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¢ (208-27) * ए (14.7-32) ए? (933-200) ( (685-13))

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1 | (ऽप त 1-119 12 (4४-52) | ४§५ 6.30-8.13 24: | (ऽपि ८ 1192-228: 13 8 (50-69) | ५६९ 8.13-9.17

3 ^ (20-38) 14 8 (69-79) | ४६४ 9.18-10.26 20: | (अदि (ए 2282-3 15 (7) | ४5४ 10.26-11.7

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4 ^ (30-48) 18 ¢ (ॐ -4>) गष 17.1-17.31 30: | ४§ [° 4८2- 158: 19 ¢ (49-58) | गग} 17.31-19.9

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3 ^ (4\-58) ¢ (209) (7) 35.10-35.28 40: | 1 [चर -166 22 € (209-213) गप) 35.28-37.1 58: | श र" 16८-283 23 © (210-223) गड) 37.1-38.8

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प) 22.30-24.13

वप) 24.13- 25.25

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णड] 16.29-17.9

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णडा) 17.22-18.5

175} 18.5-18.19

18} 18.19-19.8

178] 19.8-19.21

गडा 19.22-20.7

ए] 20.7-20.20

175] 20.20-21.4

15] 35.10-38.17

गड] 38.17-36.3

[ठ] 36.3-36.19

51 36.19-37.4

1 37.4-37.19

781 37.19-38.7

ण] 38.7-38.20

811 38.21-39.2

78] 39.3-39.17

31 39.17-40.8

178] 40.8-40.23

षडा 40.23-41.8

51 41.8-41.22

(51 41.22-42.10

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983-7: | 13} 35.10-35.17 115 © (120-138) गण॥ 43.1-44.13 91 | 7? (9-108) | 7) 35.17-36.12 116 © (139) (ठ) 44.13-45.4 92 ए (109-113) | ण} 36.12-37.6 117 पर क. 1) (ण) 15.1-15.17 98 7? (110-128) | (पा 37.6-38.2 118 पक. 2) गग} 15.17- 16.10 94 ए (120-138) 71"॥ 38.2-38.27 119 पर 4 च. 3) | गग] 16.10-16.29 95 7 (13-14) 75) 38.27-39.17 120 (ए. 4) ण] 16.30-17.16 96 | ? (14-158) (ए) 39.17-40.12 121 पर क. 5) | 8 17.16-18.4 97 | 7? (15-169) | ग] 40.12-41.6 122 पर क. 6) (5) 18.5-18.25 98 £ (16-172) गड) 41.6-42.2 123 परक. 7) ग} 18.25-19.16 99 ? (170-188) (78 42.3-43.2 124 प क. 8) ग} 19.17-20.7 100 ? (1809-192) (गड) 43.2-44.2 125 पक. 9) गण) 20.7-21.2 101 ए (197-203) गड) 44.2-44.23 126 पर. 10) (11.1-2;) | 1] 21.2-21.3 102 7 (20) 1ण॥ 44.23-45.4 (1.3-10:) | (ग8]} 35.10-35.18 103 | © (18) 127 | (7. 11) ग78] 35.18-36.10

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व81 37.20-38.14

81 38.14-39.1

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7231 39.21-40.12

7811 40.12-41.4

751) 41.4-41.23

वडा 41.23-42.13

5] 42.14-43.5

731 43.5-43.23

(81 43.24-44.16

ए] 44.17-45.4

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४5४ 9.19-10.9

४5४ 10.10-10.28

४5४ 10.29-11.7

(8) 21.4-21.23

2) 21.23-22.16

4.11

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¶78॥ 22.17-23.5

(गडा 23.5-23.27

¶8॥ 23.27-24.20

(8 24.20-25.15

81 25.15-26.4

(8 26.4- 26.21

(81 26.22-27.8

87 27.8-27.25

(81 27.25-28.13

(781 28.13-29.1

(73) 29.1-29.19

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गड] 30.4-30.21

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8] 31.7-31.24

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781 32.8-32.25

(781 32.25-33.9

81 33.9-33.27

(81 33.27-34.12

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^ (12)

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4 (2-34) (अपि८४§

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^ (5) शः

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[~ शना डताकडयमा 1 अआगयगरस 114

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- 10 -

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द ० - श ग १२षदम थ शि , _ "कथायः न २1 मतथ परः । 3१ ५ (५ पठः व द लय थ $ तत गागा भावः ध हवः ओः > ११५१२ न‌ कन प व: १११ सथः

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दरय शशयर पषथ भासनयालार शय रवा तिवस हरिन दषवधदावथमङ‌६म गज यम य सदर कापर द राध शच

जयनर0 वण ववा वयव गीगिव दर २। भा व यविहस इ »

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सदम ाकसणयर गतवानःरलवया सपयायीडरगपयवाककनयर भारत यगलपदा आरा रश, त 5 अर दयः ।

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मीना शग धदववनश धः गय मावा दशतना जबवतशष ५ बश‌

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सपम ६ छाव ` वामनान‌ ० (सयभदरो नरवपरमः ड

0 ए ९ फ भीम‌

कवथ! भव न नासदनम आयतम रथाव परत‌

8 (6972) ४§

नथ ~

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` नाययवदमामिपमवक गयम हर (व मलर ५ जञनादधषडयावरगयनियसबरङग दीय गसङयवद ग यला

मा चमवङ लादि. कया कयान‌, गादगनमिलमवडस‌ यटा वनायधवि छ! वकयावययमथिमवशरननवयङन‌

। उवढिदविववरगमकरदमङन,ग अय री(नमरकाबदकवगङम वनि व गखतानमरवङतमदिगमाछ१अववाव‌वड र

भिद खाषदिरमागय वार गसन दणावमोयङननलरमशचदनलनमङल ध माणन यरवधयवः सान) त‌ वदाङखनद षयम

८ ॐ = ५५

ङवागवववकिपक कम रत विदय वइङगममथसतर ड अवन यर मात गरश माद कावगाषयासावा ग जायभि

तिषवीयशयव कण तरारःएसषयार गव द 0 बकाभा-

कजयनगलवङढदनयङडगदःवविवशछः ` & लक ारधताङर‌ मरना मा तद (5 कनानिङरयपवनाङ स राविशममभि £: -जवगनोयगारदमरयय सातया धय रम य ङगन

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भवायागयाताशचःयरषयङयादवणरायः

¢ (109-24) श)

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जाधिनजकामाद णवर विज (ताग शवल यपमका गवादन दवमत शङगगयपवालमावपाऽकयगकषशायय‌ 1 ग मछयमान य ऊमा तङ‌

„ ` कयवम यदग रनि (म करजाया ता वयमङग (2 २ व ग ह दयक वाषदाङध यावा २य‌ ङक

८ 1 ६. भ नाम गषयनङखयिग।क‌ ९ नाषवनतङभप 11 करि हायादिकतलमवायमगनीर‌।म सनागर

सवाशगहाणमवमङकमययवसहनमागाय द शल, मदवयगानषया वि गरसायवशञनाना वाग आप वग^वनापन जञन 6 ¶ काचम‌, व 'अनामम‌ः म,जककटमा यड‌ ५ $ श‌ ` मधिमागय खनिरदचवचरयारसानिग याज नधि धा दतम‌ भ १य‌ य मामव उवदचसागधवचाविस‌नमाववयीर 9 व नरवनकयायय टक थायाकाररदाविसमणमनगादय ड माशनामग दाक जमाना सवयाय ःकभयम‌ पन

` शयरमारवखशादिवदयरमारनरमअगडमशचययवम पव

¢ 3) पश

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मषणावजीवषवा य राषशा रय ९१९० भाय ४

नाग माङाषवमषयायदाखगमदा १३. 1 ९ मषथाःोगओआटशञ मासावषठ ग धानम‌! [दपय व‌

व नातवकतगवाय वण ठय वाया म

य मागायनानवसतकाय वाय स

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1 क ।१ र =, < ह ५ स प 3 र >

गगम गरङयविङ‌नङन ति ङदासनगलदथनववरगसानाव‌गमानञनका ।

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धन व दकर दषय

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याजा व माधववकयननणमः ६ (कमना नव चकञ‌ सः ग साक धषलावासथवमा लवक ङ क दि कणना वव कयायः

प यङख काय वयसमः तमवङञना$वान य वषडल गछ र याभी,

€ (ॐ-49) गड

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गव कगनाकमारतकमरास नायर यरद धालदयड-

त 1 | 8 ।कसान‌ सोरण बङन व यक४मरववीरक‌ 1 यमनकङ‌द परम मोकभकव गवी सनतवगानय॥ आन यम भ ति ययल

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कशवा नाङ याद मकरतयावाम‌ नाव कङधवादान यवङगलभ नामाद अनापमारशरिजद दशय गिजषवरनाकषव , मम दिदगसटसमगदम वदि मगसायाद

व यङयनामय'गमायनरयदयाः €@$ <चमयममनस शया

पवायम मधय साग वदय डयक 4.82 कय वीमगगलाद‌य याक कषा यादन वमव

याय (0 -अलशरनाकधय यक‌ लाद न वदिव,

© (5४-6४) षी

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विरः 9 रकदलकमादवरकिसयषवयायातयनच.ाकषयववदः करय माकर समानि करव १ सनभाडरशःम ६ ः

तथान जव ?एस थाक 2अरग ९ ई क

ख चषव,दिषयाण डमङदतवयनमनवयाम कालयषठड दधार न क व 2 चनरव+नञ5 यय मिभषठाः हयः नभ

© (6४, 209) गग

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© 220-238) ष)

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निवकषतमलाभशतियावङकभ व ििकथरनचषट परिनिखपननः कथमितयत ण ह निषयननरलसख मरवरासरारहितताल याअविकारणरिनिखनबा सणरिनिखयनतः। तसपनिरततसय ० कमावःपरिक सविततथाहितकषियग

९. अतपजतरबसनवनिणरिकलषितनसवभदन परततरपयससशररितताषरिनि “4 कगाऽकवणिपरमनमदक लफरतति हप कननो इततच राहङशपएनवरसपकतम ~ &3 रत उशयचछ पण 0

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गयसावननकरछारना फ £कषयवादनाठदिाउयदकरषठिपाकादवविमारवदावायवरननयकि ॥ शातय विषटरमदमतियकाच सयविधाकदयाटावाक‌। 9 स वीवषाक ससम नाल तकण विह नति।भनयहनिपार$नया-हरारठ॥ वनादिविशटानयतिविक मालयविषनमकि 10 वच शरववी ऊ कनअनादिविशरानमिति 570) कागमायरकग षव उफहिदगवनाहि धर ।भनापरिकाति

कथि09॥ सवध महिमाशरय९। ग लिकठतिरतिरदिराौवरिगमपिव॥ नवालयविषान नकन" ५ धदतायधहिरनिहि वीयकी।गवसरानषदकिरनिशयमशगाहनदवतिरनिव‌भनिट‌ | किषटीपविरनितरपधिमसनिरवात५।१९। तात, ानागयनलानपतरयविदारनन‌ | ध

॥ 1 भातरयविदटानानदप गभधरतिरसनधि ` विरनीवाररामपररयपमिकनपान एछानशतरिता४। शदविषटनसायाशाकनरयरानाधरातिप वविकाविषातथणयतम गम पकितिनिन‌खला क निद धलवापत चा१।गतगमभवशवयटरावा । ननय परति एथिविषरमय‌ रो) परति स छिवनामनर‌ पमधवहिनिकदल विषवगवि नमीवरललातधशयननामतपनिनि) काय किण पातत परयनामनरपमिगिवकरय) नति

हानतिति। कतम दनयविषतशकयनामदरपयरकनकाततनितिवह परिष जजिकनामत णाता साविषटयणयतय विदवानपशयनपरवीापरवशः पछायपशयनीहनमिनिशगषवरछतनप `

= 93 ए (119-128) (1

| तशय धमन भिकत हकिपनिभाम विर माथथौवन वासना दषटि तारद एति कर।

यवण) िजनततदिविकविणमादतिशद नवा हाहायापामरलाठति कामिकविनकवीतनापयनागागिषठगयनयनरदा१।अगसनवछनचाएच)0॥ नापय

रबहयषाति

दव हिमावनिभाधपतमामषाथव र पनशलान पनिशावि 7 विशाल वा त‌॥ विदान परय तामनरणनरदयन‌ पष डायगननरसया‌॥ दरयातङगातिधशचरयञन‌ मनन

लात गमसदानपटहिनविभानय व शनण‌ठतिनयकग ॥ रान ख ६ करयङिणाका नतधाणिभोधभती वभादिमौ विय एाजधखीपवन(ाकपसम भठिवति नान १।।१ जनिनपनमविकरममौपिशादवपनवीहवविनाय परवनतव तान?

धभागतालत "आर 5१ रछानीविनिवरहतीनाच१।॥ नचान विहान महन भग तरनव ] कयशनरगय‌ द १1 ठ‌ रवीटगी बङगनण १४ ॥ वीकावहछवा। ग ीटणपरहायतरति।भनि

दियर वव परहटध माफ काना वावीमाबर वपरय) नषि पशचकदानीढिशिदन शत

पाय यशकसवीॐ विविगन ध वायत गभपरतिपशकचविह‌ धवकणवीत नम

भषयतीनहितत‌ ऊणीवीमन‌ वकम गदयणिपकरारवि महिना ०६४५ ऊरगारसतातति

दकिहरवनि)गहयादव छ भानरय विानगवयविदरान ए८टतिशरोरविरन।कवीडककनाणान

ए (120-138) णम - 94 -

| ५ ह पनाय) गा शानाणलवि दानयनन वीम ल हहवाकमथिपशचमार धीमन‌) 14 00141

४ | सी रधनातिनपननिशभीनरववभवदिकरमविधमानम‌

विङकरदपकष रतश 7नथौरावामत दव महिनिवहचिद हम) रवमातयविनए

ठ राय षटनिषट ५५

सतशदपविनिदनधयानाङिदिनाधःविषि मात धव निलटामएय वलल नात‌॥ कथमिश‌गण

हथनयनविङतपनयथलविरनय। पविकदित५वारी छ‌ गीनतवियग। शवी सिहवाह विकलयवहरपनविशनयरनामाननधपरयभयनाहाथतयन‌ विभबयनति।यथ

दविरनयरी। श `

शालि गहकहसयवदधमिविभयतरिकनितछवारत टाव शत भनतमाह वदवि

पणि।यपहविकयविघयरधलासषापटाव सविधग। वाश पति कनि हाव

नवपरकय परगिप € सशव ४ दकलिवसति।कदटाकवपयसतवि दर शरहकविकय धरहि

दठ‌।नवतदछवलतदहावीवापनखनविदनकलर यर‌ कग वहयतसरमभिदविकनयमाव

) हव सथवरवादिषिषान यणितिकभालयपिन। तदव एरव

वीजादगगवयवकनापिविक महदपगकय) वित विगनल पधरल व कीपति वनाद;

हनि सथविनीधः एथशटितयशासचरावठ का पनि;

। लिक

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== ए (130-148) षठी

स हीपनतनपता चह धरमी एभौवियरगय थ वानफथ कना

1 हवीवकयगगि।सणथाह।पननन सरवकविकवषव

शया हवण.सगरचविडनयशरीपनतक हतरपमाद वशया व नापिपततकरादि चनपर

कमाशावधपतरिकर हभताङमनयाकगरदरिजार वह माभिकवगय + कनटरगपवि कय विषयािभठकाीि। पणधपयसशरतणि पतग ऽसाथवणएरथणलगाधयषठधष‌ य पविकशालनाहशटि यावकम‌ ववि) उ कशयनककशपतितिशचन? कथनिनर६। निन सारध ठदानहितिगाकयापमविकानपतिनिशलयापत पति निधयन।१षतिपन7 क ख पर €

पमिकलितनतसछलिवि कतय पय कटावधपति कलिव वभौ हिगछिविकवय पारा हकम‌ विथमानभवपतरिकलपरगषति॥पतिभनििमय।नया6प/एकधपनगनरछसयाररवकात सहकवषटिततयापतिनिशयन स राव। आ वपवान। नाननधननरि। शरश यततिषतिकनिमन ल हवन णनग कल एपानषितिनावति तरिनत वषि गाव धरमन ठा धरमताधमनिनयानाननयाय‌ कपी पवितिषयनसवपततक धरम लत$यतगकासितरिवषयननाना ीनाननयधलीविधद 9 यदिदटिपतितियनरणयततकादय यादव तपति कनिननन तक भय यौननयछवमपिपतितिषयनीनविशघनानशचनशछात‌ पनत वऽ लक

ए (149-158) =

॥ सकःखात‌ पितरया दननलायनिनिषयनरवन‌भनिषयताटिरवका 040 घ यथाकति तगादधरवगाशनादयगाच एछानादिसनानवानानना।यः दविपानदाधतिशवफायनयाोरवगिहिषलानातिशराणछय४। भभाननाधव मपि छानत 0वनपाशहसनिकतावत‌ 4रवङ४ादिवपि बया यद।१ य हकटावमलििणपनक४कथ

सरोषजगदकतमाकषावाकथमरी ति विषटायगी।भगकाहनाध. सर टण नाणलिन तिपतितिशमनशवत‌ रणा गिपनगनणटवकातिरविकलतीकीकयदन षष पतिनिधय मलहार विधभराशोगरटदनथसगोङकशन गमयात‌ पनननदकिनन

एग।अगणपतिनिषयनयधपतगदीनदशय। नपनसकिकनहानणषटलशना पिश टत यसौतिरविकनयपषमायाधततण यक एशचनशचनषटाननमायामनीविधपरति शवी चनवतिमि समालरवधरमादिएतीि।रथवधराणपनगकद दााशहिगभा

` पतितिषयनधयकावदकडतषानिवियशरदनिविकनधनदटाननाकाम समतया ससधतीतिपनात धमरधिकथनामावदसनिकयदिडयमवपतगरणडरथ रव धिः छहावाशनलनरतिकषरवितिरदिर। नलिरिनीधणयसाशदरिदिधदयछदाव विविध) तिशशवारनाहहायररवमिपिणितानिशहावता। वयशव शवान दरछहीतिायतारथ

ध ४/४)

== 9 ए (157-168) गष

^

पयानिद।४ खन सनलशचलतवि यमानवदठ वतीति विविकतौ िशवलावतणटशचधनिशछठावक खकितिशललावगा पयमारधनिशवलावताच सरवधरमापनिकचिगपनगन‌ पिनि शना क९।२४६

दानीनरिवरिधदधहवटवशच॥ याय खनिशवटावकातोगसखध दभयजाहा धमी लशच मवनिश टावारपतएनधनसयनाववशतपनानिषहावना। धरमात माथधयिसयतकयग पिए धयपरणतिकनमिगषतवषययमी नकधगवनिशलशनः चदथ छकरिगदा१।बपत। वकछधातरपरत‌दवतॐधाववमलादि।दतसवलपरपाटावात‌ यषथचवत‌ छदणयवनिषरावः

सपनऽपननिविषनतरघवराव०।ननवय ठाव कदय मायावत‌ पनपरदयनील४१।०तरवयधौप

पयातिग धौ चाठहिनकीतिगपीशचञ कि दयत धमरधिप दति

1 विकानारधनव। पमितिथवधवलएव9पनमारधतिशलतदगपति निषदय हाव श२८१। दिपकपनमाथाटिपामनव पिति धथनिशा।@ररहितदतपिपि भयात वरततयतागदमवाहिधवयशरलहियावकधरयकषव पयार ठनमयि ध यति॥ सरवमारतगथराठाकधा।गथटि एयसनर रार कावर सरववारततधव हवति नानय २0

तदशयतङिपनरयनागयविति यनथदविदकिमाधताउगनयारिष किमशरगा॥भगज ह (

ह (169-173) ग" व

१ |= | हकिमाधरा। विदल कषत ववाधीयररकनाहितिषटवितचविततयाकलातर दनात‌ नानि छनादविरकादपरनह परहीयत ।नापनहहदा धव नमशवनावयात‌। एववा वरिथदीनटगीतरदमिः सवतरिरपि मारछरनकवततनाति समयक यदिति दकिमातमषय‌॥ कलावशरटादधराधननटमिषनपमदगशनरछमीतिङगतीशचददवगीरतथाषयावद फरिमातरिदधान विषण हदयदयान‌यकावनरविनि वप दधकायामहाकरम वाना 1६ धयवाहनाएधगकचीपरवविणाक य दिपारवमनयक वला धमपरधचिशवग ग‌ यावषिभदरचविदननाकगिदिशठीविहनभ।यवविरमाया विदिता

तहरमनाकी शा ितरटििककीपलसवनगि फ ९४ 9 सयदिविमानागनशर ट वयासिणयगीङ तातयविदगयावरद यन विटणिनधरयी गिनि ॥ एतठिषधिहवतितावपनकवगर दका दणयीनवितरिवतीनपर 0१०२ | पतकधरहधनाशषौलफीपतराशरपतधनदणिमिि।शासिवरयश हवकषनदिरिः तरपादीत‌ करामी) द मिरातीवकयमिमरधनधिविविकनपलटातातिर धरमिवहाननषटाषट | ठिदरविनिलरमरषदनिगकवि सररतटगशछ मयननयरतडकिममिक मना वीटा । | क ति।गयकायषपननाठिसानिकशथपनावरठसानीयाद ह विदफिमाशणाययदाय | |

=909= ए (17-188) 1

कि 7ि119६ दाहा भभाह॥विषफमापमपतनिशरवि कषप ९१ धवार विषकि नादमवदशरथ

नहिनिवाकछणिीतिधवम‌पलरभीगर हतत विगन तपर ॥गथगषशरिम‌रयङचय

तिणि यथौ भरतममनसावहघरकानदार‌। यागानाजालमबनानोकिकिदि परा ह।भहिरभमलिक ` मवानीनरमवाविपयकमवाविपदरकावायाधयौलादि कजागसानावति षग विदनापरतशा पर

6॥१॥क‌ परविटानाहसधषा तठमायनारय वापरिषधिगीरदनीलवगसछह। यवालाव गव

निषटातमधापनकरमगदाहि तिशनमावसपर कराव दिति॥ यि -कारशनाल नभ‌ ववादरनवरन ाकछगवनरपरदाधाततन विषटर बहिषिकातनीमतहगनपभभतिनका

गिनाहििविणग‌। यथौटतारथरनानठनाप‌ धि कविदग टपरटरभहविएधरमतामषवपरीि दिगीटवति। जवान धमा य कदीधववदर धिति परति धकधक नद कटागषछत। ४ शवक ननवि करिषयनन मव वषिटततमारतयात ततिरवा नदथाौपादराटकाहितिवणाणपदयो। हतिहवरमतयानविकतङतित दवति यत िदकन

ततानाविकतवलतिटवी।वदाकभयमविषधाय‌ाविदनतररोतजामरन ५११ ४ शताटिदिभषदय कतिर धवाना चयनविनचशहततशरववया विति कायाटिधरययिपिनघरदतिति वख सदमनननिनषददन = तदय

7 (180-199) षीः -100-

|- | | र किट पिनवत ऋ ह क वतादतगनिरििणखावनीकारीतति 11 ५ १ 1९0) 0िटपनयमाजधियलधत रकित शम (द मानयविदन। वमत दठिवरिदनविनाठ दयवा ५8 धनतो रम पिधरमकथ) धयनहवतपन द| रापननाणय पाशह 7लावीकणदान ४४ गल छन 8। वरि धतिङकणवनध रोक ादनभो दय शर 4 ह

नप६कनहयावव यी तभत नधयपनादकिणदावताितरोददनितषदधा र +

य। यका विमक कायश वीनिसलगतरएत हनि परापयो । यदाह । धमरवाति मपर 0िदिधमावगधतदतकहनानिवषएनावकयपनाषहिनकानयगोय। दयमादनविदधधयी ववततकरभरववीतडनवीडवचकतषटया नितिपठ जिपरिपरीवकवीिरलय गायलङतवी दरपनयदयावनधरवीजवशथराणा क सथवाकषयपताएहिवपगनाधरवयध विशयति शवपाक सदाधवविगरषतनाधवविगण दना भारणनरमणत एद५। पदम ४८५११।अविशवकर प वनवाणषकलधथ ` ला धदवाकारावादच)। हणी विशरातमनदत परमताम‌ शनाधमधरमनणलान। ४थिनिषन

-101-- 7 (19-208)

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१ (209) णडा

1 ससनिशलदवयधतण दय भयवतितति। ॥ | परस < ४: 'मसादमए) पकतीष। वकाधीविगकिसायः। सथवधयपनादठितकच शा धमयामाी॥म‌ ५ का नयाङलङयावनधवषनतशयदरत एवि समदागमाद‌।मनमधरमजाय क य। सतान पनिशषागक‌ ददप सतानोररवधरमविशवत नाह? क । स तितिणननोनमथतदाहगानकषमनिमिति।१॥ हति तावारयालिनमहभ९म रजवा १०१९ अपर,

--102-

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९ज (गना तारिक, ,

गय [सयरभत सतष‌

सवय १५ शखपमीःनगर य.)

=2103 = © (18) शी

खी भजथविरिकाविनतिभागमम‌। परलीन रलयप सपतिपननवषि पाना मविपीत न िकादिशिपकरणा रमभः॥ पङगनधरर तरसपघरतिपादन पनःकतातपावयणनषणारथम‌। तथाहलमधयि परधना रगाययः सतराः. पदगमनरसपददगोधशच सनय

- दः पिपास णाप घवरमानः सरवताय नति धीन एलय कनादपि त शरण परतिपकतलाजीयावरण पशयत 1 दशतथव णप छणमपि गरषसरवजलापिगमारथम‌ कशा च. भगर एवरणभिति,जतकतष पिच मकषोऽथिगमपति ॥तषपवरणमपि सन‌ तय रन घकतिषतिथनधभतमनञिम‌ म जञानम‌ तसथिन‌ घण गतऽसिन‌) सवीकरि तय ऽत मधति तच अनपतय तःसवङलभपिगभयत यवाधरदपक लभिनिविभ दविम शथभरत यनाननतीरतधरमप नजएवय‌ चद न नमः जविशपिमातरऽ पण उवतारथकर णामः अथवाविजानविङञगमपि नयत‌ शवति क चि--प.त १ वितपथनि कनभपि सवदितटव नपयमारथत इददयदविपकार यपयकलतवाय सय भतिवधारथः घकरणारममः॥जकधरमियारप विविधोकरवरदत (तगकशरातरयोरिविनावयकरवः (विशामपि. णपि ऽपो +कधरमपयास र तिसबधयति जादमाभमीशचापचरयनतइसयलधरमोपवारः, च पनशदवितपिरथमघतदशचविविध सजकपकार, जा कीय.नभनोमा

एव उदवमायिक आमोषथार सपव. आघतनानि सखवदन ाषपवाए विलानमितयवमिकोधरमोपवा॥ अय पिखकषयऽधयपयशवि जान परिणाम शव नखय जमनिधोवि चतिदतषटतत‌ + धभीणाभपमनदच विकीनरपीफामा एरिणिवात‌॥कोऽयपरि णनषनाप -जनययालम‌ ) कारगकषणनिर धसषमकनःकारणकषणविनभरवारवयामनभःपणछिपमःातनामदि विकनयवासना पशपिघागपाधिविकनयवासनापपिमोशानधालयवि नाय मधिनिरभसिनिदनयोसयधिनिरीशचोययत॥ तमपाधि नि सदिनिरभसनच तसपदिदतपषरिभतमिवोपायदामायपयार खादिधरभी पना सशचानाधिकानिकःवरतत॥विनापिनालिनामनाधरमशच तथा तभिरिकपकतो एकायपवार एति, यच यनाति तकतपरोपवयत॥ तधथा, व हिकगीः।एव वितनषवसिवषशवादधरभावातयरिकनित‌ एवासाधरभीशच नहपयमरधतःस-तीति विदन बधि तयमयपचयत, शवदपयमिदा -तवादोनाधपपयः॥उपवारशयय नि एधाधतयानचभवादवगपदि ानपरिःणमपवसततोऽतकप गनत यनदमधरीपयारः पवरतत॥जतशचायशचपग मरोनयकिकषमोविततानमपि विनमवसदतित शव नपरमारथत एति॥ सकवितोऽपयमावपघादल तिन कति निसा ना यजयत ५ वषमाद यमक -तवायदि घकाशऽपिनिरयकिकबा यानय पतययारयबयनम‌॥ एव शभरथवितिय परिक वयितवभावादसततो नविधति॥विानपनःपीतयसमय

छ (19-29) कराय -104-

[-- [च

-नलादरयतऽीतयभयप यम‌ परतीतयसमतयनरत पनरविानसयपिणामगर न कषपितम‌॥कथमतङमयत विनागदनरयनर वि तानभि वरथकार यथत ॥एतिवादोषरथःकाहतविजञान.जनकवनवितरानसयानभबनघयय‌ इशवतनसारणशचमतरण शमनर पवययायि विरषापल त‌ ॥ सञिनानमबनच पञवजानकायासतयाकार नाद‌ ॥ नरचि वयवरमषतिमानादनयधिथत तद वयना नयो छठमचितानर विजञानाभावात‌॥ तम कित) चन याच नरथरविानसचिनानरछ य घत ॥ नचपपमणवशवसिताशतशय कवन‌ पथमाणतामतदा कार वात‌ नदयसचितावसयातःपन शितादशयायो नगमपाकशचिपतमातिरयः॥ तसमाय घशचितय तशिता अपि परमाण वोनवबनम‌॥अ-यसतमनयत › एककपरमाणर नाति

सपशसोऽकीदधिमोब इ वसतपरसयरपिषषय इनदिया घवागतिषषमपिकषपि भनिर चादसयदोरनातिशकाभावयि कान जनय ए लजनम दियिलवा५सदिचपरमाणव एव पर सयरपकषाविानसप विषवोभवनि॥वसतियऽयचःकगााकारमदोवि तान सनशयाद‌॥ परमाण

नमतदाकापनत‌ ॥ नजानयनिभसिसयविकानसयानवकरि विप मधयतपिषसञलत ५ नवपसमाणबः पमपा व पररथतःसनि (भवी €मपपपरमावसावाद‌तदनभयपनिवा परवदकिणापरततरादि पिय दपः पसमाणोरयशयात‌ ॥ ततशचवि शवान यसमाणरपपपरप

चपषयन चपरगठो॥ छव वारयभाकादिानमवाशीकारमययत परविानवदिःयभपपिभ‌ एवद नदपरऽपिनपरीतानागवालदाकायवि तानजनकानिरसनतलात‌ (नचवरतमानावरतमानजनकाञय धमानावसथायमपनात‌ ५5 वय नादया यावि कषलसयथि तद करि णषदा जलानि दचिनकरदवयमसतीतिमनविसानमषपनानकबनमवोतययत॥जनयसवास।(न छयासनिमषयधष योपय नपजपत॥ सप चरिरितिवभवति नानपतमरभविभषयपसपयततषटक५ व, ` ५ धारणरमकपिलदतीशणयवातयणनभीणवकपयपयास ययत (भ हयनिरमाणवकति यतिरवयञचो पचयत ॥उभसथायपपन शभावः ॥तचतावनननातःपनाधा पणकपिननतवतीशषणनववा+। न र जयतऽतिषजलत‌ (ऊत‌ परमलषपनतिकतीशणतवकपिनवपरोजीतपविनाभाविषया-माणवक -बातयपयरिनवि शवति((नादयभावऽपिवीशणतय कचि न लयो भीचावकयगी तदवि -मपवितवमशरकम‌जनविनाभादिवतओपवा एभवोऽमाविन माणयदऽवि रतिम सर बाद वशया नमाणव‌ क-नापवारसभवति॥(नपिदवयोपचारसामानपधरमामानाता। नलतमिऽमिललीकणिशणःकपि रोवा घ एवमा ण व, किवरिि

^

105 -- 6 (20-32) ॥8.२।

लाभिनिकननिवि पाकः जरिषटभनोनितचयभनः जपिःतिशवासरनिरदिशमनतरण तदधतीथत इः

िततरतपोऽवभन-तरदधलनिविधःपिगामः+जानवखयमिःथालयविशानस रग यि. कधरमीनशयानतययालयः+आनयखयानमिति पयय + जथ नाऽ लीयत ऽपनिनधयनऽखििसरयधरमी

© (ॐ-48) पण 06

| (जशिम उपनिबतकाटणभावनशधथितयलय] विजानातीति विन सरवधदगतिङनि जिकर गानाकशानकरधविपाक वदधिः ८ -शरयनकभरवशजकन‌\वदिपनकषिनिशषान पनित, आनचविजानभलिततिऽचयानतबनताकसिववकतयः) निनि श नमबननिरनन = धवदिनबजयत भनननानएनमबननिरार निषठि ५ दितरपरिदधि-वानमबनाकारम‌॥ िकारणम‌,॥ यमाषठनयनिनरन हि गजि वरति, नप मषपयतनवि कितोविि परि चछिनादररयनन दिशय ननाधयाममपादा नम‌ परित नपितषनाविनिनिकावा तनसपयमतनम‌ रियम ५ आसयानमबनसपािमनात।भरसविदितदतपादिभयानविजशिकखतत (न विदित कऽपाद दिर -भरसविदित कायशयानबिभषरयसमिन‌॥ तदपनथविशः नम +अधाविदितदपि शय नवि तकम‌) ऽपय मपादिलननरापिविकलयकाम‌ ना ससपदिधरमविकनपनमन‌ःच॥ त सावादःनयविशचानना मादिविकनयोङगपपयिविकःलय इर णापलविदित इतयतसतरधविगिितकषपाकषीतयचयत ॥ आशरयीपायानषषादिः आशरयजनन भववःसायिशछनभिगियमपनाम ५

यहसयपभरदपायनपपगमनमिकपोभ कमवन‌तदपापि शलकभमसा वधो नमफपोसाथनम‌) मसा ततसत भ, - नापसविपककानभिनिरनवभिपपदनभिवमि तवा नानसयमनततफस‌ "विपकव ॥तयनसपायनभिय-तभापतिस वदमितमतराववमितयतविदितदसवप धमा ननिसपररननजकरनिवि शविजिभाणायपरि दि ताजमब नाकाय भवत यविदितनयचय ॥कथविानमपरिचिनानमबनाकारभविचवतीति 3-अनयविलाननाधिनामपिनिरोपसनापःायवसछास वजयमत नचनिरधसमापवयाववशयासच विन तरवाकीतिशशयत अतिपतम‌॥ सकरिविरपय सउविरषाधत ॥ तनलश विानभितयतवि जनखानतपतसषयकतमिनयतो ददयकतमःकिभिशच त‌ सयसशपजयत रथिनः मवयाट यजयत ।उतनिवयत सयासचगीम नसकार वकत तायत रावितभ‌।एति॥ सविति या नदालयवि ाननावयमिः शव ीमनसवार नद नपत ता व तनः पञचमिसरवनओणिरधरमसचित‌॥ दवित‌ ।तवसपरसतिकरसनिषद, शदियविकायपिदिदःजिद नास निनय करकः उदिविबभविपवानितिणयवचिवःनसपकाकायणभावन समवसथान विकरघनिपा तः तसिनधति ततम जमविनधिपसय

© (49-58) (ग -107-

कर

7 ~ धतिषदसपविदारः सपनरदिपरविकासपाशिननपपिसमशरापीरिि णनाम‌ वपत ऽतिनसपीरनयत अतर वविषषयविकारपपि पापमाववगः

फमोऽवीनधिपविकारपि वपरः वर -निशरपलमणययरम व हस शखययश पषी वयातपथति शखनपिमि करिव

तिविशतखः॥मनसकारमयतससाभोगः) आभ -ननमाभोगः, आतयननि य नचिवभभिमशवीकियति नन स नमबनचिततभारणक भी.चिहपारणपनसनजवानमबनपनःयनशरितरसप वनम‌+ टतवधकरमविवस-सति रनननिरभनवशिषः मनतकएमयपि रवषिकरभ ननपरचतिवितनषतणम‌ तकशिछतिषाणमवनवापसिन‌ -कषणपप पवनभनभवशयभानगाशरपनरविख यमाापक.पणनिप यःत दभपाखारविविकरशव पसा भातछरभन(िताभ बति भसमा ज दःववठखाच‌ ५ धवनतः

जगमनयनपशभाङभानो करधाणोषलविषाषवयनभवनयनिनवयनभवशतजशभा नो मणो लऽ तभवःकनविपपन

शमानाएःलः,उभवषामपएःणासः) लवनालपवि शानि वशभा भरभविणायः) = अपवि परमारथत र

भाक करमणा पजनिषदःसषदः८पोलककननाकगरलकरमविपाय-नतवाधिरा मपय. २. र खोऽनभवो पसि -ननप न यभलनि‌

; अवपनन नपर ॥दःखोऽवभवः। पष सपनविधभिचधानिसदवपनर स यणचत 1 जङषपयथसमिनसत निरषभ

(व © (5-684) (षा

भ ननि ॥लाविदचपनिभिङि रणम‌" विष जानमदनम‌प निभि तविगीषोतीनपीता धनमदननपनशया जरर णम‌ तशव ननि गीत जपीतपनिति),

ट र भभिरि ततिषऽधविकनपः+(आषणकपिता

भीरमाराःतरधपनकाशयवाविवःनङवप+यथकतम‌। जभ‌ तप कलवयलचिदरगदरापविधा रमः (पति (ति नचिविनविकचयना लयति

-108-

वक जानकमनः॥ धदतिविआनसवभावनससपपरोगलाधकिकिलपत ॥भाननमाताषकनधधातलीपत न षशबधदि बसतनासततयकतशनिशषनपरि

ध शामोविकपञ ॥जसवानमबननताकरनरितषि ादततयालरनमसविति।चदिपरापकरणोनसिनसमगषविसकवतद यदि , = तनपतविशानञचमापारनधरवनगदसपरतिमिरयावसतानभवनजायगरपिचविशानसपालमबनघधतिय वयापयत‌ वधतिभायपि थामानात‌॥ ननिशनससयथत(वसनकनिरककसमावीसविन नितानमतपघत॥ नयदचयरथतिहिनघसपिभावार‌॥ चछ चभिनऽयधतिपतणोपरशयरविदातिपतिः॥नयकसपपरतयरविमानकामक यजया खापतयरिपितसनाधिकनपशपान पबनभसयितिपतिपतनयम‌॥ जननतावसतमिपरतपकिष तपपना दानतपरिनिलिरधरा++ तन लवि सतिमतकरम ५ नतितसापममाशयधिणगतकनावियरप नमि नतमाितमाधिवधमभावात‌। सविङचभाजकम‌ ५ निनि नभववकरधतशचमानशबयततपयिकविषमनयवचपयः। क कारपावपणारथः॥सथिसरवविघनाज किव नतन ऽ-यःवः

। ीकरणशननि॥करथरलविजानादनपिषठितावसदिकरणषिवःलयाःयवसति ऽवया सरवौ अवि शरपरिणपमालयातया॥ = €

फातयनपनवसाधनविकनयःचघ नाधत।तचसरवपमितपाय न गनवन भाता छरववीरजविआनपनितयालयवि वानम‌ वि शनघठघरदणी. नाप पयसतीति॥जतःधरथवीजमिवयाह॥विषनाद नपपपिक शचिदधषयानादिसरयवी.नकनफात ¶ति। विशनमितपार॥जथवाटकपय वयभिचा रऽविनिकोषणविशखननयथी ना नासनधवःपपणिानसतयातयायातय नव नवयकरादिति पवीवसवातरऽनप वभावः पणाः तथात यतितसपतसयविकलपषयाननतरतपाय नसमपयीवधया धोरीवपरयः(जभयोनपनकाविति॥ तथािवधतरायिविनानसवशकतिपपिि वरममारनकदविदिशिष सपालपरविजानपरिणमस निभिरदकीऽपि-लालपविशानपरिणामनधरथशपिविानसप निगिरदभनति+॥ वमननोनपवकरायशछादभर चरवरतत॥ तसतापतलपविताना दनचना नपिषिताधनकयकशविकलयः एस जायति ॥ तजचवरतमानज नमनि पथालतसविशानाखरिविजगानसपतपतिभविति॥ तयाखमातभि पत मीविजचिमतर॥ नागत ननमब मा न-जनलनिरिभ सति यथा पतिस-भीपरत तसयपकीपननाद। करमणाचा तनाथ इ यनासनपरा छट ॥कषीणिपरयविपकिऽनपदचिषाक भ नपनितत‌॥ रति धय पणपान (नःचतनाकर तनकरगणाययानागतातमभावाभिनिनःय + नालपरविशन शामयदवत, छा मनास‌ ना शराह

= 6 (6४-79) गणा

7 3

पतचटदगि तियोऽवनिशवसःगासछया पवी छाठव धरालकिमनागत दमनीपगषच शरकगठितयतिओ = दिना

आदपपवासना॥ तलकरमनास‌ नम षतविभयनासमभावनियः॥ कष नोपपकपमष जत षटवासनातसरववरमजाम‌ नान वक |

; मनासमि भानोतयायनघ कताम कधिरवघतिणधनि ॥ तध था, भरजययातयवविति ॥चचनकिभलपयः नाकचना गराघसमासना ननभरिवविषाक जनप-ीयरकभववि अत एवा आह वायनासरितत कषण विषणल9 नदिपकशनपितषितिपजनमपचितनकपिणायःघविषाकोऽभितिरवतसतसिि कषिति ए आापनपकलपरमनतारमसवित॥

अया यरलवरगवानाधाषवय वाय नाञचहि ताञयभकताधिधपकापनपकिपाकतद भनयपवि तन ‰ -ननपनि ॥आनसवि दानजप‌

हिरकणानयरपविषयकसपभावात‌।कषणपरदिषाकशयननकावता-तमरिररतिननधदिषव-ननशमती सछधनतम‌४व प

चिविशानसथतिग दभानयविजानमलितववय सरवजन -चरयिवि शानमनितिप कव एतत‌धनागनाभकितमच॥ जिम ५७.

गवतामिषरभजपमनपपिकानिकभातः अकषमघनःशनपः( तचिनसति गिसरवीनिलीएायिरमऽपिका + नचानपतवि का नम

ण सशषपपपननिद.तिवी धजयत॥ त जरसशपष वतिरविवरदठभागसतष पदिसःपवन-धः(विषटतनिःसोषधङभोनिससधिकशषि सशचनिनीणधरतसतनापनपरवि कनपदनपतत छकापयवयथवि रव नधरजयति।सकापशचससयनिनतानभानषकततरषपभा बस

सारसयानपवि जानानमपपमषतिसानयावि शान वाससकाए अलप परिकलपय ससकाएनावितः बद ला नरप

तजथरखसकाएःघतिसधपिकाविलानपरनयपननषवःत॥ तषौचियनिरकजनाद‌।नितरसपनासननादछतशच चरमसनवमानाजर ।

सकाए अवयरयपतिरछनयवि शन मजयत५ धतिसमोन नमससभपयानि नकवनगविान दजवि जञानम नसक. धय न नए

मरपभिति'।कातजमकरिः। तपस एपप नामसभितिवकरनपमप, नतविशजानपितिपकतपप नपवि कषा नतमय नामक

पद रपानमितिभवलपयतिसनयिरव नामरसात‌ः न -नाातितासः॥ यतातिववितानपयवयदः नप अमएचरचसषयाएथ

लयनतफिति५भतधरमार च-प ममम नास बिखतिवि निना इलतोएण णपि-कनि ति नतकनतिसनिषवि

== 1

(| ८ =

वििका ‹ नकापणनपपतपरपत ॥शशकाएपगिसाविरनदङगितानकापाञनपि नशकाप भरतयपविजरनघ जयति दिः काण निवि शा विष | < क वारना निषयनद जासन गसवाभनयापर नरय वव भनिकारितवििधात नापयनागतसततवर गलयननतनात‌ 1 जनवनन व

सतवात.४नापववपरखहय तवतनिह दमवाट;सनलिदिजनठन नियिषसमःय शचच वलथालषनःसतकाणमितिवितचिःतीषतय मभवादपविकषनशरवपनमिभषभर-हतापवञषतन नसयातफाररवचपवनादिदयरद नरामसणानसपपतप‌ वतन

` सापवनिननसमाल‌॥ तशषपरबिधाःअनपप दसकाए॥ तदथिवाचिचालनितानमसवत पयनयपवि तान तशवययच तिम-थोनममरखमिलधन कितिरनविा ॥ ससाएनिदतिपषथि, आपनमावि शानि ऽसति नय जयत) स लए सपषिकरमकर का अवतपणनतजोशच ककाःअधागम‌ तथ ककयिपनयनकानम त पनरभनादोचसमरथिनतिप। प नपवणा तया = । | आतिषठपनरभननपिकरगक-शाधिषयरिःय नरभि यरि. नानणचणा एवशचतछ टव जकनतिःषषननवा | | -मघलमए। ज वसतिम‌ च लिणषठ सशवारविनिल.मतनतनपथा॥। न नासनपरयि राननत द काएचयनयति)पकथमन न |

नः ---7-----------~ =

मजपषभरशतोवङरकरहियति).द-नावशयो वातव पवीभलःवतिरत (शि अनिकिरव धम‌ (तज घकतणभाफ शयो वामो -जायशयोषिनवघरियत नहिपरतिपशषातवतनी दिशचिदनपयभनपःाभपयो।यजङ शयी नय वयित ततपतिपसवए धित ॥ भथ तिपविदषवशयीआनवातःशयत॥ नरि त दक नानवाकरवतसतिष सवभवितभ पिति नचापरपण जकी जा न शाति बहिःतभनति ॥तसमापनरपमालपविजानतयनपवि शान ससभरिःयजतोभीयय४सवनी जपदया यानत इतयभयपयप‌॥ चष ६ नशचिततवसनततिपषपणिमविगषः धयान चाभनपवषनमषतिदगिपञ-गः घव ई त तषाशचालपरवि हपननधव सयि दी -नतनसषभगाङरपतिपवमणिप वीयत ।ततिघापजीनिनपनकिनाशपिणड ऽ मतयविरितिपसोपथिशिम निरण पातःपयतप परवकरमकषिपरनमनिरभव (ततऽ नपजनमापतिशनवानानिमसपिङकधानि एषय र4िकरमतवि चमन ५ | मपित शषघतिणिवसमाणिकारणःन वःय नभवपभिनिवरपिवछमरयम‌ (एनमपनपविःानमति असार पददिरनिव, दिच(नानपदपवशरपनच कमरयिविभःनवयतिषतकिमानपवि नानम॥तिकवसरबधरमीजानगवशचयशवरसयि वि जञानभिस

© (89-9) पञ ==

| करिः भयप बिसतर विर स पञचषदनद कपनियपषिपि वनयः पपचिविजषषिनरभवद कथन न सजित धः सजमहि नयः सवमा

९ वाञकाःचपिकनपितःपयय-अःपषिनिषय तशच नसिविरोमः५वितदिणारखवसलिसवनननगनपनलयानातकनमितपत ना

हपपनसनयिकातपि नरचटलषव दः वपत । पषिकनपि तषटज शवा दो नवि घि जनपपफतकमिकनछजछविनःलपपयज भद ननिमतवयानाभरननत घ दिपक यरनपनविननयनिति पय घदठसतषक नत ४शाधपपमियःबलय गनत कोपा

द पमरमकषपिषरि वनवत ट वरो शवभा ज इदयनतकरणभा रन सवि धति इति यदटसतनिकथपनिव स~ यसमात तीमः

ना-नविधन॥वशमाददलपपवितपितसवभा वमिव निव धतयय निप सवभावम‌) +तपयाचिकचमि न‌ःन सततयनच पर सन

सविमशरिवपविकरयघवतिषा पन-चतव कवनतदभायोकपयलपएथिमजरिवःसवभायो यजयततसमासरवभिय विकल

परातरभवतपरयसयपि .कनधितदपनयाता-गकञचगजर ॥ नणवलषनःकभतिधरमीसपयावि घत पच मानपकज नान

पिनिविदपरतिपवदःदनपिताननरपः.तवसवभावो वदय एति।जतआ हट ५यरततरसवभायसतविकरप,घर पनः ९

ननव == का

जजनिकनपषतिर तनतरछलसपप ६", चथयगरडव इसयनि नपिपरत-अभिधानघडदनिनिभितशपहपत परि क नपःक उषलाद

शना रतभपमिननासतषयनन व साः पथोरम॥जभलपकनयसचितदसिपयतचयः हति । पर दपवयभ सत-यपत पदिषयतनजरञटप धत दवयरथः षवमऽनयङकत घनपयपति दधक लाम रति ॥ थान कभनति ॥उकतःपरत तः परिनि

षनःवःचमिरपत‌ शा ह॥ निषपनन शतसयधयणसपरदषिद स गमा) आिरापएपरि.षपतपाशपणि निषप नः+ तसवितिणर.त

-नयषगतिपण. कलपति तसमिन. नि कय रायगरात वपकनःपततकावय वः+ वथाहितचिन‌ विकःविशराषय परा.

कसवमविषचमानमव परिक षयत शवि पसव तमनम तिन गमय नन नसछरतरजकाजमसय तरि तापपलपरिनिषयनसवभा वः जतसयसम नासि नाननपनणर लनकरतः++मरतरतसन वति चसिव जथिनिन‌सव

भाविनपरलःरसयशचनपणिततायरिनिषय नः यहितताचधमतादनत नानय नान च जपत ॥ नपि निषय‌ जशच `

वरल^जधरयनववतमपरतनतरातपौीःनिवपननीनचनप नरन नय इति ओदधनपः सपिहिपपनिषय ननः चरस अदया सपपयन‌

© (90-109) 1)

(~|

वमीशवसतोति॥जवयपमपवरननजरटलिवा अभिपनाःपधिनिवलनथाकाशवय वरथनञानशचतयोकतमपनिरवि कनयना न नाका रसमतायाशचरवधमी नयकपपीति पर तशरधमीणतनततथाशराजदरनात‌४ दि दर वयमवपर तःकययजल ` यधमीनिःसवभाना जरलननाःजनिः क ऽतिनिरधिशयनत पनासलिनिरीषप-पछतविधवशयघयनानसम जिविानितवनान | ता सथाप शरधतो दशञिनानिः शवता ता जयहवसवभाना नच तरी ऽसतीति कायनय पामि तिनतिन ध | लकषणन निमा नबसनवततिनिनिधानिःचकधन तानत भणनि वनवत जतपतिनिःघवभावता पारयनिःवभाजता = . ` ज पीधरमः पणिकरनधितपपतनतरनपपिनिशय"नामकाः।। 6 तामतिजिविधतयसयनाल तपयचपनितयभपनता ना नसप । क

` रयकदमजा५धचमतपदणिनननिःशवननोऽषए पमः॥ नसवरयभाव टतचवलमपयनदिललभाग ता ।४दीणापएना यशव सपततवणतापिकधथमःपणिशानपितवमानत+सचचनषसिनिननिःहवभावसतमनणएा शयत ञितवात‌ मा नशनणापसमरनभवनय भणावयननपायिः॥ जनशवसवदनपयानबषयनतचरणोगनिःवभानः जनि ऽ परयनरि ति

© (100-118) 11 ==

जकिला ययतशरखयभावः।॥मरयभान शतसयमाया बनदयथलयततयदर तशचययापयनिल चगवासयति तीति अतो लयोतपदहिकरि

¶ क पम. राननिरसदर नवायाथ परय + विदिनवयम-

ध, नशवननःचयमारऽनयत पथगरहासपरिनिषयशसभावः थ, | धरभाणापरवनयरामनान दजलगतििकला सासय निषप जर नसवमतनतयरपरयतिःछनववाचचिनिषयदर

सवाभावशचभावतवाद‌विघनःरपयीमिरमनिनबषयिनियङरि भिधरतवयोनितपा५दि नरहिससथ तापिकपपिःा शरकिवरतथयताङधोभनामिधातनधः। किति पान-तोधर$षयतपरयााःसनिनतिरषय भिधाय ऽति ॥ भका लततथाभा नात‌।तथवा॥ तथाषटियक. ननशयकोाशाशसकालपःतथ नधजति तानयपयतितयतदषयतरविपनसता

| | तसपषिनिषयवयविङषिनपयता ।उतापाविगषिमवता८ अव भागवि िमाजता (+सनविगषल कणा मधः

धयोहगत।गालतितिकतितछितत पा त.भनाज दी नीद‌॥ ननिषयानपवनिपाठपनपरः चलित नतय लत दसयव ११

| सय ततिभपयतसयपात‌॥छवीबयणविमोकष निभ नमह दसत शति ॥भवनि तपिमातरतदयननबयननभिणपरय उः गदिवि जपविमाजति

दमप वशः ससयनियवादय गनधश शवी नयलतीवपत आ पयपतिङपिमानलनि सान नवतिफति॥

| पराघपशयानशायः सताजणतविनिनरत तज यना याशतषकरमना छना शरटदठयनास नपता कीणिधरयविपणिःऽनपदिपाकननन

|| „ पभीलनकम‌। तसमाजरयपरततरममारणथतयत जा यानदिजञपिमषजजविरान तवतिरछीतिविसतए(यावननिवधरमनापावि

। सषधिणानरमदिःताया बिशारन नावतिकति॥ वितरदि पराकोपलभभचपि शरपम‌। भाहययतपणह नख तवयानका यतात आनागतगरटषपोधयसयकी नमलपवि तान षावयवय ल शणोविजषधिम योगिन िततिषितभवति) ता

। वच परकानशो नविनिवरदि॥परिषतशवयरथः ज ऋरबिभय ननभमतजरहणिनाषयातिकतपनममा पछठणववितिषिपि,+ भ

तोऽवयवभवति अछ ध रादिशचिशयापतः क ग नीति + पपि तरीविङवय वि‌ अरय तविवभातरोपननभदितधरभभा

वशथान ननफकितिवितपिना चभचदभितयपि यपनमभवः॥ शयापय‌ नयतः किचन मा अनानतिकन॥ शति आजथना

| © (110-122) षा

| -114--

। तलरववोपिषरपरनः बवियय क गावयाधयादकािरकवानः

कोठर आनमय फदशरासकभिनिवगातशचभनिपनोपसवचितधरमगयाशचनिकमरदधयि भवति यदवविःषिनावनाशादचितभवधथितभवति॥त यकरथनयपदिःयत हठ(अदितोऽनपनमयोऽ काननम‌ शरयषपर द तिियकनयघतनितःसटनाशर योधा

षिलयपलमभवडवययिविङषधिनानमनयन+ आरि गभगरतह यभिभलशयापनिति ५ वयार तसा नटथकारनबाः

पनखमिमानिकःशरतनपण जीवि हषविनाज‌ ६

शवमलरभचिमानतायावाघतिषठिोभनती तयत आ ६५

तरचिनयःदगनोधव‌ः॥ धनगिरतिषधोऽकोधनीषयाःपमएमनितऽदितदवशनोकधतरन ददन माएव तयविपरोषः धवा नसपनिरानिता वितकषिमाचछविमःमोगिनशतनगाषक यिभानात‌॥ शरारी तपलननषद+ जनिदरीभपलममोऽकति - अजचितलात‌।) जक = चारभानात‌। लिरविकनयनयाञचजाकनयतरीरणमिति आन ओओ वर वतपिति ५हसय नशयत | -नाशरयसय परावतिरभजतीति पनाय आ शपरस जतिपिति॥ आशर मऽच सजमो नकमालमविानम‌) तसपप = < | एदतिरणयो कःरपविपर म नासनाऽभविननिकःङौ ततया करमणयताधरमकततरापजञातभावन धशवदविभाणनय शरय नय | दतकसपपतणाापयत।॥अतओए ५ विभाद कनपहठति तः िभतिनन शवर द नय णान ण योषनयशच य क चयमा 4 | गदसपाकरमणयतात सनः मऽननपरानरणठोमीनमसापनरनयपरदतिःआागकपि भतीषनयनि नशचघापपत +य ता५विम‌ |

| ___ = (120-133) (ष =

| ॥ िकागशतिवोधिपलगतयकतनितशषधति॥यदारमीणयषपिमषशचनिषिति।विपानरणमयनसतरएनिमतएव, जमपरपएनति) क जज

| ` 4 गाथा यमपयानविजानदयाभयणन शणम‌ रमवीजक वीज न-धसतोमोः॥रति॥ शरावक यषिसनयमोरोधसमङखशवीनभ‌। इतरसय विदषटिनिणचमः धपावरणबीनम‌॥।तदकततातरवलताथषिभनतीतिसशयान शरनोधावपितिषसवा--भयपरतिसम। जमाकाोधारपरिसचयतिषनिरय = पनयलाततलाशनपविगति इतयनाशव आरदधमपिववामातहनरयो धनधा भचिनयललकीजोवर वात‌ वलालधनाषशछनभानठ = इशनोविगकमवनलात‌। मतयात‌-अजनाशरकपरममयलवशच॥धगोनिदयनात‌ +भ कषयतभाससोनिवयनपिवयपनिलपत शः एम नितपरतिषजसललःङवावरणहवकारणानिगकिभपाससाशपरभविनसषमोधमीषयाऽषयततभनिमिधर रभिवादिभाजनाङशतपरावरणयदाणयतताजाशनयपय नहि गमात‌ भषभनिरभमकाभर यजयत ॥ स तारपपि तयाज

त‌ तदशपनदतशः लान सरगधरमनिभवमनाभलशच = धरमकाष शप त ॥भहपननरिति णयनतनधयणाष

कोभगव-जहाशनिपिति॥ निशिकानि तखविमापनसनाचचम॥ छतिरमारयधयिर भतः ष ॥ १३

|

© (13) गष

-116--

प. 1) गी

र ८

= 12 प.3) षा

पररा

॥ 1 सति पः^य चरक ऽच‌ ण नकाएरपि (सरपरश रणरपए नपप

` पतया जतयरनयनितरत सव पपर सयानववचस र विवय: मयः

तति सग ए८। कय परमा एवः सतानि नः कर नार सनियम 1

धय परपयलशवका८। तय प‌ शनव शरद दवितय तत एदि उभ <वसपछषरसय शर .; कि शः स परप फष म समप शत तध‌ सनरदयशरिव `|

घरस-त प रयत) सट वव दवयो दिपदतिवयाचत ए भः |

पण \सवश(वितयदि+नभय व ष। यद दचतऽवः (त

सतयसकरदयिदरपपतप निम‌ दर पततत नव जरिमा ना

; छवशवमउ परात वयवयत सावा उतयन सथत विष.

` सपफतिः तदाचधार रः वःनतय 4 (चाय च न सतिति न

| नव नतय तपय "त /प ति, उनयकतवा5- + अनवि षय थर / -वय पचादि “दः यत. इवत (द ननिष सवतिः

` नशय परलय वपथ धतति नविदयत शव तय शय तयः परतयः तयोः 4 लकारः च

किय रतय च सथमनिःी एवय शयकःनत ८ यः कः

| हनि रयन ततिति वययो पच पत उतसवादप-त र

एवल (ववम, स (तदवि (त व

च र छ धर तासथधस तय नणणोकयो उ दतक त. यवत, तिशरसछतष‌

` जउपणङकयो५पव जति , कि एपयनछपिदवयो शत पजिशाभववि- ` ववाःनरएरथसप जम वनधा त भवन मि\.जपय मऽपि शि

कलपनसविदचनत वद वशय निमय‌ भक

पर. 4) षठी -120-

॥ क

¢ गन

(यो, सति.

। ६ ९

रचः. . .चशलल,

अक €नचत‌। दटवनरनतजन ग रासणव कलय कवचिलसय त

` रवयकदनम चि उततः

वितानः प -यो-पनया एसो भताव भा ठा विजि र | नात‌ तसत लन शस रपनय शय दार, लि वि भय फलदः |

सदरनवयपरणिपत नि माऽ मि सीशपतो गणान किदय ना सटवः

शाला, वप त (तयः प विषठोचचसय वयपति नाम‌ पनमरनि लनाम सतरवद उषतत य! उनमि शलश

` सवरत गोर वल शत पयोऽ नति, लहा यो वतरमशषः^= |

च सय प वस, स = शननः |

एकस ए शर$त शरवो ङ. १6९ घः जतताततनि.म- | सवि वधय -योचःवात गर कतिः पसः तप ~ ॥

य परह ॥

पटिः लज तनिशण९ “१५ ` |

क त

= 121 प .5) वणा

शतः नर वपिएषणत सा$लयपिःान 4 | पषट (हतयरथः एनरिपक नपतरि दा यविदरनसय ॥ क पतवा ीकषपथि सपपरो यानिकतचय शर हरवव(धितिरवः तिनि:

= च

(= र £ ५ ~ ।

सतर; = फलमा दय पद नरभय , स प कम पटयन नवि |

| | - , खास सनि वि चपक प स नि.वर ल-त कन ॥

| १ ० दतवा पर (द एवनदयालपप, मरा सौ तषि | 1 भ र ध पिः &

+ सवमत = यत तयति सतय सवक ख सतपर व दत { (> द | (पस मारजम यत विषाः छगबकिकमर‌ ,

| सरता य पिरवर? 4 एतय । उतसमः सथानि | व , किचमी म । उतनदधली यः .उ पमि कयन लि

(म

पर .6) वा -122-

भ णर र पिवाम - र

पद -धाल यः चिरि निकल धत ज कतिकति ऊ शारपकशसतकः शिवि वाकत (दवान: १ तन पमी कयत वसनकठत म‌! यदि ववन विपतवयातिि अलययदरि न ॥

(तत लयालमबन शरा कत तव यकम‌ । 0 परितलमव | पनिठकट नत निन मजया नतन रलङनन ति टा यतय

न\ (च (रघकल दण. रर‌, य सता दा= सयपि ददत चितः अतथा उ नर निरत हि~ धवी$ पलि दलमररणतजतनि न (30 धवा, वयाम‌ पटिः

तनति, (तकन चदलविसयानरयि(निः 4१7 (-त सिवा, शिम तातय

(1

आ समालातवतसणरिष ८. = स उनसर < पाषदि 13 ॥

अकतसति(दत ड रपषर . स

लसि ‹ वशव स ,वादिःगनदसवानर >जतपतदरि, एमचप‌ { ||

शोशि -८ € दिति शति ल दवद द र &-। ॥ ॥ तवतत स निदि ललनद वदहर, ऊतनत, णात ||

नषय वादि उदजन उ-तननपवटसतदलन शतरनम | |

=-123 = पि.) गण

१ ठ अत हसयनवपति 4 सवति यरपथर विनत रषरषाक= | शिन. (मिरी कतव सथाम (रः ^ ध ससव सथन‌नतप-

शवान दभव नद सञ^यचरितयत सतनित (५ नपणो परमिप भनति तः पछशतदषरि- , | दधिः पटबनतनप पनत < जिद वयत; कथः (यन लष । =) तिदधलनपकतन-करर +> घय (ति, ९ उतभि पतदभलसनसयि-

` कररधलसणयःणाशवनसमाल गसचनत न (नटा वमाप ~ शण लिव शय भति वरम‌ मनिन ५९.१६ ॥

भिहि पवनः तय‌ तमित (कसत (यिदव जवम ८ च, य लपरपनकननि(लतति चत वततः चपि त --; हद‌

करत निति सहच यभय इतन (क । 1 श सपोबनसका विद क‌, ८२५ =

लव शि सपदि यपय ददमि (मोदि यशसवता दन ह

च कषय तसय वतरय परदर दपर दद ठिञ करल

(ई वरपः \ तज कस पतत & य "तभ स कबरम‌,

ठ जति, मः चिः इत तको नित. । र सवर लनि कनि धानः शनदियियरदवटदितदः" भदत लिक | |

९ शशथः रः १ हनि थ (निवन न- नी रः निषध त सय -कतायर करतव | च । कनसन- निनसमनि चर न,९ तलति र नरलधकादिनिम- |

दवगाषकदः क - सर ससव < पलत जः नियगदसति-न सति पविचयसम- ।

| ~ ~. : “ सद मान सकरिद सत ए यतरि (नियम य~ ||

पर. 8) षा । == 124 ~

तिनि सविकार लाश ण धय तनदिः शरसय | शपत इय (उर ९८ विवि एवित ननि- $थ वपि |

` सदिः र रः दनि पतनतय ८८ छर चरत घल |

॥ भिदिषट सवसरः पविपनयो 28

कमि शति एापरनट-भापरठ कन ॥

"करटविविःत सवरगता भद (>वशवर भवगदिः सत $

अकषया स तवा, नयन शाधि रएण पर(धिपा-

न शत नवननरय न (र कषण वह सपवोडद भवः पल

~: ह वनिबषनः(ऊनभरनत {धयः "ऊहत धा कररय पवः (अर -नाल भवि

१ जनः = नना ित। ---मन यक रना न 1 ५ नर च त पशयि पाकः 4 सषईःदवमल कशा १९८

। कमः कत दविकपपतभा शल सरो (५नथः) यिन (वत । मनिदानम‌ दन तत सोना. थिर‌ दःपय$कषवनःणलचि ।

` गशपग-पि यरनि‌ दवध चर र मोञर तत) र दषस पय

भसतिननिनन नशत योभय ज पनर; लत विषयिननिरः (

ननित, सय पिक भव वपि (76 जतिषशरन लन सव नन ९)+ शषशरप-

= पर .9)

५ ८

शरिषएमर निवाशनाति , नितरिन- ^ दविशिषा ल पीतधालतयनद-म-

वसथतरणभर, शतयो कल निहसवहः (तलप .ज पदनि |

५० = = |, ] ~

४ 2.6 ~ >

पर क.10) शछ -126--

४21

„` अदिनः निन तमपवयन यतिना. सयात एत सतिम पनदिषय भ

पया तमितरतन न "य धति । नसता नमिषत -तवि यिनि

~ लानि ~ चपरि तप दद -चमिः

` - (निसकरदगम दपि न(जविःपलानदिः समन न पि चिदपप

पस ननतय न अदभ7र\ (सतर << टतवि,

मबन न छप दयति पःत थ न‌ उतत

पादन पिजिदीरवणा, उत6-। `.“ तन छनिक

तति र शर, य कत (परिभ

तत (सतिः ततरा {दधि भया+न

-वलि\ नथ शरलनिदरतत <

र {८7८

दतिः क एसो- (मिद <वाः वन

अम विप लव सनध द वय सपि तरतत एरर तनोतमर € ५

क 6 ९१ नितत उनन दममयदरछपविचयर ह व (जगोलएविशोषयःव दशर

= = प फ. 11) षडा

॥ }

पक. 12) पा -128-

शस,

गन -ससयरराः पातिखनधिति विदर ववम तिधा

-129 - पर क. 13) षणा

त स स पर फ. 14) श -130-

(8

डतः परथस‌ कद भिपःयतया व पततिशकष पलम- (यति शरष‌ भर वषत उरहलिप पति “व @क^- ध

8 बत पनत रपर ट 22" खट सष र

नट परवात लसन‌ । तसति त जतन, (निनिनदत कपय |

शर ( ८तनालयनिरपमनषट ए ततया य जपः रपय ८

जयत श सतिशरति न ऊत अहि यन बिवसथोा+ तन वगषणो-

` शए९ चित शतिः उिदििनतवश‌। ^ अह एना रधत नप |

दया < १अ११‌पख ए म पत निरत खय शतरि विकिर

भिरोषा शल सः वथनिदो हति व दप पर, । नको नानलधत दवन वषणिदीजत तलह भत शरिषद |

नरम पररिथङत। तकि शन नतत. पन सत भा कतः (|

नाशवसत सपवणिशदघो नि करत शरावयत व ६

चनदकरदित धो (तियतन निहवनिगषोनि-

नीः हि न (सिध नारयिः निर क अशिलिष लक कः 4

दिरशागनाषय (कतननिनिव तिनि समथ षटय माल म~ (|

~ पर ®. 15) णठ

( 1 - ¢

पिशपत लति क सरघनयिरतिवटतिकन+ ना यषयतवशय दए +

निति १ शदन = छनद नदतनीजत

धिः रन कतममरम प गमन‌। वनिसवश तवसत कलक |

सधि पिजत दद रवः १ यत विकि पदव ८ ५6 ५

सथः सव) कर उततः सविसय ,पमः,

सत सकरन र स पिशचम २८।

दय सिदवनिररपयानपापपण‌

लय वनत धऽध। ८ सता (सः पिनि 6 । धिव रति य (थण च

नसया इन य पल; = सगस4^ ख धम धमी ससा

नवि यवक ललवशचलनर अनिषट त, पपिकिखविाः

“` ` ननत चरत त वरन कमि, अ 36

परि क. 16) णञी -132-

वतयसयनपथःसत मि जकलवः सशपगनदध १

ॐ निकटम‌ 6 चदनकसमहसपट । अ

जटति पत वशर इवीह-॥ तज पिसय करव

सारमकतदिर हय र (जगत, पषप ,

ह 8 चवतयपसशनररः, =

शनि च भजसय कतिः चरण उव ...वत९ सवि$ यदन कतव शरिय ल +त

छथ सवाः अदध.नरहिताः साः स परषि गिषम- सवशषधः

अत टय सवयो पः यद,

। शतिमिक-मः९ चद (हि विनिषयःः व एर दवत हय दकर

वति वरन मः सयः { उतचतमरथय यशवः पतिररिषयनत- (

1 न निशचा.धयालमबनः स (परतन सव शतन ट परतः

परक. 17) ा

त 3 व ध =

वतय छयजत ए दरिति तिः व यषट

सवतः त-अ तोति णनो सलमानिरददत सवरतः

"नदति विनयति, जरिनिदया ¶निः छव

(निःसवभवजतर उनमितिः सवपतः वा. (

९ सत, ससक, `

समर परयात परतय यन(वन \ 34 ‰ थव पलय

^ सग तपति ररि, अ ई ६! उषपनिनिः ववषप

` चयति(तीए वमषण, ल स सतथता^षि ( 9 षटि.

जोन र (नि मतत ता ध चतभ ( उतत उतः

शल (त त र नरा रपप- वदितिषच-+-

सनः प रषनत शर परर (रटिनिषप ९२ पनभणवः [य

इती हत तट सप वरप ५:/ (नतित शत तता (पहि

<~ पर क. 19) कछ

| | |

। ह णनरवप-व छत सनः रटन नहि समन^तयःत |

लपा शासय^तन, कि पनः दा चिशवनतत

पटिनतववि (भरति नपणडः। (गदर (वरह धविषठ

उतविशपवया (दना शनधवनिव तवयः किः

` लिकदधपषकनमन‌ ग वदर लयशरमतः न न ॥

(विनन सवा दवशविपना निदा त नि, -

ह (रसादय सतायनभ विति न रित 2५

प (®.20) नता) -136-

श सात तत कप (

शति, उचथनर

^ अन निव ररजतथता ९1:5ह परा (वित 8, ^ रः

लानत । नवदपन निम दनितलमवि (यपल हवाषि९

पमिकपिधयशनि गअ -वातनोऽयो हरीति टननरः च ।

चनत शरश (चितन र एम रपत ९ उग कम |

पविभषव समय शनिरमनिः अवातः वन 46 छकर ए |

= (. 21) शष

पर क. 22) डा)

। [== ` ममो गाना ए शव पत िि(रिद+ा, ८

ह, नव ` .. शरोलः८; नायि शरटल चर ति वदशत लयाथयपमततयतर ना

लमत लषयति कत विति तःलभनपहर एष। दा वम

-138-

पर. 23) गछा

पिपर एत (दवपशयभिजि-

पयनट तप पः "योन

शवल वा ९ एश + परकषभतर शतय

पर क. 24) 11 -110-

| ( परल नादषनत नल -पथन पत नणि)

निथमाः समनानानिःयमरः दतयकरि गाव न‌ यञमत, न-लल ज मतमन, समा नदषणिनि ममः सि सवघरकनवङग न सवनवत‌। क तन वर पमनापयनि किवम दःरो {क ननिदभजएरम कमी प षणिक शमन तसत (तरजस = विनापयभति यककरतिम मः 9यतयतकनः समानानिमनः, सिसिः जरमन; बतालाभिनि भत), कण /9 ष सम सम हन दि वनिः

पगशो चयनकषि, चछ धरन, तसमकलीनिपाकन रहि यन सरम परय भर नदी पशचयननि नकर शव याथा परकशि भ पिष

दविपः द खासिरव मतव रभिषिनानितयायियणन। शव सनषना- नियम ¶िननपरीनषम सतयचय व िदः । सवदग चयावः .यकरिमा ,

सिफनि नयितनयम‌। यथाग यसमायकनिभ-तरोण-शकऋरनिकरणा ।

लकघःणः सवपरोष धाः खन नावया ` "य हश यतराकलनि मननिः

चतय निपत‌ 1 नरक नन करथ ।किकमिति यदधिमवयम‌, नपमषम नरकनन; थिन पलादि रन पनरव ना चन) यथितयमष

` नारकछाणणी नरय पलादि यर याकारलननिगननन सि म यसकोकथाणनन आमन स ततशादियरणन य नव तदधन तिद मकसवपि 7रकपालवि स समानसय पि पनयपततयपि सीमन दतछा लकि यदिचछा सिरन नदिनवय नधि ग जषा शि चो कवा

स सया नवयत-अकगात‌, नषट कारन यजजनो नरा ~

पतिसमनदधना रः परसयर यात यनानिम जारा इम नक पाली इनि यवससय समन‌ । नसयादनि षयाणनसषनाकन परसयर‌ यमता

न तधा सयात‌) खड‌ टःपनञच पकषः याममोपरया भरभानसहमानह

वयतप परा-पातयक-। उमारकाणो ज रक कतः लमभः दय निरो सवी सननः, णन तरन फ नि णाः नरकपाला कषिना समभवः.सयात‌ / =

निरशका साकम सको यथा नदयो तथा । न कता यतस डः -नभरमान त ॥। ५ ।'

मषिनिरजशकः सर सकमननि त तजनो सन ख कनमनर मन करिणा ततर सता र सस -वतयनभवनि। नधः नरक भातवादमो

` नार दल पतमलधवनि सतनन निरशनग सननो यर पचि ` कनातर, तमा नदधिसकाणण कीति शत शलचधितिधा-मशनन नि यणडनिषभगणनलविशिशा म | तिल भग, तधा परिणनि यदिति दखरिकरिपादिकिया करीन दमम शवगोनकामनाथी यथाभ कातयः थता उकण हज मनन ---- --नमतव

कण उ शनोपररनीनवःन परवीभयनत र मति। न त जसभाननमकः 9 , “<. यदि तकमीतिसतत शरता सननसतथा।

~ -नषननननि

1 (क. 1) ५5४

|

(ए. 3)

|

ध =

विानरलननत मीन सर परिणम‌ य सानन चयत दि परन शनानि करकर, - उ पिन) =

कमणो नलम तयतर शलभनयः करय! ।

नशरवतययत यतन कसः वन चर शश११.००१

मन हि करमणा. टन ण न दक शतान सममः करको पिणमच| तसम करण नपतनानषा नि.लगव - -- सननि शतय. मतव |

तना नतभयः पलल रद सिकिन परिणा मःपरनषयत यन वासनी ,

नदि नत तसपा पल रणयति दिम करण, अतन अयश, ।

यदिरिानन इदि षति भाकसया-नपाधिको धतरा रजा परा मत |

कितव भगवता नन समात‌. रण मन यसमानलायायतनाननितवः ।

| थिन नगतिः ;

` उषनाटक दय शगावतामि पा मनपर 9 बन समम य र मायतपाभीिः

तमरसी ह सन उताना लिन रा भिनतवनपन‌ +न

सादनायगनाननिनयमपय शर भयना गधा विन कननरभिकनयः नयनियिकः नवन‌, रा नि पायः, 4 सवनी-ना दविरथ कम परवप रिमि ारिनिन म तसया छनिरजवी द‌ 11 पश भवि, पपतिभासता निशि रयनः सजलीजातयरिणामनिशकषषार दनपलन; तशच नीतयाधकितान करत तसमा निजभय |

धयक शवगनानवनी त‌ ) एव बावमम कवय बति + सा विजञशच यि

\/ऽ४

सववीतता लपरि णानविरोषा ईनपयन-तच सीत यजपतिभालान सागरनसयाः

कायसवरवयायनहनिन मथार भ शगवपतदयीदिनय यममि पाकः । शव नरभि पायवो दणमितया द शणाः, तथा पलम रकम रि! त भाहिदतरमन पदचसमररठय घनिनि, इ---- -जटधपकन नत किरि वषकनि त कननमननयक विदितम ज रजनरामय |

दकिन स परलनरवतय पनदिनि, अलयप पमदशान ५ ।

र मरातमयम १।६। उचय थति {तिप‌ सततम । "द धममीहमयः

प९। निजपमिान निद कवादिरमपति भा सभनवचत नत पाय सकण धरम------- -ङरितिषित "य दिितितपया नरमोणसनि नपर जपित ता रगि नि कर (रि यकसयाचयत, तरय सवणा

चरमो सती.मन वनित पततर + ननि, अरबित, = (ममा, मो जार सनभयनो शल गारक दिः परिकनवितकनन कलविगन- तमना तषो मराकषय ननयननरिलपयनातनना गत बरन $निकय शति.

व नितितरसयपि नि लयनर षरिकनयितका मना नराय पपर विजञशचिलातसपवसका पन या -लयरमािग "तराय पथत भनति ततर -

तर -पनाषनादात, क निजपिपानान नसिथनाषनितीतवा दविततदीनाभर‌, बध पनर .

` पतथतवय भमनभिषायण भजन सादायतनाकनिन‌ पस न

पनः समन तनि जानि कका दिगिजञतिना चनमक निपरयीभिननीनि)।

1 क. 4) ४६४

` सहा गिषयगणिवननि उ प

+ | |

सगि नर जानन विष यः परमा णार पर न समा यदननातवयः || भण? सिखय, भसि, क निदरषरीना पतयकः निषयः समारय नासया काऽवयविकषः नससयत मक उशनकना परमाण (स

व यन भगोनयसयात यविकपयतय करिः | वः+ न तावम नर निकम (४ । प सरणा नापयमः परा पतयकमशरहणाद‌। पि नः |

खगत‌ ¢ बदध स गपदनोगा रभाणो-भडङकता {7 को दि जभय पराणभि मौणपोजकति ५७५ षठजनापराओति, खसय | | मरासतना-पनसयासभनातर‌५धणणो समानयगरषवविषछः | अस गनन सय परमाणो दः ससय कणणो तत -करमषा [ताय वरना |

च पिणडः परमाणमापनः समा करसपदनयनिरकादिनि जकिधिणण |

धरमः समान कन टि पर माणः सगरो गदिन शतया ना दष गोकः | पसः, सद परसय व व शतयः, यः पराणा सहो ज सम +योऽनिरनिनि;

परमागर-त योग (सत लि करय चः। ४ स योगा शतिक, तानन. भका नगो निरयनिरः | न लक .कथकनयो नय न‌ यजयत न नरि फरमत शला निरज यका ~ योगो न िऽनीति चकरसय, ताव पवरयादि टि सशसय सगोगान-

। | |

॥ 3 म शवय न कियति हि समो गशषयत यदिन

पिरकागभो नितत मनयः -अनणहि पटाग; - ~ दद नोदिनमति दिनना भद सनि कथ नदानमकरसती पराणोरोकन यकन शत गावटरी कथः यनक सम पदशणो दि$मागमरो नसया दादियोद म कमनय 2 भवितययजन कः, तलिन सयानयः पट वातयो- न

समा पर शरण परमा वरणा अ दि दिरभा- गयो नषय; निक शनि -----> परभागो नि यतागकरनाक‌- “भनमयसय पनि चानः रमान‌; अ+ सनि-ग वनि चात सवष समानश

वफसरम सहनः परमाण मातरःसयादितय - -- - विमव षयत विषयः नख या-रती न पर ताणि नि, दधिःयसन पर शणाभयोऽनयःपिः पय यसयतसयार नतमाह+अनयोनयविणडॐयनननसयश - -- ] यः प रमाणभयः पिणड षयत नतसमति कि भवनि धनिनकयहि- कलय परमाणः सन £ सधिभन या चिगथा लगकर ण-त वा --- त षतिचिधयतः पनसनघा कषण -य क रदिविषयतव नीतनीदितयसव नदय द सप वारयत; यननः रानी विषयोः नील कितायिनयभिषयान किदन यनयभ ~ - यनकननिति कि-रव, उजमकतय त वअ ।

1 (0. 5) ॥ (3५ = 1

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1.6) ५४

| अ अआ

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मनत, नय =

शकम म गिति .यगाणनर ड 1 ५ भिचिनितनिनभरवयानिशच सङभातिदता ज नो भयतए1॥ १५॥

गदि यान‌ निचिनिना ईवशरशषि। सतदकः य कचवयत

पथिरवयाकरगनिननितया (समन मितययौ। (य ल‌-अकरगकम-व शकण करागसयचछय (-अतषननसयादनषि

नसथनि दामी, गहणसजाधरहणतन म-‌, विचिसयनयोनकसय 0 प हया चरन © रोनरवरकिनि कथय चिदधि --- न = मपा सतव नायाजसवथाञच

र सथलः समान ह.वाणा भनीशवरण न सयात यथि = ददिव उसयानःतयकलषनो नायथव, तसावजरतषय भ सनितः

व पभाणकतर( रितय नासतितव वर नि.शतयीम सरवषा ध पाय क तयसतपयवकनियननिभ ५ न तयकषयाम ४ निनषयधभर ति शरः निव सा-चयदानः

सोनः पतथ न +^¶६ ॥ अदाव परकष ----गीड म पतय तशानसोरयोधवमत सनोतिन परित दिनसय त कानिमवा कविनि ।

| |

सचनत “ति `

खयि, तरस द सपा चकरदिनिषयल - - -तिरिककितवि

च |) नमथत शप चतयदनयमिषट शर, र ८ नदा

नि सङम न दष रसादिःव। तन श भ ननिदञपन समरमत हनय सः नचच एमि नरि गसम करय _ पत षतव ननम‌, उक परनिदम‌ नभतसयारपसयि सरणण भवतीतितयसा पि यचरसासो विपरि] निनापयभनि- यथितात (व ¦ विलाकादिका ति हदधिहनपदयत 4 नषि निः तशवः खटति सप खकरा नतवनि भासन ऊादविनिकनपि का भमगिवि शसय यनति न सलयतपादा नि भयः यरि गधसवदन विजञ विर शरतषथनि तन शभ लोकधः सवशव गचछत, नतमय भयति तसमानन शव परशनारथो पलननविः सी निररथक, द मजञा, यसमान‌; ; सवपर रभदिधःथाननः नप‌ वत वगा ^) लटक नितिन लपाषा कना सनवानि या वस डोलाकः सव भर 4 जनतव गचछनि; गक न तपनि पदनन गरसय सानङताभा ‌नति शयनि नदा तए शडररनध/ & न वा दवि षयः भाव यथाः

शव गनदनीनि शतना त" यदिः ९ नपि णणमकििकादन सननरनानरधपति शवसता विज पय.उतयशध).यीकिश॥ कन नद |

य शक पापकलयाणनिि सप नसएलदरमशयणा ज वितविनियमः

1 क. 7) ५/४

144 ~

1 ®. 8) ५ 78४

< सनिः 1 अनमग-याशियतनितयन नितिन नव निः {

` र हि. सनया 2; विपर यपनयता निचयो रि निभः

|

भरवति यव योग, नि थ ठति पयर‌ । अः समानानतः

न -रकविकात‌ धिः

यथा सवपन नि शय रििदचिरन शया नद सराव

कशननयपरदानार सषपस भरमः सनवय भलनिटानि कना ~

भकति यकतरात‌, ॥ |

१ " 1-4 =

यदि 1 । दणडसय हि| र वर पदछ (> ‡ चरित (ल) अह षत / द द भातदकनरणयानि ^ श 5 ध; तत छन न >। नीतसय मतरः असयगति-॥ =

„ _ सवदत भिङकनगपश चि वर.समर

द शमन काण ननवव धयति; ६ र! १८

पवतरमव य प (भसय चि नम शव ५ शना समर णत भति, उततम चा (सप क स मोतभरय पि

याणि; ` ना वनन माग भनभनि;

प. शिविशषषदविकरिया यथा|

सथा हि (किशन भतपर तनिनषय

1

दिननयष िशतवादिकतोनशरतत‌ (११९५ मयशततरनम को ररिततप सव शर दजरनि नतिः -रदविननतिजकणजय यथा कषद

सित यः व. वनति

ऋत, मरथः नमर‌ %

मम म कथकाः तिन #.२८८५ यथरय कलययन रसपरयः सतक- | उतसवा नतवरमीटिन शरट ओः उतथन सति कथ - तन करमन (गण) मनो द; भवयः हनशतम सिदधो भति तनम नतर ४ 7 सतकवा मर‌रनह.

, सि परयनि । य विशरिमरतरमकद‌ पर‌ कि -पर‌-

यान‌. रस ध भिलतम व गोचरः

चवातः, अषय नानत पर‌षच तटा रन

सधि म ३ तदनय धटमय- : , यथा रननिरः

7 तद‌ रनततद

कसया यनद -ह साथः वनः ण

-पदषाच‌ वभ--

+य न यरधरतभ विद शतिमखनया गरकठकवङिलपः

विविरभिी कचिविकरियोतवशचत [सया सभागसनबनिकिकरवयभर‌ग व; ` सयाशरहणणतयत‌_ -भसरमलनितरिदचय रदरव गदय - निकततरि शगतरततथ 1

1 (9.9) ५5४ 1 ®. 10) जड

= | ३ € यन ^ 1) पचितसिः कजम 4 ‡ सय कत ग (1

कनतकषिमाचर तर 4 सवश शवया { _ | | करत लकः ~ वविःसय > सातिना जिनामि सक म म

+ कया मालमभवन सपति नत सः पसयनद {व भरवति ८अयः ६ सरगशरकणदा न ख मरश नय शकयत नरमन‌ | पशकसयन‌॥ वद अय‌ दवा इ न व ।

नवः ` ८ २२ ८ , | आचतःघकाः , ऊतः करपा.छ-तवियतानयाकत‌ प

"टः सकनद ~ व नल मितत विधित सवमानमोपदोत न निनत निषणणौ | ट नयनतनत कतसपनयनता ६ शपि शाः

वयात निवटनावयाङन निणिन रिता यनः ` समर उत

कसय खनः सा थ नट रतय ॥ | क

रग‌ वख टि सा शर सरव जञय सषनगवि धतत |

विनि ननिककिनननहिदिः | | (उव शणन (लनितयनानमाकत ततत‌! । ई, नधः = 1 (6 (| | . ततरतमालयविःानभन पडकततथा"स धयत उपय विन -

"अथ वदना न-लसय नव त मो परिचणिमयनानवष{ः-एण दव षनशभितनवाचच(अनिचनातनयङनः तवनशरसितिनभिनिः

.\ पङरतम‌, ततरानिर नयहण निरतनयवचयफय रया | " कलना क 4ालपयक सारथ मभि रगन सपमोना-

= । = वयनतवादनिचयत भ । निषवङतवादधिपा वति क रनाङककण- | | 1 | ह -यादरणणयनया द तमततया सय यः माजा लयः ( = इ ज निषाकोऽ परि दधिनतरालमननानपार सरा सप भिर नवित,

५ तननचोयशन वद ननिःटतावयाठ नव नया सय नय पयकानत- = २८ । - स ननियाकरा 0 |

| 92 4 शनतवय विजञानन निरगता सो कोयकमः | | ४ -धनिवयनारिन याक कवानययजिकानवद‌ः नहि विषदन- |

1 (0. 12) षटा) 1 क. 11) ५5५

-146--

[= नलम कणिकनना‌, पि तष म, रोतः

_ लशच सदणकाषछ गो म याररि-कषकरच य-गवथति) व

नच निःलानमाशच ाषलामव~नि रयत उछयत सयतः दधि छसय मत

|

शभननपनिचपतनभपरिषयनिातगमदनाकर णच पि नयिननालपमा-

नाकपत शभवकति, खननयनापिनानयतर रि पन कदम) कक मगन ताकतसारभनवरमत+८उ त सनतत; ४४ नक

क) तचः नयिः

५ यविःलानफन सबधयत ततर सत दन फल मो तनरयपिननधोनन करकि

रकस परवापरणपगणजिनतदन प, गल शसचयःयः

पणमाःणमान ऊय य मी ना समन गत सपशाननसका रशि

स सकषपपम यप एल परवन निन सन खप सता षक सव क.

वका -यारनि तवाह रिय नट निर करर पनरसिनि तर

नरायलनितयम) असय पन यीगा कतरम -यन किम षपननषका -तानलयत। तसया सथाशवभास यनि-हनारिन श लयतरिसः

नशरम पलाणः दाल स निशान तयार "नति; सवना यन सथा

(ऊषः छनिभवङधोनिषाक परिणा; = दयमीरनर एय भिरि

परि न १ नि पति निदः पततर यधा चदल

शिनि -चङणद प आशरयतविन रद यशकालमवनदयम असिः । नव किसय शमस उगशमय ऊतलमक ना पिदरम‌।

अशच यालमवन पति पए यनाम तसनिषरनियादनाना इ । | |

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५५ ष

'शशनिवय पश ह तडकतरितय पननत । । । तगालशन ¡ निदलान नसया कमनः भः १ |

तरननितय पवरत कनिननवसयनाल यनिशषनममिसर चलः न कत

न 4 दतय द ४अगवयना समित शो) दाल सविता नि चरन कतस-

चि छि मन सन शनक दनक ञनि; तयति वटजितवान दानितम |

पनत < | सपमःगण र क नगनतयाल यनिानालभवनतयान‌, दरयपनरयरन

निना पदय नदनालमकय परि, यथव तर‌ निनदता िका(व- ` वकसयाचि दवय =:

लभवनपरव त इतयथ नप वि-ताननिनि| मन तनपन उसम यसय दिजानसयदपल यनि जञान माशरितय पन (नित दावन भवतव शम ताकतयन-गीलल य निरय -द4गि-ताना ज "यवग

(नः दि सवभासरररिवया< + मनना भक निति] खत भननयः

ध नतनरनि चिना निजञान सवरनवायन शय

चः सप मजयत) दद‌ त तलायतत कनर -जनौः कियदधिःकिकन (1 (0

न शवरि दि निवयनयकतःसदा॥ सिप दख ख गनय-, त दनयरयोनमन द काथोभ ९, त शपि नच क प यजयनति हितथा 1

1 (9. 13) षी

-147-

1 फ. 14) ¶पञ

[द

सच सशरटः

(न जन सपम‌ ह, पञविकरिकि शः, उनद‌ तिव ता-

वयादपताचव) अन टणमनिदिषतथीपरपट , निट तावयाकरति षटन‌

न हि तिटगन (तदणपनना रना सघ योगः सटरवति+ निनधताः (िषकलान‌ अरया ता ववर नभनतकरणण समत ल

कास. मानदनति ननन सय सकर खशनायनि विष दिशन नटाय

हतिविगरोबगनिरङशाति, | (उमद मोपमाना करन सनमः 1९९ `

उपादानसक-थननोपि निमा दिः सतकायशिषिनमम, मशि\-लानम; अआ करनय.तष न पनत नो, उपिध शान जानमानो

, सि मान हय चि उनानमनिसिट८उतमपरम तय धर । नपल यविवामन -तानजपतरर टि परनवाद‌यति आनमदतरनकिदो विन |

समोनननिः सोऽसिभानः + रतस सतय सनि ऊना भित वदननि | योऽभिि ,स अण €ः,७ श, ह

उगियधरा-चपमषषयया-नाखिरनननय नःय रदव मननातवशरण म #॥

निमनित भ दधिष सदन यन‌ । : ˆ ऊशसावयादन चितत सनतर रकारणम‌॥। | रोन नो जन न (मिक साशरभमना- पनिशानानन ज [9 - र कीचयन अह‌ 1 | ८ यन सम रिति „1

विष

ह: = रिति यत वत मो ना पत सत.शानकः सत ननिक रनःच शख मनमत,-प-म वात न दनयभनिर मा वििपिन शवनमिशिनक-श-सखमजयततोरया ह । “अभः सयति तन,

सघ मनयन ईनि स चमत, -च दतय दमनव याथि सप नि (मिनदसवाहमयस तपच लतानि, श टि पञचभी ४ कवितलानः स यजन, रमरि यतर नर तसत भरग सच यजप-

नाय नात भनिकः+ [अभवन -भरिनि भरललनिननस प मत "य~

-दयाय शललनि-तापर निखा तत सपणीद‌ यः िरत मनसि मोतिया । अभि नधि मनः यतन वरि.शााताः

4 पतरप^ जतसय रि निरजिःर सि, अ+निवयततव ननि शग शन निषतवः पसजयत, न सजमन

गरहति शव सपया पतो) शनि कसत. ए, 1१ =

अषटन कन गोष रतपय शणः सनन नापत, तदिभानाभिकः

भवना पावय ज (बदलवा धथाननतरयमणित यशि ममःनदः

नम पन दहतवानसमा नन वियत, उशदिरकनयासननयीतःतग- शयापयतानननिनो 4 वषवा वननितनाभिनो नागिनसन निक

सशणपकलन नयव ननर सतवत नसथषतभषि नि

9 4 राघवमनिाना यन चननफि-, =, ,

मरि जषङषनरन (न चति; | नष शल ण लोनिररयवमरथ ट मनः परनि टर; नरानपयदनिसमानन- ।

स |

1 (. 15) षठ)

--148--

1 @. 16) षठी

= | | ।| ( 8

सपनति धनि सकषः ॥ नषयति कर िश

पिपशचमो मा नलोभनत‌ र भारगो ननिस-यनः तसमादपि - सम म खनिनतपनदोतययतरति ती मः परिषप , फीषडिश तननिनिगल मति ^बनी य परिणाानक‌ कती पिर ड ऊह [दीः बग रय या]

विभयसमोापन नोः. सपतीम नन घदिणान शतिनानयककः, चिकय.सन ठ = त | रकधि भसमति षट‌ स । वशननयभिवनाष 0 त, | स ति पिशित पता ऋटयाभिवरद‌ यरनिशरगणरिनिरयाः म सयनिर वसत , | उमम दि रला, अऊसपना,अपयाक [7 उ-तष बषटशश ग यनिशरवणा दि पानिय, ससव वीबिना- | म. नकरः ४, उरदरभोकग। तिश नसतति तपीवावशएण

सप यका यतरनी। जोभिषनगछस पञगाऽक शालाः ॐ म,निशितग =

जरसप‌काञकया मसत कशजनयथ + सातपतकिषीः का यदगसत रसि ग ननिशिनम‌, मनोनावारण निरिति भः शचनतिकः सवमशयतः 1 ननपमोगिणशरननति शय, नितयदःखगारकपण तननादम रण कसय वलन शवतसय

¦ नअ&। । ५ नमव मतमनानस मितत र‌ णमः शसन सलरयताकान

दः शतसःस! _ ` करकः ऊरव व भदभिपरधवो हि दः ना "पर पनादिभिः परव

सपरणा तथाऊकसः श नद | | > ततसऽनििछनता। यरत समीय दवि टा कोन गतिष तमया < मसतत बसन शरितम‌, उकवनभयन यह णानिषणार णया

। (4 सरवजायरथः (याहि _ शरस पमचः, घः छलसय नरन पनन‌ तवन‌ मरण रिका सवानसा सनि नसल तः ननिति अथमतो | । कपि नधन मिन‌ निना सवा पमरविशोषनरिषय,

1 (7. 17) षी 1 क. 18) गट)

-149-

- चपि वसनि नति सनम- अना(उकवथिशि बसत शश ना; रकया, एनररपवनना

ङानसनकि {४ यमान मः सालक जिन मशचतपरिशषनात‌ः ह पला|सापमरप वरीकथशय न विचय गा मगविषिति+ ,

यधा ति; धिरधचोतीनि चनि : समपनिषकानण सरणः | सवसषाभानधनः ; ८4 नयोग गोदः पन

श चोपयशोऽन करान पतय, तन तरिकण योगम गनित

स नःशरतम‌ 1 पनतप- ञवनवन सरणया णया दशयन सवश क ख, छनद निषण न जतिता

` म यः, समानरिज नामः उम ध

यणिच शर सरमायि सनाम 5 1 1 उपपि नियम लोकनि नवयः नमोच शच न यगिद,

शरषिषलच ० सनव सथा @& {जिररकणसतनः म भवितनयभ‌, समः (= = ॥

उ-काविनिःयतप, न रमि जका पीन । "जपष षति पशतभकी को शष | ^ ण | [पम‌ कपा ८1 ५ सय डासन नच धरषनिथानः । जशदरणो षपतिपक |

1 क. 19) (षणी 1 क. 20) णठ}

-150-

स मरभ‌। पशरनषि। य चितत मणया ओोषट<य -रायनरिियोक-

भणमता शाकन लममिजणिनच। तद‌ षगम पशरषडिसशनान‌+ तत ऋयनरिणयता | यसय शवकरमज.ल श सत भतथापनता नतन नि) चवितिवरगणयता -लयममनसिः नर ष यन कयटपय चण धयतिरभिगी

मनबतसिनद शमर, मथोगादधितत- वलमनन पननः

सव 2 नासन) य पश टजितएश तरचतवर णनिषक दिग कनि, स परपदिक स श पत हनि (ति सपपमादिनम, वपदकरसोऽवकरतः कत रनर, कानत सजतवा न, श कशसया- नाह निदभिनम एचच दि (प सादति त शवशनिरिपम‌दशलातनाजञ छयन विशषायत। तनना परशरारत

= | ।

परभावः अ = आआननभगधः न शल-धरमा यज छति, ततपति पर शबः धना

नष‌, र इथोऽ पमाः, । दयान किष सपनतौकिकसः क (1. ॐ चचनिसनतातिन षर) न ५

1

8.

खाभिसतिभिः पर कचदकक माजि वयाज सानावसथः

ततरल यजो न मो तशय ततयनकाका दो निन तरमता। न, नभिसत.सकादरग पौ निकी सभारितयन स सधय सतसयव

क‌ षल(कठता, कद परय सथालयो तय) र ९7 द] धि नतरगनफचिरः पः षशटरी

शा कोन चकः ननिः नाभिणाव‌ दया सयाता भिगत शमर कनटषर 1/3

करा निशरयः कमि] गिदध निरि चलि {नध

अः-धनदादिमिः सायो-तमविदटनमविरदिला छनिक -स‌णा दण

दीनि नसगा, शमितिसपनसयालया सरय दणदहिनयः य गिनलोधि परदःख दःखी भवतीति १८४ गा (ङि टादश पशया जयगनर षि टास द इनथन लल

4 धट समा <गबिनिकिनति

1 0. 21) (षी 1 ®. 22) वा

( र न काशरकषा कसय कात

णसय नन करम निरदिभियनः चतिधः -तवषया घातः, कनि सरषथिनता नािषटः सना वशयः (चिनपपथ ति, ससनरसयः निशचितिः शच ह. गगनकरदः सपशो) सस तन स दिती विषटरः सवनराबिषठरः नसम विषरऽसयदरिकरः ईः शवसहित‌ शतयद क = 6 दन सयसपनशतारा ववि चिकतटनिधानय-कऋ नरपयतखवलि पष शः सय सवित, सपीवितोमनि पति चितसय 5 हलर इशरवपिन कनन मक, मोलजषाभक स‌ तिणि तनपिचञपङ प हतशच मषाशचाकपिरन दन कलसकध

४: ः

तः भ

-सङधरणतपतति सनिशरसय दनकडि 1 नर विशवः सज: शकत

स ङशषसयानलाभः।८उननः सनिशराययान‌ः गान सशय रयि त तोनभीगियःकर

त. सयति; भातः भटि सवय शयक- न) स पनरकरििन समसनतिल घा भः। त- हम | भमतयाभान तत ।

} उचयगमो भिक मयति) सचानतरन दः ड

= 1

तिकरमनः। 4 पननम पकष नदतः ऋ यनक चोरखससरता। टःरवगतयनिः पनन तपतिः!

-पसरीरकननिसनफपमदचि (वविनो-नतिनि(निभयानछ- शवा भवय, ४ िऽतिषरान शणनमाबि- टिनककनिपनविः

शरया ५ व 3 शिनि ८

किकञाणकिनिः वययनम‌ शरोतः जप शमन शरियम विनतननिनरनि मा गििरसम-नतति रय नण विशानः! गत नसत पा दमदक षना तप करिगरहि ककयाः गत थाचिनतसमरननतिः सतर सिषपः 1 गिरा जसी परजनर निशमानिगर कापर भयतिया चिततसमनननिः मपि भान‌ः ( नभाः बरलनर विशिषटा नकलवि राच \ शितषसति करलगिशयारदिगभिररिति "या

चितसमननतिर

धम ण.णनरसमरापणना नरि & शरभवपि गणन थ

वशधनना (भयाम {स यत, 1 9 न (कायनजन ङक काः+समकयट शादि दषट यः त।

1 फ „ 23) ॥, 1 क. 24) 11

1 (¶. 25) ॥१.11

ठ सवस नवययति; का सनदिथि-

चयम ॥ दिमकोः पशवकषपारानसकज शरटततः परमद शच यदधि! शगिलवरनयगः

कः क मरो न यीषनिकन-शच म‌ ' रम षल कतयः विविशषाभति दिति पष शव जतयनोयोगका, उगः कः ासनिदानीमपनवखणा चकत शय -उ ह)

कोषयोणन.र यः॥ य { १।

प शक५नहिताशलि रः नमदवः। नशी ति + तासम‌ | १ नमय जिदनमध -न/ पयार क पड श 1

स.जयाशयानः, उ यवा-

धानि रन \ 4 फतनसय पतिचसयावसथा-

ह 4 -परणरः पारषय मम +

इन याशिता, ८ पदक ङईरफतीनि चणड

उम-कशव -ानशनरिन प

विशष -परलपनवा पच सिक नमान फषनर‌ नागमम यशरनस | <न धातः सानासततरविष यः, दणडदाना श शत ोति {परत \ ९उवनपत नगमधः जन शव मषरन यमपदन‌मि तयसम नरातनर सम मसमतरम, वत. घनरतन‌ ष. 6३ 1 सनिशरयसखनकरमनधिः, ७८ ` कननिर पनपण नपण परमवकारतिरपि वीच, उतमपपि नो धथ तपदरषःवसभावि-यप 6४४ ॐ6: पजि धनन गदितिवय; । भकमासरम °नच‌दना रट‌ माविननिणकनय काण ननिः तकिणा-यो कष न कनयन करी; ऊहसय मोलि) शय पचया अकः, मो लकि करो) कनय पकषसय चधतयनानय-

तयास छनि ५ वरषा य~ यतः । कोषनयनतय त; नोपया वोिशयत

न 5तिऽ' पया शरनथ सना, करषः यनयो गो. दशनति ८११.

तिता, जयश नोपोषनाद ककः गरति पानि चासि श न कयौ नवय ऋनरमनिः +असयरनिदरनरमननवः नङ पयन‌ ( ईरा परसमपतौ-रनसो कातभो

सवजा धातव

इलसय दःडलना

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1 क. 26) गछी)

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ि\ हरन खभयगन, र यला+रपरिप-थनद किदन, समय गननादम योल यकतिरो भनि सतसया म क शति | भदः सन समपनतौ गन‌समो रषशचन.लः परया, नम‌ ऊलरिजयमोजननतन- | कर शन मत भा करषः सवममयनमि उ रय लकि .मनव निरण चितमसनतनतोननिःमन नम दानमतनरीकरणा (रथा भवनतीनयन‌रः -वतसवः पयदिषन आगन सपत? प- सनि य दानकरमकतः | विरि अतवविटडना 'वितिथ न~ कन नाऽनतजनानिभिः सनाम‌ दि विग, निषिवय गासन = शरवसय विषम सप पनः वी निषध १९ सल चिन रा, सकव- विहढनकरनिग निहियिनयचयत, ऊत तिज सवयभवयनपल-ता, तिन म मोम स-यमान। (2 योऽशयनालचजा साः ननश, िविपकषकचतम‌ । उलन षनापयथ रोऽ दा जज, नथः दसपिद ङत पर या ति यत हयन मन गधो य तशरा पप ययल (सा+ पनापयनिपकषः वः । रतर य भवि सदति षङशसयला खरम शश दरष भोपप घ सनी -छनवारयपिभवदनषठ रमदषमोरमोडा त नतर सवततरभसिति । समान जिर समाक णमता सपतिः ह इदवः नमकननिः गयोगा नकभकनि, परित ननि (ाल-

1 क. 27) षठ

-154-

1. 28) ब)

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जिना तत । कमयनाकविनः जनिकरिनपरमादिष बत, अरणी पि 4 थाः | नरगकम। शरय ` ताना न 1 रो नय-

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शवानपमतसथटदाना नाः कोतर सनिशरयमरनयः मीदानन) नकी मिक । रयाति सनभारणानफरनि द सिशवत सऽसयापतरता | स नभनसालि बी निय, कश कामनाः 4४4 ० सा गतः रनि वनिम‌ , अनचि) ॥ प शचनसशनशरदधियदः

करमणि निशवाहव-शयनससननाकनम मो शोक) | णा षरि; ‹ रन (लो पतप. तिनि) 3 दनवातिषनि- | „सा , एज ऊत पकष पयोग परिपथनरन भर‌, पारो" मः सनिशरययवनः $ नितयः परयो अनषजलपः, पता बतना- , । + ऊर वाणदधकमशदिनिरत जन विशषः, परवषकः निमिनरदिनि सणरपवयनः + मनसो ग

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वयपयकता,६यन विकषिवसशिशरयदततकरिभतः गि वितरक तदधि, ककानिय

कषीचः रागदरषमः ठ सि (शिः शतस विसारः वितिभषिम ओः 4 परन

परः, क दाचि नवित ननोः

1 ®. 29) 1 क. 30) गणा

-155-

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मतन पथि निरतम‌ एः 149 1 निरषिषि चतनपपनतपनिशोषाभनरः , यवक भजोतलय रन‌, दर तददिनि । | 0 णा दत णव-र चितसरईमतमचयति ¡ रमो-च सपरग

सपरशवि. 9 सदरतया

ष यङकरणशर‌ ( अयदधिनदति; शयन शच यशच धम न पनः क‌ नन निचररो-च, खय -ववार धरम दिशया । दविःरि 1 तताल परकतया. कलव दधया यवतसो- , विजिशव कोकनयम‌, यायलभदनवा ननकोदनय भिम‌

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यचिनणारोजजि षटः ५ मरकौदधनयनिवि ननन; छि 9नशखनी-

क नतर\ नन धा सय षल न भ‌ पा यथाकम सनन ततिः / । तरब मोनी यन कलपलः दजम‌प- कशर) र ना 1 -सखमनयत, ससया,

समोप कसभानीयष रादिष (अला शनयाकना-वउ-लयकितान‌नन

2 पः व स पमरऽपत, नापयसततरवोवतरि वदम

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यसरनननि =

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माना दकधथिननपजनिभटनति नक" त

वावयादधतसतगनि ( ¶यभि-

ज, सथग कनयन, न कोविदा शि. गपलननत रय यदभवालनयदध-

क ४हनतत। 4 न नारि यमन, यदयदध सयन वतययसरगनिधय

मनछवोनपन, र कक वद न पयय लाननिमऽपतिनधिती- शयत.गड (

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धर ० ति नदधः

शनन चकषरदि( नफ

| पवाना तरनवितरषन मकाय दभन । सहता नरतना (गा) यया-जस-1 14

लाना दन चर ोनिजञानसचदिनानाभर‌,

न वीिशरयतवालल.ऊ-नपर नीतिष नारनय वितान ललजिततानभितमरपत; यथा पनय

भदध हति, व यसय यः पनय) सननिहित सतसय तरम नियम पवकउदमलाभः

जघन ति, अशन (यः

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वलकः शयगकय न

€ “यिनि गपरमण ता, तरकाणा या

पलाना नपरजनिवितानाना यगपद गपो- ४९। थाति गसलमनगमडत उगनसय

र समतपजि परतययः घलमपससथिनो भवनयकः-

1 क. 32) (गय

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मव तङ ५ सचषयोसतरथाण मद‌ईलानात र‌ $ गः मतजि- । | षनयः पनपपसथिनो भवति, = लानि त रञाणि बकन

` नय 1 कौ यसय सोतसा वलः समतिनि शिनि वणो परतायत; इवम पितरणसभरत। त कनय खतिषछाय- रकमकविलोयनि पम यः पथषसथिनो-

| । भव, गमन श शवििन पवत; सच दसनयाणी सयनप-

, 'तपञचानतो सरटि करनति , आल नग *7 1 | १

= सवाना (0 प पसमिनो वयति स चान

= < # तनि सरववी को ( | । नानलारबो त घनकनिनो शकन उन परिकनवमजीः ५८ । नदिविशप, ख मनायन ममन चतय न करनत र पतय ग शषक;

। पमनिःतनसम न नरनपनम गयभमषगणन | ॥ | 6 कतनशदवमरा पपि समननरघनय या शधलमवनकलानििषय भो न

खनय मपतिनियाम प जवागानव यप‌

1 क. 3ॐ3) पश

तदोः सथाय मालयदितन सनि

र | उसमोमस

स (िषनात, सणदपतति याननिडनरसनाय‌- . र सिन सतिरः

|

समापनाय मारत]

षयतचि किह, | पननसय,

यतसिकतनौ कः विमो नः ॥समा पनिद यशलोजिसमाषनि निः | सचसभरापनिश तनाशतदिसमायनि 4 सख -पसपरनी हा निःसर णसला परवण |मनसिनतरण- मो १.तनसय तनसयानननपभय चबन यो निश सोना सनि-सशा- पततिशिमतयत, तिसय भोनति निन क स~ स सिग शम मनोतिततनसय कसत-नपनिस षवः, 1 सच समरापततिनिः यदननत नि-ला-नतनपकिनि स अगशरयः परय <: < म रगसम शनन हप. र दधिण भनसिकारण ससषषमोगसय मोः विरनसम‌ दधिटशयच‌ मनस यो निरोच । इ यमतयसदि समाननि-

(८ अविनशनि ङ जादठमि कष वकाल मनोतितानच. ; रचिनकनितय-

= , उतो. निधानन तविनकिमलकम) गदनय णया यदशव मनो निनलपय रनति िसअम‌ 1 ननण-

दतवा दाशच यसय

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1 क. 34) षा

= रन चचक = षर-यस ह सवनसथास ; 1 वया॥ शनमारसनि

कायि ष षण निकर निसदध तदपभम दः तपउनथदयः यन

प य निकसा भ दिक<सथन । न गनधा तितरन ५, पि

(१ मओ या दिनपरिणा न (सविनि धोऽ ध

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1 ®. 3ॐ5) ष

1 (18, 1४) शः

==-199 ~

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