माहेश्वरखण्ड श्रीब्रह्माजी कहते हैं

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मममममममममममम ममममममममममममम मममम ममम- मममम ! मममम, मम मम मममममम ममममम मम ममममम मममम ममम,ममममम मम मम ममम ममममममम मममममममम ममममम ममम मममम मममममम ममममम ममम मम ममम मम ममममम मम ममममम मममम मम,मममम मममममम मममम मम ममममममम मम मममममममममम ममम ममममम मममम ममममममम ममम मममम मममम ममम मम,मम ममममम मम ममम मममम मममम मममममम ममममम ममममममम मममम ममममममम मम ममममम मम,मम मममम ममममम मममम ममम ममम मम मम ममममममम ममम मम मम,ममममम मममममम मम मममममम मम ममम मममममम मम ममममममममम मममम ममम मम,मम मममममममम मममम ममम ममममममम मम,मम मम मममममम मम मममममम मममममम मममम मममम मममम मममम मममम मम ममम मममममममम मममम मम,मम मम ममममम मम ममम मममम मममम ममममम मममम मममम मम ममम मम ममममम मम,मम ममम मममममम ममम ममममम ममममम मम मममममममम मम,ममममम मममममम ममममम मममममम मम,ममम मम मममम मममममम मममममम मम ममममममममम मम मममम मममममममममम मममम मम मममम ममममम मममममममम ममम ममममम ममममम ममम मम,ममममम मममम मममम मममम मम ममम मम,मममम ममम ममममममम मममम मम ममम ममममम ममम मम,मममम ममम मममममम ममममम मम ममम मम मममममम

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Page 1: माहेश्वरखण्ड श्रीब्रह्माजी कहते हैं

मा�हे�श्वरखण्ड श्री�ब्रह्मा�जी� कहेते� हे�- वत्स ! स�नो�, अब मा� स्कन्द पु�र�ण क� वण नो करते� हूँ",जिजीसक� पुद पुद मा$ स�क्षा�ते माहे�द�वजी� स्थि'ते हे�। मा �ैनो� शतेक�टि, पु�र�ण मा$ जी� शिशव क. माहिहेमा� क� वण नो हिकया� हे�,उसक� स�रभू3ते अर्थ क� व्या�सजी� नो� सकन्दपु�र�ण मा$ वण नो हिकया� हे�। उसमा$ स�ते खण्ड हिकया� गया� हे�,सब पु�पु7 क� नो�श करनो� व�ला� स्कन्द पु�र�ण इक्या�स� हेजी�र श्लो�क7 स� या�क्त हे�,जी� इसक� श्रीवण अर्थव� पु�ठ करते हे� वहे स�क्षा�ते शिैव हे� हे�,इसमा$ स्कन्द क� द्वा�र� उनो श�व धमाA क� प्रहितेपु�दनो हिकया� गया� हे�,जी� तेत्पु�रुष कल्पु मा$ प्रचशिलाते र्थ�,व� सब प्रक�र क. शिसद्ध िै प्रद�नो करनो� व�ला� इसक� पुहेला� खण्ड क� नो�मा मा�हे�श्वर खण्ड हे�,जिजी सब पु�पु7 क� नो�श करनो� व�ला� इसमा$ ब�रहे हेजी�र स� क� छ कमा श्लो�क हे�,याहे पुरमा पुहिवत्र तेर्थ� हिवश�ला कर्थ�ओं स� पुरिरपु3ण हे�,इसमा$ स�कड7 उत्तमा चरिरत्र हे�,तेर्थ� याहे खण्ड स्कन्द स्व�मा� क� मा�हे�त्म्या क� स3चक हे�। मा�हे�श्वर खण्ड क� भू�तेर क� द�र मा�हे�त्माया मा$ पु�र�ण आरम्भ हुआ हे�,उसमा$ पुहेला� दक्षा याज्ञ क. कर्थ� हे�,इसक� ब�द शिशवलिंलाSग पु3जीनो क� फ़ला बते�या� गया� हे�,इसक� ब�द समा�द्र मान्थनो क. कर्थ� और द�वर�जी इन्द्र क� चरिरत्र क� वण नो हे�,हिफ़र पु�व ते� क� उपु�ख्या�नो और उनोक� हिवव�हे क� प्रसYग हे�,तेत्पुश्चा�ते क� मा�र स्कन्द क. उत्पुत्तित्त और ते�रक�स�र क� स�र्थ उनोक� या�द्ध क� वण नो हे�,हिफ़र पु�श�पुते क� उपु�ख्या�नो और चण्ड क. कर्थ� हे�,हिफ़र दूते क. हिनोया�शिक्त क� कर्थनो और नो�रदजी� क� स�र्थ समा�गमा क� व]ते�न्ते हे�,इसक� ब�द क� मा�र मा�हे�त्म्या क� प्रसYग मा$ पुYचते�र्थ क. कर्थ� हे�,धमा वमा� र�जी� क. कर्थ� तेर्थ� नोटिदया7 और समा�द्र7 क� वण हे�,तेदनोन्तेर इन्द्रद्यु�म्नो और नो�ड�जीYग क. कर्थ� हे�,हिफ़र माहे�नोद_ क� प्र�दुभू� व और दमानो क. कर्थ� हे�,तेत्पुश्चा�ते माहे� सै�कर सYगमा और क� मा�र�श क� व]ते�न्ते हे�,इसक� ब�द नो�नो� प्रक�र क� उपु�ख्या�नो7 सहिहेते ते�रक या�द्ध और ते�रक�स�र क� वध क� वण नो हे�,हिफ़र पुYचलाि Yैग '�पुनो क. कर्थ� आया� हे�,तेदनोन्तेर द्वा_पु7 क� पु�ण्यामाया� वण नो ऊपुर क� ला�क7 क. स्थि'हिते ब्रह्मा�ण्ड क. स्थि'हिते और उसक� मा�नो तेर्थ� वक र�शक. कर्थ� हे�,हिफ़र व�स�द�व क� मा�त्म्या और क�टि,ते�र्थ क� वण नो हे�। तेदनोन्तेर ग�प्तेक्षा�त्र मा$ नो�नो� ते�र्थA क� आख्या�नो कहे� गया� हे�,पु�ण्डव7 क. पु�ण्यामाया� कर्थ� और बब र�क क. सहे�याते� स� माहे�हिवद्यु� क� स�धनो क� प्रसYग हे�,तेत्पुश्चा�ते ते�र्थ या�त्र� क. समा�प्तिप्ते हे�,तेदनोन्तेर अरुण�चला क� मा�हे�त्माया हे�,तेर्थ� सनोक और ब्रह्मा�जी� क� सYव�द हे�,गdर� क. तेपुस्या� क� वण नो तेर्थ� वहे�Y क� त्तिभून्न त्तिभून्न ते�र्थA क� वण नो हे�,माहिहेष�स�र क. कर्थ� और उसक� वध क� पुरमा अद्भुgते प्रसYग कहे� गया� हे�,इस प्रक�र स्कन्द पु�र�ण मा$ याहे अद्भुgते मा�हे�श्वर खण्ड मा$ कहे� गया� हे�। व�ष्णव-खण्ड दूसर� व�ष्णवखण्ड हे�, अब उसक� आख्या�नो7 क� मा�झस� श्रीवण कर�,पुहेला� भू3मिमा व�र�हे क� सYव�द क� वण नो हे�,जिजीसमा$ व$क,�चला क� पु�पुनो�शक मा�हे�त्म्या बते�या� गया� हे�,हिफ़र कमाला� क. पुहिवत्र कर्थ� और श्री�हिनोव�स क. स्थि'हिते क� वण नो हे�,तेदनोन्तेर क� म्हे�र क. कर्थ� तेर्थ� स�वण मा�खर� नोद_ क� मा�हे�त्माया क� वण नो हे�,हिफ़र अनो�क उपु�ख्या�नो7 स� या�क्त भूरद्वा�जी क. अद्भुgते कर्थ� हे�,इसक� ब�द मातेYग और अYजीनो क� पु�पुनो�शक सYव�द क� वण नो हे�,हिफ़र उत्कला प्रद�श क� पु�रुष�त्तमा क्षा�त्र क� मा�हे�त्माया कहे� गया� हे�,तेत्पुश्चा�र मा�क ण्ड�याजी� क. कर्थ�,र�जी� अम्बर�ष क� व]ते�न्ते,इन्द्रद्यु�म्नो क� आख्या�नो और हिवद्युै�पुहिते क. श�भू कर्थ� क� उल्ला�ख हे�। ब्रह्मानो ! इसक� ब�द जी�मिमाहिनो और नो�रद क� आख्या�नो हे�,हिफ़र नो�लाकण्ठ और नो]लिंसSहे क� वण नो हे�,तेदनोन्तेर अश्वमा�घ याज्ञ क. कर्थ� और र�जी� आ ब्रह्माला�क मा$ गमानो कहे� गया� हे�,तेत्पुश्चा�ते रर्थया�त्र� हिवमिध और जीपु तेर्थ� स्नो�नो क. हिवमिध कहे� गया� हे�। हिफ़र दत्तिक्षाण�मा3ते िै क� उपु�ख्या�नो और ग�स्थिण्डच� क. कर्थ� हे�,रर्थ रक्षा� क. हिवमिध और भूगव�नो क� शयानो�त्सव क� वण नो हे�,इसक� ब�द र�जी� श्व�ते क� उपु�ख्या�नो कहे� गया अहे� हिवर पु]र्थ� उत्सव क� हिनोरूपुण हे�,भूगव�नो क� द�ला�त्सव तेर्थ� स�Yवत्सरिरक व्रते क� वण नो हे�,तेदनोन्तेर उद्दा�लाक क� हिनोया�ग स� भूगव�नो हिवष्ण� क. हिनोष्कै�मा पु3जी� क� प्रहितेपु�दनो हिकया� गया� हे�,हिफ़र मा�क्षा स�धनो बते�कर नो�नो� प्रक�र क� या�ग7 क� हिनोरूपुण हिकया� गया� हे�,तेत्पुश्चा�ते दश�वते�र क. कर्थ� अर स्नो�नो आटिद क� वण नो हे�,इसक� ब�द बदरिरक�श्रीमा ते�र्थ क� पु�पु नो�शक मा�हे�त्माया बते�या� गया� हे�,उस प्रसYग मा$ अग्निpनो आटिद ते�र्थA और गरुण शिशला� क. माहिहेमा� हे�,वहे�Y भूगव�नो क� हिनोव�स क� क�रण बते�या� गया� हे�। हिफ़र कपु�लामा�चनो ते�र्थ पुYचध�र� ते�र्थ और मा�रुसY'�नो क. कर्थ� हे�,तेदनोन्तेर क�र्तितेSक मा�स क� मा�हे�त्म्या प्र�रम्भ हे�ते� हे�,उसमा� मादनो�लास क� मा�हे�त्माया क� वण नो हे�,ध3म्रक� शक� उपु�ख्या�नो और क�र्तितेSक मा�स मा$ प्रत्या�क टिदनो क� क] त्या क� वण नो हे�,अन्ते मा$ भू�ष्मा पुYचक व्रते क� प्रहितेपु�दनो हिकया� गया� हे�,जी� भू�ग और मा�क्षा द�नो� व�ला� हे�। तेत्पुश्चा�ते मा�ग श�ष क� मा�हे�त्मा sैया मा$ स्नो�नो क. हिवमिध बते�या� गया� हे�,हिफ़र पु�ण्ड्रा�टिद क.ते नो और मा�ला� ध�रण क� पु�ण्या कहे� गया� हे�,भूगव�नो क� पुYच�मा]ते स� स्नो�नो करव�नो� तेर्थ� घण्,� बजी�नो� आटिद क� पु�ण्याफ़ला बते�या� गया� हे�। नो�नो� प्रक�र क� फ़3 ला7 स� भूगवत्पु3जीनो क� फ़ला और ते�लास�दला क� मा�हे�त्म्या बते�या� गया� हे�,भूगव�नो क� नो�व�द्यु लाग�नो� क. माहिहेमा�,एक�दस� क� टिदनो क.ते नो अखण्ड एक�दस� व्रते रहेनो� क� पु�ण्या और एक�दश� क. र�ते मा$ जी�गरण करनो� क� फ़ला बते�या� गया� हे�। इसक� ब�द मात्स्या�त्सव क� हिवध�नो और नो�मामा�हे�त्म्या क� क.ते नो हे�,भूगव�नो क� ध्या�नो आटिद क� पु�ण्या तेर्थ� मार्थ�र� क� मा�हे�त्म्या बते�या�

Page 2: माहेश्वरखण्ड श्रीब्रह्माजी कहते हैं

गया� हे�,मार्थ�र� ते�र्थ क� उत्तमा मा�हे�त्माया अलाग कहे� गया� हे�,और वहे�Y क� ब�रहे वनो7 क. माहिहेमा� वण नो हिकया� गया� हे�,तेत्पुश्चा�ते इस पु�र�ण मा$ श्री�मादभू�गवते क� उत्तमा मा�हे�त्म्या क� प्रहितेपु�दनो हिकया� गया� हे� इस प्रसYग मा$ बज्रनो�भू और श�स्थिण्डल्या क� सYव�द क� उल्ला�ख हिकया� गया� हे�,जी� ब्रजी क. आन्तेरिरक ला�ला�ओं क� प्रश�सक हे�,तेदनोन्तेर मा�घ मा�स मा$ स्नो�नो द�नो और जीपु करनो� क� मा�हे�त्म्या बते�या� गया� हे�,जी� नो�नो� प्रक�र क� आख्या�नो7 स� या�क्त हे�,मा�घ मा�हेै�त्म्या क� दस अध्या�या7 मा$ प्रहितेपु�दनो हिकया� गया� हे�,तेत्पुश्चा�ते ब�श�ख मा�हे�त्म्या मा$ शय्या�द�नो आटिद क� फ़ला कहे� गया� हे�,हिफ़र जीलाद�नो क. विैमिध क�मा�पु�ख्या�नो श�कद�व चते व्या�ध क. अद्भुgते कर्थ� और अक्षायाते]ते�या� आटिद क� पु�ण्या मा� हिवश�ष रूपु स� वण नो हे�,इसक� ब�द अया�ध्या� मा�हे�त्म्या प्र�रम्भ करक� उसमा� चक्रते�र्थ ब्रह्माते�र्थ ऋणमा�चनो ते�र्थ पु�पुमा�चनो ते�र्थ सहेस्त्रध�र�ते�र्थ स्वग द्वा�रते�र्थ चन्द्रहेरिरते�र्थ धमा हेरिरते�र्थ स्वण व]मि{ते�र्थ क. कर्थ� और हितेला�द�-सरया3-सYगमा क� वण नो हे�,तेदनोन्तेर स�ते�क� ण्ड ग�प्तेहेरिरते�र्थ सरया3-घ�घर�-सYगमा ग�प्रच�रते�र्थ क्षा�र�दकते�र sैर्थ और ब]हेस्पहितेक� ण्ड आटिद पु�Yच ते�र्थA क. माहिहेमा� क� प्रहितेपु�दनो हिकया� गया� हे�,तेत्पुश्चा�ते घ�ष�क आटिद ते�रहे ते�र्थA क� वण नो हे�। हिफ़र गया�क3 पु क� सव पु�पुनो�शक मा�हे�त्म्या क� कर्थनो हे�,तेदनोनोतेर मा�ण्डव्या�श्रीमा आटिद,अजिजीते आटिद तेर्थ� मा�नोस आटिद ते�र्थA क� वण नो हिकया� गया� हे�,इस प्रक� याहे दूसर� व�ष्णव खण्ड कहे� गया� हे�। ब्रह्माखण्ड इसमा� पुहेला� स�ते�मा�हे�त्म्या प्र�रम्भ करक� वहे�Y क� स्नो�नो और दश नो क� फ़ला बते�या� गया� हे�,हिफ़र ग�लाव क. तेपुस्या� तेर्थ� र�क्षास क. कर्थ� हे�,तेत्पुश्चा�ते द�व�पुत्तनो मा$ चक्रते�र्थ आटिद क. माहिहेमा�,व�ते�लाते�र्थ क� मा�हे�त्म्या और पु�पुनो�श आटिद क� वण नो हे �ै,माYगला आटिद ते�र्थ क� मा�हे�त्म्या ब्रह्माक� ण्ड आटिद क� वण नो हेनो�मात्क� ण्ड क. माहिहेमा� तेर्थ� अगस्त्या�ते�र्थ क� फ़ला क� कर्थनो हे�,र�माते�र्थ आटिद क� वण नो लाक्ष्मा�ते�र्थ क� हिनोरूपुण शYखते�र्थ क. माहिहेमा� स�ध्या�ते�र्थ क� प्रभू�व7 क� वण नो हे�,हिफ़र र�मा�श्वर क. माहिहेमा� तेत्वज्ञ�नो क� उपुद�श तेर्थ� स�ते� या�त्र� हिवमिध क� वण नो हे�,इसक� ब�द धनो�षक�टि, आटिद क� मा�हे�त्म्या क्षा�रक� ण्ड आटिद क. माहिहेमा� ग�यात्र� आटिद ते�र्थA क� मा�हे�त्म्या हे�। इसक� ब�द धमा� रण्या क� उत्तमा मा�हे�त्माया बते�या� गया� हे� जिजीसमा� भूगव�नो शिशव नो� स्कन्द क� तेत्व क� उपुद�श टिदया� हे�,हिफ़र धमा� ण्या क� प्र�दुभू� व उसक� पु�ण्या क� वण नो कमा शिसजिद्ध क� उपु�ख्या�नो तेर्थ� ऋहिषवYश क� हिनोरूपुण हिकया� गया� हे�,इसक� ब�द वण� श्रीमा धमा क� तेत्व क� हिनोरूपुण हे�,तेदनोनो sैतेर द�व'�नो-हिवभू�ग और बक� ला�टिदत्या क. श�भू कर्थ� क� वण नो हे�। वहे�Y छ�त्र�नोन्द� श�न्ते� श्री�मा�ते� मा�तेYहिगनो� और पु�ण्याद� या� पु�Yच द�हिवया�Y सद� स्थि'ते बते�या� गया� हे�। इसक� ब�द याहे�Y इन्द्र�श्वर आटिद क. माहिहेमा� तेर्थ� द्वा�रक� आटिद क� हिनोरूपुण हे�,ला�हे�स�र क. कर्थ� गYग�क3 पु क� वण नो श्री�र�माचन्द्र क� चरिरत्र तेर्थ� सत्यामाजिन्दर क� वण नो हे�,हिफ़र जी�ण~द्ध�र क. माहिहेमा� क� कर्थनो आसनोद�नो जी�हितेभू�द वण नो तेर्थ� स्मा]हिते-धमा क� हिनोरूपुण हे�।इसक� ब�द अनो�क उपु�ख्या�नो� स� या�क्त व�ष्णव धमा क� हिनोरूपुण हे�। इसक� ब�द मा�ण्यामाया च�ते�रमा�स्या क� मा�हे�त्म्या प्र�रम्भ करक� उसमा$ पु�लानो करनो �ै या�pया सब धमाA क� हिनोरूपुण हिकया� गया� हे�,हिफ़र द�नो क. प्रसYस� व्रते क. माहिहेमा� तेपुस्या� और पु3जी� क� मा�हे�त्म्या तेर्थ� सच्छू3द्र क� कर्थनो हे�,इसक� ब�द प्रक] हितेया7 क� भू�द क� वण नो श�लाग्रा�मा क� तेत्व क� हिनोरूपुण ते�रक�स�र क� वध क� उपु�या,गरुडपु3जीनो क. माहिहेमा�,हिवष्ण� क� श�पु,व]क्षाभू�व क. पु sैर�प्तिप्ते, पु�व ते� क� अनो�भूव,भूगव�नो शिशव क� ते�ण्डव नो]त्या,र�मानो�मा क. माहिहेमा� क� हिनोरूपुण शिशवलिंलाSगपुतेनो क. कर्थ�,पु�जीवनो श3द्र क. कर्थ�, पु�व ते� क� जीन्मा और चरिरत्र,ते�रक�स�र क� अद्भुgते वध,प्रणव क� ऐश्वया क� कर्थनो,ते�रक�स�र क� चरिरत्र क� पु�नोव णनो, दक्षा-याज्ञ क. समा�प्तिप्ते,द्वा�दस�क्षारमाYत्र क� हिनोरूपुण ज्ञ�नोया�ग क� वण नो,द्वा�दश स3याA क. माहिहेमा� तेर्थ� च�ते�मा� स्या-मा�हे�त्म्या क� श्रीवण आटिद क� पु�ण्या क� वण नो, हिकया� गया� हे�,जी� मानो�ष्या7 क� शिलाया� कल्या�णक�रक हे�। इसक� ब�द ब्र�ह्मा�त्तर भू�ग मा$ भूगव�नो शिशव क. अद्भुgते माहिहेमा� पुYच�क्षारमाYत्र क� मा�हे�त्म्या तेर्थ� ग�कण क. माहिहेमा� हे�,इसक� ब�द शिशवर�हित्र क. माहिहेमा� प्रद�षव्रते क� वण नो हे�,तेर्थ� स�माव�रव्रते क. माहिहेमा� एवY स�माप्तिन्तेनो� क. कर्थ� हे�। हिफ़र भूद्र�या� क. उत्पुत्त िै क� वण नो सद�च�र-हिनोरूपुण शिशवकवच क� उपुद�श भूद्र�या� क� हिवव�हे क� वण नो भूद्र�या� क. माहिहेमा� भूस्मा-मा�हे�त्म्या-वण नो,शबर क� उपु�ख्या�नो उमा�माहे�श्वर व्रते क. माहिहेमा� रुद्र�क्षा क� मा�हे�त्म्या रुद्र�ध्या�या क� पु�ण्या तेर्थ� ब्रह्माखण्ड क� श्रीवण आटिद क. माहिहेमा� क� वण नो हे�। क�श�खण्ड क�श�खण्ड मा$ विंवSध्यापुव ते और नो�रदजी� क� सYव�द क� वण नो हे�,सत्याला�क क� प्रभू�व,अगस्त्या क� आश्रीमा मा$ द�वते�ओं क� आगमानो,पुहितेव्रते�चरिरत्र,तेर्थ� तेै�र्थ या�त्र� क. प्रसYश� हे�,इसक� ब�द सप्तेपु�र� क� वण नो सयाYमिमानो� क� हिनोरूपुण शिशवशमा� क� स3या इन्द्र और अग्निpनो ला�क क. प्र�प्तिप्ते क� उल्ला�ख हे �ै। अग्निpनो क� प्र�दुभू� व हिनोऋहिते तेर्थ� वरुण क. उत्पुत्तित्त,गन्धवते� अलाक�पु�र� अर ईश�नोपु�र� क� उद्भुव क� वण नो,चन्द्र स3या ब�ध माYगला तेर्थ� ब]हेस्पहिते क� ला�क ब्रह्माला�क हिवष्ण�ला�क ध्रु�वला�क और तेपु�ला�क क� वण नो हे�। इसक� ब�द ध्रु�वला�क क. पु�ण्यामाया� कर्थ�,सत्याला�क क� हिनोर�क्षाण,स्कन्द अगस sैत्या सYव�द,मात्तिणकर्णिणSक� क. उत्पुत्तित्त,गYग�जी� क� प्र�कट्य,गYग�सहेस्त्रनो�मा,क�श�पु�र� क. प्रशYस�,भू�रव

Page 3: माहेश्वरखण्ड श्रीब्रह्माजी कहते हैं

क� आहिवभू� व,दण्डपु�त्तिण तेर्थ� ज्ञ�नोवै�पु� क� उद्भुव,कला�वते� क. कर्थ�,सद�च�र हिनोरूपुण ब्रह्माच�र� क� आख्या�नो स्त्र� क� लाक्षाण,कते व्या�कते व्या क� हिनोद�श,अहिवमा�क्त� श्वर क� वण नो,ग]हेस sैर्थ या�ग� क� धमा ,क�लाज्ञ�नो,टिदव�द�स क. पु�ण्यामाया� कर्थ�,क�श� क� वण नो,भू3तेला पुर मा�या� गणपुहिते क� प्र�दुभू� व,हिवष्ण�मा�या� क� प्रपुYच,टिदव�द�स क� मा�क्षा,पुYचनोद ते�र्थ क. उत्पुत्तित्त,हिवन्दुमा�धव क� प्र�कट्य,क�श� क� व�ष्णव ते�र्थ क� दजी� ,श3लाध�र� शिशवजी� क� क�श� मा$ आगमानो,जी�ग�षव्या क� सै�र्थ सYव�द,माहे�श्वर क� ज्या�ष्ठे�श्वर नो�मा हे�नो�,क्षा�त्र�ख्या�नो कन्दुक� श्वर और व्या�घ्रे�श्वर क� प्र�दुभू� व,श�ला�श्वर रत्नो�श्वर तेर्थ क] ते sैहितेव�श�श्वर क� प्र�कट्य,द�वते�ओं क� अमिधष्ठे�नो,दुग� स�र क� पुर�क्रमा,दुग� जी� क. हिवजीया,ऊ" क�र�श्वर क� वण नो,पु�नो: ऊ" क�र�श्वर क� मा�हे�त्म्या,ते sैरिरला�चनो क� प्र�दुभू� व क� द�र�श्वर क� आख्या�नो,धमा�श्वर क. कर्थ�,हिवष्ण�भू�जी� क� प्र�कट्य,व�र�श्वर क� आख्या�नो,गYग�मा�हे�त्म्याक.ते नो,विैश्वकमा�श्वर क. माहिहेमा�,दक्षायाज्ञ�द्भुव,सते�श और अमा]ते�श आटिद क� मा�हे�त्म्या पुर�शरनोन्दनो व्या�सजी� क. भू�जी�ओं क� स्तेम्भनो,क्षा�त्र क� ते�र्थA क� समा�द�या,मा�शिक्तमाण्डपु क. कर्थ� हिवश्वनो�र्थजी� क� व�भूव,तेदनोन्तेर क�श� क. या�त्र� और पुरिरक्रमा� क� वण नो क�श�खण्ड क� अन्दर हे�। अवन्ते�खण्ड इसमा �ै माहे�क�लावनो क� आख्या�नो,ब्रह्मा�जी� क� मास्तेक क� छ�दनो,प्र�यात्तिश्चाते हिवमिध अग्निpनो क. उत्पुत्तित्त द�वते�ओं क� आगमानो द�वद_क्षा� नो�नो� प्रक�र क� पु�तेक7 क� नो�श करनो� व�ला� शिशवस्ते�त्र कपु�लामा�चनो क. कर्थ�,माहे�क�लावनो क. स्थि'हिते,ककला�श्वर क� माहे�पु�पुनो�शक ते�र्थ अप्सर�क� ण्ड,पु�ण्याद�याक रुद्रसर�वर,क �ै,�म्ब�श हिवध्या�धर�श्वर तेर्थ� माक ,�श्वर ते�र्थ क� वण नो हे�,तेत्पुश्चा�ते स्वग द्वा�र चते�:शिसन्ध�ते�र्थ ,शYकरव�हिपुक�,शYकर�टिदत्या,पु�पुनो�शक गन्धवते�र sैर्थ,दश�श्वमा�घ�टिद ते�र्थ ,अनोYशते�र्थ हेरिरशिसजिद्धप्रदते�र्थ हिपुश�च�टिदया�त्र�,हेनो�माद_श्वर कवच�श्वर माहे�कला�श्वरया�त्र�,वल्मा�क� श्वर ते�र्थ ,श�क sैर�श्वर और नोक्षात्र�श्वर ते�र्थ क� उपु�ख्या�नो,क� श'ला� क. पुरिरक्रमा� अक्र3 र ते�र्थ एकपु�दते�र्थ चन्द्र�क व�भूवते�र्थ ,करभू�षते�र्थ ,लाड�क� शते�र्थ ,मा�क ण्ड�श्वरते�र्थ ,याज्ञव�पु�ते�र्थ ,स�मा�शवरते�र्थ ,नोरक�न्तेकते�र्थ ,क�द�र�श्वर र�मा�श्वर सdभू�ग�श्वर,तेर्थ� नोर�टिदत्या ते�र्थ ,क� शव�टिदत्या ते�र्थ ,शशिक्तभू�दते�र्थ स्वण स�रमा�ख ते�र्थ ,ऊ" क�र�श्वरते�र्थ ,अन्धक�स�र क� द्वा�र� स्ते�हिते क.ते नो क�लावनो मा$ शिशव लिंलाSग7 क. सYख्या� तेर्थ� स्वण श्रीYग�श sैवर ते�र्थ क� वण नो हे�। क� श'ला� अवन्ते� एवY उज्ज्यानो�पु�र� क� पुद्मा�वते� क� मा�द्वाते� अमार�वते� हिवश�ला� तेर्थ� प्रहितेकल्पु� इनो नो�मा7 क� उल्ला �ैख हे�,इनोक� उच्चा�रण ज्वर क. श�प्तिन्ते करनो� व�ला� हे�,तेत्पुश्चाते शिशप्र� मा$ स्नो�नो आटिद क� फ़ला नो�ग7 द्वा�र� क. हुई भूगव�नो शिशवक. स्ते�हिते हिहेरण्या�क्षा वध क. कर्थ� स�न्दरक� ण्डते�र्थ नो�लागYग� पु�ष्करते�र्थ हिवन्ध्याव�सनोते�र्थ पु�रुष�त्तमाते�र्थ अघनो�शनोते�र्थ ग�माते�ते�र्थ व�मानोक� ण्डते�र्थ हिवष्ण�सहेस्त्रनो�मा क.ते नो व�र�श्वरते�र्थ क�लाभू�रवते�र्थ नो�गपुYचमा� क. माहिहेआ नो]लिंसSहेजीयान्ते� क� ,�म्ब�श्वरया�त्र� द�वस�धकक.ते नो,कक र�जीते�र्थ ,हिवघ्नो�श�दिैते�र्थ ,स�र�हेनोते�र्थ , क� वण नो हिकया� गया� हे�। रुद्रक� ण्ड आटिद मा$ अनो�क ते�र्थA क� हिनोरूपुण हिकया� गया� हे�,तेदनोन्तेर आठ ते�र्थA क. पु�ण्यामाया� ते�र्थ या�त्र� क� हिववरण हे�। इसक� ब�द नोमा द� नोद_ क� मा�हे�त्माया बते�या� गया� हे�,जिजीसमा$ या�मिधष्ठेर क� व�र�pया तेर्थ� मा�क ण्ड�याजी� क� स�र्थ उनोक� समा�गमा क� वण नो हे�। इसक� ब�द पुहेला� प्रलायाक�ला�नो समाया क� अनो�भूव क� वण नो अमा]तेक.ते नो कल्पु कल्पु मा$ नोमा द� क� अलाग अलाग नो�मा7 क� वण नो नोमा द�जी� क� आष स्ते�त्र क�लार�हित्र क. कर्थ�,माहे�द�वजी� क. स्ते�हिते अलाग अलाग कल्पु क. अद्भुgते कर्थ�,हिवशल्या� क. कर्थ�,जी�ला�श्वर क. कर्थ�,गdर�व्रते क� हिववरण,हित्रपु�रद�हे क. कर्थ�,द�हेपु�तेहिवमिध,क�व�र� सYगमा,द�रूते�र्थ ,ब्रह्मावते ईश्वरकर्थ�,अग्निpनोते�र्थ स3या ते�र्थ मा�घनो�द�टिद ते�र्थ द�रूकते�र्थ द�वते�र्थ नोमा द�शते�र्थ कहिपुला�ते�र्थ करYजीकते�र्थ क� ण्डला�शते�र्थ हिपुप्प्ला�टिदते�र्थ हिवमाला�श्वरते�र्थ ,श3लाभू�दनोते�र्थ ,अलाग अलाग द�नोधमा द_घ तेपु� क. कर्थ�,ऋष्याश्रीYग क� उपु�ख्या�नो,शिचत्रस�नो क. पु�ण्यामाया� कर्थ�,क�शिशर�जी क� मा�क्षा,द�वशिशला� क. कर्थ�,शबर�ते�र्थ ,पुहिवत्र व्या�ध�पु�ख्या�नो,पु�ष्कण�ते�र्थ अर sैकते�र्थ आटिदत्या�श्वरते�र्थ ,शक्रते�र्थ ,कर�टि,ते�र्थ ,क� मा�र�श्वरते�र्थ अगस्ते�श्वरते�र्थ आनोन्द�श्वरते�र्थ मा�ते]ते�र्थ ला�क� श्वर,धनो�श्वर माYगला�श्वर तेर्थ� क�माजीते�र्थ नो�ग�श्वरते�र्थ वरण�श्वरते�र्थ दमिधस्कन्द�टिदते�र्थ हेनो�माद_श्वरते�र्थ र�मा�श्वरते�र्थ स�मा�श्वरते�र्थ विंपुSगला�श्वरते�र्थ ऋणमा�क sैष�श्वर कहिपुला�श्वर पु3हितेक� श्वर,जीला�शया,चण्ड�क यामाते�र्थ क�ल्हे�ड�श्वर नोजिन्दक� श्वर नो�र�याण�श्वर क�,_श्वर व्या�सते�र्थ प्रभू�सते�र्थ सYकष णते�र्थ प्रश्री�श्वरते�र्थ एरण्ड�ते�र्थ स�वण शिशला�ते�र्थ ,करYजीते�र्थ ,क�मारते�र्थ ,भू�ण्ड�रते�र्थ , र�हिहेण�भूवते�र्थ चक्रते�र्थ धdतेपु�पुते�र्थ आYहिगरसतेै�र्थ क�टि,ते�र्थ अन्या�न्याते�र्थ अYग�रते�र्थ हित्रला�चनोते�र्थ इन्द्र�शते�र्थ कम्ब�क� शते�र्थ ,स�माते�शते�र्थ ,क�हेला�शते�र्थ ,नोमा द�ते�र्थ ,अक ते�र्थ ,आpनो �ैयाते�र्थ ,उत्तमाभू�ग व�श्वरते�र्थ ,ब्र�ह्माते�र्थ ,द�वते�र्थ ,मा�ग�शते�र्थ ,आटिदव�र�हे�श्वर,र�मा�श्वरते�र्थ ,शिसद्ध�श्वरते�र्थ ,अहेल्या�ते�र्थ ,कY क,�श्वरते�र्थ ,शक्रते�र्थ ,स�माते�र्थ

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,नो�द�शते�र्थ ,क�या�शते�र्थ ,रुस्थिक्माण� आटिद ते�र्थA क� हिवव�चनो हे�।इसक� स�र्थ हे� नो�गर खण्ड मा$ भू� ते�र्थA क� वण नो हे� प्रभू�सखण्ड मा$ हिवत्तिभून्न नो�मा� स� शिशवजी� क� '�नो7 क� हिवव�चनो हे�।ब्रह्मा�जी� कहेते� हे� -- ब्रह्मानो स�नो�! अब मा� व�या� पु�र�ण क� लाक sैषण बतेला�ते� हूँ"। जिजीसक� श्रीवण करनो� पुर पुरमा�त्मा� शिशव क� पुरमाध�मा प्र�प्ते हे�ते� हे�। याहे पु�र�ण चdब�स हेजी�र श्लो�क7 क� बते�या� गया� हे�। जिजीसमा$ व�या�द�व नो� श्व�तेकल्पु क� प्रसYग7 मा$ धमाA क� उपुद�श हिकया� हे�। उस� व�या� पु�रण कहेते� हे�। याहे पु3व और उत्तर द� भू�ग7 स� या�क्त हे�। ब्रह्मानो! जिजीसमा$ सग आटिद क� लाक्षाण हिवस्ते�रपु3व क बतेला�या� गया� हे�,जीहे�Y त्तिभून्न त्तिभून्न मान्वन्तेर7 मा$ र�जी�ओं क� वYश क� वण नो हे� और जीहे�Y गया�स�र क� वध क. कर्थ� हिवस्ते�र क� स�र्थ कहे� गया� हे�,जिजीसमा$ सब मा�स7 क� मा�हे�त्माया बते�कर मा�घ मा�स क� अमिधक फ़ला कहे� गया� हे� जीहे�Y द�नो दमा तेर्थ� र�जीधमा अमिधक हिवस्ते�र स� कहे� गया� हे�,जिजीसमा$ पु]थ्व� पु�ते�ला टिदश� और आक�श मा$ हिवचरनो� व�ला� जी�व7 क� और व्रते आटिद क� सम्बन्ध मा$ हिनोण या हिकया� गया� हे�,वहे व�या�पु�र�ण क� पु3व भू�ग कहे� गया� हे�। मा�नो�श्वर ! उसक� उत्तरभू�ग मा$ नोमा द� क� ते�र्थA क� वण नो हे�,और हिवस्ते�र क� स�र्थ शिशवसYहिहेते� कहे� गया� हे� जी� भूगव�नो सम्पू3ण द�वते�ओं क� शिलाया� दुजी�या और सनो�तेनो हे�,व� जिजीसक� ते,पुर सद� सव ते�भू�व�नो हिनोव�स करते� हे�,वहे� याहे नोमा द� क� जीला ब्रह्मा� हे�,याहे� हिवष्ण� हे�,और याहे� सव~त्क] { स�क्षा�ते शिशव हे�। याहे नोमा द� जीला हे� हिनोर�क�र ब्रह्मा तेर्थ� क� वल्या मा�क्षा हे�,हिनोश्चाया हे� भूगव�नो शिशवनो� समास्ते ला�क7 क� हिहेते करनो� क� शिलाया� अपुनो� शर�र स� इस नोमा द� नोद_ क� रूपु मा$ हिकस� टिदव्या शशिक्त क� हे� धरते� प्रर उते�र� हे�। जी� नोमा द� क� उत्तर ते, पुर हिनोव�स करते� हे�,व� भूगव�नो रुद्र क� अनो�चर हे�ते� हे�,और जिजीनोक� दत्तिक्षाण ते, पुर हिनोव�स हे�,व� भूगव�नो हिवष्ण� क� ला�क7 मा$ जी�ते� हे�,ऊ" क�र�श्वर स� ला�कर पुत्तिश्चामा समा�द्र ते, तेक नोमा द� नोद_ मा $ै दूसर� नोटिदया7 क� पु�ते�स पु�पुनो�शक सYगमा हे�,उनोमा� स� pया�रहे ते� उत्तर ते,पुर हे�,और ते�ईस दत्तिक्षाण ते, पुर। पु�ते�सव�Y ते� स्वयाY नोमा द� और समा�द्र क� सYगमा कहे� गया� हे�,नोमा द� क� द�नो7 हिकनो�र7 पुर इनो सYगमा7 क� स�र्थ च�र सd प्रशिसद्ध ते�र्थ हे�। मा�नो�श्वर ! इनोक� शिसव�या अन्या स�ध�रण ते�र्थ ते� नोमा द� क� पुग पुग पुर हिवद्युमा�नो हे�,जिजीनोक. सYख्या� स�ठ कर�ड स�ठ हेजी�र हे�। याहे पुरमा�त्मा� शिशव क. सYहिहेते� पुरमा पु�ण्यामाया� हे�,जिजीसमा$ व�या�द�वते� नो� नोमा द� क� चरिरत्र क� वण नो हिकया� हे�,जी� इस पु�र�ण क� स�नोते� हे� या� पुढते� हे�,वहे शिशवला�क क� भू�ग� हे�ते� हे�।अग्निpनोपु�र�ण पु�र�ण स�हिहेत्या मा$ अपुनो� व्या�पुक दृमि{ तेर्थ� हिवश�ला ज्ञ�नो भूYड�र क� क�रण हिवशिश{ '�नो रखते� हे�। स�ध�रण र�हिते स� पु�र�ण क� पुYचलाक्षाण कहेते� हे�, क्या7हिक इसमा$ सग (स]मि{), प्रहितेसग (सYहे�र), वYश, मान्वYतेर तेर्थ� वYश�नो�चरिरते क� वण नो अवश्यामा�व रहेते� हे�, च�हे� पुरिरमा�ण मा$ र्थ�ड़ा� न्या3नो हे� क्या7 नो हे�। पुरYते� अग्निpनोपु�र�मा इसक� अपुव�द हे�।[सYपु�टिदते कर$] वण्या हिवषयाप्र�च�नो भू�रते क. पुर� और अपुर� हिवद्यु�ओं क� तेर्थ� नो�नो� भूdहितेकश�स्त्र7 क� इतेनो� व्यावस्थि'ते वण नो याहे�" हिकया� गया� हे� हिक इस� वते मा�नो दृमि{ स� हेमा एक हिवश�ला हिवश्वक�श कहे सकते� हे�। आनोYद�श्रीमा स� प्रक�शिशते अग्निpनोपु�र�ण मा$ 383 अध्या�या तेर्थ� 11,475 श्लो�क हे� पुरYते� नो�रदपु�र�ण क� अनो�स�र इसमा$ 15 हेजी�र श्लो�क7 तेर्थ� मात्स्यापु�र�ण क� अनो�स�र, 16 हेजी�र श्लो�क7 क� सYग्राहे बतेला�या� गया� हे�। बल्ला�ला स�नो द्वा�र� द�नोस�गर मा$ इस पु�र�ण क� टिदए गए उद्धरण प्रक�शिशते प्रहिते मा$ उपुलाब्ध नोहे� हे�। इस क�रण इसक� क� छ अYश7 क� ला�प्ते और अप्र�प्ते हे�नो� क. ब�ते अनो�मा�नोते� शिसद्ध मा�नो� जी� सकते� हे�।अग्निpनोपु�र�ण मा$ वण्या हिवषया7 पुर स�मा�न्या दृमि{ ड�लानो� पुर भू� उनोक. हिवश�लाते� और हिवहिवधते� पुर आश्चाया हुए हिबनो� नोहे� रहेते�। आरYभू मा$ दश�वते�र (अ. 1-16) तेर्थ� स]मि{ क. उत्पुत्तित्त (अ. 17-20) क� अनोYतेर माYत्रश�स्तेर तेर्थ� व�स्ते� श�स्त्र क� स3क्ष्मा हिवव�चनो हे� (अ. 21-106) जिजीसमा$ माYटिदर क� हिनोमा� ण स� ला�कर द�वते� क. प्रहितेष्ठे� तेर्थ� उपु�सनो� क� पु�ख�नो�पु�Yख हिवव�चनो हे�। भू3ग�ला (अ. 107-120), ज्या�हिते� श�स्त्र तेर्थ� व�द्युक (अ. 121-149) क� हिववरण क� ब�द र�जीनो�हिते क� हिवस्ते]ते वण नो हिकया� गया� हे� जिजीसमा$ अत्तिभूष�क, स�हे�य्या, सYपुत्तित्त, स�वक, दुग , र�जीधमा आटिद आवश्याक हिवषया हिनोण�ते हे� (अ. 219-245)। धनो�व�द क� हिववरण बड़ा� हे� ज्ञ�नोवध क हे� जिजीसमा$ प्र�च�नो अस्ते-शस्त्र7 तेर्थ� स�हिनोक शिशक्षा� पुद्धहिते क� हिवव�चनो हिवश�ष उपु�द�या तेर्थ� प्र�मा�त्तिणक हे� (अ. 249-258)। अYहितेमा भू�ग मा$ आया�व�द क� हिवशिश{ वण नो अनो�क अध्या�या7 मा$ मिमालाते� हे� (अ. 279-305)। छYद�श�स्त्र, अलाYक�र श�स्त्र, व्या�करण तेर्थ� क�श हिवषयाक हिववरण7 क� शिलाए अध्या�या शिलाख� गए हे�।[सYपु�टिदते कर$] अग्निpनो पु�र�ण क. सYत्तिक्षाप्ते जी�नोक�रै�ब्रह्मा�जी� ब�ला�-- अब मा� अग्निpनो पु �ैर�ण क� कर्थनो करते� हूँ"। इसमा$ अग्निpनोद�व नो� ईश�नो कल्पु क� बख�नो माहेर्तिषS वशिशष्ठे स� हिकया� हे�। इसमा� पुन्द्रहे हेजी�र श्लो�क हे�,इसक� अन्दर पुहेला� पु�र�ण हिवषया क� प्रश्न हे� हिफ़र अवते�र7 क. कर्थ� कहे� गया� हे�,हिफ़र स]मि{ क� हिववरण और हिवष्ण�पु3जी� क� व]ते�Yते हे�। इसक� ब�द

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अग्निpनोक�या ,मान्त्र,मा�द्र�टिद लाक्षाण,सव द_क्षा� विैध�नो,और अत्तिभूष�क हिनोरूपुण हे�। इसक� ब�द माYडला क� लाक्षाण,क� श�मा�पु�जी नो,पुहिवत्र�र�पुण हिवमिध,द�व�लाया हिवमिध,श�लाग्रा�मा क. पु3जी�,और मा3र्तितेSया7 क� अलाग अलाग हिववरण हे�। हिफ़र न्या�स आटिद क� हिवध�नो प्रहितेष्ठे� पु3ते कमा ,हिवनो�याक आटिद क� पु3जीनो,नो�नो� प्रक�र क. द_क्षा�ओ Yै क. हिवमिध,सव द�व प्रहितेष्ठे�,ब sैरहेमा�ण्ड क� वण नो,गYग�टिद ते�र्थA क� मा�हे�त्म्या,द्वा_पु और वष क� वण नो,ऊपुर और नो�च� क� ला�क7 क. रचनो�,ज्या�हितेश्चाक्र क� हिनोरूपुण,ज्या�हितेष श�स्त्र,या�द्धजीया�ण व,ष,कमा माYत्र,यान्त्र,औषमिध समा3हे,क� स्थि�जीक� आटिद क. पु3जी�,छ: प्रक�र क. न्या�स हिवमिध,क�टि, हे�मा हिवमिध,मानोवन्तेर हिनोरूपुण ब्रह्मा�चया� टिद आश्रीमा7 क� धमा ,श्री�द्धकल्पु हिवमिध,ग्राहे याज्ञ,श्रीdतेस्मा�ते कमा ,प्र�यात्तिश्चाते वण नो,हितेशिर्थ व्रते आटिद क� वण नो,व�र व्रते क� कर्थनो,नोक्षात्र व्रते हिवमिध क� प्रहितेपु�दनो,मा�शिसक व्रते क� हिनोद�श,उत्तमा द_पुद�नो हिवमिध,नोवव्या3हेपु3जीनो,नोरक हिनोरूपुण,व्रते7 और द�नो7 क. हिवमिध,नो�ड� चक्र क� सYत्तिक्षाप्ते हिववरण,सYध्या� क. उत्तमा हिवमिध,ग�यात्र� क� अर्थ क� हिनोद�श,लिंलाSगस्ते�त्र,र�ज्या�त्तिभूष�क क� माYत्र,र�जी�ओं क� ध�र्मिमाSक क] त्या,स्वप्न सम्बन्ध� हिवच�र क� अध्या�या,शक� नो आटिद क� हिनोरूपुण,माYडला आटिद क� हिनोद�श,रत्नो द_क्षा� हिवमिध,र�मा�क्त नो�हिते क� वण नो,रत्नो7 क� लाक्षाण,धनो�र sैहिवद्यु�,व्यावहे�र दश नो,द�व�स�र सYग्रा�मा क. कर्थ�,आया�व�द हिनोरूपुण,गजी आटिद क. शिचहिकत्स�,उनोक� र�ग7 क. श�प्तिन्ते,ग� शिचहिकत्स�,मानो�ष्या�टिद क. शिचहिकत्स�,नो�नो� प्रक�र क. पु3जी� पुद्धहिते,हिवहिवध प्रक�र क. श�प्तिन्ते,छन्द श�स्त्र,स�हिहेत्या,एक�क्षार, आटिद क�ष,प्रलाया क� लाक्षाण,श�र�रिरक व�द�न्ते क� हिनोरूपुण,नोरक वण नो,या�गश�स्त्र,ब्रह्माज्ञ�नो तेर्थ� पु�र�ण श्रीवण क� फ़ला हे� अग्निpनोपु�र�ण क� अYग बते�या� गया� हे�।अट्ठा�रहे पु�र�ण7 मा$ भूगव�नो माहे�श्वर क. माहे�नो माहिहेमा� क� बख�नो करनो�व�ला� लिंलाSग पु�र�ण हिवशिश{ पु�र�ण कहे� गया� हे�। भूगव�नो शिशव क� ज्या�र्तितेS लिंलाSग ै7 क. कर्थ�, ईश�नो कल्पु क� व]त्त�न्ते सव हिवसग आटिद दश� लाक्षाण7 सहिहेते वर्णिणSते हे� भूगव�नो शिशव क. माहिहेमा� क� बख�नो लिंलाSग पु�र�ण मा$ 11000 श्लो�क7 मा$ हिकया� गया� हे�। याहे समास्ते पु�र�ण7 मा$ श्री�ष्ठे हे�। व�दव्या�स क] ते इस पु�र�ण मा$ पुहेला� या�ग हि¡र कल्पु क� हिवषया मा$ बते�या� गया� हे�।लिंलाSग श�द क� प्रहिते आध�हिनोक समा�जी मा$ ब़ड़ा� भ्रा�प्तिन्ते पु�ई जी�ते� हे�। लिंलाSग श�द शिचन्हे क� प्रते�क हे�। भूगव�नोs माहे�श्वर आटिद पु�रुष हे�। याहे शिशवलिंलाSग उन्हे� भूगव�नो शYकर क. ज्या�हितेरूपु� शिचन्माया शशिक्त क� शिचन्हे हे�। इसक� उद्भुव क� हिवषया मा$ स]मि{ क� कल्या�ण क� शिलाए ज्या�र्तितेS लिंलाSग द्वा�र� प्रक, हे�कर ब्रह्मा� तेर्थ� हिवष्ण� जी�स7 अनो�टिद शशिक्तया7 क� भू� आश्चाया मा$ ड�ला द�नो� व�ला� घ,नो� क� वण नो, इस पु�र�ण क� वण्या हिवषया क� एक प्रध�नो अYग हे�। हि¡र मा�शिक्त प्रद�नो करनो� व�ला� व्रते-या�ग शिशव�च नो याज्ञ हेवनो�टिद क� हिवस्ते]ते हिवव�चनो प्र�प्ते हे�। याहे शिशव पु�र�ण क� पु3रक ग्रानो sैर्थ हे�।आजी क� आपु�ध�पु� भूर� या�ग मा$ व]हेद कला�वर क� ग्रान्थ पुढ़नो� क� भू� समाया ला�ग7 मा$ पु�स नोहे� हे�। ला�ग7 क. रुशिच (Site at s glance) क. ओर हे� च�क. हे�। अते� ‘‘भू�वनो व�ण� ट्र{’’ क� मा�ख्या न्या�स� सभू�पुहिते श्री� हिवनोया क� मा�र अव'� क� आग्राहे पुर ‘श्री� लिंलाSग पु�र�ण’ क. सYत्तिक्षाप्ते ग�र्थ� शिलाख� गई। अल्पु समाया मा$ हे� पु�ठक पु�र�ण क� सम्याक ज्ञ�नो क� आत्मास�तेs करनो� स� ला�भू�प्तिन्वते हे� सक� ते� मा� अपुनो� श्रीमा क� स�र्थ क समाझ3"गै�। इस� माYगला क�मानो� क� स�र्थ याहे सYत्तिक्षाप्ते ‘श्री� लिंलाSग पु�र�ण’ जीनोते� जीनो�ध नो क� कर कमाला7 मा$ समार्तिपुSते करते� हुए हेष क� अनो�भूव कर रहे� हूँ"। ग�रुद�व क. पुरमा क] पु� स� याहे क�या मा�र� द्वा�र� हे� पु�या� एतेदर्थ उनोक� पु�वनो चरण7 मा$ शतेशते नोमानोs।[सYपु�टिदते कर$] नो�मिमाष मा$ स3ते जी� क. व�ते ै�एक समाया शिशव क� हिवहिवध क्षा�त्र7 क� भ्रामाण करते� हुए द�वर्तिषS नो�रद नो�मिमाष�रण्या मा$ जी� पुहु"च� वहे�" पुर ऋहिषया7 नो� उनोक� स्व�गते अत्तिभूनोन्दनो करनो� क� उपुर�न्ते लिंलाSगपु�र�ण क� हिवषया मा$ जी�नोनो�हिहेते जिजीज्ञ�स� व्याक्त क.। नो�रद जी� नो� उन्हे$ अनो�क अद्भुgते कर्थ�या$ स�नो�या�। उस� समाया वहे�" पुर स3ते जी� आ गया�। उन्हे7नो� नो�रद सहिहेते समास्ते ऋहिषया7 क� प्रण�मा हिकया�। ऋहिषया7 नो� भू� उनोक. पु3जी� करक� उनोस� लिंलाSग पु�र�ण क� हिवषया मा$ चच� करनो� क. जिजीज्ञ�स� क.।उनोक� हिवश�ष आग्राहे पुर स3ते जी� ब�ला� हिक श�द हे� ब्रह्मा क� शर�र हे� और उसक� प्रक�शनो भू� वहे� हे�। एक�ध रूपु मा$ ओमाs हे� ब्रह्मा क� '3ला, स3क्ष्मा व पुर�त्पुर स्वरूपु हे�। ऋग स�मा तेर्थ� याजी� व�द तेर्थ� अर्थ वव�द उनोमा$ क्रमाश� मा�ख जी�भू ग्रा�व� तेर्थ� हृदया हे�। वहे� सते रजी तेमा क� आश्रीया मा$ आकर हिवष्ण�, ब्रह्मा तेर्थ ै� माहे�श क� रूपु मा$ व्याक्त हे�, माहे�श्वर उसक� हिनोग� ण रूपु हे�। ब्रह्मा� जी� नो� ईश�नो कल्पु मा$ लिंलाSग पु�र�ण क. रचनो� क.। मा3लाते� सd कर�ड़ा श्लो�क7 क� ग्रान्थ क� व्या�स जी� नो� सYत्तिक्षाप्ते कर क� च�र ला�ख श्लो�क7 मा$ कहे�। आग� चलाकर उस� अट्ठा�रहे पु�र�ण7 मा$ ब�",� गया� जिजीसमा$ लिंलाSग पु�र�ण क� pया�रहेव�" '�नो हे�। अब मा� आपु ला�ग7 क� समाक्षा वहे� वण नो कर रहे� हूँ" जिजीस� आपु ला�ग ध्या�नोपु3व क श्रीवण कर$।[सYपु�टिदते कर$] स]मि{ क. प्र�ध�हिनोक एवY व�क] हितेक रचनोै�

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अदृश्या शिशव दृष्या प्रपुYच (लिंलाSग) क� मा3ला क�रण हे� जिजीस अव्याक्त पु�र�ण क� शिशव तेर्थ� अव्याक्त प्रक] हिते क� लिंलाSग कहे� जी�ते� हे� वहे�" इस गन्धवण तेर्थ� श�द स्पश रूपु आटिद स� रहिहेते रहेते� हुए भू� हिनोग� ण ध्रु�व तेर्थ� अक्षाया कहे� गया� हे�। उस� अलिंलाSग शिशव स� पुYच ज्ञ�नो�टिद्रया�", पुYचकमा�जिन्द्रया�", पुYच माहे�भू3ते, मानो, '3ला स3क्ष्मा जीगते उत्पुन्न हे�ते� हे� और उस� क. मा�या� स� व्या�प्ते रहेते� हे�। वहे शिशव हे� हित्रद�व क� रूपु मा$ स]मि{ क� उद्भुव पु�लानो तेर्थ� सYहे�र करते� हे� वहे� अलिंलाSग शिशव या�नो� तेर्थ� व�जी मा$ आत्मा� रूपु मा$ अवस्थि'ते रहेते� हे�। उस शिशव क. श�व� प्रक] हिते रचनो� प्र�रम्भ मा$ सते�ग�ण स� सYया�क्त रहेते� हे�। अव्याक्त स� ला�कर व्याक्त तेक मा$ उस� क� स्वरूपु कहे� गया� हे�। हिवश्व क� ध�रण करनो� व�ला� प्रक] हिते हे ै� शिशव क. मा�या� हे� जी� सते- रजी- तेमा ते�नो7 ग�ण7 क� या�ग स� स]मि{ क� क�या करते� हे�।वहे� पुरमा�त्मा� सजी नो क. इच्छू� स� अव्याक्त मा$ प्रहिव{ हे�कर माहेतेs तेत्व क. रचनो� करते� हे�। उसस� हित्रग�ण अहेY रजी�ग�ण प्रध�नो उत्पुन्न हे�ते� हे�। अहेYक�र स� श�द, स्पश , रूपु, रस, गन्ध याहे पु�"च तेन्मा�त्रया$ उत्पुन्न हुईं। सव प्रर्थमा श�द स� आक�श, आक�श स� स्पश , स्पश स� व�या�, व�या� स� रूपु, रूपु स� अग्निpनो, अग्निpनो स� रस, रस स� गन्ध, गन्ध स� पु]थ्व� उत्पुन्न हुई। आक�श मा$ एक ग�ण, व�या� मा$ द� ग�ण, अग्निpनो मा$ ते�नो ग�ण, जीला मा$ च�र ग�ण, और पु]थ्व� मा$ श�द स्पश� टिद पु�"च7 ग�ण मिमालाते� हे�। अते� तेन्मा�त्र� पुYच भू3ते7 क. जीनोनो� हुई। सते�ग�ण� अहेY स� ज्ञ�नो�जिन्द्रया�", कमा�जिन्द्रया�" तेर्थ� उभूया�त्माक मानो इनो pया�रहे क. उत्पुत्तित्त हुई। माहेते स� पु]थ्व� तेक स�र� तेत्व7 क� अण्ड बनो� जी� दस ग�नो� जीला स� मिघर� हे�। इस प्रक�र जीला क� दस ग�ण� व�या� नो�, व�या� क� दस ग�ण� आक�श नो� घ�र रक्ख� हे�। इसक. आत्मा� ब्रह्मा� हे�। क�टि,-क�टि, ब्रह्मा�ण्ड7 मा$ क�टि, त्रिैद�व पु]र्थक-पु]र्थक हे�ते� हे�। वहे� शिशव हिवष्ण� रूपु हे�।[सYपु�टिदते कर$] स]मि{ क� प्र�रम्भइन्हे$ भू� द�ख$: हिहेन्दू क�ला गणनो�

ब्रह्मा क� एक टिदनो और एक र�ते प्र�र्थमिमाक रचनो� क� समाया हे� टिदनो मा$ स]मि{ करते� हे� और र�ते मा$ प्रलाया। टिदनो मा$ हिवश्व�द�व�, समास्ते प्रजी�पुहिते, ऋहिषगण, स्थि'र रहेनो� और र�हित्र मा$ सभू� प्रलाया मा$ समा� जी�ते� हे�। प्र�ते� पु�नो� उत्पुन्न हे�ते� हे�। ब्रह्मा क� एक टिदनो कल्पु हे� और उस� प्रक�र र�हित्र भू�। हेजी�र व�र चते� या�ग ब�तेनो� पुर चdदहे मानो� हे�ते� हे�। उत्तर�याण स3या क� रहेनो� पुर द�वते�ओं क� टिदनो और दत्तिक्षाण�यानो स3या रहेनो� तेक उसक. र�ते हे�ते� हे�।ते�स वष क� एक टिदव्या वष कहे� गया� हे�। द�व7 क� ते�नो मा�हे मानो�ष्या7 क� सd मा�हे क� बर�बर हे�ते� हे�। इस प्रक�र ते�नो सd स�ठ मा�नोव वषA क� द�वते�ओं क� एक वष हे�ते� हे� ते�नो हेजी�र सd मा�नोव वषA क� सप्तेर्तिषSया7 क� एक वष हे�ते� हे�। सतेया�ग च�ला�स हेजी�र टिदव्या वषA क�, त्र�ते� अस्स� हेजी�र टिदव्या वषA क�, द्वा�पुर ब�स हेजी�र टिदव्या वषA क� और कशिलाया�ग स�ठ हेजी�र टिदव्या वषA क� कहे� गया� हे�। इस प्रक�र हेजी�र चते�या� ग7 क� एककल्पु कहे� जी�ते� हे�। कलापु�न्ते मा$ प्रलाया क� समाया माहे ला�क क� जीनो ला�क मा$ चला� जी�ते� हे�। ब्रह्मा� क� आठ हेजी�र वष क� ब्रह्मा या�ग हे�ते� हे�। सहेस्त्र टिदनो क� या�ग हे�ते� हे� जिजीसमा$ द�वते�ओं क. उत्पुत्तित्त हे�ते� हे�। अन्ते मा$ समास्ते हिवक�र क�रण मा$ ला�नो हे� जीै�ते� हे�। हि¡र शिशव क. आज्ञ� स� समास्ते हिवक�र7 क� सYहे�र हे�ते� हे�। ग�ण7 क. समा�नोते� मा$ प्रलाया तेर्थ� हिवषमाते� मा$ स]मि{ हे�ते� हे�। शिशव एक हे� रहेते� हे�। ब्रह्मा� और हिवष्ण� अनो�क उते sैपुन्न हे� जी�ते� हे�। ब्रह्मा� क� हिद्वाते�या पुर�द्ध मा$ टिदनो मा$ स]मि{ रहेते� हे� और र�हित्र मा$ प्रलाया हे�ते� हे�। भू3� भू�व� तेर्थ� माहे� ऊपुर क� ला�क हे�। जीड़ा च�तेनो क� लाया हे�नो� पुर ब्रह्मा� नो�र (जीला) मा$ शयानो करनो� क� क�रण नो�र�याण कहेते� हे�। प्र�ते� उठनो� पुर जीला हे� जीला द�खकर उस श3न्या मा$ स]मि{ क. इच्छू� करते� हे�। व�र�हे रूपु स� पु]थ्व� क� उद्ध�र करक� नोद_ नोद स�गर पु3व वते स्थि'र करते� हे �ै। पु]थ्व� क� समा बनो�कर पुव ते7 क� अवस्थि'ते करते� हे�। पु�नो� भू3� आटिद ला�क7 क. स]मि{ क. इच्छू� उनोमा$ जी�ग्राते हे�ते� हे�।नो�रद पु�र�ण स्वयाY माहेर्तिषS नो�रद क� मा�ख स� कहे� गया� पु�र�ण हे�।[क] माहेर्तिषS व्या�स द्वा�र� शिलाहिपुबद्ध हिकए गए १८ पु�र�ण7 मा$ स� एक हे�। प्र�रYभू मा$ याहे २५,००० श्लो�क7 क� सYग्राहे र्थ� ला�हिकनो वते मा�नो मा$ उपुलाब्ध सYस्करण मा$ क� वला २२,००० श्लो�क हे� उपुलाब्ध हे�।[१] सYपु3ण नो�रद पु�र�ण द� प्रमा�ख भू�ग7 मा$ हिवभू�जिजीते हे�। पुहेला� भू�ग मा$ च�र अध्या�या हे� जिजीसमा$ स�ते और शdनोक क� सYव�द हे�, ब sैरह्मा�Yड क. उत्पुत्तित्त, हिवलाया, श�कद�व क� जीन्मा, माYत्र�च्चा�र क. शिशक्षा�, पु3जी� क� कमा क�Yड, हिवत्तिभून्न मा�स7 मा$ पुड़ानो� व�ला� हिवत्तिभून्न व्रते7 क� अनो�ष्ठे�नो7 क. हिवमिध और ¡ला टिदए गए हे�। दूसर� भू�ग मा$ भूगव�नो हिवष्ण� क� अनो�क अवते�र7 क. कर्थ�ए" हे�।[२]माहेर्तिषS व�दव्या�स द्वा�र� रशिचते सYस्क] ते भू�ष� मा$ रच� गए अठ�रण पु�र�ण7 मा$ स� एक पु�र�ण ग्राYर्थ हे�। सभू� अठ�रहे पु�र�ण7 क. गणनो� मा$ ‘पुदमा पु�र�ण’ क� हिद्वाते�या '�नो प्र�प्ते हे�। श्लो�क सYख्या� क. दृमि{ स� भू� इस� हिद्वाते�या '�नो रख� जी� सकते� हे�। पुहेला� '�नो स्कY द पु�र�ण क� प्र�प्ते हे�। पुदमा क� अर्थ हे�-‘कमाला क� पु�ष्पु’। च3Yहिक

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स]मि{ रचमियाते� ब्रह्मा�जी� नो� भूगव�नो नो�र�याण क� नो�त्तिभू कमाला स� उत्पुन्न हे�कर स]मि{-रचनो� सYबYध� ज्ञ�नो क� हिवस्ते�र हिकया� र्थ�, इसशिलाए इस पु�र�ण क� पुदमा पु�र�ण क. सYज्ञ� द_ गई हे�।[सYपु�टिदते कर$] हिवषया वस्ते �ैयाहे पु�र�ण सग , प्रहितेसग , वYश, मान्वतेYर और वYश�नो�चरिरते –इनो पु�"च माहेत्वपु 3ैण लाक्षाण7 स� या�क्त हे�। भूगव�नो हिवष्ण� क� स्वरूपु और पु3जी� उपु�सनो� क� प्रहितेपु�दनो करनो� क� क�रण इस पु�र�ण क� व�ष्णव पु�र�ण भू� कहे� गया� हे�। इस पु�र�ण मा$ हिवत्तिभून्न पुdर�त्तिणक आख्या�नो7 और उपु�ख्या�नो7 क� वण नो हिकया� गया� हे�, जिजीसक� मा�ध्यामा स� भूगव�नो हिवष्ण� स� सYबYमिधते भूशिक्तपु3ण कर्थ�नोक7 क� अन्या पु�र�ण7 क. अपु�क्षा� अमिधक हिवस्ते]ते ढYग स� प्रस्ते�ते हिकया� हे�। पुदमा-पु�र�ण स]मि{ क. उत्पुत्तित्त अर्थ� तेs ब्रह्मा� द्वा�र� स]मि{ क. रचनो� और अनो�क प्रक�र क� अन्या ज्ञ�नो7 स� पुरिरपु3ण हे� तेर्थ� अनो�क हिवषया7 क� गम्भ�र रहेस्या7 क� इसमा$ उद्घा�,नो हिकया� गया� हे�। इसमा$ स ]ैमि{ खYड, भू3मिमा खYड और उसक� ब�द स्वग खण्ड माहेत्वपु3ण अध्या�या हे�। हि¡र ब्रह्मा खण्ड और उत्तर खण्ड क� स�र्थ हिक्रया� या�ग स�र भू� टिदया� गया� हे�। इसमा$ अनो�क ब�ते$ ऐस� हे� जी� अन्या पु�र�ण7 मा$ भू� हिकस�-नो-हिकस� रूपु मा$ मिमाला जी�ते� हे�। हिकन्ते� पुदमा पु�र�ण मा$ हिवष्ण� क� माहेत्व क� स�र्थ शYकर क. अनो�क कर्थ�ओं क� भू� शिलाया� गया� हे�। शYकर क� हिवव�हे और उसक� उपुर�न्ते अन्या ऋहिष-मा�हिनोया7 क� कर्थ�नोक तेत्व हिवव�चनो क� शिलाए माहेत्वपु3ण हे�।[१]हिवद्वा�नो7 क� अनो�स�र इसमा$ पु�Yच और स�ते खण्ड हे�। हिकस� हिवद्वा�नो नो� पु�Yच खण्ड मा�नो� हे� और क� छ नो� स�ते। पु�Yच खण्ड इस प्रक�र हे�-1.स]मि{ खण्ड: इस खण्ड मा$ भू�ष्मा नो� स]मि{ क. उत्पुत्तित्त क� हिवषया मा$ पु�लास्त्या स� पु3छ�। पु�लास्त्या और भू�ष्मा क� सYव�द मा$ ब्रह्मा� क� द्वा�र� रशिचते स]मि{ क� हिवषया मा$ बते�ते� हुए शYकर क� हिवव�हे आटिद क. भू� चच� क.।2.भू3मिमा खण्ड: इस खण्ड मा$ भू�ष्मा और पु�लास्त्या क� सYव�द मा$ कश्यापु और अटिदहिते क. सYते�नो, पुरम्पूर� स]मि{, स]मि{ क� प्रक�र तेर्थ� अन्या क� छ कर्थ�एY सYकशिलाते हे�।3.स्वग खण्ड: स्वग खण्ड मा$ स्वग क. चच� हे�। मानो�ष्या क� ज्ञ�नो और भू�रते क� ते�र्थA क� उल्ला�ख करते� हुए तेत्वज्ञ�नो क. शिशक्षा� द_ गई हे�।4. ब्रह्मा खण्ड: इस खण्ड मा$ पु�रुष7 क� कल्या�ण क� स�लाभू उपु�या धमा आटिद क. हिवव�चनो तेर्थ� हिनोहिषद्ध तेत्व7 क ै� उल्ला�ख हिकया� गया� हे�। पु�ते�ला खण sैड मा$ र�मा क� प्रसYग क� कर्थ�नोक आया� हे�। इसस� याहे पुते� चलाते� हे� हिक भूशिक्त क� प्रव�हे मा$ हिवष्ण� और र�मा मा$ क�ई भू�द नोहे� हे�। उत्तर खण्ड मा$ भूशिक्त क� स्वरूपु क� समाझ�ते� हुए या�ग और भूशिक्त क. ब�ते क. गई हे�। स�क�र क. उपु�सनो� पुर बला द�ते� हुए जीलाYधर क� कर्थ�नोक क� हिवस्ते�र स� शिलाया� गया� हे�।5.हिक्रया�या�ग स�र खण्ड: हिक्रया�या�ग स�र खण्ड मा$ क] ष्ण क� जी�वनो स� सम्बन्धिन्धते तेर्थ� क� छ अन्या सYत्तिक्षाप्ते ब�ते7 क� शिलाया� गया� हे�। इस प्रक�र याहे खण्ड स�मा�न्याते: तेत्व क� हिवव�चनो करते� हे�।ब्रह्मा पु�र�ण क. सYत्तिक्षाप्ते जी�नोक�रै�याहे पु�र�ण सब पु�र�ण7 मा$ प्रर्थमा और धमा अर्थ क�मा और मा�क्षा क� प्रद�नो करनो� व�ला� हे�,इसक� अन्दर नो�नो� प्रक�र क� आख्या�नो हे�,इस पु�र�ण क. श्लो�क सYख्या� दस हेजी�र हे�,द�वते� द�नोव और प्रजी�पुहितेया7 क. उत्पुत्तित्त इस� पु�र�ण मा$ बते�या� गया� हे�। ला�क� श्वर भूगव�नो स3या क� पु�ण्यामाया वYश क� वण नो हिकया� गया� हे�,जी� माहे�पु�तेक ै7 क� नो�श क� करनो� व�ला� हे�। इसमा$ हे� भूगव�नो र�माचन्द्र क� अवते�र क. कर्थ� हे�,स3या वYश क� स�र्थ चन्द्रवYश क� वण नो हिकया� गया� हे�,श्री�क] ष्ण भूगव�नो क. कर्थ� क� हिवस्ते�र इस� मा$ हे�,पु�ते�ला और स्वग ला�क क� वण नो नोरक7 क� हिववरण स3या द�व क. स्ते�हिते कर्थ� और पु�व ते� जी� क� जीन्मा क. कर्थ� क� उल्ला�ख शिलाख ै� गया� हे�।दक्षा प्रजी�प्तिप्ते क. कर्थ� और एक�म्रक क्षा�त्र क� वण नो हे�। पु�रुष�त्तमा क्षा�त्र क� हिवस्ते�र क� स�र्थ हिकया� गया� हे�,इस� मा$ श्री�क] ष्ण चरिरत्र क� हिवस्ते�रपु3व क शिलाख� गया� हे�,यामाला�क क� हिववरण हिपुतेर7 क� श्री�द्ध और उसक� हिववरण भू� इस� पु�र�ण मा$ बते�या� गया� हे�,वणA और आश्रीमा7 क� हिवव�चनो भू� कहे� गया� हे�,या�ग7 क� हिनोरूपुण स�Yख्या शिसद्ध�न्ते7 क� प्रहितेपु�दनो ब्रह्माव�द क� टिदpदश नो और पु�र�ण क. प्रशYस� क. गया� हे�। इस पु�र�ण क� द� भू�ग हे�,और पुढनो� स�नोनो� स� याहे द_घ ते� क. ओर बढ�नो� व�ला� हे�।[सYपु�टिदते कर$] ब्रह्मा�ण्ड पु�र�ण क. सYत्तिक्षाप्ते जी�नोक�रै�याहे पु�र�ण भूहिवष्या कल्पु7 स� या�क्त और ब�रहे हेजी�र श्लो�क7 स� या�क्त हे�,इसक� च�र पुद हे�,पुहेला� प्रहिक्रया�पु�द दूसर� अनो�षपु�द ते�सर� उपु�दघ�ते और चdर्थ� उपुसYहे�रपु�द हे�। पुहेला� क� द� पु�द7 क� पु3व भू�ग कहे� जी�ते� हे�,ते]ते�या पु�द हे� माध्यामा भू�ग हे�,और चते�र्थ पु�द क� उत्तमा भू�ग कहे� गया� हे�। पु3व भू�ग क� प्रहिक्रया� पु�द मा$ पुहेला� कते व्या क� उपुद�श नो�मिमाष� आख्या�नो हिहेरण्यागभू क. उत्पुत्तित्त और ला�करचनो� इत्या�टिद हिवषया वर्णिणSते हे�,हिद्वाते�याभू�ग मा$ कल्पु तेर्थ� मान्वन्तेर क� वण नो हे�,तेत्पुश्चा�ते ला�कज्ञ�नो मा�नो�ष�-स]मि{-कर्थनो रुद्रस]मि{-वण नो

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माहे�द�व हिवभू3हिते ऋहिष सग अग्निpनोहिवजीया क�लासदभू�व-वण नो हिप्रयावते वYश क� वण नो पु]थ्व� क� द�घ्या और हिवस्ते�र भू�रतेवष क� वण नो हिफ़र अन्या वषA क� वण नो जीम्ब3 आटिद स�ते द्वा_पु7 क� पुरिरचया नो�च� क� ला�क7 पु�ते�ला7 क� वण नो भू3भू� व: आटिद ऊपुर क� ला�क7 क� वण नो ग्राहे7 क. गहिते क� हिवश्लो�षण आटिदत्याव्या3हे क� कर्थनो द�वग्राहे�नो�क.ते नो भूगव�नो शिशव क� नो�लाकण्ठ नो�मा पुडनो� क� कर्थनो माहे�द�वजी� क� व�भूव अमा�वस्या� क� वण नो या�गत्वहिनोरूपुण याज्ञप्रवत्त नो अप्तिन्तेमा द� या�ग7 क� क�या या�ग क� अनो�स�र प्रजी� क� लाक्षाण ऋहिषप्रवर वण नो व�दव्यासनो वण नो स्व�याम्भ�व मानोवन्तेर क� हिनोरूपुण श�षमानोवन्तेर क� कर्थनो पु]र्थ sैव�द�हेनो च�क्षा�ष� और वते मा�नो मानोवन्तेर क� सग क� वण नो हे�। माध्याभू�ग क� सप्तेऋहिषया7 क� वण नो प्रजी�पुहिते वYश क� हिनोरूपुण उसस� द�वते� आटिद क. उत्पुत्तित्त इसक� ब�द हिवजीया अत्तिभूला�ष� और मारुद्गण7 क. उत्पुत्तित्त क� कर्थनो हे�। कश्यापु क. सYते�नो7 क� वण नो ऋहिषवYश हिनोरूपुण हिपुते]कल्पु क� कर्थनो श्री�द्धकल्पु क� कर्थनो व�वस्ते मानो� क. उत्पुत्तित्त उनोक. स]मि{ मानो�पु�त्र7 क� वYश ग�न्धव हिनोरूपुण इक्ष्व�क� वYश क� वण नो रजिजीक� अद्भुgते चरिरत्र याया�हितेचरिरते यादुवYशहिनोरूपुण क�ते व�या� जी� नो चरिरते पुरश�र�माचरिरते व]स्थिष्णवYश क� वण नो सगर क. उत्पुत्तित्त भू�ग व क� चरिरत्र क�ते व�या� र sैजी�नो समाबन्ध� कर्थ�,भू�ग व औव क. कर्थ� श�क्र�च�या क] ते इन्द्र क� पुहिवत्र स्ते�त्र द�व�स�र सYग्रा�मा क. कर्थ� हिवष्ण�मा�हे�त्म्या बशिलावYश हिनोरूपुण कशिलाया�ग मा$ हे�नो� व�ला� र�जी�ओं क� चरिरत्र आटिद शिलाख� गया� हे�,इसक� ब�द उत्तरभू�ग क� चdर्थ� उपुसYहे�रपु�द मा$ व�वस्ते मानोवन्तेर क. कर्थ� ज्या7 क. ते sैया7 शिलाखै� गया� हे�,जी� कर्थ� पुहेला� सYक्षा�पु मा$ कहे� गया� हे� उसक� याहे�Y हिवस्ते�र स� हिनोरूपुण हिकया� गया� हे�। भूहिवष्या मा$ हे�नो� व�ला� मानो�ओं क. कर्थ� भू� कहे� गया� हे�,हिवपुर�ते कमाA स� प्र�प्ते हे�नो� व�ला� नोरक7 क� हिववरण भू� शिलाख� गया� हे�। इसक� ब�द शिशवध�मा क� वण नो हे�,और सत्व आटिद ग�ण7 क� सम्बन्ध स� जी�व7 क. हित्रहिवमिध गहिते क� हिनोरूपुण हिकया� गया� हे�। इसक� ब�द अन्वया तेर्थ� व्या�हितेर�कटिद्रमि{ स� अहिनोद�श्या एवY अतेक्या पुरब्रह्मा पुरमा�त्मा� क� स्वरूपु क� प्रहितेपु�दनो हिकया� गया� हे�,याहे ब्रह्मा�ण्ड पु�र�ण च�रला�ख श्लो�क7 मा$ कहे� गया� हे�,और उनो श्लो�क7 क� च�र भू�ग7 मा$ बते�या� गया� हे �ै।ब्रह्माव�वते पु�र�ण व�दमा�ग क� दसव�Y पु�र�ण हे�। व्या�सजी� नो� ब्रह्माव�वते पु�र�ण क� च�र भू�ग हिकया� हे� ब्रह्मा खण्ड,प्रक] हिते खण्ड,गण�श खण्ड, और श्री�क] ष्ण खण्ड। इनो च�र7 खण्ड7 स� या�क्त याहे पु�र�ण अठ�रहे हेजी�र श्लो�क7 क� बते�या� गया� हे�। उसमा� स3ते और माहेऋहिषया7 क� सYव�द मा$ पु�र�ण उपुक्रमा हे�। उसमा$ पुहेला� प्रकरण स]मि{वण नो क� हे�। हिफ़र नो�रद और ब्रह्मा�जी� क� हिवव�द क� वण नो हे�। जिजीसस� द�नो7 क� पुर�भूव हुआ बते�या� गया� हे�। नो�रदजी� क� शिशवला�क गमानो और और शिशवजी� स� नो�रद क� ज्ञ�नो क. प्र�प्तिप्ते क� वण नो हे�,उसक� ब�द शिशवजी� क� कहेनो� स� ज्ञ�नो ला�भू क� शिलाया� स�वर्णिणS क� शिसद्धस�हिवते आश्रीमा मा$ जी� पु�ण्यामाया तेर्थ� हित्रला�क. क� आश्चाया मा$ ड�लानो� व�ला� र्थ� क� वण नो हे�। इसक� ब�द नो�रद और स�वर्णिणS क� सYव�द क� वण नो हे�,जिजीसक� अन्दर श्री�क] ष्ण क� आख्या�नो और कर्थ�या$ हे�। प्रक] हिते क. अYशभू3ते कला�ओं क� मा�हेत्म्या और पु3जीनो आटिदक क� हिवस्ते�रपु3व क यार्थ�वते वण नो हिकया� गया� हे�। प्रक] हिते खण्ड क� श्रीवण करनो� पुर स�ख7 क. प्र�प्तिप्ते क� आख्या�नो मिमालाते� हे�। गण�श खण्ड क� वण नो क� हिवषया मा$ पु�व ते�जी� क� द्वा�र� क�र्तितेSक� या और गण�श क. उत्पुत्तित्त क� हिवषया आख्या�नो मिमालाते� हे�। इसक� अन्दर हे� क�ते व�या� जी� नो और जीमादग्निpनोनोन्दनो और पुरश�र�माजी� मा$ जी� माहे�नो हिवव�द हुआ र्थ� उसक� उल्ला�ख हिकया� गया� हे�। इसक� ब�द श्री�क] ष्ण जीन्मा क� हिवषया मा$ कर्थ� क� उल्ला�ख मिमालाते� हे�।ब्रह्मा�जी� कहेते� हे�-- मा�नो�! अब मा� ते�म्हे� मा�रकण्ड�या पु�र�ण क� पुरिरचया द�ते� हूँ"। याहे पु�र�ण पुढनो� और स�नोनो� व�ला7 क� शिलाया� हेमा�श� पु�ण्याद�या� हे�। इसक� अन्दर पुत्तिक्षाया7 क� प्रवचनो क� अमिधक�र� बनो�कर उनोक� द्वा�र� सब धमाA क� हिनोरूपुण हिकया� गया� हे�। याहे मा�रकण्ड�या पु�र�ण नोd हेजी�र श्लो�क7 क� सYग्राहे हे�। इसमा� कहे� जी�ते� हे� हिक पुहेला� मा�क ण्ड�याजी� क� समा�पु जी�मिमाहिनो क� प्रवचनो हे�। हिफ़र धमा सYज्ञमा पुत्तिक्षाया7 क. कर्थ� कहे� गया� हे�। हिफ़र उनोक� पु3व जीन्मा क. कर्थ ै� और द�वर�जी इन्द्र क� क�रण उन्हे� श�पुरूपु हिवक�र क. प्र�प्तिप्ते क� कर्थनो हे�,तेदनोन्तेर बलाभूद्रजी� क. ते�र्थ या�त्र�,द्रdपुद_ क� पु�Yच7 पु�त्र7 क. कर्थ�,र�जी� हेरिरश्चान्द्र क. पु�ण्यामाया� कर्थ�,आड� और बक पुत्तिक्षाया7 क� या�द्ध,हिपुते� और पु�त्र क� आख्या�नो,दत्त�त्र�याजी� क. कर्थ�,माहे�नो आख्या�नो सहिहेते हे�हेया चरिरत्र,अलाक चरिरत्र, माद�लास� क. कर्थ�,नोd प्रक�र क. स]मि{ क� पु�ण्यामाया� वण नो,कल्पु�न्तेक�ला क� हिनोद�श,याक्षा-स]मि{ हिनोरूपुण,रुद्र आटिद क. स]मि{,द्वा_पुचया� क� वण नो,मानो�ओं क. अनो�क पु�पुनो�शक कर्थ�ओं क� क.ते नो और उन्हे� मा� दुग� जी� क. अत्यान्ते पु�ण्याद�मियानो� कर्थ� हे�। जी� आठव $ै मानोवन्तेर क� प्रसYग मा$ मा$ कहे� गया� हे�। तेत्पुश्चा�ते ते�नो व�द7 क� ते�जी स� प्रणव क. उत्पुत्तित्त स3या द�व क. जीन्मा क. कर्थ�,उनोक� मा�हे�त्माया व�वस्ते मानो� क� वYश क� वण नो,वत्सप्र� क� चरिरत्र, तेदनोन्तेर माहे�त्मा� खहिनोत्र क. पु�ण्यामाया� कर्थ�,र�जी� अहिवत्तिक्षाते क� चरिरत्र हिकमिमास्थिक्च्छूक व्रते क ै� वण नो,नोरिरष्यान्ते चरिरत्र,इक्ष्व�क� चरिरत्र,नोला चरिरत्र,श्री� र�माचन्द्र क� उत्तमा

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कर्थ�,क� श क� वYश क� वण नो,स�मावYश क� वण नो,पु�रुरुव� क. पु�ण्यामाया� कर्थ�,र�जी� नोहुष क� अद्भुgते व]ते�Yते,याया�हिते क� पुहिवत्र चरिरत्र,यादुवYश क� वण नो,श्री�क] ष्ण क. ब�लाला�ला�,उनोक. मार्थ�र� द्वा�रक� क. ला�ला�या�ै Y,सब अवते�र7 क. कर्थ�,स�Yख्यामाते क� वण नो,प्रपुYच क� मिमाथ्या�व�द क� वण नो,मा�क ण्ड�याजी� क� चरिरत्र,तेर्थ� पु�र�ण� श्रीवण आटिद क� फ़ला याहे सब हिवषया मा�क ण्ड�या पु�र�ण मा$ बते�या� गया� हे�।भूहिवष्या पु�र�ण मा$ भूहिवष्या मा$ हे�नो� व�ला� घ,नो�ओं क� वण नो हे�। इसस� पुते� चलाते� हे� ईस� और मा�हेम्माद स�हेब[१] क� जीन्मा स� बहुते पुहेला� हे� भूहिवष्या पु�र�ण मा$ माहेर्तिषS व�द व्या�स नो� पु�र�ण ग्राYर्थ शिलाखते� समाया मा�स्थिस्लामा धमा क� उद्भुव और हिवक�स तेर्थ� ईस� मास�हे तेर्थ� उनोक� द्वा�र� प्र�रYभू हिकए गए ईस�ई धमा क� हिवषया मा$ शिलाख टिदया� र्थ�।[२]a ब्रह्मा�जी� कहेते� हे�--- वत्स! स�नो�,अब मा� हित्रहिवक्रमा चरिरत्र स� या�क्त व�मानोपु�र�ण क� वण नो करते� हूँ",इसक. श्लो�क सYख्या� दस हेजी�र हे�,इसमा$ क3 मा कल्पु क� व]ते�न्ते क� वण नो हे�,और हित्रवण क. कर्थ� हे�। याहे पु�र�ण द� भू�ग7 स� या�क्त हे�,और वक्त� श्री�ते� द�नो7 क� शिलाया� श�भूक�रक हे�,इसमा$ पुहेला� पु�र�ण क� हिवषया मा$ प्रश्न हे�,हिफ़र ब्रह्मा�जी� क� शिशरच्छू�द क. कर्थ� कपु�ला मा�चर क� आख्या�नो और दक्षा याज्ञ हिवध्वYश क� वण नो हे�। इसक� ब�द भूगव�नो हेर क. क�लारूपु सYज्ञ� मादनोदहेनो प्रहेला�द नो�र�याण या�द्ध द�व�स�र सYग्रा�मा स�क� श� और स3या क. कर्थ�,क�म्याव्रते क� वण नो,श्री�दुग� चरिरत्र तेपुते� चरिरत्र क� रुक्षा�त्र वण नो अनो�पुमा सत्या� मा�हे�त्म्या पु�व ते� जीन्मा क. कर्थ�,तेपुते� क� हिवव�हे गdर� उपु�ख्या�नो क� मा�र चरिरते अन्धकवध क. कर्थ� स�ध्या�पु�ख्या�नो जी�ब�लाचरिरते अरजी� क. अद्भुgतेकर्थ� अन्धक�स�र और शYकर क� या�द्ध अन्धक क� गणत्व क. प्र�प्तिप्ते मारुदगण7 क� जीन्मा क. कर्थ� र�जी� बशिला क� चरिरत्र लाक्ष्मा� चरिरत्र हित्रहिबक्रमा चरिरत्र प्रहेला�द क. ते�र्थ या�त्र� और उसमा$ अनो�क माYगलामाया� कर्थ�या$ ध�न्ध� क� चरिरत्र प्र�ते�पु�ख्या�नो नोक्षात्र पु�रुष क. कर्थ� श्री�द�मा� क� चरिरत्र हित्रहिबक्रमा चरिरत्र क� ब�द ब्रह्मा�जी� द्वा�र� कहे� हुआ उत्तमा स्ते�त्र तेर्थ� प्रहेला�द और बशिला क� सYव�द क� स�तेला ला�क मा$ श्री�हेरिर क. प्रशYस� क� उल्ला�ख हे�।