देश की यूनिवन्सिटी रैंनकंग, 2020 · 9/18/2020  ·...

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    आउटलुक-आइ-केयर देश की यूनिवन्सिटी रैंनकंग, 2020

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    अंदर

    कवर डिजाइनः दीपक शर्मा, फोटोः त्रिभुवन त्िव्री

    08 कांग्रेसः डनशानरे पर सोडनया-राहुल के डवरोधी

    10 डफर सड़क पर डकसान

    12 इंटरवययू: दुषयंत चौटाला

    13 इंटरवययू: िॉ. कफील खान

    27 इंटरवययू: एनसीबी प्रमुख राकेश अस्ाना

    28 बॉलीवुि का ड्रग कनरेकशन

    31 इंटरवययू: अधययन सुमन

    33 कमजोर कानयून सरे फलता-फूलता ड्रग डबजनरेस

    35 बीमार करती दवाएं

    37 बच्चों में फैलता नशा

    39 पंजाब: अभी भी डशकंजरे में युवा

    41 झारखंि: अफीम का नया डठकाना

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    16 डबहार: डफर याद आए दडलत

    18 झारखंि: भाजपा की मुश्कल

    42 भारत-चीन डववाद: युद्ध की ओर बढ़तरे कदम

    51 अ््थवयवस्ा: मुगालतरे में सरकार

    65 एवरेसट फतह का फजजीवाड़ा

    67 राजनीडत के दायरे में कंगना

    नशे की सियाितहाई-प्रोफाइल केस सरे सु डख्थयां बटोरनरे पर जोर मगर बड़े डखलाडड़यचों पर नजर नहीं

    21

  • प्रथम दृष्टि

    ...प्रवासी मजदूर वोटबैंक होता!

    ष्िरिधि झा

    अजीब विडंबना है वि

    लॉिडाउन िे दौरान

    मारे गए मजदूरों

    िी जानिारी ति

    सरिार िे पास नहीं।

    स्थिवत तभी बदलेगी

    जब हर राज्य में

    रोजगार िे समान

    अिसर उतपन्न होंगे,

    तावि विसी िो घर-

    पररिार छोड़ िर न

    जाना पड़े

    आधिकारिक आंकड़ा उपलबि नहीं है धक लॉकडाउन के दौिान धकतने प्रवासी मजदूिों की मृत्यु हुई। केंद्र सिकाि ने संसद के मानसून सत्र के दौिान इसकी पयुधटि की है। धसर्फ ्ह बता्ा ग्ा धक देश के धवधिन्न शहिों में काम किने वाले एक किोड़ से अधिक श्रधमक कोिोनावा्िस संक्रमण को िोकने के उदे्श् से लगाई गई तालाबंदी के दौिान अपने-अपने गृह िाज् लौट गए। दलील ्ह दी गई धक जनम-मृत य्ु के आंकड़़े िखना स्ानी् धनका्ों का का््य है। लोकशाही में आंकड़ों की महत्ा है, लेधकन हि आंकड़़े सिकािी संधिकाओं में धमल ही जाएं, ्ह जरूिी नहीं है। खासकि वैसे तबकों से संबंधित धजनहें देश की धस्ासत में किी वोटबैंक समझा ही नहीं ग्ा।

    मजदूिों का पला्न हाल के वर्षों की असािािण मानवी् त्रासदी ्ी, धजसकी ि्ावहता के दृश् समृधत्ों से अिी ओझल नहीं हुए हैं। लंबे सम् तक होंगे िी नहीं। बढ़ती अधनश्चितता के बीि िोजगाि धिन जाने के िलते प्रवासी मजदूिों के पास महानगिों से गांव लौटने के अलावा धवकलप ही क्ा ्ा? आवागमन की सािी सयुधविाओं के ठप होने के बावजूद हजािों की संख्ा में मेहनतकश परिवाि समेत पैदल ही हजािों धकलोमीटि दूि अपने गांव की ओि िल धदए। धकसी ने कंिे पि बच्े को धबठा्ा, धकसी ने उसे िककेवाले सूटकेस पि धलटा्ा, औि लौट गए अपने पयुिखों की जमीन पि, धजसे िोड़ कि वे दो जून की िोटी की तलाश में धनकले ्े। लेधकन, सब के नसीब में घि वापसी िी न ्ी। धदन िि की ्कान के बाद पटरि्ों पि सो िह़े उनमें से कुि को पता िी नहीं िला धक कब उनके ऊपि एक ट़्ेन उनहें िौंदते हुए गयुजि गई, इसका एहसास िी न हुआ धक धजस लॉिी में वे िोिी-िुपे अपने घि जाने को धनकले ्े, वह िासते में उनकी अकाल मृत य्ु का सबब बन जाएगी।

    सिकाि के अनयुसाि, प्रवासी मजदूिों के पला्न की एक बड़ी वजह रजजी खबिें ्ी। कािण जो िी हो, इस दौिान धकतने परिवािों ने अपनों को खो्ा, इसका कोई आधिकारिक लेखा-जोखा केंद्री् श्रम मंत्राल् के पास नहीं है औि जैसा संसद में बता्ा ग्ा, इस वजह से धकसी परिवाि को अनयुकंपा क ेआिाि पि मयुआवजा नहीं धद्ा जा सकता।

    इससे धकसी को हैित िी नहीं होनी िाधहए। आजादी के बाद से ही प्रवासी मजदूिों की समस्ाओं का हल किना धकसी सिकाि ्ा िाजनैधतक दल की प्रा्धमकता नहीं िही है। इसका मूल कािण ्ह है धक प्रवासी मजदूिों की संख्ा किोड़ों में होने के बावजूद उनकी समग्र समूह के रूप में पहिान किी नहीं बन पाई, जो ियुनावी नतीजों को प्रिाधवत कि पाती। दिअसल, ्े ‘नोवह़ेि मैन’ समझे जाते हैं, ऐसे अनाम गिीब-गयुिबों की िीड़, धजसका कोई धलवाला नहीं। िले ही हि सयुबह काम की तलाश में ्े महानगिों के िौक-िौिाहों पि धदख जाएं, िले ही उनके बगैि स्ानी् अ््यव्वस्ा ठप हो जाए, उनहें बाहिी ही समझा जाता है। धवडंबना ्ह है धक अपने गृह िाज् में िी उनहें पिदेसी समझा जाता है, जो मेहमानों की तिह धसर्फ त्ोहािों के मौसम में धदखते हैं। सबको पता है, वे लौट जाएंगे, कोई बािामयुला के पास पहाड़ तोड़ कि सयुिंग बनाने के धलए, कोई लोखंडवाला की अट्ाधलकाओं से कमि में िससी बांि कि लटक कि िंग-िोगन किने। जहां िी िहें, उनकी बस एक ही खवाधहश होती है धक िोज धदहाड़ी धमलती िह़े, ताधक अपना पेट पाल सकें औि कुि बि जाए तो गांव में िह िह़े वृद्ध मां-बाप को िेज सकें।

    दिअसल, प्रवासी मजदूि प्रतीक है देश में धवकास के प्रादेधशक असंतयुलन का। शयुरू से ही धवकधसत प्रदेश औि धवकधसत होते िले गए औि गिीब सूबे औि गिीब होते गए। इसका मयुख् कािण ्ह ्ा धक आजादी के बाद िी िोजगाि के अवसि महानगिों के इद्य-धगद्य धसमट कि िह़े गए। अधवकधसत िाज्ों में आजीधवका के सािन सीधमत होने से बड़ी संख्ा में लोगों का पला्न शयुरू हुआ, धकनतयु िाष्टी् सति पि प्रवासी मजदूिों के धहतों का धजतना ध्ान धद्ा जाना िाधहए ्ा, उतना किी नहीं धद्ा ग्ा।

    मोदी सिकाि अब िाष्टी् सति पि असंगधठत औि प्रवासी मजदूिों को आिाि काड्ड से जोड़कि डाटाबेस बनाने की पहल कि िही है, ताधक उनहें िधवष् में सामाधजक सयुिक्ा प्रदान किने औि अन् सहा्ता मयुहै्ा किा्ा जा सके। ्ह सकािातमक कदम है, लेधकन श्स्धत तिी बदलेगी जब लोगों के धलए हि िाज् में िोजगाि के समान अवसि उतपन्न धक्े जा सकें, ताधक धकसी को घि-परिवाि िोड़ कि बाहि न जाना पड़़े। सही है धक प्रादेधशक असंतयुलन िातोिात खतम नहीं धक्ा जा सकता है, लेधकन िाजनैधतक इचिाशश्ति हो तो बदलाव ला्ा जा सकता है, ताधक इस वर््य लॉकडाउन के दौिान हुई त्रासदी की पयुनिावृधत् न हो सके।

    @giridhar_jha

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  • सटीक संपादकीय21 सितंबर का िंपादकीय पढ़कर मन सिचसित हो गया। इि िंपादकीय का एक-एक शबद मीसिया की आज की हाित को बयान करता है। जब िंपादक इि तरह सनराश हैं तो हम आम आदमी मीसिया िे कया उममीद रखें। मीसिया को खुद को सनयंसरित करने की जरूरत है। पता नहीं हमारे िरकार का िूचना और प्रिारण मंरिािय ऐिे मामिों में मीसिया ट्ायि पर िखत कदम कयों नहीं उठाता है। मीसिया को आतमिंयसमत होकर सनषपक्ष जांच तक सिर्फ िंतुसित ररपोस्टिंग करना चासहए।

    डी राज अरोडा | अंबािा, हररयाणा

    टीआरपी की सनसनी यह िच है सक असिनेता िुशांत सिंह राजपूत की आतमहतया के बाद िे ही उनके प्रशंिक और पररिार िािे िच्ाई जानना चाहते हैं। िेसकन मीसिया खाि कर ्टीिी मीसिया ने इि मामिे को ्टीआरपी के सिए सजि तरह िनिनीखेज बना सदया है, िह दुिाभागयपूणभा है। 21 सितंबर की आिरण कथा में आउटलुक ने बहुत अच्े ढंग िे मीसिया की कायभाशैिी को बताया है। िाथ ही इि उद्ोग िे जुडे िोगों के सिचारों ने इिे िंपूणभा बनाया है। ििी चाहते हैं सक दोसियों को िजा समिे िेसकन सबना सकिी ठोि िाक्य या तथयों के केिि अपने चैनि का नाम चमकाने के सिए ऐिा करना गित है। इि तरह के मीसिया ट्ायि िे एक बार यसद वयक्ति िंदेह के घेरे में आ जाता है, तो बाद में उिे िमाज में परेशानी उठानी पडती है।

    दीपक कुमार तयागी | धनबाद, झारखंि

    मीडडया बना जजआउटलुक की 21 सितंबर की आिरण कथा बहुत िही िमय पर आई है। मीसिया की इि िूसमका पर िी बात होनी ही चासहए। यसद ििी को मीसिया के ऐिे किरेज खराब िगते हैं, तो सरर इनहें देखता कौन है, इन चैनिों के पाि ्टीआरपी कहां िे आती है? इििे पहिे िी मीसिया िंिेदनशीि मामिों में सनणाभायक बन कर सकिी दूिरे पक्ष को दोिी ठहरा देता है। बाद में अदाितें अिग ही रैििा देती हैं। इि पर रोक िगाने के सिए िखत कानून की जरूरत है।

    आशा डमश्ा | कस्टहार, सबहार

    पत्र

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    Îçÿæ‡æÑ ãñUÎÚUæÕæÎ ØæÎç»ÚUè Õé·¤ SÅUæòÜ, 040-66764498, çâ·¢¤ÎÚUæÕæÎ ©US×æÙ Õé·¤ SÅUæòÜ, 9912850566

    ©UîæÚÑ çÎËÜè - ¥æ§üÕè°¿ Õé@â °¢ÇU ×ñ‚ÁèÙ çÇUçSÅþUµØêÅUâü, 011-43717798,011-43717799, ܹ٪¤ - âéÖæcæ ÂéSÌ·¤ Ö¢ÇUæÚU Âýæ. çÜç×ÅðUÇU, 9839022871, U¿¢ÇUè»É¸U - ÂéÚUè ‹ØêÁ °Áð´âè, 9888057364, ÎðãUÚUæÎêÙ- ¥æçÎˆØ ‹ØêÁ °Áð´âè, 9412349259, ÖæðÂæÜ- §¢çÇUØÙ ‹ØêÁ °Áð´âè, 9826313349, ÚUæØÂéÚ- ×é·é¢¤Î ÂæÚðU¹ ‹ØêÁ °Áð´âè, 9827145302, ÁØÂéÚU-ÙßÚUˆÙ Õé·¤ âðÜÚU, 9829373912, Á`×ê- Âýèç×ØÚU ‹ØêÁ °Áð´âè, 9419109550, ŸæèÙ»Ú- ÁðÂè ‹ØêÁ °Áð´âè, 9419066192, Îé»ü (ÀUîæèâ»É¸)U - ¹ð×·¤æ ‹ØêÁ °Áð´âè, 9329023923

    ÂêßüÑ ÂÅUÙæ- §üSÅUÙü ‹ØêÁ °Áð´âè, 9334115121, ÕÚUæñÙè -…ØæðçÌ ·é¤×æÚU Îîææ ‹ØêÁÂðÂÚU °Áð´ÅU, 9431211440, ×éÁRȤÚUÂéÚU-¥‹Ùê ×ñ‚ÁèÙ âð´ÅUÚ,U 9386012097, ×æðÌèãUæÚUè- ¥¢ç·¤Ì ×ñ‚ÁèÙ âð´ÅUÚU, 9572423057, ·¤æðÜ·¤æÌæ- çßàææÜ Õé·¤ âð´ÅUÚ,U 22523709/22523564, ÚU梿è- ×æòÇUÙü ‹ØêÁ °Áð´âè, 9835329939, ÚUçß ·é¤×æÚU âæðÙè, 9431564687, Á×àæðÎÂéÚU-ÂýâæÎ ×ñ‚ÁèÙ âð´ÅUÚ, 2420086, Õæð·¤æÚUæð-ç˜æÜæð·¤è çâ¢ãU, 9334911785,ÖéßÙðàßÚU-°. ·ð¤. ÙæØ·¤, 9861046179, »éßæãUæÅUè- Îé»æü ‹ØêÁ °Áð´âèÁ, 9435049511 Âçà¿×Ñ Ùæ»ÂéÚ-UÙðàæÙÜ Õé·¤ âð´ÅUÚU, 8007290786, ÂæÆU·¤ ÕýÎâü, 9823125806U, Ùæçâ·¤- ÂæÆU·¤ ÕýÎâü, ®wzx-wz®{}~}, Âé‡æð- â¢Îðàæ °Ù °â °Áð´âè, 020-66021340,¥ãU×ÎæÕæÎ-·ð¤ ßè ¥Á×ðÚUæ °¢ÇU â¢â, 079-25510360/25503836, ×é¢Õ§ü- ΢»Ì ‹ØêÁ °Áð´âè, 22017494

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    सच का हर पहलूआउटलकु हमशेा स ेही बहुत विश्वसनीय पवरिका रही है और यह हमशेा ही ताजे घटनाक्रम पर हर पहल ूस ेसचूना महैुया कराती है। 21 वसतबंर क ेअकं में सबसे जयादा नबंी नारायण का लखे अच्ा लगा। आउटलकु स े ही प्रशातं भषूण के मामल े को समझन े में आसानी हुई। आसान भाषा में इस मामल ेको समझाया गया है। प्रोफशेनल कॉलजे की रैंवकंग उन ्ारिरों क ेवलए उपयोगी हो सकती है, वजनहें इस िष्ष प्रिशे लनेा है। लवेकन यह समझना होगा वक कया िाकई इस तरह की रैंवकगं ्ारिरों क ेवलए फायदमेदं होती है। कयरोंवक आउटलकु स ेही मझु ेग्ामीण पषृ्ठभवूम स े आए कई ऐस े ्ारिरों को जानन े का मौका वमला, वजनहरोंन े दशे की प्रवतवष्ठत परीक्ा में सफलता पाई थी। जावहर सी बात है, यपूीएससी दने ेिाल ेये ्ारि वकसी कॉलजे की रैंवकगं में नहीं पड़े हरोंग।े

    नीति श्ीवासिव | िखनऊ, उ.प्र

    पुरस्कृत पत्र

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  • अंदरखाने

    नेताजी को खेत पसंद हैऐतिहातिक पार्टी वाले नेिाजी का रूर्ीन इन तिनों बिल गया है। केंद्र में मंत्ी थे िो कभी-कभार ही घर-बार िंभालिे थे। अपने इलाके में कया, पूरे तबहार में भी लोकतरिय रहे। लगािार वयसि रहिे थे। अभी पाि में जयािा काम नहीं है। पार्टी ने भी कोई कायिे की तजममेिारी नहीं िौंपी है। ऐिे में िमय खाली िा बीििा है। इि बीच लॉकडाउन में िो घर में ही मॉतनिंग वॉक का नया फामूमूला तनकाल तलया। अंगे्जी के आठ (8) का तडजाइन बनवा उिी पर राउंड लगाना शुरू तकया।

    िुबह-शाम तमलाकर पांच-िाि तकलोमीर्र का चककर उिी घेरे में लगा लेिे हैं। उनका यह फामूमूला वायरल हो गया और अनेक लोगों ने अपने ही घर के क्ेत् में वैिा ही तडजाइन बनवाकर मॉतनंग वॉक करना शुरू कर तिया। लेतक न अब िो लॉकडाउन खतम हो गया है। तफर िे खालीपन लग रहा है िो राजधानी के िमाम निमूरी का चककर लगा रहे हैं। इिके अलावा खेि-खतलहान के रिति भी तिलचसपी बढ़ गई है। िो उपेतक्ि पडे फाममू हाउि को आबाि करने में जुर्े हैं। निमूरी-निमूरी जाकर भांति-भांति के फल-फूल, औषधीय पौधों को पिंि कर रहे हैं और फाममू हाउि की रौनक बढ़ाने में लगे हैं।

    बूढ़े पुलिस अफसर लनशाने परउत्तर रििेश में ररर्ायरमेंर् की कगार पर खडे पुतलि अतधकाररयों को फीलड पोससर्ंग नहीं िेने की िैयारी है। इिके तलए रििेश िरकार नया आिेश ला िकिी है। अतधकाररयों में इिको लेकर िुगुबगाहर् शुरू हो गई है। कयोंतक बहुिों को लगिा है तक ररर्ायरमेंर् के िमय फीलड पोससर्ंग तमलने िे आगे का जीवन आिान हो जािा है। नई पलातन ंग के िहि तजन पुतलि अतधकाररयों की ररर्ायरमेंर् की अवतध एक िाल बची होगी, उनहें फीलड पोससर्ंग िे िूर रखा जा िकिा है। अगर ऐिा होिा है िो जातहर है कई लोगों के मंिूबे पर पानी तफरेगा, लेतकन तफर भी कोतशशें जारी हैं।

    लफर िड़ना चाहते हैं साहबिाहब भारिीय रिशाितनक िेवा के अतधकारी थे। केंद्र में ितचव के पि िे अवकाश ग्हण तकया। राजनीति में अगली पारी शुरू की। िाहब िे माननीय हो गए। राजनीति उनहें राि आ गई। वे इि बार तफर िे तवधानिभा का चुनाव लडना चाहिे हैं। हालांतक फूल वाली पार्टी उनहें लार् िाहब बनाने के मूड में है। उत्तर तबहार के िीमा क्ेत् के ब्ाह्मण बहुल इलाके िे जीिे थे, मगर वह िीर् एक डील के िहि फूल वाली पार्टी की िहयोगी पार्टी चाहिी है। जलि ही सपष्ट हो जाएगा तक िाहब चुनाव लडेंगे या पार्टी की िुनेंगे।

    एक ऐंकर आकर कहता है कक एक किशषे समदुाय यपूीएससी में घसुपठै कर रहा है। कया

    इसस ेजयादा घातक कोई बात हो सकती है? ऐस ेआरोपों स ेदशे की स्थिरता पर असर पड़ता

    है और यपूीएससी परीक्ाओं की किश्वसनीयता पर भी सिाल उठत ेहैं।

    -जस्टिस डी.वाई.चदं्रचडू़ (सुदर्शन टिीवी के एक कार्शक्रम पर फैसला देत ेहुए)

    इससे बेहतर िॉकडाउन थाजनाब के होर्ल की तगनिी झारखंड के िबिे बेहिरीन होर्लों में होिी है। कममूचाररयों का वेिन िेने में ही कोई 17 लाख रुपये महीने का खचमू आिा है। लॉकडाउन कया हुआ िब ठप हो गया। कममूचाररयों का वेिन, लागि और भी िूिरे खचमू हैं। ित्ताधारी िल के बडे लोगों के पाि अनलॉक में होर्ल खोलने की भी अनुमति की पैरवी करिे रहे। लंबे इंिजार के बाि होर्ल खोलने को अनुमति तमली। इिके बावजूि उनके चेहरे पर ति कन बनी हुई है। ित्ताधारी पार्टी के एक बडे नेिा के पाि अपनी पीडा जातहर कर रहे थे। बाहर िे कोई आ नहीं रहा है। होर्ल के कमरे खाली हैं। रैंतकंग मेंर्ेन करने के तलए सिर बनाये रखना पड रहा है। तबजली का तबल ही मोर्ा हो जािा है, नॉनवेज भी तरिज की शोभा बढ़ाने के बाि कचरे की पेर्ी के हवाले हो जािा है। इििे बेहिर िो लॉकडाउन था।

    ररटायरमेंट से पहिे ही इंतजामररर्ायर होने वाले चहेिे शीषमू अतधकाररयों को मलाईिार अहम ओहिों पर बैठाने का खेल हररयाणा की मनोहर लाल खट्टर िरकार में बिसिूर जारी है। इिके तलए नए पि िृतजि तकए जा रहे हैं। इिी कडी में िेवा के अतधकार आयोग के मुखय आयुक्त पि के तलए तवज्ापन जारी कर तिया गया है। ऐिी चचामू है तक पि के तलए तवज्ापन िो केवल औपचाररकिा है, िरअिल इि पि पर मुखय ितचव केशनी आनंि अरोडा की तनयुसक्त िय है। अरोडा िे पहले मुखय ितचव रहे डीएि ढेिी को िीएम िे नजिीकी का फायिा िेिे हुए हररयाणा राजय तवदु्ि तनयामक आयोग के चेयरमैन का पि तिया गया था। इिके अलावा आरएिएि के करीबी पूवमू डीजीपी यशपाल तिंघल को भी िूचना का अतधकार आयोग का चेयरमैन बनाया गया। राजय में करीब िजमूनभर ऐिे पूवमू नौकरशाह हैं जो ररर्ायरमेंर् के बाि भी शाही तजंिगी का मजा ले रहे हैं। ऐिे में ररर्ायरमेंर् के करीब पहुंच चुके िूिरे नौकरशाहों ने भी िैयारी शुरू कर िी है।

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  • खबर-चक्र

    बीच बहस में

    देवेंद्र फड़नवीस महाराष्ट्र में सुशांत ससंह राजपूत मामले में जारी घमासान से दूर राज्य के पूर्व मुख्यमंत्ी देरेंद्र

    फड़नरीस सिहार में भाजपा के चुनार प्रभारी के रूप में पहुंच गए हैं, जहां पार्टी को जीत

    सदलाने की सजममेदारी भूपेंद्र ्यादर के साथ उनके कंधों पर भी है। हालांसक उनहोंने कहा सक पार्टी को प्रचार के सलए कंगना रनौत की कोई जरूरत नहीं है, इसके

    सलए िस प्रधानमंत्ी ही काफी हैं।

    हररवंशहरररंश नारा्यण ससंह लगातार

    दूसरी िार राज्यसभा के उपसभापसत िने हैं। उनहें राजद के उममीदरार मनोज झा के मुकािले चुना ग्या है। उत्तर

    प्रदेश के िसल्या सजले के ससताि सद्यारा गांर में जनमे 64 रर्टी्य हरररंश पत्काररता में लंिे सम्य से ससरि्य रहे हैं और राज्यसभा में अपने पहले का्य्वकाल में उन पर सदन संचालन में सरकार का पक्ष लेने का आरोप लगा था।

    नोवाक जोकोववचदुसन्या के नंिर रन र्ेसनस

    सिलाड़ी नोराक जोकोसरच ्यूएस ओपन में सिसक्ासलफाई हो गए हैं। इस र्ूना्वमेंर् के 140 साल के इसतहास में सिसक्ासलफाई होने राले रे तीसरे सिलाड़ी

    हैं। सपेन के पिेले कैरेनो िसर्ो से हो रहे मैच में पीछे रहने के कारण झुंझलाहर् में उनहोंने एक शॉर् मारा, जो लाइन अंपा्यर को जाकर लगा, सजसकी उनहें ्यह

    सजा समली है।

    एस. श्ीसंत37 साल के तेज गेंदिाज एस. श्ीसंत का सात साल का िैन ितम हो ग्या है। उन पर सपॉर् सफक्संग के आरोप में आजीरन प्रसतिंध लगा्या ग्या था, सजसे िाद में सुप्रीम कोर््ट ने घर्ाकर सात साल कर सद्या था। उनकी घरेलू र्ीम, केरल का कहना है सक ्यसद रे अपनी सफर्नेस

    सासित कर देते हैं, तो उनहें र्ीम में शासमल करने पर सरचार सक्या

    जा सकता है।

    कंगना रनौत का बदला प्रियंका गांधी से! सशमला के पास नौ एकड़ के भूिंि पर िड़ा सप्र्यंका गांधी राड्ा के ‘सपनों का घर’ एक िार सफर सुसि्व्यों में है। ्यह िंगला िॉलीरुि असभनेता सुशांत ससंह राजपूत की मौत के िाद शुरू हई राजनैसतक िहस में फंस ग्या है। सप्र्यंका के 2007 में जमीन िरीदने के िाद शुरू हए सररादों की ्यह नरीनतम कड़ी है। राज्य भाजपा की मसहला शािा की अध्यक्ष रशीम धर सूद ने मुंिई में असभनेत्ी कंगना रनौत के का्या्वल्य के कुछ सहससे तोड़ने के सिलाफ सप्र्यंका के घर को धरसत करने की धमकी दे िाली। सहमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्ी ज्यराम ठाकुर ने भी ‘सहमाचल की िेर्ी’ कंगना के का्या्वल्य में िृहनमुंिई नगर सनगम की कार्टराई की सनंदा की, लेसकन उनहोंने सप्र्यंका के िंगले की सुरक्षा का आश्ासन भी सद्या।

    प्कंग मेकर का नया बंगला सकंग मेकर की भूसमका में रहने राले सिहार के पूर्व मुख्यमंत्ी, राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद जेल के भीतर रहें ्या िाहर, लगातार चचा्व में रहते हैं। ताजा सरराद राजेंद्र आ्युसर्वज्ान संसथान, रांची पररसर में तीन एकड़ में फैले िंगले का है। संसथान के सनदेशक को आरंसर्त इस िंगले में अभी लालू प्रसाद रह रहे हैं। कोरोना संरिमण के ितरे को देिते हए लालू को एक माह

    पहले ही ररमस के पेइुंग राि्ट से सनकालकर सनदेशक के इस सरशाल िंगले में सथानांतररत सक्या ग्या था। पूण्वकासलक सनदेशक न होने के कारण ्यह िंगला सपछले कुछ माह से िाली पड़ा था। पेइुंग राि्ट में लालू को एक हजार रुप्ये दैसनक के सहसाि से शुलक देना पड़ता था। लालू प्रसाद ्यहां दो साल रहे और उसका सकरा्या अदा सक्या। ररमस के इसतहास में ्यह पहला मौका है, जि सनदेशक के िंगले में सकसी मरीज ्या मरीज-कैदी को रिा ग्या हो।

    इस िंगले का अभी कोई सकरा्या सनधा्वररत नहीं है। लालू प्रसाद ने अभी तक इस िंगले का सकरा्या नहीं सद्या है। ररमस प्रिंधन का कहना है सक लालू को अप्रत्यासशत पररकसथसत में सनदेशक के िंगले में सशफर् सक्या ग्या था, लेसकन सिहार के उप-मुख्यमंत्ी सुशील कुमार मोदी का आरोप है सक झारिंि की हेमंत सोरेन सरकार ने लालू को इलाज के नाम पर पहले जेल से ररमस में और सफर आइसोलेशन के िहाने आलीशान िंगले में पहुंचा सद्या है।

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  • अगर हिंदी हदवस मनाना िी िै, तो केंद्र सरकार को कन्नड़ सहित देश की बाकी सभी भाषाओं का हदवस भी मनाना चाहिए

    एच.डी. कुमारस्ामी, करानाटक के पू्ना मुख्यमंत्ी, जद (एस) रेता

    कदमों के निशां

    कपिला वात्स्ा्नसाहित्य-कला मम्मज्ञ, संसककृहिकममी, कहिला वातस्या्यन का 91 वर्म की उम्र में हनधन िो ग्या। वे संगीि-नृत्य और कला की शास्ती्य और लोक िरंिराओं की गिरी समझ के हलए जानी जािी रिी िैं। हिल्ी में इंहिरा गांधी कला केंद्र की संस्ािक हनिेशक कहिला जी को 2011 में िद्म हवभूरण से नवाजा ग्या ्ा। वे हिंिी के ्यशसवी साहित्यकार सहचििानंि िीरानंि वातस्या्यन ‘अज्ञे्य’ की ितनी ्ीं। उनिोंने हिरजू मिाराज के हििा अच्छन मिाराज से क्क सीखा ्ा। भरिनाट्यम मीनाक्ी सुंिरम हिल्लै और िाि में रुक्मणी िेवी अरंडेल की हशष्या लहलिा से सीखा। शास्ती्य नृत्य िर उनकी हकिाि क्लासिक इंसियन िलांि इन सिटरेचर ऐंि आरि्स काफी चहच्मि िै।

    केशवानंद भारती संहवधान के मूल संरचना हसदांि को हनधा्मररि करने वाले ऐहििाहसक फैसले के प्रमुख ्याहचकाकिा्म रिे 79 वर्म केशवानंि भारिी ने केरल के कासरगोड हजले में कस्ि इडनीर आश्रम में अंहिम सांस ली। 1973 में सुप्रीम कोर्ट ने ‘केशवानंि भारिी िनाम सरेर ऑफ केरल’ में अिने हनण्म्य में किा ्ा हक संहवधान की प्रसिावना के मूल ढांचे को ििला निीं जा सकिा।

    बहादुरी का नूरनूर इना्यि खान का लंिन के बलूमसिरी कस्ि िलैिृक घर अि खास िन ग्या िै। उनकी समृहि में इस घर को इंक्लश िेरररेज संस्ा से नीली िहटिका हमली िै, हजसे ऐहििाहसक संिंधों वाले भवनों को

    समृहिहचनि के रूि में हि्या जािा िै। 1866 में शुरू की गई ्यि िरंिरा अि भी ििसिूर जारी िै। शिर में 950 से अहधक ऐसी इमारिें िैं हजनका हकसी

    न हकसी मितविूण्म िसिी से संिंध रिा िै। िरअसल नूर मलैसूर के नवाि रीिू सुलिान की वंशज ्ीं और हवििी्य हवश्व ्युद के

    िौरान उनिोंने हरिरेन में सीक्ेर एजेंर के रूि में काम हक्या ्ा। वे 1943 में नाहज्यों के कबजे वाले फांस में घुसिलैठ करने वाली ििली महिला रेहड्यो ऑिरेरर ्ीं। 1940 में हवंसरन चहच्मल विारा स्ाहिि एक सविंत्र हरिहरश गुप्त सेवा सिेशल ऑिरेशंस ए्जी््यूहरव में नूर हरिरेन की ििली भारिी्य मुकसलम ्युद नाह्यका ्ीं, जो 1944 में मारी गई

    ्ीं। 1949 में उनिें मरणोिरांि जॉज्म क्ॉस से सममाहनि हक्या ग्या ्ा। नूर मासको में िलैिा हुईं, हरिरेन में िली-िढ़ीं

    और नाहज्यों के कबजे वाले फांस में अंहिम सांस ली। नूर अिने िीन उिनाम नोरा िेकर, मेडेलीन और जीन-मरी रेहन्या के नाम से

    भी जानी जािी ्ीं। 1 जनवरी 1914 को मासको में जनमी नूर के हििा भारिी्य और मां अमेररकी ्ीं। हििा िजरि इना्यि खान रीिू सुलिान के

    िड़िोिे ्े। नूर के जनम के िाि उनका िररवार मॉसको से लंिन आ ग्या। 1927 में हििा के हनधन के िाि िूरे घर की हजममेिारी उनके िी कंधों िर आ गई ्ी। जम्मनों ने धोखे से उनिें हगरफिार हक्या और डचाऊ िनिाई हशहवर में उनिें गोली मार िी गई।

    मिमिए नए िानव कंप्ूटर सेिाल िी में मानव कंप्यूरर के नाम से मशहूर शकुंिला िेवी की िॉ्योहिक िनी िै, हजसमें हवद्ा िालन ने उनकी भूहमका हनभाई िै। लेहकन अि लंिन में आ्योहजि माइंड सिोरस्म ओलंहि्याड के मेंरल कैलकुलेशन वलड्ट चैंहि्यनहशि में भारि के हलए ििला सवण्म जीिने के िाि िैिरािाि के िीस वरमी्य नीलकांि भानु प्रकाश िुहन्या के सिसे िेज मानव कैलकुलेरर के रूि में उभरे िैं। हिल्ी हवश्वहवद्ाल्य के सेंर सरीफंस कॉलेज में गहणि (स्ािक) के इस ्छात्र का किना िै हक िुहन्या में सिसे िेज मानव

    कैलकुलेरर िोने के चार हवश्व ररकॉड्ट और 50 हलमका ररकॉड्ट उनके नाम िज्म िैं। उनका हिमाग कैलकुलेरर से भी िेज गहि से गणना करिा िै। सकॉर फलेनसिग्म और शकुंिला िेवी जलैसे मिारह््यों के ररकॉडडों को िोड़ना राष्टी्य गौरव का हवर्य िै। वि कििे िैं, “मैंने वलैकश्वक सिर िर गहणि में भारि को स्ान हिलाने के हलए िूरा प्र्यास हक्या।” ििली िार िै जि भारि ने लंिन में आ्योहजि माइंड सिोरस्म ओलंहि्याड,

    में सवण्म ििक जीिा िै। ्यि मानहसक कौशल और हिमाग के खेल के हलए सिसे प्रहिहठिि अंिरराष्टी्य प्रहि्योहगिा िै, जो िर साल लंिन में आ्योहजि की जािी िै। ्यि ओलंहि्याड ििली िार 1998 में आ्योहजि हक्या ग्या ्ा। भानु प्रकाश के अनुसार, अि वे अिनी हवजन मलै् प्र्योगशालाओं के माध्यम से लाखों िचिों िक िहुंच कर गहणि के प्रहि रुहच जागृि करना चाििे िैं। उनका किना िै हक भारि के सरकारी सककूलों में िढ़ने वाले िर चार ्छात्रों में से िीन को िुहन्यािी गहणि समझने में िरेशानी िोिी िै।

    सभ्ाी इलसट्ेशनः साहिल¥æ©UÅUÜé· z ¥@ÅêUÕÚU w®w® 0 7

  • साफ है कि नेतृत्व ने न तो 23 ्वरिष्ठ नेताओं िे मुद्दों िो बहुत ज्ादा तिजीह दी है, औि न ही कनिाश िा््यिता्यओं में िोई जोश आने ्वाला है।

    घंटदों चली बैठि से पाटटी में सुधाि िा न तो िोई बललूक्रंट कनिला है औि न ही िोई चुना्वदों में पाटटी िे दोबािा जीत िे िासते पि लौटने िा फॉमलू्यला सामने आ्ा है। इसिे उलट बदला्वदों से एि बाि कफि नेहरू-गांधी परि्वाि िी स्ववोच्चता साकबत हुई है। ्ह भी साकबत हो ग्ा है कि नेतृत्व पि स्वाल उठाने ्वाले 23 ्वरिष्ठ नेताओं िा भक्वष् भी सोकन्ा गांधी, िाहुल गांधी औि क्र्ंिा गांधी ्वाड्ा िी द्ा पि ही कटिा हुआ है। पलूिे घटनाक्रम से एि बात औि साकबत हो गई है कि भले ही पाटटी िी िमान संभालने में िाहुल गांधी िोई जलदी नहीं कदखा िहे हैं लेकिन पीछे से पाटटी ्वहीं चलाएंगे। संगठन में बदला्व िे बाद सोकन्ा गांधी अपने इलाज िे कलए िाहुल गांधी िे साथ अमेरििा चली गई हैं। अब दोनदों अकटटूबि िी शुरुआत में भाित लौटेंगे।

    जाकहि है, संसद िे मौजलूदा सत्र िे दौिान सोकन्ा औि िाहुल गांधी दोनदों ही मौजलूद नहीं हैं। ऐसे में निेंद्र मोदी सििाि िो िोक्वड िे बढ़ते मामलदों, चीन क्व्वाद, गहिाते आकथ्यि संिट पि घेिने औि क्वपक्ी दलदों िे नेताओं िे साथ समन्व् बनाने िी कजममेदािी अधीि िंजन चौधिी, गौि्व गोगोई, गुलाम नबी आजाद, ज्िाम िमेश, कदग््वज् कसंह सकहत दलूसिे नेताओं िे िंधे पि है। सलूत्रदों िा िहना है सोकन्ा औि िाहुल अमेरििा से लौटने िे बाद पाटटी में िई अहम बदला्व ििेंगे। िा््यिारिणी सकमकत िे तीन दज्यन से ज्ादा क्वभाग, सेल, सकमकत्ां औि उप-समलूह हैं, जो कफलहाल िुछ भी नहीं िि िहे हैं, उन सबमें बदला्व िी तै्ािी है। एि ्वरिष्ठ नेता ने आउटलुक िो बता्ा कि “पत्र कलखने ्वाले नेताओं से सोकन्ा औि िाहुल किस तिह कनपटने िा पलान बना िहे हैं, ्ह पाटटी िी आंतरिि सकमकत्दों में हुए बदला्वदों से पता चलेगा।” असल में पत्र कलखने ्वाले ्वरिष्ठ नेताओं में ज्ादाति

    इन आंतरिि क्वभागदों, सकमकत्दों आकद िे ्ा तो ्रमुख हैं ्ा कफि सदस् हैं।

    पत्र कलखने ्वालदों में अग्रणी भलूकमिा कनभाने ्वाले गुलाम नबी आजाद पाटटी िे िम्ुकनिेशन सट्ैटेजी ग्रुप सकहत दो ्रमुख पैनल में शाकमल हैं। इसी तिह उनिे साथ हसताक्ि ििने ्वाले आनंद शमा्य पांच क्वभागदों औि सकमकत्दों में शाकमल हैं। इनिे अला्वा ्वीिपपा मोइली, पृथ्वीिाज चह्ाण, मुिुल ्वासकनि, संदीप दीकक्त, िकपल कसबबल, िेणुिा चौधिी, कमकलंद दे्वडा, क्व्वेि तनखा भी क्वकभन्न पैनल में हैं। मनीष कत्वािी चाि क्वभागदों औि सकमकत्दों िे सदस् होने िे साथ-साथ माच्य में सोकन्ा गांधी द्ािा बनाए गए 11 सदस्ी् सलाहिाि समलूह में भी शाकमल हैं। ऐसे में अमेरििा से लौटने िे बाद सोकन्ा गांधी क्ा

    सकहषणुता कदखाते हुए इन नेताओं पि िुछ निमी बितेगी ्ा कफि उनहें पलूिी तिह दिकिनाि िि देंगी, ्ह तो ्वक्त ही बताएगा। लेकिन िा््यिारिणी में हुए बदला्व ने सोकन्ा िे इिाददों िा कमला-जुला संिेत दे कद्ा है। पत्र कलखने ्वाले नेताओं में िकपल कसबबल िो छोडिि ज्ादाति नेताओं ने अब बदला्वदों पि सा्व्यजकनि तौि पि िुछ िहना छोड कद्ा है। ्वासकनि औि कजकतन ्रसाद ने तो नई कजममेदारि्ां कम लने पि खुशी भी जताई है।

    पाटटी में सुधाि िी मांग ििने ्वाले समलूह िा अब ्ह िहना है कि ्वे अभी सोकन्ा गांधी िे अगले िदम िा इंतजाि िि िहे हैं। नेतृत्व द्ािा जो बदला्व किए गए हैं, ्वह अभी सांिेकति से ज्ादा िुछ नहीं है। इन बदला्वदों िा उद्ेश् रिफॉम्य िी जगह नेताओं

    सुधार से ज्ादा विरोवध्ों पर नजर

    कांग्रेस

    गैटी इमेजेज

    िां ग्रेस िे ्वरिष्ठ नेताओं द्ािा पाटटी नेतृत्व िे कखलाफ आ्वाज उठाने से हुई कििकििी िे बाद िांग्रेस अध्क् सोकन्ा गांधी, आकखििाि संगठन में बदला्व ििने िे कलए मजबलूि हो गई। हालांकि उनहें ऐसा ििने में एि साल लग गए। बदला्व िे बाद भी िा््यिारिणी सकमकत में िोई आमलूल-चलूल परि्वत्यन नहीं कि्ा ग्ा है। थोडे-बहुत बदला्व से ्ह तो

    लेटर बम के बाद संगठनातमक बदलाव तो हुए लेककन उसमें चुनाव

    जीतने से ज्ादा पाटटी असंतुष्टों को शांत करने पर जोर

    पुनीत ननकोलस यादव

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  • को आपस में बांटना है। हाल के वर्षों में कांग्रेस में गुटबाजी का सबसरे

    अहम कारण यह रहा है कक काय्यकाररणी सरे लरेकर महासकिव, राजयों का प्रभार जैसी कजममरेदाररयां जयादातर उन नरेताओं को कमली हैं, जो नरेहरू-गांधी पररवार के िहेतरे हैं। अहम बात यह है कक पत्र कलखनरे वालरे 23 नरेताओं में सरे जयादातर इसी तरह िुनरे गए थरे, अब वरे इसी प्रकरिया में बदलाव की बात कर रहे हैं। हालांकक खुलरे कवरोध के बाद सोकनया गांधी नरे जो बदलाव ककए हैं, वह भी पुरानरे तरीके सरे ही ककए गए हैं। ऐसरे में नए िरेहरे कया गुल कखलाएंगरे, उस पर अभी कुछ कहना जलदबाजी होगा, लरेककन उनका पुराना ररकॉर्ड कोई अचछा नहीं रहा है। इस बात को भी नजरअंदाज नहीं ककया जा सकता है।

    पत्र कलखनरे वालों में शाकमल एक पूव्य केंद्ीय मंत्री नरे आउटलुक को बताया “इन बदलावों का केवल एक ही मकसद होना िाकहए, कया इसके जररए पाटटी दोबारा िुनाव जीतनरे के रासतरे पर लौटेगी? लरेककन दुभा्यगय सरे इसका जवाब नहीं है।” अपनी बात को आगरे बढातरे हुए वरे कहतरे हैं, “इस समय दरेकखए राजयों का प्रभार ककनके पास है, अजय माकन राजसथान के प्रभारी हैं, पर उनहोंनरे कदल्ी में पाटटी की कैसरे लुकटया रुबोई यह सबको पता है। इसी तरह कना्यटक के प्रभारी रणदीप कसंह सुरजरेवाला हैं, जो पाटटी के मुखय प्रवक्ा होतरे हुए भी लगातार दो बारे िुनाव हार गए हैं। ऐसरे में इन नरेताओं को दरेखकर काय्यकता्यओं में कैसरे आतमकवश्ास भरेगा।”

    कांग्रेस पाटटी की एक और बात पर जो आलोिना होती है कक वह अभी भी अपनी पारी खरेल िुके नरेताओं पर भरोसा करती है जबकक जमीन पर कई ऐसरे युवा नरेता हैं जो लोगों को प्ररेररत कर सकतरे हैं। सोकनया गांधी नरे इस असंतुलन को कम करनरे के कलए कई वररष्ठ नरेताओं को हटाकर संदरेश दरेनरे की कोकशश की है। इसके तहत काय्यकाररणी के वररष्ठ नरेता मोतीलाल वोरा, आजाद, मल्ल्काजु्यन खड़गरे, अंकबका सोनी, लुईकजनहो फलरेरो जैसरे नरेताओं को महासकिव पद सरे हटा कदया गया है।

    हालांकक इस बदलाव सरे पत्र कलखनरे वालरे नरेता बहुत जयादा प्रभाकवत नहीं हुए हैं। उनका कहना है, “पुरानरे नरेताओं को हटाकर नए नरेताओं को कजममरेदारी दरेनरे का कनयम बनाया गया है तो ओमन िांरी (आंध्र प्रदरेश के प्रभारी) और हरीश रावत (पंजाब के प्रभारी) को अहम कजममरेदारी दरेनरे का कया मतलब है?” बदलावों सरे साफ है कक पाटटी जहां कमजोर ल्सथकत में है, वहां युवाओं को कजममरेदारी दी गई है। समसया यह है कक नए नरेता अपनी योगयता साकबत करनरे के कलए संगठन सरे जयादा राहुल गांधी के प्रकत वफादारी कदखाएंगरे।

    महासकिवों की नई सूिी में कजतेंद् कसंह (असम), मकणककम टैगोर (तरेलंगाना), दरेवेंद् यादव (उत्तराखंर), कववरेक बंसल (हररयाणा), रजनी

    पाकटल (जममू-कशमीर), राजीव शुक्ा (कहमािल प्रदरेश), कजकतन प्रसाद (पल्चिम बंगाल, अंरमान और कनकोबार द्ीप समूह), कदनरेश गुंरु राव (तकमलनारु, पुदुचिरेरी और गोवा) को राजयों की कजममरेदारी दी गई है। कजतेंद् कसंह के पास इसके पहलरे ओरीशा का प्रभार था, लरेककन िुनावों में बुरी हार के बावजूद राहुल गांधी सरे कनकटता के कारण उनहें अहम कजममरेदारी दी गई है। इसी तरह कववरेक बंसल राजसथान में अशोक गहलोत के कखलाफ कवद्ोह करनरे वालरे सकिन पायलट के साथ खड़े थरे। उनहें बड़ी कजममरेदारी दरेतरे हुए महासकिव बनाया गया है। आजाद की जगह हररयाणा का प्रभार भी उनहें कमला है। इसके अलावा उनहें काय्यकाररणी में भी जगह कमली है। वहीं टैगोर और यादव नरे अपनी जगह कपछलरे एक दशक सरे मरेहनत करके पाई है। इसी तरह शुक्ा नरे कभी िुनाव नहीं लड़ा है।

    कजकतन प्रसाद को बड़ी कजममरेदारी कमलनरे पर गांधी पररवार के समथ्यक यह कह रहे हैं कक सोकनया और राहुल के मन में पत्र कलखनरे वालों के कखलाफ दुराग्ह नहीं है। हालांकक पाटटी के एक सूत्र का कहना है, “असल में प्रसाद को वनवास कदया गया है। बंगाल में कवधानसभा िुनाव नजदीक है। सभी को मालूम है कक पाटटी वहां बहुत कुछ करनरे की ल्सथकत में नहीं है। ऐसरे में राहुल-कप्रयंका नरे बड़ी िालाकी सरे प्रसाद को अपनरे गृह प्रदरेश (उत्तर प्रदरेश) सरे दूर कर कदया है।” इसी तरह पत्र कलखनरे के बावजूद मुकुल वासकनक को काय्यकाररणी में न केवल बरकरार

    रखा गया है बल्लक उनका मधय प्रदरेश प्रभारी का पद भी बनाए रखा गया है। वरे सोकनया गांधी के सहयोग के कलए बनाई गई छह सदसयीय सकमकत में भी शाकमल हैं। इस सकमकत में ए.के. एंटनी, अहमद पटेल, अंकबका सोना, के.सी. वरेणुगोपाल, रणदीप सुरजरेवाला को भी जगह कमली है। हालांकक यह सकमकत सथायी नहीं रहेगी।

    सोकनया गांधी नरे इस बार 51 सदसयीय काय्यकाररणी का कवसतार कर उसरे 57 सदसयीय कर कदया है। काय्यकाररणी में सुधार की वकालत करनरे वालरे आजाद, आनंद शमा्य, वासकनक और प्रसाद की जगह बनी हुई है। इसी तरह वीरपपा मोइली, भूकपंदर हुड्ा (उनके पुत्र दीपेंदर हुड्ा कवशरेर् आमंकत्रत सदसय के रूप में बनरे रहेंगरे), पृथवीराज िह्ाण, ककपल कसबबल, मनीर् कतवारी, शकश थरूर को काय्यकाररणी में जगह नहीं कमली है। जबकक सलमान खुशटीद, जयराम रमरेश, कदल्गवजय कसंह, मीरा कुमार, प्रमोद कतवारी, दरेवेंद् यादव, मनीर् ितरथ, भक्िरण दास, राजीव शुक्ा जैसरे नरेताओं को रॉ. मनमोहन कसंह, अंकबका सोनी, अहमद पटेल जैसरे पुरानरे वफादारों के साथ काय्यकाररणी में जगह कमली है। सबसरे िौंकानरे वाली एंट्ी ताररक अनवर की है, जो 1999 में शरद पवार के साथ सोकनया गांधी के नरेतृतव पर सवाल उठातरे हुए पाटटी छोड़ गए थरे। अनवर कपछलरे साल दोबारा कांग्रेस में आए हैं। उनहें न केवल महासकिव बनाकर केरल और लक्षद्ीप का प्रभार कदया गया है बल्लक काय्यकाररणी में भी रखा गया है। इसके अलावा केंद्ीय िुनाव सकमकत का भी पुनग्यठन ककया गया है।

    जाकहर है, लरेटर बम के बाद ऐसा लग रहा था कक कांग्रेस में कुछ आमूल-िूल बदलाव होंगरे। लरेककन अभी तक के बदलावों सरे यही लग रहा है कक बड़े बदलावों सरे जयादा पत्र कलखनरे वालों के पर कतरे गए हैं, कजसका उद्रेशय यही है कक वरे सोकनया गांधी सरे सुलह कर लरे और पाटटी को जो नुकसान हुआ है, उसरे कुछ हद तक संभाल कलया जाए।

    कांग्रेस

    साबित करनरे की चुनौतीः बिरोब यों नरे िदलािों के िाद भी चहेतों को इनाम दरेनरे पर उठाए सिाल

    अमेरिका से सोनिया-िाहुल

    की वापसी के बाद, कया

    कदम उठाया जाता है, उसी

    के आधाि पि नविोधी अपिी

    अगली िणिीनत तय किेंगे

    पीटीआइ

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  • 2020, मूल्य आश्वासन पर किसवान समझौतवा (अकििवार प्रदवान िरनवा और सुरक्वा) और िृकि सेववा अध्यवादेश 2020 और आवश्यि वसतु (संशोिन) अध्यवादेश 2020। इनमें किसवानों िे किए बवाजवार खोिने िी बवात िही गई है। संसद िे मौजूदवा मवानसून सत्र में इन अध्यवादेशों िी जगह कविवा्यि िवाए जवाने हैं। अब संभव है कि सरिवार अपने इस कनर्ण्य पर पुनकव्णचवार िरे।

    िृकि सकचव संज्य अग्रववाि ने िहवा, “्ये अध्यवादेश किसवानों िो अपनी उपज बेचने िवा बेहतर कविलप देते हैं। उद्ोगों से जुडी ज्यवादवा िीमत ववािी उपज िे मवामिे में अध्यवादेश खवासिर छोटे और सीमवांत किसवानों िो ्यह कविलप देतवा है कि वे ज्यवादवा िमवाई िे किए उद्ोगों िे सवाथ गठजोड िर सिें।” आंदोिनिवारी किसवानों िवा आरोप है कि एपीएमसी मंडी िी सुरक्वा िे अभवाव में छोटे किसवानों िे सवाथ

    िोखवा कि्यवा जवा रहवा है। इस पर अग्रववाि िवा िहनवा है कि इस व्यवसथवा में किसवानों िो सम्य पर भुगतवान सुकनश्चित िरने िवा उकचत प्रवाविवान है।

    िृकि मवािकेकटंग रवाज्य िवा कवि्य है। िेंद्र सरिवार ने ्यह क्लॉज जोडिर इसमें हसतके्प कि्यवा है कि रवाज्यों िे बीच होने ववािवा व्यवापवार समवतती (िेंद्र और रवाज्य दोनों) कवि्य होगवा। इस अध्यवादेश िे बवाद एि रवाज्य िवा व्यश्ति दूसरे रवाज्य िे किसवान से उसिी उपज खरीद सितवा है। पूव्णवतती ्योजनवा आ्योग िे सदस्य रहे प्रो. अकभजीत सेन िहते हैं, “इस व्यवापवार से िुछ किसवानों िो िवाभ कमि सितवा है, िेकिन बडी संख्यवा में छोटे किसवानों िो इसिवा फवा्यदवा नहीं कमिेगवा। अध्यवादेश िे मुतवाकबि इस तरह िी खरीद पर िोई शुलि नहीं िगेगवा, जबकि ज्यवादवातर रवाज्यों िे एपीएमसी िवानून इस कसदवांत पर बने हैं कि िेन-देन िवा एि कहससवा मंडी िो कमिेगवा। मंकड्यवां रवाज्य सरिवार िो रवाजसव जुटवाने में मदद िरेंगी। ्यह बवात उन उपजों पर भी िवागू होतवा है, कजनहें मंडी में नहीं िवा्यवा जवातवा है।”

    ‘सुधार’ बना गले की फांस

    ह रकसमरत िौर िे िेंद्री्य मंकत्रमंडि से इसतीफे ने िलॉिडवाउन िे दौरवान िृकि सुिवार िे किए िवाए गए अध्यवादेशों िे मुद्ों िो नए मुिवाम पर पहंचवा कद्यवा है। अिवािी दि िी सवांसद हरकसमरत िवा ्यह िदम संिेत है कि पंजवाब और हरर्यवारवा में ्यह कितनवा बडवा मुद्वा बन ग्यवा है। उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश और महवारवाष्ट्र िे किसवान भी इस आंदोिन में िूद पडे हैं। इस आंदोिन िे मध्य में तीन अध्यवादेश हैं- िृकि उपज, व्यवापवार और ववाकरज्य (संवि्णन और सुकविवा) अध्यवादेश

    कृषि सुधारों के नाम पर जारी तीन अध्ादेशों के षिधे्क लाने की तै्ारी, इनसे छोटे षकसानों को नुकसान

    लोला नायर

    कौन सुनेगा बातः दिल्ली-यूपली सलीमा पर धरने पर बैठे भारतलीय दकसान यूदनयन के सिसय

    दकसान आंिोलन

    पीटीआइ

  • सेन के अनुसार नई व्यवस्ा तीन सतर पर लोगों को प्रभाववत करेगी। पहली, राज्य सरकार और नेता। ज्यादातर नेता मंडी से वमलने वाले राजसव को राजनीवतक वग्ग के वलए फंड के रूप में देखते हैं। मंडी राज्य का राजसव तो बढाती ही हैं, अकसर उनहें अपने फंड को कृवि उपज की बेहतर हैंडवलंग और भंडारण इनफ्ासट्रक्चर सुधारने पर खर्ग करने के वलए भी कहा जाता है। अभी सभी मंवड्यों की प्रबंधन सवमवत्यों ्या बोड्ड में राज्य सरकार के प्रवतवनवध होते हैं।

    प्रभाववत होने वाले दूसरे लोग वे हैं जो मंवड्यों में काम करते हैं। इनमें आढवत्ेय और दलाल भी शावमल हैं। तीसरा वग्ग वकसानों, खासकर छोटे वकसानों का है, जो अलपाववध के कज्ग के वलए आढवत्यों पर वनभ्गर होते हैं। ्यहां तक वक कई राज्यों में सरकारी खरीद में न्यूनतम सम््गन मूल्य (एमएसपी) पर वनभ्गर रहने वाले बडे वकसान भी नई व्यवस्ा से प्रभाववत हुए हैं।

    राष्टी्य सव्यंसेवक संघ की इकाई भारती्य वकसान संघ (बीकेएस) ने भी संसद में ववधे्यक पाररत वकए जाने से पहले संशोधनों की मांग की है। बीकेएस के उपाध्यक्ष प्रभाकर केलकर कहते हैं वक अध्यादेश जारी होने के बाद एक समस्या ्यह सामने आई है वक व्यापारी कहीं से भी सामान खरीद कर कहीं भी बेर सकते हैं, लेवकन इन सौदों में भुगतान की कोई गारंटी नहीं है। केलकर के अनुसार, “पहले व्यापारी एपीएमसी मंडी के दा्यरे में ही काम करते ्े। वहां उनहें रवजसट्रेशन कराना पडता ्ा और नीलामी में अपनी कीमत भी बतानी पडती ्ी। खरीद की मात्ा बताने के सा् उनहें मंडी अवधकारर्यों के पास रकम भी जमा करानी पडती ्ी तावक वकसानों का वहत सुरवक्षत रहे। इसका मतलब ्यह ्ा वक जरूरत के वक्त मंडी अवधकारी वकसानों के पक्ष में फैसला कर सकते ्े। अब वकसानों के वलए ्यह सुरक्षा खतम हो गई है।”

    वे कहते हैं वक बहुत से वकसान अपंजीकृत व्यापारर्यों के झांसे में आकर धोखे के वशकार हो रहे हैं। पहले तो ्ये व्यापारी छोटे वकसानों को ्यह कहकर भगा देते हैं वक ्ोडा माल खरीदने में उनहें फा्यदा नहीं। बाद में जब लंबे सम्य तक इंतजार करने के बाद वकसान हतोतसावहत हो जाता है, तो वे कम कीमत पर उससे वही उपज खरीद लेते हैं।

    केलकर कहते हैं, “अध्यादेश में भुगतान में देरी करने वाले व्यापारर्यों के वलए सजा का तो प्रावधान है, लेवकन सवाल ्यह है वक लेन-देन का उवरत ररकॉड्ड नहीं होने पर वकसान कानून की मदद कैसे ले सकते हैं? वकसी अपंजीकृत व्यापारी को कैसे ढूंढा जा सकता है?” इन अध्यादेशों के वखलाफ मध्य प्रदेश की सभी मंवड्यां तीन वदन तक बंद रहीं। इसके

    अलावा प्रदेश कांग्ेस के सम््गन से 200 वकलोमीटर लंबा मार्ग भी वनकाला ग्या।

    भूवम बराओ संघि्ग सवमवत के प्रवक्ता डॉ. शमशेर वसंह इस अध्यादेश की आलोरना करते हुए कहते हैं वक ्यह धीमे जहर की तरह है। इनसे एपीएमसी की भूवमका धीरे-धीरे कम हो जाएगी जो वकसानों के वलए मौत के वारंट की तरह होगा। सर छोटूराम क