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गयम ् gadyatrayam

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गयम ्

ीमत ेभगवत ् रामानजुाय नमः Page 1 of 13

ीशरणागित ग ं

यो िनम ् अतु पदाजु युम ामोहतस ् तिदतरािण तणृाय मने े।

अरुोः भगवतो दयकै िसोः रामानजु चरणौ शरण ं प े॥

णाम ं लणमिुनः ितगृात ु मामकम ् ।

साधयित यिूः ाधीन पितका ं िुतम ् ॥

लीपतरे ् यितपते दयकै धाोः यौऽसौ परुा समजिन जगिताथ म ् ।

ा ं काशयत ु नः परम ं रह ं सवंाद एष शरणागित मसारः ॥

भगवन ् नारायणािभ मतानुप प प गणु िवभवैय शीलानविधकाितशय असये

काण गणुगणा ं - पवनालया ं - भगवत - िय ं दवे - िनानपाियन - िनरवा ं -

दवे दवे िद मिहषीम ् - अिखल जगातरम ् - अन ् मातरम ् - अशरय शरयाम ् -

अन शरणः शरणमहम ् प े॥

पारमािथ क भगवरणारिव यगुळैकािक अिक - परभि परान परमभिकृत -

पिरपणू नवरत िन िवशदतम अन योजन अनविधकाितशय - िय भगवदनभुवजिनत

अनविधकाितशय ीितकािरताशषेावोिचताशषे - शषेतकैरितप िनकैय ापेया -

पारमािथ की भगवरणारिव शरणागितः - यथाविता - अिवरताऽ ु म े॥

अ ु त े - तयवै सव सपंत े॥

अिखलहये नीक काणकैतान - तेर सम व ु िवलण - अन ानानकै

प - ािभमतानुपकैप अिचय िदातु िन िनरव िनरितशय औ

सौय सौग - सौकुमाय लावय यौवनान गणुिनिध िद प

गयम ्

ीमत ेभगवत ् रामानजुाय नमः Page 2 of 13

ाभािवकानविधकाितशय ानबलैय वीय शि तजेौशी वा माद वाज व

सौहाद - सा काय माधयु गाीय औदाय चातयु यै धयै शौय पराम -

सकाम सस - कृित कृततासये काणगणु गणौघमहाण व

ोिचत िविवध िविचानाय िन िनरव िनरितशय सगु - िनरितशय सखुश -

िनरितशय औ िकरीट मकुट चडूावतसं मकर कुडल वैयेक - हार केयरू कटक -

ीव कौभु मुादामोदरबन - पीतार काीगणु नपूरुापिरिमत िदभषूण

ानुप अिच शि श च गदािस शाा सये िन िनरव िनरितशय काण

िदायधु

ािभमत िन िनरव अनुप प प गणु िवभवैय शीलानविधकाितशयासये -

काणगणुगण ीवभ - एव ं भतू भिूम नीळा नायक ॥

ानवुित पिित विृभदे अशषेशषेतकैरितप िन िनरव िनरितशय ान

ियैया िद अन काण गणुगण - शषे शषेाशन गडमखु - नानािवधान पिरजन

पिरचािरका पिरचिरत चरणयगुळ

परमयोिग वानसाऽपिरे पभाव - ािभमत िविवध िविचान भोय

भोगोपकरण भोगान समृान आय अन महािवभवान पिरमाण - िन िनरव

िनरितशय ीवकुैटनाथ

सान ु िवधािय पिित विृ शषेतकै भाव कृित पुष कालाक िविवध

िविचान भोय - भोृवग भोगोपकरण भोगानप िनिखल जगदय िवभव लयलील

गयम ्

ीमत ेभगवत ् रामानजुाय नमः Page 3 of 13

सकाम - स स - परभतू - पुषोम - महािवभतू े - ीमन ् - नारयण -

ीवकुैटनाथ

अपार काय सौशी वाौदाय ऐय सौय महोदध े - अनालोिचत िवशषेाशषे

लोक शरय - णताित हर - आित वाकै जलध े - अनवरत िविदत िनिखल

भतूजातयाथा - अशषे चराचर भतू िनिखल िनयमन िनरत - अशषे िचदिचद ् व ु

शिेषभतू - िनिखल जगदाधार - अिखल जगत ् ािमन ् - अत ् ािमन ् - सकाम -

स स - सकलेतर िवलण - अिथ कक - आपख - ीमन ् - नारायण -

अशरय शरय - अन शरणः ादारिवयगुळं शरणमहं प े॥

अ यम ्

िपतरं मातरं दारान ् पुान ् बनू ् सखीन ् गुन ् ।

रािन धन धाािन ेािण च गहृािण च ॥

सव धमा स सव कामां सारान ् ।

लोक िवा चरणौ शरण ं तऽेज ं िवभो ॥

मवे माता च िपता मवे मवे बु गुसमवे ।

मवे िवा िवण ं मवे मवे सव मम दवे दवे ॥

िपताऽिस लोक चराचर म पू गुग रीयान ् ।

न त ् समोऽिधकः कुतोो लोकयऽे ितमभाव ॥

तात ् ण िणधाय कायम ् साधय े ामहमीशमीम ् ।

िपतवे पु सखवे सःु ियः ियायाहिस दवे सोढमु ् ॥

गयम ्

ीमत ेभगवत ् रामानजुाय नमः Page 4 of 13

मनोवाायःै - अनािदकाल वृ अन अकृ करण कृाकरण भगवदपचार

भागवतापचार असापचार प - नानािवधान अपचारान ् - आरकाया न ् - अनार

काया न ् - कृतान ् - ियमाणान ् - किरमाणां सवा न ् अशषेतः म ॥

अनािदकाल वृ िवपरीतान ं - आ िवषय ं - कृ जगिषय ं च - िवपरीतवृम ् च -

अशषे िवषय ं - अािप व मान ं - वित माण ं च सव म ॥

मदीयानािद कम वाह वृाम ् - भगवत ् प ितरोधानकर - िवपरीत ान जनन -

िवषयाया भोय बुजे नन - दहेिेयने भोयने सूपणे च अविता ं - दवै -

गणुमय मायाम ् - दासभतूः - शरणागतोऽि तवाि दासः - इित वारं मा ं तारय ॥

तषेाम ् ानी िन युः एक भििव िशत े।

ियो िह ािननोऽथ म ् अहम ् स च मम ियः ॥

उदाराः सव एवतै े ानी ावै म े मतम ् ।

आितः स िह युाा मामवेानुमाम ् गितम ् ॥

बना ं ज ् नाम े ानवान ् मा ं पत े।

वासदुवेः सविमित स महाा सुलभः ॥

इित ोक योिदत ािननम ् मा ं कु

पुष परः पाथ भालनया ।

भा नया शः मिम ् लभत े पराम ् ॥

इित ान योिदत परभि युम ् मा ं कु

गयम ्

ीमत ेभगवत ् रामानजुाय नमः Page 5 of 13

परभि परान परमभके भाव ं मा ं कु ।

परभि परान परमभिकृत पिरपणूा नवरत िनिवशदतम अन योजन

अनविधकाितशय िय भगवदनभुवोऽहं - तथािवध भगवदनभुवजिनत अनविधकाितशय

ीितकािरताशषेावोिच अशषे शषेतकैरित प िन िकरो भवािन ॥

एवभंतू मैय ापुायतया - अवृ सम व ु िवहीनोिप - अन तिरोिध

पापााोिप - अन मदपचार युोिप - अन मदीयापचारयुोिप - अन

असापचारयुोिप

एताय कारणभतू अनािद िवपरीताहार िवमढूा ाभावोऽिप - एतभय काय काण

भतू अनािद िवपरीत वासना सोिप - एतदनगुणु कृित िवशषे सोिप - एतलू

आािक आिधभौितक आिध दिैवक सखु ःख तते ु तिदतरोपेणीय िवषयानभुव ान

सोचप - मरणारिव यगुळैकािकािक परभि परान परम भि िव

ितहतोऽिप - यनेकेनािप कारेण - यवा म ् - केवलम ् मदीययवै दयया - िनशषे

िवन सहतेकु मरणारिव यगुळैकािकािक परभि परान परम भि िवः

मसाद ल मरणारिव यगुळैकािक आिक परभि परान परम भिः -

मसादादवे सााृत यथा वित मप प गणु िवभिूत लीलोपकरण िवारः -

अपरो िसमियाता माकैभाव आपः - मदकेानभुवः - माकै िय -

पिरपणूा नवरत िन िवशदतम अन योजन अनविधकाितशय िय मदनभुव ं -

तथािवध मदनभुवजिनत अनविधकाितशय ीितकािरताशषेावोिचत अशषे शषेतकैरित प

िनिकरो भव ॥

गयम ्

ीमत ेभगवत ् रामानजुाय नमः Page 6 of 13

एवम ् भतूोिस - आािक आिधभौितक आिधदिैवक - ःख िव गरिहतम ् - यम ्

अथा नसुानने सहसदवैम ् वा - यावरीरपात ं अवै ीरे सखुमा - शरीरपात

समय े त ु - केवलं मदीययवै दयया - अितबुः - मामवे अवलोकयन ् - अतु पवू

संार मनोरथः - जीण िमव व ं सखुने इमा ं कृित ं लू सू पा ं िवसृ -

तदानीमवे मसाद ल मरणारिवयगुळैकािकािक परभि परान

परमभिकृत पिरपणूा नवरत िन िवशदतम अनयोजन अनविधकाितशय िय

मदनभुव ं - तथािवध मदनभुवजिनत अनविधकाितशय ीितकािरताशषेावोिचत अशषे

शषेत ै करितप िन िकरो भिविस ॥

मा तऽेभदू सशयः ॥

अनतृ ं नो पवू म ् म े न च व े कदाचन ॥

रामो िना िभभाषत े॥

सकृदवे पाय तवाीित च याचत े।

अभय ं सव भतूेो ददाम ् एतत ् तम ् मम ॥

सवधमा न ् पिर मामकंे शरणम ् ज ।

अहं ा सवपापेो मोियािम मा शचुः ॥

इित मयवै ुम ् ॥

अतम ् तव तत ् तो मानदशन ािष ु िनशंय सखुमा ॥

गयम ्

ीमत ेभगवत ् रामानजुाय नमः Page 7 of 13

ीर गम ्

िचदिचत ् परताना ं तयाथाविेदन े।

रामानजुाय मनुय े नमो मम गरीयस े॥

ाधीन ििवध चतेनाचतेन प ित विृभदेम ् - ेश कमा शषे दोषा संृ ं -

ाभािवकानविधकाितशय ानबलैय वीय शि तजेौशी वा माद वाज व सौहाद

सा काय - माधयु गाीय औदाय चातयु यै धयै शौय पराम - सकाम

सस कृित कृततासये काण गणुगणौघमहाण व ं - पर भतूम ् -

पुषोम ं - ीर शाियन ं - अत ् ािमन ं - बु िन िनया िनदाकैरसा

भावोऽहं - तदकेानभुवः - तदकेियः - पिरपणू भगव ं िवशदतमानभुवने

िनररमनभुयू - तदनभुवजिनतानविधकाितशय ीितकािरताशषेावोिचत अशषे

शषेतकैरितप िन िकरो भवािन ॥

ा िनिनया िनदाकैरसा भावानसुधंानपवू क - भगवद ्अनविधकाितशय

ाािखल गणुगणानभुवजिनत अनविधकाितशय ीितकािरताशषेावोिचत अशषे

शषेतैकैरितप - िन कैय ापुाय भतूभि - तपाय सान - तपाय

समीचीनिया - तदनगुणु सािकतािािध समा गणुिवहीनः - रान

तिपय य ानियानगुणु - आनािद पाप वासना महाण वािन म - ितलतलैवत ्

दाविवत ् - िव वचे िगणु णरण भावाचतेन - कृित ािप रय भगवन ्

मायाितरोिहत काशः - अना िवा सितानाश िवसंन कमपाश िथतः -

अनागतानकाल समीयाऽिप अत सतंारोपाय - िनिखल जजुात शरय - ीमन ्

नारायण - तव चरणारिवयगुळं शरणमहं प े॥

गयम ्

ीमत ेभगवत ् रामानजुाय नमः Page 8 of 13

एवमवितािप अिथ माणे परमकािणको भगवान ् - ानभुव ीोपनीत ऐकािक

आिक िन कैय करितप िन दाम ् दातीित िवासपवू कं भगव ं िन

िकरता ं ाथय े॥

तवानभुिूत सभंतू ीितकािरत दासताम ् ।

दिेह म े कृपया नाथ न जान े गितमथा ॥

सवा वोिचताशषे शषेतकैरितव ।

भवये ं पुदरीका मवेवै ं कु माम ् ॥

एवभंतू तयाथाावबोध तिदारिहतािप - एतारण माावलनने - उमानाथ

परमाथ िन ं म े मनः मवे अवै कारय ॥

अपार कणाधु े - अनालोिचत िवशषेाशषे लोक शरय - णताित हर - आित

वाकै महोदध े - अनवरत िविदत िनिखल भतूजात याथा - सकाम -

स स - आपख - काकु - ीमन ् - नारायण - पुषोम - ीरनाथ -

मम नाथ - नमोऽ ु त े॥

गयम ्

ीमत ेभगवत ् रामानजुाय नमः Page 9 of 13

ीवकुैठ गम ्

यामनुाय सधुाोिध ं अवगा यथामित ।

आदाय भियोगा ं रम ् सशयाहम ् ॥

ाधीन ििवध चतेनाचतेन पिित विृ भदे ं - ेश कमा शषे दोषा संृम ् -

ाभािवकानविधकाितशय - ान बलैय वीय शि तजे भिृत - असये काण

गणु गणौघमहाण व ं - परमपुष ं - भगव ं - ीमन ् नारायण ं - ािमने - सुने -

गुने च पिरगृ - ऐकािक आिक - तादाजुय - पिरचयक मनोरथः -

ता े च तादाजुय पःे - अ म े ककोिट सहणेािप साधनमीित

मानः - तवै भगवतो नारायण - अिखलस दयकै सागर - अनालोिचत

गणुागण अखड जनानकूुल अमया द शीलवतः - ाभािवकानविधकाितशय गणुवया -

दवे ितय ङ ्मनुािद अिखलजन दयानन - आित वाकैजलधःे - भजन

सषेकै भोग - िन ान ियैया िद - भोग सामी समृ - महािवभतूःे -

ीमरणारिवयगुळं - अना सीवनने - तत सवभावने - शरण ं अनुजते ् -

तत हं - आोीवनाय एवम ् अनुरेत ् ॥

चतदु श भवुनाकमड ं - दश गिुणतोरम ् च आवरण सकम ् - सम ं काय कारण

जातमती वत मान े - परम ोम शािभधये े - ादीनाम ् वानसाऽगोचर े - ीमित

वकुैठे िदलोके - सनकिविध िशवािदिभरिप - अिच ाभाव ऐयः - िनिसःै -

अनःै - भगवदानकूुकै भोगःै - िद पुशःै - महािभः आपिूरत े - तषेामिप

इयिरमाणम ् इयदैय ईश भावम ् - इित पिरे ु ं अयोय े - िदावरण शत

सहावतृ े - िद ककतपशोिभत े - िदोान शत सह कोिटिभरावतृ े - अितमाण े

िदायतन े - कििंत ् िविच िदरमय े - िदाान मडप े - िद र शत

गयम ्

ीमत ेभगवत ् रामानजुाय नमः Page 10 of 13

सहकोिटिभः उपशोिभत े - िद नानार कृत ल िविचित े - िदालार अलत े -

पिरतः पिततःै - पतमानःै - पाद पै नाना गवणः - िदपुःै - शोभमानःै -

िद पु उपवनःै उपशोिभत े - सीण पािरजातािद कुम उपशोिभतःै - असीण

कैित ् अ पुरािद िनिम त - िदलीला मडप शत सह उपशोिभतःै - सवदा

अनभुयूमानरैिप - अपवू वदाय आवहिः - ीडाशलै शतसहःै अतःै - कैित ्

नारायण िदलीला असाधारण ै - कैित ् पवनालया िद लीला असाधारणःै -

साधारणै कैित ् शकुशािरका मयरू कोिकलािदिभः - कोमलकूिजत ै आकुलःै - िदोान

शत सह कोिटिभरावतृ े - मिणमुा वाल कृतसोपानःै - िदामल अमतृरसोदकैः -

िदाडजवरःै - अित रमणीय दशनःै - अितमनोहर मधरुरःै - आकुलःै - अ

मुामय िद ीडाान उपशोिभतःै - िद सौगिक वापी शत सहःै - िद

राजहंसावली िवरािजतःै आवतृ े - िनराितशय - आनकैरसतया च - आना

िवान ् उादयिः - ीडोशेरै-्िवरािजत े - त त कृत िद पु पय उपशोिभत े -

नाना पुासवााद म भृावलीिभः - उीयमान िद गावणापिूरत े - चनाग

कपू र िद पुावगािह मािनलासेमान े - म े िद पु सय िविचित े - महित

िद योग पय े - अन भोिगिन - ीमकुैठ ऐया िद िदलोकम ् - आ काा -

िव ं आायया - शषे शषेाशनािदकं सव पिरजन ं - भगवतः तदवोिचत -

पिरचया या ं आापया - शीलपगणु िवलासािदिभः - आानुपया िया

सहासीनम ् - उीिलत सरिसज सश नयन यगुळम ् - नीलजीमतू

साशम ् - अुल पीत वाससम ् - या भया - अितिनम लया - अितशीतलया -

अितकोमलया - मािणाभया - कृ ं जगद-्उासयम ् - अिच िदातु -

िनयौवन भाव - लावय मय - अमतृ सागरम ् - अितसौकुमाया त ् ईषत ् िवत ् -

अलमाण ललाट फलक - िद अलकावली िवरािजतम ् - बु मुधाजु

गयम ्

ीमत ेभगवत ् रामानजुाय नमः Page 11 of 13

चालोचनम ् - सिवम लूतम ् - उलाधरं - शिुचित ं - कोमल गडम ् - उसम ् -

उदपीनास िवलि कुडल अलकावली बरु क ु करम ् - ियावतसंोल -

कणभषूण थालकाब - िवमदशिंसिभः - चतिुभ ः - राजान-ुिवलििभभ ुजःै िवरािजतम ् -

अितकोमल िद रेखालत आता करतलं - िदालुीयक िवरािजतम ् - अित कोमल

िद नखावली िवरािजतम ् - अितरालुीिभः अलतम ् - तत ् ण उीिलत पुडरीक

सश चरण यगुळम ् - अितमनोहर िकरीट मकुट चडूावतसं मकर कुडल वैयेक हार

केयरू कटक ीव कौभु मुादामोदरबन पीतार काीगणु नपूरुािदिभः - अ

सखु शः - िद गःै - भषूणभैू िषत ं - ीमा वजैया वनमालया िवरािजत ं -

श च गदािस शाा िद िदायधुःै - सेमान ं - स माावु जग िित

सािदके ीमित िवने े सम आैय - वनैतयेािदिभः भावतो िनर

सम सासंािरक भावःै - भगवत ् पिरचया करण योयःै - भगवत ् पिरचयक भोगःै -

िन िसःै - अनःै - यथायोग ं सेमान ं - आभोगनेाननसुित परािदकालम ् -

िदामल कोमल अवलोकनने िव ं आादयम ् - ईषीिलत मखुाजुोदर िविनग तने -

िद नानारिव शोभाजनकेन - िद गाीय औदाय सौय माधयुा नविधक गणु गण

िवभिूषतने - अितमनोहर िद भाव गभण - िद लीलालापामतृने - अिखलजन

दयारािण आपरूय ं - भगव ं नारायण ं ानयोगने ा - ततो भगवतो

िनाम ् - आनो िनदाम ् च - यथावित ं अनसुाय -

कदाऽहं भगव ं नारायण ं मम कुलनाथ ं मम कुलदवैत ं मम कुलधन ं मम भोय ं

मम मातरं मम िपतरं मम सव साात ् करवािण चषुा

कदाऽहं भगवत ् पादाजुयम ् िशरसा धारियािम

गयम ्

ीमत ेभगवत ् रामानजुाय नमः Page 12 of 13

कदाऽहं भगवत ् पादाजुय पिरचया करण योयः तदके भोगः तादौ

पिरचिरािम

कदाऽहं भगवत ् पादाजुय पिरचया शया िनर समतेर भोगाशः अपगत

सम सासािरक भाव तत ् पादाजुयम ् वेािम

कदा मा ं भगवान ् कीयया अितशीतलया शा - अवलो िध गीर मधरुया िगरा

पिरचया याम ् आापियित - इित भगवत ् पिरचया या ं आशा ं वध िया - तयवै आशया

तसाद उपबृिंहतया भगवम ् उपे - रादवे भगव ं शषेभोग े िया सहासीनम ् -

वनैतयेािदिभः सेमानम ् - सम पिरवाराय ीमत े नारायणाय नमः - इित ण -

उायोाय पनुः पनुः ण - अ सास-िवनया-वनतो भूा - भगवत ् पािरषद

गणनायकैः ारपालःै कृपया हेगभ या शाऽवलोिकतः - सगिभवितःै तरैेवानमुतः

भगवम ् उपे - ीमता मलूमणे - मा ं ऐकािक आिक पिरचया करणाय

पिरगृी - इित याचमानः ण आानम ् भगवत े िनवदेयते ् ॥

ततो भगवता यमवे आ सीवनने अमया दशीलवता अितमेाितने अवलोकनने

अवलो - सवदशे सवकाल सवा वोिचत अ शषेभावाय ीकृतः - अनुात -

अ सास-िवनयावनतः - िकवा णः - कृतािलपटुः - भगव ं उपासीत ॥

तत अनभुयूमान भाविवशषेः - िनरितशय ीा अत ् िकित ् क ु धृु ं ु

अशः - पनुरिप शषेभावमवे याचमानः - भगवमवे अिवि ोतोपणे अवलोकनने

अवलोकयन ् आसीत ॥

गयम ्

ीमत ेभगवत ् रामानजुाय नमः Page 13 of 13

ततो भगवता यमवे आसीवनने अवलोकनने अवलो - सितमाय - सम

ेशपहं - िनरितशय सखुावहम ् - आीय ं - ीमादारिवयगुळं - िशरिस कृत ं

ाा - अमतृ सागरािन म सवा वयवः सखूमासीत ॥

लीपतरे-्यितपते दयगैधाोः योऽसौ परुा समजिन जगिताथ म ् ।

ा ं काशयत ु नः परम ं रह ं सवंाद एष शरणागित मसारः ॥