ात ननवााचन आोग -...

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कोई भी मतदाता न छ टे जनवरी 2017 दतावे 13 - संकरण 1 भारत ननवााचन आयोग Election Commission of India निवाचि सदि, अशोक मवा , िई ददली – 110 001

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“कोई भी मतदाता न छूटे”

जनवरी 2017

दस्तावेज़ 13 - संस्करण 1

भारत ननवााचन आयोग Election Commission of India

निर्वाचि सदि, अशोक मवर्ा, िई ददल्ली – 110 001

“कोई मतदवतव पीछे ि छूटे”

पे्रक्षक हेत ुपुस्स्तका

जिर्री 2017

भारत ननवााचन आयोग Election Commission of India

निर्वाचि सदि, अशोक मवर्ा, िई ददल्ली – 110 001

"कोई भी मतदवतव ि छूटे"

i

ववषय तालिका

1. पषृ्ठभमूम .................................................................................................................... 1

2. नियकु्तत कव सवांवर्धिक आिवर ..................................................................................... 1

3. प्रेक्षक के कताव्यों कव वर्हवांर्र्लोकि ............................................................................. 2

4. प्रेक्षकों की ब्रीफ ां र् ....................................................................................................... 3

5. दौरे और मखु्यवलय से अिपुक्थिनत ............................................................................... 3

6. अर्कवश हेत ुनिरे्दि ................................................................................................... 4

7. पे्रक्षकों हेत ुपोटाल ........................................................................................................ 4

8. पे्रक्षकों की भमूमकव ...................................................................................................... 5

क. िवम-निदेशि, अभ् यधिातव र्वपस लेिव, सांर्ीक्षव एर्ां प्रतीक कव आर्ांटि ............................... 6

ख. निर्वाचक िवमवर्ली से सांबांधित ..................................................................................... 7

र्. अमभयवि की अर्धि ................................................................................................... 7

घ. मतदवि-पूर्ा निर्वाचि प्रबांिि ........................................................................................ 8

ङ. निर्वाचि ददर्स कव प्रबांिि .......................................................................................... 9

च. मतदवि पश्चवत ्........................................................................................................ 10

छ. र्णिव .................................................................................................................... 10

9. प्रेक्षकों के प्रनतरे्दि ................................................................................................... 11

10. पे्रक्षकों हेत ुडवक मतपत्र ............................................................................................. 12

11. निर्वाचि क्षते्रों में प्रके्षकों कव आर्मि .......................................................................... 12

12. ररटनििंर् अधिकवरी / सहवयक ररटनििंर् अधिकवरी एर्ां क्जलव निर्वाचि अधिकवरी कव अांतरव लक .............................................................................................................. 13

13. िवम-निदेशि पत्रों की सांर्ीक्षव ..................................................................................... 14

14. प्रतीक कव आर्ांटि .................................................................................................... 15

15. निर्वाचक िवमवर्मलयवां ................................................................................................ 15

16. अभ्यधिायों के सवि बठैक ........................................................................................... 16

17. निर्वाचि-क्षते्रों एर्ां मतदवि केन्‍द रों के दौरे ..................................................................... 17

18. कवििू और व्यर्थिव की समग्र तयैवरी की सांर्ीक्षव ........................................................ 17

“कोई भी मतदवतव ि छूटे"

ii

19. आदशा आचवर सांदहतव के कवयवान्‍दर्यि कव पयार्ेक्षण ....................................................... 18

20. आदशा आचवर सांदहतव के कवयवान्‍दर्यि में प्रेक्षक के दृक्ष्टकोण ......................................... 19

21. अभ्यधिायों/रवजिीनतक दलों द्र्वरव निर्वाचि अमभयवि पर फकए र्ए व्यय की निर्रविी ..... 22

22. मीडडयव प्रमवणि एर्ां निर्रविी सममनत (एमसीएमसी) .................................................... 28

23. व्यय अिरु्ीक्षण निर्रविी कक्ष एर्ां कॉल सेंटर ............................................................. 29

24. क्जलव मीडडयव प्रकोष्ठ ............................................................................................... 29

25. मतदवि दलों की तयैवरी एर्ां प्रमशक्षण .......................................................................... 30

26. इलेतरॉनिक मतदवि मशीि (ईर्ीएम) .......................................................................... 31

27. मतदवि ददर्स की तयैवररयवां ....................................................................................... 31

28. प्रेषण केन्‍दरों के दौरे................................................................................................... 32

29. मवइक्रो आब् जर्ार ....................................................................................................... 32

30. वर्शषे पे्रक्षक ............................................................................................................ 32

31. मतदवि ददर्स की र्नतवर्धियवां ................................................................................... 33

32. मतदवि दलों कव थ र्वर्त ........................................................................................... 34

33. मतदवतवओां की पांजी एर्ां अन्‍दय दथतवरे्जों की सांर्ीक्षव .................................................... 34

34. पिुमातदवि एर्ां थिधर्त मतदवि प्रकरण ...................................................................... 35

35. मतदवि सांपन्‍दि होिे कव प्रनतरे्दि............................................................................... 35

36. मतों की र्णिव ........................................................................................................ 36

37. अिलुग्िक-I ............................................................................................................. 39

38. अिलुग्िक-II ............................................................................................................ 47

39. सवमवन्‍दय प्रेक्षकों के प्रनतरे्दि ...................................................................................... 48

i. प्रिम प्रनतरे्दि (िवम-निदेशि पत्रों की सांर्ीक्षव के तुरांत पश्चवत)् .................................... 48

ii. द्वर्तीय प्रनतरे्दि - (पी-2 ददिों में जमव फकए जविे हेतु) ............................................. 52

iii. ततृीय प्रनतरे्दि - (मतदवि सांपन्‍दि होिे के तुरांत पश्चवत)् ............................................. 56

iv. चतिुा प्रनतरे्दि – [मतदवि के एक ददि पश्चवत ्प्ररूप 17क (मतदवतवओां की पांजी)

एर्ां अन्‍दय दथतवरे्जों की सांर्ीक्षव के तुरांत पश्चवत]् ........................................................ 58

v. पांचम प्रनतरे्दि – ) मतर्णिव के तुरांत पश्चवत)् ............................................................ 59

"कोई भी मतदवतव ि छूटे"

iii

40. पमुलस पे्रक्षकों के प्रनतरे्दि ......................................................................................... 61

i. प्रिम प्रनतरे्दि (आर्ांदटत क्जले में पहुांचिे के दसूरे ददि पर) ......................................... 61

ii. द्वर्तीय प्रनतरे्दि (आर्ांदटत क्जले में पहुांचिे के पवाँचर्ें ददि पर) ................................... 64

iii. ततृीय प्रनतरे्दि (अभ् यधिातव र्वपस लेिे के अर्ले ददि, मतदवि के दो ददि पहले तक) ........ 65

iv. चतिुा प्रनतरे्दि (क्जले में मतदवि समवप्त होिे के तुरांत पश्चवत ्भेजे जविे हेतु) .............. 68

41. प्रेक्षकों के मलए ‘करें’ और ‘िहीां करें’ ........................................................................... 69

42. आचवर सांदहतव .......................................................................................................... 72

43. कवयाकवरी िर्वचवर ................................................................................................... 76

44. दैनिक प्रनतर्देि ........................................................................................................ 77

45. आयोर् के अिदेुशों को प्रदवि करिव ........................................................................... 78

.46 ोटो मतदवतव पची .................................................................................................79

47. मतदवतव सवुर्िव पोथ टर ............................................................................................. 83

48. मतदवतव सहवयतव बिू ............................................................................................... 85

49. प्रेक्षकों की तिैवती एर्ां कताव्य .................................................................................... 88

"कोई भी मतदवतव ि छूटे"

1

1. पषृ्ठभूलम

1. वर्मभन्‍दि लोकतांत्रों में वर्मभन्‍दि प्रकवर के निर्वाचि पयार्ेक्षण हैं। निर्वाचि पयार्ेक्षण

में बवह्य प्रेक्षक के सवि ही सांयतुत रवष्र, रवष्रमांडल जैसी बवह्य एजेंमसयों और अन्‍दय बवह्य निर्वाचि निर्रविी समहूों इत्यवदद द्र्वरव पयारे्क्षण शवममल हैं। हवलवांफक, भवरतीय सांदभा में, निर्वाचि पयारे्क्षण हमेशव एक घरेल ूपहल रहव है। घरेल ूपे्रक्षकों द्र्वरव थ र्यां ही र्षों निर्वाचि पयार्ेक्षण की अर्िवरणव को की अर्धि में वर्कमसत फकयव र्यव है, तयोंफक आरांमभक र्षों में निर्वाचि प्रफक्रयव के दौरवि मशकवयतें बहुत ही कम होती िीां। एक रवज्य से दसूरे रवज्य में निर्वाचि प्रेक्षक को प्रनतनियतुत फकए जविे की कोई अर्िवरणव िहीां िी। प्रिमतः, जब और मशकवयतें प्रवप्त हुईं, निर्वाचि आयोर् के मखु्यवलय के कुछ अधिकवररयों को प्रनतनियतुत फकयव र्यव िव। समय-समय पर जैस-ेजसै ेमशकवयतों की सांख्यव बढी, निर्वाचि आयोर् के अधिकवररयों की प्रनतनियकु्तत एक र्ांभीर सीमव िी।

2. आयोर् िे एक निर्वाचि-क्षते्र यव निर्वाचि-क्षते्र के एक समहू में निर्वाचि प्रफक्रयव

कव पयार्ेक्षण करिे के मलए एक ही रवज्य के कुछ र्ररष्ठ अधिकवररयों को प्रनतनियतुत करिव आरांभ कर ददयव। लेफकि र्ररष्ठ अधिकवररयों को निर्वाचि आयोर् के प्रेक्षकों के रूप में नियतुत करिे की अर्िवरणव िे, 1990 के र्षवारांभ से जडें जमविव आरांभ फकयव। वपछले लर्भर् दो दशकों की अर्धि में, एक रवज्य से दसूरे रवज्य में निर्वाचि प्रेक्षकों की प्रनतनियकु्तत, देश में निर्वाचि प्रबांिि कव एक अमभन्‍द ि भवर् बि र्यव है। र्तामवि में, अधिकतर अधिकवरी, जो फक भवरतीय रवजथर् सेर्व, कें रीय प्रत्यक्ष कर बोडा और भवरतीय रक्षव सांपदव सेर्व जैसी अखखल भवरतीय सेर्वओां तिव कें रीय सेर्वओां से सांबांधित हैं, को निर्वाचि प्रेक्षक के रूप में नियतुत फकयव जव रहव है।

2. ननयुस्तत का सांववधिक आिार

1. भवरत निर्वाचि आयोर् के प्रेक्षकों को लोक प्रनतनिधित्र् अधिनियम, 1951 की िवरव 20ख द्र्वरव प्रदत्त शक्ततयों तिव भवरत के सांवर्िवि के अिीि आयोर् को उपलब्ि पणूा शक्ततयों के अिीि नियतुत फकयव जवतव है। र्े आयोर् द्र्वरव नियतु त व् यक्तत होत ेहैं जो अपिी नियकु्तत से लेकर निर्वाचि प्रफक्रयव के समवप् त होिे तक की अर्धि के मलए आयोर् के अिीक्षण, नियांत्रण एर्ां अिशुवसि के अांतर्ात कवया करत ेहै।

2. लोक प्रनतनिधित्र् अधिनियम, 1951 को अर्थत-1996 में सांशोधित फकयव र्यव

तवफक िई िवरव 20ख जोडी जव सके। यह निर्वाचि के सांचवलि की निर्रविी

“कोई भी मतदवतव ि छूटे"

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करिे और वर्शषे रूप से र्ोटों की धर्िती के सांबांि में प्रेक्षकों को र्िैवनिक शक्तत प्रदवि करतव है।

3. िवरव 20ख निम्िविसुवर उपबांधित करती है:-

“क. निर्वाचि आयोर्, एक पे्रक्षक को, जो सरकवर कव अधिकवरी होर्व, फकसी निर्वाचि-

क्षेत्र यव निर्वाचि-क्षेत्रों के समूह में निर्वाचि यव निर्वाचिों के सांचवलि की निर्रविी करिे के मलए और ऐसे अन्‍दय कृत्यों कव पवलि करिे के मलए जो निर्वाचि आयोर् द्र्वरव सौंपे जवएां, िवममत कर सकेर्व।

ख. उप-िवरव (1) के अिीि िवमनिदेमशत पे्रक्षक को उस निर्वाचि-क्षेत्र के यव ऐसे

निर्वाचि-क्षेत्रों में से फकसी के, क्जसके मलए उसे िवमनिदेमशत फकयव र्यव है, ररटनििंर् अधिकवरी को पररणवम की घोषणव के पूर्ा फकसी भी समय मतों की र्णिव रोक देिे यव पररणवम को घोवषत ि करिे के मलए निदेश देिे की शक्तत होर्ी, यदद पे्रक्षक की रवय में बहुत से मतदवि केन्‍दरों में अिर्व मतदवि के मलए नियत थिविों में यव मतों की र्णिव के मलए नियत थिविों में बूिों कव बलवत ्ग्रहण फकयव र्यव है यव फकसी मतदवि केन्‍दर में यव मतदवि के मलए नियत फकसी थिवि में प्रयुतत फकन्‍दहीां मतपत्रों को ररटनििंर् अधिकवरी की अमभरक्षव में से वर्धिवर्रूद्ितयव निकवल मलयव र्यव है यव घटिवर्श यव सवशय वर्िष्ट कर ददयव र्यव है यव खो ददयव र्यव है यव उस सीमव तक उन्‍दहें िुकसवि पहुांचवयव र्यव है यव उिमें र्डबड की र्ई है फक उस मतदवि केन्‍दर यव थिवि पर मतदवि कव पररणवम अमभनिक्श्चत िहीां फकयव जव सकतव है।

र्. जहवां फकसी पे्रक्षक िे इस िवरव के अिीि ररटनििंर् अधिकवरी को मतों की र्णिव

रोकिे यव पररणवम की घोषणव ि करिे कव निदेश ददयव है, र्हवां पे्रक्षक, उस मवमले की ररपोटा तुरन्‍दत निर्वाचि आयोर् को करेर्व और ऐसव होिे पर निर्वाचि आयोर्, सभी तवक्त्र्क पररक्थिनतयों को ध्यवि में रखकर, िवरव 58क यव िवरव 64क यव िवरव 66 के अिीि समुधचत निदेश देर्व।”

3. प्रेक्षक के कताव्यों का ववहांगविोकन

1. प्रशवसनिक सेर्वओां में उिकी र्ररष्ठतव और दीघा अिभुर् के सवमर्थया से, सवमवन्‍दय और पमुलस प्रेक्षकों से अपेक्षव की है फक र् े थर्तांत्र और निष्पक्ष निर्वाचि के सांचवलि में आयोर् की सहवयतव करिे की क्थिनत में होंर्।े

2. र्े मदैविी थतर पर निर्वाचि प्रफक्रयव के कवयासविक और प्रभवर्ी प्रबांिि के पयार्ेक्षण में भी सक्षम होंर्।े

3. सभी प्रयोजिों के मलए, र्े निर्वाचि की अर्धि दौरवि आयोर् के आाँख और कवि के रूप में कवया करेंर्े (प्रर्ततव के रूप में िहीां) एर्ां निर्वाचि तांत्र, अभ्यधिायों,

"कोई भी मतदवतव ि छूटे"

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रवजिीनतक दलों तिव निर्वाचकों के सवि एक अांतरव लक के रूप में; थिल से ही यह सनुिक्श्चत करिे के मलए आयोर् को निवर्क्ष्टयवां प्रदवि करेंर्े फक निर्वाचि से सांबांधित अधिनियमों, नियमों, प्रफक्रयवओां, अिदेुशों और ददशवनिदेशों कव कडवई से और निष्पक्ष रूप से सभी सांबांधितों द्र्वरव अिपुवलि फकयव र्यव है।

4. उिकी निवर्क्ष्टयवां / दटप्पखणयवां र्ोपिीय एर्ां केर्ल आयोर् के उपयोर् के मलए हैं

तिव मीडडयव सदहत फकसी अन्‍दय एजेंसी के मलए िहीां हैं। इसमलए, निर्वाचि सांपन्‍दि होिे के बवर्जूद, उन्‍दहें प्रेस के सवि सांर्वद अिर्व उिके प्रश्िों पर प्रनतफक्रयव िहीां करिव चवदहए।

5. यह थपष्ट फकयव जवतव है फक प्रेक्षक द्र्वरव भेजे र्ए औपचवररक प्रनतर्ेदि /

निवर्क्ष्ट / दटप्पणी, आयोर् के उपयोर् के मलए होत ेहैं, इसकव आशय यह िहीां है फक प्रेक्षक अपिे पयार्के्षण के बवरे में, बीच मे फकए जविे र्वले सिुवरों को सरु्म बिविे हेत ुमखु्य निर्वाचि अधिकवरी / ररटनििंर् अधिकवरी / क्जलव निर्वाचि अधिकवरी के सवि निर्वाचि प्रबांिि के वर्मभन्‍दि पहलओुां पर वर्मशा िहीां करेंर्।े

6. हवलवांफक, प्रेक्षक अपिे औपचवररक प्रनतरे्दिों की प्रनतयवां आयोर् के अलवर्व फकसी

भी अन्‍दय व्यक्तत, तिव म०ुनि०अधि० / ररटनििंर् अधिकवरी / क्जलव निर्वाचि अधिकवरी को पषृ्ठवांफकत िहीां करेर्व।

7. यह ध्यवि में रखव जविव चवदहए फक प्रेक्षक की प्रनतनियकु्तत कव उद्देश्य त्रदुटयवां

खोजिव िहीां है, बक्ल्क एक थर्तांत्र और निष्पक्ष निर्वाचि सनुिक्श्चत करिे के मलए ील् ड प्रशवसि को सवुर्िवजिक बिविव है।

4. प्रेक्षकों की ब्रीफ ंग

1. प्रेक्षक के रूप में एक अधिकवरी की नियकु्तत और ब्रीफ ां र् मीदटांर् हेत ुबठैक हेत ुसचूिव को भवरत निर्वाचि आयोर् (भवनिआ) द्र्वरव रवज्य और केन्‍दर सरकवर के िोडल अधिकवरी के मवध्यम से भेजव जवएर्व, जो प्रके्षकों के रूप में नियकु्तत के मलए अधिकवररयों की सचूी की व्यर्थिव सदहत वर्मभन्‍दि मदु्दों के मलए निर्वाचि आयोर् के सवि समन्‍दर्य करेर्व। इस बठैक से छूट देिे के फकसी अिरुोि पर वर्चवर िहीां फकयव जवएर्व और कोई भी प्रनतथिवपि केर्ल भवरत निर्वाचि आयोर् की अिमुनत से फकयव जविव चवदहए। र्ांभीर कवरणों के बबिव प्रनतथिवपि अिरुोिों पर वर्चवर िहीां फकयव जवएर्व।

5. दौरे और मुख्यािय से अनुपस्स्िनत

1. सभी प्रेक्षकों को, जब भी र्े निजी कवया पर यव आधिकवररक कवयों के मलए

“कोई भी मतदवतव ि छूटे"

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मखु्यवलय छोडिव चवहत ेहैं, क्जसकव प्रेक्षक के रूप में उिके कताव्यों के निर्ाहि से सांबांि िहीां है, प्रत्येक बवर आयोर् से परू्वािमुनत लेिी चवदहए।

2. वर्शषे अिमुनत के इस सांबांि में कोई भी अिरुोि, उप निर्वाचि आयतुत (प्रभवरी,

रवज्य / सांघ रवज्य क्षेत्र) स ेफकयव जवएर्व।

3. ब्रीफ ां र् सत्र और निर्वाचि प्रफक्रयव के सांपन्‍दि होिे के बीच की अर्धि के दौरवि फकसी भी प्रके्षक को वर्देशी यवत्रव पर जविे की अिमुनत िहीां है।

4. इस सांबांि में आयोर् से कोई भी अिरुोि िहीां फकयव जविव चवदहए। केर्ल फकसी

वर्देशी प्रमशक्षण में भवर् लिेे हेत ुचयि के सांबांि में वर्लांब से सचूिव प्रवप्त होिे के मवमल े में, क्जस े कवममाक एर्ां प्रमशक्षण वर्भवर् (डीओपीटी) द्र्वरव वर्धिर्त प्रवयोक्जत फकयव र्यव िव, फकसी समकक्ष यव र्ररष्ठ पद के अधिकवरी के एर्ज में इस तरह के अधिकवरी को मतुत फकयव जव सकतव है।

5. ऐसे सभी अिरुोि सांबांधित िोडल अधिकवरी द्र्वरव आयोर् को सांबोधित फकए

जवएांरे्। 6. अवकाश हेतु ननवेदन

1. निर्वाचि-क्षते्र में निर्वाचि सांपन्‍दि होिे तक, क्जसमें अधिकवरी को प्रके्षक के रूप में नियतुत फकयव र्यव है यव क्जसके मलए प्रेक्षक को आरक्षक्षत रखव र्यव है, प्रेक्षक के रूप में नियतुत यव आरक्षक्षत सचूी में रखव र्यव कोई अधिकवरी फकसी भी तरह के अर्कवश पर आयोर् की परू्वािमुोदि के बबिव िहीां जवएर्व।

2. इस सांबांि में सभी पत्रवचवर उप निर्वाचि आयतुत (रवज्य के प्रभवरी) के िवम पर

सांबोधित फकए जवएांर्।े 7. प्रेक्षकों हेतु पोटाि

1. प्रेक्षकों के मलए एक र्ेब पोटाल बिवयव र्यव है। प्रेक्षक पोटाल की मल ांक आयोर् की र्ेबसवइट http://www.eci.nic.in पर दी र्ई है।

2. प्रेक्षक को ब्रीफ ां र् पत्र द्र्वरव उिके उपयोर्कतवा आईडी और कूटशब्द से सधूचत

फकयव र्यव है। जब र्े पहली बवर लॉधर्ि करत े हैं, तो उन्‍दहें अपिव कूटशब्द बदलिव होर्व।

"कोई भी मतदवतव ि छूटे"

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3. प्रेक्षक पोटाल, प्रेक्षक और आयोर् के मध्य सांचवर कव सर्ोत्तम तरीकव है। 4. आयोर् के सभी िर्ीितम निदेश पोटाल पर उपलब्ि हैं। प्रेक्षक के मलए सांदेश

पोटाल के सांदेश बोडा पर भी ददयव जवतव है। 5. इसमलए प्रेक्षक द्र्वरव पोटाल की बहुिव जवांच करिी चवदहए। इसी तरह, प्रेक्षकों को

अपिे प्रनतरे्दि प्रके्षक पोटाल पर अपलोड करके आयोर् को प्रेवषत करिे चवदहए।

“कोई भी मतदवतव ि छूटे"

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8. प्रेक्षकों की भूलमका

1. जि प्रनतनिधित्र् अधिनियम, 1951 की िवरव 20ख द्र्वरव प्रेक्षकों को कुछ

शक्ततयवां निदहत की र्ई हैं। उन्‍दहें फकसी ऐसे प्रसांर् में मतर्णिव यव पररणवम की घोषणव को रोकिे के मलए सशतत फकयव र्यव है, क्जसमें पररणवम को अमभनिक्श्चत करिव दषु्कर हो सकतव है। इसके अलवर्व, उन्‍दहें कुछ सीिी कवयाकवरी भमूमकवएां प्रवप्त हैं क्जसमें निम्िमलखखत सक्म्ममलत हैं :-

क. सांर्ीक्षव और अभ् यधिातव र्वपसी की प्रफक्रयव तिव फकसी भी अनियममततव के मवमले

में आयोर् को तत्कवल प्रनतर्ेददत करें;

ख. िवम-निदेशि प्रफक्रयव की र्ीडडयो क्तलवपांर् की जवांच के सवि ही िवम-निदेशि प्रफक्रयव के सांबांि में प्रवप् त मशकवयतों पर यिोधचत अन्‍द र्ेषण करिव। अभ् यिी/रवजिीनतक दलों द्र्वरव प्रतीकों के आर्ांटि के सांबांि में अनिणीत / मशकवयतों पर अन्‍द र्ेषण करिव;

र्. वर्मभन्‍दि बैठकों की र्ीडडयो क्तलवपांग्स को देखकर आदशा आचवर सांदहतव के उल्लांघि के मवमलों की प्रभवर्ी निर्रविी और, यदद आर्श्यक हो, यहवां तक फक महत्र्पूणा रैमलयों में थर्यां प्रवरांमभक निवर्क्ष्टयवां भी प्रवप्त करिव; सांपनत वर्रूपण अधिनियम, सूक्ष् म–पे्रक्षकों कव प्रमशक्षण और ऐसे ही अन्‍द य कवयवादद;

घ. यद्यवप अभ्यधिायों के व्यय लेखों की जवांच व् यय पे्रक्षकों को सौंपी र्ई है, तिववप, अत्यवर्श्यकतव के मवमलों में यदद आयोर् द्र्वरव निदेमशत फकयव जवतव है, तो सवमवन्‍दय पे्रक्षक द्र्वरव भी ऐसव फकयव जविव अपेक्षक्षत है।

ङ. सेर्व नियोक्जत निर्वाचकों को डवक मतपत्र के पे्रषण की निर्रविी, मतदवि अधिकवररयों, पुमलस एर्ां सुरक्षव कममायों आदद के मलए आयोर् के िर्ीि ददशवनिदेशों के अिुसवर सेर्व -सुवर्िव कवऊां टरों की थिवपिव सुनिक्श्चत करिव एर्ां इस सांबांि में

को वर्मशष्ट प्रनतर्ेदि कव पे्रषणआयोर् ,

च. यवदृक्छछकीकरण सॉफ्टर्ेयर की जवांच, मतदवि कममायों को यवदृक्छछक बिवए जविे की प्रफक्रयव की समीक्षव करिव, प्रिम -थतरीय यवदृक्छछकीकरण के बवरे में क्जलव निर्वाचि अधिकवरी से प्रनतर्ेदि अमभप्रवप्त करिव ; तिव

छ. मतर्णिव प्रफक्रयव कव पयार्ेक्षण और वर्नियमि। पे्रक्षक को उसकी सांतुक्ष्ट के प्रमवणथ र्रूप चरणर्वर र्णिव पत्रों को हथ तवक्षररत करिव होर्व। र्ह ररटनििंर् अधिकवरी को मतर्णिव करिे यव पररणवम की घोषणव को रोकिे के मलए निदेमशत कर सकतव/सकती है, यदद उसके ध् यवि में कोई भी अनियममततव आती है, तो र्ह

"कोई भी मतदवतव ि छूटे"

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आरे् के निदेशिों के मलए आयोर् के सांज्ञवि में मवमले को लवतव/लवती है।

2. प्रेक्षकों की प्रत्यक्ष कवयाकवरी भमूमकव के अनतररतत, जसैव फक ऊपर सचूीबद्ि है, निर्वाचि प्रबांिि में उठवए र्ए सभी कदमों के पयार्ेक्षण एर्ां उि पर प्रनतरे्दि प्रेवषत फकयव जविव अपेक्षक्षत है। एक दृष्टवांनतक सचूी िीचे दी र्ई है:

क. नाम-ननदेशन, अभ् यधिाता वापस िेना, सवंीक्षा एव ंप्रतीक का आबटंन

I. सवमवन्‍दय पे्रक्षक, िवम-निदेशि के अांनतम ददर्स पर पहुांचत े हैं और इस प्रकवर, व्यक्ततर्त रूप से िवम-निदेशि की प्रफक्रयव कव पयार्ेक्षण िहीां करत े हैं, तिववप, पहले दौरे के दौरवि उन्‍दहें ररटनििंर् अधिकवरी से िवम-निदेशि प्रफक्रयव की र्ीडडयो ररकॉडडिंर् प्रवप्त होिी चवदहए और भवरत निर्वाचि आयोर् के निदेशों के अिुपवलि के निरीक्षण के मलए देखें तिव मुख्य उल्लांघिों, यदद हों, तो िवम-निदेशि के दौरवि उपक्थित होिे र्वले व्यक्ततयों की सांख्यव के सांबांि में आयोर् के अिुदेशों के वर्मशष्ट सांदभा के सवि प्रनतर्ेददत करें ।

II. सांर्ीक्षव एक अिा-न्‍दयवनयक प्रफक्रयव है तिव फकसी भी बवहरी प्रभवर् के बबिव ररटनििंर् अधिकवरी द्र्वरव सांचवमलत की जविी चवदहए। तिववप, पे्रक्षक यह सुनिक्श्चत कर सकतव है फक ररटनििंर् अधिकवरी िर्ीितम अिुदेशों से अर्र्त है; उिके पवस निरदहात अभ्यधिायों की िर्ीितम सूची और िर्ीितम प्रतीक आदेश है। पे्रक्षक को सांर्ीक्षव प्रफक्रयव कव पयार्ेक्षण करिव चवदहए और आयोर् को थपष्ट त्रुदट के बवरे में प्रनतर्ेददत करिव चवदहए। पे्रक्षक को रद्द फकए र्ए मवमलों की तवमलकव सांबांिी जविकवरी सभी कवरणों के सवि भेजिी चवदहए। पे्रक्षक को, ररटनििंर् अधिकवरी को निदेश देिे यव सुझवर् देिे से बचिव चवदहए। पे्रक्षक, ररटनििंर् अधिकवरी को थमरण करव सकतव है फक इस मवमले में यदद एक अर्सर ददयव जविव है तो सांर्ीक्षव प्रफक्रयव को थिधर्त फकयव जव सकतव है यव यदद फकसी कविूिी प्रवर्िवि की जवांच की जविी है तो इसके मलए समय की आर्श्यकतव है।

III. प्रतीक कव आर्ांटि एक ऐसी प्रफक्रयव है जो अत्यांत तकिीकी है और इसमें यिोधचत सवर्िविी की आर्श्यकतव होती है। यह सुनिक्श्चत फकयव जविव चवदहए फक ररटनििंर् अधिकवरी को आरक्षक्षत तिव मुतत प्रतीकों के जवरी करिे के प्रवर्िवि से अर्र्त होिव चवदहए। उिके पवस िर्ीितम प्रतीक आर्ांटि आदेश होिव चवदहए। ध्यवि में रखव जविे र्वलव एक अन्‍दय महत्र्पूणा पहलू, आयोर् द्र्वरव जवरी फकयव र्यव प्रतीक ररयवयत आदेश है। प्रतीकों कव आर्ांटि करिे के बवद, निर्वाचि लड रहे अभ्यधिायों की सूची प्रपत्र 7क में तैयवर की जविी चवदहए।

ख. ननवााचक नामाविी से सबंधंित I. यह सुनिक्श्चत फकयव जविव चवदहए फक अांनतम ददर्सों के दौरवि तैयवर फकए र्ए

मतदवतव ोटो पहचवि पत्र (एवपक) निर्वाचकों को ठीक से वर्तररत फकए र्ए हैं और कुछ मध्यथिों के सवि छोड ेिहीां र्ए हैं।

“कोई भी मतदवतव ि छूटे"

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II. तिववप; निर्वाचक िवमवर्ली से कोई वर्लोपि िहीां फकयव जव सकतव है, फ र भी

अिुपक्थित, मतृ और दोहरे निर्वाचकों कव पतव लर्विव जवरी रखव जविव चवदहए और ऐसे निर्वाचकों की मतदवि केन्‍दर-र्वर एक पिृक सूची तैयवर होिी चवदहए, क्जसकव उपयोर् मतदवि ददर्स पर फकयव जव सकतव है।

III. अांनतम पूरक पर आिवररत मखु् य िवमवर्ली तिव वपछले परूक में हथतर्त रूप से

धचक्ह्ित कर अांनतम पूरक तैयवर फकयव जवतव है। इस फक्रयवकलवप के सूक्ष्म पयार्ेक्षण की एर्ां यह सुनिक्श्चत करिे की आर्श्यकतव है फक इस थतर पर फकसी भी त्रुदट से बचिे के प्रयवस फकए र्ए हैं।

IV. यह सुनिक्श्चत फकयव जविव चवदहए फक अभ्यधिायों को दी र्ई प्रनतयवां बबल्कुल र्ैसी

ही होंर्ी जो निर्वाचि ददर्स पर मतदवि दल द्र्वरव उपयोर् की जवएांर्ी। पे्रक्षक को इस मवमले पर ददिवांक 11.12.2013 के निर्वाचि आयोर् के िर्ीितम अिुदेशों को देखिव चवदहए।

ग. अलभयान अवधि I. अमभयवि की अर्धि के दौरवि, सवमवन्‍दय पे्रक्षकों को आदशा आचवर सांदहतव (एमसीसी)

के कवयवान्‍दर्यि पर निर्रविी रखिी चवदहए और निर्वाचि सांबांिी अपरविों की घटिव को रोकिे के उपवय करिव चवदहए। इस सांबांि में, फकसी भी चूक को पे्रक्षकों द्र्वरव क्जलव निर्वाचि अधिकवरी, मुख् य निर्वाचि अधिकवरी के सांज्ञवि में लविव चवदहए, और यदद आर्श्यक हो, तो आयोर् को प्रनतर्ेददत करिव चवदहए, फकां तु थर्यां फकसी भी कवयाकवरी कवयार्वही से पिृक रहेंरे्।

II. अभ्यधिायों के सवि बैठक कर उन्‍दहें आदशा आचवर सांदहतव के उपबांिों और इसके

तहत आयोर् के अिुदेशों को थपष्ट करें। III. वर्मभन्‍दि कवयाक्रमों जैसे रवजिैनतक बैठकें , सुप्रमसद्ि प्रचवरकों आदद के दौरे देखें। IV. आदशा आचवर सांदहतव के प्रर्ताि के मलए र्दठत दलों द्र्वरव फकए र्ए कवयों की

निर्रविी करें। V. प्रनतरूपी (डमी) अभ्यिी, थिविवपन्‍दि (सरोरे्ट) वर्ज्ञवपि, और पेड न्‍दयूज पर

निर्रविी रखें। VI. उि अभ्यधिायों की र्नतवर्धियों की र्ीडडयो ररकॉडडिंर् की सांर्ीक्षव करें, क्जिके मलए

र्ीडडयो अिुर्वमी कव उपयोर् फकयव र्यव है। घ. मतदान-पवूा ननवााचन प्रबिंन

"कोई भी मतदवतव ि छूटे"

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I. अभ्यधिायों की सूची तैयवर करिे के तुरांत पश्चवत ्सेर्व-नियोक्जत निर्वाचकों हेतु डवक मतपत्रों, अिवात प्रपत्र 7क, के पे्रषण की तैयवरी की निर्रविी करें।

II. पे्रक्षक के पहुांचिे से पहले ही निर्वाचि कममायों के प्रिम यवदृक्छछकीकरण कव कवया

फकयव जवतव है। तिववप, द्वर्तीय और ततृीय यवदृक्छछकीकरण को पे्रक्षकों की उपक्थिनत में फकयव जवतव है।

III. पे्रक्षक के आिे से पहले ईर्ीएम यवदृक्छछकीकरण कव प्रिम थतर फकयव जवतव है

लेफकि द्वर्तीय थतर कव यवदृक्छछकीकरण पे्रक्षक की उपक्थिनत में ही फकयव जवतव है।

IV. प्रमशक्षण एक ऐसी र्नतवर्धि है क्जस पर वर्शेष जोर ददयव जविव चवदहए। पे्रक्षकों को

यह देखिव चवदहए फक निर्वाचि कममायों हेतु, वर्शेष रूप से निर्वाचि आयोर् के िर्ीितम अिुदेशों के सांबांि में तिव ईर्ीएम के सांचवलि के सांबांि में, यिोधचत प्रमशक्षण की व्यर्थिव की र्ई है।

V. मतदवि कममायों हेतु डवक मतपत्रों को जवरी फकए जविे के सांबांि में आयोर् के

अिुदेशों कव अिुपवलि करिव और उिके मवध्यम से मतदवि करिे की निर्रविी करेंरे्।

VI. मतदवि केन्‍दरों पर जवएां और निर्रविी करें फक सभी मतदवि केन्‍दरों कव उपयुतततव

के दृक्ष्टकोण से सत्यवपि हेतु निर्वाचि अधिकवररयों द्र्वरव दौरव फकयव र्यव है। सत्यववपत करें फक तयव मतदवि केन्‍दरों की सूची आयोर् द्र्वरव अिुमोददत है।

VII. क्जलव निर्वाचि अधिकवरी/ पुमलस आयुतत द्र्वरव फकए र्ए सांर्ेदिशीलतव मविधचत्रण

की कवयार्वही एर्ां सांर्ेदिशील बूिों और सांर्ेदिशील सांकुलों कव अर्लोकि करें तिव सांर्ेदिशील बूिों एर्ां सांर्ेदिशील सांकुलों को अांनतम रूप दें।

VIII. क्जलव निर्वाचि अधिकवरी और पुमलस आयुतत के सवि क्जलव सुरक्षव योजिव पर

वर्चवर-वर्मशा करें और अिुमोददत करें तिव सवमवन्‍दय तौर पर कविूि और व्यर्थिव के मुद्दे की सांर्ीक्षव करें। केन्‍द रीय पुमलस बल, वर्शेष सशथत्र बल और क्जलव पुमलस की उपलब्ितव की सांर्ीक्षव करें। कविूि और व्यर्थिव कवयवान्‍दर्यि तांत्र द्र्वरव उठवए र्ए निर्वरक उपवयों की सांर्ीक्षव करें।

IX. सांचवर योजिव की सांर्ीक्षव करें और पूर्वाभ्यवस कव पुष्टीकरण करें। X. नियांत्रण कक्ष की व्यर्थिवएां तिव मशकवयत निर्रविी प्रणवली की सांर्ीक्षव करें। XI. मवइक्रो-पे्रक्षकों कव प्रमशक्षण एर्ां नियुक्तत। XII. सुनिक्श्चत करें फक पे्रषण के मलए उधचत व्यर्थिव की र्ई है। पे्रषण आमतौर पर

मतदवि के एक ददि पूर्ा होर्व एर्ां फकसी भी अपर्वद पर आयोर् कव पूर्वािुमोदि होिव चवदहए।

“कोई भी मतदवतव ि छूटे"

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XIII. र्णिव की व्यर्थिवओां की सांर्ीक्षव करें। ङ. ननवााचन ददवस का प्रबिंन I. क्षेत्रवधिकवररयों एर्ां मवइक्रो-पे्रक्षकों के थिविि की निर्रविी करें। II. छद्म मतदवि कव सांचवलि करिे और पीठवसीि अधिकवरी द्र्वरव हथतवक्षररत

नििवाररत प्रवरूप में छद्म मतदवि प्रमवणपत्र की प्रवक्प्त की निर्रविी करें। ऐसे मतदवि केन्‍दरों, जहवां कोई भी मतदवि अमभकतवा िहीां है अिर्व एक ही है, की सांर्ीक्षव करें।

III. मतदवि की र्नत और नियममत अांतरवल पर मतदवि के प्रनतशत की सांर्ीक्षव करें। IV. निर्वाचि के ददि फकसी भी वर्शेष घटिव के होिे की निर्रविी रखें। V. मतदवि के फकसी भी वर्लांब यव अथिवयी आथिर्ि पर निर्रविी रखें। VI. फकसी भी आपर्वददक को निर्वाचि आयोर् को प्रनतर्ेददत करें। VII. सुनिक्श्चत करें फक मतदवि कममायों हेतु और मतदवि सवमग्री की प्रवक्प्त हेतु उधचत

व्यर्थिव की र्ई है। प्रवप्त करिे र्वले प्रत्येक दल को प्रवप्त होिे र्वली सवमधग्रयों की एक सूची से भली-भवांनत लैस होिव चवदहए। सुनिक्श्चत करें फक र्ैर-सवांवर्धिक दथतवर्ेजों को ईर्ीएम के सवि थ रवांर् रूम में बांद िहीां फकयव र्यव है।

VIII. सुनिक्श्चत करें फक उि मतदवि केन्‍दरों से, जहवां से फकसी घटिव वर्शेष प्रनतर्ेददत

फकयव र्यव है, से मतदवि दलों की प्रवक्प्त हेतु ‘वर्शेष कवउां टर’ थिववपत फकए र्ए हैं एर्ां प्रवप्त होिे पर, उधचत दथतवर्ेजीकरण, पीठवसीि अधिकवरी के किि / प्रनतर्ेदि समेत, यदद आर्श्यक हो, फकयव र्यव है।

च. मतदान पश्चात ्

I. निर्वाचिों के उधचत आयोजि कव वर्श्लेषण करिे और पुिमातदवि कव निणाय लेिे के मलए सांर्ीक्षव एक महत्र्पूणा वर्श्लेषणवत्मक सविि है। मतदवि के अर्ले ददि पे्रक्षक की उपक्थिनत में उि मतदवि केन्‍दरों कव जो आयोर् के अिुदेशों के अिुसवर ऐसे मविदांड में आत ेहैं, निरीक्षण फकयव जवतव है।

II. मतदवि के आयोजि एर्ां पुिमातदवि की आर्श्यकतव यदद कोई हो के बवरे में, आयोर् को प्रनतर्ेददत करें।

छ. गणना

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I. क्जलव निर्वाचि अधिकवरी द्र्वरव र्णिव हेतु की र्ई व्यर्थिव की सांर्ीक्षव करें।

II. पे्रक्षक की उपक्थिनत में र्णिव कममायों की यवदृक्छछकीकरण की जवती है।

III. निर्रविी रखें फक डवक मतपत्रों की र्णिव ईर्ीएम के पूर्ा की र्ई लेफकि ईर्ीएम की र्णिव, डवक मतपत्र धर्िती पूरव होिे तक बवधित िहीां हुई है।

IV. पे्रक्षक को यह सुनिक्श्चत करिव है फक र्णिव कममायों और केन्‍दर सरकवर की थिवपिवओां के अनतररतत र्णिव कममायों द्र्वरव तैयवर फकए र्ए पररणवम मेल खवते हैं।

V. प्रत्येक दौर में दो ईर्ीएम कव यवदृक्छछक परीक्षण करें और यदद कोई त्रुदटयवां पवई जवती हैं, तो भवरत निर्वाचि आयोर् के निदेशों के अिुसवर सुिवरवत्मक कवयार्वही करें।

VI. सुनिक्श्चत करें फक र्णिव के दौरवि जब भी पररणवमों को अांनतम रूप ददयव जवतव है, उन्‍दहें दौर-र्वर घोवषत फकयव जवतव है।

VII. र्णिव प्रफक्रयव के उधचत समवपि को प्रमवखणत करें तिव ररटनििंर् अधिकवरी के र्णिव प्रफक्रयव से सांतुष्ट होिे पर पररणवम घोवषत करिे की अिुमनत दें।

VIII. यदद पुिर्ाणिव की आर्श्यकतव होती है तो आयोर् को पुिर्ाणिव के आयोजि हेतु प्रनतर्ेददत करें।

9. प्रेक्षकों के प्रनतवेदन

1. सवमवन्‍दय और पमुलस, दोिों प्रेक्षकों द्र्वरव निर्वाचि-क्षते्र (क्षते्रों) / क्जलव में पहुांचिे के तरुांत पश्चवत ्और निर्वाचि-क्षते्र (क्षेत्रों) / क्जलव छोडिे से तरुांत पहल,े आयोर् को आर्मि और प्रथिवि प्रनतरे्दि प्रथततु फकयव जविव अपेक्षक्षत है। (आर्मि / प्रथिवि प्रनतरे्दि कव प्रवरूप अिलुग्िक-II पर सांलग्ि है)।

2. आर्मि और प्रथिवि प्रनतर्ेदिों के अलवर्व, आयोर्, अब सवमवन्‍दय प्रके्षकों से 5

अनिर्वया प्रनतरे्दिों और पमुलस प्रेक्षकों से 4 अनिर्वया प्रनतरे्दिों की, परू्ा में अपेक्षक्षत क्रमशः 6 और 5 प्रनतरे्दिों के वर्रूद्ि, अपेक्षव करतव है। हवलवांफक, फकसी भी र्ांभीर अनतक्रम के मवमले में, और जब भी आर्श्यक हो, प्रेक्षक द्र्वरव अांतररम प्रनतर्ेदि(िों) के मवध्यम से भवरत निर्वाचि आयोर् के सांज्ञवि में लवयव जवएर्व।

3. सवमवन्‍दय प्रेक्षकों के मवमल ेमें –

I. पहलव प्रनतर्ेदि – अभ् यधिातव र्वपस लेिे के पश्चवत ्प्रथतुत फकयव जवएर्व।

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II. दसूरव प्रनतर्ेदि – मतदवि ददर्स के दो ददि पूर्ा प्रथतुत फकयव जवएर्व। (पी-2 ददिों)

III. तीसरव प्रनतर्ेदि – मतदवि सांपन्‍दि होिे के तुरांत पश्चवत ्प्रथतुत फकयव जवएर्व।

IV. चौिव प्रनतर्ेदि – मतदवि सांपन्‍दि होिे के अर्ले ददि प्रपत्र 17क की सांर्ीक्षव के पश्चवत ्प्रथतुत फकयव जवएर्व।

V. पवाँचर्वां प्रनतर्ेदि – मतों की र्णिव के पश्चवत ्प्रथतुत फकयव जवएर्व।

4. पमुलस पे्रक्षकों के मवमले में -

I. पहलव प्रनतर्ेदि – आर्ांदटत क्जलव में पहुांचिे के दसूरे ददि प्रथतुत फकयव जवएर्व।

II. दसूरव प्रनतर्ेदि – आर्ांदटत क्जलव में पहुांचिे के पवाँचर्ें ददि प्रथतुत फकयव जवएर्व।

III. तीसरव प्रनतर्ेदि - मतदवि ददर्स के दो ददि पूर्ा प्रथतुत फकयव जवएर्व। (पी-2 ददिों)

IV. चौिव प्रनतर्ेदि – निर्वाचि सांपन्‍दि होिे के पश्चवत ्प्रथतुत फकयव जवएर्व।

5. मदैविी दौरे के दौरवि ऐसे तत्कवल मवमलों पर, जो फक मलखखत प्रनतरे्दि तक लांबबत िहीां रखव जव सकतव है, दरूभवष के मवध्यम से यव फकसी अन्‍दय तजे और वर्श्र्सिीय मवध्यम से, आयोर् के सवि मौखखक सांचवरों कव थर्वर्त है। सभी दरूभववषक सांचवर, सांबांधित सधचर् के सवि यिोधचत रूप से फकए जविे चवदहए और इसके पश्चवत ्पकु्ष्ट के मलए एक मलखखत सांदेश भी अर्श्य भेजव जविव चवदहए।

10. प्रेक्षकों हेतु डाक मतपत्र

1. निर्वाचिों कव सांचवलि नियम, 1961 के नियम 17 से 20 यह उपबांधित करतव है फक निर्वाचि-कताव्यवरूढ मतदवतव डवक द्र्वरव मतदवि करिे के पवत्र हैं। पवररभववषक शब्द ‘निर्वाचि-कताव्यवरूढ मतदवतव’ में लोक सेर्क सक्म्ममलत हैं, जो निर्वाचि-क्षते्र में एक निर्वाचक है और उसके निर्वाचि-कताव्यवरूढ होिे के कवरण र्ह उस मतदवि केन्‍दर में मतदवि करिे में असमिा है, जहवां उसे मतदवि करिे कव अधिकवर है। प्रेक्षकों को भी इस शे्रणी में शवममल फकयव र्यव है, तयोंफक आयोर् द्र्वरव र्हृ रवज्य / पदथिवपिव के रवज्य में प्रेक्षक के रूप में फकसी भी अधिकवरी को नियतुत िहीां फकयव जवतव है।

2. अर्र फकसी प्रके्षक को फकसी भी निर्वाचि-क्षेत्र में एक निर्वाचक के रूप में

पांजीकृत फकयव जवतव है, तो र्ह प्रपत्र 12 में सांबांधित निर्वाचि-क्षेत्र के ररटनििंर् अधिकवरी को डवक मतपत्र के मलए आर्ेदि कर सकतव है। प्रेक्षक सांबांधित क्षते्र के

"कोई भी मतदवतव ि छूटे"

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ररटनििंर् अधिकवरी को मलख सकत ेहैं यव उससे सांपका कर सकत ेहैं और डवक मतपत्र प्रवप्त करिे हेत ुएक वर्धिर्त भरव र्यव प्रपत्र 12 प्रथततु कर सकत ेहैं।

11. ननवााचन क्षेत्रों में प्रेक्षकों का आगमन

1. प्रेक्षकों को िवम-निदेशिों के दवखखल करिे के अांनतम ददि पर परू्वाह्ि में निर्वाचि-क्षते्र में उपक्थिनत देिव अनिर्वया है।

2. क्जलव निर्वाचि अधिकवरी द्र्वरव पे्रक्षक हेत ुएक अांगे्रजी जवििे र्वले अधिकवरी को

सांपका अधिकवरी के रूप में नियतुत फकयव जवएर्व एर्ां पे्रक्षक के रवज्य में आर्मि के समय आर्मि थिल पर थर्वर्त करेर्व एर्ां ठहरिे के थिवि तक उिकव मवर्ारक्षण करेर्व।

3. क्जलव निर्वाचि अधिकवरी को आर्वस, र्वहि और सांचवर की व्यर्थिवएां करिव है,

जैस,े इांटरिेट, ैतस, कवयवालय लेखि-सवमग्री आदद। 4. क्जलव निर्वाचि अधिकवरी द्र्वरव प्रके्षक को उिके आर्मि पर, जवांच-सचूी

(अिलुग्िक-I) में र्खणात जविकवरी / वर्र्रण, क्जलव निर्वाचि योजिव एर्ां एक मविधचत्र प्रदवि फकयव जवएर्व।

12. ररटननिंग अधिकारी / सहायक ररटननिंग अधिकारी एवं स्जिा ननवााचन अधिकारी का

अतंरा िक

1. क्जलव निर्वाचि अधिकवरी यिवशीघ्र प्रेक्षक के सवि एक बठैक आयोक्जत करेर्व। सभी ररटनििंर् अधिकवरी, सहवयक ररटनििंर् अधिकवरी, पमुलस अिीक्षक, िोडल अधिकवरी सदहत अन्‍दय निर्वाचि अधिकवरी, मीडडयव प्रकोष्ठ, आदशा आचवर सांदहतव के िोडल अधिकवरीर्ण समेत एर्ां व्यय निर्रविी के मलए निददाष्ट अधिकवररयों को बठैक में उपक्थित होिे चवदहएां। तवफक वर्मशष् ट मदु्दों के बवरे में पे्रक्षक को, उिके वर्शषे ध् यवि की आर्श् यकतव के बवरे में जविकवरी दी जव सके।

2. क्जलव प्रशवसि की सभी पहलओुां में तयैवररयों की क्थिनत से पररधचत होिे के मलए

प्रेक्षक को इस बठैक कव अग्रलक्षी उपयोर् करिव चवदहए।

3. प्रेक्षक को निर्रविी करिी चवदहए फक: (i) ररटनििंर् अधिकवरी और सहवयक ररटनििंर् अधिकवरी के मलए (र्णिव समेत) अपेक्षक्षत

अधिकवररयों की पदथिवपिव पूरी कर ली र्ई है।

“कोई भी मतदवतव ि छूटे"

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(ii) उि सभी थिलों, क्जिकव पे्रषण, अमभप्रवक्प्त और र्णिव के मलए उपयोर् फकयव

जवएर्व, को अमभज्ञवत फकयव र्यव है और समीक्षव की र्ई है। (iii) मतदवि केन्‍दरों की सूची को अांनतम रूप ददयव र्यव है। (iv) आदशा आचवर सांदहतव की निर्रविी और कवयवाक्न्‍दर्त करिे र्वलव तांत्र नियुतत फकयव

र्यव है। (v) मतदवि कममायों की प्रविममक सूची तैयवर की र्ई है। (vi) जितव और रवजिीनतक दलों से जविकवरी प्रवप्त करिे की व्यर्थिव, नियांत्रण कक्ष

की व्यर्थिव तिव क्जलव निर्वाचि अधिकवरी और पुमलस कव समन्‍दर्य, ररटनििंर् अधिकवरी नियांत्रण कक्ष की व्यर्थिव की र्ई हैं।

4. जवांच-सचूी की समीक्षव करिे के पश्चवत ् (अिलुग्िक-I), यदद निर्वाचि की

तयैवररयों में कोई न्‍दयिूतव पवई जवती है, तो प्रके्षक मवमले को आयोर् के समक्ष प्रथततु करेर्व।

13. नाम-ननदेशन पत्रों की संवीक्षा

1. अभ् यधिातव की र्वपसी प्रफक्रयव के पश्चवत ् पे्रक्षकों द्र्वरव सांर्ीक्षव प्रफक्रयव के पयार्ेक्षण एर्ां निर्वाचि लडिे र्वले अभ्यधिायों को बहुत बवरीकी से अांनतम रूप ददयव जविव अपेक्षक्षत है। सांर्ीक्षव में पे्रक्षक की भमूमकव औपचवररक रूप से मवर्ादशाि करिे के बजवय, कवयार्वदहयों कव पयार्ेक्षण करिे की है। तिववप, ऐसी क्थिनत में, जहवां कुछ भ्रम है, प्रेक्षक आयोर् को प्रनतर्ेददत करेर्व, लेफकि फकसी भी पररक्थिनत में ररटनििंर् अधिकवरी को निदेमशत िहीां करेर्व।

2. िवम-निदेशिों की सांर्ीक्षव के दौरवि प्रके्षकों कव उपक्थित रहिव अपके्षक्षत है। तिववप, सांर्ीक्षव के परू्ा, यह महत्र्पणूा है फक प्रेक्षक, ररटनििंर् अधिकवररयों से आयोर् के िर्ीितम अिदेुशों और आदेशों की उपलब्ितव की पकु्ष्ट करत ेहैं, जो वर्शषे रूप से िवम-निदेशिों की सांर्ीक्षव के मलए, ररटनििंर् अधिकवररयों द्र्वरव उिके र्िैवनिक कवयों कव निर्ाहि करिे हेत ुप्रवसांधर्क हैं।

3. निम्िमलखखत मदें महत्र्पणूा हैं :-

(क) आयोर् द्र्वरव प्रकवमशत "रवजिीनतक दलों और निर्वाचि धचह्िों" की िर्ीितम सूची।

(ख) रवजिीनत के अपरविीकरण पर आयोर् के अिुदेश और िर्ीितम शपिपत्रों के प्रपत्र,

"कोई भी मतदवतव ि छूटे"

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जो प्रत्येक िवम-निदेशक प्रपत्र के सवि होर्व (भवनिआ निदेश सां. 3/ईआर/2003/जेएस-2) ददिवांक 27 मवचा 2003 सहपदठत अिुदेश सां. 3/ईआर/2011/एसडीआर ददिवांक 25 रर्री, 2011 और सां. 3/4/2012/ एसडीआर ददिवांक 24 अर्थत, 2012), जैसव फक समय-समय पर सांशोधित फकयव र्यव है।

(र्) निरदहात अभ्यधिायों की सूची की िर्ीितम प्रनत।

(घ) प्रपत्र अ एर्ां ब के िर्ीितम सांथकरणों के अिुदेश और प्रनतयवां क्जिकव उपयोर् रवजिीनतक दलों द्र्वरव उिके आधिकवररक अभ्यधिायों के िवमों को इांधर्त करिे के मलए फकयव जवतव है जो दल के मलए आरक्षक्षत प्रतीक धचह्ि के मलए पवत्र हैं।

(ङ) निर्वाचि-क्षेत्र के निर्वाचक िवमवर्ली की एक प्रवमवखणक प्रनत।

4. ररटनििंर् अधिकवररयों से पवरथपररक सांर्वद के परू्ा प्रेक्षक अधग्रम रूप से इि अिदेुशों कव सवर्िविीपरू्ाक अध्ययि करेंर्े। रे् इस बवत की पकु्ष्ट करेंर्े फक ररटनििंर् अधिकवररयों िे ि केर्ल िर्ीितम अिदेुश प्रवप्त फकए हैं, बक्ल्क इिके प्रभवर्ों को भी थपष्ट रूप से समझ चुके हैं।

14. प्रतीकों का आवंटन

1. िवम-निदेशि समवप्त करिे की प्रफक्रयव परूी होिे के तरुांत बवद, ररटनििंर् अधिकवररयों को प्रतीकों के आर्ांटि की प्रफक्रयव आरांभ करिी है। प्रके्षक इस महत्र्पणूा र्नतवर्धि के पयारे्क्षण के मलए उपलब्ि होंरे्। ररटनििंर् अधिकवरी के पवस रवजिीनतक दलों और निर्वाचि धचह्िों की िर्ीितम सचूी और आयोर् द्र्वरव जवरी फकए र्ए कोई भी प्रतीक ररयवयत सांबांिी प्रवसांधर्क आदेश, क्जसमें रवजिीनतक दलों के सांबांि में रवज्य वर्शषे में मवन्‍दयतव प्रवप्त िहीां है लेफकि फकसी अन्‍दय रवज्य में मवन्‍दयतव प्रवप्त है, होिे चवदहए।

2. जैसे ही प्रतीकों कव आर्ांटि परूव हो जवतव है, निर्वाचि लड रहे अभ्यधिायों और

उन्‍दहें आर्ांदटत प्रतीकों की एक सचूी तयैवर की जवएर्ी एर्ां प्रपत्र 7क में प्रकवमशत की जवएर्ी। आदेश के सांबांि में वर्शषे ध्यवि रखव जविव चवदहए क्जसमें अभ्यधिायों के िवम सचूी में ददखवई देत ेहैं और इस सांबांि में आयोर् के अिदेुशों कव कडवई से अिपुवलि फकयव जविव चवदहए। यह एक बहुत महत्र्पणूा दथतवरे्ज है और यह अत्यांत महत्र्पणूा है फक आदेश की प्रनतयवां मखु्य निर्वाचि अधिकवरी तक शीघ्रवनतशीघ्र पहुांचे। मलू प्रनत को ररटनििंर् अधिकवरी एक वर्शषे सांदेशर्वहक के मवध्यम से रवज्य / सांघ रवज्य क्षेत्र के मखु्य निर्वाचि अधिकवरी को प्रेवषत करिे की व्यर्थिव करेंर्े, जो इन्‍दहें सांकमलत करेर्व और वर्शषे दतू यव मशवर्र-बरै् के मवध्यम से आयोर् को भेज ददयव जवएर्व।

“कोई भी मतदवतव ि छूटे"

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3. सांसदीय निर्वाचिों के मवमले में, आयोर् दहन्‍ददी और अांग्रेजी में निर्वाचि लड रहे अभ्यधिायों की एक सांकमलत सचूी प्रकवमशत करतव है। यह हो सकतव है फक कुछ िवम-निदेशिों को थिविीय भवषव में भरव जव सकतव है। फ र भी, ररटनििंर् अधिकवरी दहांदी और अांग्रजेी में प्रपत्र 7क की प्रनतयों के दो सेट तयैवर करेर्व और यह सनुिक्श्चत करेर्व फक इन्‍दहें आयोर् को परू्ोतत प्रफक्रयव के मवध्यम से भेज ददयव र्यव है। हवलवांफक, यदद ररटनििंर् अधिकवरी दहांदी सांथकरण तयैवर करिे में असमिा है, तो इस ेमखु् य निर्वाचि अधिकवरी पर छोडव जव सकतव है, जो अपिे थतर पर इसे तयैवर करर्वएर्व। प्रत्येक मवमले में, अांग्रेजी सांथकरण और थिविीय भवषव सांथकरण को ररटनििंर् अधिकवरी द्र्वरव निरपर्वद रूप से भेजव जविव चवदहए। वर्िविसभव निर्वाचि के मवमले में, रवज्य के मखु् य निर्वाचि अधिकवरी द्र्वरव इस ेरवज्य की आधिकवररक भवषव में प्रकवमशत फकयव जवतव है।

15. ननवााचक नामावलियां

1. आयोर् में कई मशकवयतें प्रवप्त हुईं हैं फक वपछले निर्वाचिों के दौरवि मतदवि केन्‍दरों पर प्रदवि की र्ई निर्वाचक िवमवर्ली, अभ्यधिायों को प्रदवि की र्ई निर्वाचक िवमवर्ली से मभन्‍दि िी। आयोर् िे इस तरह की मशकवयतों को ध्यवि में रखत ेहुए निम्िविसुवर निणाय मलयव है:

(क) मतदवि बूिों को प्रदवि फकए र्ए निर्वाचक िवमवर्ली को इस उद्देश्य के मलए

वर्शेष रूप से क्जम् मेदवर एक अधिकवरी और एक अिीिथि व्यक्तत द्र्वरव प्रमवखणत फकयव जवएर्व फक निर्वाचिों कव सांचवलि नियम, 1961 के अिुसवर यह प्रनत, अभ्यधिायों / रवजिीनतक दलों को प्रदवि की र्ई प्रनत एर्ां ररटनििंर् अधिकवरी द्र्वरव रखी र्ई प्रनत की र्वथतवर्क प्रनत है।

(ख) उतत अधिकवरी मतदवि बूिों को दी र्ई निर्वाचक िवमवर्ली में सभी पषृ्ठों पर

हथतवक्षर करेंरे्। (र्) मतदवतव सूची की एक प्रनत, क्जसे मतदवि बूिों (अभ्यधिायों / रवजिीनतक दलों को

दी र्ई प्रनत की) पर निर्वाचि के ददि उपयोर् फकयव जवएर्व, भी पे्रक्षक को दी जवएर्ी। पे्रक्षक मतदवि के ददि मतदवि केन्‍दरों पर अपिे दौरे के दौरवि मतदवि केन्‍दरों को उपलब्ि करवई र्ई िवमवर्ली की तुलिव में अभ्यधिायों को दी र्ई िवमवर्ली की प्रवमवखणकतव की जवांच करेर्व। पे्रक्षक इस वर्षय पर ररटनििंर् अधिकवरी के सवि सांपूणा रूप से चचवा करेंरे् और यह सुनिक्श्चत करेंरे् फक इस कवरण से फकसी भी मशकवयत की कोई सांभवर्िव िहीां है। इस पहलू को वर्चवर-वर्मशा के दौरवि अभ्यधिायों और रवजिीनतक दलों को समझवयव जविव चवदहए।

2. प्रेक्षकों को शषे रह र्ए निर्वाचकों, निर्वाचक ोटो पहचवि पत्र कव मदु्दव, पवररर्वररक सांपका के बबिव अिपुक्थित निर्वाचकों को अमभज्ञवत करिव, मतृक

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निर्वाचकों और दोहरी प्रवर्क्ष्टयवां तिव ऐसी प्रवर्क्ष्टयों की मतदवि केन्‍दर-र्वर सचूी तयैवर करिे को दवयरे में लेिे के मलए तयैवर की र्ई योजिव की निर्रविी करिव चवदहए। आयोर् िे अनिर्वया फकयव है फक यदद इस सचूी में उक्ल्लखखत कोई भी निर्वाचक मतदवि करिे के मलए आतव है, तो पहचवि की जवांच सख्ती से की जवएर्ी।

16. अभ्यधिायों के साि बैठक

ररटनििंर् अधिकवरी को प्रेक्षक की उपक्थिनत में सभी अभ्यधिायों और दलों के प्रनतनिधियों के सवि अभ् यधिातव र्वपसी के अांनतम ददि यव अर्ले ददि बठैक आयोक्जत करिव चवदहए एर्ां उन्‍दहें निम्िमलखखत के बवरे में सांक्षक्षप्त वर्र्रण देिव चवदहए -

क) आदशा आचवर सांदहतव के महत्र्पणूा पहल;ू

ख) व्यय प्रनतरे्दिों के प्रवरूप, दर-सचूी आदद और प्रनतर्ेदिों की आर्वृत्त, व्यय के प्रनतरे्दिों कव समय और थिवि;

र्) र्वहिों, जुलसू और सवर्ाजनिक बठैकों के मलए अिमुनतयों को जवरी करिव;

घ) ईर्ीएम तयैवर करिे की नतधि और समय और अभ्यधिायों की भमूमकव;

ङ) अभ्यधिायों / रवजिीनतक दलों / निर्वाचकों (समय, सांपका िांबर और प्रेक्षकों की बठैक कव थिवि के वर्मशष्ट वर्र्रण सदहत) के सवि प्रेक्षकों कव पवरथपररक सांर्वद।

च) निर्वाचि के सांचवलि के महत्र्पणूा पहलओुां (जैसे फक, मतदवि अमभकतवा की नियकु्तत, र्णिव अमभकतवा, निर्वाचि अमभकतवा - उिके अधिकवर और कताव्य)।

छ) प्रेक्षकों को धचांतव सचूी (र्री मलथट ) की अर्िवरणव को समझविव चवदहए। जहवां भी फकसी अभ्यिी को फकसी अिधुचत कवयाप्रणवली, प्रफक्रयवत्मक चकू के बवरे में आशांकव है, र्ह उसे धचांतव सचूी के मवध्यम से प्रके्षक के सांज्ञवि में मतदवि केन्‍दरों के वर्र्रण और ऐसी आशांकव के कवरणों कव सांकेत समेत लवएर्व।

ज) आयोर् के िर्ीितम अिदेुशों यव वपछल े प्रिवओां से महत्र्पणूा पररर्तािों को अभ्यधिायों के ज्ञवि और सचूिव में लवयव जविव चवदहए।

17. ननवााचन-क्षेत्रों एवं मतदान केन्‍द रों के दौरे

(i). ररटनििंर् अधिकवरी द्र्वरव निर्वाचि लड रहे अभ्यधिायों को अांनतम रूप देिे के बवद, प्रेक्षक को सवमवक्जक, आधिाक और रवजिीनतक सांदभा में निर्वाचि-क्षते्र को

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समझिे के मलए यिवसांभर् अधिकवधिक मतदवि केन्‍दरों (इिके क्षते्रों) के दौरे करिे चवदहए। अपिे दौरे के दौरवि, पे्रक्षक निक्श्चत रूप स ेसभी िए मतदवि केन्‍दर, सांर्ेदिशील मतदवि केन्‍दरों और दरूर्ती मतदवि केन्‍दरों पर जवएांरे्।

18. कानून और व्यवस्िा की समग्र तैयारी की संवीक्षा

अ. प्रेक्षक को उसके आर्मि के चवर ददिों के भीतर ही, परथपर सवुर्िवजिक समय पर निम्िमलखखत पर वर्थततृ वर्चवर-वर्मशा करिव चवदहए :

(क) पुमलस कममायों की पयवाप्ततव, (ख) कें रीय बलों की आर्श्यकतव, (र्) निर्वरक कवरार्वई (निर्वरक दहरवसत, प्रनतज्ञवपत्रों और हधियवरों को जमव करिव), (घ) सांर्ेदिशीलतव मविधचत्रण के मवध्यम से महत्र्पूणा समूहों और मतदवि केन्‍दरों को

अमभज्ञवत करिव, (ङ) मतदवि के ददि पुमलस व्यर्थिव की योजिव, (च) मतदवि के ददि प्रनतफक्रयव रणिीनत और ईर्ीएम कव पररर्हि, तिव (छ) अांतर-क्जलव, रवष्रीय और अांतरवाष्रीय सीमवओां की सांर्देिशीलतव के सांबांि में वर्चवर-

वर्मशा।

2. क्जले के सांरे्दिशीलतव सचूकवांक मविधचत्रण परूव हो जविव चवदहए। प्रेक्षक को यह सनुिक्श्चत करिव चवदहए फक इसे फकयव र्यव है और महत्र्पणूा सांकुलों और मतदवि केन्‍दरों की पहचवि की र्ई है। इस सांदभा में पमुलस र्श्त के मलए क्षते्र की योजिव और अनतररतत बल की आर्श्यकतव की समीक्षव की जविी चवदहए।

3. शरवब के भांडवर की क्थिनत के मलए क्जले में मौजदू शरवब कवरखविों की निर्रविी

की जविी चवदहए और निर्वाचि अर्धि के दौरवि उत्प्रर्वह में फकसी भी असवमवन्‍दय र्दृ्धि की जवांच की जविी चवदहए। इसकी तलुिव वपछले छह महीिों के औसत स ेकी जविी चवदहए।

19. आदशा आचार संदहता के कायाान्‍दवयन का पयावेक्षण

1. आदशा आचवर सांदहतव कव र्रै-पक्षपवती और प्रभवर्ी कवयवान्‍दर्यि सनुिक्श्चत करिव प्रेक्षक कव अत्यांत आर्श्यक और अनत महत्र्पणूा कवया रहव है।

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2. सख्त निर्रविी के मलए मखु्य क्षेत्र इस प्रकवर हैं:-

(क) अपेक्षक्षत अिुमनत के बबिव प्रचवर के मलए र्वहिों कव प्रयोर्, (ख) बवहुबल कव प्रयोर् कर लोर्ों को जुटविव यव मतदवि करिे से रोकिव, (र्) फकसी वर्शेष अभ्यिी के पक्ष में मतदवि सुनिक्श्चत करिे के मलए शरवब और िि

कव प्रर्वह और 'उपहवर', (घ) भडकवऊ और निांदवजिक भवषणों / कृत्यों के मवध्यम से वर्भवजिकवरी दवांर्-पेंच,

तिव (ड.) सांपवत्त वर्रूपण के मवमलों में रवज्य की वर्द्यमवि वर्धि, यदद हो, एर्ां ऐसी वर्धि ि

होिे के मवमले में, निर्वाचि आयोर् के िर्ीितम अिुदेश के अिुसवर कवरार्वई करिव।

3. प्रभवर्ी प्रर्ताि सनुिक्श्चत करिे के मलए, प्रेक्षक को यह जवांचिव चवदहए फक प्रर्ताि

दथतों को उिके उत्तरदवनयत्र् हेत ुथपष्ट क्षेत्रवधिकवर के सवि र्दठत फकयव र्यव है यव िहीां। प्रर्ताि दथतों में असनै्‍दय और पमुलस कममायों को होिव चवदहए।

4. इस सांबांि में वर्थततृ अिदेुश आयोर् की र्ेबसवइट में िीच े दी र्ई मलांक पर

उपलब्ि है: http://eci.nic.in/eci_main1/current/MCC1_26122016.pdf

20. आचार संदहता के कायाान्‍दवयन में प्रेक्षक के दृस्ष्टकोण

1. प्रेक्षक कव दृक्ष्टकोण होिव चवदहए फक मशकवयतों की जवांच क्जलव निर्वाचि अधिकवरी / ररटनििंर् अधिकवरी द्र्वरव फकसी जवांच-अधिकवरी द्र्वरव करवई जवए, एर्ां इस पर निर्रविी रखिव फक जवांच कैस े की र्ई है तिव कैस े समर्ती सिुवरवत्मक उपवय प्रभववर्त होतव है। प्रेक्षक को उल्लांघि और इस पर की जविे र्वली उधचत कवरार्वई के बवरे में ररटनििंर् अधिकवरी / क्जलव निर्वाचि अधिकवरी को सझुवर् देिव चवदहए। हवलवांफक, प्रेक्षकों के सझुवर् के बवद भी अधिकवररयों द्र्वरव बरती र्ई चकू के मवमले में, प्रेक्षकों को भवरत निर्वाचि आयोर् में ऐसी चकूों को अवर्लांब सांसधूचत करिव चवदहए। आदशा आचवर सांदहतव को लवर् ूकरिे के मलए प्रेक्षक को प्रभवर्ी उपकरण के रूप में र्ीडडयोग्रव ी कव उपयोर् करिव चवदहए।

2. प्रेक्षक भवरत निर्वाचि आयोर् के आांख और कवि हैं और ि फक क्षते्र प्रबांिक।

“कोई भी मतदवतव ि छूटे"

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ऐसे कई उदवहरण हैं जहवां एक ही मदु्दे के मलए आदशा आचवर सांदहतव कव फक्रयवन्‍दर्यि अलर्-अलर् निर्वाचि क्षेत्रों में एक अलर् तरीके से फकयव र्यव है। इस पहल ूपर आपके सगु्रवहीकरण हेत ुकुछ उदवहरणों को मवमले के अध्ययि के रूप में ददयव जव रहव है-

एक प्रेक्षक िे एक र्वहि को दलीय ध्र्ज और कई कवयाकतवाओां समेत मवईक्रो ोि के सवि एक अभ्यिी के मलए बबिव अिजु्ञव-पत्र के प्रचवर करत ेहुए पवयव।

क. र्ह अपिे पीएसओ की सहवयतव से र्वहि को रोकतव है और पुमलस को कॉल करतव

है और उन्‍दहें एक वर्शेष कवरार्वई करिे कव आदेश देतव है, मलखखत रूप में एक वर्मशष्ट अिुदेश जवरी करतव है।

ख. र्ह मवमले को सांबांधित पुमलस आयुतत को दरूभवष पर सूधचत करतव है और

तत्पश्चवत एक पत्र मलखतव है और पुमलस आयुतत एर्ां ररटनििंर् अधिकवरी से की र्ई कवरार्वई को सूधचत करिे हेतु आदेमशत करतव है। कोई कवरार्वई िहीां फकए जविे के मवमले में, ऐसी चूक से भवरत निर्वाचि आयोर् को सूधचत फकयव जवतव है।

र्. र्ह मलखखत रूप में पुमलस को र्वहि में पवए र्ए लोर्ों को तुरांत अमभरक्षव में लेिे

कव आदेश देतव है। उतत प्रकरण में भवरत निर्वाचि आयोर् वर्कल्प ‘ख’ को उधचत आांकेर्व। हवलवांफक, ऊममा-प्रभवर् सनुिक्श्चत करिे के मलए, इस घटिव और कवरार्वई को मीडडयव में प्रचवररत फकयव जविव चवदहए तवफक ररटनििंर् अधिकवरी के मवध्यम से आर्े निर्वरण फकयव जव सके। फकसी भी मवमले में, प्रके्षक को व्यक्ततर्त रूप स ेसांर्वद करिे और मीडडयव को वर्र्रण देिे की उम्मीद िहीां है।

फकसी रवजिीनतक दल वर्शषे से यह मशकवयत है फक एक और निर्वाचि लड रहे दल के कब्जे में फकसी थिवि वर्शषे पर अर्िै हधियवर हैं। मशकवयतकतवा दल ऐसे थिवि कव खुलवसव िहीां करतव है और बवद में निददाष्ट फकए जविे र्वले फकसी थिवि पर छवपव मवरिे के मलए एक पमुलस दल हेत ुअिरुोि करतव है।

क. पे्रक्षक मवांर् को थर्ीकवर करतव है और पुमलस आयुतत को एक पुमलस दल भेजिे

हेतु आदेमशत करतव है। ख. पे्रक्षक र्ुप्त रूप से मशकवयत और थिवि प्रवप्त करतव है, पुमलस आयुतत को इस

पर कवरार्वई करिे और र्वपस प्रनतर्ेददत करिे के मलए कहतव है। र्ह पुमलस दल के

पररस्स्िनत - अ

पररस्स्िनत – ब

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सवि र्ीडडयोग्रव ी दल भेजतव है। र्. पे्रक्षक पुमलस दल सवि लेतव है और निददाष्ट थिवि पर जवतव है और छवपव मवरतव

है।

उतत प्रकरण में भवरत निर्वाचि आयोर् वर्कल्प ‘ख’ की अिशुांसव करतव है। प्रेक्षकों को एक मशकवयत प्रवप्त करिे के पश्चवत ्थर्तांत्र रूप से वर्चवर और कवया करिव पडतव है और शवरीररक रूप से फकसी दल यव अन्‍दय के सवि िहीां जविव होतव है, तयोंफक ऐसव करिव भी पक्षपवतपणूा कहव जवतव है।

प्रत्येक दल में सपु्रमसद्ि प्रचवरकों की एक सचूी है, क्जन्‍दहें उिकी यवत्रवओां और प्रचवर के मलए दलीय थतर से निधिबद्ि फकयव जवएर्व। सपु्रमसद्ि प्रचवरकों में स ेएक िे समवज के फकसी वर्शषे र्र्ा की भवर्िवओां को आहत करिे र्वले भडकवऊ भवषण ददए और यह व्यवपक रूप से रवष्रीय और थिविीय थतर पर मीडडयव द्र्वरव कर्र फकयव र्यव है।

क. इस प्रकरण और भवषण की अांतर्ाथतु अमभलेखखत की र्ई है और भवरत निर्वाचि

आयोर् को प्रनतर्ेददत की र्ई है और सवि ही, निर्वाचि तांत्र द्र्वरव उधचत कवरार्वई की र्ई है। चूक की र्ांभीरतव के अिुपवत में कवरार्वई की र्ई है।

ख. इस प्रकरण को भवरत निर्वाचि आयोर् को सूधचत िहीां फकयव र्यव है और थिविीय

थतर पर कवरार्वई शुरू की र्ई है जो थिविीय मीडडयव द्र्वरव कर्र की र्ई है। र्. फकसी भी तरह की कोई कवरार्वई िहीां की र्ई।

भवरत निर्वाचि आयोर् वर्कल्प 'क' को अिशुांमसत करेर्व तयोंफक इस चकू को रवष्रीय मीडडयव द्र्वरव कर्र फकयव जव रहव है और क्षनत थिविबद्ि िहीां रह र्ई है, एर्ां इसमलए, भवरत निर्वाचि आयोर् को भी इस े प्रनतरे्ददत, िहीां करिे स ेरवष्रीय थतर पर निर्वाचि के सवमवन्‍दय पररदृश्य पर िकवरवत्मक प्रभवर् पडरे्व।

एक प्रेक्षक र्र्वह है फक एक सवर्ाजनिक सांपवत्त पोथटरों द्र्वरव वर्रूवपत कर दी र्ई है, जो आदशा आचवर सांदहतव कव उल्लांघि है। उस ेइससे निपटिव पडव।

क. पे्रक्षक र्वहि से बवहर निकलतव है और थर्यां ही पोथटरों को वड देतव है। ख. र्ह ररटनििंर् अधिकवरी को सूधचत करतव है और उसे, उस क्षेत्रवधिकवर हेतु क्जम्मेदवर

पररस्स्िनत – ग

पररस्स्िनत – घ

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प्रर्ताि दथत ेभेजिे के मलए कहतव है। र्ह र्ीडडयोग्रव ी के मवध्यम से उल्लांघि कव दथतवर्ेजीकरण करतव है। एक यव दो ददिों के पश्चवत ् जवांचरे्व फक तयव उस उल्लांघि पर कवरार्वई की र्ई है और यह भी सुनिक्श्चत करतव है फक उस पर हुए व्यय को लेखों में दवखखल कर ददयव र्यव है।

वर्कल्प 'ख' र्वांनछत प्रनतफक्रयव है। आदशा आचवर सांदहतव के थर्-कवयवान्‍दर्यि के बजवय भवरत निर्वाचि आयोर् प्रभवर्ी अर्लोकि को प्रोत्सवदहत करतव है।

3. भवरत निर्वाचि आयोर् द्र्वरव चूकों के वर्रूद्ि उधचत और समय पर कवरार्वई की

पररकल्पिव की र्ई है और सवि ही की र्ई कवरार्वई के आिपुवनतक प्रर्वह कव थिविीय, क्जलव, रवज्य और रवष्रीय थतर जैसे उधचत थतरों पर एक निर्वरण प्रभवर् पडतव है।

4. प्रचवर अमभयवि के हर कदम में निर्वाचि व्यय निदहतविा है। प्रेक्षकों से अपेक्षव की

जवती है फक रे् सभी अिमुनतयों और प्रथततु व्यय वर्र्रणों को सह-सांबांधित करें। यदद फकसी व्ययों के मवमल ेमें रपट िहीां की जव रही है, क्जले में प्रचमलत मविक दरों को अपिवयव जविव चवदहए।

21. अभ्यधिायों/राजनीनतक दिों द्वारा ननवााचन अलभयान पर फकए गए व्यय की

ननगरानी

1. आयोर् द्र्वरव निर्वाचि व्ययों पर निर्रविी रखिे के मलए अलर्-अलर् व्यय प्रेक्षकों की नियकु्तत की जवती है। इस प्रयोजि के मलए, भवरत निर्वाचि आयोर् द्र्वरव एक अलर् पकु्थतकव / ददशवनिदेश तयैवर फकयव र्यव है। प्रेक्षकों को थर्यां व्यय निर्रविी सांबांिी ददशव-निदेशों के सवि पररधचत होिव चवदहए।

2. वपछले अिभुर्ों से पतव चलतव है फक रवजिनैतक दलों द्र्वरव दटकटों के वर्तरण

से िि-शक्तत कव उपयोर् आरांभ होतव है। इसके पश्चवत,् यह वर्मभन्‍दि रूप लेतव है, जो यहवां िीचे सचूीबद्ि फकए र्ए हैं। हवलवांफक, यह ध्यवि में रखव जविव चवदहए फक िि व्यय करिे के मलखखत तरीके सवांकेनतक मवत्र हैं। िि व्यय करिे की अिेक अन्‍दय तौर-तरीके हो सकत ेहैं, क्जिकव प्रके्षकों को ध्यवि रखिव चवदहए.

क) बूि-र्वर अमभकतवाओां को चलवयमवि (फ्लोदटांर्) मत खरीदिे के मलए नियुतत फकयव

जवतव है; ख) तलबों और सांर्ठिों के सदथयों को प्रभववर्त करिे के मलए बडव दवि;

"कोई भी मतदवतव ि छूटे"

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र्) मतदवतवओां में बवांटिे हेतु छोटे दलीय कवयाकतवाओां को उदवर दवि; घ) दलीय बैठकों के मलए फकरवये पर भीड; ङ) क्रय-योग्य भीड के सवि रैमलयवां और अमभयवि; च) सवमूदहक वर्र्वह, प्रीनतभोजों, पूजव, जवर्रण, उद्घवटि इत्यवदद जैसे सवमवक्जक

अर्सरों पर अभ्यधिायों की उपक्थिनत, जहवां अभ्यधिायों की ओर से उपहवर ददए जवत ेहैं;

छ) फकसी भी शैक्षक्षक यव िमवािा सांर्ठिों पर, निर्वाचि लड रहे अभ्यधिायों द्र्वरव सत्कवर

की थर्ीकृनत; ज) निर्वाचकों को मुफ्त शरवब / शरवब पवस कव वर्तरण; झ) निर्वाचि में प्रनतरूपी (डमी) अभ्यधिायों कव उपयोर्, उिके निर्वाचि प्रचवरक र्वहिों

के कोटे कव उपयोर् करिे के मलए; ञ) वप्र ांट और इलेतरॉनिक मीडडयव में सरोरे्ट वर्ज्ञवपि क्जसमें अभ् यधिातव कव असांबद्ि

व्यक्ततयों / सांर्ठिों द्र्वरव प्रचवर फकयव जवतव है तवफक अभ्यधिायों के खवत ेपर होिे र्वले व्यय से बचव जव सके;

ट) मसिेमव हक्थतयों और खखलवडडयों को प्रचवर के मलए लविव; ठ) निर्वाचकों को टोपी, अांर्रखव, छतररयवां, सवईकल इत्यवदद प्रदवि करिव।

3. यह सनुिक्श्चत करिव प्रके्षक कव कताव्य होर्व फक आयोर् के सभी अिदेुशों को

सतका तवपरू्ाक अिपुवलि फकयव जव रहव है और उिके अमल में कोई अपर्वद िहीां है। इसमलए, यह अनिर्वया है फक प्रेक्षक को आयोर् द्र्वरव जवरी फकए र्ए वर्द्यमवि अिदेुशों से पररधचत होिव चवदहए, क्जसकव सवर-सांग्रह, प्रेक्षक फकट की सीडी में ददयव र्यव है।

4. निर्वाचि व्यय के मदु्दे पर वर्मभन्‍दि अिदेुशों कव सवरवांश और प्रमखुतवओां को

प्रेक्षकों के लवभविा िीचे ददयव र्यव है :-

क) लोक प्रनतनिधित्र् अधिनियम, 1951 की िवरव 77 में उपबांधित फकयव र्यव है फक निर्वाचि में प्रत्येक अभ्यिी, यव तो थर्यां यव उिके निर्वाचि अमभकतवा द्र्वरव, निर्वाचि के मसलमसले में सभी व्ययों कव एक पिृक और सही लेखव, उस नतधि स ेलेकर क्जस ददि उसे िवम-निदेमशत फकयव र्यव तिव उसके पररणवम की घोषणव की नतधि के मध्य, दोिों नतधियवां

“कोई भी मतदवतव ि छूटे"

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सक्म्ममलत करत ेहुए बिवए रखव जवतव है। ख) उतत अधिनियम की िवरव 78 में आर्े यह उपबांधित फकयव र्यव है फक

निर्वाचि में निर्वाचि लड रहव प्रत्येक अभ्यिी यव िवरव 77 के तहत अपिे निर्वाचि अमभकतवा द्र्वरव, निर्वाधचत अभ्यिी के निर्वाचि की नतधि से तीस ददिों के भीतर, क्जलव निर्वाचि अधिकवरी के समक्ष निर्वाचि व्यय कव एक लेखव, जो उसके द्र्वरव रख ेर्ए सभी खवतों की एक र्वथतवर्क प्रनत होर्ी, दवयर करेंर्े।

र्) निर्वाचि व्यय की निर्रविी के मलए प्रत्येक अभ्यिी को आर्श्यक रूप स े

निर्वाचि व्यय के प्रयोजि के मलए एक पिृक बैंक खवतव खोलिे की आर्श्यकतव है। यह खवतव उस नतधि से कम से कम एक ददि पहले खोलव जवएर्व, क्जस पर अभ्यिी अपिे िवमनिदेशि पत्रों को दवखखल करत े हैं। निर्वाचि अमभयविों के मलए व्यय की जविे र्वली समथत ििरवमशयवां इस बैंक खवत ेमें जमव की जवएांर्ी, भले ही फकसी भी स्रोत से वर्त्तपोषण प्रवप्त हो, क्जसमें अभ्यिी की थर्यां की निधि भी सक्म्ममलत है।

घ) भले ही कोई निर्वाचि लडिे र्वलव अभ्यिी फकसी भी कवरण से र्ांभीरतव स े

निर्वाचि िहीां लडतव है और अपिी प्रनतभनूत निक्षेप इत्यवदद पर केर्ल िवममवत्र कव व्यय करतव है, तो भी उसे वर्धि के अिसुवर निर्वाचि व्यय कव लेखव दजा करिे की आर्श्यकतव है।

ङ) निर्वाचि व्ययों के लखेों के दजा करवए जविे के सांबांि में वर्धि की

आर्श्यकतव कव अिपुवलि करिे में वर् ल रहिे र्वले अभ्यधिायों को तीि र्षा की अर्धि के मलए लोक प्रनतनिधित्र् अधिनियम, 1951 की िवरव 10क के अिीि निर्वाचि आयोर् द्र्वरव निरदहात घोवषत फकयव जव सकतव है।

च) भवरत निर्वाचि आयोर् िे पांजी (रक्जथटर) कव एक प्रवरूप नििवाररत फकयव है

क्जसे निर्वाचि लडिे र्वले अभ्यधिायों द्र्वरव उधचत कवलविकु्रम में व्यर्क्थित फकए र्ए समिाि र्वउचर, बबल आदद के सवि बिवए रखव जविव आर्श्यक है।

छ) पांजी (रक्जथटर) के सवि, भवरत निर्वाचि आयोर् िे "निर्वाचि व्यय कव

सवर" कव एक प्रवरूप भी नििवाररत फकयव है, क्जस े अभ्यधिायों द्र्वरव भरव जविव है।

ज) निर्वाचि लडिे र्वले अभ्यधिायों को "दैनिक व्ययों की पांजी" और "व्यय कव

"कोई भी मतदवतव ि छूटे"

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सवर" के सवि एक शपिपत्र प्रथततु करिव भी आर्श्यक है। झ) निर्वाचि व्ययों के लेखों की वर्र्रणी दवखखल करिे से सांबांधित नियमों कव

नििवाररत पांक्जयों / प्रवरूपों / सवर मदुरत फकए जविे चवदहए और दहांदी, अांग्रेजी यव अिमुोददत थिविीय भवषव में, क्जसमें निर्वाचक िवमवर्ली मदुरत की र्ई है, निर्वाचि लड रहे अभ्यधिायों को उपलब्ि करवयव जवएर्व।

ञ) दैनिक व्ययों के समिाि र्वले र्वउचर पर अभ्यिी यव उसके निर्वाचि

अमभकतवा को परूव हथतवक्षर करिव चवदहए। ट) व्यय के सवर के सवि पांजी और नििवाररत शपिपत्र निर्वाचि लडिे र्वल े

अभ्यधिायों द्र्वरव मतदवि की नतधि से पहले ररटनििंर् अधिकवरी / िवममत अधिकवरी द्र्वरव निरीक्षण करिे के मलए तीि बवर उपलब्ि करवयव जविव है। तिववप, यह सनुिक्श्चत फकयव जविव चवदहए फक प्रत्येक निरीक्षण के बीच लर्भर् चवर ददि कव अांतरवल हो और प्रिम निरीक्षण, िवम-निदेशिों को र्वपस लेिे की अांनतम नतधि के तीसरे ददि यव उसके पश्चवत हो सकतव है।

ठ) अर्र कोई अभ्यिी एक स ेअधिक निर्वाचि-क्षते्र में निर्वाचि में भवर् ल ेरहव

है, तो उसे प्रत्येक ऐसे निर्वाचि-क्षते्र के सांबांि में अपिे निर्वाचि व्यय कव एक अलर् लखेव बिवए रखिव और दजा करिव आर्श्यक है।

ड) अभ्यिी के लखेों की ररटनििंर् अधिकवरी / िवममत अधिकवररयों द्र्वरव जवांच

की जवएर्ी और र्ह पांजी के सांबांधित पषृ्ठों की दो ोटोप्रनतयवां रखेंर्े। पांजी के सांबांधित पषृ्ठों की एक प्रनत ररटनििंर् अधिकवरी के सचूिव पटल पर प्रदमशात की जवएर्ी एर्ां दसूरी प्रनत को ररटनििंर् अधिकवरी के सवि अमभलखे के प्रमवण के रूप में प्रत्येक निर्वाचि-क्षते्र के मलए एक अलर् वइल में रखव जवएर्व और सांपणूा निर्वाचि प्रफक्रयव के समवपि पर क्ज०नि०अधि० को प्रथततु की जवएर्ी।

ढ) जहवां कोई अभ्यिी िवममत अधिकवरी / प्रेक्षक के समक्ष, सचूिव-पत्र के

बवर्जूद, निर्वाचि व्यय के अपिे दैनिक लखेों र्वली पांजी को प्रथततु िहीां करतव है, तो ऐसे पिभ्रष्ट अभ्यधिायों के वर्रुद्ि भवरतीय दांड सांदहतव की िवरव 171-I के अिीि क्ज०नि०अधि० द्र्वरव मशकवयत दजा करवई जवएर्ी।

ण) इि दैनिक खवतों की प्रनतमलवप फकसी भी व्यक्तत के मवांरे् जविे पर, ररटनििंर्

अधिकवरी द्र्वरव सवमवन्‍दय प्रनतमलवप शलु्क के भरु्तवि के आिवर पर ही प्रदवि की जविी चवदहए।

“कोई भी मतदवतव ि छूटे"

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त) अभ्यिी, निर्वाचि व्यय के खवतों की उिकी पांजी को बिवए रखत े हुए,

िवमनिदेशि की नतधि स ेपहले फकए र्ए सभी व्ययों कव भी लेखव रखेंर्े जो र्वथतर् में निर्वाचि के सांबांि में िवमनिदेशि के पश्चवत की अर्धि के दौरवि उपयोर् फकयव जवतव है।

ि) दलीय कवयाक्रमों के प्रचवर के मलए रवजिीनतक दलों के िेतवओां द्र्वरव उिकी

यवत्रव के मलए उपर्त व्यय अभ्यिी यव उसके अमभकतवा द्र्वरव उपर्त यव प्र वधिकृत व् यय को व्यय के रूप में िहीां मविव जवएर्व बशत ेइस उद्देश्य के मलए िेतवओां के िवम निर्वाचि की अधिसचूिव की नतधि से सवत ददिों की अर्धि के भीतर आयोर् और मखु्य कवयाकवरी अधिकवरी को सधूचत फकए जवत ेहैं।

द) नििवाररत समय के भीतर ऐसे िवमों को प्रदवि करिे में रवजिीनतक दल के

वर् ल रहिे पर, ऐसे दलों के मवमले में सभी िेतवओां की यवत्रव पर परू्ोतत व्यय सांबांधित अभ्यिी के निर्वाचि व्यय के लेखों में अनिर्वया रूप से सक्म्ममलत फकयव जवएर्व।

ि) मवििीय सर्ोछच न्‍दयवयवलय िे कां र्र लवल र्पु्त बिवम अमरिवि चवर्लव (ए

आई आर 1975 एस सी 308) िे यह अमभनििवाररत फकयव है फक रवजिीनतक दल द्र्वरव उपर्त व्यय, जो फक दल के सवमवन्‍दय प्रचवर पर व्यय से वर्मशष्ट हैं, क्जसे प्रर्तृ्त अभ्यिी के निर्वाचि के सवि अमभज्ञवत फकयव जव सकतव है, उस अभ्यिी द्र्वरव निदहत रूप से प्रवधिकृत फकए जविे के िवत,े उस अभ्यिी के व्यय में जोड ेजविे के अिीि होर्व। सर्ोछच न्‍दयवयवलय िे इसके अनतररत त यह भी अमभनििवाररत फकयव है फक दल के अभ्यिी, रवजिीनतक दल से अलर् िहीां हैं और यदद रवजिीनतक दल अभ्यिी को निरदहात ठहरवए जविव िहीां चवहतव है, तो इसे ऐसे व्यय पर नियांत्रण रखिव चवदहए, जो सीिे अभ्यिी के निर्वाचकीय परेू्क्षणों को बढवर्व देिे के मलए इसके द्र्वरव फकयव जव सकतव है।

ि) सांघ और रवज्यों के सभी मांबत्रयों और रवजिीनतक दलों के अन्‍दय सभी

िेतवओां द्र्वरव उपयोर् की जविे र्वली सभी बलेुट प्र ू कवरों तिव अन्‍दय कवरों पर हुए व्यय को अभ्यधिायों द्र्वरव र्हि फकयव जवएर्व।

प) निर्वाचि अमभयवि के मलए अभ्यधिायों द्र्वरव उपयोर् फकए जविे र्वले सभी

र्वहिों (दोपदहयव, मोटर बवइक, थकूटर और मोपेड सदहत) को क्ज०नि०अधि०

"कोई भी मतदवतव ि छूटे"

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के सवि दजा करवयव जविव आर्श्यक है। ) निर्वाचि अमभयवि के मलए रवजिीनतक दल यव अभ्यिी जब भी र्वययुवि /

हेमलकॉप्टर कव उपयोर् करत ेहैं, तो रवज्य के मखु्य निर्वाचि अधिकवरी को परू्ा जविकवरी दी जविी चवदहए। ऐसी जविकवरी देत े समय, निम्िमलखखत जविकवररयवां भी प्रथततु की जविी चवदहए:-

(i) प्रयतुत र्वययुविों / हेमलकॉप्टरों की सांख्यव;

(ii) कां पनियों कव िवम क्जिसे फकरवये पर मलयव र्यव है;

(iii) फकरवये कव भरु्तवि / देय शलु्क;

(iv) क्षेत्र, क्जन्‍दहें दवयरे में मलयव र्यव;

(v) शवममल उडविों की सांख्यव;

(vi) यवत्री सचूी।

ब) फकसी वर्शषे अभ्यिी यव अभ्यधिायों के समहू के निर्वाचि के सांबांि में वर्ज्ञवपि पर रवजिीनतक दल द्र्वरव फकए र्ए व्यय को सांबांधित अभ्यधिायों द्र्वरव प्रवधिकृत व्यय के रूप में मविव जवएर्व एर्ां सांबांधित अभ्यधिायों के निर्वाचि व्ययों में लेखबद्ि फकयव जवएर्व। ऐसे मवमले में, जहवां अभ्यधिायों के समहू के लवभ के मलए रवजिीनतक दल व्यय र्हि करतव है, तो ऐसे व्यय को अभ्यधिायों के बीच समवि रूप से वर्भवक्जत फकयव जवतव है।

भ) बरैरकैड / भवषण-मांचों आदद के निमवाण पर हुए व्यय को, जब सरुक्षव मवमलों

के कवरण सरकवरी एजेंमसयों द्र्वरव फकयव जवतव है, को दल के आयोजकों की ओर से उस अभ्यिी, क्जसके निर्वाचि-क्षते्र में कधित बठैक आयोक्जत की जवती है अिर्व ऐसे अभ्यधिायों के एक समहू के व्ययों के रूप में लेखबद्ि फकयव जवतव है, जो उस समय उपक्थित रहत ेहैं जब फकसी रवजिीनतक दल के िेतव इस तरह की एक बठैक को सांबोधित करत ेहैं। उि मवमलों में जहवां रवजिीनतक दल के "िेतव" की बठैक के समय में एक से अधिक अभ्यिी उपक्थित हैं, व्यय को सभी के बीच समवि रूप से वर्भवक्जत फकयव जवएर्व, और क्जले के क्जलव निर्वाचि अधिकवरी, जहवां ऐसी बठैक होती है, सांबांधित सरकवरी एजेंमसयों से आयोजि के तीि ददिों के भीतर अांनतम लवर्त प्रवप्त करेर्व और अभ्यधिायों को उिके निजी भवर् के व्यय के बवरे में सधूचत करेर्व। यह जविकवरी उस क्जले निर्वाचि-क्षेत्र के ररटनििंर् अधिकवरी / क्जलव निर्वाचि अधिकवरी को भी सधूचत की जवएर्ी, क्जससे अन्‍दय अभ्यिी सांबांधित हैं।

“कोई भी मतदवतव ि छूटे"

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म) जहवां उपरोतत व्यय आयोजक की थर्यां की निधियों से उपर्त फकयव जवतव

है तो इसे बठैक में उपक्थित सांबांधित अभ्यधिायों यव अभ्यधिायों के समहू के खवतों में प्रनतबब ांबबत फकयव जवएर्व।

5. प्रेक्षक को सझुवर् ददयव जवतव है फक रे् आयोर् के उपरोतत अिदेुशों से भलीभवांनत

पररधचत हो जवएां और उिकव अिपुवलि करिे के मलए िवममत अधिकवरी को समझवयें। जहवां भी वर्क्षेप देखे जवत े हैं तो िवममत अधिकवररयों को ररटनििंर् अधिकवररयों के मवध्यम स े ऐसे पिभ्रष्ट अभ्यधिायों को सचूिव-पत्र जवरी करिे हेत ुप्रोत्सवदहत फकयव जविव चवदहए एर्ां जब भी निरीक्षण के मलए पांजी प्रथततु की जवती है तो उसमें तत्सांबांिी दटप्पणी भी मलखें।

"कोई भी मतदवतव ि छूटे"

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22. मीडडया प्रमाणन एवं अनुवीक्षण सलमनत (एमसीएमसी)

1. प्रत्येक क्जले में एक मीडडयव प्रमवणि और अिरु्ीक्षण सममनत होर्ी। इस सममनत में अनतररतत सदथय होंर्े - (i) क्ज०नि०अधि० / उप क्ज०नि०अधि०, (ii) डीपीआरओ, (iii) सचूिव और प्रसवरण मांत्रवलय, भवरत सरकवर के अधिकवरी, और (iv) थर्तांत्र िवर्ररक / पत्रकवर, जैसव फक भवरतीय प्रसे पररषद द्र्वरव अिशुांमसत फकयव जव सकतव है। वर्ज्ञवपिों के प्रमवणीकरण के सौंपे र्ए कवया को करिे के अलवर्व, यह सममनत केबल िेटर्का सदहत वप्र ांट और इलेतरॉनिक मीडडयव, दोिों की निर्रविी भी करेर्ी और यव तो सीडी यव डीर्ीडी में ररकॉडा करेर्ी, अभ्यधिायों / रवजिीनतक दलों के सभी वर्ज्ञवपि / पेड न्‍दयजू / निर्वाचि सांबांधित समवचवरों की एक ोटोप्रनत रखेर्ी।

2. क्ज०नि०अधि० यह सनुिक्श्चत करेर्व फक इस सममनत को, निर्वाचि-क्षेत्र में व्यवपक

प्रसवर र्वले सभी रवष्रीय और थिविीय समवचवर पत्रों, सभी थिविीय और रवष्रीय समवचवर चैिलों के किेतशि के सवि 3 स े4 टेलीवर्जि सेट और एक ररकॉडडिंर् यांत्र तिव अलर्-अलर् कक्ष प्रदवि फकए जवए तवफक र् ेनिर्वाचि से सांबांधित सभी वर्ज्ञवपिों / चचवाओां को देख और ररकॉडा कर सकें । सममनत, मीडडयव क्षते्र में आदशा आचवर सांदहतव के उल्लांघि की भी जवांच करेर्ी और सवमवन्‍दय प्रेक्षक को एक प्रनत सदहत क्ज०नि०अधि० को एक प्रनतरे्दि भजेेर्ी। मीडडयव प्रमवणि एर्ां अिरु्ीक्षण सममनत सभी समवचवर पत्रों, वप्र ांट मीडडयव, इलेतरॉनिक मीडडयव, केबल िेटर्का , मोबवइल िेटर्का और बड ेपमैविे पर एस.एम.एस. आदद जैसे जिसांचवर के अन्‍दय तरीकों को देखेर्ी, एर्ां अभ्यधिायों और दलों से सांबांधित वर्ज्ञवपिों, वर्ज्ञवपिदवतवओां, सांदेश, चचवाओां और सवक्षवत्कवरों कव अमभलखे रखेर्ी। यह सममनत प्रत्येक अभ्यिी के सांबांि में, अभ्यिी द्र्वरव निर्वाचि प्रचवर पर उपर्त व्यय के सांबांि में; निर्वाचि वर्ज्ञवपि, पेड न्‍दयजू के मलू्यवांकि मवमलों को, समवचवरपत्र की कतरिों / क्तलवप ांग्स, प्रवसांधर्क टीर्ी और रेडडयो वर्ज्ञवपिों की ररकॉडडिंर् से समधिात करत े हुए, एक दैनिक प्रनतरे्दि लेखवांकि दल को प्रथततु करेर्ी, क्जसकी प्रनत व्यय प्रेक्षक को भी दी जवएर्ी, जो फक शडैो निरीक्षण पांजी में भी सक्म्ममलत फकयव जवएर्व। पेड न्‍दयजू की घटिवओां के सांबांि में, ऐसे प्रकवशि के व्यय लेखबद्ि िहीां करिे के मलए, व्यय प्रेक्षक के परवमशा से

“कोई भी मतदवतव ि छूटे"

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ररटनििंर् अधिकवरी द्र्वरव अभ्यिी को सचूिव-पत्र जवरी फकयव जवएर्व। 23. व्यय अनुवीक्षण ननयंत्रण कक्ष एवं कॉि सेंटर

1. निर्वाचि की अधिसचूिव की नतधि से पररचवमलत करिे के मलए क्जलव थतर पर नियांत्रण कक्ष में 24×7 कॉल सेंटर थिववपत फकए जवएांर्े। कॉल सेंटर को 3 यव 4 हांदटांर् लवइिों के सवि टोल-फ्री दरूभवष क्रमवांक ददयव जवएर्व, क्जस ेसवमवन्‍दय जिों हेत ुनिर्वाचि से सांबांधित भ्रष्ट आचरण को सधूचत करिे के मलए व्यवपक रूप से प्रचवररत फकयव जवएर्व। एक र्ररष्ठ अधिकवरी को नियांत्रण कक्ष और कॉल सेंटर कव प्रभवर ददयव जवएर्व जो फक मशकवयतें प्रवप्त करिे और अमभलेखखत करिे तिव फकसी भी वर्लांब के बबिव कवरार्वई करिे के मलए सांबांधित अधिकवरी को अग्रेवषत करिे हेत ु क्जम्मेदवर होर्व। कॉल सेंटर को दरूभवष लवइि 24 घण् टे चवल ू रखिे हेत ुपयवाप्त थ टव प्रदवि फकयव जवएर्व।

24. स्जिा मीडडया प्रकोष्ठ

1. क्ज०नि०अधि० द्र्वरव मीडडयव मवमलों हेत ुजिसांपका अधिकवरी की अध्यक्षतव में एक मीडडयव प्रकोष्ठ बिवयव जवएर्व, क्जसके निम्िमलखखत मखु्य कवया होंरे् -

क. प्रकोष्ठ द्र्वरव निर्वाचि के बवरे में वर्मभन्‍दि कतरिों और थिविीय भवषव

सदहत सभी समवचवर-पत्रों के वर्ज्ञवपिों कव भी सांग्रह फकयव जवएर्व एर्ां आर्श्यक होिे पर जिसांपका अधिकवरी के जररए प्रेक्षक को इसे अिरु्वद के सवि प्रदवि करेर्व। यह मीडडयव प्रकोष्ठ द्र्वरव प्रनतददि फकयव जविव चवदहए। प्रेक्षक की अर्क्थिनत के आिवर पर, सांपका अधिकवरी इस कवया को कर सकत े हैं एर्ां इस हेत ु सांपका अधिकवरी को भत्तव प्रदवि फकयव जवएर्व।

ख. आदशा आचवर सांदहतव के उल्लांघि के वर्रुद्ि फकसी ददर्स पर उठवए र्ए वर्मभन्‍दि कदमों पर िोट तयैवर करेर्व एर्ां मीडडयव को प्रसवररत करेर्व। ऐसे िोट में, प्रके्षक द्र्वरव मीडडयव को कोई प्रत्यक्ष उद्िरण सक्म्ममलत िहीां फकयव जवएर्व, तिव

र्. उन्‍दहें यह भी सनुिक्श्चत करिव चवदहए फक सभी सवर्ाजनिक बठैकों की र्ीडडयोग्रव ी की र्ई है और प्रेक्षकों को अग्रवेषत की र्ई है। प्रेक्षकों को ऐसे र्ीडडयो देखि ेमें तिव आदशा आचवर सांदहतव के फकसी भी उल्लांघि को प्रेक्षक के ध्यवि में लविे में प्रकोष्ठ द्र्वरव सहवयतव की जविी चवदहए।

"कोई भी मतदवतव ि छूटे"

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25. मतदान दिों की तैयारी एवं प्रलशक्षण

1. पवरदमशातव सनुिक्श्चत करिे के मलए, आयोर् िे मतदवि कममायों के चयि और तिैवती हेत ु तीि-चरणों की एक व्यवपक यवदृक्छछक योजिव तयैवर की है। यवदृक्छछकीकरण के प्रिम चरण में, क्जल ेमें कवयारत सभी सरकवरी कमाचवररयों के सांपणूा आांकडव-सांचय में से मतदवि कममायों को यवदृक्छछकीकृत चुिव जवतव है। यह प्रफक्रयव प्रके्षक के आर्मि के पहल े ही कर ली जवती है। तिववप, प्रके्षक को प्रफक्रयव के पररणवम की जवांच करिी चवदहए और यह सनुिक्श्चत करिव चवदहए फक चयि यवदृक्छछक रहव है।

2. यवदृक्छछकीकरण कव द्वर्तीय चरण मतदवि दलों एर्ां वर्िवि सभव निर्वाचि-क्षते्र

के मलए है, जहवां उिकी तिैवती की जवएर्ी। दलों को क्जस मतदवि केन्‍दर में जविव होर्व, र्ह यवदृक्छछकीकरण के ततृीय चरण के बवद ही बतलवयव जवएर्व, जो फक आमतौर पर प्रेषण के पहल ेही ददि पर फकयव जवतव है। लोक सभव के निर्वाचि हेत,ु आयोर् िे निदेश ददयव है फक मतदवि कमाचवररयों को यिवसांभर् उिके सांसदीय क्षते्र में यवदृछछीकृत फकयव जव सकतव है तवफक र्े निर्वाचि कताव्य प्रमवणपत्र (ईडीसी) के मवध्यम से मतदवि कर सकें ।

3. निर्वाचि प्रफक्रयव की स लतव मतदवि कममायों को ददए र्ए प्रमशक्षण की र्णुर्त्तव

पर बहुत निभार करती है। पे्रक्षक को प्रमशक्षण प्रफक्रयव की निर्रविी करिी चवदहए और यह ध्यवि रखिव चवदहए फक:

क) निर्वाचि कताव्य हेत ु नियतुत सभी कमाचवररयों को प्रमशक्षक्षत फकयव र्यव

है। ख) निर्वाचि प्रफक्रयव में प्रमशक्षकर्ण भलीभवांनत रूप से निपणु हैं। प्रमशक्षकों

के रूप में क्षेत्रवधिकवररयों कव उपयोर् करिव एक अछछी प्रिव है। र्) यह सनुिक्श्चत करिे हेत ु फक उधचत ध्यवि कें दरत फकयव जवतव है,

प्रमशक्षण बहुत बड ेसमहूों में ि ददयव जवकर छोटे समहूों में ददयव जवतव है।

घ) प्रमशक्षण में ईर्ीएम और र्रै-ईर्ीएम सदहत निर्वाचि प्रबांिि के सभी

पहलओुां, कमाचवररयों द्र्वरव भरे जविे र्वले प्ररूपों और प्रमवणपत्रों को सक्म्ममलत फकयव जवतव है।

“कोई भी मतदवतव ि छूटे"

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ङ) आयोर् द्र्वरव जवरी िर्ीितम निदेशों पर वर्शषे ध्यवि ददयव जविव चवदहए तयोंफक अधिकवांश मतदवि कमाचवरी उिसे अिमभज्ञ होंर्े।

26. इिेतरॉननक मतदान मशीन (ईवीएम)

1. प्रेक्षक क्जल ेमें उपलब्ि ईर्ीएम के भांडवर की जवांच करेंर्े एर्ां देखेंर् े फक तयव

वर्निमवाण मों (यव तो ईसीआईएल अिर्व बीईएल, उस रवज्य में प्रयतुत मशीि के निमवाण के आिवर पर) के अमभयांतवओां द्र्वरव उिकी मरम्मत की र्ई है अिर्व िहीां। आयोर् िे मखु्य निर्वाचि अधिकवररयों और क्जलव निर्वाचि अधिकवररयों को ईर्ीएम के उपयोर् पर प्रमशक्षण और जवर्रूकतव पदैव करिे के मलए वर्थततृ ददशवनिदेश जवरी फकए हैं। यह देखव जविव है फक तयव इि प्रमशक्षण कवयाक्रमों कव आयोजि यिोधचत रूप से फकयव जव रहव है फक िहीां तिव जितव ईर्ीएम पर मत देिे की वर्धि से अर्र्त है। ईर्ीएम के उपयोर् पर पीठवसीि अधिकवररयों एर्ां मतदवि कमाचवररयों कव प्रमशक्षण, वर्शषेकर द्वर्तीय मतदवि अधिकवरी जो "बलैटे" बटि को नियांबत्रत करतव है, महत्र्पणूा है।

2. आयोर् िे ईर्ीएम के हेर ेर के फकसी भी प्रयवस की आशांकव से बचिे के मलए

ईर्ीएम के यवदृक्छछकीकरण को भी अनिर्वया फकयव है। यह यवदृक्छछकीकरण दो चरणों में फकयव जवतव है। प्रिम चरण में, जो प्रके्षकों के आिे से पहले फकयव जवतव है, ईर्ीएम एक वर्शषे निर्वाचि-क्षते्र को आर्ांदटत फकए जवत े हैं तिव द्वर्तीय चरण में, जो प्रेक्षक की उपक्थिनत में फकयव जवतव है, एक ईर्ीएम को एक वर्शषे मतदवि केन्‍दर को आर्ांदटत की जवती है।

3. पे्रक्षक को ईर्ीएम पर ददए र्ए िर्ीितम निदेशों से पररधचत होिव चवदहए।

27. मतदान ददवस की तैयाररयां

1. निर्वाचि सांबांिी भ्रष् ट आचरण को रोकिे हेत ुप्रभवर्ी नियांत्रण यव बिू पर कब्जव करिे, हेरव ेरी, निर्वाचकों के मध्य भय और सांत्रवस उत्पन्‍दि कर उन्‍दहें मत डवलिे से प्रभवर्पणूा बवधित करिे के मवध्यम से मतदवि प्रफक्रयव कव उल्लांघि, मखु्य धचांतवएां हैं।

2. अिनैतक तत्र्ों द्र्वरव अपिवई र्ई वर्धियवां एक रवज्य से दसूरे रवज्य तिव एक

निर्वाचि-क्षते्र से दसूरे निर्वाचि-क्षते्र में मभन्‍दि होती हैं। पे्रक्षकों से आशव है फक र्ह क्षेत्र में प्रचमलत ररर्वजों की चवलों के बवरे में थर्यां अर्र्त हों और सवि ही इस तरह की कुचषे्टवओां से ग्रथत वर्मशष्ट क्षते्रों की पहचवि करें।

"कोई भी मतदवतव ि छूटे"

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3. ऐसे क्षेत्रों के मध्य अिर्व उिमें से, पे्रक्षकों को सवर्िविीपरू्ाक क्षेत्र-योजिव बिविी

चवदहए, क्जि पर र्ह मतदवि की र्वथतवर्क अर्धि के दौरवि ध्यवि कें दरत करेंर्े।

28. प्रेषण केन्‍दरों के दौरे

1. मतदवि दलों को अलर्-अलर् थिविों पर भेजिे हेत,ु प्रेक्षक वर्तरण केन्‍दरों कव दौरव करेंर्े एर्ां क्जस रीनत से प्रचवलि फकयव जव रहव है उस पर एक सांक्षक्षप्त प्रनतरे्दि तयैवर करेंर्े। र्ह वर्शषे रूप से देखेंर्े फक मतदवि दल कव यवदृक्छछक र्ठि सही मवयिे में फकयव जव रहव है और सही ढांर् से कवयवाक्न्‍दर्त फकयव जव रहव है।

29. माईक्रो-प्रेक्षक

1. केन्‍दर सरकवर / केन्‍दरीय सरकवर के सवर्ाजनिक उपक्रमों के कमाचवररयों को मवईक्रो पे्रक्षकों के रूप में नियतुत फकयव जवतव है। मवईक्रो प्रेक्षकों स ेमतदवि के ददि मतदवि प्रफक्रयव कव पवलि फकयव जविव अपके्षक्षत होतव है। उन्‍दहें मतदवि केन्‍दरों में कताव्य सौंपव जवतव है। र्ह मतदवि दल कव दहथसव होंर्े और मतदवि केन्‍दर में बठैेंर्े एर्ां छद्म मतदवि आरांभ होिे से पहले मतदवि केन्‍दर में उपक्थित रहेंर्।े र्ह ददए र्ए प्रवरूप, मवईक्रो प्रेक्षकों कव प्रनतरे्दि में मतदवि के ददि के बवरे में प्रनतरे्ददत करेंर्।े

2. मवईक्रो प्रेक्षकों को प्रके्षकों द्र्वरव ररटनििंर् अधिकवरी की सहवयतव से, मतदवि से दो ददि पहले प्रमशक्षक्षत फकयव जवतव है और उि मतदवि केन्‍दरों में तिैवत फकयव जवतव है, जो सांर्देिशील हैं। इसमलए, ऐसी व्यर्थिव की आर्श्यकतव होती है क्जसमें मतदवि के ददि कें रीय थिवि पर मवईक्रो प्रके्षक तिैवत फकए जवत ेहैं एर्ां उन्‍दहें आर्श्यकतव के अिसुवर वर्मशष्ट मतदवि केन्‍दरों में (जैस,े मतदवि अमभकतवाओां की अिपुक्थिनत, सांर्ेदिशील मतदवि केन्‍दर आदद) ले जवयव जवतव है।

3. मवईक्रो प्रेक्षकों को सभी सांर्ेदिशील मतदवि केन्‍दरों को दवयरे में लेिे की आर्श्यकतव िहीां है। जब तक आर्श्यक ि हो, उिकव व्यवपक आिवर पर िहीां बक्ल्क प्रभवर्ी ढांर् से उपयोर् फकयव जविव चवदहए। यदद दरूथि थिविों पर कताव्य निर्ाहि की आर्श्यकतव होती है, तो मवईक्रो प्रेक्षकों को मतदवि दलों के सवि भेजव जव सकतव है।

30. ववशषे प्रेक्षक

1. कुछ क्जलों के मवमले में जहवां वर्शषे पररक्थिनतयवां अमभभवर्ी हैं, भवरत निर्वाचि

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आयोर् वर्शषे प्रके्षक भजे सकतव है जो भवरत निर्वाचि आयोर् द्र्वरव नििवाररत वर्मशष्ट कवयासचूी पर कवम करेर्व तिव र्ह निर्वाचि क्षते्रों में कवयारत अन्‍दय प्रेक्षकों के समतलु्य हैं। र्ह भवरत निर्वाचि आयोर् को सीिे प्रनतर्ेददत करत ेहैं और उिकी अन्‍दय प्रेक्षकों के ऊपर निरीक्षणवत्मक भमूमकव िहीां है। तिववप, निर्वाचि-क्षते्र में होिे र्वली घटिवओां की एक थपष्ट यिवक्थिनत प्रवप्त करिे में सक्षम बिविे हेत ुउिके द्र्वरव क्जलव / निर्वाचि-क्षते्र के अन्‍दय प्रेक्षकों से वर्मशा करिव तिव जविकवरी लेिव अपेक्षक्षत है।

31. मतदान ददवस की गनतववधियां

1. पे्रक्षक की सबसे महत्र्पणूा क्जम्मेदवररयों में से एक र्वथतवर्क मतदवि कव पयार्ेक्षण करिव है। मतदवि की नतधि को, निर्वाचि-क्षते्र में उपलब्ि प्रेक्षक मतदवि केन्‍दरों के दौरवि अधिकतम सांख्यव में बिूों कव दौरव कर सकत ेहैं। इस उद्देश्य के मलए, र्े पवरथपररक रूप से तय करेंर्े फक मतदवि के ददि र्े फकस मतदवि केन्‍दर पर जवएांरे्। इसके अलवर्व, समय बचविे के मलए र्े पकै फकए र्ए कुछ भोजि को ले जविे पर वर्चवर कर सकत ेहैं तिव मतदवि प्रवरांभ होिे से पहले क्षेत्र कव दौरव आरांभ कर सकत ेहैं। मतदवि की नतधि पर क्षते्र में प्रके्षकों की उपक्थिनत एर्ां मतदवि केन्‍दरों पर उिके दौरे, निर्वाचि प्रफक्रयव के निर्वाचि सांबांिी भ्रष् ट आचरण एर्ां वर्रूपण और निर्वाचि प्रफक्रयव के दषूण के वर्रुद्ि, प्रभवर्ी रूप से निर्वरक होिे चवदहए। प्रेक्षकर्ण; क्जलव प्रशवसि के सवि दरूभवष, र्वयरलेस, र्ीएचए रेडडयो सेट के मवध्यम से लर्वतवर बवतचीत करके, इस सांबांि में शीघ्र और प्रभवर्ी कवरार्वई सनुिक्श्चत करेंर्े।

2. मतदवि अमभकतवाओां को ईर्ीएम की समधुचत कवया-पद्िनत को प्रदमशात करिे के मलए, आयोर् द्र्वरव र्वथतवर्क निर्वाचि आरांभ होिे से पहले छद्म मतदवि कव सांचवलि करिव अनिर्वया फकयव र्यव है। इस आशय के मलए, पीठवसीि अधिकवरी को आयोर् द्र्वरव नििवाररत प्रवरूप में एक प्रमवणपत्र पर हथतवक्षर करिव होर्व। प्रेक्षक यह जवांचेंर्े फक छद्म मतदवि आयोक्जत फकए र्ए हैं और पीठवसीि अधिकवररयों िे इस आशय कव प्रमवणपत्र जवरी फकयव है।

3. उन्‍दहें मतदवि केन्‍द र के आसपवस फकसी भी असवमवन्‍दय र्नतवर्धि यव फकसी प्रकवर की र्नतवर्धि की कमी कव पतव लर्विव चवदहए, यह समझिे के मलए फक तयव थर्तांत्र और निष्पक्ष निर्वाचि को फकसी निर्वाचि भ्रष् ट आचरण िे दवूषत फकयव है यव फकए जविे की सांभवर्िव है। पांक्तत में मदहलवओां कव अभवर् कुछ असवमवन्‍दय होिे कव एक सांकेतक हो सकतव है। प्रके्षक को पहले से ही अध्ययि करिव चवदहए, और अलर्-अलर् क्षेत्रों में वपछले निर्वाचिों के निर्वाचि भ्रष् ट आचरण के प्रनतमविों से थर्यां अर्र्त होिव चवदहए। इस आिवर पर, र्े फकसी भी

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अनियममततवओां के त्रदुटसचूकों को देख सकत ेहैं। प्रनतफक्रयव प्रवप्त करिे के सवि-सवि सांबांधित प्रवधिकरणों द्र्वरव सिुवरवत्मक कवरार्वई करिे के मलए कुछ वर्मशष्ट सधूचत करिे हेत,ु इस आिवर पर फक प्रके्षकों िे र्वथतर् में क्षेत्र में तयव देखव है, उन्‍दहें लर्वतवर कताव्यवरूढ ररटनििंर् अधिकवरी, उप ररटनििंर् अधिकवरी, क्षते्र के मक्जथरेटों और अन्‍दय अधिकवररयों के सांपका में रहिव चवदहए।

4. उन्‍दहें मतदवि केन्‍दरों के भीतर भी जविव चवदहए और मतदवि की प्रर्नत, मतदवि अधिकवररयों द्र्वरव निर्वाचि सांचवलि हेत ु नििवाररत प्रफक्रयवओां कव अिपुवलि करिे, मतदवि अमभकतवाओां की उपक्थिनत, पीठवसीि अधिकवरी की दैिांददिी में प्रवर्क्ष्टयों कव अद्यति फकए जविे एर्ां ऐसे अन्‍दय मवमलों की क्जिके सत्यवपि की आर्श्यकतव है, की जवांच करिी चवदहए। मतदवतवओां की पांजी (प्ररूप 17क) की जवांच, ईर्ीएम पर डवले र्ए कुल र्ोटों के प्रदशाि स ेकरिी होर्ी एर्ां प्रेक्षक को अपिे पयार्ेक्षण के सवि ही निरीक्षण-पत्रक पर हथतवक्षर करिव चवदहए एर्ां अपिे दौरे कव समय अमभलेखखत करिव चवदहए।

5. प्रेक्षक ईर्ीएम के सांचयि कव भांडवर जवएर्व एर्ां उधचत सरुक्षव व्यर्थिव के अिीि मतदवि दल और मतदवि सवमग्री कव पररर्हि को भी देखेंर्े। एक बवर कवफ लव आरांभ हो जविे पर केर्ल र्ांतव्य, अिवात सदुृढ कक्ष, जहवां इिकव सांग्रहण फकयव जविव है।

6. ध्यवि देिे योग्य एक महत्र्पणूा बब ांद ुयह है फक प्ररूप 17क सांपणूा रूप से और सही ढांर् से पीठवसीि अधिकवरी द्र्वरव भरे र्ए हैं और ये सांग्रहण केन्‍दरों और सदुृढ कक्ष में पीठवसीि अधिकवरी की दैिांददिी के सवि जमव फकए जवत ेहैं।

32. मतदान दिों की अलभप्रास्तत

1. मतदवि केन्‍दरों पर ध्यवि देिे की आर्श्यकतव है, जहवां :

क. ईर्ीएम की वर् लतव यव फकसी अन्‍दय कवरण से मतदवि अथिवयी रूप स ेबवधित हुआ िव।

ख. र्ांभीर मशकवयतें प्रवप्त हुईं िीां, एर्ां र्. छद्म मतदवि प्रमवणपत्र के सांबांि में पषु्टीकरण प्रवप्त िहीां हुआ।

ररटनििंर् अधिकवरी इस तरह के मतदवि केन्‍दरों की उिके िवमों और सांख्यवओां सदहत प्रनतरे्दि तयैवर करेंर्े एर्ां इस े अपरवह्ि 4 बज े तक क्ज०नि०अधि० और प्रके्षक को भेजेंर्े तिव ऐसे मतदवि केन्‍दरों से सांबद्ि ईर्ीएम और अन्‍दय दथतवर्ेजों को सवमवन्‍दय कवउांटर पर िहीां बक्ल्क यिववर्धि एक वर्शषे कवउां टर पर प्रवप्त फकयव जवएर्व। ऐसे मतदवि केन्‍दरों हेत,ु पीठवसीि अधिकवरी की दैिांददिी को सांपणूातयव जवांचिव होर्व।

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2. अमभग्रहण केन्‍दर पर, यह सनुिक्श्चत फकयव जविव चवदहए फक प्ररूप 17क की एक प्रनत सांबांधित ईर्ीएम के सवि थ रोंर् रूम में रखी जवती है। अन्‍दय दथतवरे्जों को ईर्ीएम के थ रोंर् रूम िहीां रखव जविव चवदहए। अन्‍दय दथतवरे्ज पिृक से एक अलर् थ रोंर् रूम में रखे जविे चवदहए, तवफक जब आर्श्यक हो सवुर्िवजिक रूप से अमभर्म फकयव जव सके।

33. ननवााचकों की पंजी एवं अन्‍दय दस्तावेज़ों की संवीक्षा

1. निर्वाचि सांबांिी भ्रष् ट आचरण को रोकिे हेत,ु आयोर् िे निदेश ददयव है फक आयोर् द्र्वरव नििवाररत वर्थततृ मवपदांडों के आिवर पर चुिे र्ए मतदवि केन्‍दर हेत ु वर्मभन्‍दि दथतवरे्जों की जवांच, जैस;े पीठवसीि अधिकवररयों की दैिांददनियों, निर्वाचकों की पांजी (प्ररूप 17क), मवईक्रो प्रेक्षकों के प्रनतरे्दि, निरीक्षण पत्रकों, क्षेत्र के मक्जथरेट के प्रनतर्ेदि इत्यवदद मतदवि सांपन्‍दि होिे के बवद ही मलए जवएांरे्। इस सांर्ीक्षव को मतदवि के अर्ले ददि 11:00 बजे परू्वाह्ि पर आरांभ फकयव जवएर्व।

2. निर्वाचकों की पांक्जयों एर्ां अन्‍दय दथतवरे्जों की सांर्ीक्षव की जवएर्ी, जैसव फक आयोर् द्र्वरव नििवाररत फकयव र्यव है एर्ां पे्रक्षक को यह सनुिक्श्चत करिव चवदहए फक उिकी यवत्रव-योजिव ऐसी बिवई र्ई है फक मतदवि सांपन्‍दि होिे के पश्चवत ्के 36 घांटे परू्ा निर्वाचि क्षते्र से उिकव प्रथिवि िहीां हो।

34. पुनमातदान एवं स्िधगत मतदान प्रकरण

1. आयोर् के मलए पिुमातदवि के आदेश देिे पर निणाय लेिे के मलए प्रके्षक कव प्रनतरे्दि सबसे महत्र्पणूा निवर्क्ष्ट है। इसमलए प्रेक्षक को फकसी भी घटिव यव र्नतवर्धि जो निर्वाचि प्रफक्रयव को दवूषत कर सकती िी यव हो सकती िी, के बवरे में जवर्रूक और सतका रहिव चवदहए, तवफक र्े इस मवमले पर आयोर् को एक वर्मशष्ट प्रनतर्ेदि प्रवेषत कर सकें । कभी-कभी, अन्‍दय स्रोतों से प्रवप्त जविकवरी को सांबांधित सधचर् यव उप निर्वाचि आयतुत द्र्वरव प्रके्षकों को दरूभवष पर र्वपस सांदमभात फकयव जवतव है एर्ां और प्रेक्षकों से, इस तरह की जवांच-पडतवल यिवसांभर् उपलब्ि समय बवध्यतव के भीतर फकयव जविव और सत्यवपि फकयव जविव अपेक्षक्षत है। इसके पश्चवत एर्ां आयोर् को उपलब्ि करवए र्ई अन्‍दय निवर्क्ष्टयों को ध्यवि में लिेे के पश्चवत, आयोर् द्र्वरव आर्श्यक और उपयतुत समझे र्ए मतदवि केन्‍दरों में पिुमातदवि कव आदेश ददयव जवतव है।

2. यह अत् यअधिक महत्त्र्पणूा है फक पिुमातदवि को फकसी भी तरह से दवूषत िहीां फकयव जवतव है। प्रके्षक पिुमातदवि के र्वथतवर्क सांचवलि पर वर्मशष्ट और

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व्यवपक प्रनतर्ेदि देंर्े। सवमवन्‍दय तौर पर पिुमातदवि, यदद कोई हो, मतदवि की नतधि के पश्चवत अर्ल ेददि आयोक्जत फकयव जवतव है, मसर्वय इसके फक अन्‍दयिव निददाष्ट िहीां फकयव जवतव है।

35. मतदान संपन्‍दन होने का प्रनतवेदन

1. मतदवि के अांत में प्रेक्षकों द्र्वरव मतदवि अमभकतवाओां की भमूमकव एर्ां प्रत्येक मतदवि केन्‍दर के सांबांि में प्रवप्त मशकवयतों की सांख्यव एर्ां प्रकृनत को नििवाररत प्ररूप में दशवात े हुए एक प्रनतरे्दि भेजव जवएर्व। इसके अनतररतत, यदद उिके द्र्वरव फकसी वर्शषे मतदवि केन्‍दर यव मतदवि केन्‍दरों के एक समहू के मलए पिुमातदवि की अिशुांसव की जवती है, तो प्रके्षकों को सभी महत्र्पणूा कवरकों पर प्रकवश डवलिे हेत ुएक व्यवपक प्रनतरे्दि पे्रवषत करिव होर्व।

36. मतों की गणना

1. आयोर् िे मतर्णिव केन्‍दरों के अिमुोदि के मलए एक प्रवरूप नििवाररत फकयव है और ररटनििंर् अधिकवररयों को व्यक्ततर्त रूप से प्रत्येक मतर्णिव केन्‍दर कव निरीक्षण करिे और उिके प्रथतवर् को आयोर् को अिमुोदिविा पे्रवषत करिे कव निदेश ददयव र्यव है। अपिे दौरे के प्रवरांमभक चरण के दौरवि, अिवात, िवमनिदेशि पत्रों की जवांच से पहले, प्रेक्षक यह जवांच करेंर्े फक उस समय के पहल,े वर्र्रण को प्रवरूप में आयोर् के अिमुोदिविा भेज ददयव र्यव है अिर्व िहीां।

2. दौरे के इस चरण के दौरवि ही, धर्िती केन्‍दर में सवुर्िवओां के प्रवरांमभक मलू्यवांकि

के मलए, उिके मध्य प्रत्येक मतर्णिव केन्‍दर कव प्रके्षक निरीक्षण भी करेंर् ेएर्ां सत्यववपत करेंर्े फक आयोर् द्र्वरव नििवाररत वर्निदेश के अिसुवर केन्‍दर बिवए र्ए हैं। “ररटनििंर् अधिकवरी के मलए हथ त-पकु्थतकव” में ददए र्ए वर्निदेशों के अलवर्व आयोर् द्र्वरव ददए र्ए हवमलयव निदेशों कव प्रके्षकों द्र्वरव अछछी तरह स ेअध्ययि करिव चवदहए, एर्ां इस आिवर पर, र्े ररटनििंर् अधिकवररयों के सवि वर्मशा करेंर् ेतवफक मतर्णिव केन्‍दरों में आयोर् द्र्वरव नियत फकए र्ए मविकों पयिंत व्यर्थिव करिे हेत ुकोई और सिुवर की आर्श् यकतव तो िहीां है।

3. सबसे महत्र्पणूा वर्शषेतवओां में से एक मतर्णिव केन्‍दरों में प्रके्षक और मीडडयव

के मलए वर्मशष्ट सवुर्िवओां के प्रवर्िवि से सांबांधित है। अब ररटनििंर् अधिकवरी को पे्रक्षक हेत ु एक अलर् कक्ष यव एक लघकुक्ष उपलब्ि करविव अिर्व प्रत्येक मतर्णिव केन्‍दर में पे्रक्षक हेत ुएक एसटीडी सवुर्िवयतुत दरूभवष और एक ैतस मशीि प्रदवि करिव अनिर्वया है।

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4. पे्रक्षक यह सनुिक्श्चत करेंरे् फक ररटनििंर् अधिकवरी / क्ज०नि०अधि० और उन्‍द हें सहवयतव प्रदवि करिे र्वले तकिीकी कमाचवररयों िे जेिेमसस (GENESYS) सॉफ़्टर्ेयर कव परीक्षण फकयव एर्ां इस सवफ्टरे्यर कव उपयोर् करत े हुए भवरत निर्वाचि आयोर् को अांनतम पररणवम के र्नतशील सांचरण के मलए तयैवर हैं। उन्‍दहें उिको ददए र्ए कूटशब्द (पवसर्डा) कव उपयोर् करिव होर्व और भवरत निर्वाचि आयोर् को आांकडों को सांचवररत करिव होर्व। चूांफक ये आांकड ेथर्चवमलत रूप से र्ेबसवइट पर लोड हो जवत ेहैं, यह आर्श्यक है फक र्णिव के ददि र्लत आांकड ेसांचवररत िहीां फकए जवए। इसमलए निददाष्ट नतधि पर "डमी रि" करिव भी अनिर्वया है।

5. प्रेक्षकों सांबांिी सवांवर्धिक प्रवर्िवि वर्शषे रूप से र्णिव प्रफक्रयव के दौरवि उिकी

भमूमकव पर ध्यवि कें दरत करवत े हैं एर्ां उन्‍दहें र्णिव को रोकिे तिव लोक प्रनतनिधित्र् अधिनियम, 1951 के अिछुछेद 20ख में र्खणात पररक्थिनतयों में ररटनििंर् अधिकवरी / उप ररटनििंर् अधिकवरी को पररणवम घोवषत िहीां करिे हेत ुनिदेश देिे के मलए सशतत बिवत ेहैं। इस प्रकवर वर्धि िे मतर्णिव प्रफक्रयव की देखरेख और निर्रविी करिे एर्ां आयोर् को सीिे प्रत्यक्ष तत्कवल सांप्रेषण करिे हेत ु पे्रक्षकों के मलए एक वर्शषे क्जम्मेदवरी निरूवपत की है। आयोर् तदिसुवर अपेक्षव करतव है फक र्णिव प्रफक्रयव के अिीक्षण में पे्रक्षकों की एक महत्र्पणूा भमूमकव होर्ी।

6. र्णिव के ददि र्णिव हेत ु चुिे र्ए कमाचवररयों कव यवदृक्छछकीकरण, र्णिव

आरांभ होिे से पहले फकयव जविव होतव है। आयोर् वर्शषेतः वर्शषे रूप से धचांनतत है फक सांपणूा र्णिव व्यर्थिव, व्यर्क्थित रूप में एर्ां अछछी तरह से सांरधचत होिी चवदहए। आयोर् इस तर्थय को बहुत महत्र् देतव है फक र्वथतवर्क र्णिव ऐसे तरीके से की जवती है फक यह केर्ल निवर्ाघ्ि और कुशल ही िहीां, बक्ल्क अधिक महत्र्पणूा रूप से पवरदशी और दोष-रदहत है। आयोर् के मौजूदव निदेशों के अिसुवर अभ्यधिायों के र्णिव अमभकतवाओां को र्णिव प्रफक्रयव के बवरे में थपष्ट दृक्ष्टकोण प्रवप्त करिे के मलए उधचत अर्सर प्रदवि फकयव जविव चवदहए, तयोंफक यह प्रत्येक र्णिव तवमलकव मेज पर जवतव है। फकसी भी प्रकवर के सांदेह कव कोई कवरण िहीां होिव चवदहए।

7. आयोर् िे र्णिव व्यर्थिव के बवरे में वर्थततृ आदेश जवरी फकए हैं। इसमें र्णिव

केन्‍दरों के चयि और र्णिव प्रफक्रयव के प्रबांिि के मलए वर्निदेश सक्म्ममलत हैं। 8. र्णिव के पररणवम की सटीकतव सनुिक्श्चत करिे हेत,ु ररटनििंर् अधिकवरी द्र्वरव

चरणर्वर वर्र्रण तयैवर फकयव जवएर्व। ररटनििंर् अधिकवरी एर्ां प्रके्षक, दोिों

"कोई भी मतदवतव ि छूटे"

39

व्यक्ततर्त रूप से सत्यववपत करेंर्े फक प्रत्येक र्णिव मेज के सांबांि में प्रत्येक अभ्यिी के िवम पर डवले र्ए मतों की सांख्यव उस मेज से सांबांधित प्ररूप 17र् (र्णिव के पररणवम) के भवर्-II से मेल खवत ेहैं। र्ह प्रत्येक र्णिव मेज के योर् के िीचे अपिे हथतवक्षर करेंर्े। मतों के मेजर्वर, मतदवि केन्‍दरर्वर, चरणर्वर ब्यौरों को प्रके्षक द्र्वरव अपिे आर्रक ( ोल्डर) में रखव जवएर्व।

9. र्णिव के प्रत्येक चरण के अांत में ममलवि-प्रफक्रयव को एक व्यर्क्थित तरीके स े

पणूा फकयव जविव चवदहए एर्ां सांबांधित प्रभवरी उप ररटनििंर् अधिकवरी द्र्वरव हॉल के भीतर चरण-र्वर प्रर्नत घोवषत एर्ां श्यवम / श्रे्त पट्ट पर पर मलखी जविी चवदहए, जो सभी को थपष्ट रूप से दृश् य होिव चवदहए। उसके तत्कवल बवद, इस ेजि-सांबोिि प्रणवली द्र्वरव घोवषत फकयव जविव चवदहए। बहुभवर्ी हॉल र्वले र्णिव केन्‍दरों में इि सवर्ाजनिक घोषणवओां को कें रीकृत फकयव जव सकतव है।

10. पे्रक्षकों को यह भी सनुिक्श्चत करिव होर्व फक जैसे ही अांनतम पररणवम और

वर्जेतव अभ्यिी घोवषत एर्ां ररटनििंर् अधिकवरी द्र्वरव सभी सांबांधित दथतवर्ेज हथतवक्षररत फकए जवत े हैं, अांनतम वर्थततृ पररणवम भवरत निर्वाचि आयोर् की रे्बसवइट को पे्रवषत कर ददयव जवतव है। इस हेत ु जेिेमसस (GENESYS) सॉफ़्टर्ेयर कव उपयोर् फकयव जवएर्व।

11. पे्रक्षकों को यह सनुिक्श्चत करिव चवदहए फक पररणवम घोवषत करिे के पश्चवत ्

ररटनििंर् अधिकवरी द्र्वरव मखु्य निर्वाचि अधिकवरी को निम्िमलखखत वर्धिर्त भरी हुई और सांशोधित प्रनतयवां भेज दी र्ई हैं -

क) प्रपत्र 20 में अांनतम पररणवम पत्रक, ख) प्रपत्र 21र् में पररणवम की घोषणव, र्) प्ररूप 21ङ में निर्वाचि में निर्वाधचत।

12. यह ध्यवि ददयव जवए फक केर्ल र्ही िवम, जो िवम-निदेशि प्रपत्र में ददयव र्यव

है, सभी भवर्ष्य के सांदभों के मलए और अन्‍दय सांबांधित दथतवरे्जों में उपयोर् करिे हेत ुमवन्‍दय है। प्ररूप 7क में निर्वाचि में भवर् ले रहे अभ्यधिायों की सचूी, िवम-निदेशि प्रपत्र में दी र्ई समवि र्तािी जैसी ही ठीक-ठीक एर्ां सही रूप से दमशात की जविी चवदहए, जब तक फक ररटनििंर् अधिकवरी द्र्वरव निर्वाचि कव सांचवलि नियम, 1961 के नियम 8 के अिीि फकसी भी अनतक्रम की अिमुनत िहीां दी जवती है। लतः निर्वाचि-क्षते्र से निर्वाधचत अभ्यिी कव िवम, पररणवम की घोषणव के प्ररूप 21र् में ददयव जवतव है। यह नितवांत अर्श्यकरणीय है फक

“कोई भी मतदवतव ि छूटे"

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यह प्ररूप 21र् एर्ां प्ररूप 21ङ में निर्वाचि में निर्वाधचत तिव प्ररूप 22 में निर्वाचि कव प्रमवणपत्र भी ठीक-ठीक उसी िवम के अिरुूप है जो फक प्ररूप 7क में निर्वाचि में भवर् ले रहे अभ्यधिायों की सचूी में ददयव र्यव है। प्रपत्र 7क, मतपत्र एर्ां प्ररूपों 21र्, 21ङ, 22 में िवम की सांर्ततव को अर्श्यमेर् बिवए रखव जविव चवदहए। ररटनििंर् अधिकवरी को इस पहल ूके बवरे में पे्रक्षक समझवएांरे् और सनुिक्श्चत करेंरे् फक पणूा अिपुवलि फकयव जवतव है।

"कोई भी मतदवतव ि छूटे"

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अनुिग्नक-I

37. जााँच-सूची स्जिा ननवााचन अधिकारी एवं ररटननिंग अधिकारी द्वारा तैयार की जाने वािी एवं प्रेक्षक के पहंुचने पर उसे प्रदान की जाने वािी सूचना / ब्यौरे : क) ननवााचन-क्षते्र

i. निर्वाचि-क्षते्र की सांख्यव एर्ां िवम

ii. सांर्ेदिशील ग्रवमों / खेडों की सांख्यव

iii. क्जले कव मविधचत्र एर्ां सांरे्दिशील ग्रवमों / खेडों को दशवातव हुआ निर्वाचि-क्षते्र कव मविधचत्र

ख) स्जिा ननवााचन अधिकारी

i. िवम

ii. सेर्व कव बचै

iii. पदथिवपिव की नतधि ग) नगर के पलुिस अिीक्षक / आयतुत

(कृपयव क्षेत्रवधिकवर के अिुसवर िवमों को इांधर्त करें। यदद निर्वाचि-क्षेत्र में दो से अधिक क्जले सक्म्ममलत हैं, तो दोिों अधिकवररयों को उल्लेखखत फकयव जविव चवदहए)

i. िवम

ii. सेर्व कव बचै

iii. पदथिवपिव की नतधि

घ) ररटननिंग अधिकारी एव ंउप ररटननिंग अधिकारी

i. िवम

ii. पदिवम

“कोई भी मतदवतव ि छूटे"

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iii. पदवांफकत सांर्र्ा में कवयाभवर ग्रहण की नतधि

iv. निर्वाचिों को सांचवमलत करिे में अिभुर्

v. पदथिवपिव की नतधि ङ) जनसखं्या

i. परुुष

ii. मदहलव

iii. कुल च) ननवााचकों का वववरण

निर्वाचकों की सांख्यव

निर्वाचक एवपक िवरी

िवमवर्ली में ोटो पुरुष मदहलव अन्‍दय सेर्व

नियोक्जत परोक्षी प्रर्वसी कुल

छ) ननवााचक नामावलियों का वववरण

i. सांशोधित निर्वाचक िवमवर्ली के प्रकवशि की नतधि : (दद. 01-01-………….. से सांशोधित)

ददिवांक मवह र्षा

ii. तयव निर्वाचक िवमवर्ली की प्रनतयवां मवन्‍दयतव प्रवप्त रवजिीनतक दलों को प्रदवि की र्ई हैं :

हवाँ िहीां यदद हवाँ, तो नतधि दशवाइए

यदद िहीां, तो कवरण दशवाइए

iii. मतदवि केन्‍दरर्वर फकए र्ए पररर्तािों की सचूी (एक पिृक पत्रक सांलग्ि फकयव

"कोई भी मतदवतव ि छूटे"

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जविव है) iv. वपछले प्रकवशि की नतधि से जोड ेएर्ां हटवए र्ए :

मतदवि केन्‍दर पुरुष निर्वाचक मदहलव निर्वाचक कुल

मूल जोड ेर्ए हटवए र्ए पररर्ताि अांनतम सांख्यव

v. परूक निर्वाचक िवमवर्ली के मरुण की नतधि (निरांतर अद्यति करिे के कवरण) :

ददिवांक मवह र्षा

vi. प्रमवखणत प्रनतयों को पणूा तैयवर करिे एर्ां रवजिीनतक दलों को भेजे जविे की नतधि

:

ददिवांक मवह र्षा

ज) मतदान केन्‍दर

अ) मतदवि केन्‍दरों की सांख्यव :

i) तयव िवमवर्ली को भवरत निर्वाचि आयोर् द्र्वरव अिमुोददत फकयव र्यव है

ii. तयव ररटनििंर् अधिकवरी एर्ां उप ररटनििंर् अधिकवरी द्र्वरव

मतदवि केन्‍दरों कव दौरव फकयव र्यव है iii. मतदवि केन्‍दरों कव वर्र्रण :

कुल मतदवि केन्‍दरों की सांख्यव

एक ही मतदवि केन्‍दर के थिवि

दो मतदवि केन्‍दरों के थिवि

तीि मतदवि केन्‍दरों के थिवि

चवर मतदवि केन्‍दरों के थिवि

पवाँच मतदवि केन्‍दरों के थिवि

छह मतदवि केन्‍दरों के थिवि

छह से अधिक मतदवि केन्‍दरों के थिवि

हवाँ / िहीां

हवाँ / िहीां

“कोई भी मतदवतव ि छूटे"

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iv. निर्वाचि-क्षते्र में मतदवि केन्‍दरों के निर्वाचकों कव वर्र्रण - कुल मतदवि केन्‍दरों की सांख्यव

मतदान केन्‍दर स ेसंिग्न ननवााचकों की सखं्या

300 से कम 300–800 801-1000 1001-1200 1201-1500 1500 से अधिक

ञ. सवंेदनशीि ग्रामों, शहरी सकुंिों एव ंमतदान केन्‍दरों का अलभननिाारण :

i. सांर्ेदिशीलतव मविधचत्रण फकयव र्यव है अिर्व िहीां ii. महत्र्पणूा मतदवि केन्‍दरों को पहचविव र्यव है अिर्व िहीां (कवरणों

सदहत वर्थततृ सचूी) ट. इिेतरॉननक मतदान मशीनें

निर्वाचि-के्षत्र कव िवम

मतदवि बिूों हेतु आर्श्यक ईर्ीएम की सांख्यव

आरक्षक्षत ईर्ीएम की सांख्यव

प्रमशक्षण हेतु धचक्ह्ित ईर्ीएम की सांख्यव

कुल आर्श्यक सांख्यव उपलब्ि सांख्यव

ठ. तया स्ज०नन०अधि० द्वारा प्रिम यादृस्छछकीकरण के पश्चात ईवीएम को वविान सभा ननवााचन-क्षेत्रवार आवदंटत फकया गया है?

ररटनििंर् अधिकवरी द्र्वरव ईर्ीएम के महुरबांद फकए जविे एर्ां यवदृक्छछकीकरण फकए जविे की नतधि एर्ां थिवि की बिवई र्ई योजिव :

(i) नतधि :

(ii) थिवि :

ड. प्रेषण, अलभग्रहण एव ंमतगणना तिा अन्‍दय ववशषे व्यवस्िाओ ंहेत ुकेन्‍दरों का अलभननिाारण :

हवाँ / िहीां

हवाँ / िहीां

हवाँ / िहीां

"कोई भी मतदवतव ि छूटे"

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थिवि कव िवम र्नतवर्धि सुवर्िवएां जर्ह प्रकवश जल एर्ां

शौचवलय अमभवर्न्‍दयवस योजिव

पयवाप् त अपयवाप् त पयवाप् त अपयवाप् त

पयवाप् त

अपयवाप् त

पयवाप् त अपयवाप् त

पयवाप् त अपयवाप् त

ढ. कमाचाररयों की उपिब्िता

मतदवि कवममाक

निर्वाचि-के्षत्र के मलए आर्श्यक कुल मतदवि

कममायों की सांख्यव

रवज्य के उपलब्ि अधिकवररयों की

सांख्यव

रवज्य के सवर्ाजनिक के्षत्र के उपक्रमों के उपलब्ि

अधिकवररयों की सांख्यव

केन्‍दर के उपलब्ि अधिकवररयों की

सांख्यव

केन्‍दर के सवर्ाजनिक के्षत्र के उपक्रमों के उपलब्ि

अधिकवररयों की सांख्यव

पमुलस कवममाक

i. पदिवम के अिसुवर पमुलस कममायों की कुल सांख्यव :

पुमलस अिीक्षक उप पुमलस अिीक्षक पुमलस निरीक्षक पुमलस उप

निरीक्षक हर्लदवर

ii. कें रीय पमुलस बल की आर्श्यकतव

iii. पमुलस नियांत्रण कक्ष कव सांचवलि (पमुलस और ररटनििंर् अधिकवरी, क्ज०नि०अधि०) एर्ां सांपका सांख् यव

ण. की गई प्रनतबिंात्मक कारावाई

i. जमव करवए र्ए हधियवर

ii. सरुक्षव प्रनतज्ञवपत्र

iii. प्रनतबांिवत्मक दहरवसतें

iv. रवष्रीय सरुक्षव अधिनियम

v. निर्वासि

vi. निषिे मवमले, यदद लवर् ूहों

“कोई भी मतदवतव ि छूटे"

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vii. सरुक्षव के दवयरे में मलए र्ए व्यक्ततयों की सचूी

viii. रवज्य मखु्यवलय को भेजे र्ए कवििू और व्यर्थिव प्रनतरे्दि-1 एर्ां 2 की प्रनतयवां पे्रक्षकों को प्रनतददि पषृ्ठवांफकत की जविी चवदहए।

त. आदशा आचार सदंहता के कायाान्‍दवयन के लिए व्यवस्िा :

i. सांपवत्त के वर्रूपण को हटविे एर्ां रोकिवम हेत ुव्यर्थिव

अ. क्षेत्रीय अधिकवर क्षते्रर्वर प्रर्ताि दल कव र्ठि फकयव र्यव है

ब. क्जलव मीडडयव प्रकोष्ठ कव र्ठि फकयव र्यव अिर्व िहीां

ii. चूक करिे में पररकक्ल्पत कवरार्वई सांबांिी सभी अधिकवररयों, अभ्यधिायों, रवजिीनतक दलों के कवयों को अिदेुश

iii. रवजिीनतक दलों की रैमलयों, थिलों / अभ्यधिायों की सभवओां के बवरे में सांचवरण हेत ुिोडल अधिकवरी

अ. िवम एर्ां सांपका वर्र्रण

iv. निर्वाचि-क्षते्र के थतर पर व्यय निरीक्षण हेत ुव्यर्थिव

अ. निर्वाचि-क्षते्र के थतर पर अधिकवररयों को पदवांफकत फकयव

v. सवमवन्‍दय अमभयवि हेत ुआर्श्यक सवमग्री के मलए प्रचमलत बवजवर दरों की सचूी तयैवर की र्ई

ि. ननवााचन सामग्री का क्रय और प्ररूप आदद के मरुण की व्यवस्िा :

प्रवप्त की र्ई अममट थयवही की शीमशयों की

सांख्यव

प्रवप्त की र्ई हरी पत्रमुरवओां की सांख्यव

प्रवप्त की र्ई पत्र पट्टी मुरवओां की सांख्यव

तयव आयोर् की र्ोपिीय मुरवएां प्रवप्त

हुईं

तयव पीठवसीि अधिकवररयों आदद के मलए पयवाप्त पुक्थतकव उपलब्ि है

तयव सवांवर्धिक / रै्र-सवांवर्धिक प्ररूप आदद उपलब्ि हैं

द. मतदान कलमायों का यादृस्छछकीकरण :

i. तयव मतदवि कममायों कव आांकडव-सांचय तयैवर है?

हवाँ / िहीां

हवाँ / िहीां

िहीां फकयव फकयव र्यव

हवाँ / िहीां

हवाँ / िहीां

हवाँ / िहीां

"कोई भी मतदवतव ि छूटे"

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ii. मतदवि दलों के र्ठि की नतधि

ददिवांक मवह र्षा

iii. मतदवि दलों को मतदवि केन्‍दरों के आर्ांटि की नतधि

ददिवांक मवह र्षा

ि. मतदान कलमायों का प्रलशक्षण

i. तयव मतदवि कममायों हेत ुप्रमशक्षण कवयाक्रम तयैवर फकयव र्यव है? ii. तयव मतदवि कममायों के मलए ईर्ीएम प्रमशक्षण की अिसुचूी तयैवर है? iii. तयव क्षेत्र के मक्जथरेट / अधिकवररयों के प्रमशक्षण हेत ुअिसुचूी तयैवर

है? न. प्रेषण व्यवस्िाएं

i. तयव मखु्यवलय से अिर्व फकसी अन्‍दय थिवि स े

ii. थिवि कव िवम

iii. वर्मशष्ट मतदवि केन्‍दरों के मलए शीघ्र प्रेषण की कोई व्यर्थिव

iv. यदद हवाँ, तो कवरण प. अलभग्रहण व्यवस्िाए ं

i. थिवि ii. अमभग्रहण हेत ुमेजों की सांख्यव

हवाँ / िहीां

हवाँ / िहीां

हवाँ / िहीां

“कोई भी मतदवतव ि छूटे"

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iii. वर्मशष्ट कवउां टरों की योजिव भ. स् रोंग रूम का स्िान एव ंसरुक्षा व्यवस्िा

i. थिवि ii. सरुक्षव व्यर्थिव

ब. मतगणना व्यवस्िा

i. अनतररतत उप ररटनििंर् अधिकवररयों की नियकु्तत, यदद कोई हो ii. र्णिव कव थिवि – तयव भवरत निर्वाचि आयोर् से अिमुोददत है iii. जेिेमसस (GENESYS) कव परीक्षण और पररचवलि व्यर्हवयातव iv. डवक-मतपत्रों के प्रवप्त करिे और र्णिव करिे की व्यर्थिव

हवाँ / िहीां

हवाँ / िहीां

हवाँ / िहीां

िहीां फकयव फकयव र्यव

"कोई भी मतदवतव ि छूटे"

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अनिुग्नक-II

38. प्रेक्षकों का आगमन / प्रस्िान प्रनतवेदन

(आर्मि एर्ां प्रथिवि के तरुांत पश्चवत जमव फकयव जविव है)

उपक्थिनत देिे की नतधि प्रेक्षक कव िवम एर्ां और कोड ईमेल आईडी निर्वाचि-क्षते्र कव िवम एर्ां सांख्यव क्जलव और रवज्य कव िवम मोबवइल सांख् यव ैतस सांख् यव निर्वाचि-क्षते्र कव मोबवइल सांख् यव निर्वाचि-क्षते्र कव दरूभवष सांख् यव निर्वाचि-क्षते्र कव ैतस सांख् यव

1. पे्रक्षक के आर्मि / प्रथिवि की नतधि (कृपयव उस भवर् को कवट दें, जो लवर् ूिहीां है)

2. तयव प्रेक्षक द्र्वरव कताव्य से कोई वर्रवम मलयव र्यव िव,

3. यदद हवां, तो वर्र्रण दें 4. र्हवां कताव्य हेत ुउपक्थित होिे में वर्लांब हुआ िव 5. यदद हवां, तो फकतिव समय?

थिवि : ………………………………….. नतधि : ………………………………….. प्रेक्षक के हथतवक्षर

“कोई भी मतदवतव ि छूटे"

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39. सामान्‍दय प्रेक्षकों के प्रनतवेदन

i. प्रिम प्रनतवदेन (अभ् यधिाता वापस िेने के तरंुत पश्चात)

प्रेक्षक प्रनतवेदन-1

प्रेक्षक कव िवम, कोड सदहत :

निर्वाचि-क्षते्र : क्जलव : रवज्य :

क्र.स.ं ववषय प्रेक्षकों के प्रनतवेदन

नाम-ननदेशनों की जाचं 1. तयव ररटनििंर् अधिकवरी द्र्वरव थर्यां ही सांर्ीक्षव की

र्ई िी? यदद िहीां, तो तयव ररटनििंर् अधिकवरी द्र्वरव सहवयक ररटनििंर् अधिकवरी को मलखखत रूप में प्रवधिकृत फकयव र्यव िव? वर्र्रण प्रदवि करें।

2. तयव िवम-निदेशि प्रफक्रयव के दौरवि उपक्थित व्यक्ततयों की सांख्यव के सांबांि में आयोर् के अिदेुश को मविव र्यव / पवलि फकयव र्यव? (िवम-निदेशि प्रफक्रयव की र्ीडडयो कर्रेज को देखकर इसकी पकु्ष्ट की जव सकती है)।

3. तयव ‘लोक प्रनतनिधित्र्, अधिनियम, 1951’ के अिछुछेदों 33, 34 एर्ां 36 सहपदठत ‘निर्वाचिों कव सांचवलि नियम, 1961’ के नियम 4 के अिरुूप िवम-निदेशि पत्रों की सांर्ीक्षव की र्ई िी?

4. उि अभ्यधिायों के िवम, क्जिके िवम-निदेशि खवररज कर ददए र्ए िे – सांक्षक्षप्त फकां त ु थपष्ट कवरणों सदहत (प्रत्येक मवमल े में ररटनििंर् अधिकवरी द्र्वरव पवररत सवरवांश आदेश की प्रनत सांलग्ि करें)

"कोई भी मतदवतव ि छूटे"

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5. निर्वाचि-क्षते्र में पहुांचिे के पश्चवत प्रेक्षक कव दरूभवष/मोबवइल क्रमवांक सदहत थिविीय पतव

“कोई भी मतदवतव ि छूटे"

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6. तयव प्रेक्षक कव िवम, सांपका क्रमवांक और थ िवि

सदहत बठैक के समय को वर्ज्ञववपत फकयव र्यव िव? (वर्ज्ञवपि की एक प्रनत सांलग्ि करें)

7. तयव मतदवि कममायों-रवज्य और केन्‍दर सरकवर के कमाचवरीर्ण-कव परूव डवटव-बेस तिैवती के मलए उपलब्ि है?

8. तयव क्षेत्रवधिकवररयों, उडि दथतों, जवांच-िवकों, र्ीडडयो देखिे र्वले दलों, मशकवयत निर्रविी प्रणवली, नियांत्रण कक्ष आदद प्रभवर् में हैं?

9. तयव निर्वाचि से सांबांधित अधिकवरी, जो अपिे र्हृ क्जले में हैं यव क्जन्‍दहोंिे निर्वाचि-क्षते्र में सेर्व के 3 र्षा पणूा कर मलए हैं, को अमभज्ञवत फकयव र्यव िव?

10. तयव प्रमशक्षण केन्‍दरों, र्णिव केन्‍दरों, सदुृढ कक्षों को अांनतम रूप ददयव है?

11. तयव कनतपय आदेशों, जसैे फक, शथत्र अिजु्ञक्प्तयों कव निलांबि, वर्रूपण स े सांबांधित आदेश, ध्र्नि वर्थतवरकों कव उपयोर्, मतदवि ददर्स पर थिविीय अर्कवश घोवषत करिे, क्षेत्रीय मक्जथरेटों की नियकु्तत, कवयापवलक मक्जथरेटों को दण्ड प्रफक्रयव सांदहतव के अिीि शक्ततयवां निदहत करिव, मतदवि केन्‍दरों, र्णिव केन्‍दरों हेत ु मवांर् आदेश, र्वहिों हेत ुमवांर् आदेश इत्यवदद जवरी फकए र्ए हैं?

12. तयव आर्श्यक निर्वाचि सवमग्री की अधिप्रवक्प्त की र्ई िी?

13. तयव डवक-मतपत्रों की आर्श्यकतव सांबांिी कवया कर मलयव र्यव है? – निर्वरक दहरवसत के तहत व्यक्ततयों की सचूी, मवांरे् र्ए र्वहिों हेत ु चवलकों-थर्छछकों, निर्वाचि कताव्य पर पमुलस कममायों, सेर्व नियोक्जत निर्वाचकों की सचूी कव अद्यति।

14. तयव निर्वाचि कममायों के प्रमशक्षण के मलए सभी व्यर्थिवएां कर ली र्ई हैं?

"कोई भी मतदवतव ि छूटे"

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15. तयव प्रत्येक मतदवि केन्‍दर, क्षेत्र मविधचत्र, मवर्ा

रेखवधचत्र, एर्ां प्रके्षकों, मतदवि कममायों, सकू्ष्म पे्रक्षकों आदद के मलए के मलए के पररर्हि की योजिव बिवई र्ई है?

16. तयव पररर्हि योजिव के मलए र्वहि की आर्श्यकतव कव आकलि फकयव र्यव है?

सरुक्षा उपाय / आदशा आचार सदंहता से सबंधंित 17. तयव क्जलों और सभी वर्िवि सभव निर्वाचि-क्षते्रों के

मलए सरुक्षव बलों की तिैवती की योजिव को अांनतम रूप ददयव र्यव है?

18. तयव सांर्देिशील क्षेत्रों में कें रीय पमुलस बल की र्श्ती और मवर्ा कूचों के मलए वर्थततृ योजिव और अन्‍दय वर्श्र्वस-बहवली के उपवय (नतधियों और मवर्ों के सवि) फकए र्ए हैं?

19. तयव दरूथि / सांरे्दिशील मतदवि केन्‍दर पर जविे र्वले मतदवि कममायों की सरुक्षव व्यर्थिव की तयैवरी की र्ई है?

20. तयव सांर्ेदिशीलतव मविधचत्रण प्रभवर्ी ढांर् स े फकयव र्यव है?

21. तयव आदशा आचवर सांदहतव के महत्र्पणूा पहलओुां को रवजिीनतक दलों / अभ्यधिायों को सधूचत फकयव र्यव िव। (मखु्य मदु्दों कव र्णाि करें)

22. रवजिीनतक दलों और अभ्यधिायों के सवि बठैक कव समय, नतधि और थिल तयव िे? अभ्यधिायों यव उिके प्रनतनिधियों के िवम जो उपक्थित िे, उिके दल की सांबद्ितव सदहत।

23. तयव ईर्ीएम के द्वर्तीय यवदृक्छछकीकरण की नतधि, इसके पश्चवत ् ईर्ीएम की तयैवरी एर्ां ईर्ीएम की द्वर्तीय थतरीय जवांच और समय के बवरे में अभ्यधिायों को परू्ा-सचूिव, उधचत अमभथर्ीकृनत के सवि दी र्ई है?

24. तयव अभ्यधिायों को धचांतव-सचूी की अर्िवरणव को

“कोई भी मतदवतव ि छूटे"

54

समझवयव र्यव िव, और उन्‍दहें अपिी धचांतव-सचूी जमव करिे कव सझुवर् ददयव र्यव िव?

25. तयव रवजिीनतक दलों को सझुवर् ददयव र्यव िव फक

र्े अपिे मतदवि और र्णिव अमभकतवाओां को यिोधचत रूप से प्रमशक्षक्षत करें (मखु्य पहलओुां कव र्णाि करें)।

26. तयव आदशा आचवर सांदहतव कव पयवाप्त प्रचवर फकयव र्यव है?

27. तयव नियांत्रण कक्ष, मीडडयव केन्‍दर और मशकवयत निर्रविी तांत्र की थिवपिव यिोधचत रूप से की र्ई है?

28. तयव उडि दथतों, जवांच-चौफकयों एर्ां जवांच-िवकों को थिववपत फकयव र्यव है?

29. िवकों आदद में सीसीटीर्ी / र्ेबकवक्थटांर् से जीर्ांत-प्रसवरण एर्ां फकसी भी अर्िै र्नतवर्धि पर कवरार्वई करिे के मलए एस ओ पी की सांर्ीक्षव करिे के मलए तयव व्यर्थिवएां की र्ई हैं?

30. तयव र्ीडडयोग्रव ी दलों की नियतुत की र्ई है, एर्ां अधिकवरी के नियांत्रण में उपलब्ि हैं यव िहीां?

31. तयव ररटनििंर् अधिकवरी के थतर पर अिमुनतयवां / पवस देिे हेत ुमस ांर्ल वर्न्‍द डों थिववपत की र्ई है?

32. तयव सांपवत्त के वर्रूपण पर नियांत्रण रखिे हेत ुतांत्र थिववपत फकयव र्यव है?

33. तयव तलवशी, िकदी / शरवब की बरवमदर्ी एर्ां आदशा आचवर सांदहतव के उल्लांघि के मवमलों को दवयर करिे एर्ां निर्रविी करिे के मलए सचूिवएां एकबत्रत करिे एर्ां सांकमलत करिे हेत ुतांत्र थिववपत फकयव र्यव है?

34. दटप्पणी, यदद कोई हो

प्रेक्षक के हस्ताक्षर

"कोई भी मतदवतव ि छूटे"

55

ii. द्ववतीय प्रनतवेदन - (पी-2 ददनों में जमा फकए जाने हेत)ु

प्रेक्षक प्रनतवेदन-2

प्रेक्षक कव िवम, कोड सदहत : निर्वाचि-क्षते्र : क्जलव : रवज्य :

क्र.स.ं ववषय प्रेक्षक के प्रनतवेदन ननवााचक नामाविी / ईवीएम / वीवीपीएटी से सबंंधित

1. तयव निर्वाचि िवमवर्ली की एक प्रनत मवन्‍दयतव प्रवप्त रवजिीनतक दलों के अभ्यधिायों को सौंप दी र्ई है? तयव उिमें स ेप्रत्येक स ेमलखखत प्रवक्प्त की एक प्रनत प्रवप्त की र्ई है? अपर्वदों को प्रनतरे्ददत करें।

2. तयव वर्िवि सभव निर्वाचि-क्षेत्र में प्रमशक्षण हेत ुउपयोर् की र्ई ईर्ीएम सदहत तिव प्रनतथिवपि हेत ु आरक्षक्षत ईर्ीएम की सचूी रवजिीनतक दलों / अभ्यधिायों को दी र्ई है?

3. तयव रवजिीनतक दलों / अभ्यधिायों की उपक्थिनत में ररटनििंर् अधिकवरी द्र्वरव 10% यव इससे अधिक कन्‍द रोल यनूिट / मतपत्र इकवइयों कव यवदृक्छछक सत्यवपि फकयव र्यव है? तयव अभ्यिी द्र्वरव थर्यां की सांतकु्ष्ट हेत ु ईर्ीएम (द्वर्तीय थतर जवांच) कव सत्यवपि फकयव र्यव है? कृपयव वर्थतवर में बतवएां।

4. तयव ईर्ीएम के ख़रवब होिे सांबांिी सांदेह को दरू करिे हेत ुअभ्यधिायों को अमभयांतवओां / मखु्य प्रमशक्षकों से सहवयतव लेिे की अिमुनत दी र्ई िी?

5. तयव आयोर् के पत्र 51/8/7/2008-ईएमएस (अि-ु1) ददिवांक 11-08-2008 में यिवउक्ल्लखखत ईर्ीएम के सभी यवदृक्छछकीकरण के चरणों को र्ीडडयोग्रव ी द्र्वरव परूी तरह से दवयरे में मलयव र्यव है एर्ां अमभलेख यिोधचत रूप से रखे र्ए हैं?

6. डवले र्ए मतों र्वली ईर्ीएम को अमभरक्षव में र्वपस लविे की तयव व्यर्थिव की र्ई है?

7. डवले र्ए मतों र्वली ईर्ीएम के मलए पररर्हि और अमभग्रहण की तयव व्यर्थिव है?

8. थ रॉर् रूम की तयव योजिव है? तयव थर्तांत्र और निष्पक्ष

“कोई भी मतदवतव ि छूटे"

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निर्वाचि आयोक्जत करिे के मलए सवमवन्‍दय र्वतवर्रण अिकूुल है? यदद िहीां, तो वर्थततृ कवरण र्खणात करें।

9. तयव प्रिम चरण जवांच (ए एलसी) परूी कर ली र्ई है?

एर्ां शनू्‍दय थतर की यवदृक्छछकीकरण (मतदवि मशीिों स ेप्रमशक्षण मशीिों को पिृक करिव) और प्रिम यवदृक्छछकीकरण परूव कर मलयव र्यव है?

10. तयव प्रिम चरण के यवदृक्छछकीकरण में रवजिीनतक दल सक्म्ममलत फकए र्ए िे? रवजिीनतक दलों एर्ां ररटनििंर् अधिकवररयों को यवदृक्छछकीकृत सचूी दी र्ई एर्ां यिोधचत लॉर् पकु्थतकवएां बिवई र्ई हैं?

11. उपयोर् की र्ईं र्ीर्ीपेएटी की सांख्यव तयव है? 12. तयव र्ीर्ीपीएटी कव परीक्षण फकयव र्यव है और तयव पणूा

भवर परीक्षण फकयव र्यव है?

13. तयव फकसी भी मतदवि केन्‍दर में मतदवतवओां की अधिकतम सांख्यव 1500 से अधिक हो रही है, क्जि मतदवि केन्‍दरों में र्ीर्ीपीएटी कव उपयोर् फकयव जवतव है, तो सांख्यव को मवत्र 1200 तक रखिव बेहतर होर्व।

14. मतदान कालमाक 15. मतदवि कममायों कव दसूरव यवदृक्छछकीकरण कैस ेऔर कब

सांपन्‍दि हुआ? र्णाि करें। कोई कममयवां?

16. तयव मतदवि / पमुलस कममायों की तिैवती के मलए एक डवटव बेस बिविे के मलए व्यर्थिव की र्ई है?

17. इसी तरह, सकू्ष्म पे्रक्षकों हेत ु प्रमशक्षण और तिैवती की व्यर्थिव तयव है?

18. तयव सांर्ेदिशीलतव मविधचत्रण फकयव र्यव है और महत्र्पणूा मतदवि केन्‍दरों और सांकुलों को अमभज्ञवत फकयव र्यव है?

19. तयव कवििू और व्यर्थिव को बिवए रखिे हेत ु पयवाप्त निर्वरक उपवय फकए र्ए हैं?

20. मतदवि केन्‍दरों और निर्वाचि कममायों हेत ुसरुक्षव व्यर्थिव (सांक्षेप में बल तिैवती प्रवचल) तयव है?

21. फकतिे मतदवि केन्‍दर, बवह्य थिैनतक बल के सवि, फकतिे र्ीडडयो कर्रेज के सवि और फकतिे सकू्ष्म पे्रक्षकों द्र्वरव हैं?

मतदान केन्‍दर : मतदान ददवस की तैयाररयां 22. मतदवि ददर्स की व्यर्थिवएां - नियांत्रण कक्ष, मतदवतव

सहवयतव बिू, घटिवओां और दहांसव के बवरे में भवरत

"कोई भी मतदवतव ि छूटे"

57

निर्वाचि आयोर् को नियममत रूप से प्रनतर्ेददत करिे, कवििू और व्यर्थिव की निर्रविी के मलए, अमभग्रहण की व्यर्थिव, सदुृढ कक्ष, 17क सांर्ीक्षव प्ररूप के सांबांि में ररटनििंर् अधिकवरी कव प्रमशक्षण इत्यवदद।

23. तयव नियममत मीडडयव ब्रीफ ां र् की व्यर्थिव की र्ई है? 24. तयव निर्वाचक रक्जथरीकरण अधिकवरी / उप निर्वाचक

रक्जथरीकरण अधिकवरी के सभी ररतत पद भर ददए र्ए हैं?

25. तयव अांनतम प्रकवशि से पहले 17 प्रकवर की त्रदुटयों को समवप्त फकयव र्यव एर्ां सिुवर फकयव र्यव है?

26. तयव निर्वाचक िवमवर्ली में दोहरे िवमों को अमभज्ञवत फकयव र्यव है और हटवयव र्यव है?

27. तयव मतृ / थिविवांतररत और अिपुक्थित को हटविे की कवरार्वई की र्ई है?

28. तयव अनत महत्र्पणूा व्यक्ततयों - मांबत्रयों, वर्िवयक आदद के िवमों की समधुचत जवांच की र्ई है?

29. तयव समविवि, सवुर्िव और सरु्म जैसे आईटी अिपु्रयोर् ठीक से कवया कर रहे हैं?

30. तयव मतदवि केन्‍दरों की सचूी तयैवर, प्रकवमशत और रवजिीनतक दलों, ररटनििंर् अधिकवरी, उप ररटनििंर् अधिकवरी, प्रेक्षकों, पमुलस अधिकवररयों आदद को उपलब् ि करर्वई र्ई हैं? और तयव इसकी तीि प्रनतयवां निर्वाचि लड रहे अभ्यधिायों को उपलब् ि करर्वई र्ई हैं?

31. तयव मतदवि केन्‍दरों (अनतररतत सदहत) की सचूी पर भवरत निर्वाचि आयोर् कव अिमुोदि प्रवप्त फकयव र्यव है? तयव पहले से ही अिमुोददत सचूी में कोई बदलवर् है?

32. तयव सभी मतदवि केन्‍दरों पर वर्द्यतु, पेयजल, छवयव, शौचवलय आदद जैसी न्‍दयिूतम बनुियवदी सवुर्िवएां आदद एर्ां शवरीररक रूप स ेनिशत त मतदवतवओां और एक मविक मतदवि कोष्ठ की व्यर्थिव की र्ई है? वर्र्रण दीक्जए।

33. तयव ररटनििंर् अधिकवरी / उप ररटनििंर् अधिकवरी िे सभी मतदवि केन्‍दरों के निरीक्षण और प्ररूप-क (क्ज०नि०अधि० की जवांचसचूी के पषृ्ठ 9 पर) में तयैवर एक प्रनतर्ेदि तयैवर फकयव है?

34. तयव कोई आदशा मतदवि केन्‍दर की योजिव बिवई र्ई है?

35. तयव मतदवि केन्‍दरों पर अशतत निर्वाचकों की सवुर्िव के मलए उधचत व्यर्थिवएां की र्ई हैं?

“कोई भी मतदवतव ि छूटे"

58

36. तयव दरू के मतदवि केन्‍दरों में निर्वाचि प्रफक्रयवओां की निर्रविी करिे के मलए लवइर् र्ेब कवक्थटांर् / सीसीटीर्ी की व्यर्थिवएां की र्ई हैं?

37. तयव मतदवि केन्‍दरों से सत्तवसीि सरकवर की उपलक्ब्ियों कव धचत्रण करिे र्वले मांबत्रयों / वर्िवयकों के सांदभा / ोटो / पोथटर हटव ददए र्ए हैं?

संवेदनशीिता संबंिी मानधचत्रण 38. तयव आयोर् के निदेशविसुवर वर्थततृ क्जलव निर्वाचि

प्रबांिि योजिव तयैवर की र्ई है? र्णुर्त्तव पर दटप्पणी करें।

39. सांर्ेदिशीलतव / खेडों में वर्श्र्वस बहवली हेत ु फकए र्ए उपवयों कव वर्र्रण।

40. तयव कोई सांर्ेदिशील मतदवि केन्‍दर हैं? ऐसव कोई मतदवि केन्‍दर, जहवां से वपछले निर्वाचिों में दहांसव, बिू कब्जविे, िमकी, रवजिीनतक प्रनतद्र्ांद्वर्तव इत्यवदद जैसी घटिवओां की सचूिव िी?

41. तयव क्जलव मक्जथरेट / पमुलस आयतुत और ररटनििंर् अधिकवरी द्र्वरव सांर्ेदिशील पॉकेट / खेडों की सचूी को अमभज्ञवत फकयव र्यव है? ध्यवि में रखे जविे र्वले कवरक हैं – i. रै्र-एवपक िवरी मतदवतवओां के उछच % र्वले मतदवि

केन्‍दर। ii. पररर्वर के कडी के बबिव लवपतव मतदवतवओां के उछच

% र्वले मतदवि केन्‍द र। iii. सांरे्दिशील पॉकेटों र्वले मतदवि केन्‍दर - क्षेत्रवधिकवररयों,

पुमलस एर्ां अभ्यिी की "धचांतव सूची"। iv. मतदवि केन्‍दर जहवां मतदवि 75% से अधिक िव और

जहवां वपछले निर्वाचि में 75% से अधिक मत फकसी अभ्यिी के पक्ष में डवले र्ए हैं।

v. भ्रष् ट आचरण के कवरण पुिमातदवि प्रनतरे्ददत हुआ, और जहवां वपछले निर्वाचि के दौरवि निर्वाचि दहांसव हुई िी।

vi. समवज-वर्रोिी तत्र्ों और उिके प्रभवर् के क्षेत्र।

सुरक्षा के उपाय 42. तयव क्षेत्रवधिकवरी िे क्षेत्रीय मक्जथरेट योजिव तयैवर की है,

क्जसमें मतदवि केन्‍दरों के मलए रेखव मविधचत्र, मतदवि केन्‍दरों एर्ां निर्वाचि से सांबांधित अधिकवररयों, पमुलस िविों के दरूभवष क्रमवांक, क्जम्मेदवर व्यक्ततयों की सचूी, समवज-

"कोई भी मतदवतव ि छूटे"

59

वर्रोिी तत्र्ों की सचूी आदद सक्म्ममलत हैं। 43. कें रीय पमुलस बल के आर्मि की नतधि तयव है? 44. तयव कें रीय पमुलस बल की दैनिक कवया योजिव, क्जलव

निर्वाचि अधिकवरी / ररटनििंर् आफ सर के परवमशा स ेतयैवर की र्ई िी? कें रीय पमुलस बल के अभी तक फकए र्ए प्रभवर्ी उपयोर् पर दटप्पणी एर्ां कोई कमी, यदद हो

45. कोई अन्‍दय दटप्पणी :

प्रेक्षक के हस्ताक्षर

“कोई भी मतदवतव ि छूटे"

60

iii. ततृीय प्रनतवेदन - (मतदान सपंन्‍दन होने के तरंुत पश्चात)्

प्रेक्षक प्रनतवेदन-3

प्रेक्षक कव िवम, कोड सदहत : निर्वाचि-क्षते्र : क्जलव : रवज्य :

क्र.स.ं ववषय प्रेक्षक के प्रनतवेदन

1. मतदवि केन्‍दरों की कुल सांख्यव

2. तयव सभी मतदवि केन्‍दरों में छद्म मतदवि फकयव र्यव एर्ां मतदवि प्रमवणपत्र जवरी फकए र्ए? यदद िहीां, तो मतदवि केन्‍दर की वर्मशष्ट सांख्यव को इांधर्त करें।

3. मतदवि केन्‍दरों की सांख्यव जहवां केर्ल एक निर्वाचि अमभकतवा / मतदवि अमभकतवा उपक्थित िव (वर्मशष्ट मतदवि केन्‍दरों को इांधर्त करें)

4. र्ीडडयो कैमरों के सवि मतदवि केन्‍दरों की सांख्यव

5. सकू्ष्म पे्रक्षकों के सवि मतदवि केन्‍दरों की सांख्यव

6. निर्वाचि आरांभ होिे के बवद बदली र्ई ईर्ीएम की सांख्यव (वर्मशष्ट मतदवि केन्‍दरों को इांधर्त करें) एर्ां ईर्ीएम में दोष कव र्णाि करें - ईवीएम सखं्या और मेक का स्पष्ट रूप से उल्िेख फकया जाना है।

7. मतदवि केन्‍दरों की सांख्यव एर्ां िवम, जहवां मतदवि के दौरवि निर्वाचिों के उल्लांघि की मशकवयतें प्रवप्त हुई िीां। मशकवयतों की प्रकृनत और की र्ई कवरार्वई।

"कोई भी मतदवतव ि छूटे"

61

8. मतदवि केन्‍दरों की सांख्यव, जहवां मतदवि दो घांटे से अधिक समय तक बवधित हुआ िव अिर्व मतदवि के आरांभ होिे में दो घांटे यव उससे अधिक कव समय लर्व िव। (वर्मशष्ट मतदवि केन्‍दरों को इांधर्त करें)

9. मतदवि केन्‍दरों की सांख्यव, जहवां बवधित मतदवि को जवरी िहीां रखव जव सकव िव (वर्मशष्ट मतदवि केन्‍दरों को इांधर्त करें)

10. ऐसे मतदवि केन्‍द रों की सां. जहवाँ पे्रक्षक की रवय में, पिुमातदवि की आर्श्यकतव है (उतत बब ांद ु सांख्यव 7, 8 और 9 पर आिवररत। )

11. तयव फकसी भी र्ीर्ीपीएटी मशीि में ख़रवबी हुई िी?

12. तयव र्ीर्ीपीएटी के मतपत्रों की र्णिव की र्ई है?

13. तयव र्ीर्ीपीएटी के मतपत्रों की सांख्यव डवल ेर्ए मतों की सांख्यव से मेल खवती है?

14. दटप्पणी, यदद कोई हो :

प्रेक्षक के हस्ताक्षर

“कोई भी मतदवतव ि छूटे"

62

iv. चतिुा प्रनतवेदन – [ मतदान के एक ददन पश्चात ्प्ररूप 17क (ननवााचकों का रस्जस्रीकरण) एव ं

अन्‍दय दस्तावजे़ों की सवंीक्षा के तरंुत पश्चात ्]

प्रेक्षक प्रनतवेदन-4

प्रेक्षक कव िवम, कोड सदहत : निर्वाचि-क्षते्र : क्जलव : रवज्य :

क्र.स.ं ववषय प्रेक्षक की ररपोटा 1. तयव मलखखत रूप में उधचत सचूिव (यिोधचत अमभथर्ीकृनत

के अिीि) अधग्रम में दी र्ई िी,

2. तयव प्ररूप 17क (मतदवतव कव रक्जथरीकरण) और अन्‍दय दथतवरे्जों, जैसे प्ररूप 17र्, पीठवसीि अधिकवरी की डवयरी दैिांददिी, सकू्ष्म पे्रक्षक कव प्रनतरे्दि, क्षेत्रवधिकवरी के यवत्रव पत्रक की जवांच (अभ्यधिायों / निर्वाचि अमभकतवाओां यव उिके अधिकृत प्रनतनिधियों की उपक्थिनत में) की र्ई। कौि-कौि उपक्थित िे? फकतिे मतदवि केन्‍दरों के मलए?

3. तयव यिोधचत लॉर्-पकु्थतकवओां को भांडवरण कक्ष खोलिे और बांद करिे के समय और उद्देश्य को अमभलखेखत करिे हेत ु बिवए रखव र्यव है, जहवां निर्वाचि अमभलेख रखे र्ए हैं?

4. तयव प्रके्षक और अभ्यधिायों / उिके निर्वाचि अमभयांतवओां / प्रनतनिधियों की उपक्थिनत में कक्ष खोलव र्यव िव?

5. तयव प्ररूप 17क, 17र् की सांर्ीक्षव के पश्चवत,् निर्वाचक िवमवर्ली आदद की धचक्ह्ित प्रनतयों को ररटनििंर् अधिकवरी द्र्वरव पिुः मरुवबांद फकयव र्यव है?

6. तयव उपक्थित निर्वाचि अमभकतवाओां / प्रनतनिधियों िे उि दथतवरे्जों पर अपिी महुर यव हथतवक्षर फकए हैं – फकस / कौि अभ्यिी के?

7. तयव प्ररूप 17क, 17र् और अन्‍दय दथतवर्ेजों और सवमधग्रयों की सांर्ीक्षव के पश्चवत,् ररटनििंर् अधिकवरी और प्रेक्षक िे पिुमातदवि के मलए आयोर् से कोई अिशुांसवएां कीां। यदद हवाँ, प्रत्येक अिशुांमसत मतदवि केन्‍दर हेत ुकवरणों कव पिृक-पिृक र्णाि करें।

8. दटप्पणी, यदद कोई हो :

"कोई भी मतदवतव ि छूटे"

63

प्रेक्षक के हस्ताक्षर

v. पचंम प्रनतवेदन – (मतगणना के तरंुत पश्चात)

प्रेक्षक प्रनतवेदन-5

कोड सदहत प्रेक्षक कव िवम : निर्वाचि-क्षते्र : क्जलव : रवज्य :

क्र.स.ं ववषय प्रेक्षक के प्रनतवेदन 1. तयव आयोर् के पत्र सां. 470/2007/पीएलएि-आई ददिवांक

11.1.2007, 29.08.2007 तिव सां. 470/अि/ु2009/ ईपीएस ददिवांक 08.09.2009 के निदेशविसुवर र्णिव की व्यर्थिव की र्ई है? यदद िहीां, तो वर्सांर्नतयवां तयव हैं?

2. तयव प्रवत: कवल में र्णिव कममायों कव यवदृक्छछकीकरण, आयोर् के निदेशविसुवर फकयव र्यव िव?

3. तयव रवजिीनतक दलों को सझुवर् ददयव र्यव िव फक र् ेअपिे मतदवि और र्णिव अमभकतवाओां को ठीक से प्रमशक्षक्षत करें?

4. तयव र्णिव प्रेक्षक एर्ां र्णिव सहवयक कव आयोर् के निदेशविसुवर यगु्मि फकयव र्यव िव?

5. फकतिी मेजों को व्यर्क्थित फकयव र्यव िव? 6. फकतिे दौरों (रवउण् ड) की योजिव बिवई र्ई िी? 7. प्रत्येक टेबल हेत ुफकतिे सकू्ष्म पे्रक्षकों की तिैवती की र्ई

िी?

8. फकतिे डवक-मतपत्रों की र्णिव की र्ई िी? 9. तयव प्रके्षक द्र्वरव प्रत्येक दौर यव र्णिव के पश्चवत ् 2

(दो) ईर्ीएम की यवदृक्छछक जवांच की र्ई िी?

10. तयव र्णिव के समय अभ्यधिायों के र्णिव एजेंट उपक्थित िे?

11. तयव प्ररूप 17र् के भवर्-II पर र्णिव एजेंट के हथतवक्षर मलए र्ए हैं?

12. तयव ईर्ीएम में धर्िे र्ए मत, प्ररूप 17र् के भवर्-II में ददखवए र्ए कुल मतों के सवि मेल खवत ेहैं?

“कोई भी मतदवतव ि छूटे"

64

13. तयव आयोर् के निदेशविसुवर र्णिव अमभकतवाओां के बठैिे की व्यर्थिवएां की र्ईं िी?

14. तयव र्णिव की निरांतर र्ीडडयोग्रव ी की र्ई िी? 15. तयव मतदवि केन्‍दरों को प्रदवि की र्ई ईर्ीएम सचूी से

ईर्ीएम सांख्यव कव ममलवि फकयव र्यव िव?

16. तयव धर्िी र्ई प्रत्येक ईर्ीएम हेत ुग्रीि पेपर सील सांख्यव को जवांचव एर्ां सत्यववपत फकयव र्यव?

17. तयव प्रत्येक दौर के अांत में एर्ां अर्ले दौर के प्रवरांभ में, दौरर्वर पररणवम को तरुांत ही र्णिव कक्ष के श्यवमपट्ट पर दमशात फकयव र्यव िव?

18. तयव फकसी पररणवम हेत ु पिुर्ाणिव फकए जविे की मवांर् की र्ई िी? र्णाि करें।

19. तयव मतर्णिव के दौरवि कोई महत्र्पणूा घटिव हुई? यदद हवाँ, तो वर्र्रण दें।

20. तयव पररणवम घोवषत होिे के समय अभ्यिी / र्णिव एजेंट उपक्थित िे?

21. समय, जब र्णिव प्रवरांभ एर्ां समवप्त हुई। पररणवम की घोषणव कब हुई? यदद कोई समय-अांतरवल है, तो कृपयव कवरणों कव र्णाि करें।

22. तयव प्रेक्षक र्णिव एर्ां पररणवमों की घोषणवओां के सांबांि में सांतषु्ट है? (प्रेक्षक को डवक-प्रनत के सवि चक्रर्वर तवमलकवकवर पत्रकों को सांलग्ि करिव चवदहए)

23. दटप्पणी, यदद कोई हो :

प्रेक्षक के हस्ताक्षर

"कोई भी मतदवतव ि छूटे"

65

40. पुलिस प्रेक्षकों के प्रनतवेदन

प्रेक्षक (पलुिस) का प्रिम प्रनतवेदन (आर्ांदटत क्जले में पहुांचिे के दसूरे ददि पर प्रथततु करिे हेत)ु

कोड सां. एर्ां प्रेक्षक (पमुलस) कव िवम : रवज् य : क्जलव : ददिवांक :

क्र.स.ं मद प्रेक्षक की ररपोटा

1. आर्ांदटत क्जल ेमें आर्मि की नतधि और समय

2. दरूभवष एर्ां ैतस क्रमवांक सदहत क्जले में ठहरिे कव वर्र्रण

3. दरूभवष एर्ां ैतस क्रमवांक सदहत मशवर्र कवयवालय कव पतव

4. मोबवइल ोि िम् बर

5. तयव आप प्रेक्षक फकट में दी र्ईं बकुलेट/सीडीयों कव अध्ययि फकयव है?

6. तयव आपिे निम्िमलखखतों के सवि बठैकें की :-

क) क्जलव मक्जथरेट (कलेतटर) बैठक की नतधि और आयोक्जत चचवा कव सांक्षक्षप्त:

ख) पमुलस अिीक्षक बैठक की नतधि और आयोक्जत चचवा कव सांक्षक्षप्त:

र्) क्जल ेके सवमवन्‍दय प्रेक्षकर्ण बैठक की नतधि और आयोक्जत चचवा कव सांक्षक्षप्त:

घ) क्जले के व्यय प्रके्षकर्ण बैठक की नतधि और आयोक्जत चचवा कव सांक्षक्षप्त:

“कोई भी मतदवतव ि छूटे"

66

7. क्जले में कवििू और व्यर्थिव की क्थिनत के बवरे में कोई महत्र्पणूा जविकवरी

दटप्पणी :

8. र्रै-लवइसेंसी शथत्र / हधियवर / कवरतसू / वर्थ ोटकों की जब्ती पर दटप्पणी

हधियवर कवरतसू वर्थ ोटक

जब्ती कव मदयतुत वर्र्रण:

9. अर्िै हधियवर निमवाण केन्‍दरों पर डवले र्ए छवपे एर्ां की र्ई बरवमदधर्यवां

मवरे र्ए छवपों की सांख्यव

जब्ती कव मदयतुत वर्र्रण:

9.1 जमव / जब्त और रद्द फकए र्ए लवइसेंसिवररत शथत्रों पर दटप्पखणयवाँ

जमव फकए र्ए : जब्त फकए र्ए : रद्द फकए र्ए :

10. दांण् ड प्रफक्रयव सांदहतव की िवरव 107 एर्ां 116 आदद एर्ां अन्‍दय प्रनतबांिवत्मक िवरवओां के अिीि प्रनतबांधित फकए र्ए व्यक्ततयों की सांख्यव

सांख्यव

दटप्पणी:

11. निम्िमलखखत पर दटप्पणी: क) निर्वाचि अमभयवि,

रवजिीनतक प्रनतद्र्ांद्वर्तव इत्यवदद से सांबांधित दहांसव की घटिवएां

सांख्यव

ख) कुल हत्यवएां (निर्वाचि के समय की घोषणव की नतधि से)

सांख्यव

र्) कुल हतवहत (निर्वाचि के समय की घोषणव की नतधि से)

सांख्यव

घ) सांपवत्त को िकुसवि (लवखों में, निर्वाचि कवयाक्रम की घोषणव की

रुपए

"कोई भी मतदवतव ि छूटे"

67

नतधि स)े 12. फकसी भी शरवब / िकदी की

जब्ती पर दटप्पणी (निर्वाचि के समय की घोषणव की नतधि स)े

शरवब (लीटर में) िकदी (रुपयों में)

13. र्रै जमविती र्वरांटों के निष्पवदि की क्थिनत

निष्पवदिों की सांख्यव

14. निम्िमलखखत के सांबांि में सांतकु्ष्ट कव थतर एर्ां दटप्पणी : क. उडि दथतों की तिैवती

एर्ां कवया-सांपवदि दटप्पणी :

ख. रवबत्र र्श्त दटप्पणी : र्. कें रीय पमुलस बल /

रवज्य पमुलस द्र्वरव क्षते्र प्रवबल्य

दटप्पणी सदहत ऐसी र्नतवर्धियों की नतधियवां एर्ां थिवि :

घ. सभी थतरों पर पमुलस कवममाकों कव प्रमशक्षण

दटप्पणी :

ङ. सभी थतरों पर पमुलस कवममाकों कव प्रमशक्षण

जवांच-चौफकयों कव कवयाचवलि :

15. कोई भी अन्‍दय वर्मशष्ट र्नतवर्धि यव खोज, क्जसे आप आयोर् के सांज्ञवि में लविे की कोमशश कर सकत ेहैं।

दटप्पणी :

16. कोई भी बडी घटिव, क्जसकव आर्वमी निर्वाचिों पर प्रभवर् पड सकतव है।

दटप्पणी :

17. मतदवतवओां की िमकी के बवरे में कोई भी जविकवरी

दटप्पणी :

18. सांतोष कव थतर, इस सांबांि में फक तयव इस तरह की िमकी को रोकिे के मलए पयवाप्त कवरार्वई की र्ई है

दटप्पणी :

19. दटप्पणी, यदद कोई हो :

“कोई भी मतदवतव ि छूटे"

68

प्रेक्षक के हस्ताक्षर

प्रेक्षक (पलुिस) का द्ववतीय प्रनतवेदन (आर्ांदटत क्जले में पहुांचिे के पवाँचर्ें ददि पर प्रथततु करिे हेत)ु

पे्रक्षक (पमुलस) कव िवम एर्ां कोड सांख् यव :

रवज् य : क्जलव : ददिवांक :

क्र.स.ं ववषय प्रेक्षक की ररपोटा

1. मतदवि-परू्ा एर्ां मतदवि-कताव्यों पर सभी पमुलस कममायों कव आयोक्जत फकयव र्यव प्रमशक्षण। कृपयव इस पर अपिी दटप्पखणयवां प्रथततु करें।

दटप्पणी :

2. यह देखिे के मलए फक तयव अर्िै हधियवर / र्ोलवबवरूद, शरवब आदद क्जले में िहीां जव रहे हैं। तयव जवांच-चौफकयों की थिवपिव की र्ई है एर्ां तयव मशफ्ट ड्यटूी उसके थ िवि पर है।

दटप्पणी :

3. तयव उडि दथतों कव र्ठि फकयव र्यव है? कृपयव इस पर अपिी दटप्पखणयों को प्रथततु करें।

दटप्पणी :

4. तयव क्जले में रवबत्र र्श्तों को कवयार्तृ्त फकयव र्यव है? कृपयव इस पर अपिी दटप्पखणयों को प्रथततु करें।

दटप्पणी :

5. तयव मवर्ा योजिव के द्र्वरव क्षते्र प्रवबल्य पयवाप्त है एर्ां प्रत्येक मवर्ा योजिव को दवयरे में मलयव र्यव है अिर्व िहीां। कृपयव अपिी दटप्पणी प्रथततु करें।

दटप्पणी :

6. तयव सरुक्षव बलों को इस बवरे में जविकवरी दी र्ई है : क) मतदवि-परू्ा ड्यटूी (क्षेत्र प्रवबल्य) ख) उिकी तिैवती के क्षते्र की सरुक्षव / सांरे्दिशील पहल ू र्) उतत (क) एर्ां (ख) पर दटप्पणी 7. र्रै जमविती र्वरांट के निष्पवदि की क्थिनत निष्पवदि की सांख्यव : 8. तयव र्रै जमविती र्वरांटों को िविव थतर पर निष्पवददत

फकयव र्यव है? इसके वर्र्रण दीक्जए।

"कोई भी मतदवतव ि छूटे"

69

प्रेक्षक के हस्ताक्षर

प्रेक्षक (पलुिस) का ततृीय प्रनतवेदन

(अभ् यधिातव र्वपस लेिे के अर्ले ददि, मतदवि ददर्स के दो ददि परू्ा तक प्रथततु करिे हेत)ु

पे्रक्षक (पमुलस) कव िवम एर्ां कोड : रवज् य : क्जलव : ददिवांक :

क्र.स.ं ववषय इनपटू

1. र्ैर-लवइसेंसी हधियवर / शथ त्रों / कवरतूसों / वर्थ ोटकों की जब्ती के बवरे में दटप्पणी

हधियवर कवरतूस वर्थ ोटक

ददिवांक सदहत जब्ती कव मदयुतत वर्र्रण:

2. अर्ैि हधियवर निमवाण केन्‍दरों पर डवले र्ए छवपे एर्ां की र्ई बरवमदधर्यवां

मवरे र्ए छवपों की सांख्यव

ददिवांक सदहत जब्ती कव मदयुतत वर्र्रण:

3. जमव / जब्त और रद्द फकए र्ए लवइसेंसिवररत शथत्रों पर दटप्पखणयवाँ

जमव फकए र्ए :

जब्त फकए र्ए :

रद्द फकए र्ए :

दटप्पणी:

4. दां०प्र०सां० की िवरव 107 एर्ां 116 आदद एर्ां अन्‍दय प्रनतबांिवत्मक िवरव के अिीि प्रनतबांधित फकए र्ए व्यक्ततयों की सांख्यव

सांख्यव

दटप्पणी:

5. निम्िमलखखत पर दटप्पणी: क) निर्वाचि अमभयवि,

रवजिीनतक प्रनतद्र्ांद्वर्तव इत्यवदद से सांबांधित दहांसव की घटिवएां

सांख्यव

नतधियों सदहत प्रमुख घटिवओां कव वर्र्रण:

6. ख) कुल हत्यवएां (निर्वाचि के समय की घोषणव की

सांख्यव

पुरुष / मदहलव की मतृ्यु की सांख्यव और की र्ई कवरार्वई

“कोई भी मतदवतव ि छूटे"

70

नतधि से) की जविकवरी: 7. र्) कुल हतवहत (निर्वाचि के

समय की घोषणव की नतधि से)

सांख्यव

पुरुष / मदहलव की मतृ्यु की सांख्यव और की र्ई कवरार्वई की जविकवरी:

8. घ) सांपवत्त को िुकसवि (लवखों में, निर्वाचि कवयाक्रम की घोषणव की नतधि से)

रुपए

क्षनत के कवरण एर्ां की र्ई कवरार्वई:

9. फकसी भी प्रकवर की जब् त की र्ई शरवब / िकदी पर दटप्पणी (निर्वाचि के समय की घोषणव की नतधि से)

शरवब (लीटर में) िकदी (रुपयों में)

दटप्पणी:

10. निम्िमलखखत के सांबांि में पे्रक्षण : क. उडि दथतों की तैिवती एर्ां

कवया-सांपवदि सांतुष्ट हैं: हवाँ िहीां यदद िहीां, दटप्पणी कीक्जए।

दटप्पणी:

11. ख. रवबत्र र्श्त सांतुष्ट हैं: हवाँ िहीां यदद िहीां, दटप्पणी कीक्जए।

दटप्पणी:

12. र्. कें रीय पुमलस बल / रवज्य पुमलस द्र्वरव क्षेत्र प्रवबल्य

सांतुष्ट हैं: हवाँ िहीां यदद िहीां, दटप्पणी कीक्जए।

दटप्पणी:

13.

घ. सभी थतरों पर पुमलस कवममाकों कव प्रमशक्षण

सांतुष्ट हैं: हवाँ िहीां

दटप्पणी:

"कोई भी मतदवतव ि छूटे"

71

यदद िहीां, दटप्पणी कीक्जए।

14. ङ. सभी थतरों पर पुमलस

कवममाकों कव प्रमशक्षण सांतुष्ट हैं: हवाँ िहीां यदद िहीां, दटप्पणी कीक्जए।

दटप्पणी:

15. र्ैर-जमविती र्वरांटों के निष्पवदि की क्थिनत

निष्पवदिों की सांख्यव :

16. कोई भी अन्‍दय वर्मशष्ट र्नतवर्धि यव खोज, क्जसे आप आयोर् के सांज्ञवि में लविे की कोमशश कर सकत ेहैं

दटप्पणी :

17. आर्वमी निर्वाचिों पर कोई भी बडी घटिव, क्जसकव प्रभवर् पड सकतव है

दटप्पणी :

18. दटप्पणी, यदद कोई हो : दटप्पणी :

प्रेक्षक के हस्ताक्षर

“कोई भी मतदवतव ि छूटे"

72

प्रेक्षक (पलुिस) का चतिुा प्रनतवेदन मतदान ददवस का प्रनतवेदन

(क्जले में निर्वाचि सांपन्‍दि होिे के तरुांत पश्चवत ्भेजे जविे हेत)ु

पे्रक्षक (पमुलस) कव िवम एर्ां कोड िां. : रवज् य : क्जलव : ददिवांक :

क्र.स.ं मद प्रनतवेदन 1. क) मतदवि ददर्स पर दहांसव

की घटिवओां की सांख्यव

ख) कुल मवरे र्ए र्) कुल हतवहत घ) सांपवत्त को िुकसवि (लवख

में)

2. जब्त की र्ई शरवब / हधियवर / िकदी कव वर्र्रण

शरवब हधियवर िकदी

दटप्पणी:

3. मतदवि केन्‍दरों पर सुरक्षव पर प्रनतर्ेदि

सांतुष्ट हैं: हवाँ िहीां

यदद िहीां, दटप्पणी कीक्जए।

दटप्पणी:

घटना की ररपोट

क्र.सां. क्जलव वर्िवि सभव निर्वाचि-क्षेत्र मतदवि केन्‍दर वर्र्रण

1 2 3

"कोई भी मतदवतव ि छूटे"

73

प्रेक्षक के हस्ताक्षर 41. प्रेक्षकों के लिए ‘करें ’ और ‘नहीं करें ’ तया करें : 1. आयोर् द्र्वरव नििवाररत ब्रीफ ां र् और डीब्रीफ ां र् सत्र में भवर् लें। 2. पांजीकरण डथेक पर व्यक्ततर्त जविकवरी पत्रक भरकर अपिे सही कवयवालय और

आर्वसीय पत ेऔर दरूभवष / ैतस िांबर को अधिसधूचत करें। इसके अलवर्व, कृपयव समय-समय पर, कोई भी पररर्ताि, यदद हो, सांबांधित रवज्य सधचर् को अधिसधूचत करें।

3. अपिे दौरे के कवयाक्रमों को पहले से ही पयवाप्त रूप से तयैवर करें एर्ां सांबांधित निर्वाचि

क्षेत्र के मखु्य निर्वाचि अधिकवरी, क्जलव निर्वाचि अधिकवरी और ररटनििंर् अधिकवरी को सधूचत करें।

4. दौरों की सांख्यव, दौरों की ममयवद और आयोर् द्र्वरव दी र्ई दौरे की अर्धि ध्यविपरू्ाक

देखें और इसकव कडवई से अिपुवलि करें। 5. सनुिक्श्चत करें फक आपके दौरे के कवयाक्रमों कव आपको आर्ांदटत निर्वाचि-क्षेत्रों में उधचत

रूप से प्रचवर फकयव र्यव है। 6. उि क्षेत्रों / मतदवि केन्‍दरों की पहचवि करें क्जिके मलए बवरीकी से ध्यवि देिे की

आर्श्यकतव हो सकती है। 7. पररर्ीक्षण करें फक सभी निर्वाचि सवमग्री कव पयवाप्त भांडवर र्वथतर् में पयवाप्त मवत्रव में

उपलब्ि है। 8. सवमवन्‍दय तौर पर कवििू और व्यर्थिव की क्थिनत कव थर्तांत्र मलू्यवांकि करें। 9. क्जतिे सांभर् हो उतिे मतदवि केन्‍दरों की एक यवदृक्छछक जवांच करें और उन्‍दहें सत्यववपत

करें। 10. आचवर सांदहतव के उल्लांघि, थिविवन्‍दतरण आदद पर प्रनतरोि लर्विे के दृष्टवांतों कव

पररर्ीक्षण करें। 11. थर्यां को इलेतरॉनिक र्ोदटांर् मशीि (ईर्ीएम) के प्रयोर् से पररधचत करवएां और कुछ

“कोई भी मतदवतव ि छूटे"

74

प्रमशक्षण परू्वाभ्यवसों में भवर् लें। 12. सनुिक्श्चत करें फक ईर्ीएम के बवरे में पयवाप्त प्रचवर ददयव र्यव है तवफक मीडडयव और

आम जितव को ईर्ीएम के बवरे में कोई सांदेह ि हो। 13. पररर्ीक्षण करें फक कें रीय बलों की तिैवती कव अधिकतम प्रभवर् होतव है। 14. यवत्रव के पश्चवत मखु्यवलय में अपिी र्वपसी के 24 घांटों के भीतर आयोर् को एक

प्रनतरे्दि भेजें। इसके अलवर्व, कृपयव समय-समय पर थिल-प्रनतरे्दि (िों) को आर्श्यक रूप से भेज दें।

15. फकसी भी घटिवक्रम को, क्जसमें तत्कवल उपचवरवत्मक कवरार्वई अिर्व आयोर् कव अर्िवि

अपेक्षक्षत है, बबिव कोई समय र्ांर्वए ररटनििंर् अधिकवरी / आयोर् के सांज्ञवि में लवएां। नियममत जविकवरी जमव होिे तक इस तरह की जविकवरी को थिधर्त िहीां फकयव जविव चवदहए।

16. अपिे प्रनतरे्दि को प्रेक्षक पोटाल पर अपलोड करें यव रवज्य / सांघ शवमसत प्रदेश के

सांबांधित सधचर् को सांबोधित एक बांद मल व े में रखकर प्रेवषत करें। 17. क्जलव निर्वाचि अधिकवरी / ररटनििंर् अधिकवररयों द्र्वरव बलुवई र्ई रवजिीनतक दलों की

बठैकों में भवर् लें। 18. फकसी अभ्यिी, रवजिीनतक दल यव फकसी अन्‍दय व्यक्तत द्र्वरव फकए र्ए व्यय कव थर्तांत्र

मलू्यवांकि करें। 19. थिविीय लोर्ों से वर्मशा करें एर्ां एक थर्तांत्र मलू्यवांकि पर पहुांचिे हेत ुपोथटरों, पमै् ेटों

आदद की जवांच करें। 20. आयोर् द्र्वरव नििवाररत निर्वाचि व्यय पांजीकरण कव निरीक्षण करें। 21. मखु्यवलय छोडिे से पहले आयोर् की परू्ा अिमुनत प्रवप्त करें। 22. निर्वाचि क्षते्र में उधचत आचरण बिवए रखें जैसव फक भवरत निर्वाचि आयोर् के प्रेक्षकों िे

पयार्ेक्षण फकयव है।

"कोई भी मतदवतव ि छूटे"

75

तया नहीं करें : 1. बब्रफ ां र् सत्रों से फकसी भी छूट हेत ुयवचिव ि करें। 2. अपिे पररर्वरों के सवि निर्वाचि-क्षते्रों की यवत्रव ि करें। 3. मखु्य निर्वाचि अधिकवरी से भेंट करिे हेत ुरवज्य की रवजिविी में ि जवएां, यदद आपके

मखु्यवलय से निर्वाचि-क्षेत्र कव मवर्ा रवज्य की रवजिविी से होकर िहीां र्जुरतव है। 4. प्रेस से बवतचीत ि करें। 5. अपिे बल पर रवजिीनतक दलों की बठैकें आयोक्जत ि करें। 6. आर्वस, र्वहि, सरुक्षव आदद के बवरे में मखु्य निर्वाचि अधिकवरी / क्जलव निर्वाचि

अधिकवरी / ररटनििंर् अधिकवरी से फकसी प्रकवर की अिधुचत मवांर् ि करें। 7. आयोर् की परू्ा मलखखत अिमुनत के बबिव आपको वर्मशष्ट मखु्यवलय आर्ांदटत फकए जविे

के पश्चवत ्अपिे मखु्यवलय को ि छोडें। 8. सांर्ीक्षव के ददि निर्वाचि-क्षते्र में आर्मि की योजिव ि बिवएां। 9. मतदवि ददर्स के अर्ल ेददि यव र्णिव के ददि निर्वाचि-क्षते्र स ेप्रथिवि की योजिव ि

बिवएां। 10. फकसी भी घटिवक्रम, क्जस पर तत्कवल उपचवरवत्मक कवरार्वई अपेक्षक्षत है, पर आपके

द्र्वरव नियममत प्रनतरे्दि प्रथततु फकए जविे तक अपिव प्रनतर्ेदि प्रथततु करिव आथिधर्त ि करें, बक्ल्क इसे आयोर् के सांज्ञवि में रतुर्वमी मवध्यम से लवएां।

“कोई भी मतदवतव ि छूटे"

76

भारत ननवााचन आयोग ननवााचन सदन, अशोक रोड, नई ददल्िी – 110001

सां० 464/ओपीएस/2016 ददिवांक: 11 अप्रलै, 2016 प्रनत, मखु्य ननवााचन अधिकारी, समथत रवज्य एर्ां केन्‍दर शवमसत प्रदेश। वर्षय: आयोर् के कें रीय पे्रक्षकों के मलए िीनत सांदहतव – तत्सांबांिी। महोदयव/महोदय, निर्वाचि पयार्ेक्षण तांत्र के अिसुवर, आयोर् द्र्वरव लोक प्रनतनिधित्र् अधिनियम, 1951 की िवरव 20ख द्र्वरव उसमें प्रदत् त शक्ततयों कव प्रयोर् करत े हुए एर्ां भवरत के सांवर्िवि के अिीि आयोर् को उपलब्ि समग्र अधिकवरों कव प्रयोर् कर प्रेक्षकों को नियतुत फकयव जवतव है। केन्‍दरीय प्रके्षकों के कवमकवज की वर्श्र्सिीयतव और प्रभवर्शीलतव को बढविे के मलए, आयोर् िे निदेश ददयव है फक उिकी तिैवती की अर्धि के दौरवि निम्िमलखखत िीनत सांदहतव कव कडवई स ेपवलि फकयव जविव है। I. प्रस्तावना

भवरत में निर्वाचि पयार्ेक्षण तांत्र लांबी कवलवर्धि में एक अद्वर्तीय और मजबतू प्रणवली के रूप में वर्कमसत हुआ है, जो प्रणवली के भीतर स ेही तटथि बवह्यतव के तत्र् को अन्‍दतःक्षेवपत करतव है तिव निर्वाचि आयोर् के मलए एक प्रभवर्ी दृक्ष्ट-तांत्र के रूप में कवया करतव है। भवरत निर्वाचि आयोर् द्र्वरव प्रनतनियतुत कें रीय पे्रक्षक; निर्वाचि प्रफक्रयव की निष्पक्षतव, पवरदमशातव और वर्श्र्सिीयतव सनुिक्श्चत करिे के मलए तिव क्षते्रीय थ तरीय निर्वाचि तांत्र द्र्वरव सभी निर्वाचि सांबांधित वर्धियों, नियमों, ददशवनिदेशों और अिदेुशों कव अक्षरशः अिपुवलि सनुिक्श्चत करिे के मलए भी, निर्वाचि-बद्ि क्जलों / निर्वाचि-क्षेत्रों में, निर्वाचि पयार्ेक्षण प्रणवली के अमभन्‍द ि भवर् हैं। कें रीय प्रेक्षकों िे आयोर् और निर्वाचि तांत्र, रवजिीनतक दलों, अभ्यधिायों, मतदवतवओां और अन्‍दय दहतिवरकों के बीच सेत ुके रूप में कवया करत ेहैं।

प्रेक्षक, मीडडयव सदहत वर्मभन्‍दि दहतिवरकों की सख्त और अनत सकू्ष्म सांर्ीक्षव के अिीि होत ेहैं एर्ां कोई भी कदवचवर यव वर्सांर्त व्यर्हवर, ि केर्ल पे्रक्षकों के मलए बक्ल्क आयोर् के मलए भी पनतत एर्ां निमाम समवलोचिव को कदवधचत रूप से आकवषात कर सकतव है। पे्रक्षक, जब

"कोई भी मतदवतव ि छूटे"

77

निर्वाचि ड्यटूी पर होत ेहैं, उन्‍दहें अपिे सांव्यवर्सवनयक और व्यक्ततर्त आचरण में निष्कपट होिव चवदहए तिव प्रेरणवस्रोत के रूप में कवया करिव चवदहए।

सांक्षेप में, कें रीय प्रके्षक आयोर् के आांखों और कविों के रूप में कवम करत ेहैं।

II. उद्देश्य

यह िीनत सांदहतव, निर्वाचि सांबांधित पयार्ेक्षण एर्ां अिर्िवि कताव्यों हेत ुआयोर् द्र्वरव नियतुत फकए र्ए कें रीय पे्रक्षकों से अपेक्षक्षत िीनतपरक और व्यवर्सवनयक आचरण के न्‍दयिूतम मविकों को प्रनतपवददत करती है। यह मसद्िवांतों और अपेक्षवओां को अधिकधित करिे कव प्रयवस करती है, जो निर्वाचि के दौरवि पयार्ेक्षण कताव्यों कव पवलि करिे के मलए आह्र्वि फकए र्ए अधिकवररयों के कवयों, व्यर्हवर और कवमकवज को मवर्ादमशात करत ेहैं।

III. प्रयोज्यता

यह िीनत सांदहतव उि सभी अधिकवररयों पर लवर् ूहोर्ी, क्जन्‍दहें कें रीय प्रेक्षकों के रूप में, अन्‍दय के सवि-सवि; सवमवन्‍दय, पमुलस, व्यय, जवर्रूकतव यव वर्शषे पे्रक्षक सदहत, एर्ां फकसी भी अन्‍दय अधिकवरी यव पदवधिकवरी को भी, फकसी भी निर्वाचि सांबांिी र्नतवर्धि यव प्रफक्रयव कव आकलि और सांर्ीक्षव करिे के मलए फकसी वर्शषे दल के भवर् के रूप में तिैवत फकयव र्यव है।

कें रीय पे्रक्षकों के कवमकवज में अधिक दक्षतव और वर्श्र्सिीयतव थिववपत करिे के मलए

एर्ां दहतिवरकों तिव जितव के मि में पयार्ेक्षण प्रणवली के प्रनत, प्रतीनत एर्ां वर्श्र्वस को प्रोत्सवदहत करिे हेत,ु आयोर् िे कें रीय पे्रक्षकों के मवर्ादशाि एर्ां सख्त अिपुवलि के मलए निम्िमलखखत िीनत सांदहतव नििवाररत की है :- 1. पे्रक्षकों को हर समय यह ध्यवि में रखिव चवदहए, फक उन्‍दहें आयोर् में प्रनतनियतुत समझव जवतव है और प्रके्षकों के रूप में तिैवती की अर्धि के दौरवि र् ेइसके प्रत्यक्ष अिीक्षण, निदेशि, नियांत्रण और अिशुवसि के अिीि हैं। 2. पे्रक्षकों को हर समय सांव्यवर्सवनयक, िीनतपरक और व्यक्ततर्त आचरण के उछचतम मविकों के अिरुूप आचरण करिव चवदहए, जैसव फक आयोर् के एक क्जम्मदेवर और पररपतर् अधिकवरी से आशव की जवती है एर्ां र्ह ऐसे फकसी भी व्यर्हवर में मलप्त िहीां होर्व जो एक सरकवरी कमाचवरी के मलए अशोभिीय समझव जव सकतव है। 3. प्रेक्षक अपिे अर्लोकि एर्ां पयार्ेक्षी कताव्यों कव यिोधचत कमाठतव, ईमविदवरी और क्जम्मेदवरी से निर्ाहि करेंर्।े 4. प्रेक्षक फकसी भी अर्िै, अिधिकृत यव वर्धि-वर्रूद्ि र्नतवर्धियों में पक्षकवर िहीां होंर्े यव

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ऐसे कवया में सांलग्ि िहीां होंर्े, जो आयोर् को कलांफकत और अप्रनतक्ष्ठत कर सकतव है और मीडडयव, रवजिीनतक दलों, अभ्यधिायों यव अन्‍दय फकसी की आलोचिव को बलुवर्व देत ेहैं। 5. पे्रक्षकों को अपिे कताव्यों कव निर्ाहि अिगु्रहपरू्ाक, निष्पक्षतव स,े पवरदशी और सांव्यवर्सवनयक रूप से; रवज्य के निर्वाचि अधिकवररयों की भमूमकव, क्थिनत और प्रवधिकवर के प्रनत सम्मवि और आदर के सवि करिव चवदहए तिव हर समय एक सम्मविजिक और वर्िम्र व्यर्हवर बिवए रखविव चवदहए। 6. पे्रक्षकों को फकसी भी अिधिकृत सवर्ाजनिक बयवि िहीां देिे चवदहए एर्ां फकसी भी निर्वाचि से सांबांधित मवमले में कोई निक्श्चत क्थिनत लेिे से पहले सवर्िविी बरतिी चवदहए। फकसी भी िमुवइशी यव अनत-आत्मवर्श्र्वसी कििों के ऊपर, थर्वर्र्ेक को प्रविममकतव दी जविी चवदहए। 7. पे्रक्षकों द्र्वरव आर्वस, पररर्हि, सरुक्षव, िर्वचवर यव फकसी अन्‍दय उपभोज्य यव बवह्य उपकरणों के सांबांि में मखु् य निर्वाचि अधिकवरी, क्जलव निर्वाचि अधिकवरी / ररटनििंर् अधिकवरी यव अन्‍दय फकसी भी निर्वाचि से सांबांधित अधिकवररयों, जैसे फक, सांपका अधिकवररयों आदद स ेफकसी भी अिधुचत मवांर् करिव यव मलयव जविव अपके्षक्षत िहीां है। 8. पे्रक्षकों को आनतर्थय के फकसी भी प्रथतवर् को थर्ीकवर िहीां करिव चवदहए; खरीदवरी पर वर्शषे छूट यव निजी तलबों / व्यवयवमशवलवओां में उपक्थिनत स ेबचिव चवदहए एर्ां वर्निददाष् ट क्जलों / वर्िवि सभव निर्वाचि-क्षते्रों में रहिे के दौरवि मिोरांजक / सरुम्य पयाटि / यवत्रवओां आदद स ेबचें। 9. प्रेक्षकों को हमवरे सांवर्िवि में निदहत लोकतवांबत्रक प्रफक्रयवओां तिव सांर्िैवनिक लोकतांत्र के मलू्यों, एर्ां सवि ही थिविीय रीनत-ररर्वजों, परांपरवओां और सांथकृनतयों की सरवहिव एर्ां सम्मवि करिव चवदहए एर्ां अपिे कताव्यों के निर्ाहि में उिकी व्यक्ततर्त रवय, दृक्ष्टकोण एर्ां रवजिीनतक प्रविममकतवओां को महत्र् िहीां देिव चवदहए। 10. प्रेक्षकों को ि केर्ल निष्पक्षतव और रवजिीनतक तटथितव को बिवए रखिव चवदहए बक्ल्क उिके आचरण और व्यर्हवर के मवध्यम से इिकव प्रदशाि भी करिव चवदहए। 11. प्रेक्षकों को सवदर्ी के र्णुों कव पवलि करिव चवदहए और फकसी भी भव्य जीर्ि शलैी यव अपव्यय से बचिव चवदहए। 12. पे्रक्षकों को ऐसे फकसी भी वर्चवर यव रवय को व्यतत करिे से बचिव चवदहए, यहवां तक फक अपिे सहयोधर्यों यव निर्वाचि अधिकवररयों के सवि की बवतचीत में भी, क्जसे फकसी वर्शषे रवजिीनतक दल, र्ठबांिि यव अभ्यिी के प्रत्यक्ष यव अप्रत्यक्ष रूप स ेसमिाि यव प्रविममकतव के रूप में, यव उिके वर्रुद्ि परू्वाग्रह, समझव जव सकतव है। यह इलेतरॉनिक मवध्यम, जैस;े

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व्हवट्सएप, ट्वर्टर, ेसबकु यव अन्‍दय सोशल मीडडयव प्लेट ॉमा से फकए जविे र्वले पवरथपररक वर्चवर-वर्मशा पर भी लवर् ूहोतव है। 13. पे्रक्षकों को फकसी भी निर्वाचि सांबांिी घटिव के बवरे में आयोर् को भेजे जविे र्वले अपिे वर्चवरों और प्रनतरे्दिों में उधचत कमाठतव और सांव्यवर्सवनयक दक्षतव कव उछचतम थतर प्रदमशात करिव चवदहए। 14. निर्वाचि प्रफक्रयव में सिुवर के बवरे में लीक स े हटकर कोई भी सझुवर् केर्ल अांनतम प्रनतरे्दि में ददयव जविव चवदहए। आयोर् के परू्ा-अिमुोदि के बबिव, िर्ीि प्रयोर् / उपवय हेत ुनिर्वाचि तांत्र स ेसांबांधित फकसी भी प्रकवर के निदेश िहीां ददए जविे चवदहएां। 15. पे्रक्षकों को यह सनुिक्श्चत करिव चवदहए फक आयोर् को भेजे जविे र्वले उिके प्रनतरे्दि; अिशु्रुनतयों, अद्ाि-सत्यों, अ र्वहों यव निरविवर र्वथतवर्क सांदभों पर िहीां, बक्ल्क सटीक, वर्श्र्सिीय और सत्य-सवििीय जविकवरी के आिवर पर तयैवर फकए जवत ेहैं। 16. प्रेक्षकों द्र्वरव अपिे प्रनतरे्दि एर्ां मलू्यवांकि को आयोर् को प्रथततु करिे में सख्त र्ोपिीयतव बिवए रखी जविी चवदहए तिव यह सनुिक्श्चत करिव चवदहए फक प्रनतरे्दि यव निर्वाचि सांबांधित जविकवरी कव कोई भी भवर् फकसी अिधिकृत व्यक्तत यव एजेंसी के सवि सवझव िहीां फकयव र्यव है। 17. प्रेक्षक, आयोर् कव मखुपत्र िहीां र्रि ्आाँखें और कवि हैं। आयोर् द्र्वरव अमभव्यतत प्रवधिकवर के बबिव, प्रेक्षकों को अपिे मलू्यवांकि यव कवयों के बवरे फकसी भी मीडडयव व्यक्तत स ेसांपका नहीं करिव चवदहए (उिसे प्रवप्त होिे र्वली फकसी निवर्क्ष्ट यव जविकवरी के अलवर्व), यव फकसी भी रूप में प्रेस-पत्रसवर यव प्रेस वर्ज्ञक्प्त नहीं दी जविी चवदहए। 18. पे्रक्षकों कव पिप्रदशाि करिे र्वली अनतमहत्र्पणूा भवर्िव सहकवररतव एर्ां सहभवधर्तव हैं, ि फक अन्‍दरे्षण एर्ां पछूतवछ। पे्रक्षकों को फकसी नछरवन्‍दर्षेी अमभयवि पर तिैवत िहीां फकयव र्यव है, बक्ल्क निष्पक्षतव स ेनिर्वाचि की तयैवररयों कव आकलि, र्ांभीर अांतरवलों की पहचवि करिे और उन्‍दहें सांबोधित करिे हेत ुक्जलव निर्वाचि अधिकवरी / ररटनििंर् अधिकवरी को मवर्ादमशात करिव है। 19. यदद रवज्य में फकसी भी निर्वाचि अधिकवरी के कवयों यव प्रदशाि में फकसी भी प्रकवर की कमी यव दबुालतव को, क्षते्रीय तांत्र को थमरण करवए जविे के बवर्जूद सांबोधित िहीां फकयव जव रहव है, सीिे टकरवर् यव अनत-उत्सवही आलोचिव के बजवय मखु्य निर्वाचि अधिकवरी और आयोर् को सधूचत फकयव जविव चवदहए। 20. प्रेक्षकों स,े उिके प्रशवसनिक अिभुर् की र्हरवई, बदु्धि और समझ के द्र्वरव क्जलव निर्वाचि अधिकवरी / ररटनििंर् अधिकवरी के आर्श्यक निर्वाचि व्यर्थिव बिविे के प्रयवसों और पहलों को सवुर्िवजिक बिविे में तिव एक थर्तांत्र, निष्पक्ष, पवरदशी, शवांनतपणूा और सहभवर्ी तरीके से निर्वाचि आयोक्जत करिे में मवर्ादमशात करिे, सझुवर् देिे की अपेक्षव है।

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कृपयव इसे सभी सांबांधितों की जविकवरी में लवएां।

भर्दीय,

(निखखल कुमवर) उप सधचर्

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भारत ननवााचन आयोग सधचवािय ननवााचन सदन, अशोक रोड, नई ददल्िी – 110001

सां० 464/ओबीएस/2016/ओपीएस ददिवांक: 29 अप्रैल 2016

प्रनत, सभी पे्रक्षक (सामान्‍दय एवं पुलिस),

(मुख्य निर्वाचि अधिकवरी केरल तममलिवडु / पुदचुरेी द्र्वरव)

वर्षय: केरल, तममलिवडु और पुदचुेरी की वर्िवि सभवओां के सविवरण निर्वाचि-2016 हेतु पे्रक्षकों (सवमवन्‍दय एर्ां पुमलस) के कवयाकवरी िर्वचवर – तत्सांबांिी।

महोदयव/महोदय, मुझ ेयह कहिे कव निदेश हुआ है फक आयोर् द्र्वरव निणाय मलयव र्यव है फक केरल, तममलिवडु एर्ां पुदचुरेी की वर्िवि सभवओां के आर्वमी सविवरण निर्वाचि–2016 हेतु क्षेत्र में तैिवत फकए जविे र्वले कें रीय पे्रक्षकों (सवमवन्‍दय, पुमलस एर्ां व्यय) द्र्वरव एक थपष्ट एर्ां रचिवत्मक कवयाकवरी िर्वचवर को बिवए रखव जवएर्व। निम्िमलखखत कवयाकवरी िर्वचवर को पे्रक्षकों द्र्वरव यिवसांभर् पवलि करिे हेतु एतद्द्र्वरव नििवाररत फकयव र्यव है :-

(i) क्जलों में तैिवत सभी सवमवन्‍दय, पुमलस, व्यय और जवर्रूकतव पे्रक्षकों सदहत प्रत्येक क्जले में एक "पे्रक्षक समन्‍दर्य सममनत" कव र्ठि फकयव जविव है।

(ii) इस पे्रक्षक समन्‍दर्य सममनत कव समन्‍दर्यक र्ररष्ठतम सवमवन्‍दय पे्रक्षक होर्व। (iii) निर्वाचि की तैयवररयों, आदशा आचवर सांदहतव के मवमलों, सुरक्षव उपवयों, सांर्ेदिशील मविधचत्रण,

महत्र्पूणा मतदवि केन्‍दर आदद पर चचवा करिे और एक अथिवयी दैनिक कवया-योजिव पर चचवा करिे के मलए, इस समन्‍दर्य सममनत को प्रवतःकवल में, अधिमवितः अपरवह्ि 09:00 से 09:30 पूर्वाह्ि तक, आिे घांटे के मलए ममलिव चवदहए।

(iv) पे्रक्षकों को सुलभ होिव चवदहए और अभ्यधिायों / रवजिीनतक दलों / निर्वाचकों के सवि बवतचीत करिी चवदहए। जहवां तक व्यवर्हवररक हो, उन्‍दहें वर्िवि सभव / निर्वाचि-क्षेत्र के भीतर एक थिल पर वर्मभन्‍दि दहतिवरकों और जितव को बैठक के मलए हर ददि एक वर्मशष्ट समय, अधिमवितः एक घांटे, पिृक रखिव चवदहए। प्रत्येक पे्रक्षक की सवर्ाजनिक बैठक और थिल के वर्र्रण को व्यवपक रूप से क्जलव निर्वाचि अधिकवरी द्र्वरव प्रचवररत फकयव जवएर्व।

(v) पे्रक्षकों को सभी पहलुओां में क्जलव प्रशवसि की रवज् य निर्वाचि तैयवररयों की क्थिनत से सफक्रयतवपूर्ाक पररधचत होिव चवदहए।

(vi) पे्रक्षकों को सांर्ेदिशील थिविों और महत्र्पूणा मतदवि केन्‍दरों कव लर्वतवर दौरव करिव चवदहए। (vii) आयोर् को सूधचत करिे हेतु, पूरे ददि के फक्रयवकलवपों की सांर्ीक्षव करिे एर्ां महत्र्पूणा पररणवम

को नििवाररत करिे हेतु समन्‍दर्यि सममनत को पूछतवछ (डीब्रीफ ां र्) सत्र के मलए रोजविव सांध्यव समय में ममलिव चवदहए।

(viii) एक (1) पषृ्ठ के दैनिक प्रनतर्ेदि को प्रनतददि पूर्वाह्ि 07:00 बजे तक पे्रक्षक पोटाल पर अपलोड फकयव जविव चवदहए।

(ix) यह सुनिक्श्चत करिे के मलए फक आयोर् के अिुदेशों को अनिर्वया रूप से के, क्षेत्र में लवर्ू फकयव

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र्यव है, पे्रक्षकों को िीनत सांदहतव कव पवलि करिव चवदहए और सख्त निर्रविी रखिव चवदहए।

भर्दीय,

(निखखल कुमवर)

उप सधचर् प्रनतमलवप – 1. मुख्य निर्वाचि अधिकवरी - प्रके्षकों को अिुदेश करिे के अिुरोि सदहत। 2. के्षत्रीय सधचर् / प्रिवि सधचर् (एसएस-I) एर्ां (एसएस-II)। 3. र्वडा वइल।

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ईमेल / त्र्ररत डवक द्र्वरव

भारत ननवााचन आयोग

ननवााचन सदन, अशोक रोड, नई ददल्िी – 110001

सां० 464/ओबीएस/2016/ओपीएस ददिवांक: 29 अप्रलै 2016

प्रनत, मखु्य ननवााचन अधिकारी,

क) केरल, नतरुर्िन्‍द तपरुम ख) तममलिवडु, चेन्‍दिई र्) पदुचुेरी

वर्षय: केरल, तममलिवडु और पदुचुरेी की वर्िवि सभवओां के सविवरण निर्वाचि, - 2016 –

पे्रक्षकों (सवमवन्‍दय और पमुलस) की दैनिक फक्रयवकलवप प्रनतरे्दि – तत्सांबांिी।

महोदयव/महोदय,

मझुे यह कहिे कव निदेश हुआ है फक तममलिवडु, केरल और पदुचुेरी की वर्िवि सभवओां के सविवरण निर्वाचि – 2016 में तिैवत फकए र्ए समथत प्रेक्षकों (सवमवन्‍दय और पमुलस) क्षेत्रीय तांत्र की निर्वाचि तयैवररयों कव आकलि करेंर्े तिव सभी निर्वाचि सांबांधित नियमों, ददशवनिदेशों और अिदेुशों कव अक्षरशः अिपुवलि सनुिक्श्चत करेंर्े। आयोर् िे इस मवमले की समीक्षव की है एर्ां निणाय मलयव है फक प्रत्येक पे्रक्षक द्र्वरव (सवमवन्‍दय एर्ां पमुलस) निम्िमलखखत पहलओुां पर एक (1) पषृ्ठीय दैनिक फक्रयवकलवप प्रनतरे्दि प्रथततु फकयव जवएर्व –

क) दैनिक फक्रयवकलवपों कव सवरवांश (दौरे फकए र्ए मतदवि केन्‍दरों, क्जलव निर्वाचि अधिकवरी/ररटनििंर् अधिकवरी / रवजिीनतक दलों / जितव के सवि की र्ई बठैकें , सांर्ेदिशील मविधचत्रण, कें रीय पमुलस बल की तिैवती, आदशा आचवर सांदहतव कव प्रर्ताि, सांचवर-योजिव की तयैवरी, व्यय अिरु्ीक्षण इत्यवदद पर प्रकवश डवलत ेहुए)।

ख) आयोर् की तत्कवल जविकवरी के मलए कोई अन्‍दय महत्र्पणूा इिपटु यव मदु्दव।

2. इस प्रनतरे्दि को दैनिक आिवर पर उतत बतवए र्ए रवज्यों के क्षेत्रीय सधचर् को ईमेल / ैतस फकयव जवएर्व और प्रनतददि परू्वाह्ि 7.00 बज ेतक प्रेक्षक पोटाल पर अपलोड फकयव जविव चवदहए।

3. यह दैनिक प्रनतरे्दि, अन्‍दय वर्निददाष् ट प्रनतर्ेदिों और क्थिनत-िोट के अनतररतत होर्व, जैसव फक पहले स ेनिदेमशत फकयव र्यव है।

4. इस अिदेुश कव सख़्ती स ेअिपुवलि करिे हेत ुसभी प्रेक्षकों (सवमवन्‍दय और पमुलस) के सांज्ञवि में लवयव जवयव।

भर्दीय,

(निखखल कुमवर) उप सधचर्

प्रनतमलवप- 1. समथत प्रेक्षक (सांबांधित मखु्य निर्वाचि अधिकवरी / क्जलव निर्वाचि अधिकवरी के मवध्यम से)। 2. क्षेत्रीय सधचर् / प्रिवि सधचर् (एसएस-I) और (एसएस-II)। 3. र्वडा वइल।

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भारत ननवााचन आयोग सधचवािय ननवााचन सदन, अशोक रोड, नई ददल्िी – 110001

सां० 464/ओबीएस/2016/ओपीएस ददिवांक: 29 अप्रैल 2016

प्रनत, मुख्य ननवााचन अधिकारी,

सभी रवज्य / केन्‍दर शवमसत प्रदेश।

वर्षय: पे्रक्षकों की नियुक्तत - तत्सांबांिी।

महोदयव/महोदय,

मुझ ेयह कहिे कव निदेश हुआ है फक भवरत निर्वाचि आयोर् के पे्रक्षकों को लोक प्रनतनिधित्र् अधिनियम, 1951 की िवरव 20ख द्र्वरव प्रदत्त शक्ततयों तिव भवरत के सांवर्िवि के अिीि आयोर् को उपलब्ि पूणा शक्ततयों के अिीि नियुतत फकयव जवतव है। पे्रक्षक आयोर् द्र्वरव नियुतत फकए र्ए व्यक्तत हैं जो निर्वाचि की प्रफक्रयव के सांपन्‍दि होिे तक की उिकी नियुक्तत अर्धि से; आयोर् के अिीक्षण, नियांत्रण तिव अिुशवसि के अिीि कवया करत ेहैं।

पूर्ा पद्िनत के अिुसवर, पे्रक्षक की बैठक के सूचिव-पत्र / नियुक्तत आदेश, ईमेल / पोथट के मवध्यम से भेजे जवत ेहैं, और सांबांधित रवज्यों / सांघ शवमसत प्रदेशों के मुख्य निर्वाचि अधिकवररयों / िोडल अधिकवररयों के मवध्यम से समयबद्ि तरीके से तवमील फकयव जविव अपेक्षक्षत होत ेहैं।

अतीत में ऐसे उदवहरण सवमिे आए हैं, जहवां आयोर् द्र्वरव जवरी फकए र्ए आदेश / सूचिव-पत्र तवमील िहीां फकए र्ए अिर्व सांबांधित अधिकवररयों को समयबद्ि तरीके से तवमील िहीां फकए र्ए। यह बहुिव आयोर् की बैठकों में उपक्थित ि होिे और निर्वाचि कताव्यों हेतु उपक्थिनत ि देिे में पररखणत होतव है एर्ां आयोर् को ऐसे अधिकवररयों के वर्रुद्ि कवरार्वई प्रवरांभ फकए जविे को वर्र्श करतव है। यह ि केर्ल सांबांधित अधिकवररयों के मलए असुवर्िव कव कवरण बितव है, बक्ल्क निरिाक और पररहवया र्नतवर्धियों में आयोर् के अिमोल समय की हवनि भी होती है।

आयोर् िे इस मवमले की समीक्षव की है और निदेश देतव है फक सभी रवज्यों / सांघ शवमसत प्रदेशों के मुख्य निर्वाचि अधिकवरी / िोडल अधिकवरी, सभी सूचिव-पत्रों / नियुक्तत आदेशों को उि अधिकवररयों को क्जन्‍दहें पे्रक्षक के रूप में तैिवत फकयव र्यव है, नििवाररत समय सीमव के भीतर, यिोधचत अमभथर्ीकृनत के अिीि, अवर्लांब तवमील करिव सुनिक्श्चत करेंरे्, तवफक उन्‍दहें समय पर अपिे निर्वाचि कताव्यों पर उपक्थित होिे में उन्‍दहें सक्षम बिवयव जव सके। अधिकवररयों पर आयोर् के आदेश तवमील करविे हेतु रवज्यों के मुख्य निर्वाचि अधिकवरी / िोडल अधिकवरी सभी उपलब्ि सविि / सांसवििों को नियोक्जत करेंरे्। इसके अलवर्व, सांबांधित अधिकवररयों की पवर्ती के सवि सेर्व-ररपोटा, मुख्य निर्वाचि अधिकवररयों / रवज्यों के िोडल अधिकवरी द्र्वरव आयोर् को प्रथतुत की जवएर्ी तिव इस सांबांि में कोई वर्लांब अिदेखव िहीां फकयव जवएर्व। छूट / प्रनतथिवपि आदद कव कोई भी अिुरोि, केर्ल सांबांधित अधिकवररयों पर आयोर् के आदेशों को तवमील करवए जविे के बवद ही, रवज्य के मुख्य निर्वाचि अधिकवररयों / िोडल अधिकवररयों के मवध्यम से फकयव जविव चवदहए।

आयोर् के निदेशों कव सख्त अिुपवलि के मलए रवज्य सरकवर के सभी प्रमुख वर्भवर्ों के ध्यवि में लवएां।

भर्दीय,

(निखखल कुमवर) उप सधचर्

"कोई भी मतदवतव ि छूटे"

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प्रनतमलवप – सभी रवज्यों / सांघ शवमसत प्रदेशों के सभी मुख् य सधचर् – सूचिविा एर्ां आर्श्यक कवरार्वई हेतु।

“कोई भी मतदवतव ि छूटे"

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भारत ननवााचन आयोग सधचवािय ननवााचन सदन, अशोक रोड, नई ददल्िी – 110001

सां० 464/अिदेुश/2016-ईपीएस ददिवांक: 26 ददसांबर, 2016 प्रनत, मखु्य ननवााचन अधिकारी

(1) र्ोर्व, पणजी। (2) मखणपरु, इम् वल। (3) पांजवब, चांडीर्ढ। (4) उत्तरवखण् ड, देहरवदिू। (5) उत्तर प्रदेश, लखिऊ।

वर्षय: र्ोर्व, मखणपरु, पांजवब, उत्तरवखण् ड, एर्ां उत्तर प्रदेश की वर्िवि सभवओां हेत ु सविवरण

निर्वाचि-2017 : आधिकवररक ोटो मतदवतव पधचायों पर अिदेुशों कव सांशोिि – तत्सांबांिी।

सांदभा: आयोर् के निम्िमलखखत अिदेुश :-

i) 464/अि.ु/2011/ईपीएस ददिवांक 18.02.2011 ii) 464/अि.ु/2011/ईपीएस ददिवांक 19.03.2011 iii) 464/अि.ु/2013/ईपीएस ददिवांक 14.06.2013 iv) 464/अि.ुवर्.सभव/2013/ईपीएस ददिवांक 21.03.2014 v) 464/पबां-वर्.स./2016(अि.ु) ददिवांक 01.04.2016

महोदय,

जैसव फक आपको ज्ञवत है फक आयोर् िे मतदवि से कुछ ददिों पहले मतदवतवओां को आधिकवररक ोटो मतदवतव पधचायवां वर्तररत करिे सांबांिी समय-समय पर अिदेुश जवरी फकए हैं। निर्वाचि तांत्र के मवध्यम से वर्तररत की र्ईं आधिकवररक ोटो पची भी मतदवि बिू पर मतदवतवओां की पहचवि के मलए मतदवतवओां कव एक अनतररतत दथतवर्ेज है। वर्मभन्‍दि दहतिवरकों द्र्वरव निर्वाचि प्रफक्रयव में आधिकवररक ोटो मतदवतव पधचायों की निर्वाचकों के मध्य उपयोधर्तव, उपयतुततव तिव पहुाँच हेत ुथर्वर्त फकयव र्यव है तिव व्यवपक रूप से इसे सरवहव र्यव है, क्जसिे निर्वाचक सहभवधर्तव बढविे में एर्ां मतदवतवओां को जोडिे में योर्दवि ददयव है।

उपयुातत अिदेुशों के अिकु्रम में तिव अतीत में प्रवप्त फकए र्ए अिभुर् के आलोक में, मतदवतव सवुर्िव तिव जवर्रूकतव के एक महत्र्पणूा सविि के रूप में ोटो मतदवतव पधचायों की प्रभववर्तव बढविे हेत ु एर्ां मतदवि के ददि मतदवतवओां की पहचवि थिववपत करिे में, इसकी

"कोई भी मतदवतव ि छूटे"

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उपयोधर्तव में सिुवर लविे के मलए, आयोर् िे आधिकवररक ोटो मतदवतव पची के डडजवइि में सिुवर करिे कव निणाय मलयव है तवफक इसे और अधिक सथुपष्ट, जविकवरीपणूा तिव उपयोर्ी बिवयव जव सके। ोटो मतदवतव पची के र्तामवि आकवर को, बेहतर एर्ां सलुभ पहचवि हेत,ु मतदवतव की ोटो को और अधिक बडव करके, कव ी हद तक बढवयव र्यव है। इसके अनतररतत, मतदवतव को मतदवि केन्‍दर की अर्क्थिनत तिव मतदवि ददर्स के मलए अन्‍दय महत्र्पणूा अिदेुशों के सांबांि में सहवयतव प्रदवि करिे तिव मवर्ादशाि के मलए ोटो मतदवतव पची के पषृ्ठ भवर् में महत्र्पणूा सचूिव / तयव करें तिव तयव ि करें के सवि-सवि मतदवि केन्‍दर कव र्रू्ल मविधचत्र कव थिपैशॉट भी जोडव र्यव है।

तदिसुवर, ोटो मतदवतव पधचायों के सांबांि में निम्िमलखखत अिदेुश जवरी फकए र्ए हैं, तिव वर्द्यमवि अिदेुश उस सीमव तक सांशोधित फकए जवएर्ें:-

1. आधिकवररक ोटो मतदवतव पधचायवां, ‘A-4 कवग़ज के आिे आकवर’ अिवात 8 इांच × 6 इांच (8II×6II) में मदुरत की जवएांर्ी।

2. आधिकवररक ोटो मतदवतव पची, इसके सवि सांलग्ि िमिेू के अिसुवर सवमिे तिव पषृ्ठ भवर् के मरुण को दशवात े हुए उधचत िवम सदहत, दोिों तर मदुरत की जवएांर्ी।

3. ोटो मतदवतव पधचायों के मरुण के मलए अछछी फकथम के कवग़ज कव प्रयोर् फकयव जविव चवदहए।

4. मरुण की र्णुर्त्तव उछच मविक की होिी चवदहए तवफक यह सनुिक्श्चत फकयव जव सके फक थपष्टतव, सपुवठ्यतव बिी रहे तिव धचत्र एर्ां वर्षय सवमग्री सथुपष्ट हो।

इस पत्र की पवर्ती दें तिव यह पकु्ष्ट करें फक आर्श्यक अिपुवलि हेत ु क्जलव निर्वाचि अधिकवररयों / सांबांधित ररटनििंर् अधिकवररयों तिव अन्‍दय सांबांधित अधिकवररयों को ससुांर्त अिदेुश जवरी कर ददए र्ए हैं।

भर्दीय,

(निखखल कुमवर) निदेशक

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भारत ननवााचन आयोग सधचवािय ननवााचन सदन, अशोक रोड, नई ददल्िी – 110001

सां० 464/अि.ु/2016-ईपीएस ददिवांक: 21 ददसांबर, 2016

प्रनत मखु्य ननवााचन अधिकारी

1. उत्तर प्रदेश - लखिऊ 2. उत्तरवखण् ड - देहरवदिू 3. पांजवब - चांडीर्ढ 4. मखणपरु - इम् वल 5. र्ोर्व - पणजी

ववषय: मतदान केन्‍दरों पर मतदाता सुवविा-सेवा पोस्टर (वीए पी) का प्रदशान – त त्सबंिंी।

महोदयव/महोदय,

उपयुातत वर्षय के सांदभा में, मझुे यह कहिे कव निदेश हुआ है फक आयोर् यह सनुिक्श्चत करिे के मलए प्रनतबद्ि है फक सभी मतदवतव आसवि, आरवमदवयक और जवर्रूक ढांर् से अपिव मत कर सकें , मतदवि बिूों पर मतदवतव-सवुर्िव कव सांर्िाि फकयव जवए। तिववप, वर्र्त निर्वाचिों के दौरवि, यह आयोर् के ध्यवि में लवयव जवए फक अिेक थिविों पर, सांर्त मतदवि केन्‍दर स ेसांबांधित सचूिव कव मतदवतवओां के निदेशि और जवर्रूकतव के मलए उपयतुत ढांर् से प्रदशाि िहीां फकयव जवतव है, क्जससे मतदवतवओां को मतदवि ददर्स में भ्रम और असवुर्िव होती है।

इस सांबांि में, यह सधूचत करिव उधचत होर्व फक प्रत्येक मतदवि केन्‍दर पर मतदवतव की जविकवरी और सचूिव के मलए सही और सांर्त सचूिव कव प्रदशाि फकयव जविव एक सवांवर्धिक आर्श्यकतव है। ननवााचनों का सचंािन ननयम, 1961 के ननयम 31 के अिसुवर “मतदान केन्‍दरों पर व्यवस्िाए”ं सांबांिी वर्षय पर निम्िविसुवर अधिदेमशत फकयव र्यव है:-

“(1) प्रत्येक मतदवि केन्‍दर के बवहर प्रमखु रूप से प्रदमशात फकयव जवएर्व – (क) जब मतदवि क्षते्र में एक स ेअधिक मतदवि केन्‍दर हों, तो र्ह मतदवि क्षेत्र,

क्जसके निर्वाचक मतदवि केन्‍दर पर मतदवि करिे के पवत्र हैं, को वर्निददाष्ट करत ेहुए एक सचूिव-पत्र और ऐसे पवत्र निर्वाचकों के वर्र्रण; तिव

(ख) निर्वाचि लडिे र्वले अभ्यधिायों की सचूी की एक प्रनत।”

आयोर् िे इस मवमले की समग्र रूप से समीक्षव की है और निदेश ददयव है फक सवांवर्धिक अपेक्षवओां के अिपुवलि को सनुिक्श्चत करिे के मलए, सवि ही मतदवि ददर्स पर मतदवि बिू पर

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पहुांचिे र्वले निर्वाचकों को अधिक सवुर्िव और जविकवरी देिे के मलए, निम्िमलखखत अिदेुशों कव सख्ती से अिपुवलि फकयव जवएर्व:

1. प्रत्येक मतदवि बिू पर अनिुग्नक क, ख, ग और घ पर इसके सवि सांलग्ि फकए र्ए डडजवइि के अिसुवर 4 (चार) मतदाता सवुविा-सेवा पोस्टर (वीए पी) प्रदमशात फकए जवएांरे्।

2. पोथटरों की रांर्-योजिव और प्रवरूप सटीक तौर पर सांलग्ि डडजवइि के अिसुवर रहेंरे्।

3. र्ीए पी कव आकवर इस प्रकवर कव होर्व फक वर्षयर्थत ुआसविी और थपष्टतव के सवि ददखवई दे और मतदवि बिू पर पहुांचिे र्वले मतदवतवओां को बबिव फकसी कदठिवई के वर्षय पठिीय हो। परूी तरह से निदेशवत्मक उद्देश्य के मलए निम्िमलखखत आयवम ददए जवत ेहैं:

क) र्ीए पी सां० 1 एर्ां 2 : 27 इांच (लांबवई्) × 27 इांच (चौडवई) ख) र्ीए पी सां० 3 एर्ां 4 : 27 इांच (लांबवई्) × 36 इांच (चौडवई)

4. र्ीए पी प्रत्येक मतदवि बिू के प्ररे्श के निकट बवहरी दीर्वर पद प्रदमशात / धचपकवयव / अटकवयव जवएर्व।

5. र्ीए पी को उिकी क्रम सांख्यव अिवात र्ीए पी सां०1 के बवद र्ीए पी सां०2 और इसी तरह से धचपकवयव/लर्वयव जवएर्व ।

6. इसके अनतररतत, र्ीए पी सां०3 और 4 को मतदवि केन्‍दर पररसर / थिल के प्रर्ेश पर लर्वयव जवएर्व, वर्शषे तौर से ऐसे थिविों के मवमले में, क्जसमें एक से अधिक मतदवि बिू हों।

7. र्ीए पी कव मरुण फकसी कवग़ज यव फकसी अन्‍दय उपलब्ि पवररक्थिनत की अिकूुल सवमग्री पर फकयव जव सकतव है बशत े फक यह लवर्त में तका सांर्त हो और प्रदशाि की समग्र र्णुर्त्तव के सवि फकसी प्रकवर कव समझौतव ि करें।

8. र्ीए पी कव प्रदशाि समग्र व्यर्थिवओां कव एक अनिर्वया भवर् होर्व क्जस े ररटनििंर् अधिकवरी द्र्वरव प्रत्येक मतदवि बिू पर फकयव जविव होर्व।

9. ररटनििंर् अधिकवरी द्र्वरव आयोक्जत निर्वाचि प्रमशक्षण सत्रों के दौरवि र्ीए पी के प्रदशाि कव उधचत तरीकव पीठवसीि अधिकवररयों को थपष्ट करव ददयव जवएर्व।

10. सेतटर अधिकवररयों को यह सनुिक्श्चत करिव होर्व फक इसमें ददशव-निदेशों के अिसुवर र्ीए पी मखु् य रूप से प्रदमशात फकए र्ए हैं।

11. इि अिदेुशों के अिपुवलि को सनुिक्श्चत करिव, क्जलव निर्वाचि अधिकवररयों कव समग्र उत्तरदवनयत्र् होर्व।

मखु्य निर्वाचि अधिकवररयों से अिरुोि है फक रे् इि अिदेुशों को िोट कर लें और इन्‍दहें सभी क्जलव निर्वाचि अधिकवररयों / ररटनििंर् अधिकवररयों की सांज्ञवि में लवएां।

कृपयव इि अिदेुशों की पवर्ती भेजें। भर्दीय,

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(निखखल कुमवर)

निदेशक

भारत ननवााचन आयोग सधचवािय ननवााचन सदन, अशोक रोड, नई ददल्िी – 110001

सां० 464/अि.ु/2016-ईपीएस ददिवांक: 26 ददसांबर, 2016

प्रनत मखु्य ननवााचन अधिकारी

1. र्ोर्व - पणजी। 2. मखणपरु - इम् वल। 3. पांजवब - चांडीर्ढ। 4. उत्तरवखण् ड - देहरवदिू। 5. उत्तर प्रदेश - लखिऊ।

ववषय: गोवा, मणणपुर, पजंाब, उत्तराखण् ड तिा उत्तर प्रदेश की वविान सभाओ ं के लिए सािारण

ननवााचन – 2017 : मतदान केन्‍दरों में ‘मतदाता सहायता बिूों’ (वीएबी) की स्िापना करना – त त्सबंिंी।

सदंभा: भारत ननवााचन आयोग का पत्र स०ं 23/िोकेटर/2007-ईआरएस ददनांक 05.11.2007

महोदय,

जैसव फक आपको ज्ञवत है, आयोर् िे मतदवतवओां को सचुवरु, परेशविी रदहत तिव सवुर्िवजिक रूप से अपिव मत डवलिे में उन्‍दहें सक्षम बिविे के मलए सवुर्िव तिव सहवयतव सनुिक्श्चत करिे हेत ुकई निदेश जवरी फकए हैं, क्जिमें मतदवि केन्‍दरों में ‘मतदवतव सहवयतव बिूों’ की थिवपिव करिव भी शवममल है। मतदवतव सहवयतव बिूों के सम्बन्‍दि में वर्थततृ अिदेुश ऊपर सांदमभात पत्र द्र्वरव जवरी फकए र्ए िे।

इि बिूों द्र्वरव मतदवि ददर्स के ददि, निर्वाचक िवमवर्ली में सांबांधित मतदवतव की क्रम सांख्यव तिव उिके सही मतदवि बिू की आसवि पहचवि करविे के द्र्वरव महत्र्पणूा भमूमकव निभविे एर्ां इस प्रकवर सहज एर्ां निवर्ाघ्ि मतदवि अिभुर् में ददए र्ए योर्दवि को ध्यवि में रखत ेहुए, आयोग ने प्रत्येक मतदान केन्‍दर स्िान हेत ुमतदाता सहायता बिू स्िावपत करने का ननणाय लिया है।

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तदिसुवर, आयोर्, एतद्द्र्वरव अपिे परू्ा के अिदेुशों में निम्िवांफकत रूप में आांमशक रूप से सांशोिि करतव है :-

1. उतत उद्ितृ पत्र द्र्वरव जवरी अिदेुश कव परैव 3(i) वर्लोवपत हो र्यव है और ियव परैव 3(i) के सवि प्रनतथिववपत फकयव जवतव है, जो निम्िमलखखत है:- “प्रत्येक मतदान केन्‍दर पररसर / भवन की अवस्स्िनत के लिए मतदान बिूों की सखं्या पर ववचार फकए बबना, ‘एक मतदाता सहायता बिू’ स्िावपत फकया जाएगा। ऐसे प्रत्येक मतदाता सहायता बिू के लिए कालमाकों का एक दि ननयतुत फकया जाएगा, स्जसका उद्देश्य सबंधंित मतदान बिू में उस ननवााचक नामाविी में मतदाता को अपने मतदान बिू तिा उसकी क्रम सखं्या का पता िगाने में उन्‍दहें सवुविा प्रदान करना है।”

2. परू्ा के अिदेुशों कव परैव 3(ii) निम्िविसुवर सांशोधित हो र्यव है :-

“सबंधंित ररटननिंग अधिकारी द्वारा ‘मतदाता सहायता बिू’ के लिए व्यवस्िाएं, जैसे फक, मेज, तनैात फकए गए कमाचाररयों के बठैने हेत ुकुलसायां आदद सदहत बनुनयादी फ़नीचर, उपयतुत शडै सदहत एक छोटी कवडा कैनोनी / तम्ब ूतिा ‘मतदाता सहायता बिू’ लिखा हुआ हो, बकै ड्रॉप बनैर के रूप में प्रमखु सकेंतकों एव ंमतदाताओ ंके मागादशान के लिए ददशा सकेंतक िगाने के लिए पहिे से व्यवस्िा अवश्य करनी चादहए।” सिंग्न अनिुग्नक के अनसुार ‘मतदाता सहायता बिू’ का साकेंनतक डडजाइन सिंग्न है।

3. उतत सांदमभात परू्ा के अिदेुशों कव परैव 3(ix) वविोवपत होर्व। कृपयव पकु्ष्ट के सवि इस पत्र की पवर्ती दें फक ससुांर्त अिदेुशों को आर्श्यक अिपुवलि हेत ुसांबांधित क्जलव निर्वाचि अधिकवररयों / ररटनििंर् अधिकवररयों तिव अन्‍दय सांबांधित अधिकवररयों को जवरी कर ददयव र्यव है।

भर्दीय,

(निखखल कुमवर) निदेशक

“कोई भी मतदवतव ि छूटे"

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थ पीड पोथ ट/ईमेल द्र्वरव

भारत ननवााचन आयोग ननवााचन सदन, अशोक रोड, नई ददल्िी – 110001

सां० 464/ईसीआई/अि.ु/प्रकवयवात् मक/ओपीएस/2017 ददिवांक: 04 जिर्री, 2017 प्रनत,

सभी रवज्य / केन्‍दर शवमसत प्रदेश के मखु् य निर्वाचि अधिकवरी। वर्षय: रवज्य वर्िवि सभवओां / लोक सभव के मलए सविवरण निर्वाचि – प्रके्षकों की तिैवती और

कताव्य – तत्सांबांिी। महोदयव/महोदय, मझुे यह कहिे कव निदेश हुआ है फक लोक प्रनतनिधित्र् अधिनियम, 1951 की िवरव 208 के सवि पदठत भवरत के सांवर्िवि के अिछुछेद 324 के अिीि भवरत निर्वाचि आयोर् द्र्वरव लोक सभव और रवज्य वर्िवि सभवओां के निर्वाचिों के मलए प्रेक्षकों की तिैवती की र्ई है। वर्र्त में, आयोर् िे नियकु्तत, प्रमशक्षण, कवयापद्िनत एर्ां प्रेक्षकों के आचरण के सांबांि में समय-समय पर वर्मभन्‍दि अिदेुश जवरी फकए हैं तवफक शवांनतपणूा, थर्तांत्र और निष्पक्ष निर्वाचि सनुिक्श्चत फकए जव सकें । निर्वाचि पयार्ेक्षण में प्रके्षक की भमूमकव में बड े पररर्ताि हुए हैं एर्ां निर्वाचि प्रफक्रयव की पवरदमशातव और वर्श्र्सिीयतव को बढविे के मलए कव ी महत्र्पणूा हो र्ई है। लोकतवांबत्रक निर्वाचि, मौमलक मविर्वधिकवरों एर्ां अधिक वर्शषे रूप से, मसवर्ल और रवजिीनतक अधिकवरों; निर्वाचि पयार्ेक्षण कव उत्सर् है, एर्ां लतः उिकी समग्र पदोन्‍दिनत और सांरक्षण में योर्दवि देतव है। र्वथतवर्क निर्वाचि, एक रवजिीनतक प्रनतथपिवा है जो रवजिीनतक बहुलर्वद, आत्मवर्श्र्वस, पवरदमशातव और जर्वबदेही से सांबांधित मवहौल में होती है। यह मतदवतवओां को वर्मशष्ट रवजिीनतक वर्कल्पों के बीच एक सवुर्ज्ञ पसांद प्रदवि करतव है। इस तरह के निर्वाचि बनुियवदी मलूभतू थर्तांत्रतव; अमभव्यक्तत और सचूिव; सांघ, सभव और आांदोलि; प्रभवर्ी उपवय तक पहुांच सदहत कवििू के नियमों कव पवलि; थर्तांत्र रूप से रवजिीनतक दलों को थिववपत करिे और एक सवर्ाजनिक पद हेत ुसमवि थतर की प्रनतथपिवा करिे कव अधिकवर; अल्पसांख्यक समहूों से सांबांधित सभी िवर्ररकों के मलए र्रै-भेदभवर् और समवि अधिकवर; िमकी और दबवर् स ेथर्तांत्रतव; और अन्‍दय मौमलक मविर्ीय अधिकवरों और थर्तांत्रतव की एक श्रृांखलव को मवन्‍दय करत ेहैं।

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निर्वाचि पयार्ेक्षण के क्षते्र में सर्ोत्तम पद्िनतयों को सनुिक्श्चत करिे के मलए आयोर् की प्रनतबद्ितव के अिसुरण में, सभी थतरों पर कड ेअिपुवलि के मलए निम्िमलखखत अिदेुश जवरी फकए र्ए हैं:

क. चयन प्रफक्रया i. आयोर्, रवज्यों / सांघ शवमसत प्रदेशों स े रवज्यों / सांघ शवमसत प्रदेशों में पदथि

अधिकवररयों तिव कवममाक एर्ां प्रमशक्षण वर्भवर् तिव र्हृ मांत्रवलय से केन्‍दर में प्रनतनियकु्तत क्रमशः भवरतीय प्रशवसनिक सेर्व तिव भवरतीय पमुलस अधिकवररयों के िवमों की तलवश करेर्व।

II. तिववप, आयोर् द्र्वरव आर्श्यक मवत्रव में अधिकवररयों के िवमों को व्यतत करिे में फकसी

भी रवज्य / सांघ शवमसत सरकवर के वर् ल रहिे की क्थिनत में, प्रेक्षकों को सीिे ही मसवर्ल सचूी से तिैवत फकयव जवएर्व।

III. इस सांबांि में, प्रत्येक रवज्य के मलए एक नकारात्मक सचूी तयैवर की जवएर्ी, उि

अधिकवररयों को सक्म्ममलत करत े हुए जो सवर्ाजनिक दहत पररपे्रक्ष्य से, आर्श्यक और अपररहवया पदों पर पदथि हैं, को प्रेक्षक ड्यटूी के मलए तिैवत िहीां फकयव जवएर्व। ऐसे पद यव तो क्जलविीश, अपर क्जलविीश, िर्र पवमलकव के आयतुत यव रवज्यपवल / सधचर्वलय के मखु्यमांत्री आदद के अधिकवरी होंर्े।

IV. िकवरवत्मक सधूचयों कव रवज्य के मखु्य निर्वाचि अधिकवररयों द्र्वरव वर्र्ीक्षव की जव

सकती है एर्ां केर्ल िकवरवत्मक सचूी में शवममल अधिकवररयों के िवमों को ही प्रवयोक्जत करिे से बवहर रखव जव सकतव है। िवमों को प्रवयोक्जत करिे की प्रफक्रयव में, यह महत्र्पणूा है फक महत्र्पणूा निर्वाचि ड्यटूी के कुशल निर्ाहि को सनुिक्श्चत करिे के मलए केर्ल सक्षम और सपु्रभवर्ी अधिकवररयों को तिैवत फकयव जविव चवदहए। इसमलए; निर्वाचि ड्यटूी, निर्वाचि सांबांिी समग्र अिभुर्, र्ररष्ठतव आदद में वपछले प्रदशाि की र्णुर्त्तव के आिवर पर उधचत छविबीि की जविी चवदहए।

V. रवज्य / केन्‍दर शवमसत प्रदेश सरकवर, एर्ां जहवां आर्श्यक हो, मखु्य निर्वाचि अधिकवरी के

परवमशा से, भवरत निर्वाचि आयोर् में सचूीबद्ि भवरतीय प्रशवसनिक सेर्व / भवरतीय पमुलस सेर्व के अधिकवररयों की सफक्रय सचूी तयैवर की जवएर्ी। यह सचूी बहुत पहले से तयैवर की जवएर्ी और लर्वतवर अद्यति एर्ां सांशोधित की जवएर्ी तिव उधचत छविबीि प्रफक्रयव और प्रत्यवयि िर्वचवरों को थ िववपत फकयव जवएर्व।

"कोई भी मतदवतव ि छूटे"

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VI. भवरत निर्वाचि आयोर् में सचूीबद्ि अधिकवररयों की एक ऑिलवइि लवइर् निदेमशकव को

ोटोग्रव , सांपका वर्र्रण, ईमेल और सवमवन्‍दय प्रो वइल के सवि बिवए रखव जवएर्व, जो मखु्य निर्वाचि अधिकवररयों को समय-समय पर अद्यति करिे के मलए भी सलुभ होर्ी।

ख. प्रलशक्षण एव ंक्षमता ननमााण

I. निर्वाचि ड्यटूी के मलए प्रेक्षकों की तयैवररयों को सनुिक्श्चत करिे के मलए, निर्वाचि

प्रफक्रयव और अन्‍दय प्रवसांधर्क वर्षयों के बवरे में र्हि अनिर्वया प्रमशक्षण, भवरतीय अांतरवाष्रीय लोकतांत्र एर्ां निर्वाचि प्रबांिि सांथिवि (IIIDEM) द्र्वरव आयोक्जत फकयव जवएर्व।

II. दो (2) ददर्सीय सांरधचत प्रेक्षक प्रमशक्षण और सगु्रवहीकरण कवयाक्रम (ओटीएसपी) में

तकिीकी इिपटु्स, वर्धिक इिपटु्स और पररचवलि वर्र्रण शवममल होंर्े। III. यह प्रमशक्षण कवयाक्रम क्षेत्रीय आिवर पर सांबांधित रवज्यों / सांघ शवमसत प्रदेशों के उन्‍दित

प्रमशक्षण सांथिविों (एटीआई) में आईआईआईडीईएम द्र्वरव अधग्रम रूप से तयैवर फकए र्ए कवयाक्रम के अिसुवर आयोक्जत फकयव जव सकतव है।

IV. अांतरवाष्रीय पद्िनतयों की तजा पर प्रेक्षकों के मलए ऑिलवइि ई-लनििंर् रेनि ांर् प्रोग्रवम

(ओटीपीओ) को आईआईआईडीईएम द्र्वरव वर्कमसत फकयव जवएर्व। परेू पवठ्यक्रम को कर्र करिे के मलए प्रके्षकों के रूप में सचूीबद्ि सभी अधिकवररयों के मलए यह प्रमशक्षण अनिर्वया होर्व।

V. तिववप, िई ददल्ली में प्रके्षकों की समवपक र्वतवा की वर्द्यमवि प्रणवली जवरी रहेर्ी।

ग. प्रेक्षकों का पररननयोजन I. सवमवन्‍दय और पमुलस प्रेक्षकों की तिैवती एक अिरु्ार और यवांबत्रक मविक तरीके से िहीां

की जवएर्ी, बक्ल्क जमीिी र्वथतवर्कतवओां के मलू्यवांकि के अिसुवर की जवएर्ी।

घ. पररननयोजन की अवधि I. र्तामवि प्रणवली जवरी रहेर्ी।

ङ माइक्रो-प्रके्षक

“कोई भी मतदवतव ि छूटे"

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I. मवइक्रो-पे्रक्षक के कवया, भमूमकव, तिैवती और कवयाक्षते्र, कव ी हद तक बेहतर निर्वाचि पयार्ेक्षण के मलए उिके इष्टतम उपयोर् के मलए बढवयव र्यव है।

II. सवमवन्‍दय प्रेक्षक फकसी भी सांर्ेदिशील निर्वाचि सांबांिी पयार्ेक्षण / र्नतवर्धि के मलए,

मतदवि ददर्स के 72 घांटे परू्ा स ेमतदवि के अांत तक की अर्धि हेत ुअधिकतम 20 मवइक्रो-प्रेक्षकों को तिैवत कर सकत ेहैं।

III. मवइक्रो-प्रेक्षकों की वर्शषे तिैवती को सख्ती स ेआर्श्यकतव-आिवररत और तत्कवल एर्ां

सांर्ेदिशील पररक्थिनतयों में होिव चवदहए एर्ां कवरणों को मलखखत रूप में दजा फकयव जविव चवदहए।

IV. सवमवन्‍दय प्रेक्षकों द्र्वरव तिैवत ऐसे मवइक्रो-प्रके्षकों स ेमलखखत में वर्मशष्ट प्रनतरे्दि प्रवप्त

फकयव जवएर्व। V. वर्शषे कवया / र्नतवर्धि के मलए तिैवत फकए जविे र्वले ऐसे मवइक्रो प्रेक्षकों के िवमों को

सवमवन्‍दय प्रेक्षकों द्र्वरव क्जलव निर्वाचि अधिकवरी / ररटनििंर् अधिकवरी के परवमशा स ेचयनित फकयव जविव चवदहए और चयनित मवइक्रो प्रके्षक को अधग्रम में सधूचत फकयव जविव चवदहए।

VI. यह वर्शषे तिैवती सवुर्िव केर्ल आपवत क्थिनतयों और अप्रत्यवमशत पररक्थिनतयों को परूव

करिे के मलए अर्िवररत की र्ई है और इसे ददिचयवा के मवमले के रूप में िहीां मलयव जविव चवदहए। इस वर्शषे तिैवती के ऐसे आदेश देिे से पहले, सवमवन्‍दय प्रके्षक द्र्वरव यिोधचत अध् यर्सवय और वर्रे्क-सम्मत बदु्धि कव उपयोर् करिव चवदहए।

च. भारत ननवााचन आयोग स्तरीय प्रेक्षक समन्‍दवय

I. प्रेक्षक की जवांच और वर्श्लेषण करिे और सांबांधित क्षते्रीय सधचर्ों को र्णुवत्मक प्रनतफक्रयव और इिपटु्स प्रदवि करिे के मलए, भवरत निर्वाचि आयोर् के थतर पर एक सममनत की थिवपिव की जविी चवदहए, क्जसमें भवरत निर्वाचि आयोर् और मखु्य निर्वाचि अधिकवरी के कवयवालयों के अधिकवरी सक्म्ममलत हों।

छ. प्रेक्षकों के प्रनतवेदनों की जांच 1. सवमवन्‍दय प्रके्षकों द्र्वरव जमव फकए जविे र्वले अनिर्वया प्रनतरे्दिों की सांख्यव को 6 स े

"कोई भी मतदवतव ि छूटे"

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घटवकर 4 / 5 तक कर ददयव र्यव है क्जसमें सवमग्री, इिपटु्स इत्यवदद में सिुवर फकयव र्यव है। तिववप, प्रेक्षकों को तरुांत फकसी भी महत्र्पणूा घटिवक्रम, आकक्थमक क्थिनत यव फकसी अन्‍दय महत्र्पणूा निर्वाचि सांबांिी इिपटु्स को भवरत निर्वाचि आयोर् के सांबांधित क्षेत्रीय सधचर् को पोटाल / ईमेल / ैतस / ोि आदद के मवध्यम से प्रनतरे्ददत करिव चवदहए, क्जस पर तत्कवल ध्यवि ददए जविे / निणाय मलए जविे की आर्श्यकतव है।

ज. प्रेक्षक पोटाि का उन्‍दनयन

I. प्रेक्षक पोटाल में एक व्यवपक सिुवर और कवयवपलट फकयव जवएर्व। II. महत्र्पणूा जविकवरी / प्रनतरे्दिों के र्वथतवर्क समय-सांचरण के मलए दोिों और से सांचवर

सवुर्िव हेत ु प्रेक्षक के आर्मि / प्रनतरे्दिों आदद की एक प्रो ेशिल रैफकां र् प्रणवली, प्रेक्षक पोटाल के एसएमएस आिवररत एकीकरण के सवि वर्कमसत की जवएर्ी।

III. प्रेक्षक के प्रनतर्ेदिों, इिपटु्स और एमआईएस प्रवरूपों की र्णुर्त्तव की ऑिलवइि

निर्रविी की एक प्रणवली भी तयैवर की जवएर्ी। IV. निर्वाचि-पश्चवत सांक्षक्षप् त ररपोटा:

अ. सभी प्रेक्षकों को उिके द्र्वरव फकए र्ए पे्रक्षक ड्यटूी के हर पहल ू पर उिके र्णुवत्मक इिपटु्स कव एक व्यवपक और र्णािवत्मक प्रनतरे्दि प्रथततु करिे की आर्श्यकतव होर्ी।

ब. प्रनतरे्दि, परू्ा-निददाष्ट प्रवरूप में होर्व और पे्रक्षक ड्यटूी के परूव होिे के 7 ददिों

के भीतर प्रथततु करिव होर्व। स. मविदेय कव निथतवर, प्रनतरे्दि प्रथततु करिे के अिीि होर्व।

ञ. मानदेय

I. सवमवन्‍दय प्रेक्षकों और पमुलस प्रेक्षकों के मलए मविदेय की थर्ीकवयातव रवमश बढवकर, प्रेक्षकों

द्र्वरव प्रथततु प्रनतरे्दिों की सांख्यव और र्णुर्त्तव के अिीि, ₹ 25,000/- और ₹ 20,000/- क्रमशः कर दी र्ई है।

ट. प्रेरक योजना

I. प्रेक्षक कताव्यों के असविवरण और उत्कृष्ट प्रदशाि के मलए, क्जसके पररणवमथर्रूप थर्तांत्र

“कोई भी मतदवतव ि छूटे"

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और निष्पक्ष निर्वाचि के सांचवलि की ददशव में कुछ वर्श्र्सिीय और अिभुतू अनतररतत उपलक्ब्ियवां प्रवप्त हुईं, ऐसे योग्य प्रेक्षकों को रवष्रीय मतदवतव ददर्स पर रवष्रपनत पदक / प्रशांसव प्रमवणपत्र के सवि सम्मवनित फकयव जवएर्व।

II. अांतररवष्रीय पयार्के्षण ममशिों के मलए प्रकवांड और अिभुर्ी प्रेक्षक तिैवत फकए जव सकत े

हैं और अन्‍दय देशों की निर्वाचि प्रबांिि प्रणवमलयों की जविकवरी प्रदवि की जव सकती है। III. अिभुर्ी और प्रनतबद्ि अधिकवररयों को रवष्रीय / अांतररवष्रीय प्रमशक्षण कवयाक्रमों के मलए

आईआईआईडीईएम में वर्शषेज्ञ / अनतधि सांकवय के रूप में तयैवर फकए जव सकत ेहैं।

ठ. आचार सदंहता : I. आयोर् द्र्वरव जवरी की र्ई िीनत सांदहतव कव सख्त अिपुवलि सभी शे्रखणयों के प्रके्षकों के

मलए अनिर्वया हैI II. प्रेक्षकों के मलए प्रमशक्षण और अमभवर्न्‍दयवस सत्र के दौरवि आचवर सांदहतव के महत्र् और

अिपुवलि पर भी जोर ददयव जवएर्व। उपरोतत अिदेुशों कव सभी सांबांधितों द्र्वरव सख्ती से पवलि फकयव जविव है।

भर्दीय,

(निखखल कुमवर) निदेशक

आर्श्यक कवरार्वई हेत ुप्रनतमलवप: 1) सभी क्षेत्रीय अिभुवर् 2) कवममाक प्रशवसि अिभुवर् 3) आईआईआईडीईएम 4) आईटी प्रभवर् 5) थ र्ीप अिभुवर् मानक ववतरण

"कोई भी मतदवतव ि छूटे"

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“कोई निर्वाचक पीछे ि छूटे”

भारत ननवााचन आयोग Election Commission of India

निर्वाचि सदि, अशोक मवर्ा, िई ददल्ली – 110 001