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Page 1: कलाकल - Home: Survey of · PDF fileतेलंगाना-भारत का एक ... भी यह पि का ‘कलाकल‘ सुनदर प म िनखर

कलाकल

वाषक अक -2014

सरकक कनरल एसीधर राव िनदशक

सपादक मडल ी ककगा अधीकक सवकक

ी एनबलराम सवामी अिधकारी सवकक ीमती शलबाला खडरी मानिचकार

ी नीलम कमार अिभलखपाल ीमती ईमािलनीकिहअनवादक

मण कायरकपय र सग ी बीएचरावअधीकक सवकक

मखय प सजन ी रघनाथ िपाठीअधीकक सवकक ी आरवीरघ सवकण सहायक

ी शख बादलला अ िलिपक ीमती एसरिजया बगम अिलिपक

कपया धयान द इस पिका म िवचार लखक क अपन िवचार ह यह आवशयक नह क सपादक इन िवचार एव दाव स सहमत हो|

पिका िब क िलए नह कवल आतरक परचालन क िलए |

अनमिणका म

सखया िवषय रचनाए रचनाकार प सखया

1 सदश डॉसवणर सबबा राव भारत क महासवकक

2 सदश मजर जनरल एम- मोहन अपर महासवकक

3 सदश कनरल एसीधर राव िनदशक

4 सपादक क कलम स ककगा अधीकक सवककराजभाषा अिधकारी

5

वषर क दौरान 2014-15 आ दश भ सथािनक आकड़ा क भारतीय सवकण िवभाग न िनिलिखत परयोजना को िलया ह

------

1

6 िहनदी एव कण अनभाग ------

5

7 सवकण सहायक क वतन मान म पनरीकण- माननीय नयायालियक आदश का कायारनवयन

------ 6

8 िशकण कोसर ------ 7

9 सममलन िशकण ------ 7

10 िशकता ------ 7

11 वषर 2013-14 क िलए मानदय स पर सकत कमरचारय क सची

------ 8

12 पदोत कमरचारय क सची ------ 09

13 सथायीकरण ा कमरचारय क सची ------ 09

14 सथानातरण पर तनात कमरचारय क सची 11

15 सथानातरत कमरचारय क सची 12

16 सवा िनवसवििचक सवा िनव ए कमरचारय क सची

------ 13

म सखया िवषय रचनाए रचनाकार प

सखया 17 समित शष ------ 14

18 भडार का ापण ------ 15

19 अनपयोजय भडार का अनपयोगी घोिषत 16

20 वषर 2013-14 क िलए िनिध का आबन य 17

21 मनोरजन कलब का वाषकोतसव 18

22 उ नयायालय म लिबत मामल 20

23 पनवलोकन मामल 20

24 एम ए सी पी क मामल 21

25

आ दश भ सथािनक आकड़ा कन क अिधकारय कमरचारय क ब िजनहन शकिणक िनपणता दखाई ह

21

26 तलग म िवव णी नकश ( ओएस एम) क तयारी

बीएचराव जीवण एमराकश एसप ा रडी

22

27 चनौती क िलए तयारी रघनाथ िपाठी 24

28 नमक का महतव कषण कमार 25

29 मायाजाल एन बीसवामी 26

30 घा का पतथर बी बहरा 29

31 जयादा लोभ न करना पी किनया 31

32 ा वक का अिभमान चरणदास नारायण गड़ाम 33

33 बी डी रिव बाब 33

34 यह जदगी सययद इीस 34

35 उगिलय क लड़ाई शख महबब पीरा 35

36 तलगाना-भारत का एक और नया राजय

शलबाला खडरी 36

37 म महगाई डॉ नीलम कमार िबड़ला 37

म सखया िवषय रचनाए रचनाकार प

सखया 38 आतक हमला डॉ नीलम कमार िबड़ला 38

39 बाल-म वाइकराकश कमार 39

40 दोसती िचा कडयया 40

41 मर जीवन का उशय कमारी िया 41

42 मखर िम स समझदार श अिचा होता ह मासर सनीत 41

43 भिवषय क पढ़ाई मासर िशव कलयाण 42

44 पानी और धप कमारी एस सािनया 42

45 परीका कमारी शख रिजया सलताना 43

46 राीय साकरता मासर शख समीत 44

47 मा मासर शख महबब बाशा 44

48 िततली कमारी रिशका िशवानी 45

49 मरी कका कमारी रिशका िशवानी 45

OslashethethUumlAtildeethoacuteUacuteeth ccedilethatildeethdivideaacuteecircethAcirceth ograveatildeethOslashethethplusmneth SURVEY OF INDIA

iexclNtildeethUuml Ugraveethegraveethccedilethatildeethdivideaacuteecircethumlicirc umlicirceth umlicircethUacuteethethaacuteacircethUacuteeth ADDL SURVEYOR GENERALrsquoS OFFICE

CcedilograveecircethAcircethoacute ecircethdivideeumleth SOUTHERN ZONE umlicircethdivideUumlUgraveethuumlplusmnethacircetheth timesethdivideuumlplusmnethacircethotildeTHORNKORAMANGALA BANGALORE

सदश

कसी भी भाषा क िवकास क िलए उसका सथान जन-मानस म पलना परम आवशयक ह इस दशा म आन-दश भ सथािनक आकड़ा कन हर साल क भाित इस साल भी पिका ldquoकलाकलrsquo का काशन कर एक महतवपणर कदम उठा रहा ह राजभाषा योग को बढ़ान क दशा म यह अतयनत सराहनीय यास ह मझ िवास ह क पिका म कािशत सामी ससित होगी तथा इनस रचनाकार क ितभा को उजागर करन क साथ-साथ िहनदी म काम करन का वातारण तयार करन म भी मदद िमलगी

आशा करता क भिवषय म भी यह पिका lsquoकलाकलlsquo सनदर प म िनखर कर सामन आएगी और

राजभाषा िहनदी क चार व सार म सहायक िस होगी पिका स सबिधत तयक ि को पिका क काशन पर मरी हादक शभकामनाए

मजर जनरल एम मोहन

अपर महासवकक

भारतीय सवकण िवभाग

SURVEY OF INDIA िनदशक का कायारलय

OFFICE OF THE DIRECTOR आ दश भ सथािनक आकड़ा क

Andhra Pradesh Geo-Spatial Data Centre उपपल हदराबाद-500 039(त)

Uppal Hyderabad- 500 039(T)

िनदशक महोदय क कलम सhellip इस कायारलय म मर कायरकाल क दौरान यह गह पिका ldquoकलाकलrdquo का ितीय ससकरण ह थम ससकरण म आ दश भ सथािनक आकड़ा कन क ाय सभी अिधकारय एव कमरचारय क िहनदी म कायर ितभा को दखकर मझ काफ गवर महसस आ और एक िवचार मन म आया क यह जीडीसी भी lsquoकrsquo एव lsquoखrsquo क क तरह िहनदी म पाचार कय न कर इसस इस भसथाआकन म काम करन वाल को ोतसाहन भी िमलगा और साथ ही साथ राजभाषा चार-सार म गह मालय ारा जारी सवधािनक ावधान का सममान भी बढ़गा मरी इसी सोच को करन पर अिधकारय एव कमरचारय न काफ ोतसाहन दया और जहा तक हो सक िहनदी म कायर करन का परा आासन दया म काफ हषललास क साथ यह बताना चाहता क उनह क ोतसाहन न मझ एक अलग ldquo िहनदी एव कण अनभाग ldquo गठन करन का िनणरय लन का साहस दया और उस क बाद िजतना हो सक अिधकतम कोिशश जारी ह क िहनदी म ही पाचार हो पपिणया भी िहनदी म ही िलखी जाय िहनदीतर भाषा क म िहनदी का वातावरण बनान का य हमार सार अिधकारय कमरचारय को जाता ह उनह क भावना सोच का दपरण ही यह पिका ldquoकलाकलrdquo ह िजनह लख किवताए चकल कहानी तकनीक लख एव फलड़ कायर क समितया आद क माधयम स अलकत कया गया ह और हर रचनाकार मरी ओर स बधाई का पा ह आशा करता क यह कलाकल पिका िबना रोक-ोक क इसी गित स िनरतर आग बढ़ती रहगी और म अपन अतकरण स कहता -

ldquo ह कलाकल िचरजीवी भवrdquo

(कनरल एसीधर राव)

िनदशक

सपादक क कलम स ---------

ldquoकलाकलrdquo का नतन अक आपक कर कमल म सतत ह इस िनदशालय क िवकास परयोजना क याा क जानकारी एव िनदशालय क कमरचारय क रचनातमक कितय का सह सतत ह िजसक माधयम स िवभागीय गितिविधय का परचय िमलता ह साथ ही कमरचारय को अपनी रचना सािहितयक गण को उजागर करन का अवसर भी ा होता ह

िहनदी एक सम भाषा ह िजसको योग कर तकनीक जान को हम सवर साधारण तक पचा सकत ह इस महतवपणर कायर को िनरतर इस िनदशालय क गह पिका ldquoकलाकलrdquo भली - भाित कर रही ह ldquoकलाकलrdquo क इस अक म जान- िवजान क बत सी बात का समावश कमरचारय और उनक परवार क सदसय ारा कया गया ह हम आशा ह क पिका पाठक क कसौी पर खरी उतरगी तथा उनक िलए जान-वधरक िस होगी म राजभाषा अिधकारी अपन सहभािगय क ित आभारी िजनक अथक यास स पिका क काशन क या िनरतर जारी ह तथा िनदशालय राजभाषा िहनदी क चार-सार एव इसक गामी योग म िवकास क ओर तजी स असर ह पिका को अिधक रोचक एव जानवधरक बनान क िलए सभी पाठक क सझाव सादर आमित ह

शभकामना सिहत

कलयान कमार गा

अधीकक सवककराजभाषा अिधकारी

1

वषर क दौरान 2014-15 आ दश भ साानक आकड़ा क भारतीय सवक ावभाग न ानालाखत परयोजना को ालया ह

म सखया परयोजना अजत राजसव टपपी 1 आ दश ासको दाडगल

परयोजना 283000- अातर ावभागीय मागकतार स

रााश ा हो चका ह

2 इदरा सागर पोलावरम परयोजना

1675800- अातर ावभागीय मागकतार स रााश ा हो चका ह

3 बड़ामी मख नाली सवक

58700- अातर ावभागीय मागकतार स रााश ा होना बाक ह

4 गालार आराकत वन सीमा सवक

2210000- अातर ावभागीय मागकतार स रााश ा होना बाक ह

5 ADRIN उतपाद का जमीनी सतयापन

- ावभागीय

6 टर हदराबाद गाइड़ मप - ावभागीय

7 समाकालत तटीय कष बध परयोजना त(ICZM)

- ावभागीय

8 राीय शहरी सचना ाली - ावभागीय

9 आ दश कनारटक सीमा ाववाद - ावभागीय

इसक अलावा ासतमबर 2013 स अगसत 2014 तक आ दश भ साानक आकडा कन क मानाचष ावय कायारलय स ावाभ कार क मानाचष क ावय ारा ावभाग को 1336019- का राजसव ा आ

उपरो परयोजना का साराश ान कार स ाववरत ह -

1 आ दश ासको दाडगल परयोजना दाडगल ासत वायसना अकादमी क ानकट अारम ाम होत

ए ानकलन वाली आ दश ासको क 400 कलो वाट वाली यददमलारम ndash गजवल डी सी लाइन क

9 बज हत WGS-84 आधारत जी पी एस सानाक साहत दाडगल ासत वाय सना आकादमी क हवाई

पी क अधःसपशर बध (Touch down point ) पर आधार तल क ाहसाब स मीटर म सल ॐचाई समतल

का ावधान करना

2

बल जीपीएस 5700 एव अकय लवल ारा कातज एव ऊधवर ानयष का ावधान कया गया

सव का कल मलय 283000- ा एव मागकतार स प र भगतान ा कर ालया गया समय सीमा क अदर कल 10 जी पी एस बद 50 क मीक दोहरी ततीय ी तलक (DT Levelling) एव 15 कमी क

मालारख (Traversing) कायर प र कया गया

2 इदरा सागर पोलावरम परयोजना

आ दश क पाम गोदावरी ाजला पोलावरम मडल क रामययापट ाम क पास गोदावरी नदी पर सोची गयी बउशयीय बहत परयोजना ही इदरा सागर पोलावरम परयोजना ह जो पोलावरम परयोजना क नाम स बचचत ह ान उललाखत सान म कातज (डीजीपीएस क मदद स सानाक ानात करना)एव ऊधवर ( तल-ाचहन का सतयापन) ानयष का ावधान करन का मखय कायर ा

i सताावत 960 मगावाट जल ावत ाबजली घर क धरी ii ामी एव पतर स ानमत बाध iii उबड़- खाबड़ मागर

सव कायर( रक एव सवक ) का कल लागत मलय 1675800- ा और मागकतार स परी रााश ा कर ली गई एक अाधकारी सवकक दो सवकक एव छः खलाासय क टीम क तनाती क गई पर कायर हत 30 दन का समय दया गया और ानयत अवाध क अदर ही कायर सप कया गया कायर समाा हत कल 17 जीपीएस बद सान एव 200 रखीय क मी का दोहरी ततीय ी तलक (DT Levelling) का ावधान कया गया

3 बड़ामी मख नाली सवक

बड़ामी मख नाली सवक कषा ाजल क सचाई CADD ावभाग क ालए ह जो एानकपाड सघ राजय कष स पा औतपलली क सघ राजय तक क 25 कलो मीटर क लबाई क नाली क मापन क सवक क ालए ह सवक क ालए रक कायर परा हो गया ह सवक क ालए ानधाररत लागत Rs58700 - ह मागकतार स रााश ा करना अभी बाक ह

4गालार आराकत वन सीमा सवक

भागीय वन अाधकारी कोागडम खममम ाजल क माधयम स गालार आराकत वन सीमा सवक कायर माननीय उ नयायालय हदराबाद क आदश क अनसार आ दश भ साानक आकड़ा क को आवटत कया गया ह यह खममम ाजल म सतयापन क ालए ह जगल का कषल 500 वगर कलो मीटर ह और ाराभक रक परा कर ालया गया ह सवक कायर क अनमाानत लागत Rs22 10000 - ह मागकतार स रााश ा करना अभी बाक ह

3

5 ADRIN उतपाद का जमीनी सतयापन

भारत क महासवकक ारा यह परयोजना कायर आ दश भ साानक आकड़ा कन को सपा गया ा इस कायर का मखय उशय भ ानदश उतपाद स सदभत आकलन करना ह कल कषल 18225 वगर कलोमीटर ह रक एव सवक कायर पर करन क ालए तीन साह का समय दया गया ा और दो अाधकारय चार कमरचारय को तनात कया गया ा समय पवर ही कायर पर कर ालया गया जीपीएस ारा 51 जीसीपी बद सान का ावधान कया गया

6 टर हदराबाद गाइड़ मप

टर हदराबाद गाइड़ मप का कायर आठ खनड म पर कर ालया गया ह

7 समाकालत तटीय कष बध परयोजना (ICZM)

क ीय पयारवर एव वन मषालय क अतगरत समाकालत तटीय बध सामात (SICOM) ारा इस परयोजना को ालया गया ह परयोजना का उशय

डलटा कष को छोड़ 7 कमी क चौड़ाई क सा कनयाकमारी स बगलादश सीमा तक भारतीय तट रखा क पार म 2400 कमी क तय दरी का 110000 क पमान पर मानाचष बनाना पव तट क कल कष को र चार कष म कष ndash 567 एव 8 क नाम स ावभाजन कया गया अपन आ दश भ साानक आकड़ा क क कायर कष म कष 6 एव कष 7 पड़ता ह कष 6 म पड़न वाल

-

कष को 8 उप-खणड म एव कष 7 म पड़न वाल कष को 12 उप-खणड म पनः ावभााजत कया गया कल कायर को मससर ाजयोडीस आइआइसी टोलोाजस एव इनोासस को ठक पर दया गया

मससर ाजयोडीस का उतपादन कन हदराबाद ासत भारतीय सवक ावभाग क भारतीय सवक एव मानाचष ससान क भवन म ासत ह ाजसका उरदाायतव कष कष-6 एव 7 ह जो आ दश भ साानक आकड़ा क क कायर कष म ह

ठकदारी क शत क अनसार आ दश भ साानक आकड़ा क न ानयाषत सवक कायर सप र कर दया ह जस 10 स 50 क मी क दरी पर जी सी पी एव 1 स 3 क मी क दरी पर तल- ाचहन मससर ाजयोडीस क ावधान हत

अब तक कष 6 म 8 उप- खड म स 7 उप-खड म ासत और कष 7 म 12 उप- खड म स 11 उप-खड म ासत 10 स 50 क मी क दरी पर जी सी पी एव 1 स 3 क मी क दरी पर तल- ाचहन का व रन रखााचष एव समतलीय सानाक आ दश भ साानक आकड़ा क न सतत कर दया ह

चक दोन कष क कछ उप-खड म र सान पाया गया ह आ दश भ साानक आकड़ा क न मोगलत एव मछलीपनम उप-खड क र सान क पत हत पनःसवक कायर कर दया ह इस दौरान कल 181 कमी का दोहरी ततीय ी तलक (DT Levelling) करत ए 17 जी पीएस बद

4

सान का ावधान कया गया तााप र सान म पड़न वाल कष 6 क 3 उप- खड और कष 7 क 2 उप- खड का सवक कायर अपर महासवकक दाकी कष एव परयोजना ानदशक आइ सी जड़ एम स शासानक एव ावीय अनमात ा होन पर कर दया जाएगा

मससर ाजयोडीस न हवाई ाषकोीयकर हत नलल उप- खड का ानयष ावसतार करन क ालए लड सवक कायर समा कर दया ह इस ावसतत ानयष को आ दश भ साानक आकड़ा क ारा अनमोदत कया जाना ह

समसत उप-खड का हवाई ाषकोीयकर एव अकयकर क पात मससर ाजयोडीस आ दश भ साानक आकड़ा क को अनमोदन हत सारी अातम ााया सतत करगा

आ दश भ साानक आकड़ा क ारा अातम अनमोदन क पात 20 उप-खड म पड़न वाल सार नकश का म कया जाएगा यह या दसबर 2015 तक समा होना ह

8 राीय शहरी सचना ाली (NUIS)

राीय शहरी सचना ाली का मोचन क ीय शहरी ावकास मषालय ारा 152 शहर का 110000 क पमान पर उपह छाया ाचष ारा एव 12000 क पमान पर हवाई ाचष ारा दसव योजना क तहत भ साानक आकड़ का ावकास करन क सा ndash सा जीपीआर (Ground Penetrating Radar) क मदद स 22 शहर का 11000 क पमान पर दो उपयोग क समाधान हत जस जल आपत मल-ानयारस उपयोागता मानाचष हत कया गया राजय नोडल एजासय (SNAs) ारा शहरी मासटर पलान और उपयोागता पलान क तयारी हत इन नकश का उपयोग कया जाएगा

उपरो परयोजना क ालए आ दश भ साानक आकड़ क का उरदाायतव ानानसार ह- i एनआरएससी ारा 110000 पमान पर उतपादन कया गया नकश क सरका ानकासी ii अातम नकश क सशोधन और गवा जाच हत एन आर एससी क सा समनवय iii110000 क पमान पर तयार नकश को राजय नोडल एजासय (SNAs) को दय हत अनय भ

साानक आकड़ा क क सा समनवय

इस राीय शहरी सचना ाली परयोजना क अतगरत 20 राजय क 152 शहर का कायर ालया गया और 68 शहर क अातम ााया उ भ साानक आकड़ा क राजय नोडल एजासय (SNAs) को भज दया गया लहाल एबयट आकड़ा जोड़न हत अलग- अलग राजय क उ भ साानक आकड़ा क राजय नोडल एजासय (SNAs) स ा 15 शहर का एव एमओजीएसजीएस सशोधन करन हत 2 शहर का आकड़ा एनआरएससी क पास ह अलग- अलग राजय क 67 शहर क आकड़ एबयट सह हत उ भ साानक आकड़ा क राजय नोडल एजासय (SNAs) क पास ह

5

तााप आ दश भ साानक आकड़ा क न एनआरएससी एव अनय भ साानक आकड़ा क राजय नोडल एजासय (SNAs)स अचछ समनवय क सा अपना उरदाायतव भरपर ानभाया ह

9 आ दश कनारटक सीमा ाववाद

माननीय उतम नयायालय क ानदश क अनसार आ दश कनारटक राजय सीमा ाववाद को सलझान हत भारत क महासवकक न आ दश भ साानक आकड़ क को कायर आवटन कया इसका मखय उशय आ दश कनारटक राजय सीमा ाववाद को सलझान हत सीमा सतमभ का सापना करना ह तीन खड म रक एव सव कायर हत टीम क तनाती क गयी अब तक 172 जीपीएस ाबनद का पयरवक कया गया कायर अभी बाक ह

10 अनय ावावध कायर

उपरो परयोजना काय क अलावा इस भ साानक आकड़ा क न वषर 2014-15 क ालए ानालाखत काय क ाजममदारी ली ह

I 28 शीट क 150000 क पमान पर गवा ानयष

II 516 शीट क 125000 क पमान पर ओएसएम पानतर

III 150000 क पमान पर 354 शीट क वब चर सवा

IV हदराबाद कष म पड़न वाली 56 क 6 7 1011 डी एस एम शीट का अतन

V हदराबाद कष म पड़न वाली 56 क 6 7 1011 ओ एस एम शीट का अतन

VI 150000 क पमान पर तलग भाषा म चार शीट का मानाचष

VII तलगाना और आ दश राजय का नकशा 110 लाख क पमान पर तयार करना

ाहनदी एव टक अनभाग

22 मई 2014 को आ दश भ साानक आकड़ा क न एक नय अनभाग का गठन कया ाजसका नाम ldquoाहनदी एव टक अनभाग

rdquo रखा गया इसका मखय उशय यह ा क वाषक कायरम क अनसार इस ानदशालय स अाधकतम पषाचार हदी म ही करना इसक भारी इस आकड़ा क क राजभाषा अाधकारी ह एव इस अनभाग म एक अनभाग अाधकारी एक कान हदी अनवादक दो अवर ी ालापक क तनाती क गई ह ानदशक ारा अनमोदत मसौद को हदी म अनवाद कर इस ानदशालय स अनय ानदशालय कष एव महासवकक क कायारलय को पषाचार कया जाता ह lsquoगrsquo कष म हदी पषाचार का लय जो 55 ह उस ा करन हत यह ानदशालय अहम भामका ानभा रहा ह कोाशश जारी ह क वषर 2014-15 तक वाषक कायरम क अनसार यह ानदशालय अपन लय को ा कर लगा

6

सवक सहायक क वतन मान म पनरीक- माननीय नयायालायक आदश का कायारनवयन

अल 2013 म सवक सहायक क वतन मान म पनरीक का आदश ा आ सवक सहायक क हासयत स ाजनको ए सी पी ानयामत पदोात ामली उनक मामल को तरत ालया गया तााप एक सदह उठा क कया उ वतन-मान एमएसीपी ा सवक सहायक पर लाग कया जा सकता ह या नह और इस पर भारत क महासवकक स सपपीकर ा कया गया इसी बीच सवक सहायक क वतन मान क पनरीक क समाधान हत ानालाखत सदसय क सामात का गठन कया गया

1 ी कक गा अधीकक सवकक (अधयक) 2 ी एलएस शकर राव कायारलय अधीकक 3 ी एम यादी री सहायक 4 ीपी सतीश सहायक

इन मामल क ससाधन क ालए ानयामत आधार पर बठक आयोाजत क गई मामल ाजनक सपपीकर क जरत नह ी (लगभग 25 ) तरत ालय गय एव जलाई 2013 म कषीय वतन एव लखा कायारलय को सतत कय गय ाजनह उसी महीन म जाच तय कया गया

रवरी 2014 म सवक सहायक क वतन मान क पनरीक स सबाधत सपपीकर क ाा क बाद बाक क 45 मामल को (दोन पवर ndash 2006 एव उर - 2006 एसीपी) ानदश क अनसार मामल को 15-03-2014 तक तयार कया गया तााप ावीय वषर 2013-14 क अत म ानाध क उपलाबध न होन क कार इसको कषीय वतन एव लखा कायारलय को सतत नह कया जा सका

वषर 2014 -15 लखानदान क माधयम स ा ानाध स (12 सवा ानव मामल को जलाई 2014 म सतत कया गया और उसी महीन म तय कया गया) जलाई 2014 म ानयामत बजट क आबटन क बाद बाक क सभी मामल को अारत 10 (लगभग) अगसत 2014 म सतत कया गया और उसी महीन म तय कया गया आज क तारीख म सभी मामल को पर कर ालया गया और अनदश का अनपालन कया गया 70 मामल म स 22(लगभग) को आक लाभ ा आ और बाक (पवर -2006) मामल को साातक तौर पर वतन ानयतन कया गया अारत माननीय नयायाायक आदश क अनसार बकाया क आहर क ाबना

सामात क ानयामत आधार पर बठक ई और अधयक न मामल को पर करन म मागरदशरन दया ी एलएस शकर राव कायारलय अधीकक न अनय सदसय ारा कए गए वतन ानयतन मामल क पयरवक और जाच क सामात ारा दए गए समय सीमा क अदर सभी मामल को पर कया गया और समय समय पर ानदशक को ासात स अवगत करवाया गया

7

ाशक कोसर

आ दश भ साानक आकड़ा कन स ानालाखत अाधकारय को भारतीय सवक ससान म ावाभ कोस म ाशक दलवाया गया

म स अाधकारी का नाम(ीीमती) कोसर सखया ावषय

1 मोअजीममीन 49521 सवक अाभयााषक का मल ासानत

2 एन अानल कमार कय 5 भाम सचना का अाभकलप एव कायारनवयन

3 मोहममद अली शख 40092(ए) सवक पयरवकक

4 एस राव 40092(ए) सवक पयरवकक

5 अामत समर 40092 सवक पयरवकक

6 एलवीएम नायड 40092(बी) सवक पयरवकक

7 वी गोपाल राव 40092(बी) सवक पयरवकक

8 बी गोपाल राव 40092(बी) सवक पयरवकक

9 पी रावकर ातकोर भ-साानक ावजान

10 कोा ीानवास ातकोर भ-साानक ावजान

1 कनरल एस ीधर राव ानदशक न बगल ासत दाकी कष कायारलय म 21012014 स 23012014

आइसीजड़एम परयोजना स सबाधत ानदशक क सममलन म ाहससा ालया

सममलन ाशक

2 कनरल एस ीधर राव ानदशक न नई दलली ासत सव (हवाई) एव दलली भ साानक आकड़ा कन ानदशालय म राीय शहरी सचना ाली (NUIS) स सबाधत पनरीक बठक म ाहससा ालया 3 ी कक गा अधीकक सवकक एनएसडीआई क ालए ओरकल सपाशयल का ाशक ा कया |

ाशकता

आ ावावालय इजीानयरग कॉलज(ए) ावशाखपनम क 12 ावाय को 12-05-2014 स 06-06-2014 तक ाजयोडसी अकय ोटोाामात सलाकात सदर सवदन तलक अकय मानाचष एव भौगोालक सचना पात आद ावषय पर जानकारी दी गयी

8

वषर 2013-14 क ालए मानदय स परसकत कमरचारय क सची

म स नाम ीीमती कमारी पदनाम 1 पी म कमार अाधकारी सवकक 2 पीककर अाधकारी सवकक 3 एलकरासी अाधकारी सवकक 4 ए भाचारजी अाधकारी सवकक 5 एन अानल कमार सवकक 6 ीनीवास राव यादागर सवकक

7 क ओमकार सवामी सवकक

8 सागरका पताल सवकक

9 एमएस आर मत सवकक

10 एस बी चधर राव सवकक

11 अशाख अहमद सवकक

12 डी वकटा ीहरी सवकक

13 डीआरएस स कमार सवकक सहायक 14 सी एच गडम मानाचषकार ड II 15 ावजय सनीता गोप मानाचषकार ड II 16 पीक ातभा सहायक 17 ज कनक लमी मानाचषकार ड III

18 शलबाला खडरी मानाचषकार ड III

19 ए शलश वर ी ालापक 20 एम बगारी नायड वर ी ालापक

21 चपाल वर ी ालापक

22 एमलम कमार वर ी ालापक

23 एन वलली कलयाी वर ी ालापक

24 बीनागरम अवर ी ालापक

25 पठान इमाम कासीम अवर ी ालापक

26 एमअपपल राज एम टी डी 27 सययद जहागीर अली एम टी डी

28 शयामल दास एम टी डी

9

म स नाम ीीमती कमारी पदनाम 29 सी नारायना खलासी 30 महन कमार खलासी 31 एमओबयया खलासी 32 सी वीचलमयया खलासी 33 कालर खलासी 34 जी जया खलासी 35 क अपपा राव खलासी 36 पी काशम खलासी 37 क ईरयया खलासी

पदोत कमरचारय क सची

म स नाम पदनाम पदोात क

ाता ाजस पद पर पदोत ए

1 डीरघ रामल मानाचषकार ाडावजन -I 11-10-2013 मखय मानाचषकार

2 मो अजीमीन सवकक 06122013 अाधकारी सवकक

3 एम परमर राव सहायक 29112013 कायारलय अधीकक

4 जीशीला रानी मानाचषकार ाडावजन -II 23062014 मानाचषकार ाडावजन ndashI

5 एम वासदव वर ी ालापक 06052014 सहायक

सायीकर ा कमरचारय क सची

म स नाम पदनाम सायीकर क ाता

1 एमावजय कमार पटल ाचषकार ड़ -III 01012013

2 आर ीनीवास राव अवर ी ालापक 01012013

10

म स नाम पदनाम सायीकर क ाता

3 पी ामालनद कमार खलासी 01012013

4 गनकली पदममा खलासी 01012013

5 वाइ मानीकयममा खलासी 01012014

6 बी सवामी( अनसाचत जन जाात) खलासी 01012014

7 बी शाता ( अनसाचत जन जाात) खलासी 01012014

11

सानातर पर तनात कमरचारय क सची

म स

नाम ी ीमती

पदनाम सानातर क ाता

सानातर

स को

1 डीरघ रामल

मानाचषकार 11102013 भौ सप एव स स ानदशालय

आ भसा आ क हदराबाद

2 मो अजीमीन सवकक 06112013

(पवारहन)

भारतीय ाशक एव मानाचष ससान हदराबाद

आ भसा आ क हदराबाद

3 सतयभामा नायक सापना एव लखा अाधकारी

10012014 (पवारहन)

पब एव ास भसा आ क कोलकाता

आ भसा आ क हदराबाद

4 एनबी सरी अधीकक सवकक 22012014 मएव गोवा ानदशालय पन

आ भसा आ क हदराबाद

5 एस महबब दादार 17022014

(अपराहन)

मएव गोवा ानदशालय हदराबाद सकनध

आ भसा आ क हदराबाद

6 टीकष कमार अाधकारी सवकक 19032014

(अपराहन)

भारतीय ाशक एव मानाचष ससान हदराबाद

आ भसा आ क हदराबाद

7 एसराव टीटीटी lsquoएrsquo 17042014 पवारहन

भारतीय ाशक एव मानाचष ससान हदराबाद

आ भसा आ क हदराबाद

8 अामत कमार टीटीटी lsquoएrsquo 06052014 पवारहन

भारतीय ाशक एव मानाचष ससान हदराबाद

आ भसा आ क हदराबाद

9 बीराजन बाब सहायक 09062014 पवारहन

दाकी म वगर आ भसा आ क हदराबाद

10 जी शीला रानी मानाचषकार ाड-I 23062014 पवारहन

भौ सप एव स स ानदशालय हदराबाद

आ भसा आ क हदराबाद

12

सानातरत कमरचारय क सची

म स

नाम ीीमती

कमारी पदनाम सानातर क

ाता सानातर

स को

1 बीसीसा अाधकारी सवकक 16082013

आ भसा आ क हदराबाद

भा स एव स हदराबाद

2 एमएम मोहानत

अाधकारी सवकक 26082013

आ भसा आ क हदराबाद

ओड़ीशा भसा आ क भवनर

3 पीयादयया सवकक 11122013

(अपराहन) आ भसा आ क हदराबाद

क भसा आ क बगल

4 सनीता कालरा आशालापक

28042014

(अपराहन) आ भसा आ क हदराबाद

ानदशक सवक (हवाई) दलली भसा आ क नई दलली

5 शभा वी नायर

कायारलय अधीकक

07052014

(अपराहन) आ भसा आ क हदराबाद

भा स एव स हदराबाद हदराबाद

6 कवी चारी सहायक 06062014

(अपराहन) आ भसा आ क हदराबाद

दाकी म वगर

13

सवा ानवसवाचछक सवा ानव ए कमरचारय क सची

म स नाम पदनाम सवा ानवा क ाता टपपी

1 पीडीकमार अाधकारी सवकक 30092013 सवा ानव

2 एस कासम दादार 30092013 सवा ानव

3 भलनराम खलासी 15102013 (पवारहन) सवाचछक सवा नव 4 जी लाजर पटल ाचषकार ड़- II 31102013 सवा ानव 5 बीसीलममा खलासी 31102013 सवा ानव 6 पीदवदास मानाचष मॉउटर 30112013 सवा ानव

7 तनगटला राधा कषा भडार सहायक 31122013 सवा ानव

8 टीवकटयया दादार 31122013 सवा ानव 9 जी चयया माली 31122013 सवा ानव

10 पीसीबोरोल अाधकारी सवकक 28022014 सवा ानव 11 डीरघ रामल मखय मानाचषकार 28022014 सवा ानव 12 बी नासरयया खलासी 28022014 सवा ानव 13 बी ीपाल दादार 31032014 सवा ानव

14 क दानम खलासी 30042014 सवा ानव

15 कषा सरकार अाभलखपाल ाडI 31052014 सवा ानव

16 कपललयया पटल ाचषकार ड़ II 31-05-2014 सवा ानव

17 सीकडयया जमादार 31052014 सवा ानव

18 एमवकटवरल दफतरी 30062014 सवा ानव

19 पीअजरना खलासी 30062014 सवा ानव

20 यावर बगम खलासी 30062014 सवा ानव

21 एमाचा वकटममा

दफतरी 30062014 सवा ानव

22 एनबी सरी अधीकक सवकक 31082014 सवा ानव

14

समात शष

एसपी ईरयया खलासी

जनम ाता 01-07-59 ावभाग म भत होन क ाता 01-03-1997 स ानयामत भत सवगरवास 22-4-2014 परवार इनक परवार म पी क अलावा दो ब ह इनक आकासमक ानधन पर आ दश भ साानक आकड़ा कन क कमरचारय को गहरा आघात पचा और सभी न इनक परवार क ात सवदना क एव इनक आतमा क शाात क ालए ईर स ारना करत ए दो ामनट का मौन रखा सव ी एसपा ईरयया ाजनक आ दश भ साानक आकड़ा कन म कायररत रहत ए अल 2014 म अकाल मतय हो गयी ी उनक परवार क ततकाल मदद क ालए पर आ दश भ साानक आकड़ा कन क परवार न 25600- का ततकाल सहयोग दया

15

भडार का ाप

म स सामी भडार 1 वाटर कलर 01

2 एल ईडी मॉनीटर 15

3 कमपयटर टबल 30

4 कमपयटर कस 30

5 पलाासटक कस 236

6 एचपीाडजाइन जट टी- 1300 टर 01 आइ सी जड एम क अतगरत

7 कलर क समाटर एलए जीएस टी 42- सकनर

01 आइ सी जड एम क अतगरत

8 यपीएस क ालए 12 वोलट क बटरी 60

9 5 कपी का य पी एस 02 डी ए डबलय वी आइ सी जड एम क अतगरत

10 डलल कमपयटर 10

11 लाइका अकय लवल (डी एनए-03) 02 आइ सी जड एम क अतगरत

12 लाइका जीएनएसएस (जीपीएस दोहरी बारबारता)

02 आइ सी जड एम क अतगरत

13 3 डी ावजन कट 23 (18 आ भ सा आ क हत )

14 समसग एलसी डी मॉानटर 02

15 एचपी सकनजट 200 फलटटड- सकनर 01

16 डाट मकस टर 03

16

अनपयोजय भडार का अनपयोगी घोाषत

म स सामी मलय 1 साइबग उपकर 364574-

2 नचर आइटम 218844-

3 ोटोामीतीय उपकर 9125746-

4 कमपयटर और परधीय 4027273-

5 उपकर ( गौ सवक उपकर) 706943-

तदनसार अनपयोजय भडार क अनपयोगी हत नीलामी या क शआत हो चक ह

17

वषर 2013-14 क ालए ानाध का आबटन य

शीषर सवीकत अनदान

(हजार म )

अातर ानाध क मागाा

(हजार म )

भाकमसव ारा काटी गई (हजार

म )

इस कायारलय

ारा अभयपर

अातम बजट अक (पय

म)

य (पय म)

31-3-2014 को शष रााश (पय म)

वतन 114400 0 1400 0 113000000 112999869 131 मजदरी 500 350 0 0 850000 845802 4198 ओ टी ए 0 0 0 0 0 0 0 ाचकतसीय 2840 0 0 750 2090000 2089187 813 डी टी ई 1240 0 0 0 1240000 1239231 769 ओ ई 1409 125 94 1440000 1397157 2843 आर आरटी

240 0 0 16 224000 223875 125

ओ ईए 2 2 0 0 4000 3750 250

एसampएम 310 0 0 310000 309712 288 पी सवा 280 0 0 129 151000 149810 1190 अनदान 0 0 0 20800 20775 25

18

मनोरजन कलब का वाषकोतसव ndash 2013

आ दश भ साानक आकड़ा क ानदशालय क मनोरजन कलब का वाषकोतसव दनाक 10-01-2014 को ातः काल 1000 बज स सममलन कक म आयोाजत कया गया ाजसम मखय अाता भारत क महासवकक डॉ सव र सबबा राव उपासत ावशष अाता क प म ी एसबी शमार उप महासवकक भारतीय सवक एव मानाचष ससान उपासत ानदशक महोदय कनरल ीधर राव न सवागत भाष दया और मनोरजन कलब क साचव ी डीआरएस सन कमार न वाषक रपोटर सतत क सासकातक कायरम ारा सभी का मनोरजन कया गया मखय अाता न अपन भाष म कहा क इस ानदशालय न ी कनरल ीधर राव क नततव म बत अाधक एव सतोषजनक प स गात क ह और इस बात का भी उललख कया क व जब इस ानदशालय क ानदशक तब व य सब कायर करना चाहत परत इनह मतर प दन म कनरल ीधर राव ानदशक महोदय क महतवपर भामका रही ह ततपात एक ीात- भोज का आयोजन कया ाजसम करीब 230 लोग न भाग ालया ाजसक सभी न भर-भर शसा क

मनोरजन कलब ारा आयोाजत कए गए खल

करम

टबल टनीस

शटल

शतरज शॉट- पट धीमी साइकलग

पष सगलस माहला सगलस पष डबलस माहला डबलस

पष सगलस पष डबलस

पष सगलस माहला सगलस पष डबलस माहला डबलस

पष पष पष

19

वषर 2013 क दौरान कनीय मनोरजन कलब सपोटरस स ा इस ानदशालय क ाता एव सममान

करम

खल म परसकार ातीय परसकार ततीय परसकार

पष सगलस पी रवी कानत चनपाल शशी करन एव एलए बग

माहला सगलस शभा वी नायर पीक ातभा शलजा एव मीना

पष डबलस सययद इदरस एव सवातरयया कवी चारी एव ओ वीन कमार

---------

माहला डबलस शभा वी नायर एव अनसया पीक ातभा एव शलबाला खडरी

टबल टनीस पष सगलस पी सतीश क वीचारी ओ वीन कमार

एव अशाख अहमद पष डबलस कवीचारी एव

डी रगा राव कक गा एव पी सतीश ----------

शटल पष सगलस पी सतीश एम वी ावजय कमार कवी चारी एव पी

यादयया माहला डबलस शभा वी नायर एम सबीता मीना एव राज़या

बगम पष डबलस पी सतीश एव

एम वासदव स कमार एव ओ वीन कमार

-----------

माहला डबलस एम सबीता एव राजया बगम

शभा वी नायर एव बी एस वी वरलमी

-----------

शतरज पष जगन एकर ------------

शॉट- पट पष बी नागरम चनपाल स कमार

20

धीमी साइकलग पष डी स कमार सययद इदरस सययद मोजज़म

उ नयायलय म लाबत नयायालक मामल

लाबत मामल 04 आ दश उ नयायालय

कस क सखया 11 कनीय शासानक अाधकर हदराबाद

समा कस क सखया 06 लाबत कस क सखया 05

पनवलोकन मामल

ानालाखत अाधकारयकमरचारय क पनवलोकन मामल का ानपटारा कया जा चका ह

म स प lsquoबीrsquo राजपाषत प lsquoबीrsquo अराजपाषत प lsquoसीrsquo (पवरवत प

1 एस बाब अाधकारी सव ज डी एबनजर मानाचषकार ाडाव I नरश

2 पीक लहा मानाचषकार ाडाव I गदो राम

3 शख मीरावली मानाचषकार ाडाव I एम गररयया

4 जी सीतारामम सव सहायक पी काशम

5 वाई सबबयया सव सहायक सतयममा

6 पीएस सामबाब सव सहायक वी कषयया

7 बी ओबशयया सव सहायक

21

एम ए सी पी क मामल

ानालाखत अाधकारयकमरचारय क एमए सी पी मामल का ानपटारा कया जा चका ह

म स प lsquoबीrsquo अराजपाषत प lsquoसीrsquo (पवरवत प lsquoडीrsquo)

1 वी सयर भा मानाचषकार ाडाव I एल योहन

2 पीकलहा मानाचषकार ाडाव I सीनाराया

3 शख मीरावली मानाचषकार ाडाव I जजॉन

4 एम भवनरी मानाचषकार ाडाव I एस रामयया

5 बीएसवी वरलमी मानाचषकार ड़ II बी पललया

6 - पी काशम

7 - शख काासम पीरा

8 - एम लमी नाराया

9 - एम वकटरल

10 - जी जया

आ दश भ साानक आकड़ा कन क अाधकारय कमरचारय क ब ाजनहन शकाक ानपता दखाई ह

1 कमारी अनवषा कर सपषी डॉ पीक कर सी जी पी ए 9810 दसव कका क ीय ावालय हदराबाद

22

तलग म ावव ी नकश ( ओएस एम) क तयारी (बीएचराव अधी सव जीव अाध सव एमराकश अाध सव एसपटा री मानाचषकार)

सतावना पवर म ावाभ नकश तलग म कााशत आ करत जस आ दश राजय नकशा (1999) भारत क राजनीातक नकश आद ऐस नकश अकराक ासटक-अप (lettering stickups) साहत साइबग क परमपरागत तकनीक का उपयोग कर कााशत होत तााप कोई भी सलाकातक नकश तलग म कााशत नह ए ह परत हाल ही म ावजान एव ौोागक ावभाग न ावव ी टोपो नकश ( ओएसएम) को कषीय भाषा म उपलबध करवान क ालए एक नीात को जारी कया ह ाजसक पराम सवप आ दश भ साानक आकड़ा क न राजय क राजधानी हदराबाद को दशारत ए एक शीट को योग क आधार पर अकय माधयम स तलग म करन का काम ालया ह

ॉनट क खोज म माइोसटशन साफटवर क अनक ल डीजीएन ामट म मल डाटा बस पहल स ही उपलबध ह मल-

पाठ को बठान क ालए माइोसटशन क अनक ल एक सावधाजनक तलग ॉनट क आवशयकता ह अनक ॉनट क जाच क गई परत कछ भी माइोसटशन क अनक ल नह पाया गया कयक तलग ालाप म बत सारी माषाए अगल स लगवाए जान क कार ldquoमाषाrdquo को लगाना एक कठन कायर सााबत आ तााप वब म बत छान-बीन करन क बाद ldquoटी टी एल हमलताrdquo ॉनट को खोजा गया और माइोसटशन परवश म मल पाठ को रखन म उपयोगी पाया गया

अनवाद

ावाभ व रनातमक अाभउाया ाचनह पाद- टपपाया आद का अजी स तलग म अनवाद हत सभी ापय साधन जस क इटरनट नट पर अनवाद शबदावली आद का आय ालया गया

माइोसटशन परवश म मल पाठ को बठान क ालए कायरावाध

ॉनट याान ldquoटी टी एल हमलताrdquo वााछत सान पर लोड कया गया तलग ालाप म बत सारी माषा क अतःसाापत होन क कार एक ावाशप शबद या अकर क ालए सही माषा क चयन हत अाधक सावधानी बरतना का सानात कया गया वााछत मल ndash पाठ को मइोसाफट वडर म टकत कया गया माइोसटशन वशरन 8 ाइल म अनोटशन टकसट एडीटर क माधयम स कापी और पसट कया गया उ

23

शीट क 22 टोपो स अनवादत अनोटशन को या सतयाापत कया गया अनोटशन को कनार म और उपरो शीट क नाम ाइल म रखा गया मामल ाजनको सलझाना ह -

1 ॉनट क आकार का मानककर 2 तलग ालाप म ावाभ व रनातमक अाभउया क सावधाजनक शबद का चयन 3 मल- पाठ को सगठत करना एक जटल कायर ह और समय लन वाली कायरावाध ह और पयार

माषा म षीय भाषा याान तलग क जान क जरत ह 4 जयादा सखया म सपादन मल-पाठ क सगठन क आवशयकता ह 5 तलगाना राजयतलग ावावालय क उ राजभाषा ावभाग स अनवादत ालाप को माीकर

करन क आवशयकता होगी समाा

सानीय ालाप (तलग) म ओ एस एम माक नकश क तयारी स अाधक सखया म लोग को सलाकातक नकश को आसानी स योग करन म सावधा होगी सलाकातक नकश म भाषा-ावषयक सबधी साचकारी पदार को जोड़न स ानयही भारतीय सवक ावभाग क उतपाद क चार को बढ़ावा ामलगा और बाजार म अपनी अहामयत बढ़ाएगा

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चनौती क ालए तयारी (रघना ाषपाठी अधीकक सवकक)

कसी भी ावभाग म नई चनौातय को सामना करन क ालए कमता ानमार क आवशयकता ह यद

यह नह कया जाए तो सताावत योजनाए ावल हो जाती ह कमता ानमार स पहल उसक लय एव उशय को परभााषत कया जाना आवशयक ह कयक इसक कायारनवयन क सतर म योजना और ानषपादन म का अतर हो सकता ह कमता ानमार क अनय मानक क अतगरत अनवत सावधा क रखरखाव और सभाावत ावकास भी शाामल ह कमता ानमार क कसी भी यास म ातभा क खोज को ही पहल कदम क प म ालया जाना चााहए भारतीय सवक ावभाग म सही कमता ानमार क बाद ही 110000 क पमान का सवक करन और मानाचष ाा सभव हो पाएगा आधानक अाध ौोागक म कमय क ाशक पयार नह ह लकन यह दखना ह क जो माग और सवक और मानाचष क आपत क खला स सक ातत ह जनता क ालए उपयोागता बढ़ा रही ह श म हालाक बाधाए आना बाधय ह हम यह कायर श करना और पराम क तीका करनी ह इस यास म खल अाधकार कष क ावशषज को ानयामत प स परामशर कया जाना चााहए सवक और नकश क उपयोगकतार क माग और एक बड़ परय क दाप स दखन क ालए यह महतवपर ह

यहा तक क उपयोगकतार क ालए भी ाडाजटल डटा का उपयोग सीामत ह भारतीय सवक ावभाग उपयोगकतार को ानयामत आधार पर सहायता और मलय सवधरन क ालए सलाह दकर नकश क कातज उपयोग तक का ावसतार कर सकता ह उस बात पर धयान दत ए भारतीय सवक ावभाग क सवा हत जी आई एस वजाानक को शाामल करन क आवशयकता ह यह महगा मामला होन पर भी वरीयता स भरी हम भावषय क चनौातय को परा करन क ालए तयार रहना चााहए कयक नकश क उपयोग स ावकास को तो होना ही ह

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नमक का महतव (कष कमार अाधकारी सवकक)

एक राजा क तीन बटया ी तीन बत ही सनदर सशील और ावशष ग वाली एक दन राजा न तीन राजकमारय को अलग-अलग स एक ही सवाल पछा ldquo बटी तम मझ कतना चाहती हो ldquo बड़ी राजकमारी न जवाब दया rdquo ापताजी म आपको सोन जस चाहती अारत सोन क आभष स मझ ाजतना पयार ह उतना ही पयार आप स ह ापताजी ldquo राजा बत सतप आ और दसरी राजकमारी स पछाrdquoबटी दीदी न तो जवाब द दया अब तम बताओ तम मझस कतना ह रखती हो दसरी राजकमारी बोली ldquo ापताजी म आपको हीर जसा चाहती अारत हीर क गहन स मझ ाजतना पयार ह उतनी ही पयार आप स ह ापताजी ldquo राजा तो ल न समाया सोचन लगा rdquo म बमतलब का सकोच कर रहा ा मरी बटया तो लगता ह मर बगर जी नह पाएगी ldquo अब तीसर स कया पछ र भी पछ लता र तीसरी बटी स पछाrdquo बटी तम मझ कतना चाहती हो तीसरी राजकमारी न जवाब दयाrdquo ापताजी म आपको नमक ाजतना चाहती जवाब सनत ही राजा आग-बबला हो उठा और बरी-भली सनाकर उसक कक स ानकल गया छोटी राजकमारी न कछ नह कहा बालक राजा क डाट सनकर चपचाप रह गयी रात ई राजा को सार महल क कायर ानपटान क बाद भख लगी खान क ालए उस हीर स ससात सोन क सहासन पर छोटी राजकमारी न बठाया र सोन क ाली म नाना कार क जन स य खाना परोसा और राजा को खाना श करन को कहा राजा न मह म खाना रखा तो महसस कया खाना का ह र हर जन को चखा तो पाया सब क ह र तो आग-बबला होकर अपनी रानी पर ाचललाया ldquo इस तरह क भल कस हो गयी हम कया समझ रखा ह जन दखाकर ललचाना और र खान नह दना यह बोलत ए रानी पर सोन क ाली ाजस पर जन परोस ए कन क ालए हा उठाया उठ ए हा को तीसरी राजकमारी न पकड़ ालया और पछा ldquoापताजीखाना तो बढ़या ह र कमी कया हrdquo राजा बोल ldquoनमक क ाबनाकोई खाना खाया जा सकता हrdquo राजकमारी बोली ldquoापताजीआपको तो नमक स नरत ह ना इसालए मन जन बनवात ए नमक नह डलवाया rdquo र तो राजा समझ गया क छोटी बटी न उनह सबक ासखान क ालए यह भोजन तयार करवाया ह र बोला ldquoबटी म समझ गया नमक क ाबना खाना जस सवादप नह उसी तरह तमहार पयार ाबना मरा वचरसव नह ldquo और राजकमारी को गल लगा ालया

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मायाजाल (एनबी सवामी अाधकारी सवकक)

इस जगत म कल 84 लाख जीव राशया ह और उनम मानव जनम सबस उम ह उम इसालए ह क भगवान न मानव का आधार इसालए दया ह ताक इस जनम अचछ कमर कर वह मोक क ाा कर सक मोक याान पनरजनम नह यद कमर बर ए तो र 84 लाख जीवरााशय म पदा होन क ालए वह आतमा कालच म दोबारा स जाती ह इस सपर कालच क याषा करत ए जब आतमा मानव क योान म वश करती ह तब वह भगवान स यही ारना करता रहता ह क ह भगवान मझ इस कद (याान मा का गभर) स जलदी मा दला द कयक म तमहारा धयान सही ढग स नह कर पा रहा कयक इस कद म अनक तरल पदा क सा-सा मल-मष म भी टहल रहा यह कसा नरक ह जहा आपन मझ सा रखा ह तब भगवान भी बोलत ह क ldquoत अभी बालक ाशश का प धार करन वाला ह तमन इतन वष यग म ाजतन पाप कय ह उन सबक यह चरम सीमा ह यह चरम सीमा बत ही पीड़ा दन वाली ह ाजस तमह जीतना ह लाघना ह इस चरम सीमा स मा होन क बाद तम कया करोग ldquo ाशश कहता ह ldquo भगवन आप जो कहग ldquo भगवन पछत ह कया तम अपना जीवन मरा धयान करत ए मर ालए समपर कर दोग ldquoाशश कहता हrdquo हा म समपर कर दगा आपक ालए ldquo भगवन भी जानत ह ाशश को नौ महीन गभर म रहना ही पड़गा तभी पर शरीर का ावकास होकर जब वह बाहर आएगा तो मरी सवा करगा उ नौ महीन तदनसार भगवन ाशश का वातारलाप नौ महीन चलता रहता ह ताक ाशश अपन चार ओर स मल क गध का धयान न द र जब वह बाहर ानकलता ह भगवान को धनयवाद करता ह और कहता ह ldquo म तमहारा बत ही आभारी भ अपन मझ मा दलाई अभी मझम वह ताकत नह क म तमहारा धयान करन क ासवा और कछ क मर माता ndashापता मझ सच कर जब अपन पर पर चलन क ताकत द दग तभी म तमहार ालए कछ कर पाऊगा ldquo भगवान कहत ह ldquo अर मखर त नह जानता यह जगत एक मायाजाल ह मझ पर ावास ह त मझ भल जायगा और र स कालच म पड़ जायगा ाशश कहता ह ldquo नह भगवान ऐसा नह ह भगवान मरा ावास करो म ातजा करता मरा जीवन आपक ालए ही समपर ह ldquo भगवान कहत ह ldquoदख लगा इस जगत क मायाजाल म त मरी कया का सवा करगा ldquo यह ाशश और भ का वाारलाप सनकर दवष नारद भगवान क पास पच पछन लग ldquo भ आप कस मायाजाल क बात कर रह ह ldquo भ बोल ldquo नारद म समसत जीव- रााशय का सवामी उनका कलया चाहता उनको सख भी और दख भी दता वह इसालए क मायाजाल क मोह एव अहकार म पड़कर खद को सपर मानन वाल ाी को दड न द तो र मरा समर कस करगा ldquo नारद बोल ldquo भ आपक वचन का मतलब कस

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दशा म जाता ह यह तो मझ नह पता एक तर कहत ह समसत जीवरााशय का कलया चाहता दसरी ओर कहत ह दड दता तीसरी ओर मायाजाल अर नाराय आप जब समसत जगत क सवामी ह सब आपक अधीन ही ह तो र मायाजाल शबद आपन जो योग कया ह वह आपक अधीन स बाहर कस हो गयाrdquo ानयष काजए जीवरााशया उसक चपट म नह आएगी र सब आपका गगान ही करग और सबको मोक क ाा होगी ldquo भगवान कहत ह ldquo ह दवष मर ालए समसत जीवराशी को परीका स गजरना पड़ता ह मानव जीवन ही उनम अातम परीका ह बस उसको लाघ ल म पनरजनम स मा दला दldquo नारद जी भगवान स तकर करन लग गय का दर बाद भगवान न कहा rdquo दवष आपस बहस और नह कर सकता आपस बहस कर मरा गला सख गया ह जरा एक छोट कलश या कमडल म पानी लकर आइय ताक म अपनी पयास बझा सक नारद को झटका लगा और पाताप करन लग ldquo बमतलब मन अनतरयामी स बहस कर उनको कप दया व समपर जानानद क सामन मरी हासयत कया ह पता नह आज मरी मात मारी गयी और म बमतलब बहस करन लगा भ को पयास लगी ह और वो भी मरी वजह स जलदी स उनक पयास म बझा द पानी क खोज म सार लोक का म करत ए नारदजी पथवी लोक म पच गए पथवी लोक पचकर पानी क खोज म एक कए क पास पच तो दखा क एक अतयनत सदर नारी कए स पानी ानकाल रही ह नारद न सोचा वह सनदर ी पानी भरकर चली जाए तो र म ोड़ा सा पानी भर ल नारद उस दख रह ी भी नारद जी को दख रही ी नारदजी न पछा rdquo दवी कया तम यह आसपास रहती हो ी न जवाब दया rdquo हा ldquo नारदजी र पछ rdquo दवी कया तमहारा ाववाह हो चका ह rdquo ी बोली ldquoनह ldquo नारदजी का ावचालत मन ल नह समाया और पछ ही ालया ldquo दवी यद तम अाववााहत हो और यद तमह कोई परशानी न हो तो कया तम मझस ाववाह करोगी ी सादाय औरत ी बोली ldquo मर ापता क आजा क ाबना म आपस ाववाह नह कर सकती ldquo नारदजी बोल ldquo दवी सशील नारी क यही ग होत ह यद तमह आपा न हो तो म तमहार सा चलकर तमहार माता-ापता स बात कगा और तमस ाववाह कगा ldquo यवती राजी ई और ासर एव कध म पानी स भर घड़ को ढोत ए आग चलती रही और नारदजी पीछ चलन लग सपर रासत म उस सनदर ी क ानहारत ए मन म सपन क पल बाध रह उस सनदर ी क ापता क पास जाकर अपना परचय दत ए उनक बटी स ाववाह करन का सताव रखा साकात नारद मान को अपना दामाद सवप दख उसी मतर म मगनी हो गई और एक शभ मर म ाववाह भी हो गया ाववाह क कछ दन क पात उनक ब हो गय ब बड़ भी हो गय र तो व अपन गहस आम म इतन सत हो गय क उनक मह स नाराय मष ानकलना भी बद हो गया कई वष बाद एक शाम को जोर क आधी क सा तानी बारश ई इस माहौल न इतना ावकराल प धार कर ालया ा क वातावर लय म बदल गया चार तर पानी भर गया बत सार लोग पश आद पानी म बह गय कनत कात क ावकराल प क सामन ठहरन का साहस कस ा दखत ही दखत उनका गह भी बाढ़ क चपट म आकर टट गया और पानी म बह गाया पी और ब डर स

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रोदन करन लग दखत-दखत कान पष क अलावा पी और बाक ब भी पानी म बह गए र तो नारदजी स सोचा इस कान को म कध पर ालए चलता ताक वह तो बढ़ाप म मरा सहारा बनगा कनत लय क तीता इतनी तज ी क नारदजी क नाक क ऊपर स पानी बहन लगा र तो व खद भी भल गय क बट को बचाना ह सोचन लग म कसी तरह जीावत बच जाऊ उसी सोच न उनक कान पष को भी नह बखशा कसी तरह कछ समय उपरानत लय शानत आ पानी घट गया चार तरक मनषयपश - पकी आद क लाश टट ए रासत और घर क बीच पड़ी ई ी नारद मान को बहद दख आ और ठठोर कर रोन लग गय रोत-रोत व खद क बार म सोचन लग क भगवान न उनक सा ऐसा अनयाय कय कया काश व भी मर जात तो अचछा होता तभी उस राह स ास महष गजरत ए नारदमान स परामशर करन लग नारदजी कहन लग ldquo पता नह मन कौन सा पाप कया ह क मर पर परवार का सवरनाश हो गया ह मझ कय मतय नह आई इस पर ासजी न कहा शायद तमहारा समय नह आया ह इसालय तम बच गय हो हालाक ास जानत क नारद मायाजाल म सा आ ह ldquo र इसका ानरय कौन करता ह ldquo नारद न ासजी स पछा ासजी न उर दया ldquoयह तो मतयलोक क अाधपात यमराज ही इसका उर दगrdquo र व दोन ामलकर यमराज क पास गय यमराज न आन का कार पछा तो ासजी न नारद मान क सारी दख भरी गाा सनाई और पछा क ldquoमतय न इनका आलगन कय नह कयाldquo यमराज बोल rdquoम कोई नह मरा यमदत ही इसका उर द सकता ह कयक म यमदत क ारा कसी आतमा को लान क बाद ही उसक पाप-पणय का ाहसाब दख ानधाररत सजा का ऐलान करता यद यमदत आपको लकर मर पास नह आया तो इसम मरा कया दोष ह यमदत स पछ लldquo र ासजी न उनक यमदत स वही सवाल करन पर यमदत न कहा ldquo महामान म कस कसी क शरीर स आतमा को छीनकर ल आऊ म तो यमलोक का सवक माष ाचषग जब तक आजा नह दत तब तक म कोई कायरवाही नह कर सकता आप इस का उर ाचषगजी स पछ ल ldquo र ासजी न ाचषग स वही सवाल करन पर ाचषग न कहाrdquo महामान म तो यमदत को तभी आजा दता जब उस ाी का सारा लखा - जोखा समा हो जाता ह अभी माननीय नारद जी क मतय का समय आया नह ह अभी उनका कछ कया नह जा सकता ldquo ासजी न नारद स कहाrdquo दखो नारद अभी तमहारा समय आया नह ह तभी तम जीावत हो चलो चलत ह अब ापछली घटना को भल कर आग क सोचो ldquo बस इतना ही कहना ा क ाचषग न र ासजी को बलाकर कहा rdquo ह ऋाषवर इनक कणडली म यह ालखा ह क मतय तभी इनको गल लगा सकती ह जब य एक सा आपको मझ यमराज और उनका वाहन भस का एक सा दशरन करग चक इनक ारा यह कायर पर हो चका ह अत इनका जीवन पर हो गया ह ldquo बस इतना ही ा क नारद जी को आवाज आन लगी अर दवष दवष मझ कब स पयास लगी ई ी मरा गला सख गया ह कनत आपन मझ अब

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तक पानी नह दया कहा ह पानी ldquo य साकात नाराय क आवाज सन नारदजी को होश आया और भगवान क चर म पड़कर ागड़ागड़ान लग यह कहत ए क rdquo ह नाराय आपन मझ अचछा सबक ासखाया ह मन आपस बहस कया कर लीआपन मझ मायाजाल का साकातकार करवा दया कमा काजए म आपको पानी नह ापला सका मरी वजह स आपका गला खब सख गया होगा ldquo यह कहत ए उनक अधारा स नाराय क पाव धल गय और भगवान न कहाrdquo दवष आप चातत ना ह आपन अधारा स मर चर धोकर ानसवार सवा कर दी मरी पयास बझ गयी ह अब आप म ह ldquo र नारदजी खशी स नाराय-नाराय कहत ए ानकल गय

घाट का पतर

(बषव बहरा अाधकारी सवकक)

माता-ापता और जनम भाम को छोड़ कर हम सब बन गए ह घाट का पतर धनय ह वह महापष ाजसन हम साापत कया म उस महापष क ावषय म व रन नह कर सकता शायद म अात पाप क कार पतर बन गया लोकन म आशा करता क भावषय म मरा भागय बदल जाएगा चक म लोग क मन स सवा करता इसका ल हमको भगवान अवशय दग लोग का सवा करत ndashकरत मरा आकार भी बदल गया परनत सवा करत ndashकरत मरा नाम रोशन हो रहा ह बालक हम सता का अनभव हो रहा ह मर कमर क चलत मरा भागय बदल रहा ह म हमशा जलम रहता और पीठ पर ातदन मार झलत रहता शायद ही ऐसा पीड़ा इस ससार म कसी को ामलती होगी मरा सानानतर भी नह ह म कई महापष को दखता आया कतन महाराय न ा तयाग दय लकन तबस म यहा अकला पड़ा म हर मौसम क मार झल रहा ब-बढ़ क सवा करत-करत मन कछ पणय कमा ालए ह और आशा करता क मझ को भावषय म मानव जनम ामल सकता ह मानव जनम ामलन स म आपका भजन-करन कगा

ऐस दखतndashदखत कई यग क बाद हमको मानव जनम ा आ मानव जनम म अगर इस धराष म दखा क यहा ऊच-नीच जात-पात नीात-ानयम ावदन पाचार अनयाय ndashअतयाचार चमर-अचमर का ताडव नतय चल रहा ह दखकर मर मन म परवतरन आ गया क भ मझको मरा ापछला जनम वापस द दीाजए

पतर जनम म रह कर मरा कोई-कोई साी अचछ कमर क चलत मदर म सान ा कर ालया ह कोई-कोई तो ठाकर बन गय लोग-ातदन उनक पजा करत ह

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हम लोग म स कोई-कोई सामाजक कायर म सहयोग दान करत ह कोई गह-ानमार म सहयोग द रह ह तो कोई मदर-ानमार म सहयोग द रह ह कोई तो सीधा मत बन गय इसीालए उनक मन म घमणड आ गया अहलया न पतर होन क नात भगवान का दशरन पा ालया इसालए पतर जनम होन क चलत उनक मन म का अह भाव आ गया

हमार अनदर ावाभ प भी ह याः लोहा पतर चना पतर सगममरर काला पतर (नाइट सटोन) मलायम पतर (soft stone) इतयाद लोहा पतर जो दश क ानमार म काम आता ह चना पत जो ासमट ानमार क काम म आता ह सगममरर घर और मदर का शर (flooring) म काम आता ह काला पत घर का शर और आला बनान म काम आता ह मलायम पतर ाशलप कला क ावकास म योगदान दत ह पतर जनम होकर भी म का गवर महसस करता मरी भगवान स अानतम ावनती य ह क आप मझ अानतम समय म दशरन दन को कपा कर

न हमको पतर जनम चााहए न हमको मानव जनम चााहए हमको तो ास र इस भव सागर स पार होना चााहए

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जयादा लोभ न करना (पाडव कानटया सहायक सवकक)

मनषय भगवान क साप ह इसालए वह भगवान का अश ह जब तक वो मा क गभर म ा तक तक वह मोह-माया स वाचत ा एव हमशा भगवान क समीप ा लकन जब वो पथवी पर अवती र आ उसको मोह-माया न घर ालया पाच साल तक वो ईरीय सा म रहता ह इसालए कहा जाता ह क ldquoCHILD IS THE INCARNATION OF GODrdquo इसक बाद मोह-माया म आकषत हो कर ईरीय सा को भल जाता ह बचपन म वो बत आजा और मोह-माया राहत और चरषवान रहता ह जब समय बढ़ता जाता ह तब उसक समसत उम ग धवस होकर गलत मागर पर चला जाता ह

बचपन म ावा ाशका जवानी म ी दीका एव पारवारक ाचनता म म होकर वह समसत मौालक सा को खो दता ह सबा नप होकर सबा म आ जाता ह दव का नप होकर राकस वा जारवत होता ह एव परवारक जगल म सकर भगवान का नाम लना भल जाता ह अपना परवार का भर पोष क ालए कठन परम करता ह लकन उनका पट भरता नह ह ईर क सा को भल जाता ह और अनत म पशकतव को ा होता ह शरीर रोगसत हो जाता ह दाप शा की हो जाती ह चलन ndashरन म असमर रहता ह रात को नद नह आती ह र भी लोभ को छोड़ नह पाता ह अपन बीवी-ब ता परवार क बार म सदा सोचन लगता ह शरीर वावसा को ा होता ह परवार क कोई भी सदसय पछत नह ह

परवार क लोग उसको ढग स खाना भी नह दत ह उसको घर स दर रखत ह र भी यह अधम मनषय भगवान क बार म सोचता नह ह लोभ का अनत नह होता ह पाप का बोझ बढ़त जाता ह अनत म नरक को ा होता ह र भी मनषय भगवान को समझ नह पाता ह परवार क ालए इतना बड़ी ददरशा झलता ह उनको कोई भी नह पछता ह उसक ारा जमा क गई पजी को परवार वाल उनक सामन मौज करत ह

लोभ मनषय को अनधा बना दता ह आदमी क हतया करत ह लोभ क वशीभत होकर दसर क समपात को लटत ह ाजसस समाज म पाचार बढ़ता ह इसालए ह मानव तम कय लोभ करत हो लोभ नह करक भगवान का समर करो हर कतरन करो तप जप करो और सवगर क अाधकारी बनो उम कमर करक भगवान क शरागत हो जाओ भगवान तमहार समसत सख-दख का भार वाहन करग

सवरधमारनपरतयजय मामक शर ज अह तवा सवरपापभयो मोकायषयााम मा शच

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इसालए अचछा कमर करक पणय कमाना ह हमशा धमर क जय और पाप का कय होता ह धमर-कमर करक ावजय ा होगी लकन अधमर म जाकर नरक गामी नह होना

एकदा अनधा राजा धतरा सजय को पछा क ldquoह सजय इस धमर य म कसक जय होगी उर म सजय बोल क ldquoयष योगर कषो यष पा धनधरर तष ी ावजयो भात वा नीातमरातमरम ldquo अारत जहा योगर कष एव धनधाररी अजरन एक सा ह वहा ावजय ानात ह

इसालए दखा गया क हमशा धमर क जय और अधमर क पराजय होती ह धमर सवचछ ानमरल लकन अधमर कदाकार कात ह इसालए लोभ-लालच म वशीभत न होकर सत

कमर करो अनयाय का परतयाग करो लोभ मत करो जीवन म कप करक जो धन कमा ालया वो सब इस धरती म रह जाता ह अानतम क म सा कोई नह ल जाता इसालए अनधर म भटक नह जाना इसालए कहा गया ह क-अात लालच नह करना अात सवरष गहतम अारत अात सवरनाश का कार ह

अात दप हता लका

अात मानसय कौरवा अातदारन बाल वध अात सवरष गहतम

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टटा वक का अाभमान (चरदास नाराय गडम सवक सहायक)

वन म खड़ एक वक क सा ालपटी एक लता भी धीर-धीर वक क बराबर हो गई वक का आय

लकर उसन भी लना ndashलना आरभ कर दया बल को लत ndash लत दखकर वक को अहकार हो गया क म न होता तो लता अासततव हीन होती वह लता को धमकात ए बोला ओ बल चपचाप मरा कहना माना कर म जो कह रहा वह कया कर नह तो ध मार कर भगा दगा पड़ का लाप जारी ा क दो पाक वहा स ानकल एक बोला अर भाई जरा दखो तो यह वक कसा सदर ह इस पर कसी सदर लता पाषपत हो रही ह आओ इसक नीच ोड़ी दर ावाम कर अपना महतव लता क सा ह यह जानकर वक का अाभमान भी नप हो गया सा ndash सा रहन स ही सबक गात होती ह

बटी (डी राव बाब पटल ाचषक ड-II)

बटी घर क लाज होती ह पापा क सर का ताज होती ह दल क सदा स रही ह इचछा बटी तझको ह पाना आई हो मर जीवन म जस एक ननही कावता राह दखता म तरी जलदी स मर पास आना मा क गोद म सदा रहती हो कछ पल मर पास भी आना न चाहत ह अब धन दौलत क त ही लमी त ही मरी मत भी डर लगता ह सोचक जब एक दन छोड़ क जाएगी त कतना मझ लायगी त बटी होती ह बाबल क लाड़ली

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यह ाज़नदगी (सययद इदरीस पटल ाचषक ड ndashII)

बठ जाता ह ामी प अकसर कय क मझ अपनी औकात अचछी लगती ह

मन समनदर स सीखा ह जीन का सलीका चपचाप स बहना और अपनी मौज म रहना चाहता तो ह क य दानया बदल द पर दो व क रोटी क जगाड़ म सरत नह ामलती दोसत महगी स महगी घड़ी पहन कर दख ली व र भी मर ाहसाब स नह चलता य ही हम दल को सा रखा करत पता नह ा क कमत चहर क होती ह अगर खदा नह ह तो उसका ाज कय और अगर खदा ह तो र कय

lsquorsquoदो बात इसान को अपन स दर कर दती ह एक उसका ldquoअहम rdquo और दसरा उसका ldquo वहमrdquo पस स सख कभी खरीदा नह जाता और दख का कोई खरीदार नह होता मझ ाज़नदगी का इतना तजबार तो नह पर सना ह सादगी म लोग जीन नह दत मााचस क जरत यहा नह पड़ती यहा आदमी आदमी स जलता ह ाव क बड़ स बड़ वजाानक यह ढढ रह ह क मगल ह पर जीवन ह या नह पर आदमी यह नह ढढ रहा ह क जीवन म मगल ह या नह

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जीवन म न जान कौनसी बात ldquoआखरी rdquo होगी न जान कौन सी रात आखरी होगी ामलत जलत बात करत रहो यार एक दसर स न जान कौन सी ldquo मलाकात rdquo आखरी होगी अगर जदगी म कछ पाना ह तो तरीक बदलो इराद नह ऐ चाद त कस मज़हब का ह ईद भी तरी और करवाचौ भी तरा

उगालय क लड़ाई

(शख महबब पीरा पटल ाचषक)

एक दन हा क सभी उगालया आपस म लड़न लग अगठा बोला म सबस बड़ा सभी जगह जरी कागज पर मझस ही ानशान बनाया जाता ह तजरनी बोली-ldquoम बड़ी मर होन स ही सब लोग काम कर पात ह जस-ालखना खाना पकड़ना मधयमा बोली-ldquoअर भई कया तम नह जानत जो आकार म लबा होता ह उस ही सभी बड़ा कहत ह अनाामका सब बात चपचाप सन रही ी वह तरत बोली ndashldquo म सबस बड़ी म तो पजा करन क भी काम आती मर स ही रोलीातलक लगाया जाता ह कानाका सभी को लड़ता दखकर उदास ी वह चपचाप एक कोन म कछ सोच रही ी तभी अगठा व तीन उगालया उसक पास गई और बोली- ldquoअर छोटी तम तो बड़ी हो ही नह सकती कयक तमहारा नाम ही कानाका ह कानाका बोली ldquoसनो अगठ भाई और पयारी उगालय आपस म लड़कर कभी कसी का भला नह हो सकता हमम कोई भी बड़ा-छोटा नह ह हम सब ामलकर मी बन सकत ह तभी हम सब बलवान हग कया तमह नह मालम क बद मी म ही ताकत होती ह इसालए हमारा लड़ना बकार ह rdquo कानाका क बात सनकर सभी एक सा बोल- ldquoहा छोटी बहन तम ाबलकल सही कह रही हो सचमच अकल म तम ही हम सबस बड़ी हो rdquo

इस नीात का स एकता म बल क ाशका ा होती ह

36

तलगाना- भारत का एक और नया राजय (शलबाला खडरी मानाचषकार)

तलगाना भारत क दाकी भाग म ासत भारत का 29 वा राजय ह कषल क दाप स यह दश का

बीसवा बड़ा राजय ह ाचीन हदराबाद रयासत का अाधकतम भाग तलगाना राजय म ालया गया ह जहा आजादी स पहल ानजाम का राजय ा सन 1947 म जब भारत अज क चगल स आजाद आ उसक बाद भी हदराबाद का ानजाम अपनी रयासत सय भारत म ावलीन करन क पक म नह ा वह अपनी रयासत पर अपना ही सवतष शासन चाहता ा अतत सरदार बललभ भाई पटल क अक यास स इस रयासत को भारत क मखय धारा म ावलीन कया जा सका इस कार आन दश राजय क सापना ई और 26 जनवरी 1950 को ी एमक वललोड़ी आन दश राजय क म मखयमषी ानय ए 1956 म हदराबाद रयासत को आन दश राजय म ावलीन कर दया गया

2 जन 2014 म पनः तलगाना राजय अासततव म आया आन दश राजय क उर पामी 10 ाजल को ामलाकर तलगाना राजय क सापना क गयी ह राजधानी हदराबाद भी तलगाना राजय म ासत ह परनत 10 वष तक हदराबाद दोन राजय याान आन दश और तलगाना राजय क सय राजधानी रहगी दोन राजय क शासानक कायर हदराबाद स सचाालत हग तलगाना शबद का ादभारव ाषलगा दश शबद स आ ह ाजसका अर ह तीन लगो वाला दश तलगाना राजय क तीन दशा म कालरम ीशलम और ाकारामम ास ाशव मानदर ासत ह ाजनक अपार धामक महा ह वासतव म पक तलगाना राजय क ालए 1946 स 1951 क बीच ही ारमभ हो गया ा उस समय कमयानसट पाट न इस आनदोलन का नततव कया ा जो असल रहा भाषा क आधार पर तलगाना और आन राजय को पक करन क ालए अनक आनदोलन समय-समय पर होत रह ह इनम मखय आनदोलन 19691972 और 2009 क ह इन आनदोलन का यह भाव आ क 9 दसमबर 2009 म भारत सरकार न पक तलगाना राजय बनान क कायरवाही श कर दी य घोषा सनत ही तटीय आन व सीमान कष क लोग न सम आन दश क पक म आामक आनदोलन ारमभ कर दया और ऐसी ासात म भारत सरकार न यह कायर 23 दसमबर 2009 तक सागत कर दया इसक पात भी लगातार पक तलगाना और सम आन दश क ालए अलग-अलग आनदोलन चलत रह पक तलगाना क पक म कई आतम - हतयाए ई हड़ताल क गयी ाजसस जन साधार को बत असावधा का सामना करना पड़ा अतत पक तलगाना समरक क जीत ई और कास कायरकारी सामात न सवर सहमात स 30 जलाई 2013 को पक तलगाना राजय क ासारश करत ए ाबल तयार कर दया अनक सोपान पार करत ए यह ाबल रवरी 2014 को ससद म पारत कया गया रवरी 2014 दश पनगठरन एकट क तहत यह ाबल ससद म पास हो गया इसक पात इस नय राजय तलगाना ाबल को रापात ारा सहमात ा ई और माचर 2014 क गजट म इस कााशत कया गया इस कार नय तलगाना राजय क सापना ई

37

ाशासकय प स तलगाना राजय क सापना 2 जन 2014 को ई क चन शखर राव क पाट ldquoतलगाना रा सामातrdquo न चनाव म दश म बमत हाासल कया और इस कार ी कचन शखर राव तलगाना राजय क म मखय मषी चन गए

म महगाई (डॉ नीलम कमार ाबड़ला अाभलखपाल)

म महगाई महग दशभ लोग क आमष पर भारत आई तज गात लान गात म भारत आई मझ गलत मत समझो गरीब बत ठीक बमत दकर तमन ाजनको बत उठाया म तो उनह क तीक भौातक वादी यग म योग ासखाती म भख पट न सोए कोई कडालनी जगाती म धयान प म च मारकर मन जय ऊपर चढ़त-चढ़त र तक आ जाता ह भाव वसत क वस ही र तक ल आई

अब इस यग म एक तल क पीप को पा लन का अर को पा लना ह भ दशरन क झलक दखना एक टमाटर खा लना ह भारत का आदशर तयाग ह अनासा ह अपरह ह मझको पाकर लोग वसतए तयाग रह ह अपनी खद क कार छोड़ बस क पीछ भाग रह ह म लोग को तड़क भड़क स खच

38

सादगी ासखाती टरीलीन क शौकन को ला पहनाती माया जीवन का बधन ह पया पसा मल हा का म वतन भोगी लोग क बधन दो दन म हर लती शी छड़ाकर मल हा का शीश सा ानमरल कर दती

नीात ालखन वाल न कम खाना या गम खाना अचछा बतलाया मन उनका कन ानभाया ाजतनी चीज महगी हगी उतना ही जन कम खाएग ाजस दन रोटी नह ामलगी उस दन खद ही कम खाएग

शकल पक क चाद सरीखी बढ़ती म खब चादनी लाऊगी अभी दज तक ही आई परमासी तक जाऊगी

करो कलपना जब भारत जन कतन सदर दखा करग ग चावल चना बाजरा जब पाड़य म ाबका करग बीमार को दध दहीघी क इजकशन लगा करग कसा मधर जागर होगा लोग भख स जगा करग

आतक हमला

(डॉ नीलम कमार ाबड़ला अाभलखपाल) 13 दसबर 2001 ससद प पाक आतक हमला 13 रवरी 2014 ससद म भारतीय आतक हमला

39

शमरसार ई ससद पच ाड़ गए नयी तहजीब क झड गाड़ गए

उड़ाया गया काली ामचर का पाउडर सपीकर का नह सना आडरर आख जलन लग सास लन लगी ससद पर नगी तलवार झलन लगी

घायल आ जातष और सावधान मदर क पजारय न कया मदर का अपमान ऐस आतकय को सबक ासखाना होगा र नया इातहास बनाना होगा

बाल-म (वाइकराकश कमार खलासी)

बालपन क कलकारी धप क ताप स आ मक पोी छोड़ी कदाल खोदत हा क मार अचक कचड़ आधी म म करना आ मजबरी गरीबी क पराकाा पट और पीठ क घटती दरी कछ धनहीनता और कछ माता-ापता क मखरता कनत सबस जयादा सवा समाज क सवदनहीनता ाजसन बालक को ामक बनन को बाधय कया लखनी को छीनकर कोमल हा म छडी पकड़ायी

40

गाय-बकरी क सवा करता बालय-जीवन कप अपन भावषय को दर करता अजान और अबझ ावोपाजरन क कसको ह सरत ासात तो ऐसी ई दो दान अ क ालय बालपन चोर बनन को आतर आ

दोसती

(ाचा कडयया खलासी)

गलाब एक ल ह

एक घनट म मरझा जाता ह पर दोसती एक शा ह कभी भी जीावत रहती ह

बर ठडी होती ह जो पकड़ म नह आती ह

दोसती सोन जसी ह जो कभी कोई नह खरीद सकत ह

तार क पाच अनत (END) ह चौकोन क चार अनत ह तीकोन क तीन अनत ह

एक रखा का एक अनत ह पर दोसती का कोई अनत नह ह

41

मर जीवन का उशय (कमारी ाया सातव कका सपषी एम सबीता उाल)

कग नयज भारत का खतरा पाकसतान न कशमीर पर हमला कया ह कछ दन बाद helliphellip कग नयज पाकसतान क ाखला भारत क रका करत ए वीर सानक

का भारी नकसान इन खबर न भारत को ाहला दया ा म भी सोच म पड़ गयी क म भारत क ालए कया कर सकता भारत को इन हमल स कस बचा सकता मर मन म ास र एक ही खयाल आया क भारतीय सना का एक जवान ासपाही बन

जव मन यह बात अपन दोसत स कही तो उसन कहा क ासपाही बनना खतर स खाली नह ह और परवार स दर सरहद पर खतर स भर जीवन मर ालए कपद होगा लकन मन ठान ालया ा क म कछ ऐसा कगी क पर दश म मरा नाम हो ाजस दखकर मर अपन का ासर गवर स ऊचा हो जाए

मर ानय को सनकर मरी मा रोन लगी मझ लोभन दया क म ापार क मर दोसत न मझ डाकटर बनन का सझाव दया पर मन सोचा क भारत म कई डाकटर ह ापारी ह भारत को डाकटर या ापारी क नह बालक सानक क जरत ह

म भारत क ालए अपनी जान भी दन क ालए तयार मन सोचा सब अपन परवार को सराकत

रखना चाहत ह र भारत - भाम तो मरी मा ह मरी ही कय हर एक क मा ह तो हम सब का कतर बनता ह क हम इसक रका कर इसीालए मर जीवन का उशय ह क म एक ासपाही बन और भारत क सवा क

मखर ामष स समझदार शष अचछा होता ह (मासटर सनीत चौी कका सपष एम सबीता उाल)

एक दन म और मरा सबस अचछा ामष राव बठ यह सोच रह क हम परीका क ालए अभी स पढ़ाई श कर दनी चााहए या नह राव न तपाक स कहा क अभी स पढन स कोई लाभ नह होगा अगर हम परीका क एक दन पहल पढ़ग तो जयादा दमाग म रहगा तभी वहा स मरी कका का दसरा छाष रमश गजर रहा ा मझ रमश ाबलकल पसद नही ा और रमश भी मझ पसद नह करता ा बात-बात पर हम लड़ाई करत पर पढ़ाई म वह मझस बत अचछा ा उसन हमारी बात सन ली ी

42

इसालए धीर सवर म मझस बोला अपन मखर ामष क बात मत सनो बस रोज मरी तरह ोड़ा-ोड़ा पढ़ो लकन मन उसक बात पर कान नह धरा एक महीन बाद परीका क दन आ पच परीका क एक दन पहल जब मन पढ़ना श कया तब पाया क पढ़न को बत ा पर समय कम ा जस -तस पढ़ कर मन परीकाए ालखी और उममीद करता रहा क म परीका म उी र हो सक कछ दन बाद परीका का पराम ानकला और वही आ ाजसका डर ा म और ामष राव अनी र हो गए दसरी ओर रमश बत अचछ अको स उी र आ उस दन मझ समझ आ गया क मखर ामष स समझदार शष अचछा होता ह

भावषय क पढ़ाई (मासटर ाशव कलया सातव कका सपष वालल कलयाी उाल)

आज जब हम पढ़ाई या सकल क बार म सोचत ह तो नजरो म एक भारी बग उठाता आ

छाष दखता ह कताब क ाबना हम सकल जान क सोच भी नह सकत कताब क सा कपयटर भी पढ़ाई का महतवपर ाहससा बन चका ह

कछ साल बाद भारी कताब स भर बग क बदल छाष क हा म टबलट होगा आकाश टबलट एक ऐसा यष ह ाजसम हम तरह-तरह क कताब पढ़ सकत ह हम कका म ही नट स जानकारी पा सकत ह टबलट ोन स बड़ा ह और जयादा महगा भी नह हम इस कह भी ल जाकर इसम कताब पढ़ सकत ह हम इसम कका का दया गया कायर भी कर सकत ह यह टबलट पढ़ाई का अदाज बदल दगा और पढ़ाई को मजदार बना दगा

पानी और धप (कमारी एस साानया पाचवी कका सपषी राजया बगम अाल)

अभी-अभी ी धप बरसन लगा कहा स यह पानी कसन ोड़ बादल को क ह इतनी शतानी

सरज न कय बद कर ालया अपन घर का दरवाज़ा उसक मा न भी कया उसको बला ालया कहकर आजा

43

ज़ोर-ज़ोर स गरज़ रह ह बादल ह कसक काका कसको डाट रह ह कसन कहना नह सना मा का

परीका (कमारी शख राजया सलताना गयारहव कका सपषी शख महबब पीरा पटल ाचषक)

ाजस नाम को सनन स कापता ह बा वो ह परीका परीका पपर हा म आत ही इतना डर लगता क यद अचछा नह कया तो ापटना पा तीन घट म लगभग करन होत ह चालीस सवाल एक भी छटा तो घर म आता ह भवडर रजलट क एक दन पहल रात को नद नह आती ह अचछ नबर पान क ालए भगवान क याद आती ह पास होन पर ामलता ह इनाम और मख स ानकलता ह ldquoकय भगवान rdquo र आती ह अगली कका तब भी मख स ानकलता ह हाय र आ गयी र स परीका

44

राीय साकरता (मासटर शख समीर छठी कका सपष शख महबब पीरा पटल ाचषक)

ातदन सीखो अकर एक

ानयम बना लो ऐसा पढ़ो पढ़ाओ सीखो जान

तभी बनगा दश महान ावा सा जान कराती

मन का अधरा दर भगाती जहा पर बनत लोग जानी

वहा न होती मन क हाान अनपढ़ क ालए गगी पोी

धन दौलत भी होती ोी पढ़ा ालखा नह धोखा खाता

जहा भी जाता आदर पाता

मा (मासटर शख महबब बाशा आठव कका सपष शख महबब पीरा पटल ाचषक)

सबस सनदर जग म कौन बस एक त ह मा

सबस पयारी कसक मसकान बस एक तरी ही ह मा

कसन बनायी मरी पहचान तन ही तो मरी पयारी मा

कसक बोली ामी स मीठी तरी ही ह मरी मा

कसक डाट ह इमली स तीखी तरी ही तो पयारी मा

कसक ालए क म सब कबारन तर ालए मरी पयारी मा

45

ाततली (कमारी एम राशका ाशवानी पाचवी कका सपषी एम लम कमार उाल)

ाततली तम कतनी

रग-ाबरगी होती हो तम सब ल का रस पी-पीकर

बाग-बगीच म रती रहती हो तर पख कई रग क होत ह

तमहार प को दखकर ब बत खश होत ह

मरी कका

(कमारी एम राशका ाशवानी पाचवी कका सपषी एम लम कमार उाल)

मरी कका म ह पचास ब हर एक ह अलग-अलग जस एक ह लबा एक ह छोटा एक ह मोटा एक ह पतला कछ ह अचछ कछ ह बर पर लगत ह सार पयार मरी कका ह रग- ाबरगी लगती ह ाततालय का झड ह

मझ बत पसद ह कयक यह हमारी कका ह

Page 2: कलाकल - Home: Survey of · PDF fileतेलंगाना-भारत का एक ... भी यह पि का ‘कलाकल‘ सुनदर प म िनखर

अनमिणका म

सखया िवषय रचनाए रचनाकार प सखया

1 सदश डॉसवणर सबबा राव भारत क महासवकक

2 सदश मजर जनरल एम- मोहन अपर महासवकक

3 सदश कनरल एसीधर राव िनदशक

4 सपादक क कलम स ककगा अधीकक सवककराजभाषा अिधकारी

5

वषर क दौरान 2014-15 आ दश भ सथािनक आकड़ा क भारतीय सवकण िवभाग न िनिलिखत परयोजना को िलया ह

------

1

6 िहनदी एव कण अनभाग ------

5

7 सवकण सहायक क वतन मान म पनरीकण- माननीय नयायालियक आदश का कायारनवयन

------ 6

8 िशकण कोसर ------ 7

9 सममलन िशकण ------ 7

10 िशकता ------ 7

11 वषर 2013-14 क िलए मानदय स पर सकत कमरचारय क सची

------ 8

12 पदोत कमरचारय क सची ------ 09

13 सथायीकरण ा कमरचारय क सची ------ 09

14 सथानातरण पर तनात कमरचारय क सची 11

15 सथानातरत कमरचारय क सची 12

16 सवा िनवसवििचक सवा िनव ए कमरचारय क सची

------ 13

म सखया िवषय रचनाए रचनाकार प

सखया 17 समित शष ------ 14

18 भडार का ापण ------ 15

19 अनपयोजय भडार का अनपयोगी घोिषत 16

20 वषर 2013-14 क िलए िनिध का आबन य 17

21 मनोरजन कलब का वाषकोतसव 18

22 उ नयायालय म लिबत मामल 20

23 पनवलोकन मामल 20

24 एम ए सी पी क मामल 21

25

आ दश भ सथािनक आकड़ा कन क अिधकारय कमरचारय क ब िजनहन शकिणक िनपणता दखाई ह

21

26 तलग म िवव णी नकश ( ओएस एम) क तयारी

बीएचराव जीवण एमराकश एसप ा रडी

22

27 चनौती क िलए तयारी रघनाथ िपाठी 24

28 नमक का महतव कषण कमार 25

29 मायाजाल एन बीसवामी 26

30 घा का पतथर बी बहरा 29

31 जयादा लोभ न करना पी किनया 31

32 ा वक का अिभमान चरणदास नारायण गड़ाम 33

33 बी डी रिव बाब 33

34 यह जदगी सययद इीस 34

35 उगिलय क लड़ाई शख महबब पीरा 35

36 तलगाना-भारत का एक और नया राजय

शलबाला खडरी 36

37 म महगाई डॉ नीलम कमार िबड़ला 37

म सखया िवषय रचनाए रचनाकार प

सखया 38 आतक हमला डॉ नीलम कमार िबड़ला 38

39 बाल-म वाइकराकश कमार 39

40 दोसती िचा कडयया 40

41 मर जीवन का उशय कमारी िया 41

42 मखर िम स समझदार श अिचा होता ह मासर सनीत 41

43 भिवषय क पढ़ाई मासर िशव कलयाण 42

44 पानी और धप कमारी एस सािनया 42

45 परीका कमारी शख रिजया सलताना 43

46 राीय साकरता मासर शख समीत 44

47 मा मासर शख महबब बाशा 44

48 िततली कमारी रिशका िशवानी 45

49 मरी कका कमारी रिशका िशवानी 45

OslashethethUumlAtildeethoacuteUacuteeth ccedilethatildeethdivideaacuteecircethAcirceth ograveatildeethOslashethethplusmneth SURVEY OF INDIA

iexclNtildeethUuml Ugraveethegraveethccedilethatildeethdivideaacuteecircethumlicirc umlicirceth umlicircethUacuteethethaacuteacircethUacuteeth ADDL SURVEYOR GENERALrsquoS OFFICE

CcedilograveecircethAcircethoacute ecircethdivideeumleth SOUTHERN ZONE umlicircethdivideUumlUgraveethuumlplusmnethacircetheth timesethdivideuumlplusmnethacircethotildeTHORNKORAMANGALA BANGALORE

सदश

कसी भी भाषा क िवकास क िलए उसका सथान जन-मानस म पलना परम आवशयक ह इस दशा म आन-दश भ सथािनक आकड़ा कन हर साल क भाित इस साल भी पिका ldquoकलाकलrsquo का काशन कर एक महतवपणर कदम उठा रहा ह राजभाषा योग को बढ़ान क दशा म यह अतयनत सराहनीय यास ह मझ िवास ह क पिका म कािशत सामी ससित होगी तथा इनस रचनाकार क ितभा को उजागर करन क साथ-साथ िहनदी म काम करन का वातारण तयार करन म भी मदद िमलगी

आशा करता क भिवषय म भी यह पिका lsquoकलाकलlsquo सनदर प म िनखर कर सामन आएगी और

राजभाषा िहनदी क चार व सार म सहायक िस होगी पिका स सबिधत तयक ि को पिका क काशन पर मरी हादक शभकामनाए

मजर जनरल एम मोहन

अपर महासवकक

भारतीय सवकण िवभाग

SURVEY OF INDIA िनदशक का कायारलय

OFFICE OF THE DIRECTOR आ दश भ सथािनक आकड़ा क

Andhra Pradesh Geo-Spatial Data Centre उपपल हदराबाद-500 039(त)

Uppal Hyderabad- 500 039(T)

िनदशक महोदय क कलम सhellip इस कायारलय म मर कायरकाल क दौरान यह गह पिका ldquoकलाकलrdquo का ितीय ससकरण ह थम ससकरण म आ दश भ सथािनक आकड़ा कन क ाय सभी अिधकारय एव कमरचारय क िहनदी म कायर ितभा को दखकर मझ काफ गवर महसस आ और एक िवचार मन म आया क यह जीडीसी भी lsquoकrsquo एव lsquoखrsquo क क तरह िहनदी म पाचार कय न कर इसस इस भसथाआकन म काम करन वाल को ोतसाहन भी िमलगा और साथ ही साथ राजभाषा चार-सार म गह मालय ारा जारी सवधािनक ावधान का सममान भी बढ़गा मरी इसी सोच को करन पर अिधकारय एव कमरचारय न काफ ोतसाहन दया और जहा तक हो सक िहनदी म कायर करन का परा आासन दया म काफ हषललास क साथ यह बताना चाहता क उनह क ोतसाहन न मझ एक अलग ldquo िहनदी एव कण अनभाग ldquo गठन करन का िनणरय लन का साहस दया और उस क बाद िजतना हो सक अिधकतम कोिशश जारी ह क िहनदी म ही पाचार हो पपिणया भी िहनदी म ही िलखी जाय िहनदीतर भाषा क म िहनदी का वातावरण बनान का य हमार सार अिधकारय कमरचारय को जाता ह उनह क भावना सोच का दपरण ही यह पिका ldquoकलाकलrdquo ह िजनह लख किवताए चकल कहानी तकनीक लख एव फलड़ कायर क समितया आद क माधयम स अलकत कया गया ह और हर रचनाकार मरी ओर स बधाई का पा ह आशा करता क यह कलाकल पिका िबना रोक-ोक क इसी गित स िनरतर आग बढ़ती रहगी और म अपन अतकरण स कहता -

ldquo ह कलाकल िचरजीवी भवrdquo

(कनरल एसीधर राव)

िनदशक

सपादक क कलम स ---------

ldquoकलाकलrdquo का नतन अक आपक कर कमल म सतत ह इस िनदशालय क िवकास परयोजना क याा क जानकारी एव िनदशालय क कमरचारय क रचनातमक कितय का सह सतत ह िजसक माधयम स िवभागीय गितिविधय का परचय िमलता ह साथ ही कमरचारय को अपनी रचना सािहितयक गण को उजागर करन का अवसर भी ा होता ह

िहनदी एक सम भाषा ह िजसको योग कर तकनीक जान को हम सवर साधारण तक पचा सकत ह इस महतवपणर कायर को िनरतर इस िनदशालय क गह पिका ldquoकलाकलrdquo भली - भाित कर रही ह ldquoकलाकलrdquo क इस अक म जान- िवजान क बत सी बात का समावश कमरचारय और उनक परवार क सदसय ारा कया गया ह हम आशा ह क पिका पाठक क कसौी पर खरी उतरगी तथा उनक िलए जान-वधरक िस होगी म राजभाषा अिधकारी अपन सहभािगय क ित आभारी िजनक अथक यास स पिका क काशन क या िनरतर जारी ह तथा िनदशालय राजभाषा िहनदी क चार-सार एव इसक गामी योग म िवकास क ओर तजी स असर ह पिका को अिधक रोचक एव जानवधरक बनान क िलए सभी पाठक क सझाव सादर आमित ह

शभकामना सिहत

कलयान कमार गा

अधीकक सवककराजभाषा अिधकारी

1

वषर क दौरान 2014-15 आ दश भ साानक आकड़ा क भारतीय सवक ावभाग न ानालाखत परयोजना को ालया ह

म सखया परयोजना अजत राजसव टपपी 1 आ दश ासको दाडगल

परयोजना 283000- अातर ावभागीय मागकतार स

रााश ा हो चका ह

2 इदरा सागर पोलावरम परयोजना

1675800- अातर ावभागीय मागकतार स रााश ा हो चका ह

3 बड़ामी मख नाली सवक

58700- अातर ावभागीय मागकतार स रााश ा होना बाक ह

4 गालार आराकत वन सीमा सवक

2210000- अातर ावभागीय मागकतार स रााश ा होना बाक ह

5 ADRIN उतपाद का जमीनी सतयापन

- ावभागीय

6 टर हदराबाद गाइड़ मप - ावभागीय

7 समाकालत तटीय कष बध परयोजना त(ICZM)

- ावभागीय

8 राीय शहरी सचना ाली - ावभागीय

9 आ दश कनारटक सीमा ाववाद - ावभागीय

इसक अलावा ासतमबर 2013 स अगसत 2014 तक आ दश भ साानक आकडा कन क मानाचष ावय कायारलय स ावाभ कार क मानाचष क ावय ारा ावभाग को 1336019- का राजसव ा आ

उपरो परयोजना का साराश ान कार स ाववरत ह -

1 आ दश ासको दाडगल परयोजना दाडगल ासत वायसना अकादमी क ानकट अारम ाम होत

ए ानकलन वाली आ दश ासको क 400 कलो वाट वाली यददमलारम ndash गजवल डी सी लाइन क

9 बज हत WGS-84 आधारत जी पी एस सानाक साहत दाडगल ासत वाय सना आकादमी क हवाई

पी क अधःसपशर बध (Touch down point ) पर आधार तल क ाहसाब स मीटर म सल ॐचाई समतल

का ावधान करना

2

बल जीपीएस 5700 एव अकय लवल ारा कातज एव ऊधवर ानयष का ावधान कया गया

सव का कल मलय 283000- ा एव मागकतार स प र भगतान ा कर ालया गया समय सीमा क अदर कल 10 जी पी एस बद 50 क मीक दोहरी ततीय ी तलक (DT Levelling) एव 15 कमी क

मालारख (Traversing) कायर प र कया गया

2 इदरा सागर पोलावरम परयोजना

आ दश क पाम गोदावरी ाजला पोलावरम मडल क रामययापट ाम क पास गोदावरी नदी पर सोची गयी बउशयीय बहत परयोजना ही इदरा सागर पोलावरम परयोजना ह जो पोलावरम परयोजना क नाम स बचचत ह ान उललाखत सान म कातज (डीजीपीएस क मदद स सानाक ानात करना)एव ऊधवर ( तल-ाचहन का सतयापन) ानयष का ावधान करन का मखय कायर ा

i सताावत 960 मगावाट जल ावत ाबजली घर क धरी ii ामी एव पतर स ानमत बाध iii उबड़- खाबड़ मागर

सव कायर( रक एव सवक ) का कल लागत मलय 1675800- ा और मागकतार स परी रााश ा कर ली गई एक अाधकारी सवकक दो सवकक एव छः खलाासय क टीम क तनाती क गई पर कायर हत 30 दन का समय दया गया और ानयत अवाध क अदर ही कायर सप कया गया कायर समाा हत कल 17 जीपीएस बद सान एव 200 रखीय क मी का दोहरी ततीय ी तलक (DT Levelling) का ावधान कया गया

3 बड़ामी मख नाली सवक

बड़ामी मख नाली सवक कषा ाजल क सचाई CADD ावभाग क ालए ह जो एानकपाड सघ राजय कष स पा औतपलली क सघ राजय तक क 25 कलो मीटर क लबाई क नाली क मापन क सवक क ालए ह सवक क ालए रक कायर परा हो गया ह सवक क ालए ानधाररत लागत Rs58700 - ह मागकतार स रााश ा करना अभी बाक ह

4गालार आराकत वन सीमा सवक

भागीय वन अाधकारी कोागडम खममम ाजल क माधयम स गालार आराकत वन सीमा सवक कायर माननीय उ नयायालय हदराबाद क आदश क अनसार आ दश भ साानक आकड़ा क को आवटत कया गया ह यह खममम ाजल म सतयापन क ालए ह जगल का कषल 500 वगर कलो मीटर ह और ाराभक रक परा कर ालया गया ह सवक कायर क अनमाानत लागत Rs22 10000 - ह मागकतार स रााश ा करना अभी बाक ह

3

5 ADRIN उतपाद का जमीनी सतयापन

भारत क महासवकक ारा यह परयोजना कायर आ दश भ साानक आकड़ा कन को सपा गया ा इस कायर का मखय उशय भ ानदश उतपाद स सदभत आकलन करना ह कल कषल 18225 वगर कलोमीटर ह रक एव सवक कायर पर करन क ालए तीन साह का समय दया गया ा और दो अाधकारय चार कमरचारय को तनात कया गया ा समय पवर ही कायर पर कर ालया गया जीपीएस ारा 51 जीसीपी बद सान का ावधान कया गया

6 टर हदराबाद गाइड़ मप

टर हदराबाद गाइड़ मप का कायर आठ खनड म पर कर ालया गया ह

7 समाकालत तटीय कष बध परयोजना (ICZM)

क ीय पयारवर एव वन मषालय क अतगरत समाकालत तटीय बध सामात (SICOM) ारा इस परयोजना को ालया गया ह परयोजना का उशय

डलटा कष को छोड़ 7 कमी क चौड़ाई क सा कनयाकमारी स बगलादश सीमा तक भारतीय तट रखा क पार म 2400 कमी क तय दरी का 110000 क पमान पर मानाचष बनाना पव तट क कल कष को र चार कष म कष ndash 567 एव 8 क नाम स ावभाजन कया गया अपन आ दश भ साानक आकड़ा क क कायर कष म कष 6 एव कष 7 पड़ता ह कष 6 म पड़न वाल

-

कष को 8 उप-खणड म एव कष 7 म पड़न वाल कष को 12 उप-खणड म पनः ावभााजत कया गया कल कायर को मससर ाजयोडीस आइआइसी टोलोाजस एव इनोासस को ठक पर दया गया

मससर ाजयोडीस का उतपादन कन हदराबाद ासत भारतीय सवक ावभाग क भारतीय सवक एव मानाचष ससान क भवन म ासत ह ाजसका उरदाायतव कष कष-6 एव 7 ह जो आ दश भ साानक आकड़ा क क कायर कष म ह

ठकदारी क शत क अनसार आ दश भ साानक आकड़ा क न ानयाषत सवक कायर सप र कर दया ह जस 10 स 50 क मी क दरी पर जी सी पी एव 1 स 3 क मी क दरी पर तल- ाचहन मससर ाजयोडीस क ावधान हत

अब तक कष 6 म 8 उप- खड म स 7 उप-खड म ासत और कष 7 म 12 उप- खड म स 11 उप-खड म ासत 10 स 50 क मी क दरी पर जी सी पी एव 1 स 3 क मी क दरी पर तल- ाचहन का व रन रखााचष एव समतलीय सानाक आ दश भ साानक आकड़ा क न सतत कर दया ह

चक दोन कष क कछ उप-खड म र सान पाया गया ह आ दश भ साानक आकड़ा क न मोगलत एव मछलीपनम उप-खड क र सान क पत हत पनःसवक कायर कर दया ह इस दौरान कल 181 कमी का दोहरी ततीय ी तलक (DT Levelling) करत ए 17 जी पीएस बद

4

सान का ावधान कया गया तााप र सान म पड़न वाल कष 6 क 3 उप- खड और कष 7 क 2 उप- खड का सवक कायर अपर महासवकक दाकी कष एव परयोजना ानदशक आइ सी जड़ एम स शासानक एव ावीय अनमात ा होन पर कर दया जाएगा

मससर ाजयोडीस न हवाई ाषकोीयकर हत नलल उप- खड का ानयष ावसतार करन क ालए लड सवक कायर समा कर दया ह इस ावसतत ानयष को आ दश भ साानक आकड़ा क ारा अनमोदत कया जाना ह

समसत उप-खड का हवाई ाषकोीयकर एव अकयकर क पात मससर ाजयोडीस आ दश भ साानक आकड़ा क को अनमोदन हत सारी अातम ााया सतत करगा

आ दश भ साानक आकड़ा क ारा अातम अनमोदन क पात 20 उप-खड म पड़न वाल सार नकश का म कया जाएगा यह या दसबर 2015 तक समा होना ह

8 राीय शहरी सचना ाली (NUIS)

राीय शहरी सचना ाली का मोचन क ीय शहरी ावकास मषालय ारा 152 शहर का 110000 क पमान पर उपह छाया ाचष ारा एव 12000 क पमान पर हवाई ाचष ारा दसव योजना क तहत भ साानक आकड़ का ावकास करन क सा ndash सा जीपीआर (Ground Penetrating Radar) क मदद स 22 शहर का 11000 क पमान पर दो उपयोग क समाधान हत जस जल आपत मल-ानयारस उपयोागता मानाचष हत कया गया राजय नोडल एजासय (SNAs) ारा शहरी मासटर पलान और उपयोागता पलान क तयारी हत इन नकश का उपयोग कया जाएगा

उपरो परयोजना क ालए आ दश भ साानक आकड़ क का उरदाायतव ानानसार ह- i एनआरएससी ारा 110000 पमान पर उतपादन कया गया नकश क सरका ानकासी ii अातम नकश क सशोधन और गवा जाच हत एन आर एससी क सा समनवय iii110000 क पमान पर तयार नकश को राजय नोडल एजासय (SNAs) को दय हत अनय भ

साानक आकड़ा क क सा समनवय

इस राीय शहरी सचना ाली परयोजना क अतगरत 20 राजय क 152 शहर का कायर ालया गया और 68 शहर क अातम ााया उ भ साानक आकड़ा क राजय नोडल एजासय (SNAs) को भज दया गया लहाल एबयट आकड़ा जोड़न हत अलग- अलग राजय क उ भ साानक आकड़ा क राजय नोडल एजासय (SNAs) स ा 15 शहर का एव एमओजीएसजीएस सशोधन करन हत 2 शहर का आकड़ा एनआरएससी क पास ह अलग- अलग राजय क 67 शहर क आकड़ एबयट सह हत उ भ साानक आकड़ा क राजय नोडल एजासय (SNAs) क पास ह

5

तााप आ दश भ साानक आकड़ा क न एनआरएससी एव अनय भ साानक आकड़ा क राजय नोडल एजासय (SNAs)स अचछ समनवय क सा अपना उरदाायतव भरपर ानभाया ह

9 आ दश कनारटक सीमा ाववाद

माननीय उतम नयायालय क ानदश क अनसार आ दश कनारटक राजय सीमा ाववाद को सलझान हत भारत क महासवकक न आ दश भ साानक आकड़ क को कायर आवटन कया इसका मखय उशय आ दश कनारटक राजय सीमा ाववाद को सलझान हत सीमा सतमभ का सापना करना ह तीन खड म रक एव सव कायर हत टीम क तनाती क गयी अब तक 172 जीपीएस ाबनद का पयरवक कया गया कायर अभी बाक ह

10 अनय ावावध कायर

उपरो परयोजना काय क अलावा इस भ साानक आकड़ा क न वषर 2014-15 क ालए ानालाखत काय क ाजममदारी ली ह

I 28 शीट क 150000 क पमान पर गवा ानयष

II 516 शीट क 125000 क पमान पर ओएसएम पानतर

III 150000 क पमान पर 354 शीट क वब चर सवा

IV हदराबाद कष म पड़न वाली 56 क 6 7 1011 डी एस एम शीट का अतन

V हदराबाद कष म पड़न वाली 56 क 6 7 1011 ओ एस एम शीट का अतन

VI 150000 क पमान पर तलग भाषा म चार शीट का मानाचष

VII तलगाना और आ दश राजय का नकशा 110 लाख क पमान पर तयार करना

ाहनदी एव टक अनभाग

22 मई 2014 को आ दश भ साानक आकड़ा क न एक नय अनभाग का गठन कया ाजसका नाम ldquoाहनदी एव टक अनभाग

rdquo रखा गया इसका मखय उशय यह ा क वाषक कायरम क अनसार इस ानदशालय स अाधकतम पषाचार हदी म ही करना इसक भारी इस आकड़ा क क राजभाषा अाधकारी ह एव इस अनभाग म एक अनभाग अाधकारी एक कान हदी अनवादक दो अवर ी ालापक क तनाती क गई ह ानदशक ारा अनमोदत मसौद को हदी म अनवाद कर इस ानदशालय स अनय ानदशालय कष एव महासवकक क कायारलय को पषाचार कया जाता ह lsquoगrsquo कष म हदी पषाचार का लय जो 55 ह उस ा करन हत यह ानदशालय अहम भामका ानभा रहा ह कोाशश जारी ह क वषर 2014-15 तक वाषक कायरम क अनसार यह ानदशालय अपन लय को ा कर लगा

6

सवक सहायक क वतन मान म पनरीक- माननीय नयायालायक आदश का कायारनवयन

अल 2013 म सवक सहायक क वतन मान म पनरीक का आदश ा आ सवक सहायक क हासयत स ाजनको ए सी पी ानयामत पदोात ामली उनक मामल को तरत ालया गया तााप एक सदह उठा क कया उ वतन-मान एमएसीपी ा सवक सहायक पर लाग कया जा सकता ह या नह और इस पर भारत क महासवकक स सपपीकर ा कया गया इसी बीच सवक सहायक क वतन मान क पनरीक क समाधान हत ानालाखत सदसय क सामात का गठन कया गया

1 ी कक गा अधीकक सवकक (अधयक) 2 ी एलएस शकर राव कायारलय अधीकक 3 ी एम यादी री सहायक 4 ीपी सतीश सहायक

इन मामल क ससाधन क ालए ानयामत आधार पर बठक आयोाजत क गई मामल ाजनक सपपीकर क जरत नह ी (लगभग 25 ) तरत ालय गय एव जलाई 2013 म कषीय वतन एव लखा कायारलय को सतत कय गय ाजनह उसी महीन म जाच तय कया गया

रवरी 2014 म सवक सहायक क वतन मान क पनरीक स सबाधत सपपीकर क ाा क बाद बाक क 45 मामल को (दोन पवर ndash 2006 एव उर - 2006 एसीपी) ानदश क अनसार मामल को 15-03-2014 तक तयार कया गया तााप ावीय वषर 2013-14 क अत म ानाध क उपलाबध न होन क कार इसको कषीय वतन एव लखा कायारलय को सतत नह कया जा सका

वषर 2014 -15 लखानदान क माधयम स ा ानाध स (12 सवा ानव मामल को जलाई 2014 म सतत कया गया और उसी महीन म तय कया गया) जलाई 2014 म ानयामत बजट क आबटन क बाद बाक क सभी मामल को अारत 10 (लगभग) अगसत 2014 म सतत कया गया और उसी महीन म तय कया गया आज क तारीख म सभी मामल को पर कर ालया गया और अनदश का अनपालन कया गया 70 मामल म स 22(लगभग) को आक लाभ ा आ और बाक (पवर -2006) मामल को साातक तौर पर वतन ानयतन कया गया अारत माननीय नयायाायक आदश क अनसार बकाया क आहर क ाबना

सामात क ानयामत आधार पर बठक ई और अधयक न मामल को पर करन म मागरदशरन दया ी एलएस शकर राव कायारलय अधीकक न अनय सदसय ारा कए गए वतन ानयतन मामल क पयरवक और जाच क सामात ारा दए गए समय सीमा क अदर सभी मामल को पर कया गया और समय समय पर ानदशक को ासात स अवगत करवाया गया

7

ाशक कोसर

आ दश भ साानक आकड़ा कन स ानालाखत अाधकारय को भारतीय सवक ससान म ावाभ कोस म ाशक दलवाया गया

म स अाधकारी का नाम(ीीमती) कोसर सखया ावषय

1 मोअजीममीन 49521 सवक अाभयााषक का मल ासानत

2 एन अानल कमार कय 5 भाम सचना का अाभकलप एव कायारनवयन

3 मोहममद अली शख 40092(ए) सवक पयरवकक

4 एस राव 40092(ए) सवक पयरवकक

5 अामत समर 40092 सवक पयरवकक

6 एलवीएम नायड 40092(बी) सवक पयरवकक

7 वी गोपाल राव 40092(बी) सवक पयरवकक

8 बी गोपाल राव 40092(बी) सवक पयरवकक

9 पी रावकर ातकोर भ-साानक ावजान

10 कोा ीानवास ातकोर भ-साानक ावजान

1 कनरल एस ीधर राव ानदशक न बगल ासत दाकी कष कायारलय म 21012014 स 23012014

आइसीजड़एम परयोजना स सबाधत ानदशक क सममलन म ाहससा ालया

सममलन ाशक

2 कनरल एस ीधर राव ानदशक न नई दलली ासत सव (हवाई) एव दलली भ साानक आकड़ा कन ानदशालय म राीय शहरी सचना ाली (NUIS) स सबाधत पनरीक बठक म ाहससा ालया 3 ी कक गा अधीकक सवकक एनएसडीआई क ालए ओरकल सपाशयल का ाशक ा कया |

ाशकता

आ ावावालय इजीानयरग कॉलज(ए) ावशाखपनम क 12 ावाय को 12-05-2014 स 06-06-2014 तक ाजयोडसी अकय ोटोाामात सलाकात सदर सवदन तलक अकय मानाचष एव भौगोालक सचना पात आद ावषय पर जानकारी दी गयी

8

वषर 2013-14 क ालए मानदय स परसकत कमरचारय क सची

म स नाम ीीमती कमारी पदनाम 1 पी म कमार अाधकारी सवकक 2 पीककर अाधकारी सवकक 3 एलकरासी अाधकारी सवकक 4 ए भाचारजी अाधकारी सवकक 5 एन अानल कमार सवकक 6 ीनीवास राव यादागर सवकक

7 क ओमकार सवामी सवकक

8 सागरका पताल सवकक

9 एमएस आर मत सवकक

10 एस बी चधर राव सवकक

11 अशाख अहमद सवकक

12 डी वकटा ीहरी सवकक

13 डीआरएस स कमार सवकक सहायक 14 सी एच गडम मानाचषकार ड II 15 ावजय सनीता गोप मानाचषकार ड II 16 पीक ातभा सहायक 17 ज कनक लमी मानाचषकार ड III

18 शलबाला खडरी मानाचषकार ड III

19 ए शलश वर ी ालापक 20 एम बगारी नायड वर ी ालापक

21 चपाल वर ी ालापक

22 एमलम कमार वर ी ालापक

23 एन वलली कलयाी वर ी ालापक

24 बीनागरम अवर ी ालापक

25 पठान इमाम कासीम अवर ी ालापक

26 एमअपपल राज एम टी डी 27 सययद जहागीर अली एम टी डी

28 शयामल दास एम टी डी

9

म स नाम ीीमती कमारी पदनाम 29 सी नारायना खलासी 30 महन कमार खलासी 31 एमओबयया खलासी 32 सी वीचलमयया खलासी 33 कालर खलासी 34 जी जया खलासी 35 क अपपा राव खलासी 36 पी काशम खलासी 37 क ईरयया खलासी

पदोत कमरचारय क सची

म स नाम पदनाम पदोात क

ाता ाजस पद पर पदोत ए

1 डीरघ रामल मानाचषकार ाडावजन -I 11-10-2013 मखय मानाचषकार

2 मो अजीमीन सवकक 06122013 अाधकारी सवकक

3 एम परमर राव सहायक 29112013 कायारलय अधीकक

4 जीशीला रानी मानाचषकार ाडावजन -II 23062014 मानाचषकार ाडावजन ndashI

5 एम वासदव वर ी ालापक 06052014 सहायक

सायीकर ा कमरचारय क सची

म स नाम पदनाम सायीकर क ाता

1 एमावजय कमार पटल ाचषकार ड़ -III 01012013

2 आर ीनीवास राव अवर ी ालापक 01012013

10

म स नाम पदनाम सायीकर क ाता

3 पी ामालनद कमार खलासी 01012013

4 गनकली पदममा खलासी 01012013

5 वाइ मानीकयममा खलासी 01012014

6 बी सवामी( अनसाचत जन जाात) खलासी 01012014

7 बी शाता ( अनसाचत जन जाात) खलासी 01012014

11

सानातर पर तनात कमरचारय क सची

म स

नाम ी ीमती

पदनाम सानातर क ाता

सानातर

स को

1 डीरघ रामल

मानाचषकार 11102013 भौ सप एव स स ानदशालय

आ भसा आ क हदराबाद

2 मो अजीमीन सवकक 06112013

(पवारहन)

भारतीय ाशक एव मानाचष ससान हदराबाद

आ भसा आ क हदराबाद

3 सतयभामा नायक सापना एव लखा अाधकारी

10012014 (पवारहन)

पब एव ास भसा आ क कोलकाता

आ भसा आ क हदराबाद

4 एनबी सरी अधीकक सवकक 22012014 मएव गोवा ानदशालय पन

आ भसा आ क हदराबाद

5 एस महबब दादार 17022014

(अपराहन)

मएव गोवा ानदशालय हदराबाद सकनध

आ भसा आ क हदराबाद

6 टीकष कमार अाधकारी सवकक 19032014

(अपराहन)

भारतीय ाशक एव मानाचष ससान हदराबाद

आ भसा आ क हदराबाद

7 एसराव टीटीटी lsquoएrsquo 17042014 पवारहन

भारतीय ाशक एव मानाचष ससान हदराबाद

आ भसा आ क हदराबाद

8 अामत कमार टीटीटी lsquoएrsquo 06052014 पवारहन

भारतीय ाशक एव मानाचष ससान हदराबाद

आ भसा आ क हदराबाद

9 बीराजन बाब सहायक 09062014 पवारहन

दाकी म वगर आ भसा आ क हदराबाद

10 जी शीला रानी मानाचषकार ाड-I 23062014 पवारहन

भौ सप एव स स ानदशालय हदराबाद

आ भसा आ क हदराबाद

12

सानातरत कमरचारय क सची

म स

नाम ीीमती

कमारी पदनाम सानातर क

ाता सानातर

स को

1 बीसीसा अाधकारी सवकक 16082013

आ भसा आ क हदराबाद

भा स एव स हदराबाद

2 एमएम मोहानत

अाधकारी सवकक 26082013

आ भसा आ क हदराबाद

ओड़ीशा भसा आ क भवनर

3 पीयादयया सवकक 11122013

(अपराहन) आ भसा आ क हदराबाद

क भसा आ क बगल

4 सनीता कालरा आशालापक

28042014

(अपराहन) आ भसा आ क हदराबाद

ानदशक सवक (हवाई) दलली भसा आ क नई दलली

5 शभा वी नायर

कायारलय अधीकक

07052014

(अपराहन) आ भसा आ क हदराबाद

भा स एव स हदराबाद हदराबाद

6 कवी चारी सहायक 06062014

(अपराहन) आ भसा आ क हदराबाद

दाकी म वगर

13

सवा ानवसवाचछक सवा ानव ए कमरचारय क सची

म स नाम पदनाम सवा ानवा क ाता टपपी

1 पीडीकमार अाधकारी सवकक 30092013 सवा ानव

2 एस कासम दादार 30092013 सवा ानव

3 भलनराम खलासी 15102013 (पवारहन) सवाचछक सवा नव 4 जी लाजर पटल ाचषकार ड़- II 31102013 सवा ानव 5 बीसीलममा खलासी 31102013 सवा ानव 6 पीदवदास मानाचष मॉउटर 30112013 सवा ानव

7 तनगटला राधा कषा भडार सहायक 31122013 सवा ानव

8 टीवकटयया दादार 31122013 सवा ानव 9 जी चयया माली 31122013 सवा ानव

10 पीसीबोरोल अाधकारी सवकक 28022014 सवा ानव 11 डीरघ रामल मखय मानाचषकार 28022014 सवा ानव 12 बी नासरयया खलासी 28022014 सवा ानव 13 बी ीपाल दादार 31032014 सवा ानव

14 क दानम खलासी 30042014 सवा ानव

15 कषा सरकार अाभलखपाल ाडI 31052014 सवा ानव

16 कपललयया पटल ाचषकार ड़ II 31-05-2014 सवा ानव

17 सीकडयया जमादार 31052014 सवा ानव

18 एमवकटवरल दफतरी 30062014 सवा ानव

19 पीअजरना खलासी 30062014 सवा ानव

20 यावर बगम खलासी 30062014 सवा ानव

21 एमाचा वकटममा

दफतरी 30062014 सवा ानव

22 एनबी सरी अधीकक सवकक 31082014 सवा ानव

14

समात शष

एसपी ईरयया खलासी

जनम ाता 01-07-59 ावभाग म भत होन क ाता 01-03-1997 स ानयामत भत सवगरवास 22-4-2014 परवार इनक परवार म पी क अलावा दो ब ह इनक आकासमक ानधन पर आ दश भ साानक आकड़ा कन क कमरचारय को गहरा आघात पचा और सभी न इनक परवार क ात सवदना क एव इनक आतमा क शाात क ालए ईर स ारना करत ए दो ामनट का मौन रखा सव ी एसपा ईरयया ाजनक आ दश भ साानक आकड़ा कन म कायररत रहत ए अल 2014 म अकाल मतय हो गयी ी उनक परवार क ततकाल मदद क ालए पर आ दश भ साानक आकड़ा कन क परवार न 25600- का ततकाल सहयोग दया

15

भडार का ाप

म स सामी भडार 1 वाटर कलर 01

2 एल ईडी मॉनीटर 15

3 कमपयटर टबल 30

4 कमपयटर कस 30

5 पलाासटक कस 236

6 एचपीाडजाइन जट टी- 1300 टर 01 आइ सी जड एम क अतगरत

7 कलर क समाटर एलए जीएस टी 42- सकनर

01 आइ सी जड एम क अतगरत

8 यपीएस क ालए 12 वोलट क बटरी 60

9 5 कपी का य पी एस 02 डी ए डबलय वी आइ सी जड एम क अतगरत

10 डलल कमपयटर 10

11 लाइका अकय लवल (डी एनए-03) 02 आइ सी जड एम क अतगरत

12 लाइका जीएनएसएस (जीपीएस दोहरी बारबारता)

02 आइ सी जड एम क अतगरत

13 3 डी ावजन कट 23 (18 आ भ सा आ क हत )

14 समसग एलसी डी मॉानटर 02

15 एचपी सकनजट 200 फलटटड- सकनर 01

16 डाट मकस टर 03

16

अनपयोजय भडार का अनपयोगी घोाषत

म स सामी मलय 1 साइबग उपकर 364574-

2 नचर आइटम 218844-

3 ोटोामीतीय उपकर 9125746-

4 कमपयटर और परधीय 4027273-

5 उपकर ( गौ सवक उपकर) 706943-

तदनसार अनपयोजय भडार क अनपयोगी हत नीलामी या क शआत हो चक ह

17

वषर 2013-14 क ालए ानाध का आबटन य

शीषर सवीकत अनदान

(हजार म )

अातर ानाध क मागाा

(हजार म )

भाकमसव ारा काटी गई (हजार

म )

इस कायारलय

ारा अभयपर

अातम बजट अक (पय

म)

य (पय म)

31-3-2014 को शष रााश (पय म)

वतन 114400 0 1400 0 113000000 112999869 131 मजदरी 500 350 0 0 850000 845802 4198 ओ टी ए 0 0 0 0 0 0 0 ाचकतसीय 2840 0 0 750 2090000 2089187 813 डी टी ई 1240 0 0 0 1240000 1239231 769 ओ ई 1409 125 94 1440000 1397157 2843 आर आरटी

240 0 0 16 224000 223875 125

ओ ईए 2 2 0 0 4000 3750 250

एसampएम 310 0 0 310000 309712 288 पी सवा 280 0 0 129 151000 149810 1190 अनदान 0 0 0 20800 20775 25

18

मनोरजन कलब का वाषकोतसव ndash 2013

आ दश भ साानक आकड़ा क ानदशालय क मनोरजन कलब का वाषकोतसव दनाक 10-01-2014 को ातः काल 1000 बज स सममलन कक म आयोाजत कया गया ाजसम मखय अाता भारत क महासवकक डॉ सव र सबबा राव उपासत ावशष अाता क प म ी एसबी शमार उप महासवकक भारतीय सवक एव मानाचष ससान उपासत ानदशक महोदय कनरल ीधर राव न सवागत भाष दया और मनोरजन कलब क साचव ी डीआरएस सन कमार न वाषक रपोटर सतत क सासकातक कायरम ारा सभी का मनोरजन कया गया मखय अाता न अपन भाष म कहा क इस ानदशालय न ी कनरल ीधर राव क नततव म बत अाधक एव सतोषजनक प स गात क ह और इस बात का भी उललख कया क व जब इस ानदशालय क ानदशक तब व य सब कायर करना चाहत परत इनह मतर प दन म कनरल ीधर राव ानदशक महोदय क महतवपर भामका रही ह ततपात एक ीात- भोज का आयोजन कया ाजसम करीब 230 लोग न भाग ालया ाजसक सभी न भर-भर शसा क

मनोरजन कलब ारा आयोाजत कए गए खल

करम

टबल टनीस

शटल

शतरज शॉट- पट धीमी साइकलग

पष सगलस माहला सगलस पष डबलस माहला डबलस

पष सगलस पष डबलस

पष सगलस माहला सगलस पष डबलस माहला डबलस

पष पष पष

19

वषर 2013 क दौरान कनीय मनोरजन कलब सपोटरस स ा इस ानदशालय क ाता एव सममान

करम

खल म परसकार ातीय परसकार ततीय परसकार

पष सगलस पी रवी कानत चनपाल शशी करन एव एलए बग

माहला सगलस शभा वी नायर पीक ातभा शलजा एव मीना

पष डबलस सययद इदरस एव सवातरयया कवी चारी एव ओ वीन कमार

---------

माहला डबलस शभा वी नायर एव अनसया पीक ातभा एव शलबाला खडरी

टबल टनीस पष सगलस पी सतीश क वीचारी ओ वीन कमार

एव अशाख अहमद पष डबलस कवीचारी एव

डी रगा राव कक गा एव पी सतीश ----------

शटल पष सगलस पी सतीश एम वी ावजय कमार कवी चारी एव पी

यादयया माहला डबलस शभा वी नायर एम सबीता मीना एव राज़या

बगम पष डबलस पी सतीश एव

एम वासदव स कमार एव ओ वीन कमार

-----------

माहला डबलस एम सबीता एव राजया बगम

शभा वी नायर एव बी एस वी वरलमी

-----------

शतरज पष जगन एकर ------------

शॉट- पट पष बी नागरम चनपाल स कमार

20

धीमी साइकलग पष डी स कमार सययद इदरस सययद मोजज़म

उ नयायलय म लाबत नयायालक मामल

लाबत मामल 04 आ दश उ नयायालय

कस क सखया 11 कनीय शासानक अाधकर हदराबाद

समा कस क सखया 06 लाबत कस क सखया 05

पनवलोकन मामल

ानालाखत अाधकारयकमरचारय क पनवलोकन मामल का ानपटारा कया जा चका ह

म स प lsquoबीrsquo राजपाषत प lsquoबीrsquo अराजपाषत प lsquoसीrsquo (पवरवत प

1 एस बाब अाधकारी सव ज डी एबनजर मानाचषकार ाडाव I नरश

2 पीक लहा मानाचषकार ाडाव I गदो राम

3 शख मीरावली मानाचषकार ाडाव I एम गररयया

4 जी सीतारामम सव सहायक पी काशम

5 वाई सबबयया सव सहायक सतयममा

6 पीएस सामबाब सव सहायक वी कषयया

7 बी ओबशयया सव सहायक

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एम ए सी पी क मामल

ानालाखत अाधकारयकमरचारय क एमए सी पी मामल का ानपटारा कया जा चका ह

म स प lsquoबीrsquo अराजपाषत प lsquoसीrsquo (पवरवत प lsquoडीrsquo)

1 वी सयर भा मानाचषकार ाडाव I एल योहन

2 पीकलहा मानाचषकार ाडाव I सीनाराया

3 शख मीरावली मानाचषकार ाडाव I जजॉन

4 एम भवनरी मानाचषकार ाडाव I एस रामयया

5 बीएसवी वरलमी मानाचषकार ड़ II बी पललया

6 - पी काशम

7 - शख काासम पीरा

8 - एम लमी नाराया

9 - एम वकटरल

10 - जी जया

आ दश भ साानक आकड़ा कन क अाधकारय कमरचारय क ब ाजनहन शकाक ानपता दखाई ह

1 कमारी अनवषा कर सपषी डॉ पीक कर सी जी पी ए 9810 दसव कका क ीय ावालय हदराबाद

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तलग म ावव ी नकश ( ओएस एम) क तयारी (बीएचराव अधी सव जीव अाध सव एमराकश अाध सव एसपटा री मानाचषकार)

सतावना पवर म ावाभ नकश तलग म कााशत आ करत जस आ दश राजय नकशा (1999) भारत क राजनीातक नकश आद ऐस नकश अकराक ासटक-अप (lettering stickups) साहत साइबग क परमपरागत तकनीक का उपयोग कर कााशत होत तााप कोई भी सलाकातक नकश तलग म कााशत नह ए ह परत हाल ही म ावजान एव ौोागक ावभाग न ावव ी टोपो नकश ( ओएसएम) को कषीय भाषा म उपलबध करवान क ालए एक नीात को जारी कया ह ाजसक पराम सवप आ दश भ साानक आकड़ा क न राजय क राजधानी हदराबाद को दशारत ए एक शीट को योग क आधार पर अकय माधयम स तलग म करन का काम ालया ह

ॉनट क खोज म माइोसटशन साफटवर क अनक ल डीजीएन ामट म मल डाटा बस पहल स ही उपलबध ह मल-

पाठ को बठान क ालए माइोसटशन क अनक ल एक सावधाजनक तलग ॉनट क आवशयकता ह अनक ॉनट क जाच क गई परत कछ भी माइोसटशन क अनक ल नह पाया गया कयक तलग ालाप म बत सारी माषाए अगल स लगवाए जान क कार ldquoमाषाrdquo को लगाना एक कठन कायर सााबत आ तााप वब म बत छान-बीन करन क बाद ldquoटी टी एल हमलताrdquo ॉनट को खोजा गया और माइोसटशन परवश म मल पाठ को रखन म उपयोगी पाया गया

अनवाद

ावाभ व रनातमक अाभउाया ाचनह पाद- टपपाया आद का अजी स तलग म अनवाद हत सभी ापय साधन जस क इटरनट नट पर अनवाद शबदावली आद का आय ालया गया

माइोसटशन परवश म मल पाठ को बठान क ालए कायरावाध

ॉनट याान ldquoटी टी एल हमलताrdquo वााछत सान पर लोड कया गया तलग ालाप म बत सारी माषा क अतःसाापत होन क कार एक ावाशप शबद या अकर क ालए सही माषा क चयन हत अाधक सावधानी बरतना का सानात कया गया वााछत मल ndash पाठ को मइोसाफट वडर म टकत कया गया माइोसटशन वशरन 8 ाइल म अनोटशन टकसट एडीटर क माधयम स कापी और पसट कया गया उ

23

शीट क 22 टोपो स अनवादत अनोटशन को या सतयाापत कया गया अनोटशन को कनार म और उपरो शीट क नाम ाइल म रखा गया मामल ाजनको सलझाना ह -

1 ॉनट क आकार का मानककर 2 तलग ालाप म ावाभ व रनातमक अाभउया क सावधाजनक शबद का चयन 3 मल- पाठ को सगठत करना एक जटल कायर ह और समय लन वाली कायरावाध ह और पयार

माषा म षीय भाषा याान तलग क जान क जरत ह 4 जयादा सखया म सपादन मल-पाठ क सगठन क आवशयकता ह 5 तलगाना राजयतलग ावावालय क उ राजभाषा ावभाग स अनवादत ालाप को माीकर

करन क आवशयकता होगी समाा

सानीय ालाप (तलग) म ओ एस एम माक नकश क तयारी स अाधक सखया म लोग को सलाकातक नकश को आसानी स योग करन म सावधा होगी सलाकातक नकश म भाषा-ावषयक सबधी साचकारी पदार को जोड़न स ानयही भारतीय सवक ावभाग क उतपाद क चार को बढ़ावा ामलगा और बाजार म अपनी अहामयत बढ़ाएगा

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चनौती क ालए तयारी (रघना ाषपाठी अधीकक सवकक)

कसी भी ावभाग म नई चनौातय को सामना करन क ालए कमता ानमार क आवशयकता ह यद

यह नह कया जाए तो सताावत योजनाए ावल हो जाती ह कमता ानमार स पहल उसक लय एव उशय को परभााषत कया जाना आवशयक ह कयक इसक कायारनवयन क सतर म योजना और ानषपादन म का अतर हो सकता ह कमता ानमार क अनय मानक क अतगरत अनवत सावधा क रखरखाव और सभाावत ावकास भी शाामल ह कमता ानमार क कसी भी यास म ातभा क खोज को ही पहल कदम क प म ालया जाना चााहए भारतीय सवक ावभाग म सही कमता ानमार क बाद ही 110000 क पमान का सवक करन और मानाचष ाा सभव हो पाएगा आधानक अाध ौोागक म कमय क ाशक पयार नह ह लकन यह दखना ह क जो माग और सवक और मानाचष क आपत क खला स सक ातत ह जनता क ालए उपयोागता बढ़ा रही ह श म हालाक बाधाए आना बाधय ह हम यह कायर श करना और पराम क तीका करनी ह इस यास म खल अाधकार कष क ावशषज को ानयामत प स परामशर कया जाना चााहए सवक और नकश क उपयोगकतार क माग और एक बड़ परय क दाप स दखन क ालए यह महतवपर ह

यहा तक क उपयोगकतार क ालए भी ाडाजटल डटा का उपयोग सीामत ह भारतीय सवक ावभाग उपयोगकतार को ानयामत आधार पर सहायता और मलय सवधरन क ालए सलाह दकर नकश क कातज उपयोग तक का ावसतार कर सकता ह उस बात पर धयान दत ए भारतीय सवक ावभाग क सवा हत जी आई एस वजाानक को शाामल करन क आवशयकता ह यह महगा मामला होन पर भी वरीयता स भरी हम भावषय क चनौातय को परा करन क ालए तयार रहना चााहए कयक नकश क उपयोग स ावकास को तो होना ही ह

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नमक का महतव (कष कमार अाधकारी सवकक)

एक राजा क तीन बटया ी तीन बत ही सनदर सशील और ावशष ग वाली एक दन राजा न तीन राजकमारय को अलग-अलग स एक ही सवाल पछा ldquo बटी तम मझ कतना चाहती हो ldquo बड़ी राजकमारी न जवाब दया rdquo ापताजी म आपको सोन जस चाहती अारत सोन क आभष स मझ ाजतना पयार ह उतना ही पयार आप स ह ापताजी ldquo राजा बत सतप आ और दसरी राजकमारी स पछाrdquoबटी दीदी न तो जवाब द दया अब तम बताओ तम मझस कतना ह रखती हो दसरी राजकमारी बोली ldquo ापताजी म आपको हीर जसा चाहती अारत हीर क गहन स मझ ाजतना पयार ह उतनी ही पयार आप स ह ापताजी ldquo राजा तो ल न समाया सोचन लगा rdquo म बमतलब का सकोच कर रहा ा मरी बटया तो लगता ह मर बगर जी नह पाएगी ldquo अब तीसर स कया पछ र भी पछ लता र तीसरी बटी स पछाrdquo बटी तम मझ कतना चाहती हो तीसरी राजकमारी न जवाब दयाrdquo ापताजी म आपको नमक ाजतना चाहती जवाब सनत ही राजा आग-बबला हो उठा और बरी-भली सनाकर उसक कक स ानकल गया छोटी राजकमारी न कछ नह कहा बालक राजा क डाट सनकर चपचाप रह गयी रात ई राजा को सार महल क कायर ानपटान क बाद भख लगी खान क ालए उस हीर स ससात सोन क सहासन पर छोटी राजकमारी न बठाया र सोन क ाली म नाना कार क जन स य खाना परोसा और राजा को खाना श करन को कहा राजा न मह म खाना रखा तो महसस कया खाना का ह र हर जन को चखा तो पाया सब क ह र तो आग-बबला होकर अपनी रानी पर ाचललाया ldquo इस तरह क भल कस हो गयी हम कया समझ रखा ह जन दखाकर ललचाना और र खान नह दना यह बोलत ए रानी पर सोन क ाली ाजस पर जन परोस ए कन क ालए हा उठाया उठ ए हा को तीसरी राजकमारी न पकड़ ालया और पछा ldquoापताजीखाना तो बढ़या ह र कमी कया हrdquo राजा बोल ldquoनमक क ाबनाकोई खाना खाया जा सकता हrdquo राजकमारी बोली ldquoापताजीआपको तो नमक स नरत ह ना इसालए मन जन बनवात ए नमक नह डलवाया rdquo र तो राजा समझ गया क छोटी बटी न उनह सबक ासखान क ालए यह भोजन तयार करवाया ह र बोला ldquoबटी म समझ गया नमक क ाबना खाना जस सवादप नह उसी तरह तमहार पयार ाबना मरा वचरसव नह ldquo और राजकमारी को गल लगा ालया

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मायाजाल (एनबी सवामी अाधकारी सवकक)

इस जगत म कल 84 लाख जीव राशया ह और उनम मानव जनम सबस उम ह उम इसालए ह क भगवान न मानव का आधार इसालए दया ह ताक इस जनम अचछ कमर कर वह मोक क ाा कर सक मोक याान पनरजनम नह यद कमर बर ए तो र 84 लाख जीवरााशय म पदा होन क ालए वह आतमा कालच म दोबारा स जाती ह इस सपर कालच क याषा करत ए जब आतमा मानव क योान म वश करती ह तब वह भगवान स यही ारना करता रहता ह क ह भगवान मझ इस कद (याान मा का गभर) स जलदी मा दला द कयक म तमहारा धयान सही ढग स नह कर पा रहा कयक इस कद म अनक तरल पदा क सा-सा मल-मष म भी टहल रहा यह कसा नरक ह जहा आपन मझ सा रखा ह तब भगवान भी बोलत ह क ldquoत अभी बालक ाशश का प धार करन वाला ह तमन इतन वष यग म ाजतन पाप कय ह उन सबक यह चरम सीमा ह यह चरम सीमा बत ही पीड़ा दन वाली ह ाजस तमह जीतना ह लाघना ह इस चरम सीमा स मा होन क बाद तम कया करोग ldquo ाशश कहता ह ldquo भगवन आप जो कहग ldquo भगवन पछत ह कया तम अपना जीवन मरा धयान करत ए मर ालए समपर कर दोग ldquoाशश कहता हrdquo हा म समपर कर दगा आपक ालए ldquo भगवन भी जानत ह ाशश को नौ महीन गभर म रहना ही पड़गा तभी पर शरीर का ावकास होकर जब वह बाहर आएगा तो मरी सवा करगा उ नौ महीन तदनसार भगवन ाशश का वातारलाप नौ महीन चलता रहता ह ताक ाशश अपन चार ओर स मल क गध का धयान न द र जब वह बाहर ानकलता ह भगवान को धनयवाद करता ह और कहता ह ldquo म तमहारा बत ही आभारी भ अपन मझ मा दलाई अभी मझम वह ताकत नह क म तमहारा धयान करन क ासवा और कछ क मर माता ndashापता मझ सच कर जब अपन पर पर चलन क ताकत द दग तभी म तमहार ालए कछ कर पाऊगा ldquo भगवान कहत ह ldquo अर मखर त नह जानता यह जगत एक मायाजाल ह मझ पर ावास ह त मझ भल जायगा और र स कालच म पड़ जायगा ाशश कहता ह ldquo नह भगवान ऐसा नह ह भगवान मरा ावास करो म ातजा करता मरा जीवन आपक ालए ही समपर ह ldquo भगवान कहत ह ldquoदख लगा इस जगत क मायाजाल म त मरी कया का सवा करगा ldquo यह ाशश और भ का वाारलाप सनकर दवष नारद भगवान क पास पच पछन लग ldquo भ आप कस मायाजाल क बात कर रह ह ldquo भ बोल ldquo नारद म समसत जीव- रााशय का सवामी उनका कलया चाहता उनको सख भी और दख भी दता वह इसालए क मायाजाल क मोह एव अहकार म पड़कर खद को सपर मानन वाल ाी को दड न द तो र मरा समर कस करगा ldquo नारद बोल ldquo भ आपक वचन का मतलब कस

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दशा म जाता ह यह तो मझ नह पता एक तर कहत ह समसत जीवरााशय का कलया चाहता दसरी ओर कहत ह दड दता तीसरी ओर मायाजाल अर नाराय आप जब समसत जगत क सवामी ह सब आपक अधीन ही ह तो र मायाजाल शबद आपन जो योग कया ह वह आपक अधीन स बाहर कस हो गयाrdquo ानयष काजए जीवरााशया उसक चपट म नह आएगी र सब आपका गगान ही करग और सबको मोक क ाा होगी ldquo भगवान कहत ह ldquo ह दवष मर ालए समसत जीवराशी को परीका स गजरना पड़ता ह मानव जीवन ही उनम अातम परीका ह बस उसको लाघ ल म पनरजनम स मा दला दldquo नारद जी भगवान स तकर करन लग गय का दर बाद भगवान न कहा rdquo दवष आपस बहस और नह कर सकता आपस बहस कर मरा गला सख गया ह जरा एक छोट कलश या कमडल म पानी लकर आइय ताक म अपनी पयास बझा सक नारद को झटका लगा और पाताप करन लग ldquo बमतलब मन अनतरयामी स बहस कर उनको कप दया व समपर जानानद क सामन मरी हासयत कया ह पता नह आज मरी मात मारी गयी और म बमतलब बहस करन लगा भ को पयास लगी ह और वो भी मरी वजह स जलदी स उनक पयास म बझा द पानी क खोज म सार लोक का म करत ए नारदजी पथवी लोक म पच गए पथवी लोक पचकर पानी क खोज म एक कए क पास पच तो दखा क एक अतयनत सदर नारी कए स पानी ानकाल रही ह नारद न सोचा वह सनदर ी पानी भरकर चली जाए तो र म ोड़ा सा पानी भर ल नारद उस दख रह ी भी नारद जी को दख रही ी नारदजी न पछा rdquo दवी कया तम यह आसपास रहती हो ी न जवाब दया rdquo हा ldquo नारदजी र पछ rdquo दवी कया तमहारा ाववाह हो चका ह rdquo ी बोली ldquoनह ldquo नारदजी का ावचालत मन ल नह समाया और पछ ही ालया ldquo दवी यद तम अाववााहत हो और यद तमह कोई परशानी न हो तो कया तम मझस ाववाह करोगी ी सादाय औरत ी बोली ldquo मर ापता क आजा क ाबना म आपस ाववाह नह कर सकती ldquo नारदजी बोल ldquo दवी सशील नारी क यही ग होत ह यद तमह आपा न हो तो म तमहार सा चलकर तमहार माता-ापता स बात कगा और तमस ाववाह कगा ldquo यवती राजी ई और ासर एव कध म पानी स भर घड़ को ढोत ए आग चलती रही और नारदजी पीछ चलन लग सपर रासत म उस सनदर ी क ानहारत ए मन म सपन क पल बाध रह उस सनदर ी क ापता क पास जाकर अपना परचय दत ए उनक बटी स ाववाह करन का सताव रखा साकात नारद मान को अपना दामाद सवप दख उसी मतर म मगनी हो गई और एक शभ मर म ाववाह भी हो गया ाववाह क कछ दन क पात उनक ब हो गय ब बड़ भी हो गय र तो व अपन गहस आम म इतन सत हो गय क उनक मह स नाराय मष ानकलना भी बद हो गया कई वष बाद एक शाम को जोर क आधी क सा तानी बारश ई इस माहौल न इतना ावकराल प धार कर ालया ा क वातावर लय म बदल गया चार तर पानी भर गया बत सार लोग पश आद पानी म बह गय कनत कात क ावकराल प क सामन ठहरन का साहस कस ा दखत ही दखत उनका गह भी बाढ़ क चपट म आकर टट गया और पानी म बह गाया पी और ब डर स

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रोदन करन लग दखत-दखत कान पष क अलावा पी और बाक ब भी पानी म बह गए र तो नारदजी स सोचा इस कान को म कध पर ालए चलता ताक वह तो बढ़ाप म मरा सहारा बनगा कनत लय क तीता इतनी तज ी क नारदजी क नाक क ऊपर स पानी बहन लगा र तो व खद भी भल गय क बट को बचाना ह सोचन लग म कसी तरह जीावत बच जाऊ उसी सोच न उनक कान पष को भी नह बखशा कसी तरह कछ समय उपरानत लय शानत आ पानी घट गया चार तरक मनषयपश - पकी आद क लाश टट ए रासत और घर क बीच पड़ी ई ी नारद मान को बहद दख आ और ठठोर कर रोन लग गय रोत-रोत व खद क बार म सोचन लग क भगवान न उनक सा ऐसा अनयाय कय कया काश व भी मर जात तो अचछा होता तभी उस राह स ास महष गजरत ए नारदमान स परामशर करन लग नारदजी कहन लग ldquo पता नह मन कौन सा पाप कया ह क मर पर परवार का सवरनाश हो गया ह मझ कय मतय नह आई इस पर ासजी न कहा शायद तमहारा समय नह आया ह इसालय तम बच गय हो हालाक ास जानत क नारद मायाजाल म सा आ ह ldquo र इसका ानरय कौन करता ह ldquo नारद न ासजी स पछा ासजी न उर दया ldquoयह तो मतयलोक क अाधपात यमराज ही इसका उर दगrdquo र व दोन ामलकर यमराज क पास गय यमराज न आन का कार पछा तो ासजी न नारद मान क सारी दख भरी गाा सनाई और पछा क ldquoमतय न इनका आलगन कय नह कयाldquo यमराज बोल rdquoम कोई नह मरा यमदत ही इसका उर द सकता ह कयक म यमदत क ारा कसी आतमा को लान क बाद ही उसक पाप-पणय का ाहसाब दख ानधाररत सजा का ऐलान करता यद यमदत आपको लकर मर पास नह आया तो इसम मरा कया दोष ह यमदत स पछ लldquo र ासजी न उनक यमदत स वही सवाल करन पर यमदत न कहा ldquo महामान म कस कसी क शरीर स आतमा को छीनकर ल आऊ म तो यमलोक का सवक माष ाचषग जब तक आजा नह दत तब तक म कोई कायरवाही नह कर सकता आप इस का उर ाचषगजी स पछ ल ldquo र ासजी न ाचषग स वही सवाल करन पर ाचषग न कहाrdquo महामान म तो यमदत को तभी आजा दता जब उस ाी का सारा लखा - जोखा समा हो जाता ह अभी माननीय नारद जी क मतय का समय आया नह ह अभी उनका कछ कया नह जा सकता ldquo ासजी न नारद स कहाrdquo दखो नारद अभी तमहारा समय आया नह ह तभी तम जीावत हो चलो चलत ह अब ापछली घटना को भल कर आग क सोचो ldquo बस इतना ही कहना ा क ाचषग न र ासजी को बलाकर कहा rdquo ह ऋाषवर इनक कणडली म यह ालखा ह क मतय तभी इनको गल लगा सकती ह जब य एक सा आपको मझ यमराज और उनका वाहन भस का एक सा दशरन करग चक इनक ारा यह कायर पर हो चका ह अत इनका जीवन पर हो गया ह ldquo बस इतना ही ा क नारद जी को आवाज आन लगी अर दवष दवष मझ कब स पयास लगी ई ी मरा गला सख गया ह कनत आपन मझ अब

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तक पानी नह दया कहा ह पानी ldquo य साकात नाराय क आवाज सन नारदजी को होश आया और भगवान क चर म पड़कर ागड़ागड़ान लग यह कहत ए क rdquo ह नाराय आपन मझ अचछा सबक ासखाया ह मन आपस बहस कया कर लीआपन मझ मायाजाल का साकातकार करवा दया कमा काजए म आपको पानी नह ापला सका मरी वजह स आपका गला खब सख गया होगा ldquo यह कहत ए उनक अधारा स नाराय क पाव धल गय और भगवान न कहाrdquo दवष आप चातत ना ह आपन अधारा स मर चर धोकर ानसवार सवा कर दी मरी पयास बझ गयी ह अब आप म ह ldquo र नारदजी खशी स नाराय-नाराय कहत ए ानकल गय

घाट का पतर

(बषव बहरा अाधकारी सवकक)

माता-ापता और जनम भाम को छोड़ कर हम सब बन गए ह घाट का पतर धनय ह वह महापष ाजसन हम साापत कया म उस महापष क ावषय म व रन नह कर सकता शायद म अात पाप क कार पतर बन गया लोकन म आशा करता क भावषय म मरा भागय बदल जाएगा चक म लोग क मन स सवा करता इसका ल हमको भगवान अवशय दग लोग का सवा करत ndashकरत मरा आकार भी बदल गया परनत सवा करत ndashकरत मरा नाम रोशन हो रहा ह बालक हम सता का अनभव हो रहा ह मर कमर क चलत मरा भागय बदल रहा ह म हमशा जलम रहता और पीठ पर ातदन मार झलत रहता शायद ही ऐसा पीड़ा इस ससार म कसी को ामलती होगी मरा सानानतर भी नह ह म कई महापष को दखता आया कतन महाराय न ा तयाग दय लकन तबस म यहा अकला पड़ा म हर मौसम क मार झल रहा ब-बढ़ क सवा करत-करत मन कछ पणय कमा ालए ह और आशा करता क मझ को भावषय म मानव जनम ामल सकता ह मानव जनम ामलन स म आपका भजन-करन कगा

ऐस दखतndashदखत कई यग क बाद हमको मानव जनम ा आ मानव जनम म अगर इस धराष म दखा क यहा ऊच-नीच जात-पात नीात-ानयम ावदन पाचार अनयाय ndashअतयाचार चमर-अचमर का ताडव नतय चल रहा ह दखकर मर मन म परवतरन आ गया क भ मझको मरा ापछला जनम वापस द दीाजए

पतर जनम म रह कर मरा कोई-कोई साी अचछ कमर क चलत मदर म सान ा कर ालया ह कोई-कोई तो ठाकर बन गय लोग-ातदन उनक पजा करत ह

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हम लोग म स कोई-कोई सामाजक कायर म सहयोग दान करत ह कोई गह-ानमार म सहयोग द रह ह तो कोई मदर-ानमार म सहयोग द रह ह कोई तो सीधा मत बन गय इसीालए उनक मन म घमणड आ गया अहलया न पतर होन क नात भगवान का दशरन पा ालया इसालए पतर जनम होन क चलत उनक मन म का अह भाव आ गया

हमार अनदर ावाभ प भी ह याः लोहा पतर चना पतर सगममरर काला पतर (नाइट सटोन) मलायम पतर (soft stone) इतयाद लोहा पतर जो दश क ानमार म काम आता ह चना पत जो ासमट ानमार क काम म आता ह सगममरर घर और मदर का शर (flooring) म काम आता ह काला पत घर का शर और आला बनान म काम आता ह मलायम पतर ाशलप कला क ावकास म योगदान दत ह पतर जनम होकर भी म का गवर महसस करता मरी भगवान स अानतम ावनती य ह क आप मझ अानतम समय म दशरन दन को कपा कर

न हमको पतर जनम चााहए न हमको मानव जनम चााहए हमको तो ास र इस भव सागर स पार होना चााहए

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जयादा लोभ न करना (पाडव कानटया सहायक सवकक)

मनषय भगवान क साप ह इसालए वह भगवान का अश ह जब तक वो मा क गभर म ा तक तक वह मोह-माया स वाचत ा एव हमशा भगवान क समीप ा लकन जब वो पथवी पर अवती र आ उसको मोह-माया न घर ालया पाच साल तक वो ईरीय सा म रहता ह इसालए कहा जाता ह क ldquoCHILD IS THE INCARNATION OF GODrdquo इसक बाद मोह-माया म आकषत हो कर ईरीय सा को भल जाता ह बचपन म वो बत आजा और मोह-माया राहत और चरषवान रहता ह जब समय बढ़ता जाता ह तब उसक समसत उम ग धवस होकर गलत मागर पर चला जाता ह

बचपन म ावा ाशका जवानी म ी दीका एव पारवारक ाचनता म म होकर वह समसत मौालक सा को खो दता ह सबा नप होकर सबा म आ जाता ह दव का नप होकर राकस वा जारवत होता ह एव परवारक जगल म सकर भगवान का नाम लना भल जाता ह अपना परवार का भर पोष क ालए कठन परम करता ह लकन उनका पट भरता नह ह ईर क सा को भल जाता ह और अनत म पशकतव को ा होता ह शरीर रोगसत हो जाता ह दाप शा की हो जाती ह चलन ndashरन म असमर रहता ह रात को नद नह आती ह र भी लोभ को छोड़ नह पाता ह अपन बीवी-ब ता परवार क बार म सदा सोचन लगता ह शरीर वावसा को ा होता ह परवार क कोई भी सदसय पछत नह ह

परवार क लोग उसको ढग स खाना भी नह दत ह उसको घर स दर रखत ह र भी यह अधम मनषय भगवान क बार म सोचता नह ह लोभ का अनत नह होता ह पाप का बोझ बढ़त जाता ह अनत म नरक को ा होता ह र भी मनषय भगवान को समझ नह पाता ह परवार क ालए इतना बड़ी ददरशा झलता ह उनको कोई भी नह पछता ह उसक ारा जमा क गई पजी को परवार वाल उनक सामन मौज करत ह

लोभ मनषय को अनधा बना दता ह आदमी क हतया करत ह लोभ क वशीभत होकर दसर क समपात को लटत ह ाजसस समाज म पाचार बढ़ता ह इसालए ह मानव तम कय लोभ करत हो लोभ नह करक भगवान का समर करो हर कतरन करो तप जप करो और सवगर क अाधकारी बनो उम कमर करक भगवान क शरागत हो जाओ भगवान तमहार समसत सख-दख का भार वाहन करग

सवरधमारनपरतयजय मामक शर ज अह तवा सवरपापभयो मोकायषयााम मा शच

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इसालए अचछा कमर करक पणय कमाना ह हमशा धमर क जय और पाप का कय होता ह धमर-कमर करक ावजय ा होगी लकन अधमर म जाकर नरक गामी नह होना

एकदा अनधा राजा धतरा सजय को पछा क ldquoह सजय इस धमर य म कसक जय होगी उर म सजय बोल क ldquoयष योगर कषो यष पा धनधरर तष ी ावजयो भात वा नीातमरातमरम ldquo अारत जहा योगर कष एव धनधाररी अजरन एक सा ह वहा ावजय ानात ह

इसालए दखा गया क हमशा धमर क जय और अधमर क पराजय होती ह धमर सवचछ ानमरल लकन अधमर कदाकार कात ह इसालए लोभ-लालच म वशीभत न होकर सत

कमर करो अनयाय का परतयाग करो लोभ मत करो जीवन म कप करक जो धन कमा ालया वो सब इस धरती म रह जाता ह अानतम क म सा कोई नह ल जाता इसालए अनधर म भटक नह जाना इसालए कहा गया ह क-अात लालच नह करना अात सवरष गहतम अारत अात सवरनाश का कार ह

अात दप हता लका

अात मानसय कौरवा अातदारन बाल वध अात सवरष गहतम

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टटा वक का अाभमान (चरदास नाराय गडम सवक सहायक)

वन म खड़ एक वक क सा ालपटी एक लता भी धीर-धीर वक क बराबर हो गई वक का आय

लकर उसन भी लना ndashलना आरभ कर दया बल को लत ndash लत दखकर वक को अहकार हो गया क म न होता तो लता अासततव हीन होती वह लता को धमकात ए बोला ओ बल चपचाप मरा कहना माना कर म जो कह रहा वह कया कर नह तो ध मार कर भगा दगा पड़ का लाप जारी ा क दो पाक वहा स ानकल एक बोला अर भाई जरा दखो तो यह वक कसा सदर ह इस पर कसी सदर लता पाषपत हो रही ह आओ इसक नीच ोड़ी दर ावाम कर अपना महतव लता क सा ह यह जानकर वक का अाभमान भी नप हो गया सा ndash सा रहन स ही सबक गात होती ह

बटी (डी राव बाब पटल ाचषक ड-II)

बटी घर क लाज होती ह पापा क सर का ताज होती ह दल क सदा स रही ह इचछा बटी तझको ह पाना आई हो मर जीवन म जस एक ननही कावता राह दखता म तरी जलदी स मर पास आना मा क गोद म सदा रहती हो कछ पल मर पास भी आना न चाहत ह अब धन दौलत क त ही लमी त ही मरी मत भी डर लगता ह सोचक जब एक दन छोड़ क जाएगी त कतना मझ लायगी त बटी होती ह बाबल क लाड़ली

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यह ाज़नदगी (सययद इदरीस पटल ाचषक ड ndashII)

बठ जाता ह ामी प अकसर कय क मझ अपनी औकात अचछी लगती ह

मन समनदर स सीखा ह जीन का सलीका चपचाप स बहना और अपनी मौज म रहना चाहता तो ह क य दानया बदल द पर दो व क रोटी क जगाड़ म सरत नह ामलती दोसत महगी स महगी घड़ी पहन कर दख ली व र भी मर ाहसाब स नह चलता य ही हम दल को सा रखा करत पता नह ा क कमत चहर क होती ह अगर खदा नह ह तो उसका ाज कय और अगर खदा ह तो र कय

lsquorsquoदो बात इसान को अपन स दर कर दती ह एक उसका ldquoअहम rdquo और दसरा उसका ldquo वहमrdquo पस स सख कभी खरीदा नह जाता और दख का कोई खरीदार नह होता मझ ाज़नदगी का इतना तजबार तो नह पर सना ह सादगी म लोग जीन नह दत मााचस क जरत यहा नह पड़ती यहा आदमी आदमी स जलता ह ाव क बड़ स बड़ वजाानक यह ढढ रह ह क मगल ह पर जीवन ह या नह पर आदमी यह नह ढढ रहा ह क जीवन म मगल ह या नह

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जीवन म न जान कौनसी बात ldquoआखरी rdquo होगी न जान कौन सी रात आखरी होगी ामलत जलत बात करत रहो यार एक दसर स न जान कौन सी ldquo मलाकात rdquo आखरी होगी अगर जदगी म कछ पाना ह तो तरीक बदलो इराद नह ऐ चाद त कस मज़हब का ह ईद भी तरी और करवाचौ भी तरा

उगालय क लड़ाई

(शख महबब पीरा पटल ाचषक)

एक दन हा क सभी उगालया आपस म लड़न लग अगठा बोला म सबस बड़ा सभी जगह जरी कागज पर मझस ही ानशान बनाया जाता ह तजरनी बोली-ldquoम बड़ी मर होन स ही सब लोग काम कर पात ह जस-ालखना खाना पकड़ना मधयमा बोली-ldquoअर भई कया तम नह जानत जो आकार म लबा होता ह उस ही सभी बड़ा कहत ह अनाामका सब बात चपचाप सन रही ी वह तरत बोली ndashldquo म सबस बड़ी म तो पजा करन क भी काम आती मर स ही रोलीातलक लगाया जाता ह कानाका सभी को लड़ता दखकर उदास ी वह चपचाप एक कोन म कछ सोच रही ी तभी अगठा व तीन उगालया उसक पास गई और बोली- ldquoअर छोटी तम तो बड़ी हो ही नह सकती कयक तमहारा नाम ही कानाका ह कानाका बोली ldquoसनो अगठ भाई और पयारी उगालय आपस म लड़कर कभी कसी का भला नह हो सकता हमम कोई भी बड़ा-छोटा नह ह हम सब ामलकर मी बन सकत ह तभी हम सब बलवान हग कया तमह नह मालम क बद मी म ही ताकत होती ह इसालए हमारा लड़ना बकार ह rdquo कानाका क बात सनकर सभी एक सा बोल- ldquoहा छोटी बहन तम ाबलकल सही कह रही हो सचमच अकल म तम ही हम सबस बड़ी हो rdquo

इस नीात का स एकता म बल क ाशका ा होती ह

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तलगाना- भारत का एक और नया राजय (शलबाला खडरी मानाचषकार)

तलगाना भारत क दाकी भाग म ासत भारत का 29 वा राजय ह कषल क दाप स यह दश का

बीसवा बड़ा राजय ह ाचीन हदराबाद रयासत का अाधकतम भाग तलगाना राजय म ालया गया ह जहा आजादी स पहल ानजाम का राजय ा सन 1947 म जब भारत अज क चगल स आजाद आ उसक बाद भी हदराबाद का ानजाम अपनी रयासत सय भारत म ावलीन करन क पक म नह ा वह अपनी रयासत पर अपना ही सवतष शासन चाहता ा अतत सरदार बललभ भाई पटल क अक यास स इस रयासत को भारत क मखय धारा म ावलीन कया जा सका इस कार आन दश राजय क सापना ई और 26 जनवरी 1950 को ी एमक वललोड़ी आन दश राजय क म मखयमषी ानय ए 1956 म हदराबाद रयासत को आन दश राजय म ावलीन कर दया गया

2 जन 2014 म पनः तलगाना राजय अासततव म आया आन दश राजय क उर पामी 10 ाजल को ामलाकर तलगाना राजय क सापना क गयी ह राजधानी हदराबाद भी तलगाना राजय म ासत ह परनत 10 वष तक हदराबाद दोन राजय याान आन दश और तलगाना राजय क सय राजधानी रहगी दोन राजय क शासानक कायर हदराबाद स सचाालत हग तलगाना शबद का ादभारव ाषलगा दश शबद स आ ह ाजसका अर ह तीन लगो वाला दश तलगाना राजय क तीन दशा म कालरम ीशलम और ाकारामम ास ाशव मानदर ासत ह ाजनक अपार धामक महा ह वासतव म पक तलगाना राजय क ालए 1946 स 1951 क बीच ही ारमभ हो गया ा उस समय कमयानसट पाट न इस आनदोलन का नततव कया ा जो असल रहा भाषा क आधार पर तलगाना और आन राजय को पक करन क ालए अनक आनदोलन समय-समय पर होत रह ह इनम मखय आनदोलन 19691972 और 2009 क ह इन आनदोलन का यह भाव आ क 9 दसमबर 2009 म भारत सरकार न पक तलगाना राजय बनान क कायरवाही श कर दी य घोषा सनत ही तटीय आन व सीमान कष क लोग न सम आन दश क पक म आामक आनदोलन ारमभ कर दया और ऐसी ासात म भारत सरकार न यह कायर 23 दसमबर 2009 तक सागत कर दया इसक पात भी लगातार पक तलगाना और सम आन दश क ालए अलग-अलग आनदोलन चलत रह पक तलगाना क पक म कई आतम - हतयाए ई हड़ताल क गयी ाजसस जन साधार को बत असावधा का सामना करना पड़ा अतत पक तलगाना समरक क जीत ई और कास कायरकारी सामात न सवर सहमात स 30 जलाई 2013 को पक तलगाना राजय क ासारश करत ए ाबल तयार कर दया अनक सोपान पार करत ए यह ाबल रवरी 2014 को ससद म पारत कया गया रवरी 2014 दश पनगठरन एकट क तहत यह ाबल ससद म पास हो गया इसक पात इस नय राजय तलगाना ाबल को रापात ारा सहमात ा ई और माचर 2014 क गजट म इस कााशत कया गया इस कार नय तलगाना राजय क सापना ई

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ाशासकय प स तलगाना राजय क सापना 2 जन 2014 को ई क चन शखर राव क पाट ldquoतलगाना रा सामातrdquo न चनाव म दश म बमत हाासल कया और इस कार ी कचन शखर राव तलगाना राजय क म मखय मषी चन गए

म महगाई (डॉ नीलम कमार ाबड़ला अाभलखपाल)

म महगाई महग दशभ लोग क आमष पर भारत आई तज गात लान गात म भारत आई मझ गलत मत समझो गरीब बत ठीक बमत दकर तमन ाजनको बत उठाया म तो उनह क तीक भौातक वादी यग म योग ासखाती म भख पट न सोए कोई कडालनी जगाती म धयान प म च मारकर मन जय ऊपर चढ़त-चढ़त र तक आ जाता ह भाव वसत क वस ही र तक ल आई

अब इस यग म एक तल क पीप को पा लन का अर को पा लना ह भ दशरन क झलक दखना एक टमाटर खा लना ह भारत का आदशर तयाग ह अनासा ह अपरह ह मझको पाकर लोग वसतए तयाग रह ह अपनी खद क कार छोड़ बस क पीछ भाग रह ह म लोग को तड़क भड़क स खच

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सादगी ासखाती टरीलीन क शौकन को ला पहनाती माया जीवन का बधन ह पया पसा मल हा का म वतन भोगी लोग क बधन दो दन म हर लती शी छड़ाकर मल हा का शीश सा ानमरल कर दती

नीात ालखन वाल न कम खाना या गम खाना अचछा बतलाया मन उनका कन ानभाया ाजतनी चीज महगी हगी उतना ही जन कम खाएग ाजस दन रोटी नह ामलगी उस दन खद ही कम खाएग

शकल पक क चाद सरीखी बढ़ती म खब चादनी लाऊगी अभी दज तक ही आई परमासी तक जाऊगी

करो कलपना जब भारत जन कतन सदर दखा करग ग चावल चना बाजरा जब पाड़य म ाबका करग बीमार को दध दहीघी क इजकशन लगा करग कसा मधर जागर होगा लोग भख स जगा करग

आतक हमला

(डॉ नीलम कमार ाबड़ला अाभलखपाल) 13 दसबर 2001 ससद प पाक आतक हमला 13 रवरी 2014 ससद म भारतीय आतक हमला

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शमरसार ई ससद पच ाड़ गए नयी तहजीब क झड गाड़ गए

उड़ाया गया काली ामचर का पाउडर सपीकर का नह सना आडरर आख जलन लग सास लन लगी ससद पर नगी तलवार झलन लगी

घायल आ जातष और सावधान मदर क पजारय न कया मदर का अपमान ऐस आतकय को सबक ासखाना होगा र नया इातहास बनाना होगा

बाल-म (वाइकराकश कमार खलासी)

बालपन क कलकारी धप क ताप स आ मक पोी छोड़ी कदाल खोदत हा क मार अचक कचड़ आधी म म करना आ मजबरी गरीबी क पराकाा पट और पीठ क घटती दरी कछ धनहीनता और कछ माता-ापता क मखरता कनत सबस जयादा सवा समाज क सवदनहीनता ाजसन बालक को ामक बनन को बाधय कया लखनी को छीनकर कोमल हा म छडी पकड़ायी

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गाय-बकरी क सवा करता बालय-जीवन कप अपन भावषय को दर करता अजान और अबझ ावोपाजरन क कसको ह सरत ासात तो ऐसी ई दो दान अ क ालय बालपन चोर बनन को आतर आ

दोसती

(ाचा कडयया खलासी)

गलाब एक ल ह

एक घनट म मरझा जाता ह पर दोसती एक शा ह कभी भी जीावत रहती ह

बर ठडी होती ह जो पकड़ म नह आती ह

दोसती सोन जसी ह जो कभी कोई नह खरीद सकत ह

तार क पाच अनत (END) ह चौकोन क चार अनत ह तीकोन क तीन अनत ह

एक रखा का एक अनत ह पर दोसती का कोई अनत नह ह

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मर जीवन का उशय (कमारी ाया सातव कका सपषी एम सबीता उाल)

कग नयज भारत का खतरा पाकसतान न कशमीर पर हमला कया ह कछ दन बाद helliphellip कग नयज पाकसतान क ाखला भारत क रका करत ए वीर सानक

का भारी नकसान इन खबर न भारत को ाहला दया ा म भी सोच म पड़ गयी क म भारत क ालए कया कर सकता भारत को इन हमल स कस बचा सकता मर मन म ास र एक ही खयाल आया क भारतीय सना का एक जवान ासपाही बन

जव मन यह बात अपन दोसत स कही तो उसन कहा क ासपाही बनना खतर स खाली नह ह और परवार स दर सरहद पर खतर स भर जीवन मर ालए कपद होगा लकन मन ठान ालया ा क म कछ ऐसा कगी क पर दश म मरा नाम हो ाजस दखकर मर अपन का ासर गवर स ऊचा हो जाए

मर ानय को सनकर मरी मा रोन लगी मझ लोभन दया क म ापार क मर दोसत न मझ डाकटर बनन का सझाव दया पर मन सोचा क भारत म कई डाकटर ह ापारी ह भारत को डाकटर या ापारी क नह बालक सानक क जरत ह

म भारत क ालए अपनी जान भी दन क ालए तयार मन सोचा सब अपन परवार को सराकत

रखना चाहत ह र भारत - भाम तो मरी मा ह मरी ही कय हर एक क मा ह तो हम सब का कतर बनता ह क हम इसक रका कर इसीालए मर जीवन का उशय ह क म एक ासपाही बन और भारत क सवा क

मखर ामष स समझदार शष अचछा होता ह (मासटर सनीत चौी कका सपष एम सबीता उाल)

एक दन म और मरा सबस अचछा ामष राव बठ यह सोच रह क हम परीका क ालए अभी स पढ़ाई श कर दनी चााहए या नह राव न तपाक स कहा क अभी स पढन स कोई लाभ नह होगा अगर हम परीका क एक दन पहल पढ़ग तो जयादा दमाग म रहगा तभी वहा स मरी कका का दसरा छाष रमश गजर रहा ा मझ रमश ाबलकल पसद नही ा और रमश भी मझ पसद नह करता ा बात-बात पर हम लड़ाई करत पर पढ़ाई म वह मझस बत अचछा ा उसन हमारी बात सन ली ी

42

इसालए धीर सवर म मझस बोला अपन मखर ामष क बात मत सनो बस रोज मरी तरह ोड़ा-ोड़ा पढ़ो लकन मन उसक बात पर कान नह धरा एक महीन बाद परीका क दन आ पच परीका क एक दन पहल जब मन पढ़ना श कया तब पाया क पढ़न को बत ा पर समय कम ा जस -तस पढ़ कर मन परीकाए ालखी और उममीद करता रहा क म परीका म उी र हो सक कछ दन बाद परीका का पराम ानकला और वही आ ाजसका डर ा म और ामष राव अनी र हो गए दसरी ओर रमश बत अचछ अको स उी र आ उस दन मझ समझ आ गया क मखर ामष स समझदार शष अचछा होता ह

भावषय क पढ़ाई (मासटर ाशव कलया सातव कका सपष वालल कलयाी उाल)

आज जब हम पढ़ाई या सकल क बार म सोचत ह तो नजरो म एक भारी बग उठाता आ

छाष दखता ह कताब क ाबना हम सकल जान क सोच भी नह सकत कताब क सा कपयटर भी पढ़ाई का महतवपर ाहससा बन चका ह

कछ साल बाद भारी कताब स भर बग क बदल छाष क हा म टबलट होगा आकाश टबलट एक ऐसा यष ह ाजसम हम तरह-तरह क कताब पढ़ सकत ह हम कका म ही नट स जानकारी पा सकत ह टबलट ोन स बड़ा ह और जयादा महगा भी नह हम इस कह भी ल जाकर इसम कताब पढ़ सकत ह हम इसम कका का दया गया कायर भी कर सकत ह यह टबलट पढ़ाई का अदाज बदल दगा और पढ़ाई को मजदार बना दगा

पानी और धप (कमारी एस साानया पाचवी कका सपषी राजया बगम अाल)

अभी-अभी ी धप बरसन लगा कहा स यह पानी कसन ोड़ बादल को क ह इतनी शतानी

सरज न कय बद कर ालया अपन घर का दरवाज़ा उसक मा न भी कया उसको बला ालया कहकर आजा

43

ज़ोर-ज़ोर स गरज़ रह ह बादल ह कसक काका कसको डाट रह ह कसन कहना नह सना मा का

परीका (कमारी शख राजया सलताना गयारहव कका सपषी शख महबब पीरा पटल ाचषक)

ाजस नाम को सनन स कापता ह बा वो ह परीका परीका पपर हा म आत ही इतना डर लगता क यद अचछा नह कया तो ापटना पा तीन घट म लगभग करन होत ह चालीस सवाल एक भी छटा तो घर म आता ह भवडर रजलट क एक दन पहल रात को नद नह आती ह अचछ नबर पान क ालए भगवान क याद आती ह पास होन पर ामलता ह इनाम और मख स ानकलता ह ldquoकय भगवान rdquo र आती ह अगली कका तब भी मख स ानकलता ह हाय र आ गयी र स परीका

44

राीय साकरता (मासटर शख समीर छठी कका सपष शख महबब पीरा पटल ाचषक)

ातदन सीखो अकर एक

ानयम बना लो ऐसा पढ़ो पढ़ाओ सीखो जान

तभी बनगा दश महान ावा सा जान कराती

मन का अधरा दर भगाती जहा पर बनत लोग जानी

वहा न होती मन क हाान अनपढ़ क ालए गगी पोी

धन दौलत भी होती ोी पढ़ा ालखा नह धोखा खाता

जहा भी जाता आदर पाता

मा (मासटर शख महबब बाशा आठव कका सपष शख महबब पीरा पटल ाचषक)

सबस सनदर जग म कौन बस एक त ह मा

सबस पयारी कसक मसकान बस एक तरी ही ह मा

कसन बनायी मरी पहचान तन ही तो मरी पयारी मा

कसक बोली ामी स मीठी तरी ही ह मरी मा

कसक डाट ह इमली स तीखी तरी ही तो पयारी मा

कसक ालए क म सब कबारन तर ालए मरी पयारी मा

45

ाततली (कमारी एम राशका ाशवानी पाचवी कका सपषी एम लम कमार उाल)

ाततली तम कतनी

रग-ाबरगी होती हो तम सब ल का रस पी-पीकर

बाग-बगीच म रती रहती हो तर पख कई रग क होत ह

तमहार प को दखकर ब बत खश होत ह

मरी कका

(कमारी एम राशका ाशवानी पाचवी कका सपषी एम लम कमार उाल)

मरी कका म ह पचास ब हर एक ह अलग-अलग जस एक ह लबा एक ह छोटा एक ह मोटा एक ह पतला कछ ह अचछ कछ ह बर पर लगत ह सार पयार मरी कका ह रग- ाबरगी लगती ह ाततालय का झड ह

मझ बत पसद ह कयक यह हमारी कका ह

Page 3: कलाकल - Home: Survey of · PDF fileतेलंगाना-भारत का एक ... भी यह पि का ‘कलाकल‘ सुनदर प म िनखर

म सखया िवषय रचनाए रचनाकार प

सखया 17 समित शष ------ 14

18 भडार का ापण ------ 15

19 अनपयोजय भडार का अनपयोगी घोिषत 16

20 वषर 2013-14 क िलए िनिध का आबन य 17

21 मनोरजन कलब का वाषकोतसव 18

22 उ नयायालय म लिबत मामल 20

23 पनवलोकन मामल 20

24 एम ए सी पी क मामल 21

25

आ दश भ सथािनक आकड़ा कन क अिधकारय कमरचारय क ब िजनहन शकिणक िनपणता दखाई ह

21

26 तलग म िवव णी नकश ( ओएस एम) क तयारी

बीएचराव जीवण एमराकश एसप ा रडी

22

27 चनौती क िलए तयारी रघनाथ िपाठी 24

28 नमक का महतव कषण कमार 25

29 मायाजाल एन बीसवामी 26

30 घा का पतथर बी बहरा 29

31 जयादा लोभ न करना पी किनया 31

32 ा वक का अिभमान चरणदास नारायण गड़ाम 33

33 बी डी रिव बाब 33

34 यह जदगी सययद इीस 34

35 उगिलय क लड़ाई शख महबब पीरा 35

36 तलगाना-भारत का एक और नया राजय

शलबाला खडरी 36

37 म महगाई डॉ नीलम कमार िबड़ला 37

म सखया िवषय रचनाए रचनाकार प

सखया 38 आतक हमला डॉ नीलम कमार िबड़ला 38

39 बाल-म वाइकराकश कमार 39

40 दोसती िचा कडयया 40

41 मर जीवन का उशय कमारी िया 41

42 मखर िम स समझदार श अिचा होता ह मासर सनीत 41

43 भिवषय क पढ़ाई मासर िशव कलयाण 42

44 पानी और धप कमारी एस सािनया 42

45 परीका कमारी शख रिजया सलताना 43

46 राीय साकरता मासर शख समीत 44

47 मा मासर शख महबब बाशा 44

48 िततली कमारी रिशका िशवानी 45

49 मरी कका कमारी रिशका िशवानी 45

OslashethethUumlAtildeethoacuteUacuteeth ccedilethatildeethdivideaacuteecircethAcirceth ograveatildeethOslashethethplusmneth SURVEY OF INDIA

iexclNtildeethUuml Ugraveethegraveethccedilethatildeethdivideaacuteecircethumlicirc umlicirceth umlicircethUacuteethethaacuteacircethUacuteeth ADDL SURVEYOR GENERALrsquoS OFFICE

CcedilograveecircethAcircethoacute ecircethdivideeumleth SOUTHERN ZONE umlicircethdivideUumlUgraveethuumlplusmnethacircetheth timesethdivideuumlplusmnethacircethotildeTHORNKORAMANGALA BANGALORE

सदश

कसी भी भाषा क िवकास क िलए उसका सथान जन-मानस म पलना परम आवशयक ह इस दशा म आन-दश भ सथािनक आकड़ा कन हर साल क भाित इस साल भी पिका ldquoकलाकलrsquo का काशन कर एक महतवपणर कदम उठा रहा ह राजभाषा योग को बढ़ान क दशा म यह अतयनत सराहनीय यास ह मझ िवास ह क पिका म कािशत सामी ससित होगी तथा इनस रचनाकार क ितभा को उजागर करन क साथ-साथ िहनदी म काम करन का वातारण तयार करन म भी मदद िमलगी

आशा करता क भिवषय म भी यह पिका lsquoकलाकलlsquo सनदर प म िनखर कर सामन आएगी और

राजभाषा िहनदी क चार व सार म सहायक िस होगी पिका स सबिधत तयक ि को पिका क काशन पर मरी हादक शभकामनाए

मजर जनरल एम मोहन

अपर महासवकक

भारतीय सवकण िवभाग

SURVEY OF INDIA िनदशक का कायारलय

OFFICE OF THE DIRECTOR आ दश भ सथािनक आकड़ा क

Andhra Pradesh Geo-Spatial Data Centre उपपल हदराबाद-500 039(त)

Uppal Hyderabad- 500 039(T)

िनदशक महोदय क कलम सhellip इस कायारलय म मर कायरकाल क दौरान यह गह पिका ldquoकलाकलrdquo का ितीय ससकरण ह थम ससकरण म आ दश भ सथािनक आकड़ा कन क ाय सभी अिधकारय एव कमरचारय क िहनदी म कायर ितभा को दखकर मझ काफ गवर महसस आ और एक िवचार मन म आया क यह जीडीसी भी lsquoकrsquo एव lsquoखrsquo क क तरह िहनदी म पाचार कय न कर इसस इस भसथाआकन म काम करन वाल को ोतसाहन भी िमलगा और साथ ही साथ राजभाषा चार-सार म गह मालय ारा जारी सवधािनक ावधान का सममान भी बढ़गा मरी इसी सोच को करन पर अिधकारय एव कमरचारय न काफ ोतसाहन दया और जहा तक हो सक िहनदी म कायर करन का परा आासन दया म काफ हषललास क साथ यह बताना चाहता क उनह क ोतसाहन न मझ एक अलग ldquo िहनदी एव कण अनभाग ldquo गठन करन का िनणरय लन का साहस दया और उस क बाद िजतना हो सक अिधकतम कोिशश जारी ह क िहनदी म ही पाचार हो पपिणया भी िहनदी म ही िलखी जाय िहनदीतर भाषा क म िहनदी का वातावरण बनान का य हमार सार अिधकारय कमरचारय को जाता ह उनह क भावना सोच का दपरण ही यह पिका ldquoकलाकलrdquo ह िजनह लख किवताए चकल कहानी तकनीक लख एव फलड़ कायर क समितया आद क माधयम स अलकत कया गया ह और हर रचनाकार मरी ओर स बधाई का पा ह आशा करता क यह कलाकल पिका िबना रोक-ोक क इसी गित स िनरतर आग बढ़ती रहगी और म अपन अतकरण स कहता -

ldquo ह कलाकल िचरजीवी भवrdquo

(कनरल एसीधर राव)

िनदशक

सपादक क कलम स ---------

ldquoकलाकलrdquo का नतन अक आपक कर कमल म सतत ह इस िनदशालय क िवकास परयोजना क याा क जानकारी एव िनदशालय क कमरचारय क रचनातमक कितय का सह सतत ह िजसक माधयम स िवभागीय गितिविधय का परचय िमलता ह साथ ही कमरचारय को अपनी रचना सािहितयक गण को उजागर करन का अवसर भी ा होता ह

िहनदी एक सम भाषा ह िजसको योग कर तकनीक जान को हम सवर साधारण तक पचा सकत ह इस महतवपणर कायर को िनरतर इस िनदशालय क गह पिका ldquoकलाकलrdquo भली - भाित कर रही ह ldquoकलाकलrdquo क इस अक म जान- िवजान क बत सी बात का समावश कमरचारय और उनक परवार क सदसय ारा कया गया ह हम आशा ह क पिका पाठक क कसौी पर खरी उतरगी तथा उनक िलए जान-वधरक िस होगी म राजभाषा अिधकारी अपन सहभािगय क ित आभारी िजनक अथक यास स पिका क काशन क या िनरतर जारी ह तथा िनदशालय राजभाषा िहनदी क चार-सार एव इसक गामी योग म िवकास क ओर तजी स असर ह पिका को अिधक रोचक एव जानवधरक बनान क िलए सभी पाठक क सझाव सादर आमित ह

शभकामना सिहत

कलयान कमार गा

अधीकक सवककराजभाषा अिधकारी

1

वषर क दौरान 2014-15 आ दश भ साानक आकड़ा क भारतीय सवक ावभाग न ानालाखत परयोजना को ालया ह

म सखया परयोजना अजत राजसव टपपी 1 आ दश ासको दाडगल

परयोजना 283000- अातर ावभागीय मागकतार स

रााश ा हो चका ह

2 इदरा सागर पोलावरम परयोजना

1675800- अातर ावभागीय मागकतार स रााश ा हो चका ह

3 बड़ामी मख नाली सवक

58700- अातर ावभागीय मागकतार स रााश ा होना बाक ह

4 गालार आराकत वन सीमा सवक

2210000- अातर ावभागीय मागकतार स रााश ा होना बाक ह

5 ADRIN उतपाद का जमीनी सतयापन

- ावभागीय

6 टर हदराबाद गाइड़ मप - ावभागीय

7 समाकालत तटीय कष बध परयोजना त(ICZM)

- ावभागीय

8 राीय शहरी सचना ाली - ावभागीय

9 आ दश कनारटक सीमा ाववाद - ावभागीय

इसक अलावा ासतमबर 2013 स अगसत 2014 तक आ दश भ साानक आकडा कन क मानाचष ावय कायारलय स ावाभ कार क मानाचष क ावय ारा ावभाग को 1336019- का राजसव ा आ

उपरो परयोजना का साराश ान कार स ाववरत ह -

1 आ दश ासको दाडगल परयोजना दाडगल ासत वायसना अकादमी क ानकट अारम ाम होत

ए ानकलन वाली आ दश ासको क 400 कलो वाट वाली यददमलारम ndash गजवल डी सी लाइन क

9 बज हत WGS-84 आधारत जी पी एस सानाक साहत दाडगल ासत वाय सना आकादमी क हवाई

पी क अधःसपशर बध (Touch down point ) पर आधार तल क ाहसाब स मीटर म सल ॐचाई समतल

का ावधान करना

2

बल जीपीएस 5700 एव अकय लवल ारा कातज एव ऊधवर ानयष का ावधान कया गया

सव का कल मलय 283000- ा एव मागकतार स प र भगतान ा कर ालया गया समय सीमा क अदर कल 10 जी पी एस बद 50 क मीक दोहरी ततीय ी तलक (DT Levelling) एव 15 कमी क

मालारख (Traversing) कायर प र कया गया

2 इदरा सागर पोलावरम परयोजना

आ दश क पाम गोदावरी ाजला पोलावरम मडल क रामययापट ाम क पास गोदावरी नदी पर सोची गयी बउशयीय बहत परयोजना ही इदरा सागर पोलावरम परयोजना ह जो पोलावरम परयोजना क नाम स बचचत ह ान उललाखत सान म कातज (डीजीपीएस क मदद स सानाक ानात करना)एव ऊधवर ( तल-ाचहन का सतयापन) ानयष का ावधान करन का मखय कायर ा

i सताावत 960 मगावाट जल ावत ाबजली घर क धरी ii ामी एव पतर स ानमत बाध iii उबड़- खाबड़ मागर

सव कायर( रक एव सवक ) का कल लागत मलय 1675800- ा और मागकतार स परी रााश ा कर ली गई एक अाधकारी सवकक दो सवकक एव छः खलाासय क टीम क तनाती क गई पर कायर हत 30 दन का समय दया गया और ानयत अवाध क अदर ही कायर सप कया गया कायर समाा हत कल 17 जीपीएस बद सान एव 200 रखीय क मी का दोहरी ततीय ी तलक (DT Levelling) का ावधान कया गया

3 बड़ामी मख नाली सवक

बड़ामी मख नाली सवक कषा ाजल क सचाई CADD ावभाग क ालए ह जो एानकपाड सघ राजय कष स पा औतपलली क सघ राजय तक क 25 कलो मीटर क लबाई क नाली क मापन क सवक क ालए ह सवक क ालए रक कायर परा हो गया ह सवक क ालए ानधाररत लागत Rs58700 - ह मागकतार स रााश ा करना अभी बाक ह

4गालार आराकत वन सीमा सवक

भागीय वन अाधकारी कोागडम खममम ाजल क माधयम स गालार आराकत वन सीमा सवक कायर माननीय उ नयायालय हदराबाद क आदश क अनसार आ दश भ साानक आकड़ा क को आवटत कया गया ह यह खममम ाजल म सतयापन क ालए ह जगल का कषल 500 वगर कलो मीटर ह और ाराभक रक परा कर ालया गया ह सवक कायर क अनमाानत लागत Rs22 10000 - ह मागकतार स रााश ा करना अभी बाक ह

3

5 ADRIN उतपाद का जमीनी सतयापन

भारत क महासवकक ारा यह परयोजना कायर आ दश भ साानक आकड़ा कन को सपा गया ा इस कायर का मखय उशय भ ानदश उतपाद स सदभत आकलन करना ह कल कषल 18225 वगर कलोमीटर ह रक एव सवक कायर पर करन क ालए तीन साह का समय दया गया ा और दो अाधकारय चार कमरचारय को तनात कया गया ा समय पवर ही कायर पर कर ालया गया जीपीएस ारा 51 जीसीपी बद सान का ावधान कया गया

6 टर हदराबाद गाइड़ मप

टर हदराबाद गाइड़ मप का कायर आठ खनड म पर कर ालया गया ह

7 समाकालत तटीय कष बध परयोजना (ICZM)

क ीय पयारवर एव वन मषालय क अतगरत समाकालत तटीय बध सामात (SICOM) ारा इस परयोजना को ालया गया ह परयोजना का उशय

डलटा कष को छोड़ 7 कमी क चौड़ाई क सा कनयाकमारी स बगलादश सीमा तक भारतीय तट रखा क पार म 2400 कमी क तय दरी का 110000 क पमान पर मानाचष बनाना पव तट क कल कष को र चार कष म कष ndash 567 एव 8 क नाम स ावभाजन कया गया अपन आ दश भ साानक आकड़ा क क कायर कष म कष 6 एव कष 7 पड़ता ह कष 6 म पड़न वाल

-

कष को 8 उप-खणड म एव कष 7 म पड़न वाल कष को 12 उप-खणड म पनः ावभााजत कया गया कल कायर को मससर ाजयोडीस आइआइसी टोलोाजस एव इनोासस को ठक पर दया गया

मससर ाजयोडीस का उतपादन कन हदराबाद ासत भारतीय सवक ावभाग क भारतीय सवक एव मानाचष ससान क भवन म ासत ह ाजसका उरदाायतव कष कष-6 एव 7 ह जो आ दश भ साानक आकड़ा क क कायर कष म ह

ठकदारी क शत क अनसार आ दश भ साानक आकड़ा क न ानयाषत सवक कायर सप र कर दया ह जस 10 स 50 क मी क दरी पर जी सी पी एव 1 स 3 क मी क दरी पर तल- ाचहन मससर ाजयोडीस क ावधान हत

अब तक कष 6 म 8 उप- खड म स 7 उप-खड म ासत और कष 7 म 12 उप- खड म स 11 उप-खड म ासत 10 स 50 क मी क दरी पर जी सी पी एव 1 स 3 क मी क दरी पर तल- ाचहन का व रन रखााचष एव समतलीय सानाक आ दश भ साानक आकड़ा क न सतत कर दया ह

चक दोन कष क कछ उप-खड म र सान पाया गया ह आ दश भ साानक आकड़ा क न मोगलत एव मछलीपनम उप-खड क र सान क पत हत पनःसवक कायर कर दया ह इस दौरान कल 181 कमी का दोहरी ततीय ी तलक (DT Levelling) करत ए 17 जी पीएस बद

4

सान का ावधान कया गया तााप र सान म पड़न वाल कष 6 क 3 उप- खड और कष 7 क 2 उप- खड का सवक कायर अपर महासवकक दाकी कष एव परयोजना ानदशक आइ सी जड़ एम स शासानक एव ावीय अनमात ा होन पर कर दया जाएगा

मससर ाजयोडीस न हवाई ाषकोीयकर हत नलल उप- खड का ानयष ावसतार करन क ालए लड सवक कायर समा कर दया ह इस ावसतत ानयष को आ दश भ साानक आकड़ा क ारा अनमोदत कया जाना ह

समसत उप-खड का हवाई ाषकोीयकर एव अकयकर क पात मससर ाजयोडीस आ दश भ साानक आकड़ा क को अनमोदन हत सारी अातम ााया सतत करगा

आ दश भ साानक आकड़ा क ारा अातम अनमोदन क पात 20 उप-खड म पड़न वाल सार नकश का म कया जाएगा यह या दसबर 2015 तक समा होना ह

8 राीय शहरी सचना ाली (NUIS)

राीय शहरी सचना ाली का मोचन क ीय शहरी ावकास मषालय ारा 152 शहर का 110000 क पमान पर उपह छाया ाचष ारा एव 12000 क पमान पर हवाई ाचष ारा दसव योजना क तहत भ साानक आकड़ का ावकास करन क सा ndash सा जीपीआर (Ground Penetrating Radar) क मदद स 22 शहर का 11000 क पमान पर दो उपयोग क समाधान हत जस जल आपत मल-ानयारस उपयोागता मानाचष हत कया गया राजय नोडल एजासय (SNAs) ारा शहरी मासटर पलान और उपयोागता पलान क तयारी हत इन नकश का उपयोग कया जाएगा

उपरो परयोजना क ालए आ दश भ साानक आकड़ क का उरदाायतव ानानसार ह- i एनआरएससी ारा 110000 पमान पर उतपादन कया गया नकश क सरका ानकासी ii अातम नकश क सशोधन और गवा जाच हत एन आर एससी क सा समनवय iii110000 क पमान पर तयार नकश को राजय नोडल एजासय (SNAs) को दय हत अनय भ

साानक आकड़ा क क सा समनवय

इस राीय शहरी सचना ाली परयोजना क अतगरत 20 राजय क 152 शहर का कायर ालया गया और 68 शहर क अातम ााया उ भ साानक आकड़ा क राजय नोडल एजासय (SNAs) को भज दया गया लहाल एबयट आकड़ा जोड़न हत अलग- अलग राजय क उ भ साानक आकड़ा क राजय नोडल एजासय (SNAs) स ा 15 शहर का एव एमओजीएसजीएस सशोधन करन हत 2 शहर का आकड़ा एनआरएससी क पास ह अलग- अलग राजय क 67 शहर क आकड़ एबयट सह हत उ भ साानक आकड़ा क राजय नोडल एजासय (SNAs) क पास ह

5

तााप आ दश भ साानक आकड़ा क न एनआरएससी एव अनय भ साानक आकड़ा क राजय नोडल एजासय (SNAs)स अचछ समनवय क सा अपना उरदाायतव भरपर ानभाया ह

9 आ दश कनारटक सीमा ाववाद

माननीय उतम नयायालय क ानदश क अनसार आ दश कनारटक राजय सीमा ाववाद को सलझान हत भारत क महासवकक न आ दश भ साानक आकड़ क को कायर आवटन कया इसका मखय उशय आ दश कनारटक राजय सीमा ाववाद को सलझान हत सीमा सतमभ का सापना करना ह तीन खड म रक एव सव कायर हत टीम क तनाती क गयी अब तक 172 जीपीएस ाबनद का पयरवक कया गया कायर अभी बाक ह

10 अनय ावावध कायर

उपरो परयोजना काय क अलावा इस भ साानक आकड़ा क न वषर 2014-15 क ालए ानालाखत काय क ाजममदारी ली ह

I 28 शीट क 150000 क पमान पर गवा ानयष

II 516 शीट क 125000 क पमान पर ओएसएम पानतर

III 150000 क पमान पर 354 शीट क वब चर सवा

IV हदराबाद कष म पड़न वाली 56 क 6 7 1011 डी एस एम शीट का अतन

V हदराबाद कष म पड़न वाली 56 क 6 7 1011 ओ एस एम शीट का अतन

VI 150000 क पमान पर तलग भाषा म चार शीट का मानाचष

VII तलगाना और आ दश राजय का नकशा 110 लाख क पमान पर तयार करना

ाहनदी एव टक अनभाग

22 मई 2014 को आ दश भ साानक आकड़ा क न एक नय अनभाग का गठन कया ाजसका नाम ldquoाहनदी एव टक अनभाग

rdquo रखा गया इसका मखय उशय यह ा क वाषक कायरम क अनसार इस ानदशालय स अाधकतम पषाचार हदी म ही करना इसक भारी इस आकड़ा क क राजभाषा अाधकारी ह एव इस अनभाग म एक अनभाग अाधकारी एक कान हदी अनवादक दो अवर ी ालापक क तनाती क गई ह ानदशक ारा अनमोदत मसौद को हदी म अनवाद कर इस ानदशालय स अनय ानदशालय कष एव महासवकक क कायारलय को पषाचार कया जाता ह lsquoगrsquo कष म हदी पषाचार का लय जो 55 ह उस ा करन हत यह ानदशालय अहम भामका ानभा रहा ह कोाशश जारी ह क वषर 2014-15 तक वाषक कायरम क अनसार यह ानदशालय अपन लय को ा कर लगा

6

सवक सहायक क वतन मान म पनरीक- माननीय नयायालायक आदश का कायारनवयन

अल 2013 म सवक सहायक क वतन मान म पनरीक का आदश ा आ सवक सहायक क हासयत स ाजनको ए सी पी ानयामत पदोात ामली उनक मामल को तरत ालया गया तााप एक सदह उठा क कया उ वतन-मान एमएसीपी ा सवक सहायक पर लाग कया जा सकता ह या नह और इस पर भारत क महासवकक स सपपीकर ा कया गया इसी बीच सवक सहायक क वतन मान क पनरीक क समाधान हत ानालाखत सदसय क सामात का गठन कया गया

1 ी कक गा अधीकक सवकक (अधयक) 2 ी एलएस शकर राव कायारलय अधीकक 3 ी एम यादी री सहायक 4 ीपी सतीश सहायक

इन मामल क ससाधन क ालए ानयामत आधार पर बठक आयोाजत क गई मामल ाजनक सपपीकर क जरत नह ी (लगभग 25 ) तरत ालय गय एव जलाई 2013 म कषीय वतन एव लखा कायारलय को सतत कय गय ाजनह उसी महीन म जाच तय कया गया

रवरी 2014 म सवक सहायक क वतन मान क पनरीक स सबाधत सपपीकर क ाा क बाद बाक क 45 मामल को (दोन पवर ndash 2006 एव उर - 2006 एसीपी) ानदश क अनसार मामल को 15-03-2014 तक तयार कया गया तााप ावीय वषर 2013-14 क अत म ानाध क उपलाबध न होन क कार इसको कषीय वतन एव लखा कायारलय को सतत नह कया जा सका

वषर 2014 -15 लखानदान क माधयम स ा ानाध स (12 सवा ानव मामल को जलाई 2014 म सतत कया गया और उसी महीन म तय कया गया) जलाई 2014 म ानयामत बजट क आबटन क बाद बाक क सभी मामल को अारत 10 (लगभग) अगसत 2014 म सतत कया गया और उसी महीन म तय कया गया आज क तारीख म सभी मामल को पर कर ालया गया और अनदश का अनपालन कया गया 70 मामल म स 22(लगभग) को आक लाभ ा आ और बाक (पवर -2006) मामल को साातक तौर पर वतन ानयतन कया गया अारत माननीय नयायाायक आदश क अनसार बकाया क आहर क ाबना

सामात क ानयामत आधार पर बठक ई और अधयक न मामल को पर करन म मागरदशरन दया ी एलएस शकर राव कायारलय अधीकक न अनय सदसय ारा कए गए वतन ानयतन मामल क पयरवक और जाच क सामात ारा दए गए समय सीमा क अदर सभी मामल को पर कया गया और समय समय पर ानदशक को ासात स अवगत करवाया गया

7

ाशक कोसर

आ दश भ साानक आकड़ा कन स ानालाखत अाधकारय को भारतीय सवक ससान म ावाभ कोस म ाशक दलवाया गया

म स अाधकारी का नाम(ीीमती) कोसर सखया ावषय

1 मोअजीममीन 49521 सवक अाभयााषक का मल ासानत

2 एन अानल कमार कय 5 भाम सचना का अाभकलप एव कायारनवयन

3 मोहममद अली शख 40092(ए) सवक पयरवकक

4 एस राव 40092(ए) सवक पयरवकक

5 अामत समर 40092 सवक पयरवकक

6 एलवीएम नायड 40092(बी) सवक पयरवकक

7 वी गोपाल राव 40092(बी) सवक पयरवकक

8 बी गोपाल राव 40092(बी) सवक पयरवकक

9 पी रावकर ातकोर भ-साानक ावजान

10 कोा ीानवास ातकोर भ-साानक ावजान

1 कनरल एस ीधर राव ानदशक न बगल ासत दाकी कष कायारलय म 21012014 स 23012014

आइसीजड़एम परयोजना स सबाधत ानदशक क सममलन म ाहससा ालया

सममलन ाशक

2 कनरल एस ीधर राव ानदशक न नई दलली ासत सव (हवाई) एव दलली भ साानक आकड़ा कन ानदशालय म राीय शहरी सचना ाली (NUIS) स सबाधत पनरीक बठक म ाहससा ालया 3 ी कक गा अधीकक सवकक एनएसडीआई क ालए ओरकल सपाशयल का ाशक ा कया |

ाशकता

आ ावावालय इजीानयरग कॉलज(ए) ावशाखपनम क 12 ावाय को 12-05-2014 स 06-06-2014 तक ाजयोडसी अकय ोटोाामात सलाकात सदर सवदन तलक अकय मानाचष एव भौगोालक सचना पात आद ावषय पर जानकारी दी गयी

8

वषर 2013-14 क ालए मानदय स परसकत कमरचारय क सची

म स नाम ीीमती कमारी पदनाम 1 पी म कमार अाधकारी सवकक 2 पीककर अाधकारी सवकक 3 एलकरासी अाधकारी सवकक 4 ए भाचारजी अाधकारी सवकक 5 एन अानल कमार सवकक 6 ीनीवास राव यादागर सवकक

7 क ओमकार सवामी सवकक

8 सागरका पताल सवकक

9 एमएस आर मत सवकक

10 एस बी चधर राव सवकक

11 अशाख अहमद सवकक

12 डी वकटा ीहरी सवकक

13 डीआरएस स कमार सवकक सहायक 14 सी एच गडम मानाचषकार ड II 15 ावजय सनीता गोप मानाचषकार ड II 16 पीक ातभा सहायक 17 ज कनक लमी मानाचषकार ड III

18 शलबाला खडरी मानाचषकार ड III

19 ए शलश वर ी ालापक 20 एम बगारी नायड वर ी ालापक

21 चपाल वर ी ालापक

22 एमलम कमार वर ी ालापक

23 एन वलली कलयाी वर ी ालापक

24 बीनागरम अवर ी ालापक

25 पठान इमाम कासीम अवर ी ालापक

26 एमअपपल राज एम टी डी 27 सययद जहागीर अली एम टी डी

28 शयामल दास एम टी डी

9

म स नाम ीीमती कमारी पदनाम 29 सी नारायना खलासी 30 महन कमार खलासी 31 एमओबयया खलासी 32 सी वीचलमयया खलासी 33 कालर खलासी 34 जी जया खलासी 35 क अपपा राव खलासी 36 पी काशम खलासी 37 क ईरयया खलासी

पदोत कमरचारय क सची

म स नाम पदनाम पदोात क

ाता ाजस पद पर पदोत ए

1 डीरघ रामल मानाचषकार ाडावजन -I 11-10-2013 मखय मानाचषकार

2 मो अजीमीन सवकक 06122013 अाधकारी सवकक

3 एम परमर राव सहायक 29112013 कायारलय अधीकक

4 जीशीला रानी मानाचषकार ाडावजन -II 23062014 मानाचषकार ाडावजन ndashI

5 एम वासदव वर ी ालापक 06052014 सहायक

सायीकर ा कमरचारय क सची

म स नाम पदनाम सायीकर क ाता

1 एमावजय कमार पटल ाचषकार ड़ -III 01012013

2 आर ीनीवास राव अवर ी ालापक 01012013

10

म स नाम पदनाम सायीकर क ाता

3 पी ामालनद कमार खलासी 01012013

4 गनकली पदममा खलासी 01012013

5 वाइ मानीकयममा खलासी 01012014

6 बी सवामी( अनसाचत जन जाात) खलासी 01012014

7 बी शाता ( अनसाचत जन जाात) खलासी 01012014

11

सानातर पर तनात कमरचारय क सची

म स

नाम ी ीमती

पदनाम सानातर क ाता

सानातर

स को

1 डीरघ रामल

मानाचषकार 11102013 भौ सप एव स स ानदशालय

आ भसा आ क हदराबाद

2 मो अजीमीन सवकक 06112013

(पवारहन)

भारतीय ाशक एव मानाचष ससान हदराबाद

आ भसा आ क हदराबाद

3 सतयभामा नायक सापना एव लखा अाधकारी

10012014 (पवारहन)

पब एव ास भसा आ क कोलकाता

आ भसा आ क हदराबाद

4 एनबी सरी अधीकक सवकक 22012014 मएव गोवा ानदशालय पन

आ भसा आ क हदराबाद

5 एस महबब दादार 17022014

(अपराहन)

मएव गोवा ानदशालय हदराबाद सकनध

आ भसा आ क हदराबाद

6 टीकष कमार अाधकारी सवकक 19032014

(अपराहन)

भारतीय ाशक एव मानाचष ससान हदराबाद

आ भसा आ क हदराबाद

7 एसराव टीटीटी lsquoएrsquo 17042014 पवारहन

भारतीय ाशक एव मानाचष ससान हदराबाद

आ भसा आ क हदराबाद

8 अामत कमार टीटीटी lsquoएrsquo 06052014 पवारहन

भारतीय ाशक एव मानाचष ससान हदराबाद

आ भसा आ क हदराबाद

9 बीराजन बाब सहायक 09062014 पवारहन

दाकी म वगर आ भसा आ क हदराबाद

10 जी शीला रानी मानाचषकार ाड-I 23062014 पवारहन

भौ सप एव स स ानदशालय हदराबाद

आ भसा आ क हदराबाद

12

सानातरत कमरचारय क सची

म स

नाम ीीमती

कमारी पदनाम सानातर क

ाता सानातर

स को

1 बीसीसा अाधकारी सवकक 16082013

आ भसा आ क हदराबाद

भा स एव स हदराबाद

2 एमएम मोहानत

अाधकारी सवकक 26082013

आ भसा आ क हदराबाद

ओड़ीशा भसा आ क भवनर

3 पीयादयया सवकक 11122013

(अपराहन) आ भसा आ क हदराबाद

क भसा आ क बगल

4 सनीता कालरा आशालापक

28042014

(अपराहन) आ भसा आ क हदराबाद

ानदशक सवक (हवाई) दलली भसा आ क नई दलली

5 शभा वी नायर

कायारलय अधीकक

07052014

(अपराहन) आ भसा आ क हदराबाद

भा स एव स हदराबाद हदराबाद

6 कवी चारी सहायक 06062014

(अपराहन) आ भसा आ क हदराबाद

दाकी म वगर

13

सवा ानवसवाचछक सवा ानव ए कमरचारय क सची

म स नाम पदनाम सवा ानवा क ाता टपपी

1 पीडीकमार अाधकारी सवकक 30092013 सवा ानव

2 एस कासम दादार 30092013 सवा ानव

3 भलनराम खलासी 15102013 (पवारहन) सवाचछक सवा नव 4 जी लाजर पटल ाचषकार ड़- II 31102013 सवा ानव 5 बीसीलममा खलासी 31102013 सवा ानव 6 पीदवदास मानाचष मॉउटर 30112013 सवा ानव

7 तनगटला राधा कषा भडार सहायक 31122013 सवा ानव

8 टीवकटयया दादार 31122013 सवा ानव 9 जी चयया माली 31122013 सवा ानव

10 पीसीबोरोल अाधकारी सवकक 28022014 सवा ानव 11 डीरघ रामल मखय मानाचषकार 28022014 सवा ानव 12 बी नासरयया खलासी 28022014 सवा ानव 13 बी ीपाल दादार 31032014 सवा ानव

14 क दानम खलासी 30042014 सवा ानव

15 कषा सरकार अाभलखपाल ाडI 31052014 सवा ानव

16 कपललयया पटल ाचषकार ड़ II 31-05-2014 सवा ानव

17 सीकडयया जमादार 31052014 सवा ानव

18 एमवकटवरल दफतरी 30062014 सवा ानव

19 पीअजरना खलासी 30062014 सवा ानव

20 यावर बगम खलासी 30062014 सवा ानव

21 एमाचा वकटममा

दफतरी 30062014 सवा ानव

22 एनबी सरी अधीकक सवकक 31082014 सवा ानव

14

समात शष

एसपी ईरयया खलासी

जनम ाता 01-07-59 ावभाग म भत होन क ाता 01-03-1997 स ानयामत भत सवगरवास 22-4-2014 परवार इनक परवार म पी क अलावा दो ब ह इनक आकासमक ानधन पर आ दश भ साानक आकड़ा कन क कमरचारय को गहरा आघात पचा और सभी न इनक परवार क ात सवदना क एव इनक आतमा क शाात क ालए ईर स ारना करत ए दो ामनट का मौन रखा सव ी एसपा ईरयया ाजनक आ दश भ साानक आकड़ा कन म कायररत रहत ए अल 2014 म अकाल मतय हो गयी ी उनक परवार क ततकाल मदद क ालए पर आ दश भ साानक आकड़ा कन क परवार न 25600- का ततकाल सहयोग दया

15

भडार का ाप

म स सामी भडार 1 वाटर कलर 01

2 एल ईडी मॉनीटर 15

3 कमपयटर टबल 30

4 कमपयटर कस 30

5 पलाासटक कस 236

6 एचपीाडजाइन जट टी- 1300 टर 01 आइ सी जड एम क अतगरत

7 कलर क समाटर एलए जीएस टी 42- सकनर

01 आइ सी जड एम क अतगरत

8 यपीएस क ालए 12 वोलट क बटरी 60

9 5 कपी का य पी एस 02 डी ए डबलय वी आइ सी जड एम क अतगरत

10 डलल कमपयटर 10

11 लाइका अकय लवल (डी एनए-03) 02 आइ सी जड एम क अतगरत

12 लाइका जीएनएसएस (जीपीएस दोहरी बारबारता)

02 आइ सी जड एम क अतगरत

13 3 डी ावजन कट 23 (18 आ भ सा आ क हत )

14 समसग एलसी डी मॉानटर 02

15 एचपी सकनजट 200 फलटटड- सकनर 01

16 डाट मकस टर 03

16

अनपयोजय भडार का अनपयोगी घोाषत

म स सामी मलय 1 साइबग उपकर 364574-

2 नचर आइटम 218844-

3 ोटोामीतीय उपकर 9125746-

4 कमपयटर और परधीय 4027273-

5 उपकर ( गौ सवक उपकर) 706943-

तदनसार अनपयोजय भडार क अनपयोगी हत नीलामी या क शआत हो चक ह

17

वषर 2013-14 क ालए ानाध का आबटन य

शीषर सवीकत अनदान

(हजार म )

अातर ानाध क मागाा

(हजार म )

भाकमसव ारा काटी गई (हजार

म )

इस कायारलय

ारा अभयपर

अातम बजट अक (पय

म)

य (पय म)

31-3-2014 को शष रााश (पय म)

वतन 114400 0 1400 0 113000000 112999869 131 मजदरी 500 350 0 0 850000 845802 4198 ओ टी ए 0 0 0 0 0 0 0 ाचकतसीय 2840 0 0 750 2090000 2089187 813 डी टी ई 1240 0 0 0 1240000 1239231 769 ओ ई 1409 125 94 1440000 1397157 2843 आर आरटी

240 0 0 16 224000 223875 125

ओ ईए 2 2 0 0 4000 3750 250

एसampएम 310 0 0 310000 309712 288 पी सवा 280 0 0 129 151000 149810 1190 अनदान 0 0 0 20800 20775 25

18

मनोरजन कलब का वाषकोतसव ndash 2013

आ दश भ साानक आकड़ा क ानदशालय क मनोरजन कलब का वाषकोतसव दनाक 10-01-2014 को ातः काल 1000 बज स सममलन कक म आयोाजत कया गया ाजसम मखय अाता भारत क महासवकक डॉ सव र सबबा राव उपासत ावशष अाता क प म ी एसबी शमार उप महासवकक भारतीय सवक एव मानाचष ससान उपासत ानदशक महोदय कनरल ीधर राव न सवागत भाष दया और मनोरजन कलब क साचव ी डीआरएस सन कमार न वाषक रपोटर सतत क सासकातक कायरम ारा सभी का मनोरजन कया गया मखय अाता न अपन भाष म कहा क इस ानदशालय न ी कनरल ीधर राव क नततव म बत अाधक एव सतोषजनक प स गात क ह और इस बात का भी उललख कया क व जब इस ानदशालय क ानदशक तब व य सब कायर करना चाहत परत इनह मतर प दन म कनरल ीधर राव ानदशक महोदय क महतवपर भामका रही ह ततपात एक ीात- भोज का आयोजन कया ाजसम करीब 230 लोग न भाग ालया ाजसक सभी न भर-भर शसा क

मनोरजन कलब ारा आयोाजत कए गए खल

करम

टबल टनीस

शटल

शतरज शॉट- पट धीमी साइकलग

पष सगलस माहला सगलस पष डबलस माहला डबलस

पष सगलस पष डबलस

पष सगलस माहला सगलस पष डबलस माहला डबलस

पष पष पष

19

वषर 2013 क दौरान कनीय मनोरजन कलब सपोटरस स ा इस ानदशालय क ाता एव सममान

करम

खल म परसकार ातीय परसकार ततीय परसकार

पष सगलस पी रवी कानत चनपाल शशी करन एव एलए बग

माहला सगलस शभा वी नायर पीक ातभा शलजा एव मीना

पष डबलस सययद इदरस एव सवातरयया कवी चारी एव ओ वीन कमार

---------

माहला डबलस शभा वी नायर एव अनसया पीक ातभा एव शलबाला खडरी

टबल टनीस पष सगलस पी सतीश क वीचारी ओ वीन कमार

एव अशाख अहमद पष डबलस कवीचारी एव

डी रगा राव कक गा एव पी सतीश ----------

शटल पष सगलस पी सतीश एम वी ावजय कमार कवी चारी एव पी

यादयया माहला डबलस शभा वी नायर एम सबीता मीना एव राज़या

बगम पष डबलस पी सतीश एव

एम वासदव स कमार एव ओ वीन कमार

-----------

माहला डबलस एम सबीता एव राजया बगम

शभा वी नायर एव बी एस वी वरलमी

-----------

शतरज पष जगन एकर ------------

शॉट- पट पष बी नागरम चनपाल स कमार

20

धीमी साइकलग पष डी स कमार सययद इदरस सययद मोजज़म

उ नयायलय म लाबत नयायालक मामल

लाबत मामल 04 आ दश उ नयायालय

कस क सखया 11 कनीय शासानक अाधकर हदराबाद

समा कस क सखया 06 लाबत कस क सखया 05

पनवलोकन मामल

ानालाखत अाधकारयकमरचारय क पनवलोकन मामल का ानपटारा कया जा चका ह

म स प lsquoबीrsquo राजपाषत प lsquoबीrsquo अराजपाषत प lsquoसीrsquo (पवरवत प

1 एस बाब अाधकारी सव ज डी एबनजर मानाचषकार ाडाव I नरश

2 पीक लहा मानाचषकार ाडाव I गदो राम

3 शख मीरावली मानाचषकार ाडाव I एम गररयया

4 जी सीतारामम सव सहायक पी काशम

5 वाई सबबयया सव सहायक सतयममा

6 पीएस सामबाब सव सहायक वी कषयया

7 बी ओबशयया सव सहायक

21

एम ए सी पी क मामल

ानालाखत अाधकारयकमरचारय क एमए सी पी मामल का ानपटारा कया जा चका ह

म स प lsquoबीrsquo अराजपाषत प lsquoसीrsquo (पवरवत प lsquoडीrsquo)

1 वी सयर भा मानाचषकार ाडाव I एल योहन

2 पीकलहा मानाचषकार ाडाव I सीनाराया

3 शख मीरावली मानाचषकार ाडाव I जजॉन

4 एम भवनरी मानाचषकार ाडाव I एस रामयया

5 बीएसवी वरलमी मानाचषकार ड़ II बी पललया

6 - पी काशम

7 - शख काासम पीरा

8 - एम लमी नाराया

9 - एम वकटरल

10 - जी जया

आ दश भ साानक आकड़ा कन क अाधकारय कमरचारय क ब ाजनहन शकाक ानपता दखाई ह

1 कमारी अनवषा कर सपषी डॉ पीक कर सी जी पी ए 9810 दसव कका क ीय ावालय हदराबाद

22

तलग म ावव ी नकश ( ओएस एम) क तयारी (बीएचराव अधी सव जीव अाध सव एमराकश अाध सव एसपटा री मानाचषकार)

सतावना पवर म ावाभ नकश तलग म कााशत आ करत जस आ दश राजय नकशा (1999) भारत क राजनीातक नकश आद ऐस नकश अकराक ासटक-अप (lettering stickups) साहत साइबग क परमपरागत तकनीक का उपयोग कर कााशत होत तााप कोई भी सलाकातक नकश तलग म कााशत नह ए ह परत हाल ही म ावजान एव ौोागक ावभाग न ावव ी टोपो नकश ( ओएसएम) को कषीय भाषा म उपलबध करवान क ालए एक नीात को जारी कया ह ाजसक पराम सवप आ दश भ साानक आकड़ा क न राजय क राजधानी हदराबाद को दशारत ए एक शीट को योग क आधार पर अकय माधयम स तलग म करन का काम ालया ह

ॉनट क खोज म माइोसटशन साफटवर क अनक ल डीजीएन ामट म मल डाटा बस पहल स ही उपलबध ह मल-

पाठ को बठान क ालए माइोसटशन क अनक ल एक सावधाजनक तलग ॉनट क आवशयकता ह अनक ॉनट क जाच क गई परत कछ भी माइोसटशन क अनक ल नह पाया गया कयक तलग ालाप म बत सारी माषाए अगल स लगवाए जान क कार ldquoमाषाrdquo को लगाना एक कठन कायर सााबत आ तााप वब म बत छान-बीन करन क बाद ldquoटी टी एल हमलताrdquo ॉनट को खोजा गया और माइोसटशन परवश म मल पाठ को रखन म उपयोगी पाया गया

अनवाद

ावाभ व रनातमक अाभउाया ाचनह पाद- टपपाया आद का अजी स तलग म अनवाद हत सभी ापय साधन जस क इटरनट नट पर अनवाद शबदावली आद का आय ालया गया

माइोसटशन परवश म मल पाठ को बठान क ालए कायरावाध

ॉनट याान ldquoटी टी एल हमलताrdquo वााछत सान पर लोड कया गया तलग ालाप म बत सारी माषा क अतःसाापत होन क कार एक ावाशप शबद या अकर क ालए सही माषा क चयन हत अाधक सावधानी बरतना का सानात कया गया वााछत मल ndash पाठ को मइोसाफट वडर म टकत कया गया माइोसटशन वशरन 8 ाइल म अनोटशन टकसट एडीटर क माधयम स कापी और पसट कया गया उ

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शीट क 22 टोपो स अनवादत अनोटशन को या सतयाापत कया गया अनोटशन को कनार म और उपरो शीट क नाम ाइल म रखा गया मामल ाजनको सलझाना ह -

1 ॉनट क आकार का मानककर 2 तलग ालाप म ावाभ व रनातमक अाभउया क सावधाजनक शबद का चयन 3 मल- पाठ को सगठत करना एक जटल कायर ह और समय लन वाली कायरावाध ह और पयार

माषा म षीय भाषा याान तलग क जान क जरत ह 4 जयादा सखया म सपादन मल-पाठ क सगठन क आवशयकता ह 5 तलगाना राजयतलग ावावालय क उ राजभाषा ावभाग स अनवादत ालाप को माीकर

करन क आवशयकता होगी समाा

सानीय ालाप (तलग) म ओ एस एम माक नकश क तयारी स अाधक सखया म लोग को सलाकातक नकश को आसानी स योग करन म सावधा होगी सलाकातक नकश म भाषा-ावषयक सबधी साचकारी पदार को जोड़न स ानयही भारतीय सवक ावभाग क उतपाद क चार को बढ़ावा ामलगा और बाजार म अपनी अहामयत बढ़ाएगा

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चनौती क ालए तयारी (रघना ाषपाठी अधीकक सवकक)

कसी भी ावभाग म नई चनौातय को सामना करन क ालए कमता ानमार क आवशयकता ह यद

यह नह कया जाए तो सताावत योजनाए ावल हो जाती ह कमता ानमार स पहल उसक लय एव उशय को परभााषत कया जाना आवशयक ह कयक इसक कायारनवयन क सतर म योजना और ानषपादन म का अतर हो सकता ह कमता ानमार क अनय मानक क अतगरत अनवत सावधा क रखरखाव और सभाावत ावकास भी शाामल ह कमता ानमार क कसी भी यास म ातभा क खोज को ही पहल कदम क प म ालया जाना चााहए भारतीय सवक ावभाग म सही कमता ानमार क बाद ही 110000 क पमान का सवक करन और मानाचष ाा सभव हो पाएगा आधानक अाध ौोागक म कमय क ाशक पयार नह ह लकन यह दखना ह क जो माग और सवक और मानाचष क आपत क खला स सक ातत ह जनता क ालए उपयोागता बढ़ा रही ह श म हालाक बाधाए आना बाधय ह हम यह कायर श करना और पराम क तीका करनी ह इस यास म खल अाधकार कष क ावशषज को ानयामत प स परामशर कया जाना चााहए सवक और नकश क उपयोगकतार क माग और एक बड़ परय क दाप स दखन क ालए यह महतवपर ह

यहा तक क उपयोगकतार क ालए भी ाडाजटल डटा का उपयोग सीामत ह भारतीय सवक ावभाग उपयोगकतार को ानयामत आधार पर सहायता और मलय सवधरन क ालए सलाह दकर नकश क कातज उपयोग तक का ावसतार कर सकता ह उस बात पर धयान दत ए भारतीय सवक ावभाग क सवा हत जी आई एस वजाानक को शाामल करन क आवशयकता ह यह महगा मामला होन पर भी वरीयता स भरी हम भावषय क चनौातय को परा करन क ालए तयार रहना चााहए कयक नकश क उपयोग स ावकास को तो होना ही ह

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नमक का महतव (कष कमार अाधकारी सवकक)

एक राजा क तीन बटया ी तीन बत ही सनदर सशील और ावशष ग वाली एक दन राजा न तीन राजकमारय को अलग-अलग स एक ही सवाल पछा ldquo बटी तम मझ कतना चाहती हो ldquo बड़ी राजकमारी न जवाब दया rdquo ापताजी म आपको सोन जस चाहती अारत सोन क आभष स मझ ाजतना पयार ह उतना ही पयार आप स ह ापताजी ldquo राजा बत सतप आ और दसरी राजकमारी स पछाrdquoबटी दीदी न तो जवाब द दया अब तम बताओ तम मझस कतना ह रखती हो दसरी राजकमारी बोली ldquo ापताजी म आपको हीर जसा चाहती अारत हीर क गहन स मझ ाजतना पयार ह उतनी ही पयार आप स ह ापताजी ldquo राजा तो ल न समाया सोचन लगा rdquo म बमतलब का सकोच कर रहा ा मरी बटया तो लगता ह मर बगर जी नह पाएगी ldquo अब तीसर स कया पछ र भी पछ लता र तीसरी बटी स पछाrdquo बटी तम मझ कतना चाहती हो तीसरी राजकमारी न जवाब दयाrdquo ापताजी म आपको नमक ाजतना चाहती जवाब सनत ही राजा आग-बबला हो उठा और बरी-भली सनाकर उसक कक स ानकल गया छोटी राजकमारी न कछ नह कहा बालक राजा क डाट सनकर चपचाप रह गयी रात ई राजा को सार महल क कायर ानपटान क बाद भख लगी खान क ालए उस हीर स ससात सोन क सहासन पर छोटी राजकमारी न बठाया र सोन क ाली म नाना कार क जन स य खाना परोसा और राजा को खाना श करन को कहा राजा न मह म खाना रखा तो महसस कया खाना का ह र हर जन को चखा तो पाया सब क ह र तो आग-बबला होकर अपनी रानी पर ाचललाया ldquo इस तरह क भल कस हो गयी हम कया समझ रखा ह जन दखाकर ललचाना और र खान नह दना यह बोलत ए रानी पर सोन क ाली ाजस पर जन परोस ए कन क ालए हा उठाया उठ ए हा को तीसरी राजकमारी न पकड़ ालया और पछा ldquoापताजीखाना तो बढ़या ह र कमी कया हrdquo राजा बोल ldquoनमक क ाबनाकोई खाना खाया जा सकता हrdquo राजकमारी बोली ldquoापताजीआपको तो नमक स नरत ह ना इसालए मन जन बनवात ए नमक नह डलवाया rdquo र तो राजा समझ गया क छोटी बटी न उनह सबक ासखान क ालए यह भोजन तयार करवाया ह र बोला ldquoबटी म समझ गया नमक क ाबना खाना जस सवादप नह उसी तरह तमहार पयार ाबना मरा वचरसव नह ldquo और राजकमारी को गल लगा ालया

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मायाजाल (एनबी सवामी अाधकारी सवकक)

इस जगत म कल 84 लाख जीव राशया ह और उनम मानव जनम सबस उम ह उम इसालए ह क भगवान न मानव का आधार इसालए दया ह ताक इस जनम अचछ कमर कर वह मोक क ाा कर सक मोक याान पनरजनम नह यद कमर बर ए तो र 84 लाख जीवरााशय म पदा होन क ालए वह आतमा कालच म दोबारा स जाती ह इस सपर कालच क याषा करत ए जब आतमा मानव क योान म वश करती ह तब वह भगवान स यही ारना करता रहता ह क ह भगवान मझ इस कद (याान मा का गभर) स जलदी मा दला द कयक म तमहारा धयान सही ढग स नह कर पा रहा कयक इस कद म अनक तरल पदा क सा-सा मल-मष म भी टहल रहा यह कसा नरक ह जहा आपन मझ सा रखा ह तब भगवान भी बोलत ह क ldquoत अभी बालक ाशश का प धार करन वाला ह तमन इतन वष यग म ाजतन पाप कय ह उन सबक यह चरम सीमा ह यह चरम सीमा बत ही पीड़ा दन वाली ह ाजस तमह जीतना ह लाघना ह इस चरम सीमा स मा होन क बाद तम कया करोग ldquo ाशश कहता ह ldquo भगवन आप जो कहग ldquo भगवन पछत ह कया तम अपना जीवन मरा धयान करत ए मर ालए समपर कर दोग ldquoाशश कहता हrdquo हा म समपर कर दगा आपक ालए ldquo भगवन भी जानत ह ाशश को नौ महीन गभर म रहना ही पड़गा तभी पर शरीर का ावकास होकर जब वह बाहर आएगा तो मरी सवा करगा उ नौ महीन तदनसार भगवन ाशश का वातारलाप नौ महीन चलता रहता ह ताक ाशश अपन चार ओर स मल क गध का धयान न द र जब वह बाहर ानकलता ह भगवान को धनयवाद करता ह और कहता ह ldquo म तमहारा बत ही आभारी भ अपन मझ मा दलाई अभी मझम वह ताकत नह क म तमहारा धयान करन क ासवा और कछ क मर माता ndashापता मझ सच कर जब अपन पर पर चलन क ताकत द दग तभी म तमहार ालए कछ कर पाऊगा ldquo भगवान कहत ह ldquo अर मखर त नह जानता यह जगत एक मायाजाल ह मझ पर ावास ह त मझ भल जायगा और र स कालच म पड़ जायगा ाशश कहता ह ldquo नह भगवान ऐसा नह ह भगवान मरा ावास करो म ातजा करता मरा जीवन आपक ालए ही समपर ह ldquo भगवान कहत ह ldquoदख लगा इस जगत क मायाजाल म त मरी कया का सवा करगा ldquo यह ाशश और भ का वाारलाप सनकर दवष नारद भगवान क पास पच पछन लग ldquo भ आप कस मायाजाल क बात कर रह ह ldquo भ बोल ldquo नारद म समसत जीव- रााशय का सवामी उनका कलया चाहता उनको सख भी और दख भी दता वह इसालए क मायाजाल क मोह एव अहकार म पड़कर खद को सपर मानन वाल ाी को दड न द तो र मरा समर कस करगा ldquo नारद बोल ldquo भ आपक वचन का मतलब कस

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दशा म जाता ह यह तो मझ नह पता एक तर कहत ह समसत जीवरााशय का कलया चाहता दसरी ओर कहत ह दड दता तीसरी ओर मायाजाल अर नाराय आप जब समसत जगत क सवामी ह सब आपक अधीन ही ह तो र मायाजाल शबद आपन जो योग कया ह वह आपक अधीन स बाहर कस हो गयाrdquo ानयष काजए जीवरााशया उसक चपट म नह आएगी र सब आपका गगान ही करग और सबको मोक क ाा होगी ldquo भगवान कहत ह ldquo ह दवष मर ालए समसत जीवराशी को परीका स गजरना पड़ता ह मानव जीवन ही उनम अातम परीका ह बस उसको लाघ ल म पनरजनम स मा दला दldquo नारद जी भगवान स तकर करन लग गय का दर बाद भगवान न कहा rdquo दवष आपस बहस और नह कर सकता आपस बहस कर मरा गला सख गया ह जरा एक छोट कलश या कमडल म पानी लकर आइय ताक म अपनी पयास बझा सक नारद को झटका लगा और पाताप करन लग ldquo बमतलब मन अनतरयामी स बहस कर उनको कप दया व समपर जानानद क सामन मरी हासयत कया ह पता नह आज मरी मात मारी गयी और म बमतलब बहस करन लगा भ को पयास लगी ह और वो भी मरी वजह स जलदी स उनक पयास म बझा द पानी क खोज म सार लोक का म करत ए नारदजी पथवी लोक म पच गए पथवी लोक पचकर पानी क खोज म एक कए क पास पच तो दखा क एक अतयनत सदर नारी कए स पानी ानकाल रही ह नारद न सोचा वह सनदर ी पानी भरकर चली जाए तो र म ोड़ा सा पानी भर ल नारद उस दख रह ी भी नारद जी को दख रही ी नारदजी न पछा rdquo दवी कया तम यह आसपास रहती हो ी न जवाब दया rdquo हा ldquo नारदजी र पछ rdquo दवी कया तमहारा ाववाह हो चका ह rdquo ी बोली ldquoनह ldquo नारदजी का ावचालत मन ल नह समाया और पछ ही ालया ldquo दवी यद तम अाववााहत हो और यद तमह कोई परशानी न हो तो कया तम मझस ाववाह करोगी ी सादाय औरत ी बोली ldquo मर ापता क आजा क ाबना म आपस ाववाह नह कर सकती ldquo नारदजी बोल ldquo दवी सशील नारी क यही ग होत ह यद तमह आपा न हो तो म तमहार सा चलकर तमहार माता-ापता स बात कगा और तमस ाववाह कगा ldquo यवती राजी ई और ासर एव कध म पानी स भर घड़ को ढोत ए आग चलती रही और नारदजी पीछ चलन लग सपर रासत म उस सनदर ी क ानहारत ए मन म सपन क पल बाध रह उस सनदर ी क ापता क पास जाकर अपना परचय दत ए उनक बटी स ाववाह करन का सताव रखा साकात नारद मान को अपना दामाद सवप दख उसी मतर म मगनी हो गई और एक शभ मर म ाववाह भी हो गया ाववाह क कछ दन क पात उनक ब हो गय ब बड़ भी हो गय र तो व अपन गहस आम म इतन सत हो गय क उनक मह स नाराय मष ानकलना भी बद हो गया कई वष बाद एक शाम को जोर क आधी क सा तानी बारश ई इस माहौल न इतना ावकराल प धार कर ालया ा क वातावर लय म बदल गया चार तर पानी भर गया बत सार लोग पश आद पानी म बह गय कनत कात क ावकराल प क सामन ठहरन का साहस कस ा दखत ही दखत उनका गह भी बाढ़ क चपट म आकर टट गया और पानी म बह गाया पी और ब डर स

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रोदन करन लग दखत-दखत कान पष क अलावा पी और बाक ब भी पानी म बह गए र तो नारदजी स सोचा इस कान को म कध पर ालए चलता ताक वह तो बढ़ाप म मरा सहारा बनगा कनत लय क तीता इतनी तज ी क नारदजी क नाक क ऊपर स पानी बहन लगा र तो व खद भी भल गय क बट को बचाना ह सोचन लग म कसी तरह जीावत बच जाऊ उसी सोच न उनक कान पष को भी नह बखशा कसी तरह कछ समय उपरानत लय शानत आ पानी घट गया चार तरक मनषयपश - पकी आद क लाश टट ए रासत और घर क बीच पड़ी ई ी नारद मान को बहद दख आ और ठठोर कर रोन लग गय रोत-रोत व खद क बार म सोचन लग क भगवान न उनक सा ऐसा अनयाय कय कया काश व भी मर जात तो अचछा होता तभी उस राह स ास महष गजरत ए नारदमान स परामशर करन लग नारदजी कहन लग ldquo पता नह मन कौन सा पाप कया ह क मर पर परवार का सवरनाश हो गया ह मझ कय मतय नह आई इस पर ासजी न कहा शायद तमहारा समय नह आया ह इसालय तम बच गय हो हालाक ास जानत क नारद मायाजाल म सा आ ह ldquo र इसका ानरय कौन करता ह ldquo नारद न ासजी स पछा ासजी न उर दया ldquoयह तो मतयलोक क अाधपात यमराज ही इसका उर दगrdquo र व दोन ामलकर यमराज क पास गय यमराज न आन का कार पछा तो ासजी न नारद मान क सारी दख भरी गाा सनाई और पछा क ldquoमतय न इनका आलगन कय नह कयाldquo यमराज बोल rdquoम कोई नह मरा यमदत ही इसका उर द सकता ह कयक म यमदत क ारा कसी आतमा को लान क बाद ही उसक पाप-पणय का ाहसाब दख ानधाररत सजा का ऐलान करता यद यमदत आपको लकर मर पास नह आया तो इसम मरा कया दोष ह यमदत स पछ लldquo र ासजी न उनक यमदत स वही सवाल करन पर यमदत न कहा ldquo महामान म कस कसी क शरीर स आतमा को छीनकर ल आऊ म तो यमलोक का सवक माष ाचषग जब तक आजा नह दत तब तक म कोई कायरवाही नह कर सकता आप इस का उर ाचषगजी स पछ ल ldquo र ासजी न ाचषग स वही सवाल करन पर ाचषग न कहाrdquo महामान म तो यमदत को तभी आजा दता जब उस ाी का सारा लखा - जोखा समा हो जाता ह अभी माननीय नारद जी क मतय का समय आया नह ह अभी उनका कछ कया नह जा सकता ldquo ासजी न नारद स कहाrdquo दखो नारद अभी तमहारा समय आया नह ह तभी तम जीावत हो चलो चलत ह अब ापछली घटना को भल कर आग क सोचो ldquo बस इतना ही कहना ा क ाचषग न र ासजी को बलाकर कहा rdquo ह ऋाषवर इनक कणडली म यह ालखा ह क मतय तभी इनको गल लगा सकती ह जब य एक सा आपको मझ यमराज और उनका वाहन भस का एक सा दशरन करग चक इनक ारा यह कायर पर हो चका ह अत इनका जीवन पर हो गया ह ldquo बस इतना ही ा क नारद जी को आवाज आन लगी अर दवष दवष मझ कब स पयास लगी ई ी मरा गला सख गया ह कनत आपन मझ अब

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तक पानी नह दया कहा ह पानी ldquo य साकात नाराय क आवाज सन नारदजी को होश आया और भगवान क चर म पड़कर ागड़ागड़ान लग यह कहत ए क rdquo ह नाराय आपन मझ अचछा सबक ासखाया ह मन आपस बहस कया कर लीआपन मझ मायाजाल का साकातकार करवा दया कमा काजए म आपको पानी नह ापला सका मरी वजह स आपका गला खब सख गया होगा ldquo यह कहत ए उनक अधारा स नाराय क पाव धल गय और भगवान न कहाrdquo दवष आप चातत ना ह आपन अधारा स मर चर धोकर ानसवार सवा कर दी मरी पयास बझ गयी ह अब आप म ह ldquo र नारदजी खशी स नाराय-नाराय कहत ए ानकल गय

घाट का पतर

(बषव बहरा अाधकारी सवकक)

माता-ापता और जनम भाम को छोड़ कर हम सब बन गए ह घाट का पतर धनय ह वह महापष ाजसन हम साापत कया म उस महापष क ावषय म व रन नह कर सकता शायद म अात पाप क कार पतर बन गया लोकन म आशा करता क भावषय म मरा भागय बदल जाएगा चक म लोग क मन स सवा करता इसका ल हमको भगवान अवशय दग लोग का सवा करत ndashकरत मरा आकार भी बदल गया परनत सवा करत ndashकरत मरा नाम रोशन हो रहा ह बालक हम सता का अनभव हो रहा ह मर कमर क चलत मरा भागय बदल रहा ह म हमशा जलम रहता और पीठ पर ातदन मार झलत रहता शायद ही ऐसा पीड़ा इस ससार म कसी को ामलती होगी मरा सानानतर भी नह ह म कई महापष को दखता आया कतन महाराय न ा तयाग दय लकन तबस म यहा अकला पड़ा म हर मौसम क मार झल रहा ब-बढ़ क सवा करत-करत मन कछ पणय कमा ालए ह और आशा करता क मझ को भावषय म मानव जनम ामल सकता ह मानव जनम ामलन स म आपका भजन-करन कगा

ऐस दखतndashदखत कई यग क बाद हमको मानव जनम ा आ मानव जनम म अगर इस धराष म दखा क यहा ऊच-नीच जात-पात नीात-ानयम ावदन पाचार अनयाय ndashअतयाचार चमर-अचमर का ताडव नतय चल रहा ह दखकर मर मन म परवतरन आ गया क भ मझको मरा ापछला जनम वापस द दीाजए

पतर जनम म रह कर मरा कोई-कोई साी अचछ कमर क चलत मदर म सान ा कर ालया ह कोई-कोई तो ठाकर बन गय लोग-ातदन उनक पजा करत ह

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हम लोग म स कोई-कोई सामाजक कायर म सहयोग दान करत ह कोई गह-ानमार म सहयोग द रह ह तो कोई मदर-ानमार म सहयोग द रह ह कोई तो सीधा मत बन गय इसीालए उनक मन म घमणड आ गया अहलया न पतर होन क नात भगवान का दशरन पा ालया इसालए पतर जनम होन क चलत उनक मन म का अह भाव आ गया

हमार अनदर ावाभ प भी ह याः लोहा पतर चना पतर सगममरर काला पतर (नाइट सटोन) मलायम पतर (soft stone) इतयाद लोहा पतर जो दश क ानमार म काम आता ह चना पत जो ासमट ानमार क काम म आता ह सगममरर घर और मदर का शर (flooring) म काम आता ह काला पत घर का शर और आला बनान म काम आता ह मलायम पतर ाशलप कला क ावकास म योगदान दत ह पतर जनम होकर भी म का गवर महसस करता मरी भगवान स अानतम ावनती य ह क आप मझ अानतम समय म दशरन दन को कपा कर

न हमको पतर जनम चााहए न हमको मानव जनम चााहए हमको तो ास र इस भव सागर स पार होना चााहए

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जयादा लोभ न करना (पाडव कानटया सहायक सवकक)

मनषय भगवान क साप ह इसालए वह भगवान का अश ह जब तक वो मा क गभर म ा तक तक वह मोह-माया स वाचत ा एव हमशा भगवान क समीप ा लकन जब वो पथवी पर अवती र आ उसको मोह-माया न घर ालया पाच साल तक वो ईरीय सा म रहता ह इसालए कहा जाता ह क ldquoCHILD IS THE INCARNATION OF GODrdquo इसक बाद मोह-माया म आकषत हो कर ईरीय सा को भल जाता ह बचपन म वो बत आजा और मोह-माया राहत और चरषवान रहता ह जब समय बढ़ता जाता ह तब उसक समसत उम ग धवस होकर गलत मागर पर चला जाता ह

बचपन म ावा ाशका जवानी म ी दीका एव पारवारक ाचनता म म होकर वह समसत मौालक सा को खो दता ह सबा नप होकर सबा म आ जाता ह दव का नप होकर राकस वा जारवत होता ह एव परवारक जगल म सकर भगवान का नाम लना भल जाता ह अपना परवार का भर पोष क ालए कठन परम करता ह लकन उनका पट भरता नह ह ईर क सा को भल जाता ह और अनत म पशकतव को ा होता ह शरीर रोगसत हो जाता ह दाप शा की हो जाती ह चलन ndashरन म असमर रहता ह रात को नद नह आती ह र भी लोभ को छोड़ नह पाता ह अपन बीवी-ब ता परवार क बार म सदा सोचन लगता ह शरीर वावसा को ा होता ह परवार क कोई भी सदसय पछत नह ह

परवार क लोग उसको ढग स खाना भी नह दत ह उसको घर स दर रखत ह र भी यह अधम मनषय भगवान क बार म सोचता नह ह लोभ का अनत नह होता ह पाप का बोझ बढ़त जाता ह अनत म नरक को ा होता ह र भी मनषय भगवान को समझ नह पाता ह परवार क ालए इतना बड़ी ददरशा झलता ह उनको कोई भी नह पछता ह उसक ारा जमा क गई पजी को परवार वाल उनक सामन मौज करत ह

लोभ मनषय को अनधा बना दता ह आदमी क हतया करत ह लोभ क वशीभत होकर दसर क समपात को लटत ह ाजसस समाज म पाचार बढ़ता ह इसालए ह मानव तम कय लोभ करत हो लोभ नह करक भगवान का समर करो हर कतरन करो तप जप करो और सवगर क अाधकारी बनो उम कमर करक भगवान क शरागत हो जाओ भगवान तमहार समसत सख-दख का भार वाहन करग

सवरधमारनपरतयजय मामक शर ज अह तवा सवरपापभयो मोकायषयााम मा शच

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इसालए अचछा कमर करक पणय कमाना ह हमशा धमर क जय और पाप का कय होता ह धमर-कमर करक ावजय ा होगी लकन अधमर म जाकर नरक गामी नह होना

एकदा अनधा राजा धतरा सजय को पछा क ldquoह सजय इस धमर य म कसक जय होगी उर म सजय बोल क ldquoयष योगर कषो यष पा धनधरर तष ी ावजयो भात वा नीातमरातमरम ldquo अारत जहा योगर कष एव धनधाररी अजरन एक सा ह वहा ावजय ानात ह

इसालए दखा गया क हमशा धमर क जय और अधमर क पराजय होती ह धमर सवचछ ानमरल लकन अधमर कदाकार कात ह इसालए लोभ-लालच म वशीभत न होकर सत

कमर करो अनयाय का परतयाग करो लोभ मत करो जीवन म कप करक जो धन कमा ालया वो सब इस धरती म रह जाता ह अानतम क म सा कोई नह ल जाता इसालए अनधर म भटक नह जाना इसालए कहा गया ह क-अात लालच नह करना अात सवरष गहतम अारत अात सवरनाश का कार ह

अात दप हता लका

अात मानसय कौरवा अातदारन बाल वध अात सवरष गहतम

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टटा वक का अाभमान (चरदास नाराय गडम सवक सहायक)

वन म खड़ एक वक क सा ालपटी एक लता भी धीर-धीर वक क बराबर हो गई वक का आय

लकर उसन भी लना ndashलना आरभ कर दया बल को लत ndash लत दखकर वक को अहकार हो गया क म न होता तो लता अासततव हीन होती वह लता को धमकात ए बोला ओ बल चपचाप मरा कहना माना कर म जो कह रहा वह कया कर नह तो ध मार कर भगा दगा पड़ का लाप जारी ा क दो पाक वहा स ानकल एक बोला अर भाई जरा दखो तो यह वक कसा सदर ह इस पर कसी सदर लता पाषपत हो रही ह आओ इसक नीच ोड़ी दर ावाम कर अपना महतव लता क सा ह यह जानकर वक का अाभमान भी नप हो गया सा ndash सा रहन स ही सबक गात होती ह

बटी (डी राव बाब पटल ाचषक ड-II)

बटी घर क लाज होती ह पापा क सर का ताज होती ह दल क सदा स रही ह इचछा बटी तझको ह पाना आई हो मर जीवन म जस एक ननही कावता राह दखता म तरी जलदी स मर पास आना मा क गोद म सदा रहती हो कछ पल मर पास भी आना न चाहत ह अब धन दौलत क त ही लमी त ही मरी मत भी डर लगता ह सोचक जब एक दन छोड़ क जाएगी त कतना मझ लायगी त बटी होती ह बाबल क लाड़ली

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यह ाज़नदगी (सययद इदरीस पटल ाचषक ड ndashII)

बठ जाता ह ामी प अकसर कय क मझ अपनी औकात अचछी लगती ह

मन समनदर स सीखा ह जीन का सलीका चपचाप स बहना और अपनी मौज म रहना चाहता तो ह क य दानया बदल द पर दो व क रोटी क जगाड़ म सरत नह ामलती दोसत महगी स महगी घड़ी पहन कर दख ली व र भी मर ाहसाब स नह चलता य ही हम दल को सा रखा करत पता नह ा क कमत चहर क होती ह अगर खदा नह ह तो उसका ाज कय और अगर खदा ह तो र कय

lsquorsquoदो बात इसान को अपन स दर कर दती ह एक उसका ldquoअहम rdquo और दसरा उसका ldquo वहमrdquo पस स सख कभी खरीदा नह जाता और दख का कोई खरीदार नह होता मझ ाज़नदगी का इतना तजबार तो नह पर सना ह सादगी म लोग जीन नह दत मााचस क जरत यहा नह पड़ती यहा आदमी आदमी स जलता ह ाव क बड़ स बड़ वजाानक यह ढढ रह ह क मगल ह पर जीवन ह या नह पर आदमी यह नह ढढ रहा ह क जीवन म मगल ह या नह

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जीवन म न जान कौनसी बात ldquoआखरी rdquo होगी न जान कौन सी रात आखरी होगी ामलत जलत बात करत रहो यार एक दसर स न जान कौन सी ldquo मलाकात rdquo आखरी होगी अगर जदगी म कछ पाना ह तो तरीक बदलो इराद नह ऐ चाद त कस मज़हब का ह ईद भी तरी और करवाचौ भी तरा

उगालय क लड़ाई

(शख महबब पीरा पटल ाचषक)

एक दन हा क सभी उगालया आपस म लड़न लग अगठा बोला म सबस बड़ा सभी जगह जरी कागज पर मझस ही ानशान बनाया जाता ह तजरनी बोली-ldquoम बड़ी मर होन स ही सब लोग काम कर पात ह जस-ालखना खाना पकड़ना मधयमा बोली-ldquoअर भई कया तम नह जानत जो आकार म लबा होता ह उस ही सभी बड़ा कहत ह अनाामका सब बात चपचाप सन रही ी वह तरत बोली ndashldquo म सबस बड़ी म तो पजा करन क भी काम आती मर स ही रोलीातलक लगाया जाता ह कानाका सभी को लड़ता दखकर उदास ी वह चपचाप एक कोन म कछ सोच रही ी तभी अगठा व तीन उगालया उसक पास गई और बोली- ldquoअर छोटी तम तो बड़ी हो ही नह सकती कयक तमहारा नाम ही कानाका ह कानाका बोली ldquoसनो अगठ भाई और पयारी उगालय आपस म लड़कर कभी कसी का भला नह हो सकता हमम कोई भी बड़ा-छोटा नह ह हम सब ामलकर मी बन सकत ह तभी हम सब बलवान हग कया तमह नह मालम क बद मी म ही ताकत होती ह इसालए हमारा लड़ना बकार ह rdquo कानाका क बात सनकर सभी एक सा बोल- ldquoहा छोटी बहन तम ाबलकल सही कह रही हो सचमच अकल म तम ही हम सबस बड़ी हो rdquo

इस नीात का स एकता म बल क ाशका ा होती ह

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तलगाना- भारत का एक और नया राजय (शलबाला खडरी मानाचषकार)

तलगाना भारत क दाकी भाग म ासत भारत का 29 वा राजय ह कषल क दाप स यह दश का

बीसवा बड़ा राजय ह ाचीन हदराबाद रयासत का अाधकतम भाग तलगाना राजय म ालया गया ह जहा आजादी स पहल ानजाम का राजय ा सन 1947 म जब भारत अज क चगल स आजाद आ उसक बाद भी हदराबाद का ानजाम अपनी रयासत सय भारत म ावलीन करन क पक म नह ा वह अपनी रयासत पर अपना ही सवतष शासन चाहता ा अतत सरदार बललभ भाई पटल क अक यास स इस रयासत को भारत क मखय धारा म ावलीन कया जा सका इस कार आन दश राजय क सापना ई और 26 जनवरी 1950 को ी एमक वललोड़ी आन दश राजय क म मखयमषी ानय ए 1956 म हदराबाद रयासत को आन दश राजय म ावलीन कर दया गया

2 जन 2014 म पनः तलगाना राजय अासततव म आया आन दश राजय क उर पामी 10 ाजल को ामलाकर तलगाना राजय क सापना क गयी ह राजधानी हदराबाद भी तलगाना राजय म ासत ह परनत 10 वष तक हदराबाद दोन राजय याान आन दश और तलगाना राजय क सय राजधानी रहगी दोन राजय क शासानक कायर हदराबाद स सचाालत हग तलगाना शबद का ादभारव ाषलगा दश शबद स आ ह ाजसका अर ह तीन लगो वाला दश तलगाना राजय क तीन दशा म कालरम ीशलम और ाकारामम ास ाशव मानदर ासत ह ाजनक अपार धामक महा ह वासतव म पक तलगाना राजय क ालए 1946 स 1951 क बीच ही ारमभ हो गया ा उस समय कमयानसट पाट न इस आनदोलन का नततव कया ा जो असल रहा भाषा क आधार पर तलगाना और आन राजय को पक करन क ालए अनक आनदोलन समय-समय पर होत रह ह इनम मखय आनदोलन 19691972 और 2009 क ह इन आनदोलन का यह भाव आ क 9 दसमबर 2009 म भारत सरकार न पक तलगाना राजय बनान क कायरवाही श कर दी य घोषा सनत ही तटीय आन व सीमान कष क लोग न सम आन दश क पक म आामक आनदोलन ारमभ कर दया और ऐसी ासात म भारत सरकार न यह कायर 23 दसमबर 2009 तक सागत कर दया इसक पात भी लगातार पक तलगाना और सम आन दश क ालए अलग-अलग आनदोलन चलत रह पक तलगाना क पक म कई आतम - हतयाए ई हड़ताल क गयी ाजसस जन साधार को बत असावधा का सामना करना पड़ा अतत पक तलगाना समरक क जीत ई और कास कायरकारी सामात न सवर सहमात स 30 जलाई 2013 को पक तलगाना राजय क ासारश करत ए ाबल तयार कर दया अनक सोपान पार करत ए यह ाबल रवरी 2014 को ससद म पारत कया गया रवरी 2014 दश पनगठरन एकट क तहत यह ाबल ससद म पास हो गया इसक पात इस नय राजय तलगाना ाबल को रापात ारा सहमात ा ई और माचर 2014 क गजट म इस कााशत कया गया इस कार नय तलगाना राजय क सापना ई

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ाशासकय प स तलगाना राजय क सापना 2 जन 2014 को ई क चन शखर राव क पाट ldquoतलगाना रा सामातrdquo न चनाव म दश म बमत हाासल कया और इस कार ी कचन शखर राव तलगाना राजय क म मखय मषी चन गए

म महगाई (डॉ नीलम कमार ाबड़ला अाभलखपाल)

म महगाई महग दशभ लोग क आमष पर भारत आई तज गात लान गात म भारत आई मझ गलत मत समझो गरीब बत ठीक बमत दकर तमन ाजनको बत उठाया म तो उनह क तीक भौातक वादी यग म योग ासखाती म भख पट न सोए कोई कडालनी जगाती म धयान प म च मारकर मन जय ऊपर चढ़त-चढ़त र तक आ जाता ह भाव वसत क वस ही र तक ल आई

अब इस यग म एक तल क पीप को पा लन का अर को पा लना ह भ दशरन क झलक दखना एक टमाटर खा लना ह भारत का आदशर तयाग ह अनासा ह अपरह ह मझको पाकर लोग वसतए तयाग रह ह अपनी खद क कार छोड़ बस क पीछ भाग रह ह म लोग को तड़क भड़क स खच

38

सादगी ासखाती टरीलीन क शौकन को ला पहनाती माया जीवन का बधन ह पया पसा मल हा का म वतन भोगी लोग क बधन दो दन म हर लती शी छड़ाकर मल हा का शीश सा ानमरल कर दती

नीात ालखन वाल न कम खाना या गम खाना अचछा बतलाया मन उनका कन ानभाया ाजतनी चीज महगी हगी उतना ही जन कम खाएग ाजस दन रोटी नह ामलगी उस दन खद ही कम खाएग

शकल पक क चाद सरीखी बढ़ती म खब चादनी लाऊगी अभी दज तक ही आई परमासी तक जाऊगी

करो कलपना जब भारत जन कतन सदर दखा करग ग चावल चना बाजरा जब पाड़य म ाबका करग बीमार को दध दहीघी क इजकशन लगा करग कसा मधर जागर होगा लोग भख स जगा करग

आतक हमला

(डॉ नीलम कमार ाबड़ला अाभलखपाल) 13 दसबर 2001 ससद प पाक आतक हमला 13 रवरी 2014 ससद म भारतीय आतक हमला

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शमरसार ई ससद पच ाड़ गए नयी तहजीब क झड गाड़ गए

उड़ाया गया काली ामचर का पाउडर सपीकर का नह सना आडरर आख जलन लग सास लन लगी ससद पर नगी तलवार झलन लगी

घायल आ जातष और सावधान मदर क पजारय न कया मदर का अपमान ऐस आतकय को सबक ासखाना होगा र नया इातहास बनाना होगा

बाल-म (वाइकराकश कमार खलासी)

बालपन क कलकारी धप क ताप स आ मक पोी छोड़ी कदाल खोदत हा क मार अचक कचड़ आधी म म करना आ मजबरी गरीबी क पराकाा पट और पीठ क घटती दरी कछ धनहीनता और कछ माता-ापता क मखरता कनत सबस जयादा सवा समाज क सवदनहीनता ाजसन बालक को ामक बनन को बाधय कया लखनी को छीनकर कोमल हा म छडी पकड़ायी

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गाय-बकरी क सवा करता बालय-जीवन कप अपन भावषय को दर करता अजान और अबझ ावोपाजरन क कसको ह सरत ासात तो ऐसी ई दो दान अ क ालय बालपन चोर बनन को आतर आ

दोसती

(ाचा कडयया खलासी)

गलाब एक ल ह

एक घनट म मरझा जाता ह पर दोसती एक शा ह कभी भी जीावत रहती ह

बर ठडी होती ह जो पकड़ म नह आती ह

दोसती सोन जसी ह जो कभी कोई नह खरीद सकत ह

तार क पाच अनत (END) ह चौकोन क चार अनत ह तीकोन क तीन अनत ह

एक रखा का एक अनत ह पर दोसती का कोई अनत नह ह

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मर जीवन का उशय (कमारी ाया सातव कका सपषी एम सबीता उाल)

कग नयज भारत का खतरा पाकसतान न कशमीर पर हमला कया ह कछ दन बाद helliphellip कग नयज पाकसतान क ाखला भारत क रका करत ए वीर सानक

का भारी नकसान इन खबर न भारत को ाहला दया ा म भी सोच म पड़ गयी क म भारत क ालए कया कर सकता भारत को इन हमल स कस बचा सकता मर मन म ास र एक ही खयाल आया क भारतीय सना का एक जवान ासपाही बन

जव मन यह बात अपन दोसत स कही तो उसन कहा क ासपाही बनना खतर स खाली नह ह और परवार स दर सरहद पर खतर स भर जीवन मर ालए कपद होगा लकन मन ठान ालया ा क म कछ ऐसा कगी क पर दश म मरा नाम हो ाजस दखकर मर अपन का ासर गवर स ऊचा हो जाए

मर ानय को सनकर मरी मा रोन लगी मझ लोभन दया क म ापार क मर दोसत न मझ डाकटर बनन का सझाव दया पर मन सोचा क भारत म कई डाकटर ह ापारी ह भारत को डाकटर या ापारी क नह बालक सानक क जरत ह

म भारत क ालए अपनी जान भी दन क ालए तयार मन सोचा सब अपन परवार को सराकत

रखना चाहत ह र भारत - भाम तो मरी मा ह मरी ही कय हर एक क मा ह तो हम सब का कतर बनता ह क हम इसक रका कर इसीालए मर जीवन का उशय ह क म एक ासपाही बन और भारत क सवा क

मखर ामष स समझदार शष अचछा होता ह (मासटर सनीत चौी कका सपष एम सबीता उाल)

एक दन म और मरा सबस अचछा ामष राव बठ यह सोच रह क हम परीका क ालए अभी स पढ़ाई श कर दनी चााहए या नह राव न तपाक स कहा क अभी स पढन स कोई लाभ नह होगा अगर हम परीका क एक दन पहल पढ़ग तो जयादा दमाग म रहगा तभी वहा स मरी कका का दसरा छाष रमश गजर रहा ा मझ रमश ाबलकल पसद नही ा और रमश भी मझ पसद नह करता ा बात-बात पर हम लड़ाई करत पर पढ़ाई म वह मझस बत अचछा ा उसन हमारी बात सन ली ी

42

इसालए धीर सवर म मझस बोला अपन मखर ामष क बात मत सनो बस रोज मरी तरह ोड़ा-ोड़ा पढ़ो लकन मन उसक बात पर कान नह धरा एक महीन बाद परीका क दन आ पच परीका क एक दन पहल जब मन पढ़ना श कया तब पाया क पढ़न को बत ा पर समय कम ा जस -तस पढ़ कर मन परीकाए ालखी और उममीद करता रहा क म परीका म उी र हो सक कछ दन बाद परीका का पराम ानकला और वही आ ाजसका डर ा म और ामष राव अनी र हो गए दसरी ओर रमश बत अचछ अको स उी र आ उस दन मझ समझ आ गया क मखर ामष स समझदार शष अचछा होता ह

भावषय क पढ़ाई (मासटर ाशव कलया सातव कका सपष वालल कलयाी उाल)

आज जब हम पढ़ाई या सकल क बार म सोचत ह तो नजरो म एक भारी बग उठाता आ

छाष दखता ह कताब क ाबना हम सकल जान क सोच भी नह सकत कताब क सा कपयटर भी पढ़ाई का महतवपर ाहससा बन चका ह

कछ साल बाद भारी कताब स भर बग क बदल छाष क हा म टबलट होगा आकाश टबलट एक ऐसा यष ह ाजसम हम तरह-तरह क कताब पढ़ सकत ह हम कका म ही नट स जानकारी पा सकत ह टबलट ोन स बड़ा ह और जयादा महगा भी नह हम इस कह भी ल जाकर इसम कताब पढ़ सकत ह हम इसम कका का दया गया कायर भी कर सकत ह यह टबलट पढ़ाई का अदाज बदल दगा और पढ़ाई को मजदार बना दगा

पानी और धप (कमारी एस साानया पाचवी कका सपषी राजया बगम अाल)

अभी-अभी ी धप बरसन लगा कहा स यह पानी कसन ोड़ बादल को क ह इतनी शतानी

सरज न कय बद कर ालया अपन घर का दरवाज़ा उसक मा न भी कया उसको बला ालया कहकर आजा

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ज़ोर-ज़ोर स गरज़ रह ह बादल ह कसक काका कसको डाट रह ह कसन कहना नह सना मा का

परीका (कमारी शख राजया सलताना गयारहव कका सपषी शख महबब पीरा पटल ाचषक)

ाजस नाम को सनन स कापता ह बा वो ह परीका परीका पपर हा म आत ही इतना डर लगता क यद अचछा नह कया तो ापटना पा तीन घट म लगभग करन होत ह चालीस सवाल एक भी छटा तो घर म आता ह भवडर रजलट क एक दन पहल रात को नद नह आती ह अचछ नबर पान क ालए भगवान क याद आती ह पास होन पर ामलता ह इनाम और मख स ानकलता ह ldquoकय भगवान rdquo र आती ह अगली कका तब भी मख स ानकलता ह हाय र आ गयी र स परीका

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राीय साकरता (मासटर शख समीर छठी कका सपष शख महबब पीरा पटल ाचषक)

ातदन सीखो अकर एक

ानयम बना लो ऐसा पढ़ो पढ़ाओ सीखो जान

तभी बनगा दश महान ावा सा जान कराती

मन का अधरा दर भगाती जहा पर बनत लोग जानी

वहा न होती मन क हाान अनपढ़ क ालए गगी पोी

धन दौलत भी होती ोी पढ़ा ालखा नह धोखा खाता

जहा भी जाता आदर पाता

मा (मासटर शख महबब बाशा आठव कका सपष शख महबब पीरा पटल ाचषक)

सबस सनदर जग म कौन बस एक त ह मा

सबस पयारी कसक मसकान बस एक तरी ही ह मा

कसन बनायी मरी पहचान तन ही तो मरी पयारी मा

कसक बोली ामी स मीठी तरी ही ह मरी मा

कसक डाट ह इमली स तीखी तरी ही तो पयारी मा

कसक ालए क म सब कबारन तर ालए मरी पयारी मा

45

ाततली (कमारी एम राशका ाशवानी पाचवी कका सपषी एम लम कमार उाल)

ाततली तम कतनी

रग-ाबरगी होती हो तम सब ल का रस पी-पीकर

बाग-बगीच म रती रहती हो तर पख कई रग क होत ह

तमहार प को दखकर ब बत खश होत ह

मरी कका

(कमारी एम राशका ाशवानी पाचवी कका सपषी एम लम कमार उाल)

मरी कका म ह पचास ब हर एक ह अलग-अलग जस एक ह लबा एक ह छोटा एक ह मोटा एक ह पतला कछ ह अचछ कछ ह बर पर लगत ह सार पयार मरी कका ह रग- ाबरगी लगती ह ाततालय का झड ह

मझ बत पसद ह कयक यह हमारी कका ह

Page 4: कलाकल - Home: Survey of · PDF fileतेलंगाना-भारत का एक ... भी यह पि का ‘कलाकल‘ सुनदर प म िनखर

म सखया िवषय रचनाए रचनाकार प

सखया 38 आतक हमला डॉ नीलम कमार िबड़ला 38

39 बाल-म वाइकराकश कमार 39

40 दोसती िचा कडयया 40

41 मर जीवन का उशय कमारी िया 41

42 मखर िम स समझदार श अिचा होता ह मासर सनीत 41

43 भिवषय क पढ़ाई मासर िशव कलयाण 42

44 पानी और धप कमारी एस सािनया 42

45 परीका कमारी शख रिजया सलताना 43

46 राीय साकरता मासर शख समीत 44

47 मा मासर शख महबब बाशा 44

48 िततली कमारी रिशका िशवानी 45

49 मरी कका कमारी रिशका िशवानी 45

OslashethethUumlAtildeethoacuteUacuteeth ccedilethatildeethdivideaacuteecircethAcirceth ograveatildeethOslashethethplusmneth SURVEY OF INDIA

iexclNtildeethUuml Ugraveethegraveethccedilethatildeethdivideaacuteecircethumlicirc umlicirceth umlicircethUacuteethethaacuteacircethUacuteeth ADDL SURVEYOR GENERALrsquoS OFFICE

CcedilograveecircethAcircethoacute ecircethdivideeumleth SOUTHERN ZONE umlicircethdivideUumlUgraveethuumlplusmnethacircetheth timesethdivideuumlplusmnethacircethotildeTHORNKORAMANGALA BANGALORE

सदश

कसी भी भाषा क िवकास क िलए उसका सथान जन-मानस म पलना परम आवशयक ह इस दशा म आन-दश भ सथािनक आकड़ा कन हर साल क भाित इस साल भी पिका ldquoकलाकलrsquo का काशन कर एक महतवपणर कदम उठा रहा ह राजभाषा योग को बढ़ान क दशा म यह अतयनत सराहनीय यास ह मझ िवास ह क पिका म कािशत सामी ससित होगी तथा इनस रचनाकार क ितभा को उजागर करन क साथ-साथ िहनदी म काम करन का वातारण तयार करन म भी मदद िमलगी

आशा करता क भिवषय म भी यह पिका lsquoकलाकलlsquo सनदर प म िनखर कर सामन आएगी और

राजभाषा िहनदी क चार व सार म सहायक िस होगी पिका स सबिधत तयक ि को पिका क काशन पर मरी हादक शभकामनाए

मजर जनरल एम मोहन

अपर महासवकक

भारतीय सवकण िवभाग

SURVEY OF INDIA िनदशक का कायारलय

OFFICE OF THE DIRECTOR आ दश भ सथािनक आकड़ा क

Andhra Pradesh Geo-Spatial Data Centre उपपल हदराबाद-500 039(त)

Uppal Hyderabad- 500 039(T)

िनदशक महोदय क कलम सhellip इस कायारलय म मर कायरकाल क दौरान यह गह पिका ldquoकलाकलrdquo का ितीय ससकरण ह थम ससकरण म आ दश भ सथािनक आकड़ा कन क ाय सभी अिधकारय एव कमरचारय क िहनदी म कायर ितभा को दखकर मझ काफ गवर महसस आ और एक िवचार मन म आया क यह जीडीसी भी lsquoकrsquo एव lsquoखrsquo क क तरह िहनदी म पाचार कय न कर इसस इस भसथाआकन म काम करन वाल को ोतसाहन भी िमलगा और साथ ही साथ राजभाषा चार-सार म गह मालय ारा जारी सवधािनक ावधान का सममान भी बढ़गा मरी इसी सोच को करन पर अिधकारय एव कमरचारय न काफ ोतसाहन दया और जहा तक हो सक िहनदी म कायर करन का परा आासन दया म काफ हषललास क साथ यह बताना चाहता क उनह क ोतसाहन न मझ एक अलग ldquo िहनदी एव कण अनभाग ldquo गठन करन का िनणरय लन का साहस दया और उस क बाद िजतना हो सक अिधकतम कोिशश जारी ह क िहनदी म ही पाचार हो पपिणया भी िहनदी म ही िलखी जाय िहनदीतर भाषा क म िहनदी का वातावरण बनान का य हमार सार अिधकारय कमरचारय को जाता ह उनह क भावना सोच का दपरण ही यह पिका ldquoकलाकलrdquo ह िजनह लख किवताए चकल कहानी तकनीक लख एव फलड़ कायर क समितया आद क माधयम स अलकत कया गया ह और हर रचनाकार मरी ओर स बधाई का पा ह आशा करता क यह कलाकल पिका िबना रोक-ोक क इसी गित स िनरतर आग बढ़ती रहगी और म अपन अतकरण स कहता -

ldquo ह कलाकल िचरजीवी भवrdquo

(कनरल एसीधर राव)

िनदशक

सपादक क कलम स ---------

ldquoकलाकलrdquo का नतन अक आपक कर कमल म सतत ह इस िनदशालय क िवकास परयोजना क याा क जानकारी एव िनदशालय क कमरचारय क रचनातमक कितय का सह सतत ह िजसक माधयम स िवभागीय गितिविधय का परचय िमलता ह साथ ही कमरचारय को अपनी रचना सािहितयक गण को उजागर करन का अवसर भी ा होता ह

िहनदी एक सम भाषा ह िजसको योग कर तकनीक जान को हम सवर साधारण तक पचा सकत ह इस महतवपणर कायर को िनरतर इस िनदशालय क गह पिका ldquoकलाकलrdquo भली - भाित कर रही ह ldquoकलाकलrdquo क इस अक म जान- िवजान क बत सी बात का समावश कमरचारय और उनक परवार क सदसय ारा कया गया ह हम आशा ह क पिका पाठक क कसौी पर खरी उतरगी तथा उनक िलए जान-वधरक िस होगी म राजभाषा अिधकारी अपन सहभािगय क ित आभारी िजनक अथक यास स पिका क काशन क या िनरतर जारी ह तथा िनदशालय राजभाषा िहनदी क चार-सार एव इसक गामी योग म िवकास क ओर तजी स असर ह पिका को अिधक रोचक एव जानवधरक बनान क िलए सभी पाठक क सझाव सादर आमित ह

शभकामना सिहत

कलयान कमार गा

अधीकक सवककराजभाषा अिधकारी

1

वषर क दौरान 2014-15 आ दश भ साानक आकड़ा क भारतीय सवक ावभाग न ानालाखत परयोजना को ालया ह

म सखया परयोजना अजत राजसव टपपी 1 आ दश ासको दाडगल

परयोजना 283000- अातर ावभागीय मागकतार स

रााश ा हो चका ह

2 इदरा सागर पोलावरम परयोजना

1675800- अातर ावभागीय मागकतार स रााश ा हो चका ह

3 बड़ामी मख नाली सवक

58700- अातर ावभागीय मागकतार स रााश ा होना बाक ह

4 गालार आराकत वन सीमा सवक

2210000- अातर ावभागीय मागकतार स रााश ा होना बाक ह

5 ADRIN उतपाद का जमीनी सतयापन

- ावभागीय

6 टर हदराबाद गाइड़ मप - ावभागीय

7 समाकालत तटीय कष बध परयोजना त(ICZM)

- ावभागीय

8 राीय शहरी सचना ाली - ावभागीय

9 आ दश कनारटक सीमा ाववाद - ावभागीय

इसक अलावा ासतमबर 2013 स अगसत 2014 तक आ दश भ साानक आकडा कन क मानाचष ावय कायारलय स ावाभ कार क मानाचष क ावय ारा ावभाग को 1336019- का राजसव ा आ

उपरो परयोजना का साराश ान कार स ाववरत ह -

1 आ दश ासको दाडगल परयोजना दाडगल ासत वायसना अकादमी क ानकट अारम ाम होत

ए ानकलन वाली आ दश ासको क 400 कलो वाट वाली यददमलारम ndash गजवल डी सी लाइन क

9 बज हत WGS-84 आधारत जी पी एस सानाक साहत दाडगल ासत वाय सना आकादमी क हवाई

पी क अधःसपशर बध (Touch down point ) पर आधार तल क ाहसाब स मीटर म सल ॐचाई समतल

का ावधान करना

2

बल जीपीएस 5700 एव अकय लवल ारा कातज एव ऊधवर ानयष का ावधान कया गया

सव का कल मलय 283000- ा एव मागकतार स प र भगतान ा कर ालया गया समय सीमा क अदर कल 10 जी पी एस बद 50 क मीक दोहरी ततीय ी तलक (DT Levelling) एव 15 कमी क

मालारख (Traversing) कायर प र कया गया

2 इदरा सागर पोलावरम परयोजना

आ दश क पाम गोदावरी ाजला पोलावरम मडल क रामययापट ाम क पास गोदावरी नदी पर सोची गयी बउशयीय बहत परयोजना ही इदरा सागर पोलावरम परयोजना ह जो पोलावरम परयोजना क नाम स बचचत ह ान उललाखत सान म कातज (डीजीपीएस क मदद स सानाक ानात करना)एव ऊधवर ( तल-ाचहन का सतयापन) ानयष का ावधान करन का मखय कायर ा

i सताावत 960 मगावाट जल ावत ाबजली घर क धरी ii ामी एव पतर स ानमत बाध iii उबड़- खाबड़ मागर

सव कायर( रक एव सवक ) का कल लागत मलय 1675800- ा और मागकतार स परी रााश ा कर ली गई एक अाधकारी सवकक दो सवकक एव छः खलाासय क टीम क तनाती क गई पर कायर हत 30 दन का समय दया गया और ानयत अवाध क अदर ही कायर सप कया गया कायर समाा हत कल 17 जीपीएस बद सान एव 200 रखीय क मी का दोहरी ततीय ी तलक (DT Levelling) का ावधान कया गया

3 बड़ामी मख नाली सवक

बड़ामी मख नाली सवक कषा ाजल क सचाई CADD ावभाग क ालए ह जो एानकपाड सघ राजय कष स पा औतपलली क सघ राजय तक क 25 कलो मीटर क लबाई क नाली क मापन क सवक क ालए ह सवक क ालए रक कायर परा हो गया ह सवक क ालए ानधाररत लागत Rs58700 - ह मागकतार स रााश ा करना अभी बाक ह

4गालार आराकत वन सीमा सवक

भागीय वन अाधकारी कोागडम खममम ाजल क माधयम स गालार आराकत वन सीमा सवक कायर माननीय उ नयायालय हदराबाद क आदश क अनसार आ दश भ साानक आकड़ा क को आवटत कया गया ह यह खममम ाजल म सतयापन क ालए ह जगल का कषल 500 वगर कलो मीटर ह और ाराभक रक परा कर ालया गया ह सवक कायर क अनमाानत लागत Rs22 10000 - ह मागकतार स रााश ा करना अभी बाक ह

3

5 ADRIN उतपाद का जमीनी सतयापन

भारत क महासवकक ारा यह परयोजना कायर आ दश भ साानक आकड़ा कन को सपा गया ा इस कायर का मखय उशय भ ानदश उतपाद स सदभत आकलन करना ह कल कषल 18225 वगर कलोमीटर ह रक एव सवक कायर पर करन क ालए तीन साह का समय दया गया ा और दो अाधकारय चार कमरचारय को तनात कया गया ा समय पवर ही कायर पर कर ालया गया जीपीएस ारा 51 जीसीपी बद सान का ावधान कया गया

6 टर हदराबाद गाइड़ मप

टर हदराबाद गाइड़ मप का कायर आठ खनड म पर कर ालया गया ह

7 समाकालत तटीय कष बध परयोजना (ICZM)

क ीय पयारवर एव वन मषालय क अतगरत समाकालत तटीय बध सामात (SICOM) ारा इस परयोजना को ालया गया ह परयोजना का उशय

डलटा कष को छोड़ 7 कमी क चौड़ाई क सा कनयाकमारी स बगलादश सीमा तक भारतीय तट रखा क पार म 2400 कमी क तय दरी का 110000 क पमान पर मानाचष बनाना पव तट क कल कष को र चार कष म कष ndash 567 एव 8 क नाम स ावभाजन कया गया अपन आ दश भ साानक आकड़ा क क कायर कष म कष 6 एव कष 7 पड़ता ह कष 6 म पड़न वाल

-

कष को 8 उप-खणड म एव कष 7 म पड़न वाल कष को 12 उप-खणड म पनः ावभााजत कया गया कल कायर को मससर ाजयोडीस आइआइसी टोलोाजस एव इनोासस को ठक पर दया गया

मससर ाजयोडीस का उतपादन कन हदराबाद ासत भारतीय सवक ावभाग क भारतीय सवक एव मानाचष ससान क भवन म ासत ह ाजसका उरदाायतव कष कष-6 एव 7 ह जो आ दश भ साानक आकड़ा क क कायर कष म ह

ठकदारी क शत क अनसार आ दश भ साानक आकड़ा क न ानयाषत सवक कायर सप र कर दया ह जस 10 स 50 क मी क दरी पर जी सी पी एव 1 स 3 क मी क दरी पर तल- ाचहन मससर ाजयोडीस क ावधान हत

अब तक कष 6 म 8 उप- खड म स 7 उप-खड म ासत और कष 7 म 12 उप- खड म स 11 उप-खड म ासत 10 स 50 क मी क दरी पर जी सी पी एव 1 स 3 क मी क दरी पर तल- ाचहन का व रन रखााचष एव समतलीय सानाक आ दश भ साानक आकड़ा क न सतत कर दया ह

चक दोन कष क कछ उप-खड म र सान पाया गया ह आ दश भ साानक आकड़ा क न मोगलत एव मछलीपनम उप-खड क र सान क पत हत पनःसवक कायर कर दया ह इस दौरान कल 181 कमी का दोहरी ततीय ी तलक (DT Levelling) करत ए 17 जी पीएस बद

4

सान का ावधान कया गया तााप र सान म पड़न वाल कष 6 क 3 उप- खड और कष 7 क 2 उप- खड का सवक कायर अपर महासवकक दाकी कष एव परयोजना ानदशक आइ सी जड़ एम स शासानक एव ावीय अनमात ा होन पर कर दया जाएगा

मससर ाजयोडीस न हवाई ाषकोीयकर हत नलल उप- खड का ानयष ावसतार करन क ालए लड सवक कायर समा कर दया ह इस ावसतत ानयष को आ दश भ साानक आकड़ा क ारा अनमोदत कया जाना ह

समसत उप-खड का हवाई ाषकोीयकर एव अकयकर क पात मससर ाजयोडीस आ दश भ साानक आकड़ा क को अनमोदन हत सारी अातम ााया सतत करगा

आ दश भ साानक आकड़ा क ारा अातम अनमोदन क पात 20 उप-खड म पड़न वाल सार नकश का म कया जाएगा यह या दसबर 2015 तक समा होना ह

8 राीय शहरी सचना ाली (NUIS)

राीय शहरी सचना ाली का मोचन क ीय शहरी ावकास मषालय ारा 152 शहर का 110000 क पमान पर उपह छाया ाचष ारा एव 12000 क पमान पर हवाई ाचष ारा दसव योजना क तहत भ साानक आकड़ का ावकास करन क सा ndash सा जीपीआर (Ground Penetrating Radar) क मदद स 22 शहर का 11000 क पमान पर दो उपयोग क समाधान हत जस जल आपत मल-ानयारस उपयोागता मानाचष हत कया गया राजय नोडल एजासय (SNAs) ारा शहरी मासटर पलान और उपयोागता पलान क तयारी हत इन नकश का उपयोग कया जाएगा

उपरो परयोजना क ालए आ दश भ साानक आकड़ क का उरदाायतव ानानसार ह- i एनआरएससी ारा 110000 पमान पर उतपादन कया गया नकश क सरका ानकासी ii अातम नकश क सशोधन और गवा जाच हत एन आर एससी क सा समनवय iii110000 क पमान पर तयार नकश को राजय नोडल एजासय (SNAs) को दय हत अनय भ

साानक आकड़ा क क सा समनवय

इस राीय शहरी सचना ाली परयोजना क अतगरत 20 राजय क 152 शहर का कायर ालया गया और 68 शहर क अातम ााया उ भ साानक आकड़ा क राजय नोडल एजासय (SNAs) को भज दया गया लहाल एबयट आकड़ा जोड़न हत अलग- अलग राजय क उ भ साानक आकड़ा क राजय नोडल एजासय (SNAs) स ा 15 शहर का एव एमओजीएसजीएस सशोधन करन हत 2 शहर का आकड़ा एनआरएससी क पास ह अलग- अलग राजय क 67 शहर क आकड़ एबयट सह हत उ भ साानक आकड़ा क राजय नोडल एजासय (SNAs) क पास ह

5

तााप आ दश भ साानक आकड़ा क न एनआरएससी एव अनय भ साानक आकड़ा क राजय नोडल एजासय (SNAs)स अचछ समनवय क सा अपना उरदाायतव भरपर ानभाया ह

9 आ दश कनारटक सीमा ाववाद

माननीय उतम नयायालय क ानदश क अनसार आ दश कनारटक राजय सीमा ाववाद को सलझान हत भारत क महासवकक न आ दश भ साानक आकड़ क को कायर आवटन कया इसका मखय उशय आ दश कनारटक राजय सीमा ाववाद को सलझान हत सीमा सतमभ का सापना करना ह तीन खड म रक एव सव कायर हत टीम क तनाती क गयी अब तक 172 जीपीएस ाबनद का पयरवक कया गया कायर अभी बाक ह

10 अनय ावावध कायर

उपरो परयोजना काय क अलावा इस भ साानक आकड़ा क न वषर 2014-15 क ालए ानालाखत काय क ाजममदारी ली ह

I 28 शीट क 150000 क पमान पर गवा ानयष

II 516 शीट क 125000 क पमान पर ओएसएम पानतर

III 150000 क पमान पर 354 शीट क वब चर सवा

IV हदराबाद कष म पड़न वाली 56 क 6 7 1011 डी एस एम शीट का अतन

V हदराबाद कष म पड़न वाली 56 क 6 7 1011 ओ एस एम शीट का अतन

VI 150000 क पमान पर तलग भाषा म चार शीट का मानाचष

VII तलगाना और आ दश राजय का नकशा 110 लाख क पमान पर तयार करना

ाहनदी एव टक अनभाग

22 मई 2014 को आ दश भ साानक आकड़ा क न एक नय अनभाग का गठन कया ाजसका नाम ldquoाहनदी एव टक अनभाग

rdquo रखा गया इसका मखय उशय यह ा क वाषक कायरम क अनसार इस ानदशालय स अाधकतम पषाचार हदी म ही करना इसक भारी इस आकड़ा क क राजभाषा अाधकारी ह एव इस अनभाग म एक अनभाग अाधकारी एक कान हदी अनवादक दो अवर ी ालापक क तनाती क गई ह ानदशक ारा अनमोदत मसौद को हदी म अनवाद कर इस ानदशालय स अनय ानदशालय कष एव महासवकक क कायारलय को पषाचार कया जाता ह lsquoगrsquo कष म हदी पषाचार का लय जो 55 ह उस ा करन हत यह ानदशालय अहम भामका ानभा रहा ह कोाशश जारी ह क वषर 2014-15 तक वाषक कायरम क अनसार यह ानदशालय अपन लय को ा कर लगा

6

सवक सहायक क वतन मान म पनरीक- माननीय नयायालायक आदश का कायारनवयन

अल 2013 म सवक सहायक क वतन मान म पनरीक का आदश ा आ सवक सहायक क हासयत स ाजनको ए सी पी ानयामत पदोात ामली उनक मामल को तरत ालया गया तााप एक सदह उठा क कया उ वतन-मान एमएसीपी ा सवक सहायक पर लाग कया जा सकता ह या नह और इस पर भारत क महासवकक स सपपीकर ा कया गया इसी बीच सवक सहायक क वतन मान क पनरीक क समाधान हत ानालाखत सदसय क सामात का गठन कया गया

1 ी कक गा अधीकक सवकक (अधयक) 2 ी एलएस शकर राव कायारलय अधीकक 3 ी एम यादी री सहायक 4 ीपी सतीश सहायक

इन मामल क ससाधन क ालए ानयामत आधार पर बठक आयोाजत क गई मामल ाजनक सपपीकर क जरत नह ी (लगभग 25 ) तरत ालय गय एव जलाई 2013 म कषीय वतन एव लखा कायारलय को सतत कय गय ाजनह उसी महीन म जाच तय कया गया

रवरी 2014 म सवक सहायक क वतन मान क पनरीक स सबाधत सपपीकर क ाा क बाद बाक क 45 मामल को (दोन पवर ndash 2006 एव उर - 2006 एसीपी) ानदश क अनसार मामल को 15-03-2014 तक तयार कया गया तााप ावीय वषर 2013-14 क अत म ानाध क उपलाबध न होन क कार इसको कषीय वतन एव लखा कायारलय को सतत नह कया जा सका

वषर 2014 -15 लखानदान क माधयम स ा ानाध स (12 सवा ानव मामल को जलाई 2014 म सतत कया गया और उसी महीन म तय कया गया) जलाई 2014 म ानयामत बजट क आबटन क बाद बाक क सभी मामल को अारत 10 (लगभग) अगसत 2014 म सतत कया गया और उसी महीन म तय कया गया आज क तारीख म सभी मामल को पर कर ालया गया और अनदश का अनपालन कया गया 70 मामल म स 22(लगभग) को आक लाभ ा आ और बाक (पवर -2006) मामल को साातक तौर पर वतन ानयतन कया गया अारत माननीय नयायाायक आदश क अनसार बकाया क आहर क ाबना

सामात क ानयामत आधार पर बठक ई और अधयक न मामल को पर करन म मागरदशरन दया ी एलएस शकर राव कायारलय अधीकक न अनय सदसय ारा कए गए वतन ानयतन मामल क पयरवक और जाच क सामात ारा दए गए समय सीमा क अदर सभी मामल को पर कया गया और समय समय पर ानदशक को ासात स अवगत करवाया गया

7

ाशक कोसर

आ दश भ साानक आकड़ा कन स ानालाखत अाधकारय को भारतीय सवक ससान म ावाभ कोस म ाशक दलवाया गया

म स अाधकारी का नाम(ीीमती) कोसर सखया ावषय

1 मोअजीममीन 49521 सवक अाभयााषक का मल ासानत

2 एन अानल कमार कय 5 भाम सचना का अाभकलप एव कायारनवयन

3 मोहममद अली शख 40092(ए) सवक पयरवकक

4 एस राव 40092(ए) सवक पयरवकक

5 अामत समर 40092 सवक पयरवकक

6 एलवीएम नायड 40092(बी) सवक पयरवकक

7 वी गोपाल राव 40092(बी) सवक पयरवकक

8 बी गोपाल राव 40092(बी) सवक पयरवकक

9 पी रावकर ातकोर भ-साानक ावजान

10 कोा ीानवास ातकोर भ-साानक ावजान

1 कनरल एस ीधर राव ानदशक न बगल ासत दाकी कष कायारलय म 21012014 स 23012014

आइसीजड़एम परयोजना स सबाधत ानदशक क सममलन म ाहससा ालया

सममलन ाशक

2 कनरल एस ीधर राव ानदशक न नई दलली ासत सव (हवाई) एव दलली भ साानक आकड़ा कन ानदशालय म राीय शहरी सचना ाली (NUIS) स सबाधत पनरीक बठक म ाहससा ालया 3 ी कक गा अधीकक सवकक एनएसडीआई क ालए ओरकल सपाशयल का ाशक ा कया |

ाशकता

आ ावावालय इजीानयरग कॉलज(ए) ावशाखपनम क 12 ावाय को 12-05-2014 स 06-06-2014 तक ाजयोडसी अकय ोटोाामात सलाकात सदर सवदन तलक अकय मानाचष एव भौगोालक सचना पात आद ावषय पर जानकारी दी गयी

8

वषर 2013-14 क ालए मानदय स परसकत कमरचारय क सची

म स नाम ीीमती कमारी पदनाम 1 पी म कमार अाधकारी सवकक 2 पीककर अाधकारी सवकक 3 एलकरासी अाधकारी सवकक 4 ए भाचारजी अाधकारी सवकक 5 एन अानल कमार सवकक 6 ीनीवास राव यादागर सवकक

7 क ओमकार सवामी सवकक

8 सागरका पताल सवकक

9 एमएस आर मत सवकक

10 एस बी चधर राव सवकक

11 अशाख अहमद सवकक

12 डी वकटा ीहरी सवकक

13 डीआरएस स कमार सवकक सहायक 14 सी एच गडम मानाचषकार ड II 15 ावजय सनीता गोप मानाचषकार ड II 16 पीक ातभा सहायक 17 ज कनक लमी मानाचषकार ड III

18 शलबाला खडरी मानाचषकार ड III

19 ए शलश वर ी ालापक 20 एम बगारी नायड वर ी ालापक

21 चपाल वर ी ालापक

22 एमलम कमार वर ी ालापक

23 एन वलली कलयाी वर ी ालापक

24 बीनागरम अवर ी ालापक

25 पठान इमाम कासीम अवर ी ालापक

26 एमअपपल राज एम टी डी 27 सययद जहागीर अली एम टी डी

28 शयामल दास एम टी डी

9

म स नाम ीीमती कमारी पदनाम 29 सी नारायना खलासी 30 महन कमार खलासी 31 एमओबयया खलासी 32 सी वीचलमयया खलासी 33 कालर खलासी 34 जी जया खलासी 35 क अपपा राव खलासी 36 पी काशम खलासी 37 क ईरयया खलासी

पदोत कमरचारय क सची

म स नाम पदनाम पदोात क

ाता ाजस पद पर पदोत ए

1 डीरघ रामल मानाचषकार ाडावजन -I 11-10-2013 मखय मानाचषकार

2 मो अजीमीन सवकक 06122013 अाधकारी सवकक

3 एम परमर राव सहायक 29112013 कायारलय अधीकक

4 जीशीला रानी मानाचषकार ाडावजन -II 23062014 मानाचषकार ाडावजन ndashI

5 एम वासदव वर ी ालापक 06052014 सहायक

सायीकर ा कमरचारय क सची

म स नाम पदनाम सायीकर क ाता

1 एमावजय कमार पटल ाचषकार ड़ -III 01012013

2 आर ीनीवास राव अवर ी ालापक 01012013

10

म स नाम पदनाम सायीकर क ाता

3 पी ामालनद कमार खलासी 01012013

4 गनकली पदममा खलासी 01012013

5 वाइ मानीकयममा खलासी 01012014

6 बी सवामी( अनसाचत जन जाात) खलासी 01012014

7 बी शाता ( अनसाचत जन जाात) खलासी 01012014

11

सानातर पर तनात कमरचारय क सची

म स

नाम ी ीमती

पदनाम सानातर क ाता

सानातर

स को

1 डीरघ रामल

मानाचषकार 11102013 भौ सप एव स स ानदशालय

आ भसा आ क हदराबाद

2 मो अजीमीन सवकक 06112013

(पवारहन)

भारतीय ाशक एव मानाचष ससान हदराबाद

आ भसा आ क हदराबाद

3 सतयभामा नायक सापना एव लखा अाधकारी

10012014 (पवारहन)

पब एव ास भसा आ क कोलकाता

आ भसा आ क हदराबाद

4 एनबी सरी अधीकक सवकक 22012014 मएव गोवा ानदशालय पन

आ भसा आ क हदराबाद

5 एस महबब दादार 17022014

(अपराहन)

मएव गोवा ानदशालय हदराबाद सकनध

आ भसा आ क हदराबाद

6 टीकष कमार अाधकारी सवकक 19032014

(अपराहन)

भारतीय ाशक एव मानाचष ससान हदराबाद

आ भसा आ क हदराबाद

7 एसराव टीटीटी lsquoएrsquo 17042014 पवारहन

भारतीय ाशक एव मानाचष ससान हदराबाद

आ भसा आ क हदराबाद

8 अामत कमार टीटीटी lsquoएrsquo 06052014 पवारहन

भारतीय ाशक एव मानाचष ससान हदराबाद

आ भसा आ क हदराबाद

9 बीराजन बाब सहायक 09062014 पवारहन

दाकी म वगर आ भसा आ क हदराबाद

10 जी शीला रानी मानाचषकार ाड-I 23062014 पवारहन

भौ सप एव स स ानदशालय हदराबाद

आ भसा आ क हदराबाद

12

सानातरत कमरचारय क सची

म स

नाम ीीमती

कमारी पदनाम सानातर क

ाता सानातर

स को

1 बीसीसा अाधकारी सवकक 16082013

आ भसा आ क हदराबाद

भा स एव स हदराबाद

2 एमएम मोहानत

अाधकारी सवकक 26082013

आ भसा आ क हदराबाद

ओड़ीशा भसा आ क भवनर

3 पीयादयया सवकक 11122013

(अपराहन) आ भसा आ क हदराबाद

क भसा आ क बगल

4 सनीता कालरा आशालापक

28042014

(अपराहन) आ भसा आ क हदराबाद

ानदशक सवक (हवाई) दलली भसा आ क नई दलली

5 शभा वी नायर

कायारलय अधीकक

07052014

(अपराहन) आ भसा आ क हदराबाद

भा स एव स हदराबाद हदराबाद

6 कवी चारी सहायक 06062014

(अपराहन) आ भसा आ क हदराबाद

दाकी म वगर

13

सवा ानवसवाचछक सवा ानव ए कमरचारय क सची

म स नाम पदनाम सवा ानवा क ाता टपपी

1 पीडीकमार अाधकारी सवकक 30092013 सवा ानव

2 एस कासम दादार 30092013 सवा ानव

3 भलनराम खलासी 15102013 (पवारहन) सवाचछक सवा नव 4 जी लाजर पटल ाचषकार ड़- II 31102013 सवा ानव 5 बीसीलममा खलासी 31102013 सवा ानव 6 पीदवदास मानाचष मॉउटर 30112013 सवा ानव

7 तनगटला राधा कषा भडार सहायक 31122013 सवा ानव

8 टीवकटयया दादार 31122013 सवा ानव 9 जी चयया माली 31122013 सवा ानव

10 पीसीबोरोल अाधकारी सवकक 28022014 सवा ानव 11 डीरघ रामल मखय मानाचषकार 28022014 सवा ानव 12 बी नासरयया खलासी 28022014 सवा ानव 13 बी ीपाल दादार 31032014 सवा ानव

14 क दानम खलासी 30042014 सवा ानव

15 कषा सरकार अाभलखपाल ाडI 31052014 सवा ानव

16 कपललयया पटल ाचषकार ड़ II 31-05-2014 सवा ानव

17 सीकडयया जमादार 31052014 सवा ानव

18 एमवकटवरल दफतरी 30062014 सवा ानव

19 पीअजरना खलासी 30062014 सवा ानव

20 यावर बगम खलासी 30062014 सवा ानव

21 एमाचा वकटममा

दफतरी 30062014 सवा ानव

22 एनबी सरी अधीकक सवकक 31082014 सवा ानव

14

समात शष

एसपी ईरयया खलासी

जनम ाता 01-07-59 ावभाग म भत होन क ाता 01-03-1997 स ानयामत भत सवगरवास 22-4-2014 परवार इनक परवार म पी क अलावा दो ब ह इनक आकासमक ानधन पर आ दश भ साानक आकड़ा कन क कमरचारय को गहरा आघात पचा और सभी न इनक परवार क ात सवदना क एव इनक आतमा क शाात क ालए ईर स ारना करत ए दो ामनट का मौन रखा सव ी एसपा ईरयया ाजनक आ दश भ साानक आकड़ा कन म कायररत रहत ए अल 2014 म अकाल मतय हो गयी ी उनक परवार क ततकाल मदद क ालए पर आ दश भ साानक आकड़ा कन क परवार न 25600- का ततकाल सहयोग दया

15

भडार का ाप

म स सामी भडार 1 वाटर कलर 01

2 एल ईडी मॉनीटर 15

3 कमपयटर टबल 30

4 कमपयटर कस 30

5 पलाासटक कस 236

6 एचपीाडजाइन जट टी- 1300 टर 01 आइ सी जड एम क अतगरत

7 कलर क समाटर एलए जीएस टी 42- सकनर

01 आइ सी जड एम क अतगरत

8 यपीएस क ालए 12 वोलट क बटरी 60

9 5 कपी का य पी एस 02 डी ए डबलय वी आइ सी जड एम क अतगरत

10 डलल कमपयटर 10

11 लाइका अकय लवल (डी एनए-03) 02 आइ सी जड एम क अतगरत

12 लाइका जीएनएसएस (जीपीएस दोहरी बारबारता)

02 आइ सी जड एम क अतगरत

13 3 डी ावजन कट 23 (18 आ भ सा आ क हत )

14 समसग एलसी डी मॉानटर 02

15 एचपी सकनजट 200 फलटटड- सकनर 01

16 डाट मकस टर 03

16

अनपयोजय भडार का अनपयोगी घोाषत

म स सामी मलय 1 साइबग उपकर 364574-

2 नचर आइटम 218844-

3 ोटोामीतीय उपकर 9125746-

4 कमपयटर और परधीय 4027273-

5 उपकर ( गौ सवक उपकर) 706943-

तदनसार अनपयोजय भडार क अनपयोगी हत नीलामी या क शआत हो चक ह

17

वषर 2013-14 क ालए ानाध का आबटन य

शीषर सवीकत अनदान

(हजार म )

अातर ानाध क मागाा

(हजार म )

भाकमसव ारा काटी गई (हजार

म )

इस कायारलय

ारा अभयपर

अातम बजट अक (पय

म)

य (पय म)

31-3-2014 को शष रााश (पय म)

वतन 114400 0 1400 0 113000000 112999869 131 मजदरी 500 350 0 0 850000 845802 4198 ओ टी ए 0 0 0 0 0 0 0 ाचकतसीय 2840 0 0 750 2090000 2089187 813 डी टी ई 1240 0 0 0 1240000 1239231 769 ओ ई 1409 125 94 1440000 1397157 2843 आर आरटी

240 0 0 16 224000 223875 125

ओ ईए 2 2 0 0 4000 3750 250

एसampएम 310 0 0 310000 309712 288 पी सवा 280 0 0 129 151000 149810 1190 अनदान 0 0 0 20800 20775 25

18

मनोरजन कलब का वाषकोतसव ndash 2013

आ दश भ साानक आकड़ा क ानदशालय क मनोरजन कलब का वाषकोतसव दनाक 10-01-2014 को ातः काल 1000 बज स सममलन कक म आयोाजत कया गया ाजसम मखय अाता भारत क महासवकक डॉ सव र सबबा राव उपासत ावशष अाता क प म ी एसबी शमार उप महासवकक भारतीय सवक एव मानाचष ससान उपासत ानदशक महोदय कनरल ीधर राव न सवागत भाष दया और मनोरजन कलब क साचव ी डीआरएस सन कमार न वाषक रपोटर सतत क सासकातक कायरम ारा सभी का मनोरजन कया गया मखय अाता न अपन भाष म कहा क इस ानदशालय न ी कनरल ीधर राव क नततव म बत अाधक एव सतोषजनक प स गात क ह और इस बात का भी उललख कया क व जब इस ानदशालय क ानदशक तब व य सब कायर करना चाहत परत इनह मतर प दन म कनरल ीधर राव ानदशक महोदय क महतवपर भामका रही ह ततपात एक ीात- भोज का आयोजन कया ाजसम करीब 230 लोग न भाग ालया ाजसक सभी न भर-भर शसा क

मनोरजन कलब ारा आयोाजत कए गए खल

करम

टबल टनीस

शटल

शतरज शॉट- पट धीमी साइकलग

पष सगलस माहला सगलस पष डबलस माहला डबलस

पष सगलस पष डबलस

पष सगलस माहला सगलस पष डबलस माहला डबलस

पष पष पष

19

वषर 2013 क दौरान कनीय मनोरजन कलब सपोटरस स ा इस ानदशालय क ाता एव सममान

करम

खल म परसकार ातीय परसकार ततीय परसकार

पष सगलस पी रवी कानत चनपाल शशी करन एव एलए बग

माहला सगलस शभा वी नायर पीक ातभा शलजा एव मीना

पष डबलस सययद इदरस एव सवातरयया कवी चारी एव ओ वीन कमार

---------

माहला डबलस शभा वी नायर एव अनसया पीक ातभा एव शलबाला खडरी

टबल टनीस पष सगलस पी सतीश क वीचारी ओ वीन कमार

एव अशाख अहमद पष डबलस कवीचारी एव

डी रगा राव कक गा एव पी सतीश ----------

शटल पष सगलस पी सतीश एम वी ावजय कमार कवी चारी एव पी

यादयया माहला डबलस शभा वी नायर एम सबीता मीना एव राज़या

बगम पष डबलस पी सतीश एव

एम वासदव स कमार एव ओ वीन कमार

-----------

माहला डबलस एम सबीता एव राजया बगम

शभा वी नायर एव बी एस वी वरलमी

-----------

शतरज पष जगन एकर ------------

शॉट- पट पष बी नागरम चनपाल स कमार

20

धीमी साइकलग पष डी स कमार सययद इदरस सययद मोजज़म

उ नयायलय म लाबत नयायालक मामल

लाबत मामल 04 आ दश उ नयायालय

कस क सखया 11 कनीय शासानक अाधकर हदराबाद

समा कस क सखया 06 लाबत कस क सखया 05

पनवलोकन मामल

ानालाखत अाधकारयकमरचारय क पनवलोकन मामल का ानपटारा कया जा चका ह

म स प lsquoबीrsquo राजपाषत प lsquoबीrsquo अराजपाषत प lsquoसीrsquo (पवरवत प

1 एस बाब अाधकारी सव ज डी एबनजर मानाचषकार ाडाव I नरश

2 पीक लहा मानाचषकार ाडाव I गदो राम

3 शख मीरावली मानाचषकार ाडाव I एम गररयया

4 जी सीतारामम सव सहायक पी काशम

5 वाई सबबयया सव सहायक सतयममा

6 पीएस सामबाब सव सहायक वी कषयया

7 बी ओबशयया सव सहायक

21

एम ए सी पी क मामल

ानालाखत अाधकारयकमरचारय क एमए सी पी मामल का ानपटारा कया जा चका ह

म स प lsquoबीrsquo अराजपाषत प lsquoसीrsquo (पवरवत प lsquoडीrsquo)

1 वी सयर भा मानाचषकार ाडाव I एल योहन

2 पीकलहा मानाचषकार ाडाव I सीनाराया

3 शख मीरावली मानाचषकार ाडाव I जजॉन

4 एम भवनरी मानाचषकार ाडाव I एस रामयया

5 बीएसवी वरलमी मानाचषकार ड़ II बी पललया

6 - पी काशम

7 - शख काासम पीरा

8 - एम लमी नाराया

9 - एम वकटरल

10 - जी जया

आ दश भ साानक आकड़ा कन क अाधकारय कमरचारय क ब ाजनहन शकाक ानपता दखाई ह

1 कमारी अनवषा कर सपषी डॉ पीक कर सी जी पी ए 9810 दसव कका क ीय ावालय हदराबाद

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तलग म ावव ी नकश ( ओएस एम) क तयारी (बीएचराव अधी सव जीव अाध सव एमराकश अाध सव एसपटा री मानाचषकार)

सतावना पवर म ावाभ नकश तलग म कााशत आ करत जस आ दश राजय नकशा (1999) भारत क राजनीातक नकश आद ऐस नकश अकराक ासटक-अप (lettering stickups) साहत साइबग क परमपरागत तकनीक का उपयोग कर कााशत होत तााप कोई भी सलाकातक नकश तलग म कााशत नह ए ह परत हाल ही म ावजान एव ौोागक ावभाग न ावव ी टोपो नकश ( ओएसएम) को कषीय भाषा म उपलबध करवान क ालए एक नीात को जारी कया ह ाजसक पराम सवप आ दश भ साानक आकड़ा क न राजय क राजधानी हदराबाद को दशारत ए एक शीट को योग क आधार पर अकय माधयम स तलग म करन का काम ालया ह

ॉनट क खोज म माइोसटशन साफटवर क अनक ल डीजीएन ामट म मल डाटा बस पहल स ही उपलबध ह मल-

पाठ को बठान क ालए माइोसटशन क अनक ल एक सावधाजनक तलग ॉनट क आवशयकता ह अनक ॉनट क जाच क गई परत कछ भी माइोसटशन क अनक ल नह पाया गया कयक तलग ालाप म बत सारी माषाए अगल स लगवाए जान क कार ldquoमाषाrdquo को लगाना एक कठन कायर सााबत आ तााप वब म बत छान-बीन करन क बाद ldquoटी टी एल हमलताrdquo ॉनट को खोजा गया और माइोसटशन परवश म मल पाठ को रखन म उपयोगी पाया गया

अनवाद

ावाभ व रनातमक अाभउाया ाचनह पाद- टपपाया आद का अजी स तलग म अनवाद हत सभी ापय साधन जस क इटरनट नट पर अनवाद शबदावली आद का आय ालया गया

माइोसटशन परवश म मल पाठ को बठान क ालए कायरावाध

ॉनट याान ldquoटी टी एल हमलताrdquo वााछत सान पर लोड कया गया तलग ालाप म बत सारी माषा क अतःसाापत होन क कार एक ावाशप शबद या अकर क ालए सही माषा क चयन हत अाधक सावधानी बरतना का सानात कया गया वााछत मल ndash पाठ को मइोसाफट वडर म टकत कया गया माइोसटशन वशरन 8 ाइल म अनोटशन टकसट एडीटर क माधयम स कापी और पसट कया गया उ

23

शीट क 22 टोपो स अनवादत अनोटशन को या सतयाापत कया गया अनोटशन को कनार म और उपरो शीट क नाम ाइल म रखा गया मामल ाजनको सलझाना ह -

1 ॉनट क आकार का मानककर 2 तलग ालाप म ावाभ व रनातमक अाभउया क सावधाजनक शबद का चयन 3 मल- पाठ को सगठत करना एक जटल कायर ह और समय लन वाली कायरावाध ह और पयार

माषा म षीय भाषा याान तलग क जान क जरत ह 4 जयादा सखया म सपादन मल-पाठ क सगठन क आवशयकता ह 5 तलगाना राजयतलग ावावालय क उ राजभाषा ावभाग स अनवादत ालाप को माीकर

करन क आवशयकता होगी समाा

सानीय ालाप (तलग) म ओ एस एम माक नकश क तयारी स अाधक सखया म लोग को सलाकातक नकश को आसानी स योग करन म सावधा होगी सलाकातक नकश म भाषा-ावषयक सबधी साचकारी पदार को जोड़न स ानयही भारतीय सवक ावभाग क उतपाद क चार को बढ़ावा ामलगा और बाजार म अपनी अहामयत बढ़ाएगा

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चनौती क ालए तयारी (रघना ाषपाठी अधीकक सवकक)

कसी भी ावभाग म नई चनौातय को सामना करन क ालए कमता ानमार क आवशयकता ह यद

यह नह कया जाए तो सताावत योजनाए ावल हो जाती ह कमता ानमार स पहल उसक लय एव उशय को परभााषत कया जाना आवशयक ह कयक इसक कायारनवयन क सतर म योजना और ानषपादन म का अतर हो सकता ह कमता ानमार क अनय मानक क अतगरत अनवत सावधा क रखरखाव और सभाावत ावकास भी शाामल ह कमता ानमार क कसी भी यास म ातभा क खोज को ही पहल कदम क प म ालया जाना चााहए भारतीय सवक ावभाग म सही कमता ानमार क बाद ही 110000 क पमान का सवक करन और मानाचष ाा सभव हो पाएगा आधानक अाध ौोागक म कमय क ाशक पयार नह ह लकन यह दखना ह क जो माग और सवक और मानाचष क आपत क खला स सक ातत ह जनता क ालए उपयोागता बढ़ा रही ह श म हालाक बाधाए आना बाधय ह हम यह कायर श करना और पराम क तीका करनी ह इस यास म खल अाधकार कष क ावशषज को ानयामत प स परामशर कया जाना चााहए सवक और नकश क उपयोगकतार क माग और एक बड़ परय क दाप स दखन क ालए यह महतवपर ह

यहा तक क उपयोगकतार क ालए भी ाडाजटल डटा का उपयोग सीामत ह भारतीय सवक ावभाग उपयोगकतार को ानयामत आधार पर सहायता और मलय सवधरन क ालए सलाह दकर नकश क कातज उपयोग तक का ावसतार कर सकता ह उस बात पर धयान दत ए भारतीय सवक ावभाग क सवा हत जी आई एस वजाानक को शाामल करन क आवशयकता ह यह महगा मामला होन पर भी वरीयता स भरी हम भावषय क चनौातय को परा करन क ालए तयार रहना चााहए कयक नकश क उपयोग स ावकास को तो होना ही ह

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नमक का महतव (कष कमार अाधकारी सवकक)

एक राजा क तीन बटया ी तीन बत ही सनदर सशील और ावशष ग वाली एक दन राजा न तीन राजकमारय को अलग-अलग स एक ही सवाल पछा ldquo बटी तम मझ कतना चाहती हो ldquo बड़ी राजकमारी न जवाब दया rdquo ापताजी म आपको सोन जस चाहती अारत सोन क आभष स मझ ाजतना पयार ह उतना ही पयार आप स ह ापताजी ldquo राजा बत सतप आ और दसरी राजकमारी स पछाrdquoबटी दीदी न तो जवाब द दया अब तम बताओ तम मझस कतना ह रखती हो दसरी राजकमारी बोली ldquo ापताजी म आपको हीर जसा चाहती अारत हीर क गहन स मझ ाजतना पयार ह उतनी ही पयार आप स ह ापताजी ldquo राजा तो ल न समाया सोचन लगा rdquo म बमतलब का सकोच कर रहा ा मरी बटया तो लगता ह मर बगर जी नह पाएगी ldquo अब तीसर स कया पछ र भी पछ लता र तीसरी बटी स पछाrdquo बटी तम मझ कतना चाहती हो तीसरी राजकमारी न जवाब दयाrdquo ापताजी म आपको नमक ाजतना चाहती जवाब सनत ही राजा आग-बबला हो उठा और बरी-भली सनाकर उसक कक स ानकल गया छोटी राजकमारी न कछ नह कहा बालक राजा क डाट सनकर चपचाप रह गयी रात ई राजा को सार महल क कायर ानपटान क बाद भख लगी खान क ालए उस हीर स ससात सोन क सहासन पर छोटी राजकमारी न बठाया र सोन क ाली म नाना कार क जन स य खाना परोसा और राजा को खाना श करन को कहा राजा न मह म खाना रखा तो महसस कया खाना का ह र हर जन को चखा तो पाया सब क ह र तो आग-बबला होकर अपनी रानी पर ाचललाया ldquo इस तरह क भल कस हो गयी हम कया समझ रखा ह जन दखाकर ललचाना और र खान नह दना यह बोलत ए रानी पर सोन क ाली ाजस पर जन परोस ए कन क ालए हा उठाया उठ ए हा को तीसरी राजकमारी न पकड़ ालया और पछा ldquoापताजीखाना तो बढ़या ह र कमी कया हrdquo राजा बोल ldquoनमक क ाबनाकोई खाना खाया जा सकता हrdquo राजकमारी बोली ldquoापताजीआपको तो नमक स नरत ह ना इसालए मन जन बनवात ए नमक नह डलवाया rdquo र तो राजा समझ गया क छोटी बटी न उनह सबक ासखान क ालए यह भोजन तयार करवाया ह र बोला ldquoबटी म समझ गया नमक क ाबना खाना जस सवादप नह उसी तरह तमहार पयार ाबना मरा वचरसव नह ldquo और राजकमारी को गल लगा ालया

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मायाजाल (एनबी सवामी अाधकारी सवकक)

इस जगत म कल 84 लाख जीव राशया ह और उनम मानव जनम सबस उम ह उम इसालए ह क भगवान न मानव का आधार इसालए दया ह ताक इस जनम अचछ कमर कर वह मोक क ाा कर सक मोक याान पनरजनम नह यद कमर बर ए तो र 84 लाख जीवरााशय म पदा होन क ालए वह आतमा कालच म दोबारा स जाती ह इस सपर कालच क याषा करत ए जब आतमा मानव क योान म वश करती ह तब वह भगवान स यही ारना करता रहता ह क ह भगवान मझ इस कद (याान मा का गभर) स जलदी मा दला द कयक म तमहारा धयान सही ढग स नह कर पा रहा कयक इस कद म अनक तरल पदा क सा-सा मल-मष म भी टहल रहा यह कसा नरक ह जहा आपन मझ सा रखा ह तब भगवान भी बोलत ह क ldquoत अभी बालक ाशश का प धार करन वाला ह तमन इतन वष यग म ाजतन पाप कय ह उन सबक यह चरम सीमा ह यह चरम सीमा बत ही पीड़ा दन वाली ह ाजस तमह जीतना ह लाघना ह इस चरम सीमा स मा होन क बाद तम कया करोग ldquo ाशश कहता ह ldquo भगवन आप जो कहग ldquo भगवन पछत ह कया तम अपना जीवन मरा धयान करत ए मर ालए समपर कर दोग ldquoाशश कहता हrdquo हा म समपर कर दगा आपक ालए ldquo भगवन भी जानत ह ाशश को नौ महीन गभर म रहना ही पड़गा तभी पर शरीर का ावकास होकर जब वह बाहर आएगा तो मरी सवा करगा उ नौ महीन तदनसार भगवन ाशश का वातारलाप नौ महीन चलता रहता ह ताक ाशश अपन चार ओर स मल क गध का धयान न द र जब वह बाहर ानकलता ह भगवान को धनयवाद करता ह और कहता ह ldquo म तमहारा बत ही आभारी भ अपन मझ मा दलाई अभी मझम वह ताकत नह क म तमहारा धयान करन क ासवा और कछ क मर माता ndashापता मझ सच कर जब अपन पर पर चलन क ताकत द दग तभी म तमहार ालए कछ कर पाऊगा ldquo भगवान कहत ह ldquo अर मखर त नह जानता यह जगत एक मायाजाल ह मझ पर ावास ह त मझ भल जायगा और र स कालच म पड़ जायगा ाशश कहता ह ldquo नह भगवान ऐसा नह ह भगवान मरा ावास करो म ातजा करता मरा जीवन आपक ालए ही समपर ह ldquo भगवान कहत ह ldquoदख लगा इस जगत क मायाजाल म त मरी कया का सवा करगा ldquo यह ाशश और भ का वाारलाप सनकर दवष नारद भगवान क पास पच पछन लग ldquo भ आप कस मायाजाल क बात कर रह ह ldquo भ बोल ldquo नारद म समसत जीव- रााशय का सवामी उनका कलया चाहता उनको सख भी और दख भी दता वह इसालए क मायाजाल क मोह एव अहकार म पड़कर खद को सपर मानन वाल ाी को दड न द तो र मरा समर कस करगा ldquo नारद बोल ldquo भ आपक वचन का मतलब कस

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दशा म जाता ह यह तो मझ नह पता एक तर कहत ह समसत जीवरााशय का कलया चाहता दसरी ओर कहत ह दड दता तीसरी ओर मायाजाल अर नाराय आप जब समसत जगत क सवामी ह सब आपक अधीन ही ह तो र मायाजाल शबद आपन जो योग कया ह वह आपक अधीन स बाहर कस हो गयाrdquo ानयष काजए जीवरााशया उसक चपट म नह आएगी र सब आपका गगान ही करग और सबको मोक क ाा होगी ldquo भगवान कहत ह ldquo ह दवष मर ालए समसत जीवराशी को परीका स गजरना पड़ता ह मानव जीवन ही उनम अातम परीका ह बस उसको लाघ ल म पनरजनम स मा दला दldquo नारद जी भगवान स तकर करन लग गय का दर बाद भगवान न कहा rdquo दवष आपस बहस और नह कर सकता आपस बहस कर मरा गला सख गया ह जरा एक छोट कलश या कमडल म पानी लकर आइय ताक म अपनी पयास बझा सक नारद को झटका लगा और पाताप करन लग ldquo बमतलब मन अनतरयामी स बहस कर उनको कप दया व समपर जानानद क सामन मरी हासयत कया ह पता नह आज मरी मात मारी गयी और म बमतलब बहस करन लगा भ को पयास लगी ह और वो भी मरी वजह स जलदी स उनक पयास म बझा द पानी क खोज म सार लोक का म करत ए नारदजी पथवी लोक म पच गए पथवी लोक पचकर पानी क खोज म एक कए क पास पच तो दखा क एक अतयनत सदर नारी कए स पानी ानकाल रही ह नारद न सोचा वह सनदर ी पानी भरकर चली जाए तो र म ोड़ा सा पानी भर ल नारद उस दख रह ी भी नारद जी को दख रही ी नारदजी न पछा rdquo दवी कया तम यह आसपास रहती हो ी न जवाब दया rdquo हा ldquo नारदजी र पछ rdquo दवी कया तमहारा ाववाह हो चका ह rdquo ी बोली ldquoनह ldquo नारदजी का ावचालत मन ल नह समाया और पछ ही ालया ldquo दवी यद तम अाववााहत हो और यद तमह कोई परशानी न हो तो कया तम मझस ाववाह करोगी ी सादाय औरत ी बोली ldquo मर ापता क आजा क ाबना म आपस ाववाह नह कर सकती ldquo नारदजी बोल ldquo दवी सशील नारी क यही ग होत ह यद तमह आपा न हो तो म तमहार सा चलकर तमहार माता-ापता स बात कगा और तमस ाववाह कगा ldquo यवती राजी ई और ासर एव कध म पानी स भर घड़ को ढोत ए आग चलती रही और नारदजी पीछ चलन लग सपर रासत म उस सनदर ी क ानहारत ए मन म सपन क पल बाध रह उस सनदर ी क ापता क पास जाकर अपना परचय दत ए उनक बटी स ाववाह करन का सताव रखा साकात नारद मान को अपना दामाद सवप दख उसी मतर म मगनी हो गई और एक शभ मर म ाववाह भी हो गया ाववाह क कछ दन क पात उनक ब हो गय ब बड़ भी हो गय र तो व अपन गहस आम म इतन सत हो गय क उनक मह स नाराय मष ानकलना भी बद हो गया कई वष बाद एक शाम को जोर क आधी क सा तानी बारश ई इस माहौल न इतना ावकराल प धार कर ालया ा क वातावर लय म बदल गया चार तर पानी भर गया बत सार लोग पश आद पानी म बह गय कनत कात क ावकराल प क सामन ठहरन का साहस कस ा दखत ही दखत उनका गह भी बाढ़ क चपट म आकर टट गया और पानी म बह गाया पी और ब डर स

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रोदन करन लग दखत-दखत कान पष क अलावा पी और बाक ब भी पानी म बह गए र तो नारदजी स सोचा इस कान को म कध पर ालए चलता ताक वह तो बढ़ाप म मरा सहारा बनगा कनत लय क तीता इतनी तज ी क नारदजी क नाक क ऊपर स पानी बहन लगा र तो व खद भी भल गय क बट को बचाना ह सोचन लग म कसी तरह जीावत बच जाऊ उसी सोच न उनक कान पष को भी नह बखशा कसी तरह कछ समय उपरानत लय शानत आ पानी घट गया चार तरक मनषयपश - पकी आद क लाश टट ए रासत और घर क बीच पड़ी ई ी नारद मान को बहद दख आ और ठठोर कर रोन लग गय रोत-रोत व खद क बार म सोचन लग क भगवान न उनक सा ऐसा अनयाय कय कया काश व भी मर जात तो अचछा होता तभी उस राह स ास महष गजरत ए नारदमान स परामशर करन लग नारदजी कहन लग ldquo पता नह मन कौन सा पाप कया ह क मर पर परवार का सवरनाश हो गया ह मझ कय मतय नह आई इस पर ासजी न कहा शायद तमहारा समय नह आया ह इसालय तम बच गय हो हालाक ास जानत क नारद मायाजाल म सा आ ह ldquo र इसका ानरय कौन करता ह ldquo नारद न ासजी स पछा ासजी न उर दया ldquoयह तो मतयलोक क अाधपात यमराज ही इसका उर दगrdquo र व दोन ामलकर यमराज क पास गय यमराज न आन का कार पछा तो ासजी न नारद मान क सारी दख भरी गाा सनाई और पछा क ldquoमतय न इनका आलगन कय नह कयाldquo यमराज बोल rdquoम कोई नह मरा यमदत ही इसका उर द सकता ह कयक म यमदत क ारा कसी आतमा को लान क बाद ही उसक पाप-पणय का ाहसाब दख ानधाररत सजा का ऐलान करता यद यमदत आपको लकर मर पास नह आया तो इसम मरा कया दोष ह यमदत स पछ लldquo र ासजी न उनक यमदत स वही सवाल करन पर यमदत न कहा ldquo महामान म कस कसी क शरीर स आतमा को छीनकर ल आऊ म तो यमलोक का सवक माष ाचषग जब तक आजा नह दत तब तक म कोई कायरवाही नह कर सकता आप इस का उर ाचषगजी स पछ ल ldquo र ासजी न ाचषग स वही सवाल करन पर ाचषग न कहाrdquo महामान म तो यमदत को तभी आजा दता जब उस ाी का सारा लखा - जोखा समा हो जाता ह अभी माननीय नारद जी क मतय का समय आया नह ह अभी उनका कछ कया नह जा सकता ldquo ासजी न नारद स कहाrdquo दखो नारद अभी तमहारा समय आया नह ह तभी तम जीावत हो चलो चलत ह अब ापछली घटना को भल कर आग क सोचो ldquo बस इतना ही कहना ा क ाचषग न र ासजी को बलाकर कहा rdquo ह ऋाषवर इनक कणडली म यह ालखा ह क मतय तभी इनको गल लगा सकती ह जब य एक सा आपको मझ यमराज और उनका वाहन भस का एक सा दशरन करग चक इनक ारा यह कायर पर हो चका ह अत इनका जीवन पर हो गया ह ldquo बस इतना ही ा क नारद जी को आवाज आन लगी अर दवष दवष मझ कब स पयास लगी ई ी मरा गला सख गया ह कनत आपन मझ अब

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तक पानी नह दया कहा ह पानी ldquo य साकात नाराय क आवाज सन नारदजी को होश आया और भगवान क चर म पड़कर ागड़ागड़ान लग यह कहत ए क rdquo ह नाराय आपन मझ अचछा सबक ासखाया ह मन आपस बहस कया कर लीआपन मझ मायाजाल का साकातकार करवा दया कमा काजए म आपको पानी नह ापला सका मरी वजह स आपका गला खब सख गया होगा ldquo यह कहत ए उनक अधारा स नाराय क पाव धल गय और भगवान न कहाrdquo दवष आप चातत ना ह आपन अधारा स मर चर धोकर ानसवार सवा कर दी मरी पयास बझ गयी ह अब आप म ह ldquo र नारदजी खशी स नाराय-नाराय कहत ए ानकल गय

घाट का पतर

(बषव बहरा अाधकारी सवकक)

माता-ापता और जनम भाम को छोड़ कर हम सब बन गए ह घाट का पतर धनय ह वह महापष ाजसन हम साापत कया म उस महापष क ावषय म व रन नह कर सकता शायद म अात पाप क कार पतर बन गया लोकन म आशा करता क भावषय म मरा भागय बदल जाएगा चक म लोग क मन स सवा करता इसका ल हमको भगवान अवशय दग लोग का सवा करत ndashकरत मरा आकार भी बदल गया परनत सवा करत ndashकरत मरा नाम रोशन हो रहा ह बालक हम सता का अनभव हो रहा ह मर कमर क चलत मरा भागय बदल रहा ह म हमशा जलम रहता और पीठ पर ातदन मार झलत रहता शायद ही ऐसा पीड़ा इस ससार म कसी को ामलती होगी मरा सानानतर भी नह ह म कई महापष को दखता आया कतन महाराय न ा तयाग दय लकन तबस म यहा अकला पड़ा म हर मौसम क मार झल रहा ब-बढ़ क सवा करत-करत मन कछ पणय कमा ालए ह और आशा करता क मझ को भावषय म मानव जनम ामल सकता ह मानव जनम ामलन स म आपका भजन-करन कगा

ऐस दखतndashदखत कई यग क बाद हमको मानव जनम ा आ मानव जनम म अगर इस धराष म दखा क यहा ऊच-नीच जात-पात नीात-ानयम ावदन पाचार अनयाय ndashअतयाचार चमर-अचमर का ताडव नतय चल रहा ह दखकर मर मन म परवतरन आ गया क भ मझको मरा ापछला जनम वापस द दीाजए

पतर जनम म रह कर मरा कोई-कोई साी अचछ कमर क चलत मदर म सान ा कर ालया ह कोई-कोई तो ठाकर बन गय लोग-ातदन उनक पजा करत ह

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हम लोग म स कोई-कोई सामाजक कायर म सहयोग दान करत ह कोई गह-ानमार म सहयोग द रह ह तो कोई मदर-ानमार म सहयोग द रह ह कोई तो सीधा मत बन गय इसीालए उनक मन म घमणड आ गया अहलया न पतर होन क नात भगवान का दशरन पा ालया इसालए पतर जनम होन क चलत उनक मन म का अह भाव आ गया

हमार अनदर ावाभ प भी ह याः लोहा पतर चना पतर सगममरर काला पतर (नाइट सटोन) मलायम पतर (soft stone) इतयाद लोहा पतर जो दश क ानमार म काम आता ह चना पत जो ासमट ानमार क काम म आता ह सगममरर घर और मदर का शर (flooring) म काम आता ह काला पत घर का शर और आला बनान म काम आता ह मलायम पतर ाशलप कला क ावकास म योगदान दत ह पतर जनम होकर भी म का गवर महसस करता मरी भगवान स अानतम ावनती य ह क आप मझ अानतम समय म दशरन दन को कपा कर

न हमको पतर जनम चााहए न हमको मानव जनम चााहए हमको तो ास र इस भव सागर स पार होना चााहए

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जयादा लोभ न करना (पाडव कानटया सहायक सवकक)

मनषय भगवान क साप ह इसालए वह भगवान का अश ह जब तक वो मा क गभर म ा तक तक वह मोह-माया स वाचत ा एव हमशा भगवान क समीप ा लकन जब वो पथवी पर अवती र आ उसको मोह-माया न घर ालया पाच साल तक वो ईरीय सा म रहता ह इसालए कहा जाता ह क ldquoCHILD IS THE INCARNATION OF GODrdquo इसक बाद मोह-माया म आकषत हो कर ईरीय सा को भल जाता ह बचपन म वो बत आजा और मोह-माया राहत और चरषवान रहता ह जब समय बढ़ता जाता ह तब उसक समसत उम ग धवस होकर गलत मागर पर चला जाता ह

बचपन म ावा ाशका जवानी म ी दीका एव पारवारक ाचनता म म होकर वह समसत मौालक सा को खो दता ह सबा नप होकर सबा म आ जाता ह दव का नप होकर राकस वा जारवत होता ह एव परवारक जगल म सकर भगवान का नाम लना भल जाता ह अपना परवार का भर पोष क ालए कठन परम करता ह लकन उनका पट भरता नह ह ईर क सा को भल जाता ह और अनत म पशकतव को ा होता ह शरीर रोगसत हो जाता ह दाप शा की हो जाती ह चलन ndashरन म असमर रहता ह रात को नद नह आती ह र भी लोभ को छोड़ नह पाता ह अपन बीवी-ब ता परवार क बार म सदा सोचन लगता ह शरीर वावसा को ा होता ह परवार क कोई भी सदसय पछत नह ह

परवार क लोग उसको ढग स खाना भी नह दत ह उसको घर स दर रखत ह र भी यह अधम मनषय भगवान क बार म सोचता नह ह लोभ का अनत नह होता ह पाप का बोझ बढ़त जाता ह अनत म नरक को ा होता ह र भी मनषय भगवान को समझ नह पाता ह परवार क ालए इतना बड़ी ददरशा झलता ह उनको कोई भी नह पछता ह उसक ारा जमा क गई पजी को परवार वाल उनक सामन मौज करत ह

लोभ मनषय को अनधा बना दता ह आदमी क हतया करत ह लोभ क वशीभत होकर दसर क समपात को लटत ह ाजसस समाज म पाचार बढ़ता ह इसालए ह मानव तम कय लोभ करत हो लोभ नह करक भगवान का समर करो हर कतरन करो तप जप करो और सवगर क अाधकारी बनो उम कमर करक भगवान क शरागत हो जाओ भगवान तमहार समसत सख-दख का भार वाहन करग

सवरधमारनपरतयजय मामक शर ज अह तवा सवरपापभयो मोकायषयााम मा शच

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इसालए अचछा कमर करक पणय कमाना ह हमशा धमर क जय और पाप का कय होता ह धमर-कमर करक ावजय ा होगी लकन अधमर म जाकर नरक गामी नह होना

एकदा अनधा राजा धतरा सजय को पछा क ldquoह सजय इस धमर य म कसक जय होगी उर म सजय बोल क ldquoयष योगर कषो यष पा धनधरर तष ी ावजयो भात वा नीातमरातमरम ldquo अारत जहा योगर कष एव धनधाररी अजरन एक सा ह वहा ावजय ानात ह

इसालए दखा गया क हमशा धमर क जय और अधमर क पराजय होती ह धमर सवचछ ानमरल लकन अधमर कदाकार कात ह इसालए लोभ-लालच म वशीभत न होकर सत

कमर करो अनयाय का परतयाग करो लोभ मत करो जीवन म कप करक जो धन कमा ालया वो सब इस धरती म रह जाता ह अानतम क म सा कोई नह ल जाता इसालए अनधर म भटक नह जाना इसालए कहा गया ह क-अात लालच नह करना अात सवरष गहतम अारत अात सवरनाश का कार ह

अात दप हता लका

अात मानसय कौरवा अातदारन बाल वध अात सवरष गहतम

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टटा वक का अाभमान (चरदास नाराय गडम सवक सहायक)

वन म खड़ एक वक क सा ालपटी एक लता भी धीर-धीर वक क बराबर हो गई वक का आय

लकर उसन भी लना ndashलना आरभ कर दया बल को लत ndash लत दखकर वक को अहकार हो गया क म न होता तो लता अासततव हीन होती वह लता को धमकात ए बोला ओ बल चपचाप मरा कहना माना कर म जो कह रहा वह कया कर नह तो ध मार कर भगा दगा पड़ का लाप जारी ा क दो पाक वहा स ानकल एक बोला अर भाई जरा दखो तो यह वक कसा सदर ह इस पर कसी सदर लता पाषपत हो रही ह आओ इसक नीच ोड़ी दर ावाम कर अपना महतव लता क सा ह यह जानकर वक का अाभमान भी नप हो गया सा ndash सा रहन स ही सबक गात होती ह

बटी (डी राव बाब पटल ाचषक ड-II)

बटी घर क लाज होती ह पापा क सर का ताज होती ह दल क सदा स रही ह इचछा बटी तझको ह पाना आई हो मर जीवन म जस एक ननही कावता राह दखता म तरी जलदी स मर पास आना मा क गोद म सदा रहती हो कछ पल मर पास भी आना न चाहत ह अब धन दौलत क त ही लमी त ही मरी मत भी डर लगता ह सोचक जब एक दन छोड़ क जाएगी त कतना मझ लायगी त बटी होती ह बाबल क लाड़ली

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यह ाज़नदगी (सययद इदरीस पटल ाचषक ड ndashII)

बठ जाता ह ामी प अकसर कय क मझ अपनी औकात अचछी लगती ह

मन समनदर स सीखा ह जीन का सलीका चपचाप स बहना और अपनी मौज म रहना चाहता तो ह क य दानया बदल द पर दो व क रोटी क जगाड़ म सरत नह ामलती दोसत महगी स महगी घड़ी पहन कर दख ली व र भी मर ाहसाब स नह चलता य ही हम दल को सा रखा करत पता नह ा क कमत चहर क होती ह अगर खदा नह ह तो उसका ाज कय और अगर खदा ह तो र कय

lsquorsquoदो बात इसान को अपन स दर कर दती ह एक उसका ldquoअहम rdquo और दसरा उसका ldquo वहमrdquo पस स सख कभी खरीदा नह जाता और दख का कोई खरीदार नह होता मझ ाज़नदगी का इतना तजबार तो नह पर सना ह सादगी म लोग जीन नह दत मााचस क जरत यहा नह पड़ती यहा आदमी आदमी स जलता ह ाव क बड़ स बड़ वजाानक यह ढढ रह ह क मगल ह पर जीवन ह या नह पर आदमी यह नह ढढ रहा ह क जीवन म मगल ह या नह

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जीवन म न जान कौनसी बात ldquoआखरी rdquo होगी न जान कौन सी रात आखरी होगी ामलत जलत बात करत रहो यार एक दसर स न जान कौन सी ldquo मलाकात rdquo आखरी होगी अगर जदगी म कछ पाना ह तो तरीक बदलो इराद नह ऐ चाद त कस मज़हब का ह ईद भी तरी और करवाचौ भी तरा

उगालय क लड़ाई

(शख महबब पीरा पटल ाचषक)

एक दन हा क सभी उगालया आपस म लड़न लग अगठा बोला म सबस बड़ा सभी जगह जरी कागज पर मझस ही ानशान बनाया जाता ह तजरनी बोली-ldquoम बड़ी मर होन स ही सब लोग काम कर पात ह जस-ालखना खाना पकड़ना मधयमा बोली-ldquoअर भई कया तम नह जानत जो आकार म लबा होता ह उस ही सभी बड़ा कहत ह अनाामका सब बात चपचाप सन रही ी वह तरत बोली ndashldquo म सबस बड़ी म तो पजा करन क भी काम आती मर स ही रोलीातलक लगाया जाता ह कानाका सभी को लड़ता दखकर उदास ी वह चपचाप एक कोन म कछ सोच रही ी तभी अगठा व तीन उगालया उसक पास गई और बोली- ldquoअर छोटी तम तो बड़ी हो ही नह सकती कयक तमहारा नाम ही कानाका ह कानाका बोली ldquoसनो अगठ भाई और पयारी उगालय आपस म लड़कर कभी कसी का भला नह हो सकता हमम कोई भी बड़ा-छोटा नह ह हम सब ामलकर मी बन सकत ह तभी हम सब बलवान हग कया तमह नह मालम क बद मी म ही ताकत होती ह इसालए हमारा लड़ना बकार ह rdquo कानाका क बात सनकर सभी एक सा बोल- ldquoहा छोटी बहन तम ाबलकल सही कह रही हो सचमच अकल म तम ही हम सबस बड़ी हो rdquo

इस नीात का स एकता म बल क ाशका ा होती ह

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तलगाना- भारत का एक और नया राजय (शलबाला खडरी मानाचषकार)

तलगाना भारत क दाकी भाग म ासत भारत का 29 वा राजय ह कषल क दाप स यह दश का

बीसवा बड़ा राजय ह ाचीन हदराबाद रयासत का अाधकतम भाग तलगाना राजय म ालया गया ह जहा आजादी स पहल ानजाम का राजय ा सन 1947 म जब भारत अज क चगल स आजाद आ उसक बाद भी हदराबाद का ानजाम अपनी रयासत सय भारत म ावलीन करन क पक म नह ा वह अपनी रयासत पर अपना ही सवतष शासन चाहता ा अतत सरदार बललभ भाई पटल क अक यास स इस रयासत को भारत क मखय धारा म ावलीन कया जा सका इस कार आन दश राजय क सापना ई और 26 जनवरी 1950 को ी एमक वललोड़ी आन दश राजय क म मखयमषी ानय ए 1956 म हदराबाद रयासत को आन दश राजय म ावलीन कर दया गया

2 जन 2014 म पनः तलगाना राजय अासततव म आया आन दश राजय क उर पामी 10 ाजल को ामलाकर तलगाना राजय क सापना क गयी ह राजधानी हदराबाद भी तलगाना राजय म ासत ह परनत 10 वष तक हदराबाद दोन राजय याान आन दश और तलगाना राजय क सय राजधानी रहगी दोन राजय क शासानक कायर हदराबाद स सचाालत हग तलगाना शबद का ादभारव ाषलगा दश शबद स आ ह ाजसका अर ह तीन लगो वाला दश तलगाना राजय क तीन दशा म कालरम ीशलम और ाकारामम ास ाशव मानदर ासत ह ाजनक अपार धामक महा ह वासतव म पक तलगाना राजय क ालए 1946 स 1951 क बीच ही ारमभ हो गया ा उस समय कमयानसट पाट न इस आनदोलन का नततव कया ा जो असल रहा भाषा क आधार पर तलगाना और आन राजय को पक करन क ालए अनक आनदोलन समय-समय पर होत रह ह इनम मखय आनदोलन 19691972 और 2009 क ह इन आनदोलन का यह भाव आ क 9 दसमबर 2009 म भारत सरकार न पक तलगाना राजय बनान क कायरवाही श कर दी य घोषा सनत ही तटीय आन व सीमान कष क लोग न सम आन दश क पक म आामक आनदोलन ारमभ कर दया और ऐसी ासात म भारत सरकार न यह कायर 23 दसमबर 2009 तक सागत कर दया इसक पात भी लगातार पक तलगाना और सम आन दश क ालए अलग-अलग आनदोलन चलत रह पक तलगाना क पक म कई आतम - हतयाए ई हड़ताल क गयी ाजसस जन साधार को बत असावधा का सामना करना पड़ा अतत पक तलगाना समरक क जीत ई और कास कायरकारी सामात न सवर सहमात स 30 जलाई 2013 को पक तलगाना राजय क ासारश करत ए ाबल तयार कर दया अनक सोपान पार करत ए यह ाबल रवरी 2014 को ससद म पारत कया गया रवरी 2014 दश पनगठरन एकट क तहत यह ाबल ससद म पास हो गया इसक पात इस नय राजय तलगाना ाबल को रापात ारा सहमात ा ई और माचर 2014 क गजट म इस कााशत कया गया इस कार नय तलगाना राजय क सापना ई

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ाशासकय प स तलगाना राजय क सापना 2 जन 2014 को ई क चन शखर राव क पाट ldquoतलगाना रा सामातrdquo न चनाव म दश म बमत हाासल कया और इस कार ी कचन शखर राव तलगाना राजय क म मखय मषी चन गए

म महगाई (डॉ नीलम कमार ाबड़ला अाभलखपाल)

म महगाई महग दशभ लोग क आमष पर भारत आई तज गात लान गात म भारत आई मझ गलत मत समझो गरीब बत ठीक बमत दकर तमन ाजनको बत उठाया म तो उनह क तीक भौातक वादी यग म योग ासखाती म भख पट न सोए कोई कडालनी जगाती म धयान प म च मारकर मन जय ऊपर चढ़त-चढ़त र तक आ जाता ह भाव वसत क वस ही र तक ल आई

अब इस यग म एक तल क पीप को पा लन का अर को पा लना ह भ दशरन क झलक दखना एक टमाटर खा लना ह भारत का आदशर तयाग ह अनासा ह अपरह ह मझको पाकर लोग वसतए तयाग रह ह अपनी खद क कार छोड़ बस क पीछ भाग रह ह म लोग को तड़क भड़क स खच

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सादगी ासखाती टरीलीन क शौकन को ला पहनाती माया जीवन का बधन ह पया पसा मल हा का म वतन भोगी लोग क बधन दो दन म हर लती शी छड़ाकर मल हा का शीश सा ानमरल कर दती

नीात ालखन वाल न कम खाना या गम खाना अचछा बतलाया मन उनका कन ानभाया ाजतनी चीज महगी हगी उतना ही जन कम खाएग ाजस दन रोटी नह ामलगी उस दन खद ही कम खाएग

शकल पक क चाद सरीखी बढ़ती म खब चादनी लाऊगी अभी दज तक ही आई परमासी तक जाऊगी

करो कलपना जब भारत जन कतन सदर दखा करग ग चावल चना बाजरा जब पाड़य म ाबका करग बीमार को दध दहीघी क इजकशन लगा करग कसा मधर जागर होगा लोग भख स जगा करग

आतक हमला

(डॉ नीलम कमार ाबड़ला अाभलखपाल) 13 दसबर 2001 ससद प पाक आतक हमला 13 रवरी 2014 ससद म भारतीय आतक हमला

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शमरसार ई ससद पच ाड़ गए नयी तहजीब क झड गाड़ गए

उड़ाया गया काली ामचर का पाउडर सपीकर का नह सना आडरर आख जलन लग सास लन लगी ससद पर नगी तलवार झलन लगी

घायल आ जातष और सावधान मदर क पजारय न कया मदर का अपमान ऐस आतकय को सबक ासखाना होगा र नया इातहास बनाना होगा

बाल-म (वाइकराकश कमार खलासी)

बालपन क कलकारी धप क ताप स आ मक पोी छोड़ी कदाल खोदत हा क मार अचक कचड़ आधी म म करना आ मजबरी गरीबी क पराकाा पट और पीठ क घटती दरी कछ धनहीनता और कछ माता-ापता क मखरता कनत सबस जयादा सवा समाज क सवदनहीनता ाजसन बालक को ामक बनन को बाधय कया लखनी को छीनकर कोमल हा म छडी पकड़ायी

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गाय-बकरी क सवा करता बालय-जीवन कप अपन भावषय को दर करता अजान और अबझ ावोपाजरन क कसको ह सरत ासात तो ऐसी ई दो दान अ क ालय बालपन चोर बनन को आतर आ

दोसती

(ाचा कडयया खलासी)

गलाब एक ल ह

एक घनट म मरझा जाता ह पर दोसती एक शा ह कभी भी जीावत रहती ह

बर ठडी होती ह जो पकड़ म नह आती ह

दोसती सोन जसी ह जो कभी कोई नह खरीद सकत ह

तार क पाच अनत (END) ह चौकोन क चार अनत ह तीकोन क तीन अनत ह

एक रखा का एक अनत ह पर दोसती का कोई अनत नह ह

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मर जीवन का उशय (कमारी ाया सातव कका सपषी एम सबीता उाल)

कग नयज भारत का खतरा पाकसतान न कशमीर पर हमला कया ह कछ दन बाद helliphellip कग नयज पाकसतान क ाखला भारत क रका करत ए वीर सानक

का भारी नकसान इन खबर न भारत को ाहला दया ा म भी सोच म पड़ गयी क म भारत क ालए कया कर सकता भारत को इन हमल स कस बचा सकता मर मन म ास र एक ही खयाल आया क भारतीय सना का एक जवान ासपाही बन

जव मन यह बात अपन दोसत स कही तो उसन कहा क ासपाही बनना खतर स खाली नह ह और परवार स दर सरहद पर खतर स भर जीवन मर ालए कपद होगा लकन मन ठान ालया ा क म कछ ऐसा कगी क पर दश म मरा नाम हो ाजस दखकर मर अपन का ासर गवर स ऊचा हो जाए

मर ानय को सनकर मरी मा रोन लगी मझ लोभन दया क म ापार क मर दोसत न मझ डाकटर बनन का सझाव दया पर मन सोचा क भारत म कई डाकटर ह ापारी ह भारत को डाकटर या ापारी क नह बालक सानक क जरत ह

म भारत क ालए अपनी जान भी दन क ालए तयार मन सोचा सब अपन परवार को सराकत

रखना चाहत ह र भारत - भाम तो मरी मा ह मरी ही कय हर एक क मा ह तो हम सब का कतर बनता ह क हम इसक रका कर इसीालए मर जीवन का उशय ह क म एक ासपाही बन और भारत क सवा क

मखर ामष स समझदार शष अचछा होता ह (मासटर सनीत चौी कका सपष एम सबीता उाल)

एक दन म और मरा सबस अचछा ामष राव बठ यह सोच रह क हम परीका क ालए अभी स पढ़ाई श कर दनी चााहए या नह राव न तपाक स कहा क अभी स पढन स कोई लाभ नह होगा अगर हम परीका क एक दन पहल पढ़ग तो जयादा दमाग म रहगा तभी वहा स मरी कका का दसरा छाष रमश गजर रहा ा मझ रमश ाबलकल पसद नही ा और रमश भी मझ पसद नह करता ा बात-बात पर हम लड़ाई करत पर पढ़ाई म वह मझस बत अचछा ा उसन हमारी बात सन ली ी

42

इसालए धीर सवर म मझस बोला अपन मखर ामष क बात मत सनो बस रोज मरी तरह ोड़ा-ोड़ा पढ़ो लकन मन उसक बात पर कान नह धरा एक महीन बाद परीका क दन आ पच परीका क एक दन पहल जब मन पढ़ना श कया तब पाया क पढ़न को बत ा पर समय कम ा जस -तस पढ़ कर मन परीकाए ालखी और उममीद करता रहा क म परीका म उी र हो सक कछ दन बाद परीका का पराम ानकला और वही आ ाजसका डर ा म और ामष राव अनी र हो गए दसरी ओर रमश बत अचछ अको स उी र आ उस दन मझ समझ आ गया क मखर ामष स समझदार शष अचछा होता ह

भावषय क पढ़ाई (मासटर ाशव कलया सातव कका सपष वालल कलयाी उाल)

आज जब हम पढ़ाई या सकल क बार म सोचत ह तो नजरो म एक भारी बग उठाता आ

छाष दखता ह कताब क ाबना हम सकल जान क सोच भी नह सकत कताब क सा कपयटर भी पढ़ाई का महतवपर ाहससा बन चका ह

कछ साल बाद भारी कताब स भर बग क बदल छाष क हा म टबलट होगा आकाश टबलट एक ऐसा यष ह ाजसम हम तरह-तरह क कताब पढ़ सकत ह हम कका म ही नट स जानकारी पा सकत ह टबलट ोन स बड़ा ह और जयादा महगा भी नह हम इस कह भी ल जाकर इसम कताब पढ़ सकत ह हम इसम कका का दया गया कायर भी कर सकत ह यह टबलट पढ़ाई का अदाज बदल दगा और पढ़ाई को मजदार बना दगा

पानी और धप (कमारी एस साानया पाचवी कका सपषी राजया बगम अाल)

अभी-अभी ी धप बरसन लगा कहा स यह पानी कसन ोड़ बादल को क ह इतनी शतानी

सरज न कय बद कर ालया अपन घर का दरवाज़ा उसक मा न भी कया उसको बला ालया कहकर आजा

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ज़ोर-ज़ोर स गरज़ रह ह बादल ह कसक काका कसको डाट रह ह कसन कहना नह सना मा का

परीका (कमारी शख राजया सलताना गयारहव कका सपषी शख महबब पीरा पटल ाचषक)

ाजस नाम को सनन स कापता ह बा वो ह परीका परीका पपर हा म आत ही इतना डर लगता क यद अचछा नह कया तो ापटना पा तीन घट म लगभग करन होत ह चालीस सवाल एक भी छटा तो घर म आता ह भवडर रजलट क एक दन पहल रात को नद नह आती ह अचछ नबर पान क ालए भगवान क याद आती ह पास होन पर ामलता ह इनाम और मख स ानकलता ह ldquoकय भगवान rdquo र आती ह अगली कका तब भी मख स ानकलता ह हाय र आ गयी र स परीका

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राीय साकरता (मासटर शख समीर छठी कका सपष शख महबब पीरा पटल ाचषक)

ातदन सीखो अकर एक

ानयम बना लो ऐसा पढ़ो पढ़ाओ सीखो जान

तभी बनगा दश महान ावा सा जान कराती

मन का अधरा दर भगाती जहा पर बनत लोग जानी

वहा न होती मन क हाान अनपढ़ क ालए गगी पोी

धन दौलत भी होती ोी पढ़ा ालखा नह धोखा खाता

जहा भी जाता आदर पाता

मा (मासटर शख महबब बाशा आठव कका सपष शख महबब पीरा पटल ाचषक)

सबस सनदर जग म कौन बस एक त ह मा

सबस पयारी कसक मसकान बस एक तरी ही ह मा

कसन बनायी मरी पहचान तन ही तो मरी पयारी मा

कसक बोली ामी स मीठी तरी ही ह मरी मा

कसक डाट ह इमली स तीखी तरी ही तो पयारी मा

कसक ालए क म सब कबारन तर ालए मरी पयारी मा

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ाततली (कमारी एम राशका ाशवानी पाचवी कका सपषी एम लम कमार उाल)

ाततली तम कतनी

रग-ाबरगी होती हो तम सब ल का रस पी-पीकर

बाग-बगीच म रती रहती हो तर पख कई रग क होत ह

तमहार प को दखकर ब बत खश होत ह

मरी कका

(कमारी एम राशका ाशवानी पाचवी कका सपषी एम लम कमार उाल)

मरी कका म ह पचास ब हर एक ह अलग-अलग जस एक ह लबा एक ह छोटा एक ह मोटा एक ह पतला कछ ह अचछ कछ ह बर पर लगत ह सार पयार मरी कका ह रग- ाबरगी लगती ह ाततालय का झड ह

मझ बत पसद ह कयक यह हमारी कका ह

Page 5: कलाकल - Home: Survey of · PDF fileतेलंगाना-भारत का एक ... भी यह पि का ‘कलाकल‘ सुनदर प म िनखर

OslashethethUumlAtildeethoacuteUacuteeth ccedilethatildeethdivideaacuteecircethAcirceth ograveatildeethOslashethethplusmneth SURVEY OF INDIA

iexclNtildeethUuml Ugraveethegraveethccedilethatildeethdivideaacuteecircethumlicirc umlicirceth umlicircethUacuteethethaacuteacircethUacuteeth ADDL SURVEYOR GENERALrsquoS OFFICE

CcedilograveecircethAcircethoacute ecircethdivideeumleth SOUTHERN ZONE umlicircethdivideUumlUgraveethuumlplusmnethacircetheth timesethdivideuumlplusmnethacircethotildeTHORNKORAMANGALA BANGALORE

सदश

कसी भी भाषा क िवकास क िलए उसका सथान जन-मानस म पलना परम आवशयक ह इस दशा म आन-दश भ सथािनक आकड़ा कन हर साल क भाित इस साल भी पिका ldquoकलाकलrsquo का काशन कर एक महतवपणर कदम उठा रहा ह राजभाषा योग को बढ़ान क दशा म यह अतयनत सराहनीय यास ह मझ िवास ह क पिका म कािशत सामी ससित होगी तथा इनस रचनाकार क ितभा को उजागर करन क साथ-साथ िहनदी म काम करन का वातारण तयार करन म भी मदद िमलगी

आशा करता क भिवषय म भी यह पिका lsquoकलाकलlsquo सनदर प म िनखर कर सामन आएगी और

राजभाषा िहनदी क चार व सार म सहायक िस होगी पिका स सबिधत तयक ि को पिका क काशन पर मरी हादक शभकामनाए

मजर जनरल एम मोहन

अपर महासवकक

भारतीय सवकण िवभाग

SURVEY OF INDIA िनदशक का कायारलय

OFFICE OF THE DIRECTOR आ दश भ सथािनक आकड़ा क

Andhra Pradesh Geo-Spatial Data Centre उपपल हदराबाद-500 039(त)

Uppal Hyderabad- 500 039(T)

िनदशक महोदय क कलम सhellip इस कायारलय म मर कायरकाल क दौरान यह गह पिका ldquoकलाकलrdquo का ितीय ससकरण ह थम ससकरण म आ दश भ सथािनक आकड़ा कन क ाय सभी अिधकारय एव कमरचारय क िहनदी म कायर ितभा को दखकर मझ काफ गवर महसस आ और एक िवचार मन म आया क यह जीडीसी भी lsquoकrsquo एव lsquoखrsquo क क तरह िहनदी म पाचार कय न कर इसस इस भसथाआकन म काम करन वाल को ोतसाहन भी िमलगा और साथ ही साथ राजभाषा चार-सार म गह मालय ारा जारी सवधािनक ावधान का सममान भी बढ़गा मरी इसी सोच को करन पर अिधकारय एव कमरचारय न काफ ोतसाहन दया और जहा तक हो सक िहनदी म कायर करन का परा आासन दया म काफ हषललास क साथ यह बताना चाहता क उनह क ोतसाहन न मझ एक अलग ldquo िहनदी एव कण अनभाग ldquo गठन करन का िनणरय लन का साहस दया और उस क बाद िजतना हो सक अिधकतम कोिशश जारी ह क िहनदी म ही पाचार हो पपिणया भी िहनदी म ही िलखी जाय िहनदीतर भाषा क म िहनदी का वातावरण बनान का य हमार सार अिधकारय कमरचारय को जाता ह उनह क भावना सोच का दपरण ही यह पिका ldquoकलाकलrdquo ह िजनह लख किवताए चकल कहानी तकनीक लख एव फलड़ कायर क समितया आद क माधयम स अलकत कया गया ह और हर रचनाकार मरी ओर स बधाई का पा ह आशा करता क यह कलाकल पिका िबना रोक-ोक क इसी गित स िनरतर आग बढ़ती रहगी और म अपन अतकरण स कहता -

ldquo ह कलाकल िचरजीवी भवrdquo

(कनरल एसीधर राव)

िनदशक

सपादक क कलम स ---------

ldquoकलाकलrdquo का नतन अक आपक कर कमल म सतत ह इस िनदशालय क िवकास परयोजना क याा क जानकारी एव िनदशालय क कमरचारय क रचनातमक कितय का सह सतत ह िजसक माधयम स िवभागीय गितिविधय का परचय िमलता ह साथ ही कमरचारय को अपनी रचना सािहितयक गण को उजागर करन का अवसर भी ा होता ह

िहनदी एक सम भाषा ह िजसको योग कर तकनीक जान को हम सवर साधारण तक पचा सकत ह इस महतवपणर कायर को िनरतर इस िनदशालय क गह पिका ldquoकलाकलrdquo भली - भाित कर रही ह ldquoकलाकलrdquo क इस अक म जान- िवजान क बत सी बात का समावश कमरचारय और उनक परवार क सदसय ारा कया गया ह हम आशा ह क पिका पाठक क कसौी पर खरी उतरगी तथा उनक िलए जान-वधरक िस होगी म राजभाषा अिधकारी अपन सहभािगय क ित आभारी िजनक अथक यास स पिका क काशन क या िनरतर जारी ह तथा िनदशालय राजभाषा िहनदी क चार-सार एव इसक गामी योग म िवकास क ओर तजी स असर ह पिका को अिधक रोचक एव जानवधरक बनान क िलए सभी पाठक क सझाव सादर आमित ह

शभकामना सिहत

कलयान कमार गा

अधीकक सवककराजभाषा अिधकारी

1

वषर क दौरान 2014-15 आ दश भ साानक आकड़ा क भारतीय सवक ावभाग न ानालाखत परयोजना को ालया ह

म सखया परयोजना अजत राजसव टपपी 1 आ दश ासको दाडगल

परयोजना 283000- अातर ावभागीय मागकतार स

रााश ा हो चका ह

2 इदरा सागर पोलावरम परयोजना

1675800- अातर ावभागीय मागकतार स रााश ा हो चका ह

3 बड़ामी मख नाली सवक

58700- अातर ावभागीय मागकतार स रााश ा होना बाक ह

4 गालार आराकत वन सीमा सवक

2210000- अातर ावभागीय मागकतार स रााश ा होना बाक ह

5 ADRIN उतपाद का जमीनी सतयापन

- ावभागीय

6 टर हदराबाद गाइड़ मप - ावभागीय

7 समाकालत तटीय कष बध परयोजना त(ICZM)

- ावभागीय

8 राीय शहरी सचना ाली - ावभागीय

9 आ दश कनारटक सीमा ाववाद - ावभागीय

इसक अलावा ासतमबर 2013 स अगसत 2014 तक आ दश भ साानक आकडा कन क मानाचष ावय कायारलय स ावाभ कार क मानाचष क ावय ारा ावभाग को 1336019- का राजसव ा आ

उपरो परयोजना का साराश ान कार स ाववरत ह -

1 आ दश ासको दाडगल परयोजना दाडगल ासत वायसना अकादमी क ानकट अारम ाम होत

ए ानकलन वाली आ दश ासको क 400 कलो वाट वाली यददमलारम ndash गजवल डी सी लाइन क

9 बज हत WGS-84 आधारत जी पी एस सानाक साहत दाडगल ासत वाय सना आकादमी क हवाई

पी क अधःसपशर बध (Touch down point ) पर आधार तल क ाहसाब स मीटर म सल ॐचाई समतल

का ावधान करना

2

बल जीपीएस 5700 एव अकय लवल ारा कातज एव ऊधवर ानयष का ावधान कया गया

सव का कल मलय 283000- ा एव मागकतार स प र भगतान ा कर ालया गया समय सीमा क अदर कल 10 जी पी एस बद 50 क मीक दोहरी ततीय ी तलक (DT Levelling) एव 15 कमी क

मालारख (Traversing) कायर प र कया गया

2 इदरा सागर पोलावरम परयोजना

आ दश क पाम गोदावरी ाजला पोलावरम मडल क रामययापट ाम क पास गोदावरी नदी पर सोची गयी बउशयीय बहत परयोजना ही इदरा सागर पोलावरम परयोजना ह जो पोलावरम परयोजना क नाम स बचचत ह ान उललाखत सान म कातज (डीजीपीएस क मदद स सानाक ानात करना)एव ऊधवर ( तल-ाचहन का सतयापन) ानयष का ावधान करन का मखय कायर ा

i सताावत 960 मगावाट जल ावत ाबजली घर क धरी ii ामी एव पतर स ानमत बाध iii उबड़- खाबड़ मागर

सव कायर( रक एव सवक ) का कल लागत मलय 1675800- ा और मागकतार स परी रााश ा कर ली गई एक अाधकारी सवकक दो सवकक एव छः खलाासय क टीम क तनाती क गई पर कायर हत 30 दन का समय दया गया और ानयत अवाध क अदर ही कायर सप कया गया कायर समाा हत कल 17 जीपीएस बद सान एव 200 रखीय क मी का दोहरी ततीय ी तलक (DT Levelling) का ावधान कया गया

3 बड़ामी मख नाली सवक

बड़ामी मख नाली सवक कषा ाजल क सचाई CADD ावभाग क ालए ह जो एानकपाड सघ राजय कष स पा औतपलली क सघ राजय तक क 25 कलो मीटर क लबाई क नाली क मापन क सवक क ालए ह सवक क ालए रक कायर परा हो गया ह सवक क ालए ानधाररत लागत Rs58700 - ह मागकतार स रााश ा करना अभी बाक ह

4गालार आराकत वन सीमा सवक

भागीय वन अाधकारी कोागडम खममम ाजल क माधयम स गालार आराकत वन सीमा सवक कायर माननीय उ नयायालय हदराबाद क आदश क अनसार आ दश भ साानक आकड़ा क को आवटत कया गया ह यह खममम ाजल म सतयापन क ालए ह जगल का कषल 500 वगर कलो मीटर ह और ाराभक रक परा कर ालया गया ह सवक कायर क अनमाानत लागत Rs22 10000 - ह मागकतार स रााश ा करना अभी बाक ह

3

5 ADRIN उतपाद का जमीनी सतयापन

भारत क महासवकक ारा यह परयोजना कायर आ दश भ साानक आकड़ा कन को सपा गया ा इस कायर का मखय उशय भ ानदश उतपाद स सदभत आकलन करना ह कल कषल 18225 वगर कलोमीटर ह रक एव सवक कायर पर करन क ालए तीन साह का समय दया गया ा और दो अाधकारय चार कमरचारय को तनात कया गया ा समय पवर ही कायर पर कर ालया गया जीपीएस ारा 51 जीसीपी बद सान का ावधान कया गया

6 टर हदराबाद गाइड़ मप

टर हदराबाद गाइड़ मप का कायर आठ खनड म पर कर ालया गया ह

7 समाकालत तटीय कष बध परयोजना (ICZM)

क ीय पयारवर एव वन मषालय क अतगरत समाकालत तटीय बध सामात (SICOM) ारा इस परयोजना को ालया गया ह परयोजना का उशय

डलटा कष को छोड़ 7 कमी क चौड़ाई क सा कनयाकमारी स बगलादश सीमा तक भारतीय तट रखा क पार म 2400 कमी क तय दरी का 110000 क पमान पर मानाचष बनाना पव तट क कल कष को र चार कष म कष ndash 567 एव 8 क नाम स ावभाजन कया गया अपन आ दश भ साानक आकड़ा क क कायर कष म कष 6 एव कष 7 पड़ता ह कष 6 म पड़न वाल

-

कष को 8 उप-खणड म एव कष 7 म पड़न वाल कष को 12 उप-खणड म पनः ावभााजत कया गया कल कायर को मससर ाजयोडीस आइआइसी टोलोाजस एव इनोासस को ठक पर दया गया

मससर ाजयोडीस का उतपादन कन हदराबाद ासत भारतीय सवक ावभाग क भारतीय सवक एव मानाचष ससान क भवन म ासत ह ाजसका उरदाायतव कष कष-6 एव 7 ह जो आ दश भ साानक आकड़ा क क कायर कष म ह

ठकदारी क शत क अनसार आ दश भ साानक आकड़ा क न ानयाषत सवक कायर सप र कर दया ह जस 10 स 50 क मी क दरी पर जी सी पी एव 1 स 3 क मी क दरी पर तल- ाचहन मससर ाजयोडीस क ावधान हत

अब तक कष 6 म 8 उप- खड म स 7 उप-खड म ासत और कष 7 म 12 उप- खड म स 11 उप-खड म ासत 10 स 50 क मी क दरी पर जी सी पी एव 1 स 3 क मी क दरी पर तल- ाचहन का व रन रखााचष एव समतलीय सानाक आ दश भ साानक आकड़ा क न सतत कर दया ह

चक दोन कष क कछ उप-खड म र सान पाया गया ह आ दश भ साानक आकड़ा क न मोगलत एव मछलीपनम उप-खड क र सान क पत हत पनःसवक कायर कर दया ह इस दौरान कल 181 कमी का दोहरी ततीय ी तलक (DT Levelling) करत ए 17 जी पीएस बद

4

सान का ावधान कया गया तााप र सान म पड़न वाल कष 6 क 3 उप- खड और कष 7 क 2 उप- खड का सवक कायर अपर महासवकक दाकी कष एव परयोजना ानदशक आइ सी जड़ एम स शासानक एव ावीय अनमात ा होन पर कर दया जाएगा

मससर ाजयोडीस न हवाई ाषकोीयकर हत नलल उप- खड का ानयष ावसतार करन क ालए लड सवक कायर समा कर दया ह इस ावसतत ानयष को आ दश भ साानक आकड़ा क ारा अनमोदत कया जाना ह

समसत उप-खड का हवाई ाषकोीयकर एव अकयकर क पात मससर ाजयोडीस आ दश भ साानक आकड़ा क को अनमोदन हत सारी अातम ााया सतत करगा

आ दश भ साानक आकड़ा क ारा अातम अनमोदन क पात 20 उप-खड म पड़न वाल सार नकश का म कया जाएगा यह या दसबर 2015 तक समा होना ह

8 राीय शहरी सचना ाली (NUIS)

राीय शहरी सचना ाली का मोचन क ीय शहरी ावकास मषालय ारा 152 शहर का 110000 क पमान पर उपह छाया ाचष ारा एव 12000 क पमान पर हवाई ाचष ारा दसव योजना क तहत भ साानक आकड़ का ावकास करन क सा ndash सा जीपीआर (Ground Penetrating Radar) क मदद स 22 शहर का 11000 क पमान पर दो उपयोग क समाधान हत जस जल आपत मल-ानयारस उपयोागता मानाचष हत कया गया राजय नोडल एजासय (SNAs) ारा शहरी मासटर पलान और उपयोागता पलान क तयारी हत इन नकश का उपयोग कया जाएगा

उपरो परयोजना क ालए आ दश भ साानक आकड़ क का उरदाायतव ानानसार ह- i एनआरएससी ारा 110000 पमान पर उतपादन कया गया नकश क सरका ानकासी ii अातम नकश क सशोधन और गवा जाच हत एन आर एससी क सा समनवय iii110000 क पमान पर तयार नकश को राजय नोडल एजासय (SNAs) को दय हत अनय भ

साानक आकड़ा क क सा समनवय

इस राीय शहरी सचना ाली परयोजना क अतगरत 20 राजय क 152 शहर का कायर ालया गया और 68 शहर क अातम ााया उ भ साानक आकड़ा क राजय नोडल एजासय (SNAs) को भज दया गया लहाल एबयट आकड़ा जोड़न हत अलग- अलग राजय क उ भ साानक आकड़ा क राजय नोडल एजासय (SNAs) स ा 15 शहर का एव एमओजीएसजीएस सशोधन करन हत 2 शहर का आकड़ा एनआरएससी क पास ह अलग- अलग राजय क 67 शहर क आकड़ एबयट सह हत उ भ साानक आकड़ा क राजय नोडल एजासय (SNAs) क पास ह

5

तााप आ दश भ साानक आकड़ा क न एनआरएससी एव अनय भ साानक आकड़ा क राजय नोडल एजासय (SNAs)स अचछ समनवय क सा अपना उरदाायतव भरपर ानभाया ह

9 आ दश कनारटक सीमा ाववाद

माननीय उतम नयायालय क ानदश क अनसार आ दश कनारटक राजय सीमा ाववाद को सलझान हत भारत क महासवकक न आ दश भ साानक आकड़ क को कायर आवटन कया इसका मखय उशय आ दश कनारटक राजय सीमा ाववाद को सलझान हत सीमा सतमभ का सापना करना ह तीन खड म रक एव सव कायर हत टीम क तनाती क गयी अब तक 172 जीपीएस ाबनद का पयरवक कया गया कायर अभी बाक ह

10 अनय ावावध कायर

उपरो परयोजना काय क अलावा इस भ साानक आकड़ा क न वषर 2014-15 क ालए ानालाखत काय क ाजममदारी ली ह

I 28 शीट क 150000 क पमान पर गवा ानयष

II 516 शीट क 125000 क पमान पर ओएसएम पानतर

III 150000 क पमान पर 354 शीट क वब चर सवा

IV हदराबाद कष म पड़न वाली 56 क 6 7 1011 डी एस एम शीट का अतन

V हदराबाद कष म पड़न वाली 56 क 6 7 1011 ओ एस एम शीट का अतन

VI 150000 क पमान पर तलग भाषा म चार शीट का मानाचष

VII तलगाना और आ दश राजय का नकशा 110 लाख क पमान पर तयार करना

ाहनदी एव टक अनभाग

22 मई 2014 को आ दश भ साानक आकड़ा क न एक नय अनभाग का गठन कया ाजसका नाम ldquoाहनदी एव टक अनभाग

rdquo रखा गया इसका मखय उशय यह ा क वाषक कायरम क अनसार इस ानदशालय स अाधकतम पषाचार हदी म ही करना इसक भारी इस आकड़ा क क राजभाषा अाधकारी ह एव इस अनभाग म एक अनभाग अाधकारी एक कान हदी अनवादक दो अवर ी ालापक क तनाती क गई ह ानदशक ारा अनमोदत मसौद को हदी म अनवाद कर इस ानदशालय स अनय ानदशालय कष एव महासवकक क कायारलय को पषाचार कया जाता ह lsquoगrsquo कष म हदी पषाचार का लय जो 55 ह उस ा करन हत यह ानदशालय अहम भामका ानभा रहा ह कोाशश जारी ह क वषर 2014-15 तक वाषक कायरम क अनसार यह ानदशालय अपन लय को ा कर लगा

6

सवक सहायक क वतन मान म पनरीक- माननीय नयायालायक आदश का कायारनवयन

अल 2013 म सवक सहायक क वतन मान म पनरीक का आदश ा आ सवक सहायक क हासयत स ाजनको ए सी पी ानयामत पदोात ामली उनक मामल को तरत ालया गया तााप एक सदह उठा क कया उ वतन-मान एमएसीपी ा सवक सहायक पर लाग कया जा सकता ह या नह और इस पर भारत क महासवकक स सपपीकर ा कया गया इसी बीच सवक सहायक क वतन मान क पनरीक क समाधान हत ानालाखत सदसय क सामात का गठन कया गया

1 ी कक गा अधीकक सवकक (अधयक) 2 ी एलएस शकर राव कायारलय अधीकक 3 ी एम यादी री सहायक 4 ीपी सतीश सहायक

इन मामल क ससाधन क ालए ानयामत आधार पर बठक आयोाजत क गई मामल ाजनक सपपीकर क जरत नह ी (लगभग 25 ) तरत ालय गय एव जलाई 2013 म कषीय वतन एव लखा कायारलय को सतत कय गय ाजनह उसी महीन म जाच तय कया गया

रवरी 2014 म सवक सहायक क वतन मान क पनरीक स सबाधत सपपीकर क ाा क बाद बाक क 45 मामल को (दोन पवर ndash 2006 एव उर - 2006 एसीपी) ानदश क अनसार मामल को 15-03-2014 तक तयार कया गया तााप ावीय वषर 2013-14 क अत म ानाध क उपलाबध न होन क कार इसको कषीय वतन एव लखा कायारलय को सतत नह कया जा सका

वषर 2014 -15 लखानदान क माधयम स ा ानाध स (12 सवा ानव मामल को जलाई 2014 म सतत कया गया और उसी महीन म तय कया गया) जलाई 2014 म ानयामत बजट क आबटन क बाद बाक क सभी मामल को अारत 10 (लगभग) अगसत 2014 म सतत कया गया और उसी महीन म तय कया गया आज क तारीख म सभी मामल को पर कर ालया गया और अनदश का अनपालन कया गया 70 मामल म स 22(लगभग) को आक लाभ ा आ और बाक (पवर -2006) मामल को साातक तौर पर वतन ानयतन कया गया अारत माननीय नयायाायक आदश क अनसार बकाया क आहर क ाबना

सामात क ानयामत आधार पर बठक ई और अधयक न मामल को पर करन म मागरदशरन दया ी एलएस शकर राव कायारलय अधीकक न अनय सदसय ारा कए गए वतन ानयतन मामल क पयरवक और जाच क सामात ारा दए गए समय सीमा क अदर सभी मामल को पर कया गया और समय समय पर ानदशक को ासात स अवगत करवाया गया

7

ाशक कोसर

आ दश भ साानक आकड़ा कन स ानालाखत अाधकारय को भारतीय सवक ससान म ावाभ कोस म ाशक दलवाया गया

म स अाधकारी का नाम(ीीमती) कोसर सखया ावषय

1 मोअजीममीन 49521 सवक अाभयााषक का मल ासानत

2 एन अानल कमार कय 5 भाम सचना का अाभकलप एव कायारनवयन

3 मोहममद अली शख 40092(ए) सवक पयरवकक

4 एस राव 40092(ए) सवक पयरवकक

5 अामत समर 40092 सवक पयरवकक

6 एलवीएम नायड 40092(बी) सवक पयरवकक

7 वी गोपाल राव 40092(बी) सवक पयरवकक

8 बी गोपाल राव 40092(बी) सवक पयरवकक

9 पी रावकर ातकोर भ-साानक ावजान

10 कोा ीानवास ातकोर भ-साानक ावजान

1 कनरल एस ीधर राव ानदशक न बगल ासत दाकी कष कायारलय म 21012014 स 23012014

आइसीजड़एम परयोजना स सबाधत ानदशक क सममलन म ाहससा ालया

सममलन ाशक

2 कनरल एस ीधर राव ानदशक न नई दलली ासत सव (हवाई) एव दलली भ साानक आकड़ा कन ानदशालय म राीय शहरी सचना ाली (NUIS) स सबाधत पनरीक बठक म ाहससा ालया 3 ी कक गा अधीकक सवकक एनएसडीआई क ालए ओरकल सपाशयल का ाशक ा कया |

ाशकता

आ ावावालय इजीानयरग कॉलज(ए) ावशाखपनम क 12 ावाय को 12-05-2014 स 06-06-2014 तक ाजयोडसी अकय ोटोाामात सलाकात सदर सवदन तलक अकय मानाचष एव भौगोालक सचना पात आद ावषय पर जानकारी दी गयी

8

वषर 2013-14 क ालए मानदय स परसकत कमरचारय क सची

म स नाम ीीमती कमारी पदनाम 1 पी म कमार अाधकारी सवकक 2 पीककर अाधकारी सवकक 3 एलकरासी अाधकारी सवकक 4 ए भाचारजी अाधकारी सवकक 5 एन अानल कमार सवकक 6 ीनीवास राव यादागर सवकक

7 क ओमकार सवामी सवकक

8 सागरका पताल सवकक

9 एमएस आर मत सवकक

10 एस बी चधर राव सवकक

11 अशाख अहमद सवकक

12 डी वकटा ीहरी सवकक

13 डीआरएस स कमार सवकक सहायक 14 सी एच गडम मानाचषकार ड II 15 ावजय सनीता गोप मानाचषकार ड II 16 पीक ातभा सहायक 17 ज कनक लमी मानाचषकार ड III

18 शलबाला खडरी मानाचषकार ड III

19 ए शलश वर ी ालापक 20 एम बगारी नायड वर ी ालापक

21 चपाल वर ी ालापक

22 एमलम कमार वर ी ालापक

23 एन वलली कलयाी वर ी ालापक

24 बीनागरम अवर ी ालापक

25 पठान इमाम कासीम अवर ी ालापक

26 एमअपपल राज एम टी डी 27 सययद जहागीर अली एम टी डी

28 शयामल दास एम टी डी

9

म स नाम ीीमती कमारी पदनाम 29 सी नारायना खलासी 30 महन कमार खलासी 31 एमओबयया खलासी 32 सी वीचलमयया खलासी 33 कालर खलासी 34 जी जया खलासी 35 क अपपा राव खलासी 36 पी काशम खलासी 37 क ईरयया खलासी

पदोत कमरचारय क सची

म स नाम पदनाम पदोात क

ाता ाजस पद पर पदोत ए

1 डीरघ रामल मानाचषकार ाडावजन -I 11-10-2013 मखय मानाचषकार

2 मो अजीमीन सवकक 06122013 अाधकारी सवकक

3 एम परमर राव सहायक 29112013 कायारलय अधीकक

4 जीशीला रानी मानाचषकार ाडावजन -II 23062014 मानाचषकार ाडावजन ndashI

5 एम वासदव वर ी ालापक 06052014 सहायक

सायीकर ा कमरचारय क सची

म स नाम पदनाम सायीकर क ाता

1 एमावजय कमार पटल ाचषकार ड़ -III 01012013

2 आर ीनीवास राव अवर ी ालापक 01012013

10

म स नाम पदनाम सायीकर क ाता

3 पी ामालनद कमार खलासी 01012013

4 गनकली पदममा खलासी 01012013

5 वाइ मानीकयममा खलासी 01012014

6 बी सवामी( अनसाचत जन जाात) खलासी 01012014

7 बी शाता ( अनसाचत जन जाात) खलासी 01012014

11

सानातर पर तनात कमरचारय क सची

म स

नाम ी ीमती

पदनाम सानातर क ाता

सानातर

स को

1 डीरघ रामल

मानाचषकार 11102013 भौ सप एव स स ानदशालय

आ भसा आ क हदराबाद

2 मो अजीमीन सवकक 06112013

(पवारहन)

भारतीय ाशक एव मानाचष ससान हदराबाद

आ भसा आ क हदराबाद

3 सतयभामा नायक सापना एव लखा अाधकारी

10012014 (पवारहन)

पब एव ास भसा आ क कोलकाता

आ भसा आ क हदराबाद

4 एनबी सरी अधीकक सवकक 22012014 मएव गोवा ानदशालय पन

आ भसा आ क हदराबाद

5 एस महबब दादार 17022014

(अपराहन)

मएव गोवा ानदशालय हदराबाद सकनध

आ भसा आ क हदराबाद

6 टीकष कमार अाधकारी सवकक 19032014

(अपराहन)

भारतीय ाशक एव मानाचष ससान हदराबाद

आ भसा आ क हदराबाद

7 एसराव टीटीटी lsquoएrsquo 17042014 पवारहन

भारतीय ाशक एव मानाचष ससान हदराबाद

आ भसा आ क हदराबाद

8 अामत कमार टीटीटी lsquoएrsquo 06052014 पवारहन

भारतीय ाशक एव मानाचष ससान हदराबाद

आ भसा आ क हदराबाद

9 बीराजन बाब सहायक 09062014 पवारहन

दाकी म वगर आ भसा आ क हदराबाद

10 जी शीला रानी मानाचषकार ाड-I 23062014 पवारहन

भौ सप एव स स ानदशालय हदराबाद

आ भसा आ क हदराबाद

12

सानातरत कमरचारय क सची

म स

नाम ीीमती

कमारी पदनाम सानातर क

ाता सानातर

स को

1 बीसीसा अाधकारी सवकक 16082013

आ भसा आ क हदराबाद

भा स एव स हदराबाद

2 एमएम मोहानत

अाधकारी सवकक 26082013

आ भसा आ क हदराबाद

ओड़ीशा भसा आ क भवनर

3 पीयादयया सवकक 11122013

(अपराहन) आ भसा आ क हदराबाद

क भसा आ क बगल

4 सनीता कालरा आशालापक

28042014

(अपराहन) आ भसा आ क हदराबाद

ानदशक सवक (हवाई) दलली भसा आ क नई दलली

5 शभा वी नायर

कायारलय अधीकक

07052014

(अपराहन) आ भसा आ क हदराबाद

भा स एव स हदराबाद हदराबाद

6 कवी चारी सहायक 06062014

(अपराहन) आ भसा आ क हदराबाद

दाकी म वगर

13

सवा ानवसवाचछक सवा ानव ए कमरचारय क सची

म स नाम पदनाम सवा ानवा क ाता टपपी

1 पीडीकमार अाधकारी सवकक 30092013 सवा ानव

2 एस कासम दादार 30092013 सवा ानव

3 भलनराम खलासी 15102013 (पवारहन) सवाचछक सवा नव 4 जी लाजर पटल ाचषकार ड़- II 31102013 सवा ानव 5 बीसीलममा खलासी 31102013 सवा ानव 6 पीदवदास मानाचष मॉउटर 30112013 सवा ानव

7 तनगटला राधा कषा भडार सहायक 31122013 सवा ानव

8 टीवकटयया दादार 31122013 सवा ानव 9 जी चयया माली 31122013 सवा ानव

10 पीसीबोरोल अाधकारी सवकक 28022014 सवा ानव 11 डीरघ रामल मखय मानाचषकार 28022014 सवा ानव 12 बी नासरयया खलासी 28022014 सवा ानव 13 बी ीपाल दादार 31032014 सवा ानव

14 क दानम खलासी 30042014 सवा ानव

15 कषा सरकार अाभलखपाल ाडI 31052014 सवा ानव

16 कपललयया पटल ाचषकार ड़ II 31-05-2014 सवा ानव

17 सीकडयया जमादार 31052014 सवा ानव

18 एमवकटवरल दफतरी 30062014 सवा ानव

19 पीअजरना खलासी 30062014 सवा ानव

20 यावर बगम खलासी 30062014 सवा ानव

21 एमाचा वकटममा

दफतरी 30062014 सवा ानव

22 एनबी सरी अधीकक सवकक 31082014 सवा ानव

14

समात शष

एसपी ईरयया खलासी

जनम ाता 01-07-59 ावभाग म भत होन क ाता 01-03-1997 स ानयामत भत सवगरवास 22-4-2014 परवार इनक परवार म पी क अलावा दो ब ह इनक आकासमक ानधन पर आ दश भ साानक आकड़ा कन क कमरचारय को गहरा आघात पचा और सभी न इनक परवार क ात सवदना क एव इनक आतमा क शाात क ालए ईर स ारना करत ए दो ामनट का मौन रखा सव ी एसपा ईरयया ाजनक आ दश भ साानक आकड़ा कन म कायररत रहत ए अल 2014 म अकाल मतय हो गयी ी उनक परवार क ततकाल मदद क ालए पर आ दश भ साानक आकड़ा कन क परवार न 25600- का ततकाल सहयोग दया

15

भडार का ाप

म स सामी भडार 1 वाटर कलर 01

2 एल ईडी मॉनीटर 15

3 कमपयटर टबल 30

4 कमपयटर कस 30

5 पलाासटक कस 236

6 एचपीाडजाइन जट टी- 1300 टर 01 आइ सी जड एम क अतगरत

7 कलर क समाटर एलए जीएस टी 42- सकनर

01 आइ सी जड एम क अतगरत

8 यपीएस क ालए 12 वोलट क बटरी 60

9 5 कपी का य पी एस 02 डी ए डबलय वी आइ सी जड एम क अतगरत

10 डलल कमपयटर 10

11 लाइका अकय लवल (डी एनए-03) 02 आइ सी जड एम क अतगरत

12 लाइका जीएनएसएस (जीपीएस दोहरी बारबारता)

02 आइ सी जड एम क अतगरत

13 3 डी ावजन कट 23 (18 आ भ सा आ क हत )

14 समसग एलसी डी मॉानटर 02

15 एचपी सकनजट 200 फलटटड- सकनर 01

16 डाट मकस टर 03

16

अनपयोजय भडार का अनपयोगी घोाषत

म स सामी मलय 1 साइबग उपकर 364574-

2 नचर आइटम 218844-

3 ोटोामीतीय उपकर 9125746-

4 कमपयटर और परधीय 4027273-

5 उपकर ( गौ सवक उपकर) 706943-

तदनसार अनपयोजय भडार क अनपयोगी हत नीलामी या क शआत हो चक ह

17

वषर 2013-14 क ालए ानाध का आबटन य

शीषर सवीकत अनदान

(हजार म )

अातर ानाध क मागाा

(हजार म )

भाकमसव ारा काटी गई (हजार

म )

इस कायारलय

ारा अभयपर

अातम बजट अक (पय

म)

य (पय म)

31-3-2014 को शष रााश (पय म)

वतन 114400 0 1400 0 113000000 112999869 131 मजदरी 500 350 0 0 850000 845802 4198 ओ टी ए 0 0 0 0 0 0 0 ाचकतसीय 2840 0 0 750 2090000 2089187 813 डी टी ई 1240 0 0 0 1240000 1239231 769 ओ ई 1409 125 94 1440000 1397157 2843 आर आरटी

240 0 0 16 224000 223875 125

ओ ईए 2 2 0 0 4000 3750 250

एसampएम 310 0 0 310000 309712 288 पी सवा 280 0 0 129 151000 149810 1190 अनदान 0 0 0 20800 20775 25

18

मनोरजन कलब का वाषकोतसव ndash 2013

आ दश भ साानक आकड़ा क ानदशालय क मनोरजन कलब का वाषकोतसव दनाक 10-01-2014 को ातः काल 1000 बज स सममलन कक म आयोाजत कया गया ाजसम मखय अाता भारत क महासवकक डॉ सव र सबबा राव उपासत ावशष अाता क प म ी एसबी शमार उप महासवकक भारतीय सवक एव मानाचष ससान उपासत ानदशक महोदय कनरल ीधर राव न सवागत भाष दया और मनोरजन कलब क साचव ी डीआरएस सन कमार न वाषक रपोटर सतत क सासकातक कायरम ारा सभी का मनोरजन कया गया मखय अाता न अपन भाष म कहा क इस ानदशालय न ी कनरल ीधर राव क नततव म बत अाधक एव सतोषजनक प स गात क ह और इस बात का भी उललख कया क व जब इस ानदशालय क ानदशक तब व य सब कायर करना चाहत परत इनह मतर प दन म कनरल ीधर राव ानदशक महोदय क महतवपर भामका रही ह ततपात एक ीात- भोज का आयोजन कया ाजसम करीब 230 लोग न भाग ालया ाजसक सभी न भर-भर शसा क

मनोरजन कलब ारा आयोाजत कए गए खल

करम

टबल टनीस

शटल

शतरज शॉट- पट धीमी साइकलग

पष सगलस माहला सगलस पष डबलस माहला डबलस

पष सगलस पष डबलस

पष सगलस माहला सगलस पष डबलस माहला डबलस

पष पष पष

19

वषर 2013 क दौरान कनीय मनोरजन कलब सपोटरस स ा इस ानदशालय क ाता एव सममान

करम

खल म परसकार ातीय परसकार ततीय परसकार

पष सगलस पी रवी कानत चनपाल शशी करन एव एलए बग

माहला सगलस शभा वी नायर पीक ातभा शलजा एव मीना

पष डबलस सययद इदरस एव सवातरयया कवी चारी एव ओ वीन कमार

---------

माहला डबलस शभा वी नायर एव अनसया पीक ातभा एव शलबाला खडरी

टबल टनीस पष सगलस पी सतीश क वीचारी ओ वीन कमार

एव अशाख अहमद पष डबलस कवीचारी एव

डी रगा राव कक गा एव पी सतीश ----------

शटल पष सगलस पी सतीश एम वी ावजय कमार कवी चारी एव पी

यादयया माहला डबलस शभा वी नायर एम सबीता मीना एव राज़या

बगम पष डबलस पी सतीश एव

एम वासदव स कमार एव ओ वीन कमार

-----------

माहला डबलस एम सबीता एव राजया बगम

शभा वी नायर एव बी एस वी वरलमी

-----------

शतरज पष जगन एकर ------------

शॉट- पट पष बी नागरम चनपाल स कमार

20

धीमी साइकलग पष डी स कमार सययद इदरस सययद मोजज़म

उ नयायलय म लाबत नयायालक मामल

लाबत मामल 04 आ दश उ नयायालय

कस क सखया 11 कनीय शासानक अाधकर हदराबाद

समा कस क सखया 06 लाबत कस क सखया 05

पनवलोकन मामल

ानालाखत अाधकारयकमरचारय क पनवलोकन मामल का ानपटारा कया जा चका ह

म स प lsquoबीrsquo राजपाषत प lsquoबीrsquo अराजपाषत प lsquoसीrsquo (पवरवत प

1 एस बाब अाधकारी सव ज डी एबनजर मानाचषकार ाडाव I नरश

2 पीक लहा मानाचषकार ाडाव I गदो राम

3 शख मीरावली मानाचषकार ाडाव I एम गररयया

4 जी सीतारामम सव सहायक पी काशम

5 वाई सबबयया सव सहायक सतयममा

6 पीएस सामबाब सव सहायक वी कषयया

7 बी ओबशयया सव सहायक

21

एम ए सी पी क मामल

ानालाखत अाधकारयकमरचारय क एमए सी पी मामल का ानपटारा कया जा चका ह

म स प lsquoबीrsquo अराजपाषत प lsquoसीrsquo (पवरवत प lsquoडीrsquo)

1 वी सयर भा मानाचषकार ाडाव I एल योहन

2 पीकलहा मानाचषकार ाडाव I सीनाराया

3 शख मीरावली मानाचषकार ाडाव I जजॉन

4 एम भवनरी मानाचषकार ाडाव I एस रामयया

5 बीएसवी वरलमी मानाचषकार ड़ II बी पललया

6 - पी काशम

7 - शख काासम पीरा

8 - एम लमी नाराया

9 - एम वकटरल

10 - जी जया

आ दश भ साानक आकड़ा कन क अाधकारय कमरचारय क ब ाजनहन शकाक ानपता दखाई ह

1 कमारी अनवषा कर सपषी डॉ पीक कर सी जी पी ए 9810 दसव कका क ीय ावालय हदराबाद

22

तलग म ावव ी नकश ( ओएस एम) क तयारी (बीएचराव अधी सव जीव अाध सव एमराकश अाध सव एसपटा री मानाचषकार)

सतावना पवर म ावाभ नकश तलग म कााशत आ करत जस आ दश राजय नकशा (1999) भारत क राजनीातक नकश आद ऐस नकश अकराक ासटक-अप (lettering stickups) साहत साइबग क परमपरागत तकनीक का उपयोग कर कााशत होत तााप कोई भी सलाकातक नकश तलग म कााशत नह ए ह परत हाल ही म ावजान एव ौोागक ावभाग न ावव ी टोपो नकश ( ओएसएम) को कषीय भाषा म उपलबध करवान क ालए एक नीात को जारी कया ह ाजसक पराम सवप आ दश भ साानक आकड़ा क न राजय क राजधानी हदराबाद को दशारत ए एक शीट को योग क आधार पर अकय माधयम स तलग म करन का काम ालया ह

ॉनट क खोज म माइोसटशन साफटवर क अनक ल डीजीएन ामट म मल डाटा बस पहल स ही उपलबध ह मल-

पाठ को बठान क ालए माइोसटशन क अनक ल एक सावधाजनक तलग ॉनट क आवशयकता ह अनक ॉनट क जाच क गई परत कछ भी माइोसटशन क अनक ल नह पाया गया कयक तलग ालाप म बत सारी माषाए अगल स लगवाए जान क कार ldquoमाषाrdquo को लगाना एक कठन कायर सााबत आ तााप वब म बत छान-बीन करन क बाद ldquoटी टी एल हमलताrdquo ॉनट को खोजा गया और माइोसटशन परवश म मल पाठ को रखन म उपयोगी पाया गया

अनवाद

ावाभ व रनातमक अाभउाया ाचनह पाद- टपपाया आद का अजी स तलग म अनवाद हत सभी ापय साधन जस क इटरनट नट पर अनवाद शबदावली आद का आय ालया गया

माइोसटशन परवश म मल पाठ को बठान क ालए कायरावाध

ॉनट याान ldquoटी टी एल हमलताrdquo वााछत सान पर लोड कया गया तलग ालाप म बत सारी माषा क अतःसाापत होन क कार एक ावाशप शबद या अकर क ालए सही माषा क चयन हत अाधक सावधानी बरतना का सानात कया गया वााछत मल ndash पाठ को मइोसाफट वडर म टकत कया गया माइोसटशन वशरन 8 ाइल म अनोटशन टकसट एडीटर क माधयम स कापी और पसट कया गया उ

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शीट क 22 टोपो स अनवादत अनोटशन को या सतयाापत कया गया अनोटशन को कनार म और उपरो शीट क नाम ाइल म रखा गया मामल ाजनको सलझाना ह -

1 ॉनट क आकार का मानककर 2 तलग ालाप म ावाभ व रनातमक अाभउया क सावधाजनक शबद का चयन 3 मल- पाठ को सगठत करना एक जटल कायर ह और समय लन वाली कायरावाध ह और पयार

माषा म षीय भाषा याान तलग क जान क जरत ह 4 जयादा सखया म सपादन मल-पाठ क सगठन क आवशयकता ह 5 तलगाना राजयतलग ावावालय क उ राजभाषा ावभाग स अनवादत ालाप को माीकर

करन क आवशयकता होगी समाा

सानीय ालाप (तलग) म ओ एस एम माक नकश क तयारी स अाधक सखया म लोग को सलाकातक नकश को आसानी स योग करन म सावधा होगी सलाकातक नकश म भाषा-ावषयक सबधी साचकारी पदार को जोड़न स ानयही भारतीय सवक ावभाग क उतपाद क चार को बढ़ावा ामलगा और बाजार म अपनी अहामयत बढ़ाएगा

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चनौती क ालए तयारी (रघना ाषपाठी अधीकक सवकक)

कसी भी ावभाग म नई चनौातय को सामना करन क ालए कमता ानमार क आवशयकता ह यद

यह नह कया जाए तो सताावत योजनाए ावल हो जाती ह कमता ानमार स पहल उसक लय एव उशय को परभााषत कया जाना आवशयक ह कयक इसक कायारनवयन क सतर म योजना और ानषपादन म का अतर हो सकता ह कमता ानमार क अनय मानक क अतगरत अनवत सावधा क रखरखाव और सभाावत ावकास भी शाामल ह कमता ानमार क कसी भी यास म ातभा क खोज को ही पहल कदम क प म ालया जाना चााहए भारतीय सवक ावभाग म सही कमता ानमार क बाद ही 110000 क पमान का सवक करन और मानाचष ाा सभव हो पाएगा आधानक अाध ौोागक म कमय क ाशक पयार नह ह लकन यह दखना ह क जो माग और सवक और मानाचष क आपत क खला स सक ातत ह जनता क ालए उपयोागता बढ़ा रही ह श म हालाक बाधाए आना बाधय ह हम यह कायर श करना और पराम क तीका करनी ह इस यास म खल अाधकार कष क ावशषज को ानयामत प स परामशर कया जाना चााहए सवक और नकश क उपयोगकतार क माग और एक बड़ परय क दाप स दखन क ालए यह महतवपर ह

यहा तक क उपयोगकतार क ालए भी ाडाजटल डटा का उपयोग सीामत ह भारतीय सवक ावभाग उपयोगकतार को ानयामत आधार पर सहायता और मलय सवधरन क ालए सलाह दकर नकश क कातज उपयोग तक का ावसतार कर सकता ह उस बात पर धयान दत ए भारतीय सवक ावभाग क सवा हत जी आई एस वजाानक को शाामल करन क आवशयकता ह यह महगा मामला होन पर भी वरीयता स भरी हम भावषय क चनौातय को परा करन क ालए तयार रहना चााहए कयक नकश क उपयोग स ावकास को तो होना ही ह

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नमक का महतव (कष कमार अाधकारी सवकक)

एक राजा क तीन बटया ी तीन बत ही सनदर सशील और ावशष ग वाली एक दन राजा न तीन राजकमारय को अलग-अलग स एक ही सवाल पछा ldquo बटी तम मझ कतना चाहती हो ldquo बड़ी राजकमारी न जवाब दया rdquo ापताजी म आपको सोन जस चाहती अारत सोन क आभष स मझ ाजतना पयार ह उतना ही पयार आप स ह ापताजी ldquo राजा बत सतप आ और दसरी राजकमारी स पछाrdquoबटी दीदी न तो जवाब द दया अब तम बताओ तम मझस कतना ह रखती हो दसरी राजकमारी बोली ldquo ापताजी म आपको हीर जसा चाहती अारत हीर क गहन स मझ ाजतना पयार ह उतनी ही पयार आप स ह ापताजी ldquo राजा तो ल न समाया सोचन लगा rdquo म बमतलब का सकोच कर रहा ा मरी बटया तो लगता ह मर बगर जी नह पाएगी ldquo अब तीसर स कया पछ र भी पछ लता र तीसरी बटी स पछाrdquo बटी तम मझ कतना चाहती हो तीसरी राजकमारी न जवाब दयाrdquo ापताजी म आपको नमक ाजतना चाहती जवाब सनत ही राजा आग-बबला हो उठा और बरी-भली सनाकर उसक कक स ानकल गया छोटी राजकमारी न कछ नह कहा बालक राजा क डाट सनकर चपचाप रह गयी रात ई राजा को सार महल क कायर ानपटान क बाद भख लगी खान क ालए उस हीर स ससात सोन क सहासन पर छोटी राजकमारी न बठाया र सोन क ाली म नाना कार क जन स य खाना परोसा और राजा को खाना श करन को कहा राजा न मह म खाना रखा तो महसस कया खाना का ह र हर जन को चखा तो पाया सब क ह र तो आग-बबला होकर अपनी रानी पर ाचललाया ldquo इस तरह क भल कस हो गयी हम कया समझ रखा ह जन दखाकर ललचाना और र खान नह दना यह बोलत ए रानी पर सोन क ाली ाजस पर जन परोस ए कन क ालए हा उठाया उठ ए हा को तीसरी राजकमारी न पकड़ ालया और पछा ldquoापताजीखाना तो बढ़या ह र कमी कया हrdquo राजा बोल ldquoनमक क ाबनाकोई खाना खाया जा सकता हrdquo राजकमारी बोली ldquoापताजीआपको तो नमक स नरत ह ना इसालए मन जन बनवात ए नमक नह डलवाया rdquo र तो राजा समझ गया क छोटी बटी न उनह सबक ासखान क ालए यह भोजन तयार करवाया ह र बोला ldquoबटी म समझ गया नमक क ाबना खाना जस सवादप नह उसी तरह तमहार पयार ाबना मरा वचरसव नह ldquo और राजकमारी को गल लगा ालया

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मायाजाल (एनबी सवामी अाधकारी सवकक)

इस जगत म कल 84 लाख जीव राशया ह और उनम मानव जनम सबस उम ह उम इसालए ह क भगवान न मानव का आधार इसालए दया ह ताक इस जनम अचछ कमर कर वह मोक क ाा कर सक मोक याान पनरजनम नह यद कमर बर ए तो र 84 लाख जीवरााशय म पदा होन क ालए वह आतमा कालच म दोबारा स जाती ह इस सपर कालच क याषा करत ए जब आतमा मानव क योान म वश करती ह तब वह भगवान स यही ारना करता रहता ह क ह भगवान मझ इस कद (याान मा का गभर) स जलदी मा दला द कयक म तमहारा धयान सही ढग स नह कर पा रहा कयक इस कद म अनक तरल पदा क सा-सा मल-मष म भी टहल रहा यह कसा नरक ह जहा आपन मझ सा रखा ह तब भगवान भी बोलत ह क ldquoत अभी बालक ाशश का प धार करन वाला ह तमन इतन वष यग म ाजतन पाप कय ह उन सबक यह चरम सीमा ह यह चरम सीमा बत ही पीड़ा दन वाली ह ाजस तमह जीतना ह लाघना ह इस चरम सीमा स मा होन क बाद तम कया करोग ldquo ाशश कहता ह ldquo भगवन आप जो कहग ldquo भगवन पछत ह कया तम अपना जीवन मरा धयान करत ए मर ालए समपर कर दोग ldquoाशश कहता हrdquo हा म समपर कर दगा आपक ालए ldquo भगवन भी जानत ह ाशश को नौ महीन गभर म रहना ही पड़गा तभी पर शरीर का ावकास होकर जब वह बाहर आएगा तो मरी सवा करगा उ नौ महीन तदनसार भगवन ाशश का वातारलाप नौ महीन चलता रहता ह ताक ाशश अपन चार ओर स मल क गध का धयान न द र जब वह बाहर ानकलता ह भगवान को धनयवाद करता ह और कहता ह ldquo म तमहारा बत ही आभारी भ अपन मझ मा दलाई अभी मझम वह ताकत नह क म तमहारा धयान करन क ासवा और कछ क मर माता ndashापता मझ सच कर जब अपन पर पर चलन क ताकत द दग तभी म तमहार ालए कछ कर पाऊगा ldquo भगवान कहत ह ldquo अर मखर त नह जानता यह जगत एक मायाजाल ह मझ पर ावास ह त मझ भल जायगा और र स कालच म पड़ जायगा ाशश कहता ह ldquo नह भगवान ऐसा नह ह भगवान मरा ावास करो म ातजा करता मरा जीवन आपक ालए ही समपर ह ldquo भगवान कहत ह ldquoदख लगा इस जगत क मायाजाल म त मरी कया का सवा करगा ldquo यह ाशश और भ का वाारलाप सनकर दवष नारद भगवान क पास पच पछन लग ldquo भ आप कस मायाजाल क बात कर रह ह ldquo भ बोल ldquo नारद म समसत जीव- रााशय का सवामी उनका कलया चाहता उनको सख भी और दख भी दता वह इसालए क मायाजाल क मोह एव अहकार म पड़कर खद को सपर मानन वाल ाी को दड न द तो र मरा समर कस करगा ldquo नारद बोल ldquo भ आपक वचन का मतलब कस

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दशा म जाता ह यह तो मझ नह पता एक तर कहत ह समसत जीवरााशय का कलया चाहता दसरी ओर कहत ह दड दता तीसरी ओर मायाजाल अर नाराय आप जब समसत जगत क सवामी ह सब आपक अधीन ही ह तो र मायाजाल शबद आपन जो योग कया ह वह आपक अधीन स बाहर कस हो गयाrdquo ानयष काजए जीवरााशया उसक चपट म नह आएगी र सब आपका गगान ही करग और सबको मोक क ाा होगी ldquo भगवान कहत ह ldquo ह दवष मर ालए समसत जीवराशी को परीका स गजरना पड़ता ह मानव जीवन ही उनम अातम परीका ह बस उसको लाघ ल म पनरजनम स मा दला दldquo नारद जी भगवान स तकर करन लग गय का दर बाद भगवान न कहा rdquo दवष आपस बहस और नह कर सकता आपस बहस कर मरा गला सख गया ह जरा एक छोट कलश या कमडल म पानी लकर आइय ताक म अपनी पयास बझा सक नारद को झटका लगा और पाताप करन लग ldquo बमतलब मन अनतरयामी स बहस कर उनको कप दया व समपर जानानद क सामन मरी हासयत कया ह पता नह आज मरी मात मारी गयी और म बमतलब बहस करन लगा भ को पयास लगी ह और वो भी मरी वजह स जलदी स उनक पयास म बझा द पानी क खोज म सार लोक का म करत ए नारदजी पथवी लोक म पच गए पथवी लोक पचकर पानी क खोज म एक कए क पास पच तो दखा क एक अतयनत सदर नारी कए स पानी ानकाल रही ह नारद न सोचा वह सनदर ी पानी भरकर चली जाए तो र म ोड़ा सा पानी भर ल नारद उस दख रह ी भी नारद जी को दख रही ी नारदजी न पछा rdquo दवी कया तम यह आसपास रहती हो ी न जवाब दया rdquo हा ldquo नारदजी र पछ rdquo दवी कया तमहारा ाववाह हो चका ह rdquo ी बोली ldquoनह ldquo नारदजी का ावचालत मन ल नह समाया और पछ ही ालया ldquo दवी यद तम अाववााहत हो और यद तमह कोई परशानी न हो तो कया तम मझस ाववाह करोगी ी सादाय औरत ी बोली ldquo मर ापता क आजा क ाबना म आपस ाववाह नह कर सकती ldquo नारदजी बोल ldquo दवी सशील नारी क यही ग होत ह यद तमह आपा न हो तो म तमहार सा चलकर तमहार माता-ापता स बात कगा और तमस ाववाह कगा ldquo यवती राजी ई और ासर एव कध म पानी स भर घड़ को ढोत ए आग चलती रही और नारदजी पीछ चलन लग सपर रासत म उस सनदर ी क ानहारत ए मन म सपन क पल बाध रह उस सनदर ी क ापता क पास जाकर अपना परचय दत ए उनक बटी स ाववाह करन का सताव रखा साकात नारद मान को अपना दामाद सवप दख उसी मतर म मगनी हो गई और एक शभ मर म ाववाह भी हो गया ाववाह क कछ दन क पात उनक ब हो गय ब बड़ भी हो गय र तो व अपन गहस आम म इतन सत हो गय क उनक मह स नाराय मष ानकलना भी बद हो गया कई वष बाद एक शाम को जोर क आधी क सा तानी बारश ई इस माहौल न इतना ावकराल प धार कर ालया ा क वातावर लय म बदल गया चार तर पानी भर गया बत सार लोग पश आद पानी म बह गय कनत कात क ावकराल प क सामन ठहरन का साहस कस ा दखत ही दखत उनका गह भी बाढ़ क चपट म आकर टट गया और पानी म बह गाया पी और ब डर स

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रोदन करन लग दखत-दखत कान पष क अलावा पी और बाक ब भी पानी म बह गए र तो नारदजी स सोचा इस कान को म कध पर ालए चलता ताक वह तो बढ़ाप म मरा सहारा बनगा कनत लय क तीता इतनी तज ी क नारदजी क नाक क ऊपर स पानी बहन लगा र तो व खद भी भल गय क बट को बचाना ह सोचन लग म कसी तरह जीावत बच जाऊ उसी सोच न उनक कान पष को भी नह बखशा कसी तरह कछ समय उपरानत लय शानत आ पानी घट गया चार तरक मनषयपश - पकी आद क लाश टट ए रासत और घर क बीच पड़ी ई ी नारद मान को बहद दख आ और ठठोर कर रोन लग गय रोत-रोत व खद क बार म सोचन लग क भगवान न उनक सा ऐसा अनयाय कय कया काश व भी मर जात तो अचछा होता तभी उस राह स ास महष गजरत ए नारदमान स परामशर करन लग नारदजी कहन लग ldquo पता नह मन कौन सा पाप कया ह क मर पर परवार का सवरनाश हो गया ह मझ कय मतय नह आई इस पर ासजी न कहा शायद तमहारा समय नह आया ह इसालय तम बच गय हो हालाक ास जानत क नारद मायाजाल म सा आ ह ldquo र इसका ानरय कौन करता ह ldquo नारद न ासजी स पछा ासजी न उर दया ldquoयह तो मतयलोक क अाधपात यमराज ही इसका उर दगrdquo र व दोन ामलकर यमराज क पास गय यमराज न आन का कार पछा तो ासजी न नारद मान क सारी दख भरी गाा सनाई और पछा क ldquoमतय न इनका आलगन कय नह कयाldquo यमराज बोल rdquoम कोई नह मरा यमदत ही इसका उर द सकता ह कयक म यमदत क ारा कसी आतमा को लान क बाद ही उसक पाप-पणय का ाहसाब दख ानधाररत सजा का ऐलान करता यद यमदत आपको लकर मर पास नह आया तो इसम मरा कया दोष ह यमदत स पछ लldquo र ासजी न उनक यमदत स वही सवाल करन पर यमदत न कहा ldquo महामान म कस कसी क शरीर स आतमा को छीनकर ल आऊ म तो यमलोक का सवक माष ाचषग जब तक आजा नह दत तब तक म कोई कायरवाही नह कर सकता आप इस का उर ाचषगजी स पछ ल ldquo र ासजी न ाचषग स वही सवाल करन पर ाचषग न कहाrdquo महामान म तो यमदत को तभी आजा दता जब उस ाी का सारा लखा - जोखा समा हो जाता ह अभी माननीय नारद जी क मतय का समय आया नह ह अभी उनका कछ कया नह जा सकता ldquo ासजी न नारद स कहाrdquo दखो नारद अभी तमहारा समय आया नह ह तभी तम जीावत हो चलो चलत ह अब ापछली घटना को भल कर आग क सोचो ldquo बस इतना ही कहना ा क ाचषग न र ासजी को बलाकर कहा rdquo ह ऋाषवर इनक कणडली म यह ालखा ह क मतय तभी इनको गल लगा सकती ह जब य एक सा आपको मझ यमराज और उनका वाहन भस का एक सा दशरन करग चक इनक ारा यह कायर पर हो चका ह अत इनका जीवन पर हो गया ह ldquo बस इतना ही ा क नारद जी को आवाज आन लगी अर दवष दवष मझ कब स पयास लगी ई ी मरा गला सख गया ह कनत आपन मझ अब

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तक पानी नह दया कहा ह पानी ldquo य साकात नाराय क आवाज सन नारदजी को होश आया और भगवान क चर म पड़कर ागड़ागड़ान लग यह कहत ए क rdquo ह नाराय आपन मझ अचछा सबक ासखाया ह मन आपस बहस कया कर लीआपन मझ मायाजाल का साकातकार करवा दया कमा काजए म आपको पानी नह ापला सका मरी वजह स आपका गला खब सख गया होगा ldquo यह कहत ए उनक अधारा स नाराय क पाव धल गय और भगवान न कहाrdquo दवष आप चातत ना ह आपन अधारा स मर चर धोकर ानसवार सवा कर दी मरी पयास बझ गयी ह अब आप म ह ldquo र नारदजी खशी स नाराय-नाराय कहत ए ानकल गय

घाट का पतर

(बषव बहरा अाधकारी सवकक)

माता-ापता और जनम भाम को छोड़ कर हम सब बन गए ह घाट का पतर धनय ह वह महापष ाजसन हम साापत कया म उस महापष क ावषय म व रन नह कर सकता शायद म अात पाप क कार पतर बन गया लोकन म आशा करता क भावषय म मरा भागय बदल जाएगा चक म लोग क मन स सवा करता इसका ल हमको भगवान अवशय दग लोग का सवा करत ndashकरत मरा आकार भी बदल गया परनत सवा करत ndashकरत मरा नाम रोशन हो रहा ह बालक हम सता का अनभव हो रहा ह मर कमर क चलत मरा भागय बदल रहा ह म हमशा जलम रहता और पीठ पर ातदन मार झलत रहता शायद ही ऐसा पीड़ा इस ससार म कसी को ामलती होगी मरा सानानतर भी नह ह म कई महापष को दखता आया कतन महाराय न ा तयाग दय लकन तबस म यहा अकला पड़ा म हर मौसम क मार झल रहा ब-बढ़ क सवा करत-करत मन कछ पणय कमा ालए ह और आशा करता क मझ को भावषय म मानव जनम ामल सकता ह मानव जनम ामलन स म आपका भजन-करन कगा

ऐस दखतndashदखत कई यग क बाद हमको मानव जनम ा आ मानव जनम म अगर इस धराष म दखा क यहा ऊच-नीच जात-पात नीात-ानयम ावदन पाचार अनयाय ndashअतयाचार चमर-अचमर का ताडव नतय चल रहा ह दखकर मर मन म परवतरन आ गया क भ मझको मरा ापछला जनम वापस द दीाजए

पतर जनम म रह कर मरा कोई-कोई साी अचछ कमर क चलत मदर म सान ा कर ालया ह कोई-कोई तो ठाकर बन गय लोग-ातदन उनक पजा करत ह

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हम लोग म स कोई-कोई सामाजक कायर म सहयोग दान करत ह कोई गह-ानमार म सहयोग द रह ह तो कोई मदर-ानमार म सहयोग द रह ह कोई तो सीधा मत बन गय इसीालए उनक मन म घमणड आ गया अहलया न पतर होन क नात भगवान का दशरन पा ालया इसालए पतर जनम होन क चलत उनक मन म का अह भाव आ गया

हमार अनदर ावाभ प भी ह याः लोहा पतर चना पतर सगममरर काला पतर (नाइट सटोन) मलायम पतर (soft stone) इतयाद लोहा पतर जो दश क ानमार म काम आता ह चना पत जो ासमट ानमार क काम म आता ह सगममरर घर और मदर का शर (flooring) म काम आता ह काला पत घर का शर और आला बनान म काम आता ह मलायम पतर ाशलप कला क ावकास म योगदान दत ह पतर जनम होकर भी म का गवर महसस करता मरी भगवान स अानतम ावनती य ह क आप मझ अानतम समय म दशरन दन को कपा कर

न हमको पतर जनम चााहए न हमको मानव जनम चााहए हमको तो ास र इस भव सागर स पार होना चााहए

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जयादा लोभ न करना (पाडव कानटया सहायक सवकक)

मनषय भगवान क साप ह इसालए वह भगवान का अश ह जब तक वो मा क गभर म ा तक तक वह मोह-माया स वाचत ा एव हमशा भगवान क समीप ा लकन जब वो पथवी पर अवती र आ उसको मोह-माया न घर ालया पाच साल तक वो ईरीय सा म रहता ह इसालए कहा जाता ह क ldquoCHILD IS THE INCARNATION OF GODrdquo इसक बाद मोह-माया म आकषत हो कर ईरीय सा को भल जाता ह बचपन म वो बत आजा और मोह-माया राहत और चरषवान रहता ह जब समय बढ़ता जाता ह तब उसक समसत उम ग धवस होकर गलत मागर पर चला जाता ह

बचपन म ावा ाशका जवानी म ी दीका एव पारवारक ाचनता म म होकर वह समसत मौालक सा को खो दता ह सबा नप होकर सबा म आ जाता ह दव का नप होकर राकस वा जारवत होता ह एव परवारक जगल म सकर भगवान का नाम लना भल जाता ह अपना परवार का भर पोष क ालए कठन परम करता ह लकन उनका पट भरता नह ह ईर क सा को भल जाता ह और अनत म पशकतव को ा होता ह शरीर रोगसत हो जाता ह दाप शा की हो जाती ह चलन ndashरन म असमर रहता ह रात को नद नह आती ह र भी लोभ को छोड़ नह पाता ह अपन बीवी-ब ता परवार क बार म सदा सोचन लगता ह शरीर वावसा को ा होता ह परवार क कोई भी सदसय पछत नह ह

परवार क लोग उसको ढग स खाना भी नह दत ह उसको घर स दर रखत ह र भी यह अधम मनषय भगवान क बार म सोचता नह ह लोभ का अनत नह होता ह पाप का बोझ बढ़त जाता ह अनत म नरक को ा होता ह र भी मनषय भगवान को समझ नह पाता ह परवार क ालए इतना बड़ी ददरशा झलता ह उनको कोई भी नह पछता ह उसक ारा जमा क गई पजी को परवार वाल उनक सामन मौज करत ह

लोभ मनषय को अनधा बना दता ह आदमी क हतया करत ह लोभ क वशीभत होकर दसर क समपात को लटत ह ाजसस समाज म पाचार बढ़ता ह इसालए ह मानव तम कय लोभ करत हो लोभ नह करक भगवान का समर करो हर कतरन करो तप जप करो और सवगर क अाधकारी बनो उम कमर करक भगवान क शरागत हो जाओ भगवान तमहार समसत सख-दख का भार वाहन करग

सवरधमारनपरतयजय मामक शर ज अह तवा सवरपापभयो मोकायषयााम मा शच

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इसालए अचछा कमर करक पणय कमाना ह हमशा धमर क जय और पाप का कय होता ह धमर-कमर करक ावजय ा होगी लकन अधमर म जाकर नरक गामी नह होना

एकदा अनधा राजा धतरा सजय को पछा क ldquoह सजय इस धमर य म कसक जय होगी उर म सजय बोल क ldquoयष योगर कषो यष पा धनधरर तष ी ावजयो भात वा नीातमरातमरम ldquo अारत जहा योगर कष एव धनधाररी अजरन एक सा ह वहा ावजय ानात ह

इसालए दखा गया क हमशा धमर क जय और अधमर क पराजय होती ह धमर सवचछ ानमरल लकन अधमर कदाकार कात ह इसालए लोभ-लालच म वशीभत न होकर सत

कमर करो अनयाय का परतयाग करो लोभ मत करो जीवन म कप करक जो धन कमा ालया वो सब इस धरती म रह जाता ह अानतम क म सा कोई नह ल जाता इसालए अनधर म भटक नह जाना इसालए कहा गया ह क-अात लालच नह करना अात सवरष गहतम अारत अात सवरनाश का कार ह

अात दप हता लका

अात मानसय कौरवा अातदारन बाल वध अात सवरष गहतम

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टटा वक का अाभमान (चरदास नाराय गडम सवक सहायक)

वन म खड़ एक वक क सा ालपटी एक लता भी धीर-धीर वक क बराबर हो गई वक का आय

लकर उसन भी लना ndashलना आरभ कर दया बल को लत ndash लत दखकर वक को अहकार हो गया क म न होता तो लता अासततव हीन होती वह लता को धमकात ए बोला ओ बल चपचाप मरा कहना माना कर म जो कह रहा वह कया कर नह तो ध मार कर भगा दगा पड़ का लाप जारी ा क दो पाक वहा स ानकल एक बोला अर भाई जरा दखो तो यह वक कसा सदर ह इस पर कसी सदर लता पाषपत हो रही ह आओ इसक नीच ोड़ी दर ावाम कर अपना महतव लता क सा ह यह जानकर वक का अाभमान भी नप हो गया सा ndash सा रहन स ही सबक गात होती ह

बटी (डी राव बाब पटल ाचषक ड-II)

बटी घर क लाज होती ह पापा क सर का ताज होती ह दल क सदा स रही ह इचछा बटी तझको ह पाना आई हो मर जीवन म जस एक ननही कावता राह दखता म तरी जलदी स मर पास आना मा क गोद म सदा रहती हो कछ पल मर पास भी आना न चाहत ह अब धन दौलत क त ही लमी त ही मरी मत भी डर लगता ह सोचक जब एक दन छोड़ क जाएगी त कतना मझ लायगी त बटी होती ह बाबल क लाड़ली

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यह ाज़नदगी (सययद इदरीस पटल ाचषक ड ndashII)

बठ जाता ह ामी प अकसर कय क मझ अपनी औकात अचछी लगती ह

मन समनदर स सीखा ह जीन का सलीका चपचाप स बहना और अपनी मौज म रहना चाहता तो ह क य दानया बदल द पर दो व क रोटी क जगाड़ म सरत नह ामलती दोसत महगी स महगी घड़ी पहन कर दख ली व र भी मर ाहसाब स नह चलता य ही हम दल को सा रखा करत पता नह ा क कमत चहर क होती ह अगर खदा नह ह तो उसका ाज कय और अगर खदा ह तो र कय

lsquorsquoदो बात इसान को अपन स दर कर दती ह एक उसका ldquoअहम rdquo और दसरा उसका ldquo वहमrdquo पस स सख कभी खरीदा नह जाता और दख का कोई खरीदार नह होता मझ ाज़नदगी का इतना तजबार तो नह पर सना ह सादगी म लोग जीन नह दत मााचस क जरत यहा नह पड़ती यहा आदमी आदमी स जलता ह ाव क बड़ स बड़ वजाानक यह ढढ रह ह क मगल ह पर जीवन ह या नह पर आदमी यह नह ढढ रहा ह क जीवन म मगल ह या नह

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जीवन म न जान कौनसी बात ldquoआखरी rdquo होगी न जान कौन सी रात आखरी होगी ामलत जलत बात करत रहो यार एक दसर स न जान कौन सी ldquo मलाकात rdquo आखरी होगी अगर जदगी म कछ पाना ह तो तरीक बदलो इराद नह ऐ चाद त कस मज़हब का ह ईद भी तरी और करवाचौ भी तरा

उगालय क लड़ाई

(शख महबब पीरा पटल ाचषक)

एक दन हा क सभी उगालया आपस म लड़न लग अगठा बोला म सबस बड़ा सभी जगह जरी कागज पर मझस ही ानशान बनाया जाता ह तजरनी बोली-ldquoम बड़ी मर होन स ही सब लोग काम कर पात ह जस-ालखना खाना पकड़ना मधयमा बोली-ldquoअर भई कया तम नह जानत जो आकार म लबा होता ह उस ही सभी बड़ा कहत ह अनाामका सब बात चपचाप सन रही ी वह तरत बोली ndashldquo म सबस बड़ी म तो पजा करन क भी काम आती मर स ही रोलीातलक लगाया जाता ह कानाका सभी को लड़ता दखकर उदास ी वह चपचाप एक कोन म कछ सोच रही ी तभी अगठा व तीन उगालया उसक पास गई और बोली- ldquoअर छोटी तम तो बड़ी हो ही नह सकती कयक तमहारा नाम ही कानाका ह कानाका बोली ldquoसनो अगठ भाई और पयारी उगालय आपस म लड़कर कभी कसी का भला नह हो सकता हमम कोई भी बड़ा-छोटा नह ह हम सब ामलकर मी बन सकत ह तभी हम सब बलवान हग कया तमह नह मालम क बद मी म ही ताकत होती ह इसालए हमारा लड़ना बकार ह rdquo कानाका क बात सनकर सभी एक सा बोल- ldquoहा छोटी बहन तम ाबलकल सही कह रही हो सचमच अकल म तम ही हम सबस बड़ी हो rdquo

इस नीात का स एकता म बल क ाशका ा होती ह

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तलगाना- भारत का एक और नया राजय (शलबाला खडरी मानाचषकार)

तलगाना भारत क दाकी भाग म ासत भारत का 29 वा राजय ह कषल क दाप स यह दश का

बीसवा बड़ा राजय ह ाचीन हदराबाद रयासत का अाधकतम भाग तलगाना राजय म ालया गया ह जहा आजादी स पहल ानजाम का राजय ा सन 1947 म जब भारत अज क चगल स आजाद आ उसक बाद भी हदराबाद का ानजाम अपनी रयासत सय भारत म ावलीन करन क पक म नह ा वह अपनी रयासत पर अपना ही सवतष शासन चाहता ा अतत सरदार बललभ भाई पटल क अक यास स इस रयासत को भारत क मखय धारा म ावलीन कया जा सका इस कार आन दश राजय क सापना ई और 26 जनवरी 1950 को ी एमक वललोड़ी आन दश राजय क म मखयमषी ानय ए 1956 म हदराबाद रयासत को आन दश राजय म ावलीन कर दया गया

2 जन 2014 म पनः तलगाना राजय अासततव म आया आन दश राजय क उर पामी 10 ाजल को ामलाकर तलगाना राजय क सापना क गयी ह राजधानी हदराबाद भी तलगाना राजय म ासत ह परनत 10 वष तक हदराबाद दोन राजय याान आन दश और तलगाना राजय क सय राजधानी रहगी दोन राजय क शासानक कायर हदराबाद स सचाालत हग तलगाना शबद का ादभारव ाषलगा दश शबद स आ ह ाजसका अर ह तीन लगो वाला दश तलगाना राजय क तीन दशा म कालरम ीशलम और ाकारामम ास ाशव मानदर ासत ह ाजनक अपार धामक महा ह वासतव म पक तलगाना राजय क ालए 1946 स 1951 क बीच ही ारमभ हो गया ा उस समय कमयानसट पाट न इस आनदोलन का नततव कया ा जो असल रहा भाषा क आधार पर तलगाना और आन राजय को पक करन क ालए अनक आनदोलन समय-समय पर होत रह ह इनम मखय आनदोलन 19691972 और 2009 क ह इन आनदोलन का यह भाव आ क 9 दसमबर 2009 म भारत सरकार न पक तलगाना राजय बनान क कायरवाही श कर दी य घोषा सनत ही तटीय आन व सीमान कष क लोग न सम आन दश क पक म आामक आनदोलन ारमभ कर दया और ऐसी ासात म भारत सरकार न यह कायर 23 दसमबर 2009 तक सागत कर दया इसक पात भी लगातार पक तलगाना और सम आन दश क ालए अलग-अलग आनदोलन चलत रह पक तलगाना क पक म कई आतम - हतयाए ई हड़ताल क गयी ाजसस जन साधार को बत असावधा का सामना करना पड़ा अतत पक तलगाना समरक क जीत ई और कास कायरकारी सामात न सवर सहमात स 30 जलाई 2013 को पक तलगाना राजय क ासारश करत ए ाबल तयार कर दया अनक सोपान पार करत ए यह ाबल रवरी 2014 को ससद म पारत कया गया रवरी 2014 दश पनगठरन एकट क तहत यह ाबल ससद म पास हो गया इसक पात इस नय राजय तलगाना ाबल को रापात ारा सहमात ा ई और माचर 2014 क गजट म इस कााशत कया गया इस कार नय तलगाना राजय क सापना ई

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ाशासकय प स तलगाना राजय क सापना 2 जन 2014 को ई क चन शखर राव क पाट ldquoतलगाना रा सामातrdquo न चनाव म दश म बमत हाासल कया और इस कार ी कचन शखर राव तलगाना राजय क म मखय मषी चन गए

म महगाई (डॉ नीलम कमार ाबड़ला अाभलखपाल)

म महगाई महग दशभ लोग क आमष पर भारत आई तज गात लान गात म भारत आई मझ गलत मत समझो गरीब बत ठीक बमत दकर तमन ाजनको बत उठाया म तो उनह क तीक भौातक वादी यग म योग ासखाती म भख पट न सोए कोई कडालनी जगाती म धयान प म च मारकर मन जय ऊपर चढ़त-चढ़त र तक आ जाता ह भाव वसत क वस ही र तक ल आई

अब इस यग म एक तल क पीप को पा लन का अर को पा लना ह भ दशरन क झलक दखना एक टमाटर खा लना ह भारत का आदशर तयाग ह अनासा ह अपरह ह मझको पाकर लोग वसतए तयाग रह ह अपनी खद क कार छोड़ बस क पीछ भाग रह ह म लोग को तड़क भड़क स खच

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सादगी ासखाती टरीलीन क शौकन को ला पहनाती माया जीवन का बधन ह पया पसा मल हा का म वतन भोगी लोग क बधन दो दन म हर लती शी छड़ाकर मल हा का शीश सा ानमरल कर दती

नीात ालखन वाल न कम खाना या गम खाना अचछा बतलाया मन उनका कन ानभाया ाजतनी चीज महगी हगी उतना ही जन कम खाएग ाजस दन रोटी नह ामलगी उस दन खद ही कम खाएग

शकल पक क चाद सरीखी बढ़ती म खब चादनी लाऊगी अभी दज तक ही आई परमासी तक जाऊगी

करो कलपना जब भारत जन कतन सदर दखा करग ग चावल चना बाजरा जब पाड़य म ाबका करग बीमार को दध दहीघी क इजकशन लगा करग कसा मधर जागर होगा लोग भख स जगा करग

आतक हमला

(डॉ नीलम कमार ाबड़ला अाभलखपाल) 13 दसबर 2001 ससद प पाक आतक हमला 13 रवरी 2014 ससद म भारतीय आतक हमला

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शमरसार ई ससद पच ाड़ गए नयी तहजीब क झड गाड़ गए

उड़ाया गया काली ामचर का पाउडर सपीकर का नह सना आडरर आख जलन लग सास लन लगी ससद पर नगी तलवार झलन लगी

घायल आ जातष और सावधान मदर क पजारय न कया मदर का अपमान ऐस आतकय को सबक ासखाना होगा र नया इातहास बनाना होगा

बाल-म (वाइकराकश कमार खलासी)

बालपन क कलकारी धप क ताप स आ मक पोी छोड़ी कदाल खोदत हा क मार अचक कचड़ आधी म म करना आ मजबरी गरीबी क पराकाा पट और पीठ क घटती दरी कछ धनहीनता और कछ माता-ापता क मखरता कनत सबस जयादा सवा समाज क सवदनहीनता ाजसन बालक को ामक बनन को बाधय कया लखनी को छीनकर कोमल हा म छडी पकड़ायी

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गाय-बकरी क सवा करता बालय-जीवन कप अपन भावषय को दर करता अजान और अबझ ावोपाजरन क कसको ह सरत ासात तो ऐसी ई दो दान अ क ालय बालपन चोर बनन को आतर आ

दोसती

(ाचा कडयया खलासी)

गलाब एक ल ह

एक घनट म मरझा जाता ह पर दोसती एक शा ह कभी भी जीावत रहती ह

बर ठडी होती ह जो पकड़ म नह आती ह

दोसती सोन जसी ह जो कभी कोई नह खरीद सकत ह

तार क पाच अनत (END) ह चौकोन क चार अनत ह तीकोन क तीन अनत ह

एक रखा का एक अनत ह पर दोसती का कोई अनत नह ह

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मर जीवन का उशय (कमारी ाया सातव कका सपषी एम सबीता उाल)

कग नयज भारत का खतरा पाकसतान न कशमीर पर हमला कया ह कछ दन बाद helliphellip कग नयज पाकसतान क ाखला भारत क रका करत ए वीर सानक

का भारी नकसान इन खबर न भारत को ाहला दया ा म भी सोच म पड़ गयी क म भारत क ालए कया कर सकता भारत को इन हमल स कस बचा सकता मर मन म ास र एक ही खयाल आया क भारतीय सना का एक जवान ासपाही बन

जव मन यह बात अपन दोसत स कही तो उसन कहा क ासपाही बनना खतर स खाली नह ह और परवार स दर सरहद पर खतर स भर जीवन मर ालए कपद होगा लकन मन ठान ालया ा क म कछ ऐसा कगी क पर दश म मरा नाम हो ाजस दखकर मर अपन का ासर गवर स ऊचा हो जाए

मर ानय को सनकर मरी मा रोन लगी मझ लोभन दया क म ापार क मर दोसत न मझ डाकटर बनन का सझाव दया पर मन सोचा क भारत म कई डाकटर ह ापारी ह भारत को डाकटर या ापारी क नह बालक सानक क जरत ह

म भारत क ालए अपनी जान भी दन क ालए तयार मन सोचा सब अपन परवार को सराकत

रखना चाहत ह र भारत - भाम तो मरी मा ह मरी ही कय हर एक क मा ह तो हम सब का कतर बनता ह क हम इसक रका कर इसीालए मर जीवन का उशय ह क म एक ासपाही बन और भारत क सवा क

मखर ामष स समझदार शष अचछा होता ह (मासटर सनीत चौी कका सपष एम सबीता उाल)

एक दन म और मरा सबस अचछा ामष राव बठ यह सोच रह क हम परीका क ालए अभी स पढ़ाई श कर दनी चााहए या नह राव न तपाक स कहा क अभी स पढन स कोई लाभ नह होगा अगर हम परीका क एक दन पहल पढ़ग तो जयादा दमाग म रहगा तभी वहा स मरी कका का दसरा छाष रमश गजर रहा ा मझ रमश ाबलकल पसद नही ा और रमश भी मझ पसद नह करता ा बात-बात पर हम लड़ाई करत पर पढ़ाई म वह मझस बत अचछा ा उसन हमारी बात सन ली ी

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इसालए धीर सवर म मझस बोला अपन मखर ामष क बात मत सनो बस रोज मरी तरह ोड़ा-ोड़ा पढ़ो लकन मन उसक बात पर कान नह धरा एक महीन बाद परीका क दन आ पच परीका क एक दन पहल जब मन पढ़ना श कया तब पाया क पढ़न को बत ा पर समय कम ा जस -तस पढ़ कर मन परीकाए ालखी और उममीद करता रहा क म परीका म उी र हो सक कछ दन बाद परीका का पराम ानकला और वही आ ाजसका डर ा म और ामष राव अनी र हो गए दसरी ओर रमश बत अचछ अको स उी र आ उस दन मझ समझ आ गया क मखर ामष स समझदार शष अचछा होता ह

भावषय क पढ़ाई (मासटर ाशव कलया सातव कका सपष वालल कलयाी उाल)

आज जब हम पढ़ाई या सकल क बार म सोचत ह तो नजरो म एक भारी बग उठाता आ

छाष दखता ह कताब क ाबना हम सकल जान क सोच भी नह सकत कताब क सा कपयटर भी पढ़ाई का महतवपर ाहससा बन चका ह

कछ साल बाद भारी कताब स भर बग क बदल छाष क हा म टबलट होगा आकाश टबलट एक ऐसा यष ह ाजसम हम तरह-तरह क कताब पढ़ सकत ह हम कका म ही नट स जानकारी पा सकत ह टबलट ोन स बड़ा ह और जयादा महगा भी नह हम इस कह भी ल जाकर इसम कताब पढ़ सकत ह हम इसम कका का दया गया कायर भी कर सकत ह यह टबलट पढ़ाई का अदाज बदल दगा और पढ़ाई को मजदार बना दगा

पानी और धप (कमारी एस साानया पाचवी कका सपषी राजया बगम अाल)

अभी-अभी ी धप बरसन लगा कहा स यह पानी कसन ोड़ बादल को क ह इतनी शतानी

सरज न कय बद कर ालया अपन घर का दरवाज़ा उसक मा न भी कया उसको बला ालया कहकर आजा

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ज़ोर-ज़ोर स गरज़ रह ह बादल ह कसक काका कसको डाट रह ह कसन कहना नह सना मा का

परीका (कमारी शख राजया सलताना गयारहव कका सपषी शख महबब पीरा पटल ाचषक)

ाजस नाम को सनन स कापता ह बा वो ह परीका परीका पपर हा म आत ही इतना डर लगता क यद अचछा नह कया तो ापटना पा तीन घट म लगभग करन होत ह चालीस सवाल एक भी छटा तो घर म आता ह भवडर रजलट क एक दन पहल रात को नद नह आती ह अचछ नबर पान क ालए भगवान क याद आती ह पास होन पर ामलता ह इनाम और मख स ानकलता ह ldquoकय भगवान rdquo र आती ह अगली कका तब भी मख स ानकलता ह हाय र आ गयी र स परीका

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राीय साकरता (मासटर शख समीर छठी कका सपष शख महबब पीरा पटल ाचषक)

ातदन सीखो अकर एक

ानयम बना लो ऐसा पढ़ो पढ़ाओ सीखो जान

तभी बनगा दश महान ावा सा जान कराती

मन का अधरा दर भगाती जहा पर बनत लोग जानी

वहा न होती मन क हाान अनपढ़ क ालए गगी पोी

धन दौलत भी होती ोी पढ़ा ालखा नह धोखा खाता

जहा भी जाता आदर पाता

मा (मासटर शख महबब बाशा आठव कका सपष शख महबब पीरा पटल ाचषक)

सबस सनदर जग म कौन बस एक त ह मा

सबस पयारी कसक मसकान बस एक तरी ही ह मा

कसन बनायी मरी पहचान तन ही तो मरी पयारी मा

कसक बोली ामी स मीठी तरी ही ह मरी मा

कसक डाट ह इमली स तीखी तरी ही तो पयारी मा

कसक ालए क म सब कबारन तर ालए मरी पयारी मा

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ाततली (कमारी एम राशका ाशवानी पाचवी कका सपषी एम लम कमार उाल)

ाततली तम कतनी

रग-ाबरगी होती हो तम सब ल का रस पी-पीकर

बाग-बगीच म रती रहती हो तर पख कई रग क होत ह

तमहार प को दखकर ब बत खश होत ह

मरी कका

(कमारी एम राशका ाशवानी पाचवी कका सपषी एम लम कमार उाल)

मरी कका म ह पचास ब हर एक ह अलग-अलग जस एक ह लबा एक ह छोटा एक ह मोटा एक ह पतला कछ ह अचछ कछ ह बर पर लगत ह सार पयार मरी कका ह रग- ाबरगी लगती ह ाततालय का झड ह

मझ बत पसद ह कयक यह हमारी कका ह

Page 6: कलाकल - Home: Survey of · PDF fileतेलंगाना-भारत का एक ... भी यह पि का ‘कलाकल‘ सुनदर प म िनखर

भारतीय सवकण िवभाग

SURVEY OF INDIA िनदशक का कायारलय

OFFICE OF THE DIRECTOR आ दश भ सथािनक आकड़ा क

Andhra Pradesh Geo-Spatial Data Centre उपपल हदराबाद-500 039(त)

Uppal Hyderabad- 500 039(T)

िनदशक महोदय क कलम सhellip इस कायारलय म मर कायरकाल क दौरान यह गह पिका ldquoकलाकलrdquo का ितीय ससकरण ह थम ससकरण म आ दश भ सथािनक आकड़ा कन क ाय सभी अिधकारय एव कमरचारय क िहनदी म कायर ितभा को दखकर मझ काफ गवर महसस आ और एक िवचार मन म आया क यह जीडीसी भी lsquoकrsquo एव lsquoखrsquo क क तरह िहनदी म पाचार कय न कर इसस इस भसथाआकन म काम करन वाल को ोतसाहन भी िमलगा और साथ ही साथ राजभाषा चार-सार म गह मालय ारा जारी सवधािनक ावधान का सममान भी बढ़गा मरी इसी सोच को करन पर अिधकारय एव कमरचारय न काफ ोतसाहन दया और जहा तक हो सक िहनदी म कायर करन का परा आासन दया म काफ हषललास क साथ यह बताना चाहता क उनह क ोतसाहन न मझ एक अलग ldquo िहनदी एव कण अनभाग ldquo गठन करन का िनणरय लन का साहस दया और उस क बाद िजतना हो सक अिधकतम कोिशश जारी ह क िहनदी म ही पाचार हो पपिणया भी िहनदी म ही िलखी जाय िहनदीतर भाषा क म िहनदी का वातावरण बनान का य हमार सार अिधकारय कमरचारय को जाता ह उनह क भावना सोच का दपरण ही यह पिका ldquoकलाकलrdquo ह िजनह लख किवताए चकल कहानी तकनीक लख एव फलड़ कायर क समितया आद क माधयम स अलकत कया गया ह और हर रचनाकार मरी ओर स बधाई का पा ह आशा करता क यह कलाकल पिका िबना रोक-ोक क इसी गित स िनरतर आग बढ़ती रहगी और म अपन अतकरण स कहता -

ldquo ह कलाकल िचरजीवी भवrdquo

(कनरल एसीधर राव)

िनदशक

सपादक क कलम स ---------

ldquoकलाकलrdquo का नतन अक आपक कर कमल म सतत ह इस िनदशालय क िवकास परयोजना क याा क जानकारी एव िनदशालय क कमरचारय क रचनातमक कितय का सह सतत ह िजसक माधयम स िवभागीय गितिविधय का परचय िमलता ह साथ ही कमरचारय को अपनी रचना सािहितयक गण को उजागर करन का अवसर भी ा होता ह

िहनदी एक सम भाषा ह िजसको योग कर तकनीक जान को हम सवर साधारण तक पचा सकत ह इस महतवपणर कायर को िनरतर इस िनदशालय क गह पिका ldquoकलाकलrdquo भली - भाित कर रही ह ldquoकलाकलrdquo क इस अक म जान- िवजान क बत सी बात का समावश कमरचारय और उनक परवार क सदसय ारा कया गया ह हम आशा ह क पिका पाठक क कसौी पर खरी उतरगी तथा उनक िलए जान-वधरक िस होगी म राजभाषा अिधकारी अपन सहभािगय क ित आभारी िजनक अथक यास स पिका क काशन क या िनरतर जारी ह तथा िनदशालय राजभाषा िहनदी क चार-सार एव इसक गामी योग म िवकास क ओर तजी स असर ह पिका को अिधक रोचक एव जानवधरक बनान क िलए सभी पाठक क सझाव सादर आमित ह

शभकामना सिहत

कलयान कमार गा

अधीकक सवककराजभाषा अिधकारी

1

वषर क दौरान 2014-15 आ दश भ साानक आकड़ा क भारतीय सवक ावभाग न ानालाखत परयोजना को ालया ह

म सखया परयोजना अजत राजसव टपपी 1 आ दश ासको दाडगल

परयोजना 283000- अातर ावभागीय मागकतार स

रााश ा हो चका ह

2 इदरा सागर पोलावरम परयोजना

1675800- अातर ावभागीय मागकतार स रााश ा हो चका ह

3 बड़ामी मख नाली सवक

58700- अातर ावभागीय मागकतार स रााश ा होना बाक ह

4 गालार आराकत वन सीमा सवक

2210000- अातर ावभागीय मागकतार स रााश ा होना बाक ह

5 ADRIN उतपाद का जमीनी सतयापन

- ावभागीय

6 टर हदराबाद गाइड़ मप - ावभागीय

7 समाकालत तटीय कष बध परयोजना त(ICZM)

- ावभागीय

8 राीय शहरी सचना ाली - ावभागीय

9 आ दश कनारटक सीमा ाववाद - ावभागीय

इसक अलावा ासतमबर 2013 स अगसत 2014 तक आ दश भ साानक आकडा कन क मानाचष ावय कायारलय स ावाभ कार क मानाचष क ावय ारा ावभाग को 1336019- का राजसव ा आ

उपरो परयोजना का साराश ान कार स ाववरत ह -

1 आ दश ासको दाडगल परयोजना दाडगल ासत वायसना अकादमी क ानकट अारम ाम होत

ए ानकलन वाली आ दश ासको क 400 कलो वाट वाली यददमलारम ndash गजवल डी सी लाइन क

9 बज हत WGS-84 आधारत जी पी एस सानाक साहत दाडगल ासत वाय सना आकादमी क हवाई

पी क अधःसपशर बध (Touch down point ) पर आधार तल क ाहसाब स मीटर म सल ॐचाई समतल

का ावधान करना

2

बल जीपीएस 5700 एव अकय लवल ारा कातज एव ऊधवर ानयष का ावधान कया गया

सव का कल मलय 283000- ा एव मागकतार स प र भगतान ा कर ालया गया समय सीमा क अदर कल 10 जी पी एस बद 50 क मीक दोहरी ततीय ी तलक (DT Levelling) एव 15 कमी क

मालारख (Traversing) कायर प र कया गया

2 इदरा सागर पोलावरम परयोजना

आ दश क पाम गोदावरी ाजला पोलावरम मडल क रामययापट ाम क पास गोदावरी नदी पर सोची गयी बउशयीय बहत परयोजना ही इदरा सागर पोलावरम परयोजना ह जो पोलावरम परयोजना क नाम स बचचत ह ान उललाखत सान म कातज (डीजीपीएस क मदद स सानाक ानात करना)एव ऊधवर ( तल-ाचहन का सतयापन) ानयष का ावधान करन का मखय कायर ा

i सताावत 960 मगावाट जल ावत ाबजली घर क धरी ii ामी एव पतर स ानमत बाध iii उबड़- खाबड़ मागर

सव कायर( रक एव सवक ) का कल लागत मलय 1675800- ा और मागकतार स परी रााश ा कर ली गई एक अाधकारी सवकक दो सवकक एव छः खलाासय क टीम क तनाती क गई पर कायर हत 30 दन का समय दया गया और ानयत अवाध क अदर ही कायर सप कया गया कायर समाा हत कल 17 जीपीएस बद सान एव 200 रखीय क मी का दोहरी ततीय ी तलक (DT Levelling) का ावधान कया गया

3 बड़ामी मख नाली सवक

बड़ामी मख नाली सवक कषा ाजल क सचाई CADD ावभाग क ालए ह जो एानकपाड सघ राजय कष स पा औतपलली क सघ राजय तक क 25 कलो मीटर क लबाई क नाली क मापन क सवक क ालए ह सवक क ालए रक कायर परा हो गया ह सवक क ालए ानधाररत लागत Rs58700 - ह मागकतार स रााश ा करना अभी बाक ह

4गालार आराकत वन सीमा सवक

भागीय वन अाधकारी कोागडम खममम ाजल क माधयम स गालार आराकत वन सीमा सवक कायर माननीय उ नयायालय हदराबाद क आदश क अनसार आ दश भ साानक आकड़ा क को आवटत कया गया ह यह खममम ाजल म सतयापन क ालए ह जगल का कषल 500 वगर कलो मीटर ह और ाराभक रक परा कर ालया गया ह सवक कायर क अनमाानत लागत Rs22 10000 - ह मागकतार स रााश ा करना अभी बाक ह

3

5 ADRIN उतपाद का जमीनी सतयापन

भारत क महासवकक ारा यह परयोजना कायर आ दश भ साानक आकड़ा कन को सपा गया ा इस कायर का मखय उशय भ ानदश उतपाद स सदभत आकलन करना ह कल कषल 18225 वगर कलोमीटर ह रक एव सवक कायर पर करन क ालए तीन साह का समय दया गया ा और दो अाधकारय चार कमरचारय को तनात कया गया ा समय पवर ही कायर पर कर ालया गया जीपीएस ारा 51 जीसीपी बद सान का ावधान कया गया

6 टर हदराबाद गाइड़ मप

टर हदराबाद गाइड़ मप का कायर आठ खनड म पर कर ालया गया ह

7 समाकालत तटीय कष बध परयोजना (ICZM)

क ीय पयारवर एव वन मषालय क अतगरत समाकालत तटीय बध सामात (SICOM) ारा इस परयोजना को ालया गया ह परयोजना का उशय

डलटा कष को छोड़ 7 कमी क चौड़ाई क सा कनयाकमारी स बगलादश सीमा तक भारतीय तट रखा क पार म 2400 कमी क तय दरी का 110000 क पमान पर मानाचष बनाना पव तट क कल कष को र चार कष म कष ndash 567 एव 8 क नाम स ावभाजन कया गया अपन आ दश भ साानक आकड़ा क क कायर कष म कष 6 एव कष 7 पड़ता ह कष 6 म पड़न वाल

-

कष को 8 उप-खणड म एव कष 7 म पड़न वाल कष को 12 उप-खणड म पनः ावभााजत कया गया कल कायर को मससर ाजयोडीस आइआइसी टोलोाजस एव इनोासस को ठक पर दया गया

मससर ाजयोडीस का उतपादन कन हदराबाद ासत भारतीय सवक ावभाग क भारतीय सवक एव मानाचष ससान क भवन म ासत ह ाजसका उरदाायतव कष कष-6 एव 7 ह जो आ दश भ साानक आकड़ा क क कायर कष म ह

ठकदारी क शत क अनसार आ दश भ साानक आकड़ा क न ानयाषत सवक कायर सप र कर दया ह जस 10 स 50 क मी क दरी पर जी सी पी एव 1 स 3 क मी क दरी पर तल- ाचहन मससर ाजयोडीस क ावधान हत

अब तक कष 6 म 8 उप- खड म स 7 उप-खड म ासत और कष 7 म 12 उप- खड म स 11 उप-खड म ासत 10 स 50 क मी क दरी पर जी सी पी एव 1 स 3 क मी क दरी पर तल- ाचहन का व रन रखााचष एव समतलीय सानाक आ दश भ साानक आकड़ा क न सतत कर दया ह

चक दोन कष क कछ उप-खड म र सान पाया गया ह आ दश भ साानक आकड़ा क न मोगलत एव मछलीपनम उप-खड क र सान क पत हत पनःसवक कायर कर दया ह इस दौरान कल 181 कमी का दोहरी ततीय ी तलक (DT Levelling) करत ए 17 जी पीएस बद

4

सान का ावधान कया गया तााप र सान म पड़न वाल कष 6 क 3 उप- खड और कष 7 क 2 उप- खड का सवक कायर अपर महासवकक दाकी कष एव परयोजना ानदशक आइ सी जड़ एम स शासानक एव ावीय अनमात ा होन पर कर दया जाएगा

मससर ाजयोडीस न हवाई ाषकोीयकर हत नलल उप- खड का ानयष ावसतार करन क ालए लड सवक कायर समा कर दया ह इस ावसतत ानयष को आ दश भ साानक आकड़ा क ारा अनमोदत कया जाना ह

समसत उप-खड का हवाई ाषकोीयकर एव अकयकर क पात मससर ाजयोडीस आ दश भ साानक आकड़ा क को अनमोदन हत सारी अातम ााया सतत करगा

आ दश भ साानक आकड़ा क ारा अातम अनमोदन क पात 20 उप-खड म पड़न वाल सार नकश का म कया जाएगा यह या दसबर 2015 तक समा होना ह

8 राीय शहरी सचना ाली (NUIS)

राीय शहरी सचना ाली का मोचन क ीय शहरी ावकास मषालय ारा 152 शहर का 110000 क पमान पर उपह छाया ाचष ारा एव 12000 क पमान पर हवाई ाचष ारा दसव योजना क तहत भ साानक आकड़ का ावकास करन क सा ndash सा जीपीआर (Ground Penetrating Radar) क मदद स 22 शहर का 11000 क पमान पर दो उपयोग क समाधान हत जस जल आपत मल-ानयारस उपयोागता मानाचष हत कया गया राजय नोडल एजासय (SNAs) ारा शहरी मासटर पलान और उपयोागता पलान क तयारी हत इन नकश का उपयोग कया जाएगा

उपरो परयोजना क ालए आ दश भ साानक आकड़ क का उरदाायतव ानानसार ह- i एनआरएससी ारा 110000 पमान पर उतपादन कया गया नकश क सरका ानकासी ii अातम नकश क सशोधन और गवा जाच हत एन आर एससी क सा समनवय iii110000 क पमान पर तयार नकश को राजय नोडल एजासय (SNAs) को दय हत अनय भ

साानक आकड़ा क क सा समनवय

इस राीय शहरी सचना ाली परयोजना क अतगरत 20 राजय क 152 शहर का कायर ालया गया और 68 शहर क अातम ााया उ भ साानक आकड़ा क राजय नोडल एजासय (SNAs) को भज दया गया लहाल एबयट आकड़ा जोड़न हत अलग- अलग राजय क उ भ साानक आकड़ा क राजय नोडल एजासय (SNAs) स ा 15 शहर का एव एमओजीएसजीएस सशोधन करन हत 2 शहर का आकड़ा एनआरएससी क पास ह अलग- अलग राजय क 67 शहर क आकड़ एबयट सह हत उ भ साानक आकड़ा क राजय नोडल एजासय (SNAs) क पास ह

5

तााप आ दश भ साानक आकड़ा क न एनआरएससी एव अनय भ साानक आकड़ा क राजय नोडल एजासय (SNAs)स अचछ समनवय क सा अपना उरदाायतव भरपर ानभाया ह

9 आ दश कनारटक सीमा ाववाद

माननीय उतम नयायालय क ानदश क अनसार आ दश कनारटक राजय सीमा ाववाद को सलझान हत भारत क महासवकक न आ दश भ साानक आकड़ क को कायर आवटन कया इसका मखय उशय आ दश कनारटक राजय सीमा ाववाद को सलझान हत सीमा सतमभ का सापना करना ह तीन खड म रक एव सव कायर हत टीम क तनाती क गयी अब तक 172 जीपीएस ाबनद का पयरवक कया गया कायर अभी बाक ह

10 अनय ावावध कायर

उपरो परयोजना काय क अलावा इस भ साानक आकड़ा क न वषर 2014-15 क ालए ानालाखत काय क ाजममदारी ली ह

I 28 शीट क 150000 क पमान पर गवा ानयष

II 516 शीट क 125000 क पमान पर ओएसएम पानतर

III 150000 क पमान पर 354 शीट क वब चर सवा

IV हदराबाद कष म पड़न वाली 56 क 6 7 1011 डी एस एम शीट का अतन

V हदराबाद कष म पड़न वाली 56 क 6 7 1011 ओ एस एम शीट का अतन

VI 150000 क पमान पर तलग भाषा म चार शीट का मानाचष

VII तलगाना और आ दश राजय का नकशा 110 लाख क पमान पर तयार करना

ाहनदी एव टक अनभाग

22 मई 2014 को आ दश भ साानक आकड़ा क न एक नय अनभाग का गठन कया ाजसका नाम ldquoाहनदी एव टक अनभाग

rdquo रखा गया इसका मखय उशय यह ा क वाषक कायरम क अनसार इस ानदशालय स अाधकतम पषाचार हदी म ही करना इसक भारी इस आकड़ा क क राजभाषा अाधकारी ह एव इस अनभाग म एक अनभाग अाधकारी एक कान हदी अनवादक दो अवर ी ालापक क तनाती क गई ह ानदशक ारा अनमोदत मसौद को हदी म अनवाद कर इस ानदशालय स अनय ानदशालय कष एव महासवकक क कायारलय को पषाचार कया जाता ह lsquoगrsquo कष म हदी पषाचार का लय जो 55 ह उस ा करन हत यह ानदशालय अहम भामका ानभा रहा ह कोाशश जारी ह क वषर 2014-15 तक वाषक कायरम क अनसार यह ानदशालय अपन लय को ा कर लगा

6

सवक सहायक क वतन मान म पनरीक- माननीय नयायालायक आदश का कायारनवयन

अल 2013 म सवक सहायक क वतन मान म पनरीक का आदश ा आ सवक सहायक क हासयत स ाजनको ए सी पी ानयामत पदोात ामली उनक मामल को तरत ालया गया तााप एक सदह उठा क कया उ वतन-मान एमएसीपी ा सवक सहायक पर लाग कया जा सकता ह या नह और इस पर भारत क महासवकक स सपपीकर ा कया गया इसी बीच सवक सहायक क वतन मान क पनरीक क समाधान हत ानालाखत सदसय क सामात का गठन कया गया

1 ी कक गा अधीकक सवकक (अधयक) 2 ी एलएस शकर राव कायारलय अधीकक 3 ी एम यादी री सहायक 4 ीपी सतीश सहायक

इन मामल क ससाधन क ालए ानयामत आधार पर बठक आयोाजत क गई मामल ाजनक सपपीकर क जरत नह ी (लगभग 25 ) तरत ालय गय एव जलाई 2013 म कषीय वतन एव लखा कायारलय को सतत कय गय ाजनह उसी महीन म जाच तय कया गया

रवरी 2014 म सवक सहायक क वतन मान क पनरीक स सबाधत सपपीकर क ाा क बाद बाक क 45 मामल को (दोन पवर ndash 2006 एव उर - 2006 एसीपी) ानदश क अनसार मामल को 15-03-2014 तक तयार कया गया तााप ावीय वषर 2013-14 क अत म ानाध क उपलाबध न होन क कार इसको कषीय वतन एव लखा कायारलय को सतत नह कया जा सका

वषर 2014 -15 लखानदान क माधयम स ा ानाध स (12 सवा ानव मामल को जलाई 2014 म सतत कया गया और उसी महीन म तय कया गया) जलाई 2014 म ानयामत बजट क आबटन क बाद बाक क सभी मामल को अारत 10 (लगभग) अगसत 2014 म सतत कया गया और उसी महीन म तय कया गया आज क तारीख म सभी मामल को पर कर ालया गया और अनदश का अनपालन कया गया 70 मामल म स 22(लगभग) को आक लाभ ा आ और बाक (पवर -2006) मामल को साातक तौर पर वतन ानयतन कया गया अारत माननीय नयायाायक आदश क अनसार बकाया क आहर क ाबना

सामात क ानयामत आधार पर बठक ई और अधयक न मामल को पर करन म मागरदशरन दया ी एलएस शकर राव कायारलय अधीकक न अनय सदसय ारा कए गए वतन ानयतन मामल क पयरवक और जाच क सामात ारा दए गए समय सीमा क अदर सभी मामल को पर कया गया और समय समय पर ानदशक को ासात स अवगत करवाया गया

7

ाशक कोसर

आ दश भ साानक आकड़ा कन स ानालाखत अाधकारय को भारतीय सवक ससान म ावाभ कोस म ाशक दलवाया गया

म स अाधकारी का नाम(ीीमती) कोसर सखया ावषय

1 मोअजीममीन 49521 सवक अाभयााषक का मल ासानत

2 एन अानल कमार कय 5 भाम सचना का अाभकलप एव कायारनवयन

3 मोहममद अली शख 40092(ए) सवक पयरवकक

4 एस राव 40092(ए) सवक पयरवकक

5 अामत समर 40092 सवक पयरवकक

6 एलवीएम नायड 40092(बी) सवक पयरवकक

7 वी गोपाल राव 40092(बी) सवक पयरवकक

8 बी गोपाल राव 40092(बी) सवक पयरवकक

9 पी रावकर ातकोर भ-साानक ावजान

10 कोा ीानवास ातकोर भ-साानक ावजान

1 कनरल एस ीधर राव ानदशक न बगल ासत दाकी कष कायारलय म 21012014 स 23012014

आइसीजड़एम परयोजना स सबाधत ानदशक क सममलन म ाहससा ालया

सममलन ाशक

2 कनरल एस ीधर राव ानदशक न नई दलली ासत सव (हवाई) एव दलली भ साानक आकड़ा कन ानदशालय म राीय शहरी सचना ाली (NUIS) स सबाधत पनरीक बठक म ाहससा ालया 3 ी कक गा अधीकक सवकक एनएसडीआई क ालए ओरकल सपाशयल का ाशक ा कया |

ाशकता

आ ावावालय इजीानयरग कॉलज(ए) ावशाखपनम क 12 ावाय को 12-05-2014 स 06-06-2014 तक ाजयोडसी अकय ोटोाामात सलाकात सदर सवदन तलक अकय मानाचष एव भौगोालक सचना पात आद ावषय पर जानकारी दी गयी

8

वषर 2013-14 क ालए मानदय स परसकत कमरचारय क सची

म स नाम ीीमती कमारी पदनाम 1 पी म कमार अाधकारी सवकक 2 पीककर अाधकारी सवकक 3 एलकरासी अाधकारी सवकक 4 ए भाचारजी अाधकारी सवकक 5 एन अानल कमार सवकक 6 ीनीवास राव यादागर सवकक

7 क ओमकार सवामी सवकक

8 सागरका पताल सवकक

9 एमएस आर मत सवकक

10 एस बी चधर राव सवकक

11 अशाख अहमद सवकक

12 डी वकटा ीहरी सवकक

13 डीआरएस स कमार सवकक सहायक 14 सी एच गडम मानाचषकार ड II 15 ावजय सनीता गोप मानाचषकार ड II 16 पीक ातभा सहायक 17 ज कनक लमी मानाचषकार ड III

18 शलबाला खडरी मानाचषकार ड III

19 ए शलश वर ी ालापक 20 एम बगारी नायड वर ी ालापक

21 चपाल वर ी ालापक

22 एमलम कमार वर ी ालापक

23 एन वलली कलयाी वर ी ालापक

24 बीनागरम अवर ी ालापक

25 पठान इमाम कासीम अवर ी ालापक

26 एमअपपल राज एम टी डी 27 सययद जहागीर अली एम टी डी

28 शयामल दास एम टी डी

9

म स नाम ीीमती कमारी पदनाम 29 सी नारायना खलासी 30 महन कमार खलासी 31 एमओबयया खलासी 32 सी वीचलमयया खलासी 33 कालर खलासी 34 जी जया खलासी 35 क अपपा राव खलासी 36 पी काशम खलासी 37 क ईरयया खलासी

पदोत कमरचारय क सची

म स नाम पदनाम पदोात क

ाता ाजस पद पर पदोत ए

1 डीरघ रामल मानाचषकार ाडावजन -I 11-10-2013 मखय मानाचषकार

2 मो अजीमीन सवकक 06122013 अाधकारी सवकक

3 एम परमर राव सहायक 29112013 कायारलय अधीकक

4 जीशीला रानी मानाचषकार ाडावजन -II 23062014 मानाचषकार ाडावजन ndashI

5 एम वासदव वर ी ालापक 06052014 सहायक

सायीकर ा कमरचारय क सची

म स नाम पदनाम सायीकर क ाता

1 एमावजय कमार पटल ाचषकार ड़ -III 01012013

2 आर ीनीवास राव अवर ी ालापक 01012013

10

म स नाम पदनाम सायीकर क ाता

3 पी ामालनद कमार खलासी 01012013

4 गनकली पदममा खलासी 01012013

5 वाइ मानीकयममा खलासी 01012014

6 बी सवामी( अनसाचत जन जाात) खलासी 01012014

7 बी शाता ( अनसाचत जन जाात) खलासी 01012014

11

सानातर पर तनात कमरचारय क सची

म स

नाम ी ीमती

पदनाम सानातर क ाता

सानातर

स को

1 डीरघ रामल

मानाचषकार 11102013 भौ सप एव स स ानदशालय

आ भसा आ क हदराबाद

2 मो अजीमीन सवकक 06112013

(पवारहन)

भारतीय ाशक एव मानाचष ससान हदराबाद

आ भसा आ क हदराबाद

3 सतयभामा नायक सापना एव लखा अाधकारी

10012014 (पवारहन)

पब एव ास भसा आ क कोलकाता

आ भसा आ क हदराबाद

4 एनबी सरी अधीकक सवकक 22012014 मएव गोवा ानदशालय पन

आ भसा आ क हदराबाद

5 एस महबब दादार 17022014

(अपराहन)

मएव गोवा ानदशालय हदराबाद सकनध

आ भसा आ क हदराबाद

6 टीकष कमार अाधकारी सवकक 19032014

(अपराहन)

भारतीय ाशक एव मानाचष ससान हदराबाद

आ भसा आ क हदराबाद

7 एसराव टीटीटी lsquoएrsquo 17042014 पवारहन

भारतीय ाशक एव मानाचष ससान हदराबाद

आ भसा आ क हदराबाद

8 अामत कमार टीटीटी lsquoएrsquo 06052014 पवारहन

भारतीय ाशक एव मानाचष ससान हदराबाद

आ भसा आ क हदराबाद

9 बीराजन बाब सहायक 09062014 पवारहन

दाकी म वगर आ भसा आ क हदराबाद

10 जी शीला रानी मानाचषकार ाड-I 23062014 पवारहन

भौ सप एव स स ानदशालय हदराबाद

आ भसा आ क हदराबाद

12

सानातरत कमरचारय क सची

म स

नाम ीीमती

कमारी पदनाम सानातर क

ाता सानातर

स को

1 बीसीसा अाधकारी सवकक 16082013

आ भसा आ क हदराबाद

भा स एव स हदराबाद

2 एमएम मोहानत

अाधकारी सवकक 26082013

आ भसा आ क हदराबाद

ओड़ीशा भसा आ क भवनर

3 पीयादयया सवकक 11122013

(अपराहन) आ भसा आ क हदराबाद

क भसा आ क बगल

4 सनीता कालरा आशालापक

28042014

(अपराहन) आ भसा आ क हदराबाद

ानदशक सवक (हवाई) दलली भसा आ क नई दलली

5 शभा वी नायर

कायारलय अधीकक

07052014

(अपराहन) आ भसा आ क हदराबाद

भा स एव स हदराबाद हदराबाद

6 कवी चारी सहायक 06062014

(अपराहन) आ भसा आ क हदराबाद

दाकी म वगर

13

सवा ानवसवाचछक सवा ानव ए कमरचारय क सची

म स नाम पदनाम सवा ानवा क ाता टपपी

1 पीडीकमार अाधकारी सवकक 30092013 सवा ानव

2 एस कासम दादार 30092013 सवा ानव

3 भलनराम खलासी 15102013 (पवारहन) सवाचछक सवा नव 4 जी लाजर पटल ाचषकार ड़- II 31102013 सवा ानव 5 बीसीलममा खलासी 31102013 सवा ानव 6 पीदवदास मानाचष मॉउटर 30112013 सवा ानव

7 तनगटला राधा कषा भडार सहायक 31122013 सवा ानव

8 टीवकटयया दादार 31122013 सवा ानव 9 जी चयया माली 31122013 सवा ानव

10 पीसीबोरोल अाधकारी सवकक 28022014 सवा ानव 11 डीरघ रामल मखय मानाचषकार 28022014 सवा ानव 12 बी नासरयया खलासी 28022014 सवा ानव 13 बी ीपाल दादार 31032014 सवा ानव

14 क दानम खलासी 30042014 सवा ानव

15 कषा सरकार अाभलखपाल ाडI 31052014 सवा ानव

16 कपललयया पटल ाचषकार ड़ II 31-05-2014 सवा ानव

17 सीकडयया जमादार 31052014 सवा ानव

18 एमवकटवरल दफतरी 30062014 सवा ानव

19 पीअजरना खलासी 30062014 सवा ानव

20 यावर बगम खलासी 30062014 सवा ानव

21 एमाचा वकटममा

दफतरी 30062014 सवा ानव

22 एनबी सरी अधीकक सवकक 31082014 सवा ानव

14

समात शष

एसपी ईरयया खलासी

जनम ाता 01-07-59 ावभाग म भत होन क ाता 01-03-1997 स ानयामत भत सवगरवास 22-4-2014 परवार इनक परवार म पी क अलावा दो ब ह इनक आकासमक ानधन पर आ दश भ साानक आकड़ा कन क कमरचारय को गहरा आघात पचा और सभी न इनक परवार क ात सवदना क एव इनक आतमा क शाात क ालए ईर स ारना करत ए दो ामनट का मौन रखा सव ी एसपा ईरयया ाजनक आ दश भ साानक आकड़ा कन म कायररत रहत ए अल 2014 म अकाल मतय हो गयी ी उनक परवार क ततकाल मदद क ालए पर आ दश भ साानक आकड़ा कन क परवार न 25600- का ततकाल सहयोग दया

15

भडार का ाप

म स सामी भडार 1 वाटर कलर 01

2 एल ईडी मॉनीटर 15

3 कमपयटर टबल 30

4 कमपयटर कस 30

5 पलाासटक कस 236

6 एचपीाडजाइन जट टी- 1300 टर 01 आइ सी जड एम क अतगरत

7 कलर क समाटर एलए जीएस टी 42- सकनर

01 आइ सी जड एम क अतगरत

8 यपीएस क ालए 12 वोलट क बटरी 60

9 5 कपी का य पी एस 02 डी ए डबलय वी आइ सी जड एम क अतगरत

10 डलल कमपयटर 10

11 लाइका अकय लवल (डी एनए-03) 02 आइ सी जड एम क अतगरत

12 लाइका जीएनएसएस (जीपीएस दोहरी बारबारता)

02 आइ सी जड एम क अतगरत

13 3 डी ावजन कट 23 (18 आ भ सा आ क हत )

14 समसग एलसी डी मॉानटर 02

15 एचपी सकनजट 200 फलटटड- सकनर 01

16 डाट मकस टर 03

16

अनपयोजय भडार का अनपयोगी घोाषत

म स सामी मलय 1 साइबग उपकर 364574-

2 नचर आइटम 218844-

3 ोटोामीतीय उपकर 9125746-

4 कमपयटर और परधीय 4027273-

5 उपकर ( गौ सवक उपकर) 706943-

तदनसार अनपयोजय भडार क अनपयोगी हत नीलामी या क शआत हो चक ह

17

वषर 2013-14 क ालए ानाध का आबटन य

शीषर सवीकत अनदान

(हजार म )

अातर ानाध क मागाा

(हजार म )

भाकमसव ारा काटी गई (हजार

म )

इस कायारलय

ारा अभयपर

अातम बजट अक (पय

म)

य (पय म)

31-3-2014 को शष रााश (पय म)

वतन 114400 0 1400 0 113000000 112999869 131 मजदरी 500 350 0 0 850000 845802 4198 ओ टी ए 0 0 0 0 0 0 0 ाचकतसीय 2840 0 0 750 2090000 2089187 813 डी टी ई 1240 0 0 0 1240000 1239231 769 ओ ई 1409 125 94 1440000 1397157 2843 आर आरटी

240 0 0 16 224000 223875 125

ओ ईए 2 2 0 0 4000 3750 250

एसampएम 310 0 0 310000 309712 288 पी सवा 280 0 0 129 151000 149810 1190 अनदान 0 0 0 20800 20775 25

18

मनोरजन कलब का वाषकोतसव ndash 2013

आ दश भ साानक आकड़ा क ानदशालय क मनोरजन कलब का वाषकोतसव दनाक 10-01-2014 को ातः काल 1000 बज स सममलन कक म आयोाजत कया गया ाजसम मखय अाता भारत क महासवकक डॉ सव र सबबा राव उपासत ावशष अाता क प म ी एसबी शमार उप महासवकक भारतीय सवक एव मानाचष ससान उपासत ानदशक महोदय कनरल ीधर राव न सवागत भाष दया और मनोरजन कलब क साचव ी डीआरएस सन कमार न वाषक रपोटर सतत क सासकातक कायरम ारा सभी का मनोरजन कया गया मखय अाता न अपन भाष म कहा क इस ानदशालय न ी कनरल ीधर राव क नततव म बत अाधक एव सतोषजनक प स गात क ह और इस बात का भी उललख कया क व जब इस ानदशालय क ानदशक तब व य सब कायर करना चाहत परत इनह मतर प दन म कनरल ीधर राव ानदशक महोदय क महतवपर भामका रही ह ततपात एक ीात- भोज का आयोजन कया ाजसम करीब 230 लोग न भाग ालया ाजसक सभी न भर-भर शसा क

मनोरजन कलब ारा आयोाजत कए गए खल

करम

टबल टनीस

शटल

शतरज शॉट- पट धीमी साइकलग

पष सगलस माहला सगलस पष डबलस माहला डबलस

पष सगलस पष डबलस

पष सगलस माहला सगलस पष डबलस माहला डबलस

पष पष पष

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वषर 2013 क दौरान कनीय मनोरजन कलब सपोटरस स ा इस ानदशालय क ाता एव सममान

करम

खल म परसकार ातीय परसकार ततीय परसकार

पष सगलस पी रवी कानत चनपाल शशी करन एव एलए बग

माहला सगलस शभा वी नायर पीक ातभा शलजा एव मीना

पष डबलस सययद इदरस एव सवातरयया कवी चारी एव ओ वीन कमार

---------

माहला डबलस शभा वी नायर एव अनसया पीक ातभा एव शलबाला खडरी

टबल टनीस पष सगलस पी सतीश क वीचारी ओ वीन कमार

एव अशाख अहमद पष डबलस कवीचारी एव

डी रगा राव कक गा एव पी सतीश ----------

शटल पष सगलस पी सतीश एम वी ावजय कमार कवी चारी एव पी

यादयया माहला डबलस शभा वी नायर एम सबीता मीना एव राज़या

बगम पष डबलस पी सतीश एव

एम वासदव स कमार एव ओ वीन कमार

-----------

माहला डबलस एम सबीता एव राजया बगम

शभा वी नायर एव बी एस वी वरलमी

-----------

शतरज पष जगन एकर ------------

शॉट- पट पष बी नागरम चनपाल स कमार

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धीमी साइकलग पष डी स कमार सययद इदरस सययद मोजज़म

उ नयायलय म लाबत नयायालक मामल

लाबत मामल 04 आ दश उ नयायालय

कस क सखया 11 कनीय शासानक अाधकर हदराबाद

समा कस क सखया 06 लाबत कस क सखया 05

पनवलोकन मामल

ानालाखत अाधकारयकमरचारय क पनवलोकन मामल का ानपटारा कया जा चका ह

म स प lsquoबीrsquo राजपाषत प lsquoबीrsquo अराजपाषत प lsquoसीrsquo (पवरवत प

1 एस बाब अाधकारी सव ज डी एबनजर मानाचषकार ाडाव I नरश

2 पीक लहा मानाचषकार ाडाव I गदो राम

3 शख मीरावली मानाचषकार ाडाव I एम गररयया

4 जी सीतारामम सव सहायक पी काशम

5 वाई सबबयया सव सहायक सतयममा

6 पीएस सामबाब सव सहायक वी कषयया

7 बी ओबशयया सव सहायक

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एम ए सी पी क मामल

ानालाखत अाधकारयकमरचारय क एमए सी पी मामल का ानपटारा कया जा चका ह

म स प lsquoबीrsquo अराजपाषत प lsquoसीrsquo (पवरवत प lsquoडीrsquo)

1 वी सयर भा मानाचषकार ाडाव I एल योहन

2 पीकलहा मानाचषकार ाडाव I सीनाराया

3 शख मीरावली मानाचषकार ाडाव I जजॉन

4 एम भवनरी मानाचषकार ाडाव I एस रामयया

5 बीएसवी वरलमी मानाचषकार ड़ II बी पललया

6 - पी काशम

7 - शख काासम पीरा

8 - एम लमी नाराया

9 - एम वकटरल

10 - जी जया

आ दश भ साानक आकड़ा कन क अाधकारय कमरचारय क ब ाजनहन शकाक ानपता दखाई ह

1 कमारी अनवषा कर सपषी डॉ पीक कर सी जी पी ए 9810 दसव कका क ीय ावालय हदराबाद

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तलग म ावव ी नकश ( ओएस एम) क तयारी (बीएचराव अधी सव जीव अाध सव एमराकश अाध सव एसपटा री मानाचषकार)

सतावना पवर म ावाभ नकश तलग म कााशत आ करत जस आ दश राजय नकशा (1999) भारत क राजनीातक नकश आद ऐस नकश अकराक ासटक-अप (lettering stickups) साहत साइबग क परमपरागत तकनीक का उपयोग कर कााशत होत तााप कोई भी सलाकातक नकश तलग म कााशत नह ए ह परत हाल ही म ावजान एव ौोागक ावभाग न ावव ी टोपो नकश ( ओएसएम) को कषीय भाषा म उपलबध करवान क ालए एक नीात को जारी कया ह ाजसक पराम सवप आ दश भ साानक आकड़ा क न राजय क राजधानी हदराबाद को दशारत ए एक शीट को योग क आधार पर अकय माधयम स तलग म करन का काम ालया ह

ॉनट क खोज म माइोसटशन साफटवर क अनक ल डीजीएन ामट म मल डाटा बस पहल स ही उपलबध ह मल-

पाठ को बठान क ालए माइोसटशन क अनक ल एक सावधाजनक तलग ॉनट क आवशयकता ह अनक ॉनट क जाच क गई परत कछ भी माइोसटशन क अनक ल नह पाया गया कयक तलग ालाप म बत सारी माषाए अगल स लगवाए जान क कार ldquoमाषाrdquo को लगाना एक कठन कायर सााबत आ तााप वब म बत छान-बीन करन क बाद ldquoटी टी एल हमलताrdquo ॉनट को खोजा गया और माइोसटशन परवश म मल पाठ को रखन म उपयोगी पाया गया

अनवाद

ावाभ व रनातमक अाभउाया ाचनह पाद- टपपाया आद का अजी स तलग म अनवाद हत सभी ापय साधन जस क इटरनट नट पर अनवाद शबदावली आद का आय ालया गया

माइोसटशन परवश म मल पाठ को बठान क ालए कायरावाध

ॉनट याान ldquoटी टी एल हमलताrdquo वााछत सान पर लोड कया गया तलग ालाप म बत सारी माषा क अतःसाापत होन क कार एक ावाशप शबद या अकर क ालए सही माषा क चयन हत अाधक सावधानी बरतना का सानात कया गया वााछत मल ndash पाठ को मइोसाफट वडर म टकत कया गया माइोसटशन वशरन 8 ाइल म अनोटशन टकसट एडीटर क माधयम स कापी और पसट कया गया उ

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शीट क 22 टोपो स अनवादत अनोटशन को या सतयाापत कया गया अनोटशन को कनार म और उपरो शीट क नाम ाइल म रखा गया मामल ाजनको सलझाना ह -

1 ॉनट क आकार का मानककर 2 तलग ालाप म ावाभ व रनातमक अाभउया क सावधाजनक शबद का चयन 3 मल- पाठ को सगठत करना एक जटल कायर ह और समय लन वाली कायरावाध ह और पयार

माषा म षीय भाषा याान तलग क जान क जरत ह 4 जयादा सखया म सपादन मल-पाठ क सगठन क आवशयकता ह 5 तलगाना राजयतलग ावावालय क उ राजभाषा ावभाग स अनवादत ालाप को माीकर

करन क आवशयकता होगी समाा

सानीय ालाप (तलग) म ओ एस एम माक नकश क तयारी स अाधक सखया म लोग को सलाकातक नकश को आसानी स योग करन म सावधा होगी सलाकातक नकश म भाषा-ावषयक सबधी साचकारी पदार को जोड़न स ानयही भारतीय सवक ावभाग क उतपाद क चार को बढ़ावा ामलगा और बाजार म अपनी अहामयत बढ़ाएगा

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चनौती क ालए तयारी (रघना ाषपाठी अधीकक सवकक)

कसी भी ावभाग म नई चनौातय को सामना करन क ालए कमता ानमार क आवशयकता ह यद

यह नह कया जाए तो सताावत योजनाए ावल हो जाती ह कमता ानमार स पहल उसक लय एव उशय को परभााषत कया जाना आवशयक ह कयक इसक कायारनवयन क सतर म योजना और ानषपादन म का अतर हो सकता ह कमता ानमार क अनय मानक क अतगरत अनवत सावधा क रखरखाव और सभाावत ावकास भी शाामल ह कमता ानमार क कसी भी यास म ातभा क खोज को ही पहल कदम क प म ालया जाना चााहए भारतीय सवक ावभाग म सही कमता ानमार क बाद ही 110000 क पमान का सवक करन और मानाचष ाा सभव हो पाएगा आधानक अाध ौोागक म कमय क ाशक पयार नह ह लकन यह दखना ह क जो माग और सवक और मानाचष क आपत क खला स सक ातत ह जनता क ालए उपयोागता बढ़ा रही ह श म हालाक बाधाए आना बाधय ह हम यह कायर श करना और पराम क तीका करनी ह इस यास म खल अाधकार कष क ावशषज को ानयामत प स परामशर कया जाना चााहए सवक और नकश क उपयोगकतार क माग और एक बड़ परय क दाप स दखन क ालए यह महतवपर ह

यहा तक क उपयोगकतार क ालए भी ाडाजटल डटा का उपयोग सीामत ह भारतीय सवक ावभाग उपयोगकतार को ानयामत आधार पर सहायता और मलय सवधरन क ालए सलाह दकर नकश क कातज उपयोग तक का ावसतार कर सकता ह उस बात पर धयान दत ए भारतीय सवक ावभाग क सवा हत जी आई एस वजाानक को शाामल करन क आवशयकता ह यह महगा मामला होन पर भी वरीयता स भरी हम भावषय क चनौातय को परा करन क ालए तयार रहना चााहए कयक नकश क उपयोग स ावकास को तो होना ही ह

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नमक का महतव (कष कमार अाधकारी सवकक)

एक राजा क तीन बटया ी तीन बत ही सनदर सशील और ावशष ग वाली एक दन राजा न तीन राजकमारय को अलग-अलग स एक ही सवाल पछा ldquo बटी तम मझ कतना चाहती हो ldquo बड़ी राजकमारी न जवाब दया rdquo ापताजी म आपको सोन जस चाहती अारत सोन क आभष स मझ ाजतना पयार ह उतना ही पयार आप स ह ापताजी ldquo राजा बत सतप आ और दसरी राजकमारी स पछाrdquoबटी दीदी न तो जवाब द दया अब तम बताओ तम मझस कतना ह रखती हो दसरी राजकमारी बोली ldquo ापताजी म आपको हीर जसा चाहती अारत हीर क गहन स मझ ाजतना पयार ह उतनी ही पयार आप स ह ापताजी ldquo राजा तो ल न समाया सोचन लगा rdquo म बमतलब का सकोच कर रहा ा मरी बटया तो लगता ह मर बगर जी नह पाएगी ldquo अब तीसर स कया पछ र भी पछ लता र तीसरी बटी स पछाrdquo बटी तम मझ कतना चाहती हो तीसरी राजकमारी न जवाब दयाrdquo ापताजी म आपको नमक ाजतना चाहती जवाब सनत ही राजा आग-बबला हो उठा और बरी-भली सनाकर उसक कक स ानकल गया छोटी राजकमारी न कछ नह कहा बालक राजा क डाट सनकर चपचाप रह गयी रात ई राजा को सार महल क कायर ानपटान क बाद भख लगी खान क ालए उस हीर स ससात सोन क सहासन पर छोटी राजकमारी न बठाया र सोन क ाली म नाना कार क जन स य खाना परोसा और राजा को खाना श करन को कहा राजा न मह म खाना रखा तो महसस कया खाना का ह र हर जन को चखा तो पाया सब क ह र तो आग-बबला होकर अपनी रानी पर ाचललाया ldquo इस तरह क भल कस हो गयी हम कया समझ रखा ह जन दखाकर ललचाना और र खान नह दना यह बोलत ए रानी पर सोन क ाली ाजस पर जन परोस ए कन क ालए हा उठाया उठ ए हा को तीसरी राजकमारी न पकड़ ालया और पछा ldquoापताजीखाना तो बढ़या ह र कमी कया हrdquo राजा बोल ldquoनमक क ाबनाकोई खाना खाया जा सकता हrdquo राजकमारी बोली ldquoापताजीआपको तो नमक स नरत ह ना इसालए मन जन बनवात ए नमक नह डलवाया rdquo र तो राजा समझ गया क छोटी बटी न उनह सबक ासखान क ालए यह भोजन तयार करवाया ह र बोला ldquoबटी म समझ गया नमक क ाबना खाना जस सवादप नह उसी तरह तमहार पयार ाबना मरा वचरसव नह ldquo और राजकमारी को गल लगा ालया

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मायाजाल (एनबी सवामी अाधकारी सवकक)

इस जगत म कल 84 लाख जीव राशया ह और उनम मानव जनम सबस उम ह उम इसालए ह क भगवान न मानव का आधार इसालए दया ह ताक इस जनम अचछ कमर कर वह मोक क ाा कर सक मोक याान पनरजनम नह यद कमर बर ए तो र 84 लाख जीवरााशय म पदा होन क ालए वह आतमा कालच म दोबारा स जाती ह इस सपर कालच क याषा करत ए जब आतमा मानव क योान म वश करती ह तब वह भगवान स यही ारना करता रहता ह क ह भगवान मझ इस कद (याान मा का गभर) स जलदी मा दला द कयक म तमहारा धयान सही ढग स नह कर पा रहा कयक इस कद म अनक तरल पदा क सा-सा मल-मष म भी टहल रहा यह कसा नरक ह जहा आपन मझ सा रखा ह तब भगवान भी बोलत ह क ldquoत अभी बालक ाशश का प धार करन वाला ह तमन इतन वष यग म ाजतन पाप कय ह उन सबक यह चरम सीमा ह यह चरम सीमा बत ही पीड़ा दन वाली ह ाजस तमह जीतना ह लाघना ह इस चरम सीमा स मा होन क बाद तम कया करोग ldquo ाशश कहता ह ldquo भगवन आप जो कहग ldquo भगवन पछत ह कया तम अपना जीवन मरा धयान करत ए मर ालए समपर कर दोग ldquoाशश कहता हrdquo हा म समपर कर दगा आपक ालए ldquo भगवन भी जानत ह ाशश को नौ महीन गभर म रहना ही पड़गा तभी पर शरीर का ावकास होकर जब वह बाहर आएगा तो मरी सवा करगा उ नौ महीन तदनसार भगवन ाशश का वातारलाप नौ महीन चलता रहता ह ताक ाशश अपन चार ओर स मल क गध का धयान न द र जब वह बाहर ानकलता ह भगवान को धनयवाद करता ह और कहता ह ldquo म तमहारा बत ही आभारी भ अपन मझ मा दलाई अभी मझम वह ताकत नह क म तमहारा धयान करन क ासवा और कछ क मर माता ndashापता मझ सच कर जब अपन पर पर चलन क ताकत द दग तभी म तमहार ालए कछ कर पाऊगा ldquo भगवान कहत ह ldquo अर मखर त नह जानता यह जगत एक मायाजाल ह मझ पर ावास ह त मझ भल जायगा और र स कालच म पड़ जायगा ाशश कहता ह ldquo नह भगवान ऐसा नह ह भगवान मरा ावास करो म ातजा करता मरा जीवन आपक ालए ही समपर ह ldquo भगवान कहत ह ldquoदख लगा इस जगत क मायाजाल म त मरी कया का सवा करगा ldquo यह ाशश और भ का वाारलाप सनकर दवष नारद भगवान क पास पच पछन लग ldquo भ आप कस मायाजाल क बात कर रह ह ldquo भ बोल ldquo नारद म समसत जीव- रााशय का सवामी उनका कलया चाहता उनको सख भी और दख भी दता वह इसालए क मायाजाल क मोह एव अहकार म पड़कर खद को सपर मानन वाल ाी को दड न द तो र मरा समर कस करगा ldquo नारद बोल ldquo भ आपक वचन का मतलब कस

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दशा म जाता ह यह तो मझ नह पता एक तर कहत ह समसत जीवरााशय का कलया चाहता दसरी ओर कहत ह दड दता तीसरी ओर मायाजाल अर नाराय आप जब समसत जगत क सवामी ह सब आपक अधीन ही ह तो र मायाजाल शबद आपन जो योग कया ह वह आपक अधीन स बाहर कस हो गयाrdquo ानयष काजए जीवरााशया उसक चपट म नह आएगी र सब आपका गगान ही करग और सबको मोक क ाा होगी ldquo भगवान कहत ह ldquo ह दवष मर ालए समसत जीवराशी को परीका स गजरना पड़ता ह मानव जीवन ही उनम अातम परीका ह बस उसको लाघ ल म पनरजनम स मा दला दldquo नारद जी भगवान स तकर करन लग गय का दर बाद भगवान न कहा rdquo दवष आपस बहस और नह कर सकता आपस बहस कर मरा गला सख गया ह जरा एक छोट कलश या कमडल म पानी लकर आइय ताक म अपनी पयास बझा सक नारद को झटका लगा और पाताप करन लग ldquo बमतलब मन अनतरयामी स बहस कर उनको कप दया व समपर जानानद क सामन मरी हासयत कया ह पता नह आज मरी मात मारी गयी और म बमतलब बहस करन लगा भ को पयास लगी ह और वो भी मरी वजह स जलदी स उनक पयास म बझा द पानी क खोज म सार लोक का म करत ए नारदजी पथवी लोक म पच गए पथवी लोक पचकर पानी क खोज म एक कए क पास पच तो दखा क एक अतयनत सदर नारी कए स पानी ानकाल रही ह नारद न सोचा वह सनदर ी पानी भरकर चली जाए तो र म ोड़ा सा पानी भर ल नारद उस दख रह ी भी नारद जी को दख रही ी नारदजी न पछा rdquo दवी कया तम यह आसपास रहती हो ी न जवाब दया rdquo हा ldquo नारदजी र पछ rdquo दवी कया तमहारा ाववाह हो चका ह rdquo ी बोली ldquoनह ldquo नारदजी का ावचालत मन ल नह समाया और पछ ही ालया ldquo दवी यद तम अाववााहत हो और यद तमह कोई परशानी न हो तो कया तम मझस ाववाह करोगी ी सादाय औरत ी बोली ldquo मर ापता क आजा क ाबना म आपस ाववाह नह कर सकती ldquo नारदजी बोल ldquo दवी सशील नारी क यही ग होत ह यद तमह आपा न हो तो म तमहार सा चलकर तमहार माता-ापता स बात कगा और तमस ाववाह कगा ldquo यवती राजी ई और ासर एव कध म पानी स भर घड़ को ढोत ए आग चलती रही और नारदजी पीछ चलन लग सपर रासत म उस सनदर ी क ानहारत ए मन म सपन क पल बाध रह उस सनदर ी क ापता क पास जाकर अपना परचय दत ए उनक बटी स ाववाह करन का सताव रखा साकात नारद मान को अपना दामाद सवप दख उसी मतर म मगनी हो गई और एक शभ मर म ाववाह भी हो गया ाववाह क कछ दन क पात उनक ब हो गय ब बड़ भी हो गय र तो व अपन गहस आम म इतन सत हो गय क उनक मह स नाराय मष ानकलना भी बद हो गया कई वष बाद एक शाम को जोर क आधी क सा तानी बारश ई इस माहौल न इतना ावकराल प धार कर ालया ा क वातावर लय म बदल गया चार तर पानी भर गया बत सार लोग पश आद पानी म बह गय कनत कात क ावकराल प क सामन ठहरन का साहस कस ा दखत ही दखत उनका गह भी बाढ़ क चपट म आकर टट गया और पानी म बह गाया पी और ब डर स

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रोदन करन लग दखत-दखत कान पष क अलावा पी और बाक ब भी पानी म बह गए र तो नारदजी स सोचा इस कान को म कध पर ालए चलता ताक वह तो बढ़ाप म मरा सहारा बनगा कनत लय क तीता इतनी तज ी क नारदजी क नाक क ऊपर स पानी बहन लगा र तो व खद भी भल गय क बट को बचाना ह सोचन लग म कसी तरह जीावत बच जाऊ उसी सोच न उनक कान पष को भी नह बखशा कसी तरह कछ समय उपरानत लय शानत आ पानी घट गया चार तरक मनषयपश - पकी आद क लाश टट ए रासत और घर क बीच पड़ी ई ी नारद मान को बहद दख आ और ठठोर कर रोन लग गय रोत-रोत व खद क बार म सोचन लग क भगवान न उनक सा ऐसा अनयाय कय कया काश व भी मर जात तो अचछा होता तभी उस राह स ास महष गजरत ए नारदमान स परामशर करन लग नारदजी कहन लग ldquo पता नह मन कौन सा पाप कया ह क मर पर परवार का सवरनाश हो गया ह मझ कय मतय नह आई इस पर ासजी न कहा शायद तमहारा समय नह आया ह इसालय तम बच गय हो हालाक ास जानत क नारद मायाजाल म सा आ ह ldquo र इसका ानरय कौन करता ह ldquo नारद न ासजी स पछा ासजी न उर दया ldquoयह तो मतयलोक क अाधपात यमराज ही इसका उर दगrdquo र व दोन ामलकर यमराज क पास गय यमराज न आन का कार पछा तो ासजी न नारद मान क सारी दख भरी गाा सनाई और पछा क ldquoमतय न इनका आलगन कय नह कयाldquo यमराज बोल rdquoम कोई नह मरा यमदत ही इसका उर द सकता ह कयक म यमदत क ारा कसी आतमा को लान क बाद ही उसक पाप-पणय का ाहसाब दख ानधाररत सजा का ऐलान करता यद यमदत आपको लकर मर पास नह आया तो इसम मरा कया दोष ह यमदत स पछ लldquo र ासजी न उनक यमदत स वही सवाल करन पर यमदत न कहा ldquo महामान म कस कसी क शरीर स आतमा को छीनकर ल आऊ म तो यमलोक का सवक माष ाचषग जब तक आजा नह दत तब तक म कोई कायरवाही नह कर सकता आप इस का उर ाचषगजी स पछ ल ldquo र ासजी न ाचषग स वही सवाल करन पर ाचषग न कहाrdquo महामान म तो यमदत को तभी आजा दता जब उस ाी का सारा लखा - जोखा समा हो जाता ह अभी माननीय नारद जी क मतय का समय आया नह ह अभी उनका कछ कया नह जा सकता ldquo ासजी न नारद स कहाrdquo दखो नारद अभी तमहारा समय आया नह ह तभी तम जीावत हो चलो चलत ह अब ापछली घटना को भल कर आग क सोचो ldquo बस इतना ही कहना ा क ाचषग न र ासजी को बलाकर कहा rdquo ह ऋाषवर इनक कणडली म यह ालखा ह क मतय तभी इनको गल लगा सकती ह जब य एक सा आपको मझ यमराज और उनका वाहन भस का एक सा दशरन करग चक इनक ारा यह कायर पर हो चका ह अत इनका जीवन पर हो गया ह ldquo बस इतना ही ा क नारद जी को आवाज आन लगी अर दवष दवष मझ कब स पयास लगी ई ी मरा गला सख गया ह कनत आपन मझ अब

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तक पानी नह दया कहा ह पानी ldquo य साकात नाराय क आवाज सन नारदजी को होश आया और भगवान क चर म पड़कर ागड़ागड़ान लग यह कहत ए क rdquo ह नाराय आपन मझ अचछा सबक ासखाया ह मन आपस बहस कया कर लीआपन मझ मायाजाल का साकातकार करवा दया कमा काजए म आपको पानी नह ापला सका मरी वजह स आपका गला खब सख गया होगा ldquo यह कहत ए उनक अधारा स नाराय क पाव धल गय और भगवान न कहाrdquo दवष आप चातत ना ह आपन अधारा स मर चर धोकर ानसवार सवा कर दी मरी पयास बझ गयी ह अब आप म ह ldquo र नारदजी खशी स नाराय-नाराय कहत ए ानकल गय

घाट का पतर

(बषव बहरा अाधकारी सवकक)

माता-ापता और जनम भाम को छोड़ कर हम सब बन गए ह घाट का पतर धनय ह वह महापष ाजसन हम साापत कया म उस महापष क ावषय म व रन नह कर सकता शायद म अात पाप क कार पतर बन गया लोकन म आशा करता क भावषय म मरा भागय बदल जाएगा चक म लोग क मन स सवा करता इसका ल हमको भगवान अवशय दग लोग का सवा करत ndashकरत मरा आकार भी बदल गया परनत सवा करत ndashकरत मरा नाम रोशन हो रहा ह बालक हम सता का अनभव हो रहा ह मर कमर क चलत मरा भागय बदल रहा ह म हमशा जलम रहता और पीठ पर ातदन मार झलत रहता शायद ही ऐसा पीड़ा इस ससार म कसी को ामलती होगी मरा सानानतर भी नह ह म कई महापष को दखता आया कतन महाराय न ा तयाग दय लकन तबस म यहा अकला पड़ा म हर मौसम क मार झल रहा ब-बढ़ क सवा करत-करत मन कछ पणय कमा ालए ह और आशा करता क मझ को भावषय म मानव जनम ामल सकता ह मानव जनम ामलन स म आपका भजन-करन कगा

ऐस दखतndashदखत कई यग क बाद हमको मानव जनम ा आ मानव जनम म अगर इस धराष म दखा क यहा ऊच-नीच जात-पात नीात-ानयम ावदन पाचार अनयाय ndashअतयाचार चमर-अचमर का ताडव नतय चल रहा ह दखकर मर मन म परवतरन आ गया क भ मझको मरा ापछला जनम वापस द दीाजए

पतर जनम म रह कर मरा कोई-कोई साी अचछ कमर क चलत मदर म सान ा कर ालया ह कोई-कोई तो ठाकर बन गय लोग-ातदन उनक पजा करत ह

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हम लोग म स कोई-कोई सामाजक कायर म सहयोग दान करत ह कोई गह-ानमार म सहयोग द रह ह तो कोई मदर-ानमार म सहयोग द रह ह कोई तो सीधा मत बन गय इसीालए उनक मन म घमणड आ गया अहलया न पतर होन क नात भगवान का दशरन पा ालया इसालए पतर जनम होन क चलत उनक मन म का अह भाव आ गया

हमार अनदर ावाभ प भी ह याः लोहा पतर चना पतर सगममरर काला पतर (नाइट सटोन) मलायम पतर (soft stone) इतयाद लोहा पतर जो दश क ानमार म काम आता ह चना पत जो ासमट ानमार क काम म आता ह सगममरर घर और मदर का शर (flooring) म काम आता ह काला पत घर का शर और आला बनान म काम आता ह मलायम पतर ाशलप कला क ावकास म योगदान दत ह पतर जनम होकर भी म का गवर महसस करता मरी भगवान स अानतम ावनती य ह क आप मझ अानतम समय म दशरन दन को कपा कर

न हमको पतर जनम चााहए न हमको मानव जनम चााहए हमको तो ास र इस भव सागर स पार होना चााहए

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जयादा लोभ न करना (पाडव कानटया सहायक सवकक)

मनषय भगवान क साप ह इसालए वह भगवान का अश ह जब तक वो मा क गभर म ा तक तक वह मोह-माया स वाचत ा एव हमशा भगवान क समीप ा लकन जब वो पथवी पर अवती र आ उसको मोह-माया न घर ालया पाच साल तक वो ईरीय सा म रहता ह इसालए कहा जाता ह क ldquoCHILD IS THE INCARNATION OF GODrdquo इसक बाद मोह-माया म आकषत हो कर ईरीय सा को भल जाता ह बचपन म वो बत आजा और मोह-माया राहत और चरषवान रहता ह जब समय बढ़ता जाता ह तब उसक समसत उम ग धवस होकर गलत मागर पर चला जाता ह

बचपन म ावा ाशका जवानी म ी दीका एव पारवारक ाचनता म म होकर वह समसत मौालक सा को खो दता ह सबा नप होकर सबा म आ जाता ह दव का नप होकर राकस वा जारवत होता ह एव परवारक जगल म सकर भगवान का नाम लना भल जाता ह अपना परवार का भर पोष क ालए कठन परम करता ह लकन उनका पट भरता नह ह ईर क सा को भल जाता ह और अनत म पशकतव को ा होता ह शरीर रोगसत हो जाता ह दाप शा की हो जाती ह चलन ndashरन म असमर रहता ह रात को नद नह आती ह र भी लोभ को छोड़ नह पाता ह अपन बीवी-ब ता परवार क बार म सदा सोचन लगता ह शरीर वावसा को ा होता ह परवार क कोई भी सदसय पछत नह ह

परवार क लोग उसको ढग स खाना भी नह दत ह उसको घर स दर रखत ह र भी यह अधम मनषय भगवान क बार म सोचता नह ह लोभ का अनत नह होता ह पाप का बोझ बढ़त जाता ह अनत म नरक को ा होता ह र भी मनषय भगवान को समझ नह पाता ह परवार क ालए इतना बड़ी ददरशा झलता ह उनको कोई भी नह पछता ह उसक ारा जमा क गई पजी को परवार वाल उनक सामन मौज करत ह

लोभ मनषय को अनधा बना दता ह आदमी क हतया करत ह लोभ क वशीभत होकर दसर क समपात को लटत ह ाजसस समाज म पाचार बढ़ता ह इसालए ह मानव तम कय लोभ करत हो लोभ नह करक भगवान का समर करो हर कतरन करो तप जप करो और सवगर क अाधकारी बनो उम कमर करक भगवान क शरागत हो जाओ भगवान तमहार समसत सख-दख का भार वाहन करग

सवरधमारनपरतयजय मामक शर ज अह तवा सवरपापभयो मोकायषयााम मा शच

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इसालए अचछा कमर करक पणय कमाना ह हमशा धमर क जय और पाप का कय होता ह धमर-कमर करक ावजय ा होगी लकन अधमर म जाकर नरक गामी नह होना

एकदा अनधा राजा धतरा सजय को पछा क ldquoह सजय इस धमर य म कसक जय होगी उर म सजय बोल क ldquoयष योगर कषो यष पा धनधरर तष ी ावजयो भात वा नीातमरातमरम ldquo अारत जहा योगर कष एव धनधाररी अजरन एक सा ह वहा ावजय ानात ह

इसालए दखा गया क हमशा धमर क जय और अधमर क पराजय होती ह धमर सवचछ ानमरल लकन अधमर कदाकार कात ह इसालए लोभ-लालच म वशीभत न होकर सत

कमर करो अनयाय का परतयाग करो लोभ मत करो जीवन म कप करक जो धन कमा ालया वो सब इस धरती म रह जाता ह अानतम क म सा कोई नह ल जाता इसालए अनधर म भटक नह जाना इसालए कहा गया ह क-अात लालच नह करना अात सवरष गहतम अारत अात सवरनाश का कार ह

अात दप हता लका

अात मानसय कौरवा अातदारन बाल वध अात सवरष गहतम

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टटा वक का अाभमान (चरदास नाराय गडम सवक सहायक)

वन म खड़ एक वक क सा ालपटी एक लता भी धीर-धीर वक क बराबर हो गई वक का आय

लकर उसन भी लना ndashलना आरभ कर दया बल को लत ndash लत दखकर वक को अहकार हो गया क म न होता तो लता अासततव हीन होती वह लता को धमकात ए बोला ओ बल चपचाप मरा कहना माना कर म जो कह रहा वह कया कर नह तो ध मार कर भगा दगा पड़ का लाप जारी ा क दो पाक वहा स ानकल एक बोला अर भाई जरा दखो तो यह वक कसा सदर ह इस पर कसी सदर लता पाषपत हो रही ह आओ इसक नीच ोड़ी दर ावाम कर अपना महतव लता क सा ह यह जानकर वक का अाभमान भी नप हो गया सा ndash सा रहन स ही सबक गात होती ह

बटी (डी राव बाब पटल ाचषक ड-II)

बटी घर क लाज होती ह पापा क सर का ताज होती ह दल क सदा स रही ह इचछा बटी तझको ह पाना आई हो मर जीवन म जस एक ननही कावता राह दखता म तरी जलदी स मर पास आना मा क गोद म सदा रहती हो कछ पल मर पास भी आना न चाहत ह अब धन दौलत क त ही लमी त ही मरी मत भी डर लगता ह सोचक जब एक दन छोड़ क जाएगी त कतना मझ लायगी त बटी होती ह बाबल क लाड़ली

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यह ाज़नदगी (सययद इदरीस पटल ाचषक ड ndashII)

बठ जाता ह ामी प अकसर कय क मझ अपनी औकात अचछी लगती ह

मन समनदर स सीखा ह जीन का सलीका चपचाप स बहना और अपनी मौज म रहना चाहता तो ह क य दानया बदल द पर दो व क रोटी क जगाड़ म सरत नह ामलती दोसत महगी स महगी घड़ी पहन कर दख ली व र भी मर ाहसाब स नह चलता य ही हम दल को सा रखा करत पता नह ा क कमत चहर क होती ह अगर खदा नह ह तो उसका ाज कय और अगर खदा ह तो र कय

lsquorsquoदो बात इसान को अपन स दर कर दती ह एक उसका ldquoअहम rdquo और दसरा उसका ldquo वहमrdquo पस स सख कभी खरीदा नह जाता और दख का कोई खरीदार नह होता मझ ाज़नदगी का इतना तजबार तो नह पर सना ह सादगी म लोग जीन नह दत मााचस क जरत यहा नह पड़ती यहा आदमी आदमी स जलता ह ाव क बड़ स बड़ वजाानक यह ढढ रह ह क मगल ह पर जीवन ह या नह पर आदमी यह नह ढढ रहा ह क जीवन म मगल ह या नह

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जीवन म न जान कौनसी बात ldquoआखरी rdquo होगी न जान कौन सी रात आखरी होगी ामलत जलत बात करत रहो यार एक दसर स न जान कौन सी ldquo मलाकात rdquo आखरी होगी अगर जदगी म कछ पाना ह तो तरीक बदलो इराद नह ऐ चाद त कस मज़हब का ह ईद भी तरी और करवाचौ भी तरा

उगालय क लड़ाई

(शख महबब पीरा पटल ाचषक)

एक दन हा क सभी उगालया आपस म लड़न लग अगठा बोला म सबस बड़ा सभी जगह जरी कागज पर मझस ही ानशान बनाया जाता ह तजरनी बोली-ldquoम बड़ी मर होन स ही सब लोग काम कर पात ह जस-ालखना खाना पकड़ना मधयमा बोली-ldquoअर भई कया तम नह जानत जो आकार म लबा होता ह उस ही सभी बड़ा कहत ह अनाामका सब बात चपचाप सन रही ी वह तरत बोली ndashldquo म सबस बड़ी म तो पजा करन क भी काम आती मर स ही रोलीातलक लगाया जाता ह कानाका सभी को लड़ता दखकर उदास ी वह चपचाप एक कोन म कछ सोच रही ी तभी अगठा व तीन उगालया उसक पास गई और बोली- ldquoअर छोटी तम तो बड़ी हो ही नह सकती कयक तमहारा नाम ही कानाका ह कानाका बोली ldquoसनो अगठ भाई और पयारी उगालय आपस म लड़कर कभी कसी का भला नह हो सकता हमम कोई भी बड़ा-छोटा नह ह हम सब ामलकर मी बन सकत ह तभी हम सब बलवान हग कया तमह नह मालम क बद मी म ही ताकत होती ह इसालए हमारा लड़ना बकार ह rdquo कानाका क बात सनकर सभी एक सा बोल- ldquoहा छोटी बहन तम ाबलकल सही कह रही हो सचमच अकल म तम ही हम सबस बड़ी हो rdquo

इस नीात का स एकता म बल क ाशका ा होती ह

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तलगाना- भारत का एक और नया राजय (शलबाला खडरी मानाचषकार)

तलगाना भारत क दाकी भाग म ासत भारत का 29 वा राजय ह कषल क दाप स यह दश का

बीसवा बड़ा राजय ह ाचीन हदराबाद रयासत का अाधकतम भाग तलगाना राजय म ालया गया ह जहा आजादी स पहल ानजाम का राजय ा सन 1947 म जब भारत अज क चगल स आजाद आ उसक बाद भी हदराबाद का ानजाम अपनी रयासत सय भारत म ावलीन करन क पक म नह ा वह अपनी रयासत पर अपना ही सवतष शासन चाहता ा अतत सरदार बललभ भाई पटल क अक यास स इस रयासत को भारत क मखय धारा म ावलीन कया जा सका इस कार आन दश राजय क सापना ई और 26 जनवरी 1950 को ी एमक वललोड़ी आन दश राजय क म मखयमषी ानय ए 1956 म हदराबाद रयासत को आन दश राजय म ावलीन कर दया गया

2 जन 2014 म पनः तलगाना राजय अासततव म आया आन दश राजय क उर पामी 10 ाजल को ामलाकर तलगाना राजय क सापना क गयी ह राजधानी हदराबाद भी तलगाना राजय म ासत ह परनत 10 वष तक हदराबाद दोन राजय याान आन दश और तलगाना राजय क सय राजधानी रहगी दोन राजय क शासानक कायर हदराबाद स सचाालत हग तलगाना शबद का ादभारव ाषलगा दश शबद स आ ह ाजसका अर ह तीन लगो वाला दश तलगाना राजय क तीन दशा म कालरम ीशलम और ाकारामम ास ाशव मानदर ासत ह ाजनक अपार धामक महा ह वासतव म पक तलगाना राजय क ालए 1946 स 1951 क बीच ही ारमभ हो गया ा उस समय कमयानसट पाट न इस आनदोलन का नततव कया ा जो असल रहा भाषा क आधार पर तलगाना और आन राजय को पक करन क ालए अनक आनदोलन समय-समय पर होत रह ह इनम मखय आनदोलन 19691972 और 2009 क ह इन आनदोलन का यह भाव आ क 9 दसमबर 2009 म भारत सरकार न पक तलगाना राजय बनान क कायरवाही श कर दी य घोषा सनत ही तटीय आन व सीमान कष क लोग न सम आन दश क पक म आामक आनदोलन ारमभ कर दया और ऐसी ासात म भारत सरकार न यह कायर 23 दसमबर 2009 तक सागत कर दया इसक पात भी लगातार पक तलगाना और सम आन दश क ालए अलग-अलग आनदोलन चलत रह पक तलगाना क पक म कई आतम - हतयाए ई हड़ताल क गयी ाजसस जन साधार को बत असावधा का सामना करना पड़ा अतत पक तलगाना समरक क जीत ई और कास कायरकारी सामात न सवर सहमात स 30 जलाई 2013 को पक तलगाना राजय क ासारश करत ए ाबल तयार कर दया अनक सोपान पार करत ए यह ाबल रवरी 2014 को ससद म पारत कया गया रवरी 2014 दश पनगठरन एकट क तहत यह ाबल ससद म पास हो गया इसक पात इस नय राजय तलगाना ाबल को रापात ारा सहमात ा ई और माचर 2014 क गजट म इस कााशत कया गया इस कार नय तलगाना राजय क सापना ई

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ाशासकय प स तलगाना राजय क सापना 2 जन 2014 को ई क चन शखर राव क पाट ldquoतलगाना रा सामातrdquo न चनाव म दश म बमत हाासल कया और इस कार ी कचन शखर राव तलगाना राजय क म मखय मषी चन गए

म महगाई (डॉ नीलम कमार ाबड़ला अाभलखपाल)

म महगाई महग दशभ लोग क आमष पर भारत आई तज गात लान गात म भारत आई मझ गलत मत समझो गरीब बत ठीक बमत दकर तमन ाजनको बत उठाया म तो उनह क तीक भौातक वादी यग म योग ासखाती म भख पट न सोए कोई कडालनी जगाती म धयान प म च मारकर मन जय ऊपर चढ़त-चढ़त र तक आ जाता ह भाव वसत क वस ही र तक ल आई

अब इस यग म एक तल क पीप को पा लन का अर को पा लना ह भ दशरन क झलक दखना एक टमाटर खा लना ह भारत का आदशर तयाग ह अनासा ह अपरह ह मझको पाकर लोग वसतए तयाग रह ह अपनी खद क कार छोड़ बस क पीछ भाग रह ह म लोग को तड़क भड़क स खच

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सादगी ासखाती टरीलीन क शौकन को ला पहनाती माया जीवन का बधन ह पया पसा मल हा का म वतन भोगी लोग क बधन दो दन म हर लती शी छड़ाकर मल हा का शीश सा ानमरल कर दती

नीात ालखन वाल न कम खाना या गम खाना अचछा बतलाया मन उनका कन ानभाया ाजतनी चीज महगी हगी उतना ही जन कम खाएग ाजस दन रोटी नह ामलगी उस दन खद ही कम खाएग

शकल पक क चाद सरीखी बढ़ती म खब चादनी लाऊगी अभी दज तक ही आई परमासी तक जाऊगी

करो कलपना जब भारत जन कतन सदर दखा करग ग चावल चना बाजरा जब पाड़य म ाबका करग बीमार को दध दहीघी क इजकशन लगा करग कसा मधर जागर होगा लोग भख स जगा करग

आतक हमला

(डॉ नीलम कमार ाबड़ला अाभलखपाल) 13 दसबर 2001 ससद प पाक आतक हमला 13 रवरी 2014 ससद म भारतीय आतक हमला

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शमरसार ई ससद पच ाड़ गए नयी तहजीब क झड गाड़ गए

उड़ाया गया काली ामचर का पाउडर सपीकर का नह सना आडरर आख जलन लग सास लन लगी ससद पर नगी तलवार झलन लगी

घायल आ जातष और सावधान मदर क पजारय न कया मदर का अपमान ऐस आतकय को सबक ासखाना होगा र नया इातहास बनाना होगा

बाल-म (वाइकराकश कमार खलासी)

बालपन क कलकारी धप क ताप स आ मक पोी छोड़ी कदाल खोदत हा क मार अचक कचड़ आधी म म करना आ मजबरी गरीबी क पराकाा पट और पीठ क घटती दरी कछ धनहीनता और कछ माता-ापता क मखरता कनत सबस जयादा सवा समाज क सवदनहीनता ाजसन बालक को ामक बनन को बाधय कया लखनी को छीनकर कोमल हा म छडी पकड़ायी

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गाय-बकरी क सवा करता बालय-जीवन कप अपन भावषय को दर करता अजान और अबझ ावोपाजरन क कसको ह सरत ासात तो ऐसी ई दो दान अ क ालय बालपन चोर बनन को आतर आ

दोसती

(ाचा कडयया खलासी)

गलाब एक ल ह

एक घनट म मरझा जाता ह पर दोसती एक शा ह कभी भी जीावत रहती ह

बर ठडी होती ह जो पकड़ म नह आती ह

दोसती सोन जसी ह जो कभी कोई नह खरीद सकत ह

तार क पाच अनत (END) ह चौकोन क चार अनत ह तीकोन क तीन अनत ह

एक रखा का एक अनत ह पर दोसती का कोई अनत नह ह

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मर जीवन का उशय (कमारी ाया सातव कका सपषी एम सबीता उाल)

कग नयज भारत का खतरा पाकसतान न कशमीर पर हमला कया ह कछ दन बाद helliphellip कग नयज पाकसतान क ाखला भारत क रका करत ए वीर सानक

का भारी नकसान इन खबर न भारत को ाहला दया ा म भी सोच म पड़ गयी क म भारत क ालए कया कर सकता भारत को इन हमल स कस बचा सकता मर मन म ास र एक ही खयाल आया क भारतीय सना का एक जवान ासपाही बन

जव मन यह बात अपन दोसत स कही तो उसन कहा क ासपाही बनना खतर स खाली नह ह और परवार स दर सरहद पर खतर स भर जीवन मर ालए कपद होगा लकन मन ठान ालया ा क म कछ ऐसा कगी क पर दश म मरा नाम हो ाजस दखकर मर अपन का ासर गवर स ऊचा हो जाए

मर ानय को सनकर मरी मा रोन लगी मझ लोभन दया क म ापार क मर दोसत न मझ डाकटर बनन का सझाव दया पर मन सोचा क भारत म कई डाकटर ह ापारी ह भारत को डाकटर या ापारी क नह बालक सानक क जरत ह

म भारत क ालए अपनी जान भी दन क ालए तयार मन सोचा सब अपन परवार को सराकत

रखना चाहत ह र भारत - भाम तो मरी मा ह मरी ही कय हर एक क मा ह तो हम सब का कतर बनता ह क हम इसक रका कर इसीालए मर जीवन का उशय ह क म एक ासपाही बन और भारत क सवा क

मखर ामष स समझदार शष अचछा होता ह (मासटर सनीत चौी कका सपष एम सबीता उाल)

एक दन म और मरा सबस अचछा ामष राव बठ यह सोच रह क हम परीका क ालए अभी स पढ़ाई श कर दनी चााहए या नह राव न तपाक स कहा क अभी स पढन स कोई लाभ नह होगा अगर हम परीका क एक दन पहल पढ़ग तो जयादा दमाग म रहगा तभी वहा स मरी कका का दसरा छाष रमश गजर रहा ा मझ रमश ाबलकल पसद नही ा और रमश भी मझ पसद नह करता ा बात-बात पर हम लड़ाई करत पर पढ़ाई म वह मझस बत अचछा ा उसन हमारी बात सन ली ी

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इसालए धीर सवर म मझस बोला अपन मखर ामष क बात मत सनो बस रोज मरी तरह ोड़ा-ोड़ा पढ़ो लकन मन उसक बात पर कान नह धरा एक महीन बाद परीका क दन आ पच परीका क एक दन पहल जब मन पढ़ना श कया तब पाया क पढ़न को बत ा पर समय कम ा जस -तस पढ़ कर मन परीकाए ालखी और उममीद करता रहा क म परीका म उी र हो सक कछ दन बाद परीका का पराम ानकला और वही आ ाजसका डर ा म और ामष राव अनी र हो गए दसरी ओर रमश बत अचछ अको स उी र आ उस दन मझ समझ आ गया क मखर ामष स समझदार शष अचछा होता ह

भावषय क पढ़ाई (मासटर ाशव कलया सातव कका सपष वालल कलयाी उाल)

आज जब हम पढ़ाई या सकल क बार म सोचत ह तो नजरो म एक भारी बग उठाता आ

छाष दखता ह कताब क ाबना हम सकल जान क सोच भी नह सकत कताब क सा कपयटर भी पढ़ाई का महतवपर ाहससा बन चका ह

कछ साल बाद भारी कताब स भर बग क बदल छाष क हा म टबलट होगा आकाश टबलट एक ऐसा यष ह ाजसम हम तरह-तरह क कताब पढ़ सकत ह हम कका म ही नट स जानकारी पा सकत ह टबलट ोन स बड़ा ह और जयादा महगा भी नह हम इस कह भी ल जाकर इसम कताब पढ़ सकत ह हम इसम कका का दया गया कायर भी कर सकत ह यह टबलट पढ़ाई का अदाज बदल दगा और पढ़ाई को मजदार बना दगा

पानी और धप (कमारी एस साानया पाचवी कका सपषी राजया बगम अाल)

अभी-अभी ी धप बरसन लगा कहा स यह पानी कसन ोड़ बादल को क ह इतनी शतानी

सरज न कय बद कर ालया अपन घर का दरवाज़ा उसक मा न भी कया उसको बला ालया कहकर आजा

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ज़ोर-ज़ोर स गरज़ रह ह बादल ह कसक काका कसको डाट रह ह कसन कहना नह सना मा का

परीका (कमारी शख राजया सलताना गयारहव कका सपषी शख महबब पीरा पटल ाचषक)

ाजस नाम को सनन स कापता ह बा वो ह परीका परीका पपर हा म आत ही इतना डर लगता क यद अचछा नह कया तो ापटना पा तीन घट म लगभग करन होत ह चालीस सवाल एक भी छटा तो घर म आता ह भवडर रजलट क एक दन पहल रात को नद नह आती ह अचछ नबर पान क ालए भगवान क याद आती ह पास होन पर ामलता ह इनाम और मख स ानकलता ह ldquoकय भगवान rdquo र आती ह अगली कका तब भी मख स ानकलता ह हाय र आ गयी र स परीका

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राीय साकरता (मासटर शख समीर छठी कका सपष शख महबब पीरा पटल ाचषक)

ातदन सीखो अकर एक

ानयम बना लो ऐसा पढ़ो पढ़ाओ सीखो जान

तभी बनगा दश महान ावा सा जान कराती

मन का अधरा दर भगाती जहा पर बनत लोग जानी

वहा न होती मन क हाान अनपढ़ क ालए गगी पोी

धन दौलत भी होती ोी पढ़ा ालखा नह धोखा खाता

जहा भी जाता आदर पाता

मा (मासटर शख महबब बाशा आठव कका सपष शख महबब पीरा पटल ाचषक)

सबस सनदर जग म कौन बस एक त ह मा

सबस पयारी कसक मसकान बस एक तरी ही ह मा

कसन बनायी मरी पहचान तन ही तो मरी पयारी मा

कसक बोली ामी स मीठी तरी ही ह मरी मा

कसक डाट ह इमली स तीखी तरी ही तो पयारी मा

कसक ालए क म सब कबारन तर ालए मरी पयारी मा

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ाततली (कमारी एम राशका ाशवानी पाचवी कका सपषी एम लम कमार उाल)

ाततली तम कतनी

रग-ाबरगी होती हो तम सब ल का रस पी-पीकर

बाग-बगीच म रती रहती हो तर पख कई रग क होत ह

तमहार प को दखकर ब बत खश होत ह

मरी कका

(कमारी एम राशका ाशवानी पाचवी कका सपषी एम लम कमार उाल)

मरी कका म ह पचास ब हर एक ह अलग-अलग जस एक ह लबा एक ह छोटा एक ह मोटा एक ह पतला कछ ह अचछ कछ ह बर पर लगत ह सार पयार मरी कका ह रग- ाबरगी लगती ह ाततालय का झड ह

मझ बत पसद ह कयक यह हमारी कका ह

Page 7: कलाकल - Home: Survey of · PDF fileतेलंगाना-भारत का एक ... भी यह पि का ‘कलाकल‘ सुनदर प म िनखर

सपादक क कलम स ---------

ldquoकलाकलrdquo का नतन अक आपक कर कमल म सतत ह इस िनदशालय क िवकास परयोजना क याा क जानकारी एव िनदशालय क कमरचारय क रचनातमक कितय का सह सतत ह िजसक माधयम स िवभागीय गितिविधय का परचय िमलता ह साथ ही कमरचारय को अपनी रचना सािहितयक गण को उजागर करन का अवसर भी ा होता ह

िहनदी एक सम भाषा ह िजसको योग कर तकनीक जान को हम सवर साधारण तक पचा सकत ह इस महतवपणर कायर को िनरतर इस िनदशालय क गह पिका ldquoकलाकलrdquo भली - भाित कर रही ह ldquoकलाकलrdquo क इस अक म जान- िवजान क बत सी बात का समावश कमरचारय और उनक परवार क सदसय ारा कया गया ह हम आशा ह क पिका पाठक क कसौी पर खरी उतरगी तथा उनक िलए जान-वधरक िस होगी म राजभाषा अिधकारी अपन सहभािगय क ित आभारी िजनक अथक यास स पिका क काशन क या िनरतर जारी ह तथा िनदशालय राजभाषा िहनदी क चार-सार एव इसक गामी योग म िवकास क ओर तजी स असर ह पिका को अिधक रोचक एव जानवधरक बनान क िलए सभी पाठक क सझाव सादर आमित ह

शभकामना सिहत

कलयान कमार गा

अधीकक सवककराजभाषा अिधकारी

1

वषर क दौरान 2014-15 आ दश भ साानक आकड़ा क भारतीय सवक ावभाग न ानालाखत परयोजना को ालया ह

म सखया परयोजना अजत राजसव टपपी 1 आ दश ासको दाडगल

परयोजना 283000- अातर ावभागीय मागकतार स

रााश ा हो चका ह

2 इदरा सागर पोलावरम परयोजना

1675800- अातर ावभागीय मागकतार स रााश ा हो चका ह

3 बड़ामी मख नाली सवक

58700- अातर ावभागीय मागकतार स रााश ा होना बाक ह

4 गालार आराकत वन सीमा सवक

2210000- अातर ावभागीय मागकतार स रााश ा होना बाक ह

5 ADRIN उतपाद का जमीनी सतयापन

- ावभागीय

6 टर हदराबाद गाइड़ मप - ावभागीय

7 समाकालत तटीय कष बध परयोजना त(ICZM)

- ावभागीय

8 राीय शहरी सचना ाली - ावभागीय

9 आ दश कनारटक सीमा ाववाद - ावभागीय

इसक अलावा ासतमबर 2013 स अगसत 2014 तक आ दश भ साानक आकडा कन क मानाचष ावय कायारलय स ावाभ कार क मानाचष क ावय ारा ावभाग को 1336019- का राजसव ा आ

उपरो परयोजना का साराश ान कार स ाववरत ह -

1 आ दश ासको दाडगल परयोजना दाडगल ासत वायसना अकादमी क ानकट अारम ाम होत

ए ानकलन वाली आ दश ासको क 400 कलो वाट वाली यददमलारम ndash गजवल डी सी लाइन क

9 बज हत WGS-84 आधारत जी पी एस सानाक साहत दाडगल ासत वाय सना आकादमी क हवाई

पी क अधःसपशर बध (Touch down point ) पर आधार तल क ाहसाब स मीटर म सल ॐचाई समतल

का ावधान करना

2

बल जीपीएस 5700 एव अकय लवल ारा कातज एव ऊधवर ानयष का ावधान कया गया

सव का कल मलय 283000- ा एव मागकतार स प र भगतान ा कर ालया गया समय सीमा क अदर कल 10 जी पी एस बद 50 क मीक दोहरी ततीय ी तलक (DT Levelling) एव 15 कमी क

मालारख (Traversing) कायर प र कया गया

2 इदरा सागर पोलावरम परयोजना

आ दश क पाम गोदावरी ाजला पोलावरम मडल क रामययापट ाम क पास गोदावरी नदी पर सोची गयी बउशयीय बहत परयोजना ही इदरा सागर पोलावरम परयोजना ह जो पोलावरम परयोजना क नाम स बचचत ह ान उललाखत सान म कातज (डीजीपीएस क मदद स सानाक ानात करना)एव ऊधवर ( तल-ाचहन का सतयापन) ानयष का ावधान करन का मखय कायर ा

i सताावत 960 मगावाट जल ावत ाबजली घर क धरी ii ामी एव पतर स ानमत बाध iii उबड़- खाबड़ मागर

सव कायर( रक एव सवक ) का कल लागत मलय 1675800- ा और मागकतार स परी रााश ा कर ली गई एक अाधकारी सवकक दो सवकक एव छः खलाासय क टीम क तनाती क गई पर कायर हत 30 दन का समय दया गया और ानयत अवाध क अदर ही कायर सप कया गया कायर समाा हत कल 17 जीपीएस बद सान एव 200 रखीय क मी का दोहरी ततीय ी तलक (DT Levelling) का ावधान कया गया

3 बड़ामी मख नाली सवक

बड़ामी मख नाली सवक कषा ाजल क सचाई CADD ावभाग क ालए ह जो एानकपाड सघ राजय कष स पा औतपलली क सघ राजय तक क 25 कलो मीटर क लबाई क नाली क मापन क सवक क ालए ह सवक क ालए रक कायर परा हो गया ह सवक क ालए ानधाररत लागत Rs58700 - ह मागकतार स रााश ा करना अभी बाक ह

4गालार आराकत वन सीमा सवक

भागीय वन अाधकारी कोागडम खममम ाजल क माधयम स गालार आराकत वन सीमा सवक कायर माननीय उ नयायालय हदराबाद क आदश क अनसार आ दश भ साानक आकड़ा क को आवटत कया गया ह यह खममम ाजल म सतयापन क ालए ह जगल का कषल 500 वगर कलो मीटर ह और ाराभक रक परा कर ालया गया ह सवक कायर क अनमाानत लागत Rs22 10000 - ह मागकतार स रााश ा करना अभी बाक ह

3

5 ADRIN उतपाद का जमीनी सतयापन

भारत क महासवकक ारा यह परयोजना कायर आ दश भ साानक आकड़ा कन को सपा गया ा इस कायर का मखय उशय भ ानदश उतपाद स सदभत आकलन करना ह कल कषल 18225 वगर कलोमीटर ह रक एव सवक कायर पर करन क ालए तीन साह का समय दया गया ा और दो अाधकारय चार कमरचारय को तनात कया गया ा समय पवर ही कायर पर कर ालया गया जीपीएस ारा 51 जीसीपी बद सान का ावधान कया गया

6 टर हदराबाद गाइड़ मप

टर हदराबाद गाइड़ मप का कायर आठ खनड म पर कर ालया गया ह

7 समाकालत तटीय कष बध परयोजना (ICZM)

क ीय पयारवर एव वन मषालय क अतगरत समाकालत तटीय बध सामात (SICOM) ारा इस परयोजना को ालया गया ह परयोजना का उशय

डलटा कष को छोड़ 7 कमी क चौड़ाई क सा कनयाकमारी स बगलादश सीमा तक भारतीय तट रखा क पार म 2400 कमी क तय दरी का 110000 क पमान पर मानाचष बनाना पव तट क कल कष को र चार कष म कष ndash 567 एव 8 क नाम स ावभाजन कया गया अपन आ दश भ साानक आकड़ा क क कायर कष म कष 6 एव कष 7 पड़ता ह कष 6 म पड़न वाल

-

कष को 8 उप-खणड म एव कष 7 म पड़न वाल कष को 12 उप-खणड म पनः ावभााजत कया गया कल कायर को मससर ाजयोडीस आइआइसी टोलोाजस एव इनोासस को ठक पर दया गया

मससर ाजयोडीस का उतपादन कन हदराबाद ासत भारतीय सवक ावभाग क भारतीय सवक एव मानाचष ससान क भवन म ासत ह ाजसका उरदाायतव कष कष-6 एव 7 ह जो आ दश भ साानक आकड़ा क क कायर कष म ह

ठकदारी क शत क अनसार आ दश भ साानक आकड़ा क न ानयाषत सवक कायर सप र कर दया ह जस 10 स 50 क मी क दरी पर जी सी पी एव 1 स 3 क मी क दरी पर तल- ाचहन मससर ाजयोडीस क ावधान हत

अब तक कष 6 म 8 उप- खड म स 7 उप-खड म ासत और कष 7 म 12 उप- खड म स 11 उप-खड म ासत 10 स 50 क मी क दरी पर जी सी पी एव 1 स 3 क मी क दरी पर तल- ाचहन का व रन रखााचष एव समतलीय सानाक आ दश भ साानक आकड़ा क न सतत कर दया ह

चक दोन कष क कछ उप-खड म र सान पाया गया ह आ दश भ साानक आकड़ा क न मोगलत एव मछलीपनम उप-खड क र सान क पत हत पनःसवक कायर कर दया ह इस दौरान कल 181 कमी का दोहरी ततीय ी तलक (DT Levelling) करत ए 17 जी पीएस बद

4

सान का ावधान कया गया तााप र सान म पड़न वाल कष 6 क 3 उप- खड और कष 7 क 2 उप- खड का सवक कायर अपर महासवकक दाकी कष एव परयोजना ानदशक आइ सी जड़ एम स शासानक एव ावीय अनमात ा होन पर कर दया जाएगा

मससर ाजयोडीस न हवाई ाषकोीयकर हत नलल उप- खड का ानयष ावसतार करन क ालए लड सवक कायर समा कर दया ह इस ावसतत ानयष को आ दश भ साानक आकड़ा क ारा अनमोदत कया जाना ह

समसत उप-खड का हवाई ाषकोीयकर एव अकयकर क पात मससर ाजयोडीस आ दश भ साानक आकड़ा क को अनमोदन हत सारी अातम ााया सतत करगा

आ दश भ साानक आकड़ा क ारा अातम अनमोदन क पात 20 उप-खड म पड़न वाल सार नकश का म कया जाएगा यह या दसबर 2015 तक समा होना ह

8 राीय शहरी सचना ाली (NUIS)

राीय शहरी सचना ाली का मोचन क ीय शहरी ावकास मषालय ारा 152 शहर का 110000 क पमान पर उपह छाया ाचष ारा एव 12000 क पमान पर हवाई ाचष ारा दसव योजना क तहत भ साानक आकड़ का ावकास करन क सा ndash सा जीपीआर (Ground Penetrating Radar) क मदद स 22 शहर का 11000 क पमान पर दो उपयोग क समाधान हत जस जल आपत मल-ानयारस उपयोागता मानाचष हत कया गया राजय नोडल एजासय (SNAs) ारा शहरी मासटर पलान और उपयोागता पलान क तयारी हत इन नकश का उपयोग कया जाएगा

उपरो परयोजना क ालए आ दश भ साानक आकड़ क का उरदाायतव ानानसार ह- i एनआरएससी ारा 110000 पमान पर उतपादन कया गया नकश क सरका ानकासी ii अातम नकश क सशोधन और गवा जाच हत एन आर एससी क सा समनवय iii110000 क पमान पर तयार नकश को राजय नोडल एजासय (SNAs) को दय हत अनय भ

साानक आकड़ा क क सा समनवय

इस राीय शहरी सचना ाली परयोजना क अतगरत 20 राजय क 152 शहर का कायर ालया गया और 68 शहर क अातम ााया उ भ साानक आकड़ा क राजय नोडल एजासय (SNAs) को भज दया गया लहाल एबयट आकड़ा जोड़न हत अलग- अलग राजय क उ भ साानक आकड़ा क राजय नोडल एजासय (SNAs) स ा 15 शहर का एव एमओजीएसजीएस सशोधन करन हत 2 शहर का आकड़ा एनआरएससी क पास ह अलग- अलग राजय क 67 शहर क आकड़ एबयट सह हत उ भ साानक आकड़ा क राजय नोडल एजासय (SNAs) क पास ह

5

तााप आ दश भ साानक आकड़ा क न एनआरएससी एव अनय भ साानक आकड़ा क राजय नोडल एजासय (SNAs)स अचछ समनवय क सा अपना उरदाायतव भरपर ानभाया ह

9 आ दश कनारटक सीमा ाववाद

माननीय उतम नयायालय क ानदश क अनसार आ दश कनारटक राजय सीमा ाववाद को सलझान हत भारत क महासवकक न आ दश भ साानक आकड़ क को कायर आवटन कया इसका मखय उशय आ दश कनारटक राजय सीमा ाववाद को सलझान हत सीमा सतमभ का सापना करना ह तीन खड म रक एव सव कायर हत टीम क तनाती क गयी अब तक 172 जीपीएस ाबनद का पयरवक कया गया कायर अभी बाक ह

10 अनय ावावध कायर

उपरो परयोजना काय क अलावा इस भ साानक आकड़ा क न वषर 2014-15 क ालए ानालाखत काय क ाजममदारी ली ह

I 28 शीट क 150000 क पमान पर गवा ानयष

II 516 शीट क 125000 क पमान पर ओएसएम पानतर

III 150000 क पमान पर 354 शीट क वब चर सवा

IV हदराबाद कष म पड़न वाली 56 क 6 7 1011 डी एस एम शीट का अतन

V हदराबाद कष म पड़न वाली 56 क 6 7 1011 ओ एस एम शीट का अतन

VI 150000 क पमान पर तलग भाषा म चार शीट का मानाचष

VII तलगाना और आ दश राजय का नकशा 110 लाख क पमान पर तयार करना

ाहनदी एव टक अनभाग

22 मई 2014 को आ दश भ साानक आकड़ा क न एक नय अनभाग का गठन कया ाजसका नाम ldquoाहनदी एव टक अनभाग

rdquo रखा गया इसका मखय उशय यह ा क वाषक कायरम क अनसार इस ानदशालय स अाधकतम पषाचार हदी म ही करना इसक भारी इस आकड़ा क क राजभाषा अाधकारी ह एव इस अनभाग म एक अनभाग अाधकारी एक कान हदी अनवादक दो अवर ी ालापक क तनाती क गई ह ानदशक ारा अनमोदत मसौद को हदी म अनवाद कर इस ानदशालय स अनय ानदशालय कष एव महासवकक क कायारलय को पषाचार कया जाता ह lsquoगrsquo कष म हदी पषाचार का लय जो 55 ह उस ा करन हत यह ानदशालय अहम भामका ानभा रहा ह कोाशश जारी ह क वषर 2014-15 तक वाषक कायरम क अनसार यह ानदशालय अपन लय को ा कर लगा

6

सवक सहायक क वतन मान म पनरीक- माननीय नयायालायक आदश का कायारनवयन

अल 2013 म सवक सहायक क वतन मान म पनरीक का आदश ा आ सवक सहायक क हासयत स ाजनको ए सी पी ानयामत पदोात ामली उनक मामल को तरत ालया गया तााप एक सदह उठा क कया उ वतन-मान एमएसीपी ा सवक सहायक पर लाग कया जा सकता ह या नह और इस पर भारत क महासवकक स सपपीकर ा कया गया इसी बीच सवक सहायक क वतन मान क पनरीक क समाधान हत ानालाखत सदसय क सामात का गठन कया गया

1 ी कक गा अधीकक सवकक (अधयक) 2 ी एलएस शकर राव कायारलय अधीकक 3 ी एम यादी री सहायक 4 ीपी सतीश सहायक

इन मामल क ससाधन क ालए ानयामत आधार पर बठक आयोाजत क गई मामल ाजनक सपपीकर क जरत नह ी (लगभग 25 ) तरत ालय गय एव जलाई 2013 म कषीय वतन एव लखा कायारलय को सतत कय गय ाजनह उसी महीन म जाच तय कया गया

रवरी 2014 म सवक सहायक क वतन मान क पनरीक स सबाधत सपपीकर क ाा क बाद बाक क 45 मामल को (दोन पवर ndash 2006 एव उर - 2006 एसीपी) ानदश क अनसार मामल को 15-03-2014 तक तयार कया गया तााप ावीय वषर 2013-14 क अत म ानाध क उपलाबध न होन क कार इसको कषीय वतन एव लखा कायारलय को सतत नह कया जा सका

वषर 2014 -15 लखानदान क माधयम स ा ानाध स (12 सवा ानव मामल को जलाई 2014 म सतत कया गया और उसी महीन म तय कया गया) जलाई 2014 म ानयामत बजट क आबटन क बाद बाक क सभी मामल को अारत 10 (लगभग) अगसत 2014 म सतत कया गया और उसी महीन म तय कया गया आज क तारीख म सभी मामल को पर कर ालया गया और अनदश का अनपालन कया गया 70 मामल म स 22(लगभग) को आक लाभ ा आ और बाक (पवर -2006) मामल को साातक तौर पर वतन ानयतन कया गया अारत माननीय नयायाायक आदश क अनसार बकाया क आहर क ाबना

सामात क ानयामत आधार पर बठक ई और अधयक न मामल को पर करन म मागरदशरन दया ी एलएस शकर राव कायारलय अधीकक न अनय सदसय ारा कए गए वतन ानयतन मामल क पयरवक और जाच क सामात ारा दए गए समय सीमा क अदर सभी मामल को पर कया गया और समय समय पर ानदशक को ासात स अवगत करवाया गया

7

ाशक कोसर

आ दश भ साानक आकड़ा कन स ानालाखत अाधकारय को भारतीय सवक ससान म ावाभ कोस म ाशक दलवाया गया

म स अाधकारी का नाम(ीीमती) कोसर सखया ावषय

1 मोअजीममीन 49521 सवक अाभयााषक का मल ासानत

2 एन अानल कमार कय 5 भाम सचना का अाभकलप एव कायारनवयन

3 मोहममद अली शख 40092(ए) सवक पयरवकक

4 एस राव 40092(ए) सवक पयरवकक

5 अामत समर 40092 सवक पयरवकक

6 एलवीएम नायड 40092(बी) सवक पयरवकक

7 वी गोपाल राव 40092(बी) सवक पयरवकक

8 बी गोपाल राव 40092(बी) सवक पयरवकक

9 पी रावकर ातकोर भ-साानक ावजान

10 कोा ीानवास ातकोर भ-साानक ावजान

1 कनरल एस ीधर राव ानदशक न बगल ासत दाकी कष कायारलय म 21012014 स 23012014

आइसीजड़एम परयोजना स सबाधत ानदशक क सममलन म ाहससा ालया

सममलन ाशक

2 कनरल एस ीधर राव ानदशक न नई दलली ासत सव (हवाई) एव दलली भ साानक आकड़ा कन ानदशालय म राीय शहरी सचना ाली (NUIS) स सबाधत पनरीक बठक म ाहससा ालया 3 ी कक गा अधीकक सवकक एनएसडीआई क ालए ओरकल सपाशयल का ाशक ा कया |

ाशकता

आ ावावालय इजीानयरग कॉलज(ए) ावशाखपनम क 12 ावाय को 12-05-2014 स 06-06-2014 तक ाजयोडसी अकय ोटोाामात सलाकात सदर सवदन तलक अकय मानाचष एव भौगोालक सचना पात आद ावषय पर जानकारी दी गयी

8

वषर 2013-14 क ालए मानदय स परसकत कमरचारय क सची

म स नाम ीीमती कमारी पदनाम 1 पी म कमार अाधकारी सवकक 2 पीककर अाधकारी सवकक 3 एलकरासी अाधकारी सवकक 4 ए भाचारजी अाधकारी सवकक 5 एन अानल कमार सवकक 6 ीनीवास राव यादागर सवकक

7 क ओमकार सवामी सवकक

8 सागरका पताल सवकक

9 एमएस आर मत सवकक

10 एस बी चधर राव सवकक

11 अशाख अहमद सवकक

12 डी वकटा ीहरी सवकक

13 डीआरएस स कमार सवकक सहायक 14 सी एच गडम मानाचषकार ड II 15 ावजय सनीता गोप मानाचषकार ड II 16 पीक ातभा सहायक 17 ज कनक लमी मानाचषकार ड III

18 शलबाला खडरी मानाचषकार ड III

19 ए शलश वर ी ालापक 20 एम बगारी नायड वर ी ालापक

21 चपाल वर ी ालापक

22 एमलम कमार वर ी ालापक

23 एन वलली कलयाी वर ी ालापक

24 बीनागरम अवर ी ालापक

25 पठान इमाम कासीम अवर ी ालापक

26 एमअपपल राज एम टी डी 27 सययद जहागीर अली एम टी डी

28 शयामल दास एम टी डी

9

म स नाम ीीमती कमारी पदनाम 29 सी नारायना खलासी 30 महन कमार खलासी 31 एमओबयया खलासी 32 सी वीचलमयया खलासी 33 कालर खलासी 34 जी जया खलासी 35 क अपपा राव खलासी 36 पी काशम खलासी 37 क ईरयया खलासी

पदोत कमरचारय क सची

म स नाम पदनाम पदोात क

ाता ाजस पद पर पदोत ए

1 डीरघ रामल मानाचषकार ाडावजन -I 11-10-2013 मखय मानाचषकार

2 मो अजीमीन सवकक 06122013 अाधकारी सवकक

3 एम परमर राव सहायक 29112013 कायारलय अधीकक

4 जीशीला रानी मानाचषकार ाडावजन -II 23062014 मानाचषकार ाडावजन ndashI

5 एम वासदव वर ी ालापक 06052014 सहायक

सायीकर ा कमरचारय क सची

म स नाम पदनाम सायीकर क ाता

1 एमावजय कमार पटल ाचषकार ड़ -III 01012013

2 आर ीनीवास राव अवर ी ालापक 01012013

10

म स नाम पदनाम सायीकर क ाता

3 पी ामालनद कमार खलासी 01012013

4 गनकली पदममा खलासी 01012013

5 वाइ मानीकयममा खलासी 01012014

6 बी सवामी( अनसाचत जन जाात) खलासी 01012014

7 बी शाता ( अनसाचत जन जाात) खलासी 01012014

11

सानातर पर तनात कमरचारय क सची

म स

नाम ी ीमती

पदनाम सानातर क ाता

सानातर

स को

1 डीरघ रामल

मानाचषकार 11102013 भौ सप एव स स ानदशालय

आ भसा आ क हदराबाद

2 मो अजीमीन सवकक 06112013

(पवारहन)

भारतीय ाशक एव मानाचष ससान हदराबाद

आ भसा आ क हदराबाद

3 सतयभामा नायक सापना एव लखा अाधकारी

10012014 (पवारहन)

पब एव ास भसा आ क कोलकाता

आ भसा आ क हदराबाद

4 एनबी सरी अधीकक सवकक 22012014 मएव गोवा ानदशालय पन

आ भसा आ क हदराबाद

5 एस महबब दादार 17022014

(अपराहन)

मएव गोवा ानदशालय हदराबाद सकनध

आ भसा आ क हदराबाद

6 टीकष कमार अाधकारी सवकक 19032014

(अपराहन)

भारतीय ाशक एव मानाचष ससान हदराबाद

आ भसा आ क हदराबाद

7 एसराव टीटीटी lsquoएrsquo 17042014 पवारहन

भारतीय ाशक एव मानाचष ससान हदराबाद

आ भसा आ क हदराबाद

8 अामत कमार टीटीटी lsquoएrsquo 06052014 पवारहन

भारतीय ाशक एव मानाचष ससान हदराबाद

आ भसा आ क हदराबाद

9 बीराजन बाब सहायक 09062014 पवारहन

दाकी म वगर आ भसा आ क हदराबाद

10 जी शीला रानी मानाचषकार ाड-I 23062014 पवारहन

भौ सप एव स स ानदशालय हदराबाद

आ भसा आ क हदराबाद

12

सानातरत कमरचारय क सची

म स

नाम ीीमती

कमारी पदनाम सानातर क

ाता सानातर

स को

1 बीसीसा अाधकारी सवकक 16082013

आ भसा आ क हदराबाद

भा स एव स हदराबाद

2 एमएम मोहानत

अाधकारी सवकक 26082013

आ भसा आ क हदराबाद

ओड़ीशा भसा आ क भवनर

3 पीयादयया सवकक 11122013

(अपराहन) आ भसा आ क हदराबाद

क भसा आ क बगल

4 सनीता कालरा आशालापक

28042014

(अपराहन) आ भसा आ क हदराबाद

ानदशक सवक (हवाई) दलली भसा आ क नई दलली

5 शभा वी नायर

कायारलय अधीकक

07052014

(अपराहन) आ भसा आ क हदराबाद

भा स एव स हदराबाद हदराबाद

6 कवी चारी सहायक 06062014

(अपराहन) आ भसा आ क हदराबाद

दाकी म वगर

13

सवा ानवसवाचछक सवा ानव ए कमरचारय क सची

म स नाम पदनाम सवा ानवा क ाता टपपी

1 पीडीकमार अाधकारी सवकक 30092013 सवा ानव

2 एस कासम दादार 30092013 सवा ानव

3 भलनराम खलासी 15102013 (पवारहन) सवाचछक सवा नव 4 जी लाजर पटल ाचषकार ड़- II 31102013 सवा ानव 5 बीसीलममा खलासी 31102013 सवा ानव 6 पीदवदास मानाचष मॉउटर 30112013 सवा ानव

7 तनगटला राधा कषा भडार सहायक 31122013 सवा ानव

8 टीवकटयया दादार 31122013 सवा ानव 9 जी चयया माली 31122013 सवा ानव

10 पीसीबोरोल अाधकारी सवकक 28022014 सवा ानव 11 डीरघ रामल मखय मानाचषकार 28022014 सवा ानव 12 बी नासरयया खलासी 28022014 सवा ानव 13 बी ीपाल दादार 31032014 सवा ानव

14 क दानम खलासी 30042014 सवा ानव

15 कषा सरकार अाभलखपाल ाडI 31052014 सवा ानव

16 कपललयया पटल ाचषकार ड़ II 31-05-2014 सवा ानव

17 सीकडयया जमादार 31052014 सवा ानव

18 एमवकटवरल दफतरी 30062014 सवा ानव

19 पीअजरना खलासी 30062014 सवा ानव

20 यावर बगम खलासी 30062014 सवा ानव

21 एमाचा वकटममा

दफतरी 30062014 सवा ानव

22 एनबी सरी अधीकक सवकक 31082014 सवा ानव

14

समात शष

एसपी ईरयया खलासी

जनम ाता 01-07-59 ावभाग म भत होन क ाता 01-03-1997 स ानयामत भत सवगरवास 22-4-2014 परवार इनक परवार म पी क अलावा दो ब ह इनक आकासमक ानधन पर आ दश भ साानक आकड़ा कन क कमरचारय को गहरा आघात पचा और सभी न इनक परवार क ात सवदना क एव इनक आतमा क शाात क ालए ईर स ारना करत ए दो ामनट का मौन रखा सव ी एसपा ईरयया ाजनक आ दश भ साानक आकड़ा कन म कायररत रहत ए अल 2014 म अकाल मतय हो गयी ी उनक परवार क ततकाल मदद क ालए पर आ दश भ साानक आकड़ा कन क परवार न 25600- का ततकाल सहयोग दया

15

भडार का ाप

म स सामी भडार 1 वाटर कलर 01

2 एल ईडी मॉनीटर 15

3 कमपयटर टबल 30

4 कमपयटर कस 30

5 पलाासटक कस 236

6 एचपीाडजाइन जट टी- 1300 टर 01 आइ सी जड एम क अतगरत

7 कलर क समाटर एलए जीएस टी 42- सकनर

01 आइ सी जड एम क अतगरत

8 यपीएस क ालए 12 वोलट क बटरी 60

9 5 कपी का य पी एस 02 डी ए डबलय वी आइ सी जड एम क अतगरत

10 डलल कमपयटर 10

11 लाइका अकय लवल (डी एनए-03) 02 आइ सी जड एम क अतगरत

12 लाइका जीएनएसएस (जीपीएस दोहरी बारबारता)

02 आइ सी जड एम क अतगरत

13 3 डी ावजन कट 23 (18 आ भ सा आ क हत )

14 समसग एलसी डी मॉानटर 02

15 एचपी सकनजट 200 फलटटड- सकनर 01

16 डाट मकस टर 03

16

अनपयोजय भडार का अनपयोगी घोाषत

म स सामी मलय 1 साइबग उपकर 364574-

2 नचर आइटम 218844-

3 ोटोामीतीय उपकर 9125746-

4 कमपयटर और परधीय 4027273-

5 उपकर ( गौ सवक उपकर) 706943-

तदनसार अनपयोजय भडार क अनपयोगी हत नीलामी या क शआत हो चक ह

17

वषर 2013-14 क ालए ानाध का आबटन य

शीषर सवीकत अनदान

(हजार म )

अातर ानाध क मागाा

(हजार म )

भाकमसव ारा काटी गई (हजार

म )

इस कायारलय

ारा अभयपर

अातम बजट अक (पय

म)

य (पय म)

31-3-2014 को शष रााश (पय म)

वतन 114400 0 1400 0 113000000 112999869 131 मजदरी 500 350 0 0 850000 845802 4198 ओ टी ए 0 0 0 0 0 0 0 ाचकतसीय 2840 0 0 750 2090000 2089187 813 डी टी ई 1240 0 0 0 1240000 1239231 769 ओ ई 1409 125 94 1440000 1397157 2843 आर आरटी

240 0 0 16 224000 223875 125

ओ ईए 2 2 0 0 4000 3750 250

एसampएम 310 0 0 310000 309712 288 पी सवा 280 0 0 129 151000 149810 1190 अनदान 0 0 0 20800 20775 25

18

मनोरजन कलब का वाषकोतसव ndash 2013

आ दश भ साानक आकड़ा क ानदशालय क मनोरजन कलब का वाषकोतसव दनाक 10-01-2014 को ातः काल 1000 बज स सममलन कक म आयोाजत कया गया ाजसम मखय अाता भारत क महासवकक डॉ सव र सबबा राव उपासत ावशष अाता क प म ी एसबी शमार उप महासवकक भारतीय सवक एव मानाचष ससान उपासत ानदशक महोदय कनरल ीधर राव न सवागत भाष दया और मनोरजन कलब क साचव ी डीआरएस सन कमार न वाषक रपोटर सतत क सासकातक कायरम ारा सभी का मनोरजन कया गया मखय अाता न अपन भाष म कहा क इस ानदशालय न ी कनरल ीधर राव क नततव म बत अाधक एव सतोषजनक प स गात क ह और इस बात का भी उललख कया क व जब इस ानदशालय क ानदशक तब व य सब कायर करना चाहत परत इनह मतर प दन म कनरल ीधर राव ानदशक महोदय क महतवपर भामका रही ह ततपात एक ीात- भोज का आयोजन कया ाजसम करीब 230 लोग न भाग ालया ाजसक सभी न भर-भर शसा क

मनोरजन कलब ारा आयोाजत कए गए खल

करम

टबल टनीस

शटल

शतरज शॉट- पट धीमी साइकलग

पष सगलस माहला सगलस पष डबलस माहला डबलस

पष सगलस पष डबलस

पष सगलस माहला सगलस पष डबलस माहला डबलस

पष पष पष

19

वषर 2013 क दौरान कनीय मनोरजन कलब सपोटरस स ा इस ानदशालय क ाता एव सममान

करम

खल म परसकार ातीय परसकार ततीय परसकार

पष सगलस पी रवी कानत चनपाल शशी करन एव एलए बग

माहला सगलस शभा वी नायर पीक ातभा शलजा एव मीना

पष डबलस सययद इदरस एव सवातरयया कवी चारी एव ओ वीन कमार

---------

माहला डबलस शभा वी नायर एव अनसया पीक ातभा एव शलबाला खडरी

टबल टनीस पष सगलस पी सतीश क वीचारी ओ वीन कमार

एव अशाख अहमद पष डबलस कवीचारी एव

डी रगा राव कक गा एव पी सतीश ----------

शटल पष सगलस पी सतीश एम वी ावजय कमार कवी चारी एव पी

यादयया माहला डबलस शभा वी नायर एम सबीता मीना एव राज़या

बगम पष डबलस पी सतीश एव

एम वासदव स कमार एव ओ वीन कमार

-----------

माहला डबलस एम सबीता एव राजया बगम

शभा वी नायर एव बी एस वी वरलमी

-----------

शतरज पष जगन एकर ------------

शॉट- पट पष बी नागरम चनपाल स कमार

20

धीमी साइकलग पष डी स कमार सययद इदरस सययद मोजज़म

उ नयायलय म लाबत नयायालक मामल

लाबत मामल 04 आ दश उ नयायालय

कस क सखया 11 कनीय शासानक अाधकर हदराबाद

समा कस क सखया 06 लाबत कस क सखया 05

पनवलोकन मामल

ानालाखत अाधकारयकमरचारय क पनवलोकन मामल का ानपटारा कया जा चका ह

म स प lsquoबीrsquo राजपाषत प lsquoबीrsquo अराजपाषत प lsquoसीrsquo (पवरवत प

1 एस बाब अाधकारी सव ज डी एबनजर मानाचषकार ाडाव I नरश

2 पीक लहा मानाचषकार ाडाव I गदो राम

3 शख मीरावली मानाचषकार ाडाव I एम गररयया

4 जी सीतारामम सव सहायक पी काशम

5 वाई सबबयया सव सहायक सतयममा

6 पीएस सामबाब सव सहायक वी कषयया

7 बी ओबशयया सव सहायक

21

एम ए सी पी क मामल

ानालाखत अाधकारयकमरचारय क एमए सी पी मामल का ानपटारा कया जा चका ह

म स प lsquoबीrsquo अराजपाषत प lsquoसीrsquo (पवरवत प lsquoडीrsquo)

1 वी सयर भा मानाचषकार ाडाव I एल योहन

2 पीकलहा मानाचषकार ाडाव I सीनाराया

3 शख मीरावली मानाचषकार ाडाव I जजॉन

4 एम भवनरी मानाचषकार ाडाव I एस रामयया

5 बीएसवी वरलमी मानाचषकार ड़ II बी पललया

6 - पी काशम

7 - शख काासम पीरा

8 - एम लमी नाराया

9 - एम वकटरल

10 - जी जया

आ दश भ साानक आकड़ा कन क अाधकारय कमरचारय क ब ाजनहन शकाक ानपता दखाई ह

1 कमारी अनवषा कर सपषी डॉ पीक कर सी जी पी ए 9810 दसव कका क ीय ावालय हदराबाद

22

तलग म ावव ी नकश ( ओएस एम) क तयारी (बीएचराव अधी सव जीव अाध सव एमराकश अाध सव एसपटा री मानाचषकार)

सतावना पवर म ावाभ नकश तलग म कााशत आ करत जस आ दश राजय नकशा (1999) भारत क राजनीातक नकश आद ऐस नकश अकराक ासटक-अप (lettering stickups) साहत साइबग क परमपरागत तकनीक का उपयोग कर कााशत होत तााप कोई भी सलाकातक नकश तलग म कााशत नह ए ह परत हाल ही म ावजान एव ौोागक ावभाग न ावव ी टोपो नकश ( ओएसएम) को कषीय भाषा म उपलबध करवान क ालए एक नीात को जारी कया ह ाजसक पराम सवप आ दश भ साानक आकड़ा क न राजय क राजधानी हदराबाद को दशारत ए एक शीट को योग क आधार पर अकय माधयम स तलग म करन का काम ालया ह

ॉनट क खोज म माइोसटशन साफटवर क अनक ल डीजीएन ामट म मल डाटा बस पहल स ही उपलबध ह मल-

पाठ को बठान क ालए माइोसटशन क अनक ल एक सावधाजनक तलग ॉनट क आवशयकता ह अनक ॉनट क जाच क गई परत कछ भी माइोसटशन क अनक ल नह पाया गया कयक तलग ालाप म बत सारी माषाए अगल स लगवाए जान क कार ldquoमाषाrdquo को लगाना एक कठन कायर सााबत आ तााप वब म बत छान-बीन करन क बाद ldquoटी टी एल हमलताrdquo ॉनट को खोजा गया और माइोसटशन परवश म मल पाठ को रखन म उपयोगी पाया गया

अनवाद

ावाभ व रनातमक अाभउाया ाचनह पाद- टपपाया आद का अजी स तलग म अनवाद हत सभी ापय साधन जस क इटरनट नट पर अनवाद शबदावली आद का आय ालया गया

माइोसटशन परवश म मल पाठ को बठान क ालए कायरावाध

ॉनट याान ldquoटी टी एल हमलताrdquo वााछत सान पर लोड कया गया तलग ालाप म बत सारी माषा क अतःसाापत होन क कार एक ावाशप शबद या अकर क ालए सही माषा क चयन हत अाधक सावधानी बरतना का सानात कया गया वााछत मल ndash पाठ को मइोसाफट वडर म टकत कया गया माइोसटशन वशरन 8 ाइल म अनोटशन टकसट एडीटर क माधयम स कापी और पसट कया गया उ

23

शीट क 22 टोपो स अनवादत अनोटशन को या सतयाापत कया गया अनोटशन को कनार म और उपरो शीट क नाम ाइल म रखा गया मामल ाजनको सलझाना ह -

1 ॉनट क आकार का मानककर 2 तलग ालाप म ावाभ व रनातमक अाभउया क सावधाजनक शबद का चयन 3 मल- पाठ को सगठत करना एक जटल कायर ह और समय लन वाली कायरावाध ह और पयार

माषा म षीय भाषा याान तलग क जान क जरत ह 4 जयादा सखया म सपादन मल-पाठ क सगठन क आवशयकता ह 5 तलगाना राजयतलग ावावालय क उ राजभाषा ावभाग स अनवादत ालाप को माीकर

करन क आवशयकता होगी समाा

सानीय ालाप (तलग) म ओ एस एम माक नकश क तयारी स अाधक सखया म लोग को सलाकातक नकश को आसानी स योग करन म सावधा होगी सलाकातक नकश म भाषा-ावषयक सबधी साचकारी पदार को जोड़न स ानयही भारतीय सवक ावभाग क उतपाद क चार को बढ़ावा ामलगा और बाजार म अपनी अहामयत बढ़ाएगा

24

चनौती क ालए तयारी (रघना ाषपाठी अधीकक सवकक)

कसी भी ावभाग म नई चनौातय को सामना करन क ालए कमता ानमार क आवशयकता ह यद

यह नह कया जाए तो सताावत योजनाए ावल हो जाती ह कमता ानमार स पहल उसक लय एव उशय को परभााषत कया जाना आवशयक ह कयक इसक कायारनवयन क सतर म योजना और ानषपादन म का अतर हो सकता ह कमता ानमार क अनय मानक क अतगरत अनवत सावधा क रखरखाव और सभाावत ावकास भी शाामल ह कमता ानमार क कसी भी यास म ातभा क खोज को ही पहल कदम क प म ालया जाना चााहए भारतीय सवक ावभाग म सही कमता ानमार क बाद ही 110000 क पमान का सवक करन और मानाचष ाा सभव हो पाएगा आधानक अाध ौोागक म कमय क ाशक पयार नह ह लकन यह दखना ह क जो माग और सवक और मानाचष क आपत क खला स सक ातत ह जनता क ालए उपयोागता बढ़ा रही ह श म हालाक बाधाए आना बाधय ह हम यह कायर श करना और पराम क तीका करनी ह इस यास म खल अाधकार कष क ावशषज को ानयामत प स परामशर कया जाना चााहए सवक और नकश क उपयोगकतार क माग और एक बड़ परय क दाप स दखन क ालए यह महतवपर ह

यहा तक क उपयोगकतार क ालए भी ाडाजटल डटा का उपयोग सीामत ह भारतीय सवक ावभाग उपयोगकतार को ानयामत आधार पर सहायता और मलय सवधरन क ालए सलाह दकर नकश क कातज उपयोग तक का ावसतार कर सकता ह उस बात पर धयान दत ए भारतीय सवक ावभाग क सवा हत जी आई एस वजाानक को शाामल करन क आवशयकता ह यह महगा मामला होन पर भी वरीयता स भरी हम भावषय क चनौातय को परा करन क ालए तयार रहना चााहए कयक नकश क उपयोग स ावकास को तो होना ही ह

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नमक का महतव (कष कमार अाधकारी सवकक)

एक राजा क तीन बटया ी तीन बत ही सनदर सशील और ावशष ग वाली एक दन राजा न तीन राजकमारय को अलग-अलग स एक ही सवाल पछा ldquo बटी तम मझ कतना चाहती हो ldquo बड़ी राजकमारी न जवाब दया rdquo ापताजी म आपको सोन जस चाहती अारत सोन क आभष स मझ ाजतना पयार ह उतना ही पयार आप स ह ापताजी ldquo राजा बत सतप आ और दसरी राजकमारी स पछाrdquoबटी दीदी न तो जवाब द दया अब तम बताओ तम मझस कतना ह रखती हो दसरी राजकमारी बोली ldquo ापताजी म आपको हीर जसा चाहती अारत हीर क गहन स मझ ाजतना पयार ह उतनी ही पयार आप स ह ापताजी ldquo राजा तो ल न समाया सोचन लगा rdquo म बमतलब का सकोच कर रहा ा मरी बटया तो लगता ह मर बगर जी नह पाएगी ldquo अब तीसर स कया पछ र भी पछ लता र तीसरी बटी स पछाrdquo बटी तम मझ कतना चाहती हो तीसरी राजकमारी न जवाब दयाrdquo ापताजी म आपको नमक ाजतना चाहती जवाब सनत ही राजा आग-बबला हो उठा और बरी-भली सनाकर उसक कक स ानकल गया छोटी राजकमारी न कछ नह कहा बालक राजा क डाट सनकर चपचाप रह गयी रात ई राजा को सार महल क कायर ानपटान क बाद भख लगी खान क ालए उस हीर स ससात सोन क सहासन पर छोटी राजकमारी न बठाया र सोन क ाली म नाना कार क जन स य खाना परोसा और राजा को खाना श करन को कहा राजा न मह म खाना रखा तो महसस कया खाना का ह र हर जन को चखा तो पाया सब क ह र तो आग-बबला होकर अपनी रानी पर ाचललाया ldquo इस तरह क भल कस हो गयी हम कया समझ रखा ह जन दखाकर ललचाना और र खान नह दना यह बोलत ए रानी पर सोन क ाली ाजस पर जन परोस ए कन क ालए हा उठाया उठ ए हा को तीसरी राजकमारी न पकड़ ालया और पछा ldquoापताजीखाना तो बढ़या ह र कमी कया हrdquo राजा बोल ldquoनमक क ाबनाकोई खाना खाया जा सकता हrdquo राजकमारी बोली ldquoापताजीआपको तो नमक स नरत ह ना इसालए मन जन बनवात ए नमक नह डलवाया rdquo र तो राजा समझ गया क छोटी बटी न उनह सबक ासखान क ालए यह भोजन तयार करवाया ह र बोला ldquoबटी म समझ गया नमक क ाबना खाना जस सवादप नह उसी तरह तमहार पयार ाबना मरा वचरसव नह ldquo और राजकमारी को गल लगा ालया

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मायाजाल (एनबी सवामी अाधकारी सवकक)

इस जगत म कल 84 लाख जीव राशया ह और उनम मानव जनम सबस उम ह उम इसालए ह क भगवान न मानव का आधार इसालए दया ह ताक इस जनम अचछ कमर कर वह मोक क ाा कर सक मोक याान पनरजनम नह यद कमर बर ए तो र 84 लाख जीवरााशय म पदा होन क ालए वह आतमा कालच म दोबारा स जाती ह इस सपर कालच क याषा करत ए जब आतमा मानव क योान म वश करती ह तब वह भगवान स यही ारना करता रहता ह क ह भगवान मझ इस कद (याान मा का गभर) स जलदी मा दला द कयक म तमहारा धयान सही ढग स नह कर पा रहा कयक इस कद म अनक तरल पदा क सा-सा मल-मष म भी टहल रहा यह कसा नरक ह जहा आपन मझ सा रखा ह तब भगवान भी बोलत ह क ldquoत अभी बालक ाशश का प धार करन वाला ह तमन इतन वष यग म ाजतन पाप कय ह उन सबक यह चरम सीमा ह यह चरम सीमा बत ही पीड़ा दन वाली ह ाजस तमह जीतना ह लाघना ह इस चरम सीमा स मा होन क बाद तम कया करोग ldquo ाशश कहता ह ldquo भगवन आप जो कहग ldquo भगवन पछत ह कया तम अपना जीवन मरा धयान करत ए मर ालए समपर कर दोग ldquoाशश कहता हrdquo हा म समपर कर दगा आपक ालए ldquo भगवन भी जानत ह ाशश को नौ महीन गभर म रहना ही पड़गा तभी पर शरीर का ावकास होकर जब वह बाहर आएगा तो मरी सवा करगा उ नौ महीन तदनसार भगवन ाशश का वातारलाप नौ महीन चलता रहता ह ताक ाशश अपन चार ओर स मल क गध का धयान न द र जब वह बाहर ानकलता ह भगवान को धनयवाद करता ह और कहता ह ldquo म तमहारा बत ही आभारी भ अपन मझ मा दलाई अभी मझम वह ताकत नह क म तमहारा धयान करन क ासवा और कछ क मर माता ndashापता मझ सच कर जब अपन पर पर चलन क ताकत द दग तभी म तमहार ालए कछ कर पाऊगा ldquo भगवान कहत ह ldquo अर मखर त नह जानता यह जगत एक मायाजाल ह मझ पर ावास ह त मझ भल जायगा और र स कालच म पड़ जायगा ाशश कहता ह ldquo नह भगवान ऐसा नह ह भगवान मरा ावास करो म ातजा करता मरा जीवन आपक ालए ही समपर ह ldquo भगवान कहत ह ldquoदख लगा इस जगत क मायाजाल म त मरी कया का सवा करगा ldquo यह ाशश और भ का वाारलाप सनकर दवष नारद भगवान क पास पच पछन लग ldquo भ आप कस मायाजाल क बात कर रह ह ldquo भ बोल ldquo नारद म समसत जीव- रााशय का सवामी उनका कलया चाहता उनको सख भी और दख भी दता वह इसालए क मायाजाल क मोह एव अहकार म पड़कर खद को सपर मानन वाल ाी को दड न द तो र मरा समर कस करगा ldquo नारद बोल ldquo भ आपक वचन का मतलब कस

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दशा म जाता ह यह तो मझ नह पता एक तर कहत ह समसत जीवरााशय का कलया चाहता दसरी ओर कहत ह दड दता तीसरी ओर मायाजाल अर नाराय आप जब समसत जगत क सवामी ह सब आपक अधीन ही ह तो र मायाजाल शबद आपन जो योग कया ह वह आपक अधीन स बाहर कस हो गयाrdquo ानयष काजए जीवरााशया उसक चपट म नह आएगी र सब आपका गगान ही करग और सबको मोक क ाा होगी ldquo भगवान कहत ह ldquo ह दवष मर ालए समसत जीवराशी को परीका स गजरना पड़ता ह मानव जीवन ही उनम अातम परीका ह बस उसको लाघ ल म पनरजनम स मा दला दldquo नारद जी भगवान स तकर करन लग गय का दर बाद भगवान न कहा rdquo दवष आपस बहस और नह कर सकता आपस बहस कर मरा गला सख गया ह जरा एक छोट कलश या कमडल म पानी लकर आइय ताक म अपनी पयास बझा सक नारद को झटका लगा और पाताप करन लग ldquo बमतलब मन अनतरयामी स बहस कर उनको कप दया व समपर जानानद क सामन मरी हासयत कया ह पता नह आज मरी मात मारी गयी और म बमतलब बहस करन लगा भ को पयास लगी ह और वो भी मरी वजह स जलदी स उनक पयास म बझा द पानी क खोज म सार लोक का म करत ए नारदजी पथवी लोक म पच गए पथवी लोक पचकर पानी क खोज म एक कए क पास पच तो दखा क एक अतयनत सदर नारी कए स पानी ानकाल रही ह नारद न सोचा वह सनदर ी पानी भरकर चली जाए तो र म ोड़ा सा पानी भर ल नारद उस दख रह ी भी नारद जी को दख रही ी नारदजी न पछा rdquo दवी कया तम यह आसपास रहती हो ी न जवाब दया rdquo हा ldquo नारदजी र पछ rdquo दवी कया तमहारा ाववाह हो चका ह rdquo ी बोली ldquoनह ldquo नारदजी का ावचालत मन ल नह समाया और पछ ही ालया ldquo दवी यद तम अाववााहत हो और यद तमह कोई परशानी न हो तो कया तम मझस ाववाह करोगी ी सादाय औरत ी बोली ldquo मर ापता क आजा क ाबना म आपस ाववाह नह कर सकती ldquo नारदजी बोल ldquo दवी सशील नारी क यही ग होत ह यद तमह आपा न हो तो म तमहार सा चलकर तमहार माता-ापता स बात कगा और तमस ाववाह कगा ldquo यवती राजी ई और ासर एव कध म पानी स भर घड़ को ढोत ए आग चलती रही और नारदजी पीछ चलन लग सपर रासत म उस सनदर ी क ानहारत ए मन म सपन क पल बाध रह उस सनदर ी क ापता क पास जाकर अपना परचय दत ए उनक बटी स ाववाह करन का सताव रखा साकात नारद मान को अपना दामाद सवप दख उसी मतर म मगनी हो गई और एक शभ मर म ाववाह भी हो गया ाववाह क कछ दन क पात उनक ब हो गय ब बड़ भी हो गय र तो व अपन गहस आम म इतन सत हो गय क उनक मह स नाराय मष ानकलना भी बद हो गया कई वष बाद एक शाम को जोर क आधी क सा तानी बारश ई इस माहौल न इतना ावकराल प धार कर ालया ा क वातावर लय म बदल गया चार तर पानी भर गया बत सार लोग पश आद पानी म बह गय कनत कात क ावकराल प क सामन ठहरन का साहस कस ा दखत ही दखत उनका गह भी बाढ़ क चपट म आकर टट गया और पानी म बह गाया पी और ब डर स

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रोदन करन लग दखत-दखत कान पष क अलावा पी और बाक ब भी पानी म बह गए र तो नारदजी स सोचा इस कान को म कध पर ालए चलता ताक वह तो बढ़ाप म मरा सहारा बनगा कनत लय क तीता इतनी तज ी क नारदजी क नाक क ऊपर स पानी बहन लगा र तो व खद भी भल गय क बट को बचाना ह सोचन लग म कसी तरह जीावत बच जाऊ उसी सोच न उनक कान पष को भी नह बखशा कसी तरह कछ समय उपरानत लय शानत आ पानी घट गया चार तरक मनषयपश - पकी आद क लाश टट ए रासत और घर क बीच पड़ी ई ी नारद मान को बहद दख आ और ठठोर कर रोन लग गय रोत-रोत व खद क बार म सोचन लग क भगवान न उनक सा ऐसा अनयाय कय कया काश व भी मर जात तो अचछा होता तभी उस राह स ास महष गजरत ए नारदमान स परामशर करन लग नारदजी कहन लग ldquo पता नह मन कौन सा पाप कया ह क मर पर परवार का सवरनाश हो गया ह मझ कय मतय नह आई इस पर ासजी न कहा शायद तमहारा समय नह आया ह इसालय तम बच गय हो हालाक ास जानत क नारद मायाजाल म सा आ ह ldquo र इसका ानरय कौन करता ह ldquo नारद न ासजी स पछा ासजी न उर दया ldquoयह तो मतयलोक क अाधपात यमराज ही इसका उर दगrdquo र व दोन ामलकर यमराज क पास गय यमराज न आन का कार पछा तो ासजी न नारद मान क सारी दख भरी गाा सनाई और पछा क ldquoमतय न इनका आलगन कय नह कयाldquo यमराज बोल rdquoम कोई नह मरा यमदत ही इसका उर द सकता ह कयक म यमदत क ारा कसी आतमा को लान क बाद ही उसक पाप-पणय का ाहसाब दख ानधाररत सजा का ऐलान करता यद यमदत आपको लकर मर पास नह आया तो इसम मरा कया दोष ह यमदत स पछ लldquo र ासजी न उनक यमदत स वही सवाल करन पर यमदत न कहा ldquo महामान म कस कसी क शरीर स आतमा को छीनकर ल आऊ म तो यमलोक का सवक माष ाचषग जब तक आजा नह दत तब तक म कोई कायरवाही नह कर सकता आप इस का उर ाचषगजी स पछ ल ldquo र ासजी न ाचषग स वही सवाल करन पर ाचषग न कहाrdquo महामान म तो यमदत को तभी आजा दता जब उस ाी का सारा लखा - जोखा समा हो जाता ह अभी माननीय नारद जी क मतय का समय आया नह ह अभी उनका कछ कया नह जा सकता ldquo ासजी न नारद स कहाrdquo दखो नारद अभी तमहारा समय आया नह ह तभी तम जीावत हो चलो चलत ह अब ापछली घटना को भल कर आग क सोचो ldquo बस इतना ही कहना ा क ाचषग न र ासजी को बलाकर कहा rdquo ह ऋाषवर इनक कणडली म यह ालखा ह क मतय तभी इनको गल लगा सकती ह जब य एक सा आपको मझ यमराज और उनका वाहन भस का एक सा दशरन करग चक इनक ारा यह कायर पर हो चका ह अत इनका जीवन पर हो गया ह ldquo बस इतना ही ा क नारद जी को आवाज आन लगी अर दवष दवष मझ कब स पयास लगी ई ी मरा गला सख गया ह कनत आपन मझ अब

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तक पानी नह दया कहा ह पानी ldquo य साकात नाराय क आवाज सन नारदजी को होश आया और भगवान क चर म पड़कर ागड़ागड़ान लग यह कहत ए क rdquo ह नाराय आपन मझ अचछा सबक ासखाया ह मन आपस बहस कया कर लीआपन मझ मायाजाल का साकातकार करवा दया कमा काजए म आपको पानी नह ापला सका मरी वजह स आपका गला खब सख गया होगा ldquo यह कहत ए उनक अधारा स नाराय क पाव धल गय और भगवान न कहाrdquo दवष आप चातत ना ह आपन अधारा स मर चर धोकर ानसवार सवा कर दी मरी पयास बझ गयी ह अब आप म ह ldquo र नारदजी खशी स नाराय-नाराय कहत ए ानकल गय

घाट का पतर

(बषव बहरा अाधकारी सवकक)

माता-ापता और जनम भाम को छोड़ कर हम सब बन गए ह घाट का पतर धनय ह वह महापष ाजसन हम साापत कया म उस महापष क ावषय म व रन नह कर सकता शायद म अात पाप क कार पतर बन गया लोकन म आशा करता क भावषय म मरा भागय बदल जाएगा चक म लोग क मन स सवा करता इसका ल हमको भगवान अवशय दग लोग का सवा करत ndashकरत मरा आकार भी बदल गया परनत सवा करत ndashकरत मरा नाम रोशन हो रहा ह बालक हम सता का अनभव हो रहा ह मर कमर क चलत मरा भागय बदल रहा ह म हमशा जलम रहता और पीठ पर ातदन मार झलत रहता शायद ही ऐसा पीड़ा इस ससार म कसी को ामलती होगी मरा सानानतर भी नह ह म कई महापष को दखता आया कतन महाराय न ा तयाग दय लकन तबस म यहा अकला पड़ा म हर मौसम क मार झल रहा ब-बढ़ क सवा करत-करत मन कछ पणय कमा ालए ह और आशा करता क मझ को भावषय म मानव जनम ामल सकता ह मानव जनम ामलन स म आपका भजन-करन कगा

ऐस दखतndashदखत कई यग क बाद हमको मानव जनम ा आ मानव जनम म अगर इस धराष म दखा क यहा ऊच-नीच जात-पात नीात-ानयम ावदन पाचार अनयाय ndashअतयाचार चमर-अचमर का ताडव नतय चल रहा ह दखकर मर मन म परवतरन आ गया क भ मझको मरा ापछला जनम वापस द दीाजए

पतर जनम म रह कर मरा कोई-कोई साी अचछ कमर क चलत मदर म सान ा कर ालया ह कोई-कोई तो ठाकर बन गय लोग-ातदन उनक पजा करत ह

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हम लोग म स कोई-कोई सामाजक कायर म सहयोग दान करत ह कोई गह-ानमार म सहयोग द रह ह तो कोई मदर-ानमार म सहयोग द रह ह कोई तो सीधा मत बन गय इसीालए उनक मन म घमणड आ गया अहलया न पतर होन क नात भगवान का दशरन पा ालया इसालए पतर जनम होन क चलत उनक मन म का अह भाव आ गया

हमार अनदर ावाभ प भी ह याः लोहा पतर चना पतर सगममरर काला पतर (नाइट सटोन) मलायम पतर (soft stone) इतयाद लोहा पतर जो दश क ानमार म काम आता ह चना पत जो ासमट ानमार क काम म आता ह सगममरर घर और मदर का शर (flooring) म काम आता ह काला पत घर का शर और आला बनान म काम आता ह मलायम पतर ाशलप कला क ावकास म योगदान दत ह पतर जनम होकर भी म का गवर महसस करता मरी भगवान स अानतम ावनती य ह क आप मझ अानतम समय म दशरन दन को कपा कर

न हमको पतर जनम चााहए न हमको मानव जनम चााहए हमको तो ास र इस भव सागर स पार होना चााहए

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जयादा लोभ न करना (पाडव कानटया सहायक सवकक)

मनषय भगवान क साप ह इसालए वह भगवान का अश ह जब तक वो मा क गभर म ा तक तक वह मोह-माया स वाचत ा एव हमशा भगवान क समीप ा लकन जब वो पथवी पर अवती र आ उसको मोह-माया न घर ालया पाच साल तक वो ईरीय सा म रहता ह इसालए कहा जाता ह क ldquoCHILD IS THE INCARNATION OF GODrdquo इसक बाद मोह-माया म आकषत हो कर ईरीय सा को भल जाता ह बचपन म वो बत आजा और मोह-माया राहत और चरषवान रहता ह जब समय बढ़ता जाता ह तब उसक समसत उम ग धवस होकर गलत मागर पर चला जाता ह

बचपन म ावा ाशका जवानी म ी दीका एव पारवारक ाचनता म म होकर वह समसत मौालक सा को खो दता ह सबा नप होकर सबा म आ जाता ह दव का नप होकर राकस वा जारवत होता ह एव परवारक जगल म सकर भगवान का नाम लना भल जाता ह अपना परवार का भर पोष क ालए कठन परम करता ह लकन उनका पट भरता नह ह ईर क सा को भल जाता ह और अनत म पशकतव को ा होता ह शरीर रोगसत हो जाता ह दाप शा की हो जाती ह चलन ndashरन म असमर रहता ह रात को नद नह आती ह र भी लोभ को छोड़ नह पाता ह अपन बीवी-ब ता परवार क बार म सदा सोचन लगता ह शरीर वावसा को ा होता ह परवार क कोई भी सदसय पछत नह ह

परवार क लोग उसको ढग स खाना भी नह दत ह उसको घर स दर रखत ह र भी यह अधम मनषय भगवान क बार म सोचता नह ह लोभ का अनत नह होता ह पाप का बोझ बढ़त जाता ह अनत म नरक को ा होता ह र भी मनषय भगवान को समझ नह पाता ह परवार क ालए इतना बड़ी ददरशा झलता ह उनको कोई भी नह पछता ह उसक ारा जमा क गई पजी को परवार वाल उनक सामन मौज करत ह

लोभ मनषय को अनधा बना दता ह आदमी क हतया करत ह लोभ क वशीभत होकर दसर क समपात को लटत ह ाजसस समाज म पाचार बढ़ता ह इसालए ह मानव तम कय लोभ करत हो लोभ नह करक भगवान का समर करो हर कतरन करो तप जप करो और सवगर क अाधकारी बनो उम कमर करक भगवान क शरागत हो जाओ भगवान तमहार समसत सख-दख का भार वाहन करग

सवरधमारनपरतयजय मामक शर ज अह तवा सवरपापभयो मोकायषयााम मा शच

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इसालए अचछा कमर करक पणय कमाना ह हमशा धमर क जय और पाप का कय होता ह धमर-कमर करक ावजय ा होगी लकन अधमर म जाकर नरक गामी नह होना

एकदा अनधा राजा धतरा सजय को पछा क ldquoह सजय इस धमर य म कसक जय होगी उर म सजय बोल क ldquoयष योगर कषो यष पा धनधरर तष ी ावजयो भात वा नीातमरातमरम ldquo अारत जहा योगर कष एव धनधाररी अजरन एक सा ह वहा ावजय ानात ह

इसालए दखा गया क हमशा धमर क जय और अधमर क पराजय होती ह धमर सवचछ ानमरल लकन अधमर कदाकार कात ह इसालए लोभ-लालच म वशीभत न होकर सत

कमर करो अनयाय का परतयाग करो लोभ मत करो जीवन म कप करक जो धन कमा ालया वो सब इस धरती म रह जाता ह अानतम क म सा कोई नह ल जाता इसालए अनधर म भटक नह जाना इसालए कहा गया ह क-अात लालच नह करना अात सवरष गहतम अारत अात सवरनाश का कार ह

अात दप हता लका

अात मानसय कौरवा अातदारन बाल वध अात सवरष गहतम

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टटा वक का अाभमान (चरदास नाराय गडम सवक सहायक)

वन म खड़ एक वक क सा ालपटी एक लता भी धीर-धीर वक क बराबर हो गई वक का आय

लकर उसन भी लना ndashलना आरभ कर दया बल को लत ndash लत दखकर वक को अहकार हो गया क म न होता तो लता अासततव हीन होती वह लता को धमकात ए बोला ओ बल चपचाप मरा कहना माना कर म जो कह रहा वह कया कर नह तो ध मार कर भगा दगा पड़ का लाप जारी ा क दो पाक वहा स ानकल एक बोला अर भाई जरा दखो तो यह वक कसा सदर ह इस पर कसी सदर लता पाषपत हो रही ह आओ इसक नीच ोड़ी दर ावाम कर अपना महतव लता क सा ह यह जानकर वक का अाभमान भी नप हो गया सा ndash सा रहन स ही सबक गात होती ह

बटी (डी राव बाब पटल ाचषक ड-II)

बटी घर क लाज होती ह पापा क सर का ताज होती ह दल क सदा स रही ह इचछा बटी तझको ह पाना आई हो मर जीवन म जस एक ननही कावता राह दखता म तरी जलदी स मर पास आना मा क गोद म सदा रहती हो कछ पल मर पास भी आना न चाहत ह अब धन दौलत क त ही लमी त ही मरी मत भी डर लगता ह सोचक जब एक दन छोड़ क जाएगी त कतना मझ लायगी त बटी होती ह बाबल क लाड़ली

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यह ाज़नदगी (सययद इदरीस पटल ाचषक ड ndashII)

बठ जाता ह ामी प अकसर कय क मझ अपनी औकात अचछी लगती ह

मन समनदर स सीखा ह जीन का सलीका चपचाप स बहना और अपनी मौज म रहना चाहता तो ह क य दानया बदल द पर दो व क रोटी क जगाड़ म सरत नह ामलती दोसत महगी स महगी घड़ी पहन कर दख ली व र भी मर ाहसाब स नह चलता य ही हम दल को सा रखा करत पता नह ा क कमत चहर क होती ह अगर खदा नह ह तो उसका ाज कय और अगर खदा ह तो र कय

lsquorsquoदो बात इसान को अपन स दर कर दती ह एक उसका ldquoअहम rdquo और दसरा उसका ldquo वहमrdquo पस स सख कभी खरीदा नह जाता और दख का कोई खरीदार नह होता मझ ाज़नदगी का इतना तजबार तो नह पर सना ह सादगी म लोग जीन नह दत मााचस क जरत यहा नह पड़ती यहा आदमी आदमी स जलता ह ाव क बड़ स बड़ वजाानक यह ढढ रह ह क मगल ह पर जीवन ह या नह पर आदमी यह नह ढढ रहा ह क जीवन म मगल ह या नह

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जीवन म न जान कौनसी बात ldquoआखरी rdquo होगी न जान कौन सी रात आखरी होगी ामलत जलत बात करत रहो यार एक दसर स न जान कौन सी ldquo मलाकात rdquo आखरी होगी अगर जदगी म कछ पाना ह तो तरीक बदलो इराद नह ऐ चाद त कस मज़हब का ह ईद भी तरी और करवाचौ भी तरा

उगालय क लड़ाई

(शख महबब पीरा पटल ाचषक)

एक दन हा क सभी उगालया आपस म लड़न लग अगठा बोला म सबस बड़ा सभी जगह जरी कागज पर मझस ही ानशान बनाया जाता ह तजरनी बोली-ldquoम बड़ी मर होन स ही सब लोग काम कर पात ह जस-ालखना खाना पकड़ना मधयमा बोली-ldquoअर भई कया तम नह जानत जो आकार म लबा होता ह उस ही सभी बड़ा कहत ह अनाामका सब बात चपचाप सन रही ी वह तरत बोली ndashldquo म सबस बड़ी म तो पजा करन क भी काम आती मर स ही रोलीातलक लगाया जाता ह कानाका सभी को लड़ता दखकर उदास ी वह चपचाप एक कोन म कछ सोच रही ी तभी अगठा व तीन उगालया उसक पास गई और बोली- ldquoअर छोटी तम तो बड़ी हो ही नह सकती कयक तमहारा नाम ही कानाका ह कानाका बोली ldquoसनो अगठ भाई और पयारी उगालय आपस म लड़कर कभी कसी का भला नह हो सकता हमम कोई भी बड़ा-छोटा नह ह हम सब ामलकर मी बन सकत ह तभी हम सब बलवान हग कया तमह नह मालम क बद मी म ही ताकत होती ह इसालए हमारा लड़ना बकार ह rdquo कानाका क बात सनकर सभी एक सा बोल- ldquoहा छोटी बहन तम ाबलकल सही कह रही हो सचमच अकल म तम ही हम सबस बड़ी हो rdquo

इस नीात का स एकता म बल क ाशका ा होती ह

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तलगाना- भारत का एक और नया राजय (शलबाला खडरी मानाचषकार)

तलगाना भारत क दाकी भाग म ासत भारत का 29 वा राजय ह कषल क दाप स यह दश का

बीसवा बड़ा राजय ह ाचीन हदराबाद रयासत का अाधकतम भाग तलगाना राजय म ालया गया ह जहा आजादी स पहल ानजाम का राजय ा सन 1947 म जब भारत अज क चगल स आजाद आ उसक बाद भी हदराबाद का ानजाम अपनी रयासत सय भारत म ावलीन करन क पक म नह ा वह अपनी रयासत पर अपना ही सवतष शासन चाहता ा अतत सरदार बललभ भाई पटल क अक यास स इस रयासत को भारत क मखय धारा म ावलीन कया जा सका इस कार आन दश राजय क सापना ई और 26 जनवरी 1950 को ी एमक वललोड़ी आन दश राजय क म मखयमषी ानय ए 1956 म हदराबाद रयासत को आन दश राजय म ावलीन कर दया गया

2 जन 2014 म पनः तलगाना राजय अासततव म आया आन दश राजय क उर पामी 10 ाजल को ामलाकर तलगाना राजय क सापना क गयी ह राजधानी हदराबाद भी तलगाना राजय म ासत ह परनत 10 वष तक हदराबाद दोन राजय याान आन दश और तलगाना राजय क सय राजधानी रहगी दोन राजय क शासानक कायर हदराबाद स सचाालत हग तलगाना शबद का ादभारव ाषलगा दश शबद स आ ह ाजसका अर ह तीन लगो वाला दश तलगाना राजय क तीन दशा म कालरम ीशलम और ाकारामम ास ाशव मानदर ासत ह ाजनक अपार धामक महा ह वासतव म पक तलगाना राजय क ालए 1946 स 1951 क बीच ही ारमभ हो गया ा उस समय कमयानसट पाट न इस आनदोलन का नततव कया ा जो असल रहा भाषा क आधार पर तलगाना और आन राजय को पक करन क ालए अनक आनदोलन समय-समय पर होत रह ह इनम मखय आनदोलन 19691972 और 2009 क ह इन आनदोलन का यह भाव आ क 9 दसमबर 2009 म भारत सरकार न पक तलगाना राजय बनान क कायरवाही श कर दी य घोषा सनत ही तटीय आन व सीमान कष क लोग न सम आन दश क पक म आामक आनदोलन ारमभ कर दया और ऐसी ासात म भारत सरकार न यह कायर 23 दसमबर 2009 तक सागत कर दया इसक पात भी लगातार पक तलगाना और सम आन दश क ालए अलग-अलग आनदोलन चलत रह पक तलगाना क पक म कई आतम - हतयाए ई हड़ताल क गयी ाजसस जन साधार को बत असावधा का सामना करना पड़ा अतत पक तलगाना समरक क जीत ई और कास कायरकारी सामात न सवर सहमात स 30 जलाई 2013 को पक तलगाना राजय क ासारश करत ए ाबल तयार कर दया अनक सोपान पार करत ए यह ाबल रवरी 2014 को ससद म पारत कया गया रवरी 2014 दश पनगठरन एकट क तहत यह ाबल ससद म पास हो गया इसक पात इस नय राजय तलगाना ाबल को रापात ारा सहमात ा ई और माचर 2014 क गजट म इस कााशत कया गया इस कार नय तलगाना राजय क सापना ई

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ाशासकय प स तलगाना राजय क सापना 2 जन 2014 को ई क चन शखर राव क पाट ldquoतलगाना रा सामातrdquo न चनाव म दश म बमत हाासल कया और इस कार ी कचन शखर राव तलगाना राजय क म मखय मषी चन गए

म महगाई (डॉ नीलम कमार ाबड़ला अाभलखपाल)

म महगाई महग दशभ लोग क आमष पर भारत आई तज गात लान गात म भारत आई मझ गलत मत समझो गरीब बत ठीक बमत दकर तमन ाजनको बत उठाया म तो उनह क तीक भौातक वादी यग म योग ासखाती म भख पट न सोए कोई कडालनी जगाती म धयान प म च मारकर मन जय ऊपर चढ़त-चढ़त र तक आ जाता ह भाव वसत क वस ही र तक ल आई

अब इस यग म एक तल क पीप को पा लन का अर को पा लना ह भ दशरन क झलक दखना एक टमाटर खा लना ह भारत का आदशर तयाग ह अनासा ह अपरह ह मझको पाकर लोग वसतए तयाग रह ह अपनी खद क कार छोड़ बस क पीछ भाग रह ह म लोग को तड़क भड़क स खच

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सादगी ासखाती टरीलीन क शौकन को ला पहनाती माया जीवन का बधन ह पया पसा मल हा का म वतन भोगी लोग क बधन दो दन म हर लती शी छड़ाकर मल हा का शीश सा ानमरल कर दती

नीात ालखन वाल न कम खाना या गम खाना अचछा बतलाया मन उनका कन ानभाया ाजतनी चीज महगी हगी उतना ही जन कम खाएग ाजस दन रोटी नह ामलगी उस दन खद ही कम खाएग

शकल पक क चाद सरीखी बढ़ती म खब चादनी लाऊगी अभी दज तक ही आई परमासी तक जाऊगी

करो कलपना जब भारत जन कतन सदर दखा करग ग चावल चना बाजरा जब पाड़य म ाबका करग बीमार को दध दहीघी क इजकशन लगा करग कसा मधर जागर होगा लोग भख स जगा करग

आतक हमला

(डॉ नीलम कमार ाबड़ला अाभलखपाल) 13 दसबर 2001 ससद प पाक आतक हमला 13 रवरी 2014 ससद म भारतीय आतक हमला

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शमरसार ई ससद पच ाड़ गए नयी तहजीब क झड गाड़ गए

उड़ाया गया काली ामचर का पाउडर सपीकर का नह सना आडरर आख जलन लग सास लन लगी ससद पर नगी तलवार झलन लगी

घायल आ जातष और सावधान मदर क पजारय न कया मदर का अपमान ऐस आतकय को सबक ासखाना होगा र नया इातहास बनाना होगा

बाल-म (वाइकराकश कमार खलासी)

बालपन क कलकारी धप क ताप स आ मक पोी छोड़ी कदाल खोदत हा क मार अचक कचड़ आधी म म करना आ मजबरी गरीबी क पराकाा पट और पीठ क घटती दरी कछ धनहीनता और कछ माता-ापता क मखरता कनत सबस जयादा सवा समाज क सवदनहीनता ाजसन बालक को ामक बनन को बाधय कया लखनी को छीनकर कोमल हा म छडी पकड़ायी

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गाय-बकरी क सवा करता बालय-जीवन कप अपन भावषय को दर करता अजान और अबझ ावोपाजरन क कसको ह सरत ासात तो ऐसी ई दो दान अ क ालय बालपन चोर बनन को आतर आ

दोसती

(ाचा कडयया खलासी)

गलाब एक ल ह

एक घनट म मरझा जाता ह पर दोसती एक शा ह कभी भी जीावत रहती ह

बर ठडी होती ह जो पकड़ म नह आती ह

दोसती सोन जसी ह जो कभी कोई नह खरीद सकत ह

तार क पाच अनत (END) ह चौकोन क चार अनत ह तीकोन क तीन अनत ह

एक रखा का एक अनत ह पर दोसती का कोई अनत नह ह

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मर जीवन का उशय (कमारी ाया सातव कका सपषी एम सबीता उाल)

कग नयज भारत का खतरा पाकसतान न कशमीर पर हमला कया ह कछ दन बाद helliphellip कग नयज पाकसतान क ाखला भारत क रका करत ए वीर सानक

का भारी नकसान इन खबर न भारत को ाहला दया ा म भी सोच म पड़ गयी क म भारत क ालए कया कर सकता भारत को इन हमल स कस बचा सकता मर मन म ास र एक ही खयाल आया क भारतीय सना का एक जवान ासपाही बन

जव मन यह बात अपन दोसत स कही तो उसन कहा क ासपाही बनना खतर स खाली नह ह और परवार स दर सरहद पर खतर स भर जीवन मर ालए कपद होगा लकन मन ठान ालया ा क म कछ ऐसा कगी क पर दश म मरा नाम हो ाजस दखकर मर अपन का ासर गवर स ऊचा हो जाए

मर ानय को सनकर मरी मा रोन लगी मझ लोभन दया क म ापार क मर दोसत न मझ डाकटर बनन का सझाव दया पर मन सोचा क भारत म कई डाकटर ह ापारी ह भारत को डाकटर या ापारी क नह बालक सानक क जरत ह

म भारत क ालए अपनी जान भी दन क ालए तयार मन सोचा सब अपन परवार को सराकत

रखना चाहत ह र भारत - भाम तो मरी मा ह मरी ही कय हर एक क मा ह तो हम सब का कतर बनता ह क हम इसक रका कर इसीालए मर जीवन का उशय ह क म एक ासपाही बन और भारत क सवा क

मखर ामष स समझदार शष अचछा होता ह (मासटर सनीत चौी कका सपष एम सबीता उाल)

एक दन म और मरा सबस अचछा ामष राव बठ यह सोच रह क हम परीका क ालए अभी स पढ़ाई श कर दनी चााहए या नह राव न तपाक स कहा क अभी स पढन स कोई लाभ नह होगा अगर हम परीका क एक दन पहल पढ़ग तो जयादा दमाग म रहगा तभी वहा स मरी कका का दसरा छाष रमश गजर रहा ा मझ रमश ाबलकल पसद नही ा और रमश भी मझ पसद नह करता ा बात-बात पर हम लड़ाई करत पर पढ़ाई म वह मझस बत अचछा ा उसन हमारी बात सन ली ी

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इसालए धीर सवर म मझस बोला अपन मखर ामष क बात मत सनो बस रोज मरी तरह ोड़ा-ोड़ा पढ़ो लकन मन उसक बात पर कान नह धरा एक महीन बाद परीका क दन आ पच परीका क एक दन पहल जब मन पढ़ना श कया तब पाया क पढ़न को बत ा पर समय कम ा जस -तस पढ़ कर मन परीकाए ालखी और उममीद करता रहा क म परीका म उी र हो सक कछ दन बाद परीका का पराम ानकला और वही आ ाजसका डर ा म और ामष राव अनी र हो गए दसरी ओर रमश बत अचछ अको स उी र आ उस दन मझ समझ आ गया क मखर ामष स समझदार शष अचछा होता ह

भावषय क पढ़ाई (मासटर ाशव कलया सातव कका सपष वालल कलयाी उाल)

आज जब हम पढ़ाई या सकल क बार म सोचत ह तो नजरो म एक भारी बग उठाता आ

छाष दखता ह कताब क ाबना हम सकल जान क सोच भी नह सकत कताब क सा कपयटर भी पढ़ाई का महतवपर ाहससा बन चका ह

कछ साल बाद भारी कताब स भर बग क बदल छाष क हा म टबलट होगा आकाश टबलट एक ऐसा यष ह ाजसम हम तरह-तरह क कताब पढ़ सकत ह हम कका म ही नट स जानकारी पा सकत ह टबलट ोन स बड़ा ह और जयादा महगा भी नह हम इस कह भी ल जाकर इसम कताब पढ़ सकत ह हम इसम कका का दया गया कायर भी कर सकत ह यह टबलट पढ़ाई का अदाज बदल दगा और पढ़ाई को मजदार बना दगा

पानी और धप (कमारी एस साानया पाचवी कका सपषी राजया बगम अाल)

अभी-अभी ी धप बरसन लगा कहा स यह पानी कसन ोड़ बादल को क ह इतनी शतानी

सरज न कय बद कर ालया अपन घर का दरवाज़ा उसक मा न भी कया उसको बला ालया कहकर आजा

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ज़ोर-ज़ोर स गरज़ रह ह बादल ह कसक काका कसको डाट रह ह कसन कहना नह सना मा का

परीका (कमारी शख राजया सलताना गयारहव कका सपषी शख महबब पीरा पटल ाचषक)

ाजस नाम को सनन स कापता ह बा वो ह परीका परीका पपर हा म आत ही इतना डर लगता क यद अचछा नह कया तो ापटना पा तीन घट म लगभग करन होत ह चालीस सवाल एक भी छटा तो घर म आता ह भवडर रजलट क एक दन पहल रात को नद नह आती ह अचछ नबर पान क ालए भगवान क याद आती ह पास होन पर ामलता ह इनाम और मख स ानकलता ह ldquoकय भगवान rdquo र आती ह अगली कका तब भी मख स ानकलता ह हाय र आ गयी र स परीका

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राीय साकरता (मासटर शख समीर छठी कका सपष शख महबब पीरा पटल ाचषक)

ातदन सीखो अकर एक

ानयम बना लो ऐसा पढ़ो पढ़ाओ सीखो जान

तभी बनगा दश महान ावा सा जान कराती

मन का अधरा दर भगाती जहा पर बनत लोग जानी

वहा न होती मन क हाान अनपढ़ क ालए गगी पोी

धन दौलत भी होती ोी पढ़ा ालखा नह धोखा खाता

जहा भी जाता आदर पाता

मा (मासटर शख महबब बाशा आठव कका सपष शख महबब पीरा पटल ाचषक)

सबस सनदर जग म कौन बस एक त ह मा

सबस पयारी कसक मसकान बस एक तरी ही ह मा

कसन बनायी मरी पहचान तन ही तो मरी पयारी मा

कसक बोली ामी स मीठी तरी ही ह मरी मा

कसक डाट ह इमली स तीखी तरी ही तो पयारी मा

कसक ालए क म सब कबारन तर ालए मरी पयारी मा

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ाततली (कमारी एम राशका ाशवानी पाचवी कका सपषी एम लम कमार उाल)

ाततली तम कतनी

रग-ाबरगी होती हो तम सब ल का रस पी-पीकर

बाग-बगीच म रती रहती हो तर पख कई रग क होत ह

तमहार प को दखकर ब बत खश होत ह

मरी कका

(कमारी एम राशका ाशवानी पाचवी कका सपषी एम लम कमार उाल)

मरी कका म ह पचास ब हर एक ह अलग-अलग जस एक ह लबा एक ह छोटा एक ह मोटा एक ह पतला कछ ह अचछ कछ ह बर पर लगत ह सार पयार मरी कका ह रग- ाबरगी लगती ह ाततालय का झड ह

मझ बत पसद ह कयक यह हमारी कका ह

Page 8: कलाकल - Home: Survey of · PDF fileतेलंगाना-भारत का एक ... भी यह पि का ‘कलाकल‘ सुनदर प म िनखर

1

वषर क दौरान 2014-15 आ दश भ साानक आकड़ा क भारतीय सवक ावभाग न ानालाखत परयोजना को ालया ह

म सखया परयोजना अजत राजसव टपपी 1 आ दश ासको दाडगल

परयोजना 283000- अातर ावभागीय मागकतार स

रााश ा हो चका ह

2 इदरा सागर पोलावरम परयोजना

1675800- अातर ावभागीय मागकतार स रााश ा हो चका ह

3 बड़ामी मख नाली सवक

58700- अातर ावभागीय मागकतार स रााश ा होना बाक ह

4 गालार आराकत वन सीमा सवक

2210000- अातर ावभागीय मागकतार स रााश ा होना बाक ह

5 ADRIN उतपाद का जमीनी सतयापन

- ावभागीय

6 टर हदराबाद गाइड़ मप - ावभागीय

7 समाकालत तटीय कष बध परयोजना त(ICZM)

- ावभागीय

8 राीय शहरी सचना ाली - ावभागीय

9 आ दश कनारटक सीमा ाववाद - ावभागीय

इसक अलावा ासतमबर 2013 स अगसत 2014 तक आ दश भ साानक आकडा कन क मानाचष ावय कायारलय स ावाभ कार क मानाचष क ावय ारा ावभाग को 1336019- का राजसव ा आ

उपरो परयोजना का साराश ान कार स ाववरत ह -

1 आ दश ासको दाडगल परयोजना दाडगल ासत वायसना अकादमी क ानकट अारम ाम होत

ए ानकलन वाली आ दश ासको क 400 कलो वाट वाली यददमलारम ndash गजवल डी सी लाइन क

9 बज हत WGS-84 आधारत जी पी एस सानाक साहत दाडगल ासत वाय सना आकादमी क हवाई

पी क अधःसपशर बध (Touch down point ) पर आधार तल क ाहसाब स मीटर म सल ॐचाई समतल

का ावधान करना

2

बल जीपीएस 5700 एव अकय लवल ारा कातज एव ऊधवर ानयष का ावधान कया गया

सव का कल मलय 283000- ा एव मागकतार स प र भगतान ा कर ालया गया समय सीमा क अदर कल 10 जी पी एस बद 50 क मीक दोहरी ततीय ी तलक (DT Levelling) एव 15 कमी क

मालारख (Traversing) कायर प र कया गया

2 इदरा सागर पोलावरम परयोजना

आ दश क पाम गोदावरी ाजला पोलावरम मडल क रामययापट ाम क पास गोदावरी नदी पर सोची गयी बउशयीय बहत परयोजना ही इदरा सागर पोलावरम परयोजना ह जो पोलावरम परयोजना क नाम स बचचत ह ान उललाखत सान म कातज (डीजीपीएस क मदद स सानाक ानात करना)एव ऊधवर ( तल-ाचहन का सतयापन) ानयष का ावधान करन का मखय कायर ा

i सताावत 960 मगावाट जल ावत ाबजली घर क धरी ii ामी एव पतर स ानमत बाध iii उबड़- खाबड़ मागर

सव कायर( रक एव सवक ) का कल लागत मलय 1675800- ा और मागकतार स परी रााश ा कर ली गई एक अाधकारी सवकक दो सवकक एव छः खलाासय क टीम क तनाती क गई पर कायर हत 30 दन का समय दया गया और ानयत अवाध क अदर ही कायर सप कया गया कायर समाा हत कल 17 जीपीएस बद सान एव 200 रखीय क मी का दोहरी ततीय ी तलक (DT Levelling) का ावधान कया गया

3 बड़ामी मख नाली सवक

बड़ामी मख नाली सवक कषा ाजल क सचाई CADD ावभाग क ालए ह जो एानकपाड सघ राजय कष स पा औतपलली क सघ राजय तक क 25 कलो मीटर क लबाई क नाली क मापन क सवक क ालए ह सवक क ालए रक कायर परा हो गया ह सवक क ालए ानधाररत लागत Rs58700 - ह मागकतार स रााश ा करना अभी बाक ह

4गालार आराकत वन सीमा सवक

भागीय वन अाधकारी कोागडम खममम ाजल क माधयम स गालार आराकत वन सीमा सवक कायर माननीय उ नयायालय हदराबाद क आदश क अनसार आ दश भ साानक आकड़ा क को आवटत कया गया ह यह खममम ाजल म सतयापन क ालए ह जगल का कषल 500 वगर कलो मीटर ह और ाराभक रक परा कर ालया गया ह सवक कायर क अनमाानत लागत Rs22 10000 - ह मागकतार स रााश ा करना अभी बाक ह

3

5 ADRIN उतपाद का जमीनी सतयापन

भारत क महासवकक ारा यह परयोजना कायर आ दश भ साानक आकड़ा कन को सपा गया ा इस कायर का मखय उशय भ ानदश उतपाद स सदभत आकलन करना ह कल कषल 18225 वगर कलोमीटर ह रक एव सवक कायर पर करन क ालए तीन साह का समय दया गया ा और दो अाधकारय चार कमरचारय को तनात कया गया ा समय पवर ही कायर पर कर ालया गया जीपीएस ारा 51 जीसीपी बद सान का ावधान कया गया

6 टर हदराबाद गाइड़ मप

टर हदराबाद गाइड़ मप का कायर आठ खनड म पर कर ालया गया ह

7 समाकालत तटीय कष बध परयोजना (ICZM)

क ीय पयारवर एव वन मषालय क अतगरत समाकालत तटीय बध सामात (SICOM) ारा इस परयोजना को ालया गया ह परयोजना का उशय

डलटा कष को छोड़ 7 कमी क चौड़ाई क सा कनयाकमारी स बगलादश सीमा तक भारतीय तट रखा क पार म 2400 कमी क तय दरी का 110000 क पमान पर मानाचष बनाना पव तट क कल कष को र चार कष म कष ndash 567 एव 8 क नाम स ावभाजन कया गया अपन आ दश भ साानक आकड़ा क क कायर कष म कष 6 एव कष 7 पड़ता ह कष 6 म पड़न वाल

-

कष को 8 उप-खणड म एव कष 7 म पड़न वाल कष को 12 उप-खणड म पनः ावभााजत कया गया कल कायर को मससर ाजयोडीस आइआइसी टोलोाजस एव इनोासस को ठक पर दया गया

मससर ाजयोडीस का उतपादन कन हदराबाद ासत भारतीय सवक ावभाग क भारतीय सवक एव मानाचष ससान क भवन म ासत ह ाजसका उरदाायतव कष कष-6 एव 7 ह जो आ दश भ साानक आकड़ा क क कायर कष म ह

ठकदारी क शत क अनसार आ दश भ साानक आकड़ा क न ानयाषत सवक कायर सप र कर दया ह जस 10 स 50 क मी क दरी पर जी सी पी एव 1 स 3 क मी क दरी पर तल- ाचहन मससर ाजयोडीस क ावधान हत

अब तक कष 6 म 8 उप- खड म स 7 उप-खड म ासत और कष 7 म 12 उप- खड म स 11 उप-खड म ासत 10 स 50 क मी क दरी पर जी सी पी एव 1 स 3 क मी क दरी पर तल- ाचहन का व रन रखााचष एव समतलीय सानाक आ दश भ साानक आकड़ा क न सतत कर दया ह

चक दोन कष क कछ उप-खड म र सान पाया गया ह आ दश भ साानक आकड़ा क न मोगलत एव मछलीपनम उप-खड क र सान क पत हत पनःसवक कायर कर दया ह इस दौरान कल 181 कमी का दोहरी ततीय ी तलक (DT Levelling) करत ए 17 जी पीएस बद

4

सान का ावधान कया गया तााप र सान म पड़न वाल कष 6 क 3 उप- खड और कष 7 क 2 उप- खड का सवक कायर अपर महासवकक दाकी कष एव परयोजना ानदशक आइ सी जड़ एम स शासानक एव ावीय अनमात ा होन पर कर दया जाएगा

मससर ाजयोडीस न हवाई ाषकोीयकर हत नलल उप- खड का ानयष ावसतार करन क ालए लड सवक कायर समा कर दया ह इस ावसतत ानयष को आ दश भ साानक आकड़ा क ारा अनमोदत कया जाना ह

समसत उप-खड का हवाई ाषकोीयकर एव अकयकर क पात मससर ाजयोडीस आ दश भ साानक आकड़ा क को अनमोदन हत सारी अातम ााया सतत करगा

आ दश भ साानक आकड़ा क ारा अातम अनमोदन क पात 20 उप-खड म पड़न वाल सार नकश का म कया जाएगा यह या दसबर 2015 तक समा होना ह

8 राीय शहरी सचना ाली (NUIS)

राीय शहरी सचना ाली का मोचन क ीय शहरी ावकास मषालय ारा 152 शहर का 110000 क पमान पर उपह छाया ाचष ारा एव 12000 क पमान पर हवाई ाचष ारा दसव योजना क तहत भ साानक आकड़ का ावकास करन क सा ndash सा जीपीआर (Ground Penetrating Radar) क मदद स 22 शहर का 11000 क पमान पर दो उपयोग क समाधान हत जस जल आपत मल-ानयारस उपयोागता मानाचष हत कया गया राजय नोडल एजासय (SNAs) ारा शहरी मासटर पलान और उपयोागता पलान क तयारी हत इन नकश का उपयोग कया जाएगा

उपरो परयोजना क ालए आ दश भ साानक आकड़ क का उरदाायतव ानानसार ह- i एनआरएससी ारा 110000 पमान पर उतपादन कया गया नकश क सरका ानकासी ii अातम नकश क सशोधन और गवा जाच हत एन आर एससी क सा समनवय iii110000 क पमान पर तयार नकश को राजय नोडल एजासय (SNAs) को दय हत अनय भ

साानक आकड़ा क क सा समनवय

इस राीय शहरी सचना ाली परयोजना क अतगरत 20 राजय क 152 शहर का कायर ालया गया और 68 शहर क अातम ााया उ भ साानक आकड़ा क राजय नोडल एजासय (SNAs) को भज दया गया लहाल एबयट आकड़ा जोड़न हत अलग- अलग राजय क उ भ साानक आकड़ा क राजय नोडल एजासय (SNAs) स ा 15 शहर का एव एमओजीएसजीएस सशोधन करन हत 2 शहर का आकड़ा एनआरएससी क पास ह अलग- अलग राजय क 67 शहर क आकड़ एबयट सह हत उ भ साानक आकड़ा क राजय नोडल एजासय (SNAs) क पास ह

5

तााप आ दश भ साानक आकड़ा क न एनआरएससी एव अनय भ साानक आकड़ा क राजय नोडल एजासय (SNAs)स अचछ समनवय क सा अपना उरदाायतव भरपर ानभाया ह

9 आ दश कनारटक सीमा ाववाद

माननीय उतम नयायालय क ानदश क अनसार आ दश कनारटक राजय सीमा ाववाद को सलझान हत भारत क महासवकक न आ दश भ साानक आकड़ क को कायर आवटन कया इसका मखय उशय आ दश कनारटक राजय सीमा ाववाद को सलझान हत सीमा सतमभ का सापना करना ह तीन खड म रक एव सव कायर हत टीम क तनाती क गयी अब तक 172 जीपीएस ाबनद का पयरवक कया गया कायर अभी बाक ह

10 अनय ावावध कायर

उपरो परयोजना काय क अलावा इस भ साानक आकड़ा क न वषर 2014-15 क ालए ानालाखत काय क ाजममदारी ली ह

I 28 शीट क 150000 क पमान पर गवा ानयष

II 516 शीट क 125000 क पमान पर ओएसएम पानतर

III 150000 क पमान पर 354 शीट क वब चर सवा

IV हदराबाद कष म पड़न वाली 56 क 6 7 1011 डी एस एम शीट का अतन

V हदराबाद कष म पड़न वाली 56 क 6 7 1011 ओ एस एम शीट का अतन

VI 150000 क पमान पर तलग भाषा म चार शीट का मानाचष

VII तलगाना और आ दश राजय का नकशा 110 लाख क पमान पर तयार करना

ाहनदी एव टक अनभाग

22 मई 2014 को आ दश भ साानक आकड़ा क न एक नय अनभाग का गठन कया ाजसका नाम ldquoाहनदी एव टक अनभाग

rdquo रखा गया इसका मखय उशय यह ा क वाषक कायरम क अनसार इस ानदशालय स अाधकतम पषाचार हदी म ही करना इसक भारी इस आकड़ा क क राजभाषा अाधकारी ह एव इस अनभाग म एक अनभाग अाधकारी एक कान हदी अनवादक दो अवर ी ालापक क तनाती क गई ह ानदशक ारा अनमोदत मसौद को हदी म अनवाद कर इस ानदशालय स अनय ानदशालय कष एव महासवकक क कायारलय को पषाचार कया जाता ह lsquoगrsquo कष म हदी पषाचार का लय जो 55 ह उस ा करन हत यह ानदशालय अहम भामका ानभा रहा ह कोाशश जारी ह क वषर 2014-15 तक वाषक कायरम क अनसार यह ानदशालय अपन लय को ा कर लगा

6

सवक सहायक क वतन मान म पनरीक- माननीय नयायालायक आदश का कायारनवयन

अल 2013 म सवक सहायक क वतन मान म पनरीक का आदश ा आ सवक सहायक क हासयत स ाजनको ए सी पी ानयामत पदोात ामली उनक मामल को तरत ालया गया तााप एक सदह उठा क कया उ वतन-मान एमएसीपी ा सवक सहायक पर लाग कया जा सकता ह या नह और इस पर भारत क महासवकक स सपपीकर ा कया गया इसी बीच सवक सहायक क वतन मान क पनरीक क समाधान हत ानालाखत सदसय क सामात का गठन कया गया

1 ी कक गा अधीकक सवकक (अधयक) 2 ी एलएस शकर राव कायारलय अधीकक 3 ी एम यादी री सहायक 4 ीपी सतीश सहायक

इन मामल क ससाधन क ालए ानयामत आधार पर बठक आयोाजत क गई मामल ाजनक सपपीकर क जरत नह ी (लगभग 25 ) तरत ालय गय एव जलाई 2013 म कषीय वतन एव लखा कायारलय को सतत कय गय ाजनह उसी महीन म जाच तय कया गया

रवरी 2014 म सवक सहायक क वतन मान क पनरीक स सबाधत सपपीकर क ाा क बाद बाक क 45 मामल को (दोन पवर ndash 2006 एव उर - 2006 एसीपी) ानदश क अनसार मामल को 15-03-2014 तक तयार कया गया तााप ावीय वषर 2013-14 क अत म ानाध क उपलाबध न होन क कार इसको कषीय वतन एव लखा कायारलय को सतत नह कया जा सका

वषर 2014 -15 लखानदान क माधयम स ा ानाध स (12 सवा ानव मामल को जलाई 2014 म सतत कया गया और उसी महीन म तय कया गया) जलाई 2014 म ानयामत बजट क आबटन क बाद बाक क सभी मामल को अारत 10 (लगभग) अगसत 2014 म सतत कया गया और उसी महीन म तय कया गया आज क तारीख म सभी मामल को पर कर ालया गया और अनदश का अनपालन कया गया 70 मामल म स 22(लगभग) को आक लाभ ा आ और बाक (पवर -2006) मामल को साातक तौर पर वतन ानयतन कया गया अारत माननीय नयायाायक आदश क अनसार बकाया क आहर क ाबना

सामात क ानयामत आधार पर बठक ई और अधयक न मामल को पर करन म मागरदशरन दया ी एलएस शकर राव कायारलय अधीकक न अनय सदसय ारा कए गए वतन ानयतन मामल क पयरवक और जाच क सामात ारा दए गए समय सीमा क अदर सभी मामल को पर कया गया और समय समय पर ानदशक को ासात स अवगत करवाया गया

7

ाशक कोसर

आ दश भ साानक आकड़ा कन स ानालाखत अाधकारय को भारतीय सवक ससान म ावाभ कोस म ाशक दलवाया गया

म स अाधकारी का नाम(ीीमती) कोसर सखया ावषय

1 मोअजीममीन 49521 सवक अाभयााषक का मल ासानत

2 एन अानल कमार कय 5 भाम सचना का अाभकलप एव कायारनवयन

3 मोहममद अली शख 40092(ए) सवक पयरवकक

4 एस राव 40092(ए) सवक पयरवकक

5 अामत समर 40092 सवक पयरवकक

6 एलवीएम नायड 40092(बी) सवक पयरवकक

7 वी गोपाल राव 40092(बी) सवक पयरवकक

8 बी गोपाल राव 40092(बी) सवक पयरवकक

9 पी रावकर ातकोर भ-साानक ावजान

10 कोा ीानवास ातकोर भ-साानक ावजान

1 कनरल एस ीधर राव ानदशक न बगल ासत दाकी कष कायारलय म 21012014 स 23012014

आइसीजड़एम परयोजना स सबाधत ानदशक क सममलन म ाहससा ालया

सममलन ाशक

2 कनरल एस ीधर राव ानदशक न नई दलली ासत सव (हवाई) एव दलली भ साानक आकड़ा कन ानदशालय म राीय शहरी सचना ाली (NUIS) स सबाधत पनरीक बठक म ाहससा ालया 3 ी कक गा अधीकक सवकक एनएसडीआई क ालए ओरकल सपाशयल का ाशक ा कया |

ाशकता

आ ावावालय इजीानयरग कॉलज(ए) ावशाखपनम क 12 ावाय को 12-05-2014 स 06-06-2014 तक ाजयोडसी अकय ोटोाामात सलाकात सदर सवदन तलक अकय मानाचष एव भौगोालक सचना पात आद ावषय पर जानकारी दी गयी

8

वषर 2013-14 क ालए मानदय स परसकत कमरचारय क सची

म स नाम ीीमती कमारी पदनाम 1 पी म कमार अाधकारी सवकक 2 पीककर अाधकारी सवकक 3 एलकरासी अाधकारी सवकक 4 ए भाचारजी अाधकारी सवकक 5 एन अानल कमार सवकक 6 ीनीवास राव यादागर सवकक

7 क ओमकार सवामी सवकक

8 सागरका पताल सवकक

9 एमएस आर मत सवकक

10 एस बी चधर राव सवकक

11 अशाख अहमद सवकक

12 डी वकटा ीहरी सवकक

13 डीआरएस स कमार सवकक सहायक 14 सी एच गडम मानाचषकार ड II 15 ावजय सनीता गोप मानाचषकार ड II 16 पीक ातभा सहायक 17 ज कनक लमी मानाचषकार ड III

18 शलबाला खडरी मानाचषकार ड III

19 ए शलश वर ी ालापक 20 एम बगारी नायड वर ी ालापक

21 चपाल वर ी ालापक

22 एमलम कमार वर ी ालापक

23 एन वलली कलयाी वर ी ालापक

24 बीनागरम अवर ी ालापक

25 पठान इमाम कासीम अवर ी ालापक

26 एमअपपल राज एम टी डी 27 सययद जहागीर अली एम टी डी

28 शयामल दास एम टी डी

9

म स नाम ीीमती कमारी पदनाम 29 सी नारायना खलासी 30 महन कमार खलासी 31 एमओबयया खलासी 32 सी वीचलमयया खलासी 33 कालर खलासी 34 जी जया खलासी 35 क अपपा राव खलासी 36 पी काशम खलासी 37 क ईरयया खलासी

पदोत कमरचारय क सची

म स नाम पदनाम पदोात क

ाता ाजस पद पर पदोत ए

1 डीरघ रामल मानाचषकार ाडावजन -I 11-10-2013 मखय मानाचषकार

2 मो अजीमीन सवकक 06122013 अाधकारी सवकक

3 एम परमर राव सहायक 29112013 कायारलय अधीकक

4 जीशीला रानी मानाचषकार ाडावजन -II 23062014 मानाचषकार ाडावजन ndashI

5 एम वासदव वर ी ालापक 06052014 सहायक

सायीकर ा कमरचारय क सची

म स नाम पदनाम सायीकर क ाता

1 एमावजय कमार पटल ाचषकार ड़ -III 01012013

2 आर ीनीवास राव अवर ी ालापक 01012013

10

म स नाम पदनाम सायीकर क ाता

3 पी ामालनद कमार खलासी 01012013

4 गनकली पदममा खलासी 01012013

5 वाइ मानीकयममा खलासी 01012014

6 बी सवामी( अनसाचत जन जाात) खलासी 01012014

7 बी शाता ( अनसाचत जन जाात) खलासी 01012014

11

सानातर पर तनात कमरचारय क सची

म स

नाम ी ीमती

पदनाम सानातर क ाता

सानातर

स को

1 डीरघ रामल

मानाचषकार 11102013 भौ सप एव स स ानदशालय

आ भसा आ क हदराबाद

2 मो अजीमीन सवकक 06112013

(पवारहन)

भारतीय ाशक एव मानाचष ससान हदराबाद

आ भसा आ क हदराबाद

3 सतयभामा नायक सापना एव लखा अाधकारी

10012014 (पवारहन)

पब एव ास भसा आ क कोलकाता

आ भसा आ क हदराबाद

4 एनबी सरी अधीकक सवकक 22012014 मएव गोवा ानदशालय पन

आ भसा आ क हदराबाद

5 एस महबब दादार 17022014

(अपराहन)

मएव गोवा ानदशालय हदराबाद सकनध

आ भसा आ क हदराबाद

6 टीकष कमार अाधकारी सवकक 19032014

(अपराहन)

भारतीय ाशक एव मानाचष ससान हदराबाद

आ भसा आ क हदराबाद

7 एसराव टीटीटी lsquoएrsquo 17042014 पवारहन

भारतीय ाशक एव मानाचष ससान हदराबाद

आ भसा आ क हदराबाद

8 अामत कमार टीटीटी lsquoएrsquo 06052014 पवारहन

भारतीय ाशक एव मानाचष ससान हदराबाद

आ भसा आ क हदराबाद

9 बीराजन बाब सहायक 09062014 पवारहन

दाकी म वगर आ भसा आ क हदराबाद

10 जी शीला रानी मानाचषकार ाड-I 23062014 पवारहन

भौ सप एव स स ानदशालय हदराबाद

आ भसा आ क हदराबाद

12

सानातरत कमरचारय क सची

म स

नाम ीीमती

कमारी पदनाम सानातर क

ाता सानातर

स को

1 बीसीसा अाधकारी सवकक 16082013

आ भसा आ क हदराबाद

भा स एव स हदराबाद

2 एमएम मोहानत

अाधकारी सवकक 26082013

आ भसा आ क हदराबाद

ओड़ीशा भसा आ क भवनर

3 पीयादयया सवकक 11122013

(अपराहन) आ भसा आ क हदराबाद

क भसा आ क बगल

4 सनीता कालरा आशालापक

28042014

(अपराहन) आ भसा आ क हदराबाद

ानदशक सवक (हवाई) दलली भसा आ क नई दलली

5 शभा वी नायर

कायारलय अधीकक

07052014

(अपराहन) आ भसा आ क हदराबाद

भा स एव स हदराबाद हदराबाद

6 कवी चारी सहायक 06062014

(अपराहन) आ भसा आ क हदराबाद

दाकी म वगर

13

सवा ानवसवाचछक सवा ानव ए कमरचारय क सची

म स नाम पदनाम सवा ानवा क ाता टपपी

1 पीडीकमार अाधकारी सवकक 30092013 सवा ानव

2 एस कासम दादार 30092013 सवा ानव

3 भलनराम खलासी 15102013 (पवारहन) सवाचछक सवा नव 4 जी लाजर पटल ाचषकार ड़- II 31102013 सवा ानव 5 बीसीलममा खलासी 31102013 सवा ानव 6 पीदवदास मानाचष मॉउटर 30112013 सवा ानव

7 तनगटला राधा कषा भडार सहायक 31122013 सवा ानव

8 टीवकटयया दादार 31122013 सवा ानव 9 जी चयया माली 31122013 सवा ानव

10 पीसीबोरोल अाधकारी सवकक 28022014 सवा ानव 11 डीरघ रामल मखय मानाचषकार 28022014 सवा ानव 12 बी नासरयया खलासी 28022014 सवा ानव 13 बी ीपाल दादार 31032014 सवा ानव

14 क दानम खलासी 30042014 सवा ानव

15 कषा सरकार अाभलखपाल ाडI 31052014 सवा ानव

16 कपललयया पटल ाचषकार ड़ II 31-05-2014 सवा ानव

17 सीकडयया जमादार 31052014 सवा ानव

18 एमवकटवरल दफतरी 30062014 सवा ानव

19 पीअजरना खलासी 30062014 सवा ानव

20 यावर बगम खलासी 30062014 सवा ानव

21 एमाचा वकटममा

दफतरी 30062014 सवा ानव

22 एनबी सरी अधीकक सवकक 31082014 सवा ानव

14

समात शष

एसपी ईरयया खलासी

जनम ाता 01-07-59 ावभाग म भत होन क ाता 01-03-1997 स ानयामत भत सवगरवास 22-4-2014 परवार इनक परवार म पी क अलावा दो ब ह इनक आकासमक ानधन पर आ दश भ साानक आकड़ा कन क कमरचारय को गहरा आघात पचा और सभी न इनक परवार क ात सवदना क एव इनक आतमा क शाात क ालए ईर स ारना करत ए दो ामनट का मौन रखा सव ी एसपा ईरयया ाजनक आ दश भ साानक आकड़ा कन म कायररत रहत ए अल 2014 म अकाल मतय हो गयी ी उनक परवार क ततकाल मदद क ालए पर आ दश भ साानक आकड़ा कन क परवार न 25600- का ततकाल सहयोग दया

15

भडार का ाप

म स सामी भडार 1 वाटर कलर 01

2 एल ईडी मॉनीटर 15

3 कमपयटर टबल 30

4 कमपयटर कस 30

5 पलाासटक कस 236

6 एचपीाडजाइन जट टी- 1300 टर 01 आइ सी जड एम क अतगरत

7 कलर क समाटर एलए जीएस टी 42- सकनर

01 आइ सी जड एम क अतगरत

8 यपीएस क ालए 12 वोलट क बटरी 60

9 5 कपी का य पी एस 02 डी ए डबलय वी आइ सी जड एम क अतगरत

10 डलल कमपयटर 10

11 लाइका अकय लवल (डी एनए-03) 02 आइ सी जड एम क अतगरत

12 लाइका जीएनएसएस (जीपीएस दोहरी बारबारता)

02 आइ सी जड एम क अतगरत

13 3 डी ावजन कट 23 (18 आ भ सा आ क हत )

14 समसग एलसी डी मॉानटर 02

15 एचपी सकनजट 200 फलटटड- सकनर 01

16 डाट मकस टर 03

16

अनपयोजय भडार का अनपयोगी घोाषत

म स सामी मलय 1 साइबग उपकर 364574-

2 नचर आइटम 218844-

3 ोटोामीतीय उपकर 9125746-

4 कमपयटर और परधीय 4027273-

5 उपकर ( गौ सवक उपकर) 706943-

तदनसार अनपयोजय भडार क अनपयोगी हत नीलामी या क शआत हो चक ह

17

वषर 2013-14 क ालए ानाध का आबटन य

शीषर सवीकत अनदान

(हजार म )

अातर ानाध क मागाा

(हजार म )

भाकमसव ारा काटी गई (हजार

म )

इस कायारलय

ारा अभयपर

अातम बजट अक (पय

म)

य (पय म)

31-3-2014 को शष रााश (पय म)

वतन 114400 0 1400 0 113000000 112999869 131 मजदरी 500 350 0 0 850000 845802 4198 ओ टी ए 0 0 0 0 0 0 0 ाचकतसीय 2840 0 0 750 2090000 2089187 813 डी टी ई 1240 0 0 0 1240000 1239231 769 ओ ई 1409 125 94 1440000 1397157 2843 आर आरटी

240 0 0 16 224000 223875 125

ओ ईए 2 2 0 0 4000 3750 250

एसampएम 310 0 0 310000 309712 288 पी सवा 280 0 0 129 151000 149810 1190 अनदान 0 0 0 20800 20775 25

18

मनोरजन कलब का वाषकोतसव ndash 2013

आ दश भ साानक आकड़ा क ानदशालय क मनोरजन कलब का वाषकोतसव दनाक 10-01-2014 को ातः काल 1000 बज स सममलन कक म आयोाजत कया गया ाजसम मखय अाता भारत क महासवकक डॉ सव र सबबा राव उपासत ावशष अाता क प म ी एसबी शमार उप महासवकक भारतीय सवक एव मानाचष ससान उपासत ानदशक महोदय कनरल ीधर राव न सवागत भाष दया और मनोरजन कलब क साचव ी डीआरएस सन कमार न वाषक रपोटर सतत क सासकातक कायरम ारा सभी का मनोरजन कया गया मखय अाता न अपन भाष म कहा क इस ानदशालय न ी कनरल ीधर राव क नततव म बत अाधक एव सतोषजनक प स गात क ह और इस बात का भी उललख कया क व जब इस ानदशालय क ानदशक तब व य सब कायर करना चाहत परत इनह मतर प दन म कनरल ीधर राव ानदशक महोदय क महतवपर भामका रही ह ततपात एक ीात- भोज का आयोजन कया ाजसम करीब 230 लोग न भाग ालया ाजसक सभी न भर-भर शसा क

मनोरजन कलब ारा आयोाजत कए गए खल

करम

टबल टनीस

शटल

शतरज शॉट- पट धीमी साइकलग

पष सगलस माहला सगलस पष डबलस माहला डबलस

पष सगलस पष डबलस

पष सगलस माहला सगलस पष डबलस माहला डबलस

पष पष पष

19

वषर 2013 क दौरान कनीय मनोरजन कलब सपोटरस स ा इस ानदशालय क ाता एव सममान

करम

खल म परसकार ातीय परसकार ततीय परसकार

पष सगलस पी रवी कानत चनपाल शशी करन एव एलए बग

माहला सगलस शभा वी नायर पीक ातभा शलजा एव मीना

पष डबलस सययद इदरस एव सवातरयया कवी चारी एव ओ वीन कमार

---------

माहला डबलस शभा वी नायर एव अनसया पीक ातभा एव शलबाला खडरी

टबल टनीस पष सगलस पी सतीश क वीचारी ओ वीन कमार

एव अशाख अहमद पष डबलस कवीचारी एव

डी रगा राव कक गा एव पी सतीश ----------

शटल पष सगलस पी सतीश एम वी ावजय कमार कवी चारी एव पी

यादयया माहला डबलस शभा वी नायर एम सबीता मीना एव राज़या

बगम पष डबलस पी सतीश एव

एम वासदव स कमार एव ओ वीन कमार

-----------

माहला डबलस एम सबीता एव राजया बगम

शभा वी नायर एव बी एस वी वरलमी

-----------

शतरज पष जगन एकर ------------

शॉट- पट पष बी नागरम चनपाल स कमार

20

धीमी साइकलग पष डी स कमार सययद इदरस सययद मोजज़म

उ नयायलय म लाबत नयायालक मामल

लाबत मामल 04 आ दश उ नयायालय

कस क सखया 11 कनीय शासानक अाधकर हदराबाद

समा कस क सखया 06 लाबत कस क सखया 05

पनवलोकन मामल

ानालाखत अाधकारयकमरचारय क पनवलोकन मामल का ानपटारा कया जा चका ह

म स प lsquoबीrsquo राजपाषत प lsquoबीrsquo अराजपाषत प lsquoसीrsquo (पवरवत प

1 एस बाब अाधकारी सव ज डी एबनजर मानाचषकार ाडाव I नरश

2 पीक लहा मानाचषकार ाडाव I गदो राम

3 शख मीरावली मानाचषकार ाडाव I एम गररयया

4 जी सीतारामम सव सहायक पी काशम

5 वाई सबबयया सव सहायक सतयममा

6 पीएस सामबाब सव सहायक वी कषयया

7 बी ओबशयया सव सहायक

21

एम ए सी पी क मामल

ानालाखत अाधकारयकमरचारय क एमए सी पी मामल का ानपटारा कया जा चका ह

म स प lsquoबीrsquo अराजपाषत प lsquoसीrsquo (पवरवत प lsquoडीrsquo)

1 वी सयर भा मानाचषकार ाडाव I एल योहन

2 पीकलहा मानाचषकार ाडाव I सीनाराया

3 शख मीरावली मानाचषकार ाडाव I जजॉन

4 एम भवनरी मानाचषकार ाडाव I एस रामयया

5 बीएसवी वरलमी मानाचषकार ड़ II बी पललया

6 - पी काशम

7 - शख काासम पीरा

8 - एम लमी नाराया

9 - एम वकटरल

10 - जी जया

आ दश भ साानक आकड़ा कन क अाधकारय कमरचारय क ब ाजनहन शकाक ानपता दखाई ह

1 कमारी अनवषा कर सपषी डॉ पीक कर सी जी पी ए 9810 दसव कका क ीय ावालय हदराबाद

22

तलग म ावव ी नकश ( ओएस एम) क तयारी (बीएचराव अधी सव जीव अाध सव एमराकश अाध सव एसपटा री मानाचषकार)

सतावना पवर म ावाभ नकश तलग म कााशत आ करत जस आ दश राजय नकशा (1999) भारत क राजनीातक नकश आद ऐस नकश अकराक ासटक-अप (lettering stickups) साहत साइबग क परमपरागत तकनीक का उपयोग कर कााशत होत तााप कोई भी सलाकातक नकश तलग म कााशत नह ए ह परत हाल ही म ावजान एव ौोागक ावभाग न ावव ी टोपो नकश ( ओएसएम) को कषीय भाषा म उपलबध करवान क ालए एक नीात को जारी कया ह ाजसक पराम सवप आ दश भ साानक आकड़ा क न राजय क राजधानी हदराबाद को दशारत ए एक शीट को योग क आधार पर अकय माधयम स तलग म करन का काम ालया ह

ॉनट क खोज म माइोसटशन साफटवर क अनक ल डीजीएन ामट म मल डाटा बस पहल स ही उपलबध ह मल-

पाठ को बठान क ालए माइोसटशन क अनक ल एक सावधाजनक तलग ॉनट क आवशयकता ह अनक ॉनट क जाच क गई परत कछ भी माइोसटशन क अनक ल नह पाया गया कयक तलग ालाप म बत सारी माषाए अगल स लगवाए जान क कार ldquoमाषाrdquo को लगाना एक कठन कायर सााबत आ तााप वब म बत छान-बीन करन क बाद ldquoटी टी एल हमलताrdquo ॉनट को खोजा गया और माइोसटशन परवश म मल पाठ को रखन म उपयोगी पाया गया

अनवाद

ावाभ व रनातमक अाभउाया ाचनह पाद- टपपाया आद का अजी स तलग म अनवाद हत सभी ापय साधन जस क इटरनट नट पर अनवाद शबदावली आद का आय ालया गया

माइोसटशन परवश म मल पाठ को बठान क ालए कायरावाध

ॉनट याान ldquoटी टी एल हमलताrdquo वााछत सान पर लोड कया गया तलग ालाप म बत सारी माषा क अतःसाापत होन क कार एक ावाशप शबद या अकर क ालए सही माषा क चयन हत अाधक सावधानी बरतना का सानात कया गया वााछत मल ndash पाठ को मइोसाफट वडर म टकत कया गया माइोसटशन वशरन 8 ाइल म अनोटशन टकसट एडीटर क माधयम स कापी और पसट कया गया उ

23

शीट क 22 टोपो स अनवादत अनोटशन को या सतयाापत कया गया अनोटशन को कनार म और उपरो शीट क नाम ाइल म रखा गया मामल ाजनको सलझाना ह -

1 ॉनट क आकार का मानककर 2 तलग ालाप म ावाभ व रनातमक अाभउया क सावधाजनक शबद का चयन 3 मल- पाठ को सगठत करना एक जटल कायर ह और समय लन वाली कायरावाध ह और पयार

माषा म षीय भाषा याान तलग क जान क जरत ह 4 जयादा सखया म सपादन मल-पाठ क सगठन क आवशयकता ह 5 तलगाना राजयतलग ावावालय क उ राजभाषा ावभाग स अनवादत ालाप को माीकर

करन क आवशयकता होगी समाा

सानीय ालाप (तलग) म ओ एस एम माक नकश क तयारी स अाधक सखया म लोग को सलाकातक नकश को आसानी स योग करन म सावधा होगी सलाकातक नकश म भाषा-ावषयक सबधी साचकारी पदार को जोड़न स ानयही भारतीय सवक ावभाग क उतपाद क चार को बढ़ावा ामलगा और बाजार म अपनी अहामयत बढ़ाएगा

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चनौती क ालए तयारी (रघना ाषपाठी अधीकक सवकक)

कसी भी ावभाग म नई चनौातय को सामना करन क ालए कमता ानमार क आवशयकता ह यद

यह नह कया जाए तो सताावत योजनाए ावल हो जाती ह कमता ानमार स पहल उसक लय एव उशय को परभााषत कया जाना आवशयक ह कयक इसक कायारनवयन क सतर म योजना और ानषपादन म का अतर हो सकता ह कमता ानमार क अनय मानक क अतगरत अनवत सावधा क रखरखाव और सभाावत ावकास भी शाामल ह कमता ानमार क कसी भी यास म ातभा क खोज को ही पहल कदम क प म ालया जाना चााहए भारतीय सवक ावभाग म सही कमता ानमार क बाद ही 110000 क पमान का सवक करन और मानाचष ाा सभव हो पाएगा आधानक अाध ौोागक म कमय क ाशक पयार नह ह लकन यह दखना ह क जो माग और सवक और मानाचष क आपत क खला स सक ातत ह जनता क ालए उपयोागता बढ़ा रही ह श म हालाक बाधाए आना बाधय ह हम यह कायर श करना और पराम क तीका करनी ह इस यास म खल अाधकार कष क ावशषज को ानयामत प स परामशर कया जाना चााहए सवक और नकश क उपयोगकतार क माग और एक बड़ परय क दाप स दखन क ालए यह महतवपर ह

यहा तक क उपयोगकतार क ालए भी ाडाजटल डटा का उपयोग सीामत ह भारतीय सवक ावभाग उपयोगकतार को ानयामत आधार पर सहायता और मलय सवधरन क ालए सलाह दकर नकश क कातज उपयोग तक का ावसतार कर सकता ह उस बात पर धयान दत ए भारतीय सवक ावभाग क सवा हत जी आई एस वजाानक को शाामल करन क आवशयकता ह यह महगा मामला होन पर भी वरीयता स भरी हम भावषय क चनौातय को परा करन क ालए तयार रहना चााहए कयक नकश क उपयोग स ावकास को तो होना ही ह

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नमक का महतव (कष कमार अाधकारी सवकक)

एक राजा क तीन बटया ी तीन बत ही सनदर सशील और ावशष ग वाली एक दन राजा न तीन राजकमारय को अलग-अलग स एक ही सवाल पछा ldquo बटी तम मझ कतना चाहती हो ldquo बड़ी राजकमारी न जवाब दया rdquo ापताजी म आपको सोन जस चाहती अारत सोन क आभष स मझ ाजतना पयार ह उतना ही पयार आप स ह ापताजी ldquo राजा बत सतप आ और दसरी राजकमारी स पछाrdquoबटी दीदी न तो जवाब द दया अब तम बताओ तम मझस कतना ह रखती हो दसरी राजकमारी बोली ldquo ापताजी म आपको हीर जसा चाहती अारत हीर क गहन स मझ ाजतना पयार ह उतनी ही पयार आप स ह ापताजी ldquo राजा तो ल न समाया सोचन लगा rdquo म बमतलब का सकोच कर रहा ा मरी बटया तो लगता ह मर बगर जी नह पाएगी ldquo अब तीसर स कया पछ र भी पछ लता र तीसरी बटी स पछाrdquo बटी तम मझ कतना चाहती हो तीसरी राजकमारी न जवाब दयाrdquo ापताजी म आपको नमक ाजतना चाहती जवाब सनत ही राजा आग-बबला हो उठा और बरी-भली सनाकर उसक कक स ानकल गया छोटी राजकमारी न कछ नह कहा बालक राजा क डाट सनकर चपचाप रह गयी रात ई राजा को सार महल क कायर ानपटान क बाद भख लगी खान क ालए उस हीर स ससात सोन क सहासन पर छोटी राजकमारी न बठाया र सोन क ाली म नाना कार क जन स य खाना परोसा और राजा को खाना श करन को कहा राजा न मह म खाना रखा तो महसस कया खाना का ह र हर जन को चखा तो पाया सब क ह र तो आग-बबला होकर अपनी रानी पर ाचललाया ldquo इस तरह क भल कस हो गयी हम कया समझ रखा ह जन दखाकर ललचाना और र खान नह दना यह बोलत ए रानी पर सोन क ाली ाजस पर जन परोस ए कन क ालए हा उठाया उठ ए हा को तीसरी राजकमारी न पकड़ ालया और पछा ldquoापताजीखाना तो बढ़या ह र कमी कया हrdquo राजा बोल ldquoनमक क ाबनाकोई खाना खाया जा सकता हrdquo राजकमारी बोली ldquoापताजीआपको तो नमक स नरत ह ना इसालए मन जन बनवात ए नमक नह डलवाया rdquo र तो राजा समझ गया क छोटी बटी न उनह सबक ासखान क ालए यह भोजन तयार करवाया ह र बोला ldquoबटी म समझ गया नमक क ाबना खाना जस सवादप नह उसी तरह तमहार पयार ाबना मरा वचरसव नह ldquo और राजकमारी को गल लगा ालया

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मायाजाल (एनबी सवामी अाधकारी सवकक)

इस जगत म कल 84 लाख जीव राशया ह और उनम मानव जनम सबस उम ह उम इसालए ह क भगवान न मानव का आधार इसालए दया ह ताक इस जनम अचछ कमर कर वह मोक क ाा कर सक मोक याान पनरजनम नह यद कमर बर ए तो र 84 लाख जीवरााशय म पदा होन क ालए वह आतमा कालच म दोबारा स जाती ह इस सपर कालच क याषा करत ए जब आतमा मानव क योान म वश करती ह तब वह भगवान स यही ारना करता रहता ह क ह भगवान मझ इस कद (याान मा का गभर) स जलदी मा दला द कयक म तमहारा धयान सही ढग स नह कर पा रहा कयक इस कद म अनक तरल पदा क सा-सा मल-मष म भी टहल रहा यह कसा नरक ह जहा आपन मझ सा रखा ह तब भगवान भी बोलत ह क ldquoत अभी बालक ाशश का प धार करन वाला ह तमन इतन वष यग म ाजतन पाप कय ह उन सबक यह चरम सीमा ह यह चरम सीमा बत ही पीड़ा दन वाली ह ाजस तमह जीतना ह लाघना ह इस चरम सीमा स मा होन क बाद तम कया करोग ldquo ाशश कहता ह ldquo भगवन आप जो कहग ldquo भगवन पछत ह कया तम अपना जीवन मरा धयान करत ए मर ालए समपर कर दोग ldquoाशश कहता हrdquo हा म समपर कर दगा आपक ालए ldquo भगवन भी जानत ह ाशश को नौ महीन गभर म रहना ही पड़गा तभी पर शरीर का ावकास होकर जब वह बाहर आएगा तो मरी सवा करगा उ नौ महीन तदनसार भगवन ाशश का वातारलाप नौ महीन चलता रहता ह ताक ाशश अपन चार ओर स मल क गध का धयान न द र जब वह बाहर ानकलता ह भगवान को धनयवाद करता ह और कहता ह ldquo म तमहारा बत ही आभारी भ अपन मझ मा दलाई अभी मझम वह ताकत नह क म तमहारा धयान करन क ासवा और कछ क मर माता ndashापता मझ सच कर जब अपन पर पर चलन क ताकत द दग तभी म तमहार ालए कछ कर पाऊगा ldquo भगवान कहत ह ldquo अर मखर त नह जानता यह जगत एक मायाजाल ह मझ पर ावास ह त मझ भल जायगा और र स कालच म पड़ जायगा ाशश कहता ह ldquo नह भगवान ऐसा नह ह भगवान मरा ावास करो म ातजा करता मरा जीवन आपक ालए ही समपर ह ldquo भगवान कहत ह ldquoदख लगा इस जगत क मायाजाल म त मरी कया का सवा करगा ldquo यह ाशश और भ का वाारलाप सनकर दवष नारद भगवान क पास पच पछन लग ldquo भ आप कस मायाजाल क बात कर रह ह ldquo भ बोल ldquo नारद म समसत जीव- रााशय का सवामी उनका कलया चाहता उनको सख भी और दख भी दता वह इसालए क मायाजाल क मोह एव अहकार म पड़कर खद को सपर मानन वाल ाी को दड न द तो र मरा समर कस करगा ldquo नारद बोल ldquo भ आपक वचन का मतलब कस

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दशा म जाता ह यह तो मझ नह पता एक तर कहत ह समसत जीवरााशय का कलया चाहता दसरी ओर कहत ह दड दता तीसरी ओर मायाजाल अर नाराय आप जब समसत जगत क सवामी ह सब आपक अधीन ही ह तो र मायाजाल शबद आपन जो योग कया ह वह आपक अधीन स बाहर कस हो गयाrdquo ानयष काजए जीवरााशया उसक चपट म नह आएगी र सब आपका गगान ही करग और सबको मोक क ाा होगी ldquo भगवान कहत ह ldquo ह दवष मर ालए समसत जीवराशी को परीका स गजरना पड़ता ह मानव जीवन ही उनम अातम परीका ह बस उसको लाघ ल म पनरजनम स मा दला दldquo नारद जी भगवान स तकर करन लग गय का दर बाद भगवान न कहा rdquo दवष आपस बहस और नह कर सकता आपस बहस कर मरा गला सख गया ह जरा एक छोट कलश या कमडल म पानी लकर आइय ताक म अपनी पयास बझा सक नारद को झटका लगा और पाताप करन लग ldquo बमतलब मन अनतरयामी स बहस कर उनको कप दया व समपर जानानद क सामन मरी हासयत कया ह पता नह आज मरी मात मारी गयी और म बमतलब बहस करन लगा भ को पयास लगी ह और वो भी मरी वजह स जलदी स उनक पयास म बझा द पानी क खोज म सार लोक का म करत ए नारदजी पथवी लोक म पच गए पथवी लोक पचकर पानी क खोज म एक कए क पास पच तो दखा क एक अतयनत सदर नारी कए स पानी ानकाल रही ह नारद न सोचा वह सनदर ी पानी भरकर चली जाए तो र म ोड़ा सा पानी भर ल नारद उस दख रह ी भी नारद जी को दख रही ी नारदजी न पछा rdquo दवी कया तम यह आसपास रहती हो ी न जवाब दया rdquo हा ldquo नारदजी र पछ rdquo दवी कया तमहारा ाववाह हो चका ह rdquo ी बोली ldquoनह ldquo नारदजी का ावचालत मन ल नह समाया और पछ ही ालया ldquo दवी यद तम अाववााहत हो और यद तमह कोई परशानी न हो तो कया तम मझस ाववाह करोगी ी सादाय औरत ी बोली ldquo मर ापता क आजा क ाबना म आपस ाववाह नह कर सकती ldquo नारदजी बोल ldquo दवी सशील नारी क यही ग होत ह यद तमह आपा न हो तो म तमहार सा चलकर तमहार माता-ापता स बात कगा और तमस ाववाह कगा ldquo यवती राजी ई और ासर एव कध म पानी स भर घड़ को ढोत ए आग चलती रही और नारदजी पीछ चलन लग सपर रासत म उस सनदर ी क ानहारत ए मन म सपन क पल बाध रह उस सनदर ी क ापता क पास जाकर अपना परचय दत ए उनक बटी स ाववाह करन का सताव रखा साकात नारद मान को अपना दामाद सवप दख उसी मतर म मगनी हो गई और एक शभ मर म ाववाह भी हो गया ाववाह क कछ दन क पात उनक ब हो गय ब बड़ भी हो गय र तो व अपन गहस आम म इतन सत हो गय क उनक मह स नाराय मष ानकलना भी बद हो गया कई वष बाद एक शाम को जोर क आधी क सा तानी बारश ई इस माहौल न इतना ावकराल प धार कर ालया ा क वातावर लय म बदल गया चार तर पानी भर गया बत सार लोग पश आद पानी म बह गय कनत कात क ावकराल प क सामन ठहरन का साहस कस ा दखत ही दखत उनका गह भी बाढ़ क चपट म आकर टट गया और पानी म बह गाया पी और ब डर स

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रोदन करन लग दखत-दखत कान पष क अलावा पी और बाक ब भी पानी म बह गए र तो नारदजी स सोचा इस कान को म कध पर ालए चलता ताक वह तो बढ़ाप म मरा सहारा बनगा कनत लय क तीता इतनी तज ी क नारदजी क नाक क ऊपर स पानी बहन लगा र तो व खद भी भल गय क बट को बचाना ह सोचन लग म कसी तरह जीावत बच जाऊ उसी सोच न उनक कान पष को भी नह बखशा कसी तरह कछ समय उपरानत लय शानत आ पानी घट गया चार तरक मनषयपश - पकी आद क लाश टट ए रासत और घर क बीच पड़ी ई ी नारद मान को बहद दख आ और ठठोर कर रोन लग गय रोत-रोत व खद क बार म सोचन लग क भगवान न उनक सा ऐसा अनयाय कय कया काश व भी मर जात तो अचछा होता तभी उस राह स ास महष गजरत ए नारदमान स परामशर करन लग नारदजी कहन लग ldquo पता नह मन कौन सा पाप कया ह क मर पर परवार का सवरनाश हो गया ह मझ कय मतय नह आई इस पर ासजी न कहा शायद तमहारा समय नह आया ह इसालय तम बच गय हो हालाक ास जानत क नारद मायाजाल म सा आ ह ldquo र इसका ानरय कौन करता ह ldquo नारद न ासजी स पछा ासजी न उर दया ldquoयह तो मतयलोक क अाधपात यमराज ही इसका उर दगrdquo र व दोन ामलकर यमराज क पास गय यमराज न आन का कार पछा तो ासजी न नारद मान क सारी दख भरी गाा सनाई और पछा क ldquoमतय न इनका आलगन कय नह कयाldquo यमराज बोल rdquoम कोई नह मरा यमदत ही इसका उर द सकता ह कयक म यमदत क ारा कसी आतमा को लान क बाद ही उसक पाप-पणय का ाहसाब दख ानधाररत सजा का ऐलान करता यद यमदत आपको लकर मर पास नह आया तो इसम मरा कया दोष ह यमदत स पछ लldquo र ासजी न उनक यमदत स वही सवाल करन पर यमदत न कहा ldquo महामान म कस कसी क शरीर स आतमा को छीनकर ल आऊ म तो यमलोक का सवक माष ाचषग जब तक आजा नह दत तब तक म कोई कायरवाही नह कर सकता आप इस का उर ाचषगजी स पछ ल ldquo र ासजी न ाचषग स वही सवाल करन पर ाचषग न कहाrdquo महामान म तो यमदत को तभी आजा दता जब उस ाी का सारा लखा - जोखा समा हो जाता ह अभी माननीय नारद जी क मतय का समय आया नह ह अभी उनका कछ कया नह जा सकता ldquo ासजी न नारद स कहाrdquo दखो नारद अभी तमहारा समय आया नह ह तभी तम जीावत हो चलो चलत ह अब ापछली घटना को भल कर आग क सोचो ldquo बस इतना ही कहना ा क ाचषग न र ासजी को बलाकर कहा rdquo ह ऋाषवर इनक कणडली म यह ालखा ह क मतय तभी इनको गल लगा सकती ह जब य एक सा आपको मझ यमराज और उनका वाहन भस का एक सा दशरन करग चक इनक ारा यह कायर पर हो चका ह अत इनका जीवन पर हो गया ह ldquo बस इतना ही ा क नारद जी को आवाज आन लगी अर दवष दवष मझ कब स पयास लगी ई ी मरा गला सख गया ह कनत आपन मझ अब

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तक पानी नह दया कहा ह पानी ldquo य साकात नाराय क आवाज सन नारदजी को होश आया और भगवान क चर म पड़कर ागड़ागड़ान लग यह कहत ए क rdquo ह नाराय आपन मझ अचछा सबक ासखाया ह मन आपस बहस कया कर लीआपन मझ मायाजाल का साकातकार करवा दया कमा काजए म आपको पानी नह ापला सका मरी वजह स आपका गला खब सख गया होगा ldquo यह कहत ए उनक अधारा स नाराय क पाव धल गय और भगवान न कहाrdquo दवष आप चातत ना ह आपन अधारा स मर चर धोकर ानसवार सवा कर दी मरी पयास बझ गयी ह अब आप म ह ldquo र नारदजी खशी स नाराय-नाराय कहत ए ानकल गय

घाट का पतर

(बषव बहरा अाधकारी सवकक)

माता-ापता और जनम भाम को छोड़ कर हम सब बन गए ह घाट का पतर धनय ह वह महापष ाजसन हम साापत कया म उस महापष क ावषय म व रन नह कर सकता शायद म अात पाप क कार पतर बन गया लोकन म आशा करता क भावषय म मरा भागय बदल जाएगा चक म लोग क मन स सवा करता इसका ल हमको भगवान अवशय दग लोग का सवा करत ndashकरत मरा आकार भी बदल गया परनत सवा करत ndashकरत मरा नाम रोशन हो रहा ह बालक हम सता का अनभव हो रहा ह मर कमर क चलत मरा भागय बदल रहा ह म हमशा जलम रहता और पीठ पर ातदन मार झलत रहता शायद ही ऐसा पीड़ा इस ससार म कसी को ामलती होगी मरा सानानतर भी नह ह म कई महापष को दखता आया कतन महाराय न ा तयाग दय लकन तबस म यहा अकला पड़ा म हर मौसम क मार झल रहा ब-बढ़ क सवा करत-करत मन कछ पणय कमा ालए ह और आशा करता क मझ को भावषय म मानव जनम ामल सकता ह मानव जनम ामलन स म आपका भजन-करन कगा

ऐस दखतndashदखत कई यग क बाद हमको मानव जनम ा आ मानव जनम म अगर इस धराष म दखा क यहा ऊच-नीच जात-पात नीात-ानयम ावदन पाचार अनयाय ndashअतयाचार चमर-अचमर का ताडव नतय चल रहा ह दखकर मर मन म परवतरन आ गया क भ मझको मरा ापछला जनम वापस द दीाजए

पतर जनम म रह कर मरा कोई-कोई साी अचछ कमर क चलत मदर म सान ा कर ालया ह कोई-कोई तो ठाकर बन गय लोग-ातदन उनक पजा करत ह

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हम लोग म स कोई-कोई सामाजक कायर म सहयोग दान करत ह कोई गह-ानमार म सहयोग द रह ह तो कोई मदर-ानमार म सहयोग द रह ह कोई तो सीधा मत बन गय इसीालए उनक मन म घमणड आ गया अहलया न पतर होन क नात भगवान का दशरन पा ालया इसालए पतर जनम होन क चलत उनक मन म का अह भाव आ गया

हमार अनदर ावाभ प भी ह याः लोहा पतर चना पतर सगममरर काला पतर (नाइट सटोन) मलायम पतर (soft stone) इतयाद लोहा पतर जो दश क ानमार म काम आता ह चना पत जो ासमट ानमार क काम म आता ह सगममरर घर और मदर का शर (flooring) म काम आता ह काला पत घर का शर और आला बनान म काम आता ह मलायम पतर ाशलप कला क ावकास म योगदान दत ह पतर जनम होकर भी म का गवर महसस करता मरी भगवान स अानतम ावनती य ह क आप मझ अानतम समय म दशरन दन को कपा कर

न हमको पतर जनम चााहए न हमको मानव जनम चााहए हमको तो ास र इस भव सागर स पार होना चााहए

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जयादा लोभ न करना (पाडव कानटया सहायक सवकक)

मनषय भगवान क साप ह इसालए वह भगवान का अश ह जब तक वो मा क गभर म ा तक तक वह मोह-माया स वाचत ा एव हमशा भगवान क समीप ा लकन जब वो पथवी पर अवती र आ उसको मोह-माया न घर ालया पाच साल तक वो ईरीय सा म रहता ह इसालए कहा जाता ह क ldquoCHILD IS THE INCARNATION OF GODrdquo इसक बाद मोह-माया म आकषत हो कर ईरीय सा को भल जाता ह बचपन म वो बत आजा और मोह-माया राहत और चरषवान रहता ह जब समय बढ़ता जाता ह तब उसक समसत उम ग धवस होकर गलत मागर पर चला जाता ह

बचपन म ावा ाशका जवानी म ी दीका एव पारवारक ाचनता म म होकर वह समसत मौालक सा को खो दता ह सबा नप होकर सबा म आ जाता ह दव का नप होकर राकस वा जारवत होता ह एव परवारक जगल म सकर भगवान का नाम लना भल जाता ह अपना परवार का भर पोष क ालए कठन परम करता ह लकन उनका पट भरता नह ह ईर क सा को भल जाता ह और अनत म पशकतव को ा होता ह शरीर रोगसत हो जाता ह दाप शा की हो जाती ह चलन ndashरन म असमर रहता ह रात को नद नह आती ह र भी लोभ को छोड़ नह पाता ह अपन बीवी-ब ता परवार क बार म सदा सोचन लगता ह शरीर वावसा को ा होता ह परवार क कोई भी सदसय पछत नह ह

परवार क लोग उसको ढग स खाना भी नह दत ह उसको घर स दर रखत ह र भी यह अधम मनषय भगवान क बार म सोचता नह ह लोभ का अनत नह होता ह पाप का बोझ बढ़त जाता ह अनत म नरक को ा होता ह र भी मनषय भगवान को समझ नह पाता ह परवार क ालए इतना बड़ी ददरशा झलता ह उनको कोई भी नह पछता ह उसक ारा जमा क गई पजी को परवार वाल उनक सामन मौज करत ह

लोभ मनषय को अनधा बना दता ह आदमी क हतया करत ह लोभ क वशीभत होकर दसर क समपात को लटत ह ाजसस समाज म पाचार बढ़ता ह इसालए ह मानव तम कय लोभ करत हो लोभ नह करक भगवान का समर करो हर कतरन करो तप जप करो और सवगर क अाधकारी बनो उम कमर करक भगवान क शरागत हो जाओ भगवान तमहार समसत सख-दख का भार वाहन करग

सवरधमारनपरतयजय मामक शर ज अह तवा सवरपापभयो मोकायषयााम मा शच

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इसालए अचछा कमर करक पणय कमाना ह हमशा धमर क जय और पाप का कय होता ह धमर-कमर करक ावजय ा होगी लकन अधमर म जाकर नरक गामी नह होना

एकदा अनधा राजा धतरा सजय को पछा क ldquoह सजय इस धमर य म कसक जय होगी उर म सजय बोल क ldquoयष योगर कषो यष पा धनधरर तष ी ावजयो भात वा नीातमरातमरम ldquo अारत जहा योगर कष एव धनधाररी अजरन एक सा ह वहा ावजय ानात ह

इसालए दखा गया क हमशा धमर क जय और अधमर क पराजय होती ह धमर सवचछ ानमरल लकन अधमर कदाकार कात ह इसालए लोभ-लालच म वशीभत न होकर सत

कमर करो अनयाय का परतयाग करो लोभ मत करो जीवन म कप करक जो धन कमा ालया वो सब इस धरती म रह जाता ह अानतम क म सा कोई नह ल जाता इसालए अनधर म भटक नह जाना इसालए कहा गया ह क-अात लालच नह करना अात सवरष गहतम अारत अात सवरनाश का कार ह

अात दप हता लका

अात मानसय कौरवा अातदारन बाल वध अात सवरष गहतम

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टटा वक का अाभमान (चरदास नाराय गडम सवक सहायक)

वन म खड़ एक वक क सा ालपटी एक लता भी धीर-धीर वक क बराबर हो गई वक का आय

लकर उसन भी लना ndashलना आरभ कर दया बल को लत ndash लत दखकर वक को अहकार हो गया क म न होता तो लता अासततव हीन होती वह लता को धमकात ए बोला ओ बल चपचाप मरा कहना माना कर म जो कह रहा वह कया कर नह तो ध मार कर भगा दगा पड़ का लाप जारी ा क दो पाक वहा स ानकल एक बोला अर भाई जरा दखो तो यह वक कसा सदर ह इस पर कसी सदर लता पाषपत हो रही ह आओ इसक नीच ोड़ी दर ावाम कर अपना महतव लता क सा ह यह जानकर वक का अाभमान भी नप हो गया सा ndash सा रहन स ही सबक गात होती ह

बटी (डी राव बाब पटल ाचषक ड-II)

बटी घर क लाज होती ह पापा क सर का ताज होती ह दल क सदा स रही ह इचछा बटी तझको ह पाना आई हो मर जीवन म जस एक ननही कावता राह दखता म तरी जलदी स मर पास आना मा क गोद म सदा रहती हो कछ पल मर पास भी आना न चाहत ह अब धन दौलत क त ही लमी त ही मरी मत भी डर लगता ह सोचक जब एक दन छोड़ क जाएगी त कतना मझ लायगी त बटी होती ह बाबल क लाड़ली

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यह ाज़नदगी (सययद इदरीस पटल ाचषक ड ndashII)

बठ जाता ह ामी प अकसर कय क मझ अपनी औकात अचछी लगती ह

मन समनदर स सीखा ह जीन का सलीका चपचाप स बहना और अपनी मौज म रहना चाहता तो ह क य दानया बदल द पर दो व क रोटी क जगाड़ म सरत नह ामलती दोसत महगी स महगी घड़ी पहन कर दख ली व र भी मर ाहसाब स नह चलता य ही हम दल को सा रखा करत पता नह ा क कमत चहर क होती ह अगर खदा नह ह तो उसका ाज कय और अगर खदा ह तो र कय

lsquorsquoदो बात इसान को अपन स दर कर दती ह एक उसका ldquoअहम rdquo और दसरा उसका ldquo वहमrdquo पस स सख कभी खरीदा नह जाता और दख का कोई खरीदार नह होता मझ ाज़नदगी का इतना तजबार तो नह पर सना ह सादगी म लोग जीन नह दत मााचस क जरत यहा नह पड़ती यहा आदमी आदमी स जलता ह ाव क बड़ स बड़ वजाानक यह ढढ रह ह क मगल ह पर जीवन ह या नह पर आदमी यह नह ढढ रहा ह क जीवन म मगल ह या नह

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जीवन म न जान कौनसी बात ldquoआखरी rdquo होगी न जान कौन सी रात आखरी होगी ामलत जलत बात करत रहो यार एक दसर स न जान कौन सी ldquo मलाकात rdquo आखरी होगी अगर जदगी म कछ पाना ह तो तरीक बदलो इराद नह ऐ चाद त कस मज़हब का ह ईद भी तरी और करवाचौ भी तरा

उगालय क लड़ाई

(शख महबब पीरा पटल ाचषक)

एक दन हा क सभी उगालया आपस म लड़न लग अगठा बोला म सबस बड़ा सभी जगह जरी कागज पर मझस ही ानशान बनाया जाता ह तजरनी बोली-ldquoम बड़ी मर होन स ही सब लोग काम कर पात ह जस-ालखना खाना पकड़ना मधयमा बोली-ldquoअर भई कया तम नह जानत जो आकार म लबा होता ह उस ही सभी बड़ा कहत ह अनाामका सब बात चपचाप सन रही ी वह तरत बोली ndashldquo म सबस बड़ी म तो पजा करन क भी काम आती मर स ही रोलीातलक लगाया जाता ह कानाका सभी को लड़ता दखकर उदास ी वह चपचाप एक कोन म कछ सोच रही ी तभी अगठा व तीन उगालया उसक पास गई और बोली- ldquoअर छोटी तम तो बड़ी हो ही नह सकती कयक तमहारा नाम ही कानाका ह कानाका बोली ldquoसनो अगठ भाई और पयारी उगालय आपस म लड़कर कभी कसी का भला नह हो सकता हमम कोई भी बड़ा-छोटा नह ह हम सब ामलकर मी बन सकत ह तभी हम सब बलवान हग कया तमह नह मालम क बद मी म ही ताकत होती ह इसालए हमारा लड़ना बकार ह rdquo कानाका क बात सनकर सभी एक सा बोल- ldquoहा छोटी बहन तम ाबलकल सही कह रही हो सचमच अकल म तम ही हम सबस बड़ी हो rdquo

इस नीात का स एकता म बल क ाशका ा होती ह

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तलगाना- भारत का एक और नया राजय (शलबाला खडरी मानाचषकार)

तलगाना भारत क दाकी भाग म ासत भारत का 29 वा राजय ह कषल क दाप स यह दश का

बीसवा बड़ा राजय ह ाचीन हदराबाद रयासत का अाधकतम भाग तलगाना राजय म ालया गया ह जहा आजादी स पहल ानजाम का राजय ा सन 1947 म जब भारत अज क चगल स आजाद आ उसक बाद भी हदराबाद का ानजाम अपनी रयासत सय भारत म ावलीन करन क पक म नह ा वह अपनी रयासत पर अपना ही सवतष शासन चाहता ा अतत सरदार बललभ भाई पटल क अक यास स इस रयासत को भारत क मखय धारा म ावलीन कया जा सका इस कार आन दश राजय क सापना ई और 26 जनवरी 1950 को ी एमक वललोड़ी आन दश राजय क म मखयमषी ानय ए 1956 म हदराबाद रयासत को आन दश राजय म ावलीन कर दया गया

2 जन 2014 म पनः तलगाना राजय अासततव म आया आन दश राजय क उर पामी 10 ाजल को ामलाकर तलगाना राजय क सापना क गयी ह राजधानी हदराबाद भी तलगाना राजय म ासत ह परनत 10 वष तक हदराबाद दोन राजय याान आन दश और तलगाना राजय क सय राजधानी रहगी दोन राजय क शासानक कायर हदराबाद स सचाालत हग तलगाना शबद का ादभारव ाषलगा दश शबद स आ ह ाजसका अर ह तीन लगो वाला दश तलगाना राजय क तीन दशा म कालरम ीशलम और ाकारामम ास ाशव मानदर ासत ह ाजनक अपार धामक महा ह वासतव म पक तलगाना राजय क ालए 1946 स 1951 क बीच ही ारमभ हो गया ा उस समय कमयानसट पाट न इस आनदोलन का नततव कया ा जो असल रहा भाषा क आधार पर तलगाना और आन राजय को पक करन क ालए अनक आनदोलन समय-समय पर होत रह ह इनम मखय आनदोलन 19691972 और 2009 क ह इन आनदोलन का यह भाव आ क 9 दसमबर 2009 म भारत सरकार न पक तलगाना राजय बनान क कायरवाही श कर दी य घोषा सनत ही तटीय आन व सीमान कष क लोग न सम आन दश क पक म आामक आनदोलन ारमभ कर दया और ऐसी ासात म भारत सरकार न यह कायर 23 दसमबर 2009 तक सागत कर दया इसक पात भी लगातार पक तलगाना और सम आन दश क ालए अलग-अलग आनदोलन चलत रह पक तलगाना क पक म कई आतम - हतयाए ई हड़ताल क गयी ाजसस जन साधार को बत असावधा का सामना करना पड़ा अतत पक तलगाना समरक क जीत ई और कास कायरकारी सामात न सवर सहमात स 30 जलाई 2013 को पक तलगाना राजय क ासारश करत ए ाबल तयार कर दया अनक सोपान पार करत ए यह ाबल रवरी 2014 को ससद म पारत कया गया रवरी 2014 दश पनगठरन एकट क तहत यह ाबल ससद म पास हो गया इसक पात इस नय राजय तलगाना ाबल को रापात ारा सहमात ा ई और माचर 2014 क गजट म इस कााशत कया गया इस कार नय तलगाना राजय क सापना ई

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ाशासकय प स तलगाना राजय क सापना 2 जन 2014 को ई क चन शखर राव क पाट ldquoतलगाना रा सामातrdquo न चनाव म दश म बमत हाासल कया और इस कार ी कचन शखर राव तलगाना राजय क म मखय मषी चन गए

म महगाई (डॉ नीलम कमार ाबड़ला अाभलखपाल)

म महगाई महग दशभ लोग क आमष पर भारत आई तज गात लान गात म भारत आई मझ गलत मत समझो गरीब बत ठीक बमत दकर तमन ाजनको बत उठाया म तो उनह क तीक भौातक वादी यग म योग ासखाती म भख पट न सोए कोई कडालनी जगाती म धयान प म च मारकर मन जय ऊपर चढ़त-चढ़त र तक आ जाता ह भाव वसत क वस ही र तक ल आई

अब इस यग म एक तल क पीप को पा लन का अर को पा लना ह भ दशरन क झलक दखना एक टमाटर खा लना ह भारत का आदशर तयाग ह अनासा ह अपरह ह मझको पाकर लोग वसतए तयाग रह ह अपनी खद क कार छोड़ बस क पीछ भाग रह ह म लोग को तड़क भड़क स खच

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सादगी ासखाती टरीलीन क शौकन को ला पहनाती माया जीवन का बधन ह पया पसा मल हा का म वतन भोगी लोग क बधन दो दन म हर लती शी छड़ाकर मल हा का शीश सा ानमरल कर दती

नीात ालखन वाल न कम खाना या गम खाना अचछा बतलाया मन उनका कन ानभाया ाजतनी चीज महगी हगी उतना ही जन कम खाएग ाजस दन रोटी नह ामलगी उस दन खद ही कम खाएग

शकल पक क चाद सरीखी बढ़ती म खब चादनी लाऊगी अभी दज तक ही आई परमासी तक जाऊगी

करो कलपना जब भारत जन कतन सदर दखा करग ग चावल चना बाजरा जब पाड़य म ाबका करग बीमार को दध दहीघी क इजकशन लगा करग कसा मधर जागर होगा लोग भख स जगा करग

आतक हमला

(डॉ नीलम कमार ाबड़ला अाभलखपाल) 13 दसबर 2001 ससद प पाक आतक हमला 13 रवरी 2014 ससद म भारतीय आतक हमला

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शमरसार ई ससद पच ाड़ गए नयी तहजीब क झड गाड़ गए

उड़ाया गया काली ामचर का पाउडर सपीकर का नह सना आडरर आख जलन लग सास लन लगी ससद पर नगी तलवार झलन लगी

घायल आ जातष और सावधान मदर क पजारय न कया मदर का अपमान ऐस आतकय को सबक ासखाना होगा र नया इातहास बनाना होगा

बाल-म (वाइकराकश कमार खलासी)

बालपन क कलकारी धप क ताप स आ मक पोी छोड़ी कदाल खोदत हा क मार अचक कचड़ आधी म म करना आ मजबरी गरीबी क पराकाा पट और पीठ क घटती दरी कछ धनहीनता और कछ माता-ापता क मखरता कनत सबस जयादा सवा समाज क सवदनहीनता ाजसन बालक को ामक बनन को बाधय कया लखनी को छीनकर कोमल हा म छडी पकड़ायी

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गाय-बकरी क सवा करता बालय-जीवन कप अपन भावषय को दर करता अजान और अबझ ावोपाजरन क कसको ह सरत ासात तो ऐसी ई दो दान अ क ालय बालपन चोर बनन को आतर आ

दोसती

(ाचा कडयया खलासी)

गलाब एक ल ह

एक घनट म मरझा जाता ह पर दोसती एक शा ह कभी भी जीावत रहती ह

बर ठडी होती ह जो पकड़ म नह आती ह

दोसती सोन जसी ह जो कभी कोई नह खरीद सकत ह

तार क पाच अनत (END) ह चौकोन क चार अनत ह तीकोन क तीन अनत ह

एक रखा का एक अनत ह पर दोसती का कोई अनत नह ह

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मर जीवन का उशय (कमारी ाया सातव कका सपषी एम सबीता उाल)

कग नयज भारत का खतरा पाकसतान न कशमीर पर हमला कया ह कछ दन बाद helliphellip कग नयज पाकसतान क ाखला भारत क रका करत ए वीर सानक

का भारी नकसान इन खबर न भारत को ाहला दया ा म भी सोच म पड़ गयी क म भारत क ालए कया कर सकता भारत को इन हमल स कस बचा सकता मर मन म ास र एक ही खयाल आया क भारतीय सना का एक जवान ासपाही बन

जव मन यह बात अपन दोसत स कही तो उसन कहा क ासपाही बनना खतर स खाली नह ह और परवार स दर सरहद पर खतर स भर जीवन मर ालए कपद होगा लकन मन ठान ालया ा क म कछ ऐसा कगी क पर दश म मरा नाम हो ाजस दखकर मर अपन का ासर गवर स ऊचा हो जाए

मर ानय को सनकर मरी मा रोन लगी मझ लोभन दया क म ापार क मर दोसत न मझ डाकटर बनन का सझाव दया पर मन सोचा क भारत म कई डाकटर ह ापारी ह भारत को डाकटर या ापारी क नह बालक सानक क जरत ह

म भारत क ालए अपनी जान भी दन क ालए तयार मन सोचा सब अपन परवार को सराकत

रखना चाहत ह र भारत - भाम तो मरी मा ह मरी ही कय हर एक क मा ह तो हम सब का कतर बनता ह क हम इसक रका कर इसीालए मर जीवन का उशय ह क म एक ासपाही बन और भारत क सवा क

मखर ामष स समझदार शष अचछा होता ह (मासटर सनीत चौी कका सपष एम सबीता उाल)

एक दन म और मरा सबस अचछा ामष राव बठ यह सोच रह क हम परीका क ालए अभी स पढ़ाई श कर दनी चााहए या नह राव न तपाक स कहा क अभी स पढन स कोई लाभ नह होगा अगर हम परीका क एक दन पहल पढ़ग तो जयादा दमाग म रहगा तभी वहा स मरी कका का दसरा छाष रमश गजर रहा ा मझ रमश ाबलकल पसद नही ा और रमश भी मझ पसद नह करता ा बात-बात पर हम लड़ाई करत पर पढ़ाई म वह मझस बत अचछा ा उसन हमारी बात सन ली ी

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इसालए धीर सवर म मझस बोला अपन मखर ामष क बात मत सनो बस रोज मरी तरह ोड़ा-ोड़ा पढ़ो लकन मन उसक बात पर कान नह धरा एक महीन बाद परीका क दन आ पच परीका क एक दन पहल जब मन पढ़ना श कया तब पाया क पढ़न को बत ा पर समय कम ा जस -तस पढ़ कर मन परीकाए ालखी और उममीद करता रहा क म परीका म उी र हो सक कछ दन बाद परीका का पराम ानकला और वही आ ाजसका डर ा म और ामष राव अनी र हो गए दसरी ओर रमश बत अचछ अको स उी र आ उस दन मझ समझ आ गया क मखर ामष स समझदार शष अचछा होता ह

भावषय क पढ़ाई (मासटर ाशव कलया सातव कका सपष वालल कलयाी उाल)

आज जब हम पढ़ाई या सकल क बार म सोचत ह तो नजरो म एक भारी बग उठाता आ

छाष दखता ह कताब क ाबना हम सकल जान क सोच भी नह सकत कताब क सा कपयटर भी पढ़ाई का महतवपर ाहससा बन चका ह

कछ साल बाद भारी कताब स भर बग क बदल छाष क हा म टबलट होगा आकाश टबलट एक ऐसा यष ह ाजसम हम तरह-तरह क कताब पढ़ सकत ह हम कका म ही नट स जानकारी पा सकत ह टबलट ोन स बड़ा ह और जयादा महगा भी नह हम इस कह भी ल जाकर इसम कताब पढ़ सकत ह हम इसम कका का दया गया कायर भी कर सकत ह यह टबलट पढ़ाई का अदाज बदल दगा और पढ़ाई को मजदार बना दगा

पानी और धप (कमारी एस साानया पाचवी कका सपषी राजया बगम अाल)

अभी-अभी ी धप बरसन लगा कहा स यह पानी कसन ोड़ बादल को क ह इतनी शतानी

सरज न कय बद कर ालया अपन घर का दरवाज़ा उसक मा न भी कया उसको बला ालया कहकर आजा

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ज़ोर-ज़ोर स गरज़ रह ह बादल ह कसक काका कसको डाट रह ह कसन कहना नह सना मा का

परीका (कमारी शख राजया सलताना गयारहव कका सपषी शख महबब पीरा पटल ाचषक)

ाजस नाम को सनन स कापता ह बा वो ह परीका परीका पपर हा म आत ही इतना डर लगता क यद अचछा नह कया तो ापटना पा तीन घट म लगभग करन होत ह चालीस सवाल एक भी छटा तो घर म आता ह भवडर रजलट क एक दन पहल रात को नद नह आती ह अचछ नबर पान क ालए भगवान क याद आती ह पास होन पर ामलता ह इनाम और मख स ानकलता ह ldquoकय भगवान rdquo र आती ह अगली कका तब भी मख स ानकलता ह हाय र आ गयी र स परीका

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राीय साकरता (मासटर शख समीर छठी कका सपष शख महबब पीरा पटल ाचषक)

ातदन सीखो अकर एक

ानयम बना लो ऐसा पढ़ो पढ़ाओ सीखो जान

तभी बनगा दश महान ावा सा जान कराती

मन का अधरा दर भगाती जहा पर बनत लोग जानी

वहा न होती मन क हाान अनपढ़ क ालए गगी पोी

धन दौलत भी होती ोी पढ़ा ालखा नह धोखा खाता

जहा भी जाता आदर पाता

मा (मासटर शख महबब बाशा आठव कका सपष शख महबब पीरा पटल ाचषक)

सबस सनदर जग म कौन बस एक त ह मा

सबस पयारी कसक मसकान बस एक तरी ही ह मा

कसन बनायी मरी पहचान तन ही तो मरी पयारी मा

कसक बोली ामी स मीठी तरी ही ह मरी मा

कसक डाट ह इमली स तीखी तरी ही तो पयारी मा

कसक ालए क म सब कबारन तर ालए मरी पयारी मा

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ाततली (कमारी एम राशका ाशवानी पाचवी कका सपषी एम लम कमार उाल)

ाततली तम कतनी

रग-ाबरगी होती हो तम सब ल का रस पी-पीकर

बाग-बगीच म रती रहती हो तर पख कई रग क होत ह

तमहार प को दखकर ब बत खश होत ह

मरी कका

(कमारी एम राशका ाशवानी पाचवी कका सपषी एम लम कमार उाल)

मरी कका म ह पचास ब हर एक ह अलग-अलग जस एक ह लबा एक ह छोटा एक ह मोटा एक ह पतला कछ ह अचछ कछ ह बर पर लगत ह सार पयार मरी कका ह रग- ाबरगी लगती ह ाततालय का झड ह

मझ बत पसद ह कयक यह हमारी कका ह

Page 9: कलाकल - Home: Survey of · PDF fileतेलंगाना-भारत का एक ... भी यह पि का ‘कलाकल‘ सुनदर प म िनखर

2

बल जीपीएस 5700 एव अकय लवल ारा कातज एव ऊधवर ानयष का ावधान कया गया

सव का कल मलय 283000- ा एव मागकतार स प र भगतान ा कर ालया गया समय सीमा क अदर कल 10 जी पी एस बद 50 क मीक दोहरी ततीय ी तलक (DT Levelling) एव 15 कमी क

मालारख (Traversing) कायर प र कया गया

2 इदरा सागर पोलावरम परयोजना

आ दश क पाम गोदावरी ाजला पोलावरम मडल क रामययापट ाम क पास गोदावरी नदी पर सोची गयी बउशयीय बहत परयोजना ही इदरा सागर पोलावरम परयोजना ह जो पोलावरम परयोजना क नाम स बचचत ह ान उललाखत सान म कातज (डीजीपीएस क मदद स सानाक ानात करना)एव ऊधवर ( तल-ाचहन का सतयापन) ानयष का ावधान करन का मखय कायर ा

i सताावत 960 मगावाट जल ावत ाबजली घर क धरी ii ामी एव पतर स ानमत बाध iii उबड़- खाबड़ मागर

सव कायर( रक एव सवक ) का कल लागत मलय 1675800- ा और मागकतार स परी रााश ा कर ली गई एक अाधकारी सवकक दो सवकक एव छः खलाासय क टीम क तनाती क गई पर कायर हत 30 दन का समय दया गया और ानयत अवाध क अदर ही कायर सप कया गया कायर समाा हत कल 17 जीपीएस बद सान एव 200 रखीय क मी का दोहरी ततीय ी तलक (DT Levelling) का ावधान कया गया

3 बड़ामी मख नाली सवक

बड़ामी मख नाली सवक कषा ाजल क सचाई CADD ावभाग क ालए ह जो एानकपाड सघ राजय कष स पा औतपलली क सघ राजय तक क 25 कलो मीटर क लबाई क नाली क मापन क सवक क ालए ह सवक क ालए रक कायर परा हो गया ह सवक क ालए ानधाररत लागत Rs58700 - ह मागकतार स रााश ा करना अभी बाक ह

4गालार आराकत वन सीमा सवक

भागीय वन अाधकारी कोागडम खममम ाजल क माधयम स गालार आराकत वन सीमा सवक कायर माननीय उ नयायालय हदराबाद क आदश क अनसार आ दश भ साानक आकड़ा क को आवटत कया गया ह यह खममम ाजल म सतयापन क ालए ह जगल का कषल 500 वगर कलो मीटर ह और ाराभक रक परा कर ालया गया ह सवक कायर क अनमाानत लागत Rs22 10000 - ह मागकतार स रााश ा करना अभी बाक ह

3

5 ADRIN उतपाद का जमीनी सतयापन

भारत क महासवकक ारा यह परयोजना कायर आ दश भ साानक आकड़ा कन को सपा गया ा इस कायर का मखय उशय भ ानदश उतपाद स सदभत आकलन करना ह कल कषल 18225 वगर कलोमीटर ह रक एव सवक कायर पर करन क ालए तीन साह का समय दया गया ा और दो अाधकारय चार कमरचारय को तनात कया गया ा समय पवर ही कायर पर कर ालया गया जीपीएस ारा 51 जीसीपी बद सान का ावधान कया गया

6 टर हदराबाद गाइड़ मप

टर हदराबाद गाइड़ मप का कायर आठ खनड म पर कर ालया गया ह

7 समाकालत तटीय कष बध परयोजना (ICZM)

क ीय पयारवर एव वन मषालय क अतगरत समाकालत तटीय बध सामात (SICOM) ारा इस परयोजना को ालया गया ह परयोजना का उशय

डलटा कष को छोड़ 7 कमी क चौड़ाई क सा कनयाकमारी स बगलादश सीमा तक भारतीय तट रखा क पार म 2400 कमी क तय दरी का 110000 क पमान पर मानाचष बनाना पव तट क कल कष को र चार कष म कष ndash 567 एव 8 क नाम स ावभाजन कया गया अपन आ दश भ साानक आकड़ा क क कायर कष म कष 6 एव कष 7 पड़ता ह कष 6 म पड़न वाल

-

कष को 8 उप-खणड म एव कष 7 म पड़न वाल कष को 12 उप-खणड म पनः ावभााजत कया गया कल कायर को मससर ाजयोडीस आइआइसी टोलोाजस एव इनोासस को ठक पर दया गया

मससर ाजयोडीस का उतपादन कन हदराबाद ासत भारतीय सवक ावभाग क भारतीय सवक एव मानाचष ससान क भवन म ासत ह ाजसका उरदाायतव कष कष-6 एव 7 ह जो आ दश भ साानक आकड़ा क क कायर कष म ह

ठकदारी क शत क अनसार आ दश भ साानक आकड़ा क न ानयाषत सवक कायर सप र कर दया ह जस 10 स 50 क मी क दरी पर जी सी पी एव 1 स 3 क मी क दरी पर तल- ाचहन मससर ाजयोडीस क ावधान हत

अब तक कष 6 म 8 उप- खड म स 7 उप-खड म ासत और कष 7 म 12 उप- खड म स 11 उप-खड म ासत 10 स 50 क मी क दरी पर जी सी पी एव 1 स 3 क मी क दरी पर तल- ाचहन का व रन रखााचष एव समतलीय सानाक आ दश भ साानक आकड़ा क न सतत कर दया ह

चक दोन कष क कछ उप-खड म र सान पाया गया ह आ दश भ साानक आकड़ा क न मोगलत एव मछलीपनम उप-खड क र सान क पत हत पनःसवक कायर कर दया ह इस दौरान कल 181 कमी का दोहरी ततीय ी तलक (DT Levelling) करत ए 17 जी पीएस बद

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सान का ावधान कया गया तााप र सान म पड़न वाल कष 6 क 3 उप- खड और कष 7 क 2 उप- खड का सवक कायर अपर महासवकक दाकी कष एव परयोजना ानदशक आइ सी जड़ एम स शासानक एव ावीय अनमात ा होन पर कर दया जाएगा

मससर ाजयोडीस न हवाई ाषकोीयकर हत नलल उप- खड का ानयष ावसतार करन क ालए लड सवक कायर समा कर दया ह इस ावसतत ानयष को आ दश भ साानक आकड़ा क ारा अनमोदत कया जाना ह

समसत उप-खड का हवाई ाषकोीयकर एव अकयकर क पात मससर ाजयोडीस आ दश भ साानक आकड़ा क को अनमोदन हत सारी अातम ााया सतत करगा

आ दश भ साानक आकड़ा क ारा अातम अनमोदन क पात 20 उप-खड म पड़न वाल सार नकश का म कया जाएगा यह या दसबर 2015 तक समा होना ह

8 राीय शहरी सचना ाली (NUIS)

राीय शहरी सचना ाली का मोचन क ीय शहरी ावकास मषालय ारा 152 शहर का 110000 क पमान पर उपह छाया ाचष ारा एव 12000 क पमान पर हवाई ाचष ारा दसव योजना क तहत भ साानक आकड़ का ावकास करन क सा ndash सा जीपीआर (Ground Penetrating Radar) क मदद स 22 शहर का 11000 क पमान पर दो उपयोग क समाधान हत जस जल आपत मल-ानयारस उपयोागता मानाचष हत कया गया राजय नोडल एजासय (SNAs) ारा शहरी मासटर पलान और उपयोागता पलान क तयारी हत इन नकश का उपयोग कया जाएगा

उपरो परयोजना क ालए आ दश भ साानक आकड़ क का उरदाायतव ानानसार ह- i एनआरएससी ारा 110000 पमान पर उतपादन कया गया नकश क सरका ानकासी ii अातम नकश क सशोधन और गवा जाच हत एन आर एससी क सा समनवय iii110000 क पमान पर तयार नकश को राजय नोडल एजासय (SNAs) को दय हत अनय भ

साानक आकड़ा क क सा समनवय

इस राीय शहरी सचना ाली परयोजना क अतगरत 20 राजय क 152 शहर का कायर ालया गया और 68 शहर क अातम ााया उ भ साानक आकड़ा क राजय नोडल एजासय (SNAs) को भज दया गया लहाल एबयट आकड़ा जोड़न हत अलग- अलग राजय क उ भ साानक आकड़ा क राजय नोडल एजासय (SNAs) स ा 15 शहर का एव एमओजीएसजीएस सशोधन करन हत 2 शहर का आकड़ा एनआरएससी क पास ह अलग- अलग राजय क 67 शहर क आकड़ एबयट सह हत उ भ साानक आकड़ा क राजय नोडल एजासय (SNAs) क पास ह

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तााप आ दश भ साानक आकड़ा क न एनआरएससी एव अनय भ साानक आकड़ा क राजय नोडल एजासय (SNAs)स अचछ समनवय क सा अपना उरदाायतव भरपर ानभाया ह

9 आ दश कनारटक सीमा ाववाद

माननीय उतम नयायालय क ानदश क अनसार आ दश कनारटक राजय सीमा ाववाद को सलझान हत भारत क महासवकक न आ दश भ साानक आकड़ क को कायर आवटन कया इसका मखय उशय आ दश कनारटक राजय सीमा ाववाद को सलझान हत सीमा सतमभ का सापना करना ह तीन खड म रक एव सव कायर हत टीम क तनाती क गयी अब तक 172 जीपीएस ाबनद का पयरवक कया गया कायर अभी बाक ह

10 अनय ावावध कायर

उपरो परयोजना काय क अलावा इस भ साानक आकड़ा क न वषर 2014-15 क ालए ानालाखत काय क ाजममदारी ली ह

I 28 शीट क 150000 क पमान पर गवा ानयष

II 516 शीट क 125000 क पमान पर ओएसएम पानतर

III 150000 क पमान पर 354 शीट क वब चर सवा

IV हदराबाद कष म पड़न वाली 56 क 6 7 1011 डी एस एम शीट का अतन

V हदराबाद कष म पड़न वाली 56 क 6 7 1011 ओ एस एम शीट का अतन

VI 150000 क पमान पर तलग भाषा म चार शीट का मानाचष

VII तलगाना और आ दश राजय का नकशा 110 लाख क पमान पर तयार करना

ाहनदी एव टक अनभाग

22 मई 2014 को आ दश भ साानक आकड़ा क न एक नय अनभाग का गठन कया ाजसका नाम ldquoाहनदी एव टक अनभाग

rdquo रखा गया इसका मखय उशय यह ा क वाषक कायरम क अनसार इस ानदशालय स अाधकतम पषाचार हदी म ही करना इसक भारी इस आकड़ा क क राजभाषा अाधकारी ह एव इस अनभाग म एक अनभाग अाधकारी एक कान हदी अनवादक दो अवर ी ालापक क तनाती क गई ह ानदशक ारा अनमोदत मसौद को हदी म अनवाद कर इस ानदशालय स अनय ानदशालय कष एव महासवकक क कायारलय को पषाचार कया जाता ह lsquoगrsquo कष म हदी पषाचार का लय जो 55 ह उस ा करन हत यह ानदशालय अहम भामका ानभा रहा ह कोाशश जारी ह क वषर 2014-15 तक वाषक कायरम क अनसार यह ानदशालय अपन लय को ा कर लगा

6

सवक सहायक क वतन मान म पनरीक- माननीय नयायालायक आदश का कायारनवयन

अल 2013 म सवक सहायक क वतन मान म पनरीक का आदश ा आ सवक सहायक क हासयत स ाजनको ए सी पी ानयामत पदोात ामली उनक मामल को तरत ालया गया तााप एक सदह उठा क कया उ वतन-मान एमएसीपी ा सवक सहायक पर लाग कया जा सकता ह या नह और इस पर भारत क महासवकक स सपपीकर ा कया गया इसी बीच सवक सहायक क वतन मान क पनरीक क समाधान हत ानालाखत सदसय क सामात का गठन कया गया

1 ी कक गा अधीकक सवकक (अधयक) 2 ी एलएस शकर राव कायारलय अधीकक 3 ी एम यादी री सहायक 4 ीपी सतीश सहायक

इन मामल क ससाधन क ालए ानयामत आधार पर बठक आयोाजत क गई मामल ाजनक सपपीकर क जरत नह ी (लगभग 25 ) तरत ालय गय एव जलाई 2013 म कषीय वतन एव लखा कायारलय को सतत कय गय ाजनह उसी महीन म जाच तय कया गया

रवरी 2014 म सवक सहायक क वतन मान क पनरीक स सबाधत सपपीकर क ाा क बाद बाक क 45 मामल को (दोन पवर ndash 2006 एव उर - 2006 एसीपी) ानदश क अनसार मामल को 15-03-2014 तक तयार कया गया तााप ावीय वषर 2013-14 क अत म ानाध क उपलाबध न होन क कार इसको कषीय वतन एव लखा कायारलय को सतत नह कया जा सका

वषर 2014 -15 लखानदान क माधयम स ा ानाध स (12 सवा ानव मामल को जलाई 2014 म सतत कया गया और उसी महीन म तय कया गया) जलाई 2014 म ानयामत बजट क आबटन क बाद बाक क सभी मामल को अारत 10 (लगभग) अगसत 2014 म सतत कया गया और उसी महीन म तय कया गया आज क तारीख म सभी मामल को पर कर ालया गया और अनदश का अनपालन कया गया 70 मामल म स 22(लगभग) को आक लाभ ा आ और बाक (पवर -2006) मामल को साातक तौर पर वतन ानयतन कया गया अारत माननीय नयायाायक आदश क अनसार बकाया क आहर क ाबना

सामात क ानयामत आधार पर बठक ई और अधयक न मामल को पर करन म मागरदशरन दया ी एलएस शकर राव कायारलय अधीकक न अनय सदसय ारा कए गए वतन ानयतन मामल क पयरवक और जाच क सामात ारा दए गए समय सीमा क अदर सभी मामल को पर कया गया और समय समय पर ानदशक को ासात स अवगत करवाया गया

7

ाशक कोसर

आ दश भ साानक आकड़ा कन स ानालाखत अाधकारय को भारतीय सवक ससान म ावाभ कोस म ाशक दलवाया गया

म स अाधकारी का नाम(ीीमती) कोसर सखया ावषय

1 मोअजीममीन 49521 सवक अाभयााषक का मल ासानत

2 एन अानल कमार कय 5 भाम सचना का अाभकलप एव कायारनवयन

3 मोहममद अली शख 40092(ए) सवक पयरवकक

4 एस राव 40092(ए) सवक पयरवकक

5 अामत समर 40092 सवक पयरवकक

6 एलवीएम नायड 40092(बी) सवक पयरवकक

7 वी गोपाल राव 40092(बी) सवक पयरवकक

8 बी गोपाल राव 40092(बी) सवक पयरवकक

9 पी रावकर ातकोर भ-साानक ावजान

10 कोा ीानवास ातकोर भ-साानक ावजान

1 कनरल एस ीधर राव ानदशक न बगल ासत दाकी कष कायारलय म 21012014 स 23012014

आइसीजड़एम परयोजना स सबाधत ानदशक क सममलन म ाहससा ालया

सममलन ाशक

2 कनरल एस ीधर राव ानदशक न नई दलली ासत सव (हवाई) एव दलली भ साानक आकड़ा कन ानदशालय म राीय शहरी सचना ाली (NUIS) स सबाधत पनरीक बठक म ाहससा ालया 3 ी कक गा अधीकक सवकक एनएसडीआई क ालए ओरकल सपाशयल का ाशक ा कया |

ाशकता

आ ावावालय इजीानयरग कॉलज(ए) ावशाखपनम क 12 ावाय को 12-05-2014 स 06-06-2014 तक ाजयोडसी अकय ोटोाामात सलाकात सदर सवदन तलक अकय मानाचष एव भौगोालक सचना पात आद ावषय पर जानकारी दी गयी

8

वषर 2013-14 क ालए मानदय स परसकत कमरचारय क सची

म स नाम ीीमती कमारी पदनाम 1 पी म कमार अाधकारी सवकक 2 पीककर अाधकारी सवकक 3 एलकरासी अाधकारी सवकक 4 ए भाचारजी अाधकारी सवकक 5 एन अानल कमार सवकक 6 ीनीवास राव यादागर सवकक

7 क ओमकार सवामी सवकक

8 सागरका पताल सवकक

9 एमएस आर मत सवकक

10 एस बी चधर राव सवकक

11 अशाख अहमद सवकक

12 डी वकटा ीहरी सवकक

13 डीआरएस स कमार सवकक सहायक 14 सी एच गडम मानाचषकार ड II 15 ावजय सनीता गोप मानाचषकार ड II 16 पीक ातभा सहायक 17 ज कनक लमी मानाचषकार ड III

18 शलबाला खडरी मानाचषकार ड III

19 ए शलश वर ी ालापक 20 एम बगारी नायड वर ी ालापक

21 चपाल वर ी ालापक

22 एमलम कमार वर ी ालापक

23 एन वलली कलयाी वर ी ालापक

24 बीनागरम अवर ी ालापक

25 पठान इमाम कासीम अवर ी ालापक

26 एमअपपल राज एम टी डी 27 सययद जहागीर अली एम टी डी

28 शयामल दास एम टी डी

9

म स नाम ीीमती कमारी पदनाम 29 सी नारायना खलासी 30 महन कमार खलासी 31 एमओबयया खलासी 32 सी वीचलमयया खलासी 33 कालर खलासी 34 जी जया खलासी 35 क अपपा राव खलासी 36 पी काशम खलासी 37 क ईरयया खलासी

पदोत कमरचारय क सची

म स नाम पदनाम पदोात क

ाता ाजस पद पर पदोत ए

1 डीरघ रामल मानाचषकार ाडावजन -I 11-10-2013 मखय मानाचषकार

2 मो अजीमीन सवकक 06122013 अाधकारी सवकक

3 एम परमर राव सहायक 29112013 कायारलय अधीकक

4 जीशीला रानी मानाचषकार ाडावजन -II 23062014 मानाचषकार ाडावजन ndashI

5 एम वासदव वर ी ालापक 06052014 सहायक

सायीकर ा कमरचारय क सची

म स नाम पदनाम सायीकर क ाता

1 एमावजय कमार पटल ाचषकार ड़ -III 01012013

2 आर ीनीवास राव अवर ी ालापक 01012013

10

म स नाम पदनाम सायीकर क ाता

3 पी ामालनद कमार खलासी 01012013

4 गनकली पदममा खलासी 01012013

5 वाइ मानीकयममा खलासी 01012014

6 बी सवामी( अनसाचत जन जाात) खलासी 01012014

7 बी शाता ( अनसाचत जन जाात) खलासी 01012014

11

सानातर पर तनात कमरचारय क सची

म स

नाम ी ीमती

पदनाम सानातर क ाता

सानातर

स को

1 डीरघ रामल

मानाचषकार 11102013 भौ सप एव स स ानदशालय

आ भसा आ क हदराबाद

2 मो अजीमीन सवकक 06112013

(पवारहन)

भारतीय ाशक एव मानाचष ससान हदराबाद

आ भसा आ क हदराबाद

3 सतयभामा नायक सापना एव लखा अाधकारी

10012014 (पवारहन)

पब एव ास भसा आ क कोलकाता

आ भसा आ क हदराबाद

4 एनबी सरी अधीकक सवकक 22012014 मएव गोवा ानदशालय पन

आ भसा आ क हदराबाद

5 एस महबब दादार 17022014

(अपराहन)

मएव गोवा ानदशालय हदराबाद सकनध

आ भसा आ क हदराबाद

6 टीकष कमार अाधकारी सवकक 19032014

(अपराहन)

भारतीय ाशक एव मानाचष ससान हदराबाद

आ भसा आ क हदराबाद

7 एसराव टीटीटी lsquoएrsquo 17042014 पवारहन

भारतीय ाशक एव मानाचष ससान हदराबाद

आ भसा आ क हदराबाद

8 अामत कमार टीटीटी lsquoएrsquo 06052014 पवारहन

भारतीय ाशक एव मानाचष ससान हदराबाद

आ भसा आ क हदराबाद

9 बीराजन बाब सहायक 09062014 पवारहन

दाकी म वगर आ भसा आ क हदराबाद

10 जी शीला रानी मानाचषकार ाड-I 23062014 पवारहन

भौ सप एव स स ानदशालय हदराबाद

आ भसा आ क हदराबाद

12

सानातरत कमरचारय क सची

म स

नाम ीीमती

कमारी पदनाम सानातर क

ाता सानातर

स को

1 बीसीसा अाधकारी सवकक 16082013

आ भसा आ क हदराबाद

भा स एव स हदराबाद

2 एमएम मोहानत

अाधकारी सवकक 26082013

आ भसा आ क हदराबाद

ओड़ीशा भसा आ क भवनर

3 पीयादयया सवकक 11122013

(अपराहन) आ भसा आ क हदराबाद

क भसा आ क बगल

4 सनीता कालरा आशालापक

28042014

(अपराहन) आ भसा आ क हदराबाद

ानदशक सवक (हवाई) दलली भसा आ क नई दलली

5 शभा वी नायर

कायारलय अधीकक

07052014

(अपराहन) आ भसा आ क हदराबाद

भा स एव स हदराबाद हदराबाद

6 कवी चारी सहायक 06062014

(अपराहन) आ भसा आ क हदराबाद

दाकी म वगर

13

सवा ानवसवाचछक सवा ानव ए कमरचारय क सची

म स नाम पदनाम सवा ानवा क ाता टपपी

1 पीडीकमार अाधकारी सवकक 30092013 सवा ानव

2 एस कासम दादार 30092013 सवा ानव

3 भलनराम खलासी 15102013 (पवारहन) सवाचछक सवा नव 4 जी लाजर पटल ाचषकार ड़- II 31102013 सवा ानव 5 बीसीलममा खलासी 31102013 सवा ानव 6 पीदवदास मानाचष मॉउटर 30112013 सवा ानव

7 तनगटला राधा कषा भडार सहायक 31122013 सवा ानव

8 टीवकटयया दादार 31122013 सवा ानव 9 जी चयया माली 31122013 सवा ानव

10 पीसीबोरोल अाधकारी सवकक 28022014 सवा ानव 11 डीरघ रामल मखय मानाचषकार 28022014 सवा ानव 12 बी नासरयया खलासी 28022014 सवा ानव 13 बी ीपाल दादार 31032014 सवा ानव

14 क दानम खलासी 30042014 सवा ानव

15 कषा सरकार अाभलखपाल ाडI 31052014 सवा ानव

16 कपललयया पटल ाचषकार ड़ II 31-05-2014 सवा ानव

17 सीकडयया जमादार 31052014 सवा ानव

18 एमवकटवरल दफतरी 30062014 सवा ानव

19 पीअजरना खलासी 30062014 सवा ानव

20 यावर बगम खलासी 30062014 सवा ानव

21 एमाचा वकटममा

दफतरी 30062014 सवा ानव

22 एनबी सरी अधीकक सवकक 31082014 सवा ानव

14

समात शष

एसपी ईरयया खलासी

जनम ाता 01-07-59 ावभाग म भत होन क ाता 01-03-1997 स ानयामत भत सवगरवास 22-4-2014 परवार इनक परवार म पी क अलावा दो ब ह इनक आकासमक ानधन पर आ दश भ साानक आकड़ा कन क कमरचारय को गहरा आघात पचा और सभी न इनक परवार क ात सवदना क एव इनक आतमा क शाात क ालए ईर स ारना करत ए दो ामनट का मौन रखा सव ी एसपा ईरयया ाजनक आ दश भ साानक आकड़ा कन म कायररत रहत ए अल 2014 म अकाल मतय हो गयी ी उनक परवार क ततकाल मदद क ालए पर आ दश भ साानक आकड़ा कन क परवार न 25600- का ततकाल सहयोग दया

15

भडार का ाप

म स सामी भडार 1 वाटर कलर 01

2 एल ईडी मॉनीटर 15

3 कमपयटर टबल 30

4 कमपयटर कस 30

5 पलाासटक कस 236

6 एचपीाडजाइन जट टी- 1300 टर 01 आइ सी जड एम क अतगरत

7 कलर क समाटर एलए जीएस टी 42- सकनर

01 आइ सी जड एम क अतगरत

8 यपीएस क ालए 12 वोलट क बटरी 60

9 5 कपी का य पी एस 02 डी ए डबलय वी आइ सी जड एम क अतगरत

10 डलल कमपयटर 10

11 लाइका अकय लवल (डी एनए-03) 02 आइ सी जड एम क अतगरत

12 लाइका जीएनएसएस (जीपीएस दोहरी बारबारता)

02 आइ सी जड एम क अतगरत

13 3 डी ावजन कट 23 (18 आ भ सा आ क हत )

14 समसग एलसी डी मॉानटर 02

15 एचपी सकनजट 200 फलटटड- सकनर 01

16 डाट मकस टर 03

16

अनपयोजय भडार का अनपयोगी घोाषत

म स सामी मलय 1 साइबग उपकर 364574-

2 नचर आइटम 218844-

3 ोटोामीतीय उपकर 9125746-

4 कमपयटर और परधीय 4027273-

5 उपकर ( गौ सवक उपकर) 706943-

तदनसार अनपयोजय भडार क अनपयोगी हत नीलामी या क शआत हो चक ह

17

वषर 2013-14 क ालए ानाध का आबटन य

शीषर सवीकत अनदान

(हजार म )

अातर ानाध क मागाा

(हजार म )

भाकमसव ारा काटी गई (हजार

म )

इस कायारलय

ारा अभयपर

अातम बजट अक (पय

म)

य (पय म)

31-3-2014 को शष रााश (पय म)

वतन 114400 0 1400 0 113000000 112999869 131 मजदरी 500 350 0 0 850000 845802 4198 ओ टी ए 0 0 0 0 0 0 0 ाचकतसीय 2840 0 0 750 2090000 2089187 813 डी टी ई 1240 0 0 0 1240000 1239231 769 ओ ई 1409 125 94 1440000 1397157 2843 आर आरटी

240 0 0 16 224000 223875 125

ओ ईए 2 2 0 0 4000 3750 250

एसampएम 310 0 0 310000 309712 288 पी सवा 280 0 0 129 151000 149810 1190 अनदान 0 0 0 20800 20775 25

18

मनोरजन कलब का वाषकोतसव ndash 2013

आ दश भ साानक आकड़ा क ानदशालय क मनोरजन कलब का वाषकोतसव दनाक 10-01-2014 को ातः काल 1000 बज स सममलन कक म आयोाजत कया गया ाजसम मखय अाता भारत क महासवकक डॉ सव र सबबा राव उपासत ावशष अाता क प म ी एसबी शमार उप महासवकक भारतीय सवक एव मानाचष ससान उपासत ानदशक महोदय कनरल ीधर राव न सवागत भाष दया और मनोरजन कलब क साचव ी डीआरएस सन कमार न वाषक रपोटर सतत क सासकातक कायरम ारा सभी का मनोरजन कया गया मखय अाता न अपन भाष म कहा क इस ानदशालय न ी कनरल ीधर राव क नततव म बत अाधक एव सतोषजनक प स गात क ह और इस बात का भी उललख कया क व जब इस ानदशालय क ानदशक तब व य सब कायर करना चाहत परत इनह मतर प दन म कनरल ीधर राव ानदशक महोदय क महतवपर भामका रही ह ततपात एक ीात- भोज का आयोजन कया ाजसम करीब 230 लोग न भाग ालया ाजसक सभी न भर-भर शसा क

मनोरजन कलब ारा आयोाजत कए गए खल

करम

टबल टनीस

शटल

शतरज शॉट- पट धीमी साइकलग

पष सगलस माहला सगलस पष डबलस माहला डबलस

पष सगलस पष डबलस

पष सगलस माहला सगलस पष डबलस माहला डबलस

पष पष पष

19

वषर 2013 क दौरान कनीय मनोरजन कलब सपोटरस स ा इस ानदशालय क ाता एव सममान

करम

खल म परसकार ातीय परसकार ततीय परसकार

पष सगलस पी रवी कानत चनपाल शशी करन एव एलए बग

माहला सगलस शभा वी नायर पीक ातभा शलजा एव मीना

पष डबलस सययद इदरस एव सवातरयया कवी चारी एव ओ वीन कमार

---------

माहला डबलस शभा वी नायर एव अनसया पीक ातभा एव शलबाला खडरी

टबल टनीस पष सगलस पी सतीश क वीचारी ओ वीन कमार

एव अशाख अहमद पष डबलस कवीचारी एव

डी रगा राव कक गा एव पी सतीश ----------

शटल पष सगलस पी सतीश एम वी ावजय कमार कवी चारी एव पी

यादयया माहला डबलस शभा वी नायर एम सबीता मीना एव राज़या

बगम पष डबलस पी सतीश एव

एम वासदव स कमार एव ओ वीन कमार

-----------

माहला डबलस एम सबीता एव राजया बगम

शभा वी नायर एव बी एस वी वरलमी

-----------

शतरज पष जगन एकर ------------

शॉट- पट पष बी नागरम चनपाल स कमार

20

धीमी साइकलग पष डी स कमार सययद इदरस सययद मोजज़म

उ नयायलय म लाबत नयायालक मामल

लाबत मामल 04 आ दश उ नयायालय

कस क सखया 11 कनीय शासानक अाधकर हदराबाद

समा कस क सखया 06 लाबत कस क सखया 05

पनवलोकन मामल

ानालाखत अाधकारयकमरचारय क पनवलोकन मामल का ानपटारा कया जा चका ह

म स प lsquoबीrsquo राजपाषत प lsquoबीrsquo अराजपाषत प lsquoसीrsquo (पवरवत प

1 एस बाब अाधकारी सव ज डी एबनजर मानाचषकार ाडाव I नरश

2 पीक लहा मानाचषकार ाडाव I गदो राम

3 शख मीरावली मानाचषकार ाडाव I एम गररयया

4 जी सीतारामम सव सहायक पी काशम

5 वाई सबबयया सव सहायक सतयममा

6 पीएस सामबाब सव सहायक वी कषयया

7 बी ओबशयया सव सहायक

21

एम ए सी पी क मामल

ानालाखत अाधकारयकमरचारय क एमए सी पी मामल का ानपटारा कया जा चका ह

म स प lsquoबीrsquo अराजपाषत प lsquoसीrsquo (पवरवत प lsquoडीrsquo)

1 वी सयर भा मानाचषकार ाडाव I एल योहन

2 पीकलहा मानाचषकार ाडाव I सीनाराया

3 शख मीरावली मानाचषकार ाडाव I जजॉन

4 एम भवनरी मानाचषकार ाडाव I एस रामयया

5 बीएसवी वरलमी मानाचषकार ड़ II बी पललया

6 - पी काशम

7 - शख काासम पीरा

8 - एम लमी नाराया

9 - एम वकटरल

10 - जी जया

आ दश भ साानक आकड़ा कन क अाधकारय कमरचारय क ब ाजनहन शकाक ानपता दखाई ह

1 कमारी अनवषा कर सपषी डॉ पीक कर सी जी पी ए 9810 दसव कका क ीय ावालय हदराबाद

22

तलग म ावव ी नकश ( ओएस एम) क तयारी (बीएचराव अधी सव जीव अाध सव एमराकश अाध सव एसपटा री मानाचषकार)

सतावना पवर म ावाभ नकश तलग म कााशत आ करत जस आ दश राजय नकशा (1999) भारत क राजनीातक नकश आद ऐस नकश अकराक ासटक-अप (lettering stickups) साहत साइबग क परमपरागत तकनीक का उपयोग कर कााशत होत तााप कोई भी सलाकातक नकश तलग म कााशत नह ए ह परत हाल ही म ावजान एव ौोागक ावभाग न ावव ी टोपो नकश ( ओएसएम) को कषीय भाषा म उपलबध करवान क ालए एक नीात को जारी कया ह ाजसक पराम सवप आ दश भ साानक आकड़ा क न राजय क राजधानी हदराबाद को दशारत ए एक शीट को योग क आधार पर अकय माधयम स तलग म करन का काम ालया ह

ॉनट क खोज म माइोसटशन साफटवर क अनक ल डीजीएन ामट म मल डाटा बस पहल स ही उपलबध ह मल-

पाठ को बठान क ालए माइोसटशन क अनक ल एक सावधाजनक तलग ॉनट क आवशयकता ह अनक ॉनट क जाच क गई परत कछ भी माइोसटशन क अनक ल नह पाया गया कयक तलग ालाप म बत सारी माषाए अगल स लगवाए जान क कार ldquoमाषाrdquo को लगाना एक कठन कायर सााबत आ तााप वब म बत छान-बीन करन क बाद ldquoटी टी एल हमलताrdquo ॉनट को खोजा गया और माइोसटशन परवश म मल पाठ को रखन म उपयोगी पाया गया

अनवाद

ावाभ व रनातमक अाभउाया ाचनह पाद- टपपाया आद का अजी स तलग म अनवाद हत सभी ापय साधन जस क इटरनट नट पर अनवाद शबदावली आद का आय ालया गया

माइोसटशन परवश म मल पाठ को बठान क ालए कायरावाध

ॉनट याान ldquoटी टी एल हमलताrdquo वााछत सान पर लोड कया गया तलग ालाप म बत सारी माषा क अतःसाापत होन क कार एक ावाशप शबद या अकर क ालए सही माषा क चयन हत अाधक सावधानी बरतना का सानात कया गया वााछत मल ndash पाठ को मइोसाफट वडर म टकत कया गया माइोसटशन वशरन 8 ाइल म अनोटशन टकसट एडीटर क माधयम स कापी और पसट कया गया उ

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शीट क 22 टोपो स अनवादत अनोटशन को या सतयाापत कया गया अनोटशन को कनार म और उपरो शीट क नाम ाइल म रखा गया मामल ाजनको सलझाना ह -

1 ॉनट क आकार का मानककर 2 तलग ालाप म ावाभ व रनातमक अाभउया क सावधाजनक शबद का चयन 3 मल- पाठ को सगठत करना एक जटल कायर ह और समय लन वाली कायरावाध ह और पयार

माषा म षीय भाषा याान तलग क जान क जरत ह 4 जयादा सखया म सपादन मल-पाठ क सगठन क आवशयकता ह 5 तलगाना राजयतलग ावावालय क उ राजभाषा ावभाग स अनवादत ालाप को माीकर

करन क आवशयकता होगी समाा

सानीय ालाप (तलग) म ओ एस एम माक नकश क तयारी स अाधक सखया म लोग को सलाकातक नकश को आसानी स योग करन म सावधा होगी सलाकातक नकश म भाषा-ावषयक सबधी साचकारी पदार को जोड़न स ानयही भारतीय सवक ावभाग क उतपाद क चार को बढ़ावा ामलगा और बाजार म अपनी अहामयत बढ़ाएगा

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चनौती क ालए तयारी (रघना ाषपाठी अधीकक सवकक)

कसी भी ावभाग म नई चनौातय को सामना करन क ालए कमता ानमार क आवशयकता ह यद

यह नह कया जाए तो सताावत योजनाए ावल हो जाती ह कमता ानमार स पहल उसक लय एव उशय को परभााषत कया जाना आवशयक ह कयक इसक कायारनवयन क सतर म योजना और ानषपादन म का अतर हो सकता ह कमता ानमार क अनय मानक क अतगरत अनवत सावधा क रखरखाव और सभाावत ावकास भी शाामल ह कमता ानमार क कसी भी यास म ातभा क खोज को ही पहल कदम क प म ालया जाना चााहए भारतीय सवक ावभाग म सही कमता ानमार क बाद ही 110000 क पमान का सवक करन और मानाचष ाा सभव हो पाएगा आधानक अाध ौोागक म कमय क ाशक पयार नह ह लकन यह दखना ह क जो माग और सवक और मानाचष क आपत क खला स सक ातत ह जनता क ालए उपयोागता बढ़ा रही ह श म हालाक बाधाए आना बाधय ह हम यह कायर श करना और पराम क तीका करनी ह इस यास म खल अाधकार कष क ावशषज को ानयामत प स परामशर कया जाना चााहए सवक और नकश क उपयोगकतार क माग और एक बड़ परय क दाप स दखन क ालए यह महतवपर ह

यहा तक क उपयोगकतार क ालए भी ाडाजटल डटा का उपयोग सीामत ह भारतीय सवक ावभाग उपयोगकतार को ानयामत आधार पर सहायता और मलय सवधरन क ालए सलाह दकर नकश क कातज उपयोग तक का ावसतार कर सकता ह उस बात पर धयान दत ए भारतीय सवक ावभाग क सवा हत जी आई एस वजाानक को शाामल करन क आवशयकता ह यह महगा मामला होन पर भी वरीयता स भरी हम भावषय क चनौातय को परा करन क ालए तयार रहना चााहए कयक नकश क उपयोग स ावकास को तो होना ही ह

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नमक का महतव (कष कमार अाधकारी सवकक)

एक राजा क तीन बटया ी तीन बत ही सनदर सशील और ावशष ग वाली एक दन राजा न तीन राजकमारय को अलग-अलग स एक ही सवाल पछा ldquo बटी तम मझ कतना चाहती हो ldquo बड़ी राजकमारी न जवाब दया rdquo ापताजी म आपको सोन जस चाहती अारत सोन क आभष स मझ ाजतना पयार ह उतना ही पयार आप स ह ापताजी ldquo राजा बत सतप आ और दसरी राजकमारी स पछाrdquoबटी दीदी न तो जवाब द दया अब तम बताओ तम मझस कतना ह रखती हो दसरी राजकमारी बोली ldquo ापताजी म आपको हीर जसा चाहती अारत हीर क गहन स मझ ाजतना पयार ह उतनी ही पयार आप स ह ापताजी ldquo राजा तो ल न समाया सोचन लगा rdquo म बमतलब का सकोच कर रहा ा मरी बटया तो लगता ह मर बगर जी नह पाएगी ldquo अब तीसर स कया पछ र भी पछ लता र तीसरी बटी स पछाrdquo बटी तम मझ कतना चाहती हो तीसरी राजकमारी न जवाब दयाrdquo ापताजी म आपको नमक ाजतना चाहती जवाब सनत ही राजा आग-बबला हो उठा और बरी-भली सनाकर उसक कक स ानकल गया छोटी राजकमारी न कछ नह कहा बालक राजा क डाट सनकर चपचाप रह गयी रात ई राजा को सार महल क कायर ानपटान क बाद भख लगी खान क ालए उस हीर स ससात सोन क सहासन पर छोटी राजकमारी न बठाया र सोन क ाली म नाना कार क जन स य खाना परोसा और राजा को खाना श करन को कहा राजा न मह म खाना रखा तो महसस कया खाना का ह र हर जन को चखा तो पाया सब क ह र तो आग-बबला होकर अपनी रानी पर ाचललाया ldquo इस तरह क भल कस हो गयी हम कया समझ रखा ह जन दखाकर ललचाना और र खान नह दना यह बोलत ए रानी पर सोन क ाली ाजस पर जन परोस ए कन क ालए हा उठाया उठ ए हा को तीसरी राजकमारी न पकड़ ालया और पछा ldquoापताजीखाना तो बढ़या ह र कमी कया हrdquo राजा बोल ldquoनमक क ाबनाकोई खाना खाया जा सकता हrdquo राजकमारी बोली ldquoापताजीआपको तो नमक स नरत ह ना इसालए मन जन बनवात ए नमक नह डलवाया rdquo र तो राजा समझ गया क छोटी बटी न उनह सबक ासखान क ालए यह भोजन तयार करवाया ह र बोला ldquoबटी म समझ गया नमक क ाबना खाना जस सवादप नह उसी तरह तमहार पयार ाबना मरा वचरसव नह ldquo और राजकमारी को गल लगा ालया

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मायाजाल (एनबी सवामी अाधकारी सवकक)

इस जगत म कल 84 लाख जीव राशया ह और उनम मानव जनम सबस उम ह उम इसालए ह क भगवान न मानव का आधार इसालए दया ह ताक इस जनम अचछ कमर कर वह मोक क ाा कर सक मोक याान पनरजनम नह यद कमर बर ए तो र 84 लाख जीवरााशय म पदा होन क ालए वह आतमा कालच म दोबारा स जाती ह इस सपर कालच क याषा करत ए जब आतमा मानव क योान म वश करती ह तब वह भगवान स यही ारना करता रहता ह क ह भगवान मझ इस कद (याान मा का गभर) स जलदी मा दला द कयक म तमहारा धयान सही ढग स नह कर पा रहा कयक इस कद म अनक तरल पदा क सा-सा मल-मष म भी टहल रहा यह कसा नरक ह जहा आपन मझ सा रखा ह तब भगवान भी बोलत ह क ldquoत अभी बालक ाशश का प धार करन वाला ह तमन इतन वष यग म ाजतन पाप कय ह उन सबक यह चरम सीमा ह यह चरम सीमा बत ही पीड़ा दन वाली ह ाजस तमह जीतना ह लाघना ह इस चरम सीमा स मा होन क बाद तम कया करोग ldquo ाशश कहता ह ldquo भगवन आप जो कहग ldquo भगवन पछत ह कया तम अपना जीवन मरा धयान करत ए मर ालए समपर कर दोग ldquoाशश कहता हrdquo हा म समपर कर दगा आपक ालए ldquo भगवन भी जानत ह ाशश को नौ महीन गभर म रहना ही पड़गा तभी पर शरीर का ावकास होकर जब वह बाहर आएगा तो मरी सवा करगा उ नौ महीन तदनसार भगवन ाशश का वातारलाप नौ महीन चलता रहता ह ताक ाशश अपन चार ओर स मल क गध का धयान न द र जब वह बाहर ानकलता ह भगवान को धनयवाद करता ह और कहता ह ldquo म तमहारा बत ही आभारी भ अपन मझ मा दलाई अभी मझम वह ताकत नह क म तमहारा धयान करन क ासवा और कछ क मर माता ndashापता मझ सच कर जब अपन पर पर चलन क ताकत द दग तभी म तमहार ालए कछ कर पाऊगा ldquo भगवान कहत ह ldquo अर मखर त नह जानता यह जगत एक मायाजाल ह मझ पर ावास ह त मझ भल जायगा और र स कालच म पड़ जायगा ाशश कहता ह ldquo नह भगवान ऐसा नह ह भगवान मरा ावास करो म ातजा करता मरा जीवन आपक ालए ही समपर ह ldquo भगवान कहत ह ldquoदख लगा इस जगत क मायाजाल म त मरी कया का सवा करगा ldquo यह ाशश और भ का वाारलाप सनकर दवष नारद भगवान क पास पच पछन लग ldquo भ आप कस मायाजाल क बात कर रह ह ldquo भ बोल ldquo नारद म समसत जीव- रााशय का सवामी उनका कलया चाहता उनको सख भी और दख भी दता वह इसालए क मायाजाल क मोह एव अहकार म पड़कर खद को सपर मानन वाल ाी को दड न द तो र मरा समर कस करगा ldquo नारद बोल ldquo भ आपक वचन का मतलब कस

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दशा म जाता ह यह तो मझ नह पता एक तर कहत ह समसत जीवरााशय का कलया चाहता दसरी ओर कहत ह दड दता तीसरी ओर मायाजाल अर नाराय आप जब समसत जगत क सवामी ह सब आपक अधीन ही ह तो र मायाजाल शबद आपन जो योग कया ह वह आपक अधीन स बाहर कस हो गयाrdquo ानयष काजए जीवरााशया उसक चपट म नह आएगी र सब आपका गगान ही करग और सबको मोक क ाा होगी ldquo भगवान कहत ह ldquo ह दवष मर ालए समसत जीवराशी को परीका स गजरना पड़ता ह मानव जीवन ही उनम अातम परीका ह बस उसको लाघ ल म पनरजनम स मा दला दldquo नारद जी भगवान स तकर करन लग गय का दर बाद भगवान न कहा rdquo दवष आपस बहस और नह कर सकता आपस बहस कर मरा गला सख गया ह जरा एक छोट कलश या कमडल म पानी लकर आइय ताक म अपनी पयास बझा सक नारद को झटका लगा और पाताप करन लग ldquo बमतलब मन अनतरयामी स बहस कर उनको कप दया व समपर जानानद क सामन मरी हासयत कया ह पता नह आज मरी मात मारी गयी और म बमतलब बहस करन लगा भ को पयास लगी ह और वो भी मरी वजह स जलदी स उनक पयास म बझा द पानी क खोज म सार लोक का म करत ए नारदजी पथवी लोक म पच गए पथवी लोक पचकर पानी क खोज म एक कए क पास पच तो दखा क एक अतयनत सदर नारी कए स पानी ानकाल रही ह नारद न सोचा वह सनदर ी पानी भरकर चली जाए तो र म ोड़ा सा पानी भर ल नारद उस दख रह ी भी नारद जी को दख रही ी नारदजी न पछा rdquo दवी कया तम यह आसपास रहती हो ी न जवाब दया rdquo हा ldquo नारदजी र पछ rdquo दवी कया तमहारा ाववाह हो चका ह rdquo ी बोली ldquoनह ldquo नारदजी का ावचालत मन ल नह समाया और पछ ही ालया ldquo दवी यद तम अाववााहत हो और यद तमह कोई परशानी न हो तो कया तम मझस ाववाह करोगी ी सादाय औरत ी बोली ldquo मर ापता क आजा क ाबना म आपस ाववाह नह कर सकती ldquo नारदजी बोल ldquo दवी सशील नारी क यही ग होत ह यद तमह आपा न हो तो म तमहार सा चलकर तमहार माता-ापता स बात कगा और तमस ाववाह कगा ldquo यवती राजी ई और ासर एव कध म पानी स भर घड़ को ढोत ए आग चलती रही और नारदजी पीछ चलन लग सपर रासत म उस सनदर ी क ानहारत ए मन म सपन क पल बाध रह उस सनदर ी क ापता क पास जाकर अपना परचय दत ए उनक बटी स ाववाह करन का सताव रखा साकात नारद मान को अपना दामाद सवप दख उसी मतर म मगनी हो गई और एक शभ मर म ाववाह भी हो गया ाववाह क कछ दन क पात उनक ब हो गय ब बड़ भी हो गय र तो व अपन गहस आम म इतन सत हो गय क उनक मह स नाराय मष ानकलना भी बद हो गया कई वष बाद एक शाम को जोर क आधी क सा तानी बारश ई इस माहौल न इतना ावकराल प धार कर ालया ा क वातावर लय म बदल गया चार तर पानी भर गया बत सार लोग पश आद पानी म बह गय कनत कात क ावकराल प क सामन ठहरन का साहस कस ा दखत ही दखत उनका गह भी बाढ़ क चपट म आकर टट गया और पानी म बह गाया पी और ब डर स

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रोदन करन लग दखत-दखत कान पष क अलावा पी और बाक ब भी पानी म बह गए र तो नारदजी स सोचा इस कान को म कध पर ालए चलता ताक वह तो बढ़ाप म मरा सहारा बनगा कनत लय क तीता इतनी तज ी क नारदजी क नाक क ऊपर स पानी बहन लगा र तो व खद भी भल गय क बट को बचाना ह सोचन लग म कसी तरह जीावत बच जाऊ उसी सोच न उनक कान पष को भी नह बखशा कसी तरह कछ समय उपरानत लय शानत आ पानी घट गया चार तरक मनषयपश - पकी आद क लाश टट ए रासत और घर क बीच पड़ी ई ी नारद मान को बहद दख आ और ठठोर कर रोन लग गय रोत-रोत व खद क बार म सोचन लग क भगवान न उनक सा ऐसा अनयाय कय कया काश व भी मर जात तो अचछा होता तभी उस राह स ास महष गजरत ए नारदमान स परामशर करन लग नारदजी कहन लग ldquo पता नह मन कौन सा पाप कया ह क मर पर परवार का सवरनाश हो गया ह मझ कय मतय नह आई इस पर ासजी न कहा शायद तमहारा समय नह आया ह इसालय तम बच गय हो हालाक ास जानत क नारद मायाजाल म सा आ ह ldquo र इसका ानरय कौन करता ह ldquo नारद न ासजी स पछा ासजी न उर दया ldquoयह तो मतयलोक क अाधपात यमराज ही इसका उर दगrdquo र व दोन ामलकर यमराज क पास गय यमराज न आन का कार पछा तो ासजी न नारद मान क सारी दख भरी गाा सनाई और पछा क ldquoमतय न इनका आलगन कय नह कयाldquo यमराज बोल rdquoम कोई नह मरा यमदत ही इसका उर द सकता ह कयक म यमदत क ारा कसी आतमा को लान क बाद ही उसक पाप-पणय का ाहसाब दख ानधाररत सजा का ऐलान करता यद यमदत आपको लकर मर पास नह आया तो इसम मरा कया दोष ह यमदत स पछ लldquo र ासजी न उनक यमदत स वही सवाल करन पर यमदत न कहा ldquo महामान म कस कसी क शरीर स आतमा को छीनकर ल आऊ म तो यमलोक का सवक माष ाचषग जब तक आजा नह दत तब तक म कोई कायरवाही नह कर सकता आप इस का उर ाचषगजी स पछ ल ldquo र ासजी न ाचषग स वही सवाल करन पर ाचषग न कहाrdquo महामान म तो यमदत को तभी आजा दता जब उस ाी का सारा लखा - जोखा समा हो जाता ह अभी माननीय नारद जी क मतय का समय आया नह ह अभी उनका कछ कया नह जा सकता ldquo ासजी न नारद स कहाrdquo दखो नारद अभी तमहारा समय आया नह ह तभी तम जीावत हो चलो चलत ह अब ापछली घटना को भल कर आग क सोचो ldquo बस इतना ही कहना ा क ाचषग न र ासजी को बलाकर कहा rdquo ह ऋाषवर इनक कणडली म यह ालखा ह क मतय तभी इनको गल लगा सकती ह जब य एक सा आपको मझ यमराज और उनका वाहन भस का एक सा दशरन करग चक इनक ारा यह कायर पर हो चका ह अत इनका जीवन पर हो गया ह ldquo बस इतना ही ा क नारद जी को आवाज आन लगी अर दवष दवष मझ कब स पयास लगी ई ी मरा गला सख गया ह कनत आपन मझ अब

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तक पानी नह दया कहा ह पानी ldquo य साकात नाराय क आवाज सन नारदजी को होश आया और भगवान क चर म पड़कर ागड़ागड़ान लग यह कहत ए क rdquo ह नाराय आपन मझ अचछा सबक ासखाया ह मन आपस बहस कया कर लीआपन मझ मायाजाल का साकातकार करवा दया कमा काजए म आपको पानी नह ापला सका मरी वजह स आपका गला खब सख गया होगा ldquo यह कहत ए उनक अधारा स नाराय क पाव धल गय और भगवान न कहाrdquo दवष आप चातत ना ह आपन अधारा स मर चर धोकर ानसवार सवा कर दी मरी पयास बझ गयी ह अब आप म ह ldquo र नारदजी खशी स नाराय-नाराय कहत ए ानकल गय

घाट का पतर

(बषव बहरा अाधकारी सवकक)

माता-ापता और जनम भाम को छोड़ कर हम सब बन गए ह घाट का पतर धनय ह वह महापष ाजसन हम साापत कया म उस महापष क ावषय म व रन नह कर सकता शायद म अात पाप क कार पतर बन गया लोकन म आशा करता क भावषय म मरा भागय बदल जाएगा चक म लोग क मन स सवा करता इसका ल हमको भगवान अवशय दग लोग का सवा करत ndashकरत मरा आकार भी बदल गया परनत सवा करत ndashकरत मरा नाम रोशन हो रहा ह बालक हम सता का अनभव हो रहा ह मर कमर क चलत मरा भागय बदल रहा ह म हमशा जलम रहता और पीठ पर ातदन मार झलत रहता शायद ही ऐसा पीड़ा इस ससार म कसी को ामलती होगी मरा सानानतर भी नह ह म कई महापष को दखता आया कतन महाराय न ा तयाग दय लकन तबस म यहा अकला पड़ा म हर मौसम क मार झल रहा ब-बढ़ क सवा करत-करत मन कछ पणय कमा ालए ह और आशा करता क मझ को भावषय म मानव जनम ामल सकता ह मानव जनम ामलन स म आपका भजन-करन कगा

ऐस दखतndashदखत कई यग क बाद हमको मानव जनम ा आ मानव जनम म अगर इस धराष म दखा क यहा ऊच-नीच जात-पात नीात-ानयम ावदन पाचार अनयाय ndashअतयाचार चमर-अचमर का ताडव नतय चल रहा ह दखकर मर मन म परवतरन आ गया क भ मझको मरा ापछला जनम वापस द दीाजए

पतर जनम म रह कर मरा कोई-कोई साी अचछ कमर क चलत मदर म सान ा कर ालया ह कोई-कोई तो ठाकर बन गय लोग-ातदन उनक पजा करत ह

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हम लोग म स कोई-कोई सामाजक कायर म सहयोग दान करत ह कोई गह-ानमार म सहयोग द रह ह तो कोई मदर-ानमार म सहयोग द रह ह कोई तो सीधा मत बन गय इसीालए उनक मन म घमणड आ गया अहलया न पतर होन क नात भगवान का दशरन पा ालया इसालए पतर जनम होन क चलत उनक मन म का अह भाव आ गया

हमार अनदर ावाभ प भी ह याः लोहा पतर चना पतर सगममरर काला पतर (नाइट सटोन) मलायम पतर (soft stone) इतयाद लोहा पतर जो दश क ानमार म काम आता ह चना पत जो ासमट ानमार क काम म आता ह सगममरर घर और मदर का शर (flooring) म काम आता ह काला पत घर का शर और आला बनान म काम आता ह मलायम पतर ाशलप कला क ावकास म योगदान दत ह पतर जनम होकर भी म का गवर महसस करता मरी भगवान स अानतम ावनती य ह क आप मझ अानतम समय म दशरन दन को कपा कर

न हमको पतर जनम चााहए न हमको मानव जनम चााहए हमको तो ास र इस भव सागर स पार होना चााहए

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जयादा लोभ न करना (पाडव कानटया सहायक सवकक)

मनषय भगवान क साप ह इसालए वह भगवान का अश ह जब तक वो मा क गभर म ा तक तक वह मोह-माया स वाचत ा एव हमशा भगवान क समीप ा लकन जब वो पथवी पर अवती र आ उसको मोह-माया न घर ालया पाच साल तक वो ईरीय सा म रहता ह इसालए कहा जाता ह क ldquoCHILD IS THE INCARNATION OF GODrdquo इसक बाद मोह-माया म आकषत हो कर ईरीय सा को भल जाता ह बचपन म वो बत आजा और मोह-माया राहत और चरषवान रहता ह जब समय बढ़ता जाता ह तब उसक समसत उम ग धवस होकर गलत मागर पर चला जाता ह

बचपन म ावा ाशका जवानी म ी दीका एव पारवारक ाचनता म म होकर वह समसत मौालक सा को खो दता ह सबा नप होकर सबा म आ जाता ह दव का नप होकर राकस वा जारवत होता ह एव परवारक जगल म सकर भगवान का नाम लना भल जाता ह अपना परवार का भर पोष क ालए कठन परम करता ह लकन उनका पट भरता नह ह ईर क सा को भल जाता ह और अनत म पशकतव को ा होता ह शरीर रोगसत हो जाता ह दाप शा की हो जाती ह चलन ndashरन म असमर रहता ह रात को नद नह आती ह र भी लोभ को छोड़ नह पाता ह अपन बीवी-ब ता परवार क बार म सदा सोचन लगता ह शरीर वावसा को ा होता ह परवार क कोई भी सदसय पछत नह ह

परवार क लोग उसको ढग स खाना भी नह दत ह उसको घर स दर रखत ह र भी यह अधम मनषय भगवान क बार म सोचता नह ह लोभ का अनत नह होता ह पाप का बोझ बढ़त जाता ह अनत म नरक को ा होता ह र भी मनषय भगवान को समझ नह पाता ह परवार क ालए इतना बड़ी ददरशा झलता ह उनको कोई भी नह पछता ह उसक ारा जमा क गई पजी को परवार वाल उनक सामन मौज करत ह

लोभ मनषय को अनधा बना दता ह आदमी क हतया करत ह लोभ क वशीभत होकर दसर क समपात को लटत ह ाजसस समाज म पाचार बढ़ता ह इसालए ह मानव तम कय लोभ करत हो लोभ नह करक भगवान का समर करो हर कतरन करो तप जप करो और सवगर क अाधकारी बनो उम कमर करक भगवान क शरागत हो जाओ भगवान तमहार समसत सख-दख का भार वाहन करग

सवरधमारनपरतयजय मामक शर ज अह तवा सवरपापभयो मोकायषयााम मा शच

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इसालए अचछा कमर करक पणय कमाना ह हमशा धमर क जय और पाप का कय होता ह धमर-कमर करक ावजय ा होगी लकन अधमर म जाकर नरक गामी नह होना

एकदा अनधा राजा धतरा सजय को पछा क ldquoह सजय इस धमर य म कसक जय होगी उर म सजय बोल क ldquoयष योगर कषो यष पा धनधरर तष ी ावजयो भात वा नीातमरातमरम ldquo अारत जहा योगर कष एव धनधाररी अजरन एक सा ह वहा ावजय ानात ह

इसालए दखा गया क हमशा धमर क जय और अधमर क पराजय होती ह धमर सवचछ ानमरल लकन अधमर कदाकार कात ह इसालए लोभ-लालच म वशीभत न होकर सत

कमर करो अनयाय का परतयाग करो लोभ मत करो जीवन म कप करक जो धन कमा ालया वो सब इस धरती म रह जाता ह अानतम क म सा कोई नह ल जाता इसालए अनधर म भटक नह जाना इसालए कहा गया ह क-अात लालच नह करना अात सवरष गहतम अारत अात सवरनाश का कार ह

अात दप हता लका

अात मानसय कौरवा अातदारन बाल वध अात सवरष गहतम

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टटा वक का अाभमान (चरदास नाराय गडम सवक सहायक)

वन म खड़ एक वक क सा ालपटी एक लता भी धीर-धीर वक क बराबर हो गई वक का आय

लकर उसन भी लना ndashलना आरभ कर दया बल को लत ndash लत दखकर वक को अहकार हो गया क म न होता तो लता अासततव हीन होती वह लता को धमकात ए बोला ओ बल चपचाप मरा कहना माना कर म जो कह रहा वह कया कर नह तो ध मार कर भगा दगा पड़ का लाप जारी ा क दो पाक वहा स ानकल एक बोला अर भाई जरा दखो तो यह वक कसा सदर ह इस पर कसी सदर लता पाषपत हो रही ह आओ इसक नीच ोड़ी दर ावाम कर अपना महतव लता क सा ह यह जानकर वक का अाभमान भी नप हो गया सा ndash सा रहन स ही सबक गात होती ह

बटी (डी राव बाब पटल ाचषक ड-II)

बटी घर क लाज होती ह पापा क सर का ताज होती ह दल क सदा स रही ह इचछा बटी तझको ह पाना आई हो मर जीवन म जस एक ननही कावता राह दखता म तरी जलदी स मर पास आना मा क गोद म सदा रहती हो कछ पल मर पास भी आना न चाहत ह अब धन दौलत क त ही लमी त ही मरी मत भी डर लगता ह सोचक जब एक दन छोड़ क जाएगी त कतना मझ लायगी त बटी होती ह बाबल क लाड़ली

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यह ाज़नदगी (सययद इदरीस पटल ाचषक ड ndashII)

बठ जाता ह ामी प अकसर कय क मझ अपनी औकात अचछी लगती ह

मन समनदर स सीखा ह जीन का सलीका चपचाप स बहना और अपनी मौज म रहना चाहता तो ह क य दानया बदल द पर दो व क रोटी क जगाड़ म सरत नह ामलती दोसत महगी स महगी घड़ी पहन कर दख ली व र भी मर ाहसाब स नह चलता य ही हम दल को सा रखा करत पता नह ा क कमत चहर क होती ह अगर खदा नह ह तो उसका ाज कय और अगर खदा ह तो र कय

lsquorsquoदो बात इसान को अपन स दर कर दती ह एक उसका ldquoअहम rdquo और दसरा उसका ldquo वहमrdquo पस स सख कभी खरीदा नह जाता और दख का कोई खरीदार नह होता मझ ाज़नदगी का इतना तजबार तो नह पर सना ह सादगी म लोग जीन नह दत मााचस क जरत यहा नह पड़ती यहा आदमी आदमी स जलता ह ाव क बड़ स बड़ वजाानक यह ढढ रह ह क मगल ह पर जीवन ह या नह पर आदमी यह नह ढढ रहा ह क जीवन म मगल ह या नह

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जीवन म न जान कौनसी बात ldquoआखरी rdquo होगी न जान कौन सी रात आखरी होगी ामलत जलत बात करत रहो यार एक दसर स न जान कौन सी ldquo मलाकात rdquo आखरी होगी अगर जदगी म कछ पाना ह तो तरीक बदलो इराद नह ऐ चाद त कस मज़हब का ह ईद भी तरी और करवाचौ भी तरा

उगालय क लड़ाई

(शख महबब पीरा पटल ाचषक)

एक दन हा क सभी उगालया आपस म लड़न लग अगठा बोला म सबस बड़ा सभी जगह जरी कागज पर मझस ही ानशान बनाया जाता ह तजरनी बोली-ldquoम बड़ी मर होन स ही सब लोग काम कर पात ह जस-ालखना खाना पकड़ना मधयमा बोली-ldquoअर भई कया तम नह जानत जो आकार म लबा होता ह उस ही सभी बड़ा कहत ह अनाामका सब बात चपचाप सन रही ी वह तरत बोली ndashldquo म सबस बड़ी म तो पजा करन क भी काम आती मर स ही रोलीातलक लगाया जाता ह कानाका सभी को लड़ता दखकर उदास ी वह चपचाप एक कोन म कछ सोच रही ी तभी अगठा व तीन उगालया उसक पास गई और बोली- ldquoअर छोटी तम तो बड़ी हो ही नह सकती कयक तमहारा नाम ही कानाका ह कानाका बोली ldquoसनो अगठ भाई और पयारी उगालय आपस म लड़कर कभी कसी का भला नह हो सकता हमम कोई भी बड़ा-छोटा नह ह हम सब ामलकर मी बन सकत ह तभी हम सब बलवान हग कया तमह नह मालम क बद मी म ही ताकत होती ह इसालए हमारा लड़ना बकार ह rdquo कानाका क बात सनकर सभी एक सा बोल- ldquoहा छोटी बहन तम ाबलकल सही कह रही हो सचमच अकल म तम ही हम सबस बड़ी हो rdquo

इस नीात का स एकता म बल क ाशका ा होती ह

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तलगाना- भारत का एक और नया राजय (शलबाला खडरी मानाचषकार)

तलगाना भारत क दाकी भाग म ासत भारत का 29 वा राजय ह कषल क दाप स यह दश का

बीसवा बड़ा राजय ह ाचीन हदराबाद रयासत का अाधकतम भाग तलगाना राजय म ालया गया ह जहा आजादी स पहल ानजाम का राजय ा सन 1947 म जब भारत अज क चगल स आजाद आ उसक बाद भी हदराबाद का ानजाम अपनी रयासत सय भारत म ावलीन करन क पक म नह ा वह अपनी रयासत पर अपना ही सवतष शासन चाहता ा अतत सरदार बललभ भाई पटल क अक यास स इस रयासत को भारत क मखय धारा म ावलीन कया जा सका इस कार आन दश राजय क सापना ई और 26 जनवरी 1950 को ी एमक वललोड़ी आन दश राजय क म मखयमषी ानय ए 1956 म हदराबाद रयासत को आन दश राजय म ावलीन कर दया गया

2 जन 2014 म पनः तलगाना राजय अासततव म आया आन दश राजय क उर पामी 10 ाजल को ामलाकर तलगाना राजय क सापना क गयी ह राजधानी हदराबाद भी तलगाना राजय म ासत ह परनत 10 वष तक हदराबाद दोन राजय याान आन दश और तलगाना राजय क सय राजधानी रहगी दोन राजय क शासानक कायर हदराबाद स सचाालत हग तलगाना शबद का ादभारव ाषलगा दश शबद स आ ह ाजसका अर ह तीन लगो वाला दश तलगाना राजय क तीन दशा म कालरम ीशलम और ाकारामम ास ाशव मानदर ासत ह ाजनक अपार धामक महा ह वासतव म पक तलगाना राजय क ालए 1946 स 1951 क बीच ही ारमभ हो गया ा उस समय कमयानसट पाट न इस आनदोलन का नततव कया ा जो असल रहा भाषा क आधार पर तलगाना और आन राजय को पक करन क ालए अनक आनदोलन समय-समय पर होत रह ह इनम मखय आनदोलन 19691972 और 2009 क ह इन आनदोलन का यह भाव आ क 9 दसमबर 2009 म भारत सरकार न पक तलगाना राजय बनान क कायरवाही श कर दी य घोषा सनत ही तटीय आन व सीमान कष क लोग न सम आन दश क पक म आामक आनदोलन ारमभ कर दया और ऐसी ासात म भारत सरकार न यह कायर 23 दसमबर 2009 तक सागत कर दया इसक पात भी लगातार पक तलगाना और सम आन दश क ालए अलग-अलग आनदोलन चलत रह पक तलगाना क पक म कई आतम - हतयाए ई हड़ताल क गयी ाजसस जन साधार को बत असावधा का सामना करना पड़ा अतत पक तलगाना समरक क जीत ई और कास कायरकारी सामात न सवर सहमात स 30 जलाई 2013 को पक तलगाना राजय क ासारश करत ए ाबल तयार कर दया अनक सोपान पार करत ए यह ाबल रवरी 2014 को ससद म पारत कया गया रवरी 2014 दश पनगठरन एकट क तहत यह ाबल ससद म पास हो गया इसक पात इस नय राजय तलगाना ाबल को रापात ारा सहमात ा ई और माचर 2014 क गजट म इस कााशत कया गया इस कार नय तलगाना राजय क सापना ई

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ाशासकय प स तलगाना राजय क सापना 2 जन 2014 को ई क चन शखर राव क पाट ldquoतलगाना रा सामातrdquo न चनाव म दश म बमत हाासल कया और इस कार ी कचन शखर राव तलगाना राजय क म मखय मषी चन गए

म महगाई (डॉ नीलम कमार ाबड़ला अाभलखपाल)

म महगाई महग दशभ लोग क आमष पर भारत आई तज गात लान गात म भारत आई मझ गलत मत समझो गरीब बत ठीक बमत दकर तमन ाजनको बत उठाया म तो उनह क तीक भौातक वादी यग म योग ासखाती म भख पट न सोए कोई कडालनी जगाती म धयान प म च मारकर मन जय ऊपर चढ़त-चढ़त र तक आ जाता ह भाव वसत क वस ही र तक ल आई

अब इस यग म एक तल क पीप को पा लन का अर को पा लना ह भ दशरन क झलक दखना एक टमाटर खा लना ह भारत का आदशर तयाग ह अनासा ह अपरह ह मझको पाकर लोग वसतए तयाग रह ह अपनी खद क कार छोड़ बस क पीछ भाग रह ह म लोग को तड़क भड़क स खच

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सादगी ासखाती टरीलीन क शौकन को ला पहनाती माया जीवन का बधन ह पया पसा मल हा का म वतन भोगी लोग क बधन दो दन म हर लती शी छड़ाकर मल हा का शीश सा ानमरल कर दती

नीात ालखन वाल न कम खाना या गम खाना अचछा बतलाया मन उनका कन ानभाया ाजतनी चीज महगी हगी उतना ही जन कम खाएग ाजस दन रोटी नह ामलगी उस दन खद ही कम खाएग

शकल पक क चाद सरीखी बढ़ती म खब चादनी लाऊगी अभी दज तक ही आई परमासी तक जाऊगी

करो कलपना जब भारत जन कतन सदर दखा करग ग चावल चना बाजरा जब पाड़य म ाबका करग बीमार को दध दहीघी क इजकशन लगा करग कसा मधर जागर होगा लोग भख स जगा करग

आतक हमला

(डॉ नीलम कमार ाबड़ला अाभलखपाल) 13 दसबर 2001 ससद प पाक आतक हमला 13 रवरी 2014 ससद म भारतीय आतक हमला

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शमरसार ई ससद पच ाड़ गए नयी तहजीब क झड गाड़ गए

उड़ाया गया काली ामचर का पाउडर सपीकर का नह सना आडरर आख जलन लग सास लन लगी ससद पर नगी तलवार झलन लगी

घायल आ जातष और सावधान मदर क पजारय न कया मदर का अपमान ऐस आतकय को सबक ासखाना होगा र नया इातहास बनाना होगा

बाल-म (वाइकराकश कमार खलासी)

बालपन क कलकारी धप क ताप स आ मक पोी छोड़ी कदाल खोदत हा क मार अचक कचड़ आधी म म करना आ मजबरी गरीबी क पराकाा पट और पीठ क घटती दरी कछ धनहीनता और कछ माता-ापता क मखरता कनत सबस जयादा सवा समाज क सवदनहीनता ाजसन बालक को ामक बनन को बाधय कया लखनी को छीनकर कोमल हा म छडी पकड़ायी

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गाय-बकरी क सवा करता बालय-जीवन कप अपन भावषय को दर करता अजान और अबझ ावोपाजरन क कसको ह सरत ासात तो ऐसी ई दो दान अ क ालय बालपन चोर बनन को आतर आ

दोसती

(ाचा कडयया खलासी)

गलाब एक ल ह

एक घनट म मरझा जाता ह पर दोसती एक शा ह कभी भी जीावत रहती ह

बर ठडी होती ह जो पकड़ म नह आती ह

दोसती सोन जसी ह जो कभी कोई नह खरीद सकत ह

तार क पाच अनत (END) ह चौकोन क चार अनत ह तीकोन क तीन अनत ह

एक रखा का एक अनत ह पर दोसती का कोई अनत नह ह

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मर जीवन का उशय (कमारी ाया सातव कका सपषी एम सबीता उाल)

कग नयज भारत का खतरा पाकसतान न कशमीर पर हमला कया ह कछ दन बाद helliphellip कग नयज पाकसतान क ाखला भारत क रका करत ए वीर सानक

का भारी नकसान इन खबर न भारत को ाहला दया ा म भी सोच म पड़ गयी क म भारत क ालए कया कर सकता भारत को इन हमल स कस बचा सकता मर मन म ास र एक ही खयाल आया क भारतीय सना का एक जवान ासपाही बन

जव मन यह बात अपन दोसत स कही तो उसन कहा क ासपाही बनना खतर स खाली नह ह और परवार स दर सरहद पर खतर स भर जीवन मर ालए कपद होगा लकन मन ठान ालया ा क म कछ ऐसा कगी क पर दश म मरा नाम हो ाजस दखकर मर अपन का ासर गवर स ऊचा हो जाए

मर ानय को सनकर मरी मा रोन लगी मझ लोभन दया क म ापार क मर दोसत न मझ डाकटर बनन का सझाव दया पर मन सोचा क भारत म कई डाकटर ह ापारी ह भारत को डाकटर या ापारी क नह बालक सानक क जरत ह

म भारत क ालए अपनी जान भी दन क ालए तयार मन सोचा सब अपन परवार को सराकत

रखना चाहत ह र भारत - भाम तो मरी मा ह मरी ही कय हर एक क मा ह तो हम सब का कतर बनता ह क हम इसक रका कर इसीालए मर जीवन का उशय ह क म एक ासपाही बन और भारत क सवा क

मखर ामष स समझदार शष अचछा होता ह (मासटर सनीत चौी कका सपष एम सबीता उाल)

एक दन म और मरा सबस अचछा ामष राव बठ यह सोच रह क हम परीका क ालए अभी स पढ़ाई श कर दनी चााहए या नह राव न तपाक स कहा क अभी स पढन स कोई लाभ नह होगा अगर हम परीका क एक दन पहल पढ़ग तो जयादा दमाग म रहगा तभी वहा स मरी कका का दसरा छाष रमश गजर रहा ा मझ रमश ाबलकल पसद नही ा और रमश भी मझ पसद नह करता ा बात-बात पर हम लड़ाई करत पर पढ़ाई म वह मझस बत अचछा ा उसन हमारी बात सन ली ी

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इसालए धीर सवर म मझस बोला अपन मखर ामष क बात मत सनो बस रोज मरी तरह ोड़ा-ोड़ा पढ़ो लकन मन उसक बात पर कान नह धरा एक महीन बाद परीका क दन आ पच परीका क एक दन पहल जब मन पढ़ना श कया तब पाया क पढ़न को बत ा पर समय कम ा जस -तस पढ़ कर मन परीकाए ालखी और उममीद करता रहा क म परीका म उी र हो सक कछ दन बाद परीका का पराम ानकला और वही आ ाजसका डर ा म और ामष राव अनी र हो गए दसरी ओर रमश बत अचछ अको स उी र आ उस दन मझ समझ आ गया क मखर ामष स समझदार शष अचछा होता ह

भावषय क पढ़ाई (मासटर ाशव कलया सातव कका सपष वालल कलयाी उाल)

आज जब हम पढ़ाई या सकल क बार म सोचत ह तो नजरो म एक भारी बग उठाता आ

छाष दखता ह कताब क ाबना हम सकल जान क सोच भी नह सकत कताब क सा कपयटर भी पढ़ाई का महतवपर ाहससा बन चका ह

कछ साल बाद भारी कताब स भर बग क बदल छाष क हा म टबलट होगा आकाश टबलट एक ऐसा यष ह ाजसम हम तरह-तरह क कताब पढ़ सकत ह हम कका म ही नट स जानकारी पा सकत ह टबलट ोन स बड़ा ह और जयादा महगा भी नह हम इस कह भी ल जाकर इसम कताब पढ़ सकत ह हम इसम कका का दया गया कायर भी कर सकत ह यह टबलट पढ़ाई का अदाज बदल दगा और पढ़ाई को मजदार बना दगा

पानी और धप (कमारी एस साानया पाचवी कका सपषी राजया बगम अाल)

अभी-अभी ी धप बरसन लगा कहा स यह पानी कसन ोड़ बादल को क ह इतनी शतानी

सरज न कय बद कर ालया अपन घर का दरवाज़ा उसक मा न भी कया उसको बला ालया कहकर आजा

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ज़ोर-ज़ोर स गरज़ रह ह बादल ह कसक काका कसको डाट रह ह कसन कहना नह सना मा का

परीका (कमारी शख राजया सलताना गयारहव कका सपषी शख महबब पीरा पटल ाचषक)

ाजस नाम को सनन स कापता ह बा वो ह परीका परीका पपर हा म आत ही इतना डर लगता क यद अचछा नह कया तो ापटना पा तीन घट म लगभग करन होत ह चालीस सवाल एक भी छटा तो घर म आता ह भवडर रजलट क एक दन पहल रात को नद नह आती ह अचछ नबर पान क ालए भगवान क याद आती ह पास होन पर ामलता ह इनाम और मख स ानकलता ह ldquoकय भगवान rdquo र आती ह अगली कका तब भी मख स ानकलता ह हाय र आ गयी र स परीका

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राीय साकरता (मासटर शख समीर छठी कका सपष शख महबब पीरा पटल ाचषक)

ातदन सीखो अकर एक

ानयम बना लो ऐसा पढ़ो पढ़ाओ सीखो जान

तभी बनगा दश महान ावा सा जान कराती

मन का अधरा दर भगाती जहा पर बनत लोग जानी

वहा न होती मन क हाान अनपढ़ क ालए गगी पोी

धन दौलत भी होती ोी पढ़ा ालखा नह धोखा खाता

जहा भी जाता आदर पाता

मा (मासटर शख महबब बाशा आठव कका सपष शख महबब पीरा पटल ाचषक)

सबस सनदर जग म कौन बस एक त ह मा

सबस पयारी कसक मसकान बस एक तरी ही ह मा

कसन बनायी मरी पहचान तन ही तो मरी पयारी मा

कसक बोली ामी स मीठी तरी ही ह मरी मा

कसक डाट ह इमली स तीखी तरी ही तो पयारी मा

कसक ालए क म सब कबारन तर ालए मरी पयारी मा

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ाततली (कमारी एम राशका ाशवानी पाचवी कका सपषी एम लम कमार उाल)

ाततली तम कतनी

रग-ाबरगी होती हो तम सब ल का रस पी-पीकर

बाग-बगीच म रती रहती हो तर पख कई रग क होत ह

तमहार प को दखकर ब बत खश होत ह

मरी कका

(कमारी एम राशका ाशवानी पाचवी कका सपषी एम लम कमार उाल)

मरी कका म ह पचास ब हर एक ह अलग-अलग जस एक ह लबा एक ह छोटा एक ह मोटा एक ह पतला कछ ह अचछ कछ ह बर पर लगत ह सार पयार मरी कका ह रग- ाबरगी लगती ह ाततालय का झड ह

मझ बत पसद ह कयक यह हमारी कका ह

Page 10: कलाकल - Home: Survey of · PDF fileतेलंगाना-भारत का एक ... भी यह पि का ‘कलाकल‘ सुनदर प म िनखर

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5 ADRIN उतपाद का जमीनी सतयापन

भारत क महासवकक ारा यह परयोजना कायर आ दश भ साानक आकड़ा कन को सपा गया ा इस कायर का मखय उशय भ ानदश उतपाद स सदभत आकलन करना ह कल कषल 18225 वगर कलोमीटर ह रक एव सवक कायर पर करन क ालए तीन साह का समय दया गया ा और दो अाधकारय चार कमरचारय को तनात कया गया ा समय पवर ही कायर पर कर ालया गया जीपीएस ारा 51 जीसीपी बद सान का ावधान कया गया

6 टर हदराबाद गाइड़ मप

टर हदराबाद गाइड़ मप का कायर आठ खनड म पर कर ालया गया ह

7 समाकालत तटीय कष बध परयोजना (ICZM)

क ीय पयारवर एव वन मषालय क अतगरत समाकालत तटीय बध सामात (SICOM) ारा इस परयोजना को ालया गया ह परयोजना का उशय

डलटा कष को छोड़ 7 कमी क चौड़ाई क सा कनयाकमारी स बगलादश सीमा तक भारतीय तट रखा क पार म 2400 कमी क तय दरी का 110000 क पमान पर मानाचष बनाना पव तट क कल कष को र चार कष म कष ndash 567 एव 8 क नाम स ावभाजन कया गया अपन आ दश भ साानक आकड़ा क क कायर कष म कष 6 एव कष 7 पड़ता ह कष 6 म पड़न वाल

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कष को 8 उप-खणड म एव कष 7 म पड़न वाल कष को 12 उप-खणड म पनः ावभााजत कया गया कल कायर को मससर ाजयोडीस आइआइसी टोलोाजस एव इनोासस को ठक पर दया गया

मससर ाजयोडीस का उतपादन कन हदराबाद ासत भारतीय सवक ावभाग क भारतीय सवक एव मानाचष ससान क भवन म ासत ह ाजसका उरदाायतव कष कष-6 एव 7 ह जो आ दश भ साानक आकड़ा क क कायर कष म ह

ठकदारी क शत क अनसार आ दश भ साानक आकड़ा क न ानयाषत सवक कायर सप र कर दया ह जस 10 स 50 क मी क दरी पर जी सी पी एव 1 स 3 क मी क दरी पर तल- ाचहन मससर ाजयोडीस क ावधान हत

अब तक कष 6 म 8 उप- खड म स 7 उप-खड म ासत और कष 7 म 12 उप- खड म स 11 उप-खड म ासत 10 स 50 क मी क दरी पर जी सी पी एव 1 स 3 क मी क दरी पर तल- ाचहन का व रन रखााचष एव समतलीय सानाक आ दश भ साानक आकड़ा क न सतत कर दया ह

चक दोन कष क कछ उप-खड म र सान पाया गया ह आ दश भ साानक आकड़ा क न मोगलत एव मछलीपनम उप-खड क र सान क पत हत पनःसवक कायर कर दया ह इस दौरान कल 181 कमी का दोहरी ततीय ी तलक (DT Levelling) करत ए 17 जी पीएस बद

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सान का ावधान कया गया तााप र सान म पड़न वाल कष 6 क 3 उप- खड और कष 7 क 2 उप- खड का सवक कायर अपर महासवकक दाकी कष एव परयोजना ानदशक आइ सी जड़ एम स शासानक एव ावीय अनमात ा होन पर कर दया जाएगा

मससर ाजयोडीस न हवाई ाषकोीयकर हत नलल उप- खड का ानयष ावसतार करन क ालए लड सवक कायर समा कर दया ह इस ावसतत ानयष को आ दश भ साानक आकड़ा क ारा अनमोदत कया जाना ह

समसत उप-खड का हवाई ाषकोीयकर एव अकयकर क पात मससर ाजयोडीस आ दश भ साानक आकड़ा क को अनमोदन हत सारी अातम ााया सतत करगा

आ दश भ साानक आकड़ा क ारा अातम अनमोदन क पात 20 उप-खड म पड़न वाल सार नकश का म कया जाएगा यह या दसबर 2015 तक समा होना ह

8 राीय शहरी सचना ाली (NUIS)

राीय शहरी सचना ाली का मोचन क ीय शहरी ावकास मषालय ारा 152 शहर का 110000 क पमान पर उपह छाया ाचष ारा एव 12000 क पमान पर हवाई ाचष ारा दसव योजना क तहत भ साानक आकड़ का ावकास करन क सा ndash सा जीपीआर (Ground Penetrating Radar) क मदद स 22 शहर का 11000 क पमान पर दो उपयोग क समाधान हत जस जल आपत मल-ानयारस उपयोागता मानाचष हत कया गया राजय नोडल एजासय (SNAs) ारा शहरी मासटर पलान और उपयोागता पलान क तयारी हत इन नकश का उपयोग कया जाएगा

उपरो परयोजना क ालए आ दश भ साानक आकड़ क का उरदाायतव ानानसार ह- i एनआरएससी ारा 110000 पमान पर उतपादन कया गया नकश क सरका ानकासी ii अातम नकश क सशोधन और गवा जाच हत एन आर एससी क सा समनवय iii110000 क पमान पर तयार नकश को राजय नोडल एजासय (SNAs) को दय हत अनय भ

साानक आकड़ा क क सा समनवय

इस राीय शहरी सचना ाली परयोजना क अतगरत 20 राजय क 152 शहर का कायर ालया गया और 68 शहर क अातम ााया उ भ साानक आकड़ा क राजय नोडल एजासय (SNAs) को भज दया गया लहाल एबयट आकड़ा जोड़न हत अलग- अलग राजय क उ भ साानक आकड़ा क राजय नोडल एजासय (SNAs) स ा 15 शहर का एव एमओजीएसजीएस सशोधन करन हत 2 शहर का आकड़ा एनआरएससी क पास ह अलग- अलग राजय क 67 शहर क आकड़ एबयट सह हत उ भ साानक आकड़ा क राजय नोडल एजासय (SNAs) क पास ह

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तााप आ दश भ साानक आकड़ा क न एनआरएससी एव अनय भ साानक आकड़ा क राजय नोडल एजासय (SNAs)स अचछ समनवय क सा अपना उरदाायतव भरपर ानभाया ह

9 आ दश कनारटक सीमा ाववाद

माननीय उतम नयायालय क ानदश क अनसार आ दश कनारटक राजय सीमा ाववाद को सलझान हत भारत क महासवकक न आ दश भ साानक आकड़ क को कायर आवटन कया इसका मखय उशय आ दश कनारटक राजय सीमा ाववाद को सलझान हत सीमा सतमभ का सापना करना ह तीन खड म रक एव सव कायर हत टीम क तनाती क गयी अब तक 172 जीपीएस ाबनद का पयरवक कया गया कायर अभी बाक ह

10 अनय ावावध कायर

उपरो परयोजना काय क अलावा इस भ साानक आकड़ा क न वषर 2014-15 क ालए ानालाखत काय क ाजममदारी ली ह

I 28 शीट क 150000 क पमान पर गवा ानयष

II 516 शीट क 125000 क पमान पर ओएसएम पानतर

III 150000 क पमान पर 354 शीट क वब चर सवा

IV हदराबाद कष म पड़न वाली 56 क 6 7 1011 डी एस एम शीट का अतन

V हदराबाद कष म पड़न वाली 56 क 6 7 1011 ओ एस एम शीट का अतन

VI 150000 क पमान पर तलग भाषा म चार शीट का मानाचष

VII तलगाना और आ दश राजय का नकशा 110 लाख क पमान पर तयार करना

ाहनदी एव टक अनभाग

22 मई 2014 को आ दश भ साानक आकड़ा क न एक नय अनभाग का गठन कया ाजसका नाम ldquoाहनदी एव टक अनभाग

rdquo रखा गया इसका मखय उशय यह ा क वाषक कायरम क अनसार इस ानदशालय स अाधकतम पषाचार हदी म ही करना इसक भारी इस आकड़ा क क राजभाषा अाधकारी ह एव इस अनभाग म एक अनभाग अाधकारी एक कान हदी अनवादक दो अवर ी ालापक क तनाती क गई ह ानदशक ारा अनमोदत मसौद को हदी म अनवाद कर इस ानदशालय स अनय ानदशालय कष एव महासवकक क कायारलय को पषाचार कया जाता ह lsquoगrsquo कष म हदी पषाचार का लय जो 55 ह उस ा करन हत यह ानदशालय अहम भामका ानभा रहा ह कोाशश जारी ह क वषर 2014-15 तक वाषक कायरम क अनसार यह ानदशालय अपन लय को ा कर लगा

6

सवक सहायक क वतन मान म पनरीक- माननीय नयायालायक आदश का कायारनवयन

अल 2013 म सवक सहायक क वतन मान म पनरीक का आदश ा आ सवक सहायक क हासयत स ाजनको ए सी पी ानयामत पदोात ामली उनक मामल को तरत ालया गया तााप एक सदह उठा क कया उ वतन-मान एमएसीपी ा सवक सहायक पर लाग कया जा सकता ह या नह और इस पर भारत क महासवकक स सपपीकर ा कया गया इसी बीच सवक सहायक क वतन मान क पनरीक क समाधान हत ानालाखत सदसय क सामात का गठन कया गया

1 ी कक गा अधीकक सवकक (अधयक) 2 ी एलएस शकर राव कायारलय अधीकक 3 ी एम यादी री सहायक 4 ीपी सतीश सहायक

इन मामल क ससाधन क ालए ानयामत आधार पर बठक आयोाजत क गई मामल ाजनक सपपीकर क जरत नह ी (लगभग 25 ) तरत ालय गय एव जलाई 2013 म कषीय वतन एव लखा कायारलय को सतत कय गय ाजनह उसी महीन म जाच तय कया गया

रवरी 2014 म सवक सहायक क वतन मान क पनरीक स सबाधत सपपीकर क ाा क बाद बाक क 45 मामल को (दोन पवर ndash 2006 एव उर - 2006 एसीपी) ानदश क अनसार मामल को 15-03-2014 तक तयार कया गया तााप ावीय वषर 2013-14 क अत म ानाध क उपलाबध न होन क कार इसको कषीय वतन एव लखा कायारलय को सतत नह कया जा सका

वषर 2014 -15 लखानदान क माधयम स ा ानाध स (12 सवा ानव मामल को जलाई 2014 म सतत कया गया और उसी महीन म तय कया गया) जलाई 2014 म ानयामत बजट क आबटन क बाद बाक क सभी मामल को अारत 10 (लगभग) अगसत 2014 म सतत कया गया और उसी महीन म तय कया गया आज क तारीख म सभी मामल को पर कर ालया गया और अनदश का अनपालन कया गया 70 मामल म स 22(लगभग) को आक लाभ ा आ और बाक (पवर -2006) मामल को साातक तौर पर वतन ानयतन कया गया अारत माननीय नयायाायक आदश क अनसार बकाया क आहर क ाबना

सामात क ानयामत आधार पर बठक ई और अधयक न मामल को पर करन म मागरदशरन दया ी एलएस शकर राव कायारलय अधीकक न अनय सदसय ारा कए गए वतन ानयतन मामल क पयरवक और जाच क सामात ारा दए गए समय सीमा क अदर सभी मामल को पर कया गया और समय समय पर ानदशक को ासात स अवगत करवाया गया

7

ाशक कोसर

आ दश भ साानक आकड़ा कन स ानालाखत अाधकारय को भारतीय सवक ससान म ावाभ कोस म ाशक दलवाया गया

म स अाधकारी का नाम(ीीमती) कोसर सखया ावषय

1 मोअजीममीन 49521 सवक अाभयााषक का मल ासानत

2 एन अानल कमार कय 5 भाम सचना का अाभकलप एव कायारनवयन

3 मोहममद अली शख 40092(ए) सवक पयरवकक

4 एस राव 40092(ए) सवक पयरवकक

5 अामत समर 40092 सवक पयरवकक

6 एलवीएम नायड 40092(बी) सवक पयरवकक

7 वी गोपाल राव 40092(बी) सवक पयरवकक

8 बी गोपाल राव 40092(बी) सवक पयरवकक

9 पी रावकर ातकोर भ-साानक ावजान

10 कोा ीानवास ातकोर भ-साानक ावजान

1 कनरल एस ीधर राव ानदशक न बगल ासत दाकी कष कायारलय म 21012014 स 23012014

आइसीजड़एम परयोजना स सबाधत ानदशक क सममलन म ाहससा ालया

सममलन ाशक

2 कनरल एस ीधर राव ानदशक न नई दलली ासत सव (हवाई) एव दलली भ साानक आकड़ा कन ानदशालय म राीय शहरी सचना ाली (NUIS) स सबाधत पनरीक बठक म ाहससा ालया 3 ी कक गा अधीकक सवकक एनएसडीआई क ालए ओरकल सपाशयल का ाशक ा कया |

ाशकता

आ ावावालय इजीानयरग कॉलज(ए) ावशाखपनम क 12 ावाय को 12-05-2014 स 06-06-2014 तक ाजयोडसी अकय ोटोाामात सलाकात सदर सवदन तलक अकय मानाचष एव भौगोालक सचना पात आद ावषय पर जानकारी दी गयी

8

वषर 2013-14 क ालए मानदय स परसकत कमरचारय क सची

म स नाम ीीमती कमारी पदनाम 1 पी म कमार अाधकारी सवकक 2 पीककर अाधकारी सवकक 3 एलकरासी अाधकारी सवकक 4 ए भाचारजी अाधकारी सवकक 5 एन अानल कमार सवकक 6 ीनीवास राव यादागर सवकक

7 क ओमकार सवामी सवकक

8 सागरका पताल सवकक

9 एमएस आर मत सवकक

10 एस बी चधर राव सवकक

11 अशाख अहमद सवकक

12 डी वकटा ीहरी सवकक

13 डीआरएस स कमार सवकक सहायक 14 सी एच गडम मानाचषकार ड II 15 ावजय सनीता गोप मानाचषकार ड II 16 पीक ातभा सहायक 17 ज कनक लमी मानाचषकार ड III

18 शलबाला खडरी मानाचषकार ड III

19 ए शलश वर ी ालापक 20 एम बगारी नायड वर ी ालापक

21 चपाल वर ी ालापक

22 एमलम कमार वर ी ालापक

23 एन वलली कलयाी वर ी ालापक

24 बीनागरम अवर ी ालापक

25 पठान इमाम कासीम अवर ी ालापक

26 एमअपपल राज एम टी डी 27 सययद जहागीर अली एम टी डी

28 शयामल दास एम टी डी

9

म स नाम ीीमती कमारी पदनाम 29 सी नारायना खलासी 30 महन कमार खलासी 31 एमओबयया खलासी 32 सी वीचलमयया खलासी 33 कालर खलासी 34 जी जया खलासी 35 क अपपा राव खलासी 36 पी काशम खलासी 37 क ईरयया खलासी

पदोत कमरचारय क सची

म स नाम पदनाम पदोात क

ाता ाजस पद पर पदोत ए

1 डीरघ रामल मानाचषकार ाडावजन -I 11-10-2013 मखय मानाचषकार

2 मो अजीमीन सवकक 06122013 अाधकारी सवकक

3 एम परमर राव सहायक 29112013 कायारलय अधीकक

4 जीशीला रानी मानाचषकार ाडावजन -II 23062014 मानाचषकार ाडावजन ndashI

5 एम वासदव वर ी ालापक 06052014 सहायक

सायीकर ा कमरचारय क सची

म स नाम पदनाम सायीकर क ाता

1 एमावजय कमार पटल ाचषकार ड़ -III 01012013

2 आर ीनीवास राव अवर ी ालापक 01012013

10

म स नाम पदनाम सायीकर क ाता

3 पी ामालनद कमार खलासी 01012013

4 गनकली पदममा खलासी 01012013

5 वाइ मानीकयममा खलासी 01012014

6 बी सवामी( अनसाचत जन जाात) खलासी 01012014

7 बी शाता ( अनसाचत जन जाात) खलासी 01012014

11

सानातर पर तनात कमरचारय क सची

म स

नाम ी ीमती

पदनाम सानातर क ाता

सानातर

स को

1 डीरघ रामल

मानाचषकार 11102013 भौ सप एव स स ानदशालय

आ भसा आ क हदराबाद

2 मो अजीमीन सवकक 06112013

(पवारहन)

भारतीय ाशक एव मानाचष ससान हदराबाद

आ भसा आ क हदराबाद

3 सतयभामा नायक सापना एव लखा अाधकारी

10012014 (पवारहन)

पब एव ास भसा आ क कोलकाता

आ भसा आ क हदराबाद

4 एनबी सरी अधीकक सवकक 22012014 मएव गोवा ानदशालय पन

आ भसा आ क हदराबाद

5 एस महबब दादार 17022014

(अपराहन)

मएव गोवा ानदशालय हदराबाद सकनध

आ भसा आ क हदराबाद

6 टीकष कमार अाधकारी सवकक 19032014

(अपराहन)

भारतीय ाशक एव मानाचष ससान हदराबाद

आ भसा आ क हदराबाद

7 एसराव टीटीटी lsquoएrsquo 17042014 पवारहन

भारतीय ाशक एव मानाचष ससान हदराबाद

आ भसा आ क हदराबाद

8 अामत कमार टीटीटी lsquoएrsquo 06052014 पवारहन

भारतीय ाशक एव मानाचष ससान हदराबाद

आ भसा आ क हदराबाद

9 बीराजन बाब सहायक 09062014 पवारहन

दाकी म वगर आ भसा आ क हदराबाद

10 जी शीला रानी मानाचषकार ाड-I 23062014 पवारहन

भौ सप एव स स ानदशालय हदराबाद

आ भसा आ क हदराबाद

12

सानातरत कमरचारय क सची

म स

नाम ीीमती

कमारी पदनाम सानातर क

ाता सानातर

स को

1 बीसीसा अाधकारी सवकक 16082013

आ भसा आ क हदराबाद

भा स एव स हदराबाद

2 एमएम मोहानत

अाधकारी सवकक 26082013

आ भसा आ क हदराबाद

ओड़ीशा भसा आ क भवनर

3 पीयादयया सवकक 11122013

(अपराहन) आ भसा आ क हदराबाद

क भसा आ क बगल

4 सनीता कालरा आशालापक

28042014

(अपराहन) आ भसा आ क हदराबाद

ानदशक सवक (हवाई) दलली भसा आ क नई दलली

5 शभा वी नायर

कायारलय अधीकक

07052014

(अपराहन) आ भसा आ क हदराबाद

भा स एव स हदराबाद हदराबाद

6 कवी चारी सहायक 06062014

(अपराहन) आ भसा आ क हदराबाद

दाकी म वगर

13

सवा ानवसवाचछक सवा ानव ए कमरचारय क सची

म स नाम पदनाम सवा ानवा क ाता टपपी

1 पीडीकमार अाधकारी सवकक 30092013 सवा ानव

2 एस कासम दादार 30092013 सवा ानव

3 भलनराम खलासी 15102013 (पवारहन) सवाचछक सवा नव 4 जी लाजर पटल ाचषकार ड़- II 31102013 सवा ानव 5 बीसीलममा खलासी 31102013 सवा ानव 6 पीदवदास मानाचष मॉउटर 30112013 सवा ानव

7 तनगटला राधा कषा भडार सहायक 31122013 सवा ानव

8 टीवकटयया दादार 31122013 सवा ानव 9 जी चयया माली 31122013 सवा ानव

10 पीसीबोरोल अाधकारी सवकक 28022014 सवा ानव 11 डीरघ रामल मखय मानाचषकार 28022014 सवा ानव 12 बी नासरयया खलासी 28022014 सवा ानव 13 बी ीपाल दादार 31032014 सवा ानव

14 क दानम खलासी 30042014 सवा ानव

15 कषा सरकार अाभलखपाल ाडI 31052014 सवा ानव

16 कपललयया पटल ाचषकार ड़ II 31-05-2014 सवा ानव

17 सीकडयया जमादार 31052014 सवा ानव

18 एमवकटवरल दफतरी 30062014 सवा ानव

19 पीअजरना खलासी 30062014 सवा ानव

20 यावर बगम खलासी 30062014 सवा ानव

21 एमाचा वकटममा

दफतरी 30062014 सवा ानव

22 एनबी सरी अधीकक सवकक 31082014 सवा ानव

14

समात शष

एसपी ईरयया खलासी

जनम ाता 01-07-59 ावभाग म भत होन क ाता 01-03-1997 स ानयामत भत सवगरवास 22-4-2014 परवार इनक परवार म पी क अलावा दो ब ह इनक आकासमक ानधन पर आ दश भ साानक आकड़ा कन क कमरचारय को गहरा आघात पचा और सभी न इनक परवार क ात सवदना क एव इनक आतमा क शाात क ालए ईर स ारना करत ए दो ामनट का मौन रखा सव ी एसपा ईरयया ाजनक आ दश भ साानक आकड़ा कन म कायररत रहत ए अल 2014 म अकाल मतय हो गयी ी उनक परवार क ततकाल मदद क ालए पर आ दश भ साानक आकड़ा कन क परवार न 25600- का ततकाल सहयोग दया

15

भडार का ाप

म स सामी भडार 1 वाटर कलर 01

2 एल ईडी मॉनीटर 15

3 कमपयटर टबल 30

4 कमपयटर कस 30

5 पलाासटक कस 236

6 एचपीाडजाइन जट टी- 1300 टर 01 आइ सी जड एम क अतगरत

7 कलर क समाटर एलए जीएस टी 42- सकनर

01 आइ सी जड एम क अतगरत

8 यपीएस क ालए 12 वोलट क बटरी 60

9 5 कपी का य पी एस 02 डी ए डबलय वी आइ सी जड एम क अतगरत

10 डलल कमपयटर 10

11 लाइका अकय लवल (डी एनए-03) 02 आइ सी जड एम क अतगरत

12 लाइका जीएनएसएस (जीपीएस दोहरी बारबारता)

02 आइ सी जड एम क अतगरत

13 3 डी ावजन कट 23 (18 आ भ सा आ क हत )

14 समसग एलसी डी मॉानटर 02

15 एचपी सकनजट 200 फलटटड- सकनर 01

16 डाट मकस टर 03

16

अनपयोजय भडार का अनपयोगी घोाषत

म स सामी मलय 1 साइबग उपकर 364574-

2 नचर आइटम 218844-

3 ोटोामीतीय उपकर 9125746-

4 कमपयटर और परधीय 4027273-

5 उपकर ( गौ सवक उपकर) 706943-

तदनसार अनपयोजय भडार क अनपयोगी हत नीलामी या क शआत हो चक ह

17

वषर 2013-14 क ालए ानाध का आबटन य

शीषर सवीकत अनदान

(हजार म )

अातर ानाध क मागाा

(हजार म )

भाकमसव ारा काटी गई (हजार

म )

इस कायारलय

ारा अभयपर

अातम बजट अक (पय

म)

य (पय म)

31-3-2014 को शष रााश (पय म)

वतन 114400 0 1400 0 113000000 112999869 131 मजदरी 500 350 0 0 850000 845802 4198 ओ टी ए 0 0 0 0 0 0 0 ाचकतसीय 2840 0 0 750 2090000 2089187 813 डी टी ई 1240 0 0 0 1240000 1239231 769 ओ ई 1409 125 94 1440000 1397157 2843 आर आरटी

240 0 0 16 224000 223875 125

ओ ईए 2 2 0 0 4000 3750 250

एसampएम 310 0 0 310000 309712 288 पी सवा 280 0 0 129 151000 149810 1190 अनदान 0 0 0 20800 20775 25

18

मनोरजन कलब का वाषकोतसव ndash 2013

आ दश भ साानक आकड़ा क ानदशालय क मनोरजन कलब का वाषकोतसव दनाक 10-01-2014 को ातः काल 1000 बज स सममलन कक म आयोाजत कया गया ाजसम मखय अाता भारत क महासवकक डॉ सव र सबबा राव उपासत ावशष अाता क प म ी एसबी शमार उप महासवकक भारतीय सवक एव मानाचष ससान उपासत ानदशक महोदय कनरल ीधर राव न सवागत भाष दया और मनोरजन कलब क साचव ी डीआरएस सन कमार न वाषक रपोटर सतत क सासकातक कायरम ारा सभी का मनोरजन कया गया मखय अाता न अपन भाष म कहा क इस ानदशालय न ी कनरल ीधर राव क नततव म बत अाधक एव सतोषजनक प स गात क ह और इस बात का भी उललख कया क व जब इस ानदशालय क ानदशक तब व य सब कायर करना चाहत परत इनह मतर प दन म कनरल ीधर राव ानदशक महोदय क महतवपर भामका रही ह ततपात एक ीात- भोज का आयोजन कया ाजसम करीब 230 लोग न भाग ालया ाजसक सभी न भर-भर शसा क

मनोरजन कलब ारा आयोाजत कए गए खल

करम

टबल टनीस

शटल

शतरज शॉट- पट धीमी साइकलग

पष सगलस माहला सगलस पष डबलस माहला डबलस

पष सगलस पष डबलस

पष सगलस माहला सगलस पष डबलस माहला डबलस

पष पष पष

19

वषर 2013 क दौरान कनीय मनोरजन कलब सपोटरस स ा इस ानदशालय क ाता एव सममान

करम

खल म परसकार ातीय परसकार ततीय परसकार

पष सगलस पी रवी कानत चनपाल शशी करन एव एलए बग

माहला सगलस शभा वी नायर पीक ातभा शलजा एव मीना

पष डबलस सययद इदरस एव सवातरयया कवी चारी एव ओ वीन कमार

---------

माहला डबलस शभा वी नायर एव अनसया पीक ातभा एव शलबाला खडरी

टबल टनीस पष सगलस पी सतीश क वीचारी ओ वीन कमार

एव अशाख अहमद पष डबलस कवीचारी एव

डी रगा राव कक गा एव पी सतीश ----------

शटल पष सगलस पी सतीश एम वी ावजय कमार कवी चारी एव पी

यादयया माहला डबलस शभा वी नायर एम सबीता मीना एव राज़या

बगम पष डबलस पी सतीश एव

एम वासदव स कमार एव ओ वीन कमार

-----------

माहला डबलस एम सबीता एव राजया बगम

शभा वी नायर एव बी एस वी वरलमी

-----------

शतरज पष जगन एकर ------------

शॉट- पट पष बी नागरम चनपाल स कमार

20

धीमी साइकलग पष डी स कमार सययद इदरस सययद मोजज़म

उ नयायलय म लाबत नयायालक मामल

लाबत मामल 04 आ दश उ नयायालय

कस क सखया 11 कनीय शासानक अाधकर हदराबाद

समा कस क सखया 06 लाबत कस क सखया 05

पनवलोकन मामल

ानालाखत अाधकारयकमरचारय क पनवलोकन मामल का ानपटारा कया जा चका ह

म स प lsquoबीrsquo राजपाषत प lsquoबीrsquo अराजपाषत प lsquoसीrsquo (पवरवत प

1 एस बाब अाधकारी सव ज डी एबनजर मानाचषकार ाडाव I नरश

2 पीक लहा मानाचषकार ाडाव I गदो राम

3 शख मीरावली मानाचषकार ाडाव I एम गररयया

4 जी सीतारामम सव सहायक पी काशम

5 वाई सबबयया सव सहायक सतयममा

6 पीएस सामबाब सव सहायक वी कषयया

7 बी ओबशयया सव सहायक

21

एम ए सी पी क मामल

ानालाखत अाधकारयकमरचारय क एमए सी पी मामल का ानपटारा कया जा चका ह

म स प lsquoबीrsquo अराजपाषत प lsquoसीrsquo (पवरवत प lsquoडीrsquo)

1 वी सयर भा मानाचषकार ाडाव I एल योहन

2 पीकलहा मानाचषकार ाडाव I सीनाराया

3 शख मीरावली मानाचषकार ाडाव I जजॉन

4 एम भवनरी मानाचषकार ाडाव I एस रामयया

5 बीएसवी वरलमी मानाचषकार ड़ II बी पललया

6 - पी काशम

7 - शख काासम पीरा

8 - एम लमी नाराया

9 - एम वकटरल

10 - जी जया

आ दश भ साानक आकड़ा कन क अाधकारय कमरचारय क ब ाजनहन शकाक ानपता दखाई ह

1 कमारी अनवषा कर सपषी डॉ पीक कर सी जी पी ए 9810 दसव कका क ीय ावालय हदराबाद

22

तलग म ावव ी नकश ( ओएस एम) क तयारी (बीएचराव अधी सव जीव अाध सव एमराकश अाध सव एसपटा री मानाचषकार)

सतावना पवर म ावाभ नकश तलग म कााशत आ करत जस आ दश राजय नकशा (1999) भारत क राजनीातक नकश आद ऐस नकश अकराक ासटक-अप (lettering stickups) साहत साइबग क परमपरागत तकनीक का उपयोग कर कााशत होत तााप कोई भी सलाकातक नकश तलग म कााशत नह ए ह परत हाल ही म ावजान एव ौोागक ावभाग न ावव ी टोपो नकश ( ओएसएम) को कषीय भाषा म उपलबध करवान क ालए एक नीात को जारी कया ह ाजसक पराम सवप आ दश भ साानक आकड़ा क न राजय क राजधानी हदराबाद को दशारत ए एक शीट को योग क आधार पर अकय माधयम स तलग म करन का काम ालया ह

ॉनट क खोज म माइोसटशन साफटवर क अनक ल डीजीएन ामट म मल डाटा बस पहल स ही उपलबध ह मल-

पाठ को बठान क ालए माइोसटशन क अनक ल एक सावधाजनक तलग ॉनट क आवशयकता ह अनक ॉनट क जाच क गई परत कछ भी माइोसटशन क अनक ल नह पाया गया कयक तलग ालाप म बत सारी माषाए अगल स लगवाए जान क कार ldquoमाषाrdquo को लगाना एक कठन कायर सााबत आ तााप वब म बत छान-बीन करन क बाद ldquoटी टी एल हमलताrdquo ॉनट को खोजा गया और माइोसटशन परवश म मल पाठ को रखन म उपयोगी पाया गया

अनवाद

ावाभ व रनातमक अाभउाया ाचनह पाद- टपपाया आद का अजी स तलग म अनवाद हत सभी ापय साधन जस क इटरनट नट पर अनवाद शबदावली आद का आय ालया गया

माइोसटशन परवश म मल पाठ को बठान क ालए कायरावाध

ॉनट याान ldquoटी टी एल हमलताrdquo वााछत सान पर लोड कया गया तलग ालाप म बत सारी माषा क अतःसाापत होन क कार एक ावाशप शबद या अकर क ालए सही माषा क चयन हत अाधक सावधानी बरतना का सानात कया गया वााछत मल ndash पाठ को मइोसाफट वडर म टकत कया गया माइोसटशन वशरन 8 ाइल म अनोटशन टकसट एडीटर क माधयम स कापी और पसट कया गया उ

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शीट क 22 टोपो स अनवादत अनोटशन को या सतयाापत कया गया अनोटशन को कनार म और उपरो शीट क नाम ाइल म रखा गया मामल ाजनको सलझाना ह -

1 ॉनट क आकार का मानककर 2 तलग ालाप म ावाभ व रनातमक अाभउया क सावधाजनक शबद का चयन 3 मल- पाठ को सगठत करना एक जटल कायर ह और समय लन वाली कायरावाध ह और पयार

माषा म षीय भाषा याान तलग क जान क जरत ह 4 जयादा सखया म सपादन मल-पाठ क सगठन क आवशयकता ह 5 तलगाना राजयतलग ावावालय क उ राजभाषा ावभाग स अनवादत ालाप को माीकर

करन क आवशयकता होगी समाा

सानीय ालाप (तलग) म ओ एस एम माक नकश क तयारी स अाधक सखया म लोग को सलाकातक नकश को आसानी स योग करन म सावधा होगी सलाकातक नकश म भाषा-ावषयक सबधी साचकारी पदार को जोड़न स ानयही भारतीय सवक ावभाग क उतपाद क चार को बढ़ावा ामलगा और बाजार म अपनी अहामयत बढ़ाएगा

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चनौती क ालए तयारी (रघना ाषपाठी अधीकक सवकक)

कसी भी ावभाग म नई चनौातय को सामना करन क ालए कमता ानमार क आवशयकता ह यद

यह नह कया जाए तो सताावत योजनाए ावल हो जाती ह कमता ानमार स पहल उसक लय एव उशय को परभााषत कया जाना आवशयक ह कयक इसक कायारनवयन क सतर म योजना और ानषपादन म का अतर हो सकता ह कमता ानमार क अनय मानक क अतगरत अनवत सावधा क रखरखाव और सभाावत ावकास भी शाामल ह कमता ानमार क कसी भी यास म ातभा क खोज को ही पहल कदम क प म ालया जाना चााहए भारतीय सवक ावभाग म सही कमता ानमार क बाद ही 110000 क पमान का सवक करन और मानाचष ाा सभव हो पाएगा आधानक अाध ौोागक म कमय क ाशक पयार नह ह लकन यह दखना ह क जो माग और सवक और मानाचष क आपत क खला स सक ातत ह जनता क ालए उपयोागता बढ़ा रही ह श म हालाक बाधाए आना बाधय ह हम यह कायर श करना और पराम क तीका करनी ह इस यास म खल अाधकार कष क ावशषज को ानयामत प स परामशर कया जाना चााहए सवक और नकश क उपयोगकतार क माग और एक बड़ परय क दाप स दखन क ालए यह महतवपर ह

यहा तक क उपयोगकतार क ालए भी ाडाजटल डटा का उपयोग सीामत ह भारतीय सवक ावभाग उपयोगकतार को ानयामत आधार पर सहायता और मलय सवधरन क ालए सलाह दकर नकश क कातज उपयोग तक का ावसतार कर सकता ह उस बात पर धयान दत ए भारतीय सवक ावभाग क सवा हत जी आई एस वजाानक को शाामल करन क आवशयकता ह यह महगा मामला होन पर भी वरीयता स भरी हम भावषय क चनौातय को परा करन क ालए तयार रहना चााहए कयक नकश क उपयोग स ावकास को तो होना ही ह

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नमक का महतव (कष कमार अाधकारी सवकक)

एक राजा क तीन बटया ी तीन बत ही सनदर सशील और ावशष ग वाली एक दन राजा न तीन राजकमारय को अलग-अलग स एक ही सवाल पछा ldquo बटी तम मझ कतना चाहती हो ldquo बड़ी राजकमारी न जवाब दया rdquo ापताजी म आपको सोन जस चाहती अारत सोन क आभष स मझ ाजतना पयार ह उतना ही पयार आप स ह ापताजी ldquo राजा बत सतप आ और दसरी राजकमारी स पछाrdquoबटी दीदी न तो जवाब द दया अब तम बताओ तम मझस कतना ह रखती हो दसरी राजकमारी बोली ldquo ापताजी म आपको हीर जसा चाहती अारत हीर क गहन स मझ ाजतना पयार ह उतनी ही पयार आप स ह ापताजी ldquo राजा तो ल न समाया सोचन लगा rdquo म बमतलब का सकोच कर रहा ा मरी बटया तो लगता ह मर बगर जी नह पाएगी ldquo अब तीसर स कया पछ र भी पछ लता र तीसरी बटी स पछाrdquo बटी तम मझ कतना चाहती हो तीसरी राजकमारी न जवाब दयाrdquo ापताजी म आपको नमक ाजतना चाहती जवाब सनत ही राजा आग-बबला हो उठा और बरी-भली सनाकर उसक कक स ानकल गया छोटी राजकमारी न कछ नह कहा बालक राजा क डाट सनकर चपचाप रह गयी रात ई राजा को सार महल क कायर ानपटान क बाद भख लगी खान क ालए उस हीर स ससात सोन क सहासन पर छोटी राजकमारी न बठाया र सोन क ाली म नाना कार क जन स य खाना परोसा और राजा को खाना श करन को कहा राजा न मह म खाना रखा तो महसस कया खाना का ह र हर जन को चखा तो पाया सब क ह र तो आग-बबला होकर अपनी रानी पर ाचललाया ldquo इस तरह क भल कस हो गयी हम कया समझ रखा ह जन दखाकर ललचाना और र खान नह दना यह बोलत ए रानी पर सोन क ाली ाजस पर जन परोस ए कन क ालए हा उठाया उठ ए हा को तीसरी राजकमारी न पकड़ ालया और पछा ldquoापताजीखाना तो बढ़या ह र कमी कया हrdquo राजा बोल ldquoनमक क ाबनाकोई खाना खाया जा सकता हrdquo राजकमारी बोली ldquoापताजीआपको तो नमक स नरत ह ना इसालए मन जन बनवात ए नमक नह डलवाया rdquo र तो राजा समझ गया क छोटी बटी न उनह सबक ासखान क ालए यह भोजन तयार करवाया ह र बोला ldquoबटी म समझ गया नमक क ाबना खाना जस सवादप नह उसी तरह तमहार पयार ाबना मरा वचरसव नह ldquo और राजकमारी को गल लगा ालया

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मायाजाल (एनबी सवामी अाधकारी सवकक)

इस जगत म कल 84 लाख जीव राशया ह और उनम मानव जनम सबस उम ह उम इसालए ह क भगवान न मानव का आधार इसालए दया ह ताक इस जनम अचछ कमर कर वह मोक क ाा कर सक मोक याान पनरजनम नह यद कमर बर ए तो र 84 लाख जीवरााशय म पदा होन क ालए वह आतमा कालच म दोबारा स जाती ह इस सपर कालच क याषा करत ए जब आतमा मानव क योान म वश करती ह तब वह भगवान स यही ारना करता रहता ह क ह भगवान मझ इस कद (याान मा का गभर) स जलदी मा दला द कयक म तमहारा धयान सही ढग स नह कर पा रहा कयक इस कद म अनक तरल पदा क सा-सा मल-मष म भी टहल रहा यह कसा नरक ह जहा आपन मझ सा रखा ह तब भगवान भी बोलत ह क ldquoत अभी बालक ाशश का प धार करन वाला ह तमन इतन वष यग म ाजतन पाप कय ह उन सबक यह चरम सीमा ह यह चरम सीमा बत ही पीड़ा दन वाली ह ाजस तमह जीतना ह लाघना ह इस चरम सीमा स मा होन क बाद तम कया करोग ldquo ाशश कहता ह ldquo भगवन आप जो कहग ldquo भगवन पछत ह कया तम अपना जीवन मरा धयान करत ए मर ालए समपर कर दोग ldquoाशश कहता हrdquo हा म समपर कर दगा आपक ालए ldquo भगवन भी जानत ह ाशश को नौ महीन गभर म रहना ही पड़गा तभी पर शरीर का ावकास होकर जब वह बाहर आएगा तो मरी सवा करगा उ नौ महीन तदनसार भगवन ाशश का वातारलाप नौ महीन चलता रहता ह ताक ाशश अपन चार ओर स मल क गध का धयान न द र जब वह बाहर ानकलता ह भगवान को धनयवाद करता ह और कहता ह ldquo म तमहारा बत ही आभारी भ अपन मझ मा दलाई अभी मझम वह ताकत नह क म तमहारा धयान करन क ासवा और कछ क मर माता ndashापता मझ सच कर जब अपन पर पर चलन क ताकत द दग तभी म तमहार ालए कछ कर पाऊगा ldquo भगवान कहत ह ldquo अर मखर त नह जानता यह जगत एक मायाजाल ह मझ पर ावास ह त मझ भल जायगा और र स कालच म पड़ जायगा ाशश कहता ह ldquo नह भगवान ऐसा नह ह भगवान मरा ावास करो म ातजा करता मरा जीवन आपक ालए ही समपर ह ldquo भगवान कहत ह ldquoदख लगा इस जगत क मायाजाल म त मरी कया का सवा करगा ldquo यह ाशश और भ का वाारलाप सनकर दवष नारद भगवान क पास पच पछन लग ldquo भ आप कस मायाजाल क बात कर रह ह ldquo भ बोल ldquo नारद म समसत जीव- रााशय का सवामी उनका कलया चाहता उनको सख भी और दख भी दता वह इसालए क मायाजाल क मोह एव अहकार म पड़कर खद को सपर मानन वाल ाी को दड न द तो र मरा समर कस करगा ldquo नारद बोल ldquo भ आपक वचन का मतलब कस

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दशा म जाता ह यह तो मझ नह पता एक तर कहत ह समसत जीवरााशय का कलया चाहता दसरी ओर कहत ह दड दता तीसरी ओर मायाजाल अर नाराय आप जब समसत जगत क सवामी ह सब आपक अधीन ही ह तो र मायाजाल शबद आपन जो योग कया ह वह आपक अधीन स बाहर कस हो गयाrdquo ानयष काजए जीवरााशया उसक चपट म नह आएगी र सब आपका गगान ही करग और सबको मोक क ाा होगी ldquo भगवान कहत ह ldquo ह दवष मर ालए समसत जीवराशी को परीका स गजरना पड़ता ह मानव जीवन ही उनम अातम परीका ह बस उसको लाघ ल म पनरजनम स मा दला दldquo नारद जी भगवान स तकर करन लग गय का दर बाद भगवान न कहा rdquo दवष आपस बहस और नह कर सकता आपस बहस कर मरा गला सख गया ह जरा एक छोट कलश या कमडल म पानी लकर आइय ताक म अपनी पयास बझा सक नारद को झटका लगा और पाताप करन लग ldquo बमतलब मन अनतरयामी स बहस कर उनको कप दया व समपर जानानद क सामन मरी हासयत कया ह पता नह आज मरी मात मारी गयी और म बमतलब बहस करन लगा भ को पयास लगी ह और वो भी मरी वजह स जलदी स उनक पयास म बझा द पानी क खोज म सार लोक का म करत ए नारदजी पथवी लोक म पच गए पथवी लोक पचकर पानी क खोज म एक कए क पास पच तो दखा क एक अतयनत सदर नारी कए स पानी ानकाल रही ह नारद न सोचा वह सनदर ी पानी भरकर चली जाए तो र म ोड़ा सा पानी भर ल नारद उस दख रह ी भी नारद जी को दख रही ी नारदजी न पछा rdquo दवी कया तम यह आसपास रहती हो ी न जवाब दया rdquo हा ldquo नारदजी र पछ rdquo दवी कया तमहारा ाववाह हो चका ह rdquo ी बोली ldquoनह ldquo नारदजी का ावचालत मन ल नह समाया और पछ ही ालया ldquo दवी यद तम अाववााहत हो और यद तमह कोई परशानी न हो तो कया तम मझस ाववाह करोगी ी सादाय औरत ी बोली ldquo मर ापता क आजा क ाबना म आपस ाववाह नह कर सकती ldquo नारदजी बोल ldquo दवी सशील नारी क यही ग होत ह यद तमह आपा न हो तो म तमहार सा चलकर तमहार माता-ापता स बात कगा और तमस ाववाह कगा ldquo यवती राजी ई और ासर एव कध म पानी स भर घड़ को ढोत ए आग चलती रही और नारदजी पीछ चलन लग सपर रासत म उस सनदर ी क ानहारत ए मन म सपन क पल बाध रह उस सनदर ी क ापता क पास जाकर अपना परचय दत ए उनक बटी स ाववाह करन का सताव रखा साकात नारद मान को अपना दामाद सवप दख उसी मतर म मगनी हो गई और एक शभ मर म ाववाह भी हो गया ाववाह क कछ दन क पात उनक ब हो गय ब बड़ भी हो गय र तो व अपन गहस आम म इतन सत हो गय क उनक मह स नाराय मष ानकलना भी बद हो गया कई वष बाद एक शाम को जोर क आधी क सा तानी बारश ई इस माहौल न इतना ावकराल प धार कर ालया ा क वातावर लय म बदल गया चार तर पानी भर गया बत सार लोग पश आद पानी म बह गय कनत कात क ावकराल प क सामन ठहरन का साहस कस ा दखत ही दखत उनका गह भी बाढ़ क चपट म आकर टट गया और पानी म बह गाया पी और ब डर स

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रोदन करन लग दखत-दखत कान पष क अलावा पी और बाक ब भी पानी म बह गए र तो नारदजी स सोचा इस कान को म कध पर ालए चलता ताक वह तो बढ़ाप म मरा सहारा बनगा कनत लय क तीता इतनी तज ी क नारदजी क नाक क ऊपर स पानी बहन लगा र तो व खद भी भल गय क बट को बचाना ह सोचन लग म कसी तरह जीावत बच जाऊ उसी सोच न उनक कान पष को भी नह बखशा कसी तरह कछ समय उपरानत लय शानत आ पानी घट गया चार तरक मनषयपश - पकी आद क लाश टट ए रासत और घर क बीच पड़ी ई ी नारद मान को बहद दख आ और ठठोर कर रोन लग गय रोत-रोत व खद क बार म सोचन लग क भगवान न उनक सा ऐसा अनयाय कय कया काश व भी मर जात तो अचछा होता तभी उस राह स ास महष गजरत ए नारदमान स परामशर करन लग नारदजी कहन लग ldquo पता नह मन कौन सा पाप कया ह क मर पर परवार का सवरनाश हो गया ह मझ कय मतय नह आई इस पर ासजी न कहा शायद तमहारा समय नह आया ह इसालय तम बच गय हो हालाक ास जानत क नारद मायाजाल म सा आ ह ldquo र इसका ानरय कौन करता ह ldquo नारद न ासजी स पछा ासजी न उर दया ldquoयह तो मतयलोक क अाधपात यमराज ही इसका उर दगrdquo र व दोन ामलकर यमराज क पास गय यमराज न आन का कार पछा तो ासजी न नारद मान क सारी दख भरी गाा सनाई और पछा क ldquoमतय न इनका आलगन कय नह कयाldquo यमराज बोल rdquoम कोई नह मरा यमदत ही इसका उर द सकता ह कयक म यमदत क ारा कसी आतमा को लान क बाद ही उसक पाप-पणय का ाहसाब दख ानधाररत सजा का ऐलान करता यद यमदत आपको लकर मर पास नह आया तो इसम मरा कया दोष ह यमदत स पछ लldquo र ासजी न उनक यमदत स वही सवाल करन पर यमदत न कहा ldquo महामान म कस कसी क शरीर स आतमा को छीनकर ल आऊ म तो यमलोक का सवक माष ाचषग जब तक आजा नह दत तब तक म कोई कायरवाही नह कर सकता आप इस का उर ाचषगजी स पछ ल ldquo र ासजी न ाचषग स वही सवाल करन पर ाचषग न कहाrdquo महामान म तो यमदत को तभी आजा दता जब उस ाी का सारा लखा - जोखा समा हो जाता ह अभी माननीय नारद जी क मतय का समय आया नह ह अभी उनका कछ कया नह जा सकता ldquo ासजी न नारद स कहाrdquo दखो नारद अभी तमहारा समय आया नह ह तभी तम जीावत हो चलो चलत ह अब ापछली घटना को भल कर आग क सोचो ldquo बस इतना ही कहना ा क ाचषग न र ासजी को बलाकर कहा rdquo ह ऋाषवर इनक कणडली म यह ालखा ह क मतय तभी इनको गल लगा सकती ह जब य एक सा आपको मझ यमराज और उनका वाहन भस का एक सा दशरन करग चक इनक ारा यह कायर पर हो चका ह अत इनका जीवन पर हो गया ह ldquo बस इतना ही ा क नारद जी को आवाज आन लगी अर दवष दवष मझ कब स पयास लगी ई ी मरा गला सख गया ह कनत आपन मझ अब

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तक पानी नह दया कहा ह पानी ldquo य साकात नाराय क आवाज सन नारदजी को होश आया और भगवान क चर म पड़कर ागड़ागड़ान लग यह कहत ए क rdquo ह नाराय आपन मझ अचछा सबक ासखाया ह मन आपस बहस कया कर लीआपन मझ मायाजाल का साकातकार करवा दया कमा काजए म आपको पानी नह ापला सका मरी वजह स आपका गला खब सख गया होगा ldquo यह कहत ए उनक अधारा स नाराय क पाव धल गय और भगवान न कहाrdquo दवष आप चातत ना ह आपन अधारा स मर चर धोकर ानसवार सवा कर दी मरी पयास बझ गयी ह अब आप म ह ldquo र नारदजी खशी स नाराय-नाराय कहत ए ानकल गय

घाट का पतर

(बषव बहरा अाधकारी सवकक)

माता-ापता और जनम भाम को छोड़ कर हम सब बन गए ह घाट का पतर धनय ह वह महापष ाजसन हम साापत कया म उस महापष क ावषय म व रन नह कर सकता शायद म अात पाप क कार पतर बन गया लोकन म आशा करता क भावषय म मरा भागय बदल जाएगा चक म लोग क मन स सवा करता इसका ल हमको भगवान अवशय दग लोग का सवा करत ndashकरत मरा आकार भी बदल गया परनत सवा करत ndashकरत मरा नाम रोशन हो रहा ह बालक हम सता का अनभव हो रहा ह मर कमर क चलत मरा भागय बदल रहा ह म हमशा जलम रहता और पीठ पर ातदन मार झलत रहता शायद ही ऐसा पीड़ा इस ससार म कसी को ामलती होगी मरा सानानतर भी नह ह म कई महापष को दखता आया कतन महाराय न ा तयाग दय लकन तबस म यहा अकला पड़ा म हर मौसम क मार झल रहा ब-बढ़ क सवा करत-करत मन कछ पणय कमा ालए ह और आशा करता क मझ को भावषय म मानव जनम ामल सकता ह मानव जनम ामलन स म आपका भजन-करन कगा

ऐस दखतndashदखत कई यग क बाद हमको मानव जनम ा आ मानव जनम म अगर इस धराष म दखा क यहा ऊच-नीच जात-पात नीात-ानयम ावदन पाचार अनयाय ndashअतयाचार चमर-अचमर का ताडव नतय चल रहा ह दखकर मर मन म परवतरन आ गया क भ मझको मरा ापछला जनम वापस द दीाजए

पतर जनम म रह कर मरा कोई-कोई साी अचछ कमर क चलत मदर म सान ा कर ालया ह कोई-कोई तो ठाकर बन गय लोग-ातदन उनक पजा करत ह

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हम लोग म स कोई-कोई सामाजक कायर म सहयोग दान करत ह कोई गह-ानमार म सहयोग द रह ह तो कोई मदर-ानमार म सहयोग द रह ह कोई तो सीधा मत बन गय इसीालए उनक मन म घमणड आ गया अहलया न पतर होन क नात भगवान का दशरन पा ालया इसालए पतर जनम होन क चलत उनक मन म का अह भाव आ गया

हमार अनदर ावाभ प भी ह याः लोहा पतर चना पतर सगममरर काला पतर (नाइट सटोन) मलायम पतर (soft stone) इतयाद लोहा पतर जो दश क ानमार म काम आता ह चना पत जो ासमट ानमार क काम म आता ह सगममरर घर और मदर का शर (flooring) म काम आता ह काला पत घर का शर और आला बनान म काम आता ह मलायम पतर ाशलप कला क ावकास म योगदान दत ह पतर जनम होकर भी म का गवर महसस करता मरी भगवान स अानतम ावनती य ह क आप मझ अानतम समय म दशरन दन को कपा कर

न हमको पतर जनम चााहए न हमको मानव जनम चााहए हमको तो ास र इस भव सागर स पार होना चााहए

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जयादा लोभ न करना (पाडव कानटया सहायक सवकक)

मनषय भगवान क साप ह इसालए वह भगवान का अश ह जब तक वो मा क गभर म ा तक तक वह मोह-माया स वाचत ा एव हमशा भगवान क समीप ा लकन जब वो पथवी पर अवती र आ उसको मोह-माया न घर ालया पाच साल तक वो ईरीय सा म रहता ह इसालए कहा जाता ह क ldquoCHILD IS THE INCARNATION OF GODrdquo इसक बाद मोह-माया म आकषत हो कर ईरीय सा को भल जाता ह बचपन म वो बत आजा और मोह-माया राहत और चरषवान रहता ह जब समय बढ़ता जाता ह तब उसक समसत उम ग धवस होकर गलत मागर पर चला जाता ह

बचपन म ावा ाशका जवानी म ी दीका एव पारवारक ाचनता म म होकर वह समसत मौालक सा को खो दता ह सबा नप होकर सबा म आ जाता ह दव का नप होकर राकस वा जारवत होता ह एव परवारक जगल म सकर भगवान का नाम लना भल जाता ह अपना परवार का भर पोष क ालए कठन परम करता ह लकन उनका पट भरता नह ह ईर क सा को भल जाता ह और अनत म पशकतव को ा होता ह शरीर रोगसत हो जाता ह दाप शा की हो जाती ह चलन ndashरन म असमर रहता ह रात को नद नह आती ह र भी लोभ को छोड़ नह पाता ह अपन बीवी-ब ता परवार क बार म सदा सोचन लगता ह शरीर वावसा को ा होता ह परवार क कोई भी सदसय पछत नह ह

परवार क लोग उसको ढग स खाना भी नह दत ह उसको घर स दर रखत ह र भी यह अधम मनषय भगवान क बार म सोचता नह ह लोभ का अनत नह होता ह पाप का बोझ बढ़त जाता ह अनत म नरक को ा होता ह र भी मनषय भगवान को समझ नह पाता ह परवार क ालए इतना बड़ी ददरशा झलता ह उनको कोई भी नह पछता ह उसक ारा जमा क गई पजी को परवार वाल उनक सामन मौज करत ह

लोभ मनषय को अनधा बना दता ह आदमी क हतया करत ह लोभ क वशीभत होकर दसर क समपात को लटत ह ाजसस समाज म पाचार बढ़ता ह इसालए ह मानव तम कय लोभ करत हो लोभ नह करक भगवान का समर करो हर कतरन करो तप जप करो और सवगर क अाधकारी बनो उम कमर करक भगवान क शरागत हो जाओ भगवान तमहार समसत सख-दख का भार वाहन करग

सवरधमारनपरतयजय मामक शर ज अह तवा सवरपापभयो मोकायषयााम मा शच

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इसालए अचछा कमर करक पणय कमाना ह हमशा धमर क जय और पाप का कय होता ह धमर-कमर करक ावजय ा होगी लकन अधमर म जाकर नरक गामी नह होना

एकदा अनधा राजा धतरा सजय को पछा क ldquoह सजय इस धमर य म कसक जय होगी उर म सजय बोल क ldquoयष योगर कषो यष पा धनधरर तष ी ावजयो भात वा नीातमरातमरम ldquo अारत जहा योगर कष एव धनधाररी अजरन एक सा ह वहा ावजय ानात ह

इसालए दखा गया क हमशा धमर क जय और अधमर क पराजय होती ह धमर सवचछ ानमरल लकन अधमर कदाकार कात ह इसालए लोभ-लालच म वशीभत न होकर सत

कमर करो अनयाय का परतयाग करो लोभ मत करो जीवन म कप करक जो धन कमा ालया वो सब इस धरती म रह जाता ह अानतम क म सा कोई नह ल जाता इसालए अनधर म भटक नह जाना इसालए कहा गया ह क-अात लालच नह करना अात सवरष गहतम अारत अात सवरनाश का कार ह

अात दप हता लका

अात मानसय कौरवा अातदारन बाल वध अात सवरष गहतम

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टटा वक का अाभमान (चरदास नाराय गडम सवक सहायक)

वन म खड़ एक वक क सा ालपटी एक लता भी धीर-धीर वक क बराबर हो गई वक का आय

लकर उसन भी लना ndashलना आरभ कर दया बल को लत ndash लत दखकर वक को अहकार हो गया क म न होता तो लता अासततव हीन होती वह लता को धमकात ए बोला ओ बल चपचाप मरा कहना माना कर म जो कह रहा वह कया कर नह तो ध मार कर भगा दगा पड़ का लाप जारी ा क दो पाक वहा स ानकल एक बोला अर भाई जरा दखो तो यह वक कसा सदर ह इस पर कसी सदर लता पाषपत हो रही ह आओ इसक नीच ोड़ी दर ावाम कर अपना महतव लता क सा ह यह जानकर वक का अाभमान भी नप हो गया सा ndash सा रहन स ही सबक गात होती ह

बटी (डी राव बाब पटल ाचषक ड-II)

बटी घर क लाज होती ह पापा क सर का ताज होती ह दल क सदा स रही ह इचछा बटी तझको ह पाना आई हो मर जीवन म जस एक ननही कावता राह दखता म तरी जलदी स मर पास आना मा क गोद म सदा रहती हो कछ पल मर पास भी आना न चाहत ह अब धन दौलत क त ही लमी त ही मरी मत भी डर लगता ह सोचक जब एक दन छोड़ क जाएगी त कतना मझ लायगी त बटी होती ह बाबल क लाड़ली

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यह ाज़नदगी (सययद इदरीस पटल ाचषक ड ndashII)

बठ जाता ह ामी प अकसर कय क मझ अपनी औकात अचछी लगती ह

मन समनदर स सीखा ह जीन का सलीका चपचाप स बहना और अपनी मौज म रहना चाहता तो ह क य दानया बदल द पर दो व क रोटी क जगाड़ म सरत नह ामलती दोसत महगी स महगी घड़ी पहन कर दख ली व र भी मर ाहसाब स नह चलता य ही हम दल को सा रखा करत पता नह ा क कमत चहर क होती ह अगर खदा नह ह तो उसका ाज कय और अगर खदा ह तो र कय

lsquorsquoदो बात इसान को अपन स दर कर दती ह एक उसका ldquoअहम rdquo और दसरा उसका ldquo वहमrdquo पस स सख कभी खरीदा नह जाता और दख का कोई खरीदार नह होता मझ ाज़नदगी का इतना तजबार तो नह पर सना ह सादगी म लोग जीन नह दत मााचस क जरत यहा नह पड़ती यहा आदमी आदमी स जलता ह ाव क बड़ स बड़ वजाानक यह ढढ रह ह क मगल ह पर जीवन ह या नह पर आदमी यह नह ढढ रहा ह क जीवन म मगल ह या नह

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जीवन म न जान कौनसी बात ldquoआखरी rdquo होगी न जान कौन सी रात आखरी होगी ामलत जलत बात करत रहो यार एक दसर स न जान कौन सी ldquo मलाकात rdquo आखरी होगी अगर जदगी म कछ पाना ह तो तरीक बदलो इराद नह ऐ चाद त कस मज़हब का ह ईद भी तरी और करवाचौ भी तरा

उगालय क लड़ाई

(शख महबब पीरा पटल ाचषक)

एक दन हा क सभी उगालया आपस म लड़न लग अगठा बोला म सबस बड़ा सभी जगह जरी कागज पर मझस ही ानशान बनाया जाता ह तजरनी बोली-ldquoम बड़ी मर होन स ही सब लोग काम कर पात ह जस-ालखना खाना पकड़ना मधयमा बोली-ldquoअर भई कया तम नह जानत जो आकार म लबा होता ह उस ही सभी बड़ा कहत ह अनाामका सब बात चपचाप सन रही ी वह तरत बोली ndashldquo म सबस बड़ी म तो पजा करन क भी काम आती मर स ही रोलीातलक लगाया जाता ह कानाका सभी को लड़ता दखकर उदास ी वह चपचाप एक कोन म कछ सोच रही ी तभी अगठा व तीन उगालया उसक पास गई और बोली- ldquoअर छोटी तम तो बड़ी हो ही नह सकती कयक तमहारा नाम ही कानाका ह कानाका बोली ldquoसनो अगठ भाई और पयारी उगालय आपस म लड़कर कभी कसी का भला नह हो सकता हमम कोई भी बड़ा-छोटा नह ह हम सब ामलकर मी बन सकत ह तभी हम सब बलवान हग कया तमह नह मालम क बद मी म ही ताकत होती ह इसालए हमारा लड़ना बकार ह rdquo कानाका क बात सनकर सभी एक सा बोल- ldquoहा छोटी बहन तम ाबलकल सही कह रही हो सचमच अकल म तम ही हम सबस बड़ी हो rdquo

इस नीात का स एकता म बल क ाशका ा होती ह

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तलगाना- भारत का एक और नया राजय (शलबाला खडरी मानाचषकार)

तलगाना भारत क दाकी भाग म ासत भारत का 29 वा राजय ह कषल क दाप स यह दश का

बीसवा बड़ा राजय ह ाचीन हदराबाद रयासत का अाधकतम भाग तलगाना राजय म ालया गया ह जहा आजादी स पहल ानजाम का राजय ा सन 1947 म जब भारत अज क चगल स आजाद आ उसक बाद भी हदराबाद का ानजाम अपनी रयासत सय भारत म ावलीन करन क पक म नह ा वह अपनी रयासत पर अपना ही सवतष शासन चाहता ा अतत सरदार बललभ भाई पटल क अक यास स इस रयासत को भारत क मखय धारा म ावलीन कया जा सका इस कार आन दश राजय क सापना ई और 26 जनवरी 1950 को ी एमक वललोड़ी आन दश राजय क म मखयमषी ानय ए 1956 म हदराबाद रयासत को आन दश राजय म ावलीन कर दया गया

2 जन 2014 म पनः तलगाना राजय अासततव म आया आन दश राजय क उर पामी 10 ाजल को ामलाकर तलगाना राजय क सापना क गयी ह राजधानी हदराबाद भी तलगाना राजय म ासत ह परनत 10 वष तक हदराबाद दोन राजय याान आन दश और तलगाना राजय क सय राजधानी रहगी दोन राजय क शासानक कायर हदराबाद स सचाालत हग तलगाना शबद का ादभारव ाषलगा दश शबद स आ ह ाजसका अर ह तीन लगो वाला दश तलगाना राजय क तीन दशा म कालरम ीशलम और ाकारामम ास ाशव मानदर ासत ह ाजनक अपार धामक महा ह वासतव म पक तलगाना राजय क ालए 1946 स 1951 क बीच ही ारमभ हो गया ा उस समय कमयानसट पाट न इस आनदोलन का नततव कया ा जो असल रहा भाषा क आधार पर तलगाना और आन राजय को पक करन क ालए अनक आनदोलन समय-समय पर होत रह ह इनम मखय आनदोलन 19691972 और 2009 क ह इन आनदोलन का यह भाव आ क 9 दसमबर 2009 म भारत सरकार न पक तलगाना राजय बनान क कायरवाही श कर दी य घोषा सनत ही तटीय आन व सीमान कष क लोग न सम आन दश क पक म आामक आनदोलन ारमभ कर दया और ऐसी ासात म भारत सरकार न यह कायर 23 दसमबर 2009 तक सागत कर दया इसक पात भी लगातार पक तलगाना और सम आन दश क ालए अलग-अलग आनदोलन चलत रह पक तलगाना क पक म कई आतम - हतयाए ई हड़ताल क गयी ाजसस जन साधार को बत असावधा का सामना करना पड़ा अतत पक तलगाना समरक क जीत ई और कास कायरकारी सामात न सवर सहमात स 30 जलाई 2013 को पक तलगाना राजय क ासारश करत ए ाबल तयार कर दया अनक सोपान पार करत ए यह ाबल रवरी 2014 को ससद म पारत कया गया रवरी 2014 दश पनगठरन एकट क तहत यह ाबल ससद म पास हो गया इसक पात इस नय राजय तलगाना ाबल को रापात ारा सहमात ा ई और माचर 2014 क गजट म इस कााशत कया गया इस कार नय तलगाना राजय क सापना ई

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ाशासकय प स तलगाना राजय क सापना 2 जन 2014 को ई क चन शखर राव क पाट ldquoतलगाना रा सामातrdquo न चनाव म दश म बमत हाासल कया और इस कार ी कचन शखर राव तलगाना राजय क म मखय मषी चन गए

म महगाई (डॉ नीलम कमार ाबड़ला अाभलखपाल)

म महगाई महग दशभ लोग क आमष पर भारत आई तज गात लान गात म भारत आई मझ गलत मत समझो गरीब बत ठीक बमत दकर तमन ाजनको बत उठाया म तो उनह क तीक भौातक वादी यग म योग ासखाती म भख पट न सोए कोई कडालनी जगाती म धयान प म च मारकर मन जय ऊपर चढ़त-चढ़त र तक आ जाता ह भाव वसत क वस ही र तक ल आई

अब इस यग म एक तल क पीप को पा लन का अर को पा लना ह भ दशरन क झलक दखना एक टमाटर खा लना ह भारत का आदशर तयाग ह अनासा ह अपरह ह मझको पाकर लोग वसतए तयाग रह ह अपनी खद क कार छोड़ बस क पीछ भाग रह ह म लोग को तड़क भड़क स खच

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सादगी ासखाती टरीलीन क शौकन को ला पहनाती माया जीवन का बधन ह पया पसा मल हा का म वतन भोगी लोग क बधन दो दन म हर लती शी छड़ाकर मल हा का शीश सा ानमरल कर दती

नीात ालखन वाल न कम खाना या गम खाना अचछा बतलाया मन उनका कन ानभाया ाजतनी चीज महगी हगी उतना ही जन कम खाएग ाजस दन रोटी नह ामलगी उस दन खद ही कम खाएग

शकल पक क चाद सरीखी बढ़ती म खब चादनी लाऊगी अभी दज तक ही आई परमासी तक जाऊगी

करो कलपना जब भारत जन कतन सदर दखा करग ग चावल चना बाजरा जब पाड़य म ाबका करग बीमार को दध दहीघी क इजकशन लगा करग कसा मधर जागर होगा लोग भख स जगा करग

आतक हमला

(डॉ नीलम कमार ाबड़ला अाभलखपाल) 13 दसबर 2001 ससद प पाक आतक हमला 13 रवरी 2014 ससद म भारतीय आतक हमला

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शमरसार ई ससद पच ाड़ गए नयी तहजीब क झड गाड़ गए

उड़ाया गया काली ामचर का पाउडर सपीकर का नह सना आडरर आख जलन लग सास लन लगी ससद पर नगी तलवार झलन लगी

घायल आ जातष और सावधान मदर क पजारय न कया मदर का अपमान ऐस आतकय को सबक ासखाना होगा र नया इातहास बनाना होगा

बाल-म (वाइकराकश कमार खलासी)

बालपन क कलकारी धप क ताप स आ मक पोी छोड़ी कदाल खोदत हा क मार अचक कचड़ आधी म म करना आ मजबरी गरीबी क पराकाा पट और पीठ क घटती दरी कछ धनहीनता और कछ माता-ापता क मखरता कनत सबस जयादा सवा समाज क सवदनहीनता ाजसन बालक को ामक बनन को बाधय कया लखनी को छीनकर कोमल हा म छडी पकड़ायी

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गाय-बकरी क सवा करता बालय-जीवन कप अपन भावषय को दर करता अजान और अबझ ावोपाजरन क कसको ह सरत ासात तो ऐसी ई दो दान अ क ालय बालपन चोर बनन को आतर आ

दोसती

(ाचा कडयया खलासी)

गलाब एक ल ह

एक घनट म मरझा जाता ह पर दोसती एक शा ह कभी भी जीावत रहती ह

बर ठडी होती ह जो पकड़ म नह आती ह

दोसती सोन जसी ह जो कभी कोई नह खरीद सकत ह

तार क पाच अनत (END) ह चौकोन क चार अनत ह तीकोन क तीन अनत ह

एक रखा का एक अनत ह पर दोसती का कोई अनत नह ह

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मर जीवन का उशय (कमारी ाया सातव कका सपषी एम सबीता उाल)

कग नयज भारत का खतरा पाकसतान न कशमीर पर हमला कया ह कछ दन बाद helliphellip कग नयज पाकसतान क ाखला भारत क रका करत ए वीर सानक

का भारी नकसान इन खबर न भारत को ाहला दया ा म भी सोच म पड़ गयी क म भारत क ालए कया कर सकता भारत को इन हमल स कस बचा सकता मर मन म ास र एक ही खयाल आया क भारतीय सना का एक जवान ासपाही बन

जव मन यह बात अपन दोसत स कही तो उसन कहा क ासपाही बनना खतर स खाली नह ह और परवार स दर सरहद पर खतर स भर जीवन मर ालए कपद होगा लकन मन ठान ालया ा क म कछ ऐसा कगी क पर दश म मरा नाम हो ाजस दखकर मर अपन का ासर गवर स ऊचा हो जाए

मर ानय को सनकर मरी मा रोन लगी मझ लोभन दया क म ापार क मर दोसत न मझ डाकटर बनन का सझाव दया पर मन सोचा क भारत म कई डाकटर ह ापारी ह भारत को डाकटर या ापारी क नह बालक सानक क जरत ह

म भारत क ालए अपनी जान भी दन क ालए तयार मन सोचा सब अपन परवार को सराकत

रखना चाहत ह र भारत - भाम तो मरी मा ह मरी ही कय हर एक क मा ह तो हम सब का कतर बनता ह क हम इसक रका कर इसीालए मर जीवन का उशय ह क म एक ासपाही बन और भारत क सवा क

मखर ामष स समझदार शष अचछा होता ह (मासटर सनीत चौी कका सपष एम सबीता उाल)

एक दन म और मरा सबस अचछा ामष राव बठ यह सोच रह क हम परीका क ालए अभी स पढ़ाई श कर दनी चााहए या नह राव न तपाक स कहा क अभी स पढन स कोई लाभ नह होगा अगर हम परीका क एक दन पहल पढ़ग तो जयादा दमाग म रहगा तभी वहा स मरी कका का दसरा छाष रमश गजर रहा ा मझ रमश ाबलकल पसद नही ा और रमश भी मझ पसद नह करता ा बात-बात पर हम लड़ाई करत पर पढ़ाई म वह मझस बत अचछा ा उसन हमारी बात सन ली ी

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इसालए धीर सवर म मझस बोला अपन मखर ामष क बात मत सनो बस रोज मरी तरह ोड़ा-ोड़ा पढ़ो लकन मन उसक बात पर कान नह धरा एक महीन बाद परीका क दन आ पच परीका क एक दन पहल जब मन पढ़ना श कया तब पाया क पढ़न को बत ा पर समय कम ा जस -तस पढ़ कर मन परीकाए ालखी और उममीद करता रहा क म परीका म उी र हो सक कछ दन बाद परीका का पराम ानकला और वही आ ाजसका डर ा म और ामष राव अनी र हो गए दसरी ओर रमश बत अचछ अको स उी र आ उस दन मझ समझ आ गया क मखर ामष स समझदार शष अचछा होता ह

भावषय क पढ़ाई (मासटर ाशव कलया सातव कका सपष वालल कलयाी उाल)

आज जब हम पढ़ाई या सकल क बार म सोचत ह तो नजरो म एक भारी बग उठाता आ

छाष दखता ह कताब क ाबना हम सकल जान क सोच भी नह सकत कताब क सा कपयटर भी पढ़ाई का महतवपर ाहससा बन चका ह

कछ साल बाद भारी कताब स भर बग क बदल छाष क हा म टबलट होगा आकाश टबलट एक ऐसा यष ह ाजसम हम तरह-तरह क कताब पढ़ सकत ह हम कका म ही नट स जानकारी पा सकत ह टबलट ोन स बड़ा ह और जयादा महगा भी नह हम इस कह भी ल जाकर इसम कताब पढ़ सकत ह हम इसम कका का दया गया कायर भी कर सकत ह यह टबलट पढ़ाई का अदाज बदल दगा और पढ़ाई को मजदार बना दगा

पानी और धप (कमारी एस साानया पाचवी कका सपषी राजया बगम अाल)

अभी-अभी ी धप बरसन लगा कहा स यह पानी कसन ोड़ बादल को क ह इतनी शतानी

सरज न कय बद कर ालया अपन घर का दरवाज़ा उसक मा न भी कया उसको बला ालया कहकर आजा

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ज़ोर-ज़ोर स गरज़ रह ह बादल ह कसक काका कसको डाट रह ह कसन कहना नह सना मा का

परीका (कमारी शख राजया सलताना गयारहव कका सपषी शख महबब पीरा पटल ाचषक)

ाजस नाम को सनन स कापता ह बा वो ह परीका परीका पपर हा म आत ही इतना डर लगता क यद अचछा नह कया तो ापटना पा तीन घट म लगभग करन होत ह चालीस सवाल एक भी छटा तो घर म आता ह भवडर रजलट क एक दन पहल रात को नद नह आती ह अचछ नबर पान क ालए भगवान क याद आती ह पास होन पर ामलता ह इनाम और मख स ानकलता ह ldquoकय भगवान rdquo र आती ह अगली कका तब भी मख स ानकलता ह हाय र आ गयी र स परीका

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राीय साकरता (मासटर शख समीर छठी कका सपष शख महबब पीरा पटल ाचषक)

ातदन सीखो अकर एक

ानयम बना लो ऐसा पढ़ो पढ़ाओ सीखो जान

तभी बनगा दश महान ावा सा जान कराती

मन का अधरा दर भगाती जहा पर बनत लोग जानी

वहा न होती मन क हाान अनपढ़ क ालए गगी पोी

धन दौलत भी होती ोी पढ़ा ालखा नह धोखा खाता

जहा भी जाता आदर पाता

मा (मासटर शख महबब बाशा आठव कका सपष शख महबब पीरा पटल ाचषक)

सबस सनदर जग म कौन बस एक त ह मा

सबस पयारी कसक मसकान बस एक तरी ही ह मा

कसन बनायी मरी पहचान तन ही तो मरी पयारी मा

कसक बोली ामी स मीठी तरी ही ह मरी मा

कसक डाट ह इमली स तीखी तरी ही तो पयारी मा

कसक ालए क म सब कबारन तर ालए मरी पयारी मा

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ाततली (कमारी एम राशका ाशवानी पाचवी कका सपषी एम लम कमार उाल)

ाततली तम कतनी

रग-ाबरगी होती हो तम सब ल का रस पी-पीकर

बाग-बगीच म रती रहती हो तर पख कई रग क होत ह

तमहार प को दखकर ब बत खश होत ह

मरी कका

(कमारी एम राशका ाशवानी पाचवी कका सपषी एम लम कमार उाल)

मरी कका म ह पचास ब हर एक ह अलग-अलग जस एक ह लबा एक ह छोटा एक ह मोटा एक ह पतला कछ ह अचछ कछ ह बर पर लगत ह सार पयार मरी कका ह रग- ाबरगी लगती ह ाततालय का झड ह

मझ बत पसद ह कयक यह हमारी कका ह

Page 11: कलाकल - Home: Survey of · PDF fileतेलंगाना-भारत का एक ... भी यह पि का ‘कलाकल‘ सुनदर प म िनखर

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सान का ावधान कया गया तााप र सान म पड़न वाल कष 6 क 3 उप- खड और कष 7 क 2 उप- खड का सवक कायर अपर महासवकक दाकी कष एव परयोजना ानदशक आइ सी जड़ एम स शासानक एव ावीय अनमात ा होन पर कर दया जाएगा

मससर ाजयोडीस न हवाई ाषकोीयकर हत नलल उप- खड का ानयष ावसतार करन क ालए लड सवक कायर समा कर दया ह इस ावसतत ानयष को आ दश भ साानक आकड़ा क ारा अनमोदत कया जाना ह

समसत उप-खड का हवाई ाषकोीयकर एव अकयकर क पात मससर ाजयोडीस आ दश भ साानक आकड़ा क को अनमोदन हत सारी अातम ााया सतत करगा

आ दश भ साानक आकड़ा क ारा अातम अनमोदन क पात 20 उप-खड म पड़न वाल सार नकश का म कया जाएगा यह या दसबर 2015 तक समा होना ह

8 राीय शहरी सचना ाली (NUIS)

राीय शहरी सचना ाली का मोचन क ीय शहरी ावकास मषालय ारा 152 शहर का 110000 क पमान पर उपह छाया ाचष ारा एव 12000 क पमान पर हवाई ाचष ारा दसव योजना क तहत भ साानक आकड़ का ावकास करन क सा ndash सा जीपीआर (Ground Penetrating Radar) क मदद स 22 शहर का 11000 क पमान पर दो उपयोग क समाधान हत जस जल आपत मल-ानयारस उपयोागता मानाचष हत कया गया राजय नोडल एजासय (SNAs) ारा शहरी मासटर पलान और उपयोागता पलान क तयारी हत इन नकश का उपयोग कया जाएगा

उपरो परयोजना क ालए आ दश भ साानक आकड़ क का उरदाायतव ानानसार ह- i एनआरएससी ारा 110000 पमान पर उतपादन कया गया नकश क सरका ानकासी ii अातम नकश क सशोधन और गवा जाच हत एन आर एससी क सा समनवय iii110000 क पमान पर तयार नकश को राजय नोडल एजासय (SNAs) को दय हत अनय भ

साानक आकड़ा क क सा समनवय

इस राीय शहरी सचना ाली परयोजना क अतगरत 20 राजय क 152 शहर का कायर ालया गया और 68 शहर क अातम ााया उ भ साानक आकड़ा क राजय नोडल एजासय (SNAs) को भज दया गया लहाल एबयट आकड़ा जोड़न हत अलग- अलग राजय क उ भ साानक आकड़ा क राजय नोडल एजासय (SNAs) स ा 15 शहर का एव एमओजीएसजीएस सशोधन करन हत 2 शहर का आकड़ा एनआरएससी क पास ह अलग- अलग राजय क 67 शहर क आकड़ एबयट सह हत उ भ साानक आकड़ा क राजय नोडल एजासय (SNAs) क पास ह

5

तााप आ दश भ साानक आकड़ा क न एनआरएससी एव अनय भ साानक आकड़ा क राजय नोडल एजासय (SNAs)स अचछ समनवय क सा अपना उरदाायतव भरपर ानभाया ह

9 आ दश कनारटक सीमा ाववाद

माननीय उतम नयायालय क ानदश क अनसार आ दश कनारटक राजय सीमा ाववाद को सलझान हत भारत क महासवकक न आ दश भ साानक आकड़ क को कायर आवटन कया इसका मखय उशय आ दश कनारटक राजय सीमा ाववाद को सलझान हत सीमा सतमभ का सापना करना ह तीन खड म रक एव सव कायर हत टीम क तनाती क गयी अब तक 172 जीपीएस ाबनद का पयरवक कया गया कायर अभी बाक ह

10 अनय ावावध कायर

उपरो परयोजना काय क अलावा इस भ साानक आकड़ा क न वषर 2014-15 क ालए ानालाखत काय क ाजममदारी ली ह

I 28 शीट क 150000 क पमान पर गवा ानयष

II 516 शीट क 125000 क पमान पर ओएसएम पानतर

III 150000 क पमान पर 354 शीट क वब चर सवा

IV हदराबाद कष म पड़न वाली 56 क 6 7 1011 डी एस एम शीट का अतन

V हदराबाद कष म पड़न वाली 56 क 6 7 1011 ओ एस एम शीट का अतन

VI 150000 क पमान पर तलग भाषा म चार शीट का मानाचष

VII तलगाना और आ दश राजय का नकशा 110 लाख क पमान पर तयार करना

ाहनदी एव टक अनभाग

22 मई 2014 को आ दश भ साानक आकड़ा क न एक नय अनभाग का गठन कया ाजसका नाम ldquoाहनदी एव टक अनभाग

rdquo रखा गया इसका मखय उशय यह ा क वाषक कायरम क अनसार इस ानदशालय स अाधकतम पषाचार हदी म ही करना इसक भारी इस आकड़ा क क राजभाषा अाधकारी ह एव इस अनभाग म एक अनभाग अाधकारी एक कान हदी अनवादक दो अवर ी ालापक क तनाती क गई ह ानदशक ारा अनमोदत मसौद को हदी म अनवाद कर इस ानदशालय स अनय ानदशालय कष एव महासवकक क कायारलय को पषाचार कया जाता ह lsquoगrsquo कष म हदी पषाचार का लय जो 55 ह उस ा करन हत यह ानदशालय अहम भामका ानभा रहा ह कोाशश जारी ह क वषर 2014-15 तक वाषक कायरम क अनसार यह ानदशालय अपन लय को ा कर लगा

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सवक सहायक क वतन मान म पनरीक- माननीय नयायालायक आदश का कायारनवयन

अल 2013 म सवक सहायक क वतन मान म पनरीक का आदश ा आ सवक सहायक क हासयत स ाजनको ए सी पी ानयामत पदोात ामली उनक मामल को तरत ालया गया तााप एक सदह उठा क कया उ वतन-मान एमएसीपी ा सवक सहायक पर लाग कया जा सकता ह या नह और इस पर भारत क महासवकक स सपपीकर ा कया गया इसी बीच सवक सहायक क वतन मान क पनरीक क समाधान हत ानालाखत सदसय क सामात का गठन कया गया

1 ी कक गा अधीकक सवकक (अधयक) 2 ी एलएस शकर राव कायारलय अधीकक 3 ी एम यादी री सहायक 4 ीपी सतीश सहायक

इन मामल क ससाधन क ालए ानयामत आधार पर बठक आयोाजत क गई मामल ाजनक सपपीकर क जरत नह ी (लगभग 25 ) तरत ालय गय एव जलाई 2013 म कषीय वतन एव लखा कायारलय को सतत कय गय ाजनह उसी महीन म जाच तय कया गया

रवरी 2014 म सवक सहायक क वतन मान क पनरीक स सबाधत सपपीकर क ाा क बाद बाक क 45 मामल को (दोन पवर ndash 2006 एव उर - 2006 एसीपी) ानदश क अनसार मामल को 15-03-2014 तक तयार कया गया तााप ावीय वषर 2013-14 क अत म ानाध क उपलाबध न होन क कार इसको कषीय वतन एव लखा कायारलय को सतत नह कया जा सका

वषर 2014 -15 लखानदान क माधयम स ा ानाध स (12 सवा ानव मामल को जलाई 2014 म सतत कया गया और उसी महीन म तय कया गया) जलाई 2014 म ानयामत बजट क आबटन क बाद बाक क सभी मामल को अारत 10 (लगभग) अगसत 2014 म सतत कया गया और उसी महीन म तय कया गया आज क तारीख म सभी मामल को पर कर ालया गया और अनदश का अनपालन कया गया 70 मामल म स 22(लगभग) को आक लाभ ा आ और बाक (पवर -2006) मामल को साातक तौर पर वतन ानयतन कया गया अारत माननीय नयायाायक आदश क अनसार बकाया क आहर क ाबना

सामात क ानयामत आधार पर बठक ई और अधयक न मामल को पर करन म मागरदशरन दया ी एलएस शकर राव कायारलय अधीकक न अनय सदसय ारा कए गए वतन ानयतन मामल क पयरवक और जाच क सामात ारा दए गए समय सीमा क अदर सभी मामल को पर कया गया और समय समय पर ानदशक को ासात स अवगत करवाया गया

7

ाशक कोसर

आ दश भ साानक आकड़ा कन स ानालाखत अाधकारय को भारतीय सवक ससान म ावाभ कोस म ाशक दलवाया गया

म स अाधकारी का नाम(ीीमती) कोसर सखया ावषय

1 मोअजीममीन 49521 सवक अाभयााषक का मल ासानत

2 एन अानल कमार कय 5 भाम सचना का अाभकलप एव कायारनवयन

3 मोहममद अली शख 40092(ए) सवक पयरवकक

4 एस राव 40092(ए) सवक पयरवकक

5 अामत समर 40092 सवक पयरवकक

6 एलवीएम नायड 40092(बी) सवक पयरवकक

7 वी गोपाल राव 40092(बी) सवक पयरवकक

8 बी गोपाल राव 40092(बी) सवक पयरवकक

9 पी रावकर ातकोर भ-साानक ावजान

10 कोा ीानवास ातकोर भ-साानक ावजान

1 कनरल एस ीधर राव ानदशक न बगल ासत दाकी कष कायारलय म 21012014 स 23012014

आइसीजड़एम परयोजना स सबाधत ानदशक क सममलन म ाहससा ालया

सममलन ाशक

2 कनरल एस ीधर राव ानदशक न नई दलली ासत सव (हवाई) एव दलली भ साानक आकड़ा कन ानदशालय म राीय शहरी सचना ाली (NUIS) स सबाधत पनरीक बठक म ाहससा ालया 3 ी कक गा अधीकक सवकक एनएसडीआई क ालए ओरकल सपाशयल का ाशक ा कया |

ाशकता

आ ावावालय इजीानयरग कॉलज(ए) ावशाखपनम क 12 ावाय को 12-05-2014 स 06-06-2014 तक ाजयोडसी अकय ोटोाामात सलाकात सदर सवदन तलक अकय मानाचष एव भौगोालक सचना पात आद ावषय पर जानकारी दी गयी

8

वषर 2013-14 क ालए मानदय स परसकत कमरचारय क सची

म स नाम ीीमती कमारी पदनाम 1 पी म कमार अाधकारी सवकक 2 पीककर अाधकारी सवकक 3 एलकरासी अाधकारी सवकक 4 ए भाचारजी अाधकारी सवकक 5 एन अानल कमार सवकक 6 ीनीवास राव यादागर सवकक

7 क ओमकार सवामी सवकक

8 सागरका पताल सवकक

9 एमएस आर मत सवकक

10 एस बी चधर राव सवकक

11 अशाख अहमद सवकक

12 डी वकटा ीहरी सवकक

13 डीआरएस स कमार सवकक सहायक 14 सी एच गडम मानाचषकार ड II 15 ावजय सनीता गोप मानाचषकार ड II 16 पीक ातभा सहायक 17 ज कनक लमी मानाचषकार ड III

18 शलबाला खडरी मानाचषकार ड III

19 ए शलश वर ी ालापक 20 एम बगारी नायड वर ी ालापक

21 चपाल वर ी ालापक

22 एमलम कमार वर ी ालापक

23 एन वलली कलयाी वर ी ालापक

24 बीनागरम अवर ी ालापक

25 पठान इमाम कासीम अवर ी ालापक

26 एमअपपल राज एम टी डी 27 सययद जहागीर अली एम टी डी

28 शयामल दास एम टी डी

9

म स नाम ीीमती कमारी पदनाम 29 सी नारायना खलासी 30 महन कमार खलासी 31 एमओबयया खलासी 32 सी वीचलमयया खलासी 33 कालर खलासी 34 जी जया खलासी 35 क अपपा राव खलासी 36 पी काशम खलासी 37 क ईरयया खलासी

पदोत कमरचारय क सची

म स नाम पदनाम पदोात क

ाता ाजस पद पर पदोत ए

1 डीरघ रामल मानाचषकार ाडावजन -I 11-10-2013 मखय मानाचषकार

2 मो अजीमीन सवकक 06122013 अाधकारी सवकक

3 एम परमर राव सहायक 29112013 कायारलय अधीकक

4 जीशीला रानी मानाचषकार ाडावजन -II 23062014 मानाचषकार ाडावजन ndashI

5 एम वासदव वर ी ालापक 06052014 सहायक

सायीकर ा कमरचारय क सची

म स नाम पदनाम सायीकर क ाता

1 एमावजय कमार पटल ाचषकार ड़ -III 01012013

2 आर ीनीवास राव अवर ी ालापक 01012013

10

म स नाम पदनाम सायीकर क ाता

3 पी ामालनद कमार खलासी 01012013

4 गनकली पदममा खलासी 01012013

5 वाइ मानीकयममा खलासी 01012014

6 बी सवामी( अनसाचत जन जाात) खलासी 01012014

7 बी शाता ( अनसाचत जन जाात) खलासी 01012014

11

सानातर पर तनात कमरचारय क सची

म स

नाम ी ीमती

पदनाम सानातर क ाता

सानातर

स को

1 डीरघ रामल

मानाचषकार 11102013 भौ सप एव स स ानदशालय

आ भसा आ क हदराबाद

2 मो अजीमीन सवकक 06112013

(पवारहन)

भारतीय ाशक एव मानाचष ससान हदराबाद

आ भसा आ क हदराबाद

3 सतयभामा नायक सापना एव लखा अाधकारी

10012014 (पवारहन)

पब एव ास भसा आ क कोलकाता

आ भसा आ क हदराबाद

4 एनबी सरी अधीकक सवकक 22012014 मएव गोवा ानदशालय पन

आ भसा आ क हदराबाद

5 एस महबब दादार 17022014

(अपराहन)

मएव गोवा ानदशालय हदराबाद सकनध

आ भसा आ क हदराबाद

6 टीकष कमार अाधकारी सवकक 19032014

(अपराहन)

भारतीय ाशक एव मानाचष ससान हदराबाद

आ भसा आ क हदराबाद

7 एसराव टीटीटी lsquoएrsquo 17042014 पवारहन

भारतीय ाशक एव मानाचष ससान हदराबाद

आ भसा आ क हदराबाद

8 अामत कमार टीटीटी lsquoएrsquo 06052014 पवारहन

भारतीय ाशक एव मानाचष ससान हदराबाद

आ भसा आ क हदराबाद

9 बीराजन बाब सहायक 09062014 पवारहन

दाकी म वगर आ भसा आ क हदराबाद

10 जी शीला रानी मानाचषकार ाड-I 23062014 पवारहन

भौ सप एव स स ानदशालय हदराबाद

आ भसा आ क हदराबाद

12

सानातरत कमरचारय क सची

म स

नाम ीीमती

कमारी पदनाम सानातर क

ाता सानातर

स को

1 बीसीसा अाधकारी सवकक 16082013

आ भसा आ क हदराबाद

भा स एव स हदराबाद

2 एमएम मोहानत

अाधकारी सवकक 26082013

आ भसा आ क हदराबाद

ओड़ीशा भसा आ क भवनर

3 पीयादयया सवकक 11122013

(अपराहन) आ भसा आ क हदराबाद

क भसा आ क बगल

4 सनीता कालरा आशालापक

28042014

(अपराहन) आ भसा आ क हदराबाद

ानदशक सवक (हवाई) दलली भसा आ क नई दलली

5 शभा वी नायर

कायारलय अधीकक

07052014

(अपराहन) आ भसा आ क हदराबाद

भा स एव स हदराबाद हदराबाद

6 कवी चारी सहायक 06062014

(अपराहन) आ भसा आ क हदराबाद

दाकी म वगर

13

सवा ानवसवाचछक सवा ानव ए कमरचारय क सची

म स नाम पदनाम सवा ानवा क ाता टपपी

1 पीडीकमार अाधकारी सवकक 30092013 सवा ानव

2 एस कासम दादार 30092013 सवा ानव

3 भलनराम खलासी 15102013 (पवारहन) सवाचछक सवा नव 4 जी लाजर पटल ाचषकार ड़- II 31102013 सवा ानव 5 बीसीलममा खलासी 31102013 सवा ानव 6 पीदवदास मानाचष मॉउटर 30112013 सवा ानव

7 तनगटला राधा कषा भडार सहायक 31122013 सवा ानव

8 टीवकटयया दादार 31122013 सवा ानव 9 जी चयया माली 31122013 सवा ानव

10 पीसीबोरोल अाधकारी सवकक 28022014 सवा ानव 11 डीरघ रामल मखय मानाचषकार 28022014 सवा ानव 12 बी नासरयया खलासी 28022014 सवा ानव 13 बी ीपाल दादार 31032014 सवा ानव

14 क दानम खलासी 30042014 सवा ानव

15 कषा सरकार अाभलखपाल ाडI 31052014 सवा ानव

16 कपललयया पटल ाचषकार ड़ II 31-05-2014 सवा ानव

17 सीकडयया जमादार 31052014 सवा ानव

18 एमवकटवरल दफतरी 30062014 सवा ानव

19 पीअजरना खलासी 30062014 सवा ानव

20 यावर बगम खलासी 30062014 सवा ानव

21 एमाचा वकटममा

दफतरी 30062014 सवा ानव

22 एनबी सरी अधीकक सवकक 31082014 सवा ानव

14

समात शष

एसपी ईरयया खलासी

जनम ाता 01-07-59 ावभाग म भत होन क ाता 01-03-1997 स ानयामत भत सवगरवास 22-4-2014 परवार इनक परवार म पी क अलावा दो ब ह इनक आकासमक ानधन पर आ दश भ साानक आकड़ा कन क कमरचारय को गहरा आघात पचा और सभी न इनक परवार क ात सवदना क एव इनक आतमा क शाात क ालए ईर स ारना करत ए दो ामनट का मौन रखा सव ी एसपा ईरयया ाजनक आ दश भ साानक आकड़ा कन म कायररत रहत ए अल 2014 म अकाल मतय हो गयी ी उनक परवार क ततकाल मदद क ालए पर आ दश भ साानक आकड़ा कन क परवार न 25600- का ततकाल सहयोग दया

15

भडार का ाप

म स सामी भडार 1 वाटर कलर 01

2 एल ईडी मॉनीटर 15

3 कमपयटर टबल 30

4 कमपयटर कस 30

5 पलाासटक कस 236

6 एचपीाडजाइन जट टी- 1300 टर 01 आइ सी जड एम क अतगरत

7 कलर क समाटर एलए जीएस टी 42- सकनर

01 आइ सी जड एम क अतगरत

8 यपीएस क ालए 12 वोलट क बटरी 60

9 5 कपी का य पी एस 02 डी ए डबलय वी आइ सी जड एम क अतगरत

10 डलल कमपयटर 10

11 लाइका अकय लवल (डी एनए-03) 02 आइ सी जड एम क अतगरत

12 लाइका जीएनएसएस (जीपीएस दोहरी बारबारता)

02 आइ सी जड एम क अतगरत

13 3 डी ावजन कट 23 (18 आ भ सा आ क हत )

14 समसग एलसी डी मॉानटर 02

15 एचपी सकनजट 200 फलटटड- सकनर 01

16 डाट मकस टर 03

16

अनपयोजय भडार का अनपयोगी घोाषत

म स सामी मलय 1 साइबग उपकर 364574-

2 नचर आइटम 218844-

3 ोटोामीतीय उपकर 9125746-

4 कमपयटर और परधीय 4027273-

5 उपकर ( गौ सवक उपकर) 706943-

तदनसार अनपयोजय भडार क अनपयोगी हत नीलामी या क शआत हो चक ह

17

वषर 2013-14 क ालए ानाध का आबटन य

शीषर सवीकत अनदान

(हजार म )

अातर ानाध क मागाा

(हजार म )

भाकमसव ारा काटी गई (हजार

म )

इस कायारलय

ारा अभयपर

अातम बजट अक (पय

म)

य (पय म)

31-3-2014 को शष रााश (पय म)

वतन 114400 0 1400 0 113000000 112999869 131 मजदरी 500 350 0 0 850000 845802 4198 ओ टी ए 0 0 0 0 0 0 0 ाचकतसीय 2840 0 0 750 2090000 2089187 813 डी टी ई 1240 0 0 0 1240000 1239231 769 ओ ई 1409 125 94 1440000 1397157 2843 आर आरटी

240 0 0 16 224000 223875 125

ओ ईए 2 2 0 0 4000 3750 250

एसampएम 310 0 0 310000 309712 288 पी सवा 280 0 0 129 151000 149810 1190 अनदान 0 0 0 20800 20775 25

18

मनोरजन कलब का वाषकोतसव ndash 2013

आ दश भ साानक आकड़ा क ानदशालय क मनोरजन कलब का वाषकोतसव दनाक 10-01-2014 को ातः काल 1000 बज स सममलन कक म आयोाजत कया गया ाजसम मखय अाता भारत क महासवकक डॉ सव र सबबा राव उपासत ावशष अाता क प म ी एसबी शमार उप महासवकक भारतीय सवक एव मानाचष ससान उपासत ानदशक महोदय कनरल ीधर राव न सवागत भाष दया और मनोरजन कलब क साचव ी डीआरएस सन कमार न वाषक रपोटर सतत क सासकातक कायरम ारा सभी का मनोरजन कया गया मखय अाता न अपन भाष म कहा क इस ानदशालय न ी कनरल ीधर राव क नततव म बत अाधक एव सतोषजनक प स गात क ह और इस बात का भी उललख कया क व जब इस ानदशालय क ानदशक तब व य सब कायर करना चाहत परत इनह मतर प दन म कनरल ीधर राव ानदशक महोदय क महतवपर भामका रही ह ततपात एक ीात- भोज का आयोजन कया ाजसम करीब 230 लोग न भाग ालया ाजसक सभी न भर-भर शसा क

मनोरजन कलब ारा आयोाजत कए गए खल

करम

टबल टनीस

शटल

शतरज शॉट- पट धीमी साइकलग

पष सगलस माहला सगलस पष डबलस माहला डबलस

पष सगलस पष डबलस

पष सगलस माहला सगलस पष डबलस माहला डबलस

पष पष पष

19

वषर 2013 क दौरान कनीय मनोरजन कलब सपोटरस स ा इस ानदशालय क ाता एव सममान

करम

खल म परसकार ातीय परसकार ततीय परसकार

पष सगलस पी रवी कानत चनपाल शशी करन एव एलए बग

माहला सगलस शभा वी नायर पीक ातभा शलजा एव मीना

पष डबलस सययद इदरस एव सवातरयया कवी चारी एव ओ वीन कमार

---------

माहला डबलस शभा वी नायर एव अनसया पीक ातभा एव शलबाला खडरी

टबल टनीस पष सगलस पी सतीश क वीचारी ओ वीन कमार

एव अशाख अहमद पष डबलस कवीचारी एव

डी रगा राव कक गा एव पी सतीश ----------

शटल पष सगलस पी सतीश एम वी ावजय कमार कवी चारी एव पी

यादयया माहला डबलस शभा वी नायर एम सबीता मीना एव राज़या

बगम पष डबलस पी सतीश एव

एम वासदव स कमार एव ओ वीन कमार

-----------

माहला डबलस एम सबीता एव राजया बगम

शभा वी नायर एव बी एस वी वरलमी

-----------

शतरज पष जगन एकर ------------

शॉट- पट पष बी नागरम चनपाल स कमार

20

धीमी साइकलग पष डी स कमार सययद इदरस सययद मोजज़म

उ नयायलय म लाबत नयायालक मामल

लाबत मामल 04 आ दश उ नयायालय

कस क सखया 11 कनीय शासानक अाधकर हदराबाद

समा कस क सखया 06 लाबत कस क सखया 05

पनवलोकन मामल

ानालाखत अाधकारयकमरचारय क पनवलोकन मामल का ानपटारा कया जा चका ह

म स प lsquoबीrsquo राजपाषत प lsquoबीrsquo अराजपाषत प lsquoसीrsquo (पवरवत प

1 एस बाब अाधकारी सव ज डी एबनजर मानाचषकार ाडाव I नरश

2 पीक लहा मानाचषकार ाडाव I गदो राम

3 शख मीरावली मानाचषकार ाडाव I एम गररयया

4 जी सीतारामम सव सहायक पी काशम

5 वाई सबबयया सव सहायक सतयममा

6 पीएस सामबाब सव सहायक वी कषयया

7 बी ओबशयया सव सहायक

21

एम ए सी पी क मामल

ानालाखत अाधकारयकमरचारय क एमए सी पी मामल का ानपटारा कया जा चका ह

म स प lsquoबीrsquo अराजपाषत प lsquoसीrsquo (पवरवत प lsquoडीrsquo)

1 वी सयर भा मानाचषकार ाडाव I एल योहन

2 पीकलहा मानाचषकार ाडाव I सीनाराया

3 शख मीरावली मानाचषकार ाडाव I जजॉन

4 एम भवनरी मानाचषकार ाडाव I एस रामयया

5 बीएसवी वरलमी मानाचषकार ड़ II बी पललया

6 - पी काशम

7 - शख काासम पीरा

8 - एम लमी नाराया

9 - एम वकटरल

10 - जी जया

आ दश भ साानक आकड़ा कन क अाधकारय कमरचारय क ब ाजनहन शकाक ानपता दखाई ह

1 कमारी अनवषा कर सपषी डॉ पीक कर सी जी पी ए 9810 दसव कका क ीय ावालय हदराबाद

22

तलग म ावव ी नकश ( ओएस एम) क तयारी (बीएचराव अधी सव जीव अाध सव एमराकश अाध सव एसपटा री मानाचषकार)

सतावना पवर म ावाभ नकश तलग म कााशत आ करत जस आ दश राजय नकशा (1999) भारत क राजनीातक नकश आद ऐस नकश अकराक ासटक-अप (lettering stickups) साहत साइबग क परमपरागत तकनीक का उपयोग कर कााशत होत तााप कोई भी सलाकातक नकश तलग म कााशत नह ए ह परत हाल ही म ावजान एव ौोागक ावभाग न ावव ी टोपो नकश ( ओएसएम) को कषीय भाषा म उपलबध करवान क ालए एक नीात को जारी कया ह ाजसक पराम सवप आ दश भ साानक आकड़ा क न राजय क राजधानी हदराबाद को दशारत ए एक शीट को योग क आधार पर अकय माधयम स तलग म करन का काम ालया ह

ॉनट क खोज म माइोसटशन साफटवर क अनक ल डीजीएन ामट म मल डाटा बस पहल स ही उपलबध ह मल-

पाठ को बठान क ालए माइोसटशन क अनक ल एक सावधाजनक तलग ॉनट क आवशयकता ह अनक ॉनट क जाच क गई परत कछ भी माइोसटशन क अनक ल नह पाया गया कयक तलग ालाप म बत सारी माषाए अगल स लगवाए जान क कार ldquoमाषाrdquo को लगाना एक कठन कायर सााबत आ तााप वब म बत छान-बीन करन क बाद ldquoटी टी एल हमलताrdquo ॉनट को खोजा गया और माइोसटशन परवश म मल पाठ को रखन म उपयोगी पाया गया

अनवाद

ावाभ व रनातमक अाभउाया ाचनह पाद- टपपाया आद का अजी स तलग म अनवाद हत सभी ापय साधन जस क इटरनट नट पर अनवाद शबदावली आद का आय ालया गया

माइोसटशन परवश म मल पाठ को बठान क ालए कायरावाध

ॉनट याान ldquoटी टी एल हमलताrdquo वााछत सान पर लोड कया गया तलग ालाप म बत सारी माषा क अतःसाापत होन क कार एक ावाशप शबद या अकर क ालए सही माषा क चयन हत अाधक सावधानी बरतना का सानात कया गया वााछत मल ndash पाठ को मइोसाफट वडर म टकत कया गया माइोसटशन वशरन 8 ाइल म अनोटशन टकसट एडीटर क माधयम स कापी और पसट कया गया उ

23

शीट क 22 टोपो स अनवादत अनोटशन को या सतयाापत कया गया अनोटशन को कनार म और उपरो शीट क नाम ाइल म रखा गया मामल ाजनको सलझाना ह -

1 ॉनट क आकार का मानककर 2 तलग ालाप म ावाभ व रनातमक अाभउया क सावधाजनक शबद का चयन 3 मल- पाठ को सगठत करना एक जटल कायर ह और समय लन वाली कायरावाध ह और पयार

माषा म षीय भाषा याान तलग क जान क जरत ह 4 जयादा सखया म सपादन मल-पाठ क सगठन क आवशयकता ह 5 तलगाना राजयतलग ावावालय क उ राजभाषा ावभाग स अनवादत ालाप को माीकर

करन क आवशयकता होगी समाा

सानीय ालाप (तलग) म ओ एस एम माक नकश क तयारी स अाधक सखया म लोग को सलाकातक नकश को आसानी स योग करन म सावधा होगी सलाकातक नकश म भाषा-ावषयक सबधी साचकारी पदार को जोड़न स ानयही भारतीय सवक ावभाग क उतपाद क चार को बढ़ावा ामलगा और बाजार म अपनी अहामयत बढ़ाएगा

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चनौती क ालए तयारी (रघना ाषपाठी अधीकक सवकक)

कसी भी ावभाग म नई चनौातय को सामना करन क ालए कमता ानमार क आवशयकता ह यद

यह नह कया जाए तो सताावत योजनाए ावल हो जाती ह कमता ानमार स पहल उसक लय एव उशय को परभााषत कया जाना आवशयक ह कयक इसक कायारनवयन क सतर म योजना और ानषपादन म का अतर हो सकता ह कमता ानमार क अनय मानक क अतगरत अनवत सावधा क रखरखाव और सभाावत ावकास भी शाामल ह कमता ानमार क कसी भी यास म ातभा क खोज को ही पहल कदम क प म ालया जाना चााहए भारतीय सवक ावभाग म सही कमता ानमार क बाद ही 110000 क पमान का सवक करन और मानाचष ाा सभव हो पाएगा आधानक अाध ौोागक म कमय क ाशक पयार नह ह लकन यह दखना ह क जो माग और सवक और मानाचष क आपत क खला स सक ातत ह जनता क ालए उपयोागता बढ़ा रही ह श म हालाक बाधाए आना बाधय ह हम यह कायर श करना और पराम क तीका करनी ह इस यास म खल अाधकार कष क ावशषज को ानयामत प स परामशर कया जाना चााहए सवक और नकश क उपयोगकतार क माग और एक बड़ परय क दाप स दखन क ालए यह महतवपर ह

यहा तक क उपयोगकतार क ालए भी ाडाजटल डटा का उपयोग सीामत ह भारतीय सवक ावभाग उपयोगकतार को ानयामत आधार पर सहायता और मलय सवधरन क ालए सलाह दकर नकश क कातज उपयोग तक का ावसतार कर सकता ह उस बात पर धयान दत ए भारतीय सवक ावभाग क सवा हत जी आई एस वजाानक को शाामल करन क आवशयकता ह यह महगा मामला होन पर भी वरीयता स भरी हम भावषय क चनौातय को परा करन क ालए तयार रहना चााहए कयक नकश क उपयोग स ावकास को तो होना ही ह

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नमक का महतव (कष कमार अाधकारी सवकक)

एक राजा क तीन बटया ी तीन बत ही सनदर सशील और ावशष ग वाली एक दन राजा न तीन राजकमारय को अलग-अलग स एक ही सवाल पछा ldquo बटी तम मझ कतना चाहती हो ldquo बड़ी राजकमारी न जवाब दया rdquo ापताजी म आपको सोन जस चाहती अारत सोन क आभष स मझ ाजतना पयार ह उतना ही पयार आप स ह ापताजी ldquo राजा बत सतप आ और दसरी राजकमारी स पछाrdquoबटी दीदी न तो जवाब द दया अब तम बताओ तम मझस कतना ह रखती हो दसरी राजकमारी बोली ldquo ापताजी म आपको हीर जसा चाहती अारत हीर क गहन स मझ ाजतना पयार ह उतनी ही पयार आप स ह ापताजी ldquo राजा तो ल न समाया सोचन लगा rdquo म बमतलब का सकोच कर रहा ा मरी बटया तो लगता ह मर बगर जी नह पाएगी ldquo अब तीसर स कया पछ र भी पछ लता र तीसरी बटी स पछाrdquo बटी तम मझ कतना चाहती हो तीसरी राजकमारी न जवाब दयाrdquo ापताजी म आपको नमक ाजतना चाहती जवाब सनत ही राजा आग-बबला हो उठा और बरी-भली सनाकर उसक कक स ानकल गया छोटी राजकमारी न कछ नह कहा बालक राजा क डाट सनकर चपचाप रह गयी रात ई राजा को सार महल क कायर ानपटान क बाद भख लगी खान क ालए उस हीर स ससात सोन क सहासन पर छोटी राजकमारी न बठाया र सोन क ाली म नाना कार क जन स य खाना परोसा और राजा को खाना श करन को कहा राजा न मह म खाना रखा तो महसस कया खाना का ह र हर जन को चखा तो पाया सब क ह र तो आग-बबला होकर अपनी रानी पर ाचललाया ldquo इस तरह क भल कस हो गयी हम कया समझ रखा ह जन दखाकर ललचाना और र खान नह दना यह बोलत ए रानी पर सोन क ाली ाजस पर जन परोस ए कन क ालए हा उठाया उठ ए हा को तीसरी राजकमारी न पकड़ ालया और पछा ldquoापताजीखाना तो बढ़या ह र कमी कया हrdquo राजा बोल ldquoनमक क ाबनाकोई खाना खाया जा सकता हrdquo राजकमारी बोली ldquoापताजीआपको तो नमक स नरत ह ना इसालए मन जन बनवात ए नमक नह डलवाया rdquo र तो राजा समझ गया क छोटी बटी न उनह सबक ासखान क ालए यह भोजन तयार करवाया ह र बोला ldquoबटी म समझ गया नमक क ाबना खाना जस सवादप नह उसी तरह तमहार पयार ाबना मरा वचरसव नह ldquo और राजकमारी को गल लगा ालया

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मायाजाल (एनबी सवामी अाधकारी सवकक)

इस जगत म कल 84 लाख जीव राशया ह और उनम मानव जनम सबस उम ह उम इसालए ह क भगवान न मानव का आधार इसालए दया ह ताक इस जनम अचछ कमर कर वह मोक क ाा कर सक मोक याान पनरजनम नह यद कमर बर ए तो र 84 लाख जीवरााशय म पदा होन क ालए वह आतमा कालच म दोबारा स जाती ह इस सपर कालच क याषा करत ए जब आतमा मानव क योान म वश करती ह तब वह भगवान स यही ारना करता रहता ह क ह भगवान मझ इस कद (याान मा का गभर) स जलदी मा दला द कयक म तमहारा धयान सही ढग स नह कर पा रहा कयक इस कद म अनक तरल पदा क सा-सा मल-मष म भी टहल रहा यह कसा नरक ह जहा आपन मझ सा रखा ह तब भगवान भी बोलत ह क ldquoत अभी बालक ाशश का प धार करन वाला ह तमन इतन वष यग म ाजतन पाप कय ह उन सबक यह चरम सीमा ह यह चरम सीमा बत ही पीड़ा दन वाली ह ाजस तमह जीतना ह लाघना ह इस चरम सीमा स मा होन क बाद तम कया करोग ldquo ाशश कहता ह ldquo भगवन आप जो कहग ldquo भगवन पछत ह कया तम अपना जीवन मरा धयान करत ए मर ालए समपर कर दोग ldquoाशश कहता हrdquo हा म समपर कर दगा आपक ालए ldquo भगवन भी जानत ह ाशश को नौ महीन गभर म रहना ही पड़गा तभी पर शरीर का ावकास होकर जब वह बाहर आएगा तो मरी सवा करगा उ नौ महीन तदनसार भगवन ाशश का वातारलाप नौ महीन चलता रहता ह ताक ाशश अपन चार ओर स मल क गध का धयान न द र जब वह बाहर ानकलता ह भगवान को धनयवाद करता ह और कहता ह ldquo म तमहारा बत ही आभारी भ अपन मझ मा दलाई अभी मझम वह ताकत नह क म तमहारा धयान करन क ासवा और कछ क मर माता ndashापता मझ सच कर जब अपन पर पर चलन क ताकत द दग तभी म तमहार ालए कछ कर पाऊगा ldquo भगवान कहत ह ldquo अर मखर त नह जानता यह जगत एक मायाजाल ह मझ पर ावास ह त मझ भल जायगा और र स कालच म पड़ जायगा ाशश कहता ह ldquo नह भगवान ऐसा नह ह भगवान मरा ावास करो म ातजा करता मरा जीवन आपक ालए ही समपर ह ldquo भगवान कहत ह ldquoदख लगा इस जगत क मायाजाल म त मरी कया का सवा करगा ldquo यह ाशश और भ का वाारलाप सनकर दवष नारद भगवान क पास पच पछन लग ldquo भ आप कस मायाजाल क बात कर रह ह ldquo भ बोल ldquo नारद म समसत जीव- रााशय का सवामी उनका कलया चाहता उनको सख भी और दख भी दता वह इसालए क मायाजाल क मोह एव अहकार म पड़कर खद को सपर मानन वाल ाी को दड न द तो र मरा समर कस करगा ldquo नारद बोल ldquo भ आपक वचन का मतलब कस

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दशा म जाता ह यह तो मझ नह पता एक तर कहत ह समसत जीवरााशय का कलया चाहता दसरी ओर कहत ह दड दता तीसरी ओर मायाजाल अर नाराय आप जब समसत जगत क सवामी ह सब आपक अधीन ही ह तो र मायाजाल शबद आपन जो योग कया ह वह आपक अधीन स बाहर कस हो गयाrdquo ानयष काजए जीवरााशया उसक चपट म नह आएगी र सब आपका गगान ही करग और सबको मोक क ाा होगी ldquo भगवान कहत ह ldquo ह दवष मर ालए समसत जीवराशी को परीका स गजरना पड़ता ह मानव जीवन ही उनम अातम परीका ह बस उसको लाघ ल म पनरजनम स मा दला दldquo नारद जी भगवान स तकर करन लग गय का दर बाद भगवान न कहा rdquo दवष आपस बहस और नह कर सकता आपस बहस कर मरा गला सख गया ह जरा एक छोट कलश या कमडल म पानी लकर आइय ताक म अपनी पयास बझा सक नारद को झटका लगा और पाताप करन लग ldquo बमतलब मन अनतरयामी स बहस कर उनको कप दया व समपर जानानद क सामन मरी हासयत कया ह पता नह आज मरी मात मारी गयी और म बमतलब बहस करन लगा भ को पयास लगी ह और वो भी मरी वजह स जलदी स उनक पयास म बझा द पानी क खोज म सार लोक का म करत ए नारदजी पथवी लोक म पच गए पथवी लोक पचकर पानी क खोज म एक कए क पास पच तो दखा क एक अतयनत सदर नारी कए स पानी ानकाल रही ह नारद न सोचा वह सनदर ी पानी भरकर चली जाए तो र म ोड़ा सा पानी भर ल नारद उस दख रह ी भी नारद जी को दख रही ी नारदजी न पछा rdquo दवी कया तम यह आसपास रहती हो ी न जवाब दया rdquo हा ldquo नारदजी र पछ rdquo दवी कया तमहारा ाववाह हो चका ह rdquo ी बोली ldquoनह ldquo नारदजी का ावचालत मन ल नह समाया और पछ ही ालया ldquo दवी यद तम अाववााहत हो और यद तमह कोई परशानी न हो तो कया तम मझस ाववाह करोगी ी सादाय औरत ी बोली ldquo मर ापता क आजा क ाबना म आपस ाववाह नह कर सकती ldquo नारदजी बोल ldquo दवी सशील नारी क यही ग होत ह यद तमह आपा न हो तो म तमहार सा चलकर तमहार माता-ापता स बात कगा और तमस ाववाह कगा ldquo यवती राजी ई और ासर एव कध म पानी स भर घड़ को ढोत ए आग चलती रही और नारदजी पीछ चलन लग सपर रासत म उस सनदर ी क ानहारत ए मन म सपन क पल बाध रह उस सनदर ी क ापता क पास जाकर अपना परचय दत ए उनक बटी स ाववाह करन का सताव रखा साकात नारद मान को अपना दामाद सवप दख उसी मतर म मगनी हो गई और एक शभ मर म ाववाह भी हो गया ाववाह क कछ दन क पात उनक ब हो गय ब बड़ भी हो गय र तो व अपन गहस आम म इतन सत हो गय क उनक मह स नाराय मष ानकलना भी बद हो गया कई वष बाद एक शाम को जोर क आधी क सा तानी बारश ई इस माहौल न इतना ावकराल प धार कर ालया ा क वातावर लय म बदल गया चार तर पानी भर गया बत सार लोग पश आद पानी म बह गय कनत कात क ावकराल प क सामन ठहरन का साहस कस ा दखत ही दखत उनका गह भी बाढ़ क चपट म आकर टट गया और पानी म बह गाया पी और ब डर स

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रोदन करन लग दखत-दखत कान पष क अलावा पी और बाक ब भी पानी म बह गए र तो नारदजी स सोचा इस कान को म कध पर ालए चलता ताक वह तो बढ़ाप म मरा सहारा बनगा कनत लय क तीता इतनी तज ी क नारदजी क नाक क ऊपर स पानी बहन लगा र तो व खद भी भल गय क बट को बचाना ह सोचन लग म कसी तरह जीावत बच जाऊ उसी सोच न उनक कान पष को भी नह बखशा कसी तरह कछ समय उपरानत लय शानत आ पानी घट गया चार तरक मनषयपश - पकी आद क लाश टट ए रासत और घर क बीच पड़ी ई ी नारद मान को बहद दख आ और ठठोर कर रोन लग गय रोत-रोत व खद क बार म सोचन लग क भगवान न उनक सा ऐसा अनयाय कय कया काश व भी मर जात तो अचछा होता तभी उस राह स ास महष गजरत ए नारदमान स परामशर करन लग नारदजी कहन लग ldquo पता नह मन कौन सा पाप कया ह क मर पर परवार का सवरनाश हो गया ह मझ कय मतय नह आई इस पर ासजी न कहा शायद तमहारा समय नह आया ह इसालय तम बच गय हो हालाक ास जानत क नारद मायाजाल म सा आ ह ldquo र इसका ानरय कौन करता ह ldquo नारद न ासजी स पछा ासजी न उर दया ldquoयह तो मतयलोक क अाधपात यमराज ही इसका उर दगrdquo र व दोन ामलकर यमराज क पास गय यमराज न आन का कार पछा तो ासजी न नारद मान क सारी दख भरी गाा सनाई और पछा क ldquoमतय न इनका आलगन कय नह कयाldquo यमराज बोल rdquoम कोई नह मरा यमदत ही इसका उर द सकता ह कयक म यमदत क ारा कसी आतमा को लान क बाद ही उसक पाप-पणय का ाहसाब दख ानधाररत सजा का ऐलान करता यद यमदत आपको लकर मर पास नह आया तो इसम मरा कया दोष ह यमदत स पछ लldquo र ासजी न उनक यमदत स वही सवाल करन पर यमदत न कहा ldquo महामान म कस कसी क शरीर स आतमा को छीनकर ल आऊ म तो यमलोक का सवक माष ाचषग जब तक आजा नह दत तब तक म कोई कायरवाही नह कर सकता आप इस का उर ाचषगजी स पछ ल ldquo र ासजी न ाचषग स वही सवाल करन पर ाचषग न कहाrdquo महामान म तो यमदत को तभी आजा दता जब उस ाी का सारा लखा - जोखा समा हो जाता ह अभी माननीय नारद जी क मतय का समय आया नह ह अभी उनका कछ कया नह जा सकता ldquo ासजी न नारद स कहाrdquo दखो नारद अभी तमहारा समय आया नह ह तभी तम जीावत हो चलो चलत ह अब ापछली घटना को भल कर आग क सोचो ldquo बस इतना ही कहना ा क ाचषग न र ासजी को बलाकर कहा rdquo ह ऋाषवर इनक कणडली म यह ालखा ह क मतय तभी इनको गल लगा सकती ह जब य एक सा आपको मझ यमराज और उनका वाहन भस का एक सा दशरन करग चक इनक ारा यह कायर पर हो चका ह अत इनका जीवन पर हो गया ह ldquo बस इतना ही ा क नारद जी को आवाज आन लगी अर दवष दवष मझ कब स पयास लगी ई ी मरा गला सख गया ह कनत आपन मझ अब

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तक पानी नह दया कहा ह पानी ldquo य साकात नाराय क आवाज सन नारदजी को होश आया और भगवान क चर म पड़कर ागड़ागड़ान लग यह कहत ए क rdquo ह नाराय आपन मझ अचछा सबक ासखाया ह मन आपस बहस कया कर लीआपन मझ मायाजाल का साकातकार करवा दया कमा काजए म आपको पानी नह ापला सका मरी वजह स आपका गला खब सख गया होगा ldquo यह कहत ए उनक अधारा स नाराय क पाव धल गय और भगवान न कहाrdquo दवष आप चातत ना ह आपन अधारा स मर चर धोकर ानसवार सवा कर दी मरी पयास बझ गयी ह अब आप म ह ldquo र नारदजी खशी स नाराय-नाराय कहत ए ानकल गय

घाट का पतर

(बषव बहरा अाधकारी सवकक)

माता-ापता और जनम भाम को छोड़ कर हम सब बन गए ह घाट का पतर धनय ह वह महापष ाजसन हम साापत कया म उस महापष क ावषय म व रन नह कर सकता शायद म अात पाप क कार पतर बन गया लोकन म आशा करता क भावषय म मरा भागय बदल जाएगा चक म लोग क मन स सवा करता इसका ल हमको भगवान अवशय दग लोग का सवा करत ndashकरत मरा आकार भी बदल गया परनत सवा करत ndashकरत मरा नाम रोशन हो रहा ह बालक हम सता का अनभव हो रहा ह मर कमर क चलत मरा भागय बदल रहा ह म हमशा जलम रहता और पीठ पर ातदन मार झलत रहता शायद ही ऐसा पीड़ा इस ससार म कसी को ामलती होगी मरा सानानतर भी नह ह म कई महापष को दखता आया कतन महाराय न ा तयाग दय लकन तबस म यहा अकला पड़ा म हर मौसम क मार झल रहा ब-बढ़ क सवा करत-करत मन कछ पणय कमा ालए ह और आशा करता क मझ को भावषय म मानव जनम ामल सकता ह मानव जनम ामलन स म आपका भजन-करन कगा

ऐस दखतndashदखत कई यग क बाद हमको मानव जनम ा आ मानव जनम म अगर इस धराष म दखा क यहा ऊच-नीच जात-पात नीात-ानयम ावदन पाचार अनयाय ndashअतयाचार चमर-अचमर का ताडव नतय चल रहा ह दखकर मर मन म परवतरन आ गया क भ मझको मरा ापछला जनम वापस द दीाजए

पतर जनम म रह कर मरा कोई-कोई साी अचछ कमर क चलत मदर म सान ा कर ालया ह कोई-कोई तो ठाकर बन गय लोग-ातदन उनक पजा करत ह

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हम लोग म स कोई-कोई सामाजक कायर म सहयोग दान करत ह कोई गह-ानमार म सहयोग द रह ह तो कोई मदर-ानमार म सहयोग द रह ह कोई तो सीधा मत बन गय इसीालए उनक मन म घमणड आ गया अहलया न पतर होन क नात भगवान का दशरन पा ालया इसालए पतर जनम होन क चलत उनक मन म का अह भाव आ गया

हमार अनदर ावाभ प भी ह याः लोहा पतर चना पतर सगममरर काला पतर (नाइट सटोन) मलायम पतर (soft stone) इतयाद लोहा पतर जो दश क ानमार म काम आता ह चना पत जो ासमट ानमार क काम म आता ह सगममरर घर और मदर का शर (flooring) म काम आता ह काला पत घर का शर और आला बनान म काम आता ह मलायम पतर ाशलप कला क ावकास म योगदान दत ह पतर जनम होकर भी म का गवर महसस करता मरी भगवान स अानतम ावनती य ह क आप मझ अानतम समय म दशरन दन को कपा कर

न हमको पतर जनम चााहए न हमको मानव जनम चााहए हमको तो ास र इस भव सागर स पार होना चााहए

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जयादा लोभ न करना (पाडव कानटया सहायक सवकक)

मनषय भगवान क साप ह इसालए वह भगवान का अश ह जब तक वो मा क गभर म ा तक तक वह मोह-माया स वाचत ा एव हमशा भगवान क समीप ा लकन जब वो पथवी पर अवती र आ उसको मोह-माया न घर ालया पाच साल तक वो ईरीय सा म रहता ह इसालए कहा जाता ह क ldquoCHILD IS THE INCARNATION OF GODrdquo इसक बाद मोह-माया म आकषत हो कर ईरीय सा को भल जाता ह बचपन म वो बत आजा और मोह-माया राहत और चरषवान रहता ह जब समय बढ़ता जाता ह तब उसक समसत उम ग धवस होकर गलत मागर पर चला जाता ह

बचपन म ावा ाशका जवानी म ी दीका एव पारवारक ाचनता म म होकर वह समसत मौालक सा को खो दता ह सबा नप होकर सबा म आ जाता ह दव का नप होकर राकस वा जारवत होता ह एव परवारक जगल म सकर भगवान का नाम लना भल जाता ह अपना परवार का भर पोष क ालए कठन परम करता ह लकन उनका पट भरता नह ह ईर क सा को भल जाता ह और अनत म पशकतव को ा होता ह शरीर रोगसत हो जाता ह दाप शा की हो जाती ह चलन ndashरन म असमर रहता ह रात को नद नह आती ह र भी लोभ को छोड़ नह पाता ह अपन बीवी-ब ता परवार क बार म सदा सोचन लगता ह शरीर वावसा को ा होता ह परवार क कोई भी सदसय पछत नह ह

परवार क लोग उसको ढग स खाना भी नह दत ह उसको घर स दर रखत ह र भी यह अधम मनषय भगवान क बार म सोचता नह ह लोभ का अनत नह होता ह पाप का बोझ बढ़त जाता ह अनत म नरक को ा होता ह र भी मनषय भगवान को समझ नह पाता ह परवार क ालए इतना बड़ी ददरशा झलता ह उनको कोई भी नह पछता ह उसक ारा जमा क गई पजी को परवार वाल उनक सामन मौज करत ह

लोभ मनषय को अनधा बना दता ह आदमी क हतया करत ह लोभ क वशीभत होकर दसर क समपात को लटत ह ाजसस समाज म पाचार बढ़ता ह इसालए ह मानव तम कय लोभ करत हो लोभ नह करक भगवान का समर करो हर कतरन करो तप जप करो और सवगर क अाधकारी बनो उम कमर करक भगवान क शरागत हो जाओ भगवान तमहार समसत सख-दख का भार वाहन करग

सवरधमारनपरतयजय मामक शर ज अह तवा सवरपापभयो मोकायषयााम मा शच

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इसालए अचछा कमर करक पणय कमाना ह हमशा धमर क जय और पाप का कय होता ह धमर-कमर करक ावजय ा होगी लकन अधमर म जाकर नरक गामी नह होना

एकदा अनधा राजा धतरा सजय को पछा क ldquoह सजय इस धमर य म कसक जय होगी उर म सजय बोल क ldquoयष योगर कषो यष पा धनधरर तष ी ावजयो भात वा नीातमरातमरम ldquo अारत जहा योगर कष एव धनधाररी अजरन एक सा ह वहा ावजय ानात ह

इसालए दखा गया क हमशा धमर क जय और अधमर क पराजय होती ह धमर सवचछ ानमरल लकन अधमर कदाकार कात ह इसालए लोभ-लालच म वशीभत न होकर सत

कमर करो अनयाय का परतयाग करो लोभ मत करो जीवन म कप करक जो धन कमा ालया वो सब इस धरती म रह जाता ह अानतम क म सा कोई नह ल जाता इसालए अनधर म भटक नह जाना इसालए कहा गया ह क-अात लालच नह करना अात सवरष गहतम अारत अात सवरनाश का कार ह

अात दप हता लका

अात मानसय कौरवा अातदारन बाल वध अात सवरष गहतम

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टटा वक का अाभमान (चरदास नाराय गडम सवक सहायक)

वन म खड़ एक वक क सा ालपटी एक लता भी धीर-धीर वक क बराबर हो गई वक का आय

लकर उसन भी लना ndashलना आरभ कर दया बल को लत ndash लत दखकर वक को अहकार हो गया क म न होता तो लता अासततव हीन होती वह लता को धमकात ए बोला ओ बल चपचाप मरा कहना माना कर म जो कह रहा वह कया कर नह तो ध मार कर भगा दगा पड़ का लाप जारी ा क दो पाक वहा स ानकल एक बोला अर भाई जरा दखो तो यह वक कसा सदर ह इस पर कसी सदर लता पाषपत हो रही ह आओ इसक नीच ोड़ी दर ावाम कर अपना महतव लता क सा ह यह जानकर वक का अाभमान भी नप हो गया सा ndash सा रहन स ही सबक गात होती ह

बटी (डी राव बाब पटल ाचषक ड-II)

बटी घर क लाज होती ह पापा क सर का ताज होती ह दल क सदा स रही ह इचछा बटी तझको ह पाना आई हो मर जीवन म जस एक ननही कावता राह दखता म तरी जलदी स मर पास आना मा क गोद म सदा रहती हो कछ पल मर पास भी आना न चाहत ह अब धन दौलत क त ही लमी त ही मरी मत भी डर लगता ह सोचक जब एक दन छोड़ क जाएगी त कतना मझ लायगी त बटी होती ह बाबल क लाड़ली

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यह ाज़नदगी (सययद इदरीस पटल ाचषक ड ndashII)

बठ जाता ह ामी प अकसर कय क मझ अपनी औकात अचछी लगती ह

मन समनदर स सीखा ह जीन का सलीका चपचाप स बहना और अपनी मौज म रहना चाहता तो ह क य दानया बदल द पर दो व क रोटी क जगाड़ म सरत नह ामलती दोसत महगी स महगी घड़ी पहन कर दख ली व र भी मर ाहसाब स नह चलता य ही हम दल को सा रखा करत पता नह ा क कमत चहर क होती ह अगर खदा नह ह तो उसका ाज कय और अगर खदा ह तो र कय

lsquorsquoदो बात इसान को अपन स दर कर दती ह एक उसका ldquoअहम rdquo और दसरा उसका ldquo वहमrdquo पस स सख कभी खरीदा नह जाता और दख का कोई खरीदार नह होता मझ ाज़नदगी का इतना तजबार तो नह पर सना ह सादगी म लोग जीन नह दत मााचस क जरत यहा नह पड़ती यहा आदमी आदमी स जलता ह ाव क बड़ स बड़ वजाानक यह ढढ रह ह क मगल ह पर जीवन ह या नह पर आदमी यह नह ढढ रहा ह क जीवन म मगल ह या नह

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जीवन म न जान कौनसी बात ldquoआखरी rdquo होगी न जान कौन सी रात आखरी होगी ामलत जलत बात करत रहो यार एक दसर स न जान कौन सी ldquo मलाकात rdquo आखरी होगी अगर जदगी म कछ पाना ह तो तरीक बदलो इराद नह ऐ चाद त कस मज़हब का ह ईद भी तरी और करवाचौ भी तरा

उगालय क लड़ाई

(शख महबब पीरा पटल ाचषक)

एक दन हा क सभी उगालया आपस म लड़न लग अगठा बोला म सबस बड़ा सभी जगह जरी कागज पर मझस ही ानशान बनाया जाता ह तजरनी बोली-ldquoम बड़ी मर होन स ही सब लोग काम कर पात ह जस-ालखना खाना पकड़ना मधयमा बोली-ldquoअर भई कया तम नह जानत जो आकार म लबा होता ह उस ही सभी बड़ा कहत ह अनाामका सब बात चपचाप सन रही ी वह तरत बोली ndashldquo म सबस बड़ी म तो पजा करन क भी काम आती मर स ही रोलीातलक लगाया जाता ह कानाका सभी को लड़ता दखकर उदास ी वह चपचाप एक कोन म कछ सोच रही ी तभी अगठा व तीन उगालया उसक पास गई और बोली- ldquoअर छोटी तम तो बड़ी हो ही नह सकती कयक तमहारा नाम ही कानाका ह कानाका बोली ldquoसनो अगठ भाई और पयारी उगालय आपस म लड़कर कभी कसी का भला नह हो सकता हमम कोई भी बड़ा-छोटा नह ह हम सब ामलकर मी बन सकत ह तभी हम सब बलवान हग कया तमह नह मालम क बद मी म ही ताकत होती ह इसालए हमारा लड़ना बकार ह rdquo कानाका क बात सनकर सभी एक सा बोल- ldquoहा छोटी बहन तम ाबलकल सही कह रही हो सचमच अकल म तम ही हम सबस बड़ी हो rdquo

इस नीात का स एकता म बल क ाशका ा होती ह

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तलगाना- भारत का एक और नया राजय (शलबाला खडरी मानाचषकार)

तलगाना भारत क दाकी भाग म ासत भारत का 29 वा राजय ह कषल क दाप स यह दश का

बीसवा बड़ा राजय ह ाचीन हदराबाद रयासत का अाधकतम भाग तलगाना राजय म ालया गया ह जहा आजादी स पहल ानजाम का राजय ा सन 1947 म जब भारत अज क चगल स आजाद आ उसक बाद भी हदराबाद का ानजाम अपनी रयासत सय भारत म ावलीन करन क पक म नह ा वह अपनी रयासत पर अपना ही सवतष शासन चाहता ा अतत सरदार बललभ भाई पटल क अक यास स इस रयासत को भारत क मखय धारा म ावलीन कया जा सका इस कार आन दश राजय क सापना ई और 26 जनवरी 1950 को ी एमक वललोड़ी आन दश राजय क म मखयमषी ानय ए 1956 म हदराबाद रयासत को आन दश राजय म ावलीन कर दया गया

2 जन 2014 म पनः तलगाना राजय अासततव म आया आन दश राजय क उर पामी 10 ाजल को ामलाकर तलगाना राजय क सापना क गयी ह राजधानी हदराबाद भी तलगाना राजय म ासत ह परनत 10 वष तक हदराबाद दोन राजय याान आन दश और तलगाना राजय क सय राजधानी रहगी दोन राजय क शासानक कायर हदराबाद स सचाालत हग तलगाना शबद का ादभारव ाषलगा दश शबद स आ ह ाजसका अर ह तीन लगो वाला दश तलगाना राजय क तीन दशा म कालरम ीशलम और ाकारामम ास ाशव मानदर ासत ह ाजनक अपार धामक महा ह वासतव म पक तलगाना राजय क ालए 1946 स 1951 क बीच ही ारमभ हो गया ा उस समय कमयानसट पाट न इस आनदोलन का नततव कया ा जो असल रहा भाषा क आधार पर तलगाना और आन राजय को पक करन क ालए अनक आनदोलन समय-समय पर होत रह ह इनम मखय आनदोलन 19691972 और 2009 क ह इन आनदोलन का यह भाव आ क 9 दसमबर 2009 म भारत सरकार न पक तलगाना राजय बनान क कायरवाही श कर दी य घोषा सनत ही तटीय आन व सीमान कष क लोग न सम आन दश क पक म आामक आनदोलन ारमभ कर दया और ऐसी ासात म भारत सरकार न यह कायर 23 दसमबर 2009 तक सागत कर दया इसक पात भी लगातार पक तलगाना और सम आन दश क ालए अलग-अलग आनदोलन चलत रह पक तलगाना क पक म कई आतम - हतयाए ई हड़ताल क गयी ाजसस जन साधार को बत असावधा का सामना करना पड़ा अतत पक तलगाना समरक क जीत ई और कास कायरकारी सामात न सवर सहमात स 30 जलाई 2013 को पक तलगाना राजय क ासारश करत ए ाबल तयार कर दया अनक सोपान पार करत ए यह ाबल रवरी 2014 को ससद म पारत कया गया रवरी 2014 दश पनगठरन एकट क तहत यह ाबल ससद म पास हो गया इसक पात इस नय राजय तलगाना ाबल को रापात ारा सहमात ा ई और माचर 2014 क गजट म इस कााशत कया गया इस कार नय तलगाना राजय क सापना ई

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ाशासकय प स तलगाना राजय क सापना 2 जन 2014 को ई क चन शखर राव क पाट ldquoतलगाना रा सामातrdquo न चनाव म दश म बमत हाासल कया और इस कार ी कचन शखर राव तलगाना राजय क म मखय मषी चन गए

म महगाई (डॉ नीलम कमार ाबड़ला अाभलखपाल)

म महगाई महग दशभ लोग क आमष पर भारत आई तज गात लान गात म भारत आई मझ गलत मत समझो गरीब बत ठीक बमत दकर तमन ाजनको बत उठाया म तो उनह क तीक भौातक वादी यग म योग ासखाती म भख पट न सोए कोई कडालनी जगाती म धयान प म च मारकर मन जय ऊपर चढ़त-चढ़त र तक आ जाता ह भाव वसत क वस ही र तक ल आई

अब इस यग म एक तल क पीप को पा लन का अर को पा लना ह भ दशरन क झलक दखना एक टमाटर खा लना ह भारत का आदशर तयाग ह अनासा ह अपरह ह मझको पाकर लोग वसतए तयाग रह ह अपनी खद क कार छोड़ बस क पीछ भाग रह ह म लोग को तड़क भड़क स खच

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सादगी ासखाती टरीलीन क शौकन को ला पहनाती माया जीवन का बधन ह पया पसा मल हा का म वतन भोगी लोग क बधन दो दन म हर लती शी छड़ाकर मल हा का शीश सा ानमरल कर दती

नीात ालखन वाल न कम खाना या गम खाना अचछा बतलाया मन उनका कन ानभाया ाजतनी चीज महगी हगी उतना ही जन कम खाएग ाजस दन रोटी नह ामलगी उस दन खद ही कम खाएग

शकल पक क चाद सरीखी बढ़ती म खब चादनी लाऊगी अभी दज तक ही आई परमासी तक जाऊगी

करो कलपना जब भारत जन कतन सदर दखा करग ग चावल चना बाजरा जब पाड़य म ाबका करग बीमार को दध दहीघी क इजकशन लगा करग कसा मधर जागर होगा लोग भख स जगा करग

आतक हमला

(डॉ नीलम कमार ाबड़ला अाभलखपाल) 13 दसबर 2001 ससद प पाक आतक हमला 13 रवरी 2014 ससद म भारतीय आतक हमला

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शमरसार ई ससद पच ाड़ गए नयी तहजीब क झड गाड़ गए

उड़ाया गया काली ामचर का पाउडर सपीकर का नह सना आडरर आख जलन लग सास लन लगी ससद पर नगी तलवार झलन लगी

घायल आ जातष और सावधान मदर क पजारय न कया मदर का अपमान ऐस आतकय को सबक ासखाना होगा र नया इातहास बनाना होगा

बाल-म (वाइकराकश कमार खलासी)

बालपन क कलकारी धप क ताप स आ मक पोी छोड़ी कदाल खोदत हा क मार अचक कचड़ आधी म म करना आ मजबरी गरीबी क पराकाा पट और पीठ क घटती दरी कछ धनहीनता और कछ माता-ापता क मखरता कनत सबस जयादा सवा समाज क सवदनहीनता ाजसन बालक को ामक बनन को बाधय कया लखनी को छीनकर कोमल हा म छडी पकड़ायी

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गाय-बकरी क सवा करता बालय-जीवन कप अपन भावषय को दर करता अजान और अबझ ावोपाजरन क कसको ह सरत ासात तो ऐसी ई दो दान अ क ालय बालपन चोर बनन को आतर आ

दोसती

(ाचा कडयया खलासी)

गलाब एक ल ह

एक घनट म मरझा जाता ह पर दोसती एक शा ह कभी भी जीावत रहती ह

बर ठडी होती ह जो पकड़ म नह आती ह

दोसती सोन जसी ह जो कभी कोई नह खरीद सकत ह

तार क पाच अनत (END) ह चौकोन क चार अनत ह तीकोन क तीन अनत ह

एक रखा का एक अनत ह पर दोसती का कोई अनत नह ह

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मर जीवन का उशय (कमारी ाया सातव कका सपषी एम सबीता उाल)

कग नयज भारत का खतरा पाकसतान न कशमीर पर हमला कया ह कछ दन बाद helliphellip कग नयज पाकसतान क ाखला भारत क रका करत ए वीर सानक

का भारी नकसान इन खबर न भारत को ाहला दया ा म भी सोच म पड़ गयी क म भारत क ालए कया कर सकता भारत को इन हमल स कस बचा सकता मर मन म ास र एक ही खयाल आया क भारतीय सना का एक जवान ासपाही बन

जव मन यह बात अपन दोसत स कही तो उसन कहा क ासपाही बनना खतर स खाली नह ह और परवार स दर सरहद पर खतर स भर जीवन मर ालए कपद होगा लकन मन ठान ालया ा क म कछ ऐसा कगी क पर दश म मरा नाम हो ाजस दखकर मर अपन का ासर गवर स ऊचा हो जाए

मर ानय को सनकर मरी मा रोन लगी मझ लोभन दया क म ापार क मर दोसत न मझ डाकटर बनन का सझाव दया पर मन सोचा क भारत म कई डाकटर ह ापारी ह भारत को डाकटर या ापारी क नह बालक सानक क जरत ह

म भारत क ालए अपनी जान भी दन क ालए तयार मन सोचा सब अपन परवार को सराकत

रखना चाहत ह र भारत - भाम तो मरी मा ह मरी ही कय हर एक क मा ह तो हम सब का कतर बनता ह क हम इसक रका कर इसीालए मर जीवन का उशय ह क म एक ासपाही बन और भारत क सवा क

मखर ामष स समझदार शष अचछा होता ह (मासटर सनीत चौी कका सपष एम सबीता उाल)

एक दन म और मरा सबस अचछा ामष राव बठ यह सोच रह क हम परीका क ालए अभी स पढ़ाई श कर दनी चााहए या नह राव न तपाक स कहा क अभी स पढन स कोई लाभ नह होगा अगर हम परीका क एक दन पहल पढ़ग तो जयादा दमाग म रहगा तभी वहा स मरी कका का दसरा छाष रमश गजर रहा ा मझ रमश ाबलकल पसद नही ा और रमश भी मझ पसद नह करता ा बात-बात पर हम लड़ाई करत पर पढ़ाई म वह मझस बत अचछा ा उसन हमारी बात सन ली ी

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इसालए धीर सवर म मझस बोला अपन मखर ामष क बात मत सनो बस रोज मरी तरह ोड़ा-ोड़ा पढ़ो लकन मन उसक बात पर कान नह धरा एक महीन बाद परीका क दन आ पच परीका क एक दन पहल जब मन पढ़ना श कया तब पाया क पढ़न को बत ा पर समय कम ा जस -तस पढ़ कर मन परीकाए ालखी और उममीद करता रहा क म परीका म उी र हो सक कछ दन बाद परीका का पराम ानकला और वही आ ाजसका डर ा म और ामष राव अनी र हो गए दसरी ओर रमश बत अचछ अको स उी र आ उस दन मझ समझ आ गया क मखर ामष स समझदार शष अचछा होता ह

भावषय क पढ़ाई (मासटर ाशव कलया सातव कका सपष वालल कलयाी उाल)

आज जब हम पढ़ाई या सकल क बार म सोचत ह तो नजरो म एक भारी बग उठाता आ

छाष दखता ह कताब क ाबना हम सकल जान क सोच भी नह सकत कताब क सा कपयटर भी पढ़ाई का महतवपर ाहससा बन चका ह

कछ साल बाद भारी कताब स भर बग क बदल छाष क हा म टबलट होगा आकाश टबलट एक ऐसा यष ह ाजसम हम तरह-तरह क कताब पढ़ सकत ह हम कका म ही नट स जानकारी पा सकत ह टबलट ोन स बड़ा ह और जयादा महगा भी नह हम इस कह भी ल जाकर इसम कताब पढ़ सकत ह हम इसम कका का दया गया कायर भी कर सकत ह यह टबलट पढ़ाई का अदाज बदल दगा और पढ़ाई को मजदार बना दगा

पानी और धप (कमारी एस साानया पाचवी कका सपषी राजया बगम अाल)

अभी-अभी ी धप बरसन लगा कहा स यह पानी कसन ोड़ बादल को क ह इतनी शतानी

सरज न कय बद कर ालया अपन घर का दरवाज़ा उसक मा न भी कया उसको बला ालया कहकर आजा

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ज़ोर-ज़ोर स गरज़ रह ह बादल ह कसक काका कसको डाट रह ह कसन कहना नह सना मा का

परीका (कमारी शख राजया सलताना गयारहव कका सपषी शख महबब पीरा पटल ाचषक)

ाजस नाम को सनन स कापता ह बा वो ह परीका परीका पपर हा म आत ही इतना डर लगता क यद अचछा नह कया तो ापटना पा तीन घट म लगभग करन होत ह चालीस सवाल एक भी छटा तो घर म आता ह भवडर रजलट क एक दन पहल रात को नद नह आती ह अचछ नबर पान क ालए भगवान क याद आती ह पास होन पर ामलता ह इनाम और मख स ानकलता ह ldquoकय भगवान rdquo र आती ह अगली कका तब भी मख स ानकलता ह हाय र आ गयी र स परीका

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राीय साकरता (मासटर शख समीर छठी कका सपष शख महबब पीरा पटल ाचषक)

ातदन सीखो अकर एक

ानयम बना लो ऐसा पढ़ो पढ़ाओ सीखो जान

तभी बनगा दश महान ावा सा जान कराती

मन का अधरा दर भगाती जहा पर बनत लोग जानी

वहा न होती मन क हाान अनपढ़ क ालए गगी पोी

धन दौलत भी होती ोी पढ़ा ालखा नह धोखा खाता

जहा भी जाता आदर पाता

मा (मासटर शख महबब बाशा आठव कका सपष शख महबब पीरा पटल ाचषक)

सबस सनदर जग म कौन बस एक त ह मा

सबस पयारी कसक मसकान बस एक तरी ही ह मा

कसन बनायी मरी पहचान तन ही तो मरी पयारी मा

कसक बोली ामी स मीठी तरी ही ह मरी मा

कसक डाट ह इमली स तीखी तरी ही तो पयारी मा

कसक ालए क म सब कबारन तर ालए मरी पयारी मा

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ाततली (कमारी एम राशका ाशवानी पाचवी कका सपषी एम लम कमार उाल)

ाततली तम कतनी

रग-ाबरगी होती हो तम सब ल का रस पी-पीकर

बाग-बगीच म रती रहती हो तर पख कई रग क होत ह

तमहार प को दखकर ब बत खश होत ह

मरी कका

(कमारी एम राशका ाशवानी पाचवी कका सपषी एम लम कमार उाल)

मरी कका म ह पचास ब हर एक ह अलग-अलग जस एक ह लबा एक ह छोटा एक ह मोटा एक ह पतला कछ ह अचछ कछ ह बर पर लगत ह सार पयार मरी कका ह रग- ाबरगी लगती ह ाततालय का झड ह

मझ बत पसद ह कयक यह हमारी कका ह

Page 12: कलाकल - Home: Survey of · PDF fileतेलंगाना-भारत का एक ... भी यह पि का ‘कलाकल‘ सुनदर प म िनखर

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तााप आ दश भ साानक आकड़ा क न एनआरएससी एव अनय भ साानक आकड़ा क राजय नोडल एजासय (SNAs)स अचछ समनवय क सा अपना उरदाायतव भरपर ानभाया ह

9 आ दश कनारटक सीमा ाववाद

माननीय उतम नयायालय क ानदश क अनसार आ दश कनारटक राजय सीमा ाववाद को सलझान हत भारत क महासवकक न आ दश भ साानक आकड़ क को कायर आवटन कया इसका मखय उशय आ दश कनारटक राजय सीमा ाववाद को सलझान हत सीमा सतमभ का सापना करना ह तीन खड म रक एव सव कायर हत टीम क तनाती क गयी अब तक 172 जीपीएस ाबनद का पयरवक कया गया कायर अभी बाक ह

10 अनय ावावध कायर

उपरो परयोजना काय क अलावा इस भ साानक आकड़ा क न वषर 2014-15 क ालए ानालाखत काय क ाजममदारी ली ह

I 28 शीट क 150000 क पमान पर गवा ानयष

II 516 शीट क 125000 क पमान पर ओएसएम पानतर

III 150000 क पमान पर 354 शीट क वब चर सवा

IV हदराबाद कष म पड़न वाली 56 क 6 7 1011 डी एस एम शीट का अतन

V हदराबाद कष म पड़न वाली 56 क 6 7 1011 ओ एस एम शीट का अतन

VI 150000 क पमान पर तलग भाषा म चार शीट का मानाचष

VII तलगाना और आ दश राजय का नकशा 110 लाख क पमान पर तयार करना

ाहनदी एव टक अनभाग

22 मई 2014 को आ दश भ साानक आकड़ा क न एक नय अनभाग का गठन कया ाजसका नाम ldquoाहनदी एव टक अनभाग

rdquo रखा गया इसका मखय उशय यह ा क वाषक कायरम क अनसार इस ानदशालय स अाधकतम पषाचार हदी म ही करना इसक भारी इस आकड़ा क क राजभाषा अाधकारी ह एव इस अनभाग म एक अनभाग अाधकारी एक कान हदी अनवादक दो अवर ी ालापक क तनाती क गई ह ानदशक ारा अनमोदत मसौद को हदी म अनवाद कर इस ानदशालय स अनय ानदशालय कष एव महासवकक क कायारलय को पषाचार कया जाता ह lsquoगrsquo कष म हदी पषाचार का लय जो 55 ह उस ा करन हत यह ानदशालय अहम भामका ानभा रहा ह कोाशश जारी ह क वषर 2014-15 तक वाषक कायरम क अनसार यह ानदशालय अपन लय को ा कर लगा

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सवक सहायक क वतन मान म पनरीक- माननीय नयायालायक आदश का कायारनवयन

अल 2013 म सवक सहायक क वतन मान म पनरीक का आदश ा आ सवक सहायक क हासयत स ाजनको ए सी पी ानयामत पदोात ामली उनक मामल को तरत ालया गया तााप एक सदह उठा क कया उ वतन-मान एमएसीपी ा सवक सहायक पर लाग कया जा सकता ह या नह और इस पर भारत क महासवकक स सपपीकर ा कया गया इसी बीच सवक सहायक क वतन मान क पनरीक क समाधान हत ानालाखत सदसय क सामात का गठन कया गया

1 ी कक गा अधीकक सवकक (अधयक) 2 ी एलएस शकर राव कायारलय अधीकक 3 ी एम यादी री सहायक 4 ीपी सतीश सहायक

इन मामल क ससाधन क ालए ानयामत आधार पर बठक आयोाजत क गई मामल ाजनक सपपीकर क जरत नह ी (लगभग 25 ) तरत ालय गय एव जलाई 2013 म कषीय वतन एव लखा कायारलय को सतत कय गय ाजनह उसी महीन म जाच तय कया गया

रवरी 2014 म सवक सहायक क वतन मान क पनरीक स सबाधत सपपीकर क ाा क बाद बाक क 45 मामल को (दोन पवर ndash 2006 एव उर - 2006 एसीपी) ानदश क अनसार मामल को 15-03-2014 तक तयार कया गया तााप ावीय वषर 2013-14 क अत म ानाध क उपलाबध न होन क कार इसको कषीय वतन एव लखा कायारलय को सतत नह कया जा सका

वषर 2014 -15 लखानदान क माधयम स ा ानाध स (12 सवा ानव मामल को जलाई 2014 म सतत कया गया और उसी महीन म तय कया गया) जलाई 2014 म ानयामत बजट क आबटन क बाद बाक क सभी मामल को अारत 10 (लगभग) अगसत 2014 म सतत कया गया और उसी महीन म तय कया गया आज क तारीख म सभी मामल को पर कर ालया गया और अनदश का अनपालन कया गया 70 मामल म स 22(लगभग) को आक लाभ ा आ और बाक (पवर -2006) मामल को साातक तौर पर वतन ानयतन कया गया अारत माननीय नयायाायक आदश क अनसार बकाया क आहर क ाबना

सामात क ानयामत आधार पर बठक ई और अधयक न मामल को पर करन म मागरदशरन दया ी एलएस शकर राव कायारलय अधीकक न अनय सदसय ारा कए गए वतन ानयतन मामल क पयरवक और जाच क सामात ारा दए गए समय सीमा क अदर सभी मामल को पर कया गया और समय समय पर ानदशक को ासात स अवगत करवाया गया

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ाशक कोसर

आ दश भ साानक आकड़ा कन स ानालाखत अाधकारय को भारतीय सवक ससान म ावाभ कोस म ाशक दलवाया गया

म स अाधकारी का नाम(ीीमती) कोसर सखया ावषय

1 मोअजीममीन 49521 सवक अाभयााषक का मल ासानत

2 एन अानल कमार कय 5 भाम सचना का अाभकलप एव कायारनवयन

3 मोहममद अली शख 40092(ए) सवक पयरवकक

4 एस राव 40092(ए) सवक पयरवकक

5 अामत समर 40092 सवक पयरवकक

6 एलवीएम नायड 40092(बी) सवक पयरवकक

7 वी गोपाल राव 40092(बी) सवक पयरवकक

8 बी गोपाल राव 40092(बी) सवक पयरवकक

9 पी रावकर ातकोर भ-साानक ावजान

10 कोा ीानवास ातकोर भ-साानक ावजान

1 कनरल एस ीधर राव ानदशक न बगल ासत दाकी कष कायारलय म 21012014 स 23012014

आइसीजड़एम परयोजना स सबाधत ानदशक क सममलन म ाहससा ालया

सममलन ाशक

2 कनरल एस ीधर राव ानदशक न नई दलली ासत सव (हवाई) एव दलली भ साानक आकड़ा कन ानदशालय म राीय शहरी सचना ाली (NUIS) स सबाधत पनरीक बठक म ाहससा ालया 3 ी कक गा अधीकक सवकक एनएसडीआई क ालए ओरकल सपाशयल का ाशक ा कया |

ाशकता

आ ावावालय इजीानयरग कॉलज(ए) ावशाखपनम क 12 ावाय को 12-05-2014 स 06-06-2014 तक ाजयोडसी अकय ोटोाामात सलाकात सदर सवदन तलक अकय मानाचष एव भौगोालक सचना पात आद ावषय पर जानकारी दी गयी

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वषर 2013-14 क ालए मानदय स परसकत कमरचारय क सची

म स नाम ीीमती कमारी पदनाम 1 पी म कमार अाधकारी सवकक 2 पीककर अाधकारी सवकक 3 एलकरासी अाधकारी सवकक 4 ए भाचारजी अाधकारी सवकक 5 एन अानल कमार सवकक 6 ीनीवास राव यादागर सवकक

7 क ओमकार सवामी सवकक

8 सागरका पताल सवकक

9 एमएस आर मत सवकक

10 एस बी चधर राव सवकक

11 अशाख अहमद सवकक

12 डी वकटा ीहरी सवकक

13 डीआरएस स कमार सवकक सहायक 14 सी एच गडम मानाचषकार ड II 15 ावजय सनीता गोप मानाचषकार ड II 16 पीक ातभा सहायक 17 ज कनक लमी मानाचषकार ड III

18 शलबाला खडरी मानाचषकार ड III

19 ए शलश वर ी ालापक 20 एम बगारी नायड वर ी ालापक

21 चपाल वर ी ालापक

22 एमलम कमार वर ी ालापक

23 एन वलली कलयाी वर ी ालापक

24 बीनागरम अवर ी ालापक

25 पठान इमाम कासीम अवर ी ालापक

26 एमअपपल राज एम टी डी 27 सययद जहागीर अली एम टी डी

28 शयामल दास एम टी डी

9

म स नाम ीीमती कमारी पदनाम 29 सी नारायना खलासी 30 महन कमार खलासी 31 एमओबयया खलासी 32 सी वीचलमयया खलासी 33 कालर खलासी 34 जी जया खलासी 35 क अपपा राव खलासी 36 पी काशम खलासी 37 क ईरयया खलासी

पदोत कमरचारय क सची

म स नाम पदनाम पदोात क

ाता ाजस पद पर पदोत ए

1 डीरघ रामल मानाचषकार ाडावजन -I 11-10-2013 मखय मानाचषकार

2 मो अजीमीन सवकक 06122013 अाधकारी सवकक

3 एम परमर राव सहायक 29112013 कायारलय अधीकक

4 जीशीला रानी मानाचषकार ाडावजन -II 23062014 मानाचषकार ाडावजन ndashI

5 एम वासदव वर ी ालापक 06052014 सहायक

सायीकर ा कमरचारय क सची

म स नाम पदनाम सायीकर क ाता

1 एमावजय कमार पटल ाचषकार ड़ -III 01012013

2 आर ीनीवास राव अवर ी ालापक 01012013

10

म स नाम पदनाम सायीकर क ाता

3 पी ामालनद कमार खलासी 01012013

4 गनकली पदममा खलासी 01012013

5 वाइ मानीकयममा खलासी 01012014

6 बी सवामी( अनसाचत जन जाात) खलासी 01012014

7 बी शाता ( अनसाचत जन जाात) खलासी 01012014

11

सानातर पर तनात कमरचारय क सची

म स

नाम ी ीमती

पदनाम सानातर क ाता

सानातर

स को

1 डीरघ रामल

मानाचषकार 11102013 भौ सप एव स स ानदशालय

आ भसा आ क हदराबाद

2 मो अजीमीन सवकक 06112013

(पवारहन)

भारतीय ाशक एव मानाचष ससान हदराबाद

आ भसा आ क हदराबाद

3 सतयभामा नायक सापना एव लखा अाधकारी

10012014 (पवारहन)

पब एव ास भसा आ क कोलकाता

आ भसा आ क हदराबाद

4 एनबी सरी अधीकक सवकक 22012014 मएव गोवा ानदशालय पन

आ भसा आ क हदराबाद

5 एस महबब दादार 17022014

(अपराहन)

मएव गोवा ानदशालय हदराबाद सकनध

आ भसा आ क हदराबाद

6 टीकष कमार अाधकारी सवकक 19032014

(अपराहन)

भारतीय ाशक एव मानाचष ससान हदराबाद

आ भसा आ क हदराबाद

7 एसराव टीटीटी lsquoएrsquo 17042014 पवारहन

भारतीय ाशक एव मानाचष ससान हदराबाद

आ भसा आ क हदराबाद

8 अामत कमार टीटीटी lsquoएrsquo 06052014 पवारहन

भारतीय ाशक एव मानाचष ससान हदराबाद

आ भसा आ क हदराबाद

9 बीराजन बाब सहायक 09062014 पवारहन

दाकी म वगर आ भसा आ क हदराबाद

10 जी शीला रानी मानाचषकार ाड-I 23062014 पवारहन

भौ सप एव स स ानदशालय हदराबाद

आ भसा आ क हदराबाद

12

सानातरत कमरचारय क सची

म स

नाम ीीमती

कमारी पदनाम सानातर क

ाता सानातर

स को

1 बीसीसा अाधकारी सवकक 16082013

आ भसा आ क हदराबाद

भा स एव स हदराबाद

2 एमएम मोहानत

अाधकारी सवकक 26082013

आ भसा आ क हदराबाद

ओड़ीशा भसा आ क भवनर

3 पीयादयया सवकक 11122013

(अपराहन) आ भसा आ क हदराबाद

क भसा आ क बगल

4 सनीता कालरा आशालापक

28042014

(अपराहन) आ भसा आ क हदराबाद

ानदशक सवक (हवाई) दलली भसा आ क नई दलली

5 शभा वी नायर

कायारलय अधीकक

07052014

(अपराहन) आ भसा आ क हदराबाद

भा स एव स हदराबाद हदराबाद

6 कवी चारी सहायक 06062014

(अपराहन) आ भसा आ क हदराबाद

दाकी म वगर

13

सवा ानवसवाचछक सवा ानव ए कमरचारय क सची

म स नाम पदनाम सवा ानवा क ाता टपपी

1 पीडीकमार अाधकारी सवकक 30092013 सवा ानव

2 एस कासम दादार 30092013 सवा ानव

3 भलनराम खलासी 15102013 (पवारहन) सवाचछक सवा नव 4 जी लाजर पटल ाचषकार ड़- II 31102013 सवा ानव 5 बीसीलममा खलासी 31102013 सवा ानव 6 पीदवदास मानाचष मॉउटर 30112013 सवा ानव

7 तनगटला राधा कषा भडार सहायक 31122013 सवा ानव

8 टीवकटयया दादार 31122013 सवा ानव 9 जी चयया माली 31122013 सवा ानव

10 पीसीबोरोल अाधकारी सवकक 28022014 सवा ानव 11 डीरघ रामल मखय मानाचषकार 28022014 सवा ानव 12 बी नासरयया खलासी 28022014 सवा ानव 13 बी ीपाल दादार 31032014 सवा ानव

14 क दानम खलासी 30042014 सवा ानव

15 कषा सरकार अाभलखपाल ाडI 31052014 सवा ानव

16 कपललयया पटल ाचषकार ड़ II 31-05-2014 सवा ानव

17 सीकडयया जमादार 31052014 सवा ानव

18 एमवकटवरल दफतरी 30062014 सवा ानव

19 पीअजरना खलासी 30062014 सवा ानव

20 यावर बगम खलासी 30062014 सवा ानव

21 एमाचा वकटममा

दफतरी 30062014 सवा ानव

22 एनबी सरी अधीकक सवकक 31082014 सवा ानव

14

समात शष

एसपी ईरयया खलासी

जनम ाता 01-07-59 ावभाग म भत होन क ाता 01-03-1997 स ानयामत भत सवगरवास 22-4-2014 परवार इनक परवार म पी क अलावा दो ब ह इनक आकासमक ानधन पर आ दश भ साानक आकड़ा कन क कमरचारय को गहरा आघात पचा और सभी न इनक परवार क ात सवदना क एव इनक आतमा क शाात क ालए ईर स ारना करत ए दो ामनट का मौन रखा सव ी एसपा ईरयया ाजनक आ दश भ साानक आकड़ा कन म कायररत रहत ए अल 2014 म अकाल मतय हो गयी ी उनक परवार क ततकाल मदद क ालए पर आ दश भ साानक आकड़ा कन क परवार न 25600- का ततकाल सहयोग दया

15

भडार का ाप

म स सामी भडार 1 वाटर कलर 01

2 एल ईडी मॉनीटर 15

3 कमपयटर टबल 30

4 कमपयटर कस 30

5 पलाासटक कस 236

6 एचपीाडजाइन जट टी- 1300 टर 01 आइ सी जड एम क अतगरत

7 कलर क समाटर एलए जीएस टी 42- सकनर

01 आइ सी जड एम क अतगरत

8 यपीएस क ालए 12 वोलट क बटरी 60

9 5 कपी का य पी एस 02 डी ए डबलय वी आइ सी जड एम क अतगरत

10 डलल कमपयटर 10

11 लाइका अकय लवल (डी एनए-03) 02 आइ सी जड एम क अतगरत

12 लाइका जीएनएसएस (जीपीएस दोहरी बारबारता)

02 आइ सी जड एम क अतगरत

13 3 डी ावजन कट 23 (18 आ भ सा आ क हत )

14 समसग एलसी डी मॉानटर 02

15 एचपी सकनजट 200 फलटटड- सकनर 01

16 डाट मकस टर 03

16

अनपयोजय भडार का अनपयोगी घोाषत

म स सामी मलय 1 साइबग उपकर 364574-

2 नचर आइटम 218844-

3 ोटोामीतीय उपकर 9125746-

4 कमपयटर और परधीय 4027273-

5 उपकर ( गौ सवक उपकर) 706943-

तदनसार अनपयोजय भडार क अनपयोगी हत नीलामी या क शआत हो चक ह

17

वषर 2013-14 क ालए ानाध का आबटन य

शीषर सवीकत अनदान

(हजार म )

अातर ानाध क मागाा

(हजार म )

भाकमसव ारा काटी गई (हजार

म )

इस कायारलय

ारा अभयपर

अातम बजट अक (पय

म)

य (पय म)

31-3-2014 को शष रााश (पय म)

वतन 114400 0 1400 0 113000000 112999869 131 मजदरी 500 350 0 0 850000 845802 4198 ओ टी ए 0 0 0 0 0 0 0 ाचकतसीय 2840 0 0 750 2090000 2089187 813 डी टी ई 1240 0 0 0 1240000 1239231 769 ओ ई 1409 125 94 1440000 1397157 2843 आर आरटी

240 0 0 16 224000 223875 125

ओ ईए 2 2 0 0 4000 3750 250

एसampएम 310 0 0 310000 309712 288 पी सवा 280 0 0 129 151000 149810 1190 अनदान 0 0 0 20800 20775 25

18

मनोरजन कलब का वाषकोतसव ndash 2013

आ दश भ साानक आकड़ा क ानदशालय क मनोरजन कलब का वाषकोतसव दनाक 10-01-2014 को ातः काल 1000 बज स सममलन कक म आयोाजत कया गया ाजसम मखय अाता भारत क महासवकक डॉ सव र सबबा राव उपासत ावशष अाता क प म ी एसबी शमार उप महासवकक भारतीय सवक एव मानाचष ससान उपासत ानदशक महोदय कनरल ीधर राव न सवागत भाष दया और मनोरजन कलब क साचव ी डीआरएस सन कमार न वाषक रपोटर सतत क सासकातक कायरम ारा सभी का मनोरजन कया गया मखय अाता न अपन भाष म कहा क इस ानदशालय न ी कनरल ीधर राव क नततव म बत अाधक एव सतोषजनक प स गात क ह और इस बात का भी उललख कया क व जब इस ानदशालय क ानदशक तब व य सब कायर करना चाहत परत इनह मतर प दन म कनरल ीधर राव ानदशक महोदय क महतवपर भामका रही ह ततपात एक ीात- भोज का आयोजन कया ाजसम करीब 230 लोग न भाग ालया ाजसक सभी न भर-भर शसा क

मनोरजन कलब ारा आयोाजत कए गए खल

करम

टबल टनीस

शटल

शतरज शॉट- पट धीमी साइकलग

पष सगलस माहला सगलस पष डबलस माहला डबलस

पष सगलस पष डबलस

पष सगलस माहला सगलस पष डबलस माहला डबलस

पष पष पष

19

वषर 2013 क दौरान कनीय मनोरजन कलब सपोटरस स ा इस ानदशालय क ाता एव सममान

करम

खल म परसकार ातीय परसकार ततीय परसकार

पष सगलस पी रवी कानत चनपाल शशी करन एव एलए बग

माहला सगलस शभा वी नायर पीक ातभा शलजा एव मीना

पष डबलस सययद इदरस एव सवातरयया कवी चारी एव ओ वीन कमार

---------

माहला डबलस शभा वी नायर एव अनसया पीक ातभा एव शलबाला खडरी

टबल टनीस पष सगलस पी सतीश क वीचारी ओ वीन कमार

एव अशाख अहमद पष डबलस कवीचारी एव

डी रगा राव कक गा एव पी सतीश ----------

शटल पष सगलस पी सतीश एम वी ावजय कमार कवी चारी एव पी

यादयया माहला डबलस शभा वी नायर एम सबीता मीना एव राज़या

बगम पष डबलस पी सतीश एव

एम वासदव स कमार एव ओ वीन कमार

-----------

माहला डबलस एम सबीता एव राजया बगम

शभा वी नायर एव बी एस वी वरलमी

-----------

शतरज पष जगन एकर ------------

शॉट- पट पष बी नागरम चनपाल स कमार

20

धीमी साइकलग पष डी स कमार सययद इदरस सययद मोजज़म

उ नयायलय म लाबत नयायालक मामल

लाबत मामल 04 आ दश उ नयायालय

कस क सखया 11 कनीय शासानक अाधकर हदराबाद

समा कस क सखया 06 लाबत कस क सखया 05

पनवलोकन मामल

ानालाखत अाधकारयकमरचारय क पनवलोकन मामल का ानपटारा कया जा चका ह

म स प lsquoबीrsquo राजपाषत प lsquoबीrsquo अराजपाषत प lsquoसीrsquo (पवरवत प

1 एस बाब अाधकारी सव ज डी एबनजर मानाचषकार ाडाव I नरश

2 पीक लहा मानाचषकार ाडाव I गदो राम

3 शख मीरावली मानाचषकार ाडाव I एम गररयया

4 जी सीतारामम सव सहायक पी काशम

5 वाई सबबयया सव सहायक सतयममा

6 पीएस सामबाब सव सहायक वी कषयया

7 बी ओबशयया सव सहायक

21

एम ए सी पी क मामल

ानालाखत अाधकारयकमरचारय क एमए सी पी मामल का ानपटारा कया जा चका ह

म स प lsquoबीrsquo अराजपाषत प lsquoसीrsquo (पवरवत प lsquoडीrsquo)

1 वी सयर भा मानाचषकार ाडाव I एल योहन

2 पीकलहा मानाचषकार ाडाव I सीनाराया

3 शख मीरावली मानाचषकार ाडाव I जजॉन

4 एम भवनरी मानाचषकार ाडाव I एस रामयया

5 बीएसवी वरलमी मानाचषकार ड़ II बी पललया

6 - पी काशम

7 - शख काासम पीरा

8 - एम लमी नाराया

9 - एम वकटरल

10 - जी जया

आ दश भ साानक आकड़ा कन क अाधकारय कमरचारय क ब ाजनहन शकाक ानपता दखाई ह

1 कमारी अनवषा कर सपषी डॉ पीक कर सी जी पी ए 9810 दसव कका क ीय ावालय हदराबाद

22

तलग म ावव ी नकश ( ओएस एम) क तयारी (बीएचराव अधी सव जीव अाध सव एमराकश अाध सव एसपटा री मानाचषकार)

सतावना पवर म ावाभ नकश तलग म कााशत आ करत जस आ दश राजय नकशा (1999) भारत क राजनीातक नकश आद ऐस नकश अकराक ासटक-अप (lettering stickups) साहत साइबग क परमपरागत तकनीक का उपयोग कर कााशत होत तााप कोई भी सलाकातक नकश तलग म कााशत नह ए ह परत हाल ही म ावजान एव ौोागक ावभाग न ावव ी टोपो नकश ( ओएसएम) को कषीय भाषा म उपलबध करवान क ालए एक नीात को जारी कया ह ाजसक पराम सवप आ दश भ साानक आकड़ा क न राजय क राजधानी हदराबाद को दशारत ए एक शीट को योग क आधार पर अकय माधयम स तलग म करन का काम ालया ह

ॉनट क खोज म माइोसटशन साफटवर क अनक ल डीजीएन ामट म मल डाटा बस पहल स ही उपलबध ह मल-

पाठ को बठान क ालए माइोसटशन क अनक ल एक सावधाजनक तलग ॉनट क आवशयकता ह अनक ॉनट क जाच क गई परत कछ भी माइोसटशन क अनक ल नह पाया गया कयक तलग ालाप म बत सारी माषाए अगल स लगवाए जान क कार ldquoमाषाrdquo को लगाना एक कठन कायर सााबत आ तााप वब म बत छान-बीन करन क बाद ldquoटी टी एल हमलताrdquo ॉनट को खोजा गया और माइोसटशन परवश म मल पाठ को रखन म उपयोगी पाया गया

अनवाद

ावाभ व रनातमक अाभउाया ाचनह पाद- टपपाया आद का अजी स तलग म अनवाद हत सभी ापय साधन जस क इटरनट नट पर अनवाद शबदावली आद का आय ालया गया

माइोसटशन परवश म मल पाठ को बठान क ालए कायरावाध

ॉनट याान ldquoटी टी एल हमलताrdquo वााछत सान पर लोड कया गया तलग ालाप म बत सारी माषा क अतःसाापत होन क कार एक ावाशप शबद या अकर क ालए सही माषा क चयन हत अाधक सावधानी बरतना का सानात कया गया वााछत मल ndash पाठ को मइोसाफट वडर म टकत कया गया माइोसटशन वशरन 8 ाइल म अनोटशन टकसट एडीटर क माधयम स कापी और पसट कया गया उ

23

शीट क 22 टोपो स अनवादत अनोटशन को या सतयाापत कया गया अनोटशन को कनार म और उपरो शीट क नाम ाइल म रखा गया मामल ाजनको सलझाना ह -

1 ॉनट क आकार का मानककर 2 तलग ालाप म ावाभ व रनातमक अाभउया क सावधाजनक शबद का चयन 3 मल- पाठ को सगठत करना एक जटल कायर ह और समय लन वाली कायरावाध ह और पयार

माषा म षीय भाषा याान तलग क जान क जरत ह 4 जयादा सखया म सपादन मल-पाठ क सगठन क आवशयकता ह 5 तलगाना राजयतलग ावावालय क उ राजभाषा ावभाग स अनवादत ालाप को माीकर

करन क आवशयकता होगी समाा

सानीय ालाप (तलग) म ओ एस एम माक नकश क तयारी स अाधक सखया म लोग को सलाकातक नकश को आसानी स योग करन म सावधा होगी सलाकातक नकश म भाषा-ावषयक सबधी साचकारी पदार को जोड़न स ानयही भारतीय सवक ावभाग क उतपाद क चार को बढ़ावा ामलगा और बाजार म अपनी अहामयत बढ़ाएगा

24

चनौती क ालए तयारी (रघना ाषपाठी अधीकक सवकक)

कसी भी ावभाग म नई चनौातय को सामना करन क ालए कमता ानमार क आवशयकता ह यद

यह नह कया जाए तो सताावत योजनाए ावल हो जाती ह कमता ानमार स पहल उसक लय एव उशय को परभााषत कया जाना आवशयक ह कयक इसक कायारनवयन क सतर म योजना और ानषपादन म का अतर हो सकता ह कमता ानमार क अनय मानक क अतगरत अनवत सावधा क रखरखाव और सभाावत ावकास भी शाामल ह कमता ानमार क कसी भी यास म ातभा क खोज को ही पहल कदम क प म ालया जाना चााहए भारतीय सवक ावभाग म सही कमता ानमार क बाद ही 110000 क पमान का सवक करन और मानाचष ाा सभव हो पाएगा आधानक अाध ौोागक म कमय क ाशक पयार नह ह लकन यह दखना ह क जो माग और सवक और मानाचष क आपत क खला स सक ातत ह जनता क ालए उपयोागता बढ़ा रही ह श म हालाक बाधाए आना बाधय ह हम यह कायर श करना और पराम क तीका करनी ह इस यास म खल अाधकार कष क ावशषज को ानयामत प स परामशर कया जाना चााहए सवक और नकश क उपयोगकतार क माग और एक बड़ परय क दाप स दखन क ालए यह महतवपर ह

यहा तक क उपयोगकतार क ालए भी ाडाजटल डटा का उपयोग सीामत ह भारतीय सवक ावभाग उपयोगकतार को ानयामत आधार पर सहायता और मलय सवधरन क ालए सलाह दकर नकश क कातज उपयोग तक का ावसतार कर सकता ह उस बात पर धयान दत ए भारतीय सवक ावभाग क सवा हत जी आई एस वजाानक को शाामल करन क आवशयकता ह यह महगा मामला होन पर भी वरीयता स भरी हम भावषय क चनौातय को परा करन क ालए तयार रहना चााहए कयक नकश क उपयोग स ावकास को तो होना ही ह

25

नमक का महतव (कष कमार अाधकारी सवकक)

एक राजा क तीन बटया ी तीन बत ही सनदर सशील और ावशष ग वाली एक दन राजा न तीन राजकमारय को अलग-अलग स एक ही सवाल पछा ldquo बटी तम मझ कतना चाहती हो ldquo बड़ी राजकमारी न जवाब दया rdquo ापताजी म आपको सोन जस चाहती अारत सोन क आभष स मझ ाजतना पयार ह उतना ही पयार आप स ह ापताजी ldquo राजा बत सतप आ और दसरी राजकमारी स पछाrdquoबटी दीदी न तो जवाब द दया अब तम बताओ तम मझस कतना ह रखती हो दसरी राजकमारी बोली ldquo ापताजी म आपको हीर जसा चाहती अारत हीर क गहन स मझ ाजतना पयार ह उतनी ही पयार आप स ह ापताजी ldquo राजा तो ल न समाया सोचन लगा rdquo म बमतलब का सकोच कर रहा ा मरी बटया तो लगता ह मर बगर जी नह पाएगी ldquo अब तीसर स कया पछ र भी पछ लता र तीसरी बटी स पछाrdquo बटी तम मझ कतना चाहती हो तीसरी राजकमारी न जवाब दयाrdquo ापताजी म आपको नमक ाजतना चाहती जवाब सनत ही राजा आग-बबला हो उठा और बरी-भली सनाकर उसक कक स ानकल गया छोटी राजकमारी न कछ नह कहा बालक राजा क डाट सनकर चपचाप रह गयी रात ई राजा को सार महल क कायर ानपटान क बाद भख लगी खान क ालए उस हीर स ससात सोन क सहासन पर छोटी राजकमारी न बठाया र सोन क ाली म नाना कार क जन स य खाना परोसा और राजा को खाना श करन को कहा राजा न मह म खाना रखा तो महसस कया खाना का ह र हर जन को चखा तो पाया सब क ह र तो आग-बबला होकर अपनी रानी पर ाचललाया ldquo इस तरह क भल कस हो गयी हम कया समझ रखा ह जन दखाकर ललचाना और र खान नह दना यह बोलत ए रानी पर सोन क ाली ाजस पर जन परोस ए कन क ालए हा उठाया उठ ए हा को तीसरी राजकमारी न पकड़ ालया और पछा ldquoापताजीखाना तो बढ़या ह र कमी कया हrdquo राजा बोल ldquoनमक क ाबनाकोई खाना खाया जा सकता हrdquo राजकमारी बोली ldquoापताजीआपको तो नमक स नरत ह ना इसालए मन जन बनवात ए नमक नह डलवाया rdquo र तो राजा समझ गया क छोटी बटी न उनह सबक ासखान क ालए यह भोजन तयार करवाया ह र बोला ldquoबटी म समझ गया नमक क ाबना खाना जस सवादप नह उसी तरह तमहार पयार ाबना मरा वचरसव नह ldquo और राजकमारी को गल लगा ालया

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मायाजाल (एनबी सवामी अाधकारी सवकक)

इस जगत म कल 84 लाख जीव राशया ह और उनम मानव जनम सबस उम ह उम इसालए ह क भगवान न मानव का आधार इसालए दया ह ताक इस जनम अचछ कमर कर वह मोक क ाा कर सक मोक याान पनरजनम नह यद कमर बर ए तो र 84 लाख जीवरााशय म पदा होन क ालए वह आतमा कालच म दोबारा स जाती ह इस सपर कालच क याषा करत ए जब आतमा मानव क योान म वश करती ह तब वह भगवान स यही ारना करता रहता ह क ह भगवान मझ इस कद (याान मा का गभर) स जलदी मा दला द कयक म तमहारा धयान सही ढग स नह कर पा रहा कयक इस कद म अनक तरल पदा क सा-सा मल-मष म भी टहल रहा यह कसा नरक ह जहा आपन मझ सा रखा ह तब भगवान भी बोलत ह क ldquoत अभी बालक ाशश का प धार करन वाला ह तमन इतन वष यग म ाजतन पाप कय ह उन सबक यह चरम सीमा ह यह चरम सीमा बत ही पीड़ा दन वाली ह ाजस तमह जीतना ह लाघना ह इस चरम सीमा स मा होन क बाद तम कया करोग ldquo ाशश कहता ह ldquo भगवन आप जो कहग ldquo भगवन पछत ह कया तम अपना जीवन मरा धयान करत ए मर ालए समपर कर दोग ldquoाशश कहता हrdquo हा म समपर कर दगा आपक ालए ldquo भगवन भी जानत ह ाशश को नौ महीन गभर म रहना ही पड़गा तभी पर शरीर का ावकास होकर जब वह बाहर आएगा तो मरी सवा करगा उ नौ महीन तदनसार भगवन ाशश का वातारलाप नौ महीन चलता रहता ह ताक ाशश अपन चार ओर स मल क गध का धयान न द र जब वह बाहर ानकलता ह भगवान को धनयवाद करता ह और कहता ह ldquo म तमहारा बत ही आभारी भ अपन मझ मा दलाई अभी मझम वह ताकत नह क म तमहारा धयान करन क ासवा और कछ क मर माता ndashापता मझ सच कर जब अपन पर पर चलन क ताकत द दग तभी म तमहार ालए कछ कर पाऊगा ldquo भगवान कहत ह ldquo अर मखर त नह जानता यह जगत एक मायाजाल ह मझ पर ावास ह त मझ भल जायगा और र स कालच म पड़ जायगा ाशश कहता ह ldquo नह भगवान ऐसा नह ह भगवान मरा ावास करो म ातजा करता मरा जीवन आपक ालए ही समपर ह ldquo भगवान कहत ह ldquoदख लगा इस जगत क मायाजाल म त मरी कया का सवा करगा ldquo यह ाशश और भ का वाारलाप सनकर दवष नारद भगवान क पास पच पछन लग ldquo भ आप कस मायाजाल क बात कर रह ह ldquo भ बोल ldquo नारद म समसत जीव- रााशय का सवामी उनका कलया चाहता उनको सख भी और दख भी दता वह इसालए क मायाजाल क मोह एव अहकार म पड़कर खद को सपर मानन वाल ाी को दड न द तो र मरा समर कस करगा ldquo नारद बोल ldquo भ आपक वचन का मतलब कस

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दशा म जाता ह यह तो मझ नह पता एक तर कहत ह समसत जीवरााशय का कलया चाहता दसरी ओर कहत ह दड दता तीसरी ओर मायाजाल अर नाराय आप जब समसत जगत क सवामी ह सब आपक अधीन ही ह तो र मायाजाल शबद आपन जो योग कया ह वह आपक अधीन स बाहर कस हो गयाrdquo ानयष काजए जीवरााशया उसक चपट म नह आएगी र सब आपका गगान ही करग और सबको मोक क ाा होगी ldquo भगवान कहत ह ldquo ह दवष मर ालए समसत जीवराशी को परीका स गजरना पड़ता ह मानव जीवन ही उनम अातम परीका ह बस उसको लाघ ल म पनरजनम स मा दला दldquo नारद जी भगवान स तकर करन लग गय का दर बाद भगवान न कहा rdquo दवष आपस बहस और नह कर सकता आपस बहस कर मरा गला सख गया ह जरा एक छोट कलश या कमडल म पानी लकर आइय ताक म अपनी पयास बझा सक नारद को झटका लगा और पाताप करन लग ldquo बमतलब मन अनतरयामी स बहस कर उनको कप दया व समपर जानानद क सामन मरी हासयत कया ह पता नह आज मरी मात मारी गयी और म बमतलब बहस करन लगा भ को पयास लगी ह और वो भी मरी वजह स जलदी स उनक पयास म बझा द पानी क खोज म सार लोक का म करत ए नारदजी पथवी लोक म पच गए पथवी लोक पचकर पानी क खोज म एक कए क पास पच तो दखा क एक अतयनत सदर नारी कए स पानी ानकाल रही ह नारद न सोचा वह सनदर ी पानी भरकर चली जाए तो र म ोड़ा सा पानी भर ल नारद उस दख रह ी भी नारद जी को दख रही ी नारदजी न पछा rdquo दवी कया तम यह आसपास रहती हो ी न जवाब दया rdquo हा ldquo नारदजी र पछ rdquo दवी कया तमहारा ाववाह हो चका ह rdquo ी बोली ldquoनह ldquo नारदजी का ावचालत मन ल नह समाया और पछ ही ालया ldquo दवी यद तम अाववााहत हो और यद तमह कोई परशानी न हो तो कया तम मझस ाववाह करोगी ी सादाय औरत ी बोली ldquo मर ापता क आजा क ाबना म आपस ाववाह नह कर सकती ldquo नारदजी बोल ldquo दवी सशील नारी क यही ग होत ह यद तमह आपा न हो तो म तमहार सा चलकर तमहार माता-ापता स बात कगा और तमस ाववाह कगा ldquo यवती राजी ई और ासर एव कध म पानी स भर घड़ को ढोत ए आग चलती रही और नारदजी पीछ चलन लग सपर रासत म उस सनदर ी क ानहारत ए मन म सपन क पल बाध रह उस सनदर ी क ापता क पास जाकर अपना परचय दत ए उनक बटी स ाववाह करन का सताव रखा साकात नारद मान को अपना दामाद सवप दख उसी मतर म मगनी हो गई और एक शभ मर म ाववाह भी हो गया ाववाह क कछ दन क पात उनक ब हो गय ब बड़ भी हो गय र तो व अपन गहस आम म इतन सत हो गय क उनक मह स नाराय मष ानकलना भी बद हो गया कई वष बाद एक शाम को जोर क आधी क सा तानी बारश ई इस माहौल न इतना ावकराल प धार कर ालया ा क वातावर लय म बदल गया चार तर पानी भर गया बत सार लोग पश आद पानी म बह गय कनत कात क ावकराल प क सामन ठहरन का साहस कस ा दखत ही दखत उनका गह भी बाढ़ क चपट म आकर टट गया और पानी म बह गाया पी और ब डर स

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रोदन करन लग दखत-दखत कान पष क अलावा पी और बाक ब भी पानी म बह गए र तो नारदजी स सोचा इस कान को म कध पर ालए चलता ताक वह तो बढ़ाप म मरा सहारा बनगा कनत लय क तीता इतनी तज ी क नारदजी क नाक क ऊपर स पानी बहन लगा र तो व खद भी भल गय क बट को बचाना ह सोचन लग म कसी तरह जीावत बच जाऊ उसी सोच न उनक कान पष को भी नह बखशा कसी तरह कछ समय उपरानत लय शानत आ पानी घट गया चार तरक मनषयपश - पकी आद क लाश टट ए रासत और घर क बीच पड़ी ई ी नारद मान को बहद दख आ और ठठोर कर रोन लग गय रोत-रोत व खद क बार म सोचन लग क भगवान न उनक सा ऐसा अनयाय कय कया काश व भी मर जात तो अचछा होता तभी उस राह स ास महष गजरत ए नारदमान स परामशर करन लग नारदजी कहन लग ldquo पता नह मन कौन सा पाप कया ह क मर पर परवार का सवरनाश हो गया ह मझ कय मतय नह आई इस पर ासजी न कहा शायद तमहारा समय नह आया ह इसालय तम बच गय हो हालाक ास जानत क नारद मायाजाल म सा आ ह ldquo र इसका ानरय कौन करता ह ldquo नारद न ासजी स पछा ासजी न उर दया ldquoयह तो मतयलोक क अाधपात यमराज ही इसका उर दगrdquo र व दोन ामलकर यमराज क पास गय यमराज न आन का कार पछा तो ासजी न नारद मान क सारी दख भरी गाा सनाई और पछा क ldquoमतय न इनका आलगन कय नह कयाldquo यमराज बोल rdquoम कोई नह मरा यमदत ही इसका उर द सकता ह कयक म यमदत क ारा कसी आतमा को लान क बाद ही उसक पाप-पणय का ाहसाब दख ानधाररत सजा का ऐलान करता यद यमदत आपको लकर मर पास नह आया तो इसम मरा कया दोष ह यमदत स पछ लldquo र ासजी न उनक यमदत स वही सवाल करन पर यमदत न कहा ldquo महामान म कस कसी क शरीर स आतमा को छीनकर ल आऊ म तो यमलोक का सवक माष ाचषग जब तक आजा नह दत तब तक म कोई कायरवाही नह कर सकता आप इस का उर ाचषगजी स पछ ल ldquo र ासजी न ाचषग स वही सवाल करन पर ाचषग न कहाrdquo महामान म तो यमदत को तभी आजा दता जब उस ाी का सारा लखा - जोखा समा हो जाता ह अभी माननीय नारद जी क मतय का समय आया नह ह अभी उनका कछ कया नह जा सकता ldquo ासजी न नारद स कहाrdquo दखो नारद अभी तमहारा समय आया नह ह तभी तम जीावत हो चलो चलत ह अब ापछली घटना को भल कर आग क सोचो ldquo बस इतना ही कहना ा क ाचषग न र ासजी को बलाकर कहा rdquo ह ऋाषवर इनक कणडली म यह ालखा ह क मतय तभी इनको गल लगा सकती ह जब य एक सा आपको मझ यमराज और उनका वाहन भस का एक सा दशरन करग चक इनक ारा यह कायर पर हो चका ह अत इनका जीवन पर हो गया ह ldquo बस इतना ही ा क नारद जी को आवाज आन लगी अर दवष दवष मझ कब स पयास लगी ई ी मरा गला सख गया ह कनत आपन मझ अब

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तक पानी नह दया कहा ह पानी ldquo य साकात नाराय क आवाज सन नारदजी को होश आया और भगवान क चर म पड़कर ागड़ागड़ान लग यह कहत ए क rdquo ह नाराय आपन मझ अचछा सबक ासखाया ह मन आपस बहस कया कर लीआपन मझ मायाजाल का साकातकार करवा दया कमा काजए म आपको पानी नह ापला सका मरी वजह स आपका गला खब सख गया होगा ldquo यह कहत ए उनक अधारा स नाराय क पाव धल गय और भगवान न कहाrdquo दवष आप चातत ना ह आपन अधारा स मर चर धोकर ानसवार सवा कर दी मरी पयास बझ गयी ह अब आप म ह ldquo र नारदजी खशी स नाराय-नाराय कहत ए ानकल गय

घाट का पतर

(बषव बहरा अाधकारी सवकक)

माता-ापता और जनम भाम को छोड़ कर हम सब बन गए ह घाट का पतर धनय ह वह महापष ाजसन हम साापत कया म उस महापष क ावषय म व रन नह कर सकता शायद म अात पाप क कार पतर बन गया लोकन म आशा करता क भावषय म मरा भागय बदल जाएगा चक म लोग क मन स सवा करता इसका ल हमको भगवान अवशय दग लोग का सवा करत ndashकरत मरा आकार भी बदल गया परनत सवा करत ndashकरत मरा नाम रोशन हो रहा ह बालक हम सता का अनभव हो रहा ह मर कमर क चलत मरा भागय बदल रहा ह म हमशा जलम रहता और पीठ पर ातदन मार झलत रहता शायद ही ऐसा पीड़ा इस ससार म कसी को ामलती होगी मरा सानानतर भी नह ह म कई महापष को दखता आया कतन महाराय न ा तयाग दय लकन तबस म यहा अकला पड़ा म हर मौसम क मार झल रहा ब-बढ़ क सवा करत-करत मन कछ पणय कमा ालए ह और आशा करता क मझ को भावषय म मानव जनम ामल सकता ह मानव जनम ामलन स म आपका भजन-करन कगा

ऐस दखतndashदखत कई यग क बाद हमको मानव जनम ा आ मानव जनम म अगर इस धराष म दखा क यहा ऊच-नीच जात-पात नीात-ानयम ावदन पाचार अनयाय ndashअतयाचार चमर-अचमर का ताडव नतय चल रहा ह दखकर मर मन म परवतरन आ गया क भ मझको मरा ापछला जनम वापस द दीाजए

पतर जनम म रह कर मरा कोई-कोई साी अचछ कमर क चलत मदर म सान ा कर ालया ह कोई-कोई तो ठाकर बन गय लोग-ातदन उनक पजा करत ह

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हम लोग म स कोई-कोई सामाजक कायर म सहयोग दान करत ह कोई गह-ानमार म सहयोग द रह ह तो कोई मदर-ानमार म सहयोग द रह ह कोई तो सीधा मत बन गय इसीालए उनक मन म घमणड आ गया अहलया न पतर होन क नात भगवान का दशरन पा ालया इसालए पतर जनम होन क चलत उनक मन म का अह भाव आ गया

हमार अनदर ावाभ प भी ह याः लोहा पतर चना पतर सगममरर काला पतर (नाइट सटोन) मलायम पतर (soft stone) इतयाद लोहा पतर जो दश क ानमार म काम आता ह चना पत जो ासमट ानमार क काम म आता ह सगममरर घर और मदर का शर (flooring) म काम आता ह काला पत घर का शर और आला बनान म काम आता ह मलायम पतर ाशलप कला क ावकास म योगदान दत ह पतर जनम होकर भी म का गवर महसस करता मरी भगवान स अानतम ावनती य ह क आप मझ अानतम समय म दशरन दन को कपा कर

न हमको पतर जनम चााहए न हमको मानव जनम चााहए हमको तो ास र इस भव सागर स पार होना चााहए

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जयादा लोभ न करना (पाडव कानटया सहायक सवकक)

मनषय भगवान क साप ह इसालए वह भगवान का अश ह जब तक वो मा क गभर म ा तक तक वह मोह-माया स वाचत ा एव हमशा भगवान क समीप ा लकन जब वो पथवी पर अवती र आ उसको मोह-माया न घर ालया पाच साल तक वो ईरीय सा म रहता ह इसालए कहा जाता ह क ldquoCHILD IS THE INCARNATION OF GODrdquo इसक बाद मोह-माया म आकषत हो कर ईरीय सा को भल जाता ह बचपन म वो बत आजा और मोह-माया राहत और चरषवान रहता ह जब समय बढ़ता जाता ह तब उसक समसत उम ग धवस होकर गलत मागर पर चला जाता ह

बचपन म ावा ाशका जवानी म ी दीका एव पारवारक ाचनता म म होकर वह समसत मौालक सा को खो दता ह सबा नप होकर सबा म आ जाता ह दव का नप होकर राकस वा जारवत होता ह एव परवारक जगल म सकर भगवान का नाम लना भल जाता ह अपना परवार का भर पोष क ालए कठन परम करता ह लकन उनका पट भरता नह ह ईर क सा को भल जाता ह और अनत म पशकतव को ा होता ह शरीर रोगसत हो जाता ह दाप शा की हो जाती ह चलन ndashरन म असमर रहता ह रात को नद नह आती ह र भी लोभ को छोड़ नह पाता ह अपन बीवी-ब ता परवार क बार म सदा सोचन लगता ह शरीर वावसा को ा होता ह परवार क कोई भी सदसय पछत नह ह

परवार क लोग उसको ढग स खाना भी नह दत ह उसको घर स दर रखत ह र भी यह अधम मनषय भगवान क बार म सोचता नह ह लोभ का अनत नह होता ह पाप का बोझ बढ़त जाता ह अनत म नरक को ा होता ह र भी मनषय भगवान को समझ नह पाता ह परवार क ालए इतना बड़ी ददरशा झलता ह उनको कोई भी नह पछता ह उसक ारा जमा क गई पजी को परवार वाल उनक सामन मौज करत ह

लोभ मनषय को अनधा बना दता ह आदमी क हतया करत ह लोभ क वशीभत होकर दसर क समपात को लटत ह ाजसस समाज म पाचार बढ़ता ह इसालए ह मानव तम कय लोभ करत हो लोभ नह करक भगवान का समर करो हर कतरन करो तप जप करो और सवगर क अाधकारी बनो उम कमर करक भगवान क शरागत हो जाओ भगवान तमहार समसत सख-दख का भार वाहन करग

सवरधमारनपरतयजय मामक शर ज अह तवा सवरपापभयो मोकायषयााम मा शच

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इसालए अचछा कमर करक पणय कमाना ह हमशा धमर क जय और पाप का कय होता ह धमर-कमर करक ावजय ा होगी लकन अधमर म जाकर नरक गामी नह होना

एकदा अनधा राजा धतरा सजय को पछा क ldquoह सजय इस धमर य म कसक जय होगी उर म सजय बोल क ldquoयष योगर कषो यष पा धनधरर तष ी ावजयो भात वा नीातमरातमरम ldquo अारत जहा योगर कष एव धनधाररी अजरन एक सा ह वहा ावजय ानात ह

इसालए दखा गया क हमशा धमर क जय और अधमर क पराजय होती ह धमर सवचछ ानमरल लकन अधमर कदाकार कात ह इसालए लोभ-लालच म वशीभत न होकर सत

कमर करो अनयाय का परतयाग करो लोभ मत करो जीवन म कप करक जो धन कमा ालया वो सब इस धरती म रह जाता ह अानतम क म सा कोई नह ल जाता इसालए अनधर म भटक नह जाना इसालए कहा गया ह क-अात लालच नह करना अात सवरष गहतम अारत अात सवरनाश का कार ह

अात दप हता लका

अात मानसय कौरवा अातदारन बाल वध अात सवरष गहतम

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टटा वक का अाभमान (चरदास नाराय गडम सवक सहायक)

वन म खड़ एक वक क सा ालपटी एक लता भी धीर-धीर वक क बराबर हो गई वक का आय

लकर उसन भी लना ndashलना आरभ कर दया बल को लत ndash लत दखकर वक को अहकार हो गया क म न होता तो लता अासततव हीन होती वह लता को धमकात ए बोला ओ बल चपचाप मरा कहना माना कर म जो कह रहा वह कया कर नह तो ध मार कर भगा दगा पड़ का लाप जारी ा क दो पाक वहा स ानकल एक बोला अर भाई जरा दखो तो यह वक कसा सदर ह इस पर कसी सदर लता पाषपत हो रही ह आओ इसक नीच ोड़ी दर ावाम कर अपना महतव लता क सा ह यह जानकर वक का अाभमान भी नप हो गया सा ndash सा रहन स ही सबक गात होती ह

बटी (डी राव बाब पटल ाचषक ड-II)

बटी घर क लाज होती ह पापा क सर का ताज होती ह दल क सदा स रही ह इचछा बटी तझको ह पाना आई हो मर जीवन म जस एक ननही कावता राह दखता म तरी जलदी स मर पास आना मा क गोद म सदा रहती हो कछ पल मर पास भी आना न चाहत ह अब धन दौलत क त ही लमी त ही मरी मत भी डर लगता ह सोचक जब एक दन छोड़ क जाएगी त कतना मझ लायगी त बटी होती ह बाबल क लाड़ली

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यह ाज़नदगी (सययद इदरीस पटल ाचषक ड ndashII)

बठ जाता ह ामी प अकसर कय क मझ अपनी औकात अचछी लगती ह

मन समनदर स सीखा ह जीन का सलीका चपचाप स बहना और अपनी मौज म रहना चाहता तो ह क य दानया बदल द पर दो व क रोटी क जगाड़ म सरत नह ामलती दोसत महगी स महगी घड़ी पहन कर दख ली व र भी मर ाहसाब स नह चलता य ही हम दल को सा रखा करत पता नह ा क कमत चहर क होती ह अगर खदा नह ह तो उसका ाज कय और अगर खदा ह तो र कय

lsquorsquoदो बात इसान को अपन स दर कर दती ह एक उसका ldquoअहम rdquo और दसरा उसका ldquo वहमrdquo पस स सख कभी खरीदा नह जाता और दख का कोई खरीदार नह होता मझ ाज़नदगी का इतना तजबार तो नह पर सना ह सादगी म लोग जीन नह दत मााचस क जरत यहा नह पड़ती यहा आदमी आदमी स जलता ह ाव क बड़ स बड़ वजाानक यह ढढ रह ह क मगल ह पर जीवन ह या नह पर आदमी यह नह ढढ रहा ह क जीवन म मगल ह या नह

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जीवन म न जान कौनसी बात ldquoआखरी rdquo होगी न जान कौन सी रात आखरी होगी ामलत जलत बात करत रहो यार एक दसर स न जान कौन सी ldquo मलाकात rdquo आखरी होगी अगर जदगी म कछ पाना ह तो तरीक बदलो इराद नह ऐ चाद त कस मज़हब का ह ईद भी तरी और करवाचौ भी तरा

उगालय क लड़ाई

(शख महबब पीरा पटल ाचषक)

एक दन हा क सभी उगालया आपस म लड़न लग अगठा बोला म सबस बड़ा सभी जगह जरी कागज पर मझस ही ानशान बनाया जाता ह तजरनी बोली-ldquoम बड़ी मर होन स ही सब लोग काम कर पात ह जस-ालखना खाना पकड़ना मधयमा बोली-ldquoअर भई कया तम नह जानत जो आकार म लबा होता ह उस ही सभी बड़ा कहत ह अनाामका सब बात चपचाप सन रही ी वह तरत बोली ndashldquo म सबस बड़ी म तो पजा करन क भी काम आती मर स ही रोलीातलक लगाया जाता ह कानाका सभी को लड़ता दखकर उदास ी वह चपचाप एक कोन म कछ सोच रही ी तभी अगठा व तीन उगालया उसक पास गई और बोली- ldquoअर छोटी तम तो बड़ी हो ही नह सकती कयक तमहारा नाम ही कानाका ह कानाका बोली ldquoसनो अगठ भाई और पयारी उगालय आपस म लड़कर कभी कसी का भला नह हो सकता हमम कोई भी बड़ा-छोटा नह ह हम सब ामलकर मी बन सकत ह तभी हम सब बलवान हग कया तमह नह मालम क बद मी म ही ताकत होती ह इसालए हमारा लड़ना बकार ह rdquo कानाका क बात सनकर सभी एक सा बोल- ldquoहा छोटी बहन तम ाबलकल सही कह रही हो सचमच अकल म तम ही हम सबस बड़ी हो rdquo

इस नीात का स एकता म बल क ाशका ा होती ह

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तलगाना- भारत का एक और नया राजय (शलबाला खडरी मानाचषकार)

तलगाना भारत क दाकी भाग म ासत भारत का 29 वा राजय ह कषल क दाप स यह दश का

बीसवा बड़ा राजय ह ाचीन हदराबाद रयासत का अाधकतम भाग तलगाना राजय म ालया गया ह जहा आजादी स पहल ानजाम का राजय ा सन 1947 म जब भारत अज क चगल स आजाद आ उसक बाद भी हदराबाद का ानजाम अपनी रयासत सय भारत म ावलीन करन क पक म नह ा वह अपनी रयासत पर अपना ही सवतष शासन चाहता ा अतत सरदार बललभ भाई पटल क अक यास स इस रयासत को भारत क मखय धारा म ावलीन कया जा सका इस कार आन दश राजय क सापना ई और 26 जनवरी 1950 को ी एमक वललोड़ी आन दश राजय क म मखयमषी ानय ए 1956 म हदराबाद रयासत को आन दश राजय म ावलीन कर दया गया

2 जन 2014 म पनः तलगाना राजय अासततव म आया आन दश राजय क उर पामी 10 ाजल को ामलाकर तलगाना राजय क सापना क गयी ह राजधानी हदराबाद भी तलगाना राजय म ासत ह परनत 10 वष तक हदराबाद दोन राजय याान आन दश और तलगाना राजय क सय राजधानी रहगी दोन राजय क शासानक कायर हदराबाद स सचाालत हग तलगाना शबद का ादभारव ाषलगा दश शबद स आ ह ाजसका अर ह तीन लगो वाला दश तलगाना राजय क तीन दशा म कालरम ीशलम और ाकारामम ास ाशव मानदर ासत ह ाजनक अपार धामक महा ह वासतव म पक तलगाना राजय क ालए 1946 स 1951 क बीच ही ारमभ हो गया ा उस समय कमयानसट पाट न इस आनदोलन का नततव कया ा जो असल रहा भाषा क आधार पर तलगाना और आन राजय को पक करन क ालए अनक आनदोलन समय-समय पर होत रह ह इनम मखय आनदोलन 19691972 और 2009 क ह इन आनदोलन का यह भाव आ क 9 दसमबर 2009 म भारत सरकार न पक तलगाना राजय बनान क कायरवाही श कर दी य घोषा सनत ही तटीय आन व सीमान कष क लोग न सम आन दश क पक म आामक आनदोलन ारमभ कर दया और ऐसी ासात म भारत सरकार न यह कायर 23 दसमबर 2009 तक सागत कर दया इसक पात भी लगातार पक तलगाना और सम आन दश क ालए अलग-अलग आनदोलन चलत रह पक तलगाना क पक म कई आतम - हतयाए ई हड़ताल क गयी ाजसस जन साधार को बत असावधा का सामना करना पड़ा अतत पक तलगाना समरक क जीत ई और कास कायरकारी सामात न सवर सहमात स 30 जलाई 2013 को पक तलगाना राजय क ासारश करत ए ाबल तयार कर दया अनक सोपान पार करत ए यह ाबल रवरी 2014 को ससद म पारत कया गया रवरी 2014 दश पनगठरन एकट क तहत यह ाबल ससद म पास हो गया इसक पात इस नय राजय तलगाना ाबल को रापात ारा सहमात ा ई और माचर 2014 क गजट म इस कााशत कया गया इस कार नय तलगाना राजय क सापना ई

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ाशासकय प स तलगाना राजय क सापना 2 जन 2014 को ई क चन शखर राव क पाट ldquoतलगाना रा सामातrdquo न चनाव म दश म बमत हाासल कया और इस कार ी कचन शखर राव तलगाना राजय क म मखय मषी चन गए

म महगाई (डॉ नीलम कमार ाबड़ला अाभलखपाल)

म महगाई महग दशभ लोग क आमष पर भारत आई तज गात लान गात म भारत आई मझ गलत मत समझो गरीब बत ठीक बमत दकर तमन ाजनको बत उठाया म तो उनह क तीक भौातक वादी यग म योग ासखाती म भख पट न सोए कोई कडालनी जगाती म धयान प म च मारकर मन जय ऊपर चढ़त-चढ़त र तक आ जाता ह भाव वसत क वस ही र तक ल आई

अब इस यग म एक तल क पीप को पा लन का अर को पा लना ह भ दशरन क झलक दखना एक टमाटर खा लना ह भारत का आदशर तयाग ह अनासा ह अपरह ह मझको पाकर लोग वसतए तयाग रह ह अपनी खद क कार छोड़ बस क पीछ भाग रह ह म लोग को तड़क भड़क स खच

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सादगी ासखाती टरीलीन क शौकन को ला पहनाती माया जीवन का बधन ह पया पसा मल हा का म वतन भोगी लोग क बधन दो दन म हर लती शी छड़ाकर मल हा का शीश सा ानमरल कर दती

नीात ालखन वाल न कम खाना या गम खाना अचछा बतलाया मन उनका कन ानभाया ाजतनी चीज महगी हगी उतना ही जन कम खाएग ाजस दन रोटी नह ामलगी उस दन खद ही कम खाएग

शकल पक क चाद सरीखी बढ़ती म खब चादनी लाऊगी अभी दज तक ही आई परमासी तक जाऊगी

करो कलपना जब भारत जन कतन सदर दखा करग ग चावल चना बाजरा जब पाड़य म ाबका करग बीमार को दध दहीघी क इजकशन लगा करग कसा मधर जागर होगा लोग भख स जगा करग

आतक हमला

(डॉ नीलम कमार ाबड़ला अाभलखपाल) 13 दसबर 2001 ससद प पाक आतक हमला 13 रवरी 2014 ससद म भारतीय आतक हमला

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शमरसार ई ससद पच ाड़ गए नयी तहजीब क झड गाड़ गए

उड़ाया गया काली ामचर का पाउडर सपीकर का नह सना आडरर आख जलन लग सास लन लगी ससद पर नगी तलवार झलन लगी

घायल आ जातष और सावधान मदर क पजारय न कया मदर का अपमान ऐस आतकय को सबक ासखाना होगा र नया इातहास बनाना होगा

बाल-म (वाइकराकश कमार खलासी)

बालपन क कलकारी धप क ताप स आ मक पोी छोड़ी कदाल खोदत हा क मार अचक कचड़ आधी म म करना आ मजबरी गरीबी क पराकाा पट और पीठ क घटती दरी कछ धनहीनता और कछ माता-ापता क मखरता कनत सबस जयादा सवा समाज क सवदनहीनता ाजसन बालक को ामक बनन को बाधय कया लखनी को छीनकर कोमल हा म छडी पकड़ायी

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गाय-बकरी क सवा करता बालय-जीवन कप अपन भावषय को दर करता अजान और अबझ ावोपाजरन क कसको ह सरत ासात तो ऐसी ई दो दान अ क ालय बालपन चोर बनन को आतर आ

दोसती

(ाचा कडयया खलासी)

गलाब एक ल ह

एक घनट म मरझा जाता ह पर दोसती एक शा ह कभी भी जीावत रहती ह

बर ठडी होती ह जो पकड़ म नह आती ह

दोसती सोन जसी ह जो कभी कोई नह खरीद सकत ह

तार क पाच अनत (END) ह चौकोन क चार अनत ह तीकोन क तीन अनत ह

एक रखा का एक अनत ह पर दोसती का कोई अनत नह ह

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मर जीवन का उशय (कमारी ाया सातव कका सपषी एम सबीता उाल)

कग नयज भारत का खतरा पाकसतान न कशमीर पर हमला कया ह कछ दन बाद helliphellip कग नयज पाकसतान क ाखला भारत क रका करत ए वीर सानक

का भारी नकसान इन खबर न भारत को ाहला दया ा म भी सोच म पड़ गयी क म भारत क ालए कया कर सकता भारत को इन हमल स कस बचा सकता मर मन म ास र एक ही खयाल आया क भारतीय सना का एक जवान ासपाही बन

जव मन यह बात अपन दोसत स कही तो उसन कहा क ासपाही बनना खतर स खाली नह ह और परवार स दर सरहद पर खतर स भर जीवन मर ालए कपद होगा लकन मन ठान ालया ा क म कछ ऐसा कगी क पर दश म मरा नाम हो ाजस दखकर मर अपन का ासर गवर स ऊचा हो जाए

मर ानय को सनकर मरी मा रोन लगी मझ लोभन दया क म ापार क मर दोसत न मझ डाकटर बनन का सझाव दया पर मन सोचा क भारत म कई डाकटर ह ापारी ह भारत को डाकटर या ापारी क नह बालक सानक क जरत ह

म भारत क ालए अपनी जान भी दन क ालए तयार मन सोचा सब अपन परवार को सराकत

रखना चाहत ह र भारत - भाम तो मरी मा ह मरी ही कय हर एक क मा ह तो हम सब का कतर बनता ह क हम इसक रका कर इसीालए मर जीवन का उशय ह क म एक ासपाही बन और भारत क सवा क

मखर ामष स समझदार शष अचछा होता ह (मासटर सनीत चौी कका सपष एम सबीता उाल)

एक दन म और मरा सबस अचछा ामष राव बठ यह सोच रह क हम परीका क ालए अभी स पढ़ाई श कर दनी चााहए या नह राव न तपाक स कहा क अभी स पढन स कोई लाभ नह होगा अगर हम परीका क एक दन पहल पढ़ग तो जयादा दमाग म रहगा तभी वहा स मरी कका का दसरा छाष रमश गजर रहा ा मझ रमश ाबलकल पसद नही ा और रमश भी मझ पसद नह करता ा बात-बात पर हम लड़ाई करत पर पढ़ाई म वह मझस बत अचछा ा उसन हमारी बात सन ली ी

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इसालए धीर सवर म मझस बोला अपन मखर ामष क बात मत सनो बस रोज मरी तरह ोड़ा-ोड़ा पढ़ो लकन मन उसक बात पर कान नह धरा एक महीन बाद परीका क दन आ पच परीका क एक दन पहल जब मन पढ़ना श कया तब पाया क पढ़न को बत ा पर समय कम ा जस -तस पढ़ कर मन परीकाए ालखी और उममीद करता रहा क म परीका म उी र हो सक कछ दन बाद परीका का पराम ानकला और वही आ ाजसका डर ा म और ामष राव अनी र हो गए दसरी ओर रमश बत अचछ अको स उी र आ उस दन मझ समझ आ गया क मखर ामष स समझदार शष अचछा होता ह

भावषय क पढ़ाई (मासटर ाशव कलया सातव कका सपष वालल कलयाी उाल)

आज जब हम पढ़ाई या सकल क बार म सोचत ह तो नजरो म एक भारी बग उठाता आ

छाष दखता ह कताब क ाबना हम सकल जान क सोच भी नह सकत कताब क सा कपयटर भी पढ़ाई का महतवपर ाहससा बन चका ह

कछ साल बाद भारी कताब स भर बग क बदल छाष क हा म टबलट होगा आकाश टबलट एक ऐसा यष ह ाजसम हम तरह-तरह क कताब पढ़ सकत ह हम कका म ही नट स जानकारी पा सकत ह टबलट ोन स बड़ा ह और जयादा महगा भी नह हम इस कह भी ल जाकर इसम कताब पढ़ सकत ह हम इसम कका का दया गया कायर भी कर सकत ह यह टबलट पढ़ाई का अदाज बदल दगा और पढ़ाई को मजदार बना दगा

पानी और धप (कमारी एस साानया पाचवी कका सपषी राजया बगम अाल)

अभी-अभी ी धप बरसन लगा कहा स यह पानी कसन ोड़ बादल को क ह इतनी शतानी

सरज न कय बद कर ालया अपन घर का दरवाज़ा उसक मा न भी कया उसको बला ालया कहकर आजा

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ज़ोर-ज़ोर स गरज़ रह ह बादल ह कसक काका कसको डाट रह ह कसन कहना नह सना मा का

परीका (कमारी शख राजया सलताना गयारहव कका सपषी शख महबब पीरा पटल ाचषक)

ाजस नाम को सनन स कापता ह बा वो ह परीका परीका पपर हा म आत ही इतना डर लगता क यद अचछा नह कया तो ापटना पा तीन घट म लगभग करन होत ह चालीस सवाल एक भी छटा तो घर म आता ह भवडर रजलट क एक दन पहल रात को नद नह आती ह अचछ नबर पान क ालए भगवान क याद आती ह पास होन पर ामलता ह इनाम और मख स ानकलता ह ldquoकय भगवान rdquo र आती ह अगली कका तब भी मख स ानकलता ह हाय र आ गयी र स परीका

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राीय साकरता (मासटर शख समीर छठी कका सपष शख महबब पीरा पटल ाचषक)

ातदन सीखो अकर एक

ानयम बना लो ऐसा पढ़ो पढ़ाओ सीखो जान

तभी बनगा दश महान ावा सा जान कराती

मन का अधरा दर भगाती जहा पर बनत लोग जानी

वहा न होती मन क हाान अनपढ़ क ालए गगी पोी

धन दौलत भी होती ोी पढ़ा ालखा नह धोखा खाता

जहा भी जाता आदर पाता

मा (मासटर शख महबब बाशा आठव कका सपष शख महबब पीरा पटल ाचषक)

सबस सनदर जग म कौन बस एक त ह मा

सबस पयारी कसक मसकान बस एक तरी ही ह मा

कसन बनायी मरी पहचान तन ही तो मरी पयारी मा

कसक बोली ामी स मीठी तरी ही ह मरी मा

कसक डाट ह इमली स तीखी तरी ही तो पयारी मा

कसक ालए क म सब कबारन तर ालए मरी पयारी मा

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ाततली (कमारी एम राशका ाशवानी पाचवी कका सपषी एम लम कमार उाल)

ाततली तम कतनी

रग-ाबरगी होती हो तम सब ल का रस पी-पीकर

बाग-बगीच म रती रहती हो तर पख कई रग क होत ह

तमहार प को दखकर ब बत खश होत ह

मरी कका

(कमारी एम राशका ाशवानी पाचवी कका सपषी एम लम कमार उाल)

मरी कका म ह पचास ब हर एक ह अलग-अलग जस एक ह लबा एक ह छोटा एक ह मोटा एक ह पतला कछ ह अचछ कछ ह बर पर लगत ह सार पयार मरी कका ह रग- ाबरगी लगती ह ाततालय का झड ह

मझ बत पसद ह कयक यह हमारी कका ह

Page 13: कलाकल - Home: Survey of · PDF fileतेलंगाना-भारत का एक ... भी यह पि का ‘कलाकल‘ सुनदर प म िनखर

6

सवक सहायक क वतन मान म पनरीक- माननीय नयायालायक आदश का कायारनवयन

अल 2013 म सवक सहायक क वतन मान म पनरीक का आदश ा आ सवक सहायक क हासयत स ाजनको ए सी पी ानयामत पदोात ामली उनक मामल को तरत ालया गया तााप एक सदह उठा क कया उ वतन-मान एमएसीपी ा सवक सहायक पर लाग कया जा सकता ह या नह और इस पर भारत क महासवकक स सपपीकर ा कया गया इसी बीच सवक सहायक क वतन मान क पनरीक क समाधान हत ानालाखत सदसय क सामात का गठन कया गया

1 ी कक गा अधीकक सवकक (अधयक) 2 ी एलएस शकर राव कायारलय अधीकक 3 ी एम यादी री सहायक 4 ीपी सतीश सहायक

इन मामल क ससाधन क ालए ानयामत आधार पर बठक आयोाजत क गई मामल ाजनक सपपीकर क जरत नह ी (लगभग 25 ) तरत ालय गय एव जलाई 2013 म कषीय वतन एव लखा कायारलय को सतत कय गय ाजनह उसी महीन म जाच तय कया गया

रवरी 2014 म सवक सहायक क वतन मान क पनरीक स सबाधत सपपीकर क ाा क बाद बाक क 45 मामल को (दोन पवर ndash 2006 एव उर - 2006 एसीपी) ानदश क अनसार मामल को 15-03-2014 तक तयार कया गया तााप ावीय वषर 2013-14 क अत म ानाध क उपलाबध न होन क कार इसको कषीय वतन एव लखा कायारलय को सतत नह कया जा सका

वषर 2014 -15 लखानदान क माधयम स ा ानाध स (12 सवा ानव मामल को जलाई 2014 म सतत कया गया और उसी महीन म तय कया गया) जलाई 2014 म ानयामत बजट क आबटन क बाद बाक क सभी मामल को अारत 10 (लगभग) अगसत 2014 म सतत कया गया और उसी महीन म तय कया गया आज क तारीख म सभी मामल को पर कर ालया गया और अनदश का अनपालन कया गया 70 मामल म स 22(लगभग) को आक लाभ ा आ और बाक (पवर -2006) मामल को साातक तौर पर वतन ानयतन कया गया अारत माननीय नयायाायक आदश क अनसार बकाया क आहर क ाबना

सामात क ानयामत आधार पर बठक ई और अधयक न मामल को पर करन म मागरदशरन दया ी एलएस शकर राव कायारलय अधीकक न अनय सदसय ारा कए गए वतन ानयतन मामल क पयरवक और जाच क सामात ारा दए गए समय सीमा क अदर सभी मामल को पर कया गया और समय समय पर ानदशक को ासात स अवगत करवाया गया

7

ाशक कोसर

आ दश भ साानक आकड़ा कन स ानालाखत अाधकारय को भारतीय सवक ससान म ावाभ कोस म ाशक दलवाया गया

म स अाधकारी का नाम(ीीमती) कोसर सखया ावषय

1 मोअजीममीन 49521 सवक अाभयााषक का मल ासानत

2 एन अानल कमार कय 5 भाम सचना का अाभकलप एव कायारनवयन

3 मोहममद अली शख 40092(ए) सवक पयरवकक

4 एस राव 40092(ए) सवक पयरवकक

5 अामत समर 40092 सवक पयरवकक

6 एलवीएम नायड 40092(बी) सवक पयरवकक

7 वी गोपाल राव 40092(बी) सवक पयरवकक

8 बी गोपाल राव 40092(बी) सवक पयरवकक

9 पी रावकर ातकोर भ-साानक ावजान

10 कोा ीानवास ातकोर भ-साानक ावजान

1 कनरल एस ीधर राव ानदशक न बगल ासत दाकी कष कायारलय म 21012014 स 23012014

आइसीजड़एम परयोजना स सबाधत ानदशक क सममलन म ाहससा ालया

सममलन ाशक

2 कनरल एस ीधर राव ानदशक न नई दलली ासत सव (हवाई) एव दलली भ साानक आकड़ा कन ानदशालय म राीय शहरी सचना ाली (NUIS) स सबाधत पनरीक बठक म ाहससा ालया 3 ी कक गा अधीकक सवकक एनएसडीआई क ालए ओरकल सपाशयल का ाशक ा कया |

ाशकता

आ ावावालय इजीानयरग कॉलज(ए) ावशाखपनम क 12 ावाय को 12-05-2014 स 06-06-2014 तक ाजयोडसी अकय ोटोाामात सलाकात सदर सवदन तलक अकय मानाचष एव भौगोालक सचना पात आद ावषय पर जानकारी दी गयी

8

वषर 2013-14 क ालए मानदय स परसकत कमरचारय क सची

म स नाम ीीमती कमारी पदनाम 1 पी म कमार अाधकारी सवकक 2 पीककर अाधकारी सवकक 3 एलकरासी अाधकारी सवकक 4 ए भाचारजी अाधकारी सवकक 5 एन अानल कमार सवकक 6 ीनीवास राव यादागर सवकक

7 क ओमकार सवामी सवकक

8 सागरका पताल सवकक

9 एमएस आर मत सवकक

10 एस बी चधर राव सवकक

11 अशाख अहमद सवकक

12 डी वकटा ीहरी सवकक

13 डीआरएस स कमार सवकक सहायक 14 सी एच गडम मानाचषकार ड II 15 ावजय सनीता गोप मानाचषकार ड II 16 पीक ातभा सहायक 17 ज कनक लमी मानाचषकार ड III

18 शलबाला खडरी मानाचषकार ड III

19 ए शलश वर ी ालापक 20 एम बगारी नायड वर ी ालापक

21 चपाल वर ी ालापक

22 एमलम कमार वर ी ालापक

23 एन वलली कलयाी वर ी ालापक

24 बीनागरम अवर ी ालापक

25 पठान इमाम कासीम अवर ी ालापक

26 एमअपपल राज एम टी डी 27 सययद जहागीर अली एम टी डी

28 शयामल दास एम टी डी

9

म स नाम ीीमती कमारी पदनाम 29 सी नारायना खलासी 30 महन कमार खलासी 31 एमओबयया खलासी 32 सी वीचलमयया खलासी 33 कालर खलासी 34 जी जया खलासी 35 क अपपा राव खलासी 36 पी काशम खलासी 37 क ईरयया खलासी

पदोत कमरचारय क सची

म स नाम पदनाम पदोात क

ाता ाजस पद पर पदोत ए

1 डीरघ रामल मानाचषकार ाडावजन -I 11-10-2013 मखय मानाचषकार

2 मो अजीमीन सवकक 06122013 अाधकारी सवकक

3 एम परमर राव सहायक 29112013 कायारलय अधीकक

4 जीशीला रानी मानाचषकार ाडावजन -II 23062014 मानाचषकार ाडावजन ndashI

5 एम वासदव वर ी ालापक 06052014 सहायक

सायीकर ा कमरचारय क सची

म स नाम पदनाम सायीकर क ाता

1 एमावजय कमार पटल ाचषकार ड़ -III 01012013

2 आर ीनीवास राव अवर ी ालापक 01012013

10

म स नाम पदनाम सायीकर क ाता

3 पी ामालनद कमार खलासी 01012013

4 गनकली पदममा खलासी 01012013

5 वाइ मानीकयममा खलासी 01012014

6 बी सवामी( अनसाचत जन जाात) खलासी 01012014

7 बी शाता ( अनसाचत जन जाात) खलासी 01012014

11

सानातर पर तनात कमरचारय क सची

म स

नाम ी ीमती

पदनाम सानातर क ाता

सानातर

स को

1 डीरघ रामल

मानाचषकार 11102013 भौ सप एव स स ानदशालय

आ भसा आ क हदराबाद

2 मो अजीमीन सवकक 06112013

(पवारहन)

भारतीय ाशक एव मानाचष ससान हदराबाद

आ भसा आ क हदराबाद

3 सतयभामा नायक सापना एव लखा अाधकारी

10012014 (पवारहन)

पब एव ास भसा आ क कोलकाता

आ भसा आ क हदराबाद

4 एनबी सरी अधीकक सवकक 22012014 मएव गोवा ानदशालय पन

आ भसा आ क हदराबाद

5 एस महबब दादार 17022014

(अपराहन)

मएव गोवा ानदशालय हदराबाद सकनध

आ भसा आ क हदराबाद

6 टीकष कमार अाधकारी सवकक 19032014

(अपराहन)

भारतीय ाशक एव मानाचष ससान हदराबाद

आ भसा आ क हदराबाद

7 एसराव टीटीटी lsquoएrsquo 17042014 पवारहन

भारतीय ाशक एव मानाचष ससान हदराबाद

आ भसा आ क हदराबाद

8 अामत कमार टीटीटी lsquoएrsquo 06052014 पवारहन

भारतीय ाशक एव मानाचष ससान हदराबाद

आ भसा आ क हदराबाद

9 बीराजन बाब सहायक 09062014 पवारहन

दाकी म वगर आ भसा आ क हदराबाद

10 जी शीला रानी मानाचषकार ाड-I 23062014 पवारहन

भौ सप एव स स ानदशालय हदराबाद

आ भसा आ क हदराबाद

12

सानातरत कमरचारय क सची

म स

नाम ीीमती

कमारी पदनाम सानातर क

ाता सानातर

स को

1 बीसीसा अाधकारी सवकक 16082013

आ भसा आ क हदराबाद

भा स एव स हदराबाद

2 एमएम मोहानत

अाधकारी सवकक 26082013

आ भसा आ क हदराबाद

ओड़ीशा भसा आ क भवनर

3 पीयादयया सवकक 11122013

(अपराहन) आ भसा आ क हदराबाद

क भसा आ क बगल

4 सनीता कालरा आशालापक

28042014

(अपराहन) आ भसा आ क हदराबाद

ानदशक सवक (हवाई) दलली भसा आ क नई दलली

5 शभा वी नायर

कायारलय अधीकक

07052014

(अपराहन) आ भसा आ क हदराबाद

भा स एव स हदराबाद हदराबाद

6 कवी चारी सहायक 06062014

(अपराहन) आ भसा आ क हदराबाद

दाकी म वगर

13

सवा ानवसवाचछक सवा ानव ए कमरचारय क सची

म स नाम पदनाम सवा ानवा क ाता टपपी

1 पीडीकमार अाधकारी सवकक 30092013 सवा ानव

2 एस कासम दादार 30092013 सवा ानव

3 भलनराम खलासी 15102013 (पवारहन) सवाचछक सवा नव 4 जी लाजर पटल ाचषकार ड़- II 31102013 सवा ानव 5 बीसीलममा खलासी 31102013 सवा ानव 6 पीदवदास मानाचष मॉउटर 30112013 सवा ानव

7 तनगटला राधा कषा भडार सहायक 31122013 सवा ानव

8 टीवकटयया दादार 31122013 सवा ानव 9 जी चयया माली 31122013 सवा ानव

10 पीसीबोरोल अाधकारी सवकक 28022014 सवा ानव 11 डीरघ रामल मखय मानाचषकार 28022014 सवा ानव 12 बी नासरयया खलासी 28022014 सवा ानव 13 बी ीपाल दादार 31032014 सवा ानव

14 क दानम खलासी 30042014 सवा ानव

15 कषा सरकार अाभलखपाल ाडI 31052014 सवा ानव

16 कपललयया पटल ाचषकार ड़ II 31-05-2014 सवा ानव

17 सीकडयया जमादार 31052014 सवा ानव

18 एमवकटवरल दफतरी 30062014 सवा ानव

19 पीअजरना खलासी 30062014 सवा ानव

20 यावर बगम खलासी 30062014 सवा ानव

21 एमाचा वकटममा

दफतरी 30062014 सवा ानव

22 एनबी सरी अधीकक सवकक 31082014 सवा ानव

14

समात शष

एसपी ईरयया खलासी

जनम ाता 01-07-59 ावभाग म भत होन क ाता 01-03-1997 स ानयामत भत सवगरवास 22-4-2014 परवार इनक परवार म पी क अलावा दो ब ह इनक आकासमक ानधन पर आ दश भ साानक आकड़ा कन क कमरचारय को गहरा आघात पचा और सभी न इनक परवार क ात सवदना क एव इनक आतमा क शाात क ालए ईर स ारना करत ए दो ामनट का मौन रखा सव ी एसपा ईरयया ाजनक आ दश भ साानक आकड़ा कन म कायररत रहत ए अल 2014 म अकाल मतय हो गयी ी उनक परवार क ततकाल मदद क ालए पर आ दश भ साानक आकड़ा कन क परवार न 25600- का ततकाल सहयोग दया

15

भडार का ाप

म स सामी भडार 1 वाटर कलर 01

2 एल ईडी मॉनीटर 15

3 कमपयटर टबल 30

4 कमपयटर कस 30

5 पलाासटक कस 236

6 एचपीाडजाइन जट टी- 1300 टर 01 आइ सी जड एम क अतगरत

7 कलर क समाटर एलए जीएस टी 42- सकनर

01 आइ सी जड एम क अतगरत

8 यपीएस क ालए 12 वोलट क बटरी 60

9 5 कपी का य पी एस 02 डी ए डबलय वी आइ सी जड एम क अतगरत

10 डलल कमपयटर 10

11 लाइका अकय लवल (डी एनए-03) 02 आइ सी जड एम क अतगरत

12 लाइका जीएनएसएस (जीपीएस दोहरी बारबारता)

02 आइ सी जड एम क अतगरत

13 3 डी ावजन कट 23 (18 आ भ सा आ क हत )

14 समसग एलसी डी मॉानटर 02

15 एचपी सकनजट 200 फलटटड- सकनर 01

16 डाट मकस टर 03

16

अनपयोजय भडार का अनपयोगी घोाषत

म स सामी मलय 1 साइबग उपकर 364574-

2 नचर आइटम 218844-

3 ोटोामीतीय उपकर 9125746-

4 कमपयटर और परधीय 4027273-

5 उपकर ( गौ सवक उपकर) 706943-

तदनसार अनपयोजय भडार क अनपयोगी हत नीलामी या क शआत हो चक ह

17

वषर 2013-14 क ालए ानाध का आबटन य

शीषर सवीकत अनदान

(हजार म )

अातर ानाध क मागाा

(हजार म )

भाकमसव ारा काटी गई (हजार

म )

इस कायारलय

ारा अभयपर

अातम बजट अक (पय

म)

य (पय म)

31-3-2014 को शष रााश (पय म)

वतन 114400 0 1400 0 113000000 112999869 131 मजदरी 500 350 0 0 850000 845802 4198 ओ टी ए 0 0 0 0 0 0 0 ाचकतसीय 2840 0 0 750 2090000 2089187 813 डी टी ई 1240 0 0 0 1240000 1239231 769 ओ ई 1409 125 94 1440000 1397157 2843 आर आरटी

240 0 0 16 224000 223875 125

ओ ईए 2 2 0 0 4000 3750 250

एसampएम 310 0 0 310000 309712 288 पी सवा 280 0 0 129 151000 149810 1190 अनदान 0 0 0 20800 20775 25

18

मनोरजन कलब का वाषकोतसव ndash 2013

आ दश भ साानक आकड़ा क ानदशालय क मनोरजन कलब का वाषकोतसव दनाक 10-01-2014 को ातः काल 1000 बज स सममलन कक म आयोाजत कया गया ाजसम मखय अाता भारत क महासवकक डॉ सव र सबबा राव उपासत ावशष अाता क प म ी एसबी शमार उप महासवकक भारतीय सवक एव मानाचष ससान उपासत ानदशक महोदय कनरल ीधर राव न सवागत भाष दया और मनोरजन कलब क साचव ी डीआरएस सन कमार न वाषक रपोटर सतत क सासकातक कायरम ारा सभी का मनोरजन कया गया मखय अाता न अपन भाष म कहा क इस ानदशालय न ी कनरल ीधर राव क नततव म बत अाधक एव सतोषजनक प स गात क ह और इस बात का भी उललख कया क व जब इस ानदशालय क ानदशक तब व य सब कायर करना चाहत परत इनह मतर प दन म कनरल ीधर राव ानदशक महोदय क महतवपर भामका रही ह ततपात एक ीात- भोज का आयोजन कया ाजसम करीब 230 लोग न भाग ालया ाजसक सभी न भर-भर शसा क

मनोरजन कलब ारा आयोाजत कए गए खल

करम

टबल टनीस

शटल

शतरज शॉट- पट धीमी साइकलग

पष सगलस माहला सगलस पष डबलस माहला डबलस

पष सगलस पष डबलस

पष सगलस माहला सगलस पष डबलस माहला डबलस

पष पष पष

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वषर 2013 क दौरान कनीय मनोरजन कलब सपोटरस स ा इस ानदशालय क ाता एव सममान

करम

खल म परसकार ातीय परसकार ततीय परसकार

पष सगलस पी रवी कानत चनपाल शशी करन एव एलए बग

माहला सगलस शभा वी नायर पीक ातभा शलजा एव मीना

पष डबलस सययद इदरस एव सवातरयया कवी चारी एव ओ वीन कमार

---------

माहला डबलस शभा वी नायर एव अनसया पीक ातभा एव शलबाला खडरी

टबल टनीस पष सगलस पी सतीश क वीचारी ओ वीन कमार

एव अशाख अहमद पष डबलस कवीचारी एव

डी रगा राव कक गा एव पी सतीश ----------

शटल पष सगलस पी सतीश एम वी ावजय कमार कवी चारी एव पी

यादयया माहला डबलस शभा वी नायर एम सबीता मीना एव राज़या

बगम पष डबलस पी सतीश एव

एम वासदव स कमार एव ओ वीन कमार

-----------

माहला डबलस एम सबीता एव राजया बगम

शभा वी नायर एव बी एस वी वरलमी

-----------

शतरज पष जगन एकर ------------

शॉट- पट पष बी नागरम चनपाल स कमार

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धीमी साइकलग पष डी स कमार सययद इदरस सययद मोजज़म

उ नयायलय म लाबत नयायालक मामल

लाबत मामल 04 आ दश उ नयायालय

कस क सखया 11 कनीय शासानक अाधकर हदराबाद

समा कस क सखया 06 लाबत कस क सखया 05

पनवलोकन मामल

ानालाखत अाधकारयकमरचारय क पनवलोकन मामल का ानपटारा कया जा चका ह

म स प lsquoबीrsquo राजपाषत प lsquoबीrsquo अराजपाषत प lsquoसीrsquo (पवरवत प

1 एस बाब अाधकारी सव ज डी एबनजर मानाचषकार ाडाव I नरश

2 पीक लहा मानाचषकार ाडाव I गदो राम

3 शख मीरावली मानाचषकार ाडाव I एम गररयया

4 जी सीतारामम सव सहायक पी काशम

5 वाई सबबयया सव सहायक सतयममा

6 पीएस सामबाब सव सहायक वी कषयया

7 बी ओबशयया सव सहायक

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एम ए सी पी क मामल

ानालाखत अाधकारयकमरचारय क एमए सी पी मामल का ानपटारा कया जा चका ह

म स प lsquoबीrsquo अराजपाषत प lsquoसीrsquo (पवरवत प lsquoडीrsquo)

1 वी सयर भा मानाचषकार ाडाव I एल योहन

2 पीकलहा मानाचषकार ाडाव I सीनाराया

3 शख मीरावली मानाचषकार ाडाव I जजॉन

4 एम भवनरी मानाचषकार ाडाव I एस रामयया

5 बीएसवी वरलमी मानाचषकार ड़ II बी पललया

6 - पी काशम

7 - शख काासम पीरा

8 - एम लमी नाराया

9 - एम वकटरल

10 - जी जया

आ दश भ साानक आकड़ा कन क अाधकारय कमरचारय क ब ाजनहन शकाक ानपता दखाई ह

1 कमारी अनवषा कर सपषी डॉ पीक कर सी जी पी ए 9810 दसव कका क ीय ावालय हदराबाद

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तलग म ावव ी नकश ( ओएस एम) क तयारी (बीएचराव अधी सव जीव अाध सव एमराकश अाध सव एसपटा री मानाचषकार)

सतावना पवर म ावाभ नकश तलग म कााशत आ करत जस आ दश राजय नकशा (1999) भारत क राजनीातक नकश आद ऐस नकश अकराक ासटक-अप (lettering stickups) साहत साइबग क परमपरागत तकनीक का उपयोग कर कााशत होत तााप कोई भी सलाकातक नकश तलग म कााशत नह ए ह परत हाल ही म ावजान एव ौोागक ावभाग न ावव ी टोपो नकश ( ओएसएम) को कषीय भाषा म उपलबध करवान क ालए एक नीात को जारी कया ह ाजसक पराम सवप आ दश भ साानक आकड़ा क न राजय क राजधानी हदराबाद को दशारत ए एक शीट को योग क आधार पर अकय माधयम स तलग म करन का काम ालया ह

ॉनट क खोज म माइोसटशन साफटवर क अनक ल डीजीएन ामट म मल डाटा बस पहल स ही उपलबध ह मल-

पाठ को बठान क ालए माइोसटशन क अनक ल एक सावधाजनक तलग ॉनट क आवशयकता ह अनक ॉनट क जाच क गई परत कछ भी माइोसटशन क अनक ल नह पाया गया कयक तलग ालाप म बत सारी माषाए अगल स लगवाए जान क कार ldquoमाषाrdquo को लगाना एक कठन कायर सााबत आ तााप वब म बत छान-बीन करन क बाद ldquoटी टी एल हमलताrdquo ॉनट को खोजा गया और माइोसटशन परवश म मल पाठ को रखन म उपयोगी पाया गया

अनवाद

ावाभ व रनातमक अाभउाया ाचनह पाद- टपपाया आद का अजी स तलग म अनवाद हत सभी ापय साधन जस क इटरनट नट पर अनवाद शबदावली आद का आय ालया गया

माइोसटशन परवश म मल पाठ को बठान क ालए कायरावाध

ॉनट याान ldquoटी टी एल हमलताrdquo वााछत सान पर लोड कया गया तलग ालाप म बत सारी माषा क अतःसाापत होन क कार एक ावाशप शबद या अकर क ालए सही माषा क चयन हत अाधक सावधानी बरतना का सानात कया गया वााछत मल ndash पाठ को मइोसाफट वडर म टकत कया गया माइोसटशन वशरन 8 ाइल म अनोटशन टकसट एडीटर क माधयम स कापी और पसट कया गया उ

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शीट क 22 टोपो स अनवादत अनोटशन को या सतयाापत कया गया अनोटशन को कनार म और उपरो शीट क नाम ाइल म रखा गया मामल ाजनको सलझाना ह -

1 ॉनट क आकार का मानककर 2 तलग ालाप म ावाभ व रनातमक अाभउया क सावधाजनक शबद का चयन 3 मल- पाठ को सगठत करना एक जटल कायर ह और समय लन वाली कायरावाध ह और पयार

माषा म षीय भाषा याान तलग क जान क जरत ह 4 जयादा सखया म सपादन मल-पाठ क सगठन क आवशयकता ह 5 तलगाना राजयतलग ावावालय क उ राजभाषा ावभाग स अनवादत ालाप को माीकर

करन क आवशयकता होगी समाा

सानीय ालाप (तलग) म ओ एस एम माक नकश क तयारी स अाधक सखया म लोग को सलाकातक नकश को आसानी स योग करन म सावधा होगी सलाकातक नकश म भाषा-ावषयक सबधी साचकारी पदार को जोड़न स ानयही भारतीय सवक ावभाग क उतपाद क चार को बढ़ावा ामलगा और बाजार म अपनी अहामयत बढ़ाएगा

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चनौती क ालए तयारी (रघना ाषपाठी अधीकक सवकक)

कसी भी ावभाग म नई चनौातय को सामना करन क ालए कमता ानमार क आवशयकता ह यद

यह नह कया जाए तो सताावत योजनाए ावल हो जाती ह कमता ानमार स पहल उसक लय एव उशय को परभााषत कया जाना आवशयक ह कयक इसक कायारनवयन क सतर म योजना और ानषपादन म का अतर हो सकता ह कमता ानमार क अनय मानक क अतगरत अनवत सावधा क रखरखाव और सभाावत ावकास भी शाामल ह कमता ानमार क कसी भी यास म ातभा क खोज को ही पहल कदम क प म ालया जाना चााहए भारतीय सवक ावभाग म सही कमता ानमार क बाद ही 110000 क पमान का सवक करन और मानाचष ाा सभव हो पाएगा आधानक अाध ौोागक म कमय क ाशक पयार नह ह लकन यह दखना ह क जो माग और सवक और मानाचष क आपत क खला स सक ातत ह जनता क ालए उपयोागता बढ़ा रही ह श म हालाक बाधाए आना बाधय ह हम यह कायर श करना और पराम क तीका करनी ह इस यास म खल अाधकार कष क ावशषज को ानयामत प स परामशर कया जाना चााहए सवक और नकश क उपयोगकतार क माग और एक बड़ परय क दाप स दखन क ालए यह महतवपर ह

यहा तक क उपयोगकतार क ालए भी ाडाजटल डटा का उपयोग सीामत ह भारतीय सवक ावभाग उपयोगकतार को ानयामत आधार पर सहायता और मलय सवधरन क ालए सलाह दकर नकश क कातज उपयोग तक का ावसतार कर सकता ह उस बात पर धयान दत ए भारतीय सवक ावभाग क सवा हत जी आई एस वजाानक को शाामल करन क आवशयकता ह यह महगा मामला होन पर भी वरीयता स भरी हम भावषय क चनौातय को परा करन क ालए तयार रहना चााहए कयक नकश क उपयोग स ावकास को तो होना ही ह

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नमक का महतव (कष कमार अाधकारी सवकक)

एक राजा क तीन बटया ी तीन बत ही सनदर सशील और ावशष ग वाली एक दन राजा न तीन राजकमारय को अलग-अलग स एक ही सवाल पछा ldquo बटी तम मझ कतना चाहती हो ldquo बड़ी राजकमारी न जवाब दया rdquo ापताजी म आपको सोन जस चाहती अारत सोन क आभष स मझ ाजतना पयार ह उतना ही पयार आप स ह ापताजी ldquo राजा बत सतप आ और दसरी राजकमारी स पछाrdquoबटी दीदी न तो जवाब द दया अब तम बताओ तम मझस कतना ह रखती हो दसरी राजकमारी बोली ldquo ापताजी म आपको हीर जसा चाहती अारत हीर क गहन स मझ ाजतना पयार ह उतनी ही पयार आप स ह ापताजी ldquo राजा तो ल न समाया सोचन लगा rdquo म बमतलब का सकोच कर रहा ा मरी बटया तो लगता ह मर बगर जी नह पाएगी ldquo अब तीसर स कया पछ र भी पछ लता र तीसरी बटी स पछाrdquo बटी तम मझ कतना चाहती हो तीसरी राजकमारी न जवाब दयाrdquo ापताजी म आपको नमक ाजतना चाहती जवाब सनत ही राजा आग-बबला हो उठा और बरी-भली सनाकर उसक कक स ानकल गया छोटी राजकमारी न कछ नह कहा बालक राजा क डाट सनकर चपचाप रह गयी रात ई राजा को सार महल क कायर ानपटान क बाद भख लगी खान क ालए उस हीर स ससात सोन क सहासन पर छोटी राजकमारी न बठाया र सोन क ाली म नाना कार क जन स य खाना परोसा और राजा को खाना श करन को कहा राजा न मह म खाना रखा तो महसस कया खाना का ह र हर जन को चखा तो पाया सब क ह र तो आग-बबला होकर अपनी रानी पर ाचललाया ldquo इस तरह क भल कस हो गयी हम कया समझ रखा ह जन दखाकर ललचाना और र खान नह दना यह बोलत ए रानी पर सोन क ाली ाजस पर जन परोस ए कन क ालए हा उठाया उठ ए हा को तीसरी राजकमारी न पकड़ ालया और पछा ldquoापताजीखाना तो बढ़या ह र कमी कया हrdquo राजा बोल ldquoनमक क ाबनाकोई खाना खाया जा सकता हrdquo राजकमारी बोली ldquoापताजीआपको तो नमक स नरत ह ना इसालए मन जन बनवात ए नमक नह डलवाया rdquo र तो राजा समझ गया क छोटी बटी न उनह सबक ासखान क ालए यह भोजन तयार करवाया ह र बोला ldquoबटी म समझ गया नमक क ाबना खाना जस सवादप नह उसी तरह तमहार पयार ाबना मरा वचरसव नह ldquo और राजकमारी को गल लगा ालया

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मायाजाल (एनबी सवामी अाधकारी सवकक)

इस जगत म कल 84 लाख जीव राशया ह और उनम मानव जनम सबस उम ह उम इसालए ह क भगवान न मानव का आधार इसालए दया ह ताक इस जनम अचछ कमर कर वह मोक क ाा कर सक मोक याान पनरजनम नह यद कमर बर ए तो र 84 लाख जीवरााशय म पदा होन क ालए वह आतमा कालच म दोबारा स जाती ह इस सपर कालच क याषा करत ए जब आतमा मानव क योान म वश करती ह तब वह भगवान स यही ारना करता रहता ह क ह भगवान मझ इस कद (याान मा का गभर) स जलदी मा दला द कयक म तमहारा धयान सही ढग स नह कर पा रहा कयक इस कद म अनक तरल पदा क सा-सा मल-मष म भी टहल रहा यह कसा नरक ह जहा आपन मझ सा रखा ह तब भगवान भी बोलत ह क ldquoत अभी बालक ाशश का प धार करन वाला ह तमन इतन वष यग म ाजतन पाप कय ह उन सबक यह चरम सीमा ह यह चरम सीमा बत ही पीड़ा दन वाली ह ाजस तमह जीतना ह लाघना ह इस चरम सीमा स मा होन क बाद तम कया करोग ldquo ाशश कहता ह ldquo भगवन आप जो कहग ldquo भगवन पछत ह कया तम अपना जीवन मरा धयान करत ए मर ालए समपर कर दोग ldquoाशश कहता हrdquo हा म समपर कर दगा आपक ालए ldquo भगवन भी जानत ह ाशश को नौ महीन गभर म रहना ही पड़गा तभी पर शरीर का ावकास होकर जब वह बाहर आएगा तो मरी सवा करगा उ नौ महीन तदनसार भगवन ाशश का वातारलाप नौ महीन चलता रहता ह ताक ाशश अपन चार ओर स मल क गध का धयान न द र जब वह बाहर ानकलता ह भगवान को धनयवाद करता ह और कहता ह ldquo म तमहारा बत ही आभारी भ अपन मझ मा दलाई अभी मझम वह ताकत नह क म तमहारा धयान करन क ासवा और कछ क मर माता ndashापता मझ सच कर जब अपन पर पर चलन क ताकत द दग तभी म तमहार ालए कछ कर पाऊगा ldquo भगवान कहत ह ldquo अर मखर त नह जानता यह जगत एक मायाजाल ह मझ पर ावास ह त मझ भल जायगा और र स कालच म पड़ जायगा ाशश कहता ह ldquo नह भगवान ऐसा नह ह भगवान मरा ावास करो म ातजा करता मरा जीवन आपक ालए ही समपर ह ldquo भगवान कहत ह ldquoदख लगा इस जगत क मायाजाल म त मरी कया का सवा करगा ldquo यह ाशश और भ का वाारलाप सनकर दवष नारद भगवान क पास पच पछन लग ldquo भ आप कस मायाजाल क बात कर रह ह ldquo भ बोल ldquo नारद म समसत जीव- रााशय का सवामी उनका कलया चाहता उनको सख भी और दख भी दता वह इसालए क मायाजाल क मोह एव अहकार म पड़कर खद को सपर मानन वाल ाी को दड न द तो र मरा समर कस करगा ldquo नारद बोल ldquo भ आपक वचन का मतलब कस

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दशा म जाता ह यह तो मझ नह पता एक तर कहत ह समसत जीवरााशय का कलया चाहता दसरी ओर कहत ह दड दता तीसरी ओर मायाजाल अर नाराय आप जब समसत जगत क सवामी ह सब आपक अधीन ही ह तो र मायाजाल शबद आपन जो योग कया ह वह आपक अधीन स बाहर कस हो गयाrdquo ानयष काजए जीवरााशया उसक चपट म नह आएगी र सब आपका गगान ही करग और सबको मोक क ाा होगी ldquo भगवान कहत ह ldquo ह दवष मर ालए समसत जीवराशी को परीका स गजरना पड़ता ह मानव जीवन ही उनम अातम परीका ह बस उसको लाघ ल म पनरजनम स मा दला दldquo नारद जी भगवान स तकर करन लग गय का दर बाद भगवान न कहा rdquo दवष आपस बहस और नह कर सकता आपस बहस कर मरा गला सख गया ह जरा एक छोट कलश या कमडल म पानी लकर आइय ताक म अपनी पयास बझा सक नारद को झटका लगा और पाताप करन लग ldquo बमतलब मन अनतरयामी स बहस कर उनको कप दया व समपर जानानद क सामन मरी हासयत कया ह पता नह आज मरी मात मारी गयी और म बमतलब बहस करन लगा भ को पयास लगी ह और वो भी मरी वजह स जलदी स उनक पयास म बझा द पानी क खोज म सार लोक का म करत ए नारदजी पथवी लोक म पच गए पथवी लोक पचकर पानी क खोज म एक कए क पास पच तो दखा क एक अतयनत सदर नारी कए स पानी ानकाल रही ह नारद न सोचा वह सनदर ी पानी भरकर चली जाए तो र म ोड़ा सा पानी भर ल नारद उस दख रह ी भी नारद जी को दख रही ी नारदजी न पछा rdquo दवी कया तम यह आसपास रहती हो ी न जवाब दया rdquo हा ldquo नारदजी र पछ rdquo दवी कया तमहारा ाववाह हो चका ह rdquo ी बोली ldquoनह ldquo नारदजी का ावचालत मन ल नह समाया और पछ ही ालया ldquo दवी यद तम अाववााहत हो और यद तमह कोई परशानी न हो तो कया तम मझस ाववाह करोगी ी सादाय औरत ी बोली ldquo मर ापता क आजा क ाबना म आपस ाववाह नह कर सकती ldquo नारदजी बोल ldquo दवी सशील नारी क यही ग होत ह यद तमह आपा न हो तो म तमहार सा चलकर तमहार माता-ापता स बात कगा और तमस ाववाह कगा ldquo यवती राजी ई और ासर एव कध म पानी स भर घड़ को ढोत ए आग चलती रही और नारदजी पीछ चलन लग सपर रासत म उस सनदर ी क ानहारत ए मन म सपन क पल बाध रह उस सनदर ी क ापता क पास जाकर अपना परचय दत ए उनक बटी स ाववाह करन का सताव रखा साकात नारद मान को अपना दामाद सवप दख उसी मतर म मगनी हो गई और एक शभ मर म ाववाह भी हो गया ाववाह क कछ दन क पात उनक ब हो गय ब बड़ भी हो गय र तो व अपन गहस आम म इतन सत हो गय क उनक मह स नाराय मष ानकलना भी बद हो गया कई वष बाद एक शाम को जोर क आधी क सा तानी बारश ई इस माहौल न इतना ावकराल प धार कर ालया ा क वातावर लय म बदल गया चार तर पानी भर गया बत सार लोग पश आद पानी म बह गय कनत कात क ावकराल प क सामन ठहरन का साहस कस ा दखत ही दखत उनका गह भी बाढ़ क चपट म आकर टट गया और पानी म बह गाया पी और ब डर स

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रोदन करन लग दखत-दखत कान पष क अलावा पी और बाक ब भी पानी म बह गए र तो नारदजी स सोचा इस कान को म कध पर ालए चलता ताक वह तो बढ़ाप म मरा सहारा बनगा कनत लय क तीता इतनी तज ी क नारदजी क नाक क ऊपर स पानी बहन लगा र तो व खद भी भल गय क बट को बचाना ह सोचन लग म कसी तरह जीावत बच जाऊ उसी सोच न उनक कान पष को भी नह बखशा कसी तरह कछ समय उपरानत लय शानत आ पानी घट गया चार तरक मनषयपश - पकी आद क लाश टट ए रासत और घर क बीच पड़ी ई ी नारद मान को बहद दख आ और ठठोर कर रोन लग गय रोत-रोत व खद क बार म सोचन लग क भगवान न उनक सा ऐसा अनयाय कय कया काश व भी मर जात तो अचछा होता तभी उस राह स ास महष गजरत ए नारदमान स परामशर करन लग नारदजी कहन लग ldquo पता नह मन कौन सा पाप कया ह क मर पर परवार का सवरनाश हो गया ह मझ कय मतय नह आई इस पर ासजी न कहा शायद तमहारा समय नह आया ह इसालय तम बच गय हो हालाक ास जानत क नारद मायाजाल म सा आ ह ldquo र इसका ानरय कौन करता ह ldquo नारद न ासजी स पछा ासजी न उर दया ldquoयह तो मतयलोक क अाधपात यमराज ही इसका उर दगrdquo र व दोन ामलकर यमराज क पास गय यमराज न आन का कार पछा तो ासजी न नारद मान क सारी दख भरी गाा सनाई और पछा क ldquoमतय न इनका आलगन कय नह कयाldquo यमराज बोल rdquoम कोई नह मरा यमदत ही इसका उर द सकता ह कयक म यमदत क ारा कसी आतमा को लान क बाद ही उसक पाप-पणय का ाहसाब दख ानधाररत सजा का ऐलान करता यद यमदत आपको लकर मर पास नह आया तो इसम मरा कया दोष ह यमदत स पछ लldquo र ासजी न उनक यमदत स वही सवाल करन पर यमदत न कहा ldquo महामान म कस कसी क शरीर स आतमा को छीनकर ल आऊ म तो यमलोक का सवक माष ाचषग जब तक आजा नह दत तब तक म कोई कायरवाही नह कर सकता आप इस का उर ाचषगजी स पछ ल ldquo र ासजी न ाचषग स वही सवाल करन पर ाचषग न कहाrdquo महामान म तो यमदत को तभी आजा दता जब उस ाी का सारा लखा - जोखा समा हो जाता ह अभी माननीय नारद जी क मतय का समय आया नह ह अभी उनका कछ कया नह जा सकता ldquo ासजी न नारद स कहाrdquo दखो नारद अभी तमहारा समय आया नह ह तभी तम जीावत हो चलो चलत ह अब ापछली घटना को भल कर आग क सोचो ldquo बस इतना ही कहना ा क ाचषग न र ासजी को बलाकर कहा rdquo ह ऋाषवर इनक कणडली म यह ालखा ह क मतय तभी इनको गल लगा सकती ह जब य एक सा आपको मझ यमराज और उनका वाहन भस का एक सा दशरन करग चक इनक ारा यह कायर पर हो चका ह अत इनका जीवन पर हो गया ह ldquo बस इतना ही ा क नारद जी को आवाज आन लगी अर दवष दवष मझ कब स पयास लगी ई ी मरा गला सख गया ह कनत आपन मझ अब

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तक पानी नह दया कहा ह पानी ldquo य साकात नाराय क आवाज सन नारदजी को होश आया और भगवान क चर म पड़कर ागड़ागड़ान लग यह कहत ए क rdquo ह नाराय आपन मझ अचछा सबक ासखाया ह मन आपस बहस कया कर लीआपन मझ मायाजाल का साकातकार करवा दया कमा काजए म आपको पानी नह ापला सका मरी वजह स आपका गला खब सख गया होगा ldquo यह कहत ए उनक अधारा स नाराय क पाव धल गय और भगवान न कहाrdquo दवष आप चातत ना ह आपन अधारा स मर चर धोकर ानसवार सवा कर दी मरी पयास बझ गयी ह अब आप म ह ldquo र नारदजी खशी स नाराय-नाराय कहत ए ानकल गय

घाट का पतर

(बषव बहरा अाधकारी सवकक)

माता-ापता और जनम भाम को छोड़ कर हम सब बन गए ह घाट का पतर धनय ह वह महापष ाजसन हम साापत कया म उस महापष क ावषय म व रन नह कर सकता शायद म अात पाप क कार पतर बन गया लोकन म आशा करता क भावषय म मरा भागय बदल जाएगा चक म लोग क मन स सवा करता इसका ल हमको भगवान अवशय दग लोग का सवा करत ndashकरत मरा आकार भी बदल गया परनत सवा करत ndashकरत मरा नाम रोशन हो रहा ह बालक हम सता का अनभव हो रहा ह मर कमर क चलत मरा भागय बदल रहा ह म हमशा जलम रहता और पीठ पर ातदन मार झलत रहता शायद ही ऐसा पीड़ा इस ससार म कसी को ामलती होगी मरा सानानतर भी नह ह म कई महापष को दखता आया कतन महाराय न ा तयाग दय लकन तबस म यहा अकला पड़ा म हर मौसम क मार झल रहा ब-बढ़ क सवा करत-करत मन कछ पणय कमा ालए ह और आशा करता क मझ को भावषय म मानव जनम ामल सकता ह मानव जनम ामलन स म आपका भजन-करन कगा

ऐस दखतndashदखत कई यग क बाद हमको मानव जनम ा आ मानव जनम म अगर इस धराष म दखा क यहा ऊच-नीच जात-पात नीात-ानयम ावदन पाचार अनयाय ndashअतयाचार चमर-अचमर का ताडव नतय चल रहा ह दखकर मर मन म परवतरन आ गया क भ मझको मरा ापछला जनम वापस द दीाजए

पतर जनम म रह कर मरा कोई-कोई साी अचछ कमर क चलत मदर म सान ा कर ालया ह कोई-कोई तो ठाकर बन गय लोग-ातदन उनक पजा करत ह

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हम लोग म स कोई-कोई सामाजक कायर म सहयोग दान करत ह कोई गह-ानमार म सहयोग द रह ह तो कोई मदर-ानमार म सहयोग द रह ह कोई तो सीधा मत बन गय इसीालए उनक मन म घमणड आ गया अहलया न पतर होन क नात भगवान का दशरन पा ालया इसालए पतर जनम होन क चलत उनक मन म का अह भाव आ गया

हमार अनदर ावाभ प भी ह याः लोहा पतर चना पतर सगममरर काला पतर (नाइट सटोन) मलायम पतर (soft stone) इतयाद लोहा पतर जो दश क ानमार म काम आता ह चना पत जो ासमट ानमार क काम म आता ह सगममरर घर और मदर का शर (flooring) म काम आता ह काला पत घर का शर और आला बनान म काम आता ह मलायम पतर ाशलप कला क ावकास म योगदान दत ह पतर जनम होकर भी म का गवर महसस करता मरी भगवान स अानतम ावनती य ह क आप मझ अानतम समय म दशरन दन को कपा कर

न हमको पतर जनम चााहए न हमको मानव जनम चााहए हमको तो ास र इस भव सागर स पार होना चााहए

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जयादा लोभ न करना (पाडव कानटया सहायक सवकक)

मनषय भगवान क साप ह इसालए वह भगवान का अश ह जब तक वो मा क गभर म ा तक तक वह मोह-माया स वाचत ा एव हमशा भगवान क समीप ा लकन जब वो पथवी पर अवती र आ उसको मोह-माया न घर ालया पाच साल तक वो ईरीय सा म रहता ह इसालए कहा जाता ह क ldquoCHILD IS THE INCARNATION OF GODrdquo इसक बाद मोह-माया म आकषत हो कर ईरीय सा को भल जाता ह बचपन म वो बत आजा और मोह-माया राहत और चरषवान रहता ह जब समय बढ़ता जाता ह तब उसक समसत उम ग धवस होकर गलत मागर पर चला जाता ह

बचपन म ावा ाशका जवानी म ी दीका एव पारवारक ाचनता म म होकर वह समसत मौालक सा को खो दता ह सबा नप होकर सबा म आ जाता ह दव का नप होकर राकस वा जारवत होता ह एव परवारक जगल म सकर भगवान का नाम लना भल जाता ह अपना परवार का भर पोष क ालए कठन परम करता ह लकन उनका पट भरता नह ह ईर क सा को भल जाता ह और अनत म पशकतव को ा होता ह शरीर रोगसत हो जाता ह दाप शा की हो जाती ह चलन ndashरन म असमर रहता ह रात को नद नह आती ह र भी लोभ को छोड़ नह पाता ह अपन बीवी-ब ता परवार क बार म सदा सोचन लगता ह शरीर वावसा को ा होता ह परवार क कोई भी सदसय पछत नह ह

परवार क लोग उसको ढग स खाना भी नह दत ह उसको घर स दर रखत ह र भी यह अधम मनषय भगवान क बार म सोचता नह ह लोभ का अनत नह होता ह पाप का बोझ बढ़त जाता ह अनत म नरक को ा होता ह र भी मनषय भगवान को समझ नह पाता ह परवार क ालए इतना बड़ी ददरशा झलता ह उनको कोई भी नह पछता ह उसक ारा जमा क गई पजी को परवार वाल उनक सामन मौज करत ह

लोभ मनषय को अनधा बना दता ह आदमी क हतया करत ह लोभ क वशीभत होकर दसर क समपात को लटत ह ाजसस समाज म पाचार बढ़ता ह इसालए ह मानव तम कय लोभ करत हो लोभ नह करक भगवान का समर करो हर कतरन करो तप जप करो और सवगर क अाधकारी बनो उम कमर करक भगवान क शरागत हो जाओ भगवान तमहार समसत सख-दख का भार वाहन करग

सवरधमारनपरतयजय मामक शर ज अह तवा सवरपापभयो मोकायषयााम मा शच

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इसालए अचछा कमर करक पणय कमाना ह हमशा धमर क जय और पाप का कय होता ह धमर-कमर करक ावजय ा होगी लकन अधमर म जाकर नरक गामी नह होना

एकदा अनधा राजा धतरा सजय को पछा क ldquoह सजय इस धमर य म कसक जय होगी उर म सजय बोल क ldquoयष योगर कषो यष पा धनधरर तष ी ावजयो भात वा नीातमरातमरम ldquo अारत जहा योगर कष एव धनधाररी अजरन एक सा ह वहा ावजय ानात ह

इसालए दखा गया क हमशा धमर क जय और अधमर क पराजय होती ह धमर सवचछ ानमरल लकन अधमर कदाकार कात ह इसालए लोभ-लालच म वशीभत न होकर सत

कमर करो अनयाय का परतयाग करो लोभ मत करो जीवन म कप करक जो धन कमा ालया वो सब इस धरती म रह जाता ह अानतम क म सा कोई नह ल जाता इसालए अनधर म भटक नह जाना इसालए कहा गया ह क-अात लालच नह करना अात सवरष गहतम अारत अात सवरनाश का कार ह

अात दप हता लका

अात मानसय कौरवा अातदारन बाल वध अात सवरष गहतम

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टटा वक का अाभमान (चरदास नाराय गडम सवक सहायक)

वन म खड़ एक वक क सा ालपटी एक लता भी धीर-धीर वक क बराबर हो गई वक का आय

लकर उसन भी लना ndashलना आरभ कर दया बल को लत ndash लत दखकर वक को अहकार हो गया क म न होता तो लता अासततव हीन होती वह लता को धमकात ए बोला ओ बल चपचाप मरा कहना माना कर म जो कह रहा वह कया कर नह तो ध मार कर भगा दगा पड़ का लाप जारी ा क दो पाक वहा स ानकल एक बोला अर भाई जरा दखो तो यह वक कसा सदर ह इस पर कसी सदर लता पाषपत हो रही ह आओ इसक नीच ोड़ी दर ावाम कर अपना महतव लता क सा ह यह जानकर वक का अाभमान भी नप हो गया सा ndash सा रहन स ही सबक गात होती ह

बटी (डी राव बाब पटल ाचषक ड-II)

बटी घर क लाज होती ह पापा क सर का ताज होती ह दल क सदा स रही ह इचछा बटी तझको ह पाना आई हो मर जीवन म जस एक ननही कावता राह दखता म तरी जलदी स मर पास आना मा क गोद म सदा रहती हो कछ पल मर पास भी आना न चाहत ह अब धन दौलत क त ही लमी त ही मरी मत भी डर लगता ह सोचक जब एक दन छोड़ क जाएगी त कतना मझ लायगी त बटी होती ह बाबल क लाड़ली

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यह ाज़नदगी (सययद इदरीस पटल ाचषक ड ndashII)

बठ जाता ह ामी प अकसर कय क मझ अपनी औकात अचछी लगती ह

मन समनदर स सीखा ह जीन का सलीका चपचाप स बहना और अपनी मौज म रहना चाहता तो ह क य दानया बदल द पर दो व क रोटी क जगाड़ म सरत नह ामलती दोसत महगी स महगी घड़ी पहन कर दख ली व र भी मर ाहसाब स नह चलता य ही हम दल को सा रखा करत पता नह ा क कमत चहर क होती ह अगर खदा नह ह तो उसका ाज कय और अगर खदा ह तो र कय

lsquorsquoदो बात इसान को अपन स दर कर दती ह एक उसका ldquoअहम rdquo और दसरा उसका ldquo वहमrdquo पस स सख कभी खरीदा नह जाता और दख का कोई खरीदार नह होता मझ ाज़नदगी का इतना तजबार तो नह पर सना ह सादगी म लोग जीन नह दत मााचस क जरत यहा नह पड़ती यहा आदमी आदमी स जलता ह ाव क बड़ स बड़ वजाानक यह ढढ रह ह क मगल ह पर जीवन ह या नह पर आदमी यह नह ढढ रहा ह क जीवन म मगल ह या नह

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जीवन म न जान कौनसी बात ldquoआखरी rdquo होगी न जान कौन सी रात आखरी होगी ामलत जलत बात करत रहो यार एक दसर स न जान कौन सी ldquo मलाकात rdquo आखरी होगी अगर जदगी म कछ पाना ह तो तरीक बदलो इराद नह ऐ चाद त कस मज़हब का ह ईद भी तरी और करवाचौ भी तरा

उगालय क लड़ाई

(शख महबब पीरा पटल ाचषक)

एक दन हा क सभी उगालया आपस म लड़न लग अगठा बोला म सबस बड़ा सभी जगह जरी कागज पर मझस ही ानशान बनाया जाता ह तजरनी बोली-ldquoम बड़ी मर होन स ही सब लोग काम कर पात ह जस-ालखना खाना पकड़ना मधयमा बोली-ldquoअर भई कया तम नह जानत जो आकार म लबा होता ह उस ही सभी बड़ा कहत ह अनाामका सब बात चपचाप सन रही ी वह तरत बोली ndashldquo म सबस बड़ी म तो पजा करन क भी काम आती मर स ही रोलीातलक लगाया जाता ह कानाका सभी को लड़ता दखकर उदास ी वह चपचाप एक कोन म कछ सोच रही ी तभी अगठा व तीन उगालया उसक पास गई और बोली- ldquoअर छोटी तम तो बड़ी हो ही नह सकती कयक तमहारा नाम ही कानाका ह कानाका बोली ldquoसनो अगठ भाई और पयारी उगालय आपस म लड़कर कभी कसी का भला नह हो सकता हमम कोई भी बड़ा-छोटा नह ह हम सब ामलकर मी बन सकत ह तभी हम सब बलवान हग कया तमह नह मालम क बद मी म ही ताकत होती ह इसालए हमारा लड़ना बकार ह rdquo कानाका क बात सनकर सभी एक सा बोल- ldquoहा छोटी बहन तम ाबलकल सही कह रही हो सचमच अकल म तम ही हम सबस बड़ी हो rdquo

इस नीात का स एकता म बल क ाशका ा होती ह

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तलगाना- भारत का एक और नया राजय (शलबाला खडरी मानाचषकार)

तलगाना भारत क दाकी भाग म ासत भारत का 29 वा राजय ह कषल क दाप स यह दश का

बीसवा बड़ा राजय ह ाचीन हदराबाद रयासत का अाधकतम भाग तलगाना राजय म ालया गया ह जहा आजादी स पहल ानजाम का राजय ा सन 1947 म जब भारत अज क चगल स आजाद आ उसक बाद भी हदराबाद का ानजाम अपनी रयासत सय भारत म ावलीन करन क पक म नह ा वह अपनी रयासत पर अपना ही सवतष शासन चाहता ा अतत सरदार बललभ भाई पटल क अक यास स इस रयासत को भारत क मखय धारा म ावलीन कया जा सका इस कार आन दश राजय क सापना ई और 26 जनवरी 1950 को ी एमक वललोड़ी आन दश राजय क म मखयमषी ानय ए 1956 म हदराबाद रयासत को आन दश राजय म ावलीन कर दया गया

2 जन 2014 म पनः तलगाना राजय अासततव म आया आन दश राजय क उर पामी 10 ाजल को ामलाकर तलगाना राजय क सापना क गयी ह राजधानी हदराबाद भी तलगाना राजय म ासत ह परनत 10 वष तक हदराबाद दोन राजय याान आन दश और तलगाना राजय क सय राजधानी रहगी दोन राजय क शासानक कायर हदराबाद स सचाालत हग तलगाना शबद का ादभारव ाषलगा दश शबद स आ ह ाजसका अर ह तीन लगो वाला दश तलगाना राजय क तीन दशा म कालरम ीशलम और ाकारामम ास ाशव मानदर ासत ह ाजनक अपार धामक महा ह वासतव म पक तलगाना राजय क ालए 1946 स 1951 क बीच ही ारमभ हो गया ा उस समय कमयानसट पाट न इस आनदोलन का नततव कया ा जो असल रहा भाषा क आधार पर तलगाना और आन राजय को पक करन क ालए अनक आनदोलन समय-समय पर होत रह ह इनम मखय आनदोलन 19691972 और 2009 क ह इन आनदोलन का यह भाव आ क 9 दसमबर 2009 म भारत सरकार न पक तलगाना राजय बनान क कायरवाही श कर दी य घोषा सनत ही तटीय आन व सीमान कष क लोग न सम आन दश क पक म आामक आनदोलन ारमभ कर दया और ऐसी ासात म भारत सरकार न यह कायर 23 दसमबर 2009 तक सागत कर दया इसक पात भी लगातार पक तलगाना और सम आन दश क ालए अलग-अलग आनदोलन चलत रह पक तलगाना क पक म कई आतम - हतयाए ई हड़ताल क गयी ाजसस जन साधार को बत असावधा का सामना करना पड़ा अतत पक तलगाना समरक क जीत ई और कास कायरकारी सामात न सवर सहमात स 30 जलाई 2013 को पक तलगाना राजय क ासारश करत ए ाबल तयार कर दया अनक सोपान पार करत ए यह ाबल रवरी 2014 को ससद म पारत कया गया रवरी 2014 दश पनगठरन एकट क तहत यह ाबल ससद म पास हो गया इसक पात इस नय राजय तलगाना ाबल को रापात ारा सहमात ा ई और माचर 2014 क गजट म इस कााशत कया गया इस कार नय तलगाना राजय क सापना ई

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ाशासकय प स तलगाना राजय क सापना 2 जन 2014 को ई क चन शखर राव क पाट ldquoतलगाना रा सामातrdquo न चनाव म दश म बमत हाासल कया और इस कार ी कचन शखर राव तलगाना राजय क म मखय मषी चन गए

म महगाई (डॉ नीलम कमार ाबड़ला अाभलखपाल)

म महगाई महग दशभ लोग क आमष पर भारत आई तज गात लान गात म भारत आई मझ गलत मत समझो गरीब बत ठीक बमत दकर तमन ाजनको बत उठाया म तो उनह क तीक भौातक वादी यग म योग ासखाती म भख पट न सोए कोई कडालनी जगाती म धयान प म च मारकर मन जय ऊपर चढ़त-चढ़त र तक आ जाता ह भाव वसत क वस ही र तक ल आई

अब इस यग म एक तल क पीप को पा लन का अर को पा लना ह भ दशरन क झलक दखना एक टमाटर खा लना ह भारत का आदशर तयाग ह अनासा ह अपरह ह मझको पाकर लोग वसतए तयाग रह ह अपनी खद क कार छोड़ बस क पीछ भाग रह ह म लोग को तड़क भड़क स खच

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सादगी ासखाती टरीलीन क शौकन को ला पहनाती माया जीवन का बधन ह पया पसा मल हा का म वतन भोगी लोग क बधन दो दन म हर लती शी छड़ाकर मल हा का शीश सा ानमरल कर दती

नीात ालखन वाल न कम खाना या गम खाना अचछा बतलाया मन उनका कन ानभाया ाजतनी चीज महगी हगी उतना ही जन कम खाएग ाजस दन रोटी नह ामलगी उस दन खद ही कम खाएग

शकल पक क चाद सरीखी बढ़ती म खब चादनी लाऊगी अभी दज तक ही आई परमासी तक जाऊगी

करो कलपना जब भारत जन कतन सदर दखा करग ग चावल चना बाजरा जब पाड़य म ाबका करग बीमार को दध दहीघी क इजकशन लगा करग कसा मधर जागर होगा लोग भख स जगा करग

आतक हमला

(डॉ नीलम कमार ाबड़ला अाभलखपाल) 13 दसबर 2001 ससद प पाक आतक हमला 13 रवरी 2014 ससद म भारतीय आतक हमला

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शमरसार ई ससद पच ाड़ गए नयी तहजीब क झड गाड़ गए

उड़ाया गया काली ामचर का पाउडर सपीकर का नह सना आडरर आख जलन लग सास लन लगी ससद पर नगी तलवार झलन लगी

घायल आ जातष और सावधान मदर क पजारय न कया मदर का अपमान ऐस आतकय को सबक ासखाना होगा र नया इातहास बनाना होगा

बाल-म (वाइकराकश कमार खलासी)

बालपन क कलकारी धप क ताप स आ मक पोी छोड़ी कदाल खोदत हा क मार अचक कचड़ आधी म म करना आ मजबरी गरीबी क पराकाा पट और पीठ क घटती दरी कछ धनहीनता और कछ माता-ापता क मखरता कनत सबस जयादा सवा समाज क सवदनहीनता ाजसन बालक को ामक बनन को बाधय कया लखनी को छीनकर कोमल हा म छडी पकड़ायी

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गाय-बकरी क सवा करता बालय-जीवन कप अपन भावषय को दर करता अजान और अबझ ावोपाजरन क कसको ह सरत ासात तो ऐसी ई दो दान अ क ालय बालपन चोर बनन को आतर आ

दोसती

(ाचा कडयया खलासी)

गलाब एक ल ह

एक घनट म मरझा जाता ह पर दोसती एक शा ह कभी भी जीावत रहती ह

बर ठडी होती ह जो पकड़ म नह आती ह

दोसती सोन जसी ह जो कभी कोई नह खरीद सकत ह

तार क पाच अनत (END) ह चौकोन क चार अनत ह तीकोन क तीन अनत ह

एक रखा का एक अनत ह पर दोसती का कोई अनत नह ह

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मर जीवन का उशय (कमारी ाया सातव कका सपषी एम सबीता उाल)

कग नयज भारत का खतरा पाकसतान न कशमीर पर हमला कया ह कछ दन बाद helliphellip कग नयज पाकसतान क ाखला भारत क रका करत ए वीर सानक

का भारी नकसान इन खबर न भारत को ाहला दया ा म भी सोच म पड़ गयी क म भारत क ालए कया कर सकता भारत को इन हमल स कस बचा सकता मर मन म ास र एक ही खयाल आया क भारतीय सना का एक जवान ासपाही बन

जव मन यह बात अपन दोसत स कही तो उसन कहा क ासपाही बनना खतर स खाली नह ह और परवार स दर सरहद पर खतर स भर जीवन मर ालए कपद होगा लकन मन ठान ालया ा क म कछ ऐसा कगी क पर दश म मरा नाम हो ाजस दखकर मर अपन का ासर गवर स ऊचा हो जाए

मर ानय को सनकर मरी मा रोन लगी मझ लोभन दया क म ापार क मर दोसत न मझ डाकटर बनन का सझाव दया पर मन सोचा क भारत म कई डाकटर ह ापारी ह भारत को डाकटर या ापारी क नह बालक सानक क जरत ह

म भारत क ालए अपनी जान भी दन क ालए तयार मन सोचा सब अपन परवार को सराकत

रखना चाहत ह र भारत - भाम तो मरी मा ह मरी ही कय हर एक क मा ह तो हम सब का कतर बनता ह क हम इसक रका कर इसीालए मर जीवन का उशय ह क म एक ासपाही बन और भारत क सवा क

मखर ामष स समझदार शष अचछा होता ह (मासटर सनीत चौी कका सपष एम सबीता उाल)

एक दन म और मरा सबस अचछा ामष राव बठ यह सोच रह क हम परीका क ालए अभी स पढ़ाई श कर दनी चााहए या नह राव न तपाक स कहा क अभी स पढन स कोई लाभ नह होगा अगर हम परीका क एक दन पहल पढ़ग तो जयादा दमाग म रहगा तभी वहा स मरी कका का दसरा छाष रमश गजर रहा ा मझ रमश ाबलकल पसद नही ा और रमश भी मझ पसद नह करता ा बात-बात पर हम लड़ाई करत पर पढ़ाई म वह मझस बत अचछा ा उसन हमारी बात सन ली ी

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इसालए धीर सवर म मझस बोला अपन मखर ामष क बात मत सनो बस रोज मरी तरह ोड़ा-ोड़ा पढ़ो लकन मन उसक बात पर कान नह धरा एक महीन बाद परीका क दन आ पच परीका क एक दन पहल जब मन पढ़ना श कया तब पाया क पढ़न को बत ा पर समय कम ा जस -तस पढ़ कर मन परीकाए ालखी और उममीद करता रहा क म परीका म उी र हो सक कछ दन बाद परीका का पराम ानकला और वही आ ाजसका डर ा म और ामष राव अनी र हो गए दसरी ओर रमश बत अचछ अको स उी र आ उस दन मझ समझ आ गया क मखर ामष स समझदार शष अचछा होता ह

भावषय क पढ़ाई (मासटर ाशव कलया सातव कका सपष वालल कलयाी उाल)

आज जब हम पढ़ाई या सकल क बार म सोचत ह तो नजरो म एक भारी बग उठाता आ

छाष दखता ह कताब क ाबना हम सकल जान क सोच भी नह सकत कताब क सा कपयटर भी पढ़ाई का महतवपर ाहससा बन चका ह

कछ साल बाद भारी कताब स भर बग क बदल छाष क हा म टबलट होगा आकाश टबलट एक ऐसा यष ह ाजसम हम तरह-तरह क कताब पढ़ सकत ह हम कका म ही नट स जानकारी पा सकत ह टबलट ोन स बड़ा ह और जयादा महगा भी नह हम इस कह भी ल जाकर इसम कताब पढ़ सकत ह हम इसम कका का दया गया कायर भी कर सकत ह यह टबलट पढ़ाई का अदाज बदल दगा और पढ़ाई को मजदार बना दगा

पानी और धप (कमारी एस साानया पाचवी कका सपषी राजया बगम अाल)

अभी-अभी ी धप बरसन लगा कहा स यह पानी कसन ोड़ बादल को क ह इतनी शतानी

सरज न कय बद कर ालया अपन घर का दरवाज़ा उसक मा न भी कया उसको बला ालया कहकर आजा

43

ज़ोर-ज़ोर स गरज़ रह ह बादल ह कसक काका कसको डाट रह ह कसन कहना नह सना मा का

परीका (कमारी शख राजया सलताना गयारहव कका सपषी शख महबब पीरा पटल ाचषक)

ाजस नाम को सनन स कापता ह बा वो ह परीका परीका पपर हा म आत ही इतना डर लगता क यद अचछा नह कया तो ापटना पा तीन घट म लगभग करन होत ह चालीस सवाल एक भी छटा तो घर म आता ह भवडर रजलट क एक दन पहल रात को नद नह आती ह अचछ नबर पान क ालए भगवान क याद आती ह पास होन पर ामलता ह इनाम और मख स ानकलता ह ldquoकय भगवान rdquo र आती ह अगली कका तब भी मख स ानकलता ह हाय र आ गयी र स परीका

44

राीय साकरता (मासटर शख समीर छठी कका सपष शख महबब पीरा पटल ाचषक)

ातदन सीखो अकर एक

ानयम बना लो ऐसा पढ़ो पढ़ाओ सीखो जान

तभी बनगा दश महान ावा सा जान कराती

मन का अधरा दर भगाती जहा पर बनत लोग जानी

वहा न होती मन क हाान अनपढ़ क ालए गगी पोी

धन दौलत भी होती ोी पढ़ा ालखा नह धोखा खाता

जहा भी जाता आदर पाता

मा (मासटर शख महबब बाशा आठव कका सपष शख महबब पीरा पटल ाचषक)

सबस सनदर जग म कौन बस एक त ह मा

सबस पयारी कसक मसकान बस एक तरी ही ह मा

कसन बनायी मरी पहचान तन ही तो मरी पयारी मा

कसक बोली ामी स मीठी तरी ही ह मरी मा

कसक डाट ह इमली स तीखी तरी ही तो पयारी मा

कसक ालए क म सब कबारन तर ालए मरी पयारी मा

45

ाततली (कमारी एम राशका ाशवानी पाचवी कका सपषी एम लम कमार उाल)

ाततली तम कतनी

रग-ाबरगी होती हो तम सब ल का रस पी-पीकर

बाग-बगीच म रती रहती हो तर पख कई रग क होत ह

तमहार प को दखकर ब बत खश होत ह

मरी कका

(कमारी एम राशका ाशवानी पाचवी कका सपषी एम लम कमार उाल)

मरी कका म ह पचास ब हर एक ह अलग-अलग जस एक ह लबा एक ह छोटा एक ह मोटा एक ह पतला कछ ह अचछ कछ ह बर पर लगत ह सार पयार मरी कका ह रग- ाबरगी लगती ह ाततालय का झड ह

मझ बत पसद ह कयक यह हमारी कका ह

Page 14: कलाकल - Home: Survey of · PDF fileतेलंगाना-भारत का एक ... भी यह पि का ‘कलाकल‘ सुनदर प म िनखर

7

ाशक कोसर

आ दश भ साानक आकड़ा कन स ानालाखत अाधकारय को भारतीय सवक ससान म ावाभ कोस म ाशक दलवाया गया

म स अाधकारी का नाम(ीीमती) कोसर सखया ावषय

1 मोअजीममीन 49521 सवक अाभयााषक का मल ासानत

2 एन अानल कमार कय 5 भाम सचना का अाभकलप एव कायारनवयन

3 मोहममद अली शख 40092(ए) सवक पयरवकक

4 एस राव 40092(ए) सवक पयरवकक

5 अामत समर 40092 सवक पयरवकक

6 एलवीएम नायड 40092(बी) सवक पयरवकक

7 वी गोपाल राव 40092(बी) सवक पयरवकक

8 बी गोपाल राव 40092(बी) सवक पयरवकक

9 पी रावकर ातकोर भ-साानक ावजान

10 कोा ीानवास ातकोर भ-साानक ावजान

1 कनरल एस ीधर राव ानदशक न बगल ासत दाकी कष कायारलय म 21012014 स 23012014

आइसीजड़एम परयोजना स सबाधत ानदशक क सममलन म ाहससा ालया

सममलन ाशक

2 कनरल एस ीधर राव ानदशक न नई दलली ासत सव (हवाई) एव दलली भ साानक आकड़ा कन ानदशालय म राीय शहरी सचना ाली (NUIS) स सबाधत पनरीक बठक म ाहससा ालया 3 ी कक गा अधीकक सवकक एनएसडीआई क ालए ओरकल सपाशयल का ाशक ा कया |

ाशकता

आ ावावालय इजीानयरग कॉलज(ए) ावशाखपनम क 12 ावाय को 12-05-2014 स 06-06-2014 तक ाजयोडसी अकय ोटोाामात सलाकात सदर सवदन तलक अकय मानाचष एव भौगोालक सचना पात आद ावषय पर जानकारी दी गयी

8

वषर 2013-14 क ालए मानदय स परसकत कमरचारय क सची

म स नाम ीीमती कमारी पदनाम 1 पी म कमार अाधकारी सवकक 2 पीककर अाधकारी सवकक 3 एलकरासी अाधकारी सवकक 4 ए भाचारजी अाधकारी सवकक 5 एन अानल कमार सवकक 6 ीनीवास राव यादागर सवकक

7 क ओमकार सवामी सवकक

8 सागरका पताल सवकक

9 एमएस आर मत सवकक

10 एस बी चधर राव सवकक

11 अशाख अहमद सवकक

12 डी वकटा ीहरी सवकक

13 डीआरएस स कमार सवकक सहायक 14 सी एच गडम मानाचषकार ड II 15 ावजय सनीता गोप मानाचषकार ड II 16 पीक ातभा सहायक 17 ज कनक लमी मानाचषकार ड III

18 शलबाला खडरी मानाचषकार ड III

19 ए शलश वर ी ालापक 20 एम बगारी नायड वर ी ालापक

21 चपाल वर ी ालापक

22 एमलम कमार वर ी ालापक

23 एन वलली कलयाी वर ी ालापक

24 बीनागरम अवर ी ालापक

25 पठान इमाम कासीम अवर ी ालापक

26 एमअपपल राज एम टी डी 27 सययद जहागीर अली एम टी डी

28 शयामल दास एम टी डी

9

म स नाम ीीमती कमारी पदनाम 29 सी नारायना खलासी 30 महन कमार खलासी 31 एमओबयया खलासी 32 सी वीचलमयया खलासी 33 कालर खलासी 34 जी जया खलासी 35 क अपपा राव खलासी 36 पी काशम खलासी 37 क ईरयया खलासी

पदोत कमरचारय क सची

म स नाम पदनाम पदोात क

ाता ाजस पद पर पदोत ए

1 डीरघ रामल मानाचषकार ाडावजन -I 11-10-2013 मखय मानाचषकार

2 मो अजीमीन सवकक 06122013 अाधकारी सवकक

3 एम परमर राव सहायक 29112013 कायारलय अधीकक

4 जीशीला रानी मानाचषकार ाडावजन -II 23062014 मानाचषकार ाडावजन ndashI

5 एम वासदव वर ी ालापक 06052014 सहायक

सायीकर ा कमरचारय क सची

म स नाम पदनाम सायीकर क ाता

1 एमावजय कमार पटल ाचषकार ड़ -III 01012013

2 आर ीनीवास राव अवर ी ालापक 01012013

10

म स नाम पदनाम सायीकर क ाता

3 पी ामालनद कमार खलासी 01012013

4 गनकली पदममा खलासी 01012013

5 वाइ मानीकयममा खलासी 01012014

6 बी सवामी( अनसाचत जन जाात) खलासी 01012014

7 बी शाता ( अनसाचत जन जाात) खलासी 01012014

11

सानातर पर तनात कमरचारय क सची

म स

नाम ी ीमती

पदनाम सानातर क ाता

सानातर

स को

1 डीरघ रामल

मानाचषकार 11102013 भौ सप एव स स ानदशालय

आ भसा आ क हदराबाद

2 मो अजीमीन सवकक 06112013

(पवारहन)

भारतीय ाशक एव मानाचष ससान हदराबाद

आ भसा आ क हदराबाद

3 सतयभामा नायक सापना एव लखा अाधकारी

10012014 (पवारहन)

पब एव ास भसा आ क कोलकाता

आ भसा आ क हदराबाद

4 एनबी सरी अधीकक सवकक 22012014 मएव गोवा ानदशालय पन

आ भसा आ क हदराबाद

5 एस महबब दादार 17022014

(अपराहन)

मएव गोवा ानदशालय हदराबाद सकनध

आ भसा आ क हदराबाद

6 टीकष कमार अाधकारी सवकक 19032014

(अपराहन)

भारतीय ाशक एव मानाचष ससान हदराबाद

आ भसा आ क हदराबाद

7 एसराव टीटीटी lsquoएrsquo 17042014 पवारहन

भारतीय ाशक एव मानाचष ससान हदराबाद

आ भसा आ क हदराबाद

8 अामत कमार टीटीटी lsquoएrsquo 06052014 पवारहन

भारतीय ाशक एव मानाचष ससान हदराबाद

आ भसा आ क हदराबाद

9 बीराजन बाब सहायक 09062014 पवारहन

दाकी म वगर आ भसा आ क हदराबाद

10 जी शीला रानी मानाचषकार ाड-I 23062014 पवारहन

भौ सप एव स स ानदशालय हदराबाद

आ भसा आ क हदराबाद

12

सानातरत कमरचारय क सची

म स

नाम ीीमती

कमारी पदनाम सानातर क

ाता सानातर

स को

1 बीसीसा अाधकारी सवकक 16082013

आ भसा आ क हदराबाद

भा स एव स हदराबाद

2 एमएम मोहानत

अाधकारी सवकक 26082013

आ भसा आ क हदराबाद

ओड़ीशा भसा आ क भवनर

3 पीयादयया सवकक 11122013

(अपराहन) आ भसा आ क हदराबाद

क भसा आ क बगल

4 सनीता कालरा आशालापक

28042014

(अपराहन) आ भसा आ क हदराबाद

ानदशक सवक (हवाई) दलली भसा आ क नई दलली

5 शभा वी नायर

कायारलय अधीकक

07052014

(अपराहन) आ भसा आ क हदराबाद

भा स एव स हदराबाद हदराबाद

6 कवी चारी सहायक 06062014

(अपराहन) आ भसा आ क हदराबाद

दाकी म वगर

13

सवा ानवसवाचछक सवा ानव ए कमरचारय क सची

म स नाम पदनाम सवा ानवा क ाता टपपी

1 पीडीकमार अाधकारी सवकक 30092013 सवा ानव

2 एस कासम दादार 30092013 सवा ानव

3 भलनराम खलासी 15102013 (पवारहन) सवाचछक सवा नव 4 जी लाजर पटल ाचषकार ड़- II 31102013 सवा ानव 5 बीसीलममा खलासी 31102013 सवा ानव 6 पीदवदास मानाचष मॉउटर 30112013 सवा ानव

7 तनगटला राधा कषा भडार सहायक 31122013 सवा ानव

8 टीवकटयया दादार 31122013 सवा ानव 9 जी चयया माली 31122013 सवा ानव

10 पीसीबोरोल अाधकारी सवकक 28022014 सवा ानव 11 डीरघ रामल मखय मानाचषकार 28022014 सवा ानव 12 बी नासरयया खलासी 28022014 सवा ानव 13 बी ीपाल दादार 31032014 सवा ानव

14 क दानम खलासी 30042014 सवा ानव

15 कषा सरकार अाभलखपाल ाडI 31052014 सवा ानव

16 कपललयया पटल ाचषकार ड़ II 31-05-2014 सवा ानव

17 सीकडयया जमादार 31052014 सवा ानव

18 एमवकटवरल दफतरी 30062014 सवा ानव

19 पीअजरना खलासी 30062014 सवा ानव

20 यावर बगम खलासी 30062014 सवा ानव

21 एमाचा वकटममा

दफतरी 30062014 सवा ानव

22 एनबी सरी अधीकक सवकक 31082014 सवा ानव

14

समात शष

एसपी ईरयया खलासी

जनम ाता 01-07-59 ावभाग म भत होन क ाता 01-03-1997 स ानयामत भत सवगरवास 22-4-2014 परवार इनक परवार म पी क अलावा दो ब ह इनक आकासमक ानधन पर आ दश भ साानक आकड़ा कन क कमरचारय को गहरा आघात पचा और सभी न इनक परवार क ात सवदना क एव इनक आतमा क शाात क ालए ईर स ारना करत ए दो ामनट का मौन रखा सव ी एसपा ईरयया ाजनक आ दश भ साानक आकड़ा कन म कायररत रहत ए अल 2014 म अकाल मतय हो गयी ी उनक परवार क ततकाल मदद क ालए पर आ दश भ साानक आकड़ा कन क परवार न 25600- का ततकाल सहयोग दया

15

भडार का ाप

म स सामी भडार 1 वाटर कलर 01

2 एल ईडी मॉनीटर 15

3 कमपयटर टबल 30

4 कमपयटर कस 30

5 पलाासटक कस 236

6 एचपीाडजाइन जट टी- 1300 टर 01 आइ सी जड एम क अतगरत

7 कलर क समाटर एलए जीएस टी 42- सकनर

01 आइ सी जड एम क अतगरत

8 यपीएस क ालए 12 वोलट क बटरी 60

9 5 कपी का य पी एस 02 डी ए डबलय वी आइ सी जड एम क अतगरत

10 डलल कमपयटर 10

11 लाइका अकय लवल (डी एनए-03) 02 आइ सी जड एम क अतगरत

12 लाइका जीएनएसएस (जीपीएस दोहरी बारबारता)

02 आइ सी जड एम क अतगरत

13 3 डी ावजन कट 23 (18 आ भ सा आ क हत )

14 समसग एलसी डी मॉानटर 02

15 एचपी सकनजट 200 फलटटड- सकनर 01

16 डाट मकस टर 03

16

अनपयोजय भडार का अनपयोगी घोाषत

म स सामी मलय 1 साइबग उपकर 364574-

2 नचर आइटम 218844-

3 ोटोामीतीय उपकर 9125746-

4 कमपयटर और परधीय 4027273-

5 उपकर ( गौ सवक उपकर) 706943-

तदनसार अनपयोजय भडार क अनपयोगी हत नीलामी या क शआत हो चक ह

17

वषर 2013-14 क ालए ानाध का आबटन य

शीषर सवीकत अनदान

(हजार म )

अातर ानाध क मागाा

(हजार म )

भाकमसव ारा काटी गई (हजार

म )

इस कायारलय

ारा अभयपर

अातम बजट अक (पय

म)

य (पय म)

31-3-2014 को शष रााश (पय म)

वतन 114400 0 1400 0 113000000 112999869 131 मजदरी 500 350 0 0 850000 845802 4198 ओ टी ए 0 0 0 0 0 0 0 ाचकतसीय 2840 0 0 750 2090000 2089187 813 डी टी ई 1240 0 0 0 1240000 1239231 769 ओ ई 1409 125 94 1440000 1397157 2843 आर आरटी

240 0 0 16 224000 223875 125

ओ ईए 2 2 0 0 4000 3750 250

एसampएम 310 0 0 310000 309712 288 पी सवा 280 0 0 129 151000 149810 1190 अनदान 0 0 0 20800 20775 25

18

मनोरजन कलब का वाषकोतसव ndash 2013

आ दश भ साानक आकड़ा क ानदशालय क मनोरजन कलब का वाषकोतसव दनाक 10-01-2014 को ातः काल 1000 बज स सममलन कक म आयोाजत कया गया ाजसम मखय अाता भारत क महासवकक डॉ सव र सबबा राव उपासत ावशष अाता क प म ी एसबी शमार उप महासवकक भारतीय सवक एव मानाचष ससान उपासत ानदशक महोदय कनरल ीधर राव न सवागत भाष दया और मनोरजन कलब क साचव ी डीआरएस सन कमार न वाषक रपोटर सतत क सासकातक कायरम ारा सभी का मनोरजन कया गया मखय अाता न अपन भाष म कहा क इस ानदशालय न ी कनरल ीधर राव क नततव म बत अाधक एव सतोषजनक प स गात क ह और इस बात का भी उललख कया क व जब इस ानदशालय क ानदशक तब व य सब कायर करना चाहत परत इनह मतर प दन म कनरल ीधर राव ानदशक महोदय क महतवपर भामका रही ह ततपात एक ीात- भोज का आयोजन कया ाजसम करीब 230 लोग न भाग ालया ाजसक सभी न भर-भर शसा क

मनोरजन कलब ारा आयोाजत कए गए खल

करम

टबल टनीस

शटल

शतरज शॉट- पट धीमी साइकलग

पष सगलस माहला सगलस पष डबलस माहला डबलस

पष सगलस पष डबलस

पष सगलस माहला सगलस पष डबलस माहला डबलस

पष पष पष

19

वषर 2013 क दौरान कनीय मनोरजन कलब सपोटरस स ा इस ानदशालय क ाता एव सममान

करम

खल म परसकार ातीय परसकार ततीय परसकार

पष सगलस पी रवी कानत चनपाल शशी करन एव एलए बग

माहला सगलस शभा वी नायर पीक ातभा शलजा एव मीना

पष डबलस सययद इदरस एव सवातरयया कवी चारी एव ओ वीन कमार

---------

माहला डबलस शभा वी नायर एव अनसया पीक ातभा एव शलबाला खडरी

टबल टनीस पष सगलस पी सतीश क वीचारी ओ वीन कमार

एव अशाख अहमद पष डबलस कवीचारी एव

डी रगा राव कक गा एव पी सतीश ----------

शटल पष सगलस पी सतीश एम वी ावजय कमार कवी चारी एव पी

यादयया माहला डबलस शभा वी नायर एम सबीता मीना एव राज़या

बगम पष डबलस पी सतीश एव

एम वासदव स कमार एव ओ वीन कमार

-----------

माहला डबलस एम सबीता एव राजया बगम

शभा वी नायर एव बी एस वी वरलमी

-----------

शतरज पष जगन एकर ------------

शॉट- पट पष बी नागरम चनपाल स कमार

20

धीमी साइकलग पष डी स कमार सययद इदरस सययद मोजज़म

उ नयायलय म लाबत नयायालक मामल

लाबत मामल 04 आ दश उ नयायालय

कस क सखया 11 कनीय शासानक अाधकर हदराबाद

समा कस क सखया 06 लाबत कस क सखया 05

पनवलोकन मामल

ानालाखत अाधकारयकमरचारय क पनवलोकन मामल का ानपटारा कया जा चका ह

म स प lsquoबीrsquo राजपाषत प lsquoबीrsquo अराजपाषत प lsquoसीrsquo (पवरवत प

1 एस बाब अाधकारी सव ज डी एबनजर मानाचषकार ाडाव I नरश

2 पीक लहा मानाचषकार ाडाव I गदो राम

3 शख मीरावली मानाचषकार ाडाव I एम गररयया

4 जी सीतारामम सव सहायक पी काशम

5 वाई सबबयया सव सहायक सतयममा

6 पीएस सामबाब सव सहायक वी कषयया

7 बी ओबशयया सव सहायक

21

एम ए सी पी क मामल

ानालाखत अाधकारयकमरचारय क एमए सी पी मामल का ानपटारा कया जा चका ह

म स प lsquoबीrsquo अराजपाषत प lsquoसीrsquo (पवरवत प lsquoडीrsquo)

1 वी सयर भा मानाचषकार ाडाव I एल योहन

2 पीकलहा मानाचषकार ाडाव I सीनाराया

3 शख मीरावली मानाचषकार ाडाव I जजॉन

4 एम भवनरी मानाचषकार ाडाव I एस रामयया

5 बीएसवी वरलमी मानाचषकार ड़ II बी पललया

6 - पी काशम

7 - शख काासम पीरा

8 - एम लमी नाराया

9 - एम वकटरल

10 - जी जया

आ दश भ साानक आकड़ा कन क अाधकारय कमरचारय क ब ाजनहन शकाक ानपता दखाई ह

1 कमारी अनवषा कर सपषी डॉ पीक कर सी जी पी ए 9810 दसव कका क ीय ावालय हदराबाद

22

तलग म ावव ी नकश ( ओएस एम) क तयारी (बीएचराव अधी सव जीव अाध सव एमराकश अाध सव एसपटा री मानाचषकार)

सतावना पवर म ावाभ नकश तलग म कााशत आ करत जस आ दश राजय नकशा (1999) भारत क राजनीातक नकश आद ऐस नकश अकराक ासटक-अप (lettering stickups) साहत साइबग क परमपरागत तकनीक का उपयोग कर कााशत होत तााप कोई भी सलाकातक नकश तलग म कााशत नह ए ह परत हाल ही म ावजान एव ौोागक ावभाग न ावव ी टोपो नकश ( ओएसएम) को कषीय भाषा म उपलबध करवान क ालए एक नीात को जारी कया ह ाजसक पराम सवप आ दश भ साानक आकड़ा क न राजय क राजधानी हदराबाद को दशारत ए एक शीट को योग क आधार पर अकय माधयम स तलग म करन का काम ालया ह

ॉनट क खोज म माइोसटशन साफटवर क अनक ल डीजीएन ामट म मल डाटा बस पहल स ही उपलबध ह मल-

पाठ को बठान क ालए माइोसटशन क अनक ल एक सावधाजनक तलग ॉनट क आवशयकता ह अनक ॉनट क जाच क गई परत कछ भी माइोसटशन क अनक ल नह पाया गया कयक तलग ालाप म बत सारी माषाए अगल स लगवाए जान क कार ldquoमाषाrdquo को लगाना एक कठन कायर सााबत आ तााप वब म बत छान-बीन करन क बाद ldquoटी टी एल हमलताrdquo ॉनट को खोजा गया और माइोसटशन परवश म मल पाठ को रखन म उपयोगी पाया गया

अनवाद

ावाभ व रनातमक अाभउाया ाचनह पाद- टपपाया आद का अजी स तलग म अनवाद हत सभी ापय साधन जस क इटरनट नट पर अनवाद शबदावली आद का आय ालया गया

माइोसटशन परवश म मल पाठ को बठान क ालए कायरावाध

ॉनट याान ldquoटी टी एल हमलताrdquo वााछत सान पर लोड कया गया तलग ालाप म बत सारी माषा क अतःसाापत होन क कार एक ावाशप शबद या अकर क ालए सही माषा क चयन हत अाधक सावधानी बरतना का सानात कया गया वााछत मल ndash पाठ को मइोसाफट वडर म टकत कया गया माइोसटशन वशरन 8 ाइल म अनोटशन टकसट एडीटर क माधयम स कापी और पसट कया गया उ

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शीट क 22 टोपो स अनवादत अनोटशन को या सतयाापत कया गया अनोटशन को कनार म और उपरो शीट क नाम ाइल म रखा गया मामल ाजनको सलझाना ह -

1 ॉनट क आकार का मानककर 2 तलग ालाप म ावाभ व रनातमक अाभउया क सावधाजनक शबद का चयन 3 मल- पाठ को सगठत करना एक जटल कायर ह और समय लन वाली कायरावाध ह और पयार

माषा म षीय भाषा याान तलग क जान क जरत ह 4 जयादा सखया म सपादन मल-पाठ क सगठन क आवशयकता ह 5 तलगाना राजयतलग ावावालय क उ राजभाषा ावभाग स अनवादत ालाप को माीकर

करन क आवशयकता होगी समाा

सानीय ालाप (तलग) म ओ एस एम माक नकश क तयारी स अाधक सखया म लोग को सलाकातक नकश को आसानी स योग करन म सावधा होगी सलाकातक नकश म भाषा-ावषयक सबधी साचकारी पदार को जोड़न स ानयही भारतीय सवक ावभाग क उतपाद क चार को बढ़ावा ामलगा और बाजार म अपनी अहामयत बढ़ाएगा

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चनौती क ालए तयारी (रघना ाषपाठी अधीकक सवकक)

कसी भी ावभाग म नई चनौातय को सामना करन क ालए कमता ानमार क आवशयकता ह यद

यह नह कया जाए तो सताावत योजनाए ावल हो जाती ह कमता ानमार स पहल उसक लय एव उशय को परभााषत कया जाना आवशयक ह कयक इसक कायारनवयन क सतर म योजना और ानषपादन म का अतर हो सकता ह कमता ानमार क अनय मानक क अतगरत अनवत सावधा क रखरखाव और सभाावत ावकास भी शाामल ह कमता ानमार क कसी भी यास म ातभा क खोज को ही पहल कदम क प म ालया जाना चााहए भारतीय सवक ावभाग म सही कमता ानमार क बाद ही 110000 क पमान का सवक करन और मानाचष ाा सभव हो पाएगा आधानक अाध ौोागक म कमय क ाशक पयार नह ह लकन यह दखना ह क जो माग और सवक और मानाचष क आपत क खला स सक ातत ह जनता क ालए उपयोागता बढ़ा रही ह श म हालाक बाधाए आना बाधय ह हम यह कायर श करना और पराम क तीका करनी ह इस यास म खल अाधकार कष क ावशषज को ानयामत प स परामशर कया जाना चााहए सवक और नकश क उपयोगकतार क माग और एक बड़ परय क दाप स दखन क ालए यह महतवपर ह

यहा तक क उपयोगकतार क ालए भी ाडाजटल डटा का उपयोग सीामत ह भारतीय सवक ावभाग उपयोगकतार को ानयामत आधार पर सहायता और मलय सवधरन क ालए सलाह दकर नकश क कातज उपयोग तक का ावसतार कर सकता ह उस बात पर धयान दत ए भारतीय सवक ावभाग क सवा हत जी आई एस वजाानक को शाामल करन क आवशयकता ह यह महगा मामला होन पर भी वरीयता स भरी हम भावषय क चनौातय को परा करन क ालए तयार रहना चााहए कयक नकश क उपयोग स ावकास को तो होना ही ह

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नमक का महतव (कष कमार अाधकारी सवकक)

एक राजा क तीन बटया ी तीन बत ही सनदर सशील और ावशष ग वाली एक दन राजा न तीन राजकमारय को अलग-अलग स एक ही सवाल पछा ldquo बटी तम मझ कतना चाहती हो ldquo बड़ी राजकमारी न जवाब दया rdquo ापताजी म आपको सोन जस चाहती अारत सोन क आभष स मझ ाजतना पयार ह उतना ही पयार आप स ह ापताजी ldquo राजा बत सतप आ और दसरी राजकमारी स पछाrdquoबटी दीदी न तो जवाब द दया अब तम बताओ तम मझस कतना ह रखती हो दसरी राजकमारी बोली ldquo ापताजी म आपको हीर जसा चाहती अारत हीर क गहन स मझ ाजतना पयार ह उतनी ही पयार आप स ह ापताजी ldquo राजा तो ल न समाया सोचन लगा rdquo म बमतलब का सकोच कर रहा ा मरी बटया तो लगता ह मर बगर जी नह पाएगी ldquo अब तीसर स कया पछ र भी पछ लता र तीसरी बटी स पछाrdquo बटी तम मझ कतना चाहती हो तीसरी राजकमारी न जवाब दयाrdquo ापताजी म आपको नमक ाजतना चाहती जवाब सनत ही राजा आग-बबला हो उठा और बरी-भली सनाकर उसक कक स ानकल गया छोटी राजकमारी न कछ नह कहा बालक राजा क डाट सनकर चपचाप रह गयी रात ई राजा को सार महल क कायर ानपटान क बाद भख लगी खान क ालए उस हीर स ससात सोन क सहासन पर छोटी राजकमारी न बठाया र सोन क ाली म नाना कार क जन स य खाना परोसा और राजा को खाना श करन को कहा राजा न मह म खाना रखा तो महसस कया खाना का ह र हर जन को चखा तो पाया सब क ह र तो आग-बबला होकर अपनी रानी पर ाचललाया ldquo इस तरह क भल कस हो गयी हम कया समझ रखा ह जन दखाकर ललचाना और र खान नह दना यह बोलत ए रानी पर सोन क ाली ाजस पर जन परोस ए कन क ालए हा उठाया उठ ए हा को तीसरी राजकमारी न पकड़ ालया और पछा ldquoापताजीखाना तो बढ़या ह र कमी कया हrdquo राजा बोल ldquoनमक क ाबनाकोई खाना खाया जा सकता हrdquo राजकमारी बोली ldquoापताजीआपको तो नमक स नरत ह ना इसालए मन जन बनवात ए नमक नह डलवाया rdquo र तो राजा समझ गया क छोटी बटी न उनह सबक ासखान क ालए यह भोजन तयार करवाया ह र बोला ldquoबटी म समझ गया नमक क ाबना खाना जस सवादप नह उसी तरह तमहार पयार ाबना मरा वचरसव नह ldquo और राजकमारी को गल लगा ालया

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मायाजाल (एनबी सवामी अाधकारी सवकक)

इस जगत म कल 84 लाख जीव राशया ह और उनम मानव जनम सबस उम ह उम इसालए ह क भगवान न मानव का आधार इसालए दया ह ताक इस जनम अचछ कमर कर वह मोक क ाा कर सक मोक याान पनरजनम नह यद कमर बर ए तो र 84 लाख जीवरााशय म पदा होन क ालए वह आतमा कालच म दोबारा स जाती ह इस सपर कालच क याषा करत ए जब आतमा मानव क योान म वश करती ह तब वह भगवान स यही ारना करता रहता ह क ह भगवान मझ इस कद (याान मा का गभर) स जलदी मा दला द कयक म तमहारा धयान सही ढग स नह कर पा रहा कयक इस कद म अनक तरल पदा क सा-सा मल-मष म भी टहल रहा यह कसा नरक ह जहा आपन मझ सा रखा ह तब भगवान भी बोलत ह क ldquoत अभी बालक ाशश का प धार करन वाला ह तमन इतन वष यग म ाजतन पाप कय ह उन सबक यह चरम सीमा ह यह चरम सीमा बत ही पीड़ा दन वाली ह ाजस तमह जीतना ह लाघना ह इस चरम सीमा स मा होन क बाद तम कया करोग ldquo ाशश कहता ह ldquo भगवन आप जो कहग ldquo भगवन पछत ह कया तम अपना जीवन मरा धयान करत ए मर ालए समपर कर दोग ldquoाशश कहता हrdquo हा म समपर कर दगा आपक ालए ldquo भगवन भी जानत ह ाशश को नौ महीन गभर म रहना ही पड़गा तभी पर शरीर का ावकास होकर जब वह बाहर आएगा तो मरी सवा करगा उ नौ महीन तदनसार भगवन ाशश का वातारलाप नौ महीन चलता रहता ह ताक ाशश अपन चार ओर स मल क गध का धयान न द र जब वह बाहर ानकलता ह भगवान को धनयवाद करता ह और कहता ह ldquo म तमहारा बत ही आभारी भ अपन मझ मा दलाई अभी मझम वह ताकत नह क म तमहारा धयान करन क ासवा और कछ क मर माता ndashापता मझ सच कर जब अपन पर पर चलन क ताकत द दग तभी म तमहार ालए कछ कर पाऊगा ldquo भगवान कहत ह ldquo अर मखर त नह जानता यह जगत एक मायाजाल ह मझ पर ावास ह त मझ भल जायगा और र स कालच म पड़ जायगा ाशश कहता ह ldquo नह भगवान ऐसा नह ह भगवान मरा ावास करो म ातजा करता मरा जीवन आपक ालए ही समपर ह ldquo भगवान कहत ह ldquoदख लगा इस जगत क मायाजाल म त मरी कया का सवा करगा ldquo यह ाशश और भ का वाारलाप सनकर दवष नारद भगवान क पास पच पछन लग ldquo भ आप कस मायाजाल क बात कर रह ह ldquo भ बोल ldquo नारद म समसत जीव- रााशय का सवामी उनका कलया चाहता उनको सख भी और दख भी दता वह इसालए क मायाजाल क मोह एव अहकार म पड़कर खद को सपर मानन वाल ाी को दड न द तो र मरा समर कस करगा ldquo नारद बोल ldquo भ आपक वचन का मतलब कस

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दशा म जाता ह यह तो मझ नह पता एक तर कहत ह समसत जीवरााशय का कलया चाहता दसरी ओर कहत ह दड दता तीसरी ओर मायाजाल अर नाराय आप जब समसत जगत क सवामी ह सब आपक अधीन ही ह तो र मायाजाल शबद आपन जो योग कया ह वह आपक अधीन स बाहर कस हो गयाrdquo ानयष काजए जीवरााशया उसक चपट म नह आएगी र सब आपका गगान ही करग और सबको मोक क ाा होगी ldquo भगवान कहत ह ldquo ह दवष मर ालए समसत जीवराशी को परीका स गजरना पड़ता ह मानव जीवन ही उनम अातम परीका ह बस उसको लाघ ल म पनरजनम स मा दला दldquo नारद जी भगवान स तकर करन लग गय का दर बाद भगवान न कहा rdquo दवष आपस बहस और नह कर सकता आपस बहस कर मरा गला सख गया ह जरा एक छोट कलश या कमडल म पानी लकर आइय ताक म अपनी पयास बझा सक नारद को झटका लगा और पाताप करन लग ldquo बमतलब मन अनतरयामी स बहस कर उनको कप दया व समपर जानानद क सामन मरी हासयत कया ह पता नह आज मरी मात मारी गयी और म बमतलब बहस करन लगा भ को पयास लगी ह और वो भी मरी वजह स जलदी स उनक पयास म बझा द पानी क खोज म सार लोक का म करत ए नारदजी पथवी लोक म पच गए पथवी लोक पचकर पानी क खोज म एक कए क पास पच तो दखा क एक अतयनत सदर नारी कए स पानी ानकाल रही ह नारद न सोचा वह सनदर ी पानी भरकर चली जाए तो र म ोड़ा सा पानी भर ल नारद उस दख रह ी भी नारद जी को दख रही ी नारदजी न पछा rdquo दवी कया तम यह आसपास रहती हो ी न जवाब दया rdquo हा ldquo नारदजी र पछ rdquo दवी कया तमहारा ाववाह हो चका ह rdquo ी बोली ldquoनह ldquo नारदजी का ावचालत मन ल नह समाया और पछ ही ालया ldquo दवी यद तम अाववााहत हो और यद तमह कोई परशानी न हो तो कया तम मझस ाववाह करोगी ी सादाय औरत ी बोली ldquo मर ापता क आजा क ाबना म आपस ाववाह नह कर सकती ldquo नारदजी बोल ldquo दवी सशील नारी क यही ग होत ह यद तमह आपा न हो तो म तमहार सा चलकर तमहार माता-ापता स बात कगा और तमस ाववाह कगा ldquo यवती राजी ई और ासर एव कध म पानी स भर घड़ को ढोत ए आग चलती रही और नारदजी पीछ चलन लग सपर रासत म उस सनदर ी क ानहारत ए मन म सपन क पल बाध रह उस सनदर ी क ापता क पास जाकर अपना परचय दत ए उनक बटी स ाववाह करन का सताव रखा साकात नारद मान को अपना दामाद सवप दख उसी मतर म मगनी हो गई और एक शभ मर म ाववाह भी हो गया ाववाह क कछ दन क पात उनक ब हो गय ब बड़ भी हो गय र तो व अपन गहस आम म इतन सत हो गय क उनक मह स नाराय मष ानकलना भी बद हो गया कई वष बाद एक शाम को जोर क आधी क सा तानी बारश ई इस माहौल न इतना ावकराल प धार कर ालया ा क वातावर लय म बदल गया चार तर पानी भर गया बत सार लोग पश आद पानी म बह गय कनत कात क ावकराल प क सामन ठहरन का साहस कस ा दखत ही दखत उनका गह भी बाढ़ क चपट म आकर टट गया और पानी म बह गाया पी और ब डर स

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रोदन करन लग दखत-दखत कान पष क अलावा पी और बाक ब भी पानी म बह गए र तो नारदजी स सोचा इस कान को म कध पर ालए चलता ताक वह तो बढ़ाप म मरा सहारा बनगा कनत लय क तीता इतनी तज ी क नारदजी क नाक क ऊपर स पानी बहन लगा र तो व खद भी भल गय क बट को बचाना ह सोचन लग म कसी तरह जीावत बच जाऊ उसी सोच न उनक कान पष को भी नह बखशा कसी तरह कछ समय उपरानत लय शानत आ पानी घट गया चार तरक मनषयपश - पकी आद क लाश टट ए रासत और घर क बीच पड़ी ई ी नारद मान को बहद दख आ और ठठोर कर रोन लग गय रोत-रोत व खद क बार म सोचन लग क भगवान न उनक सा ऐसा अनयाय कय कया काश व भी मर जात तो अचछा होता तभी उस राह स ास महष गजरत ए नारदमान स परामशर करन लग नारदजी कहन लग ldquo पता नह मन कौन सा पाप कया ह क मर पर परवार का सवरनाश हो गया ह मझ कय मतय नह आई इस पर ासजी न कहा शायद तमहारा समय नह आया ह इसालय तम बच गय हो हालाक ास जानत क नारद मायाजाल म सा आ ह ldquo र इसका ानरय कौन करता ह ldquo नारद न ासजी स पछा ासजी न उर दया ldquoयह तो मतयलोक क अाधपात यमराज ही इसका उर दगrdquo र व दोन ामलकर यमराज क पास गय यमराज न आन का कार पछा तो ासजी न नारद मान क सारी दख भरी गाा सनाई और पछा क ldquoमतय न इनका आलगन कय नह कयाldquo यमराज बोल rdquoम कोई नह मरा यमदत ही इसका उर द सकता ह कयक म यमदत क ारा कसी आतमा को लान क बाद ही उसक पाप-पणय का ाहसाब दख ानधाररत सजा का ऐलान करता यद यमदत आपको लकर मर पास नह आया तो इसम मरा कया दोष ह यमदत स पछ लldquo र ासजी न उनक यमदत स वही सवाल करन पर यमदत न कहा ldquo महामान म कस कसी क शरीर स आतमा को छीनकर ल आऊ म तो यमलोक का सवक माष ाचषग जब तक आजा नह दत तब तक म कोई कायरवाही नह कर सकता आप इस का उर ाचषगजी स पछ ल ldquo र ासजी न ाचषग स वही सवाल करन पर ाचषग न कहाrdquo महामान म तो यमदत को तभी आजा दता जब उस ाी का सारा लखा - जोखा समा हो जाता ह अभी माननीय नारद जी क मतय का समय आया नह ह अभी उनका कछ कया नह जा सकता ldquo ासजी न नारद स कहाrdquo दखो नारद अभी तमहारा समय आया नह ह तभी तम जीावत हो चलो चलत ह अब ापछली घटना को भल कर आग क सोचो ldquo बस इतना ही कहना ा क ाचषग न र ासजी को बलाकर कहा rdquo ह ऋाषवर इनक कणडली म यह ालखा ह क मतय तभी इनको गल लगा सकती ह जब य एक सा आपको मझ यमराज और उनका वाहन भस का एक सा दशरन करग चक इनक ारा यह कायर पर हो चका ह अत इनका जीवन पर हो गया ह ldquo बस इतना ही ा क नारद जी को आवाज आन लगी अर दवष दवष मझ कब स पयास लगी ई ी मरा गला सख गया ह कनत आपन मझ अब

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तक पानी नह दया कहा ह पानी ldquo य साकात नाराय क आवाज सन नारदजी को होश आया और भगवान क चर म पड़कर ागड़ागड़ान लग यह कहत ए क rdquo ह नाराय आपन मझ अचछा सबक ासखाया ह मन आपस बहस कया कर लीआपन मझ मायाजाल का साकातकार करवा दया कमा काजए म आपको पानी नह ापला सका मरी वजह स आपका गला खब सख गया होगा ldquo यह कहत ए उनक अधारा स नाराय क पाव धल गय और भगवान न कहाrdquo दवष आप चातत ना ह आपन अधारा स मर चर धोकर ानसवार सवा कर दी मरी पयास बझ गयी ह अब आप म ह ldquo र नारदजी खशी स नाराय-नाराय कहत ए ानकल गय

घाट का पतर

(बषव बहरा अाधकारी सवकक)

माता-ापता और जनम भाम को छोड़ कर हम सब बन गए ह घाट का पतर धनय ह वह महापष ाजसन हम साापत कया म उस महापष क ावषय म व रन नह कर सकता शायद म अात पाप क कार पतर बन गया लोकन म आशा करता क भावषय म मरा भागय बदल जाएगा चक म लोग क मन स सवा करता इसका ल हमको भगवान अवशय दग लोग का सवा करत ndashकरत मरा आकार भी बदल गया परनत सवा करत ndashकरत मरा नाम रोशन हो रहा ह बालक हम सता का अनभव हो रहा ह मर कमर क चलत मरा भागय बदल रहा ह म हमशा जलम रहता और पीठ पर ातदन मार झलत रहता शायद ही ऐसा पीड़ा इस ससार म कसी को ामलती होगी मरा सानानतर भी नह ह म कई महापष को दखता आया कतन महाराय न ा तयाग दय लकन तबस म यहा अकला पड़ा म हर मौसम क मार झल रहा ब-बढ़ क सवा करत-करत मन कछ पणय कमा ालए ह और आशा करता क मझ को भावषय म मानव जनम ामल सकता ह मानव जनम ामलन स म आपका भजन-करन कगा

ऐस दखतndashदखत कई यग क बाद हमको मानव जनम ा आ मानव जनम म अगर इस धराष म दखा क यहा ऊच-नीच जात-पात नीात-ानयम ावदन पाचार अनयाय ndashअतयाचार चमर-अचमर का ताडव नतय चल रहा ह दखकर मर मन म परवतरन आ गया क भ मझको मरा ापछला जनम वापस द दीाजए

पतर जनम म रह कर मरा कोई-कोई साी अचछ कमर क चलत मदर म सान ा कर ालया ह कोई-कोई तो ठाकर बन गय लोग-ातदन उनक पजा करत ह

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हम लोग म स कोई-कोई सामाजक कायर म सहयोग दान करत ह कोई गह-ानमार म सहयोग द रह ह तो कोई मदर-ानमार म सहयोग द रह ह कोई तो सीधा मत बन गय इसीालए उनक मन म घमणड आ गया अहलया न पतर होन क नात भगवान का दशरन पा ालया इसालए पतर जनम होन क चलत उनक मन म का अह भाव आ गया

हमार अनदर ावाभ प भी ह याः लोहा पतर चना पतर सगममरर काला पतर (नाइट सटोन) मलायम पतर (soft stone) इतयाद लोहा पतर जो दश क ानमार म काम आता ह चना पत जो ासमट ानमार क काम म आता ह सगममरर घर और मदर का शर (flooring) म काम आता ह काला पत घर का शर और आला बनान म काम आता ह मलायम पतर ाशलप कला क ावकास म योगदान दत ह पतर जनम होकर भी म का गवर महसस करता मरी भगवान स अानतम ावनती य ह क आप मझ अानतम समय म दशरन दन को कपा कर

न हमको पतर जनम चााहए न हमको मानव जनम चााहए हमको तो ास र इस भव सागर स पार होना चााहए

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जयादा लोभ न करना (पाडव कानटया सहायक सवकक)

मनषय भगवान क साप ह इसालए वह भगवान का अश ह जब तक वो मा क गभर म ा तक तक वह मोह-माया स वाचत ा एव हमशा भगवान क समीप ा लकन जब वो पथवी पर अवती र आ उसको मोह-माया न घर ालया पाच साल तक वो ईरीय सा म रहता ह इसालए कहा जाता ह क ldquoCHILD IS THE INCARNATION OF GODrdquo इसक बाद मोह-माया म आकषत हो कर ईरीय सा को भल जाता ह बचपन म वो बत आजा और मोह-माया राहत और चरषवान रहता ह जब समय बढ़ता जाता ह तब उसक समसत उम ग धवस होकर गलत मागर पर चला जाता ह

बचपन म ावा ाशका जवानी म ी दीका एव पारवारक ाचनता म म होकर वह समसत मौालक सा को खो दता ह सबा नप होकर सबा म आ जाता ह दव का नप होकर राकस वा जारवत होता ह एव परवारक जगल म सकर भगवान का नाम लना भल जाता ह अपना परवार का भर पोष क ालए कठन परम करता ह लकन उनका पट भरता नह ह ईर क सा को भल जाता ह और अनत म पशकतव को ा होता ह शरीर रोगसत हो जाता ह दाप शा की हो जाती ह चलन ndashरन म असमर रहता ह रात को नद नह आती ह र भी लोभ को छोड़ नह पाता ह अपन बीवी-ब ता परवार क बार म सदा सोचन लगता ह शरीर वावसा को ा होता ह परवार क कोई भी सदसय पछत नह ह

परवार क लोग उसको ढग स खाना भी नह दत ह उसको घर स दर रखत ह र भी यह अधम मनषय भगवान क बार म सोचता नह ह लोभ का अनत नह होता ह पाप का बोझ बढ़त जाता ह अनत म नरक को ा होता ह र भी मनषय भगवान को समझ नह पाता ह परवार क ालए इतना बड़ी ददरशा झलता ह उनको कोई भी नह पछता ह उसक ारा जमा क गई पजी को परवार वाल उनक सामन मौज करत ह

लोभ मनषय को अनधा बना दता ह आदमी क हतया करत ह लोभ क वशीभत होकर दसर क समपात को लटत ह ाजसस समाज म पाचार बढ़ता ह इसालए ह मानव तम कय लोभ करत हो लोभ नह करक भगवान का समर करो हर कतरन करो तप जप करो और सवगर क अाधकारी बनो उम कमर करक भगवान क शरागत हो जाओ भगवान तमहार समसत सख-दख का भार वाहन करग

सवरधमारनपरतयजय मामक शर ज अह तवा सवरपापभयो मोकायषयााम मा शच

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इसालए अचछा कमर करक पणय कमाना ह हमशा धमर क जय और पाप का कय होता ह धमर-कमर करक ावजय ा होगी लकन अधमर म जाकर नरक गामी नह होना

एकदा अनधा राजा धतरा सजय को पछा क ldquoह सजय इस धमर य म कसक जय होगी उर म सजय बोल क ldquoयष योगर कषो यष पा धनधरर तष ी ावजयो भात वा नीातमरातमरम ldquo अारत जहा योगर कष एव धनधाररी अजरन एक सा ह वहा ावजय ानात ह

इसालए दखा गया क हमशा धमर क जय और अधमर क पराजय होती ह धमर सवचछ ानमरल लकन अधमर कदाकार कात ह इसालए लोभ-लालच म वशीभत न होकर सत

कमर करो अनयाय का परतयाग करो लोभ मत करो जीवन म कप करक जो धन कमा ालया वो सब इस धरती म रह जाता ह अानतम क म सा कोई नह ल जाता इसालए अनधर म भटक नह जाना इसालए कहा गया ह क-अात लालच नह करना अात सवरष गहतम अारत अात सवरनाश का कार ह

अात दप हता लका

अात मानसय कौरवा अातदारन बाल वध अात सवरष गहतम

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टटा वक का अाभमान (चरदास नाराय गडम सवक सहायक)

वन म खड़ एक वक क सा ालपटी एक लता भी धीर-धीर वक क बराबर हो गई वक का आय

लकर उसन भी लना ndashलना आरभ कर दया बल को लत ndash लत दखकर वक को अहकार हो गया क म न होता तो लता अासततव हीन होती वह लता को धमकात ए बोला ओ बल चपचाप मरा कहना माना कर म जो कह रहा वह कया कर नह तो ध मार कर भगा दगा पड़ का लाप जारी ा क दो पाक वहा स ानकल एक बोला अर भाई जरा दखो तो यह वक कसा सदर ह इस पर कसी सदर लता पाषपत हो रही ह आओ इसक नीच ोड़ी दर ावाम कर अपना महतव लता क सा ह यह जानकर वक का अाभमान भी नप हो गया सा ndash सा रहन स ही सबक गात होती ह

बटी (डी राव बाब पटल ाचषक ड-II)

बटी घर क लाज होती ह पापा क सर का ताज होती ह दल क सदा स रही ह इचछा बटी तझको ह पाना आई हो मर जीवन म जस एक ननही कावता राह दखता म तरी जलदी स मर पास आना मा क गोद म सदा रहती हो कछ पल मर पास भी आना न चाहत ह अब धन दौलत क त ही लमी त ही मरी मत भी डर लगता ह सोचक जब एक दन छोड़ क जाएगी त कतना मझ लायगी त बटी होती ह बाबल क लाड़ली

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यह ाज़नदगी (सययद इदरीस पटल ाचषक ड ndashII)

बठ जाता ह ामी प अकसर कय क मझ अपनी औकात अचछी लगती ह

मन समनदर स सीखा ह जीन का सलीका चपचाप स बहना और अपनी मौज म रहना चाहता तो ह क य दानया बदल द पर दो व क रोटी क जगाड़ म सरत नह ामलती दोसत महगी स महगी घड़ी पहन कर दख ली व र भी मर ाहसाब स नह चलता य ही हम दल को सा रखा करत पता नह ा क कमत चहर क होती ह अगर खदा नह ह तो उसका ाज कय और अगर खदा ह तो र कय

lsquorsquoदो बात इसान को अपन स दर कर दती ह एक उसका ldquoअहम rdquo और दसरा उसका ldquo वहमrdquo पस स सख कभी खरीदा नह जाता और दख का कोई खरीदार नह होता मझ ाज़नदगी का इतना तजबार तो नह पर सना ह सादगी म लोग जीन नह दत मााचस क जरत यहा नह पड़ती यहा आदमी आदमी स जलता ह ाव क बड़ स बड़ वजाानक यह ढढ रह ह क मगल ह पर जीवन ह या नह पर आदमी यह नह ढढ रहा ह क जीवन म मगल ह या नह

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जीवन म न जान कौनसी बात ldquoआखरी rdquo होगी न जान कौन सी रात आखरी होगी ामलत जलत बात करत रहो यार एक दसर स न जान कौन सी ldquo मलाकात rdquo आखरी होगी अगर जदगी म कछ पाना ह तो तरीक बदलो इराद नह ऐ चाद त कस मज़हब का ह ईद भी तरी और करवाचौ भी तरा

उगालय क लड़ाई

(शख महबब पीरा पटल ाचषक)

एक दन हा क सभी उगालया आपस म लड़न लग अगठा बोला म सबस बड़ा सभी जगह जरी कागज पर मझस ही ानशान बनाया जाता ह तजरनी बोली-ldquoम बड़ी मर होन स ही सब लोग काम कर पात ह जस-ालखना खाना पकड़ना मधयमा बोली-ldquoअर भई कया तम नह जानत जो आकार म लबा होता ह उस ही सभी बड़ा कहत ह अनाामका सब बात चपचाप सन रही ी वह तरत बोली ndashldquo म सबस बड़ी म तो पजा करन क भी काम आती मर स ही रोलीातलक लगाया जाता ह कानाका सभी को लड़ता दखकर उदास ी वह चपचाप एक कोन म कछ सोच रही ी तभी अगठा व तीन उगालया उसक पास गई और बोली- ldquoअर छोटी तम तो बड़ी हो ही नह सकती कयक तमहारा नाम ही कानाका ह कानाका बोली ldquoसनो अगठ भाई और पयारी उगालय आपस म लड़कर कभी कसी का भला नह हो सकता हमम कोई भी बड़ा-छोटा नह ह हम सब ामलकर मी बन सकत ह तभी हम सब बलवान हग कया तमह नह मालम क बद मी म ही ताकत होती ह इसालए हमारा लड़ना बकार ह rdquo कानाका क बात सनकर सभी एक सा बोल- ldquoहा छोटी बहन तम ाबलकल सही कह रही हो सचमच अकल म तम ही हम सबस बड़ी हो rdquo

इस नीात का स एकता म बल क ाशका ा होती ह

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तलगाना- भारत का एक और नया राजय (शलबाला खडरी मानाचषकार)

तलगाना भारत क दाकी भाग म ासत भारत का 29 वा राजय ह कषल क दाप स यह दश का

बीसवा बड़ा राजय ह ाचीन हदराबाद रयासत का अाधकतम भाग तलगाना राजय म ालया गया ह जहा आजादी स पहल ानजाम का राजय ा सन 1947 म जब भारत अज क चगल स आजाद आ उसक बाद भी हदराबाद का ानजाम अपनी रयासत सय भारत म ावलीन करन क पक म नह ा वह अपनी रयासत पर अपना ही सवतष शासन चाहता ा अतत सरदार बललभ भाई पटल क अक यास स इस रयासत को भारत क मखय धारा म ावलीन कया जा सका इस कार आन दश राजय क सापना ई और 26 जनवरी 1950 को ी एमक वललोड़ी आन दश राजय क म मखयमषी ानय ए 1956 म हदराबाद रयासत को आन दश राजय म ावलीन कर दया गया

2 जन 2014 म पनः तलगाना राजय अासततव म आया आन दश राजय क उर पामी 10 ाजल को ामलाकर तलगाना राजय क सापना क गयी ह राजधानी हदराबाद भी तलगाना राजय म ासत ह परनत 10 वष तक हदराबाद दोन राजय याान आन दश और तलगाना राजय क सय राजधानी रहगी दोन राजय क शासानक कायर हदराबाद स सचाालत हग तलगाना शबद का ादभारव ाषलगा दश शबद स आ ह ाजसका अर ह तीन लगो वाला दश तलगाना राजय क तीन दशा म कालरम ीशलम और ाकारामम ास ाशव मानदर ासत ह ाजनक अपार धामक महा ह वासतव म पक तलगाना राजय क ालए 1946 स 1951 क बीच ही ारमभ हो गया ा उस समय कमयानसट पाट न इस आनदोलन का नततव कया ा जो असल रहा भाषा क आधार पर तलगाना और आन राजय को पक करन क ालए अनक आनदोलन समय-समय पर होत रह ह इनम मखय आनदोलन 19691972 और 2009 क ह इन आनदोलन का यह भाव आ क 9 दसमबर 2009 म भारत सरकार न पक तलगाना राजय बनान क कायरवाही श कर दी य घोषा सनत ही तटीय आन व सीमान कष क लोग न सम आन दश क पक म आामक आनदोलन ारमभ कर दया और ऐसी ासात म भारत सरकार न यह कायर 23 दसमबर 2009 तक सागत कर दया इसक पात भी लगातार पक तलगाना और सम आन दश क ालए अलग-अलग आनदोलन चलत रह पक तलगाना क पक म कई आतम - हतयाए ई हड़ताल क गयी ाजसस जन साधार को बत असावधा का सामना करना पड़ा अतत पक तलगाना समरक क जीत ई और कास कायरकारी सामात न सवर सहमात स 30 जलाई 2013 को पक तलगाना राजय क ासारश करत ए ाबल तयार कर दया अनक सोपान पार करत ए यह ाबल रवरी 2014 को ससद म पारत कया गया रवरी 2014 दश पनगठरन एकट क तहत यह ाबल ससद म पास हो गया इसक पात इस नय राजय तलगाना ाबल को रापात ारा सहमात ा ई और माचर 2014 क गजट म इस कााशत कया गया इस कार नय तलगाना राजय क सापना ई

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ाशासकय प स तलगाना राजय क सापना 2 जन 2014 को ई क चन शखर राव क पाट ldquoतलगाना रा सामातrdquo न चनाव म दश म बमत हाासल कया और इस कार ी कचन शखर राव तलगाना राजय क म मखय मषी चन गए

म महगाई (डॉ नीलम कमार ाबड़ला अाभलखपाल)

म महगाई महग दशभ लोग क आमष पर भारत आई तज गात लान गात म भारत आई मझ गलत मत समझो गरीब बत ठीक बमत दकर तमन ाजनको बत उठाया म तो उनह क तीक भौातक वादी यग म योग ासखाती म भख पट न सोए कोई कडालनी जगाती म धयान प म च मारकर मन जय ऊपर चढ़त-चढ़त र तक आ जाता ह भाव वसत क वस ही र तक ल आई

अब इस यग म एक तल क पीप को पा लन का अर को पा लना ह भ दशरन क झलक दखना एक टमाटर खा लना ह भारत का आदशर तयाग ह अनासा ह अपरह ह मझको पाकर लोग वसतए तयाग रह ह अपनी खद क कार छोड़ बस क पीछ भाग रह ह म लोग को तड़क भड़क स खच

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सादगी ासखाती टरीलीन क शौकन को ला पहनाती माया जीवन का बधन ह पया पसा मल हा का म वतन भोगी लोग क बधन दो दन म हर लती शी छड़ाकर मल हा का शीश सा ानमरल कर दती

नीात ालखन वाल न कम खाना या गम खाना अचछा बतलाया मन उनका कन ानभाया ाजतनी चीज महगी हगी उतना ही जन कम खाएग ाजस दन रोटी नह ामलगी उस दन खद ही कम खाएग

शकल पक क चाद सरीखी बढ़ती म खब चादनी लाऊगी अभी दज तक ही आई परमासी तक जाऊगी

करो कलपना जब भारत जन कतन सदर दखा करग ग चावल चना बाजरा जब पाड़य म ाबका करग बीमार को दध दहीघी क इजकशन लगा करग कसा मधर जागर होगा लोग भख स जगा करग

आतक हमला

(डॉ नीलम कमार ाबड़ला अाभलखपाल) 13 दसबर 2001 ससद प पाक आतक हमला 13 रवरी 2014 ससद म भारतीय आतक हमला

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शमरसार ई ससद पच ाड़ गए नयी तहजीब क झड गाड़ गए

उड़ाया गया काली ामचर का पाउडर सपीकर का नह सना आडरर आख जलन लग सास लन लगी ससद पर नगी तलवार झलन लगी

घायल आ जातष और सावधान मदर क पजारय न कया मदर का अपमान ऐस आतकय को सबक ासखाना होगा र नया इातहास बनाना होगा

बाल-म (वाइकराकश कमार खलासी)

बालपन क कलकारी धप क ताप स आ मक पोी छोड़ी कदाल खोदत हा क मार अचक कचड़ आधी म म करना आ मजबरी गरीबी क पराकाा पट और पीठ क घटती दरी कछ धनहीनता और कछ माता-ापता क मखरता कनत सबस जयादा सवा समाज क सवदनहीनता ाजसन बालक को ामक बनन को बाधय कया लखनी को छीनकर कोमल हा म छडी पकड़ायी

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गाय-बकरी क सवा करता बालय-जीवन कप अपन भावषय को दर करता अजान और अबझ ावोपाजरन क कसको ह सरत ासात तो ऐसी ई दो दान अ क ालय बालपन चोर बनन को आतर आ

दोसती

(ाचा कडयया खलासी)

गलाब एक ल ह

एक घनट म मरझा जाता ह पर दोसती एक शा ह कभी भी जीावत रहती ह

बर ठडी होती ह जो पकड़ म नह आती ह

दोसती सोन जसी ह जो कभी कोई नह खरीद सकत ह

तार क पाच अनत (END) ह चौकोन क चार अनत ह तीकोन क तीन अनत ह

एक रखा का एक अनत ह पर दोसती का कोई अनत नह ह

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मर जीवन का उशय (कमारी ाया सातव कका सपषी एम सबीता उाल)

कग नयज भारत का खतरा पाकसतान न कशमीर पर हमला कया ह कछ दन बाद helliphellip कग नयज पाकसतान क ाखला भारत क रका करत ए वीर सानक

का भारी नकसान इन खबर न भारत को ाहला दया ा म भी सोच म पड़ गयी क म भारत क ालए कया कर सकता भारत को इन हमल स कस बचा सकता मर मन म ास र एक ही खयाल आया क भारतीय सना का एक जवान ासपाही बन

जव मन यह बात अपन दोसत स कही तो उसन कहा क ासपाही बनना खतर स खाली नह ह और परवार स दर सरहद पर खतर स भर जीवन मर ालए कपद होगा लकन मन ठान ालया ा क म कछ ऐसा कगी क पर दश म मरा नाम हो ाजस दखकर मर अपन का ासर गवर स ऊचा हो जाए

मर ानय को सनकर मरी मा रोन लगी मझ लोभन दया क म ापार क मर दोसत न मझ डाकटर बनन का सझाव दया पर मन सोचा क भारत म कई डाकटर ह ापारी ह भारत को डाकटर या ापारी क नह बालक सानक क जरत ह

म भारत क ालए अपनी जान भी दन क ालए तयार मन सोचा सब अपन परवार को सराकत

रखना चाहत ह र भारत - भाम तो मरी मा ह मरी ही कय हर एक क मा ह तो हम सब का कतर बनता ह क हम इसक रका कर इसीालए मर जीवन का उशय ह क म एक ासपाही बन और भारत क सवा क

मखर ामष स समझदार शष अचछा होता ह (मासटर सनीत चौी कका सपष एम सबीता उाल)

एक दन म और मरा सबस अचछा ामष राव बठ यह सोच रह क हम परीका क ालए अभी स पढ़ाई श कर दनी चााहए या नह राव न तपाक स कहा क अभी स पढन स कोई लाभ नह होगा अगर हम परीका क एक दन पहल पढ़ग तो जयादा दमाग म रहगा तभी वहा स मरी कका का दसरा छाष रमश गजर रहा ा मझ रमश ाबलकल पसद नही ा और रमश भी मझ पसद नह करता ा बात-बात पर हम लड़ाई करत पर पढ़ाई म वह मझस बत अचछा ा उसन हमारी बात सन ली ी

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इसालए धीर सवर म मझस बोला अपन मखर ामष क बात मत सनो बस रोज मरी तरह ोड़ा-ोड़ा पढ़ो लकन मन उसक बात पर कान नह धरा एक महीन बाद परीका क दन आ पच परीका क एक दन पहल जब मन पढ़ना श कया तब पाया क पढ़न को बत ा पर समय कम ा जस -तस पढ़ कर मन परीकाए ालखी और उममीद करता रहा क म परीका म उी र हो सक कछ दन बाद परीका का पराम ानकला और वही आ ाजसका डर ा म और ामष राव अनी र हो गए दसरी ओर रमश बत अचछ अको स उी र आ उस दन मझ समझ आ गया क मखर ामष स समझदार शष अचछा होता ह

भावषय क पढ़ाई (मासटर ाशव कलया सातव कका सपष वालल कलयाी उाल)

आज जब हम पढ़ाई या सकल क बार म सोचत ह तो नजरो म एक भारी बग उठाता आ

छाष दखता ह कताब क ाबना हम सकल जान क सोच भी नह सकत कताब क सा कपयटर भी पढ़ाई का महतवपर ाहससा बन चका ह

कछ साल बाद भारी कताब स भर बग क बदल छाष क हा म टबलट होगा आकाश टबलट एक ऐसा यष ह ाजसम हम तरह-तरह क कताब पढ़ सकत ह हम कका म ही नट स जानकारी पा सकत ह टबलट ोन स बड़ा ह और जयादा महगा भी नह हम इस कह भी ल जाकर इसम कताब पढ़ सकत ह हम इसम कका का दया गया कायर भी कर सकत ह यह टबलट पढ़ाई का अदाज बदल दगा और पढ़ाई को मजदार बना दगा

पानी और धप (कमारी एस साानया पाचवी कका सपषी राजया बगम अाल)

अभी-अभी ी धप बरसन लगा कहा स यह पानी कसन ोड़ बादल को क ह इतनी शतानी

सरज न कय बद कर ालया अपन घर का दरवाज़ा उसक मा न भी कया उसको बला ालया कहकर आजा

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ज़ोर-ज़ोर स गरज़ रह ह बादल ह कसक काका कसको डाट रह ह कसन कहना नह सना मा का

परीका (कमारी शख राजया सलताना गयारहव कका सपषी शख महबब पीरा पटल ाचषक)

ाजस नाम को सनन स कापता ह बा वो ह परीका परीका पपर हा म आत ही इतना डर लगता क यद अचछा नह कया तो ापटना पा तीन घट म लगभग करन होत ह चालीस सवाल एक भी छटा तो घर म आता ह भवडर रजलट क एक दन पहल रात को नद नह आती ह अचछ नबर पान क ालए भगवान क याद आती ह पास होन पर ामलता ह इनाम और मख स ानकलता ह ldquoकय भगवान rdquo र आती ह अगली कका तब भी मख स ानकलता ह हाय र आ गयी र स परीका

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राीय साकरता (मासटर शख समीर छठी कका सपष शख महबब पीरा पटल ाचषक)

ातदन सीखो अकर एक

ानयम बना लो ऐसा पढ़ो पढ़ाओ सीखो जान

तभी बनगा दश महान ावा सा जान कराती

मन का अधरा दर भगाती जहा पर बनत लोग जानी

वहा न होती मन क हाान अनपढ़ क ालए गगी पोी

धन दौलत भी होती ोी पढ़ा ालखा नह धोखा खाता

जहा भी जाता आदर पाता

मा (मासटर शख महबब बाशा आठव कका सपष शख महबब पीरा पटल ाचषक)

सबस सनदर जग म कौन बस एक त ह मा

सबस पयारी कसक मसकान बस एक तरी ही ह मा

कसन बनायी मरी पहचान तन ही तो मरी पयारी मा

कसक बोली ामी स मीठी तरी ही ह मरी मा

कसक डाट ह इमली स तीखी तरी ही तो पयारी मा

कसक ालए क म सब कबारन तर ालए मरी पयारी मा

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ाततली (कमारी एम राशका ाशवानी पाचवी कका सपषी एम लम कमार उाल)

ाततली तम कतनी

रग-ाबरगी होती हो तम सब ल का रस पी-पीकर

बाग-बगीच म रती रहती हो तर पख कई रग क होत ह

तमहार प को दखकर ब बत खश होत ह

मरी कका

(कमारी एम राशका ाशवानी पाचवी कका सपषी एम लम कमार उाल)

मरी कका म ह पचास ब हर एक ह अलग-अलग जस एक ह लबा एक ह छोटा एक ह मोटा एक ह पतला कछ ह अचछ कछ ह बर पर लगत ह सार पयार मरी कका ह रग- ाबरगी लगती ह ाततालय का झड ह

मझ बत पसद ह कयक यह हमारी कका ह

Page 15: कलाकल - Home: Survey of · PDF fileतेलंगाना-भारत का एक ... भी यह पि का ‘कलाकल‘ सुनदर प म िनखर

8

वषर 2013-14 क ालए मानदय स परसकत कमरचारय क सची

म स नाम ीीमती कमारी पदनाम 1 पी म कमार अाधकारी सवकक 2 पीककर अाधकारी सवकक 3 एलकरासी अाधकारी सवकक 4 ए भाचारजी अाधकारी सवकक 5 एन अानल कमार सवकक 6 ीनीवास राव यादागर सवकक

7 क ओमकार सवामी सवकक

8 सागरका पताल सवकक

9 एमएस आर मत सवकक

10 एस बी चधर राव सवकक

11 अशाख अहमद सवकक

12 डी वकटा ीहरी सवकक

13 डीआरएस स कमार सवकक सहायक 14 सी एच गडम मानाचषकार ड II 15 ावजय सनीता गोप मानाचषकार ड II 16 पीक ातभा सहायक 17 ज कनक लमी मानाचषकार ड III

18 शलबाला खडरी मानाचषकार ड III

19 ए शलश वर ी ालापक 20 एम बगारी नायड वर ी ालापक

21 चपाल वर ी ालापक

22 एमलम कमार वर ी ालापक

23 एन वलली कलयाी वर ी ालापक

24 बीनागरम अवर ी ालापक

25 पठान इमाम कासीम अवर ी ालापक

26 एमअपपल राज एम टी डी 27 सययद जहागीर अली एम टी डी

28 शयामल दास एम टी डी

9

म स नाम ीीमती कमारी पदनाम 29 सी नारायना खलासी 30 महन कमार खलासी 31 एमओबयया खलासी 32 सी वीचलमयया खलासी 33 कालर खलासी 34 जी जया खलासी 35 क अपपा राव खलासी 36 पी काशम खलासी 37 क ईरयया खलासी

पदोत कमरचारय क सची

म स नाम पदनाम पदोात क

ाता ाजस पद पर पदोत ए

1 डीरघ रामल मानाचषकार ाडावजन -I 11-10-2013 मखय मानाचषकार

2 मो अजीमीन सवकक 06122013 अाधकारी सवकक

3 एम परमर राव सहायक 29112013 कायारलय अधीकक

4 जीशीला रानी मानाचषकार ाडावजन -II 23062014 मानाचषकार ाडावजन ndashI

5 एम वासदव वर ी ालापक 06052014 सहायक

सायीकर ा कमरचारय क सची

म स नाम पदनाम सायीकर क ाता

1 एमावजय कमार पटल ाचषकार ड़ -III 01012013

2 आर ीनीवास राव अवर ी ालापक 01012013

10

म स नाम पदनाम सायीकर क ाता

3 पी ामालनद कमार खलासी 01012013

4 गनकली पदममा खलासी 01012013

5 वाइ मानीकयममा खलासी 01012014

6 बी सवामी( अनसाचत जन जाात) खलासी 01012014

7 बी शाता ( अनसाचत जन जाात) खलासी 01012014

11

सानातर पर तनात कमरचारय क सची

म स

नाम ी ीमती

पदनाम सानातर क ाता

सानातर

स को

1 डीरघ रामल

मानाचषकार 11102013 भौ सप एव स स ानदशालय

आ भसा आ क हदराबाद

2 मो अजीमीन सवकक 06112013

(पवारहन)

भारतीय ाशक एव मानाचष ससान हदराबाद

आ भसा आ क हदराबाद

3 सतयभामा नायक सापना एव लखा अाधकारी

10012014 (पवारहन)

पब एव ास भसा आ क कोलकाता

आ भसा आ क हदराबाद

4 एनबी सरी अधीकक सवकक 22012014 मएव गोवा ानदशालय पन

आ भसा आ क हदराबाद

5 एस महबब दादार 17022014

(अपराहन)

मएव गोवा ानदशालय हदराबाद सकनध

आ भसा आ क हदराबाद

6 टीकष कमार अाधकारी सवकक 19032014

(अपराहन)

भारतीय ाशक एव मानाचष ससान हदराबाद

आ भसा आ क हदराबाद

7 एसराव टीटीटी lsquoएrsquo 17042014 पवारहन

भारतीय ाशक एव मानाचष ससान हदराबाद

आ भसा आ क हदराबाद

8 अामत कमार टीटीटी lsquoएrsquo 06052014 पवारहन

भारतीय ाशक एव मानाचष ससान हदराबाद

आ भसा आ क हदराबाद

9 बीराजन बाब सहायक 09062014 पवारहन

दाकी म वगर आ भसा आ क हदराबाद

10 जी शीला रानी मानाचषकार ाड-I 23062014 पवारहन

भौ सप एव स स ानदशालय हदराबाद

आ भसा आ क हदराबाद

12

सानातरत कमरचारय क सची

म स

नाम ीीमती

कमारी पदनाम सानातर क

ाता सानातर

स को

1 बीसीसा अाधकारी सवकक 16082013

आ भसा आ क हदराबाद

भा स एव स हदराबाद

2 एमएम मोहानत

अाधकारी सवकक 26082013

आ भसा आ क हदराबाद

ओड़ीशा भसा आ क भवनर

3 पीयादयया सवकक 11122013

(अपराहन) आ भसा आ क हदराबाद

क भसा आ क बगल

4 सनीता कालरा आशालापक

28042014

(अपराहन) आ भसा आ क हदराबाद

ानदशक सवक (हवाई) दलली भसा आ क नई दलली

5 शभा वी नायर

कायारलय अधीकक

07052014

(अपराहन) आ भसा आ क हदराबाद

भा स एव स हदराबाद हदराबाद

6 कवी चारी सहायक 06062014

(अपराहन) आ भसा आ क हदराबाद

दाकी म वगर

13

सवा ानवसवाचछक सवा ानव ए कमरचारय क सची

म स नाम पदनाम सवा ानवा क ाता टपपी

1 पीडीकमार अाधकारी सवकक 30092013 सवा ानव

2 एस कासम दादार 30092013 सवा ानव

3 भलनराम खलासी 15102013 (पवारहन) सवाचछक सवा नव 4 जी लाजर पटल ाचषकार ड़- II 31102013 सवा ानव 5 बीसीलममा खलासी 31102013 सवा ानव 6 पीदवदास मानाचष मॉउटर 30112013 सवा ानव

7 तनगटला राधा कषा भडार सहायक 31122013 सवा ानव

8 टीवकटयया दादार 31122013 सवा ानव 9 जी चयया माली 31122013 सवा ानव

10 पीसीबोरोल अाधकारी सवकक 28022014 सवा ानव 11 डीरघ रामल मखय मानाचषकार 28022014 सवा ानव 12 बी नासरयया खलासी 28022014 सवा ानव 13 बी ीपाल दादार 31032014 सवा ानव

14 क दानम खलासी 30042014 सवा ानव

15 कषा सरकार अाभलखपाल ाडI 31052014 सवा ानव

16 कपललयया पटल ाचषकार ड़ II 31-05-2014 सवा ानव

17 सीकडयया जमादार 31052014 सवा ानव

18 एमवकटवरल दफतरी 30062014 सवा ानव

19 पीअजरना खलासी 30062014 सवा ानव

20 यावर बगम खलासी 30062014 सवा ानव

21 एमाचा वकटममा

दफतरी 30062014 सवा ानव

22 एनबी सरी अधीकक सवकक 31082014 सवा ानव

14

समात शष

एसपी ईरयया खलासी

जनम ाता 01-07-59 ावभाग म भत होन क ाता 01-03-1997 स ानयामत भत सवगरवास 22-4-2014 परवार इनक परवार म पी क अलावा दो ब ह इनक आकासमक ानधन पर आ दश भ साानक आकड़ा कन क कमरचारय को गहरा आघात पचा और सभी न इनक परवार क ात सवदना क एव इनक आतमा क शाात क ालए ईर स ारना करत ए दो ामनट का मौन रखा सव ी एसपा ईरयया ाजनक आ दश भ साानक आकड़ा कन म कायररत रहत ए अल 2014 म अकाल मतय हो गयी ी उनक परवार क ततकाल मदद क ालए पर आ दश भ साानक आकड़ा कन क परवार न 25600- का ततकाल सहयोग दया

15

भडार का ाप

म स सामी भडार 1 वाटर कलर 01

2 एल ईडी मॉनीटर 15

3 कमपयटर टबल 30

4 कमपयटर कस 30

5 पलाासटक कस 236

6 एचपीाडजाइन जट टी- 1300 टर 01 आइ सी जड एम क अतगरत

7 कलर क समाटर एलए जीएस टी 42- सकनर

01 आइ सी जड एम क अतगरत

8 यपीएस क ालए 12 वोलट क बटरी 60

9 5 कपी का य पी एस 02 डी ए डबलय वी आइ सी जड एम क अतगरत

10 डलल कमपयटर 10

11 लाइका अकय लवल (डी एनए-03) 02 आइ सी जड एम क अतगरत

12 लाइका जीएनएसएस (जीपीएस दोहरी बारबारता)

02 आइ सी जड एम क अतगरत

13 3 डी ावजन कट 23 (18 आ भ सा आ क हत )

14 समसग एलसी डी मॉानटर 02

15 एचपी सकनजट 200 फलटटड- सकनर 01

16 डाट मकस टर 03

16

अनपयोजय भडार का अनपयोगी घोाषत

म स सामी मलय 1 साइबग उपकर 364574-

2 नचर आइटम 218844-

3 ोटोामीतीय उपकर 9125746-

4 कमपयटर और परधीय 4027273-

5 उपकर ( गौ सवक उपकर) 706943-

तदनसार अनपयोजय भडार क अनपयोगी हत नीलामी या क शआत हो चक ह

17

वषर 2013-14 क ालए ानाध का आबटन य

शीषर सवीकत अनदान

(हजार म )

अातर ानाध क मागाा

(हजार म )

भाकमसव ारा काटी गई (हजार

म )

इस कायारलय

ारा अभयपर

अातम बजट अक (पय

म)

य (पय म)

31-3-2014 को शष रााश (पय म)

वतन 114400 0 1400 0 113000000 112999869 131 मजदरी 500 350 0 0 850000 845802 4198 ओ टी ए 0 0 0 0 0 0 0 ाचकतसीय 2840 0 0 750 2090000 2089187 813 डी टी ई 1240 0 0 0 1240000 1239231 769 ओ ई 1409 125 94 1440000 1397157 2843 आर आरटी

240 0 0 16 224000 223875 125

ओ ईए 2 2 0 0 4000 3750 250

एसampएम 310 0 0 310000 309712 288 पी सवा 280 0 0 129 151000 149810 1190 अनदान 0 0 0 20800 20775 25

18

मनोरजन कलब का वाषकोतसव ndash 2013

आ दश भ साानक आकड़ा क ानदशालय क मनोरजन कलब का वाषकोतसव दनाक 10-01-2014 को ातः काल 1000 बज स सममलन कक म आयोाजत कया गया ाजसम मखय अाता भारत क महासवकक डॉ सव र सबबा राव उपासत ावशष अाता क प म ी एसबी शमार उप महासवकक भारतीय सवक एव मानाचष ससान उपासत ानदशक महोदय कनरल ीधर राव न सवागत भाष दया और मनोरजन कलब क साचव ी डीआरएस सन कमार न वाषक रपोटर सतत क सासकातक कायरम ारा सभी का मनोरजन कया गया मखय अाता न अपन भाष म कहा क इस ानदशालय न ी कनरल ीधर राव क नततव म बत अाधक एव सतोषजनक प स गात क ह और इस बात का भी उललख कया क व जब इस ानदशालय क ानदशक तब व य सब कायर करना चाहत परत इनह मतर प दन म कनरल ीधर राव ानदशक महोदय क महतवपर भामका रही ह ततपात एक ीात- भोज का आयोजन कया ाजसम करीब 230 लोग न भाग ालया ाजसक सभी न भर-भर शसा क

मनोरजन कलब ारा आयोाजत कए गए खल

करम

टबल टनीस

शटल

शतरज शॉट- पट धीमी साइकलग

पष सगलस माहला सगलस पष डबलस माहला डबलस

पष सगलस पष डबलस

पष सगलस माहला सगलस पष डबलस माहला डबलस

पष पष पष

19

वषर 2013 क दौरान कनीय मनोरजन कलब सपोटरस स ा इस ानदशालय क ाता एव सममान

करम

खल म परसकार ातीय परसकार ततीय परसकार

पष सगलस पी रवी कानत चनपाल शशी करन एव एलए बग

माहला सगलस शभा वी नायर पीक ातभा शलजा एव मीना

पष डबलस सययद इदरस एव सवातरयया कवी चारी एव ओ वीन कमार

---------

माहला डबलस शभा वी नायर एव अनसया पीक ातभा एव शलबाला खडरी

टबल टनीस पष सगलस पी सतीश क वीचारी ओ वीन कमार

एव अशाख अहमद पष डबलस कवीचारी एव

डी रगा राव कक गा एव पी सतीश ----------

शटल पष सगलस पी सतीश एम वी ावजय कमार कवी चारी एव पी

यादयया माहला डबलस शभा वी नायर एम सबीता मीना एव राज़या

बगम पष डबलस पी सतीश एव

एम वासदव स कमार एव ओ वीन कमार

-----------

माहला डबलस एम सबीता एव राजया बगम

शभा वी नायर एव बी एस वी वरलमी

-----------

शतरज पष जगन एकर ------------

शॉट- पट पष बी नागरम चनपाल स कमार

20

धीमी साइकलग पष डी स कमार सययद इदरस सययद मोजज़म

उ नयायलय म लाबत नयायालक मामल

लाबत मामल 04 आ दश उ नयायालय

कस क सखया 11 कनीय शासानक अाधकर हदराबाद

समा कस क सखया 06 लाबत कस क सखया 05

पनवलोकन मामल

ानालाखत अाधकारयकमरचारय क पनवलोकन मामल का ानपटारा कया जा चका ह

म स प lsquoबीrsquo राजपाषत प lsquoबीrsquo अराजपाषत प lsquoसीrsquo (पवरवत प

1 एस बाब अाधकारी सव ज डी एबनजर मानाचषकार ाडाव I नरश

2 पीक लहा मानाचषकार ाडाव I गदो राम

3 शख मीरावली मानाचषकार ाडाव I एम गररयया

4 जी सीतारामम सव सहायक पी काशम

5 वाई सबबयया सव सहायक सतयममा

6 पीएस सामबाब सव सहायक वी कषयया

7 बी ओबशयया सव सहायक

21

एम ए सी पी क मामल

ानालाखत अाधकारयकमरचारय क एमए सी पी मामल का ानपटारा कया जा चका ह

म स प lsquoबीrsquo अराजपाषत प lsquoसीrsquo (पवरवत प lsquoडीrsquo)

1 वी सयर भा मानाचषकार ाडाव I एल योहन

2 पीकलहा मानाचषकार ाडाव I सीनाराया

3 शख मीरावली मानाचषकार ाडाव I जजॉन

4 एम भवनरी मानाचषकार ाडाव I एस रामयया

5 बीएसवी वरलमी मानाचषकार ड़ II बी पललया

6 - पी काशम

7 - शख काासम पीरा

8 - एम लमी नाराया

9 - एम वकटरल

10 - जी जया

आ दश भ साानक आकड़ा कन क अाधकारय कमरचारय क ब ाजनहन शकाक ानपता दखाई ह

1 कमारी अनवषा कर सपषी डॉ पीक कर सी जी पी ए 9810 दसव कका क ीय ावालय हदराबाद

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तलग म ावव ी नकश ( ओएस एम) क तयारी (बीएचराव अधी सव जीव अाध सव एमराकश अाध सव एसपटा री मानाचषकार)

सतावना पवर म ावाभ नकश तलग म कााशत आ करत जस आ दश राजय नकशा (1999) भारत क राजनीातक नकश आद ऐस नकश अकराक ासटक-अप (lettering stickups) साहत साइबग क परमपरागत तकनीक का उपयोग कर कााशत होत तााप कोई भी सलाकातक नकश तलग म कााशत नह ए ह परत हाल ही म ावजान एव ौोागक ावभाग न ावव ी टोपो नकश ( ओएसएम) को कषीय भाषा म उपलबध करवान क ालए एक नीात को जारी कया ह ाजसक पराम सवप आ दश भ साानक आकड़ा क न राजय क राजधानी हदराबाद को दशारत ए एक शीट को योग क आधार पर अकय माधयम स तलग म करन का काम ालया ह

ॉनट क खोज म माइोसटशन साफटवर क अनक ल डीजीएन ामट म मल डाटा बस पहल स ही उपलबध ह मल-

पाठ को बठान क ालए माइोसटशन क अनक ल एक सावधाजनक तलग ॉनट क आवशयकता ह अनक ॉनट क जाच क गई परत कछ भी माइोसटशन क अनक ल नह पाया गया कयक तलग ालाप म बत सारी माषाए अगल स लगवाए जान क कार ldquoमाषाrdquo को लगाना एक कठन कायर सााबत आ तााप वब म बत छान-बीन करन क बाद ldquoटी टी एल हमलताrdquo ॉनट को खोजा गया और माइोसटशन परवश म मल पाठ को रखन म उपयोगी पाया गया

अनवाद

ावाभ व रनातमक अाभउाया ाचनह पाद- टपपाया आद का अजी स तलग म अनवाद हत सभी ापय साधन जस क इटरनट नट पर अनवाद शबदावली आद का आय ालया गया

माइोसटशन परवश म मल पाठ को बठान क ालए कायरावाध

ॉनट याान ldquoटी टी एल हमलताrdquo वााछत सान पर लोड कया गया तलग ालाप म बत सारी माषा क अतःसाापत होन क कार एक ावाशप शबद या अकर क ालए सही माषा क चयन हत अाधक सावधानी बरतना का सानात कया गया वााछत मल ndash पाठ को मइोसाफट वडर म टकत कया गया माइोसटशन वशरन 8 ाइल म अनोटशन टकसट एडीटर क माधयम स कापी और पसट कया गया उ

23

शीट क 22 टोपो स अनवादत अनोटशन को या सतयाापत कया गया अनोटशन को कनार म और उपरो शीट क नाम ाइल म रखा गया मामल ाजनको सलझाना ह -

1 ॉनट क आकार का मानककर 2 तलग ालाप म ावाभ व रनातमक अाभउया क सावधाजनक शबद का चयन 3 मल- पाठ को सगठत करना एक जटल कायर ह और समय लन वाली कायरावाध ह और पयार

माषा म षीय भाषा याान तलग क जान क जरत ह 4 जयादा सखया म सपादन मल-पाठ क सगठन क आवशयकता ह 5 तलगाना राजयतलग ावावालय क उ राजभाषा ावभाग स अनवादत ालाप को माीकर

करन क आवशयकता होगी समाा

सानीय ालाप (तलग) म ओ एस एम माक नकश क तयारी स अाधक सखया म लोग को सलाकातक नकश को आसानी स योग करन म सावधा होगी सलाकातक नकश म भाषा-ावषयक सबधी साचकारी पदार को जोड़न स ानयही भारतीय सवक ावभाग क उतपाद क चार को बढ़ावा ामलगा और बाजार म अपनी अहामयत बढ़ाएगा

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चनौती क ालए तयारी (रघना ाषपाठी अधीकक सवकक)

कसी भी ावभाग म नई चनौातय को सामना करन क ालए कमता ानमार क आवशयकता ह यद

यह नह कया जाए तो सताावत योजनाए ावल हो जाती ह कमता ानमार स पहल उसक लय एव उशय को परभााषत कया जाना आवशयक ह कयक इसक कायारनवयन क सतर म योजना और ानषपादन म का अतर हो सकता ह कमता ानमार क अनय मानक क अतगरत अनवत सावधा क रखरखाव और सभाावत ावकास भी शाामल ह कमता ानमार क कसी भी यास म ातभा क खोज को ही पहल कदम क प म ालया जाना चााहए भारतीय सवक ावभाग म सही कमता ानमार क बाद ही 110000 क पमान का सवक करन और मानाचष ाा सभव हो पाएगा आधानक अाध ौोागक म कमय क ाशक पयार नह ह लकन यह दखना ह क जो माग और सवक और मानाचष क आपत क खला स सक ातत ह जनता क ालए उपयोागता बढ़ा रही ह श म हालाक बाधाए आना बाधय ह हम यह कायर श करना और पराम क तीका करनी ह इस यास म खल अाधकार कष क ावशषज को ानयामत प स परामशर कया जाना चााहए सवक और नकश क उपयोगकतार क माग और एक बड़ परय क दाप स दखन क ालए यह महतवपर ह

यहा तक क उपयोगकतार क ालए भी ाडाजटल डटा का उपयोग सीामत ह भारतीय सवक ावभाग उपयोगकतार को ानयामत आधार पर सहायता और मलय सवधरन क ालए सलाह दकर नकश क कातज उपयोग तक का ावसतार कर सकता ह उस बात पर धयान दत ए भारतीय सवक ावभाग क सवा हत जी आई एस वजाानक को शाामल करन क आवशयकता ह यह महगा मामला होन पर भी वरीयता स भरी हम भावषय क चनौातय को परा करन क ालए तयार रहना चााहए कयक नकश क उपयोग स ावकास को तो होना ही ह

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नमक का महतव (कष कमार अाधकारी सवकक)

एक राजा क तीन बटया ी तीन बत ही सनदर सशील और ावशष ग वाली एक दन राजा न तीन राजकमारय को अलग-अलग स एक ही सवाल पछा ldquo बटी तम मझ कतना चाहती हो ldquo बड़ी राजकमारी न जवाब दया rdquo ापताजी म आपको सोन जस चाहती अारत सोन क आभष स मझ ाजतना पयार ह उतना ही पयार आप स ह ापताजी ldquo राजा बत सतप आ और दसरी राजकमारी स पछाrdquoबटी दीदी न तो जवाब द दया अब तम बताओ तम मझस कतना ह रखती हो दसरी राजकमारी बोली ldquo ापताजी म आपको हीर जसा चाहती अारत हीर क गहन स मझ ाजतना पयार ह उतनी ही पयार आप स ह ापताजी ldquo राजा तो ल न समाया सोचन लगा rdquo म बमतलब का सकोच कर रहा ा मरी बटया तो लगता ह मर बगर जी नह पाएगी ldquo अब तीसर स कया पछ र भी पछ लता र तीसरी बटी स पछाrdquo बटी तम मझ कतना चाहती हो तीसरी राजकमारी न जवाब दयाrdquo ापताजी म आपको नमक ाजतना चाहती जवाब सनत ही राजा आग-बबला हो उठा और बरी-भली सनाकर उसक कक स ानकल गया छोटी राजकमारी न कछ नह कहा बालक राजा क डाट सनकर चपचाप रह गयी रात ई राजा को सार महल क कायर ानपटान क बाद भख लगी खान क ालए उस हीर स ससात सोन क सहासन पर छोटी राजकमारी न बठाया र सोन क ाली म नाना कार क जन स य खाना परोसा और राजा को खाना श करन को कहा राजा न मह म खाना रखा तो महसस कया खाना का ह र हर जन को चखा तो पाया सब क ह र तो आग-बबला होकर अपनी रानी पर ाचललाया ldquo इस तरह क भल कस हो गयी हम कया समझ रखा ह जन दखाकर ललचाना और र खान नह दना यह बोलत ए रानी पर सोन क ाली ाजस पर जन परोस ए कन क ालए हा उठाया उठ ए हा को तीसरी राजकमारी न पकड़ ालया और पछा ldquoापताजीखाना तो बढ़या ह र कमी कया हrdquo राजा बोल ldquoनमक क ाबनाकोई खाना खाया जा सकता हrdquo राजकमारी बोली ldquoापताजीआपको तो नमक स नरत ह ना इसालए मन जन बनवात ए नमक नह डलवाया rdquo र तो राजा समझ गया क छोटी बटी न उनह सबक ासखान क ालए यह भोजन तयार करवाया ह र बोला ldquoबटी म समझ गया नमक क ाबना खाना जस सवादप नह उसी तरह तमहार पयार ाबना मरा वचरसव नह ldquo और राजकमारी को गल लगा ालया

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मायाजाल (एनबी सवामी अाधकारी सवकक)

इस जगत म कल 84 लाख जीव राशया ह और उनम मानव जनम सबस उम ह उम इसालए ह क भगवान न मानव का आधार इसालए दया ह ताक इस जनम अचछ कमर कर वह मोक क ाा कर सक मोक याान पनरजनम नह यद कमर बर ए तो र 84 लाख जीवरााशय म पदा होन क ालए वह आतमा कालच म दोबारा स जाती ह इस सपर कालच क याषा करत ए जब आतमा मानव क योान म वश करती ह तब वह भगवान स यही ारना करता रहता ह क ह भगवान मझ इस कद (याान मा का गभर) स जलदी मा दला द कयक म तमहारा धयान सही ढग स नह कर पा रहा कयक इस कद म अनक तरल पदा क सा-सा मल-मष म भी टहल रहा यह कसा नरक ह जहा आपन मझ सा रखा ह तब भगवान भी बोलत ह क ldquoत अभी बालक ाशश का प धार करन वाला ह तमन इतन वष यग म ाजतन पाप कय ह उन सबक यह चरम सीमा ह यह चरम सीमा बत ही पीड़ा दन वाली ह ाजस तमह जीतना ह लाघना ह इस चरम सीमा स मा होन क बाद तम कया करोग ldquo ाशश कहता ह ldquo भगवन आप जो कहग ldquo भगवन पछत ह कया तम अपना जीवन मरा धयान करत ए मर ालए समपर कर दोग ldquoाशश कहता हrdquo हा म समपर कर दगा आपक ालए ldquo भगवन भी जानत ह ाशश को नौ महीन गभर म रहना ही पड़गा तभी पर शरीर का ावकास होकर जब वह बाहर आएगा तो मरी सवा करगा उ नौ महीन तदनसार भगवन ाशश का वातारलाप नौ महीन चलता रहता ह ताक ाशश अपन चार ओर स मल क गध का धयान न द र जब वह बाहर ानकलता ह भगवान को धनयवाद करता ह और कहता ह ldquo म तमहारा बत ही आभारी भ अपन मझ मा दलाई अभी मझम वह ताकत नह क म तमहारा धयान करन क ासवा और कछ क मर माता ndashापता मझ सच कर जब अपन पर पर चलन क ताकत द दग तभी म तमहार ालए कछ कर पाऊगा ldquo भगवान कहत ह ldquo अर मखर त नह जानता यह जगत एक मायाजाल ह मझ पर ावास ह त मझ भल जायगा और र स कालच म पड़ जायगा ाशश कहता ह ldquo नह भगवान ऐसा नह ह भगवान मरा ावास करो म ातजा करता मरा जीवन आपक ालए ही समपर ह ldquo भगवान कहत ह ldquoदख लगा इस जगत क मायाजाल म त मरी कया का सवा करगा ldquo यह ाशश और भ का वाारलाप सनकर दवष नारद भगवान क पास पच पछन लग ldquo भ आप कस मायाजाल क बात कर रह ह ldquo भ बोल ldquo नारद म समसत जीव- रााशय का सवामी उनका कलया चाहता उनको सख भी और दख भी दता वह इसालए क मायाजाल क मोह एव अहकार म पड़कर खद को सपर मानन वाल ाी को दड न द तो र मरा समर कस करगा ldquo नारद बोल ldquo भ आपक वचन का मतलब कस

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दशा म जाता ह यह तो मझ नह पता एक तर कहत ह समसत जीवरााशय का कलया चाहता दसरी ओर कहत ह दड दता तीसरी ओर मायाजाल अर नाराय आप जब समसत जगत क सवामी ह सब आपक अधीन ही ह तो र मायाजाल शबद आपन जो योग कया ह वह आपक अधीन स बाहर कस हो गयाrdquo ानयष काजए जीवरााशया उसक चपट म नह आएगी र सब आपका गगान ही करग और सबको मोक क ाा होगी ldquo भगवान कहत ह ldquo ह दवष मर ालए समसत जीवराशी को परीका स गजरना पड़ता ह मानव जीवन ही उनम अातम परीका ह बस उसको लाघ ल म पनरजनम स मा दला दldquo नारद जी भगवान स तकर करन लग गय का दर बाद भगवान न कहा rdquo दवष आपस बहस और नह कर सकता आपस बहस कर मरा गला सख गया ह जरा एक छोट कलश या कमडल म पानी लकर आइय ताक म अपनी पयास बझा सक नारद को झटका लगा और पाताप करन लग ldquo बमतलब मन अनतरयामी स बहस कर उनको कप दया व समपर जानानद क सामन मरी हासयत कया ह पता नह आज मरी मात मारी गयी और म बमतलब बहस करन लगा भ को पयास लगी ह और वो भी मरी वजह स जलदी स उनक पयास म बझा द पानी क खोज म सार लोक का म करत ए नारदजी पथवी लोक म पच गए पथवी लोक पचकर पानी क खोज म एक कए क पास पच तो दखा क एक अतयनत सदर नारी कए स पानी ानकाल रही ह नारद न सोचा वह सनदर ी पानी भरकर चली जाए तो र म ोड़ा सा पानी भर ल नारद उस दख रह ी भी नारद जी को दख रही ी नारदजी न पछा rdquo दवी कया तम यह आसपास रहती हो ी न जवाब दया rdquo हा ldquo नारदजी र पछ rdquo दवी कया तमहारा ाववाह हो चका ह rdquo ी बोली ldquoनह ldquo नारदजी का ावचालत मन ल नह समाया और पछ ही ालया ldquo दवी यद तम अाववााहत हो और यद तमह कोई परशानी न हो तो कया तम मझस ाववाह करोगी ी सादाय औरत ी बोली ldquo मर ापता क आजा क ाबना म आपस ाववाह नह कर सकती ldquo नारदजी बोल ldquo दवी सशील नारी क यही ग होत ह यद तमह आपा न हो तो म तमहार सा चलकर तमहार माता-ापता स बात कगा और तमस ाववाह कगा ldquo यवती राजी ई और ासर एव कध म पानी स भर घड़ को ढोत ए आग चलती रही और नारदजी पीछ चलन लग सपर रासत म उस सनदर ी क ानहारत ए मन म सपन क पल बाध रह उस सनदर ी क ापता क पास जाकर अपना परचय दत ए उनक बटी स ाववाह करन का सताव रखा साकात नारद मान को अपना दामाद सवप दख उसी मतर म मगनी हो गई और एक शभ मर म ाववाह भी हो गया ाववाह क कछ दन क पात उनक ब हो गय ब बड़ भी हो गय र तो व अपन गहस आम म इतन सत हो गय क उनक मह स नाराय मष ानकलना भी बद हो गया कई वष बाद एक शाम को जोर क आधी क सा तानी बारश ई इस माहौल न इतना ावकराल प धार कर ालया ा क वातावर लय म बदल गया चार तर पानी भर गया बत सार लोग पश आद पानी म बह गय कनत कात क ावकराल प क सामन ठहरन का साहस कस ा दखत ही दखत उनका गह भी बाढ़ क चपट म आकर टट गया और पानी म बह गाया पी और ब डर स

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रोदन करन लग दखत-दखत कान पष क अलावा पी और बाक ब भी पानी म बह गए र तो नारदजी स सोचा इस कान को म कध पर ालए चलता ताक वह तो बढ़ाप म मरा सहारा बनगा कनत लय क तीता इतनी तज ी क नारदजी क नाक क ऊपर स पानी बहन लगा र तो व खद भी भल गय क बट को बचाना ह सोचन लग म कसी तरह जीावत बच जाऊ उसी सोच न उनक कान पष को भी नह बखशा कसी तरह कछ समय उपरानत लय शानत आ पानी घट गया चार तरक मनषयपश - पकी आद क लाश टट ए रासत और घर क बीच पड़ी ई ी नारद मान को बहद दख आ और ठठोर कर रोन लग गय रोत-रोत व खद क बार म सोचन लग क भगवान न उनक सा ऐसा अनयाय कय कया काश व भी मर जात तो अचछा होता तभी उस राह स ास महष गजरत ए नारदमान स परामशर करन लग नारदजी कहन लग ldquo पता नह मन कौन सा पाप कया ह क मर पर परवार का सवरनाश हो गया ह मझ कय मतय नह आई इस पर ासजी न कहा शायद तमहारा समय नह आया ह इसालय तम बच गय हो हालाक ास जानत क नारद मायाजाल म सा आ ह ldquo र इसका ानरय कौन करता ह ldquo नारद न ासजी स पछा ासजी न उर दया ldquoयह तो मतयलोक क अाधपात यमराज ही इसका उर दगrdquo र व दोन ामलकर यमराज क पास गय यमराज न आन का कार पछा तो ासजी न नारद मान क सारी दख भरी गाा सनाई और पछा क ldquoमतय न इनका आलगन कय नह कयाldquo यमराज बोल rdquoम कोई नह मरा यमदत ही इसका उर द सकता ह कयक म यमदत क ारा कसी आतमा को लान क बाद ही उसक पाप-पणय का ाहसाब दख ानधाररत सजा का ऐलान करता यद यमदत आपको लकर मर पास नह आया तो इसम मरा कया दोष ह यमदत स पछ लldquo र ासजी न उनक यमदत स वही सवाल करन पर यमदत न कहा ldquo महामान म कस कसी क शरीर स आतमा को छीनकर ल आऊ म तो यमलोक का सवक माष ाचषग जब तक आजा नह दत तब तक म कोई कायरवाही नह कर सकता आप इस का उर ाचषगजी स पछ ल ldquo र ासजी न ाचषग स वही सवाल करन पर ाचषग न कहाrdquo महामान म तो यमदत को तभी आजा दता जब उस ाी का सारा लखा - जोखा समा हो जाता ह अभी माननीय नारद जी क मतय का समय आया नह ह अभी उनका कछ कया नह जा सकता ldquo ासजी न नारद स कहाrdquo दखो नारद अभी तमहारा समय आया नह ह तभी तम जीावत हो चलो चलत ह अब ापछली घटना को भल कर आग क सोचो ldquo बस इतना ही कहना ा क ाचषग न र ासजी को बलाकर कहा rdquo ह ऋाषवर इनक कणडली म यह ालखा ह क मतय तभी इनको गल लगा सकती ह जब य एक सा आपको मझ यमराज और उनका वाहन भस का एक सा दशरन करग चक इनक ारा यह कायर पर हो चका ह अत इनका जीवन पर हो गया ह ldquo बस इतना ही ा क नारद जी को आवाज आन लगी अर दवष दवष मझ कब स पयास लगी ई ी मरा गला सख गया ह कनत आपन मझ अब

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तक पानी नह दया कहा ह पानी ldquo य साकात नाराय क आवाज सन नारदजी को होश आया और भगवान क चर म पड़कर ागड़ागड़ान लग यह कहत ए क rdquo ह नाराय आपन मझ अचछा सबक ासखाया ह मन आपस बहस कया कर लीआपन मझ मायाजाल का साकातकार करवा दया कमा काजए म आपको पानी नह ापला सका मरी वजह स आपका गला खब सख गया होगा ldquo यह कहत ए उनक अधारा स नाराय क पाव धल गय और भगवान न कहाrdquo दवष आप चातत ना ह आपन अधारा स मर चर धोकर ानसवार सवा कर दी मरी पयास बझ गयी ह अब आप म ह ldquo र नारदजी खशी स नाराय-नाराय कहत ए ानकल गय

घाट का पतर

(बषव बहरा अाधकारी सवकक)

माता-ापता और जनम भाम को छोड़ कर हम सब बन गए ह घाट का पतर धनय ह वह महापष ाजसन हम साापत कया म उस महापष क ावषय म व रन नह कर सकता शायद म अात पाप क कार पतर बन गया लोकन म आशा करता क भावषय म मरा भागय बदल जाएगा चक म लोग क मन स सवा करता इसका ल हमको भगवान अवशय दग लोग का सवा करत ndashकरत मरा आकार भी बदल गया परनत सवा करत ndashकरत मरा नाम रोशन हो रहा ह बालक हम सता का अनभव हो रहा ह मर कमर क चलत मरा भागय बदल रहा ह म हमशा जलम रहता और पीठ पर ातदन मार झलत रहता शायद ही ऐसा पीड़ा इस ससार म कसी को ामलती होगी मरा सानानतर भी नह ह म कई महापष को दखता आया कतन महाराय न ा तयाग दय लकन तबस म यहा अकला पड़ा म हर मौसम क मार झल रहा ब-बढ़ क सवा करत-करत मन कछ पणय कमा ालए ह और आशा करता क मझ को भावषय म मानव जनम ामल सकता ह मानव जनम ामलन स म आपका भजन-करन कगा

ऐस दखतndashदखत कई यग क बाद हमको मानव जनम ा आ मानव जनम म अगर इस धराष म दखा क यहा ऊच-नीच जात-पात नीात-ानयम ावदन पाचार अनयाय ndashअतयाचार चमर-अचमर का ताडव नतय चल रहा ह दखकर मर मन म परवतरन आ गया क भ मझको मरा ापछला जनम वापस द दीाजए

पतर जनम म रह कर मरा कोई-कोई साी अचछ कमर क चलत मदर म सान ा कर ालया ह कोई-कोई तो ठाकर बन गय लोग-ातदन उनक पजा करत ह

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हम लोग म स कोई-कोई सामाजक कायर म सहयोग दान करत ह कोई गह-ानमार म सहयोग द रह ह तो कोई मदर-ानमार म सहयोग द रह ह कोई तो सीधा मत बन गय इसीालए उनक मन म घमणड आ गया अहलया न पतर होन क नात भगवान का दशरन पा ालया इसालए पतर जनम होन क चलत उनक मन म का अह भाव आ गया

हमार अनदर ावाभ प भी ह याः लोहा पतर चना पतर सगममरर काला पतर (नाइट सटोन) मलायम पतर (soft stone) इतयाद लोहा पतर जो दश क ानमार म काम आता ह चना पत जो ासमट ानमार क काम म आता ह सगममरर घर और मदर का शर (flooring) म काम आता ह काला पत घर का शर और आला बनान म काम आता ह मलायम पतर ाशलप कला क ावकास म योगदान दत ह पतर जनम होकर भी म का गवर महसस करता मरी भगवान स अानतम ावनती य ह क आप मझ अानतम समय म दशरन दन को कपा कर

न हमको पतर जनम चााहए न हमको मानव जनम चााहए हमको तो ास र इस भव सागर स पार होना चााहए

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जयादा लोभ न करना (पाडव कानटया सहायक सवकक)

मनषय भगवान क साप ह इसालए वह भगवान का अश ह जब तक वो मा क गभर म ा तक तक वह मोह-माया स वाचत ा एव हमशा भगवान क समीप ा लकन जब वो पथवी पर अवती र आ उसको मोह-माया न घर ालया पाच साल तक वो ईरीय सा म रहता ह इसालए कहा जाता ह क ldquoCHILD IS THE INCARNATION OF GODrdquo इसक बाद मोह-माया म आकषत हो कर ईरीय सा को भल जाता ह बचपन म वो बत आजा और मोह-माया राहत और चरषवान रहता ह जब समय बढ़ता जाता ह तब उसक समसत उम ग धवस होकर गलत मागर पर चला जाता ह

बचपन म ावा ाशका जवानी म ी दीका एव पारवारक ाचनता म म होकर वह समसत मौालक सा को खो दता ह सबा नप होकर सबा म आ जाता ह दव का नप होकर राकस वा जारवत होता ह एव परवारक जगल म सकर भगवान का नाम लना भल जाता ह अपना परवार का भर पोष क ालए कठन परम करता ह लकन उनका पट भरता नह ह ईर क सा को भल जाता ह और अनत म पशकतव को ा होता ह शरीर रोगसत हो जाता ह दाप शा की हो जाती ह चलन ndashरन म असमर रहता ह रात को नद नह आती ह र भी लोभ को छोड़ नह पाता ह अपन बीवी-ब ता परवार क बार म सदा सोचन लगता ह शरीर वावसा को ा होता ह परवार क कोई भी सदसय पछत नह ह

परवार क लोग उसको ढग स खाना भी नह दत ह उसको घर स दर रखत ह र भी यह अधम मनषय भगवान क बार म सोचता नह ह लोभ का अनत नह होता ह पाप का बोझ बढ़त जाता ह अनत म नरक को ा होता ह र भी मनषय भगवान को समझ नह पाता ह परवार क ालए इतना बड़ी ददरशा झलता ह उनको कोई भी नह पछता ह उसक ारा जमा क गई पजी को परवार वाल उनक सामन मौज करत ह

लोभ मनषय को अनधा बना दता ह आदमी क हतया करत ह लोभ क वशीभत होकर दसर क समपात को लटत ह ाजसस समाज म पाचार बढ़ता ह इसालए ह मानव तम कय लोभ करत हो लोभ नह करक भगवान का समर करो हर कतरन करो तप जप करो और सवगर क अाधकारी बनो उम कमर करक भगवान क शरागत हो जाओ भगवान तमहार समसत सख-दख का भार वाहन करग

सवरधमारनपरतयजय मामक शर ज अह तवा सवरपापभयो मोकायषयााम मा शच

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इसालए अचछा कमर करक पणय कमाना ह हमशा धमर क जय और पाप का कय होता ह धमर-कमर करक ावजय ा होगी लकन अधमर म जाकर नरक गामी नह होना

एकदा अनधा राजा धतरा सजय को पछा क ldquoह सजय इस धमर य म कसक जय होगी उर म सजय बोल क ldquoयष योगर कषो यष पा धनधरर तष ी ावजयो भात वा नीातमरातमरम ldquo अारत जहा योगर कष एव धनधाररी अजरन एक सा ह वहा ावजय ानात ह

इसालए दखा गया क हमशा धमर क जय और अधमर क पराजय होती ह धमर सवचछ ानमरल लकन अधमर कदाकार कात ह इसालए लोभ-लालच म वशीभत न होकर सत

कमर करो अनयाय का परतयाग करो लोभ मत करो जीवन म कप करक जो धन कमा ालया वो सब इस धरती म रह जाता ह अानतम क म सा कोई नह ल जाता इसालए अनधर म भटक नह जाना इसालए कहा गया ह क-अात लालच नह करना अात सवरष गहतम अारत अात सवरनाश का कार ह

अात दप हता लका

अात मानसय कौरवा अातदारन बाल वध अात सवरष गहतम

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टटा वक का अाभमान (चरदास नाराय गडम सवक सहायक)

वन म खड़ एक वक क सा ालपटी एक लता भी धीर-धीर वक क बराबर हो गई वक का आय

लकर उसन भी लना ndashलना आरभ कर दया बल को लत ndash लत दखकर वक को अहकार हो गया क म न होता तो लता अासततव हीन होती वह लता को धमकात ए बोला ओ बल चपचाप मरा कहना माना कर म जो कह रहा वह कया कर नह तो ध मार कर भगा दगा पड़ का लाप जारी ा क दो पाक वहा स ानकल एक बोला अर भाई जरा दखो तो यह वक कसा सदर ह इस पर कसी सदर लता पाषपत हो रही ह आओ इसक नीच ोड़ी दर ावाम कर अपना महतव लता क सा ह यह जानकर वक का अाभमान भी नप हो गया सा ndash सा रहन स ही सबक गात होती ह

बटी (डी राव बाब पटल ाचषक ड-II)

बटी घर क लाज होती ह पापा क सर का ताज होती ह दल क सदा स रही ह इचछा बटी तझको ह पाना आई हो मर जीवन म जस एक ननही कावता राह दखता म तरी जलदी स मर पास आना मा क गोद म सदा रहती हो कछ पल मर पास भी आना न चाहत ह अब धन दौलत क त ही लमी त ही मरी मत भी डर लगता ह सोचक जब एक दन छोड़ क जाएगी त कतना मझ लायगी त बटी होती ह बाबल क लाड़ली

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यह ाज़नदगी (सययद इदरीस पटल ाचषक ड ndashII)

बठ जाता ह ामी प अकसर कय क मझ अपनी औकात अचछी लगती ह

मन समनदर स सीखा ह जीन का सलीका चपचाप स बहना और अपनी मौज म रहना चाहता तो ह क य दानया बदल द पर दो व क रोटी क जगाड़ म सरत नह ामलती दोसत महगी स महगी घड़ी पहन कर दख ली व र भी मर ाहसाब स नह चलता य ही हम दल को सा रखा करत पता नह ा क कमत चहर क होती ह अगर खदा नह ह तो उसका ाज कय और अगर खदा ह तो र कय

lsquorsquoदो बात इसान को अपन स दर कर दती ह एक उसका ldquoअहम rdquo और दसरा उसका ldquo वहमrdquo पस स सख कभी खरीदा नह जाता और दख का कोई खरीदार नह होता मझ ाज़नदगी का इतना तजबार तो नह पर सना ह सादगी म लोग जीन नह दत मााचस क जरत यहा नह पड़ती यहा आदमी आदमी स जलता ह ाव क बड़ स बड़ वजाानक यह ढढ रह ह क मगल ह पर जीवन ह या नह पर आदमी यह नह ढढ रहा ह क जीवन म मगल ह या नह

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जीवन म न जान कौनसी बात ldquoआखरी rdquo होगी न जान कौन सी रात आखरी होगी ामलत जलत बात करत रहो यार एक दसर स न जान कौन सी ldquo मलाकात rdquo आखरी होगी अगर जदगी म कछ पाना ह तो तरीक बदलो इराद नह ऐ चाद त कस मज़हब का ह ईद भी तरी और करवाचौ भी तरा

उगालय क लड़ाई

(शख महबब पीरा पटल ाचषक)

एक दन हा क सभी उगालया आपस म लड़न लग अगठा बोला म सबस बड़ा सभी जगह जरी कागज पर मझस ही ानशान बनाया जाता ह तजरनी बोली-ldquoम बड़ी मर होन स ही सब लोग काम कर पात ह जस-ालखना खाना पकड़ना मधयमा बोली-ldquoअर भई कया तम नह जानत जो आकार म लबा होता ह उस ही सभी बड़ा कहत ह अनाामका सब बात चपचाप सन रही ी वह तरत बोली ndashldquo म सबस बड़ी म तो पजा करन क भी काम आती मर स ही रोलीातलक लगाया जाता ह कानाका सभी को लड़ता दखकर उदास ी वह चपचाप एक कोन म कछ सोच रही ी तभी अगठा व तीन उगालया उसक पास गई और बोली- ldquoअर छोटी तम तो बड़ी हो ही नह सकती कयक तमहारा नाम ही कानाका ह कानाका बोली ldquoसनो अगठ भाई और पयारी उगालय आपस म लड़कर कभी कसी का भला नह हो सकता हमम कोई भी बड़ा-छोटा नह ह हम सब ामलकर मी बन सकत ह तभी हम सब बलवान हग कया तमह नह मालम क बद मी म ही ताकत होती ह इसालए हमारा लड़ना बकार ह rdquo कानाका क बात सनकर सभी एक सा बोल- ldquoहा छोटी बहन तम ाबलकल सही कह रही हो सचमच अकल म तम ही हम सबस बड़ी हो rdquo

इस नीात का स एकता म बल क ाशका ा होती ह

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तलगाना- भारत का एक और नया राजय (शलबाला खडरी मानाचषकार)

तलगाना भारत क दाकी भाग म ासत भारत का 29 वा राजय ह कषल क दाप स यह दश का

बीसवा बड़ा राजय ह ाचीन हदराबाद रयासत का अाधकतम भाग तलगाना राजय म ालया गया ह जहा आजादी स पहल ानजाम का राजय ा सन 1947 म जब भारत अज क चगल स आजाद आ उसक बाद भी हदराबाद का ानजाम अपनी रयासत सय भारत म ावलीन करन क पक म नह ा वह अपनी रयासत पर अपना ही सवतष शासन चाहता ा अतत सरदार बललभ भाई पटल क अक यास स इस रयासत को भारत क मखय धारा म ावलीन कया जा सका इस कार आन दश राजय क सापना ई और 26 जनवरी 1950 को ी एमक वललोड़ी आन दश राजय क म मखयमषी ानय ए 1956 म हदराबाद रयासत को आन दश राजय म ावलीन कर दया गया

2 जन 2014 म पनः तलगाना राजय अासततव म आया आन दश राजय क उर पामी 10 ाजल को ामलाकर तलगाना राजय क सापना क गयी ह राजधानी हदराबाद भी तलगाना राजय म ासत ह परनत 10 वष तक हदराबाद दोन राजय याान आन दश और तलगाना राजय क सय राजधानी रहगी दोन राजय क शासानक कायर हदराबाद स सचाालत हग तलगाना शबद का ादभारव ाषलगा दश शबद स आ ह ाजसका अर ह तीन लगो वाला दश तलगाना राजय क तीन दशा म कालरम ीशलम और ाकारामम ास ाशव मानदर ासत ह ाजनक अपार धामक महा ह वासतव म पक तलगाना राजय क ालए 1946 स 1951 क बीच ही ारमभ हो गया ा उस समय कमयानसट पाट न इस आनदोलन का नततव कया ा जो असल रहा भाषा क आधार पर तलगाना और आन राजय को पक करन क ालए अनक आनदोलन समय-समय पर होत रह ह इनम मखय आनदोलन 19691972 और 2009 क ह इन आनदोलन का यह भाव आ क 9 दसमबर 2009 म भारत सरकार न पक तलगाना राजय बनान क कायरवाही श कर दी य घोषा सनत ही तटीय आन व सीमान कष क लोग न सम आन दश क पक म आामक आनदोलन ारमभ कर दया और ऐसी ासात म भारत सरकार न यह कायर 23 दसमबर 2009 तक सागत कर दया इसक पात भी लगातार पक तलगाना और सम आन दश क ालए अलग-अलग आनदोलन चलत रह पक तलगाना क पक म कई आतम - हतयाए ई हड़ताल क गयी ाजसस जन साधार को बत असावधा का सामना करना पड़ा अतत पक तलगाना समरक क जीत ई और कास कायरकारी सामात न सवर सहमात स 30 जलाई 2013 को पक तलगाना राजय क ासारश करत ए ाबल तयार कर दया अनक सोपान पार करत ए यह ाबल रवरी 2014 को ससद म पारत कया गया रवरी 2014 दश पनगठरन एकट क तहत यह ाबल ससद म पास हो गया इसक पात इस नय राजय तलगाना ाबल को रापात ारा सहमात ा ई और माचर 2014 क गजट म इस कााशत कया गया इस कार नय तलगाना राजय क सापना ई

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ाशासकय प स तलगाना राजय क सापना 2 जन 2014 को ई क चन शखर राव क पाट ldquoतलगाना रा सामातrdquo न चनाव म दश म बमत हाासल कया और इस कार ी कचन शखर राव तलगाना राजय क म मखय मषी चन गए

म महगाई (डॉ नीलम कमार ाबड़ला अाभलखपाल)

म महगाई महग दशभ लोग क आमष पर भारत आई तज गात लान गात म भारत आई मझ गलत मत समझो गरीब बत ठीक बमत दकर तमन ाजनको बत उठाया म तो उनह क तीक भौातक वादी यग म योग ासखाती म भख पट न सोए कोई कडालनी जगाती म धयान प म च मारकर मन जय ऊपर चढ़त-चढ़त र तक आ जाता ह भाव वसत क वस ही र तक ल आई

अब इस यग म एक तल क पीप को पा लन का अर को पा लना ह भ दशरन क झलक दखना एक टमाटर खा लना ह भारत का आदशर तयाग ह अनासा ह अपरह ह मझको पाकर लोग वसतए तयाग रह ह अपनी खद क कार छोड़ बस क पीछ भाग रह ह म लोग को तड़क भड़क स खच

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सादगी ासखाती टरीलीन क शौकन को ला पहनाती माया जीवन का बधन ह पया पसा मल हा का म वतन भोगी लोग क बधन दो दन म हर लती शी छड़ाकर मल हा का शीश सा ानमरल कर दती

नीात ालखन वाल न कम खाना या गम खाना अचछा बतलाया मन उनका कन ानभाया ाजतनी चीज महगी हगी उतना ही जन कम खाएग ाजस दन रोटी नह ामलगी उस दन खद ही कम खाएग

शकल पक क चाद सरीखी बढ़ती म खब चादनी लाऊगी अभी दज तक ही आई परमासी तक जाऊगी

करो कलपना जब भारत जन कतन सदर दखा करग ग चावल चना बाजरा जब पाड़य म ाबका करग बीमार को दध दहीघी क इजकशन लगा करग कसा मधर जागर होगा लोग भख स जगा करग

आतक हमला

(डॉ नीलम कमार ाबड़ला अाभलखपाल) 13 दसबर 2001 ससद प पाक आतक हमला 13 रवरी 2014 ससद म भारतीय आतक हमला

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शमरसार ई ससद पच ाड़ गए नयी तहजीब क झड गाड़ गए

उड़ाया गया काली ामचर का पाउडर सपीकर का नह सना आडरर आख जलन लग सास लन लगी ससद पर नगी तलवार झलन लगी

घायल आ जातष और सावधान मदर क पजारय न कया मदर का अपमान ऐस आतकय को सबक ासखाना होगा र नया इातहास बनाना होगा

बाल-म (वाइकराकश कमार खलासी)

बालपन क कलकारी धप क ताप स आ मक पोी छोड़ी कदाल खोदत हा क मार अचक कचड़ आधी म म करना आ मजबरी गरीबी क पराकाा पट और पीठ क घटती दरी कछ धनहीनता और कछ माता-ापता क मखरता कनत सबस जयादा सवा समाज क सवदनहीनता ाजसन बालक को ामक बनन को बाधय कया लखनी को छीनकर कोमल हा म छडी पकड़ायी

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गाय-बकरी क सवा करता बालय-जीवन कप अपन भावषय को दर करता अजान और अबझ ावोपाजरन क कसको ह सरत ासात तो ऐसी ई दो दान अ क ालय बालपन चोर बनन को आतर आ

दोसती

(ाचा कडयया खलासी)

गलाब एक ल ह

एक घनट म मरझा जाता ह पर दोसती एक शा ह कभी भी जीावत रहती ह

बर ठडी होती ह जो पकड़ म नह आती ह

दोसती सोन जसी ह जो कभी कोई नह खरीद सकत ह

तार क पाच अनत (END) ह चौकोन क चार अनत ह तीकोन क तीन अनत ह

एक रखा का एक अनत ह पर दोसती का कोई अनत नह ह

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मर जीवन का उशय (कमारी ाया सातव कका सपषी एम सबीता उाल)

कग नयज भारत का खतरा पाकसतान न कशमीर पर हमला कया ह कछ दन बाद helliphellip कग नयज पाकसतान क ाखला भारत क रका करत ए वीर सानक

का भारी नकसान इन खबर न भारत को ाहला दया ा म भी सोच म पड़ गयी क म भारत क ालए कया कर सकता भारत को इन हमल स कस बचा सकता मर मन म ास र एक ही खयाल आया क भारतीय सना का एक जवान ासपाही बन

जव मन यह बात अपन दोसत स कही तो उसन कहा क ासपाही बनना खतर स खाली नह ह और परवार स दर सरहद पर खतर स भर जीवन मर ालए कपद होगा लकन मन ठान ालया ा क म कछ ऐसा कगी क पर दश म मरा नाम हो ाजस दखकर मर अपन का ासर गवर स ऊचा हो जाए

मर ानय को सनकर मरी मा रोन लगी मझ लोभन दया क म ापार क मर दोसत न मझ डाकटर बनन का सझाव दया पर मन सोचा क भारत म कई डाकटर ह ापारी ह भारत को डाकटर या ापारी क नह बालक सानक क जरत ह

म भारत क ालए अपनी जान भी दन क ालए तयार मन सोचा सब अपन परवार को सराकत

रखना चाहत ह र भारत - भाम तो मरी मा ह मरी ही कय हर एक क मा ह तो हम सब का कतर बनता ह क हम इसक रका कर इसीालए मर जीवन का उशय ह क म एक ासपाही बन और भारत क सवा क

मखर ामष स समझदार शष अचछा होता ह (मासटर सनीत चौी कका सपष एम सबीता उाल)

एक दन म और मरा सबस अचछा ामष राव बठ यह सोच रह क हम परीका क ालए अभी स पढ़ाई श कर दनी चााहए या नह राव न तपाक स कहा क अभी स पढन स कोई लाभ नह होगा अगर हम परीका क एक दन पहल पढ़ग तो जयादा दमाग म रहगा तभी वहा स मरी कका का दसरा छाष रमश गजर रहा ा मझ रमश ाबलकल पसद नही ा और रमश भी मझ पसद नह करता ा बात-बात पर हम लड़ाई करत पर पढ़ाई म वह मझस बत अचछा ा उसन हमारी बात सन ली ी

42

इसालए धीर सवर म मझस बोला अपन मखर ामष क बात मत सनो बस रोज मरी तरह ोड़ा-ोड़ा पढ़ो लकन मन उसक बात पर कान नह धरा एक महीन बाद परीका क दन आ पच परीका क एक दन पहल जब मन पढ़ना श कया तब पाया क पढ़न को बत ा पर समय कम ा जस -तस पढ़ कर मन परीकाए ालखी और उममीद करता रहा क म परीका म उी र हो सक कछ दन बाद परीका का पराम ानकला और वही आ ाजसका डर ा म और ामष राव अनी र हो गए दसरी ओर रमश बत अचछ अको स उी र आ उस दन मझ समझ आ गया क मखर ामष स समझदार शष अचछा होता ह

भावषय क पढ़ाई (मासटर ाशव कलया सातव कका सपष वालल कलयाी उाल)

आज जब हम पढ़ाई या सकल क बार म सोचत ह तो नजरो म एक भारी बग उठाता आ

छाष दखता ह कताब क ाबना हम सकल जान क सोच भी नह सकत कताब क सा कपयटर भी पढ़ाई का महतवपर ाहससा बन चका ह

कछ साल बाद भारी कताब स भर बग क बदल छाष क हा म टबलट होगा आकाश टबलट एक ऐसा यष ह ाजसम हम तरह-तरह क कताब पढ़ सकत ह हम कका म ही नट स जानकारी पा सकत ह टबलट ोन स बड़ा ह और जयादा महगा भी नह हम इस कह भी ल जाकर इसम कताब पढ़ सकत ह हम इसम कका का दया गया कायर भी कर सकत ह यह टबलट पढ़ाई का अदाज बदल दगा और पढ़ाई को मजदार बना दगा

पानी और धप (कमारी एस साानया पाचवी कका सपषी राजया बगम अाल)

अभी-अभी ी धप बरसन लगा कहा स यह पानी कसन ोड़ बादल को क ह इतनी शतानी

सरज न कय बद कर ालया अपन घर का दरवाज़ा उसक मा न भी कया उसको बला ालया कहकर आजा

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ज़ोर-ज़ोर स गरज़ रह ह बादल ह कसक काका कसको डाट रह ह कसन कहना नह सना मा का

परीका (कमारी शख राजया सलताना गयारहव कका सपषी शख महबब पीरा पटल ाचषक)

ाजस नाम को सनन स कापता ह बा वो ह परीका परीका पपर हा म आत ही इतना डर लगता क यद अचछा नह कया तो ापटना पा तीन घट म लगभग करन होत ह चालीस सवाल एक भी छटा तो घर म आता ह भवडर रजलट क एक दन पहल रात को नद नह आती ह अचछ नबर पान क ालए भगवान क याद आती ह पास होन पर ामलता ह इनाम और मख स ानकलता ह ldquoकय भगवान rdquo र आती ह अगली कका तब भी मख स ानकलता ह हाय र आ गयी र स परीका

44

राीय साकरता (मासटर शख समीर छठी कका सपष शख महबब पीरा पटल ाचषक)

ातदन सीखो अकर एक

ानयम बना लो ऐसा पढ़ो पढ़ाओ सीखो जान

तभी बनगा दश महान ावा सा जान कराती

मन का अधरा दर भगाती जहा पर बनत लोग जानी

वहा न होती मन क हाान अनपढ़ क ालए गगी पोी

धन दौलत भी होती ोी पढ़ा ालखा नह धोखा खाता

जहा भी जाता आदर पाता

मा (मासटर शख महबब बाशा आठव कका सपष शख महबब पीरा पटल ाचषक)

सबस सनदर जग म कौन बस एक त ह मा

सबस पयारी कसक मसकान बस एक तरी ही ह मा

कसन बनायी मरी पहचान तन ही तो मरी पयारी मा

कसक बोली ामी स मीठी तरी ही ह मरी मा

कसक डाट ह इमली स तीखी तरी ही तो पयारी मा

कसक ालए क म सब कबारन तर ालए मरी पयारी मा

45

ाततली (कमारी एम राशका ाशवानी पाचवी कका सपषी एम लम कमार उाल)

ाततली तम कतनी

रग-ाबरगी होती हो तम सब ल का रस पी-पीकर

बाग-बगीच म रती रहती हो तर पख कई रग क होत ह

तमहार प को दखकर ब बत खश होत ह

मरी कका

(कमारी एम राशका ाशवानी पाचवी कका सपषी एम लम कमार उाल)

मरी कका म ह पचास ब हर एक ह अलग-अलग जस एक ह लबा एक ह छोटा एक ह मोटा एक ह पतला कछ ह अचछ कछ ह बर पर लगत ह सार पयार मरी कका ह रग- ाबरगी लगती ह ाततालय का झड ह

मझ बत पसद ह कयक यह हमारी कका ह

Page 16: कलाकल - Home: Survey of · PDF fileतेलंगाना-भारत का एक ... भी यह पि का ‘कलाकल‘ सुनदर प म िनखर

9

म स नाम ीीमती कमारी पदनाम 29 सी नारायना खलासी 30 महन कमार खलासी 31 एमओबयया खलासी 32 सी वीचलमयया खलासी 33 कालर खलासी 34 जी जया खलासी 35 क अपपा राव खलासी 36 पी काशम खलासी 37 क ईरयया खलासी

पदोत कमरचारय क सची

म स नाम पदनाम पदोात क

ाता ाजस पद पर पदोत ए

1 डीरघ रामल मानाचषकार ाडावजन -I 11-10-2013 मखय मानाचषकार

2 मो अजीमीन सवकक 06122013 अाधकारी सवकक

3 एम परमर राव सहायक 29112013 कायारलय अधीकक

4 जीशीला रानी मानाचषकार ाडावजन -II 23062014 मानाचषकार ाडावजन ndashI

5 एम वासदव वर ी ालापक 06052014 सहायक

सायीकर ा कमरचारय क सची

म स नाम पदनाम सायीकर क ाता

1 एमावजय कमार पटल ाचषकार ड़ -III 01012013

2 आर ीनीवास राव अवर ी ालापक 01012013

10

म स नाम पदनाम सायीकर क ाता

3 पी ामालनद कमार खलासी 01012013

4 गनकली पदममा खलासी 01012013

5 वाइ मानीकयममा खलासी 01012014

6 बी सवामी( अनसाचत जन जाात) खलासी 01012014

7 बी शाता ( अनसाचत जन जाात) खलासी 01012014

11

सानातर पर तनात कमरचारय क सची

म स

नाम ी ीमती

पदनाम सानातर क ाता

सानातर

स को

1 डीरघ रामल

मानाचषकार 11102013 भौ सप एव स स ानदशालय

आ भसा आ क हदराबाद

2 मो अजीमीन सवकक 06112013

(पवारहन)

भारतीय ाशक एव मानाचष ससान हदराबाद

आ भसा आ क हदराबाद

3 सतयभामा नायक सापना एव लखा अाधकारी

10012014 (पवारहन)

पब एव ास भसा आ क कोलकाता

आ भसा आ क हदराबाद

4 एनबी सरी अधीकक सवकक 22012014 मएव गोवा ानदशालय पन

आ भसा आ क हदराबाद

5 एस महबब दादार 17022014

(अपराहन)

मएव गोवा ानदशालय हदराबाद सकनध

आ भसा आ क हदराबाद

6 टीकष कमार अाधकारी सवकक 19032014

(अपराहन)

भारतीय ाशक एव मानाचष ससान हदराबाद

आ भसा आ क हदराबाद

7 एसराव टीटीटी lsquoएrsquo 17042014 पवारहन

भारतीय ाशक एव मानाचष ससान हदराबाद

आ भसा आ क हदराबाद

8 अामत कमार टीटीटी lsquoएrsquo 06052014 पवारहन

भारतीय ाशक एव मानाचष ससान हदराबाद

आ भसा आ क हदराबाद

9 बीराजन बाब सहायक 09062014 पवारहन

दाकी म वगर आ भसा आ क हदराबाद

10 जी शीला रानी मानाचषकार ाड-I 23062014 पवारहन

भौ सप एव स स ानदशालय हदराबाद

आ भसा आ क हदराबाद

12

सानातरत कमरचारय क सची

म स

नाम ीीमती

कमारी पदनाम सानातर क

ाता सानातर

स को

1 बीसीसा अाधकारी सवकक 16082013

आ भसा आ क हदराबाद

भा स एव स हदराबाद

2 एमएम मोहानत

अाधकारी सवकक 26082013

आ भसा आ क हदराबाद

ओड़ीशा भसा आ क भवनर

3 पीयादयया सवकक 11122013

(अपराहन) आ भसा आ क हदराबाद

क भसा आ क बगल

4 सनीता कालरा आशालापक

28042014

(अपराहन) आ भसा आ क हदराबाद

ानदशक सवक (हवाई) दलली भसा आ क नई दलली

5 शभा वी नायर

कायारलय अधीकक

07052014

(अपराहन) आ भसा आ क हदराबाद

भा स एव स हदराबाद हदराबाद

6 कवी चारी सहायक 06062014

(अपराहन) आ भसा आ क हदराबाद

दाकी म वगर

13

सवा ानवसवाचछक सवा ानव ए कमरचारय क सची

म स नाम पदनाम सवा ानवा क ाता टपपी

1 पीडीकमार अाधकारी सवकक 30092013 सवा ानव

2 एस कासम दादार 30092013 सवा ानव

3 भलनराम खलासी 15102013 (पवारहन) सवाचछक सवा नव 4 जी लाजर पटल ाचषकार ड़- II 31102013 सवा ानव 5 बीसीलममा खलासी 31102013 सवा ानव 6 पीदवदास मानाचष मॉउटर 30112013 सवा ानव

7 तनगटला राधा कषा भडार सहायक 31122013 सवा ानव

8 टीवकटयया दादार 31122013 सवा ानव 9 जी चयया माली 31122013 सवा ानव

10 पीसीबोरोल अाधकारी सवकक 28022014 सवा ानव 11 डीरघ रामल मखय मानाचषकार 28022014 सवा ानव 12 बी नासरयया खलासी 28022014 सवा ानव 13 बी ीपाल दादार 31032014 सवा ानव

14 क दानम खलासी 30042014 सवा ानव

15 कषा सरकार अाभलखपाल ाडI 31052014 सवा ानव

16 कपललयया पटल ाचषकार ड़ II 31-05-2014 सवा ानव

17 सीकडयया जमादार 31052014 सवा ानव

18 एमवकटवरल दफतरी 30062014 सवा ानव

19 पीअजरना खलासी 30062014 सवा ानव

20 यावर बगम खलासी 30062014 सवा ानव

21 एमाचा वकटममा

दफतरी 30062014 सवा ानव

22 एनबी सरी अधीकक सवकक 31082014 सवा ानव

14

समात शष

एसपी ईरयया खलासी

जनम ाता 01-07-59 ावभाग म भत होन क ाता 01-03-1997 स ानयामत भत सवगरवास 22-4-2014 परवार इनक परवार म पी क अलावा दो ब ह इनक आकासमक ानधन पर आ दश भ साानक आकड़ा कन क कमरचारय को गहरा आघात पचा और सभी न इनक परवार क ात सवदना क एव इनक आतमा क शाात क ालए ईर स ारना करत ए दो ामनट का मौन रखा सव ी एसपा ईरयया ाजनक आ दश भ साानक आकड़ा कन म कायररत रहत ए अल 2014 म अकाल मतय हो गयी ी उनक परवार क ततकाल मदद क ालए पर आ दश भ साानक आकड़ा कन क परवार न 25600- का ततकाल सहयोग दया

15

भडार का ाप

म स सामी भडार 1 वाटर कलर 01

2 एल ईडी मॉनीटर 15

3 कमपयटर टबल 30

4 कमपयटर कस 30

5 पलाासटक कस 236

6 एचपीाडजाइन जट टी- 1300 टर 01 आइ सी जड एम क अतगरत

7 कलर क समाटर एलए जीएस टी 42- सकनर

01 आइ सी जड एम क अतगरत

8 यपीएस क ालए 12 वोलट क बटरी 60

9 5 कपी का य पी एस 02 डी ए डबलय वी आइ सी जड एम क अतगरत

10 डलल कमपयटर 10

11 लाइका अकय लवल (डी एनए-03) 02 आइ सी जड एम क अतगरत

12 लाइका जीएनएसएस (जीपीएस दोहरी बारबारता)

02 आइ सी जड एम क अतगरत

13 3 डी ावजन कट 23 (18 आ भ सा आ क हत )

14 समसग एलसी डी मॉानटर 02

15 एचपी सकनजट 200 फलटटड- सकनर 01

16 डाट मकस टर 03

16

अनपयोजय भडार का अनपयोगी घोाषत

म स सामी मलय 1 साइबग उपकर 364574-

2 नचर आइटम 218844-

3 ोटोामीतीय उपकर 9125746-

4 कमपयटर और परधीय 4027273-

5 उपकर ( गौ सवक उपकर) 706943-

तदनसार अनपयोजय भडार क अनपयोगी हत नीलामी या क शआत हो चक ह

17

वषर 2013-14 क ालए ानाध का आबटन य

शीषर सवीकत अनदान

(हजार म )

अातर ानाध क मागाा

(हजार म )

भाकमसव ारा काटी गई (हजार

म )

इस कायारलय

ारा अभयपर

अातम बजट अक (पय

म)

य (पय म)

31-3-2014 को शष रााश (पय म)

वतन 114400 0 1400 0 113000000 112999869 131 मजदरी 500 350 0 0 850000 845802 4198 ओ टी ए 0 0 0 0 0 0 0 ाचकतसीय 2840 0 0 750 2090000 2089187 813 डी टी ई 1240 0 0 0 1240000 1239231 769 ओ ई 1409 125 94 1440000 1397157 2843 आर आरटी

240 0 0 16 224000 223875 125

ओ ईए 2 2 0 0 4000 3750 250

एसampएम 310 0 0 310000 309712 288 पी सवा 280 0 0 129 151000 149810 1190 अनदान 0 0 0 20800 20775 25

18

मनोरजन कलब का वाषकोतसव ndash 2013

आ दश भ साानक आकड़ा क ानदशालय क मनोरजन कलब का वाषकोतसव दनाक 10-01-2014 को ातः काल 1000 बज स सममलन कक म आयोाजत कया गया ाजसम मखय अाता भारत क महासवकक डॉ सव र सबबा राव उपासत ावशष अाता क प म ी एसबी शमार उप महासवकक भारतीय सवक एव मानाचष ससान उपासत ानदशक महोदय कनरल ीधर राव न सवागत भाष दया और मनोरजन कलब क साचव ी डीआरएस सन कमार न वाषक रपोटर सतत क सासकातक कायरम ारा सभी का मनोरजन कया गया मखय अाता न अपन भाष म कहा क इस ानदशालय न ी कनरल ीधर राव क नततव म बत अाधक एव सतोषजनक प स गात क ह और इस बात का भी उललख कया क व जब इस ानदशालय क ानदशक तब व य सब कायर करना चाहत परत इनह मतर प दन म कनरल ीधर राव ानदशक महोदय क महतवपर भामका रही ह ततपात एक ीात- भोज का आयोजन कया ाजसम करीब 230 लोग न भाग ालया ाजसक सभी न भर-भर शसा क

मनोरजन कलब ारा आयोाजत कए गए खल

करम

टबल टनीस

शटल

शतरज शॉट- पट धीमी साइकलग

पष सगलस माहला सगलस पष डबलस माहला डबलस

पष सगलस पष डबलस

पष सगलस माहला सगलस पष डबलस माहला डबलस

पष पष पष

19

वषर 2013 क दौरान कनीय मनोरजन कलब सपोटरस स ा इस ानदशालय क ाता एव सममान

करम

खल म परसकार ातीय परसकार ततीय परसकार

पष सगलस पी रवी कानत चनपाल शशी करन एव एलए बग

माहला सगलस शभा वी नायर पीक ातभा शलजा एव मीना

पष डबलस सययद इदरस एव सवातरयया कवी चारी एव ओ वीन कमार

---------

माहला डबलस शभा वी नायर एव अनसया पीक ातभा एव शलबाला खडरी

टबल टनीस पष सगलस पी सतीश क वीचारी ओ वीन कमार

एव अशाख अहमद पष डबलस कवीचारी एव

डी रगा राव कक गा एव पी सतीश ----------

शटल पष सगलस पी सतीश एम वी ावजय कमार कवी चारी एव पी

यादयया माहला डबलस शभा वी नायर एम सबीता मीना एव राज़या

बगम पष डबलस पी सतीश एव

एम वासदव स कमार एव ओ वीन कमार

-----------

माहला डबलस एम सबीता एव राजया बगम

शभा वी नायर एव बी एस वी वरलमी

-----------

शतरज पष जगन एकर ------------

शॉट- पट पष बी नागरम चनपाल स कमार

20

धीमी साइकलग पष डी स कमार सययद इदरस सययद मोजज़म

उ नयायलय म लाबत नयायालक मामल

लाबत मामल 04 आ दश उ नयायालय

कस क सखया 11 कनीय शासानक अाधकर हदराबाद

समा कस क सखया 06 लाबत कस क सखया 05

पनवलोकन मामल

ानालाखत अाधकारयकमरचारय क पनवलोकन मामल का ानपटारा कया जा चका ह

म स प lsquoबीrsquo राजपाषत प lsquoबीrsquo अराजपाषत प lsquoसीrsquo (पवरवत प

1 एस बाब अाधकारी सव ज डी एबनजर मानाचषकार ाडाव I नरश

2 पीक लहा मानाचषकार ाडाव I गदो राम

3 शख मीरावली मानाचषकार ाडाव I एम गररयया

4 जी सीतारामम सव सहायक पी काशम

5 वाई सबबयया सव सहायक सतयममा

6 पीएस सामबाब सव सहायक वी कषयया

7 बी ओबशयया सव सहायक

21

एम ए सी पी क मामल

ानालाखत अाधकारयकमरचारय क एमए सी पी मामल का ानपटारा कया जा चका ह

म स प lsquoबीrsquo अराजपाषत प lsquoसीrsquo (पवरवत प lsquoडीrsquo)

1 वी सयर भा मानाचषकार ाडाव I एल योहन

2 पीकलहा मानाचषकार ाडाव I सीनाराया

3 शख मीरावली मानाचषकार ाडाव I जजॉन

4 एम भवनरी मानाचषकार ाडाव I एस रामयया

5 बीएसवी वरलमी मानाचषकार ड़ II बी पललया

6 - पी काशम

7 - शख काासम पीरा

8 - एम लमी नाराया

9 - एम वकटरल

10 - जी जया

आ दश भ साानक आकड़ा कन क अाधकारय कमरचारय क ब ाजनहन शकाक ानपता दखाई ह

1 कमारी अनवषा कर सपषी डॉ पीक कर सी जी पी ए 9810 दसव कका क ीय ावालय हदराबाद

22

तलग म ावव ी नकश ( ओएस एम) क तयारी (बीएचराव अधी सव जीव अाध सव एमराकश अाध सव एसपटा री मानाचषकार)

सतावना पवर म ावाभ नकश तलग म कााशत आ करत जस आ दश राजय नकशा (1999) भारत क राजनीातक नकश आद ऐस नकश अकराक ासटक-अप (lettering stickups) साहत साइबग क परमपरागत तकनीक का उपयोग कर कााशत होत तााप कोई भी सलाकातक नकश तलग म कााशत नह ए ह परत हाल ही म ावजान एव ौोागक ावभाग न ावव ी टोपो नकश ( ओएसएम) को कषीय भाषा म उपलबध करवान क ालए एक नीात को जारी कया ह ाजसक पराम सवप आ दश भ साानक आकड़ा क न राजय क राजधानी हदराबाद को दशारत ए एक शीट को योग क आधार पर अकय माधयम स तलग म करन का काम ालया ह

ॉनट क खोज म माइोसटशन साफटवर क अनक ल डीजीएन ामट म मल डाटा बस पहल स ही उपलबध ह मल-

पाठ को बठान क ालए माइोसटशन क अनक ल एक सावधाजनक तलग ॉनट क आवशयकता ह अनक ॉनट क जाच क गई परत कछ भी माइोसटशन क अनक ल नह पाया गया कयक तलग ालाप म बत सारी माषाए अगल स लगवाए जान क कार ldquoमाषाrdquo को लगाना एक कठन कायर सााबत आ तााप वब म बत छान-बीन करन क बाद ldquoटी टी एल हमलताrdquo ॉनट को खोजा गया और माइोसटशन परवश म मल पाठ को रखन म उपयोगी पाया गया

अनवाद

ावाभ व रनातमक अाभउाया ाचनह पाद- टपपाया आद का अजी स तलग म अनवाद हत सभी ापय साधन जस क इटरनट नट पर अनवाद शबदावली आद का आय ालया गया

माइोसटशन परवश म मल पाठ को बठान क ालए कायरावाध

ॉनट याान ldquoटी टी एल हमलताrdquo वााछत सान पर लोड कया गया तलग ालाप म बत सारी माषा क अतःसाापत होन क कार एक ावाशप शबद या अकर क ालए सही माषा क चयन हत अाधक सावधानी बरतना का सानात कया गया वााछत मल ndash पाठ को मइोसाफट वडर म टकत कया गया माइोसटशन वशरन 8 ाइल म अनोटशन टकसट एडीटर क माधयम स कापी और पसट कया गया उ

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शीट क 22 टोपो स अनवादत अनोटशन को या सतयाापत कया गया अनोटशन को कनार म और उपरो शीट क नाम ाइल म रखा गया मामल ाजनको सलझाना ह -

1 ॉनट क आकार का मानककर 2 तलग ालाप म ावाभ व रनातमक अाभउया क सावधाजनक शबद का चयन 3 मल- पाठ को सगठत करना एक जटल कायर ह और समय लन वाली कायरावाध ह और पयार

माषा म षीय भाषा याान तलग क जान क जरत ह 4 जयादा सखया म सपादन मल-पाठ क सगठन क आवशयकता ह 5 तलगाना राजयतलग ावावालय क उ राजभाषा ावभाग स अनवादत ालाप को माीकर

करन क आवशयकता होगी समाा

सानीय ालाप (तलग) म ओ एस एम माक नकश क तयारी स अाधक सखया म लोग को सलाकातक नकश को आसानी स योग करन म सावधा होगी सलाकातक नकश म भाषा-ावषयक सबधी साचकारी पदार को जोड़न स ानयही भारतीय सवक ावभाग क उतपाद क चार को बढ़ावा ामलगा और बाजार म अपनी अहामयत बढ़ाएगा

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चनौती क ालए तयारी (रघना ाषपाठी अधीकक सवकक)

कसी भी ावभाग म नई चनौातय को सामना करन क ालए कमता ानमार क आवशयकता ह यद

यह नह कया जाए तो सताावत योजनाए ावल हो जाती ह कमता ानमार स पहल उसक लय एव उशय को परभााषत कया जाना आवशयक ह कयक इसक कायारनवयन क सतर म योजना और ानषपादन म का अतर हो सकता ह कमता ानमार क अनय मानक क अतगरत अनवत सावधा क रखरखाव और सभाावत ावकास भी शाामल ह कमता ानमार क कसी भी यास म ातभा क खोज को ही पहल कदम क प म ालया जाना चााहए भारतीय सवक ावभाग म सही कमता ानमार क बाद ही 110000 क पमान का सवक करन और मानाचष ाा सभव हो पाएगा आधानक अाध ौोागक म कमय क ाशक पयार नह ह लकन यह दखना ह क जो माग और सवक और मानाचष क आपत क खला स सक ातत ह जनता क ालए उपयोागता बढ़ा रही ह श म हालाक बाधाए आना बाधय ह हम यह कायर श करना और पराम क तीका करनी ह इस यास म खल अाधकार कष क ावशषज को ानयामत प स परामशर कया जाना चााहए सवक और नकश क उपयोगकतार क माग और एक बड़ परय क दाप स दखन क ालए यह महतवपर ह

यहा तक क उपयोगकतार क ालए भी ाडाजटल डटा का उपयोग सीामत ह भारतीय सवक ावभाग उपयोगकतार को ानयामत आधार पर सहायता और मलय सवधरन क ालए सलाह दकर नकश क कातज उपयोग तक का ावसतार कर सकता ह उस बात पर धयान दत ए भारतीय सवक ावभाग क सवा हत जी आई एस वजाानक को शाामल करन क आवशयकता ह यह महगा मामला होन पर भी वरीयता स भरी हम भावषय क चनौातय को परा करन क ालए तयार रहना चााहए कयक नकश क उपयोग स ावकास को तो होना ही ह

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नमक का महतव (कष कमार अाधकारी सवकक)

एक राजा क तीन बटया ी तीन बत ही सनदर सशील और ावशष ग वाली एक दन राजा न तीन राजकमारय को अलग-अलग स एक ही सवाल पछा ldquo बटी तम मझ कतना चाहती हो ldquo बड़ी राजकमारी न जवाब दया rdquo ापताजी म आपको सोन जस चाहती अारत सोन क आभष स मझ ाजतना पयार ह उतना ही पयार आप स ह ापताजी ldquo राजा बत सतप आ और दसरी राजकमारी स पछाrdquoबटी दीदी न तो जवाब द दया अब तम बताओ तम मझस कतना ह रखती हो दसरी राजकमारी बोली ldquo ापताजी म आपको हीर जसा चाहती अारत हीर क गहन स मझ ाजतना पयार ह उतनी ही पयार आप स ह ापताजी ldquo राजा तो ल न समाया सोचन लगा rdquo म बमतलब का सकोच कर रहा ा मरी बटया तो लगता ह मर बगर जी नह पाएगी ldquo अब तीसर स कया पछ र भी पछ लता र तीसरी बटी स पछाrdquo बटी तम मझ कतना चाहती हो तीसरी राजकमारी न जवाब दयाrdquo ापताजी म आपको नमक ाजतना चाहती जवाब सनत ही राजा आग-बबला हो उठा और बरी-भली सनाकर उसक कक स ानकल गया छोटी राजकमारी न कछ नह कहा बालक राजा क डाट सनकर चपचाप रह गयी रात ई राजा को सार महल क कायर ानपटान क बाद भख लगी खान क ालए उस हीर स ससात सोन क सहासन पर छोटी राजकमारी न बठाया र सोन क ाली म नाना कार क जन स य खाना परोसा और राजा को खाना श करन को कहा राजा न मह म खाना रखा तो महसस कया खाना का ह र हर जन को चखा तो पाया सब क ह र तो आग-बबला होकर अपनी रानी पर ाचललाया ldquo इस तरह क भल कस हो गयी हम कया समझ रखा ह जन दखाकर ललचाना और र खान नह दना यह बोलत ए रानी पर सोन क ाली ाजस पर जन परोस ए कन क ालए हा उठाया उठ ए हा को तीसरी राजकमारी न पकड़ ालया और पछा ldquoापताजीखाना तो बढ़या ह र कमी कया हrdquo राजा बोल ldquoनमक क ाबनाकोई खाना खाया जा सकता हrdquo राजकमारी बोली ldquoापताजीआपको तो नमक स नरत ह ना इसालए मन जन बनवात ए नमक नह डलवाया rdquo र तो राजा समझ गया क छोटी बटी न उनह सबक ासखान क ालए यह भोजन तयार करवाया ह र बोला ldquoबटी म समझ गया नमक क ाबना खाना जस सवादप नह उसी तरह तमहार पयार ाबना मरा वचरसव नह ldquo और राजकमारी को गल लगा ालया

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मायाजाल (एनबी सवामी अाधकारी सवकक)

इस जगत म कल 84 लाख जीव राशया ह और उनम मानव जनम सबस उम ह उम इसालए ह क भगवान न मानव का आधार इसालए दया ह ताक इस जनम अचछ कमर कर वह मोक क ाा कर सक मोक याान पनरजनम नह यद कमर बर ए तो र 84 लाख जीवरााशय म पदा होन क ालए वह आतमा कालच म दोबारा स जाती ह इस सपर कालच क याषा करत ए जब आतमा मानव क योान म वश करती ह तब वह भगवान स यही ारना करता रहता ह क ह भगवान मझ इस कद (याान मा का गभर) स जलदी मा दला द कयक म तमहारा धयान सही ढग स नह कर पा रहा कयक इस कद म अनक तरल पदा क सा-सा मल-मष म भी टहल रहा यह कसा नरक ह जहा आपन मझ सा रखा ह तब भगवान भी बोलत ह क ldquoत अभी बालक ाशश का प धार करन वाला ह तमन इतन वष यग म ाजतन पाप कय ह उन सबक यह चरम सीमा ह यह चरम सीमा बत ही पीड़ा दन वाली ह ाजस तमह जीतना ह लाघना ह इस चरम सीमा स मा होन क बाद तम कया करोग ldquo ाशश कहता ह ldquo भगवन आप जो कहग ldquo भगवन पछत ह कया तम अपना जीवन मरा धयान करत ए मर ालए समपर कर दोग ldquoाशश कहता हrdquo हा म समपर कर दगा आपक ालए ldquo भगवन भी जानत ह ाशश को नौ महीन गभर म रहना ही पड़गा तभी पर शरीर का ावकास होकर जब वह बाहर आएगा तो मरी सवा करगा उ नौ महीन तदनसार भगवन ाशश का वातारलाप नौ महीन चलता रहता ह ताक ाशश अपन चार ओर स मल क गध का धयान न द र जब वह बाहर ानकलता ह भगवान को धनयवाद करता ह और कहता ह ldquo म तमहारा बत ही आभारी भ अपन मझ मा दलाई अभी मझम वह ताकत नह क म तमहारा धयान करन क ासवा और कछ क मर माता ndashापता मझ सच कर जब अपन पर पर चलन क ताकत द दग तभी म तमहार ालए कछ कर पाऊगा ldquo भगवान कहत ह ldquo अर मखर त नह जानता यह जगत एक मायाजाल ह मझ पर ावास ह त मझ भल जायगा और र स कालच म पड़ जायगा ाशश कहता ह ldquo नह भगवान ऐसा नह ह भगवान मरा ावास करो म ातजा करता मरा जीवन आपक ालए ही समपर ह ldquo भगवान कहत ह ldquoदख लगा इस जगत क मायाजाल म त मरी कया का सवा करगा ldquo यह ाशश और भ का वाारलाप सनकर दवष नारद भगवान क पास पच पछन लग ldquo भ आप कस मायाजाल क बात कर रह ह ldquo भ बोल ldquo नारद म समसत जीव- रााशय का सवामी उनका कलया चाहता उनको सख भी और दख भी दता वह इसालए क मायाजाल क मोह एव अहकार म पड़कर खद को सपर मानन वाल ाी को दड न द तो र मरा समर कस करगा ldquo नारद बोल ldquo भ आपक वचन का मतलब कस

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दशा म जाता ह यह तो मझ नह पता एक तर कहत ह समसत जीवरााशय का कलया चाहता दसरी ओर कहत ह दड दता तीसरी ओर मायाजाल अर नाराय आप जब समसत जगत क सवामी ह सब आपक अधीन ही ह तो र मायाजाल शबद आपन जो योग कया ह वह आपक अधीन स बाहर कस हो गयाrdquo ानयष काजए जीवरााशया उसक चपट म नह आएगी र सब आपका गगान ही करग और सबको मोक क ाा होगी ldquo भगवान कहत ह ldquo ह दवष मर ालए समसत जीवराशी को परीका स गजरना पड़ता ह मानव जीवन ही उनम अातम परीका ह बस उसको लाघ ल म पनरजनम स मा दला दldquo नारद जी भगवान स तकर करन लग गय का दर बाद भगवान न कहा rdquo दवष आपस बहस और नह कर सकता आपस बहस कर मरा गला सख गया ह जरा एक छोट कलश या कमडल म पानी लकर आइय ताक म अपनी पयास बझा सक नारद को झटका लगा और पाताप करन लग ldquo बमतलब मन अनतरयामी स बहस कर उनको कप दया व समपर जानानद क सामन मरी हासयत कया ह पता नह आज मरी मात मारी गयी और म बमतलब बहस करन लगा भ को पयास लगी ह और वो भी मरी वजह स जलदी स उनक पयास म बझा द पानी क खोज म सार लोक का म करत ए नारदजी पथवी लोक म पच गए पथवी लोक पचकर पानी क खोज म एक कए क पास पच तो दखा क एक अतयनत सदर नारी कए स पानी ानकाल रही ह नारद न सोचा वह सनदर ी पानी भरकर चली जाए तो र म ोड़ा सा पानी भर ल नारद उस दख रह ी भी नारद जी को दख रही ी नारदजी न पछा rdquo दवी कया तम यह आसपास रहती हो ी न जवाब दया rdquo हा ldquo नारदजी र पछ rdquo दवी कया तमहारा ाववाह हो चका ह rdquo ी बोली ldquoनह ldquo नारदजी का ावचालत मन ल नह समाया और पछ ही ालया ldquo दवी यद तम अाववााहत हो और यद तमह कोई परशानी न हो तो कया तम मझस ाववाह करोगी ी सादाय औरत ी बोली ldquo मर ापता क आजा क ाबना म आपस ाववाह नह कर सकती ldquo नारदजी बोल ldquo दवी सशील नारी क यही ग होत ह यद तमह आपा न हो तो म तमहार सा चलकर तमहार माता-ापता स बात कगा और तमस ाववाह कगा ldquo यवती राजी ई और ासर एव कध म पानी स भर घड़ को ढोत ए आग चलती रही और नारदजी पीछ चलन लग सपर रासत म उस सनदर ी क ानहारत ए मन म सपन क पल बाध रह उस सनदर ी क ापता क पास जाकर अपना परचय दत ए उनक बटी स ाववाह करन का सताव रखा साकात नारद मान को अपना दामाद सवप दख उसी मतर म मगनी हो गई और एक शभ मर म ाववाह भी हो गया ाववाह क कछ दन क पात उनक ब हो गय ब बड़ भी हो गय र तो व अपन गहस आम म इतन सत हो गय क उनक मह स नाराय मष ानकलना भी बद हो गया कई वष बाद एक शाम को जोर क आधी क सा तानी बारश ई इस माहौल न इतना ावकराल प धार कर ालया ा क वातावर लय म बदल गया चार तर पानी भर गया बत सार लोग पश आद पानी म बह गय कनत कात क ावकराल प क सामन ठहरन का साहस कस ा दखत ही दखत उनका गह भी बाढ़ क चपट म आकर टट गया और पानी म बह गाया पी और ब डर स

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रोदन करन लग दखत-दखत कान पष क अलावा पी और बाक ब भी पानी म बह गए र तो नारदजी स सोचा इस कान को म कध पर ालए चलता ताक वह तो बढ़ाप म मरा सहारा बनगा कनत लय क तीता इतनी तज ी क नारदजी क नाक क ऊपर स पानी बहन लगा र तो व खद भी भल गय क बट को बचाना ह सोचन लग म कसी तरह जीावत बच जाऊ उसी सोच न उनक कान पष को भी नह बखशा कसी तरह कछ समय उपरानत लय शानत आ पानी घट गया चार तरक मनषयपश - पकी आद क लाश टट ए रासत और घर क बीच पड़ी ई ी नारद मान को बहद दख आ और ठठोर कर रोन लग गय रोत-रोत व खद क बार म सोचन लग क भगवान न उनक सा ऐसा अनयाय कय कया काश व भी मर जात तो अचछा होता तभी उस राह स ास महष गजरत ए नारदमान स परामशर करन लग नारदजी कहन लग ldquo पता नह मन कौन सा पाप कया ह क मर पर परवार का सवरनाश हो गया ह मझ कय मतय नह आई इस पर ासजी न कहा शायद तमहारा समय नह आया ह इसालय तम बच गय हो हालाक ास जानत क नारद मायाजाल म सा आ ह ldquo र इसका ानरय कौन करता ह ldquo नारद न ासजी स पछा ासजी न उर दया ldquoयह तो मतयलोक क अाधपात यमराज ही इसका उर दगrdquo र व दोन ामलकर यमराज क पास गय यमराज न आन का कार पछा तो ासजी न नारद मान क सारी दख भरी गाा सनाई और पछा क ldquoमतय न इनका आलगन कय नह कयाldquo यमराज बोल rdquoम कोई नह मरा यमदत ही इसका उर द सकता ह कयक म यमदत क ारा कसी आतमा को लान क बाद ही उसक पाप-पणय का ाहसाब दख ानधाररत सजा का ऐलान करता यद यमदत आपको लकर मर पास नह आया तो इसम मरा कया दोष ह यमदत स पछ लldquo र ासजी न उनक यमदत स वही सवाल करन पर यमदत न कहा ldquo महामान म कस कसी क शरीर स आतमा को छीनकर ल आऊ म तो यमलोक का सवक माष ाचषग जब तक आजा नह दत तब तक म कोई कायरवाही नह कर सकता आप इस का उर ाचषगजी स पछ ल ldquo र ासजी न ाचषग स वही सवाल करन पर ाचषग न कहाrdquo महामान म तो यमदत को तभी आजा दता जब उस ाी का सारा लखा - जोखा समा हो जाता ह अभी माननीय नारद जी क मतय का समय आया नह ह अभी उनका कछ कया नह जा सकता ldquo ासजी न नारद स कहाrdquo दखो नारद अभी तमहारा समय आया नह ह तभी तम जीावत हो चलो चलत ह अब ापछली घटना को भल कर आग क सोचो ldquo बस इतना ही कहना ा क ाचषग न र ासजी को बलाकर कहा rdquo ह ऋाषवर इनक कणडली म यह ालखा ह क मतय तभी इनको गल लगा सकती ह जब य एक सा आपको मझ यमराज और उनका वाहन भस का एक सा दशरन करग चक इनक ारा यह कायर पर हो चका ह अत इनका जीवन पर हो गया ह ldquo बस इतना ही ा क नारद जी को आवाज आन लगी अर दवष दवष मझ कब स पयास लगी ई ी मरा गला सख गया ह कनत आपन मझ अब

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तक पानी नह दया कहा ह पानी ldquo य साकात नाराय क आवाज सन नारदजी को होश आया और भगवान क चर म पड़कर ागड़ागड़ान लग यह कहत ए क rdquo ह नाराय आपन मझ अचछा सबक ासखाया ह मन आपस बहस कया कर लीआपन मझ मायाजाल का साकातकार करवा दया कमा काजए म आपको पानी नह ापला सका मरी वजह स आपका गला खब सख गया होगा ldquo यह कहत ए उनक अधारा स नाराय क पाव धल गय और भगवान न कहाrdquo दवष आप चातत ना ह आपन अधारा स मर चर धोकर ानसवार सवा कर दी मरी पयास बझ गयी ह अब आप म ह ldquo र नारदजी खशी स नाराय-नाराय कहत ए ानकल गय

घाट का पतर

(बषव बहरा अाधकारी सवकक)

माता-ापता और जनम भाम को छोड़ कर हम सब बन गए ह घाट का पतर धनय ह वह महापष ाजसन हम साापत कया म उस महापष क ावषय म व रन नह कर सकता शायद म अात पाप क कार पतर बन गया लोकन म आशा करता क भावषय म मरा भागय बदल जाएगा चक म लोग क मन स सवा करता इसका ल हमको भगवान अवशय दग लोग का सवा करत ndashकरत मरा आकार भी बदल गया परनत सवा करत ndashकरत मरा नाम रोशन हो रहा ह बालक हम सता का अनभव हो रहा ह मर कमर क चलत मरा भागय बदल रहा ह म हमशा जलम रहता और पीठ पर ातदन मार झलत रहता शायद ही ऐसा पीड़ा इस ससार म कसी को ामलती होगी मरा सानानतर भी नह ह म कई महापष को दखता आया कतन महाराय न ा तयाग दय लकन तबस म यहा अकला पड़ा म हर मौसम क मार झल रहा ब-बढ़ क सवा करत-करत मन कछ पणय कमा ालए ह और आशा करता क मझ को भावषय म मानव जनम ामल सकता ह मानव जनम ामलन स म आपका भजन-करन कगा

ऐस दखतndashदखत कई यग क बाद हमको मानव जनम ा आ मानव जनम म अगर इस धराष म दखा क यहा ऊच-नीच जात-पात नीात-ानयम ावदन पाचार अनयाय ndashअतयाचार चमर-अचमर का ताडव नतय चल रहा ह दखकर मर मन म परवतरन आ गया क भ मझको मरा ापछला जनम वापस द दीाजए

पतर जनम म रह कर मरा कोई-कोई साी अचछ कमर क चलत मदर म सान ा कर ालया ह कोई-कोई तो ठाकर बन गय लोग-ातदन उनक पजा करत ह

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हम लोग म स कोई-कोई सामाजक कायर म सहयोग दान करत ह कोई गह-ानमार म सहयोग द रह ह तो कोई मदर-ानमार म सहयोग द रह ह कोई तो सीधा मत बन गय इसीालए उनक मन म घमणड आ गया अहलया न पतर होन क नात भगवान का दशरन पा ालया इसालए पतर जनम होन क चलत उनक मन म का अह भाव आ गया

हमार अनदर ावाभ प भी ह याः लोहा पतर चना पतर सगममरर काला पतर (नाइट सटोन) मलायम पतर (soft stone) इतयाद लोहा पतर जो दश क ानमार म काम आता ह चना पत जो ासमट ानमार क काम म आता ह सगममरर घर और मदर का शर (flooring) म काम आता ह काला पत घर का शर और आला बनान म काम आता ह मलायम पतर ाशलप कला क ावकास म योगदान दत ह पतर जनम होकर भी म का गवर महसस करता मरी भगवान स अानतम ावनती य ह क आप मझ अानतम समय म दशरन दन को कपा कर

न हमको पतर जनम चााहए न हमको मानव जनम चााहए हमको तो ास र इस भव सागर स पार होना चााहए

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जयादा लोभ न करना (पाडव कानटया सहायक सवकक)

मनषय भगवान क साप ह इसालए वह भगवान का अश ह जब तक वो मा क गभर म ा तक तक वह मोह-माया स वाचत ा एव हमशा भगवान क समीप ा लकन जब वो पथवी पर अवती र आ उसको मोह-माया न घर ालया पाच साल तक वो ईरीय सा म रहता ह इसालए कहा जाता ह क ldquoCHILD IS THE INCARNATION OF GODrdquo इसक बाद मोह-माया म आकषत हो कर ईरीय सा को भल जाता ह बचपन म वो बत आजा और मोह-माया राहत और चरषवान रहता ह जब समय बढ़ता जाता ह तब उसक समसत उम ग धवस होकर गलत मागर पर चला जाता ह

बचपन म ावा ाशका जवानी म ी दीका एव पारवारक ाचनता म म होकर वह समसत मौालक सा को खो दता ह सबा नप होकर सबा म आ जाता ह दव का नप होकर राकस वा जारवत होता ह एव परवारक जगल म सकर भगवान का नाम लना भल जाता ह अपना परवार का भर पोष क ालए कठन परम करता ह लकन उनका पट भरता नह ह ईर क सा को भल जाता ह और अनत म पशकतव को ा होता ह शरीर रोगसत हो जाता ह दाप शा की हो जाती ह चलन ndashरन म असमर रहता ह रात को नद नह आती ह र भी लोभ को छोड़ नह पाता ह अपन बीवी-ब ता परवार क बार म सदा सोचन लगता ह शरीर वावसा को ा होता ह परवार क कोई भी सदसय पछत नह ह

परवार क लोग उसको ढग स खाना भी नह दत ह उसको घर स दर रखत ह र भी यह अधम मनषय भगवान क बार म सोचता नह ह लोभ का अनत नह होता ह पाप का बोझ बढ़त जाता ह अनत म नरक को ा होता ह र भी मनषय भगवान को समझ नह पाता ह परवार क ालए इतना बड़ी ददरशा झलता ह उनको कोई भी नह पछता ह उसक ारा जमा क गई पजी को परवार वाल उनक सामन मौज करत ह

लोभ मनषय को अनधा बना दता ह आदमी क हतया करत ह लोभ क वशीभत होकर दसर क समपात को लटत ह ाजसस समाज म पाचार बढ़ता ह इसालए ह मानव तम कय लोभ करत हो लोभ नह करक भगवान का समर करो हर कतरन करो तप जप करो और सवगर क अाधकारी बनो उम कमर करक भगवान क शरागत हो जाओ भगवान तमहार समसत सख-दख का भार वाहन करग

सवरधमारनपरतयजय मामक शर ज अह तवा सवरपापभयो मोकायषयााम मा शच

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इसालए अचछा कमर करक पणय कमाना ह हमशा धमर क जय और पाप का कय होता ह धमर-कमर करक ावजय ा होगी लकन अधमर म जाकर नरक गामी नह होना

एकदा अनधा राजा धतरा सजय को पछा क ldquoह सजय इस धमर य म कसक जय होगी उर म सजय बोल क ldquoयष योगर कषो यष पा धनधरर तष ी ावजयो भात वा नीातमरातमरम ldquo अारत जहा योगर कष एव धनधाररी अजरन एक सा ह वहा ावजय ानात ह

इसालए दखा गया क हमशा धमर क जय और अधमर क पराजय होती ह धमर सवचछ ानमरल लकन अधमर कदाकार कात ह इसालए लोभ-लालच म वशीभत न होकर सत

कमर करो अनयाय का परतयाग करो लोभ मत करो जीवन म कप करक जो धन कमा ालया वो सब इस धरती म रह जाता ह अानतम क म सा कोई नह ल जाता इसालए अनधर म भटक नह जाना इसालए कहा गया ह क-अात लालच नह करना अात सवरष गहतम अारत अात सवरनाश का कार ह

अात दप हता लका

अात मानसय कौरवा अातदारन बाल वध अात सवरष गहतम

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टटा वक का अाभमान (चरदास नाराय गडम सवक सहायक)

वन म खड़ एक वक क सा ालपटी एक लता भी धीर-धीर वक क बराबर हो गई वक का आय

लकर उसन भी लना ndashलना आरभ कर दया बल को लत ndash लत दखकर वक को अहकार हो गया क म न होता तो लता अासततव हीन होती वह लता को धमकात ए बोला ओ बल चपचाप मरा कहना माना कर म जो कह रहा वह कया कर नह तो ध मार कर भगा दगा पड़ का लाप जारी ा क दो पाक वहा स ानकल एक बोला अर भाई जरा दखो तो यह वक कसा सदर ह इस पर कसी सदर लता पाषपत हो रही ह आओ इसक नीच ोड़ी दर ावाम कर अपना महतव लता क सा ह यह जानकर वक का अाभमान भी नप हो गया सा ndash सा रहन स ही सबक गात होती ह

बटी (डी राव बाब पटल ाचषक ड-II)

बटी घर क लाज होती ह पापा क सर का ताज होती ह दल क सदा स रही ह इचछा बटी तझको ह पाना आई हो मर जीवन म जस एक ननही कावता राह दखता म तरी जलदी स मर पास आना मा क गोद म सदा रहती हो कछ पल मर पास भी आना न चाहत ह अब धन दौलत क त ही लमी त ही मरी मत भी डर लगता ह सोचक जब एक दन छोड़ क जाएगी त कतना मझ लायगी त बटी होती ह बाबल क लाड़ली

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यह ाज़नदगी (सययद इदरीस पटल ाचषक ड ndashII)

बठ जाता ह ामी प अकसर कय क मझ अपनी औकात अचछी लगती ह

मन समनदर स सीखा ह जीन का सलीका चपचाप स बहना और अपनी मौज म रहना चाहता तो ह क य दानया बदल द पर दो व क रोटी क जगाड़ म सरत नह ामलती दोसत महगी स महगी घड़ी पहन कर दख ली व र भी मर ाहसाब स नह चलता य ही हम दल को सा रखा करत पता नह ा क कमत चहर क होती ह अगर खदा नह ह तो उसका ाज कय और अगर खदा ह तो र कय

lsquorsquoदो बात इसान को अपन स दर कर दती ह एक उसका ldquoअहम rdquo और दसरा उसका ldquo वहमrdquo पस स सख कभी खरीदा नह जाता और दख का कोई खरीदार नह होता मझ ाज़नदगी का इतना तजबार तो नह पर सना ह सादगी म लोग जीन नह दत मााचस क जरत यहा नह पड़ती यहा आदमी आदमी स जलता ह ाव क बड़ स बड़ वजाानक यह ढढ रह ह क मगल ह पर जीवन ह या नह पर आदमी यह नह ढढ रहा ह क जीवन म मगल ह या नह

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जीवन म न जान कौनसी बात ldquoआखरी rdquo होगी न जान कौन सी रात आखरी होगी ामलत जलत बात करत रहो यार एक दसर स न जान कौन सी ldquo मलाकात rdquo आखरी होगी अगर जदगी म कछ पाना ह तो तरीक बदलो इराद नह ऐ चाद त कस मज़हब का ह ईद भी तरी और करवाचौ भी तरा

उगालय क लड़ाई

(शख महबब पीरा पटल ाचषक)

एक दन हा क सभी उगालया आपस म लड़न लग अगठा बोला म सबस बड़ा सभी जगह जरी कागज पर मझस ही ानशान बनाया जाता ह तजरनी बोली-ldquoम बड़ी मर होन स ही सब लोग काम कर पात ह जस-ालखना खाना पकड़ना मधयमा बोली-ldquoअर भई कया तम नह जानत जो आकार म लबा होता ह उस ही सभी बड़ा कहत ह अनाामका सब बात चपचाप सन रही ी वह तरत बोली ndashldquo म सबस बड़ी म तो पजा करन क भी काम आती मर स ही रोलीातलक लगाया जाता ह कानाका सभी को लड़ता दखकर उदास ी वह चपचाप एक कोन म कछ सोच रही ी तभी अगठा व तीन उगालया उसक पास गई और बोली- ldquoअर छोटी तम तो बड़ी हो ही नह सकती कयक तमहारा नाम ही कानाका ह कानाका बोली ldquoसनो अगठ भाई और पयारी उगालय आपस म लड़कर कभी कसी का भला नह हो सकता हमम कोई भी बड़ा-छोटा नह ह हम सब ामलकर मी बन सकत ह तभी हम सब बलवान हग कया तमह नह मालम क बद मी म ही ताकत होती ह इसालए हमारा लड़ना बकार ह rdquo कानाका क बात सनकर सभी एक सा बोल- ldquoहा छोटी बहन तम ाबलकल सही कह रही हो सचमच अकल म तम ही हम सबस बड़ी हो rdquo

इस नीात का स एकता म बल क ाशका ा होती ह

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तलगाना- भारत का एक और नया राजय (शलबाला खडरी मानाचषकार)

तलगाना भारत क दाकी भाग म ासत भारत का 29 वा राजय ह कषल क दाप स यह दश का

बीसवा बड़ा राजय ह ाचीन हदराबाद रयासत का अाधकतम भाग तलगाना राजय म ालया गया ह जहा आजादी स पहल ानजाम का राजय ा सन 1947 म जब भारत अज क चगल स आजाद आ उसक बाद भी हदराबाद का ानजाम अपनी रयासत सय भारत म ावलीन करन क पक म नह ा वह अपनी रयासत पर अपना ही सवतष शासन चाहता ा अतत सरदार बललभ भाई पटल क अक यास स इस रयासत को भारत क मखय धारा म ावलीन कया जा सका इस कार आन दश राजय क सापना ई और 26 जनवरी 1950 को ी एमक वललोड़ी आन दश राजय क म मखयमषी ानय ए 1956 म हदराबाद रयासत को आन दश राजय म ावलीन कर दया गया

2 जन 2014 म पनः तलगाना राजय अासततव म आया आन दश राजय क उर पामी 10 ाजल को ामलाकर तलगाना राजय क सापना क गयी ह राजधानी हदराबाद भी तलगाना राजय म ासत ह परनत 10 वष तक हदराबाद दोन राजय याान आन दश और तलगाना राजय क सय राजधानी रहगी दोन राजय क शासानक कायर हदराबाद स सचाालत हग तलगाना शबद का ादभारव ाषलगा दश शबद स आ ह ाजसका अर ह तीन लगो वाला दश तलगाना राजय क तीन दशा म कालरम ीशलम और ाकारामम ास ाशव मानदर ासत ह ाजनक अपार धामक महा ह वासतव म पक तलगाना राजय क ालए 1946 स 1951 क बीच ही ारमभ हो गया ा उस समय कमयानसट पाट न इस आनदोलन का नततव कया ा जो असल रहा भाषा क आधार पर तलगाना और आन राजय को पक करन क ालए अनक आनदोलन समय-समय पर होत रह ह इनम मखय आनदोलन 19691972 और 2009 क ह इन आनदोलन का यह भाव आ क 9 दसमबर 2009 म भारत सरकार न पक तलगाना राजय बनान क कायरवाही श कर दी य घोषा सनत ही तटीय आन व सीमान कष क लोग न सम आन दश क पक म आामक आनदोलन ारमभ कर दया और ऐसी ासात म भारत सरकार न यह कायर 23 दसमबर 2009 तक सागत कर दया इसक पात भी लगातार पक तलगाना और सम आन दश क ालए अलग-अलग आनदोलन चलत रह पक तलगाना क पक म कई आतम - हतयाए ई हड़ताल क गयी ाजसस जन साधार को बत असावधा का सामना करना पड़ा अतत पक तलगाना समरक क जीत ई और कास कायरकारी सामात न सवर सहमात स 30 जलाई 2013 को पक तलगाना राजय क ासारश करत ए ाबल तयार कर दया अनक सोपान पार करत ए यह ाबल रवरी 2014 को ससद म पारत कया गया रवरी 2014 दश पनगठरन एकट क तहत यह ाबल ससद म पास हो गया इसक पात इस नय राजय तलगाना ाबल को रापात ारा सहमात ा ई और माचर 2014 क गजट म इस कााशत कया गया इस कार नय तलगाना राजय क सापना ई

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ाशासकय प स तलगाना राजय क सापना 2 जन 2014 को ई क चन शखर राव क पाट ldquoतलगाना रा सामातrdquo न चनाव म दश म बमत हाासल कया और इस कार ी कचन शखर राव तलगाना राजय क म मखय मषी चन गए

म महगाई (डॉ नीलम कमार ाबड़ला अाभलखपाल)

म महगाई महग दशभ लोग क आमष पर भारत आई तज गात लान गात म भारत आई मझ गलत मत समझो गरीब बत ठीक बमत दकर तमन ाजनको बत उठाया म तो उनह क तीक भौातक वादी यग म योग ासखाती म भख पट न सोए कोई कडालनी जगाती म धयान प म च मारकर मन जय ऊपर चढ़त-चढ़त र तक आ जाता ह भाव वसत क वस ही र तक ल आई

अब इस यग म एक तल क पीप को पा लन का अर को पा लना ह भ दशरन क झलक दखना एक टमाटर खा लना ह भारत का आदशर तयाग ह अनासा ह अपरह ह मझको पाकर लोग वसतए तयाग रह ह अपनी खद क कार छोड़ बस क पीछ भाग रह ह म लोग को तड़क भड़क स खच

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सादगी ासखाती टरीलीन क शौकन को ला पहनाती माया जीवन का बधन ह पया पसा मल हा का म वतन भोगी लोग क बधन दो दन म हर लती शी छड़ाकर मल हा का शीश सा ानमरल कर दती

नीात ालखन वाल न कम खाना या गम खाना अचछा बतलाया मन उनका कन ानभाया ाजतनी चीज महगी हगी उतना ही जन कम खाएग ाजस दन रोटी नह ामलगी उस दन खद ही कम खाएग

शकल पक क चाद सरीखी बढ़ती म खब चादनी लाऊगी अभी दज तक ही आई परमासी तक जाऊगी

करो कलपना जब भारत जन कतन सदर दखा करग ग चावल चना बाजरा जब पाड़य म ाबका करग बीमार को दध दहीघी क इजकशन लगा करग कसा मधर जागर होगा लोग भख स जगा करग

आतक हमला

(डॉ नीलम कमार ाबड़ला अाभलखपाल) 13 दसबर 2001 ससद प पाक आतक हमला 13 रवरी 2014 ससद म भारतीय आतक हमला

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शमरसार ई ससद पच ाड़ गए नयी तहजीब क झड गाड़ गए

उड़ाया गया काली ामचर का पाउडर सपीकर का नह सना आडरर आख जलन लग सास लन लगी ससद पर नगी तलवार झलन लगी

घायल आ जातष और सावधान मदर क पजारय न कया मदर का अपमान ऐस आतकय को सबक ासखाना होगा र नया इातहास बनाना होगा

बाल-म (वाइकराकश कमार खलासी)

बालपन क कलकारी धप क ताप स आ मक पोी छोड़ी कदाल खोदत हा क मार अचक कचड़ आधी म म करना आ मजबरी गरीबी क पराकाा पट और पीठ क घटती दरी कछ धनहीनता और कछ माता-ापता क मखरता कनत सबस जयादा सवा समाज क सवदनहीनता ाजसन बालक को ामक बनन को बाधय कया लखनी को छीनकर कोमल हा म छडी पकड़ायी

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गाय-बकरी क सवा करता बालय-जीवन कप अपन भावषय को दर करता अजान और अबझ ावोपाजरन क कसको ह सरत ासात तो ऐसी ई दो दान अ क ालय बालपन चोर बनन को आतर आ

दोसती

(ाचा कडयया खलासी)

गलाब एक ल ह

एक घनट म मरझा जाता ह पर दोसती एक शा ह कभी भी जीावत रहती ह

बर ठडी होती ह जो पकड़ म नह आती ह

दोसती सोन जसी ह जो कभी कोई नह खरीद सकत ह

तार क पाच अनत (END) ह चौकोन क चार अनत ह तीकोन क तीन अनत ह

एक रखा का एक अनत ह पर दोसती का कोई अनत नह ह

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मर जीवन का उशय (कमारी ाया सातव कका सपषी एम सबीता उाल)

कग नयज भारत का खतरा पाकसतान न कशमीर पर हमला कया ह कछ दन बाद helliphellip कग नयज पाकसतान क ाखला भारत क रका करत ए वीर सानक

का भारी नकसान इन खबर न भारत को ाहला दया ा म भी सोच म पड़ गयी क म भारत क ालए कया कर सकता भारत को इन हमल स कस बचा सकता मर मन म ास र एक ही खयाल आया क भारतीय सना का एक जवान ासपाही बन

जव मन यह बात अपन दोसत स कही तो उसन कहा क ासपाही बनना खतर स खाली नह ह और परवार स दर सरहद पर खतर स भर जीवन मर ालए कपद होगा लकन मन ठान ालया ा क म कछ ऐसा कगी क पर दश म मरा नाम हो ाजस दखकर मर अपन का ासर गवर स ऊचा हो जाए

मर ानय को सनकर मरी मा रोन लगी मझ लोभन दया क म ापार क मर दोसत न मझ डाकटर बनन का सझाव दया पर मन सोचा क भारत म कई डाकटर ह ापारी ह भारत को डाकटर या ापारी क नह बालक सानक क जरत ह

म भारत क ालए अपनी जान भी दन क ालए तयार मन सोचा सब अपन परवार को सराकत

रखना चाहत ह र भारत - भाम तो मरी मा ह मरी ही कय हर एक क मा ह तो हम सब का कतर बनता ह क हम इसक रका कर इसीालए मर जीवन का उशय ह क म एक ासपाही बन और भारत क सवा क

मखर ामष स समझदार शष अचछा होता ह (मासटर सनीत चौी कका सपष एम सबीता उाल)

एक दन म और मरा सबस अचछा ामष राव बठ यह सोच रह क हम परीका क ालए अभी स पढ़ाई श कर दनी चााहए या नह राव न तपाक स कहा क अभी स पढन स कोई लाभ नह होगा अगर हम परीका क एक दन पहल पढ़ग तो जयादा दमाग म रहगा तभी वहा स मरी कका का दसरा छाष रमश गजर रहा ा मझ रमश ाबलकल पसद नही ा और रमश भी मझ पसद नह करता ा बात-बात पर हम लड़ाई करत पर पढ़ाई म वह मझस बत अचछा ा उसन हमारी बात सन ली ी

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इसालए धीर सवर म मझस बोला अपन मखर ामष क बात मत सनो बस रोज मरी तरह ोड़ा-ोड़ा पढ़ो लकन मन उसक बात पर कान नह धरा एक महीन बाद परीका क दन आ पच परीका क एक दन पहल जब मन पढ़ना श कया तब पाया क पढ़न को बत ा पर समय कम ा जस -तस पढ़ कर मन परीकाए ालखी और उममीद करता रहा क म परीका म उी र हो सक कछ दन बाद परीका का पराम ानकला और वही आ ाजसका डर ा म और ामष राव अनी र हो गए दसरी ओर रमश बत अचछ अको स उी र आ उस दन मझ समझ आ गया क मखर ामष स समझदार शष अचछा होता ह

भावषय क पढ़ाई (मासटर ाशव कलया सातव कका सपष वालल कलयाी उाल)

आज जब हम पढ़ाई या सकल क बार म सोचत ह तो नजरो म एक भारी बग उठाता आ

छाष दखता ह कताब क ाबना हम सकल जान क सोच भी नह सकत कताब क सा कपयटर भी पढ़ाई का महतवपर ाहससा बन चका ह

कछ साल बाद भारी कताब स भर बग क बदल छाष क हा म टबलट होगा आकाश टबलट एक ऐसा यष ह ाजसम हम तरह-तरह क कताब पढ़ सकत ह हम कका म ही नट स जानकारी पा सकत ह टबलट ोन स बड़ा ह और जयादा महगा भी नह हम इस कह भी ल जाकर इसम कताब पढ़ सकत ह हम इसम कका का दया गया कायर भी कर सकत ह यह टबलट पढ़ाई का अदाज बदल दगा और पढ़ाई को मजदार बना दगा

पानी और धप (कमारी एस साानया पाचवी कका सपषी राजया बगम अाल)

अभी-अभी ी धप बरसन लगा कहा स यह पानी कसन ोड़ बादल को क ह इतनी शतानी

सरज न कय बद कर ालया अपन घर का दरवाज़ा उसक मा न भी कया उसको बला ालया कहकर आजा

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ज़ोर-ज़ोर स गरज़ रह ह बादल ह कसक काका कसको डाट रह ह कसन कहना नह सना मा का

परीका (कमारी शख राजया सलताना गयारहव कका सपषी शख महबब पीरा पटल ाचषक)

ाजस नाम को सनन स कापता ह बा वो ह परीका परीका पपर हा म आत ही इतना डर लगता क यद अचछा नह कया तो ापटना पा तीन घट म लगभग करन होत ह चालीस सवाल एक भी छटा तो घर म आता ह भवडर रजलट क एक दन पहल रात को नद नह आती ह अचछ नबर पान क ालए भगवान क याद आती ह पास होन पर ामलता ह इनाम और मख स ानकलता ह ldquoकय भगवान rdquo र आती ह अगली कका तब भी मख स ानकलता ह हाय र आ गयी र स परीका

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राीय साकरता (मासटर शख समीर छठी कका सपष शख महबब पीरा पटल ाचषक)

ातदन सीखो अकर एक

ानयम बना लो ऐसा पढ़ो पढ़ाओ सीखो जान

तभी बनगा दश महान ावा सा जान कराती

मन का अधरा दर भगाती जहा पर बनत लोग जानी

वहा न होती मन क हाान अनपढ़ क ालए गगी पोी

धन दौलत भी होती ोी पढ़ा ालखा नह धोखा खाता

जहा भी जाता आदर पाता

मा (मासटर शख महबब बाशा आठव कका सपष शख महबब पीरा पटल ाचषक)

सबस सनदर जग म कौन बस एक त ह मा

सबस पयारी कसक मसकान बस एक तरी ही ह मा

कसन बनायी मरी पहचान तन ही तो मरी पयारी मा

कसक बोली ामी स मीठी तरी ही ह मरी मा

कसक डाट ह इमली स तीखी तरी ही तो पयारी मा

कसक ालए क म सब कबारन तर ालए मरी पयारी मा

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ाततली (कमारी एम राशका ाशवानी पाचवी कका सपषी एम लम कमार उाल)

ाततली तम कतनी

रग-ाबरगी होती हो तम सब ल का रस पी-पीकर

बाग-बगीच म रती रहती हो तर पख कई रग क होत ह

तमहार प को दखकर ब बत खश होत ह

मरी कका

(कमारी एम राशका ाशवानी पाचवी कका सपषी एम लम कमार उाल)

मरी कका म ह पचास ब हर एक ह अलग-अलग जस एक ह लबा एक ह छोटा एक ह मोटा एक ह पतला कछ ह अचछ कछ ह बर पर लगत ह सार पयार मरी कका ह रग- ाबरगी लगती ह ाततालय का झड ह

मझ बत पसद ह कयक यह हमारी कका ह

Page 17: कलाकल - Home: Survey of · PDF fileतेलंगाना-भारत का एक ... भी यह पि का ‘कलाकल‘ सुनदर प म िनखर

10

म स नाम पदनाम सायीकर क ाता

3 पी ामालनद कमार खलासी 01012013

4 गनकली पदममा खलासी 01012013

5 वाइ मानीकयममा खलासी 01012014

6 बी सवामी( अनसाचत जन जाात) खलासी 01012014

7 बी शाता ( अनसाचत जन जाात) खलासी 01012014

11

सानातर पर तनात कमरचारय क सची

म स

नाम ी ीमती

पदनाम सानातर क ाता

सानातर

स को

1 डीरघ रामल

मानाचषकार 11102013 भौ सप एव स स ानदशालय

आ भसा आ क हदराबाद

2 मो अजीमीन सवकक 06112013

(पवारहन)

भारतीय ाशक एव मानाचष ससान हदराबाद

आ भसा आ क हदराबाद

3 सतयभामा नायक सापना एव लखा अाधकारी

10012014 (पवारहन)

पब एव ास भसा आ क कोलकाता

आ भसा आ क हदराबाद

4 एनबी सरी अधीकक सवकक 22012014 मएव गोवा ानदशालय पन

आ भसा आ क हदराबाद

5 एस महबब दादार 17022014

(अपराहन)

मएव गोवा ानदशालय हदराबाद सकनध

आ भसा आ क हदराबाद

6 टीकष कमार अाधकारी सवकक 19032014

(अपराहन)

भारतीय ाशक एव मानाचष ससान हदराबाद

आ भसा आ क हदराबाद

7 एसराव टीटीटी lsquoएrsquo 17042014 पवारहन

भारतीय ाशक एव मानाचष ससान हदराबाद

आ भसा आ क हदराबाद

8 अामत कमार टीटीटी lsquoएrsquo 06052014 पवारहन

भारतीय ाशक एव मानाचष ससान हदराबाद

आ भसा आ क हदराबाद

9 बीराजन बाब सहायक 09062014 पवारहन

दाकी म वगर आ भसा आ क हदराबाद

10 जी शीला रानी मानाचषकार ाड-I 23062014 पवारहन

भौ सप एव स स ानदशालय हदराबाद

आ भसा आ क हदराबाद

12

सानातरत कमरचारय क सची

म स

नाम ीीमती

कमारी पदनाम सानातर क

ाता सानातर

स को

1 बीसीसा अाधकारी सवकक 16082013

आ भसा आ क हदराबाद

भा स एव स हदराबाद

2 एमएम मोहानत

अाधकारी सवकक 26082013

आ भसा आ क हदराबाद

ओड़ीशा भसा आ क भवनर

3 पीयादयया सवकक 11122013

(अपराहन) आ भसा आ क हदराबाद

क भसा आ क बगल

4 सनीता कालरा आशालापक

28042014

(अपराहन) आ भसा आ क हदराबाद

ानदशक सवक (हवाई) दलली भसा आ क नई दलली

5 शभा वी नायर

कायारलय अधीकक

07052014

(अपराहन) आ भसा आ क हदराबाद

भा स एव स हदराबाद हदराबाद

6 कवी चारी सहायक 06062014

(अपराहन) आ भसा आ क हदराबाद

दाकी म वगर

13

सवा ानवसवाचछक सवा ानव ए कमरचारय क सची

म स नाम पदनाम सवा ानवा क ाता टपपी

1 पीडीकमार अाधकारी सवकक 30092013 सवा ानव

2 एस कासम दादार 30092013 सवा ानव

3 भलनराम खलासी 15102013 (पवारहन) सवाचछक सवा नव 4 जी लाजर पटल ाचषकार ड़- II 31102013 सवा ानव 5 बीसीलममा खलासी 31102013 सवा ानव 6 पीदवदास मानाचष मॉउटर 30112013 सवा ानव

7 तनगटला राधा कषा भडार सहायक 31122013 सवा ानव

8 टीवकटयया दादार 31122013 सवा ानव 9 जी चयया माली 31122013 सवा ानव

10 पीसीबोरोल अाधकारी सवकक 28022014 सवा ानव 11 डीरघ रामल मखय मानाचषकार 28022014 सवा ानव 12 बी नासरयया खलासी 28022014 सवा ानव 13 बी ीपाल दादार 31032014 सवा ानव

14 क दानम खलासी 30042014 सवा ानव

15 कषा सरकार अाभलखपाल ाडI 31052014 सवा ानव

16 कपललयया पटल ाचषकार ड़ II 31-05-2014 सवा ानव

17 सीकडयया जमादार 31052014 सवा ानव

18 एमवकटवरल दफतरी 30062014 सवा ानव

19 पीअजरना खलासी 30062014 सवा ानव

20 यावर बगम खलासी 30062014 सवा ानव

21 एमाचा वकटममा

दफतरी 30062014 सवा ानव

22 एनबी सरी अधीकक सवकक 31082014 सवा ानव

14

समात शष

एसपी ईरयया खलासी

जनम ाता 01-07-59 ावभाग म भत होन क ाता 01-03-1997 स ानयामत भत सवगरवास 22-4-2014 परवार इनक परवार म पी क अलावा दो ब ह इनक आकासमक ानधन पर आ दश भ साानक आकड़ा कन क कमरचारय को गहरा आघात पचा और सभी न इनक परवार क ात सवदना क एव इनक आतमा क शाात क ालए ईर स ारना करत ए दो ामनट का मौन रखा सव ी एसपा ईरयया ाजनक आ दश भ साानक आकड़ा कन म कायररत रहत ए अल 2014 म अकाल मतय हो गयी ी उनक परवार क ततकाल मदद क ालए पर आ दश भ साानक आकड़ा कन क परवार न 25600- का ततकाल सहयोग दया

15

भडार का ाप

म स सामी भडार 1 वाटर कलर 01

2 एल ईडी मॉनीटर 15

3 कमपयटर टबल 30

4 कमपयटर कस 30

5 पलाासटक कस 236

6 एचपीाडजाइन जट टी- 1300 टर 01 आइ सी जड एम क अतगरत

7 कलर क समाटर एलए जीएस टी 42- सकनर

01 आइ सी जड एम क अतगरत

8 यपीएस क ालए 12 वोलट क बटरी 60

9 5 कपी का य पी एस 02 डी ए डबलय वी आइ सी जड एम क अतगरत

10 डलल कमपयटर 10

11 लाइका अकय लवल (डी एनए-03) 02 आइ सी जड एम क अतगरत

12 लाइका जीएनएसएस (जीपीएस दोहरी बारबारता)

02 आइ सी जड एम क अतगरत

13 3 डी ावजन कट 23 (18 आ भ सा आ क हत )

14 समसग एलसी डी मॉानटर 02

15 एचपी सकनजट 200 फलटटड- सकनर 01

16 डाट मकस टर 03

16

अनपयोजय भडार का अनपयोगी घोाषत

म स सामी मलय 1 साइबग उपकर 364574-

2 नचर आइटम 218844-

3 ोटोामीतीय उपकर 9125746-

4 कमपयटर और परधीय 4027273-

5 उपकर ( गौ सवक उपकर) 706943-

तदनसार अनपयोजय भडार क अनपयोगी हत नीलामी या क शआत हो चक ह

17

वषर 2013-14 क ालए ानाध का आबटन य

शीषर सवीकत अनदान

(हजार म )

अातर ानाध क मागाा

(हजार म )

भाकमसव ारा काटी गई (हजार

म )

इस कायारलय

ारा अभयपर

अातम बजट अक (पय

म)

य (पय म)

31-3-2014 को शष रााश (पय म)

वतन 114400 0 1400 0 113000000 112999869 131 मजदरी 500 350 0 0 850000 845802 4198 ओ टी ए 0 0 0 0 0 0 0 ाचकतसीय 2840 0 0 750 2090000 2089187 813 डी टी ई 1240 0 0 0 1240000 1239231 769 ओ ई 1409 125 94 1440000 1397157 2843 आर आरटी

240 0 0 16 224000 223875 125

ओ ईए 2 2 0 0 4000 3750 250

एसampएम 310 0 0 310000 309712 288 पी सवा 280 0 0 129 151000 149810 1190 अनदान 0 0 0 20800 20775 25

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मनोरजन कलब का वाषकोतसव ndash 2013

आ दश भ साानक आकड़ा क ानदशालय क मनोरजन कलब का वाषकोतसव दनाक 10-01-2014 को ातः काल 1000 बज स सममलन कक म आयोाजत कया गया ाजसम मखय अाता भारत क महासवकक डॉ सव र सबबा राव उपासत ावशष अाता क प म ी एसबी शमार उप महासवकक भारतीय सवक एव मानाचष ससान उपासत ानदशक महोदय कनरल ीधर राव न सवागत भाष दया और मनोरजन कलब क साचव ी डीआरएस सन कमार न वाषक रपोटर सतत क सासकातक कायरम ारा सभी का मनोरजन कया गया मखय अाता न अपन भाष म कहा क इस ानदशालय न ी कनरल ीधर राव क नततव म बत अाधक एव सतोषजनक प स गात क ह और इस बात का भी उललख कया क व जब इस ानदशालय क ानदशक तब व य सब कायर करना चाहत परत इनह मतर प दन म कनरल ीधर राव ानदशक महोदय क महतवपर भामका रही ह ततपात एक ीात- भोज का आयोजन कया ाजसम करीब 230 लोग न भाग ालया ाजसक सभी न भर-भर शसा क

मनोरजन कलब ारा आयोाजत कए गए खल

करम

टबल टनीस

शटल

शतरज शॉट- पट धीमी साइकलग

पष सगलस माहला सगलस पष डबलस माहला डबलस

पष सगलस पष डबलस

पष सगलस माहला सगलस पष डबलस माहला डबलस

पष पष पष

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वषर 2013 क दौरान कनीय मनोरजन कलब सपोटरस स ा इस ानदशालय क ाता एव सममान

करम

खल म परसकार ातीय परसकार ततीय परसकार

पष सगलस पी रवी कानत चनपाल शशी करन एव एलए बग

माहला सगलस शभा वी नायर पीक ातभा शलजा एव मीना

पष डबलस सययद इदरस एव सवातरयया कवी चारी एव ओ वीन कमार

---------

माहला डबलस शभा वी नायर एव अनसया पीक ातभा एव शलबाला खडरी

टबल टनीस पष सगलस पी सतीश क वीचारी ओ वीन कमार

एव अशाख अहमद पष डबलस कवीचारी एव

डी रगा राव कक गा एव पी सतीश ----------

शटल पष सगलस पी सतीश एम वी ावजय कमार कवी चारी एव पी

यादयया माहला डबलस शभा वी नायर एम सबीता मीना एव राज़या

बगम पष डबलस पी सतीश एव

एम वासदव स कमार एव ओ वीन कमार

-----------

माहला डबलस एम सबीता एव राजया बगम

शभा वी नायर एव बी एस वी वरलमी

-----------

शतरज पष जगन एकर ------------

शॉट- पट पष बी नागरम चनपाल स कमार

20

धीमी साइकलग पष डी स कमार सययद इदरस सययद मोजज़म

उ नयायलय म लाबत नयायालक मामल

लाबत मामल 04 आ दश उ नयायालय

कस क सखया 11 कनीय शासानक अाधकर हदराबाद

समा कस क सखया 06 लाबत कस क सखया 05

पनवलोकन मामल

ानालाखत अाधकारयकमरचारय क पनवलोकन मामल का ानपटारा कया जा चका ह

म स प lsquoबीrsquo राजपाषत प lsquoबीrsquo अराजपाषत प lsquoसीrsquo (पवरवत प

1 एस बाब अाधकारी सव ज डी एबनजर मानाचषकार ाडाव I नरश

2 पीक लहा मानाचषकार ाडाव I गदो राम

3 शख मीरावली मानाचषकार ाडाव I एम गररयया

4 जी सीतारामम सव सहायक पी काशम

5 वाई सबबयया सव सहायक सतयममा

6 पीएस सामबाब सव सहायक वी कषयया

7 बी ओबशयया सव सहायक

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एम ए सी पी क मामल

ानालाखत अाधकारयकमरचारय क एमए सी पी मामल का ानपटारा कया जा चका ह

म स प lsquoबीrsquo अराजपाषत प lsquoसीrsquo (पवरवत प lsquoडीrsquo)

1 वी सयर भा मानाचषकार ाडाव I एल योहन

2 पीकलहा मानाचषकार ाडाव I सीनाराया

3 शख मीरावली मानाचषकार ाडाव I जजॉन

4 एम भवनरी मानाचषकार ाडाव I एस रामयया

5 बीएसवी वरलमी मानाचषकार ड़ II बी पललया

6 - पी काशम

7 - शख काासम पीरा

8 - एम लमी नाराया

9 - एम वकटरल

10 - जी जया

आ दश भ साानक आकड़ा कन क अाधकारय कमरचारय क ब ाजनहन शकाक ानपता दखाई ह

1 कमारी अनवषा कर सपषी डॉ पीक कर सी जी पी ए 9810 दसव कका क ीय ावालय हदराबाद

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तलग म ावव ी नकश ( ओएस एम) क तयारी (बीएचराव अधी सव जीव अाध सव एमराकश अाध सव एसपटा री मानाचषकार)

सतावना पवर म ावाभ नकश तलग म कााशत आ करत जस आ दश राजय नकशा (1999) भारत क राजनीातक नकश आद ऐस नकश अकराक ासटक-अप (lettering stickups) साहत साइबग क परमपरागत तकनीक का उपयोग कर कााशत होत तााप कोई भी सलाकातक नकश तलग म कााशत नह ए ह परत हाल ही म ावजान एव ौोागक ावभाग न ावव ी टोपो नकश ( ओएसएम) को कषीय भाषा म उपलबध करवान क ालए एक नीात को जारी कया ह ाजसक पराम सवप आ दश भ साानक आकड़ा क न राजय क राजधानी हदराबाद को दशारत ए एक शीट को योग क आधार पर अकय माधयम स तलग म करन का काम ालया ह

ॉनट क खोज म माइोसटशन साफटवर क अनक ल डीजीएन ामट म मल डाटा बस पहल स ही उपलबध ह मल-

पाठ को बठान क ालए माइोसटशन क अनक ल एक सावधाजनक तलग ॉनट क आवशयकता ह अनक ॉनट क जाच क गई परत कछ भी माइोसटशन क अनक ल नह पाया गया कयक तलग ालाप म बत सारी माषाए अगल स लगवाए जान क कार ldquoमाषाrdquo को लगाना एक कठन कायर सााबत आ तााप वब म बत छान-बीन करन क बाद ldquoटी टी एल हमलताrdquo ॉनट को खोजा गया और माइोसटशन परवश म मल पाठ को रखन म उपयोगी पाया गया

अनवाद

ावाभ व रनातमक अाभउाया ाचनह पाद- टपपाया आद का अजी स तलग म अनवाद हत सभी ापय साधन जस क इटरनट नट पर अनवाद शबदावली आद का आय ालया गया

माइोसटशन परवश म मल पाठ को बठान क ालए कायरावाध

ॉनट याान ldquoटी टी एल हमलताrdquo वााछत सान पर लोड कया गया तलग ालाप म बत सारी माषा क अतःसाापत होन क कार एक ावाशप शबद या अकर क ालए सही माषा क चयन हत अाधक सावधानी बरतना का सानात कया गया वााछत मल ndash पाठ को मइोसाफट वडर म टकत कया गया माइोसटशन वशरन 8 ाइल म अनोटशन टकसट एडीटर क माधयम स कापी और पसट कया गया उ

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शीट क 22 टोपो स अनवादत अनोटशन को या सतयाापत कया गया अनोटशन को कनार म और उपरो शीट क नाम ाइल म रखा गया मामल ाजनको सलझाना ह -

1 ॉनट क आकार का मानककर 2 तलग ालाप म ावाभ व रनातमक अाभउया क सावधाजनक शबद का चयन 3 मल- पाठ को सगठत करना एक जटल कायर ह और समय लन वाली कायरावाध ह और पयार

माषा म षीय भाषा याान तलग क जान क जरत ह 4 जयादा सखया म सपादन मल-पाठ क सगठन क आवशयकता ह 5 तलगाना राजयतलग ावावालय क उ राजभाषा ावभाग स अनवादत ालाप को माीकर

करन क आवशयकता होगी समाा

सानीय ालाप (तलग) म ओ एस एम माक नकश क तयारी स अाधक सखया म लोग को सलाकातक नकश को आसानी स योग करन म सावधा होगी सलाकातक नकश म भाषा-ावषयक सबधी साचकारी पदार को जोड़न स ानयही भारतीय सवक ावभाग क उतपाद क चार को बढ़ावा ामलगा और बाजार म अपनी अहामयत बढ़ाएगा

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चनौती क ालए तयारी (रघना ाषपाठी अधीकक सवकक)

कसी भी ावभाग म नई चनौातय को सामना करन क ालए कमता ानमार क आवशयकता ह यद

यह नह कया जाए तो सताावत योजनाए ावल हो जाती ह कमता ानमार स पहल उसक लय एव उशय को परभााषत कया जाना आवशयक ह कयक इसक कायारनवयन क सतर म योजना और ानषपादन म का अतर हो सकता ह कमता ानमार क अनय मानक क अतगरत अनवत सावधा क रखरखाव और सभाावत ावकास भी शाामल ह कमता ानमार क कसी भी यास म ातभा क खोज को ही पहल कदम क प म ालया जाना चााहए भारतीय सवक ावभाग म सही कमता ानमार क बाद ही 110000 क पमान का सवक करन और मानाचष ाा सभव हो पाएगा आधानक अाध ौोागक म कमय क ाशक पयार नह ह लकन यह दखना ह क जो माग और सवक और मानाचष क आपत क खला स सक ातत ह जनता क ालए उपयोागता बढ़ा रही ह श म हालाक बाधाए आना बाधय ह हम यह कायर श करना और पराम क तीका करनी ह इस यास म खल अाधकार कष क ावशषज को ानयामत प स परामशर कया जाना चााहए सवक और नकश क उपयोगकतार क माग और एक बड़ परय क दाप स दखन क ालए यह महतवपर ह

यहा तक क उपयोगकतार क ालए भी ाडाजटल डटा का उपयोग सीामत ह भारतीय सवक ावभाग उपयोगकतार को ानयामत आधार पर सहायता और मलय सवधरन क ालए सलाह दकर नकश क कातज उपयोग तक का ावसतार कर सकता ह उस बात पर धयान दत ए भारतीय सवक ावभाग क सवा हत जी आई एस वजाानक को शाामल करन क आवशयकता ह यह महगा मामला होन पर भी वरीयता स भरी हम भावषय क चनौातय को परा करन क ालए तयार रहना चााहए कयक नकश क उपयोग स ावकास को तो होना ही ह

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नमक का महतव (कष कमार अाधकारी सवकक)

एक राजा क तीन बटया ी तीन बत ही सनदर सशील और ावशष ग वाली एक दन राजा न तीन राजकमारय को अलग-अलग स एक ही सवाल पछा ldquo बटी तम मझ कतना चाहती हो ldquo बड़ी राजकमारी न जवाब दया rdquo ापताजी म आपको सोन जस चाहती अारत सोन क आभष स मझ ाजतना पयार ह उतना ही पयार आप स ह ापताजी ldquo राजा बत सतप आ और दसरी राजकमारी स पछाrdquoबटी दीदी न तो जवाब द दया अब तम बताओ तम मझस कतना ह रखती हो दसरी राजकमारी बोली ldquo ापताजी म आपको हीर जसा चाहती अारत हीर क गहन स मझ ाजतना पयार ह उतनी ही पयार आप स ह ापताजी ldquo राजा तो ल न समाया सोचन लगा rdquo म बमतलब का सकोच कर रहा ा मरी बटया तो लगता ह मर बगर जी नह पाएगी ldquo अब तीसर स कया पछ र भी पछ लता र तीसरी बटी स पछाrdquo बटी तम मझ कतना चाहती हो तीसरी राजकमारी न जवाब दयाrdquo ापताजी म आपको नमक ाजतना चाहती जवाब सनत ही राजा आग-बबला हो उठा और बरी-भली सनाकर उसक कक स ानकल गया छोटी राजकमारी न कछ नह कहा बालक राजा क डाट सनकर चपचाप रह गयी रात ई राजा को सार महल क कायर ानपटान क बाद भख लगी खान क ालए उस हीर स ससात सोन क सहासन पर छोटी राजकमारी न बठाया र सोन क ाली म नाना कार क जन स य खाना परोसा और राजा को खाना श करन को कहा राजा न मह म खाना रखा तो महसस कया खाना का ह र हर जन को चखा तो पाया सब क ह र तो आग-बबला होकर अपनी रानी पर ाचललाया ldquo इस तरह क भल कस हो गयी हम कया समझ रखा ह जन दखाकर ललचाना और र खान नह दना यह बोलत ए रानी पर सोन क ाली ाजस पर जन परोस ए कन क ालए हा उठाया उठ ए हा को तीसरी राजकमारी न पकड़ ालया और पछा ldquoापताजीखाना तो बढ़या ह र कमी कया हrdquo राजा बोल ldquoनमक क ाबनाकोई खाना खाया जा सकता हrdquo राजकमारी बोली ldquoापताजीआपको तो नमक स नरत ह ना इसालए मन जन बनवात ए नमक नह डलवाया rdquo र तो राजा समझ गया क छोटी बटी न उनह सबक ासखान क ालए यह भोजन तयार करवाया ह र बोला ldquoबटी म समझ गया नमक क ाबना खाना जस सवादप नह उसी तरह तमहार पयार ाबना मरा वचरसव नह ldquo और राजकमारी को गल लगा ालया

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मायाजाल (एनबी सवामी अाधकारी सवकक)

इस जगत म कल 84 लाख जीव राशया ह और उनम मानव जनम सबस उम ह उम इसालए ह क भगवान न मानव का आधार इसालए दया ह ताक इस जनम अचछ कमर कर वह मोक क ाा कर सक मोक याान पनरजनम नह यद कमर बर ए तो र 84 लाख जीवरााशय म पदा होन क ालए वह आतमा कालच म दोबारा स जाती ह इस सपर कालच क याषा करत ए जब आतमा मानव क योान म वश करती ह तब वह भगवान स यही ारना करता रहता ह क ह भगवान मझ इस कद (याान मा का गभर) स जलदी मा दला द कयक म तमहारा धयान सही ढग स नह कर पा रहा कयक इस कद म अनक तरल पदा क सा-सा मल-मष म भी टहल रहा यह कसा नरक ह जहा आपन मझ सा रखा ह तब भगवान भी बोलत ह क ldquoत अभी बालक ाशश का प धार करन वाला ह तमन इतन वष यग म ाजतन पाप कय ह उन सबक यह चरम सीमा ह यह चरम सीमा बत ही पीड़ा दन वाली ह ाजस तमह जीतना ह लाघना ह इस चरम सीमा स मा होन क बाद तम कया करोग ldquo ाशश कहता ह ldquo भगवन आप जो कहग ldquo भगवन पछत ह कया तम अपना जीवन मरा धयान करत ए मर ालए समपर कर दोग ldquoाशश कहता हrdquo हा म समपर कर दगा आपक ालए ldquo भगवन भी जानत ह ाशश को नौ महीन गभर म रहना ही पड़गा तभी पर शरीर का ावकास होकर जब वह बाहर आएगा तो मरी सवा करगा उ नौ महीन तदनसार भगवन ाशश का वातारलाप नौ महीन चलता रहता ह ताक ाशश अपन चार ओर स मल क गध का धयान न द र जब वह बाहर ानकलता ह भगवान को धनयवाद करता ह और कहता ह ldquo म तमहारा बत ही आभारी भ अपन मझ मा दलाई अभी मझम वह ताकत नह क म तमहारा धयान करन क ासवा और कछ क मर माता ndashापता मझ सच कर जब अपन पर पर चलन क ताकत द दग तभी म तमहार ालए कछ कर पाऊगा ldquo भगवान कहत ह ldquo अर मखर त नह जानता यह जगत एक मायाजाल ह मझ पर ावास ह त मझ भल जायगा और र स कालच म पड़ जायगा ाशश कहता ह ldquo नह भगवान ऐसा नह ह भगवान मरा ावास करो म ातजा करता मरा जीवन आपक ालए ही समपर ह ldquo भगवान कहत ह ldquoदख लगा इस जगत क मायाजाल म त मरी कया का सवा करगा ldquo यह ाशश और भ का वाारलाप सनकर दवष नारद भगवान क पास पच पछन लग ldquo भ आप कस मायाजाल क बात कर रह ह ldquo भ बोल ldquo नारद म समसत जीव- रााशय का सवामी उनका कलया चाहता उनको सख भी और दख भी दता वह इसालए क मायाजाल क मोह एव अहकार म पड़कर खद को सपर मानन वाल ाी को दड न द तो र मरा समर कस करगा ldquo नारद बोल ldquo भ आपक वचन का मतलब कस

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दशा म जाता ह यह तो मझ नह पता एक तर कहत ह समसत जीवरााशय का कलया चाहता दसरी ओर कहत ह दड दता तीसरी ओर मायाजाल अर नाराय आप जब समसत जगत क सवामी ह सब आपक अधीन ही ह तो र मायाजाल शबद आपन जो योग कया ह वह आपक अधीन स बाहर कस हो गयाrdquo ानयष काजए जीवरााशया उसक चपट म नह आएगी र सब आपका गगान ही करग और सबको मोक क ाा होगी ldquo भगवान कहत ह ldquo ह दवष मर ालए समसत जीवराशी को परीका स गजरना पड़ता ह मानव जीवन ही उनम अातम परीका ह बस उसको लाघ ल म पनरजनम स मा दला दldquo नारद जी भगवान स तकर करन लग गय का दर बाद भगवान न कहा rdquo दवष आपस बहस और नह कर सकता आपस बहस कर मरा गला सख गया ह जरा एक छोट कलश या कमडल म पानी लकर आइय ताक म अपनी पयास बझा सक नारद को झटका लगा और पाताप करन लग ldquo बमतलब मन अनतरयामी स बहस कर उनको कप दया व समपर जानानद क सामन मरी हासयत कया ह पता नह आज मरी मात मारी गयी और म बमतलब बहस करन लगा भ को पयास लगी ह और वो भी मरी वजह स जलदी स उनक पयास म बझा द पानी क खोज म सार लोक का म करत ए नारदजी पथवी लोक म पच गए पथवी लोक पचकर पानी क खोज म एक कए क पास पच तो दखा क एक अतयनत सदर नारी कए स पानी ानकाल रही ह नारद न सोचा वह सनदर ी पानी भरकर चली जाए तो र म ोड़ा सा पानी भर ल नारद उस दख रह ी भी नारद जी को दख रही ी नारदजी न पछा rdquo दवी कया तम यह आसपास रहती हो ी न जवाब दया rdquo हा ldquo नारदजी र पछ rdquo दवी कया तमहारा ाववाह हो चका ह rdquo ी बोली ldquoनह ldquo नारदजी का ावचालत मन ल नह समाया और पछ ही ालया ldquo दवी यद तम अाववााहत हो और यद तमह कोई परशानी न हो तो कया तम मझस ाववाह करोगी ी सादाय औरत ी बोली ldquo मर ापता क आजा क ाबना म आपस ाववाह नह कर सकती ldquo नारदजी बोल ldquo दवी सशील नारी क यही ग होत ह यद तमह आपा न हो तो म तमहार सा चलकर तमहार माता-ापता स बात कगा और तमस ाववाह कगा ldquo यवती राजी ई और ासर एव कध म पानी स भर घड़ को ढोत ए आग चलती रही और नारदजी पीछ चलन लग सपर रासत म उस सनदर ी क ानहारत ए मन म सपन क पल बाध रह उस सनदर ी क ापता क पास जाकर अपना परचय दत ए उनक बटी स ाववाह करन का सताव रखा साकात नारद मान को अपना दामाद सवप दख उसी मतर म मगनी हो गई और एक शभ मर म ाववाह भी हो गया ाववाह क कछ दन क पात उनक ब हो गय ब बड़ भी हो गय र तो व अपन गहस आम म इतन सत हो गय क उनक मह स नाराय मष ानकलना भी बद हो गया कई वष बाद एक शाम को जोर क आधी क सा तानी बारश ई इस माहौल न इतना ावकराल प धार कर ालया ा क वातावर लय म बदल गया चार तर पानी भर गया बत सार लोग पश आद पानी म बह गय कनत कात क ावकराल प क सामन ठहरन का साहस कस ा दखत ही दखत उनका गह भी बाढ़ क चपट म आकर टट गया और पानी म बह गाया पी और ब डर स

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रोदन करन लग दखत-दखत कान पष क अलावा पी और बाक ब भी पानी म बह गए र तो नारदजी स सोचा इस कान को म कध पर ालए चलता ताक वह तो बढ़ाप म मरा सहारा बनगा कनत लय क तीता इतनी तज ी क नारदजी क नाक क ऊपर स पानी बहन लगा र तो व खद भी भल गय क बट को बचाना ह सोचन लग म कसी तरह जीावत बच जाऊ उसी सोच न उनक कान पष को भी नह बखशा कसी तरह कछ समय उपरानत लय शानत आ पानी घट गया चार तरक मनषयपश - पकी आद क लाश टट ए रासत और घर क बीच पड़ी ई ी नारद मान को बहद दख आ और ठठोर कर रोन लग गय रोत-रोत व खद क बार म सोचन लग क भगवान न उनक सा ऐसा अनयाय कय कया काश व भी मर जात तो अचछा होता तभी उस राह स ास महष गजरत ए नारदमान स परामशर करन लग नारदजी कहन लग ldquo पता नह मन कौन सा पाप कया ह क मर पर परवार का सवरनाश हो गया ह मझ कय मतय नह आई इस पर ासजी न कहा शायद तमहारा समय नह आया ह इसालय तम बच गय हो हालाक ास जानत क नारद मायाजाल म सा आ ह ldquo र इसका ानरय कौन करता ह ldquo नारद न ासजी स पछा ासजी न उर दया ldquoयह तो मतयलोक क अाधपात यमराज ही इसका उर दगrdquo र व दोन ामलकर यमराज क पास गय यमराज न आन का कार पछा तो ासजी न नारद मान क सारी दख भरी गाा सनाई और पछा क ldquoमतय न इनका आलगन कय नह कयाldquo यमराज बोल rdquoम कोई नह मरा यमदत ही इसका उर द सकता ह कयक म यमदत क ारा कसी आतमा को लान क बाद ही उसक पाप-पणय का ाहसाब दख ानधाररत सजा का ऐलान करता यद यमदत आपको लकर मर पास नह आया तो इसम मरा कया दोष ह यमदत स पछ लldquo र ासजी न उनक यमदत स वही सवाल करन पर यमदत न कहा ldquo महामान म कस कसी क शरीर स आतमा को छीनकर ल आऊ म तो यमलोक का सवक माष ाचषग जब तक आजा नह दत तब तक म कोई कायरवाही नह कर सकता आप इस का उर ाचषगजी स पछ ल ldquo र ासजी न ाचषग स वही सवाल करन पर ाचषग न कहाrdquo महामान म तो यमदत को तभी आजा दता जब उस ाी का सारा लखा - जोखा समा हो जाता ह अभी माननीय नारद जी क मतय का समय आया नह ह अभी उनका कछ कया नह जा सकता ldquo ासजी न नारद स कहाrdquo दखो नारद अभी तमहारा समय आया नह ह तभी तम जीावत हो चलो चलत ह अब ापछली घटना को भल कर आग क सोचो ldquo बस इतना ही कहना ा क ाचषग न र ासजी को बलाकर कहा rdquo ह ऋाषवर इनक कणडली म यह ालखा ह क मतय तभी इनको गल लगा सकती ह जब य एक सा आपको मझ यमराज और उनका वाहन भस का एक सा दशरन करग चक इनक ारा यह कायर पर हो चका ह अत इनका जीवन पर हो गया ह ldquo बस इतना ही ा क नारद जी को आवाज आन लगी अर दवष दवष मझ कब स पयास लगी ई ी मरा गला सख गया ह कनत आपन मझ अब

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तक पानी नह दया कहा ह पानी ldquo य साकात नाराय क आवाज सन नारदजी को होश आया और भगवान क चर म पड़कर ागड़ागड़ान लग यह कहत ए क rdquo ह नाराय आपन मझ अचछा सबक ासखाया ह मन आपस बहस कया कर लीआपन मझ मायाजाल का साकातकार करवा दया कमा काजए म आपको पानी नह ापला सका मरी वजह स आपका गला खब सख गया होगा ldquo यह कहत ए उनक अधारा स नाराय क पाव धल गय और भगवान न कहाrdquo दवष आप चातत ना ह आपन अधारा स मर चर धोकर ानसवार सवा कर दी मरी पयास बझ गयी ह अब आप म ह ldquo र नारदजी खशी स नाराय-नाराय कहत ए ानकल गय

घाट का पतर

(बषव बहरा अाधकारी सवकक)

माता-ापता और जनम भाम को छोड़ कर हम सब बन गए ह घाट का पतर धनय ह वह महापष ाजसन हम साापत कया म उस महापष क ावषय म व रन नह कर सकता शायद म अात पाप क कार पतर बन गया लोकन म आशा करता क भावषय म मरा भागय बदल जाएगा चक म लोग क मन स सवा करता इसका ल हमको भगवान अवशय दग लोग का सवा करत ndashकरत मरा आकार भी बदल गया परनत सवा करत ndashकरत मरा नाम रोशन हो रहा ह बालक हम सता का अनभव हो रहा ह मर कमर क चलत मरा भागय बदल रहा ह म हमशा जलम रहता और पीठ पर ातदन मार झलत रहता शायद ही ऐसा पीड़ा इस ससार म कसी को ामलती होगी मरा सानानतर भी नह ह म कई महापष को दखता आया कतन महाराय न ा तयाग दय लकन तबस म यहा अकला पड़ा म हर मौसम क मार झल रहा ब-बढ़ क सवा करत-करत मन कछ पणय कमा ालए ह और आशा करता क मझ को भावषय म मानव जनम ामल सकता ह मानव जनम ामलन स म आपका भजन-करन कगा

ऐस दखतndashदखत कई यग क बाद हमको मानव जनम ा आ मानव जनम म अगर इस धराष म दखा क यहा ऊच-नीच जात-पात नीात-ानयम ावदन पाचार अनयाय ndashअतयाचार चमर-अचमर का ताडव नतय चल रहा ह दखकर मर मन म परवतरन आ गया क भ मझको मरा ापछला जनम वापस द दीाजए

पतर जनम म रह कर मरा कोई-कोई साी अचछ कमर क चलत मदर म सान ा कर ालया ह कोई-कोई तो ठाकर बन गय लोग-ातदन उनक पजा करत ह

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हम लोग म स कोई-कोई सामाजक कायर म सहयोग दान करत ह कोई गह-ानमार म सहयोग द रह ह तो कोई मदर-ानमार म सहयोग द रह ह कोई तो सीधा मत बन गय इसीालए उनक मन म घमणड आ गया अहलया न पतर होन क नात भगवान का दशरन पा ालया इसालए पतर जनम होन क चलत उनक मन म का अह भाव आ गया

हमार अनदर ावाभ प भी ह याः लोहा पतर चना पतर सगममरर काला पतर (नाइट सटोन) मलायम पतर (soft stone) इतयाद लोहा पतर जो दश क ानमार म काम आता ह चना पत जो ासमट ानमार क काम म आता ह सगममरर घर और मदर का शर (flooring) म काम आता ह काला पत घर का शर और आला बनान म काम आता ह मलायम पतर ाशलप कला क ावकास म योगदान दत ह पतर जनम होकर भी म का गवर महसस करता मरी भगवान स अानतम ावनती य ह क आप मझ अानतम समय म दशरन दन को कपा कर

न हमको पतर जनम चााहए न हमको मानव जनम चााहए हमको तो ास र इस भव सागर स पार होना चााहए

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जयादा लोभ न करना (पाडव कानटया सहायक सवकक)

मनषय भगवान क साप ह इसालए वह भगवान का अश ह जब तक वो मा क गभर म ा तक तक वह मोह-माया स वाचत ा एव हमशा भगवान क समीप ा लकन जब वो पथवी पर अवती र आ उसको मोह-माया न घर ालया पाच साल तक वो ईरीय सा म रहता ह इसालए कहा जाता ह क ldquoCHILD IS THE INCARNATION OF GODrdquo इसक बाद मोह-माया म आकषत हो कर ईरीय सा को भल जाता ह बचपन म वो बत आजा और मोह-माया राहत और चरषवान रहता ह जब समय बढ़ता जाता ह तब उसक समसत उम ग धवस होकर गलत मागर पर चला जाता ह

बचपन म ावा ाशका जवानी म ी दीका एव पारवारक ाचनता म म होकर वह समसत मौालक सा को खो दता ह सबा नप होकर सबा म आ जाता ह दव का नप होकर राकस वा जारवत होता ह एव परवारक जगल म सकर भगवान का नाम लना भल जाता ह अपना परवार का भर पोष क ालए कठन परम करता ह लकन उनका पट भरता नह ह ईर क सा को भल जाता ह और अनत म पशकतव को ा होता ह शरीर रोगसत हो जाता ह दाप शा की हो जाती ह चलन ndashरन म असमर रहता ह रात को नद नह आती ह र भी लोभ को छोड़ नह पाता ह अपन बीवी-ब ता परवार क बार म सदा सोचन लगता ह शरीर वावसा को ा होता ह परवार क कोई भी सदसय पछत नह ह

परवार क लोग उसको ढग स खाना भी नह दत ह उसको घर स दर रखत ह र भी यह अधम मनषय भगवान क बार म सोचता नह ह लोभ का अनत नह होता ह पाप का बोझ बढ़त जाता ह अनत म नरक को ा होता ह र भी मनषय भगवान को समझ नह पाता ह परवार क ालए इतना बड़ी ददरशा झलता ह उनको कोई भी नह पछता ह उसक ारा जमा क गई पजी को परवार वाल उनक सामन मौज करत ह

लोभ मनषय को अनधा बना दता ह आदमी क हतया करत ह लोभ क वशीभत होकर दसर क समपात को लटत ह ाजसस समाज म पाचार बढ़ता ह इसालए ह मानव तम कय लोभ करत हो लोभ नह करक भगवान का समर करो हर कतरन करो तप जप करो और सवगर क अाधकारी बनो उम कमर करक भगवान क शरागत हो जाओ भगवान तमहार समसत सख-दख का भार वाहन करग

सवरधमारनपरतयजय मामक शर ज अह तवा सवरपापभयो मोकायषयााम मा शच

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इसालए अचछा कमर करक पणय कमाना ह हमशा धमर क जय और पाप का कय होता ह धमर-कमर करक ावजय ा होगी लकन अधमर म जाकर नरक गामी नह होना

एकदा अनधा राजा धतरा सजय को पछा क ldquoह सजय इस धमर य म कसक जय होगी उर म सजय बोल क ldquoयष योगर कषो यष पा धनधरर तष ी ावजयो भात वा नीातमरातमरम ldquo अारत जहा योगर कष एव धनधाररी अजरन एक सा ह वहा ावजय ानात ह

इसालए दखा गया क हमशा धमर क जय और अधमर क पराजय होती ह धमर सवचछ ानमरल लकन अधमर कदाकार कात ह इसालए लोभ-लालच म वशीभत न होकर सत

कमर करो अनयाय का परतयाग करो लोभ मत करो जीवन म कप करक जो धन कमा ालया वो सब इस धरती म रह जाता ह अानतम क म सा कोई नह ल जाता इसालए अनधर म भटक नह जाना इसालए कहा गया ह क-अात लालच नह करना अात सवरष गहतम अारत अात सवरनाश का कार ह

अात दप हता लका

अात मानसय कौरवा अातदारन बाल वध अात सवरष गहतम

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टटा वक का अाभमान (चरदास नाराय गडम सवक सहायक)

वन म खड़ एक वक क सा ालपटी एक लता भी धीर-धीर वक क बराबर हो गई वक का आय

लकर उसन भी लना ndashलना आरभ कर दया बल को लत ndash लत दखकर वक को अहकार हो गया क म न होता तो लता अासततव हीन होती वह लता को धमकात ए बोला ओ बल चपचाप मरा कहना माना कर म जो कह रहा वह कया कर नह तो ध मार कर भगा दगा पड़ का लाप जारी ा क दो पाक वहा स ानकल एक बोला अर भाई जरा दखो तो यह वक कसा सदर ह इस पर कसी सदर लता पाषपत हो रही ह आओ इसक नीच ोड़ी दर ावाम कर अपना महतव लता क सा ह यह जानकर वक का अाभमान भी नप हो गया सा ndash सा रहन स ही सबक गात होती ह

बटी (डी राव बाब पटल ाचषक ड-II)

बटी घर क लाज होती ह पापा क सर का ताज होती ह दल क सदा स रही ह इचछा बटी तझको ह पाना आई हो मर जीवन म जस एक ननही कावता राह दखता म तरी जलदी स मर पास आना मा क गोद म सदा रहती हो कछ पल मर पास भी आना न चाहत ह अब धन दौलत क त ही लमी त ही मरी मत भी डर लगता ह सोचक जब एक दन छोड़ क जाएगी त कतना मझ लायगी त बटी होती ह बाबल क लाड़ली

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यह ाज़नदगी (सययद इदरीस पटल ाचषक ड ndashII)

बठ जाता ह ामी प अकसर कय क मझ अपनी औकात अचछी लगती ह

मन समनदर स सीखा ह जीन का सलीका चपचाप स बहना और अपनी मौज म रहना चाहता तो ह क य दानया बदल द पर दो व क रोटी क जगाड़ म सरत नह ामलती दोसत महगी स महगी घड़ी पहन कर दख ली व र भी मर ाहसाब स नह चलता य ही हम दल को सा रखा करत पता नह ा क कमत चहर क होती ह अगर खदा नह ह तो उसका ाज कय और अगर खदा ह तो र कय

lsquorsquoदो बात इसान को अपन स दर कर दती ह एक उसका ldquoअहम rdquo और दसरा उसका ldquo वहमrdquo पस स सख कभी खरीदा नह जाता और दख का कोई खरीदार नह होता मझ ाज़नदगी का इतना तजबार तो नह पर सना ह सादगी म लोग जीन नह दत मााचस क जरत यहा नह पड़ती यहा आदमी आदमी स जलता ह ाव क बड़ स बड़ वजाानक यह ढढ रह ह क मगल ह पर जीवन ह या नह पर आदमी यह नह ढढ रहा ह क जीवन म मगल ह या नह

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जीवन म न जान कौनसी बात ldquoआखरी rdquo होगी न जान कौन सी रात आखरी होगी ामलत जलत बात करत रहो यार एक दसर स न जान कौन सी ldquo मलाकात rdquo आखरी होगी अगर जदगी म कछ पाना ह तो तरीक बदलो इराद नह ऐ चाद त कस मज़हब का ह ईद भी तरी और करवाचौ भी तरा

उगालय क लड़ाई

(शख महबब पीरा पटल ाचषक)

एक दन हा क सभी उगालया आपस म लड़न लग अगठा बोला म सबस बड़ा सभी जगह जरी कागज पर मझस ही ानशान बनाया जाता ह तजरनी बोली-ldquoम बड़ी मर होन स ही सब लोग काम कर पात ह जस-ालखना खाना पकड़ना मधयमा बोली-ldquoअर भई कया तम नह जानत जो आकार म लबा होता ह उस ही सभी बड़ा कहत ह अनाामका सब बात चपचाप सन रही ी वह तरत बोली ndashldquo म सबस बड़ी म तो पजा करन क भी काम आती मर स ही रोलीातलक लगाया जाता ह कानाका सभी को लड़ता दखकर उदास ी वह चपचाप एक कोन म कछ सोच रही ी तभी अगठा व तीन उगालया उसक पास गई और बोली- ldquoअर छोटी तम तो बड़ी हो ही नह सकती कयक तमहारा नाम ही कानाका ह कानाका बोली ldquoसनो अगठ भाई और पयारी उगालय आपस म लड़कर कभी कसी का भला नह हो सकता हमम कोई भी बड़ा-छोटा नह ह हम सब ामलकर मी बन सकत ह तभी हम सब बलवान हग कया तमह नह मालम क बद मी म ही ताकत होती ह इसालए हमारा लड़ना बकार ह rdquo कानाका क बात सनकर सभी एक सा बोल- ldquoहा छोटी बहन तम ाबलकल सही कह रही हो सचमच अकल म तम ही हम सबस बड़ी हो rdquo

इस नीात का स एकता म बल क ाशका ा होती ह

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तलगाना- भारत का एक और नया राजय (शलबाला खडरी मानाचषकार)

तलगाना भारत क दाकी भाग म ासत भारत का 29 वा राजय ह कषल क दाप स यह दश का

बीसवा बड़ा राजय ह ाचीन हदराबाद रयासत का अाधकतम भाग तलगाना राजय म ालया गया ह जहा आजादी स पहल ानजाम का राजय ा सन 1947 म जब भारत अज क चगल स आजाद आ उसक बाद भी हदराबाद का ानजाम अपनी रयासत सय भारत म ावलीन करन क पक म नह ा वह अपनी रयासत पर अपना ही सवतष शासन चाहता ा अतत सरदार बललभ भाई पटल क अक यास स इस रयासत को भारत क मखय धारा म ावलीन कया जा सका इस कार आन दश राजय क सापना ई और 26 जनवरी 1950 को ी एमक वललोड़ी आन दश राजय क म मखयमषी ानय ए 1956 म हदराबाद रयासत को आन दश राजय म ावलीन कर दया गया

2 जन 2014 म पनः तलगाना राजय अासततव म आया आन दश राजय क उर पामी 10 ाजल को ामलाकर तलगाना राजय क सापना क गयी ह राजधानी हदराबाद भी तलगाना राजय म ासत ह परनत 10 वष तक हदराबाद दोन राजय याान आन दश और तलगाना राजय क सय राजधानी रहगी दोन राजय क शासानक कायर हदराबाद स सचाालत हग तलगाना शबद का ादभारव ाषलगा दश शबद स आ ह ाजसका अर ह तीन लगो वाला दश तलगाना राजय क तीन दशा म कालरम ीशलम और ाकारामम ास ाशव मानदर ासत ह ाजनक अपार धामक महा ह वासतव म पक तलगाना राजय क ालए 1946 स 1951 क बीच ही ारमभ हो गया ा उस समय कमयानसट पाट न इस आनदोलन का नततव कया ा जो असल रहा भाषा क आधार पर तलगाना और आन राजय को पक करन क ालए अनक आनदोलन समय-समय पर होत रह ह इनम मखय आनदोलन 19691972 और 2009 क ह इन आनदोलन का यह भाव आ क 9 दसमबर 2009 म भारत सरकार न पक तलगाना राजय बनान क कायरवाही श कर दी य घोषा सनत ही तटीय आन व सीमान कष क लोग न सम आन दश क पक म आामक आनदोलन ारमभ कर दया और ऐसी ासात म भारत सरकार न यह कायर 23 दसमबर 2009 तक सागत कर दया इसक पात भी लगातार पक तलगाना और सम आन दश क ालए अलग-अलग आनदोलन चलत रह पक तलगाना क पक म कई आतम - हतयाए ई हड़ताल क गयी ाजसस जन साधार को बत असावधा का सामना करना पड़ा अतत पक तलगाना समरक क जीत ई और कास कायरकारी सामात न सवर सहमात स 30 जलाई 2013 को पक तलगाना राजय क ासारश करत ए ाबल तयार कर दया अनक सोपान पार करत ए यह ाबल रवरी 2014 को ससद म पारत कया गया रवरी 2014 दश पनगठरन एकट क तहत यह ाबल ससद म पास हो गया इसक पात इस नय राजय तलगाना ाबल को रापात ारा सहमात ा ई और माचर 2014 क गजट म इस कााशत कया गया इस कार नय तलगाना राजय क सापना ई

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ाशासकय प स तलगाना राजय क सापना 2 जन 2014 को ई क चन शखर राव क पाट ldquoतलगाना रा सामातrdquo न चनाव म दश म बमत हाासल कया और इस कार ी कचन शखर राव तलगाना राजय क म मखय मषी चन गए

म महगाई (डॉ नीलम कमार ाबड़ला अाभलखपाल)

म महगाई महग दशभ लोग क आमष पर भारत आई तज गात लान गात म भारत आई मझ गलत मत समझो गरीब बत ठीक बमत दकर तमन ाजनको बत उठाया म तो उनह क तीक भौातक वादी यग म योग ासखाती म भख पट न सोए कोई कडालनी जगाती म धयान प म च मारकर मन जय ऊपर चढ़त-चढ़त र तक आ जाता ह भाव वसत क वस ही र तक ल आई

अब इस यग म एक तल क पीप को पा लन का अर को पा लना ह भ दशरन क झलक दखना एक टमाटर खा लना ह भारत का आदशर तयाग ह अनासा ह अपरह ह मझको पाकर लोग वसतए तयाग रह ह अपनी खद क कार छोड़ बस क पीछ भाग रह ह म लोग को तड़क भड़क स खच

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सादगी ासखाती टरीलीन क शौकन को ला पहनाती माया जीवन का बधन ह पया पसा मल हा का म वतन भोगी लोग क बधन दो दन म हर लती शी छड़ाकर मल हा का शीश सा ानमरल कर दती

नीात ालखन वाल न कम खाना या गम खाना अचछा बतलाया मन उनका कन ानभाया ाजतनी चीज महगी हगी उतना ही जन कम खाएग ाजस दन रोटी नह ामलगी उस दन खद ही कम खाएग

शकल पक क चाद सरीखी बढ़ती म खब चादनी लाऊगी अभी दज तक ही आई परमासी तक जाऊगी

करो कलपना जब भारत जन कतन सदर दखा करग ग चावल चना बाजरा जब पाड़य म ाबका करग बीमार को दध दहीघी क इजकशन लगा करग कसा मधर जागर होगा लोग भख स जगा करग

आतक हमला

(डॉ नीलम कमार ाबड़ला अाभलखपाल) 13 दसबर 2001 ससद प पाक आतक हमला 13 रवरी 2014 ससद म भारतीय आतक हमला

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शमरसार ई ससद पच ाड़ गए नयी तहजीब क झड गाड़ गए

उड़ाया गया काली ामचर का पाउडर सपीकर का नह सना आडरर आख जलन लग सास लन लगी ससद पर नगी तलवार झलन लगी

घायल आ जातष और सावधान मदर क पजारय न कया मदर का अपमान ऐस आतकय को सबक ासखाना होगा र नया इातहास बनाना होगा

बाल-म (वाइकराकश कमार खलासी)

बालपन क कलकारी धप क ताप स आ मक पोी छोड़ी कदाल खोदत हा क मार अचक कचड़ आधी म म करना आ मजबरी गरीबी क पराकाा पट और पीठ क घटती दरी कछ धनहीनता और कछ माता-ापता क मखरता कनत सबस जयादा सवा समाज क सवदनहीनता ाजसन बालक को ामक बनन को बाधय कया लखनी को छीनकर कोमल हा म छडी पकड़ायी

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गाय-बकरी क सवा करता बालय-जीवन कप अपन भावषय को दर करता अजान और अबझ ावोपाजरन क कसको ह सरत ासात तो ऐसी ई दो दान अ क ालय बालपन चोर बनन को आतर आ

दोसती

(ाचा कडयया खलासी)

गलाब एक ल ह

एक घनट म मरझा जाता ह पर दोसती एक शा ह कभी भी जीावत रहती ह

बर ठडी होती ह जो पकड़ म नह आती ह

दोसती सोन जसी ह जो कभी कोई नह खरीद सकत ह

तार क पाच अनत (END) ह चौकोन क चार अनत ह तीकोन क तीन अनत ह

एक रखा का एक अनत ह पर दोसती का कोई अनत नह ह

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मर जीवन का उशय (कमारी ाया सातव कका सपषी एम सबीता उाल)

कग नयज भारत का खतरा पाकसतान न कशमीर पर हमला कया ह कछ दन बाद helliphellip कग नयज पाकसतान क ाखला भारत क रका करत ए वीर सानक

का भारी नकसान इन खबर न भारत को ाहला दया ा म भी सोच म पड़ गयी क म भारत क ालए कया कर सकता भारत को इन हमल स कस बचा सकता मर मन म ास र एक ही खयाल आया क भारतीय सना का एक जवान ासपाही बन

जव मन यह बात अपन दोसत स कही तो उसन कहा क ासपाही बनना खतर स खाली नह ह और परवार स दर सरहद पर खतर स भर जीवन मर ालए कपद होगा लकन मन ठान ालया ा क म कछ ऐसा कगी क पर दश म मरा नाम हो ाजस दखकर मर अपन का ासर गवर स ऊचा हो जाए

मर ानय को सनकर मरी मा रोन लगी मझ लोभन दया क म ापार क मर दोसत न मझ डाकटर बनन का सझाव दया पर मन सोचा क भारत म कई डाकटर ह ापारी ह भारत को डाकटर या ापारी क नह बालक सानक क जरत ह

म भारत क ालए अपनी जान भी दन क ालए तयार मन सोचा सब अपन परवार को सराकत

रखना चाहत ह र भारत - भाम तो मरी मा ह मरी ही कय हर एक क मा ह तो हम सब का कतर बनता ह क हम इसक रका कर इसीालए मर जीवन का उशय ह क म एक ासपाही बन और भारत क सवा क

मखर ामष स समझदार शष अचछा होता ह (मासटर सनीत चौी कका सपष एम सबीता उाल)

एक दन म और मरा सबस अचछा ामष राव बठ यह सोच रह क हम परीका क ालए अभी स पढ़ाई श कर दनी चााहए या नह राव न तपाक स कहा क अभी स पढन स कोई लाभ नह होगा अगर हम परीका क एक दन पहल पढ़ग तो जयादा दमाग म रहगा तभी वहा स मरी कका का दसरा छाष रमश गजर रहा ा मझ रमश ाबलकल पसद नही ा और रमश भी मझ पसद नह करता ा बात-बात पर हम लड़ाई करत पर पढ़ाई म वह मझस बत अचछा ा उसन हमारी बात सन ली ी

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इसालए धीर सवर म मझस बोला अपन मखर ामष क बात मत सनो बस रोज मरी तरह ोड़ा-ोड़ा पढ़ो लकन मन उसक बात पर कान नह धरा एक महीन बाद परीका क दन आ पच परीका क एक दन पहल जब मन पढ़ना श कया तब पाया क पढ़न को बत ा पर समय कम ा जस -तस पढ़ कर मन परीकाए ालखी और उममीद करता रहा क म परीका म उी र हो सक कछ दन बाद परीका का पराम ानकला और वही आ ाजसका डर ा म और ामष राव अनी र हो गए दसरी ओर रमश बत अचछ अको स उी र आ उस दन मझ समझ आ गया क मखर ामष स समझदार शष अचछा होता ह

भावषय क पढ़ाई (मासटर ाशव कलया सातव कका सपष वालल कलयाी उाल)

आज जब हम पढ़ाई या सकल क बार म सोचत ह तो नजरो म एक भारी बग उठाता आ

छाष दखता ह कताब क ाबना हम सकल जान क सोच भी नह सकत कताब क सा कपयटर भी पढ़ाई का महतवपर ाहससा बन चका ह

कछ साल बाद भारी कताब स भर बग क बदल छाष क हा म टबलट होगा आकाश टबलट एक ऐसा यष ह ाजसम हम तरह-तरह क कताब पढ़ सकत ह हम कका म ही नट स जानकारी पा सकत ह टबलट ोन स बड़ा ह और जयादा महगा भी नह हम इस कह भी ल जाकर इसम कताब पढ़ सकत ह हम इसम कका का दया गया कायर भी कर सकत ह यह टबलट पढ़ाई का अदाज बदल दगा और पढ़ाई को मजदार बना दगा

पानी और धप (कमारी एस साानया पाचवी कका सपषी राजया बगम अाल)

अभी-अभी ी धप बरसन लगा कहा स यह पानी कसन ोड़ बादल को क ह इतनी शतानी

सरज न कय बद कर ालया अपन घर का दरवाज़ा उसक मा न भी कया उसको बला ालया कहकर आजा

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ज़ोर-ज़ोर स गरज़ रह ह बादल ह कसक काका कसको डाट रह ह कसन कहना नह सना मा का

परीका (कमारी शख राजया सलताना गयारहव कका सपषी शख महबब पीरा पटल ाचषक)

ाजस नाम को सनन स कापता ह बा वो ह परीका परीका पपर हा म आत ही इतना डर लगता क यद अचछा नह कया तो ापटना पा तीन घट म लगभग करन होत ह चालीस सवाल एक भी छटा तो घर म आता ह भवडर रजलट क एक दन पहल रात को नद नह आती ह अचछ नबर पान क ालए भगवान क याद आती ह पास होन पर ामलता ह इनाम और मख स ानकलता ह ldquoकय भगवान rdquo र आती ह अगली कका तब भी मख स ानकलता ह हाय र आ गयी र स परीका

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राीय साकरता (मासटर शख समीर छठी कका सपष शख महबब पीरा पटल ाचषक)

ातदन सीखो अकर एक

ानयम बना लो ऐसा पढ़ो पढ़ाओ सीखो जान

तभी बनगा दश महान ावा सा जान कराती

मन का अधरा दर भगाती जहा पर बनत लोग जानी

वहा न होती मन क हाान अनपढ़ क ालए गगी पोी

धन दौलत भी होती ोी पढ़ा ालखा नह धोखा खाता

जहा भी जाता आदर पाता

मा (मासटर शख महबब बाशा आठव कका सपष शख महबब पीरा पटल ाचषक)

सबस सनदर जग म कौन बस एक त ह मा

सबस पयारी कसक मसकान बस एक तरी ही ह मा

कसन बनायी मरी पहचान तन ही तो मरी पयारी मा

कसक बोली ामी स मीठी तरी ही ह मरी मा

कसक डाट ह इमली स तीखी तरी ही तो पयारी मा

कसक ालए क म सब कबारन तर ालए मरी पयारी मा

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ाततली (कमारी एम राशका ाशवानी पाचवी कका सपषी एम लम कमार उाल)

ाततली तम कतनी

रग-ाबरगी होती हो तम सब ल का रस पी-पीकर

बाग-बगीच म रती रहती हो तर पख कई रग क होत ह

तमहार प को दखकर ब बत खश होत ह

मरी कका

(कमारी एम राशका ाशवानी पाचवी कका सपषी एम लम कमार उाल)

मरी कका म ह पचास ब हर एक ह अलग-अलग जस एक ह लबा एक ह छोटा एक ह मोटा एक ह पतला कछ ह अचछ कछ ह बर पर लगत ह सार पयार मरी कका ह रग- ाबरगी लगती ह ाततालय का झड ह

मझ बत पसद ह कयक यह हमारी कका ह

Page 18: कलाकल - Home: Survey of · PDF fileतेलंगाना-भारत का एक ... भी यह पि का ‘कलाकल‘ सुनदर प म िनखर

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सानातर पर तनात कमरचारय क सची

म स

नाम ी ीमती

पदनाम सानातर क ाता

सानातर

स को

1 डीरघ रामल

मानाचषकार 11102013 भौ सप एव स स ानदशालय

आ भसा आ क हदराबाद

2 मो अजीमीन सवकक 06112013

(पवारहन)

भारतीय ाशक एव मानाचष ससान हदराबाद

आ भसा आ क हदराबाद

3 सतयभामा नायक सापना एव लखा अाधकारी

10012014 (पवारहन)

पब एव ास भसा आ क कोलकाता

आ भसा आ क हदराबाद

4 एनबी सरी अधीकक सवकक 22012014 मएव गोवा ानदशालय पन

आ भसा आ क हदराबाद

5 एस महबब दादार 17022014

(अपराहन)

मएव गोवा ानदशालय हदराबाद सकनध

आ भसा आ क हदराबाद

6 टीकष कमार अाधकारी सवकक 19032014

(अपराहन)

भारतीय ाशक एव मानाचष ससान हदराबाद

आ भसा आ क हदराबाद

7 एसराव टीटीटी lsquoएrsquo 17042014 पवारहन

भारतीय ाशक एव मानाचष ससान हदराबाद

आ भसा आ क हदराबाद

8 अामत कमार टीटीटी lsquoएrsquo 06052014 पवारहन

भारतीय ाशक एव मानाचष ससान हदराबाद

आ भसा आ क हदराबाद

9 बीराजन बाब सहायक 09062014 पवारहन

दाकी म वगर आ भसा आ क हदराबाद

10 जी शीला रानी मानाचषकार ाड-I 23062014 पवारहन

भौ सप एव स स ानदशालय हदराबाद

आ भसा आ क हदराबाद

12

सानातरत कमरचारय क सची

म स

नाम ीीमती

कमारी पदनाम सानातर क

ाता सानातर

स को

1 बीसीसा अाधकारी सवकक 16082013

आ भसा आ क हदराबाद

भा स एव स हदराबाद

2 एमएम मोहानत

अाधकारी सवकक 26082013

आ भसा आ क हदराबाद

ओड़ीशा भसा आ क भवनर

3 पीयादयया सवकक 11122013

(अपराहन) आ भसा आ क हदराबाद

क भसा आ क बगल

4 सनीता कालरा आशालापक

28042014

(अपराहन) आ भसा आ क हदराबाद

ानदशक सवक (हवाई) दलली भसा आ क नई दलली

5 शभा वी नायर

कायारलय अधीकक

07052014

(अपराहन) आ भसा आ क हदराबाद

भा स एव स हदराबाद हदराबाद

6 कवी चारी सहायक 06062014

(अपराहन) आ भसा आ क हदराबाद

दाकी म वगर

13

सवा ानवसवाचछक सवा ानव ए कमरचारय क सची

म स नाम पदनाम सवा ानवा क ाता टपपी

1 पीडीकमार अाधकारी सवकक 30092013 सवा ानव

2 एस कासम दादार 30092013 सवा ानव

3 भलनराम खलासी 15102013 (पवारहन) सवाचछक सवा नव 4 जी लाजर पटल ाचषकार ड़- II 31102013 सवा ानव 5 बीसीलममा खलासी 31102013 सवा ानव 6 पीदवदास मानाचष मॉउटर 30112013 सवा ानव

7 तनगटला राधा कषा भडार सहायक 31122013 सवा ानव

8 टीवकटयया दादार 31122013 सवा ानव 9 जी चयया माली 31122013 सवा ानव

10 पीसीबोरोल अाधकारी सवकक 28022014 सवा ानव 11 डीरघ रामल मखय मानाचषकार 28022014 सवा ानव 12 बी नासरयया खलासी 28022014 सवा ानव 13 बी ीपाल दादार 31032014 सवा ानव

14 क दानम खलासी 30042014 सवा ानव

15 कषा सरकार अाभलखपाल ाडI 31052014 सवा ानव

16 कपललयया पटल ाचषकार ड़ II 31-05-2014 सवा ानव

17 सीकडयया जमादार 31052014 सवा ानव

18 एमवकटवरल दफतरी 30062014 सवा ानव

19 पीअजरना खलासी 30062014 सवा ानव

20 यावर बगम खलासी 30062014 सवा ानव

21 एमाचा वकटममा

दफतरी 30062014 सवा ानव

22 एनबी सरी अधीकक सवकक 31082014 सवा ानव

14

समात शष

एसपी ईरयया खलासी

जनम ाता 01-07-59 ावभाग म भत होन क ाता 01-03-1997 स ानयामत भत सवगरवास 22-4-2014 परवार इनक परवार म पी क अलावा दो ब ह इनक आकासमक ानधन पर आ दश भ साानक आकड़ा कन क कमरचारय को गहरा आघात पचा और सभी न इनक परवार क ात सवदना क एव इनक आतमा क शाात क ालए ईर स ारना करत ए दो ामनट का मौन रखा सव ी एसपा ईरयया ाजनक आ दश भ साानक आकड़ा कन म कायररत रहत ए अल 2014 म अकाल मतय हो गयी ी उनक परवार क ततकाल मदद क ालए पर आ दश भ साानक आकड़ा कन क परवार न 25600- का ततकाल सहयोग दया

15

भडार का ाप

म स सामी भडार 1 वाटर कलर 01

2 एल ईडी मॉनीटर 15

3 कमपयटर टबल 30

4 कमपयटर कस 30

5 पलाासटक कस 236

6 एचपीाडजाइन जट टी- 1300 टर 01 आइ सी जड एम क अतगरत

7 कलर क समाटर एलए जीएस टी 42- सकनर

01 आइ सी जड एम क अतगरत

8 यपीएस क ालए 12 वोलट क बटरी 60

9 5 कपी का य पी एस 02 डी ए डबलय वी आइ सी जड एम क अतगरत

10 डलल कमपयटर 10

11 लाइका अकय लवल (डी एनए-03) 02 आइ सी जड एम क अतगरत

12 लाइका जीएनएसएस (जीपीएस दोहरी बारबारता)

02 आइ सी जड एम क अतगरत

13 3 डी ावजन कट 23 (18 आ भ सा आ क हत )

14 समसग एलसी डी मॉानटर 02

15 एचपी सकनजट 200 फलटटड- सकनर 01

16 डाट मकस टर 03

16

अनपयोजय भडार का अनपयोगी घोाषत

म स सामी मलय 1 साइबग उपकर 364574-

2 नचर आइटम 218844-

3 ोटोामीतीय उपकर 9125746-

4 कमपयटर और परधीय 4027273-

5 उपकर ( गौ सवक उपकर) 706943-

तदनसार अनपयोजय भडार क अनपयोगी हत नीलामी या क शआत हो चक ह

17

वषर 2013-14 क ालए ानाध का आबटन य

शीषर सवीकत अनदान

(हजार म )

अातर ानाध क मागाा

(हजार म )

भाकमसव ारा काटी गई (हजार

म )

इस कायारलय

ारा अभयपर

अातम बजट अक (पय

म)

य (पय म)

31-3-2014 को शष रााश (पय म)

वतन 114400 0 1400 0 113000000 112999869 131 मजदरी 500 350 0 0 850000 845802 4198 ओ टी ए 0 0 0 0 0 0 0 ाचकतसीय 2840 0 0 750 2090000 2089187 813 डी टी ई 1240 0 0 0 1240000 1239231 769 ओ ई 1409 125 94 1440000 1397157 2843 आर आरटी

240 0 0 16 224000 223875 125

ओ ईए 2 2 0 0 4000 3750 250

एसampएम 310 0 0 310000 309712 288 पी सवा 280 0 0 129 151000 149810 1190 अनदान 0 0 0 20800 20775 25

18

मनोरजन कलब का वाषकोतसव ndash 2013

आ दश भ साानक आकड़ा क ानदशालय क मनोरजन कलब का वाषकोतसव दनाक 10-01-2014 को ातः काल 1000 बज स सममलन कक म आयोाजत कया गया ाजसम मखय अाता भारत क महासवकक डॉ सव र सबबा राव उपासत ावशष अाता क प म ी एसबी शमार उप महासवकक भारतीय सवक एव मानाचष ससान उपासत ानदशक महोदय कनरल ीधर राव न सवागत भाष दया और मनोरजन कलब क साचव ी डीआरएस सन कमार न वाषक रपोटर सतत क सासकातक कायरम ारा सभी का मनोरजन कया गया मखय अाता न अपन भाष म कहा क इस ानदशालय न ी कनरल ीधर राव क नततव म बत अाधक एव सतोषजनक प स गात क ह और इस बात का भी उललख कया क व जब इस ानदशालय क ानदशक तब व य सब कायर करना चाहत परत इनह मतर प दन म कनरल ीधर राव ानदशक महोदय क महतवपर भामका रही ह ततपात एक ीात- भोज का आयोजन कया ाजसम करीब 230 लोग न भाग ालया ाजसक सभी न भर-भर शसा क

मनोरजन कलब ारा आयोाजत कए गए खल

करम

टबल टनीस

शटल

शतरज शॉट- पट धीमी साइकलग

पष सगलस माहला सगलस पष डबलस माहला डबलस

पष सगलस पष डबलस

पष सगलस माहला सगलस पष डबलस माहला डबलस

पष पष पष

19

वषर 2013 क दौरान कनीय मनोरजन कलब सपोटरस स ा इस ानदशालय क ाता एव सममान

करम

खल म परसकार ातीय परसकार ततीय परसकार

पष सगलस पी रवी कानत चनपाल शशी करन एव एलए बग

माहला सगलस शभा वी नायर पीक ातभा शलजा एव मीना

पष डबलस सययद इदरस एव सवातरयया कवी चारी एव ओ वीन कमार

---------

माहला डबलस शभा वी नायर एव अनसया पीक ातभा एव शलबाला खडरी

टबल टनीस पष सगलस पी सतीश क वीचारी ओ वीन कमार

एव अशाख अहमद पष डबलस कवीचारी एव

डी रगा राव कक गा एव पी सतीश ----------

शटल पष सगलस पी सतीश एम वी ावजय कमार कवी चारी एव पी

यादयया माहला डबलस शभा वी नायर एम सबीता मीना एव राज़या

बगम पष डबलस पी सतीश एव

एम वासदव स कमार एव ओ वीन कमार

-----------

माहला डबलस एम सबीता एव राजया बगम

शभा वी नायर एव बी एस वी वरलमी

-----------

शतरज पष जगन एकर ------------

शॉट- पट पष बी नागरम चनपाल स कमार

20

धीमी साइकलग पष डी स कमार सययद इदरस सययद मोजज़म

उ नयायलय म लाबत नयायालक मामल

लाबत मामल 04 आ दश उ नयायालय

कस क सखया 11 कनीय शासानक अाधकर हदराबाद

समा कस क सखया 06 लाबत कस क सखया 05

पनवलोकन मामल

ानालाखत अाधकारयकमरचारय क पनवलोकन मामल का ानपटारा कया जा चका ह

म स प lsquoबीrsquo राजपाषत प lsquoबीrsquo अराजपाषत प lsquoसीrsquo (पवरवत प

1 एस बाब अाधकारी सव ज डी एबनजर मानाचषकार ाडाव I नरश

2 पीक लहा मानाचषकार ाडाव I गदो राम

3 शख मीरावली मानाचषकार ाडाव I एम गररयया

4 जी सीतारामम सव सहायक पी काशम

5 वाई सबबयया सव सहायक सतयममा

6 पीएस सामबाब सव सहायक वी कषयया

7 बी ओबशयया सव सहायक

21

एम ए सी पी क मामल

ानालाखत अाधकारयकमरचारय क एमए सी पी मामल का ानपटारा कया जा चका ह

म स प lsquoबीrsquo अराजपाषत प lsquoसीrsquo (पवरवत प lsquoडीrsquo)

1 वी सयर भा मानाचषकार ाडाव I एल योहन

2 पीकलहा मानाचषकार ाडाव I सीनाराया

3 शख मीरावली मानाचषकार ाडाव I जजॉन

4 एम भवनरी मानाचषकार ाडाव I एस रामयया

5 बीएसवी वरलमी मानाचषकार ड़ II बी पललया

6 - पी काशम

7 - शख काासम पीरा

8 - एम लमी नाराया

9 - एम वकटरल

10 - जी जया

आ दश भ साानक आकड़ा कन क अाधकारय कमरचारय क ब ाजनहन शकाक ानपता दखाई ह

1 कमारी अनवषा कर सपषी डॉ पीक कर सी जी पी ए 9810 दसव कका क ीय ावालय हदराबाद

22

तलग म ावव ी नकश ( ओएस एम) क तयारी (बीएचराव अधी सव जीव अाध सव एमराकश अाध सव एसपटा री मानाचषकार)

सतावना पवर म ावाभ नकश तलग म कााशत आ करत जस आ दश राजय नकशा (1999) भारत क राजनीातक नकश आद ऐस नकश अकराक ासटक-अप (lettering stickups) साहत साइबग क परमपरागत तकनीक का उपयोग कर कााशत होत तााप कोई भी सलाकातक नकश तलग म कााशत नह ए ह परत हाल ही म ावजान एव ौोागक ावभाग न ावव ी टोपो नकश ( ओएसएम) को कषीय भाषा म उपलबध करवान क ालए एक नीात को जारी कया ह ाजसक पराम सवप आ दश भ साानक आकड़ा क न राजय क राजधानी हदराबाद को दशारत ए एक शीट को योग क आधार पर अकय माधयम स तलग म करन का काम ालया ह

ॉनट क खोज म माइोसटशन साफटवर क अनक ल डीजीएन ामट म मल डाटा बस पहल स ही उपलबध ह मल-

पाठ को बठान क ालए माइोसटशन क अनक ल एक सावधाजनक तलग ॉनट क आवशयकता ह अनक ॉनट क जाच क गई परत कछ भी माइोसटशन क अनक ल नह पाया गया कयक तलग ालाप म बत सारी माषाए अगल स लगवाए जान क कार ldquoमाषाrdquo को लगाना एक कठन कायर सााबत आ तााप वब म बत छान-बीन करन क बाद ldquoटी टी एल हमलताrdquo ॉनट को खोजा गया और माइोसटशन परवश म मल पाठ को रखन म उपयोगी पाया गया

अनवाद

ावाभ व रनातमक अाभउाया ाचनह पाद- टपपाया आद का अजी स तलग म अनवाद हत सभी ापय साधन जस क इटरनट नट पर अनवाद शबदावली आद का आय ालया गया

माइोसटशन परवश म मल पाठ को बठान क ालए कायरावाध

ॉनट याान ldquoटी टी एल हमलताrdquo वााछत सान पर लोड कया गया तलग ालाप म बत सारी माषा क अतःसाापत होन क कार एक ावाशप शबद या अकर क ालए सही माषा क चयन हत अाधक सावधानी बरतना का सानात कया गया वााछत मल ndash पाठ को मइोसाफट वडर म टकत कया गया माइोसटशन वशरन 8 ाइल म अनोटशन टकसट एडीटर क माधयम स कापी और पसट कया गया उ

23

शीट क 22 टोपो स अनवादत अनोटशन को या सतयाापत कया गया अनोटशन को कनार म और उपरो शीट क नाम ाइल म रखा गया मामल ाजनको सलझाना ह -

1 ॉनट क आकार का मानककर 2 तलग ालाप म ावाभ व रनातमक अाभउया क सावधाजनक शबद का चयन 3 मल- पाठ को सगठत करना एक जटल कायर ह और समय लन वाली कायरावाध ह और पयार

माषा म षीय भाषा याान तलग क जान क जरत ह 4 जयादा सखया म सपादन मल-पाठ क सगठन क आवशयकता ह 5 तलगाना राजयतलग ावावालय क उ राजभाषा ावभाग स अनवादत ालाप को माीकर

करन क आवशयकता होगी समाा

सानीय ालाप (तलग) म ओ एस एम माक नकश क तयारी स अाधक सखया म लोग को सलाकातक नकश को आसानी स योग करन म सावधा होगी सलाकातक नकश म भाषा-ावषयक सबधी साचकारी पदार को जोड़न स ानयही भारतीय सवक ावभाग क उतपाद क चार को बढ़ावा ामलगा और बाजार म अपनी अहामयत बढ़ाएगा

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चनौती क ालए तयारी (रघना ाषपाठी अधीकक सवकक)

कसी भी ावभाग म नई चनौातय को सामना करन क ालए कमता ानमार क आवशयकता ह यद

यह नह कया जाए तो सताावत योजनाए ावल हो जाती ह कमता ानमार स पहल उसक लय एव उशय को परभााषत कया जाना आवशयक ह कयक इसक कायारनवयन क सतर म योजना और ानषपादन म का अतर हो सकता ह कमता ानमार क अनय मानक क अतगरत अनवत सावधा क रखरखाव और सभाावत ावकास भी शाामल ह कमता ानमार क कसी भी यास म ातभा क खोज को ही पहल कदम क प म ालया जाना चााहए भारतीय सवक ावभाग म सही कमता ानमार क बाद ही 110000 क पमान का सवक करन और मानाचष ाा सभव हो पाएगा आधानक अाध ौोागक म कमय क ाशक पयार नह ह लकन यह दखना ह क जो माग और सवक और मानाचष क आपत क खला स सक ातत ह जनता क ालए उपयोागता बढ़ा रही ह श म हालाक बाधाए आना बाधय ह हम यह कायर श करना और पराम क तीका करनी ह इस यास म खल अाधकार कष क ावशषज को ानयामत प स परामशर कया जाना चााहए सवक और नकश क उपयोगकतार क माग और एक बड़ परय क दाप स दखन क ालए यह महतवपर ह

यहा तक क उपयोगकतार क ालए भी ाडाजटल डटा का उपयोग सीामत ह भारतीय सवक ावभाग उपयोगकतार को ानयामत आधार पर सहायता और मलय सवधरन क ालए सलाह दकर नकश क कातज उपयोग तक का ावसतार कर सकता ह उस बात पर धयान दत ए भारतीय सवक ावभाग क सवा हत जी आई एस वजाानक को शाामल करन क आवशयकता ह यह महगा मामला होन पर भी वरीयता स भरी हम भावषय क चनौातय को परा करन क ालए तयार रहना चााहए कयक नकश क उपयोग स ावकास को तो होना ही ह

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नमक का महतव (कष कमार अाधकारी सवकक)

एक राजा क तीन बटया ी तीन बत ही सनदर सशील और ावशष ग वाली एक दन राजा न तीन राजकमारय को अलग-अलग स एक ही सवाल पछा ldquo बटी तम मझ कतना चाहती हो ldquo बड़ी राजकमारी न जवाब दया rdquo ापताजी म आपको सोन जस चाहती अारत सोन क आभष स मझ ाजतना पयार ह उतना ही पयार आप स ह ापताजी ldquo राजा बत सतप आ और दसरी राजकमारी स पछाrdquoबटी दीदी न तो जवाब द दया अब तम बताओ तम मझस कतना ह रखती हो दसरी राजकमारी बोली ldquo ापताजी म आपको हीर जसा चाहती अारत हीर क गहन स मझ ाजतना पयार ह उतनी ही पयार आप स ह ापताजी ldquo राजा तो ल न समाया सोचन लगा rdquo म बमतलब का सकोच कर रहा ा मरी बटया तो लगता ह मर बगर जी नह पाएगी ldquo अब तीसर स कया पछ र भी पछ लता र तीसरी बटी स पछाrdquo बटी तम मझ कतना चाहती हो तीसरी राजकमारी न जवाब दयाrdquo ापताजी म आपको नमक ाजतना चाहती जवाब सनत ही राजा आग-बबला हो उठा और बरी-भली सनाकर उसक कक स ानकल गया छोटी राजकमारी न कछ नह कहा बालक राजा क डाट सनकर चपचाप रह गयी रात ई राजा को सार महल क कायर ानपटान क बाद भख लगी खान क ालए उस हीर स ससात सोन क सहासन पर छोटी राजकमारी न बठाया र सोन क ाली म नाना कार क जन स य खाना परोसा और राजा को खाना श करन को कहा राजा न मह म खाना रखा तो महसस कया खाना का ह र हर जन को चखा तो पाया सब क ह र तो आग-बबला होकर अपनी रानी पर ाचललाया ldquo इस तरह क भल कस हो गयी हम कया समझ रखा ह जन दखाकर ललचाना और र खान नह दना यह बोलत ए रानी पर सोन क ाली ाजस पर जन परोस ए कन क ालए हा उठाया उठ ए हा को तीसरी राजकमारी न पकड़ ालया और पछा ldquoापताजीखाना तो बढ़या ह र कमी कया हrdquo राजा बोल ldquoनमक क ाबनाकोई खाना खाया जा सकता हrdquo राजकमारी बोली ldquoापताजीआपको तो नमक स नरत ह ना इसालए मन जन बनवात ए नमक नह डलवाया rdquo र तो राजा समझ गया क छोटी बटी न उनह सबक ासखान क ालए यह भोजन तयार करवाया ह र बोला ldquoबटी म समझ गया नमक क ाबना खाना जस सवादप नह उसी तरह तमहार पयार ाबना मरा वचरसव नह ldquo और राजकमारी को गल लगा ालया

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मायाजाल (एनबी सवामी अाधकारी सवकक)

इस जगत म कल 84 लाख जीव राशया ह और उनम मानव जनम सबस उम ह उम इसालए ह क भगवान न मानव का आधार इसालए दया ह ताक इस जनम अचछ कमर कर वह मोक क ाा कर सक मोक याान पनरजनम नह यद कमर बर ए तो र 84 लाख जीवरााशय म पदा होन क ालए वह आतमा कालच म दोबारा स जाती ह इस सपर कालच क याषा करत ए जब आतमा मानव क योान म वश करती ह तब वह भगवान स यही ारना करता रहता ह क ह भगवान मझ इस कद (याान मा का गभर) स जलदी मा दला द कयक म तमहारा धयान सही ढग स नह कर पा रहा कयक इस कद म अनक तरल पदा क सा-सा मल-मष म भी टहल रहा यह कसा नरक ह जहा आपन मझ सा रखा ह तब भगवान भी बोलत ह क ldquoत अभी बालक ाशश का प धार करन वाला ह तमन इतन वष यग म ाजतन पाप कय ह उन सबक यह चरम सीमा ह यह चरम सीमा बत ही पीड़ा दन वाली ह ाजस तमह जीतना ह लाघना ह इस चरम सीमा स मा होन क बाद तम कया करोग ldquo ाशश कहता ह ldquo भगवन आप जो कहग ldquo भगवन पछत ह कया तम अपना जीवन मरा धयान करत ए मर ालए समपर कर दोग ldquoाशश कहता हrdquo हा म समपर कर दगा आपक ालए ldquo भगवन भी जानत ह ाशश को नौ महीन गभर म रहना ही पड़गा तभी पर शरीर का ावकास होकर जब वह बाहर आएगा तो मरी सवा करगा उ नौ महीन तदनसार भगवन ाशश का वातारलाप नौ महीन चलता रहता ह ताक ाशश अपन चार ओर स मल क गध का धयान न द र जब वह बाहर ानकलता ह भगवान को धनयवाद करता ह और कहता ह ldquo म तमहारा बत ही आभारी भ अपन मझ मा दलाई अभी मझम वह ताकत नह क म तमहारा धयान करन क ासवा और कछ क मर माता ndashापता मझ सच कर जब अपन पर पर चलन क ताकत द दग तभी म तमहार ालए कछ कर पाऊगा ldquo भगवान कहत ह ldquo अर मखर त नह जानता यह जगत एक मायाजाल ह मझ पर ावास ह त मझ भल जायगा और र स कालच म पड़ जायगा ाशश कहता ह ldquo नह भगवान ऐसा नह ह भगवान मरा ावास करो म ातजा करता मरा जीवन आपक ालए ही समपर ह ldquo भगवान कहत ह ldquoदख लगा इस जगत क मायाजाल म त मरी कया का सवा करगा ldquo यह ाशश और भ का वाारलाप सनकर दवष नारद भगवान क पास पच पछन लग ldquo भ आप कस मायाजाल क बात कर रह ह ldquo भ बोल ldquo नारद म समसत जीव- रााशय का सवामी उनका कलया चाहता उनको सख भी और दख भी दता वह इसालए क मायाजाल क मोह एव अहकार म पड़कर खद को सपर मानन वाल ाी को दड न द तो र मरा समर कस करगा ldquo नारद बोल ldquo भ आपक वचन का मतलब कस

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दशा म जाता ह यह तो मझ नह पता एक तर कहत ह समसत जीवरााशय का कलया चाहता दसरी ओर कहत ह दड दता तीसरी ओर मायाजाल अर नाराय आप जब समसत जगत क सवामी ह सब आपक अधीन ही ह तो र मायाजाल शबद आपन जो योग कया ह वह आपक अधीन स बाहर कस हो गयाrdquo ानयष काजए जीवरााशया उसक चपट म नह आएगी र सब आपका गगान ही करग और सबको मोक क ाा होगी ldquo भगवान कहत ह ldquo ह दवष मर ालए समसत जीवराशी को परीका स गजरना पड़ता ह मानव जीवन ही उनम अातम परीका ह बस उसको लाघ ल म पनरजनम स मा दला दldquo नारद जी भगवान स तकर करन लग गय का दर बाद भगवान न कहा rdquo दवष आपस बहस और नह कर सकता आपस बहस कर मरा गला सख गया ह जरा एक छोट कलश या कमडल म पानी लकर आइय ताक म अपनी पयास बझा सक नारद को झटका लगा और पाताप करन लग ldquo बमतलब मन अनतरयामी स बहस कर उनको कप दया व समपर जानानद क सामन मरी हासयत कया ह पता नह आज मरी मात मारी गयी और म बमतलब बहस करन लगा भ को पयास लगी ह और वो भी मरी वजह स जलदी स उनक पयास म बझा द पानी क खोज म सार लोक का म करत ए नारदजी पथवी लोक म पच गए पथवी लोक पचकर पानी क खोज म एक कए क पास पच तो दखा क एक अतयनत सदर नारी कए स पानी ानकाल रही ह नारद न सोचा वह सनदर ी पानी भरकर चली जाए तो र म ोड़ा सा पानी भर ल नारद उस दख रह ी भी नारद जी को दख रही ी नारदजी न पछा rdquo दवी कया तम यह आसपास रहती हो ी न जवाब दया rdquo हा ldquo नारदजी र पछ rdquo दवी कया तमहारा ाववाह हो चका ह rdquo ी बोली ldquoनह ldquo नारदजी का ावचालत मन ल नह समाया और पछ ही ालया ldquo दवी यद तम अाववााहत हो और यद तमह कोई परशानी न हो तो कया तम मझस ाववाह करोगी ी सादाय औरत ी बोली ldquo मर ापता क आजा क ाबना म आपस ाववाह नह कर सकती ldquo नारदजी बोल ldquo दवी सशील नारी क यही ग होत ह यद तमह आपा न हो तो म तमहार सा चलकर तमहार माता-ापता स बात कगा और तमस ाववाह कगा ldquo यवती राजी ई और ासर एव कध म पानी स भर घड़ को ढोत ए आग चलती रही और नारदजी पीछ चलन लग सपर रासत म उस सनदर ी क ानहारत ए मन म सपन क पल बाध रह उस सनदर ी क ापता क पास जाकर अपना परचय दत ए उनक बटी स ाववाह करन का सताव रखा साकात नारद मान को अपना दामाद सवप दख उसी मतर म मगनी हो गई और एक शभ मर म ाववाह भी हो गया ाववाह क कछ दन क पात उनक ब हो गय ब बड़ भी हो गय र तो व अपन गहस आम म इतन सत हो गय क उनक मह स नाराय मष ानकलना भी बद हो गया कई वष बाद एक शाम को जोर क आधी क सा तानी बारश ई इस माहौल न इतना ावकराल प धार कर ालया ा क वातावर लय म बदल गया चार तर पानी भर गया बत सार लोग पश आद पानी म बह गय कनत कात क ावकराल प क सामन ठहरन का साहस कस ा दखत ही दखत उनका गह भी बाढ़ क चपट म आकर टट गया और पानी म बह गाया पी और ब डर स

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रोदन करन लग दखत-दखत कान पष क अलावा पी और बाक ब भी पानी म बह गए र तो नारदजी स सोचा इस कान को म कध पर ालए चलता ताक वह तो बढ़ाप म मरा सहारा बनगा कनत लय क तीता इतनी तज ी क नारदजी क नाक क ऊपर स पानी बहन लगा र तो व खद भी भल गय क बट को बचाना ह सोचन लग म कसी तरह जीावत बच जाऊ उसी सोच न उनक कान पष को भी नह बखशा कसी तरह कछ समय उपरानत लय शानत आ पानी घट गया चार तरक मनषयपश - पकी आद क लाश टट ए रासत और घर क बीच पड़ी ई ी नारद मान को बहद दख आ और ठठोर कर रोन लग गय रोत-रोत व खद क बार म सोचन लग क भगवान न उनक सा ऐसा अनयाय कय कया काश व भी मर जात तो अचछा होता तभी उस राह स ास महष गजरत ए नारदमान स परामशर करन लग नारदजी कहन लग ldquo पता नह मन कौन सा पाप कया ह क मर पर परवार का सवरनाश हो गया ह मझ कय मतय नह आई इस पर ासजी न कहा शायद तमहारा समय नह आया ह इसालय तम बच गय हो हालाक ास जानत क नारद मायाजाल म सा आ ह ldquo र इसका ानरय कौन करता ह ldquo नारद न ासजी स पछा ासजी न उर दया ldquoयह तो मतयलोक क अाधपात यमराज ही इसका उर दगrdquo र व दोन ामलकर यमराज क पास गय यमराज न आन का कार पछा तो ासजी न नारद मान क सारी दख भरी गाा सनाई और पछा क ldquoमतय न इनका आलगन कय नह कयाldquo यमराज बोल rdquoम कोई नह मरा यमदत ही इसका उर द सकता ह कयक म यमदत क ारा कसी आतमा को लान क बाद ही उसक पाप-पणय का ाहसाब दख ानधाररत सजा का ऐलान करता यद यमदत आपको लकर मर पास नह आया तो इसम मरा कया दोष ह यमदत स पछ लldquo र ासजी न उनक यमदत स वही सवाल करन पर यमदत न कहा ldquo महामान म कस कसी क शरीर स आतमा को छीनकर ल आऊ म तो यमलोक का सवक माष ाचषग जब तक आजा नह दत तब तक म कोई कायरवाही नह कर सकता आप इस का उर ाचषगजी स पछ ल ldquo र ासजी न ाचषग स वही सवाल करन पर ाचषग न कहाrdquo महामान म तो यमदत को तभी आजा दता जब उस ाी का सारा लखा - जोखा समा हो जाता ह अभी माननीय नारद जी क मतय का समय आया नह ह अभी उनका कछ कया नह जा सकता ldquo ासजी न नारद स कहाrdquo दखो नारद अभी तमहारा समय आया नह ह तभी तम जीावत हो चलो चलत ह अब ापछली घटना को भल कर आग क सोचो ldquo बस इतना ही कहना ा क ाचषग न र ासजी को बलाकर कहा rdquo ह ऋाषवर इनक कणडली म यह ालखा ह क मतय तभी इनको गल लगा सकती ह जब य एक सा आपको मझ यमराज और उनका वाहन भस का एक सा दशरन करग चक इनक ारा यह कायर पर हो चका ह अत इनका जीवन पर हो गया ह ldquo बस इतना ही ा क नारद जी को आवाज आन लगी अर दवष दवष मझ कब स पयास लगी ई ी मरा गला सख गया ह कनत आपन मझ अब

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तक पानी नह दया कहा ह पानी ldquo य साकात नाराय क आवाज सन नारदजी को होश आया और भगवान क चर म पड़कर ागड़ागड़ान लग यह कहत ए क rdquo ह नाराय आपन मझ अचछा सबक ासखाया ह मन आपस बहस कया कर लीआपन मझ मायाजाल का साकातकार करवा दया कमा काजए म आपको पानी नह ापला सका मरी वजह स आपका गला खब सख गया होगा ldquo यह कहत ए उनक अधारा स नाराय क पाव धल गय और भगवान न कहाrdquo दवष आप चातत ना ह आपन अधारा स मर चर धोकर ानसवार सवा कर दी मरी पयास बझ गयी ह अब आप म ह ldquo र नारदजी खशी स नाराय-नाराय कहत ए ानकल गय

घाट का पतर

(बषव बहरा अाधकारी सवकक)

माता-ापता और जनम भाम को छोड़ कर हम सब बन गए ह घाट का पतर धनय ह वह महापष ाजसन हम साापत कया म उस महापष क ावषय म व रन नह कर सकता शायद म अात पाप क कार पतर बन गया लोकन म आशा करता क भावषय म मरा भागय बदल जाएगा चक म लोग क मन स सवा करता इसका ल हमको भगवान अवशय दग लोग का सवा करत ndashकरत मरा आकार भी बदल गया परनत सवा करत ndashकरत मरा नाम रोशन हो रहा ह बालक हम सता का अनभव हो रहा ह मर कमर क चलत मरा भागय बदल रहा ह म हमशा जलम रहता और पीठ पर ातदन मार झलत रहता शायद ही ऐसा पीड़ा इस ससार म कसी को ामलती होगी मरा सानानतर भी नह ह म कई महापष को दखता आया कतन महाराय न ा तयाग दय लकन तबस म यहा अकला पड़ा म हर मौसम क मार झल रहा ब-बढ़ क सवा करत-करत मन कछ पणय कमा ालए ह और आशा करता क मझ को भावषय म मानव जनम ामल सकता ह मानव जनम ामलन स म आपका भजन-करन कगा

ऐस दखतndashदखत कई यग क बाद हमको मानव जनम ा आ मानव जनम म अगर इस धराष म दखा क यहा ऊच-नीच जात-पात नीात-ानयम ावदन पाचार अनयाय ndashअतयाचार चमर-अचमर का ताडव नतय चल रहा ह दखकर मर मन म परवतरन आ गया क भ मझको मरा ापछला जनम वापस द दीाजए

पतर जनम म रह कर मरा कोई-कोई साी अचछ कमर क चलत मदर म सान ा कर ालया ह कोई-कोई तो ठाकर बन गय लोग-ातदन उनक पजा करत ह

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हम लोग म स कोई-कोई सामाजक कायर म सहयोग दान करत ह कोई गह-ानमार म सहयोग द रह ह तो कोई मदर-ानमार म सहयोग द रह ह कोई तो सीधा मत बन गय इसीालए उनक मन म घमणड आ गया अहलया न पतर होन क नात भगवान का दशरन पा ालया इसालए पतर जनम होन क चलत उनक मन म का अह भाव आ गया

हमार अनदर ावाभ प भी ह याः लोहा पतर चना पतर सगममरर काला पतर (नाइट सटोन) मलायम पतर (soft stone) इतयाद लोहा पतर जो दश क ानमार म काम आता ह चना पत जो ासमट ानमार क काम म आता ह सगममरर घर और मदर का शर (flooring) म काम आता ह काला पत घर का शर और आला बनान म काम आता ह मलायम पतर ाशलप कला क ावकास म योगदान दत ह पतर जनम होकर भी म का गवर महसस करता मरी भगवान स अानतम ावनती य ह क आप मझ अानतम समय म दशरन दन को कपा कर

न हमको पतर जनम चााहए न हमको मानव जनम चााहए हमको तो ास र इस भव सागर स पार होना चााहए

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जयादा लोभ न करना (पाडव कानटया सहायक सवकक)

मनषय भगवान क साप ह इसालए वह भगवान का अश ह जब तक वो मा क गभर म ा तक तक वह मोह-माया स वाचत ा एव हमशा भगवान क समीप ा लकन जब वो पथवी पर अवती र आ उसको मोह-माया न घर ालया पाच साल तक वो ईरीय सा म रहता ह इसालए कहा जाता ह क ldquoCHILD IS THE INCARNATION OF GODrdquo इसक बाद मोह-माया म आकषत हो कर ईरीय सा को भल जाता ह बचपन म वो बत आजा और मोह-माया राहत और चरषवान रहता ह जब समय बढ़ता जाता ह तब उसक समसत उम ग धवस होकर गलत मागर पर चला जाता ह

बचपन म ावा ाशका जवानी म ी दीका एव पारवारक ाचनता म म होकर वह समसत मौालक सा को खो दता ह सबा नप होकर सबा म आ जाता ह दव का नप होकर राकस वा जारवत होता ह एव परवारक जगल म सकर भगवान का नाम लना भल जाता ह अपना परवार का भर पोष क ालए कठन परम करता ह लकन उनका पट भरता नह ह ईर क सा को भल जाता ह और अनत म पशकतव को ा होता ह शरीर रोगसत हो जाता ह दाप शा की हो जाती ह चलन ndashरन म असमर रहता ह रात को नद नह आती ह र भी लोभ को छोड़ नह पाता ह अपन बीवी-ब ता परवार क बार म सदा सोचन लगता ह शरीर वावसा को ा होता ह परवार क कोई भी सदसय पछत नह ह

परवार क लोग उसको ढग स खाना भी नह दत ह उसको घर स दर रखत ह र भी यह अधम मनषय भगवान क बार म सोचता नह ह लोभ का अनत नह होता ह पाप का बोझ बढ़त जाता ह अनत म नरक को ा होता ह र भी मनषय भगवान को समझ नह पाता ह परवार क ालए इतना बड़ी ददरशा झलता ह उनको कोई भी नह पछता ह उसक ारा जमा क गई पजी को परवार वाल उनक सामन मौज करत ह

लोभ मनषय को अनधा बना दता ह आदमी क हतया करत ह लोभ क वशीभत होकर दसर क समपात को लटत ह ाजसस समाज म पाचार बढ़ता ह इसालए ह मानव तम कय लोभ करत हो लोभ नह करक भगवान का समर करो हर कतरन करो तप जप करो और सवगर क अाधकारी बनो उम कमर करक भगवान क शरागत हो जाओ भगवान तमहार समसत सख-दख का भार वाहन करग

सवरधमारनपरतयजय मामक शर ज अह तवा सवरपापभयो मोकायषयााम मा शच

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इसालए अचछा कमर करक पणय कमाना ह हमशा धमर क जय और पाप का कय होता ह धमर-कमर करक ावजय ा होगी लकन अधमर म जाकर नरक गामी नह होना

एकदा अनधा राजा धतरा सजय को पछा क ldquoह सजय इस धमर य म कसक जय होगी उर म सजय बोल क ldquoयष योगर कषो यष पा धनधरर तष ी ावजयो भात वा नीातमरातमरम ldquo अारत जहा योगर कष एव धनधाररी अजरन एक सा ह वहा ावजय ानात ह

इसालए दखा गया क हमशा धमर क जय और अधमर क पराजय होती ह धमर सवचछ ानमरल लकन अधमर कदाकार कात ह इसालए लोभ-लालच म वशीभत न होकर सत

कमर करो अनयाय का परतयाग करो लोभ मत करो जीवन म कप करक जो धन कमा ालया वो सब इस धरती म रह जाता ह अानतम क म सा कोई नह ल जाता इसालए अनधर म भटक नह जाना इसालए कहा गया ह क-अात लालच नह करना अात सवरष गहतम अारत अात सवरनाश का कार ह

अात दप हता लका

अात मानसय कौरवा अातदारन बाल वध अात सवरष गहतम

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टटा वक का अाभमान (चरदास नाराय गडम सवक सहायक)

वन म खड़ एक वक क सा ालपटी एक लता भी धीर-धीर वक क बराबर हो गई वक का आय

लकर उसन भी लना ndashलना आरभ कर दया बल को लत ndash लत दखकर वक को अहकार हो गया क म न होता तो लता अासततव हीन होती वह लता को धमकात ए बोला ओ बल चपचाप मरा कहना माना कर म जो कह रहा वह कया कर नह तो ध मार कर भगा दगा पड़ का लाप जारी ा क दो पाक वहा स ानकल एक बोला अर भाई जरा दखो तो यह वक कसा सदर ह इस पर कसी सदर लता पाषपत हो रही ह आओ इसक नीच ोड़ी दर ावाम कर अपना महतव लता क सा ह यह जानकर वक का अाभमान भी नप हो गया सा ndash सा रहन स ही सबक गात होती ह

बटी (डी राव बाब पटल ाचषक ड-II)

बटी घर क लाज होती ह पापा क सर का ताज होती ह दल क सदा स रही ह इचछा बटी तझको ह पाना आई हो मर जीवन म जस एक ननही कावता राह दखता म तरी जलदी स मर पास आना मा क गोद म सदा रहती हो कछ पल मर पास भी आना न चाहत ह अब धन दौलत क त ही लमी त ही मरी मत भी डर लगता ह सोचक जब एक दन छोड़ क जाएगी त कतना मझ लायगी त बटी होती ह बाबल क लाड़ली

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यह ाज़नदगी (सययद इदरीस पटल ाचषक ड ndashII)

बठ जाता ह ामी प अकसर कय क मझ अपनी औकात अचछी लगती ह

मन समनदर स सीखा ह जीन का सलीका चपचाप स बहना और अपनी मौज म रहना चाहता तो ह क य दानया बदल द पर दो व क रोटी क जगाड़ म सरत नह ामलती दोसत महगी स महगी घड़ी पहन कर दख ली व र भी मर ाहसाब स नह चलता य ही हम दल को सा रखा करत पता नह ा क कमत चहर क होती ह अगर खदा नह ह तो उसका ाज कय और अगर खदा ह तो र कय

lsquorsquoदो बात इसान को अपन स दर कर दती ह एक उसका ldquoअहम rdquo और दसरा उसका ldquo वहमrdquo पस स सख कभी खरीदा नह जाता और दख का कोई खरीदार नह होता मझ ाज़नदगी का इतना तजबार तो नह पर सना ह सादगी म लोग जीन नह दत मााचस क जरत यहा नह पड़ती यहा आदमी आदमी स जलता ह ाव क बड़ स बड़ वजाानक यह ढढ रह ह क मगल ह पर जीवन ह या नह पर आदमी यह नह ढढ रहा ह क जीवन म मगल ह या नह

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जीवन म न जान कौनसी बात ldquoआखरी rdquo होगी न जान कौन सी रात आखरी होगी ामलत जलत बात करत रहो यार एक दसर स न जान कौन सी ldquo मलाकात rdquo आखरी होगी अगर जदगी म कछ पाना ह तो तरीक बदलो इराद नह ऐ चाद त कस मज़हब का ह ईद भी तरी और करवाचौ भी तरा

उगालय क लड़ाई

(शख महबब पीरा पटल ाचषक)

एक दन हा क सभी उगालया आपस म लड़न लग अगठा बोला म सबस बड़ा सभी जगह जरी कागज पर मझस ही ानशान बनाया जाता ह तजरनी बोली-ldquoम बड़ी मर होन स ही सब लोग काम कर पात ह जस-ालखना खाना पकड़ना मधयमा बोली-ldquoअर भई कया तम नह जानत जो आकार म लबा होता ह उस ही सभी बड़ा कहत ह अनाामका सब बात चपचाप सन रही ी वह तरत बोली ndashldquo म सबस बड़ी म तो पजा करन क भी काम आती मर स ही रोलीातलक लगाया जाता ह कानाका सभी को लड़ता दखकर उदास ी वह चपचाप एक कोन म कछ सोच रही ी तभी अगठा व तीन उगालया उसक पास गई और बोली- ldquoअर छोटी तम तो बड़ी हो ही नह सकती कयक तमहारा नाम ही कानाका ह कानाका बोली ldquoसनो अगठ भाई और पयारी उगालय आपस म लड़कर कभी कसी का भला नह हो सकता हमम कोई भी बड़ा-छोटा नह ह हम सब ामलकर मी बन सकत ह तभी हम सब बलवान हग कया तमह नह मालम क बद मी म ही ताकत होती ह इसालए हमारा लड़ना बकार ह rdquo कानाका क बात सनकर सभी एक सा बोल- ldquoहा छोटी बहन तम ाबलकल सही कह रही हो सचमच अकल म तम ही हम सबस बड़ी हो rdquo

इस नीात का स एकता म बल क ाशका ा होती ह

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तलगाना- भारत का एक और नया राजय (शलबाला खडरी मानाचषकार)

तलगाना भारत क दाकी भाग म ासत भारत का 29 वा राजय ह कषल क दाप स यह दश का

बीसवा बड़ा राजय ह ाचीन हदराबाद रयासत का अाधकतम भाग तलगाना राजय म ालया गया ह जहा आजादी स पहल ानजाम का राजय ा सन 1947 म जब भारत अज क चगल स आजाद आ उसक बाद भी हदराबाद का ानजाम अपनी रयासत सय भारत म ावलीन करन क पक म नह ा वह अपनी रयासत पर अपना ही सवतष शासन चाहता ा अतत सरदार बललभ भाई पटल क अक यास स इस रयासत को भारत क मखय धारा म ावलीन कया जा सका इस कार आन दश राजय क सापना ई और 26 जनवरी 1950 को ी एमक वललोड़ी आन दश राजय क म मखयमषी ानय ए 1956 म हदराबाद रयासत को आन दश राजय म ावलीन कर दया गया

2 जन 2014 म पनः तलगाना राजय अासततव म आया आन दश राजय क उर पामी 10 ाजल को ामलाकर तलगाना राजय क सापना क गयी ह राजधानी हदराबाद भी तलगाना राजय म ासत ह परनत 10 वष तक हदराबाद दोन राजय याान आन दश और तलगाना राजय क सय राजधानी रहगी दोन राजय क शासानक कायर हदराबाद स सचाालत हग तलगाना शबद का ादभारव ाषलगा दश शबद स आ ह ाजसका अर ह तीन लगो वाला दश तलगाना राजय क तीन दशा म कालरम ीशलम और ाकारामम ास ाशव मानदर ासत ह ाजनक अपार धामक महा ह वासतव म पक तलगाना राजय क ालए 1946 स 1951 क बीच ही ारमभ हो गया ा उस समय कमयानसट पाट न इस आनदोलन का नततव कया ा जो असल रहा भाषा क आधार पर तलगाना और आन राजय को पक करन क ालए अनक आनदोलन समय-समय पर होत रह ह इनम मखय आनदोलन 19691972 और 2009 क ह इन आनदोलन का यह भाव आ क 9 दसमबर 2009 म भारत सरकार न पक तलगाना राजय बनान क कायरवाही श कर दी य घोषा सनत ही तटीय आन व सीमान कष क लोग न सम आन दश क पक म आामक आनदोलन ारमभ कर दया और ऐसी ासात म भारत सरकार न यह कायर 23 दसमबर 2009 तक सागत कर दया इसक पात भी लगातार पक तलगाना और सम आन दश क ालए अलग-अलग आनदोलन चलत रह पक तलगाना क पक म कई आतम - हतयाए ई हड़ताल क गयी ाजसस जन साधार को बत असावधा का सामना करना पड़ा अतत पक तलगाना समरक क जीत ई और कास कायरकारी सामात न सवर सहमात स 30 जलाई 2013 को पक तलगाना राजय क ासारश करत ए ाबल तयार कर दया अनक सोपान पार करत ए यह ाबल रवरी 2014 को ससद म पारत कया गया रवरी 2014 दश पनगठरन एकट क तहत यह ाबल ससद म पास हो गया इसक पात इस नय राजय तलगाना ाबल को रापात ारा सहमात ा ई और माचर 2014 क गजट म इस कााशत कया गया इस कार नय तलगाना राजय क सापना ई

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ाशासकय प स तलगाना राजय क सापना 2 जन 2014 को ई क चन शखर राव क पाट ldquoतलगाना रा सामातrdquo न चनाव म दश म बमत हाासल कया और इस कार ी कचन शखर राव तलगाना राजय क म मखय मषी चन गए

म महगाई (डॉ नीलम कमार ाबड़ला अाभलखपाल)

म महगाई महग दशभ लोग क आमष पर भारत आई तज गात लान गात म भारत आई मझ गलत मत समझो गरीब बत ठीक बमत दकर तमन ाजनको बत उठाया म तो उनह क तीक भौातक वादी यग म योग ासखाती म भख पट न सोए कोई कडालनी जगाती म धयान प म च मारकर मन जय ऊपर चढ़त-चढ़त र तक आ जाता ह भाव वसत क वस ही र तक ल आई

अब इस यग म एक तल क पीप को पा लन का अर को पा लना ह भ दशरन क झलक दखना एक टमाटर खा लना ह भारत का आदशर तयाग ह अनासा ह अपरह ह मझको पाकर लोग वसतए तयाग रह ह अपनी खद क कार छोड़ बस क पीछ भाग रह ह म लोग को तड़क भड़क स खच

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सादगी ासखाती टरीलीन क शौकन को ला पहनाती माया जीवन का बधन ह पया पसा मल हा का म वतन भोगी लोग क बधन दो दन म हर लती शी छड़ाकर मल हा का शीश सा ानमरल कर दती

नीात ालखन वाल न कम खाना या गम खाना अचछा बतलाया मन उनका कन ानभाया ाजतनी चीज महगी हगी उतना ही जन कम खाएग ाजस दन रोटी नह ामलगी उस दन खद ही कम खाएग

शकल पक क चाद सरीखी बढ़ती म खब चादनी लाऊगी अभी दज तक ही आई परमासी तक जाऊगी

करो कलपना जब भारत जन कतन सदर दखा करग ग चावल चना बाजरा जब पाड़य म ाबका करग बीमार को दध दहीघी क इजकशन लगा करग कसा मधर जागर होगा लोग भख स जगा करग

आतक हमला

(डॉ नीलम कमार ाबड़ला अाभलखपाल) 13 दसबर 2001 ससद प पाक आतक हमला 13 रवरी 2014 ससद म भारतीय आतक हमला

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शमरसार ई ससद पच ाड़ गए नयी तहजीब क झड गाड़ गए

उड़ाया गया काली ामचर का पाउडर सपीकर का नह सना आडरर आख जलन लग सास लन लगी ससद पर नगी तलवार झलन लगी

घायल आ जातष और सावधान मदर क पजारय न कया मदर का अपमान ऐस आतकय को सबक ासखाना होगा र नया इातहास बनाना होगा

बाल-म (वाइकराकश कमार खलासी)

बालपन क कलकारी धप क ताप स आ मक पोी छोड़ी कदाल खोदत हा क मार अचक कचड़ आधी म म करना आ मजबरी गरीबी क पराकाा पट और पीठ क घटती दरी कछ धनहीनता और कछ माता-ापता क मखरता कनत सबस जयादा सवा समाज क सवदनहीनता ाजसन बालक को ामक बनन को बाधय कया लखनी को छीनकर कोमल हा म छडी पकड़ायी

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गाय-बकरी क सवा करता बालय-जीवन कप अपन भावषय को दर करता अजान और अबझ ावोपाजरन क कसको ह सरत ासात तो ऐसी ई दो दान अ क ालय बालपन चोर बनन को आतर आ

दोसती

(ाचा कडयया खलासी)

गलाब एक ल ह

एक घनट म मरझा जाता ह पर दोसती एक शा ह कभी भी जीावत रहती ह

बर ठडी होती ह जो पकड़ म नह आती ह

दोसती सोन जसी ह जो कभी कोई नह खरीद सकत ह

तार क पाच अनत (END) ह चौकोन क चार अनत ह तीकोन क तीन अनत ह

एक रखा का एक अनत ह पर दोसती का कोई अनत नह ह

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मर जीवन का उशय (कमारी ाया सातव कका सपषी एम सबीता उाल)

कग नयज भारत का खतरा पाकसतान न कशमीर पर हमला कया ह कछ दन बाद helliphellip कग नयज पाकसतान क ाखला भारत क रका करत ए वीर सानक

का भारी नकसान इन खबर न भारत को ाहला दया ा म भी सोच म पड़ गयी क म भारत क ालए कया कर सकता भारत को इन हमल स कस बचा सकता मर मन म ास र एक ही खयाल आया क भारतीय सना का एक जवान ासपाही बन

जव मन यह बात अपन दोसत स कही तो उसन कहा क ासपाही बनना खतर स खाली नह ह और परवार स दर सरहद पर खतर स भर जीवन मर ालए कपद होगा लकन मन ठान ालया ा क म कछ ऐसा कगी क पर दश म मरा नाम हो ाजस दखकर मर अपन का ासर गवर स ऊचा हो जाए

मर ानय को सनकर मरी मा रोन लगी मझ लोभन दया क म ापार क मर दोसत न मझ डाकटर बनन का सझाव दया पर मन सोचा क भारत म कई डाकटर ह ापारी ह भारत को डाकटर या ापारी क नह बालक सानक क जरत ह

म भारत क ालए अपनी जान भी दन क ालए तयार मन सोचा सब अपन परवार को सराकत

रखना चाहत ह र भारत - भाम तो मरी मा ह मरी ही कय हर एक क मा ह तो हम सब का कतर बनता ह क हम इसक रका कर इसीालए मर जीवन का उशय ह क म एक ासपाही बन और भारत क सवा क

मखर ामष स समझदार शष अचछा होता ह (मासटर सनीत चौी कका सपष एम सबीता उाल)

एक दन म और मरा सबस अचछा ामष राव बठ यह सोच रह क हम परीका क ालए अभी स पढ़ाई श कर दनी चााहए या नह राव न तपाक स कहा क अभी स पढन स कोई लाभ नह होगा अगर हम परीका क एक दन पहल पढ़ग तो जयादा दमाग म रहगा तभी वहा स मरी कका का दसरा छाष रमश गजर रहा ा मझ रमश ाबलकल पसद नही ा और रमश भी मझ पसद नह करता ा बात-बात पर हम लड़ाई करत पर पढ़ाई म वह मझस बत अचछा ा उसन हमारी बात सन ली ी

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इसालए धीर सवर म मझस बोला अपन मखर ामष क बात मत सनो बस रोज मरी तरह ोड़ा-ोड़ा पढ़ो लकन मन उसक बात पर कान नह धरा एक महीन बाद परीका क दन आ पच परीका क एक दन पहल जब मन पढ़ना श कया तब पाया क पढ़न को बत ा पर समय कम ा जस -तस पढ़ कर मन परीकाए ालखी और उममीद करता रहा क म परीका म उी र हो सक कछ दन बाद परीका का पराम ानकला और वही आ ाजसका डर ा म और ामष राव अनी र हो गए दसरी ओर रमश बत अचछ अको स उी र आ उस दन मझ समझ आ गया क मखर ामष स समझदार शष अचछा होता ह

भावषय क पढ़ाई (मासटर ाशव कलया सातव कका सपष वालल कलयाी उाल)

आज जब हम पढ़ाई या सकल क बार म सोचत ह तो नजरो म एक भारी बग उठाता आ

छाष दखता ह कताब क ाबना हम सकल जान क सोच भी नह सकत कताब क सा कपयटर भी पढ़ाई का महतवपर ाहससा बन चका ह

कछ साल बाद भारी कताब स भर बग क बदल छाष क हा म टबलट होगा आकाश टबलट एक ऐसा यष ह ाजसम हम तरह-तरह क कताब पढ़ सकत ह हम कका म ही नट स जानकारी पा सकत ह टबलट ोन स बड़ा ह और जयादा महगा भी नह हम इस कह भी ल जाकर इसम कताब पढ़ सकत ह हम इसम कका का दया गया कायर भी कर सकत ह यह टबलट पढ़ाई का अदाज बदल दगा और पढ़ाई को मजदार बना दगा

पानी और धप (कमारी एस साानया पाचवी कका सपषी राजया बगम अाल)

अभी-अभी ी धप बरसन लगा कहा स यह पानी कसन ोड़ बादल को क ह इतनी शतानी

सरज न कय बद कर ालया अपन घर का दरवाज़ा उसक मा न भी कया उसको बला ालया कहकर आजा

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ज़ोर-ज़ोर स गरज़ रह ह बादल ह कसक काका कसको डाट रह ह कसन कहना नह सना मा का

परीका (कमारी शख राजया सलताना गयारहव कका सपषी शख महबब पीरा पटल ाचषक)

ाजस नाम को सनन स कापता ह बा वो ह परीका परीका पपर हा म आत ही इतना डर लगता क यद अचछा नह कया तो ापटना पा तीन घट म लगभग करन होत ह चालीस सवाल एक भी छटा तो घर म आता ह भवडर रजलट क एक दन पहल रात को नद नह आती ह अचछ नबर पान क ालए भगवान क याद आती ह पास होन पर ामलता ह इनाम और मख स ानकलता ह ldquoकय भगवान rdquo र आती ह अगली कका तब भी मख स ानकलता ह हाय र आ गयी र स परीका

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राीय साकरता (मासटर शख समीर छठी कका सपष शख महबब पीरा पटल ाचषक)

ातदन सीखो अकर एक

ानयम बना लो ऐसा पढ़ो पढ़ाओ सीखो जान

तभी बनगा दश महान ावा सा जान कराती

मन का अधरा दर भगाती जहा पर बनत लोग जानी

वहा न होती मन क हाान अनपढ़ क ालए गगी पोी

धन दौलत भी होती ोी पढ़ा ालखा नह धोखा खाता

जहा भी जाता आदर पाता

मा (मासटर शख महबब बाशा आठव कका सपष शख महबब पीरा पटल ाचषक)

सबस सनदर जग म कौन बस एक त ह मा

सबस पयारी कसक मसकान बस एक तरी ही ह मा

कसन बनायी मरी पहचान तन ही तो मरी पयारी मा

कसक बोली ामी स मीठी तरी ही ह मरी मा

कसक डाट ह इमली स तीखी तरी ही तो पयारी मा

कसक ालए क म सब कबारन तर ालए मरी पयारी मा

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ाततली (कमारी एम राशका ाशवानी पाचवी कका सपषी एम लम कमार उाल)

ाततली तम कतनी

रग-ाबरगी होती हो तम सब ल का रस पी-पीकर

बाग-बगीच म रती रहती हो तर पख कई रग क होत ह

तमहार प को दखकर ब बत खश होत ह

मरी कका

(कमारी एम राशका ाशवानी पाचवी कका सपषी एम लम कमार उाल)

मरी कका म ह पचास ब हर एक ह अलग-अलग जस एक ह लबा एक ह छोटा एक ह मोटा एक ह पतला कछ ह अचछ कछ ह बर पर लगत ह सार पयार मरी कका ह रग- ाबरगी लगती ह ाततालय का झड ह

मझ बत पसद ह कयक यह हमारी कका ह

Page 19: कलाकल - Home: Survey of · PDF fileतेलंगाना-भारत का एक ... भी यह पि का ‘कलाकल‘ सुनदर प म िनखर

12

सानातरत कमरचारय क सची

म स

नाम ीीमती

कमारी पदनाम सानातर क

ाता सानातर

स को

1 बीसीसा अाधकारी सवकक 16082013

आ भसा आ क हदराबाद

भा स एव स हदराबाद

2 एमएम मोहानत

अाधकारी सवकक 26082013

आ भसा आ क हदराबाद

ओड़ीशा भसा आ क भवनर

3 पीयादयया सवकक 11122013

(अपराहन) आ भसा आ क हदराबाद

क भसा आ क बगल

4 सनीता कालरा आशालापक

28042014

(अपराहन) आ भसा आ क हदराबाद

ानदशक सवक (हवाई) दलली भसा आ क नई दलली

5 शभा वी नायर

कायारलय अधीकक

07052014

(अपराहन) आ भसा आ क हदराबाद

भा स एव स हदराबाद हदराबाद

6 कवी चारी सहायक 06062014

(अपराहन) आ भसा आ क हदराबाद

दाकी म वगर

13

सवा ानवसवाचछक सवा ानव ए कमरचारय क सची

म स नाम पदनाम सवा ानवा क ाता टपपी

1 पीडीकमार अाधकारी सवकक 30092013 सवा ानव

2 एस कासम दादार 30092013 सवा ानव

3 भलनराम खलासी 15102013 (पवारहन) सवाचछक सवा नव 4 जी लाजर पटल ाचषकार ड़- II 31102013 सवा ानव 5 बीसीलममा खलासी 31102013 सवा ानव 6 पीदवदास मानाचष मॉउटर 30112013 सवा ानव

7 तनगटला राधा कषा भडार सहायक 31122013 सवा ानव

8 टीवकटयया दादार 31122013 सवा ानव 9 जी चयया माली 31122013 सवा ानव

10 पीसीबोरोल अाधकारी सवकक 28022014 सवा ानव 11 डीरघ रामल मखय मानाचषकार 28022014 सवा ानव 12 बी नासरयया खलासी 28022014 सवा ानव 13 बी ीपाल दादार 31032014 सवा ानव

14 क दानम खलासी 30042014 सवा ानव

15 कषा सरकार अाभलखपाल ाडI 31052014 सवा ानव

16 कपललयया पटल ाचषकार ड़ II 31-05-2014 सवा ानव

17 सीकडयया जमादार 31052014 सवा ानव

18 एमवकटवरल दफतरी 30062014 सवा ानव

19 पीअजरना खलासी 30062014 सवा ानव

20 यावर बगम खलासी 30062014 सवा ानव

21 एमाचा वकटममा

दफतरी 30062014 सवा ानव

22 एनबी सरी अधीकक सवकक 31082014 सवा ानव

14

समात शष

एसपी ईरयया खलासी

जनम ाता 01-07-59 ावभाग म भत होन क ाता 01-03-1997 स ानयामत भत सवगरवास 22-4-2014 परवार इनक परवार म पी क अलावा दो ब ह इनक आकासमक ानधन पर आ दश भ साानक आकड़ा कन क कमरचारय को गहरा आघात पचा और सभी न इनक परवार क ात सवदना क एव इनक आतमा क शाात क ालए ईर स ारना करत ए दो ामनट का मौन रखा सव ी एसपा ईरयया ाजनक आ दश भ साानक आकड़ा कन म कायररत रहत ए अल 2014 म अकाल मतय हो गयी ी उनक परवार क ततकाल मदद क ालए पर आ दश भ साानक आकड़ा कन क परवार न 25600- का ततकाल सहयोग दया

15

भडार का ाप

म स सामी भडार 1 वाटर कलर 01

2 एल ईडी मॉनीटर 15

3 कमपयटर टबल 30

4 कमपयटर कस 30

5 पलाासटक कस 236

6 एचपीाडजाइन जट टी- 1300 टर 01 आइ सी जड एम क अतगरत

7 कलर क समाटर एलए जीएस टी 42- सकनर

01 आइ सी जड एम क अतगरत

8 यपीएस क ालए 12 वोलट क बटरी 60

9 5 कपी का य पी एस 02 डी ए डबलय वी आइ सी जड एम क अतगरत

10 डलल कमपयटर 10

11 लाइका अकय लवल (डी एनए-03) 02 आइ सी जड एम क अतगरत

12 लाइका जीएनएसएस (जीपीएस दोहरी बारबारता)

02 आइ सी जड एम क अतगरत

13 3 डी ावजन कट 23 (18 आ भ सा आ क हत )

14 समसग एलसी डी मॉानटर 02

15 एचपी सकनजट 200 फलटटड- सकनर 01

16 डाट मकस टर 03

16

अनपयोजय भडार का अनपयोगी घोाषत

म स सामी मलय 1 साइबग उपकर 364574-

2 नचर आइटम 218844-

3 ोटोामीतीय उपकर 9125746-

4 कमपयटर और परधीय 4027273-

5 उपकर ( गौ सवक उपकर) 706943-

तदनसार अनपयोजय भडार क अनपयोगी हत नीलामी या क शआत हो चक ह

17

वषर 2013-14 क ालए ानाध का आबटन य

शीषर सवीकत अनदान

(हजार म )

अातर ानाध क मागाा

(हजार म )

भाकमसव ारा काटी गई (हजार

म )

इस कायारलय

ारा अभयपर

अातम बजट अक (पय

म)

य (पय म)

31-3-2014 को शष रााश (पय म)

वतन 114400 0 1400 0 113000000 112999869 131 मजदरी 500 350 0 0 850000 845802 4198 ओ टी ए 0 0 0 0 0 0 0 ाचकतसीय 2840 0 0 750 2090000 2089187 813 डी टी ई 1240 0 0 0 1240000 1239231 769 ओ ई 1409 125 94 1440000 1397157 2843 आर आरटी

240 0 0 16 224000 223875 125

ओ ईए 2 2 0 0 4000 3750 250

एसampएम 310 0 0 310000 309712 288 पी सवा 280 0 0 129 151000 149810 1190 अनदान 0 0 0 20800 20775 25

18

मनोरजन कलब का वाषकोतसव ndash 2013

आ दश भ साानक आकड़ा क ानदशालय क मनोरजन कलब का वाषकोतसव दनाक 10-01-2014 को ातः काल 1000 बज स सममलन कक म आयोाजत कया गया ाजसम मखय अाता भारत क महासवकक डॉ सव र सबबा राव उपासत ावशष अाता क प म ी एसबी शमार उप महासवकक भारतीय सवक एव मानाचष ससान उपासत ानदशक महोदय कनरल ीधर राव न सवागत भाष दया और मनोरजन कलब क साचव ी डीआरएस सन कमार न वाषक रपोटर सतत क सासकातक कायरम ारा सभी का मनोरजन कया गया मखय अाता न अपन भाष म कहा क इस ानदशालय न ी कनरल ीधर राव क नततव म बत अाधक एव सतोषजनक प स गात क ह और इस बात का भी उललख कया क व जब इस ानदशालय क ानदशक तब व य सब कायर करना चाहत परत इनह मतर प दन म कनरल ीधर राव ानदशक महोदय क महतवपर भामका रही ह ततपात एक ीात- भोज का आयोजन कया ाजसम करीब 230 लोग न भाग ालया ाजसक सभी न भर-भर शसा क

मनोरजन कलब ारा आयोाजत कए गए खल

करम

टबल टनीस

शटल

शतरज शॉट- पट धीमी साइकलग

पष सगलस माहला सगलस पष डबलस माहला डबलस

पष सगलस पष डबलस

पष सगलस माहला सगलस पष डबलस माहला डबलस

पष पष पष

19

वषर 2013 क दौरान कनीय मनोरजन कलब सपोटरस स ा इस ानदशालय क ाता एव सममान

करम

खल म परसकार ातीय परसकार ततीय परसकार

पष सगलस पी रवी कानत चनपाल शशी करन एव एलए बग

माहला सगलस शभा वी नायर पीक ातभा शलजा एव मीना

पष डबलस सययद इदरस एव सवातरयया कवी चारी एव ओ वीन कमार

---------

माहला डबलस शभा वी नायर एव अनसया पीक ातभा एव शलबाला खडरी

टबल टनीस पष सगलस पी सतीश क वीचारी ओ वीन कमार

एव अशाख अहमद पष डबलस कवीचारी एव

डी रगा राव कक गा एव पी सतीश ----------

शटल पष सगलस पी सतीश एम वी ावजय कमार कवी चारी एव पी

यादयया माहला डबलस शभा वी नायर एम सबीता मीना एव राज़या

बगम पष डबलस पी सतीश एव

एम वासदव स कमार एव ओ वीन कमार

-----------

माहला डबलस एम सबीता एव राजया बगम

शभा वी नायर एव बी एस वी वरलमी

-----------

शतरज पष जगन एकर ------------

शॉट- पट पष बी नागरम चनपाल स कमार

20

धीमी साइकलग पष डी स कमार सययद इदरस सययद मोजज़म

उ नयायलय म लाबत नयायालक मामल

लाबत मामल 04 आ दश उ नयायालय

कस क सखया 11 कनीय शासानक अाधकर हदराबाद

समा कस क सखया 06 लाबत कस क सखया 05

पनवलोकन मामल

ानालाखत अाधकारयकमरचारय क पनवलोकन मामल का ानपटारा कया जा चका ह

म स प lsquoबीrsquo राजपाषत प lsquoबीrsquo अराजपाषत प lsquoसीrsquo (पवरवत प

1 एस बाब अाधकारी सव ज डी एबनजर मानाचषकार ाडाव I नरश

2 पीक लहा मानाचषकार ाडाव I गदो राम

3 शख मीरावली मानाचषकार ाडाव I एम गररयया

4 जी सीतारामम सव सहायक पी काशम

5 वाई सबबयया सव सहायक सतयममा

6 पीएस सामबाब सव सहायक वी कषयया

7 बी ओबशयया सव सहायक

21

एम ए सी पी क मामल

ानालाखत अाधकारयकमरचारय क एमए सी पी मामल का ानपटारा कया जा चका ह

म स प lsquoबीrsquo अराजपाषत प lsquoसीrsquo (पवरवत प lsquoडीrsquo)

1 वी सयर भा मानाचषकार ाडाव I एल योहन

2 पीकलहा मानाचषकार ाडाव I सीनाराया

3 शख मीरावली मानाचषकार ाडाव I जजॉन

4 एम भवनरी मानाचषकार ाडाव I एस रामयया

5 बीएसवी वरलमी मानाचषकार ड़ II बी पललया

6 - पी काशम

7 - शख काासम पीरा

8 - एम लमी नाराया

9 - एम वकटरल

10 - जी जया

आ दश भ साानक आकड़ा कन क अाधकारय कमरचारय क ब ाजनहन शकाक ानपता दखाई ह

1 कमारी अनवषा कर सपषी डॉ पीक कर सी जी पी ए 9810 दसव कका क ीय ावालय हदराबाद

22

तलग म ावव ी नकश ( ओएस एम) क तयारी (बीएचराव अधी सव जीव अाध सव एमराकश अाध सव एसपटा री मानाचषकार)

सतावना पवर म ावाभ नकश तलग म कााशत आ करत जस आ दश राजय नकशा (1999) भारत क राजनीातक नकश आद ऐस नकश अकराक ासटक-अप (lettering stickups) साहत साइबग क परमपरागत तकनीक का उपयोग कर कााशत होत तााप कोई भी सलाकातक नकश तलग म कााशत नह ए ह परत हाल ही म ावजान एव ौोागक ावभाग न ावव ी टोपो नकश ( ओएसएम) को कषीय भाषा म उपलबध करवान क ालए एक नीात को जारी कया ह ाजसक पराम सवप आ दश भ साानक आकड़ा क न राजय क राजधानी हदराबाद को दशारत ए एक शीट को योग क आधार पर अकय माधयम स तलग म करन का काम ालया ह

ॉनट क खोज म माइोसटशन साफटवर क अनक ल डीजीएन ामट म मल डाटा बस पहल स ही उपलबध ह मल-

पाठ को बठान क ालए माइोसटशन क अनक ल एक सावधाजनक तलग ॉनट क आवशयकता ह अनक ॉनट क जाच क गई परत कछ भी माइोसटशन क अनक ल नह पाया गया कयक तलग ालाप म बत सारी माषाए अगल स लगवाए जान क कार ldquoमाषाrdquo को लगाना एक कठन कायर सााबत आ तााप वब म बत छान-बीन करन क बाद ldquoटी टी एल हमलताrdquo ॉनट को खोजा गया और माइोसटशन परवश म मल पाठ को रखन म उपयोगी पाया गया

अनवाद

ावाभ व रनातमक अाभउाया ाचनह पाद- टपपाया आद का अजी स तलग म अनवाद हत सभी ापय साधन जस क इटरनट नट पर अनवाद शबदावली आद का आय ालया गया

माइोसटशन परवश म मल पाठ को बठान क ालए कायरावाध

ॉनट याान ldquoटी टी एल हमलताrdquo वााछत सान पर लोड कया गया तलग ालाप म बत सारी माषा क अतःसाापत होन क कार एक ावाशप शबद या अकर क ालए सही माषा क चयन हत अाधक सावधानी बरतना का सानात कया गया वााछत मल ndash पाठ को मइोसाफट वडर म टकत कया गया माइोसटशन वशरन 8 ाइल म अनोटशन टकसट एडीटर क माधयम स कापी और पसट कया गया उ

23

शीट क 22 टोपो स अनवादत अनोटशन को या सतयाापत कया गया अनोटशन को कनार म और उपरो शीट क नाम ाइल म रखा गया मामल ाजनको सलझाना ह -

1 ॉनट क आकार का मानककर 2 तलग ालाप म ावाभ व रनातमक अाभउया क सावधाजनक शबद का चयन 3 मल- पाठ को सगठत करना एक जटल कायर ह और समय लन वाली कायरावाध ह और पयार

माषा म षीय भाषा याान तलग क जान क जरत ह 4 जयादा सखया म सपादन मल-पाठ क सगठन क आवशयकता ह 5 तलगाना राजयतलग ावावालय क उ राजभाषा ावभाग स अनवादत ालाप को माीकर

करन क आवशयकता होगी समाा

सानीय ालाप (तलग) म ओ एस एम माक नकश क तयारी स अाधक सखया म लोग को सलाकातक नकश को आसानी स योग करन म सावधा होगी सलाकातक नकश म भाषा-ावषयक सबधी साचकारी पदार को जोड़न स ानयही भारतीय सवक ावभाग क उतपाद क चार को बढ़ावा ामलगा और बाजार म अपनी अहामयत बढ़ाएगा

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चनौती क ालए तयारी (रघना ाषपाठी अधीकक सवकक)

कसी भी ावभाग म नई चनौातय को सामना करन क ालए कमता ानमार क आवशयकता ह यद

यह नह कया जाए तो सताावत योजनाए ावल हो जाती ह कमता ानमार स पहल उसक लय एव उशय को परभााषत कया जाना आवशयक ह कयक इसक कायारनवयन क सतर म योजना और ानषपादन म का अतर हो सकता ह कमता ानमार क अनय मानक क अतगरत अनवत सावधा क रखरखाव और सभाावत ावकास भी शाामल ह कमता ानमार क कसी भी यास म ातभा क खोज को ही पहल कदम क प म ालया जाना चााहए भारतीय सवक ावभाग म सही कमता ानमार क बाद ही 110000 क पमान का सवक करन और मानाचष ाा सभव हो पाएगा आधानक अाध ौोागक म कमय क ाशक पयार नह ह लकन यह दखना ह क जो माग और सवक और मानाचष क आपत क खला स सक ातत ह जनता क ालए उपयोागता बढ़ा रही ह श म हालाक बाधाए आना बाधय ह हम यह कायर श करना और पराम क तीका करनी ह इस यास म खल अाधकार कष क ावशषज को ानयामत प स परामशर कया जाना चााहए सवक और नकश क उपयोगकतार क माग और एक बड़ परय क दाप स दखन क ालए यह महतवपर ह

यहा तक क उपयोगकतार क ालए भी ाडाजटल डटा का उपयोग सीामत ह भारतीय सवक ावभाग उपयोगकतार को ानयामत आधार पर सहायता और मलय सवधरन क ालए सलाह दकर नकश क कातज उपयोग तक का ावसतार कर सकता ह उस बात पर धयान दत ए भारतीय सवक ावभाग क सवा हत जी आई एस वजाानक को शाामल करन क आवशयकता ह यह महगा मामला होन पर भी वरीयता स भरी हम भावषय क चनौातय को परा करन क ालए तयार रहना चााहए कयक नकश क उपयोग स ावकास को तो होना ही ह

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नमक का महतव (कष कमार अाधकारी सवकक)

एक राजा क तीन बटया ी तीन बत ही सनदर सशील और ावशष ग वाली एक दन राजा न तीन राजकमारय को अलग-अलग स एक ही सवाल पछा ldquo बटी तम मझ कतना चाहती हो ldquo बड़ी राजकमारी न जवाब दया rdquo ापताजी म आपको सोन जस चाहती अारत सोन क आभष स मझ ाजतना पयार ह उतना ही पयार आप स ह ापताजी ldquo राजा बत सतप आ और दसरी राजकमारी स पछाrdquoबटी दीदी न तो जवाब द दया अब तम बताओ तम मझस कतना ह रखती हो दसरी राजकमारी बोली ldquo ापताजी म आपको हीर जसा चाहती अारत हीर क गहन स मझ ाजतना पयार ह उतनी ही पयार आप स ह ापताजी ldquo राजा तो ल न समाया सोचन लगा rdquo म बमतलब का सकोच कर रहा ा मरी बटया तो लगता ह मर बगर जी नह पाएगी ldquo अब तीसर स कया पछ र भी पछ लता र तीसरी बटी स पछाrdquo बटी तम मझ कतना चाहती हो तीसरी राजकमारी न जवाब दयाrdquo ापताजी म आपको नमक ाजतना चाहती जवाब सनत ही राजा आग-बबला हो उठा और बरी-भली सनाकर उसक कक स ानकल गया छोटी राजकमारी न कछ नह कहा बालक राजा क डाट सनकर चपचाप रह गयी रात ई राजा को सार महल क कायर ानपटान क बाद भख लगी खान क ालए उस हीर स ससात सोन क सहासन पर छोटी राजकमारी न बठाया र सोन क ाली म नाना कार क जन स य खाना परोसा और राजा को खाना श करन को कहा राजा न मह म खाना रखा तो महसस कया खाना का ह र हर जन को चखा तो पाया सब क ह र तो आग-बबला होकर अपनी रानी पर ाचललाया ldquo इस तरह क भल कस हो गयी हम कया समझ रखा ह जन दखाकर ललचाना और र खान नह दना यह बोलत ए रानी पर सोन क ाली ाजस पर जन परोस ए कन क ालए हा उठाया उठ ए हा को तीसरी राजकमारी न पकड़ ालया और पछा ldquoापताजीखाना तो बढ़या ह र कमी कया हrdquo राजा बोल ldquoनमक क ाबनाकोई खाना खाया जा सकता हrdquo राजकमारी बोली ldquoापताजीआपको तो नमक स नरत ह ना इसालए मन जन बनवात ए नमक नह डलवाया rdquo र तो राजा समझ गया क छोटी बटी न उनह सबक ासखान क ालए यह भोजन तयार करवाया ह र बोला ldquoबटी म समझ गया नमक क ाबना खाना जस सवादप नह उसी तरह तमहार पयार ाबना मरा वचरसव नह ldquo और राजकमारी को गल लगा ालया

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मायाजाल (एनबी सवामी अाधकारी सवकक)

इस जगत म कल 84 लाख जीव राशया ह और उनम मानव जनम सबस उम ह उम इसालए ह क भगवान न मानव का आधार इसालए दया ह ताक इस जनम अचछ कमर कर वह मोक क ाा कर सक मोक याान पनरजनम नह यद कमर बर ए तो र 84 लाख जीवरााशय म पदा होन क ालए वह आतमा कालच म दोबारा स जाती ह इस सपर कालच क याषा करत ए जब आतमा मानव क योान म वश करती ह तब वह भगवान स यही ारना करता रहता ह क ह भगवान मझ इस कद (याान मा का गभर) स जलदी मा दला द कयक म तमहारा धयान सही ढग स नह कर पा रहा कयक इस कद म अनक तरल पदा क सा-सा मल-मष म भी टहल रहा यह कसा नरक ह जहा आपन मझ सा रखा ह तब भगवान भी बोलत ह क ldquoत अभी बालक ाशश का प धार करन वाला ह तमन इतन वष यग म ाजतन पाप कय ह उन सबक यह चरम सीमा ह यह चरम सीमा बत ही पीड़ा दन वाली ह ाजस तमह जीतना ह लाघना ह इस चरम सीमा स मा होन क बाद तम कया करोग ldquo ाशश कहता ह ldquo भगवन आप जो कहग ldquo भगवन पछत ह कया तम अपना जीवन मरा धयान करत ए मर ालए समपर कर दोग ldquoाशश कहता हrdquo हा म समपर कर दगा आपक ालए ldquo भगवन भी जानत ह ाशश को नौ महीन गभर म रहना ही पड़गा तभी पर शरीर का ावकास होकर जब वह बाहर आएगा तो मरी सवा करगा उ नौ महीन तदनसार भगवन ाशश का वातारलाप नौ महीन चलता रहता ह ताक ाशश अपन चार ओर स मल क गध का धयान न द र जब वह बाहर ानकलता ह भगवान को धनयवाद करता ह और कहता ह ldquo म तमहारा बत ही आभारी भ अपन मझ मा दलाई अभी मझम वह ताकत नह क म तमहारा धयान करन क ासवा और कछ क मर माता ndashापता मझ सच कर जब अपन पर पर चलन क ताकत द दग तभी म तमहार ालए कछ कर पाऊगा ldquo भगवान कहत ह ldquo अर मखर त नह जानता यह जगत एक मायाजाल ह मझ पर ावास ह त मझ भल जायगा और र स कालच म पड़ जायगा ाशश कहता ह ldquo नह भगवान ऐसा नह ह भगवान मरा ावास करो म ातजा करता मरा जीवन आपक ालए ही समपर ह ldquo भगवान कहत ह ldquoदख लगा इस जगत क मायाजाल म त मरी कया का सवा करगा ldquo यह ाशश और भ का वाारलाप सनकर दवष नारद भगवान क पास पच पछन लग ldquo भ आप कस मायाजाल क बात कर रह ह ldquo भ बोल ldquo नारद म समसत जीव- रााशय का सवामी उनका कलया चाहता उनको सख भी और दख भी दता वह इसालए क मायाजाल क मोह एव अहकार म पड़कर खद को सपर मानन वाल ाी को दड न द तो र मरा समर कस करगा ldquo नारद बोल ldquo भ आपक वचन का मतलब कस

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दशा म जाता ह यह तो मझ नह पता एक तर कहत ह समसत जीवरााशय का कलया चाहता दसरी ओर कहत ह दड दता तीसरी ओर मायाजाल अर नाराय आप जब समसत जगत क सवामी ह सब आपक अधीन ही ह तो र मायाजाल शबद आपन जो योग कया ह वह आपक अधीन स बाहर कस हो गयाrdquo ानयष काजए जीवरााशया उसक चपट म नह आएगी र सब आपका गगान ही करग और सबको मोक क ाा होगी ldquo भगवान कहत ह ldquo ह दवष मर ालए समसत जीवराशी को परीका स गजरना पड़ता ह मानव जीवन ही उनम अातम परीका ह बस उसको लाघ ल म पनरजनम स मा दला दldquo नारद जी भगवान स तकर करन लग गय का दर बाद भगवान न कहा rdquo दवष आपस बहस और नह कर सकता आपस बहस कर मरा गला सख गया ह जरा एक छोट कलश या कमडल म पानी लकर आइय ताक म अपनी पयास बझा सक नारद को झटका लगा और पाताप करन लग ldquo बमतलब मन अनतरयामी स बहस कर उनको कप दया व समपर जानानद क सामन मरी हासयत कया ह पता नह आज मरी मात मारी गयी और म बमतलब बहस करन लगा भ को पयास लगी ह और वो भी मरी वजह स जलदी स उनक पयास म बझा द पानी क खोज म सार लोक का म करत ए नारदजी पथवी लोक म पच गए पथवी लोक पचकर पानी क खोज म एक कए क पास पच तो दखा क एक अतयनत सदर नारी कए स पानी ानकाल रही ह नारद न सोचा वह सनदर ी पानी भरकर चली जाए तो र म ोड़ा सा पानी भर ल नारद उस दख रह ी भी नारद जी को दख रही ी नारदजी न पछा rdquo दवी कया तम यह आसपास रहती हो ी न जवाब दया rdquo हा ldquo नारदजी र पछ rdquo दवी कया तमहारा ाववाह हो चका ह rdquo ी बोली ldquoनह ldquo नारदजी का ावचालत मन ल नह समाया और पछ ही ालया ldquo दवी यद तम अाववााहत हो और यद तमह कोई परशानी न हो तो कया तम मझस ाववाह करोगी ी सादाय औरत ी बोली ldquo मर ापता क आजा क ाबना म आपस ाववाह नह कर सकती ldquo नारदजी बोल ldquo दवी सशील नारी क यही ग होत ह यद तमह आपा न हो तो म तमहार सा चलकर तमहार माता-ापता स बात कगा और तमस ाववाह कगा ldquo यवती राजी ई और ासर एव कध म पानी स भर घड़ को ढोत ए आग चलती रही और नारदजी पीछ चलन लग सपर रासत म उस सनदर ी क ानहारत ए मन म सपन क पल बाध रह उस सनदर ी क ापता क पास जाकर अपना परचय दत ए उनक बटी स ाववाह करन का सताव रखा साकात नारद मान को अपना दामाद सवप दख उसी मतर म मगनी हो गई और एक शभ मर म ाववाह भी हो गया ाववाह क कछ दन क पात उनक ब हो गय ब बड़ भी हो गय र तो व अपन गहस आम म इतन सत हो गय क उनक मह स नाराय मष ानकलना भी बद हो गया कई वष बाद एक शाम को जोर क आधी क सा तानी बारश ई इस माहौल न इतना ावकराल प धार कर ालया ा क वातावर लय म बदल गया चार तर पानी भर गया बत सार लोग पश आद पानी म बह गय कनत कात क ावकराल प क सामन ठहरन का साहस कस ा दखत ही दखत उनका गह भी बाढ़ क चपट म आकर टट गया और पानी म बह गाया पी और ब डर स

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रोदन करन लग दखत-दखत कान पष क अलावा पी और बाक ब भी पानी म बह गए र तो नारदजी स सोचा इस कान को म कध पर ालए चलता ताक वह तो बढ़ाप म मरा सहारा बनगा कनत लय क तीता इतनी तज ी क नारदजी क नाक क ऊपर स पानी बहन लगा र तो व खद भी भल गय क बट को बचाना ह सोचन लग म कसी तरह जीावत बच जाऊ उसी सोच न उनक कान पष को भी नह बखशा कसी तरह कछ समय उपरानत लय शानत आ पानी घट गया चार तरक मनषयपश - पकी आद क लाश टट ए रासत और घर क बीच पड़ी ई ी नारद मान को बहद दख आ और ठठोर कर रोन लग गय रोत-रोत व खद क बार म सोचन लग क भगवान न उनक सा ऐसा अनयाय कय कया काश व भी मर जात तो अचछा होता तभी उस राह स ास महष गजरत ए नारदमान स परामशर करन लग नारदजी कहन लग ldquo पता नह मन कौन सा पाप कया ह क मर पर परवार का सवरनाश हो गया ह मझ कय मतय नह आई इस पर ासजी न कहा शायद तमहारा समय नह आया ह इसालय तम बच गय हो हालाक ास जानत क नारद मायाजाल म सा आ ह ldquo र इसका ानरय कौन करता ह ldquo नारद न ासजी स पछा ासजी न उर दया ldquoयह तो मतयलोक क अाधपात यमराज ही इसका उर दगrdquo र व दोन ामलकर यमराज क पास गय यमराज न आन का कार पछा तो ासजी न नारद मान क सारी दख भरी गाा सनाई और पछा क ldquoमतय न इनका आलगन कय नह कयाldquo यमराज बोल rdquoम कोई नह मरा यमदत ही इसका उर द सकता ह कयक म यमदत क ारा कसी आतमा को लान क बाद ही उसक पाप-पणय का ाहसाब दख ानधाररत सजा का ऐलान करता यद यमदत आपको लकर मर पास नह आया तो इसम मरा कया दोष ह यमदत स पछ लldquo र ासजी न उनक यमदत स वही सवाल करन पर यमदत न कहा ldquo महामान म कस कसी क शरीर स आतमा को छीनकर ल आऊ म तो यमलोक का सवक माष ाचषग जब तक आजा नह दत तब तक म कोई कायरवाही नह कर सकता आप इस का उर ाचषगजी स पछ ल ldquo र ासजी न ाचषग स वही सवाल करन पर ाचषग न कहाrdquo महामान म तो यमदत को तभी आजा दता जब उस ाी का सारा लखा - जोखा समा हो जाता ह अभी माननीय नारद जी क मतय का समय आया नह ह अभी उनका कछ कया नह जा सकता ldquo ासजी न नारद स कहाrdquo दखो नारद अभी तमहारा समय आया नह ह तभी तम जीावत हो चलो चलत ह अब ापछली घटना को भल कर आग क सोचो ldquo बस इतना ही कहना ा क ाचषग न र ासजी को बलाकर कहा rdquo ह ऋाषवर इनक कणडली म यह ालखा ह क मतय तभी इनको गल लगा सकती ह जब य एक सा आपको मझ यमराज और उनका वाहन भस का एक सा दशरन करग चक इनक ारा यह कायर पर हो चका ह अत इनका जीवन पर हो गया ह ldquo बस इतना ही ा क नारद जी को आवाज आन लगी अर दवष दवष मझ कब स पयास लगी ई ी मरा गला सख गया ह कनत आपन मझ अब

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तक पानी नह दया कहा ह पानी ldquo य साकात नाराय क आवाज सन नारदजी को होश आया और भगवान क चर म पड़कर ागड़ागड़ान लग यह कहत ए क rdquo ह नाराय आपन मझ अचछा सबक ासखाया ह मन आपस बहस कया कर लीआपन मझ मायाजाल का साकातकार करवा दया कमा काजए म आपको पानी नह ापला सका मरी वजह स आपका गला खब सख गया होगा ldquo यह कहत ए उनक अधारा स नाराय क पाव धल गय और भगवान न कहाrdquo दवष आप चातत ना ह आपन अधारा स मर चर धोकर ानसवार सवा कर दी मरी पयास बझ गयी ह अब आप म ह ldquo र नारदजी खशी स नाराय-नाराय कहत ए ानकल गय

घाट का पतर

(बषव बहरा अाधकारी सवकक)

माता-ापता और जनम भाम को छोड़ कर हम सब बन गए ह घाट का पतर धनय ह वह महापष ाजसन हम साापत कया म उस महापष क ावषय म व रन नह कर सकता शायद म अात पाप क कार पतर बन गया लोकन म आशा करता क भावषय म मरा भागय बदल जाएगा चक म लोग क मन स सवा करता इसका ल हमको भगवान अवशय दग लोग का सवा करत ndashकरत मरा आकार भी बदल गया परनत सवा करत ndashकरत मरा नाम रोशन हो रहा ह बालक हम सता का अनभव हो रहा ह मर कमर क चलत मरा भागय बदल रहा ह म हमशा जलम रहता और पीठ पर ातदन मार झलत रहता शायद ही ऐसा पीड़ा इस ससार म कसी को ामलती होगी मरा सानानतर भी नह ह म कई महापष को दखता आया कतन महाराय न ा तयाग दय लकन तबस म यहा अकला पड़ा म हर मौसम क मार झल रहा ब-बढ़ क सवा करत-करत मन कछ पणय कमा ालए ह और आशा करता क मझ को भावषय म मानव जनम ामल सकता ह मानव जनम ामलन स म आपका भजन-करन कगा

ऐस दखतndashदखत कई यग क बाद हमको मानव जनम ा आ मानव जनम म अगर इस धराष म दखा क यहा ऊच-नीच जात-पात नीात-ानयम ावदन पाचार अनयाय ndashअतयाचार चमर-अचमर का ताडव नतय चल रहा ह दखकर मर मन म परवतरन आ गया क भ मझको मरा ापछला जनम वापस द दीाजए

पतर जनम म रह कर मरा कोई-कोई साी अचछ कमर क चलत मदर म सान ा कर ालया ह कोई-कोई तो ठाकर बन गय लोग-ातदन उनक पजा करत ह

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हम लोग म स कोई-कोई सामाजक कायर म सहयोग दान करत ह कोई गह-ानमार म सहयोग द रह ह तो कोई मदर-ानमार म सहयोग द रह ह कोई तो सीधा मत बन गय इसीालए उनक मन म घमणड आ गया अहलया न पतर होन क नात भगवान का दशरन पा ालया इसालए पतर जनम होन क चलत उनक मन म का अह भाव आ गया

हमार अनदर ावाभ प भी ह याः लोहा पतर चना पतर सगममरर काला पतर (नाइट सटोन) मलायम पतर (soft stone) इतयाद लोहा पतर जो दश क ानमार म काम आता ह चना पत जो ासमट ानमार क काम म आता ह सगममरर घर और मदर का शर (flooring) म काम आता ह काला पत घर का शर और आला बनान म काम आता ह मलायम पतर ाशलप कला क ावकास म योगदान दत ह पतर जनम होकर भी म का गवर महसस करता मरी भगवान स अानतम ावनती य ह क आप मझ अानतम समय म दशरन दन को कपा कर

न हमको पतर जनम चााहए न हमको मानव जनम चााहए हमको तो ास र इस भव सागर स पार होना चााहए

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जयादा लोभ न करना (पाडव कानटया सहायक सवकक)

मनषय भगवान क साप ह इसालए वह भगवान का अश ह जब तक वो मा क गभर म ा तक तक वह मोह-माया स वाचत ा एव हमशा भगवान क समीप ा लकन जब वो पथवी पर अवती र आ उसको मोह-माया न घर ालया पाच साल तक वो ईरीय सा म रहता ह इसालए कहा जाता ह क ldquoCHILD IS THE INCARNATION OF GODrdquo इसक बाद मोह-माया म आकषत हो कर ईरीय सा को भल जाता ह बचपन म वो बत आजा और मोह-माया राहत और चरषवान रहता ह जब समय बढ़ता जाता ह तब उसक समसत उम ग धवस होकर गलत मागर पर चला जाता ह

बचपन म ावा ाशका जवानी म ी दीका एव पारवारक ाचनता म म होकर वह समसत मौालक सा को खो दता ह सबा नप होकर सबा म आ जाता ह दव का नप होकर राकस वा जारवत होता ह एव परवारक जगल म सकर भगवान का नाम लना भल जाता ह अपना परवार का भर पोष क ालए कठन परम करता ह लकन उनका पट भरता नह ह ईर क सा को भल जाता ह और अनत म पशकतव को ा होता ह शरीर रोगसत हो जाता ह दाप शा की हो जाती ह चलन ndashरन म असमर रहता ह रात को नद नह आती ह र भी लोभ को छोड़ नह पाता ह अपन बीवी-ब ता परवार क बार म सदा सोचन लगता ह शरीर वावसा को ा होता ह परवार क कोई भी सदसय पछत नह ह

परवार क लोग उसको ढग स खाना भी नह दत ह उसको घर स दर रखत ह र भी यह अधम मनषय भगवान क बार म सोचता नह ह लोभ का अनत नह होता ह पाप का बोझ बढ़त जाता ह अनत म नरक को ा होता ह र भी मनषय भगवान को समझ नह पाता ह परवार क ालए इतना बड़ी ददरशा झलता ह उनको कोई भी नह पछता ह उसक ारा जमा क गई पजी को परवार वाल उनक सामन मौज करत ह

लोभ मनषय को अनधा बना दता ह आदमी क हतया करत ह लोभ क वशीभत होकर दसर क समपात को लटत ह ाजसस समाज म पाचार बढ़ता ह इसालए ह मानव तम कय लोभ करत हो लोभ नह करक भगवान का समर करो हर कतरन करो तप जप करो और सवगर क अाधकारी बनो उम कमर करक भगवान क शरागत हो जाओ भगवान तमहार समसत सख-दख का भार वाहन करग

सवरधमारनपरतयजय मामक शर ज अह तवा सवरपापभयो मोकायषयााम मा शच

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इसालए अचछा कमर करक पणय कमाना ह हमशा धमर क जय और पाप का कय होता ह धमर-कमर करक ावजय ा होगी लकन अधमर म जाकर नरक गामी नह होना

एकदा अनधा राजा धतरा सजय को पछा क ldquoह सजय इस धमर य म कसक जय होगी उर म सजय बोल क ldquoयष योगर कषो यष पा धनधरर तष ी ावजयो भात वा नीातमरातमरम ldquo अारत जहा योगर कष एव धनधाररी अजरन एक सा ह वहा ावजय ानात ह

इसालए दखा गया क हमशा धमर क जय और अधमर क पराजय होती ह धमर सवचछ ानमरल लकन अधमर कदाकार कात ह इसालए लोभ-लालच म वशीभत न होकर सत

कमर करो अनयाय का परतयाग करो लोभ मत करो जीवन म कप करक जो धन कमा ालया वो सब इस धरती म रह जाता ह अानतम क म सा कोई नह ल जाता इसालए अनधर म भटक नह जाना इसालए कहा गया ह क-अात लालच नह करना अात सवरष गहतम अारत अात सवरनाश का कार ह

अात दप हता लका

अात मानसय कौरवा अातदारन बाल वध अात सवरष गहतम

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टटा वक का अाभमान (चरदास नाराय गडम सवक सहायक)

वन म खड़ एक वक क सा ालपटी एक लता भी धीर-धीर वक क बराबर हो गई वक का आय

लकर उसन भी लना ndashलना आरभ कर दया बल को लत ndash लत दखकर वक को अहकार हो गया क म न होता तो लता अासततव हीन होती वह लता को धमकात ए बोला ओ बल चपचाप मरा कहना माना कर म जो कह रहा वह कया कर नह तो ध मार कर भगा दगा पड़ का लाप जारी ा क दो पाक वहा स ानकल एक बोला अर भाई जरा दखो तो यह वक कसा सदर ह इस पर कसी सदर लता पाषपत हो रही ह आओ इसक नीच ोड़ी दर ावाम कर अपना महतव लता क सा ह यह जानकर वक का अाभमान भी नप हो गया सा ndash सा रहन स ही सबक गात होती ह

बटी (डी राव बाब पटल ाचषक ड-II)

बटी घर क लाज होती ह पापा क सर का ताज होती ह दल क सदा स रही ह इचछा बटी तझको ह पाना आई हो मर जीवन म जस एक ननही कावता राह दखता म तरी जलदी स मर पास आना मा क गोद म सदा रहती हो कछ पल मर पास भी आना न चाहत ह अब धन दौलत क त ही लमी त ही मरी मत भी डर लगता ह सोचक जब एक दन छोड़ क जाएगी त कतना मझ लायगी त बटी होती ह बाबल क लाड़ली

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यह ाज़नदगी (सययद इदरीस पटल ाचषक ड ndashII)

बठ जाता ह ामी प अकसर कय क मझ अपनी औकात अचछी लगती ह

मन समनदर स सीखा ह जीन का सलीका चपचाप स बहना और अपनी मौज म रहना चाहता तो ह क य दानया बदल द पर दो व क रोटी क जगाड़ म सरत नह ामलती दोसत महगी स महगी घड़ी पहन कर दख ली व र भी मर ाहसाब स नह चलता य ही हम दल को सा रखा करत पता नह ा क कमत चहर क होती ह अगर खदा नह ह तो उसका ाज कय और अगर खदा ह तो र कय

lsquorsquoदो बात इसान को अपन स दर कर दती ह एक उसका ldquoअहम rdquo और दसरा उसका ldquo वहमrdquo पस स सख कभी खरीदा नह जाता और दख का कोई खरीदार नह होता मझ ाज़नदगी का इतना तजबार तो नह पर सना ह सादगी म लोग जीन नह दत मााचस क जरत यहा नह पड़ती यहा आदमी आदमी स जलता ह ाव क बड़ स बड़ वजाानक यह ढढ रह ह क मगल ह पर जीवन ह या नह पर आदमी यह नह ढढ रहा ह क जीवन म मगल ह या नह

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जीवन म न जान कौनसी बात ldquoआखरी rdquo होगी न जान कौन सी रात आखरी होगी ामलत जलत बात करत रहो यार एक दसर स न जान कौन सी ldquo मलाकात rdquo आखरी होगी अगर जदगी म कछ पाना ह तो तरीक बदलो इराद नह ऐ चाद त कस मज़हब का ह ईद भी तरी और करवाचौ भी तरा

उगालय क लड़ाई

(शख महबब पीरा पटल ाचषक)

एक दन हा क सभी उगालया आपस म लड़न लग अगठा बोला म सबस बड़ा सभी जगह जरी कागज पर मझस ही ानशान बनाया जाता ह तजरनी बोली-ldquoम बड़ी मर होन स ही सब लोग काम कर पात ह जस-ालखना खाना पकड़ना मधयमा बोली-ldquoअर भई कया तम नह जानत जो आकार म लबा होता ह उस ही सभी बड़ा कहत ह अनाामका सब बात चपचाप सन रही ी वह तरत बोली ndashldquo म सबस बड़ी म तो पजा करन क भी काम आती मर स ही रोलीातलक लगाया जाता ह कानाका सभी को लड़ता दखकर उदास ी वह चपचाप एक कोन म कछ सोच रही ी तभी अगठा व तीन उगालया उसक पास गई और बोली- ldquoअर छोटी तम तो बड़ी हो ही नह सकती कयक तमहारा नाम ही कानाका ह कानाका बोली ldquoसनो अगठ भाई और पयारी उगालय आपस म लड़कर कभी कसी का भला नह हो सकता हमम कोई भी बड़ा-छोटा नह ह हम सब ामलकर मी बन सकत ह तभी हम सब बलवान हग कया तमह नह मालम क बद मी म ही ताकत होती ह इसालए हमारा लड़ना बकार ह rdquo कानाका क बात सनकर सभी एक सा बोल- ldquoहा छोटी बहन तम ाबलकल सही कह रही हो सचमच अकल म तम ही हम सबस बड़ी हो rdquo

इस नीात का स एकता म बल क ाशका ा होती ह

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तलगाना- भारत का एक और नया राजय (शलबाला खडरी मानाचषकार)

तलगाना भारत क दाकी भाग म ासत भारत का 29 वा राजय ह कषल क दाप स यह दश का

बीसवा बड़ा राजय ह ाचीन हदराबाद रयासत का अाधकतम भाग तलगाना राजय म ालया गया ह जहा आजादी स पहल ानजाम का राजय ा सन 1947 म जब भारत अज क चगल स आजाद आ उसक बाद भी हदराबाद का ानजाम अपनी रयासत सय भारत म ावलीन करन क पक म नह ा वह अपनी रयासत पर अपना ही सवतष शासन चाहता ा अतत सरदार बललभ भाई पटल क अक यास स इस रयासत को भारत क मखय धारा म ावलीन कया जा सका इस कार आन दश राजय क सापना ई और 26 जनवरी 1950 को ी एमक वललोड़ी आन दश राजय क म मखयमषी ानय ए 1956 म हदराबाद रयासत को आन दश राजय म ावलीन कर दया गया

2 जन 2014 म पनः तलगाना राजय अासततव म आया आन दश राजय क उर पामी 10 ाजल को ामलाकर तलगाना राजय क सापना क गयी ह राजधानी हदराबाद भी तलगाना राजय म ासत ह परनत 10 वष तक हदराबाद दोन राजय याान आन दश और तलगाना राजय क सय राजधानी रहगी दोन राजय क शासानक कायर हदराबाद स सचाालत हग तलगाना शबद का ादभारव ाषलगा दश शबद स आ ह ाजसका अर ह तीन लगो वाला दश तलगाना राजय क तीन दशा म कालरम ीशलम और ाकारामम ास ाशव मानदर ासत ह ाजनक अपार धामक महा ह वासतव म पक तलगाना राजय क ालए 1946 स 1951 क बीच ही ारमभ हो गया ा उस समय कमयानसट पाट न इस आनदोलन का नततव कया ा जो असल रहा भाषा क आधार पर तलगाना और आन राजय को पक करन क ालए अनक आनदोलन समय-समय पर होत रह ह इनम मखय आनदोलन 19691972 और 2009 क ह इन आनदोलन का यह भाव आ क 9 दसमबर 2009 म भारत सरकार न पक तलगाना राजय बनान क कायरवाही श कर दी य घोषा सनत ही तटीय आन व सीमान कष क लोग न सम आन दश क पक म आामक आनदोलन ारमभ कर दया और ऐसी ासात म भारत सरकार न यह कायर 23 दसमबर 2009 तक सागत कर दया इसक पात भी लगातार पक तलगाना और सम आन दश क ालए अलग-अलग आनदोलन चलत रह पक तलगाना क पक म कई आतम - हतयाए ई हड़ताल क गयी ाजसस जन साधार को बत असावधा का सामना करना पड़ा अतत पक तलगाना समरक क जीत ई और कास कायरकारी सामात न सवर सहमात स 30 जलाई 2013 को पक तलगाना राजय क ासारश करत ए ाबल तयार कर दया अनक सोपान पार करत ए यह ाबल रवरी 2014 को ससद म पारत कया गया रवरी 2014 दश पनगठरन एकट क तहत यह ाबल ससद म पास हो गया इसक पात इस नय राजय तलगाना ाबल को रापात ारा सहमात ा ई और माचर 2014 क गजट म इस कााशत कया गया इस कार नय तलगाना राजय क सापना ई

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ाशासकय प स तलगाना राजय क सापना 2 जन 2014 को ई क चन शखर राव क पाट ldquoतलगाना रा सामातrdquo न चनाव म दश म बमत हाासल कया और इस कार ी कचन शखर राव तलगाना राजय क म मखय मषी चन गए

म महगाई (डॉ नीलम कमार ाबड़ला अाभलखपाल)

म महगाई महग दशभ लोग क आमष पर भारत आई तज गात लान गात म भारत आई मझ गलत मत समझो गरीब बत ठीक बमत दकर तमन ाजनको बत उठाया म तो उनह क तीक भौातक वादी यग म योग ासखाती म भख पट न सोए कोई कडालनी जगाती म धयान प म च मारकर मन जय ऊपर चढ़त-चढ़त र तक आ जाता ह भाव वसत क वस ही र तक ल आई

अब इस यग म एक तल क पीप को पा लन का अर को पा लना ह भ दशरन क झलक दखना एक टमाटर खा लना ह भारत का आदशर तयाग ह अनासा ह अपरह ह मझको पाकर लोग वसतए तयाग रह ह अपनी खद क कार छोड़ बस क पीछ भाग रह ह म लोग को तड़क भड़क स खच

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सादगी ासखाती टरीलीन क शौकन को ला पहनाती माया जीवन का बधन ह पया पसा मल हा का म वतन भोगी लोग क बधन दो दन म हर लती शी छड़ाकर मल हा का शीश सा ानमरल कर दती

नीात ालखन वाल न कम खाना या गम खाना अचछा बतलाया मन उनका कन ानभाया ाजतनी चीज महगी हगी उतना ही जन कम खाएग ाजस दन रोटी नह ामलगी उस दन खद ही कम खाएग

शकल पक क चाद सरीखी बढ़ती म खब चादनी लाऊगी अभी दज तक ही आई परमासी तक जाऊगी

करो कलपना जब भारत जन कतन सदर दखा करग ग चावल चना बाजरा जब पाड़य म ाबका करग बीमार को दध दहीघी क इजकशन लगा करग कसा मधर जागर होगा लोग भख स जगा करग

आतक हमला

(डॉ नीलम कमार ाबड़ला अाभलखपाल) 13 दसबर 2001 ससद प पाक आतक हमला 13 रवरी 2014 ससद म भारतीय आतक हमला

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शमरसार ई ससद पच ाड़ गए नयी तहजीब क झड गाड़ गए

उड़ाया गया काली ामचर का पाउडर सपीकर का नह सना आडरर आख जलन लग सास लन लगी ससद पर नगी तलवार झलन लगी

घायल आ जातष और सावधान मदर क पजारय न कया मदर का अपमान ऐस आतकय को सबक ासखाना होगा र नया इातहास बनाना होगा

बाल-म (वाइकराकश कमार खलासी)

बालपन क कलकारी धप क ताप स आ मक पोी छोड़ी कदाल खोदत हा क मार अचक कचड़ आधी म म करना आ मजबरी गरीबी क पराकाा पट और पीठ क घटती दरी कछ धनहीनता और कछ माता-ापता क मखरता कनत सबस जयादा सवा समाज क सवदनहीनता ाजसन बालक को ामक बनन को बाधय कया लखनी को छीनकर कोमल हा म छडी पकड़ायी

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गाय-बकरी क सवा करता बालय-जीवन कप अपन भावषय को दर करता अजान और अबझ ावोपाजरन क कसको ह सरत ासात तो ऐसी ई दो दान अ क ालय बालपन चोर बनन को आतर आ

दोसती

(ाचा कडयया खलासी)

गलाब एक ल ह

एक घनट म मरझा जाता ह पर दोसती एक शा ह कभी भी जीावत रहती ह

बर ठडी होती ह जो पकड़ म नह आती ह

दोसती सोन जसी ह जो कभी कोई नह खरीद सकत ह

तार क पाच अनत (END) ह चौकोन क चार अनत ह तीकोन क तीन अनत ह

एक रखा का एक अनत ह पर दोसती का कोई अनत नह ह

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मर जीवन का उशय (कमारी ाया सातव कका सपषी एम सबीता उाल)

कग नयज भारत का खतरा पाकसतान न कशमीर पर हमला कया ह कछ दन बाद helliphellip कग नयज पाकसतान क ाखला भारत क रका करत ए वीर सानक

का भारी नकसान इन खबर न भारत को ाहला दया ा म भी सोच म पड़ गयी क म भारत क ालए कया कर सकता भारत को इन हमल स कस बचा सकता मर मन म ास र एक ही खयाल आया क भारतीय सना का एक जवान ासपाही बन

जव मन यह बात अपन दोसत स कही तो उसन कहा क ासपाही बनना खतर स खाली नह ह और परवार स दर सरहद पर खतर स भर जीवन मर ालए कपद होगा लकन मन ठान ालया ा क म कछ ऐसा कगी क पर दश म मरा नाम हो ाजस दखकर मर अपन का ासर गवर स ऊचा हो जाए

मर ानय को सनकर मरी मा रोन लगी मझ लोभन दया क म ापार क मर दोसत न मझ डाकटर बनन का सझाव दया पर मन सोचा क भारत म कई डाकटर ह ापारी ह भारत को डाकटर या ापारी क नह बालक सानक क जरत ह

म भारत क ालए अपनी जान भी दन क ालए तयार मन सोचा सब अपन परवार को सराकत

रखना चाहत ह र भारत - भाम तो मरी मा ह मरी ही कय हर एक क मा ह तो हम सब का कतर बनता ह क हम इसक रका कर इसीालए मर जीवन का उशय ह क म एक ासपाही बन और भारत क सवा क

मखर ामष स समझदार शष अचछा होता ह (मासटर सनीत चौी कका सपष एम सबीता उाल)

एक दन म और मरा सबस अचछा ामष राव बठ यह सोच रह क हम परीका क ालए अभी स पढ़ाई श कर दनी चााहए या नह राव न तपाक स कहा क अभी स पढन स कोई लाभ नह होगा अगर हम परीका क एक दन पहल पढ़ग तो जयादा दमाग म रहगा तभी वहा स मरी कका का दसरा छाष रमश गजर रहा ा मझ रमश ाबलकल पसद नही ा और रमश भी मझ पसद नह करता ा बात-बात पर हम लड़ाई करत पर पढ़ाई म वह मझस बत अचछा ा उसन हमारी बात सन ली ी

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इसालए धीर सवर म मझस बोला अपन मखर ामष क बात मत सनो बस रोज मरी तरह ोड़ा-ोड़ा पढ़ो लकन मन उसक बात पर कान नह धरा एक महीन बाद परीका क दन आ पच परीका क एक दन पहल जब मन पढ़ना श कया तब पाया क पढ़न को बत ा पर समय कम ा जस -तस पढ़ कर मन परीकाए ालखी और उममीद करता रहा क म परीका म उी र हो सक कछ दन बाद परीका का पराम ानकला और वही आ ाजसका डर ा म और ामष राव अनी र हो गए दसरी ओर रमश बत अचछ अको स उी र आ उस दन मझ समझ आ गया क मखर ामष स समझदार शष अचछा होता ह

भावषय क पढ़ाई (मासटर ाशव कलया सातव कका सपष वालल कलयाी उाल)

आज जब हम पढ़ाई या सकल क बार म सोचत ह तो नजरो म एक भारी बग उठाता आ

छाष दखता ह कताब क ाबना हम सकल जान क सोच भी नह सकत कताब क सा कपयटर भी पढ़ाई का महतवपर ाहससा बन चका ह

कछ साल बाद भारी कताब स भर बग क बदल छाष क हा म टबलट होगा आकाश टबलट एक ऐसा यष ह ाजसम हम तरह-तरह क कताब पढ़ सकत ह हम कका म ही नट स जानकारी पा सकत ह टबलट ोन स बड़ा ह और जयादा महगा भी नह हम इस कह भी ल जाकर इसम कताब पढ़ सकत ह हम इसम कका का दया गया कायर भी कर सकत ह यह टबलट पढ़ाई का अदाज बदल दगा और पढ़ाई को मजदार बना दगा

पानी और धप (कमारी एस साानया पाचवी कका सपषी राजया बगम अाल)

अभी-अभी ी धप बरसन लगा कहा स यह पानी कसन ोड़ बादल को क ह इतनी शतानी

सरज न कय बद कर ालया अपन घर का दरवाज़ा उसक मा न भी कया उसको बला ालया कहकर आजा

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ज़ोर-ज़ोर स गरज़ रह ह बादल ह कसक काका कसको डाट रह ह कसन कहना नह सना मा का

परीका (कमारी शख राजया सलताना गयारहव कका सपषी शख महबब पीरा पटल ाचषक)

ाजस नाम को सनन स कापता ह बा वो ह परीका परीका पपर हा म आत ही इतना डर लगता क यद अचछा नह कया तो ापटना पा तीन घट म लगभग करन होत ह चालीस सवाल एक भी छटा तो घर म आता ह भवडर रजलट क एक दन पहल रात को नद नह आती ह अचछ नबर पान क ालए भगवान क याद आती ह पास होन पर ामलता ह इनाम और मख स ानकलता ह ldquoकय भगवान rdquo र आती ह अगली कका तब भी मख स ानकलता ह हाय र आ गयी र स परीका

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राीय साकरता (मासटर शख समीर छठी कका सपष शख महबब पीरा पटल ाचषक)

ातदन सीखो अकर एक

ानयम बना लो ऐसा पढ़ो पढ़ाओ सीखो जान

तभी बनगा दश महान ावा सा जान कराती

मन का अधरा दर भगाती जहा पर बनत लोग जानी

वहा न होती मन क हाान अनपढ़ क ालए गगी पोी

धन दौलत भी होती ोी पढ़ा ालखा नह धोखा खाता

जहा भी जाता आदर पाता

मा (मासटर शख महबब बाशा आठव कका सपष शख महबब पीरा पटल ाचषक)

सबस सनदर जग म कौन बस एक त ह मा

सबस पयारी कसक मसकान बस एक तरी ही ह मा

कसन बनायी मरी पहचान तन ही तो मरी पयारी मा

कसक बोली ामी स मीठी तरी ही ह मरी मा

कसक डाट ह इमली स तीखी तरी ही तो पयारी मा

कसक ालए क म सब कबारन तर ालए मरी पयारी मा

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ाततली (कमारी एम राशका ाशवानी पाचवी कका सपषी एम लम कमार उाल)

ाततली तम कतनी

रग-ाबरगी होती हो तम सब ल का रस पी-पीकर

बाग-बगीच म रती रहती हो तर पख कई रग क होत ह

तमहार प को दखकर ब बत खश होत ह

मरी कका

(कमारी एम राशका ाशवानी पाचवी कका सपषी एम लम कमार उाल)

मरी कका म ह पचास ब हर एक ह अलग-अलग जस एक ह लबा एक ह छोटा एक ह मोटा एक ह पतला कछ ह अचछ कछ ह बर पर लगत ह सार पयार मरी कका ह रग- ाबरगी लगती ह ाततालय का झड ह

मझ बत पसद ह कयक यह हमारी कका ह

Page 20: कलाकल - Home: Survey of · PDF fileतेलंगाना-भारत का एक ... भी यह पि का ‘कलाकल‘ सुनदर प म िनखर

13

सवा ानवसवाचछक सवा ानव ए कमरचारय क सची

म स नाम पदनाम सवा ानवा क ाता टपपी

1 पीडीकमार अाधकारी सवकक 30092013 सवा ानव

2 एस कासम दादार 30092013 सवा ानव

3 भलनराम खलासी 15102013 (पवारहन) सवाचछक सवा नव 4 जी लाजर पटल ाचषकार ड़- II 31102013 सवा ानव 5 बीसीलममा खलासी 31102013 सवा ानव 6 पीदवदास मानाचष मॉउटर 30112013 सवा ानव

7 तनगटला राधा कषा भडार सहायक 31122013 सवा ानव

8 टीवकटयया दादार 31122013 सवा ानव 9 जी चयया माली 31122013 सवा ानव

10 पीसीबोरोल अाधकारी सवकक 28022014 सवा ानव 11 डीरघ रामल मखय मानाचषकार 28022014 सवा ानव 12 बी नासरयया खलासी 28022014 सवा ानव 13 बी ीपाल दादार 31032014 सवा ानव

14 क दानम खलासी 30042014 सवा ानव

15 कषा सरकार अाभलखपाल ाडI 31052014 सवा ानव

16 कपललयया पटल ाचषकार ड़ II 31-05-2014 सवा ानव

17 सीकडयया जमादार 31052014 सवा ानव

18 एमवकटवरल दफतरी 30062014 सवा ानव

19 पीअजरना खलासी 30062014 सवा ानव

20 यावर बगम खलासी 30062014 सवा ानव

21 एमाचा वकटममा

दफतरी 30062014 सवा ानव

22 एनबी सरी अधीकक सवकक 31082014 सवा ानव

14

समात शष

एसपी ईरयया खलासी

जनम ाता 01-07-59 ावभाग म भत होन क ाता 01-03-1997 स ानयामत भत सवगरवास 22-4-2014 परवार इनक परवार म पी क अलावा दो ब ह इनक आकासमक ानधन पर आ दश भ साानक आकड़ा कन क कमरचारय को गहरा आघात पचा और सभी न इनक परवार क ात सवदना क एव इनक आतमा क शाात क ालए ईर स ारना करत ए दो ामनट का मौन रखा सव ी एसपा ईरयया ाजनक आ दश भ साानक आकड़ा कन म कायररत रहत ए अल 2014 म अकाल मतय हो गयी ी उनक परवार क ततकाल मदद क ालए पर आ दश भ साानक आकड़ा कन क परवार न 25600- का ततकाल सहयोग दया

15

भडार का ाप

म स सामी भडार 1 वाटर कलर 01

2 एल ईडी मॉनीटर 15

3 कमपयटर टबल 30

4 कमपयटर कस 30

5 पलाासटक कस 236

6 एचपीाडजाइन जट टी- 1300 टर 01 आइ सी जड एम क अतगरत

7 कलर क समाटर एलए जीएस टी 42- सकनर

01 आइ सी जड एम क अतगरत

8 यपीएस क ालए 12 वोलट क बटरी 60

9 5 कपी का य पी एस 02 डी ए डबलय वी आइ सी जड एम क अतगरत

10 डलल कमपयटर 10

11 लाइका अकय लवल (डी एनए-03) 02 आइ सी जड एम क अतगरत

12 लाइका जीएनएसएस (जीपीएस दोहरी बारबारता)

02 आइ सी जड एम क अतगरत

13 3 डी ावजन कट 23 (18 आ भ सा आ क हत )

14 समसग एलसी डी मॉानटर 02

15 एचपी सकनजट 200 फलटटड- सकनर 01

16 डाट मकस टर 03

16

अनपयोजय भडार का अनपयोगी घोाषत

म स सामी मलय 1 साइबग उपकर 364574-

2 नचर आइटम 218844-

3 ोटोामीतीय उपकर 9125746-

4 कमपयटर और परधीय 4027273-

5 उपकर ( गौ सवक उपकर) 706943-

तदनसार अनपयोजय भडार क अनपयोगी हत नीलामी या क शआत हो चक ह

17

वषर 2013-14 क ालए ानाध का आबटन य

शीषर सवीकत अनदान

(हजार म )

अातर ानाध क मागाा

(हजार म )

भाकमसव ारा काटी गई (हजार

म )

इस कायारलय

ारा अभयपर

अातम बजट अक (पय

म)

य (पय म)

31-3-2014 को शष रााश (पय म)

वतन 114400 0 1400 0 113000000 112999869 131 मजदरी 500 350 0 0 850000 845802 4198 ओ टी ए 0 0 0 0 0 0 0 ाचकतसीय 2840 0 0 750 2090000 2089187 813 डी टी ई 1240 0 0 0 1240000 1239231 769 ओ ई 1409 125 94 1440000 1397157 2843 आर आरटी

240 0 0 16 224000 223875 125

ओ ईए 2 2 0 0 4000 3750 250

एसampएम 310 0 0 310000 309712 288 पी सवा 280 0 0 129 151000 149810 1190 अनदान 0 0 0 20800 20775 25

18

मनोरजन कलब का वाषकोतसव ndash 2013

आ दश भ साानक आकड़ा क ानदशालय क मनोरजन कलब का वाषकोतसव दनाक 10-01-2014 को ातः काल 1000 बज स सममलन कक म आयोाजत कया गया ाजसम मखय अाता भारत क महासवकक डॉ सव र सबबा राव उपासत ावशष अाता क प म ी एसबी शमार उप महासवकक भारतीय सवक एव मानाचष ससान उपासत ानदशक महोदय कनरल ीधर राव न सवागत भाष दया और मनोरजन कलब क साचव ी डीआरएस सन कमार न वाषक रपोटर सतत क सासकातक कायरम ारा सभी का मनोरजन कया गया मखय अाता न अपन भाष म कहा क इस ानदशालय न ी कनरल ीधर राव क नततव म बत अाधक एव सतोषजनक प स गात क ह और इस बात का भी उललख कया क व जब इस ानदशालय क ानदशक तब व य सब कायर करना चाहत परत इनह मतर प दन म कनरल ीधर राव ानदशक महोदय क महतवपर भामका रही ह ततपात एक ीात- भोज का आयोजन कया ाजसम करीब 230 लोग न भाग ालया ाजसक सभी न भर-भर शसा क

मनोरजन कलब ारा आयोाजत कए गए खल

करम

टबल टनीस

शटल

शतरज शॉट- पट धीमी साइकलग

पष सगलस माहला सगलस पष डबलस माहला डबलस

पष सगलस पष डबलस

पष सगलस माहला सगलस पष डबलस माहला डबलस

पष पष पष

19

वषर 2013 क दौरान कनीय मनोरजन कलब सपोटरस स ा इस ानदशालय क ाता एव सममान

करम

खल म परसकार ातीय परसकार ततीय परसकार

पष सगलस पी रवी कानत चनपाल शशी करन एव एलए बग

माहला सगलस शभा वी नायर पीक ातभा शलजा एव मीना

पष डबलस सययद इदरस एव सवातरयया कवी चारी एव ओ वीन कमार

---------

माहला डबलस शभा वी नायर एव अनसया पीक ातभा एव शलबाला खडरी

टबल टनीस पष सगलस पी सतीश क वीचारी ओ वीन कमार

एव अशाख अहमद पष डबलस कवीचारी एव

डी रगा राव कक गा एव पी सतीश ----------

शटल पष सगलस पी सतीश एम वी ावजय कमार कवी चारी एव पी

यादयया माहला डबलस शभा वी नायर एम सबीता मीना एव राज़या

बगम पष डबलस पी सतीश एव

एम वासदव स कमार एव ओ वीन कमार

-----------

माहला डबलस एम सबीता एव राजया बगम

शभा वी नायर एव बी एस वी वरलमी

-----------

शतरज पष जगन एकर ------------

शॉट- पट पष बी नागरम चनपाल स कमार

20

धीमी साइकलग पष डी स कमार सययद इदरस सययद मोजज़म

उ नयायलय म लाबत नयायालक मामल

लाबत मामल 04 आ दश उ नयायालय

कस क सखया 11 कनीय शासानक अाधकर हदराबाद

समा कस क सखया 06 लाबत कस क सखया 05

पनवलोकन मामल

ानालाखत अाधकारयकमरचारय क पनवलोकन मामल का ानपटारा कया जा चका ह

म स प lsquoबीrsquo राजपाषत प lsquoबीrsquo अराजपाषत प lsquoसीrsquo (पवरवत प

1 एस बाब अाधकारी सव ज डी एबनजर मानाचषकार ाडाव I नरश

2 पीक लहा मानाचषकार ाडाव I गदो राम

3 शख मीरावली मानाचषकार ाडाव I एम गररयया

4 जी सीतारामम सव सहायक पी काशम

5 वाई सबबयया सव सहायक सतयममा

6 पीएस सामबाब सव सहायक वी कषयया

7 बी ओबशयया सव सहायक

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एम ए सी पी क मामल

ानालाखत अाधकारयकमरचारय क एमए सी पी मामल का ानपटारा कया जा चका ह

म स प lsquoबीrsquo अराजपाषत प lsquoसीrsquo (पवरवत प lsquoडीrsquo)

1 वी सयर भा मानाचषकार ाडाव I एल योहन

2 पीकलहा मानाचषकार ाडाव I सीनाराया

3 शख मीरावली मानाचषकार ाडाव I जजॉन

4 एम भवनरी मानाचषकार ाडाव I एस रामयया

5 बीएसवी वरलमी मानाचषकार ड़ II बी पललया

6 - पी काशम

7 - शख काासम पीरा

8 - एम लमी नाराया

9 - एम वकटरल

10 - जी जया

आ दश भ साानक आकड़ा कन क अाधकारय कमरचारय क ब ाजनहन शकाक ानपता दखाई ह

1 कमारी अनवषा कर सपषी डॉ पीक कर सी जी पी ए 9810 दसव कका क ीय ावालय हदराबाद

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तलग म ावव ी नकश ( ओएस एम) क तयारी (बीएचराव अधी सव जीव अाध सव एमराकश अाध सव एसपटा री मानाचषकार)

सतावना पवर म ावाभ नकश तलग म कााशत आ करत जस आ दश राजय नकशा (1999) भारत क राजनीातक नकश आद ऐस नकश अकराक ासटक-अप (lettering stickups) साहत साइबग क परमपरागत तकनीक का उपयोग कर कााशत होत तााप कोई भी सलाकातक नकश तलग म कााशत नह ए ह परत हाल ही म ावजान एव ौोागक ावभाग न ावव ी टोपो नकश ( ओएसएम) को कषीय भाषा म उपलबध करवान क ालए एक नीात को जारी कया ह ाजसक पराम सवप आ दश भ साानक आकड़ा क न राजय क राजधानी हदराबाद को दशारत ए एक शीट को योग क आधार पर अकय माधयम स तलग म करन का काम ालया ह

ॉनट क खोज म माइोसटशन साफटवर क अनक ल डीजीएन ामट म मल डाटा बस पहल स ही उपलबध ह मल-

पाठ को बठान क ालए माइोसटशन क अनक ल एक सावधाजनक तलग ॉनट क आवशयकता ह अनक ॉनट क जाच क गई परत कछ भी माइोसटशन क अनक ल नह पाया गया कयक तलग ालाप म बत सारी माषाए अगल स लगवाए जान क कार ldquoमाषाrdquo को लगाना एक कठन कायर सााबत आ तााप वब म बत छान-बीन करन क बाद ldquoटी टी एल हमलताrdquo ॉनट को खोजा गया और माइोसटशन परवश म मल पाठ को रखन म उपयोगी पाया गया

अनवाद

ावाभ व रनातमक अाभउाया ाचनह पाद- टपपाया आद का अजी स तलग म अनवाद हत सभी ापय साधन जस क इटरनट नट पर अनवाद शबदावली आद का आय ालया गया

माइोसटशन परवश म मल पाठ को बठान क ालए कायरावाध

ॉनट याान ldquoटी टी एल हमलताrdquo वााछत सान पर लोड कया गया तलग ालाप म बत सारी माषा क अतःसाापत होन क कार एक ावाशप शबद या अकर क ालए सही माषा क चयन हत अाधक सावधानी बरतना का सानात कया गया वााछत मल ndash पाठ को मइोसाफट वडर म टकत कया गया माइोसटशन वशरन 8 ाइल म अनोटशन टकसट एडीटर क माधयम स कापी और पसट कया गया उ

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शीट क 22 टोपो स अनवादत अनोटशन को या सतयाापत कया गया अनोटशन को कनार म और उपरो शीट क नाम ाइल म रखा गया मामल ाजनको सलझाना ह -

1 ॉनट क आकार का मानककर 2 तलग ालाप म ावाभ व रनातमक अाभउया क सावधाजनक शबद का चयन 3 मल- पाठ को सगठत करना एक जटल कायर ह और समय लन वाली कायरावाध ह और पयार

माषा म षीय भाषा याान तलग क जान क जरत ह 4 जयादा सखया म सपादन मल-पाठ क सगठन क आवशयकता ह 5 तलगाना राजयतलग ावावालय क उ राजभाषा ावभाग स अनवादत ालाप को माीकर

करन क आवशयकता होगी समाा

सानीय ालाप (तलग) म ओ एस एम माक नकश क तयारी स अाधक सखया म लोग को सलाकातक नकश को आसानी स योग करन म सावधा होगी सलाकातक नकश म भाषा-ावषयक सबधी साचकारी पदार को जोड़न स ानयही भारतीय सवक ावभाग क उतपाद क चार को बढ़ावा ामलगा और बाजार म अपनी अहामयत बढ़ाएगा

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चनौती क ालए तयारी (रघना ाषपाठी अधीकक सवकक)

कसी भी ावभाग म नई चनौातय को सामना करन क ालए कमता ानमार क आवशयकता ह यद

यह नह कया जाए तो सताावत योजनाए ावल हो जाती ह कमता ानमार स पहल उसक लय एव उशय को परभााषत कया जाना आवशयक ह कयक इसक कायारनवयन क सतर म योजना और ानषपादन म का अतर हो सकता ह कमता ानमार क अनय मानक क अतगरत अनवत सावधा क रखरखाव और सभाावत ावकास भी शाामल ह कमता ानमार क कसी भी यास म ातभा क खोज को ही पहल कदम क प म ालया जाना चााहए भारतीय सवक ावभाग म सही कमता ानमार क बाद ही 110000 क पमान का सवक करन और मानाचष ाा सभव हो पाएगा आधानक अाध ौोागक म कमय क ाशक पयार नह ह लकन यह दखना ह क जो माग और सवक और मानाचष क आपत क खला स सक ातत ह जनता क ालए उपयोागता बढ़ा रही ह श म हालाक बाधाए आना बाधय ह हम यह कायर श करना और पराम क तीका करनी ह इस यास म खल अाधकार कष क ावशषज को ानयामत प स परामशर कया जाना चााहए सवक और नकश क उपयोगकतार क माग और एक बड़ परय क दाप स दखन क ालए यह महतवपर ह

यहा तक क उपयोगकतार क ालए भी ाडाजटल डटा का उपयोग सीामत ह भारतीय सवक ावभाग उपयोगकतार को ानयामत आधार पर सहायता और मलय सवधरन क ालए सलाह दकर नकश क कातज उपयोग तक का ावसतार कर सकता ह उस बात पर धयान दत ए भारतीय सवक ावभाग क सवा हत जी आई एस वजाानक को शाामल करन क आवशयकता ह यह महगा मामला होन पर भी वरीयता स भरी हम भावषय क चनौातय को परा करन क ालए तयार रहना चााहए कयक नकश क उपयोग स ावकास को तो होना ही ह

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नमक का महतव (कष कमार अाधकारी सवकक)

एक राजा क तीन बटया ी तीन बत ही सनदर सशील और ावशष ग वाली एक दन राजा न तीन राजकमारय को अलग-अलग स एक ही सवाल पछा ldquo बटी तम मझ कतना चाहती हो ldquo बड़ी राजकमारी न जवाब दया rdquo ापताजी म आपको सोन जस चाहती अारत सोन क आभष स मझ ाजतना पयार ह उतना ही पयार आप स ह ापताजी ldquo राजा बत सतप आ और दसरी राजकमारी स पछाrdquoबटी दीदी न तो जवाब द दया अब तम बताओ तम मझस कतना ह रखती हो दसरी राजकमारी बोली ldquo ापताजी म आपको हीर जसा चाहती अारत हीर क गहन स मझ ाजतना पयार ह उतनी ही पयार आप स ह ापताजी ldquo राजा तो ल न समाया सोचन लगा rdquo म बमतलब का सकोच कर रहा ा मरी बटया तो लगता ह मर बगर जी नह पाएगी ldquo अब तीसर स कया पछ र भी पछ लता र तीसरी बटी स पछाrdquo बटी तम मझ कतना चाहती हो तीसरी राजकमारी न जवाब दयाrdquo ापताजी म आपको नमक ाजतना चाहती जवाब सनत ही राजा आग-बबला हो उठा और बरी-भली सनाकर उसक कक स ानकल गया छोटी राजकमारी न कछ नह कहा बालक राजा क डाट सनकर चपचाप रह गयी रात ई राजा को सार महल क कायर ानपटान क बाद भख लगी खान क ालए उस हीर स ससात सोन क सहासन पर छोटी राजकमारी न बठाया र सोन क ाली म नाना कार क जन स य खाना परोसा और राजा को खाना श करन को कहा राजा न मह म खाना रखा तो महसस कया खाना का ह र हर जन को चखा तो पाया सब क ह र तो आग-बबला होकर अपनी रानी पर ाचललाया ldquo इस तरह क भल कस हो गयी हम कया समझ रखा ह जन दखाकर ललचाना और र खान नह दना यह बोलत ए रानी पर सोन क ाली ाजस पर जन परोस ए कन क ालए हा उठाया उठ ए हा को तीसरी राजकमारी न पकड़ ालया और पछा ldquoापताजीखाना तो बढ़या ह र कमी कया हrdquo राजा बोल ldquoनमक क ाबनाकोई खाना खाया जा सकता हrdquo राजकमारी बोली ldquoापताजीआपको तो नमक स नरत ह ना इसालए मन जन बनवात ए नमक नह डलवाया rdquo र तो राजा समझ गया क छोटी बटी न उनह सबक ासखान क ालए यह भोजन तयार करवाया ह र बोला ldquoबटी म समझ गया नमक क ाबना खाना जस सवादप नह उसी तरह तमहार पयार ाबना मरा वचरसव नह ldquo और राजकमारी को गल लगा ालया

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मायाजाल (एनबी सवामी अाधकारी सवकक)

इस जगत म कल 84 लाख जीव राशया ह और उनम मानव जनम सबस उम ह उम इसालए ह क भगवान न मानव का आधार इसालए दया ह ताक इस जनम अचछ कमर कर वह मोक क ाा कर सक मोक याान पनरजनम नह यद कमर बर ए तो र 84 लाख जीवरााशय म पदा होन क ालए वह आतमा कालच म दोबारा स जाती ह इस सपर कालच क याषा करत ए जब आतमा मानव क योान म वश करती ह तब वह भगवान स यही ारना करता रहता ह क ह भगवान मझ इस कद (याान मा का गभर) स जलदी मा दला द कयक म तमहारा धयान सही ढग स नह कर पा रहा कयक इस कद म अनक तरल पदा क सा-सा मल-मष म भी टहल रहा यह कसा नरक ह जहा आपन मझ सा रखा ह तब भगवान भी बोलत ह क ldquoत अभी बालक ाशश का प धार करन वाला ह तमन इतन वष यग म ाजतन पाप कय ह उन सबक यह चरम सीमा ह यह चरम सीमा बत ही पीड़ा दन वाली ह ाजस तमह जीतना ह लाघना ह इस चरम सीमा स मा होन क बाद तम कया करोग ldquo ाशश कहता ह ldquo भगवन आप जो कहग ldquo भगवन पछत ह कया तम अपना जीवन मरा धयान करत ए मर ालए समपर कर दोग ldquoाशश कहता हrdquo हा म समपर कर दगा आपक ालए ldquo भगवन भी जानत ह ाशश को नौ महीन गभर म रहना ही पड़गा तभी पर शरीर का ावकास होकर जब वह बाहर आएगा तो मरी सवा करगा उ नौ महीन तदनसार भगवन ाशश का वातारलाप नौ महीन चलता रहता ह ताक ाशश अपन चार ओर स मल क गध का धयान न द र जब वह बाहर ानकलता ह भगवान को धनयवाद करता ह और कहता ह ldquo म तमहारा बत ही आभारी भ अपन मझ मा दलाई अभी मझम वह ताकत नह क म तमहारा धयान करन क ासवा और कछ क मर माता ndashापता मझ सच कर जब अपन पर पर चलन क ताकत द दग तभी म तमहार ालए कछ कर पाऊगा ldquo भगवान कहत ह ldquo अर मखर त नह जानता यह जगत एक मायाजाल ह मझ पर ावास ह त मझ भल जायगा और र स कालच म पड़ जायगा ाशश कहता ह ldquo नह भगवान ऐसा नह ह भगवान मरा ावास करो म ातजा करता मरा जीवन आपक ालए ही समपर ह ldquo भगवान कहत ह ldquoदख लगा इस जगत क मायाजाल म त मरी कया का सवा करगा ldquo यह ाशश और भ का वाारलाप सनकर दवष नारद भगवान क पास पच पछन लग ldquo भ आप कस मायाजाल क बात कर रह ह ldquo भ बोल ldquo नारद म समसत जीव- रााशय का सवामी उनका कलया चाहता उनको सख भी और दख भी दता वह इसालए क मायाजाल क मोह एव अहकार म पड़कर खद को सपर मानन वाल ाी को दड न द तो र मरा समर कस करगा ldquo नारद बोल ldquo भ आपक वचन का मतलब कस

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दशा म जाता ह यह तो मझ नह पता एक तर कहत ह समसत जीवरााशय का कलया चाहता दसरी ओर कहत ह दड दता तीसरी ओर मायाजाल अर नाराय आप जब समसत जगत क सवामी ह सब आपक अधीन ही ह तो र मायाजाल शबद आपन जो योग कया ह वह आपक अधीन स बाहर कस हो गयाrdquo ानयष काजए जीवरााशया उसक चपट म नह आएगी र सब आपका गगान ही करग और सबको मोक क ाा होगी ldquo भगवान कहत ह ldquo ह दवष मर ालए समसत जीवराशी को परीका स गजरना पड़ता ह मानव जीवन ही उनम अातम परीका ह बस उसको लाघ ल म पनरजनम स मा दला दldquo नारद जी भगवान स तकर करन लग गय का दर बाद भगवान न कहा rdquo दवष आपस बहस और नह कर सकता आपस बहस कर मरा गला सख गया ह जरा एक छोट कलश या कमडल म पानी लकर आइय ताक म अपनी पयास बझा सक नारद को झटका लगा और पाताप करन लग ldquo बमतलब मन अनतरयामी स बहस कर उनको कप दया व समपर जानानद क सामन मरी हासयत कया ह पता नह आज मरी मात मारी गयी और म बमतलब बहस करन लगा भ को पयास लगी ह और वो भी मरी वजह स जलदी स उनक पयास म बझा द पानी क खोज म सार लोक का म करत ए नारदजी पथवी लोक म पच गए पथवी लोक पचकर पानी क खोज म एक कए क पास पच तो दखा क एक अतयनत सदर नारी कए स पानी ानकाल रही ह नारद न सोचा वह सनदर ी पानी भरकर चली जाए तो र म ोड़ा सा पानी भर ल नारद उस दख रह ी भी नारद जी को दख रही ी नारदजी न पछा rdquo दवी कया तम यह आसपास रहती हो ी न जवाब दया rdquo हा ldquo नारदजी र पछ rdquo दवी कया तमहारा ाववाह हो चका ह rdquo ी बोली ldquoनह ldquo नारदजी का ावचालत मन ल नह समाया और पछ ही ालया ldquo दवी यद तम अाववााहत हो और यद तमह कोई परशानी न हो तो कया तम मझस ाववाह करोगी ी सादाय औरत ी बोली ldquo मर ापता क आजा क ाबना म आपस ाववाह नह कर सकती ldquo नारदजी बोल ldquo दवी सशील नारी क यही ग होत ह यद तमह आपा न हो तो म तमहार सा चलकर तमहार माता-ापता स बात कगा और तमस ाववाह कगा ldquo यवती राजी ई और ासर एव कध म पानी स भर घड़ को ढोत ए आग चलती रही और नारदजी पीछ चलन लग सपर रासत म उस सनदर ी क ानहारत ए मन म सपन क पल बाध रह उस सनदर ी क ापता क पास जाकर अपना परचय दत ए उनक बटी स ाववाह करन का सताव रखा साकात नारद मान को अपना दामाद सवप दख उसी मतर म मगनी हो गई और एक शभ मर म ाववाह भी हो गया ाववाह क कछ दन क पात उनक ब हो गय ब बड़ भी हो गय र तो व अपन गहस आम म इतन सत हो गय क उनक मह स नाराय मष ानकलना भी बद हो गया कई वष बाद एक शाम को जोर क आधी क सा तानी बारश ई इस माहौल न इतना ावकराल प धार कर ालया ा क वातावर लय म बदल गया चार तर पानी भर गया बत सार लोग पश आद पानी म बह गय कनत कात क ावकराल प क सामन ठहरन का साहस कस ा दखत ही दखत उनका गह भी बाढ़ क चपट म आकर टट गया और पानी म बह गाया पी और ब डर स

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रोदन करन लग दखत-दखत कान पष क अलावा पी और बाक ब भी पानी म बह गए र तो नारदजी स सोचा इस कान को म कध पर ालए चलता ताक वह तो बढ़ाप म मरा सहारा बनगा कनत लय क तीता इतनी तज ी क नारदजी क नाक क ऊपर स पानी बहन लगा र तो व खद भी भल गय क बट को बचाना ह सोचन लग म कसी तरह जीावत बच जाऊ उसी सोच न उनक कान पष को भी नह बखशा कसी तरह कछ समय उपरानत लय शानत आ पानी घट गया चार तरक मनषयपश - पकी आद क लाश टट ए रासत और घर क बीच पड़ी ई ी नारद मान को बहद दख आ और ठठोर कर रोन लग गय रोत-रोत व खद क बार म सोचन लग क भगवान न उनक सा ऐसा अनयाय कय कया काश व भी मर जात तो अचछा होता तभी उस राह स ास महष गजरत ए नारदमान स परामशर करन लग नारदजी कहन लग ldquo पता नह मन कौन सा पाप कया ह क मर पर परवार का सवरनाश हो गया ह मझ कय मतय नह आई इस पर ासजी न कहा शायद तमहारा समय नह आया ह इसालय तम बच गय हो हालाक ास जानत क नारद मायाजाल म सा आ ह ldquo र इसका ानरय कौन करता ह ldquo नारद न ासजी स पछा ासजी न उर दया ldquoयह तो मतयलोक क अाधपात यमराज ही इसका उर दगrdquo र व दोन ामलकर यमराज क पास गय यमराज न आन का कार पछा तो ासजी न नारद मान क सारी दख भरी गाा सनाई और पछा क ldquoमतय न इनका आलगन कय नह कयाldquo यमराज बोल rdquoम कोई नह मरा यमदत ही इसका उर द सकता ह कयक म यमदत क ारा कसी आतमा को लान क बाद ही उसक पाप-पणय का ाहसाब दख ानधाररत सजा का ऐलान करता यद यमदत आपको लकर मर पास नह आया तो इसम मरा कया दोष ह यमदत स पछ लldquo र ासजी न उनक यमदत स वही सवाल करन पर यमदत न कहा ldquo महामान म कस कसी क शरीर स आतमा को छीनकर ल आऊ म तो यमलोक का सवक माष ाचषग जब तक आजा नह दत तब तक म कोई कायरवाही नह कर सकता आप इस का उर ाचषगजी स पछ ल ldquo र ासजी न ाचषग स वही सवाल करन पर ाचषग न कहाrdquo महामान म तो यमदत को तभी आजा दता जब उस ाी का सारा लखा - जोखा समा हो जाता ह अभी माननीय नारद जी क मतय का समय आया नह ह अभी उनका कछ कया नह जा सकता ldquo ासजी न नारद स कहाrdquo दखो नारद अभी तमहारा समय आया नह ह तभी तम जीावत हो चलो चलत ह अब ापछली घटना को भल कर आग क सोचो ldquo बस इतना ही कहना ा क ाचषग न र ासजी को बलाकर कहा rdquo ह ऋाषवर इनक कणडली म यह ालखा ह क मतय तभी इनको गल लगा सकती ह जब य एक सा आपको मझ यमराज और उनका वाहन भस का एक सा दशरन करग चक इनक ारा यह कायर पर हो चका ह अत इनका जीवन पर हो गया ह ldquo बस इतना ही ा क नारद जी को आवाज आन लगी अर दवष दवष मझ कब स पयास लगी ई ी मरा गला सख गया ह कनत आपन मझ अब

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तक पानी नह दया कहा ह पानी ldquo य साकात नाराय क आवाज सन नारदजी को होश आया और भगवान क चर म पड़कर ागड़ागड़ान लग यह कहत ए क rdquo ह नाराय आपन मझ अचछा सबक ासखाया ह मन आपस बहस कया कर लीआपन मझ मायाजाल का साकातकार करवा दया कमा काजए म आपको पानी नह ापला सका मरी वजह स आपका गला खब सख गया होगा ldquo यह कहत ए उनक अधारा स नाराय क पाव धल गय और भगवान न कहाrdquo दवष आप चातत ना ह आपन अधारा स मर चर धोकर ानसवार सवा कर दी मरी पयास बझ गयी ह अब आप म ह ldquo र नारदजी खशी स नाराय-नाराय कहत ए ानकल गय

घाट का पतर

(बषव बहरा अाधकारी सवकक)

माता-ापता और जनम भाम को छोड़ कर हम सब बन गए ह घाट का पतर धनय ह वह महापष ाजसन हम साापत कया म उस महापष क ावषय म व रन नह कर सकता शायद म अात पाप क कार पतर बन गया लोकन म आशा करता क भावषय म मरा भागय बदल जाएगा चक म लोग क मन स सवा करता इसका ल हमको भगवान अवशय दग लोग का सवा करत ndashकरत मरा आकार भी बदल गया परनत सवा करत ndashकरत मरा नाम रोशन हो रहा ह बालक हम सता का अनभव हो रहा ह मर कमर क चलत मरा भागय बदल रहा ह म हमशा जलम रहता और पीठ पर ातदन मार झलत रहता शायद ही ऐसा पीड़ा इस ससार म कसी को ामलती होगी मरा सानानतर भी नह ह म कई महापष को दखता आया कतन महाराय न ा तयाग दय लकन तबस म यहा अकला पड़ा म हर मौसम क मार झल रहा ब-बढ़ क सवा करत-करत मन कछ पणय कमा ालए ह और आशा करता क मझ को भावषय म मानव जनम ामल सकता ह मानव जनम ामलन स म आपका भजन-करन कगा

ऐस दखतndashदखत कई यग क बाद हमको मानव जनम ा आ मानव जनम म अगर इस धराष म दखा क यहा ऊच-नीच जात-पात नीात-ानयम ावदन पाचार अनयाय ndashअतयाचार चमर-अचमर का ताडव नतय चल रहा ह दखकर मर मन म परवतरन आ गया क भ मझको मरा ापछला जनम वापस द दीाजए

पतर जनम म रह कर मरा कोई-कोई साी अचछ कमर क चलत मदर म सान ा कर ालया ह कोई-कोई तो ठाकर बन गय लोग-ातदन उनक पजा करत ह

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हम लोग म स कोई-कोई सामाजक कायर म सहयोग दान करत ह कोई गह-ानमार म सहयोग द रह ह तो कोई मदर-ानमार म सहयोग द रह ह कोई तो सीधा मत बन गय इसीालए उनक मन म घमणड आ गया अहलया न पतर होन क नात भगवान का दशरन पा ालया इसालए पतर जनम होन क चलत उनक मन म का अह भाव आ गया

हमार अनदर ावाभ प भी ह याः लोहा पतर चना पतर सगममरर काला पतर (नाइट सटोन) मलायम पतर (soft stone) इतयाद लोहा पतर जो दश क ानमार म काम आता ह चना पत जो ासमट ानमार क काम म आता ह सगममरर घर और मदर का शर (flooring) म काम आता ह काला पत घर का शर और आला बनान म काम आता ह मलायम पतर ाशलप कला क ावकास म योगदान दत ह पतर जनम होकर भी म का गवर महसस करता मरी भगवान स अानतम ावनती य ह क आप मझ अानतम समय म दशरन दन को कपा कर

न हमको पतर जनम चााहए न हमको मानव जनम चााहए हमको तो ास र इस भव सागर स पार होना चााहए

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जयादा लोभ न करना (पाडव कानटया सहायक सवकक)

मनषय भगवान क साप ह इसालए वह भगवान का अश ह जब तक वो मा क गभर म ा तक तक वह मोह-माया स वाचत ा एव हमशा भगवान क समीप ा लकन जब वो पथवी पर अवती र आ उसको मोह-माया न घर ालया पाच साल तक वो ईरीय सा म रहता ह इसालए कहा जाता ह क ldquoCHILD IS THE INCARNATION OF GODrdquo इसक बाद मोह-माया म आकषत हो कर ईरीय सा को भल जाता ह बचपन म वो बत आजा और मोह-माया राहत और चरषवान रहता ह जब समय बढ़ता जाता ह तब उसक समसत उम ग धवस होकर गलत मागर पर चला जाता ह

बचपन म ावा ाशका जवानी म ी दीका एव पारवारक ाचनता म म होकर वह समसत मौालक सा को खो दता ह सबा नप होकर सबा म आ जाता ह दव का नप होकर राकस वा जारवत होता ह एव परवारक जगल म सकर भगवान का नाम लना भल जाता ह अपना परवार का भर पोष क ालए कठन परम करता ह लकन उनका पट भरता नह ह ईर क सा को भल जाता ह और अनत म पशकतव को ा होता ह शरीर रोगसत हो जाता ह दाप शा की हो जाती ह चलन ndashरन म असमर रहता ह रात को नद नह आती ह र भी लोभ को छोड़ नह पाता ह अपन बीवी-ब ता परवार क बार म सदा सोचन लगता ह शरीर वावसा को ा होता ह परवार क कोई भी सदसय पछत नह ह

परवार क लोग उसको ढग स खाना भी नह दत ह उसको घर स दर रखत ह र भी यह अधम मनषय भगवान क बार म सोचता नह ह लोभ का अनत नह होता ह पाप का बोझ बढ़त जाता ह अनत म नरक को ा होता ह र भी मनषय भगवान को समझ नह पाता ह परवार क ालए इतना बड़ी ददरशा झलता ह उनको कोई भी नह पछता ह उसक ारा जमा क गई पजी को परवार वाल उनक सामन मौज करत ह

लोभ मनषय को अनधा बना दता ह आदमी क हतया करत ह लोभ क वशीभत होकर दसर क समपात को लटत ह ाजसस समाज म पाचार बढ़ता ह इसालए ह मानव तम कय लोभ करत हो लोभ नह करक भगवान का समर करो हर कतरन करो तप जप करो और सवगर क अाधकारी बनो उम कमर करक भगवान क शरागत हो जाओ भगवान तमहार समसत सख-दख का भार वाहन करग

सवरधमारनपरतयजय मामक शर ज अह तवा सवरपापभयो मोकायषयााम मा शच

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इसालए अचछा कमर करक पणय कमाना ह हमशा धमर क जय और पाप का कय होता ह धमर-कमर करक ावजय ा होगी लकन अधमर म जाकर नरक गामी नह होना

एकदा अनधा राजा धतरा सजय को पछा क ldquoह सजय इस धमर य म कसक जय होगी उर म सजय बोल क ldquoयष योगर कषो यष पा धनधरर तष ी ावजयो भात वा नीातमरातमरम ldquo अारत जहा योगर कष एव धनधाररी अजरन एक सा ह वहा ावजय ानात ह

इसालए दखा गया क हमशा धमर क जय और अधमर क पराजय होती ह धमर सवचछ ानमरल लकन अधमर कदाकार कात ह इसालए लोभ-लालच म वशीभत न होकर सत

कमर करो अनयाय का परतयाग करो लोभ मत करो जीवन म कप करक जो धन कमा ालया वो सब इस धरती म रह जाता ह अानतम क म सा कोई नह ल जाता इसालए अनधर म भटक नह जाना इसालए कहा गया ह क-अात लालच नह करना अात सवरष गहतम अारत अात सवरनाश का कार ह

अात दप हता लका

अात मानसय कौरवा अातदारन बाल वध अात सवरष गहतम

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टटा वक का अाभमान (चरदास नाराय गडम सवक सहायक)

वन म खड़ एक वक क सा ालपटी एक लता भी धीर-धीर वक क बराबर हो गई वक का आय

लकर उसन भी लना ndashलना आरभ कर दया बल को लत ndash लत दखकर वक को अहकार हो गया क म न होता तो लता अासततव हीन होती वह लता को धमकात ए बोला ओ बल चपचाप मरा कहना माना कर म जो कह रहा वह कया कर नह तो ध मार कर भगा दगा पड़ का लाप जारी ा क दो पाक वहा स ानकल एक बोला अर भाई जरा दखो तो यह वक कसा सदर ह इस पर कसी सदर लता पाषपत हो रही ह आओ इसक नीच ोड़ी दर ावाम कर अपना महतव लता क सा ह यह जानकर वक का अाभमान भी नप हो गया सा ndash सा रहन स ही सबक गात होती ह

बटी (डी राव बाब पटल ाचषक ड-II)

बटी घर क लाज होती ह पापा क सर का ताज होती ह दल क सदा स रही ह इचछा बटी तझको ह पाना आई हो मर जीवन म जस एक ननही कावता राह दखता म तरी जलदी स मर पास आना मा क गोद म सदा रहती हो कछ पल मर पास भी आना न चाहत ह अब धन दौलत क त ही लमी त ही मरी मत भी डर लगता ह सोचक जब एक दन छोड़ क जाएगी त कतना मझ लायगी त बटी होती ह बाबल क लाड़ली

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यह ाज़नदगी (सययद इदरीस पटल ाचषक ड ndashII)

बठ जाता ह ामी प अकसर कय क मझ अपनी औकात अचछी लगती ह

मन समनदर स सीखा ह जीन का सलीका चपचाप स बहना और अपनी मौज म रहना चाहता तो ह क य दानया बदल द पर दो व क रोटी क जगाड़ म सरत नह ामलती दोसत महगी स महगी घड़ी पहन कर दख ली व र भी मर ाहसाब स नह चलता य ही हम दल को सा रखा करत पता नह ा क कमत चहर क होती ह अगर खदा नह ह तो उसका ाज कय और अगर खदा ह तो र कय

lsquorsquoदो बात इसान को अपन स दर कर दती ह एक उसका ldquoअहम rdquo और दसरा उसका ldquo वहमrdquo पस स सख कभी खरीदा नह जाता और दख का कोई खरीदार नह होता मझ ाज़नदगी का इतना तजबार तो नह पर सना ह सादगी म लोग जीन नह दत मााचस क जरत यहा नह पड़ती यहा आदमी आदमी स जलता ह ाव क बड़ स बड़ वजाानक यह ढढ रह ह क मगल ह पर जीवन ह या नह पर आदमी यह नह ढढ रहा ह क जीवन म मगल ह या नह

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जीवन म न जान कौनसी बात ldquoआखरी rdquo होगी न जान कौन सी रात आखरी होगी ामलत जलत बात करत रहो यार एक दसर स न जान कौन सी ldquo मलाकात rdquo आखरी होगी अगर जदगी म कछ पाना ह तो तरीक बदलो इराद नह ऐ चाद त कस मज़हब का ह ईद भी तरी और करवाचौ भी तरा

उगालय क लड़ाई

(शख महबब पीरा पटल ाचषक)

एक दन हा क सभी उगालया आपस म लड़न लग अगठा बोला म सबस बड़ा सभी जगह जरी कागज पर मझस ही ानशान बनाया जाता ह तजरनी बोली-ldquoम बड़ी मर होन स ही सब लोग काम कर पात ह जस-ालखना खाना पकड़ना मधयमा बोली-ldquoअर भई कया तम नह जानत जो आकार म लबा होता ह उस ही सभी बड़ा कहत ह अनाामका सब बात चपचाप सन रही ी वह तरत बोली ndashldquo म सबस बड़ी म तो पजा करन क भी काम आती मर स ही रोलीातलक लगाया जाता ह कानाका सभी को लड़ता दखकर उदास ी वह चपचाप एक कोन म कछ सोच रही ी तभी अगठा व तीन उगालया उसक पास गई और बोली- ldquoअर छोटी तम तो बड़ी हो ही नह सकती कयक तमहारा नाम ही कानाका ह कानाका बोली ldquoसनो अगठ भाई और पयारी उगालय आपस म लड़कर कभी कसी का भला नह हो सकता हमम कोई भी बड़ा-छोटा नह ह हम सब ामलकर मी बन सकत ह तभी हम सब बलवान हग कया तमह नह मालम क बद मी म ही ताकत होती ह इसालए हमारा लड़ना बकार ह rdquo कानाका क बात सनकर सभी एक सा बोल- ldquoहा छोटी बहन तम ाबलकल सही कह रही हो सचमच अकल म तम ही हम सबस बड़ी हो rdquo

इस नीात का स एकता म बल क ाशका ा होती ह

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तलगाना- भारत का एक और नया राजय (शलबाला खडरी मानाचषकार)

तलगाना भारत क दाकी भाग म ासत भारत का 29 वा राजय ह कषल क दाप स यह दश का

बीसवा बड़ा राजय ह ाचीन हदराबाद रयासत का अाधकतम भाग तलगाना राजय म ालया गया ह जहा आजादी स पहल ानजाम का राजय ा सन 1947 म जब भारत अज क चगल स आजाद आ उसक बाद भी हदराबाद का ानजाम अपनी रयासत सय भारत म ावलीन करन क पक म नह ा वह अपनी रयासत पर अपना ही सवतष शासन चाहता ा अतत सरदार बललभ भाई पटल क अक यास स इस रयासत को भारत क मखय धारा म ावलीन कया जा सका इस कार आन दश राजय क सापना ई और 26 जनवरी 1950 को ी एमक वललोड़ी आन दश राजय क म मखयमषी ानय ए 1956 म हदराबाद रयासत को आन दश राजय म ावलीन कर दया गया

2 जन 2014 म पनः तलगाना राजय अासततव म आया आन दश राजय क उर पामी 10 ाजल को ामलाकर तलगाना राजय क सापना क गयी ह राजधानी हदराबाद भी तलगाना राजय म ासत ह परनत 10 वष तक हदराबाद दोन राजय याान आन दश और तलगाना राजय क सय राजधानी रहगी दोन राजय क शासानक कायर हदराबाद स सचाालत हग तलगाना शबद का ादभारव ाषलगा दश शबद स आ ह ाजसका अर ह तीन लगो वाला दश तलगाना राजय क तीन दशा म कालरम ीशलम और ाकारामम ास ाशव मानदर ासत ह ाजनक अपार धामक महा ह वासतव म पक तलगाना राजय क ालए 1946 स 1951 क बीच ही ारमभ हो गया ा उस समय कमयानसट पाट न इस आनदोलन का नततव कया ा जो असल रहा भाषा क आधार पर तलगाना और आन राजय को पक करन क ालए अनक आनदोलन समय-समय पर होत रह ह इनम मखय आनदोलन 19691972 और 2009 क ह इन आनदोलन का यह भाव आ क 9 दसमबर 2009 म भारत सरकार न पक तलगाना राजय बनान क कायरवाही श कर दी य घोषा सनत ही तटीय आन व सीमान कष क लोग न सम आन दश क पक म आामक आनदोलन ारमभ कर दया और ऐसी ासात म भारत सरकार न यह कायर 23 दसमबर 2009 तक सागत कर दया इसक पात भी लगातार पक तलगाना और सम आन दश क ालए अलग-अलग आनदोलन चलत रह पक तलगाना क पक म कई आतम - हतयाए ई हड़ताल क गयी ाजसस जन साधार को बत असावधा का सामना करना पड़ा अतत पक तलगाना समरक क जीत ई और कास कायरकारी सामात न सवर सहमात स 30 जलाई 2013 को पक तलगाना राजय क ासारश करत ए ाबल तयार कर दया अनक सोपान पार करत ए यह ाबल रवरी 2014 को ससद म पारत कया गया रवरी 2014 दश पनगठरन एकट क तहत यह ाबल ससद म पास हो गया इसक पात इस नय राजय तलगाना ाबल को रापात ारा सहमात ा ई और माचर 2014 क गजट म इस कााशत कया गया इस कार नय तलगाना राजय क सापना ई

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ाशासकय प स तलगाना राजय क सापना 2 जन 2014 को ई क चन शखर राव क पाट ldquoतलगाना रा सामातrdquo न चनाव म दश म बमत हाासल कया और इस कार ी कचन शखर राव तलगाना राजय क म मखय मषी चन गए

म महगाई (डॉ नीलम कमार ाबड़ला अाभलखपाल)

म महगाई महग दशभ लोग क आमष पर भारत आई तज गात लान गात म भारत आई मझ गलत मत समझो गरीब बत ठीक बमत दकर तमन ाजनको बत उठाया म तो उनह क तीक भौातक वादी यग म योग ासखाती म भख पट न सोए कोई कडालनी जगाती म धयान प म च मारकर मन जय ऊपर चढ़त-चढ़त र तक आ जाता ह भाव वसत क वस ही र तक ल आई

अब इस यग म एक तल क पीप को पा लन का अर को पा लना ह भ दशरन क झलक दखना एक टमाटर खा लना ह भारत का आदशर तयाग ह अनासा ह अपरह ह मझको पाकर लोग वसतए तयाग रह ह अपनी खद क कार छोड़ बस क पीछ भाग रह ह म लोग को तड़क भड़क स खच

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सादगी ासखाती टरीलीन क शौकन को ला पहनाती माया जीवन का बधन ह पया पसा मल हा का म वतन भोगी लोग क बधन दो दन म हर लती शी छड़ाकर मल हा का शीश सा ानमरल कर दती

नीात ालखन वाल न कम खाना या गम खाना अचछा बतलाया मन उनका कन ानभाया ाजतनी चीज महगी हगी उतना ही जन कम खाएग ाजस दन रोटी नह ामलगी उस दन खद ही कम खाएग

शकल पक क चाद सरीखी बढ़ती म खब चादनी लाऊगी अभी दज तक ही आई परमासी तक जाऊगी

करो कलपना जब भारत जन कतन सदर दखा करग ग चावल चना बाजरा जब पाड़य म ाबका करग बीमार को दध दहीघी क इजकशन लगा करग कसा मधर जागर होगा लोग भख स जगा करग

आतक हमला

(डॉ नीलम कमार ाबड़ला अाभलखपाल) 13 दसबर 2001 ससद प पाक आतक हमला 13 रवरी 2014 ससद म भारतीय आतक हमला

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शमरसार ई ससद पच ाड़ गए नयी तहजीब क झड गाड़ गए

उड़ाया गया काली ामचर का पाउडर सपीकर का नह सना आडरर आख जलन लग सास लन लगी ससद पर नगी तलवार झलन लगी

घायल आ जातष और सावधान मदर क पजारय न कया मदर का अपमान ऐस आतकय को सबक ासखाना होगा र नया इातहास बनाना होगा

बाल-म (वाइकराकश कमार खलासी)

बालपन क कलकारी धप क ताप स आ मक पोी छोड़ी कदाल खोदत हा क मार अचक कचड़ आधी म म करना आ मजबरी गरीबी क पराकाा पट और पीठ क घटती दरी कछ धनहीनता और कछ माता-ापता क मखरता कनत सबस जयादा सवा समाज क सवदनहीनता ाजसन बालक को ामक बनन को बाधय कया लखनी को छीनकर कोमल हा म छडी पकड़ायी

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गाय-बकरी क सवा करता बालय-जीवन कप अपन भावषय को दर करता अजान और अबझ ावोपाजरन क कसको ह सरत ासात तो ऐसी ई दो दान अ क ालय बालपन चोर बनन को आतर आ

दोसती

(ाचा कडयया खलासी)

गलाब एक ल ह

एक घनट म मरझा जाता ह पर दोसती एक शा ह कभी भी जीावत रहती ह

बर ठडी होती ह जो पकड़ म नह आती ह

दोसती सोन जसी ह जो कभी कोई नह खरीद सकत ह

तार क पाच अनत (END) ह चौकोन क चार अनत ह तीकोन क तीन अनत ह

एक रखा का एक अनत ह पर दोसती का कोई अनत नह ह

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मर जीवन का उशय (कमारी ाया सातव कका सपषी एम सबीता उाल)

कग नयज भारत का खतरा पाकसतान न कशमीर पर हमला कया ह कछ दन बाद helliphellip कग नयज पाकसतान क ाखला भारत क रका करत ए वीर सानक

का भारी नकसान इन खबर न भारत को ाहला दया ा म भी सोच म पड़ गयी क म भारत क ालए कया कर सकता भारत को इन हमल स कस बचा सकता मर मन म ास र एक ही खयाल आया क भारतीय सना का एक जवान ासपाही बन

जव मन यह बात अपन दोसत स कही तो उसन कहा क ासपाही बनना खतर स खाली नह ह और परवार स दर सरहद पर खतर स भर जीवन मर ालए कपद होगा लकन मन ठान ालया ा क म कछ ऐसा कगी क पर दश म मरा नाम हो ाजस दखकर मर अपन का ासर गवर स ऊचा हो जाए

मर ानय को सनकर मरी मा रोन लगी मझ लोभन दया क म ापार क मर दोसत न मझ डाकटर बनन का सझाव दया पर मन सोचा क भारत म कई डाकटर ह ापारी ह भारत को डाकटर या ापारी क नह बालक सानक क जरत ह

म भारत क ालए अपनी जान भी दन क ालए तयार मन सोचा सब अपन परवार को सराकत

रखना चाहत ह र भारत - भाम तो मरी मा ह मरी ही कय हर एक क मा ह तो हम सब का कतर बनता ह क हम इसक रका कर इसीालए मर जीवन का उशय ह क म एक ासपाही बन और भारत क सवा क

मखर ामष स समझदार शष अचछा होता ह (मासटर सनीत चौी कका सपष एम सबीता उाल)

एक दन म और मरा सबस अचछा ामष राव बठ यह सोच रह क हम परीका क ालए अभी स पढ़ाई श कर दनी चााहए या नह राव न तपाक स कहा क अभी स पढन स कोई लाभ नह होगा अगर हम परीका क एक दन पहल पढ़ग तो जयादा दमाग म रहगा तभी वहा स मरी कका का दसरा छाष रमश गजर रहा ा मझ रमश ाबलकल पसद नही ा और रमश भी मझ पसद नह करता ा बात-बात पर हम लड़ाई करत पर पढ़ाई म वह मझस बत अचछा ा उसन हमारी बात सन ली ी

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इसालए धीर सवर म मझस बोला अपन मखर ामष क बात मत सनो बस रोज मरी तरह ोड़ा-ोड़ा पढ़ो लकन मन उसक बात पर कान नह धरा एक महीन बाद परीका क दन आ पच परीका क एक दन पहल जब मन पढ़ना श कया तब पाया क पढ़न को बत ा पर समय कम ा जस -तस पढ़ कर मन परीकाए ालखी और उममीद करता रहा क म परीका म उी र हो सक कछ दन बाद परीका का पराम ानकला और वही आ ाजसका डर ा म और ामष राव अनी र हो गए दसरी ओर रमश बत अचछ अको स उी र आ उस दन मझ समझ आ गया क मखर ामष स समझदार शष अचछा होता ह

भावषय क पढ़ाई (मासटर ाशव कलया सातव कका सपष वालल कलयाी उाल)

आज जब हम पढ़ाई या सकल क बार म सोचत ह तो नजरो म एक भारी बग उठाता आ

छाष दखता ह कताब क ाबना हम सकल जान क सोच भी नह सकत कताब क सा कपयटर भी पढ़ाई का महतवपर ाहससा बन चका ह

कछ साल बाद भारी कताब स भर बग क बदल छाष क हा म टबलट होगा आकाश टबलट एक ऐसा यष ह ाजसम हम तरह-तरह क कताब पढ़ सकत ह हम कका म ही नट स जानकारी पा सकत ह टबलट ोन स बड़ा ह और जयादा महगा भी नह हम इस कह भी ल जाकर इसम कताब पढ़ सकत ह हम इसम कका का दया गया कायर भी कर सकत ह यह टबलट पढ़ाई का अदाज बदल दगा और पढ़ाई को मजदार बना दगा

पानी और धप (कमारी एस साानया पाचवी कका सपषी राजया बगम अाल)

अभी-अभी ी धप बरसन लगा कहा स यह पानी कसन ोड़ बादल को क ह इतनी शतानी

सरज न कय बद कर ालया अपन घर का दरवाज़ा उसक मा न भी कया उसको बला ालया कहकर आजा

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ज़ोर-ज़ोर स गरज़ रह ह बादल ह कसक काका कसको डाट रह ह कसन कहना नह सना मा का

परीका (कमारी शख राजया सलताना गयारहव कका सपषी शख महबब पीरा पटल ाचषक)

ाजस नाम को सनन स कापता ह बा वो ह परीका परीका पपर हा म आत ही इतना डर लगता क यद अचछा नह कया तो ापटना पा तीन घट म लगभग करन होत ह चालीस सवाल एक भी छटा तो घर म आता ह भवडर रजलट क एक दन पहल रात को नद नह आती ह अचछ नबर पान क ालए भगवान क याद आती ह पास होन पर ामलता ह इनाम और मख स ानकलता ह ldquoकय भगवान rdquo र आती ह अगली कका तब भी मख स ानकलता ह हाय र आ गयी र स परीका

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राीय साकरता (मासटर शख समीर छठी कका सपष शख महबब पीरा पटल ाचषक)

ातदन सीखो अकर एक

ानयम बना लो ऐसा पढ़ो पढ़ाओ सीखो जान

तभी बनगा दश महान ावा सा जान कराती

मन का अधरा दर भगाती जहा पर बनत लोग जानी

वहा न होती मन क हाान अनपढ़ क ालए गगी पोी

धन दौलत भी होती ोी पढ़ा ालखा नह धोखा खाता

जहा भी जाता आदर पाता

मा (मासटर शख महबब बाशा आठव कका सपष शख महबब पीरा पटल ाचषक)

सबस सनदर जग म कौन बस एक त ह मा

सबस पयारी कसक मसकान बस एक तरी ही ह मा

कसन बनायी मरी पहचान तन ही तो मरी पयारी मा

कसक बोली ामी स मीठी तरी ही ह मरी मा

कसक डाट ह इमली स तीखी तरी ही तो पयारी मा

कसक ालए क म सब कबारन तर ालए मरी पयारी मा

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ाततली (कमारी एम राशका ाशवानी पाचवी कका सपषी एम लम कमार उाल)

ाततली तम कतनी

रग-ाबरगी होती हो तम सब ल का रस पी-पीकर

बाग-बगीच म रती रहती हो तर पख कई रग क होत ह

तमहार प को दखकर ब बत खश होत ह

मरी कका

(कमारी एम राशका ाशवानी पाचवी कका सपषी एम लम कमार उाल)

मरी कका म ह पचास ब हर एक ह अलग-अलग जस एक ह लबा एक ह छोटा एक ह मोटा एक ह पतला कछ ह अचछ कछ ह बर पर लगत ह सार पयार मरी कका ह रग- ाबरगी लगती ह ाततालय का झड ह

मझ बत पसद ह कयक यह हमारी कका ह

Page 21: कलाकल - Home: Survey of · PDF fileतेलंगाना-भारत का एक ... भी यह पि का ‘कलाकल‘ सुनदर प म िनखर

14

समात शष

एसपी ईरयया खलासी

जनम ाता 01-07-59 ावभाग म भत होन क ाता 01-03-1997 स ानयामत भत सवगरवास 22-4-2014 परवार इनक परवार म पी क अलावा दो ब ह इनक आकासमक ानधन पर आ दश भ साानक आकड़ा कन क कमरचारय को गहरा आघात पचा और सभी न इनक परवार क ात सवदना क एव इनक आतमा क शाात क ालए ईर स ारना करत ए दो ामनट का मौन रखा सव ी एसपा ईरयया ाजनक आ दश भ साानक आकड़ा कन म कायररत रहत ए अल 2014 म अकाल मतय हो गयी ी उनक परवार क ततकाल मदद क ालए पर आ दश भ साानक आकड़ा कन क परवार न 25600- का ततकाल सहयोग दया

15

भडार का ाप

म स सामी भडार 1 वाटर कलर 01

2 एल ईडी मॉनीटर 15

3 कमपयटर टबल 30

4 कमपयटर कस 30

5 पलाासटक कस 236

6 एचपीाडजाइन जट टी- 1300 टर 01 आइ सी जड एम क अतगरत

7 कलर क समाटर एलए जीएस टी 42- सकनर

01 आइ सी जड एम क अतगरत

8 यपीएस क ालए 12 वोलट क बटरी 60

9 5 कपी का य पी एस 02 डी ए डबलय वी आइ सी जड एम क अतगरत

10 डलल कमपयटर 10

11 लाइका अकय लवल (डी एनए-03) 02 आइ सी जड एम क अतगरत

12 लाइका जीएनएसएस (जीपीएस दोहरी बारबारता)

02 आइ सी जड एम क अतगरत

13 3 डी ावजन कट 23 (18 आ भ सा आ क हत )

14 समसग एलसी डी मॉानटर 02

15 एचपी सकनजट 200 फलटटड- सकनर 01

16 डाट मकस टर 03

16

अनपयोजय भडार का अनपयोगी घोाषत

म स सामी मलय 1 साइबग उपकर 364574-

2 नचर आइटम 218844-

3 ोटोामीतीय उपकर 9125746-

4 कमपयटर और परधीय 4027273-

5 उपकर ( गौ सवक उपकर) 706943-

तदनसार अनपयोजय भडार क अनपयोगी हत नीलामी या क शआत हो चक ह

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वषर 2013-14 क ालए ानाध का आबटन य

शीषर सवीकत अनदान

(हजार म )

अातर ानाध क मागाा

(हजार म )

भाकमसव ारा काटी गई (हजार

म )

इस कायारलय

ारा अभयपर

अातम बजट अक (पय

म)

य (पय म)

31-3-2014 को शष रााश (पय म)

वतन 114400 0 1400 0 113000000 112999869 131 मजदरी 500 350 0 0 850000 845802 4198 ओ टी ए 0 0 0 0 0 0 0 ाचकतसीय 2840 0 0 750 2090000 2089187 813 डी टी ई 1240 0 0 0 1240000 1239231 769 ओ ई 1409 125 94 1440000 1397157 2843 आर आरटी

240 0 0 16 224000 223875 125

ओ ईए 2 2 0 0 4000 3750 250

एसampएम 310 0 0 310000 309712 288 पी सवा 280 0 0 129 151000 149810 1190 अनदान 0 0 0 20800 20775 25

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मनोरजन कलब का वाषकोतसव ndash 2013

आ दश भ साानक आकड़ा क ानदशालय क मनोरजन कलब का वाषकोतसव दनाक 10-01-2014 को ातः काल 1000 बज स सममलन कक म आयोाजत कया गया ाजसम मखय अाता भारत क महासवकक डॉ सव र सबबा राव उपासत ावशष अाता क प म ी एसबी शमार उप महासवकक भारतीय सवक एव मानाचष ससान उपासत ानदशक महोदय कनरल ीधर राव न सवागत भाष दया और मनोरजन कलब क साचव ी डीआरएस सन कमार न वाषक रपोटर सतत क सासकातक कायरम ारा सभी का मनोरजन कया गया मखय अाता न अपन भाष म कहा क इस ानदशालय न ी कनरल ीधर राव क नततव म बत अाधक एव सतोषजनक प स गात क ह और इस बात का भी उललख कया क व जब इस ानदशालय क ानदशक तब व य सब कायर करना चाहत परत इनह मतर प दन म कनरल ीधर राव ानदशक महोदय क महतवपर भामका रही ह ततपात एक ीात- भोज का आयोजन कया ाजसम करीब 230 लोग न भाग ालया ाजसक सभी न भर-भर शसा क

मनोरजन कलब ारा आयोाजत कए गए खल

करम

टबल टनीस

शटल

शतरज शॉट- पट धीमी साइकलग

पष सगलस माहला सगलस पष डबलस माहला डबलस

पष सगलस पष डबलस

पष सगलस माहला सगलस पष डबलस माहला डबलस

पष पष पष

19

वषर 2013 क दौरान कनीय मनोरजन कलब सपोटरस स ा इस ानदशालय क ाता एव सममान

करम

खल म परसकार ातीय परसकार ततीय परसकार

पष सगलस पी रवी कानत चनपाल शशी करन एव एलए बग

माहला सगलस शभा वी नायर पीक ातभा शलजा एव मीना

पष डबलस सययद इदरस एव सवातरयया कवी चारी एव ओ वीन कमार

---------

माहला डबलस शभा वी नायर एव अनसया पीक ातभा एव शलबाला खडरी

टबल टनीस पष सगलस पी सतीश क वीचारी ओ वीन कमार

एव अशाख अहमद पष डबलस कवीचारी एव

डी रगा राव कक गा एव पी सतीश ----------

शटल पष सगलस पी सतीश एम वी ावजय कमार कवी चारी एव पी

यादयया माहला डबलस शभा वी नायर एम सबीता मीना एव राज़या

बगम पष डबलस पी सतीश एव

एम वासदव स कमार एव ओ वीन कमार

-----------

माहला डबलस एम सबीता एव राजया बगम

शभा वी नायर एव बी एस वी वरलमी

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शतरज पष जगन एकर ------------

शॉट- पट पष बी नागरम चनपाल स कमार

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धीमी साइकलग पष डी स कमार सययद इदरस सययद मोजज़म

उ नयायलय म लाबत नयायालक मामल

लाबत मामल 04 आ दश उ नयायालय

कस क सखया 11 कनीय शासानक अाधकर हदराबाद

समा कस क सखया 06 लाबत कस क सखया 05

पनवलोकन मामल

ानालाखत अाधकारयकमरचारय क पनवलोकन मामल का ानपटारा कया जा चका ह

म स प lsquoबीrsquo राजपाषत प lsquoबीrsquo अराजपाषत प lsquoसीrsquo (पवरवत प

1 एस बाब अाधकारी सव ज डी एबनजर मानाचषकार ाडाव I नरश

2 पीक लहा मानाचषकार ाडाव I गदो राम

3 शख मीरावली मानाचषकार ाडाव I एम गररयया

4 जी सीतारामम सव सहायक पी काशम

5 वाई सबबयया सव सहायक सतयममा

6 पीएस सामबाब सव सहायक वी कषयया

7 बी ओबशयया सव सहायक

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एम ए सी पी क मामल

ानालाखत अाधकारयकमरचारय क एमए सी पी मामल का ानपटारा कया जा चका ह

म स प lsquoबीrsquo अराजपाषत प lsquoसीrsquo (पवरवत प lsquoडीrsquo)

1 वी सयर भा मानाचषकार ाडाव I एल योहन

2 पीकलहा मानाचषकार ाडाव I सीनाराया

3 शख मीरावली मानाचषकार ाडाव I जजॉन

4 एम भवनरी मानाचषकार ाडाव I एस रामयया

5 बीएसवी वरलमी मानाचषकार ड़ II बी पललया

6 - पी काशम

7 - शख काासम पीरा

8 - एम लमी नाराया

9 - एम वकटरल

10 - जी जया

आ दश भ साानक आकड़ा कन क अाधकारय कमरचारय क ब ाजनहन शकाक ानपता दखाई ह

1 कमारी अनवषा कर सपषी डॉ पीक कर सी जी पी ए 9810 दसव कका क ीय ावालय हदराबाद

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तलग म ावव ी नकश ( ओएस एम) क तयारी (बीएचराव अधी सव जीव अाध सव एमराकश अाध सव एसपटा री मानाचषकार)

सतावना पवर म ावाभ नकश तलग म कााशत आ करत जस आ दश राजय नकशा (1999) भारत क राजनीातक नकश आद ऐस नकश अकराक ासटक-अप (lettering stickups) साहत साइबग क परमपरागत तकनीक का उपयोग कर कााशत होत तााप कोई भी सलाकातक नकश तलग म कााशत नह ए ह परत हाल ही म ावजान एव ौोागक ावभाग न ावव ी टोपो नकश ( ओएसएम) को कषीय भाषा म उपलबध करवान क ालए एक नीात को जारी कया ह ाजसक पराम सवप आ दश भ साानक आकड़ा क न राजय क राजधानी हदराबाद को दशारत ए एक शीट को योग क आधार पर अकय माधयम स तलग म करन का काम ालया ह

ॉनट क खोज म माइोसटशन साफटवर क अनक ल डीजीएन ामट म मल डाटा बस पहल स ही उपलबध ह मल-

पाठ को बठान क ालए माइोसटशन क अनक ल एक सावधाजनक तलग ॉनट क आवशयकता ह अनक ॉनट क जाच क गई परत कछ भी माइोसटशन क अनक ल नह पाया गया कयक तलग ालाप म बत सारी माषाए अगल स लगवाए जान क कार ldquoमाषाrdquo को लगाना एक कठन कायर सााबत आ तााप वब म बत छान-बीन करन क बाद ldquoटी टी एल हमलताrdquo ॉनट को खोजा गया और माइोसटशन परवश म मल पाठ को रखन म उपयोगी पाया गया

अनवाद

ावाभ व रनातमक अाभउाया ाचनह पाद- टपपाया आद का अजी स तलग म अनवाद हत सभी ापय साधन जस क इटरनट नट पर अनवाद शबदावली आद का आय ालया गया

माइोसटशन परवश म मल पाठ को बठान क ालए कायरावाध

ॉनट याान ldquoटी टी एल हमलताrdquo वााछत सान पर लोड कया गया तलग ालाप म बत सारी माषा क अतःसाापत होन क कार एक ावाशप शबद या अकर क ालए सही माषा क चयन हत अाधक सावधानी बरतना का सानात कया गया वााछत मल ndash पाठ को मइोसाफट वडर म टकत कया गया माइोसटशन वशरन 8 ाइल म अनोटशन टकसट एडीटर क माधयम स कापी और पसट कया गया उ

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शीट क 22 टोपो स अनवादत अनोटशन को या सतयाापत कया गया अनोटशन को कनार म और उपरो शीट क नाम ाइल म रखा गया मामल ाजनको सलझाना ह -

1 ॉनट क आकार का मानककर 2 तलग ालाप म ावाभ व रनातमक अाभउया क सावधाजनक शबद का चयन 3 मल- पाठ को सगठत करना एक जटल कायर ह और समय लन वाली कायरावाध ह और पयार

माषा म षीय भाषा याान तलग क जान क जरत ह 4 जयादा सखया म सपादन मल-पाठ क सगठन क आवशयकता ह 5 तलगाना राजयतलग ावावालय क उ राजभाषा ावभाग स अनवादत ालाप को माीकर

करन क आवशयकता होगी समाा

सानीय ालाप (तलग) म ओ एस एम माक नकश क तयारी स अाधक सखया म लोग को सलाकातक नकश को आसानी स योग करन म सावधा होगी सलाकातक नकश म भाषा-ावषयक सबधी साचकारी पदार को जोड़न स ानयही भारतीय सवक ावभाग क उतपाद क चार को बढ़ावा ामलगा और बाजार म अपनी अहामयत बढ़ाएगा

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चनौती क ालए तयारी (रघना ाषपाठी अधीकक सवकक)

कसी भी ावभाग म नई चनौातय को सामना करन क ालए कमता ानमार क आवशयकता ह यद

यह नह कया जाए तो सताावत योजनाए ावल हो जाती ह कमता ानमार स पहल उसक लय एव उशय को परभााषत कया जाना आवशयक ह कयक इसक कायारनवयन क सतर म योजना और ानषपादन म का अतर हो सकता ह कमता ानमार क अनय मानक क अतगरत अनवत सावधा क रखरखाव और सभाावत ावकास भी शाामल ह कमता ानमार क कसी भी यास म ातभा क खोज को ही पहल कदम क प म ालया जाना चााहए भारतीय सवक ावभाग म सही कमता ानमार क बाद ही 110000 क पमान का सवक करन और मानाचष ाा सभव हो पाएगा आधानक अाध ौोागक म कमय क ाशक पयार नह ह लकन यह दखना ह क जो माग और सवक और मानाचष क आपत क खला स सक ातत ह जनता क ालए उपयोागता बढ़ा रही ह श म हालाक बाधाए आना बाधय ह हम यह कायर श करना और पराम क तीका करनी ह इस यास म खल अाधकार कष क ावशषज को ानयामत प स परामशर कया जाना चााहए सवक और नकश क उपयोगकतार क माग और एक बड़ परय क दाप स दखन क ालए यह महतवपर ह

यहा तक क उपयोगकतार क ालए भी ाडाजटल डटा का उपयोग सीामत ह भारतीय सवक ावभाग उपयोगकतार को ानयामत आधार पर सहायता और मलय सवधरन क ालए सलाह दकर नकश क कातज उपयोग तक का ावसतार कर सकता ह उस बात पर धयान दत ए भारतीय सवक ावभाग क सवा हत जी आई एस वजाानक को शाामल करन क आवशयकता ह यह महगा मामला होन पर भी वरीयता स भरी हम भावषय क चनौातय को परा करन क ालए तयार रहना चााहए कयक नकश क उपयोग स ावकास को तो होना ही ह

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नमक का महतव (कष कमार अाधकारी सवकक)

एक राजा क तीन बटया ी तीन बत ही सनदर सशील और ावशष ग वाली एक दन राजा न तीन राजकमारय को अलग-अलग स एक ही सवाल पछा ldquo बटी तम मझ कतना चाहती हो ldquo बड़ी राजकमारी न जवाब दया rdquo ापताजी म आपको सोन जस चाहती अारत सोन क आभष स मझ ाजतना पयार ह उतना ही पयार आप स ह ापताजी ldquo राजा बत सतप आ और दसरी राजकमारी स पछाrdquoबटी दीदी न तो जवाब द दया अब तम बताओ तम मझस कतना ह रखती हो दसरी राजकमारी बोली ldquo ापताजी म आपको हीर जसा चाहती अारत हीर क गहन स मझ ाजतना पयार ह उतनी ही पयार आप स ह ापताजी ldquo राजा तो ल न समाया सोचन लगा rdquo म बमतलब का सकोच कर रहा ा मरी बटया तो लगता ह मर बगर जी नह पाएगी ldquo अब तीसर स कया पछ र भी पछ लता र तीसरी बटी स पछाrdquo बटी तम मझ कतना चाहती हो तीसरी राजकमारी न जवाब दयाrdquo ापताजी म आपको नमक ाजतना चाहती जवाब सनत ही राजा आग-बबला हो उठा और बरी-भली सनाकर उसक कक स ानकल गया छोटी राजकमारी न कछ नह कहा बालक राजा क डाट सनकर चपचाप रह गयी रात ई राजा को सार महल क कायर ानपटान क बाद भख लगी खान क ालए उस हीर स ससात सोन क सहासन पर छोटी राजकमारी न बठाया र सोन क ाली म नाना कार क जन स य खाना परोसा और राजा को खाना श करन को कहा राजा न मह म खाना रखा तो महसस कया खाना का ह र हर जन को चखा तो पाया सब क ह र तो आग-बबला होकर अपनी रानी पर ाचललाया ldquo इस तरह क भल कस हो गयी हम कया समझ रखा ह जन दखाकर ललचाना और र खान नह दना यह बोलत ए रानी पर सोन क ाली ाजस पर जन परोस ए कन क ालए हा उठाया उठ ए हा को तीसरी राजकमारी न पकड़ ालया और पछा ldquoापताजीखाना तो बढ़या ह र कमी कया हrdquo राजा बोल ldquoनमक क ाबनाकोई खाना खाया जा सकता हrdquo राजकमारी बोली ldquoापताजीआपको तो नमक स नरत ह ना इसालए मन जन बनवात ए नमक नह डलवाया rdquo र तो राजा समझ गया क छोटी बटी न उनह सबक ासखान क ालए यह भोजन तयार करवाया ह र बोला ldquoबटी म समझ गया नमक क ाबना खाना जस सवादप नह उसी तरह तमहार पयार ाबना मरा वचरसव नह ldquo और राजकमारी को गल लगा ालया

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मायाजाल (एनबी सवामी अाधकारी सवकक)

इस जगत म कल 84 लाख जीव राशया ह और उनम मानव जनम सबस उम ह उम इसालए ह क भगवान न मानव का आधार इसालए दया ह ताक इस जनम अचछ कमर कर वह मोक क ाा कर सक मोक याान पनरजनम नह यद कमर बर ए तो र 84 लाख जीवरााशय म पदा होन क ालए वह आतमा कालच म दोबारा स जाती ह इस सपर कालच क याषा करत ए जब आतमा मानव क योान म वश करती ह तब वह भगवान स यही ारना करता रहता ह क ह भगवान मझ इस कद (याान मा का गभर) स जलदी मा दला द कयक म तमहारा धयान सही ढग स नह कर पा रहा कयक इस कद म अनक तरल पदा क सा-सा मल-मष म भी टहल रहा यह कसा नरक ह जहा आपन मझ सा रखा ह तब भगवान भी बोलत ह क ldquoत अभी बालक ाशश का प धार करन वाला ह तमन इतन वष यग म ाजतन पाप कय ह उन सबक यह चरम सीमा ह यह चरम सीमा बत ही पीड़ा दन वाली ह ाजस तमह जीतना ह लाघना ह इस चरम सीमा स मा होन क बाद तम कया करोग ldquo ाशश कहता ह ldquo भगवन आप जो कहग ldquo भगवन पछत ह कया तम अपना जीवन मरा धयान करत ए मर ालए समपर कर दोग ldquoाशश कहता हrdquo हा म समपर कर दगा आपक ालए ldquo भगवन भी जानत ह ाशश को नौ महीन गभर म रहना ही पड़गा तभी पर शरीर का ावकास होकर जब वह बाहर आएगा तो मरी सवा करगा उ नौ महीन तदनसार भगवन ाशश का वातारलाप नौ महीन चलता रहता ह ताक ाशश अपन चार ओर स मल क गध का धयान न द र जब वह बाहर ानकलता ह भगवान को धनयवाद करता ह और कहता ह ldquo म तमहारा बत ही आभारी भ अपन मझ मा दलाई अभी मझम वह ताकत नह क म तमहारा धयान करन क ासवा और कछ क मर माता ndashापता मझ सच कर जब अपन पर पर चलन क ताकत द दग तभी म तमहार ालए कछ कर पाऊगा ldquo भगवान कहत ह ldquo अर मखर त नह जानता यह जगत एक मायाजाल ह मझ पर ावास ह त मझ भल जायगा और र स कालच म पड़ जायगा ाशश कहता ह ldquo नह भगवान ऐसा नह ह भगवान मरा ावास करो म ातजा करता मरा जीवन आपक ालए ही समपर ह ldquo भगवान कहत ह ldquoदख लगा इस जगत क मायाजाल म त मरी कया का सवा करगा ldquo यह ाशश और भ का वाारलाप सनकर दवष नारद भगवान क पास पच पछन लग ldquo भ आप कस मायाजाल क बात कर रह ह ldquo भ बोल ldquo नारद म समसत जीव- रााशय का सवामी उनका कलया चाहता उनको सख भी और दख भी दता वह इसालए क मायाजाल क मोह एव अहकार म पड़कर खद को सपर मानन वाल ाी को दड न द तो र मरा समर कस करगा ldquo नारद बोल ldquo भ आपक वचन का मतलब कस

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दशा म जाता ह यह तो मझ नह पता एक तर कहत ह समसत जीवरााशय का कलया चाहता दसरी ओर कहत ह दड दता तीसरी ओर मायाजाल अर नाराय आप जब समसत जगत क सवामी ह सब आपक अधीन ही ह तो र मायाजाल शबद आपन जो योग कया ह वह आपक अधीन स बाहर कस हो गयाrdquo ानयष काजए जीवरााशया उसक चपट म नह आएगी र सब आपका गगान ही करग और सबको मोक क ाा होगी ldquo भगवान कहत ह ldquo ह दवष मर ालए समसत जीवराशी को परीका स गजरना पड़ता ह मानव जीवन ही उनम अातम परीका ह बस उसको लाघ ल म पनरजनम स मा दला दldquo नारद जी भगवान स तकर करन लग गय का दर बाद भगवान न कहा rdquo दवष आपस बहस और नह कर सकता आपस बहस कर मरा गला सख गया ह जरा एक छोट कलश या कमडल म पानी लकर आइय ताक म अपनी पयास बझा सक नारद को झटका लगा और पाताप करन लग ldquo बमतलब मन अनतरयामी स बहस कर उनको कप दया व समपर जानानद क सामन मरी हासयत कया ह पता नह आज मरी मात मारी गयी और म बमतलब बहस करन लगा भ को पयास लगी ह और वो भी मरी वजह स जलदी स उनक पयास म बझा द पानी क खोज म सार लोक का म करत ए नारदजी पथवी लोक म पच गए पथवी लोक पचकर पानी क खोज म एक कए क पास पच तो दखा क एक अतयनत सदर नारी कए स पानी ानकाल रही ह नारद न सोचा वह सनदर ी पानी भरकर चली जाए तो र म ोड़ा सा पानी भर ल नारद उस दख रह ी भी नारद जी को दख रही ी नारदजी न पछा rdquo दवी कया तम यह आसपास रहती हो ी न जवाब दया rdquo हा ldquo नारदजी र पछ rdquo दवी कया तमहारा ाववाह हो चका ह rdquo ी बोली ldquoनह ldquo नारदजी का ावचालत मन ल नह समाया और पछ ही ालया ldquo दवी यद तम अाववााहत हो और यद तमह कोई परशानी न हो तो कया तम मझस ाववाह करोगी ी सादाय औरत ी बोली ldquo मर ापता क आजा क ाबना म आपस ाववाह नह कर सकती ldquo नारदजी बोल ldquo दवी सशील नारी क यही ग होत ह यद तमह आपा न हो तो म तमहार सा चलकर तमहार माता-ापता स बात कगा और तमस ाववाह कगा ldquo यवती राजी ई और ासर एव कध म पानी स भर घड़ को ढोत ए आग चलती रही और नारदजी पीछ चलन लग सपर रासत म उस सनदर ी क ानहारत ए मन म सपन क पल बाध रह उस सनदर ी क ापता क पास जाकर अपना परचय दत ए उनक बटी स ाववाह करन का सताव रखा साकात नारद मान को अपना दामाद सवप दख उसी मतर म मगनी हो गई और एक शभ मर म ाववाह भी हो गया ाववाह क कछ दन क पात उनक ब हो गय ब बड़ भी हो गय र तो व अपन गहस आम म इतन सत हो गय क उनक मह स नाराय मष ानकलना भी बद हो गया कई वष बाद एक शाम को जोर क आधी क सा तानी बारश ई इस माहौल न इतना ावकराल प धार कर ालया ा क वातावर लय म बदल गया चार तर पानी भर गया बत सार लोग पश आद पानी म बह गय कनत कात क ावकराल प क सामन ठहरन का साहस कस ा दखत ही दखत उनका गह भी बाढ़ क चपट म आकर टट गया और पानी म बह गाया पी और ब डर स

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रोदन करन लग दखत-दखत कान पष क अलावा पी और बाक ब भी पानी म बह गए र तो नारदजी स सोचा इस कान को म कध पर ालए चलता ताक वह तो बढ़ाप म मरा सहारा बनगा कनत लय क तीता इतनी तज ी क नारदजी क नाक क ऊपर स पानी बहन लगा र तो व खद भी भल गय क बट को बचाना ह सोचन लग म कसी तरह जीावत बच जाऊ उसी सोच न उनक कान पष को भी नह बखशा कसी तरह कछ समय उपरानत लय शानत आ पानी घट गया चार तरक मनषयपश - पकी आद क लाश टट ए रासत और घर क बीच पड़ी ई ी नारद मान को बहद दख आ और ठठोर कर रोन लग गय रोत-रोत व खद क बार म सोचन लग क भगवान न उनक सा ऐसा अनयाय कय कया काश व भी मर जात तो अचछा होता तभी उस राह स ास महष गजरत ए नारदमान स परामशर करन लग नारदजी कहन लग ldquo पता नह मन कौन सा पाप कया ह क मर पर परवार का सवरनाश हो गया ह मझ कय मतय नह आई इस पर ासजी न कहा शायद तमहारा समय नह आया ह इसालय तम बच गय हो हालाक ास जानत क नारद मायाजाल म सा आ ह ldquo र इसका ानरय कौन करता ह ldquo नारद न ासजी स पछा ासजी न उर दया ldquoयह तो मतयलोक क अाधपात यमराज ही इसका उर दगrdquo र व दोन ामलकर यमराज क पास गय यमराज न आन का कार पछा तो ासजी न नारद मान क सारी दख भरी गाा सनाई और पछा क ldquoमतय न इनका आलगन कय नह कयाldquo यमराज बोल rdquoम कोई नह मरा यमदत ही इसका उर द सकता ह कयक म यमदत क ारा कसी आतमा को लान क बाद ही उसक पाप-पणय का ाहसाब दख ानधाररत सजा का ऐलान करता यद यमदत आपको लकर मर पास नह आया तो इसम मरा कया दोष ह यमदत स पछ लldquo र ासजी न उनक यमदत स वही सवाल करन पर यमदत न कहा ldquo महामान म कस कसी क शरीर स आतमा को छीनकर ल आऊ म तो यमलोक का सवक माष ाचषग जब तक आजा नह दत तब तक म कोई कायरवाही नह कर सकता आप इस का उर ाचषगजी स पछ ल ldquo र ासजी न ाचषग स वही सवाल करन पर ाचषग न कहाrdquo महामान म तो यमदत को तभी आजा दता जब उस ाी का सारा लखा - जोखा समा हो जाता ह अभी माननीय नारद जी क मतय का समय आया नह ह अभी उनका कछ कया नह जा सकता ldquo ासजी न नारद स कहाrdquo दखो नारद अभी तमहारा समय आया नह ह तभी तम जीावत हो चलो चलत ह अब ापछली घटना को भल कर आग क सोचो ldquo बस इतना ही कहना ा क ाचषग न र ासजी को बलाकर कहा rdquo ह ऋाषवर इनक कणडली म यह ालखा ह क मतय तभी इनको गल लगा सकती ह जब य एक सा आपको मझ यमराज और उनका वाहन भस का एक सा दशरन करग चक इनक ारा यह कायर पर हो चका ह अत इनका जीवन पर हो गया ह ldquo बस इतना ही ा क नारद जी को आवाज आन लगी अर दवष दवष मझ कब स पयास लगी ई ी मरा गला सख गया ह कनत आपन मझ अब

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तक पानी नह दया कहा ह पानी ldquo य साकात नाराय क आवाज सन नारदजी को होश आया और भगवान क चर म पड़कर ागड़ागड़ान लग यह कहत ए क rdquo ह नाराय आपन मझ अचछा सबक ासखाया ह मन आपस बहस कया कर लीआपन मझ मायाजाल का साकातकार करवा दया कमा काजए म आपको पानी नह ापला सका मरी वजह स आपका गला खब सख गया होगा ldquo यह कहत ए उनक अधारा स नाराय क पाव धल गय और भगवान न कहाrdquo दवष आप चातत ना ह आपन अधारा स मर चर धोकर ानसवार सवा कर दी मरी पयास बझ गयी ह अब आप म ह ldquo र नारदजी खशी स नाराय-नाराय कहत ए ानकल गय

घाट का पतर

(बषव बहरा अाधकारी सवकक)

माता-ापता और जनम भाम को छोड़ कर हम सब बन गए ह घाट का पतर धनय ह वह महापष ाजसन हम साापत कया म उस महापष क ावषय म व रन नह कर सकता शायद म अात पाप क कार पतर बन गया लोकन म आशा करता क भावषय म मरा भागय बदल जाएगा चक म लोग क मन स सवा करता इसका ल हमको भगवान अवशय दग लोग का सवा करत ndashकरत मरा आकार भी बदल गया परनत सवा करत ndashकरत मरा नाम रोशन हो रहा ह बालक हम सता का अनभव हो रहा ह मर कमर क चलत मरा भागय बदल रहा ह म हमशा जलम रहता और पीठ पर ातदन मार झलत रहता शायद ही ऐसा पीड़ा इस ससार म कसी को ामलती होगी मरा सानानतर भी नह ह म कई महापष को दखता आया कतन महाराय न ा तयाग दय लकन तबस म यहा अकला पड़ा म हर मौसम क मार झल रहा ब-बढ़ क सवा करत-करत मन कछ पणय कमा ालए ह और आशा करता क मझ को भावषय म मानव जनम ामल सकता ह मानव जनम ामलन स म आपका भजन-करन कगा

ऐस दखतndashदखत कई यग क बाद हमको मानव जनम ा आ मानव जनम म अगर इस धराष म दखा क यहा ऊच-नीच जात-पात नीात-ानयम ावदन पाचार अनयाय ndashअतयाचार चमर-अचमर का ताडव नतय चल रहा ह दखकर मर मन म परवतरन आ गया क भ मझको मरा ापछला जनम वापस द दीाजए

पतर जनम म रह कर मरा कोई-कोई साी अचछ कमर क चलत मदर म सान ा कर ालया ह कोई-कोई तो ठाकर बन गय लोग-ातदन उनक पजा करत ह

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हम लोग म स कोई-कोई सामाजक कायर म सहयोग दान करत ह कोई गह-ानमार म सहयोग द रह ह तो कोई मदर-ानमार म सहयोग द रह ह कोई तो सीधा मत बन गय इसीालए उनक मन म घमणड आ गया अहलया न पतर होन क नात भगवान का दशरन पा ालया इसालए पतर जनम होन क चलत उनक मन म का अह भाव आ गया

हमार अनदर ावाभ प भी ह याः लोहा पतर चना पतर सगममरर काला पतर (नाइट सटोन) मलायम पतर (soft stone) इतयाद लोहा पतर जो दश क ानमार म काम आता ह चना पत जो ासमट ानमार क काम म आता ह सगममरर घर और मदर का शर (flooring) म काम आता ह काला पत घर का शर और आला बनान म काम आता ह मलायम पतर ाशलप कला क ावकास म योगदान दत ह पतर जनम होकर भी म का गवर महसस करता मरी भगवान स अानतम ावनती य ह क आप मझ अानतम समय म दशरन दन को कपा कर

न हमको पतर जनम चााहए न हमको मानव जनम चााहए हमको तो ास र इस भव सागर स पार होना चााहए

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जयादा लोभ न करना (पाडव कानटया सहायक सवकक)

मनषय भगवान क साप ह इसालए वह भगवान का अश ह जब तक वो मा क गभर म ा तक तक वह मोह-माया स वाचत ा एव हमशा भगवान क समीप ा लकन जब वो पथवी पर अवती र आ उसको मोह-माया न घर ालया पाच साल तक वो ईरीय सा म रहता ह इसालए कहा जाता ह क ldquoCHILD IS THE INCARNATION OF GODrdquo इसक बाद मोह-माया म आकषत हो कर ईरीय सा को भल जाता ह बचपन म वो बत आजा और मोह-माया राहत और चरषवान रहता ह जब समय बढ़ता जाता ह तब उसक समसत उम ग धवस होकर गलत मागर पर चला जाता ह

बचपन म ावा ाशका जवानी म ी दीका एव पारवारक ाचनता म म होकर वह समसत मौालक सा को खो दता ह सबा नप होकर सबा म आ जाता ह दव का नप होकर राकस वा जारवत होता ह एव परवारक जगल म सकर भगवान का नाम लना भल जाता ह अपना परवार का भर पोष क ालए कठन परम करता ह लकन उनका पट भरता नह ह ईर क सा को भल जाता ह और अनत म पशकतव को ा होता ह शरीर रोगसत हो जाता ह दाप शा की हो जाती ह चलन ndashरन म असमर रहता ह रात को नद नह आती ह र भी लोभ को छोड़ नह पाता ह अपन बीवी-ब ता परवार क बार म सदा सोचन लगता ह शरीर वावसा को ा होता ह परवार क कोई भी सदसय पछत नह ह

परवार क लोग उसको ढग स खाना भी नह दत ह उसको घर स दर रखत ह र भी यह अधम मनषय भगवान क बार म सोचता नह ह लोभ का अनत नह होता ह पाप का बोझ बढ़त जाता ह अनत म नरक को ा होता ह र भी मनषय भगवान को समझ नह पाता ह परवार क ालए इतना बड़ी ददरशा झलता ह उनको कोई भी नह पछता ह उसक ारा जमा क गई पजी को परवार वाल उनक सामन मौज करत ह

लोभ मनषय को अनधा बना दता ह आदमी क हतया करत ह लोभ क वशीभत होकर दसर क समपात को लटत ह ाजसस समाज म पाचार बढ़ता ह इसालए ह मानव तम कय लोभ करत हो लोभ नह करक भगवान का समर करो हर कतरन करो तप जप करो और सवगर क अाधकारी बनो उम कमर करक भगवान क शरागत हो जाओ भगवान तमहार समसत सख-दख का भार वाहन करग

सवरधमारनपरतयजय मामक शर ज अह तवा सवरपापभयो मोकायषयााम मा शच

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इसालए अचछा कमर करक पणय कमाना ह हमशा धमर क जय और पाप का कय होता ह धमर-कमर करक ावजय ा होगी लकन अधमर म जाकर नरक गामी नह होना

एकदा अनधा राजा धतरा सजय को पछा क ldquoह सजय इस धमर य म कसक जय होगी उर म सजय बोल क ldquoयष योगर कषो यष पा धनधरर तष ी ावजयो भात वा नीातमरातमरम ldquo अारत जहा योगर कष एव धनधाररी अजरन एक सा ह वहा ावजय ानात ह

इसालए दखा गया क हमशा धमर क जय और अधमर क पराजय होती ह धमर सवचछ ानमरल लकन अधमर कदाकार कात ह इसालए लोभ-लालच म वशीभत न होकर सत

कमर करो अनयाय का परतयाग करो लोभ मत करो जीवन म कप करक जो धन कमा ालया वो सब इस धरती म रह जाता ह अानतम क म सा कोई नह ल जाता इसालए अनधर म भटक नह जाना इसालए कहा गया ह क-अात लालच नह करना अात सवरष गहतम अारत अात सवरनाश का कार ह

अात दप हता लका

अात मानसय कौरवा अातदारन बाल वध अात सवरष गहतम

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टटा वक का अाभमान (चरदास नाराय गडम सवक सहायक)

वन म खड़ एक वक क सा ालपटी एक लता भी धीर-धीर वक क बराबर हो गई वक का आय

लकर उसन भी लना ndashलना आरभ कर दया बल को लत ndash लत दखकर वक को अहकार हो गया क म न होता तो लता अासततव हीन होती वह लता को धमकात ए बोला ओ बल चपचाप मरा कहना माना कर म जो कह रहा वह कया कर नह तो ध मार कर भगा दगा पड़ का लाप जारी ा क दो पाक वहा स ानकल एक बोला अर भाई जरा दखो तो यह वक कसा सदर ह इस पर कसी सदर लता पाषपत हो रही ह आओ इसक नीच ोड़ी दर ावाम कर अपना महतव लता क सा ह यह जानकर वक का अाभमान भी नप हो गया सा ndash सा रहन स ही सबक गात होती ह

बटी (डी राव बाब पटल ाचषक ड-II)

बटी घर क लाज होती ह पापा क सर का ताज होती ह दल क सदा स रही ह इचछा बटी तझको ह पाना आई हो मर जीवन म जस एक ननही कावता राह दखता म तरी जलदी स मर पास आना मा क गोद म सदा रहती हो कछ पल मर पास भी आना न चाहत ह अब धन दौलत क त ही लमी त ही मरी मत भी डर लगता ह सोचक जब एक दन छोड़ क जाएगी त कतना मझ लायगी त बटी होती ह बाबल क लाड़ली

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यह ाज़नदगी (सययद इदरीस पटल ाचषक ड ndashII)

बठ जाता ह ामी प अकसर कय क मझ अपनी औकात अचछी लगती ह

मन समनदर स सीखा ह जीन का सलीका चपचाप स बहना और अपनी मौज म रहना चाहता तो ह क य दानया बदल द पर दो व क रोटी क जगाड़ म सरत नह ामलती दोसत महगी स महगी घड़ी पहन कर दख ली व र भी मर ाहसाब स नह चलता य ही हम दल को सा रखा करत पता नह ा क कमत चहर क होती ह अगर खदा नह ह तो उसका ाज कय और अगर खदा ह तो र कय

lsquorsquoदो बात इसान को अपन स दर कर दती ह एक उसका ldquoअहम rdquo और दसरा उसका ldquo वहमrdquo पस स सख कभी खरीदा नह जाता और दख का कोई खरीदार नह होता मझ ाज़नदगी का इतना तजबार तो नह पर सना ह सादगी म लोग जीन नह दत मााचस क जरत यहा नह पड़ती यहा आदमी आदमी स जलता ह ाव क बड़ स बड़ वजाानक यह ढढ रह ह क मगल ह पर जीवन ह या नह पर आदमी यह नह ढढ रहा ह क जीवन म मगल ह या नह

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जीवन म न जान कौनसी बात ldquoआखरी rdquo होगी न जान कौन सी रात आखरी होगी ामलत जलत बात करत रहो यार एक दसर स न जान कौन सी ldquo मलाकात rdquo आखरी होगी अगर जदगी म कछ पाना ह तो तरीक बदलो इराद नह ऐ चाद त कस मज़हब का ह ईद भी तरी और करवाचौ भी तरा

उगालय क लड़ाई

(शख महबब पीरा पटल ाचषक)

एक दन हा क सभी उगालया आपस म लड़न लग अगठा बोला म सबस बड़ा सभी जगह जरी कागज पर मझस ही ानशान बनाया जाता ह तजरनी बोली-ldquoम बड़ी मर होन स ही सब लोग काम कर पात ह जस-ालखना खाना पकड़ना मधयमा बोली-ldquoअर भई कया तम नह जानत जो आकार म लबा होता ह उस ही सभी बड़ा कहत ह अनाामका सब बात चपचाप सन रही ी वह तरत बोली ndashldquo म सबस बड़ी म तो पजा करन क भी काम आती मर स ही रोलीातलक लगाया जाता ह कानाका सभी को लड़ता दखकर उदास ी वह चपचाप एक कोन म कछ सोच रही ी तभी अगठा व तीन उगालया उसक पास गई और बोली- ldquoअर छोटी तम तो बड़ी हो ही नह सकती कयक तमहारा नाम ही कानाका ह कानाका बोली ldquoसनो अगठ भाई और पयारी उगालय आपस म लड़कर कभी कसी का भला नह हो सकता हमम कोई भी बड़ा-छोटा नह ह हम सब ामलकर मी बन सकत ह तभी हम सब बलवान हग कया तमह नह मालम क बद मी म ही ताकत होती ह इसालए हमारा लड़ना बकार ह rdquo कानाका क बात सनकर सभी एक सा बोल- ldquoहा छोटी बहन तम ाबलकल सही कह रही हो सचमच अकल म तम ही हम सबस बड़ी हो rdquo

इस नीात का स एकता म बल क ाशका ा होती ह

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तलगाना- भारत का एक और नया राजय (शलबाला खडरी मानाचषकार)

तलगाना भारत क दाकी भाग म ासत भारत का 29 वा राजय ह कषल क दाप स यह दश का

बीसवा बड़ा राजय ह ाचीन हदराबाद रयासत का अाधकतम भाग तलगाना राजय म ालया गया ह जहा आजादी स पहल ानजाम का राजय ा सन 1947 म जब भारत अज क चगल स आजाद आ उसक बाद भी हदराबाद का ानजाम अपनी रयासत सय भारत म ावलीन करन क पक म नह ा वह अपनी रयासत पर अपना ही सवतष शासन चाहता ा अतत सरदार बललभ भाई पटल क अक यास स इस रयासत को भारत क मखय धारा म ावलीन कया जा सका इस कार आन दश राजय क सापना ई और 26 जनवरी 1950 को ी एमक वललोड़ी आन दश राजय क म मखयमषी ानय ए 1956 म हदराबाद रयासत को आन दश राजय म ावलीन कर दया गया

2 जन 2014 म पनः तलगाना राजय अासततव म आया आन दश राजय क उर पामी 10 ाजल को ामलाकर तलगाना राजय क सापना क गयी ह राजधानी हदराबाद भी तलगाना राजय म ासत ह परनत 10 वष तक हदराबाद दोन राजय याान आन दश और तलगाना राजय क सय राजधानी रहगी दोन राजय क शासानक कायर हदराबाद स सचाालत हग तलगाना शबद का ादभारव ाषलगा दश शबद स आ ह ाजसका अर ह तीन लगो वाला दश तलगाना राजय क तीन दशा म कालरम ीशलम और ाकारामम ास ाशव मानदर ासत ह ाजनक अपार धामक महा ह वासतव म पक तलगाना राजय क ालए 1946 स 1951 क बीच ही ारमभ हो गया ा उस समय कमयानसट पाट न इस आनदोलन का नततव कया ा जो असल रहा भाषा क आधार पर तलगाना और आन राजय को पक करन क ालए अनक आनदोलन समय-समय पर होत रह ह इनम मखय आनदोलन 19691972 और 2009 क ह इन आनदोलन का यह भाव आ क 9 दसमबर 2009 म भारत सरकार न पक तलगाना राजय बनान क कायरवाही श कर दी य घोषा सनत ही तटीय आन व सीमान कष क लोग न सम आन दश क पक म आामक आनदोलन ारमभ कर दया और ऐसी ासात म भारत सरकार न यह कायर 23 दसमबर 2009 तक सागत कर दया इसक पात भी लगातार पक तलगाना और सम आन दश क ालए अलग-अलग आनदोलन चलत रह पक तलगाना क पक म कई आतम - हतयाए ई हड़ताल क गयी ाजसस जन साधार को बत असावधा का सामना करना पड़ा अतत पक तलगाना समरक क जीत ई और कास कायरकारी सामात न सवर सहमात स 30 जलाई 2013 को पक तलगाना राजय क ासारश करत ए ाबल तयार कर दया अनक सोपान पार करत ए यह ाबल रवरी 2014 को ससद म पारत कया गया रवरी 2014 दश पनगठरन एकट क तहत यह ाबल ससद म पास हो गया इसक पात इस नय राजय तलगाना ाबल को रापात ारा सहमात ा ई और माचर 2014 क गजट म इस कााशत कया गया इस कार नय तलगाना राजय क सापना ई

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ाशासकय प स तलगाना राजय क सापना 2 जन 2014 को ई क चन शखर राव क पाट ldquoतलगाना रा सामातrdquo न चनाव म दश म बमत हाासल कया और इस कार ी कचन शखर राव तलगाना राजय क म मखय मषी चन गए

म महगाई (डॉ नीलम कमार ाबड़ला अाभलखपाल)

म महगाई महग दशभ लोग क आमष पर भारत आई तज गात लान गात म भारत आई मझ गलत मत समझो गरीब बत ठीक बमत दकर तमन ाजनको बत उठाया म तो उनह क तीक भौातक वादी यग म योग ासखाती म भख पट न सोए कोई कडालनी जगाती म धयान प म च मारकर मन जय ऊपर चढ़त-चढ़त र तक आ जाता ह भाव वसत क वस ही र तक ल आई

अब इस यग म एक तल क पीप को पा लन का अर को पा लना ह भ दशरन क झलक दखना एक टमाटर खा लना ह भारत का आदशर तयाग ह अनासा ह अपरह ह मझको पाकर लोग वसतए तयाग रह ह अपनी खद क कार छोड़ बस क पीछ भाग रह ह म लोग को तड़क भड़क स खच

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सादगी ासखाती टरीलीन क शौकन को ला पहनाती माया जीवन का बधन ह पया पसा मल हा का म वतन भोगी लोग क बधन दो दन म हर लती शी छड़ाकर मल हा का शीश सा ानमरल कर दती

नीात ालखन वाल न कम खाना या गम खाना अचछा बतलाया मन उनका कन ानभाया ाजतनी चीज महगी हगी उतना ही जन कम खाएग ाजस दन रोटी नह ामलगी उस दन खद ही कम खाएग

शकल पक क चाद सरीखी बढ़ती म खब चादनी लाऊगी अभी दज तक ही आई परमासी तक जाऊगी

करो कलपना जब भारत जन कतन सदर दखा करग ग चावल चना बाजरा जब पाड़य म ाबका करग बीमार को दध दहीघी क इजकशन लगा करग कसा मधर जागर होगा लोग भख स जगा करग

आतक हमला

(डॉ नीलम कमार ाबड़ला अाभलखपाल) 13 दसबर 2001 ससद प पाक आतक हमला 13 रवरी 2014 ससद म भारतीय आतक हमला

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शमरसार ई ससद पच ाड़ गए नयी तहजीब क झड गाड़ गए

उड़ाया गया काली ामचर का पाउडर सपीकर का नह सना आडरर आख जलन लग सास लन लगी ससद पर नगी तलवार झलन लगी

घायल आ जातष और सावधान मदर क पजारय न कया मदर का अपमान ऐस आतकय को सबक ासखाना होगा र नया इातहास बनाना होगा

बाल-म (वाइकराकश कमार खलासी)

बालपन क कलकारी धप क ताप स आ मक पोी छोड़ी कदाल खोदत हा क मार अचक कचड़ आधी म म करना आ मजबरी गरीबी क पराकाा पट और पीठ क घटती दरी कछ धनहीनता और कछ माता-ापता क मखरता कनत सबस जयादा सवा समाज क सवदनहीनता ाजसन बालक को ामक बनन को बाधय कया लखनी को छीनकर कोमल हा म छडी पकड़ायी

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गाय-बकरी क सवा करता बालय-जीवन कप अपन भावषय को दर करता अजान और अबझ ावोपाजरन क कसको ह सरत ासात तो ऐसी ई दो दान अ क ालय बालपन चोर बनन को आतर आ

दोसती

(ाचा कडयया खलासी)

गलाब एक ल ह

एक घनट म मरझा जाता ह पर दोसती एक शा ह कभी भी जीावत रहती ह

बर ठडी होती ह जो पकड़ म नह आती ह

दोसती सोन जसी ह जो कभी कोई नह खरीद सकत ह

तार क पाच अनत (END) ह चौकोन क चार अनत ह तीकोन क तीन अनत ह

एक रखा का एक अनत ह पर दोसती का कोई अनत नह ह

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मर जीवन का उशय (कमारी ाया सातव कका सपषी एम सबीता उाल)

कग नयज भारत का खतरा पाकसतान न कशमीर पर हमला कया ह कछ दन बाद helliphellip कग नयज पाकसतान क ाखला भारत क रका करत ए वीर सानक

का भारी नकसान इन खबर न भारत को ाहला दया ा म भी सोच म पड़ गयी क म भारत क ालए कया कर सकता भारत को इन हमल स कस बचा सकता मर मन म ास र एक ही खयाल आया क भारतीय सना का एक जवान ासपाही बन

जव मन यह बात अपन दोसत स कही तो उसन कहा क ासपाही बनना खतर स खाली नह ह और परवार स दर सरहद पर खतर स भर जीवन मर ालए कपद होगा लकन मन ठान ालया ा क म कछ ऐसा कगी क पर दश म मरा नाम हो ाजस दखकर मर अपन का ासर गवर स ऊचा हो जाए

मर ानय को सनकर मरी मा रोन लगी मझ लोभन दया क म ापार क मर दोसत न मझ डाकटर बनन का सझाव दया पर मन सोचा क भारत म कई डाकटर ह ापारी ह भारत को डाकटर या ापारी क नह बालक सानक क जरत ह

म भारत क ालए अपनी जान भी दन क ालए तयार मन सोचा सब अपन परवार को सराकत

रखना चाहत ह र भारत - भाम तो मरी मा ह मरी ही कय हर एक क मा ह तो हम सब का कतर बनता ह क हम इसक रका कर इसीालए मर जीवन का उशय ह क म एक ासपाही बन और भारत क सवा क

मखर ामष स समझदार शष अचछा होता ह (मासटर सनीत चौी कका सपष एम सबीता उाल)

एक दन म और मरा सबस अचछा ामष राव बठ यह सोच रह क हम परीका क ालए अभी स पढ़ाई श कर दनी चााहए या नह राव न तपाक स कहा क अभी स पढन स कोई लाभ नह होगा अगर हम परीका क एक दन पहल पढ़ग तो जयादा दमाग म रहगा तभी वहा स मरी कका का दसरा छाष रमश गजर रहा ा मझ रमश ाबलकल पसद नही ा और रमश भी मझ पसद नह करता ा बात-बात पर हम लड़ाई करत पर पढ़ाई म वह मझस बत अचछा ा उसन हमारी बात सन ली ी

42

इसालए धीर सवर म मझस बोला अपन मखर ामष क बात मत सनो बस रोज मरी तरह ोड़ा-ोड़ा पढ़ो लकन मन उसक बात पर कान नह धरा एक महीन बाद परीका क दन आ पच परीका क एक दन पहल जब मन पढ़ना श कया तब पाया क पढ़न को बत ा पर समय कम ा जस -तस पढ़ कर मन परीकाए ालखी और उममीद करता रहा क म परीका म उी र हो सक कछ दन बाद परीका का पराम ानकला और वही आ ाजसका डर ा म और ामष राव अनी र हो गए दसरी ओर रमश बत अचछ अको स उी र आ उस दन मझ समझ आ गया क मखर ामष स समझदार शष अचछा होता ह

भावषय क पढ़ाई (मासटर ाशव कलया सातव कका सपष वालल कलयाी उाल)

आज जब हम पढ़ाई या सकल क बार म सोचत ह तो नजरो म एक भारी बग उठाता आ

छाष दखता ह कताब क ाबना हम सकल जान क सोच भी नह सकत कताब क सा कपयटर भी पढ़ाई का महतवपर ाहससा बन चका ह

कछ साल बाद भारी कताब स भर बग क बदल छाष क हा म टबलट होगा आकाश टबलट एक ऐसा यष ह ाजसम हम तरह-तरह क कताब पढ़ सकत ह हम कका म ही नट स जानकारी पा सकत ह टबलट ोन स बड़ा ह और जयादा महगा भी नह हम इस कह भी ल जाकर इसम कताब पढ़ सकत ह हम इसम कका का दया गया कायर भी कर सकत ह यह टबलट पढ़ाई का अदाज बदल दगा और पढ़ाई को मजदार बना दगा

पानी और धप (कमारी एस साानया पाचवी कका सपषी राजया बगम अाल)

अभी-अभी ी धप बरसन लगा कहा स यह पानी कसन ोड़ बादल को क ह इतनी शतानी

सरज न कय बद कर ालया अपन घर का दरवाज़ा उसक मा न भी कया उसको बला ालया कहकर आजा

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ज़ोर-ज़ोर स गरज़ रह ह बादल ह कसक काका कसको डाट रह ह कसन कहना नह सना मा का

परीका (कमारी शख राजया सलताना गयारहव कका सपषी शख महबब पीरा पटल ाचषक)

ाजस नाम को सनन स कापता ह बा वो ह परीका परीका पपर हा म आत ही इतना डर लगता क यद अचछा नह कया तो ापटना पा तीन घट म लगभग करन होत ह चालीस सवाल एक भी छटा तो घर म आता ह भवडर रजलट क एक दन पहल रात को नद नह आती ह अचछ नबर पान क ालए भगवान क याद आती ह पास होन पर ामलता ह इनाम और मख स ानकलता ह ldquoकय भगवान rdquo र आती ह अगली कका तब भी मख स ानकलता ह हाय र आ गयी र स परीका

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राीय साकरता (मासटर शख समीर छठी कका सपष शख महबब पीरा पटल ाचषक)

ातदन सीखो अकर एक

ानयम बना लो ऐसा पढ़ो पढ़ाओ सीखो जान

तभी बनगा दश महान ावा सा जान कराती

मन का अधरा दर भगाती जहा पर बनत लोग जानी

वहा न होती मन क हाान अनपढ़ क ालए गगी पोी

धन दौलत भी होती ोी पढ़ा ालखा नह धोखा खाता

जहा भी जाता आदर पाता

मा (मासटर शख महबब बाशा आठव कका सपष शख महबब पीरा पटल ाचषक)

सबस सनदर जग म कौन बस एक त ह मा

सबस पयारी कसक मसकान बस एक तरी ही ह मा

कसन बनायी मरी पहचान तन ही तो मरी पयारी मा

कसक बोली ामी स मीठी तरी ही ह मरी मा

कसक डाट ह इमली स तीखी तरी ही तो पयारी मा

कसक ालए क म सब कबारन तर ालए मरी पयारी मा

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ाततली (कमारी एम राशका ाशवानी पाचवी कका सपषी एम लम कमार उाल)

ाततली तम कतनी

रग-ाबरगी होती हो तम सब ल का रस पी-पीकर

बाग-बगीच म रती रहती हो तर पख कई रग क होत ह

तमहार प को दखकर ब बत खश होत ह

मरी कका

(कमारी एम राशका ाशवानी पाचवी कका सपषी एम लम कमार उाल)

मरी कका म ह पचास ब हर एक ह अलग-अलग जस एक ह लबा एक ह छोटा एक ह मोटा एक ह पतला कछ ह अचछ कछ ह बर पर लगत ह सार पयार मरी कका ह रग- ाबरगी लगती ह ाततालय का झड ह

मझ बत पसद ह कयक यह हमारी कका ह

Page 22: कलाकल - Home: Survey of · PDF fileतेलंगाना-भारत का एक ... भी यह पि का ‘कलाकल‘ सुनदर प म िनखर

15

भडार का ाप

म स सामी भडार 1 वाटर कलर 01

2 एल ईडी मॉनीटर 15

3 कमपयटर टबल 30

4 कमपयटर कस 30

5 पलाासटक कस 236

6 एचपीाडजाइन जट टी- 1300 टर 01 आइ सी जड एम क अतगरत

7 कलर क समाटर एलए जीएस टी 42- सकनर

01 आइ सी जड एम क अतगरत

8 यपीएस क ालए 12 वोलट क बटरी 60

9 5 कपी का य पी एस 02 डी ए डबलय वी आइ सी जड एम क अतगरत

10 डलल कमपयटर 10

11 लाइका अकय लवल (डी एनए-03) 02 आइ सी जड एम क अतगरत

12 लाइका जीएनएसएस (जीपीएस दोहरी बारबारता)

02 आइ सी जड एम क अतगरत

13 3 डी ावजन कट 23 (18 आ भ सा आ क हत )

14 समसग एलसी डी मॉानटर 02

15 एचपी सकनजट 200 फलटटड- सकनर 01

16 डाट मकस टर 03

16

अनपयोजय भडार का अनपयोगी घोाषत

म स सामी मलय 1 साइबग उपकर 364574-

2 नचर आइटम 218844-

3 ोटोामीतीय उपकर 9125746-

4 कमपयटर और परधीय 4027273-

5 उपकर ( गौ सवक उपकर) 706943-

तदनसार अनपयोजय भडार क अनपयोगी हत नीलामी या क शआत हो चक ह

17

वषर 2013-14 क ालए ानाध का आबटन य

शीषर सवीकत अनदान

(हजार म )

अातर ानाध क मागाा

(हजार म )

भाकमसव ारा काटी गई (हजार

म )

इस कायारलय

ारा अभयपर

अातम बजट अक (पय

म)

य (पय म)

31-3-2014 को शष रााश (पय म)

वतन 114400 0 1400 0 113000000 112999869 131 मजदरी 500 350 0 0 850000 845802 4198 ओ टी ए 0 0 0 0 0 0 0 ाचकतसीय 2840 0 0 750 2090000 2089187 813 डी टी ई 1240 0 0 0 1240000 1239231 769 ओ ई 1409 125 94 1440000 1397157 2843 आर आरटी

240 0 0 16 224000 223875 125

ओ ईए 2 2 0 0 4000 3750 250

एसampएम 310 0 0 310000 309712 288 पी सवा 280 0 0 129 151000 149810 1190 अनदान 0 0 0 20800 20775 25

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मनोरजन कलब का वाषकोतसव ndash 2013

आ दश भ साानक आकड़ा क ानदशालय क मनोरजन कलब का वाषकोतसव दनाक 10-01-2014 को ातः काल 1000 बज स सममलन कक म आयोाजत कया गया ाजसम मखय अाता भारत क महासवकक डॉ सव र सबबा राव उपासत ावशष अाता क प म ी एसबी शमार उप महासवकक भारतीय सवक एव मानाचष ससान उपासत ानदशक महोदय कनरल ीधर राव न सवागत भाष दया और मनोरजन कलब क साचव ी डीआरएस सन कमार न वाषक रपोटर सतत क सासकातक कायरम ारा सभी का मनोरजन कया गया मखय अाता न अपन भाष म कहा क इस ानदशालय न ी कनरल ीधर राव क नततव म बत अाधक एव सतोषजनक प स गात क ह और इस बात का भी उललख कया क व जब इस ानदशालय क ानदशक तब व य सब कायर करना चाहत परत इनह मतर प दन म कनरल ीधर राव ानदशक महोदय क महतवपर भामका रही ह ततपात एक ीात- भोज का आयोजन कया ाजसम करीब 230 लोग न भाग ालया ाजसक सभी न भर-भर शसा क

मनोरजन कलब ारा आयोाजत कए गए खल

करम

टबल टनीस

शटल

शतरज शॉट- पट धीमी साइकलग

पष सगलस माहला सगलस पष डबलस माहला डबलस

पष सगलस पष डबलस

पष सगलस माहला सगलस पष डबलस माहला डबलस

पष पष पष

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वषर 2013 क दौरान कनीय मनोरजन कलब सपोटरस स ा इस ानदशालय क ाता एव सममान

करम

खल म परसकार ातीय परसकार ततीय परसकार

पष सगलस पी रवी कानत चनपाल शशी करन एव एलए बग

माहला सगलस शभा वी नायर पीक ातभा शलजा एव मीना

पष डबलस सययद इदरस एव सवातरयया कवी चारी एव ओ वीन कमार

---------

माहला डबलस शभा वी नायर एव अनसया पीक ातभा एव शलबाला खडरी

टबल टनीस पष सगलस पी सतीश क वीचारी ओ वीन कमार

एव अशाख अहमद पष डबलस कवीचारी एव

डी रगा राव कक गा एव पी सतीश ----------

शटल पष सगलस पी सतीश एम वी ावजय कमार कवी चारी एव पी

यादयया माहला डबलस शभा वी नायर एम सबीता मीना एव राज़या

बगम पष डबलस पी सतीश एव

एम वासदव स कमार एव ओ वीन कमार

-----------

माहला डबलस एम सबीता एव राजया बगम

शभा वी नायर एव बी एस वी वरलमी

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शतरज पष जगन एकर ------------

शॉट- पट पष बी नागरम चनपाल स कमार

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धीमी साइकलग पष डी स कमार सययद इदरस सययद मोजज़म

उ नयायलय म लाबत नयायालक मामल

लाबत मामल 04 आ दश उ नयायालय

कस क सखया 11 कनीय शासानक अाधकर हदराबाद

समा कस क सखया 06 लाबत कस क सखया 05

पनवलोकन मामल

ानालाखत अाधकारयकमरचारय क पनवलोकन मामल का ानपटारा कया जा चका ह

म स प lsquoबीrsquo राजपाषत प lsquoबीrsquo अराजपाषत प lsquoसीrsquo (पवरवत प

1 एस बाब अाधकारी सव ज डी एबनजर मानाचषकार ाडाव I नरश

2 पीक लहा मानाचषकार ाडाव I गदो राम

3 शख मीरावली मानाचषकार ाडाव I एम गररयया

4 जी सीतारामम सव सहायक पी काशम

5 वाई सबबयया सव सहायक सतयममा

6 पीएस सामबाब सव सहायक वी कषयया

7 बी ओबशयया सव सहायक

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एम ए सी पी क मामल

ानालाखत अाधकारयकमरचारय क एमए सी पी मामल का ानपटारा कया जा चका ह

म स प lsquoबीrsquo अराजपाषत प lsquoसीrsquo (पवरवत प lsquoडीrsquo)

1 वी सयर भा मानाचषकार ाडाव I एल योहन

2 पीकलहा मानाचषकार ाडाव I सीनाराया

3 शख मीरावली मानाचषकार ाडाव I जजॉन

4 एम भवनरी मानाचषकार ाडाव I एस रामयया

5 बीएसवी वरलमी मानाचषकार ड़ II बी पललया

6 - पी काशम

7 - शख काासम पीरा

8 - एम लमी नाराया

9 - एम वकटरल

10 - जी जया

आ दश भ साानक आकड़ा कन क अाधकारय कमरचारय क ब ाजनहन शकाक ानपता दखाई ह

1 कमारी अनवषा कर सपषी डॉ पीक कर सी जी पी ए 9810 दसव कका क ीय ावालय हदराबाद

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तलग म ावव ी नकश ( ओएस एम) क तयारी (बीएचराव अधी सव जीव अाध सव एमराकश अाध सव एसपटा री मानाचषकार)

सतावना पवर म ावाभ नकश तलग म कााशत आ करत जस आ दश राजय नकशा (1999) भारत क राजनीातक नकश आद ऐस नकश अकराक ासटक-अप (lettering stickups) साहत साइबग क परमपरागत तकनीक का उपयोग कर कााशत होत तााप कोई भी सलाकातक नकश तलग म कााशत नह ए ह परत हाल ही म ावजान एव ौोागक ावभाग न ावव ी टोपो नकश ( ओएसएम) को कषीय भाषा म उपलबध करवान क ालए एक नीात को जारी कया ह ाजसक पराम सवप आ दश भ साानक आकड़ा क न राजय क राजधानी हदराबाद को दशारत ए एक शीट को योग क आधार पर अकय माधयम स तलग म करन का काम ालया ह

ॉनट क खोज म माइोसटशन साफटवर क अनक ल डीजीएन ामट म मल डाटा बस पहल स ही उपलबध ह मल-

पाठ को बठान क ालए माइोसटशन क अनक ल एक सावधाजनक तलग ॉनट क आवशयकता ह अनक ॉनट क जाच क गई परत कछ भी माइोसटशन क अनक ल नह पाया गया कयक तलग ालाप म बत सारी माषाए अगल स लगवाए जान क कार ldquoमाषाrdquo को लगाना एक कठन कायर सााबत आ तााप वब म बत छान-बीन करन क बाद ldquoटी टी एल हमलताrdquo ॉनट को खोजा गया और माइोसटशन परवश म मल पाठ को रखन म उपयोगी पाया गया

अनवाद

ावाभ व रनातमक अाभउाया ाचनह पाद- टपपाया आद का अजी स तलग म अनवाद हत सभी ापय साधन जस क इटरनट नट पर अनवाद शबदावली आद का आय ालया गया

माइोसटशन परवश म मल पाठ को बठान क ालए कायरावाध

ॉनट याान ldquoटी टी एल हमलताrdquo वााछत सान पर लोड कया गया तलग ालाप म बत सारी माषा क अतःसाापत होन क कार एक ावाशप शबद या अकर क ालए सही माषा क चयन हत अाधक सावधानी बरतना का सानात कया गया वााछत मल ndash पाठ को मइोसाफट वडर म टकत कया गया माइोसटशन वशरन 8 ाइल म अनोटशन टकसट एडीटर क माधयम स कापी और पसट कया गया उ

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शीट क 22 टोपो स अनवादत अनोटशन को या सतयाापत कया गया अनोटशन को कनार म और उपरो शीट क नाम ाइल म रखा गया मामल ाजनको सलझाना ह -

1 ॉनट क आकार का मानककर 2 तलग ालाप म ावाभ व रनातमक अाभउया क सावधाजनक शबद का चयन 3 मल- पाठ को सगठत करना एक जटल कायर ह और समय लन वाली कायरावाध ह और पयार

माषा म षीय भाषा याान तलग क जान क जरत ह 4 जयादा सखया म सपादन मल-पाठ क सगठन क आवशयकता ह 5 तलगाना राजयतलग ावावालय क उ राजभाषा ावभाग स अनवादत ालाप को माीकर

करन क आवशयकता होगी समाा

सानीय ालाप (तलग) म ओ एस एम माक नकश क तयारी स अाधक सखया म लोग को सलाकातक नकश को आसानी स योग करन म सावधा होगी सलाकातक नकश म भाषा-ावषयक सबधी साचकारी पदार को जोड़न स ानयही भारतीय सवक ावभाग क उतपाद क चार को बढ़ावा ामलगा और बाजार म अपनी अहामयत बढ़ाएगा

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चनौती क ालए तयारी (रघना ाषपाठी अधीकक सवकक)

कसी भी ावभाग म नई चनौातय को सामना करन क ालए कमता ानमार क आवशयकता ह यद

यह नह कया जाए तो सताावत योजनाए ावल हो जाती ह कमता ानमार स पहल उसक लय एव उशय को परभााषत कया जाना आवशयक ह कयक इसक कायारनवयन क सतर म योजना और ानषपादन म का अतर हो सकता ह कमता ानमार क अनय मानक क अतगरत अनवत सावधा क रखरखाव और सभाावत ावकास भी शाामल ह कमता ानमार क कसी भी यास म ातभा क खोज को ही पहल कदम क प म ालया जाना चााहए भारतीय सवक ावभाग म सही कमता ानमार क बाद ही 110000 क पमान का सवक करन और मानाचष ाा सभव हो पाएगा आधानक अाध ौोागक म कमय क ाशक पयार नह ह लकन यह दखना ह क जो माग और सवक और मानाचष क आपत क खला स सक ातत ह जनता क ालए उपयोागता बढ़ा रही ह श म हालाक बाधाए आना बाधय ह हम यह कायर श करना और पराम क तीका करनी ह इस यास म खल अाधकार कष क ावशषज को ानयामत प स परामशर कया जाना चााहए सवक और नकश क उपयोगकतार क माग और एक बड़ परय क दाप स दखन क ालए यह महतवपर ह

यहा तक क उपयोगकतार क ालए भी ाडाजटल डटा का उपयोग सीामत ह भारतीय सवक ावभाग उपयोगकतार को ानयामत आधार पर सहायता और मलय सवधरन क ालए सलाह दकर नकश क कातज उपयोग तक का ावसतार कर सकता ह उस बात पर धयान दत ए भारतीय सवक ावभाग क सवा हत जी आई एस वजाानक को शाामल करन क आवशयकता ह यह महगा मामला होन पर भी वरीयता स भरी हम भावषय क चनौातय को परा करन क ालए तयार रहना चााहए कयक नकश क उपयोग स ावकास को तो होना ही ह

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नमक का महतव (कष कमार अाधकारी सवकक)

एक राजा क तीन बटया ी तीन बत ही सनदर सशील और ावशष ग वाली एक दन राजा न तीन राजकमारय को अलग-अलग स एक ही सवाल पछा ldquo बटी तम मझ कतना चाहती हो ldquo बड़ी राजकमारी न जवाब दया rdquo ापताजी म आपको सोन जस चाहती अारत सोन क आभष स मझ ाजतना पयार ह उतना ही पयार आप स ह ापताजी ldquo राजा बत सतप आ और दसरी राजकमारी स पछाrdquoबटी दीदी न तो जवाब द दया अब तम बताओ तम मझस कतना ह रखती हो दसरी राजकमारी बोली ldquo ापताजी म आपको हीर जसा चाहती अारत हीर क गहन स मझ ाजतना पयार ह उतनी ही पयार आप स ह ापताजी ldquo राजा तो ल न समाया सोचन लगा rdquo म बमतलब का सकोच कर रहा ा मरी बटया तो लगता ह मर बगर जी नह पाएगी ldquo अब तीसर स कया पछ र भी पछ लता र तीसरी बटी स पछाrdquo बटी तम मझ कतना चाहती हो तीसरी राजकमारी न जवाब दयाrdquo ापताजी म आपको नमक ाजतना चाहती जवाब सनत ही राजा आग-बबला हो उठा और बरी-भली सनाकर उसक कक स ानकल गया छोटी राजकमारी न कछ नह कहा बालक राजा क डाट सनकर चपचाप रह गयी रात ई राजा को सार महल क कायर ानपटान क बाद भख लगी खान क ालए उस हीर स ससात सोन क सहासन पर छोटी राजकमारी न बठाया र सोन क ाली म नाना कार क जन स य खाना परोसा और राजा को खाना श करन को कहा राजा न मह म खाना रखा तो महसस कया खाना का ह र हर जन को चखा तो पाया सब क ह र तो आग-बबला होकर अपनी रानी पर ाचललाया ldquo इस तरह क भल कस हो गयी हम कया समझ रखा ह जन दखाकर ललचाना और र खान नह दना यह बोलत ए रानी पर सोन क ाली ाजस पर जन परोस ए कन क ालए हा उठाया उठ ए हा को तीसरी राजकमारी न पकड़ ालया और पछा ldquoापताजीखाना तो बढ़या ह र कमी कया हrdquo राजा बोल ldquoनमक क ाबनाकोई खाना खाया जा सकता हrdquo राजकमारी बोली ldquoापताजीआपको तो नमक स नरत ह ना इसालए मन जन बनवात ए नमक नह डलवाया rdquo र तो राजा समझ गया क छोटी बटी न उनह सबक ासखान क ालए यह भोजन तयार करवाया ह र बोला ldquoबटी म समझ गया नमक क ाबना खाना जस सवादप नह उसी तरह तमहार पयार ाबना मरा वचरसव नह ldquo और राजकमारी को गल लगा ालया

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मायाजाल (एनबी सवामी अाधकारी सवकक)

इस जगत म कल 84 लाख जीव राशया ह और उनम मानव जनम सबस उम ह उम इसालए ह क भगवान न मानव का आधार इसालए दया ह ताक इस जनम अचछ कमर कर वह मोक क ाा कर सक मोक याान पनरजनम नह यद कमर बर ए तो र 84 लाख जीवरााशय म पदा होन क ालए वह आतमा कालच म दोबारा स जाती ह इस सपर कालच क याषा करत ए जब आतमा मानव क योान म वश करती ह तब वह भगवान स यही ारना करता रहता ह क ह भगवान मझ इस कद (याान मा का गभर) स जलदी मा दला द कयक म तमहारा धयान सही ढग स नह कर पा रहा कयक इस कद म अनक तरल पदा क सा-सा मल-मष म भी टहल रहा यह कसा नरक ह जहा आपन मझ सा रखा ह तब भगवान भी बोलत ह क ldquoत अभी बालक ाशश का प धार करन वाला ह तमन इतन वष यग म ाजतन पाप कय ह उन सबक यह चरम सीमा ह यह चरम सीमा बत ही पीड़ा दन वाली ह ाजस तमह जीतना ह लाघना ह इस चरम सीमा स मा होन क बाद तम कया करोग ldquo ाशश कहता ह ldquo भगवन आप जो कहग ldquo भगवन पछत ह कया तम अपना जीवन मरा धयान करत ए मर ालए समपर कर दोग ldquoाशश कहता हrdquo हा म समपर कर दगा आपक ालए ldquo भगवन भी जानत ह ाशश को नौ महीन गभर म रहना ही पड़गा तभी पर शरीर का ावकास होकर जब वह बाहर आएगा तो मरी सवा करगा उ नौ महीन तदनसार भगवन ाशश का वातारलाप नौ महीन चलता रहता ह ताक ाशश अपन चार ओर स मल क गध का धयान न द र जब वह बाहर ानकलता ह भगवान को धनयवाद करता ह और कहता ह ldquo म तमहारा बत ही आभारी भ अपन मझ मा दलाई अभी मझम वह ताकत नह क म तमहारा धयान करन क ासवा और कछ क मर माता ndashापता मझ सच कर जब अपन पर पर चलन क ताकत द दग तभी म तमहार ालए कछ कर पाऊगा ldquo भगवान कहत ह ldquo अर मखर त नह जानता यह जगत एक मायाजाल ह मझ पर ावास ह त मझ भल जायगा और र स कालच म पड़ जायगा ाशश कहता ह ldquo नह भगवान ऐसा नह ह भगवान मरा ावास करो म ातजा करता मरा जीवन आपक ालए ही समपर ह ldquo भगवान कहत ह ldquoदख लगा इस जगत क मायाजाल म त मरी कया का सवा करगा ldquo यह ाशश और भ का वाारलाप सनकर दवष नारद भगवान क पास पच पछन लग ldquo भ आप कस मायाजाल क बात कर रह ह ldquo भ बोल ldquo नारद म समसत जीव- रााशय का सवामी उनका कलया चाहता उनको सख भी और दख भी दता वह इसालए क मायाजाल क मोह एव अहकार म पड़कर खद को सपर मानन वाल ाी को दड न द तो र मरा समर कस करगा ldquo नारद बोल ldquo भ आपक वचन का मतलब कस

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दशा म जाता ह यह तो मझ नह पता एक तर कहत ह समसत जीवरााशय का कलया चाहता दसरी ओर कहत ह दड दता तीसरी ओर मायाजाल अर नाराय आप जब समसत जगत क सवामी ह सब आपक अधीन ही ह तो र मायाजाल शबद आपन जो योग कया ह वह आपक अधीन स बाहर कस हो गयाrdquo ानयष काजए जीवरााशया उसक चपट म नह आएगी र सब आपका गगान ही करग और सबको मोक क ाा होगी ldquo भगवान कहत ह ldquo ह दवष मर ालए समसत जीवराशी को परीका स गजरना पड़ता ह मानव जीवन ही उनम अातम परीका ह बस उसको लाघ ल म पनरजनम स मा दला दldquo नारद जी भगवान स तकर करन लग गय का दर बाद भगवान न कहा rdquo दवष आपस बहस और नह कर सकता आपस बहस कर मरा गला सख गया ह जरा एक छोट कलश या कमडल म पानी लकर आइय ताक म अपनी पयास बझा सक नारद को झटका लगा और पाताप करन लग ldquo बमतलब मन अनतरयामी स बहस कर उनको कप दया व समपर जानानद क सामन मरी हासयत कया ह पता नह आज मरी मात मारी गयी और म बमतलब बहस करन लगा भ को पयास लगी ह और वो भी मरी वजह स जलदी स उनक पयास म बझा द पानी क खोज म सार लोक का म करत ए नारदजी पथवी लोक म पच गए पथवी लोक पचकर पानी क खोज म एक कए क पास पच तो दखा क एक अतयनत सदर नारी कए स पानी ानकाल रही ह नारद न सोचा वह सनदर ी पानी भरकर चली जाए तो र म ोड़ा सा पानी भर ल नारद उस दख रह ी भी नारद जी को दख रही ी नारदजी न पछा rdquo दवी कया तम यह आसपास रहती हो ी न जवाब दया rdquo हा ldquo नारदजी र पछ rdquo दवी कया तमहारा ाववाह हो चका ह rdquo ी बोली ldquoनह ldquo नारदजी का ावचालत मन ल नह समाया और पछ ही ालया ldquo दवी यद तम अाववााहत हो और यद तमह कोई परशानी न हो तो कया तम मझस ाववाह करोगी ी सादाय औरत ी बोली ldquo मर ापता क आजा क ाबना म आपस ाववाह नह कर सकती ldquo नारदजी बोल ldquo दवी सशील नारी क यही ग होत ह यद तमह आपा न हो तो म तमहार सा चलकर तमहार माता-ापता स बात कगा और तमस ाववाह कगा ldquo यवती राजी ई और ासर एव कध म पानी स भर घड़ को ढोत ए आग चलती रही और नारदजी पीछ चलन लग सपर रासत म उस सनदर ी क ानहारत ए मन म सपन क पल बाध रह उस सनदर ी क ापता क पास जाकर अपना परचय दत ए उनक बटी स ाववाह करन का सताव रखा साकात नारद मान को अपना दामाद सवप दख उसी मतर म मगनी हो गई और एक शभ मर म ाववाह भी हो गया ाववाह क कछ दन क पात उनक ब हो गय ब बड़ भी हो गय र तो व अपन गहस आम म इतन सत हो गय क उनक मह स नाराय मष ानकलना भी बद हो गया कई वष बाद एक शाम को जोर क आधी क सा तानी बारश ई इस माहौल न इतना ावकराल प धार कर ालया ा क वातावर लय म बदल गया चार तर पानी भर गया बत सार लोग पश आद पानी म बह गय कनत कात क ावकराल प क सामन ठहरन का साहस कस ा दखत ही दखत उनका गह भी बाढ़ क चपट म आकर टट गया और पानी म बह गाया पी और ब डर स

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रोदन करन लग दखत-दखत कान पष क अलावा पी और बाक ब भी पानी म बह गए र तो नारदजी स सोचा इस कान को म कध पर ालए चलता ताक वह तो बढ़ाप म मरा सहारा बनगा कनत लय क तीता इतनी तज ी क नारदजी क नाक क ऊपर स पानी बहन लगा र तो व खद भी भल गय क बट को बचाना ह सोचन लग म कसी तरह जीावत बच जाऊ उसी सोच न उनक कान पष को भी नह बखशा कसी तरह कछ समय उपरानत लय शानत आ पानी घट गया चार तरक मनषयपश - पकी आद क लाश टट ए रासत और घर क बीच पड़ी ई ी नारद मान को बहद दख आ और ठठोर कर रोन लग गय रोत-रोत व खद क बार म सोचन लग क भगवान न उनक सा ऐसा अनयाय कय कया काश व भी मर जात तो अचछा होता तभी उस राह स ास महष गजरत ए नारदमान स परामशर करन लग नारदजी कहन लग ldquo पता नह मन कौन सा पाप कया ह क मर पर परवार का सवरनाश हो गया ह मझ कय मतय नह आई इस पर ासजी न कहा शायद तमहारा समय नह आया ह इसालय तम बच गय हो हालाक ास जानत क नारद मायाजाल म सा आ ह ldquo र इसका ानरय कौन करता ह ldquo नारद न ासजी स पछा ासजी न उर दया ldquoयह तो मतयलोक क अाधपात यमराज ही इसका उर दगrdquo र व दोन ामलकर यमराज क पास गय यमराज न आन का कार पछा तो ासजी न नारद मान क सारी दख भरी गाा सनाई और पछा क ldquoमतय न इनका आलगन कय नह कयाldquo यमराज बोल rdquoम कोई नह मरा यमदत ही इसका उर द सकता ह कयक म यमदत क ारा कसी आतमा को लान क बाद ही उसक पाप-पणय का ाहसाब दख ानधाररत सजा का ऐलान करता यद यमदत आपको लकर मर पास नह आया तो इसम मरा कया दोष ह यमदत स पछ लldquo र ासजी न उनक यमदत स वही सवाल करन पर यमदत न कहा ldquo महामान म कस कसी क शरीर स आतमा को छीनकर ल आऊ म तो यमलोक का सवक माष ाचषग जब तक आजा नह दत तब तक म कोई कायरवाही नह कर सकता आप इस का उर ाचषगजी स पछ ल ldquo र ासजी न ाचषग स वही सवाल करन पर ाचषग न कहाrdquo महामान म तो यमदत को तभी आजा दता जब उस ाी का सारा लखा - जोखा समा हो जाता ह अभी माननीय नारद जी क मतय का समय आया नह ह अभी उनका कछ कया नह जा सकता ldquo ासजी न नारद स कहाrdquo दखो नारद अभी तमहारा समय आया नह ह तभी तम जीावत हो चलो चलत ह अब ापछली घटना को भल कर आग क सोचो ldquo बस इतना ही कहना ा क ाचषग न र ासजी को बलाकर कहा rdquo ह ऋाषवर इनक कणडली म यह ालखा ह क मतय तभी इनको गल लगा सकती ह जब य एक सा आपको मझ यमराज और उनका वाहन भस का एक सा दशरन करग चक इनक ारा यह कायर पर हो चका ह अत इनका जीवन पर हो गया ह ldquo बस इतना ही ा क नारद जी को आवाज आन लगी अर दवष दवष मझ कब स पयास लगी ई ी मरा गला सख गया ह कनत आपन मझ अब

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तक पानी नह दया कहा ह पानी ldquo य साकात नाराय क आवाज सन नारदजी को होश आया और भगवान क चर म पड़कर ागड़ागड़ान लग यह कहत ए क rdquo ह नाराय आपन मझ अचछा सबक ासखाया ह मन आपस बहस कया कर लीआपन मझ मायाजाल का साकातकार करवा दया कमा काजए म आपको पानी नह ापला सका मरी वजह स आपका गला खब सख गया होगा ldquo यह कहत ए उनक अधारा स नाराय क पाव धल गय और भगवान न कहाrdquo दवष आप चातत ना ह आपन अधारा स मर चर धोकर ानसवार सवा कर दी मरी पयास बझ गयी ह अब आप म ह ldquo र नारदजी खशी स नाराय-नाराय कहत ए ानकल गय

घाट का पतर

(बषव बहरा अाधकारी सवकक)

माता-ापता और जनम भाम को छोड़ कर हम सब बन गए ह घाट का पतर धनय ह वह महापष ाजसन हम साापत कया म उस महापष क ावषय म व रन नह कर सकता शायद म अात पाप क कार पतर बन गया लोकन म आशा करता क भावषय म मरा भागय बदल जाएगा चक म लोग क मन स सवा करता इसका ल हमको भगवान अवशय दग लोग का सवा करत ndashकरत मरा आकार भी बदल गया परनत सवा करत ndashकरत मरा नाम रोशन हो रहा ह बालक हम सता का अनभव हो रहा ह मर कमर क चलत मरा भागय बदल रहा ह म हमशा जलम रहता और पीठ पर ातदन मार झलत रहता शायद ही ऐसा पीड़ा इस ससार म कसी को ामलती होगी मरा सानानतर भी नह ह म कई महापष को दखता आया कतन महाराय न ा तयाग दय लकन तबस म यहा अकला पड़ा म हर मौसम क मार झल रहा ब-बढ़ क सवा करत-करत मन कछ पणय कमा ालए ह और आशा करता क मझ को भावषय म मानव जनम ामल सकता ह मानव जनम ामलन स म आपका भजन-करन कगा

ऐस दखतndashदखत कई यग क बाद हमको मानव जनम ा आ मानव जनम म अगर इस धराष म दखा क यहा ऊच-नीच जात-पात नीात-ानयम ावदन पाचार अनयाय ndashअतयाचार चमर-अचमर का ताडव नतय चल रहा ह दखकर मर मन म परवतरन आ गया क भ मझको मरा ापछला जनम वापस द दीाजए

पतर जनम म रह कर मरा कोई-कोई साी अचछ कमर क चलत मदर म सान ा कर ालया ह कोई-कोई तो ठाकर बन गय लोग-ातदन उनक पजा करत ह

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हम लोग म स कोई-कोई सामाजक कायर म सहयोग दान करत ह कोई गह-ानमार म सहयोग द रह ह तो कोई मदर-ानमार म सहयोग द रह ह कोई तो सीधा मत बन गय इसीालए उनक मन म घमणड आ गया अहलया न पतर होन क नात भगवान का दशरन पा ालया इसालए पतर जनम होन क चलत उनक मन म का अह भाव आ गया

हमार अनदर ावाभ प भी ह याः लोहा पतर चना पतर सगममरर काला पतर (नाइट सटोन) मलायम पतर (soft stone) इतयाद लोहा पतर जो दश क ानमार म काम आता ह चना पत जो ासमट ानमार क काम म आता ह सगममरर घर और मदर का शर (flooring) म काम आता ह काला पत घर का शर और आला बनान म काम आता ह मलायम पतर ाशलप कला क ावकास म योगदान दत ह पतर जनम होकर भी म का गवर महसस करता मरी भगवान स अानतम ावनती य ह क आप मझ अानतम समय म दशरन दन को कपा कर

न हमको पतर जनम चााहए न हमको मानव जनम चााहए हमको तो ास र इस भव सागर स पार होना चााहए

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जयादा लोभ न करना (पाडव कानटया सहायक सवकक)

मनषय भगवान क साप ह इसालए वह भगवान का अश ह जब तक वो मा क गभर म ा तक तक वह मोह-माया स वाचत ा एव हमशा भगवान क समीप ा लकन जब वो पथवी पर अवती र आ उसको मोह-माया न घर ालया पाच साल तक वो ईरीय सा म रहता ह इसालए कहा जाता ह क ldquoCHILD IS THE INCARNATION OF GODrdquo इसक बाद मोह-माया म आकषत हो कर ईरीय सा को भल जाता ह बचपन म वो बत आजा और मोह-माया राहत और चरषवान रहता ह जब समय बढ़ता जाता ह तब उसक समसत उम ग धवस होकर गलत मागर पर चला जाता ह

बचपन म ावा ाशका जवानी म ी दीका एव पारवारक ाचनता म म होकर वह समसत मौालक सा को खो दता ह सबा नप होकर सबा म आ जाता ह दव का नप होकर राकस वा जारवत होता ह एव परवारक जगल म सकर भगवान का नाम लना भल जाता ह अपना परवार का भर पोष क ालए कठन परम करता ह लकन उनका पट भरता नह ह ईर क सा को भल जाता ह और अनत म पशकतव को ा होता ह शरीर रोगसत हो जाता ह दाप शा की हो जाती ह चलन ndashरन म असमर रहता ह रात को नद नह आती ह र भी लोभ को छोड़ नह पाता ह अपन बीवी-ब ता परवार क बार म सदा सोचन लगता ह शरीर वावसा को ा होता ह परवार क कोई भी सदसय पछत नह ह

परवार क लोग उसको ढग स खाना भी नह दत ह उसको घर स दर रखत ह र भी यह अधम मनषय भगवान क बार म सोचता नह ह लोभ का अनत नह होता ह पाप का बोझ बढ़त जाता ह अनत म नरक को ा होता ह र भी मनषय भगवान को समझ नह पाता ह परवार क ालए इतना बड़ी ददरशा झलता ह उनको कोई भी नह पछता ह उसक ारा जमा क गई पजी को परवार वाल उनक सामन मौज करत ह

लोभ मनषय को अनधा बना दता ह आदमी क हतया करत ह लोभ क वशीभत होकर दसर क समपात को लटत ह ाजसस समाज म पाचार बढ़ता ह इसालए ह मानव तम कय लोभ करत हो लोभ नह करक भगवान का समर करो हर कतरन करो तप जप करो और सवगर क अाधकारी बनो उम कमर करक भगवान क शरागत हो जाओ भगवान तमहार समसत सख-दख का भार वाहन करग

सवरधमारनपरतयजय मामक शर ज अह तवा सवरपापभयो मोकायषयााम मा शच

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इसालए अचछा कमर करक पणय कमाना ह हमशा धमर क जय और पाप का कय होता ह धमर-कमर करक ावजय ा होगी लकन अधमर म जाकर नरक गामी नह होना

एकदा अनधा राजा धतरा सजय को पछा क ldquoह सजय इस धमर य म कसक जय होगी उर म सजय बोल क ldquoयष योगर कषो यष पा धनधरर तष ी ावजयो भात वा नीातमरातमरम ldquo अारत जहा योगर कष एव धनधाररी अजरन एक सा ह वहा ावजय ानात ह

इसालए दखा गया क हमशा धमर क जय और अधमर क पराजय होती ह धमर सवचछ ानमरल लकन अधमर कदाकार कात ह इसालए लोभ-लालच म वशीभत न होकर सत

कमर करो अनयाय का परतयाग करो लोभ मत करो जीवन म कप करक जो धन कमा ालया वो सब इस धरती म रह जाता ह अानतम क म सा कोई नह ल जाता इसालए अनधर म भटक नह जाना इसालए कहा गया ह क-अात लालच नह करना अात सवरष गहतम अारत अात सवरनाश का कार ह

अात दप हता लका

अात मानसय कौरवा अातदारन बाल वध अात सवरष गहतम

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टटा वक का अाभमान (चरदास नाराय गडम सवक सहायक)

वन म खड़ एक वक क सा ालपटी एक लता भी धीर-धीर वक क बराबर हो गई वक का आय

लकर उसन भी लना ndashलना आरभ कर दया बल को लत ndash लत दखकर वक को अहकार हो गया क म न होता तो लता अासततव हीन होती वह लता को धमकात ए बोला ओ बल चपचाप मरा कहना माना कर म जो कह रहा वह कया कर नह तो ध मार कर भगा दगा पड़ का लाप जारी ा क दो पाक वहा स ानकल एक बोला अर भाई जरा दखो तो यह वक कसा सदर ह इस पर कसी सदर लता पाषपत हो रही ह आओ इसक नीच ोड़ी दर ावाम कर अपना महतव लता क सा ह यह जानकर वक का अाभमान भी नप हो गया सा ndash सा रहन स ही सबक गात होती ह

बटी (डी राव बाब पटल ाचषक ड-II)

बटी घर क लाज होती ह पापा क सर का ताज होती ह दल क सदा स रही ह इचछा बटी तझको ह पाना आई हो मर जीवन म जस एक ननही कावता राह दखता म तरी जलदी स मर पास आना मा क गोद म सदा रहती हो कछ पल मर पास भी आना न चाहत ह अब धन दौलत क त ही लमी त ही मरी मत भी डर लगता ह सोचक जब एक दन छोड़ क जाएगी त कतना मझ लायगी त बटी होती ह बाबल क लाड़ली

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यह ाज़नदगी (सययद इदरीस पटल ाचषक ड ndashII)

बठ जाता ह ामी प अकसर कय क मझ अपनी औकात अचछी लगती ह

मन समनदर स सीखा ह जीन का सलीका चपचाप स बहना और अपनी मौज म रहना चाहता तो ह क य दानया बदल द पर दो व क रोटी क जगाड़ म सरत नह ामलती दोसत महगी स महगी घड़ी पहन कर दख ली व र भी मर ाहसाब स नह चलता य ही हम दल को सा रखा करत पता नह ा क कमत चहर क होती ह अगर खदा नह ह तो उसका ाज कय और अगर खदा ह तो र कय

lsquorsquoदो बात इसान को अपन स दर कर दती ह एक उसका ldquoअहम rdquo और दसरा उसका ldquo वहमrdquo पस स सख कभी खरीदा नह जाता और दख का कोई खरीदार नह होता मझ ाज़नदगी का इतना तजबार तो नह पर सना ह सादगी म लोग जीन नह दत मााचस क जरत यहा नह पड़ती यहा आदमी आदमी स जलता ह ाव क बड़ स बड़ वजाानक यह ढढ रह ह क मगल ह पर जीवन ह या नह पर आदमी यह नह ढढ रहा ह क जीवन म मगल ह या नह

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जीवन म न जान कौनसी बात ldquoआखरी rdquo होगी न जान कौन सी रात आखरी होगी ामलत जलत बात करत रहो यार एक दसर स न जान कौन सी ldquo मलाकात rdquo आखरी होगी अगर जदगी म कछ पाना ह तो तरीक बदलो इराद नह ऐ चाद त कस मज़हब का ह ईद भी तरी और करवाचौ भी तरा

उगालय क लड़ाई

(शख महबब पीरा पटल ाचषक)

एक दन हा क सभी उगालया आपस म लड़न लग अगठा बोला म सबस बड़ा सभी जगह जरी कागज पर मझस ही ानशान बनाया जाता ह तजरनी बोली-ldquoम बड़ी मर होन स ही सब लोग काम कर पात ह जस-ालखना खाना पकड़ना मधयमा बोली-ldquoअर भई कया तम नह जानत जो आकार म लबा होता ह उस ही सभी बड़ा कहत ह अनाामका सब बात चपचाप सन रही ी वह तरत बोली ndashldquo म सबस बड़ी म तो पजा करन क भी काम आती मर स ही रोलीातलक लगाया जाता ह कानाका सभी को लड़ता दखकर उदास ी वह चपचाप एक कोन म कछ सोच रही ी तभी अगठा व तीन उगालया उसक पास गई और बोली- ldquoअर छोटी तम तो बड़ी हो ही नह सकती कयक तमहारा नाम ही कानाका ह कानाका बोली ldquoसनो अगठ भाई और पयारी उगालय आपस म लड़कर कभी कसी का भला नह हो सकता हमम कोई भी बड़ा-छोटा नह ह हम सब ामलकर मी बन सकत ह तभी हम सब बलवान हग कया तमह नह मालम क बद मी म ही ताकत होती ह इसालए हमारा लड़ना बकार ह rdquo कानाका क बात सनकर सभी एक सा बोल- ldquoहा छोटी बहन तम ाबलकल सही कह रही हो सचमच अकल म तम ही हम सबस बड़ी हो rdquo

इस नीात का स एकता म बल क ाशका ा होती ह

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तलगाना- भारत का एक और नया राजय (शलबाला खडरी मानाचषकार)

तलगाना भारत क दाकी भाग म ासत भारत का 29 वा राजय ह कषल क दाप स यह दश का

बीसवा बड़ा राजय ह ाचीन हदराबाद रयासत का अाधकतम भाग तलगाना राजय म ालया गया ह जहा आजादी स पहल ानजाम का राजय ा सन 1947 म जब भारत अज क चगल स आजाद आ उसक बाद भी हदराबाद का ानजाम अपनी रयासत सय भारत म ावलीन करन क पक म नह ा वह अपनी रयासत पर अपना ही सवतष शासन चाहता ा अतत सरदार बललभ भाई पटल क अक यास स इस रयासत को भारत क मखय धारा म ावलीन कया जा सका इस कार आन दश राजय क सापना ई और 26 जनवरी 1950 को ी एमक वललोड़ी आन दश राजय क म मखयमषी ानय ए 1956 म हदराबाद रयासत को आन दश राजय म ावलीन कर दया गया

2 जन 2014 म पनः तलगाना राजय अासततव म आया आन दश राजय क उर पामी 10 ाजल को ामलाकर तलगाना राजय क सापना क गयी ह राजधानी हदराबाद भी तलगाना राजय म ासत ह परनत 10 वष तक हदराबाद दोन राजय याान आन दश और तलगाना राजय क सय राजधानी रहगी दोन राजय क शासानक कायर हदराबाद स सचाालत हग तलगाना शबद का ादभारव ाषलगा दश शबद स आ ह ाजसका अर ह तीन लगो वाला दश तलगाना राजय क तीन दशा म कालरम ीशलम और ाकारामम ास ाशव मानदर ासत ह ाजनक अपार धामक महा ह वासतव म पक तलगाना राजय क ालए 1946 स 1951 क बीच ही ारमभ हो गया ा उस समय कमयानसट पाट न इस आनदोलन का नततव कया ा जो असल रहा भाषा क आधार पर तलगाना और आन राजय को पक करन क ालए अनक आनदोलन समय-समय पर होत रह ह इनम मखय आनदोलन 19691972 और 2009 क ह इन आनदोलन का यह भाव आ क 9 दसमबर 2009 म भारत सरकार न पक तलगाना राजय बनान क कायरवाही श कर दी य घोषा सनत ही तटीय आन व सीमान कष क लोग न सम आन दश क पक म आामक आनदोलन ारमभ कर दया और ऐसी ासात म भारत सरकार न यह कायर 23 दसमबर 2009 तक सागत कर दया इसक पात भी लगातार पक तलगाना और सम आन दश क ालए अलग-अलग आनदोलन चलत रह पक तलगाना क पक म कई आतम - हतयाए ई हड़ताल क गयी ाजसस जन साधार को बत असावधा का सामना करना पड़ा अतत पक तलगाना समरक क जीत ई और कास कायरकारी सामात न सवर सहमात स 30 जलाई 2013 को पक तलगाना राजय क ासारश करत ए ाबल तयार कर दया अनक सोपान पार करत ए यह ाबल रवरी 2014 को ससद म पारत कया गया रवरी 2014 दश पनगठरन एकट क तहत यह ाबल ससद म पास हो गया इसक पात इस नय राजय तलगाना ाबल को रापात ारा सहमात ा ई और माचर 2014 क गजट म इस कााशत कया गया इस कार नय तलगाना राजय क सापना ई

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ाशासकय प स तलगाना राजय क सापना 2 जन 2014 को ई क चन शखर राव क पाट ldquoतलगाना रा सामातrdquo न चनाव म दश म बमत हाासल कया और इस कार ी कचन शखर राव तलगाना राजय क म मखय मषी चन गए

म महगाई (डॉ नीलम कमार ाबड़ला अाभलखपाल)

म महगाई महग दशभ लोग क आमष पर भारत आई तज गात लान गात म भारत आई मझ गलत मत समझो गरीब बत ठीक बमत दकर तमन ाजनको बत उठाया म तो उनह क तीक भौातक वादी यग म योग ासखाती म भख पट न सोए कोई कडालनी जगाती म धयान प म च मारकर मन जय ऊपर चढ़त-चढ़त र तक आ जाता ह भाव वसत क वस ही र तक ल आई

अब इस यग म एक तल क पीप को पा लन का अर को पा लना ह भ दशरन क झलक दखना एक टमाटर खा लना ह भारत का आदशर तयाग ह अनासा ह अपरह ह मझको पाकर लोग वसतए तयाग रह ह अपनी खद क कार छोड़ बस क पीछ भाग रह ह म लोग को तड़क भड़क स खच

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सादगी ासखाती टरीलीन क शौकन को ला पहनाती माया जीवन का बधन ह पया पसा मल हा का म वतन भोगी लोग क बधन दो दन म हर लती शी छड़ाकर मल हा का शीश सा ानमरल कर दती

नीात ालखन वाल न कम खाना या गम खाना अचछा बतलाया मन उनका कन ानभाया ाजतनी चीज महगी हगी उतना ही जन कम खाएग ाजस दन रोटी नह ामलगी उस दन खद ही कम खाएग

शकल पक क चाद सरीखी बढ़ती म खब चादनी लाऊगी अभी दज तक ही आई परमासी तक जाऊगी

करो कलपना जब भारत जन कतन सदर दखा करग ग चावल चना बाजरा जब पाड़य म ाबका करग बीमार को दध दहीघी क इजकशन लगा करग कसा मधर जागर होगा लोग भख स जगा करग

आतक हमला

(डॉ नीलम कमार ाबड़ला अाभलखपाल) 13 दसबर 2001 ससद प पाक आतक हमला 13 रवरी 2014 ससद म भारतीय आतक हमला

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शमरसार ई ससद पच ाड़ गए नयी तहजीब क झड गाड़ गए

उड़ाया गया काली ामचर का पाउडर सपीकर का नह सना आडरर आख जलन लग सास लन लगी ससद पर नगी तलवार झलन लगी

घायल आ जातष और सावधान मदर क पजारय न कया मदर का अपमान ऐस आतकय को सबक ासखाना होगा र नया इातहास बनाना होगा

बाल-म (वाइकराकश कमार खलासी)

बालपन क कलकारी धप क ताप स आ मक पोी छोड़ी कदाल खोदत हा क मार अचक कचड़ आधी म म करना आ मजबरी गरीबी क पराकाा पट और पीठ क घटती दरी कछ धनहीनता और कछ माता-ापता क मखरता कनत सबस जयादा सवा समाज क सवदनहीनता ाजसन बालक को ामक बनन को बाधय कया लखनी को छीनकर कोमल हा म छडी पकड़ायी

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गाय-बकरी क सवा करता बालय-जीवन कप अपन भावषय को दर करता अजान और अबझ ावोपाजरन क कसको ह सरत ासात तो ऐसी ई दो दान अ क ालय बालपन चोर बनन को आतर आ

दोसती

(ाचा कडयया खलासी)

गलाब एक ल ह

एक घनट म मरझा जाता ह पर दोसती एक शा ह कभी भी जीावत रहती ह

बर ठडी होती ह जो पकड़ म नह आती ह

दोसती सोन जसी ह जो कभी कोई नह खरीद सकत ह

तार क पाच अनत (END) ह चौकोन क चार अनत ह तीकोन क तीन अनत ह

एक रखा का एक अनत ह पर दोसती का कोई अनत नह ह

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मर जीवन का उशय (कमारी ाया सातव कका सपषी एम सबीता उाल)

कग नयज भारत का खतरा पाकसतान न कशमीर पर हमला कया ह कछ दन बाद helliphellip कग नयज पाकसतान क ाखला भारत क रका करत ए वीर सानक

का भारी नकसान इन खबर न भारत को ाहला दया ा म भी सोच म पड़ गयी क म भारत क ालए कया कर सकता भारत को इन हमल स कस बचा सकता मर मन म ास र एक ही खयाल आया क भारतीय सना का एक जवान ासपाही बन

जव मन यह बात अपन दोसत स कही तो उसन कहा क ासपाही बनना खतर स खाली नह ह और परवार स दर सरहद पर खतर स भर जीवन मर ालए कपद होगा लकन मन ठान ालया ा क म कछ ऐसा कगी क पर दश म मरा नाम हो ाजस दखकर मर अपन का ासर गवर स ऊचा हो जाए

मर ानय को सनकर मरी मा रोन लगी मझ लोभन दया क म ापार क मर दोसत न मझ डाकटर बनन का सझाव दया पर मन सोचा क भारत म कई डाकटर ह ापारी ह भारत को डाकटर या ापारी क नह बालक सानक क जरत ह

म भारत क ालए अपनी जान भी दन क ालए तयार मन सोचा सब अपन परवार को सराकत

रखना चाहत ह र भारत - भाम तो मरी मा ह मरी ही कय हर एक क मा ह तो हम सब का कतर बनता ह क हम इसक रका कर इसीालए मर जीवन का उशय ह क म एक ासपाही बन और भारत क सवा क

मखर ामष स समझदार शष अचछा होता ह (मासटर सनीत चौी कका सपष एम सबीता उाल)

एक दन म और मरा सबस अचछा ामष राव बठ यह सोच रह क हम परीका क ालए अभी स पढ़ाई श कर दनी चााहए या नह राव न तपाक स कहा क अभी स पढन स कोई लाभ नह होगा अगर हम परीका क एक दन पहल पढ़ग तो जयादा दमाग म रहगा तभी वहा स मरी कका का दसरा छाष रमश गजर रहा ा मझ रमश ाबलकल पसद नही ा और रमश भी मझ पसद नह करता ा बात-बात पर हम लड़ाई करत पर पढ़ाई म वह मझस बत अचछा ा उसन हमारी बात सन ली ी

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इसालए धीर सवर म मझस बोला अपन मखर ामष क बात मत सनो बस रोज मरी तरह ोड़ा-ोड़ा पढ़ो लकन मन उसक बात पर कान नह धरा एक महीन बाद परीका क दन आ पच परीका क एक दन पहल जब मन पढ़ना श कया तब पाया क पढ़न को बत ा पर समय कम ा जस -तस पढ़ कर मन परीकाए ालखी और उममीद करता रहा क म परीका म उी र हो सक कछ दन बाद परीका का पराम ानकला और वही आ ाजसका डर ा म और ामष राव अनी र हो गए दसरी ओर रमश बत अचछ अको स उी र आ उस दन मझ समझ आ गया क मखर ामष स समझदार शष अचछा होता ह

भावषय क पढ़ाई (मासटर ाशव कलया सातव कका सपष वालल कलयाी उाल)

आज जब हम पढ़ाई या सकल क बार म सोचत ह तो नजरो म एक भारी बग उठाता आ

छाष दखता ह कताब क ाबना हम सकल जान क सोच भी नह सकत कताब क सा कपयटर भी पढ़ाई का महतवपर ाहससा बन चका ह

कछ साल बाद भारी कताब स भर बग क बदल छाष क हा म टबलट होगा आकाश टबलट एक ऐसा यष ह ाजसम हम तरह-तरह क कताब पढ़ सकत ह हम कका म ही नट स जानकारी पा सकत ह टबलट ोन स बड़ा ह और जयादा महगा भी नह हम इस कह भी ल जाकर इसम कताब पढ़ सकत ह हम इसम कका का दया गया कायर भी कर सकत ह यह टबलट पढ़ाई का अदाज बदल दगा और पढ़ाई को मजदार बना दगा

पानी और धप (कमारी एस साानया पाचवी कका सपषी राजया बगम अाल)

अभी-अभी ी धप बरसन लगा कहा स यह पानी कसन ोड़ बादल को क ह इतनी शतानी

सरज न कय बद कर ालया अपन घर का दरवाज़ा उसक मा न भी कया उसको बला ालया कहकर आजा

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ज़ोर-ज़ोर स गरज़ रह ह बादल ह कसक काका कसको डाट रह ह कसन कहना नह सना मा का

परीका (कमारी शख राजया सलताना गयारहव कका सपषी शख महबब पीरा पटल ाचषक)

ाजस नाम को सनन स कापता ह बा वो ह परीका परीका पपर हा म आत ही इतना डर लगता क यद अचछा नह कया तो ापटना पा तीन घट म लगभग करन होत ह चालीस सवाल एक भी छटा तो घर म आता ह भवडर रजलट क एक दन पहल रात को नद नह आती ह अचछ नबर पान क ालए भगवान क याद आती ह पास होन पर ामलता ह इनाम और मख स ानकलता ह ldquoकय भगवान rdquo र आती ह अगली कका तब भी मख स ानकलता ह हाय र आ गयी र स परीका

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राीय साकरता (मासटर शख समीर छठी कका सपष शख महबब पीरा पटल ाचषक)

ातदन सीखो अकर एक

ानयम बना लो ऐसा पढ़ो पढ़ाओ सीखो जान

तभी बनगा दश महान ावा सा जान कराती

मन का अधरा दर भगाती जहा पर बनत लोग जानी

वहा न होती मन क हाान अनपढ़ क ालए गगी पोी

धन दौलत भी होती ोी पढ़ा ालखा नह धोखा खाता

जहा भी जाता आदर पाता

मा (मासटर शख महबब बाशा आठव कका सपष शख महबब पीरा पटल ाचषक)

सबस सनदर जग म कौन बस एक त ह मा

सबस पयारी कसक मसकान बस एक तरी ही ह मा

कसन बनायी मरी पहचान तन ही तो मरी पयारी मा

कसक बोली ामी स मीठी तरी ही ह मरी मा

कसक डाट ह इमली स तीखी तरी ही तो पयारी मा

कसक ालए क म सब कबारन तर ालए मरी पयारी मा

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ाततली (कमारी एम राशका ाशवानी पाचवी कका सपषी एम लम कमार उाल)

ाततली तम कतनी

रग-ाबरगी होती हो तम सब ल का रस पी-पीकर

बाग-बगीच म रती रहती हो तर पख कई रग क होत ह

तमहार प को दखकर ब बत खश होत ह

मरी कका

(कमारी एम राशका ाशवानी पाचवी कका सपषी एम लम कमार उाल)

मरी कका म ह पचास ब हर एक ह अलग-अलग जस एक ह लबा एक ह छोटा एक ह मोटा एक ह पतला कछ ह अचछ कछ ह बर पर लगत ह सार पयार मरी कका ह रग- ाबरगी लगती ह ाततालय का झड ह

मझ बत पसद ह कयक यह हमारी कका ह

Page 23: कलाकल - Home: Survey of · PDF fileतेलंगाना-भारत का एक ... भी यह पि का ‘कलाकल‘ सुनदर प म िनखर

16

अनपयोजय भडार का अनपयोगी घोाषत

म स सामी मलय 1 साइबग उपकर 364574-

2 नचर आइटम 218844-

3 ोटोामीतीय उपकर 9125746-

4 कमपयटर और परधीय 4027273-

5 उपकर ( गौ सवक उपकर) 706943-

तदनसार अनपयोजय भडार क अनपयोगी हत नीलामी या क शआत हो चक ह

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वषर 2013-14 क ालए ानाध का आबटन य

शीषर सवीकत अनदान

(हजार म )

अातर ानाध क मागाा

(हजार म )

भाकमसव ारा काटी गई (हजार

म )

इस कायारलय

ारा अभयपर

अातम बजट अक (पय

म)

य (पय म)

31-3-2014 को शष रााश (पय म)

वतन 114400 0 1400 0 113000000 112999869 131 मजदरी 500 350 0 0 850000 845802 4198 ओ टी ए 0 0 0 0 0 0 0 ाचकतसीय 2840 0 0 750 2090000 2089187 813 डी टी ई 1240 0 0 0 1240000 1239231 769 ओ ई 1409 125 94 1440000 1397157 2843 आर आरटी

240 0 0 16 224000 223875 125

ओ ईए 2 2 0 0 4000 3750 250

एसampएम 310 0 0 310000 309712 288 पी सवा 280 0 0 129 151000 149810 1190 अनदान 0 0 0 20800 20775 25

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मनोरजन कलब का वाषकोतसव ndash 2013

आ दश भ साानक आकड़ा क ानदशालय क मनोरजन कलब का वाषकोतसव दनाक 10-01-2014 को ातः काल 1000 बज स सममलन कक म आयोाजत कया गया ाजसम मखय अाता भारत क महासवकक डॉ सव र सबबा राव उपासत ावशष अाता क प म ी एसबी शमार उप महासवकक भारतीय सवक एव मानाचष ससान उपासत ानदशक महोदय कनरल ीधर राव न सवागत भाष दया और मनोरजन कलब क साचव ी डीआरएस सन कमार न वाषक रपोटर सतत क सासकातक कायरम ारा सभी का मनोरजन कया गया मखय अाता न अपन भाष म कहा क इस ानदशालय न ी कनरल ीधर राव क नततव म बत अाधक एव सतोषजनक प स गात क ह और इस बात का भी उललख कया क व जब इस ानदशालय क ानदशक तब व य सब कायर करना चाहत परत इनह मतर प दन म कनरल ीधर राव ानदशक महोदय क महतवपर भामका रही ह ततपात एक ीात- भोज का आयोजन कया ाजसम करीब 230 लोग न भाग ालया ाजसक सभी न भर-भर शसा क

मनोरजन कलब ारा आयोाजत कए गए खल

करम

टबल टनीस

शटल

शतरज शॉट- पट धीमी साइकलग

पष सगलस माहला सगलस पष डबलस माहला डबलस

पष सगलस पष डबलस

पष सगलस माहला सगलस पष डबलस माहला डबलस

पष पष पष

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वषर 2013 क दौरान कनीय मनोरजन कलब सपोटरस स ा इस ानदशालय क ाता एव सममान

करम

खल म परसकार ातीय परसकार ततीय परसकार

पष सगलस पी रवी कानत चनपाल शशी करन एव एलए बग

माहला सगलस शभा वी नायर पीक ातभा शलजा एव मीना

पष डबलस सययद इदरस एव सवातरयया कवी चारी एव ओ वीन कमार

---------

माहला डबलस शभा वी नायर एव अनसया पीक ातभा एव शलबाला खडरी

टबल टनीस पष सगलस पी सतीश क वीचारी ओ वीन कमार

एव अशाख अहमद पष डबलस कवीचारी एव

डी रगा राव कक गा एव पी सतीश ----------

शटल पष सगलस पी सतीश एम वी ावजय कमार कवी चारी एव पी

यादयया माहला डबलस शभा वी नायर एम सबीता मीना एव राज़या

बगम पष डबलस पी सतीश एव

एम वासदव स कमार एव ओ वीन कमार

-----------

माहला डबलस एम सबीता एव राजया बगम

शभा वी नायर एव बी एस वी वरलमी

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शतरज पष जगन एकर ------------

शॉट- पट पष बी नागरम चनपाल स कमार

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धीमी साइकलग पष डी स कमार सययद इदरस सययद मोजज़म

उ नयायलय म लाबत नयायालक मामल

लाबत मामल 04 आ दश उ नयायालय

कस क सखया 11 कनीय शासानक अाधकर हदराबाद

समा कस क सखया 06 लाबत कस क सखया 05

पनवलोकन मामल

ानालाखत अाधकारयकमरचारय क पनवलोकन मामल का ानपटारा कया जा चका ह

म स प lsquoबीrsquo राजपाषत प lsquoबीrsquo अराजपाषत प lsquoसीrsquo (पवरवत प

1 एस बाब अाधकारी सव ज डी एबनजर मानाचषकार ाडाव I नरश

2 पीक लहा मानाचषकार ाडाव I गदो राम

3 शख मीरावली मानाचषकार ाडाव I एम गररयया

4 जी सीतारामम सव सहायक पी काशम

5 वाई सबबयया सव सहायक सतयममा

6 पीएस सामबाब सव सहायक वी कषयया

7 बी ओबशयया सव सहायक

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एम ए सी पी क मामल

ानालाखत अाधकारयकमरचारय क एमए सी पी मामल का ानपटारा कया जा चका ह

म स प lsquoबीrsquo अराजपाषत प lsquoसीrsquo (पवरवत प lsquoडीrsquo)

1 वी सयर भा मानाचषकार ाडाव I एल योहन

2 पीकलहा मानाचषकार ाडाव I सीनाराया

3 शख मीरावली मानाचषकार ाडाव I जजॉन

4 एम भवनरी मानाचषकार ाडाव I एस रामयया

5 बीएसवी वरलमी मानाचषकार ड़ II बी पललया

6 - पी काशम

7 - शख काासम पीरा

8 - एम लमी नाराया

9 - एम वकटरल

10 - जी जया

आ दश भ साानक आकड़ा कन क अाधकारय कमरचारय क ब ाजनहन शकाक ानपता दखाई ह

1 कमारी अनवषा कर सपषी डॉ पीक कर सी जी पी ए 9810 दसव कका क ीय ावालय हदराबाद

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तलग म ावव ी नकश ( ओएस एम) क तयारी (बीएचराव अधी सव जीव अाध सव एमराकश अाध सव एसपटा री मानाचषकार)

सतावना पवर म ावाभ नकश तलग म कााशत आ करत जस आ दश राजय नकशा (1999) भारत क राजनीातक नकश आद ऐस नकश अकराक ासटक-अप (lettering stickups) साहत साइबग क परमपरागत तकनीक का उपयोग कर कााशत होत तााप कोई भी सलाकातक नकश तलग म कााशत नह ए ह परत हाल ही म ावजान एव ौोागक ावभाग न ावव ी टोपो नकश ( ओएसएम) को कषीय भाषा म उपलबध करवान क ालए एक नीात को जारी कया ह ाजसक पराम सवप आ दश भ साानक आकड़ा क न राजय क राजधानी हदराबाद को दशारत ए एक शीट को योग क आधार पर अकय माधयम स तलग म करन का काम ालया ह

ॉनट क खोज म माइोसटशन साफटवर क अनक ल डीजीएन ामट म मल डाटा बस पहल स ही उपलबध ह मल-

पाठ को बठान क ालए माइोसटशन क अनक ल एक सावधाजनक तलग ॉनट क आवशयकता ह अनक ॉनट क जाच क गई परत कछ भी माइोसटशन क अनक ल नह पाया गया कयक तलग ालाप म बत सारी माषाए अगल स लगवाए जान क कार ldquoमाषाrdquo को लगाना एक कठन कायर सााबत आ तााप वब म बत छान-बीन करन क बाद ldquoटी टी एल हमलताrdquo ॉनट को खोजा गया और माइोसटशन परवश म मल पाठ को रखन म उपयोगी पाया गया

अनवाद

ावाभ व रनातमक अाभउाया ाचनह पाद- टपपाया आद का अजी स तलग म अनवाद हत सभी ापय साधन जस क इटरनट नट पर अनवाद शबदावली आद का आय ालया गया

माइोसटशन परवश म मल पाठ को बठान क ालए कायरावाध

ॉनट याान ldquoटी टी एल हमलताrdquo वााछत सान पर लोड कया गया तलग ालाप म बत सारी माषा क अतःसाापत होन क कार एक ावाशप शबद या अकर क ालए सही माषा क चयन हत अाधक सावधानी बरतना का सानात कया गया वााछत मल ndash पाठ को मइोसाफट वडर म टकत कया गया माइोसटशन वशरन 8 ाइल म अनोटशन टकसट एडीटर क माधयम स कापी और पसट कया गया उ

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शीट क 22 टोपो स अनवादत अनोटशन को या सतयाापत कया गया अनोटशन को कनार म और उपरो शीट क नाम ाइल म रखा गया मामल ाजनको सलझाना ह -

1 ॉनट क आकार का मानककर 2 तलग ालाप म ावाभ व रनातमक अाभउया क सावधाजनक शबद का चयन 3 मल- पाठ को सगठत करना एक जटल कायर ह और समय लन वाली कायरावाध ह और पयार

माषा म षीय भाषा याान तलग क जान क जरत ह 4 जयादा सखया म सपादन मल-पाठ क सगठन क आवशयकता ह 5 तलगाना राजयतलग ावावालय क उ राजभाषा ावभाग स अनवादत ालाप को माीकर

करन क आवशयकता होगी समाा

सानीय ालाप (तलग) म ओ एस एम माक नकश क तयारी स अाधक सखया म लोग को सलाकातक नकश को आसानी स योग करन म सावधा होगी सलाकातक नकश म भाषा-ावषयक सबधी साचकारी पदार को जोड़न स ानयही भारतीय सवक ावभाग क उतपाद क चार को बढ़ावा ामलगा और बाजार म अपनी अहामयत बढ़ाएगा

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चनौती क ालए तयारी (रघना ाषपाठी अधीकक सवकक)

कसी भी ावभाग म नई चनौातय को सामना करन क ालए कमता ानमार क आवशयकता ह यद

यह नह कया जाए तो सताावत योजनाए ावल हो जाती ह कमता ानमार स पहल उसक लय एव उशय को परभााषत कया जाना आवशयक ह कयक इसक कायारनवयन क सतर म योजना और ानषपादन म का अतर हो सकता ह कमता ानमार क अनय मानक क अतगरत अनवत सावधा क रखरखाव और सभाावत ावकास भी शाामल ह कमता ानमार क कसी भी यास म ातभा क खोज को ही पहल कदम क प म ालया जाना चााहए भारतीय सवक ावभाग म सही कमता ानमार क बाद ही 110000 क पमान का सवक करन और मानाचष ाा सभव हो पाएगा आधानक अाध ौोागक म कमय क ाशक पयार नह ह लकन यह दखना ह क जो माग और सवक और मानाचष क आपत क खला स सक ातत ह जनता क ालए उपयोागता बढ़ा रही ह श म हालाक बाधाए आना बाधय ह हम यह कायर श करना और पराम क तीका करनी ह इस यास म खल अाधकार कष क ावशषज को ानयामत प स परामशर कया जाना चााहए सवक और नकश क उपयोगकतार क माग और एक बड़ परय क दाप स दखन क ालए यह महतवपर ह

यहा तक क उपयोगकतार क ालए भी ाडाजटल डटा का उपयोग सीामत ह भारतीय सवक ावभाग उपयोगकतार को ानयामत आधार पर सहायता और मलय सवधरन क ालए सलाह दकर नकश क कातज उपयोग तक का ावसतार कर सकता ह उस बात पर धयान दत ए भारतीय सवक ावभाग क सवा हत जी आई एस वजाानक को शाामल करन क आवशयकता ह यह महगा मामला होन पर भी वरीयता स भरी हम भावषय क चनौातय को परा करन क ालए तयार रहना चााहए कयक नकश क उपयोग स ावकास को तो होना ही ह

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नमक का महतव (कष कमार अाधकारी सवकक)

एक राजा क तीन बटया ी तीन बत ही सनदर सशील और ावशष ग वाली एक दन राजा न तीन राजकमारय को अलग-अलग स एक ही सवाल पछा ldquo बटी तम मझ कतना चाहती हो ldquo बड़ी राजकमारी न जवाब दया rdquo ापताजी म आपको सोन जस चाहती अारत सोन क आभष स मझ ाजतना पयार ह उतना ही पयार आप स ह ापताजी ldquo राजा बत सतप आ और दसरी राजकमारी स पछाrdquoबटी दीदी न तो जवाब द दया अब तम बताओ तम मझस कतना ह रखती हो दसरी राजकमारी बोली ldquo ापताजी म आपको हीर जसा चाहती अारत हीर क गहन स मझ ाजतना पयार ह उतनी ही पयार आप स ह ापताजी ldquo राजा तो ल न समाया सोचन लगा rdquo म बमतलब का सकोच कर रहा ा मरी बटया तो लगता ह मर बगर जी नह पाएगी ldquo अब तीसर स कया पछ र भी पछ लता र तीसरी बटी स पछाrdquo बटी तम मझ कतना चाहती हो तीसरी राजकमारी न जवाब दयाrdquo ापताजी म आपको नमक ाजतना चाहती जवाब सनत ही राजा आग-बबला हो उठा और बरी-भली सनाकर उसक कक स ानकल गया छोटी राजकमारी न कछ नह कहा बालक राजा क डाट सनकर चपचाप रह गयी रात ई राजा को सार महल क कायर ानपटान क बाद भख लगी खान क ालए उस हीर स ससात सोन क सहासन पर छोटी राजकमारी न बठाया र सोन क ाली म नाना कार क जन स य खाना परोसा और राजा को खाना श करन को कहा राजा न मह म खाना रखा तो महसस कया खाना का ह र हर जन को चखा तो पाया सब क ह र तो आग-बबला होकर अपनी रानी पर ाचललाया ldquo इस तरह क भल कस हो गयी हम कया समझ रखा ह जन दखाकर ललचाना और र खान नह दना यह बोलत ए रानी पर सोन क ाली ाजस पर जन परोस ए कन क ालए हा उठाया उठ ए हा को तीसरी राजकमारी न पकड़ ालया और पछा ldquoापताजीखाना तो बढ़या ह र कमी कया हrdquo राजा बोल ldquoनमक क ाबनाकोई खाना खाया जा सकता हrdquo राजकमारी बोली ldquoापताजीआपको तो नमक स नरत ह ना इसालए मन जन बनवात ए नमक नह डलवाया rdquo र तो राजा समझ गया क छोटी बटी न उनह सबक ासखान क ालए यह भोजन तयार करवाया ह र बोला ldquoबटी म समझ गया नमक क ाबना खाना जस सवादप नह उसी तरह तमहार पयार ाबना मरा वचरसव नह ldquo और राजकमारी को गल लगा ालया

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मायाजाल (एनबी सवामी अाधकारी सवकक)

इस जगत म कल 84 लाख जीव राशया ह और उनम मानव जनम सबस उम ह उम इसालए ह क भगवान न मानव का आधार इसालए दया ह ताक इस जनम अचछ कमर कर वह मोक क ाा कर सक मोक याान पनरजनम नह यद कमर बर ए तो र 84 लाख जीवरााशय म पदा होन क ालए वह आतमा कालच म दोबारा स जाती ह इस सपर कालच क याषा करत ए जब आतमा मानव क योान म वश करती ह तब वह भगवान स यही ारना करता रहता ह क ह भगवान मझ इस कद (याान मा का गभर) स जलदी मा दला द कयक म तमहारा धयान सही ढग स नह कर पा रहा कयक इस कद म अनक तरल पदा क सा-सा मल-मष म भी टहल रहा यह कसा नरक ह जहा आपन मझ सा रखा ह तब भगवान भी बोलत ह क ldquoत अभी बालक ाशश का प धार करन वाला ह तमन इतन वष यग म ाजतन पाप कय ह उन सबक यह चरम सीमा ह यह चरम सीमा बत ही पीड़ा दन वाली ह ाजस तमह जीतना ह लाघना ह इस चरम सीमा स मा होन क बाद तम कया करोग ldquo ाशश कहता ह ldquo भगवन आप जो कहग ldquo भगवन पछत ह कया तम अपना जीवन मरा धयान करत ए मर ालए समपर कर दोग ldquoाशश कहता हrdquo हा म समपर कर दगा आपक ालए ldquo भगवन भी जानत ह ाशश को नौ महीन गभर म रहना ही पड़गा तभी पर शरीर का ावकास होकर जब वह बाहर आएगा तो मरी सवा करगा उ नौ महीन तदनसार भगवन ाशश का वातारलाप नौ महीन चलता रहता ह ताक ाशश अपन चार ओर स मल क गध का धयान न द र जब वह बाहर ानकलता ह भगवान को धनयवाद करता ह और कहता ह ldquo म तमहारा बत ही आभारी भ अपन मझ मा दलाई अभी मझम वह ताकत नह क म तमहारा धयान करन क ासवा और कछ क मर माता ndashापता मझ सच कर जब अपन पर पर चलन क ताकत द दग तभी म तमहार ालए कछ कर पाऊगा ldquo भगवान कहत ह ldquo अर मखर त नह जानता यह जगत एक मायाजाल ह मझ पर ावास ह त मझ भल जायगा और र स कालच म पड़ जायगा ाशश कहता ह ldquo नह भगवान ऐसा नह ह भगवान मरा ावास करो म ातजा करता मरा जीवन आपक ालए ही समपर ह ldquo भगवान कहत ह ldquoदख लगा इस जगत क मायाजाल म त मरी कया का सवा करगा ldquo यह ाशश और भ का वाारलाप सनकर दवष नारद भगवान क पास पच पछन लग ldquo भ आप कस मायाजाल क बात कर रह ह ldquo भ बोल ldquo नारद म समसत जीव- रााशय का सवामी उनका कलया चाहता उनको सख भी और दख भी दता वह इसालए क मायाजाल क मोह एव अहकार म पड़कर खद को सपर मानन वाल ाी को दड न द तो र मरा समर कस करगा ldquo नारद बोल ldquo भ आपक वचन का मतलब कस

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दशा म जाता ह यह तो मझ नह पता एक तर कहत ह समसत जीवरााशय का कलया चाहता दसरी ओर कहत ह दड दता तीसरी ओर मायाजाल अर नाराय आप जब समसत जगत क सवामी ह सब आपक अधीन ही ह तो र मायाजाल शबद आपन जो योग कया ह वह आपक अधीन स बाहर कस हो गयाrdquo ानयष काजए जीवरााशया उसक चपट म नह आएगी र सब आपका गगान ही करग और सबको मोक क ाा होगी ldquo भगवान कहत ह ldquo ह दवष मर ालए समसत जीवराशी को परीका स गजरना पड़ता ह मानव जीवन ही उनम अातम परीका ह बस उसको लाघ ल म पनरजनम स मा दला दldquo नारद जी भगवान स तकर करन लग गय का दर बाद भगवान न कहा rdquo दवष आपस बहस और नह कर सकता आपस बहस कर मरा गला सख गया ह जरा एक छोट कलश या कमडल म पानी लकर आइय ताक म अपनी पयास बझा सक नारद को झटका लगा और पाताप करन लग ldquo बमतलब मन अनतरयामी स बहस कर उनको कप दया व समपर जानानद क सामन मरी हासयत कया ह पता नह आज मरी मात मारी गयी और म बमतलब बहस करन लगा भ को पयास लगी ह और वो भी मरी वजह स जलदी स उनक पयास म बझा द पानी क खोज म सार लोक का म करत ए नारदजी पथवी लोक म पच गए पथवी लोक पचकर पानी क खोज म एक कए क पास पच तो दखा क एक अतयनत सदर नारी कए स पानी ानकाल रही ह नारद न सोचा वह सनदर ी पानी भरकर चली जाए तो र म ोड़ा सा पानी भर ल नारद उस दख रह ी भी नारद जी को दख रही ी नारदजी न पछा rdquo दवी कया तम यह आसपास रहती हो ी न जवाब दया rdquo हा ldquo नारदजी र पछ rdquo दवी कया तमहारा ाववाह हो चका ह rdquo ी बोली ldquoनह ldquo नारदजी का ावचालत मन ल नह समाया और पछ ही ालया ldquo दवी यद तम अाववााहत हो और यद तमह कोई परशानी न हो तो कया तम मझस ाववाह करोगी ी सादाय औरत ी बोली ldquo मर ापता क आजा क ाबना म आपस ाववाह नह कर सकती ldquo नारदजी बोल ldquo दवी सशील नारी क यही ग होत ह यद तमह आपा न हो तो म तमहार सा चलकर तमहार माता-ापता स बात कगा और तमस ाववाह कगा ldquo यवती राजी ई और ासर एव कध म पानी स भर घड़ को ढोत ए आग चलती रही और नारदजी पीछ चलन लग सपर रासत म उस सनदर ी क ानहारत ए मन म सपन क पल बाध रह उस सनदर ी क ापता क पास जाकर अपना परचय दत ए उनक बटी स ाववाह करन का सताव रखा साकात नारद मान को अपना दामाद सवप दख उसी मतर म मगनी हो गई और एक शभ मर म ाववाह भी हो गया ाववाह क कछ दन क पात उनक ब हो गय ब बड़ भी हो गय र तो व अपन गहस आम म इतन सत हो गय क उनक मह स नाराय मष ानकलना भी बद हो गया कई वष बाद एक शाम को जोर क आधी क सा तानी बारश ई इस माहौल न इतना ावकराल प धार कर ालया ा क वातावर लय म बदल गया चार तर पानी भर गया बत सार लोग पश आद पानी म बह गय कनत कात क ावकराल प क सामन ठहरन का साहस कस ा दखत ही दखत उनका गह भी बाढ़ क चपट म आकर टट गया और पानी म बह गाया पी और ब डर स

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रोदन करन लग दखत-दखत कान पष क अलावा पी और बाक ब भी पानी म बह गए र तो नारदजी स सोचा इस कान को म कध पर ालए चलता ताक वह तो बढ़ाप म मरा सहारा बनगा कनत लय क तीता इतनी तज ी क नारदजी क नाक क ऊपर स पानी बहन लगा र तो व खद भी भल गय क बट को बचाना ह सोचन लग म कसी तरह जीावत बच जाऊ उसी सोच न उनक कान पष को भी नह बखशा कसी तरह कछ समय उपरानत लय शानत आ पानी घट गया चार तरक मनषयपश - पकी आद क लाश टट ए रासत और घर क बीच पड़ी ई ी नारद मान को बहद दख आ और ठठोर कर रोन लग गय रोत-रोत व खद क बार म सोचन लग क भगवान न उनक सा ऐसा अनयाय कय कया काश व भी मर जात तो अचछा होता तभी उस राह स ास महष गजरत ए नारदमान स परामशर करन लग नारदजी कहन लग ldquo पता नह मन कौन सा पाप कया ह क मर पर परवार का सवरनाश हो गया ह मझ कय मतय नह आई इस पर ासजी न कहा शायद तमहारा समय नह आया ह इसालय तम बच गय हो हालाक ास जानत क नारद मायाजाल म सा आ ह ldquo र इसका ानरय कौन करता ह ldquo नारद न ासजी स पछा ासजी न उर दया ldquoयह तो मतयलोक क अाधपात यमराज ही इसका उर दगrdquo र व दोन ामलकर यमराज क पास गय यमराज न आन का कार पछा तो ासजी न नारद मान क सारी दख भरी गाा सनाई और पछा क ldquoमतय न इनका आलगन कय नह कयाldquo यमराज बोल rdquoम कोई नह मरा यमदत ही इसका उर द सकता ह कयक म यमदत क ारा कसी आतमा को लान क बाद ही उसक पाप-पणय का ाहसाब दख ानधाररत सजा का ऐलान करता यद यमदत आपको लकर मर पास नह आया तो इसम मरा कया दोष ह यमदत स पछ लldquo र ासजी न उनक यमदत स वही सवाल करन पर यमदत न कहा ldquo महामान म कस कसी क शरीर स आतमा को छीनकर ल आऊ म तो यमलोक का सवक माष ाचषग जब तक आजा नह दत तब तक म कोई कायरवाही नह कर सकता आप इस का उर ाचषगजी स पछ ल ldquo र ासजी न ाचषग स वही सवाल करन पर ाचषग न कहाrdquo महामान म तो यमदत को तभी आजा दता जब उस ाी का सारा लखा - जोखा समा हो जाता ह अभी माननीय नारद जी क मतय का समय आया नह ह अभी उनका कछ कया नह जा सकता ldquo ासजी न नारद स कहाrdquo दखो नारद अभी तमहारा समय आया नह ह तभी तम जीावत हो चलो चलत ह अब ापछली घटना को भल कर आग क सोचो ldquo बस इतना ही कहना ा क ाचषग न र ासजी को बलाकर कहा rdquo ह ऋाषवर इनक कणडली म यह ालखा ह क मतय तभी इनको गल लगा सकती ह जब य एक सा आपको मझ यमराज और उनका वाहन भस का एक सा दशरन करग चक इनक ारा यह कायर पर हो चका ह अत इनका जीवन पर हो गया ह ldquo बस इतना ही ा क नारद जी को आवाज आन लगी अर दवष दवष मझ कब स पयास लगी ई ी मरा गला सख गया ह कनत आपन मझ अब

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तक पानी नह दया कहा ह पानी ldquo य साकात नाराय क आवाज सन नारदजी को होश आया और भगवान क चर म पड़कर ागड़ागड़ान लग यह कहत ए क rdquo ह नाराय आपन मझ अचछा सबक ासखाया ह मन आपस बहस कया कर लीआपन मझ मायाजाल का साकातकार करवा दया कमा काजए म आपको पानी नह ापला सका मरी वजह स आपका गला खब सख गया होगा ldquo यह कहत ए उनक अधारा स नाराय क पाव धल गय और भगवान न कहाrdquo दवष आप चातत ना ह आपन अधारा स मर चर धोकर ानसवार सवा कर दी मरी पयास बझ गयी ह अब आप म ह ldquo र नारदजी खशी स नाराय-नाराय कहत ए ानकल गय

घाट का पतर

(बषव बहरा अाधकारी सवकक)

माता-ापता और जनम भाम को छोड़ कर हम सब बन गए ह घाट का पतर धनय ह वह महापष ाजसन हम साापत कया म उस महापष क ावषय म व रन नह कर सकता शायद म अात पाप क कार पतर बन गया लोकन म आशा करता क भावषय म मरा भागय बदल जाएगा चक म लोग क मन स सवा करता इसका ल हमको भगवान अवशय दग लोग का सवा करत ndashकरत मरा आकार भी बदल गया परनत सवा करत ndashकरत मरा नाम रोशन हो रहा ह बालक हम सता का अनभव हो रहा ह मर कमर क चलत मरा भागय बदल रहा ह म हमशा जलम रहता और पीठ पर ातदन मार झलत रहता शायद ही ऐसा पीड़ा इस ससार म कसी को ामलती होगी मरा सानानतर भी नह ह म कई महापष को दखता आया कतन महाराय न ा तयाग दय लकन तबस म यहा अकला पड़ा म हर मौसम क मार झल रहा ब-बढ़ क सवा करत-करत मन कछ पणय कमा ालए ह और आशा करता क मझ को भावषय म मानव जनम ामल सकता ह मानव जनम ामलन स म आपका भजन-करन कगा

ऐस दखतndashदखत कई यग क बाद हमको मानव जनम ा आ मानव जनम म अगर इस धराष म दखा क यहा ऊच-नीच जात-पात नीात-ानयम ावदन पाचार अनयाय ndashअतयाचार चमर-अचमर का ताडव नतय चल रहा ह दखकर मर मन म परवतरन आ गया क भ मझको मरा ापछला जनम वापस द दीाजए

पतर जनम म रह कर मरा कोई-कोई साी अचछ कमर क चलत मदर म सान ा कर ालया ह कोई-कोई तो ठाकर बन गय लोग-ातदन उनक पजा करत ह

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हम लोग म स कोई-कोई सामाजक कायर म सहयोग दान करत ह कोई गह-ानमार म सहयोग द रह ह तो कोई मदर-ानमार म सहयोग द रह ह कोई तो सीधा मत बन गय इसीालए उनक मन म घमणड आ गया अहलया न पतर होन क नात भगवान का दशरन पा ालया इसालए पतर जनम होन क चलत उनक मन म का अह भाव आ गया

हमार अनदर ावाभ प भी ह याः लोहा पतर चना पतर सगममरर काला पतर (नाइट सटोन) मलायम पतर (soft stone) इतयाद लोहा पतर जो दश क ानमार म काम आता ह चना पत जो ासमट ानमार क काम म आता ह सगममरर घर और मदर का शर (flooring) म काम आता ह काला पत घर का शर और आला बनान म काम आता ह मलायम पतर ाशलप कला क ावकास म योगदान दत ह पतर जनम होकर भी म का गवर महसस करता मरी भगवान स अानतम ावनती य ह क आप मझ अानतम समय म दशरन दन को कपा कर

न हमको पतर जनम चााहए न हमको मानव जनम चााहए हमको तो ास र इस भव सागर स पार होना चााहए

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जयादा लोभ न करना (पाडव कानटया सहायक सवकक)

मनषय भगवान क साप ह इसालए वह भगवान का अश ह जब तक वो मा क गभर म ा तक तक वह मोह-माया स वाचत ा एव हमशा भगवान क समीप ा लकन जब वो पथवी पर अवती र आ उसको मोह-माया न घर ालया पाच साल तक वो ईरीय सा म रहता ह इसालए कहा जाता ह क ldquoCHILD IS THE INCARNATION OF GODrdquo इसक बाद मोह-माया म आकषत हो कर ईरीय सा को भल जाता ह बचपन म वो बत आजा और मोह-माया राहत और चरषवान रहता ह जब समय बढ़ता जाता ह तब उसक समसत उम ग धवस होकर गलत मागर पर चला जाता ह

बचपन म ावा ाशका जवानी म ी दीका एव पारवारक ाचनता म म होकर वह समसत मौालक सा को खो दता ह सबा नप होकर सबा म आ जाता ह दव का नप होकर राकस वा जारवत होता ह एव परवारक जगल म सकर भगवान का नाम लना भल जाता ह अपना परवार का भर पोष क ालए कठन परम करता ह लकन उनका पट भरता नह ह ईर क सा को भल जाता ह और अनत म पशकतव को ा होता ह शरीर रोगसत हो जाता ह दाप शा की हो जाती ह चलन ndashरन म असमर रहता ह रात को नद नह आती ह र भी लोभ को छोड़ नह पाता ह अपन बीवी-ब ता परवार क बार म सदा सोचन लगता ह शरीर वावसा को ा होता ह परवार क कोई भी सदसय पछत नह ह

परवार क लोग उसको ढग स खाना भी नह दत ह उसको घर स दर रखत ह र भी यह अधम मनषय भगवान क बार म सोचता नह ह लोभ का अनत नह होता ह पाप का बोझ बढ़त जाता ह अनत म नरक को ा होता ह र भी मनषय भगवान को समझ नह पाता ह परवार क ालए इतना बड़ी ददरशा झलता ह उनको कोई भी नह पछता ह उसक ारा जमा क गई पजी को परवार वाल उनक सामन मौज करत ह

लोभ मनषय को अनधा बना दता ह आदमी क हतया करत ह लोभ क वशीभत होकर दसर क समपात को लटत ह ाजसस समाज म पाचार बढ़ता ह इसालए ह मानव तम कय लोभ करत हो लोभ नह करक भगवान का समर करो हर कतरन करो तप जप करो और सवगर क अाधकारी बनो उम कमर करक भगवान क शरागत हो जाओ भगवान तमहार समसत सख-दख का भार वाहन करग

सवरधमारनपरतयजय मामक शर ज अह तवा सवरपापभयो मोकायषयााम मा शच

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इसालए अचछा कमर करक पणय कमाना ह हमशा धमर क जय और पाप का कय होता ह धमर-कमर करक ावजय ा होगी लकन अधमर म जाकर नरक गामी नह होना

एकदा अनधा राजा धतरा सजय को पछा क ldquoह सजय इस धमर य म कसक जय होगी उर म सजय बोल क ldquoयष योगर कषो यष पा धनधरर तष ी ावजयो भात वा नीातमरातमरम ldquo अारत जहा योगर कष एव धनधाररी अजरन एक सा ह वहा ावजय ानात ह

इसालए दखा गया क हमशा धमर क जय और अधमर क पराजय होती ह धमर सवचछ ानमरल लकन अधमर कदाकार कात ह इसालए लोभ-लालच म वशीभत न होकर सत

कमर करो अनयाय का परतयाग करो लोभ मत करो जीवन म कप करक जो धन कमा ालया वो सब इस धरती म रह जाता ह अानतम क म सा कोई नह ल जाता इसालए अनधर म भटक नह जाना इसालए कहा गया ह क-अात लालच नह करना अात सवरष गहतम अारत अात सवरनाश का कार ह

अात दप हता लका

अात मानसय कौरवा अातदारन बाल वध अात सवरष गहतम

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टटा वक का अाभमान (चरदास नाराय गडम सवक सहायक)

वन म खड़ एक वक क सा ालपटी एक लता भी धीर-धीर वक क बराबर हो गई वक का आय

लकर उसन भी लना ndashलना आरभ कर दया बल को लत ndash लत दखकर वक को अहकार हो गया क म न होता तो लता अासततव हीन होती वह लता को धमकात ए बोला ओ बल चपचाप मरा कहना माना कर म जो कह रहा वह कया कर नह तो ध मार कर भगा दगा पड़ का लाप जारी ा क दो पाक वहा स ानकल एक बोला अर भाई जरा दखो तो यह वक कसा सदर ह इस पर कसी सदर लता पाषपत हो रही ह आओ इसक नीच ोड़ी दर ावाम कर अपना महतव लता क सा ह यह जानकर वक का अाभमान भी नप हो गया सा ndash सा रहन स ही सबक गात होती ह

बटी (डी राव बाब पटल ाचषक ड-II)

बटी घर क लाज होती ह पापा क सर का ताज होती ह दल क सदा स रही ह इचछा बटी तझको ह पाना आई हो मर जीवन म जस एक ननही कावता राह दखता म तरी जलदी स मर पास आना मा क गोद म सदा रहती हो कछ पल मर पास भी आना न चाहत ह अब धन दौलत क त ही लमी त ही मरी मत भी डर लगता ह सोचक जब एक दन छोड़ क जाएगी त कतना मझ लायगी त बटी होती ह बाबल क लाड़ली

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यह ाज़नदगी (सययद इदरीस पटल ाचषक ड ndashII)

बठ जाता ह ामी प अकसर कय क मझ अपनी औकात अचछी लगती ह

मन समनदर स सीखा ह जीन का सलीका चपचाप स बहना और अपनी मौज म रहना चाहता तो ह क य दानया बदल द पर दो व क रोटी क जगाड़ म सरत नह ामलती दोसत महगी स महगी घड़ी पहन कर दख ली व र भी मर ाहसाब स नह चलता य ही हम दल को सा रखा करत पता नह ा क कमत चहर क होती ह अगर खदा नह ह तो उसका ाज कय और अगर खदा ह तो र कय

lsquorsquoदो बात इसान को अपन स दर कर दती ह एक उसका ldquoअहम rdquo और दसरा उसका ldquo वहमrdquo पस स सख कभी खरीदा नह जाता और दख का कोई खरीदार नह होता मझ ाज़नदगी का इतना तजबार तो नह पर सना ह सादगी म लोग जीन नह दत मााचस क जरत यहा नह पड़ती यहा आदमी आदमी स जलता ह ाव क बड़ स बड़ वजाानक यह ढढ रह ह क मगल ह पर जीवन ह या नह पर आदमी यह नह ढढ रहा ह क जीवन म मगल ह या नह

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जीवन म न जान कौनसी बात ldquoआखरी rdquo होगी न जान कौन सी रात आखरी होगी ामलत जलत बात करत रहो यार एक दसर स न जान कौन सी ldquo मलाकात rdquo आखरी होगी अगर जदगी म कछ पाना ह तो तरीक बदलो इराद नह ऐ चाद त कस मज़हब का ह ईद भी तरी और करवाचौ भी तरा

उगालय क लड़ाई

(शख महबब पीरा पटल ाचषक)

एक दन हा क सभी उगालया आपस म लड़न लग अगठा बोला म सबस बड़ा सभी जगह जरी कागज पर मझस ही ानशान बनाया जाता ह तजरनी बोली-ldquoम बड़ी मर होन स ही सब लोग काम कर पात ह जस-ालखना खाना पकड़ना मधयमा बोली-ldquoअर भई कया तम नह जानत जो आकार म लबा होता ह उस ही सभी बड़ा कहत ह अनाामका सब बात चपचाप सन रही ी वह तरत बोली ndashldquo म सबस बड़ी म तो पजा करन क भी काम आती मर स ही रोलीातलक लगाया जाता ह कानाका सभी को लड़ता दखकर उदास ी वह चपचाप एक कोन म कछ सोच रही ी तभी अगठा व तीन उगालया उसक पास गई और बोली- ldquoअर छोटी तम तो बड़ी हो ही नह सकती कयक तमहारा नाम ही कानाका ह कानाका बोली ldquoसनो अगठ भाई और पयारी उगालय आपस म लड़कर कभी कसी का भला नह हो सकता हमम कोई भी बड़ा-छोटा नह ह हम सब ामलकर मी बन सकत ह तभी हम सब बलवान हग कया तमह नह मालम क बद मी म ही ताकत होती ह इसालए हमारा लड़ना बकार ह rdquo कानाका क बात सनकर सभी एक सा बोल- ldquoहा छोटी बहन तम ाबलकल सही कह रही हो सचमच अकल म तम ही हम सबस बड़ी हो rdquo

इस नीात का स एकता म बल क ाशका ा होती ह

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तलगाना- भारत का एक और नया राजय (शलबाला खडरी मानाचषकार)

तलगाना भारत क दाकी भाग म ासत भारत का 29 वा राजय ह कषल क दाप स यह दश का

बीसवा बड़ा राजय ह ाचीन हदराबाद रयासत का अाधकतम भाग तलगाना राजय म ालया गया ह जहा आजादी स पहल ानजाम का राजय ा सन 1947 म जब भारत अज क चगल स आजाद आ उसक बाद भी हदराबाद का ानजाम अपनी रयासत सय भारत म ावलीन करन क पक म नह ा वह अपनी रयासत पर अपना ही सवतष शासन चाहता ा अतत सरदार बललभ भाई पटल क अक यास स इस रयासत को भारत क मखय धारा म ावलीन कया जा सका इस कार आन दश राजय क सापना ई और 26 जनवरी 1950 को ी एमक वललोड़ी आन दश राजय क म मखयमषी ानय ए 1956 म हदराबाद रयासत को आन दश राजय म ावलीन कर दया गया

2 जन 2014 म पनः तलगाना राजय अासततव म आया आन दश राजय क उर पामी 10 ाजल को ामलाकर तलगाना राजय क सापना क गयी ह राजधानी हदराबाद भी तलगाना राजय म ासत ह परनत 10 वष तक हदराबाद दोन राजय याान आन दश और तलगाना राजय क सय राजधानी रहगी दोन राजय क शासानक कायर हदराबाद स सचाालत हग तलगाना शबद का ादभारव ाषलगा दश शबद स आ ह ाजसका अर ह तीन लगो वाला दश तलगाना राजय क तीन दशा म कालरम ीशलम और ाकारामम ास ाशव मानदर ासत ह ाजनक अपार धामक महा ह वासतव म पक तलगाना राजय क ालए 1946 स 1951 क बीच ही ारमभ हो गया ा उस समय कमयानसट पाट न इस आनदोलन का नततव कया ा जो असल रहा भाषा क आधार पर तलगाना और आन राजय को पक करन क ालए अनक आनदोलन समय-समय पर होत रह ह इनम मखय आनदोलन 19691972 और 2009 क ह इन आनदोलन का यह भाव आ क 9 दसमबर 2009 म भारत सरकार न पक तलगाना राजय बनान क कायरवाही श कर दी य घोषा सनत ही तटीय आन व सीमान कष क लोग न सम आन दश क पक म आामक आनदोलन ारमभ कर दया और ऐसी ासात म भारत सरकार न यह कायर 23 दसमबर 2009 तक सागत कर दया इसक पात भी लगातार पक तलगाना और सम आन दश क ालए अलग-अलग आनदोलन चलत रह पक तलगाना क पक म कई आतम - हतयाए ई हड़ताल क गयी ाजसस जन साधार को बत असावधा का सामना करना पड़ा अतत पक तलगाना समरक क जीत ई और कास कायरकारी सामात न सवर सहमात स 30 जलाई 2013 को पक तलगाना राजय क ासारश करत ए ाबल तयार कर दया अनक सोपान पार करत ए यह ाबल रवरी 2014 को ससद म पारत कया गया रवरी 2014 दश पनगठरन एकट क तहत यह ाबल ससद म पास हो गया इसक पात इस नय राजय तलगाना ाबल को रापात ारा सहमात ा ई और माचर 2014 क गजट म इस कााशत कया गया इस कार नय तलगाना राजय क सापना ई

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ाशासकय प स तलगाना राजय क सापना 2 जन 2014 को ई क चन शखर राव क पाट ldquoतलगाना रा सामातrdquo न चनाव म दश म बमत हाासल कया और इस कार ी कचन शखर राव तलगाना राजय क म मखय मषी चन गए

म महगाई (डॉ नीलम कमार ाबड़ला अाभलखपाल)

म महगाई महग दशभ लोग क आमष पर भारत आई तज गात लान गात म भारत आई मझ गलत मत समझो गरीब बत ठीक बमत दकर तमन ाजनको बत उठाया म तो उनह क तीक भौातक वादी यग म योग ासखाती म भख पट न सोए कोई कडालनी जगाती म धयान प म च मारकर मन जय ऊपर चढ़त-चढ़त र तक आ जाता ह भाव वसत क वस ही र तक ल आई

अब इस यग म एक तल क पीप को पा लन का अर को पा लना ह भ दशरन क झलक दखना एक टमाटर खा लना ह भारत का आदशर तयाग ह अनासा ह अपरह ह मझको पाकर लोग वसतए तयाग रह ह अपनी खद क कार छोड़ बस क पीछ भाग रह ह म लोग को तड़क भड़क स खच

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सादगी ासखाती टरीलीन क शौकन को ला पहनाती माया जीवन का बधन ह पया पसा मल हा का म वतन भोगी लोग क बधन दो दन म हर लती शी छड़ाकर मल हा का शीश सा ानमरल कर दती

नीात ालखन वाल न कम खाना या गम खाना अचछा बतलाया मन उनका कन ानभाया ाजतनी चीज महगी हगी उतना ही जन कम खाएग ाजस दन रोटी नह ामलगी उस दन खद ही कम खाएग

शकल पक क चाद सरीखी बढ़ती म खब चादनी लाऊगी अभी दज तक ही आई परमासी तक जाऊगी

करो कलपना जब भारत जन कतन सदर दखा करग ग चावल चना बाजरा जब पाड़य म ाबका करग बीमार को दध दहीघी क इजकशन लगा करग कसा मधर जागर होगा लोग भख स जगा करग

आतक हमला

(डॉ नीलम कमार ाबड़ला अाभलखपाल) 13 दसबर 2001 ससद प पाक आतक हमला 13 रवरी 2014 ससद म भारतीय आतक हमला

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शमरसार ई ससद पच ाड़ गए नयी तहजीब क झड गाड़ गए

उड़ाया गया काली ामचर का पाउडर सपीकर का नह सना आडरर आख जलन लग सास लन लगी ससद पर नगी तलवार झलन लगी

घायल आ जातष और सावधान मदर क पजारय न कया मदर का अपमान ऐस आतकय को सबक ासखाना होगा र नया इातहास बनाना होगा

बाल-म (वाइकराकश कमार खलासी)

बालपन क कलकारी धप क ताप स आ मक पोी छोड़ी कदाल खोदत हा क मार अचक कचड़ आधी म म करना आ मजबरी गरीबी क पराकाा पट और पीठ क घटती दरी कछ धनहीनता और कछ माता-ापता क मखरता कनत सबस जयादा सवा समाज क सवदनहीनता ाजसन बालक को ामक बनन को बाधय कया लखनी को छीनकर कोमल हा म छडी पकड़ायी

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गाय-बकरी क सवा करता बालय-जीवन कप अपन भावषय को दर करता अजान और अबझ ावोपाजरन क कसको ह सरत ासात तो ऐसी ई दो दान अ क ालय बालपन चोर बनन को आतर आ

दोसती

(ाचा कडयया खलासी)

गलाब एक ल ह

एक घनट म मरझा जाता ह पर दोसती एक शा ह कभी भी जीावत रहती ह

बर ठडी होती ह जो पकड़ म नह आती ह

दोसती सोन जसी ह जो कभी कोई नह खरीद सकत ह

तार क पाच अनत (END) ह चौकोन क चार अनत ह तीकोन क तीन अनत ह

एक रखा का एक अनत ह पर दोसती का कोई अनत नह ह

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मर जीवन का उशय (कमारी ाया सातव कका सपषी एम सबीता उाल)

कग नयज भारत का खतरा पाकसतान न कशमीर पर हमला कया ह कछ दन बाद helliphellip कग नयज पाकसतान क ाखला भारत क रका करत ए वीर सानक

का भारी नकसान इन खबर न भारत को ाहला दया ा म भी सोच म पड़ गयी क म भारत क ालए कया कर सकता भारत को इन हमल स कस बचा सकता मर मन म ास र एक ही खयाल आया क भारतीय सना का एक जवान ासपाही बन

जव मन यह बात अपन दोसत स कही तो उसन कहा क ासपाही बनना खतर स खाली नह ह और परवार स दर सरहद पर खतर स भर जीवन मर ालए कपद होगा लकन मन ठान ालया ा क म कछ ऐसा कगी क पर दश म मरा नाम हो ाजस दखकर मर अपन का ासर गवर स ऊचा हो जाए

मर ानय को सनकर मरी मा रोन लगी मझ लोभन दया क म ापार क मर दोसत न मझ डाकटर बनन का सझाव दया पर मन सोचा क भारत म कई डाकटर ह ापारी ह भारत को डाकटर या ापारी क नह बालक सानक क जरत ह

म भारत क ालए अपनी जान भी दन क ालए तयार मन सोचा सब अपन परवार को सराकत

रखना चाहत ह र भारत - भाम तो मरी मा ह मरी ही कय हर एक क मा ह तो हम सब का कतर बनता ह क हम इसक रका कर इसीालए मर जीवन का उशय ह क म एक ासपाही बन और भारत क सवा क

मखर ामष स समझदार शष अचछा होता ह (मासटर सनीत चौी कका सपष एम सबीता उाल)

एक दन म और मरा सबस अचछा ामष राव बठ यह सोच रह क हम परीका क ालए अभी स पढ़ाई श कर दनी चााहए या नह राव न तपाक स कहा क अभी स पढन स कोई लाभ नह होगा अगर हम परीका क एक दन पहल पढ़ग तो जयादा दमाग म रहगा तभी वहा स मरी कका का दसरा छाष रमश गजर रहा ा मझ रमश ाबलकल पसद नही ा और रमश भी मझ पसद नह करता ा बात-बात पर हम लड़ाई करत पर पढ़ाई म वह मझस बत अचछा ा उसन हमारी बात सन ली ी

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इसालए धीर सवर म मझस बोला अपन मखर ामष क बात मत सनो बस रोज मरी तरह ोड़ा-ोड़ा पढ़ो लकन मन उसक बात पर कान नह धरा एक महीन बाद परीका क दन आ पच परीका क एक दन पहल जब मन पढ़ना श कया तब पाया क पढ़न को बत ा पर समय कम ा जस -तस पढ़ कर मन परीकाए ालखी और उममीद करता रहा क म परीका म उी र हो सक कछ दन बाद परीका का पराम ानकला और वही आ ाजसका डर ा म और ामष राव अनी र हो गए दसरी ओर रमश बत अचछ अको स उी र आ उस दन मझ समझ आ गया क मखर ामष स समझदार शष अचछा होता ह

भावषय क पढ़ाई (मासटर ाशव कलया सातव कका सपष वालल कलयाी उाल)

आज जब हम पढ़ाई या सकल क बार म सोचत ह तो नजरो म एक भारी बग उठाता आ

छाष दखता ह कताब क ाबना हम सकल जान क सोच भी नह सकत कताब क सा कपयटर भी पढ़ाई का महतवपर ाहससा बन चका ह

कछ साल बाद भारी कताब स भर बग क बदल छाष क हा म टबलट होगा आकाश टबलट एक ऐसा यष ह ाजसम हम तरह-तरह क कताब पढ़ सकत ह हम कका म ही नट स जानकारी पा सकत ह टबलट ोन स बड़ा ह और जयादा महगा भी नह हम इस कह भी ल जाकर इसम कताब पढ़ सकत ह हम इसम कका का दया गया कायर भी कर सकत ह यह टबलट पढ़ाई का अदाज बदल दगा और पढ़ाई को मजदार बना दगा

पानी और धप (कमारी एस साानया पाचवी कका सपषी राजया बगम अाल)

अभी-अभी ी धप बरसन लगा कहा स यह पानी कसन ोड़ बादल को क ह इतनी शतानी

सरज न कय बद कर ालया अपन घर का दरवाज़ा उसक मा न भी कया उसको बला ालया कहकर आजा

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ज़ोर-ज़ोर स गरज़ रह ह बादल ह कसक काका कसको डाट रह ह कसन कहना नह सना मा का

परीका (कमारी शख राजया सलताना गयारहव कका सपषी शख महबब पीरा पटल ाचषक)

ाजस नाम को सनन स कापता ह बा वो ह परीका परीका पपर हा म आत ही इतना डर लगता क यद अचछा नह कया तो ापटना पा तीन घट म लगभग करन होत ह चालीस सवाल एक भी छटा तो घर म आता ह भवडर रजलट क एक दन पहल रात को नद नह आती ह अचछ नबर पान क ालए भगवान क याद आती ह पास होन पर ामलता ह इनाम और मख स ानकलता ह ldquoकय भगवान rdquo र आती ह अगली कका तब भी मख स ानकलता ह हाय र आ गयी र स परीका

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राीय साकरता (मासटर शख समीर छठी कका सपष शख महबब पीरा पटल ाचषक)

ातदन सीखो अकर एक

ानयम बना लो ऐसा पढ़ो पढ़ाओ सीखो जान

तभी बनगा दश महान ावा सा जान कराती

मन का अधरा दर भगाती जहा पर बनत लोग जानी

वहा न होती मन क हाान अनपढ़ क ालए गगी पोी

धन दौलत भी होती ोी पढ़ा ालखा नह धोखा खाता

जहा भी जाता आदर पाता

मा (मासटर शख महबब बाशा आठव कका सपष शख महबब पीरा पटल ाचषक)

सबस सनदर जग म कौन बस एक त ह मा

सबस पयारी कसक मसकान बस एक तरी ही ह मा

कसन बनायी मरी पहचान तन ही तो मरी पयारी मा

कसक बोली ामी स मीठी तरी ही ह मरी मा

कसक डाट ह इमली स तीखी तरी ही तो पयारी मा

कसक ालए क म सब कबारन तर ालए मरी पयारी मा

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ाततली (कमारी एम राशका ाशवानी पाचवी कका सपषी एम लम कमार उाल)

ाततली तम कतनी

रग-ाबरगी होती हो तम सब ल का रस पी-पीकर

बाग-बगीच म रती रहती हो तर पख कई रग क होत ह

तमहार प को दखकर ब बत खश होत ह

मरी कका

(कमारी एम राशका ाशवानी पाचवी कका सपषी एम लम कमार उाल)

मरी कका म ह पचास ब हर एक ह अलग-अलग जस एक ह लबा एक ह छोटा एक ह मोटा एक ह पतला कछ ह अचछ कछ ह बर पर लगत ह सार पयार मरी कका ह रग- ाबरगी लगती ह ाततालय का झड ह

मझ बत पसद ह कयक यह हमारी कका ह

Page 24: कलाकल - Home: Survey of · PDF fileतेलंगाना-भारत का एक ... भी यह पि का ‘कलाकल‘ सुनदर प म िनखर

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वषर 2013-14 क ालए ानाध का आबटन य

शीषर सवीकत अनदान

(हजार म )

अातर ानाध क मागाा

(हजार म )

भाकमसव ारा काटी गई (हजार

म )

इस कायारलय

ारा अभयपर

अातम बजट अक (पय

म)

य (पय म)

31-3-2014 को शष रााश (पय म)

वतन 114400 0 1400 0 113000000 112999869 131 मजदरी 500 350 0 0 850000 845802 4198 ओ टी ए 0 0 0 0 0 0 0 ाचकतसीय 2840 0 0 750 2090000 2089187 813 डी टी ई 1240 0 0 0 1240000 1239231 769 ओ ई 1409 125 94 1440000 1397157 2843 आर आरटी

240 0 0 16 224000 223875 125

ओ ईए 2 2 0 0 4000 3750 250

एसampएम 310 0 0 310000 309712 288 पी सवा 280 0 0 129 151000 149810 1190 अनदान 0 0 0 20800 20775 25

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मनोरजन कलब का वाषकोतसव ndash 2013

आ दश भ साानक आकड़ा क ानदशालय क मनोरजन कलब का वाषकोतसव दनाक 10-01-2014 को ातः काल 1000 बज स सममलन कक म आयोाजत कया गया ाजसम मखय अाता भारत क महासवकक डॉ सव र सबबा राव उपासत ावशष अाता क प म ी एसबी शमार उप महासवकक भारतीय सवक एव मानाचष ससान उपासत ानदशक महोदय कनरल ीधर राव न सवागत भाष दया और मनोरजन कलब क साचव ी डीआरएस सन कमार न वाषक रपोटर सतत क सासकातक कायरम ारा सभी का मनोरजन कया गया मखय अाता न अपन भाष म कहा क इस ानदशालय न ी कनरल ीधर राव क नततव म बत अाधक एव सतोषजनक प स गात क ह और इस बात का भी उललख कया क व जब इस ानदशालय क ानदशक तब व य सब कायर करना चाहत परत इनह मतर प दन म कनरल ीधर राव ानदशक महोदय क महतवपर भामका रही ह ततपात एक ीात- भोज का आयोजन कया ाजसम करीब 230 लोग न भाग ालया ाजसक सभी न भर-भर शसा क

मनोरजन कलब ारा आयोाजत कए गए खल

करम

टबल टनीस

शटल

शतरज शॉट- पट धीमी साइकलग

पष सगलस माहला सगलस पष डबलस माहला डबलस

पष सगलस पष डबलस

पष सगलस माहला सगलस पष डबलस माहला डबलस

पष पष पष

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वषर 2013 क दौरान कनीय मनोरजन कलब सपोटरस स ा इस ानदशालय क ाता एव सममान

करम

खल म परसकार ातीय परसकार ततीय परसकार

पष सगलस पी रवी कानत चनपाल शशी करन एव एलए बग

माहला सगलस शभा वी नायर पीक ातभा शलजा एव मीना

पष डबलस सययद इदरस एव सवातरयया कवी चारी एव ओ वीन कमार

---------

माहला डबलस शभा वी नायर एव अनसया पीक ातभा एव शलबाला खडरी

टबल टनीस पष सगलस पी सतीश क वीचारी ओ वीन कमार

एव अशाख अहमद पष डबलस कवीचारी एव

डी रगा राव कक गा एव पी सतीश ----------

शटल पष सगलस पी सतीश एम वी ावजय कमार कवी चारी एव पी

यादयया माहला डबलस शभा वी नायर एम सबीता मीना एव राज़या

बगम पष डबलस पी सतीश एव

एम वासदव स कमार एव ओ वीन कमार

-----------

माहला डबलस एम सबीता एव राजया बगम

शभा वी नायर एव बी एस वी वरलमी

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शतरज पष जगन एकर ------------

शॉट- पट पष बी नागरम चनपाल स कमार

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धीमी साइकलग पष डी स कमार सययद इदरस सययद मोजज़म

उ नयायलय म लाबत नयायालक मामल

लाबत मामल 04 आ दश उ नयायालय

कस क सखया 11 कनीय शासानक अाधकर हदराबाद

समा कस क सखया 06 लाबत कस क सखया 05

पनवलोकन मामल

ानालाखत अाधकारयकमरचारय क पनवलोकन मामल का ानपटारा कया जा चका ह

म स प lsquoबीrsquo राजपाषत प lsquoबीrsquo अराजपाषत प lsquoसीrsquo (पवरवत प

1 एस बाब अाधकारी सव ज डी एबनजर मानाचषकार ाडाव I नरश

2 पीक लहा मानाचषकार ाडाव I गदो राम

3 शख मीरावली मानाचषकार ाडाव I एम गररयया

4 जी सीतारामम सव सहायक पी काशम

5 वाई सबबयया सव सहायक सतयममा

6 पीएस सामबाब सव सहायक वी कषयया

7 बी ओबशयया सव सहायक

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एम ए सी पी क मामल

ानालाखत अाधकारयकमरचारय क एमए सी पी मामल का ानपटारा कया जा चका ह

म स प lsquoबीrsquo अराजपाषत प lsquoसीrsquo (पवरवत प lsquoडीrsquo)

1 वी सयर भा मानाचषकार ाडाव I एल योहन

2 पीकलहा मानाचषकार ाडाव I सीनाराया

3 शख मीरावली मानाचषकार ाडाव I जजॉन

4 एम भवनरी मानाचषकार ाडाव I एस रामयया

5 बीएसवी वरलमी मानाचषकार ड़ II बी पललया

6 - पी काशम

7 - शख काासम पीरा

8 - एम लमी नाराया

9 - एम वकटरल

10 - जी जया

आ दश भ साानक आकड़ा कन क अाधकारय कमरचारय क ब ाजनहन शकाक ानपता दखाई ह

1 कमारी अनवषा कर सपषी डॉ पीक कर सी जी पी ए 9810 दसव कका क ीय ावालय हदराबाद

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तलग म ावव ी नकश ( ओएस एम) क तयारी (बीएचराव अधी सव जीव अाध सव एमराकश अाध सव एसपटा री मानाचषकार)

सतावना पवर म ावाभ नकश तलग म कााशत आ करत जस आ दश राजय नकशा (1999) भारत क राजनीातक नकश आद ऐस नकश अकराक ासटक-अप (lettering stickups) साहत साइबग क परमपरागत तकनीक का उपयोग कर कााशत होत तााप कोई भी सलाकातक नकश तलग म कााशत नह ए ह परत हाल ही म ावजान एव ौोागक ावभाग न ावव ी टोपो नकश ( ओएसएम) को कषीय भाषा म उपलबध करवान क ालए एक नीात को जारी कया ह ाजसक पराम सवप आ दश भ साानक आकड़ा क न राजय क राजधानी हदराबाद को दशारत ए एक शीट को योग क आधार पर अकय माधयम स तलग म करन का काम ालया ह

ॉनट क खोज म माइोसटशन साफटवर क अनक ल डीजीएन ामट म मल डाटा बस पहल स ही उपलबध ह मल-

पाठ को बठान क ालए माइोसटशन क अनक ल एक सावधाजनक तलग ॉनट क आवशयकता ह अनक ॉनट क जाच क गई परत कछ भी माइोसटशन क अनक ल नह पाया गया कयक तलग ालाप म बत सारी माषाए अगल स लगवाए जान क कार ldquoमाषाrdquo को लगाना एक कठन कायर सााबत आ तााप वब म बत छान-बीन करन क बाद ldquoटी टी एल हमलताrdquo ॉनट को खोजा गया और माइोसटशन परवश म मल पाठ को रखन म उपयोगी पाया गया

अनवाद

ावाभ व रनातमक अाभउाया ाचनह पाद- टपपाया आद का अजी स तलग म अनवाद हत सभी ापय साधन जस क इटरनट नट पर अनवाद शबदावली आद का आय ालया गया

माइोसटशन परवश म मल पाठ को बठान क ालए कायरावाध

ॉनट याान ldquoटी टी एल हमलताrdquo वााछत सान पर लोड कया गया तलग ालाप म बत सारी माषा क अतःसाापत होन क कार एक ावाशप शबद या अकर क ालए सही माषा क चयन हत अाधक सावधानी बरतना का सानात कया गया वााछत मल ndash पाठ को मइोसाफट वडर म टकत कया गया माइोसटशन वशरन 8 ाइल म अनोटशन टकसट एडीटर क माधयम स कापी और पसट कया गया उ

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शीट क 22 टोपो स अनवादत अनोटशन को या सतयाापत कया गया अनोटशन को कनार म और उपरो शीट क नाम ाइल म रखा गया मामल ाजनको सलझाना ह -

1 ॉनट क आकार का मानककर 2 तलग ालाप म ावाभ व रनातमक अाभउया क सावधाजनक शबद का चयन 3 मल- पाठ को सगठत करना एक जटल कायर ह और समय लन वाली कायरावाध ह और पयार

माषा म षीय भाषा याान तलग क जान क जरत ह 4 जयादा सखया म सपादन मल-पाठ क सगठन क आवशयकता ह 5 तलगाना राजयतलग ावावालय क उ राजभाषा ावभाग स अनवादत ालाप को माीकर

करन क आवशयकता होगी समाा

सानीय ालाप (तलग) म ओ एस एम माक नकश क तयारी स अाधक सखया म लोग को सलाकातक नकश को आसानी स योग करन म सावधा होगी सलाकातक नकश म भाषा-ावषयक सबधी साचकारी पदार को जोड़न स ानयही भारतीय सवक ावभाग क उतपाद क चार को बढ़ावा ामलगा और बाजार म अपनी अहामयत बढ़ाएगा

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चनौती क ालए तयारी (रघना ाषपाठी अधीकक सवकक)

कसी भी ावभाग म नई चनौातय को सामना करन क ालए कमता ानमार क आवशयकता ह यद

यह नह कया जाए तो सताावत योजनाए ावल हो जाती ह कमता ानमार स पहल उसक लय एव उशय को परभााषत कया जाना आवशयक ह कयक इसक कायारनवयन क सतर म योजना और ानषपादन म का अतर हो सकता ह कमता ानमार क अनय मानक क अतगरत अनवत सावधा क रखरखाव और सभाावत ावकास भी शाामल ह कमता ानमार क कसी भी यास म ातभा क खोज को ही पहल कदम क प म ालया जाना चााहए भारतीय सवक ावभाग म सही कमता ानमार क बाद ही 110000 क पमान का सवक करन और मानाचष ाा सभव हो पाएगा आधानक अाध ौोागक म कमय क ाशक पयार नह ह लकन यह दखना ह क जो माग और सवक और मानाचष क आपत क खला स सक ातत ह जनता क ालए उपयोागता बढ़ा रही ह श म हालाक बाधाए आना बाधय ह हम यह कायर श करना और पराम क तीका करनी ह इस यास म खल अाधकार कष क ावशषज को ानयामत प स परामशर कया जाना चााहए सवक और नकश क उपयोगकतार क माग और एक बड़ परय क दाप स दखन क ालए यह महतवपर ह

यहा तक क उपयोगकतार क ालए भी ाडाजटल डटा का उपयोग सीामत ह भारतीय सवक ावभाग उपयोगकतार को ानयामत आधार पर सहायता और मलय सवधरन क ालए सलाह दकर नकश क कातज उपयोग तक का ावसतार कर सकता ह उस बात पर धयान दत ए भारतीय सवक ावभाग क सवा हत जी आई एस वजाानक को शाामल करन क आवशयकता ह यह महगा मामला होन पर भी वरीयता स भरी हम भावषय क चनौातय को परा करन क ालए तयार रहना चााहए कयक नकश क उपयोग स ावकास को तो होना ही ह

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नमक का महतव (कष कमार अाधकारी सवकक)

एक राजा क तीन बटया ी तीन बत ही सनदर सशील और ावशष ग वाली एक दन राजा न तीन राजकमारय को अलग-अलग स एक ही सवाल पछा ldquo बटी तम मझ कतना चाहती हो ldquo बड़ी राजकमारी न जवाब दया rdquo ापताजी म आपको सोन जस चाहती अारत सोन क आभष स मझ ाजतना पयार ह उतना ही पयार आप स ह ापताजी ldquo राजा बत सतप आ और दसरी राजकमारी स पछाrdquoबटी दीदी न तो जवाब द दया अब तम बताओ तम मझस कतना ह रखती हो दसरी राजकमारी बोली ldquo ापताजी म आपको हीर जसा चाहती अारत हीर क गहन स मझ ाजतना पयार ह उतनी ही पयार आप स ह ापताजी ldquo राजा तो ल न समाया सोचन लगा rdquo म बमतलब का सकोच कर रहा ा मरी बटया तो लगता ह मर बगर जी नह पाएगी ldquo अब तीसर स कया पछ र भी पछ लता र तीसरी बटी स पछाrdquo बटी तम मझ कतना चाहती हो तीसरी राजकमारी न जवाब दयाrdquo ापताजी म आपको नमक ाजतना चाहती जवाब सनत ही राजा आग-बबला हो उठा और बरी-भली सनाकर उसक कक स ानकल गया छोटी राजकमारी न कछ नह कहा बालक राजा क डाट सनकर चपचाप रह गयी रात ई राजा को सार महल क कायर ानपटान क बाद भख लगी खान क ालए उस हीर स ससात सोन क सहासन पर छोटी राजकमारी न बठाया र सोन क ाली म नाना कार क जन स य खाना परोसा और राजा को खाना श करन को कहा राजा न मह म खाना रखा तो महसस कया खाना का ह र हर जन को चखा तो पाया सब क ह र तो आग-बबला होकर अपनी रानी पर ाचललाया ldquo इस तरह क भल कस हो गयी हम कया समझ रखा ह जन दखाकर ललचाना और र खान नह दना यह बोलत ए रानी पर सोन क ाली ाजस पर जन परोस ए कन क ालए हा उठाया उठ ए हा को तीसरी राजकमारी न पकड़ ालया और पछा ldquoापताजीखाना तो बढ़या ह र कमी कया हrdquo राजा बोल ldquoनमक क ाबनाकोई खाना खाया जा सकता हrdquo राजकमारी बोली ldquoापताजीआपको तो नमक स नरत ह ना इसालए मन जन बनवात ए नमक नह डलवाया rdquo र तो राजा समझ गया क छोटी बटी न उनह सबक ासखान क ालए यह भोजन तयार करवाया ह र बोला ldquoबटी म समझ गया नमक क ाबना खाना जस सवादप नह उसी तरह तमहार पयार ाबना मरा वचरसव नह ldquo और राजकमारी को गल लगा ालया

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मायाजाल (एनबी सवामी अाधकारी सवकक)

इस जगत म कल 84 लाख जीव राशया ह और उनम मानव जनम सबस उम ह उम इसालए ह क भगवान न मानव का आधार इसालए दया ह ताक इस जनम अचछ कमर कर वह मोक क ाा कर सक मोक याान पनरजनम नह यद कमर बर ए तो र 84 लाख जीवरााशय म पदा होन क ालए वह आतमा कालच म दोबारा स जाती ह इस सपर कालच क याषा करत ए जब आतमा मानव क योान म वश करती ह तब वह भगवान स यही ारना करता रहता ह क ह भगवान मझ इस कद (याान मा का गभर) स जलदी मा दला द कयक म तमहारा धयान सही ढग स नह कर पा रहा कयक इस कद म अनक तरल पदा क सा-सा मल-मष म भी टहल रहा यह कसा नरक ह जहा आपन मझ सा रखा ह तब भगवान भी बोलत ह क ldquoत अभी बालक ाशश का प धार करन वाला ह तमन इतन वष यग म ाजतन पाप कय ह उन सबक यह चरम सीमा ह यह चरम सीमा बत ही पीड़ा दन वाली ह ाजस तमह जीतना ह लाघना ह इस चरम सीमा स मा होन क बाद तम कया करोग ldquo ाशश कहता ह ldquo भगवन आप जो कहग ldquo भगवन पछत ह कया तम अपना जीवन मरा धयान करत ए मर ालए समपर कर दोग ldquoाशश कहता हrdquo हा म समपर कर दगा आपक ालए ldquo भगवन भी जानत ह ाशश को नौ महीन गभर म रहना ही पड़गा तभी पर शरीर का ावकास होकर जब वह बाहर आएगा तो मरी सवा करगा उ नौ महीन तदनसार भगवन ाशश का वातारलाप नौ महीन चलता रहता ह ताक ाशश अपन चार ओर स मल क गध का धयान न द र जब वह बाहर ानकलता ह भगवान को धनयवाद करता ह और कहता ह ldquo म तमहारा बत ही आभारी भ अपन मझ मा दलाई अभी मझम वह ताकत नह क म तमहारा धयान करन क ासवा और कछ क मर माता ndashापता मझ सच कर जब अपन पर पर चलन क ताकत द दग तभी म तमहार ालए कछ कर पाऊगा ldquo भगवान कहत ह ldquo अर मखर त नह जानता यह जगत एक मायाजाल ह मझ पर ावास ह त मझ भल जायगा और र स कालच म पड़ जायगा ाशश कहता ह ldquo नह भगवान ऐसा नह ह भगवान मरा ावास करो म ातजा करता मरा जीवन आपक ालए ही समपर ह ldquo भगवान कहत ह ldquoदख लगा इस जगत क मायाजाल म त मरी कया का सवा करगा ldquo यह ाशश और भ का वाारलाप सनकर दवष नारद भगवान क पास पच पछन लग ldquo भ आप कस मायाजाल क बात कर रह ह ldquo भ बोल ldquo नारद म समसत जीव- रााशय का सवामी उनका कलया चाहता उनको सख भी और दख भी दता वह इसालए क मायाजाल क मोह एव अहकार म पड़कर खद को सपर मानन वाल ाी को दड न द तो र मरा समर कस करगा ldquo नारद बोल ldquo भ आपक वचन का मतलब कस

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दशा म जाता ह यह तो मझ नह पता एक तर कहत ह समसत जीवरााशय का कलया चाहता दसरी ओर कहत ह दड दता तीसरी ओर मायाजाल अर नाराय आप जब समसत जगत क सवामी ह सब आपक अधीन ही ह तो र मायाजाल शबद आपन जो योग कया ह वह आपक अधीन स बाहर कस हो गयाrdquo ानयष काजए जीवरााशया उसक चपट म नह आएगी र सब आपका गगान ही करग और सबको मोक क ाा होगी ldquo भगवान कहत ह ldquo ह दवष मर ालए समसत जीवराशी को परीका स गजरना पड़ता ह मानव जीवन ही उनम अातम परीका ह बस उसको लाघ ल म पनरजनम स मा दला दldquo नारद जी भगवान स तकर करन लग गय का दर बाद भगवान न कहा rdquo दवष आपस बहस और नह कर सकता आपस बहस कर मरा गला सख गया ह जरा एक छोट कलश या कमडल म पानी लकर आइय ताक म अपनी पयास बझा सक नारद को झटका लगा और पाताप करन लग ldquo बमतलब मन अनतरयामी स बहस कर उनको कप दया व समपर जानानद क सामन मरी हासयत कया ह पता नह आज मरी मात मारी गयी और म बमतलब बहस करन लगा भ को पयास लगी ह और वो भी मरी वजह स जलदी स उनक पयास म बझा द पानी क खोज म सार लोक का म करत ए नारदजी पथवी लोक म पच गए पथवी लोक पचकर पानी क खोज म एक कए क पास पच तो दखा क एक अतयनत सदर नारी कए स पानी ानकाल रही ह नारद न सोचा वह सनदर ी पानी भरकर चली जाए तो र म ोड़ा सा पानी भर ल नारद उस दख रह ी भी नारद जी को दख रही ी नारदजी न पछा rdquo दवी कया तम यह आसपास रहती हो ी न जवाब दया rdquo हा ldquo नारदजी र पछ rdquo दवी कया तमहारा ाववाह हो चका ह rdquo ी बोली ldquoनह ldquo नारदजी का ावचालत मन ल नह समाया और पछ ही ालया ldquo दवी यद तम अाववााहत हो और यद तमह कोई परशानी न हो तो कया तम मझस ाववाह करोगी ी सादाय औरत ी बोली ldquo मर ापता क आजा क ाबना म आपस ाववाह नह कर सकती ldquo नारदजी बोल ldquo दवी सशील नारी क यही ग होत ह यद तमह आपा न हो तो म तमहार सा चलकर तमहार माता-ापता स बात कगा और तमस ाववाह कगा ldquo यवती राजी ई और ासर एव कध म पानी स भर घड़ को ढोत ए आग चलती रही और नारदजी पीछ चलन लग सपर रासत म उस सनदर ी क ानहारत ए मन म सपन क पल बाध रह उस सनदर ी क ापता क पास जाकर अपना परचय दत ए उनक बटी स ाववाह करन का सताव रखा साकात नारद मान को अपना दामाद सवप दख उसी मतर म मगनी हो गई और एक शभ मर म ाववाह भी हो गया ाववाह क कछ दन क पात उनक ब हो गय ब बड़ भी हो गय र तो व अपन गहस आम म इतन सत हो गय क उनक मह स नाराय मष ानकलना भी बद हो गया कई वष बाद एक शाम को जोर क आधी क सा तानी बारश ई इस माहौल न इतना ावकराल प धार कर ालया ा क वातावर लय म बदल गया चार तर पानी भर गया बत सार लोग पश आद पानी म बह गय कनत कात क ावकराल प क सामन ठहरन का साहस कस ा दखत ही दखत उनका गह भी बाढ़ क चपट म आकर टट गया और पानी म बह गाया पी और ब डर स

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रोदन करन लग दखत-दखत कान पष क अलावा पी और बाक ब भी पानी म बह गए र तो नारदजी स सोचा इस कान को म कध पर ालए चलता ताक वह तो बढ़ाप म मरा सहारा बनगा कनत लय क तीता इतनी तज ी क नारदजी क नाक क ऊपर स पानी बहन लगा र तो व खद भी भल गय क बट को बचाना ह सोचन लग म कसी तरह जीावत बच जाऊ उसी सोच न उनक कान पष को भी नह बखशा कसी तरह कछ समय उपरानत लय शानत आ पानी घट गया चार तरक मनषयपश - पकी आद क लाश टट ए रासत और घर क बीच पड़ी ई ी नारद मान को बहद दख आ और ठठोर कर रोन लग गय रोत-रोत व खद क बार म सोचन लग क भगवान न उनक सा ऐसा अनयाय कय कया काश व भी मर जात तो अचछा होता तभी उस राह स ास महष गजरत ए नारदमान स परामशर करन लग नारदजी कहन लग ldquo पता नह मन कौन सा पाप कया ह क मर पर परवार का सवरनाश हो गया ह मझ कय मतय नह आई इस पर ासजी न कहा शायद तमहारा समय नह आया ह इसालय तम बच गय हो हालाक ास जानत क नारद मायाजाल म सा आ ह ldquo र इसका ानरय कौन करता ह ldquo नारद न ासजी स पछा ासजी न उर दया ldquoयह तो मतयलोक क अाधपात यमराज ही इसका उर दगrdquo र व दोन ामलकर यमराज क पास गय यमराज न आन का कार पछा तो ासजी न नारद मान क सारी दख भरी गाा सनाई और पछा क ldquoमतय न इनका आलगन कय नह कयाldquo यमराज बोल rdquoम कोई नह मरा यमदत ही इसका उर द सकता ह कयक म यमदत क ारा कसी आतमा को लान क बाद ही उसक पाप-पणय का ाहसाब दख ानधाररत सजा का ऐलान करता यद यमदत आपको लकर मर पास नह आया तो इसम मरा कया दोष ह यमदत स पछ लldquo र ासजी न उनक यमदत स वही सवाल करन पर यमदत न कहा ldquo महामान म कस कसी क शरीर स आतमा को छीनकर ल आऊ म तो यमलोक का सवक माष ाचषग जब तक आजा नह दत तब तक म कोई कायरवाही नह कर सकता आप इस का उर ाचषगजी स पछ ल ldquo र ासजी न ाचषग स वही सवाल करन पर ाचषग न कहाrdquo महामान म तो यमदत को तभी आजा दता जब उस ाी का सारा लखा - जोखा समा हो जाता ह अभी माननीय नारद जी क मतय का समय आया नह ह अभी उनका कछ कया नह जा सकता ldquo ासजी न नारद स कहाrdquo दखो नारद अभी तमहारा समय आया नह ह तभी तम जीावत हो चलो चलत ह अब ापछली घटना को भल कर आग क सोचो ldquo बस इतना ही कहना ा क ाचषग न र ासजी को बलाकर कहा rdquo ह ऋाषवर इनक कणडली म यह ालखा ह क मतय तभी इनको गल लगा सकती ह जब य एक सा आपको मझ यमराज और उनका वाहन भस का एक सा दशरन करग चक इनक ारा यह कायर पर हो चका ह अत इनका जीवन पर हो गया ह ldquo बस इतना ही ा क नारद जी को आवाज आन लगी अर दवष दवष मझ कब स पयास लगी ई ी मरा गला सख गया ह कनत आपन मझ अब

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तक पानी नह दया कहा ह पानी ldquo य साकात नाराय क आवाज सन नारदजी को होश आया और भगवान क चर म पड़कर ागड़ागड़ान लग यह कहत ए क rdquo ह नाराय आपन मझ अचछा सबक ासखाया ह मन आपस बहस कया कर लीआपन मझ मायाजाल का साकातकार करवा दया कमा काजए म आपको पानी नह ापला सका मरी वजह स आपका गला खब सख गया होगा ldquo यह कहत ए उनक अधारा स नाराय क पाव धल गय और भगवान न कहाrdquo दवष आप चातत ना ह आपन अधारा स मर चर धोकर ानसवार सवा कर दी मरी पयास बझ गयी ह अब आप म ह ldquo र नारदजी खशी स नाराय-नाराय कहत ए ानकल गय

घाट का पतर

(बषव बहरा अाधकारी सवकक)

माता-ापता और जनम भाम को छोड़ कर हम सब बन गए ह घाट का पतर धनय ह वह महापष ाजसन हम साापत कया म उस महापष क ावषय म व रन नह कर सकता शायद म अात पाप क कार पतर बन गया लोकन म आशा करता क भावषय म मरा भागय बदल जाएगा चक म लोग क मन स सवा करता इसका ल हमको भगवान अवशय दग लोग का सवा करत ndashकरत मरा आकार भी बदल गया परनत सवा करत ndashकरत मरा नाम रोशन हो रहा ह बालक हम सता का अनभव हो रहा ह मर कमर क चलत मरा भागय बदल रहा ह म हमशा जलम रहता और पीठ पर ातदन मार झलत रहता शायद ही ऐसा पीड़ा इस ससार म कसी को ामलती होगी मरा सानानतर भी नह ह म कई महापष को दखता आया कतन महाराय न ा तयाग दय लकन तबस म यहा अकला पड़ा म हर मौसम क मार झल रहा ब-बढ़ क सवा करत-करत मन कछ पणय कमा ालए ह और आशा करता क मझ को भावषय म मानव जनम ामल सकता ह मानव जनम ामलन स म आपका भजन-करन कगा

ऐस दखतndashदखत कई यग क बाद हमको मानव जनम ा आ मानव जनम म अगर इस धराष म दखा क यहा ऊच-नीच जात-पात नीात-ानयम ावदन पाचार अनयाय ndashअतयाचार चमर-अचमर का ताडव नतय चल रहा ह दखकर मर मन म परवतरन आ गया क भ मझको मरा ापछला जनम वापस द दीाजए

पतर जनम म रह कर मरा कोई-कोई साी अचछ कमर क चलत मदर म सान ा कर ालया ह कोई-कोई तो ठाकर बन गय लोग-ातदन उनक पजा करत ह

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हम लोग म स कोई-कोई सामाजक कायर म सहयोग दान करत ह कोई गह-ानमार म सहयोग द रह ह तो कोई मदर-ानमार म सहयोग द रह ह कोई तो सीधा मत बन गय इसीालए उनक मन म घमणड आ गया अहलया न पतर होन क नात भगवान का दशरन पा ालया इसालए पतर जनम होन क चलत उनक मन म का अह भाव आ गया

हमार अनदर ावाभ प भी ह याः लोहा पतर चना पतर सगममरर काला पतर (नाइट सटोन) मलायम पतर (soft stone) इतयाद लोहा पतर जो दश क ानमार म काम आता ह चना पत जो ासमट ानमार क काम म आता ह सगममरर घर और मदर का शर (flooring) म काम आता ह काला पत घर का शर और आला बनान म काम आता ह मलायम पतर ाशलप कला क ावकास म योगदान दत ह पतर जनम होकर भी म का गवर महसस करता मरी भगवान स अानतम ावनती य ह क आप मझ अानतम समय म दशरन दन को कपा कर

न हमको पतर जनम चााहए न हमको मानव जनम चााहए हमको तो ास र इस भव सागर स पार होना चााहए

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जयादा लोभ न करना (पाडव कानटया सहायक सवकक)

मनषय भगवान क साप ह इसालए वह भगवान का अश ह जब तक वो मा क गभर म ा तक तक वह मोह-माया स वाचत ा एव हमशा भगवान क समीप ा लकन जब वो पथवी पर अवती र आ उसको मोह-माया न घर ालया पाच साल तक वो ईरीय सा म रहता ह इसालए कहा जाता ह क ldquoCHILD IS THE INCARNATION OF GODrdquo इसक बाद मोह-माया म आकषत हो कर ईरीय सा को भल जाता ह बचपन म वो बत आजा और मोह-माया राहत और चरषवान रहता ह जब समय बढ़ता जाता ह तब उसक समसत उम ग धवस होकर गलत मागर पर चला जाता ह

बचपन म ावा ाशका जवानी म ी दीका एव पारवारक ाचनता म म होकर वह समसत मौालक सा को खो दता ह सबा नप होकर सबा म आ जाता ह दव का नप होकर राकस वा जारवत होता ह एव परवारक जगल म सकर भगवान का नाम लना भल जाता ह अपना परवार का भर पोष क ालए कठन परम करता ह लकन उनका पट भरता नह ह ईर क सा को भल जाता ह और अनत म पशकतव को ा होता ह शरीर रोगसत हो जाता ह दाप शा की हो जाती ह चलन ndashरन म असमर रहता ह रात को नद नह आती ह र भी लोभ को छोड़ नह पाता ह अपन बीवी-ब ता परवार क बार म सदा सोचन लगता ह शरीर वावसा को ा होता ह परवार क कोई भी सदसय पछत नह ह

परवार क लोग उसको ढग स खाना भी नह दत ह उसको घर स दर रखत ह र भी यह अधम मनषय भगवान क बार म सोचता नह ह लोभ का अनत नह होता ह पाप का बोझ बढ़त जाता ह अनत म नरक को ा होता ह र भी मनषय भगवान को समझ नह पाता ह परवार क ालए इतना बड़ी ददरशा झलता ह उनको कोई भी नह पछता ह उसक ारा जमा क गई पजी को परवार वाल उनक सामन मौज करत ह

लोभ मनषय को अनधा बना दता ह आदमी क हतया करत ह लोभ क वशीभत होकर दसर क समपात को लटत ह ाजसस समाज म पाचार बढ़ता ह इसालए ह मानव तम कय लोभ करत हो लोभ नह करक भगवान का समर करो हर कतरन करो तप जप करो और सवगर क अाधकारी बनो उम कमर करक भगवान क शरागत हो जाओ भगवान तमहार समसत सख-दख का भार वाहन करग

सवरधमारनपरतयजय मामक शर ज अह तवा सवरपापभयो मोकायषयााम मा शच

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इसालए अचछा कमर करक पणय कमाना ह हमशा धमर क जय और पाप का कय होता ह धमर-कमर करक ावजय ा होगी लकन अधमर म जाकर नरक गामी नह होना

एकदा अनधा राजा धतरा सजय को पछा क ldquoह सजय इस धमर य म कसक जय होगी उर म सजय बोल क ldquoयष योगर कषो यष पा धनधरर तष ी ावजयो भात वा नीातमरातमरम ldquo अारत जहा योगर कष एव धनधाररी अजरन एक सा ह वहा ावजय ानात ह

इसालए दखा गया क हमशा धमर क जय और अधमर क पराजय होती ह धमर सवचछ ानमरल लकन अधमर कदाकार कात ह इसालए लोभ-लालच म वशीभत न होकर सत

कमर करो अनयाय का परतयाग करो लोभ मत करो जीवन म कप करक जो धन कमा ालया वो सब इस धरती म रह जाता ह अानतम क म सा कोई नह ल जाता इसालए अनधर म भटक नह जाना इसालए कहा गया ह क-अात लालच नह करना अात सवरष गहतम अारत अात सवरनाश का कार ह

अात दप हता लका

अात मानसय कौरवा अातदारन बाल वध अात सवरष गहतम

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टटा वक का अाभमान (चरदास नाराय गडम सवक सहायक)

वन म खड़ एक वक क सा ालपटी एक लता भी धीर-धीर वक क बराबर हो गई वक का आय

लकर उसन भी लना ndashलना आरभ कर दया बल को लत ndash लत दखकर वक को अहकार हो गया क म न होता तो लता अासततव हीन होती वह लता को धमकात ए बोला ओ बल चपचाप मरा कहना माना कर म जो कह रहा वह कया कर नह तो ध मार कर भगा दगा पड़ का लाप जारी ा क दो पाक वहा स ानकल एक बोला अर भाई जरा दखो तो यह वक कसा सदर ह इस पर कसी सदर लता पाषपत हो रही ह आओ इसक नीच ोड़ी दर ावाम कर अपना महतव लता क सा ह यह जानकर वक का अाभमान भी नप हो गया सा ndash सा रहन स ही सबक गात होती ह

बटी (डी राव बाब पटल ाचषक ड-II)

बटी घर क लाज होती ह पापा क सर का ताज होती ह दल क सदा स रही ह इचछा बटी तझको ह पाना आई हो मर जीवन म जस एक ननही कावता राह दखता म तरी जलदी स मर पास आना मा क गोद म सदा रहती हो कछ पल मर पास भी आना न चाहत ह अब धन दौलत क त ही लमी त ही मरी मत भी डर लगता ह सोचक जब एक दन छोड़ क जाएगी त कतना मझ लायगी त बटी होती ह बाबल क लाड़ली

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यह ाज़नदगी (सययद इदरीस पटल ाचषक ड ndashII)

बठ जाता ह ामी प अकसर कय क मझ अपनी औकात अचछी लगती ह

मन समनदर स सीखा ह जीन का सलीका चपचाप स बहना और अपनी मौज म रहना चाहता तो ह क य दानया बदल द पर दो व क रोटी क जगाड़ म सरत नह ामलती दोसत महगी स महगी घड़ी पहन कर दख ली व र भी मर ाहसाब स नह चलता य ही हम दल को सा रखा करत पता नह ा क कमत चहर क होती ह अगर खदा नह ह तो उसका ाज कय और अगर खदा ह तो र कय

lsquorsquoदो बात इसान को अपन स दर कर दती ह एक उसका ldquoअहम rdquo और दसरा उसका ldquo वहमrdquo पस स सख कभी खरीदा नह जाता और दख का कोई खरीदार नह होता मझ ाज़नदगी का इतना तजबार तो नह पर सना ह सादगी म लोग जीन नह दत मााचस क जरत यहा नह पड़ती यहा आदमी आदमी स जलता ह ाव क बड़ स बड़ वजाानक यह ढढ रह ह क मगल ह पर जीवन ह या नह पर आदमी यह नह ढढ रहा ह क जीवन म मगल ह या नह

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जीवन म न जान कौनसी बात ldquoआखरी rdquo होगी न जान कौन सी रात आखरी होगी ामलत जलत बात करत रहो यार एक दसर स न जान कौन सी ldquo मलाकात rdquo आखरी होगी अगर जदगी म कछ पाना ह तो तरीक बदलो इराद नह ऐ चाद त कस मज़हब का ह ईद भी तरी और करवाचौ भी तरा

उगालय क लड़ाई

(शख महबब पीरा पटल ाचषक)

एक दन हा क सभी उगालया आपस म लड़न लग अगठा बोला म सबस बड़ा सभी जगह जरी कागज पर मझस ही ानशान बनाया जाता ह तजरनी बोली-ldquoम बड़ी मर होन स ही सब लोग काम कर पात ह जस-ालखना खाना पकड़ना मधयमा बोली-ldquoअर भई कया तम नह जानत जो आकार म लबा होता ह उस ही सभी बड़ा कहत ह अनाामका सब बात चपचाप सन रही ी वह तरत बोली ndashldquo म सबस बड़ी म तो पजा करन क भी काम आती मर स ही रोलीातलक लगाया जाता ह कानाका सभी को लड़ता दखकर उदास ी वह चपचाप एक कोन म कछ सोच रही ी तभी अगठा व तीन उगालया उसक पास गई और बोली- ldquoअर छोटी तम तो बड़ी हो ही नह सकती कयक तमहारा नाम ही कानाका ह कानाका बोली ldquoसनो अगठ भाई और पयारी उगालय आपस म लड़कर कभी कसी का भला नह हो सकता हमम कोई भी बड़ा-छोटा नह ह हम सब ामलकर मी बन सकत ह तभी हम सब बलवान हग कया तमह नह मालम क बद मी म ही ताकत होती ह इसालए हमारा लड़ना बकार ह rdquo कानाका क बात सनकर सभी एक सा बोल- ldquoहा छोटी बहन तम ाबलकल सही कह रही हो सचमच अकल म तम ही हम सबस बड़ी हो rdquo

इस नीात का स एकता म बल क ाशका ा होती ह

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तलगाना- भारत का एक और नया राजय (शलबाला खडरी मानाचषकार)

तलगाना भारत क दाकी भाग म ासत भारत का 29 वा राजय ह कषल क दाप स यह दश का

बीसवा बड़ा राजय ह ाचीन हदराबाद रयासत का अाधकतम भाग तलगाना राजय म ालया गया ह जहा आजादी स पहल ानजाम का राजय ा सन 1947 म जब भारत अज क चगल स आजाद आ उसक बाद भी हदराबाद का ानजाम अपनी रयासत सय भारत म ावलीन करन क पक म नह ा वह अपनी रयासत पर अपना ही सवतष शासन चाहता ा अतत सरदार बललभ भाई पटल क अक यास स इस रयासत को भारत क मखय धारा म ावलीन कया जा सका इस कार आन दश राजय क सापना ई और 26 जनवरी 1950 को ी एमक वललोड़ी आन दश राजय क म मखयमषी ानय ए 1956 म हदराबाद रयासत को आन दश राजय म ावलीन कर दया गया

2 जन 2014 म पनः तलगाना राजय अासततव म आया आन दश राजय क उर पामी 10 ाजल को ामलाकर तलगाना राजय क सापना क गयी ह राजधानी हदराबाद भी तलगाना राजय म ासत ह परनत 10 वष तक हदराबाद दोन राजय याान आन दश और तलगाना राजय क सय राजधानी रहगी दोन राजय क शासानक कायर हदराबाद स सचाालत हग तलगाना शबद का ादभारव ाषलगा दश शबद स आ ह ाजसका अर ह तीन लगो वाला दश तलगाना राजय क तीन दशा म कालरम ीशलम और ाकारामम ास ाशव मानदर ासत ह ाजनक अपार धामक महा ह वासतव म पक तलगाना राजय क ालए 1946 स 1951 क बीच ही ारमभ हो गया ा उस समय कमयानसट पाट न इस आनदोलन का नततव कया ा जो असल रहा भाषा क आधार पर तलगाना और आन राजय को पक करन क ालए अनक आनदोलन समय-समय पर होत रह ह इनम मखय आनदोलन 19691972 और 2009 क ह इन आनदोलन का यह भाव आ क 9 दसमबर 2009 म भारत सरकार न पक तलगाना राजय बनान क कायरवाही श कर दी य घोषा सनत ही तटीय आन व सीमान कष क लोग न सम आन दश क पक म आामक आनदोलन ारमभ कर दया और ऐसी ासात म भारत सरकार न यह कायर 23 दसमबर 2009 तक सागत कर दया इसक पात भी लगातार पक तलगाना और सम आन दश क ालए अलग-अलग आनदोलन चलत रह पक तलगाना क पक म कई आतम - हतयाए ई हड़ताल क गयी ाजसस जन साधार को बत असावधा का सामना करना पड़ा अतत पक तलगाना समरक क जीत ई और कास कायरकारी सामात न सवर सहमात स 30 जलाई 2013 को पक तलगाना राजय क ासारश करत ए ाबल तयार कर दया अनक सोपान पार करत ए यह ाबल रवरी 2014 को ससद म पारत कया गया रवरी 2014 दश पनगठरन एकट क तहत यह ाबल ससद म पास हो गया इसक पात इस नय राजय तलगाना ाबल को रापात ारा सहमात ा ई और माचर 2014 क गजट म इस कााशत कया गया इस कार नय तलगाना राजय क सापना ई

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ाशासकय प स तलगाना राजय क सापना 2 जन 2014 को ई क चन शखर राव क पाट ldquoतलगाना रा सामातrdquo न चनाव म दश म बमत हाासल कया और इस कार ी कचन शखर राव तलगाना राजय क म मखय मषी चन गए

म महगाई (डॉ नीलम कमार ाबड़ला अाभलखपाल)

म महगाई महग दशभ लोग क आमष पर भारत आई तज गात लान गात म भारत आई मझ गलत मत समझो गरीब बत ठीक बमत दकर तमन ाजनको बत उठाया म तो उनह क तीक भौातक वादी यग म योग ासखाती म भख पट न सोए कोई कडालनी जगाती म धयान प म च मारकर मन जय ऊपर चढ़त-चढ़त र तक आ जाता ह भाव वसत क वस ही र तक ल आई

अब इस यग म एक तल क पीप को पा लन का अर को पा लना ह भ दशरन क झलक दखना एक टमाटर खा लना ह भारत का आदशर तयाग ह अनासा ह अपरह ह मझको पाकर लोग वसतए तयाग रह ह अपनी खद क कार छोड़ बस क पीछ भाग रह ह म लोग को तड़क भड़क स खच

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सादगी ासखाती टरीलीन क शौकन को ला पहनाती माया जीवन का बधन ह पया पसा मल हा का म वतन भोगी लोग क बधन दो दन म हर लती शी छड़ाकर मल हा का शीश सा ानमरल कर दती

नीात ालखन वाल न कम खाना या गम खाना अचछा बतलाया मन उनका कन ानभाया ाजतनी चीज महगी हगी उतना ही जन कम खाएग ाजस दन रोटी नह ामलगी उस दन खद ही कम खाएग

शकल पक क चाद सरीखी बढ़ती म खब चादनी लाऊगी अभी दज तक ही आई परमासी तक जाऊगी

करो कलपना जब भारत जन कतन सदर दखा करग ग चावल चना बाजरा जब पाड़य म ाबका करग बीमार को दध दहीघी क इजकशन लगा करग कसा मधर जागर होगा लोग भख स जगा करग

आतक हमला

(डॉ नीलम कमार ाबड़ला अाभलखपाल) 13 दसबर 2001 ससद प पाक आतक हमला 13 रवरी 2014 ससद म भारतीय आतक हमला

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शमरसार ई ससद पच ाड़ गए नयी तहजीब क झड गाड़ गए

उड़ाया गया काली ामचर का पाउडर सपीकर का नह सना आडरर आख जलन लग सास लन लगी ससद पर नगी तलवार झलन लगी

घायल आ जातष और सावधान मदर क पजारय न कया मदर का अपमान ऐस आतकय को सबक ासखाना होगा र नया इातहास बनाना होगा

बाल-म (वाइकराकश कमार खलासी)

बालपन क कलकारी धप क ताप स आ मक पोी छोड़ी कदाल खोदत हा क मार अचक कचड़ आधी म म करना आ मजबरी गरीबी क पराकाा पट और पीठ क घटती दरी कछ धनहीनता और कछ माता-ापता क मखरता कनत सबस जयादा सवा समाज क सवदनहीनता ाजसन बालक को ामक बनन को बाधय कया लखनी को छीनकर कोमल हा म छडी पकड़ायी

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गाय-बकरी क सवा करता बालय-जीवन कप अपन भावषय को दर करता अजान और अबझ ावोपाजरन क कसको ह सरत ासात तो ऐसी ई दो दान अ क ालय बालपन चोर बनन को आतर आ

दोसती

(ाचा कडयया खलासी)

गलाब एक ल ह

एक घनट म मरझा जाता ह पर दोसती एक शा ह कभी भी जीावत रहती ह

बर ठडी होती ह जो पकड़ म नह आती ह

दोसती सोन जसी ह जो कभी कोई नह खरीद सकत ह

तार क पाच अनत (END) ह चौकोन क चार अनत ह तीकोन क तीन अनत ह

एक रखा का एक अनत ह पर दोसती का कोई अनत नह ह

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मर जीवन का उशय (कमारी ाया सातव कका सपषी एम सबीता उाल)

कग नयज भारत का खतरा पाकसतान न कशमीर पर हमला कया ह कछ दन बाद helliphellip कग नयज पाकसतान क ाखला भारत क रका करत ए वीर सानक

का भारी नकसान इन खबर न भारत को ाहला दया ा म भी सोच म पड़ गयी क म भारत क ालए कया कर सकता भारत को इन हमल स कस बचा सकता मर मन म ास र एक ही खयाल आया क भारतीय सना का एक जवान ासपाही बन

जव मन यह बात अपन दोसत स कही तो उसन कहा क ासपाही बनना खतर स खाली नह ह और परवार स दर सरहद पर खतर स भर जीवन मर ालए कपद होगा लकन मन ठान ालया ा क म कछ ऐसा कगी क पर दश म मरा नाम हो ाजस दखकर मर अपन का ासर गवर स ऊचा हो जाए

मर ानय को सनकर मरी मा रोन लगी मझ लोभन दया क म ापार क मर दोसत न मझ डाकटर बनन का सझाव दया पर मन सोचा क भारत म कई डाकटर ह ापारी ह भारत को डाकटर या ापारी क नह बालक सानक क जरत ह

म भारत क ालए अपनी जान भी दन क ालए तयार मन सोचा सब अपन परवार को सराकत

रखना चाहत ह र भारत - भाम तो मरी मा ह मरी ही कय हर एक क मा ह तो हम सब का कतर बनता ह क हम इसक रका कर इसीालए मर जीवन का उशय ह क म एक ासपाही बन और भारत क सवा क

मखर ामष स समझदार शष अचछा होता ह (मासटर सनीत चौी कका सपष एम सबीता उाल)

एक दन म और मरा सबस अचछा ामष राव बठ यह सोच रह क हम परीका क ालए अभी स पढ़ाई श कर दनी चााहए या नह राव न तपाक स कहा क अभी स पढन स कोई लाभ नह होगा अगर हम परीका क एक दन पहल पढ़ग तो जयादा दमाग म रहगा तभी वहा स मरी कका का दसरा छाष रमश गजर रहा ा मझ रमश ाबलकल पसद नही ा और रमश भी मझ पसद नह करता ा बात-बात पर हम लड़ाई करत पर पढ़ाई म वह मझस बत अचछा ा उसन हमारी बात सन ली ी

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इसालए धीर सवर म मझस बोला अपन मखर ामष क बात मत सनो बस रोज मरी तरह ोड़ा-ोड़ा पढ़ो लकन मन उसक बात पर कान नह धरा एक महीन बाद परीका क दन आ पच परीका क एक दन पहल जब मन पढ़ना श कया तब पाया क पढ़न को बत ा पर समय कम ा जस -तस पढ़ कर मन परीकाए ालखी और उममीद करता रहा क म परीका म उी र हो सक कछ दन बाद परीका का पराम ानकला और वही आ ाजसका डर ा म और ामष राव अनी र हो गए दसरी ओर रमश बत अचछ अको स उी र आ उस दन मझ समझ आ गया क मखर ामष स समझदार शष अचछा होता ह

भावषय क पढ़ाई (मासटर ाशव कलया सातव कका सपष वालल कलयाी उाल)

आज जब हम पढ़ाई या सकल क बार म सोचत ह तो नजरो म एक भारी बग उठाता आ

छाष दखता ह कताब क ाबना हम सकल जान क सोच भी नह सकत कताब क सा कपयटर भी पढ़ाई का महतवपर ाहससा बन चका ह

कछ साल बाद भारी कताब स भर बग क बदल छाष क हा म टबलट होगा आकाश टबलट एक ऐसा यष ह ाजसम हम तरह-तरह क कताब पढ़ सकत ह हम कका म ही नट स जानकारी पा सकत ह टबलट ोन स बड़ा ह और जयादा महगा भी नह हम इस कह भी ल जाकर इसम कताब पढ़ सकत ह हम इसम कका का दया गया कायर भी कर सकत ह यह टबलट पढ़ाई का अदाज बदल दगा और पढ़ाई को मजदार बना दगा

पानी और धप (कमारी एस साानया पाचवी कका सपषी राजया बगम अाल)

अभी-अभी ी धप बरसन लगा कहा स यह पानी कसन ोड़ बादल को क ह इतनी शतानी

सरज न कय बद कर ालया अपन घर का दरवाज़ा उसक मा न भी कया उसको बला ालया कहकर आजा

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ज़ोर-ज़ोर स गरज़ रह ह बादल ह कसक काका कसको डाट रह ह कसन कहना नह सना मा का

परीका (कमारी शख राजया सलताना गयारहव कका सपषी शख महबब पीरा पटल ाचषक)

ाजस नाम को सनन स कापता ह बा वो ह परीका परीका पपर हा म आत ही इतना डर लगता क यद अचछा नह कया तो ापटना पा तीन घट म लगभग करन होत ह चालीस सवाल एक भी छटा तो घर म आता ह भवडर रजलट क एक दन पहल रात को नद नह आती ह अचछ नबर पान क ालए भगवान क याद आती ह पास होन पर ामलता ह इनाम और मख स ानकलता ह ldquoकय भगवान rdquo र आती ह अगली कका तब भी मख स ानकलता ह हाय र आ गयी र स परीका

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राीय साकरता (मासटर शख समीर छठी कका सपष शख महबब पीरा पटल ाचषक)

ातदन सीखो अकर एक

ानयम बना लो ऐसा पढ़ो पढ़ाओ सीखो जान

तभी बनगा दश महान ावा सा जान कराती

मन का अधरा दर भगाती जहा पर बनत लोग जानी

वहा न होती मन क हाान अनपढ़ क ालए गगी पोी

धन दौलत भी होती ोी पढ़ा ालखा नह धोखा खाता

जहा भी जाता आदर पाता

मा (मासटर शख महबब बाशा आठव कका सपष शख महबब पीरा पटल ाचषक)

सबस सनदर जग म कौन बस एक त ह मा

सबस पयारी कसक मसकान बस एक तरी ही ह मा

कसन बनायी मरी पहचान तन ही तो मरी पयारी मा

कसक बोली ामी स मीठी तरी ही ह मरी मा

कसक डाट ह इमली स तीखी तरी ही तो पयारी मा

कसक ालए क म सब कबारन तर ालए मरी पयारी मा

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ाततली (कमारी एम राशका ाशवानी पाचवी कका सपषी एम लम कमार उाल)

ाततली तम कतनी

रग-ाबरगी होती हो तम सब ल का रस पी-पीकर

बाग-बगीच म रती रहती हो तर पख कई रग क होत ह

तमहार प को दखकर ब बत खश होत ह

मरी कका

(कमारी एम राशका ाशवानी पाचवी कका सपषी एम लम कमार उाल)

मरी कका म ह पचास ब हर एक ह अलग-अलग जस एक ह लबा एक ह छोटा एक ह मोटा एक ह पतला कछ ह अचछ कछ ह बर पर लगत ह सार पयार मरी कका ह रग- ाबरगी लगती ह ाततालय का झड ह

मझ बत पसद ह कयक यह हमारी कका ह

Page 25: कलाकल - Home: Survey of · PDF fileतेलंगाना-भारत का एक ... भी यह पि का ‘कलाकल‘ सुनदर प म िनखर

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मनोरजन कलब का वाषकोतसव ndash 2013

आ दश भ साानक आकड़ा क ानदशालय क मनोरजन कलब का वाषकोतसव दनाक 10-01-2014 को ातः काल 1000 बज स सममलन कक म आयोाजत कया गया ाजसम मखय अाता भारत क महासवकक डॉ सव र सबबा राव उपासत ावशष अाता क प म ी एसबी शमार उप महासवकक भारतीय सवक एव मानाचष ससान उपासत ानदशक महोदय कनरल ीधर राव न सवागत भाष दया और मनोरजन कलब क साचव ी डीआरएस सन कमार न वाषक रपोटर सतत क सासकातक कायरम ारा सभी का मनोरजन कया गया मखय अाता न अपन भाष म कहा क इस ानदशालय न ी कनरल ीधर राव क नततव म बत अाधक एव सतोषजनक प स गात क ह और इस बात का भी उललख कया क व जब इस ानदशालय क ानदशक तब व य सब कायर करना चाहत परत इनह मतर प दन म कनरल ीधर राव ानदशक महोदय क महतवपर भामका रही ह ततपात एक ीात- भोज का आयोजन कया ाजसम करीब 230 लोग न भाग ालया ाजसक सभी न भर-भर शसा क

मनोरजन कलब ारा आयोाजत कए गए खल

करम

टबल टनीस

शटल

शतरज शॉट- पट धीमी साइकलग

पष सगलस माहला सगलस पष डबलस माहला डबलस

पष सगलस पष डबलस

पष सगलस माहला सगलस पष डबलस माहला डबलस

पष पष पष

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वषर 2013 क दौरान कनीय मनोरजन कलब सपोटरस स ा इस ानदशालय क ाता एव सममान

करम

खल म परसकार ातीय परसकार ततीय परसकार

पष सगलस पी रवी कानत चनपाल शशी करन एव एलए बग

माहला सगलस शभा वी नायर पीक ातभा शलजा एव मीना

पष डबलस सययद इदरस एव सवातरयया कवी चारी एव ओ वीन कमार

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माहला डबलस शभा वी नायर एव अनसया पीक ातभा एव शलबाला खडरी

टबल टनीस पष सगलस पी सतीश क वीचारी ओ वीन कमार

एव अशाख अहमद पष डबलस कवीचारी एव

डी रगा राव कक गा एव पी सतीश ----------

शटल पष सगलस पी सतीश एम वी ावजय कमार कवी चारी एव पी

यादयया माहला डबलस शभा वी नायर एम सबीता मीना एव राज़या

बगम पष डबलस पी सतीश एव

एम वासदव स कमार एव ओ वीन कमार

-----------

माहला डबलस एम सबीता एव राजया बगम

शभा वी नायर एव बी एस वी वरलमी

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शतरज पष जगन एकर ------------

शॉट- पट पष बी नागरम चनपाल स कमार

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धीमी साइकलग पष डी स कमार सययद इदरस सययद मोजज़म

उ नयायलय म लाबत नयायालक मामल

लाबत मामल 04 आ दश उ नयायालय

कस क सखया 11 कनीय शासानक अाधकर हदराबाद

समा कस क सखया 06 लाबत कस क सखया 05

पनवलोकन मामल

ानालाखत अाधकारयकमरचारय क पनवलोकन मामल का ानपटारा कया जा चका ह

म स प lsquoबीrsquo राजपाषत प lsquoबीrsquo अराजपाषत प lsquoसीrsquo (पवरवत प

1 एस बाब अाधकारी सव ज डी एबनजर मानाचषकार ाडाव I नरश

2 पीक लहा मानाचषकार ाडाव I गदो राम

3 शख मीरावली मानाचषकार ाडाव I एम गररयया

4 जी सीतारामम सव सहायक पी काशम

5 वाई सबबयया सव सहायक सतयममा

6 पीएस सामबाब सव सहायक वी कषयया

7 बी ओबशयया सव सहायक

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एम ए सी पी क मामल

ानालाखत अाधकारयकमरचारय क एमए सी पी मामल का ानपटारा कया जा चका ह

म स प lsquoबीrsquo अराजपाषत प lsquoसीrsquo (पवरवत प lsquoडीrsquo)

1 वी सयर भा मानाचषकार ाडाव I एल योहन

2 पीकलहा मानाचषकार ाडाव I सीनाराया

3 शख मीरावली मानाचषकार ाडाव I जजॉन

4 एम भवनरी मानाचषकार ाडाव I एस रामयया

5 बीएसवी वरलमी मानाचषकार ड़ II बी पललया

6 - पी काशम

7 - शख काासम पीरा

8 - एम लमी नाराया

9 - एम वकटरल

10 - जी जया

आ दश भ साानक आकड़ा कन क अाधकारय कमरचारय क ब ाजनहन शकाक ानपता दखाई ह

1 कमारी अनवषा कर सपषी डॉ पीक कर सी जी पी ए 9810 दसव कका क ीय ावालय हदराबाद

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तलग म ावव ी नकश ( ओएस एम) क तयारी (बीएचराव अधी सव जीव अाध सव एमराकश अाध सव एसपटा री मानाचषकार)

सतावना पवर म ावाभ नकश तलग म कााशत आ करत जस आ दश राजय नकशा (1999) भारत क राजनीातक नकश आद ऐस नकश अकराक ासटक-अप (lettering stickups) साहत साइबग क परमपरागत तकनीक का उपयोग कर कााशत होत तााप कोई भी सलाकातक नकश तलग म कााशत नह ए ह परत हाल ही म ावजान एव ौोागक ावभाग न ावव ी टोपो नकश ( ओएसएम) को कषीय भाषा म उपलबध करवान क ालए एक नीात को जारी कया ह ाजसक पराम सवप आ दश भ साानक आकड़ा क न राजय क राजधानी हदराबाद को दशारत ए एक शीट को योग क आधार पर अकय माधयम स तलग म करन का काम ालया ह

ॉनट क खोज म माइोसटशन साफटवर क अनक ल डीजीएन ामट म मल डाटा बस पहल स ही उपलबध ह मल-

पाठ को बठान क ालए माइोसटशन क अनक ल एक सावधाजनक तलग ॉनट क आवशयकता ह अनक ॉनट क जाच क गई परत कछ भी माइोसटशन क अनक ल नह पाया गया कयक तलग ालाप म बत सारी माषाए अगल स लगवाए जान क कार ldquoमाषाrdquo को लगाना एक कठन कायर सााबत आ तााप वब म बत छान-बीन करन क बाद ldquoटी टी एल हमलताrdquo ॉनट को खोजा गया और माइोसटशन परवश म मल पाठ को रखन म उपयोगी पाया गया

अनवाद

ावाभ व रनातमक अाभउाया ाचनह पाद- टपपाया आद का अजी स तलग म अनवाद हत सभी ापय साधन जस क इटरनट नट पर अनवाद शबदावली आद का आय ालया गया

माइोसटशन परवश म मल पाठ को बठान क ालए कायरावाध

ॉनट याान ldquoटी टी एल हमलताrdquo वााछत सान पर लोड कया गया तलग ालाप म बत सारी माषा क अतःसाापत होन क कार एक ावाशप शबद या अकर क ालए सही माषा क चयन हत अाधक सावधानी बरतना का सानात कया गया वााछत मल ndash पाठ को मइोसाफट वडर म टकत कया गया माइोसटशन वशरन 8 ाइल म अनोटशन टकसट एडीटर क माधयम स कापी और पसट कया गया उ

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शीट क 22 टोपो स अनवादत अनोटशन को या सतयाापत कया गया अनोटशन को कनार म और उपरो शीट क नाम ाइल म रखा गया मामल ाजनको सलझाना ह -

1 ॉनट क आकार का मानककर 2 तलग ालाप म ावाभ व रनातमक अाभउया क सावधाजनक शबद का चयन 3 मल- पाठ को सगठत करना एक जटल कायर ह और समय लन वाली कायरावाध ह और पयार

माषा म षीय भाषा याान तलग क जान क जरत ह 4 जयादा सखया म सपादन मल-पाठ क सगठन क आवशयकता ह 5 तलगाना राजयतलग ावावालय क उ राजभाषा ावभाग स अनवादत ालाप को माीकर

करन क आवशयकता होगी समाा

सानीय ालाप (तलग) म ओ एस एम माक नकश क तयारी स अाधक सखया म लोग को सलाकातक नकश को आसानी स योग करन म सावधा होगी सलाकातक नकश म भाषा-ावषयक सबधी साचकारी पदार को जोड़न स ानयही भारतीय सवक ावभाग क उतपाद क चार को बढ़ावा ामलगा और बाजार म अपनी अहामयत बढ़ाएगा

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चनौती क ालए तयारी (रघना ाषपाठी अधीकक सवकक)

कसी भी ावभाग म नई चनौातय को सामना करन क ालए कमता ानमार क आवशयकता ह यद

यह नह कया जाए तो सताावत योजनाए ावल हो जाती ह कमता ानमार स पहल उसक लय एव उशय को परभााषत कया जाना आवशयक ह कयक इसक कायारनवयन क सतर म योजना और ानषपादन म का अतर हो सकता ह कमता ानमार क अनय मानक क अतगरत अनवत सावधा क रखरखाव और सभाावत ावकास भी शाामल ह कमता ानमार क कसी भी यास म ातभा क खोज को ही पहल कदम क प म ालया जाना चााहए भारतीय सवक ावभाग म सही कमता ानमार क बाद ही 110000 क पमान का सवक करन और मानाचष ाा सभव हो पाएगा आधानक अाध ौोागक म कमय क ाशक पयार नह ह लकन यह दखना ह क जो माग और सवक और मानाचष क आपत क खला स सक ातत ह जनता क ालए उपयोागता बढ़ा रही ह श म हालाक बाधाए आना बाधय ह हम यह कायर श करना और पराम क तीका करनी ह इस यास म खल अाधकार कष क ावशषज को ानयामत प स परामशर कया जाना चााहए सवक और नकश क उपयोगकतार क माग और एक बड़ परय क दाप स दखन क ालए यह महतवपर ह

यहा तक क उपयोगकतार क ालए भी ाडाजटल डटा का उपयोग सीामत ह भारतीय सवक ावभाग उपयोगकतार को ानयामत आधार पर सहायता और मलय सवधरन क ालए सलाह दकर नकश क कातज उपयोग तक का ावसतार कर सकता ह उस बात पर धयान दत ए भारतीय सवक ावभाग क सवा हत जी आई एस वजाानक को शाामल करन क आवशयकता ह यह महगा मामला होन पर भी वरीयता स भरी हम भावषय क चनौातय को परा करन क ालए तयार रहना चााहए कयक नकश क उपयोग स ावकास को तो होना ही ह

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नमक का महतव (कष कमार अाधकारी सवकक)

एक राजा क तीन बटया ी तीन बत ही सनदर सशील और ावशष ग वाली एक दन राजा न तीन राजकमारय को अलग-अलग स एक ही सवाल पछा ldquo बटी तम मझ कतना चाहती हो ldquo बड़ी राजकमारी न जवाब दया rdquo ापताजी म आपको सोन जस चाहती अारत सोन क आभष स मझ ाजतना पयार ह उतना ही पयार आप स ह ापताजी ldquo राजा बत सतप आ और दसरी राजकमारी स पछाrdquoबटी दीदी न तो जवाब द दया अब तम बताओ तम मझस कतना ह रखती हो दसरी राजकमारी बोली ldquo ापताजी म आपको हीर जसा चाहती अारत हीर क गहन स मझ ाजतना पयार ह उतनी ही पयार आप स ह ापताजी ldquo राजा तो ल न समाया सोचन लगा rdquo म बमतलब का सकोच कर रहा ा मरी बटया तो लगता ह मर बगर जी नह पाएगी ldquo अब तीसर स कया पछ र भी पछ लता र तीसरी बटी स पछाrdquo बटी तम मझ कतना चाहती हो तीसरी राजकमारी न जवाब दयाrdquo ापताजी म आपको नमक ाजतना चाहती जवाब सनत ही राजा आग-बबला हो उठा और बरी-भली सनाकर उसक कक स ानकल गया छोटी राजकमारी न कछ नह कहा बालक राजा क डाट सनकर चपचाप रह गयी रात ई राजा को सार महल क कायर ानपटान क बाद भख लगी खान क ालए उस हीर स ससात सोन क सहासन पर छोटी राजकमारी न बठाया र सोन क ाली म नाना कार क जन स य खाना परोसा और राजा को खाना श करन को कहा राजा न मह म खाना रखा तो महसस कया खाना का ह र हर जन को चखा तो पाया सब क ह र तो आग-बबला होकर अपनी रानी पर ाचललाया ldquo इस तरह क भल कस हो गयी हम कया समझ रखा ह जन दखाकर ललचाना और र खान नह दना यह बोलत ए रानी पर सोन क ाली ाजस पर जन परोस ए कन क ालए हा उठाया उठ ए हा को तीसरी राजकमारी न पकड़ ालया और पछा ldquoापताजीखाना तो बढ़या ह र कमी कया हrdquo राजा बोल ldquoनमक क ाबनाकोई खाना खाया जा सकता हrdquo राजकमारी बोली ldquoापताजीआपको तो नमक स नरत ह ना इसालए मन जन बनवात ए नमक नह डलवाया rdquo र तो राजा समझ गया क छोटी बटी न उनह सबक ासखान क ालए यह भोजन तयार करवाया ह र बोला ldquoबटी म समझ गया नमक क ाबना खाना जस सवादप नह उसी तरह तमहार पयार ाबना मरा वचरसव नह ldquo और राजकमारी को गल लगा ालया

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मायाजाल (एनबी सवामी अाधकारी सवकक)

इस जगत म कल 84 लाख जीव राशया ह और उनम मानव जनम सबस उम ह उम इसालए ह क भगवान न मानव का आधार इसालए दया ह ताक इस जनम अचछ कमर कर वह मोक क ाा कर सक मोक याान पनरजनम नह यद कमर बर ए तो र 84 लाख जीवरााशय म पदा होन क ालए वह आतमा कालच म दोबारा स जाती ह इस सपर कालच क याषा करत ए जब आतमा मानव क योान म वश करती ह तब वह भगवान स यही ारना करता रहता ह क ह भगवान मझ इस कद (याान मा का गभर) स जलदी मा दला द कयक म तमहारा धयान सही ढग स नह कर पा रहा कयक इस कद म अनक तरल पदा क सा-सा मल-मष म भी टहल रहा यह कसा नरक ह जहा आपन मझ सा रखा ह तब भगवान भी बोलत ह क ldquoत अभी बालक ाशश का प धार करन वाला ह तमन इतन वष यग म ाजतन पाप कय ह उन सबक यह चरम सीमा ह यह चरम सीमा बत ही पीड़ा दन वाली ह ाजस तमह जीतना ह लाघना ह इस चरम सीमा स मा होन क बाद तम कया करोग ldquo ाशश कहता ह ldquo भगवन आप जो कहग ldquo भगवन पछत ह कया तम अपना जीवन मरा धयान करत ए मर ालए समपर कर दोग ldquoाशश कहता हrdquo हा म समपर कर दगा आपक ालए ldquo भगवन भी जानत ह ाशश को नौ महीन गभर म रहना ही पड़गा तभी पर शरीर का ावकास होकर जब वह बाहर आएगा तो मरी सवा करगा उ नौ महीन तदनसार भगवन ाशश का वातारलाप नौ महीन चलता रहता ह ताक ाशश अपन चार ओर स मल क गध का धयान न द र जब वह बाहर ानकलता ह भगवान को धनयवाद करता ह और कहता ह ldquo म तमहारा बत ही आभारी भ अपन मझ मा दलाई अभी मझम वह ताकत नह क म तमहारा धयान करन क ासवा और कछ क मर माता ndashापता मझ सच कर जब अपन पर पर चलन क ताकत द दग तभी म तमहार ालए कछ कर पाऊगा ldquo भगवान कहत ह ldquo अर मखर त नह जानता यह जगत एक मायाजाल ह मझ पर ावास ह त मझ भल जायगा और र स कालच म पड़ जायगा ाशश कहता ह ldquo नह भगवान ऐसा नह ह भगवान मरा ावास करो म ातजा करता मरा जीवन आपक ालए ही समपर ह ldquo भगवान कहत ह ldquoदख लगा इस जगत क मायाजाल म त मरी कया का सवा करगा ldquo यह ाशश और भ का वाारलाप सनकर दवष नारद भगवान क पास पच पछन लग ldquo भ आप कस मायाजाल क बात कर रह ह ldquo भ बोल ldquo नारद म समसत जीव- रााशय का सवामी उनका कलया चाहता उनको सख भी और दख भी दता वह इसालए क मायाजाल क मोह एव अहकार म पड़कर खद को सपर मानन वाल ाी को दड न द तो र मरा समर कस करगा ldquo नारद बोल ldquo भ आपक वचन का मतलब कस

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दशा म जाता ह यह तो मझ नह पता एक तर कहत ह समसत जीवरााशय का कलया चाहता दसरी ओर कहत ह दड दता तीसरी ओर मायाजाल अर नाराय आप जब समसत जगत क सवामी ह सब आपक अधीन ही ह तो र मायाजाल शबद आपन जो योग कया ह वह आपक अधीन स बाहर कस हो गयाrdquo ानयष काजए जीवरााशया उसक चपट म नह आएगी र सब आपका गगान ही करग और सबको मोक क ाा होगी ldquo भगवान कहत ह ldquo ह दवष मर ालए समसत जीवराशी को परीका स गजरना पड़ता ह मानव जीवन ही उनम अातम परीका ह बस उसको लाघ ल म पनरजनम स मा दला दldquo नारद जी भगवान स तकर करन लग गय का दर बाद भगवान न कहा rdquo दवष आपस बहस और नह कर सकता आपस बहस कर मरा गला सख गया ह जरा एक छोट कलश या कमडल म पानी लकर आइय ताक म अपनी पयास बझा सक नारद को झटका लगा और पाताप करन लग ldquo बमतलब मन अनतरयामी स बहस कर उनको कप दया व समपर जानानद क सामन मरी हासयत कया ह पता नह आज मरी मात मारी गयी और म बमतलब बहस करन लगा भ को पयास लगी ह और वो भी मरी वजह स जलदी स उनक पयास म बझा द पानी क खोज म सार लोक का म करत ए नारदजी पथवी लोक म पच गए पथवी लोक पचकर पानी क खोज म एक कए क पास पच तो दखा क एक अतयनत सदर नारी कए स पानी ानकाल रही ह नारद न सोचा वह सनदर ी पानी भरकर चली जाए तो र म ोड़ा सा पानी भर ल नारद उस दख रह ी भी नारद जी को दख रही ी नारदजी न पछा rdquo दवी कया तम यह आसपास रहती हो ी न जवाब दया rdquo हा ldquo नारदजी र पछ rdquo दवी कया तमहारा ाववाह हो चका ह rdquo ी बोली ldquoनह ldquo नारदजी का ावचालत मन ल नह समाया और पछ ही ालया ldquo दवी यद तम अाववााहत हो और यद तमह कोई परशानी न हो तो कया तम मझस ाववाह करोगी ी सादाय औरत ी बोली ldquo मर ापता क आजा क ाबना म आपस ाववाह नह कर सकती ldquo नारदजी बोल ldquo दवी सशील नारी क यही ग होत ह यद तमह आपा न हो तो म तमहार सा चलकर तमहार माता-ापता स बात कगा और तमस ाववाह कगा ldquo यवती राजी ई और ासर एव कध म पानी स भर घड़ को ढोत ए आग चलती रही और नारदजी पीछ चलन लग सपर रासत म उस सनदर ी क ानहारत ए मन म सपन क पल बाध रह उस सनदर ी क ापता क पास जाकर अपना परचय दत ए उनक बटी स ाववाह करन का सताव रखा साकात नारद मान को अपना दामाद सवप दख उसी मतर म मगनी हो गई और एक शभ मर म ाववाह भी हो गया ाववाह क कछ दन क पात उनक ब हो गय ब बड़ भी हो गय र तो व अपन गहस आम म इतन सत हो गय क उनक मह स नाराय मष ानकलना भी बद हो गया कई वष बाद एक शाम को जोर क आधी क सा तानी बारश ई इस माहौल न इतना ावकराल प धार कर ालया ा क वातावर लय म बदल गया चार तर पानी भर गया बत सार लोग पश आद पानी म बह गय कनत कात क ावकराल प क सामन ठहरन का साहस कस ा दखत ही दखत उनका गह भी बाढ़ क चपट म आकर टट गया और पानी म बह गाया पी और ब डर स

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रोदन करन लग दखत-दखत कान पष क अलावा पी और बाक ब भी पानी म बह गए र तो नारदजी स सोचा इस कान को म कध पर ालए चलता ताक वह तो बढ़ाप म मरा सहारा बनगा कनत लय क तीता इतनी तज ी क नारदजी क नाक क ऊपर स पानी बहन लगा र तो व खद भी भल गय क बट को बचाना ह सोचन लग म कसी तरह जीावत बच जाऊ उसी सोच न उनक कान पष को भी नह बखशा कसी तरह कछ समय उपरानत लय शानत आ पानी घट गया चार तरक मनषयपश - पकी आद क लाश टट ए रासत और घर क बीच पड़ी ई ी नारद मान को बहद दख आ और ठठोर कर रोन लग गय रोत-रोत व खद क बार म सोचन लग क भगवान न उनक सा ऐसा अनयाय कय कया काश व भी मर जात तो अचछा होता तभी उस राह स ास महष गजरत ए नारदमान स परामशर करन लग नारदजी कहन लग ldquo पता नह मन कौन सा पाप कया ह क मर पर परवार का सवरनाश हो गया ह मझ कय मतय नह आई इस पर ासजी न कहा शायद तमहारा समय नह आया ह इसालय तम बच गय हो हालाक ास जानत क नारद मायाजाल म सा आ ह ldquo र इसका ानरय कौन करता ह ldquo नारद न ासजी स पछा ासजी न उर दया ldquoयह तो मतयलोक क अाधपात यमराज ही इसका उर दगrdquo र व दोन ामलकर यमराज क पास गय यमराज न आन का कार पछा तो ासजी न नारद मान क सारी दख भरी गाा सनाई और पछा क ldquoमतय न इनका आलगन कय नह कयाldquo यमराज बोल rdquoम कोई नह मरा यमदत ही इसका उर द सकता ह कयक म यमदत क ारा कसी आतमा को लान क बाद ही उसक पाप-पणय का ाहसाब दख ानधाररत सजा का ऐलान करता यद यमदत आपको लकर मर पास नह आया तो इसम मरा कया दोष ह यमदत स पछ लldquo र ासजी न उनक यमदत स वही सवाल करन पर यमदत न कहा ldquo महामान म कस कसी क शरीर स आतमा को छीनकर ल आऊ म तो यमलोक का सवक माष ाचषग जब तक आजा नह दत तब तक म कोई कायरवाही नह कर सकता आप इस का उर ाचषगजी स पछ ल ldquo र ासजी न ाचषग स वही सवाल करन पर ाचषग न कहाrdquo महामान म तो यमदत को तभी आजा दता जब उस ाी का सारा लखा - जोखा समा हो जाता ह अभी माननीय नारद जी क मतय का समय आया नह ह अभी उनका कछ कया नह जा सकता ldquo ासजी न नारद स कहाrdquo दखो नारद अभी तमहारा समय आया नह ह तभी तम जीावत हो चलो चलत ह अब ापछली घटना को भल कर आग क सोचो ldquo बस इतना ही कहना ा क ाचषग न र ासजी को बलाकर कहा rdquo ह ऋाषवर इनक कणडली म यह ालखा ह क मतय तभी इनको गल लगा सकती ह जब य एक सा आपको मझ यमराज और उनका वाहन भस का एक सा दशरन करग चक इनक ारा यह कायर पर हो चका ह अत इनका जीवन पर हो गया ह ldquo बस इतना ही ा क नारद जी को आवाज आन लगी अर दवष दवष मझ कब स पयास लगी ई ी मरा गला सख गया ह कनत आपन मझ अब

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तक पानी नह दया कहा ह पानी ldquo य साकात नाराय क आवाज सन नारदजी को होश आया और भगवान क चर म पड़कर ागड़ागड़ान लग यह कहत ए क rdquo ह नाराय आपन मझ अचछा सबक ासखाया ह मन आपस बहस कया कर लीआपन मझ मायाजाल का साकातकार करवा दया कमा काजए म आपको पानी नह ापला सका मरी वजह स आपका गला खब सख गया होगा ldquo यह कहत ए उनक अधारा स नाराय क पाव धल गय और भगवान न कहाrdquo दवष आप चातत ना ह आपन अधारा स मर चर धोकर ानसवार सवा कर दी मरी पयास बझ गयी ह अब आप म ह ldquo र नारदजी खशी स नाराय-नाराय कहत ए ानकल गय

घाट का पतर

(बषव बहरा अाधकारी सवकक)

माता-ापता और जनम भाम को छोड़ कर हम सब बन गए ह घाट का पतर धनय ह वह महापष ाजसन हम साापत कया म उस महापष क ावषय म व रन नह कर सकता शायद म अात पाप क कार पतर बन गया लोकन म आशा करता क भावषय म मरा भागय बदल जाएगा चक म लोग क मन स सवा करता इसका ल हमको भगवान अवशय दग लोग का सवा करत ndashकरत मरा आकार भी बदल गया परनत सवा करत ndashकरत मरा नाम रोशन हो रहा ह बालक हम सता का अनभव हो रहा ह मर कमर क चलत मरा भागय बदल रहा ह म हमशा जलम रहता और पीठ पर ातदन मार झलत रहता शायद ही ऐसा पीड़ा इस ससार म कसी को ामलती होगी मरा सानानतर भी नह ह म कई महापष को दखता आया कतन महाराय न ा तयाग दय लकन तबस म यहा अकला पड़ा म हर मौसम क मार झल रहा ब-बढ़ क सवा करत-करत मन कछ पणय कमा ालए ह और आशा करता क मझ को भावषय म मानव जनम ामल सकता ह मानव जनम ामलन स म आपका भजन-करन कगा

ऐस दखतndashदखत कई यग क बाद हमको मानव जनम ा आ मानव जनम म अगर इस धराष म दखा क यहा ऊच-नीच जात-पात नीात-ानयम ावदन पाचार अनयाय ndashअतयाचार चमर-अचमर का ताडव नतय चल रहा ह दखकर मर मन म परवतरन आ गया क भ मझको मरा ापछला जनम वापस द दीाजए

पतर जनम म रह कर मरा कोई-कोई साी अचछ कमर क चलत मदर म सान ा कर ालया ह कोई-कोई तो ठाकर बन गय लोग-ातदन उनक पजा करत ह

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हम लोग म स कोई-कोई सामाजक कायर म सहयोग दान करत ह कोई गह-ानमार म सहयोग द रह ह तो कोई मदर-ानमार म सहयोग द रह ह कोई तो सीधा मत बन गय इसीालए उनक मन म घमणड आ गया अहलया न पतर होन क नात भगवान का दशरन पा ालया इसालए पतर जनम होन क चलत उनक मन म का अह भाव आ गया

हमार अनदर ावाभ प भी ह याः लोहा पतर चना पतर सगममरर काला पतर (नाइट सटोन) मलायम पतर (soft stone) इतयाद लोहा पतर जो दश क ानमार म काम आता ह चना पत जो ासमट ानमार क काम म आता ह सगममरर घर और मदर का शर (flooring) म काम आता ह काला पत घर का शर और आला बनान म काम आता ह मलायम पतर ाशलप कला क ावकास म योगदान दत ह पतर जनम होकर भी म का गवर महसस करता मरी भगवान स अानतम ावनती य ह क आप मझ अानतम समय म दशरन दन को कपा कर

न हमको पतर जनम चााहए न हमको मानव जनम चााहए हमको तो ास र इस भव सागर स पार होना चााहए

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जयादा लोभ न करना (पाडव कानटया सहायक सवकक)

मनषय भगवान क साप ह इसालए वह भगवान का अश ह जब तक वो मा क गभर म ा तक तक वह मोह-माया स वाचत ा एव हमशा भगवान क समीप ा लकन जब वो पथवी पर अवती र आ उसको मोह-माया न घर ालया पाच साल तक वो ईरीय सा म रहता ह इसालए कहा जाता ह क ldquoCHILD IS THE INCARNATION OF GODrdquo इसक बाद मोह-माया म आकषत हो कर ईरीय सा को भल जाता ह बचपन म वो बत आजा और मोह-माया राहत और चरषवान रहता ह जब समय बढ़ता जाता ह तब उसक समसत उम ग धवस होकर गलत मागर पर चला जाता ह

बचपन म ावा ाशका जवानी म ी दीका एव पारवारक ाचनता म म होकर वह समसत मौालक सा को खो दता ह सबा नप होकर सबा म आ जाता ह दव का नप होकर राकस वा जारवत होता ह एव परवारक जगल म सकर भगवान का नाम लना भल जाता ह अपना परवार का भर पोष क ालए कठन परम करता ह लकन उनका पट भरता नह ह ईर क सा को भल जाता ह और अनत म पशकतव को ा होता ह शरीर रोगसत हो जाता ह दाप शा की हो जाती ह चलन ndashरन म असमर रहता ह रात को नद नह आती ह र भी लोभ को छोड़ नह पाता ह अपन बीवी-ब ता परवार क बार म सदा सोचन लगता ह शरीर वावसा को ा होता ह परवार क कोई भी सदसय पछत नह ह

परवार क लोग उसको ढग स खाना भी नह दत ह उसको घर स दर रखत ह र भी यह अधम मनषय भगवान क बार म सोचता नह ह लोभ का अनत नह होता ह पाप का बोझ बढ़त जाता ह अनत म नरक को ा होता ह र भी मनषय भगवान को समझ नह पाता ह परवार क ालए इतना बड़ी ददरशा झलता ह उनको कोई भी नह पछता ह उसक ारा जमा क गई पजी को परवार वाल उनक सामन मौज करत ह

लोभ मनषय को अनधा बना दता ह आदमी क हतया करत ह लोभ क वशीभत होकर दसर क समपात को लटत ह ाजसस समाज म पाचार बढ़ता ह इसालए ह मानव तम कय लोभ करत हो लोभ नह करक भगवान का समर करो हर कतरन करो तप जप करो और सवगर क अाधकारी बनो उम कमर करक भगवान क शरागत हो जाओ भगवान तमहार समसत सख-दख का भार वाहन करग

सवरधमारनपरतयजय मामक शर ज अह तवा सवरपापभयो मोकायषयााम मा शच

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इसालए अचछा कमर करक पणय कमाना ह हमशा धमर क जय और पाप का कय होता ह धमर-कमर करक ावजय ा होगी लकन अधमर म जाकर नरक गामी नह होना

एकदा अनधा राजा धतरा सजय को पछा क ldquoह सजय इस धमर य म कसक जय होगी उर म सजय बोल क ldquoयष योगर कषो यष पा धनधरर तष ी ावजयो भात वा नीातमरातमरम ldquo अारत जहा योगर कष एव धनधाररी अजरन एक सा ह वहा ावजय ानात ह

इसालए दखा गया क हमशा धमर क जय और अधमर क पराजय होती ह धमर सवचछ ानमरल लकन अधमर कदाकार कात ह इसालए लोभ-लालच म वशीभत न होकर सत

कमर करो अनयाय का परतयाग करो लोभ मत करो जीवन म कप करक जो धन कमा ालया वो सब इस धरती म रह जाता ह अानतम क म सा कोई नह ल जाता इसालए अनधर म भटक नह जाना इसालए कहा गया ह क-अात लालच नह करना अात सवरष गहतम अारत अात सवरनाश का कार ह

अात दप हता लका

अात मानसय कौरवा अातदारन बाल वध अात सवरष गहतम

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टटा वक का अाभमान (चरदास नाराय गडम सवक सहायक)

वन म खड़ एक वक क सा ालपटी एक लता भी धीर-धीर वक क बराबर हो गई वक का आय

लकर उसन भी लना ndashलना आरभ कर दया बल को लत ndash लत दखकर वक को अहकार हो गया क म न होता तो लता अासततव हीन होती वह लता को धमकात ए बोला ओ बल चपचाप मरा कहना माना कर म जो कह रहा वह कया कर नह तो ध मार कर भगा दगा पड़ का लाप जारी ा क दो पाक वहा स ानकल एक बोला अर भाई जरा दखो तो यह वक कसा सदर ह इस पर कसी सदर लता पाषपत हो रही ह आओ इसक नीच ोड़ी दर ावाम कर अपना महतव लता क सा ह यह जानकर वक का अाभमान भी नप हो गया सा ndash सा रहन स ही सबक गात होती ह

बटी (डी राव बाब पटल ाचषक ड-II)

बटी घर क लाज होती ह पापा क सर का ताज होती ह दल क सदा स रही ह इचछा बटी तझको ह पाना आई हो मर जीवन म जस एक ननही कावता राह दखता म तरी जलदी स मर पास आना मा क गोद म सदा रहती हो कछ पल मर पास भी आना न चाहत ह अब धन दौलत क त ही लमी त ही मरी मत भी डर लगता ह सोचक जब एक दन छोड़ क जाएगी त कतना मझ लायगी त बटी होती ह बाबल क लाड़ली

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यह ाज़नदगी (सययद इदरीस पटल ाचषक ड ndashII)

बठ जाता ह ामी प अकसर कय क मझ अपनी औकात अचछी लगती ह

मन समनदर स सीखा ह जीन का सलीका चपचाप स बहना और अपनी मौज म रहना चाहता तो ह क य दानया बदल द पर दो व क रोटी क जगाड़ म सरत नह ामलती दोसत महगी स महगी घड़ी पहन कर दख ली व र भी मर ाहसाब स नह चलता य ही हम दल को सा रखा करत पता नह ा क कमत चहर क होती ह अगर खदा नह ह तो उसका ाज कय और अगर खदा ह तो र कय

lsquorsquoदो बात इसान को अपन स दर कर दती ह एक उसका ldquoअहम rdquo और दसरा उसका ldquo वहमrdquo पस स सख कभी खरीदा नह जाता और दख का कोई खरीदार नह होता मझ ाज़नदगी का इतना तजबार तो नह पर सना ह सादगी म लोग जीन नह दत मााचस क जरत यहा नह पड़ती यहा आदमी आदमी स जलता ह ाव क बड़ स बड़ वजाानक यह ढढ रह ह क मगल ह पर जीवन ह या नह पर आदमी यह नह ढढ रहा ह क जीवन म मगल ह या नह

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जीवन म न जान कौनसी बात ldquoआखरी rdquo होगी न जान कौन सी रात आखरी होगी ामलत जलत बात करत रहो यार एक दसर स न जान कौन सी ldquo मलाकात rdquo आखरी होगी अगर जदगी म कछ पाना ह तो तरीक बदलो इराद नह ऐ चाद त कस मज़हब का ह ईद भी तरी और करवाचौ भी तरा

उगालय क लड़ाई

(शख महबब पीरा पटल ाचषक)

एक दन हा क सभी उगालया आपस म लड़न लग अगठा बोला म सबस बड़ा सभी जगह जरी कागज पर मझस ही ानशान बनाया जाता ह तजरनी बोली-ldquoम बड़ी मर होन स ही सब लोग काम कर पात ह जस-ालखना खाना पकड़ना मधयमा बोली-ldquoअर भई कया तम नह जानत जो आकार म लबा होता ह उस ही सभी बड़ा कहत ह अनाामका सब बात चपचाप सन रही ी वह तरत बोली ndashldquo म सबस बड़ी म तो पजा करन क भी काम आती मर स ही रोलीातलक लगाया जाता ह कानाका सभी को लड़ता दखकर उदास ी वह चपचाप एक कोन म कछ सोच रही ी तभी अगठा व तीन उगालया उसक पास गई और बोली- ldquoअर छोटी तम तो बड़ी हो ही नह सकती कयक तमहारा नाम ही कानाका ह कानाका बोली ldquoसनो अगठ भाई और पयारी उगालय आपस म लड़कर कभी कसी का भला नह हो सकता हमम कोई भी बड़ा-छोटा नह ह हम सब ामलकर मी बन सकत ह तभी हम सब बलवान हग कया तमह नह मालम क बद मी म ही ताकत होती ह इसालए हमारा लड़ना बकार ह rdquo कानाका क बात सनकर सभी एक सा बोल- ldquoहा छोटी बहन तम ाबलकल सही कह रही हो सचमच अकल म तम ही हम सबस बड़ी हो rdquo

इस नीात का स एकता म बल क ाशका ा होती ह

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तलगाना- भारत का एक और नया राजय (शलबाला खडरी मानाचषकार)

तलगाना भारत क दाकी भाग म ासत भारत का 29 वा राजय ह कषल क दाप स यह दश का

बीसवा बड़ा राजय ह ाचीन हदराबाद रयासत का अाधकतम भाग तलगाना राजय म ालया गया ह जहा आजादी स पहल ानजाम का राजय ा सन 1947 म जब भारत अज क चगल स आजाद आ उसक बाद भी हदराबाद का ानजाम अपनी रयासत सय भारत म ावलीन करन क पक म नह ा वह अपनी रयासत पर अपना ही सवतष शासन चाहता ा अतत सरदार बललभ भाई पटल क अक यास स इस रयासत को भारत क मखय धारा म ावलीन कया जा सका इस कार आन दश राजय क सापना ई और 26 जनवरी 1950 को ी एमक वललोड़ी आन दश राजय क म मखयमषी ानय ए 1956 म हदराबाद रयासत को आन दश राजय म ावलीन कर दया गया

2 जन 2014 म पनः तलगाना राजय अासततव म आया आन दश राजय क उर पामी 10 ाजल को ामलाकर तलगाना राजय क सापना क गयी ह राजधानी हदराबाद भी तलगाना राजय म ासत ह परनत 10 वष तक हदराबाद दोन राजय याान आन दश और तलगाना राजय क सय राजधानी रहगी दोन राजय क शासानक कायर हदराबाद स सचाालत हग तलगाना शबद का ादभारव ाषलगा दश शबद स आ ह ाजसका अर ह तीन लगो वाला दश तलगाना राजय क तीन दशा म कालरम ीशलम और ाकारामम ास ाशव मानदर ासत ह ाजनक अपार धामक महा ह वासतव म पक तलगाना राजय क ालए 1946 स 1951 क बीच ही ारमभ हो गया ा उस समय कमयानसट पाट न इस आनदोलन का नततव कया ा जो असल रहा भाषा क आधार पर तलगाना और आन राजय को पक करन क ालए अनक आनदोलन समय-समय पर होत रह ह इनम मखय आनदोलन 19691972 और 2009 क ह इन आनदोलन का यह भाव आ क 9 दसमबर 2009 म भारत सरकार न पक तलगाना राजय बनान क कायरवाही श कर दी य घोषा सनत ही तटीय आन व सीमान कष क लोग न सम आन दश क पक म आामक आनदोलन ारमभ कर दया और ऐसी ासात म भारत सरकार न यह कायर 23 दसमबर 2009 तक सागत कर दया इसक पात भी लगातार पक तलगाना और सम आन दश क ालए अलग-अलग आनदोलन चलत रह पक तलगाना क पक म कई आतम - हतयाए ई हड़ताल क गयी ाजसस जन साधार को बत असावधा का सामना करना पड़ा अतत पक तलगाना समरक क जीत ई और कास कायरकारी सामात न सवर सहमात स 30 जलाई 2013 को पक तलगाना राजय क ासारश करत ए ाबल तयार कर दया अनक सोपान पार करत ए यह ाबल रवरी 2014 को ससद म पारत कया गया रवरी 2014 दश पनगठरन एकट क तहत यह ाबल ससद म पास हो गया इसक पात इस नय राजय तलगाना ाबल को रापात ारा सहमात ा ई और माचर 2014 क गजट म इस कााशत कया गया इस कार नय तलगाना राजय क सापना ई

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ाशासकय प स तलगाना राजय क सापना 2 जन 2014 को ई क चन शखर राव क पाट ldquoतलगाना रा सामातrdquo न चनाव म दश म बमत हाासल कया और इस कार ी कचन शखर राव तलगाना राजय क म मखय मषी चन गए

म महगाई (डॉ नीलम कमार ाबड़ला अाभलखपाल)

म महगाई महग दशभ लोग क आमष पर भारत आई तज गात लान गात म भारत आई मझ गलत मत समझो गरीब बत ठीक बमत दकर तमन ाजनको बत उठाया म तो उनह क तीक भौातक वादी यग म योग ासखाती म भख पट न सोए कोई कडालनी जगाती म धयान प म च मारकर मन जय ऊपर चढ़त-चढ़त र तक आ जाता ह भाव वसत क वस ही र तक ल आई

अब इस यग म एक तल क पीप को पा लन का अर को पा लना ह भ दशरन क झलक दखना एक टमाटर खा लना ह भारत का आदशर तयाग ह अनासा ह अपरह ह मझको पाकर लोग वसतए तयाग रह ह अपनी खद क कार छोड़ बस क पीछ भाग रह ह म लोग को तड़क भड़क स खच

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सादगी ासखाती टरीलीन क शौकन को ला पहनाती माया जीवन का बधन ह पया पसा मल हा का म वतन भोगी लोग क बधन दो दन म हर लती शी छड़ाकर मल हा का शीश सा ानमरल कर दती

नीात ालखन वाल न कम खाना या गम खाना अचछा बतलाया मन उनका कन ानभाया ाजतनी चीज महगी हगी उतना ही जन कम खाएग ाजस दन रोटी नह ामलगी उस दन खद ही कम खाएग

शकल पक क चाद सरीखी बढ़ती म खब चादनी लाऊगी अभी दज तक ही आई परमासी तक जाऊगी

करो कलपना जब भारत जन कतन सदर दखा करग ग चावल चना बाजरा जब पाड़य म ाबका करग बीमार को दध दहीघी क इजकशन लगा करग कसा मधर जागर होगा लोग भख स जगा करग

आतक हमला

(डॉ नीलम कमार ाबड़ला अाभलखपाल) 13 दसबर 2001 ससद प पाक आतक हमला 13 रवरी 2014 ससद म भारतीय आतक हमला

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शमरसार ई ससद पच ाड़ गए नयी तहजीब क झड गाड़ गए

उड़ाया गया काली ामचर का पाउडर सपीकर का नह सना आडरर आख जलन लग सास लन लगी ससद पर नगी तलवार झलन लगी

घायल आ जातष और सावधान मदर क पजारय न कया मदर का अपमान ऐस आतकय को सबक ासखाना होगा र नया इातहास बनाना होगा

बाल-म (वाइकराकश कमार खलासी)

बालपन क कलकारी धप क ताप स आ मक पोी छोड़ी कदाल खोदत हा क मार अचक कचड़ आधी म म करना आ मजबरी गरीबी क पराकाा पट और पीठ क घटती दरी कछ धनहीनता और कछ माता-ापता क मखरता कनत सबस जयादा सवा समाज क सवदनहीनता ाजसन बालक को ामक बनन को बाधय कया लखनी को छीनकर कोमल हा म छडी पकड़ायी

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गाय-बकरी क सवा करता बालय-जीवन कप अपन भावषय को दर करता अजान और अबझ ावोपाजरन क कसको ह सरत ासात तो ऐसी ई दो दान अ क ालय बालपन चोर बनन को आतर आ

दोसती

(ाचा कडयया खलासी)

गलाब एक ल ह

एक घनट म मरझा जाता ह पर दोसती एक शा ह कभी भी जीावत रहती ह

बर ठडी होती ह जो पकड़ म नह आती ह

दोसती सोन जसी ह जो कभी कोई नह खरीद सकत ह

तार क पाच अनत (END) ह चौकोन क चार अनत ह तीकोन क तीन अनत ह

एक रखा का एक अनत ह पर दोसती का कोई अनत नह ह

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मर जीवन का उशय (कमारी ाया सातव कका सपषी एम सबीता उाल)

कग नयज भारत का खतरा पाकसतान न कशमीर पर हमला कया ह कछ दन बाद helliphellip कग नयज पाकसतान क ाखला भारत क रका करत ए वीर सानक

का भारी नकसान इन खबर न भारत को ाहला दया ा म भी सोच म पड़ गयी क म भारत क ालए कया कर सकता भारत को इन हमल स कस बचा सकता मर मन म ास र एक ही खयाल आया क भारतीय सना का एक जवान ासपाही बन

जव मन यह बात अपन दोसत स कही तो उसन कहा क ासपाही बनना खतर स खाली नह ह और परवार स दर सरहद पर खतर स भर जीवन मर ालए कपद होगा लकन मन ठान ालया ा क म कछ ऐसा कगी क पर दश म मरा नाम हो ाजस दखकर मर अपन का ासर गवर स ऊचा हो जाए

मर ानय को सनकर मरी मा रोन लगी मझ लोभन दया क म ापार क मर दोसत न मझ डाकटर बनन का सझाव दया पर मन सोचा क भारत म कई डाकटर ह ापारी ह भारत को डाकटर या ापारी क नह बालक सानक क जरत ह

म भारत क ालए अपनी जान भी दन क ालए तयार मन सोचा सब अपन परवार को सराकत

रखना चाहत ह र भारत - भाम तो मरी मा ह मरी ही कय हर एक क मा ह तो हम सब का कतर बनता ह क हम इसक रका कर इसीालए मर जीवन का उशय ह क म एक ासपाही बन और भारत क सवा क

मखर ामष स समझदार शष अचछा होता ह (मासटर सनीत चौी कका सपष एम सबीता उाल)

एक दन म और मरा सबस अचछा ामष राव बठ यह सोच रह क हम परीका क ालए अभी स पढ़ाई श कर दनी चााहए या नह राव न तपाक स कहा क अभी स पढन स कोई लाभ नह होगा अगर हम परीका क एक दन पहल पढ़ग तो जयादा दमाग म रहगा तभी वहा स मरी कका का दसरा छाष रमश गजर रहा ा मझ रमश ाबलकल पसद नही ा और रमश भी मझ पसद नह करता ा बात-बात पर हम लड़ाई करत पर पढ़ाई म वह मझस बत अचछा ा उसन हमारी बात सन ली ी

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इसालए धीर सवर म मझस बोला अपन मखर ामष क बात मत सनो बस रोज मरी तरह ोड़ा-ोड़ा पढ़ो लकन मन उसक बात पर कान नह धरा एक महीन बाद परीका क दन आ पच परीका क एक दन पहल जब मन पढ़ना श कया तब पाया क पढ़न को बत ा पर समय कम ा जस -तस पढ़ कर मन परीकाए ालखी और उममीद करता रहा क म परीका म उी र हो सक कछ दन बाद परीका का पराम ानकला और वही आ ाजसका डर ा म और ामष राव अनी र हो गए दसरी ओर रमश बत अचछ अको स उी र आ उस दन मझ समझ आ गया क मखर ामष स समझदार शष अचछा होता ह

भावषय क पढ़ाई (मासटर ाशव कलया सातव कका सपष वालल कलयाी उाल)

आज जब हम पढ़ाई या सकल क बार म सोचत ह तो नजरो म एक भारी बग उठाता आ

छाष दखता ह कताब क ाबना हम सकल जान क सोच भी नह सकत कताब क सा कपयटर भी पढ़ाई का महतवपर ाहससा बन चका ह

कछ साल बाद भारी कताब स भर बग क बदल छाष क हा म टबलट होगा आकाश टबलट एक ऐसा यष ह ाजसम हम तरह-तरह क कताब पढ़ सकत ह हम कका म ही नट स जानकारी पा सकत ह टबलट ोन स बड़ा ह और जयादा महगा भी नह हम इस कह भी ल जाकर इसम कताब पढ़ सकत ह हम इसम कका का दया गया कायर भी कर सकत ह यह टबलट पढ़ाई का अदाज बदल दगा और पढ़ाई को मजदार बना दगा

पानी और धप (कमारी एस साानया पाचवी कका सपषी राजया बगम अाल)

अभी-अभी ी धप बरसन लगा कहा स यह पानी कसन ोड़ बादल को क ह इतनी शतानी

सरज न कय बद कर ालया अपन घर का दरवाज़ा उसक मा न भी कया उसको बला ालया कहकर आजा

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ज़ोर-ज़ोर स गरज़ रह ह बादल ह कसक काका कसको डाट रह ह कसन कहना नह सना मा का

परीका (कमारी शख राजया सलताना गयारहव कका सपषी शख महबब पीरा पटल ाचषक)

ाजस नाम को सनन स कापता ह बा वो ह परीका परीका पपर हा म आत ही इतना डर लगता क यद अचछा नह कया तो ापटना पा तीन घट म लगभग करन होत ह चालीस सवाल एक भी छटा तो घर म आता ह भवडर रजलट क एक दन पहल रात को नद नह आती ह अचछ नबर पान क ालए भगवान क याद आती ह पास होन पर ामलता ह इनाम और मख स ानकलता ह ldquoकय भगवान rdquo र आती ह अगली कका तब भी मख स ानकलता ह हाय र आ गयी र स परीका

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राीय साकरता (मासटर शख समीर छठी कका सपष शख महबब पीरा पटल ाचषक)

ातदन सीखो अकर एक

ानयम बना लो ऐसा पढ़ो पढ़ाओ सीखो जान

तभी बनगा दश महान ावा सा जान कराती

मन का अधरा दर भगाती जहा पर बनत लोग जानी

वहा न होती मन क हाान अनपढ़ क ालए गगी पोी

धन दौलत भी होती ोी पढ़ा ालखा नह धोखा खाता

जहा भी जाता आदर पाता

मा (मासटर शख महबब बाशा आठव कका सपष शख महबब पीरा पटल ाचषक)

सबस सनदर जग म कौन बस एक त ह मा

सबस पयारी कसक मसकान बस एक तरी ही ह मा

कसन बनायी मरी पहचान तन ही तो मरी पयारी मा

कसक बोली ामी स मीठी तरी ही ह मरी मा

कसक डाट ह इमली स तीखी तरी ही तो पयारी मा

कसक ालए क म सब कबारन तर ालए मरी पयारी मा

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ाततली (कमारी एम राशका ाशवानी पाचवी कका सपषी एम लम कमार उाल)

ाततली तम कतनी

रग-ाबरगी होती हो तम सब ल का रस पी-पीकर

बाग-बगीच म रती रहती हो तर पख कई रग क होत ह

तमहार प को दखकर ब बत खश होत ह

मरी कका

(कमारी एम राशका ाशवानी पाचवी कका सपषी एम लम कमार उाल)

मरी कका म ह पचास ब हर एक ह अलग-अलग जस एक ह लबा एक ह छोटा एक ह मोटा एक ह पतला कछ ह अचछ कछ ह बर पर लगत ह सार पयार मरी कका ह रग- ाबरगी लगती ह ाततालय का झड ह

मझ बत पसद ह कयक यह हमारी कका ह

Page 26: कलाकल - Home: Survey of · PDF fileतेलंगाना-भारत का एक ... भी यह पि का ‘कलाकल‘ सुनदर प म िनखर

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वषर 2013 क दौरान कनीय मनोरजन कलब सपोटरस स ा इस ानदशालय क ाता एव सममान

करम

खल म परसकार ातीय परसकार ततीय परसकार

पष सगलस पी रवी कानत चनपाल शशी करन एव एलए बग

माहला सगलस शभा वी नायर पीक ातभा शलजा एव मीना

पष डबलस सययद इदरस एव सवातरयया कवी चारी एव ओ वीन कमार

---------

माहला डबलस शभा वी नायर एव अनसया पीक ातभा एव शलबाला खडरी

टबल टनीस पष सगलस पी सतीश क वीचारी ओ वीन कमार

एव अशाख अहमद पष डबलस कवीचारी एव

डी रगा राव कक गा एव पी सतीश ----------

शटल पष सगलस पी सतीश एम वी ावजय कमार कवी चारी एव पी

यादयया माहला डबलस शभा वी नायर एम सबीता मीना एव राज़या

बगम पष डबलस पी सतीश एव

एम वासदव स कमार एव ओ वीन कमार

-----------

माहला डबलस एम सबीता एव राजया बगम

शभा वी नायर एव बी एस वी वरलमी

-----------

शतरज पष जगन एकर ------------

शॉट- पट पष बी नागरम चनपाल स कमार

20

धीमी साइकलग पष डी स कमार सययद इदरस सययद मोजज़म

उ नयायलय म लाबत नयायालक मामल

लाबत मामल 04 आ दश उ नयायालय

कस क सखया 11 कनीय शासानक अाधकर हदराबाद

समा कस क सखया 06 लाबत कस क सखया 05

पनवलोकन मामल

ानालाखत अाधकारयकमरचारय क पनवलोकन मामल का ानपटारा कया जा चका ह

म स प lsquoबीrsquo राजपाषत प lsquoबीrsquo अराजपाषत प lsquoसीrsquo (पवरवत प

1 एस बाब अाधकारी सव ज डी एबनजर मानाचषकार ाडाव I नरश

2 पीक लहा मानाचषकार ाडाव I गदो राम

3 शख मीरावली मानाचषकार ाडाव I एम गररयया

4 जी सीतारामम सव सहायक पी काशम

5 वाई सबबयया सव सहायक सतयममा

6 पीएस सामबाब सव सहायक वी कषयया

7 बी ओबशयया सव सहायक

21

एम ए सी पी क मामल

ानालाखत अाधकारयकमरचारय क एमए सी पी मामल का ानपटारा कया जा चका ह

म स प lsquoबीrsquo अराजपाषत प lsquoसीrsquo (पवरवत प lsquoडीrsquo)

1 वी सयर भा मानाचषकार ाडाव I एल योहन

2 पीकलहा मानाचषकार ाडाव I सीनाराया

3 शख मीरावली मानाचषकार ाडाव I जजॉन

4 एम भवनरी मानाचषकार ाडाव I एस रामयया

5 बीएसवी वरलमी मानाचषकार ड़ II बी पललया

6 - पी काशम

7 - शख काासम पीरा

8 - एम लमी नाराया

9 - एम वकटरल

10 - जी जया

आ दश भ साानक आकड़ा कन क अाधकारय कमरचारय क ब ाजनहन शकाक ानपता दखाई ह

1 कमारी अनवषा कर सपषी डॉ पीक कर सी जी पी ए 9810 दसव कका क ीय ावालय हदराबाद

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तलग म ावव ी नकश ( ओएस एम) क तयारी (बीएचराव अधी सव जीव अाध सव एमराकश अाध सव एसपटा री मानाचषकार)

सतावना पवर म ावाभ नकश तलग म कााशत आ करत जस आ दश राजय नकशा (1999) भारत क राजनीातक नकश आद ऐस नकश अकराक ासटक-अप (lettering stickups) साहत साइबग क परमपरागत तकनीक का उपयोग कर कााशत होत तााप कोई भी सलाकातक नकश तलग म कााशत नह ए ह परत हाल ही म ावजान एव ौोागक ावभाग न ावव ी टोपो नकश ( ओएसएम) को कषीय भाषा म उपलबध करवान क ालए एक नीात को जारी कया ह ाजसक पराम सवप आ दश भ साानक आकड़ा क न राजय क राजधानी हदराबाद को दशारत ए एक शीट को योग क आधार पर अकय माधयम स तलग म करन का काम ालया ह

ॉनट क खोज म माइोसटशन साफटवर क अनक ल डीजीएन ामट म मल डाटा बस पहल स ही उपलबध ह मल-

पाठ को बठान क ालए माइोसटशन क अनक ल एक सावधाजनक तलग ॉनट क आवशयकता ह अनक ॉनट क जाच क गई परत कछ भी माइोसटशन क अनक ल नह पाया गया कयक तलग ालाप म बत सारी माषाए अगल स लगवाए जान क कार ldquoमाषाrdquo को लगाना एक कठन कायर सााबत आ तााप वब म बत छान-बीन करन क बाद ldquoटी टी एल हमलताrdquo ॉनट को खोजा गया और माइोसटशन परवश म मल पाठ को रखन म उपयोगी पाया गया

अनवाद

ावाभ व रनातमक अाभउाया ाचनह पाद- टपपाया आद का अजी स तलग म अनवाद हत सभी ापय साधन जस क इटरनट नट पर अनवाद शबदावली आद का आय ालया गया

माइोसटशन परवश म मल पाठ को बठान क ालए कायरावाध

ॉनट याान ldquoटी टी एल हमलताrdquo वााछत सान पर लोड कया गया तलग ालाप म बत सारी माषा क अतःसाापत होन क कार एक ावाशप शबद या अकर क ालए सही माषा क चयन हत अाधक सावधानी बरतना का सानात कया गया वााछत मल ndash पाठ को मइोसाफट वडर म टकत कया गया माइोसटशन वशरन 8 ाइल म अनोटशन टकसट एडीटर क माधयम स कापी और पसट कया गया उ

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शीट क 22 टोपो स अनवादत अनोटशन को या सतयाापत कया गया अनोटशन को कनार म और उपरो शीट क नाम ाइल म रखा गया मामल ाजनको सलझाना ह -

1 ॉनट क आकार का मानककर 2 तलग ालाप म ावाभ व रनातमक अाभउया क सावधाजनक शबद का चयन 3 मल- पाठ को सगठत करना एक जटल कायर ह और समय लन वाली कायरावाध ह और पयार

माषा म षीय भाषा याान तलग क जान क जरत ह 4 जयादा सखया म सपादन मल-पाठ क सगठन क आवशयकता ह 5 तलगाना राजयतलग ावावालय क उ राजभाषा ावभाग स अनवादत ालाप को माीकर

करन क आवशयकता होगी समाा

सानीय ालाप (तलग) म ओ एस एम माक नकश क तयारी स अाधक सखया म लोग को सलाकातक नकश को आसानी स योग करन म सावधा होगी सलाकातक नकश म भाषा-ावषयक सबधी साचकारी पदार को जोड़न स ानयही भारतीय सवक ावभाग क उतपाद क चार को बढ़ावा ामलगा और बाजार म अपनी अहामयत बढ़ाएगा

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चनौती क ालए तयारी (रघना ाषपाठी अधीकक सवकक)

कसी भी ावभाग म नई चनौातय को सामना करन क ालए कमता ानमार क आवशयकता ह यद

यह नह कया जाए तो सताावत योजनाए ावल हो जाती ह कमता ानमार स पहल उसक लय एव उशय को परभााषत कया जाना आवशयक ह कयक इसक कायारनवयन क सतर म योजना और ानषपादन म का अतर हो सकता ह कमता ानमार क अनय मानक क अतगरत अनवत सावधा क रखरखाव और सभाावत ावकास भी शाामल ह कमता ानमार क कसी भी यास म ातभा क खोज को ही पहल कदम क प म ालया जाना चााहए भारतीय सवक ावभाग म सही कमता ानमार क बाद ही 110000 क पमान का सवक करन और मानाचष ाा सभव हो पाएगा आधानक अाध ौोागक म कमय क ाशक पयार नह ह लकन यह दखना ह क जो माग और सवक और मानाचष क आपत क खला स सक ातत ह जनता क ालए उपयोागता बढ़ा रही ह श म हालाक बाधाए आना बाधय ह हम यह कायर श करना और पराम क तीका करनी ह इस यास म खल अाधकार कष क ावशषज को ानयामत प स परामशर कया जाना चााहए सवक और नकश क उपयोगकतार क माग और एक बड़ परय क दाप स दखन क ालए यह महतवपर ह

यहा तक क उपयोगकतार क ालए भी ाडाजटल डटा का उपयोग सीामत ह भारतीय सवक ावभाग उपयोगकतार को ानयामत आधार पर सहायता और मलय सवधरन क ालए सलाह दकर नकश क कातज उपयोग तक का ावसतार कर सकता ह उस बात पर धयान दत ए भारतीय सवक ावभाग क सवा हत जी आई एस वजाानक को शाामल करन क आवशयकता ह यह महगा मामला होन पर भी वरीयता स भरी हम भावषय क चनौातय को परा करन क ालए तयार रहना चााहए कयक नकश क उपयोग स ावकास को तो होना ही ह

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नमक का महतव (कष कमार अाधकारी सवकक)

एक राजा क तीन बटया ी तीन बत ही सनदर सशील और ावशष ग वाली एक दन राजा न तीन राजकमारय को अलग-अलग स एक ही सवाल पछा ldquo बटी तम मझ कतना चाहती हो ldquo बड़ी राजकमारी न जवाब दया rdquo ापताजी म आपको सोन जस चाहती अारत सोन क आभष स मझ ाजतना पयार ह उतना ही पयार आप स ह ापताजी ldquo राजा बत सतप आ और दसरी राजकमारी स पछाrdquoबटी दीदी न तो जवाब द दया अब तम बताओ तम मझस कतना ह रखती हो दसरी राजकमारी बोली ldquo ापताजी म आपको हीर जसा चाहती अारत हीर क गहन स मझ ाजतना पयार ह उतनी ही पयार आप स ह ापताजी ldquo राजा तो ल न समाया सोचन लगा rdquo म बमतलब का सकोच कर रहा ा मरी बटया तो लगता ह मर बगर जी नह पाएगी ldquo अब तीसर स कया पछ र भी पछ लता र तीसरी बटी स पछाrdquo बटी तम मझ कतना चाहती हो तीसरी राजकमारी न जवाब दयाrdquo ापताजी म आपको नमक ाजतना चाहती जवाब सनत ही राजा आग-बबला हो उठा और बरी-भली सनाकर उसक कक स ानकल गया छोटी राजकमारी न कछ नह कहा बालक राजा क डाट सनकर चपचाप रह गयी रात ई राजा को सार महल क कायर ानपटान क बाद भख लगी खान क ालए उस हीर स ससात सोन क सहासन पर छोटी राजकमारी न बठाया र सोन क ाली म नाना कार क जन स य खाना परोसा और राजा को खाना श करन को कहा राजा न मह म खाना रखा तो महसस कया खाना का ह र हर जन को चखा तो पाया सब क ह र तो आग-बबला होकर अपनी रानी पर ाचललाया ldquo इस तरह क भल कस हो गयी हम कया समझ रखा ह जन दखाकर ललचाना और र खान नह दना यह बोलत ए रानी पर सोन क ाली ाजस पर जन परोस ए कन क ालए हा उठाया उठ ए हा को तीसरी राजकमारी न पकड़ ालया और पछा ldquoापताजीखाना तो बढ़या ह र कमी कया हrdquo राजा बोल ldquoनमक क ाबनाकोई खाना खाया जा सकता हrdquo राजकमारी बोली ldquoापताजीआपको तो नमक स नरत ह ना इसालए मन जन बनवात ए नमक नह डलवाया rdquo र तो राजा समझ गया क छोटी बटी न उनह सबक ासखान क ालए यह भोजन तयार करवाया ह र बोला ldquoबटी म समझ गया नमक क ाबना खाना जस सवादप नह उसी तरह तमहार पयार ाबना मरा वचरसव नह ldquo और राजकमारी को गल लगा ालया

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मायाजाल (एनबी सवामी अाधकारी सवकक)

इस जगत म कल 84 लाख जीव राशया ह और उनम मानव जनम सबस उम ह उम इसालए ह क भगवान न मानव का आधार इसालए दया ह ताक इस जनम अचछ कमर कर वह मोक क ाा कर सक मोक याान पनरजनम नह यद कमर बर ए तो र 84 लाख जीवरााशय म पदा होन क ालए वह आतमा कालच म दोबारा स जाती ह इस सपर कालच क याषा करत ए जब आतमा मानव क योान म वश करती ह तब वह भगवान स यही ारना करता रहता ह क ह भगवान मझ इस कद (याान मा का गभर) स जलदी मा दला द कयक म तमहारा धयान सही ढग स नह कर पा रहा कयक इस कद म अनक तरल पदा क सा-सा मल-मष म भी टहल रहा यह कसा नरक ह जहा आपन मझ सा रखा ह तब भगवान भी बोलत ह क ldquoत अभी बालक ाशश का प धार करन वाला ह तमन इतन वष यग म ाजतन पाप कय ह उन सबक यह चरम सीमा ह यह चरम सीमा बत ही पीड़ा दन वाली ह ाजस तमह जीतना ह लाघना ह इस चरम सीमा स मा होन क बाद तम कया करोग ldquo ाशश कहता ह ldquo भगवन आप जो कहग ldquo भगवन पछत ह कया तम अपना जीवन मरा धयान करत ए मर ालए समपर कर दोग ldquoाशश कहता हrdquo हा म समपर कर दगा आपक ालए ldquo भगवन भी जानत ह ाशश को नौ महीन गभर म रहना ही पड़गा तभी पर शरीर का ावकास होकर जब वह बाहर आएगा तो मरी सवा करगा उ नौ महीन तदनसार भगवन ाशश का वातारलाप नौ महीन चलता रहता ह ताक ाशश अपन चार ओर स मल क गध का धयान न द र जब वह बाहर ानकलता ह भगवान को धनयवाद करता ह और कहता ह ldquo म तमहारा बत ही आभारी भ अपन मझ मा दलाई अभी मझम वह ताकत नह क म तमहारा धयान करन क ासवा और कछ क मर माता ndashापता मझ सच कर जब अपन पर पर चलन क ताकत द दग तभी म तमहार ालए कछ कर पाऊगा ldquo भगवान कहत ह ldquo अर मखर त नह जानता यह जगत एक मायाजाल ह मझ पर ावास ह त मझ भल जायगा और र स कालच म पड़ जायगा ाशश कहता ह ldquo नह भगवान ऐसा नह ह भगवान मरा ावास करो म ातजा करता मरा जीवन आपक ालए ही समपर ह ldquo भगवान कहत ह ldquoदख लगा इस जगत क मायाजाल म त मरी कया का सवा करगा ldquo यह ाशश और भ का वाारलाप सनकर दवष नारद भगवान क पास पच पछन लग ldquo भ आप कस मायाजाल क बात कर रह ह ldquo भ बोल ldquo नारद म समसत जीव- रााशय का सवामी उनका कलया चाहता उनको सख भी और दख भी दता वह इसालए क मायाजाल क मोह एव अहकार म पड़कर खद को सपर मानन वाल ाी को दड न द तो र मरा समर कस करगा ldquo नारद बोल ldquo भ आपक वचन का मतलब कस

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दशा म जाता ह यह तो मझ नह पता एक तर कहत ह समसत जीवरााशय का कलया चाहता दसरी ओर कहत ह दड दता तीसरी ओर मायाजाल अर नाराय आप जब समसत जगत क सवामी ह सब आपक अधीन ही ह तो र मायाजाल शबद आपन जो योग कया ह वह आपक अधीन स बाहर कस हो गयाrdquo ानयष काजए जीवरााशया उसक चपट म नह आएगी र सब आपका गगान ही करग और सबको मोक क ाा होगी ldquo भगवान कहत ह ldquo ह दवष मर ालए समसत जीवराशी को परीका स गजरना पड़ता ह मानव जीवन ही उनम अातम परीका ह बस उसको लाघ ल म पनरजनम स मा दला दldquo नारद जी भगवान स तकर करन लग गय का दर बाद भगवान न कहा rdquo दवष आपस बहस और नह कर सकता आपस बहस कर मरा गला सख गया ह जरा एक छोट कलश या कमडल म पानी लकर आइय ताक म अपनी पयास बझा सक नारद को झटका लगा और पाताप करन लग ldquo बमतलब मन अनतरयामी स बहस कर उनको कप दया व समपर जानानद क सामन मरी हासयत कया ह पता नह आज मरी मात मारी गयी और म बमतलब बहस करन लगा भ को पयास लगी ह और वो भी मरी वजह स जलदी स उनक पयास म बझा द पानी क खोज म सार लोक का म करत ए नारदजी पथवी लोक म पच गए पथवी लोक पचकर पानी क खोज म एक कए क पास पच तो दखा क एक अतयनत सदर नारी कए स पानी ानकाल रही ह नारद न सोचा वह सनदर ी पानी भरकर चली जाए तो र म ोड़ा सा पानी भर ल नारद उस दख रह ी भी नारद जी को दख रही ी नारदजी न पछा rdquo दवी कया तम यह आसपास रहती हो ी न जवाब दया rdquo हा ldquo नारदजी र पछ rdquo दवी कया तमहारा ाववाह हो चका ह rdquo ी बोली ldquoनह ldquo नारदजी का ावचालत मन ल नह समाया और पछ ही ालया ldquo दवी यद तम अाववााहत हो और यद तमह कोई परशानी न हो तो कया तम मझस ाववाह करोगी ी सादाय औरत ी बोली ldquo मर ापता क आजा क ाबना म आपस ाववाह नह कर सकती ldquo नारदजी बोल ldquo दवी सशील नारी क यही ग होत ह यद तमह आपा न हो तो म तमहार सा चलकर तमहार माता-ापता स बात कगा और तमस ाववाह कगा ldquo यवती राजी ई और ासर एव कध म पानी स भर घड़ को ढोत ए आग चलती रही और नारदजी पीछ चलन लग सपर रासत म उस सनदर ी क ानहारत ए मन म सपन क पल बाध रह उस सनदर ी क ापता क पास जाकर अपना परचय दत ए उनक बटी स ाववाह करन का सताव रखा साकात नारद मान को अपना दामाद सवप दख उसी मतर म मगनी हो गई और एक शभ मर म ाववाह भी हो गया ाववाह क कछ दन क पात उनक ब हो गय ब बड़ भी हो गय र तो व अपन गहस आम म इतन सत हो गय क उनक मह स नाराय मष ानकलना भी बद हो गया कई वष बाद एक शाम को जोर क आधी क सा तानी बारश ई इस माहौल न इतना ावकराल प धार कर ालया ा क वातावर लय म बदल गया चार तर पानी भर गया बत सार लोग पश आद पानी म बह गय कनत कात क ावकराल प क सामन ठहरन का साहस कस ा दखत ही दखत उनका गह भी बाढ़ क चपट म आकर टट गया और पानी म बह गाया पी और ब डर स

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रोदन करन लग दखत-दखत कान पष क अलावा पी और बाक ब भी पानी म बह गए र तो नारदजी स सोचा इस कान को म कध पर ालए चलता ताक वह तो बढ़ाप म मरा सहारा बनगा कनत लय क तीता इतनी तज ी क नारदजी क नाक क ऊपर स पानी बहन लगा र तो व खद भी भल गय क बट को बचाना ह सोचन लग म कसी तरह जीावत बच जाऊ उसी सोच न उनक कान पष को भी नह बखशा कसी तरह कछ समय उपरानत लय शानत आ पानी घट गया चार तरक मनषयपश - पकी आद क लाश टट ए रासत और घर क बीच पड़ी ई ी नारद मान को बहद दख आ और ठठोर कर रोन लग गय रोत-रोत व खद क बार म सोचन लग क भगवान न उनक सा ऐसा अनयाय कय कया काश व भी मर जात तो अचछा होता तभी उस राह स ास महष गजरत ए नारदमान स परामशर करन लग नारदजी कहन लग ldquo पता नह मन कौन सा पाप कया ह क मर पर परवार का सवरनाश हो गया ह मझ कय मतय नह आई इस पर ासजी न कहा शायद तमहारा समय नह आया ह इसालय तम बच गय हो हालाक ास जानत क नारद मायाजाल म सा आ ह ldquo र इसका ानरय कौन करता ह ldquo नारद न ासजी स पछा ासजी न उर दया ldquoयह तो मतयलोक क अाधपात यमराज ही इसका उर दगrdquo र व दोन ामलकर यमराज क पास गय यमराज न आन का कार पछा तो ासजी न नारद मान क सारी दख भरी गाा सनाई और पछा क ldquoमतय न इनका आलगन कय नह कयाldquo यमराज बोल rdquoम कोई नह मरा यमदत ही इसका उर द सकता ह कयक म यमदत क ारा कसी आतमा को लान क बाद ही उसक पाप-पणय का ाहसाब दख ानधाररत सजा का ऐलान करता यद यमदत आपको लकर मर पास नह आया तो इसम मरा कया दोष ह यमदत स पछ लldquo र ासजी न उनक यमदत स वही सवाल करन पर यमदत न कहा ldquo महामान म कस कसी क शरीर स आतमा को छीनकर ल आऊ म तो यमलोक का सवक माष ाचषग जब तक आजा नह दत तब तक म कोई कायरवाही नह कर सकता आप इस का उर ाचषगजी स पछ ल ldquo र ासजी न ाचषग स वही सवाल करन पर ाचषग न कहाrdquo महामान म तो यमदत को तभी आजा दता जब उस ाी का सारा लखा - जोखा समा हो जाता ह अभी माननीय नारद जी क मतय का समय आया नह ह अभी उनका कछ कया नह जा सकता ldquo ासजी न नारद स कहाrdquo दखो नारद अभी तमहारा समय आया नह ह तभी तम जीावत हो चलो चलत ह अब ापछली घटना को भल कर आग क सोचो ldquo बस इतना ही कहना ा क ाचषग न र ासजी को बलाकर कहा rdquo ह ऋाषवर इनक कणडली म यह ालखा ह क मतय तभी इनको गल लगा सकती ह जब य एक सा आपको मझ यमराज और उनका वाहन भस का एक सा दशरन करग चक इनक ारा यह कायर पर हो चका ह अत इनका जीवन पर हो गया ह ldquo बस इतना ही ा क नारद जी को आवाज आन लगी अर दवष दवष मझ कब स पयास लगी ई ी मरा गला सख गया ह कनत आपन मझ अब

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तक पानी नह दया कहा ह पानी ldquo य साकात नाराय क आवाज सन नारदजी को होश आया और भगवान क चर म पड़कर ागड़ागड़ान लग यह कहत ए क rdquo ह नाराय आपन मझ अचछा सबक ासखाया ह मन आपस बहस कया कर लीआपन मझ मायाजाल का साकातकार करवा दया कमा काजए म आपको पानी नह ापला सका मरी वजह स आपका गला खब सख गया होगा ldquo यह कहत ए उनक अधारा स नाराय क पाव धल गय और भगवान न कहाrdquo दवष आप चातत ना ह आपन अधारा स मर चर धोकर ानसवार सवा कर दी मरी पयास बझ गयी ह अब आप म ह ldquo र नारदजी खशी स नाराय-नाराय कहत ए ानकल गय

घाट का पतर

(बषव बहरा अाधकारी सवकक)

माता-ापता और जनम भाम को छोड़ कर हम सब बन गए ह घाट का पतर धनय ह वह महापष ाजसन हम साापत कया म उस महापष क ावषय म व रन नह कर सकता शायद म अात पाप क कार पतर बन गया लोकन म आशा करता क भावषय म मरा भागय बदल जाएगा चक म लोग क मन स सवा करता इसका ल हमको भगवान अवशय दग लोग का सवा करत ndashकरत मरा आकार भी बदल गया परनत सवा करत ndashकरत मरा नाम रोशन हो रहा ह बालक हम सता का अनभव हो रहा ह मर कमर क चलत मरा भागय बदल रहा ह म हमशा जलम रहता और पीठ पर ातदन मार झलत रहता शायद ही ऐसा पीड़ा इस ससार म कसी को ामलती होगी मरा सानानतर भी नह ह म कई महापष को दखता आया कतन महाराय न ा तयाग दय लकन तबस म यहा अकला पड़ा म हर मौसम क मार झल रहा ब-बढ़ क सवा करत-करत मन कछ पणय कमा ालए ह और आशा करता क मझ को भावषय म मानव जनम ामल सकता ह मानव जनम ामलन स म आपका भजन-करन कगा

ऐस दखतndashदखत कई यग क बाद हमको मानव जनम ा आ मानव जनम म अगर इस धराष म दखा क यहा ऊच-नीच जात-पात नीात-ानयम ावदन पाचार अनयाय ndashअतयाचार चमर-अचमर का ताडव नतय चल रहा ह दखकर मर मन म परवतरन आ गया क भ मझको मरा ापछला जनम वापस द दीाजए

पतर जनम म रह कर मरा कोई-कोई साी अचछ कमर क चलत मदर म सान ा कर ालया ह कोई-कोई तो ठाकर बन गय लोग-ातदन उनक पजा करत ह

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हम लोग म स कोई-कोई सामाजक कायर म सहयोग दान करत ह कोई गह-ानमार म सहयोग द रह ह तो कोई मदर-ानमार म सहयोग द रह ह कोई तो सीधा मत बन गय इसीालए उनक मन म घमणड आ गया अहलया न पतर होन क नात भगवान का दशरन पा ालया इसालए पतर जनम होन क चलत उनक मन म का अह भाव आ गया

हमार अनदर ावाभ प भी ह याः लोहा पतर चना पतर सगममरर काला पतर (नाइट सटोन) मलायम पतर (soft stone) इतयाद लोहा पतर जो दश क ानमार म काम आता ह चना पत जो ासमट ानमार क काम म आता ह सगममरर घर और मदर का शर (flooring) म काम आता ह काला पत घर का शर और आला बनान म काम आता ह मलायम पतर ाशलप कला क ावकास म योगदान दत ह पतर जनम होकर भी म का गवर महसस करता मरी भगवान स अानतम ावनती य ह क आप मझ अानतम समय म दशरन दन को कपा कर

न हमको पतर जनम चााहए न हमको मानव जनम चााहए हमको तो ास र इस भव सागर स पार होना चााहए

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जयादा लोभ न करना (पाडव कानटया सहायक सवकक)

मनषय भगवान क साप ह इसालए वह भगवान का अश ह जब तक वो मा क गभर म ा तक तक वह मोह-माया स वाचत ा एव हमशा भगवान क समीप ा लकन जब वो पथवी पर अवती र आ उसको मोह-माया न घर ालया पाच साल तक वो ईरीय सा म रहता ह इसालए कहा जाता ह क ldquoCHILD IS THE INCARNATION OF GODrdquo इसक बाद मोह-माया म आकषत हो कर ईरीय सा को भल जाता ह बचपन म वो बत आजा और मोह-माया राहत और चरषवान रहता ह जब समय बढ़ता जाता ह तब उसक समसत उम ग धवस होकर गलत मागर पर चला जाता ह

बचपन म ावा ाशका जवानी म ी दीका एव पारवारक ाचनता म म होकर वह समसत मौालक सा को खो दता ह सबा नप होकर सबा म आ जाता ह दव का नप होकर राकस वा जारवत होता ह एव परवारक जगल म सकर भगवान का नाम लना भल जाता ह अपना परवार का भर पोष क ालए कठन परम करता ह लकन उनका पट भरता नह ह ईर क सा को भल जाता ह और अनत म पशकतव को ा होता ह शरीर रोगसत हो जाता ह दाप शा की हो जाती ह चलन ndashरन म असमर रहता ह रात को नद नह आती ह र भी लोभ को छोड़ नह पाता ह अपन बीवी-ब ता परवार क बार म सदा सोचन लगता ह शरीर वावसा को ा होता ह परवार क कोई भी सदसय पछत नह ह

परवार क लोग उसको ढग स खाना भी नह दत ह उसको घर स दर रखत ह र भी यह अधम मनषय भगवान क बार म सोचता नह ह लोभ का अनत नह होता ह पाप का बोझ बढ़त जाता ह अनत म नरक को ा होता ह र भी मनषय भगवान को समझ नह पाता ह परवार क ालए इतना बड़ी ददरशा झलता ह उनको कोई भी नह पछता ह उसक ारा जमा क गई पजी को परवार वाल उनक सामन मौज करत ह

लोभ मनषय को अनधा बना दता ह आदमी क हतया करत ह लोभ क वशीभत होकर दसर क समपात को लटत ह ाजसस समाज म पाचार बढ़ता ह इसालए ह मानव तम कय लोभ करत हो लोभ नह करक भगवान का समर करो हर कतरन करो तप जप करो और सवगर क अाधकारी बनो उम कमर करक भगवान क शरागत हो जाओ भगवान तमहार समसत सख-दख का भार वाहन करग

सवरधमारनपरतयजय मामक शर ज अह तवा सवरपापभयो मोकायषयााम मा शच

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इसालए अचछा कमर करक पणय कमाना ह हमशा धमर क जय और पाप का कय होता ह धमर-कमर करक ावजय ा होगी लकन अधमर म जाकर नरक गामी नह होना

एकदा अनधा राजा धतरा सजय को पछा क ldquoह सजय इस धमर य म कसक जय होगी उर म सजय बोल क ldquoयष योगर कषो यष पा धनधरर तष ी ावजयो भात वा नीातमरातमरम ldquo अारत जहा योगर कष एव धनधाररी अजरन एक सा ह वहा ावजय ानात ह

इसालए दखा गया क हमशा धमर क जय और अधमर क पराजय होती ह धमर सवचछ ानमरल लकन अधमर कदाकार कात ह इसालए लोभ-लालच म वशीभत न होकर सत

कमर करो अनयाय का परतयाग करो लोभ मत करो जीवन म कप करक जो धन कमा ालया वो सब इस धरती म रह जाता ह अानतम क म सा कोई नह ल जाता इसालए अनधर म भटक नह जाना इसालए कहा गया ह क-अात लालच नह करना अात सवरष गहतम अारत अात सवरनाश का कार ह

अात दप हता लका

अात मानसय कौरवा अातदारन बाल वध अात सवरष गहतम

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टटा वक का अाभमान (चरदास नाराय गडम सवक सहायक)

वन म खड़ एक वक क सा ालपटी एक लता भी धीर-धीर वक क बराबर हो गई वक का आय

लकर उसन भी लना ndashलना आरभ कर दया बल को लत ndash लत दखकर वक को अहकार हो गया क म न होता तो लता अासततव हीन होती वह लता को धमकात ए बोला ओ बल चपचाप मरा कहना माना कर म जो कह रहा वह कया कर नह तो ध मार कर भगा दगा पड़ का लाप जारी ा क दो पाक वहा स ानकल एक बोला अर भाई जरा दखो तो यह वक कसा सदर ह इस पर कसी सदर लता पाषपत हो रही ह आओ इसक नीच ोड़ी दर ावाम कर अपना महतव लता क सा ह यह जानकर वक का अाभमान भी नप हो गया सा ndash सा रहन स ही सबक गात होती ह

बटी (डी राव बाब पटल ाचषक ड-II)

बटी घर क लाज होती ह पापा क सर का ताज होती ह दल क सदा स रही ह इचछा बटी तझको ह पाना आई हो मर जीवन म जस एक ननही कावता राह दखता म तरी जलदी स मर पास आना मा क गोद म सदा रहती हो कछ पल मर पास भी आना न चाहत ह अब धन दौलत क त ही लमी त ही मरी मत भी डर लगता ह सोचक जब एक दन छोड़ क जाएगी त कतना मझ लायगी त बटी होती ह बाबल क लाड़ली

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यह ाज़नदगी (सययद इदरीस पटल ाचषक ड ndashII)

बठ जाता ह ामी प अकसर कय क मझ अपनी औकात अचछी लगती ह

मन समनदर स सीखा ह जीन का सलीका चपचाप स बहना और अपनी मौज म रहना चाहता तो ह क य दानया बदल द पर दो व क रोटी क जगाड़ म सरत नह ामलती दोसत महगी स महगी घड़ी पहन कर दख ली व र भी मर ाहसाब स नह चलता य ही हम दल को सा रखा करत पता नह ा क कमत चहर क होती ह अगर खदा नह ह तो उसका ाज कय और अगर खदा ह तो र कय

lsquorsquoदो बात इसान को अपन स दर कर दती ह एक उसका ldquoअहम rdquo और दसरा उसका ldquo वहमrdquo पस स सख कभी खरीदा नह जाता और दख का कोई खरीदार नह होता मझ ाज़नदगी का इतना तजबार तो नह पर सना ह सादगी म लोग जीन नह दत मााचस क जरत यहा नह पड़ती यहा आदमी आदमी स जलता ह ाव क बड़ स बड़ वजाानक यह ढढ रह ह क मगल ह पर जीवन ह या नह पर आदमी यह नह ढढ रहा ह क जीवन म मगल ह या नह

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जीवन म न जान कौनसी बात ldquoआखरी rdquo होगी न जान कौन सी रात आखरी होगी ामलत जलत बात करत रहो यार एक दसर स न जान कौन सी ldquo मलाकात rdquo आखरी होगी अगर जदगी म कछ पाना ह तो तरीक बदलो इराद नह ऐ चाद त कस मज़हब का ह ईद भी तरी और करवाचौ भी तरा

उगालय क लड़ाई

(शख महबब पीरा पटल ाचषक)

एक दन हा क सभी उगालया आपस म लड़न लग अगठा बोला म सबस बड़ा सभी जगह जरी कागज पर मझस ही ानशान बनाया जाता ह तजरनी बोली-ldquoम बड़ी मर होन स ही सब लोग काम कर पात ह जस-ालखना खाना पकड़ना मधयमा बोली-ldquoअर भई कया तम नह जानत जो आकार म लबा होता ह उस ही सभी बड़ा कहत ह अनाामका सब बात चपचाप सन रही ी वह तरत बोली ndashldquo म सबस बड़ी म तो पजा करन क भी काम आती मर स ही रोलीातलक लगाया जाता ह कानाका सभी को लड़ता दखकर उदास ी वह चपचाप एक कोन म कछ सोच रही ी तभी अगठा व तीन उगालया उसक पास गई और बोली- ldquoअर छोटी तम तो बड़ी हो ही नह सकती कयक तमहारा नाम ही कानाका ह कानाका बोली ldquoसनो अगठ भाई और पयारी उगालय आपस म लड़कर कभी कसी का भला नह हो सकता हमम कोई भी बड़ा-छोटा नह ह हम सब ामलकर मी बन सकत ह तभी हम सब बलवान हग कया तमह नह मालम क बद मी म ही ताकत होती ह इसालए हमारा लड़ना बकार ह rdquo कानाका क बात सनकर सभी एक सा बोल- ldquoहा छोटी बहन तम ाबलकल सही कह रही हो सचमच अकल म तम ही हम सबस बड़ी हो rdquo

इस नीात का स एकता म बल क ाशका ा होती ह

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तलगाना- भारत का एक और नया राजय (शलबाला खडरी मानाचषकार)

तलगाना भारत क दाकी भाग म ासत भारत का 29 वा राजय ह कषल क दाप स यह दश का

बीसवा बड़ा राजय ह ाचीन हदराबाद रयासत का अाधकतम भाग तलगाना राजय म ालया गया ह जहा आजादी स पहल ानजाम का राजय ा सन 1947 म जब भारत अज क चगल स आजाद आ उसक बाद भी हदराबाद का ानजाम अपनी रयासत सय भारत म ावलीन करन क पक म नह ा वह अपनी रयासत पर अपना ही सवतष शासन चाहता ा अतत सरदार बललभ भाई पटल क अक यास स इस रयासत को भारत क मखय धारा म ावलीन कया जा सका इस कार आन दश राजय क सापना ई और 26 जनवरी 1950 को ी एमक वललोड़ी आन दश राजय क म मखयमषी ानय ए 1956 म हदराबाद रयासत को आन दश राजय म ावलीन कर दया गया

2 जन 2014 म पनः तलगाना राजय अासततव म आया आन दश राजय क उर पामी 10 ाजल को ामलाकर तलगाना राजय क सापना क गयी ह राजधानी हदराबाद भी तलगाना राजय म ासत ह परनत 10 वष तक हदराबाद दोन राजय याान आन दश और तलगाना राजय क सय राजधानी रहगी दोन राजय क शासानक कायर हदराबाद स सचाालत हग तलगाना शबद का ादभारव ाषलगा दश शबद स आ ह ाजसका अर ह तीन लगो वाला दश तलगाना राजय क तीन दशा म कालरम ीशलम और ाकारामम ास ाशव मानदर ासत ह ाजनक अपार धामक महा ह वासतव म पक तलगाना राजय क ालए 1946 स 1951 क बीच ही ारमभ हो गया ा उस समय कमयानसट पाट न इस आनदोलन का नततव कया ा जो असल रहा भाषा क आधार पर तलगाना और आन राजय को पक करन क ालए अनक आनदोलन समय-समय पर होत रह ह इनम मखय आनदोलन 19691972 और 2009 क ह इन आनदोलन का यह भाव आ क 9 दसमबर 2009 म भारत सरकार न पक तलगाना राजय बनान क कायरवाही श कर दी य घोषा सनत ही तटीय आन व सीमान कष क लोग न सम आन दश क पक म आामक आनदोलन ारमभ कर दया और ऐसी ासात म भारत सरकार न यह कायर 23 दसमबर 2009 तक सागत कर दया इसक पात भी लगातार पक तलगाना और सम आन दश क ालए अलग-अलग आनदोलन चलत रह पक तलगाना क पक म कई आतम - हतयाए ई हड़ताल क गयी ाजसस जन साधार को बत असावधा का सामना करना पड़ा अतत पक तलगाना समरक क जीत ई और कास कायरकारी सामात न सवर सहमात स 30 जलाई 2013 को पक तलगाना राजय क ासारश करत ए ाबल तयार कर दया अनक सोपान पार करत ए यह ाबल रवरी 2014 को ससद म पारत कया गया रवरी 2014 दश पनगठरन एकट क तहत यह ाबल ससद म पास हो गया इसक पात इस नय राजय तलगाना ाबल को रापात ारा सहमात ा ई और माचर 2014 क गजट म इस कााशत कया गया इस कार नय तलगाना राजय क सापना ई

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ाशासकय प स तलगाना राजय क सापना 2 जन 2014 को ई क चन शखर राव क पाट ldquoतलगाना रा सामातrdquo न चनाव म दश म बमत हाासल कया और इस कार ी कचन शखर राव तलगाना राजय क म मखय मषी चन गए

म महगाई (डॉ नीलम कमार ाबड़ला अाभलखपाल)

म महगाई महग दशभ लोग क आमष पर भारत आई तज गात लान गात म भारत आई मझ गलत मत समझो गरीब बत ठीक बमत दकर तमन ाजनको बत उठाया म तो उनह क तीक भौातक वादी यग म योग ासखाती म भख पट न सोए कोई कडालनी जगाती म धयान प म च मारकर मन जय ऊपर चढ़त-चढ़त र तक आ जाता ह भाव वसत क वस ही र तक ल आई

अब इस यग म एक तल क पीप को पा लन का अर को पा लना ह भ दशरन क झलक दखना एक टमाटर खा लना ह भारत का आदशर तयाग ह अनासा ह अपरह ह मझको पाकर लोग वसतए तयाग रह ह अपनी खद क कार छोड़ बस क पीछ भाग रह ह म लोग को तड़क भड़क स खच

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सादगी ासखाती टरीलीन क शौकन को ला पहनाती माया जीवन का बधन ह पया पसा मल हा का म वतन भोगी लोग क बधन दो दन म हर लती शी छड़ाकर मल हा का शीश सा ानमरल कर दती

नीात ालखन वाल न कम खाना या गम खाना अचछा बतलाया मन उनका कन ानभाया ाजतनी चीज महगी हगी उतना ही जन कम खाएग ाजस दन रोटी नह ामलगी उस दन खद ही कम खाएग

शकल पक क चाद सरीखी बढ़ती म खब चादनी लाऊगी अभी दज तक ही आई परमासी तक जाऊगी

करो कलपना जब भारत जन कतन सदर दखा करग ग चावल चना बाजरा जब पाड़य म ाबका करग बीमार को दध दहीघी क इजकशन लगा करग कसा मधर जागर होगा लोग भख स जगा करग

आतक हमला

(डॉ नीलम कमार ाबड़ला अाभलखपाल) 13 दसबर 2001 ससद प पाक आतक हमला 13 रवरी 2014 ससद म भारतीय आतक हमला

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शमरसार ई ससद पच ाड़ गए नयी तहजीब क झड गाड़ गए

उड़ाया गया काली ामचर का पाउडर सपीकर का नह सना आडरर आख जलन लग सास लन लगी ससद पर नगी तलवार झलन लगी

घायल आ जातष और सावधान मदर क पजारय न कया मदर का अपमान ऐस आतकय को सबक ासखाना होगा र नया इातहास बनाना होगा

बाल-म (वाइकराकश कमार खलासी)

बालपन क कलकारी धप क ताप स आ मक पोी छोड़ी कदाल खोदत हा क मार अचक कचड़ आधी म म करना आ मजबरी गरीबी क पराकाा पट और पीठ क घटती दरी कछ धनहीनता और कछ माता-ापता क मखरता कनत सबस जयादा सवा समाज क सवदनहीनता ाजसन बालक को ामक बनन को बाधय कया लखनी को छीनकर कोमल हा म छडी पकड़ायी

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गाय-बकरी क सवा करता बालय-जीवन कप अपन भावषय को दर करता अजान और अबझ ावोपाजरन क कसको ह सरत ासात तो ऐसी ई दो दान अ क ालय बालपन चोर बनन को आतर आ

दोसती

(ाचा कडयया खलासी)

गलाब एक ल ह

एक घनट म मरझा जाता ह पर दोसती एक शा ह कभी भी जीावत रहती ह

बर ठडी होती ह जो पकड़ म नह आती ह

दोसती सोन जसी ह जो कभी कोई नह खरीद सकत ह

तार क पाच अनत (END) ह चौकोन क चार अनत ह तीकोन क तीन अनत ह

एक रखा का एक अनत ह पर दोसती का कोई अनत नह ह

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मर जीवन का उशय (कमारी ाया सातव कका सपषी एम सबीता उाल)

कग नयज भारत का खतरा पाकसतान न कशमीर पर हमला कया ह कछ दन बाद helliphellip कग नयज पाकसतान क ाखला भारत क रका करत ए वीर सानक

का भारी नकसान इन खबर न भारत को ाहला दया ा म भी सोच म पड़ गयी क म भारत क ालए कया कर सकता भारत को इन हमल स कस बचा सकता मर मन म ास र एक ही खयाल आया क भारतीय सना का एक जवान ासपाही बन

जव मन यह बात अपन दोसत स कही तो उसन कहा क ासपाही बनना खतर स खाली नह ह और परवार स दर सरहद पर खतर स भर जीवन मर ालए कपद होगा लकन मन ठान ालया ा क म कछ ऐसा कगी क पर दश म मरा नाम हो ाजस दखकर मर अपन का ासर गवर स ऊचा हो जाए

मर ानय को सनकर मरी मा रोन लगी मझ लोभन दया क म ापार क मर दोसत न मझ डाकटर बनन का सझाव दया पर मन सोचा क भारत म कई डाकटर ह ापारी ह भारत को डाकटर या ापारी क नह बालक सानक क जरत ह

म भारत क ालए अपनी जान भी दन क ालए तयार मन सोचा सब अपन परवार को सराकत

रखना चाहत ह र भारत - भाम तो मरी मा ह मरी ही कय हर एक क मा ह तो हम सब का कतर बनता ह क हम इसक रका कर इसीालए मर जीवन का उशय ह क म एक ासपाही बन और भारत क सवा क

मखर ामष स समझदार शष अचछा होता ह (मासटर सनीत चौी कका सपष एम सबीता उाल)

एक दन म और मरा सबस अचछा ामष राव बठ यह सोच रह क हम परीका क ालए अभी स पढ़ाई श कर दनी चााहए या नह राव न तपाक स कहा क अभी स पढन स कोई लाभ नह होगा अगर हम परीका क एक दन पहल पढ़ग तो जयादा दमाग म रहगा तभी वहा स मरी कका का दसरा छाष रमश गजर रहा ा मझ रमश ाबलकल पसद नही ा और रमश भी मझ पसद नह करता ा बात-बात पर हम लड़ाई करत पर पढ़ाई म वह मझस बत अचछा ा उसन हमारी बात सन ली ी

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इसालए धीर सवर म मझस बोला अपन मखर ामष क बात मत सनो बस रोज मरी तरह ोड़ा-ोड़ा पढ़ो लकन मन उसक बात पर कान नह धरा एक महीन बाद परीका क दन आ पच परीका क एक दन पहल जब मन पढ़ना श कया तब पाया क पढ़न को बत ा पर समय कम ा जस -तस पढ़ कर मन परीकाए ालखी और उममीद करता रहा क म परीका म उी र हो सक कछ दन बाद परीका का पराम ानकला और वही आ ाजसका डर ा म और ामष राव अनी र हो गए दसरी ओर रमश बत अचछ अको स उी र आ उस दन मझ समझ आ गया क मखर ामष स समझदार शष अचछा होता ह

भावषय क पढ़ाई (मासटर ाशव कलया सातव कका सपष वालल कलयाी उाल)

आज जब हम पढ़ाई या सकल क बार म सोचत ह तो नजरो म एक भारी बग उठाता आ

छाष दखता ह कताब क ाबना हम सकल जान क सोच भी नह सकत कताब क सा कपयटर भी पढ़ाई का महतवपर ाहससा बन चका ह

कछ साल बाद भारी कताब स भर बग क बदल छाष क हा म टबलट होगा आकाश टबलट एक ऐसा यष ह ाजसम हम तरह-तरह क कताब पढ़ सकत ह हम कका म ही नट स जानकारी पा सकत ह टबलट ोन स बड़ा ह और जयादा महगा भी नह हम इस कह भी ल जाकर इसम कताब पढ़ सकत ह हम इसम कका का दया गया कायर भी कर सकत ह यह टबलट पढ़ाई का अदाज बदल दगा और पढ़ाई को मजदार बना दगा

पानी और धप (कमारी एस साानया पाचवी कका सपषी राजया बगम अाल)

अभी-अभी ी धप बरसन लगा कहा स यह पानी कसन ोड़ बादल को क ह इतनी शतानी

सरज न कय बद कर ालया अपन घर का दरवाज़ा उसक मा न भी कया उसको बला ालया कहकर आजा

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ज़ोर-ज़ोर स गरज़ रह ह बादल ह कसक काका कसको डाट रह ह कसन कहना नह सना मा का

परीका (कमारी शख राजया सलताना गयारहव कका सपषी शख महबब पीरा पटल ाचषक)

ाजस नाम को सनन स कापता ह बा वो ह परीका परीका पपर हा म आत ही इतना डर लगता क यद अचछा नह कया तो ापटना पा तीन घट म लगभग करन होत ह चालीस सवाल एक भी छटा तो घर म आता ह भवडर रजलट क एक दन पहल रात को नद नह आती ह अचछ नबर पान क ालए भगवान क याद आती ह पास होन पर ामलता ह इनाम और मख स ानकलता ह ldquoकय भगवान rdquo र आती ह अगली कका तब भी मख स ानकलता ह हाय र आ गयी र स परीका

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राीय साकरता (मासटर शख समीर छठी कका सपष शख महबब पीरा पटल ाचषक)

ातदन सीखो अकर एक

ानयम बना लो ऐसा पढ़ो पढ़ाओ सीखो जान

तभी बनगा दश महान ावा सा जान कराती

मन का अधरा दर भगाती जहा पर बनत लोग जानी

वहा न होती मन क हाान अनपढ़ क ालए गगी पोी

धन दौलत भी होती ोी पढ़ा ालखा नह धोखा खाता

जहा भी जाता आदर पाता

मा (मासटर शख महबब बाशा आठव कका सपष शख महबब पीरा पटल ाचषक)

सबस सनदर जग म कौन बस एक त ह मा

सबस पयारी कसक मसकान बस एक तरी ही ह मा

कसन बनायी मरी पहचान तन ही तो मरी पयारी मा

कसक बोली ामी स मीठी तरी ही ह मरी मा

कसक डाट ह इमली स तीखी तरी ही तो पयारी मा

कसक ालए क म सब कबारन तर ालए मरी पयारी मा

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ाततली (कमारी एम राशका ाशवानी पाचवी कका सपषी एम लम कमार उाल)

ाततली तम कतनी

रग-ाबरगी होती हो तम सब ल का रस पी-पीकर

बाग-बगीच म रती रहती हो तर पख कई रग क होत ह

तमहार प को दखकर ब बत खश होत ह

मरी कका

(कमारी एम राशका ाशवानी पाचवी कका सपषी एम लम कमार उाल)

मरी कका म ह पचास ब हर एक ह अलग-अलग जस एक ह लबा एक ह छोटा एक ह मोटा एक ह पतला कछ ह अचछ कछ ह बर पर लगत ह सार पयार मरी कका ह रग- ाबरगी लगती ह ाततालय का झड ह

मझ बत पसद ह कयक यह हमारी कका ह

Page 27: कलाकल - Home: Survey of · PDF fileतेलंगाना-भारत का एक ... भी यह पि का ‘कलाकल‘ सुनदर प म िनखर

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धीमी साइकलग पष डी स कमार सययद इदरस सययद मोजज़म

उ नयायलय म लाबत नयायालक मामल

लाबत मामल 04 आ दश उ नयायालय

कस क सखया 11 कनीय शासानक अाधकर हदराबाद

समा कस क सखया 06 लाबत कस क सखया 05

पनवलोकन मामल

ानालाखत अाधकारयकमरचारय क पनवलोकन मामल का ानपटारा कया जा चका ह

म स प lsquoबीrsquo राजपाषत प lsquoबीrsquo अराजपाषत प lsquoसीrsquo (पवरवत प

1 एस बाब अाधकारी सव ज डी एबनजर मानाचषकार ाडाव I नरश

2 पीक लहा मानाचषकार ाडाव I गदो राम

3 शख मीरावली मानाचषकार ाडाव I एम गररयया

4 जी सीतारामम सव सहायक पी काशम

5 वाई सबबयया सव सहायक सतयममा

6 पीएस सामबाब सव सहायक वी कषयया

7 बी ओबशयया सव सहायक

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एम ए सी पी क मामल

ानालाखत अाधकारयकमरचारय क एमए सी पी मामल का ानपटारा कया जा चका ह

म स प lsquoबीrsquo अराजपाषत प lsquoसीrsquo (पवरवत प lsquoडीrsquo)

1 वी सयर भा मानाचषकार ाडाव I एल योहन

2 पीकलहा मानाचषकार ाडाव I सीनाराया

3 शख मीरावली मानाचषकार ाडाव I जजॉन

4 एम भवनरी मानाचषकार ाडाव I एस रामयया

5 बीएसवी वरलमी मानाचषकार ड़ II बी पललया

6 - पी काशम

7 - शख काासम पीरा

8 - एम लमी नाराया

9 - एम वकटरल

10 - जी जया

आ दश भ साानक आकड़ा कन क अाधकारय कमरचारय क ब ाजनहन शकाक ानपता दखाई ह

1 कमारी अनवषा कर सपषी डॉ पीक कर सी जी पी ए 9810 दसव कका क ीय ावालय हदराबाद

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तलग म ावव ी नकश ( ओएस एम) क तयारी (बीएचराव अधी सव जीव अाध सव एमराकश अाध सव एसपटा री मानाचषकार)

सतावना पवर म ावाभ नकश तलग म कााशत आ करत जस आ दश राजय नकशा (1999) भारत क राजनीातक नकश आद ऐस नकश अकराक ासटक-अप (lettering stickups) साहत साइबग क परमपरागत तकनीक का उपयोग कर कााशत होत तााप कोई भी सलाकातक नकश तलग म कााशत नह ए ह परत हाल ही म ावजान एव ौोागक ावभाग न ावव ी टोपो नकश ( ओएसएम) को कषीय भाषा म उपलबध करवान क ालए एक नीात को जारी कया ह ाजसक पराम सवप आ दश भ साानक आकड़ा क न राजय क राजधानी हदराबाद को दशारत ए एक शीट को योग क आधार पर अकय माधयम स तलग म करन का काम ालया ह

ॉनट क खोज म माइोसटशन साफटवर क अनक ल डीजीएन ामट म मल डाटा बस पहल स ही उपलबध ह मल-

पाठ को बठान क ालए माइोसटशन क अनक ल एक सावधाजनक तलग ॉनट क आवशयकता ह अनक ॉनट क जाच क गई परत कछ भी माइोसटशन क अनक ल नह पाया गया कयक तलग ालाप म बत सारी माषाए अगल स लगवाए जान क कार ldquoमाषाrdquo को लगाना एक कठन कायर सााबत आ तााप वब म बत छान-बीन करन क बाद ldquoटी टी एल हमलताrdquo ॉनट को खोजा गया और माइोसटशन परवश म मल पाठ को रखन म उपयोगी पाया गया

अनवाद

ावाभ व रनातमक अाभउाया ाचनह पाद- टपपाया आद का अजी स तलग म अनवाद हत सभी ापय साधन जस क इटरनट नट पर अनवाद शबदावली आद का आय ालया गया

माइोसटशन परवश म मल पाठ को बठान क ालए कायरावाध

ॉनट याान ldquoटी टी एल हमलताrdquo वााछत सान पर लोड कया गया तलग ालाप म बत सारी माषा क अतःसाापत होन क कार एक ावाशप शबद या अकर क ालए सही माषा क चयन हत अाधक सावधानी बरतना का सानात कया गया वााछत मल ndash पाठ को मइोसाफट वडर म टकत कया गया माइोसटशन वशरन 8 ाइल म अनोटशन टकसट एडीटर क माधयम स कापी और पसट कया गया उ

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शीट क 22 टोपो स अनवादत अनोटशन को या सतयाापत कया गया अनोटशन को कनार म और उपरो शीट क नाम ाइल म रखा गया मामल ाजनको सलझाना ह -

1 ॉनट क आकार का मानककर 2 तलग ालाप म ावाभ व रनातमक अाभउया क सावधाजनक शबद का चयन 3 मल- पाठ को सगठत करना एक जटल कायर ह और समय लन वाली कायरावाध ह और पयार

माषा म षीय भाषा याान तलग क जान क जरत ह 4 जयादा सखया म सपादन मल-पाठ क सगठन क आवशयकता ह 5 तलगाना राजयतलग ावावालय क उ राजभाषा ावभाग स अनवादत ालाप को माीकर

करन क आवशयकता होगी समाा

सानीय ालाप (तलग) म ओ एस एम माक नकश क तयारी स अाधक सखया म लोग को सलाकातक नकश को आसानी स योग करन म सावधा होगी सलाकातक नकश म भाषा-ावषयक सबधी साचकारी पदार को जोड़न स ानयही भारतीय सवक ावभाग क उतपाद क चार को बढ़ावा ामलगा और बाजार म अपनी अहामयत बढ़ाएगा

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चनौती क ालए तयारी (रघना ाषपाठी अधीकक सवकक)

कसी भी ावभाग म नई चनौातय को सामना करन क ालए कमता ानमार क आवशयकता ह यद

यह नह कया जाए तो सताावत योजनाए ावल हो जाती ह कमता ानमार स पहल उसक लय एव उशय को परभााषत कया जाना आवशयक ह कयक इसक कायारनवयन क सतर म योजना और ानषपादन म का अतर हो सकता ह कमता ानमार क अनय मानक क अतगरत अनवत सावधा क रखरखाव और सभाावत ावकास भी शाामल ह कमता ानमार क कसी भी यास म ातभा क खोज को ही पहल कदम क प म ालया जाना चााहए भारतीय सवक ावभाग म सही कमता ानमार क बाद ही 110000 क पमान का सवक करन और मानाचष ाा सभव हो पाएगा आधानक अाध ौोागक म कमय क ाशक पयार नह ह लकन यह दखना ह क जो माग और सवक और मानाचष क आपत क खला स सक ातत ह जनता क ालए उपयोागता बढ़ा रही ह श म हालाक बाधाए आना बाधय ह हम यह कायर श करना और पराम क तीका करनी ह इस यास म खल अाधकार कष क ावशषज को ानयामत प स परामशर कया जाना चााहए सवक और नकश क उपयोगकतार क माग और एक बड़ परय क दाप स दखन क ालए यह महतवपर ह

यहा तक क उपयोगकतार क ालए भी ाडाजटल डटा का उपयोग सीामत ह भारतीय सवक ावभाग उपयोगकतार को ानयामत आधार पर सहायता और मलय सवधरन क ालए सलाह दकर नकश क कातज उपयोग तक का ावसतार कर सकता ह उस बात पर धयान दत ए भारतीय सवक ावभाग क सवा हत जी आई एस वजाानक को शाामल करन क आवशयकता ह यह महगा मामला होन पर भी वरीयता स भरी हम भावषय क चनौातय को परा करन क ालए तयार रहना चााहए कयक नकश क उपयोग स ावकास को तो होना ही ह

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नमक का महतव (कष कमार अाधकारी सवकक)

एक राजा क तीन बटया ी तीन बत ही सनदर सशील और ावशष ग वाली एक दन राजा न तीन राजकमारय को अलग-अलग स एक ही सवाल पछा ldquo बटी तम मझ कतना चाहती हो ldquo बड़ी राजकमारी न जवाब दया rdquo ापताजी म आपको सोन जस चाहती अारत सोन क आभष स मझ ाजतना पयार ह उतना ही पयार आप स ह ापताजी ldquo राजा बत सतप आ और दसरी राजकमारी स पछाrdquoबटी दीदी न तो जवाब द दया अब तम बताओ तम मझस कतना ह रखती हो दसरी राजकमारी बोली ldquo ापताजी म आपको हीर जसा चाहती अारत हीर क गहन स मझ ाजतना पयार ह उतनी ही पयार आप स ह ापताजी ldquo राजा तो ल न समाया सोचन लगा rdquo म बमतलब का सकोच कर रहा ा मरी बटया तो लगता ह मर बगर जी नह पाएगी ldquo अब तीसर स कया पछ र भी पछ लता र तीसरी बटी स पछाrdquo बटी तम मझ कतना चाहती हो तीसरी राजकमारी न जवाब दयाrdquo ापताजी म आपको नमक ाजतना चाहती जवाब सनत ही राजा आग-बबला हो उठा और बरी-भली सनाकर उसक कक स ानकल गया छोटी राजकमारी न कछ नह कहा बालक राजा क डाट सनकर चपचाप रह गयी रात ई राजा को सार महल क कायर ानपटान क बाद भख लगी खान क ालए उस हीर स ससात सोन क सहासन पर छोटी राजकमारी न बठाया र सोन क ाली म नाना कार क जन स य खाना परोसा और राजा को खाना श करन को कहा राजा न मह म खाना रखा तो महसस कया खाना का ह र हर जन को चखा तो पाया सब क ह र तो आग-बबला होकर अपनी रानी पर ाचललाया ldquo इस तरह क भल कस हो गयी हम कया समझ रखा ह जन दखाकर ललचाना और र खान नह दना यह बोलत ए रानी पर सोन क ाली ाजस पर जन परोस ए कन क ालए हा उठाया उठ ए हा को तीसरी राजकमारी न पकड़ ालया और पछा ldquoापताजीखाना तो बढ़या ह र कमी कया हrdquo राजा बोल ldquoनमक क ाबनाकोई खाना खाया जा सकता हrdquo राजकमारी बोली ldquoापताजीआपको तो नमक स नरत ह ना इसालए मन जन बनवात ए नमक नह डलवाया rdquo र तो राजा समझ गया क छोटी बटी न उनह सबक ासखान क ालए यह भोजन तयार करवाया ह र बोला ldquoबटी म समझ गया नमक क ाबना खाना जस सवादप नह उसी तरह तमहार पयार ाबना मरा वचरसव नह ldquo और राजकमारी को गल लगा ालया

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मायाजाल (एनबी सवामी अाधकारी सवकक)

इस जगत म कल 84 लाख जीव राशया ह और उनम मानव जनम सबस उम ह उम इसालए ह क भगवान न मानव का आधार इसालए दया ह ताक इस जनम अचछ कमर कर वह मोक क ाा कर सक मोक याान पनरजनम नह यद कमर बर ए तो र 84 लाख जीवरााशय म पदा होन क ालए वह आतमा कालच म दोबारा स जाती ह इस सपर कालच क याषा करत ए जब आतमा मानव क योान म वश करती ह तब वह भगवान स यही ारना करता रहता ह क ह भगवान मझ इस कद (याान मा का गभर) स जलदी मा दला द कयक म तमहारा धयान सही ढग स नह कर पा रहा कयक इस कद म अनक तरल पदा क सा-सा मल-मष म भी टहल रहा यह कसा नरक ह जहा आपन मझ सा रखा ह तब भगवान भी बोलत ह क ldquoत अभी बालक ाशश का प धार करन वाला ह तमन इतन वष यग म ाजतन पाप कय ह उन सबक यह चरम सीमा ह यह चरम सीमा बत ही पीड़ा दन वाली ह ाजस तमह जीतना ह लाघना ह इस चरम सीमा स मा होन क बाद तम कया करोग ldquo ाशश कहता ह ldquo भगवन आप जो कहग ldquo भगवन पछत ह कया तम अपना जीवन मरा धयान करत ए मर ालए समपर कर दोग ldquoाशश कहता हrdquo हा म समपर कर दगा आपक ालए ldquo भगवन भी जानत ह ाशश को नौ महीन गभर म रहना ही पड़गा तभी पर शरीर का ावकास होकर जब वह बाहर आएगा तो मरी सवा करगा उ नौ महीन तदनसार भगवन ाशश का वातारलाप नौ महीन चलता रहता ह ताक ाशश अपन चार ओर स मल क गध का धयान न द र जब वह बाहर ानकलता ह भगवान को धनयवाद करता ह और कहता ह ldquo म तमहारा बत ही आभारी भ अपन मझ मा दलाई अभी मझम वह ताकत नह क म तमहारा धयान करन क ासवा और कछ क मर माता ndashापता मझ सच कर जब अपन पर पर चलन क ताकत द दग तभी म तमहार ालए कछ कर पाऊगा ldquo भगवान कहत ह ldquo अर मखर त नह जानता यह जगत एक मायाजाल ह मझ पर ावास ह त मझ भल जायगा और र स कालच म पड़ जायगा ाशश कहता ह ldquo नह भगवान ऐसा नह ह भगवान मरा ावास करो म ातजा करता मरा जीवन आपक ालए ही समपर ह ldquo भगवान कहत ह ldquoदख लगा इस जगत क मायाजाल म त मरी कया का सवा करगा ldquo यह ाशश और भ का वाारलाप सनकर दवष नारद भगवान क पास पच पछन लग ldquo भ आप कस मायाजाल क बात कर रह ह ldquo भ बोल ldquo नारद म समसत जीव- रााशय का सवामी उनका कलया चाहता उनको सख भी और दख भी दता वह इसालए क मायाजाल क मोह एव अहकार म पड़कर खद को सपर मानन वाल ाी को दड न द तो र मरा समर कस करगा ldquo नारद बोल ldquo भ आपक वचन का मतलब कस

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दशा म जाता ह यह तो मझ नह पता एक तर कहत ह समसत जीवरााशय का कलया चाहता दसरी ओर कहत ह दड दता तीसरी ओर मायाजाल अर नाराय आप जब समसत जगत क सवामी ह सब आपक अधीन ही ह तो र मायाजाल शबद आपन जो योग कया ह वह आपक अधीन स बाहर कस हो गयाrdquo ानयष काजए जीवरााशया उसक चपट म नह आएगी र सब आपका गगान ही करग और सबको मोक क ाा होगी ldquo भगवान कहत ह ldquo ह दवष मर ालए समसत जीवराशी को परीका स गजरना पड़ता ह मानव जीवन ही उनम अातम परीका ह बस उसको लाघ ल म पनरजनम स मा दला दldquo नारद जी भगवान स तकर करन लग गय का दर बाद भगवान न कहा rdquo दवष आपस बहस और नह कर सकता आपस बहस कर मरा गला सख गया ह जरा एक छोट कलश या कमडल म पानी लकर आइय ताक म अपनी पयास बझा सक नारद को झटका लगा और पाताप करन लग ldquo बमतलब मन अनतरयामी स बहस कर उनको कप दया व समपर जानानद क सामन मरी हासयत कया ह पता नह आज मरी मात मारी गयी और म बमतलब बहस करन लगा भ को पयास लगी ह और वो भी मरी वजह स जलदी स उनक पयास म बझा द पानी क खोज म सार लोक का म करत ए नारदजी पथवी लोक म पच गए पथवी लोक पचकर पानी क खोज म एक कए क पास पच तो दखा क एक अतयनत सदर नारी कए स पानी ानकाल रही ह नारद न सोचा वह सनदर ी पानी भरकर चली जाए तो र म ोड़ा सा पानी भर ल नारद उस दख रह ी भी नारद जी को दख रही ी नारदजी न पछा rdquo दवी कया तम यह आसपास रहती हो ी न जवाब दया rdquo हा ldquo नारदजी र पछ rdquo दवी कया तमहारा ाववाह हो चका ह rdquo ी बोली ldquoनह ldquo नारदजी का ावचालत मन ल नह समाया और पछ ही ालया ldquo दवी यद तम अाववााहत हो और यद तमह कोई परशानी न हो तो कया तम मझस ाववाह करोगी ी सादाय औरत ी बोली ldquo मर ापता क आजा क ाबना म आपस ाववाह नह कर सकती ldquo नारदजी बोल ldquo दवी सशील नारी क यही ग होत ह यद तमह आपा न हो तो म तमहार सा चलकर तमहार माता-ापता स बात कगा और तमस ाववाह कगा ldquo यवती राजी ई और ासर एव कध म पानी स भर घड़ को ढोत ए आग चलती रही और नारदजी पीछ चलन लग सपर रासत म उस सनदर ी क ानहारत ए मन म सपन क पल बाध रह उस सनदर ी क ापता क पास जाकर अपना परचय दत ए उनक बटी स ाववाह करन का सताव रखा साकात नारद मान को अपना दामाद सवप दख उसी मतर म मगनी हो गई और एक शभ मर म ाववाह भी हो गया ाववाह क कछ दन क पात उनक ब हो गय ब बड़ भी हो गय र तो व अपन गहस आम म इतन सत हो गय क उनक मह स नाराय मष ानकलना भी बद हो गया कई वष बाद एक शाम को जोर क आधी क सा तानी बारश ई इस माहौल न इतना ावकराल प धार कर ालया ा क वातावर लय म बदल गया चार तर पानी भर गया बत सार लोग पश आद पानी म बह गय कनत कात क ावकराल प क सामन ठहरन का साहस कस ा दखत ही दखत उनका गह भी बाढ़ क चपट म आकर टट गया और पानी म बह गाया पी और ब डर स

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रोदन करन लग दखत-दखत कान पष क अलावा पी और बाक ब भी पानी म बह गए र तो नारदजी स सोचा इस कान को म कध पर ालए चलता ताक वह तो बढ़ाप म मरा सहारा बनगा कनत लय क तीता इतनी तज ी क नारदजी क नाक क ऊपर स पानी बहन लगा र तो व खद भी भल गय क बट को बचाना ह सोचन लग म कसी तरह जीावत बच जाऊ उसी सोच न उनक कान पष को भी नह बखशा कसी तरह कछ समय उपरानत लय शानत आ पानी घट गया चार तरक मनषयपश - पकी आद क लाश टट ए रासत और घर क बीच पड़ी ई ी नारद मान को बहद दख आ और ठठोर कर रोन लग गय रोत-रोत व खद क बार म सोचन लग क भगवान न उनक सा ऐसा अनयाय कय कया काश व भी मर जात तो अचछा होता तभी उस राह स ास महष गजरत ए नारदमान स परामशर करन लग नारदजी कहन लग ldquo पता नह मन कौन सा पाप कया ह क मर पर परवार का सवरनाश हो गया ह मझ कय मतय नह आई इस पर ासजी न कहा शायद तमहारा समय नह आया ह इसालय तम बच गय हो हालाक ास जानत क नारद मायाजाल म सा आ ह ldquo र इसका ानरय कौन करता ह ldquo नारद न ासजी स पछा ासजी न उर दया ldquoयह तो मतयलोक क अाधपात यमराज ही इसका उर दगrdquo र व दोन ामलकर यमराज क पास गय यमराज न आन का कार पछा तो ासजी न नारद मान क सारी दख भरी गाा सनाई और पछा क ldquoमतय न इनका आलगन कय नह कयाldquo यमराज बोल rdquoम कोई नह मरा यमदत ही इसका उर द सकता ह कयक म यमदत क ारा कसी आतमा को लान क बाद ही उसक पाप-पणय का ाहसाब दख ानधाररत सजा का ऐलान करता यद यमदत आपको लकर मर पास नह आया तो इसम मरा कया दोष ह यमदत स पछ लldquo र ासजी न उनक यमदत स वही सवाल करन पर यमदत न कहा ldquo महामान म कस कसी क शरीर स आतमा को छीनकर ल आऊ म तो यमलोक का सवक माष ाचषग जब तक आजा नह दत तब तक म कोई कायरवाही नह कर सकता आप इस का उर ाचषगजी स पछ ल ldquo र ासजी न ाचषग स वही सवाल करन पर ाचषग न कहाrdquo महामान म तो यमदत को तभी आजा दता जब उस ाी का सारा लखा - जोखा समा हो जाता ह अभी माननीय नारद जी क मतय का समय आया नह ह अभी उनका कछ कया नह जा सकता ldquo ासजी न नारद स कहाrdquo दखो नारद अभी तमहारा समय आया नह ह तभी तम जीावत हो चलो चलत ह अब ापछली घटना को भल कर आग क सोचो ldquo बस इतना ही कहना ा क ाचषग न र ासजी को बलाकर कहा rdquo ह ऋाषवर इनक कणडली म यह ालखा ह क मतय तभी इनको गल लगा सकती ह जब य एक सा आपको मझ यमराज और उनका वाहन भस का एक सा दशरन करग चक इनक ारा यह कायर पर हो चका ह अत इनका जीवन पर हो गया ह ldquo बस इतना ही ा क नारद जी को आवाज आन लगी अर दवष दवष मझ कब स पयास लगी ई ी मरा गला सख गया ह कनत आपन मझ अब

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तक पानी नह दया कहा ह पानी ldquo य साकात नाराय क आवाज सन नारदजी को होश आया और भगवान क चर म पड़कर ागड़ागड़ान लग यह कहत ए क rdquo ह नाराय आपन मझ अचछा सबक ासखाया ह मन आपस बहस कया कर लीआपन मझ मायाजाल का साकातकार करवा दया कमा काजए म आपको पानी नह ापला सका मरी वजह स आपका गला खब सख गया होगा ldquo यह कहत ए उनक अधारा स नाराय क पाव धल गय और भगवान न कहाrdquo दवष आप चातत ना ह आपन अधारा स मर चर धोकर ानसवार सवा कर दी मरी पयास बझ गयी ह अब आप म ह ldquo र नारदजी खशी स नाराय-नाराय कहत ए ानकल गय

घाट का पतर

(बषव बहरा अाधकारी सवकक)

माता-ापता और जनम भाम को छोड़ कर हम सब बन गए ह घाट का पतर धनय ह वह महापष ाजसन हम साापत कया म उस महापष क ावषय म व रन नह कर सकता शायद म अात पाप क कार पतर बन गया लोकन म आशा करता क भावषय म मरा भागय बदल जाएगा चक म लोग क मन स सवा करता इसका ल हमको भगवान अवशय दग लोग का सवा करत ndashकरत मरा आकार भी बदल गया परनत सवा करत ndashकरत मरा नाम रोशन हो रहा ह बालक हम सता का अनभव हो रहा ह मर कमर क चलत मरा भागय बदल रहा ह म हमशा जलम रहता और पीठ पर ातदन मार झलत रहता शायद ही ऐसा पीड़ा इस ससार म कसी को ामलती होगी मरा सानानतर भी नह ह म कई महापष को दखता आया कतन महाराय न ा तयाग दय लकन तबस म यहा अकला पड़ा म हर मौसम क मार झल रहा ब-बढ़ क सवा करत-करत मन कछ पणय कमा ालए ह और आशा करता क मझ को भावषय म मानव जनम ामल सकता ह मानव जनम ामलन स म आपका भजन-करन कगा

ऐस दखतndashदखत कई यग क बाद हमको मानव जनम ा आ मानव जनम म अगर इस धराष म दखा क यहा ऊच-नीच जात-पात नीात-ानयम ावदन पाचार अनयाय ndashअतयाचार चमर-अचमर का ताडव नतय चल रहा ह दखकर मर मन म परवतरन आ गया क भ मझको मरा ापछला जनम वापस द दीाजए

पतर जनम म रह कर मरा कोई-कोई साी अचछ कमर क चलत मदर म सान ा कर ालया ह कोई-कोई तो ठाकर बन गय लोग-ातदन उनक पजा करत ह

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हम लोग म स कोई-कोई सामाजक कायर म सहयोग दान करत ह कोई गह-ानमार म सहयोग द रह ह तो कोई मदर-ानमार म सहयोग द रह ह कोई तो सीधा मत बन गय इसीालए उनक मन म घमणड आ गया अहलया न पतर होन क नात भगवान का दशरन पा ालया इसालए पतर जनम होन क चलत उनक मन म का अह भाव आ गया

हमार अनदर ावाभ प भी ह याः लोहा पतर चना पतर सगममरर काला पतर (नाइट सटोन) मलायम पतर (soft stone) इतयाद लोहा पतर जो दश क ानमार म काम आता ह चना पत जो ासमट ानमार क काम म आता ह सगममरर घर और मदर का शर (flooring) म काम आता ह काला पत घर का शर और आला बनान म काम आता ह मलायम पतर ाशलप कला क ावकास म योगदान दत ह पतर जनम होकर भी म का गवर महसस करता मरी भगवान स अानतम ावनती य ह क आप मझ अानतम समय म दशरन दन को कपा कर

न हमको पतर जनम चााहए न हमको मानव जनम चााहए हमको तो ास र इस भव सागर स पार होना चााहए

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जयादा लोभ न करना (पाडव कानटया सहायक सवकक)

मनषय भगवान क साप ह इसालए वह भगवान का अश ह जब तक वो मा क गभर म ा तक तक वह मोह-माया स वाचत ा एव हमशा भगवान क समीप ा लकन जब वो पथवी पर अवती र आ उसको मोह-माया न घर ालया पाच साल तक वो ईरीय सा म रहता ह इसालए कहा जाता ह क ldquoCHILD IS THE INCARNATION OF GODrdquo इसक बाद मोह-माया म आकषत हो कर ईरीय सा को भल जाता ह बचपन म वो बत आजा और मोह-माया राहत और चरषवान रहता ह जब समय बढ़ता जाता ह तब उसक समसत उम ग धवस होकर गलत मागर पर चला जाता ह

बचपन म ावा ाशका जवानी म ी दीका एव पारवारक ाचनता म म होकर वह समसत मौालक सा को खो दता ह सबा नप होकर सबा म आ जाता ह दव का नप होकर राकस वा जारवत होता ह एव परवारक जगल म सकर भगवान का नाम लना भल जाता ह अपना परवार का भर पोष क ालए कठन परम करता ह लकन उनका पट भरता नह ह ईर क सा को भल जाता ह और अनत म पशकतव को ा होता ह शरीर रोगसत हो जाता ह दाप शा की हो जाती ह चलन ndashरन म असमर रहता ह रात को नद नह आती ह र भी लोभ को छोड़ नह पाता ह अपन बीवी-ब ता परवार क बार म सदा सोचन लगता ह शरीर वावसा को ा होता ह परवार क कोई भी सदसय पछत नह ह

परवार क लोग उसको ढग स खाना भी नह दत ह उसको घर स दर रखत ह र भी यह अधम मनषय भगवान क बार म सोचता नह ह लोभ का अनत नह होता ह पाप का बोझ बढ़त जाता ह अनत म नरक को ा होता ह र भी मनषय भगवान को समझ नह पाता ह परवार क ालए इतना बड़ी ददरशा झलता ह उनको कोई भी नह पछता ह उसक ारा जमा क गई पजी को परवार वाल उनक सामन मौज करत ह

लोभ मनषय को अनधा बना दता ह आदमी क हतया करत ह लोभ क वशीभत होकर दसर क समपात को लटत ह ाजसस समाज म पाचार बढ़ता ह इसालए ह मानव तम कय लोभ करत हो लोभ नह करक भगवान का समर करो हर कतरन करो तप जप करो और सवगर क अाधकारी बनो उम कमर करक भगवान क शरागत हो जाओ भगवान तमहार समसत सख-दख का भार वाहन करग

सवरधमारनपरतयजय मामक शर ज अह तवा सवरपापभयो मोकायषयााम मा शच

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इसालए अचछा कमर करक पणय कमाना ह हमशा धमर क जय और पाप का कय होता ह धमर-कमर करक ावजय ा होगी लकन अधमर म जाकर नरक गामी नह होना

एकदा अनधा राजा धतरा सजय को पछा क ldquoह सजय इस धमर य म कसक जय होगी उर म सजय बोल क ldquoयष योगर कषो यष पा धनधरर तष ी ावजयो भात वा नीातमरातमरम ldquo अारत जहा योगर कष एव धनधाररी अजरन एक सा ह वहा ावजय ानात ह

इसालए दखा गया क हमशा धमर क जय और अधमर क पराजय होती ह धमर सवचछ ानमरल लकन अधमर कदाकार कात ह इसालए लोभ-लालच म वशीभत न होकर सत

कमर करो अनयाय का परतयाग करो लोभ मत करो जीवन म कप करक जो धन कमा ालया वो सब इस धरती म रह जाता ह अानतम क म सा कोई नह ल जाता इसालए अनधर म भटक नह जाना इसालए कहा गया ह क-अात लालच नह करना अात सवरष गहतम अारत अात सवरनाश का कार ह

अात दप हता लका

अात मानसय कौरवा अातदारन बाल वध अात सवरष गहतम

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टटा वक का अाभमान (चरदास नाराय गडम सवक सहायक)

वन म खड़ एक वक क सा ालपटी एक लता भी धीर-धीर वक क बराबर हो गई वक का आय

लकर उसन भी लना ndashलना आरभ कर दया बल को लत ndash लत दखकर वक को अहकार हो गया क म न होता तो लता अासततव हीन होती वह लता को धमकात ए बोला ओ बल चपचाप मरा कहना माना कर म जो कह रहा वह कया कर नह तो ध मार कर भगा दगा पड़ का लाप जारी ा क दो पाक वहा स ानकल एक बोला अर भाई जरा दखो तो यह वक कसा सदर ह इस पर कसी सदर लता पाषपत हो रही ह आओ इसक नीच ोड़ी दर ावाम कर अपना महतव लता क सा ह यह जानकर वक का अाभमान भी नप हो गया सा ndash सा रहन स ही सबक गात होती ह

बटी (डी राव बाब पटल ाचषक ड-II)

बटी घर क लाज होती ह पापा क सर का ताज होती ह दल क सदा स रही ह इचछा बटी तझको ह पाना आई हो मर जीवन म जस एक ननही कावता राह दखता म तरी जलदी स मर पास आना मा क गोद म सदा रहती हो कछ पल मर पास भी आना न चाहत ह अब धन दौलत क त ही लमी त ही मरी मत भी डर लगता ह सोचक जब एक दन छोड़ क जाएगी त कतना मझ लायगी त बटी होती ह बाबल क लाड़ली

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यह ाज़नदगी (सययद इदरीस पटल ाचषक ड ndashII)

बठ जाता ह ामी प अकसर कय क मझ अपनी औकात अचछी लगती ह

मन समनदर स सीखा ह जीन का सलीका चपचाप स बहना और अपनी मौज म रहना चाहता तो ह क य दानया बदल द पर दो व क रोटी क जगाड़ म सरत नह ामलती दोसत महगी स महगी घड़ी पहन कर दख ली व र भी मर ाहसाब स नह चलता य ही हम दल को सा रखा करत पता नह ा क कमत चहर क होती ह अगर खदा नह ह तो उसका ाज कय और अगर खदा ह तो र कय

lsquorsquoदो बात इसान को अपन स दर कर दती ह एक उसका ldquoअहम rdquo और दसरा उसका ldquo वहमrdquo पस स सख कभी खरीदा नह जाता और दख का कोई खरीदार नह होता मझ ाज़नदगी का इतना तजबार तो नह पर सना ह सादगी म लोग जीन नह दत मााचस क जरत यहा नह पड़ती यहा आदमी आदमी स जलता ह ाव क बड़ स बड़ वजाानक यह ढढ रह ह क मगल ह पर जीवन ह या नह पर आदमी यह नह ढढ रहा ह क जीवन म मगल ह या नह

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जीवन म न जान कौनसी बात ldquoआखरी rdquo होगी न जान कौन सी रात आखरी होगी ामलत जलत बात करत रहो यार एक दसर स न जान कौन सी ldquo मलाकात rdquo आखरी होगी अगर जदगी म कछ पाना ह तो तरीक बदलो इराद नह ऐ चाद त कस मज़हब का ह ईद भी तरी और करवाचौ भी तरा

उगालय क लड़ाई

(शख महबब पीरा पटल ाचषक)

एक दन हा क सभी उगालया आपस म लड़न लग अगठा बोला म सबस बड़ा सभी जगह जरी कागज पर मझस ही ानशान बनाया जाता ह तजरनी बोली-ldquoम बड़ी मर होन स ही सब लोग काम कर पात ह जस-ालखना खाना पकड़ना मधयमा बोली-ldquoअर भई कया तम नह जानत जो आकार म लबा होता ह उस ही सभी बड़ा कहत ह अनाामका सब बात चपचाप सन रही ी वह तरत बोली ndashldquo म सबस बड़ी म तो पजा करन क भी काम आती मर स ही रोलीातलक लगाया जाता ह कानाका सभी को लड़ता दखकर उदास ी वह चपचाप एक कोन म कछ सोच रही ी तभी अगठा व तीन उगालया उसक पास गई और बोली- ldquoअर छोटी तम तो बड़ी हो ही नह सकती कयक तमहारा नाम ही कानाका ह कानाका बोली ldquoसनो अगठ भाई और पयारी उगालय आपस म लड़कर कभी कसी का भला नह हो सकता हमम कोई भी बड़ा-छोटा नह ह हम सब ामलकर मी बन सकत ह तभी हम सब बलवान हग कया तमह नह मालम क बद मी म ही ताकत होती ह इसालए हमारा लड़ना बकार ह rdquo कानाका क बात सनकर सभी एक सा बोल- ldquoहा छोटी बहन तम ाबलकल सही कह रही हो सचमच अकल म तम ही हम सबस बड़ी हो rdquo

इस नीात का स एकता म बल क ाशका ा होती ह

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तलगाना- भारत का एक और नया राजय (शलबाला खडरी मानाचषकार)

तलगाना भारत क दाकी भाग म ासत भारत का 29 वा राजय ह कषल क दाप स यह दश का

बीसवा बड़ा राजय ह ाचीन हदराबाद रयासत का अाधकतम भाग तलगाना राजय म ालया गया ह जहा आजादी स पहल ानजाम का राजय ा सन 1947 म जब भारत अज क चगल स आजाद आ उसक बाद भी हदराबाद का ानजाम अपनी रयासत सय भारत म ावलीन करन क पक म नह ा वह अपनी रयासत पर अपना ही सवतष शासन चाहता ा अतत सरदार बललभ भाई पटल क अक यास स इस रयासत को भारत क मखय धारा म ावलीन कया जा सका इस कार आन दश राजय क सापना ई और 26 जनवरी 1950 को ी एमक वललोड़ी आन दश राजय क म मखयमषी ानय ए 1956 म हदराबाद रयासत को आन दश राजय म ावलीन कर दया गया

2 जन 2014 म पनः तलगाना राजय अासततव म आया आन दश राजय क उर पामी 10 ाजल को ामलाकर तलगाना राजय क सापना क गयी ह राजधानी हदराबाद भी तलगाना राजय म ासत ह परनत 10 वष तक हदराबाद दोन राजय याान आन दश और तलगाना राजय क सय राजधानी रहगी दोन राजय क शासानक कायर हदराबाद स सचाालत हग तलगाना शबद का ादभारव ाषलगा दश शबद स आ ह ाजसका अर ह तीन लगो वाला दश तलगाना राजय क तीन दशा म कालरम ीशलम और ाकारामम ास ाशव मानदर ासत ह ाजनक अपार धामक महा ह वासतव म पक तलगाना राजय क ालए 1946 स 1951 क बीच ही ारमभ हो गया ा उस समय कमयानसट पाट न इस आनदोलन का नततव कया ा जो असल रहा भाषा क आधार पर तलगाना और आन राजय को पक करन क ालए अनक आनदोलन समय-समय पर होत रह ह इनम मखय आनदोलन 19691972 और 2009 क ह इन आनदोलन का यह भाव आ क 9 दसमबर 2009 म भारत सरकार न पक तलगाना राजय बनान क कायरवाही श कर दी य घोषा सनत ही तटीय आन व सीमान कष क लोग न सम आन दश क पक म आामक आनदोलन ारमभ कर दया और ऐसी ासात म भारत सरकार न यह कायर 23 दसमबर 2009 तक सागत कर दया इसक पात भी लगातार पक तलगाना और सम आन दश क ालए अलग-अलग आनदोलन चलत रह पक तलगाना क पक म कई आतम - हतयाए ई हड़ताल क गयी ाजसस जन साधार को बत असावधा का सामना करना पड़ा अतत पक तलगाना समरक क जीत ई और कास कायरकारी सामात न सवर सहमात स 30 जलाई 2013 को पक तलगाना राजय क ासारश करत ए ाबल तयार कर दया अनक सोपान पार करत ए यह ाबल रवरी 2014 को ससद म पारत कया गया रवरी 2014 दश पनगठरन एकट क तहत यह ाबल ससद म पास हो गया इसक पात इस नय राजय तलगाना ाबल को रापात ारा सहमात ा ई और माचर 2014 क गजट म इस कााशत कया गया इस कार नय तलगाना राजय क सापना ई

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ाशासकय प स तलगाना राजय क सापना 2 जन 2014 को ई क चन शखर राव क पाट ldquoतलगाना रा सामातrdquo न चनाव म दश म बमत हाासल कया और इस कार ी कचन शखर राव तलगाना राजय क म मखय मषी चन गए

म महगाई (डॉ नीलम कमार ाबड़ला अाभलखपाल)

म महगाई महग दशभ लोग क आमष पर भारत आई तज गात लान गात म भारत आई मझ गलत मत समझो गरीब बत ठीक बमत दकर तमन ाजनको बत उठाया म तो उनह क तीक भौातक वादी यग म योग ासखाती म भख पट न सोए कोई कडालनी जगाती म धयान प म च मारकर मन जय ऊपर चढ़त-चढ़त र तक आ जाता ह भाव वसत क वस ही र तक ल आई

अब इस यग म एक तल क पीप को पा लन का अर को पा लना ह भ दशरन क झलक दखना एक टमाटर खा लना ह भारत का आदशर तयाग ह अनासा ह अपरह ह मझको पाकर लोग वसतए तयाग रह ह अपनी खद क कार छोड़ बस क पीछ भाग रह ह म लोग को तड़क भड़क स खच

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सादगी ासखाती टरीलीन क शौकन को ला पहनाती माया जीवन का बधन ह पया पसा मल हा का म वतन भोगी लोग क बधन दो दन म हर लती शी छड़ाकर मल हा का शीश सा ानमरल कर दती

नीात ालखन वाल न कम खाना या गम खाना अचछा बतलाया मन उनका कन ानभाया ाजतनी चीज महगी हगी उतना ही जन कम खाएग ाजस दन रोटी नह ामलगी उस दन खद ही कम खाएग

शकल पक क चाद सरीखी बढ़ती म खब चादनी लाऊगी अभी दज तक ही आई परमासी तक जाऊगी

करो कलपना जब भारत जन कतन सदर दखा करग ग चावल चना बाजरा जब पाड़य म ाबका करग बीमार को दध दहीघी क इजकशन लगा करग कसा मधर जागर होगा लोग भख स जगा करग

आतक हमला

(डॉ नीलम कमार ाबड़ला अाभलखपाल) 13 दसबर 2001 ससद प पाक आतक हमला 13 रवरी 2014 ससद म भारतीय आतक हमला

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शमरसार ई ससद पच ाड़ गए नयी तहजीब क झड गाड़ गए

उड़ाया गया काली ामचर का पाउडर सपीकर का नह सना आडरर आख जलन लग सास लन लगी ससद पर नगी तलवार झलन लगी

घायल आ जातष और सावधान मदर क पजारय न कया मदर का अपमान ऐस आतकय को सबक ासखाना होगा र नया इातहास बनाना होगा

बाल-म (वाइकराकश कमार खलासी)

बालपन क कलकारी धप क ताप स आ मक पोी छोड़ी कदाल खोदत हा क मार अचक कचड़ आधी म म करना आ मजबरी गरीबी क पराकाा पट और पीठ क घटती दरी कछ धनहीनता और कछ माता-ापता क मखरता कनत सबस जयादा सवा समाज क सवदनहीनता ाजसन बालक को ामक बनन को बाधय कया लखनी को छीनकर कोमल हा म छडी पकड़ायी

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गाय-बकरी क सवा करता बालय-जीवन कप अपन भावषय को दर करता अजान और अबझ ावोपाजरन क कसको ह सरत ासात तो ऐसी ई दो दान अ क ालय बालपन चोर बनन को आतर आ

दोसती

(ाचा कडयया खलासी)

गलाब एक ल ह

एक घनट म मरझा जाता ह पर दोसती एक शा ह कभी भी जीावत रहती ह

बर ठडी होती ह जो पकड़ म नह आती ह

दोसती सोन जसी ह जो कभी कोई नह खरीद सकत ह

तार क पाच अनत (END) ह चौकोन क चार अनत ह तीकोन क तीन अनत ह

एक रखा का एक अनत ह पर दोसती का कोई अनत नह ह

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मर जीवन का उशय (कमारी ाया सातव कका सपषी एम सबीता उाल)

कग नयज भारत का खतरा पाकसतान न कशमीर पर हमला कया ह कछ दन बाद helliphellip कग नयज पाकसतान क ाखला भारत क रका करत ए वीर सानक

का भारी नकसान इन खबर न भारत को ाहला दया ा म भी सोच म पड़ गयी क म भारत क ालए कया कर सकता भारत को इन हमल स कस बचा सकता मर मन म ास र एक ही खयाल आया क भारतीय सना का एक जवान ासपाही बन

जव मन यह बात अपन दोसत स कही तो उसन कहा क ासपाही बनना खतर स खाली नह ह और परवार स दर सरहद पर खतर स भर जीवन मर ालए कपद होगा लकन मन ठान ालया ा क म कछ ऐसा कगी क पर दश म मरा नाम हो ाजस दखकर मर अपन का ासर गवर स ऊचा हो जाए

मर ानय को सनकर मरी मा रोन लगी मझ लोभन दया क म ापार क मर दोसत न मझ डाकटर बनन का सझाव दया पर मन सोचा क भारत म कई डाकटर ह ापारी ह भारत को डाकटर या ापारी क नह बालक सानक क जरत ह

म भारत क ालए अपनी जान भी दन क ालए तयार मन सोचा सब अपन परवार को सराकत

रखना चाहत ह र भारत - भाम तो मरी मा ह मरी ही कय हर एक क मा ह तो हम सब का कतर बनता ह क हम इसक रका कर इसीालए मर जीवन का उशय ह क म एक ासपाही बन और भारत क सवा क

मखर ामष स समझदार शष अचछा होता ह (मासटर सनीत चौी कका सपष एम सबीता उाल)

एक दन म और मरा सबस अचछा ामष राव बठ यह सोच रह क हम परीका क ालए अभी स पढ़ाई श कर दनी चााहए या नह राव न तपाक स कहा क अभी स पढन स कोई लाभ नह होगा अगर हम परीका क एक दन पहल पढ़ग तो जयादा दमाग म रहगा तभी वहा स मरी कका का दसरा छाष रमश गजर रहा ा मझ रमश ाबलकल पसद नही ा और रमश भी मझ पसद नह करता ा बात-बात पर हम लड़ाई करत पर पढ़ाई म वह मझस बत अचछा ा उसन हमारी बात सन ली ी

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इसालए धीर सवर म मझस बोला अपन मखर ामष क बात मत सनो बस रोज मरी तरह ोड़ा-ोड़ा पढ़ो लकन मन उसक बात पर कान नह धरा एक महीन बाद परीका क दन आ पच परीका क एक दन पहल जब मन पढ़ना श कया तब पाया क पढ़न को बत ा पर समय कम ा जस -तस पढ़ कर मन परीकाए ालखी और उममीद करता रहा क म परीका म उी र हो सक कछ दन बाद परीका का पराम ानकला और वही आ ाजसका डर ा म और ामष राव अनी र हो गए दसरी ओर रमश बत अचछ अको स उी र आ उस दन मझ समझ आ गया क मखर ामष स समझदार शष अचछा होता ह

भावषय क पढ़ाई (मासटर ाशव कलया सातव कका सपष वालल कलयाी उाल)

आज जब हम पढ़ाई या सकल क बार म सोचत ह तो नजरो म एक भारी बग उठाता आ

छाष दखता ह कताब क ाबना हम सकल जान क सोच भी नह सकत कताब क सा कपयटर भी पढ़ाई का महतवपर ाहससा बन चका ह

कछ साल बाद भारी कताब स भर बग क बदल छाष क हा म टबलट होगा आकाश टबलट एक ऐसा यष ह ाजसम हम तरह-तरह क कताब पढ़ सकत ह हम कका म ही नट स जानकारी पा सकत ह टबलट ोन स बड़ा ह और जयादा महगा भी नह हम इस कह भी ल जाकर इसम कताब पढ़ सकत ह हम इसम कका का दया गया कायर भी कर सकत ह यह टबलट पढ़ाई का अदाज बदल दगा और पढ़ाई को मजदार बना दगा

पानी और धप (कमारी एस साानया पाचवी कका सपषी राजया बगम अाल)

अभी-अभी ी धप बरसन लगा कहा स यह पानी कसन ोड़ बादल को क ह इतनी शतानी

सरज न कय बद कर ालया अपन घर का दरवाज़ा उसक मा न भी कया उसको बला ालया कहकर आजा

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ज़ोर-ज़ोर स गरज़ रह ह बादल ह कसक काका कसको डाट रह ह कसन कहना नह सना मा का

परीका (कमारी शख राजया सलताना गयारहव कका सपषी शख महबब पीरा पटल ाचषक)

ाजस नाम को सनन स कापता ह बा वो ह परीका परीका पपर हा म आत ही इतना डर लगता क यद अचछा नह कया तो ापटना पा तीन घट म लगभग करन होत ह चालीस सवाल एक भी छटा तो घर म आता ह भवडर रजलट क एक दन पहल रात को नद नह आती ह अचछ नबर पान क ालए भगवान क याद आती ह पास होन पर ामलता ह इनाम और मख स ानकलता ह ldquoकय भगवान rdquo र आती ह अगली कका तब भी मख स ानकलता ह हाय र आ गयी र स परीका

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राीय साकरता (मासटर शख समीर छठी कका सपष शख महबब पीरा पटल ाचषक)

ातदन सीखो अकर एक

ानयम बना लो ऐसा पढ़ो पढ़ाओ सीखो जान

तभी बनगा दश महान ावा सा जान कराती

मन का अधरा दर भगाती जहा पर बनत लोग जानी

वहा न होती मन क हाान अनपढ़ क ालए गगी पोी

धन दौलत भी होती ोी पढ़ा ालखा नह धोखा खाता

जहा भी जाता आदर पाता

मा (मासटर शख महबब बाशा आठव कका सपष शख महबब पीरा पटल ाचषक)

सबस सनदर जग म कौन बस एक त ह मा

सबस पयारी कसक मसकान बस एक तरी ही ह मा

कसन बनायी मरी पहचान तन ही तो मरी पयारी मा

कसक बोली ामी स मीठी तरी ही ह मरी मा

कसक डाट ह इमली स तीखी तरी ही तो पयारी मा

कसक ालए क म सब कबारन तर ालए मरी पयारी मा

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ाततली (कमारी एम राशका ाशवानी पाचवी कका सपषी एम लम कमार उाल)

ाततली तम कतनी

रग-ाबरगी होती हो तम सब ल का रस पी-पीकर

बाग-बगीच म रती रहती हो तर पख कई रग क होत ह

तमहार प को दखकर ब बत खश होत ह

मरी कका

(कमारी एम राशका ाशवानी पाचवी कका सपषी एम लम कमार उाल)

मरी कका म ह पचास ब हर एक ह अलग-अलग जस एक ह लबा एक ह छोटा एक ह मोटा एक ह पतला कछ ह अचछ कछ ह बर पर लगत ह सार पयार मरी कका ह रग- ाबरगी लगती ह ाततालय का झड ह

मझ बत पसद ह कयक यह हमारी कका ह

Page 28: कलाकल - Home: Survey of · PDF fileतेलंगाना-भारत का एक ... भी यह पि का ‘कलाकल‘ सुनदर प म िनखर

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एम ए सी पी क मामल

ानालाखत अाधकारयकमरचारय क एमए सी पी मामल का ानपटारा कया जा चका ह

म स प lsquoबीrsquo अराजपाषत प lsquoसीrsquo (पवरवत प lsquoडीrsquo)

1 वी सयर भा मानाचषकार ाडाव I एल योहन

2 पीकलहा मानाचषकार ाडाव I सीनाराया

3 शख मीरावली मानाचषकार ाडाव I जजॉन

4 एम भवनरी मानाचषकार ाडाव I एस रामयया

5 बीएसवी वरलमी मानाचषकार ड़ II बी पललया

6 - पी काशम

7 - शख काासम पीरा

8 - एम लमी नाराया

9 - एम वकटरल

10 - जी जया

आ दश भ साानक आकड़ा कन क अाधकारय कमरचारय क ब ाजनहन शकाक ानपता दखाई ह

1 कमारी अनवषा कर सपषी डॉ पीक कर सी जी पी ए 9810 दसव कका क ीय ावालय हदराबाद

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तलग म ावव ी नकश ( ओएस एम) क तयारी (बीएचराव अधी सव जीव अाध सव एमराकश अाध सव एसपटा री मानाचषकार)

सतावना पवर म ावाभ नकश तलग म कााशत आ करत जस आ दश राजय नकशा (1999) भारत क राजनीातक नकश आद ऐस नकश अकराक ासटक-अप (lettering stickups) साहत साइबग क परमपरागत तकनीक का उपयोग कर कााशत होत तााप कोई भी सलाकातक नकश तलग म कााशत नह ए ह परत हाल ही म ावजान एव ौोागक ावभाग न ावव ी टोपो नकश ( ओएसएम) को कषीय भाषा म उपलबध करवान क ालए एक नीात को जारी कया ह ाजसक पराम सवप आ दश भ साानक आकड़ा क न राजय क राजधानी हदराबाद को दशारत ए एक शीट को योग क आधार पर अकय माधयम स तलग म करन का काम ालया ह

ॉनट क खोज म माइोसटशन साफटवर क अनक ल डीजीएन ामट म मल डाटा बस पहल स ही उपलबध ह मल-

पाठ को बठान क ालए माइोसटशन क अनक ल एक सावधाजनक तलग ॉनट क आवशयकता ह अनक ॉनट क जाच क गई परत कछ भी माइोसटशन क अनक ल नह पाया गया कयक तलग ालाप म बत सारी माषाए अगल स लगवाए जान क कार ldquoमाषाrdquo को लगाना एक कठन कायर सााबत आ तााप वब म बत छान-बीन करन क बाद ldquoटी टी एल हमलताrdquo ॉनट को खोजा गया और माइोसटशन परवश म मल पाठ को रखन म उपयोगी पाया गया

अनवाद

ावाभ व रनातमक अाभउाया ाचनह पाद- टपपाया आद का अजी स तलग म अनवाद हत सभी ापय साधन जस क इटरनट नट पर अनवाद शबदावली आद का आय ालया गया

माइोसटशन परवश म मल पाठ को बठान क ालए कायरावाध

ॉनट याान ldquoटी टी एल हमलताrdquo वााछत सान पर लोड कया गया तलग ालाप म बत सारी माषा क अतःसाापत होन क कार एक ावाशप शबद या अकर क ालए सही माषा क चयन हत अाधक सावधानी बरतना का सानात कया गया वााछत मल ndash पाठ को मइोसाफट वडर म टकत कया गया माइोसटशन वशरन 8 ाइल म अनोटशन टकसट एडीटर क माधयम स कापी और पसट कया गया उ

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शीट क 22 टोपो स अनवादत अनोटशन को या सतयाापत कया गया अनोटशन को कनार म और उपरो शीट क नाम ाइल म रखा गया मामल ाजनको सलझाना ह -

1 ॉनट क आकार का मानककर 2 तलग ालाप म ावाभ व रनातमक अाभउया क सावधाजनक शबद का चयन 3 मल- पाठ को सगठत करना एक जटल कायर ह और समय लन वाली कायरावाध ह और पयार

माषा म षीय भाषा याान तलग क जान क जरत ह 4 जयादा सखया म सपादन मल-पाठ क सगठन क आवशयकता ह 5 तलगाना राजयतलग ावावालय क उ राजभाषा ावभाग स अनवादत ालाप को माीकर

करन क आवशयकता होगी समाा

सानीय ालाप (तलग) म ओ एस एम माक नकश क तयारी स अाधक सखया म लोग को सलाकातक नकश को आसानी स योग करन म सावधा होगी सलाकातक नकश म भाषा-ावषयक सबधी साचकारी पदार को जोड़न स ानयही भारतीय सवक ावभाग क उतपाद क चार को बढ़ावा ामलगा और बाजार म अपनी अहामयत बढ़ाएगा

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चनौती क ालए तयारी (रघना ाषपाठी अधीकक सवकक)

कसी भी ावभाग म नई चनौातय को सामना करन क ालए कमता ानमार क आवशयकता ह यद

यह नह कया जाए तो सताावत योजनाए ावल हो जाती ह कमता ानमार स पहल उसक लय एव उशय को परभााषत कया जाना आवशयक ह कयक इसक कायारनवयन क सतर म योजना और ानषपादन म का अतर हो सकता ह कमता ानमार क अनय मानक क अतगरत अनवत सावधा क रखरखाव और सभाावत ावकास भी शाामल ह कमता ानमार क कसी भी यास म ातभा क खोज को ही पहल कदम क प म ालया जाना चााहए भारतीय सवक ावभाग म सही कमता ानमार क बाद ही 110000 क पमान का सवक करन और मानाचष ाा सभव हो पाएगा आधानक अाध ौोागक म कमय क ाशक पयार नह ह लकन यह दखना ह क जो माग और सवक और मानाचष क आपत क खला स सक ातत ह जनता क ालए उपयोागता बढ़ा रही ह श म हालाक बाधाए आना बाधय ह हम यह कायर श करना और पराम क तीका करनी ह इस यास म खल अाधकार कष क ावशषज को ानयामत प स परामशर कया जाना चााहए सवक और नकश क उपयोगकतार क माग और एक बड़ परय क दाप स दखन क ालए यह महतवपर ह

यहा तक क उपयोगकतार क ालए भी ाडाजटल डटा का उपयोग सीामत ह भारतीय सवक ावभाग उपयोगकतार को ानयामत आधार पर सहायता और मलय सवधरन क ालए सलाह दकर नकश क कातज उपयोग तक का ावसतार कर सकता ह उस बात पर धयान दत ए भारतीय सवक ावभाग क सवा हत जी आई एस वजाानक को शाामल करन क आवशयकता ह यह महगा मामला होन पर भी वरीयता स भरी हम भावषय क चनौातय को परा करन क ालए तयार रहना चााहए कयक नकश क उपयोग स ावकास को तो होना ही ह

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नमक का महतव (कष कमार अाधकारी सवकक)

एक राजा क तीन बटया ी तीन बत ही सनदर सशील और ावशष ग वाली एक दन राजा न तीन राजकमारय को अलग-अलग स एक ही सवाल पछा ldquo बटी तम मझ कतना चाहती हो ldquo बड़ी राजकमारी न जवाब दया rdquo ापताजी म आपको सोन जस चाहती अारत सोन क आभष स मझ ाजतना पयार ह उतना ही पयार आप स ह ापताजी ldquo राजा बत सतप आ और दसरी राजकमारी स पछाrdquoबटी दीदी न तो जवाब द दया अब तम बताओ तम मझस कतना ह रखती हो दसरी राजकमारी बोली ldquo ापताजी म आपको हीर जसा चाहती अारत हीर क गहन स मझ ाजतना पयार ह उतनी ही पयार आप स ह ापताजी ldquo राजा तो ल न समाया सोचन लगा rdquo म बमतलब का सकोच कर रहा ा मरी बटया तो लगता ह मर बगर जी नह पाएगी ldquo अब तीसर स कया पछ र भी पछ लता र तीसरी बटी स पछाrdquo बटी तम मझ कतना चाहती हो तीसरी राजकमारी न जवाब दयाrdquo ापताजी म आपको नमक ाजतना चाहती जवाब सनत ही राजा आग-बबला हो उठा और बरी-भली सनाकर उसक कक स ानकल गया छोटी राजकमारी न कछ नह कहा बालक राजा क डाट सनकर चपचाप रह गयी रात ई राजा को सार महल क कायर ानपटान क बाद भख लगी खान क ालए उस हीर स ससात सोन क सहासन पर छोटी राजकमारी न बठाया र सोन क ाली म नाना कार क जन स य खाना परोसा और राजा को खाना श करन को कहा राजा न मह म खाना रखा तो महसस कया खाना का ह र हर जन को चखा तो पाया सब क ह र तो आग-बबला होकर अपनी रानी पर ाचललाया ldquo इस तरह क भल कस हो गयी हम कया समझ रखा ह जन दखाकर ललचाना और र खान नह दना यह बोलत ए रानी पर सोन क ाली ाजस पर जन परोस ए कन क ालए हा उठाया उठ ए हा को तीसरी राजकमारी न पकड़ ालया और पछा ldquoापताजीखाना तो बढ़या ह र कमी कया हrdquo राजा बोल ldquoनमक क ाबनाकोई खाना खाया जा सकता हrdquo राजकमारी बोली ldquoापताजीआपको तो नमक स नरत ह ना इसालए मन जन बनवात ए नमक नह डलवाया rdquo र तो राजा समझ गया क छोटी बटी न उनह सबक ासखान क ालए यह भोजन तयार करवाया ह र बोला ldquoबटी म समझ गया नमक क ाबना खाना जस सवादप नह उसी तरह तमहार पयार ाबना मरा वचरसव नह ldquo और राजकमारी को गल लगा ालया

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मायाजाल (एनबी सवामी अाधकारी सवकक)

इस जगत म कल 84 लाख जीव राशया ह और उनम मानव जनम सबस उम ह उम इसालए ह क भगवान न मानव का आधार इसालए दया ह ताक इस जनम अचछ कमर कर वह मोक क ाा कर सक मोक याान पनरजनम नह यद कमर बर ए तो र 84 लाख जीवरााशय म पदा होन क ालए वह आतमा कालच म दोबारा स जाती ह इस सपर कालच क याषा करत ए जब आतमा मानव क योान म वश करती ह तब वह भगवान स यही ारना करता रहता ह क ह भगवान मझ इस कद (याान मा का गभर) स जलदी मा दला द कयक म तमहारा धयान सही ढग स नह कर पा रहा कयक इस कद म अनक तरल पदा क सा-सा मल-मष म भी टहल रहा यह कसा नरक ह जहा आपन मझ सा रखा ह तब भगवान भी बोलत ह क ldquoत अभी बालक ाशश का प धार करन वाला ह तमन इतन वष यग म ाजतन पाप कय ह उन सबक यह चरम सीमा ह यह चरम सीमा बत ही पीड़ा दन वाली ह ाजस तमह जीतना ह लाघना ह इस चरम सीमा स मा होन क बाद तम कया करोग ldquo ाशश कहता ह ldquo भगवन आप जो कहग ldquo भगवन पछत ह कया तम अपना जीवन मरा धयान करत ए मर ालए समपर कर दोग ldquoाशश कहता हrdquo हा म समपर कर दगा आपक ालए ldquo भगवन भी जानत ह ाशश को नौ महीन गभर म रहना ही पड़गा तभी पर शरीर का ावकास होकर जब वह बाहर आएगा तो मरी सवा करगा उ नौ महीन तदनसार भगवन ाशश का वातारलाप नौ महीन चलता रहता ह ताक ाशश अपन चार ओर स मल क गध का धयान न द र जब वह बाहर ानकलता ह भगवान को धनयवाद करता ह और कहता ह ldquo म तमहारा बत ही आभारी भ अपन मझ मा दलाई अभी मझम वह ताकत नह क म तमहारा धयान करन क ासवा और कछ क मर माता ndashापता मझ सच कर जब अपन पर पर चलन क ताकत द दग तभी म तमहार ालए कछ कर पाऊगा ldquo भगवान कहत ह ldquo अर मखर त नह जानता यह जगत एक मायाजाल ह मझ पर ावास ह त मझ भल जायगा और र स कालच म पड़ जायगा ाशश कहता ह ldquo नह भगवान ऐसा नह ह भगवान मरा ावास करो म ातजा करता मरा जीवन आपक ालए ही समपर ह ldquo भगवान कहत ह ldquoदख लगा इस जगत क मायाजाल म त मरी कया का सवा करगा ldquo यह ाशश और भ का वाारलाप सनकर दवष नारद भगवान क पास पच पछन लग ldquo भ आप कस मायाजाल क बात कर रह ह ldquo भ बोल ldquo नारद म समसत जीव- रााशय का सवामी उनका कलया चाहता उनको सख भी और दख भी दता वह इसालए क मायाजाल क मोह एव अहकार म पड़कर खद को सपर मानन वाल ाी को दड न द तो र मरा समर कस करगा ldquo नारद बोल ldquo भ आपक वचन का मतलब कस

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दशा म जाता ह यह तो मझ नह पता एक तर कहत ह समसत जीवरााशय का कलया चाहता दसरी ओर कहत ह दड दता तीसरी ओर मायाजाल अर नाराय आप जब समसत जगत क सवामी ह सब आपक अधीन ही ह तो र मायाजाल शबद आपन जो योग कया ह वह आपक अधीन स बाहर कस हो गयाrdquo ानयष काजए जीवरााशया उसक चपट म नह आएगी र सब आपका गगान ही करग और सबको मोक क ाा होगी ldquo भगवान कहत ह ldquo ह दवष मर ालए समसत जीवराशी को परीका स गजरना पड़ता ह मानव जीवन ही उनम अातम परीका ह बस उसको लाघ ल म पनरजनम स मा दला दldquo नारद जी भगवान स तकर करन लग गय का दर बाद भगवान न कहा rdquo दवष आपस बहस और नह कर सकता आपस बहस कर मरा गला सख गया ह जरा एक छोट कलश या कमडल म पानी लकर आइय ताक म अपनी पयास बझा सक नारद को झटका लगा और पाताप करन लग ldquo बमतलब मन अनतरयामी स बहस कर उनको कप दया व समपर जानानद क सामन मरी हासयत कया ह पता नह आज मरी मात मारी गयी और म बमतलब बहस करन लगा भ को पयास लगी ह और वो भी मरी वजह स जलदी स उनक पयास म बझा द पानी क खोज म सार लोक का म करत ए नारदजी पथवी लोक म पच गए पथवी लोक पचकर पानी क खोज म एक कए क पास पच तो दखा क एक अतयनत सदर नारी कए स पानी ानकाल रही ह नारद न सोचा वह सनदर ी पानी भरकर चली जाए तो र म ोड़ा सा पानी भर ल नारद उस दख रह ी भी नारद जी को दख रही ी नारदजी न पछा rdquo दवी कया तम यह आसपास रहती हो ी न जवाब दया rdquo हा ldquo नारदजी र पछ rdquo दवी कया तमहारा ाववाह हो चका ह rdquo ी बोली ldquoनह ldquo नारदजी का ावचालत मन ल नह समाया और पछ ही ालया ldquo दवी यद तम अाववााहत हो और यद तमह कोई परशानी न हो तो कया तम मझस ाववाह करोगी ी सादाय औरत ी बोली ldquo मर ापता क आजा क ाबना म आपस ाववाह नह कर सकती ldquo नारदजी बोल ldquo दवी सशील नारी क यही ग होत ह यद तमह आपा न हो तो म तमहार सा चलकर तमहार माता-ापता स बात कगा और तमस ाववाह कगा ldquo यवती राजी ई और ासर एव कध म पानी स भर घड़ को ढोत ए आग चलती रही और नारदजी पीछ चलन लग सपर रासत म उस सनदर ी क ानहारत ए मन म सपन क पल बाध रह उस सनदर ी क ापता क पास जाकर अपना परचय दत ए उनक बटी स ाववाह करन का सताव रखा साकात नारद मान को अपना दामाद सवप दख उसी मतर म मगनी हो गई और एक शभ मर म ाववाह भी हो गया ाववाह क कछ दन क पात उनक ब हो गय ब बड़ भी हो गय र तो व अपन गहस आम म इतन सत हो गय क उनक मह स नाराय मष ानकलना भी बद हो गया कई वष बाद एक शाम को जोर क आधी क सा तानी बारश ई इस माहौल न इतना ावकराल प धार कर ालया ा क वातावर लय म बदल गया चार तर पानी भर गया बत सार लोग पश आद पानी म बह गय कनत कात क ावकराल प क सामन ठहरन का साहस कस ा दखत ही दखत उनका गह भी बाढ़ क चपट म आकर टट गया और पानी म बह गाया पी और ब डर स

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रोदन करन लग दखत-दखत कान पष क अलावा पी और बाक ब भी पानी म बह गए र तो नारदजी स सोचा इस कान को म कध पर ालए चलता ताक वह तो बढ़ाप म मरा सहारा बनगा कनत लय क तीता इतनी तज ी क नारदजी क नाक क ऊपर स पानी बहन लगा र तो व खद भी भल गय क बट को बचाना ह सोचन लग म कसी तरह जीावत बच जाऊ उसी सोच न उनक कान पष को भी नह बखशा कसी तरह कछ समय उपरानत लय शानत आ पानी घट गया चार तरक मनषयपश - पकी आद क लाश टट ए रासत और घर क बीच पड़ी ई ी नारद मान को बहद दख आ और ठठोर कर रोन लग गय रोत-रोत व खद क बार म सोचन लग क भगवान न उनक सा ऐसा अनयाय कय कया काश व भी मर जात तो अचछा होता तभी उस राह स ास महष गजरत ए नारदमान स परामशर करन लग नारदजी कहन लग ldquo पता नह मन कौन सा पाप कया ह क मर पर परवार का सवरनाश हो गया ह मझ कय मतय नह आई इस पर ासजी न कहा शायद तमहारा समय नह आया ह इसालय तम बच गय हो हालाक ास जानत क नारद मायाजाल म सा आ ह ldquo र इसका ानरय कौन करता ह ldquo नारद न ासजी स पछा ासजी न उर दया ldquoयह तो मतयलोक क अाधपात यमराज ही इसका उर दगrdquo र व दोन ामलकर यमराज क पास गय यमराज न आन का कार पछा तो ासजी न नारद मान क सारी दख भरी गाा सनाई और पछा क ldquoमतय न इनका आलगन कय नह कयाldquo यमराज बोल rdquoम कोई नह मरा यमदत ही इसका उर द सकता ह कयक म यमदत क ारा कसी आतमा को लान क बाद ही उसक पाप-पणय का ाहसाब दख ानधाररत सजा का ऐलान करता यद यमदत आपको लकर मर पास नह आया तो इसम मरा कया दोष ह यमदत स पछ लldquo र ासजी न उनक यमदत स वही सवाल करन पर यमदत न कहा ldquo महामान म कस कसी क शरीर स आतमा को छीनकर ल आऊ म तो यमलोक का सवक माष ाचषग जब तक आजा नह दत तब तक म कोई कायरवाही नह कर सकता आप इस का उर ाचषगजी स पछ ल ldquo र ासजी न ाचषग स वही सवाल करन पर ाचषग न कहाrdquo महामान म तो यमदत को तभी आजा दता जब उस ाी का सारा लखा - जोखा समा हो जाता ह अभी माननीय नारद जी क मतय का समय आया नह ह अभी उनका कछ कया नह जा सकता ldquo ासजी न नारद स कहाrdquo दखो नारद अभी तमहारा समय आया नह ह तभी तम जीावत हो चलो चलत ह अब ापछली घटना को भल कर आग क सोचो ldquo बस इतना ही कहना ा क ाचषग न र ासजी को बलाकर कहा rdquo ह ऋाषवर इनक कणडली म यह ालखा ह क मतय तभी इनको गल लगा सकती ह जब य एक सा आपको मझ यमराज और उनका वाहन भस का एक सा दशरन करग चक इनक ारा यह कायर पर हो चका ह अत इनका जीवन पर हो गया ह ldquo बस इतना ही ा क नारद जी को आवाज आन लगी अर दवष दवष मझ कब स पयास लगी ई ी मरा गला सख गया ह कनत आपन मझ अब

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तक पानी नह दया कहा ह पानी ldquo य साकात नाराय क आवाज सन नारदजी को होश आया और भगवान क चर म पड़कर ागड़ागड़ान लग यह कहत ए क rdquo ह नाराय आपन मझ अचछा सबक ासखाया ह मन आपस बहस कया कर लीआपन मझ मायाजाल का साकातकार करवा दया कमा काजए म आपको पानी नह ापला सका मरी वजह स आपका गला खब सख गया होगा ldquo यह कहत ए उनक अधारा स नाराय क पाव धल गय और भगवान न कहाrdquo दवष आप चातत ना ह आपन अधारा स मर चर धोकर ानसवार सवा कर दी मरी पयास बझ गयी ह अब आप म ह ldquo र नारदजी खशी स नाराय-नाराय कहत ए ानकल गय

घाट का पतर

(बषव बहरा अाधकारी सवकक)

माता-ापता और जनम भाम को छोड़ कर हम सब बन गए ह घाट का पतर धनय ह वह महापष ाजसन हम साापत कया म उस महापष क ावषय म व रन नह कर सकता शायद म अात पाप क कार पतर बन गया लोकन म आशा करता क भावषय म मरा भागय बदल जाएगा चक म लोग क मन स सवा करता इसका ल हमको भगवान अवशय दग लोग का सवा करत ndashकरत मरा आकार भी बदल गया परनत सवा करत ndashकरत मरा नाम रोशन हो रहा ह बालक हम सता का अनभव हो रहा ह मर कमर क चलत मरा भागय बदल रहा ह म हमशा जलम रहता और पीठ पर ातदन मार झलत रहता शायद ही ऐसा पीड़ा इस ससार म कसी को ामलती होगी मरा सानानतर भी नह ह म कई महापष को दखता आया कतन महाराय न ा तयाग दय लकन तबस म यहा अकला पड़ा म हर मौसम क मार झल रहा ब-बढ़ क सवा करत-करत मन कछ पणय कमा ालए ह और आशा करता क मझ को भावषय म मानव जनम ामल सकता ह मानव जनम ामलन स म आपका भजन-करन कगा

ऐस दखतndashदखत कई यग क बाद हमको मानव जनम ा आ मानव जनम म अगर इस धराष म दखा क यहा ऊच-नीच जात-पात नीात-ानयम ावदन पाचार अनयाय ndashअतयाचार चमर-अचमर का ताडव नतय चल रहा ह दखकर मर मन म परवतरन आ गया क भ मझको मरा ापछला जनम वापस द दीाजए

पतर जनम म रह कर मरा कोई-कोई साी अचछ कमर क चलत मदर म सान ा कर ालया ह कोई-कोई तो ठाकर बन गय लोग-ातदन उनक पजा करत ह

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हम लोग म स कोई-कोई सामाजक कायर म सहयोग दान करत ह कोई गह-ानमार म सहयोग द रह ह तो कोई मदर-ानमार म सहयोग द रह ह कोई तो सीधा मत बन गय इसीालए उनक मन म घमणड आ गया अहलया न पतर होन क नात भगवान का दशरन पा ालया इसालए पतर जनम होन क चलत उनक मन म का अह भाव आ गया

हमार अनदर ावाभ प भी ह याः लोहा पतर चना पतर सगममरर काला पतर (नाइट सटोन) मलायम पतर (soft stone) इतयाद लोहा पतर जो दश क ानमार म काम आता ह चना पत जो ासमट ानमार क काम म आता ह सगममरर घर और मदर का शर (flooring) म काम आता ह काला पत घर का शर और आला बनान म काम आता ह मलायम पतर ाशलप कला क ावकास म योगदान दत ह पतर जनम होकर भी म का गवर महसस करता मरी भगवान स अानतम ावनती य ह क आप मझ अानतम समय म दशरन दन को कपा कर

न हमको पतर जनम चााहए न हमको मानव जनम चााहए हमको तो ास र इस भव सागर स पार होना चााहए

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जयादा लोभ न करना (पाडव कानटया सहायक सवकक)

मनषय भगवान क साप ह इसालए वह भगवान का अश ह जब तक वो मा क गभर म ा तक तक वह मोह-माया स वाचत ा एव हमशा भगवान क समीप ा लकन जब वो पथवी पर अवती र आ उसको मोह-माया न घर ालया पाच साल तक वो ईरीय सा म रहता ह इसालए कहा जाता ह क ldquoCHILD IS THE INCARNATION OF GODrdquo इसक बाद मोह-माया म आकषत हो कर ईरीय सा को भल जाता ह बचपन म वो बत आजा और मोह-माया राहत और चरषवान रहता ह जब समय बढ़ता जाता ह तब उसक समसत उम ग धवस होकर गलत मागर पर चला जाता ह

बचपन म ावा ाशका जवानी म ी दीका एव पारवारक ाचनता म म होकर वह समसत मौालक सा को खो दता ह सबा नप होकर सबा म आ जाता ह दव का नप होकर राकस वा जारवत होता ह एव परवारक जगल म सकर भगवान का नाम लना भल जाता ह अपना परवार का भर पोष क ालए कठन परम करता ह लकन उनका पट भरता नह ह ईर क सा को भल जाता ह और अनत म पशकतव को ा होता ह शरीर रोगसत हो जाता ह दाप शा की हो जाती ह चलन ndashरन म असमर रहता ह रात को नद नह आती ह र भी लोभ को छोड़ नह पाता ह अपन बीवी-ब ता परवार क बार म सदा सोचन लगता ह शरीर वावसा को ा होता ह परवार क कोई भी सदसय पछत नह ह

परवार क लोग उसको ढग स खाना भी नह दत ह उसको घर स दर रखत ह र भी यह अधम मनषय भगवान क बार म सोचता नह ह लोभ का अनत नह होता ह पाप का बोझ बढ़त जाता ह अनत म नरक को ा होता ह र भी मनषय भगवान को समझ नह पाता ह परवार क ालए इतना बड़ी ददरशा झलता ह उनको कोई भी नह पछता ह उसक ारा जमा क गई पजी को परवार वाल उनक सामन मौज करत ह

लोभ मनषय को अनधा बना दता ह आदमी क हतया करत ह लोभ क वशीभत होकर दसर क समपात को लटत ह ाजसस समाज म पाचार बढ़ता ह इसालए ह मानव तम कय लोभ करत हो लोभ नह करक भगवान का समर करो हर कतरन करो तप जप करो और सवगर क अाधकारी बनो उम कमर करक भगवान क शरागत हो जाओ भगवान तमहार समसत सख-दख का भार वाहन करग

सवरधमारनपरतयजय मामक शर ज अह तवा सवरपापभयो मोकायषयााम मा शच

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इसालए अचछा कमर करक पणय कमाना ह हमशा धमर क जय और पाप का कय होता ह धमर-कमर करक ावजय ा होगी लकन अधमर म जाकर नरक गामी नह होना

एकदा अनधा राजा धतरा सजय को पछा क ldquoह सजय इस धमर य म कसक जय होगी उर म सजय बोल क ldquoयष योगर कषो यष पा धनधरर तष ी ावजयो भात वा नीातमरातमरम ldquo अारत जहा योगर कष एव धनधाररी अजरन एक सा ह वहा ावजय ानात ह

इसालए दखा गया क हमशा धमर क जय और अधमर क पराजय होती ह धमर सवचछ ानमरल लकन अधमर कदाकार कात ह इसालए लोभ-लालच म वशीभत न होकर सत

कमर करो अनयाय का परतयाग करो लोभ मत करो जीवन म कप करक जो धन कमा ालया वो सब इस धरती म रह जाता ह अानतम क म सा कोई नह ल जाता इसालए अनधर म भटक नह जाना इसालए कहा गया ह क-अात लालच नह करना अात सवरष गहतम अारत अात सवरनाश का कार ह

अात दप हता लका

अात मानसय कौरवा अातदारन बाल वध अात सवरष गहतम

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टटा वक का अाभमान (चरदास नाराय गडम सवक सहायक)

वन म खड़ एक वक क सा ालपटी एक लता भी धीर-धीर वक क बराबर हो गई वक का आय

लकर उसन भी लना ndashलना आरभ कर दया बल को लत ndash लत दखकर वक को अहकार हो गया क म न होता तो लता अासततव हीन होती वह लता को धमकात ए बोला ओ बल चपचाप मरा कहना माना कर म जो कह रहा वह कया कर नह तो ध मार कर भगा दगा पड़ का लाप जारी ा क दो पाक वहा स ानकल एक बोला अर भाई जरा दखो तो यह वक कसा सदर ह इस पर कसी सदर लता पाषपत हो रही ह आओ इसक नीच ोड़ी दर ावाम कर अपना महतव लता क सा ह यह जानकर वक का अाभमान भी नप हो गया सा ndash सा रहन स ही सबक गात होती ह

बटी (डी राव बाब पटल ाचषक ड-II)

बटी घर क लाज होती ह पापा क सर का ताज होती ह दल क सदा स रही ह इचछा बटी तझको ह पाना आई हो मर जीवन म जस एक ननही कावता राह दखता म तरी जलदी स मर पास आना मा क गोद म सदा रहती हो कछ पल मर पास भी आना न चाहत ह अब धन दौलत क त ही लमी त ही मरी मत भी डर लगता ह सोचक जब एक दन छोड़ क जाएगी त कतना मझ लायगी त बटी होती ह बाबल क लाड़ली

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यह ाज़नदगी (सययद इदरीस पटल ाचषक ड ndashII)

बठ जाता ह ामी प अकसर कय क मझ अपनी औकात अचछी लगती ह

मन समनदर स सीखा ह जीन का सलीका चपचाप स बहना और अपनी मौज म रहना चाहता तो ह क य दानया बदल द पर दो व क रोटी क जगाड़ म सरत नह ामलती दोसत महगी स महगी घड़ी पहन कर दख ली व र भी मर ाहसाब स नह चलता य ही हम दल को सा रखा करत पता नह ा क कमत चहर क होती ह अगर खदा नह ह तो उसका ाज कय और अगर खदा ह तो र कय

lsquorsquoदो बात इसान को अपन स दर कर दती ह एक उसका ldquoअहम rdquo और दसरा उसका ldquo वहमrdquo पस स सख कभी खरीदा नह जाता और दख का कोई खरीदार नह होता मझ ाज़नदगी का इतना तजबार तो नह पर सना ह सादगी म लोग जीन नह दत मााचस क जरत यहा नह पड़ती यहा आदमी आदमी स जलता ह ाव क बड़ स बड़ वजाानक यह ढढ रह ह क मगल ह पर जीवन ह या नह पर आदमी यह नह ढढ रहा ह क जीवन म मगल ह या नह

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जीवन म न जान कौनसी बात ldquoआखरी rdquo होगी न जान कौन सी रात आखरी होगी ामलत जलत बात करत रहो यार एक दसर स न जान कौन सी ldquo मलाकात rdquo आखरी होगी अगर जदगी म कछ पाना ह तो तरीक बदलो इराद नह ऐ चाद त कस मज़हब का ह ईद भी तरी और करवाचौ भी तरा

उगालय क लड़ाई

(शख महबब पीरा पटल ाचषक)

एक दन हा क सभी उगालया आपस म लड़न लग अगठा बोला म सबस बड़ा सभी जगह जरी कागज पर मझस ही ानशान बनाया जाता ह तजरनी बोली-ldquoम बड़ी मर होन स ही सब लोग काम कर पात ह जस-ालखना खाना पकड़ना मधयमा बोली-ldquoअर भई कया तम नह जानत जो आकार म लबा होता ह उस ही सभी बड़ा कहत ह अनाामका सब बात चपचाप सन रही ी वह तरत बोली ndashldquo म सबस बड़ी म तो पजा करन क भी काम आती मर स ही रोलीातलक लगाया जाता ह कानाका सभी को लड़ता दखकर उदास ी वह चपचाप एक कोन म कछ सोच रही ी तभी अगठा व तीन उगालया उसक पास गई और बोली- ldquoअर छोटी तम तो बड़ी हो ही नह सकती कयक तमहारा नाम ही कानाका ह कानाका बोली ldquoसनो अगठ भाई और पयारी उगालय आपस म लड़कर कभी कसी का भला नह हो सकता हमम कोई भी बड़ा-छोटा नह ह हम सब ामलकर मी बन सकत ह तभी हम सब बलवान हग कया तमह नह मालम क बद मी म ही ताकत होती ह इसालए हमारा लड़ना बकार ह rdquo कानाका क बात सनकर सभी एक सा बोल- ldquoहा छोटी बहन तम ाबलकल सही कह रही हो सचमच अकल म तम ही हम सबस बड़ी हो rdquo

इस नीात का स एकता म बल क ाशका ा होती ह

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तलगाना- भारत का एक और नया राजय (शलबाला खडरी मानाचषकार)

तलगाना भारत क दाकी भाग म ासत भारत का 29 वा राजय ह कषल क दाप स यह दश का

बीसवा बड़ा राजय ह ाचीन हदराबाद रयासत का अाधकतम भाग तलगाना राजय म ालया गया ह जहा आजादी स पहल ानजाम का राजय ा सन 1947 म जब भारत अज क चगल स आजाद आ उसक बाद भी हदराबाद का ानजाम अपनी रयासत सय भारत म ावलीन करन क पक म नह ा वह अपनी रयासत पर अपना ही सवतष शासन चाहता ा अतत सरदार बललभ भाई पटल क अक यास स इस रयासत को भारत क मखय धारा म ावलीन कया जा सका इस कार आन दश राजय क सापना ई और 26 जनवरी 1950 को ी एमक वललोड़ी आन दश राजय क म मखयमषी ानय ए 1956 म हदराबाद रयासत को आन दश राजय म ावलीन कर दया गया

2 जन 2014 म पनः तलगाना राजय अासततव म आया आन दश राजय क उर पामी 10 ाजल को ामलाकर तलगाना राजय क सापना क गयी ह राजधानी हदराबाद भी तलगाना राजय म ासत ह परनत 10 वष तक हदराबाद दोन राजय याान आन दश और तलगाना राजय क सय राजधानी रहगी दोन राजय क शासानक कायर हदराबाद स सचाालत हग तलगाना शबद का ादभारव ाषलगा दश शबद स आ ह ाजसका अर ह तीन लगो वाला दश तलगाना राजय क तीन दशा म कालरम ीशलम और ाकारामम ास ाशव मानदर ासत ह ाजनक अपार धामक महा ह वासतव म पक तलगाना राजय क ालए 1946 स 1951 क बीच ही ारमभ हो गया ा उस समय कमयानसट पाट न इस आनदोलन का नततव कया ा जो असल रहा भाषा क आधार पर तलगाना और आन राजय को पक करन क ालए अनक आनदोलन समय-समय पर होत रह ह इनम मखय आनदोलन 19691972 और 2009 क ह इन आनदोलन का यह भाव आ क 9 दसमबर 2009 म भारत सरकार न पक तलगाना राजय बनान क कायरवाही श कर दी य घोषा सनत ही तटीय आन व सीमान कष क लोग न सम आन दश क पक म आामक आनदोलन ारमभ कर दया और ऐसी ासात म भारत सरकार न यह कायर 23 दसमबर 2009 तक सागत कर दया इसक पात भी लगातार पक तलगाना और सम आन दश क ालए अलग-अलग आनदोलन चलत रह पक तलगाना क पक म कई आतम - हतयाए ई हड़ताल क गयी ाजसस जन साधार को बत असावधा का सामना करना पड़ा अतत पक तलगाना समरक क जीत ई और कास कायरकारी सामात न सवर सहमात स 30 जलाई 2013 को पक तलगाना राजय क ासारश करत ए ाबल तयार कर दया अनक सोपान पार करत ए यह ाबल रवरी 2014 को ससद म पारत कया गया रवरी 2014 दश पनगठरन एकट क तहत यह ाबल ससद म पास हो गया इसक पात इस नय राजय तलगाना ाबल को रापात ारा सहमात ा ई और माचर 2014 क गजट म इस कााशत कया गया इस कार नय तलगाना राजय क सापना ई

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ाशासकय प स तलगाना राजय क सापना 2 जन 2014 को ई क चन शखर राव क पाट ldquoतलगाना रा सामातrdquo न चनाव म दश म बमत हाासल कया और इस कार ी कचन शखर राव तलगाना राजय क म मखय मषी चन गए

म महगाई (डॉ नीलम कमार ाबड़ला अाभलखपाल)

म महगाई महग दशभ लोग क आमष पर भारत आई तज गात लान गात म भारत आई मझ गलत मत समझो गरीब बत ठीक बमत दकर तमन ाजनको बत उठाया म तो उनह क तीक भौातक वादी यग म योग ासखाती म भख पट न सोए कोई कडालनी जगाती म धयान प म च मारकर मन जय ऊपर चढ़त-चढ़त र तक आ जाता ह भाव वसत क वस ही र तक ल आई

अब इस यग म एक तल क पीप को पा लन का अर को पा लना ह भ दशरन क झलक दखना एक टमाटर खा लना ह भारत का आदशर तयाग ह अनासा ह अपरह ह मझको पाकर लोग वसतए तयाग रह ह अपनी खद क कार छोड़ बस क पीछ भाग रह ह म लोग को तड़क भड़क स खच

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सादगी ासखाती टरीलीन क शौकन को ला पहनाती माया जीवन का बधन ह पया पसा मल हा का म वतन भोगी लोग क बधन दो दन म हर लती शी छड़ाकर मल हा का शीश सा ानमरल कर दती

नीात ालखन वाल न कम खाना या गम खाना अचछा बतलाया मन उनका कन ानभाया ाजतनी चीज महगी हगी उतना ही जन कम खाएग ाजस दन रोटी नह ामलगी उस दन खद ही कम खाएग

शकल पक क चाद सरीखी बढ़ती म खब चादनी लाऊगी अभी दज तक ही आई परमासी तक जाऊगी

करो कलपना जब भारत जन कतन सदर दखा करग ग चावल चना बाजरा जब पाड़य म ाबका करग बीमार को दध दहीघी क इजकशन लगा करग कसा मधर जागर होगा लोग भख स जगा करग

आतक हमला

(डॉ नीलम कमार ाबड़ला अाभलखपाल) 13 दसबर 2001 ससद प पाक आतक हमला 13 रवरी 2014 ससद म भारतीय आतक हमला

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शमरसार ई ससद पच ाड़ गए नयी तहजीब क झड गाड़ गए

उड़ाया गया काली ामचर का पाउडर सपीकर का नह सना आडरर आख जलन लग सास लन लगी ससद पर नगी तलवार झलन लगी

घायल आ जातष और सावधान मदर क पजारय न कया मदर का अपमान ऐस आतकय को सबक ासखाना होगा र नया इातहास बनाना होगा

बाल-म (वाइकराकश कमार खलासी)

बालपन क कलकारी धप क ताप स आ मक पोी छोड़ी कदाल खोदत हा क मार अचक कचड़ आधी म म करना आ मजबरी गरीबी क पराकाा पट और पीठ क घटती दरी कछ धनहीनता और कछ माता-ापता क मखरता कनत सबस जयादा सवा समाज क सवदनहीनता ाजसन बालक को ामक बनन को बाधय कया लखनी को छीनकर कोमल हा म छडी पकड़ायी

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गाय-बकरी क सवा करता बालय-जीवन कप अपन भावषय को दर करता अजान और अबझ ावोपाजरन क कसको ह सरत ासात तो ऐसी ई दो दान अ क ालय बालपन चोर बनन को आतर आ

दोसती

(ाचा कडयया खलासी)

गलाब एक ल ह

एक घनट म मरझा जाता ह पर दोसती एक शा ह कभी भी जीावत रहती ह

बर ठडी होती ह जो पकड़ म नह आती ह

दोसती सोन जसी ह जो कभी कोई नह खरीद सकत ह

तार क पाच अनत (END) ह चौकोन क चार अनत ह तीकोन क तीन अनत ह

एक रखा का एक अनत ह पर दोसती का कोई अनत नह ह

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मर जीवन का उशय (कमारी ाया सातव कका सपषी एम सबीता उाल)

कग नयज भारत का खतरा पाकसतान न कशमीर पर हमला कया ह कछ दन बाद helliphellip कग नयज पाकसतान क ाखला भारत क रका करत ए वीर सानक

का भारी नकसान इन खबर न भारत को ाहला दया ा म भी सोच म पड़ गयी क म भारत क ालए कया कर सकता भारत को इन हमल स कस बचा सकता मर मन म ास र एक ही खयाल आया क भारतीय सना का एक जवान ासपाही बन

जव मन यह बात अपन दोसत स कही तो उसन कहा क ासपाही बनना खतर स खाली नह ह और परवार स दर सरहद पर खतर स भर जीवन मर ालए कपद होगा लकन मन ठान ालया ा क म कछ ऐसा कगी क पर दश म मरा नाम हो ाजस दखकर मर अपन का ासर गवर स ऊचा हो जाए

मर ानय को सनकर मरी मा रोन लगी मझ लोभन दया क म ापार क मर दोसत न मझ डाकटर बनन का सझाव दया पर मन सोचा क भारत म कई डाकटर ह ापारी ह भारत को डाकटर या ापारी क नह बालक सानक क जरत ह

म भारत क ालए अपनी जान भी दन क ालए तयार मन सोचा सब अपन परवार को सराकत

रखना चाहत ह र भारत - भाम तो मरी मा ह मरी ही कय हर एक क मा ह तो हम सब का कतर बनता ह क हम इसक रका कर इसीालए मर जीवन का उशय ह क म एक ासपाही बन और भारत क सवा क

मखर ामष स समझदार शष अचछा होता ह (मासटर सनीत चौी कका सपष एम सबीता उाल)

एक दन म और मरा सबस अचछा ामष राव बठ यह सोच रह क हम परीका क ालए अभी स पढ़ाई श कर दनी चााहए या नह राव न तपाक स कहा क अभी स पढन स कोई लाभ नह होगा अगर हम परीका क एक दन पहल पढ़ग तो जयादा दमाग म रहगा तभी वहा स मरी कका का दसरा छाष रमश गजर रहा ा मझ रमश ाबलकल पसद नही ा और रमश भी मझ पसद नह करता ा बात-बात पर हम लड़ाई करत पर पढ़ाई म वह मझस बत अचछा ा उसन हमारी बात सन ली ी

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इसालए धीर सवर म मझस बोला अपन मखर ामष क बात मत सनो बस रोज मरी तरह ोड़ा-ोड़ा पढ़ो लकन मन उसक बात पर कान नह धरा एक महीन बाद परीका क दन आ पच परीका क एक दन पहल जब मन पढ़ना श कया तब पाया क पढ़न को बत ा पर समय कम ा जस -तस पढ़ कर मन परीकाए ालखी और उममीद करता रहा क म परीका म उी र हो सक कछ दन बाद परीका का पराम ानकला और वही आ ाजसका डर ा म और ामष राव अनी र हो गए दसरी ओर रमश बत अचछ अको स उी र आ उस दन मझ समझ आ गया क मखर ामष स समझदार शष अचछा होता ह

भावषय क पढ़ाई (मासटर ाशव कलया सातव कका सपष वालल कलयाी उाल)

आज जब हम पढ़ाई या सकल क बार म सोचत ह तो नजरो म एक भारी बग उठाता आ

छाष दखता ह कताब क ाबना हम सकल जान क सोच भी नह सकत कताब क सा कपयटर भी पढ़ाई का महतवपर ाहससा बन चका ह

कछ साल बाद भारी कताब स भर बग क बदल छाष क हा म टबलट होगा आकाश टबलट एक ऐसा यष ह ाजसम हम तरह-तरह क कताब पढ़ सकत ह हम कका म ही नट स जानकारी पा सकत ह टबलट ोन स बड़ा ह और जयादा महगा भी नह हम इस कह भी ल जाकर इसम कताब पढ़ सकत ह हम इसम कका का दया गया कायर भी कर सकत ह यह टबलट पढ़ाई का अदाज बदल दगा और पढ़ाई को मजदार बना दगा

पानी और धप (कमारी एस साानया पाचवी कका सपषी राजया बगम अाल)

अभी-अभी ी धप बरसन लगा कहा स यह पानी कसन ोड़ बादल को क ह इतनी शतानी

सरज न कय बद कर ालया अपन घर का दरवाज़ा उसक मा न भी कया उसको बला ालया कहकर आजा

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ज़ोर-ज़ोर स गरज़ रह ह बादल ह कसक काका कसको डाट रह ह कसन कहना नह सना मा का

परीका (कमारी शख राजया सलताना गयारहव कका सपषी शख महबब पीरा पटल ाचषक)

ाजस नाम को सनन स कापता ह बा वो ह परीका परीका पपर हा म आत ही इतना डर लगता क यद अचछा नह कया तो ापटना पा तीन घट म लगभग करन होत ह चालीस सवाल एक भी छटा तो घर म आता ह भवडर रजलट क एक दन पहल रात को नद नह आती ह अचछ नबर पान क ालए भगवान क याद आती ह पास होन पर ामलता ह इनाम और मख स ानकलता ह ldquoकय भगवान rdquo र आती ह अगली कका तब भी मख स ानकलता ह हाय र आ गयी र स परीका

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राीय साकरता (मासटर शख समीर छठी कका सपष शख महबब पीरा पटल ाचषक)

ातदन सीखो अकर एक

ानयम बना लो ऐसा पढ़ो पढ़ाओ सीखो जान

तभी बनगा दश महान ावा सा जान कराती

मन का अधरा दर भगाती जहा पर बनत लोग जानी

वहा न होती मन क हाान अनपढ़ क ालए गगी पोी

धन दौलत भी होती ोी पढ़ा ालखा नह धोखा खाता

जहा भी जाता आदर पाता

मा (मासटर शख महबब बाशा आठव कका सपष शख महबब पीरा पटल ाचषक)

सबस सनदर जग म कौन बस एक त ह मा

सबस पयारी कसक मसकान बस एक तरी ही ह मा

कसन बनायी मरी पहचान तन ही तो मरी पयारी मा

कसक बोली ामी स मीठी तरी ही ह मरी मा

कसक डाट ह इमली स तीखी तरी ही तो पयारी मा

कसक ालए क म सब कबारन तर ालए मरी पयारी मा

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ाततली (कमारी एम राशका ाशवानी पाचवी कका सपषी एम लम कमार उाल)

ाततली तम कतनी

रग-ाबरगी होती हो तम सब ल का रस पी-पीकर

बाग-बगीच म रती रहती हो तर पख कई रग क होत ह

तमहार प को दखकर ब बत खश होत ह

मरी कका

(कमारी एम राशका ाशवानी पाचवी कका सपषी एम लम कमार उाल)

मरी कका म ह पचास ब हर एक ह अलग-अलग जस एक ह लबा एक ह छोटा एक ह मोटा एक ह पतला कछ ह अचछ कछ ह बर पर लगत ह सार पयार मरी कका ह रग- ाबरगी लगती ह ाततालय का झड ह

मझ बत पसद ह कयक यह हमारी कका ह

Page 29: कलाकल - Home: Survey of · PDF fileतेलंगाना-भारत का एक ... भी यह पि का ‘कलाकल‘ सुनदर प म िनखर

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तलग म ावव ी नकश ( ओएस एम) क तयारी (बीएचराव अधी सव जीव अाध सव एमराकश अाध सव एसपटा री मानाचषकार)

सतावना पवर म ावाभ नकश तलग म कााशत आ करत जस आ दश राजय नकशा (1999) भारत क राजनीातक नकश आद ऐस नकश अकराक ासटक-अप (lettering stickups) साहत साइबग क परमपरागत तकनीक का उपयोग कर कााशत होत तााप कोई भी सलाकातक नकश तलग म कााशत नह ए ह परत हाल ही म ावजान एव ौोागक ावभाग न ावव ी टोपो नकश ( ओएसएम) को कषीय भाषा म उपलबध करवान क ालए एक नीात को जारी कया ह ाजसक पराम सवप आ दश भ साानक आकड़ा क न राजय क राजधानी हदराबाद को दशारत ए एक शीट को योग क आधार पर अकय माधयम स तलग म करन का काम ालया ह

ॉनट क खोज म माइोसटशन साफटवर क अनक ल डीजीएन ामट म मल डाटा बस पहल स ही उपलबध ह मल-

पाठ को बठान क ालए माइोसटशन क अनक ल एक सावधाजनक तलग ॉनट क आवशयकता ह अनक ॉनट क जाच क गई परत कछ भी माइोसटशन क अनक ल नह पाया गया कयक तलग ालाप म बत सारी माषाए अगल स लगवाए जान क कार ldquoमाषाrdquo को लगाना एक कठन कायर सााबत आ तााप वब म बत छान-बीन करन क बाद ldquoटी टी एल हमलताrdquo ॉनट को खोजा गया और माइोसटशन परवश म मल पाठ को रखन म उपयोगी पाया गया

अनवाद

ावाभ व रनातमक अाभउाया ाचनह पाद- टपपाया आद का अजी स तलग म अनवाद हत सभी ापय साधन जस क इटरनट नट पर अनवाद शबदावली आद का आय ालया गया

माइोसटशन परवश म मल पाठ को बठान क ालए कायरावाध

ॉनट याान ldquoटी टी एल हमलताrdquo वााछत सान पर लोड कया गया तलग ालाप म बत सारी माषा क अतःसाापत होन क कार एक ावाशप शबद या अकर क ालए सही माषा क चयन हत अाधक सावधानी बरतना का सानात कया गया वााछत मल ndash पाठ को मइोसाफट वडर म टकत कया गया माइोसटशन वशरन 8 ाइल म अनोटशन टकसट एडीटर क माधयम स कापी और पसट कया गया उ

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शीट क 22 टोपो स अनवादत अनोटशन को या सतयाापत कया गया अनोटशन को कनार म और उपरो शीट क नाम ाइल म रखा गया मामल ाजनको सलझाना ह -

1 ॉनट क आकार का मानककर 2 तलग ालाप म ावाभ व रनातमक अाभउया क सावधाजनक शबद का चयन 3 मल- पाठ को सगठत करना एक जटल कायर ह और समय लन वाली कायरावाध ह और पयार

माषा म षीय भाषा याान तलग क जान क जरत ह 4 जयादा सखया म सपादन मल-पाठ क सगठन क आवशयकता ह 5 तलगाना राजयतलग ावावालय क उ राजभाषा ावभाग स अनवादत ालाप को माीकर

करन क आवशयकता होगी समाा

सानीय ालाप (तलग) म ओ एस एम माक नकश क तयारी स अाधक सखया म लोग को सलाकातक नकश को आसानी स योग करन म सावधा होगी सलाकातक नकश म भाषा-ावषयक सबधी साचकारी पदार को जोड़न स ानयही भारतीय सवक ावभाग क उतपाद क चार को बढ़ावा ामलगा और बाजार म अपनी अहामयत बढ़ाएगा

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चनौती क ालए तयारी (रघना ाषपाठी अधीकक सवकक)

कसी भी ावभाग म नई चनौातय को सामना करन क ालए कमता ानमार क आवशयकता ह यद

यह नह कया जाए तो सताावत योजनाए ावल हो जाती ह कमता ानमार स पहल उसक लय एव उशय को परभााषत कया जाना आवशयक ह कयक इसक कायारनवयन क सतर म योजना और ानषपादन म का अतर हो सकता ह कमता ानमार क अनय मानक क अतगरत अनवत सावधा क रखरखाव और सभाावत ावकास भी शाामल ह कमता ानमार क कसी भी यास म ातभा क खोज को ही पहल कदम क प म ालया जाना चााहए भारतीय सवक ावभाग म सही कमता ानमार क बाद ही 110000 क पमान का सवक करन और मानाचष ाा सभव हो पाएगा आधानक अाध ौोागक म कमय क ाशक पयार नह ह लकन यह दखना ह क जो माग और सवक और मानाचष क आपत क खला स सक ातत ह जनता क ालए उपयोागता बढ़ा रही ह श म हालाक बाधाए आना बाधय ह हम यह कायर श करना और पराम क तीका करनी ह इस यास म खल अाधकार कष क ावशषज को ानयामत प स परामशर कया जाना चााहए सवक और नकश क उपयोगकतार क माग और एक बड़ परय क दाप स दखन क ालए यह महतवपर ह

यहा तक क उपयोगकतार क ालए भी ाडाजटल डटा का उपयोग सीामत ह भारतीय सवक ावभाग उपयोगकतार को ानयामत आधार पर सहायता और मलय सवधरन क ालए सलाह दकर नकश क कातज उपयोग तक का ावसतार कर सकता ह उस बात पर धयान दत ए भारतीय सवक ावभाग क सवा हत जी आई एस वजाानक को शाामल करन क आवशयकता ह यह महगा मामला होन पर भी वरीयता स भरी हम भावषय क चनौातय को परा करन क ालए तयार रहना चााहए कयक नकश क उपयोग स ावकास को तो होना ही ह

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नमक का महतव (कष कमार अाधकारी सवकक)

एक राजा क तीन बटया ी तीन बत ही सनदर सशील और ावशष ग वाली एक दन राजा न तीन राजकमारय को अलग-अलग स एक ही सवाल पछा ldquo बटी तम मझ कतना चाहती हो ldquo बड़ी राजकमारी न जवाब दया rdquo ापताजी म आपको सोन जस चाहती अारत सोन क आभष स मझ ाजतना पयार ह उतना ही पयार आप स ह ापताजी ldquo राजा बत सतप आ और दसरी राजकमारी स पछाrdquoबटी दीदी न तो जवाब द दया अब तम बताओ तम मझस कतना ह रखती हो दसरी राजकमारी बोली ldquo ापताजी म आपको हीर जसा चाहती अारत हीर क गहन स मझ ाजतना पयार ह उतनी ही पयार आप स ह ापताजी ldquo राजा तो ल न समाया सोचन लगा rdquo म बमतलब का सकोच कर रहा ा मरी बटया तो लगता ह मर बगर जी नह पाएगी ldquo अब तीसर स कया पछ र भी पछ लता र तीसरी बटी स पछाrdquo बटी तम मझ कतना चाहती हो तीसरी राजकमारी न जवाब दयाrdquo ापताजी म आपको नमक ाजतना चाहती जवाब सनत ही राजा आग-बबला हो उठा और बरी-भली सनाकर उसक कक स ानकल गया छोटी राजकमारी न कछ नह कहा बालक राजा क डाट सनकर चपचाप रह गयी रात ई राजा को सार महल क कायर ानपटान क बाद भख लगी खान क ालए उस हीर स ससात सोन क सहासन पर छोटी राजकमारी न बठाया र सोन क ाली म नाना कार क जन स य खाना परोसा और राजा को खाना श करन को कहा राजा न मह म खाना रखा तो महसस कया खाना का ह र हर जन को चखा तो पाया सब क ह र तो आग-बबला होकर अपनी रानी पर ाचललाया ldquo इस तरह क भल कस हो गयी हम कया समझ रखा ह जन दखाकर ललचाना और र खान नह दना यह बोलत ए रानी पर सोन क ाली ाजस पर जन परोस ए कन क ालए हा उठाया उठ ए हा को तीसरी राजकमारी न पकड़ ालया और पछा ldquoापताजीखाना तो बढ़या ह र कमी कया हrdquo राजा बोल ldquoनमक क ाबनाकोई खाना खाया जा सकता हrdquo राजकमारी बोली ldquoापताजीआपको तो नमक स नरत ह ना इसालए मन जन बनवात ए नमक नह डलवाया rdquo र तो राजा समझ गया क छोटी बटी न उनह सबक ासखान क ालए यह भोजन तयार करवाया ह र बोला ldquoबटी म समझ गया नमक क ाबना खाना जस सवादप नह उसी तरह तमहार पयार ाबना मरा वचरसव नह ldquo और राजकमारी को गल लगा ालया

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मायाजाल (एनबी सवामी अाधकारी सवकक)

इस जगत म कल 84 लाख जीव राशया ह और उनम मानव जनम सबस उम ह उम इसालए ह क भगवान न मानव का आधार इसालए दया ह ताक इस जनम अचछ कमर कर वह मोक क ाा कर सक मोक याान पनरजनम नह यद कमर बर ए तो र 84 लाख जीवरााशय म पदा होन क ालए वह आतमा कालच म दोबारा स जाती ह इस सपर कालच क याषा करत ए जब आतमा मानव क योान म वश करती ह तब वह भगवान स यही ारना करता रहता ह क ह भगवान मझ इस कद (याान मा का गभर) स जलदी मा दला द कयक म तमहारा धयान सही ढग स नह कर पा रहा कयक इस कद म अनक तरल पदा क सा-सा मल-मष म भी टहल रहा यह कसा नरक ह जहा आपन मझ सा रखा ह तब भगवान भी बोलत ह क ldquoत अभी बालक ाशश का प धार करन वाला ह तमन इतन वष यग म ाजतन पाप कय ह उन सबक यह चरम सीमा ह यह चरम सीमा बत ही पीड़ा दन वाली ह ाजस तमह जीतना ह लाघना ह इस चरम सीमा स मा होन क बाद तम कया करोग ldquo ाशश कहता ह ldquo भगवन आप जो कहग ldquo भगवन पछत ह कया तम अपना जीवन मरा धयान करत ए मर ालए समपर कर दोग ldquoाशश कहता हrdquo हा म समपर कर दगा आपक ालए ldquo भगवन भी जानत ह ाशश को नौ महीन गभर म रहना ही पड़गा तभी पर शरीर का ावकास होकर जब वह बाहर आएगा तो मरी सवा करगा उ नौ महीन तदनसार भगवन ाशश का वातारलाप नौ महीन चलता रहता ह ताक ाशश अपन चार ओर स मल क गध का धयान न द र जब वह बाहर ानकलता ह भगवान को धनयवाद करता ह और कहता ह ldquo म तमहारा बत ही आभारी भ अपन मझ मा दलाई अभी मझम वह ताकत नह क म तमहारा धयान करन क ासवा और कछ क मर माता ndashापता मझ सच कर जब अपन पर पर चलन क ताकत द दग तभी म तमहार ालए कछ कर पाऊगा ldquo भगवान कहत ह ldquo अर मखर त नह जानता यह जगत एक मायाजाल ह मझ पर ावास ह त मझ भल जायगा और र स कालच म पड़ जायगा ाशश कहता ह ldquo नह भगवान ऐसा नह ह भगवान मरा ावास करो म ातजा करता मरा जीवन आपक ालए ही समपर ह ldquo भगवान कहत ह ldquoदख लगा इस जगत क मायाजाल म त मरी कया का सवा करगा ldquo यह ाशश और भ का वाारलाप सनकर दवष नारद भगवान क पास पच पछन लग ldquo भ आप कस मायाजाल क बात कर रह ह ldquo भ बोल ldquo नारद म समसत जीव- रााशय का सवामी उनका कलया चाहता उनको सख भी और दख भी दता वह इसालए क मायाजाल क मोह एव अहकार म पड़कर खद को सपर मानन वाल ाी को दड न द तो र मरा समर कस करगा ldquo नारद बोल ldquo भ आपक वचन का मतलब कस

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दशा म जाता ह यह तो मझ नह पता एक तर कहत ह समसत जीवरााशय का कलया चाहता दसरी ओर कहत ह दड दता तीसरी ओर मायाजाल अर नाराय आप जब समसत जगत क सवामी ह सब आपक अधीन ही ह तो र मायाजाल शबद आपन जो योग कया ह वह आपक अधीन स बाहर कस हो गयाrdquo ानयष काजए जीवरााशया उसक चपट म नह आएगी र सब आपका गगान ही करग और सबको मोक क ाा होगी ldquo भगवान कहत ह ldquo ह दवष मर ालए समसत जीवराशी को परीका स गजरना पड़ता ह मानव जीवन ही उनम अातम परीका ह बस उसको लाघ ल म पनरजनम स मा दला दldquo नारद जी भगवान स तकर करन लग गय का दर बाद भगवान न कहा rdquo दवष आपस बहस और नह कर सकता आपस बहस कर मरा गला सख गया ह जरा एक छोट कलश या कमडल म पानी लकर आइय ताक म अपनी पयास बझा सक नारद को झटका लगा और पाताप करन लग ldquo बमतलब मन अनतरयामी स बहस कर उनको कप दया व समपर जानानद क सामन मरी हासयत कया ह पता नह आज मरी मात मारी गयी और म बमतलब बहस करन लगा भ को पयास लगी ह और वो भी मरी वजह स जलदी स उनक पयास म बझा द पानी क खोज म सार लोक का म करत ए नारदजी पथवी लोक म पच गए पथवी लोक पचकर पानी क खोज म एक कए क पास पच तो दखा क एक अतयनत सदर नारी कए स पानी ानकाल रही ह नारद न सोचा वह सनदर ी पानी भरकर चली जाए तो र म ोड़ा सा पानी भर ल नारद उस दख रह ी भी नारद जी को दख रही ी नारदजी न पछा rdquo दवी कया तम यह आसपास रहती हो ी न जवाब दया rdquo हा ldquo नारदजी र पछ rdquo दवी कया तमहारा ाववाह हो चका ह rdquo ी बोली ldquoनह ldquo नारदजी का ावचालत मन ल नह समाया और पछ ही ालया ldquo दवी यद तम अाववााहत हो और यद तमह कोई परशानी न हो तो कया तम मझस ाववाह करोगी ी सादाय औरत ी बोली ldquo मर ापता क आजा क ाबना म आपस ाववाह नह कर सकती ldquo नारदजी बोल ldquo दवी सशील नारी क यही ग होत ह यद तमह आपा न हो तो म तमहार सा चलकर तमहार माता-ापता स बात कगा और तमस ाववाह कगा ldquo यवती राजी ई और ासर एव कध म पानी स भर घड़ को ढोत ए आग चलती रही और नारदजी पीछ चलन लग सपर रासत म उस सनदर ी क ानहारत ए मन म सपन क पल बाध रह उस सनदर ी क ापता क पास जाकर अपना परचय दत ए उनक बटी स ाववाह करन का सताव रखा साकात नारद मान को अपना दामाद सवप दख उसी मतर म मगनी हो गई और एक शभ मर म ाववाह भी हो गया ाववाह क कछ दन क पात उनक ब हो गय ब बड़ भी हो गय र तो व अपन गहस आम म इतन सत हो गय क उनक मह स नाराय मष ानकलना भी बद हो गया कई वष बाद एक शाम को जोर क आधी क सा तानी बारश ई इस माहौल न इतना ावकराल प धार कर ालया ा क वातावर लय म बदल गया चार तर पानी भर गया बत सार लोग पश आद पानी म बह गय कनत कात क ावकराल प क सामन ठहरन का साहस कस ा दखत ही दखत उनका गह भी बाढ़ क चपट म आकर टट गया और पानी म बह गाया पी और ब डर स

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रोदन करन लग दखत-दखत कान पष क अलावा पी और बाक ब भी पानी म बह गए र तो नारदजी स सोचा इस कान को म कध पर ालए चलता ताक वह तो बढ़ाप म मरा सहारा बनगा कनत लय क तीता इतनी तज ी क नारदजी क नाक क ऊपर स पानी बहन लगा र तो व खद भी भल गय क बट को बचाना ह सोचन लग म कसी तरह जीावत बच जाऊ उसी सोच न उनक कान पष को भी नह बखशा कसी तरह कछ समय उपरानत लय शानत आ पानी घट गया चार तरक मनषयपश - पकी आद क लाश टट ए रासत और घर क बीच पड़ी ई ी नारद मान को बहद दख आ और ठठोर कर रोन लग गय रोत-रोत व खद क बार म सोचन लग क भगवान न उनक सा ऐसा अनयाय कय कया काश व भी मर जात तो अचछा होता तभी उस राह स ास महष गजरत ए नारदमान स परामशर करन लग नारदजी कहन लग ldquo पता नह मन कौन सा पाप कया ह क मर पर परवार का सवरनाश हो गया ह मझ कय मतय नह आई इस पर ासजी न कहा शायद तमहारा समय नह आया ह इसालय तम बच गय हो हालाक ास जानत क नारद मायाजाल म सा आ ह ldquo र इसका ानरय कौन करता ह ldquo नारद न ासजी स पछा ासजी न उर दया ldquoयह तो मतयलोक क अाधपात यमराज ही इसका उर दगrdquo र व दोन ामलकर यमराज क पास गय यमराज न आन का कार पछा तो ासजी न नारद मान क सारी दख भरी गाा सनाई और पछा क ldquoमतय न इनका आलगन कय नह कयाldquo यमराज बोल rdquoम कोई नह मरा यमदत ही इसका उर द सकता ह कयक म यमदत क ारा कसी आतमा को लान क बाद ही उसक पाप-पणय का ाहसाब दख ानधाररत सजा का ऐलान करता यद यमदत आपको लकर मर पास नह आया तो इसम मरा कया दोष ह यमदत स पछ लldquo र ासजी न उनक यमदत स वही सवाल करन पर यमदत न कहा ldquo महामान म कस कसी क शरीर स आतमा को छीनकर ल आऊ म तो यमलोक का सवक माष ाचषग जब तक आजा नह दत तब तक म कोई कायरवाही नह कर सकता आप इस का उर ाचषगजी स पछ ल ldquo र ासजी न ाचषग स वही सवाल करन पर ाचषग न कहाrdquo महामान म तो यमदत को तभी आजा दता जब उस ाी का सारा लखा - जोखा समा हो जाता ह अभी माननीय नारद जी क मतय का समय आया नह ह अभी उनका कछ कया नह जा सकता ldquo ासजी न नारद स कहाrdquo दखो नारद अभी तमहारा समय आया नह ह तभी तम जीावत हो चलो चलत ह अब ापछली घटना को भल कर आग क सोचो ldquo बस इतना ही कहना ा क ाचषग न र ासजी को बलाकर कहा rdquo ह ऋाषवर इनक कणडली म यह ालखा ह क मतय तभी इनको गल लगा सकती ह जब य एक सा आपको मझ यमराज और उनका वाहन भस का एक सा दशरन करग चक इनक ारा यह कायर पर हो चका ह अत इनका जीवन पर हो गया ह ldquo बस इतना ही ा क नारद जी को आवाज आन लगी अर दवष दवष मझ कब स पयास लगी ई ी मरा गला सख गया ह कनत आपन मझ अब

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तक पानी नह दया कहा ह पानी ldquo य साकात नाराय क आवाज सन नारदजी को होश आया और भगवान क चर म पड़कर ागड़ागड़ान लग यह कहत ए क rdquo ह नाराय आपन मझ अचछा सबक ासखाया ह मन आपस बहस कया कर लीआपन मझ मायाजाल का साकातकार करवा दया कमा काजए म आपको पानी नह ापला सका मरी वजह स आपका गला खब सख गया होगा ldquo यह कहत ए उनक अधारा स नाराय क पाव धल गय और भगवान न कहाrdquo दवष आप चातत ना ह आपन अधारा स मर चर धोकर ानसवार सवा कर दी मरी पयास बझ गयी ह अब आप म ह ldquo र नारदजी खशी स नाराय-नाराय कहत ए ानकल गय

घाट का पतर

(बषव बहरा अाधकारी सवकक)

माता-ापता और जनम भाम को छोड़ कर हम सब बन गए ह घाट का पतर धनय ह वह महापष ाजसन हम साापत कया म उस महापष क ावषय म व रन नह कर सकता शायद म अात पाप क कार पतर बन गया लोकन म आशा करता क भावषय म मरा भागय बदल जाएगा चक म लोग क मन स सवा करता इसका ल हमको भगवान अवशय दग लोग का सवा करत ndashकरत मरा आकार भी बदल गया परनत सवा करत ndashकरत मरा नाम रोशन हो रहा ह बालक हम सता का अनभव हो रहा ह मर कमर क चलत मरा भागय बदल रहा ह म हमशा जलम रहता और पीठ पर ातदन मार झलत रहता शायद ही ऐसा पीड़ा इस ससार म कसी को ामलती होगी मरा सानानतर भी नह ह म कई महापष को दखता आया कतन महाराय न ा तयाग दय लकन तबस म यहा अकला पड़ा म हर मौसम क मार झल रहा ब-बढ़ क सवा करत-करत मन कछ पणय कमा ालए ह और आशा करता क मझ को भावषय म मानव जनम ामल सकता ह मानव जनम ामलन स म आपका भजन-करन कगा

ऐस दखतndashदखत कई यग क बाद हमको मानव जनम ा आ मानव जनम म अगर इस धराष म दखा क यहा ऊच-नीच जात-पात नीात-ानयम ावदन पाचार अनयाय ndashअतयाचार चमर-अचमर का ताडव नतय चल रहा ह दखकर मर मन म परवतरन आ गया क भ मझको मरा ापछला जनम वापस द दीाजए

पतर जनम म रह कर मरा कोई-कोई साी अचछ कमर क चलत मदर म सान ा कर ालया ह कोई-कोई तो ठाकर बन गय लोग-ातदन उनक पजा करत ह

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हम लोग म स कोई-कोई सामाजक कायर म सहयोग दान करत ह कोई गह-ानमार म सहयोग द रह ह तो कोई मदर-ानमार म सहयोग द रह ह कोई तो सीधा मत बन गय इसीालए उनक मन म घमणड आ गया अहलया न पतर होन क नात भगवान का दशरन पा ालया इसालए पतर जनम होन क चलत उनक मन म का अह भाव आ गया

हमार अनदर ावाभ प भी ह याः लोहा पतर चना पतर सगममरर काला पतर (नाइट सटोन) मलायम पतर (soft stone) इतयाद लोहा पतर जो दश क ानमार म काम आता ह चना पत जो ासमट ानमार क काम म आता ह सगममरर घर और मदर का शर (flooring) म काम आता ह काला पत घर का शर और आला बनान म काम आता ह मलायम पतर ाशलप कला क ावकास म योगदान दत ह पतर जनम होकर भी म का गवर महसस करता मरी भगवान स अानतम ावनती य ह क आप मझ अानतम समय म दशरन दन को कपा कर

न हमको पतर जनम चााहए न हमको मानव जनम चााहए हमको तो ास र इस भव सागर स पार होना चााहए

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जयादा लोभ न करना (पाडव कानटया सहायक सवकक)

मनषय भगवान क साप ह इसालए वह भगवान का अश ह जब तक वो मा क गभर म ा तक तक वह मोह-माया स वाचत ा एव हमशा भगवान क समीप ा लकन जब वो पथवी पर अवती र आ उसको मोह-माया न घर ालया पाच साल तक वो ईरीय सा म रहता ह इसालए कहा जाता ह क ldquoCHILD IS THE INCARNATION OF GODrdquo इसक बाद मोह-माया म आकषत हो कर ईरीय सा को भल जाता ह बचपन म वो बत आजा और मोह-माया राहत और चरषवान रहता ह जब समय बढ़ता जाता ह तब उसक समसत उम ग धवस होकर गलत मागर पर चला जाता ह

बचपन म ावा ाशका जवानी म ी दीका एव पारवारक ाचनता म म होकर वह समसत मौालक सा को खो दता ह सबा नप होकर सबा म आ जाता ह दव का नप होकर राकस वा जारवत होता ह एव परवारक जगल म सकर भगवान का नाम लना भल जाता ह अपना परवार का भर पोष क ालए कठन परम करता ह लकन उनका पट भरता नह ह ईर क सा को भल जाता ह और अनत म पशकतव को ा होता ह शरीर रोगसत हो जाता ह दाप शा की हो जाती ह चलन ndashरन म असमर रहता ह रात को नद नह आती ह र भी लोभ को छोड़ नह पाता ह अपन बीवी-ब ता परवार क बार म सदा सोचन लगता ह शरीर वावसा को ा होता ह परवार क कोई भी सदसय पछत नह ह

परवार क लोग उसको ढग स खाना भी नह दत ह उसको घर स दर रखत ह र भी यह अधम मनषय भगवान क बार म सोचता नह ह लोभ का अनत नह होता ह पाप का बोझ बढ़त जाता ह अनत म नरक को ा होता ह र भी मनषय भगवान को समझ नह पाता ह परवार क ालए इतना बड़ी ददरशा झलता ह उनको कोई भी नह पछता ह उसक ारा जमा क गई पजी को परवार वाल उनक सामन मौज करत ह

लोभ मनषय को अनधा बना दता ह आदमी क हतया करत ह लोभ क वशीभत होकर दसर क समपात को लटत ह ाजसस समाज म पाचार बढ़ता ह इसालए ह मानव तम कय लोभ करत हो लोभ नह करक भगवान का समर करो हर कतरन करो तप जप करो और सवगर क अाधकारी बनो उम कमर करक भगवान क शरागत हो जाओ भगवान तमहार समसत सख-दख का भार वाहन करग

सवरधमारनपरतयजय मामक शर ज अह तवा सवरपापभयो मोकायषयााम मा शच

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इसालए अचछा कमर करक पणय कमाना ह हमशा धमर क जय और पाप का कय होता ह धमर-कमर करक ावजय ा होगी लकन अधमर म जाकर नरक गामी नह होना

एकदा अनधा राजा धतरा सजय को पछा क ldquoह सजय इस धमर य म कसक जय होगी उर म सजय बोल क ldquoयष योगर कषो यष पा धनधरर तष ी ावजयो भात वा नीातमरातमरम ldquo अारत जहा योगर कष एव धनधाररी अजरन एक सा ह वहा ावजय ानात ह

इसालए दखा गया क हमशा धमर क जय और अधमर क पराजय होती ह धमर सवचछ ानमरल लकन अधमर कदाकार कात ह इसालए लोभ-लालच म वशीभत न होकर सत

कमर करो अनयाय का परतयाग करो लोभ मत करो जीवन म कप करक जो धन कमा ालया वो सब इस धरती म रह जाता ह अानतम क म सा कोई नह ल जाता इसालए अनधर म भटक नह जाना इसालए कहा गया ह क-अात लालच नह करना अात सवरष गहतम अारत अात सवरनाश का कार ह

अात दप हता लका

अात मानसय कौरवा अातदारन बाल वध अात सवरष गहतम

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टटा वक का अाभमान (चरदास नाराय गडम सवक सहायक)

वन म खड़ एक वक क सा ालपटी एक लता भी धीर-धीर वक क बराबर हो गई वक का आय

लकर उसन भी लना ndashलना आरभ कर दया बल को लत ndash लत दखकर वक को अहकार हो गया क म न होता तो लता अासततव हीन होती वह लता को धमकात ए बोला ओ बल चपचाप मरा कहना माना कर म जो कह रहा वह कया कर नह तो ध मार कर भगा दगा पड़ का लाप जारी ा क दो पाक वहा स ानकल एक बोला अर भाई जरा दखो तो यह वक कसा सदर ह इस पर कसी सदर लता पाषपत हो रही ह आओ इसक नीच ोड़ी दर ावाम कर अपना महतव लता क सा ह यह जानकर वक का अाभमान भी नप हो गया सा ndash सा रहन स ही सबक गात होती ह

बटी (डी राव बाब पटल ाचषक ड-II)

बटी घर क लाज होती ह पापा क सर का ताज होती ह दल क सदा स रही ह इचछा बटी तझको ह पाना आई हो मर जीवन म जस एक ननही कावता राह दखता म तरी जलदी स मर पास आना मा क गोद म सदा रहती हो कछ पल मर पास भी आना न चाहत ह अब धन दौलत क त ही लमी त ही मरी मत भी डर लगता ह सोचक जब एक दन छोड़ क जाएगी त कतना मझ लायगी त बटी होती ह बाबल क लाड़ली

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यह ाज़नदगी (सययद इदरीस पटल ाचषक ड ndashII)

बठ जाता ह ामी प अकसर कय क मझ अपनी औकात अचछी लगती ह

मन समनदर स सीखा ह जीन का सलीका चपचाप स बहना और अपनी मौज म रहना चाहता तो ह क य दानया बदल द पर दो व क रोटी क जगाड़ म सरत नह ामलती दोसत महगी स महगी घड़ी पहन कर दख ली व र भी मर ाहसाब स नह चलता य ही हम दल को सा रखा करत पता नह ा क कमत चहर क होती ह अगर खदा नह ह तो उसका ाज कय और अगर खदा ह तो र कय

lsquorsquoदो बात इसान को अपन स दर कर दती ह एक उसका ldquoअहम rdquo और दसरा उसका ldquo वहमrdquo पस स सख कभी खरीदा नह जाता और दख का कोई खरीदार नह होता मझ ाज़नदगी का इतना तजबार तो नह पर सना ह सादगी म लोग जीन नह दत मााचस क जरत यहा नह पड़ती यहा आदमी आदमी स जलता ह ाव क बड़ स बड़ वजाानक यह ढढ रह ह क मगल ह पर जीवन ह या नह पर आदमी यह नह ढढ रहा ह क जीवन म मगल ह या नह

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जीवन म न जान कौनसी बात ldquoआखरी rdquo होगी न जान कौन सी रात आखरी होगी ामलत जलत बात करत रहो यार एक दसर स न जान कौन सी ldquo मलाकात rdquo आखरी होगी अगर जदगी म कछ पाना ह तो तरीक बदलो इराद नह ऐ चाद त कस मज़हब का ह ईद भी तरी और करवाचौ भी तरा

उगालय क लड़ाई

(शख महबब पीरा पटल ाचषक)

एक दन हा क सभी उगालया आपस म लड़न लग अगठा बोला म सबस बड़ा सभी जगह जरी कागज पर मझस ही ानशान बनाया जाता ह तजरनी बोली-ldquoम बड़ी मर होन स ही सब लोग काम कर पात ह जस-ालखना खाना पकड़ना मधयमा बोली-ldquoअर भई कया तम नह जानत जो आकार म लबा होता ह उस ही सभी बड़ा कहत ह अनाामका सब बात चपचाप सन रही ी वह तरत बोली ndashldquo म सबस बड़ी म तो पजा करन क भी काम आती मर स ही रोलीातलक लगाया जाता ह कानाका सभी को लड़ता दखकर उदास ी वह चपचाप एक कोन म कछ सोच रही ी तभी अगठा व तीन उगालया उसक पास गई और बोली- ldquoअर छोटी तम तो बड़ी हो ही नह सकती कयक तमहारा नाम ही कानाका ह कानाका बोली ldquoसनो अगठ भाई और पयारी उगालय आपस म लड़कर कभी कसी का भला नह हो सकता हमम कोई भी बड़ा-छोटा नह ह हम सब ामलकर मी बन सकत ह तभी हम सब बलवान हग कया तमह नह मालम क बद मी म ही ताकत होती ह इसालए हमारा लड़ना बकार ह rdquo कानाका क बात सनकर सभी एक सा बोल- ldquoहा छोटी बहन तम ाबलकल सही कह रही हो सचमच अकल म तम ही हम सबस बड़ी हो rdquo

इस नीात का स एकता म बल क ाशका ा होती ह

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तलगाना- भारत का एक और नया राजय (शलबाला खडरी मानाचषकार)

तलगाना भारत क दाकी भाग म ासत भारत का 29 वा राजय ह कषल क दाप स यह दश का

बीसवा बड़ा राजय ह ाचीन हदराबाद रयासत का अाधकतम भाग तलगाना राजय म ालया गया ह जहा आजादी स पहल ानजाम का राजय ा सन 1947 म जब भारत अज क चगल स आजाद आ उसक बाद भी हदराबाद का ानजाम अपनी रयासत सय भारत म ावलीन करन क पक म नह ा वह अपनी रयासत पर अपना ही सवतष शासन चाहता ा अतत सरदार बललभ भाई पटल क अक यास स इस रयासत को भारत क मखय धारा म ावलीन कया जा सका इस कार आन दश राजय क सापना ई और 26 जनवरी 1950 को ी एमक वललोड़ी आन दश राजय क म मखयमषी ानय ए 1956 म हदराबाद रयासत को आन दश राजय म ावलीन कर दया गया

2 जन 2014 म पनः तलगाना राजय अासततव म आया आन दश राजय क उर पामी 10 ाजल को ामलाकर तलगाना राजय क सापना क गयी ह राजधानी हदराबाद भी तलगाना राजय म ासत ह परनत 10 वष तक हदराबाद दोन राजय याान आन दश और तलगाना राजय क सय राजधानी रहगी दोन राजय क शासानक कायर हदराबाद स सचाालत हग तलगाना शबद का ादभारव ाषलगा दश शबद स आ ह ाजसका अर ह तीन लगो वाला दश तलगाना राजय क तीन दशा म कालरम ीशलम और ाकारामम ास ाशव मानदर ासत ह ाजनक अपार धामक महा ह वासतव म पक तलगाना राजय क ालए 1946 स 1951 क बीच ही ारमभ हो गया ा उस समय कमयानसट पाट न इस आनदोलन का नततव कया ा जो असल रहा भाषा क आधार पर तलगाना और आन राजय को पक करन क ालए अनक आनदोलन समय-समय पर होत रह ह इनम मखय आनदोलन 19691972 और 2009 क ह इन आनदोलन का यह भाव आ क 9 दसमबर 2009 म भारत सरकार न पक तलगाना राजय बनान क कायरवाही श कर दी य घोषा सनत ही तटीय आन व सीमान कष क लोग न सम आन दश क पक म आामक आनदोलन ारमभ कर दया और ऐसी ासात म भारत सरकार न यह कायर 23 दसमबर 2009 तक सागत कर दया इसक पात भी लगातार पक तलगाना और सम आन दश क ालए अलग-अलग आनदोलन चलत रह पक तलगाना क पक म कई आतम - हतयाए ई हड़ताल क गयी ाजसस जन साधार को बत असावधा का सामना करना पड़ा अतत पक तलगाना समरक क जीत ई और कास कायरकारी सामात न सवर सहमात स 30 जलाई 2013 को पक तलगाना राजय क ासारश करत ए ाबल तयार कर दया अनक सोपान पार करत ए यह ाबल रवरी 2014 को ससद म पारत कया गया रवरी 2014 दश पनगठरन एकट क तहत यह ाबल ससद म पास हो गया इसक पात इस नय राजय तलगाना ाबल को रापात ारा सहमात ा ई और माचर 2014 क गजट म इस कााशत कया गया इस कार नय तलगाना राजय क सापना ई

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ाशासकय प स तलगाना राजय क सापना 2 जन 2014 को ई क चन शखर राव क पाट ldquoतलगाना रा सामातrdquo न चनाव म दश म बमत हाासल कया और इस कार ी कचन शखर राव तलगाना राजय क म मखय मषी चन गए

म महगाई (डॉ नीलम कमार ाबड़ला अाभलखपाल)

म महगाई महग दशभ लोग क आमष पर भारत आई तज गात लान गात म भारत आई मझ गलत मत समझो गरीब बत ठीक बमत दकर तमन ाजनको बत उठाया म तो उनह क तीक भौातक वादी यग म योग ासखाती म भख पट न सोए कोई कडालनी जगाती म धयान प म च मारकर मन जय ऊपर चढ़त-चढ़त र तक आ जाता ह भाव वसत क वस ही र तक ल आई

अब इस यग म एक तल क पीप को पा लन का अर को पा लना ह भ दशरन क झलक दखना एक टमाटर खा लना ह भारत का आदशर तयाग ह अनासा ह अपरह ह मझको पाकर लोग वसतए तयाग रह ह अपनी खद क कार छोड़ बस क पीछ भाग रह ह म लोग को तड़क भड़क स खच

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सादगी ासखाती टरीलीन क शौकन को ला पहनाती माया जीवन का बधन ह पया पसा मल हा का म वतन भोगी लोग क बधन दो दन म हर लती शी छड़ाकर मल हा का शीश सा ानमरल कर दती

नीात ालखन वाल न कम खाना या गम खाना अचछा बतलाया मन उनका कन ानभाया ाजतनी चीज महगी हगी उतना ही जन कम खाएग ाजस दन रोटी नह ामलगी उस दन खद ही कम खाएग

शकल पक क चाद सरीखी बढ़ती म खब चादनी लाऊगी अभी दज तक ही आई परमासी तक जाऊगी

करो कलपना जब भारत जन कतन सदर दखा करग ग चावल चना बाजरा जब पाड़य म ाबका करग बीमार को दध दहीघी क इजकशन लगा करग कसा मधर जागर होगा लोग भख स जगा करग

आतक हमला

(डॉ नीलम कमार ाबड़ला अाभलखपाल) 13 दसबर 2001 ससद प पाक आतक हमला 13 रवरी 2014 ससद म भारतीय आतक हमला

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शमरसार ई ससद पच ाड़ गए नयी तहजीब क झड गाड़ गए

उड़ाया गया काली ामचर का पाउडर सपीकर का नह सना आडरर आख जलन लग सास लन लगी ससद पर नगी तलवार झलन लगी

घायल आ जातष और सावधान मदर क पजारय न कया मदर का अपमान ऐस आतकय को सबक ासखाना होगा र नया इातहास बनाना होगा

बाल-म (वाइकराकश कमार खलासी)

बालपन क कलकारी धप क ताप स आ मक पोी छोड़ी कदाल खोदत हा क मार अचक कचड़ आधी म म करना आ मजबरी गरीबी क पराकाा पट और पीठ क घटती दरी कछ धनहीनता और कछ माता-ापता क मखरता कनत सबस जयादा सवा समाज क सवदनहीनता ाजसन बालक को ामक बनन को बाधय कया लखनी को छीनकर कोमल हा म छडी पकड़ायी

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गाय-बकरी क सवा करता बालय-जीवन कप अपन भावषय को दर करता अजान और अबझ ावोपाजरन क कसको ह सरत ासात तो ऐसी ई दो दान अ क ालय बालपन चोर बनन को आतर आ

दोसती

(ाचा कडयया खलासी)

गलाब एक ल ह

एक घनट म मरझा जाता ह पर दोसती एक शा ह कभी भी जीावत रहती ह

बर ठडी होती ह जो पकड़ म नह आती ह

दोसती सोन जसी ह जो कभी कोई नह खरीद सकत ह

तार क पाच अनत (END) ह चौकोन क चार अनत ह तीकोन क तीन अनत ह

एक रखा का एक अनत ह पर दोसती का कोई अनत नह ह

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मर जीवन का उशय (कमारी ाया सातव कका सपषी एम सबीता उाल)

कग नयज भारत का खतरा पाकसतान न कशमीर पर हमला कया ह कछ दन बाद helliphellip कग नयज पाकसतान क ाखला भारत क रका करत ए वीर सानक

का भारी नकसान इन खबर न भारत को ाहला दया ा म भी सोच म पड़ गयी क म भारत क ालए कया कर सकता भारत को इन हमल स कस बचा सकता मर मन म ास र एक ही खयाल आया क भारतीय सना का एक जवान ासपाही बन

जव मन यह बात अपन दोसत स कही तो उसन कहा क ासपाही बनना खतर स खाली नह ह और परवार स दर सरहद पर खतर स भर जीवन मर ालए कपद होगा लकन मन ठान ालया ा क म कछ ऐसा कगी क पर दश म मरा नाम हो ाजस दखकर मर अपन का ासर गवर स ऊचा हो जाए

मर ानय को सनकर मरी मा रोन लगी मझ लोभन दया क म ापार क मर दोसत न मझ डाकटर बनन का सझाव दया पर मन सोचा क भारत म कई डाकटर ह ापारी ह भारत को डाकटर या ापारी क नह बालक सानक क जरत ह

म भारत क ालए अपनी जान भी दन क ालए तयार मन सोचा सब अपन परवार को सराकत

रखना चाहत ह र भारत - भाम तो मरी मा ह मरी ही कय हर एक क मा ह तो हम सब का कतर बनता ह क हम इसक रका कर इसीालए मर जीवन का उशय ह क म एक ासपाही बन और भारत क सवा क

मखर ामष स समझदार शष अचछा होता ह (मासटर सनीत चौी कका सपष एम सबीता उाल)

एक दन म और मरा सबस अचछा ामष राव बठ यह सोच रह क हम परीका क ालए अभी स पढ़ाई श कर दनी चााहए या नह राव न तपाक स कहा क अभी स पढन स कोई लाभ नह होगा अगर हम परीका क एक दन पहल पढ़ग तो जयादा दमाग म रहगा तभी वहा स मरी कका का दसरा छाष रमश गजर रहा ा मझ रमश ाबलकल पसद नही ा और रमश भी मझ पसद नह करता ा बात-बात पर हम लड़ाई करत पर पढ़ाई म वह मझस बत अचछा ा उसन हमारी बात सन ली ी

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इसालए धीर सवर म मझस बोला अपन मखर ामष क बात मत सनो बस रोज मरी तरह ोड़ा-ोड़ा पढ़ो लकन मन उसक बात पर कान नह धरा एक महीन बाद परीका क दन आ पच परीका क एक दन पहल जब मन पढ़ना श कया तब पाया क पढ़न को बत ा पर समय कम ा जस -तस पढ़ कर मन परीकाए ालखी और उममीद करता रहा क म परीका म उी र हो सक कछ दन बाद परीका का पराम ानकला और वही आ ाजसका डर ा म और ामष राव अनी र हो गए दसरी ओर रमश बत अचछ अको स उी र आ उस दन मझ समझ आ गया क मखर ामष स समझदार शष अचछा होता ह

भावषय क पढ़ाई (मासटर ाशव कलया सातव कका सपष वालल कलयाी उाल)

आज जब हम पढ़ाई या सकल क बार म सोचत ह तो नजरो म एक भारी बग उठाता आ

छाष दखता ह कताब क ाबना हम सकल जान क सोच भी नह सकत कताब क सा कपयटर भी पढ़ाई का महतवपर ाहससा बन चका ह

कछ साल बाद भारी कताब स भर बग क बदल छाष क हा म टबलट होगा आकाश टबलट एक ऐसा यष ह ाजसम हम तरह-तरह क कताब पढ़ सकत ह हम कका म ही नट स जानकारी पा सकत ह टबलट ोन स बड़ा ह और जयादा महगा भी नह हम इस कह भी ल जाकर इसम कताब पढ़ सकत ह हम इसम कका का दया गया कायर भी कर सकत ह यह टबलट पढ़ाई का अदाज बदल दगा और पढ़ाई को मजदार बना दगा

पानी और धप (कमारी एस साानया पाचवी कका सपषी राजया बगम अाल)

अभी-अभी ी धप बरसन लगा कहा स यह पानी कसन ोड़ बादल को क ह इतनी शतानी

सरज न कय बद कर ालया अपन घर का दरवाज़ा उसक मा न भी कया उसको बला ालया कहकर आजा

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ज़ोर-ज़ोर स गरज़ रह ह बादल ह कसक काका कसको डाट रह ह कसन कहना नह सना मा का

परीका (कमारी शख राजया सलताना गयारहव कका सपषी शख महबब पीरा पटल ाचषक)

ाजस नाम को सनन स कापता ह बा वो ह परीका परीका पपर हा म आत ही इतना डर लगता क यद अचछा नह कया तो ापटना पा तीन घट म लगभग करन होत ह चालीस सवाल एक भी छटा तो घर म आता ह भवडर रजलट क एक दन पहल रात को नद नह आती ह अचछ नबर पान क ालए भगवान क याद आती ह पास होन पर ामलता ह इनाम और मख स ानकलता ह ldquoकय भगवान rdquo र आती ह अगली कका तब भी मख स ानकलता ह हाय र आ गयी र स परीका

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राीय साकरता (मासटर शख समीर छठी कका सपष शख महबब पीरा पटल ाचषक)

ातदन सीखो अकर एक

ानयम बना लो ऐसा पढ़ो पढ़ाओ सीखो जान

तभी बनगा दश महान ावा सा जान कराती

मन का अधरा दर भगाती जहा पर बनत लोग जानी

वहा न होती मन क हाान अनपढ़ क ालए गगी पोी

धन दौलत भी होती ोी पढ़ा ालखा नह धोखा खाता

जहा भी जाता आदर पाता

मा (मासटर शख महबब बाशा आठव कका सपष शख महबब पीरा पटल ाचषक)

सबस सनदर जग म कौन बस एक त ह मा

सबस पयारी कसक मसकान बस एक तरी ही ह मा

कसन बनायी मरी पहचान तन ही तो मरी पयारी मा

कसक बोली ामी स मीठी तरी ही ह मरी मा

कसक डाट ह इमली स तीखी तरी ही तो पयारी मा

कसक ालए क म सब कबारन तर ालए मरी पयारी मा

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ाततली (कमारी एम राशका ाशवानी पाचवी कका सपषी एम लम कमार उाल)

ाततली तम कतनी

रग-ाबरगी होती हो तम सब ल का रस पी-पीकर

बाग-बगीच म रती रहती हो तर पख कई रग क होत ह

तमहार प को दखकर ब बत खश होत ह

मरी कका

(कमारी एम राशका ाशवानी पाचवी कका सपषी एम लम कमार उाल)

मरी कका म ह पचास ब हर एक ह अलग-अलग जस एक ह लबा एक ह छोटा एक ह मोटा एक ह पतला कछ ह अचछ कछ ह बर पर लगत ह सार पयार मरी कका ह रग- ाबरगी लगती ह ाततालय का झड ह

मझ बत पसद ह कयक यह हमारी कका ह

Page 30: कलाकल - Home: Survey of · PDF fileतेलंगाना-भारत का एक ... भी यह पि का ‘कलाकल‘ सुनदर प म िनखर

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शीट क 22 टोपो स अनवादत अनोटशन को या सतयाापत कया गया अनोटशन को कनार म और उपरो शीट क नाम ाइल म रखा गया मामल ाजनको सलझाना ह -

1 ॉनट क आकार का मानककर 2 तलग ालाप म ावाभ व रनातमक अाभउया क सावधाजनक शबद का चयन 3 मल- पाठ को सगठत करना एक जटल कायर ह और समय लन वाली कायरावाध ह और पयार

माषा म षीय भाषा याान तलग क जान क जरत ह 4 जयादा सखया म सपादन मल-पाठ क सगठन क आवशयकता ह 5 तलगाना राजयतलग ावावालय क उ राजभाषा ावभाग स अनवादत ालाप को माीकर

करन क आवशयकता होगी समाा

सानीय ालाप (तलग) म ओ एस एम माक नकश क तयारी स अाधक सखया म लोग को सलाकातक नकश को आसानी स योग करन म सावधा होगी सलाकातक नकश म भाषा-ावषयक सबधी साचकारी पदार को जोड़न स ानयही भारतीय सवक ावभाग क उतपाद क चार को बढ़ावा ामलगा और बाजार म अपनी अहामयत बढ़ाएगा

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चनौती क ालए तयारी (रघना ाषपाठी अधीकक सवकक)

कसी भी ावभाग म नई चनौातय को सामना करन क ालए कमता ानमार क आवशयकता ह यद

यह नह कया जाए तो सताावत योजनाए ावल हो जाती ह कमता ानमार स पहल उसक लय एव उशय को परभााषत कया जाना आवशयक ह कयक इसक कायारनवयन क सतर म योजना और ानषपादन म का अतर हो सकता ह कमता ानमार क अनय मानक क अतगरत अनवत सावधा क रखरखाव और सभाावत ावकास भी शाामल ह कमता ानमार क कसी भी यास म ातभा क खोज को ही पहल कदम क प म ालया जाना चााहए भारतीय सवक ावभाग म सही कमता ानमार क बाद ही 110000 क पमान का सवक करन और मानाचष ाा सभव हो पाएगा आधानक अाध ौोागक म कमय क ाशक पयार नह ह लकन यह दखना ह क जो माग और सवक और मानाचष क आपत क खला स सक ातत ह जनता क ालए उपयोागता बढ़ा रही ह श म हालाक बाधाए आना बाधय ह हम यह कायर श करना और पराम क तीका करनी ह इस यास म खल अाधकार कष क ावशषज को ानयामत प स परामशर कया जाना चााहए सवक और नकश क उपयोगकतार क माग और एक बड़ परय क दाप स दखन क ालए यह महतवपर ह

यहा तक क उपयोगकतार क ालए भी ाडाजटल डटा का उपयोग सीामत ह भारतीय सवक ावभाग उपयोगकतार को ानयामत आधार पर सहायता और मलय सवधरन क ालए सलाह दकर नकश क कातज उपयोग तक का ावसतार कर सकता ह उस बात पर धयान दत ए भारतीय सवक ावभाग क सवा हत जी आई एस वजाानक को शाामल करन क आवशयकता ह यह महगा मामला होन पर भी वरीयता स भरी हम भावषय क चनौातय को परा करन क ालए तयार रहना चााहए कयक नकश क उपयोग स ावकास को तो होना ही ह

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नमक का महतव (कष कमार अाधकारी सवकक)

एक राजा क तीन बटया ी तीन बत ही सनदर सशील और ावशष ग वाली एक दन राजा न तीन राजकमारय को अलग-अलग स एक ही सवाल पछा ldquo बटी तम मझ कतना चाहती हो ldquo बड़ी राजकमारी न जवाब दया rdquo ापताजी म आपको सोन जस चाहती अारत सोन क आभष स मझ ाजतना पयार ह उतना ही पयार आप स ह ापताजी ldquo राजा बत सतप आ और दसरी राजकमारी स पछाrdquoबटी दीदी न तो जवाब द दया अब तम बताओ तम मझस कतना ह रखती हो दसरी राजकमारी बोली ldquo ापताजी म आपको हीर जसा चाहती अारत हीर क गहन स मझ ाजतना पयार ह उतनी ही पयार आप स ह ापताजी ldquo राजा तो ल न समाया सोचन लगा rdquo म बमतलब का सकोच कर रहा ा मरी बटया तो लगता ह मर बगर जी नह पाएगी ldquo अब तीसर स कया पछ र भी पछ लता र तीसरी बटी स पछाrdquo बटी तम मझ कतना चाहती हो तीसरी राजकमारी न जवाब दयाrdquo ापताजी म आपको नमक ाजतना चाहती जवाब सनत ही राजा आग-बबला हो उठा और बरी-भली सनाकर उसक कक स ानकल गया छोटी राजकमारी न कछ नह कहा बालक राजा क डाट सनकर चपचाप रह गयी रात ई राजा को सार महल क कायर ानपटान क बाद भख लगी खान क ालए उस हीर स ससात सोन क सहासन पर छोटी राजकमारी न बठाया र सोन क ाली म नाना कार क जन स य खाना परोसा और राजा को खाना श करन को कहा राजा न मह म खाना रखा तो महसस कया खाना का ह र हर जन को चखा तो पाया सब क ह र तो आग-बबला होकर अपनी रानी पर ाचललाया ldquo इस तरह क भल कस हो गयी हम कया समझ रखा ह जन दखाकर ललचाना और र खान नह दना यह बोलत ए रानी पर सोन क ाली ाजस पर जन परोस ए कन क ालए हा उठाया उठ ए हा को तीसरी राजकमारी न पकड़ ालया और पछा ldquoापताजीखाना तो बढ़या ह र कमी कया हrdquo राजा बोल ldquoनमक क ाबनाकोई खाना खाया जा सकता हrdquo राजकमारी बोली ldquoापताजीआपको तो नमक स नरत ह ना इसालए मन जन बनवात ए नमक नह डलवाया rdquo र तो राजा समझ गया क छोटी बटी न उनह सबक ासखान क ालए यह भोजन तयार करवाया ह र बोला ldquoबटी म समझ गया नमक क ाबना खाना जस सवादप नह उसी तरह तमहार पयार ाबना मरा वचरसव नह ldquo और राजकमारी को गल लगा ालया

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मायाजाल (एनबी सवामी अाधकारी सवकक)

इस जगत म कल 84 लाख जीव राशया ह और उनम मानव जनम सबस उम ह उम इसालए ह क भगवान न मानव का आधार इसालए दया ह ताक इस जनम अचछ कमर कर वह मोक क ाा कर सक मोक याान पनरजनम नह यद कमर बर ए तो र 84 लाख जीवरााशय म पदा होन क ालए वह आतमा कालच म दोबारा स जाती ह इस सपर कालच क याषा करत ए जब आतमा मानव क योान म वश करती ह तब वह भगवान स यही ारना करता रहता ह क ह भगवान मझ इस कद (याान मा का गभर) स जलदी मा दला द कयक म तमहारा धयान सही ढग स नह कर पा रहा कयक इस कद म अनक तरल पदा क सा-सा मल-मष म भी टहल रहा यह कसा नरक ह जहा आपन मझ सा रखा ह तब भगवान भी बोलत ह क ldquoत अभी बालक ाशश का प धार करन वाला ह तमन इतन वष यग म ाजतन पाप कय ह उन सबक यह चरम सीमा ह यह चरम सीमा बत ही पीड़ा दन वाली ह ाजस तमह जीतना ह लाघना ह इस चरम सीमा स मा होन क बाद तम कया करोग ldquo ाशश कहता ह ldquo भगवन आप जो कहग ldquo भगवन पछत ह कया तम अपना जीवन मरा धयान करत ए मर ालए समपर कर दोग ldquoाशश कहता हrdquo हा म समपर कर दगा आपक ालए ldquo भगवन भी जानत ह ाशश को नौ महीन गभर म रहना ही पड़गा तभी पर शरीर का ावकास होकर जब वह बाहर आएगा तो मरी सवा करगा उ नौ महीन तदनसार भगवन ाशश का वातारलाप नौ महीन चलता रहता ह ताक ाशश अपन चार ओर स मल क गध का धयान न द र जब वह बाहर ानकलता ह भगवान को धनयवाद करता ह और कहता ह ldquo म तमहारा बत ही आभारी भ अपन मझ मा दलाई अभी मझम वह ताकत नह क म तमहारा धयान करन क ासवा और कछ क मर माता ndashापता मझ सच कर जब अपन पर पर चलन क ताकत द दग तभी म तमहार ालए कछ कर पाऊगा ldquo भगवान कहत ह ldquo अर मखर त नह जानता यह जगत एक मायाजाल ह मझ पर ावास ह त मझ भल जायगा और र स कालच म पड़ जायगा ाशश कहता ह ldquo नह भगवान ऐसा नह ह भगवान मरा ावास करो म ातजा करता मरा जीवन आपक ालए ही समपर ह ldquo भगवान कहत ह ldquoदख लगा इस जगत क मायाजाल म त मरी कया का सवा करगा ldquo यह ाशश और भ का वाारलाप सनकर दवष नारद भगवान क पास पच पछन लग ldquo भ आप कस मायाजाल क बात कर रह ह ldquo भ बोल ldquo नारद म समसत जीव- रााशय का सवामी उनका कलया चाहता उनको सख भी और दख भी दता वह इसालए क मायाजाल क मोह एव अहकार म पड़कर खद को सपर मानन वाल ाी को दड न द तो र मरा समर कस करगा ldquo नारद बोल ldquo भ आपक वचन का मतलब कस

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दशा म जाता ह यह तो मझ नह पता एक तर कहत ह समसत जीवरााशय का कलया चाहता दसरी ओर कहत ह दड दता तीसरी ओर मायाजाल अर नाराय आप जब समसत जगत क सवामी ह सब आपक अधीन ही ह तो र मायाजाल शबद आपन जो योग कया ह वह आपक अधीन स बाहर कस हो गयाrdquo ानयष काजए जीवरााशया उसक चपट म नह आएगी र सब आपका गगान ही करग और सबको मोक क ाा होगी ldquo भगवान कहत ह ldquo ह दवष मर ालए समसत जीवराशी को परीका स गजरना पड़ता ह मानव जीवन ही उनम अातम परीका ह बस उसको लाघ ल म पनरजनम स मा दला दldquo नारद जी भगवान स तकर करन लग गय का दर बाद भगवान न कहा rdquo दवष आपस बहस और नह कर सकता आपस बहस कर मरा गला सख गया ह जरा एक छोट कलश या कमडल म पानी लकर आइय ताक म अपनी पयास बझा सक नारद को झटका लगा और पाताप करन लग ldquo बमतलब मन अनतरयामी स बहस कर उनको कप दया व समपर जानानद क सामन मरी हासयत कया ह पता नह आज मरी मात मारी गयी और म बमतलब बहस करन लगा भ को पयास लगी ह और वो भी मरी वजह स जलदी स उनक पयास म बझा द पानी क खोज म सार लोक का म करत ए नारदजी पथवी लोक म पच गए पथवी लोक पचकर पानी क खोज म एक कए क पास पच तो दखा क एक अतयनत सदर नारी कए स पानी ानकाल रही ह नारद न सोचा वह सनदर ी पानी भरकर चली जाए तो र म ोड़ा सा पानी भर ल नारद उस दख रह ी भी नारद जी को दख रही ी नारदजी न पछा rdquo दवी कया तम यह आसपास रहती हो ी न जवाब दया rdquo हा ldquo नारदजी र पछ rdquo दवी कया तमहारा ाववाह हो चका ह rdquo ी बोली ldquoनह ldquo नारदजी का ावचालत मन ल नह समाया और पछ ही ालया ldquo दवी यद तम अाववााहत हो और यद तमह कोई परशानी न हो तो कया तम मझस ाववाह करोगी ी सादाय औरत ी बोली ldquo मर ापता क आजा क ाबना म आपस ाववाह नह कर सकती ldquo नारदजी बोल ldquo दवी सशील नारी क यही ग होत ह यद तमह आपा न हो तो म तमहार सा चलकर तमहार माता-ापता स बात कगा और तमस ाववाह कगा ldquo यवती राजी ई और ासर एव कध म पानी स भर घड़ को ढोत ए आग चलती रही और नारदजी पीछ चलन लग सपर रासत म उस सनदर ी क ानहारत ए मन म सपन क पल बाध रह उस सनदर ी क ापता क पास जाकर अपना परचय दत ए उनक बटी स ाववाह करन का सताव रखा साकात नारद मान को अपना दामाद सवप दख उसी मतर म मगनी हो गई और एक शभ मर म ाववाह भी हो गया ाववाह क कछ दन क पात उनक ब हो गय ब बड़ भी हो गय र तो व अपन गहस आम म इतन सत हो गय क उनक मह स नाराय मष ानकलना भी बद हो गया कई वष बाद एक शाम को जोर क आधी क सा तानी बारश ई इस माहौल न इतना ावकराल प धार कर ालया ा क वातावर लय म बदल गया चार तर पानी भर गया बत सार लोग पश आद पानी म बह गय कनत कात क ावकराल प क सामन ठहरन का साहस कस ा दखत ही दखत उनका गह भी बाढ़ क चपट म आकर टट गया और पानी म बह गाया पी और ब डर स

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रोदन करन लग दखत-दखत कान पष क अलावा पी और बाक ब भी पानी म बह गए र तो नारदजी स सोचा इस कान को म कध पर ालए चलता ताक वह तो बढ़ाप म मरा सहारा बनगा कनत लय क तीता इतनी तज ी क नारदजी क नाक क ऊपर स पानी बहन लगा र तो व खद भी भल गय क बट को बचाना ह सोचन लग म कसी तरह जीावत बच जाऊ उसी सोच न उनक कान पष को भी नह बखशा कसी तरह कछ समय उपरानत लय शानत आ पानी घट गया चार तरक मनषयपश - पकी आद क लाश टट ए रासत और घर क बीच पड़ी ई ी नारद मान को बहद दख आ और ठठोर कर रोन लग गय रोत-रोत व खद क बार म सोचन लग क भगवान न उनक सा ऐसा अनयाय कय कया काश व भी मर जात तो अचछा होता तभी उस राह स ास महष गजरत ए नारदमान स परामशर करन लग नारदजी कहन लग ldquo पता नह मन कौन सा पाप कया ह क मर पर परवार का सवरनाश हो गया ह मझ कय मतय नह आई इस पर ासजी न कहा शायद तमहारा समय नह आया ह इसालय तम बच गय हो हालाक ास जानत क नारद मायाजाल म सा आ ह ldquo र इसका ानरय कौन करता ह ldquo नारद न ासजी स पछा ासजी न उर दया ldquoयह तो मतयलोक क अाधपात यमराज ही इसका उर दगrdquo र व दोन ामलकर यमराज क पास गय यमराज न आन का कार पछा तो ासजी न नारद मान क सारी दख भरी गाा सनाई और पछा क ldquoमतय न इनका आलगन कय नह कयाldquo यमराज बोल rdquoम कोई नह मरा यमदत ही इसका उर द सकता ह कयक म यमदत क ारा कसी आतमा को लान क बाद ही उसक पाप-पणय का ाहसाब दख ानधाररत सजा का ऐलान करता यद यमदत आपको लकर मर पास नह आया तो इसम मरा कया दोष ह यमदत स पछ लldquo र ासजी न उनक यमदत स वही सवाल करन पर यमदत न कहा ldquo महामान म कस कसी क शरीर स आतमा को छीनकर ल आऊ म तो यमलोक का सवक माष ाचषग जब तक आजा नह दत तब तक म कोई कायरवाही नह कर सकता आप इस का उर ाचषगजी स पछ ल ldquo र ासजी न ाचषग स वही सवाल करन पर ाचषग न कहाrdquo महामान म तो यमदत को तभी आजा दता जब उस ाी का सारा लखा - जोखा समा हो जाता ह अभी माननीय नारद जी क मतय का समय आया नह ह अभी उनका कछ कया नह जा सकता ldquo ासजी न नारद स कहाrdquo दखो नारद अभी तमहारा समय आया नह ह तभी तम जीावत हो चलो चलत ह अब ापछली घटना को भल कर आग क सोचो ldquo बस इतना ही कहना ा क ाचषग न र ासजी को बलाकर कहा rdquo ह ऋाषवर इनक कणडली म यह ालखा ह क मतय तभी इनको गल लगा सकती ह जब य एक सा आपको मझ यमराज और उनका वाहन भस का एक सा दशरन करग चक इनक ारा यह कायर पर हो चका ह अत इनका जीवन पर हो गया ह ldquo बस इतना ही ा क नारद जी को आवाज आन लगी अर दवष दवष मझ कब स पयास लगी ई ी मरा गला सख गया ह कनत आपन मझ अब

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तक पानी नह दया कहा ह पानी ldquo य साकात नाराय क आवाज सन नारदजी को होश आया और भगवान क चर म पड़कर ागड़ागड़ान लग यह कहत ए क rdquo ह नाराय आपन मझ अचछा सबक ासखाया ह मन आपस बहस कया कर लीआपन मझ मायाजाल का साकातकार करवा दया कमा काजए म आपको पानी नह ापला सका मरी वजह स आपका गला खब सख गया होगा ldquo यह कहत ए उनक अधारा स नाराय क पाव धल गय और भगवान न कहाrdquo दवष आप चातत ना ह आपन अधारा स मर चर धोकर ानसवार सवा कर दी मरी पयास बझ गयी ह अब आप म ह ldquo र नारदजी खशी स नाराय-नाराय कहत ए ानकल गय

घाट का पतर

(बषव बहरा अाधकारी सवकक)

माता-ापता और जनम भाम को छोड़ कर हम सब बन गए ह घाट का पतर धनय ह वह महापष ाजसन हम साापत कया म उस महापष क ावषय म व रन नह कर सकता शायद म अात पाप क कार पतर बन गया लोकन म आशा करता क भावषय म मरा भागय बदल जाएगा चक म लोग क मन स सवा करता इसका ल हमको भगवान अवशय दग लोग का सवा करत ndashकरत मरा आकार भी बदल गया परनत सवा करत ndashकरत मरा नाम रोशन हो रहा ह बालक हम सता का अनभव हो रहा ह मर कमर क चलत मरा भागय बदल रहा ह म हमशा जलम रहता और पीठ पर ातदन मार झलत रहता शायद ही ऐसा पीड़ा इस ससार म कसी को ामलती होगी मरा सानानतर भी नह ह म कई महापष को दखता आया कतन महाराय न ा तयाग दय लकन तबस म यहा अकला पड़ा म हर मौसम क मार झल रहा ब-बढ़ क सवा करत-करत मन कछ पणय कमा ालए ह और आशा करता क मझ को भावषय म मानव जनम ामल सकता ह मानव जनम ामलन स म आपका भजन-करन कगा

ऐस दखतndashदखत कई यग क बाद हमको मानव जनम ा आ मानव जनम म अगर इस धराष म दखा क यहा ऊच-नीच जात-पात नीात-ानयम ावदन पाचार अनयाय ndashअतयाचार चमर-अचमर का ताडव नतय चल रहा ह दखकर मर मन म परवतरन आ गया क भ मझको मरा ापछला जनम वापस द दीाजए

पतर जनम म रह कर मरा कोई-कोई साी अचछ कमर क चलत मदर म सान ा कर ालया ह कोई-कोई तो ठाकर बन गय लोग-ातदन उनक पजा करत ह

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हम लोग म स कोई-कोई सामाजक कायर म सहयोग दान करत ह कोई गह-ानमार म सहयोग द रह ह तो कोई मदर-ानमार म सहयोग द रह ह कोई तो सीधा मत बन गय इसीालए उनक मन म घमणड आ गया अहलया न पतर होन क नात भगवान का दशरन पा ालया इसालए पतर जनम होन क चलत उनक मन म का अह भाव आ गया

हमार अनदर ावाभ प भी ह याः लोहा पतर चना पतर सगममरर काला पतर (नाइट सटोन) मलायम पतर (soft stone) इतयाद लोहा पतर जो दश क ानमार म काम आता ह चना पत जो ासमट ानमार क काम म आता ह सगममरर घर और मदर का शर (flooring) म काम आता ह काला पत घर का शर और आला बनान म काम आता ह मलायम पतर ाशलप कला क ावकास म योगदान दत ह पतर जनम होकर भी म का गवर महसस करता मरी भगवान स अानतम ावनती य ह क आप मझ अानतम समय म दशरन दन को कपा कर

न हमको पतर जनम चााहए न हमको मानव जनम चााहए हमको तो ास र इस भव सागर स पार होना चााहए

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जयादा लोभ न करना (पाडव कानटया सहायक सवकक)

मनषय भगवान क साप ह इसालए वह भगवान का अश ह जब तक वो मा क गभर म ा तक तक वह मोह-माया स वाचत ा एव हमशा भगवान क समीप ा लकन जब वो पथवी पर अवती र आ उसको मोह-माया न घर ालया पाच साल तक वो ईरीय सा म रहता ह इसालए कहा जाता ह क ldquoCHILD IS THE INCARNATION OF GODrdquo इसक बाद मोह-माया म आकषत हो कर ईरीय सा को भल जाता ह बचपन म वो बत आजा और मोह-माया राहत और चरषवान रहता ह जब समय बढ़ता जाता ह तब उसक समसत उम ग धवस होकर गलत मागर पर चला जाता ह

बचपन म ावा ाशका जवानी म ी दीका एव पारवारक ाचनता म म होकर वह समसत मौालक सा को खो दता ह सबा नप होकर सबा म आ जाता ह दव का नप होकर राकस वा जारवत होता ह एव परवारक जगल म सकर भगवान का नाम लना भल जाता ह अपना परवार का भर पोष क ालए कठन परम करता ह लकन उनका पट भरता नह ह ईर क सा को भल जाता ह और अनत म पशकतव को ा होता ह शरीर रोगसत हो जाता ह दाप शा की हो जाती ह चलन ndashरन म असमर रहता ह रात को नद नह आती ह र भी लोभ को छोड़ नह पाता ह अपन बीवी-ब ता परवार क बार म सदा सोचन लगता ह शरीर वावसा को ा होता ह परवार क कोई भी सदसय पछत नह ह

परवार क लोग उसको ढग स खाना भी नह दत ह उसको घर स दर रखत ह र भी यह अधम मनषय भगवान क बार म सोचता नह ह लोभ का अनत नह होता ह पाप का बोझ बढ़त जाता ह अनत म नरक को ा होता ह र भी मनषय भगवान को समझ नह पाता ह परवार क ालए इतना बड़ी ददरशा झलता ह उनको कोई भी नह पछता ह उसक ारा जमा क गई पजी को परवार वाल उनक सामन मौज करत ह

लोभ मनषय को अनधा बना दता ह आदमी क हतया करत ह लोभ क वशीभत होकर दसर क समपात को लटत ह ाजसस समाज म पाचार बढ़ता ह इसालए ह मानव तम कय लोभ करत हो लोभ नह करक भगवान का समर करो हर कतरन करो तप जप करो और सवगर क अाधकारी बनो उम कमर करक भगवान क शरागत हो जाओ भगवान तमहार समसत सख-दख का भार वाहन करग

सवरधमारनपरतयजय मामक शर ज अह तवा सवरपापभयो मोकायषयााम मा शच

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इसालए अचछा कमर करक पणय कमाना ह हमशा धमर क जय और पाप का कय होता ह धमर-कमर करक ावजय ा होगी लकन अधमर म जाकर नरक गामी नह होना

एकदा अनधा राजा धतरा सजय को पछा क ldquoह सजय इस धमर य म कसक जय होगी उर म सजय बोल क ldquoयष योगर कषो यष पा धनधरर तष ी ावजयो भात वा नीातमरातमरम ldquo अारत जहा योगर कष एव धनधाररी अजरन एक सा ह वहा ावजय ानात ह

इसालए दखा गया क हमशा धमर क जय और अधमर क पराजय होती ह धमर सवचछ ानमरल लकन अधमर कदाकार कात ह इसालए लोभ-लालच म वशीभत न होकर सत

कमर करो अनयाय का परतयाग करो लोभ मत करो जीवन म कप करक जो धन कमा ालया वो सब इस धरती म रह जाता ह अानतम क म सा कोई नह ल जाता इसालए अनधर म भटक नह जाना इसालए कहा गया ह क-अात लालच नह करना अात सवरष गहतम अारत अात सवरनाश का कार ह

अात दप हता लका

अात मानसय कौरवा अातदारन बाल वध अात सवरष गहतम

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टटा वक का अाभमान (चरदास नाराय गडम सवक सहायक)

वन म खड़ एक वक क सा ालपटी एक लता भी धीर-धीर वक क बराबर हो गई वक का आय

लकर उसन भी लना ndashलना आरभ कर दया बल को लत ndash लत दखकर वक को अहकार हो गया क म न होता तो लता अासततव हीन होती वह लता को धमकात ए बोला ओ बल चपचाप मरा कहना माना कर म जो कह रहा वह कया कर नह तो ध मार कर भगा दगा पड़ का लाप जारी ा क दो पाक वहा स ानकल एक बोला अर भाई जरा दखो तो यह वक कसा सदर ह इस पर कसी सदर लता पाषपत हो रही ह आओ इसक नीच ोड़ी दर ावाम कर अपना महतव लता क सा ह यह जानकर वक का अाभमान भी नप हो गया सा ndash सा रहन स ही सबक गात होती ह

बटी (डी राव बाब पटल ाचषक ड-II)

बटी घर क लाज होती ह पापा क सर का ताज होती ह दल क सदा स रही ह इचछा बटी तझको ह पाना आई हो मर जीवन म जस एक ननही कावता राह दखता म तरी जलदी स मर पास आना मा क गोद म सदा रहती हो कछ पल मर पास भी आना न चाहत ह अब धन दौलत क त ही लमी त ही मरी मत भी डर लगता ह सोचक जब एक दन छोड़ क जाएगी त कतना मझ लायगी त बटी होती ह बाबल क लाड़ली

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यह ाज़नदगी (सययद इदरीस पटल ाचषक ड ndashII)

बठ जाता ह ामी प अकसर कय क मझ अपनी औकात अचछी लगती ह

मन समनदर स सीखा ह जीन का सलीका चपचाप स बहना और अपनी मौज म रहना चाहता तो ह क य दानया बदल द पर दो व क रोटी क जगाड़ म सरत नह ामलती दोसत महगी स महगी घड़ी पहन कर दख ली व र भी मर ाहसाब स नह चलता य ही हम दल को सा रखा करत पता नह ा क कमत चहर क होती ह अगर खदा नह ह तो उसका ाज कय और अगर खदा ह तो र कय

lsquorsquoदो बात इसान को अपन स दर कर दती ह एक उसका ldquoअहम rdquo और दसरा उसका ldquo वहमrdquo पस स सख कभी खरीदा नह जाता और दख का कोई खरीदार नह होता मझ ाज़नदगी का इतना तजबार तो नह पर सना ह सादगी म लोग जीन नह दत मााचस क जरत यहा नह पड़ती यहा आदमी आदमी स जलता ह ाव क बड़ स बड़ वजाानक यह ढढ रह ह क मगल ह पर जीवन ह या नह पर आदमी यह नह ढढ रहा ह क जीवन म मगल ह या नह

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जीवन म न जान कौनसी बात ldquoआखरी rdquo होगी न जान कौन सी रात आखरी होगी ामलत जलत बात करत रहो यार एक दसर स न जान कौन सी ldquo मलाकात rdquo आखरी होगी अगर जदगी म कछ पाना ह तो तरीक बदलो इराद नह ऐ चाद त कस मज़हब का ह ईद भी तरी और करवाचौ भी तरा

उगालय क लड़ाई

(शख महबब पीरा पटल ाचषक)

एक दन हा क सभी उगालया आपस म लड़न लग अगठा बोला म सबस बड़ा सभी जगह जरी कागज पर मझस ही ानशान बनाया जाता ह तजरनी बोली-ldquoम बड़ी मर होन स ही सब लोग काम कर पात ह जस-ालखना खाना पकड़ना मधयमा बोली-ldquoअर भई कया तम नह जानत जो आकार म लबा होता ह उस ही सभी बड़ा कहत ह अनाामका सब बात चपचाप सन रही ी वह तरत बोली ndashldquo म सबस बड़ी म तो पजा करन क भी काम आती मर स ही रोलीातलक लगाया जाता ह कानाका सभी को लड़ता दखकर उदास ी वह चपचाप एक कोन म कछ सोच रही ी तभी अगठा व तीन उगालया उसक पास गई और बोली- ldquoअर छोटी तम तो बड़ी हो ही नह सकती कयक तमहारा नाम ही कानाका ह कानाका बोली ldquoसनो अगठ भाई और पयारी उगालय आपस म लड़कर कभी कसी का भला नह हो सकता हमम कोई भी बड़ा-छोटा नह ह हम सब ामलकर मी बन सकत ह तभी हम सब बलवान हग कया तमह नह मालम क बद मी म ही ताकत होती ह इसालए हमारा लड़ना बकार ह rdquo कानाका क बात सनकर सभी एक सा बोल- ldquoहा छोटी बहन तम ाबलकल सही कह रही हो सचमच अकल म तम ही हम सबस बड़ी हो rdquo

इस नीात का स एकता म बल क ाशका ा होती ह

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तलगाना- भारत का एक और नया राजय (शलबाला खडरी मानाचषकार)

तलगाना भारत क दाकी भाग म ासत भारत का 29 वा राजय ह कषल क दाप स यह दश का

बीसवा बड़ा राजय ह ाचीन हदराबाद रयासत का अाधकतम भाग तलगाना राजय म ालया गया ह जहा आजादी स पहल ानजाम का राजय ा सन 1947 म जब भारत अज क चगल स आजाद आ उसक बाद भी हदराबाद का ानजाम अपनी रयासत सय भारत म ावलीन करन क पक म नह ा वह अपनी रयासत पर अपना ही सवतष शासन चाहता ा अतत सरदार बललभ भाई पटल क अक यास स इस रयासत को भारत क मखय धारा म ावलीन कया जा सका इस कार आन दश राजय क सापना ई और 26 जनवरी 1950 को ी एमक वललोड़ी आन दश राजय क म मखयमषी ानय ए 1956 म हदराबाद रयासत को आन दश राजय म ावलीन कर दया गया

2 जन 2014 म पनः तलगाना राजय अासततव म आया आन दश राजय क उर पामी 10 ाजल को ामलाकर तलगाना राजय क सापना क गयी ह राजधानी हदराबाद भी तलगाना राजय म ासत ह परनत 10 वष तक हदराबाद दोन राजय याान आन दश और तलगाना राजय क सय राजधानी रहगी दोन राजय क शासानक कायर हदराबाद स सचाालत हग तलगाना शबद का ादभारव ाषलगा दश शबद स आ ह ाजसका अर ह तीन लगो वाला दश तलगाना राजय क तीन दशा म कालरम ीशलम और ाकारामम ास ाशव मानदर ासत ह ाजनक अपार धामक महा ह वासतव म पक तलगाना राजय क ालए 1946 स 1951 क बीच ही ारमभ हो गया ा उस समय कमयानसट पाट न इस आनदोलन का नततव कया ा जो असल रहा भाषा क आधार पर तलगाना और आन राजय को पक करन क ालए अनक आनदोलन समय-समय पर होत रह ह इनम मखय आनदोलन 19691972 और 2009 क ह इन आनदोलन का यह भाव आ क 9 दसमबर 2009 म भारत सरकार न पक तलगाना राजय बनान क कायरवाही श कर दी य घोषा सनत ही तटीय आन व सीमान कष क लोग न सम आन दश क पक म आामक आनदोलन ारमभ कर दया और ऐसी ासात म भारत सरकार न यह कायर 23 दसमबर 2009 तक सागत कर दया इसक पात भी लगातार पक तलगाना और सम आन दश क ालए अलग-अलग आनदोलन चलत रह पक तलगाना क पक म कई आतम - हतयाए ई हड़ताल क गयी ाजसस जन साधार को बत असावधा का सामना करना पड़ा अतत पक तलगाना समरक क जीत ई और कास कायरकारी सामात न सवर सहमात स 30 जलाई 2013 को पक तलगाना राजय क ासारश करत ए ाबल तयार कर दया अनक सोपान पार करत ए यह ाबल रवरी 2014 को ससद म पारत कया गया रवरी 2014 दश पनगठरन एकट क तहत यह ाबल ससद म पास हो गया इसक पात इस नय राजय तलगाना ाबल को रापात ारा सहमात ा ई और माचर 2014 क गजट म इस कााशत कया गया इस कार नय तलगाना राजय क सापना ई

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ाशासकय प स तलगाना राजय क सापना 2 जन 2014 को ई क चन शखर राव क पाट ldquoतलगाना रा सामातrdquo न चनाव म दश म बमत हाासल कया और इस कार ी कचन शखर राव तलगाना राजय क म मखय मषी चन गए

म महगाई (डॉ नीलम कमार ाबड़ला अाभलखपाल)

म महगाई महग दशभ लोग क आमष पर भारत आई तज गात लान गात म भारत आई मझ गलत मत समझो गरीब बत ठीक बमत दकर तमन ाजनको बत उठाया म तो उनह क तीक भौातक वादी यग म योग ासखाती म भख पट न सोए कोई कडालनी जगाती म धयान प म च मारकर मन जय ऊपर चढ़त-चढ़त र तक आ जाता ह भाव वसत क वस ही र तक ल आई

अब इस यग म एक तल क पीप को पा लन का अर को पा लना ह भ दशरन क झलक दखना एक टमाटर खा लना ह भारत का आदशर तयाग ह अनासा ह अपरह ह मझको पाकर लोग वसतए तयाग रह ह अपनी खद क कार छोड़ बस क पीछ भाग रह ह म लोग को तड़क भड़क स खच

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सादगी ासखाती टरीलीन क शौकन को ला पहनाती माया जीवन का बधन ह पया पसा मल हा का म वतन भोगी लोग क बधन दो दन म हर लती शी छड़ाकर मल हा का शीश सा ानमरल कर दती

नीात ालखन वाल न कम खाना या गम खाना अचछा बतलाया मन उनका कन ानभाया ाजतनी चीज महगी हगी उतना ही जन कम खाएग ाजस दन रोटी नह ामलगी उस दन खद ही कम खाएग

शकल पक क चाद सरीखी बढ़ती म खब चादनी लाऊगी अभी दज तक ही आई परमासी तक जाऊगी

करो कलपना जब भारत जन कतन सदर दखा करग ग चावल चना बाजरा जब पाड़य म ाबका करग बीमार को दध दहीघी क इजकशन लगा करग कसा मधर जागर होगा लोग भख स जगा करग

आतक हमला

(डॉ नीलम कमार ाबड़ला अाभलखपाल) 13 दसबर 2001 ससद प पाक आतक हमला 13 रवरी 2014 ससद म भारतीय आतक हमला

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शमरसार ई ससद पच ाड़ गए नयी तहजीब क झड गाड़ गए

उड़ाया गया काली ामचर का पाउडर सपीकर का नह सना आडरर आख जलन लग सास लन लगी ससद पर नगी तलवार झलन लगी

घायल आ जातष और सावधान मदर क पजारय न कया मदर का अपमान ऐस आतकय को सबक ासखाना होगा र नया इातहास बनाना होगा

बाल-म (वाइकराकश कमार खलासी)

बालपन क कलकारी धप क ताप स आ मक पोी छोड़ी कदाल खोदत हा क मार अचक कचड़ आधी म म करना आ मजबरी गरीबी क पराकाा पट और पीठ क घटती दरी कछ धनहीनता और कछ माता-ापता क मखरता कनत सबस जयादा सवा समाज क सवदनहीनता ाजसन बालक को ामक बनन को बाधय कया लखनी को छीनकर कोमल हा म छडी पकड़ायी

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गाय-बकरी क सवा करता बालय-जीवन कप अपन भावषय को दर करता अजान और अबझ ावोपाजरन क कसको ह सरत ासात तो ऐसी ई दो दान अ क ालय बालपन चोर बनन को आतर आ

दोसती

(ाचा कडयया खलासी)

गलाब एक ल ह

एक घनट म मरझा जाता ह पर दोसती एक शा ह कभी भी जीावत रहती ह

बर ठडी होती ह जो पकड़ म नह आती ह

दोसती सोन जसी ह जो कभी कोई नह खरीद सकत ह

तार क पाच अनत (END) ह चौकोन क चार अनत ह तीकोन क तीन अनत ह

एक रखा का एक अनत ह पर दोसती का कोई अनत नह ह

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मर जीवन का उशय (कमारी ाया सातव कका सपषी एम सबीता उाल)

कग नयज भारत का खतरा पाकसतान न कशमीर पर हमला कया ह कछ दन बाद helliphellip कग नयज पाकसतान क ाखला भारत क रका करत ए वीर सानक

का भारी नकसान इन खबर न भारत को ाहला दया ा म भी सोच म पड़ गयी क म भारत क ालए कया कर सकता भारत को इन हमल स कस बचा सकता मर मन म ास र एक ही खयाल आया क भारतीय सना का एक जवान ासपाही बन

जव मन यह बात अपन दोसत स कही तो उसन कहा क ासपाही बनना खतर स खाली नह ह और परवार स दर सरहद पर खतर स भर जीवन मर ालए कपद होगा लकन मन ठान ालया ा क म कछ ऐसा कगी क पर दश म मरा नाम हो ाजस दखकर मर अपन का ासर गवर स ऊचा हो जाए

मर ानय को सनकर मरी मा रोन लगी मझ लोभन दया क म ापार क मर दोसत न मझ डाकटर बनन का सझाव दया पर मन सोचा क भारत म कई डाकटर ह ापारी ह भारत को डाकटर या ापारी क नह बालक सानक क जरत ह

म भारत क ालए अपनी जान भी दन क ालए तयार मन सोचा सब अपन परवार को सराकत

रखना चाहत ह र भारत - भाम तो मरी मा ह मरी ही कय हर एक क मा ह तो हम सब का कतर बनता ह क हम इसक रका कर इसीालए मर जीवन का उशय ह क म एक ासपाही बन और भारत क सवा क

मखर ामष स समझदार शष अचछा होता ह (मासटर सनीत चौी कका सपष एम सबीता उाल)

एक दन म और मरा सबस अचछा ामष राव बठ यह सोच रह क हम परीका क ालए अभी स पढ़ाई श कर दनी चााहए या नह राव न तपाक स कहा क अभी स पढन स कोई लाभ नह होगा अगर हम परीका क एक दन पहल पढ़ग तो जयादा दमाग म रहगा तभी वहा स मरी कका का दसरा छाष रमश गजर रहा ा मझ रमश ाबलकल पसद नही ा और रमश भी मझ पसद नह करता ा बात-बात पर हम लड़ाई करत पर पढ़ाई म वह मझस बत अचछा ा उसन हमारी बात सन ली ी

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इसालए धीर सवर म मझस बोला अपन मखर ामष क बात मत सनो बस रोज मरी तरह ोड़ा-ोड़ा पढ़ो लकन मन उसक बात पर कान नह धरा एक महीन बाद परीका क दन आ पच परीका क एक दन पहल जब मन पढ़ना श कया तब पाया क पढ़न को बत ा पर समय कम ा जस -तस पढ़ कर मन परीकाए ालखी और उममीद करता रहा क म परीका म उी र हो सक कछ दन बाद परीका का पराम ानकला और वही आ ाजसका डर ा म और ामष राव अनी र हो गए दसरी ओर रमश बत अचछ अको स उी र आ उस दन मझ समझ आ गया क मखर ामष स समझदार शष अचछा होता ह

भावषय क पढ़ाई (मासटर ाशव कलया सातव कका सपष वालल कलयाी उाल)

आज जब हम पढ़ाई या सकल क बार म सोचत ह तो नजरो म एक भारी बग उठाता आ

छाष दखता ह कताब क ाबना हम सकल जान क सोच भी नह सकत कताब क सा कपयटर भी पढ़ाई का महतवपर ाहससा बन चका ह

कछ साल बाद भारी कताब स भर बग क बदल छाष क हा म टबलट होगा आकाश टबलट एक ऐसा यष ह ाजसम हम तरह-तरह क कताब पढ़ सकत ह हम कका म ही नट स जानकारी पा सकत ह टबलट ोन स बड़ा ह और जयादा महगा भी नह हम इस कह भी ल जाकर इसम कताब पढ़ सकत ह हम इसम कका का दया गया कायर भी कर सकत ह यह टबलट पढ़ाई का अदाज बदल दगा और पढ़ाई को मजदार बना दगा

पानी और धप (कमारी एस साानया पाचवी कका सपषी राजया बगम अाल)

अभी-अभी ी धप बरसन लगा कहा स यह पानी कसन ोड़ बादल को क ह इतनी शतानी

सरज न कय बद कर ालया अपन घर का दरवाज़ा उसक मा न भी कया उसको बला ालया कहकर आजा

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ज़ोर-ज़ोर स गरज़ रह ह बादल ह कसक काका कसको डाट रह ह कसन कहना नह सना मा का

परीका (कमारी शख राजया सलताना गयारहव कका सपषी शख महबब पीरा पटल ाचषक)

ाजस नाम को सनन स कापता ह बा वो ह परीका परीका पपर हा म आत ही इतना डर लगता क यद अचछा नह कया तो ापटना पा तीन घट म लगभग करन होत ह चालीस सवाल एक भी छटा तो घर म आता ह भवडर रजलट क एक दन पहल रात को नद नह आती ह अचछ नबर पान क ालए भगवान क याद आती ह पास होन पर ामलता ह इनाम और मख स ानकलता ह ldquoकय भगवान rdquo र आती ह अगली कका तब भी मख स ानकलता ह हाय र आ गयी र स परीका

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राीय साकरता (मासटर शख समीर छठी कका सपष शख महबब पीरा पटल ाचषक)

ातदन सीखो अकर एक

ानयम बना लो ऐसा पढ़ो पढ़ाओ सीखो जान

तभी बनगा दश महान ावा सा जान कराती

मन का अधरा दर भगाती जहा पर बनत लोग जानी

वहा न होती मन क हाान अनपढ़ क ालए गगी पोी

धन दौलत भी होती ोी पढ़ा ालखा नह धोखा खाता

जहा भी जाता आदर पाता

मा (मासटर शख महबब बाशा आठव कका सपष शख महबब पीरा पटल ाचषक)

सबस सनदर जग म कौन बस एक त ह मा

सबस पयारी कसक मसकान बस एक तरी ही ह मा

कसन बनायी मरी पहचान तन ही तो मरी पयारी मा

कसक बोली ामी स मीठी तरी ही ह मरी मा

कसक डाट ह इमली स तीखी तरी ही तो पयारी मा

कसक ालए क म सब कबारन तर ालए मरी पयारी मा

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ाततली (कमारी एम राशका ाशवानी पाचवी कका सपषी एम लम कमार उाल)

ाततली तम कतनी

रग-ाबरगी होती हो तम सब ल का रस पी-पीकर

बाग-बगीच म रती रहती हो तर पख कई रग क होत ह

तमहार प को दखकर ब बत खश होत ह

मरी कका

(कमारी एम राशका ाशवानी पाचवी कका सपषी एम लम कमार उाल)

मरी कका म ह पचास ब हर एक ह अलग-अलग जस एक ह लबा एक ह छोटा एक ह मोटा एक ह पतला कछ ह अचछ कछ ह बर पर लगत ह सार पयार मरी कका ह रग- ाबरगी लगती ह ाततालय का झड ह

मझ बत पसद ह कयक यह हमारी कका ह

Page 31: कलाकल - Home: Survey of · PDF fileतेलंगाना-भारत का एक ... भी यह पि का ‘कलाकल‘ सुनदर प म िनखर

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चनौती क ालए तयारी (रघना ाषपाठी अधीकक सवकक)

कसी भी ावभाग म नई चनौातय को सामना करन क ालए कमता ानमार क आवशयकता ह यद

यह नह कया जाए तो सताावत योजनाए ावल हो जाती ह कमता ानमार स पहल उसक लय एव उशय को परभााषत कया जाना आवशयक ह कयक इसक कायारनवयन क सतर म योजना और ानषपादन म का अतर हो सकता ह कमता ानमार क अनय मानक क अतगरत अनवत सावधा क रखरखाव और सभाावत ावकास भी शाामल ह कमता ानमार क कसी भी यास म ातभा क खोज को ही पहल कदम क प म ालया जाना चााहए भारतीय सवक ावभाग म सही कमता ानमार क बाद ही 110000 क पमान का सवक करन और मानाचष ाा सभव हो पाएगा आधानक अाध ौोागक म कमय क ाशक पयार नह ह लकन यह दखना ह क जो माग और सवक और मानाचष क आपत क खला स सक ातत ह जनता क ालए उपयोागता बढ़ा रही ह श म हालाक बाधाए आना बाधय ह हम यह कायर श करना और पराम क तीका करनी ह इस यास म खल अाधकार कष क ावशषज को ानयामत प स परामशर कया जाना चााहए सवक और नकश क उपयोगकतार क माग और एक बड़ परय क दाप स दखन क ालए यह महतवपर ह

यहा तक क उपयोगकतार क ालए भी ाडाजटल डटा का उपयोग सीामत ह भारतीय सवक ावभाग उपयोगकतार को ानयामत आधार पर सहायता और मलय सवधरन क ालए सलाह दकर नकश क कातज उपयोग तक का ावसतार कर सकता ह उस बात पर धयान दत ए भारतीय सवक ावभाग क सवा हत जी आई एस वजाानक को शाामल करन क आवशयकता ह यह महगा मामला होन पर भी वरीयता स भरी हम भावषय क चनौातय को परा करन क ालए तयार रहना चााहए कयक नकश क उपयोग स ावकास को तो होना ही ह

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नमक का महतव (कष कमार अाधकारी सवकक)

एक राजा क तीन बटया ी तीन बत ही सनदर सशील और ावशष ग वाली एक दन राजा न तीन राजकमारय को अलग-अलग स एक ही सवाल पछा ldquo बटी तम मझ कतना चाहती हो ldquo बड़ी राजकमारी न जवाब दया rdquo ापताजी म आपको सोन जस चाहती अारत सोन क आभष स मझ ाजतना पयार ह उतना ही पयार आप स ह ापताजी ldquo राजा बत सतप आ और दसरी राजकमारी स पछाrdquoबटी दीदी न तो जवाब द दया अब तम बताओ तम मझस कतना ह रखती हो दसरी राजकमारी बोली ldquo ापताजी म आपको हीर जसा चाहती अारत हीर क गहन स मझ ाजतना पयार ह उतनी ही पयार आप स ह ापताजी ldquo राजा तो ल न समाया सोचन लगा rdquo म बमतलब का सकोच कर रहा ा मरी बटया तो लगता ह मर बगर जी नह पाएगी ldquo अब तीसर स कया पछ र भी पछ लता र तीसरी बटी स पछाrdquo बटी तम मझ कतना चाहती हो तीसरी राजकमारी न जवाब दयाrdquo ापताजी म आपको नमक ाजतना चाहती जवाब सनत ही राजा आग-बबला हो उठा और बरी-भली सनाकर उसक कक स ानकल गया छोटी राजकमारी न कछ नह कहा बालक राजा क डाट सनकर चपचाप रह गयी रात ई राजा को सार महल क कायर ानपटान क बाद भख लगी खान क ालए उस हीर स ससात सोन क सहासन पर छोटी राजकमारी न बठाया र सोन क ाली म नाना कार क जन स य खाना परोसा और राजा को खाना श करन को कहा राजा न मह म खाना रखा तो महसस कया खाना का ह र हर जन को चखा तो पाया सब क ह र तो आग-बबला होकर अपनी रानी पर ाचललाया ldquo इस तरह क भल कस हो गयी हम कया समझ रखा ह जन दखाकर ललचाना और र खान नह दना यह बोलत ए रानी पर सोन क ाली ाजस पर जन परोस ए कन क ालए हा उठाया उठ ए हा को तीसरी राजकमारी न पकड़ ालया और पछा ldquoापताजीखाना तो बढ़या ह र कमी कया हrdquo राजा बोल ldquoनमक क ाबनाकोई खाना खाया जा सकता हrdquo राजकमारी बोली ldquoापताजीआपको तो नमक स नरत ह ना इसालए मन जन बनवात ए नमक नह डलवाया rdquo र तो राजा समझ गया क छोटी बटी न उनह सबक ासखान क ालए यह भोजन तयार करवाया ह र बोला ldquoबटी म समझ गया नमक क ाबना खाना जस सवादप नह उसी तरह तमहार पयार ाबना मरा वचरसव नह ldquo और राजकमारी को गल लगा ालया

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मायाजाल (एनबी सवामी अाधकारी सवकक)

इस जगत म कल 84 लाख जीव राशया ह और उनम मानव जनम सबस उम ह उम इसालए ह क भगवान न मानव का आधार इसालए दया ह ताक इस जनम अचछ कमर कर वह मोक क ाा कर सक मोक याान पनरजनम नह यद कमर बर ए तो र 84 लाख जीवरााशय म पदा होन क ालए वह आतमा कालच म दोबारा स जाती ह इस सपर कालच क याषा करत ए जब आतमा मानव क योान म वश करती ह तब वह भगवान स यही ारना करता रहता ह क ह भगवान मझ इस कद (याान मा का गभर) स जलदी मा दला द कयक म तमहारा धयान सही ढग स नह कर पा रहा कयक इस कद म अनक तरल पदा क सा-सा मल-मष म भी टहल रहा यह कसा नरक ह जहा आपन मझ सा रखा ह तब भगवान भी बोलत ह क ldquoत अभी बालक ाशश का प धार करन वाला ह तमन इतन वष यग म ाजतन पाप कय ह उन सबक यह चरम सीमा ह यह चरम सीमा बत ही पीड़ा दन वाली ह ाजस तमह जीतना ह लाघना ह इस चरम सीमा स मा होन क बाद तम कया करोग ldquo ाशश कहता ह ldquo भगवन आप जो कहग ldquo भगवन पछत ह कया तम अपना जीवन मरा धयान करत ए मर ालए समपर कर दोग ldquoाशश कहता हrdquo हा म समपर कर दगा आपक ालए ldquo भगवन भी जानत ह ाशश को नौ महीन गभर म रहना ही पड़गा तभी पर शरीर का ावकास होकर जब वह बाहर आएगा तो मरी सवा करगा उ नौ महीन तदनसार भगवन ाशश का वातारलाप नौ महीन चलता रहता ह ताक ाशश अपन चार ओर स मल क गध का धयान न द र जब वह बाहर ानकलता ह भगवान को धनयवाद करता ह और कहता ह ldquo म तमहारा बत ही आभारी भ अपन मझ मा दलाई अभी मझम वह ताकत नह क म तमहारा धयान करन क ासवा और कछ क मर माता ndashापता मझ सच कर जब अपन पर पर चलन क ताकत द दग तभी म तमहार ालए कछ कर पाऊगा ldquo भगवान कहत ह ldquo अर मखर त नह जानता यह जगत एक मायाजाल ह मझ पर ावास ह त मझ भल जायगा और र स कालच म पड़ जायगा ाशश कहता ह ldquo नह भगवान ऐसा नह ह भगवान मरा ावास करो म ातजा करता मरा जीवन आपक ालए ही समपर ह ldquo भगवान कहत ह ldquoदख लगा इस जगत क मायाजाल म त मरी कया का सवा करगा ldquo यह ाशश और भ का वाारलाप सनकर दवष नारद भगवान क पास पच पछन लग ldquo भ आप कस मायाजाल क बात कर रह ह ldquo भ बोल ldquo नारद म समसत जीव- रााशय का सवामी उनका कलया चाहता उनको सख भी और दख भी दता वह इसालए क मायाजाल क मोह एव अहकार म पड़कर खद को सपर मानन वाल ाी को दड न द तो र मरा समर कस करगा ldquo नारद बोल ldquo भ आपक वचन का मतलब कस

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दशा म जाता ह यह तो मझ नह पता एक तर कहत ह समसत जीवरााशय का कलया चाहता दसरी ओर कहत ह दड दता तीसरी ओर मायाजाल अर नाराय आप जब समसत जगत क सवामी ह सब आपक अधीन ही ह तो र मायाजाल शबद आपन जो योग कया ह वह आपक अधीन स बाहर कस हो गयाrdquo ानयष काजए जीवरााशया उसक चपट म नह आएगी र सब आपका गगान ही करग और सबको मोक क ाा होगी ldquo भगवान कहत ह ldquo ह दवष मर ालए समसत जीवराशी को परीका स गजरना पड़ता ह मानव जीवन ही उनम अातम परीका ह बस उसको लाघ ल म पनरजनम स मा दला दldquo नारद जी भगवान स तकर करन लग गय का दर बाद भगवान न कहा rdquo दवष आपस बहस और नह कर सकता आपस बहस कर मरा गला सख गया ह जरा एक छोट कलश या कमडल म पानी लकर आइय ताक म अपनी पयास बझा सक नारद को झटका लगा और पाताप करन लग ldquo बमतलब मन अनतरयामी स बहस कर उनको कप दया व समपर जानानद क सामन मरी हासयत कया ह पता नह आज मरी मात मारी गयी और म बमतलब बहस करन लगा भ को पयास लगी ह और वो भी मरी वजह स जलदी स उनक पयास म बझा द पानी क खोज म सार लोक का म करत ए नारदजी पथवी लोक म पच गए पथवी लोक पचकर पानी क खोज म एक कए क पास पच तो दखा क एक अतयनत सदर नारी कए स पानी ानकाल रही ह नारद न सोचा वह सनदर ी पानी भरकर चली जाए तो र म ोड़ा सा पानी भर ल नारद उस दख रह ी भी नारद जी को दख रही ी नारदजी न पछा rdquo दवी कया तम यह आसपास रहती हो ी न जवाब दया rdquo हा ldquo नारदजी र पछ rdquo दवी कया तमहारा ाववाह हो चका ह rdquo ी बोली ldquoनह ldquo नारदजी का ावचालत मन ल नह समाया और पछ ही ालया ldquo दवी यद तम अाववााहत हो और यद तमह कोई परशानी न हो तो कया तम मझस ाववाह करोगी ी सादाय औरत ी बोली ldquo मर ापता क आजा क ाबना म आपस ाववाह नह कर सकती ldquo नारदजी बोल ldquo दवी सशील नारी क यही ग होत ह यद तमह आपा न हो तो म तमहार सा चलकर तमहार माता-ापता स बात कगा और तमस ाववाह कगा ldquo यवती राजी ई और ासर एव कध म पानी स भर घड़ को ढोत ए आग चलती रही और नारदजी पीछ चलन लग सपर रासत म उस सनदर ी क ानहारत ए मन म सपन क पल बाध रह उस सनदर ी क ापता क पास जाकर अपना परचय दत ए उनक बटी स ाववाह करन का सताव रखा साकात नारद मान को अपना दामाद सवप दख उसी मतर म मगनी हो गई और एक शभ मर म ाववाह भी हो गया ाववाह क कछ दन क पात उनक ब हो गय ब बड़ भी हो गय र तो व अपन गहस आम म इतन सत हो गय क उनक मह स नाराय मष ानकलना भी बद हो गया कई वष बाद एक शाम को जोर क आधी क सा तानी बारश ई इस माहौल न इतना ावकराल प धार कर ालया ा क वातावर लय म बदल गया चार तर पानी भर गया बत सार लोग पश आद पानी म बह गय कनत कात क ावकराल प क सामन ठहरन का साहस कस ा दखत ही दखत उनका गह भी बाढ़ क चपट म आकर टट गया और पानी म बह गाया पी और ब डर स

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रोदन करन लग दखत-दखत कान पष क अलावा पी और बाक ब भी पानी म बह गए र तो नारदजी स सोचा इस कान को म कध पर ालए चलता ताक वह तो बढ़ाप म मरा सहारा बनगा कनत लय क तीता इतनी तज ी क नारदजी क नाक क ऊपर स पानी बहन लगा र तो व खद भी भल गय क बट को बचाना ह सोचन लग म कसी तरह जीावत बच जाऊ उसी सोच न उनक कान पष को भी नह बखशा कसी तरह कछ समय उपरानत लय शानत आ पानी घट गया चार तरक मनषयपश - पकी आद क लाश टट ए रासत और घर क बीच पड़ी ई ी नारद मान को बहद दख आ और ठठोर कर रोन लग गय रोत-रोत व खद क बार म सोचन लग क भगवान न उनक सा ऐसा अनयाय कय कया काश व भी मर जात तो अचछा होता तभी उस राह स ास महष गजरत ए नारदमान स परामशर करन लग नारदजी कहन लग ldquo पता नह मन कौन सा पाप कया ह क मर पर परवार का सवरनाश हो गया ह मझ कय मतय नह आई इस पर ासजी न कहा शायद तमहारा समय नह आया ह इसालय तम बच गय हो हालाक ास जानत क नारद मायाजाल म सा आ ह ldquo र इसका ानरय कौन करता ह ldquo नारद न ासजी स पछा ासजी न उर दया ldquoयह तो मतयलोक क अाधपात यमराज ही इसका उर दगrdquo र व दोन ामलकर यमराज क पास गय यमराज न आन का कार पछा तो ासजी न नारद मान क सारी दख भरी गाा सनाई और पछा क ldquoमतय न इनका आलगन कय नह कयाldquo यमराज बोल rdquoम कोई नह मरा यमदत ही इसका उर द सकता ह कयक म यमदत क ारा कसी आतमा को लान क बाद ही उसक पाप-पणय का ाहसाब दख ानधाररत सजा का ऐलान करता यद यमदत आपको लकर मर पास नह आया तो इसम मरा कया दोष ह यमदत स पछ लldquo र ासजी न उनक यमदत स वही सवाल करन पर यमदत न कहा ldquo महामान म कस कसी क शरीर स आतमा को छीनकर ल आऊ म तो यमलोक का सवक माष ाचषग जब तक आजा नह दत तब तक म कोई कायरवाही नह कर सकता आप इस का उर ाचषगजी स पछ ल ldquo र ासजी न ाचषग स वही सवाल करन पर ाचषग न कहाrdquo महामान म तो यमदत को तभी आजा दता जब उस ाी का सारा लखा - जोखा समा हो जाता ह अभी माननीय नारद जी क मतय का समय आया नह ह अभी उनका कछ कया नह जा सकता ldquo ासजी न नारद स कहाrdquo दखो नारद अभी तमहारा समय आया नह ह तभी तम जीावत हो चलो चलत ह अब ापछली घटना को भल कर आग क सोचो ldquo बस इतना ही कहना ा क ाचषग न र ासजी को बलाकर कहा rdquo ह ऋाषवर इनक कणडली म यह ालखा ह क मतय तभी इनको गल लगा सकती ह जब य एक सा आपको मझ यमराज और उनका वाहन भस का एक सा दशरन करग चक इनक ारा यह कायर पर हो चका ह अत इनका जीवन पर हो गया ह ldquo बस इतना ही ा क नारद जी को आवाज आन लगी अर दवष दवष मझ कब स पयास लगी ई ी मरा गला सख गया ह कनत आपन मझ अब

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तक पानी नह दया कहा ह पानी ldquo य साकात नाराय क आवाज सन नारदजी को होश आया और भगवान क चर म पड़कर ागड़ागड़ान लग यह कहत ए क rdquo ह नाराय आपन मझ अचछा सबक ासखाया ह मन आपस बहस कया कर लीआपन मझ मायाजाल का साकातकार करवा दया कमा काजए म आपको पानी नह ापला सका मरी वजह स आपका गला खब सख गया होगा ldquo यह कहत ए उनक अधारा स नाराय क पाव धल गय और भगवान न कहाrdquo दवष आप चातत ना ह आपन अधारा स मर चर धोकर ानसवार सवा कर दी मरी पयास बझ गयी ह अब आप म ह ldquo र नारदजी खशी स नाराय-नाराय कहत ए ानकल गय

घाट का पतर

(बषव बहरा अाधकारी सवकक)

माता-ापता और जनम भाम को छोड़ कर हम सब बन गए ह घाट का पतर धनय ह वह महापष ाजसन हम साापत कया म उस महापष क ावषय म व रन नह कर सकता शायद म अात पाप क कार पतर बन गया लोकन म आशा करता क भावषय म मरा भागय बदल जाएगा चक म लोग क मन स सवा करता इसका ल हमको भगवान अवशय दग लोग का सवा करत ndashकरत मरा आकार भी बदल गया परनत सवा करत ndashकरत मरा नाम रोशन हो रहा ह बालक हम सता का अनभव हो रहा ह मर कमर क चलत मरा भागय बदल रहा ह म हमशा जलम रहता और पीठ पर ातदन मार झलत रहता शायद ही ऐसा पीड़ा इस ससार म कसी को ामलती होगी मरा सानानतर भी नह ह म कई महापष को दखता आया कतन महाराय न ा तयाग दय लकन तबस म यहा अकला पड़ा म हर मौसम क मार झल रहा ब-बढ़ क सवा करत-करत मन कछ पणय कमा ालए ह और आशा करता क मझ को भावषय म मानव जनम ामल सकता ह मानव जनम ामलन स म आपका भजन-करन कगा

ऐस दखतndashदखत कई यग क बाद हमको मानव जनम ा आ मानव जनम म अगर इस धराष म दखा क यहा ऊच-नीच जात-पात नीात-ानयम ावदन पाचार अनयाय ndashअतयाचार चमर-अचमर का ताडव नतय चल रहा ह दखकर मर मन म परवतरन आ गया क भ मझको मरा ापछला जनम वापस द दीाजए

पतर जनम म रह कर मरा कोई-कोई साी अचछ कमर क चलत मदर म सान ा कर ालया ह कोई-कोई तो ठाकर बन गय लोग-ातदन उनक पजा करत ह

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हम लोग म स कोई-कोई सामाजक कायर म सहयोग दान करत ह कोई गह-ानमार म सहयोग द रह ह तो कोई मदर-ानमार म सहयोग द रह ह कोई तो सीधा मत बन गय इसीालए उनक मन म घमणड आ गया अहलया न पतर होन क नात भगवान का दशरन पा ालया इसालए पतर जनम होन क चलत उनक मन म का अह भाव आ गया

हमार अनदर ावाभ प भी ह याः लोहा पतर चना पतर सगममरर काला पतर (नाइट सटोन) मलायम पतर (soft stone) इतयाद लोहा पतर जो दश क ानमार म काम आता ह चना पत जो ासमट ानमार क काम म आता ह सगममरर घर और मदर का शर (flooring) म काम आता ह काला पत घर का शर और आला बनान म काम आता ह मलायम पतर ाशलप कला क ावकास म योगदान दत ह पतर जनम होकर भी म का गवर महसस करता मरी भगवान स अानतम ावनती य ह क आप मझ अानतम समय म दशरन दन को कपा कर

न हमको पतर जनम चााहए न हमको मानव जनम चााहए हमको तो ास र इस भव सागर स पार होना चााहए

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जयादा लोभ न करना (पाडव कानटया सहायक सवकक)

मनषय भगवान क साप ह इसालए वह भगवान का अश ह जब तक वो मा क गभर म ा तक तक वह मोह-माया स वाचत ा एव हमशा भगवान क समीप ा लकन जब वो पथवी पर अवती र आ उसको मोह-माया न घर ालया पाच साल तक वो ईरीय सा म रहता ह इसालए कहा जाता ह क ldquoCHILD IS THE INCARNATION OF GODrdquo इसक बाद मोह-माया म आकषत हो कर ईरीय सा को भल जाता ह बचपन म वो बत आजा और मोह-माया राहत और चरषवान रहता ह जब समय बढ़ता जाता ह तब उसक समसत उम ग धवस होकर गलत मागर पर चला जाता ह

बचपन म ावा ाशका जवानी म ी दीका एव पारवारक ाचनता म म होकर वह समसत मौालक सा को खो दता ह सबा नप होकर सबा म आ जाता ह दव का नप होकर राकस वा जारवत होता ह एव परवारक जगल म सकर भगवान का नाम लना भल जाता ह अपना परवार का भर पोष क ालए कठन परम करता ह लकन उनका पट भरता नह ह ईर क सा को भल जाता ह और अनत म पशकतव को ा होता ह शरीर रोगसत हो जाता ह दाप शा की हो जाती ह चलन ndashरन म असमर रहता ह रात को नद नह आती ह र भी लोभ को छोड़ नह पाता ह अपन बीवी-ब ता परवार क बार म सदा सोचन लगता ह शरीर वावसा को ा होता ह परवार क कोई भी सदसय पछत नह ह

परवार क लोग उसको ढग स खाना भी नह दत ह उसको घर स दर रखत ह र भी यह अधम मनषय भगवान क बार म सोचता नह ह लोभ का अनत नह होता ह पाप का बोझ बढ़त जाता ह अनत म नरक को ा होता ह र भी मनषय भगवान को समझ नह पाता ह परवार क ालए इतना बड़ी ददरशा झलता ह उनको कोई भी नह पछता ह उसक ारा जमा क गई पजी को परवार वाल उनक सामन मौज करत ह

लोभ मनषय को अनधा बना दता ह आदमी क हतया करत ह लोभ क वशीभत होकर दसर क समपात को लटत ह ाजसस समाज म पाचार बढ़ता ह इसालए ह मानव तम कय लोभ करत हो लोभ नह करक भगवान का समर करो हर कतरन करो तप जप करो और सवगर क अाधकारी बनो उम कमर करक भगवान क शरागत हो जाओ भगवान तमहार समसत सख-दख का भार वाहन करग

सवरधमारनपरतयजय मामक शर ज अह तवा सवरपापभयो मोकायषयााम मा शच

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इसालए अचछा कमर करक पणय कमाना ह हमशा धमर क जय और पाप का कय होता ह धमर-कमर करक ावजय ा होगी लकन अधमर म जाकर नरक गामी नह होना

एकदा अनधा राजा धतरा सजय को पछा क ldquoह सजय इस धमर य म कसक जय होगी उर म सजय बोल क ldquoयष योगर कषो यष पा धनधरर तष ी ावजयो भात वा नीातमरातमरम ldquo अारत जहा योगर कष एव धनधाररी अजरन एक सा ह वहा ावजय ानात ह

इसालए दखा गया क हमशा धमर क जय और अधमर क पराजय होती ह धमर सवचछ ानमरल लकन अधमर कदाकार कात ह इसालए लोभ-लालच म वशीभत न होकर सत

कमर करो अनयाय का परतयाग करो लोभ मत करो जीवन म कप करक जो धन कमा ालया वो सब इस धरती म रह जाता ह अानतम क म सा कोई नह ल जाता इसालए अनधर म भटक नह जाना इसालए कहा गया ह क-अात लालच नह करना अात सवरष गहतम अारत अात सवरनाश का कार ह

अात दप हता लका

अात मानसय कौरवा अातदारन बाल वध अात सवरष गहतम

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टटा वक का अाभमान (चरदास नाराय गडम सवक सहायक)

वन म खड़ एक वक क सा ालपटी एक लता भी धीर-धीर वक क बराबर हो गई वक का आय

लकर उसन भी लना ndashलना आरभ कर दया बल को लत ndash लत दखकर वक को अहकार हो गया क म न होता तो लता अासततव हीन होती वह लता को धमकात ए बोला ओ बल चपचाप मरा कहना माना कर म जो कह रहा वह कया कर नह तो ध मार कर भगा दगा पड़ का लाप जारी ा क दो पाक वहा स ानकल एक बोला अर भाई जरा दखो तो यह वक कसा सदर ह इस पर कसी सदर लता पाषपत हो रही ह आओ इसक नीच ोड़ी दर ावाम कर अपना महतव लता क सा ह यह जानकर वक का अाभमान भी नप हो गया सा ndash सा रहन स ही सबक गात होती ह

बटी (डी राव बाब पटल ाचषक ड-II)

बटी घर क लाज होती ह पापा क सर का ताज होती ह दल क सदा स रही ह इचछा बटी तझको ह पाना आई हो मर जीवन म जस एक ननही कावता राह दखता म तरी जलदी स मर पास आना मा क गोद म सदा रहती हो कछ पल मर पास भी आना न चाहत ह अब धन दौलत क त ही लमी त ही मरी मत भी डर लगता ह सोचक जब एक दन छोड़ क जाएगी त कतना मझ लायगी त बटी होती ह बाबल क लाड़ली

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यह ाज़नदगी (सययद इदरीस पटल ाचषक ड ndashII)

बठ जाता ह ामी प अकसर कय क मझ अपनी औकात अचछी लगती ह

मन समनदर स सीखा ह जीन का सलीका चपचाप स बहना और अपनी मौज म रहना चाहता तो ह क य दानया बदल द पर दो व क रोटी क जगाड़ म सरत नह ामलती दोसत महगी स महगी घड़ी पहन कर दख ली व र भी मर ाहसाब स नह चलता य ही हम दल को सा रखा करत पता नह ा क कमत चहर क होती ह अगर खदा नह ह तो उसका ाज कय और अगर खदा ह तो र कय

lsquorsquoदो बात इसान को अपन स दर कर दती ह एक उसका ldquoअहम rdquo और दसरा उसका ldquo वहमrdquo पस स सख कभी खरीदा नह जाता और दख का कोई खरीदार नह होता मझ ाज़नदगी का इतना तजबार तो नह पर सना ह सादगी म लोग जीन नह दत मााचस क जरत यहा नह पड़ती यहा आदमी आदमी स जलता ह ाव क बड़ स बड़ वजाानक यह ढढ रह ह क मगल ह पर जीवन ह या नह पर आदमी यह नह ढढ रहा ह क जीवन म मगल ह या नह

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जीवन म न जान कौनसी बात ldquoआखरी rdquo होगी न जान कौन सी रात आखरी होगी ामलत जलत बात करत रहो यार एक दसर स न जान कौन सी ldquo मलाकात rdquo आखरी होगी अगर जदगी म कछ पाना ह तो तरीक बदलो इराद नह ऐ चाद त कस मज़हब का ह ईद भी तरी और करवाचौ भी तरा

उगालय क लड़ाई

(शख महबब पीरा पटल ाचषक)

एक दन हा क सभी उगालया आपस म लड़न लग अगठा बोला म सबस बड़ा सभी जगह जरी कागज पर मझस ही ानशान बनाया जाता ह तजरनी बोली-ldquoम बड़ी मर होन स ही सब लोग काम कर पात ह जस-ालखना खाना पकड़ना मधयमा बोली-ldquoअर भई कया तम नह जानत जो आकार म लबा होता ह उस ही सभी बड़ा कहत ह अनाामका सब बात चपचाप सन रही ी वह तरत बोली ndashldquo म सबस बड़ी म तो पजा करन क भी काम आती मर स ही रोलीातलक लगाया जाता ह कानाका सभी को लड़ता दखकर उदास ी वह चपचाप एक कोन म कछ सोच रही ी तभी अगठा व तीन उगालया उसक पास गई और बोली- ldquoअर छोटी तम तो बड़ी हो ही नह सकती कयक तमहारा नाम ही कानाका ह कानाका बोली ldquoसनो अगठ भाई और पयारी उगालय आपस म लड़कर कभी कसी का भला नह हो सकता हमम कोई भी बड़ा-छोटा नह ह हम सब ामलकर मी बन सकत ह तभी हम सब बलवान हग कया तमह नह मालम क बद मी म ही ताकत होती ह इसालए हमारा लड़ना बकार ह rdquo कानाका क बात सनकर सभी एक सा बोल- ldquoहा छोटी बहन तम ाबलकल सही कह रही हो सचमच अकल म तम ही हम सबस बड़ी हो rdquo

इस नीात का स एकता म बल क ाशका ा होती ह

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तलगाना- भारत का एक और नया राजय (शलबाला खडरी मानाचषकार)

तलगाना भारत क दाकी भाग म ासत भारत का 29 वा राजय ह कषल क दाप स यह दश का

बीसवा बड़ा राजय ह ाचीन हदराबाद रयासत का अाधकतम भाग तलगाना राजय म ालया गया ह जहा आजादी स पहल ानजाम का राजय ा सन 1947 म जब भारत अज क चगल स आजाद आ उसक बाद भी हदराबाद का ानजाम अपनी रयासत सय भारत म ावलीन करन क पक म नह ा वह अपनी रयासत पर अपना ही सवतष शासन चाहता ा अतत सरदार बललभ भाई पटल क अक यास स इस रयासत को भारत क मखय धारा म ावलीन कया जा सका इस कार आन दश राजय क सापना ई और 26 जनवरी 1950 को ी एमक वललोड़ी आन दश राजय क म मखयमषी ानय ए 1956 म हदराबाद रयासत को आन दश राजय म ावलीन कर दया गया

2 जन 2014 म पनः तलगाना राजय अासततव म आया आन दश राजय क उर पामी 10 ाजल को ामलाकर तलगाना राजय क सापना क गयी ह राजधानी हदराबाद भी तलगाना राजय म ासत ह परनत 10 वष तक हदराबाद दोन राजय याान आन दश और तलगाना राजय क सय राजधानी रहगी दोन राजय क शासानक कायर हदराबाद स सचाालत हग तलगाना शबद का ादभारव ाषलगा दश शबद स आ ह ाजसका अर ह तीन लगो वाला दश तलगाना राजय क तीन दशा म कालरम ीशलम और ाकारामम ास ाशव मानदर ासत ह ाजनक अपार धामक महा ह वासतव म पक तलगाना राजय क ालए 1946 स 1951 क बीच ही ारमभ हो गया ा उस समय कमयानसट पाट न इस आनदोलन का नततव कया ा जो असल रहा भाषा क आधार पर तलगाना और आन राजय को पक करन क ालए अनक आनदोलन समय-समय पर होत रह ह इनम मखय आनदोलन 19691972 और 2009 क ह इन आनदोलन का यह भाव आ क 9 दसमबर 2009 म भारत सरकार न पक तलगाना राजय बनान क कायरवाही श कर दी य घोषा सनत ही तटीय आन व सीमान कष क लोग न सम आन दश क पक म आामक आनदोलन ारमभ कर दया और ऐसी ासात म भारत सरकार न यह कायर 23 दसमबर 2009 तक सागत कर दया इसक पात भी लगातार पक तलगाना और सम आन दश क ालए अलग-अलग आनदोलन चलत रह पक तलगाना क पक म कई आतम - हतयाए ई हड़ताल क गयी ाजसस जन साधार को बत असावधा का सामना करना पड़ा अतत पक तलगाना समरक क जीत ई और कास कायरकारी सामात न सवर सहमात स 30 जलाई 2013 को पक तलगाना राजय क ासारश करत ए ाबल तयार कर दया अनक सोपान पार करत ए यह ाबल रवरी 2014 को ससद म पारत कया गया रवरी 2014 दश पनगठरन एकट क तहत यह ाबल ससद म पास हो गया इसक पात इस नय राजय तलगाना ाबल को रापात ारा सहमात ा ई और माचर 2014 क गजट म इस कााशत कया गया इस कार नय तलगाना राजय क सापना ई

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ाशासकय प स तलगाना राजय क सापना 2 जन 2014 को ई क चन शखर राव क पाट ldquoतलगाना रा सामातrdquo न चनाव म दश म बमत हाासल कया और इस कार ी कचन शखर राव तलगाना राजय क म मखय मषी चन गए

म महगाई (डॉ नीलम कमार ाबड़ला अाभलखपाल)

म महगाई महग दशभ लोग क आमष पर भारत आई तज गात लान गात म भारत आई मझ गलत मत समझो गरीब बत ठीक बमत दकर तमन ाजनको बत उठाया म तो उनह क तीक भौातक वादी यग म योग ासखाती म भख पट न सोए कोई कडालनी जगाती म धयान प म च मारकर मन जय ऊपर चढ़त-चढ़त र तक आ जाता ह भाव वसत क वस ही र तक ल आई

अब इस यग म एक तल क पीप को पा लन का अर को पा लना ह भ दशरन क झलक दखना एक टमाटर खा लना ह भारत का आदशर तयाग ह अनासा ह अपरह ह मझको पाकर लोग वसतए तयाग रह ह अपनी खद क कार छोड़ बस क पीछ भाग रह ह म लोग को तड़क भड़क स खच

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सादगी ासखाती टरीलीन क शौकन को ला पहनाती माया जीवन का बधन ह पया पसा मल हा का म वतन भोगी लोग क बधन दो दन म हर लती शी छड़ाकर मल हा का शीश सा ानमरल कर दती

नीात ालखन वाल न कम खाना या गम खाना अचछा बतलाया मन उनका कन ानभाया ाजतनी चीज महगी हगी उतना ही जन कम खाएग ाजस दन रोटी नह ामलगी उस दन खद ही कम खाएग

शकल पक क चाद सरीखी बढ़ती म खब चादनी लाऊगी अभी दज तक ही आई परमासी तक जाऊगी

करो कलपना जब भारत जन कतन सदर दखा करग ग चावल चना बाजरा जब पाड़य म ाबका करग बीमार को दध दहीघी क इजकशन लगा करग कसा मधर जागर होगा लोग भख स जगा करग

आतक हमला

(डॉ नीलम कमार ाबड़ला अाभलखपाल) 13 दसबर 2001 ससद प पाक आतक हमला 13 रवरी 2014 ससद म भारतीय आतक हमला

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शमरसार ई ससद पच ाड़ गए नयी तहजीब क झड गाड़ गए

उड़ाया गया काली ामचर का पाउडर सपीकर का नह सना आडरर आख जलन लग सास लन लगी ससद पर नगी तलवार झलन लगी

घायल आ जातष और सावधान मदर क पजारय न कया मदर का अपमान ऐस आतकय को सबक ासखाना होगा र नया इातहास बनाना होगा

बाल-म (वाइकराकश कमार खलासी)

बालपन क कलकारी धप क ताप स आ मक पोी छोड़ी कदाल खोदत हा क मार अचक कचड़ आधी म म करना आ मजबरी गरीबी क पराकाा पट और पीठ क घटती दरी कछ धनहीनता और कछ माता-ापता क मखरता कनत सबस जयादा सवा समाज क सवदनहीनता ाजसन बालक को ामक बनन को बाधय कया लखनी को छीनकर कोमल हा म छडी पकड़ायी

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गाय-बकरी क सवा करता बालय-जीवन कप अपन भावषय को दर करता अजान और अबझ ावोपाजरन क कसको ह सरत ासात तो ऐसी ई दो दान अ क ालय बालपन चोर बनन को आतर आ

दोसती

(ाचा कडयया खलासी)

गलाब एक ल ह

एक घनट म मरझा जाता ह पर दोसती एक शा ह कभी भी जीावत रहती ह

बर ठडी होती ह जो पकड़ म नह आती ह

दोसती सोन जसी ह जो कभी कोई नह खरीद सकत ह

तार क पाच अनत (END) ह चौकोन क चार अनत ह तीकोन क तीन अनत ह

एक रखा का एक अनत ह पर दोसती का कोई अनत नह ह

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मर जीवन का उशय (कमारी ाया सातव कका सपषी एम सबीता उाल)

कग नयज भारत का खतरा पाकसतान न कशमीर पर हमला कया ह कछ दन बाद helliphellip कग नयज पाकसतान क ाखला भारत क रका करत ए वीर सानक

का भारी नकसान इन खबर न भारत को ाहला दया ा म भी सोच म पड़ गयी क म भारत क ालए कया कर सकता भारत को इन हमल स कस बचा सकता मर मन म ास र एक ही खयाल आया क भारतीय सना का एक जवान ासपाही बन

जव मन यह बात अपन दोसत स कही तो उसन कहा क ासपाही बनना खतर स खाली नह ह और परवार स दर सरहद पर खतर स भर जीवन मर ालए कपद होगा लकन मन ठान ालया ा क म कछ ऐसा कगी क पर दश म मरा नाम हो ाजस दखकर मर अपन का ासर गवर स ऊचा हो जाए

मर ानय को सनकर मरी मा रोन लगी मझ लोभन दया क म ापार क मर दोसत न मझ डाकटर बनन का सझाव दया पर मन सोचा क भारत म कई डाकटर ह ापारी ह भारत को डाकटर या ापारी क नह बालक सानक क जरत ह

म भारत क ालए अपनी जान भी दन क ालए तयार मन सोचा सब अपन परवार को सराकत

रखना चाहत ह र भारत - भाम तो मरी मा ह मरी ही कय हर एक क मा ह तो हम सब का कतर बनता ह क हम इसक रका कर इसीालए मर जीवन का उशय ह क म एक ासपाही बन और भारत क सवा क

मखर ामष स समझदार शष अचछा होता ह (मासटर सनीत चौी कका सपष एम सबीता उाल)

एक दन म और मरा सबस अचछा ामष राव बठ यह सोच रह क हम परीका क ालए अभी स पढ़ाई श कर दनी चााहए या नह राव न तपाक स कहा क अभी स पढन स कोई लाभ नह होगा अगर हम परीका क एक दन पहल पढ़ग तो जयादा दमाग म रहगा तभी वहा स मरी कका का दसरा छाष रमश गजर रहा ा मझ रमश ाबलकल पसद नही ा और रमश भी मझ पसद नह करता ा बात-बात पर हम लड़ाई करत पर पढ़ाई म वह मझस बत अचछा ा उसन हमारी बात सन ली ी

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इसालए धीर सवर म मझस बोला अपन मखर ामष क बात मत सनो बस रोज मरी तरह ोड़ा-ोड़ा पढ़ो लकन मन उसक बात पर कान नह धरा एक महीन बाद परीका क दन आ पच परीका क एक दन पहल जब मन पढ़ना श कया तब पाया क पढ़न को बत ा पर समय कम ा जस -तस पढ़ कर मन परीकाए ालखी और उममीद करता रहा क म परीका म उी र हो सक कछ दन बाद परीका का पराम ानकला और वही आ ाजसका डर ा म और ामष राव अनी र हो गए दसरी ओर रमश बत अचछ अको स उी र आ उस दन मझ समझ आ गया क मखर ामष स समझदार शष अचछा होता ह

भावषय क पढ़ाई (मासटर ाशव कलया सातव कका सपष वालल कलयाी उाल)

आज जब हम पढ़ाई या सकल क बार म सोचत ह तो नजरो म एक भारी बग उठाता आ

छाष दखता ह कताब क ाबना हम सकल जान क सोच भी नह सकत कताब क सा कपयटर भी पढ़ाई का महतवपर ाहससा बन चका ह

कछ साल बाद भारी कताब स भर बग क बदल छाष क हा म टबलट होगा आकाश टबलट एक ऐसा यष ह ाजसम हम तरह-तरह क कताब पढ़ सकत ह हम कका म ही नट स जानकारी पा सकत ह टबलट ोन स बड़ा ह और जयादा महगा भी नह हम इस कह भी ल जाकर इसम कताब पढ़ सकत ह हम इसम कका का दया गया कायर भी कर सकत ह यह टबलट पढ़ाई का अदाज बदल दगा और पढ़ाई को मजदार बना दगा

पानी और धप (कमारी एस साानया पाचवी कका सपषी राजया बगम अाल)

अभी-अभी ी धप बरसन लगा कहा स यह पानी कसन ोड़ बादल को क ह इतनी शतानी

सरज न कय बद कर ालया अपन घर का दरवाज़ा उसक मा न भी कया उसको बला ालया कहकर आजा

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ज़ोर-ज़ोर स गरज़ रह ह बादल ह कसक काका कसको डाट रह ह कसन कहना नह सना मा का

परीका (कमारी शख राजया सलताना गयारहव कका सपषी शख महबब पीरा पटल ाचषक)

ाजस नाम को सनन स कापता ह बा वो ह परीका परीका पपर हा म आत ही इतना डर लगता क यद अचछा नह कया तो ापटना पा तीन घट म लगभग करन होत ह चालीस सवाल एक भी छटा तो घर म आता ह भवडर रजलट क एक दन पहल रात को नद नह आती ह अचछ नबर पान क ालए भगवान क याद आती ह पास होन पर ामलता ह इनाम और मख स ानकलता ह ldquoकय भगवान rdquo र आती ह अगली कका तब भी मख स ानकलता ह हाय र आ गयी र स परीका

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राीय साकरता (मासटर शख समीर छठी कका सपष शख महबब पीरा पटल ाचषक)

ातदन सीखो अकर एक

ानयम बना लो ऐसा पढ़ो पढ़ाओ सीखो जान

तभी बनगा दश महान ावा सा जान कराती

मन का अधरा दर भगाती जहा पर बनत लोग जानी

वहा न होती मन क हाान अनपढ़ क ालए गगी पोी

धन दौलत भी होती ोी पढ़ा ालखा नह धोखा खाता

जहा भी जाता आदर पाता

मा (मासटर शख महबब बाशा आठव कका सपष शख महबब पीरा पटल ाचषक)

सबस सनदर जग म कौन बस एक त ह मा

सबस पयारी कसक मसकान बस एक तरी ही ह मा

कसन बनायी मरी पहचान तन ही तो मरी पयारी मा

कसक बोली ामी स मीठी तरी ही ह मरी मा

कसक डाट ह इमली स तीखी तरी ही तो पयारी मा

कसक ालए क म सब कबारन तर ालए मरी पयारी मा

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ाततली (कमारी एम राशका ाशवानी पाचवी कका सपषी एम लम कमार उाल)

ाततली तम कतनी

रग-ाबरगी होती हो तम सब ल का रस पी-पीकर

बाग-बगीच म रती रहती हो तर पख कई रग क होत ह

तमहार प को दखकर ब बत खश होत ह

मरी कका

(कमारी एम राशका ाशवानी पाचवी कका सपषी एम लम कमार उाल)

मरी कका म ह पचास ब हर एक ह अलग-अलग जस एक ह लबा एक ह छोटा एक ह मोटा एक ह पतला कछ ह अचछ कछ ह बर पर लगत ह सार पयार मरी कका ह रग- ाबरगी लगती ह ाततालय का झड ह

मझ बत पसद ह कयक यह हमारी कका ह

Page 32: कलाकल - Home: Survey of · PDF fileतेलंगाना-भारत का एक ... भी यह पि का ‘कलाकल‘ सुनदर प म िनखर

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नमक का महतव (कष कमार अाधकारी सवकक)

एक राजा क तीन बटया ी तीन बत ही सनदर सशील और ावशष ग वाली एक दन राजा न तीन राजकमारय को अलग-अलग स एक ही सवाल पछा ldquo बटी तम मझ कतना चाहती हो ldquo बड़ी राजकमारी न जवाब दया rdquo ापताजी म आपको सोन जस चाहती अारत सोन क आभष स मझ ाजतना पयार ह उतना ही पयार आप स ह ापताजी ldquo राजा बत सतप आ और दसरी राजकमारी स पछाrdquoबटी दीदी न तो जवाब द दया अब तम बताओ तम मझस कतना ह रखती हो दसरी राजकमारी बोली ldquo ापताजी म आपको हीर जसा चाहती अारत हीर क गहन स मझ ाजतना पयार ह उतनी ही पयार आप स ह ापताजी ldquo राजा तो ल न समाया सोचन लगा rdquo म बमतलब का सकोच कर रहा ा मरी बटया तो लगता ह मर बगर जी नह पाएगी ldquo अब तीसर स कया पछ र भी पछ लता र तीसरी बटी स पछाrdquo बटी तम मझ कतना चाहती हो तीसरी राजकमारी न जवाब दयाrdquo ापताजी म आपको नमक ाजतना चाहती जवाब सनत ही राजा आग-बबला हो उठा और बरी-भली सनाकर उसक कक स ानकल गया छोटी राजकमारी न कछ नह कहा बालक राजा क डाट सनकर चपचाप रह गयी रात ई राजा को सार महल क कायर ानपटान क बाद भख लगी खान क ालए उस हीर स ससात सोन क सहासन पर छोटी राजकमारी न बठाया र सोन क ाली म नाना कार क जन स य खाना परोसा और राजा को खाना श करन को कहा राजा न मह म खाना रखा तो महसस कया खाना का ह र हर जन को चखा तो पाया सब क ह र तो आग-बबला होकर अपनी रानी पर ाचललाया ldquo इस तरह क भल कस हो गयी हम कया समझ रखा ह जन दखाकर ललचाना और र खान नह दना यह बोलत ए रानी पर सोन क ाली ाजस पर जन परोस ए कन क ालए हा उठाया उठ ए हा को तीसरी राजकमारी न पकड़ ालया और पछा ldquoापताजीखाना तो बढ़या ह र कमी कया हrdquo राजा बोल ldquoनमक क ाबनाकोई खाना खाया जा सकता हrdquo राजकमारी बोली ldquoापताजीआपको तो नमक स नरत ह ना इसालए मन जन बनवात ए नमक नह डलवाया rdquo र तो राजा समझ गया क छोटी बटी न उनह सबक ासखान क ालए यह भोजन तयार करवाया ह र बोला ldquoबटी म समझ गया नमक क ाबना खाना जस सवादप नह उसी तरह तमहार पयार ाबना मरा वचरसव नह ldquo और राजकमारी को गल लगा ालया

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मायाजाल (एनबी सवामी अाधकारी सवकक)

इस जगत म कल 84 लाख जीव राशया ह और उनम मानव जनम सबस उम ह उम इसालए ह क भगवान न मानव का आधार इसालए दया ह ताक इस जनम अचछ कमर कर वह मोक क ाा कर सक मोक याान पनरजनम नह यद कमर बर ए तो र 84 लाख जीवरााशय म पदा होन क ालए वह आतमा कालच म दोबारा स जाती ह इस सपर कालच क याषा करत ए जब आतमा मानव क योान म वश करती ह तब वह भगवान स यही ारना करता रहता ह क ह भगवान मझ इस कद (याान मा का गभर) स जलदी मा दला द कयक म तमहारा धयान सही ढग स नह कर पा रहा कयक इस कद म अनक तरल पदा क सा-सा मल-मष म भी टहल रहा यह कसा नरक ह जहा आपन मझ सा रखा ह तब भगवान भी बोलत ह क ldquoत अभी बालक ाशश का प धार करन वाला ह तमन इतन वष यग म ाजतन पाप कय ह उन सबक यह चरम सीमा ह यह चरम सीमा बत ही पीड़ा दन वाली ह ाजस तमह जीतना ह लाघना ह इस चरम सीमा स मा होन क बाद तम कया करोग ldquo ाशश कहता ह ldquo भगवन आप जो कहग ldquo भगवन पछत ह कया तम अपना जीवन मरा धयान करत ए मर ालए समपर कर दोग ldquoाशश कहता हrdquo हा म समपर कर दगा आपक ालए ldquo भगवन भी जानत ह ाशश को नौ महीन गभर म रहना ही पड़गा तभी पर शरीर का ावकास होकर जब वह बाहर आएगा तो मरी सवा करगा उ नौ महीन तदनसार भगवन ाशश का वातारलाप नौ महीन चलता रहता ह ताक ाशश अपन चार ओर स मल क गध का धयान न द र जब वह बाहर ानकलता ह भगवान को धनयवाद करता ह और कहता ह ldquo म तमहारा बत ही आभारी भ अपन मझ मा दलाई अभी मझम वह ताकत नह क म तमहारा धयान करन क ासवा और कछ क मर माता ndashापता मझ सच कर जब अपन पर पर चलन क ताकत द दग तभी म तमहार ालए कछ कर पाऊगा ldquo भगवान कहत ह ldquo अर मखर त नह जानता यह जगत एक मायाजाल ह मझ पर ावास ह त मझ भल जायगा और र स कालच म पड़ जायगा ाशश कहता ह ldquo नह भगवान ऐसा नह ह भगवान मरा ावास करो म ातजा करता मरा जीवन आपक ालए ही समपर ह ldquo भगवान कहत ह ldquoदख लगा इस जगत क मायाजाल म त मरी कया का सवा करगा ldquo यह ाशश और भ का वाारलाप सनकर दवष नारद भगवान क पास पच पछन लग ldquo भ आप कस मायाजाल क बात कर रह ह ldquo भ बोल ldquo नारद म समसत जीव- रााशय का सवामी उनका कलया चाहता उनको सख भी और दख भी दता वह इसालए क मायाजाल क मोह एव अहकार म पड़कर खद को सपर मानन वाल ाी को दड न द तो र मरा समर कस करगा ldquo नारद बोल ldquo भ आपक वचन का मतलब कस

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दशा म जाता ह यह तो मझ नह पता एक तर कहत ह समसत जीवरााशय का कलया चाहता दसरी ओर कहत ह दड दता तीसरी ओर मायाजाल अर नाराय आप जब समसत जगत क सवामी ह सब आपक अधीन ही ह तो र मायाजाल शबद आपन जो योग कया ह वह आपक अधीन स बाहर कस हो गयाrdquo ानयष काजए जीवरााशया उसक चपट म नह आएगी र सब आपका गगान ही करग और सबको मोक क ाा होगी ldquo भगवान कहत ह ldquo ह दवष मर ालए समसत जीवराशी को परीका स गजरना पड़ता ह मानव जीवन ही उनम अातम परीका ह बस उसको लाघ ल म पनरजनम स मा दला दldquo नारद जी भगवान स तकर करन लग गय का दर बाद भगवान न कहा rdquo दवष आपस बहस और नह कर सकता आपस बहस कर मरा गला सख गया ह जरा एक छोट कलश या कमडल म पानी लकर आइय ताक म अपनी पयास बझा सक नारद को झटका लगा और पाताप करन लग ldquo बमतलब मन अनतरयामी स बहस कर उनको कप दया व समपर जानानद क सामन मरी हासयत कया ह पता नह आज मरी मात मारी गयी और म बमतलब बहस करन लगा भ को पयास लगी ह और वो भी मरी वजह स जलदी स उनक पयास म बझा द पानी क खोज म सार लोक का म करत ए नारदजी पथवी लोक म पच गए पथवी लोक पचकर पानी क खोज म एक कए क पास पच तो दखा क एक अतयनत सदर नारी कए स पानी ानकाल रही ह नारद न सोचा वह सनदर ी पानी भरकर चली जाए तो र म ोड़ा सा पानी भर ल नारद उस दख रह ी भी नारद जी को दख रही ी नारदजी न पछा rdquo दवी कया तम यह आसपास रहती हो ी न जवाब दया rdquo हा ldquo नारदजी र पछ rdquo दवी कया तमहारा ाववाह हो चका ह rdquo ी बोली ldquoनह ldquo नारदजी का ावचालत मन ल नह समाया और पछ ही ालया ldquo दवी यद तम अाववााहत हो और यद तमह कोई परशानी न हो तो कया तम मझस ाववाह करोगी ी सादाय औरत ी बोली ldquo मर ापता क आजा क ाबना म आपस ाववाह नह कर सकती ldquo नारदजी बोल ldquo दवी सशील नारी क यही ग होत ह यद तमह आपा न हो तो म तमहार सा चलकर तमहार माता-ापता स बात कगा और तमस ाववाह कगा ldquo यवती राजी ई और ासर एव कध म पानी स भर घड़ को ढोत ए आग चलती रही और नारदजी पीछ चलन लग सपर रासत म उस सनदर ी क ानहारत ए मन म सपन क पल बाध रह उस सनदर ी क ापता क पास जाकर अपना परचय दत ए उनक बटी स ाववाह करन का सताव रखा साकात नारद मान को अपना दामाद सवप दख उसी मतर म मगनी हो गई और एक शभ मर म ाववाह भी हो गया ाववाह क कछ दन क पात उनक ब हो गय ब बड़ भी हो गय र तो व अपन गहस आम म इतन सत हो गय क उनक मह स नाराय मष ानकलना भी बद हो गया कई वष बाद एक शाम को जोर क आधी क सा तानी बारश ई इस माहौल न इतना ावकराल प धार कर ालया ा क वातावर लय म बदल गया चार तर पानी भर गया बत सार लोग पश आद पानी म बह गय कनत कात क ावकराल प क सामन ठहरन का साहस कस ा दखत ही दखत उनका गह भी बाढ़ क चपट म आकर टट गया और पानी म बह गाया पी और ब डर स

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रोदन करन लग दखत-दखत कान पष क अलावा पी और बाक ब भी पानी म बह गए र तो नारदजी स सोचा इस कान को म कध पर ालए चलता ताक वह तो बढ़ाप म मरा सहारा बनगा कनत लय क तीता इतनी तज ी क नारदजी क नाक क ऊपर स पानी बहन लगा र तो व खद भी भल गय क बट को बचाना ह सोचन लग म कसी तरह जीावत बच जाऊ उसी सोच न उनक कान पष को भी नह बखशा कसी तरह कछ समय उपरानत लय शानत आ पानी घट गया चार तरक मनषयपश - पकी आद क लाश टट ए रासत और घर क बीच पड़ी ई ी नारद मान को बहद दख आ और ठठोर कर रोन लग गय रोत-रोत व खद क बार म सोचन लग क भगवान न उनक सा ऐसा अनयाय कय कया काश व भी मर जात तो अचछा होता तभी उस राह स ास महष गजरत ए नारदमान स परामशर करन लग नारदजी कहन लग ldquo पता नह मन कौन सा पाप कया ह क मर पर परवार का सवरनाश हो गया ह मझ कय मतय नह आई इस पर ासजी न कहा शायद तमहारा समय नह आया ह इसालय तम बच गय हो हालाक ास जानत क नारद मायाजाल म सा आ ह ldquo र इसका ानरय कौन करता ह ldquo नारद न ासजी स पछा ासजी न उर दया ldquoयह तो मतयलोक क अाधपात यमराज ही इसका उर दगrdquo र व दोन ामलकर यमराज क पास गय यमराज न आन का कार पछा तो ासजी न नारद मान क सारी दख भरी गाा सनाई और पछा क ldquoमतय न इनका आलगन कय नह कयाldquo यमराज बोल rdquoम कोई नह मरा यमदत ही इसका उर द सकता ह कयक म यमदत क ारा कसी आतमा को लान क बाद ही उसक पाप-पणय का ाहसाब दख ानधाररत सजा का ऐलान करता यद यमदत आपको लकर मर पास नह आया तो इसम मरा कया दोष ह यमदत स पछ लldquo र ासजी न उनक यमदत स वही सवाल करन पर यमदत न कहा ldquo महामान म कस कसी क शरीर स आतमा को छीनकर ल आऊ म तो यमलोक का सवक माष ाचषग जब तक आजा नह दत तब तक म कोई कायरवाही नह कर सकता आप इस का उर ाचषगजी स पछ ल ldquo र ासजी न ाचषग स वही सवाल करन पर ाचषग न कहाrdquo महामान म तो यमदत को तभी आजा दता जब उस ाी का सारा लखा - जोखा समा हो जाता ह अभी माननीय नारद जी क मतय का समय आया नह ह अभी उनका कछ कया नह जा सकता ldquo ासजी न नारद स कहाrdquo दखो नारद अभी तमहारा समय आया नह ह तभी तम जीावत हो चलो चलत ह अब ापछली घटना को भल कर आग क सोचो ldquo बस इतना ही कहना ा क ाचषग न र ासजी को बलाकर कहा rdquo ह ऋाषवर इनक कणडली म यह ालखा ह क मतय तभी इनको गल लगा सकती ह जब य एक सा आपको मझ यमराज और उनका वाहन भस का एक सा दशरन करग चक इनक ारा यह कायर पर हो चका ह अत इनका जीवन पर हो गया ह ldquo बस इतना ही ा क नारद जी को आवाज आन लगी अर दवष दवष मझ कब स पयास लगी ई ी मरा गला सख गया ह कनत आपन मझ अब

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तक पानी नह दया कहा ह पानी ldquo य साकात नाराय क आवाज सन नारदजी को होश आया और भगवान क चर म पड़कर ागड़ागड़ान लग यह कहत ए क rdquo ह नाराय आपन मझ अचछा सबक ासखाया ह मन आपस बहस कया कर लीआपन मझ मायाजाल का साकातकार करवा दया कमा काजए म आपको पानी नह ापला सका मरी वजह स आपका गला खब सख गया होगा ldquo यह कहत ए उनक अधारा स नाराय क पाव धल गय और भगवान न कहाrdquo दवष आप चातत ना ह आपन अधारा स मर चर धोकर ानसवार सवा कर दी मरी पयास बझ गयी ह अब आप म ह ldquo र नारदजी खशी स नाराय-नाराय कहत ए ानकल गय

घाट का पतर

(बषव बहरा अाधकारी सवकक)

माता-ापता और जनम भाम को छोड़ कर हम सब बन गए ह घाट का पतर धनय ह वह महापष ाजसन हम साापत कया म उस महापष क ावषय म व रन नह कर सकता शायद म अात पाप क कार पतर बन गया लोकन म आशा करता क भावषय म मरा भागय बदल जाएगा चक म लोग क मन स सवा करता इसका ल हमको भगवान अवशय दग लोग का सवा करत ndashकरत मरा आकार भी बदल गया परनत सवा करत ndashकरत मरा नाम रोशन हो रहा ह बालक हम सता का अनभव हो रहा ह मर कमर क चलत मरा भागय बदल रहा ह म हमशा जलम रहता और पीठ पर ातदन मार झलत रहता शायद ही ऐसा पीड़ा इस ससार म कसी को ामलती होगी मरा सानानतर भी नह ह म कई महापष को दखता आया कतन महाराय न ा तयाग दय लकन तबस म यहा अकला पड़ा म हर मौसम क मार झल रहा ब-बढ़ क सवा करत-करत मन कछ पणय कमा ालए ह और आशा करता क मझ को भावषय म मानव जनम ामल सकता ह मानव जनम ामलन स म आपका भजन-करन कगा

ऐस दखतndashदखत कई यग क बाद हमको मानव जनम ा आ मानव जनम म अगर इस धराष म दखा क यहा ऊच-नीच जात-पात नीात-ानयम ावदन पाचार अनयाय ndashअतयाचार चमर-अचमर का ताडव नतय चल रहा ह दखकर मर मन म परवतरन आ गया क भ मझको मरा ापछला जनम वापस द दीाजए

पतर जनम म रह कर मरा कोई-कोई साी अचछ कमर क चलत मदर म सान ा कर ालया ह कोई-कोई तो ठाकर बन गय लोग-ातदन उनक पजा करत ह

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हम लोग म स कोई-कोई सामाजक कायर म सहयोग दान करत ह कोई गह-ानमार म सहयोग द रह ह तो कोई मदर-ानमार म सहयोग द रह ह कोई तो सीधा मत बन गय इसीालए उनक मन म घमणड आ गया अहलया न पतर होन क नात भगवान का दशरन पा ालया इसालए पतर जनम होन क चलत उनक मन म का अह भाव आ गया

हमार अनदर ावाभ प भी ह याः लोहा पतर चना पतर सगममरर काला पतर (नाइट सटोन) मलायम पतर (soft stone) इतयाद लोहा पतर जो दश क ानमार म काम आता ह चना पत जो ासमट ानमार क काम म आता ह सगममरर घर और मदर का शर (flooring) म काम आता ह काला पत घर का शर और आला बनान म काम आता ह मलायम पतर ाशलप कला क ावकास म योगदान दत ह पतर जनम होकर भी म का गवर महसस करता मरी भगवान स अानतम ावनती य ह क आप मझ अानतम समय म दशरन दन को कपा कर

न हमको पतर जनम चााहए न हमको मानव जनम चााहए हमको तो ास र इस भव सागर स पार होना चााहए

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जयादा लोभ न करना (पाडव कानटया सहायक सवकक)

मनषय भगवान क साप ह इसालए वह भगवान का अश ह जब तक वो मा क गभर म ा तक तक वह मोह-माया स वाचत ा एव हमशा भगवान क समीप ा लकन जब वो पथवी पर अवती र आ उसको मोह-माया न घर ालया पाच साल तक वो ईरीय सा म रहता ह इसालए कहा जाता ह क ldquoCHILD IS THE INCARNATION OF GODrdquo इसक बाद मोह-माया म आकषत हो कर ईरीय सा को भल जाता ह बचपन म वो बत आजा और मोह-माया राहत और चरषवान रहता ह जब समय बढ़ता जाता ह तब उसक समसत उम ग धवस होकर गलत मागर पर चला जाता ह

बचपन म ावा ाशका जवानी म ी दीका एव पारवारक ाचनता म म होकर वह समसत मौालक सा को खो दता ह सबा नप होकर सबा म आ जाता ह दव का नप होकर राकस वा जारवत होता ह एव परवारक जगल म सकर भगवान का नाम लना भल जाता ह अपना परवार का भर पोष क ालए कठन परम करता ह लकन उनका पट भरता नह ह ईर क सा को भल जाता ह और अनत म पशकतव को ा होता ह शरीर रोगसत हो जाता ह दाप शा की हो जाती ह चलन ndashरन म असमर रहता ह रात को नद नह आती ह र भी लोभ को छोड़ नह पाता ह अपन बीवी-ब ता परवार क बार म सदा सोचन लगता ह शरीर वावसा को ा होता ह परवार क कोई भी सदसय पछत नह ह

परवार क लोग उसको ढग स खाना भी नह दत ह उसको घर स दर रखत ह र भी यह अधम मनषय भगवान क बार म सोचता नह ह लोभ का अनत नह होता ह पाप का बोझ बढ़त जाता ह अनत म नरक को ा होता ह र भी मनषय भगवान को समझ नह पाता ह परवार क ालए इतना बड़ी ददरशा झलता ह उनको कोई भी नह पछता ह उसक ारा जमा क गई पजी को परवार वाल उनक सामन मौज करत ह

लोभ मनषय को अनधा बना दता ह आदमी क हतया करत ह लोभ क वशीभत होकर दसर क समपात को लटत ह ाजसस समाज म पाचार बढ़ता ह इसालए ह मानव तम कय लोभ करत हो लोभ नह करक भगवान का समर करो हर कतरन करो तप जप करो और सवगर क अाधकारी बनो उम कमर करक भगवान क शरागत हो जाओ भगवान तमहार समसत सख-दख का भार वाहन करग

सवरधमारनपरतयजय मामक शर ज अह तवा सवरपापभयो मोकायषयााम मा शच

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इसालए अचछा कमर करक पणय कमाना ह हमशा धमर क जय और पाप का कय होता ह धमर-कमर करक ावजय ा होगी लकन अधमर म जाकर नरक गामी नह होना

एकदा अनधा राजा धतरा सजय को पछा क ldquoह सजय इस धमर य म कसक जय होगी उर म सजय बोल क ldquoयष योगर कषो यष पा धनधरर तष ी ावजयो भात वा नीातमरातमरम ldquo अारत जहा योगर कष एव धनधाररी अजरन एक सा ह वहा ावजय ानात ह

इसालए दखा गया क हमशा धमर क जय और अधमर क पराजय होती ह धमर सवचछ ानमरल लकन अधमर कदाकार कात ह इसालए लोभ-लालच म वशीभत न होकर सत

कमर करो अनयाय का परतयाग करो लोभ मत करो जीवन म कप करक जो धन कमा ालया वो सब इस धरती म रह जाता ह अानतम क म सा कोई नह ल जाता इसालए अनधर म भटक नह जाना इसालए कहा गया ह क-अात लालच नह करना अात सवरष गहतम अारत अात सवरनाश का कार ह

अात दप हता लका

अात मानसय कौरवा अातदारन बाल वध अात सवरष गहतम

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टटा वक का अाभमान (चरदास नाराय गडम सवक सहायक)

वन म खड़ एक वक क सा ालपटी एक लता भी धीर-धीर वक क बराबर हो गई वक का आय

लकर उसन भी लना ndashलना आरभ कर दया बल को लत ndash लत दखकर वक को अहकार हो गया क म न होता तो लता अासततव हीन होती वह लता को धमकात ए बोला ओ बल चपचाप मरा कहना माना कर म जो कह रहा वह कया कर नह तो ध मार कर भगा दगा पड़ का लाप जारी ा क दो पाक वहा स ानकल एक बोला अर भाई जरा दखो तो यह वक कसा सदर ह इस पर कसी सदर लता पाषपत हो रही ह आओ इसक नीच ोड़ी दर ावाम कर अपना महतव लता क सा ह यह जानकर वक का अाभमान भी नप हो गया सा ndash सा रहन स ही सबक गात होती ह

बटी (डी राव बाब पटल ाचषक ड-II)

बटी घर क लाज होती ह पापा क सर का ताज होती ह दल क सदा स रही ह इचछा बटी तझको ह पाना आई हो मर जीवन म जस एक ननही कावता राह दखता म तरी जलदी स मर पास आना मा क गोद म सदा रहती हो कछ पल मर पास भी आना न चाहत ह अब धन दौलत क त ही लमी त ही मरी मत भी डर लगता ह सोचक जब एक दन छोड़ क जाएगी त कतना मझ लायगी त बटी होती ह बाबल क लाड़ली

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यह ाज़नदगी (सययद इदरीस पटल ाचषक ड ndashII)

बठ जाता ह ामी प अकसर कय क मझ अपनी औकात अचछी लगती ह

मन समनदर स सीखा ह जीन का सलीका चपचाप स बहना और अपनी मौज म रहना चाहता तो ह क य दानया बदल द पर दो व क रोटी क जगाड़ म सरत नह ामलती दोसत महगी स महगी घड़ी पहन कर दख ली व र भी मर ाहसाब स नह चलता य ही हम दल को सा रखा करत पता नह ा क कमत चहर क होती ह अगर खदा नह ह तो उसका ाज कय और अगर खदा ह तो र कय

lsquorsquoदो बात इसान को अपन स दर कर दती ह एक उसका ldquoअहम rdquo और दसरा उसका ldquo वहमrdquo पस स सख कभी खरीदा नह जाता और दख का कोई खरीदार नह होता मझ ाज़नदगी का इतना तजबार तो नह पर सना ह सादगी म लोग जीन नह दत मााचस क जरत यहा नह पड़ती यहा आदमी आदमी स जलता ह ाव क बड़ स बड़ वजाानक यह ढढ रह ह क मगल ह पर जीवन ह या नह पर आदमी यह नह ढढ रहा ह क जीवन म मगल ह या नह

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जीवन म न जान कौनसी बात ldquoआखरी rdquo होगी न जान कौन सी रात आखरी होगी ामलत जलत बात करत रहो यार एक दसर स न जान कौन सी ldquo मलाकात rdquo आखरी होगी अगर जदगी म कछ पाना ह तो तरीक बदलो इराद नह ऐ चाद त कस मज़हब का ह ईद भी तरी और करवाचौ भी तरा

उगालय क लड़ाई

(शख महबब पीरा पटल ाचषक)

एक दन हा क सभी उगालया आपस म लड़न लग अगठा बोला म सबस बड़ा सभी जगह जरी कागज पर मझस ही ानशान बनाया जाता ह तजरनी बोली-ldquoम बड़ी मर होन स ही सब लोग काम कर पात ह जस-ालखना खाना पकड़ना मधयमा बोली-ldquoअर भई कया तम नह जानत जो आकार म लबा होता ह उस ही सभी बड़ा कहत ह अनाामका सब बात चपचाप सन रही ी वह तरत बोली ndashldquo म सबस बड़ी म तो पजा करन क भी काम आती मर स ही रोलीातलक लगाया जाता ह कानाका सभी को लड़ता दखकर उदास ी वह चपचाप एक कोन म कछ सोच रही ी तभी अगठा व तीन उगालया उसक पास गई और बोली- ldquoअर छोटी तम तो बड़ी हो ही नह सकती कयक तमहारा नाम ही कानाका ह कानाका बोली ldquoसनो अगठ भाई और पयारी उगालय आपस म लड़कर कभी कसी का भला नह हो सकता हमम कोई भी बड़ा-छोटा नह ह हम सब ामलकर मी बन सकत ह तभी हम सब बलवान हग कया तमह नह मालम क बद मी म ही ताकत होती ह इसालए हमारा लड़ना बकार ह rdquo कानाका क बात सनकर सभी एक सा बोल- ldquoहा छोटी बहन तम ाबलकल सही कह रही हो सचमच अकल म तम ही हम सबस बड़ी हो rdquo

इस नीात का स एकता म बल क ाशका ा होती ह

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तलगाना- भारत का एक और नया राजय (शलबाला खडरी मानाचषकार)

तलगाना भारत क दाकी भाग म ासत भारत का 29 वा राजय ह कषल क दाप स यह दश का

बीसवा बड़ा राजय ह ाचीन हदराबाद रयासत का अाधकतम भाग तलगाना राजय म ालया गया ह जहा आजादी स पहल ानजाम का राजय ा सन 1947 म जब भारत अज क चगल स आजाद आ उसक बाद भी हदराबाद का ानजाम अपनी रयासत सय भारत म ावलीन करन क पक म नह ा वह अपनी रयासत पर अपना ही सवतष शासन चाहता ा अतत सरदार बललभ भाई पटल क अक यास स इस रयासत को भारत क मखय धारा म ावलीन कया जा सका इस कार आन दश राजय क सापना ई और 26 जनवरी 1950 को ी एमक वललोड़ी आन दश राजय क म मखयमषी ानय ए 1956 म हदराबाद रयासत को आन दश राजय म ावलीन कर दया गया

2 जन 2014 म पनः तलगाना राजय अासततव म आया आन दश राजय क उर पामी 10 ाजल को ामलाकर तलगाना राजय क सापना क गयी ह राजधानी हदराबाद भी तलगाना राजय म ासत ह परनत 10 वष तक हदराबाद दोन राजय याान आन दश और तलगाना राजय क सय राजधानी रहगी दोन राजय क शासानक कायर हदराबाद स सचाालत हग तलगाना शबद का ादभारव ाषलगा दश शबद स आ ह ाजसका अर ह तीन लगो वाला दश तलगाना राजय क तीन दशा म कालरम ीशलम और ाकारामम ास ाशव मानदर ासत ह ाजनक अपार धामक महा ह वासतव म पक तलगाना राजय क ालए 1946 स 1951 क बीच ही ारमभ हो गया ा उस समय कमयानसट पाट न इस आनदोलन का नततव कया ा जो असल रहा भाषा क आधार पर तलगाना और आन राजय को पक करन क ालए अनक आनदोलन समय-समय पर होत रह ह इनम मखय आनदोलन 19691972 और 2009 क ह इन आनदोलन का यह भाव आ क 9 दसमबर 2009 म भारत सरकार न पक तलगाना राजय बनान क कायरवाही श कर दी य घोषा सनत ही तटीय आन व सीमान कष क लोग न सम आन दश क पक म आामक आनदोलन ारमभ कर दया और ऐसी ासात म भारत सरकार न यह कायर 23 दसमबर 2009 तक सागत कर दया इसक पात भी लगातार पक तलगाना और सम आन दश क ालए अलग-अलग आनदोलन चलत रह पक तलगाना क पक म कई आतम - हतयाए ई हड़ताल क गयी ाजसस जन साधार को बत असावधा का सामना करना पड़ा अतत पक तलगाना समरक क जीत ई और कास कायरकारी सामात न सवर सहमात स 30 जलाई 2013 को पक तलगाना राजय क ासारश करत ए ाबल तयार कर दया अनक सोपान पार करत ए यह ाबल रवरी 2014 को ससद म पारत कया गया रवरी 2014 दश पनगठरन एकट क तहत यह ाबल ससद म पास हो गया इसक पात इस नय राजय तलगाना ाबल को रापात ारा सहमात ा ई और माचर 2014 क गजट म इस कााशत कया गया इस कार नय तलगाना राजय क सापना ई

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ाशासकय प स तलगाना राजय क सापना 2 जन 2014 को ई क चन शखर राव क पाट ldquoतलगाना रा सामातrdquo न चनाव म दश म बमत हाासल कया और इस कार ी कचन शखर राव तलगाना राजय क म मखय मषी चन गए

म महगाई (डॉ नीलम कमार ाबड़ला अाभलखपाल)

म महगाई महग दशभ लोग क आमष पर भारत आई तज गात लान गात म भारत आई मझ गलत मत समझो गरीब बत ठीक बमत दकर तमन ाजनको बत उठाया म तो उनह क तीक भौातक वादी यग म योग ासखाती म भख पट न सोए कोई कडालनी जगाती म धयान प म च मारकर मन जय ऊपर चढ़त-चढ़त र तक आ जाता ह भाव वसत क वस ही र तक ल आई

अब इस यग म एक तल क पीप को पा लन का अर को पा लना ह भ दशरन क झलक दखना एक टमाटर खा लना ह भारत का आदशर तयाग ह अनासा ह अपरह ह मझको पाकर लोग वसतए तयाग रह ह अपनी खद क कार छोड़ बस क पीछ भाग रह ह म लोग को तड़क भड़क स खच

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सादगी ासखाती टरीलीन क शौकन को ला पहनाती माया जीवन का बधन ह पया पसा मल हा का म वतन भोगी लोग क बधन दो दन म हर लती शी छड़ाकर मल हा का शीश सा ानमरल कर दती

नीात ालखन वाल न कम खाना या गम खाना अचछा बतलाया मन उनका कन ानभाया ाजतनी चीज महगी हगी उतना ही जन कम खाएग ाजस दन रोटी नह ामलगी उस दन खद ही कम खाएग

शकल पक क चाद सरीखी बढ़ती म खब चादनी लाऊगी अभी दज तक ही आई परमासी तक जाऊगी

करो कलपना जब भारत जन कतन सदर दखा करग ग चावल चना बाजरा जब पाड़य म ाबका करग बीमार को दध दहीघी क इजकशन लगा करग कसा मधर जागर होगा लोग भख स जगा करग

आतक हमला

(डॉ नीलम कमार ाबड़ला अाभलखपाल) 13 दसबर 2001 ससद प पाक आतक हमला 13 रवरी 2014 ससद म भारतीय आतक हमला

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शमरसार ई ससद पच ाड़ गए नयी तहजीब क झड गाड़ गए

उड़ाया गया काली ामचर का पाउडर सपीकर का नह सना आडरर आख जलन लग सास लन लगी ससद पर नगी तलवार झलन लगी

घायल आ जातष और सावधान मदर क पजारय न कया मदर का अपमान ऐस आतकय को सबक ासखाना होगा र नया इातहास बनाना होगा

बाल-म (वाइकराकश कमार खलासी)

बालपन क कलकारी धप क ताप स आ मक पोी छोड़ी कदाल खोदत हा क मार अचक कचड़ आधी म म करना आ मजबरी गरीबी क पराकाा पट और पीठ क घटती दरी कछ धनहीनता और कछ माता-ापता क मखरता कनत सबस जयादा सवा समाज क सवदनहीनता ाजसन बालक को ामक बनन को बाधय कया लखनी को छीनकर कोमल हा म छडी पकड़ायी

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गाय-बकरी क सवा करता बालय-जीवन कप अपन भावषय को दर करता अजान और अबझ ावोपाजरन क कसको ह सरत ासात तो ऐसी ई दो दान अ क ालय बालपन चोर बनन को आतर आ

दोसती

(ाचा कडयया खलासी)

गलाब एक ल ह

एक घनट म मरझा जाता ह पर दोसती एक शा ह कभी भी जीावत रहती ह

बर ठडी होती ह जो पकड़ म नह आती ह

दोसती सोन जसी ह जो कभी कोई नह खरीद सकत ह

तार क पाच अनत (END) ह चौकोन क चार अनत ह तीकोन क तीन अनत ह

एक रखा का एक अनत ह पर दोसती का कोई अनत नह ह

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मर जीवन का उशय (कमारी ाया सातव कका सपषी एम सबीता उाल)

कग नयज भारत का खतरा पाकसतान न कशमीर पर हमला कया ह कछ दन बाद helliphellip कग नयज पाकसतान क ाखला भारत क रका करत ए वीर सानक

का भारी नकसान इन खबर न भारत को ाहला दया ा म भी सोच म पड़ गयी क म भारत क ालए कया कर सकता भारत को इन हमल स कस बचा सकता मर मन म ास र एक ही खयाल आया क भारतीय सना का एक जवान ासपाही बन

जव मन यह बात अपन दोसत स कही तो उसन कहा क ासपाही बनना खतर स खाली नह ह और परवार स दर सरहद पर खतर स भर जीवन मर ालए कपद होगा लकन मन ठान ालया ा क म कछ ऐसा कगी क पर दश म मरा नाम हो ाजस दखकर मर अपन का ासर गवर स ऊचा हो जाए

मर ानय को सनकर मरी मा रोन लगी मझ लोभन दया क म ापार क मर दोसत न मझ डाकटर बनन का सझाव दया पर मन सोचा क भारत म कई डाकटर ह ापारी ह भारत को डाकटर या ापारी क नह बालक सानक क जरत ह

म भारत क ालए अपनी जान भी दन क ालए तयार मन सोचा सब अपन परवार को सराकत

रखना चाहत ह र भारत - भाम तो मरी मा ह मरी ही कय हर एक क मा ह तो हम सब का कतर बनता ह क हम इसक रका कर इसीालए मर जीवन का उशय ह क म एक ासपाही बन और भारत क सवा क

मखर ामष स समझदार शष अचछा होता ह (मासटर सनीत चौी कका सपष एम सबीता उाल)

एक दन म और मरा सबस अचछा ामष राव बठ यह सोच रह क हम परीका क ालए अभी स पढ़ाई श कर दनी चााहए या नह राव न तपाक स कहा क अभी स पढन स कोई लाभ नह होगा अगर हम परीका क एक दन पहल पढ़ग तो जयादा दमाग म रहगा तभी वहा स मरी कका का दसरा छाष रमश गजर रहा ा मझ रमश ाबलकल पसद नही ा और रमश भी मझ पसद नह करता ा बात-बात पर हम लड़ाई करत पर पढ़ाई म वह मझस बत अचछा ा उसन हमारी बात सन ली ी

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इसालए धीर सवर म मझस बोला अपन मखर ामष क बात मत सनो बस रोज मरी तरह ोड़ा-ोड़ा पढ़ो लकन मन उसक बात पर कान नह धरा एक महीन बाद परीका क दन आ पच परीका क एक दन पहल जब मन पढ़ना श कया तब पाया क पढ़न को बत ा पर समय कम ा जस -तस पढ़ कर मन परीकाए ालखी और उममीद करता रहा क म परीका म उी र हो सक कछ दन बाद परीका का पराम ानकला और वही आ ाजसका डर ा म और ामष राव अनी र हो गए दसरी ओर रमश बत अचछ अको स उी र आ उस दन मझ समझ आ गया क मखर ामष स समझदार शष अचछा होता ह

भावषय क पढ़ाई (मासटर ाशव कलया सातव कका सपष वालल कलयाी उाल)

आज जब हम पढ़ाई या सकल क बार म सोचत ह तो नजरो म एक भारी बग उठाता आ

छाष दखता ह कताब क ाबना हम सकल जान क सोच भी नह सकत कताब क सा कपयटर भी पढ़ाई का महतवपर ाहससा बन चका ह

कछ साल बाद भारी कताब स भर बग क बदल छाष क हा म टबलट होगा आकाश टबलट एक ऐसा यष ह ाजसम हम तरह-तरह क कताब पढ़ सकत ह हम कका म ही नट स जानकारी पा सकत ह टबलट ोन स बड़ा ह और जयादा महगा भी नह हम इस कह भी ल जाकर इसम कताब पढ़ सकत ह हम इसम कका का दया गया कायर भी कर सकत ह यह टबलट पढ़ाई का अदाज बदल दगा और पढ़ाई को मजदार बना दगा

पानी और धप (कमारी एस साानया पाचवी कका सपषी राजया बगम अाल)

अभी-अभी ी धप बरसन लगा कहा स यह पानी कसन ोड़ बादल को क ह इतनी शतानी

सरज न कय बद कर ालया अपन घर का दरवाज़ा उसक मा न भी कया उसको बला ालया कहकर आजा

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ज़ोर-ज़ोर स गरज़ रह ह बादल ह कसक काका कसको डाट रह ह कसन कहना नह सना मा का

परीका (कमारी शख राजया सलताना गयारहव कका सपषी शख महबब पीरा पटल ाचषक)

ाजस नाम को सनन स कापता ह बा वो ह परीका परीका पपर हा म आत ही इतना डर लगता क यद अचछा नह कया तो ापटना पा तीन घट म लगभग करन होत ह चालीस सवाल एक भी छटा तो घर म आता ह भवडर रजलट क एक दन पहल रात को नद नह आती ह अचछ नबर पान क ालए भगवान क याद आती ह पास होन पर ामलता ह इनाम और मख स ानकलता ह ldquoकय भगवान rdquo र आती ह अगली कका तब भी मख स ानकलता ह हाय र आ गयी र स परीका

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राीय साकरता (मासटर शख समीर छठी कका सपष शख महबब पीरा पटल ाचषक)

ातदन सीखो अकर एक

ानयम बना लो ऐसा पढ़ो पढ़ाओ सीखो जान

तभी बनगा दश महान ावा सा जान कराती

मन का अधरा दर भगाती जहा पर बनत लोग जानी

वहा न होती मन क हाान अनपढ़ क ालए गगी पोी

धन दौलत भी होती ोी पढ़ा ालखा नह धोखा खाता

जहा भी जाता आदर पाता

मा (मासटर शख महबब बाशा आठव कका सपष शख महबब पीरा पटल ाचषक)

सबस सनदर जग म कौन बस एक त ह मा

सबस पयारी कसक मसकान बस एक तरी ही ह मा

कसन बनायी मरी पहचान तन ही तो मरी पयारी मा

कसक बोली ामी स मीठी तरी ही ह मरी मा

कसक डाट ह इमली स तीखी तरी ही तो पयारी मा

कसक ालए क म सब कबारन तर ालए मरी पयारी मा

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ाततली (कमारी एम राशका ाशवानी पाचवी कका सपषी एम लम कमार उाल)

ाततली तम कतनी

रग-ाबरगी होती हो तम सब ल का रस पी-पीकर

बाग-बगीच म रती रहती हो तर पख कई रग क होत ह

तमहार प को दखकर ब बत खश होत ह

मरी कका

(कमारी एम राशका ाशवानी पाचवी कका सपषी एम लम कमार उाल)

मरी कका म ह पचास ब हर एक ह अलग-अलग जस एक ह लबा एक ह छोटा एक ह मोटा एक ह पतला कछ ह अचछ कछ ह बर पर लगत ह सार पयार मरी कका ह रग- ाबरगी लगती ह ाततालय का झड ह

मझ बत पसद ह कयक यह हमारी कका ह

Page 33: कलाकल - Home: Survey of · PDF fileतेलंगाना-भारत का एक ... भी यह पि का ‘कलाकल‘ सुनदर प म िनखर

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मायाजाल (एनबी सवामी अाधकारी सवकक)

इस जगत म कल 84 लाख जीव राशया ह और उनम मानव जनम सबस उम ह उम इसालए ह क भगवान न मानव का आधार इसालए दया ह ताक इस जनम अचछ कमर कर वह मोक क ाा कर सक मोक याान पनरजनम नह यद कमर बर ए तो र 84 लाख जीवरााशय म पदा होन क ालए वह आतमा कालच म दोबारा स जाती ह इस सपर कालच क याषा करत ए जब आतमा मानव क योान म वश करती ह तब वह भगवान स यही ारना करता रहता ह क ह भगवान मझ इस कद (याान मा का गभर) स जलदी मा दला द कयक म तमहारा धयान सही ढग स नह कर पा रहा कयक इस कद म अनक तरल पदा क सा-सा मल-मष म भी टहल रहा यह कसा नरक ह जहा आपन मझ सा रखा ह तब भगवान भी बोलत ह क ldquoत अभी बालक ाशश का प धार करन वाला ह तमन इतन वष यग म ाजतन पाप कय ह उन सबक यह चरम सीमा ह यह चरम सीमा बत ही पीड़ा दन वाली ह ाजस तमह जीतना ह लाघना ह इस चरम सीमा स मा होन क बाद तम कया करोग ldquo ाशश कहता ह ldquo भगवन आप जो कहग ldquo भगवन पछत ह कया तम अपना जीवन मरा धयान करत ए मर ालए समपर कर दोग ldquoाशश कहता हrdquo हा म समपर कर दगा आपक ालए ldquo भगवन भी जानत ह ाशश को नौ महीन गभर म रहना ही पड़गा तभी पर शरीर का ावकास होकर जब वह बाहर आएगा तो मरी सवा करगा उ नौ महीन तदनसार भगवन ाशश का वातारलाप नौ महीन चलता रहता ह ताक ाशश अपन चार ओर स मल क गध का धयान न द र जब वह बाहर ानकलता ह भगवान को धनयवाद करता ह और कहता ह ldquo म तमहारा बत ही आभारी भ अपन मझ मा दलाई अभी मझम वह ताकत नह क म तमहारा धयान करन क ासवा और कछ क मर माता ndashापता मझ सच कर जब अपन पर पर चलन क ताकत द दग तभी म तमहार ालए कछ कर पाऊगा ldquo भगवान कहत ह ldquo अर मखर त नह जानता यह जगत एक मायाजाल ह मझ पर ावास ह त मझ भल जायगा और र स कालच म पड़ जायगा ाशश कहता ह ldquo नह भगवान ऐसा नह ह भगवान मरा ावास करो म ातजा करता मरा जीवन आपक ालए ही समपर ह ldquo भगवान कहत ह ldquoदख लगा इस जगत क मायाजाल म त मरी कया का सवा करगा ldquo यह ाशश और भ का वाारलाप सनकर दवष नारद भगवान क पास पच पछन लग ldquo भ आप कस मायाजाल क बात कर रह ह ldquo भ बोल ldquo नारद म समसत जीव- रााशय का सवामी उनका कलया चाहता उनको सख भी और दख भी दता वह इसालए क मायाजाल क मोह एव अहकार म पड़कर खद को सपर मानन वाल ाी को दड न द तो र मरा समर कस करगा ldquo नारद बोल ldquo भ आपक वचन का मतलब कस

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दशा म जाता ह यह तो मझ नह पता एक तर कहत ह समसत जीवरााशय का कलया चाहता दसरी ओर कहत ह दड दता तीसरी ओर मायाजाल अर नाराय आप जब समसत जगत क सवामी ह सब आपक अधीन ही ह तो र मायाजाल शबद आपन जो योग कया ह वह आपक अधीन स बाहर कस हो गयाrdquo ानयष काजए जीवरााशया उसक चपट म नह आएगी र सब आपका गगान ही करग और सबको मोक क ाा होगी ldquo भगवान कहत ह ldquo ह दवष मर ालए समसत जीवराशी को परीका स गजरना पड़ता ह मानव जीवन ही उनम अातम परीका ह बस उसको लाघ ल म पनरजनम स मा दला दldquo नारद जी भगवान स तकर करन लग गय का दर बाद भगवान न कहा rdquo दवष आपस बहस और नह कर सकता आपस बहस कर मरा गला सख गया ह जरा एक छोट कलश या कमडल म पानी लकर आइय ताक म अपनी पयास बझा सक नारद को झटका लगा और पाताप करन लग ldquo बमतलब मन अनतरयामी स बहस कर उनको कप दया व समपर जानानद क सामन मरी हासयत कया ह पता नह आज मरी मात मारी गयी और म बमतलब बहस करन लगा भ को पयास लगी ह और वो भी मरी वजह स जलदी स उनक पयास म बझा द पानी क खोज म सार लोक का म करत ए नारदजी पथवी लोक म पच गए पथवी लोक पचकर पानी क खोज म एक कए क पास पच तो दखा क एक अतयनत सदर नारी कए स पानी ानकाल रही ह नारद न सोचा वह सनदर ी पानी भरकर चली जाए तो र म ोड़ा सा पानी भर ल नारद उस दख रह ी भी नारद जी को दख रही ी नारदजी न पछा rdquo दवी कया तम यह आसपास रहती हो ी न जवाब दया rdquo हा ldquo नारदजी र पछ rdquo दवी कया तमहारा ाववाह हो चका ह rdquo ी बोली ldquoनह ldquo नारदजी का ावचालत मन ल नह समाया और पछ ही ालया ldquo दवी यद तम अाववााहत हो और यद तमह कोई परशानी न हो तो कया तम मझस ाववाह करोगी ी सादाय औरत ी बोली ldquo मर ापता क आजा क ाबना म आपस ाववाह नह कर सकती ldquo नारदजी बोल ldquo दवी सशील नारी क यही ग होत ह यद तमह आपा न हो तो म तमहार सा चलकर तमहार माता-ापता स बात कगा और तमस ाववाह कगा ldquo यवती राजी ई और ासर एव कध म पानी स भर घड़ को ढोत ए आग चलती रही और नारदजी पीछ चलन लग सपर रासत म उस सनदर ी क ानहारत ए मन म सपन क पल बाध रह उस सनदर ी क ापता क पास जाकर अपना परचय दत ए उनक बटी स ाववाह करन का सताव रखा साकात नारद मान को अपना दामाद सवप दख उसी मतर म मगनी हो गई और एक शभ मर म ाववाह भी हो गया ाववाह क कछ दन क पात उनक ब हो गय ब बड़ भी हो गय र तो व अपन गहस आम म इतन सत हो गय क उनक मह स नाराय मष ानकलना भी बद हो गया कई वष बाद एक शाम को जोर क आधी क सा तानी बारश ई इस माहौल न इतना ावकराल प धार कर ालया ा क वातावर लय म बदल गया चार तर पानी भर गया बत सार लोग पश आद पानी म बह गय कनत कात क ावकराल प क सामन ठहरन का साहस कस ा दखत ही दखत उनका गह भी बाढ़ क चपट म आकर टट गया और पानी म बह गाया पी और ब डर स

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रोदन करन लग दखत-दखत कान पष क अलावा पी और बाक ब भी पानी म बह गए र तो नारदजी स सोचा इस कान को म कध पर ालए चलता ताक वह तो बढ़ाप म मरा सहारा बनगा कनत लय क तीता इतनी तज ी क नारदजी क नाक क ऊपर स पानी बहन लगा र तो व खद भी भल गय क बट को बचाना ह सोचन लग म कसी तरह जीावत बच जाऊ उसी सोच न उनक कान पष को भी नह बखशा कसी तरह कछ समय उपरानत लय शानत आ पानी घट गया चार तरक मनषयपश - पकी आद क लाश टट ए रासत और घर क बीच पड़ी ई ी नारद मान को बहद दख आ और ठठोर कर रोन लग गय रोत-रोत व खद क बार म सोचन लग क भगवान न उनक सा ऐसा अनयाय कय कया काश व भी मर जात तो अचछा होता तभी उस राह स ास महष गजरत ए नारदमान स परामशर करन लग नारदजी कहन लग ldquo पता नह मन कौन सा पाप कया ह क मर पर परवार का सवरनाश हो गया ह मझ कय मतय नह आई इस पर ासजी न कहा शायद तमहारा समय नह आया ह इसालय तम बच गय हो हालाक ास जानत क नारद मायाजाल म सा आ ह ldquo र इसका ानरय कौन करता ह ldquo नारद न ासजी स पछा ासजी न उर दया ldquoयह तो मतयलोक क अाधपात यमराज ही इसका उर दगrdquo र व दोन ामलकर यमराज क पास गय यमराज न आन का कार पछा तो ासजी न नारद मान क सारी दख भरी गाा सनाई और पछा क ldquoमतय न इनका आलगन कय नह कयाldquo यमराज बोल rdquoम कोई नह मरा यमदत ही इसका उर द सकता ह कयक म यमदत क ारा कसी आतमा को लान क बाद ही उसक पाप-पणय का ाहसाब दख ानधाररत सजा का ऐलान करता यद यमदत आपको लकर मर पास नह आया तो इसम मरा कया दोष ह यमदत स पछ लldquo र ासजी न उनक यमदत स वही सवाल करन पर यमदत न कहा ldquo महामान म कस कसी क शरीर स आतमा को छीनकर ल आऊ म तो यमलोक का सवक माष ाचषग जब तक आजा नह दत तब तक म कोई कायरवाही नह कर सकता आप इस का उर ाचषगजी स पछ ल ldquo र ासजी न ाचषग स वही सवाल करन पर ाचषग न कहाrdquo महामान म तो यमदत को तभी आजा दता जब उस ाी का सारा लखा - जोखा समा हो जाता ह अभी माननीय नारद जी क मतय का समय आया नह ह अभी उनका कछ कया नह जा सकता ldquo ासजी न नारद स कहाrdquo दखो नारद अभी तमहारा समय आया नह ह तभी तम जीावत हो चलो चलत ह अब ापछली घटना को भल कर आग क सोचो ldquo बस इतना ही कहना ा क ाचषग न र ासजी को बलाकर कहा rdquo ह ऋाषवर इनक कणडली म यह ालखा ह क मतय तभी इनको गल लगा सकती ह जब य एक सा आपको मझ यमराज और उनका वाहन भस का एक सा दशरन करग चक इनक ारा यह कायर पर हो चका ह अत इनका जीवन पर हो गया ह ldquo बस इतना ही ा क नारद जी को आवाज आन लगी अर दवष दवष मझ कब स पयास लगी ई ी मरा गला सख गया ह कनत आपन मझ अब

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तक पानी नह दया कहा ह पानी ldquo य साकात नाराय क आवाज सन नारदजी को होश आया और भगवान क चर म पड़कर ागड़ागड़ान लग यह कहत ए क rdquo ह नाराय आपन मझ अचछा सबक ासखाया ह मन आपस बहस कया कर लीआपन मझ मायाजाल का साकातकार करवा दया कमा काजए म आपको पानी नह ापला सका मरी वजह स आपका गला खब सख गया होगा ldquo यह कहत ए उनक अधारा स नाराय क पाव धल गय और भगवान न कहाrdquo दवष आप चातत ना ह आपन अधारा स मर चर धोकर ानसवार सवा कर दी मरी पयास बझ गयी ह अब आप म ह ldquo र नारदजी खशी स नाराय-नाराय कहत ए ानकल गय

घाट का पतर

(बषव बहरा अाधकारी सवकक)

माता-ापता और जनम भाम को छोड़ कर हम सब बन गए ह घाट का पतर धनय ह वह महापष ाजसन हम साापत कया म उस महापष क ावषय म व रन नह कर सकता शायद म अात पाप क कार पतर बन गया लोकन म आशा करता क भावषय म मरा भागय बदल जाएगा चक म लोग क मन स सवा करता इसका ल हमको भगवान अवशय दग लोग का सवा करत ndashकरत मरा आकार भी बदल गया परनत सवा करत ndashकरत मरा नाम रोशन हो रहा ह बालक हम सता का अनभव हो रहा ह मर कमर क चलत मरा भागय बदल रहा ह म हमशा जलम रहता और पीठ पर ातदन मार झलत रहता शायद ही ऐसा पीड़ा इस ससार म कसी को ामलती होगी मरा सानानतर भी नह ह म कई महापष को दखता आया कतन महाराय न ा तयाग दय लकन तबस म यहा अकला पड़ा म हर मौसम क मार झल रहा ब-बढ़ क सवा करत-करत मन कछ पणय कमा ालए ह और आशा करता क मझ को भावषय म मानव जनम ामल सकता ह मानव जनम ामलन स म आपका भजन-करन कगा

ऐस दखतndashदखत कई यग क बाद हमको मानव जनम ा आ मानव जनम म अगर इस धराष म दखा क यहा ऊच-नीच जात-पात नीात-ानयम ावदन पाचार अनयाय ndashअतयाचार चमर-अचमर का ताडव नतय चल रहा ह दखकर मर मन म परवतरन आ गया क भ मझको मरा ापछला जनम वापस द दीाजए

पतर जनम म रह कर मरा कोई-कोई साी अचछ कमर क चलत मदर म सान ा कर ालया ह कोई-कोई तो ठाकर बन गय लोग-ातदन उनक पजा करत ह

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हम लोग म स कोई-कोई सामाजक कायर म सहयोग दान करत ह कोई गह-ानमार म सहयोग द रह ह तो कोई मदर-ानमार म सहयोग द रह ह कोई तो सीधा मत बन गय इसीालए उनक मन म घमणड आ गया अहलया न पतर होन क नात भगवान का दशरन पा ालया इसालए पतर जनम होन क चलत उनक मन म का अह भाव आ गया

हमार अनदर ावाभ प भी ह याः लोहा पतर चना पतर सगममरर काला पतर (नाइट सटोन) मलायम पतर (soft stone) इतयाद लोहा पतर जो दश क ानमार म काम आता ह चना पत जो ासमट ानमार क काम म आता ह सगममरर घर और मदर का शर (flooring) म काम आता ह काला पत घर का शर और आला बनान म काम आता ह मलायम पतर ाशलप कला क ावकास म योगदान दत ह पतर जनम होकर भी म का गवर महसस करता मरी भगवान स अानतम ावनती य ह क आप मझ अानतम समय म दशरन दन को कपा कर

न हमको पतर जनम चााहए न हमको मानव जनम चााहए हमको तो ास र इस भव सागर स पार होना चााहए

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जयादा लोभ न करना (पाडव कानटया सहायक सवकक)

मनषय भगवान क साप ह इसालए वह भगवान का अश ह जब तक वो मा क गभर म ा तक तक वह मोह-माया स वाचत ा एव हमशा भगवान क समीप ा लकन जब वो पथवी पर अवती र आ उसको मोह-माया न घर ालया पाच साल तक वो ईरीय सा म रहता ह इसालए कहा जाता ह क ldquoCHILD IS THE INCARNATION OF GODrdquo इसक बाद मोह-माया म आकषत हो कर ईरीय सा को भल जाता ह बचपन म वो बत आजा और मोह-माया राहत और चरषवान रहता ह जब समय बढ़ता जाता ह तब उसक समसत उम ग धवस होकर गलत मागर पर चला जाता ह

बचपन म ावा ाशका जवानी म ी दीका एव पारवारक ाचनता म म होकर वह समसत मौालक सा को खो दता ह सबा नप होकर सबा म आ जाता ह दव का नप होकर राकस वा जारवत होता ह एव परवारक जगल म सकर भगवान का नाम लना भल जाता ह अपना परवार का भर पोष क ालए कठन परम करता ह लकन उनका पट भरता नह ह ईर क सा को भल जाता ह और अनत म पशकतव को ा होता ह शरीर रोगसत हो जाता ह दाप शा की हो जाती ह चलन ndashरन म असमर रहता ह रात को नद नह आती ह र भी लोभ को छोड़ नह पाता ह अपन बीवी-ब ता परवार क बार म सदा सोचन लगता ह शरीर वावसा को ा होता ह परवार क कोई भी सदसय पछत नह ह

परवार क लोग उसको ढग स खाना भी नह दत ह उसको घर स दर रखत ह र भी यह अधम मनषय भगवान क बार म सोचता नह ह लोभ का अनत नह होता ह पाप का बोझ बढ़त जाता ह अनत म नरक को ा होता ह र भी मनषय भगवान को समझ नह पाता ह परवार क ालए इतना बड़ी ददरशा झलता ह उनको कोई भी नह पछता ह उसक ारा जमा क गई पजी को परवार वाल उनक सामन मौज करत ह

लोभ मनषय को अनधा बना दता ह आदमी क हतया करत ह लोभ क वशीभत होकर दसर क समपात को लटत ह ाजसस समाज म पाचार बढ़ता ह इसालए ह मानव तम कय लोभ करत हो लोभ नह करक भगवान का समर करो हर कतरन करो तप जप करो और सवगर क अाधकारी बनो उम कमर करक भगवान क शरागत हो जाओ भगवान तमहार समसत सख-दख का भार वाहन करग

सवरधमारनपरतयजय मामक शर ज अह तवा सवरपापभयो मोकायषयााम मा शच

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इसालए अचछा कमर करक पणय कमाना ह हमशा धमर क जय और पाप का कय होता ह धमर-कमर करक ावजय ा होगी लकन अधमर म जाकर नरक गामी नह होना

एकदा अनधा राजा धतरा सजय को पछा क ldquoह सजय इस धमर य म कसक जय होगी उर म सजय बोल क ldquoयष योगर कषो यष पा धनधरर तष ी ावजयो भात वा नीातमरातमरम ldquo अारत जहा योगर कष एव धनधाररी अजरन एक सा ह वहा ावजय ानात ह

इसालए दखा गया क हमशा धमर क जय और अधमर क पराजय होती ह धमर सवचछ ानमरल लकन अधमर कदाकार कात ह इसालए लोभ-लालच म वशीभत न होकर सत

कमर करो अनयाय का परतयाग करो लोभ मत करो जीवन म कप करक जो धन कमा ालया वो सब इस धरती म रह जाता ह अानतम क म सा कोई नह ल जाता इसालए अनधर म भटक नह जाना इसालए कहा गया ह क-अात लालच नह करना अात सवरष गहतम अारत अात सवरनाश का कार ह

अात दप हता लका

अात मानसय कौरवा अातदारन बाल वध अात सवरष गहतम

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टटा वक का अाभमान (चरदास नाराय गडम सवक सहायक)

वन म खड़ एक वक क सा ालपटी एक लता भी धीर-धीर वक क बराबर हो गई वक का आय

लकर उसन भी लना ndashलना आरभ कर दया बल को लत ndash लत दखकर वक को अहकार हो गया क म न होता तो लता अासततव हीन होती वह लता को धमकात ए बोला ओ बल चपचाप मरा कहना माना कर म जो कह रहा वह कया कर नह तो ध मार कर भगा दगा पड़ का लाप जारी ा क दो पाक वहा स ानकल एक बोला अर भाई जरा दखो तो यह वक कसा सदर ह इस पर कसी सदर लता पाषपत हो रही ह आओ इसक नीच ोड़ी दर ावाम कर अपना महतव लता क सा ह यह जानकर वक का अाभमान भी नप हो गया सा ndash सा रहन स ही सबक गात होती ह

बटी (डी राव बाब पटल ाचषक ड-II)

बटी घर क लाज होती ह पापा क सर का ताज होती ह दल क सदा स रही ह इचछा बटी तझको ह पाना आई हो मर जीवन म जस एक ननही कावता राह दखता म तरी जलदी स मर पास आना मा क गोद म सदा रहती हो कछ पल मर पास भी आना न चाहत ह अब धन दौलत क त ही लमी त ही मरी मत भी डर लगता ह सोचक जब एक दन छोड़ क जाएगी त कतना मझ लायगी त बटी होती ह बाबल क लाड़ली

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यह ाज़नदगी (सययद इदरीस पटल ाचषक ड ndashII)

बठ जाता ह ामी प अकसर कय क मझ अपनी औकात अचछी लगती ह

मन समनदर स सीखा ह जीन का सलीका चपचाप स बहना और अपनी मौज म रहना चाहता तो ह क य दानया बदल द पर दो व क रोटी क जगाड़ म सरत नह ामलती दोसत महगी स महगी घड़ी पहन कर दख ली व र भी मर ाहसाब स नह चलता य ही हम दल को सा रखा करत पता नह ा क कमत चहर क होती ह अगर खदा नह ह तो उसका ाज कय और अगर खदा ह तो र कय

lsquorsquoदो बात इसान को अपन स दर कर दती ह एक उसका ldquoअहम rdquo और दसरा उसका ldquo वहमrdquo पस स सख कभी खरीदा नह जाता और दख का कोई खरीदार नह होता मझ ाज़नदगी का इतना तजबार तो नह पर सना ह सादगी म लोग जीन नह दत मााचस क जरत यहा नह पड़ती यहा आदमी आदमी स जलता ह ाव क बड़ स बड़ वजाानक यह ढढ रह ह क मगल ह पर जीवन ह या नह पर आदमी यह नह ढढ रहा ह क जीवन म मगल ह या नह

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जीवन म न जान कौनसी बात ldquoआखरी rdquo होगी न जान कौन सी रात आखरी होगी ामलत जलत बात करत रहो यार एक दसर स न जान कौन सी ldquo मलाकात rdquo आखरी होगी अगर जदगी म कछ पाना ह तो तरीक बदलो इराद नह ऐ चाद त कस मज़हब का ह ईद भी तरी और करवाचौ भी तरा

उगालय क लड़ाई

(शख महबब पीरा पटल ाचषक)

एक दन हा क सभी उगालया आपस म लड़न लग अगठा बोला म सबस बड़ा सभी जगह जरी कागज पर मझस ही ानशान बनाया जाता ह तजरनी बोली-ldquoम बड़ी मर होन स ही सब लोग काम कर पात ह जस-ालखना खाना पकड़ना मधयमा बोली-ldquoअर भई कया तम नह जानत जो आकार म लबा होता ह उस ही सभी बड़ा कहत ह अनाामका सब बात चपचाप सन रही ी वह तरत बोली ndashldquo म सबस बड़ी म तो पजा करन क भी काम आती मर स ही रोलीातलक लगाया जाता ह कानाका सभी को लड़ता दखकर उदास ी वह चपचाप एक कोन म कछ सोच रही ी तभी अगठा व तीन उगालया उसक पास गई और बोली- ldquoअर छोटी तम तो बड़ी हो ही नह सकती कयक तमहारा नाम ही कानाका ह कानाका बोली ldquoसनो अगठ भाई और पयारी उगालय आपस म लड़कर कभी कसी का भला नह हो सकता हमम कोई भी बड़ा-छोटा नह ह हम सब ामलकर मी बन सकत ह तभी हम सब बलवान हग कया तमह नह मालम क बद मी म ही ताकत होती ह इसालए हमारा लड़ना बकार ह rdquo कानाका क बात सनकर सभी एक सा बोल- ldquoहा छोटी बहन तम ाबलकल सही कह रही हो सचमच अकल म तम ही हम सबस बड़ी हो rdquo

इस नीात का स एकता म बल क ाशका ा होती ह

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तलगाना- भारत का एक और नया राजय (शलबाला खडरी मानाचषकार)

तलगाना भारत क दाकी भाग म ासत भारत का 29 वा राजय ह कषल क दाप स यह दश का

बीसवा बड़ा राजय ह ाचीन हदराबाद रयासत का अाधकतम भाग तलगाना राजय म ालया गया ह जहा आजादी स पहल ानजाम का राजय ा सन 1947 म जब भारत अज क चगल स आजाद आ उसक बाद भी हदराबाद का ानजाम अपनी रयासत सय भारत म ावलीन करन क पक म नह ा वह अपनी रयासत पर अपना ही सवतष शासन चाहता ा अतत सरदार बललभ भाई पटल क अक यास स इस रयासत को भारत क मखय धारा म ावलीन कया जा सका इस कार आन दश राजय क सापना ई और 26 जनवरी 1950 को ी एमक वललोड़ी आन दश राजय क म मखयमषी ानय ए 1956 म हदराबाद रयासत को आन दश राजय म ावलीन कर दया गया

2 जन 2014 म पनः तलगाना राजय अासततव म आया आन दश राजय क उर पामी 10 ाजल को ामलाकर तलगाना राजय क सापना क गयी ह राजधानी हदराबाद भी तलगाना राजय म ासत ह परनत 10 वष तक हदराबाद दोन राजय याान आन दश और तलगाना राजय क सय राजधानी रहगी दोन राजय क शासानक कायर हदराबाद स सचाालत हग तलगाना शबद का ादभारव ाषलगा दश शबद स आ ह ाजसका अर ह तीन लगो वाला दश तलगाना राजय क तीन दशा म कालरम ीशलम और ाकारामम ास ाशव मानदर ासत ह ाजनक अपार धामक महा ह वासतव म पक तलगाना राजय क ालए 1946 स 1951 क बीच ही ारमभ हो गया ा उस समय कमयानसट पाट न इस आनदोलन का नततव कया ा जो असल रहा भाषा क आधार पर तलगाना और आन राजय को पक करन क ालए अनक आनदोलन समय-समय पर होत रह ह इनम मखय आनदोलन 19691972 और 2009 क ह इन आनदोलन का यह भाव आ क 9 दसमबर 2009 म भारत सरकार न पक तलगाना राजय बनान क कायरवाही श कर दी य घोषा सनत ही तटीय आन व सीमान कष क लोग न सम आन दश क पक म आामक आनदोलन ारमभ कर दया और ऐसी ासात म भारत सरकार न यह कायर 23 दसमबर 2009 तक सागत कर दया इसक पात भी लगातार पक तलगाना और सम आन दश क ालए अलग-अलग आनदोलन चलत रह पक तलगाना क पक म कई आतम - हतयाए ई हड़ताल क गयी ाजसस जन साधार को बत असावधा का सामना करना पड़ा अतत पक तलगाना समरक क जीत ई और कास कायरकारी सामात न सवर सहमात स 30 जलाई 2013 को पक तलगाना राजय क ासारश करत ए ाबल तयार कर दया अनक सोपान पार करत ए यह ाबल रवरी 2014 को ससद म पारत कया गया रवरी 2014 दश पनगठरन एकट क तहत यह ाबल ससद म पास हो गया इसक पात इस नय राजय तलगाना ाबल को रापात ारा सहमात ा ई और माचर 2014 क गजट म इस कााशत कया गया इस कार नय तलगाना राजय क सापना ई

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ाशासकय प स तलगाना राजय क सापना 2 जन 2014 को ई क चन शखर राव क पाट ldquoतलगाना रा सामातrdquo न चनाव म दश म बमत हाासल कया और इस कार ी कचन शखर राव तलगाना राजय क म मखय मषी चन गए

म महगाई (डॉ नीलम कमार ाबड़ला अाभलखपाल)

म महगाई महग दशभ लोग क आमष पर भारत आई तज गात लान गात म भारत आई मझ गलत मत समझो गरीब बत ठीक बमत दकर तमन ाजनको बत उठाया म तो उनह क तीक भौातक वादी यग म योग ासखाती म भख पट न सोए कोई कडालनी जगाती म धयान प म च मारकर मन जय ऊपर चढ़त-चढ़त र तक आ जाता ह भाव वसत क वस ही र तक ल आई

अब इस यग म एक तल क पीप को पा लन का अर को पा लना ह भ दशरन क झलक दखना एक टमाटर खा लना ह भारत का आदशर तयाग ह अनासा ह अपरह ह मझको पाकर लोग वसतए तयाग रह ह अपनी खद क कार छोड़ बस क पीछ भाग रह ह म लोग को तड़क भड़क स खच

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सादगी ासखाती टरीलीन क शौकन को ला पहनाती माया जीवन का बधन ह पया पसा मल हा का म वतन भोगी लोग क बधन दो दन म हर लती शी छड़ाकर मल हा का शीश सा ानमरल कर दती

नीात ालखन वाल न कम खाना या गम खाना अचछा बतलाया मन उनका कन ानभाया ाजतनी चीज महगी हगी उतना ही जन कम खाएग ाजस दन रोटी नह ामलगी उस दन खद ही कम खाएग

शकल पक क चाद सरीखी बढ़ती म खब चादनी लाऊगी अभी दज तक ही आई परमासी तक जाऊगी

करो कलपना जब भारत जन कतन सदर दखा करग ग चावल चना बाजरा जब पाड़य म ाबका करग बीमार को दध दहीघी क इजकशन लगा करग कसा मधर जागर होगा लोग भख स जगा करग

आतक हमला

(डॉ नीलम कमार ाबड़ला अाभलखपाल) 13 दसबर 2001 ससद प पाक आतक हमला 13 रवरी 2014 ससद म भारतीय आतक हमला

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शमरसार ई ससद पच ाड़ गए नयी तहजीब क झड गाड़ गए

उड़ाया गया काली ामचर का पाउडर सपीकर का नह सना आडरर आख जलन लग सास लन लगी ससद पर नगी तलवार झलन लगी

घायल आ जातष और सावधान मदर क पजारय न कया मदर का अपमान ऐस आतकय को सबक ासखाना होगा र नया इातहास बनाना होगा

बाल-म (वाइकराकश कमार खलासी)

बालपन क कलकारी धप क ताप स आ मक पोी छोड़ी कदाल खोदत हा क मार अचक कचड़ आधी म म करना आ मजबरी गरीबी क पराकाा पट और पीठ क घटती दरी कछ धनहीनता और कछ माता-ापता क मखरता कनत सबस जयादा सवा समाज क सवदनहीनता ाजसन बालक को ामक बनन को बाधय कया लखनी को छीनकर कोमल हा म छडी पकड़ायी

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गाय-बकरी क सवा करता बालय-जीवन कप अपन भावषय को दर करता अजान और अबझ ावोपाजरन क कसको ह सरत ासात तो ऐसी ई दो दान अ क ालय बालपन चोर बनन को आतर आ

दोसती

(ाचा कडयया खलासी)

गलाब एक ल ह

एक घनट म मरझा जाता ह पर दोसती एक शा ह कभी भी जीावत रहती ह

बर ठडी होती ह जो पकड़ म नह आती ह

दोसती सोन जसी ह जो कभी कोई नह खरीद सकत ह

तार क पाच अनत (END) ह चौकोन क चार अनत ह तीकोन क तीन अनत ह

एक रखा का एक अनत ह पर दोसती का कोई अनत नह ह

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मर जीवन का उशय (कमारी ाया सातव कका सपषी एम सबीता उाल)

कग नयज भारत का खतरा पाकसतान न कशमीर पर हमला कया ह कछ दन बाद helliphellip कग नयज पाकसतान क ाखला भारत क रका करत ए वीर सानक

का भारी नकसान इन खबर न भारत को ाहला दया ा म भी सोच म पड़ गयी क म भारत क ालए कया कर सकता भारत को इन हमल स कस बचा सकता मर मन म ास र एक ही खयाल आया क भारतीय सना का एक जवान ासपाही बन

जव मन यह बात अपन दोसत स कही तो उसन कहा क ासपाही बनना खतर स खाली नह ह और परवार स दर सरहद पर खतर स भर जीवन मर ालए कपद होगा लकन मन ठान ालया ा क म कछ ऐसा कगी क पर दश म मरा नाम हो ाजस दखकर मर अपन का ासर गवर स ऊचा हो जाए

मर ानय को सनकर मरी मा रोन लगी मझ लोभन दया क म ापार क मर दोसत न मझ डाकटर बनन का सझाव दया पर मन सोचा क भारत म कई डाकटर ह ापारी ह भारत को डाकटर या ापारी क नह बालक सानक क जरत ह

म भारत क ालए अपनी जान भी दन क ालए तयार मन सोचा सब अपन परवार को सराकत

रखना चाहत ह र भारत - भाम तो मरी मा ह मरी ही कय हर एक क मा ह तो हम सब का कतर बनता ह क हम इसक रका कर इसीालए मर जीवन का उशय ह क म एक ासपाही बन और भारत क सवा क

मखर ामष स समझदार शष अचछा होता ह (मासटर सनीत चौी कका सपष एम सबीता उाल)

एक दन म और मरा सबस अचछा ामष राव बठ यह सोच रह क हम परीका क ालए अभी स पढ़ाई श कर दनी चााहए या नह राव न तपाक स कहा क अभी स पढन स कोई लाभ नह होगा अगर हम परीका क एक दन पहल पढ़ग तो जयादा दमाग म रहगा तभी वहा स मरी कका का दसरा छाष रमश गजर रहा ा मझ रमश ाबलकल पसद नही ा और रमश भी मझ पसद नह करता ा बात-बात पर हम लड़ाई करत पर पढ़ाई म वह मझस बत अचछा ा उसन हमारी बात सन ली ी

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इसालए धीर सवर म मझस बोला अपन मखर ामष क बात मत सनो बस रोज मरी तरह ोड़ा-ोड़ा पढ़ो लकन मन उसक बात पर कान नह धरा एक महीन बाद परीका क दन आ पच परीका क एक दन पहल जब मन पढ़ना श कया तब पाया क पढ़न को बत ा पर समय कम ा जस -तस पढ़ कर मन परीकाए ालखी और उममीद करता रहा क म परीका म उी र हो सक कछ दन बाद परीका का पराम ानकला और वही आ ाजसका डर ा म और ामष राव अनी र हो गए दसरी ओर रमश बत अचछ अको स उी र आ उस दन मझ समझ आ गया क मखर ामष स समझदार शष अचछा होता ह

भावषय क पढ़ाई (मासटर ाशव कलया सातव कका सपष वालल कलयाी उाल)

आज जब हम पढ़ाई या सकल क बार म सोचत ह तो नजरो म एक भारी बग उठाता आ

छाष दखता ह कताब क ाबना हम सकल जान क सोच भी नह सकत कताब क सा कपयटर भी पढ़ाई का महतवपर ाहससा बन चका ह

कछ साल बाद भारी कताब स भर बग क बदल छाष क हा म टबलट होगा आकाश टबलट एक ऐसा यष ह ाजसम हम तरह-तरह क कताब पढ़ सकत ह हम कका म ही नट स जानकारी पा सकत ह टबलट ोन स बड़ा ह और जयादा महगा भी नह हम इस कह भी ल जाकर इसम कताब पढ़ सकत ह हम इसम कका का दया गया कायर भी कर सकत ह यह टबलट पढ़ाई का अदाज बदल दगा और पढ़ाई को मजदार बना दगा

पानी और धप (कमारी एस साानया पाचवी कका सपषी राजया बगम अाल)

अभी-अभी ी धप बरसन लगा कहा स यह पानी कसन ोड़ बादल को क ह इतनी शतानी

सरज न कय बद कर ालया अपन घर का दरवाज़ा उसक मा न भी कया उसको बला ालया कहकर आजा

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ज़ोर-ज़ोर स गरज़ रह ह बादल ह कसक काका कसको डाट रह ह कसन कहना नह सना मा का

परीका (कमारी शख राजया सलताना गयारहव कका सपषी शख महबब पीरा पटल ाचषक)

ाजस नाम को सनन स कापता ह बा वो ह परीका परीका पपर हा म आत ही इतना डर लगता क यद अचछा नह कया तो ापटना पा तीन घट म लगभग करन होत ह चालीस सवाल एक भी छटा तो घर म आता ह भवडर रजलट क एक दन पहल रात को नद नह आती ह अचछ नबर पान क ालए भगवान क याद आती ह पास होन पर ामलता ह इनाम और मख स ानकलता ह ldquoकय भगवान rdquo र आती ह अगली कका तब भी मख स ानकलता ह हाय र आ गयी र स परीका

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राीय साकरता (मासटर शख समीर छठी कका सपष शख महबब पीरा पटल ाचषक)

ातदन सीखो अकर एक

ानयम बना लो ऐसा पढ़ो पढ़ाओ सीखो जान

तभी बनगा दश महान ावा सा जान कराती

मन का अधरा दर भगाती जहा पर बनत लोग जानी

वहा न होती मन क हाान अनपढ़ क ालए गगी पोी

धन दौलत भी होती ोी पढ़ा ालखा नह धोखा खाता

जहा भी जाता आदर पाता

मा (मासटर शख महबब बाशा आठव कका सपष शख महबब पीरा पटल ाचषक)

सबस सनदर जग म कौन बस एक त ह मा

सबस पयारी कसक मसकान बस एक तरी ही ह मा

कसन बनायी मरी पहचान तन ही तो मरी पयारी मा

कसक बोली ामी स मीठी तरी ही ह मरी मा

कसक डाट ह इमली स तीखी तरी ही तो पयारी मा

कसक ालए क म सब कबारन तर ालए मरी पयारी मा

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ाततली (कमारी एम राशका ाशवानी पाचवी कका सपषी एम लम कमार उाल)

ाततली तम कतनी

रग-ाबरगी होती हो तम सब ल का रस पी-पीकर

बाग-बगीच म रती रहती हो तर पख कई रग क होत ह

तमहार प को दखकर ब बत खश होत ह

मरी कका

(कमारी एम राशका ाशवानी पाचवी कका सपषी एम लम कमार उाल)

मरी कका म ह पचास ब हर एक ह अलग-अलग जस एक ह लबा एक ह छोटा एक ह मोटा एक ह पतला कछ ह अचछ कछ ह बर पर लगत ह सार पयार मरी कका ह रग- ाबरगी लगती ह ाततालय का झड ह

मझ बत पसद ह कयक यह हमारी कका ह

Page 34: कलाकल - Home: Survey of · PDF fileतेलंगाना-भारत का एक ... भी यह पि का ‘कलाकल‘ सुनदर प म िनखर

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दशा म जाता ह यह तो मझ नह पता एक तर कहत ह समसत जीवरााशय का कलया चाहता दसरी ओर कहत ह दड दता तीसरी ओर मायाजाल अर नाराय आप जब समसत जगत क सवामी ह सब आपक अधीन ही ह तो र मायाजाल शबद आपन जो योग कया ह वह आपक अधीन स बाहर कस हो गयाrdquo ानयष काजए जीवरााशया उसक चपट म नह आएगी र सब आपका गगान ही करग और सबको मोक क ाा होगी ldquo भगवान कहत ह ldquo ह दवष मर ालए समसत जीवराशी को परीका स गजरना पड़ता ह मानव जीवन ही उनम अातम परीका ह बस उसको लाघ ल म पनरजनम स मा दला दldquo नारद जी भगवान स तकर करन लग गय का दर बाद भगवान न कहा rdquo दवष आपस बहस और नह कर सकता आपस बहस कर मरा गला सख गया ह जरा एक छोट कलश या कमडल म पानी लकर आइय ताक म अपनी पयास बझा सक नारद को झटका लगा और पाताप करन लग ldquo बमतलब मन अनतरयामी स बहस कर उनको कप दया व समपर जानानद क सामन मरी हासयत कया ह पता नह आज मरी मात मारी गयी और म बमतलब बहस करन लगा भ को पयास लगी ह और वो भी मरी वजह स जलदी स उनक पयास म बझा द पानी क खोज म सार लोक का म करत ए नारदजी पथवी लोक म पच गए पथवी लोक पचकर पानी क खोज म एक कए क पास पच तो दखा क एक अतयनत सदर नारी कए स पानी ानकाल रही ह नारद न सोचा वह सनदर ी पानी भरकर चली जाए तो र म ोड़ा सा पानी भर ल नारद उस दख रह ी भी नारद जी को दख रही ी नारदजी न पछा rdquo दवी कया तम यह आसपास रहती हो ी न जवाब दया rdquo हा ldquo नारदजी र पछ rdquo दवी कया तमहारा ाववाह हो चका ह rdquo ी बोली ldquoनह ldquo नारदजी का ावचालत मन ल नह समाया और पछ ही ालया ldquo दवी यद तम अाववााहत हो और यद तमह कोई परशानी न हो तो कया तम मझस ाववाह करोगी ी सादाय औरत ी बोली ldquo मर ापता क आजा क ाबना म आपस ाववाह नह कर सकती ldquo नारदजी बोल ldquo दवी सशील नारी क यही ग होत ह यद तमह आपा न हो तो म तमहार सा चलकर तमहार माता-ापता स बात कगा और तमस ाववाह कगा ldquo यवती राजी ई और ासर एव कध म पानी स भर घड़ को ढोत ए आग चलती रही और नारदजी पीछ चलन लग सपर रासत म उस सनदर ी क ानहारत ए मन म सपन क पल बाध रह उस सनदर ी क ापता क पास जाकर अपना परचय दत ए उनक बटी स ाववाह करन का सताव रखा साकात नारद मान को अपना दामाद सवप दख उसी मतर म मगनी हो गई और एक शभ मर म ाववाह भी हो गया ाववाह क कछ दन क पात उनक ब हो गय ब बड़ भी हो गय र तो व अपन गहस आम म इतन सत हो गय क उनक मह स नाराय मष ानकलना भी बद हो गया कई वष बाद एक शाम को जोर क आधी क सा तानी बारश ई इस माहौल न इतना ावकराल प धार कर ालया ा क वातावर लय म बदल गया चार तर पानी भर गया बत सार लोग पश आद पानी म बह गय कनत कात क ावकराल प क सामन ठहरन का साहस कस ा दखत ही दखत उनका गह भी बाढ़ क चपट म आकर टट गया और पानी म बह गाया पी और ब डर स

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रोदन करन लग दखत-दखत कान पष क अलावा पी और बाक ब भी पानी म बह गए र तो नारदजी स सोचा इस कान को म कध पर ालए चलता ताक वह तो बढ़ाप म मरा सहारा बनगा कनत लय क तीता इतनी तज ी क नारदजी क नाक क ऊपर स पानी बहन लगा र तो व खद भी भल गय क बट को बचाना ह सोचन लग म कसी तरह जीावत बच जाऊ उसी सोच न उनक कान पष को भी नह बखशा कसी तरह कछ समय उपरानत लय शानत आ पानी घट गया चार तरक मनषयपश - पकी आद क लाश टट ए रासत और घर क बीच पड़ी ई ी नारद मान को बहद दख आ और ठठोर कर रोन लग गय रोत-रोत व खद क बार म सोचन लग क भगवान न उनक सा ऐसा अनयाय कय कया काश व भी मर जात तो अचछा होता तभी उस राह स ास महष गजरत ए नारदमान स परामशर करन लग नारदजी कहन लग ldquo पता नह मन कौन सा पाप कया ह क मर पर परवार का सवरनाश हो गया ह मझ कय मतय नह आई इस पर ासजी न कहा शायद तमहारा समय नह आया ह इसालय तम बच गय हो हालाक ास जानत क नारद मायाजाल म सा आ ह ldquo र इसका ानरय कौन करता ह ldquo नारद न ासजी स पछा ासजी न उर दया ldquoयह तो मतयलोक क अाधपात यमराज ही इसका उर दगrdquo र व दोन ामलकर यमराज क पास गय यमराज न आन का कार पछा तो ासजी न नारद मान क सारी दख भरी गाा सनाई और पछा क ldquoमतय न इनका आलगन कय नह कयाldquo यमराज बोल rdquoम कोई नह मरा यमदत ही इसका उर द सकता ह कयक म यमदत क ारा कसी आतमा को लान क बाद ही उसक पाप-पणय का ाहसाब दख ानधाररत सजा का ऐलान करता यद यमदत आपको लकर मर पास नह आया तो इसम मरा कया दोष ह यमदत स पछ लldquo र ासजी न उनक यमदत स वही सवाल करन पर यमदत न कहा ldquo महामान म कस कसी क शरीर स आतमा को छीनकर ल आऊ म तो यमलोक का सवक माष ाचषग जब तक आजा नह दत तब तक म कोई कायरवाही नह कर सकता आप इस का उर ाचषगजी स पछ ल ldquo र ासजी न ाचषग स वही सवाल करन पर ाचषग न कहाrdquo महामान म तो यमदत को तभी आजा दता जब उस ाी का सारा लखा - जोखा समा हो जाता ह अभी माननीय नारद जी क मतय का समय आया नह ह अभी उनका कछ कया नह जा सकता ldquo ासजी न नारद स कहाrdquo दखो नारद अभी तमहारा समय आया नह ह तभी तम जीावत हो चलो चलत ह अब ापछली घटना को भल कर आग क सोचो ldquo बस इतना ही कहना ा क ाचषग न र ासजी को बलाकर कहा rdquo ह ऋाषवर इनक कणडली म यह ालखा ह क मतय तभी इनको गल लगा सकती ह जब य एक सा आपको मझ यमराज और उनका वाहन भस का एक सा दशरन करग चक इनक ारा यह कायर पर हो चका ह अत इनका जीवन पर हो गया ह ldquo बस इतना ही ा क नारद जी को आवाज आन लगी अर दवष दवष मझ कब स पयास लगी ई ी मरा गला सख गया ह कनत आपन मझ अब

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तक पानी नह दया कहा ह पानी ldquo य साकात नाराय क आवाज सन नारदजी को होश आया और भगवान क चर म पड़कर ागड़ागड़ान लग यह कहत ए क rdquo ह नाराय आपन मझ अचछा सबक ासखाया ह मन आपस बहस कया कर लीआपन मझ मायाजाल का साकातकार करवा दया कमा काजए म आपको पानी नह ापला सका मरी वजह स आपका गला खब सख गया होगा ldquo यह कहत ए उनक अधारा स नाराय क पाव धल गय और भगवान न कहाrdquo दवष आप चातत ना ह आपन अधारा स मर चर धोकर ानसवार सवा कर दी मरी पयास बझ गयी ह अब आप म ह ldquo र नारदजी खशी स नाराय-नाराय कहत ए ानकल गय

घाट का पतर

(बषव बहरा अाधकारी सवकक)

माता-ापता और जनम भाम को छोड़ कर हम सब बन गए ह घाट का पतर धनय ह वह महापष ाजसन हम साापत कया म उस महापष क ावषय म व रन नह कर सकता शायद म अात पाप क कार पतर बन गया लोकन म आशा करता क भावषय म मरा भागय बदल जाएगा चक म लोग क मन स सवा करता इसका ल हमको भगवान अवशय दग लोग का सवा करत ndashकरत मरा आकार भी बदल गया परनत सवा करत ndashकरत मरा नाम रोशन हो रहा ह बालक हम सता का अनभव हो रहा ह मर कमर क चलत मरा भागय बदल रहा ह म हमशा जलम रहता और पीठ पर ातदन मार झलत रहता शायद ही ऐसा पीड़ा इस ससार म कसी को ामलती होगी मरा सानानतर भी नह ह म कई महापष को दखता आया कतन महाराय न ा तयाग दय लकन तबस म यहा अकला पड़ा म हर मौसम क मार झल रहा ब-बढ़ क सवा करत-करत मन कछ पणय कमा ालए ह और आशा करता क मझ को भावषय म मानव जनम ामल सकता ह मानव जनम ामलन स म आपका भजन-करन कगा

ऐस दखतndashदखत कई यग क बाद हमको मानव जनम ा आ मानव जनम म अगर इस धराष म दखा क यहा ऊच-नीच जात-पात नीात-ानयम ावदन पाचार अनयाय ndashअतयाचार चमर-अचमर का ताडव नतय चल रहा ह दखकर मर मन म परवतरन आ गया क भ मझको मरा ापछला जनम वापस द दीाजए

पतर जनम म रह कर मरा कोई-कोई साी अचछ कमर क चलत मदर म सान ा कर ालया ह कोई-कोई तो ठाकर बन गय लोग-ातदन उनक पजा करत ह

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हम लोग म स कोई-कोई सामाजक कायर म सहयोग दान करत ह कोई गह-ानमार म सहयोग द रह ह तो कोई मदर-ानमार म सहयोग द रह ह कोई तो सीधा मत बन गय इसीालए उनक मन म घमणड आ गया अहलया न पतर होन क नात भगवान का दशरन पा ालया इसालए पतर जनम होन क चलत उनक मन म का अह भाव आ गया

हमार अनदर ावाभ प भी ह याः लोहा पतर चना पतर सगममरर काला पतर (नाइट सटोन) मलायम पतर (soft stone) इतयाद लोहा पतर जो दश क ानमार म काम आता ह चना पत जो ासमट ानमार क काम म आता ह सगममरर घर और मदर का शर (flooring) म काम आता ह काला पत घर का शर और आला बनान म काम आता ह मलायम पतर ाशलप कला क ावकास म योगदान दत ह पतर जनम होकर भी म का गवर महसस करता मरी भगवान स अानतम ावनती य ह क आप मझ अानतम समय म दशरन दन को कपा कर

न हमको पतर जनम चााहए न हमको मानव जनम चााहए हमको तो ास र इस भव सागर स पार होना चााहए

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जयादा लोभ न करना (पाडव कानटया सहायक सवकक)

मनषय भगवान क साप ह इसालए वह भगवान का अश ह जब तक वो मा क गभर म ा तक तक वह मोह-माया स वाचत ा एव हमशा भगवान क समीप ा लकन जब वो पथवी पर अवती र आ उसको मोह-माया न घर ालया पाच साल तक वो ईरीय सा म रहता ह इसालए कहा जाता ह क ldquoCHILD IS THE INCARNATION OF GODrdquo इसक बाद मोह-माया म आकषत हो कर ईरीय सा को भल जाता ह बचपन म वो बत आजा और मोह-माया राहत और चरषवान रहता ह जब समय बढ़ता जाता ह तब उसक समसत उम ग धवस होकर गलत मागर पर चला जाता ह

बचपन म ावा ाशका जवानी म ी दीका एव पारवारक ाचनता म म होकर वह समसत मौालक सा को खो दता ह सबा नप होकर सबा म आ जाता ह दव का नप होकर राकस वा जारवत होता ह एव परवारक जगल म सकर भगवान का नाम लना भल जाता ह अपना परवार का भर पोष क ालए कठन परम करता ह लकन उनका पट भरता नह ह ईर क सा को भल जाता ह और अनत म पशकतव को ा होता ह शरीर रोगसत हो जाता ह दाप शा की हो जाती ह चलन ndashरन म असमर रहता ह रात को नद नह आती ह र भी लोभ को छोड़ नह पाता ह अपन बीवी-ब ता परवार क बार म सदा सोचन लगता ह शरीर वावसा को ा होता ह परवार क कोई भी सदसय पछत नह ह

परवार क लोग उसको ढग स खाना भी नह दत ह उसको घर स दर रखत ह र भी यह अधम मनषय भगवान क बार म सोचता नह ह लोभ का अनत नह होता ह पाप का बोझ बढ़त जाता ह अनत म नरक को ा होता ह र भी मनषय भगवान को समझ नह पाता ह परवार क ालए इतना बड़ी ददरशा झलता ह उनको कोई भी नह पछता ह उसक ारा जमा क गई पजी को परवार वाल उनक सामन मौज करत ह

लोभ मनषय को अनधा बना दता ह आदमी क हतया करत ह लोभ क वशीभत होकर दसर क समपात को लटत ह ाजसस समाज म पाचार बढ़ता ह इसालए ह मानव तम कय लोभ करत हो लोभ नह करक भगवान का समर करो हर कतरन करो तप जप करो और सवगर क अाधकारी बनो उम कमर करक भगवान क शरागत हो जाओ भगवान तमहार समसत सख-दख का भार वाहन करग

सवरधमारनपरतयजय मामक शर ज अह तवा सवरपापभयो मोकायषयााम मा शच

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इसालए अचछा कमर करक पणय कमाना ह हमशा धमर क जय और पाप का कय होता ह धमर-कमर करक ावजय ा होगी लकन अधमर म जाकर नरक गामी नह होना

एकदा अनधा राजा धतरा सजय को पछा क ldquoह सजय इस धमर य म कसक जय होगी उर म सजय बोल क ldquoयष योगर कषो यष पा धनधरर तष ी ावजयो भात वा नीातमरातमरम ldquo अारत जहा योगर कष एव धनधाररी अजरन एक सा ह वहा ावजय ानात ह

इसालए दखा गया क हमशा धमर क जय और अधमर क पराजय होती ह धमर सवचछ ानमरल लकन अधमर कदाकार कात ह इसालए लोभ-लालच म वशीभत न होकर सत

कमर करो अनयाय का परतयाग करो लोभ मत करो जीवन म कप करक जो धन कमा ालया वो सब इस धरती म रह जाता ह अानतम क म सा कोई नह ल जाता इसालए अनधर म भटक नह जाना इसालए कहा गया ह क-अात लालच नह करना अात सवरष गहतम अारत अात सवरनाश का कार ह

अात दप हता लका

अात मानसय कौरवा अातदारन बाल वध अात सवरष गहतम

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टटा वक का अाभमान (चरदास नाराय गडम सवक सहायक)

वन म खड़ एक वक क सा ालपटी एक लता भी धीर-धीर वक क बराबर हो गई वक का आय

लकर उसन भी लना ndashलना आरभ कर दया बल को लत ndash लत दखकर वक को अहकार हो गया क म न होता तो लता अासततव हीन होती वह लता को धमकात ए बोला ओ बल चपचाप मरा कहना माना कर म जो कह रहा वह कया कर नह तो ध मार कर भगा दगा पड़ का लाप जारी ा क दो पाक वहा स ानकल एक बोला अर भाई जरा दखो तो यह वक कसा सदर ह इस पर कसी सदर लता पाषपत हो रही ह आओ इसक नीच ोड़ी दर ावाम कर अपना महतव लता क सा ह यह जानकर वक का अाभमान भी नप हो गया सा ndash सा रहन स ही सबक गात होती ह

बटी (डी राव बाब पटल ाचषक ड-II)

बटी घर क लाज होती ह पापा क सर का ताज होती ह दल क सदा स रही ह इचछा बटी तझको ह पाना आई हो मर जीवन म जस एक ननही कावता राह दखता म तरी जलदी स मर पास आना मा क गोद म सदा रहती हो कछ पल मर पास भी आना न चाहत ह अब धन दौलत क त ही लमी त ही मरी मत भी डर लगता ह सोचक जब एक दन छोड़ क जाएगी त कतना मझ लायगी त बटी होती ह बाबल क लाड़ली

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यह ाज़नदगी (सययद इदरीस पटल ाचषक ड ndashII)

बठ जाता ह ामी प अकसर कय क मझ अपनी औकात अचछी लगती ह

मन समनदर स सीखा ह जीन का सलीका चपचाप स बहना और अपनी मौज म रहना चाहता तो ह क य दानया बदल द पर दो व क रोटी क जगाड़ म सरत नह ामलती दोसत महगी स महगी घड़ी पहन कर दख ली व र भी मर ाहसाब स नह चलता य ही हम दल को सा रखा करत पता नह ा क कमत चहर क होती ह अगर खदा नह ह तो उसका ाज कय और अगर खदा ह तो र कय

lsquorsquoदो बात इसान को अपन स दर कर दती ह एक उसका ldquoअहम rdquo और दसरा उसका ldquo वहमrdquo पस स सख कभी खरीदा नह जाता और दख का कोई खरीदार नह होता मझ ाज़नदगी का इतना तजबार तो नह पर सना ह सादगी म लोग जीन नह दत मााचस क जरत यहा नह पड़ती यहा आदमी आदमी स जलता ह ाव क बड़ स बड़ वजाानक यह ढढ रह ह क मगल ह पर जीवन ह या नह पर आदमी यह नह ढढ रहा ह क जीवन म मगल ह या नह

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जीवन म न जान कौनसी बात ldquoआखरी rdquo होगी न जान कौन सी रात आखरी होगी ामलत जलत बात करत रहो यार एक दसर स न जान कौन सी ldquo मलाकात rdquo आखरी होगी अगर जदगी म कछ पाना ह तो तरीक बदलो इराद नह ऐ चाद त कस मज़हब का ह ईद भी तरी और करवाचौ भी तरा

उगालय क लड़ाई

(शख महबब पीरा पटल ाचषक)

एक दन हा क सभी उगालया आपस म लड़न लग अगठा बोला म सबस बड़ा सभी जगह जरी कागज पर मझस ही ानशान बनाया जाता ह तजरनी बोली-ldquoम बड़ी मर होन स ही सब लोग काम कर पात ह जस-ालखना खाना पकड़ना मधयमा बोली-ldquoअर भई कया तम नह जानत जो आकार म लबा होता ह उस ही सभी बड़ा कहत ह अनाामका सब बात चपचाप सन रही ी वह तरत बोली ndashldquo म सबस बड़ी म तो पजा करन क भी काम आती मर स ही रोलीातलक लगाया जाता ह कानाका सभी को लड़ता दखकर उदास ी वह चपचाप एक कोन म कछ सोच रही ी तभी अगठा व तीन उगालया उसक पास गई और बोली- ldquoअर छोटी तम तो बड़ी हो ही नह सकती कयक तमहारा नाम ही कानाका ह कानाका बोली ldquoसनो अगठ भाई और पयारी उगालय आपस म लड़कर कभी कसी का भला नह हो सकता हमम कोई भी बड़ा-छोटा नह ह हम सब ामलकर मी बन सकत ह तभी हम सब बलवान हग कया तमह नह मालम क बद मी म ही ताकत होती ह इसालए हमारा लड़ना बकार ह rdquo कानाका क बात सनकर सभी एक सा बोल- ldquoहा छोटी बहन तम ाबलकल सही कह रही हो सचमच अकल म तम ही हम सबस बड़ी हो rdquo

इस नीात का स एकता म बल क ाशका ा होती ह

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तलगाना- भारत का एक और नया राजय (शलबाला खडरी मानाचषकार)

तलगाना भारत क दाकी भाग म ासत भारत का 29 वा राजय ह कषल क दाप स यह दश का

बीसवा बड़ा राजय ह ाचीन हदराबाद रयासत का अाधकतम भाग तलगाना राजय म ालया गया ह जहा आजादी स पहल ानजाम का राजय ा सन 1947 म जब भारत अज क चगल स आजाद आ उसक बाद भी हदराबाद का ानजाम अपनी रयासत सय भारत म ावलीन करन क पक म नह ा वह अपनी रयासत पर अपना ही सवतष शासन चाहता ा अतत सरदार बललभ भाई पटल क अक यास स इस रयासत को भारत क मखय धारा म ावलीन कया जा सका इस कार आन दश राजय क सापना ई और 26 जनवरी 1950 को ी एमक वललोड़ी आन दश राजय क म मखयमषी ानय ए 1956 म हदराबाद रयासत को आन दश राजय म ावलीन कर दया गया

2 जन 2014 म पनः तलगाना राजय अासततव म आया आन दश राजय क उर पामी 10 ाजल को ामलाकर तलगाना राजय क सापना क गयी ह राजधानी हदराबाद भी तलगाना राजय म ासत ह परनत 10 वष तक हदराबाद दोन राजय याान आन दश और तलगाना राजय क सय राजधानी रहगी दोन राजय क शासानक कायर हदराबाद स सचाालत हग तलगाना शबद का ादभारव ाषलगा दश शबद स आ ह ाजसका अर ह तीन लगो वाला दश तलगाना राजय क तीन दशा म कालरम ीशलम और ाकारामम ास ाशव मानदर ासत ह ाजनक अपार धामक महा ह वासतव म पक तलगाना राजय क ालए 1946 स 1951 क बीच ही ारमभ हो गया ा उस समय कमयानसट पाट न इस आनदोलन का नततव कया ा जो असल रहा भाषा क आधार पर तलगाना और आन राजय को पक करन क ालए अनक आनदोलन समय-समय पर होत रह ह इनम मखय आनदोलन 19691972 और 2009 क ह इन आनदोलन का यह भाव आ क 9 दसमबर 2009 म भारत सरकार न पक तलगाना राजय बनान क कायरवाही श कर दी य घोषा सनत ही तटीय आन व सीमान कष क लोग न सम आन दश क पक म आामक आनदोलन ारमभ कर दया और ऐसी ासात म भारत सरकार न यह कायर 23 दसमबर 2009 तक सागत कर दया इसक पात भी लगातार पक तलगाना और सम आन दश क ालए अलग-अलग आनदोलन चलत रह पक तलगाना क पक म कई आतम - हतयाए ई हड़ताल क गयी ाजसस जन साधार को बत असावधा का सामना करना पड़ा अतत पक तलगाना समरक क जीत ई और कास कायरकारी सामात न सवर सहमात स 30 जलाई 2013 को पक तलगाना राजय क ासारश करत ए ाबल तयार कर दया अनक सोपान पार करत ए यह ाबल रवरी 2014 को ससद म पारत कया गया रवरी 2014 दश पनगठरन एकट क तहत यह ाबल ससद म पास हो गया इसक पात इस नय राजय तलगाना ाबल को रापात ारा सहमात ा ई और माचर 2014 क गजट म इस कााशत कया गया इस कार नय तलगाना राजय क सापना ई

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ाशासकय प स तलगाना राजय क सापना 2 जन 2014 को ई क चन शखर राव क पाट ldquoतलगाना रा सामातrdquo न चनाव म दश म बमत हाासल कया और इस कार ी कचन शखर राव तलगाना राजय क म मखय मषी चन गए

म महगाई (डॉ नीलम कमार ाबड़ला अाभलखपाल)

म महगाई महग दशभ लोग क आमष पर भारत आई तज गात लान गात म भारत आई मझ गलत मत समझो गरीब बत ठीक बमत दकर तमन ाजनको बत उठाया म तो उनह क तीक भौातक वादी यग म योग ासखाती म भख पट न सोए कोई कडालनी जगाती म धयान प म च मारकर मन जय ऊपर चढ़त-चढ़त र तक आ जाता ह भाव वसत क वस ही र तक ल आई

अब इस यग म एक तल क पीप को पा लन का अर को पा लना ह भ दशरन क झलक दखना एक टमाटर खा लना ह भारत का आदशर तयाग ह अनासा ह अपरह ह मझको पाकर लोग वसतए तयाग रह ह अपनी खद क कार छोड़ बस क पीछ भाग रह ह म लोग को तड़क भड़क स खच

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सादगी ासखाती टरीलीन क शौकन को ला पहनाती माया जीवन का बधन ह पया पसा मल हा का म वतन भोगी लोग क बधन दो दन म हर लती शी छड़ाकर मल हा का शीश सा ानमरल कर दती

नीात ालखन वाल न कम खाना या गम खाना अचछा बतलाया मन उनका कन ानभाया ाजतनी चीज महगी हगी उतना ही जन कम खाएग ाजस दन रोटी नह ामलगी उस दन खद ही कम खाएग

शकल पक क चाद सरीखी बढ़ती म खब चादनी लाऊगी अभी दज तक ही आई परमासी तक जाऊगी

करो कलपना जब भारत जन कतन सदर दखा करग ग चावल चना बाजरा जब पाड़य म ाबका करग बीमार को दध दहीघी क इजकशन लगा करग कसा मधर जागर होगा लोग भख स जगा करग

आतक हमला

(डॉ नीलम कमार ाबड़ला अाभलखपाल) 13 दसबर 2001 ससद प पाक आतक हमला 13 रवरी 2014 ससद म भारतीय आतक हमला

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शमरसार ई ससद पच ाड़ गए नयी तहजीब क झड गाड़ गए

उड़ाया गया काली ामचर का पाउडर सपीकर का नह सना आडरर आख जलन लग सास लन लगी ससद पर नगी तलवार झलन लगी

घायल आ जातष और सावधान मदर क पजारय न कया मदर का अपमान ऐस आतकय को सबक ासखाना होगा र नया इातहास बनाना होगा

बाल-म (वाइकराकश कमार खलासी)

बालपन क कलकारी धप क ताप स आ मक पोी छोड़ी कदाल खोदत हा क मार अचक कचड़ आधी म म करना आ मजबरी गरीबी क पराकाा पट और पीठ क घटती दरी कछ धनहीनता और कछ माता-ापता क मखरता कनत सबस जयादा सवा समाज क सवदनहीनता ाजसन बालक को ामक बनन को बाधय कया लखनी को छीनकर कोमल हा म छडी पकड़ायी

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गाय-बकरी क सवा करता बालय-जीवन कप अपन भावषय को दर करता अजान और अबझ ावोपाजरन क कसको ह सरत ासात तो ऐसी ई दो दान अ क ालय बालपन चोर बनन को आतर आ

दोसती

(ाचा कडयया खलासी)

गलाब एक ल ह

एक घनट म मरझा जाता ह पर दोसती एक शा ह कभी भी जीावत रहती ह

बर ठडी होती ह जो पकड़ म नह आती ह

दोसती सोन जसी ह जो कभी कोई नह खरीद सकत ह

तार क पाच अनत (END) ह चौकोन क चार अनत ह तीकोन क तीन अनत ह

एक रखा का एक अनत ह पर दोसती का कोई अनत नह ह

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मर जीवन का उशय (कमारी ाया सातव कका सपषी एम सबीता उाल)

कग नयज भारत का खतरा पाकसतान न कशमीर पर हमला कया ह कछ दन बाद helliphellip कग नयज पाकसतान क ाखला भारत क रका करत ए वीर सानक

का भारी नकसान इन खबर न भारत को ाहला दया ा म भी सोच म पड़ गयी क म भारत क ालए कया कर सकता भारत को इन हमल स कस बचा सकता मर मन म ास र एक ही खयाल आया क भारतीय सना का एक जवान ासपाही बन

जव मन यह बात अपन दोसत स कही तो उसन कहा क ासपाही बनना खतर स खाली नह ह और परवार स दर सरहद पर खतर स भर जीवन मर ालए कपद होगा लकन मन ठान ालया ा क म कछ ऐसा कगी क पर दश म मरा नाम हो ाजस दखकर मर अपन का ासर गवर स ऊचा हो जाए

मर ानय को सनकर मरी मा रोन लगी मझ लोभन दया क म ापार क मर दोसत न मझ डाकटर बनन का सझाव दया पर मन सोचा क भारत म कई डाकटर ह ापारी ह भारत को डाकटर या ापारी क नह बालक सानक क जरत ह

म भारत क ालए अपनी जान भी दन क ालए तयार मन सोचा सब अपन परवार को सराकत

रखना चाहत ह र भारत - भाम तो मरी मा ह मरी ही कय हर एक क मा ह तो हम सब का कतर बनता ह क हम इसक रका कर इसीालए मर जीवन का उशय ह क म एक ासपाही बन और भारत क सवा क

मखर ामष स समझदार शष अचछा होता ह (मासटर सनीत चौी कका सपष एम सबीता उाल)

एक दन म और मरा सबस अचछा ामष राव बठ यह सोच रह क हम परीका क ालए अभी स पढ़ाई श कर दनी चााहए या नह राव न तपाक स कहा क अभी स पढन स कोई लाभ नह होगा अगर हम परीका क एक दन पहल पढ़ग तो जयादा दमाग म रहगा तभी वहा स मरी कका का दसरा छाष रमश गजर रहा ा मझ रमश ाबलकल पसद नही ा और रमश भी मझ पसद नह करता ा बात-बात पर हम लड़ाई करत पर पढ़ाई म वह मझस बत अचछा ा उसन हमारी बात सन ली ी

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इसालए धीर सवर म मझस बोला अपन मखर ामष क बात मत सनो बस रोज मरी तरह ोड़ा-ोड़ा पढ़ो लकन मन उसक बात पर कान नह धरा एक महीन बाद परीका क दन आ पच परीका क एक दन पहल जब मन पढ़ना श कया तब पाया क पढ़न को बत ा पर समय कम ा जस -तस पढ़ कर मन परीकाए ालखी और उममीद करता रहा क म परीका म उी र हो सक कछ दन बाद परीका का पराम ानकला और वही आ ाजसका डर ा म और ामष राव अनी र हो गए दसरी ओर रमश बत अचछ अको स उी र आ उस दन मझ समझ आ गया क मखर ामष स समझदार शष अचछा होता ह

भावषय क पढ़ाई (मासटर ाशव कलया सातव कका सपष वालल कलयाी उाल)

आज जब हम पढ़ाई या सकल क बार म सोचत ह तो नजरो म एक भारी बग उठाता आ

छाष दखता ह कताब क ाबना हम सकल जान क सोच भी नह सकत कताब क सा कपयटर भी पढ़ाई का महतवपर ाहससा बन चका ह

कछ साल बाद भारी कताब स भर बग क बदल छाष क हा म टबलट होगा आकाश टबलट एक ऐसा यष ह ाजसम हम तरह-तरह क कताब पढ़ सकत ह हम कका म ही नट स जानकारी पा सकत ह टबलट ोन स बड़ा ह और जयादा महगा भी नह हम इस कह भी ल जाकर इसम कताब पढ़ सकत ह हम इसम कका का दया गया कायर भी कर सकत ह यह टबलट पढ़ाई का अदाज बदल दगा और पढ़ाई को मजदार बना दगा

पानी और धप (कमारी एस साानया पाचवी कका सपषी राजया बगम अाल)

अभी-अभी ी धप बरसन लगा कहा स यह पानी कसन ोड़ बादल को क ह इतनी शतानी

सरज न कय बद कर ालया अपन घर का दरवाज़ा उसक मा न भी कया उसको बला ालया कहकर आजा

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ज़ोर-ज़ोर स गरज़ रह ह बादल ह कसक काका कसको डाट रह ह कसन कहना नह सना मा का

परीका (कमारी शख राजया सलताना गयारहव कका सपषी शख महबब पीरा पटल ाचषक)

ाजस नाम को सनन स कापता ह बा वो ह परीका परीका पपर हा म आत ही इतना डर लगता क यद अचछा नह कया तो ापटना पा तीन घट म लगभग करन होत ह चालीस सवाल एक भी छटा तो घर म आता ह भवडर रजलट क एक दन पहल रात को नद नह आती ह अचछ नबर पान क ालए भगवान क याद आती ह पास होन पर ामलता ह इनाम और मख स ानकलता ह ldquoकय भगवान rdquo र आती ह अगली कका तब भी मख स ानकलता ह हाय र आ गयी र स परीका

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राीय साकरता (मासटर शख समीर छठी कका सपष शख महबब पीरा पटल ाचषक)

ातदन सीखो अकर एक

ानयम बना लो ऐसा पढ़ो पढ़ाओ सीखो जान

तभी बनगा दश महान ावा सा जान कराती

मन का अधरा दर भगाती जहा पर बनत लोग जानी

वहा न होती मन क हाान अनपढ़ क ालए गगी पोी

धन दौलत भी होती ोी पढ़ा ालखा नह धोखा खाता

जहा भी जाता आदर पाता

मा (मासटर शख महबब बाशा आठव कका सपष शख महबब पीरा पटल ाचषक)

सबस सनदर जग म कौन बस एक त ह मा

सबस पयारी कसक मसकान बस एक तरी ही ह मा

कसन बनायी मरी पहचान तन ही तो मरी पयारी मा

कसक बोली ामी स मीठी तरी ही ह मरी मा

कसक डाट ह इमली स तीखी तरी ही तो पयारी मा

कसक ालए क म सब कबारन तर ालए मरी पयारी मा

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ाततली (कमारी एम राशका ाशवानी पाचवी कका सपषी एम लम कमार उाल)

ाततली तम कतनी

रग-ाबरगी होती हो तम सब ल का रस पी-पीकर

बाग-बगीच म रती रहती हो तर पख कई रग क होत ह

तमहार प को दखकर ब बत खश होत ह

मरी कका

(कमारी एम राशका ाशवानी पाचवी कका सपषी एम लम कमार उाल)

मरी कका म ह पचास ब हर एक ह अलग-अलग जस एक ह लबा एक ह छोटा एक ह मोटा एक ह पतला कछ ह अचछ कछ ह बर पर लगत ह सार पयार मरी कका ह रग- ाबरगी लगती ह ाततालय का झड ह

मझ बत पसद ह कयक यह हमारी कका ह

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रोदन करन लग दखत-दखत कान पष क अलावा पी और बाक ब भी पानी म बह गए र तो नारदजी स सोचा इस कान को म कध पर ालए चलता ताक वह तो बढ़ाप म मरा सहारा बनगा कनत लय क तीता इतनी तज ी क नारदजी क नाक क ऊपर स पानी बहन लगा र तो व खद भी भल गय क बट को बचाना ह सोचन लग म कसी तरह जीावत बच जाऊ उसी सोच न उनक कान पष को भी नह बखशा कसी तरह कछ समय उपरानत लय शानत आ पानी घट गया चार तरक मनषयपश - पकी आद क लाश टट ए रासत और घर क बीच पड़ी ई ी नारद मान को बहद दख आ और ठठोर कर रोन लग गय रोत-रोत व खद क बार म सोचन लग क भगवान न उनक सा ऐसा अनयाय कय कया काश व भी मर जात तो अचछा होता तभी उस राह स ास महष गजरत ए नारदमान स परामशर करन लग नारदजी कहन लग ldquo पता नह मन कौन सा पाप कया ह क मर पर परवार का सवरनाश हो गया ह मझ कय मतय नह आई इस पर ासजी न कहा शायद तमहारा समय नह आया ह इसालय तम बच गय हो हालाक ास जानत क नारद मायाजाल म सा आ ह ldquo र इसका ानरय कौन करता ह ldquo नारद न ासजी स पछा ासजी न उर दया ldquoयह तो मतयलोक क अाधपात यमराज ही इसका उर दगrdquo र व दोन ामलकर यमराज क पास गय यमराज न आन का कार पछा तो ासजी न नारद मान क सारी दख भरी गाा सनाई और पछा क ldquoमतय न इनका आलगन कय नह कयाldquo यमराज बोल rdquoम कोई नह मरा यमदत ही इसका उर द सकता ह कयक म यमदत क ारा कसी आतमा को लान क बाद ही उसक पाप-पणय का ाहसाब दख ानधाररत सजा का ऐलान करता यद यमदत आपको लकर मर पास नह आया तो इसम मरा कया दोष ह यमदत स पछ लldquo र ासजी न उनक यमदत स वही सवाल करन पर यमदत न कहा ldquo महामान म कस कसी क शरीर स आतमा को छीनकर ल आऊ म तो यमलोक का सवक माष ाचषग जब तक आजा नह दत तब तक म कोई कायरवाही नह कर सकता आप इस का उर ाचषगजी स पछ ल ldquo र ासजी न ाचषग स वही सवाल करन पर ाचषग न कहाrdquo महामान म तो यमदत को तभी आजा दता जब उस ाी का सारा लखा - जोखा समा हो जाता ह अभी माननीय नारद जी क मतय का समय आया नह ह अभी उनका कछ कया नह जा सकता ldquo ासजी न नारद स कहाrdquo दखो नारद अभी तमहारा समय आया नह ह तभी तम जीावत हो चलो चलत ह अब ापछली घटना को भल कर आग क सोचो ldquo बस इतना ही कहना ा क ाचषग न र ासजी को बलाकर कहा rdquo ह ऋाषवर इनक कणडली म यह ालखा ह क मतय तभी इनको गल लगा सकती ह जब य एक सा आपको मझ यमराज और उनका वाहन भस का एक सा दशरन करग चक इनक ारा यह कायर पर हो चका ह अत इनका जीवन पर हो गया ह ldquo बस इतना ही ा क नारद जी को आवाज आन लगी अर दवष दवष मझ कब स पयास लगी ई ी मरा गला सख गया ह कनत आपन मझ अब

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तक पानी नह दया कहा ह पानी ldquo य साकात नाराय क आवाज सन नारदजी को होश आया और भगवान क चर म पड़कर ागड़ागड़ान लग यह कहत ए क rdquo ह नाराय आपन मझ अचछा सबक ासखाया ह मन आपस बहस कया कर लीआपन मझ मायाजाल का साकातकार करवा दया कमा काजए म आपको पानी नह ापला सका मरी वजह स आपका गला खब सख गया होगा ldquo यह कहत ए उनक अधारा स नाराय क पाव धल गय और भगवान न कहाrdquo दवष आप चातत ना ह आपन अधारा स मर चर धोकर ानसवार सवा कर दी मरी पयास बझ गयी ह अब आप म ह ldquo र नारदजी खशी स नाराय-नाराय कहत ए ानकल गय

घाट का पतर

(बषव बहरा अाधकारी सवकक)

माता-ापता और जनम भाम को छोड़ कर हम सब बन गए ह घाट का पतर धनय ह वह महापष ाजसन हम साापत कया म उस महापष क ावषय म व रन नह कर सकता शायद म अात पाप क कार पतर बन गया लोकन म आशा करता क भावषय म मरा भागय बदल जाएगा चक म लोग क मन स सवा करता इसका ल हमको भगवान अवशय दग लोग का सवा करत ndashकरत मरा आकार भी बदल गया परनत सवा करत ndashकरत मरा नाम रोशन हो रहा ह बालक हम सता का अनभव हो रहा ह मर कमर क चलत मरा भागय बदल रहा ह म हमशा जलम रहता और पीठ पर ातदन मार झलत रहता शायद ही ऐसा पीड़ा इस ससार म कसी को ामलती होगी मरा सानानतर भी नह ह म कई महापष को दखता आया कतन महाराय न ा तयाग दय लकन तबस म यहा अकला पड़ा म हर मौसम क मार झल रहा ब-बढ़ क सवा करत-करत मन कछ पणय कमा ालए ह और आशा करता क मझ को भावषय म मानव जनम ामल सकता ह मानव जनम ामलन स म आपका भजन-करन कगा

ऐस दखतndashदखत कई यग क बाद हमको मानव जनम ा आ मानव जनम म अगर इस धराष म दखा क यहा ऊच-नीच जात-पात नीात-ानयम ावदन पाचार अनयाय ndashअतयाचार चमर-अचमर का ताडव नतय चल रहा ह दखकर मर मन म परवतरन आ गया क भ मझको मरा ापछला जनम वापस द दीाजए

पतर जनम म रह कर मरा कोई-कोई साी अचछ कमर क चलत मदर म सान ा कर ालया ह कोई-कोई तो ठाकर बन गय लोग-ातदन उनक पजा करत ह

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हम लोग म स कोई-कोई सामाजक कायर म सहयोग दान करत ह कोई गह-ानमार म सहयोग द रह ह तो कोई मदर-ानमार म सहयोग द रह ह कोई तो सीधा मत बन गय इसीालए उनक मन म घमणड आ गया अहलया न पतर होन क नात भगवान का दशरन पा ालया इसालए पतर जनम होन क चलत उनक मन म का अह भाव आ गया

हमार अनदर ावाभ प भी ह याः लोहा पतर चना पतर सगममरर काला पतर (नाइट सटोन) मलायम पतर (soft stone) इतयाद लोहा पतर जो दश क ानमार म काम आता ह चना पत जो ासमट ानमार क काम म आता ह सगममरर घर और मदर का शर (flooring) म काम आता ह काला पत घर का शर और आला बनान म काम आता ह मलायम पतर ाशलप कला क ावकास म योगदान दत ह पतर जनम होकर भी म का गवर महसस करता मरी भगवान स अानतम ावनती य ह क आप मझ अानतम समय म दशरन दन को कपा कर

न हमको पतर जनम चााहए न हमको मानव जनम चााहए हमको तो ास र इस भव सागर स पार होना चााहए

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जयादा लोभ न करना (पाडव कानटया सहायक सवकक)

मनषय भगवान क साप ह इसालए वह भगवान का अश ह जब तक वो मा क गभर म ा तक तक वह मोह-माया स वाचत ा एव हमशा भगवान क समीप ा लकन जब वो पथवी पर अवती र आ उसको मोह-माया न घर ालया पाच साल तक वो ईरीय सा म रहता ह इसालए कहा जाता ह क ldquoCHILD IS THE INCARNATION OF GODrdquo इसक बाद मोह-माया म आकषत हो कर ईरीय सा को भल जाता ह बचपन म वो बत आजा और मोह-माया राहत और चरषवान रहता ह जब समय बढ़ता जाता ह तब उसक समसत उम ग धवस होकर गलत मागर पर चला जाता ह

बचपन म ावा ाशका जवानी म ी दीका एव पारवारक ाचनता म म होकर वह समसत मौालक सा को खो दता ह सबा नप होकर सबा म आ जाता ह दव का नप होकर राकस वा जारवत होता ह एव परवारक जगल म सकर भगवान का नाम लना भल जाता ह अपना परवार का भर पोष क ालए कठन परम करता ह लकन उनका पट भरता नह ह ईर क सा को भल जाता ह और अनत म पशकतव को ा होता ह शरीर रोगसत हो जाता ह दाप शा की हो जाती ह चलन ndashरन म असमर रहता ह रात को नद नह आती ह र भी लोभ को छोड़ नह पाता ह अपन बीवी-ब ता परवार क बार म सदा सोचन लगता ह शरीर वावसा को ा होता ह परवार क कोई भी सदसय पछत नह ह

परवार क लोग उसको ढग स खाना भी नह दत ह उसको घर स दर रखत ह र भी यह अधम मनषय भगवान क बार म सोचता नह ह लोभ का अनत नह होता ह पाप का बोझ बढ़त जाता ह अनत म नरक को ा होता ह र भी मनषय भगवान को समझ नह पाता ह परवार क ालए इतना बड़ी ददरशा झलता ह उनको कोई भी नह पछता ह उसक ारा जमा क गई पजी को परवार वाल उनक सामन मौज करत ह

लोभ मनषय को अनधा बना दता ह आदमी क हतया करत ह लोभ क वशीभत होकर दसर क समपात को लटत ह ाजसस समाज म पाचार बढ़ता ह इसालए ह मानव तम कय लोभ करत हो लोभ नह करक भगवान का समर करो हर कतरन करो तप जप करो और सवगर क अाधकारी बनो उम कमर करक भगवान क शरागत हो जाओ भगवान तमहार समसत सख-दख का भार वाहन करग

सवरधमारनपरतयजय मामक शर ज अह तवा सवरपापभयो मोकायषयााम मा शच

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इसालए अचछा कमर करक पणय कमाना ह हमशा धमर क जय और पाप का कय होता ह धमर-कमर करक ावजय ा होगी लकन अधमर म जाकर नरक गामी नह होना

एकदा अनधा राजा धतरा सजय को पछा क ldquoह सजय इस धमर य म कसक जय होगी उर म सजय बोल क ldquoयष योगर कषो यष पा धनधरर तष ी ावजयो भात वा नीातमरातमरम ldquo अारत जहा योगर कष एव धनधाररी अजरन एक सा ह वहा ावजय ानात ह

इसालए दखा गया क हमशा धमर क जय और अधमर क पराजय होती ह धमर सवचछ ानमरल लकन अधमर कदाकार कात ह इसालए लोभ-लालच म वशीभत न होकर सत

कमर करो अनयाय का परतयाग करो लोभ मत करो जीवन म कप करक जो धन कमा ालया वो सब इस धरती म रह जाता ह अानतम क म सा कोई नह ल जाता इसालए अनधर म भटक नह जाना इसालए कहा गया ह क-अात लालच नह करना अात सवरष गहतम अारत अात सवरनाश का कार ह

अात दप हता लका

अात मानसय कौरवा अातदारन बाल वध अात सवरष गहतम

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टटा वक का अाभमान (चरदास नाराय गडम सवक सहायक)

वन म खड़ एक वक क सा ालपटी एक लता भी धीर-धीर वक क बराबर हो गई वक का आय

लकर उसन भी लना ndashलना आरभ कर दया बल को लत ndash लत दखकर वक को अहकार हो गया क म न होता तो लता अासततव हीन होती वह लता को धमकात ए बोला ओ बल चपचाप मरा कहना माना कर म जो कह रहा वह कया कर नह तो ध मार कर भगा दगा पड़ का लाप जारी ा क दो पाक वहा स ानकल एक बोला अर भाई जरा दखो तो यह वक कसा सदर ह इस पर कसी सदर लता पाषपत हो रही ह आओ इसक नीच ोड़ी दर ावाम कर अपना महतव लता क सा ह यह जानकर वक का अाभमान भी नप हो गया सा ndash सा रहन स ही सबक गात होती ह

बटी (डी राव बाब पटल ाचषक ड-II)

बटी घर क लाज होती ह पापा क सर का ताज होती ह दल क सदा स रही ह इचछा बटी तझको ह पाना आई हो मर जीवन म जस एक ननही कावता राह दखता म तरी जलदी स मर पास आना मा क गोद म सदा रहती हो कछ पल मर पास भी आना न चाहत ह अब धन दौलत क त ही लमी त ही मरी मत भी डर लगता ह सोचक जब एक दन छोड़ क जाएगी त कतना मझ लायगी त बटी होती ह बाबल क लाड़ली

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यह ाज़नदगी (सययद इदरीस पटल ाचषक ड ndashII)

बठ जाता ह ामी प अकसर कय क मझ अपनी औकात अचछी लगती ह

मन समनदर स सीखा ह जीन का सलीका चपचाप स बहना और अपनी मौज म रहना चाहता तो ह क य दानया बदल द पर दो व क रोटी क जगाड़ म सरत नह ामलती दोसत महगी स महगी घड़ी पहन कर दख ली व र भी मर ाहसाब स नह चलता य ही हम दल को सा रखा करत पता नह ा क कमत चहर क होती ह अगर खदा नह ह तो उसका ाज कय और अगर खदा ह तो र कय

lsquorsquoदो बात इसान को अपन स दर कर दती ह एक उसका ldquoअहम rdquo और दसरा उसका ldquo वहमrdquo पस स सख कभी खरीदा नह जाता और दख का कोई खरीदार नह होता मझ ाज़नदगी का इतना तजबार तो नह पर सना ह सादगी म लोग जीन नह दत मााचस क जरत यहा नह पड़ती यहा आदमी आदमी स जलता ह ाव क बड़ स बड़ वजाानक यह ढढ रह ह क मगल ह पर जीवन ह या नह पर आदमी यह नह ढढ रहा ह क जीवन म मगल ह या नह

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जीवन म न जान कौनसी बात ldquoआखरी rdquo होगी न जान कौन सी रात आखरी होगी ामलत जलत बात करत रहो यार एक दसर स न जान कौन सी ldquo मलाकात rdquo आखरी होगी अगर जदगी म कछ पाना ह तो तरीक बदलो इराद नह ऐ चाद त कस मज़हब का ह ईद भी तरी और करवाचौ भी तरा

उगालय क लड़ाई

(शख महबब पीरा पटल ाचषक)

एक दन हा क सभी उगालया आपस म लड़न लग अगठा बोला म सबस बड़ा सभी जगह जरी कागज पर मझस ही ानशान बनाया जाता ह तजरनी बोली-ldquoम बड़ी मर होन स ही सब लोग काम कर पात ह जस-ालखना खाना पकड़ना मधयमा बोली-ldquoअर भई कया तम नह जानत जो आकार म लबा होता ह उस ही सभी बड़ा कहत ह अनाामका सब बात चपचाप सन रही ी वह तरत बोली ndashldquo म सबस बड़ी म तो पजा करन क भी काम आती मर स ही रोलीातलक लगाया जाता ह कानाका सभी को लड़ता दखकर उदास ी वह चपचाप एक कोन म कछ सोच रही ी तभी अगठा व तीन उगालया उसक पास गई और बोली- ldquoअर छोटी तम तो बड़ी हो ही नह सकती कयक तमहारा नाम ही कानाका ह कानाका बोली ldquoसनो अगठ भाई और पयारी उगालय आपस म लड़कर कभी कसी का भला नह हो सकता हमम कोई भी बड़ा-छोटा नह ह हम सब ामलकर मी बन सकत ह तभी हम सब बलवान हग कया तमह नह मालम क बद मी म ही ताकत होती ह इसालए हमारा लड़ना बकार ह rdquo कानाका क बात सनकर सभी एक सा बोल- ldquoहा छोटी बहन तम ाबलकल सही कह रही हो सचमच अकल म तम ही हम सबस बड़ी हो rdquo

इस नीात का स एकता म बल क ाशका ा होती ह

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तलगाना- भारत का एक और नया राजय (शलबाला खडरी मानाचषकार)

तलगाना भारत क दाकी भाग म ासत भारत का 29 वा राजय ह कषल क दाप स यह दश का

बीसवा बड़ा राजय ह ाचीन हदराबाद रयासत का अाधकतम भाग तलगाना राजय म ालया गया ह जहा आजादी स पहल ानजाम का राजय ा सन 1947 म जब भारत अज क चगल स आजाद आ उसक बाद भी हदराबाद का ानजाम अपनी रयासत सय भारत म ावलीन करन क पक म नह ा वह अपनी रयासत पर अपना ही सवतष शासन चाहता ा अतत सरदार बललभ भाई पटल क अक यास स इस रयासत को भारत क मखय धारा म ावलीन कया जा सका इस कार आन दश राजय क सापना ई और 26 जनवरी 1950 को ी एमक वललोड़ी आन दश राजय क म मखयमषी ानय ए 1956 म हदराबाद रयासत को आन दश राजय म ावलीन कर दया गया

2 जन 2014 म पनः तलगाना राजय अासततव म आया आन दश राजय क उर पामी 10 ाजल को ामलाकर तलगाना राजय क सापना क गयी ह राजधानी हदराबाद भी तलगाना राजय म ासत ह परनत 10 वष तक हदराबाद दोन राजय याान आन दश और तलगाना राजय क सय राजधानी रहगी दोन राजय क शासानक कायर हदराबाद स सचाालत हग तलगाना शबद का ादभारव ाषलगा दश शबद स आ ह ाजसका अर ह तीन लगो वाला दश तलगाना राजय क तीन दशा म कालरम ीशलम और ाकारामम ास ाशव मानदर ासत ह ाजनक अपार धामक महा ह वासतव म पक तलगाना राजय क ालए 1946 स 1951 क बीच ही ारमभ हो गया ा उस समय कमयानसट पाट न इस आनदोलन का नततव कया ा जो असल रहा भाषा क आधार पर तलगाना और आन राजय को पक करन क ालए अनक आनदोलन समय-समय पर होत रह ह इनम मखय आनदोलन 19691972 और 2009 क ह इन आनदोलन का यह भाव आ क 9 दसमबर 2009 म भारत सरकार न पक तलगाना राजय बनान क कायरवाही श कर दी य घोषा सनत ही तटीय आन व सीमान कष क लोग न सम आन दश क पक म आामक आनदोलन ारमभ कर दया और ऐसी ासात म भारत सरकार न यह कायर 23 दसमबर 2009 तक सागत कर दया इसक पात भी लगातार पक तलगाना और सम आन दश क ालए अलग-अलग आनदोलन चलत रह पक तलगाना क पक म कई आतम - हतयाए ई हड़ताल क गयी ाजसस जन साधार को बत असावधा का सामना करना पड़ा अतत पक तलगाना समरक क जीत ई और कास कायरकारी सामात न सवर सहमात स 30 जलाई 2013 को पक तलगाना राजय क ासारश करत ए ाबल तयार कर दया अनक सोपान पार करत ए यह ाबल रवरी 2014 को ससद म पारत कया गया रवरी 2014 दश पनगठरन एकट क तहत यह ाबल ससद म पास हो गया इसक पात इस नय राजय तलगाना ाबल को रापात ारा सहमात ा ई और माचर 2014 क गजट म इस कााशत कया गया इस कार नय तलगाना राजय क सापना ई

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ाशासकय प स तलगाना राजय क सापना 2 जन 2014 को ई क चन शखर राव क पाट ldquoतलगाना रा सामातrdquo न चनाव म दश म बमत हाासल कया और इस कार ी कचन शखर राव तलगाना राजय क म मखय मषी चन गए

म महगाई (डॉ नीलम कमार ाबड़ला अाभलखपाल)

म महगाई महग दशभ लोग क आमष पर भारत आई तज गात लान गात म भारत आई मझ गलत मत समझो गरीब बत ठीक बमत दकर तमन ाजनको बत उठाया म तो उनह क तीक भौातक वादी यग म योग ासखाती म भख पट न सोए कोई कडालनी जगाती म धयान प म च मारकर मन जय ऊपर चढ़त-चढ़त र तक आ जाता ह भाव वसत क वस ही र तक ल आई

अब इस यग म एक तल क पीप को पा लन का अर को पा लना ह भ दशरन क झलक दखना एक टमाटर खा लना ह भारत का आदशर तयाग ह अनासा ह अपरह ह मझको पाकर लोग वसतए तयाग रह ह अपनी खद क कार छोड़ बस क पीछ भाग रह ह म लोग को तड़क भड़क स खच

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सादगी ासखाती टरीलीन क शौकन को ला पहनाती माया जीवन का बधन ह पया पसा मल हा का म वतन भोगी लोग क बधन दो दन म हर लती शी छड़ाकर मल हा का शीश सा ानमरल कर दती

नीात ालखन वाल न कम खाना या गम खाना अचछा बतलाया मन उनका कन ानभाया ाजतनी चीज महगी हगी उतना ही जन कम खाएग ाजस दन रोटी नह ामलगी उस दन खद ही कम खाएग

शकल पक क चाद सरीखी बढ़ती म खब चादनी लाऊगी अभी दज तक ही आई परमासी तक जाऊगी

करो कलपना जब भारत जन कतन सदर दखा करग ग चावल चना बाजरा जब पाड़य म ाबका करग बीमार को दध दहीघी क इजकशन लगा करग कसा मधर जागर होगा लोग भख स जगा करग

आतक हमला

(डॉ नीलम कमार ाबड़ला अाभलखपाल) 13 दसबर 2001 ससद प पाक आतक हमला 13 रवरी 2014 ससद म भारतीय आतक हमला

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शमरसार ई ससद पच ाड़ गए नयी तहजीब क झड गाड़ गए

उड़ाया गया काली ामचर का पाउडर सपीकर का नह सना आडरर आख जलन लग सास लन लगी ससद पर नगी तलवार झलन लगी

घायल आ जातष और सावधान मदर क पजारय न कया मदर का अपमान ऐस आतकय को सबक ासखाना होगा र नया इातहास बनाना होगा

बाल-म (वाइकराकश कमार खलासी)

बालपन क कलकारी धप क ताप स आ मक पोी छोड़ी कदाल खोदत हा क मार अचक कचड़ आधी म म करना आ मजबरी गरीबी क पराकाा पट और पीठ क घटती दरी कछ धनहीनता और कछ माता-ापता क मखरता कनत सबस जयादा सवा समाज क सवदनहीनता ाजसन बालक को ामक बनन को बाधय कया लखनी को छीनकर कोमल हा म छडी पकड़ायी

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गाय-बकरी क सवा करता बालय-जीवन कप अपन भावषय को दर करता अजान और अबझ ावोपाजरन क कसको ह सरत ासात तो ऐसी ई दो दान अ क ालय बालपन चोर बनन को आतर आ

दोसती

(ाचा कडयया खलासी)

गलाब एक ल ह

एक घनट म मरझा जाता ह पर दोसती एक शा ह कभी भी जीावत रहती ह

बर ठडी होती ह जो पकड़ म नह आती ह

दोसती सोन जसी ह जो कभी कोई नह खरीद सकत ह

तार क पाच अनत (END) ह चौकोन क चार अनत ह तीकोन क तीन अनत ह

एक रखा का एक अनत ह पर दोसती का कोई अनत नह ह

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मर जीवन का उशय (कमारी ाया सातव कका सपषी एम सबीता उाल)

कग नयज भारत का खतरा पाकसतान न कशमीर पर हमला कया ह कछ दन बाद helliphellip कग नयज पाकसतान क ाखला भारत क रका करत ए वीर सानक

का भारी नकसान इन खबर न भारत को ाहला दया ा म भी सोच म पड़ गयी क म भारत क ालए कया कर सकता भारत को इन हमल स कस बचा सकता मर मन म ास र एक ही खयाल आया क भारतीय सना का एक जवान ासपाही बन

जव मन यह बात अपन दोसत स कही तो उसन कहा क ासपाही बनना खतर स खाली नह ह और परवार स दर सरहद पर खतर स भर जीवन मर ालए कपद होगा लकन मन ठान ालया ा क म कछ ऐसा कगी क पर दश म मरा नाम हो ाजस दखकर मर अपन का ासर गवर स ऊचा हो जाए

मर ानय को सनकर मरी मा रोन लगी मझ लोभन दया क म ापार क मर दोसत न मझ डाकटर बनन का सझाव दया पर मन सोचा क भारत म कई डाकटर ह ापारी ह भारत को डाकटर या ापारी क नह बालक सानक क जरत ह

म भारत क ालए अपनी जान भी दन क ालए तयार मन सोचा सब अपन परवार को सराकत

रखना चाहत ह र भारत - भाम तो मरी मा ह मरी ही कय हर एक क मा ह तो हम सब का कतर बनता ह क हम इसक रका कर इसीालए मर जीवन का उशय ह क म एक ासपाही बन और भारत क सवा क

मखर ामष स समझदार शष अचछा होता ह (मासटर सनीत चौी कका सपष एम सबीता उाल)

एक दन म और मरा सबस अचछा ामष राव बठ यह सोच रह क हम परीका क ालए अभी स पढ़ाई श कर दनी चााहए या नह राव न तपाक स कहा क अभी स पढन स कोई लाभ नह होगा अगर हम परीका क एक दन पहल पढ़ग तो जयादा दमाग म रहगा तभी वहा स मरी कका का दसरा छाष रमश गजर रहा ा मझ रमश ाबलकल पसद नही ा और रमश भी मझ पसद नह करता ा बात-बात पर हम लड़ाई करत पर पढ़ाई म वह मझस बत अचछा ा उसन हमारी बात सन ली ी

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इसालए धीर सवर म मझस बोला अपन मखर ामष क बात मत सनो बस रोज मरी तरह ोड़ा-ोड़ा पढ़ो लकन मन उसक बात पर कान नह धरा एक महीन बाद परीका क दन आ पच परीका क एक दन पहल जब मन पढ़ना श कया तब पाया क पढ़न को बत ा पर समय कम ा जस -तस पढ़ कर मन परीकाए ालखी और उममीद करता रहा क म परीका म उी र हो सक कछ दन बाद परीका का पराम ानकला और वही आ ाजसका डर ा म और ामष राव अनी र हो गए दसरी ओर रमश बत अचछ अको स उी र आ उस दन मझ समझ आ गया क मखर ामष स समझदार शष अचछा होता ह

भावषय क पढ़ाई (मासटर ाशव कलया सातव कका सपष वालल कलयाी उाल)

आज जब हम पढ़ाई या सकल क बार म सोचत ह तो नजरो म एक भारी बग उठाता आ

छाष दखता ह कताब क ाबना हम सकल जान क सोच भी नह सकत कताब क सा कपयटर भी पढ़ाई का महतवपर ाहससा बन चका ह

कछ साल बाद भारी कताब स भर बग क बदल छाष क हा म टबलट होगा आकाश टबलट एक ऐसा यष ह ाजसम हम तरह-तरह क कताब पढ़ सकत ह हम कका म ही नट स जानकारी पा सकत ह टबलट ोन स बड़ा ह और जयादा महगा भी नह हम इस कह भी ल जाकर इसम कताब पढ़ सकत ह हम इसम कका का दया गया कायर भी कर सकत ह यह टबलट पढ़ाई का अदाज बदल दगा और पढ़ाई को मजदार बना दगा

पानी और धप (कमारी एस साानया पाचवी कका सपषी राजया बगम अाल)

अभी-अभी ी धप बरसन लगा कहा स यह पानी कसन ोड़ बादल को क ह इतनी शतानी

सरज न कय बद कर ालया अपन घर का दरवाज़ा उसक मा न भी कया उसको बला ालया कहकर आजा

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ज़ोर-ज़ोर स गरज़ रह ह बादल ह कसक काका कसको डाट रह ह कसन कहना नह सना मा का

परीका (कमारी शख राजया सलताना गयारहव कका सपषी शख महबब पीरा पटल ाचषक)

ाजस नाम को सनन स कापता ह बा वो ह परीका परीका पपर हा म आत ही इतना डर लगता क यद अचछा नह कया तो ापटना पा तीन घट म लगभग करन होत ह चालीस सवाल एक भी छटा तो घर म आता ह भवडर रजलट क एक दन पहल रात को नद नह आती ह अचछ नबर पान क ालए भगवान क याद आती ह पास होन पर ामलता ह इनाम और मख स ानकलता ह ldquoकय भगवान rdquo र आती ह अगली कका तब भी मख स ानकलता ह हाय र आ गयी र स परीका

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राीय साकरता (मासटर शख समीर छठी कका सपष शख महबब पीरा पटल ाचषक)

ातदन सीखो अकर एक

ानयम बना लो ऐसा पढ़ो पढ़ाओ सीखो जान

तभी बनगा दश महान ावा सा जान कराती

मन का अधरा दर भगाती जहा पर बनत लोग जानी

वहा न होती मन क हाान अनपढ़ क ालए गगी पोी

धन दौलत भी होती ोी पढ़ा ालखा नह धोखा खाता

जहा भी जाता आदर पाता

मा (मासटर शख महबब बाशा आठव कका सपष शख महबब पीरा पटल ाचषक)

सबस सनदर जग म कौन बस एक त ह मा

सबस पयारी कसक मसकान बस एक तरी ही ह मा

कसन बनायी मरी पहचान तन ही तो मरी पयारी मा

कसक बोली ामी स मीठी तरी ही ह मरी मा

कसक डाट ह इमली स तीखी तरी ही तो पयारी मा

कसक ालए क म सब कबारन तर ालए मरी पयारी मा

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ाततली (कमारी एम राशका ाशवानी पाचवी कका सपषी एम लम कमार उाल)

ाततली तम कतनी

रग-ाबरगी होती हो तम सब ल का रस पी-पीकर

बाग-बगीच म रती रहती हो तर पख कई रग क होत ह

तमहार प को दखकर ब बत खश होत ह

मरी कका

(कमारी एम राशका ाशवानी पाचवी कका सपषी एम लम कमार उाल)

मरी कका म ह पचास ब हर एक ह अलग-अलग जस एक ह लबा एक ह छोटा एक ह मोटा एक ह पतला कछ ह अचछ कछ ह बर पर लगत ह सार पयार मरी कका ह रग- ाबरगी लगती ह ाततालय का झड ह

मझ बत पसद ह कयक यह हमारी कका ह

Page 36: कलाकल - Home: Survey of · PDF fileतेलंगाना-भारत का एक ... भी यह पि का ‘कलाकल‘ सुनदर प म िनखर

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तक पानी नह दया कहा ह पानी ldquo य साकात नाराय क आवाज सन नारदजी को होश आया और भगवान क चर म पड़कर ागड़ागड़ान लग यह कहत ए क rdquo ह नाराय आपन मझ अचछा सबक ासखाया ह मन आपस बहस कया कर लीआपन मझ मायाजाल का साकातकार करवा दया कमा काजए म आपको पानी नह ापला सका मरी वजह स आपका गला खब सख गया होगा ldquo यह कहत ए उनक अधारा स नाराय क पाव धल गय और भगवान न कहाrdquo दवष आप चातत ना ह आपन अधारा स मर चर धोकर ानसवार सवा कर दी मरी पयास बझ गयी ह अब आप म ह ldquo र नारदजी खशी स नाराय-नाराय कहत ए ानकल गय

घाट का पतर

(बषव बहरा अाधकारी सवकक)

माता-ापता और जनम भाम को छोड़ कर हम सब बन गए ह घाट का पतर धनय ह वह महापष ाजसन हम साापत कया म उस महापष क ावषय म व रन नह कर सकता शायद म अात पाप क कार पतर बन गया लोकन म आशा करता क भावषय म मरा भागय बदल जाएगा चक म लोग क मन स सवा करता इसका ल हमको भगवान अवशय दग लोग का सवा करत ndashकरत मरा आकार भी बदल गया परनत सवा करत ndashकरत मरा नाम रोशन हो रहा ह बालक हम सता का अनभव हो रहा ह मर कमर क चलत मरा भागय बदल रहा ह म हमशा जलम रहता और पीठ पर ातदन मार झलत रहता शायद ही ऐसा पीड़ा इस ससार म कसी को ामलती होगी मरा सानानतर भी नह ह म कई महापष को दखता आया कतन महाराय न ा तयाग दय लकन तबस म यहा अकला पड़ा म हर मौसम क मार झल रहा ब-बढ़ क सवा करत-करत मन कछ पणय कमा ालए ह और आशा करता क मझ को भावषय म मानव जनम ामल सकता ह मानव जनम ामलन स म आपका भजन-करन कगा

ऐस दखतndashदखत कई यग क बाद हमको मानव जनम ा आ मानव जनम म अगर इस धराष म दखा क यहा ऊच-नीच जात-पात नीात-ानयम ावदन पाचार अनयाय ndashअतयाचार चमर-अचमर का ताडव नतय चल रहा ह दखकर मर मन म परवतरन आ गया क भ मझको मरा ापछला जनम वापस द दीाजए

पतर जनम म रह कर मरा कोई-कोई साी अचछ कमर क चलत मदर म सान ा कर ालया ह कोई-कोई तो ठाकर बन गय लोग-ातदन उनक पजा करत ह

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हम लोग म स कोई-कोई सामाजक कायर म सहयोग दान करत ह कोई गह-ानमार म सहयोग द रह ह तो कोई मदर-ानमार म सहयोग द रह ह कोई तो सीधा मत बन गय इसीालए उनक मन म घमणड आ गया अहलया न पतर होन क नात भगवान का दशरन पा ालया इसालए पतर जनम होन क चलत उनक मन म का अह भाव आ गया

हमार अनदर ावाभ प भी ह याः लोहा पतर चना पतर सगममरर काला पतर (नाइट सटोन) मलायम पतर (soft stone) इतयाद लोहा पतर जो दश क ानमार म काम आता ह चना पत जो ासमट ानमार क काम म आता ह सगममरर घर और मदर का शर (flooring) म काम आता ह काला पत घर का शर और आला बनान म काम आता ह मलायम पतर ाशलप कला क ावकास म योगदान दत ह पतर जनम होकर भी म का गवर महसस करता मरी भगवान स अानतम ावनती य ह क आप मझ अानतम समय म दशरन दन को कपा कर

न हमको पतर जनम चााहए न हमको मानव जनम चााहए हमको तो ास र इस भव सागर स पार होना चााहए

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जयादा लोभ न करना (पाडव कानटया सहायक सवकक)

मनषय भगवान क साप ह इसालए वह भगवान का अश ह जब तक वो मा क गभर म ा तक तक वह मोह-माया स वाचत ा एव हमशा भगवान क समीप ा लकन जब वो पथवी पर अवती र आ उसको मोह-माया न घर ालया पाच साल तक वो ईरीय सा म रहता ह इसालए कहा जाता ह क ldquoCHILD IS THE INCARNATION OF GODrdquo इसक बाद मोह-माया म आकषत हो कर ईरीय सा को भल जाता ह बचपन म वो बत आजा और मोह-माया राहत और चरषवान रहता ह जब समय बढ़ता जाता ह तब उसक समसत उम ग धवस होकर गलत मागर पर चला जाता ह

बचपन म ावा ाशका जवानी म ी दीका एव पारवारक ाचनता म म होकर वह समसत मौालक सा को खो दता ह सबा नप होकर सबा म आ जाता ह दव का नप होकर राकस वा जारवत होता ह एव परवारक जगल म सकर भगवान का नाम लना भल जाता ह अपना परवार का भर पोष क ालए कठन परम करता ह लकन उनका पट भरता नह ह ईर क सा को भल जाता ह और अनत म पशकतव को ा होता ह शरीर रोगसत हो जाता ह दाप शा की हो जाती ह चलन ndashरन म असमर रहता ह रात को नद नह आती ह र भी लोभ को छोड़ नह पाता ह अपन बीवी-ब ता परवार क बार म सदा सोचन लगता ह शरीर वावसा को ा होता ह परवार क कोई भी सदसय पछत नह ह

परवार क लोग उसको ढग स खाना भी नह दत ह उसको घर स दर रखत ह र भी यह अधम मनषय भगवान क बार म सोचता नह ह लोभ का अनत नह होता ह पाप का बोझ बढ़त जाता ह अनत म नरक को ा होता ह र भी मनषय भगवान को समझ नह पाता ह परवार क ालए इतना बड़ी ददरशा झलता ह उनको कोई भी नह पछता ह उसक ारा जमा क गई पजी को परवार वाल उनक सामन मौज करत ह

लोभ मनषय को अनधा बना दता ह आदमी क हतया करत ह लोभ क वशीभत होकर दसर क समपात को लटत ह ाजसस समाज म पाचार बढ़ता ह इसालए ह मानव तम कय लोभ करत हो लोभ नह करक भगवान का समर करो हर कतरन करो तप जप करो और सवगर क अाधकारी बनो उम कमर करक भगवान क शरागत हो जाओ भगवान तमहार समसत सख-दख का भार वाहन करग

सवरधमारनपरतयजय मामक शर ज अह तवा सवरपापभयो मोकायषयााम मा शच

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इसालए अचछा कमर करक पणय कमाना ह हमशा धमर क जय और पाप का कय होता ह धमर-कमर करक ावजय ा होगी लकन अधमर म जाकर नरक गामी नह होना

एकदा अनधा राजा धतरा सजय को पछा क ldquoह सजय इस धमर य म कसक जय होगी उर म सजय बोल क ldquoयष योगर कषो यष पा धनधरर तष ी ावजयो भात वा नीातमरातमरम ldquo अारत जहा योगर कष एव धनधाररी अजरन एक सा ह वहा ावजय ानात ह

इसालए दखा गया क हमशा धमर क जय और अधमर क पराजय होती ह धमर सवचछ ानमरल लकन अधमर कदाकार कात ह इसालए लोभ-लालच म वशीभत न होकर सत

कमर करो अनयाय का परतयाग करो लोभ मत करो जीवन म कप करक जो धन कमा ालया वो सब इस धरती म रह जाता ह अानतम क म सा कोई नह ल जाता इसालए अनधर म भटक नह जाना इसालए कहा गया ह क-अात लालच नह करना अात सवरष गहतम अारत अात सवरनाश का कार ह

अात दप हता लका

अात मानसय कौरवा अातदारन बाल वध अात सवरष गहतम

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टटा वक का अाभमान (चरदास नाराय गडम सवक सहायक)

वन म खड़ एक वक क सा ालपटी एक लता भी धीर-धीर वक क बराबर हो गई वक का आय

लकर उसन भी लना ndashलना आरभ कर दया बल को लत ndash लत दखकर वक को अहकार हो गया क म न होता तो लता अासततव हीन होती वह लता को धमकात ए बोला ओ बल चपचाप मरा कहना माना कर म जो कह रहा वह कया कर नह तो ध मार कर भगा दगा पड़ का लाप जारी ा क दो पाक वहा स ानकल एक बोला अर भाई जरा दखो तो यह वक कसा सदर ह इस पर कसी सदर लता पाषपत हो रही ह आओ इसक नीच ोड़ी दर ावाम कर अपना महतव लता क सा ह यह जानकर वक का अाभमान भी नप हो गया सा ndash सा रहन स ही सबक गात होती ह

बटी (डी राव बाब पटल ाचषक ड-II)

बटी घर क लाज होती ह पापा क सर का ताज होती ह दल क सदा स रही ह इचछा बटी तझको ह पाना आई हो मर जीवन म जस एक ननही कावता राह दखता म तरी जलदी स मर पास आना मा क गोद म सदा रहती हो कछ पल मर पास भी आना न चाहत ह अब धन दौलत क त ही लमी त ही मरी मत भी डर लगता ह सोचक जब एक दन छोड़ क जाएगी त कतना मझ लायगी त बटी होती ह बाबल क लाड़ली

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यह ाज़नदगी (सययद इदरीस पटल ाचषक ड ndashII)

बठ जाता ह ामी प अकसर कय क मझ अपनी औकात अचछी लगती ह

मन समनदर स सीखा ह जीन का सलीका चपचाप स बहना और अपनी मौज म रहना चाहता तो ह क य दानया बदल द पर दो व क रोटी क जगाड़ म सरत नह ामलती दोसत महगी स महगी घड़ी पहन कर दख ली व र भी मर ाहसाब स नह चलता य ही हम दल को सा रखा करत पता नह ा क कमत चहर क होती ह अगर खदा नह ह तो उसका ाज कय और अगर खदा ह तो र कय

lsquorsquoदो बात इसान को अपन स दर कर दती ह एक उसका ldquoअहम rdquo और दसरा उसका ldquo वहमrdquo पस स सख कभी खरीदा नह जाता और दख का कोई खरीदार नह होता मझ ाज़नदगी का इतना तजबार तो नह पर सना ह सादगी म लोग जीन नह दत मााचस क जरत यहा नह पड़ती यहा आदमी आदमी स जलता ह ाव क बड़ स बड़ वजाानक यह ढढ रह ह क मगल ह पर जीवन ह या नह पर आदमी यह नह ढढ रहा ह क जीवन म मगल ह या नह

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जीवन म न जान कौनसी बात ldquoआखरी rdquo होगी न जान कौन सी रात आखरी होगी ामलत जलत बात करत रहो यार एक दसर स न जान कौन सी ldquo मलाकात rdquo आखरी होगी अगर जदगी म कछ पाना ह तो तरीक बदलो इराद नह ऐ चाद त कस मज़हब का ह ईद भी तरी और करवाचौ भी तरा

उगालय क लड़ाई

(शख महबब पीरा पटल ाचषक)

एक दन हा क सभी उगालया आपस म लड़न लग अगठा बोला म सबस बड़ा सभी जगह जरी कागज पर मझस ही ानशान बनाया जाता ह तजरनी बोली-ldquoम बड़ी मर होन स ही सब लोग काम कर पात ह जस-ालखना खाना पकड़ना मधयमा बोली-ldquoअर भई कया तम नह जानत जो आकार म लबा होता ह उस ही सभी बड़ा कहत ह अनाामका सब बात चपचाप सन रही ी वह तरत बोली ndashldquo म सबस बड़ी म तो पजा करन क भी काम आती मर स ही रोलीातलक लगाया जाता ह कानाका सभी को लड़ता दखकर उदास ी वह चपचाप एक कोन म कछ सोच रही ी तभी अगठा व तीन उगालया उसक पास गई और बोली- ldquoअर छोटी तम तो बड़ी हो ही नह सकती कयक तमहारा नाम ही कानाका ह कानाका बोली ldquoसनो अगठ भाई और पयारी उगालय आपस म लड़कर कभी कसी का भला नह हो सकता हमम कोई भी बड़ा-छोटा नह ह हम सब ामलकर मी बन सकत ह तभी हम सब बलवान हग कया तमह नह मालम क बद मी म ही ताकत होती ह इसालए हमारा लड़ना बकार ह rdquo कानाका क बात सनकर सभी एक सा बोल- ldquoहा छोटी बहन तम ाबलकल सही कह रही हो सचमच अकल म तम ही हम सबस बड़ी हो rdquo

इस नीात का स एकता म बल क ाशका ा होती ह

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तलगाना- भारत का एक और नया राजय (शलबाला खडरी मानाचषकार)

तलगाना भारत क दाकी भाग म ासत भारत का 29 वा राजय ह कषल क दाप स यह दश का

बीसवा बड़ा राजय ह ाचीन हदराबाद रयासत का अाधकतम भाग तलगाना राजय म ालया गया ह जहा आजादी स पहल ानजाम का राजय ा सन 1947 म जब भारत अज क चगल स आजाद आ उसक बाद भी हदराबाद का ानजाम अपनी रयासत सय भारत म ावलीन करन क पक म नह ा वह अपनी रयासत पर अपना ही सवतष शासन चाहता ा अतत सरदार बललभ भाई पटल क अक यास स इस रयासत को भारत क मखय धारा म ावलीन कया जा सका इस कार आन दश राजय क सापना ई और 26 जनवरी 1950 को ी एमक वललोड़ी आन दश राजय क म मखयमषी ानय ए 1956 म हदराबाद रयासत को आन दश राजय म ावलीन कर दया गया

2 जन 2014 म पनः तलगाना राजय अासततव म आया आन दश राजय क उर पामी 10 ाजल को ामलाकर तलगाना राजय क सापना क गयी ह राजधानी हदराबाद भी तलगाना राजय म ासत ह परनत 10 वष तक हदराबाद दोन राजय याान आन दश और तलगाना राजय क सय राजधानी रहगी दोन राजय क शासानक कायर हदराबाद स सचाालत हग तलगाना शबद का ादभारव ाषलगा दश शबद स आ ह ाजसका अर ह तीन लगो वाला दश तलगाना राजय क तीन दशा म कालरम ीशलम और ाकारामम ास ाशव मानदर ासत ह ाजनक अपार धामक महा ह वासतव म पक तलगाना राजय क ालए 1946 स 1951 क बीच ही ारमभ हो गया ा उस समय कमयानसट पाट न इस आनदोलन का नततव कया ा जो असल रहा भाषा क आधार पर तलगाना और आन राजय को पक करन क ालए अनक आनदोलन समय-समय पर होत रह ह इनम मखय आनदोलन 19691972 और 2009 क ह इन आनदोलन का यह भाव आ क 9 दसमबर 2009 म भारत सरकार न पक तलगाना राजय बनान क कायरवाही श कर दी य घोषा सनत ही तटीय आन व सीमान कष क लोग न सम आन दश क पक म आामक आनदोलन ारमभ कर दया और ऐसी ासात म भारत सरकार न यह कायर 23 दसमबर 2009 तक सागत कर दया इसक पात भी लगातार पक तलगाना और सम आन दश क ालए अलग-अलग आनदोलन चलत रह पक तलगाना क पक म कई आतम - हतयाए ई हड़ताल क गयी ाजसस जन साधार को बत असावधा का सामना करना पड़ा अतत पक तलगाना समरक क जीत ई और कास कायरकारी सामात न सवर सहमात स 30 जलाई 2013 को पक तलगाना राजय क ासारश करत ए ाबल तयार कर दया अनक सोपान पार करत ए यह ाबल रवरी 2014 को ससद म पारत कया गया रवरी 2014 दश पनगठरन एकट क तहत यह ाबल ससद म पास हो गया इसक पात इस नय राजय तलगाना ाबल को रापात ारा सहमात ा ई और माचर 2014 क गजट म इस कााशत कया गया इस कार नय तलगाना राजय क सापना ई

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ाशासकय प स तलगाना राजय क सापना 2 जन 2014 को ई क चन शखर राव क पाट ldquoतलगाना रा सामातrdquo न चनाव म दश म बमत हाासल कया और इस कार ी कचन शखर राव तलगाना राजय क म मखय मषी चन गए

म महगाई (डॉ नीलम कमार ाबड़ला अाभलखपाल)

म महगाई महग दशभ लोग क आमष पर भारत आई तज गात लान गात म भारत आई मझ गलत मत समझो गरीब बत ठीक बमत दकर तमन ाजनको बत उठाया म तो उनह क तीक भौातक वादी यग म योग ासखाती म भख पट न सोए कोई कडालनी जगाती म धयान प म च मारकर मन जय ऊपर चढ़त-चढ़त र तक आ जाता ह भाव वसत क वस ही र तक ल आई

अब इस यग म एक तल क पीप को पा लन का अर को पा लना ह भ दशरन क झलक दखना एक टमाटर खा लना ह भारत का आदशर तयाग ह अनासा ह अपरह ह मझको पाकर लोग वसतए तयाग रह ह अपनी खद क कार छोड़ बस क पीछ भाग रह ह म लोग को तड़क भड़क स खच

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सादगी ासखाती टरीलीन क शौकन को ला पहनाती माया जीवन का बधन ह पया पसा मल हा का म वतन भोगी लोग क बधन दो दन म हर लती शी छड़ाकर मल हा का शीश सा ानमरल कर दती

नीात ालखन वाल न कम खाना या गम खाना अचछा बतलाया मन उनका कन ानभाया ाजतनी चीज महगी हगी उतना ही जन कम खाएग ाजस दन रोटी नह ामलगी उस दन खद ही कम खाएग

शकल पक क चाद सरीखी बढ़ती म खब चादनी लाऊगी अभी दज तक ही आई परमासी तक जाऊगी

करो कलपना जब भारत जन कतन सदर दखा करग ग चावल चना बाजरा जब पाड़य म ाबका करग बीमार को दध दहीघी क इजकशन लगा करग कसा मधर जागर होगा लोग भख स जगा करग

आतक हमला

(डॉ नीलम कमार ाबड़ला अाभलखपाल) 13 दसबर 2001 ससद प पाक आतक हमला 13 रवरी 2014 ससद म भारतीय आतक हमला

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शमरसार ई ससद पच ाड़ गए नयी तहजीब क झड गाड़ गए

उड़ाया गया काली ामचर का पाउडर सपीकर का नह सना आडरर आख जलन लग सास लन लगी ससद पर नगी तलवार झलन लगी

घायल आ जातष और सावधान मदर क पजारय न कया मदर का अपमान ऐस आतकय को सबक ासखाना होगा र नया इातहास बनाना होगा

बाल-म (वाइकराकश कमार खलासी)

बालपन क कलकारी धप क ताप स आ मक पोी छोड़ी कदाल खोदत हा क मार अचक कचड़ आधी म म करना आ मजबरी गरीबी क पराकाा पट और पीठ क घटती दरी कछ धनहीनता और कछ माता-ापता क मखरता कनत सबस जयादा सवा समाज क सवदनहीनता ाजसन बालक को ामक बनन को बाधय कया लखनी को छीनकर कोमल हा म छडी पकड़ायी

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गाय-बकरी क सवा करता बालय-जीवन कप अपन भावषय को दर करता अजान और अबझ ावोपाजरन क कसको ह सरत ासात तो ऐसी ई दो दान अ क ालय बालपन चोर बनन को आतर आ

दोसती

(ाचा कडयया खलासी)

गलाब एक ल ह

एक घनट म मरझा जाता ह पर दोसती एक शा ह कभी भी जीावत रहती ह

बर ठडी होती ह जो पकड़ म नह आती ह

दोसती सोन जसी ह जो कभी कोई नह खरीद सकत ह

तार क पाच अनत (END) ह चौकोन क चार अनत ह तीकोन क तीन अनत ह

एक रखा का एक अनत ह पर दोसती का कोई अनत नह ह

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मर जीवन का उशय (कमारी ाया सातव कका सपषी एम सबीता उाल)

कग नयज भारत का खतरा पाकसतान न कशमीर पर हमला कया ह कछ दन बाद helliphellip कग नयज पाकसतान क ाखला भारत क रका करत ए वीर सानक

का भारी नकसान इन खबर न भारत को ाहला दया ा म भी सोच म पड़ गयी क म भारत क ालए कया कर सकता भारत को इन हमल स कस बचा सकता मर मन म ास र एक ही खयाल आया क भारतीय सना का एक जवान ासपाही बन

जव मन यह बात अपन दोसत स कही तो उसन कहा क ासपाही बनना खतर स खाली नह ह और परवार स दर सरहद पर खतर स भर जीवन मर ालए कपद होगा लकन मन ठान ालया ा क म कछ ऐसा कगी क पर दश म मरा नाम हो ाजस दखकर मर अपन का ासर गवर स ऊचा हो जाए

मर ानय को सनकर मरी मा रोन लगी मझ लोभन दया क म ापार क मर दोसत न मझ डाकटर बनन का सझाव दया पर मन सोचा क भारत म कई डाकटर ह ापारी ह भारत को डाकटर या ापारी क नह बालक सानक क जरत ह

म भारत क ालए अपनी जान भी दन क ालए तयार मन सोचा सब अपन परवार को सराकत

रखना चाहत ह र भारत - भाम तो मरी मा ह मरी ही कय हर एक क मा ह तो हम सब का कतर बनता ह क हम इसक रका कर इसीालए मर जीवन का उशय ह क म एक ासपाही बन और भारत क सवा क

मखर ामष स समझदार शष अचछा होता ह (मासटर सनीत चौी कका सपष एम सबीता उाल)

एक दन म और मरा सबस अचछा ामष राव बठ यह सोच रह क हम परीका क ालए अभी स पढ़ाई श कर दनी चााहए या नह राव न तपाक स कहा क अभी स पढन स कोई लाभ नह होगा अगर हम परीका क एक दन पहल पढ़ग तो जयादा दमाग म रहगा तभी वहा स मरी कका का दसरा छाष रमश गजर रहा ा मझ रमश ाबलकल पसद नही ा और रमश भी मझ पसद नह करता ा बात-बात पर हम लड़ाई करत पर पढ़ाई म वह मझस बत अचछा ा उसन हमारी बात सन ली ी

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इसालए धीर सवर म मझस बोला अपन मखर ामष क बात मत सनो बस रोज मरी तरह ोड़ा-ोड़ा पढ़ो लकन मन उसक बात पर कान नह धरा एक महीन बाद परीका क दन आ पच परीका क एक दन पहल जब मन पढ़ना श कया तब पाया क पढ़न को बत ा पर समय कम ा जस -तस पढ़ कर मन परीकाए ालखी और उममीद करता रहा क म परीका म उी र हो सक कछ दन बाद परीका का पराम ानकला और वही आ ाजसका डर ा म और ामष राव अनी र हो गए दसरी ओर रमश बत अचछ अको स उी र आ उस दन मझ समझ आ गया क मखर ामष स समझदार शष अचछा होता ह

भावषय क पढ़ाई (मासटर ाशव कलया सातव कका सपष वालल कलयाी उाल)

आज जब हम पढ़ाई या सकल क बार म सोचत ह तो नजरो म एक भारी बग उठाता आ

छाष दखता ह कताब क ाबना हम सकल जान क सोच भी नह सकत कताब क सा कपयटर भी पढ़ाई का महतवपर ाहससा बन चका ह

कछ साल बाद भारी कताब स भर बग क बदल छाष क हा म टबलट होगा आकाश टबलट एक ऐसा यष ह ाजसम हम तरह-तरह क कताब पढ़ सकत ह हम कका म ही नट स जानकारी पा सकत ह टबलट ोन स बड़ा ह और जयादा महगा भी नह हम इस कह भी ल जाकर इसम कताब पढ़ सकत ह हम इसम कका का दया गया कायर भी कर सकत ह यह टबलट पढ़ाई का अदाज बदल दगा और पढ़ाई को मजदार बना दगा

पानी और धप (कमारी एस साानया पाचवी कका सपषी राजया बगम अाल)

अभी-अभी ी धप बरसन लगा कहा स यह पानी कसन ोड़ बादल को क ह इतनी शतानी

सरज न कय बद कर ालया अपन घर का दरवाज़ा उसक मा न भी कया उसको बला ालया कहकर आजा

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ज़ोर-ज़ोर स गरज़ रह ह बादल ह कसक काका कसको डाट रह ह कसन कहना नह सना मा का

परीका (कमारी शख राजया सलताना गयारहव कका सपषी शख महबब पीरा पटल ाचषक)

ाजस नाम को सनन स कापता ह बा वो ह परीका परीका पपर हा म आत ही इतना डर लगता क यद अचछा नह कया तो ापटना पा तीन घट म लगभग करन होत ह चालीस सवाल एक भी छटा तो घर म आता ह भवडर रजलट क एक दन पहल रात को नद नह आती ह अचछ नबर पान क ालए भगवान क याद आती ह पास होन पर ामलता ह इनाम और मख स ानकलता ह ldquoकय भगवान rdquo र आती ह अगली कका तब भी मख स ानकलता ह हाय र आ गयी र स परीका

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राीय साकरता (मासटर शख समीर छठी कका सपष शख महबब पीरा पटल ाचषक)

ातदन सीखो अकर एक

ानयम बना लो ऐसा पढ़ो पढ़ाओ सीखो जान

तभी बनगा दश महान ावा सा जान कराती

मन का अधरा दर भगाती जहा पर बनत लोग जानी

वहा न होती मन क हाान अनपढ़ क ालए गगी पोी

धन दौलत भी होती ोी पढ़ा ालखा नह धोखा खाता

जहा भी जाता आदर पाता

मा (मासटर शख महबब बाशा आठव कका सपष शख महबब पीरा पटल ाचषक)

सबस सनदर जग म कौन बस एक त ह मा

सबस पयारी कसक मसकान बस एक तरी ही ह मा

कसन बनायी मरी पहचान तन ही तो मरी पयारी मा

कसक बोली ामी स मीठी तरी ही ह मरी मा

कसक डाट ह इमली स तीखी तरी ही तो पयारी मा

कसक ालए क म सब कबारन तर ालए मरी पयारी मा

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ाततली (कमारी एम राशका ाशवानी पाचवी कका सपषी एम लम कमार उाल)

ाततली तम कतनी

रग-ाबरगी होती हो तम सब ल का रस पी-पीकर

बाग-बगीच म रती रहती हो तर पख कई रग क होत ह

तमहार प को दखकर ब बत खश होत ह

मरी कका

(कमारी एम राशका ाशवानी पाचवी कका सपषी एम लम कमार उाल)

मरी कका म ह पचास ब हर एक ह अलग-अलग जस एक ह लबा एक ह छोटा एक ह मोटा एक ह पतला कछ ह अचछ कछ ह बर पर लगत ह सार पयार मरी कका ह रग- ाबरगी लगती ह ाततालय का झड ह

मझ बत पसद ह कयक यह हमारी कका ह

Page 37: कलाकल - Home: Survey of · PDF fileतेलंगाना-भारत का एक ... भी यह पि का ‘कलाकल‘ सुनदर प म िनखर

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हम लोग म स कोई-कोई सामाजक कायर म सहयोग दान करत ह कोई गह-ानमार म सहयोग द रह ह तो कोई मदर-ानमार म सहयोग द रह ह कोई तो सीधा मत बन गय इसीालए उनक मन म घमणड आ गया अहलया न पतर होन क नात भगवान का दशरन पा ालया इसालए पतर जनम होन क चलत उनक मन म का अह भाव आ गया

हमार अनदर ावाभ प भी ह याः लोहा पतर चना पतर सगममरर काला पतर (नाइट सटोन) मलायम पतर (soft stone) इतयाद लोहा पतर जो दश क ानमार म काम आता ह चना पत जो ासमट ानमार क काम म आता ह सगममरर घर और मदर का शर (flooring) म काम आता ह काला पत घर का शर और आला बनान म काम आता ह मलायम पतर ाशलप कला क ावकास म योगदान दत ह पतर जनम होकर भी म का गवर महसस करता मरी भगवान स अानतम ावनती य ह क आप मझ अानतम समय म दशरन दन को कपा कर

न हमको पतर जनम चााहए न हमको मानव जनम चााहए हमको तो ास र इस भव सागर स पार होना चााहए

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जयादा लोभ न करना (पाडव कानटया सहायक सवकक)

मनषय भगवान क साप ह इसालए वह भगवान का अश ह जब तक वो मा क गभर म ा तक तक वह मोह-माया स वाचत ा एव हमशा भगवान क समीप ा लकन जब वो पथवी पर अवती र आ उसको मोह-माया न घर ालया पाच साल तक वो ईरीय सा म रहता ह इसालए कहा जाता ह क ldquoCHILD IS THE INCARNATION OF GODrdquo इसक बाद मोह-माया म आकषत हो कर ईरीय सा को भल जाता ह बचपन म वो बत आजा और मोह-माया राहत और चरषवान रहता ह जब समय बढ़ता जाता ह तब उसक समसत उम ग धवस होकर गलत मागर पर चला जाता ह

बचपन म ावा ाशका जवानी म ी दीका एव पारवारक ाचनता म म होकर वह समसत मौालक सा को खो दता ह सबा नप होकर सबा म आ जाता ह दव का नप होकर राकस वा जारवत होता ह एव परवारक जगल म सकर भगवान का नाम लना भल जाता ह अपना परवार का भर पोष क ालए कठन परम करता ह लकन उनका पट भरता नह ह ईर क सा को भल जाता ह और अनत म पशकतव को ा होता ह शरीर रोगसत हो जाता ह दाप शा की हो जाती ह चलन ndashरन म असमर रहता ह रात को नद नह आती ह र भी लोभ को छोड़ नह पाता ह अपन बीवी-ब ता परवार क बार म सदा सोचन लगता ह शरीर वावसा को ा होता ह परवार क कोई भी सदसय पछत नह ह

परवार क लोग उसको ढग स खाना भी नह दत ह उसको घर स दर रखत ह र भी यह अधम मनषय भगवान क बार म सोचता नह ह लोभ का अनत नह होता ह पाप का बोझ बढ़त जाता ह अनत म नरक को ा होता ह र भी मनषय भगवान को समझ नह पाता ह परवार क ालए इतना बड़ी ददरशा झलता ह उनको कोई भी नह पछता ह उसक ारा जमा क गई पजी को परवार वाल उनक सामन मौज करत ह

लोभ मनषय को अनधा बना दता ह आदमी क हतया करत ह लोभ क वशीभत होकर दसर क समपात को लटत ह ाजसस समाज म पाचार बढ़ता ह इसालए ह मानव तम कय लोभ करत हो लोभ नह करक भगवान का समर करो हर कतरन करो तप जप करो और सवगर क अाधकारी बनो उम कमर करक भगवान क शरागत हो जाओ भगवान तमहार समसत सख-दख का भार वाहन करग

सवरधमारनपरतयजय मामक शर ज अह तवा सवरपापभयो मोकायषयााम मा शच

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इसालए अचछा कमर करक पणय कमाना ह हमशा धमर क जय और पाप का कय होता ह धमर-कमर करक ावजय ा होगी लकन अधमर म जाकर नरक गामी नह होना

एकदा अनधा राजा धतरा सजय को पछा क ldquoह सजय इस धमर य म कसक जय होगी उर म सजय बोल क ldquoयष योगर कषो यष पा धनधरर तष ी ावजयो भात वा नीातमरातमरम ldquo अारत जहा योगर कष एव धनधाररी अजरन एक सा ह वहा ावजय ानात ह

इसालए दखा गया क हमशा धमर क जय और अधमर क पराजय होती ह धमर सवचछ ानमरल लकन अधमर कदाकार कात ह इसालए लोभ-लालच म वशीभत न होकर सत

कमर करो अनयाय का परतयाग करो लोभ मत करो जीवन म कप करक जो धन कमा ालया वो सब इस धरती म रह जाता ह अानतम क म सा कोई नह ल जाता इसालए अनधर म भटक नह जाना इसालए कहा गया ह क-अात लालच नह करना अात सवरष गहतम अारत अात सवरनाश का कार ह

अात दप हता लका

अात मानसय कौरवा अातदारन बाल वध अात सवरष गहतम

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टटा वक का अाभमान (चरदास नाराय गडम सवक सहायक)

वन म खड़ एक वक क सा ालपटी एक लता भी धीर-धीर वक क बराबर हो गई वक का आय

लकर उसन भी लना ndashलना आरभ कर दया बल को लत ndash लत दखकर वक को अहकार हो गया क म न होता तो लता अासततव हीन होती वह लता को धमकात ए बोला ओ बल चपचाप मरा कहना माना कर म जो कह रहा वह कया कर नह तो ध मार कर भगा दगा पड़ का लाप जारी ा क दो पाक वहा स ानकल एक बोला अर भाई जरा दखो तो यह वक कसा सदर ह इस पर कसी सदर लता पाषपत हो रही ह आओ इसक नीच ोड़ी दर ावाम कर अपना महतव लता क सा ह यह जानकर वक का अाभमान भी नप हो गया सा ndash सा रहन स ही सबक गात होती ह

बटी (डी राव बाब पटल ाचषक ड-II)

बटी घर क लाज होती ह पापा क सर का ताज होती ह दल क सदा स रही ह इचछा बटी तझको ह पाना आई हो मर जीवन म जस एक ननही कावता राह दखता म तरी जलदी स मर पास आना मा क गोद म सदा रहती हो कछ पल मर पास भी आना न चाहत ह अब धन दौलत क त ही लमी त ही मरी मत भी डर लगता ह सोचक जब एक दन छोड़ क जाएगी त कतना मझ लायगी त बटी होती ह बाबल क लाड़ली

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यह ाज़नदगी (सययद इदरीस पटल ाचषक ड ndashII)

बठ जाता ह ामी प अकसर कय क मझ अपनी औकात अचछी लगती ह

मन समनदर स सीखा ह जीन का सलीका चपचाप स बहना और अपनी मौज म रहना चाहता तो ह क य दानया बदल द पर दो व क रोटी क जगाड़ म सरत नह ामलती दोसत महगी स महगी घड़ी पहन कर दख ली व र भी मर ाहसाब स नह चलता य ही हम दल को सा रखा करत पता नह ा क कमत चहर क होती ह अगर खदा नह ह तो उसका ाज कय और अगर खदा ह तो र कय

lsquorsquoदो बात इसान को अपन स दर कर दती ह एक उसका ldquoअहम rdquo और दसरा उसका ldquo वहमrdquo पस स सख कभी खरीदा नह जाता और दख का कोई खरीदार नह होता मझ ाज़नदगी का इतना तजबार तो नह पर सना ह सादगी म लोग जीन नह दत मााचस क जरत यहा नह पड़ती यहा आदमी आदमी स जलता ह ाव क बड़ स बड़ वजाानक यह ढढ रह ह क मगल ह पर जीवन ह या नह पर आदमी यह नह ढढ रहा ह क जीवन म मगल ह या नह

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जीवन म न जान कौनसी बात ldquoआखरी rdquo होगी न जान कौन सी रात आखरी होगी ामलत जलत बात करत रहो यार एक दसर स न जान कौन सी ldquo मलाकात rdquo आखरी होगी अगर जदगी म कछ पाना ह तो तरीक बदलो इराद नह ऐ चाद त कस मज़हब का ह ईद भी तरी और करवाचौ भी तरा

उगालय क लड़ाई

(शख महबब पीरा पटल ाचषक)

एक दन हा क सभी उगालया आपस म लड़न लग अगठा बोला म सबस बड़ा सभी जगह जरी कागज पर मझस ही ानशान बनाया जाता ह तजरनी बोली-ldquoम बड़ी मर होन स ही सब लोग काम कर पात ह जस-ालखना खाना पकड़ना मधयमा बोली-ldquoअर भई कया तम नह जानत जो आकार म लबा होता ह उस ही सभी बड़ा कहत ह अनाामका सब बात चपचाप सन रही ी वह तरत बोली ndashldquo म सबस बड़ी म तो पजा करन क भी काम आती मर स ही रोलीातलक लगाया जाता ह कानाका सभी को लड़ता दखकर उदास ी वह चपचाप एक कोन म कछ सोच रही ी तभी अगठा व तीन उगालया उसक पास गई और बोली- ldquoअर छोटी तम तो बड़ी हो ही नह सकती कयक तमहारा नाम ही कानाका ह कानाका बोली ldquoसनो अगठ भाई और पयारी उगालय आपस म लड़कर कभी कसी का भला नह हो सकता हमम कोई भी बड़ा-छोटा नह ह हम सब ामलकर मी बन सकत ह तभी हम सब बलवान हग कया तमह नह मालम क बद मी म ही ताकत होती ह इसालए हमारा लड़ना बकार ह rdquo कानाका क बात सनकर सभी एक सा बोल- ldquoहा छोटी बहन तम ाबलकल सही कह रही हो सचमच अकल म तम ही हम सबस बड़ी हो rdquo

इस नीात का स एकता म बल क ाशका ा होती ह

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तलगाना- भारत का एक और नया राजय (शलबाला खडरी मानाचषकार)

तलगाना भारत क दाकी भाग म ासत भारत का 29 वा राजय ह कषल क दाप स यह दश का

बीसवा बड़ा राजय ह ाचीन हदराबाद रयासत का अाधकतम भाग तलगाना राजय म ालया गया ह जहा आजादी स पहल ानजाम का राजय ा सन 1947 म जब भारत अज क चगल स आजाद आ उसक बाद भी हदराबाद का ानजाम अपनी रयासत सय भारत म ावलीन करन क पक म नह ा वह अपनी रयासत पर अपना ही सवतष शासन चाहता ा अतत सरदार बललभ भाई पटल क अक यास स इस रयासत को भारत क मखय धारा म ावलीन कया जा सका इस कार आन दश राजय क सापना ई और 26 जनवरी 1950 को ी एमक वललोड़ी आन दश राजय क म मखयमषी ानय ए 1956 म हदराबाद रयासत को आन दश राजय म ावलीन कर दया गया

2 जन 2014 म पनः तलगाना राजय अासततव म आया आन दश राजय क उर पामी 10 ाजल को ामलाकर तलगाना राजय क सापना क गयी ह राजधानी हदराबाद भी तलगाना राजय म ासत ह परनत 10 वष तक हदराबाद दोन राजय याान आन दश और तलगाना राजय क सय राजधानी रहगी दोन राजय क शासानक कायर हदराबाद स सचाालत हग तलगाना शबद का ादभारव ाषलगा दश शबद स आ ह ाजसका अर ह तीन लगो वाला दश तलगाना राजय क तीन दशा म कालरम ीशलम और ाकारामम ास ाशव मानदर ासत ह ाजनक अपार धामक महा ह वासतव म पक तलगाना राजय क ालए 1946 स 1951 क बीच ही ारमभ हो गया ा उस समय कमयानसट पाट न इस आनदोलन का नततव कया ा जो असल रहा भाषा क आधार पर तलगाना और आन राजय को पक करन क ालए अनक आनदोलन समय-समय पर होत रह ह इनम मखय आनदोलन 19691972 और 2009 क ह इन आनदोलन का यह भाव आ क 9 दसमबर 2009 म भारत सरकार न पक तलगाना राजय बनान क कायरवाही श कर दी य घोषा सनत ही तटीय आन व सीमान कष क लोग न सम आन दश क पक म आामक आनदोलन ारमभ कर दया और ऐसी ासात म भारत सरकार न यह कायर 23 दसमबर 2009 तक सागत कर दया इसक पात भी लगातार पक तलगाना और सम आन दश क ालए अलग-अलग आनदोलन चलत रह पक तलगाना क पक म कई आतम - हतयाए ई हड़ताल क गयी ाजसस जन साधार को बत असावधा का सामना करना पड़ा अतत पक तलगाना समरक क जीत ई और कास कायरकारी सामात न सवर सहमात स 30 जलाई 2013 को पक तलगाना राजय क ासारश करत ए ाबल तयार कर दया अनक सोपान पार करत ए यह ाबल रवरी 2014 को ससद म पारत कया गया रवरी 2014 दश पनगठरन एकट क तहत यह ाबल ससद म पास हो गया इसक पात इस नय राजय तलगाना ाबल को रापात ारा सहमात ा ई और माचर 2014 क गजट म इस कााशत कया गया इस कार नय तलगाना राजय क सापना ई

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ाशासकय प स तलगाना राजय क सापना 2 जन 2014 को ई क चन शखर राव क पाट ldquoतलगाना रा सामातrdquo न चनाव म दश म बमत हाासल कया और इस कार ी कचन शखर राव तलगाना राजय क म मखय मषी चन गए

म महगाई (डॉ नीलम कमार ाबड़ला अाभलखपाल)

म महगाई महग दशभ लोग क आमष पर भारत आई तज गात लान गात म भारत आई मझ गलत मत समझो गरीब बत ठीक बमत दकर तमन ाजनको बत उठाया म तो उनह क तीक भौातक वादी यग म योग ासखाती म भख पट न सोए कोई कडालनी जगाती म धयान प म च मारकर मन जय ऊपर चढ़त-चढ़त र तक आ जाता ह भाव वसत क वस ही र तक ल आई

अब इस यग म एक तल क पीप को पा लन का अर को पा लना ह भ दशरन क झलक दखना एक टमाटर खा लना ह भारत का आदशर तयाग ह अनासा ह अपरह ह मझको पाकर लोग वसतए तयाग रह ह अपनी खद क कार छोड़ बस क पीछ भाग रह ह म लोग को तड़क भड़क स खच

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सादगी ासखाती टरीलीन क शौकन को ला पहनाती माया जीवन का बधन ह पया पसा मल हा का म वतन भोगी लोग क बधन दो दन म हर लती शी छड़ाकर मल हा का शीश सा ानमरल कर दती

नीात ालखन वाल न कम खाना या गम खाना अचछा बतलाया मन उनका कन ानभाया ाजतनी चीज महगी हगी उतना ही जन कम खाएग ाजस दन रोटी नह ामलगी उस दन खद ही कम खाएग

शकल पक क चाद सरीखी बढ़ती म खब चादनी लाऊगी अभी दज तक ही आई परमासी तक जाऊगी

करो कलपना जब भारत जन कतन सदर दखा करग ग चावल चना बाजरा जब पाड़य म ाबका करग बीमार को दध दहीघी क इजकशन लगा करग कसा मधर जागर होगा लोग भख स जगा करग

आतक हमला

(डॉ नीलम कमार ाबड़ला अाभलखपाल) 13 दसबर 2001 ससद प पाक आतक हमला 13 रवरी 2014 ससद म भारतीय आतक हमला

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शमरसार ई ससद पच ाड़ गए नयी तहजीब क झड गाड़ गए

उड़ाया गया काली ामचर का पाउडर सपीकर का नह सना आडरर आख जलन लग सास लन लगी ससद पर नगी तलवार झलन लगी

घायल आ जातष और सावधान मदर क पजारय न कया मदर का अपमान ऐस आतकय को सबक ासखाना होगा र नया इातहास बनाना होगा

बाल-म (वाइकराकश कमार खलासी)

बालपन क कलकारी धप क ताप स आ मक पोी छोड़ी कदाल खोदत हा क मार अचक कचड़ आधी म म करना आ मजबरी गरीबी क पराकाा पट और पीठ क घटती दरी कछ धनहीनता और कछ माता-ापता क मखरता कनत सबस जयादा सवा समाज क सवदनहीनता ाजसन बालक को ामक बनन को बाधय कया लखनी को छीनकर कोमल हा म छडी पकड़ायी

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गाय-बकरी क सवा करता बालय-जीवन कप अपन भावषय को दर करता अजान और अबझ ावोपाजरन क कसको ह सरत ासात तो ऐसी ई दो दान अ क ालय बालपन चोर बनन को आतर आ

दोसती

(ाचा कडयया खलासी)

गलाब एक ल ह

एक घनट म मरझा जाता ह पर दोसती एक शा ह कभी भी जीावत रहती ह

बर ठडी होती ह जो पकड़ म नह आती ह

दोसती सोन जसी ह जो कभी कोई नह खरीद सकत ह

तार क पाच अनत (END) ह चौकोन क चार अनत ह तीकोन क तीन अनत ह

एक रखा का एक अनत ह पर दोसती का कोई अनत नह ह

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मर जीवन का उशय (कमारी ाया सातव कका सपषी एम सबीता उाल)

कग नयज भारत का खतरा पाकसतान न कशमीर पर हमला कया ह कछ दन बाद helliphellip कग नयज पाकसतान क ाखला भारत क रका करत ए वीर सानक

का भारी नकसान इन खबर न भारत को ाहला दया ा म भी सोच म पड़ गयी क म भारत क ालए कया कर सकता भारत को इन हमल स कस बचा सकता मर मन म ास र एक ही खयाल आया क भारतीय सना का एक जवान ासपाही बन

जव मन यह बात अपन दोसत स कही तो उसन कहा क ासपाही बनना खतर स खाली नह ह और परवार स दर सरहद पर खतर स भर जीवन मर ालए कपद होगा लकन मन ठान ालया ा क म कछ ऐसा कगी क पर दश म मरा नाम हो ाजस दखकर मर अपन का ासर गवर स ऊचा हो जाए

मर ानय को सनकर मरी मा रोन लगी मझ लोभन दया क म ापार क मर दोसत न मझ डाकटर बनन का सझाव दया पर मन सोचा क भारत म कई डाकटर ह ापारी ह भारत को डाकटर या ापारी क नह बालक सानक क जरत ह

म भारत क ालए अपनी जान भी दन क ालए तयार मन सोचा सब अपन परवार को सराकत

रखना चाहत ह र भारत - भाम तो मरी मा ह मरी ही कय हर एक क मा ह तो हम सब का कतर बनता ह क हम इसक रका कर इसीालए मर जीवन का उशय ह क म एक ासपाही बन और भारत क सवा क

मखर ामष स समझदार शष अचछा होता ह (मासटर सनीत चौी कका सपष एम सबीता उाल)

एक दन म और मरा सबस अचछा ामष राव बठ यह सोच रह क हम परीका क ालए अभी स पढ़ाई श कर दनी चााहए या नह राव न तपाक स कहा क अभी स पढन स कोई लाभ नह होगा अगर हम परीका क एक दन पहल पढ़ग तो जयादा दमाग म रहगा तभी वहा स मरी कका का दसरा छाष रमश गजर रहा ा मझ रमश ाबलकल पसद नही ा और रमश भी मझ पसद नह करता ा बात-बात पर हम लड़ाई करत पर पढ़ाई म वह मझस बत अचछा ा उसन हमारी बात सन ली ी

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इसालए धीर सवर म मझस बोला अपन मखर ामष क बात मत सनो बस रोज मरी तरह ोड़ा-ोड़ा पढ़ो लकन मन उसक बात पर कान नह धरा एक महीन बाद परीका क दन आ पच परीका क एक दन पहल जब मन पढ़ना श कया तब पाया क पढ़न को बत ा पर समय कम ा जस -तस पढ़ कर मन परीकाए ालखी और उममीद करता रहा क म परीका म उी र हो सक कछ दन बाद परीका का पराम ानकला और वही आ ाजसका डर ा म और ामष राव अनी र हो गए दसरी ओर रमश बत अचछ अको स उी र आ उस दन मझ समझ आ गया क मखर ामष स समझदार शष अचछा होता ह

भावषय क पढ़ाई (मासटर ाशव कलया सातव कका सपष वालल कलयाी उाल)

आज जब हम पढ़ाई या सकल क बार म सोचत ह तो नजरो म एक भारी बग उठाता आ

छाष दखता ह कताब क ाबना हम सकल जान क सोच भी नह सकत कताब क सा कपयटर भी पढ़ाई का महतवपर ाहससा बन चका ह

कछ साल बाद भारी कताब स भर बग क बदल छाष क हा म टबलट होगा आकाश टबलट एक ऐसा यष ह ाजसम हम तरह-तरह क कताब पढ़ सकत ह हम कका म ही नट स जानकारी पा सकत ह टबलट ोन स बड़ा ह और जयादा महगा भी नह हम इस कह भी ल जाकर इसम कताब पढ़ सकत ह हम इसम कका का दया गया कायर भी कर सकत ह यह टबलट पढ़ाई का अदाज बदल दगा और पढ़ाई को मजदार बना दगा

पानी और धप (कमारी एस साानया पाचवी कका सपषी राजया बगम अाल)

अभी-अभी ी धप बरसन लगा कहा स यह पानी कसन ोड़ बादल को क ह इतनी शतानी

सरज न कय बद कर ालया अपन घर का दरवाज़ा उसक मा न भी कया उसको बला ालया कहकर आजा

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ज़ोर-ज़ोर स गरज़ रह ह बादल ह कसक काका कसको डाट रह ह कसन कहना नह सना मा का

परीका (कमारी शख राजया सलताना गयारहव कका सपषी शख महबब पीरा पटल ाचषक)

ाजस नाम को सनन स कापता ह बा वो ह परीका परीका पपर हा म आत ही इतना डर लगता क यद अचछा नह कया तो ापटना पा तीन घट म लगभग करन होत ह चालीस सवाल एक भी छटा तो घर म आता ह भवडर रजलट क एक दन पहल रात को नद नह आती ह अचछ नबर पान क ालए भगवान क याद आती ह पास होन पर ामलता ह इनाम और मख स ानकलता ह ldquoकय भगवान rdquo र आती ह अगली कका तब भी मख स ानकलता ह हाय र आ गयी र स परीका

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राीय साकरता (मासटर शख समीर छठी कका सपष शख महबब पीरा पटल ाचषक)

ातदन सीखो अकर एक

ानयम बना लो ऐसा पढ़ो पढ़ाओ सीखो जान

तभी बनगा दश महान ावा सा जान कराती

मन का अधरा दर भगाती जहा पर बनत लोग जानी

वहा न होती मन क हाान अनपढ़ क ालए गगी पोी

धन दौलत भी होती ोी पढ़ा ालखा नह धोखा खाता

जहा भी जाता आदर पाता

मा (मासटर शख महबब बाशा आठव कका सपष शख महबब पीरा पटल ाचषक)

सबस सनदर जग म कौन बस एक त ह मा

सबस पयारी कसक मसकान बस एक तरी ही ह मा

कसन बनायी मरी पहचान तन ही तो मरी पयारी मा

कसक बोली ामी स मीठी तरी ही ह मरी मा

कसक डाट ह इमली स तीखी तरी ही तो पयारी मा

कसक ालए क म सब कबारन तर ालए मरी पयारी मा

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ाततली (कमारी एम राशका ाशवानी पाचवी कका सपषी एम लम कमार उाल)

ाततली तम कतनी

रग-ाबरगी होती हो तम सब ल का रस पी-पीकर

बाग-बगीच म रती रहती हो तर पख कई रग क होत ह

तमहार प को दखकर ब बत खश होत ह

मरी कका

(कमारी एम राशका ाशवानी पाचवी कका सपषी एम लम कमार उाल)

मरी कका म ह पचास ब हर एक ह अलग-अलग जस एक ह लबा एक ह छोटा एक ह मोटा एक ह पतला कछ ह अचछ कछ ह बर पर लगत ह सार पयार मरी कका ह रग- ाबरगी लगती ह ाततालय का झड ह

मझ बत पसद ह कयक यह हमारी कका ह

Page 38: कलाकल - Home: Survey of · PDF fileतेलंगाना-भारत का एक ... भी यह पि का ‘कलाकल‘ सुनदर प म िनखर

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जयादा लोभ न करना (पाडव कानटया सहायक सवकक)

मनषय भगवान क साप ह इसालए वह भगवान का अश ह जब तक वो मा क गभर म ा तक तक वह मोह-माया स वाचत ा एव हमशा भगवान क समीप ा लकन जब वो पथवी पर अवती र आ उसको मोह-माया न घर ालया पाच साल तक वो ईरीय सा म रहता ह इसालए कहा जाता ह क ldquoCHILD IS THE INCARNATION OF GODrdquo इसक बाद मोह-माया म आकषत हो कर ईरीय सा को भल जाता ह बचपन म वो बत आजा और मोह-माया राहत और चरषवान रहता ह जब समय बढ़ता जाता ह तब उसक समसत उम ग धवस होकर गलत मागर पर चला जाता ह

बचपन म ावा ाशका जवानी म ी दीका एव पारवारक ाचनता म म होकर वह समसत मौालक सा को खो दता ह सबा नप होकर सबा म आ जाता ह दव का नप होकर राकस वा जारवत होता ह एव परवारक जगल म सकर भगवान का नाम लना भल जाता ह अपना परवार का भर पोष क ालए कठन परम करता ह लकन उनका पट भरता नह ह ईर क सा को भल जाता ह और अनत म पशकतव को ा होता ह शरीर रोगसत हो जाता ह दाप शा की हो जाती ह चलन ndashरन म असमर रहता ह रात को नद नह आती ह र भी लोभ को छोड़ नह पाता ह अपन बीवी-ब ता परवार क बार म सदा सोचन लगता ह शरीर वावसा को ा होता ह परवार क कोई भी सदसय पछत नह ह

परवार क लोग उसको ढग स खाना भी नह दत ह उसको घर स दर रखत ह र भी यह अधम मनषय भगवान क बार म सोचता नह ह लोभ का अनत नह होता ह पाप का बोझ बढ़त जाता ह अनत म नरक को ा होता ह र भी मनषय भगवान को समझ नह पाता ह परवार क ालए इतना बड़ी ददरशा झलता ह उनको कोई भी नह पछता ह उसक ारा जमा क गई पजी को परवार वाल उनक सामन मौज करत ह

लोभ मनषय को अनधा बना दता ह आदमी क हतया करत ह लोभ क वशीभत होकर दसर क समपात को लटत ह ाजसस समाज म पाचार बढ़ता ह इसालए ह मानव तम कय लोभ करत हो लोभ नह करक भगवान का समर करो हर कतरन करो तप जप करो और सवगर क अाधकारी बनो उम कमर करक भगवान क शरागत हो जाओ भगवान तमहार समसत सख-दख का भार वाहन करग

सवरधमारनपरतयजय मामक शर ज अह तवा सवरपापभयो मोकायषयााम मा शच

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इसालए अचछा कमर करक पणय कमाना ह हमशा धमर क जय और पाप का कय होता ह धमर-कमर करक ावजय ा होगी लकन अधमर म जाकर नरक गामी नह होना

एकदा अनधा राजा धतरा सजय को पछा क ldquoह सजय इस धमर य म कसक जय होगी उर म सजय बोल क ldquoयष योगर कषो यष पा धनधरर तष ी ावजयो भात वा नीातमरातमरम ldquo अारत जहा योगर कष एव धनधाररी अजरन एक सा ह वहा ावजय ानात ह

इसालए दखा गया क हमशा धमर क जय और अधमर क पराजय होती ह धमर सवचछ ानमरल लकन अधमर कदाकार कात ह इसालए लोभ-लालच म वशीभत न होकर सत

कमर करो अनयाय का परतयाग करो लोभ मत करो जीवन म कप करक जो धन कमा ालया वो सब इस धरती म रह जाता ह अानतम क म सा कोई नह ल जाता इसालए अनधर म भटक नह जाना इसालए कहा गया ह क-अात लालच नह करना अात सवरष गहतम अारत अात सवरनाश का कार ह

अात दप हता लका

अात मानसय कौरवा अातदारन बाल वध अात सवरष गहतम

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टटा वक का अाभमान (चरदास नाराय गडम सवक सहायक)

वन म खड़ एक वक क सा ालपटी एक लता भी धीर-धीर वक क बराबर हो गई वक का आय

लकर उसन भी लना ndashलना आरभ कर दया बल को लत ndash लत दखकर वक को अहकार हो गया क म न होता तो लता अासततव हीन होती वह लता को धमकात ए बोला ओ बल चपचाप मरा कहना माना कर म जो कह रहा वह कया कर नह तो ध मार कर भगा दगा पड़ का लाप जारी ा क दो पाक वहा स ानकल एक बोला अर भाई जरा दखो तो यह वक कसा सदर ह इस पर कसी सदर लता पाषपत हो रही ह आओ इसक नीच ोड़ी दर ावाम कर अपना महतव लता क सा ह यह जानकर वक का अाभमान भी नप हो गया सा ndash सा रहन स ही सबक गात होती ह

बटी (डी राव बाब पटल ाचषक ड-II)

बटी घर क लाज होती ह पापा क सर का ताज होती ह दल क सदा स रही ह इचछा बटी तझको ह पाना आई हो मर जीवन म जस एक ननही कावता राह दखता म तरी जलदी स मर पास आना मा क गोद म सदा रहती हो कछ पल मर पास भी आना न चाहत ह अब धन दौलत क त ही लमी त ही मरी मत भी डर लगता ह सोचक जब एक दन छोड़ क जाएगी त कतना मझ लायगी त बटी होती ह बाबल क लाड़ली

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यह ाज़नदगी (सययद इदरीस पटल ाचषक ड ndashII)

बठ जाता ह ामी प अकसर कय क मझ अपनी औकात अचछी लगती ह

मन समनदर स सीखा ह जीन का सलीका चपचाप स बहना और अपनी मौज म रहना चाहता तो ह क य दानया बदल द पर दो व क रोटी क जगाड़ म सरत नह ामलती दोसत महगी स महगी घड़ी पहन कर दख ली व र भी मर ाहसाब स नह चलता य ही हम दल को सा रखा करत पता नह ा क कमत चहर क होती ह अगर खदा नह ह तो उसका ाज कय और अगर खदा ह तो र कय

lsquorsquoदो बात इसान को अपन स दर कर दती ह एक उसका ldquoअहम rdquo और दसरा उसका ldquo वहमrdquo पस स सख कभी खरीदा नह जाता और दख का कोई खरीदार नह होता मझ ाज़नदगी का इतना तजबार तो नह पर सना ह सादगी म लोग जीन नह दत मााचस क जरत यहा नह पड़ती यहा आदमी आदमी स जलता ह ाव क बड़ स बड़ वजाानक यह ढढ रह ह क मगल ह पर जीवन ह या नह पर आदमी यह नह ढढ रहा ह क जीवन म मगल ह या नह

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जीवन म न जान कौनसी बात ldquoआखरी rdquo होगी न जान कौन सी रात आखरी होगी ामलत जलत बात करत रहो यार एक दसर स न जान कौन सी ldquo मलाकात rdquo आखरी होगी अगर जदगी म कछ पाना ह तो तरीक बदलो इराद नह ऐ चाद त कस मज़हब का ह ईद भी तरी और करवाचौ भी तरा

उगालय क लड़ाई

(शख महबब पीरा पटल ाचषक)

एक दन हा क सभी उगालया आपस म लड़न लग अगठा बोला म सबस बड़ा सभी जगह जरी कागज पर मझस ही ानशान बनाया जाता ह तजरनी बोली-ldquoम बड़ी मर होन स ही सब लोग काम कर पात ह जस-ालखना खाना पकड़ना मधयमा बोली-ldquoअर भई कया तम नह जानत जो आकार म लबा होता ह उस ही सभी बड़ा कहत ह अनाामका सब बात चपचाप सन रही ी वह तरत बोली ndashldquo म सबस बड़ी म तो पजा करन क भी काम आती मर स ही रोलीातलक लगाया जाता ह कानाका सभी को लड़ता दखकर उदास ी वह चपचाप एक कोन म कछ सोच रही ी तभी अगठा व तीन उगालया उसक पास गई और बोली- ldquoअर छोटी तम तो बड़ी हो ही नह सकती कयक तमहारा नाम ही कानाका ह कानाका बोली ldquoसनो अगठ भाई और पयारी उगालय आपस म लड़कर कभी कसी का भला नह हो सकता हमम कोई भी बड़ा-छोटा नह ह हम सब ामलकर मी बन सकत ह तभी हम सब बलवान हग कया तमह नह मालम क बद मी म ही ताकत होती ह इसालए हमारा लड़ना बकार ह rdquo कानाका क बात सनकर सभी एक सा बोल- ldquoहा छोटी बहन तम ाबलकल सही कह रही हो सचमच अकल म तम ही हम सबस बड़ी हो rdquo

इस नीात का स एकता म बल क ाशका ा होती ह

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तलगाना- भारत का एक और नया राजय (शलबाला खडरी मानाचषकार)

तलगाना भारत क दाकी भाग म ासत भारत का 29 वा राजय ह कषल क दाप स यह दश का

बीसवा बड़ा राजय ह ाचीन हदराबाद रयासत का अाधकतम भाग तलगाना राजय म ालया गया ह जहा आजादी स पहल ानजाम का राजय ा सन 1947 म जब भारत अज क चगल स आजाद आ उसक बाद भी हदराबाद का ानजाम अपनी रयासत सय भारत म ावलीन करन क पक म नह ा वह अपनी रयासत पर अपना ही सवतष शासन चाहता ा अतत सरदार बललभ भाई पटल क अक यास स इस रयासत को भारत क मखय धारा म ावलीन कया जा सका इस कार आन दश राजय क सापना ई और 26 जनवरी 1950 को ी एमक वललोड़ी आन दश राजय क म मखयमषी ानय ए 1956 म हदराबाद रयासत को आन दश राजय म ावलीन कर दया गया

2 जन 2014 म पनः तलगाना राजय अासततव म आया आन दश राजय क उर पामी 10 ाजल को ामलाकर तलगाना राजय क सापना क गयी ह राजधानी हदराबाद भी तलगाना राजय म ासत ह परनत 10 वष तक हदराबाद दोन राजय याान आन दश और तलगाना राजय क सय राजधानी रहगी दोन राजय क शासानक कायर हदराबाद स सचाालत हग तलगाना शबद का ादभारव ाषलगा दश शबद स आ ह ाजसका अर ह तीन लगो वाला दश तलगाना राजय क तीन दशा म कालरम ीशलम और ाकारामम ास ाशव मानदर ासत ह ाजनक अपार धामक महा ह वासतव म पक तलगाना राजय क ालए 1946 स 1951 क बीच ही ारमभ हो गया ा उस समय कमयानसट पाट न इस आनदोलन का नततव कया ा जो असल रहा भाषा क आधार पर तलगाना और आन राजय को पक करन क ालए अनक आनदोलन समय-समय पर होत रह ह इनम मखय आनदोलन 19691972 और 2009 क ह इन आनदोलन का यह भाव आ क 9 दसमबर 2009 म भारत सरकार न पक तलगाना राजय बनान क कायरवाही श कर दी य घोषा सनत ही तटीय आन व सीमान कष क लोग न सम आन दश क पक म आामक आनदोलन ारमभ कर दया और ऐसी ासात म भारत सरकार न यह कायर 23 दसमबर 2009 तक सागत कर दया इसक पात भी लगातार पक तलगाना और सम आन दश क ालए अलग-अलग आनदोलन चलत रह पक तलगाना क पक म कई आतम - हतयाए ई हड़ताल क गयी ाजसस जन साधार को बत असावधा का सामना करना पड़ा अतत पक तलगाना समरक क जीत ई और कास कायरकारी सामात न सवर सहमात स 30 जलाई 2013 को पक तलगाना राजय क ासारश करत ए ाबल तयार कर दया अनक सोपान पार करत ए यह ाबल रवरी 2014 को ससद म पारत कया गया रवरी 2014 दश पनगठरन एकट क तहत यह ाबल ससद म पास हो गया इसक पात इस नय राजय तलगाना ाबल को रापात ारा सहमात ा ई और माचर 2014 क गजट म इस कााशत कया गया इस कार नय तलगाना राजय क सापना ई

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ाशासकय प स तलगाना राजय क सापना 2 जन 2014 को ई क चन शखर राव क पाट ldquoतलगाना रा सामातrdquo न चनाव म दश म बमत हाासल कया और इस कार ी कचन शखर राव तलगाना राजय क म मखय मषी चन गए

म महगाई (डॉ नीलम कमार ाबड़ला अाभलखपाल)

म महगाई महग दशभ लोग क आमष पर भारत आई तज गात लान गात म भारत आई मझ गलत मत समझो गरीब बत ठीक बमत दकर तमन ाजनको बत उठाया म तो उनह क तीक भौातक वादी यग म योग ासखाती म भख पट न सोए कोई कडालनी जगाती म धयान प म च मारकर मन जय ऊपर चढ़त-चढ़त र तक आ जाता ह भाव वसत क वस ही र तक ल आई

अब इस यग म एक तल क पीप को पा लन का अर को पा लना ह भ दशरन क झलक दखना एक टमाटर खा लना ह भारत का आदशर तयाग ह अनासा ह अपरह ह मझको पाकर लोग वसतए तयाग रह ह अपनी खद क कार छोड़ बस क पीछ भाग रह ह म लोग को तड़क भड़क स खच

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सादगी ासखाती टरीलीन क शौकन को ला पहनाती माया जीवन का बधन ह पया पसा मल हा का म वतन भोगी लोग क बधन दो दन म हर लती शी छड़ाकर मल हा का शीश सा ानमरल कर दती

नीात ालखन वाल न कम खाना या गम खाना अचछा बतलाया मन उनका कन ानभाया ाजतनी चीज महगी हगी उतना ही जन कम खाएग ाजस दन रोटी नह ामलगी उस दन खद ही कम खाएग

शकल पक क चाद सरीखी बढ़ती म खब चादनी लाऊगी अभी दज तक ही आई परमासी तक जाऊगी

करो कलपना जब भारत जन कतन सदर दखा करग ग चावल चना बाजरा जब पाड़य म ाबका करग बीमार को दध दहीघी क इजकशन लगा करग कसा मधर जागर होगा लोग भख स जगा करग

आतक हमला

(डॉ नीलम कमार ाबड़ला अाभलखपाल) 13 दसबर 2001 ससद प पाक आतक हमला 13 रवरी 2014 ससद म भारतीय आतक हमला

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शमरसार ई ससद पच ाड़ गए नयी तहजीब क झड गाड़ गए

उड़ाया गया काली ामचर का पाउडर सपीकर का नह सना आडरर आख जलन लग सास लन लगी ससद पर नगी तलवार झलन लगी

घायल आ जातष और सावधान मदर क पजारय न कया मदर का अपमान ऐस आतकय को सबक ासखाना होगा र नया इातहास बनाना होगा

बाल-म (वाइकराकश कमार खलासी)

बालपन क कलकारी धप क ताप स आ मक पोी छोड़ी कदाल खोदत हा क मार अचक कचड़ आधी म म करना आ मजबरी गरीबी क पराकाा पट और पीठ क घटती दरी कछ धनहीनता और कछ माता-ापता क मखरता कनत सबस जयादा सवा समाज क सवदनहीनता ाजसन बालक को ामक बनन को बाधय कया लखनी को छीनकर कोमल हा म छडी पकड़ायी

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गाय-बकरी क सवा करता बालय-जीवन कप अपन भावषय को दर करता अजान और अबझ ावोपाजरन क कसको ह सरत ासात तो ऐसी ई दो दान अ क ालय बालपन चोर बनन को आतर आ

दोसती

(ाचा कडयया खलासी)

गलाब एक ल ह

एक घनट म मरझा जाता ह पर दोसती एक शा ह कभी भी जीावत रहती ह

बर ठडी होती ह जो पकड़ म नह आती ह

दोसती सोन जसी ह जो कभी कोई नह खरीद सकत ह

तार क पाच अनत (END) ह चौकोन क चार अनत ह तीकोन क तीन अनत ह

एक रखा का एक अनत ह पर दोसती का कोई अनत नह ह

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मर जीवन का उशय (कमारी ाया सातव कका सपषी एम सबीता उाल)

कग नयज भारत का खतरा पाकसतान न कशमीर पर हमला कया ह कछ दन बाद helliphellip कग नयज पाकसतान क ाखला भारत क रका करत ए वीर सानक

का भारी नकसान इन खबर न भारत को ाहला दया ा म भी सोच म पड़ गयी क म भारत क ालए कया कर सकता भारत को इन हमल स कस बचा सकता मर मन म ास र एक ही खयाल आया क भारतीय सना का एक जवान ासपाही बन

जव मन यह बात अपन दोसत स कही तो उसन कहा क ासपाही बनना खतर स खाली नह ह और परवार स दर सरहद पर खतर स भर जीवन मर ालए कपद होगा लकन मन ठान ालया ा क म कछ ऐसा कगी क पर दश म मरा नाम हो ाजस दखकर मर अपन का ासर गवर स ऊचा हो जाए

मर ानय को सनकर मरी मा रोन लगी मझ लोभन दया क म ापार क मर दोसत न मझ डाकटर बनन का सझाव दया पर मन सोचा क भारत म कई डाकटर ह ापारी ह भारत को डाकटर या ापारी क नह बालक सानक क जरत ह

म भारत क ालए अपनी जान भी दन क ालए तयार मन सोचा सब अपन परवार को सराकत

रखना चाहत ह र भारत - भाम तो मरी मा ह मरी ही कय हर एक क मा ह तो हम सब का कतर बनता ह क हम इसक रका कर इसीालए मर जीवन का उशय ह क म एक ासपाही बन और भारत क सवा क

मखर ामष स समझदार शष अचछा होता ह (मासटर सनीत चौी कका सपष एम सबीता उाल)

एक दन म और मरा सबस अचछा ामष राव बठ यह सोच रह क हम परीका क ालए अभी स पढ़ाई श कर दनी चााहए या नह राव न तपाक स कहा क अभी स पढन स कोई लाभ नह होगा अगर हम परीका क एक दन पहल पढ़ग तो जयादा दमाग म रहगा तभी वहा स मरी कका का दसरा छाष रमश गजर रहा ा मझ रमश ाबलकल पसद नही ा और रमश भी मझ पसद नह करता ा बात-बात पर हम लड़ाई करत पर पढ़ाई म वह मझस बत अचछा ा उसन हमारी बात सन ली ी

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इसालए धीर सवर म मझस बोला अपन मखर ामष क बात मत सनो बस रोज मरी तरह ोड़ा-ोड़ा पढ़ो लकन मन उसक बात पर कान नह धरा एक महीन बाद परीका क दन आ पच परीका क एक दन पहल जब मन पढ़ना श कया तब पाया क पढ़न को बत ा पर समय कम ा जस -तस पढ़ कर मन परीकाए ालखी और उममीद करता रहा क म परीका म उी र हो सक कछ दन बाद परीका का पराम ानकला और वही आ ाजसका डर ा म और ामष राव अनी र हो गए दसरी ओर रमश बत अचछ अको स उी र आ उस दन मझ समझ आ गया क मखर ामष स समझदार शष अचछा होता ह

भावषय क पढ़ाई (मासटर ाशव कलया सातव कका सपष वालल कलयाी उाल)

आज जब हम पढ़ाई या सकल क बार म सोचत ह तो नजरो म एक भारी बग उठाता आ

छाष दखता ह कताब क ाबना हम सकल जान क सोच भी नह सकत कताब क सा कपयटर भी पढ़ाई का महतवपर ाहससा बन चका ह

कछ साल बाद भारी कताब स भर बग क बदल छाष क हा म टबलट होगा आकाश टबलट एक ऐसा यष ह ाजसम हम तरह-तरह क कताब पढ़ सकत ह हम कका म ही नट स जानकारी पा सकत ह टबलट ोन स बड़ा ह और जयादा महगा भी नह हम इस कह भी ल जाकर इसम कताब पढ़ सकत ह हम इसम कका का दया गया कायर भी कर सकत ह यह टबलट पढ़ाई का अदाज बदल दगा और पढ़ाई को मजदार बना दगा

पानी और धप (कमारी एस साानया पाचवी कका सपषी राजया बगम अाल)

अभी-अभी ी धप बरसन लगा कहा स यह पानी कसन ोड़ बादल को क ह इतनी शतानी

सरज न कय बद कर ालया अपन घर का दरवाज़ा उसक मा न भी कया उसको बला ालया कहकर आजा

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ज़ोर-ज़ोर स गरज़ रह ह बादल ह कसक काका कसको डाट रह ह कसन कहना नह सना मा का

परीका (कमारी शख राजया सलताना गयारहव कका सपषी शख महबब पीरा पटल ाचषक)

ाजस नाम को सनन स कापता ह बा वो ह परीका परीका पपर हा म आत ही इतना डर लगता क यद अचछा नह कया तो ापटना पा तीन घट म लगभग करन होत ह चालीस सवाल एक भी छटा तो घर म आता ह भवडर रजलट क एक दन पहल रात को नद नह आती ह अचछ नबर पान क ालए भगवान क याद आती ह पास होन पर ामलता ह इनाम और मख स ानकलता ह ldquoकय भगवान rdquo र आती ह अगली कका तब भी मख स ानकलता ह हाय र आ गयी र स परीका

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राीय साकरता (मासटर शख समीर छठी कका सपष शख महबब पीरा पटल ाचषक)

ातदन सीखो अकर एक

ानयम बना लो ऐसा पढ़ो पढ़ाओ सीखो जान

तभी बनगा दश महान ावा सा जान कराती

मन का अधरा दर भगाती जहा पर बनत लोग जानी

वहा न होती मन क हाान अनपढ़ क ालए गगी पोी

धन दौलत भी होती ोी पढ़ा ालखा नह धोखा खाता

जहा भी जाता आदर पाता

मा (मासटर शख महबब बाशा आठव कका सपष शख महबब पीरा पटल ाचषक)

सबस सनदर जग म कौन बस एक त ह मा

सबस पयारी कसक मसकान बस एक तरी ही ह मा

कसन बनायी मरी पहचान तन ही तो मरी पयारी मा

कसक बोली ामी स मीठी तरी ही ह मरी मा

कसक डाट ह इमली स तीखी तरी ही तो पयारी मा

कसक ालए क म सब कबारन तर ालए मरी पयारी मा

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ाततली (कमारी एम राशका ाशवानी पाचवी कका सपषी एम लम कमार उाल)

ाततली तम कतनी

रग-ाबरगी होती हो तम सब ल का रस पी-पीकर

बाग-बगीच म रती रहती हो तर पख कई रग क होत ह

तमहार प को दखकर ब बत खश होत ह

मरी कका

(कमारी एम राशका ाशवानी पाचवी कका सपषी एम लम कमार उाल)

मरी कका म ह पचास ब हर एक ह अलग-अलग जस एक ह लबा एक ह छोटा एक ह मोटा एक ह पतला कछ ह अचछ कछ ह बर पर लगत ह सार पयार मरी कका ह रग- ाबरगी लगती ह ाततालय का झड ह

मझ बत पसद ह कयक यह हमारी कका ह

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इसालए अचछा कमर करक पणय कमाना ह हमशा धमर क जय और पाप का कय होता ह धमर-कमर करक ावजय ा होगी लकन अधमर म जाकर नरक गामी नह होना

एकदा अनधा राजा धतरा सजय को पछा क ldquoह सजय इस धमर य म कसक जय होगी उर म सजय बोल क ldquoयष योगर कषो यष पा धनधरर तष ी ावजयो भात वा नीातमरातमरम ldquo अारत जहा योगर कष एव धनधाररी अजरन एक सा ह वहा ावजय ानात ह

इसालए दखा गया क हमशा धमर क जय और अधमर क पराजय होती ह धमर सवचछ ानमरल लकन अधमर कदाकार कात ह इसालए लोभ-लालच म वशीभत न होकर सत

कमर करो अनयाय का परतयाग करो लोभ मत करो जीवन म कप करक जो धन कमा ालया वो सब इस धरती म रह जाता ह अानतम क म सा कोई नह ल जाता इसालए अनधर म भटक नह जाना इसालए कहा गया ह क-अात लालच नह करना अात सवरष गहतम अारत अात सवरनाश का कार ह

अात दप हता लका

अात मानसय कौरवा अातदारन बाल वध अात सवरष गहतम

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टटा वक का अाभमान (चरदास नाराय गडम सवक सहायक)

वन म खड़ एक वक क सा ालपटी एक लता भी धीर-धीर वक क बराबर हो गई वक का आय

लकर उसन भी लना ndashलना आरभ कर दया बल को लत ndash लत दखकर वक को अहकार हो गया क म न होता तो लता अासततव हीन होती वह लता को धमकात ए बोला ओ बल चपचाप मरा कहना माना कर म जो कह रहा वह कया कर नह तो ध मार कर भगा दगा पड़ का लाप जारी ा क दो पाक वहा स ानकल एक बोला अर भाई जरा दखो तो यह वक कसा सदर ह इस पर कसी सदर लता पाषपत हो रही ह आओ इसक नीच ोड़ी दर ावाम कर अपना महतव लता क सा ह यह जानकर वक का अाभमान भी नप हो गया सा ndash सा रहन स ही सबक गात होती ह

बटी (डी राव बाब पटल ाचषक ड-II)

बटी घर क लाज होती ह पापा क सर का ताज होती ह दल क सदा स रही ह इचछा बटी तझको ह पाना आई हो मर जीवन म जस एक ननही कावता राह दखता म तरी जलदी स मर पास आना मा क गोद म सदा रहती हो कछ पल मर पास भी आना न चाहत ह अब धन दौलत क त ही लमी त ही मरी मत भी डर लगता ह सोचक जब एक दन छोड़ क जाएगी त कतना मझ लायगी त बटी होती ह बाबल क लाड़ली

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यह ाज़नदगी (सययद इदरीस पटल ाचषक ड ndashII)

बठ जाता ह ामी प अकसर कय क मझ अपनी औकात अचछी लगती ह

मन समनदर स सीखा ह जीन का सलीका चपचाप स बहना और अपनी मौज म रहना चाहता तो ह क य दानया बदल द पर दो व क रोटी क जगाड़ म सरत नह ामलती दोसत महगी स महगी घड़ी पहन कर दख ली व र भी मर ाहसाब स नह चलता य ही हम दल को सा रखा करत पता नह ा क कमत चहर क होती ह अगर खदा नह ह तो उसका ाज कय और अगर खदा ह तो र कय

lsquorsquoदो बात इसान को अपन स दर कर दती ह एक उसका ldquoअहम rdquo और दसरा उसका ldquo वहमrdquo पस स सख कभी खरीदा नह जाता और दख का कोई खरीदार नह होता मझ ाज़नदगी का इतना तजबार तो नह पर सना ह सादगी म लोग जीन नह दत मााचस क जरत यहा नह पड़ती यहा आदमी आदमी स जलता ह ाव क बड़ स बड़ वजाानक यह ढढ रह ह क मगल ह पर जीवन ह या नह पर आदमी यह नह ढढ रहा ह क जीवन म मगल ह या नह

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जीवन म न जान कौनसी बात ldquoआखरी rdquo होगी न जान कौन सी रात आखरी होगी ामलत जलत बात करत रहो यार एक दसर स न जान कौन सी ldquo मलाकात rdquo आखरी होगी अगर जदगी म कछ पाना ह तो तरीक बदलो इराद नह ऐ चाद त कस मज़हब का ह ईद भी तरी और करवाचौ भी तरा

उगालय क लड़ाई

(शख महबब पीरा पटल ाचषक)

एक दन हा क सभी उगालया आपस म लड़न लग अगठा बोला म सबस बड़ा सभी जगह जरी कागज पर मझस ही ानशान बनाया जाता ह तजरनी बोली-ldquoम बड़ी मर होन स ही सब लोग काम कर पात ह जस-ालखना खाना पकड़ना मधयमा बोली-ldquoअर भई कया तम नह जानत जो आकार म लबा होता ह उस ही सभी बड़ा कहत ह अनाामका सब बात चपचाप सन रही ी वह तरत बोली ndashldquo म सबस बड़ी म तो पजा करन क भी काम आती मर स ही रोलीातलक लगाया जाता ह कानाका सभी को लड़ता दखकर उदास ी वह चपचाप एक कोन म कछ सोच रही ी तभी अगठा व तीन उगालया उसक पास गई और बोली- ldquoअर छोटी तम तो बड़ी हो ही नह सकती कयक तमहारा नाम ही कानाका ह कानाका बोली ldquoसनो अगठ भाई और पयारी उगालय आपस म लड़कर कभी कसी का भला नह हो सकता हमम कोई भी बड़ा-छोटा नह ह हम सब ामलकर मी बन सकत ह तभी हम सब बलवान हग कया तमह नह मालम क बद मी म ही ताकत होती ह इसालए हमारा लड़ना बकार ह rdquo कानाका क बात सनकर सभी एक सा बोल- ldquoहा छोटी बहन तम ाबलकल सही कह रही हो सचमच अकल म तम ही हम सबस बड़ी हो rdquo

इस नीात का स एकता म बल क ाशका ा होती ह

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तलगाना- भारत का एक और नया राजय (शलबाला खडरी मानाचषकार)

तलगाना भारत क दाकी भाग म ासत भारत का 29 वा राजय ह कषल क दाप स यह दश का

बीसवा बड़ा राजय ह ाचीन हदराबाद रयासत का अाधकतम भाग तलगाना राजय म ालया गया ह जहा आजादी स पहल ानजाम का राजय ा सन 1947 म जब भारत अज क चगल स आजाद आ उसक बाद भी हदराबाद का ानजाम अपनी रयासत सय भारत म ावलीन करन क पक म नह ा वह अपनी रयासत पर अपना ही सवतष शासन चाहता ा अतत सरदार बललभ भाई पटल क अक यास स इस रयासत को भारत क मखय धारा म ावलीन कया जा सका इस कार आन दश राजय क सापना ई और 26 जनवरी 1950 को ी एमक वललोड़ी आन दश राजय क म मखयमषी ानय ए 1956 म हदराबाद रयासत को आन दश राजय म ावलीन कर दया गया

2 जन 2014 म पनः तलगाना राजय अासततव म आया आन दश राजय क उर पामी 10 ाजल को ामलाकर तलगाना राजय क सापना क गयी ह राजधानी हदराबाद भी तलगाना राजय म ासत ह परनत 10 वष तक हदराबाद दोन राजय याान आन दश और तलगाना राजय क सय राजधानी रहगी दोन राजय क शासानक कायर हदराबाद स सचाालत हग तलगाना शबद का ादभारव ाषलगा दश शबद स आ ह ाजसका अर ह तीन लगो वाला दश तलगाना राजय क तीन दशा म कालरम ीशलम और ाकारामम ास ाशव मानदर ासत ह ाजनक अपार धामक महा ह वासतव म पक तलगाना राजय क ालए 1946 स 1951 क बीच ही ारमभ हो गया ा उस समय कमयानसट पाट न इस आनदोलन का नततव कया ा जो असल रहा भाषा क आधार पर तलगाना और आन राजय को पक करन क ालए अनक आनदोलन समय-समय पर होत रह ह इनम मखय आनदोलन 19691972 और 2009 क ह इन आनदोलन का यह भाव आ क 9 दसमबर 2009 म भारत सरकार न पक तलगाना राजय बनान क कायरवाही श कर दी य घोषा सनत ही तटीय आन व सीमान कष क लोग न सम आन दश क पक म आामक आनदोलन ारमभ कर दया और ऐसी ासात म भारत सरकार न यह कायर 23 दसमबर 2009 तक सागत कर दया इसक पात भी लगातार पक तलगाना और सम आन दश क ालए अलग-अलग आनदोलन चलत रह पक तलगाना क पक म कई आतम - हतयाए ई हड़ताल क गयी ाजसस जन साधार को बत असावधा का सामना करना पड़ा अतत पक तलगाना समरक क जीत ई और कास कायरकारी सामात न सवर सहमात स 30 जलाई 2013 को पक तलगाना राजय क ासारश करत ए ाबल तयार कर दया अनक सोपान पार करत ए यह ाबल रवरी 2014 को ससद म पारत कया गया रवरी 2014 दश पनगठरन एकट क तहत यह ाबल ससद म पास हो गया इसक पात इस नय राजय तलगाना ाबल को रापात ारा सहमात ा ई और माचर 2014 क गजट म इस कााशत कया गया इस कार नय तलगाना राजय क सापना ई

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ाशासकय प स तलगाना राजय क सापना 2 जन 2014 को ई क चन शखर राव क पाट ldquoतलगाना रा सामातrdquo न चनाव म दश म बमत हाासल कया और इस कार ी कचन शखर राव तलगाना राजय क म मखय मषी चन गए

म महगाई (डॉ नीलम कमार ाबड़ला अाभलखपाल)

म महगाई महग दशभ लोग क आमष पर भारत आई तज गात लान गात म भारत आई मझ गलत मत समझो गरीब बत ठीक बमत दकर तमन ाजनको बत उठाया म तो उनह क तीक भौातक वादी यग म योग ासखाती म भख पट न सोए कोई कडालनी जगाती म धयान प म च मारकर मन जय ऊपर चढ़त-चढ़त र तक आ जाता ह भाव वसत क वस ही र तक ल आई

अब इस यग म एक तल क पीप को पा लन का अर को पा लना ह भ दशरन क झलक दखना एक टमाटर खा लना ह भारत का आदशर तयाग ह अनासा ह अपरह ह मझको पाकर लोग वसतए तयाग रह ह अपनी खद क कार छोड़ बस क पीछ भाग रह ह म लोग को तड़क भड़क स खच

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सादगी ासखाती टरीलीन क शौकन को ला पहनाती माया जीवन का बधन ह पया पसा मल हा का म वतन भोगी लोग क बधन दो दन म हर लती शी छड़ाकर मल हा का शीश सा ानमरल कर दती

नीात ालखन वाल न कम खाना या गम खाना अचछा बतलाया मन उनका कन ानभाया ाजतनी चीज महगी हगी उतना ही जन कम खाएग ाजस दन रोटी नह ामलगी उस दन खद ही कम खाएग

शकल पक क चाद सरीखी बढ़ती म खब चादनी लाऊगी अभी दज तक ही आई परमासी तक जाऊगी

करो कलपना जब भारत जन कतन सदर दखा करग ग चावल चना बाजरा जब पाड़य म ाबका करग बीमार को दध दहीघी क इजकशन लगा करग कसा मधर जागर होगा लोग भख स जगा करग

आतक हमला

(डॉ नीलम कमार ाबड़ला अाभलखपाल) 13 दसबर 2001 ससद प पाक आतक हमला 13 रवरी 2014 ससद म भारतीय आतक हमला

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शमरसार ई ससद पच ाड़ गए नयी तहजीब क झड गाड़ गए

उड़ाया गया काली ामचर का पाउडर सपीकर का नह सना आडरर आख जलन लग सास लन लगी ससद पर नगी तलवार झलन लगी

घायल आ जातष और सावधान मदर क पजारय न कया मदर का अपमान ऐस आतकय को सबक ासखाना होगा र नया इातहास बनाना होगा

बाल-म (वाइकराकश कमार खलासी)

बालपन क कलकारी धप क ताप स आ मक पोी छोड़ी कदाल खोदत हा क मार अचक कचड़ आधी म म करना आ मजबरी गरीबी क पराकाा पट और पीठ क घटती दरी कछ धनहीनता और कछ माता-ापता क मखरता कनत सबस जयादा सवा समाज क सवदनहीनता ाजसन बालक को ामक बनन को बाधय कया लखनी को छीनकर कोमल हा म छडी पकड़ायी

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गाय-बकरी क सवा करता बालय-जीवन कप अपन भावषय को दर करता अजान और अबझ ावोपाजरन क कसको ह सरत ासात तो ऐसी ई दो दान अ क ालय बालपन चोर बनन को आतर आ

दोसती

(ाचा कडयया खलासी)

गलाब एक ल ह

एक घनट म मरझा जाता ह पर दोसती एक शा ह कभी भी जीावत रहती ह

बर ठडी होती ह जो पकड़ म नह आती ह

दोसती सोन जसी ह जो कभी कोई नह खरीद सकत ह

तार क पाच अनत (END) ह चौकोन क चार अनत ह तीकोन क तीन अनत ह

एक रखा का एक अनत ह पर दोसती का कोई अनत नह ह

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मर जीवन का उशय (कमारी ाया सातव कका सपषी एम सबीता उाल)

कग नयज भारत का खतरा पाकसतान न कशमीर पर हमला कया ह कछ दन बाद helliphellip कग नयज पाकसतान क ाखला भारत क रका करत ए वीर सानक

का भारी नकसान इन खबर न भारत को ाहला दया ा म भी सोच म पड़ गयी क म भारत क ालए कया कर सकता भारत को इन हमल स कस बचा सकता मर मन म ास र एक ही खयाल आया क भारतीय सना का एक जवान ासपाही बन

जव मन यह बात अपन दोसत स कही तो उसन कहा क ासपाही बनना खतर स खाली नह ह और परवार स दर सरहद पर खतर स भर जीवन मर ालए कपद होगा लकन मन ठान ालया ा क म कछ ऐसा कगी क पर दश म मरा नाम हो ाजस दखकर मर अपन का ासर गवर स ऊचा हो जाए

मर ानय को सनकर मरी मा रोन लगी मझ लोभन दया क म ापार क मर दोसत न मझ डाकटर बनन का सझाव दया पर मन सोचा क भारत म कई डाकटर ह ापारी ह भारत को डाकटर या ापारी क नह बालक सानक क जरत ह

म भारत क ालए अपनी जान भी दन क ालए तयार मन सोचा सब अपन परवार को सराकत

रखना चाहत ह र भारत - भाम तो मरी मा ह मरी ही कय हर एक क मा ह तो हम सब का कतर बनता ह क हम इसक रका कर इसीालए मर जीवन का उशय ह क म एक ासपाही बन और भारत क सवा क

मखर ामष स समझदार शष अचछा होता ह (मासटर सनीत चौी कका सपष एम सबीता उाल)

एक दन म और मरा सबस अचछा ामष राव बठ यह सोच रह क हम परीका क ालए अभी स पढ़ाई श कर दनी चााहए या नह राव न तपाक स कहा क अभी स पढन स कोई लाभ नह होगा अगर हम परीका क एक दन पहल पढ़ग तो जयादा दमाग म रहगा तभी वहा स मरी कका का दसरा छाष रमश गजर रहा ा मझ रमश ाबलकल पसद नही ा और रमश भी मझ पसद नह करता ा बात-बात पर हम लड़ाई करत पर पढ़ाई म वह मझस बत अचछा ा उसन हमारी बात सन ली ी

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इसालए धीर सवर म मझस बोला अपन मखर ामष क बात मत सनो बस रोज मरी तरह ोड़ा-ोड़ा पढ़ो लकन मन उसक बात पर कान नह धरा एक महीन बाद परीका क दन आ पच परीका क एक दन पहल जब मन पढ़ना श कया तब पाया क पढ़न को बत ा पर समय कम ा जस -तस पढ़ कर मन परीकाए ालखी और उममीद करता रहा क म परीका म उी र हो सक कछ दन बाद परीका का पराम ानकला और वही आ ाजसका डर ा म और ामष राव अनी र हो गए दसरी ओर रमश बत अचछ अको स उी र आ उस दन मझ समझ आ गया क मखर ामष स समझदार शष अचछा होता ह

भावषय क पढ़ाई (मासटर ाशव कलया सातव कका सपष वालल कलयाी उाल)

आज जब हम पढ़ाई या सकल क बार म सोचत ह तो नजरो म एक भारी बग उठाता आ

छाष दखता ह कताब क ाबना हम सकल जान क सोच भी नह सकत कताब क सा कपयटर भी पढ़ाई का महतवपर ाहससा बन चका ह

कछ साल बाद भारी कताब स भर बग क बदल छाष क हा म टबलट होगा आकाश टबलट एक ऐसा यष ह ाजसम हम तरह-तरह क कताब पढ़ सकत ह हम कका म ही नट स जानकारी पा सकत ह टबलट ोन स बड़ा ह और जयादा महगा भी नह हम इस कह भी ल जाकर इसम कताब पढ़ सकत ह हम इसम कका का दया गया कायर भी कर सकत ह यह टबलट पढ़ाई का अदाज बदल दगा और पढ़ाई को मजदार बना दगा

पानी और धप (कमारी एस साानया पाचवी कका सपषी राजया बगम अाल)

अभी-अभी ी धप बरसन लगा कहा स यह पानी कसन ोड़ बादल को क ह इतनी शतानी

सरज न कय बद कर ालया अपन घर का दरवाज़ा उसक मा न भी कया उसको बला ालया कहकर आजा

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ज़ोर-ज़ोर स गरज़ रह ह बादल ह कसक काका कसको डाट रह ह कसन कहना नह सना मा का

परीका (कमारी शख राजया सलताना गयारहव कका सपषी शख महबब पीरा पटल ाचषक)

ाजस नाम को सनन स कापता ह बा वो ह परीका परीका पपर हा म आत ही इतना डर लगता क यद अचछा नह कया तो ापटना पा तीन घट म लगभग करन होत ह चालीस सवाल एक भी छटा तो घर म आता ह भवडर रजलट क एक दन पहल रात को नद नह आती ह अचछ नबर पान क ालए भगवान क याद आती ह पास होन पर ामलता ह इनाम और मख स ानकलता ह ldquoकय भगवान rdquo र आती ह अगली कका तब भी मख स ानकलता ह हाय र आ गयी र स परीका

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राीय साकरता (मासटर शख समीर छठी कका सपष शख महबब पीरा पटल ाचषक)

ातदन सीखो अकर एक

ानयम बना लो ऐसा पढ़ो पढ़ाओ सीखो जान

तभी बनगा दश महान ावा सा जान कराती

मन का अधरा दर भगाती जहा पर बनत लोग जानी

वहा न होती मन क हाान अनपढ़ क ालए गगी पोी

धन दौलत भी होती ोी पढ़ा ालखा नह धोखा खाता

जहा भी जाता आदर पाता

मा (मासटर शख महबब बाशा आठव कका सपष शख महबब पीरा पटल ाचषक)

सबस सनदर जग म कौन बस एक त ह मा

सबस पयारी कसक मसकान बस एक तरी ही ह मा

कसन बनायी मरी पहचान तन ही तो मरी पयारी मा

कसक बोली ामी स मीठी तरी ही ह मरी मा

कसक डाट ह इमली स तीखी तरी ही तो पयारी मा

कसक ालए क म सब कबारन तर ालए मरी पयारी मा

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ाततली (कमारी एम राशका ाशवानी पाचवी कका सपषी एम लम कमार उाल)

ाततली तम कतनी

रग-ाबरगी होती हो तम सब ल का रस पी-पीकर

बाग-बगीच म रती रहती हो तर पख कई रग क होत ह

तमहार प को दखकर ब बत खश होत ह

मरी कका

(कमारी एम राशका ाशवानी पाचवी कका सपषी एम लम कमार उाल)

मरी कका म ह पचास ब हर एक ह अलग-अलग जस एक ह लबा एक ह छोटा एक ह मोटा एक ह पतला कछ ह अचछ कछ ह बर पर लगत ह सार पयार मरी कका ह रग- ाबरगी लगती ह ाततालय का झड ह

मझ बत पसद ह कयक यह हमारी कका ह

Page 40: कलाकल - Home: Survey of · PDF fileतेलंगाना-भारत का एक ... भी यह पि का ‘कलाकल‘ सुनदर प म िनखर

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टटा वक का अाभमान (चरदास नाराय गडम सवक सहायक)

वन म खड़ एक वक क सा ालपटी एक लता भी धीर-धीर वक क बराबर हो गई वक का आय

लकर उसन भी लना ndashलना आरभ कर दया बल को लत ndash लत दखकर वक को अहकार हो गया क म न होता तो लता अासततव हीन होती वह लता को धमकात ए बोला ओ बल चपचाप मरा कहना माना कर म जो कह रहा वह कया कर नह तो ध मार कर भगा दगा पड़ का लाप जारी ा क दो पाक वहा स ानकल एक बोला अर भाई जरा दखो तो यह वक कसा सदर ह इस पर कसी सदर लता पाषपत हो रही ह आओ इसक नीच ोड़ी दर ावाम कर अपना महतव लता क सा ह यह जानकर वक का अाभमान भी नप हो गया सा ndash सा रहन स ही सबक गात होती ह

बटी (डी राव बाब पटल ाचषक ड-II)

बटी घर क लाज होती ह पापा क सर का ताज होती ह दल क सदा स रही ह इचछा बटी तझको ह पाना आई हो मर जीवन म जस एक ननही कावता राह दखता म तरी जलदी स मर पास आना मा क गोद म सदा रहती हो कछ पल मर पास भी आना न चाहत ह अब धन दौलत क त ही लमी त ही मरी मत भी डर लगता ह सोचक जब एक दन छोड़ क जाएगी त कतना मझ लायगी त बटी होती ह बाबल क लाड़ली

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यह ाज़नदगी (सययद इदरीस पटल ाचषक ड ndashII)

बठ जाता ह ामी प अकसर कय क मझ अपनी औकात अचछी लगती ह

मन समनदर स सीखा ह जीन का सलीका चपचाप स बहना और अपनी मौज म रहना चाहता तो ह क य दानया बदल द पर दो व क रोटी क जगाड़ म सरत नह ामलती दोसत महगी स महगी घड़ी पहन कर दख ली व र भी मर ाहसाब स नह चलता य ही हम दल को सा रखा करत पता नह ा क कमत चहर क होती ह अगर खदा नह ह तो उसका ाज कय और अगर खदा ह तो र कय

lsquorsquoदो बात इसान को अपन स दर कर दती ह एक उसका ldquoअहम rdquo और दसरा उसका ldquo वहमrdquo पस स सख कभी खरीदा नह जाता और दख का कोई खरीदार नह होता मझ ाज़नदगी का इतना तजबार तो नह पर सना ह सादगी म लोग जीन नह दत मााचस क जरत यहा नह पड़ती यहा आदमी आदमी स जलता ह ाव क बड़ स बड़ वजाानक यह ढढ रह ह क मगल ह पर जीवन ह या नह पर आदमी यह नह ढढ रहा ह क जीवन म मगल ह या नह

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जीवन म न जान कौनसी बात ldquoआखरी rdquo होगी न जान कौन सी रात आखरी होगी ामलत जलत बात करत रहो यार एक दसर स न जान कौन सी ldquo मलाकात rdquo आखरी होगी अगर जदगी म कछ पाना ह तो तरीक बदलो इराद नह ऐ चाद त कस मज़हब का ह ईद भी तरी और करवाचौ भी तरा

उगालय क लड़ाई

(शख महबब पीरा पटल ाचषक)

एक दन हा क सभी उगालया आपस म लड़न लग अगठा बोला म सबस बड़ा सभी जगह जरी कागज पर मझस ही ानशान बनाया जाता ह तजरनी बोली-ldquoम बड़ी मर होन स ही सब लोग काम कर पात ह जस-ालखना खाना पकड़ना मधयमा बोली-ldquoअर भई कया तम नह जानत जो आकार म लबा होता ह उस ही सभी बड़ा कहत ह अनाामका सब बात चपचाप सन रही ी वह तरत बोली ndashldquo म सबस बड़ी म तो पजा करन क भी काम आती मर स ही रोलीातलक लगाया जाता ह कानाका सभी को लड़ता दखकर उदास ी वह चपचाप एक कोन म कछ सोच रही ी तभी अगठा व तीन उगालया उसक पास गई और बोली- ldquoअर छोटी तम तो बड़ी हो ही नह सकती कयक तमहारा नाम ही कानाका ह कानाका बोली ldquoसनो अगठ भाई और पयारी उगालय आपस म लड़कर कभी कसी का भला नह हो सकता हमम कोई भी बड़ा-छोटा नह ह हम सब ामलकर मी बन सकत ह तभी हम सब बलवान हग कया तमह नह मालम क बद मी म ही ताकत होती ह इसालए हमारा लड़ना बकार ह rdquo कानाका क बात सनकर सभी एक सा बोल- ldquoहा छोटी बहन तम ाबलकल सही कह रही हो सचमच अकल म तम ही हम सबस बड़ी हो rdquo

इस नीात का स एकता म बल क ाशका ा होती ह

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तलगाना- भारत का एक और नया राजय (शलबाला खडरी मानाचषकार)

तलगाना भारत क दाकी भाग म ासत भारत का 29 वा राजय ह कषल क दाप स यह दश का

बीसवा बड़ा राजय ह ाचीन हदराबाद रयासत का अाधकतम भाग तलगाना राजय म ालया गया ह जहा आजादी स पहल ानजाम का राजय ा सन 1947 म जब भारत अज क चगल स आजाद आ उसक बाद भी हदराबाद का ानजाम अपनी रयासत सय भारत म ावलीन करन क पक म नह ा वह अपनी रयासत पर अपना ही सवतष शासन चाहता ा अतत सरदार बललभ भाई पटल क अक यास स इस रयासत को भारत क मखय धारा म ावलीन कया जा सका इस कार आन दश राजय क सापना ई और 26 जनवरी 1950 को ी एमक वललोड़ी आन दश राजय क म मखयमषी ानय ए 1956 म हदराबाद रयासत को आन दश राजय म ावलीन कर दया गया

2 जन 2014 म पनः तलगाना राजय अासततव म आया आन दश राजय क उर पामी 10 ाजल को ामलाकर तलगाना राजय क सापना क गयी ह राजधानी हदराबाद भी तलगाना राजय म ासत ह परनत 10 वष तक हदराबाद दोन राजय याान आन दश और तलगाना राजय क सय राजधानी रहगी दोन राजय क शासानक कायर हदराबाद स सचाालत हग तलगाना शबद का ादभारव ाषलगा दश शबद स आ ह ाजसका अर ह तीन लगो वाला दश तलगाना राजय क तीन दशा म कालरम ीशलम और ाकारामम ास ाशव मानदर ासत ह ाजनक अपार धामक महा ह वासतव म पक तलगाना राजय क ालए 1946 स 1951 क बीच ही ारमभ हो गया ा उस समय कमयानसट पाट न इस आनदोलन का नततव कया ा जो असल रहा भाषा क आधार पर तलगाना और आन राजय को पक करन क ालए अनक आनदोलन समय-समय पर होत रह ह इनम मखय आनदोलन 19691972 और 2009 क ह इन आनदोलन का यह भाव आ क 9 दसमबर 2009 म भारत सरकार न पक तलगाना राजय बनान क कायरवाही श कर दी य घोषा सनत ही तटीय आन व सीमान कष क लोग न सम आन दश क पक म आामक आनदोलन ारमभ कर दया और ऐसी ासात म भारत सरकार न यह कायर 23 दसमबर 2009 तक सागत कर दया इसक पात भी लगातार पक तलगाना और सम आन दश क ालए अलग-अलग आनदोलन चलत रह पक तलगाना क पक म कई आतम - हतयाए ई हड़ताल क गयी ाजसस जन साधार को बत असावधा का सामना करना पड़ा अतत पक तलगाना समरक क जीत ई और कास कायरकारी सामात न सवर सहमात स 30 जलाई 2013 को पक तलगाना राजय क ासारश करत ए ाबल तयार कर दया अनक सोपान पार करत ए यह ाबल रवरी 2014 को ससद म पारत कया गया रवरी 2014 दश पनगठरन एकट क तहत यह ाबल ससद म पास हो गया इसक पात इस नय राजय तलगाना ाबल को रापात ारा सहमात ा ई और माचर 2014 क गजट म इस कााशत कया गया इस कार नय तलगाना राजय क सापना ई

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ाशासकय प स तलगाना राजय क सापना 2 जन 2014 को ई क चन शखर राव क पाट ldquoतलगाना रा सामातrdquo न चनाव म दश म बमत हाासल कया और इस कार ी कचन शखर राव तलगाना राजय क म मखय मषी चन गए

म महगाई (डॉ नीलम कमार ाबड़ला अाभलखपाल)

म महगाई महग दशभ लोग क आमष पर भारत आई तज गात लान गात म भारत आई मझ गलत मत समझो गरीब बत ठीक बमत दकर तमन ाजनको बत उठाया म तो उनह क तीक भौातक वादी यग म योग ासखाती म भख पट न सोए कोई कडालनी जगाती म धयान प म च मारकर मन जय ऊपर चढ़त-चढ़त र तक आ जाता ह भाव वसत क वस ही र तक ल आई

अब इस यग म एक तल क पीप को पा लन का अर को पा लना ह भ दशरन क झलक दखना एक टमाटर खा लना ह भारत का आदशर तयाग ह अनासा ह अपरह ह मझको पाकर लोग वसतए तयाग रह ह अपनी खद क कार छोड़ बस क पीछ भाग रह ह म लोग को तड़क भड़क स खच

38

सादगी ासखाती टरीलीन क शौकन को ला पहनाती माया जीवन का बधन ह पया पसा मल हा का म वतन भोगी लोग क बधन दो दन म हर लती शी छड़ाकर मल हा का शीश सा ानमरल कर दती

नीात ालखन वाल न कम खाना या गम खाना अचछा बतलाया मन उनका कन ानभाया ाजतनी चीज महगी हगी उतना ही जन कम खाएग ाजस दन रोटी नह ामलगी उस दन खद ही कम खाएग

शकल पक क चाद सरीखी बढ़ती म खब चादनी लाऊगी अभी दज तक ही आई परमासी तक जाऊगी

करो कलपना जब भारत जन कतन सदर दखा करग ग चावल चना बाजरा जब पाड़य म ाबका करग बीमार को दध दहीघी क इजकशन लगा करग कसा मधर जागर होगा लोग भख स जगा करग

आतक हमला

(डॉ नीलम कमार ाबड़ला अाभलखपाल) 13 दसबर 2001 ससद प पाक आतक हमला 13 रवरी 2014 ससद म भारतीय आतक हमला

39

शमरसार ई ससद पच ाड़ गए नयी तहजीब क झड गाड़ गए

उड़ाया गया काली ामचर का पाउडर सपीकर का नह सना आडरर आख जलन लग सास लन लगी ससद पर नगी तलवार झलन लगी

घायल आ जातष और सावधान मदर क पजारय न कया मदर का अपमान ऐस आतकय को सबक ासखाना होगा र नया इातहास बनाना होगा

बाल-म (वाइकराकश कमार खलासी)

बालपन क कलकारी धप क ताप स आ मक पोी छोड़ी कदाल खोदत हा क मार अचक कचड़ आधी म म करना आ मजबरी गरीबी क पराकाा पट और पीठ क घटती दरी कछ धनहीनता और कछ माता-ापता क मखरता कनत सबस जयादा सवा समाज क सवदनहीनता ाजसन बालक को ामक बनन को बाधय कया लखनी को छीनकर कोमल हा म छडी पकड़ायी

40

गाय-बकरी क सवा करता बालय-जीवन कप अपन भावषय को दर करता अजान और अबझ ावोपाजरन क कसको ह सरत ासात तो ऐसी ई दो दान अ क ालय बालपन चोर बनन को आतर आ

दोसती

(ाचा कडयया खलासी)

गलाब एक ल ह

एक घनट म मरझा जाता ह पर दोसती एक शा ह कभी भी जीावत रहती ह

बर ठडी होती ह जो पकड़ म नह आती ह

दोसती सोन जसी ह जो कभी कोई नह खरीद सकत ह

तार क पाच अनत (END) ह चौकोन क चार अनत ह तीकोन क तीन अनत ह

एक रखा का एक अनत ह पर दोसती का कोई अनत नह ह

41

मर जीवन का उशय (कमारी ाया सातव कका सपषी एम सबीता उाल)

कग नयज भारत का खतरा पाकसतान न कशमीर पर हमला कया ह कछ दन बाद helliphellip कग नयज पाकसतान क ाखला भारत क रका करत ए वीर सानक

का भारी नकसान इन खबर न भारत को ाहला दया ा म भी सोच म पड़ गयी क म भारत क ालए कया कर सकता भारत को इन हमल स कस बचा सकता मर मन म ास र एक ही खयाल आया क भारतीय सना का एक जवान ासपाही बन

जव मन यह बात अपन दोसत स कही तो उसन कहा क ासपाही बनना खतर स खाली नह ह और परवार स दर सरहद पर खतर स भर जीवन मर ालए कपद होगा लकन मन ठान ालया ा क म कछ ऐसा कगी क पर दश म मरा नाम हो ाजस दखकर मर अपन का ासर गवर स ऊचा हो जाए

मर ानय को सनकर मरी मा रोन लगी मझ लोभन दया क म ापार क मर दोसत न मझ डाकटर बनन का सझाव दया पर मन सोचा क भारत म कई डाकटर ह ापारी ह भारत को डाकटर या ापारी क नह बालक सानक क जरत ह

म भारत क ालए अपनी जान भी दन क ालए तयार मन सोचा सब अपन परवार को सराकत

रखना चाहत ह र भारत - भाम तो मरी मा ह मरी ही कय हर एक क मा ह तो हम सब का कतर बनता ह क हम इसक रका कर इसीालए मर जीवन का उशय ह क म एक ासपाही बन और भारत क सवा क

मखर ामष स समझदार शष अचछा होता ह (मासटर सनीत चौी कका सपष एम सबीता उाल)

एक दन म और मरा सबस अचछा ामष राव बठ यह सोच रह क हम परीका क ालए अभी स पढ़ाई श कर दनी चााहए या नह राव न तपाक स कहा क अभी स पढन स कोई लाभ नह होगा अगर हम परीका क एक दन पहल पढ़ग तो जयादा दमाग म रहगा तभी वहा स मरी कका का दसरा छाष रमश गजर रहा ा मझ रमश ाबलकल पसद नही ा और रमश भी मझ पसद नह करता ा बात-बात पर हम लड़ाई करत पर पढ़ाई म वह मझस बत अचछा ा उसन हमारी बात सन ली ी

42

इसालए धीर सवर म मझस बोला अपन मखर ामष क बात मत सनो बस रोज मरी तरह ोड़ा-ोड़ा पढ़ो लकन मन उसक बात पर कान नह धरा एक महीन बाद परीका क दन आ पच परीका क एक दन पहल जब मन पढ़ना श कया तब पाया क पढ़न को बत ा पर समय कम ा जस -तस पढ़ कर मन परीकाए ालखी और उममीद करता रहा क म परीका म उी र हो सक कछ दन बाद परीका का पराम ानकला और वही आ ाजसका डर ा म और ामष राव अनी र हो गए दसरी ओर रमश बत अचछ अको स उी र आ उस दन मझ समझ आ गया क मखर ामष स समझदार शष अचछा होता ह

भावषय क पढ़ाई (मासटर ाशव कलया सातव कका सपष वालल कलयाी उाल)

आज जब हम पढ़ाई या सकल क बार म सोचत ह तो नजरो म एक भारी बग उठाता आ

छाष दखता ह कताब क ाबना हम सकल जान क सोच भी नह सकत कताब क सा कपयटर भी पढ़ाई का महतवपर ाहससा बन चका ह

कछ साल बाद भारी कताब स भर बग क बदल छाष क हा म टबलट होगा आकाश टबलट एक ऐसा यष ह ाजसम हम तरह-तरह क कताब पढ़ सकत ह हम कका म ही नट स जानकारी पा सकत ह टबलट ोन स बड़ा ह और जयादा महगा भी नह हम इस कह भी ल जाकर इसम कताब पढ़ सकत ह हम इसम कका का दया गया कायर भी कर सकत ह यह टबलट पढ़ाई का अदाज बदल दगा और पढ़ाई को मजदार बना दगा

पानी और धप (कमारी एस साानया पाचवी कका सपषी राजया बगम अाल)

अभी-अभी ी धप बरसन लगा कहा स यह पानी कसन ोड़ बादल को क ह इतनी शतानी

सरज न कय बद कर ालया अपन घर का दरवाज़ा उसक मा न भी कया उसको बला ालया कहकर आजा

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ज़ोर-ज़ोर स गरज़ रह ह बादल ह कसक काका कसको डाट रह ह कसन कहना नह सना मा का

परीका (कमारी शख राजया सलताना गयारहव कका सपषी शख महबब पीरा पटल ाचषक)

ाजस नाम को सनन स कापता ह बा वो ह परीका परीका पपर हा म आत ही इतना डर लगता क यद अचछा नह कया तो ापटना पा तीन घट म लगभग करन होत ह चालीस सवाल एक भी छटा तो घर म आता ह भवडर रजलट क एक दन पहल रात को नद नह आती ह अचछ नबर पान क ालए भगवान क याद आती ह पास होन पर ामलता ह इनाम और मख स ानकलता ह ldquoकय भगवान rdquo र आती ह अगली कका तब भी मख स ानकलता ह हाय र आ गयी र स परीका

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राीय साकरता (मासटर शख समीर छठी कका सपष शख महबब पीरा पटल ाचषक)

ातदन सीखो अकर एक

ानयम बना लो ऐसा पढ़ो पढ़ाओ सीखो जान

तभी बनगा दश महान ावा सा जान कराती

मन का अधरा दर भगाती जहा पर बनत लोग जानी

वहा न होती मन क हाान अनपढ़ क ालए गगी पोी

धन दौलत भी होती ोी पढ़ा ालखा नह धोखा खाता

जहा भी जाता आदर पाता

मा (मासटर शख महबब बाशा आठव कका सपष शख महबब पीरा पटल ाचषक)

सबस सनदर जग म कौन बस एक त ह मा

सबस पयारी कसक मसकान बस एक तरी ही ह मा

कसन बनायी मरी पहचान तन ही तो मरी पयारी मा

कसक बोली ामी स मीठी तरी ही ह मरी मा

कसक डाट ह इमली स तीखी तरी ही तो पयारी मा

कसक ालए क म सब कबारन तर ालए मरी पयारी मा

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ाततली (कमारी एम राशका ाशवानी पाचवी कका सपषी एम लम कमार उाल)

ाततली तम कतनी

रग-ाबरगी होती हो तम सब ल का रस पी-पीकर

बाग-बगीच म रती रहती हो तर पख कई रग क होत ह

तमहार प को दखकर ब बत खश होत ह

मरी कका

(कमारी एम राशका ाशवानी पाचवी कका सपषी एम लम कमार उाल)

मरी कका म ह पचास ब हर एक ह अलग-अलग जस एक ह लबा एक ह छोटा एक ह मोटा एक ह पतला कछ ह अचछ कछ ह बर पर लगत ह सार पयार मरी कका ह रग- ाबरगी लगती ह ाततालय का झड ह

मझ बत पसद ह कयक यह हमारी कका ह

Page 41: कलाकल - Home: Survey of · PDF fileतेलंगाना-भारत का एक ... भी यह पि का ‘कलाकल‘ सुनदर प म िनखर

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यह ाज़नदगी (सययद इदरीस पटल ाचषक ड ndashII)

बठ जाता ह ामी प अकसर कय क मझ अपनी औकात अचछी लगती ह

मन समनदर स सीखा ह जीन का सलीका चपचाप स बहना और अपनी मौज म रहना चाहता तो ह क य दानया बदल द पर दो व क रोटी क जगाड़ म सरत नह ामलती दोसत महगी स महगी घड़ी पहन कर दख ली व र भी मर ाहसाब स नह चलता य ही हम दल को सा रखा करत पता नह ा क कमत चहर क होती ह अगर खदा नह ह तो उसका ाज कय और अगर खदा ह तो र कय

lsquorsquoदो बात इसान को अपन स दर कर दती ह एक उसका ldquoअहम rdquo और दसरा उसका ldquo वहमrdquo पस स सख कभी खरीदा नह जाता और दख का कोई खरीदार नह होता मझ ाज़नदगी का इतना तजबार तो नह पर सना ह सादगी म लोग जीन नह दत मााचस क जरत यहा नह पड़ती यहा आदमी आदमी स जलता ह ाव क बड़ स बड़ वजाानक यह ढढ रह ह क मगल ह पर जीवन ह या नह पर आदमी यह नह ढढ रहा ह क जीवन म मगल ह या नह

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जीवन म न जान कौनसी बात ldquoआखरी rdquo होगी न जान कौन सी रात आखरी होगी ामलत जलत बात करत रहो यार एक दसर स न जान कौन सी ldquo मलाकात rdquo आखरी होगी अगर जदगी म कछ पाना ह तो तरीक बदलो इराद नह ऐ चाद त कस मज़हब का ह ईद भी तरी और करवाचौ भी तरा

उगालय क लड़ाई

(शख महबब पीरा पटल ाचषक)

एक दन हा क सभी उगालया आपस म लड़न लग अगठा बोला म सबस बड़ा सभी जगह जरी कागज पर मझस ही ानशान बनाया जाता ह तजरनी बोली-ldquoम बड़ी मर होन स ही सब लोग काम कर पात ह जस-ालखना खाना पकड़ना मधयमा बोली-ldquoअर भई कया तम नह जानत जो आकार म लबा होता ह उस ही सभी बड़ा कहत ह अनाामका सब बात चपचाप सन रही ी वह तरत बोली ndashldquo म सबस बड़ी म तो पजा करन क भी काम आती मर स ही रोलीातलक लगाया जाता ह कानाका सभी को लड़ता दखकर उदास ी वह चपचाप एक कोन म कछ सोच रही ी तभी अगठा व तीन उगालया उसक पास गई और बोली- ldquoअर छोटी तम तो बड़ी हो ही नह सकती कयक तमहारा नाम ही कानाका ह कानाका बोली ldquoसनो अगठ भाई और पयारी उगालय आपस म लड़कर कभी कसी का भला नह हो सकता हमम कोई भी बड़ा-छोटा नह ह हम सब ामलकर मी बन सकत ह तभी हम सब बलवान हग कया तमह नह मालम क बद मी म ही ताकत होती ह इसालए हमारा लड़ना बकार ह rdquo कानाका क बात सनकर सभी एक सा बोल- ldquoहा छोटी बहन तम ाबलकल सही कह रही हो सचमच अकल म तम ही हम सबस बड़ी हो rdquo

इस नीात का स एकता म बल क ाशका ा होती ह

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तलगाना- भारत का एक और नया राजय (शलबाला खडरी मानाचषकार)

तलगाना भारत क दाकी भाग म ासत भारत का 29 वा राजय ह कषल क दाप स यह दश का

बीसवा बड़ा राजय ह ाचीन हदराबाद रयासत का अाधकतम भाग तलगाना राजय म ालया गया ह जहा आजादी स पहल ानजाम का राजय ा सन 1947 म जब भारत अज क चगल स आजाद आ उसक बाद भी हदराबाद का ानजाम अपनी रयासत सय भारत म ावलीन करन क पक म नह ा वह अपनी रयासत पर अपना ही सवतष शासन चाहता ा अतत सरदार बललभ भाई पटल क अक यास स इस रयासत को भारत क मखय धारा म ावलीन कया जा सका इस कार आन दश राजय क सापना ई और 26 जनवरी 1950 को ी एमक वललोड़ी आन दश राजय क म मखयमषी ानय ए 1956 म हदराबाद रयासत को आन दश राजय म ावलीन कर दया गया

2 जन 2014 म पनः तलगाना राजय अासततव म आया आन दश राजय क उर पामी 10 ाजल को ामलाकर तलगाना राजय क सापना क गयी ह राजधानी हदराबाद भी तलगाना राजय म ासत ह परनत 10 वष तक हदराबाद दोन राजय याान आन दश और तलगाना राजय क सय राजधानी रहगी दोन राजय क शासानक कायर हदराबाद स सचाालत हग तलगाना शबद का ादभारव ाषलगा दश शबद स आ ह ाजसका अर ह तीन लगो वाला दश तलगाना राजय क तीन दशा म कालरम ीशलम और ाकारामम ास ाशव मानदर ासत ह ाजनक अपार धामक महा ह वासतव म पक तलगाना राजय क ालए 1946 स 1951 क बीच ही ारमभ हो गया ा उस समय कमयानसट पाट न इस आनदोलन का नततव कया ा जो असल रहा भाषा क आधार पर तलगाना और आन राजय को पक करन क ालए अनक आनदोलन समय-समय पर होत रह ह इनम मखय आनदोलन 19691972 और 2009 क ह इन आनदोलन का यह भाव आ क 9 दसमबर 2009 म भारत सरकार न पक तलगाना राजय बनान क कायरवाही श कर दी य घोषा सनत ही तटीय आन व सीमान कष क लोग न सम आन दश क पक म आामक आनदोलन ारमभ कर दया और ऐसी ासात म भारत सरकार न यह कायर 23 दसमबर 2009 तक सागत कर दया इसक पात भी लगातार पक तलगाना और सम आन दश क ालए अलग-अलग आनदोलन चलत रह पक तलगाना क पक म कई आतम - हतयाए ई हड़ताल क गयी ाजसस जन साधार को बत असावधा का सामना करना पड़ा अतत पक तलगाना समरक क जीत ई और कास कायरकारी सामात न सवर सहमात स 30 जलाई 2013 को पक तलगाना राजय क ासारश करत ए ाबल तयार कर दया अनक सोपान पार करत ए यह ाबल रवरी 2014 को ससद म पारत कया गया रवरी 2014 दश पनगठरन एकट क तहत यह ाबल ससद म पास हो गया इसक पात इस नय राजय तलगाना ाबल को रापात ारा सहमात ा ई और माचर 2014 क गजट म इस कााशत कया गया इस कार नय तलगाना राजय क सापना ई

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ाशासकय प स तलगाना राजय क सापना 2 जन 2014 को ई क चन शखर राव क पाट ldquoतलगाना रा सामातrdquo न चनाव म दश म बमत हाासल कया और इस कार ी कचन शखर राव तलगाना राजय क म मखय मषी चन गए

म महगाई (डॉ नीलम कमार ाबड़ला अाभलखपाल)

म महगाई महग दशभ लोग क आमष पर भारत आई तज गात लान गात म भारत आई मझ गलत मत समझो गरीब बत ठीक बमत दकर तमन ाजनको बत उठाया म तो उनह क तीक भौातक वादी यग म योग ासखाती म भख पट न सोए कोई कडालनी जगाती म धयान प म च मारकर मन जय ऊपर चढ़त-चढ़त र तक आ जाता ह भाव वसत क वस ही र तक ल आई

अब इस यग म एक तल क पीप को पा लन का अर को पा लना ह भ दशरन क झलक दखना एक टमाटर खा लना ह भारत का आदशर तयाग ह अनासा ह अपरह ह मझको पाकर लोग वसतए तयाग रह ह अपनी खद क कार छोड़ बस क पीछ भाग रह ह म लोग को तड़क भड़क स खच

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सादगी ासखाती टरीलीन क शौकन को ला पहनाती माया जीवन का बधन ह पया पसा मल हा का म वतन भोगी लोग क बधन दो दन म हर लती शी छड़ाकर मल हा का शीश सा ानमरल कर दती

नीात ालखन वाल न कम खाना या गम खाना अचछा बतलाया मन उनका कन ानभाया ाजतनी चीज महगी हगी उतना ही जन कम खाएग ाजस दन रोटी नह ामलगी उस दन खद ही कम खाएग

शकल पक क चाद सरीखी बढ़ती म खब चादनी लाऊगी अभी दज तक ही आई परमासी तक जाऊगी

करो कलपना जब भारत जन कतन सदर दखा करग ग चावल चना बाजरा जब पाड़य म ाबका करग बीमार को दध दहीघी क इजकशन लगा करग कसा मधर जागर होगा लोग भख स जगा करग

आतक हमला

(डॉ नीलम कमार ाबड़ला अाभलखपाल) 13 दसबर 2001 ससद प पाक आतक हमला 13 रवरी 2014 ससद म भारतीय आतक हमला

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शमरसार ई ससद पच ाड़ गए नयी तहजीब क झड गाड़ गए

उड़ाया गया काली ामचर का पाउडर सपीकर का नह सना आडरर आख जलन लग सास लन लगी ससद पर नगी तलवार झलन लगी

घायल आ जातष और सावधान मदर क पजारय न कया मदर का अपमान ऐस आतकय को सबक ासखाना होगा र नया इातहास बनाना होगा

बाल-म (वाइकराकश कमार खलासी)

बालपन क कलकारी धप क ताप स आ मक पोी छोड़ी कदाल खोदत हा क मार अचक कचड़ आधी म म करना आ मजबरी गरीबी क पराकाा पट और पीठ क घटती दरी कछ धनहीनता और कछ माता-ापता क मखरता कनत सबस जयादा सवा समाज क सवदनहीनता ाजसन बालक को ामक बनन को बाधय कया लखनी को छीनकर कोमल हा म छडी पकड़ायी

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गाय-बकरी क सवा करता बालय-जीवन कप अपन भावषय को दर करता अजान और अबझ ावोपाजरन क कसको ह सरत ासात तो ऐसी ई दो दान अ क ालय बालपन चोर बनन को आतर आ

दोसती

(ाचा कडयया खलासी)

गलाब एक ल ह

एक घनट म मरझा जाता ह पर दोसती एक शा ह कभी भी जीावत रहती ह

बर ठडी होती ह जो पकड़ म नह आती ह

दोसती सोन जसी ह जो कभी कोई नह खरीद सकत ह

तार क पाच अनत (END) ह चौकोन क चार अनत ह तीकोन क तीन अनत ह

एक रखा का एक अनत ह पर दोसती का कोई अनत नह ह

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मर जीवन का उशय (कमारी ाया सातव कका सपषी एम सबीता उाल)

कग नयज भारत का खतरा पाकसतान न कशमीर पर हमला कया ह कछ दन बाद helliphellip कग नयज पाकसतान क ाखला भारत क रका करत ए वीर सानक

का भारी नकसान इन खबर न भारत को ाहला दया ा म भी सोच म पड़ गयी क म भारत क ालए कया कर सकता भारत को इन हमल स कस बचा सकता मर मन म ास र एक ही खयाल आया क भारतीय सना का एक जवान ासपाही बन

जव मन यह बात अपन दोसत स कही तो उसन कहा क ासपाही बनना खतर स खाली नह ह और परवार स दर सरहद पर खतर स भर जीवन मर ालए कपद होगा लकन मन ठान ालया ा क म कछ ऐसा कगी क पर दश म मरा नाम हो ाजस दखकर मर अपन का ासर गवर स ऊचा हो जाए

मर ानय को सनकर मरी मा रोन लगी मझ लोभन दया क म ापार क मर दोसत न मझ डाकटर बनन का सझाव दया पर मन सोचा क भारत म कई डाकटर ह ापारी ह भारत को डाकटर या ापारी क नह बालक सानक क जरत ह

म भारत क ालए अपनी जान भी दन क ालए तयार मन सोचा सब अपन परवार को सराकत

रखना चाहत ह र भारत - भाम तो मरी मा ह मरी ही कय हर एक क मा ह तो हम सब का कतर बनता ह क हम इसक रका कर इसीालए मर जीवन का उशय ह क म एक ासपाही बन और भारत क सवा क

मखर ामष स समझदार शष अचछा होता ह (मासटर सनीत चौी कका सपष एम सबीता उाल)

एक दन म और मरा सबस अचछा ामष राव बठ यह सोच रह क हम परीका क ालए अभी स पढ़ाई श कर दनी चााहए या नह राव न तपाक स कहा क अभी स पढन स कोई लाभ नह होगा अगर हम परीका क एक दन पहल पढ़ग तो जयादा दमाग म रहगा तभी वहा स मरी कका का दसरा छाष रमश गजर रहा ा मझ रमश ाबलकल पसद नही ा और रमश भी मझ पसद नह करता ा बात-बात पर हम लड़ाई करत पर पढ़ाई म वह मझस बत अचछा ा उसन हमारी बात सन ली ी

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इसालए धीर सवर म मझस बोला अपन मखर ामष क बात मत सनो बस रोज मरी तरह ोड़ा-ोड़ा पढ़ो लकन मन उसक बात पर कान नह धरा एक महीन बाद परीका क दन आ पच परीका क एक दन पहल जब मन पढ़ना श कया तब पाया क पढ़न को बत ा पर समय कम ा जस -तस पढ़ कर मन परीकाए ालखी और उममीद करता रहा क म परीका म उी र हो सक कछ दन बाद परीका का पराम ानकला और वही आ ाजसका डर ा म और ामष राव अनी र हो गए दसरी ओर रमश बत अचछ अको स उी र आ उस दन मझ समझ आ गया क मखर ामष स समझदार शष अचछा होता ह

भावषय क पढ़ाई (मासटर ाशव कलया सातव कका सपष वालल कलयाी उाल)

आज जब हम पढ़ाई या सकल क बार म सोचत ह तो नजरो म एक भारी बग उठाता आ

छाष दखता ह कताब क ाबना हम सकल जान क सोच भी नह सकत कताब क सा कपयटर भी पढ़ाई का महतवपर ाहससा बन चका ह

कछ साल बाद भारी कताब स भर बग क बदल छाष क हा म टबलट होगा आकाश टबलट एक ऐसा यष ह ाजसम हम तरह-तरह क कताब पढ़ सकत ह हम कका म ही नट स जानकारी पा सकत ह टबलट ोन स बड़ा ह और जयादा महगा भी नह हम इस कह भी ल जाकर इसम कताब पढ़ सकत ह हम इसम कका का दया गया कायर भी कर सकत ह यह टबलट पढ़ाई का अदाज बदल दगा और पढ़ाई को मजदार बना दगा

पानी और धप (कमारी एस साानया पाचवी कका सपषी राजया बगम अाल)

अभी-अभी ी धप बरसन लगा कहा स यह पानी कसन ोड़ बादल को क ह इतनी शतानी

सरज न कय बद कर ालया अपन घर का दरवाज़ा उसक मा न भी कया उसको बला ालया कहकर आजा

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ज़ोर-ज़ोर स गरज़ रह ह बादल ह कसक काका कसको डाट रह ह कसन कहना नह सना मा का

परीका (कमारी शख राजया सलताना गयारहव कका सपषी शख महबब पीरा पटल ाचषक)

ाजस नाम को सनन स कापता ह बा वो ह परीका परीका पपर हा म आत ही इतना डर लगता क यद अचछा नह कया तो ापटना पा तीन घट म लगभग करन होत ह चालीस सवाल एक भी छटा तो घर म आता ह भवडर रजलट क एक दन पहल रात को नद नह आती ह अचछ नबर पान क ालए भगवान क याद आती ह पास होन पर ामलता ह इनाम और मख स ानकलता ह ldquoकय भगवान rdquo र आती ह अगली कका तब भी मख स ानकलता ह हाय र आ गयी र स परीका

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राीय साकरता (मासटर शख समीर छठी कका सपष शख महबब पीरा पटल ाचषक)

ातदन सीखो अकर एक

ानयम बना लो ऐसा पढ़ो पढ़ाओ सीखो जान

तभी बनगा दश महान ावा सा जान कराती

मन का अधरा दर भगाती जहा पर बनत लोग जानी

वहा न होती मन क हाान अनपढ़ क ालए गगी पोी

धन दौलत भी होती ोी पढ़ा ालखा नह धोखा खाता

जहा भी जाता आदर पाता

मा (मासटर शख महबब बाशा आठव कका सपष शख महबब पीरा पटल ाचषक)

सबस सनदर जग म कौन बस एक त ह मा

सबस पयारी कसक मसकान बस एक तरी ही ह मा

कसन बनायी मरी पहचान तन ही तो मरी पयारी मा

कसक बोली ामी स मीठी तरी ही ह मरी मा

कसक डाट ह इमली स तीखी तरी ही तो पयारी मा

कसक ालए क म सब कबारन तर ालए मरी पयारी मा

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ाततली (कमारी एम राशका ाशवानी पाचवी कका सपषी एम लम कमार उाल)

ाततली तम कतनी

रग-ाबरगी होती हो तम सब ल का रस पी-पीकर

बाग-बगीच म रती रहती हो तर पख कई रग क होत ह

तमहार प को दखकर ब बत खश होत ह

मरी कका

(कमारी एम राशका ाशवानी पाचवी कका सपषी एम लम कमार उाल)

मरी कका म ह पचास ब हर एक ह अलग-अलग जस एक ह लबा एक ह छोटा एक ह मोटा एक ह पतला कछ ह अचछ कछ ह बर पर लगत ह सार पयार मरी कका ह रग- ाबरगी लगती ह ाततालय का झड ह

मझ बत पसद ह कयक यह हमारी कका ह

Page 42: कलाकल - Home: Survey of · PDF fileतेलंगाना-भारत का एक ... भी यह पि का ‘कलाकल‘ सुनदर प म िनखर

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जीवन म न जान कौनसी बात ldquoआखरी rdquo होगी न जान कौन सी रात आखरी होगी ामलत जलत बात करत रहो यार एक दसर स न जान कौन सी ldquo मलाकात rdquo आखरी होगी अगर जदगी म कछ पाना ह तो तरीक बदलो इराद नह ऐ चाद त कस मज़हब का ह ईद भी तरी और करवाचौ भी तरा

उगालय क लड़ाई

(शख महबब पीरा पटल ाचषक)

एक दन हा क सभी उगालया आपस म लड़न लग अगठा बोला म सबस बड़ा सभी जगह जरी कागज पर मझस ही ानशान बनाया जाता ह तजरनी बोली-ldquoम बड़ी मर होन स ही सब लोग काम कर पात ह जस-ालखना खाना पकड़ना मधयमा बोली-ldquoअर भई कया तम नह जानत जो आकार म लबा होता ह उस ही सभी बड़ा कहत ह अनाामका सब बात चपचाप सन रही ी वह तरत बोली ndashldquo म सबस बड़ी म तो पजा करन क भी काम आती मर स ही रोलीातलक लगाया जाता ह कानाका सभी को लड़ता दखकर उदास ी वह चपचाप एक कोन म कछ सोच रही ी तभी अगठा व तीन उगालया उसक पास गई और बोली- ldquoअर छोटी तम तो बड़ी हो ही नह सकती कयक तमहारा नाम ही कानाका ह कानाका बोली ldquoसनो अगठ भाई और पयारी उगालय आपस म लड़कर कभी कसी का भला नह हो सकता हमम कोई भी बड़ा-छोटा नह ह हम सब ामलकर मी बन सकत ह तभी हम सब बलवान हग कया तमह नह मालम क बद मी म ही ताकत होती ह इसालए हमारा लड़ना बकार ह rdquo कानाका क बात सनकर सभी एक सा बोल- ldquoहा छोटी बहन तम ाबलकल सही कह रही हो सचमच अकल म तम ही हम सबस बड़ी हो rdquo

इस नीात का स एकता म बल क ाशका ा होती ह

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तलगाना- भारत का एक और नया राजय (शलबाला खडरी मानाचषकार)

तलगाना भारत क दाकी भाग म ासत भारत का 29 वा राजय ह कषल क दाप स यह दश का

बीसवा बड़ा राजय ह ाचीन हदराबाद रयासत का अाधकतम भाग तलगाना राजय म ालया गया ह जहा आजादी स पहल ानजाम का राजय ा सन 1947 म जब भारत अज क चगल स आजाद आ उसक बाद भी हदराबाद का ानजाम अपनी रयासत सय भारत म ावलीन करन क पक म नह ा वह अपनी रयासत पर अपना ही सवतष शासन चाहता ा अतत सरदार बललभ भाई पटल क अक यास स इस रयासत को भारत क मखय धारा म ावलीन कया जा सका इस कार आन दश राजय क सापना ई और 26 जनवरी 1950 को ी एमक वललोड़ी आन दश राजय क म मखयमषी ानय ए 1956 म हदराबाद रयासत को आन दश राजय म ावलीन कर दया गया

2 जन 2014 म पनः तलगाना राजय अासततव म आया आन दश राजय क उर पामी 10 ाजल को ामलाकर तलगाना राजय क सापना क गयी ह राजधानी हदराबाद भी तलगाना राजय म ासत ह परनत 10 वष तक हदराबाद दोन राजय याान आन दश और तलगाना राजय क सय राजधानी रहगी दोन राजय क शासानक कायर हदराबाद स सचाालत हग तलगाना शबद का ादभारव ाषलगा दश शबद स आ ह ाजसका अर ह तीन लगो वाला दश तलगाना राजय क तीन दशा म कालरम ीशलम और ाकारामम ास ाशव मानदर ासत ह ाजनक अपार धामक महा ह वासतव म पक तलगाना राजय क ालए 1946 स 1951 क बीच ही ारमभ हो गया ा उस समय कमयानसट पाट न इस आनदोलन का नततव कया ा जो असल रहा भाषा क आधार पर तलगाना और आन राजय को पक करन क ालए अनक आनदोलन समय-समय पर होत रह ह इनम मखय आनदोलन 19691972 और 2009 क ह इन आनदोलन का यह भाव आ क 9 दसमबर 2009 म भारत सरकार न पक तलगाना राजय बनान क कायरवाही श कर दी य घोषा सनत ही तटीय आन व सीमान कष क लोग न सम आन दश क पक म आामक आनदोलन ारमभ कर दया और ऐसी ासात म भारत सरकार न यह कायर 23 दसमबर 2009 तक सागत कर दया इसक पात भी लगातार पक तलगाना और सम आन दश क ालए अलग-अलग आनदोलन चलत रह पक तलगाना क पक म कई आतम - हतयाए ई हड़ताल क गयी ाजसस जन साधार को बत असावधा का सामना करना पड़ा अतत पक तलगाना समरक क जीत ई और कास कायरकारी सामात न सवर सहमात स 30 जलाई 2013 को पक तलगाना राजय क ासारश करत ए ाबल तयार कर दया अनक सोपान पार करत ए यह ाबल रवरी 2014 को ससद म पारत कया गया रवरी 2014 दश पनगठरन एकट क तहत यह ाबल ससद म पास हो गया इसक पात इस नय राजय तलगाना ाबल को रापात ारा सहमात ा ई और माचर 2014 क गजट म इस कााशत कया गया इस कार नय तलगाना राजय क सापना ई

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ाशासकय प स तलगाना राजय क सापना 2 जन 2014 को ई क चन शखर राव क पाट ldquoतलगाना रा सामातrdquo न चनाव म दश म बमत हाासल कया और इस कार ी कचन शखर राव तलगाना राजय क म मखय मषी चन गए

म महगाई (डॉ नीलम कमार ाबड़ला अाभलखपाल)

म महगाई महग दशभ लोग क आमष पर भारत आई तज गात लान गात म भारत आई मझ गलत मत समझो गरीब बत ठीक बमत दकर तमन ाजनको बत उठाया म तो उनह क तीक भौातक वादी यग म योग ासखाती म भख पट न सोए कोई कडालनी जगाती म धयान प म च मारकर मन जय ऊपर चढ़त-चढ़त र तक आ जाता ह भाव वसत क वस ही र तक ल आई

अब इस यग म एक तल क पीप को पा लन का अर को पा लना ह भ दशरन क झलक दखना एक टमाटर खा लना ह भारत का आदशर तयाग ह अनासा ह अपरह ह मझको पाकर लोग वसतए तयाग रह ह अपनी खद क कार छोड़ बस क पीछ भाग रह ह म लोग को तड़क भड़क स खच

38

सादगी ासखाती टरीलीन क शौकन को ला पहनाती माया जीवन का बधन ह पया पसा मल हा का म वतन भोगी लोग क बधन दो दन म हर लती शी छड़ाकर मल हा का शीश सा ानमरल कर दती

नीात ालखन वाल न कम खाना या गम खाना अचछा बतलाया मन उनका कन ानभाया ाजतनी चीज महगी हगी उतना ही जन कम खाएग ाजस दन रोटी नह ामलगी उस दन खद ही कम खाएग

शकल पक क चाद सरीखी बढ़ती म खब चादनी लाऊगी अभी दज तक ही आई परमासी तक जाऊगी

करो कलपना जब भारत जन कतन सदर दखा करग ग चावल चना बाजरा जब पाड़य म ाबका करग बीमार को दध दहीघी क इजकशन लगा करग कसा मधर जागर होगा लोग भख स जगा करग

आतक हमला

(डॉ नीलम कमार ाबड़ला अाभलखपाल) 13 दसबर 2001 ससद प पाक आतक हमला 13 रवरी 2014 ससद म भारतीय आतक हमला

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शमरसार ई ससद पच ाड़ गए नयी तहजीब क झड गाड़ गए

उड़ाया गया काली ामचर का पाउडर सपीकर का नह सना आडरर आख जलन लग सास लन लगी ससद पर नगी तलवार झलन लगी

घायल आ जातष और सावधान मदर क पजारय न कया मदर का अपमान ऐस आतकय को सबक ासखाना होगा र नया इातहास बनाना होगा

बाल-म (वाइकराकश कमार खलासी)

बालपन क कलकारी धप क ताप स आ मक पोी छोड़ी कदाल खोदत हा क मार अचक कचड़ आधी म म करना आ मजबरी गरीबी क पराकाा पट और पीठ क घटती दरी कछ धनहीनता और कछ माता-ापता क मखरता कनत सबस जयादा सवा समाज क सवदनहीनता ाजसन बालक को ामक बनन को बाधय कया लखनी को छीनकर कोमल हा म छडी पकड़ायी

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गाय-बकरी क सवा करता बालय-जीवन कप अपन भावषय को दर करता अजान और अबझ ावोपाजरन क कसको ह सरत ासात तो ऐसी ई दो दान अ क ालय बालपन चोर बनन को आतर आ

दोसती

(ाचा कडयया खलासी)

गलाब एक ल ह

एक घनट म मरझा जाता ह पर दोसती एक शा ह कभी भी जीावत रहती ह

बर ठडी होती ह जो पकड़ म नह आती ह

दोसती सोन जसी ह जो कभी कोई नह खरीद सकत ह

तार क पाच अनत (END) ह चौकोन क चार अनत ह तीकोन क तीन अनत ह

एक रखा का एक अनत ह पर दोसती का कोई अनत नह ह

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मर जीवन का उशय (कमारी ाया सातव कका सपषी एम सबीता उाल)

कग नयज भारत का खतरा पाकसतान न कशमीर पर हमला कया ह कछ दन बाद helliphellip कग नयज पाकसतान क ाखला भारत क रका करत ए वीर सानक

का भारी नकसान इन खबर न भारत को ाहला दया ा म भी सोच म पड़ गयी क म भारत क ालए कया कर सकता भारत को इन हमल स कस बचा सकता मर मन म ास र एक ही खयाल आया क भारतीय सना का एक जवान ासपाही बन

जव मन यह बात अपन दोसत स कही तो उसन कहा क ासपाही बनना खतर स खाली नह ह और परवार स दर सरहद पर खतर स भर जीवन मर ालए कपद होगा लकन मन ठान ालया ा क म कछ ऐसा कगी क पर दश म मरा नाम हो ाजस दखकर मर अपन का ासर गवर स ऊचा हो जाए

मर ानय को सनकर मरी मा रोन लगी मझ लोभन दया क म ापार क मर दोसत न मझ डाकटर बनन का सझाव दया पर मन सोचा क भारत म कई डाकटर ह ापारी ह भारत को डाकटर या ापारी क नह बालक सानक क जरत ह

म भारत क ालए अपनी जान भी दन क ालए तयार मन सोचा सब अपन परवार को सराकत

रखना चाहत ह र भारत - भाम तो मरी मा ह मरी ही कय हर एक क मा ह तो हम सब का कतर बनता ह क हम इसक रका कर इसीालए मर जीवन का उशय ह क म एक ासपाही बन और भारत क सवा क

मखर ामष स समझदार शष अचछा होता ह (मासटर सनीत चौी कका सपष एम सबीता उाल)

एक दन म और मरा सबस अचछा ामष राव बठ यह सोच रह क हम परीका क ालए अभी स पढ़ाई श कर दनी चााहए या नह राव न तपाक स कहा क अभी स पढन स कोई लाभ नह होगा अगर हम परीका क एक दन पहल पढ़ग तो जयादा दमाग म रहगा तभी वहा स मरी कका का दसरा छाष रमश गजर रहा ा मझ रमश ाबलकल पसद नही ा और रमश भी मझ पसद नह करता ा बात-बात पर हम लड़ाई करत पर पढ़ाई म वह मझस बत अचछा ा उसन हमारी बात सन ली ी

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इसालए धीर सवर म मझस बोला अपन मखर ामष क बात मत सनो बस रोज मरी तरह ोड़ा-ोड़ा पढ़ो लकन मन उसक बात पर कान नह धरा एक महीन बाद परीका क दन आ पच परीका क एक दन पहल जब मन पढ़ना श कया तब पाया क पढ़न को बत ा पर समय कम ा जस -तस पढ़ कर मन परीकाए ालखी और उममीद करता रहा क म परीका म उी र हो सक कछ दन बाद परीका का पराम ानकला और वही आ ाजसका डर ा म और ामष राव अनी र हो गए दसरी ओर रमश बत अचछ अको स उी र आ उस दन मझ समझ आ गया क मखर ामष स समझदार शष अचछा होता ह

भावषय क पढ़ाई (मासटर ाशव कलया सातव कका सपष वालल कलयाी उाल)

आज जब हम पढ़ाई या सकल क बार म सोचत ह तो नजरो म एक भारी बग उठाता आ

छाष दखता ह कताब क ाबना हम सकल जान क सोच भी नह सकत कताब क सा कपयटर भी पढ़ाई का महतवपर ाहससा बन चका ह

कछ साल बाद भारी कताब स भर बग क बदल छाष क हा म टबलट होगा आकाश टबलट एक ऐसा यष ह ाजसम हम तरह-तरह क कताब पढ़ सकत ह हम कका म ही नट स जानकारी पा सकत ह टबलट ोन स बड़ा ह और जयादा महगा भी नह हम इस कह भी ल जाकर इसम कताब पढ़ सकत ह हम इसम कका का दया गया कायर भी कर सकत ह यह टबलट पढ़ाई का अदाज बदल दगा और पढ़ाई को मजदार बना दगा

पानी और धप (कमारी एस साानया पाचवी कका सपषी राजया बगम अाल)

अभी-अभी ी धप बरसन लगा कहा स यह पानी कसन ोड़ बादल को क ह इतनी शतानी

सरज न कय बद कर ालया अपन घर का दरवाज़ा उसक मा न भी कया उसको बला ालया कहकर आजा

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ज़ोर-ज़ोर स गरज़ रह ह बादल ह कसक काका कसको डाट रह ह कसन कहना नह सना मा का

परीका (कमारी शख राजया सलताना गयारहव कका सपषी शख महबब पीरा पटल ाचषक)

ाजस नाम को सनन स कापता ह बा वो ह परीका परीका पपर हा म आत ही इतना डर लगता क यद अचछा नह कया तो ापटना पा तीन घट म लगभग करन होत ह चालीस सवाल एक भी छटा तो घर म आता ह भवडर रजलट क एक दन पहल रात को नद नह आती ह अचछ नबर पान क ालए भगवान क याद आती ह पास होन पर ामलता ह इनाम और मख स ानकलता ह ldquoकय भगवान rdquo र आती ह अगली कका तब भी मख स ानकलता ह हाय र आ गयी र स परीका

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राीय साकरता (मासटर शख समीर छठी कका सपष शख महबब पीरा पटल ाचषक)

ातदन सीखो अकर एक

ानयम बना लो ऐसा पढ़ो पढ़ाओ सीखो जान

तभी बनगा दश महान ावा सा जान कराती

मन का अधरा दर भगाती जहा पर बनत लोग जानी

वहा न होती मन क हाान अनपढ़ क ालए गगी पोी

धन दौलत भी होती ोी पढ़ा ालखा नह धोखा खाता

जहा भी जाता आदर पाता

मा (मासटर शख महबब बाशा आठव कका सपष शख महबब पीरा पटल ाचषक)

सबस सनदर जग म कौन बस एक त ह मा

सबस पयारी कसक मसकान बस एक तरी ही ह मा

कसन बनायी मरी पहचान तन ही तो मरी पयारी मा

कसक बोली ामी स मीठी तरी ही ह मरी मा

कसक डाट ह इमली स तीखी तरी ही तो पयारी मा

कसक ालए क म सब कबारन तर ालए मरी पयारी मा

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ाततली (कमारी एम राशका ाशवानी पाचवी कका सपषी एम लम कमार उाल)

ाततली तम कतनी

रग-ाबरगी होती हो तम सब ल का रस पी-पीकर

बाग-बगीच म रती रहती हो तर पख कई रग क होत ह

तमहार प को दखकर ब बत खश होत ह

मरी कका

(कमारी एम राशका ाशवानी पाचवी कका सपषी एम लम कमार उाल)

मरी कका म ह पचास ब हर एक ह अलग-अलग जस एक ह लबा एक ह छोटा एक ह मोटा एक ह पतला कछ ह अचछ कछ ह बर पर लगत ह सार पयार मरी कका ह रग- ाबरगी लगती ह ाततालय का झड ह

मझ बत पसद ह कयक यह हमारी कका ह

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तलगाना- भारत का एक और नया राजय (शलबाला खडरी मानाचषकार)

तलगाना भारत क दाकी भाग म ासत भारत का 29 वा राजय ह कषल क दाप स यह दश का

बीसवा बड़ा राजय ह ाचीन हदराबाद रयासत का अाधकतम भाग तलगाना राजय म ालया गया ह जहा आजादी स पहल ानजाम का राजय ा सन 1947 म जब भारत अज क चगल स आजाद आ उसक बाद भी हदराबाद का ानजाम अपनी रयासत सय भारत म ावलीन करन क पक म नह ा वह अपनी रयासत पर अपना ही सवतष शासन चाहता ा अतत सरदार बललभ भाई पटल क अक यास स इस रयासत को भारत क मखय धारा म ावलीन कया जा सका इस कार आन दश राजय क सापना ई और 26 जनवरी 1950 को ी एमक वललोड़ी आन दश राजय क म मखयमषी ानय ए 1956 म हदराबाद रयासत को आन दश राजय म ावलीन कर दया गया

2 जन 2014 म पनः तलगाना राजय अासततव म आया आन दश राजय क उर पामी 10 ाजल को ामलाकर तलगाना राजय क सापना क गयी ह राजधानी हदराबाद भी तलगाना राजय म ासत ह परनत 10 वष तक हदराबाद दोन राजय याान आन दश और तलगाना राजय क सय राजधानी रहगी दोन राजय क शासानक कायर हदराबाद स सचाालत हग तलगाना शबद का ादभारव ाषलगा दश शबद स आ ह ाजसका अर ह तीन लगो वाला दश तलगाना राजय क तीन दशा म कालरम ीशलम और ाकारामम ास ाशव मानदर ासत ह ाजनक अपार धामक महा ह वासतव म पक तलगाना राजय क ालए 1946 स 1951 क बीच ही ारमभ हो गया ा उस समय कमयानसट पाट न इस आनदोलन का नततव कया ा जो असल रहा भाषा क आधार पर तलगाना और आन राजय को पक करन क ालए अनक आनदोलन समय-समय पर होत रह ह इनम मखय आनदोलन 19691972 और 2009 क ह इन आनदोलन का यह भाव आ क 9 दसमबर 2009 म भारत सरकार न पक तलगाना राजय बनान क कायरवाही श कर दी य घोषा सनत ही तटीय आन व सीमान कष क लोग न सम आन दश क पक म आामक आनदोलन ारमभ कर दया और ऐसी ासात म भारत सरकार न यह कायर 23 दसमबर 2009 तक सागत कर दया इसक पात भी लगातार पक तलगाना और सम आन दश क ालए अलग-अलग आनदोलन चलत रह पक तलगाना क पक म कई आतम - हतयाए ई हड़ताल क गयी ाजसस जन साधार को बत असावधा का सामना करना पड़ा अतत पक तलगाना समरक क जीत ई और कास कायरकारी सामात न सवर सहमात स 30 जलाई 2013 को पक तलगाना राजय क ासारश करत ए ाबल तयार कर दया अनक सोपान पार करत ए यह ाबल रवरी 2014 को ससद म पारत कया गया रवरी 2014 दश पनगठरन एकट क तहत यह ाबल ससद म पास हो गया इसक पात इस नय राजय तलगाना ाबल को रापात ारा सहमात ा ई और माचर 2014 क गजट म इस कााशत कया गया इस कार नय तलगाना राजय क सापना ई

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ाशासकय प स तलगाना राजय क सापना 2 जन 2014 को ई क चन शखर राव क पाट ldquoतलगाना रा सामातrdquo न चनाव म दश म बमत हाासल कया और इस कार ी कचन शखर राव तलगाना राजय क म मखय मषी चन गए

म महगाई (डॉ नीलम कमार ाबड़ला अाभलखपाल)

म महगाई महग दशभ लोग क आमष पर भारत आई तज गात लान गात म भारत आई मझ गलत मत समझो गरीब बत ठीक बमत दकर तमन ाजनको बत उठाया म तो उनह क तीक भौातक वादी यग म योग ासखाती म भख पट न सोए कोई कडालनी जगाती म धयान प म च मारकर मन जय ऊपर चढ़त-चढ़त र तक आ जाता ह भाव वसत क वस ही र तक ल आई

अब इस यग म एक तल क पीप को पा लन का अर को पा लना ह भ दशरन क झलक दखना एक टमाटर खा लना ह भारत का आदशर तयाग ह अनासा ह अपरह ह मझको पाकर लोग वसतए तयाग रह ह अपनी खद क कार छोड़ बस क पीछ भाग रह ह म लोग को तड़क भड़क स खच

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सादगी ासखाती टरीलीन क शौकन को ला पहनाती माया जीवन का बधन ह पया पसा मल हा का म वतन भोगी लोग क बधन दो दन म हर लती शी छड़ाकर मल हा का शीश सा ानमरल कर दती

नीात ालखन वाल न कम खाना या गम खाना अचछा बतलाया मन उनका कन ानभाया ाजतनी चीज महगी हगी उतना ही जन कम खाएग ाजस दन रोटी नह ामलगी उस दन खद ही कम खाएग

शकल पक क चाद सरीखी बढ़ती म खब चादनी लाऊगी अभी दज तक ही आई परमासी तक जाऊगी

करो कलपना जब भारत जन कतन सदर दखा करग ग चावल चना बाजरा जब पाड़य म ाबका करग बीमार को दध दहीघी क इजकशन लगा करग कसा मधर जागर होगा लोग भख स जगा करग

आतक हमला

(डॉ नीलम कमार ाबड़ला अाभलखपाल) 13 दसबर 2001 ससद प पाक आतक हमला 13 रवरी 2014 ससद म भारतीय आतक हमला

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शमरसार ई ससद पच ाड़ गए नयी तहजीब क झड गाड़ गए

उड़ाया गया काली ामचर का पाउडर सपीकर का नह सना आडरर आख जलन लग सास लन लगी ससद पर नगी तलवार झलन लगी

घायल आ जातष और सावधान मदर क पजारय न कया मदर का अपमान ऐस आतकय को सबक ासखाना होगा र नया इातहास बनाना होगा

बाल-म (वाइकराकश कमार खलासी)

बालपन क कलकारी धप क ताप स आ मक पोी छोड़ी कदाल खोदत हा क मार अचक कचड़ आधी म म करना आ मजबरी गरीबी क पराकाा पट और पीठ क घटती दरी कछ धनहीनता और कछ माता-ापता क मखरता कनत सबस जयादा सवा समाज क सवदनहीनता ाजसन बालक को ामक बनन को बाधय कया लखनी को छीनकर कोमल हा म छडी पकड़ायी

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गाय-बकरी क सवा करता बालय-जीवन कप अपन भावषय को दर करता अजान और अबझ ावोपाजरन क कसको ह सरत ासात तो ऐसी ई दो दान अ क ालय बालपन चोर बनन को आतर आ

दोसती

(ाचा कडयया खलासी)

गलाब एक ल ह

एक घनट म मरझा जाता ह पर दोसती एक शा ह कभी भी जीावत रहती ह

बर ठडी होती ह जो पकड़ म नह आती ह

दोसती सोन जसी ह जो कभी कोई नह खरीद सकत ह

तार क पाच अनत (END) ह चौकोन क चार अनत ह तीकोन क तीन अनत ह

एक रखा का एक अनत ह पर दोसती का कोई अनत नह ह

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मर जीवन का उशय (कमारी ाया सातव कका सपषी एम सबीता उाल)

कग नयज भारत का खतरा पाकसतान न कशमीर पर हमला कया ह कछ दन बाद helliphellip कग नयज पाकसतान क ाखला भारत क रका करत ए वीर सानक

का भारी नकसान इन खबर न भारत को ाहला दया ा म भी सोच म पड़ गयी क म भारत क ालए कया कर सकता भारत को इन हमल स कस बचा सकता मर मन म ास र एक ही खयाल आया क भारतीय सना का एक जवान ासपाही बन

जव मन यह बात अपन दोसत स कही तो उसन कहा क ासपाही बनना खतर स खाली नह ह और परवार स दर सरहद पर खतर स भर जीवन मर ालए कपद होगा लकन मन ठान ालया ा क म कछ ऐसा कगी क पर दश म मरा नाम हो ाजस दखकर मर अपन का ासर गवर स ऊचा हो जाए

मर ानय को सनकर मरी मा रोन लगी मझ लोभन दया क म ापार क मर दोसत न मझ डाकटर बनन का सझाव दया पर मन सोचा क भारत म कई डाकटर ह ापारी ह भारत को डाकटर या ापारी क नह बालक सानक क जरत ह

म भारत क ालए अपनी जान भी दन क ालए तयार मन सोचा सब अपन परवार को सराकत

रखना चाहत ह र भारत - भाम तो मरी मा ह मरी ही कय हर एक क मा ह तो हम सब का कतर बनता ह क हम इसक रका कर इसीालए मर जीवन का उशय ह क म एक ासपाही बन और भारत क सवा क

मखर ामष स समझदार शष अचछा होता ह (मासटर सनीत चौी कका सपष एम सबीता उाल)

एक दन म और मरा सबस अचछा ामष राव बठ यह सोच रह क हम परीका क ालए अभी स पढ़ाई श कर दनी चााहए या नह राव न तपाक स कहा क अभी स पढन स कोई लाभ नह होगा अगर हम परीका क एक दन पहल पढ़ग तो जयादा दमाग म रहगा तभी वहा स मरी कका का दसरा छाष रमश गजर रहा ा मझ रमश ाबलकल पसद नही ा और रमश भी मझ पसद नह करता ा बात-बात पर हम लड़ाई करत पर पढ़ाई म वह मझस बत अचछा ा उसन हमारी बात सन ली ी

42

इसालए धीर सवर म मझस बोला अपन मखर ामष क बात मत सनो बस रोज मरी तरह ोड़ा-ोड़ा पढ़ो लकन मन उसक बात पर कान नह धरा एक महीन बाद परीका क दन आ पच परीका क एक दन पहल जब मन पढ़ना श कया तब पाया क पढ़न को बत ा पर समय कम ा जस -तस पढ़ कर मन परीकाए ालखी और उममीद करता रहा क म परीका म उी र हो सक कछ दन बाद परीका का पराम ानकला और वही आ ाजसका डर ा म और ामष राव अनी र हो गए दसरी ओर रमश बत अचछ अको स उी र आ उस दन मझ समझ आ गया क मखर ामष स समझदार शष अचछा होता ह

भावषय क पढ़ाई (मासटर ाशव कलया सातव कका सपष वालल कलयाी उाल)

आज जब हम पढ़ाई या सकल क बार म सोचत ह तो नजरो म एक भारी बग उठाता आ

छाष दखता ह कताब क ाबना हम सकल जान क सोच भी नह सकत कताब क सा कपयटर भी पढ़ाई का महतवपर ाहससा बन चका ह

कछ साल बाद भारी कताब स भर बग क बदल छाष क हा म टबलट होगा आकाश टबलट एक ऐसा यष ह ाजसम हम तरह-तरह क कताब पढ़ सकत ह हम कका म ही नट स जानकारी पा सकत ह टबलट ोन स बड़ा ह और जयादा महगा भी नह हम इस कह भी ल जाकर इसम कताब पढ़ सकत ह हम इसम कका का दया गया कायर भी कर सकत ह यह टबलट पढ़ाई का अदाज बदल दगा और पढ़ाई को मजदार बना दगा

पानी और धप (कमारी एस साानया पाचवी कका सपषी राजया बगम अाल)

अभी-अभी ी धप बरसन लगा कहा स यह पानी कसन ोड़ बादल को क ह इतनी शतानी

सरज न कय बद कर ालया अपन घर का दरवाज़ा उसक मा न भी कया उसको बला ालया कहकर आजा

43

ज़ोर-ज़ोर स गरज़ रह ह बादल ह कसक काका कसको डाट रह ह कसन कहना नह सना मा का

परीका (कमारी शख राजया सलताना गयारहव कका सपषी शख महबब पीरा पटल ाचषक)

ाजस नाम को सनन स कापता ह बा वो ह परीका परीका पपर हा म आत ही इतना डर लगता क यद अचछा नह कया तो ापटना पा तीन घट म लगभग करन होत ह चालीस सवाल एक भी छटा तो घर म आता ह भवडर रजलट क एक दन पहल रात को नद नह आती ह अचछ नबर पान क ालए भगवान क याद आती ह पास होन पर ामलता ह इनाम और मख स ानकलता ह ldquoकय भगवान rdquo र आती ह अगली कका तब भी मख स ानकलता ह हाय र आ गयी र स परीका

44

राीय साकरता (मासटर शख समीर छठी कका सपष शख महबब पीरा पटल ाचषक)

ातदन सीखो अकर एक

ानयम बना लो ऐसा पढ़ो पढ़ाओ सीखो जान

तभी बनगा दश महान ावा सा जान कराती

मन का अधरा दर भगाती जहा पर बनत लोग जानी

वहा न होती मन क हाान अनपढ़ क ालए गगी पोी

धन दौलत भी होती ोी पढ़ा ालखा नह धोखा खाता

जहा भी जाता आदर पाता

मा (मासटर शख महबब बाशा आठव कका सपष शख महबब पीरा पटल ाचषक)

सबस सनदर जग म कौन बस एक त ह मा

सबस पयारी कसक मसकान बस एक तरी ही ह मा

कसन बनायी मरी पहचान तन ही तो मरी पयारी मा

कसक बोली ामी स मीठी तरी ही ह मरी मा

कसक डाट ह इमली स तीखी तरी ही तो पयारी मा

कसक ालए क म सब कबारन तर ालए मरी पयारी मा

45

ाततली (कमारी एम राशका ाशवानी पाचवी कका सपषी एम लम कमार उाल)

ाततली तम कतनी

रग-ाबरगी होती हो तम सब ल का रस पी-पीकर

बाग-बगीच म रती रहती हो तर पख कई रग क होत ह

तमहार प को दखकर ब बत खश होत ह

मरी कका

(कमारी एम राशका ाशवानी पाचवी कका सपषी एम लम कमार उाल)

मरी कका म ह पचास ब हर एक ह अलग-अलग जस एक ह लबा एक ह छोटा एक ह मोटा एक ह पतला कछ ह अचछ कछ ह बर पर लगत ह सार पयार मरी कका ह रग- ाबरगी लगती ह ाततालय का झड ह

मझ बत पसद ह कयक यह हमारी कका ह

Page 44: कलाकल - Home: Survey of · PDF fileतेलंगाना-भारत का एक ... भी यह पि का ‘कलाकल‘ सुनदर प म िनखर

37

ाशासकय प स तलगाना राजय क सापना 2 जन 2014 को ई क चन शखर राव क पाट ldquoतलगाना रा सामातrdquo न चनाव म दश म बमत हाासल कया और इस कार ी कचन शखर राव तलगाना राजय क म मखय मषी चन गए

म महगाई (डॉ नीलम कमार ाबड़ला अाभलखपाल)

म महगाई महग दशभ लोग क आमष पर भारत आई तज गात लान गात म भारत आई मझ गलत मत समझो गरीब बत ठीक बमत दकर तमन ाजनको बत उठाया म तो उनह क तीक भौातक वादी यग म योग ासखाती म भख पट न सोए कोई कडालनी जगाती म धयान प म च मारकर मन जय ऊपर चढ़त-चढ़त र तक आ जाता ह भाव वसत क वस ही र तक ल आई

अब इस यग म एक तल क पीप को पा लन का अर को पा लना ह भ दशरन क झलक दखना एक टमाटर खा लना ह भारत का आदशर तयाग ह अनासा ह अपरह ह मझको पाकर लोग वसतए तयाग रह ह अपनी खद क कार छोड़ बस क पीछ भाग रह ह म लोग को तड़क भड़क स खच

38

सादगी ासखाती टरीलीन क शौकन को ला पहनाती माया जीवन का बधन ह पया पसा मल हा का म वतन भोगी लोग क बधन दो दन म हर लती शी छड़ाकर मल हा का शीश सा ानमरल कर दती

नीात ालखन वाल न कम खाना या गम खाना अचछा बतलाया मन उनका कन ानभाया ाजतनी चीज महगी हगी उतना ही जन कम खाएग ाजस दन रोटी नह ामलगी उस दन खद ही कम खाएग

शकल पक क चाद सरीखी बढ़ती म खब चादनी लाऊगी अभी दज तक ही आई परमासी तक जाऊगी

करो कलपना जब भारत जन कतन सदर दखा करग ग चावल चना बाजरा जब पाड़य म ाबका करग बीमार को दध दहीघी क इजकशन लगा करग कसा मधर जागर होगा लोग भख स जगा करग

आतक हमला

(डॉ नीलम कमार ाबड़ला अाभलखपाल) 13 दसबर 2001 ससद प पाक आतक हमला 13 रवरी 2014 ससद म भारतीय आतक हमला

39

शमरसार ई ससद पच ाड़ गए नयी तहजीब क झड गाड़ गए

उड़ाया गया काली ामचर का पाउडर सपीकर का नह सना आडरर आख जलन लग सास लन लगी ससद पर नगी तलवार झलन लगी

घायल आ जातष और सावधान मदर क पजारय न कया मदर का अपमान ऐस आतकय को सबक ासखाना होगा र नया इातहास बनाना होगा

बाल-म (वाइकराकश कमार खलासी)

बालपन क कलकारी धप क ताप स आ मक पोी छोड़ी कदाल खोदत हा क मार अचक कचड़ आधी म म करना आ मजबरी गरीबी क पराकाा पट और पीठ क घटती दरी कछ धनहीनता और कछ माता-ापता क मखरता कनत सबस जयादा सवा समाज क सवदनहीनता ाजसन बालक को ामक बनन को बाधय कया लखनी को छीनकर कोमल हा म छडी पकड़ायी

40

गाय-बकरी क सवा करता बालय-जीवन कप अपन भावषय को दर करता अजान और अबझ ावोपाजरन क कसको ह सरत ासात तो ऐसी ई दो दान अ क ालय बालपन चोर बनन को आतर आ

दोसती

(ाचा कडयया खलासी)

गलाब एक ल ह

एक घनट म मरझा जाता ह पर दोसती एक शा ह कभी भी जीावत रहती ह

बर ठडी होती ह जो पकड़ म नह आती ह

दोसती सोन जसी ह जो कभी कोई नह खरीद सकत ह

तार क पाच अनत (END) ह चौकोन क चार अनत ह तीकोन क तीन अनत ह

एक रखा का एक अनत ह पर दोसती का कोई अनत नह ह

41

मर जीवन का उशय (कमारी ाया सातव कका सपषी एम सबीता उाल)

कग नयज भारत का खतरा पाकसतान न कशमीर पर हमला कया ह कछ दन बाद helliphellip कग नयज पाकसतान क ाखला भारत क रका करत ए वीर सानक

का भारी नकसान इन खबर न भारत को ाहला दया ा म भी सोच म पड़ गयी क म भारत क ालए कया कर सकता भारत को इन हमल स कस बचा सकता मर मन म ास र एक ही खयाल आया क भारतीय सना का एक जवान ासपाही बन

जव मन यह बात अपन दोसत स कही तो उसन कहा क ासपाही बनना खतर स खाली नह ह और परवार स दर सरहद पर खतर स भर जीवन मर ालए कपद होगा लकन मन ठान ालया ा क म कछ ऐसा कगी क पर दश म मरा नाम हो ाजस दखकर मर अपन का ासर गवर स ऊचा हो जाए

मर ानय को सनकर मरी मा रोन लगी मझ लोभन दया क म ापार क मर दोसत न मझ डाकटर बनन का सझाव दया पर मन सोचा क भारत म कई डाकटर ह ापारी ह भारत को डाकटर या ापारी क नह बालक सानक क जरत ह

म भारत क ालए अपनी जान भी दन क ालए तयार मन सोचा सब अपन परवार को सराकत

रखना चाहत ह र भारत - भाम तो मरी मा ह मरी ही कय हर एक क मा ह तो हम सब का कतर बनता ह क हम इसक रका कर इसीालए मर जीवन का उशय ह क म एक ासपाही बन और भारत क सवा क

मखर ामष स समझदार शष अचछा होता ह (मासटर सनीत चौी कका सपष एम सबीता उाल)

एक दन म और मरा सबस अचछा ामष राव बठ यह सोच रह क हम परीका क ालए अभी स पढ़ाई श कर दनी चााहए या नह राव न तपाक स कहा क अभी स पढन स कोई लाभ नह होगा अगर हम परीका क एक दन पहल पढ़ग तो जयादा दमाग म रहगा तभी वहा स मरी कका का दसरा छाष रमश गजर रहा ा मझ रमश ाबलकल पसद नही ा और रमश भी मझ पसद नह करता ा बात-बात पर हम लड़ाई करत पर पढ़ाई म वह मझस बत अचछा ा उसन हमारी बात सन ली ी

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इसालए धीर सवर म मझस बोला अपन मखर ामष क बात मत सनो बस रोज मरी तरह ोड़ा-ोड़ा पढ़ो लकन मन उसक बात पर कान नह धरा एक महीन बाद परीका क दन आ पच परीका क एक दन पहल जब मन पढ़ना श कया तब पाया क पढ़न को बत ा पर समय कम ा जस -तस पढ़ कर मन परीकाए ालखी और उममीद करता रहा क म परीका म उी र हो सक कछ दन बाद परीका का पराम ानकला और वही आ ाजसका डर ा म और ामष राव अनी र हो गए दसरी ओर रमश बत अचछ अको स उी र आ उस दन मझ समझ आ गया क मखर ामष स समझदार शष अचछा होता ह

भावषय क पढ़ाई (मासटर ाशव कलया सातव कका सपष वालल कलयाी उाल)

आज जब हम पढ़ाई या सकल क बार म सोचत ह तो नजरो म एक भारी बग उठाता आ

छाष दखता ह कताब क ाबना हम सकल जान क सोच भी नह सकत कताब क सा कपयटर भी पढ़ाई का महतवपर ाहससा बन चका ह

कछ साल बाद भारी कताब स भर बग क बदल छाष क हा म टबलट होगा आकाश टबलट एक ऐसा यष ह ाजसम हम तरह-तरह क कताब पढ़ सकत ह हम कका म ही नट स जानकारी पा सकत ह टबलट ोन स बड़ा ह और जयादा महगा भी नह हम इस कह भी ल जाकर इसम कताब पढ़ सकत ह हम इसम कका का दया गया कायर भी कर सकत ह यह टबलट पढ़ाई का अदाज बदल दगा और पढ़ाई को मजदार बना दगा

पानी और धप (कमारी एस साानया पाचवी कका सपषी राजया बगम अाल)

अभी-अभी ी धप बरसन लगा कहा स यह पानी कसन ोड़ बादल को क ह इतनी शतानी

सरज न कय बद कर ालया अपन घर का दरवाज़ा उसक मा न भी कया उसको बला ालया कहकर आजा

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ज़ोर-ज़ोर स गरज़ रह ह बादल ह कसक काका कसको डाट रह ह कसन कहना नह सना मा का

परीका (कमारी शख राजया सलताना गयारहव कका सपषी शख महबब पीरा पटल ाचषक)

ाजस नाम को सनन स कापता ह बा वो ह परीका परीका पपर हा म आत ही इतना डर लगता क यद अचछा नह कया तो ापटना पा तीन घट म लगभग करन होत ह चालीस सवाल एक भी छटा तो घर म आता ह भवडर रजलट क एक दन पहल रात को नद नह आती ह अचछ नबर पान क ालए भगवान क याद आती ह पास होन पर ामलता ह इनाम और मख स ानकलता ह ldquoकय भगवान rdquo र आती ह अगली कका तब भी मख स ानकलता ह हाय र आ गयी र स परीका

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राीय साकरता (मासटर शख समीर छठी कका सपष शख महबब पीरा पटल ाचषक)

ातदन सीखो अकर एक

ानयम बना लो ऐसा पढ़ो पढ़ाओ सीखो जान

तभी बनगा दश महान ावा सा जान कराती

मन का अधरा दर भगाती जहा पर बनत लोग जानी

वहा न होती मन क हाान अनपढ़ क ालए गगी पोी

धन दौलत भी होती ोी पढ़ा ालखा नह धोखा खाता

जहा भी जाता आदर पाता

मा (मासटर शख महबब बाशा आठव कका सपष शख महबब पीरा पटल ाचषक)

सबस सनदर जग म कौन बस एक त ह मा

सबस पयारी कसक मसकान बस एक तरी ही ह मा

कसन बनायी मरी पहचान तन ही तो मरी पयारी मा

कसक बोली ामी स मीठी तरी ही ह मरी मा

कसक डाट ह इमली स तीखी तरी ही तो पयारी मा

कसक ालए क म सब कबारन तर ालए मरी पयारी मा

45

ाततली (कमारी एम राशका ाशवानी पाचवी कका सपषी एम लम कमार उाल)

ाततली तम कतनी

रग-ाबरगी होती हो तम सब ल का रस पी-पीकर

बाग-बगीच म रती रहती हो तर पख कई रग क होत ह

तमहार प को दखकर ब बत खश होत ह

मरी कका

(कमारी एम राशका ाशवानी पाचवी कका सपषी एम लम कमार उाल)

मरी कका म ह पचास ब हर एक ह अलग-अलग जस एक ह लबा एक ह छोटा एक ह मोटा एक ह पतला कछ ह अचछ कछ ह बर पर लगत ह सार पयार मरी कका ह रग- ाबरगी लगती ह ाततालय का झड ह

मझ बत पसद ह कयक यह हमारी कका ह

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सादगी ासखाती टरीलीन क शौकन को ला पहनाती माया जीवन का बधन ह पया पसा मल हा का म वतन भोगी लोग क बधन दो दन म हर लती शी छड़ाकर मल हा का शीश सा ानमरल कर दती

नीात ालखन वाल न कम खाना या गम खाना अचछा बतलाया मन उनका कन ानभाया ाजतनी चीज महगी हगी उतना ही जन कम खाएग ाजस दन रोटी नह ामलगी उस दन खद ही कम खाएग

शकल पक क चाद सरीखी बढ़ती म खब चादनी लाऊगी अभी दज तक ही आई परमासी तक जाऊगी

करो कलपना जब भारत जन कतन सदर दखा करग ग चावल चना बाजरा जब पाड़य म ाबका करग बीमार को दध दहीघी क इजकशन लगा करग कसा मधर जागर होगा लोग भख स जगा करग

आतक हमला

(डॉ नीलम कमार ाबड़ला अाभलखपाल) 13 दसबर 2001 ससद प पाक आतक हमला 13 रवरी 2014 ससद म भारतीय आतक हमला

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शमरसार ई ससद पच ाड़ गए नयी तहजीब क झड गाड़ गए

उड़ाया गया काली ामचर का पाउडर सपीकर का नह सना आडरर आख जलन लग सास लन लगी ससद पर नगी तलवार झलन लगी

घायल आ जातष और सावधान मदर क पजारय न कया मदर का अपमान ऐस आतकय को सबक ासखाना होगा र नया इातहास बनाना होगा

बाल-म (वाइकराकश कमार खलासी)

बालपन क कलकारी धप क ताप स आ मक पोी छोड़ी कदाल खोदत हा क मार अचक कचड़ आधी म म करना आ मजबरी गरीबी क पराकाा पट और पीठ क घटती दरी कछ धनहीनता और कछ माता-ापता क मखरता कनत सबस जयादा सवा समाज क सवदनहीनता ाजसन बालक को ामक बनन को बाधय कया लखनी को छीनकर कोमल हा म छडी पकड़ायी

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गाय-बकरी क सवा करता बालय-जीवन कप अपन भावषय को दर करता अजान और अबझ ावोपाजरन क कसको ह सरत ासात तो ऐसी ई दो दान अ क ालय बालपन चोर बनन को आतर आ

दोसती

(ाचा कडयया खलासी)

गलाब एक ल ह

एक घनट म मरझा जाता ह पर दोसती एक शा ह कभी भी जीावत रहती ह

बर ठडी होती ह जो पकड़ म नह आती ह

दोसती सोन जसी ह जो कभी कोई नह खरीद सकत ह

तार क पाच अनत (END) ह चौकोन क चार अनत ह तीकोन क तीन अनत ह

एक रखा का एक अनत ह पर दोसती का कोई अनत नह ह

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मर जीवन का उशय (कमारी ाया सातव कका सपषी एम सबीता उाल)

कग नयज भारत का खतरा पाकसतान न कशमीर पर हमला कया ह कछ दन बाद helliphellip कग नयज पाकसतान क ाखला भारत क रका करत ए वीर सानक

का भारी नकसान इन खबर न भारत को ाहला दया ा म भी सोच म पड़ गयी क म भारत क ालए कया कर सकता भारत को इन हमल स कस बचा सकता मर मन म ास र एक ही खयाल आया क भारतीय सना का एक जवान ासपाही बन

जव मन यह बात अपन दोसत स कही तो उसन कहा क ासपाही बनना खतर स खाली नह ह और परवार स दर सरहद पर खतर स भर जीवन मर ालए कपद होगा लकन मन ठान ालया ा क म कछ ऐसा कगी क पर दश म मरा नाम हो ाजस दखकर मर अपन का ासर गवर स ऊचा हो जाए

मर ानय को सनकर मरी मा रोन लगी मझ लोभन दया क म ापार क मर दोसत न मझ डाकटर बनन का सझाव दया पर मन सोचा क भारत म कई डाकटर ह ापारी ह भारत को डाकटर या ापारी क नह बालक सानक क जरत ह

म भारत क ालए अपनी जान भी दन क ालए तयार मन सोचा सब अपन परवार को सराकत

रखना चाहत ह र भारत - भाम तो मरी मा ह मरी ही कय हर एक क मा ह तो हम सब का कतर बनता ह क हम इसक रका कर इसीालए मर जीवन का उशय ह क म एक ासपाही बन और भारत क सवा क

मखर ामष स समझदार शष अचछा होता ह (मासटर सनीत चौी कका सपष एम सबीता उाल)

एक दन म और मरा सबस अचछा ामष राव बठ यह सोच रह क हम परीका क ालए अभी स पढ़ाई श कर दनी चााहए या नह राव न तपाक स कहा क अभी स पढन स कोई लाभ नह होगा अगर हम परीका क एक दन पहल पढ़ग तो जयादा दमाग म रहगा तभी वहा स मरी कका का दसरा छाष रमश गजर रहा ा मझ रमश ाबलकल पसद नही ा और रमश भी मझ पसद नह करता ा बात-बात पर हम लड़ाई करत पर पढ़ाई म वह मझस बत अचछा ा उसन हमारी बात सन ली ी

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इसालए धीर सवर म मझस बोला अपन मखर ामष क बात मत सनो बस रोज मरी तरह ोड़ा-ोड़ा पढ़ो लकन मन उसक बात पर कान नह धरा एक महीन बाद परीका क दन आ पच परीका क एक दन पहल जब मन पढ़ना श कया तब पाया क पढ़न को बत ा पर समय कम ा जस -तस पढ़ कर मन परीकाए ालखी और उममीद करता रहा क म परीका म उी र हो सक कछ दन बाद परीका का पराम ानकला और वही आ ाजसका डर ा म और ामष राव अनी र हो गए दसरी ओर रमश बत अचछ अको स उी र आ उस दन मझ समझ आ गया क मखर ामष स समझदार शष अचछा होता ह

भावषय क पढ़ाई (मासटर ाशव कलया सातव कका सपष वालल कलयाी उाल)

आज जब हम पढ़ाई या सकल क बार म सोचत ह तो नजरो म एक भारी बग उठाता आ

छाष दखता ह कताब क ाबना हम सकल जान क सोच भी नह सकत कताब क सा कपयटर भी पढ़ाई का महतवपर ाहससा बन चका ह

कछ साल बाद भारी कताब स भर बग क बदल छाष क हा म टबलट होगा आकाश टबलट एक ऐसा यष ह ाजसम हम तरह-तरह क कताब पढ़ सकत ह हम कका म ही नट स जानकारी पा सकत ह टबलट ोन स बड़ा ह और जयादा महगा भी नह हम इस कह भी ल जाकर इसम कताब पढ़ सकत ह हम इसम कका का दया गया कायर भी कर सकत ह यह टबलट पढ़ाई का अदाज बदल दगा और पढ़ाई को मजदार बना दगा

पानी और धप (कमारी एस साानया पाचवी कका सपषी राजया बगम अाल)

अभी-अभी ी धप बरसन लगा कहा स यह पानी कसन ोड़ बादल को क ह इतनी शतानी

सरज न कय बद कर ालया अपन घर का दरवाज़ा उसक मा न भी कया उसको बला ालया कहकर आजा

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ज़ोर-ज़ोर स गरज़ रह ह बादल ह कसक काका कसको डाट रह ह कसन कहना नह सना मा का

परीका (कमारी शख राजया सलताना गयारहव कका सपषी शख महबब पीरा पटल ाचषक)

ाजस नाम को सनन स कापता ह बा वो ह परीका परीका पपर हा म आत ही इतना डर लगता क यद अचछा नह कया तो ापटना पा तीन घट म लगभग करन होत ह चालीस सवाल एक भी छटा तो घर म आता ह भवडर रजलट क एक दन पहल रात को नद नह आती ह अचछ नबर पान क ालए भगवान क याद आती ह पास होन पर ामलता ह इनाम और मख स ानकलता ह ldquoकय भगवान rdquo र आती ह अगली कका तब भी मख स ानकलता ह हाय र आ गयी र स परीका

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राीय साकरता (मासटर शख समीर छठी कका सपष शख महबब पीरा पटल ाचषक)

ातदन सीखो अकर एक

ानयम बना लो ऐसा पढ़ो पढ़ाओ सीखो जान

तभी बनगा दश महान ावा सा जान कराती

मन का अधरा दर भगाती जहा पर बनत लोग जानी

वहा न होती मन क हाान अनपढ़ क ालए गगी पोी

धन दौलत भी होती ोी पढ़ा ालखा नह धोखा खाता

जहा भी जाता आदर पाता

मा (मासटर शख महबब बाशा आठव कका सपष शख महबब पीरा पटल ाचषक)

सबस सनदर जग म कौन बस एक त ह मा

सबस पयारी कसक मसकान बस एक तरी ही ह मा

कसन बनायी मरी पहचान तन ही तो मरी पयारी मा

कसक बोली ामी स मीठी तरी ही ह मरी मा

कसक डाट ह इमली स तीखी तरी ही तो पयारी मा

कसक ालए क म सब कबारन तर ालए मरी पयारी मा

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ाततली (कमारी एम राशका ाशवानी पाचवी कका सपषी एम लम कमार उाल)

ाततली तम कतनी

रग-ाबरगी होती हो तम सब ल का रस पी-पीकर

बाग-बगीच म रती रहती हो तर पख कई रग क होत ह

तमहार प को दखकर ब बत खश होत ह

मरी कका

(कमारी एम राशका ाशवानी पाचवी कका सपषी एम लम कमार उाल)

मरी कका म ह पचास ब हर एक ह अलग-अलग जस एक ह लबा एक ह छोटा एक ह मोटा एक ह पतला कछ ह अचछ कछ ह बर पर लगत ह सार पयार मरी कका ह रग- ाबरगी लगती ह ाततालय का झड ह

मझ बत पसद ह कयक यह हमारी कका ह

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39

शमरसार ई ससद पच ाड़ गए नयी तहजीब क झड गाड़ गए

उड़ाया गया काली ामचर का पाउडर सपीकर का नह सना आडरर आख जलन लग सास लन लगी ससद पर नगी तलवार झलन लगी

घायल आ जातष और सावधान मदर क पजारय न कया मदर का अपमान ऐस आतकय को सबक ासखाना होगा र नया इातहास बनाना होगा

बाल-म (वाइकराकश कमार खलासी)

बालपन क कलकारी धप क ताप स आ मक पोी छोड़ी कदाल खोदत हा क मार अचक कचड़ आधी म म करना आ मजबरी गरीबी क पराकाा पट और पीठ क घटती दरी कछ धनहीनता और कछ माता-ापता क मखरता कनत सबस जयादा सवा समाज क सवदनहीनता ाजसन बालक को ामक बनन को बाधय कया लखनी को छीनकर कोमल हा म छडी पकड़ायी

40

गाय-बकरी क सवा करता बालय-जीवन कप अपन भावषय को दर करता अजान और अबझ ावोपाजरन क कसको ह सरत ासात तो ऐसी ई दो दान अ क ालय बालपन चोर बनन को आतर आ

दोसती

(ाचा कडयया खलासी)

गलाब एक ल ह

एक घनट म मरझा जाता ह पर दोसती एक शा ह कभी भी जीावत रहती ह

बर ठडी होती ह जो पकड़ म नह आती ह

दोसती सोन जसी ह जो कभी कोई नह खरीद सकत ह

तार क पाच अनत (END) ह चौकोन क चार अनत ह तीकोन क तीन अनत ह

एक रखा का एक अनत ह पर दोसती का कोई अनत नह ह

41

मर जीवन का उशय (कमारी ाया सातव कका सपषी एम सबीता उाल)

कग नयज भारत का खतरा पाकसतान न कशमीर पर हमला कया ह कछ दन बाद helliphellip कग नयज पाकसतान क ाखला भारत क रका करत ए वीर सानक

का भारी नकसान इन खबर न भारत को ाहला दया ा म भी सोच म पड़ गयी क म भारत क ालए कया कर सकता भारत को इन हमल स कस बचा सकता मर मन म ास र एक ही खयाल आया क भारतीय सना का एक जवान ासपाही बन

जव मन यह बात अपन दोसत स कही तो उसन कहा क ासपाही बनना खतर स खाली नह ह और परवार स दर सरहद पर खतर स भर जीवन मर ालए कपद होगा लकन मन ठान ालया ा क म कछ ऐसा कगी क पर दश म मरा नाम हो ाजस दखकर मर अपन का ासर गवर स ऊचा हो जाए

मर ानय को सनकर मरी मा रोन लगी मझ लोभन दया क म ापार क मर दोसत न मझ डाकटर बनन का सझाव दया पर मन सोचा क भारत म कई डाकटर ह ापारी ह भारत को डाकटर या ापारी क नह बालक सानक क जरत ह

म भारत क ालए अपनी जान भी दन क ालए तयार मन सोचा सब अपन परवार को सराकत

रखना चाहत ह र भारत - भाम तो मरी मा ह मरी ही कय हर एक क मा ह तो हम सब का कतर बनता ह क हम इसक रका कर इसीालए मर जीवन का उशय ह क म एक ासपाही बन और भारत क सवा क

मखर ामष स समझदार शष अचछा होता ह (मासटर सनीत चौी कका सपष एम सबीता उाल)

एक दन म और मरा सबस अचछा ामष राव बठ यह सोच रह क हम परीका क ालए अभी स पढ़ाई श कर दनी चााहए या नह राव न तपाक स कहा क अभी स पढन स कोई लाभ नह होगा अगर हम परीका क एक दन पहल पढ़ग तो जयादा दमाग म रहगा तभी वहा स मरी कका का दसरा छाष रमश गजर रहा ा मझ रमश ाबलकल पसद नही ा और रमश भी मझ पसद नह करता ा बात-बात पर हम लड़ाई करत पर पढ़ाई म वह मझस बत अचछा ा उसन हमारी बात सन ली ी

42

इसालए धीर सवर म मझस बोला अपन मखर ामष क बात मत सनो बस रोज मरी तरह ोड़ा-ोड़ा पढ़ो लकन मन उसक बात पर कान नह धरा एक महीन बाद परीका क दन आ पच परीका क एक दन पहल जब मन पढ़ना श कया तब पाया क पढ़न को बत ा पर समय कम ा जस -तस पढ़ कर मन परीकाए ालखी और उममीद करता रहा क म परीका म उी र हो सक कछ दन बाद परीका का पराम ानकला और वही आ ाजसका डर ा म और ामष राव अनी र हो गए दसरी ओर रमश बत अचछ अको स उी र आ उस दन मझ समझ आ गया क मखर ामष स समझदार शष अचछा होता ह

भावषय क पढ़ाई (मासटर ाशव कलया सातव कका सपष वालल कलयाी उाल)

आज जब हम पढ़ाई या सकल क बार म सोचत ह तो नजरो म एक भारी बग उठाता आ

छाष दखता ह कताब क ाबना हम सकल जान क सोच भी नह सकत कताब क सा कपयटर भी पढ़ाई का महतवपर ाहससा बन चका ह

कछ साल बाद भारी कताब स भर बग क बदल छाष क हा म टबलट होगा आकाश टबलट एक ऐसा यष ह ाजसम हम तरह-तरह क कताब पढ़ सकत ह हम कका म ही नट स जानकारी पा सकत ह टबलट ोन स बड़ा ह और जयादा महगा भी नह हम इस कह भी ल जाकर इसम कताब पढ़ सकत ह हम इसम कका का दया गया कायर भी कर सकत ह यह टबलट पढ़ाई का अदाज बदल दगा और पढ़ाई को मजदार बना दगा

पानी और धप (कमारी एस साानया पाचवी कका सपषी राजया बगम अाल)

अभी-अभी ी धप बरसन लगा कहा स यह पानी कसन ोड़ बादल को क ह इतनी शतानी

सरज न कय बद कर ालया अपन घर का दरवाज़ा उसक मा न भी कया उसको बला ालया कहकर आजा

43

ज़ोर-ज़ोर स गरज़ रह ह बादल ह कसक काका कसको डाट रह ह कसन कहना नह सना मा का

परीका (कमारी शख राजया सलताना गयारहव कका सपषी शख महबब पीरा पटल ाचषक)

ाजस नाम को सनन स कापता ह बा वो ह परीका परीका पपर हा म आत ही इतना डर लगता क यद अचछा नह कया तो ापटना पा तीन घट म लगभग करन होत ह चालीस सवाल एक भी छटा तो घर म आता ह भवडर रजलट क एक दन पहल रात को नद नह आती ह अचछ नबर पान क ालए भगवान क याद आती ह पास होन पर ामलता ह इनाम और मख स ानकलता ह ldquoकय भगवान rdquo र आती ह अगली कका तब भी मख स ानकलता ह हाय र आ गयी र स परीका

44

राीय साकरता (मासटर शख समीर छठी कका सपष शख महबब पीरा पटल ाचषक)

ातदन सीखो अकर एक

ानयम बना लो ऐसा पढ़ो पढ़ाओ सीखो जान

तभी बनगा दश महान ावा सा जान कराती

मन का अधरा दर भगाती जहा पर बनत लोग जानी

वहा न होती मन क हाान अनपढ़ क ालए गगी पोी

धन दौलत भी होती ोी पढ़ा ालखा नह धोखा खाता

जहा भी जाता आदर पाता

मा (मासटर शख महबब बाशा आठव कका सपष शख महबब पीरा पटल ाचषक)

सबस सनदर जग म कौन बस एक त ह मा

सबस पयारी कसक मसकान बस एक तरी ही ह मा

कसन बनायी मरी पहचान तन ही तो मरी पयारी मा

कसक बोली ामी स मीठी तरी ही ह मरी मा

कसक डाट ह इमली स तीखी तरी ही तो पयारी मा

कसक ालए क म सब कबारन तर ालए मरी पयारी मा

45

ाततली (कमारी एम राशका ाशवानी पाचवी कका सपषी एम लम कमार उाल)

ाततली तम कतनी

रग-ाबरगी होती हो तम सब ल का रस पी-पीकर

बाग-बगीच म रती रहती हो तर पख कई रग क होत ह

तमहार प को दखकर ब बत खश होत ह

मरी कका

(कमारी एम राशका ाशवानी पाचवी कका सपषी एम लम कमार उाल)

मरी कका म ह पचास ब हर एक ह अलग-अलग जस एक ह लबा एक ह छोटा एक ह मोटा एक ह पतला कछ ह अचछ कछ ह बर पर लगत ह सार पयार मरी कका ह रग- ाबरगी लगती ह ाततालय का झड ह

मझ बत पसद ह कयक यह हमारी कका ह

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गाय-बकरी क सवा करता बालय-जीवन कप अपन भावषय को दर करता अजान और अबझ ावोपाजरन क कसको ह सरत ासात तो ऐसी ई दो दान अ क ालय बालपन चोर बनन को आतर आ

दोसती

(ाचा कडयया खलासी)

गलाब एक ल ह

एक घनट म मरझा जाता ह पर दोसती एक शा ह कभी भी जीावत रहती ह

बर ठडी होती ह जो पकड़ म नह आती ह

दोसती सोन जसी ह जो कभी कोई नह खरीद सकत ह

तार क पाच अनत (END) ह चौकोन क चार अनत ह तीकोन क तीन अनत ह

एक रखा का एक अनत ह पर दोसती का कोई अनत नह ह

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मर जीवन का उशय (कमारी ाया सातव कका सपषी एम सबीता उाल)

कग नयज भारत का खतरा पाकसतान न कशमीर पर हमला कया ह कछ दन बाद helliphellip कग नयज पाकसतान क ाखला भारत क रका करत ए वीर सानक

का भारी नकसान इन खबर न भारत को ाहला दया ा म भी सोच म पड़ गयी क म भारत क ालए कया कर सकता भारत को इन हमल स कस बचा सकता मर मन म ास र एक ही खयाल आया क भारतीय सना का एक जवान ासपाही बन

जव मन यह बात अपन दोसत स कही तो उसन कहा क ासपाही बनना खतर स खाली नह ह और परवार स दर सरहद पर खतर स भर जीवन मर ालए कपद होगा लकन मन ठान ालया ा क म कछ ऐसा कगी क पर दश म मरा नाम हो ाजस दखकर मर अपन का ासर गवर स ऊचा हो जाए

मर ानय को सनकर मरी मा रोन लगी मझ लोभन दया क म ापार क मर दोसत न मझ डाकटर बनन का सझाव दया पर मन सोचा क भारत म कई डाकटर ह ापारी ह भारत को डाकटर या ापारी क नह बालक सानक क जरत ह

म भारत क ालए अपनी जान भी दन क ालए तयार मन सोचा सब अपन परवार को सराकत

रखना चाहत ह र भारत - भाम तो मरी मा ह मरी ही कय हर एक क मा ह तो हम सब का कतर बनता ह क हम इसक रका कर इसीालए मर जीवन का उशय ह क म एक ासपाही बन और भारत क सवा क

मखर ामष स समझदार शष अचछा होता ह (मासटर सनीत चौी कका सपष एम सबीता उाल)

एक दन म और मरा सबस अचछा ामष राव बठ यह सोच रह क हम परीका क ालए अभी स पढ़ाई श कर दनी चााहए या नह राव न तपाक स कहा क अभी स पढन स कोई लाभ नह होगा अगर हम परीका क एक दन पहल पढ़ग तो जयादा दमाग म रहगा तभी वहा स मरी कका का दसरा छाष रमश गजर रहा ा मझ रमश ाबलकल पसद नही ा और रमश भी मझ पसद नह करता ा बात-बात पर हम लड़ाई करत पर पढ़ाई म वह मझस बत अचछा ा उसन हमारी बात सन ली ी

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इसालए धीर सवर म मझस बोला अपन मखर ामष क बात मत सनो बस रोज मरी तरह ोड़ा-ोड़ा पढ़ो लकन मन उसक बात पर कान नह धरा एक महीन बाद परीका क दन आ पच परीका क एक दन पहल जब मन पढ़ना श कया तब पाया क पढ़न को बत ा पर समय कम ा जस -तस पढ़ कर मन परीकाए ालखी और उममीद करता रहा क म परीका म उी र हो सक कछ दन बाद परीका का पराम ानकला और वही आ ाजसका डर ा म और ामष राव अनी र हो गए दसरी ओर रमश बत अचछ अको स उी र आ उस दन मझ समझ आ गया क मखर ामष स समझदार शष अचछा होता ह

भावषय क पढ़ाई (मासटर ाशव कलया सातव कका सपष वालल कलयाी उाल)

आज जब हम पढ़ाई या सकल क बार म सोचत ह तो नजरो म एक भारी बग उठाता आ

छाष दखता ह कताब क ाबना हम सकल जान क सोच भी नह सकत कताब क सा कपयटर भी पढ़ाई का महतवपर ाहससा बन चका ह

कछ साल बाद भारी कताब स भर बग क बदल छाष क हा म टबलट होगा आकाश टबलट एक ऐसा यष ह ाजसम हम तरह-तरह क कताब पढ़ सकत ह हम कका म ही नट स जानकारी पा सकत ह टबलट ोन स बड़ा ह और जयादा महगा भी नह हम इस कह भी ल जाकर इसम कताब पढ़ सकत ह हम इसम कका का दया गया कायर भी कर सकत ह यह टबलट पढ़ाई का अदाज बदल दगा और पढ़ाई को मजदार बना दगा

पानी और धप (कमारी एस साानया पाचवी कका सपषी राजया बगम अाल)

अभी-अभी ी धप बरसन लगा कहा स यह पानी कसन ोड़ बादल को क ह इतनी शतानी

सरज न कय बद कर ालया अपन घर का दरवाज़ा उसक मा न भी कया उसको बला ालया कहकर आजा

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ज़ोर-ज़ोर स गरज़ रह ह बादल ह कसक काका कसको डाट रह ह कसन कहना नह सना मा का

परीका (कमारी शख राजया सलताना गयारहव कका सपषी शख महबब पीरा पटल ाचषक)

ाजस नाम को सनन स कापता ह बा वो ह परीका परीका पपर हा म आत ही इतना डर लगता क यद अचछा नह कया तो ापटना पा तीन घट म लगभग करन होत ह चालीस सवाल एक भी छटा तो घर म आता ह भवडर रजलट क एक दन पहल रात को नद नह आती ह अचछ नबर पान क ालए भगवान क याद आती ह पास होन पर ामलता ह इनाम और मख स ानकलता ह ldquoकय भगवान rdquo र आती ह अगली कका तब भी मख स ानकलता ह हाय र आ गयी र स परीका

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राीय साकरता (मासटर शख समीर छठी कका सपष शख महबब पीरा पटल ाचषक)

ातदन सीखो अकर एक

ानयम बना लो ऐसा पढ़ो पढ़ाओ सीखो जान

तभी बनगा दश महान ावा सा जान कराती

मन का अधरा दर भगाती जहा पर बनत लोग जानी

वहा न होती मन क हाान अनपढ़ क ालए गगी पोी

धन दौलत भी होती ोी पढ़ा ालखा नह धोखा खाता

जहा भी जाता आदर पाता

मा (मासटर शख महबब बाशा आठव कका सपष शख महबब पीरा पटल ाचषक)

सबस सनदर जग म कौन बस एक त ह मा

सबस पयारी कसक मसकान बस एक तरी ही ह मा

कसन बनायी मरी पहचान तन ही तो मरी पयारी मा

कसक बोली ामी स मीठी तरी ही ह मरी मा

कसक डाट ह इमली स तीखी तरी ही तो पयारी मा

कसक ालए क म सब कबारन तर ालए मरी पयारी मा

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ाततली (कमारी एम राशका ाशवानी पाचवी कका सपषी एम लम कमार उाल)

ाततली तम कतनी

रग-ाबरगी होती हो तम सब ल का रस पी-पीकर

बाग-बगीच म रती रहती हो तर पख कई रग क होत ह

तमहार प को दखकर ब बत खश होत ह

मरी कका

(कमारी एम राशका ाशवानी पाचवी कका सपषी एम लम कमार उाल)

मरी कका म ह पचास ब हर एक ह अलग-अलग जस एक ह लबा एक ह छोटा एक ह मोटा एक ह पतला कछ ह अचछ कछ ह बर पर लगत ह सार पयार मरी कका ह रग- ाबरगी लगती ह ाततालय का झड ह

मझ बत पसद ह कयक यह हमारी कका ह

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मर जीवन का उशय (कमारी ाया सातव कका सपषी एम सबीता उाल)

कग नयज भारत का खतरा पाकसतान न कशमीर पर हमला कया ह कछ दन बाद helliphellip कग नयज पाकसतान क ाखला भारत क रका करत ए वीर सानक

का भारी नकसान इन खबर न भारत को ाहला दया ा म भी सोच म पड़ गयी क म भारत क ालए कया कर सकता भारत को इन हमल स कस बचा सकता मर मन म ास र एक ही खयाल आया क भारतीय सना का एक जवान ासपाही बन

जव मन यह बात अपन दोसत स कही तो उसन कहा क ासपाही बनना खतर स खाली नह ह और परवार स दर सरहद पर खतर स भर जीवन मर ालए कपद होगा लकन मन ठान ालया ा क म कछ ऐसा कगी क पर दश म मरा नाम हो ाजस दखकर मर अपन का ासर गवर स ऊचा हो जाए

मर ानय को सनकर मरी मा रोन लगी मझ लोभन दया क म ापार क मर दोसत न मझ डाकटर बनन का सझाव दया पर मन सोचा क भारत म कई डाकटर ह ापारी ह भारत को डाकटर या ापारी क नह बालक सानक क जरत ह

म भारत क ालए अपनी जान भी दन क ालए तयार मन सोचा सब अपन परवार को सराकत

रखना चाहत ह र भारत - भाम तो मरी मा ह मरी ही कय हर एक क मा ह तो हम सब का कतर बनता ह क हम इसक रका कर इसीालए मर जीवन का उशय ह क म एक ासपाही बन और भारत क सवा क

मखर ामष स समझदार शष अचछा होता ह (मासटर सनीत चौी कका सपष एम सबीता उाल)

एक दन म और मरा सबस अचछा ामष राव बठ यह सोच रह क हम परीका क ालए अभी स पढ़ाई श कर दनी चााहए या नह राव न तपाक स कहा क अभी स पढन स कोई लाभ नह होगा अगर हम परीका क एक दन पहल पढ़ग तो जयादा दमाग म रहगा तभी वहा स मरी कका का दसरा छाष रमश गजर रहा ा मझ रमश ाबलकल पसद नही ा और रमश भी मझ पसद नह करता ा बात-बात पर हम लड़ाई करत पर पढ़ाई म वह मझस बत अचछा ा उसन हमारी बात सन ली ी

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इसालए धीर सवर म मझस बोला अपन मखर ामष क बात मत सनो बस रोज मरी तरह ोड़ा-ोड़ा पढ़ो लकन मन उसक बात पर कान नह धरा एक महीन बाद परीका क दन आ पच परीका क एक दन पहल जब मन पढ़ना श कया तब पाया क पढ़न को बत ा पर समय कम ा जस -तस पढ़ कर मन परीकाए ालखी और उममीद करता रहा क म परीका म उी र हो सक कछ दन बाद परीका का पराम ानकला और वही आ ाजसका डर ा म और ामष राव अनी र हो गए दसरी ओर रमश बत अचछ अको स उी र आ उस दन मझ समझ आ गया क मखर ामष स समझदार शष अचछा होता ह

भावषय क पढ़ाई (मासटर ाशव कलया सातव कका सपष वालल कलयाी उाल)

आज जब हम पढ़ाई या सकल क बार म सोचत ह तो नजरो म एक भारी बग उठाता आ

छाष दखता ह कताब क ाबना हम सकल जान क सोच भी नह सकत कताब क सा कपयटर भी पढ़ाई का महतवपर ाहससा बन चका ह

कछ साल बाद भारी कताब स भर बग क बदल छाष क हा म टबलट होगा आकाश टबलट एक ऐसा यष ह ाजसम हम तरह-तरह क कताब पढ़ सकत ह हम कका म ही नट स जानकारी पा सकत ह टबलट ोन स बड़ा ह और जयादा महगा भी नह हम इस कह भी ल जाकर इसम कताब पढ़ सकत ह हम इसम कका का दया गया कायर भी कर सकत ह यह टबलट पढ़ाई का अदाज बदल दगा और पढ़ाई को मजदार बना दगा

पानी और धप (कमारी एस साानया पाचवी कका सपषी राजया बगम अाल)

अभी-अभी ी धप बरसन लगा कहा स यह पानी कसन ोड़ बादल को क ह इतनी शतानी

सरज न कय बद कर ालया अपन घर का दरवाज़ा उसक मा न भी कया उसको बला ालया कहकर आजा

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ज़ोर-ज़ोर स गरज़ रह ह बादल ह कसक काका कसको डाट रह ह कसन कहना नह सना मा का

परीका (कमारी शख राजया सलताना गयारहव कका सपषी शख महबब पीरा पटल ाचषक)

ाजस नाम को सनन स कापता ह बा वो ह परीका परीका पपर हा म आत ही इतना डर लगता क यद अचछा नह कया तो ापटना पा तीन घट म लगभग करन होत ह चालीस सवाल एक भी छटा तो घर म आता ह भवडर रजलट क एक दन पहल रात को नद नह आती ह अचछ नबर पान क ालए भगवान क याद आती ह पास होन पर ामलता ह इनाम और मख स ानकलता ह ldquoकय भगवान rdquo र आती ह अगली कका तब भी मख स ानकलता ह हाय र आ गयी र स परीका

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राीय साकरता (मासटर शख समीर छठी कका सपष शख महबब पीरा पटल ाचषक)

ातदन सीखो अकर एक

ानयम बना लो ऐसा पढ़ो पढ़ाओ सीखो जान

तभी बनगा दश महान ावा सा जान कराती

मन का अधरा दर भगाती जहा पर बनत लोग जानी

वहा न होती मन क हाान अनपढ़ क ालए गगी पोी

धन दौलत भी होती ोी पढ़ा ालखा नह धोखा खाता

जहा भी जाता आदर पाता

मा (मासटर शख महबब बाशा आठव कका सपष शख महबब पीरा पटल ाचषक)

सबस सनदर जग म कौन बस एक त ह मा

सबस पयारी कसक मसकान बस एक तरी ही ह मा

कसन बनायी मरी पहचान तन ही तो मरी पयारी मा

कसक बोली ामी स मीठी तरी ही ह मरी मा

कसक डाट ह इमली स तीखी तरी ही तो पयारी मा

कसक ालए क म सब कबारन तर ालए मरी पयारी मा

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ाततली (कमारी एम राशका ाशवानी पाचवी कका सपषी एम लम कमार उाल)

ाततली तम कतनी

रग-ाबरगी होती हो तम सब ल का रस पी-पीकर

बाग-बगीच म रती रहती हो तर पख कई रग क होत ह

तमहार प को दखकर ब बत खश होत ह

मरी कका

(कमारी एम राशका ाशवानी पाचवी कका सपषी एम लम कमार उाल)

मरी कका म ह पचास ब हर एक ह अलग-अलग जस एक ह लबा एक ह छोटा एक ह मोटा एक ह पतला कछ ह अचछ कछ ह बर पर लगत ह सार पयार मरी कका ह रग- ाबरगी लगती ह ाततालय का झड ह

मझ बत पसद ह कयक यह हमारी कका ह

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इसालए धीर सवर म मझस बोला अपन मखर ामष क बात मत सनो बस रोज मरी तरह ोड़ा-ोड़ा पढ़ो लकन मन उसक बात पर कान नह धरा एक महीन बाद परीका क दन आ पच परीका क एक दन पहल जब मन पढ़ना श कया तब पाया क पढ़न को बत ा पर समय कम ा जस -तस पढ़ कर मन परीकाए ालखी और उममीद करता रहा क म परीका म उी र हो सक कछ दन बाद परीका का पराम ानकला और वही आ ाजसका डर ा म और ामष राव अनी र हो गए दसरी ओर रमश बत अचछ अको स उी र आ उस दन मझ समझ आ गया क मखर ामष स समझदार शष अचछा होता ह

भावषय क पढ़ाई (मासटर ाशव कलया सातव कका सपष वालल कलयाी उाल)

आज जब हम पढ़ाई या सकल क बार म सोचत ह तो नजरो म एक भारी बग उठाता आ

छाष दखता ह कताब क ाबना हम सकल जान क सोच भी नह सकत कताब क सा कपयटर भी पढ़ाई का महतवपर ाहससा बन चका ह

कछ साल बाद भारी कताब स भर बग क बदल छाष क हा म टबलट होगा आकाश टबलट एक ऐसा यष ह ाजसम हम तरह-तरह क कताब पढ़ सकत ह हम कका म ही नट स जानकारी पा सकत ह टबलट ोन स बड़ा ह और जयादा महगा भी नह हम इस कह भी ल जाकर इसम कताब पढ़ सकत ह हम इसम कका का दया गया कायर भी कर सकत ह यह टबलट पढ़ाई का अदाज बदल दगा और पढ़ाई को मजदार बना दगा

पानी और धप (कमारी एस साानया पाचवी कका सपषी राजया बगम अाल)

अभी-अभी ी धप बरसन लगा कहा स यह पानी कसन ोड़ बादल को क ह इतनी शतानी

सरज न कय बद कर ालया अपन घर का दरवाज़ा उसक मा न भी कया उसको बला ालया कहकर आजा

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ज़ोर-ज़ोर स गरज़ रह ह बादल ह कसक काका कसको डाट रह ह कसन कहना नह सना मा का

परीका (कमारी शख राजया सलताना गयारहव कका सपषी शख महबब पीरा पटल ाचषक)

ाजस नाम को सनन स कापता ह बा वो ह परीका परीका पपर हा म आत ही इतना डर लगता क यद अचछा नह कया तो ापटना पा तीन घट म लगभग करन होत ह चालीस सवाल एक भी छटा तो घर म आता ह भवडर रजलट क एक दन पहल रात को नद नह आती ह अचछ नबर पान क ालए भगवान क याद आती ह पास होन पर ामलता ह इनाम और मख स ानकलता ह ldquoकय भगवान rdquo र आती ह अगली कका तब भी मख स ानकलता ह हाय र आ गयी र स परीका

44

राीय साकरता (मासटर शख समीर छठी कका सपष शख महबब पीरा पटल ाचषक)

ातदन सीखो अकर एक

ानयम बना लो ऐसा पढ़ो पढ़ाओ सीखो जान

तभी बनगा दश महान ावा सा जान कराती

मन का अधरा दर भगाती जहा पर बनत लोग जानी

वहा न होती मन क हाान अनपढ़ क ालए गगी पोी

धन दौलत भी होती ोी पढ़ा ालखा नह धोखा खाता

जहा भी जाता आदर पाता

मा (मासटर शख महबब बाशा आठव कका सपष शख महबब पीरा पटल ाचषक)

सबस सनदर जग म कौन बस एक त ह मा

सबस पयारी कसक मसकान बस एक तरी ही ह मा

कसन बनायी मरी पहचान तन ही तो मरी पयारी मा

कसक बोली ामी स मीठी तरी ही ह मरी मा

कसक डाट ह इमली स तीखी तरी ही तो पयारी मा

कसक ालए क म सब कबारन तर ालए मरी पयारी मा

45

ाततली (कमारी एम राशका ाशवानी पाचवी कका सपषी एम लम कमार उाल)

ाततली तम कतनी

रग-ाबरगी होती हो तम सब ल का रस पी-पीकर

बाग-बगीच म रती रहती हो तर पख कई रग क होत ह

तमहार प को दखकर ब बत खश होत ह

मरी कका

(कमारी एम राशका ाशवानी पाचवी कका सपषी एम लम कमार उाल)

मरी कका म ह पचास ब हर एक ह अलग-अलग जस एक ह लबा एक ह छोटा एक ह मोटा एक ह पतला कछ ह अचछ कछ ह बर पर लगत ह सार पयार मरी कका ह रग- ाबरगी लगती ह ाततालय का झड ह

मझ बत पसद ह कयक यह हमारी कका ह

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ज़ोर-ज़ोर स गरज़ रह ह बादल ह कसक काका कसको डाट रह ह कसन कहना नह सना मा का

परीका (कमारी शख राजया सलताना गयारहव कका सपषी शख महबब पीरा पटल ाचषक)

ाजस नाम को सनन स कापता ह बा वो ह परीका परीका पपर हा म आत ही इतना डर लगता क यद अचछा नह कया तो ापटना पा तीन घट म लगभग करन होत ह चालीस सवाल एक भी छटा तो घर म आता ह भवडर रजलट क एक दन पहल रात को नद नह आती ह अचछ नबर पान क ालए भगवान क याद आती ह पास होन पर ामलता ह इनाम और मख स ानकलता ह ldquoकय भगवान rdquo र आती ह अगली कका तब भी मख स ानकलता ह हाय र आ गयी र स परीका

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राीय साकरता (मासटर शख समीर छठी कका सपष शख महबब पीरा पटल ाचषक)

ातदन सीखो अकर एक

ानयम बना लो ऐसा पढ़ो पढ़ाओ सीखो जान

तभी बनगा दश महान ावा सा जान कराती

मन का अधरा दर भगाती जहा पर बनत लोग जानी

वहा न होती मन क हाान अनपढ़ क ालए गगी पोी

धन दौलत भी होती ोी पढ़ा ालखा नह धोखा खाता

जहा भी जाता आदर पाता

मा (मासटर शख महबब बाशा आठव कका सपष शख महबब पीरा पटल ाचषक)

सबस सनदर जग म कौन बस एक त ह मा

सबस पयारी कसक मसकान बस एक तरी ही ह मा

कसन बनायी मरी पहचान तन ही तो मरी पयारी मा

कसक बोली ामी स मीठी तरी ही ह मरी मा

कसक डाट ह इमली स तीखी तरी ही तो पयारी मा

कसक ालए क म सब कबारन तर ालए मरी पयारी मा

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ाततली (कमारी एम राशका ाशवानी पाचवी कका सपषी एम लम कमार उाल)

ाततली तम कतनी

रग-ाबरगी होती हो तम सब ल का रस पी-पीकर

बाग-बगीच म रती रहती हो तर पख कई रग क होत ह

तमहार प को दखकर ब बत खश होत ह

मरी कका

(कमारी एम राशका ाशवानी पाचवी कका सपषी एम लम कमार उाल)

मरी कका म ह पचास ब हर एक ह अलग-अलग जस एक ह लबा एक ह छोटा एक ह मोटा एक ह पतला कछ ह अचछ कछ ह बर पर लगत ह सार पयार मरी कका ह रग- ाबरगी लगती ह ाततालय का झड ह

मझ बत पसद ह कयक यह हमारी कका ह

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राीय साकरता (मासटर शख समीर छठी कका सपष शख महबब पीरा पटल ाचषक)

ातदन सीखो अकर एक

ानयम बना लो ऐसा पढ़ो पढ़ाओ सीखो जान

तभी बनगा दश महान ावा सा जान कराती

मन का अधरा दर भगाती जहा पर बनत लोग जानी

वहा न होती मन क हाान अनपढ़ क ालए गगी पोी

धन दौलत भी होती ोी पढ़ा ालखा नह धोखा खाता

जहा भी जाता आदर पाता

मा (मासटर शख महबब बाशा आठव कका सपष शख महबब पीरा पटल ाचषक)

सबस सनदर जग म कौन बस एक त ह मा

सबस पयारी कसक मसकान बस एक तरी ही ह मा

कसन बनायी मरी पहचान तन ही तो मरी पयारी मा

कसक बोली ामी स मीठी तरी ही ह मरी मा

कसक डाट ह इमली स तीखी तरी ही तो पयारी मा

कसक ालए क म सब कबारन तर ालए मरी पयारी मा

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ाततली (कमारी एम राशका ाशवानी पाचवी कका सपषी एम लम कमार उाल)

ाततली तम कतनी

रग-ाबरगी होती हो तम सब ल का रस पी-पीकर

बाग-बगीच म रती रहती हो तर पख कई रग क होत ह

तमहार प को दखकर ब बत खश होत ह

मरी कका

(कमारी एम राशका ाशवानी पाचवी कका सपषी एम लम कमार उाल)

मरी कका म ह पचास ब हर एक ह अलग-अलग जस एक ह लबा एक ह छोटा एक ह मोटा एक ह पतला कछ ह अचछ कछ ह बर पर लगत ह सार पयार मरी कका ह रग- ाबरगी लगती ह ाततालय का झड ह

मझ बत पसद ह कयक यह हमारी कका ह

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ाततली (कमारी एम राशका ाशवानी पाचवी कका सपषी एम लम कमार उाल)

ाततली तम कतनी

रग-ाबरगी होती हो तम सब ल का रस पी-पीकर

बाग-बगीच म रती रहती हो तर पख कई रग क होत ह

तमहार प को दखकर ब बत खश होत ह

मरी कका

(कमारी एम राशका ाशवानी पाचवी कका सपषी एम लम कमार उाल)

मरी कका म ह पचास ब हर एक ह अलग-अलग जस एक ह लबा एक ह छोटा एक ह मोटा एक ह पतला कछ ह अचछ कछ ह बर पर लगत ह सार पयार मरी कका ह रग- ाबरगी लगती ह ाततालय का झड ह

मझ बत पसद ह कयक यह हमारी कका ह

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