बट$ !े उपिनवेशी इस मोहर पर (1937)€¦ · · 2017-04-29- Translated by Neha Kaushik . Title: Microsoft Word - Bertolt Brecht .docx Created
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बट े उपिनवेशी - इस मोहर पर (1937) यह नाम मुझे कभी सही नह लगा, जो इन लोगो ने हम िदया: उपिनवेशी। इसका मतलब तो वासी आ। मगर हमने उवास तो नह िकया है , ेा से चुनते ए कोई दू सरा दे श। और न ही हमने आवास िकया िकसी दे श म , वहां बसने को, शायद हमेशा के िलए बि हम भागे। िनािषत ह हम, िनवािसत िकये गए। और यह कोई बसेरा नह, िनवासन है यह दे श, िजसने हम पनाह दी बेचैन हो हम यूँ बैठे ह , सरहद के यथासव करीब इं तज़ार म अपनी वापसी के िदन के , सरहद के उस पार की हर छोटी से छोटी तबदीली पर नज़र रखे , हर आगंतुक से उुकतापूवक पूछते ए, कुछ भी न भूलते ए और न कुछ ागते ए और न िकसी चीज़ को माफ़ करते ए, जो घटी, िकसी चीज़ को माफ़ न करते ए। आह, यह साटा हम नह छलता! हम सुनाई दे रह ह अब भी वे चीख उनके खेम से िनकलती ई यहाँ तक। हम खुद भी तो गुनाह की उन अफवाह की तरह ही ह , जो वहां से बच िनकली सरहद के पार से। हम म से हर एक जो फटे जूत म इस भीड़ से गुज़रता है सबूत है उस ला का, जो अब हमारे दे श को मलीन कर रही है। मगर हम म से कोई भी यहाँ नह बसेगा। यह बात अभी ख़ नह ई है । - Translated by Neha Kaushik