभव ऊपर ऽलख अनिभव क कि छ ऽदन बद आय धयनवसथ म दखndash एक कल पकषा

आसमन म उड़ रह ह वह ऊपर की ओर तावर गऽत स ज रह ह ऽफर म धयन की गहरई म चल गय

कि छ समय बद यह पकषा ऽफर ऽदखई ऽदय अब वह अनतररकष म बहत ऊपर चल गय कि छ कषणो म वह

आाखो स ओझल हो गय उसा समय मर धयन टीट गय जयद धयन करन क करण शरार दिबथल हो

गय थ शिित की मतर अवशय बढ़ गई था

यह अनिभव जनवरा क तासर सप तह म आय धयनवसथ म दख- अतयनत तज परकश स यिकत

जगह ह वहा कल पकषा परकश क अनदर बठ हआ ह जो मिझ पहल अनिभवो म ऽदखई ऽदय थ म

यह भा समझ गय थ ऽक यह पकषा अब इसस ऊपर क ऽलए उड़न नही भर सकत ह zwjयोऽक इसक आग

आकश हा नही थ बऽलक परकश हा परकश थ परकश दरर छत जसा बना हई था वह कल पकषा

छत क नाच सट हआ बठ थ म समझ गय इस पकषा की उड़न समप त हो गई ह तभा अनिभव समप त

योग कस कर 377

हो गय यह पकषा कल इसऽलए ऽदखई पड़ रह ह zwjयोऽक मर तमोगिणा अहकर अभा समप त नही

हआ ह तमोगिणा अहकर समप त होन पर यह पकषा कल नही ऽदखई दग

यह अनिभव चौथ सप तह म मतरोचचरण करत समय आय उस समय म lsquoॎrsquo मतर क उचचरण

कर रह थ उसा समय मन परकश को तज पिज क रप म दख जब म ओकर करत थ तब तजपिज स

नाल रग क छलल ऽनकलकर धार-धार गोलकर रप म बड़ होकर समपीणथ बरहमणड म वयप त हो जत थ

यह मतर मिझ पीवथ जनम स ऽसि भा ह

बरहम अप मझ वदखाइ zwjयो नही दत ह

यह अनिभव 16 मचथ को आय एक सफद रग क चबीतर ह म उसचबीतर पर लट हआ ह ा

मर मिाह ऊपर आसमन की ओर ह हलक-हलक उजल फल हआ ह मन आसमन की ओर दखndash

आसमन म कोयल क कणो की तरह कल कल कण उड़ रह ह यह कण इतन घन और जयद मतर म

थ ऽक दखन म कल बदलो जस लगत ह आसमन कल बदलो जस परतात होत थ उसा समय मन

चबीतर पर लट हए हा ऊपर की ओर तज आवज म बोलndash ldquoबरहम आप मिझ ऽदखई zwjयो नही दत ह

कपय आप मिझ ऽदखई दrdquo मगर मिझ ऽकसा परकर क उततर नही ऽमल मन दिबर तज आवज म

बोलndash ldquoबरहम आप मिझ ऽदखई zwjयो नही दत ह‛ इस बर भा ऽकसा परकर क उततर नही ऽमल म कषण

भर आसमन की ओर दखत रह म ऽफर बोलndash ldquozwjय मरा आवज कोई सिन रह ह‛ इतन म अनतररकष

स आवज सिनई दाndash ldquoह ा म सिन रह ह ाrdquo मन अपना आाख बनद की तब मन दखndash ldquoमर समन अतयनत

तजसवा परकश हा परकश ह इसा परकश क मघय स आवज अपन आप उतपनन हो रहा थाrdquo म परकश

की ओर इतन आकऽषथत हआ ऽक टकटकी लगकर दखन लग zwjयोऽक इतन आकऽषथत परकश मन

कभा नही दख थ इसा परकश स ऽफर आवज आईndash ldquoयोगा म तिमह इसऽलए नही ऽदखई दत ह ा तिम

यह कल अधकर दख रह हो यह तिमहर अहकर ह इस अहकर को पहल समप त करो ऽफर तिमह मर

दशथन हो सक गrdquo उसा समय मन अपना आाख खोल दा म सफद चबीतर पर लट हआ थ आसमन म

कल अधकर छय हआ थ इतन म कल अधकर को चारत हआ ऊपर की ओर स हलक नाल रग

क चमकील तज परकश आय और मर ऊपर पड़न लग मरा आाख चकचौध हो गई मर धयन टीट

गय मन अपना आाख खोल दी

योग कस कर 378

मिझ अब भा तज परकश यद आ रह थ zwjयोऽक इतन आकषथक परकश मन कभा नही दख

थ इस परकश क समन सीयथ क परकश की कोई गणन हा नही था यह परकश इतन सिनदर थ ऽक म

कई ऽदनो तक उसा परकश की यद करक सोचत रह ऽक मिझ और कि छ नही चऽहए बस इसा परकश

को दखत रह ा

ऽपरय सधको ऽजस जगह स आवज उतपनन हो रहा था उस जगह पर lsquoॎrsquo की धवऽन सदव

उतपनन हआ करता ह यह ऽकरय वह ा पर सदव सवमव होता रहता ह ऽजस समय म बरहम स यह कह रह

थndash आप मिझ ऽदखई zwjयो नही दत ह उस समय मर मिाह स इतन जोर स योगबल ऽनकल रह थ ऽक

आसमन म छय हआ अधकर अननत ऊपर की ओर उड़त हआ चल गय थ मर और बरहम क बाच

यहा तमोगिणा अहकर हा अवरोध ह यह तमोगिण धार-धार हा अभयस क अनिसर हा हटग इस

तमोगिणा अहकर को समप त करत समय समज म ढर सर कष ट तथ मनऽसक zwjलश उठन पड़त ह

इस अवसथ म योगा को कष ट अपन आप आ जत ह इसऽलए योगा को जञन क सहर लन पड़त ह

तभा उसक आग क मगथ तय होत ह

बझ हए ऄगार की तरह बनना

यह अनिभव ऊपर ऽलख अनिभव क तान-चर ऽदन बद आय धयनवसथ म दखndash म अनतररकष

म बठ हआ ह ा मर समन थोड़ा दीरा पर एक तरण लड़की बड़ा तजा स मरा ओर आ रहा ह म उस

लड़की को गौरपीवथक दखन लग zwjयोऽक उसन हर रग क ऽवशष तरह स एक वस तर पहन रख थ म

सोचन लगndash इसक वस तर क रग बहत जयद गहर हर ह तथ वस तर पहनन क तराक भा बड़ ऽवऽचतर

स ह एक हा वस तर स लड़की क समपीणथ अग ढक हए थ म उसा की तरफ तटसथ होकर दख रह थ

उसक चहर पर ऽकसा तरह क भव नही थ जब वह लड़की मर ऽनकट आई- तब मन दखndash उसक हथ

म बहत बड़ बिझ हआ अगर ह म उस बिझ हए अगर की ओर दख रह थ वह लड़की मर ऽनकट आ

गई और बोलाndash ldquoयोगा तिमह इसक समन बनन ह दख रह हो यह पीरा तरह स शनत हो चिक ह ऽसफथ

रख क ढर मतर हrdquo उततर म म कि छ नही बोलndash म बिझ हए अगर की ओर दख रह थ वह लड़की

तजा स आग की ओर बढ़ गई अनिभव समप त हो गय

योग कस कर 379

ऄथश- बिझ हए अगर क अथथ ह- ऽकसा अगर पर पना डल दो तो अगर बिझ जएग अगर

की अऽनन समप त हो जएगा ऽसफथ रख क ढर रह जएग इसक अथथ हndash ldquoपीरा तरह स शनत हो

जनrdquo ऽकसा परकर क ऽवकर उतपनन न होन सभा परकर क कमो क नष ट हो जन बिझ हए अगर क

समन अवसथ परप त करन को ऽनवथण अथव मोकष कहत ह यह लड़की परकऽत (वयऽषट परकऽत) क

सवरप ह

यह अनिभव 25-26 मचथ को आय मन दखndash मन ऽकसा सथन पर खड़ ह ा मर समन एक

कि तत बठ हआ ह कि तत बहत सवसथ ह उसा समय मर समन एक वयऽzwj त परकट हो जत ह उस वयऽzwj त

क शरार परदशी ह उसन मिझस कहndash ldquoतिम इस कि तत को मर डलोrdquo उसा समय उस वयऽzwj त न मिझ

एक धरदर हऽथयर भा ऽदय मन उस वयऽzwj त क हथ स हऽथयर ल ऽलय तथ कि तत क शरार पर परहर

ऽकय कि तत जोर स चाख तथ मिझस बोलndash ldquoयोगा तिमन मिझ अकरण हा मर डल म तो वस भा

चल जतrdquo म कि छ नही बोल कि तत मर समन बिरा तरह स छटपट रह थ

ऄथश- सधको यह कि तत मर हा कमथ ह मन अपन कमथ बहत जयद मतर म नष ट कर ऽदय ह

तथ भोगकर समप त भा कर ऽदय ह अब भा मर ऽचतत पर शषकमथ ह

लकषमी जी का अशीवाशद

यह अनिभव मचथ क अऽनतम सप तह म आय रऽतर क समय धयनवसथ म दखndash एक सफद रग

क ऽवशल हथा क ऊपर एक स तरा बठा हई ह म उसक समन खड़-खड़ मिसकर रह ह ा स तरा बहत

सिनदर ह वह मिकि ट भा धरण ऽकए हए ह वह स तरा चर-प ाच इच चौड़ परदशी फीत जसा वसति मरा

ओर फ क रहा ह इस फीत स परकश स ऽनकल रह ह मर समन थोड़ा दीरा पर फीत क रप म परकश

पिज स जम हो गय म अपना जगह पर तटसथ खड़ हआ फीत को दख रह ह ा उस स तरा न फीत रपा

तज पिज को लन क इशर ऽकय मगर म कि छ नही बोल कषणभर क ऽलए उस स तरा न तरटक की भाऽत

मिझ पर दऽष ट डला म अब भा शनत खड़ हआ थ उसा समय फीत क रप म तज पिज अदशय हो गय

स तरा न अपन मिाह खोल और दोनो हथ की हथऽलय ा मरा ओर की मिाह व हथऽलयो स ऽवशष तरह की

चमकीला वसतिएा ऽनकलकर नाच की ओर ऽगरन लगी मर समन चमकीला वसति क ढर लग गय म

योग कस कर 380

तिरनत समझ गय ऽक यह मऽणयो की तरह कोई कीमता वसति ह वह स तरा बोलाndash ldquoयोगा इनह ल लो

(मऽणयो की ओर इशर करक)rdquo म बोलndash ldquoनही मिझ यह सब नही चऽहए आप कौन ह यह सब zwjयो

द रहा ह‛ वह स तरा बोला- ldquoयोगा पितर zwjय तिम मिझ नही पहचनत हो मिझ धयन स दखो म कौन ह ा‛

इतन कहत हा उस स तरा न मिसकर ऽदयrdquo म बोलndash ldquoह ा मत मन आपको पहचन ऽलय ह मगर आप

मा होकर भा यह चमकील पदथथ zwjयो द रहा ह यह मर ऽकस कम क ह म योगा ह ा कपय आप मिझ

आशावथद दाऽजए म महन योगा बनीाrdquo मत बोलीndash ldquoऐस हा होगrdquo ऽफर वह अदशय हो गई और

अनिभव समप त हो गय

ऄथश- अनिभव म ऽदखई दन वला स तरा मत लकषमा जा थी वह चमकील फीत जसा वसति मिझ

लन क ऽलए कह रहा थाndash म परोपकर रपा बधन म बध जत ऽफर मिझ आशरम य ससथ बनकर

चलन पड़त अगर म चमकीला मऽणयो जसा वसति ल लतndash तब इसा जनम म म धनवन बन जत

इसस मरा यश और कीऽतथ भा होता मगर मन यह सब सवाकर नही ऽकय इसाऽलए सदव धन क अभव

म जावन वयतात होत रह ह य सब वसतिएा योगा को पतन म धकल दता ह

तषणा और कणडवलनी

यह अनिभव भा मचथ क अऽनतम सप तह म आयndash म ऽकसा सथन पर बठ हआ ह ा चरो ओर

सिनहर परकश फ़ल हआ ह मरा दऽष ट समन की ओर गई समन थोड़ा दीरा पर एक घोड़ खड़ हआ ह

घोड़ सिडौल व रषट-पिषट ह घोड़ क पस एक नग परकट हो गय नग सिनहर व बहत सिनदर ह ऐस लग

रह थ मनो अऽनन म तपए हए सोन क बन हआ ह नग न अपन फन उठकर घोड़ की ओर दखndash

घोड़ अपना जगह पर चिपचप खड़ हआ थ नग न अपन शरार बहत लमब कर ऽलय ऽफर घोड़ क

पस पहाच नग न घोड़ क चरो परो को अपन शरार स दो-तान चzwjकर लग कर लपट ऽलय ऽफर नग

अपन शरार कड़ करन लग इस ऽकरय स घोड़ क चरो पर एक जगह एकतर होन लग इसऽलए घोड़

छटपटन लग उसन अपन एक पर नग की पकड़ स बहर ऽनकल ऽलय उसा समय नग न बड़ा तजा

स उस पर को ऽफर अपना लपट म ल ऽलय ऽफर नग अपना लपट कड़ा करन लग इसस घोड़ क परो

की दीररय ा कम होन लगी एक बर घोड़ ऽफर छटपटय घोड़ न अपन एक पर नग की पकड़ स ऽफर

बहर ऽनकल ऽलय बस यहा ऽकरय बरबर हो रहा था नग घोड़ क परो को अपना लपट म लत थ

योग कस कर 381

और घोड़ अपन (एक) पर बहर ऽनकल लत थ यह ऽकरय कि छ समय तक चलता रहा म दीर बठ

हआ हास रह थ ऽफर सोचन लग- यह सिनहर नग घोड़ क परो को zwjयो तोड़न म लग हआ ह इतन म

नग न घोड़ क परो को अपना लपट म कड़ करक घोड़ को ऽगर ऽदय ऽफर घोड़ क चरो परो को अपना

लपट स तोड़ ऽदय नग न अपना लपट क दरर घोड़ की पसऽलय ा भा तोड़ दी घोड़ बिरा तरह स

छटपट रह थ नग न घोड़ क शरार पर कई जगह डस ऽफर घोड़ अपना अऽनतम श वस ऽगनन लग

मगर घोड़ मर नही बऽलक जाऽवत बन रह

ऄथश- ऽपरय सधको घोड़ndash मरा तषण ह जो घोड़ क रप म ऽदखई पड़ रहा ह सिनहर नगndash

कि णडऽलना शकती ह कि णडऽलना अपन परभव स मरा तषण नष ट कर रहा ह वस योग म घोड़ मन क

परताक मन जत ह पर यह ा पर घोड़ क अथथ तषण स ह कि णडऽलना मर अनदर तषण क परभव को

नष ट कर करन क परयस कर रहा ह

भन हए चन

यह अनिभव मचथ क अऽनतम ऽदनो म आय धयनवसथ म दखndash म ऽकसा सथन पर बठ हआ

धयन कर रह ह ा उसा समय आवज आईndash ldquoयोगा यह लोrdquo मन अपना आाख खोल दा एक लड़की

अपना मिटठा म कि छ ऽलए हए मर समन खड़ा हई था उसकी मिटठा मर समन था म समझ गय इसा

लड़की न मिझ आवज दा ह म सोचन लगndash ldquoइस मिटठा म zwjय ह जो मिझ दन चहता हrdquo इस लड़की स

थोड़ा दीरा पर एक और लड़की खड़ा हई था दोनो लड़ऽकयो की उमर 20-20 वषथ लग रहा था मिझ सोच

मिदर म दखकर लड़की न अपना मिटठा खोल दा उसकी हथला म भिन हए चन थ म बोलndash ldquoयह तो भिन

हए चन हrdquo लड़की बोलाndash ldquoयोगा तिम इन चनो को चब लो अब तिम इसक योनय हो गए होrdquo मन उस

लड़की स भिन हए चन ल ऽलए और चबन लग कि छ कषणो बद दीसरा लड़की न भा अपन हथ मरा

ओर बढ़ ऽदय उसक हथ म भा भिन हए चन थ म बोलndash ldquoमर पस अभा चन ह पहल म इनह चब

लीाrdquo दोनो लड़ऽकय ा मिझस थोड़ा दीरा पर जकर बठ गई म भिन हए चन चब रह थ दीसरा लड़की अपन

हथ म अब भा चन ऽलए हए बठा था

योग कस कर 382

ऄथश- ऽपरय सधको भिन हए चन क अथथ हndash ऽकसा भा बाज को आग म भीनन क बद उसम

अकि रण की कषमत नष ट हो जता ह ऽफर उसक अनदर स अकि र नही ऽनकल सकत ह इसा परकर योगा

की योगऽनन स ऽचतत क समपीणथ कम थशय जल जत ह ऽचतत म ऽकसा परकर की वऽततय ा नही रह जता ह

इस अवसथ म कमो क न रहन क करण जावतम को भोग करन क ऽलए जनम गरहण नही करन पड़त

ह इसम एक लड़की परकऽत ह दीसरा लड़की मय ह परकऽत क ऽदए चन तो हमन चब ऽलए मय क

चन मन गरहण नही ऽकए इसक मतलब मय क परभव मिझ पर अभा बन रहग इस अनिभव क

अनिसर मरा अवसथ भऽवषय म आएगा इन अनिभवो स लगत ह कि छ समय बद शष कमो की समऽपत

हो जएगा ऽफर अभयसा क ऽचतत पर नय ससकर नही बनत ह उसा समय तमोगिणा अहकर भा नष ट हो

जएग

सवणशमय परष

यह अनिभव अपरल मह क परथम सप तह म आयndash म अनतररकष म बठ हआ ह ा अपन समन

थोड़ नाच की ओर दख रह ह ा नाच की ओर एक नदा जसा ह मगर इस नदा म सफद उजजवल दीध क

समन सफद पदथथ उबल रह ह इस नदा म बहव नही ह बस यहा सफद तरल पदथथ कही-कही पर

सरोत की तरह नाच स ऊपर की ओर उबल रह थ जगह-जगह पर उबलत हआ सफद पदथथ बहत हा

सिनदर ऽदख रह थ उसा समय मन दखndash एक सिनहर रग क पिरष ह उसक बल भा सिनहर हा ह इसक

समपीणथ शरार सोन जस पदथथ स बन हआ ह उसक शरार गठाल ह यह सिनहर पिरष अपन दोनो हथो

म एक लड़क को उठए ऽलए चल ज रह ह लड़क क शरार भा सवणथ क समन सिनहर रग क बन

हआ ह सिनहर रग क पिरष न नदा क अनदर परवश ऽकय जब वह नदा क बाच म पहाच तब म जोर स

हास मर हासन क करण यह थndash ldquoवह पिरष ऽजस लड़क को ऽलए ज रह थ वह लड़क कोई और

नही बऽलक सवय म हा थ म अतयनत सिनदर सिनहर शरार वल थ म उसा की ब ाहो म शनत लट हआ

थ पिरष बड़ आरम स नदा क अनदर चल ज रह थ म बोलndash ldquoदखो यह पिरष मर शरार को ऽलए

ज रह हrdquo ऽफर म चौक और सोचndash ldquoमर शरार पिरष ऽलए ज रह ह मगर म तो यह ा उसस दीर

अनतररकष म बठ हआ ह ाrdquo ऽफर मन अपन आपको दख तब मिझ अपन शरार हा नही ऽदखई ऽदय मिझ

बड़ आश चयथ हआ मर शरार हा नही ह म सवय अपन आप को नही दख प रह ह ा समन की ओर मर

योग कस कर 383

शरार सिनहर पिरष ऽलए ज रह ह म अपन शरार स बहत ऊपर ऽवदयमन ह ा ऽजस जगह पर म ह ा उस

जगह पर मर शरार हा नही ह मिझ ऽसफथ भऽषत हो रह ह ऽक म ह ा उसा समय मिझ होश आन लग

अनिभव समप त हआ

ऽपरय सधको यह अनिभव बड़ ऽवऽचतर स ह इस अनिभव म म सवय अपन शरार को नही दख

प रह ह ा मगर मर शरार मिझस ऽनचल सतर पर सिनहर रग क पिरष ऽलए ज रह ह सिनहर पिरषndash इस

पिरष को ldquoऽहरणयपिरष और ऽहरणयगभथrdquo कहत ह ऽहरणयगभथ बरहम जा को कहत ह जो बरहमलोक म रहत ह

तथ यहा सऽष ट की रचन करन वल ह मरा वसतऽवक ऽसथऽत इस सथन स बहत ऊपर ह उस सथन पर

योऽगयो क शरार अतयनत सीकषम होत ह इसाऽलए मर शरार ऽसफथ भऽषत हो रह थ ऽक म ह ा अथव मरा

उपऽसथऽत ह इस सथन पर योगा ऽसफथ धयनसथ रहत ह इचछ स रऽहत होकर धयनसथ होन क करण

समऽध क समय बहत हा जयद होत ह कमो क करण जनम क समय आ जन पर परकऽत की पररण

स समऽध भग हो जता ह अथव जररत पड़न पर जनम गरहण करक कठोर योग क अभयस करत हए

परकऽत क कयो म लग जत ह

म सवय तप त ह ा

यह अनिभव अपरल क परथम सप तह म आयndash म ऽकसा अतयनत तजसवा सथन पर बठ हआ ह ा

मर आसपस ढर समपीणथ सधक बठ हए ह मिझस थोड़ा दीरा पर ऊा च सथन पर एक सनयसा बठ हआ ह

उसन अपन शरार पर भगव वसतर धरण ऽकय हआ ह तथ उसक शरार अतयनत तजसवा ह वह योग क

ऽवषय म सधको को कि छ बत रह ह जब कोई सधक योग क ऽवषय म कि छ पीछत ह तब सनयसा जा

उततर द दत ह अपना-अपना समसयओ क हल हो जन पर सभा सधकगण उठकर चल जत ह म भा

वही पर बठ हआ उनह दखकर मिसकर रह ह ा मर अनदर भा उनक ऽलए बहत शरि ह जब सभा

सधकगण चल गए ऽसफथ म अकल रह गय तब उनहोन मिसकरत हए मरा ओर दख अपन सथन पर

बठ हआ हा मन सनयसा जा को परणम ऽकय मर परणम सवाकर करत हए उनहोन मिसकर ऽदय ऽफर

सनयसा जा बोलndash ldquoयोगा zwjय तिमह भा कि छ पीछन ह अथव योग म तिमहरा भा कोई समसय हrdquo म

बोलndash sbquoम सवय अपन आप म तप त ह ाrdquo ऽफर सनयसा जा ऽसफथ मिसकरए उनहोन आशाव थद मिदर म मरा

ओर हथ उठ ऽदय हम दोनो एक-दीसर की ओर दखकर मिसकर रह थ अनिभव समप त हो गय

योग कस कर 384

मरा शष कमश

यह अनिभव मधय अपरल म आयndash आसमन म सीयथ ऽनकल हआ ह सीयथ क परकश चरो ओर

फ़ल हआ ह उस परकश म कि त त क एक छोट-स बचच खड़ हआ ह वह अपना पीाछ ऽहल रह ह

और मरा ओर दख रह ह म भा मिसकर कर ऽपलल (कि त त क बचच) की ओर दख रह ह ा सधको यह

ऽपलल (कि त त क बचच) मर कमथ ह जो भऽवषय म धार-धार नष ट हो जएग

यह अनिभव अपरल मह क चौथ सप तह क हndash म ऽकसा सथन पर बठ हआ ह ा इतन म मर पस

कि त त क नवजत ऽशशि आ गय म बोलndash ldquozwjयो र ती इतन छोट कस रह गयrdquo वह मर परो क पस

आकर बठ गय मन अपन दोनो हथो स पकड़कर उस इतन जोर स दबय वह बिरा तरह स तड़पकर

आवज ऽनकलन लग उसकी आवज इतना तज था ऽक मर कनो को चिभ रहा था उसा समय मरा

आाख खिल गई अनिभव समप त हो गय

ऄथश- सधको दोनो अनिभवो स लगत ह मर कमथ अतयनत कम हो गय ह आऽखरकर मिझ

कमो को शीनय पर ल जन ह

वचतत पर सावतवकता का बढ़ना

यह अनिभव 2 मई को आय थ धयनवसथ म मन दखndash एक सफद रग की ऽचऽड़य न मर पस

स ऊपर की ओर अनतररकष म उड़न भरा और ऊपर अतररकष म उड़ा चला ज रहा ह आसमन म सफद

रग क बदल छय हए ह चरो ओर परकश फ़ल हआ ह ऽचऽड़य अपन पजो म एक मल दबए हए

उड़ रहा था यह मल बहत बड़ आकर म था वह मल परदशी व तज परकश स यिzwj त था उस मल

म नौ-दस ग ाठ अथव फी ल थोड़ा-थोड़ा दीरा पर बन हए थ ग ाठ अथव फी ल की दीरा आपस म बरबर

था म कभा सिनदर ऽचऽड़य को दखत थ कभा ऽवऽचतरनिम मल को दखत थ कभा आसमन म छय

हए सफद बदलो को दखत थ

ऄथश- सधको आकश म छय हए सफद बदल मर ऽचतत पर ऽसथत कमथशय हा ह जो

सऽतवकत को ऽलए हए ह कल पकषा की जगह अब ऽचऽड़य सफद ऽदखई दा था इसक अथथ ह- मर

योग कस कर 385

अनदर क तमोगिण धार-धार सफ हो रह ह म ऽजस तरह बदल पकषा कि त त क अथथ ऽलख रह ह ा

इसक मतलब यह नही ह ऽक अनय सधक भा इसा तरह स अनिभवो क अथथ ऽनकल हर सधक क

योग की ऽसथऽत क अनिसर एक हा दशय क अलग-अलग अथथ होत ह

वनवषकरय आवनदरयाा

यह अनिभव 6 मई को धयनवसथ म आयndash म झोपड़ा क अनदर बठ हआ ह ा बहर स ऽवऽचतर-

सा आवज आ रहा ह आवज सिनकर म झोपड़ा स बहर ऽनकल तो दखत ह ाndash झोपड़ा क बहर बहत

सिनदर हर-भर मदन ह सिनदर-सिनदर पड़ ह म उसा समय कहत ह ाndash मरा झोपड़ा ऽकतन सिनदर सथन पर

बना हई ह म यहा सोच रह थ ऽफर ऽकसा जनवर की आवज सिनई दा आवज ऐसा था जस घयल

अवसथ म करह रह हो मन आवज की ओर दखndash मिझस थोड़ा दीरा पर घोड़ क समन एक जनवर

बिरा तरह स तड़प रह ह वह भीऽम पर पड़ हआ ह उस जनवर क पट मिाह और चरो परो म मास नही

ह ऽसफथ हडडा हा हडडा ह उसकी राढ़ और गदथन म थोड़-स मास रह गय ह आश चयथ यह थ उस

अवसथ म भा तड़पन की आवज आ रहा ह इस दख कर म सोचन लग ऽक इसक मास कौन ख गय

उसक शरार स लगत थ वह सवय पहल शऽzwj तशला रह होग इतन म म दखत ह ा- मिझस बहत दीरा पर

(लगभग frac12 ऽकमा दीर) एक हथा खड़ हआ मरा ओर दख रह थ हथा स थोड़ा दीरा पर शर खड़ थ

इसा परकर मिझ कई जनवर खड़ हए ऽदखई ऽदए यह सभा जनवर अधथ वततकर रप म खड़ हए थ म

यह दखकर थोड़ सहम स गय ऽक मर ऊपर य जनवर हमल न कर द म झोपड़ा क अनदर आ गय

झोपड़ा क अनदर एक बहत सिनदर लौ (जयोऽत) जल रहा था कषणभर तक म उस जयोऽत को दखत रह

zwjयोऽक वह बहत सिनदर था झोपड़ा क अनदर परकश फ़ल हआ थ म जयोऽत स बोलndash ldquoअब तिम बिझ

जओ झोपड़ा क अनदर परकश दखकर जनवर हमल न कर दrdquo जयोऽत अदशय हो गई जयोऽत क

अदशय होन पर भा झोपड़ा क अनदर परकश फ़ल हआ थ अब झोपड़ा क अनदर स म जनवरो को

दखन लग झोपड़ा चरो ओर स बनद था ऽफर भा जनवर मिझ ऽदखई द रह थ ऐस लग रह थ मनो

ऽकसा न इनह पतथर की मीऽतथ बन ऽदय हो सभा जनवर ऽबलकि ल ऽनऽषकरय हए खड़ थ ऽफर म शनत

होकर आाख बनद करक धयन करन लग अनिभव समप त हो गय

योग कस कर 386

ऄथश- सधको घोड़ की तरह घयल जनवर मरा तषण ह जो अभा पीरा तरह समप त नही हई ह

zwjयोऽक वह घोड़ क रप म अभा जाऽवत ह मिझ अधथवततकर म खड़ मीऽतथ क समन ऽनऽषकरय जनवर

ऽदखई ऽदए वह मरा इचछएा आऽद ह वह ऽनऽषकरय-सा हो गई ह यह धयन रखनndash इऽनदरय ा अनतमिथखा

होकर ऽनऽषकरय-सा हो जता ह तथ जयद अभयस क करण ऽनऽषकरय सा हो जता ह यऽद इऽनदरयो को

अवसर ऽमल जए तो ऽफर ऽकरयशाल हो सकता ह झोपड़ा क बहर जो हर भर सिनदर मदन ऽदखई द

रह ह वह ऽचतत की भीऽम ह झोपड़ा- ऽचतत क ऽवशष सथन जो आल क समन अभसा को ऽदखई दत

ह यही पर दाप ऽशख क समन जलता हई जयोऽत ऽदखई दता ह जलता हई जयोता ऽचतत की सऽतवक

वऽतत होता ह म इस बिझन क ऽलए कहत ह ाndash ऽचतत वऽतत रऽहत होन पर ऋतमभर-परजञ क परकटय होत

ह ऽफर ऽचतत सवपरकऽशत स हो जत ह

सवचछ हो जा

ऊपर ऽलख अनिभव क 15-20 ऽमनट बद अनिभव आयndash म अपन बय हथ म एक मनव

आकर ऽलए हए ह ा यह मनव आकर पीरा तरह स चतनयमय स ह उसकी लमबई व आकर ऽबलकि ल

थोड़ा सा ह म अपन दऽहन हथ स मनव आकर की सफई कर रह ह ा सफ करत समय कह रह ह ाndash

ldquoदख भई ती पीरा तरह स सवचछ हो जrdquo इतन कहकर म ऽफर दऽहन हथ स उस सवचछ करन म लग

गय तथ सोच रह ह ाndash ldquoम इस इतन सवचछ करा ग ऽक इसक अनदर गनदगा नम की कोई चाज नही रह

जएगाrdquo कि छ समय बद वह मनव आकर सवचछ हो जत ह अब म दोनो हथो स उस मनव आकर

को पकड़ हए खड़ ह ा मन सोचndash ldquoअब म इसक zwjय करा ‛ यहा सोच रह थ उसा समय मिझ लग

यह मनव आकर मर अनदर क शरार ह ऽफर म सोचन लगndash ldquoयह मनव आकर मर शरार क अनदर

कस जएगrdquo बस सोचन भर की दर था मनव आकर मर हथो स छी ट कर मर शरार क अनदर परवश

करक अदशय हो गय इस ऽकरय पर मरा हासा छी ट गई ऽक मनव आकर मर शरार क अनदर सम गय

जबऽक म सवय मनव (मनिषय) ह ा मनव आकर चमकील नाल रग क परकश स बन हआ थ

ऄथश- सधको मनव आकर हलक नाल रग क परकश स बन होन क करण इसक अथथ हndash यह

मर करण शरार ह करण शरार को सवचछ ऽसफथ जञन हा कर सकत ह

योग कस कर 387

यह अनिभव 8 मई को आयndash ऽबलकि ल सवचछ चमकदर हलक नाल रग क आकश ह आकश

(अनतररकष) बहत हा सिनदर ह म गौरपीवथक आकश को दख रह ह ा और बहत हा परसनन हो रह ह ा म

आकश क ऊपरा भग म बठ हआ ह ा मन अपना दऽष ट थोड़ा नाच की ओर की तब उसा समय मिझ

एक पापल क पड़ ऽदखई ऽदय ऐस लगत हndash पड़ हजरो सल पिरन ह zwjयोऽक उसक तन ऽबलकि ल

बकर स हो गय थ तन की बहय परत ऽबलकि ल बकर सा व उसम छोट-छोट गडढ जसा हो गया ह

तथ तन भा सीख स ऽदखई द रह ह तन को दखकर लगत ह यह पहल ऽवशल वकष रह होग अब

तन स दो डऽलया ऽनकलकर ऊपर की ओर चला गई ह डऽलय ा भा ऽबलकि ल बकर सा हो गया ह

डऽलयो क अऽनतम ऽसर पर मतर कि छ पतत शष रह गए ह ह ा यह पतत हर अवशय थ जब मन इस पड़ को

दखndash तो बहत बिर लग मन सोचndash यह ऽकतन अचछ अनतररकष ह अनतररकष सवपरकऽशत ह ऽफर

यह गनद-स पड़ यह ा पर zwjयो खड़ हआ ह ऽफर मर अनदर स आवज आईndash ldquoय दोनो डऽलया भा

जयद ऽदन नही रह पएगा य सवय नष ट हो जएगाrdquo इतन म मरा आाख खिल गई

ऄथश- पापल क पड़ व डऽलय ा मर शरार व तषण स यिzwj त इचछएा ह पड़ म डऽलया ऽसफथ दो

हा ह यह सतय ह ऽक मरा इचछएा भा ऽसफथ दो हा ह य दोनो इचछएा बिरा नही ह बऽलक अचछा ह ऽफर

भा इन इचछओ को नष ट तो करन हा ह कि छ समय बद नष ट हो जएागा आवज भा सिनई दा थाndash

ldquoयह तन सवय नष ट हो जएगrdquo हलक नाल रग क परकश स यिzwj त सवचछ आकश मर हा ऽचतत ह ऽचतत

इसऽलए परकऽशत ऽदखई द रह ह zwjयोऽक सतवगिण क सवभव हndash ldquoपरकऽशत होनrdquo सतव गिण की

चतन तततव क अऽत नजदाक उपऽसथऽत रहता ह तथ सतवगिण म शिित क करण उसम परकऽशत होन क

गिण आ जत ह जस दपथण पर सीयथ क परऽतऽबमब पड़न पर दपथण दरर परकश ऽकरणो को पररवऽतथत कर

ऽदय जत ह उस समय ऐस लगत हndash दपथण परकऽशत हो रह ह इसा परकर सतवगिण सवय जड़ ह मगर

चतनतततव क अऽत नजदाक होन क करण अऽभवयजक परकश परकट हो जत ह इसऽलए वह सवय

परकऽशत स ऽदखई स पड़त ह जबऽक ऽचतत जड़ ह

ऄमत वषाश

यह अनिभव 16 मई को आय म धयन करक बठ हआ कि छ सोच रह थ उसा समय मरा

आाख बनद हो गई मन दखndash ldquoमर समन अनतररकष म बहत हा दीर स कोई वसति मरा ओर आ रहा ह कि छ

योग कस कर 388

समय बद मरा ओर वह वसति नजदाक आ गई तब उसक सवरप सपष ट ऽदखई दन लग वह तब क

एक बड़-स लोटनिम पतर थ लोट क मिाह ऊपर की ओर थ वह लोटनिम पतर मर ऽसर क ऊपर

आकर रक गय अब उस पतर क मिाह नाच की ओर ऽतरछ होन लग तब मन दख लोटनिम पतर क

अनदर पना जस तरल पदथथ भर हआ ह वह पदथथ पना स थोड़ जयद गढ़ लग रह थ तथ रग म

भा ममीला-स अनतर थ उस पतर क मिाह नाच की ओर होत हा पना जस पदथथ मर ऽसर क ऊपर ऽगरन

लग ऽसर क ऊपर ऽगर वह तरल पदथथ मर समपीणथ शरार क अनदर वयप त हो रह थ उस समय मिझ

बहत अचछ लग रह थ मिझ लोटनिम पतर स ऽगरत हआ तरल पदथथ ऽदखई द रह थ मिझ अपन

ऽसर भा ऽदखई द रह थ समपीणथ शरार म तरल पदथथ वयप त होत हए भा दख रह थ कि छ समय तक

उस पतर स तरल पदथथ ऽगरत रह मगर उस पतर स तरल पदथथ कम नही हो रह थ ऽफर वह पतर अपन

आप साध हो गय ऽफर मर ऽसर पर तरल पदथथ ऽगरन बनद हो गय तब पतर मिझस दीर जन लग ऽजस

मगथ स आय थ उसा मगथ स वपस जन लग धार-धार मिझस दीर होत हआ अनतररकष म अदशय हो

गय म उस सथन को दख रह थ जह ा पर वह पतर अदशय हआ थ

कि छ कषणो म उसा सथन स ऽफर कि छ आकऽत-सा परकट हो गया म उस आकऽत को गौरपीवथक

दख रह थ वह आकऽत अननत दीर स मरा ओर आन लगा वह आकऽत मर पस आन पर सपष ट ऽदखई

दन लगा वह दखन म तब क कलश जस थ वह मिझस थोड़ा दीरा पर आकश म आकर रक गय

ऽफर वह ऽतरछ होकर उसक मिाह थोड़-स नाच की ओर हआ मन दखndash इस कलश क अनदर भा

पहल जस तरल पदथथ भर हआ थ कलश क ऽतरछ होत हा वह तरल पदथथ नाच की ओर ऽगरन

लग कलश पीरा तरह स उलट हो गय वह तरल पदथथ बहत जयद मतर म नाच की ओर ऽगर रह थ

मन सोचndash यह तरल पदथथ ऽकस जगह ऽगर रह ह मन दऽष ट थोड़ा नाच की ओर की तो दखndash एक बहत

बड़ ऽशवऽलग ह वह तरल पदथथ ऽशवऽलग पर ऽगर रह ह ऽशवऽलग पर ऽगर हआ तरल पदथथ वही पर

अदशय हो जत थ म यह दख कर मिसकर रह थ तथ सोच रह थ ऽक तमर पतर क पदथथ कम नही

हो रह ह ऽशवऽलग पर ऽगर हआ पना भा अदशय हो जत ह थोड़ा दर म कलश साध अपना जगह पर

साध हो गय उसम तरल पदथथ जयो-क-तयो भर हआ थ कलश मिझस दीर वपस अनतररकष म लौटन

लग ऽजस मगथ स आय थ उसा मगथ स वपस जन लग कि छ कषणो म कलश अदशय हो गय

यह अनिभव धयन म नही आय थआाख अपन आप बनद हो गई थी उसा समय यह अनिभव

आय थ मन लोट और कलश की तरह पतर क वणथन ऽकय ह यह दोनो पतर लोट और कलश क

योग कस कर 389

समन ऽमलत-जिलत थ मगर पतर बहत सिनदर थ उनक बहरा सतह पर नzwjकशा बना हई था दोनो पतरो

म एक हा पदथथ थ मन बद म अपन जञन स पीछ तब जञन न बतयndash यह तरल पदथथ सधको क ऽलए

अमत क समन होत ह वह पदथथ ऽगरत समय समपीणथ शरार म वयप त होकर अदशय हो रह थ इस

ऽकरय स ऐस लग रह थ मनो म तप त हो रह ह ा इसऽलए म परसनन हो रह थ

ऊपर ऽलख अनिभव क बद यह अनिभव आय धयन करन क पश चत म lsquoॎrsquo मतर क जप

करन लग जप करत समय हा मर धयन लग गय उसा समय मिझ छोट-स अनिभव अपन शरार क

अनदर आय मन दखndash एक ऽबलकि ल छोट-स कछि ए क बचच ह उसन अपन परो व मिाह को अपन

शरार क अनदर स बहर ऽनकल ऽलय चरो परो व मिाह को भीऽम म ऽचपकए हए वह ऽबलकि ल शनत मिदर

म बठ हआ ह वह ऽबलकि ल ऽहल-डिल नही रह थ थोड़ा दर म उसक समपीणथ शरार पर छोट-छोट कट

स उभर आए शरार पर कट उभरन क करण छटपटन-स लग ऽफर कि छ कषणो म उसकी मतयि हो गई

म चौकndash यह तो मर गय यह सोच हा रह थ ऽक इतन म एक अदशय शऽzwj त न कछि ए क बचच को पाछ

की ओर खीच ऽफर कि छ कषणो म मर हए कछि ए क बचच अदशय हो गय

ऄथश- मिझ इस अनिभव स बड़ा परसननत हई कछि ए क बचच इऽदरयो क समीह क परताक ह

अनिभव म कछि ए क बचच मरत हआ ऽदखई ऽदय ऽफर कि छ समय म वह मर भा गय इसक अथथ ह-

मरा इऽनदरय ा मर हए क समन हो गया ह धयन दन योनय बत हndash इऽनदरया कभा मरता नही ह वह अभयस

क परभव स अनतमिथखा होकर धार-धार सीकषम अवसथ म चला जता ह सधक को एक अवसथ ऐसा

आता ह इऽनदरय ा मर हए क समन हो जता ह जब तक अभयसा को तततवजञन की परऽप त नही हो जता

ह तब तक अभयसा को सदव सतकथ रहन चऽहए जर सा भा असवधना हई तो य इऽनदरया बऽहमिथखा

हो सकता ह और अभयसा क पतन भा हो सकत ह इसऽलए अभयसा को सदव सतकथ रहन चऽहए

कभा लपरवहा नही बरतना चऽहए

धमश कााटा

यह अनिभव मिझ 22-23 मई की रऽतर को आय मन योग ऽनदर म दखndash हलक नाल चमकील रग

क परकश वल अनतररकष ह उस अनतररकष म एक तरजी ह तरजी इतन बड़ व ऽवऽसतरत ह वह समपीणथ

अनतररकष म समय हआ ह म उस तरजी क क ाट दख रह ह ा क ाट कभा दऽहना ओर होत ह तो कभा

योग कस कर 390

बयी ओर होत ह यहा ऽकरय जलदा-जलदा हो रहा ह मरा दऽष ट तरजी क पलड़ो पर गया दोनो पलड़

करमशः ऊपर नाच हो रह ह म यहा ऽकरय दख रह ह ा मर अनदर ऽवचर आयndash यह तरजी ऽसथर zwjयो नही

हो रह ह कि छ कषणो बद मर अनिभव समप त हो गय

ऄथश- जब मन अपना आाख खोला तो सोचन लग- इस तरह तरजी zwjयो ऽदखई द रह थ ऐस

तरजी तो भगवन धमथरज जा क पस ह वह तरजी बरहमणड क धमथ-अधमथ क ऽनणथय करत ह यह तरजी

मिझ zwjयो ऽदखई ऽदय तथ क ाट ऽसथर zwjयो नही थ इसक अथथ हndash धमथ अथव नयय की कही पर

गड़बड़ा अवशय ह अधमथ की मतर बढ़ गई ह सधको यह तरजी भगवन धमथरज क समन सदव

उपऽसथत रहत ह यह धमथ-अधमथ और नयय-अनयय क ऽनणथय करत ह

मवणपरभा

यह अनिभव मिझ जीन म आय मन दख- म नाल अनतररकष म खड़ हआ ह ा मिझस थोड़ा दीरा पर

ऊपर की ओर एक अतयनत उजजवल (सफऽटक क समन) मऽण चमक रहा ह मिझ वह मऽण बहत अचछा

लग रहा था उसा समय म मऽण क पस अपन आप पट क बल लट हए पहाच गय मऽण स मर मिाह मतर

एक फीट की दीरा पर थ जस हा म लट हए मऽण क पस पहाच मऽण क परकश मर मिाह पर पड़न लग

मर शरार मऽण क चरो ओर चकर क समन घीमन लग मऽण अपना जगह पर ऽसथर बना हई था मर

शरार मऽण क चरो ओर घीमन क करण मिाह भा मऽण क चरो ओर घीम रह थ मगर मरा दऽष ट मऽण पर

हा ऽसथर था कि छ कषणो बद मर शरार ऽसथर हो गय म मऽण को अब भा टकटकी लगए हए दख रह

थ म मिसकर रह थ तथ सोच रह थndash यह मऽण ऽकतना सिनदर ह म मऽण की फला हई परभ को दख

रह थ परभ म बहत हा जयद आकषथण थ ऽफर यह मऽण मिझस थोड़ा दीर ऊपर की ओर हो गई ह और

अदशय हो गई अब म नाल परकशमन अनतररकष म खड़ हआ थ तभा मर अनिभव समप त हो गय

ऄथश- सधको म नाल अनतररकष म खड़ हआ ह ाndash यह नाल अनतररकष सवय मर ऽचततकश ह

नाल परकशमन इसऽलए ऽदखई द रह ह zwjयोऽक वह करण जगत स समबऽनधत ह मऽण- यह ऽचतत की

एक सऽतवक वऽतत ह जो मऽण क रप म ऽदखई द रहा ह यह ऽचतत की उचच अवसथ क परताक ह जब

सधक को इस परकर मऽण ऽदखई द तो समझ लन चऽहए ऽक कि छ समय बद सधक को उचचऽसथऽत

योग कस कर 391

परप त होन वला ह सधक की कि णडऽलना जब ऽसथर जो जता ह ऽफर भा वह समऽध क अभयस करत

रहत ह तब बहत समय बद धयनवसथ म (समऽध अवसथ म) सीयथ ऽदखई दत ह यह सीयथ एक बर

अथव कई बर ऽदखई द सकत ह ऽफर अभयस बढ़न पर चनदरम ऽदखई दन लगत ह यह चनदरम

पीऽणथम अषटमा अथव अनय ऽतऽथयो की भाऽत ऽदखई दत ह मगर यह चनदरम बहत सिनदर होत ह

चनदरम म ऽकसा परकर क धबब ऽदखई नही दत ह वह ऽबलकि ल सवचछ उजजवल होत ह सथील

चनदरम की तरह नही ऽदखई दत ह सधक क अभयस जब और अऽधक बढ़त ह उस समय शष

ससकरो को भा भोगत रहत ह इस अवसथ म ऽचतत म तमोगिण ऽवदयमन रहत ह इस तमोगिण को

समप त करन क ऽलए सधक को अऽत कठोर सधन करना पड़ता ह तथ इसा समय सधक पर घोर

परशऽनया भा आ जता ह zwjयोऽक शष ससकर भोग रह होत ह यऽद सधक की कठोर सधन चल

रहा ह तब उस धयनवसथ म कभा-कभा आकश म कल बदल ऽदखई दग य सधक क तमोगिणा

कमथशय होत ह जो इस रप म ऽदखई दत ह उसा घन कल बदलो क बाच म कभा-कभा एक

चमकदर तर (नकषतर) ऽदखई दत ह ऽफर वह लिप त हो जत ह कल बदलो क बाच म यह तर बहत

सिनदर ऽदखई दत ह ऐस लगत ह ऽक एक बर ऽफर ऽदखई द

सधको इन ससकरो को भोग लन पर यह कल बदल नष ट हो जत ह zwjयोऽक तमोगिण कम हो

जत ह इस अवसथ म सधक को सथील जगत म घोर अपमन सहन पड़त ह इसऽलए कह गय ह ऽक

य शष कमथ zwjलशतमक होत ह इन zwjलशतमक कमो को भोगत समय सधक की तषण कम होन लगगा

zwjयोऽक ऽजसक परऽत तषण होता ह उसा स सधक को कष ट ऽमलत ह अपन सग समबऽनधयो व ऽमतरो स

कष ट भोगन पड़त ह वस समज म ऽकसा स भा कष ट ऽमल सकत ह इन कष टो क करण उस सथील

जगत स अरऽच हो जता ह यऽद दीसरा ओर स सोच तो यह कष ट सधक क ऽलए लभकरा होत ह

इसस भौऽतक ससर स लगव छी ट जत ह और जञन ऽमलन लगत ह जब सधक को मऽणपरभ क दशथन

हो तो समझ लन चऽहए ऽक उस उचचऽसथऽत परप त होन वला ह यह मऽण सफऽटक क समन सवचछ

होता ह कि छ समय बद सधक क ऽचतत सफऽटक क समन सवचछ होन लगत ह यह ऽचतत की सबस

उचच अवसथ होता ह सधको कि णडऽलना ऽसथर होन क बद कई वषो तक कठोर अभयस करन पर सीयथ

चनदरम नकषतर व मऽणपरभ आऽद ऽदखई दता ह यह ऽचतत की अवसथएा होता ह zwjयोऽक यह वऽतत शिि

सतवगिण की होता ह इसऽलए मऽण क सवरप धरण कर लता ह इस अवसथ म ऽचतत पर अभा भा थोड़

स ससकर-शष ऽवदयमन रहत ह जो कि छ वषो म सधक भोगकर समप त कर दत ह यह अवसथ सधक

योग कस कर 392

को अऽनतम जनम म ऽमलता ह जो ऽबरल सधको को परप त होता ह इस अवसथ को सधक इस भीलोक

पर ऽकतन ह यह बत पन बड़ मिऽशकल ह

सफलता पर सवार

यह अनिभव जीन मह म आयndash म नवल क ऊपर सवर ह ा नवल अऽत तावर गऽत स मिझ ऽलए

ज रह ह मर समन बहत हा ऊा च पहड़ ह मगर नवल न अऽतशाघर मिझ कल पहड़ की चोटा पर

पहाच ऽदय पहड़ की चोटा पर पहाच कर मन चरो ओर दखndash नाच की ओर बहत गहरा खई था म

नवल की पाठ स उतर कर गय खड़ हो गय नवल तजा स चोटा क थोड़ स (पहड़ क) नाच एक

जगह पर बठ गय म जोर-जोर स हास रह थ म बोलndash मिझ ऊपर चढ़कर आप (नवल) नाच जकर

कस आरम स बठ गए पहड़ क सबस ऊा चा चोटा पर खड़ हआ म हास रह थ चरो ओर तज सिनहर

परकश फ़ल थ अनिभव समप त हो गय

ऄथश- सधको नवल छोट-स हा परणा होत ह मगर म उसक ऊपर बड़ आरम स बठ गय

पहड़ की चोटा बहत ऊा चा था मगर वह तिरनत चढ़ गयndash म तावर गऽत स सफलत परप त करा ग पहड़

क रग कल थndash शष ससकर zwjलशतमक और तमोगिणा होत ह पहड़ इनही क परताक ह म कल

पहड़ क ऊपर चोटा पर खड़ हो गयndash अथ थत भऽवषय म म तमोगिणा ससकरो परशऽनयो व कष टो पर

ऽवजय परप त करा ग

माया और ऄववदया

यह अनिभव 5 अगसत को आय थndash म ऽकसा ऊा च सथन पर बठ हआ ह ा मिझस बहत दीरा पर

थोड़ नाच की ओर एक पिरष खड़ हआ ह उस पिरष क हथ म (बय हथ म) दो रऽससय ा ह इन दोनो

रऽससयो क एक ऽसर अपन बय हथ म पकड़ हए ह इन रऽससयो क दीसर ऽसरो पर दो ऽस तरय ा अलग-

अलग बाधा हई ह ऽस तरयो क शरार म रऽससय ा ऽलपटा हई थी ऽफर रससा क फद गल म फा स हआ थ

पिरष स य दोनो ऽस तरय ा थोड़ा दीरा पर खड़ा हई थी य ऽस तरय ा पिरष स बहत डर रहा थी दशय ऐस थndash जस

योग कस कर 393

बनदर नचन वल मदरा बनदर क गल म रससा बाध रहत ह ठाक इसा परकर पिरष ऽस तरयो क गल म

रससा क फद डल हए थ और रऽससयो क भा ऽखचव ऽकए हए थ पिरष रऽससयो स झटक दकर

ऽस तरयो क ऽखचव कर रह थ ऽस तरय ा उसस डर कर थर-थर क ाप रहा थी म दीर बठ हआ इसदशय को

दख कर हास रह थ और मन म कह रह थndash ldquoपिरष इन ऽस तरयो को बनदर की भाऽत नच रह हrdquo पिरष न

ऽस तरयो स कि छ कहndash ऽस तरयो न lsquoह ाrsquo म अपन ऽसर ऽहलय उसा समय पिरष न एक स तरा को रससा क

सहर झटक ऽदय और बोलndash ldquoचल इसस मफी माग ऽफर यहा स चला जrdquo जो स तरा आग की ओर

खड़ा हई था वह फशथ पर दणडवत रप म लट गई और मफी मागन लगा ऽफर बोलाndash ldquoअब म उस

परशन नही करा गा मर परभव उस पर नही रहगrdquo म यह दशय बहत दर स दख रह थ म सोचन

लगndash ldquoयह मफी ऽकसस माग रहा हrdquo यह मिझ नही मलीम हआ य ऽस तरय ा इस पिरष स इतन zwjयो डरता

ह वह स तरा अब भा फशथ पर पट क बल लटा हई हथ जोड़ मफी म ाग रहा था उसा समय मर अनिभव

समप त हो गय

ऄथश- सधको य दोनो ऽस तरया समनय ऽस तरया नही थी एक स तरा हरा सड़ा पहन हए था एक स तरा

लल सड़ा पहन हए था दोनो की सऽड़यो म ऽसतर लग हए थ तथ ऽसर पर छोट-छोट सिनदर मिकि ट लग

हए थ य ऽस तरय ा मय और अऽवदय थी जो स तरा लटकर मफी माग रहा था वह अऽवदय था दीसरा स तरा

जो लल रग की सड़ा पहन हए था वह मय था वह पिरष जो दोनो ऽस तरयो को रससा स ब ाध हए थndash

वह पिरष जञन क परताक ह इस अनिभव स एक बत सपष ट होता ह जब अऽवध मफी मागन लग और

सवय कह उसक परभव अभयसा पर नही रहग अथव नही पड़ग तब समझ लन चऽहए अभयसा को

भऽवषय म तततवजञन की परऽप त होन वला ह

तराज

यह अनिभव11अगसत को आय थ मन दखndash मर समन एक तरजी बहत बड़ सइि क ह

तरजी क दऽहन पलड़ पर म बठ हआ ह ा बय पलड़ पर कि छ रख हआ ह उस पलड़ म zwjय रख हआ

ह यह म नही जन सक उसा समय तरजी क दोनो पलड़ बरबर होन को हए मगर मर वल पलड़

ऊपर की ओर उठत उसा समय ऽमिा की बना ब ाबा वही पर परकट हो गई ऽजस पलड़ पर मन बठ हआ

योग कस कर 394

थवह पलड़ बाबा म अटक गय मन खड़ हआ दीर स दख रह थ म बोलndash ldquoयह बाबा मर ऽलए

अवरोध हrdquo अनिभव समप त हो गय

ऄथश- इस अनिभव म म दो सवरपो म ह ा एक- तरजी पर बठ हआ ह ा दसरा- म दीर खड़ हआ

समपीणथ दशय दख रह ह ा तरजी म तिलत समय मर वल पलड़ ब ाबा म अटक गयndash बाबा म नग रहत

ह नग अहकर क परताक होत ह अथ थत अभा हमर ऽचतत पर तमोगिणा कमथ ह तरजी म बठ हआ

शरार मर सीकषम शरार थ दीर खड़ हआ शरार मर करण शरार थ यहा करण शरार समपीणथ दशय दख

रह थ अनिभव क अथथ हndash ऽचतत को अभा और शिि करन ह zwjयोऽक अहकरा वऽततयो स यिzwj त ह

तमोगणी ऄहकार का मल सरोत म ववलीन होना

यह अनिभव अगसत क अऽनतम सप तह म आय थ मन दोपहर को धयनवसथ म दखndash म एक

बहत पिरना ब ाबा को दख रह ह ा जो बहत हा पिरना ऽमिा की बना ऽदखई द रहा ह मिझ उस ब ाबा म

एक ऽछदर सपष ट ऽदखई द रह थ मरा दऽष ट उसा ऽछदर पर ऽसथर था कि छ कषणो म उसा ऽछदर स एक पिरन

कल नग ऽनकलन लग वह नग मरा ओर आन लग उसकी लमबई समनय स जयद था वह नग

जब मर नजदाक आ गय उसा समय मन दखndash नग क मिाह स प ाच-छः इच पाछ पाठ की ओर एक

मकड़ा क समन कोई परणा मजबीता स ऽचपक हआ ह मन सोचndash इस कल नग पर यह परणा इतना

मजबीता स कस ऽचपक हआ ह नग क शरार पर कोई परणा इस तरह स नही ऽचपक सकत ह म यहा

सोच रह थ तब तक नग मर अऽत नजदाक आ गय म चौक पड़ और सोचndash इस नग को मिझस zwjय

कम ह तभा उस भयकर नग न अपन मिाह ऊपर की ओर उठय और मर रदय क अनदर परवश करन

लग म तिरनत बोलndash ldquoठहर जा त मर ररीर क अनदर परवर नही कर सकता हrdquo तिरनत हा मन ओकर

ऽकय ओकर करत हा नग अपना जगह पर ठहर गय मगर नग क मिाह वल भग मर शरार (रदय) क

अनदर परवश कर गय थ नग क शष शरार बहर थ उस समय म अनिभव म धयन मिदर म बठ हआ

थ म नग स बोलndash ldquoत मर ररीर स बाहर िनकल जाrdquo उसा समय ऽचतत स आवज आईndash ldquoयोगा इस

अनदर परवश करन दो यह तिमहर तमोगिणा अहकर ह और यह अपन सरोत म ऽवलान हो रह ह ऽफर म

कि छ नही बोल नग मर शरार क अनदर ऽवलान हो गय अब म उस बाबा को दखन लग ऽजस ब ाबा स

ऽनकल हआ थ उसा समय मर धयन टीट गय

योग कस कर 395

सधको बाबा उस कहत ह जो दामक क घर होत ह दामक अपन घर ऽमिा क बनता ह

उसा म गहर-गहर ऽछदर होत ह सथील रप स सपथ इसा परकर क सथनो पर रहत ह दखन म नग बहत

पिरन लगत थ zwjयोऽक उसकी शzwjल हा ऐसा था नग क मिाह क पस जो मकड़ा स ऽमलत-जिलत

परणा (कीड़) बड़ा मजबीता स ऽचपक थ इसक अथथ zwjय ह इस जनन क ऽलए म धयन पर ऽफर

बठ तथ जनकरा क परयस ऽकय तो मलीम हआ वह परणा (कीड़) क रप म ऽजसक आकर मकड़ा

क समन थ वह अऽवदय क सवरप थ वस भा अऽवदय की उतपऽतत तमोगिणा अहकर स हा होता ह

zwjयोऽक अऽवदय तमोगिणा अहकर म बाज रप म छि पा रहता ह अथ थत बाज रप म ऽवदयमन रहता ह

समऽध क समय अहकर ऽचतत म अतमिथखा हो रह थ समऽध भग होन पर अहकर ऽफर बऽहमिथखा होकर

वयवहर म आ जत ह अहकर कभा नष ट नही होत ह समऽध क अभयस स तथ अनय सयमो क

दरर अहकर धार-धार शिि होन लगत ह जस-जस शिित क अनिसर उसम सऽतवकत बढ़ता जता ह

वस-वस अहकर धार-धार अतमिथखा होन लगत ह तभा अऽवदय भा धार-धार कमजोर पड़न लगता ह

अथ थत अभयसा क ऽचतत स अजञनत नष ट होन लगता ह अहकर ऽजतन शिि होग उतन हा वह

वयपक होग

सधको आप समझ हा सकत ह ऽक अनिभव उचचवसथ क ह इस अवसथ को परप त करन म

मिझ अतयनत कष ट सहन पड़ ह तथ मरा खीब दिगथऽत भा हई zwjयोऽक ऽनऽवथकर समऽध क बद शष-

ससकर रह गए थ यह शष- ससकर अतयनत zwjलशतमक होत ह य ससकर योगबल स नष ट नही ऽकए

ज सकत ह ऽसफथ भोग करक समप त ऽकए जत ह यहा ससकर म भोग रह ह ा कि छ समय बद अवशय

इन ससकरो स मिऽकत ऽमल जएगा मन योगबल स दख ऽक मर ऽचतत म अब भा कि छ ससकर-शष ह

माता कणडवलनी शवzwj त

ऽसतमबर मह क अऽनतम सप तह म नवरऽतर क समय थ म कई वषो स नवरऽतर म मत

कि णडऽलना को दीध पान क ऽलए आवहन ऽकय करत ह ा ऽफर अपना ऽदवयदऽष ट स दखत ह ा ऽक मत

कि णडऽलना को दीध ऽमल ह ऽक नही ऽमल ह हमश की भ ाऽत अब की बर भा दीध पान क ऽलए

आवहन ऽकय 21 ऽसतमबर को दीध क सीकषम भग योगबल दरर मत कि णडऽलना क पस भज ऽदय

और आाख बनद करक बठ गय कि छ कषणो बद मन दखndash आकश स मर समन खला पतर आकर

योग कस कर 396

ऽगर आकश स ऽगर हआ पतर उस पतर म सम गय ऽजसम म दीध ऽलए बठ हआ थ म समझ गय

दीध मत कि णडऽलना न पा ऽलय ह

सधको दीध ऽपलत समय यहा अनिभव आत थ ऽक अनतररकष स दीध वल पतर (आकश स)

वपस आ जत थ और सथील पतर म सम जत थ zwjयोऽक योगबल पर पतर क सीकषम भग भा दीध क

सथ चल जत थ यऽद म दीध को ऽकसा ऽगलस म ऽलए हए ह ा तो सथील ऽगलस व दीध स सीकषम

ऽगलस व दीध ऽनकलकर अनतररकष म चल जत थ ऽफर सीकषम ऽगलस वपस आकर सथील ऽगलस म

सम जत थ

दीसर ऽदन मन सकलप ऽकयndash मत कि णडऽलना इसा ऽगलस म (सथील ऽगलस म) दीध ऽपय ऽफर

म आाख बनद करक म बठ गय और ऽदवय-दऽष ट स दखन लग तभा मिझ ऽदखई ऽदयndash मर समन बहत

बड़ ऽगलस रख हआ ह उस ऽगलस म दीध भर ह म उस दीध को दख रह ह ा दीध अपन आप कम

होत चल ज रह ह उसा दीध म मिझ एक नग ऽदखई ऽदय वह नग दीध म डीब हआ ह और दीध पा

रह ह कि छ समय बद दीध ऽबलकि ल समप त हो गय ऽसफथ सवचछ ऽगलस रह गय और उस ऽगलस म

नग रह गय नग अपन मिाह ऊपर उठकर ऽगलस स बहर ऽनकल ऽफर मर शरार क अनदर परवश कर

गय उसा समय मरा आाख खिल गई म समझ गय यह नग मत कि णडऽलना शकती क हा सवरप ह

परतयकष म सथील रप स ऽगलस म दीध वस हा भर रहत थ मत कि णडऽलना शऽzwj त सीकषम रप स दीध

पाता था सधको सदव धयन रखनndash ऽदवय शऽzwj तय ा कभा भा भोजन नही करता ह वह ऽसफथ अपन

भकत क सममन करता ह मरा ऽजद क करण कि णडऽलना शकती न ऐस करक ऽदखय ह अथ थत समपथण

भव क सममन करत ह बस

इसक बद म जब भा मत कि णडऽलना को दीध ऽपलत थ तब दखत थndash ऽगलस क दीध

अपन आप धार-धार कम हो जत ह ऽफर खला ऽगलस रह जत ह म इस समय कि णडऽलना शऽzwj त क

म बहत ऽचनतन ऽकय करत थ zwjयोऽक कि णडऽलना क दरर मिझ असाऽमत योगबल परप त हो गय थ

सवय कि णडऽलना शऽzwj त न मिझ एक गिप त ऽवऽध बतई थाndash ऽजसस मर योगबल कभा भा ऽकसा कयथ म

कम नही पड़त थ म नवरऽतर क समय कि णडऽलना शऽzwj त की ऽवशष परकर स पीज ऽकय करत थ

तभा उनह दीध भा ऽपलत थ म योगबल स सथील दीध स सीकषम दीध ऽनकल लत थ ऽफर मत

कि णडऽलना शऽzwj त क पस भज दत ह यह ऽकरय म ऽदवय दऽष ट स दख करत थ

योग कस कर 397

ऄहकार

एक अzwj तीबर को योग ऽनदर म अनिभव आय म पथवा पर ऽजधर जत ह ा उधर नग-हा-नग

ऽमलत ह नग हर पदथथ क अनदर ऽदखई दत ह यऽद म छोट-छोट पौधो को तोड़ ा तो उसक अनदर स भा

अतयनत छोट-स नग ऽनकल आत थ मगर मिझ ऽकसा परकर क डर नही लगत थ उसा समय मन

एक पड़ की अतयनत छोटा डला तोड़ दा तो उसक अनदर स भा नग ऽनकल आय म आश चयथ म पड़

गय ऽक मिझ नग हा नग zwjयो सवथतर ऽदखई दत ह म ओर आग की ओर चल समन की ओर चढ़ई

था म चढ़त ज रह थ रसत म छोट-छोट नग लट हए थ मन सोचndash यह नग मर पर क नाच न

कि चल जएा इसऽलए म नगो को उठकर फ कन लग ऽफर आग चढ़ई चढ़न लग उसा समय मर

अनिभव समप त हो गय

ऄथश- सधको बद म मन सोचndash मिझ सवथतर नग हा नग zwjयो ऽदखई ऽदए तथ कण-कण म

zwjयो वयप त थ कि छ समय बद मिझ जनकरा हो गई तततव रप म यह अहकर ह अहकर सवथतर वयप त

होत ह इसऽलए ऐस ऽदखई द रह थ अहकर क दरर हा समसत सऽष ट क सजन हआ ह वहा गरहय

और गरहण क रप ऽवभzwj त होकर बऽहमिथखा हो जत ह सधको कि णडऽलना और अहकर दोनो क

सवरपो (नग रप म) म आपस म ऽभननत होता ह

तमोगणी ऄहकार

यह अनिभव मिझ 3 अzwj तीबर को योगऽनदर म आय थndash म जगलनिम कषतर को पर करत हए चल

ज रह ह ा उसा समय मन दखndash मर दऽहन हथ म पड़ की एक बहत बड़ा डला ह म उस डला को

अपन आग ऽकए हए ह ा और उस आग की ओर ठलत (डला को) हआ चल ज रह ह ा मिझ उस जगल

म आग की ओर जन म कोई परशना नही हो रहा ह कि छ समय बद मिझ लगndash ऽक मर शरार म कोई

चाज ऽलपटा हई ह मन पाछ की ओर मिड़कर दख तो म दखकर चौक पड़ zwjयोऽक मरा कमर म आध

नग ऽलपट हआ थ नग क पीाछ की ओर क आध शरार भीऽम पर ऽघसट रह थ मन नग स छी टन क

परयस ऽकय मगर म अपन आपको नही छि ट सक मन अपन समन की ओर दखndash मिझस थोड़ा दीरा

पर एक पिरष खड़ हआ थ म उस पिरष स बोलndash मर पाछ की ओर कमर म एक नग ऽलपट हआ ह

योग कस कर 398

कपय आप इस अलग कर दाऽजए वह पिरष कि छ नही बोल बऽलक वह थोड़ स आग की ओर चल

उसन मर हथ स डला छानकर एक ओर को फ क दा उसा समय मर कमर म ऽलपट हआ नग छी ट गय

और अदशय हो गय म अपन आप सिनहर रग क परकश म खड़ हो गय जगलनिम कषतर अब भा थ

रसत सपष ट नजर आ रह थ म आग की ओर बढ़न लग मन दखndash रसत म और जगल म हलक

सिनहर व सफद रग क मर हए नग पड़ हए ह यह दशय दखकर म अचऽमभत हो गय ऽक यह नग मर हए

zwjयो पड़ ह मन नगो को उठकर दख उनक शरार लकड़ा की भ ाऽत जड़ थ मिझ एक बर ऽफर

आश चयथ हआ इन नगो क शरार लकड़ा की भाऽत जड़ zwjयो ह इनक शरार मास क zwjयो नही बन

हआ ह ऽफर म हास और बोलndash ldquoय तो जड़ ही हrdquo अब म पर की ठोकर स इन नगो क शरार को एक

ओर करत हआ तथ कभा-कभा कि चलत हआ आग की ओर बढ़न लग चरो ओर परकश फ़ल

हआ थ अनिभव समप त हो गय

ऄथश- सधको इस अनिभव क अथथ ऽलख रह ह ाndash म ऽजस जगल म अपन हथ म डला पकड़

हए आग की ओर चल ज रह ह ा वह जगल यहा सथील ससर ह डलाndash इसा सथील ससर क एक अश

ह कमर म ऽलपट हआ नगndash मर अहकर ह समपीणथ ससररक पदथथ तयग दन पर अहकर स मिzwj त हो

जत ह हलक धिाधल परकशndash तमोगिणा वऽतत क करण हलक धिाधल परकश ऽदखई दत ह रसत म

मत सपथ (नग) लकड़ा क समन जड़ रप म ऽमलndash जब अहकर क सकषतकर हो जत ह तब अहकर

जड़ रप म भऽषत होन लगत ह zwjयोऽक अहकर ऽचतत की ऽवकऽत ह जब ऽकसा ऽवकऽत क सकषतकर

हो जत ह तब वह जड़ रप म भऽषत होन लगता ह अनिभव क अत मndash पहल उन मर हए जड़ नगो

को रसत स एक ओर को पर की ठोकर स कर दत ह ा ऽफर कि चलत हआ आग की ओर चल ज रह ह ा

म डला क अथथ ऽलख दीाndash zwjयोऽक म उस पकड़ हए ह ा जब वह छी ट जएगा उस समय मरा ऽसथऽत अपन

आप म हो जएगा मिझ ससररक सभा वसतिओ क तयग करन होग तथ मर जञन भा यहा कहत हndash

सथील वसतिओ क तयग कर द ईश वर तिमहरा जररत पीरा करगसधको यह ऽसथऽत मरा कि छ समय

बद आएगा

योग कस कर 399

मरा कमश

4 अzwj तीबर दोपहर को योग ऽनदर म अनिभव आयndash मर समन कि त त क एक ऽपलल आ गयndash

यह ऽपलल (कि त त क ऽबलकि ल छोट-स बचच) सवचछ सफद रग क ह वह मिझस थोड़ा दीरा पर खड़

हो गय और मिझ भौकन लग म उस ऽपलल को दख रह थ उस ऽपलल की आवज बहत जयद तज

था आवज मर कनो को चिभ रहा था मिझ आश चयथ हो रह थ इतन छोट ऽपलल स इतना तज आवज

कस ऽनकल रहा ह तभा कनो म ऽपलल की आवज चिभन क करण मरा आाख खिल गई और अनिभव

समप त हो गय

ऄथश- आाख खिलन पर म तिरनत समझ गय सिनदर छोट स ऽपलल क रप म यह मर कमथ ह मर

शष कमथ मिझ पर अपन परभव ऽदख रह थ मगर वह मिझस थोड़ा दीरा पर खड़ थ तथ ऽकसा परकर

क मिझ निकसन भा नही पहाच रह थ मिझ अपन ऽवरोध अवशय ऽदख रह थ म सोच रह ह ाndash शयद

इसऽलए निकसन नही पहाच रह थ zwjयोऽक वह ऽबलकि ल छोट-स थ तथ उजजवल सफद थ यह

महततव पीणथ ह सधको यह मर शष कमथ तो ह मगर सऽतवक रप म ह zwjयोऽक ऽपलल क रग ऽबलकि ल

सफद ह तथ सवचछ भा ह सभवतः कमथ कि छ समय बद ऽबलकि ल कम रह जएग zwjयोऽक यह

ऽकरयशाल होकर बऽहमिथखा हो गय ह इसऽलए इस अब कम हा होन ह अब यह भऽवषय बतएग ऽक

मर कमथ कब समप त होग

सखा हअ पड़

यह अनिभव 14 अzwj तीबर को सिबह धयनवसथ म आयndash धिाधल परकश म एक सीख हआ पड़

खड़ हआ ह उसकी मोटा-मोटा डऽलया व तन ऽदखई द रह ह य डऽलय ा व तन पीरा तरह स सिख

चिक ह म इस सीख हए पड़ को दख रह ह ा कि छ समय बद इस सीख हए पड़ की डऽलय ा अदशय हो

गया अब ऽसफथ तन हा ऽदखई द रह थ यह तन भा सिख कर ऽबलकि ल बकर हो चिक ह ऽफर अनिभव

समप त हो गय

ऄथश- आपन पहल भा पढ़ होग मिझ एक अनिभव (8 मई को) आय थ उस अनिभव म एक

पड़ म दो डऽलया हरा-भरा पततो स यिzwj त ऽदखई दा थी और जनकरा ऽमला थाndash य दोनो डऽलया भा

योग कस कर 400

जयद ऽदन नही रहगा तथ तन भा सवय नष ट हो जएग मगर आज क अनिभव म यह पड़ पीरा तरह स

सिख गय ह कि छ समय बद ऽसफथ तन रह गय थ वह भा सिख कर बकर हो चिक थ यह अनिभव

धिाधल परकश म आय अथ थत तमोगिणा वऽतत क परभव स ऽदखई ऽदय अब मरा इचछएा इस ससर क

परऽत नही रह गई इसाऽलए पड़ पीरा तरह स सीख हआ ऽदखई द रह ह इसस सपष ट होत ह ऽक मर कमथ

भा लगभग कषाण होन की ओर आ गय ह zwjयोऽक वऽततयो क रप म हा कमथ बहर ऽनकल करत ह मगर

अभा सीख हए पड़ क जड़ पदथथ (सीखा लकड़ा) अभा ऽचतत म शष ह ऽचतत को ऽबलकि ल सवचछ होन

चऽहए ऽजस परकर सफऽटक सवचछ होता ह अभा मर ऽचतत को सवचछ होन म समय लगग सवचछ होत

समय ऽकसा-न-ऽकसा परकर स इन कमो को भोगन होग अनिभव म सीख पड़ की जगह कि छ समय बद

ऽसफथ तन हा ऽबलकि ल बकर अवसथ म ऽदखई ऽदय इसक अथथ हndash कि छ समय बद सीख पड़ क रप

म ऽचतत म ऽसथत कमथ भा ऽबलकि ल कम हो जएग यह सीख पड़ भा कमथ हा ह वह अब हर-भर नही

हो सकत ह उसक अऽसततव धार-धार कषाण होकर समप त हो जन ऽनऽश चत ह सीख हए पड़ क कि छ

समय बद नमोऽनशन ऽमट जत ह उसक अऽसततव पीरा तरह स परकऽत म ऽवलान हो जत ह इसा

परकर जब सीख पड़ रपा कम थशय जब ऽचतत म नही रह जएाग तब ऽचतत कमो स धार-धार शीनय होन

लगग ऐस कई वषो तक अभयस करत-रहन पर होत ह उस अवसथ म परजञ क परकटय हो जत ह

वहा ऽचतत को ऽनमथल बनता ह ऐस अभयसा क अऽनतम जनम म होत ह

यह अनिभव अzwj तीबर मह क तासर सप तह म आय थ मन योगऽनदर म दखndash सिनहर परकश

फ़ल हआ ह म बहत ऊा चा व बहत लमबा चढ़ई चढ़त चल ज रह ह ा मन पाछ मिड़कर दख तो मिझ

लग ऽक म बहत लमबा चढ़ई चढ़क आय ह ा अभा थोड़ा ओर चढ़ई शष ह अब मिझ हलकी-हलकी

थकन महसीस होन लगा ह मगर अभा थोड़ा सा चढ़ई शष था इसऽलए म रक नही बऽलक आग की

ओर चढ़त ज रह थ

ऄथश- इस तरह की चढ़ई चढ़न क अथथ हndash ldquoभऽवषय म सफलत क ऽमलनrdquo चढ़ई ऽजतना

ऊा चा व लमबा होगा सफलत भा उतना हा बड़ा होता ह यऽद सधक को धयनवसथ म चढ़ई ऽदखई द

और सधक उस चढ़ई नही चढ़ प रह हो तो समझन चऽहए सफलत अभा नही ऽमलगा यऽद सधक

क मगथ म अचनक दावर परकट हो जए अथव ऊा च पहड़ परकट हो जए सधक को पर करन

असमभव हो तो उसक अथथ हndash ldquoसफलत म अवरोध आ गयrdquo सधक धयनवसथ म आग ज रह

हो आग खई आ जए अथव खई परकट हो जए तो उसक अथथ यहा लगन चऽहए- योग मगथ म

योग कस कर 401

अवरोध आ गय ह जब इस परकर क अनिभव सधक को आत हो तब सधक को कभा-कभा सथील

रप स अवरोध आ जत ह

परभा

यह अनिभव 21 अzwj तीबर को सिबह धयनवसथ म आयndash म जस हा समऽध की गहरई म गय

उसा समय परकश परकट हो गय म उस परकश को दखकर चौक पड़ मरा आाख खिल गई और धयन

टीट गय कषणभर क ऽलए मिझ लग ऽक म ऽजस कमर म धयन करन क ऽलए बठ ह ा उसम परकश कस

परकट हो गय यह बत मन कषणभर म सोच ला परनति जब आाख खिल गई तब ऽदखई ऽदय ऽक कमर म

अनधकर छय हआ ह zwjयोऽक सिबह नही हई था म ऽफर आाख बनद करक धयन करन क ऽलए बठ

गय आाख बनद करत हा पहल की भाऽत परकश परकट हो गय म ऽफर चौक पड़ मरा आाख ऽफर खिल

गई म कमर क अनदर अनधकर म बठकर सोचन लगndash इस परकश क परकट होत हा मरा आाख zwjयो

खिल जता ह म समझ गय यह परकश मर ऽचतत क अनदर परकट होत ह म ऽफर आाख बनद करक धयन

करन क ऽलए बठ गय उसा समय एक बर ऽफर परकश परकट हआ मगर अब की बर मर धयन नही

टीट म धयन पर बठ रह ऽफर म अपन आपको भील गय और धयन की गहरई म चल गय

ऄथश- यह अलौऽकक परकश स थ यह परकश ldquoपरभrdquo जस परकश थ अथव ऽचतत जयद

ऽनमथल हो जन पर परभ क ऐस सवरप ऽदखई दत होग परभ ऽचतत की अऽनतम सवोचच ऽसथऽत पर

ऽदखई दता ह इस अवसथ म ऽचतत ऽबलकि ल सवचछ ऽनमथल जो जत ह तथ योगा क अनदर वरनय पीरा

तरह आ जत ह

बझा हअ ऄगारा

यह अनिभव 22 अzwj तीबर को सिबह धयनवसथ म आय मन दखndash मर समन बहत बड़ बिझ

हआ अगर रख ह म उस गौरपीवथक दख रह ह ा ऽफर म सोचन लगndash ldquoयह पीरा तरह स बिझ गय हrdquo

कि छ कषणो बद अगर अदशय हो गय म गहरई म चल गय

योग कस कर 402

ऄथश- बिझ हए अगर क ऽवषय म थोड़ पहल भा ऽलख चिक ह ा इसक अथथ होत हndash ldquoयोगा

बिझ हए अगर क समन शनत हो चिक ह उसकी समपीणथ इचछएा शनत हो चिकी ह इऽनदरय ा अनतमिथखा

होकर शनत हो चिकी ह अब भोग भोगन क ऽलए कि छ भा शष नही रह गय ह जब योगा क अनदर य

सभा योनयतएा आ जता ह तभा वह बिझ हए अगर क समन हो जत ह योगा को ऽनव थण की परऽप त क

ऽलए बिझ हए अगर क समन बनन होत ह तभा ऽनवथण को परप त होन समभव होत ह यह अवसथ

मरा कई वषो बद आएगा

माया

यह अनिभव ऊपर ऽलख हए अनिभव क बद योग ऽनदर म आय धयन करन क पश चत म लट

गय उसा समय मरा आाख अपन आप बनद हो गई म योग ऽनदर म चल गय तब मिझ अनिभव आयndash

म ऽकसा स तरा क पाछ क रह ह ा कि छ कषणो म मन दौड़कर स तरा को पकड़ ऽलय म उस स तरा क हथ

मजबीता स पकड़ हए थ स तरा दखन म बहत सिनदर था वह स तरा मिझस कि छ डर-सा रहा था म अपन बय

हथ स स तरा क दऽहन हथ पकड़ हआ थ अपन दऽहन हथ स उस स तरा क मिाह पर ऽवशष परकर स

यतन द रह थ स तरा डरा-सा अपन मिाह पर अपन हथ रख रहा था म उसक हथ मिाह स हटकर उसक

मिाह पर यतन द रह थ उसा समय म उसस बोलndash ldquoतीन मिझ धोख zwjयो ऽदय ती मिझ भरम म zwjयो डल

रहाrdquo म यहा शबद बर-बर दोहर रह थ वह कि छ नही बोल रहा था म अपन अनदर सोच रह थndash

यह पीवथकल म मरा स तरा था ऽफर भा इसन मिझ धोख ऽदय मिझ भरम म डल रहा उसा समय वह मर हथ

स छी ट गई zwjयोऽक मन अपन पकड़ ढाला कर दा था मरा पकड़ स छी टकर भगत समय उस स तरा क

आकर ऽबलकि ल छोटा बचचा क समन हो गय अब वह दो-तान सल की बचचा (लड़की) लग रहा था

वह बड़ा तजा स भग रहा था मगर मन दौड़कर उस पकड़ ऽलय zwjयोऽक वह दौड़त समय ऽगर पड़ा था

तभा म उस बचचा क पस पहाच गय अब मर शरार ऽवशल आकर क हो गय मर हथ बहत लमब-

लमब हो गए थ मन उस बचचा को अपना मिटठा क अनदर बनद कर ऽलय और बोलndash ldquoअब ती मरा पकड़

स कभा नही छी ट पएगाrdquo मन उस बचचा को मिटठा क अनदर जोर स दबय लड़की क आकर धार-धार

कम होत चल गय ऽफर वह अदशय हो गई मन अपना मिटठा खोला तो दखndash मिटठा क अनदर वह लड़की

योग कस कर 403

नही था मर मिाह स आवज ऽनकलाndash ldquoयह ऽसफथ भरम थrdquo तभा मरा आाख खिल गई अनिभव समप त हो

गय

ऄथश- अनिभव क अथथ दशथत हndash यह मय क सवरप थ zwjयोऽक म अनिभव म कहत ह ा- ldquoती

मिझ भरम म zwjयो डल रहा‛ भरम म डलन क कयथ मय हा करता ह मगर म ऐस zwjयो सोच रह ह ा वह

स तरा पीवथकल म मरा स तरा था ऽफर भा भरम म डल रहा इस जगह पर पीवथकल क अथथndash ldquoआऽदकल तो

नही ह‛ आजकल मर अनदर भा सीकषम रप स बहत बड़ पररवतथन आन लग ह मर अनदर पीरा तरह स

वरनय आ गय ह यह वरनय बहत समय स आ चिक ह परति बहर स म ससरा जस ऽदखत ह ा ऐस

इसऽलए तऽक समज वल मर वसतऽवक सवरप पहचन न सक

वनजसवरप म ऄववसथत होन का सकलप करो

24 अकती बर को सयकल म धयन पर बठ हआ थ धयनवसथ म मर ऽचतत क अनदर स

आवज आईndash ldquoयोगी अब तमह बरहमाणड की िकसी भी वसत की इचछा नही करनी चािहए अब िसरश

इचछा कीिजए िक तमह ईश वर की परािप त हो अथवा िनजसवरप म अविसथित हो जाए इसक अलावा

िकसी भी वसत की परािप त की इचछा नही करनी चािहए अब िकसी भी लोक और उस लोक क अमक

सतर की भी इचछा नही करनी चािहए परथवी की िकसी भी वसत की परािप त का तमहारा लकषय नही होना

चािहए अब धयान पर बठन स पवश सदव आपको सककप करना चािहएndash ईश वर की परािप त हो अथवा

िनजसवरप म अविसथत हो जाऊ इन दोनो म तमह जो िपरय हो उसी का सककप करन का िनणशय तमह

करना होगाrdquo अब म धयनवसथ म इन शबदो क ऽवषय म सोचन लग ऽक मिझ इन दोनो म स कौन-सा

परऽप त क ऽलए सकलप करन चऽहए तभा मन ऽनश चय ऽकयndash ldquoमिझ अपन ऽनज सवरप म अवऽसथत होन

क ऽलए सकलप करन चऽहएrdquo

ऄथश- यह आवज मर ऽचतत स आई था ऐसा वऽतत अतयनत सऽतवक होता ह म पहल भा ऽलख

चिक ह ा- मिझ अहकर क सकषतकर हआ ह अहकर ऽचतत की पहला ऽवकऽत ह ऽचतत की पहला

ऽवकऽत क सकषतकर होन क बद अब मिझ अऽसमत क सकषतकर होन चऽहए अऽसमत ऐस

योग कस कर 404

समझो जड़ और चतन की गाठ होता ह इसक सकषतकर होन पर आतम और ऽचतत की ऽभननत क जञन

होत ह इसऽलए मिझ आतम म अवऽसथत होन क मर लकषय होन चऽहए

ऄनभव वकसी को न बताएा

25 अzwj तीबर दोपहर को म ऽकसा ऽवषय पर लख ऽलख रह थ तभा मरा आाख बनद होन लगा

मिझ ऐस लगन लग मिझ बहत जोर स नीद आ रहा ह zwjयोऽक मरा आाख अपन आप बनद हो रहा था

मर सवभव ह ऽक म ऽदन क समय सोत नही ह ा मगर मिझ आज zwjय हो गय ह सर शरार भरा-भरा

हो गय आाख खिलन क नम नही ल रहा ह मजबीरा म मन लख ऽलखन बनद कर ऽदय कषण भर ल

ऽलए आाख बनद करक सोचन लगndash यह ऽकरय मिझ zwjयो हो रहा ह तभा आवज सिनई दाndash ldquoआप सो

जइए आपको कि छ सदश ऽमलन वल हrdquo म उसा समय चरपई पर लट गय और मिझ नीद आ गई

तब योगऽनदर म सिनई ऽदयndash ldquoअब आप अपन योग क ऽवषय म ऽकसा को भा नही बतएाग आपको

योग म जो सफलत ऽमला ह अथव इस समय योगमगथ म जो आपकी ऽसथऽत ह वह ऽकसा को मलीम

नही होना चऽहए आप ऽजस वयऽकत को अपना ऽसथऽत बतन चहत ह वह भऽवषय म आपक मजक

उड़एाग य लोग आपक भव को नही समझग आपक सवभव ह अपना योनयत सभा को बत दत ह

मगर अब आप अपन योग क ऽवषय म ऽकसा को न बतएाrdquo इन शबदो क बद आवज आना बनद हो

गई मरा आाख खिल गई अब मरा आाखो म नीद क नमोऽनशन भा नही थ

कमाशशय दखन का सकलप न करना

26 अzwj तीबर को धयनवसथ म मन सकलप ऽकयndash ldquoअभा मर ऽकतन और शष-कमथशय ह

मिझ ऽदखई दrdquo उसा समय ऽचतत स आवज आईndash ldquoयोगा अब शष कम थशय दखन क सकलप कभा भा

मत करन zwjयोऽक अब आपक कमथशय अतयनत कम रह गए ह कि छ ऽवशष परकर क कम थशयो को

भोगन होग इस अवसथ म कम थशय दखन क सकलप ऽबलकि ल नही करन चऽहएrdquo इन शबदो को

योग कस कर 405

सिनकर कि छ समय तक म इनही शबदो क ऽवषय म सोचत रह मिझ ऐस शबद zwjयो सिनई ऽदए ऽफर म

धयन की गहरई म चल गय

आज क ऽदन मर सथ एक ससररक घटन घट गई इस घटन क करण म ऽचऽनतत-स हो गय

मन बहत सोच की ऽचऽनतत न होऊा मगर उस ऽचनत को अपन मऽसतषक स ऽनकल नही सक 27

अzwj तीबर को सयकल क समय धयन क मधयम स उस घटन क बर म जनकरा हो गई इस जनकरा

म कि छ शबद इस परकर क थndash ldquoइस घटन क घटन क बद ऽनश चय हा तिमहरा अवसथ परम उचच हो

जएगा ती शरषठ योऽगयो की भ ाऽत इस मगथ पर आग की ओर बढ़त जएगrdquo इन शबदो को सिनकर म

परसनन हो गय उसा समय मर धयन टीट गय

वचतत वनमशलता की ओर

28 अzwj तीबर को दोपहर 11 बज म झोपड़ा क अनदर धयन करन क ऽलए गय मर सवभव ह

जब म झोपड़ा म धयन करत ह ा तब पहल एक मल शऽzwj तमतर क जप करत ह ा इसऽलए मन शऽzwj तमतर

क जप करन शिर कर ऽदय तभा अतररकष स आवज सिनई दाndash ldquoतिम अपन कम थशय दखन चहत

थ मतरजप करन क पश चत धयनवसथ म तिमह तिमहर कम थशय क कि छ अश ऽदखई दगrdquo मन एक

मल शऽzwj तमतर क जप कर ऽलय ऽफर म धयन पर बठ गय धयनवसथ म आवज सिनई दा ldquoपहल

आप सकलप कीऽजए ऽक आपको शष-कमथशय ऽदखई दrdquo मन सकलप ऽकयndash ldquoमिझ अपन शष

कमथशय ऽदखई दrdquo कि छ कषणो बद मिझ ऽदखई ऽदय मिझस बहत दीरा पर सवचछ सफद कोई वसति

चमक रहा ह ऽफर वह मर पस आन लगा वह वसति मिझस थोड़ा दीरा पर आकर ठहर गई म उस सफद

सवचछ वसति को समझ नही सक ऽक यह zwjय ह यह वसति ऽबलकि ल छोट स ढर की तरह था तभा उस

सफद सवचछ वसति क पस एक घड़ परकट हो गय घड़ क मिाह ऊपर की ओर थ वह सवचछ सफद

वसति अपन आप घड़ क अनदर समन लगा जबऽक सवचछ सफद वसति और घड़ की आपस म लगभग

एक फीट की दीरा था म दीर बठ मिसकरत हआ इस ऽकरय को दख रह थ तभा मर अनदर ऽवचर

आयndash ldquoइस घड़ क zwjय अथथ ह यह zwjयो ऽदखई द रह हrdquo तभा आवज आईndash ldquoइस घड़ को ऽचतत

समझो और उजजवल सफद वसति को जञन क सवरप समझो यह जञन समपीणथ ऽचतत म वयप त हो जएगrdquo

उसा समय मिझ दीर स हा घड़ क अनदर क दशय ऽदखई दन लग घड़ उस सफद वसति स धार-धार भर

योग कस कर 406

रह थ कि छ समय म घड़ ऊपर तक भर गय अब घड़ क अनदर सवचछ सफद वसति मzwjखन क समन

ऽदखई द रहा था इस मzwjखन जसा वसति स आभ सा ऽनकल रहा था तभा घड़ क मिाह एक ओर को

थोड़ स ऽतरछ होकर मzwjखन क समन घड़ म भरा हई वसति समपीणथ अनतररकष म फलन लगा अनतररकष

म फला सफद वसति अपन आप अदशय हो जता था उसा समय मिझ अतररकष स आवज सिनई दाndash

ldquoयोगा तिम तषण और सभा परकर की ऽचनतओ स मिzwj त होकर ऽवचरण करत हए ऽनभथय होकर इस

भीलोक पर रहो भोजन की ऽचनत मत करो ईश वर सवय तिमहर भोजन की वयवसथ करग अब तिम

अपन को ऽनतयमिzwj त समझो zwjयोऽक ती भऽवषय म ऽनतयमिzwj त हो जएगrdquo तभा मर धयन टीट गय

म परसनन मिदर म बठ हआ इनही शबदो को सोचन लगndash ldquoतिम अपन को ऽनतयमिzwj त समझो तिम

तषण और सभा परकर की ऽचनतओ स रऽहत होकर ऽवचरत हए ऽनभथय होकर पथवा पर रहोrdquo मिझ इन

शबदो को सिनकर बहत परसननत हई घड़ क दरर मzwjखन जस पदथथ समपीणथ अनतररकष म फ़लय गय

इसस मर ऽचतत ऽनमथल होन शिर हो जएग ऽचतत क अतयनत ऽनमथलत स समऽध परगत परप त होता ह

ऽजस समऽध की ऽवशरदत भा कहत ह इसस बद ऽचतत पर ऋतमभर-परजञ क परकटय होत ह

अतमा और जीव

यह अनिभव भा ऊपर ऽलख अनिभव क बद आय मन धयनवसथ म दखndash मिझस थोड़ा दीरा पर

सफद उजजवल आभ क समन परकश परकट हो गय वह परकश गोलकर रप म थ म परसनन मिदर म

उस परकश को दख रह थ कि छ कषणो म परकश मर और थोड़ नजदाक आ गय उस आभ जस

परकश क अनदर दो अतयनत छोट पकषा क बचच ऽदखई ऽदए पकषा क बचच बहत हा सिनदर ऽदखई द रह

थ यह पकषा उजजवल सफद रग क थ इनह दखन पर ऐस लगत थ ऽक इन पऽकषयो को दखत रह ा दोनो

पकषा मरा ओर मिाह ऽकए हए बठ थ इन दोनो म एक पकषा ऽबलकि ल शनत सवभव क थ वह ऽबलकि ल

ऽहल-डिल नही रह थ चिपचप बठ हआ थ मगर दीसर पकषा थोड़-स चचल सवभव क थ वह

अपना जगह पर इधर-उधर दख रह थ कभा वह इधर-उधर अपना गदथन ऽहलत थ तथ कभा शनत

सवभव वल पकषा की ओर दखत थ इस चचल सवभव वल पकषा की चोच थोड़ा सा ऽवऽचतर-सा था

म आश चयथ चऽकत होकर उसकी चोच की ओर दख रह थ zwjयोऽक पकषा की सिनदरत क अनिसर चोच

इतना सिनदर नही था कि छ कषणो म इसा चचल सवभव वल पकषा न शनत सवभव वल पकषा क गदथन क

योग कस कर 407

ऊपर अपन मिाह रख ऽदय शनत सवभव वल पकषा ऽबलकि ल शनत व ऽसथर बठ हआ थ उसन ऽकसा

परकर की ऽकरय नही की म इस चचल पकषा की चचलत दखकर और शनत सवभव वल पकषा की

शनत व ऽसथरत दखकर मिसकर रह थ तभा मर अनिभव समप त हो गय

ऄथश- सधको जो पकषा शनत व ऽसथर सवभव वल ह वह आतम क परताक ह आतम क

अनदर ऽकसा परकर क ऽवकर नही होत ह वह ऽसफथ दषट क रप म रहता ह इसाऽलए वह पकषा शनत व

ऽसथर थ जो पकषा चचल ह वह जाव क परताक ह पकषा रपा जाव ऽतरगिणतमक पररवतथनशाल परकऽत म

आसकत हो रहत ह इसऽलए सिख-दिख रपा फल को खत रहत ह जो पकषा आतम रप ह वह कभा भा

ऽतरगिणतमक परकऽत पर आसकत नही होत ह ऽसफथ दषट रप म रहत ह इसाऽलए वह शनत ऽदखई द रह

थ दीसर पकषा (जाव) की चोच अचछा नही हndash इसक करण ह ऽतरगिणतमक परकऽत म उसकी आसऽzwj त

ह तथ सिख-दिख की अनिभीऽत करत ह अनिभव म एक महततव पीणथ बत यह ह जो पकषा आतम क

परताक ह उसक गदथन पर दीसर पकषा न अपन मिाह रख ऽदय इसक अथथ हndash भऽवषय म वह आतम की

ओर उनमिख होग ऐस तभा हो सकग जब वह ऽतरगिणतमक परकऽत की ओर स अपना आसऽzwj त हट

लग अथ थत अभयस क दरर भऽवषय म मरा आसऽzwj त ससर स हट जयगा ऽफर मन अपन सवरप म

अवऽसथत होन लगीाग

ऄशिता का नष ट होना वनवश चत

म 29 अzwj तीबर को सिबह झोपड़ा म धयन कर रह थ धयनवसथ म दखndash मर समन बहत

सिनदर सवणथ कलश परकट हो गय कि छ पलो तक दखत रहन क पश चत म मन दखndash उस सवणथ कलश

को दो हथ पकड़ हए ह वह दोनो हथ बहत हा कल थ म कल हथो को दखकर चौक ऽफर सोचन

लगndash ldquoय हथ ऽकसक हrdquo उसा समय मिझ कलश क अनदर क दशय ऽदखई दन लग कलश क अनदर

बहत हा कल गनद-स तरल पदथथ भर हआ ह म तिरनत समझ गय यह तमोगिण स सबऽनधत ह

अथ थत अशिभ क सकत ह तभा म उन कल-कल हथो को दखन लग हथो क सहर ऊपर की ओर

दऽष ट की मन सोचndash ldquoयह कलश कौन ऽलए हए ह‛तभा मिझ ऽदखई ऽदयndash बहत लमब-लमब हथ

अनतररकष म समए हए ह ऽफर मिझ पर क घिटनो स लकर सान तक स तरा क शरार ऽदखई दन लग मिझ

बहत आश चयथ हआndash समपीणथ अनतररकष म स तरा क शरार क ऽसफथ इतन हा भग ऽदखई द रह थ पर व

योग कस कर 408

घिटनो स ऽनचल भग भा मिझ ऽदखई नही द रह थ म अपना दऽष ट बहत नाच की ओर की ऽफर भा

कि छ ऽदखई नही ऽदय उस स तरा क ऽसर व कनध ऊपर की ओर अनतररकष म ऽदखई नही द रह थ zwjयोऽक

उसक शरार क सान तक हा समपीणथ अनतररकष थ इसऽलए ऊपर क शरार ऽदखई हा नही द रह थ अब

मरा दऽष ट सवणथ कलश की ओर गई उस कलश क मिाह उन दोनो हथो न ऽतरछ कर ऽदय थ उसस

कल गढ़ तरल पदथथ नाच की ओर ऽगरन लग तभा म बोलndash ldquoठहरो यह कल तरल पदथथ अशिभ

क सकत ह मर ऊपर तो नही ऽगरय ज रह हrdquo तभा आवज आईndash ldquoनही यह पदथथ आपक ऊपर

नही ऽगरय ज रह ह तिम अपना दऽष ट नाच की ओर करो और दखो- यह ऽकसक ऊपर ऽगर रह हrdquo मन

अपना दऽष ट नाच की और दखndash ldquoयह पदथथ एक स तरा क ऊपर ऽगर रह ह स तरा अपन बल ऽबखर हए

बठा था स तरा क रग कल थ यह स तरा मरा ओर पाठ ऽकए हए बठा था कल तरल पदथथ स तरा क ऽसर

क ऊपर ऽगरकर अदशय होत ज रह थrdquo तभा मिझ अनिभीऽत हईndash ldquoमर शरार की लमबई बहत जयद

हrdquo अब कलश स कल तरल पदथथ ऽगरन बनद हो गय थ स तरा आसन पर धयन मिदर बठा हई था

स तरा क शरार अपन आप आग की ओर ऽखसकन लग आग की ओर पना ऽवसतत कषतर म भर हआ

थ मगर बहत पना ऽबलकि ल सवचछ थ स तरा क शरार धयन मिदर म बठ हआ पना क ऊपर पहाच गय

ऽफर स तरा नाच की ओर पना क अनदर समन लगा तभा मरा ऽदवय दऽष ट अतयनत तजसवा हो गई zwjयोऽक

स तरा पना क अनदर अननत गहरई म परवश करता ज रहा था मिझ पना क अनदर अननत गहरई तक

ऽदखई द रह थ तभा स तरा क शरार पना म ऽवलान होकर अदशय हो गय अब मरा दऽष ट सवणथ कलश

की ओर गई सवणथ कलश म जयो-क-तयो पीरा तरह स कल तरल पदथथ भर हआ थ ऽफर सवणथ

कलश भा अदशय हो गय उसा समय मन पीछndashldquoयह स तरी कौन थी िजसक ऊपर काला तरल पदाथश िगर

रहा था िरर पानी म िवलीन कयो हो गई‛ ऽफर आवज आईndashldquoयह आपकी अरदधता थी आपकी

अरदधता िवलीन हो चकी हrdquo अनिभव समप त हो गय

ऄथश- यह अशिित हा योगमगथ म अवरोध क कयथ करता ह वतथमन यिग कऽलयिग क ह

कऽलयिग म अशिित क रजय चलत ह धयनवसथ म मरा अशिित स कई बर बतचात हई जो स तरा

सवणथ कलश पकड़ हए था उसक समपीणथ शरार मिझ नही ऽदखई द रह थ उसक ऽवषय म म अभा कि छ

नही ऽलख सकत ह ा ऽक वह कौन था अपन सधन कल म इतन ऊा च आकर क शरार कभा नही दख

थ वस अशिित (तमोगिण )की दवा कला दवा और चणडा दवा ह यह दोनो सवरप आऽदशऽzwj त क हा

योग कस कर 409

यह अशिित योगा क ऽचतत पर ऽसथत रहता ह ऽनमथल जञन क दरर ऽचतत स अशिित रपा

आवरण नष ट हो जन स ससररक ऽवषय वसन न उतपनन होन पर उतकषथ अवसथ वल जञन उतपनन

होत ह इस उतकषथ अवसथ वल जञन स योगा पिरष आतम म अवऽसथऽत तक पहाचत ह आतम म

अवऽसथऽत क अभयस करन वल योगा sbquoजावनमिzwj त‛ कह जत ह इसऽलए ऽचतत स अशिित क दीर

होन अऽत आवशयक ह इस अशिित क हट ऽबन अभयसा आतम म अवऽसथत नही हो सकत ह मन

यह ा पर अशिित शबद क परयोग ऽकय ह यह अशिित तमोगिणा कमो दरर आता ह तथ ऽचतत पर

ऽसथत तमोगिण हा इसक करण होत ह आज ससर म तमोगिण क हा वयपर फ़ल हआ ह ऽचतत इसा

करण मऽलन हो जत ह ऽचतत की मऽलनत हा अशिित कहा जता ह आऽद ऽजस स तरा पर कल तरल

पदथथ डल ज रह ह वह मर ऽचतत पर हा ऽसथत ह कल पदथथ जो डल ज रह ह वह भा अशिित

य तमोगिण स यिzwj त ह सवचछ पना मर ऽचतत पर ऽसथत अचछ कमथ ह यह स तरा मर शष-ससकरो म

ऽवलान हो गई इसक अथथ यह हndash जब म अशिित को अभयस क दरर तथ भोगकर नष ट करा ग तब

ऽनश चय हा मरा दिगथऽत होगा मगर यह भा ऽनऽश चत हndash ऽचतत पर ऽसथत अशिित को नष ट होन हा होग

इसक बद ऽचतत अतयनत ऽनमथल हो जएग

सथल शरीर तयागन क बाद उधवशगमन का मागश

30 अzwj तीबर को झोपड़ा म धयन कर रह थ धयनवसथ म दखndash ऊपर की ओर अनतररकष म

तज परकश चमकन लग तभा मरा दऽष ट ऊपर की ओर हो गई जहा पर परकश चमक थ उस सथन पर

अब भा परकश फल हआ थ यह परकश धार-धार कम होत चल गय परकश लिप त हो जन पर

परकश क सथन पर सफद रग क चमकील बदल ऽदखई दन लग इन सफद बदलो म कही-कही पर

हलकी-हलकी कऽलम भा था अब उन सफद बदलो क बाच म एक ऽछदर ऽदखई दन लग ऽफर बदल

भा नाच की ओर आन लग मगर मरा दऽष ट बदलो क बाच म बन ऽछदर पर था ऽछदर क आकर चनदरम

क आकर क बरबर थ कि छ कषणो क बद सफद बदल मर ऽसर क पस आ गए अब ऽछदर मिझ बहत

बड़ आकर म ऽदखई दन लग ऽछदर मर ऽसर क ऊपर हा ऽदखई द रह थ तभा मिझ ऐस लग जस यह

ऽछदर मर बरहमरनधर क ऊपरा भग (ऽसर क ऊपरा भग) पर ह कषण भर क ऽलए म भील गय ऽक यह ऽछदर

बदलो क बाच म थ अब ऽछदर मिझ बरहमरनधर क ऊपरा भग पर ऽदखई द रह थ ऐस लगत थ- मर

योग कस कर 410

ऽसर क ऊपरा भग म हा यह ऽछदर ह कि छ कषणो बद ऽछदर ऊपर की ओर उठत चल गय अब ऽफर मिझ

बदलो की सतह ऽदखई दन लगा ऽछदर ऽबलकि ल सपष ट ऽदखई द रह थ

उसा समय अनतररकष स आवज आईndash ldquoयोगी इस िछि को धयान पवशक दखो योगी परष सकषम

ररीर क दवारा इसी िछि स ऊपर आ जाता ह अब िछि क ऊपर का भाग दिखएrdquo उसी समय म बादलो

क बीच स होता हआ ऊपर की ओर चला गया अब बादल मझस नीच की ओर िदखाई दन लग मगर

मरी दिष ट अब भी उसी िछि पर िसथर थी िरर अतररि स अवाज आई- योगीपरष सकषम ररीर क दवारा

इसी िछि स ऊपर आ जाता ह ऊपर की ओर की ओर अनतररि दखो इसी अनतररि म योगी िनवास

करता हrdquo मन अपना दऽष ट अनतररकष म चरो ओर दौड़ई अनतररकष एकदम सवचछ एव शनतथ तभा

म बदलो क बाच स होत हआ नाच आ गय बदल व ऽछदर मिझस थोड़ा दीरा पर ऽसथत थ ऽफर आवज

आई- ldquoयोगी परष जस ही अपना सथल ररीर तयागता ह उसी समय सकषम ररीर इस िछि क ऊपर चला

जाता ह योगीपरष का सकषम ररीर बरहमरनर क ऊपरी भाग स बाहर िनकलता ह उस ऊपरी भाग म एक

िछि होता ह यह िछि अित सकषम रप म िवदयमान होता ह बादलो क बीच जो िछि दख रह हो इसका

समबनध बरहमरनर क ऊपरी िछि स होता ह बरहमरनर का ऊपरी िछि खलत ही ऐसा लगता ह उसका सकषम

ररीर सथल ररीर स नही बिकक बादलो वाल िछि स ऊपर िनकला ह कयोिक बरहमरनर का ऊपरी िछि

और यह िछि एक ही ह यह िछि सकषम रप म ह इसिलए यह तमस अलग िदखाई द रहा ह तमह यह

दशय िदखाकर बताया गया ह वह िछि िसर क ऊपरी भाग म िसथत ह तािक तमह दोनो िछिो म िभननता

नजर न आए यह मागश िसरश योिगयो क िलए हrdquo

ऄथश- इस अनिभव म मिझ ऽदखय गय योगा पिरष अपन सथील शरार छोड़न क बद ऽकस मगथ

स ऊधवथगमन करत ह मगर ससरा पिरष सथील शरार छोड़न क बद तषण क करण पथवा क अनतररकष म

वसनदह म रहत ह और मनऽसक कष ट भोगत रहत ह वसन दह वला जावतमएा इन बदलो की

परत पर नही कर सकता ह वसनदह नष ट होन पर अथव ऽकसा योगा पिरष दरर ऊधवथगमन करन पर

हा सीकषम शरार इन बदलो स ऊपर ज पता ह

योग कस कर 411

चारो शरीर

एक नवमबर को म अपन कमर म धयन कर रह थ धयनवसथ म दखndash मिझस थोड़ा दीरा पर

अनतररकष म जलता हई मोटा लौ अतयनत सिनदर ऽदखई द रहा था लौ क चरो ओर अणडकर परकश

क आवरण बन हआ थ इस आवरण स बहर ओर चरो तरफ थोड़ा दीरा पर एक और अणडकर

परकश क आवरण बन थ इसा परकर लौ क बहर चरो ओर अणडकर थोड़ा-थोड़ा दीरा पर चर

आवरण बन थ म एक सथ चरो आवरण और लौ को दख रह थ मरा दऽष ट लौ पर कऽनदरत था म लौ

क सवरप दखकर मिसकर रह थ

ऄथश- सधको आज तक जलता हई लौ क कई बर सकषतकर ऽकय मगर अब की बर लौ

क सवरप कि छ जयद हा सिनदर थ इसक करण ह अभा तक ऽजन वऽतयो न लौ क सवरप धरण

ऽकय थ उन वऽततयो स यह वऽतत अतयनत सऽतवक व ऽवभि (वयपक) था अब ऽचतत म ऽसफथ कि छ हा

zwjलशतमक ससकर-शष ह ऽचतत की अशिित भा कम होता ज रहा ह पहल की सऽतवक वऽतय ा इतना

वयपक नही हई थी zwjयोऽक पहल ऽचतत पर अशिित की मतर जयद था जो लौ क दशथन हआndash यह

अतयनत ऽनमथल वऽतत था इस वऽतत स भा आसऽzwj त हटना होगा लौ क चरो ओर चर आवरण मर चरो

शरार थ पहला अवरण- महकरण शरार थ दसरा अवरण- करण शरार थ तीसरा अवरण-

सीकषम शरार क थ चौथा अवरण- सथील शरार थ वतथमन म मरा ऽसथऽत करण शरार म ह य चरो

शरार आवरण रप म वऽततयो दरर ऽदखय गय

यह अनिभव ऊपर ऽलख अनिभव क बद आय मन दखndash मर समन ऊपर की ओर ऽनमथल वयि

की लहर उठ रहा था म उन लहरो को गौरपीवथक दख रह थ लहर ऽबलकि ल ऽनमथल रगहान परदशी ह

उस परदशी वयि की लहरो म एक-दो परकश क कण इधर-उधर चमक जत ह तभा मर मिाह स ऽनकलndash

ldquoयह लहर िकतनी सवचछ व पारदरी हrdquo ऽफर आवज आईndash ldquoयोगी जो यह अतयनत िनमशल पारदरी

वितत दख रह हो तमह इसक उस पार जाना ह तमहारा ही जञान िनमशल पारदरी वितत क रप म िदखाई द

रहा हrdquo कि छ कषणो तक म उस वऽतत को दखत रह तभा मर अनदर ऽवचर आयndash ldquoयह ऽनमथल परदशी

वऽतत ऽकतना सिनदर हrdquo ऽफर अनिभव समप त हो गय

ऄथश- यह जो अतयनत परदशी ऽनमथल वऽतत वयि क रप म ऽदखई दा इसस सपष ट होत हndash मर

ऽचतत अब शाघरत स ऽनमथल होत ज रह ह

योग कस कर 412

वचतत वनमशलता की ओर

यह अनिभव एक नवमबर को आय मन दखndash म थोड़-स आग चलकर रक गय ह ा zwjयोऽक

समन क दशय दखकर म मिसकर रह थ म ऽजस सथन पर खड़ हआ थ मर समन की ओर लगभग

एक फि ट की साधा ऊा चई था यह ऊा चई मर पर क घिटन स भा कम था इस ऊा चई स आग की ओर

हलकी-सा चढ़ई था चढ़ई लगभग तान-चर माटर लमबा होगा उस चढ़ई स आग की ओर मिझ बहत

हा सिनदर परकश क दशथन हो रह थ म इस छोटा-सा चढ़ई व सिनदर परकश को दखकर मिसकर रह थ

इस अनिभव म एक ऽवशषत था समपीणथ दशय परकशमन हा थ सथ म दशय की भीऽम भा परकऽशत था

भीऽम स भा परकश ऽनकल रह थ उसा समय मरा दऽष ट नाच की ओर हो गई ऽजस सथन पर म खड़

हआ थ मन दखndash मर घिटनो क बरबर जो ऊा चई था वही स ऊपर की ओर हलकी-सा चढ़ई शिर

होता था लगभग एक ऽफट की चढ़ई क बद अतयनत सवचछ ऽनमथल पना ऽनकल रह थ उस पना क

बहव मरा ओर आ रह थ zwjयोऽक मरा ओर ढलव जमान था पना मरा ओर आकर नाच ऽगर रह थ

म अतयनत सवचछ पना की ओर दखकर हास और बोलndash ldquoपना ऽकतन सवचछ हrdquo तभा मन दख-

पना ऽजस सथन स ऽनकल रह ह उस सथन पर पना क सतरोत नही ह बऽलक भीऽम स लगभग एक-डढ़

फीट ऊपर आकश स पना सवय परकट हो रह ह म उस पना स बोलndash ldquoआप तो सवय परकट हो रह ह

और मरी ओर आ रह हrdquo म सोचndash ldquoयह पना कहा ज रह हrdquo तभा मिझ आश चयथ हआ zwjयोऽक पना

मर परो क पजो क पस आकर अदशय होत ज रह थ उस अतयनत छोटा-सा चढ़ई क आग परकश

अब भा अपना जगह पर ऽसथर थ तभा अनिभव समप त हो गय

ऄथश- सधको अनिभव म ऽचतत की भीऽम स एक फीट ऊपर आकश स अतयनत सवचछ ऽनमथल

पना परकट होकर मरा ओर बहकर परो क पजो पर आकर अदशय हो जत ह यह जो पना बह रह ह

यह मर हा ऽचतत की वऽततयो क सवरप ह ऽचतत की वऽततय ा पना क रप म मरा ओर बहकर मर म हा

लान हो जता ह ऽचतत म ऽजस कषतर स वऽततय ा परकट होकर बहर आता ह वहा कषतर सपष ट ऽदखई द रह

ह पना रपा ऽनकला हई अतयत ऽनमथल वऽततय ा मर अधयतम मगथ म सहयक होगा

योग कस कर 413

आसी म ऄववसथत होना

यह अनिभव भा एक नवमबर को आय मन अनिभव म दखndash म खड़ हआ ह ा मर शरार अतयनत

ऽवशल ह मर समन की ओर ऽसफथ परकश हा परकश ह म उस परकश स थोड़ दीर खड़ हआ ह ा उसा

समय आकश स आवज आईndash ldquoआपको इसा परकश म अवऽसथत होन हrdquo म ऽसफथ उस चतनयमय

परकश को दखकर मिसकर रह थ तभा अनिभव समप त हो गय

ऄथश- सधको इस अनिभव म जो अऽत सिनदर परकश ऽदखई द रह ह इसक वणथन म शबदो म

नही कर सकत ह ा म इस परकश स थोड़ा दीरा पर खड़ ह ा zwjयोऽक म अभा उस परकश तक नही पहाच ह ा

जब समऽध क अभयस दरर ऽचतत की वऽतत को ऽनरि कर दीाग तब उस परकश म पहाच जऊा ग

आकश न मिझ बत भा ऽदयndash ldquoआपको इसी परकार म अविसथत होना हrdquo तब म अऽत परसनन हआ

सधको यह चतनयमय परकश वसतऽवक नही ह इस वऽततयो क दरर ऽदखय गय यह अवसथ भऽवषय

म आएगा

भौवतक वसतओ को तयागन का सकलप

आपन मर ऽपछल अनिभवो को पढ़ होग वतथमन समय म मरा जो अवसथ ह वह अवसथ

सधक को तभा परप त होता ह जब उस ससररक पदथो क ऽवषय म पीरा तरह स जञन होन लगत ह

तथ जो तयगन योनय ह वह तयग ऽदय ह अथ थत ससररक पदथथ तयगन योनय ह zwjयोऽक ससररक

पदथथ पररवतथनशाल ह पररवतथनशाल पदथथ दिःख सवरप होत ह य पदथथ सदव समन रप म नही रहत

ह जब मनिषय को ऽकसा पदथथ स रग हो जत ह उस पदथथ क सवरप बदल जन पर रग होन क

करण दिःख की अनिभीऽत करन लगत ह इसऽलए ससररक पदथथ तयगन योनय हा ह ससररक पदथो

को ऽबन तयग जञन की उतकषथ अवसथ परप त नही की ज सकता ह अथव अभयस दरर जब जञन की

उतकषथ अवसथ आता ह तब योगा पहल हा सीकषम रप स ससररक पदथो को तयग कर चिक होत ह

zwjयोऽक ऽबन पदथो क तयग यह अवसथ परप त नही की ज सकता ह म भा लगभग डढ़ मह स सीकषम

रप स और सथील रप स तयग कर चिक ह ा तान नवमबर को मन अपना झोपड़ा म सकलप करक भौऽतक

वसतिओ क तयग कर ऽदय थ म झोपड़ा क अनदर धयन करन क ऽलए बठ ऽफर सकलप ऽकय पहल

योग कस कर 414

मन अपन योगबल स कहndash ldquoह योगबल य रबद मर समपणश बरहमाणड म गज जाएrdquo zwjयोऽक मर

योगबल हा समपीणथ बरहमणड म मर शबद पहाचन क कयथ कर सकत ह ऽफर मन सकलप ऽकयndash‛ ह

ऊधवथ लोक क वऽसयो योऽगयो तपऽसवयो भzwj तो ऋऽष-मिऽनयो तपलोक क मर पीवथ पररऽचतो ऽमतरो

सऽतवक शऽzwj तयो आऽदशऽzwj त क समसत सवरपो दऽवयो दवतओ मर इष ट भगवन शकर (भगवन

ऽवषणि जा व भगवन शराकषण जा) मर चरो गिरवो व चतन बरहम म आप सभा को परणम करत ह ा तथ

आप सभा को सकषा मनकर सकलप करत ह ा पथवा की ऽजतना भा वसतिएा मर अऽधकर म ह म उनक

तयग करत ह ा आप सभा स परथथन करत ह ा ऽक यऽद मर अनदर सीकषम रप स भा ऽकसा वसति क परऽत

तषण जगत होन लग तो कपय आप सभा मरा सहयत कर मिझ आशाव थद दो म अपन दरर ऽकए

गए सकलप क सदव पलन करत रह ाrdquo तभा अनतररकष स आवज आईndash ldquoह योगी त िनिय ही परम

उचचकोिट का योगी ह तन पहल ही सकषम रप स सथल पदाथो का तयाग कर िदया ह िरर तन सथल रप

स तयागन का सककप करक अचछा ही िकया ह तझ सरलता अवशय िमलगी जब तक तरा सथल ररीर

ह तब तक ससारी वसतओ की आवशयकता पड़गी इसिलए सथल ररीर क िलए उिचत मातरा म सथल

पदाथश को गरहण करत रहो और अपन मागश पर आग बढ़त रहो तझ िजस कायश क िलए परथवी पर रीघर

जाना पड़ा ह उस कायश को परा करो बस यही तरा लकषय होना चािहएrdquo म इन शबदो को सिनकर बहत

परसनन हआ ऽफर म झोपड़ा क बहर आ गय

कमाशशयो का साकषात वचतत दवारा तरनत करा दना

यह अनिभव म 6 नवमबर को ऽलख रह ह ा लगभग 15-20 ऽदन हए धयनवसथ म मिझ यह

अनिभव आय थ मन दखndash मर समन एक छोट-स कि तत क बचच खड़ हआ ह जस हा मरा दऽष ट

उस कि तत पर पड़ा वह कि तत अपन आप छोट होत चल गय जब उसक आकर एक ऽपलल क समन

रह गय तो वह जात जगत ऽपलल जड़ रप म बदल गय ऐस लग यह ऽपलल ऽमिा क बन हआ

ह कि छ कषणो म ऽमिा क पतर क समन फी ट गय और जड़ पदथथ क रप म इधर-उधर ऽबखर गय ऐस

लग जस ऽकसा बचच न ऽमिा क ऽखलौन पटक ऽदय हो और टीटकर इधर-उधर ऽबखर गय हो तभा

मर अनिभव समप त हो गय म बठकर सोचन लग इस अनिभव क अथथ zwjय ह मगर कि छ समझ म

नही आय

योग कस कर 415

दीसर ऽदन ऽफर इसा परकर क ऽमलत-जिलत अनिभव आय मन अनिभव की ओर धयन नही

ऽदय मन सोचndash धयनवसथ म कई परकर क अनिभव आत ह जररा नही ऽक सभा अनिभवो क अथथ

समझ ज सक मगर जब एक सप तह तक बरबर इसा परकर क अनिभव आत रह तब म सोच म पड़

गय इन अनिभवो क अथथ अवशय कि छ होग ऽफर एक ऽदन सवय जञन न मिझ बतयndash इन अनिभवो क

अथथ हndashldquoिचतत दवारा कमाशरयो का सािात कर दनाrdquoजो कमथ अब आप कर रह ह और जो कमथशय आप

वलय दरर दीसरो क गरहण कर लत ह उनही कमो क सकषतकर हो जत ह अब य कमथशय ऽचतत पर

नही ठहरत ह ऽचतत पर कमथशय बनत ह इसऽलए अनिभव क रप म ऐस दशय ऽदखई दत ह पहल

आपक कमथ चतनयमय स ऽदखई दत ह ऽफर वहा कमथ जड़ रप भऽषत हो जत ह ऐस इसऽलए होत ह

अब ऽचतत सवचछ ऽनमथल होन क करण ऽचतत पर बनन वल कमथशयो क वसतऽवक सवरप क दशथन

(सकषत) कर दत ह पीणथ रप स यह योनयत भऽवषय म आएगा

तषणा और ववकार

यह अनिभव 13 नवमबर को सिबह चर बज योगऽनदर म आय योगऽनदर म दखndash म आग की

ओर चल हा थ समन क दशय दखकर म ठहर गय zwjयोऽक समन मिझस थोड़ा दीरा पर घोड़ क समन

शरार वल एक जनवर लट हआ थ इस जनवर क गदथन क ऊपर स होकर एक सिनहर सपथ चल ज

रह थ इस घोड़ क समन जनवर को दखकर मर मिाह स ऽनकलndash ldquoयह तो मर गया हrdquo ऽफर मरा दऽष ट

सपथ की ओर ऽसथर हो गई सपथ पीवथ ऽदश की ओर चल ज रह थ मर मिाह उततर ऽदश की ओर थ

ऽबलकि ल शनत वतवरण थ दशय म ऽदखई दन वला भीऽम सवपरकऽशत था सपथ क शरार की लमबई

अपन आप जयद हो गई सपथ ऽबलकि ल शनत सवभव क थ म सपथ ऽक लमबई दखकर आश चयथचऽकत

हो रह थ इसकी लमबई लगभग दस माटर रहा होगा तभा मर मिाह स अपन आप शबद ऽनकलndash

ldquoइसकी (सपश की) लमबाई इतनी नही होनी चािहएrdquo सपथ दखन म बिर नही लग रह थ वह पीवथ ऽदश

ऽक ओर बड़ आरम स चल ज रह थपीवथ ऽदश म सपथ स थोड़ा दीरा पर अलौऽकक स तज परकश

चमक रह थ उसा समय मिझ अपन अनदर आवज सिनई दाndash ldquoयह सपश इस परकार म िवलीन हो

जाएगाrdquo मन अपना दऽष ट चरो ओर को घिमई चरो ओर ऽबलकि ल शनत वतवरण थ अनतररकष भा

योग कस कर 416

हलक नाल रग क परकश स परकऽशत थ पीवथ की ओर तजसवा परकश फल हआ थ तभा अनिभव

समप त हो गय मरा आाख खिल गई धयन पर बठन क समय हो गय थ

ऄथश- घोड़ क समन जनवरndash यह मरा हा तषण ह ऽजस मर हआ दख रह ह ा सच तो यह ह

तषण जो मरा हई ऽदखई द रहा ह वह कभा मरता नही ह बऽलक अऽत सीकषम हो-हो कर उसक अऽसततव

समप त हो जत ह भीऽम व अनतररकष मर हा ऽचतत ह ऽचतत इस अनिभव म सवपरकऽशत स ऽदखई द रह

ह ऽचतत सवपरकऽशत नही होत ह मगर जब ऽचतत म तमोगिण क परभव कम होन लगत ह तब ऽचतत पर

सतवगिण क परभव बढ़न लगत ह सतवगिण की अऽधकत स ऽचतत परकऽशत स ऽदखई दन लगत ह

शरी माता जी क वलए अवदशवzwj त स पराथशना करना

यह अनिभव 14 नवमबर को सिबह तान बज योगऽनदर म आयndash एक अऽदरताय सिनदर स तरा ऊा च

ऽसहसन पर बठा हई ह उसक ऽसर पर मिकि ट व समपीणथ शरार पर सिनदर गहन पहन हए ह तथ लल रग

की सड़ा पहन हए ह सड़ा म चमकील ऽसतर लग हए ह उसक ऽसर क बल खिल हए पाठ पर ऽबखर

हए ह म उस ऽसहसन स थोड़ नाच दऽहना ओर खड़ ह ा उसा समय शरा मत जा समन की ओर स

आई और ऽसहसन स थोड़ा दीरा पर आकर खड़ा हो गई शरा मत जा अपन दऽहन हथ म रोल ऽकए हए

सफद रग क कगज ऽलए हए ह शरा मत जा न उस कगज को ऽसहसन पर बठा स तरा क समन आग की

ओर (दन की मिदर म) ऽकय मगर उस स तरा न शरा मत जा की ओर धयन नही ऽदय उसा समय मन

अपन दोनो हथो को जोड़कर ऽसहसन पर बठा हई स तरा स बोलndash ldquoह आिदरिक त माता यह स तरी मरी

सद गर ह तथा परषाथश का कायश भी करती ह कपया आप पराथशना सवीकार कर लीिजएrdquo उसा समय

आऽदशऽzwj त न अपन हथ आग बढ़कर शरा मत जा क हथो स कगज ल ऽलय और उस पढ़न लगा

तभा मर जञन न बतय- ldquoशरी माता जी अभी और परषाथश करना चाहती ह अथाशत अभी और सथल

ररीर म रहना चाहती हrdquo तभा मर अनिभव समप त हो गय

ऄथश- आऽदशऽzwj त क सवरप हा ऽसहसन पर बठा हई स तरा ह आऽदशऽzwj त न zwjय ऽनणथय ऽलय

यह म नही बत सकत ह ा zwjयोऽक तभा अनिभव समप त हो गय मर इस अनिभव स लगत ह ऽक शरा

मत जा अभा और जावन जान चहता ह सधको मन अपन कि छ सधक ऽमतरो स सन 1990 म हा शरा

योग कस कर 417

मत जा की मतयि क ऽवषय म कह थ ऽक उनकी मतयि सन 1999 म हो जएगा मगर यह धयन रखन

वला बत ह ऽक योगा अपन योगबल पर कि छ समय क ऽलए अपना मतयि को टल सकत ह शरा मत

जा महन योगा ह वह अपना मतयि आग बढ़ सकता ह वस सन 1999 म उनक सथील शरार छी ट जन

चऽहए थ मिझ अपना मतयि क ऽवषय म भा मलीम ह मगर म अपना मतयि को आग नही बढ़ऊा ग मिझ

मलीम ह ऽक म मतयि क बद ऽकस लोक म पहाचीाग मगर जब तक म सथील शरार म ह ा तब तक इस शरार

क म पीर लभ उठऊा ग zwjयोऽक मर उददशय योग मगथ म आग बढ़त जन ह

वचतत की ववतत और कारण शरीर

यह अनिभव 16 नवमबर को धयनवसथ म आयndash म जलता हई लौ को दख रह ह ा लौ क

परकश स समपीणथ जगह परकशमन हो रहा ह लौ क आकर तो छोट ह मगर बहत सिनदर ह लौ क चरो

ओर ऽवशष परकर क परदशी आवरण चढ़ हआ ह इस परदशी आवरण क बाच म लौ परकशमन हो

रहा ह लौ क परकश परदशी आवरण को पर करत हआ समपीणथ जगह को परकऽशत कर रह ह म लौ

को भा दख रह ह ा तथ अतयनत सवचछ परदशी आवरण को भा दख रह ह ा कि छ कषणो बद लौ अदशय

हो गई मगर समपीणथ जगह फल हआ परकश पहल की भ ाऽत हा अब भा ऽवदयमन थ अब म ऽसफथ

परदशी आवरण क दख रह थ ऽफर अनिभव समप त हो गय

ऄथश- जलता हई लौ ऽदखई द रहा ह- वह ऽचतत की सऽतवक सशकत वऽतत ह जो इस रप म ऽदख

रहा ह उसक ऊपर परदशी आवरण मर हा करण शरार ह अब करण शरार मर पहल की अपकष

बहत हा शिि हो गय ह

जीव और शरीर

यह अनिभव 17 नवमबर को सिबह 10 बज झोपड़ा म आय म मतर जप कर चिक थ धयन

करन क ऽलए आाख बनद की हा थी तभा मिझ अपना ओर कि छ आत हआ कि छ ऽदखई ऽदय मन

अपना दऽष ट उस वसति पर ऽटक दा वह वसति अनतररकष म बहत दीर स मरा ओर आ रहा था कि छ कषणो म

सपष ट होन लग ऽक य घोड़ क चर पर ह घोड़ क पर क ऽबलकि ल ऽनचल भग मिझ ऽदखई द रह थ घोड़

योग कस कर 418

क पर छलग लगत हए मरा ओर आ रह थ कि छ कषणो बद सपष ट हो गय एक घोड़ तजा स दौड़त

हआ मरा ओर आ रह ह उसकी पाठ सिनदर कपड़ स सिसऽजजत था यह सिनदर कपड़ घोड़ क दोनो ओर

नाच तक लटक रह थ कपड़ क करण घोड़ क पर क ऽनचल भग मतर एक फीट य इसस कम ऽदखई

द रह थ घोड़ मिझस थोड़ा दीरा पर आकर ठहर गय घोड़ एक रथ म जित हआ थ रथ म ऽसफथ दो

पऽहए थ रथ क ऊपर बडा सा छतरा लगा हई था रथ पर बठन क सथन ऊा च थ जब रथ और घोड़

मर समन आकर रक तब रथ और घोड़ अपना जगह पर खड़ हए हा गोलकर रप म घीम गय

गोलकर रप म घीमन क करण मिझ घोड़ व रथ क समपीणथ भग ऽदखई द गय उसा समय अनतररकष स

आवज आई ldquoयोगी अब त इस रथ पर बठ और इस रथ को त ही हाक (सारथी का कमश कर)rdquo उततर

म म कि छ नही बोल मिझ रथ और घोड़ जन zwjयो अचछ नही लग रह थ जबऽक रथ और घोड़ दखन

म बहत हा सिनदर थ उसा समय म अपन आप रथ क ऊपर बठ गय जबऽक म रथ स दीर ऽसथत अपन

सथन स ऽहल-डिल नही थ मर एक शरार रजओ की भ ाऽत रथ पर बठ हआ थ तथ म दीर स बठ

हआ दषट रप स समपीणथ दशय दख भा रह थ मर दोनो हथो म घोड़ की लगम था घोड़ शनत व ऽसर

नाच ऽकए हए खड़ थ मन पीछ- ldquoइस रथ और घोड़ का अथश कया हrdquo अनतररकष स आवज आईndash

ldquoरथ तरा ही ररीर ह घोड़ा तरा ही मन ह अब इस ररीर को व मन को जसा चाहो वसा चलाओrdquo मिझ

अनदर स घोड़ व रथ अचछ नही लग रह थ म बोलndash ldquoमझ रथ और घोड़ा अचछा नही लग रहा हldquo

मगर इसक जवब अनतररकष स नही आय

ऽजस समय रथ पर म रजओ की भ ाऽत अपन आप बठ गय उस समय रथ व घोड़ तथ मर

शरार रथ म बठ हआ सपष ट ऽदखई द रह थ उस समय मिझ अपन शरार (जो रथ पर बठ ह) भा

अचछ नही लग रह थ जबऽक म रथ पर रजओ की भ ाऽत कपड़ पहन हए बठ थ म रज क समन

परतात हो रह थ ऽफर भा मिझ तानो (घोड़ रथ और अपन शरार) अचछ नही लग रह थ मरा कोई

इचछ नही था ऽक म रथ पर बठी ा और घोड़ की लगम पकड़ ा मगर zwjय करत अपन आप सब कि छ हो

रह थ जबऽक म तानो को व चरो ओर फल हई परकश को दख रह थ उस समय म दषट की भ ाऽत दीर

स दख रह थ मिझ अब भा यद आ रह ह म शरार स रऽहत आकर स रऽहत समपीणथ दशय क दषट थ

जब रथ पर बठ मर शरार न घोड़ क लगम पकड़ा और रथ को आग की ओर ह ाकन चह तभा अनिभव

समप त हो गय घोड़ क रग हलक लल थ रथ व मर शरार और परकश सफद उजजवल थ

योग कस कर 419

ऄथश- घोड़- मर मन ह रथndash मर शरार ह यह घोड़ रपा मन शनत व ऽसथर खड़ हआ ह रथ

मर हा शरार ह मिझ अपन मन व शरार अचछ नही लग रह ह जबऽक दखन म सिनदर लग रह ह इन

दोनो को म हय दऽष ट स दख रह ह ा आकशवणा हईndash ldquoयोगी त इस रथ को हाकrdquo मगर म कि छ नही

बोल zwjयोऽक म रथ और घोड़ को हय दऽष ट स दख रह थ म चलकर रथ क ऊपर नही बठ बऽलक म

ऽबन चल हा रथ क ऊपर अपन आप बठ गय रथ पर रजओ की भ ाऽत बठ हआ मर शरार जीव का

परतीक ह म दषट रप म दीर स समपीणथ दशय दख रह ह ा मिझस कह गयndash ldquoइस रथ को ह ाकrdquondash अभा

तक इस रथ रपा शरार को इऽनदरया चल रहा थाअथथत यह शरार इऽनदरयो क आधान थ अब अपना

इऽनदरया मन और शरार को अपन आधान कर अपन इचछनिसर चलओ ऐस ऽसफथ योगा पिरष हा कर

सकत ह ससरा पिरष सदव अपनाइऽनदरयो क आधान रहत ह इसाऽलय वह इऽनदरयो क दस बन

रहत ह सधको सभा सधक क उदशय यहा होन चऽहए ऽक वह आतम म अवऽसथत हो सक इस

अवसथ को परप त करन म अभयसा को कई जनम लग जत ह

वसफश lsquoॎrsquo मतर का जाप करो

20 नवमबर को सयकल धयन पर बठ धयन पर बठन क कि छ कषणो बद आवज सिनई दाndash

ldquoयोगी अब तम िसरश lsquoॎrsquo मतर का ही जाप करो अथवा आतमा का समरण करो अनय मतरो का जाप

िबककल बनद कर दो कयोिक तम िजन मतरो का जाप कर रह हो वह सगण रप म ह िरव मतर का भी

जाप कछ समय क िलए बनद कर दोrdquo ऽफर मन ऽशवमतर क जप बनद कर ऽदय zwjयोऽक मर अन तकरण

म ऽशवमतर क जप चल रह थ ऽफर म धयन की गहरई म चल गय

सधको मिझ सभा सगिण मतरो क जप करन क ऽलए मन कर ऽदय गय तऽक मर मन पीरा तरह

स चतन तततव क हा ऽचनतन कर अथव उसम अतमिथखा रह म जयदतर शऽzwj तमतर क जप करत थ

मिझ शऽzwj तमतर ऽसि ह इसा क परभव स मर अनदर कभा भा योगबल कम नही हआ शऽzwj तमतर ऽसि होन

क करण सदव योगबल क भडर मर पस रहत ह योग स समबऽनधत ऽकसा भा कयथ म म असफल नही

हआ ह ा मगर अब ऽसफथ lsquoॎrsquo मतर क हा जप करत ह ा इसा मतर क परभव स सभा परकर स

आधयऽतमक कयथ करत ह ा

योग कस कर 420

सन 1999

वयतथान की ववततयाा

नवमबर 1998 क बद मर अन तकरण म वयितथन की वऽततय ा उतपनन होन लगी इन वयितथन की

वऽततयो क करण मिझ सिख और दिःख मोहआऽद उतपनन होत ह इन वऽततयो म अजञनत और अशिित

क ऽमशरण होत ह इस परकर की वऽततयो क करण सथील ससर म लगव-स हो गय ह जस अमिक

वयऽzwj त न मर सथ दिवयथवहर ऽकय अमिक वयऽzwj त न मिझ धोख ऽदय ह मन जन बीझकर अपना सधन

कम कर दा ह तऽक वयितथन की वऽततयो स म परभऽवत हो सकीा जब म ऐसा वऽततयो स परभऽवत हो

जऊा ग तब ऐसा वऽततयो क ऽवषय म म जयद समझ सकीा ग अब मरा यह अवसथ ह इस परकर

वऽततयो स म पीरा तरह परभऽवत ह ा मन इन वऽततयो क ऽवषय म बहत जञन परप त कर ऽलय ह

इस अवसथ म म अपन ऽचतत को पीरा तरह स दखत रहत ह ा मन सपष ट दख हndash ऽक मर ऽचतत

गनद होन लग ह ऽचतत म ऽवकर उठन शिर हो गए ह इऽनदरया मन अहकर आऽद बऽहमिथखा होन लग ह

म इन सबको बऽहमिथखा दखकर हासत ह ा अब य सब बऽहमिथखा होकर अपन-अपन कम करन म लग

गए ह मन अनिभव म दखndash नग क छोट-स बचच एकदम कल बहत हा फि तील मरा ओर फन

उठकर बहत जोर स मिझ फी फकर रह ह म तिरनत समझ गय ऽक यह मर अहकर ह मय क दशय

बहत सिनदर थ सकषप म ऽलख रह ह ा

माया नष ट होन की ओर

म आग की ओर चल ज रह थ एक लड़की न अपन पस आन क मिझ इशर ऽकय वह

लड़की समन थोड़ा दीरा पर मर मगथ म एक ओर खड़ा हई था लड़की को अपन समन दखत हा म

अपना जगह पर ठहर गय मन अपन मन म सोचndash मिझ इस लड़की स zwjय लन-दन ह म zwjयो इसक

पस जऊा ऽफर मर मन म आय दखत ह ा यह मर zwjय कर लगा यहा सोचकर म लड़की क पस चल

गय वह लड़की अतयनत सिनदर था बहत सिनदर कपड़ पहन हए था उमर 16-17 सल जसा लग रहा था

योग कस कर 421

म उसक पस पहाचकर उसकी सिनदरत धयन पीवथक दखा ऽफर म बोलndashldquoआप वासतव म बहत सनदर

हrdquo वह लड़की उततर म कि छ नही बोला ऽसफथ मिसकरई और मिझ आऽलगन कर ऽलय म ऽसथर खड़

हआ मिसकर रह थ कि छ कषणो बद लड़की सवय मिझस अलग हो गई म उसस बोलndash ldquoआपन मझ

कयो बलायाrdquo लड़की बोलाndash ldquoम आपकी ह आपक साथ रह गीrdquo म आश चयथ भर शबदो म बोलndash

ldquoअचछाrdquo कछ िणो बाद म िरर बोलाndash ldquoयिद आपकी इचछा ह तो आप मर साथ रह सकती हrdquo वह

लड़की परसनन हो गई ऽफर लड़की मरा दऽहना ओर कमर पर ऽचपक कर बचचो क समन बठ गई मर

दऽहन कनध मजबीता स पकड़ ऽलय लड़की को इस तरह कमर पर बठन को मन मन नही ऽकय

बऽलक अपन दऽहन हथ स सहर द ऽदय अब म आग की ओर तावर गऽत स बढ़न लग म और

लड़की दोनो परसनन थ जस-जस म आग की ओर बढ़त ज रह थ वस-वस लड़की क शरार परदशी

होत ज रह थ आग की ओर जन की मरा गऽत तावर था लड़की क शरार ऐस लग रह थ मनो

परदशी होकर नष ट होत ज रह ह म परकश की ओर चल ज रह थ अनिभव समप त हो गय

ऄथश- लड़की ऽस तरयो की भ ाऽत कपड़ पहन हए था सधको यहा लड़की मय था मय क

परभव धार-धार भऽवशय म नष ट हो जएग zwjयोऽक उसक सवरप धार धार परदशी होत ज रह ह

ह सधको वयितथन की वऽततयो को मन जन बीझकर ऽलख ह तऽक आप सभा ऽशकष ल सक

म इस परकर की वऽततयो क ऽवषय म अऽधक जनकरा कर सकीा इसक ऽलए मन अपना सधन अतयनत

धामा कर दा तऽक य वऽततय ा जयद-स-जयद परगट हो सक इस समय मर अनदर इऽनदरया मन अहकर

आऽद बऽहमिथखा हो गए ह पढ़न स लगत ह की मर पतन हो गय ह मगर वसतव म ऐस नही ह म तो

अहकर आऽद को पहल हा अतमिथखा कर चिक ह ा इन सभा क ऽवषय म म अचछा तरह स पररऽचत ह ा

इसऽलए अब य मिझ अपन ऽशकज म नही जकड़ सकत ह zwjयोऽक एक बर म छी ट चिक ह ा अब न तो य

मर योग मगथ को अवरोध कर सकत ह और न हा य मिझ भरऽमत कर सकत ह अब जब चह ाग कठोर

सधन करक अतमिथखा कर दीाग

घर वालो को धनयवाद

पठको आजकल मर घर वलो न हा मरा खीब दिगथऽत कर दा ह दिगथऽत इसऽलए कर दा गई की म

उनक अनिसर zwjयो नही चल रह ह ा म योगा होकर अपन पररवर वलो क अनिसर कस चल सकत ह ा

योग कस कर 422

आऽखरकर म योग क ऽनयमो क ऽवरि नही ज सकत ह ा मर सब कि छ छान ऽलय गय मर पस कि छ

भा नही रह गय कि छ ऽदन घर म भीख भा रह ऽफर वयवसथ हो गई मिझ मलीम हndash जो मर सथ गलत

वयवहर कर रह ह उनह सवय नही मलीम ऽक वह zwjय कर रह ह भऽवषय म य सभा अपन कमथ भोगग

ईश वर इनह सदबिऽि द सधको वस मिझ ऐस पिरषो को धनयवद दन चऽहए zwjयोऽक य मर बिर कमो को

धो रह ह सवय बिर कमो को गरहण कर लत ह इस परकर क कष टो को भोगत समय योगा क ऽचतत ऽनमथल

होन लगत ह सतय तो य ह ऽक लोग करण बन जत ह वस इस अवसथ को परप त करन वल योगा

अतयनत शऽzwj तशला होत ह चह तो सवय अपन योगबल स इनको दणड द सकत ह मगर योगा को

जञन परप त होन क करण कभा भा दीसरो क अऽहत नही करत ह आजकल म अतयनत कष ट स गिजर रह

थ मगर यह कष ट ऽसफथ समज वलो की दऽष ट म थ म अनदर स सदव परसनन रहत थ zwjयोऽक हर घटन

म पहल स हा जन लत थ य घटनएा कभा-कभा मिझस आजञ भा लता था मगर ससरा पिरष zwjय

समझ की म zwjय कर रह ह ा ससरा पिरषो क ऽनगहो म म कष ट भोग रह होत ह ा अकल म म हास

करत थ

जब सब कछ तयाग दगा

यह अनिभव मचथ क दीसर सप तह म आय म ऽकसा करण स थोड़ा दिखा थ दोपहर क समय म

झोपड़ा (कि ऽटय) क अनदर धयन करन क ऽलय बठ गय कि छ कषणो म मर गहर धयन लग गय उसा

समय अनतररकष स आवज आईndash ldquoह माता कािलक आपक इस भि योगी क दःखो का अनत कब

होगाrdquo उसा समय अनतररकष स स तरा की आवज आईndash ldquoजब सब कछ तयाग दगा तब इसक दःखो का

अत हो जाएगाrdquo मरा आाख खिल गया म बठकर सोचन लगndash यह मत कला की आवज ह उनक

कहन क अथथ ह ldquoम ससर की सभा वसतिओ क तयग क दीा zwjयोऽक सथील वसतिओ स आसकत होन क

करण दिःख परप त होत हrdquo

योग कस कर 423

सीवढ़याा वदखाइ दी

यह अनिभव अपरल क तासर सप तह म आय- म ऽकसा सथन पर अकल चल ज रह थ कि छ

कषणो बद मिझ एक पिरष ऽदखई ऽदय वह मिझस बोलndash ldquoआप मर पीछ-पीछ आइएrdquo म उस पिरष क

पाछ-पाछ ऽबन कि छ सोच-समझ चलन लग वह पिरष मिझ एक घर क अनदर ल गय घर क अनदर

आागन निम जगह म साऽढ़य ा बना हई थी वह पिरष साऽढ़यो पर चढ़त हआ ऊपर की ओर चल गय

ऽफर मरा दऽष ट स ओझल हो गय म भा साऽढ़यो पर तजा स चढ़न लग लगभग आधा साऽढ़या चढ़न क

बद ऊपर की साऽढ़या साकरा हो गई अब मर शरार साऽढ़यो म फा सन लग आग चढ़न मिऽशकल हो रह

थ म उसा समय साऽढ़यो स नाच की द गय और बोलndash ldquoम अनय मागश स ऊपर की ओर आऊ गाrdquo िरर

म वापस चल िदया‛

ऊपर ऽलख अनिभव क एक सप तह बद यह अनिभव आयndash म हलक नाल रग क सवपरकऽशत

आकश म खड़ ह ा मर समन थोड़ा दीरा पर चर-प ाच साऽढ़य ा बना हई ह यह साऽढ़य ा साधा ऊपर की

ओर बना हई ह म ऊपर वला आऽखरा साढ़ा को दख रह ह ा ऊपर की आऽखरा साढ़ा बहत चौड़ा और

अचछा ह साढ़ा स सवय परकश ऽनकल रह ह इस आऽखरा साढ़ा पर एकदम उजजवल सफद कपस

जस छोट-स बदल क टिकड़ उड़ रह ह और समपीणथ आकश म कही भा बदल नही ह तभा मर मिाह

स अपन आप आवज ऽनकलाndash मिझ इसा अऽनतम साढ़ा तक पहाचन ह अनिभव समप त हो गय यहा

अनतररकष अतयनत कम घनतव वल थ परकश भा तज फल हआ थ

ऄथश- ऽपरय सधको इस अनिभव स मलीम हो जत ह ऽक मिझ अभा और आग क रसत तय

करन ह इसाऽलए य साऽढ़य ा ऽदखई द रहा ह ऽचतत पीरा तरह स अतयनत ऽनमथल नही हआ ह साऽढ़यो

क साकरा हो जनndash अभा आग की उननऽत क ऽलय अवरोध ह दसर ऄनभव मndash आऽखरा साढ़ा पर

सफद बदल क टिकड़ ह इसक घनतव भा बहत कम हndash ऽचतत की और सवचछत क बद बदल क

टिकड़ अदशय हो जएग हलक नाल अनतररकष मर ऽचततकश ह

योग कस कर 424

जञान परदान वकया गया

यह अनिभव मई मह क परथम सप तह म आय आजकल म नदा क ऽकनर झोपड़ा बन कर

रहत ह ा ऽसफथ खन खन की ऽलए घर जत ह ा एक ऽदन म भीख स पाऽड़त थ दोपहर हो गई था ली भा

अऽधक चल रहा था इसऽलए झोपड़ा क दरवज बनद ऽकए हए चरपई पर लट हआ थ ऽखड़की स

कि ऽटय क अनदर परकश आ रह थ चरपई पर लट हए हा मरा आाख बनद हो गई मिझ ऐस लग ऽक

मर ऊपर कोई लट हआ ह zwjयोऽक ऽकसा क शरार क भर मिझ महसीस हो रह थ उसा समय मिझ

ऽदखई ऽदय एक अऽत सिनदर गोर रग की स तरा मर ऊपर लटा हई ह म साध चरपई पर लट हआ थ

वह स तरा मर ऊपर पट क बल लटा हई था उस स तरा क दय ा सतन मर मिाह को सपशथ कर रह थ म भीख

क करण उसक सतनपन करन लग कि छ कषणो बद उस स तरा न अपन बय ा सतन मर मिाह म लग ऽदय

म उसक बय ा सतन पन करन लग मर मिाह उस स तरा क वकषसथल क नाच थ ऽफर भा स तरा क ऽसर स

नऽभ तक क शरार ऽदवय दऽष ट क दरर ऽदखई द रह थ स तरा क शरार अतयनत ऽवशल थ उसकी

नऽभ क पस मर परो क पज थ उसक मिाह मर ऽसर क पाछ की ओर थ उसक ऽसर क बल बहत लमब

थ बल लमब और घन होन क करण स तरा की पाठ पीरा तरह स ऽसर क बलो स ढकी हई था स तरा क

नऽभ स ऽनचल शरार मिझ ऽदखई नही द रह थ नऽभ स ऊपरा भग पर कोई भा वस तर नही थ स तरा क

मिाह मर ऽसर क पाछ होन क बद भा मिझ सपष ट ऽदखई द रह थ उस ऽवशल स तरा क शरार क भर मिझ

महसीस हो रह थ मगर मिझ ऽकसा परकर की कोई परशना नही हो रहा था स तरा क शरार स हलकी-

हलकी खिशबी ऽनकल रहा था जब मन स तरा क दोनो सतन पन कर चिक तब वह अदशय हो गई मरा

धार-धार आाख खिलन लगा मिझ झोपड़ा क अनदर स सीयथ क परकश ऽदखई दन लग म जगत हए भा

बहोश जस थ म ऽहल-डिल नही सकत थ

कि छ कषणो बद मरा आाख ऽफर अपन आप बनद हो गई मिझ ऐस लग ऽक मर ऊपर कोई लट

हआ ह मिझ पहल जस दशय ऽफर ऽदखई ऽदयndash ऽक मर ऊपर गोर रग की स तरा पहल की भाऽत लटा हई

ह मगर यह पहल वला स तरा नही ह बऽलक यह दीसरा स तरा ह म उस स तरा क दय ा सतन पन करन लग

इसक शरार स भा हलकी-हलकी सिगनध ऽनकल रहा था इस स तरा क भा ऽसर स नऽभ तक क शरार

ऽदखई द रह थ ऽसर क ऽबखर हए लमब-लमब बल स तरा को व मिझ ढक हए थ उसक चहर अऽत

सिनदर थ कि छ कषणो बद म म बय ा सतन पन करन लग ऽफर यह स तरा कि छ समय बद अदशय हो गई

मरा आाख खिल गई

योग कस कर 425

मर शरार शनत ऽसथर चतन शीनय स लट हआ थ मरा आाख ऽफर बनद हो गई मन अपन ऊपर

एक सावला स तरा (पहल वला ऽस तरयो क समन शरार वला) को लट हआ पय इस स तरा क रग

स ावल होत हए भा बहत सिनदर था उसकी आाख अतयनत सिनदर ऽदखई द रहा था पहल की भ ाऽत इस

स तरा क भा सतन पन करन लग सतनपन करत समय मिझ अपना झोपड़ा की ऽखड़की क दरर आय

हआ अनदर की ओर क परकश ऽदखई द जत थ म पीरा तरह स जगरत अवसथ म थ तथ यह भा

दख रह थ ऽक म ऽकसा स तरा क सतनपन कर रह ह ा मरा बहत ऽवऽचतर अवसथ था जगरत अवसथ म

हा वह स तरा मर ऊपर लटा हई था सतनपन करत समय म भील जत थ ऽक म झोपड़ा क अनदर लट

हआ ह ा मिझ एक बत ओर यद आ रहा हndash इस स तरा क सतन स दीध ऽनकलन बनद हो गय थ तब मन

सतनपन करन बनद कर ऽदय ऽफर यह स तरा अदशय हो गई तभा म हड़बड़ कर उठकर बठ गय और

सोचन लगndash यह कस अनिभव ह zwjयोऽक म जगरत अवसथ म थ तानो ऽस तरयो क शरार क सपशथ और

उनक शरार क भर मिझ अब भा महसीस हो रह थ ऽफर म कि छ कषणो क ऽलए धयन पर बठ गय

धयनवसथ म मन जञन स पीछ- इस अनिभव क zwjय अथथ ह जञन न बतयndash ldquoयोगी तम उस

अनभव का अथश समझ चक हो िरर भी मझस पछ रह होrdquo म बोलndash ldquoआप सवय मझ बतान की कपा

कर िक इसका अथश कया हrdquo जञन न बतयndash ldquoिजनह तम िस तरया कह रह हो वह आिदरिक त क तीनो

रप ह सतनपान करन का अथश ह- ldquoजञान पराप त करनाrdquo इसक परभाव की जानकारी तमह कछ समय बाद

होगी सकषम रप स तमहारी इस समय भख भी िमट गई ह मगर सथल ररीर की भख सथल भोजन स ही

िमटगी घर जाओ और भोजन करोrdquo मन धयन समप त कर ऽदय तभा मिझ महसीस हआ मरा भीख

समप त सा हो गई ह

सधको यह अनिभव मिझ जगरत अवसथ म आय थ तथ आाख भा अपन आप बनद हो जता

था उन ऽस तरयो क सतन पन करत समय म अपन आप को भील जत थ इस परकर क अनिभव मिझ

पहल कभा नही आय थ सब कि छ जगरत अवसथ म अवसथ म अनिभीऽत हो रहा था उन ऽस तरयो क

शरार ऽवशल थ मिझ नऽभ स नाच क शरार ऽदखई नही द रह थ समभवतः उनक शरार की लमबई

12-13 फीट रहा होगा ऽस तरयो क अतयनत कल घन लमब बलो स उनक शरार ढाक हआ थ म यह ा

पर उनक शरार क सिनदरत क वणथन नही कर रह ह ा म यहा कह ाग उनक शरार की सिनदरत क वणथन

करन क ऽलए मर पस शबद नही ह जस मतएा बचच को सतनपन करत समय बचचो को गोद म ल

लता ह अथव अपन ऊपर ऽलट लता ह मगर इन अनिभवो म य मतएा मर ऊपर लटा हई थी zwjयोऽक म

योग कस कर 426

चरपई पर लट हआ थ अनिभव जगरत अवसथ म मतर आाख बनद होन पर आ रह थ इन तानो

ऽवशलकय ऽस तरयो न मिझ अपन सतनपन करय जब सतन स दीध ऽनकलन बनद हो जत थ तब

दीसर सतनपन करन लगता था जब दीसर सतन स भा दीध ऽनकलन बनद हो जत थ तब वह स तरा

अदशय हो जता था इसा परकर पहला और दीसरा स तरा न ऽकय थ मगर तासरा स तरा जो हलक सावल रग

की था जब उसन सतनपन करन शिर ऽकय तब कि छ कषणो बद उसक सतन ऽसकि ड़न शिर हो गय

धार-धार उसक सतन ऽबलकि ल ऽसकि ड़ गय ऐस लग रह थ मनो वि स तरा क म सतनपन कर रह ह ा

उस सतन स दीध ऽनकलन पीरा तरह स बनद हो गय थ ऽफर उसन अपन दीसर सतनपन करन शिरकर

ऽदय कि छ कषणो बद यह सतन भा धार-धार ऽसकि ड़न लग तथ दीध ऽनकलन बनद हो गय इसक अथथ

हndash ldquoतानो ऽस तरयो क दरर मिझ जञन परदन ऽकय जनrdquo अनिभव म तासरा स तरा क सतन स दीध ऽनकलन

बनद हो गय तथ सतन भा ऽसकि ड़ गय इसक अथथ हndash ldquoमिझ पीणथ जञन परदन ऽकय गय हrdquo इस

अनिभव स सपष ट हndash भऽवषय म मिझ तततवजञन परप त होग तथ समपीणथ परकऽत मर ऽलय नष ट हए क समन

हो जएगा यह धयन क अनिभव नही बऽलक परतयकष अनिभीऽत था

कवलयग की कदवष ट

यह अनिभव मई क ऽदरताय सप तह म आय म दोपहर क समय धयन कर रह थ तब

धयनवसथ म दखndash दीर अनतररकष स एक अतयनत कल ऽवशल शरार वल पिरष मरा ओर चल आ

रह ह जब वह पिरष मर पस आ गय तब मिझ ऽदखई ऽदय ऽक उसक ऽसर पर बड़-स घड़ रख ह

तथ उसन एकदम श वत रग क वस तर पहन हए ह वह कल पिरष और मर नजदाक आ गय ऽसर पर रख

हआ घड़ अपन हथो म ल ऽलय ऽफर घड़ क मिाह धार-धार नाच की ओर करन लग तभा घड़ क

अनदर स कोयल क समन कल गढ़ तरल पदथथ नाच ऽगरन लग उसा समय म उसस बोलndash ldquoयह

गनदा पदाथश मर ऊपर कयो डाल रह हो मझस दर रहो‛ म कल तरल पदथथ को घण की दऽष ट स दखन

लग वह कल पिरष बोलndash ldquoम तमहार ऊपर नही डाल रहा ह rdquo मन दखndash मिझस दस माटर की दीरा पर

उसन सर घड़ उलट ऽदय और पिरष अदशय हो गय वह कल तरल पदथथ उस घड़ स बहत जयद

मतर म ऽनकल थ तरल पदथथ मरा ओर बहकर आन लग उस समय म बठ हआ थ तरल पदथथ

योग कस कर 427

मरा ओर बहत हआ रदय म परवश कर गय मर मन घण स भर गय मिझ अपन आप स अरऽच सा हो

गई zwjयोऽक न चहत हए भा वह तरल पदथथ मर रदय म परवश कर गय अनिभव समप त हो गय

ऽफर धयन पर बठकर मन कऽलयिग स पीछndash ldquoआपन काला गनदा तरल पदाथश मर ररीर म परवर

करा िदयाrdquo कऽलयिग बोलndash ldquoयोगा म भा तो बरहम क हा सवरप ह ा आप मिझस इतना घण zwjयो करत

ह म उततर म कि छ नही बोल सधको अब मिझ उस तरल पदथथ क करण ऽदन भर आलसय बन रहत

ह और बहत सोत रहत ह ा मरा सधन बहत कम हो गई ह मगर कि छ ऽदनो बद मन दढ़त स कम

ऽलय ऽफर आलसय कम होन लग इस कल गढ़ स तरल पदथथ क परभव धार समप त हो गय यह

कल गढ़ पदथथ तमोगिण थ ऽजस भोग कर मन समप त कर ऽदय

सतय और ऄसतय बरहम का ही सवरप ह

सधको मिझ बचपन स लकर अभा तक चोरा करन वलो झीठ बोलन वलो स तथ बईमनो स

अतयनत घण ह झीठ तो आजकल जयदतर लोग बोलत ह इसऽलए मरा ऽकसा स नही बनता ह म कि छ

रख स हो गय ह ा और सोचत ह ाndash लोग झीठ zwjयो बोलत ह मिझ उचचवसथ परप त होन पर भा अभा

तक झीठ बोलन वलो क परऽत घण समप त नही कर सक ह ा म एक ऽदन धयन पर बठ हआ थ तभा

अनतररकष स आवज सिनई दाndash ldquoपप भा म ह ा पिणय भा म हा ह ा तिम ऽकसस घण करत हो असतय स

सतय भा म ह ा असतय भा म ह ा असतय क रप म म हा सभा जगह वयप त रहत ह ा मर असतय रपा

सवरप स तिम घण करत हो असतय क ऽबन सऽष ट असमभव ह तिम मर सत रपा सवरप को नही

पहचन पए हो इसऽलए तिमह कष ट महसीस होत ह मर इस सवरप को पहचनत हा कष टो स मिकत हो

जओग सतय और असतय मर दोनो सवरपो को समभव स दखो जब तक मनिषय अजञन स गरऽसत रहत

ह उसक दरर ऽकए गए कमो स पप और पिणय रपा कम थशय बनत ह अजञन स रऽहत जो जन पर उसक

दरर ऽकए गए कमो क कमथशय नही बनत ह चह zwjयो न उसन असतय क सहर लकर कमथ ऽकय हो

वह पप क भगादरा नही बनत ह zwjयोऽक ऐस पिरष (योगा) मरा पररण स अथव ऽवऽध क ऽवधन क

अनिसर कयथ करत हrdquo ऽफर मर अनिभव समप त हो गय

योग कस कर 428

इस अनिभव क बद मर अनदर बहत बदलव स आ गय मरा लगभग जयद तर समसयएा

सिलझ गई म एकत म चिपचप शनत बठ रहत ह ा मिझ अब लगत ह जनन क ऽलए अब कि छ शष नही

रह गय ह म सब कि छ जन गय ह ा जो जनन चऽहए थ

सथल जगत वदखाइ zwjयो नही दता

यह अनिभव 15 मई को आयndash मन ऽकसा सिनसन जगह म अकल चल ज रह ह ा कि छ समय

तक चलन क बद म एक जगह ठहर गय ऽफर गौर पीवथक कि छ दखन लग कि छ कषणो म म अपन आप

बोलndash पहल यही पर कही नदा था अब वह नदा कहा चला गई मिझ zwjयो नही ऽदखई दता ह मर

अऽनतम शबद पीर होत हा मिझस थोड़ा दीरा पर एक तरफ (बई ओर) नदा परकट हो गई म ऽफर बोलndash

मिझ यह नदा पहल zwjयो नही ऽदखई द रहा था मर कहत हा अपन आप परगट होकर ऽदखई दन लगा ह

ऽफर म एक ओर को चल ऽदय तभा मर समन साऽढ़य ा परकट हो गया म साऽढ़यो क ऊपर चढ़न लग

ऽफर अनिभव समप त हो गय

ऄथश- सधको नदाndash सथील जगत ह पहल सथील जगत ऽदखई नही द रह द रह थ जब मन

उसक समरण ऽकय तब वह परकट होकर ऽदखई दन लग अथ थत म सथील जगत म रहत हए भा सथील

जगत म नही रहत ह ा आवशयकत पड़न पर म अपन आपको सथील जगत म लत ह ा साऽढ़यो पर

चढ़नndash भऽवषय म आधयऽतमक उननऽत परप त होगा

भगवान शकर का दशशन

यह अनिभव 14 मई को सिबह आयndash म समतल भीऽम पर अकल खड़ ह ा मर ब ाया तरफ मिझस

थोड़ा दीरा पर भीऽम स थोड़ ऊपर ऽबन आधर क अतयनत सवचछ पना भर हआ ह म उस सवचछ पना

को दख रह थ तभा मन दखndash एक अतयनत सिनदर स तरा उस पना म डीबा ज रहा ह स तरा क ऊपर उठ

हए हथ ऽदखई द रह ह कि छ हा पलो म ऊपर की ओर उठ हए हथ भा पना म डीब गए अब मरा दऽष ट

पना की ऊपरा सतह पर ऽसथर हो गई कि छ कषणो बद मिझ ऐस लगndash ऽक पना क अनदर कि छ हलचल

योग कस कर 429

हो रहा ह ऽफर पना क अनदर स ऊपर की ओर को एक पिरष ऽनकलत हआ ऽदखई ऽदय वह

ऽवशलकय सिनदर पिरष पना क ऊपर खड़ हो गय उसक ऽसर क ऊपर बलो क जीड़ लग हआ थ

गल म नग डल हए थ कमर म मगछल ऽलपटा हई था शष शरार पर कोई वस तर नही थ वह पिरष

मिसकरत हआ मर पस आ गय और मिझस थोड़ा दीरा पर खड़ हो गय उसकी लमबई 15-16 फीट

रहा होगा ऽसर पर बलो क जीड़ और गल म नग को दखकर म बोलndash ldquoआप तो भगवन शकर जस

ऽदखई द हrdquo मगर वह पिरष कि छ नही बोल ऽसफथ मिसकरत रह गल म ऽलपट हए नग फन नही उठए

हए थ बऽलक दोनो नगो क मिाह आग की ओर नाच लटक रह थ ऽफर नगो न अपन मिाह उस पिरष क

नऽभ पर ऽचपक ऽलय थ मन उसक शरार परो क पजो स लकर ऊपर ऽसर तक दख समपीणथ शरार

सिडौल व बऽलष ट थ तभा म उस पिरष स बोलndash आपक गल म ऽलपट हए नग फन zwjयो नही उठ रह

ह य नग अपन मिाह आपकी नऽभ क पस zwjयो ऽचपकए हए ह वह पिरष मिसकरत हआ बोलndash

ldquoअचछा आपको य नाग रन उठाए हए िदखाई दन चािहएrdquo ऽफर वह पिरष मरा ओर थोड़ स बढ़

तभा नगो न अपन फन ऊपर की ओर उठ ऽलय म एक ओर को भग और बोलndash ldquoनही नही मिझ

नगो स डर लगत हrdquo तभा अनिभव समप त हो गय

ऄथश- इस अनिभव म सवचछ पना भीऽम जल स भा थोड़ ऊपर की ओर उठ हआ ऽसथर ह वह

जल अथह भर हआ ह सवचछ जल म डीबन वला सिनदर स तरा मय ह ऽसथर सवचछ जल मर ऽचतत क

हा सवरप ह इस अनिभव म भगवन शकर ऽतरशील नही ऽलए हए ह उनक रग गोर ह जबऽक भगवन

शकर क शरार क रग हलक नाल ह नग नाच की ओर मिाह ऽकए हए ह इसक अथथ हndash मर ऽलए अब

अहकर अतमिथखा हो गय ह

भगवान शकर दवारा जञान का ईपदश दना

यह उपदश 14 मई को शम 7 बज धयनवसथ म ऽदय गयndash मर बरहमरनधर क अनदर स भगवन

शकर की आवज आन लगाndash ldquoह योगा पितर तिम बर-बर कहत हो ऽक तानो ऽस तरयो न मिझ सतनपन

करय य ऽस तरय ा नही तिमहरा मतएा ह इनह सममन सीचक शबदो क परयोग करो अब य तिमह सतनपन

करन नही आएागा उनह परणम करो तिम zwjयो बर-बर सोच रह हो अनिभव म मर रग गोर zwjयो ऽदखई

ऽदय ऽसर पर बड़ा-बड़ा जटएा zwjयो नही थी वह मर हा सवरप थ भzwj तो को म कभा-कभा ऽवऽभनन

योग कस कर 430

रपो म भा ऽदखई दत ह ा जररा नही ह ऽक जस तिमन सोच रख ह कलश पवथत वल सवरप म हा

ऽदखीा यह बत अचछा तरह स जन लो म हा परकश ह ा म हा अनधकर ह ा म हा पप ह ा म हा पिणय ह ा म

हा कषर ह ा म हा अकषर ह ा म हा दान ह ा म हा अदान ह ा म हा सतय ऽनगिथण बरहम ह ा म हा असतय रप म

परकऽत ह ा म सभा परकर क कयो को करवत ह ा म हा सभा परकर क कयो को करत ह ा म हा सऽष ट ह ा

म हा परलय ह ा सदव समऽध लगन वल योऽगयो म म हा ह ा पप कमथ करन वल पिरषो म म हा

ऽवरजमन ह ा सभा मनिषयो म म ह ा सभा पशि पऽकषयो म म ह ा म ऽसफथ कलश म हा नही ह ा समसत

अनतररकष म व भीलोक म ऽवदयमन ह ा तिम zwjय समझत हो जञन परप त होन पर भऽवषय म तिमह दिःख नही

ऽमलग योगा को सदव दिःख सहन करन पड़त ह तिमन अभा तक इतन दिःख सहन ऽकय ह ऽफर अब

दिःखो स zwjयो डरत हो जब तक भीलोक पर रहोग तब तक दिःख ऽमलत रहग आज तक सभा योऽगयो न

दिःख को सहन ऽकय ह अभा जो बत तिमह मन बतई ह उन पर अमल करोrdquo ऽफर भगवन शकर क

दशथन ऽदवय- दऽष ट क दरर होन लग ऽफर हमरा अपन आप आाख खिल गया

ऄथश- सधको यह सब मिझ अनिभव म नही सिनई ऽदय धयन पर बठत हा बरहमरनधर स आवज

सिनई द रहा था म चिपचप बठ हआ सिन रह थ आवज बहत तज आ रहा था आवज सिनन स

लगत थ ऽक बोलन म थोड़ रखपन ह अब मिझ लगत ह शयद जञन मिझ परप त होन वल ह ऽदवय

दऽष ट क दरर म भगवन शकर क दशथन कर रह थ मिझ उपदश तो बहत ऽदय गय मगर ऽलखत समय

जो यद रह ऽसफथ उसा को ऽलख सक

ईतपवतत का कनदर

यह अनिभव मई मह क तासर सप तह म आय सधको मिझ कषम करन यह अनिभव पढ़न म

थोड़ गनद स लगत ह मगर योग की दऽष ट म महततव पीणथ ह इसऽलए म यह ा पर ऽलख रह ह ा अनिभव म

दखndash म एक बहत सिनदर गोर रग की स तरा क समन खड़ ह ा वह स तरा एकदम स ऽनवथस तर ह उसक शरार

क ऊपर एक भा वस तर नही ह म उसक अऽत सिनदर ऽनवथस तर शरार क एक-एक अग बड़ धयन स दख रह

ह ा उस समय मर मन म ऽकसा परकर क भव नही थ म बोल ldquoमाता आपrdquo वह स तरा उततर म ऽसफथ

मिसकरई म ऽफर उस स तरा स बोलndash ldquoमाता आप सनदर बहत ह आपका हर अग सनदर हrdquo वह स तरा

ऽफर भा कि छ नही बोला वह स तरा उसा सथन पर बठ गई जह ा पर खड़ा हई था म भा उसा क पस बठ

योग कस कर 431

गय मरा दऽष ट उसकी जननऽनदरय क सथन पर गई उस स तरा की जननऽनदरय क सथन सपष ट ऽदखई द रह

थ कि छ कषणो म जननऽनदरय क आकर बढ़न लग मरा दऽष ट जननऽनदरय क सथन पर कऽनदरत था तभा म

उस स तरा क जननऽनदरय क अनदर परवश कर गय अनदर आग क मगथ ऽबलकि ल बनद थ मन दोनो हथो

स आग क मगथ बनय अनदर की ओर जत समय म दोनो हथो स दोनो ओर की म ासनिम दावर

ऽवपरात ऽदश म दऽहना और बई ओर को ढ़कलत हआ चल ज रह थ यह कयथ बहत आसना स

हो रह थ अनदर म ासनिम दावरो स सवमव हलक स परकश ऽनकल रह थ अथ थत अनदर क मगथ

परकश स यिकत थ तथ म तावर गऽत स अनदर की ओर चल ज रह थ ऽकतन समय तक अनदर की

ओर गऽत करत रह यह म नही बत सकत ह ा ऽफर मर अनदर ऽवचर आय म बहत समय स अनदर

की ओर चल ज रह ह ा मगर इसक अऽनतम सथन zwjयो नही ऽमल अऽनतम सथन न ऽमलन क करण

कि छ कषणो तक अपन सथन पर ठहरन क बद म वपस चल ऽदय जब म जननऽनदरय स बहर ऽनकल

आय तब पहल की भ ाऽत उस सिनदर स तरा को बठ हआ पय वह स तरा खड़ा हो गई और मिसकर रहा

था मन हथ जोड़कर पीछndash ldquoमाता म आपकी जननिनिय क अनदर बहत दर चला गया मगर अिनतम

सथान कयो नही िमलाrdquo मर शबद सिनकर वह स तरा हास पड़ा और बोलाndash ldquoपतर यह तमहारी उतपितत का

सथान ह तम उसका कनि कस ढढ सकत हो उतपितत का क ि अननत ह इसिलए कनि तक नही पहच

सक आिदकाल म बरहमा जी न भी उतपितत का क ि नही ढढ पाए थ तम िजस कनि को ढढ रह थ यह

समसत बरहमाणड की उतपितत का कनि हrdquo म उस स तरा क शबद बड़ धयनपीवथक सिन रह थ ऽफर वह स तरा

अदशय हो गई मर अनिभव भा समप त हो गय

ह सधको यह अनिभव पढ़न म थोड़ ऽवऽचतर स लग रह होग म इस स तरा को ऽनवथस तर भा दख

रह ह ा तथ मत कहकर समबोधन भा कर रह ह ा उस समय मर अनदर ऽकसा परकर क भव नही थ

ऐस ऽवकर रऽहत होन पर होत ह वह स तरा अतयनत सिनदर था सिनदर zwjयो न हो आऽखरकर वह बरहमणड

जनना था

कणडवलनी का शराप व कवलयग की कदवष ट समाप त हइ

सधको म पहल ऽलख चिक ह ा मिझ तान वषथ पीवथ मत कि णडऽलना शऽzwj त न मिझ शरप ऽदय थ

वह शरप म अभा तक भोग रह ह ा इसा करण भौऽतक रप स अतयनत कष ट ऽमल रह ह अभा कि छ ऽदन

योग कस कर 432

पीवथ धयनवसथ म कऽलयिग न मर समन घड़ स गनद कल तरल पदथथ उड़ल ऽदय थ यह कल तरल

पदथथ मर रदय म परवश कर गय थ इसक वणथन म पहल कर चिक ह ा तब स मर शरार म आलसय

इतन बढ़ गय ऽक म सदव आलसा वयऽzwj तयो क भाऽत अzwjसर ऽनदर गरसत रहत थ ऐस लगत थ जस

वषो स म सोय नही ह ा सर शरार दिःखत रहत थ तथ धयन भा थोड़ हा कर पत थ एक ऽदन जञन

न मिझस कहndash ldquoयोगी अब त योगी नही रह गया ह बजिदलो की तरह हार मानकर आलिसयो की तरह

सोया रहता ह धयान नही कर सकता ह तो कया मतर जाप भी नही कर सकता ह ऊपर की सकषमरिक तया

िकतना अवरोध डालगी सथल रप स मतरो का उचचारण कर तो सकता हrdquo उस समय मर सथील शरार

बहत कमजोर हो गय थ इस समय म भोजन भा साऽमत करत थ

मन शऽzwj त मतर जप करन क ऽनिय ऽकय zwjयोऽक कि णडऽलना शऽzwj त न हा मिझ शरप ऽदय थ

यह मतर मिझ ऽसि भा ह मन शऽzwj त मतर जप करन आरमभ कर ऽदय यह जप ऽसफथ आसन पर हा नही

बऽलक सथील कयथ करत समय चरपई पर लट समय भा मर मतरजप शिर रहत थ जप करत-करत

जब मर मिाह थक जत थ तब मन क अनदर जप करन लगत थ तथ सीकषम शऽzwj तयो स कहत थndash

zwjय आप मतर जप करन म अवरोध डल सकत ह यऽद आप अवरोध डल सकत हो तो अवशय डलो

म आपक अवरोधो क सवगत करा ग आऽखरकर म मतर जप बरबर करत रह एक बर मतर जप

करत समय मिझ लग ऽसर क चरो ओर बहरा तरफ कोई वसति ऽलपटा हई ह तथ वह वसति हमर ऽसर म

कसव कर रहा ह कि छ कषणो बद मन दखndash एक कल नग मर ऽसर म दो चzwjकर लगए हए जोर स

ऽलपट ह नग की पीाछ दऽहन कन की तरफ नाच ओर लटक रहा ह बय कन की तरफ फन वल भग

ह नग अपन फन उठए हए हव म (अकश म) लहर रह ह मर जप स मतर दरर जो शऽzwj त ऽनकलता

ह वह उस नग क मिाह क अनदर चला जता ह अथ थत मतर दरर ऽनकला हई शऽzwj त को नग ख रह ह म

यह दशय दखकर मिसकरन लग तथ आसन पर बठ हआ मतर जप करत रह मिझ सथील रप स भा

महसीस हो रह थ ऽक नग अपन शरार क दरर लगए गए चzwjकर स मर ऽसर क कसव कर रह ह जब

मन मतर जप करन बनद कर ऽदय तब म नग स बोलndash चह आप मर समपीणथ योगबल ख जएा म

अपन कयथ स ऽवचऽलत नही होऊा ग

कि छ ऽदनो स मर कठोर मतर जप चल रह थ मतर जप करत समय मिझ अपन सथील शरार

ऽदखई दन लग ऽसर क ऊपरा वल भग मिझ सपष ट ऽदखई द रह थ म मतर क जप भा जोर-जोर स

कर रह थ तभा मर ऽसर क ऊपर बहरा ऽहसस म जोरदर कमपन हआ कि छ कषणो म ऽसर क ऊपरा ऽहसस

योग कस कर 433

ढzwjकन की तरह खिलकर एक ओर लटक गय अब म ऊपर स ऽसर क अनदर क भग सपष ट दख रह थ

ऽसर क अनदर मिलयम लिचलिच म ास भर हआ थ जब म मतर बोलत थ तब उस लिचलिच म ास म

जोरदर कमपन होत थ मतर जप क परभव स ऽसर क अनदर क म ास जोरदर कमपन कर रह थ कमपन

होन स ऽसर क अनदर क म ास उबलन स लग थ इस म ास स कल धिएा जस पदथथ ऊपर की ऽनकलन

लग ऽसर क ऊपर क भग खिल हआ थ ऽसर क अनदर स कल धिआा-स कि छ समय तक ऊपर की

ओर ऽनकलत रह जब धिएा निम पदथथ ऽनकलन बनद हो गय तब ऐस लगन लग- ऽसर क अनदर जो

म ास भर हआ थ वह पीरा तरह स कल पदथथ क रप म बदल गय ह अब यह कल पदथथ ऽसर स

नाच की ओर जन लग मर ऽसर पीरा तरह स खोखल हो गय थ म यह सोच कर मिसकर रह थ ऽक

मर ऽसर अनदर स खोखल हो गय ह ऽसर क अनदर खला जगह सपष ट रप स ऽदखई द रहा था

मर मतर जप जोर-जोर स चल रह थ अब गल तक भर हआ कल पदथथ नाच की ओर जन

लग म ऊपर स झाककर दख रह थndash ऽक मतर जप क परभव स गल स ऽनचल भग धार-धार खोखल

हो रह ह म सोच रह थ मर शरार क अनदर मास रकत और हडऽडय ा हा नही ह ऽसफथ कोयल क समन

कल पदथथ भर हआ ह अब वकषसथल (सान) व पट क अनदर क भग खला हो चिक ह ऽसर स

लकर कमर तक मर शरार अनदर स खोखल हो चिक ह म अपन आसन पर बठ हआ मतर जप

एकगरत स कर रह थ मर शरार क अनदर कमर स नाच कल पदथथ अब भा भर हआ थ सथील रप

स थक जन क करण मतर जप बनद करन बनद करक चरपई पर लट गय

अब इस दशय क ऽवषय म म सोचन लगndash मतर जप करत समय मिझ अपन सथील शरार lsquoकवरrsquo

य आवरण क समन ऽदखई द रह थ इस शरार क अनदर ऽसफथ कोयल क समन कल पदथथ भर

हआ थ मतर जप क परभव स यह तमोगिणा कल पदथथ कल धिाआ स बन कर ऽसर क ऊपरा खिल

हए भग स ऊपर की ओर ऽनकल रह थ

म जब भा आसन पर बठकर मतर जप करत थ तब यहा दशय आत थndash मर ऽसर क ऊपरा भग

ढzwjकन क समन खिल हआ ह म उसा क अनदर दख रह ह ा शरार क अनदर भर हआ कल पदथथ ऽसर

स नाच की ओर चल जत ह ऽफर समपीणथ शरार खला हो जत ह सथील शरार खोखल क समन हो

जत ह यहा खोखल शरार मतर जप कर रह ह कि छ ऽदनो तक यहा दशय आत रह एक बर मतर जप

करत समय ऽसर क ऊपर खिल हए भग स ऽसर क अनदर स बहर की ओर ऽनकलत हआ कल नग

दख यह नग मर ऽसर स थोड़ ऊपर (लगभग एक फीट) आकश म कि णडला मरन लग उस नग क

योग कस कर 434

फन क ऊपर एक लौ (दाप क समन) जल रहा था मरा दऽष ट नग क फन क ऊपर लौ पर था उस समय

मर अनदर ऽवचर आयndash इसक फन क ऊपर लौ zwjयो जल रहा ह म दख रह थ अभा नग क पीाछ

वल भग मर ऽसर क अनदर स ऽनकल रह थ तभा मर पस बहर स कोई आ गय मिझ मतर जप करन

बनद करन पड़ अनिभव अधीर हा रह गय

ऄथश- इस अनिभव म मर ऽसर पर ऽलपट हआ नग व मर ऽसर क अनदर स ऽनकल हआ नग

कि णडऽलना शऽzwj त दरर ऽदय गय शरप ह यह शरप मर शरार स ऽनकलकर ऊपर अनतररकष म चल गय

कल पदथथ कऽलयिग दरर उड़ल गय तमोगिण ह तथ सथील शरार म भा तमोगिण की मतर अऽधक

रहता ह आजकल सथील जगत म तमोगिण क हा वयपर चलत ह इस परकर क दशय ऽदवय-दऽष ट क

दरर ऽदखय ज रह थ मर सथील शरार खोखल आवरण स ऽदखई द रह थ इस आवरण क अनदर

कोयल क समन कल पदथथ भर हआ थ ससरा लोग इसा शरार आसकत होत ह मतर जप क परभव

स यह शरार कस ऽदखई दत ह

ससार रपी वकष नष ट हो गया

एक ऽदन म शऽzwj त मतर क जप कर रह थ मिझ वहा दशय ऽफर ऽदखई ऽदयndash मर ऽसर म भर

हआ कल पदथथ गल तक आ गय ऽसर खला हो गय तभा मिझ ऽसर क अनदर एक और ऽसर ऽदखई

ऽदय अनदर वल ऽसर क भा धार-धार ऊपरा भग ढzwjकन क समन खिल गय इस ऽसर क अनदर भा

वहा कल पदथथ भर हआ थ ऽफर मन दखndash मर सथील शरार क अनदर एक और मनव शरार (सीकषम

शरार) ऽवदयमन ह इसा दीसर शरार क ऽसर मिझ ऽदखई द रह ह ऽफर धार-धार दीसर शरार क भा कल

पदथथ कि छ ऽदनो म मतरजप क परभव स समप त हो गय अब मिझ एक बर म दो-दो खोखल शरार

ऽदखई दन लग जो एक क अनदर दीसर खोखल शरार भर हआ थ अथव ऽसथत थ

28 मई को मतर जप करत समय मिझ अनिभव आयndash मर ऽसर क अनदर बहत सिनदर घड़ ऽसथत

ह उसक मिाह ऊपर की ओर ह यह घड़ मर ऽसर क खिल हए ऊपरा भग स ऽनकलकर ऽसर क ऊपर

लगभग एक फीट की दीरा पर आकश म ऽसथत हो गय मरा दऽष ट घड़ पर हा ऽटकी हई था तभा घड़ क

मिाह थोड़ नाच की ओर झिक गय तब मन दखndash घड़ क अनदर ऽबलकि ल सवचछ पना भर हआ ह घड़

योग कस कर 435

क मिाह थोड़ और नाच की ओर झिकन पर उसक अनदर क भर हआ पना मर शरार पर ऽगरन लग म

उस पना म सनन स करन लग घड़ स ऽगरन वल पना क एक बीाद भा बहर की ओर नही फल थ

इस पना को मर सथील शरार सोख लत थ तभा मरा दऽष ट ऽफर स ऽसर क अनदर की ओर को हई मन

दखndash हमर ऽसर म दीसर शरार क ऽसर क अनदर एक अतयनत सिनदर सिनहल रग क ऽबलकि ल छोट स

बचच नाच की ओर दऽष ट ऽकए हए बठ ह म उस सिनहल रग क बचच को दख रह थ तभा उस सिनहल

बचच क शरार क अनदर एक वकष ऽदखई ऽदय वह वकष बड़ ऽवऽचतर स थ वकष क सवरप ऽबलकि ल

उलट थ जड़ ऊपर की ओर डऽलय ा व पतत नाच की ओर लटकी हई थी वकष की जड़ बचच क ऽसर क

ऊपरा भग म वयप त थी कि छ कषणो म डऽलय ा और पतत ऊपर की ओर ऽखचन लग ऽफर पड़ की

डऽलय ा व पतत सिनहल बचच क ऽसर क ऊपर ऽखचव क करण आ गए पड़ ऊपर की ओर साध हो

गय पड़ साध होन क करण उसक तन मर ऽसर क ऊपर बहर की ओर आकश म(एक-डढ़ फीट)

ऽवदयमन हो गय पड़ की जड़ अब भा सिनहल बचच क ऽसर क ऊपरा भग म वयप त थी यह पड़ पापल

क थ जब पड़ साध खड़ होन लग थ तब पड़ की डऽलया अपन आप अदशय होन लगा था पड़ म

ऽसफथ तान-चर पतत हा लग रह गय थ म अपन सथील शरार व सीकषम शरार क खोखल ऽसर को भा दख

रह थ म यह दशय दखकर हास रह थ ऽक पापल क पड़ सिनहल बचच क ऽसर पर उग हआ ह मर

शरार पर अब घड़ क पना ऽगर रह थ तभा घड़ क पना ऽसर क ऊपर खिल हए भग म ऽगरन लग

पना की धर साध सिनहल बचच क ऽसर पर ऽगर रहा था पना ऽगरन क करण पापल क पड़ की जड़

ऽहलन लगी तभा मर मिाह स आवज ऽनकलाndash ldquoपना की धर और तज हो जए तऽक पड़ की जड़ टीट

जएा और पड़ नष ट हो जएrdquo कि छ कषणो म पापल क पड़ की जड़ सिनहल बचच क ऽसर स उखड़ गई

पापल क पड़ मर सथील शरार स दीर जकर ऽगर गय उसा समय अनिभव समप त हो गय म इस पड़ क

उखड़ जन पर अऽत परसनन हो रह थ

ऄथश- सधको यह अनिभव मतर जप करत समय आय म ऽसफथ आाख बनद ऽकए हए थ इन

दशयो को ऽदवय-दऽष ट ऽदख रहा था सथील शरार व सीकषम शरारदोनो खोखल रप म अथव आवरण क

रप म ऽदखई द ह इनक अनदर ऽसफथ कल पदथथ अथव तमोगिण भर हआ ह मिझ दोनो शरारो की

वसतऽवकत ऽदखई गई ह सिनहर बचच ऽहरणयगभथ क सवरप ह इनह भगवन बरहम भा कहत ह यह

पापल क पड़ndash कषणभगिर चौदह लोको की सऽष ट क परताक ह इस सऽष ट क सजन ऽहरणयगभथ (भगवन

बरहम) करत ह इनक शरार क रग तप हए सवणथ क समन ह इसाऽलए बचच सिनहर ऽदखई द रह ह

योग कस कर 436

इसा पापल क पड़ क ऽवषय म गात क 15 व अधयय क पहल दीसर और तासर शलोक म ऽवसतर पीवथक

वणथन ऽमलत ह पापल क पड़ क उखड़ जन क अथथ हndash सऽष ट क परयोजन योगा क ऽलए समप त हो

जन ह ऐस योगा सथील शरार तयगन क बद ईश वर क लोक म रहत ह ईश वर क लोक इन चौदह

लोको (अपर-परकऽत) स अतयनत सीकषम होत ह उस लोक क पर-परकऽत क कषतर भा कहत ह ईश वर क

लोक म पहाचन वला जावतमओ को कभा भा जनम गरहण करन क ऽलए भीलोक पर नही आन पड़त

ह इन लोको म वहा योगा पहाचत ह ऽजनहोन अपन समपीणथ कम थशय को समप त कर ऽदए ह तथ ऽनबीज

समऽध क अभयस कर रह ह

तमह ऄगला जनम लना ऄवनवायश

यह अनिभव 28 मई को मतर जप करत समय आय मतर जप करत समय मरा ऽदवय दऽष ट रदय

(ऽचतत) क अनदर क दशय लन लगा उस समय मिझ अपन रदय क अनदर कि छ धिाधल स ऽदखई द रह

थ धिाधला आकऽत जब सफ हई तब वह चतिभिथजा स तरा क रप म ऽदखई दन लगा यह चतिभिथजा स तरा

मर रदय म ऽबलकि ल छोट आकर म ऽदख रहा था कि छ कषणो बद स तरा क शरार क आकर बहत बड़ हो

गय तभा रदय म एक ऽवशष परकर की वसति परगट हो गया वह वसति रदय स ऽनकलकर भकि टा पर आ

गई इस ऽकरय को दखकर म बोल- यह zwjय ह मरा भकि टा पर zwjयो आ गई चतिभिथजा स तरा बोलाndash ldquoयह

वसति तिमहरा ऽदवयदऽष ट म सहयत करगाrdquo उसा समय वह वसति मरा ऽदवय दऽष ट म सम गई चतिभिथजा

स तरा क शरार बड़ होकर मर शरार म वयप त हो गय मर मतर जप बरबर चल रह थ

कि छ कषणो बद मिझ अपन रदय म एक ऽबलकि ल छोटा ऽचऽड़य बठा हई ऽदखई दा वह बड़

शनत भव म बठा हई था म उस ऽचऽड़य को कि छ कषणो तक दखत रह वह ऽचऽड़य अणड क रप म

पररवऽतथत हो गई अब मर रदय म एक अणड रख हआ थ वह अणड मर शरार क अनदर स ऽनकलकर

सवमव बहर की ओर जन लग म बोलndash ती बहर zwjयो ज रह ह मर रदय म ऽसथत रहो अणड क

अनदर स आवज आईndash ldquoतमह अगला जनम लना अिनवायश हrdquo वह अणड दीर जकर अनतररकष म

अदशय हो गय म अनतररकष की ओर दख रह थ ऽफर अनतररकष स आवज आईndash ldquoतमह अगला जनम

लना अिनवायश ह इसीिलए बरहम न उस अपन अिधकार म ल िलया हrdquo मन अपना आाख खोल दा मतर

जप करन बनद कर ऽदय

योग कस कर 437

इस अनिभव म जो मिझ अणड ऽदखई ऽदय ह यहा अगल जनम लन क ऽलए मजबीर करग यह

अण ड मर हा कम थशय ह अगल जनम गरहण करन क ऽलए कि छ-न-कि छ करण तो चऽहए इसऽलए मर

सथ यह ऽकरय की गई ह योगबल स कमथशय जलन क बद उसक अवशष रह जत ह जस लकड़ा

क जलन क बद रख शष रह जता ह इसाऽलय मन जो कमथ भोग ऽलए ह वह समप त हो गए मगर जो

योगबल स जल गए उनक कि छ अवशष बकी रह गय म इस जनम म इस अवशष रपा कमो को भोगन

को तयर ह ा मगर परकऽत को ऐस मजीर नही ह इनक कहन ह सऽष ट क कयथ हति आपको एक और जनम

लन अऽनवयथ ह ऽजस परकर कि महर क चक बतथन बनन क बद भा घीमत रहत ह उस समय घीमन

क कोई करण नही होत ह इसा तरह कमो की समपता क बद भा कि छ योऽगयो को लन पड़ जत ह इस

परकर क जनम धमथ परचर क ऽलए अथव सऽष ट क अनय कयो क ऽलए होत ह यऽद यह कमथशय रपा

अणड यऽद मर रदय म ऽवदयमन रहत तब मतर जप क परभव स फट जत अथ थत अणड नष ट हो जत

अणड क अनदर वह तततव मौजीद रहत ह ऽजनक दरर सथील शरार क ऽनम थण होत ह

वपरय पाठको अप मरी तीसरी पसतक तततवजञान म पढ़ग- यही मरा ऄवनतम जनम ह ऄब

मझ ऄगला जनम नही लना पड़गा zwjयोवक मन वतशमान जनम म ही तततवजञान पराप त कर वचतत पर

वसथत ऄजञानता को नष ट कर वदया ह वचतत पर ऊतमभरा-परजञा क पराकटय होन क कारण

वनबीज-समावध का ऄभयास कर रहा ह ा आसस बाद क ऄनभव ऄब अप हमारी तीसरी पसतक

ldquoतततवजञानrdquo म पढ़ग

ऽपरय पठको अभा आपन मर धयन म आए अनिभवो को पढ़ यह अनिभव मई सन 1999 क

ह मन मिखय-मिखय अनिभव ऽलख शष अनिभवो को छोड़ ऽदय अब मिझ शयद न क बरबर अनिभव

आएा आपक अनिभव भल हा मर अनिभवो स मल न करत हो मगर धयनपीवथक पढ़न पर यह समझ म आ

जएग ऽक ऽकस अवसथ म कस अनिभव आत ह मिझ आश ह मर अनिभवो को पढ़न स आपको

कि छ-न-कि छ आधयऽतमक लभ अवशय ऽमलग इन शबदो क सथ अब म ऽलखन बनद कर रह ह ा आप

अपन मगथ म आग बढ़त जएा ईश वर आप पर कप कर आपको मरा शिभकमनएा

योगी अननद जी

योग कस कर 438

योग कस कर 439

वपरय साधको

ऄभयास दवारा अतररक ववकास होन पर करमशः चकरो का

खलना कणडवलनी का जागरत होकर उधवश होना वदवय-दवष ट का

खलना और बरहमरधर का खलना समभव हो पाता ह सहसतरार चकर

ऄवतम जनम म कलशातमक कमो को भोग कर नष ट करन क बाद ही

ववकवसत होना शर होता ह zwjयोवक वह जञान का अयतन ह

पणश ववकवसत होन क वलए यम-वनयम का पालन करत हए

योनय गर क मागशदशशन म कइ वषो तक ऄथवा कइ जनमो तक कठोर

सयम क साथ ऄभयास करना पड़ता ह

जो साधक वबना पररशरम वकय वकसी स कछ पराप त करन की

आचछा रखत ह वह ऄकमशणयो की भाावत भरम म जी रह ह आसवलए

पररशरम करो तभी कछ परापत होगा अप ठग न जाय और योग

समबनधी भरावतयो को वमटान क वलय वतशमान समय म यह पसतक

बहत ईपयोगी ह

-योगी अननद जी

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