परवतन का साल - ishaडेरा बाबा सावन सहं क...

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२०१२ महा प(रवत,न का साल 1म2ो आपका दुसरे 8दन क9 काय,शाला और भंडारा महो@सव मA Bवागत है | करEब सौ साल पहले क9 बात है , एक आदमी जो Bवामीजी महाराज जो आगरा, भारत (जहाँ ताज महल हL ) के संत रहे हL , उनका 1शNय था | वो आदमी जो Bवामीजी महाराज का 1शNय था, अपने राQय पंजाब पह चा और नदE के Sकनारे खड़ा था | उसने वहाँ एक पागल आदनी को जोर जोर से तालE मारते नाचते देखा | उसने कहा ये आदमी VयW नाच रहा हL ?” | उसने Sफर उस आदमी से पूछा आप VयW इस नदE के Sकनारे नाच रहे हो ?” | उस पागल आदमी ने कहा VयWSक यहाँ पर एक बह बड़ा आ\याि@मक डेरा बनने वाला हL ”| उस आदमी ने कहाँ मA इस जगह रहने वाला ” | उस आदमी ने वहां पे एक छोटE झोपडी बनायीं और वहां पे रहने लगे | उन महा पु‘ष का नाम था बाबा जैमल 1संह जी | वह उस जगह पे साल रहे और उbहWने अपने एक 1शNय िजसको वह पहाड़W पे 1मले थे उसको अपना उcराdधकारE बनाया | उस उcराdधकारE का नाम था जुर महाराज बाबा सावन 1संह जी , बड़े महाराजी, जो मेरे गु‘ थे | मL आपको यह इfतहास क9 बात इस1लए बता रहा Sक जब एक आदमी ने अपने हाथो से संके त Sकया Sक यहाँ पे इस नदE के Sकनारे यह होगा, वह और यह देखने के 1लए मL वहां था | बह सालW पहले मA इस देश मA आया VयWSक बड़े महाराज जी ने १९३६-३७ मA जब मL १०-११ साल का था, उbहWने कहा था आ\याि@मकता क9 धुरE सयु ंVत राQय अमे(रका क9 तरफ झुक जाएगी| उbहWने कहा अ\याि@मक kगfत lयादातर पिmचम मA होगी लेSकन Bथाbnध बड़े पैमाने पर सयु ंVत राQय अमे(रका मA होगी | उbहWने यह मेरE उपिBथfत मA क छ लोगW को कहा। उbहWने यह बह सारे प2W मA संयुVत राQय अमे(रका मA अमे(रक9 1शNयW को 1लखा था | उन प2W क9 kfत1लqपयां आज उपलnध हL | मL अभी भी मेरे फोन जहाँ मेने वह रखा था वो पढके सुना सकता यह बात १९३७ क9 हL जब उbहWने कहा Sक अमे(रक9 देश एक आ\याि@मक sांfत क9 तैयारE कर रहा है और हालांSक वे यह नहEं जानते , उbहA पता नहEं Sक वे एक पूण, जीqवत गु‘ से 1मलने के 1लए तैयारE कर रहे हL , उनक9 तलाश इतनी तीu है Sक उन का एक पूण, जीqवत गु‘ से 1मलना तय है और जब मLने यह बड़े महाराजी से सुना मL ने कहा, "एक 8दन मुझे इस देश मA जाना चा8हए" | और जब मL आने के 1लए सvम , मL जwदE से आया भारत मA अपनी नौकरE से सेवाfनव c होके इस kदश,न को (रंग साइड सीट पे बैठके देखने गया अब मL इस kदश,न को देख रहा लेSकन जब मL कई साल पहले यहाँ आया था और कई BथानW पर गया, मL qवBकॉिbसन राQय आया था और dच|पेवा, ओिजnवा नदE के Sकनारे पर चला गया | मेरे साथ यह लड़क9 थी और मLने एक आधे पागल आदमी, पूरे पागल नहEं, आधे पागल आदमी को इस तरह न @य करते देखा | मLने कहा, "यह संयुVत राQय अमे(रका मA इfतहास क9 पुनराव qc है" | मLने कहा, " यह जगह एक 8दन एक आ\याि@मक कA होगी" | यह जगह dच|पेवा नदE के नजदEक एक शहर ूस, qवBकॉिbसन क9 उcर 8दशा मA है और इस1लए यह गैर लाभ संगठन जो बैठक का इंतजाम करता हL, मानव जागकता के

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  • २०१२ – महा प(रवत,न का साल

    1म2ो आपका दसुरे 8दन क9 काय,शाला और भंडारा महो@सव मA Bवागत है | करEब सौ साल पहले क9 बात है , एक

    आदमी जो Bवामीजी महाराज जो आगरा, भारत (जहाँ ताज महल हL) के संत रहे हL, उनका 1शNय था | वो आदमी

    जो Bवामीजी महाराज का 1शNय था, अपने राQय पंजाब पहँुचा और नदE के Sकनारे खड़ा था | उसने वहाँ एक

    पागल आदनी को जोर जोर से तालE मारते हुए नाचते हुए देखा |

    उसने कहा “ये आदमी VयW नाच रहा हL ?” | उसने Sफर उस आदमी से पूछा “आप VयW इस नदE के Sकनारे नाच

    रहे हो ?” | उस पागल आदमी ने कहा “VयWSक यहाँ पर एक बहुत बड़ा आ\याि@मक डरेा बनने वाला हL”| उस

    आदमी ने कहाँ “ मA इस जगह रहने वाला हँू” | उस आदमी ने वहां पे एक छोटE झोपडी बनायीं और वहां पे रहने

    लगे | उन महा पु`ष का नाम था बाबा जैमल 1सहं जी | वह उस जगह पे कुछ साल रहे और उbहWने अपने एक

    1शNय िजसको वह पहाड़W पे 1मले थे उसको अपना उcराdधकारE बनाया | उस उcराdधकारE का नाम था हुजुर

    महाराज बाबा सावन 1सहं जी , बड़ ेमहाराजी, जो मेरे गु` थे |

    मL आपको यह इfतहास क9 बात इस1लए बता रहा हँू Sक जब एक आदमी ने अपने हाथो से संकेत Sकया Sक यहाँ पे

    इस नदE के Sकनारे यह होगा, वह हुआ और यह देखने के 1लए मL वहां था | बहुत सालW पहले मA इस देश मA आया

    VयWSक बड़ ेमहाराज जी ने १९३६-३७ मA जब मL १०-११ साल का था, उbहWने कहा था “आ\याि@मकता क9 धुरE

    सयंुVत राQय अमे(रका क9 तरफ झुक जाएगी” | उbहWने कहा “अ\याि@मक kगfत lयादातर पिmचम मA होगी

    लेSकन Bथाbnध बड़ ेपैमाने पर सयंुVत राQय अमे(रका मA होगी “| उbहWने यह मेरE उपिBथfत मA कुछ लोगW

    को कहा। उbहWने यह बहुत सारे प2W मA संयुVत राQय अमे(रका मA अमे(रक9 1शNयW को 1लखा था | उन प2W

    क9 kfत1लqपयां आज उपलnध हL |

    मL अभी भी मेरे फोन जहाँ मेने वह रखा था वो पढके सुना सकता हँू । यह बात १९३७ क9 हL जब उbहWने कहा Sक अमे(रक9 देश एक आ\याि@मक sांfत क9 तैयारE कर रहा है और हालांSक वे यह नहEं जानते, उbहA पता नहEं Sक वे एक पूण, जीqवत गु` से 1मलने के 1लए तैयारE कर रहे हL, उनक9 तलाश इतनी तीu है Sक उन का एक पूण, जीqवत गु` से 1मलना तय है । और जब मLने यह बड़ ेमहाराजी से सुना मL ने कहा, "एक 8दन मुझे इस देश मA जाना चा8हए" | और जब मL आने के 1लए सvम हुआ, मL जwदE से आया भारत मA अपनी नौकरE से सेवाfनवcृ होके इस kदश,न को (रगं साइड सीट पे बैठके देखने आ गया । अब मL इस kदश,न को देख रहा हँू।

    लेSकन जब मL कई साल पहले यहाँ आया था और कई BथानW पर गया, मL qवBकॉिbसन राQय आया

    था और dच|पेवा, ओिजnवा नदE के Sकनारे पर चला गया | मेरे साथ यह लड़क9 थी और मLने एक

    आधे पागल आदमी, पूरे पागल नहEं, आधे पागल आदमी को इस तरह न@ृय करते देखा | मLने कहा, "यह

    संयुVत राQय अमे(रका मA इfतहास क9 पुनरावqृc है" | मLने कहा, " यह जगह एक 8दन एक

    आ\याि@मक कA होगी" | यह जगह dच|पेवा नदE के नजदEक एक शहर ूस, qवBकॉिbसन क9 उcर

    8दशा मA है और इस1लए यह गैर लाभ संगठन जो बैठक का इंतजाम करता हL, मानव जागकता के

  • अ\ययन के 1लए संBथान संvेप मA ईशा, उbहWने कुछ भू1म खरEदE ताSक एक 8दन एक आ\याि@मक

    कA यहाँ Bथाqपत Sकया जा सके। qपछलE बार जब मL यहाँ आया तब मLने देखा यह जगह एक समान

    आ\याि@मक कA के 1लए तैयार हो रहE है। मेरे गु`, बड़ ेमहाराज हुज़ूर महाराज बाबा सावन 1सहं जी

    ने nयास नदE के Sकनारे आ\याि@मक केb िजसे डरेा कहते हL बनाया और उसका नाम अपने गु` के

    kfत धांज1ल के प मA डरेा बाबा जैमल 1सहं रखा | वह डरेा अब बहुत बड़ा हो गया हL और लाखW

    लोग हर साल डरेे जाते हL | वह एक बहुत बड़ा आ\या1मक कA बन गया हL और मLने काफ9 साल वहां

    बताए |

    लेSकन जब मLने बड़ ेमहाराज जी को कहते सुना क9 आ\याि@मकता क9 धुरE यहाँ घूम जाएगी, तब कुछ

    महEने पहले मL उस जगह गया और उस जगह को देखा और कहा ‘इस से बेहतर धांज1ल मL अपने गु` को

    Vया दे सकता हँू | मL वहE सेवा कँगा जो बड़ ेमहराज जी ने अपने गु` के 1लए क9 | िजस जगह

    पर मLने उस आधे पागल आदमी को हाथ लहराते देखा उसी जगह पर डरेा बनाऊंगा और उस डरेे का

    नाम डरेा बाबा सावन 1सहं, मेरे गु` के नाम पे रखूगँा | इस1लए मL आ\याि@मक गfतqवdधयW के 1लए

    एक छोटा कA Bथाqपत करने का kBताव रखना चाहता हँू, जहाँ हमलोग जैसे आज जमा हुए हL वैसे

    जमा हो सके और मL एक छोटE जगह अपने हाथW से बनाना चाहता हँू | पर अब मेरE उ ८५ साल

    से ऊपर हो गयी हL, मेरा शरEर और हाथ अब थोड़ ेकमज़ोर हो गए हL | दसूरE बात यह हL क9 मLने

    कभी घर नहEं बनाये हL, इसके 1लए मुझे पता नहEं Sक मL अपने हाथW से यह जगह बना पाऊँगा Sक

    नहEं | मुझे कुछ मदद क9 ज़ु`रत है | मL यहाँ जमा कुछ लोगW से पूछना चाहँूगा अगर वह dच|पेवा

    नदE पर ूस qवBकॉिbसन मA डरेा बाबा सावन 1सहं बनाने मA मेरE मदद करना चाहAगे | मुझे भू1म

    fनमा,ण के qवशषेW के साथ fनमा,ण गfतqवdध मA मदद क9 आवmयकता होगी । मुझे उन लोगW क9

    मदद क9 ज़ु`रत पड़गेी जो इस जगह को बनाने क9 योजना बना सकते हो | मुझे लोगW क9 मदद

    क9 ज़ु`रत होगी जो यह छोटा सा समेलन हॉल बनाने के 1लए अगर कुछ सामी दान कर सकते हो

    | यहाँ तक Sक य8द मुझे इस तरह का छोटा सामेलन कv भी अगर बनाना हो, वह भी पहले से

    सिम1लत सामान से, तो मुझे उसके 1लए भी सामी क9 आवmयकता होगी | मुझे कुछ चीज़A खरEदने

    और qवशषे कामW के 1लए जो Sक हम उपलnध नहEं करवा सकते, कुछ धन क9 आवmकता होगी | मA

    जानना चाहता हँू अगर यहाँ बैठे मेरे दोBत मेरE मदद करना चाहAगे (हाथ उठाते हुवे) |

    बहुत शुSsया

    मL अब बहुत आmवBत हँू Sक डरेा बाबा सावन 1सहं मLने िजस जगह dचिनत Sकया है उस जगह पर

    अवmय बनेगा | और जो उस जगह को देखना चाहते हL, उस जगह को, उस dचिनत जगह को, उbहA

    कल भंडारा के बाद आने के 1लए fनमं2ण है | इतने सारे हाथ मुझे मदाद करने के समथ,न के 1लए

    उठे हL, मL भंडारा के 8दन पे, कल बड़ ेमहाराजी के भंडारा मA एक औपचा(रक घोषणा कँगा, क9 हम

    डरेा बाबा सावन 1सहं क9 Bथापना संयुVत राQय अमे(रका मA कर रहे हL, बड़ ेमहाराज के बड़ ेअसलE

  • आ\याि@मक आंदोलन के बदलाव के भqवNयवाणी के अनुसार, यहाँ बहुत सारे गु` आयAगे जो

    िजासुओं का उस जगह से माग,दश,न करAगे | मुझे अभी से हE यह होता हुआ 8दखाई दे रहा हL |

    इस1लए अगर आप भंडारा के बाद मेरे साथ आना चाहते हL, तो हम थोड़ी सेवा कर सकते हL, उस

    ज़मीन मA से थोड़ा घास-फूस fनकाल के सांकेfतक प से काम शु कर सकते हL । आप मA से Sकतने

    लोग ३ अkैल तक रह रहे हL और वहाँ आने के 1लए सvम हL।

    बहुत-बहुत धbयवाद |

    बड़ ेमहाराजी दसुरे गु`-जनW के तरह सलाह देते थे क9 अगर हम मदद िजसको भारतीय भाषा मA सेवा

    कहते हL, बना Sकसी फल क9 इछा के करते हL तो उससे dचतंन मA बहुत मदद होती हL VयWSक बहुत

    सारE कावट फल क9 अपेvा क9 वजह से आती है। हम जीवन मA बहुत Qयादा उमीद करते हL।

    हमारE उमीदA हमारE खुशी को नNट करती हL । बहुत Qयादा उमीद हमारे dचतंन को नNट कर देती

    है |

  • इस1लए ऐसी िज़bदगी जीना जहाँ हमारE सोच ऐसी हो "जो मेरे 8हBसे आएगा, उसे मL

    अपनाऊंगा","kवाह के साथ चलो", जीने का महान तरEका है | लेSकन लगातार यह कहते रहना क9

    "मLने यह Sकया लेSकन बदले मA मुझे Vया 1मला ?" "मL उस यVती को |यार करता हँू. Vया वह

    यVती मुझसे |यार करते हL ?" जब हम इतनी सारE उमीदA रखते हL, हमे उतनी हE fनराषा होती हL

    | अगर हम कोई उमीद हE नहEं रखAगे तो हमA fनराशा भी नहEं होगी | इस1लए हमने इन उमीदW के

    कारण हमारे जीवन मA fनराशा भर दE हL |

    बड़ ेमहाराजी ने कहा है और मL उनसे सहमत हँू "अगर आप सेवा, मदद, अपने गु` के 1लए, अपने दोBत के

    1लए, लोगW के 1लए, सामाbय प मA मदद या सेवा बना Sकसी उमीद के करते हो, यह तुहे \यान के 1लए

    बेहतर तैयार करता हL | दरअसल एक बार उbहWने कहाँ था क9 "यह \यान के बराबर हL "| और तुम \यान मA

    इसका प(रणाम देख सकते हो Sक Sकतनी तीu kगfत होती है | इस1लए यह सेवा आ\याि@मक

    सा8ह@य और आ\याि@मक 1सधांतW मA बहुत मह@वपूण, कहE जाती है | पर वह कहते हL Sक सेवा तीन

    kकार क9 होती है |

    शारE(रक सेवा है जो आपके शरEर के साथ है। आप चीजA उठाते हो। आप लोगW क9 मदद करते हो।

    आप खाना परोसते हो। आप रसोई मA सेवा करते हL। आप Sकसी क9 बैग सेवा के प मA उठाते हो।

    यह सभी भौfतक सेवा है और यह एक बहुत अछ सेवा है। दसूरE तरह क9 सेवा हL धन दान करना

    । आप एक चेक 1लखकर दे देते हो, बना Sकसी इनाम क9 उमीद Sकये। वह भी सेवा है। तीसरा सेवा

    मन के साथ है। मन के साथ सेवा Sकसी भी प(रणाम क9 अपेvा Sकये बना \यान करना और अपने

    गु` को भAट के प मA अपना \यान समप,ण करना । जब आप \यान करते हो और गु` को यह

    कहते हो, "गुजी, आज का \यान आप के 1लए एक भAट के प मA समqप,त है", उस सेवा को मन क9

    सेवा कहते हL।

    य8द आप सभी तीन kकार क9 सेवा करते हL, तो आप का आ\याि@मक पथ पर अछ kगfत करना

    और अपना जीवन बदल लेना तय है। आप को1शश करके देख लो | यह ज़र काम करता है । सेवा

    बहुत मह@वपूण, है। मLने हमेशा लोगW को सुझाव 8दया है Sक दान देना एक बहुत पुरानी परंपरा है।

    सभी 1सधांतW, सभी परंपराओं ने कहा है, "अपने कमाई का दस kfतशत, जो एक अछ संया हL,

    आप दान के प मA दे सकते हL "| इससे आपको Qयादा तकलEफ नहEं होगी। इससे आपको बहुत मदद

    1मलती है। आपको अपने शरEर का दस kfतशत काम भी दान के प मA, Bवयंसेवक के प मA

    समqप,त करना चा8हए | य8द आप हर रोज काम नहEं कर सकते, स|ताहांत पर, छुटE पर, मुआवज़े

    के बना लोगW क9 सेवा करA। वह भी अपने शरEर के साथ सेवा है। इसके बाद \यान मA Qयादा नहEं

    तो दस kfतशत, मन क9 सेवा के प मA समqप,त करना चा8हए | अगर आप ये सब करते हL तो

    आपको ज़र लाभ होगा।

  • डरेा मA जब मL युवा था और बड़ा हो रह था तब बड़ ेमहाराजी के दया से, हमA हर kकार क9 सेवा

    करने मA बहुत खुशी 1मलती थी। कोई भी सेवा हो । मुझे अभी भी याद है मL बहुत छोटा था तब

    बजलE नहEं हुआ करती थी और ग1म,यW मA मौसम बहुत गम, हुआ करता था और वे बड़ ेहाथ के पंखे

    के साथ महाराजी को हवा देते थे। मेरा कद और पंखे का कद सामान था, लेSकन Sफर भी मL kवचन

    के दौरान बड़ ेमहाराजी को उस पंखे से हवा देने क9 को1शश करता था | यह सेवा थी। आज, मL आप

    सब से भंडारा मA 1मलने आता हँू। यह भी वहE सेवा है जो मL कर रहा हँू। मेरे 1लए यह सेवा और

    बचपन मA पंखा चलने क9 सेवा मA कोई अंतर नहEं हL | यह गु` के 1लए क9 गयी एक सेवा है। तो,

    जब आप गु` के 1लए कोई भी सेवा करते हो, और य8द गु` उपलnध नहEं हो, तो आप उनक9 1शNयW

    क9 सेवा कर सकते हो। अगर 1शNय उपलnध नहEं हL तो आप Sकसी क9 भी सेवा कर सकते हो |

    जब तक आप इस तरह क9 कोई सेवा करते हो, जो शारE(रक हL, यह शरEर-सेवा मA शा1मल होता है |

    उन अछे पुराने 8दनW डरेा मA 1मटटE सेवा या डट, सेवा हुआ करती थी | 1मटटE सेवा का मतलब था

    ज़मीन पर सेवा करना और हम सब ज़मीन पर काम करते थे | हम कभी कभी टA उठाते थे, ढेर

    सारE VयWSक डरेा nयास नदE के Sकनारे था और वहां पर एक पहाड़ था और हम लोग लदाई एक

    जगह से लेकर दसुरे जगह पर डालते थे | आज वह vे2 नदE क9 जगह पर बहुत बढ़ गया है। लेSकन

    उस वVत यह बहुत छोटा 8हBसा था, हमे बड़ा मज़ा आता था। जब वहां एक इमारत बनी मुझे याद

    है वहाँ एक बहुत हE kबुध आ@मा मBताना, बलोdचBतान मBताना अपने 1सर पर टW क9 टोकरE

    लेकर जाता था और मुझे उसके साथ चलना बहुत अछा लगता था पर मL 1सफ, केवल एक ट ले

    जा सकता था | मेरे सर पे एक हE ट होती थी | उनके सर पे टोकरE होती थी | और हम साथ

    चलके fनमा,ण Bथल पे वो ट डालते थे और इस तरह एक बड़ ेऔर सुbदर स@संग-घर, kवचन क9

    जगह का fनमा,ण हुआ, जहाँ पर बड़ ेमहाराज न केवल kवचन करते थे बिwक वहां नाम दान भी देते

    थे | मLने यह सब होते हुए अपनी आँखW से देखा |

    मL आशा करता हँू क9 मL इतने समय िजंदा रहँू Sक मL संयुVत राQय अमे(रका के dच|पेवा नदE के

    Sकनारे डरेा बाबा सावन 1सहं बनता देखू ँ| यह चीज़ kतीका@मक प से हम ३ अkैल को भंडारा के

    बाद शु कर सकते हL | Sफ़लहाल वहाँ कोई ट उठाने के 1लए नहEं हL | कोई इBपात नहEं हL | कोई

    दEवारA बनाए के 1लए नहEं हL | लेSकन यह सब आ जायAगे और हम Sफ़लहाल जो भी कर सकते हL वो

    अछ सेवा कहलाएगी | मA खुद िजतना हो सके इस काय, मA शा1मल होना चाहता हँू | अगर ज़ु`रत

    पड़ी , तो मA इस जगह पर अपने 8हBसे का काम और म करने के 1लए बार-बार आऊँगा | और मL

    बहुत खुश हँू Sक इतने सारे हाथ उठे हL | Vया यहाँ पर कोई लोग हL जो fनमा,ण काय, मA qवशषे है?

    वाह, बहुत सारे है। धbयवाद | Vया यहाँ पर कोई लोग हL जो fनमा,ण सामी के सू2W से प(रdचत हL?

    बहुत अछा, धbयवाद। Vया यहाँ पर कोई लोग हL जो इस प(रयोजना के 1लए धन दान कर सकते

    हL? बहुत-बहुत धbयवाद | हमारे पास सब कुछ अभी से हE kचु,रता मA है।

  • और अगर Qयादा नहEं हL, तो और आ जायेगा | जब हम भारत मA डरेा मA काम कर रहे थे, मLने एक

    जगह नौकरE क9 जहाँ मL साव,जfनक काम के 1लए िजमेदार था । उस सरकारE नौकरE मA मुझे सभी

    शीष, आSक, टेVट, भवन fनमा,ताओं को 1मलने का मौका 1मला | और जब मुझे इमारत बनाने के 1लए,

    प(रmय क9 बनावट के 1लए प(रmय fनमा,ता क9 ज़`रत थी, तब मL माननीय नामचीन 1शwपकार

    और fनमा,णकता, को डरेे के fनमा,ण मA सहायता के 1लए बुला सकता था और वो सब बड़ ेमहाराजी

    को 1मलने के बाद महाराज जी के 1शNय बन गए, बस वहाँ आ के और उनसे 1मलके | मुझे यक9न

    है Sक हमारे पास ऐसे लोग हL जो यहाँ आने को तैयार हL | वे यहां भी आ जायAगे और वे भी हमA इस

    काम मA मदद करAगे।

    तो मL आपको यह सूdचत करना चाहता था VयWSक यह मेरE एक गु|त इछा थी और एक लंबे समय

    तक मLने इसे दबा कर रखा था और मLने कहा, "जब सहE समय आएगा तब मL अपने दोBतW को

    बताऊंगा"| आज मुझे लगा क9 सहE समय आ गया है और मL आप सब को बता रहा हँू VयWSक यह

    साल २०१२ एक महा प(रवत,न का साल हL | कुछ लोगW का सोचना हL क9 यह प(रवत,न qवनाशकारE

    होने वाला हL; VयWSक मायन कैलAडर समा|त हुआ, इस1लए इस दfुनया मA सब कुछ ख़@म हो जायेगा |

    नहEं, उसका ये मतलब नहEं हL | इसका 1सफ, यहE मतलब है Sक हम एक नया पbना पलट रहे हL,

    एक नए युग मA kवेश कर रहे हL; जो Sक पहले से अdधक आ\याि@मक होने वाला हL | तो इस वष, मA

    एक महान प(रवत,न होने जा रहा है और यहE कारण है Sक मLने सोचा यह घोषणा करने के 1लए यह

    एक अछा समय है। तो मL बहुत खुश हँू Sक आप मA से कई लोग मेरे इस kयास मA शा1मल हो रहे

    हL |

    अब कुछ गंभीर बात करते हL। कल हमने \यान मA थोडा अ¢यास Sकया जहाँ पर मLने आँखW के पीछे

    \यान केिbत करने का मह@व बताया और अपने शरEर मA आँखW के पीछे के कv को \यान कA

    बनाने क9 बात क9; Sक तुम भूल जाओ क9 तुम कहाँ बैठे हो । आप िजस कुस£ या कमरे मA बैठे हो

    उसे भूल जाओ | \यान शु करने से पहले, आप को महसूस होना चा8हए क9 आप अपने सर के

    अbदर बैठे हो | अपने आप को वहाँ बठाओ और Sफर \यान करो । यह एक औपचा(रक यायाम था

    1सफ, पता लगाने के 1लए क9 आपको कहाँ \यान करना चा8हए।

    अब मुझे आपको बताना हL क9 बना |यार और भिVत के \यान करना खोखला है VयWSक |यार और

    भिVत के आलावा और कोई चीज़ आपको मन के परे नहEं खीच सकती | \यान के व¤त अगर kेम

    और भिVत मौजूद नहEं है तो आपका \यान खोखला है और लोगW को लगता है Sक यह एक यां2क

    यायाम है। यह यां2क नहEं हL | आप अपनी आ@मा को Bवयं क9 तरफ खींच रहे हो | आप अपने

    आपको अपनी ह क9 सचाई क9 तरफ खीच रहे हो और ह Sकसी कारण; Sकसी तरक; Sकसी

    संवेदक अनुभव को नहEं बिwक kेम और भिVत को हE पहचानती हL |

  • इसी1लए \यान रहे Sक हम लोग आ@मा क9 बात कर रहे हL | आ@मा का kाकृfतक काय, |यार,

    अंता,न, स¥दय,, ख़ुशी, आनंद हL | यह तक, और कारण और चीजW को गहराई मA समझने क9 को1शश

    करना, इन सब क9 परवाह नहEं करता। यह मान1सक काय, हL | मन आ@मा के काफ9 नीचे बसता है

    और इस1लए आ\याि@मक \यान के 1लए यह ज़रE हL Sक हम जब \यान करे तब हमारा \यान

    अपने qkय गु` िजbहA हम |यार करते हL उनपे हो | य8द हमारे पास गु` हL, तो उससे बेहतर मॉडल

    हमारे 1लए हो हE नहEं सकता VयWSक गु` हमA बना शत, |यार का एक वाBतqवक अनुभव देता है।

    यह सबसे अछा तरEका है |यार का kfतसाद देने का | िजसने बना शत, के |यार 8दया है, उनको

    अपनी भिVत 8दखाने का | लेSकन य8द आप का कोई गु` नहEं है और आपने ऐसा अनुभव नहEं Sकया

    है, तो कोई भी िजसने आपको अछा |यार 8दया है, उनक9 छqव के kती अपने kेम और भिVत को

    kकट करना \यान के 1लए अछा है। लेSकन यह अपने qkय का mयावलोकन होना चा8हए और

    तुम \यान मA अपने मान1सक भाषा का kयोग करके अपनी बात कह सकते हो | आप अपना kेम

    यVत करो । आप अपने आपको पूरE तरह से यVत करो और देखो क9 आँसू fनकल आ रहे हL, यह

    अछा है। य8द आप हँसते हो, तो अछा है | अगर आप मुBकुराते हो तो अछा है | VयWSक वह

    \यान kेम और भिVत से होना चा8हए | ज़ा8हर है Sक अभी भी, Bथान आँखW के पीछे हE है | चलो

    आज को1शश करते हL आँखW के पीछे बैठ के kेम और भिVत के साथ \यान करने क9, जहाँ आप

    अपने qkय क9 छqव सामने लाओ और अपने |यार को अपने qkय के सामने सबसे उcम तरEके से

    यVत करो और नतीजा देख लो |

    कृपया अपने शरEर को अपना घर समझो और तुम उस घर क9 छठ मंिजल पर अपनी आँखW के पीछे

    बैठे हो । सबसे पहले, अपने आप को आँखW के पीछे \यान कA मA Bथाqपत करो । उसके बाद अपने

    |यारे क9 कwपना करो । उसके बाद आप Sकसी भी kकार का \यान, 1समरन, \वनी सुनना या अपने

    गु` के साथ बातचीत करना kारंभ करो।

    कोई अbय qवचार नहEं, 1सफ, अपने qkया के साथ केवल बातचीत करो। म\य मA \यान केिbत करो

    | \यान कहE बाहर मत लेकर जाओ | अपने गु` का |यार kा|त करो और आपनी भिVत को Sकसी

    भी तरह से यVत करो । अपनी आँखA मेरे ५ क9 dगनती करने तक बंद रखA। एक, दो, तीन, चार,

    पांच | अपनी आंखे खोलो और आपका वापस Bवागत है | आप मA से Sकतने लोगW ने यह स2 पसंद

    Sकया (हाथ उठाते हूए)?

    अभी तक का यह सबसे अछा प(रणाम है। देखा यह Sकतना मह@वपूण, हL, \यान मA Sकतना फ़क,

    पडता हL जब अपने qkय का चेहरा अपनी आँखW के सामने लाते हो, जब आप कुछ चीज़A याद करते

    हो, कैसे आपने समय बताया था, कैसे आपने अपने |यारे को आस पास घूमते हE देखा था, चलते,

    बैठेते, Vया कहा था, Vया नहEं कहा | जब आप इन चीजो को याद करते हो और \यान मA बैठते हो

  • तब आपका \यान ¦खचता हL | यह अbय बातW को भूलाने का सबसे अछा तरEका है | अbयथा, सूखा

    \यान |

    बड़ ेमहाराजी िजसको सूखा \यान कहते थे, उसका मतलब है आप यां2क प से बैठे हो, आपका मन

    दfुनया भर मA घूम रहा हL, आप दसुरे चीज़W के बारे मA सोच रहे हो और इस तरह आप कहEं नहEं

    पहँुच पाते हो । यह एक बहुत हE \यान कA 8त करने क9 Ssया हL िजससे आपका \यान Sकसी ऐसी

    चीज़ पे केिbत होता है जो न केवल सची है बिwक जैसे जैसे आप \यान मA आगे बढोगे, वह हमेशा

    के 1लए आप के साथ रहेगा। यह एक ऐसे चीज़ हL जो म@ृयु के बाद आपके साथ जाएगी | यह कोई

    अBथायी चीज़ नहEं हL, जो आपके साथ 1सफ, तब तक रहेगी जब तक आप इस शारEर मA हो |

    इसी1लए kेम और भिVत के साथ \यान करना हE असलE राBता हL और मLने आपको उसका छोटा सा

    नमूना 8दया | मुझे पता हL क9 लबे समय तक \यान करने से लोगW ने बहुत अछे अनुभव हा1सल

    Sकये हL और इस1लए अगर आप kेम और भिVत के साथ लबे समय के 1लए \यान करोगे तो

    आपको भी अछे अनुभव हा1सल हWगे वरना नहEं हWगे | ज़ा8हर है, \यान के qव1भbन भाग हL |

    उदाहरण के तौर पे अगर हम मं2 जपते हL तो 1सफ, अपने मन को 1सखाने के 1लए ताSक मन Sकसी

    और चीज़ के बारे मA न सोचे | मं2 उतने चम@कारE नहEं हL िजतने आप सोचते हो | मं2 जपने का

    मुय उधेmय अपने मन को Sकसी और चीज़ के बारे मA सोचने से रोकना हL | आप अपनी पसंद क9

    कृ2म शnदW को इBतेमाल करते हो | कोई और आपको वह मं2 देता हL | उस मं2 को जपो | और

    आप उस मं2 को जपते हो और उस मं2 पे गौर करते हो, िजस से आपका मन कोई और चीज़ नहEं

    सोच पाता | और अगर आप कुछ और सोचना शु करते हो और यह मं2 जपते हो तो यह मं2

    पुराने शnदW को fनचोड़ कर उन यालW को बहार फA क देता हL | यह सब से आसान तरEका हL अपने

    तीसरे तील के म\य मA आँखW के पीछे बैठने का | यह केवल एक सी1मत काय, पूरा करता है।

    कोई भी मं2 जपके सचखंड या Bवग, नहEं गया है | कोई नहEं कर पाया हL | यह एक अBथायी यb2

    हL एक जगह पहँुचने के 1लए जहाँ से आपको दसूरE शिVत अbदर खींचेगी | अbय शिVत भी ज़ा8हर है,

    एक अ1भयिVत है, एक \वfन है िजससे आप आकqष,त हो जाओगे और आपके पैरW तले क9 ज़मीन

    ¦खसक जाएगी | जब यह होता हL, उस शिVत क9 एक kfत\वfन और एक \वfन है जो तेजी से

    बजती है और आप भूल जाते हL आपका शरEर कहाँ है | अब यह एक शिVतशालE चीज़ है। और यह

    कहाँ से आ रहा हL ? आपके आ@म से | आपके अbदर से | यह कहEं बहार से नहEं आ रहा | आपको

    कोई 8दशा मA मुड़ने क9 ज़`रत नहEं हL | यह मूल से आती है और जब आप उसे सुन सकते हो Sफर

    कोई मं2 जपना आवmयक नहEं है। और कुछ ज़ुरE नहEं है 1सवाय उस \वनी को सुनने के, उसके

    वारा fनद§1शत हो जाओ और वह शिVत आपको हर एक Bतर पे िजस Bतर क9 हम बात करते हL

    एक के बाद एक खींचेगी |

  • यह आmचय,जनक बात है वहाँ कैसे चेतना के k@येक Bतर के बीच एक कड़ी है। मL आपको उदाहरण

    देता हँू : आपको जागतृ अवBथा मA पता हL क9 आप कौन हो | आप सो जाते हो और आपको सपना

    आता है | उस सपने मA आप चल रहे हो | Vया आपको पता है Sक आप का सपने वाला शरEर और

    जागतृ प वाला शरEर एक हL ? आप यह नहEं कह सकते क9 यह कोई और सपने मA चल रहा था |

    य8द आप सपने मA देखते हो क9 आप उस चीनी दाश,fनक क9 तरह fततलE बन गए हो | आप fततलE

    हो िजसके अbदर वहE आ@मा हL जो आपके शरEर मA सोने से पहले थी | कोई आपको यह नहEं कह

    सकता क9 आपने fततलE को देखा VयWSक आप fततलE के प मA Bवयं उड़ रहे होगे | वो आ@मा या

    चेतना उस शरEर मA याqपत हL | य8द आप चेतना के एक उच Bतर पे जाओ और वहां पर कोई प

    नहEं है, तभी भी आ@मा वहE रहेगी । आ@मा कभी नहEं बदलती | अस1लयत मA आप कोई भी प मA

    हो, आपक9 आ@मा जो अनुभव कर रहE हL, वह आ@मा कभी नहEं बदलेगी चाहे आप सिृNट के शीष,

    तक पहँुच जाओ | आ@मा हमेशा वहE रहेगी | अब यह Vया चीज़ हL जो Bवयं को चेतना के Sकसी भी

    Bतर पे पकड़ ेहुए है, चाहे आप सपना देख रहे हो या जागतृ अवBथा मA हो, आ@मा को Bथायी बनाये

    रखती है ?

    यह धुन का kवाह है जो हर Bतर को जोड़ ेरखता हL | तो \वfन का kवाह वाBतव मA Bवयं क9 चेतना

    का kfतfनdध है और यह आसान राBता हमारे 1लए बनाया गया है ताSक हम अपने आप को पहचाने

    | वना, हमA पता नहEं हम कौन हL | हमे नहEं पता Sक आ@मा कौन है | हम अपने आवरण को आ@म

    मान के बैठे हुए हL | हम कहते हL क9 हमारा शरEर हमारE आ@मा हL | अब हम इस शरEर से fनकल

    के सू©म शरEर मA आते हL, और उस सू©म शरEर को आ@मा मानते हL | अब सू©म शरEर से हम एक

    कारण शरEर मA kवेश करते हL, हम कहते हL क9 हमारा मन हमारE आ@मा हL | अंत मA जीवा@मा हE

    आ@म है | हम कुछ भी नहEं हL | वह अलग अलग चीज़ नहEं हL | आ@मा भले हE Sकतना प बदले

    आ@मा वहE हL चाहे आप कोई भी प धारण करो | चाहे आप कहEं भी हW | चाहे आप Sकतना भी

    फैल जाओ या 1सकुड़ जाओ | इस1लए, यह Bवयं क9 खोज है और Bवयं आप मA गंूजती है और उस

    अनुनाद को य जीवन धारा कहा जाता है। उस अनुनाद को \वनी का kवाह कहा जाता हL जो

    आपको खींचता है | वह \वनी नहEं हL | वह आप Bवयं हो |

    लेSकन अगर तुम यह नहEं जानते क9 Bवयं Vया हL, आप अपने आपको जान नहEं पाओगे, पर कम

    से कम उसक9 कोई 1मसाल है और वह 1मसाल आपके अbदर हL, बाहर नहEं है ताSक बाहर क9 चीज़A

    आपके 1लए परायी हो जाएँ और जो अbदर हL वह आपका हो जाये | इस1लए \यान क9 यह qवdध जो

    सपूण, जीqवत गु` इBतेमाल करते हL और स8दयW से 1सखा रहे हL वह नयी बात नहEं हL | वैसे मL

    आपको कोई नयी बात नहEं बता रहा हँू | मुझे यह बात कहनी चा8हए क9 मL कोई खोजकता, नहEं हँू |

    मA 1सफ, नक़ल कर रहा हँू | कभी मL तोता बन जाता हँू | मLने जो बात सुनी थी वहE दोहराता हँू | तो

    िजस आ@म क9 हम बात कर रहे हL वह हमारे अbदर गंूजता हL और इस1लए आ@मा को खींचने क9

    शिVत हमारे अंदर हL, जो अपने अbदर \वfन के प मA kकट होता हL और यह चीज़ हम Sकसी Bतर

  • पे सुन सकते हL; ऊँचे Bतर पे भी सुन सकते हL और और अंfतम चोटE पर भी अनुभव कर सकते हL

    और आ¦खर मA उसी मA समा जाते हL |

    तो िजस &वनी *वाह क. बात हम कर रहे थे वह &वनी नह4ं ह6 | वह &वनी के जैसा लगता है :य

  • जब वह िजUदा थे, उसके घर जाते थे बिक बहुत से गुg उसके घर आये हुए ह6 | औरे मेरे कुछ अमर4क.

    Gमk जो मेरे साथ याkा कर चुके ह6, उUहM म6 उसके घर लेके गया था उससे Gमलवाने के Gलए | वाIतव मM

    म6 वहां एक गुg को Gमलने गया था जो वहां आये थे और *वचन दे रहे थे | उन गुg ने हमारे साथ बहुत

    अQछा यवहार =कया | उUह

  • छः मह4ने बाद म6 उसके पास गया | म6ने कहा "मुझे आप के Gलए जवाब Gमल गया । वह जवाब आपको

    पहले से ह4 सब गुgओं ने Wदया ह6 | आपने वह जवाब सुना नह4ं | उUह

  • आप अ&याVम को समझना चाहते ह6? Fयार को समझो और तुम अ&याVम समझ जाओगे। यWद आप इस बात को नह4ं समझते, तो आपने पूर4 बात नह4ं समझी और आप उस के इदf-~गदf ह4 घूम रहे हो, जो असल चीज़ नह4ं ह6 | तो मु[दे क. बात यह ह6 =क &यान, आ&यािVमक &यान, सफलता और आ&यािVमक पथ पर चलने के Gलए अगर आप आपके q*य के Gलए *ेम और भि:त अनुभव नह4ं कर सकते, तो आप यादा *गNत नह4ं कर सकते | और एक सुसंगत Fयार इस दNुनया मM Gमलना बहुत मुिzकल है :य

  • हँू |" और वह दसूरा यिVत कहता हL, "लेSकन मL नहEं करता " | "तो Sफर मL भी तुम से नफरत

    करता हँू" | उस fनरंतर दोहराव का Vया हुआ? यह लगातार दोहराव, k@याशा Sक आप भी वहE चीज़

    बयान करो यह उस बात मA नी8हत होती है "मL तुहA |यार करता हँू| अगर तुम मुझसे |यार नहEं

    करते तो मL भी तुमसे |यार नहEं कँगा" | हम ऐसी |यार क9 बात नहEं कर रहे हL |

    हम बना शत, के |यार क9 बात कर रहे हL जहाँ पर परख नहEं होती | मA आपको बता सकता हँू क9

    एक संपूण, जीqवत गु` आपको |यार करता हL, चाहे आप उन से |यार करते हो या नहEं | य8द आप

    उनसे |यार करते हो, तो बहुत अछ बात है। अगर आप |यार नहEं करते, तो बहुत अछ बात है|

    अगर आप उन से नफ़रत करते हो, तो बहुत अछ बात है | अगर आप उन का क़@ल करते हो, तो

    बहुत अछ बात है | वह तब भी तुमको उसी तरह |यार करेगा। बना शत, के |यार क9 यहE गुणवcा

    है | यह आपको आसानी से नहEं 1मलता। लेSकन एक पूण, जीqवत गु` मA यह तुहA हमेशा 1मल

    जाएगा। VयWSक वह एक Bतर तक पहँुच गया है जहाँ वह आपको अपने से 1भbन प मA नहEं

    देखता । वह एक Bतर पर पहँुचा है जहां वह आपको चेतना क9 एक आम समता के प मA देखता

    हL। वहाँ कोई अलगाव नहEं है। वह आपको अपने आप से जुदा नहEं देखता। वह देखता है Sक आपक9

    चेतना क9 वत,मान िBथfत एक अलग Bतर पे है; अbयथा हम एक हE हL । जब आप वैसे देखते हो तो

    बना शत, |यार होना लाजमी हL। और यहE असलE कारण है।

    तो, इस1लए, एक पूण, जीqवत गु` का kधान कA होना या आपका kेमी होना जहाँ आप बना शत, के

    |यार यVत कर सकते हो यह एक बहुत बड़ा लाभ है और यह आपके \यान को सफल बनाता है ।

    अब मLने अपने qवचार और थोड़ी \यान संबंधी बातA आपके साथ बांटE हL | यह 1सफ, उदहारण हL |

    तुहे इसका अ¢यास यहाँ से जाने के बाद भी करना चा8हए। ऐसा मत सोचो Sक यह केवल एक

    भंडारा या \यान काय,शाला के 1लए हE बना है।

    आप यहाँ आओ और \यान करो | Sफर घर जाओ और \यान के 1लए अगलE काय,शाला क9 kतीvा

    करो। इस चीज़ को लगातार अ¢यास क9 आवmयकता है और लोग कहते हL "मL लबे समय तक

    अ¢यास नहEं कर सकता " | मL हमेशा उbहA कहता हँू "Qयादा समय अ¢यास मत करो| पहले शु`आत

    एक 1मनट से करो "| Vया आप एक 1मनट कर सकते हो ?" हाँ एक 1मनट आसान है | "ठक है

    आज एक 1मनट के 1लए \यान करो" | कल दो 1मनट अ¢यास करो | Sफर तीन 1मनट और अगर

    तीन 1मनट Qयादा लगते हL, तो Sफर से दो 1मनट पर आ जाओ और Sफर दसुरे 8दन तीन 1मनट

    करो | अगले 8दन पांच 1मनट करो | धीरे धीरे इसे बढ़ाना और जब तुम \यान मA आनंद पाओगे

    आपको पता भी नहEं चलेगा , दो घंटे गुजर जायAगे और आप सोचAगे पाँच 1मनट हE बीते हL। और

    जब आप \यान का आनंद नहEं ले रहे हL हो तो हर पांच 1मनट ढाई घंटे क9 तरह लगAगे" |

    मुझे एक स@संगी जो Sकसी गु का 1शNय था, उसने कै1लफ़ोfन,या मA बहुत साल पहले आमं2त Sकया

    था और मL उसके घर मA मेहमान था और मL उस के साथ रहा | और वह न केवल गु का 1शNय था,

  • वह गु` का kfतfनdध था और उस समूह मA उच औदे पे था। इस1लए मL न महसूस कर रहा था

    Sक मL ऐसे आदमी के साथ रह रहा हँू | और उसने कहा "ईmवर आप का Bवागत हL। तुम बड़ ेमहाराज

    जी के एक पुराने स@संगी हो | कल सुबह हम एक साथ \यान करAगे |" मL वाBतव मA रात को अछे

    से आराम करना चाहता था, लेSकन उbहWने कहा ३ बजे हम उठA गे और उसक9 घड़ी का अलाम, तैयार

    था। तो 1सफ, 8दखावे के 1लए, मLने कहा, "मL सुबह उठँूगा |" और मL सुबह ३ बजे उठा और उसके

    साथ बैठा और हम दोनW बैठे और वह बहुत जोश के साथ और तन कर बैठा था | मेरे कंधे थोड ेझुके

    हुए थे, लेSकन मL उ@सुक था यह देखने के 1लए क9 यह आदमी इस आ\याि@मक समूह मA उच

    िBथfत मA है और वह \यान कर रहा है, वह बहुत खुश है शायद मुBकुरा रहा होगा ।

    लेSकन जब मLने थोड़ी आंख खोलE, तब देखा क9 वह बहुत गंभीर चेहरा लेकर बैठा था | मLने सोचा

    था Sक कोई \यान करता है और अपने गु` को याद करता हL तब चेहरे पर अपने आप मुBकुराहट आ

    जाती है | और मLने देखा क9 मेरा मुBकुराने का मन करता है, जब मA \यान मA गु` से बात करता हँू।

    यह आदमी बहुत हE गंभीर था, तो समय समय पर मL खुद \यान करने के बजाय एक कोने से उस

    पर नज़र रखता था। मLने देखा क9 थोड़ ेथोड़ ेसमय पर वह धीरे से इस तरह अपनी आँखA खोलता था

    और घड़ी क9 तरफ देखता था । थोड़ ेथोड़ ेसमय पर VयWSक मL उसे अdधक बार देख रहा था, वह

    अपनी घड़ी क9 तरफ हर थोड़ ेसमय पर देख रहा था । उसके 1लए २.५ घंटे गुजरना बड़ा मुिmकल

    था। मेरा उसे देखना उसके \यान के मुकाबले आसान था। अंत मA उसने कहा, "ओह हमने बहुत

    अछा \यान Sकया"|

    मLने कहा, "मेरे दोBत, मुझे बहुत ख़ुशी है Sक आप २.५ घंटे बैठे, लेSकन तुमने \यान नहEं Sकया" |

    उसने कहा "नहEं, मLने Sकया"| मLने कहा "हाँ तुमने Sकया, लेSकन तुमने अपने घड़ी का \यान Sकया,

    अपने गु` का \यान नहEं Sकया" | तो आपने देखा क9 अगर \यान सूखा, उबाऊ, सफल नहEं है, तो

    आप दस 1मनट भी नहEं बता सकते । यह २.५ घंटे क9 तरह लगता है। इस तरह से \यान करना

    मुिmकल है। लेSकन अगर यह आकष,क है और आप इसका आनंद ले रहे हL, २.५ आधे घंटे दस 1मनट

    क9 तरह लगAगे और आपको लगेगा क9 आप 1सफ, दस 1मनट बैठे और आप देखोगे क9 २.५ घंटे गुज़र

    गए हL |

    इसके 1लए यह ज़ुरE है Sक हम \यान को एक उdचत मंच बनायA अपना kेम यVत करने के 1लए,

    बातA करने के 1लए, अपने समBया गु` के सामने रखने के 1लए, और गु` से लड़ने के 1लए | \यान

    मA अपने गु` से झगड़ना उनको बwकुल याद नहEं करने क9 तुलना मA बेहतर हL | अपने गु` से \यान

    मA dचwलाना उनको बलकुल याद न करने क9 तुलना से Qयादा बेहतर हL VयWSक जब तुम गु` से

    झगड़ते हो, dचwलाते हो या |यार करते हो, तब वह वहE मौजूद होते हL और आपका \यान उनके

    ऊपर हL और आपका \यान सफल होता हL | आप अपने बाहर के सभी अbय qवचारW को काट रहे हो

    और ऐसा करना ज़रE है। इस1लए िजस kेम और भिVत क9 मL बात करता हँू, वह दोBती का (रmता

  • है और हम यह भूल जाते हL Sक गु` एक आ\याि@मक 1शvक नहEं है। वह कुछ 1सखाने नहEं आये हL

    । VयWSक अगर वह 1सखाने के 1लए आये है, तो वो तो आप SकताबW मA पढ़ सकते हो |

    गु` कुछ नया नहEं 1सखाते | यह सब बार बार छपा हुआ हL | मLने ऐसी हजारW SकताबA देखी हL जो

    गु` क9 1सखाई हुई बातW को दोहराती हL | इस1लए ऐसा नहEं हL क9 आपको एक नया 1शvक 1मला हL

    जो Sकताबो मA 1लखी बातA दोहराएगा | गु` इस1लए हL ताSक वो हमारा दोBत बन सके, एक सचा

    दोBत, एक दोBत िजस पर हम हमेशा के 1लए भरोसा कर सकते हL, एक दोBत िजस के साथ हम

    अपनी 8दल क9 बात बना Sकसी संकोच के भरोसे के साथ कह सकते हL, एक दोBत िजस पर हम

    उस हद तक भरोसा कर सकते हL | अगर हमारे गु` के साथ हमारE उस हद तक दोBती नहEं होती,

    तो kेम और भिVत होना मुिmकल हL | इस1लए बड़ ेमहाराज जी के एक महान 1शNय डॉVटर ईशर

    1सहं ने कहा, "दोBती पहले आती हL, आ\याि@मकता और गु` बाद मA आते हL" | यह Qयादा मह@वपूण,

    है |

    तो इस वजह से, हमारा \यान, हमारE आ\याि@मक पथ पर kगfत नहEं हो पाती VयWSक हमA इन

    बुfनयादE चीज़W का एहसास नहEं Sक हम आ@मा के साथ काम कर रहे हL। हम एक आ\याि@मक पथ

    पर हL। हम एक मान1सक या भौfतक पथ पर नहEं हL। मान1सक और भौfतक पथ का मतलब है,

    उसके बारे मA सोचो, dचतंन करो, अdधक SकताबA पढो, जप करने के स2 मA जाओ, और जाओ और

    गीत गाओ | यह सब भौfतक और मान1सक हL | लेSकन ह तक जाने के 1लए, kेम और भिVत क9

    भावना होना आवmयक है। और यहE काम करता है। मL बाद मA दोपहर मA आप के साथ इस स2 जारE

    रखंूगा |

    kशाद, आपको पता हL क9 kशाद को हम पqव2 खाना मानते हL, लेSकन आशीवा,द kशाद के अणुओं

    मA प(रवत,न नहEं लाता | यह वहE का वहE रहता है। यह Vया करता है, यह तुहA याद करने के 1लए

    एक संदभ, बदं ुदेता है, Sक आपको यह kशाद Sकसी से 1मला था । यह आपक9 Bमfृत के 1लए है।

    यह Bमरण के 1लए है और जब तुम याद करते हो तो kशाद का मूwय बढ़ जाता हL। और अगर

    आपको यह लगता हL क9 kशाद के सामी मA कुछ बदल जाता हL तो ऐसा नहEं हL, kशाद क9 सामी

    मA कोई बदलाव नहEं होता | इस1लए याद रहे क9 kशाद का मूwय इसमA हL क9 आपको kशाद Sकसने

    8दया हL, कैसे तुम इसके साथ जुड़ ेहो और आपको थोडा थोडा करके kशाद खाना चा8हए ताSक खाते

    व¤त आप उस अवसर को बार-बार याद करA | लोग बस कहते हL, "यह अछ कL डी है। चलो यह सब

    खा लेते हL |" तो बस वहE है | इस1लए मLने हमेशा यह सुझाव 8दया हL क9 जब आप kशाद लेते हो,

    जो उनके संपक, मA आके धbय हुआ है, अब यह kशाद जो मA देने वाला हँू, मA आपको यह kशाद मेरे

    गु` बड़ ेमहाराज जी हुज़ूर बाबा सावन 1सहं जी के आशीवा,द का आवान करते हुए दे रहा हँू | िजन

    क9 तBवीर आप यहाँ देख रहे हो उन क9 आशीष का आवान कर के यह दे रहा हँू | इस1लए, आपको

    बहुत सारा भावना@मक मूwय 1मलेगा जब आप इसको खाओगे और थोडा थोडा करके खाना | एक हE

  • बार मA सब मत fनगल लेना | और य8द आप इसे हर 8दन थोडा थोडा करके खाओगे तो और अdधक

    मूwयवान होगा । ठक है |

    http://www.youtube.com/watch?v=mBb_BdMspzw www.ishanews.org

    इसके %वारा )का*शत: ISHA

    सभी अ0धकार सुर34त। ई7वर चं: पुर< जी के YouTube >या@यान का यह Cहदं< अनुवाद CC BY-NC-

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