12/12/12 Print Prev iew 1/1 hindi.webdunia.com/common/Print.htm?dt=123 म ला नसीन का कसा तो उधार च काऊ क स ? म ला नसीन न एक आदमी स कछ उधार िलया था। म ला समय पर उधार च का नह पाया और उस आदमी न इसक िशकायत बादशाह स कर द। बादशाह न म ला को दरबार म ब लाया। म ला ब फ क साथ दरबार पह चा। ज स ह म ला दरबार पह चा वह आदमी बोला- बादशाह सलामत, म ला न बह त महन पहल म झस 500 दनार बतौर कज िलए थ और अब तक नह लौटाए। म र आपस दरवात ह क बना कसी द र क म झ उधार वापस दलाया जाए। म ला न यह स नन क बाद कहा - ह ज र, म न इनस प स िलए थ म यह बात मानता ह और म उधार च कान का इरादा भी रखता ह । अगर जरत पड़ तो म अपनी गाय और घोड़ा दोन ब चकर भी इनका उधार च काऊ गा। तभी वह यक बोला - यह झ ठ कहता ह ह ज र इसक पास न तो गाय ह और न ह घोड़ा ह । अर इसक पास ना तो खान को ह और न ह एक फ ट कौड़ ह । यह स नत ह म ला नसीन बोला - जहा पनाह, जब यह जानता ह क म र हालत इतनी खराब ह तो म ऐस म जद इसका उधार कस च का सकता ह । जब म र पास खान को ह नह ह तो म उधार द गा कहा स । जज न यह स ना तो मामला रफा-दफा कर दया। म ला नसीन अपनी हाजर जवाबी स एक बार फर बच िनकला।