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1 | Page आतमदशर Visualization Dr. O.P.Verma M.B.B.S.,M.R.S.H.(London) President, Flax Awareness Society 7-B-43, Mahaveer Nagar III, Kota(Raj.) Join me at http://flaxindia.blogspot.com/ +919460816360 आतमदशर दशम ददब मश य धा दिज मम दब आप अपरब ीयर िो अभी� मद े ब दिकब धो। ो ि छ आप चरो करर मब रधब धह, यध पराभ े एिदरश यचर धी धोक धा। ादब शध िप दे आप चश धी रधब धह श शध र दे आ आप रधकब धह, ररब दब पधब यध िभी आपिब र े एि यचर िब �प े धी ि आप द र रर चधकब धह। आपरब उदिज शोर रर द� िश, उदि रकद रयश र दिब म उदि रश िरयश। क िर उदि भौकि असकतय दरब आश दे आ आप रधकब धह। द करध रश ि ीयर धबद दश िज पटरी पर राकर आगब धी चक क धा र िभी पीछब ड़ िर रधी मबक धा। भूकि भयश आप द क िो दझ ीशब ि धरब चरो करर ो ि छ भी धा, यध द� े ा एि यचर, एि ऊश, एि कराग धोकी धा। शध दझर ध�क आयशि धा, शधी एि करीि धा ददब आप दझ दिकब धह ि ऊ श धी पमश े पपरयकशक धोकी धा। र दोचशब ि एि धिरोटसट आपिो शध ररब िब ए एश िर मबक धा ि आपिज धबी े ो दकि धा यध ध� क गश धा, उदिज ग� दब आपिज धबी धो की धा, शधँ कि ि आपिब ध े ररोब भी पड़ दिकब धह। शधँ दकिदरश यचर िब र धी आपिो गश गरब ग । शम आपरब शध दोच धोक ि आपिज धबी पर र दकि ा धा को कश आपिज तयच ध� धोकी? शम आप शध य�द िर चिब धह (बिर ब रब श दब आप अभी िरेगब रधी) ि एि अि यचर दब ि छ धी दाि ा े पमश अपरी अयस म दिक धा। को एि उपश प यचर ट रशू(ि दर) िज अयस े मय कशो रधी िर दिक धा। ि यवष दब आतमदशर िब पदपि िी िश दो नटर शधी क दक िररब िज िौदद को िर रधब धह। ोर धररदब (ि छ ाम ओ ा िो छोड़ िर) उरिज दो ि ध�क दमर िरकब धह। अपरब ि पशोगो दब िश रब शध दस िश धा ि िह दर िब यब रोगी अि दश कि ीयक रधब नधोरब आतमदशर य िो दधी

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आत्मदर्शन Visualization Dr. O.P.Verma M.B.B.S.,M.R.S.H.(London) President, Flax Awareness Society 7-B-43, Mahaveer Nagar III, Kota(Raj.) Join me at http://flaxindia.blogspot.com/ +919460816360 आत्मदर्शन या विज्वलाइजेशन शायद सबसे मुख्य विधा है जिसकी मदद से आप अपने जीवन को अभीष्ट दिशा में ले जा सकते हो। जो कुछ आप चारों तरफ देख रहे हैं, वह प्रारंभ में सिर्फ एक विचार ही होता है। जैसे यह कप जिसमें आप चाय ही रहे हैं या यह घर जिसमें आज आप रहते हैं, बनने से पहले वह कभी आपके मन में एक विचार के रूप में ही था कि आप ऐसा घर बनाना चाहते हैं। फिर आपने उसकी योजना बनाना शुरू किया, उसका नक्शा बनवाया और इसके बाद उसका निर्माण करवाया। तब जाकर उसका भौतिक अस्तित्व सामने आया जिसमें आज आप रहते हैं। इस तरह मनुष्य का जीवन हमेशा समय की पटरी पर निरंतर आगे ही चलता जाता है और कभी पीछे मुड़ कर नहीं देखता। आप इस बात को समझ लीजिये कि हमारे चारों तरफ जो कुछ भी है, वह शुरू में मात्र एक विचार, एक ऊर्जा, एक तरंग होती है। यह समझना बहुत आवश्यक है, यही एक तरीका है जिससे आप समझ सकते हैं कि ऊर्जा ही पदार्थ में परिवर्तित होती है। जरा सोचिये कि एक हिप्नोटिस्ट आपको यह मानने के लिए बाध्य कर देता है कि आपकी हथेली में जो सिक्का है वह बहुत गर्म है, उसकी गर्मी से आपकी हथेली लाल हो जाती है, यहाँ तक कि आपके हाथ में फफोले भी पड़ सकते हैं। यहाँ सिक्का सिर्फ विचार के द्वारा ही आपको गर्म लगने लगता है। यदि आपने यह सोचा होता कि आपकी हथेली पर रखा सिक्का ठंडा है तो क्या आपकी त्वचा लाल हुई होती? यदि आप यह विश्वास कर चुके हैं (लेकिन मेरे खयाल से आप अभी करेंगे नहीं) कि एक अमुक विचार से कुछ ही सैकंड में पदार्थ अपनी अवस्था बदल सकता है। तो एक उपयुक्त विचार ट्यूमर (कैंसर) की अवस्था में बदलाव क्यों नहीं कर सकता है। कई वर्षों से आत्मदर्शन के प्रशिक्षक श्री कार्ल सिमोन्टन यही बात साबित करने की कौशिश तो कर रहे

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  • 1. 1 | P a g e Visualization Dr. O.P.Verma M.B.B.S.,M.R.S.H.(London) President, Flax Awareness Society 7-B-43, Mahaveer Nagar III, Kota(Raj.) Join me at http://flaxindia.blogspot.com/ +919460816360 , , , , , , , , , ? ( ) () ( )

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