यम §याह - world english bible · था। 2सलातीन 22:8का...

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1 यमयाह मुसिफ़ की पहचान यमयाह अपन काितब बाक क साथ। यमयाह िजसन कािहन और नबी बतौर खदमत की िहलिकयाह नाम एक कािहन का ब टा था। 2 सलातीन 22:8 का सरदार कािहन नही वह एक छोट स गा त का रहन वाला था (यम याह 1:1) बाक जो यमयाह का काितब था वह उसका हमखदमत था। उसको यमयाह न सारी बात िलखवा और उसी न नबी क गाम को िलखा, तालीफ़ ततब दी (यमयाह 36:4, 32; 45:1) यमयाह को रान वाला नबी भी कहा जाता ह (यमयाह 9:1; 13:17; 14:17) एक कशमकश भरी िज़दगी गुज़ारी यो िक उसन बाबुल क हमलावरो की बाबत शबीनी कीथी। िलख जान की तारीख़ और जगह इस क तनीफ़ की तारीख़ तक़रीबन 626 - 570 क़ल मसीह क बीच ह यह िकताब ग़ािलबन बाबुल की िजलावतनीक दौरान प री हुई। हाला िक कुछ उलमान िलहाज़ िकया िक िकताब की मदिवन की जाए तािक बाद म इस जारी रखा जाए। क़ब ल कु िनदा पान वाल यह िकताब यह दा आर यशल मक लोगो क िलए िलखी गई और बाद म क़िरईन बाइबल क िलए। असल मक़स यमयाह की िकताब उस नए अहद की सब स यादा साफ़ झलक श करती ह िजस ख़ुदा न अपन लोगो क साथ बा धन का इरादा िकया था जब एक बार मसीह जमीन पर आया था। यह नया अहद ख़ुदा क लोगो क िलए बहाली का वसीला होगा जब वह अपनी

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  • 1

    यमर्याहमसुिन्नफ़ की पहचानयमर्याह अपने काितब बारूक के साथ। यमर्याह िजसने कािहन

    और नबी बतौर ि़खदमत की िहलिकयाह नाम एक कािहन का बटेाथा। 2सलातीन 22:8का सरदार कािहन नहीं वह एक छोटे से गांवअंतूत का रहने वाला था (यमयेाह 1:1) बारूक जो यमर्याह काकाितब था वह उसका हमि़खदमत था। उसको यमर्याह ने सारीबातें िलखवाईं और उसी ने नबी के पगैाम को िलखा, तालीफ़ —ओ — ततीर्ब दी (यमर्याह 36:4, 32; 45:1) यमर्याह को राने वालानबी भी कहा जाता है (यमर्याह 9:1; 13:17; 14:17) एक कशमकशभरी िज़न्दगी गज़ुारी क्योिंक उसने बाबलु के हमलावरों की बाबतपशेबीनी की थी।

    िलखे जाने की तारीख़ और जगहइस के तस़्नीफ़ की तारीख़ तक़रीबन 626 - 570क़ब्ल मसीह के

    बीच ह।ैयह िकताब ग़ािलबन बाबलु की िजलावतनी के दौरान पूरी हईु।

    हालांिक कुछ उलमा‘ ने िलहाज़ िकया िक िकताब की मदिवन कीजाए तािक बाद में इसे जारी रखा जाए।

    क़बूल कुिनन्दा पाने वालेयह िकताब यहूदा आर यरूशलमे के लोगों के िलए िलखी गई

    और बाद में क़िरईन — ए — बाइबल के िलए।असल मक़सूदयमर्याह की िकताब उस नए अहदकी सब से ज़्यादा साफ़ झलक

    पशे करती है िजसे ख़दुा ने अपने लोगों के साथ बांधने का इरादािकया था जब एक बार मसीह जमीन पर आया था। यह नया अहदख़दुा के लोगों के िलए बहाली का वसीला होगा जब वह अपनी

  • यमर्याह 1:1 2 यमर्याह 1:5शरीयत पत्थर की तिख़्तयों पर िलखने के बदले उनके िदलों मे ंिलखने वाला था। यमर्याह की िकताब यहूदाह के िलए आखरीनबवुत की क़लम्बन्दी यह ख़तरे की अलामत पशे करते हएु िकअगर वह तौबा नहीं करंगे तो उन की बबार्दी यक़ीनी ह।ै यमर्याहकौम के लोगों को बलुाता है िक वह ख़दुा की तरफ़ िफरें उसीवक़्त यमर्याह यहूदा की बतुपरस्ती और बदकारी से तौबा न करनेके सबब से उस की बबार्दी के नागज़ुीर हाने को जानता था।

    मौज़’अअदालत (इन्साफ़)

    बरैूनी ख़ाका1. ख़दुा के ज़िरये यमर्माह की बलुाहट — 1:1-192. यहूदा को तंबीह — 2:1-35:193. यमर्याह का दखु उठाना — 36:1-38:284. यरूशलमे का ज़वाल और उसके नतीजे — 39:1-45:55. क़ौमों की बाबत नबवुतें — 46:1-51:646. तारीख़ी ज़मीमा — 52:1-341 यरिमयाह — िबन — िख़लिक़याह की बातें जो — िबनयमीन

    की ममलकुत में अन्तोती कािहनों मे ं से था; 2 िजस पर ख़दुावन्दका कलाम शाह — ए — यहूदाह यूिसयाह — िबन —अमून के िदनोंमे ं उसकी सल्तनत के तरेहवें साल में नािज़ल हआु। 3 शाह — ए— यहूदाह यहूयक़ीम िबन — यूिसयाह के िदनों मे ं भी, शाह — ए— यहूदाह िसदिक़याह — िबन — यूिसयाह के ग्यारहवें साल के पूरेहोने तक अहल — ए —यरेूशलमे के ग़लुामी में जाने तक जो पाचँवेंमहीने मे ं था, नािज़ल होता रहा।

    यमर्याह का बलुाया जाना और पहली बसारत4 तब ख़दुावन्द का कलाम मझु पर नािज़ल हआु, और उसने

    फ़रमाया, 5 “इससे पहले िक मैनंे तझुे बत्न में ख़ल्क़ िकया, मैं तझुे

  • यमर्याह 1:6 3 यमर्याह 1:17जानता था और तरेी पदैाइश से पहले मैनंे तझुे ख़ास िकया, औरक़ौमों के िलए तझुे नबी ठहराया।” 6तब मैनंे कहा, हाय,ख़दुावन्दख़दुा! दखे, मैं बोल नहीं सकता, क्यूिँक मैं तो बच्चा हू।ँ 7 लिेकनख़दुावन्द ने मझुे फ़रमाया, यू ँ न कह िक मैं बच्चा हू;ँ क्यूिँक िजसिकसी के पास मैं तझुे भजूेगँा तू जाएगा, और जो कुछ मैं तझुेफ़रमाऊँगा तू कहगेा। 8 तू उनके चहेरों को दखेकर न डर क्यूिँकख़दुावन्द फ़रमाता है मैं तझुे छुड़ाने को तरेे साथ हू।ँ 9 तब ख़दुावन्दने अपना हाथ बढ़ाकर मरेे मुहँ को छुआ; और ख़दुावन्द ने मझुेफ़रमाया दखे मैनंे अपना कलाम तरेे मुहँ मे ं डाल िदया। 10 दखे,आज के िदन मैनंे तझुे क़ौमों पर, और सल्तनतों पर मक़ुरर्र िकयािक उखाड़े और ढाए,और हलाक करे और िगराए,और ता'मीर करेऔर लगाए। 11 िफर ख़दुावन्द का कलाम मझु पर नािज़ल हआुऔरउसने फ़रमाया, ऐ यरिमयाह, तू क्या दखेता ह?ै मैनंे 'अज़र् की िक“बादाम के दरख़्त की एक शाख़ दखेता हू।ँ” 12और ख़दुावन्द नेमझुे फ़रमाया, तू ने ख़ूब दखेा, क्यूिँक मैं अपने कलाम को पूरा करनेके िलए बदेार' रहता हू।ँ 13 दूसरी बार ख़दुावन्द का कलाम मझु परनािज़ल हआुऔर उसने फ़रामाया तू क्या दखेता है मैनंे अज़र् की िकउबलती हईु दगे दखेता हू,ँ िजसका मुहँ उत्तर की तरफ़ से ह।ै 14 तबख़दुावन्द ने मझुे फ़रमाया, उत्तर की तरफ़ से इस मलु्क के तमामबािशन्दों पर आफ़त आएगी। 15 क्यूिँक ख़दुावन्द फ़रमाता ह,ै दखे,मैं उत्तर की सल्तनतों के तमाम ख़ान्दानों को बलुाऊँगा, और वहआएगँे और हर एक अपना तख़्त यरेूशलमे के फाटकों के मदख़लपर,और उसकी सब दीवारों के चारों तरफ़,और यहूदाह के तमामशहरों के सामने क़ाईम करेगा। 16 और मैं उनकी सारी शरारत कीवजह से उन पर फ़तवा दूगँा; क्यूिँक उन्होनंे मझुे छोड़ िदया औरग़रै — मा'बूदों के सामने लबुान जलाया और अपनी ही दस्तकारीको िसज्दा िकया। 17 इसिलए तू अपनी कमर कसकर उठ खड़ा हो,

  • यमर्याह 1:18 4 यमर्याह 2:7और जो कुछ मैं तझुे फ़रमाऊँ उनसे कह। उनके चहेरों को दखेकरन डर, ऐसा न हो िक मैं तझुे उनके सामने शिम र्ंदा करँू। 18 क्यूिँकदखे, मैं आज के िदन तझु को इस तमाम मलु्क, और यहूदाह केबादशाहों और उसके अमीरों और उसके कािहनों और मलु्क केलोगों के सामन,े एक फ़सीलदार शहर और लोहे का सतूुन औरपीतल की दीवार बनाता हू।ँ 19और वह तझु से लड़ंेग,ेलिेकन तझुपर ग़ािलब न आएगँ;े क्यूिँक ख़दुावन्द फ़रमाता ह,ै मैं तझुे छुड़ानेको तरेे साथ हू।ँ

    2ख़दुा का अपने लोगों के िख़लाफ बोलना

    1 िफर ख़दुावन्द का कलाम मझु पर नािज़ल हआु और उसनेफ़रमाया िक 2 “तू जा और यरेूशलमे के कान में पकुार कर कहिक ख़दुावन्द यू ँ फ़रमाता है िक 'मैं तरेी जवानी की उल्फ़त,और तरेीशादी की महुब्बत को याद करता हू ँ िक तू वीरान या'नी बंजर ज़मीनमें मरेे पीछे पीछे चली। 3 इस्राईल ख़दुावन्द का पाक,और उसकीअफ़्ज़ाइश का पहला फल था; ख़दुावन्द फ़रमाता ह,ै उसे िनगलनेवाले सब मजुिरम ठहरेगं,े उन पर आफ़त आएगी।” 4ऐ अहल — ए— या'क़ूब और अहल — ए — इस्राईल के सब ख़ानदानों ख़दुावन्दका कलाम सनुो: 5ख़दुावन्द यू ँ फ़रमाता है िक “तमु्हारे बाप — दादाने मझु में कौन सी बे — इन्साफ़ी पाई, िजसकी वजह से वह मझुसेदूर हो गए और झूठ की परैवी करके बकेार हएु? 6और उन्होनंेयह न कहा िक 'ख़दुावन्द कहा ँ है जो हमको मलु्क — ए — िमस्रसे िनकाल लाया, और वीरान और बंजर और गढ़ों की ज़मीन मेंस,े ख़शु्की और मौत के साये की सरज़मीन में स,े जहा ँ से न कोईगज़ुरता और न कोई क़याम करता था, हमको ले आया?” 7और मैंतमु को बाग़ों वाली ज़मीन में लाया िक तमु उसके मवेे और उसके

  • यमर्याह 2:8 5 यमर्याह 2:19अच्छे फल खाओ; लिेकन जब तमु दािख़ल हएु, तो तमु ने मरेीज़मीन को नापाक कर िदया और मरेी मीरास को मकरूह बनाया।8 कािहनों ने न कहा, िक 'ख़दुावन्द कहा ँ ह?ै' और अहल — ए —शरी'अत ने मझुे न जाना;और चरवाहों ने मझुसे सरकशी की,औरनिबयों ने बा'ल के नाम से नबवु्वत की और उन चीज़ों की परैवीकी िजनसे कुछ फ़ायदा नही।ं 9 इसिलए ख़दुावन्द फ़रमाता ह,ै मैंिफर तमु से झगड़ूगँा और तमु्हारे बटेों के बटेों से झगड़ा करँूगा।10 क्यूिँक पार गज़ुरकर िकत्तीम के जज़ीरों मे ं दखेो,और क़ीदार मेंक़ािसद भजेकर दिरयाफ़्त करो,और दखेो िक ऐसी बात कहीं हईुह?ै 11 क्या िकसी क़ौम ने अपने मा'बूदों को, हालािँक वह ख़दुानही,ं बदल डाला? लिेकन मरेी क़ौम ने अपने जलाल को बफ़ेायदाचीज़ से बदला। 12ख़दुावन्द फ़रमाता ह,ै ऐ आसमानो, इससे हरैानहो; िशद्दत से थरथराओ और िबल्कुल वीरान हो जाओ'। 13 क्यूिँकमरेे लोगों ने दो बरुाइया ँ की:ंउन्होनंे मझु आब — ए — हयात केचश्मे को छोड़ िदया और अपने िलए हौज़ खोदे हैं िशकस्ता हौज़िजनमें पानी नहीं ठहर सकता। 14 क्या इस्राईल ग़लुाम ह?ै क्या वहख़ानाज़ाद ह?ै वह िकस िलए लूटा गया? 15जवान शरे — ए —बबरउस पर गु़रार्ए और गरज,ेऔर उन्होनंे उसका मलु्क उजाड़ िदया।उसके शहर जल गए, वहा ँ कोई बसने वाला न रहा। 16 बनी नूफ़और बनी तहफ़नीस ने भी तरेी खोपड़ी फोड़ी। 17क्या तू ख़दु ही यहअपने ऊपर नहीं लाई िक तूने ख़दुावन्द अपने ख़दुा को छोड़ िदया,जब िक वह तरेी रहबरी करता था? 18और अब सीहोर “का पानीपीने को िमस्र की राह में तझुे क्या काम? और दिरया — ए —फ़रातका पानी पीने को असूर की राह में तरेा क्या मतलब? 19 तरेी हीशरारत तरेी तादीब करेगी,और तरेी नाफ़रमानी तझु को सज़ा दगेी।ख़दुावन्द रब्ब — उल — अफ़वाज, फ़रमाता ह,ै दखे और जान लेिक यह बरुा और बहतु ही ज़्यादा बजेा काम है िक तूने ख़दुावन्द

  • यमर्याह 2:20 6 यमर्याह 2:30अपने ख़दुा को छोड़ िदया,और तझु को मरेा ख़ौफ़ नही।ं 20 क्यूिँकमदु्दत हईु िक तूने अपने जएु को तोड़ डाला और अपने बन्धनों केटकुड़े कर डाल,े और कहा, 'मैं ताब'े न रहूगँी।” हा,ँ हर एक ऊँचेपहाड़ पर और हर एक हरे दरख़्त के नीचे तू बदकारी के िलए लटेगई। 21 मैनंे तो तझुे कािमल ताक लगाया और उम्दा बीज बोयाथा, िफर तू क्यूकँर मरेे िलए बहेक़ीक़त जंगली अंगूर का दरख़्त होगई? 22 हर तरह तू अपने को सज्जी से धोए और बहतु सा साबनुइस्त'ेमाल करे, तो भी ख़दुावन्द ख़दुा फ़रमाता ह,ै तरेी शरारत कादाग़ मरेे सामने ज़ािहर ह।ै 23 तू क्यूकँर कहती ह,ै 'मैं नापाक नहीं हू,ँमैनंे बा'लीम की परैवी नहीं की'? वादी में अपने चाल —चलन दखे,और जो कुछ तूने िकया है मा'लूम कर। तू तज़ेरौ ऊँटनी की तरह हैजो इधर — उधर दौड़ती ह;ै 24मादा गोरख़र की तरह जो वीराने की'आदी ह,ै जो शहवत के जोश में हवा को सूघँती ह;ै उसकी मस्तीकी हालत में कौन उसे रोक सकता ह?ै उसके तािलब मान्दा नहोगं,े उसकी मस्ती के िदनों मे ं “वह उसे पा लेगं।े 25 तू अपने पावँको नंगे पन से और अपने हलक़ को प्यास से बचा। लिेकन तूनेकहा, 'कुछ उम्मीद नही,ं हरिगज़ नही;ं क्यूिँक मैं बगेानों पर आिशक़हूँ और उन्हीं के पीछे जाऊँगी।” 26 िजस तरह चोर पकड़ा जाने पररुस्वा होता ह,ै उसी तरह इस्राईल का घराना रुस्वा हआु; वह औरउसके बादशाह,और हािकम और कािहन,और नबी; 27जो लकड़ीसे कहते है,ं 'तू मरेा बाप ह,ैऔर पत्थर स,े 'तू ने मझुे पदैा िकया।क्यूिँक उन्होनंे मरेी तरफ़ मुहँ न िकया बिल्क पीठकी;लिेकनअपनीमसुीबत के वक़्त वह कहेगं,े 'उठकर हमको बचा! 28लिेकन तरेेबतु कहा ँ है,ं िजनको तूने अपने िलए बनाया? अगर वह तरेी मसुीबतके वक़्त तझुे बचा सकते हैं तो उठंे; क्यूिँक ऐ यहूदाह, िजतने तरेेशहर हैं उतने ही तरेे मा'बूद है।ं 29 “तमु मझुसे क्यू ँ हजु्जत करोग?ेतमु सब ने मझुसे बग़ावत की ह,ै” ख़दुावन्द फ़रमाता ह।ै 30 मैनंे

  • यमर्याह 2:31 7 यमर्याह 3:2बफ़ेायदा तमु्हारे बटेों को पीटा, वह तरिबयत पज़ीर न हएु; तमु्हारीही तलवार फाड़ने वाले शरे — ए — बबर की तरह तमु्हारे निबयोंको खा गई। 31 ऐ इस नसल के लोगो,ं ख़दुावन्द के कलाम कािलहाज़ करो। क्या मैं इस्राईल के िलए वीरान या तारीकी की ज़मीनहआु? मरेे लोग क्यू ँ कहते है,ं 'हम आज़ाद हो गए, िफर तरेे पासन आएगँ?े' 32 क्या कँुवारी अपने ज़वेर, या दलु्हन अपनी आराइशभूल सकती ह?ै लिेकन मरेे लोग तो मदु्दत — ए — मदीद से मझु कोभूल गए। 33 तू तलब — ए इश्क में अपनी राह को कैसी आरास्ताकरती ह।ै यक़ीनन तूने फ़ािहशा 'औरतों को भी अपनी राहें िसखाईहै।ं 34 तरेे ही दामन पर बगेनुाह ग़रीबों का ख़ून भी पाया गया; तूनेउनको नक़ब लगाते नहीं पकड़ा; बिल्क इन्हीं सब बातों की वजहस,े 35तो भी तू कहती ह,ै 'मैं बक़ुेसूर हू,ँ उसका ग़ज़ब यक़ीनन मझुपर से टल जाएगा; दखे, मैं तझु पर फ़तवा दूगँा क्यूिँक तू कहती ह,ै'मैनंे गनुाह नहीं िकया। 36 तू अपनी राह बदलने को ऐसी बक़ेरारक्यू ँ िफरती ह?ै तू िमस्र से भी शिमर्न्दा होगी, जसैे असूर से हईु।37 वहा ँ से भी तू अपने िसर पर हाथ रख कर िनकलगेी; क्यूिँकख़दुावन्द ने उनको िजन पर तूने भरोसा िकया हक़ीर जाना,और तूउनसे कामयाब न होगी।

    31 कहते हैं िक 'अगर कोई मदर् अपनी बीवी को तलाक दे द,े

    और वह उसके यहा ँ से जाकर िकसी दूसरे मदर् की हो जाए, तोक्या वह पहला िफर उसके पास जाएगा?’ क्या वह ज़मीन बहतुनापाक न होगी? लिेकन तूने तो बहतु से यारों के साथ बदकारीकी ह;ै क्या अब भी तू मरेी तरफ़ िफरेगी? ख़दुावन्द फ़रमाता ह।ै2 पहाड़ों की तरफ़ अपनी आखँें उठा और दखे! कौन सी जगह हैजहा ँ तूने बदकारी नहीं की? तू राह में उनके िलए इस तरह बठैी,िजस तरह वीराने मे ं 'अरब। तूने अपनी बदकारी और शरारत से

  • यमर्याह 3:3 8 यमर्याह 3:13ज़मीन को नापाक िकया। 3 इसिलए बािरश नहीं होती औरआिख़रीबरसात नहीं हईु तरेी पशेानी फ़ािहशा की है और तझु को शमर् नहींआती'। 4 क्या तू अब से मझुे पकुार कर न कहगेी, ऐ मरेे बाप, तूमरेी जवानी का रहबर था? 5क्या उसका क़हर हमशेा रहगेा? क्यावह उसे हमशेा तक रख छोड़ेगा? दखे, तू ऐसी बातें तो कह चकुी,लिेकन जहा ँ तक तझु से हो सका तूने बरेु काम िकए।

    यहूदाह का इस्राईल के नमूने को दखे कर चलना6और यूिसयाह बादशाह के िदनों मे ं ख़दुावन्द ने मझुसे फ़रमाया,

    क्या तूने दखेा, नाफ़रमान इस्राईल ने क्या िकया ह?ै वह हर एकऊँचे पहाड़ पर और हर एक हरे दरख़्त के नीचे गई, और वहा ँबदकारी की। 7और जब वह ये सब कुछ कर चकुी तो मैनंे कहा,वह मरेी तरफ़ वापस आएगी; लिेकन वह न आई, और उसकीबवेफ़ा बहन यहूदाह ने ये हाल दखेा। 8 िफर मैनंे दखेा िक जबिफरे हएु इस्राईल की िज़नाकारी की वजह से मैनंे उसको तलाक़ देिदया,और उसे तलाक़नामा िलख िदया तो भी उसकी बवेफ़ा बहनयहूदाह न डरी; बिल्क उसने भी जाकर बदकारी की। 9 और ऐसाहआु िक उसने अपनी बदकारी की बरुाई से ज़मीन को नापाकिकया, और पत्थर और लकड़ी के साथ िज़नाकारी की। 10 औरख़दुावन्द फ़रमाता है िक बावजूद इस सब के उसकी बवेफ़ा बहनयहूदाह सच्चे िदल से मरेी तरफ़ न िफरी,बिल्क िरयाकारी स।े 11औरख़दुावन्द ने मझुसे फ़रमाया, नाफ़रमान इस्राईल ने बवेफ़ा यहूदाहसे ज़्यादा अपने आपको सच्चा सािबत िकया ह।ै 12 जा और उत्तरकी तरफ़ यह बात पकुारकर कह दे िक 'ख़दुावन्द फ़रमाता ह,ैऐ नाफ़रमान इस्राईल, वापस आ; मैं तझु पर क़हर की नज़र नहींकरँूगा क्यूिँक ख़दुावन्द फ़रमाता है मैं रहीम हू ँ मरेा क़हर हमशेा कानही।ं 13 िसफ़र् अपनी बदकारी का इक़रार कर िक तू ख़दुावन्द अपनेख़दुा से 'आसी हो गई,और हर एक हरे दरख़्त के नीचे ग़रैों के साथ

  • यमर्याह 3:14 9 यमर्याह 3:23इधर — उधर आवारा िफरी;ख़दुावन्द फ़रमाता ह,ै तमु मरेी आवाज़के सनुने वाले न हएु। 14ख़दुावन्द फ़रमाता ह,ै 'ऐ नाफ़रमान बच्चो,ंवापस आओ; क्यूिँक मैं ख़दु तमु्हारा मािलक हू,ँऔर मैं तमु को हरएक शहर में से एक,और हर एक घराने मे ं से दो लकेर िसय्यून मेंलाऊँगा। 15 “और मैं तमु को अपने ख़ाितर ख़्वाह चरवाहे दूगँा,औरवह तमु को समझदारी और 'अक़्लमन्दी से चराएगँ।े 16और यूँ होगािक ख़दुावन्द फ़रमाता है िक जब उन िदनों मे ं तमु मलु्क में बढ़ोगेऔर बहतु होग,े तब वह िफर न कहेगंे िक 'ख़दुावन्द के 'अहदका सन्दूक़'; उसका ख़याल भी कभी उनके िदल में न आएगा, वहहरिगज़ उसे याद न करेगंे और उसकी िज़यारत को न जाएगँ,ेऔरउसकी मरम्मत न होगी। 17 उस वक़्त यरेूशलमे ख़दुावन्द का तख़्तकहलाएगा,और उसमें या'नी यरेूशलमे मे,ं सब क़ौमें ख़दुावन्द केनाम से जमा' होगंी; और वह िफर अपने बरेु िदल की सख़्ती कीपरैवी न करेगं।े 18 उन िदनों मे ं यहूदाह का घराना इस्राईल के घरानेके साथ चलगेा,वह िमलकर उत्तर के मलु्क में से उस मलु्क में िजसेमैनंे तमु्हारे बाप — दादा को मीरास में िदया,आएगँ।े 19 'आह, मैनंेतो कहा था, मैं तझु को फ़ज़र्न्दों मे ं शािमल करके ख़शुनमुा मलु्कया'नी क़ौमों की नफ़ीस मीरास तझुे दूगँा;और तू मझुे बाप कह करपकुारेगी,और तू िफर मझुसे न िफरेगी। 20लिेकनख़दुावन्द फ़रमाताह,ै ऐ इस्राईल के घरान,े िजस तरह बीवी बवेफ़ाई से अपने शौहरको छोड़ दतेी ह,ै उसी तरह तूने मझुसे बवेफ़ाई की ह।ै 21 पहाड़ों परबनी — इस्राईल की िगरया —ओ — ज़ारी और िमन्नत की आवाज़सनुाई दतेी है क्यूिँक उन्होनंे अपनी राह टढ़ेी की और ख़दुावन्दअपने ख़दुा को भूल गए। 22 'ऐ नाफ़रमान फ़ज़र्न्द वापस आओ मैंतमु्हारी नाफ़रमानी का चारा करँूगा। दखे, हम तरेे पास आते है;ंक्यूिँक तू ही, ऐ ख़दुावन्द, हमारा ख़दुा ह।ै 23 हक़ीक़त में टीलों औरपहाड़ों पर के हजूुम से कुछ उम्मीद रखना बफ़ेायदा ह।ै यक़ीनन

  • यमर्याह 3:24 10 यमर्याह 4:7ख़दुावन्द हमारे ख़दुा ही में इस्राईल की नजात ह।ै 24 लिेकन इसरुस्वाई की वजह ने हमारी जवानी के वक़्त से हमारे बाप — दादाके माल को,और उनकी भड़ेों और उनके बलैों और उनके बटेे औरबिेटयों को िनगल िलया ह।ै 25 हम अपनी शमर् में लटेे ं और रुस्वाईहमको िछपा ल,े क्यूिँक हम और हमारे बाप — दादा अपनी जवानीके वक़्त से आज तक ख़दुावन्द अपने ख़दुा के ख़ताकार है।ं औरहम ख़दुावन्द अपने ख़दुा की आवाज़ के सनुने वाले नहीं हएु।”

    41 “ऐ इस्राईल,अगर तू वापस आए,ख़दुावन्द फ़रमाता है अगर

    तू मरेी तरफ़ वापस आए;और अपनी मकरूहात को मरेी नज़र सेदूर करे तो तू आवारा न होगा; 2और अगर तू सच्चाई और 'अदालतऔर सदाक़त से िज़न्दा ख़दुावन्द की क़सम खाए, तो क़ौमें उसकीवजह से अपने आपको मबुारक कहेगंी और उस पर फ़ख़्र करेगंी।”

    यहूदाह के िखलाफ़ आने वाला फैसला3 क्यूिँक ख़दुावन्द यहूदाह और यरेूशलमे के लोगों को यू ँ

    फ़रमाता ह:ै “अपनी उम्दा ज़मीन पर हल चलाओ, और काटँोंमे ं बीज न बोया करो। 4 'ऐ यहूदाह के लोगो,ं और यरेूशलमे केबािशन्दो,ख़दुावन्द के िलए अपना ख़तना कराओ; हा,ँअपने िदलका ख़तना करो; ऐसा न हो िक तमु्हारी बद'आमाली की वजह सेमरेा क़हर आग की तरह शो'लाज़न हो, और ऐसा भड़के के कोईबझुा न सके।” 5यहूदाह में इिश्तहार दो,और यरेूशलमे में इसका'ऐलान करो और कहो, तमु मलु्क में नरिसंगा फँूको, बलन्द आवाज़से पकुारो और कहो िक “जमा' हो, िक हसीन शहरों मे ं चले।ं 6 तमुिसय्यून ही में झण्डा खड़ा करो, पनाह लनेे को भागोऔर दरे न करो,क्यूिँक मैं बला और हलाकत — ए — शदीद को उत्तर की तरफ़ सेलाता हू।ँ 7 शरे — ए — बबर झािड़यों से िनकला ह,ैऔर क़ौमों केहलाक करने वाले ने रवानगी की ह;ै वह अपनी जगह से िनकला

  • यमर्याह 4:8 11 यमर्याह 4:20है िक तरेी ज़मीन को वीरान करे, तािक तरेे शहर वीरान हों औरकोई बसने वाला न रह।े 8 इसिलए टाट ओढ़कर छाती पीटो औरवावलैा करो, क्यूिँक ख़दुावन्द का क़हर — ए — शदीद हम पर सेटल नहीं गया।” 9और ख़दुावन्द फ़रमाता ह,ै उस वक़्त यू ँ होगा िकबादशाह और सरदार बे — िदल हो जायेगंे और कािहन हरैतज़दाऔर नबी शिम र्ंदा होगं।े 10 तब मैनंे कहा, अफ़सोस, ऐ ख़दुावन्दख़दुा, यक़ीनन तूने इन लोगों और यरेूशलमे को ये कह कर दग़ादी िक तमु सलामत रहोग;े हालािँक तलवार जान तक पहुचँ गईह।ै 11 उस वक़्त इन लोगों और यरेूशलमे से ये कहा जाएगा िक'वीराने के पहाड़ों पर से एक ख़शु्क हवा मरेी दख़ु्तर — ए —क़ौमकी तरफ़ चलगेी, उसाने और साफ़ करने के िलए नही,ं 12 बिल्कवहा ँ से एक बहतु तनु्द हवा मरेे िलए चलगेी; अब मैं भी उन परफ़तवा दूगँा। 13 दखेो, वह घटा की तरह चढ़ आएगा, उसके रथिगदर्बाद की तरह और उसके घोड़े 'उक़ाबों के जसैे तज़ेतर है।ं हमपर अफ़सोस के हाय, हम बबार्द हो गए! 14 ऐ यरेूशलमे, तू अपनेिदलको शरारत से पाककर तािक तू िरहाई पाए। बरेु ख़यालातकबतक तरेे िदल में रहेगं?े 15क्यूिँक दान से एक आवाज़ आती ह,ैऔरइफ़्राईम के पहाड़ से मसुीबत की ख़बर दतेी ह;ै 16क़ौमों को ख़बरदो, दखेो, यरेूशलमे के बारे में 'ऐलान करो िक “िघराव करने वालेदूर के मलु्क से आते है,ंऔर यहूदाह के शहरों के सामने ललकारेगंे17 खते के रखवालों की तरह वह उसे चारों तरफ़ से घरेेगं,े क्यूिँकउसने मझुसे बग़ावत की,ख़दुावन्द फ़रमाता ह।ै 18 तरेी चाल औरतरेे कामों से यह मसुीबत तझु पर आयी ह।ै यह तरेी शरारत ह,ै यहबहतु तल्ख़ ह,ै क्यूिँक यह तरेे िदल तक पहुचँ गई ह।ै” 19हाय, मरेािदल! मरेे पदार् — ए — िदल में ददर् ह!ै मरेा िदल बतेाब ह,ै मैं चपु नहींरह सकता; क्यूिँक ऐ मरेी जान, तूने नरिसंगे की आवाज़और लड़ाईकी ललकार सनु ली ह।ै 20 िशकस्त पर िशकस्त की ख़बर आतीह,ै यक़ीनन तमाम मलु्क बबार्द हो गया; मरेे ख़मेे अचानक और

  • यमर्याह 4:21 12 यमर्याह 4:31

    मरेे पद ेर् एक दम में बबार्द िकए गए। 21 मैं कब तक ये झण्डा दखूे ँऔर नरिसंगे की आवाज़ सनूु?ँ 22 “हक़ीक़त में मरेे लोग बवेक़ूफ़है,ं उन्होनंे मझुे नहीं पहचाना; वह बशे'ऊर बच्चे हैं और फ़क़र् नहींरखते बरेु काम करने मे ं होिशयार है,ं लिेकन नके काम की समझनहीं रखत।े” 23 मैनंे ज़मीन पर नज़र की, और क्या दखेता हू ँ िकवीरान और सनुसान ह;ैआसमानों को भी बनूेर पाया। 24 मैनंे पहाड़ोंपर िनगाह की, और क्या दखेता हू ँ िक वह कापँ गए, और सबटीले लिज़र्श खा गए। 25 मैनंे नज़र की,और क्या दखेता हू ँ िक कोईआदमी नही,ंऔर सब हवाई पिरन्दे उड़ गए। 26 िफर मैनंे नज़र कीऔर क्या दखेता हू ँ िक ज़रखते ज़मीन वीरान हो गई,और उसके सबशहर ख़दुावन्द की हज़ूुरी और उसके क़हर की िशद्दत से बबार्द होगए। 27 क्यूिँक ख़दुावन्द फ़रमाता है िक तमाम मलु्क वीरान होगातोभी मैं उसे िबल्कुल बबार्द न करँूगा। 28 इसीिलए ज़मीन मातमकरेगी और ऊपर से आसमान तारीक हो जाएगा; क्यूिँक मैं कहचकुा, मैनंे इरादा िकया ह,ै मैं उससे पशमेान न हूगँा और उससे बाज़न आऊँगा। 29सवारों और तीरअंदाज़ों के शोर से तमाम शहरी भागजाएगँ;े वह घने जंगलों मे ं जा घसुेगं,े और चट्टानों पर चढ़ जाएगँ,ेसब शहर छोड़ िदए जायेगंे और कोई आदमी उनमें न रहगेा। 30 तबऐ ग़ारतशदुा, तू क्या करेगी? अगरचे तू लाल जोड़ा पहन,े अगरचेतू ज़रीर्न ज़वेरों से आरास्ता हो, अगरचे तू अपनी आखँों मे ं सरुमालगाए, तू 'अबस अपने आपको ख़ूबसूरत बनाएगी; तरेे 'आिशक़तझु को हक़ीर जानेगं,े वह तरेी जान के तािलब होगं।े 31 क्यूिँक मैनंेउस 'औरत की जसैी आवाज़ सनुी है िजसे ददर् लगे हो,ंऔर उसकीजसैी ददर्नाक आवाज़ िजसके पहला बच्चा पदैा हो, या'नी दख़ु्तर— ए — िसय्यून की आवाज़, जो हापँती और अपने हाथ फैलाकरकहती ह,ै 'हाय! क़ाितलों के सामने मरेी जान बतेाब ह।ै

  • यमर्याह 5:1 13 यमर्याह 5:105

    यहूदाह के गनुाह1अब यरेूशलमे की गिलयों मे ं इधर — उधर गश्त करो; और

    दखेो और दिरयाफ़्त करो, और उसके चौकों मे ं ढूडँो, अगर कोईआदमी वहा ँ िमले जो इन्साफ़ करनवेाला और सच्चाई का तािलबहो, तो मैं उसे म'ुआफ़ करँूगा। 2और अगरचे वह कहते है,ं िज़न्दाख़दुावन्द की क़सम, तो भी यक़ीनन वह झूटी क़सम खाते है।ं 3 ऐख़दुावन्द, क्या तरेी आखँें सच्चाई पर नही है?ं तूने उनको माराह,ै लिेकन उन्होनंे अफ़सोस नहीं िकया; तूने उनको बबार्द िकया,लिेकन वह तरिबयत — पज़ीर न हएु; उन्होनंे अपने चहेरों को चट्टानसे भी ज़्यादा सख़्त बनाया, उन्होनंे वापस आने से इन्कार िकया ह।ै4तब मैनंे कहा िक “यक़ीनन ये बचेारे जािहल है,ंक्यूिँक ये ख़दुावन्दकी राह और अपने ख़दुा के हकु्मों को नहीं जानत।े 5 मैं बज़ुगुोर्ं केपास जाऊँगा,और उनसे कलाम करँूगा; क्यूिँक वह ख़दुावन्द कीराह और अपने ख़दुा के हकु्मों को जानते है।ं”लिेकन इन्होनंे जूआिबल्कुल तोड़ डाला,और बन्धनों के टकुड़े कर डाल।े 6 इसिलएजंगलका शरे—ए—बबर उनको फाड़ेगा वीराने का भिेड़या हलाककरेगा, चीता उनके शहरों की घात में बठैा रहगेा; जो कोई उनमें सेिनकले फाड़ा जाएगा, क्यूिँक उनकी सरकशी बहतु हईु और उनकीनाफ़रमानी बढ़ गई। 7 मैं तझुे क्यूकँर म'ुआफ़ करँू? तरेे फ़ज़र्न्दोंन'े मझु को छोड़ा, और उनकी क़सम खाई जो ख़दुा नहीं है।ं जबमैनंे उनको सरे िकया, तो उन्होनंे बदकारी की और परे बाधँकरक़हबाख़ानों मे ं इकटे्ठ हएु। 8 वह पटे भरे घोड़ों की तरह हो गए, हरएक सबुह के वक़्त अपने पड़ोसी की बीवी पर िहनिहनाने लगा।9ख़दुावन्द फ़रमाता ह,ै क्या मैं इन बातों के िलए सज़ा न दूगँा,औरक्या मरेी रूह ऐसी क़ौमों से इन्तक़ाम न लगेी? 10 'उसकी दीवारोंपर चढ़ जाओ और तोड़ डालो, लिेकन िबल्कुल बबार्द न करो,

  • यमर्याह 5:11 14 यमर्याह 5:22उसकी शाख़ें काट दो, क्यूिँक वह ख़दुावन्द की नहीं है।ं 11 इसिलएिक ख़दुावन्द फ़रमाता ह,ै इस्राईल के घराने और यहूदाह के घरानेने मझुसे बहतु बवेफ़ाई की। 12 “उन्होनंे ख़दुावन्द का इन्कार िकयाऔर कहा िक 'वह नहीं ह,ै हम पर हरिगज़ आफ़त न आएगी,औरतलवार और काल को हम न दखेेगं;े 13और नबी महज़ हवा होजाएगँ,ेऔरकलाम उनमें नहीं ह;ै उनके साथ ऐसा ही होगा।” 14 िफरइसिलए िक तमु यू ँ कहते हो,ख़दुावन्द रब्ब — उल —अफ़वाज यू ँफ़रमाता है िक, दखे, मैं अपने कलाम को तरेे मुहँ मे ं आग और इनलोगों को लकड़ी बनाऊँगा और वह इनको भसम कर दगेी। 15 ऐइस्राईल के घरान,े दखे, मैं एक क़ौम को दूर से तझु पर चढ़ा लाऊँगाख़दुावन्द फ़रमाता है वह ज़बरदस्त क़ौम ह,ै वह क़दीम क़ौम ह,ैवह ऐसी क़ौम है िजसकी ज़बान तू नहीं जानता और उनकी बातको तू नहीं समझता। 16 उनके तरकश खलुी क़ब्रे है,ंवह सब बहादरुमदर् है।ं 17 और वह तरेी फ़सल का अनाज और तरेी रोटी, जो तरेेबटेों और बिेटयों के खाने की थी,खा जाएगँ;े तरेे गाय — बलै औरतरेी भड़े बकिरयों को चट कर जाएगँ,े तरेे अंगूर और अंजीर िनगलजाएगँ,े तरेे हसीन शहरों को िजन पर तरेा भरोसा ह,ै तलवार सेवीरान कर देगं।े 18 “लिेकन ख़दुावन्द फ़रमाता ह,ै उन िदनों मे ं भीमैं तमु को िबल्कुल बबार्द न करँूगा। 19और यूँ होगा िक जब वहकहेगं,े 'ख़दुावन्द हमारे ख़दुा ने यह सब कुछ हम से क्यू ँ िकया?'तो तू उनसे कहगेा, िजस तरह तमु ने मझुे छोड़ िदया और अपनेमलु्क में ग़रै मा'बूदों की इबादत की, उसी तरह तमु उस मलु्क मेंजो तमु्हारा नहीं ह,ैअजनिबयों की िख़दमत करोग।े” 20या'क़ूब केघराने मे ं इस बात का इिश्तहार दो,और यहूदाह में इसका 'ऐलानकरो और कहो, 21 “अब ज़रा सनुो, ऐ नादान और ब'ेअक़्ल लोगो,ंजो आखँें रखते हो लिेकन दखेते नही,ं जो कान रखते हो लिेकनसनुते नही।ं 22 ख़दुावन्द फ़रमाता ह,ै क्या तमु मझुसे नहीं डरत?ेक्या तमु मरेे सामने थरथराओगे नही,ं िजसने रेत को समन्दर की

  • यमर्याह 5:23 15 यमर्याह 6:2हद पर हमशेा के हकु्म से क़ाईम िकया िक वह उससे आगे नहींबढ़ सकता और हरचन्द उसकी लहरें उछलती है,ं तोभी ग़ािलबनहीं आती;ंऔर हरचन्द शोर करती है,ं तो भी उससे आगे नहीं बढ़सकती।ं 23लिेकन इन लोगों के िदल बाग़ी और सरकश है;ं इन्होनंेसरकशी की और दूर हो गए। 24 इन्होनंे अपने िदल में न कहा िकहम ख़दुावन्द अपने ख़दुा से डरे,ं जो पहली और िपछली बरसातवक़्त पर भजेता ह,ै और फ़सल के मक़ुरर्रा हफ़्तों को हमारे िलएमौजूद कर रखता ह।ै 25 तमु्हारी बदिकरदारी ने इन चीज़ों को तमु सेदूर कर िदया,और तमु्हारे गनुाहों ने अच्छी चीज़ों को तमु से बाज़रखा'। 26 क्यूिँक मरेे लोगों मे ं शरीर पाए जाते है;ं वह फन्दा लगानेवालों की तरह घात में बठैते है,ं वह जाल फैलाते और आदिमयोंको पकड़ते है।ं 27 जसैे िपंजरा िचिड़यों से भरा हो, वसैे ही उनकेघर फ़रेब से भरे है,ं तब वह बड़े और मालदार हो गए। 28 वह मोटेहो गए, वह िचकने है।ं वह बरेु कामों मे ं सबक़त ले जाते है,ं वहफ़िरयाद या'नी यतीमों की फ़िरयाद, नहीं सनुते तािक उनका भलाहो और मोहताजों का इन्साफ़ नहीं करत।े 29ख़दुावन्द फ़रमाता ह,ैक्या मैं इन बातों के िलए सज़ा न दूगँा? और क्या मरेी रूह ऐसी क़ौमसे इन्तक़ाम न लगेी?” 30मलु्क में एक हरैतअफ़ज़ा और हौलनाकबात हईु; 31नबी झूठी नबवु्वत करते है,ंऔर कािहन उनके वसीलेसे हकु्मरानी करते है,ं और मरेे लोग ऐसी हालत को पसन्द करतेहै,ंअब तमु इसके आिख़र में क्या करोग?े

    6यरुशलमे को आिखरी बार खबरदार करना

    1 ऐ बनी िबनयमीन, यरेूशलमे में से पनाह के िलए भाग िनकलो,और तक़ू'अ में नरिसंगा फँूको और बतै हक्करम में आितशीन 'अलमबलन्द करो; क्यूिँक उत्तर की तरफ़ से बला और बड़ी तबाहीआनवेाली ह।ै 2 मैं दख़ु्तर — ए — िसय्यून को जो शकील और

  • यमर्याह 6:3 16 यमर्याह 6:14नाज़नीन ह,ै हलाक करँूगा। 3 चरवाहे अपने गल्लों को लकेर उसकेपास आएगँे और चारों तरफ़ उसके सामने ख़मेे खड़े करेगंे हर एकअपनी जगह में चराएगा। 4 “उससे जंग के िलए अपने आपको ख़ासकरो; उठो, दोपहर ही को चढ़ चले!ं हम पर अफ़सोस, क्यूिँक िदनढलता जाता ह,ैऔर शाम का साया बढ़ता जाता ह!ै 5उठो, रात हीको चढ़ चलें और उसके क़स्रों को ढा दे!ं” 6क्यूिँक रब्ब — उल —अफ़वाज यू ँ फ़रमाता है िक: 'दरख़्त काट डालो,और यरेूशलमे केसामने दमदमा बाधँो; यह शहर सज़ा का सज़ावार ह,ै इसमें ज़लु्मही ज़लु्म है।ं 7 िजस तरह पानी चश्मे से फूट िनकलता ह,ै उसीतरह शरारत इससे जारी ह;ै ज़लु्म और िसतम की हमशेा इसमें सनुीजाती ह,ै हर दम मरेे सामने दखु ददर् और ज़ख़्म है।ं 8 ऐ यरेूशलमे,तरिबयत — पज़ीर हो; ऐसा न हो िक मरेा िदल तझु से हट जाए, न होिक मैं तझुे वीरान और ग़रैआबाद ज़मीन बना दू।ँ 9 रब्ब — उल —अफ़वाज यू ँ फ़रमाता ह:ै “वह इस्राईल के बिक़ये को अंगूर की तरहढूडँकर तोड़ लेगं।े तू अंगूर तोड़ने वाले की तरह िफर अपना हाथशाख़ों मे ं डाल।” 10मैं िकससे कहू ँ और िकसको जताऊँ, तािक वहसनुे?ं दखे, उनके कान नामख़्तून हैं और वह सनु नहीं सकत;े दखे,ख़दुावन्द का कलाम उनके िलए िहक़ारत का ज़िरया' ह,ै वह उससेख़शु नहीं होत।े 11 इसिलए मैं ख़दुावन्द के क़हर से लबरेज़ हू,ँमैं उसेज़ब्त करते करते तंग आ गया। बाज़ारों मे ं बच्चों पर और जवानों कीजमा'अत पर उसे उँडेल द,े क्यूिँक शौहर अपनी बीवी के साथ औरबूढ़ा कुहनसाल के साथ िगरफ़्तार होगा। 12 और उनके घर खतेोंऔर बीिवयों के साथ औरों के हो जायेगंे क्यूिँक ख़दुावन्द फ़रमाताह,ै मैं अपना हाथ इस मलु्क के बािशन्दों पर बढ़ाऊँगा। 13 इसिलएिक छोटों से बड़ों तक सब के सब लालची है,ंऔर नबी से कािहनतक हर एक दग़ाबाज़ ह।ै 14 क्यूिँक वह मरेे लोगों के ज़ख़्म को यूहँी'सलामती सलामती' कह कर अच्छा करते है,ं हालािँक सलामती

  • यमर्याह 6:15 17 यमर्याह 6:26नहीं ह।ै 15 क्या वह अपने मकरूह कामों की वजह से शिमर्न्दाहएु? वह हरिगज़ शिमर्न्दा न हएु, बिल्क वह लजाए तक नही;ं इसवास्ते वह िगरने वाले के साथ िगरेगंे ख़दुावन्द फ़रमाता ह,ै जब मैंउनको सज़ा दूगँा, तो पस्त हो जाएगँ।े 16 ख़दुावन्द यू ँ फ़रमाता ह:ै'रास्तों पर खड़े हो और दखेो,और परुाने रास्तों के बारे में पूछो िकअच्छी राह कहा ँ ह,ै उसी पर चलो और तमु्हारी जान राहत पाएगी।लिेकन उन्होनंे कहा, 'हम उस पर न चलेगं।े 17 और मैनंे तमु परिनगहबान भी मक़ुरर्र िकए और कहा, 'नरिसंगे की आवाज़ सनुो!'लिेकन उन्होनंे कहा, 'हम न सनुेगं।े 18 इसिलए ऐ क़ौमो,ं सनुो,औरऐ अहल — ए — मजमा', मा'लूम करो िक उनकी क्या हालत ह।ै19 ऐ ज़मीन सनु; दखे, मैं इन लोगों पर आफ़त लाऊँगा जो इनकेअन्दशेों का फल ह,ै क्यूिँक इन्होनंे मरेे कलाम को नहीं माना औरमरेी शरी'अत को रद्द कर िदया ह।ै 20 इससे क्या फ़ायदा के सबासे लबुान और दूर के मलु्क से अगर मरेे सामने लाते है?ं तमु्हारीसोख़्तनी क़ुबार्िनया ँ मझुे पसन्द नही,ंऔर तमु्हारी क़ुबार्िनयों से मझुेख़शुी नही।ं 21 इसिलए ख़दुावन्द यू ँ फ़रमाता है िक 'दखे, मैं ठोकरिखलाने वाली चीजें इन लोगों की राह में रख दूगँा;और बाप औरबटेे बाहम उनसे ठोकर खायेगंे पड़ोसी और उनके दोस्त हलाकहोगं।े 22 ख़दुावन्द यू ँ फ़रमाता ह,ै 'दखे, उत्तरी मलु्क से एक िगरोहआती ह,ै और इिन्तहाए — ज़मीन से एक बड़ी क़ौम बरअंगख़े्ताकी जाएगी। 23 वह तीरअन्दाज़ और नज़ेाबाज़ है,ं वह संगिदल औरबरेहम है,ं उनके ना'रों की हमशेा समन्दर की जसैी है और वह घोड़ोंपर सवार है;ं ऐ दख़ु्तर — ए — िसय्यून, वह जंगी मदोर्ं की तरह तरेेसामने सफ़आराई करते है।ं 24 हमने इसकी शोहरत सनुी ह,ै हमारेहाथ ढीले हो गए, हम ज़चा की तरह मसुीबत और ददर् में िगरफ़्तारहै।ं 25 मदैान में न िनकलना और सड़क पर न जाना, क्यूिँक हरतरफ़ दशु्मन की तलवार का ख़ौफ़ ह।ै 26 ऐ मरेी िबन्त — ए —

  • यमर्याह 6:27 18 यमर्याह 7:7क़ौम, टाट औढ़ और राख में लटे, अपने इकलौतों पर मातम औरिदलख़राश नोहा कर; क्यूिँक ग़ारतगर हम पर अचानक आएगा।27 “मैनंे तझुे अपने लोगों मे ं आज़माने वाला और बजुर् मक़ुरर्र िकयातािक तू उनके चाल चलनो को मा'लूम करे और परख।े 28वह सबके सब बहतु सरकश है,ं वह ग़ीबत करते है,ं वह तो ताबँा औरलोहा है,ं वह सब के सब म'ुआिमले के खोटे है।ं 29 धौकंनी जलगई,सीसा आग से भसम हो गया;साफ़ करनवेाले ने बफ़ेायदा साफ़िकया, क्यूिँक शरीर अलग नहीं हएु। 30वह मरदूद चादँी कहलाएगँ,ेक्यूिँक ख़दुावन्द ने उनको रद्द कर िदया ह।ै”

    7यमर्याह का ख़दुावन्द के घर में बोलना

    1 यह वह कलाम है जो ख़दुावन्द की तरफ़ से यरिमयाह परनािज़ल हआु,और उसने फ़रमाया, 2 तू ख़दुावन्द के घर के फाटकपर खड़ा हो, और वहा ँ इस कलाम का इिश्तहार द,े और कह,ऐ यहूदाह के सब लोगो,ं जो ख़दुावन्द की इबादत के िलए इनफाटकों से दािख़ल होते हो,ख़दुावन्द का कलाम सनुो। 3 रब्ब —उल — अफ़वाज, इस्राईल का ख़दुा, यू ँ फ़रमाता ह:ै अपने चालचलन और अपने आ'माल दरुुस्त करो, तो मैं तमु को इस मकान मेंबसाऊँगा। 4 झूटी बातों पर भरोसा न करो और यू ँ न कहते जाओ,'यह है ख़दुावन्द की हकैल, ख़दुावन्द की हकैल, ख़दुावन्द कीहकैल। 5 क्यूिँक अगर तमु अपने चाल चलन और अपने आ'मालसरासर दरुुस्त करो, अगर हर आदमी और उसके पड़ोसी में पूराइन्साफ़करो, 6अगर परदसेीऔर यतीमऔर बवेा पर ज़लु्म न करो,और इस मकान में बगेनुाह का ख़ून न बहाओ,और ग़रै — मा'बूदोंकी परैवी िजसमें तमु्हारा नक़ुसान ह,ै न करो, 7 तो मैं तमु को इसमकान में और इस मलु्क में बसाऊँगा, जो मैनंे तमु्हारे बाप — दादा

  • यमर्याह 7:8 19 यमर्याह 7:19को पहले से हमशेा के िलए िदया। 8 दखेो, तमु झूटी बातों पर जोबफ़ेायदा है,ं भरोसा करते हो। 9 क्या तमु चोरी करोग,े ख़ून करोग,ेिज़नाकारी करोग,े झूटी क़सम खाओग,ेऔर बा'ल के िलए ख़शुबूजलाओगे और ग़रै मा'बूदों की िजनको तमु नहीं जानते थ,े परैवीकरोग।े 10 और मरेे सामने इस घर में जो मरेे नाम से कहलाता ह,ैआकर खड़े होगे और कहोगे िक हम ने छुटकारा पाया, तािक यहसब नफ़रती काम करो? 11क्या यह घर जो मरेे नाम से कहलाता ह,ैतमु्हारी नज़र में डाकुओंका ग़ार बन गया? दखे,ख़दुावन्द फ़रमाताह,ै मैनंे खु़द यह दखेा ह।ै 12 इसिलए,अब मरेे उस मकान को जाओजो शीलोह में था, िजस पर पहले मैनंे अपने नाम को क़ाईम िकयाथा;और दखेो िक मैनंे अपने लोगों या'नी बनी— इस्राईलकी शरारतकी वजह से उससे क्या िकया? 13और ख़दुावन्द फ़रमाता ह,ैअबचूिँक तमु ने यह सब काम िकए, मैनंे बर वक़्त' तमु को कहा औरताकीद की,लिेकन तमु ने न सनुा;और मैनंे तमु को बलुाया लिेकनतमु ने जवाब न िदया, 14 इसिलए मैं इस घर से जो मरेे नाम सेकहलाता ह,ै िजस पर तमु्हारा भरोसा ह,ै और इस मकान से िजसेमैनंे तमु को और तमु्हारे बाप — दादा को िदया, वही करँूगा जोमनैे शीलोह से िकया ह।ै 15और मैं तमु को अपने सामने से िनकालदूगँा, िजस तरह तमु्हारी सारी िबरादरी इफ़्राईम की कुल नसल कोिनकाल िदया ह।ै 16 “इसिलए तू इन लोगों के िलए दआु न कर,और इनके वास्ते आवाज़ बलुन्द न कर, और मझुसे िमन्नत औरशफ़ा'अत न कर क्यूिँक मैं तरेी न सनूुगँा। 17 क्या तू नहीं दखेतािक वह यहूदाह के शहरों मे ं और यरेूशलमे के कूचों मे ं क्या करतेहै?ं 18बच्चे लकड़ी जमा'करते हैं और बाप आग सलुगाते है,ंऔरऔरतें आटा गूधँती हैं तािक आसमान की मिलका के िलए रोटीपकाए,ँ और ग़रै मा'बूदों के िलए तपावन तपाकर मझुे ग़ज़बनाककरे।ं 19ख़दुावन्द फ़रमाता ह,ै क्या वह मझु ही को ग़ज़बनाक करते

  • यमर्याह 7:20 20 यमर्याह 7:30है?ं क्या वह अपनी ही रूिसयाही के िलए नहीं करत?े 20इसी वास्तेख़दुावन्द ख़दुा यू ँ फ़रमाता ह:ै दखे, मरेा क़हर —ओ — ग़ज़ब इसमकान पर,और इंसान और हवैान और मदैान के दरख़्तों पर,औरज़मीन की पदैावार पर उँडेल िदया जाएगा;और वह भड़केगा औरबझुगेा नही।ं” 21 रब्ब — उल — अफ़वाज, इस्राईल का ख़दुा, यू ँफ़रमाता है िक: अपने ज़बीहों पर अपनी सोख़्तनी क़ुबार्िनया ँ भीबढ़ाओ और गोश्त खाओ। 22 क्यूिँक िजस वक़्त मैं तमु्हारे बापदादा को मलु्क — ए — िमस्र से िनकाल लाया, उनको सोख़्तनीक़ुबार्नी और ज़बीहे के बारे में कुछ नहीं कहा और हकु्म नहीं िदया;23बिल्क मैनंे उनको ये हकु्म िदया,और फ़रमाया िक मरेी आवाज़के िशनवा हो, और मैं तमु्हारा ख़दुा हूगँा और तमु मरेे लोग होग;ेऔर िजस राह की मैं तमु को िहदायत करँू, उस पर चलो तािकतमु्हारा भला हो। 24 लिेकन उन्होनंे न सनुा, न कान लगाया, बिल्कअपनी मसलहतों और अपने बरेु िदल की सख़्ती पर चले और िफरगए और आगे न बढ़े। 25 जब से तमु्हारे बाप — दादा मलु्क —ए — िमस्र से िनकल आए, अब तक मैनंे तमु्हारे पास अपने सबख़ािदमों या'नी निबयों को भजेा, मैनंे उनको हमशेा सही वक़्त परभजेा। 26 लिेकन उन्होनंे मरेी न सनुी और कान न लगाया, बिल्कअपनी गदर्न सख़्त की; उन्होनंे अपने बाप — दादा से बढ़कर बरुाईकी। 27 तू ये सब बातें उनसे कहगेा, लिेकन वह तरेी न सनुेगं;े तूउनको बलुाएगा, लिेकन वह तझुे जवाब न देगं।े 28 तब तू उनसेकह द,े 'यह वह क़ौम है जो ख़दुावन्द अपने ख़दुा की आवाज़ कीिशनवा,और तरिबयत पज़ीर न हईु;सच्चाई बबार्द हो गई,और उनकेमुहँ से जाती रही। 29 “अपने बाल काटकर फंेक द,ेऔर पहाड़ों परजाकर नौहा कर; क्यूिँक ख़दुावन्द ने उन लोगों को िजन पर उसकाक़हर ह,ै रद्द और छोड़ िदया ह।ै” 30 इसिलए िक बनी यहूदाह नेमरेी नज़र में बरुाई की,ख़दुावन्द फ़रमाता ह,ै उन्होनंे उस घर में जो

  • यमर्याह 7:31 21 यमर्याह 8:5मरेे नाम से कहलाता है अपनी मकरूहात रख्खी, तािक उसे नापाककरे।ं 31और उन्होनंे तूफ़त के ऊँचे मक़ाम िबन िहन्नोम की वादी मेंबनाए, तािक अपने बटेे और बिेटयों को आग में जलाए,ँ िजसकामैनंे हकु्म नहीं िदया और मरेे िदल में इसका ख़याल भी न आयाथा। 32 इसिलए ख़दुावन्द फ़रमाता ह,ै दखे,वह िदन आते हैं िक यहन तूफ़त कहलाएगी न िबन िहन्नोम की वादी, बिल्क वादी — ए —क़त्ल;और जगह न होने की वजह से तूफ़त में दफ़्न करेगं।े 33औरइस क़ौम की लाशें हवाई पिरन्दों और ज़मीन के दिरन्दों की ख़रुाकहोगंी,और उनको कोई न हकँाएगा। 34 तब मैं यहूदाह के शहरों मे ंऔर यरेूशलमे के बाज़ारों मे ं ख़शुी और ख़शुी की आवाज़, दलु्हेऔर दलु्हन की आवाज़ ख़त्म करँूगा; क्यूिँक यह मलु्क वीरान होजाएगा।

    81ख़दुावन्द फ़रमाता है िक उस वक़्त वह यहूदाह के बादशाहों

    और उसके सरदारों और कािहनों और निबयों और यरेूशलमे केबािशन्दों की हिड्डया,ँ उनकी क़ब्रों से िनकाल लाएगँ;े 2और उनकोसूरज और चादँ और तमाम अजराम — ए — फ़लक के सामन,ेिजनको वह दोस्त रखते और िजनकी िख़दमत—ओ—परैवी करतेथे िजनसे वह सलाह लतेे थे और िजनको िसज्दा करते थ,े िबछाएगँ;ेवह न जमा' की जाएगँी न दफ़्न होगंी, बिल्क इस ज़मीन पर खादबनेगंी। 3और वह सब लोग जो इस बरेु घराने मे ं से बाक़ी बच रहेगं,ेउन सब मकानों मे ं जहा ँ जहा ँ मैं उनको हाकँ दू,ँ मौत को िज़न्दगी सेज़्यादा चाहेगं,े रब्ब — उल —अफ़वाज फ़रमाता ह।ै

    झठेु निबयों से धोखा4 और तू उनसे कह दे िक ख़दुावन्द यू ँ फ़रमाता ह,ै क्या लोग

    िगरकर िफर नहीं उठत?े क्या कोई िफर कर वापस नहीं आता?5 िफर यरेूशलमे के यह लोग क्यू ँ हमशेा की नाफ़रमानी पर अड़े

  • यमर्याह 8:6 22 यमर्याह 8:15है?ं वह फ़रेब से िलपटे रहते हैं और वापस आने से इन्कार करतेहै।ं 6 मैनंे कान लगाया और सनुा, उनकी बातें ठीक नही;ं िकसी नेअपनी बरुाई से तौबा करके नहीं कहा िक 'मैनंे क्या िकया?' हर एकअपनी राह को िफरता ह,ै िजस तरह घोड़ा लड़ाई में सरपट दौड़ताह।ै 7 हा ँ हवाई लक़लक़ अपने मक़ुरर्रा वक़्तों को जानता ह,ै औरक़ुमरी और अबाबील और कुलंग अपने आने का वक़्त पहचानलतेे है;ं लिेकन मरेे लोग ख़दुावन्द के हकु्मों को नहीं पहचानत।े8 “तमु क्यूकँर कहते हो िक हमतो 'अक़्लमन्द हैं और ख़दुावन्दकी शरी'अत हमारे पास ह?ै लिेकन दखे, िलखने वालों के बकेारक़लम ने बतालत पदैा की ह।ै 9 'अक़्लमन्द शिमर्न्दा हएु, वह हरैानहएु और पकड़े गए; दखे, उन्होनंे ख़दुावन्द के कलाम को रद्द िकया;उनमें कैसी समझदारी ह?ै 10तब मैं उनकी बीिवया ँ औरों को,औरउनके खते उनको दूगँा जो उन पर क़ािबज़ होगं;े क्यूिँक वह सबछोटे से बड़े तक लालची है,ं और नबी से कािहन तक हर एकदग़ाबाज़ ह।ै 11और वह मरेी िबन्त — ए —क़ौम के ज़ख़्म को यू ँ ही'सलामती सलामती' कह कर अच्छा करते है,ं हालािँक सलामतीनहीं ह।ै 12 क्या वह अपने मकरूह कामों की वजह से शिमर्न्दाहएु? वह हरिगज़ शिमर्न्दा न हएु, बिल्क वह लजाए तक नही।ं इसिलए वह िगरने वालों के साथ िगरेगं,े ख़दुावन्द फ़रमाता ह,ै जबउनको सज़ा िमलगेी तो वह पस्त हो जाएगँ।े 13ख़दुावन्द फ़रमाताह,ै मैं उनको िबल्कुल फ़ना करँूगा। न ताक में अंगूर लगेगंे औरन अंजीर के दरख़्त में अंजीर, बिल्क पत्ते भी सूख जाएगँ;ेऔर जोकुछ मैनंे उनको िदया, जाता रहगेा।” 14 हम क्यू ँ चपुचाप बठेै है?ंआओ, इकटे्ठ होकर मज़बूत शहरों मे ं भाग चलें और वहा ँ चपु होरहें क्यूिँक ख़दुावन्द हमारे ख़दुा ने हमको चपु कराया और हमकोइन्द्रायन का पानी पीने को िदया ह;ै इसिलए िक हम ख़दुावन्द केगनुाहगार है।ं 15सलामती का इिन्तज़ार था पर कुछ फ़ायदा न हआु;

  • यमर्याह 8:16 23 यमर्याह 9:3और िशफ़ा के वक़्त का, लिेकन दखेो दहशत! 16 “उसके घोड़ोंके फ़रार्ने की आवाज़ दान से सनुाई दतेी ह,ै उसके जंगी घोड़ों केिहनिहनाने की आवाज़ से तमाम ज़मीन कापँ गई; क्यूिँक वह आपहुचँे हैंऔर ज़मीन कोऔर सब कुछ जो उसमें ह,ैऔरशहर को भीउसके बािशन्दों के साथ खा जाएगँ।े” 17क्यूिँक ख़दुावन्द फ़रमाताह,ै दखेो, मैं तमु्हारे बीच सापँ और अज़दहे भजूेगँा िजन पर मन्तरकारगर न होगा और वह तमु को काटेगं।े 18 काश िक मैं फ़िरयादसे तसल्ली पाता; मरेा िदल मझु में ससु्त हो गया। 19 दखे, मरेी िबन्त— ए — क़ौम की ग़म की आवाज़ दूर के मलु्क से आती ह,ै 'क्याख़दुावन्द िसय्यून में नही?ं क्या उसका बादशाह उसमें नही?ं उन्होनंेक्यू ँ अपनी तराशी हईु मूरतों स,े और बगेाने मा'बूदों से मझु कोग़ज़बनाक िकया? 20 “फ़सल काटने का वक़्त गज़ुरा, गमीर् के िदनख़त्म हएु,और हम ने िरहाई नहीं पाई।” 21अपनी िबन्त —क़ौम कीिशकस्तगी की वजह से मैं िशकस्ताहाल हआु; मैं कुढ़ता रहता हू,ँहरैत ने मझुे दबा िलया। 22 क्या िजल'आद में रौग़न — ए —बलसाननहीं ह?ै क्या वहा ँ कोई हकीम नही?ं मरेी िबन्त — ए —क़ौम क्यू ँिशफ़ा नहीं पाती?

    91 काश िक मरेा िसर पानी होता, और मरेी आखँें आसँओुं का

    चश्मा, तािक मैं अपनी िबन्त — ए —क़ौम के मक़्तूलों पर रात िदनमातम करता! 2काश िक मरेे िलए वीराने मे ं मसुािफ़र ख़ाना होता,तािक मैं अपनी क़ौम को छोड़ दतेा और उनमें से िनकल जाता!क्यूिँक वह सब बदकार और दग़ाबाज़ जमा'अत है।ं

    ना'फरमानी की सज़ा3वह अपनी ज़बान को नारास्ती की कमान बनाते है,ंवह मलु्क में

    ताक़तवर हो गए हैं लिेकन रास्ती के िलए नही;ं क्यूिँक वह बरुाई सेबरुाई तक बढ़ते जाते हैंऔर मझु को नहीं जानत,ेख़दुावन्द फ़रमाता

  • यमर्याह 9:4 24 यमर्याह 9:15ह।ै 4 हर एक अपने पड़ोसी से होिशयार रह,े और तमु िकसी भाईपर भरोसा न करो, क्यूिँक हर एक भाई दग़ाबाज़ी से दूसरे की जगहले लगेा,और हर एक पड़ोसी ग़ीबत करता िफरेगा। 5और हर एकअपने पड़ोसी को फ़रेब दगेा और सच न बोलगेा, उन्होनंे अपनीज़बान को झूट बोलना िसखाया ह;ै और बदकारी में जॉिफ़शानीकरते है।ं 6 तरेा घर फ़रेब के बीच ह;ै ख़दुावन्द फ़रमाता ह,ै फ़रेबही से वह मझु को जानने से इन्कार करते है।ं 7 इसिलए रब्ब —उल —अफ़वाज यू ँ फ़रमाता है िक दखे, मैं उनको िपघला डालूगँाऔर उनको आज़माऊँगा; क्यूिँक अपनी िबन्त — ए —क़ौम से औरक्या करँू? 8 उनकी ज़बान हलाक करने वाला तीर ह,ै उससे दग़ाकी बातें िनकलती है,ंअपने पड़ोसी को मुहँ से तो सलाम कहते हैंपर बाितन में उसकी घात में बठैते है।ं 9ख़दुावन्द फ़रमाता ह,ै क्यामैं इन बातों के िलए उनको सज़ा न दूगँा? क्या मरेी रूह ऐसी क़ौमसे इन्तक़ाम न लगेी? 10 “मैं पहाड़ों के िलए िगरया —ओ — ज़ारी,और वीराने की चरागाहों के िलए नौहा करँूगा,क्यूिँक वह यहा ँ तकजल गई िककोई उनमे क़दम नहीं रखता चौपायों कीआवाज़ सनुाईनहीं दतेी; हवा के पिरन्दे और मवशेी भाग गए, वह चले गए। 11 मैंयरेूशलमे को खण्डर और गीदड़ों का घर बना दूगँा,और यहूदाहके शहरों को ऐसा वीरान करँूगा िक कोई बािशन्दा न रहगेा।”12सािहब — ए — िहकमतआदमी कौन है िक इसे समझ?े और वहिजससे ख़दुावन्द के मुहँ ने फ़रमाया िक इस बात का 'ऐलान करे।ये सरज़मीन िकस िलए वीरान हईु,और वीराने की तरह जल गई िककोई इसमें क़दम नहीं रखता? 13औरख़दुावन्द फ़रमाता ह,ै इसिलएिक उन्होनंे मरेी शरी'अत को जो मैनंे उनके आगे रख्खी थी, छोड़िदया और मरेी आवाज़ को न सनुा और उसके मतुािबक़ न चल,े14बिल्क उन्होनंे अपने हट्टी िदलों की और बा'लीम की परैवी की,िजसकी उ�