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पराककथनताजा घटना ह िक इसाम और इसाम क परवततक हजरत महममद मसतफा

(स.अ.व.) क िवरदध वर और दवष िनकानव का िननदनीय िवशववयापी परयास िकया गया ह। अििवयकत की सवततरता और पाशातय सभयता की आड म अपिवतर िाषा का उपयोग, दिषत बयान, इसामी ििका और नबी करीम (स.अ.व.) क पिवतर जीवन पर िनराधार आरोपो तथा नकारातमक परोपवगना और आप (स.अ.व.) क उचच और शवषठ ििषाचार तथा इसाम पर नाकसतकतापरत आोचनाओ को वध रखा गया ह।

िवशववयापी जमाअत अहमिदया क इमाम हजरत िमजात मसरर अहमद खीफत मसीह पचम अययदहलाह नव 21, िसतमबर 2012 ई. सथान- मकसजद बत फतह, माडन, बतातिनया म अपनव जमा क खतबव म ििलम INNOCENCE OF ISLAM और हजरत महममद मसतफा सललाहो अिह वसलम क िवरदध फास म बवहदा काटडन क परकािन पर अपनी परितिरिया परकट की। इस खतबव म आप नव एक अहमदी मसमान की परितिरिया क वासतिवक सवरप पर परकाि ाा ह। आप क इस खतब-ए-जमा को पमफट क रप म सवतसाधारर क मागत-दितन हत परकािित िकया जा रहा ह। हमारा करतवय ह िक हम इस खतबव का सवय िी धयानपवतक अधययन कर और इसका मफत िवतरर कर।

मनीरदीन शमसएीिन वकी अरसनीफ

नदनअटबर 2012 ई.

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सकययिदना अमीर मोिमनीन िमजात मसरर अहमद खीफत मसीह पचम अययदहलाह िबनसररिह अजीज का खतबा जमा

िदनाक, 21 िसतमबर 2012 ई. मतािबक 21, तबक 1391 िहजी िमसीसथान - मकसजद बत फतह, मॉडन नदन

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इन अायतो का अनवाद यह ह िक िनशय ही अलाह और उसक फररशतव नबी पर रहमत (दया) िवजतव ह। ह वव ोगो जो ईमान ाए हो, तम िी उस पर दआ और अिधकािधक साम िवजो। िनशय ही वव ोग जो अलाह और उसक रस को कष पहचातव ह, अलाह नव उन पर इस ोक (ससार) म िी ा’नत ाी ह तथा परोक म िी तथा उसनव उनक िए अपमानजनक अजाब तयार िकया ह।

(अअहजाब-57-58)

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आजक मकसम ससार म, इसामी दविो म िी तथा ससार क ििनन-ििनन दविो म रहनव वाव मसमानो म िी इसाम िवरोधी ततवो क इस िनतानत अधम, घिरत और अनयायपरत कतय पर खवद और रिोध की हर परवािहत हो गई ह। इस खवद और रिोध को परकट करनव म मसमान िनशय ही सतय पर ह। मसमान चाह वह इस बात का बोध रखता ह या नही िक अाहजरत (स.अ.व.) का वासतिवक सथान या ह, आप (स.अ.व.) की मान-मयातदा क िए परार नयोछावर करनव क िए ततपर हो जाता ह। इसाम क ितरओ नव आप (स.अ.व.) क सबध म जो अशीता और असतय पर आधाररत ििलम बनाई ह और उस िफलम म आप (स.अ.व.) क सनदित म िजस अनयायपरत अनादर का परदितन िकया गया ह उस पर परतयवक मसमान का खवद और रिोध एक सवािािवक बात ह।

वह मानवता का उपकारी, समसत ससारो क िए दया और खदा तआा का िपरयतम, िजसनव अपनी रातो को िी परजा की िचनता म जगाया, िजसनव परजा को िवनाि सव सरिकत रखनव क िए उस पीडा को परकट िकया और सवय को इस परकार िचनतागरसत िकया िक उस सवतिकत समपनन खदा नव अाप को समबोिधत करतव हए फरमाया िक या त उन ोगो क िए िक यव अपनव सकष करनव वाव सरषा को नही पहचानतव, िवनाि म ा वगा? मानवता क इस महान उपकारी क बार म ऐसी अपमान और अनादरपरत िफलम पर िनशय ही एक मसमान का हदय रत-रिजत होना चािहए था और हआ तथा सवातिधक कष एक अहमदी मसमान को पहचा िक हम आहजरत (स.अ.व.) क सचचव परवमी और सचचव दास क अनयािययो म सव ह िजसनव हम आहजरत (स.अ.व.) क सववोचच पद का बोध परदान िकया। अतः हमार हदय इस कतय पर िवदीरत ह, हम खदा क समक नतमसतक ह िक इन आततािययो क परितकार और बदा व, उनह वह ियानक और ििकापरद िनिान बना जो ससार क रहनव तक उदाहरर बन जाए। हम तो यग क इमाम नव रस (स.अ.व.) क परवम का इस परकार सव बोध कराया ह िक जग क

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सापो और जानवरो सव मतरी हो सकती ह, परनत हमार सरदार और पविवा हजरत महममद मसतफा खातम अिबया सललाहो अिह वसलम का अनादर करनव वाव तथा उस पर दढतापवतक कायतरत रहनव वाव सव हम मतरी नही कर सकतव।

हजरत मसीह मौऊद अिहससाम फरमातव ह िक ः-“मसलमान वह जाति ह जो अपन नबी करीम (स.अ.व.) क मान क तलए पाण दिी ह और वह उस अपमान और अनादर स मरना उततम समझिी ह तक ऐस लोगो स हदयो की सफाई कर, िथा उनकी तमतर बन जाए तजनका राि-तदन यही कायय ह तक व उनक रसल करीम (स.अ.व.) को गातलया दि ह और अपनी पततरकाओ, पसिको और तवजापनो म उनका नाम तनिानि तनरादर स लि ह िथा उनह तनिानि अपतवतर शबदो स याद करि ह”आप फरमातव ह -“समरण रख तक ऐस लोग अपनी जाति क भी तहिषी नही ह कयोतक य उनक मागय म काट बोि ह और म सच-सच कहिा ह तक यतद हम जगल क सापो और तनजयन सथानो क तहसक पशओ स मतरी कर ल िो यह सभव ह परनि हम ऐस लोगो स मतरी नही कर सकि जो खदा क पतवतर नतबयो की पतिषा म अपशबदो का पयोग करन स नही रकि। व समझि ह गाली-गलौज और अपशबदो म ही तवजय ह परनि पतयक तवजय आकाश स आिी ह।”ििर फरमाया िक ः-“पतवतर भाषा का पयोग करन वाल लोग अपन पतवतर कलाम की बरकि स अनििः हदयो पर तवजय पापि कर लि ह परनि गनद सवभाव क लोग इसस अतिक कोई कला नही रखि तक दश म उपदरव क रप म फट और भदभाव पदा करि ह ......”

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फरमाया िक -“अनभव भी साकय दिा ह तक ऐस अपशबदो का पयोग करन वाल लोगो का अजाम अचा नही होिा। खदा का सवातभमान अपन उन तपयजनो क तलए अनििः कोई काम तदखा दिा ह। ”

(चशमा-ए-मा’रिफत रहमानी खजमायन जिलद 23, पषठ 385 स 387)वततमान यग म अखबारो और िवजापनो क साथ मीिया क अनय

साधनो को िी इस बवहदा काम म परयोग िकया जा रहा ह। अतः यव ोग जो अपनी हठधममी क कारर खदा तआा सव मकाबा कर रह ह इनिा अलाह उसकी पकड म आएगव। यव हठधममी और ढीठपन सव अपनव अनयायपरत कतय का परदितन करतव चव जा रह ह।

जब सन 2006 ई. म नमाकक क दषपरकित रखनव वाव ोगो नव आहजरत (स.अ.व.) क बार म बवहदा िचतर बनाए थव तो उस समय िी मनव जमाअत का जहा उिचत परितिरिया परदिितत करनव की ओर धयानाकषतर कराया था, वहा यह िी कहा था िक यव दष ोग पहव िी पदा होतव रह ह तथा इसी पर अनत नही होगा, इस िवरोध इतयािद जतानव सव कोई अनतर नही पडगा जो इस समय मसमानो की ओर सव हो रहा ह अिपत ििवषय म िी यव ोग ऐसव दषकतय करतव रहगव। हम दवख रह ह िक यव ोग इस सव िी अिधक अििषता और अनयाय पर उतर आए ह और उस समय सव आिहसता-आिहसता उनकी यह गितिविध बढती ही जा रही ह।

अतः इसाम क मकाबव पर उनकी यह पराजय और हार ह जो उनह अििवयकत की सवततरता क नाम पर इस अशीता पर ततपर कर रही ह, जसा िक हजरत मसीह मौऊद अिहससाम नव फरमाया ह िक समरर रख िक यव ोग अपनी जाित क िी िहतषी नही ह। यह बात एक िदन उन जाितयो क ोगो पर िी परकट हो जाएगी, उन पर सपष हो जाएगा िक आज यव ोग जो असभयातपरत कायतवािहया कर रह ह वह उनकी जाित क िए हािनपरद ह िक यव ोग सवाथमी और आततायी ह। इनह कव अपनी इचछाओ को परत

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करनव क अितररत िकसी बात सव कोई मतब नही। इस समय तो अििवयकत की सवततरता क नाम पर राजनीितज और

दसरा वगत िी कछ सथानो पर सपष तौर पर और अिधकतर दबव िबदो म उनक पक म िी बो रहा ह और किी-किी मसमानो क पक म िी बो रहा ह, परनत समरर रख िक अब िवशव एक ऐसा सावतिौिमक गराम बन चका ह िक यिद बराई को सपष तौर पर बराई न कहा गया तो यव बात उन दविो क अमन और िाकनत को िी बरबाद कर दगी ििर जो खदा की ाठी चवगी वह पथक ह।

यग क इमाम की यह बात समरर रख िक परतयवक िवजय आकाि सव आती ह और आकाि नव यह िनरतय कर छोडा ह िक तम िजस रस का अपमान करनव का परयास कर रह हो उसनव ससार पर िवजयी होना ह और िवजयी िी ऐसा जसा िक हजरत मसीह मौऊद अिहससाम नव फरमाया- हदयो पर िवजय परापत करक आना ह योिक पिवतर काम का परिाव होता ह, पिवतर काम को आवशयकता नही ह िक कठोरता का परयोग िकया जाए या अिीतापरत बातो का उरर अिीतापरत बातो दारा िदया जाए। यव अपिबद और गाी गौज का िसिसा जो इन ोगो नव आरमि िकया हआ ह यह खदा नव चाहा तो िीघर समापत हो जाएगा और ििर इस जीवन क पशात ऐसव ोगो सव खदा ताा सवय िनपटगा।

यव आयत जो मनव पढी ह उनम िी अलाह तआा नव मोिमनो को उनक दाियतव की ओर धयान िदाया ह िक तमहारा काम इस रस पर दरद और साम िवजना ह। इन ोगो की अशी बातो, अनयायो और उपहास सव उस महान नबी की मान-मयातदा पर कछ अनतर नही पडता। यह तो ऐसा महान नबी ह िजस पर अलाह तआा और उसक फररशतव िी दरद िवजतव ह। मोिमनो का कायत ह िक अपनी जीिो को उस नबी पर दरद िवजनव सव तर रख, जब ितर अशीतापरत बातो म बढ तो पह व सव बढकर दरद और साम िवज।

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यही दरद ह और यही नबी ह ससार म िजसकी िवजय परारबध हो चकी ह। अतः जहा एक अहमदी मसमान इस अशीतापरत कतय पर घरा,

खवद और रिोध को परकट करता ह वहा एक अहमदी उन ोगो का िी तथा अपनव-अपनव दविो क िासको का िी इन बवहदा बातो सव रोकनव की ओर धयानाकषतर कराता ह और कराना चािहए। एक अहमदी सासाररक दकष सव यथासिव परयास करता ह िक इस षयतर क िवरदध ससार को वासतिवकता सव अवगत कर, आहजरत सललाहो अिह वसलम क जीवन क सनदर पह िदखाए, अपनव परतयवक कमत सव आप क सनदर आदित को परकट करक, इसाम की ििका और आप क उरम वयवहारो का साकात आदित बन कर िवशव को िदखाए। हा साथ ही यह िी जसा िक मनव कहा िक दरद और साम की ओर िी पहव सव बढकर धयान दव। परष, सतरी, यवा, वदध और बचचा अपनव वातावरर को दरद और साम सव िर दव, अपनव वयवहार को इसामी ििका का वयावहाररक आदित बना दव। अतः यह सनदर परितिरिया ह िजसका हमनव परदितन करना ह।

िवष रही बात इन आततािययो की तो इनक अजाम क बार म खदा तआा नव दसरी आयत म बता िदया ह िक रस को कष दवनव वाव अथवा वततमान यग म सचचव मोिमनो का हदय आप (स.अ.व.) क अकसततव क हवाव सव कष पहचा कर िवदीरत करनव वाो सव खदा तआा सवय िनपट वगा। इन ोगो पर इस ससार म खदा तआा की िटकार ह और इस िटकार क कारर वव और अिधक मिनता म िपत होतव चव जाएगव और मतयोपरानत ऐसव ोगो क िए खदा तआा नव अपमािनत करनव वाा अजाब िनधातररत िकया हआ ह। हजरत मसीह मौऊद अिहससाम नव इसी िवषय को वरतन िकया ह िक ऐसव अपिबद िनकानव वाव ोगो का अनत

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अचछा नही होता। अतः यव ोग इस ससार म अलाह तआा की िटकार क रप म तथा मतयोपरानत अपमािनत करनव वाव अजाब क रप म अपनव पररराम और अनत को दवखगव।

अनय मसमानो को िी अलाह तआा की ििकानसार, उसक आदविानसार यह परितिरिया परदिितत करना चािहए िक अपनव दविो, अपनव कवतरो और अपनव वातावररो को दरद और साम सव िर द। यह परितिरिया ह।

यह परितिरिया तो वयथत ह िक अपनव ही दविो म अपनी ही समपिरयो को आग गाई जाए या अपनव ही दवि क नागररको की हतया की जाए या ऐसी रिया िनक िक पिस को िववि होकर अपनव ही नागररको पर फायररग करना पड तथा अपनव ही सवजन मर रह हो।

अखबारो और मीिया क माधयम सव जो सचनाए बाहर आ रही ह उन सव माम होता ह िक अिधकाि ििष और सभय यरोपीय ोगो नव िी इस दषकतय पर रोष और अपरसननता परकट की ह तथा घरा वयत की ह। वव ोग जो मसमान नही ह परनत उनक सविाव म िाीनता ह उनहोनव अमरीका म िी और यहा िी उसव पसनद नही िकया परनत ीरििप एक ओर तो यह कहती ह िक यह गत ह तथा दसरी ओर अििवयकत की सवततरता को आड बना कर उसका समथतन िी करती ह। यव दोहरी नीित नही च सकती। सवततरता सव समबदध कानन कोई आकािीय गरनथ नही ह। मनव अमरीका म अपनव िाषर म वहा क राजनीतजो को यह िी कहा था िक सासारक ोगो क बनाए हए कानन म दोष हो सकता ह, गितया हो सकती ह, कानन बनातव हए कछ पह दकष सव ओझ हो सकतव ह योिक मनषय अनतयातमी नही परनत अलाह तआा अनतयातमी ह उसक दारा िनिमतत काननो म कोई दोष नही होता। अतः अपनव कानन को ऐसा परत न समझ िक उसम कोई पररवततन नही हो सकता, उसम कोई कमी-बविी नही हो सकती। अििवयकत की सवततरा का कानन तो ह परनत न िकसी दवि क कानन म, न य.एन.ओ (U.N.O) क चाटडर म यह कानन ह िक िकसी वयकत को यह सवततरता नही

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होगी िक दसर की धािमतक िावनाओ को चोट पहचाए, यह कही नही िखा िक अनय धममो को बजगमो क उपहास की अनमित नही होगी िक इस सव िवशव-िाकनत िग होती ह, इस सव नफरतो क ावव िटतव ह, इस सव जाितयो और धममो क मधय दररया बढती ची जाती ह। अतः यिद सवततरता का कानन बनाया ह तो एक वयकत की सवततरता का कानन तो अवशय बनाए, परनत दसर वयकत की िावनाओ सव खवनव का कानन न बनाए। य.एन.ओ. िी इसिए असि हो रही ह िक यव असि कानन बना कर समझतव ह िक हमनव बहत बडा काम कर िया ह। खदा तआा का कानन दवख खदा तआा फरमाता ह िक दसरो की मिततयो को िी बरा न कहो िक इस सव समाज की िाकनत िग होती ह, तम मिततयो को बरा कहोगव तो वव न जानतव हए तमहार सवतिकत समपनन खदा क बार म अनिचत िबदो का परयोग करगव िजससव तमहार हदयो को दख होगा, हदयो क वमनसय बढगव, डाई-झगड होगव, दवि म उपदरव िवगा। अतः यह िनतानत सनदर ििका ह जो इसाम का खदा दवता ह, इस ससार का खदा दवता ह, इस समपरत जगत का खदा दवता ह, वह खदा यह ििका दवता ह िजसनव परततम ििका क साथ अपनव िपरय हजरत महममद मसतफा (स.अ.व.) को ससार क सधार क िए तथा परवम और भातिाव सथािपत करनव क िए िवजा ह, िजसनव आप (स.अ.व.) को “रहमतकल अामीन” क नाम क साथ समसत सकषयो क िए दया बना कर िवजा ह।

अतः ससार का िििकत वगत, िासक तथा राजनीितज वगत िवचार कर िक या इन कछ असभय ोगो को सखती सव न दबा कर आप ोग िी इस उपदरव का िाग तो नही बन रह, ससार की सामानय जनता िवचार कर िक दसरो की धािमतक िावनाओ सव खव कर तथा ससार क इन कछ कीडो तथा मिनताओ म िपत ोगो की हा म हा िमा कर कही आप ोग िी ससार की िाकनत को िग करनव म िागीदार तो नही बन रह।

हम अहमदी मसमान ससार की सववा क िए कोई िी कमी नही

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छोडतव, अमरीका म रत की आवशयकता पडी, िपछव वषत हम अहमिदयो नव बारह हजार बोत एकतर करक दी, इस वषत वव पनः एकतर कर रह ह। अाजक यह परिरिया च रही थी, मनव उनह कहा िक हम अहमदी मसमान तो जीवन दवनव क िए अपना रत दव रह ह और तम ोग अपनव इन दषकतयो सव तथा उन दषकतय करनव वाो की हा म हा िमा कर हमार हदय रत-रिजत कर रह हो। अतः एक अहमदी मसमान का और सचचव मसमान का तो यह अम ह और यव ोग जो समझतव ह िक वव नयाय सथािपत करनव वाव ह उनही क एक वगत का यह काम ह।

मसमानो पर तो यह आरोप गाया जाता ह िक वव अनिचत कायत कर रह ह। यह सही ह िक कछ परितिरियाए गत ह, परनत अलाह तआा क िनषपाप निबयो का उपहास और घषता म अगरसर होना िी एक बडा पाप ह। अब दवखा-दवखी िपछव िदनो फास की पितरका को िी पनः उबा पदा हआ ह, उसनव िी पनः असभयतापरत काटडन परकािित िकए ह जो पहव सव िी बढकर असभयता परकट कर रह ह। यव सासारीक ोग ससार को ही सब कछ समझतव ह, परनत नही जानतव िक यह ससार ही उनक िवनाि का सामान ह।

म यहा यह िी कहना चाहगा िक ससार क एक बहत बड ि-िाग पर मसमान सरकार सथािपत ह, ससार का एक बहत बडा कवतर मसमानो क अधीन ह। बहत सव मसमान दविो को खदा तआा नव पराकितक समपदाए िी परदान की ह मसमान दवि U.N.O. क सदसय िी ह, कआतन करीम जो परत जीवन-पदधित ह उसव माननव वाव तथा पढनव वाव िी ह तो ििर मसमान सरकारो नव परतयवक सतर पर इस सनदर ििका को ससार पर परकट करनव का परयास नही िकया, यव यो नही करतव?

कआतन की ििकानसार यव ससार क समक यो परसतत नही करतव िक धािमतक िावनाओ सव खवना तथा खदा क निबयो का अपमान करना अथवा इस का परयास करना िी एक अपराध ह तथा बहत बडा अपराध और पाप ह। िवशव-िाकनत क िए अिनवायत ह िक इसव िी U.N.O. क िाकनत चाटडर

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का िाग बनाया जाए िक कोई सदसय दवि अपनव िकसी नागररक को अनिमत नही दवगा िक दसरो की धािमतक िावनाओ सव खवा जाए, अििवयकत की सवततरता क नाम पर िवशव-िाकनत िग करनव की अनिमत नही दी जाएगी, परनत खवद िक इतनव समय सव यह सब कछ हो रहा ह, किी मसमान दविो का ठोस सयत परयास नही हआ िक समसत निबयो, आहजरत (स.अ.व.) अिपत परतयवक नबी क मान और मयातदा क िए ससार को अवगत कर और अनतरातषटीय सतर पर उसव सवीकार कराए। यदयिप य.एन.ओ (U.N.O.) क िवष िनषतयो की िाित इस पर िी अम नही होगा, पहव िी िाकनत चाटडर का कौन सा पान हो रहा ह परनत कम सव कम एक बात िरकाड म तो अा जाएगी, इसामी दविो का सगठन (OIC) सथािपत तो ह परनत उन क दारा किी कोई ठोस परयास नही हआ िजससव ससार म मसमानो की परितषठा सथािपत हो। मसमान दविो क राजनीितज अपनी इचछाओ को परत करनव क िए परतयवक परकार क परयास म वयसत ह यिद धयान नही तो धमत की शवषठता का यिद हमार नवताओ की ओर सव सतत परयास होतव तो जन सामानय की यह अनिचत परितिरिया िी परकट न होती जो आज उदाहररतया पािकसतान म हो रही ह अथवा अनय दविो म हई ह। उनह माम होता िक इस कायत क िए हमार ीर िनयत ह और वव इस कायत को समपनन करनव का परयास करगव। अाहजरत (स.अ.व.) की मान-मयातदा सथािपत करनव क िए और समसत निबयो की परितषठा सथािपत करनव क िए िवशव-मच पर इस परकार उठगव िक इस ससार को सवीकार करना पडगा िक यव ोग जो कह रह ह सतय और वासतिवकता ह।

ििर पकशमी दविो म और ससार क परतयवक कवतर म मसमानो की एक बहत बडी सखया ह जो वहा रहती ह। धािमतक दकष सव तथा सखया की दकष सव ससार म मसमान दसरी सबसव बडी िकत ह यिद यव खदाई आदविो पर चनव वाव हो तो परतयवक दकष सव महान िकत बन सकतव ह और ऐसी अवसथा म इसाम-िवरोधी िकतयो को साहस ही नही होगा िक ऐसी

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कषदायक गितिविधया कर सक या उसकी कलपना िी कर।बहरहा मसमान दविो क अितररत ससार क परतयवक दवि म

मसानो की एक बडी सखया ह। यरोप म ाखो की सखया म तो कव तकक ोग ही अबाद ह इसी परकार यहा अनय मसमान जाितया िी आबाद ह, एििया सव यहा मसमान अाए हए ह, य.क म िी आबाद ह, अमरीका म िी आबाद ह, कनाडा म आबाद ह, यरोप क परतयवक दवि म आबाद ह। यिद यव सब िनरतय कर िक अपनव वोट उन राजनीतजो को दगव जो धािमतक सिहषरता को परकट कर और उनका परकटन न कव मौिखक हो अिपत उनका वयावहाररक तौर पर िी परकटन हो रहा हो और वव ऐसव वयथतवािदयो, असभयतापरत बकवास करनव वाो या अशी ििलम बनानव वाो की िननदा करगव तो इन सासाररक िासनो म ही एक वगत इस अशीता-असभयता क िवरोध म ख कर बोनव वाा िम जाएगा।

अतः मसमान यिद अपनव महतव को समझ तो ससार म एक रिाकनत पदा हो सकती ह, वव दविो क अनदर धािमतक िावनाओ क सममान क कानन बनवा सकतव ह परनत दिातगय ह िक इस ओर धयान नही ह। जमाअत अहमिदया जो धयान िदाती ह, उस क िवरोध म किटबदध ह और ितरओ क हाथ दढ कर रह ह अलाह तआा मसमान ीरो, राजनीितजो तथा धमत क िवदानो को बिदध परदान कर िक वव अपनी िकत को सदढ कर, अपनव महतव को पहचान और अपनी ििका की ओर धयान द।

यव ोग जो आहजरत (स.अ.व.) पर वयथत आरोप गातव ह, अापिरया उठातव ह और िजनहोनव यह ििलम बनाई ह या इसम काम िकया ह उनक नितक सतर का अनमान तो मीिया म दी गई जानकाररयो सव ही हो सकता ह। कहा जाता ह िक सबसव अिधक रो एक िकबती (पराचीन िमिसरयो की ईसाई नस) ईसाई का ह जो अमरीका म रहता ह नकोा बसीव (NAKOULA

BASSELEY NAKOULA) या इसी परकार का उसका कोई नाम ह या साम बसीव (SAM BACILE) कहाता ह। बहरहा उसक बार म िखा

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ह िक उसकी अपरािधक पषठ-ििम (CRIMINAL BACKGROUND) ह, अपराधी ह, यह फा क कारर 2010 ई. म जव म िी रह चका ह, दसरा वयकत िजसनव ििलम का िनददिन (DIRECTION) िकया ह वह कामोदीपक ििलमो (PORNOGRAPHIC MOVIES) का िनददिक (DIRECTOR) ह इसम जो अनय काकार सकममित ह वव सब कामोदीपक ििलमो क अदाकार (ACTORS) ह। यव इनक चररतर क सतर ह तथा कामोदीपकता की जो सीमाए ह उनकी तो मनषय कलपना िी नही कर सकता। यव ोग िकस मिनता और समता म ीन ह और आरोप उस हसती पर करनव चव ह िजसक सववोतकष ििषाचार और पिवतरता की खदा तआा नव साकय दी।

अतः यह अशीतापरत कतय करक इनहोनव िनशय ही खदा तआा क अजाब को अामितरत िकया ह अौर करतव चव जा रह ह। इसी परकार इस ििलम को SPONSOR करनव वाव िी खदा तआा क अजाब सव नही बच सकतव। इन म एक पर ईसाई पादरी िी सकममित ह जो ििनन-ििनन समयो म अमरीका म अपनी झठी परिसिदध क िए कआतन इतयािद को जानव का िी परयास करता रहा ह।

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मीिया म कछ नव िननदा करनव का िी परयास िकया ह और साथ ही मसमानो की परितिरिया की िी िननदा की ह। उिचत ह, गत परितिरिया की िी िननदा होना आवशयक ह परनत यह िी दवख िक पह करनव वाा कौन ह।

बहरहा जसा िक मनव कहा मसमानो का दिातगय ह िक यह सब कछ मसमानो की एकता और नवततव क अिाव क कारर हो रहा ह, रस सव परवम क दावव क बावजद यव ोग धमत सव बहत दर हट हए ह। दावा तो अवशय ह परनत धमत का कोई जान नही ह, सासारक दकष सव िी कमजोर होतव जा रह ह। िकसी मसमान दवि नव िकसी दवि सव िी सित परितिरिया परसतत नही की और की िी ह तो इतनी कमजोर िक मीिया नव उसव कोई महतव नही

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िदया और यिद मसमानो की परितिरिया पर कोई समाचार गाया िी ह तो यह 1.8 िबियन मसमान बचचो की िाित परितिरिया िदखा रह ह। जब कोई सिानव वाा न हो तो ििर इधर-उधर ििरनव वाव ही होतव ह ििर परितिरियाए िी बचचो वाी ही होती ह। इस दकष सव एक कटाक िी कर िदया, परनत वासतिवकता िी सपष कर दी। खदा कर अब िी मसमानो को िमत आ जाए।

यव ोग िजनकी धािमतक आख तो अधी ह, िजनह निबयो क महतव का जान ही नही ह जो हजरत ईसा अिहससाम क पद को िगरा कर िी खामोि रहतव ह, उनह तो मसमानो क नबी महममद रसलाह (स.अ.व.) क िए िावनाओ का परकटन बचचो की तरह की परितिरिया ही िदखाई दवगी परनत जसा िक मनव कहा िक सन 2006 ई. म िी मनव धयान िदाया था िक इस ओर धयान द और एक ऐसा ठोस कायतरिम बनाए िक ििवषय म िकसी को ऐसा दषकतय करनव का साहस न हो। काि िक मसमान दवि यह सन और जो उन तक पहच सकता ह तो हर अहमदी को उन तक यह बात पहचानव का िी परयतन करना चािहए। चार िदन परितिरिया िदखाकर बठ जानव सव तो इस समसया का समाधान नही होगा।

एक सथान सव यह परसताव िी आया था, ोग िी ििनन-ििनन परसताव िवजतव रहतव ह िक समसत ससार क मसमान वकी एकजट होकर पटीिन (PETITION) कर। काि िक मसमान वकी ोग जो अनतरातषटीय पद रखतव ह इस सबध म िवचार कर, इसकी सिावनाओ पर िवचार कर िक हो िी सकता ह िक नही या कोई अनय मागत िनका। ऐसी अधमता और दषकतय को कब तक होता दवखतव रहगव और अपनव दविो म तोड-िोड की परितिरिया परदिितत करक बठ जाएगव। उस का इस पकशमी ससार पर तो कोई परिाव नही होगा या उन ििलम िनमातताओ पर तो कोई परिाव नही पडगा। यिद उन दविो म िनदवोषो पर आरिमर करगव, धमकी दगव या मारनव का परयास करगव या दतावासो पर आरिमर करगव तो यह कतय तो इसाम क िवपरीत ह, इसाम इसकी िबलक आजा नही दवता। इस अवसथा म तो आहजरत (स.अ.व.)

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पर सवय आरोप क अवसर परदान करगव।अतः इसका उरर कठोरता नही ह। इसका उरर वही ह जो म वरतन

कर चका ह िक अपनव कममो का सधार और उस नबी पर दआ और साम जो मानवता का मकतदाता ह। सासाररक परयासो क िए मसमानो की एकता, पकशमी दविो म रहनव वाव मसमानो का अपनी वोिटग पावर को सवीकार कराना। बहरहा जमाअत क ोग जहा-जहा िी ह इस पदधित पर कायतरत हो तथा अपनव गर अहमदी िमतरो को िी इस पदधित पर चानव का परयतन कर िक अपनी तथा अपनव वोट की िकत जो उन दोिो म ह सवीकार कराए। अाहजरत (स.अ.व.) क जीवन क पहअो को िी ससार क सामनव सनदर रप म परसतत कर।

आज यव ोग अििवयकत की सवततरता का राग अापतव ह, िोर मचातव ह िक इसाम म तो अििवयकत की सवततरता और बोनव का अिधकार ही नही ह और उदाहरर आजक की मसमान दिनया क दवतव ह िक मसमान दविो म वहा क ोगो को, नागररको को सवततरता परापत नही होती, यिद परापत नही होती तो उन दविो का दिातगय ह िक इसामी ििका पर अम नही कर रह। इसका इसामी ििका सव तो कोई सबध नही ह। हम तो इितहास म ोगो क िनिमीक और िनसकोच होकर आहजरत (स.अ.व.) को समबोिधत करनव, मान-सममान को पाव तव रौदनव क बावजद आहजरत (स.अ.व.) क धयत, हौसा और सहनिीता क ऐसव-ऐसव उदाहरर िमतव ह िक ससार म उनका उदाहरर नही िम सकता। म कछ उदाहरर परसतत करता ह, यदयिप इसव आहजरत (स.अ.व.) की दानिीता और उपकारो क वरानतो म वरतन िकया जाता ह परनत इनही वरानतो म धषता की सीमा और ििर आप (स.अ.व) क हौसव का िी परकटन होता ह।

हजरत जबर िबन मतइम रिज वरतन करतव ह – वह कहतव ह िक एक बार वह रसलाह (स.अ.व.) क साथ थव तथा आप क साथ अनय ोग िी थव। आप हनन सव आ रह थव िक जगी ोग आप सव िपट गए, वव आप सव

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मागतव थव यहा तक िक उनहोनव आप को बब क एक वक की ओर हटनव क िए िववि कर िदया िजसक काटो म आपकी चादर अटक गई, रसलाह (स.अ.व.) रक गए और आप नव फरमाया मवरी चादर मझव दव दो, यिद मवर पास इन जगी वको की सखया क बराबर ऊट होतव तो म उनह तम म बाट दवता और ििर तम मझव कजस न पातव और न झठा और न कायर। )3148 �ب

نمھ۔۔۔۔ حدیث � عیط املولفۃ قلوبھم وغ�ی

اکن الن�ب ب ما (حصیح البخاری کتاب فرض النمس �ب

ििर एक ररवायत हजरत अनस रिज. सव ह वह वरतन करतव ह िक म नबी करीम (स.अ.व.) क साथ था और आपनव एक मोट िकनार वाी चादर पवटी हई थी। एक बदद (जगी) नव उस चादर को इतनव जोर सव खीचा िक उसक िकनारो क िनिान आपकी गदतन पर पड गए। ििर उस नव कहा - ह महममद (स.अ.व.) ! अलाह क उस मा म सव जो उसनव आपको िदया ह मवर इन दो ऊटो पर ाद द योिक आप मझव न तो अपनव मा म सव और न ही अपनव बाप क मा म सव दगव। पहव तो नबी करीम (स.अ.व.) खामोि रह ििर फरमाया - ہ

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िक मा तो अलाह ही का ह ا

और म उसका बनदा ह। ििर आपनव फरमाया - मझव जो कष पहचाया ह तम सव उसका बदा िया जाएगा। उस बदद नव कहा नही। आप (स.अ.व.) नव पछा तझ सव बदा यो न िया जाएगा? उस बदद नव कहा - इसिए िक आप बराई का बदा बराई सव नही वतव। इस पर नबी करीम (स.अ.व.) हस पड, ििर आप (स.अ.व.) नव आदवि िदया िक इसक एक ऊट पर जौ और एक ऊट पर खजर ाद दी जाए।

تعایل ۔۔۔۔۔۔ الفصل واما

تمکیل اللن

)الشفاء لقا�ن عیاض جزء اول صفحہ 74 الباب الثا�ن �

وت 2002ء( المل۔۔۔۔۔۔۔ دارالکتب العملیۃ ب�ی

तो यह ह वह धयत और सहनिीता का वह सथान जो अाहजरत (स.अ.व.) का था तथा जो अपनो सव ही नही ितरओ सव िी था, यव ह वव सववोचच ििषाचार िजन म दानिीता और परोपकार िी ह और सबर और धयत िी तथा उचच हौसव का परकटन िी ह। यव आपिरया उठानव वा व असभय

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ोग अजानता की अवसथा म उठतव ह और उस ‘रहमतकल अामीन’ पर आपिरया उठातव ह िक उनहोनव यह सखती की थी और अमक था और अमक था।

ििर कआतन करीम पर आरोप ह, सना ह िक जो इस िफलम म गाया गया ह, मनव दवखी तो नही ह परनत मनव ोगो सव यह सना ह िक यह कआतन करीम िी खदीजा क चाचाजाद िाई वरका िबन नौिफ िजनक पास हजरत खदीजा आप को परथम वही क पशात वकर गई थी उनहोनव िख कर िदया था। कािफर तो आप क जीवन म िी यह आरोप गातव रह िक यह कआतन जो तम िकसतो म उतार रह हो यिद यह अलाह का काम ह तो एक ही बार म यो नही उतरा ? परनत यव बवचार िबलक ही अजानी ह अिपत इितहास सव िी अनििज। बहरहा जो बनानव वाव ह वव तो ऐसव ही ह परनत दो पादरी जो उनम सकममित ह जो सवय को िवदान समझतव ह वव िी जान की दकष सव िबलक ही अनििज ह। वरका िबन नौिफ नव तो यह कहा था िक काि म उस समय जीिवत होता जब तझव तवरी कौम मातििम सव िनकावगी और कछ समयोपरानत उनकी मतय िी हो गई।

(सही बखमािी जितमाब बदउल वही बमाब-3, हदीस न.3) ििर यव पादरी जसा िक मनव कहा इितहास और वासतिवकताओ सव

िबलक ही अपररिचत ह। यरोपीय जो एिियाई िाषाओ और िवदयाओ म पारगत ह वव कआतन क बार म इस बहस म हमविा पड रह िक यह सरह कहा उतरी, मदीना म उतरी या मका म ? इस बात पर िी बहस करतव ह और कहतव ह िक यह उसनव िख कर दव िदया था तथा कआतन करीम का तो अपना च वनज ह िक यिद समझतव हो िक िख कर दव िदया तो ििर उसक समान एक सरह ही ाकर िदखाओ। ततपशात िावनाओ क सममान का परशन पदा होता ह तो उसम िी आप क समान कोई दसरा नही। इस जान क बावजद िक अाप समसत निबयो म सवतशवषठ ह, यहदी की िावनाओ क सममान क बार म आप िरमातव ह िक मझव मसा पर शवषठता न दो।

�ب 2411(ناص والضومہ۔۔۔ حدیث � ن ش

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गरीब ोगो की िावनाओ का धयान ह, उनक सतर का आप नव इस परकार सममान िकया िक एक बार आपक एक सहाबी जो मादार थव वह दसर ोगो पर अपनी शवषठता परकट कर रह थव। रसव करीम (स.अ.व.) नव यह बात सन कर फरमाया िक या तम समझतव हो िक तमहारी यह िकत, तमहारा यह मा तमह अपनव ब पर िमव ह ? ऐसा कदािप नही ह, तमहारी कौम की िकत और आिथतक िकत सब िनधतनो क माधयम सव ही आती ह। �ب 2896(

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نن � لضعفاء والصال�ی ب من استعان �ب ھاد والس�ی �ب )حصیح البخاری کتاب الب

सवततरता क यव दाववदार आज गरीबो क अिधकारो को सथािपत करतव ह। उनक अिधकारो की रका क िए परयास करतव ह और यह घोषरा करतव ह, परनत आप (स.अ.व.) नव आज सव चौदह सौ वषत पवत यव अिधकार यह कह कर सथािपत कर िदए िक मजदर की मजदरी उसका पसीना सखनव सव पहव दो । )2443 ب�

نجراء حدیث �

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यव ोग उस मानवता क उपकारी का कहा-कहा मकाबा करगव अनिगनत घटनाए ह, आप ििषाचार का कोई िी रप व , उसक उचच आदित आहजरत क अकसततव म दकषगोचर होगव।

ििर और नही तो यह आरोप गा िदया िक नऊजिबलाह आपको कसतरया बहत पसनद थी।

िािदयो पर आरोप गाया तो अलाह तआा नव उसका खणन िी िकया। उसव जान था िक ऐसी घटनाए होगी, एवसव परशन उठगव तो वह ऐसी पररकसथितया पदा कर दवता था िक इन बातो का खणन िी सामनव आ गया।

असमा पतरी नौ’मान िबन अबी जौन क बार म आता ह िक अरब की सनदरतम कसतरयाव म सव थी, वह जब मदीना आई तो कसतरयो नव वहा जाकर उनह दवखा तो सब नव परिसा की िक ऐसी सनदर सतरी हमनव जीवन म नही दवखी उसक िपता की इचछा पर आपनव उस सव पाच सौ िदरहम महर पर िनकाह कर िया, जब आप उसक पास गए तो उसनव कहा िक म आप सव अलाह की िरर चाहती ह। आप (स.अ.व.) नव यह सन कर फरमाया िक तम नव

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एक महान िरर-सथी की िरर मागी ह और बाहर आ गए तथा आप नव एक सहाबी अब उसद को फरमाया िक उसव उसक घर वाो क पास छोड आओ, ििर इितहास म यह िी ह िक उस िादी पर उसक घर वाव बहत परसनन थव िक हमारी बवटी आहजरत (स.अ.व.) क िनकाह म आई, परनत वापस आनव पर वह बहत नाराज हए और उसव बहत बरा-िा कहा।

صل

وج رسول الل ن زء الثامن صفحہ 319-318 ذکرمن �ت ن سعد الب ی ل �ب )ماخوذ از الطبقات الک�ب

وت 1996( اث العر�ب ب�ی ۔۔۔۔ ؍اامسء بنت النعمان۔ داراحیاء ال�ت

علیہ وسمل

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यह ह वह महान हसती िजस पर घिरत आरोप सतरी क हवाव सव गाए ह, िजसका पकतनया करना िी इसिए था िक खदा तआा का आदवि था। हजरत मसीह मौऊद अिहससाम नव तो िखा ह - यिद पकतनया न होती सनतान न होती तथा जो िवपिरया सनतान क कारर आई और िजन का िजस परकार परकटन िकया और ििर पकतनयो सव िजस परकार का सदवयवहार ह, अाचरर ह यह िकस परकार सथािपत हो, इसक आदित सथािपत होकर हम िकस परकार जात होतव, आप का परतयवक कायत खदा की परसननता क िए होता था।

(चश-ए-मा’रिफत, रहमानी खजमायन जिलद 23, पषठ सखयमा-300)हजरत आइिा रिज. क बार म आरोप ह िक वह बहत ाी थी

और ििर आय की दकष सव िी बडी गत बात की जाती ह परनत आइिा रिज. को आप यह फरमातव ह िक कछ रातो म म सारी रात अपनव खदा की उपासना करना चाहता ह जो मझव सवातिधक िपरय ह।

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अतः िजनक मकसतषको म मिनताए िरी हए ह उनहोनव यव आरोप गानव ही ह और गातव रह ह, ििवषय म िी िायद वव ऐसी गितिविधयो म िपत रह जसा िक म पहव िी वरतन कर चका ह, परनत अलाह तआा नव िनरतय कर िया ह िक अलाह तआा ऐसव ोगो सव नकक को िरता रहगा। अतः इन ोगो और इन क सहायको को खदा तआा क अजाब सव ियिीत रहना

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चािहए, जसा िक हजरत मसीह मौऊद अिहससाम नव फरमाया ह िक वह अपनव पयारो क िए बडा सवाििमान रखता ह।

(जतियमाकल कलब, रहमानी खजमायन जिलद-15 पषठ-378)इस यग म उसनव अपनव मसीह और महदी को िवजकर ससार को सधार

की ओर धयान िदाया ह, परनत यिद वव उपहास और अतयाचार सव न रक तो अलाह तआा की पकड िी बडी सखत ह। ससार क परतयवक िाग पर आजक पराकितक आपदाए आ रही ह, हर ओर िवनाि ह, अमरीका म िी तफान आ रह ह और पहव सव बढकर आ रह ह, आिथतक अवसथा कितगरसत हो रही ह, गोब वािमिग क कारर आबािदयो क जमगन होनव का खतरा पदा हो रहा ह। अतः इन अतातािययो को खदा की ओर धयान आकष करनव की आवशयकता ह। इन सब बातो को खदा की ओर िरनव वाा होना चािहए न यह िक वव इस परकार क दषकतयो की ओर धयान द, परनत दिातगयवि इस क िवपरीत हो रहा ह, सीमाओ का अितरिमर करनव क परयास िकए जा रह ह। यग का इमाम सतकक कर चका ह, सपष तौर पर बता चका ह िक ससार नव यिद उसकी आवाज पर कान नही रखव तो उनका हर कदम ससार को िवनाि की ओर अगरसर करनव वाा होगा।

हजरत मसीह मौऊद अिहससाम का सनदवि जो बार-बार दोहरानव वाा सनदवि ह अिधकतर परसतत होता ह। आज म पनः परसतत कर दवता ह। फरमाया िक —

समरर रह िक खदा नव मझव सामानय तौर पर िकमपो की सचना दी ह। अतः िनशय समझो िक जसा िक ििवषयवारी क अनसार अमरीका म िकमप आए इसी परकार यरोप म िी आए तथा एििया क िवििनन सथानो म आएगव और कछ उनम सव परय का नमना होगव और इतनी मौत होगी िक रत की नहर चगी, इस मौत सव पि-पकी िी बाहर नही होगव और पथवी पर इतनी ियकर तबाही आएगी िक उस िदन सव िक मनषय पदा हआ ऐसी तबाही किी नही आई होगी तथा अिधकतर सथान असत-वयसत हो जाएगव

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िक जसव उनम किी आबादी न थी और इसक साथ और िी आपदाए पथवी और आकाि म ियकर रप धारर कर गी यहा तक िक परतयवक बिदधमान की दकष म वव बात आसाधारर हो जाएगी तथा िौितकी और दितनिासतर की पसतको क िकसी पषठ म उनका पता नही िमवगा, तब मनषयो म बवचनी पदा होगी िक यह या होनव वाा ह और बहत सव मकत पाएगव और बहत सव तबाह हो जाएगव, वव िदन िनकट ह अिपत म दवखता ह िक दार पर ह िक ससार एक परय का दशय दवखवगा और न कव िकमप अिपत और िी ियिीत करनव वाी आपदाए परकट होगी, कछ आकाि सव और कछ पथवी सव। यह इसिए िक मानव जाित म अपनव खदा की उपासना छोड दी ह और परत हदय, परत साहस और परत िवचारो सव ससार पर ही िगर गई ह। यिद म न आया होता तो इन आपदाओ म कछ िवमब हो जाता परनत मवर आगमन क साथ खदा क परकोप क वव गपत इरादव जो एक दीधत अिवध सव गपत थव परकट हो गए। जसा िक खदा नव फरमाया —

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ا معذ ن और तौबा करनव (बनी इसराई 16) وما ک

वाव सरका पाएगव और वव जो आपदा क आनव सव पवत रतव ह उन पर दया की जाएगी। या तम िवचार करतव हो िक तम इन िकमपो सव सरिकत रहोगव या तम अपनव उपायो दारा सवय को सरिकत रख सकतव हो कदािप नही।

उस िदन मानव-कायमो का अनत होगा। यह मत िवचार करो िक अमरीका इतयािद म िीषर िकमप आए और तमहारा दवि उन सव सररकत ह ...... ह यरोप ! त िी अमन म नही और ह एििया ! त िी सरिकत नही और ह दीप समहो म रहनव वाो ! कोई बनावटी खदा तमहारी सहायता नही करगा, म िहरो को िगरतव दवखता ह और आबािदयो को िनजतन पाता ह। वह अका और अिदतीय एक समय तक खामोि रहा ओर उसकी आखो क सामनव घिरत काम िकए गए और वह चप रहा,परनत अब वह परताप क साथ अपना चवहरा िदखाएगा। िजसक काम सननव क हो सनव िक वह समय दर नही। मनव परयास िकया िक खदा की सरका क नीचव सब को एकतर कर,

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परनत आवशयक था िक परारबध क िखव परत होतव....” फरमाया — “नह का यग तमहारी आखो क सामनव आ जाएगा और त की पथवी की घटना तम सवय अपनी आखो सव दवख ोगव, परनत खदा आरिोि म मनद ह, तौबा करो तािक तम पर दया की जाए, जो खदा को तयागता ह वह एक कीडा ह न िक मानव, जो उस सव नही रता वह मदात ह न िक जीिवत।

(हकीकतल वही, रहमानी खजमायन जिलद-22 पषठ 268-269)अलाह तआा ससार को सदबिदध दव, घिरत और अनयायपरत कामो

सव बच तथा अलाह तआा हम िी अपनव दाियतव परत करनव की सामथयत परदान करता रह।