अपराध-राजनीति-अफसरशाही के नापाक...

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v®¥»SÌw®w®, ×êËØ 25 www.outlookhindi.com â¿ ·¤æð â×çÂüÌ â×æ¿æÚU Âç˜æ·¤æ twitter.com/outlookhindi facebook.com/outlookhindi RNI NO. DELHIN/2009/26981 अपराध-राजनीति-अफसरशाही के नापाक गठजो सपनपे दबंग के कारनामे और नए सरगना के तकससे 8 904150 800034 8 0 SUBSCRIBER COPY NOT FOR RESALE

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    RNI NO. DELHIN/2009/26981

    अपराध-राजनीति-अफसरशाही के नापाक गठजोड़ से पनप ेदबगंों के कारनाम ेऔर नए सरगनाओं के तकसस े

    8 904150 800034 80

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    अंदर

    कवर डिजाइनः दीपक शर्मा, इलस्ट्रेशनः स्हिल

    गैंगस्टर भैया

    08 र्जस््न: गहलोत-पायलट संघर्ष अभी बाकी

    10 बंग्ल: कोरोना काल मंे चुनाव की सरगममी

    46 कांवड़ यात्ा पर कोरोना की मार

    48 बैंक कम्षचाररयों पर डबजनेस का दबाव

    50 कैसे घटरे चीन पर डनभ्षरता

    52 नेपाल में ओली कथा

    38 स त्ा के सहाररे डबहार के दबंग41 झारखंि के कोयला माडिया43 बॉलीवुि भी िॉन का दीवाना

    डहंदी पट्ी, खासकर यूपी, डबहार, झारखंि में अपराध के नए सूरमा

    18 जममू-कशमीर: 370 के बाद का पहला साल

    26

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    इंटरव्यू: हिद्् ब्लन

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  • चुनाव की सुगबुगाहटआउटलुक के 27 जुलाई अंक में, यशवंत सिन्ा का िाक्ातकार पढा। िाल के अंत में सि्ार में चुनाव ्ोने ्ैं। ऐिे में जरूरी ्ै सक सि्ार की िुसनयादी जरूरतों और िमसयाओं पर धयान सदया जाए। सपछले 27 िाल िे सि्ार में कृसि, सवास्थय और सशक्ा के सतर में कोई िुधार न्ीं हुआ ्ै। कोरोना के चलते लगातार मजदूरों के लौटने िे रोजगार का िंकट िढ गया ्ै। जनता अि व्ी िरकार चुने, जो इन मिलों पर पूरा धयान दे िके।

    रोहहत शरामा | सदल्ी

    राजनीहत का अपराधीकरणअपराधी को जि तक कडा दंड न्ीं समलता, उिके ्ौिले िुलंद र्ते ्ैं। सवकाि दुिे के कारनामे राजनैसतक समलीभगत का नतीजा ्ै। दुिे के नेताओं के िाथ िंिंधों की जांच जरूरी ्ै, तासक कल सिर कोई नया सवकाि दुिे पैदा न ्ो।

    अरृतलाल रारू | धार, मधय प्रदेश

    पुहलस सुधारपुसलि की छसव में िुधार के सलए जरूरी ्ै िभी िीट कॉनसटटेिल को उिके क्ेत्र में ्ो र्टे अवैध कामों की ररकॉड्ड रखने की सजममेदारी दी जाय। और उिकी सनगरानी िीसनयर सतर के प्रतयेक असधकारी के सजममे ्ो। अवैध काम को िंद कराने के सलए कया कदम उठाए गए, इिकी भी गोपनीय ररपोट्ड तैयार ्ो। ऐिा करने िे िुधार की सकरण सदख िकती ्ै। सुरेंद्र कुरार | गासजयािाद, उत्तर प्रदेश

    एसईजेड का हो उपयोगआउटलुक स्ंदी के 27 जुलाई अंक की आवरण कथा िहुत अचछी लगी। सटकटॉक के ि्ाने इिमें चीनी ऐप और चीन के िाथ वयापार की अचछी पडताल की गई ्ै। अि देश में मैनयूिैक्चररंग िेकटर को असधकतम प्रोतिा्न देने और सवशेि आसथथिक क्ेत्र यानी सपेशल इकोनॉसमक जोन िनाया जाना जरूरी ्ै। भारत के अि तक सनयाथित मोचचे पर पीछटे र्ने का एक िडा कारण िेज का अपने मकिद में कामयाि न ्ोना भी ्ै।

    शैलेंद्र कुरार चतुववेदी | सिरोजािाद, उत्तर प्रदेश

    पत्र

    Îçÿæ‡æÑ ãñUÎÚUæÕæÎ ØæÎç»ÚUè Õé·¤ SÅUæòÜ, 040-66764498, çâ·¢¤ÎÚUæÕæÎ ©US×æÙ Õé·¤ SÅUæòÜ, 9912850566

    ©UîæÚÑ çÎËÜè - ¥æ§üÕè°¿ Õé@â °¢ÇU ×ñ‚ÁèÙ çÇUçSÅþUµØêÅUâü, 011-43717798,011-43717799, ܹ٪¤ - âéÖæcæ ÂéSÌ·¤ Ö¢ÇUæÚU Âýæ. çÜç×ÅðUÇU, 9839022871, U¿¢ÇUè»É¸U - ÂéÚUè ‹ØêÁ °Áð´âè, 9888057364, ÎðãUÚUæÎêÙ- ¥æçÎˆØ ‹ØêÁ °Áð´âè, 9412349259, ÖæðÂæÜ- §¢çÇUØÙ ‹ØêÁ °Áð´âè, 9826313349, ÚUæØÂéÚ- ×é·é¢¤Î ÂæÚðU¹ ‹ØêÁ °Áð´âè, 9827145302, ÁØÂéÚU-ÙßÚUˆÙ Õé·¤ âðÜÚU, 9829373912, Á`×ê- Âýèç×ØÚU ‹ØêÁ °Áð´âè, 9419109550, ŸæèÙ»Ú- ÁðÂè ‹ØêÁ °Áð´âè, 9419066192, Îé»ü (ÀUîæèâ»É¸)U - ¹ð×·¤æ ‹ØêÁ °Áð´âè, 9329023923

    ÂêßüÑ ÂÅUÙæ- §üSÅUÙü ‹ØêÁ °Áð´âè, 9334115121, ÕÚUæñÙè -…ØæðçÌ ·é¤×æÚU Îîææ ‹ØêÁÂðÂÚU °Áð´ÅU, 9431211440, ×éÁRȤÚUÂéÚU-¥‹Ùê ×ñ‚ÁèÙ âð´ÅUÚ,U 9386012097, ×æðÌèãUæÚUè- ¥¢ç·¤Ì ×ñ‚ÁèÙ âð´ÅUÚU, 9572423057, ·¤æðÜ·¤æÌæ- çßàææÜ Õé·¤ âð´ÅUÚ,U 22523709/22523564, ÚU梿è- ×æòÇUÙü ‹ØêÁ °Áð´âè, 9835329939, ÚUçß ·é¤×æÚU âæðÙè, 9431564687, Á×àæðÎÂéÚU-ÂýâæÎ ×ñ‚ÁèÙ âð´ÅUÚ, 2420086, Õæð·¤æÚUæð-ç˜æÜæð·¤è çâ¢ãU, 9334911785,ÖéßÙðàßÚU-°. ·ð¤. ÙæØ·¤, 9861046179, »éßæãUæÅUè- Îé»æü ‹ØêÁ °Áð´âèÁ, 9435049511 Âçà¿×Ñ Ùæ»ÂéÚ-UÙðàæÙÜ Õé·¤ âð´ÅUÚU, 8007290786, ÂæÆU·¤ ÕýÎâü, 9823125806U, Ùæçâ·¤- ÂæÆU·¤ ÕýÎâü, ®wzx-wz®{}~}, Âé‡æð- â¢Îðàæ °Ù °â °Áð´âè, 020-66021340,¥ãU×ÎæÕæÎ-·ð¤ ßè ¥Á×ðÚUæ °¢ÇU â¢â, 079-25510360/25503836, ×é¢Õ§ü- ΢»Ì ‹ØêÁ °Áð´âè, 22017494

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    शातंिपरू्ण हों सबंधंआउटलकु 13 जलुाई के अकं में ‘हर पडासेी मोर्चे पर दबाव बढा’ लखे पढा। हाल के ददनों में भारत-नपेाल, र्ीन सबंधंों में तनाव दखेन ेको दमल रहा है। दोनों ही दशेों के साथ हमारा सीमा दववाद है। इस बीर् नपेाल सरकार न े भारतीय मीदिया पर प्रदतबधं लगा ददया है। उसका कहना है दक भारतीय मीदिया नपेाल की छदव खराब करन ेकी कोदशश कर रहा है। नपेाल क ेसाथ सबंधंों में दगरावट भारत क ेदलए दर्तंा का दवषय है, कयोंदक इससे र्ीन को नपेाल में अपनी स्थदत मजबतू करन ेका अवसर दमल रहा है। नपेाल की अदत महतवपरू्ण सामररक स्थदत को दखेते हुए भारत को कोदशश करना र्ादहए दक दोनों दशेों क े बीर् शादंतपरू्ण सबंधं हों। र्ीन के साथ भी हमें सबंधं मधरु रखना र्ादहए। पडोसी दशे क ेसाथ दववाद भारत के दवश्वगरुु बनन ेक ेसपन ेमें बाधा बन सकता है।

    शेषमतर शमा्ण | इला्ािाद, उत्तर प्रदेश

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    विशेष विविटल

    अंक

    दशे में पाबदंी के बाद चीनी ऐप से मशहूर होन ेका सपना देखन ेवाले करोडाे ंलोगों के ललए नई राह क्ा

    वििादों के बाबा सवदयों बाद विली दारा विकोह की कब्रl

    दीिानगी पर ब्ररेक

    विकिॉक

    पुरस्कृत पत्र

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  • अंदरखाने

    अध्यक्ष के बहाने दो शिकार

    हरियाणा प्रदेश अधयक्ष को लेकि भाजपा ने फिि से जाफि के समीकिण का कार्ड खेला है। जाट चेहिे सुभाष बिाला की जगह दूसिे जाट चेहिे ओमप्रकाश धनखड़ को प्रदेश अधयक्ष की कमान सौंपी गई है। हालांफक दौड़ में धनखड़ से कहीं फदगगज जाट चेहिा कैपटन अफभमनयु का भी था, पि उनहें दिफकनाि कििे हुए भाजपा शीष्ष नेिृत्व ने धनखड़ पि दां्व खेला है। अधयक्ष पद के फलए अफभमनयु फपछले छह महीने से फदल्ी में िहकि कड़ी लॉफबंग कि िहे थे। अफभमनयु औि फकसी अनय जाट नेिा का खेल फबगाड़ने के फलए मुखयमंत्ी मनोहि लाल खट्टि

    कुछ लोगों को लगता है कक राम मंकिर बनने से कोरोना खतम हो जाएगा।शरद पवार, अध्यक्ष, राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी

    संन्यास का इरादा

    लगिा है फक भाजपा के बाद कांग्ेस में भी अब ्वरिष्ठ नेिाओं को संनयास की िाह पकड़ाई जाएगी। पाटटी के एक ्वरिष्ठ नेिा, जो कािी लंबे समय से कांग्ेस परि्वाि के किीबी भी िहे हैं, उनके संनयास लेने की चचा्ष है। उनको लेकि पाटटी में कई बाि कुछ ्वरिष्ठ नेिाओं ने यह मांग उठाई थी, फक अब उनहें सफरिय िाजनीफि से फकनािा कि लेना चाफहए। फजस ििह से सफचन पायलट का मामला सामने आया है, लगिा है फक शीष्ष नेिृत्व इन संभा-्वनाओं को िलाश िहा है। हालांफक कांग्ेस में ऐसा आसानी से हो जाए, ऐसा इफिहास िो नहीं िहा है।

    ¥æ©UÅUÜé· v® ¥»SÌ w®w®0 6

    ने हाइकमान से यहां िक कह फदया था फक बिाला की जगह फकसी अनय जाट नेिा को ही अधयक्ष बनाना है िो कया बिाला ही इस पद पि नहीं बने िहे सकिे। जाट चेहिे की काट में मुखयमंत्ी खट्टि ने ओबीसी ्वग्ष से िाल्ुक िखने ्वाले अपने खासमखास सांसद नायब फसंह सैनी का नाम भी प्रदेश अधयक्ष पद के फलए आगे बढ़ाया, पि इस खेल में खट्टि भी पूिी ििह से हाफशए पि आ गए। भाजपा हाइकमान ने भी धनखड़ को प्रदेश अधयक्ष बनाकि एक िीि से दो फनशाने साधे। एक िो फ्वपक्ष के नेिा औि पू्व्ष मुखयमंत्ी भूपेंद्र फसंह हुड्ा की टककि में उनके ही इलाके के जाट नेिा को मौका फदया, ्वहीं सिकाि के समानांिि पाटटी संगठन में हसिक्षेप से मुखयमंत्ी खट्टि को दूि िखा।

    ररटा्यरमेंट की तै्यारी

    एक प्रमुख सिकािी बैंक के चेयिमैन इस साल फदसंबि में रिटायि होने ्वाले हैं। लेफकन उनकी रिटायिमेंट बाद की पािी की अभी से सुगबुगाहट होने लेगी है। ऐसी चचा्ष है फक इसके फलए ्वह अभी से फकसी अचछे पद की िलाश में हैं। बैंक के ्वरिष्ठ अफधकारियों में भी यह बाि होने लगी है फक साहब के िे्वि फपछले कुछ समय से बदले नजि आ िहे हैं औि ्वे रिटायिमेंट बाद की िैयािी में पूिी ििह से जुट गए हैं। देखना यह है फक उनकी मुिाद पूिी होिी है या नहीं। हालांफक फपछले चेयिमैन का रिकॉर्ड देखिे हुए यह आसान फदखिा है।

    एक िस्वीि हजाि शबदों पि भािी होिी है। यह कहा्वि िाजय सभा में च रि िाथ्ष होिी फदखी। मौका कांग्ेस से नए-नए भाजपा में शाफमल हुए जयोफि िाफद तय फसंफध या के शपथ ग्हण का था। ्वहां पि उनका सामना पुिाने साथी फदगग्व जय फस ंह औि गुलाम नबी आजाद से हुआ। जाफह ि है पुिानी यादें िो जरूि िाजा हुई होंगी।

    कौन बनेगा पोसटर ब्वॉ्य

    मधय प्रदेश में भले ही भाजपा ने जयोफििाफदतय फसंफधया के सहािे सत्ा हाफसल कि ली है, लेफकन अब उसके साइर इिेकट फदखने लगे हैं। मामला उपचुना्व में पोसटि ब्वॉय बनने का है। असल में फजन क्षेत्ों में उपचुना्व होने ्वाले हैं, ्वहां पि जयादािि प्रभा्व जयोफििाफदतय फसंफधया का है। ऐसे में सथानीय नेिा प्रचाि में यह नहीं समझ पा िहे हैं फक पोसटि पि प्रमुखिा से फसंफधया की िोटो लगाई जाय या फिि मुखयमंत्ी फश्विाज फसंह चौहान की। समाधान के फलए मामला जब दोनों नेिाओं के पास पहुुंचा िो ्वहां भी बाि नहीं बनी। साि है फक भले ही पाटटी एक हो गई है, लेफकन नेिाओं के फदल अभी एक नहीं हुए हैं।

  • ऐसा लग रहा था कि सकिन पायलट िे बागी तेवर िे आगे गहलोत सरिार जल्द ही कगर जाएगी। उस वक्त शाय्द वे पहली बार इतने अधीर क्दखे। उसी अधीरता में ्दो बार उनहोंने ऐसे बयान क्दए, जो उनिी छकव से मेल नहीं खाते थे।

    असल में 11 जुलाई िो पायलट 18 िांग्ेस कवधायिों िे साथ जब जयपुर छोड़िर क्दल्ी आ गए, तब राजसथान में कगरती सरिार बिाने िे कलए िांग्ेस आलािमान सीधे हसतक्ेप िर रहा था। लेकिन सकिन पायलट करियंिा गांधी से छह बार बात

    िरने िे बावजू्द, गहलोत िे साथ किसी समझौते िे कलए तैयार नहीं थे। उधर भारतीय जनता पाटटी िी भी उममी्दें बढ़ गई थीं। उसे लग रहा था कि वह मधय रि्देश िी तरह राजसथान में भी सरिार बना लेगी। शाय्द यही वजह रही कि गहलोत ने अपना आपा खो क्दया।

    गहलोत, पायलट िो उप-मुखयमंत्ी और रि्देश अधयक् प्द से हटवाने में िामयाब रहे। आलािमान भी पायलट िे रवैये िो ्देखते हुए गहलोत िी बात मानने पर मजबूर हो गया। इस बीि कवधानसभा

    अधयक् सी.पी.जोशी से भी बागी स्दसयों िो नोकटस जारी िर क्दया है।

    बढ़ते खतरे िो ्देखते हुए पायलट और उनिे साकथयों ने हाइिोट्ट िा ्दरवाजा खटखटाया है। उनिी पैरवी में वररष्ठ विील हरीश सालवे और मुिुल रोहतगी उतरे। हाइिोट्ट से पायलट िैंप िो 24 जुलाई ति राहत कमल गई, तो कवधानसभा अधयक् जोशी ने सुरिीम िोट्ट में अपील िर ्दी (इन पं कक्तयों िे कलखे जाने ति सुरिीम िोट्ट से िोई खाबर नहीं थी)।

    राजसथान में जारी इस राजनीकति संिट िे बीि तीन ऑकियो टेप 'लीि' होने से मामला गरमा गया है। टेप में िांग्ेस िे बागी कवधायि भंवरलाल शमामा और िेंद्ीय मंत्ी और भाजपा नेता गजेंद् कसंह शेखावत और एि अनय भाजपा नेता संजय जैन िे बीि हुई िकथत बातिीत सामने आई है। बातिीत से पता िलता है कि तीनों नेता कमलिर कवधायिों िी खरी्द-फरोखत िर गहलोत सरिार िो कगराने िी साकजश रि रहे हैं। बात यहीं नहीं रुिी। िांग्ेस िे एि अनय कवधायि कगररराज मकलंगा ने सकिन पायलट पर आरोप लगाया है कि उनहें भाजपा में

    परदा गिरा नहीं, खले अभी जारी

    राजसथान िे मुखयमंत्ी अशोि गहलोत िी पहिान धैयमावान और अपनी भावनाओं िो सावमाजकनि न िरने वाले नेता िी रही है। वे ितुराई से पर्दे िे पीछे िी राजनीकत िरने में माकहर हैं। अपनी इन खाकसयतों िी वजह से वे कपछले 45 साल से अपने राजनीकति रिकतद्ंक्दयों िो बड़ी असानी से मात भी ्देते आए हैं। शह-मात िे इस खेल में उनहोंने पहले परसराम म्देरणा, सी.पी.जोशी िो और अब सकिन पायलट िो मात ्देते क्दख रहे है। िरीब ्दो हफते पहले

    सभी फोटो पीटीआइ

    पहली बाजी भले ही मुख्यमंत्ी अशोक गहलोत के नाम रही लेककन पा्यलट और भाजपा की चुनौती जल्ी खतम होती नहीं क्खती

    पुनीत ननकोलस यादव

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    राजस्ान

  • शामिल होने के मलए 35 करोड़ रुपये देने की पेशकश की गई थी। हालांमक इस बीच कांग्ेस के कद्ावर नेता मदवंगत राजेश पायलट के 42 वर्षीय बेटे समचन पायलट ने साव्वजमनक तौर पर यह कहा है मक वे कांग्ेस िें ही हैं और भाजपा िें शामिल नहीं होंगे। अब बात करते हैं साव्वजमनक तौर पर गहलोत की उस प्रमतक्रया की, मजसिें उनहोंने पायलट के मिलाफ िुलकर अपनी नाराजगी जामहर की। हो सकता है मक मजस चालाकी से पायलट ने उनके मिलाफ िेिेबंदी की, उससे वे अपना गुससा संभाल नहीं पाए, या मफर 69 साल के एक वररष्ठ के साथ पायलट ने जैसा सलूक मकया, वह उनहें रास नहीं आया। एक बात तो साफ है मक मजस तरह पायलट पूरी िजबूती से गहलोत को चुनौती दे रहे हैं, वैसी चुनौती उनहें कांग्ेस तो छोमड़ए, भाजपा से भी कभी नहीं मिली है।

    इसके पहले गहलोत ने पायलट पर हिला बोलते हुए कहा था मक वे 26 साल की उम्र िें लोकसभा

    सांसद बने और 40 साल की उम्र तक उप-िुख्नयिंत्ी बन गए। वे यही नहीं रुके उनहोंने कहा, “केवल अचछा मदिने और अचछी अंग्ेजी-महंदी बोलने से कोई नेता नहीं बना जाता है। उसके मलए आपके पास मवचारधारा और प्रमतबद्धता भी होनी चामहए।” इस साव्वजमनक हिले के बाद गहलोत ने एक और बयान मदया, मजसिें उनहोंने पायलट को नकारा और मनकमिा बताया। पायलट पर मजस तरह के शबदों के जररए गहलोत ने हिला मकया है, उससे कांग्ेस पाटषी का आलाकिान भी िुश नहीं है। पाटषी के एक वररष्ठ नेता ने आउटलुक को बताया मक गहलोत को साफ तौर पर संदेश मदया गया है मक वे इस तरह की भार्ा का इसतेिाल न करें। पाटषी का एक तबका अभी भी चाहता है मक पायलट को सिझाकर िािले को सुलझा मलया जाए। कांग्ेस पाटषी िें पायलट से सहानुभूमत रिने वाले नेताओं का िानना है मक पायलट ने अभी तक पाटषी के मिलाफ साव्वजमनक तौर पर कुछ नहीं कहा है। इसके अलावा उनके गांधी पररवार से ररशते हिेशा अचछे रहे हैं।

    पायलट की आगे रणनीमत कया होगी? एक, तो यह मक वे भाजपा का दािन थाि लें, दूसरे यह मक वे नई पाटषी बनाएं। आलकिान के संदेश के बाद साव्वजमनक तौर पर भले ही गहलोत ने यह कहा है मक अगर पायलट अपने मवद्ोही तेवर वापस ले लेते हैं, तो वे उनहें गले लगाने के मलए तैयार हैं। लेमकन उनके करीबी सूत्ों का कहना है मक अब ऐसा होना असंभव है। राजसथान के नए प्रदेश कांग्ेस अधयक्ष गोमवंद मसंह डोटसारा का कहना है, “अगर पायलट

    यह कहते हैं मक वे कांग्ेस िें ही रहेंगे तो वे बातचीत के मलए तैयार कयों नहीं हो रहे हैं? उनके मलए भाजपा के करीबी वकील हरीश सालवे और िुकुल रोहतगी अदालत िें पैरवी कर रहे हैं। बागी मवधायक मजस होटल िें हैं वह भी भाजपा शामसत हररयाणा िें है।”

    िुख्यिंत्ी अशोक गहलोत ने एक और बात साव्वजमनक तौर पर कही है मक वे पहले से जानते थे मक समचन पायलट और उनके साथी मपछले कई िहीनों से भाजपा के साथ मिलकर सरकार मवरोधी काि कर रहे थे। इसके तहत सरकार मगरने के बाद योजना थी मक पायलट एक क्षेत्ीय दल बनाएंगे और उपचुनाव िें भाजपा उनके मिलाफ उमिीदवार िड़े नहीं करेगी। इसके बाद पायलट भाजपा के साथ मिलकर सरकार बनाते।

    पायलट के एक करीबी नेता ने आउटलुक को बताया मक गुज्वर नेता नई पाटषी बनाने के मवचार पर अिल कर सकते हैं, लेमकन मफलहाल इस पर कोई फैसला नहीं मकया गया है। अभी पायलट टोंक से कांग्ेस के मवधायक हैं। पूरे िसले पर भाजपा का आमधकाररक बयान यही है मक गहलोत सरकार के संकट के मलए कांग्ेस की अंदरूनी कलह मजमिेदार है। भाजपा का यह बयान उसी तरह का है जैसा उसने िधय प्रदेश िें जयोमतरामदतय मसंमधया की बगावत के सिय मदया था। हालांमक भाजपा के सूत्ों ने आउटलुक को बताया मक मसंमधया के पास सरकार मगराने के मलए पया्वप्त संख्या िें मवधायक िौजूद थे, लेमकन पायलट के साथ ऐसा नहीं है। उनहोंने अपने साथ 30 मवधायकों के आने का दावा मकया था, लेमकन अभी तक 18 मवधायक ही उनके साथ िड़े हैं। ऐसे िें हि साव्वजमनक तौर पर उनका सिथ्वन कयों करें, जब भाजपा की सरकार बनने की गांरटी नहीं है।

    एक अनय वररष्ठ मवधायक का कहना है मक राजय िें भाजपा की वररष्ठ नेता और पूव्व िुख्यिंत्ी वसुंधरा राजे मसंमधया भी गहलोत सरकार मगराने के पक्ष िें नहीं हैं। वे तब तक ऐसा नहीं करेंगी, जब तक उनहें भरोसा नहीं होगा मक वे मफर से िुख्यिंत्ी पद संभालेंगी। पाटषी के 72 मवधायकों िें से 45 मवधायक वसुंधरा के सिथ्वक हैं। एक और बात सिझने वाली है मक वसुंधरा मकसी भी सूरत िें प्रदेश भाजपा अधयक्ष सतीश पूमनया, मवपक्ष के नेता गुलाब चंद कटाररया और केंद्ीय िंत्ी गजेंद् शेिावत को िुख्यिंत्ी पद देने का सिथ्वन नहीं करेंगी। ऐसे िें राजसथान िें भाजपा की भी ससथमत पायलट जैसी हो गई है। इस बीच, कांग्ेस सूत्ों का कहना है मक अभी राजनीमतक ड्ािा लंबा चलेगा। िुख्यिंत्ी अशोक गहलोत 200 सदसयों वाली मवधानसभा िें 109 मवधायकों के सिथ्वन का दावा कर रहे हैं। हालांमक भाजपा भी इतनी आसानी से चुप बैठने वाली नहीं है। ऐसे िें गहलोत और कांग्ेस आलाकिान को भी राजसथान के रण िें फाइनल जीत के मलए िजबूत तैयारी करनी होगी। लेमकन सत्ा के इस िेल िें जनता की मफक्र मकसे है!

    परदा गिरा नहीं, खले अभी जारीपहली बाजी भले ही मुख्यमंत्ी अशोक गहलोत के नाम रही लेककन पा्यलट और भाजपा की चुनौती जल्ी खतम होती नहीं क्खती

    पा्यलट टकराव के उस मोड़

    पर पहुंच गए हैं, जहां से

    वापसी संभव नहीं क्खती।

    कांग्ेस के केंद्ी्य नेता

    उनकी वापसी चाहते हैं मगर

    गहलोत के तेवर कड़़े

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    फिलहाल तो एकजुटः जयपुर के िेयरमांट होटल में फिधायक दल की बैठक में गहलोत

  • कुछ साल पहले माकपा से नाता तोड़ तृणमूल कांग्ेस की ओर रुख कर ललया था, जैसा अमूमन चलन रहा है। उनके लहसाब से 2021 में लिधानसभा चुनािों के नतीजे इस सिाल से तय होंगे लक, “कया 2019 में भाजपा की ओर चला गया िामपंथी पाल्टियों के िो्ों का 20 फीसदी या कम से कम उसका आधा लौ् आता है या नहीं?”

    भले यह इकलौती िजह न हो, लेलकन लनश्चित रूप से महतिपूण्ण िजह है लक तृणमूल कांग्ेस यह आश्वसत करे लक माकपा हर जगह अपने दफतर खोले और रैललयां करे। खासकर िहां, जहां 2011

    में तृणमूल के सत्ा में आने के बाद माकपा के दफतर तोड़ लदए गए या कबजा ललए गए। मुल्ा कहते हैं, “हमारे इलाके में माकपा ने अपने दफतर खोल ललए हैं और अपनी गलतलिलधयां बढा दी हैं।” तृणमूल का गलणत यह है लक िामपंलथयों की चुनािी मैदान में दमदार िापसी से आक्ामक भाजपा से लड़ाई उसके हक में आ जाएगी। इस गलणत के अनुसार, अगर तृणमूल लिरोधी िो् िाम मोचचे और भाजपा में बं् जाता है तो उसकी जीत तय है, जो 2019 के लोकसभा चुनािों में नहीं हुआ और भाजपा राजय की कुल 42 संसदीय सी्ों में से 18 जीत गई थी। 2019

    नए दफ्तरों और रैलियों स ेमाकपा

    में जान फंूकने की कोलििें और

    अगि ेसाि लिधानसभा चनुािों में

    बहे्तर न्तीजों की उममीद

    लाल झंडे फिर लहराए

    पश्चिम बंगाल

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    समूचा पश्चिम बंगाल कोरोनािायरस संक्मण की बेकाबू लहर और रह-रहकर लॉकडाउन के थपेड़ों से झुलस रहा है। बािजूद इसके, यहां कई लोगों, खासकर लसयासी सरपरसतों की नजरें अगले साल होने िाले लिधानसभा चुनािों पर जमी हुई हैं। 40 बरस के बढई कादेर मुल्ा कोलकाता के एसएसकेएम असपताल के रोनॉलड रॉस लबश्लडिंग के गललयारे के आलखरी कोने में डॉक्र के बुलािे का इिंतजार कर रहे हैं। सुंदरबन इलाके के रहने िाले मुल्ा ने

    कोलकाता से शुभोजित बागची

    संदीपन च्जजी

  • में 294 विधानसभा क्षेत्रों में सषे 121 पर भाजपा की बढ़त नषे भी मुख्यमंत्ी ममता बनजजी की पार्जी को डरा वि्या है।

    वपछलषे छह िर्षों में बंगाल के लषेफर् मतिाताओं के िवक्णपंथ की ओर झुक जानषे का साफ सबूत 2019 में वमला, जब िाम मोर्चे की िोर् वहससषेिारी 25.69 फीसिी (2016 के विधानसभा र्ुनािरों में) और 29.99 फीसिी (2014 के लोकसभा र्ुनाि में) सषे घर्कर 7.53 फीसिी रह गई। भाजपा का िोर् शषे्यर 17 सषे 40 फीसिी पर पहुंर् ग्या।

    सो, तृणमूल मशककत में जुर् गई है। पार्जी के एक िररष्ठ नषेता कहतषे हैं, “अगर माकपा के कम सषे कम 2-4 फीसिी िोर् भी उसकी ओर लौर् जातषे हैं, तो हमारी राह सुरवक्त हो जाती है।” जमीन पर ऐसी हलर्ल विख भी रही है। माकपा अमूमन कांग्षेस के साथ वमलकर पूिजी वमिनापुर के नंिीग्ाम जैसषे अपनषे पुरानषे गढ़रों में बडी रैवल्यां कर रही है, जहां भूवम अवधग्हण वििाि के वखलाफ हए बहर्वर्चित आंिोलन सषे ही िाममोर्चे की गविचिश शुरू हई थी। वपछलषे हफतषे विधानसभा में िाम विधा्यक िल के नषेता सुजोन र्क्रितजी और कांग्षेस के अबिुल मन्ान नषे नंिीग्ाम सषे सर्े खषेजुरी बललॉक में साझा रैली की। इसी खषेजुरी में 2006 और 2011 के बीर् हई वहुंसा सषे लषेफर् की ताकत र्ूर्ी थी और तृणमूल को शह वमल गई थी। अब 2020 में भाजपा और तृणमूल के बीर् लगातार जारी जुबानी ब्यानबाजी और वहुंसक िारिातरों सषे तंग आ र्ुके और सरकार विरोधी रुझान सषे असंतुष्ट िोर्ररों का मन बिला है इसवलए इन इलाकरों में वफर माकपा को बढ़त वमलनषे लगी है।

    ्यही कहानी उत्तर बंगाल के कूर्वबहार की भी है। िहां हाल में विनहार्ा में कवथत तौर पर सथानी्य तृणमूल नषेताओं नषे सर्ूडेंटस फेडरेशन ऑफ इुंवड्या (एसएफआइ) के राज्य सवर्िाल्य सिस्य शुभ्रलोक िास को परेशान करनषे के वलए लडकरों को भषेजा, तो उनहरोंनषे ततखोवनक (फौरन) रैली करनषे का फैसला वक्या। िास कहतषे हैं, “हमनषे रैली के लगभग 12 घंर्े पहलषे फेसबुक पर इसकी घोर्णा की तो करीब 500 लोग जुर् गए।” िाकई, एक साथ कोविड-19 और अमफेन र्क्रिात के झर्करों सषे हलकान राज्य के हर वजलषे हसुआ-हथौडी िाला लाल झंडा पूरे भरोसषे सषे लहरानषे लगा है। माकपा के राज्यसतरी्य नषेताओं का कहना है वक ्यह कविनाई के िौर में सि्यंसफूतचि प्रवतवक्र्या है।

    राज्य सवमवत के एक सिस्य कहतषे हैं, “कुछ महीनषे पहलषे तक, हमारे पास अवग्म मोर्चे पर लडके-लडवक्यरों की फौज कम ही विखती थी। लषेवकन अमफेन र्क्रिात के राहत का्यचि में हमारे साथ बहत-सषे ऐसषे जुडे, जो बीसषेक साल उम्र के हैं। ्यह िाकई उतसाहिर्चिक है।” िास की भी ्यही रा्य है। िषे कहतषे हैं, “भाजपा और उसके छात् विंग

    के पास वहुंिुति है, तो एसएफआइ के पास असली मुद्षे हैं।”

    माकपा के िवक्ण 24 परगना वजला का्याचिल्य में लाल रुंग सषे पुतषे कोनषे िालषे कमरे में बैिे सुजोन र्क्रितजी पार्जी के वलए हालात बिलनषे में सथानी्य मुद्रों के साथ िैश्विक घर्नाक्रम को जोडकर िषेखतषे हैं। िषे कहतषे हैं, “लोगरों का पूंजीिाि सषे मोहभंग हो रहा है। आवखर उनहें एकावधकार िबिबषे िालषे पूंजीिाि सषे क्या वमल रहा है।” उनका ्यह भी कहना है वक नरेंद्र मोिी सरकार रोजगार सृजन के अपनषे िािषे को वनभानषे में नाकाम रही है। िैश्विक कीमतें कम हो रही है मगर “्यहां तषेल की कीमतें बढ़ रही

    हैं।” श्रवमकरों के अवधकार तषेजी सषे गा्यब हो रहे हैं, जबवक बंगाल में तो पूरी अराजकता है। र्क्रितजी कहतषे हैं, “्यषे तमाम हालात िामपंथ के वलए जगह बना रहे हैं।” िषे इस बात को वसरे सषे नकार िषेतषे हैं वक तृणमूल िामपंथी िलरों को सरकार विरोधी िोर् बांर्नषे के वलए बढ़ािा िषे रही है।

    िषे कहतषे हैं, “तृणमूल की जमीन वखसक रही है, उसके लोग छोडकर जा रहे हैं, उसके पास हमें रोकनषे का कोई उपा्य नहीं हैं।” लषेवकन असली सिाल िही है, जो कोलकाता में मुल्ा नषे उिा्या वक क्या क्या िामपंथ सषे मुंह मोड र्ुका 20 फीसिी िोर् उसकी ओर लौर्ेगा? र्क्रितजी लगभग बुिबुिातषे हए कहतषे हैं, “्यही लाख र्के का सिाल है।” लंबी र्ुपपी के बाि थोडा संभलकर िषे कहतषे हैं, “हमें बडी संख्या में अपनषे िोर् िापस पानषे की उममीि है। संकेत विखाई िषे रहे हैं, लषेवकन िो बातें महतिपूणचि हैं।” बकौल उनके, एक तो तृणमूल और भाजपा

    का “ध्ुिीकरण की राजनीवत को बढ़ािा िषेनषे” का नजरर्या है। िषे मानतषे हैं वक “सांप्रिाव्यक आधार पर खासकर मुसलमानरों और िामपंवथ्यरों के वखलाफ ध्ुिीकरण सषे तृणमूल और भाजपा िोनरों को फा्यिा होगा।”

    इन मुद्रों पर संसिी्य और विधानसभा र्ुनाि में अलग-अलग तरह के िांि थषे, इसके बािजूि र्ीएमसी को 2014 में 39 फीसिी िोर् शषे्यर के साथ 34 सीर्ें वमलीं और पांर् साल बाि 44 फीसिी उच्चतम िोर् शषे्यर के बाि बमुश््कल 22 सीर्ें वमलीं। मतलब ्यह वक ध्ुिीकरण की राजनीवत जैसषे जोर पकडी, तृणमूल को सीर्रों के मि में और िाम िलरों को सीर्रों और िोर् शषे्यर िोनरों मामलषे में नुकसान उिाना पडा। इसका िोर् तृणमूल पर भी है, क्यरोंवक उसनषे िाम िलरों को आक्रामक तरीके सषे हावशए पर धकेल वि्या। इस तरह तृणमूल समूर्षे बंगाल में भाजपा की लगातार बढ़त को शा्यि ही रोक पाए और िोतरफा विखती जंग को वत्कोणी्य मुकाबलषे में शा्यि ही बिल पाए।

    उत्तरी 24 परगना के छोर्ा जागुवल्या गांि के फारिड्ड बललॉक के एक सथानी्य नषेता ्यूनुस अली भाजपा में शावमल होनषे िालषे शुरुआती िामपंथी जमीनी का्यचिकताचिओं में सषे एक हैं। उनके घर पर

    हमला वक्या ग्या, पीर्ा ग्या, उनके माकपा का्यचिकताचि भाई को जषेल में बंि कर वि्या ग्या। उनके पास भाजपा में शावमल होनषे के अलािा विकलप कम थषे। ताकत के जोर सषे “विपक्-मुक्त” माहौल बनानषे के प्र्यास में, तृणमूल नषे अली जैसषे हजाररों को लोगरों को भाजपा की झोली में डाल वि्या।

    आरएसएस के सििषेशी जागरण मंर् के राष्टी्य सह-सं्योजक और भाजपा के आवथचिक प्रकोष्ठ के प्रभारी धनपत राम अग्िाल का कहना है वक र्ीएमसी के वलए सत्ता बरकरार रखना मुश््कल

    होगा। िह कहतषे हैं, “भाजपा का िोर् वफर माकपा को वमलनषे की कोई संभािना नहीं है। लोग समझ रहे हैं वक न तो र्ीएमसी और न ही सीपीआइ (एम) विकलप हैं, तो िषे लोग भाजपा की ओर आ रहे हैं। बांगलािषेश सषे घुसपैि और उद्ोग िो प्रमुख कारक हैं और ्यहां, िोनरों विफल रहे हैं।” उनका मानना है वक जहां कांग्षेस और माकपा कुछ समवपचित िोर्रों पर कबजा करेंगषे, िहीं र्ीएमसी का िोर् शषे्यर भाजपा को फा्यिा पहुंर्ाएगा। एक हि तक तृणमूल सत्ता-विरोधी लहर की बात सिीकारती है, लषेवकन िह ममता बनजजी के करर्मषे और नषेतृति पर उममीि जताती है। मुल्ा कहतषे हैं वक बंगाल में एक बार वकसी को र्ुन लषेनषे के बाि मतिाता सरकार बिलनषे में सम्य लषेतषे हैं, ्यह िशाचिता है वक र्ीएमसी सत्ता में रहेगी। सुंिरबन के ्यषे बढ़ई कहतषे हैं, “माकपा के उि्य सषे मुकाबला वफर वत्कोणी्य हो जाएगा, जो तृणमूल के वलए महतिपूणचि है।”

    भाजपा की लगातार बढ़त ने

    मुख्यमंत्री ममता बनजजी को भरी

    तनाव में ला दि्या है। आगामरी

    दवधानसभा चुनाव उनके दलए

    अग्नपररीक्ा की तरह होंगे

    ¥æ©UÅUÜé· v® ¥»SÌ w®w® 1 1

  • अनुच्छेद 370 को खत्म करना चाहती है, जिसके तहत िम्ममू-कश्मीर को जिशेष दिाजा ज्मला था। यह बात पार्टी के केंद्ीय एिेंडछे ्में रही है और 2014 तथा 2019 के आ्म चुनाि के घोषणापत्रों ्में भी इसे शाज्मल जकया था। 5 अगसत 2019 को संजिधान के अनुच्छेद 35ए और 370 को जनष्प्रभािी बना कर एक तरह से भािपा ने अपना िादा पमूरा जकया था।

    एक साल से कश्मीर घार्ी लॉकडाउन ्में है, हालांजक अब इसका एक कारण कोजिड-19 ्महा्मारी भी है। ्मोबाइल फोन और इंर्रनेर् अब भी प्रजतबंजधत है। िमून 2018 तक भािपा के साथ गठबंधन सरकार का जहससा रही पीपुलस डछे्मोक्ेजर्क पार्टी की नेता और पमूिजा ्मुखय्मंत्ी ्महबमूबा ्मुफती अभी तक सािजािजनक सुरक्ा कानमून (पीएसए) के

    तहत निरबंद हैं। अनुच्छेद 370 को जनष्प्रभािी बनाने के बाद नेशनल कॉन्फ्ेंस के नेता फारूक अबदुल्ा और उ्मर अबदुल्ा भी निरबंद थे, उन्हें इस साल ्माचजा ्में ररहा जकया गया। ररहाई के बाद से जपता-पुत् सािजािजनक रूप से जयादा नहीं बोल रहछे। रा्म ्माधि िैसे भािपा नेताओं ने यह कहकर उनका ्मिाक भी उडाया है जक ये लोग फेसबुक िॉल और ज्िर्र हैंडल के पी्छे ज्प गए हैं। (आगे पढ़िए राम माधव के साथ बातचीत)

    भािपा की पमूिजा सहयोगी जशिसेना का कहना है जक 2016 की नोर्बंदी की तरह अनुच्छेद 370 को जनष्प्रभािी बनाने का ्मकसद भी अधमूरा रह गया। सुरक्ा के निररए से हालात नहीं सुधरछे हैं। जशिसेना ने अपने ्मुखपत् सामना ्में जलखा है, “हर जदन सडकरों पर खमून बह रहा है और जनददोष लोगरों की िान िा रही है।”

    जिशेषज्रों के अनुसार अनुच्छेद 370 को

    सन्नाटे में दहकते सवनाल

    िम्ममू-कश्मीर, अब इस ना्म से न तो पिजातरों, िाजदयरों और कलकल करती पहाडी नजदयरों का एहसास होता है, न ही कश्मीररयत ्में डूबे समूफी अधयात्म का। िैसे तो यहां 1947 से ही पररससथजतयां कभी सा्मान्य नहीं रहीं, लेजकन तीन दशकरों से सी्मापार आतंकिाद, कफयमूजा और अलगाििादी आंदोलन िैसी घर्नाएं, दो केंद् शाजसत प्रदेशरों ्में बंर् चुके इस राजय की नई पहचान बन चुकी हैं। भारतीय िनता पार्टी (भािपा) ने कभी अपने इस इरादे को नहीं ज्पाया जक िह

    सरकार की नजर में स्थिति सामान्य, पर न नाकेबंदी हटी, न मौतिक और िोकिांतरिक अतिकार हुए बहाि

    भावना ववज-अरोडा

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    370 बाद जम्मू-कश्मीर

    संगमीनों के साये ्ेंः श्मीनगर ्ें एक ्विला को रोक कर पमूछताछ करता सुरक्ाक्मी

    उ्मर आजशफ

  • निष्प्रभावी बिािे से कश्ीर ्ुद्े का अिावश्यक रूप से अंतरराष्टी्यकरण हो ग्या, निससे भारत तीि दशकों से बचता रहा था। अ्ेररका ् ें राष्टपनत चुिाव ्ें डे्ोक्रेट उम्ीदवार िो बाइडि िे चुिाव प्रचार ्ें कश्ीरर्यों करे अनिकारों को भी ्ुद्ा बिा्या है। एक पूव्व नवदेश सनचव िे कहा, “ह्ेशा भारत का स्थ्वि करिे वाले ईराि िे पहली बार िम्ू-कश्ीर ्ें भारत करे रवै्ेय की आलोचिा की है। वह चाबहार रेल प्रोिेकट से भारत को बाहर रखते हुए चीि करे करीब िा रहा है। ्यह भारत करे नलए अच्ा िहीं है, क्योंनक इसका असर कश्ीर करे नश्या ्ुसल्ािों पर भी होगा।”

    अिुच्ेद 370 को निष्प्रभावी बिािा भी कोई अंनत् पररणा् िहीं है। 3डी ्यािी डोन्साइल, नडनलन्टेशि और डे्ोग्ानिकस करे रूप ्ें का् अभी िारी है। सथािी्य लोग िए डोन्साइल नि्य्ों करे नखलाि हैं, क्योंनक उनहें लगता है नक ्यह आबादी की संरचिा बदलिे का प्र्यास है। अिुच्ेद 370 पर सरकार का स्थ्वि करिे वाले िम्ूवानस्यों िे भी नवरोि प्रदश्वि नक्या क्योंनक अब सरकारी िौनकर्यां उिकरे नलए आरनषित िहीं हैं।

    िससटस रंििा देसाई की अध्यषिता वाला आ्योग िम्ू-कश्ीर करे साथ अस्, िगालैंड, ्नणपुर और अरुणाचल प्रदेश ्ें भी लोकसभा और नविािसभा षिेत्ों का पररसी्ि कर रहा है। इसे भी आबादी की संरचिा ्ें बदलाव करे तौर पर देखा िा रहा है, निससे संभवतः नहंदू बहुल िम्ू ्ें भािपा को िा्यदा होगा। पररसी्ि पूरा होिे करे बाद ही इस केंद्र शानसत प्रदेश ्ें चुिाव होंगे। नटपपणीकार प्रो. बद्री रैिा िम्ू-कश्ीर ्ें आबादी की संरचिा ्ें बदलाव को लेकर आश्वसत हैं। वे कहते हैं,

    “नहंदुतववादी ताकतें ह्ेशा ्यह ्ािती रही हैं नक इस तरह का बदलाव ही स्स्या का स्ािाि है। उनहें लगता है नक पररसी्ि से नहंदू नविा्यकों की संख्या बढ़िे पर अगली नविािसभा ् ें नहंदू ् ुख्य्ंत्ी बिा्या िा सकरेगा।”

    रणिीनतकारों और सुरषिा नवशेषज्ों का ्त है नक भारत करे इस िए केंद्र शानसत प्रदेश को राििीनतक गनतनवनि्यों से अब ज्यादा नदिों तक ्हरू् िहीं रखा िािा चानहए। ्ौनलक और इंटरिेट िैसे लोकतांनत्क अनिकारों पर भी लंबे स््य तक पाबंदी

    उनचत िहीं। नवकास करे नलए आनथ्वक गनतनवनि्यां (कोनवड लॉकडाउि से इतर) शुरू करिा िरूरी है। प्य्वटि ्यहां की अथ्वव्यवसथा की रीढ़ है और अनिसचितता करे कारण ्यहां प्य्वटि करे दो सीिि बबा्वद हो गए। सुरषिा को देखते हुए नििी निवेशक ्यहां पैसा लगािे को तै्यार िहीं हैं।

    अिुच्ेद 370 निरसत करिे करे बाद घाटी ्ें नहंसक प्रदश्वि िहीं हुए। सथािी्य लोगों करे अिुसार इसकी विह संचार पर प्रनतबंि, ्ुख्यिारा करे िेताओं की नगरफतारी और सुरषिाबलों की बडी संख्या ्ें तैिाती है। आरएसएस से िुडे राििीनतक नवश्ेषक शेषानद्रचारी िे आउटलुक से कहा, “पहले कोई अिुच्ेद 370 खत् करिे की बात करता था तो ्यह ि्की दी िाती थी नक देश िल उठेगा, लेनकि वैसा कु् िहीं हुआ।” चारी इसकी तुलिा 2009 ्ें ्ारे गए नलट्े िेता प्रभाकरण से करते हैं। वे कहते हैं, “उसे तन्लिाडु करे प्र्ुख राििैनतक दलों का स्थ्वि हानसल था। ्ािा िाता था नक उसे ्ारिे पर ि नसि्फ तन्लिाडु ्ें सरकार नगर िाएगी, बस्क लोग आत्दाह करिे लगेंगे, लेनकि ऐसा कु् िहीं हुआ। इसी तरह कश्ीर ्ें 50 लोग भी प्रदश्वि करे नलए िहीं निकले। हुरररि्यत कॉनफ्ेंस ि्की देती थी नक अिुच्ेद 370 को ्ुआ ग्या तो कश्ीर पानकसताि का नहससा बि िाएगा। अब हुरररि्यत कहां है?”

    पूव्व नवत्त ्ंत्ी ्यशवंत नसनहा करे अिुसार नवरोि प्रदश्वि इसनलए िहीं हुआ क्योंनक अिुच्ेद 370 निष्प्रभावी नकए िािे से कश्ीरी सतबि रह गए और अप्ानित ्हसूस करिे लगे। सेंटर िॉर डा्यलॉग ऐंड ररकॉसनसनलएशि की तरि से नसनहा कई बार घाटी का दौरा कर चुकरे हैं। वे बताते हैं, “आनखरी बार ्ैं िवंबर ्ें ग्या, तो एक भी व्यसति िहीं न्ला निसिे शांनत ्या भारत की बात की हो। पहले ऐसा िहीं होता था। अिुच्ेद 370 को निष्प्रभावी बिाए िािे से पहले लोगों ्ें उम्ीद थी।”

    रैिा नवरोि प्रदश्वि िहीं होिे की एक और विह बताते हैं। उनहोंिे कहा, “्ािनसक रूप से लोगों पर कािी बुरा असर हुआ है। ज्यादातर लोग सोचते हैं नक पररििों को नकसी भी तरह करे िुकसाि से बचाकर रखिा ही सबसे अच्ा है।” रैिा करे अिुसार अिुच्ेद 370 को लेकर िम्ू-कश्ीर करे दो प्र्ुख दलों िेशिल कॉनफ्ेंस और पीडीपी करे नहत ज्यादा थे। इिकरे िेताओं को नहरासत ्ें लेकर केंद्र िे आशवसत नक्या नक उिका ििािार कोई चुिौती ि बिे। आंतररक ्तभेद से ग्सत हुरररि्यत की प्रनतबद्धता इस अिुच्ेद को लेकर उतिी िहीं थी। ज्यादातर हुरररि्यत िेताओं का ्त था नक िम्ू-कश्ीर को पानकसताि का नहससा होिा चानहए। िहां तक आ् लोगों करे नवरोि की बात है, तो बडी संख्या ्ें सुरषिाबलों की तैिाती से वे इतिे डरे हुए थे नक नवरोि की बात सोच भी िहीं सकते थे।

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    राजनीतिक पहल जरूरीः फारूक और उमर अब्दुल्ा िो ररहा, पर महबूबा मदुफिी नजरबं्

    िावेद अह्द

    पीटीआइ

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    रिसर्च ऐंड एनालिलसस लिंग (िॉ) के पूि्च लिशेष सलरि आनंद अननी मानते हैं लक इस तिह के बि प्रयोग से लहंसा कम हो सकती है, िेलकन यह िणनीलत िंबे समय में काम नहीं किेगी। उनहोंने कहा, “िोकतंत्र में यह संभि नहीं, इसकी लनंदा की जानी रालहए। िोगों को ताजी हिा में जाने की इजाजत दी जानी रालहए। यह एक तिह का सेफ्ी िालि भी है, ििना पालकसतान के लिए हािात का इसतेमाि किना आसान हो जाएगा।”

    पूि्च िॉ प्रमुख औि कशमीि मामिों में लदिंगत प्रधानमंत्री अ्ि लबहािी िाजपेयी के सिाहकाि िहे ए.एस. दुल्लत मानते हैं लक लहंसक प्रलतलरिया इसलिए नहीं हुई लक आम कशमीिी अमन पसंद हैं औि सामानय जीिन जीना राहते हैं। उनहोंने कहा, “मैंने भी कुछ िोगों को यह कहते सुना लक िहां िािा धधक िहा है जो फू्ेगा, पि मैं ऐसा नहीं मानता। कशमीिी लबना 370 के भी जी सकते हैं। अगि सिकाि बात किे तो पालकसतान भी इसे सिीकाि कि िेगा।”

    दुल्लत मानते हैं लक िाजनीलतक प्रलरिया यथाशीघ्र शुरू की जानी रालहए। िे पूि्च प्रधानमंत्री निलसंह िाि की तिह कदम उठाने की बात कहते हैं। िाि ने छह साि तक िाष्ट्रपलत शासन के बाद 1996 में जममू-कशमीि में रुनाि किाने का ऐिान लकया था। दुल्लत के अनुसाि, “िाि का तिीका सबसे अचछा था। कशमीि को इसी की दिकाि है। राहे कोई एक पा्नी सत्ा में आए या लत्रशंकु लिधानसभा हो, यह तय किने का अलधकाि िोगों को दीलजए।”

    दुल्लत के मुतालबक सिकाि सुिक्ा को जयादा तिज्ो दे िही है, जबलक बडी समसया िोगों की है। सुिक्ा का पहिू उत्ि कशमीि में जयादा अहम है जहां लिदेशी आतंकिादी घुसपैठ किते हैं। दलक्ण

    कशमीि में आतंकिाद मुखय रूप से सथानीय युिाओं से जुडा है जो भलिषय को िेकि उनकी लनिाशा से उपजा है। दुल्लत के अनुसाि सथानीय पुलिस को इन युिाओं को मािने के बजाय उनहें समझाना रालहए। उनहोंने कहा, “उत्ि कशमीि में लकसी को बखशा नहीं जाना रालहए, िेलकन बंदूक उठाने िािे सथानीय युिकों को मािने से कुछ हालसि नहीं होगा। आप एक को मािेंगे तो गुससे में राि औि खडे होंगे औि लफि िे भी मािे जाएंगे। 1990 के दशक में आतंकिालदयों का जीिनकाि दो से ढाई साि होता था, अब यह दो-तीन महीने िह गया है। मुझे डि है लक श्ीनगि उत्ि औि दलक्ण कशमीि के बीर फंस सकता है औि िहां कोई बडी आतंकी िािदात हो सकती है।”

    जममू-कशमीि में लहंसा बढ़ने को िेकि कांग्ेस सांसद मनीष लतिािी भी सशंलकत हैं। िे कहते हैं, “आतंकिाद के तीन रिण होते हैं- अिगाि, उग्िादी लिराि औि लहंसा। हाि के लदनों में अिगाि बढ़ा ही है। जममू में भी असंतोष की धिलन सुनाई देने िगी है। सुिक्ा के लिहाज से हािात शायद ही बेहति हुए हैं।” लतिािी के अनुसाि लकसी इिाके को कफयू्च में िखकि हािात सुधिने का दािा नहीं लकया जा सकता। यही कािण है लक लनजी लनिेशक िहां उद्ोग सथालपत किने को तैयाि नहीं।

    िे अमेरिका के पूि्च िक्ा मंत्री डोनालड िमसफीलड की बात दोहिाते हैं लक पैसा डिपोक होता है औि यह सबसे सुिलक्त जगह ही जाना राहता है। पूि्च लित् मंत्री लसनहा भी मानते हैं लक कोई लनिेशक तभी पैसे िगाएगा जब ससथलत सामानय हो, जबलक हािात इससे कोसों दूि हैं। िहां तो पहिे से तय लनिेशक सममेिन भी नहीं हो सका। नई परियोजनाओं की बात दूि, पीएम डेििपमें् पैकेज के तहत घोलषत परियोजनाओं की गलत भी काफी धीमी है। प्रधानमंत्री ने 2015 में 58,627 किोड रुपये के पैकेज की घोषणा की थी, इसमें से 49 फीसदी िालश का ही इसतेमाि हुआ है। कुि 54 प्रोजेक् में से नौ पूिी हुई हैं औि आठ पूिी होने के किीब हैं।

    िैना खुद कशमीिी पंलडत हैं। उनहें नहीं िगता लक उनके समुदाय के िोग अभी िापस जाएंगे, कयोंलक िे

    लजस तिह की सुिक्ा राहते हैं िह सिकाि मुहैया नहीं किा सकती। जयादाति िोग अनुचछेद 370 लनषप्रभािी बनाए जाने को सथायी मानते हैं, िेलकन मनीष लतिािी को ऐसा नहीं िगता। उनके मुतालबक यह अब भी लिरािाधीन है। कई बातें सपष्ट होनी हैं। जैसे, संलिधान में दो केंद्र शालसत प्रदेशों के लिए एक हाइको््ट का प्रािधान नहीं है। हािांलक जममू-कशमीि को पुनः िाजय का दजा्च लमिने की संभािना काफी जयादा है। भाजपा महासलरि िाम माधि ने भी आउटलुक से बातरीत में यह बात कही।

    हािांलक दुल्लत मानते हैं लक सिकाि िाजय का दजा्च िौ्ाने पि कशमीरियों के साथ सौदेबाजी कि सकती है। बदिे में कशमीरियों को िगेगा लक उनहें कुछ तो िापस लमिा। दुल्लत के अनुसाि सिकाि को बातरीत के दििाजे खोिने रालहए। उमि अबदुल्ला, सज्ाद िोन, शाह फैजि औि यहां तक लक मीििाइज के साथ

    बात किने में भी कोई हज्च नहीं है। लसनहा भी मानते हैं लक बातरीत ही एकमात्र समाधान है। सिकाि सभी पक्कािों की पहरान किे औि उनसे िाता्च के लिए लकसी को सालधकाि लनयुक्त किे। हािांलक िैना के अनुसाि जब तक कुछ बुलनयादी मुद्ों पि खुिे औि िोकतांलत्रक तिीके से लिराि नहीं होता, तब तक समाधान मुसशकि है।

    कश्मीर ्ें कब लौटेगा लोकतंत्रः प्रधान्ंत्मी नरेंद्र ्ोदमी और गृह ्ंत्मी अम्त शाह

    बंदकू उठाने वाले

    स्ानीय युवकों

    को मारने स ेकुछ

    हाससल नहीं होगा,

    आप एक को मारेंगे

    तो गसुस ेमें चार और

    खड़े होंग ेऔर सिर

    वे भी माऱे जाएंगेए.एस. दुल्लत

    पूव्व रॉ प्रमुख

    370 बाद जम्मू-कश्मीर

    पी्ीआइ

  • जम्मू-कश्मीर को अनुच्छेद 370 और 35ए के जररए हासिल सिशेष दजाजा को गंिाए लगभग िाल भर हो गया। हालांसक भाजपा के राष्टमीय ्हािसिि राम माधव ने भावना ववज-अरोडा िे बातिमीत ्ें कहा सक अनुच्छेद 370 सनरसत होने िे िबिे नए केंद्र शासित प्रदेश ्ें “भारत की आिाज ्जबमूत” हुई है। इििे स्ानमीय नेताओं की अिसलयत भमी िा्ने आ गई है, जो जनता और प्रशािन के बमीि पुल बनने का का् करने के बजाय अपनमी फेिबुक िॉल और स्िटर हैंडल ्ें हमी ्ुपे हुए हैं। बकौल उनके, “यहमी िजह है सक जब उनहें नजरबंद सकया गया तो आंिमू बहाने िाले क् हमी ्े।” प्र्ुख अंशः

    अनुच्छेद 370 के तहत ववशेष दजजे की समावति

    के साल भर बाद जमममू-कशममीर के हालात का �