पत्र सूचना शाखा 0upgovernor.nic.in/upgovernor.gov.in/press note/2016-08-20...

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प सूचना शाखा सूचना एवं जनसàपक िवभाग, 00 लखनऊ िवæविवɮयालय मɅ छपित िशवाजी महाराज की ितमा का अनावरण िशवाजी मɅ सबको जोड़ने की चुàबकीय शित थ-राÏयपाल िशवाजी ने राçीय चेतना को नई चेतना देने का काम िकया है - Įी राजनाथ िसंह लखनऊः 20 अगèत, 2016 उƣर देश के राÏयपाल Įी राम नाईक की अÚयता मɅ केÛीय ग हमंी Įी राजनाथ िसंह ने मुय अितिथ के तौर पर लखनऊ िवæविवɮयालय के मुय ांगण मɅ छपित िशवाजी महाराज की भåय ितमा का अनावरण िकया। इस अवसर पर लपित डा0 एस0बी0 िनमसे , ितक लपित 0 यू0सी0 ɮिववेदी सिहत कई िवæविवɮयालय के लपितगण एवं बड़ी संया मɅ गणमाÛय नागिरक व छा उपिèथत थे। राÏयपाल ने अपने िवचार åयत करते ह ए कहा िक छपित िशवाजी महाराज को िवæव के महान योɮधा के Ǿप मɅ जाना जाता है। िशवाजी कीक टनीित अɮिवतीय थी तथा वे वाèतव मɅ क टनीित के पिरचायक थे। उनके दोनɉ सेना मुख मुिèलम समुदाय के थे। उÛहɉने कहा िक िशवाजी मɅ सबको जोड़ने की चुàबकीय शित थी। Įी नाईक ने कहा िक िशवाजी सुशासन के पधर थे। अपने आाप मɅ उÛहɉने अपने सैिनकɉ को िनदȶ िशत िकया था िक खेत-खिलहानɉ व नागिरकɉ का नुकसान नहीं होना चािहये। सुशासन की Ǻिçट से युɮध मɅ भी वे जनता के िहत का Úयान बारीकी से करते थे। युɮध के बाद नजराने के तौर पर पेश की गई मुिèलम मिहला को उÛहɉने सàमानपूवक उसके घर भेजने का आदेश िदया। िशवाजी का खुिफया तं भी काफी åयापक था। पु भी यिद गलती करे तो उसके साथ कैसा åयवहार करना चािहये उÛहɉने åयवहािरक Ǿप से अपने पु को कारावास देकर èपçट िकया। िशवाजी ने राç िहत मɅ कभी पिरवार का मोह नहीं िकया। उÛहɉने कहा िक जोिखम लेना िशवाजी की िवशेषता थी। राÏयपाल ने िशãपकार Įी उƣम पचारणे की सराहना करते ह ए कहा िक Įी पचारणे ɮवारा बनाई गई िशवाजी की ितमा वाèतव मɅ उंगलीकी कला और ǿदय के भाव की जीती जागती िमसाल है। लखनऊ आने वाले लोगɉ को लखनऊ की अÛय ऐितहािसक धरोहरɉ के साथ शित दान करने वाला èथान िशवाजी की ितमा के Ǿप मɅ िमलेगा। उÛहɉने िवæवास åयत िकया िक जब लखनऊ िवæविवɮयालय शताÞदी वष की ओर जा रहा है ऐसे मɅ िशवाजीकितमा राçभित की सƣ ेरणा देती रहेगी। केÛीय ग हमंी Įी राजनाथ िसंह ने कहा िक क छ राç नायक ऐसे होते हɇ िजनसे पूरा देश ेरणा ाÜत करता है। छपित िशवाजी भी ऐसे महापुǽष हɇ िजनसे सभी को ेरणा िमलती है। िशवाजी ने राçीय चेतना को नई चेतना देने का काम िकया है। आÚयाि×मक मूãयɉ के ित िशवाजी की गहरी आèथा थी। बÍचɉ और मिहलाओं के ित उनका आचरण अनुकरणीय है। उनकी सेना मɅ िहÛदू और मुिèलम दोनɉ थे , यिद वे संक िचत मन के होते तो मुिèलम सैिनक न रखते थे। उÛहɉने कहा िक िशवाजी से चुनौितयɉ का सामना करने की ेरणा िमलती है। Įी राजनाथ िसंह ने कहा िक िहÛदुèतान एक था, एक है और एक रहेगा। राजनीितक èवाथ के िलये धम और जाित के आधार पर लोगɉ को बांटना उिचत नहीं है। सभी धमɟ को वसुधैव क टु àबकम के भाव से ेरणा लेकर भारत मɅ इÏजत िमली है। उÛहɉने कæमीर के लोगɉ से अपील करते ह ए कहा है िक सभी कæमीरी हमारे भाई हɇ और कæमीर मɅ शांित होनी चािहए। उÛहɉने कहा िक सभी समèयाओं का समाधान शांित और बातचीत से िनकल सकता है। कायम मɅ Įी उƣम पचारणे तथा क लपित, लखनऊ िवæविवɮयालय डा0 एस0बी0 िनमसे ने भी अपने िवचार रखɅ। ----- अंजुम/लिलत/राजभवन (297/27)

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