खान अधिनियम, 1952ncwapps.nic.in/acts/theminesact1952_hindi.pdf1 ज ल ई,...

32
खान अिधिनयम, 1952 (1952 का अिधिनयम संयांक 35) 1 [15 माच, 1952] खानᲂ मᱶ और े म के िविनयम से संबंिधत िविध का संशोधन और समेकन करने के िलए अिधिनयम संसद् ᳇ारा िननिलिखत प मᱶ यह अिधिनयिमत हो :— अयाय 1 ारिभक 1. संित नाम, िवतार और ारंभ(1) यह अिधिनयम खान अिधिनयम, 1952 कहा जा सकेगा । (2) इसका िवतार 2 *** सपूण भारत पर है । (3) यह उस तारीख या उन तारीखᲂ 3 को वृᱫ होगा, जो केीय सरकार, शासकीय राजप मᱶ अिधसूचना ᳇ारा, िनयत करे, और इस अिधिनयम के िविभन उपबधᲂ के िलए और िविभन रायᲂ के िलए िविभन तारीखᱶ िनयत की जा सकᱶगी, िकतु 31 िदसबर, 1953 के पचात् की तारीख िनयत न की जा सकेगी । 2. पिरभाषाएं4 [(1)] इस अिधिनयम मᱶ, जब तक िक संदभ से अयथा अपेित न हो,5 * * * * (ख) वयथसे कोई ऐसा ित अिभेत है िजसने अपना अठाहरवां वष पूरा कर िलया है ; 6 [(ग) अिभकता से, जब िक वह िकसी कान के संबंध मᱶ युत आ है, येक ऐसा ित, चाहे वह अिभकता के प मᱶ िनयुत िकया गया हो या नहᱭ, अिभेत है, जो वामी की ओर से काय करते ए या काय करने का तापय रखते ए, खान या उसके िकसी भाग के बध, िनयण, पयवेण या िनदेशन मᱶ भाग लेता है ;] (घ) मुय िनरीकसे इस अिधिनयम के अधीन िनयुत िकया गया खानᲂ का मुय िनरीक अिभेत है ; 7 [(ङ) सिमितसे धारा 12 के अधीन गिठत सिमित अिभेत है ;] (च) िदनसे मयराि को आरभ होने वाली चौबीस घटᲂ की कालाविध अिभेत है ; (छ) िजला मिजेटसे िकसी े िसडᱶसी नगर मᱶ वह ित अिभेत है जो केीय सरकार ᳇ारा उस नगर मᱶ इस अिधिनयम के अधीन िजला मिजेट के कतᲂ का पालन करने के िलए िनयुत िकया गया है ; 8 [(ज) वह ित खान मᱶ िनयोिजतकहा जाता है जो खान के बधक के प मᱶ काम करता है या जो खान के वामी, अिभकता या बधक ᳇ारा या बधक की जानकारी मᱶ की गई िनयुित के अधीन,(i) िकसी खनन संिया मᱶ (िजसके अतगत खिनजᲂ की ेषण थल तक उठाई-धराई और पिरवहन तथा बालू एकित करने और खान तक उसका पिरवहन करने की सहवतᱮ संियाएं भी हᱹ) ; (ii) खान के िवकास से सबिधत संियाᲐ या सेवाᲐ मᱶ, िजनके अतगत उसमᱶ संयं का सिमाण भी है, िकतु िजनके अतगत ऐसे भवनᲂ, सड़कᲂ, कूपᲂ और अय ऐसे िनमाण संकम का सिमाण नहᱭ आता जो िकहᱭ िवमान या भावी खनन संियाᲐ से सीधे संसत नहᱭ हᱹ ; 1 इस अिधिनयम का िवतार गोवा, दमण और दीव पर 1962 के िविनयम सं० 12 की धारा 3 और अनुसूची ᳇ारा पांिडचेरी पर 1968 के अिधिनयम सं० 26 की धारा 3 और अनुसूची ᳇ारा िकया गया है । 2 जमू-कमीर राय के िसवायशदᲂ का 1968 के अिधिनयम सं० 25 की धारा 2 और अनुसूची ᳇ारा (15-8-1968 से) लोप िकया गया ।  3 1 जुलाई, 1952, देिखए भारत का राजप (अंेजी) 1952, भाग 2, खंड 3, पृ 869 मᱶ कािशत अिधसूचना सं० का०िन०आ० 967, िदनांक 27 मई, 1952 4 1959 के अिधिनयम सं० 62 की धारा 2 ᳇ारा (16-1-1960 से) उपधारा (1) के प मᱶ पुनःसंयांिकत ।  5 1983 के अिधिनयम सं० 42 की धारा 2 ᳇ारा (31-5-1984 से) खंड (क) का लोप िकया गया ।  6 1983 के अिधिनयम सं० 42 की धारा 2 ᳇ारा (31-5-1984 से) खंड (ग) के थान पर ितथािपत । 7 1983 के अिधिनयम सं० 42 की धारा 2 ᳇ारा (31-5-1984 से) खंड (ङ) के थान पर ितथािपत । 8 1983 के अिधिनयम सं० 42 की धारा 2 ᳇ारा (31-5-1984 से) खंड (ज) के थान पर ितथािपत । 

Upload: others

Post on 05-Aug-2020

8 views

Category:

Documents


0 download

TRANSCRIPT

Page 1: खान अधिनियम, 1952ncwapps.nic.in/acts/TheMinesAct1952_Hindi.pdf1 ज ल ई, 1952, द खए भ रत क र जपतर (अ गर 1952, ज ) भ ग 2,

खान अिधिनयम 1952 (1952 का अिधिनयम सखयाक 35)1

[15 माचर 1952] खान म और कषतर शरम क िविनयम स सबिधत िविध

का सशोधन और समकन करन क िलए अिधिनयम

ससद ारा िनम निलिखत रप म यह अिधिनयिमत हो mdash

अधयाय 1

परारिमभक

1 सिकषप त नाम िवसतार और परारभmdash(1) यह अिधिनयम खान अिधिनयम 1952 कहा जा सकगा

(2) इसका िवसतार 2 समपणर भारत पर ह

(3) यह उस तारीख या उन तारीख 3 को परव होगा जो कनदरीय सरकार शासकीय राजपतर म अिधसचना ारा िनयत कर और इस अिधिनयम क िविभन न उपबनध क िलए और िविभन न राजय क िलए िविभन न तारीख िनयत की जा सकगी िकनत 31 िदसमबर 1953 क पश चात की तारीख िनयत न की जा सकगी

2 पिरभाषाएmdash4[(1)] इस अिधिनयम म जब तक िक सदभर स अनयथा अपिकषत न होmdash

5

(ख) ldquoवयसथrdquo स कोई ऐसा िक त अिभपरत ह िजसन अपना अठाहरवा वषर परा कर िलया ह 6[(ग) ldquoअिभकतारrdquo स जब िक वह िकसी कान क सबध म परयक त हआ ह परतयक ऐसा िक त चाह वह अिभकतार क

रप म िनयक त िकया गया हो या नह अिभपरत ह जो सवामी की ओर स कायर करत हए या कायर करन का तातपयर रखत हए खान या उसक िकसी भाग क परबनध िनयनतरण पयरवकषण या िनदशन म भाग लता ह ]

(घ) ldquoमखय िनरीकषकrdquo स इस अिधिनयम क अधीन िनयक त िकया गया खान का मखय िनरीकषक अिभपरत ह 7[(ङ) ldquoसिमितrdquo स धारा 12 क अधीन गिठत सिमित अिभपरत ह ]

(च) ldquoिदनrdquo स मधयराितर को आरमभ होन वाली चौबीस घणट की कालाविध अिभपरत ह

(छ) ldquoिजला मिजस टरटrdquo स िकसी परिसडसी नगर म वह िक त अिभपरत ह जो कनदरीय सरकार ारा उस नगर म इस अिधिनयम क अधीन िजला मिजस टरट क कतर का पालन करन क िलए िनयक त िकया गया ह

8[(ज) वह िक त खान म ldquoिनयोिजतrdquo कहा जाता ह जो खान क परबनधक क रप म काम करता ह या जो खान क सवामी अिभकतार या परबनधक ारा या परबनधक की जानकारी म की गई िनयिक त क अधीनmdash

(i) िकसी खनन सिकरया म (िजसक अनतगरत खिनज की परषण सथल तक उठाई-धराई और पिरवहन तथा बाल एकितरत करन और खान तक उसका पिरवहन करन की सहवत सिकरयाए भी ह)

(ii) खान क िवकास स समबिनधत सिकरया या सवा म िजनक अनतगरत उसम सयतर का सि मारण भी ह िकनत िजनक अनतगरत ऐस भवन सड़क कप और अनय ऐस िनमारण सकमर का सि मारण नह आता जो िकनह िव मान या भावी खनन सिकरया स सीध ससक त नह ह

1 इस अिधिनयम का िवसतार गोवा दमण और दीव पर 1962 क िविनयम स० 12 की धारा 3 और अनसची ारा पािडचरी पर 1968 क अिधिनयम स० 26 की धारा 3

और अनसची ारा िकया गया ह 2 ldquoजमम-कशमीर राजय क िसवायrdquo शबद का 1968 क अिधिनयम स० 25 की धारा 2 और अनसची ारा (15-8-1968 स) लोप िकया गया 3 1 जलाई 1952 दिखए भारत का राजपतर (अगरजी) 1952 भाग 2 खड 3 प 869 म परकािशत अिधसचना स० का०िन०आ० 967 िदनाक 27 मई 1952 4 1959 क अिधिनयम स० 62 की धारा 2 ारा (16-1-1960 स) उपधारा (1) क रप म पनःसखयािकत 5 1983 क अिधिनयम स० 42 की धारा 2 ारा (31-5-1984 स) खड (क) का लोप िकया गया 6 1983 क अिधिनयम स० 42 की धारा 2 ारा (31-5-1984 स) खड (ग) क सथान पर परितसथािपत 7 1983 क अिधिनयम स० 42 की धारा 2 ारा (31-5-1984 स) खड (ङ) क सथान पर परितसथािपत 8 1983 क अिधिनयम स० 42 की धारा 2 ारा (31-5-1984 स) खड (ज) क सथान पर परितसथािपत

2

(iii) खान म या उसक आस-पास परयक त मशीनरी क िकसी भाग को चलान उसकी सफाई करन उसका अनरकषण करन या उसकी मरममत करन म

(iv) खिनज क परषण क िलए लदाई की खान क पिरसर क भीतर सिकरया म

(v) खान क िकसी कायारलय म

(vi) िकनह कलयाण सवासथय सवचछता या सफाई सवा म िजनकी वसथा इस अिधिनयम क अधीन की जानी अपिकषत ह खान या खान क पिरसर क भीतर िजनम िनवासीय कषतर नह आता ह पहर और िनगरानी का या

(vii) िकसी भी परकार क िकसी कायर म जो खनन सिकरया क िलए परारिमभक या उनक आनषिगक या उनस सबिधत ह

चाह मजदरी पर या मजदरी क िबना काम करता ह ]

(झ) ldquoिनरीकषकrdquo स इस अिधिनयम क अधीन िनयक त िकया गया खान का िनरीकषण अिभपरत ह और इसक अनतगरत कोई िजला मिजस टरट तब आता ह जब वह िनरीकषक की िकसी ऐसी शिक त का परयोग या िकसी ऐस कतर का पालन कर रहा हो िजसका परयोग या पालन करन क िलए वह इस अिधिनयम ारा सशक त िकया गया हो

1

2[(ञ) ldquoखानrdquo स कोई ऐसा उतखात अिभपरत ह जहा खिनज की तलाश या अिभपरािप त क परयोजन क िलए कोई सिकरया चलाई गई ह या चलाई जा रही ह और िनम निलिखत इसक अनतगरत आत ह mdash

(i) सब बोिरग बोर िछदर और तल कप और समनषिगक अपिरषकत अनकलन सयतर िजनक अनतगरत तल कषतर क भीतर खिनज तल ल जान वाला पाइप भी ह

(ii) खान म क या उसक पा रसथ और खान क सब कपक चाह व गलाए जा रह ह या नह

(iii) अनखनन क अनकरम म सब समतिलकाए और आगत समतथ

(iv) सब िवव खिनत

(v) खिनज या अनय वसत को खान म लान या वहा स हटान या वहा स कचरा हटान क िलए उपबिनधत सब परवहिणया या आकाशी रजजमागर

(vi) खान म क या उसक पा रसथ और खान क सब एिडट समतिलकाए समपथ मशीनरी सकमर रल टरामव और साइिडग

(vii) खान म या उसक पा रसथ चलाए जान वाल सब सरकषा सकमर

(viii) व सब कमरशालाए और सटोर जो खान की परसीमा क अनदर िसथत ह और एक ही परबनध क अधीन ह और मखयतया उस खान स या उसी परबनध क अधीन की गई खान स ससक त परयोजन क िलए ही उपयोग म लाए जात ह

(ix) उस खान या उसी परबनध क अधीन की कई खान क ही या मखयता उनक कायरकरण क परयोजनाथर िव त परदाय क िलए सभी िव त कनदर टरासफामरर उप-कनदर पिरवितत कनदर रकटीफायर कनदर और एकयमलटर सटोरज कनदर

(x) खान क सवामी क अनय अिधभोग म क कोई पिरसर जो बाल या खान म उपयोग क िलए अनय पदाथर जमा करन अथवा खान का कचरा डालन क िलए ततसमय उपयोग म लाए जा रह ह या िजनम ऐसी बाल कचर या अनय पदाथर क समबनध म कोई सिकरयाए चलाई जा रही ह

(xi) ऐस पिरसर जो खान म ह या उसक पा रसथ ह और खान क ह और जहा खिनज या कोक की परािप त दरसी या िवकरयाथर तयारी की अनषगी कोई परिकरया चलाई जा रही ह ]

(ञञ) ldquoखिनजrdquo स व सब पदाथर अिभपरत ह जो भिम स खनन खोदन बमारन झमाई जल-परथार खनन खदान-िकरया या िकसी अनय सिकरया ारा अिभपराप त िकए जा सकत ह और इसक अनतगरत खिनज तल (िजसक अनतगरत पराकितक गस और पटरोिलयम आत ह) आत ह

1 1983 क अिधिनयम स० 42 की धारा 2 ारा (31-5-1984 स) खड (झझ) का लोप िकया गया 2 1983 क अिधिनयम स० 42 की धारा 2 ारा (31-5-1984 स) खड (ञ) क सथान पर परितसथािपत

3

1

(ट) ldquoखान का कायारलयrdquo स सपक त खान क बिहसथल पर का कोई कायारलय अिभपरत ह 2[(टट) ldquoिवव खिनतrdquo स खदान अथारत कोई ऐसा उतखात अिभपरत ह जहा खिनज की तलाश या अिभपरािप त क

परयोजन क िलए कोई सिकरया चलाई जाती रही ह या चलाई जा रही ह और जो न कपक ह न ऐसा उतखात ह िजसका िवसतार उपिसथत भिम क नीच ह ]

(ठ) ldquoसवामीrdquo स जब िक वह िकसी खान क सबध म परयक त हआ ह कोई ऐसा िक त जो खान या उसक िकसी भाग का अ विहत सवतवधारी प दार या अिधभोगी ह और ऐसी खान की दशा म िजसका कारबार समापक या िरसीवर

ारा चलाया जा रहा ह वह समापक या िरसीवर अिभपरत ह 3 िकनत इसक अनतगरत ऐसा िक त नह आता ह जो उस खान स कवल सवािमसव भाटक या नजराना पराप त करता ह या ऐसी खान का सवतवधारी मातर ह जो कायरकरण क िलए िकसी प अनदान या अनजञिप त क अधयधीन ह या कवल मदा का सवामी ह और उस खान क खिनज म िहतब नह ह िकनत खान या उसक िकसी भाग क कायरकरण का 4[कोई ठकदार या उप-प दार] उसी परकार स इस अिधिनयम क अधयधीन होगा मानो वह सवामी हो िकनत इस परकार नह िक सवामी को िकसी दाियतव स छट िमल जाए

(ड) ldquoिविहतrdquo स यथािसथित िनयम िविनयम या उपिविधय ारा िविहत अिभपरत ह

5[(ढ) ldquoअिहत िचिकतसा वसायीrdquo स ऐसा िचिकतसा वसायी अिभपरत ह िजसक पास भारतीय आयिवजञान पिरषद अिधिनयम 1956 (1956 का 102) की धारा 2 क खणड (ज) म यथापिरभािषत कोई मानयतापराप त आयिवजञान अहरता ह और िजसका नाम उस धारा क खड (ट) म यथापिरभािषत राजय िचिकतसक रिजसटर म दजर ह ]

(ण) ldquoिविनयमrdquo ldquoिनयमrdquo और ldquoउपिविधrdquo स करमशः इस अिधिनयम क अधीन बनाया गया िविनयम िनयम और उपिविध अिभपरत ह

(त) जहा िक एक ही िकसम का काम िदन की िविभन न कालाविधय क दौरान काम करन वाल िक तय क दो या अिधक सवग ारा िकया जाता ह वहा ऐस सवग म स हर एक सवगर ldquoटोलीrdquo कहलाता ह 6[और ऐसी कालाविधय म स हर एक कालाविध ldquoपारीrdquo कहलाती ह]

7[(तत) ldquoिरपोटर की जान योगय कषितrdquo स िकसी गभीर शारीिरक कषित स िभन न ऐसी कषित अिभपरत ह िजसम कषितगरसत िक त की बह र घणट या उसस अिधक की कालाविध क िलए काम स मजबरी क कारण अनपिसथित अनतवरिलत ह या अनतवरिलत होन की पणर अिधसभा ता ह ]

8[(थ) ldquoगमभीर शारीिरक कषितrdquo स कोई ऐसी कषित अिभपरत ह िजसम शरीर क िकसी अवयव या िहसस की या शरीर क िकसी अवयव या िहसस क उपयोग की सथायी हािन या दिष ट या शरवण शिक त की सथायी हािन या उस कषित या कोई सथायी शारीिरक असमथरता या हाथ या पर की िकसी ह ी का या उसक एक या अिधक जोड़ का या उसकी िकनह अगलयिसथय की हि य का िवभग अनतवरिलत ह या अनतवरिलत होन की पणर अिधसभा ता ह

(द) ldquoसप ताहrdquo स शिनवार की राितर को या ऐसी अनय राितर को जो मखय िनरीकषक या िकसी िनरीकषक ारा िकसी िविशष ट कषतर क िलए िलिखत रप म अनमोिदत की जाए मधय राितर को आरमभ होन वाली सात िदन की कालाविध अिभपरत ह ]

9[(2) ऐस िक त की बाबत जो खान म या खान क सबध म काम कर रहा या िनयोिजत ह यह तब कहा जाता ह िक वहmdash

(क) ldquoभिम क नीचrdquo काम कर रहा या िनयोिजत ह जब िक वहmdash

(i) िकसी ऐस कपक म काम कर रहा या िनयोिजत ह जो गलाया जा चका ह या गलाया जा रहा ह अथवा

(ii) िकसी ऐस उतखात म काम कर रहा या िनयोिजत ह िजसका िवसतार उपिसथत भिम क नीच ह तथा

1 1983 क अिधिनयम स० 42 की धारा 2 ारा (31-5-1984 स) खड (ञञञ) का लोप िकया गया 2 1959 क अिधिनयम स० 62 की धारा 2 ारा (16-1-1960 स) अनतःसथािपत 3 1983 क अिधिनयम स० 42 की धारा 2 ारा (31-5-1984 स) कितपय शबद का लोप िकया गया 4 1983 क अिधिनयम स० 42 की धारा 2 ारा (31-5-1984 स) ldquoकोई ठकदारrdquo शबद क सथान पर परितसथािपत 5 1983 क अिधिनयम स० 42 की धारा 2 ारा (31-5-1984 स) खड (ढ) क सथान पर परितसथािपत 6 1959 क अिधिनयम स० 62 की धारा 2 ारा (16-1-1960 स) जोड़ा गया 7 1983 क अिधिनयम स० 42 की धारा 2 ारा (31-5-1984 स) अनतःसथािपत 8 1983 क अिधिनयम स० 42 की धारा 2 ारा (31-5-1984 स) खड (थ) और (द) क सथान पर परितसथािपत 9 1959 क अिधिनयम स० 62 की धारा 2 ारा (16-1-1960 स) अनतःसथािपत

4

(ख) ldquoभिम क ऊपरrdquo काम कर रहा या िनयोिजत ह जब िक वह िकसी िवव खिनत म काम कर रहा ह या िकसी अनय ऐसी रीित स काम कर रहा ह जो खड (क) म िविनिदष ट नह ह ] 1[3 अिधिनयम का कितपय दशा म लाग न होनाmdash(1) 2[धारा 7 8 9 40 45 और 46] म अनतिवष ट उपबनध क

िसवाय इस अिधिनयम क उपबनधmdash

(क) िकसी ऐसी खान या उसक भाग को लाग न ह ग िजसम उतखनन कवल पवकषण क परयोजन क िलए न िक उपयोग या िवकरय क िलए खिनज की अिभपरािप त क परयोजन क िलए िकया जा रहा हो

परनत यह तब जब िकmdash

(i) ऐस िकसी उतखनन क समबनध म िकसी एक िदन म बीस स अिधक िक त िनयोिजत न ह ]

(ii) उतखात क उच चतम िबनद स उसक िनम नतम िबनद तक नापी गई उतखात की गहराई कह भी छह मीटर स या कोयल क िलए उतखनन की दशा म पनदरह मीटर स अिधक न हो तथा

(iii) ऐस उतखान क िकसी भी भाग का िवसतार उपिरसथ भिम क नीच न हो (ख) िकसी ऐसी खान को लाग न ह ग जो ककड़ मोरम लटराइट ढोका वजरी िशिगल (साचाबाल काचबाल

और अनय खिनज बाल को अपिवजत करत हए) मामली बाल (कओिलन चीनी िम ी श वत मि का या अिग नसह मि का को अपविजत करत हए) मामली मि का इमारती पतथर 3[सलट] सड़क-िम ी िम ी मलतानी िम ी 3[मालर चाक] और चनाशम िनकालन म लगी हो

परनत यह तब जब िकmdash

(i) खिनज का िवसतार उपिरस थ भिम क नीच न हो अथवा (ii) जहा िक वह िवव खिनत हो वहाmdash

(क) उतखात क उच चतम िबनद स उसक िनम नतम िबनद तक नापी गई उतखात की गहराई कह भी छह मीटर स अिधक न हो

(ख) िकसी एक िदन िनयोिजत िक तय की सखया पचास स अिधक न हो तथा (ग) उतखनन क समबनध म िवसफोटक परयक त न िकए जात ह

(2) यिद कनदरीय सरकार का समाधान हो जाए िक िकसी खान या उसक िकसी भाग या खान क समह या वगर क समबनध म िव मान पिरिसथितय को धयान म रखत हए ऐसा करना आवशयक या वाछनीय ह तो वह उपधारा (1) म अनतिवष ट िकसी बात क होत हए भी शासकीय राजपतर म अिधसचना ारा घोिषत कर सकगी िक इस अिधिनयम क उपबनध म स कोई ऐसा उपबनध जो उपधारा (1) म उपविणत नह ह उस खान या उसक भाग को या खान क समह या वगर को या उसम िनयोिजत िक तय क िकसी वगर को लाग होगा

(3) उपधारा (2) म अनतिवष ट उपबनध पर परितकल परभाव डाल िबना यिद उपधारा (1) क खणड (क) या खणड (ख) क परनतक म िविनिदष ट शत म स िकसी की पित उस उपधारा म िनिदष ट िकसी खान क समबनध म िकसी समय न की जाए तो इस अिधिनयम क व उपबनध जो उपधारा (1) म उपविणत नह ह तरत लाग हो जाएग और खान क सवामी अिभकतार या परबनधक का यह कतर होगा िक वह उस पित न होन की इि ला िविहत परािधकारी को िविहत रीित स और िविहत समय क अनदर द ]

4 िदन क समय क परित िनदशmdashइस अिधिनयम म व िनदश जो िदन क समय क परित ह भारतीय मानक समय क परित िनदश ह जो िगरनिवच माधय समय स साढ पाच घट आग ह

परनत िकसी ऐस कषतर क िलए िजसम मामली तौर पर भारतीय मानक समय का अनपालन नह होता कनदरीय सरकारmdash

(क) उस कषतर को िविनिदष ट करन वाल (ख) उस सथानीय माधय समय को जो मामली तौर पर उसम अनपािलत होता ह पिरभािषत करन वाल तथा (ग) उस कषतर म िसथत सब खान या उनम स िकसी म उस समय का अनपालन अनजञात करन वाल िनयम बना सकगी

1 1959 क अिधिनयम स० 62 की धारा 3 ारा (16-1-1960 स) धारा 3 क सथान पर परितसथािपत 2 1983 क अिधिनयम स० 42 की धारा 3 ारा (31-5-1984 स) ldquoधारा 7 8 9 44 45 और 46rdquo क सथान पर परितसथािपत 3 1983 क अिधिनयम स० 42 की धारा 3 ारा (31-5-1984 स) अनतःसथािपत

5

अधयाय 2

िनरीकषक और परमाणकतार सजरन

5 मखय िनरीकषक और िनरीकषकmdash(1) कनदरीय सरकार शासकीय राजपतर म अिधसचना ारा ऐस िक त को जो िविहत अहरताए रखता हो उन सब राजयकषतर क िलए िजन पर इस अिधिनयम का िवसतार ह खान का मखय िनरीकषक और ऐस िक तय को जो िविहत अहरताए रखत ह मखय िनरीकषक क अधीनसथ खान क िनरीकषक िनयक त कर सकगी

(2) कोई भी िक त जो भारत म िकसी खान या खनन अिधकार म परतयकषतः या अपरतयकषतः िहतब हो या हो जाए मखय िनरीकषक या िनरीकषक िनयक त नह िकया जाएगा और न िनयक त िकए जान क पश चात ऐस पद को धारण िकए रहगा

(3) िजला मिजसटरट िनरीकषक की शिक तय का परयोग और कतर का पालन कनदरीय सरकार क साधारण या िवशष आदश 1 क अधयधीन रहत हए कर सकगा

परनत इस उपधारा म की िकसी भी बात स यह न समझा जाएगा िक वह 2[धारा 22 या धारा 22क] या धारा 61 ारा परद शिक तय म स िकसी का परयोग करन क िलए िकसी िजला मिजसटरट को सशक त करती ह

(4) मखय िनरीकषक और सभी िनरीकषक भारतीय दणड सिहता (1860 का 45) क अथर क अनदर लोक सवक समझ जाएग 3[6 िनरीकषक क कतयmdash(1) मखय िनरीकषक कनदरीय सरकार क अनमोदन स आदश ारा उस आदश म नािमत िकसी

िनरीकषक या िविनिदष ट िकसी िनरीकषक वगर को मखय िनरीकषक की इस अिधिनयम क अधीन की शिक तय म स (अपील सबधी शिक तय स िभन न) ऐसी शिक तय का िजनह वह िविनिदष ट कर ऐस िनबधन या शत क अधयधीन रहत हए िजनह अिधरोिपत करना वह ठीक समझ परयोग करन क िलए परािधकत कर सकगा

(2) मखय िनरीकषक इस अिधिनयम क अधीन िनरीकषक को परद िकसी शिक त का परयोग िलिखत आदश ारा उस आदश म नािमत िकसी िनरीकषक या िविनिदष ट िकसी िनरीकषक वगर ारा िकया जाना परितिष या िनबरिनधत कर सकगा

(3) मखय िनरीकषक इस धारा म अनतिवष ट अनय उपबनध क अधयधीन रहत हए ऐस सथानीय कषतर या कषतर को िजनक अनदर और खान क उस समह या वगर की िजसक बार म िनरीकषक अपनी-अपनी शिक तय का परयोग करग घोिषत करगा ]

7 खान क िनरीकषक की शिक तयाmdash(1) मखय िनरीकषक और कोई िनरीकषकmdash

(क) ऐसी परीकषा और जाच सकगा जसी वह यह अिभिनिश चत करन क िलए ठीक समझ िक कया इस अिधिनयम क और िविनयम िनयम और उपिविधय क और तद धीन िकए गए िकनह आदश क उपबनध का अनपालन िकसी खान क बार म िकया जाता ह

(ख) ऐस सहायक क साथ यिद कोई ह िजनह वह ठीक समझ िदन या राितर म िकसी भी समय िकसी खान या उसक भाग म परवश उसका िनरीकषण और उसकी परीकषा कर सकगा

परनत इस खड ारा परद शिक त का ऐसी िसथित स परयोग नह िकया जाएगा िजसस खान क कायरकरण म अयिक तयक त अड़चन या बाधा पड़

(ग) िकसी खान या उसक िकसी भाग की िसथित और दशा खान क सवातन खान क सबध म ततसमय परव उपिविधय की पयारप तता और खान म िनयोिजत िक तय क सवासथय कषम और कलयाण स ससक त या सब सब मामल और बात की परीकषा और उनक बार म जाच कर सकगा और चाह खान की परसीमा पर या अनयतर िकसी िक त क ऐस कथन िजनह वह इस अिधिनयम क परयोजन को कायारिनवत करन क िलए आवशयक समझ ल सकगा

(घ) अनय ऐसी शिक तय का परयोग कर सकगा जो कनदरीय सरकार ारा इस िनिम बनाए गए िविनयम ारा िविहत की जाए

परनत इस उपधारा क अधीन कोई भी िक त िकसी ऐस परश न का उ र दन या कोई ऐसा कथन करन क िलए िववश न िकया जाएगा िजसकी परवि उस अपराध म फसान की हो

(2) मखय िनरीकषक और कोई िनरीकषक यिद उनक पास इस धारा क अधीन िकसी िनरीकषण परीकषा या जाच क पिरणामसवरप यह िवश वास करन का कारण हो िक इस अिधिनयम क अधीन कोई अपराध िकया गया ह या िकया जा रहा ह िकसी सथान की तलाशी ल सकगा और खान स समब 4[िकसी सामगरी या िकसी रखाक खडिचतर रिजसटर या अनय अिभलख को] कबज म ल सकगा और 5[दड परिकरया सिहता 1973 (1973 का 2)] क उपबनध जहा तक लाग हो सकत ह इस अिधिनयम क अधीन िकसी

1 ऐस आदश क िलए दिखए भारत का राजपतर (अगरजी) 1953 भाग 2 खड 3 प 1530 2 1983 क अिधिनयम स० 42 की धारा 4 ारा (31-5-1984 स) ldquoधारा 22rdquo क सथान पर परितसथािपत 3 1959 क अिधिनयम स० 62 की धारा 4 ारा (16-1-1960 स) धारा 6 क सथान पर परितसथािपत 4 1959 क अिधिनयम स० 62 की धारा 5 ारा (16-1-1960 स) ldquoिकसी रिजसटर या अनय अिभलख कोrdquo शबद क सथान पर परितसथािपत 5 1983 क अिधिनयम स० 42 की धारा 5 ारा (31-5-1984 स) ldquoदणड परिकरया सिहता 1898 (1898 का 5)rdquo क सथान पर परितसथािपत

6

तलाशी और अिभगरहण को ऐस ही लाग ह ग जस व उस सिहता की 1[धारा 94] क अधीन िनकाल गए वारट क परािधकार क अधीन की िकसी तलाशी या अिभगरहण को लाग होत ह

8 िवशष आिफसर की परवश करन मापन आिद की शिक तयाmdashसरकार की सवा म का कोई भी िक त िजस मखय िनरीकषक या िनरीकषक न िलिखत रप म िवशष आदश ारा इस िनिम समयक रप स परािधकत िकया हो खान क परबनधक को ऐसी सचना दन क पश चात जो तीन िदन स कम की न हो 2[िकसी खान या उसम क िकसी उतपाद का सवकषण तलमापन] या मापन करन क परयोजन क िलए उसम परवश कर सकगा और िदन या राितर म िकसी भी समय खान या उसक िकसी भाग 2[या उसम क िकसी उतपाद] का सवकषण तलमापन या मापन कर सकगा

परनत जहा िक मखय िनरीकषक या िकसी िनरीकषक की राय म कोई आपात िव मान हो वहा वह िलिखत आदश ारा िकसी ऐस िक त को परािधकत कर सकगा िक वह ऐसी कोई सचना िदए िबना पव क त म स िकसी परयोजन क िलए खान म परवश कर

9 िनरीकषक को दी जान वाली सिवधाएmdashखान का हर सवामी अिभकतार और परबनधक मखय िनरीकषक और हर िनरीकषक को और धारा 8 क अधीन परािधकत हर िक त को इस अिधिनयम क अधीन कोई परवश िनरीकषण सवकषण मापन परीकषा या जाच करन क िलए सब यिक तयक त सिवधाए दगा

3[9क उपजीिवकाजनय सवासथय सवकषण क िलए दी जान वाली सिवधाएmdash(1) मखय िनरीकषक या िनरीकषक या उसक ारा इस िनिम िलिखत रप म परािधकत कोई अनय परािधकारी खान क सामानय कायर समय क दौरान िकसी भी समय या िदन या राितर म िकसी भी समय जब आवशयक हो खान क परबनधक को िलिखत सचना दन क पश चात खान म कषतर और उपजीिवकाजनय सवासथय सवकषण कर सकगा और खान का सवामी अिभकतार या परबनधक ऐस िनरीकषक या अिधकारी को सभी आवशयक सिवधाए िजनक अनतगरत सवकषण स सबिधत नमन और अनय आकड़ क सगरहण क िलए तथा सवकषण क िलए चन गए खान म िनयोिजत िकसी िक त क पिरवहन और परीकषा क िलए समय और मशीनरी की परीकषा और परख क िलए सिवधाए भी ह दगा

(2) खान म िनयोिजत परतयक ऐसा िक त जो उपधारा (1) क अधीन िकसी कषम और उपजीिवकाजनय सवासथय सवकषण म परीकषा क िलए चना गया ह ऐसी परीकषा क िलए और ऐस सथान पर जो आवशयक ह सवय को परसतत करगा और उक त सवकषण क समबनध म अपन काम और सवासथय क बार म सब जानकारी दगा

(3) खान म िनयोिजत िकसी िक त ारा जो कषम और उपजीिवकाजनय सवासथय सवकषण म परीकषा क िलए चना गया ह तीत िकए गए समय को उसक काम क समय म िगना जाएगा िकनत इस परकार िक िकसी अितकाल का सदाय मजदरी की मामली दर

स िकया जाएगा

सपष टीकरणmdashइस उपधारा क परयोजन क िलए ldquoमजदरी की मामली दरrdquo स वह आधािरक मजदरी तथा कोई महगाई भ ा और अिधभिम भ ा तथा नकद परितकर अिभपरत ह िजसक अनतगरत खा ान न और खा तल क िनःशलक िवतरण क माधयम स परोदभत होन वाला ऐसा परितकर यिद कोई हो भी ह िजसक िलए खान म िनयोिजत िक त ततसमय हकदार हो िकनत इसक अनतगरत बोनस (उतपादन क िलए परोतसाहन क रप म िदए जान वाल बोनस स िभन न) या कोई ऐसा परितकर नह ह जो िनःशलक आवास कोयल क िनःशलक परदाय िचिकतसा और शकषिणक सिवधा बीमारी भ ा िम ी क तल क परदाय टोिकिरय औजार और विदय जसी सख-सिवधा की वसथा क माधयम स परोदभत होता ह

(4) ऐसा कोई िक त िजसकी उपधारा (2) क अधीन परीकषा की जान पर उस कतर का िनवरहन करन क िलए िचिकतसकदष ट या अयोगय पाया जाता ह िजस कतर का िनवरहन वह सवय क परसतत िकए जान क ठीक पहल िकसी खान म कर रहा था सवामी अिभकतार और परबधक क खचर पर िचिकतसीय उपचार पान का हकदार होगा और ऐस उपचार की अविध क दौरान उस परी मजदरी दी जाएगी

(5) यिद िचिकतसालय उपचार क पश चात उपधारा (4) म िनिदष ट िकसी िक त को उस कतर का िनवरहन करन क िलए िचिकतसकदष ट या अयोगय घोिषत कर िदया जाता ह िजसका िनवरहन वह उक त परीकषा क िलए सवय क परसतत िकए जान क ठीक पहल िकसी खान म कर रहा था और ऐसी अयोगयता ऐस परसतत होन क पवर खान म उसक िनयोजन क कारण परतयकषतः हई मानी जा सकती ह तो सवामी अिभकतार और परबधक ऐस िक त को खान म ऐसा आनकिलपक िनयोजक दग िजसक िलए वह िचिकतसकदष ट या योगय ह

परनत जहा ऐसा कोई आनकिलपक िनयोजन तरनत उपलबध नह ह वहा सवामी अिभकतार और परबनधक ारा ऐस िक त को इस िनिम िविहत दर क अनसार अवधािरत िनय गयता भ ा िदया जाएगा

परनत यह और िक जहा ऐसा िक त खान क अपन िनयोजन को छोड़न का िविनश चय करता ह वहा उस सवामी अिभकतार और परबनधक ारा इस िनिम िविहत दर क अनसार अवधािरत एकमशत रकम िनय गयता परितकर क रप म सद की जाएगी

1 1983 क अिधिनयम स० 42 की धारा 5 ारा (31-5-1984 स) ldquoधारा 98rdquo क सथान पर परितसथािपत 2 1983 क अिधिनयम स० 42 की धारा 6 ारा (31-5-1984 स) अनतःसथािपत 3 1983 क अिधिनयम स० 42 की धारा 7 ारा (31-5-1984 स) अनतःसथािपत

7

(6) उपधारा (5) क परनतक क अधीन दर का अवधारण कमरचािरय की मािसक मजदरी िनय गयता की परकित और अनय सब बात को धयान म रखत हए िकया जाएगा ]

10 अिभपराप त जानकारी की गोपनीयताmdash(1) िकसी खान स सब रिजसटर या अनय अिभलख की सब परितय और उनम क उ रण और अनय सब जानकारी को जो मखय िनरीकषक या िनरीकषक ारा या उसकी सहायता करन वाल िक त ारा इस अिधिनयम क अधीन िकसी खान क िनरीकषण 1[या सवकषण] क अनकरम म अिजत की गई हो या धारा 8 1[या धारा 9क] क अधीन परािधकत िकसी िक त ारा तद धीन अपन कतर क पालन म अिजत की गई हो गोपनीय माना जाएगा और जब तक िक मखय िनरीकषक या िनरीकषक उसका परकटन उस खान म या उसक पा रसथ िकसी अनय खान म िनयोिजत िकसी िक त का सवासथय कषम या कलयाण सिनिश चत करन क िलए आवशयक न समझ वह िकसी िक त या परािधकारी को परकट नह की जाएगी

(2) उपधारा (1) की कोई भी बात ऐसी िकसी जानकारी क ऐस परकटन को (यिद ऐस परकटन की अपकषा की गई हो) लाग न होगी जो िनम निलिखत म स िकसी को िकया जाएmdash

(क) कोई नयायालय 2[(ख) यथािसथित धारा 12 या धारा 24 क अधीन गिठत या िनयक त सिमित या जाच नयायालय ] (ग) पदीय विरष ठ या सयक त खान का सवामी अिभकतार या परबनधक (घ) कमरकार परितकर अिधिनयम 1923 (1923 का 8) क अधीन िनयक त कमरकार परितकर आयक त 3[(ङ) भारतीय खान बयरो का िनयतरक

(च) कोई रिजसटरीकत या मानयतापराप त वसाय सघ (छ) ऐसा अनय अिधकारी परािधकारी या सगठन जो कनदरीय सरकार ारा इस िनिम िविनिदष ट िकया जाए ]

(3) यिद मखय िनरीकषक या उपधारा (1) म िनिदष ट कोई अनय िक त पव क त जसी िकसी जानकारी को कनदरीय सरकार की सममित क िबना इस धारा क उपबनध क परितकल परकट करगा तो वह कारावास स िजसकी अविध एक वषर तक की हो सकगी या जमारन स या दोन स दणडनीय होगा

(4) कोई भी नयायालय इस धारा क अधीन क िकसी अपराध क िवचारण क िलए कायरवाही कनदरीय सरकार की पवर मजरी स करन क िसवाय नह करगा

11 परमाणकतार सजरनmdash(1) कनदरीय सरकार अिहत िचिकतसा- वसाियय को ऐसी सथानीय सीमा क अनदर या ऐसी खान या खान क वगर या परकार क िलए िजनह वह उनह करमशः समनिदष ट कर इस अिधिनयम क परयोजन क िलए परमाणकतार सजरन िनयक त कर सकगी

(2) ऐसी शत क अधयधीन रहत हए जसी कनदरीय सरकार अिधरोिपत करना ठीक समझ परमाणकतार सजरन िकसी भी अिहत िचिकतसा वसायी को ऐसी कालाविध क िलए जो परमाणकतार सजरन िविनिदष ट कर इस अिधिनयम क अधीन की अपनी सब शिक तय का या उनम स िकसी का परयोग करन क िलए कनदरीय सरकार क अनमोदन स परािधकत कर सकगा और यह समझा जाएगा िक परमाणकतार सजरन क परित िनदश क अनतगरत परािधकत िकए गए अिहत िचिकतसा वसायी क परित िनदश आत ह

(3) कोई भी िक त जो खान का सवामी अिभकतार या परबनधक हो या हो जाए या उसम चलाई जा रही िकसी परिकरया या कारबार म या उसस ससक त िकसी पटनट या मशीनरी म परतयकषतः या अपरतयकषतः िहतब हो या हो जाए या अनयथा खान क िनयोजन म हो न तो परमाणकतार सजरन िनयक त िकया जाएगा और न परमाणकतार सजरन की शिक तय का परयोग करन क िलए परािधकत िकया जाएगा और न ऐस िनयोिजत या परािधकत िकए जान क पश चात ऐसी शिक तय का परयोग करगा

(4) परमाणकतार सजरन ऐस कतर का पालन करगा जो िनम निलिखत क सबध म िविहत िकए जाए mdash 4

(ख) खान म ऐसी सकटपणर उपजीिवका या परिकरया या परिकरया म जसी िविहत की जाए लग हए िक तय की परीकषा

(ग) ऐसा िचिकतसीय परीकषण जसा िकसी ऐसी खान या खान क िकसी ऐस वगर या परकार क िलए िविहत िकया जाए िजसमmdash

(i) रगणता क ऐस मामल हए ह िजनक बार म यह िवश वास करना यिक तयक त हो िक य खान म चलाई जान वाली िकसी परिकरया की परकित या खान म काम की अनय पिरिसथितय क कारण हए ह

4

1 1983 क अिधिनयम स० 42 की धारा 8 ारा (31-5-1984 स) अनतःसथािपत 2 1983 क अिधिनयम स० 42 की धारा 8 ारा (31-5-1984 स) खड (ख) क सथान पर परितसथािपत 3 1983 क अिधिनयम स० 42 की धारा 8 ारा (31-5-1984 स) खड (ङ) क सथान पर परितसथािपत 4 1983 क अिधिनयम स० 42 की धारा 9 ारा (31-5-1984 स) खड (क) और खड (ग) क उपखड (ii) का लोप िकया गया

8

अधयाय 3

1[सिमितया 12 सिमितयाmdash(1) कनदरीय सरकार ऐसी तारीख स जो वह सरकार राजपतर म अिधसचना ारा इस िनिम िविनिदष ट

कर इस अिधिनयम क परयोजन क िलए एक सिमित गिठत करगी जो िनम निलिखत स िमलकर बनगी mdash

(क) मखय िनरीकषक या िनरीकषक स िभन न सरकार की सवा म का एक िक त जो अधयकष क रप स कायर करन क िलए कनदरीय सरकार ारा िनयक त िकया जाए

(ख) खान का मखय िनरीकषक

(ग) खनक क िहत का परितिनिधतव करन क िलए दो िक त जो कनदरीय सरकार ारा िनयक त िकए जाए

(घ) खान क सवािमय क िहत का परितिनिधतव करन क िलए दो िक त जो कनदरीय सरकार ारा िनयक त िकए जाए

(ङ) दो अिहत खनन इजीिनयर जो सीध खनन उ ोग म िनयोिजत नह ह और जो कनदरीय सरकार ारा िनयक त िकए जाए

परनत खड (ग) क अधीन िनयक त िकए गए िक तय म स कम स कम एक कोयला खान म क कमरकार क िहत का परितिनिधतव करन क िलए और खड (घ) क अधीन िनयक त िक तय म स कम स कम एक कोयला खान क सवािमय क िहत का परितिनिधतव करन क िलए होगा

(2) उपधारा (1) की ापकता पर परितकल परभाव डाल िबना कनदरीय सरकार उन राजयकषतर क िजन पर इस अिधिनयम का िवसतार ह िकसी भाग या िकसी खान या खान क समह स समबिनधत िविनिदष ट िवषय क समबनध म काररवाई करन क िलए एक या अिधक सिमितय का गठन कर सकगी और उनक सदसय की िनयिक त कर सकगी और उपधारा (1) क उपबनध (उसक परनतक को छोड़कर) इस उपधारा क अधीन िकसी सिमित क गठन क िलए वस ही लाग ह ग जस व उस उपधारा क अधीन िकसी सिमित क गठन क िलए लाग होत ह

(3) सिमित का कोई कायर या कायरवाही मातर इस कारण स अिविधमानय नह होगी िक उसक सदसय म कोई िरिक त िव मान ह या उसक गठन म कोई तरिट ह

13 सिमित क कतयmdash(1) धारा 12 की उपधारा (1) क अधीन गिठत सिमितmdash

(क) इस अिधिनयम क अधीन िनयम और िविनयम बनान क िलए परसथापना पर िवचार करगी और कनदरीय सरकार को समिचत िसफािरश करगी

(ख) ऐसी दघरटना या ऐस अनय िवषय की जो कनदरीय सरकार ारा समय-समय पर उस िनिदष ट िकए जाए जाच करगी और उन पर िरपोटर दगी और

(ग) उपधारा (2) क उपबनध क अधीन रहत हए इस अिधिनयम या उसक अधीन बनाए गए िविनयम िनयम या उपिविधय क अधीन सचना या आदश क िवर ऐसी अपील या आकषप की जो इस अिधिनयम ारा उस िनदिशत िकए जान क िलए अपिकषत ह या जो िविहत िकए जाए सनवाई और िविनश चय करगी

(2) मखय िनरीकषक अपन ारा िकए गए िकसी आदश या जारी की गई िकसी सचना क िवर िकसी अपील या आकषप की बाबत सिमित की कायरवािहय म भाग नह लगा या ऐसी अपील या आकषप स सबिधत िकसी िवषय क सबध म सिमित क सदसय क रप म कायर नह करगा

14 सिमितय की शिक तया आिदmdash(1) धारा 12 क अधीन गिठत सिमित इस अिधिनयम क अधीन की िनरीकषण की ऐसी शिक तय का परयोग कर सकगी िजनका परयोग करना वह इस अिधिनयम क अधीन अपन कतय का िनवरहन करन क परयोजन क िलए आवशयक या समीचीन समझ

(2) धारा 12 क अधीन गिठत सिमित को अपन कतय का िनवरहन करन क परयोजन क िलए वसी ही शिक तया ह गी जो िनम निलिखत िवषय की बाबत िकसी वाद का िवचारण करत समय िसिवल परिकरया सिहता 1908 (1908 का 5) क अधीन नयायालय म िनिहत होती ह अथारत mdash

(क) परकटीकरण और िनरीकषण

(ख) िकसी िक त को हािजर कराना और शपथ पर उसकी परीकषा करना

(ग) दसतावज क पश िकए जान क िलए िववश करना

1 1983 क अिधिनयम स० 42 की धारा 10 ारा (31-5-1984 स) ldquoखनन बोडर और सिमितयाrdquo शीषर और धारा 12 13 और 14 क सथान पर परितसथािपत

9

(घ) ऐस अनय िवषय जो िविहत िकए जाए ]

15 य की वसलीmdashकनदरीय सरकार िनदश द सकगी िक 1[धारा 12 क अधीन गिठत सिमित] ारा सचािलत िकसी जाच क य सयक त खान क सवामी या अिभकतार ारा पणरतः या भागतः वहन िकए जाएग और इस परकार सद िकए जान क िलए िनिदष ट रकम उस सथान म जहा खान िसथत हो या जहा ऐसा सवामी या अिभकतार ततसमय िनवास करता हो अिधकािरता रखन वाल मिजसटरट स मखय िनरीकषक या िनरीकषक ारा आवदन िकए जान पर मिजसटरट की अिधकािरता की सीमा क अनदर की िकसी जगम सपि क जो ऐस सवामी या अिभकतार की हो करसथम या िवकरय ारा वसल की जा सकगी

परनत यह तब जब िक सवामी या अिभकतार न रकम का सदाय कनदरीय सरकार स या खान क मखय िनरीकषक स सचना की परािप त की तारीख स छह सप ताह क अनदर न िकया हो

अधयाय 4

खनन सिकरयाए और खान का परबनध

16 खनन सिकरया की सचना का िदया जानाmdash(1) खान क सवामी अिभकतार या परबनधक िकसी खनन सिकरया क परारमभ िकए जान क पवर मखय िनरीकषक की भारतीय खान बयरो क 2[िनयतरक] को और उस िजल क िजसम खान िसथत हो िजला मिजसटरट को ऐस पररप म और खान सबधी ऐसी िविशिष टय को जसी िविहत की जाए अनतिवष ट करन वाली िलिखत सचना दगा

(2) उपधारा (1) क अधीन गई कोई सचना इस परकार दी जाएगी िक वह सपक त िक तय क पास िकसी खनन सिकरया क परारमभ िकए जान स कम स कम एक मास पवर पहच जाए

3[17 परबनधकmdash(1) जसा अनयथा िविहत िकया जाए उस छोड़कर हर खान एक परबनधक क अधीन होगी िजसकी िविहत अहरताए ह गी और हर एक खान का सवामी या अिभकतार ऐसी अहरताए रखन वाल िक त को परबनधक िनयक त करगा

परनत सवामी या अिभकतार सवय को परबनधक िनयक त कर सकगा यिद उसक पास िविहत अहरताए ह

(2) ऐस अनदश क अधीन रहत हए जो उस खान क सवामी या अिभकतार ारा या उसकी ओर स िदए जाए परबनधक खान क समपणर परबनध िनयतरण पयरवकषण और िनदशन क िलए उ रदायी होगा और ऐस सब अनदश जब सवामी या अिभकतार ारा िदए जाए तो उनकी तरत िलिखत रप म पिष ट की जाएगी

(3) आपात की दशा क िसवाय खान का सवामी या अिभकतार या उसकी ओर स कोई िक त खान म िनयोिजत िकसी िक त को जो परबनधक क परित उ रदायी ह ऐस अनदश जो उसक काननी कतर की पित पर परभाव डालत ह परबधक क माधयम स ही दगा अनयथा नह

18 सवािमय अिभकतार और परबनधक क कतर और उ रदाियतवmdash(1) हर खान क सवामी और अिभकतार म स परतयक इस अिधिनयम और उसक अधीन बनाए गए िविनयम िनयम उपिविधय और आदश क उपबनध क अनपालन क िलए िव ीय और अनय उपबनध करन क िलए तथा ऐसी अनय काररवाई करन क िलए जो आवशयक हो उ रदायी होगा

(2) धारा 58 क खड (घ) खड (ङ) और खड (त) क अधीन बनाए गए िनयम म उपबिनधत िवषय की बाबत उ रदाियतव का िनवरहन अननयतः खान क सवामी और अिभकतार ारा और ऐस िक त (जो परबनधक स िभन न ह) िजस सवामी या अिभकतार पव क त उपबनध का अनपालन सिनिश चत करन क िलए िनयक त कर िकया जाएगा

(3) यिद उपधारा (2) क अधीन िदए गए िकनह अनदश या धारा 17 की उपधारा (3) क अधीन परबनधक की माफर त स अनयथा िदए गए िकनह अनदश क िकरयािनवत िकए जान क पिरणामसवरप इस अिधिनयम क या उसक अधीन बनाए गए िविनयम िनयम उपिविधय या आदश क उपबनध का उललघन होता ह तो ऐस अनदश दन वाला परतयक िक त भी समपक त उपबनध क उललघन क िलए िजममदार होगा

(4) उपधारा (1) उपधारा (2) और उपधारा (3) क उपबनध क अधीन रहत हए हर खान क सवामी अिभकतार और परबनधक म स परतयक इस बात क िलए उ रदायी होगा िक खान क समबनध म चलाई जा रही सब सिकरयाए इस अिधिनयम और उसक अधीन बनाए गए िविनयम िनयम उपिविधय और आदश क उपबनध क अनसार चलाई जाए

(5) इस अिधिनयम या उसक अधीन बनाए गए िविनयम िनयम उपिविधय या आदश क उपबनध म स उन उपबनध क िसवाय जो िकसी िक त स कोई कायर या बात करन की या िकसी िक त को कोई कायर या बात करन स परितिष करन की िविनिदष ट रप स अपकषा करत ह िकसी उपबनध का िकसी भी िक त ारा कोई उललघन होन की दशा म उस िक त क अितिरक त िजसन उललघन िकया ह िनम निलिखत म स परतयक िक त भी ऐस उललघन होन का दोषी माना जाएगा जब तक िक वह यह सािबत नह कर दता ह िक उसन ऐस उपबनध का अनपालन सिनिश चत करन क िलए सब समयक ततपरता बरती थी और ऐस उललघन को रोकन क िलए यिक तयक त उपाय िकए थ mdash

1 1983 क अिधिनयम स० 42 की धारा 11 ारा (31-5-1984 स) कितपय शबद क सथान पर परितसथािपत 2 1983 क अिधिनयम स० 42 की धारा 12 ारा (31-5-1984 स) ldquoिनदशकrdquo क सथान पर परितसथािपत 3 1983 क अिधिनयम स० 42 की धारा 13 ारा (31-5-1984 स) धारा 17 और 18 क सथान पर परितसथािपत

10

(i) वह या व पदधारी िजनको उललघन िकए गए उपबनध की बाबत पयरवकषण क कतर का पालन करन क िलए िनयक त िकया गया था

(ii) खान का परबनधक

(iii) खान का सवामी और अिभकतार

(iv) वह िक त यिद कोई हो जो उपधारा (2) क अधीन उ रदाियतव का िनवरहन करन क िलए िनयक त िकया गया ह

परनत पव क त िक तय म स िकसी क िवर कायरवाही नह की जा सकगी यिद जाच और अनवषण िकए जान पर यह परतीत होता ह िक वह परथमदष ा िजममदार नह ह

(6) इस धारा क अधीन खान क सवामी या अिभकतार क िवर की गई िकसी कररवाई म यह कोई परितवाद नह होगा िक परबनधक और अनय पदधािरय को इस अिधिनयम क उपबनध क अनसार िनयक त िकया गया ह या िक उपधारा (2) क अधीन उ रदाियतव को वहन करन क िलए िकसी िक त की िनयिक त की गई ह ]

अधयाय 5

सवासथय और कषम क िवषय म उपबनध

19 पीन का जलmdash1[(1) हर खान म उसम िनयोिजत सब िक तय क िलए सिवधाजनक रप स िसथत यथोिचत सथान पर ठड और सवासथयपरद पीन क जल क पयारप त परदाय का उपबनध करन और बनाए रखन क िलए परभावी इनतजाम िकया जाएगा

परनत भिम क नीच िनयोिजत िक तय की दशा म मखय िनरीकषक यथोिचत सथान पर पीन क जल का उपबनध िकए जान और बनाए रख जान क बदल म ऐस परदाय क िलए कोई अनय परभावी इनतजाम अनजञात कर सकगा ]

(2) ऐस सब सथान खान म िनयोिजत िक तय की बहसखया ारा समझी जान वाली भाषा म पढ़ जान योगय अकषर म ldquoपीन का जलrdquo पद स अिकत िकए जाएग और ऐसा कोई सथान िकसी धोन क सथान मतरालय या शौचालय क 2[छह मीटर] क अनदर तब क िसवाय न होगा जबिक इसस कम दरी मखय िनरीकषक ारा िलिखत रप म अनमोिदत न कर दी गई हो

(3) सब खान या खान की िकसी वगर या परकार क बार म कनदरीय सरकार उपधारा (1) और (2) क उपबनध का अनपालन सिनिश चत करन क िलए और पीन क जल क परदाय और िवतरण की परीकषा िविहत परािधकािरय ारा की जान क िलए िनयम बना सकगी

20 सफाईmdash(1) हर खान म िविहत परकार क शौचालय और मतरालय का उपबनध परष और मिहला क िलए अलग-अलग पयारप त सखया म िकया जाएगा जो इस परकार िसथत ह ग िक व खान म िनयोिजत िक तय क िलए सब समय पर सिवधाजनक और पहच क अनदर ह

(2) उपधारा (3) क अधीन उपबिनधत सब शौचालय और मतरालय पयारप त परकाशयक त और सवाितत ह ग और हर समय साफ और सवचछता की अवसथा म रख जाएग

(3) कनदरीय सरकार िकसी खान म उपबिनधत िकए जान वाल शौचालय और मतरालय की सखया खान म िनयोिजत परष और मिहला की सखया क अनपात म िविनिदष ट कर सकगी और खान म सवचछता क बार म ऐस अनय मामल क िलए (िजसक अनतगरत खान म िनयोिजत िक तय की इस बार म बाधयताए आती ह) उपबनध कर सकगी जस वह इस परकार िनयोिजत िक तय क सवासथ य क िहत म आवशयक समझ

3[21 िचिकतसीय साधनmdash(1) हर खान म ऐसी अनतवरसत क सिजजत जसी िविहत की जाए पराथिमक उपचार बकस या कबड का उपबनध इस परकार िकया जाएगा और उनह इस परकार बनाए रखा जाएगा िक काम क सब घणट म उन तक आसानी स पहच हो सक

(2) पराथिमक उपचार बकस या कबडर या कमर म िविहत अनतवरसत क िसवाय और कछ भी नह रखा जाएगा

(3) हर पराथिमक उपचार बकस या कबडर िकसी उ रदाियतवपणर िक त क भारसाधन म रखा जाएगा जो ऐस पराथिमक उपचार म परिशिकषत हो जसा िविहत िकया जाए और जो खान क काम क घट म सदा आसानी स उपलभय रहगा

(4) हर खान म उन िक तय को जो उस समय जब व खान म िनयोिजत ह शारीिरक कषित स या रोग स गरसत हो जाए िचिकतसालय या औषधालय तक पहचन क िलए ऐस आसानी स उपयोगय इनतजाम िकए जाएग जस िविहत िकए जाए

1 1959 क अिधिनयम स० 62 की धारा 10 ारा (16-1-1960 स) उपधारा (1) क सथान पर परितसथािपत 2 1983 क अिधिनयम स० 42 की धारा 14 ारा (31-5-1984 स) ldquoबीस फटrdquo क सथान पर परितसथािपत 3 1959 क अिधिनयम स० 62 की धारा 11 ारा (16-1-1960 स) धारा 21 और 22 क सथान पर परितसथािपत

11

(5) हर खान म िजसम डढ़ सौ स अिधक िक त िनयोिजत ह ऐस आकार का ऐस साज सामान स सिजजत और ऐस िचिकतसीय और पिरचयार कमरचािरवनद क भारसाधन म जस िक िविहत िकए जाए एक पराथिमक उपचार कमरा उपबिनधत िकया जाएगा और चाल हालत म रखा जाएगा

22 जब िक सकट क ऐस कारण िव मान ह िजनक िलए कोई अिभ क त उपबनध नह िकया गया ह या जब िक िक तय का िनयोजन सकटपणर हो तब िनरीकषक की शिक तयाmdash(1) यिद िकसी ऐसी बात क बार म िजसक िलए इस अिधिनयम ारा या या क अधीन कोई अिभ क त उपबनध नह िकया गया ह मखय िनरीकषक को या िनरीकषक को यह परतीत हो िक कोई खान या उसका कोई भाग अथवा खान म की या उसस या उसक िनयतरण पयरवकषण परबनध या िनदशन स ससक त कोई बात वसत या प ित मानव जीवन या कषम क िलए सकटपणर ह या इतनी तरिटपणर ह िक उसस यह जोिखम ह या उसकी ऐसी परवि ह िक िकसी िक त को शारीिरक कषित हो तो वह खान क सवामी अिभकतार या परबनधक को उसकी िलिखत सचना द सकगा और सचना म उन िविशिष टय का कथन करगा िजनक बार म वह खान या उसक भाग को या बात वसत या प ित को सकटपणर या तरिटपणर समझता हो और यह अपकषा करगा िक उस इतन समय क अनदर और ऐसी रीित स ठीक कर िदया जाए जो वह उस सचना म िविनिदष ट कर

(1क) जहा िक खान का सवामी अिभकतार या परबनधक उपधारा (1) क अधीन दी गई सचना क िनबनधन का अनपालन उसम िविनिदष ट कालाविध क अनदर करन म असफल रहगा वहा यथािसथित मखय िनरीकषक या िनरीकषक खान या उसक िकसी भाग म या क आसपास िकसी ऐस िक त का िनयोजन िलिखत आदश ारा परितिष कर सकगा िजसका िनयोजन उसकी राय म सचना क िनबनधन का अनपालन सिनिश चत करन क िलए यिक तयक ततः आवशयक न हो

(2) उपधारा (1) म अनतिवष ट उपबनध पर परितकल परभाव डाल िबना यह ह िक यथािसथित मखय िनरीकषक या िनरीकषक खान क सवामी अिभकतार या परबनधक को सबोिधत िलिखत आदश ारा िकसी खान या उसक िकसी भाग म स सतभ या खिनज-खणड का िनकाला जाना या छाटा जाना परितिष कर सकगा यिद उसकी राय म ऐसी सिकरया स सतभ या खिनज-खणड का बठ जाना या खिनज क िकसी भाग का समय पवर ढह जाना सभा हो या उसस खान का या उसम िनयोिजत िक तय क जीवन या कषम का अनयथा सकटापन न हो जाना सभा हो या यिद उसकी राय म खान क िजस भाग म ऐसी सिकरया अनधयात हो उसम आग लगन या जलपलावन क िवर यथायोगय उपबनध उसको महरबनद और अलग करन क िलए उपबनध करक और जो कषतर आग या जलपलावन स परभािवत हो सकता हो उस पिरिमत करन क िलए उपबनध करक न िकया गया हो

(3) यिद मखय िनरीकषक या उसक ारा िलिखत रप म साधारण या िवशष आदश ारा इस िनिम परािधकत िनरीकषक की यह राय हो िक िकसी खान म या उसक िकसी भाग म िनयोिजत िकसी िक त क जीवन या कषम को अजनट या आसन न सकट ह तो वह अपनी राय क कारण का कथन अनतिवष ट करन वाल िलिखत आदश ारा खान क िकसी भाग म या क आसपास िकसी ऐस िक त का िनयोजन िजसका िनयोजन सकट दर करन क िलए उसकी राय म यिक तयक ततः आवशयक न हो तब तक क िलए परितिष कर सकगा 1[जब तक उसका यह समाधान न हो जाए िक वह सकट दर हो गया ह]

2[(3क) ऐसा परतयक िक त िजसका िनयोजन उपधारा (1क) या उपधारा (3) क अधीन परितिष ह उस अविध क िलए िजसक िलए वह यिद परितषध न होता तो िनयोजन म होता पणर मजदरी का सदाय पान का हकदार होगा और सवामी अिभकतार या परबनधक उस िक त को ऐसी पणर मजदरी क सदाय क िलए िजममदार होगा

परनत सवामी अिभकतार या परबनधक ऐसी पणर मजदरी का सदाय करन क बजाय ऐस िक त को उसी मजदरी पर आनकिलपक िनयोजन की वसथा कर सकगा जो ऐसा िक त उस िनयोजन म पराप त कर रहा था िजस परितिष कर िदया गया था ]

(4) जहा िक िनरीकषक ारा उपधारा (1) क अधीन कोई सचना दी गई हो या उसक ारा उपधारा (1क) उपधारा (2) या उपधारा (3) क अधीन कोई आदश िकया गया हो वहा खान का सवामी अिभकतार या परबनधक यथािसथित सचना या आदश की परािप त क पश चात दस िदन क अनदर उसक िखलाफ अपील मख य िनरीकषक को कर सकगा जो सचना या आदश को पष ट उपानतिरत या र कर सकगा

(5) उपधारा (1) क अधीन सचना भजन वाला या उपधारा (1क) या उपधारा (2) या उपधारा (3) क अधीन आदश करन वाला मखय िनरीकषक या िनरीकषक और उपधारा (4) क अधीन आदश (जो अपील म िकए गए र करन क आदश स िभन न हो) करन वाला मखय िनरीकषक उसकी िरपोटर ततकाल कनदरीय सरकार को दगा

(6) यिद खान का सवामी अिभकतार या परबनधक मखय िनरीकषक ारा उपधारा (1) क अधीन भजी गई सचना या उपधारा (1क) या उपधारा (2) या उपधारा (3) या उपधारा (4) क अधीन मखय िनरीकषक ारा िकए गए आदश पर आकषप कर तो वह यथािसथित आकषप अनतिवष ट करन वाली सचना की या आदश की परािप त क पश चात या अपील क िविनश चय की तारीख क पश चात बीस िदन क अनदर आकषप क आधार का कथन करत हए अपना िलिखत आकषप कनदरीय सरकार को भज सकगा 3[जो सामानयतः आकषप की परािप त की तारीख स दो मास की अविध क भीतर उस एक सिमित को िनदिशत कर दगी ]

1 1983 क अिधिनयम स० 42 की धारा 15 ारा (31-5-1984 स) ldquoजब तक वह सकट दर न हो जाएrdquo शबद क सथान पर परितसथािपत 2 1983 क अिधिनयम स० 42 की धारा 15 ारा (31-5-1984 स) अनतःसथािपत 3 1983 क अिधिनयम स० 42 की धारा 15 ारा (31-5-1984 स) ldquoजो िनदिशत करगीrdquo शबद क सथान पर परितसथािपत

12

(7) उपधारा (1) क अधीन की हर सचना का या उपधारा (1क) उपधारा (2) उपधारा (3) या उपधारा (4) क अधीन क हर आदश का िजस पर उपधारा (6) क अधीन आकषप िकया गया हो अनपालन सिमित का िविनश चय खान म पराप त होन तक िकया जाएगा

परनत सिमित उपधारा (1) क अधीन की 1[सचना] का परवतरन सवामी अिभकतार या परबनधक क आवदन पर तब तक क िलए िनलिमबत कर सकगी जब तक आकषप पर उसका अपना िविनश चय न हो जाए

(8) इस धारा की कोई भी बात 2दणड परिकरया सिहता 1898 (1898 का 5) की धारा 144 क अधीन की मिजसटरट की शिक तय पर परभाव नह डालगी ]

3[22क कछ दशा म िनयोजन का परितषध करन की शिक तmdash(1) जहा सरकषा स सबिधत िकसी बात क बार म िजसक िलए इस अिधिनयम ारा या उसक अधीन अिभ क त उपबनध िकया गया ह खान का सवामी अिभकतार या परबनधक ऐस उपबनध का अनपालन करन म असफल रहता ह वहा मखय िनरीकषक यह अपकषा करन वाली िलिखत सचना द सकगा िक उसका उतन समय क भीतर जो वह सचना म िविनिदष ट कर या समय की उतनी बढ़ाई गई अविध क भीतर जो वह उसक पश चात समय-समय पर िविनिदष ट कर अनपालन िकया जाए

(2) जहा सवामी अिभकतार या परबनधक उपधारा (1) क अधीन दी गई सचना क िनबनधन का यथािसथित ऐसी सचना म िविनिदष ट अविध क भीतर या उस उपधारा क अधीन िविनिदष ट समय की बढ़ाई गई अविध क भीतर अनपालन करन म असफल रहता ह वहा मखय िनरीकषक खान म या उसक िकसी भाग म या उसक आसपास िकसी ऐस िक त का िनयोजन िलिखत आदश ारा परितिष कर सकगा िजसका िनयोजन उसकी राय म सचना क िनबनधन का अनपालन सिनिश चत करन क िलए यिक तयक त तौर पर आवशयक न हो

(3) परतयक ऐसा िक त िजसका िनयोजन उपधारा (2) क अधीन परितिष िकया जाता ह उस अविध की पणर मजदरी का सदाय पान का हकदार होगा िजसक िलए वह यिद परितषध न हआ होता तो िनयोजन म होता और सवामी अिभकतार या परबनधक उस

िक त को ऐसी पणर मजदरी क सदाय क िलए दायी होगा

परनत सवामी अिभकतार या परबनधक ऐसी पणर मजदरी दन बजाय ऐस िक त को उसी मजदरी पर आनकिलपक िनयोजन द सकगा जो ऐसा िक त उस िनयोजन म पराप त कर रहा था जो उपधारा (2) क अधीन परितिष िकया गया था

(4) धारा 22 की उपधारा (5) उपधारा (6) और उपधारा (7) क उपबनध इस धारा की उपधारा (1) क अधीन जारी की गई िकसी सचना या उपधारा (2) क अधीन िकए गए िकसी आदश क समबनध म उसी परकार लाग ह ग जस व उस धारा की उपधारा (1) क अधीन सचना या उपधारा (1क) क अधीन आदश क सबध म लाग होत ह ]

23 दघरटना की सचना का िदया जानाmdash4[(1) जब िकसी खान म या उसक आसपासmdash

(क) कोई ऐसी दघरटना हो जाए िजसस जीवन की हािन या गमभीर शारीिरक कषित कािरत हई हो अथवा

(ख) िवसफोट जवलन सवतः तपन या आग लग जाना या जल या अनय दरव-पदाथर का फट िनकलना या सवग अनतपररवश घिटत हो जाए अथवा

(ग) जवलनशील या अपायकर गस का अनतवारह घिटत हो जाए अथवा

(घ) िजन रसस जजीर या अनय िगयर स िक त या सामगरी कपक या आनित म उतारी या वहा स उठाई जाती ह उनका टट जाना घिटत हो जाए अथवा

(ङ) िकसी कपक म िपजर या अनय परवहण-साधन अतयिधक लपट तब खा जाए जब िक त या सामगरी उतारी या उठाई जा रही हो अथवा

(च) खिनत का कोई भाग समय-पवर ढह जाए अथवा

(छ) कोई अनय दघरटना जो िविहत की जाए घिटत हो जाए

तब खान का सवामी अिभकतार या परबनधक उस घटना की सचना ऐस परािधकारी को ऐस पररप म और ऐस समय क अनदर दगा जो िविहत िकया जाए और साथ ही साथ वह सचना की एक परित ऐस सथान पर जहा उसका िनरीकषण वसाय सघ क पदधािरय ारा िकया जा सक िविहत रीित म एक िवशष सचना प पर लगाएगा और सिनिश चत करगा की वह सचना ऐस लगाए जान की तारीख स कम स कम चौदह िदन तक प पर लगी रह ]

1 1983 क अिधिनयम स० 42 की धारा 15 ारा (31-5-1984 स) ldquoअधयपकषाrdquo शबद क सथान पर परितसथािपत 2 अब दिखए दड परिकरया सिहता 1973 (1974 का 2) 3 1983 क अिधिनयम स० 42 की धारा 16 ारा (31-5-1984 स) अनतःसथािपत 4 1959 क अिधिनयम स० 62 की धारा 12 ारा (16-1-1960 स) उपधारा (1) क सथान पर परितसथािपत

13

1[(1क) जब कभी खान म या उसक आसपास कोई ऐसी दघरटना हो जाए िजसस िकसी िक त को िरपोटर की जान योगय कोई कषित कािरत हई हो तो खान का सवामी अिभकतार या परबनधक ऐसी दघरटना को एक रिजसटर म िविहत पररप म परिवष ट करगा और ऐसी परिविष टय की परितया ितमाही म एक बार मखय िनरीकषक को दी जाएगी ]

(2) जहा िक उपधारा (1) क अधीन दी गई सचना ऐसी दघरटना क बार म हो िजसस जीवन की हािन कािरत हई हो वहा वह परािधकारी घटना की जाच सचना की परािप त क दो मास क अनदर करगा और यिद परािधकारी िनरीकषक न हो तो वह िनरीकषक स उक त कालाविध क अनदर जाच कराएगा

2[(3) कनदरीय सरकार राजपतर म अिधसचना ारा िनदश द सकगी िक उपधारा (1) और उपधारा (1क) म िविनिदष ट दघरटना स िभन न िजन दघरटना म ऐसी शारीिरक कषित कािरत होती ह िजसस िक कषितगरसत िक त की काम स चौबीस घट स अिधक की अविध की मजदरी क कारण अनपिसथित हो जाती ह तो व दघरटनाए िविहत पररप म एक रिजसटर म परिवष ट की जाएगी या यथािसथित उपधारा (1) या उपधारा (1क) क उपबनध क अधयधीन रहगी ]

(4) उपधारा (3) म िनिदष ट रिजसटर म की परिविष टय की एक परित खान क सवामी अिभकतार या परबनधक ारा 3[उस वषर स िजसस व परिविष टया समब ह अगल वषर म जनवरी क 20व िदन या ततपवर] मखय िनरीकषक को भजी जाएगी

3[(5) जब कभी खान म या उसक आसपास कोई ऐसी दघरटना हो जाए िजसस िकसी िक त क जीवन को हािन या उसको गभीर शारीिरक कषित कािरत हई हो तो उस मखय िनरीकषक या िनरीकषक क िजसको धारा 23 की उपधारा (1) क अधीन दघरटना की सचना का िदया जाना अपिकषत ह आगमन क पवर या उसकी सम मित क िबना दघरटना सथल की उलट-पलट या उसम कोई पिरवतरन नह िकया जाएगा जब तक िक ऐसी उलट-पलट या पिरवतरन आग िकसी दघरटना को रोकन क िलए मतक क शव को हटान क िलए या िकसी िक त की सकट स रकषा करन क िलए आवशयक न हो अथवा जब तक िक दघरटना सथल पर काम क बनद िकए जान स खान क कायरकरण म गमभीर अड़चन न पड़

परनत जहा मखय िनरीकषक या उक त िनरीकषक दघरटना क समय स बह र घट क भीतर दघरटना का सथल िनरीकषण करन म असफल रहता ह वहा दघरटना सथल पर काम पनः आरमभ िकया जा सकगा ]

24 दघरटना क मामल म जाच-नयायालय िनयक त करन की सरकार की शिक तmdash4[(1) जब िक खान म या उसक आसपास धारा 23 की उपधारा (1) क खड म स िकसी म िनिदष ट परकित की कोई दघरटना हो जाए तब कनदरीय सरकार यिद उसकी यह राय हो िक दघरटना क कारण की और पिरिसथितय की पररिपक जाच होनी चािहए ऐसी जाच करन क िलए कोई सकषम िक त िनयक त कर सकगी और जाच करन म अससर क रप म कायर करन क िलए िविध का या कोई िवशष जञान रखन वाल एक या अिधक िक तय को भी िनयक त कर सकगी ]

(2) ऐसी िकसी जाच करन क िलए िनयक त िक त को सािकषय को हािजर करान और दसतावज और भौितक पदाथ 5 को पश करन क िलए िववश करन क परयोजन क िलए िसिवल परिकरया सिहता 1908 (1908 का 5) क अधीन की िसिवल नयायालय की सब शिक तया पराप त ह गी

(3) इस धारा क अधीन जाच करन वाला कोई िक त इस अिधिनयम क अधीन की िनरीकषक की ऐसी शिक तय का परयोग कर सकगा िजसका परयोग करना वह जाच क परयोजन क िलए आवश यक या समीचीन समझ

(4) इस धारा क अधीन जाच करन वाला िक त दघरटना क कारण और उसकी पिरिसथितय को किथत करन वाली िरपोटर िकनह ऐसी समिक तय को जोड़कर िजनह िक वह या अससर म स कोई िलखना आवशयक समझ कनदरीय सरकार को दगा

25 कछ रोग की सचनाmdash(1) जहा िक खान म िनयोिजत िकसी िक त को कोई 6ऐसा रोग लग जाए जो कनदरीय सरकार ारा शासकीय राजपतर म खनन सिकरया स ससक त रोग क रप म अिधसिचत िकया गया हो वहा खान का यथािसथित सवामी

अिभकतार या परबनधक उसकी सचना मखय िनरीकषक को और ऐस अनय परािधकािरय को ऐस पररप म और ऐस समय क अनदर भजगा जस िविहत िकए जाए

(2) यिद कोई िचिकतसा- वसायी िकसी ऐस िक त की दखभाल कर जो िकसी खान म िनयोिजत हो या रहा हो और जो उपधारा (1) क अधीन अिधसिचत िकसी रोग स पीिड़त हो या िजसक बार म िचिकतसा- वसायी को िवश वास हो िक वह ऐस रोग स पीिड़त ह तो िचिकतसा- वसायीmdash

(क) रोगी का नाम और पता

1 1983 क अिधिनयम स० 42 की धारा 17 ारा (31-5-1984 स) अनतःसथािपत 2 1983 क अिधिनयम स० 42 की धारा 17 ारा (31-5-1984 स) उपधारा (3) क सथान पर परितसथािपत 3 1959 क अिधिनयम स० 62 की धारा 12 ारा (16-1-1960 स) कितपय शबद क सथान पर परितसथािपत 4 1959 क अिधिनयम स० 62 की धारा 13 ारा (16-1-1960 स) उपधारा (1) क सथान पर परितसथािपत 5 1959 क अिधिनयम स० 62 की धारा 13 ारा (16-1-1960 स) कितपय शबद का लोप िकया गया 6 िसलकोिसस और नयमोकोिनओिसस िजनह ऐस रोग घोिषत िकया गया ह दिखए भारत का राजपतर (अगरजी) भाग 2 खण ड 3 प 1153 म परकािशत अिधसचना स० 1

का०िन०आ० 1306 तारीख 21 जलाई 1952 और मगनीज िवषाकतीकरण-तितरका परकार का िजस ऐसा रोग घोिषत िकया गया ह दिखए भारत का राजपतर (अगजी) 1956 भाग 2 खणड 3 प 2195 म परकािशत अिधसचना स० का०िन०आ० 3109 तारीख 18 िदसमबर 1956

14

(ख) वह रोग िजसस रोगी पीिड़त हो या िजसस उसक पीिड़त होन का िवश वास हो तथा

(ग) उस खान का नाम और पता िजसम रोगी िनयोिजत हो या अिनतम बार िनयोिजत था

किथत करन वाली िलिखत िरपोटर मखय िनरीकषक को अिवलमब भजगा

(3) जहा िक उपधारा (2) क अधीन की िरपोटर की यह पिष ट परमाणकतार सजरन क परमाणपतर स या अनयथा मखय िनरीकषक को समाधानपरद रप म हो जाए िक वह िक त उपधारा (1) क अधीन अिधसिचत रोग स पीिड़त ह वहा मखय िनरीकषक िचिकतसा-

वसायी को उतनी फीस दगा िजतनी िविहत की जाए और ऐस सद फीस उस खान क सवामी अिभकतार या परबनधक स िजसम उस िक त को रोग लगा हो भ-राजसव क बकाया क रप म वसलीय होगी

(4) यिद कोई िचिकतसा- वसायी उपधारा (2) क उपबनध का अनपालन करन म असफल रहगा तो वह जमारन स जो पचास रपए तक का हो सकगा दणडनीय होगा

26 रोग क कारण क अनवषण का िनदश दन की शिक तmdash(1) कनदरीय सरकार यिद वह ऐसा करना समीचीन समझ तो िकसी ऐस मामल की जाच करन क िलए तथा उस पर िरपोटर दन को कोई सकषम िक त िनयक त कर सकगी िजसम धारा 25 की उपधारा (1) क अधीन अिधसिचत कोई रोग खान म लगा हो या िजसक बार म सदह िकया जाता हो िक वह खान म लगा ह और ऐसी जाच म अससर क रप म कायर करन क िलए िविध का जञान या िवशष जञान रखन वाल एक या अिधक िक तय को भी िनयक त कर सकगी

(2) धारा 24 की उपधारा (2) और (3) क उपबध इस धारा क अधीन की जाच को उसी रीित स लाग ह ग जस व उस धारा क अधीन की िकसी जाच को लाग होत ह

27 िरपोट का परकाशनmdashऐस समय पर और ऐसी रीित स जो वह ठीक समझ कनदरीय सरकार सिमित ारा 1[धारा 12] क अधीन भजी गई िकसी िरपोटर को या अपन को धारा 26 क अधीन भजी गई िकसी िरपोटर या िकसी िरपोटर क उ रण को परकािशत करा सकगी और धारा 24 क अधीन िकसी जाच नयायालय ारा भजी गई हर िरपोटर को परकािशत कराएगी

अधयाय 6

िनयोजन क घट और उस पर िनबरधन

28 साप तािहक िवशराम-िदनmdashिकसी भी िक त को खान म िकसी एक सप ताह म छह िदन स अिधक काम नह करन िदया जाएगा

29 परितकरातमक िवशराम-िदनmdash(1) जहा िक धारा 38 क अधीन कायरवाही क अनसरण म अथवा िकसी खान को या उसम िनयोिजत िक तय को धारा 28 क उपबनध स छट िदए जान क फलसवरप कोई िक त जो उस खान म िनयोिजत हो उन साप तािहक िवशराम-िदन म स िकसी स िजनक िलए धारा 28 म उपबनध िकया गया ह विचत िकया जाए वहा उस उसी मास क अनदर िजसम उस ऐस िवशराम-िदन दय थ या उस मास क अ विहत पश चात क दो मास क अनदर उन िवशराम-िदन की समान सखया म िजनस वह इस परकार विचत िकया गया हो परितकरातमक िवशराम-िदन िदए जाएग

(2) कनदरीय सरकार वह रीित िविहत कर सकगी िजसस व िवशराम-िदन िजनक िलए उपधारा (1) म उपबनध िकया गया ह िदए जाएग

30 भिम क ऊपर क काम क घणटmdash(1) िकसी सप ताह म अड़तालीस घणट स अिधक या िकसी िदन म नौ घणट स अिधक काम भिम क ऊपर िनयोिजत िकसी भी वयसथ स न तो अपिकषत िकया जाएगा और न उस करन िदया जाएगा

2[परनत मखय िनरीकषक क पवर अनमोदन क अधयधीन रहत हए इस उपधारा म िविनिदष ट दिनक अिधकतम घणट को पािरय म तबदीली सकर बनान क िलए बढ़ाया जा सकगा ]

(2) िकसी ऐस वयसथ क काम की कालाविधया इस परकार विसथत की जाएगी िक उसक िवशराम अनतराल सिहत व िकसी भी िदन बारह घणट स अिधक िवसतत न ह और वह कम स कम आध घणट का िवशराम अनतराल क चकन क पवर िनरनतर पाच घणट स अिधक काम न कर

3[परनत मखय िनरीकषक ऐस कारण स जो लखन ारा अिभिलिखत िकए जाएग इस िवसतित का िकसी िदन अिधकतम चौदह घणट की कालाविध तक का होना ऐसी शत क अधयधीन जसी वह अिधरोिपत करना ठीक समझ अनजञात कर सकगा ]

4[(3) दो या अिधक पािरय क िक तय को एक ही समय भिम क ऊपर एक ही परकार का काम नह करन िदया जाएगा

1 1983 क अिधिनयम स० 42 की धारा 18 ारा (31-5-1984 स) ldquoधारा 13rdquo शबद और अक क सथान पर परितसथािपत 2 1959 क अिधिनयम स० 62 की धारा 14 ारा (16-1-1960 स) परनतक जोड़ा गया 3 1959 क अिधिनयम स० 62 की धारा 14 ारा (16-1-1960 स) परनतक क सथान पर परितसथािपत 4 1959 क अिधिनयम स० 62 की धारा 14 ारा (16-1-1960 स) उपधारा (3) क सथान पर परितसथािपत

15

परनत इस उपधारा क परयोजन क िलए िक तय क बार म कवल इस तथय क कारण िक उनक िवशराम अनतराल उनह िभन न समय पर िमलत ह यह न समझा जाएगा िक व िविभन न पािरय क ह ]

1[31 भिम क नीच क काम क घटmdash(1) खान म भिम क नीच िनयोिजत िकसी भी वयसथ को िकसी सप ताह म अड़तालीस घणट स अिधक या िकसी िदन म आठ घणट स अिधक काम नह करन िदया जाएगा

परनत मखय िनरीकषक क पवर अनमोदन क अधयधीन रहत हए इस उपधारा म िविनिदष ट दिनक अिधकतम घणट को पािरय म तबदीली सकर बनान क िलए बढ़ाया जा सकगा

(2) खान म भिम क नीच कोई भी काम ऐस विसथत पारी-प ित स चलान क िसवाय न चलाया जाएगा िक हर एक पारी म काम की कालाविध उपधारा (1) म बताए गए दिनक अिधकतम घट स अिधक िवसतत न हो

(3) खान म िनयोिजत िकसी िक त को भिम क नीच क खान क िकसी भाग म काम की उन कालाविधय क दौरान उपिसथत रहन दन क िसवाय उपिसथत न रहन िदया जाएगा जो धारा 48 की उपधारा (4) क अधीन रख जान वाल रिजसटर म उसक बार म दिशत ह ]

2[32 राितर की पारीmdashजहा िक खान म िनयोिजत िक त ऐसी पारी म काम कर िजसका िवसतार मधयराितर क पश चात तक हो वहाmdash

(क) धारा 28 और धारा 29 क परयोजन क िलए उसक मामल म साप तािहक िवशराम-िदन स उसकी पारी क अनत होन पर आरमभ होन वाली िनरनतर 24 घणट की कालाविध अिभपरत होगी

(ख) उसकी पारी का अनत होन पर आरमभ होन वाली चौबीस घणट की कालाविध उसक िलए अगला िदन समझी जाएगी और मधयराितर क पश चात िजतन घणट उसन काम िकया हो व पवरवत िदन म िगन जाएग ]

33 अितकाल क िलए अितिरक त मजदरीmdash3[(1) जहा िक खान म कोई िक त भिम क ऊपर िकसी िदन नौ घणट स अिधक या भिम क नीच िकसी िदन आठ घणट स अिधक काम कर या चाह भिम क ऊपर या नीच िकसी सप ताह म अड़तालीस घणट स अिधक काम कर वहा ऐस अितकािलक काम क िलए वह अपनी मजदरी की मामली दर स दगनी दर पर मजदरी पान का हकदार होगा और अितकािलक काम की कालाविध की गणना दिनक या साप तािहक आधार पर जो भी उसक िलए अिधक अनकल हो की जाएगी ]

4[(2) जहा खान म िनयोिजत िकसी िक त को मातरानपाती दर स सदाय िकया जाना हो वहा कालानपाती दर को उन िदन क िजनको उसक उस सप ताह क िजसम अितकाल काम िकया गया ह ठीक पवरवत सप ताह क दौरान वासतव म काम िकया था िकसी अितकाल को छोड़कर उसक पणरकािलक उपाजरन क दिनक औसत क बराबर माना जाएगा और ऐसी कालानपाती दर ऐस िक त की मजदरी की मामली दर मानी जाएगी

परनत यिद ऐस िक त न पवरवत सप ताह म उसी या समान काम पर कायर नह िकया ह तो कालानपाती दर अितकाल को छोड़कर उन िदन की िजनको उसन उसी सप ताह म काम िकया ह औसत या िकसी पवरवत सप ताह म उसक उपाजरन की दिनक औसत इनम स जो भी उच चतर हो उस पर आधािरत होगी

सपष टीकरणmdashइस धारा क परयोजन क िलए ldquoमजदरी की मामली दरrdquo का वही अथर होगा जो उसका धारा 9क की उपधारा (3) क सपष टीकरण म ह ]

(4) इस धारा क उपबनध का अनपालन सिनिश चत करन क परयोजन क िलए कनदरीय सरकार खान म रख जान वाल रिजसटर िविहत कर सकगी

5[34 कितपय िक तय क िनयोजन का परितषधmdashकोई भी िक त जो पवरवत बारह घनट क अनदर िकसी अनय खान म पहल ही काम करता रहा हो खान म काम करन क िलए न तो अपिकषत िकया जाएगा न उस खान म काम करन िदया जाएगा ]

6[35 अितकािलक काम सिहत दिनक काम क घट का िनबरनधनmdashधारा 39 क खणड (क) और खणड (ङ) म आन वाल मामल म क िसवाय िकसी भी िदन अितकाल सिहत दस घट स अिधक खान म काम न तो खान म िनयोिजत िकसी भी िक त स अपिकषत िकया जाएगा न उस करन िदया जाएगा ]

36 काम क घट क िवषय म सचनाएmdash(1) हर खान का परबनधक खान म काम क परारमभ और बनद होन का समय और यिद टोली प ित ारा काम परसथािपत हो तो हर एक टोली क काम क परारमभ और बनद होन का समय किथत करन वाली सचना िविहत पररप म खान क कायारलय क बाहर लगवाएगा

1 1959 क अिधिनयम स० 62 की धारा 15 ारा (16-1-1960 स) धारा 31 क सथान पर परितसथािपत 2 1959 क अिधिनयम स० 62 की धारा 16 ारा (16-1-1960 स) धारा 32 क सथान पर परितसथािपत 3 1959 क अिधिनयम स० 62 की धारा 17 ारा (16-1-1960 स) उपधारा (1) क सथान पर परितसथािपत 4 1983 क अिधिनयम स० 42 की धारा 19 ारा (31-5-1984 स) उपधारा (2) और (3) क सथान पर परितसथािपत 5 1959 क अिधिनयम स० 62 की धारा 18 ारा (16-1-1960 स) धारा 34 क सथान पर परितसथािपत 6 1959 क अिधिनयम स० 62 की धारा 19 ारा (16-1-1960 स) धारा 35 क सथान पर परितसथािपत

16

(2) उस खान की दशा म िजसम खनन सिकरयाए इस अिधिनयम क परारमभ क पश चात परारभ ह उपधारा (1) म िनिदष ट सचना काम क परारमभ होन क कम स कम सात िदन पवर लगाई जाएगी

(3) उपधारा (1) म िनिदष ट सचना म भिम क ऊपर िनयोिजत िक तय क काम क परारमभ का समय और िवशराम अनतराल भी किथत ह ग और उसकी एक परित मखय िनरीकषक को यिद वह ऐसी अपकषा कर तो भजी जाएगी

(4) जहा िक साधारणतः खान म या िकसी टोली क काम क परारमभ या बनद होन क िलए िनयत समय म या भिम क ऊपर िनयोिजत िक तय क िलए िनयत िवशराम अनतराल म कोई तबदीली करन की परसथापना हो वहा िविहत पररप म एक सशोिधत सचना उस तबदीली क िकए जान क सात स अनयन िदन पवर खान क कायारलय क बाहर लगाई जाएगी और ऐसी सचना की एक परित ऐसी तबदीली क सात स अनयन िदन पवर मखय िनरीकषक को भजी जाएगी

(5) िकसी भी िक त को उपधारा (1) ारा अपिकषत सचना क अनसार काम करन स अनयथा खान म काम नह करन िदया जाएगा

37 पयरवकषक कमरचािरवनदmdashधारा 28 धारा 30 धारा 31 धारा 34 या 1[धारा 36 की उपधारा (5)] की कोई भी बात उन िक तय को लाग न होगी िजनकी बाबत िनयम ारा यह पिरभािषत िकया जाए िक व पयरवकषण या परबनध का पद धारण िकए हए ह

या गोपनीयता की हिसयत म िनयोिजत ह

38 िनयोजन सबधी उपबनध स छटmdash(1) उस आपात की दशा म िजसम खान या उसम िनयोिजत िक तय क कषम क िलए गमभीर जोिखम अनतवरिलत हो या वासतिवक या आशिकत िकसी दघरटना की दशा म या िकसी दवीकत की दशा म या खान की मशीनरी सयतर या उपसकर क ठपप हो जान क पिरणामसवरप ऐसी मशीनरी सयतर या उपसकर पर िकए जान वाल िकसी अजनट काम की दशा म परबनधक धारा 22 2[या धारा 22क] क उपबनध क अधयधीन और धारा 39 क अधीन क िनयम क अनसार िक तय को धारा 28 धारा 30 धारा 31 या धारा 34 या 1[धारा 36 की उपधारा (5)] क उललघन म ऐस काम म िनयोजन की अनजञा द सकगा जो खान या उसम िनयोिजत िक तय क कषम का सरकषण करन क िलए आवशयक हो

परनत मशीनरी सयतर या उपसकर पर इस धारा क अधीन िकए जान वाल िकसी अजनट काम की दशा म परबनधक इस धारा ारा अनजञात कोई काररवाई कर सकगा य िप उसक िकए जान स 3[खिनज] उतपादन आनषिगक रप स परभािवत होता हो िकनत इस

परकार की गई काररवाई उन सीमा क बाहर न की जाएगी जो खान क मामली कायरकरण म गमभीर हसतकषप का पिरवजरन करन क परयोजन क िलए आवशयक हो

(2) हर वह दशा िजसम उपधारा (1) क अधीन परबनधक ारा काररवाई की गई हो ततसमब पिरिसथितय क साथ अिभिलिखत की जाएगी और उसकी िरपोटर मखय िनरीकषक या िनरीकषक को भी दी जाएगी

4[39 छट दन वाल िनयम बनान की शिक तmdash5[कनदरीय सरकार] िनम निलिखत िक तय क िलए धारा 28 धारा 30 धारा 31 धारा 34 या धारा 36 की उपधारा (5) क उपबनध स ऐस िवसतार तक ऐसी पिरिसथितय म और ऐसी शत क अधयधीन जसी िविनिदष ट की जाए छट का उपबनध करन वाल िनयम बना सकगीmdash

(क) ऐसी खान म िजसम ऐस आपात की आशका हो िजसम खान क या उसम िनयोिजत िक तय क कषम की गमभीर जोिखम अनतवरिलत हो िनयोिजत सब िक त या उनम स कोई

(ख) िकसी वासतिवक या आशिकत दघरटना की दशा म इस परकार िनयोिजत सब िक त या उनम स कोई

(ग) िकसी तयारी की परकित क या परक परकित क ऐस काम म जो खान क मामली कायरकरण म गमभीर हसतकषप का पिरवजरन करन क परयोजन क िलए अवशय चलाया जाना चािहए लग हए सब िक त या उनम स कोई

(घ) अजनट मरममत म लग हए सब िक त या उनम स कोई

(ङ) िकसी ऐस काम म जो िक तकनीकी कारण स िनरनतर चाल रखा जाना चािहए िनयोिजत सब िक त या उनम स कोई ] 6[40 अठारह वषर स कम आय क िक तय का िनयोजनmdash(1) खान (सशोधन) अिधिनयम 1983 क परारमभ क पश चात

अठारह वषर स कम आय क िकसी िक त को िकसी खान या उसक भाग म काम करन क िलए अनजञात नह िकया जाएगा

(2) उपधारा (1) म िकसी बात क होत हए भी िशकष और अनय परिशकष को जो सोलह वषर स कम आय क नह ह िकसी खान या उसक भाग म परबनधक ारा समिचत पयरवकषण क अधीन काम करन क िलए अनजञात िकया जा सकगा

1 1953 क अिधिनयम स० 42 की धारा 4 और अनसची 3 ारा ldquoधारा 36 की उपधारा (4)rdquo क सथान पर परितसथािपत 2 1983 क अिधिनयम स० 42 की धारा 20 ारा (31-5-1984 स) अनतःसथािपत 3 1959 क अिधिनयम स० 62 की धारा 20 ारा (16-1-1960 स) ldquoकोयलाrdquo क सथान पर परितसथािपत 4 1959 क अिधिनयम स० 62 की धारा 21 ारा (16-1-1960 स) धारा 39 क सथान पर परितसथािपत 5 1983 क अिधिनयम स० 42 की धारा 21 ारा (31-5-1984 स) कितपय शबद क सथान पर परितसथािपत 6 1983 क अिधिनयम स० 42 की धारा 22 ारा (31-5-1984 स) धारा 40 क सथान पर परितसथािपत

17

परनत िशकष स िभन न परिशकष की दशा म उनको काम करना अनजञात करन स पवर मखय िनरीकषक या िनरीकषक का पवर अनमोदन अिभपराप त करना आवशयक होगा

सपष टीकरणmdashइस धारा और धारा 43 म ldquoिशकषrdquo स िशकष अिधिनयम 1961 (1961 का 52) की धारा 2 क खणड (क) म यथापिरभािषत िशकष अिभपरत ह ]

41 [योगयता परमाणपतर ]mdashखान (सशोधन) अिधिनयम 1983 की धारा 23 ारा (31-5-1984 स) िनरिसत

42 [कमार को अनद योगयता परमाणपतर का परभाव ]mdashखान (सशोधन) अिधिनयम 1983 (1983 का 42) की धारा 23 ारा (31-5-1984 स) िनरिसत

1[43 िचिकतसीय परीकषा की अपकषा करन की शिक तmdash(1) जहा िकसी िनरीकषक की यह राय हो िक िशकष या अनय परिशकष स अनयथा खान म िनयोिजत कोई िक त वयसथ नह ह अथवा खान म िशकष या अनय परिशकष क रप म िनयोिजत कोई िक त या तो सोलह वषर स कम आय का ह या वह काम करन क योगय नह रह गया ह वहा िनरीकषक खान क परबनधक पर यह अपकषा करन वाली सचना की तामील कर सकगा िक ऐस िक त की परीकषा िकसी परमाणकतार सजरन ारा की जाए और िनरीकषक ऐसा िनदश द तो ऐसा

िक त तब तक िकसी खान म काम करन क िलए िनयोिजत या अनजञात नह िकया जाएगा जब तक इस परकार उसकी परीकषा न हो गई हो और यह परमािणत न कर िदया गया हो िक वह वयसथ ह या यिद ऐसा िक त िशकष या परिशकष ह तो वह सोलह वषर स कम आय का नह ह और काम करन क योगय ह

(2) उपधारा (1) क अधीन िनदश पर परमाणकतार सजरन ारा िदया गया हर परमाणपतर उसम किथत बात का इस अिधिनयम क परयोजन क िलए िनश चायक सा य होगा ]

44 [उन कमार क िलए काम क घट जो वयसक क रप म काम क िलए योगय परमािणत नह िकए गए ]mdashखान (सशोधन) अिधिनयम 1983 (1984 का 42) की धारा 25 ारा (31-5-1984 स) िनरिसत

2[45 खान म अठारह वषर स कम आय क िक तय की उपिसथित का परितषधmdashधारा 40 की उपधारा (2) क उपबनध क अधीन रहत हए ऐसी तारीख क पश चात जो कनदरीय सरकार राजपतर म अिधसचना ारा इस िनिम िनयत कर अठारह वषर स कम आय क िकसी िक त को भिम क ऊपर खान क िकसी ऐस भाग म जहा िकसी खनन सिकरया स ससक त या आनषिगक कोई सिकरया चलाई जा रही हो उपिसथत नह रहन िदया जाएगा ]

3[46 िस तरय का िनयोजनmdash(1) िकसी अनय िविध म अनतिवष ट िकसी बात क होत हए भी कोई भी स तरीmdash

(क) खान क िकसी ऐस भाग म जो भिम क नीच हो

(ख) िकसी खान म भिम क ऊपर 6 बज पवारहन और 7 बज अपराहन क बीच क िसवाय

िनयोिजत नह की जाएगी ]

(2) खान म भिम क ऊपर िनयोिजत हर स तरी को िकसी एक िदन िनयोजन का पयरवसान होन और िनयोजन की अगली कालाविध का परारमभ होन क बीच कम स कम गयारह घनट का अनतराल िदया जाएगा

(3) उपधारा (1) म अनतिवष ट िकसी बात क होत हए भी कनदरीय सरकार िकसी खान या िकसी वगर या परकार की खान क बार म भिम क ऊपर िस तरय क िनयोजन क घट म फरफार शासकीय राजपतर म अिधसचना ारा कर सकगी िकनत इस परकार की िकसी स तरी का 10 बज अपराहन और 5 बज पवारहन क बीच कोई भी िनयोजन तद ारा अनजञात न हो ]

47 [आय क बार म िववाद ]mdashखान (सशोधन) अिधिनयम 1959 (1959 का 62) की धारा 28 ारा िनरिसत

48 िनयोिजत िक तय का रिजसटरmdash4[(1) हर खान क िलए उस खान म िनयोिजत सब िक तय का एक रिजसटर िविहत पररप और सथान म रखा जाएगा िजसम ऐस हर एक िक त क बार म िनम निलिखत बात दिशत ह गीmdash

(क) कमरचारी का नाम यथािसथित उसक िपता या पित क नाम सिहत और ऐसी अनय िविशिष टया जसी उसकी पहचान क परयोजन क िलए आवशयक ह

(ख) कमरचारी की आय और िलग

(ग) िनयोजन की परकित (वह िनयोजन भिम क ऊपर ह या भिम क नीच और यिद भिम क ऊपर ह तो वह िवव खिनत म ह या अनयथा) और उसक परारमभ की तारीख

5

1 1983 क अिधिनयम स० 42 की धारा 24 ारा (31-5-1984 स) धारा 43 क सथान पर परितसथािपत 2 1983 क अिधिनयम स० 42 की धारा 26 ारा (31-5-1984 स) धारा 45 क सथान पर परितसथािपत 3 1959 क अिधिनयम स० 62 की धारा 27 ारा (16-1-1960 स) धारा 46 क सथान पर परितसथािपत 4 1959 क अिधिनयम स० 62 की धारा 29 ारा (16-1-1960 स) उपधारा (1) क सथान पर परितसथािपत 5 1983 क अिधिनयम स० 42 की धारा 27 ारा (31-5-1984 स) खणड (घ) का लोप िकया गया

18

(ङ) अनय ऐसी िविशिष टया जो िविहत की जाए

और ससगत परिविष टया सपक त िकयत क हसताकषर या अगठ क िचहन ारा अिधपरमािणत की जाएगी ]

(2) उपधारा (1) ारा िविहत रिजसटर म की परिविष टया ऐसी ह गी िक उनक अनसार काम करन वाल कमरकार इस अधयाय क उपबनध म स िकसी क उललघन म काम न करत ह ग

(3) कोई िक त खान म तब तक िनयोिजत न िकया जाएगा जब तक उसक बार म उपधारा (1) ारा अपिकषत िविशिष टया रिजसटर म अिधिलिखत न कर ली गई ह और कोई भी िक त रिजसटर म अपन बार म दिशत काम की कालाविधय क दौरान िनयोिजत िकए जान क िसवाय िनयोिजत नह िकया जाएगा

1[(4) िजस खान को कनदरीय सरकार न साधारण या िवशष आदश ारा िकसी िवशष कारण स जो अिभिलिखत िकया जाएगा छट दी हो उसस िभन न हर खान क िलए पथक रिजसटर िविहत पररप और सथान म रख जाएग िजनम हर िक त क बार म जो खान मmdash

(क) भिम क नीच

(ख) िवव खिनत म भिम क ऊपर

(ग) अनय दशा म भिम क ऊपर

िनयोिजत हो िनम निलिखत बात दिशत ह गीmdash

(i) कमरचारी का नाम

(ii) उसक िनयोजन का वगर या िकसम

(iii) जहा िक काम टोली-प ित स चलाया जाता हो वहा िजस पारी का वह ह वह पारी और उस पारी क घनट ]

(5) भिम क नीच िनयोिजत िक तय क उपधारा (4) म िनिदष ट रिजसटर म िकसी भी कषण ऐस हर िक त का नाम दिशत होगा जो तब खान म भिम क नीच उपिसथत हो

2[(6) कोई िक त िकसी िवव खिनत या भिम क नीच िकसी खिनत म तब क िसवाय परवश नह कर सकगा जब िक ऐसा करन क िलए वह परबनधक ारा अनजञात िकया गया हो अथवा इस अिधिनयम या िकसी अनय िविध क अधीन परािधकत हो ]

अधयाय 7

मजदरी सिहत छ ी 3[49 अधयाय का लाग होनाmdashइस अधयाय क उपबनध ऐस परवितत नह ह ग िक उनका िकसी ऐस अिधकार पर परितकल

परभाव पड़ िजसका िक खान म िनयोिजत कोई िक त िकसी अनय िविध क अधीन या िकसी अिधिनणरय करार या सवा-सिवदा क िनबनधन क अधीन हकदार हो

4[परनत यिद ऐसा अिधिनणरय करार या सवा-सिवदा इस अधयाय म उपबिनधत स दीघरतर मजदरी सिहत वािषक छ ी का उपबनध करती हो तो छ ी की वह मातरा िजसक िलए िनयोिजत िक त हकदार होगा ऐस अिधिनणरय करार या सवा-सिवदा क अनसार होगी िकनत छ ी ऐस िवषय की बाबत जो ऐस अिधिनणरय करार या सवा-सिवदा म उपबिनधत नह ह धारा 50 स लकर धारा 56 तक क (िजसम य दोन धाराए भी सिममिलत ह) उपबनध क अनसार िविनयिमत होगी ]

50 छ ी की पिरभाषाmdashसाप तािहक िवशराम-िदन अथवा उतसव क िलए या अनय ऐस ही अवसर क िलए अवकाश-िदन इस अधयाय क परयोजन क िलए छ ी क अनतगरत नह आत ह चाह व छ ी की कालाविध क दौरान ह या उसक ठीक पहल या ठीक पीछ ह

51 कलनडर वषर की पिरभाषाmdashइस अधयाय क परयोजन क िलए ldquoकलनडर वषरrdquo स िकसी वषर म जनवरी क परथम िदन स आरमभ होन वाली बारह मास की कालाविध अिभपरत होगी

52 मजदरी सिहत वािषक छ ीmdash(1) खान म िनयोिजत हर िक त को िजसन उसम एक कलनडर वषर की सवा परी कर ली हो पश चातवत कलनडर वषर क दौरान मजदरी सिहत छ ी अनजञात की जाएगी िजसकी गणनाmdash

(क) भिम क नीच िनयोिजत िक त की दशा म उसक ारा िकए गए काम क हर 5[पनदरह िदन] क िलए एक िदन की दर स की जाएगी तथा

1 1959 क अिधिनयम स० 62 की धारा 29 ारा (16-1-1960 स) उपधारा (4) क सथान पर परितसथािपत 2 1959 क अिधिनयम स० 62 की धारा 29 ारा (16-1-1960 स) अनतःसथािपत 3 1959 क अिधिनयम स० 62 की धारा 30 ारा (16-1-1960 स) धारा 49 स 56 तक क सथान पर परितसथािपत 4 1983 क अिधिनयम स० 42 की धारा 28 ारा (31-5-1984 स) परनतक क सथान पर परितसथािपत 5 1983 क अिधिनयम स० 42 की धारा 29 ारा (31-5-1984 स) ldquoसोलह िदनrdquo क सथान पर परितसथािपत

19

(ख) िकसी अनय दशा म उसक ारा िकए गए काम क हर बीस िदन क िलए एक िदन की दर स की जाएगी

(2) उपधारा (1) म िनिदष ट एक कलनडर वषर की सवाmdash

(क) खान म भिम क नीच िनयोिजत िक त की दशा म परी कर ली गई समझी जाएगी यिद कलनडर वषर क दौरान खान म उसकी हािजिरया एक सौ नबब स कम न ह तथा

(ख) िकसी अनय िक त की दशा म परी कर ली गई समझी जाएगी यिद कलनडर वषर क दौरान खान म उसकी हािजिरया दो सौ चालीस स कम न ह

सपष टीकरणmdashइस उपधारा क परयोजन क िलए यह ह िकmdash

(क) करार या सिवदा ारा या सथायी आदश क अधीन यथा अनजञय कामबदी क िदन को

(ख) स तरी कमरचारी की दशा म बारह सप ताह स अनिधक िकतन ही िदन की परसित छटटी को तथा

(ग) उस वषर स िजसम छ ी का उपभोग िकया जाए पवरवत वषर म उपािजत छ ी को

हािजरी की सगणना क परयोजन क िलए ऐस िदन समझा जाएगा िजनम कमरचारी न खान म काम िकया ह िकनत वह इन िदन क िलए छ ी उपािजत नह करगा

(3) िजस िक त की सवा जनवरी क परथम िदन को परारमभ न होकर अनयथा आरमभ होती ह वहmdash

(क) खान म भिम क नीच िनयोिजत िक त की दशा म तब जब िक वह कलनडर वषर क शष भाग क दौरान क कल िदन क आध स अनयन िदन म हािजर रहा हो तथा

(ख) िकसी अनय दशा म तब जब िक वह कलनडर वषर क शष भाग क दौरान क कल िदन क दो-ितहाई स अनयन िदन म हािजर रहा हो

पश चातवत कलनडर वषर म मजदरी सिहत छ ी उस दर स पान का हकदार होगा जो उपधारा (1) म िविनिदष ट ह

(4) िकसी िक त ारा न ली गई वह छ ी िजसका वह उपधारा (1) या उपधारा (2) क अधीन िकसी एक कलनडर वषर म हकदार हो उस छ ी म जोड़ दी जाएगी जो िक उ रवत कलनडर वषर क दौरान उस उपधारा क अधीन उस अनजञय हो

परनत उन छ ी क िदन की कल सखया जो ऐस िकसी िक त ारा सिचत की जा सकगी िकसी भी एक समय कल तीस िदन स अिधक न होगी

परनत यह और भी िक ऐसा वह िक त िजसन मजदरी सिहत छ ी क िलए आवदन िकया हो िकनत उस उपधारा (6) क अनसार ऐसी छ ी न दी गई हो िकसी सीमा क िबना अनपभक त छ ी क अगरनयन का हकदार होगा

(5) ऐसा कोई िक त उपधारा (1) उपधारा (2) और उपधारा (4) क अधीन उस समय अपन को अनजञय सारी छ ी या उसका कोई भाग लन क िलए खान क परबनधक स उस िदन स पदरह िदन स अनयन िदन पहल िलिखत आवदन कर सकगा िजस िदन वह अपनी छ ी आरमभ करना चाहता हो

परनत िकसी एक कलनडर वषर क दौरान तीन बार स अिधक छ ी न ली जा सकगी

(6) उपधारा (5) क उपबनध क अनसार ऐसी छ ी क िलए िकया गया आवदन तब क िसवाय नामजर नह िकया जाएगा जब िक छ ी अनद करन क िलए सशक त परािधकारी की यह राय हो िक पिरिसथित की आवशयकता क कारण छ ी नामजर की जानी चािहए ]

(7) यिद खान म िनयोिजत िक त अपनी मजदरी सिहत छ ी जो उस शष हो बीमारी की कालाविध क िलए लना चाहता हो तो चाह उसन छ ी क िलए आवदन उपधारा (5) म िविनिदष ट समय क अनदर न भी िकया हो तो भी उस वह छ ी अनद की जाएगी

(8) यिद खान का सवामी अिभकतार या परबनधक खान म िनयोिजत िक त क िनयोजन का पयरवसान उस िक त ारा अपनी वह कल छटटी ल ली जान क पवर कर द िजसका वह अपन िनयोजन क पयरवसान क िदन तक हकदार हो या यिद उस िक त न ऐसी छ ी क िलए आवदन िकया हो और ऐसी छ ी अनद न हई हो और वह िक त अपना िनयोजन छ ी लन स पवर छोड़ द तो खान का सवामी अिभकतार या परबनधक न ली गई छ ी क बार म धारा 53 क अधीन सदय रकम उस सद करगा और ऐसा सदाय वहा जहा िक

िक त क िनयोजन का पयरवसान सवामी अिभकतार या परबनधक ारा िकया जाए ऐस पयरवसान क पश चात क दसर कायर-िदवस क अवसान क पवर और जहा िक िक त अपना िनयोजन सवय छोड़ द वहा अगल वतन-िदवस को या उसक पवर िकया जाएगा

(9) खान म िनयोिजत िक त की अनपभक त छ ी उसक िनयोजन क पयरवसान क पवर िदए जान क िलए अपिकषत िकसी सचना की कालाविध की सगणना करन म िवचार म नह ली जाएगी

20

1[(10) जहा खान म िनयोिजत कोई िक त सवा स उनमोिचत या पदचयत िकया जाता ह अथवा वह अपना िनयोजन छोड़ता ह या अिधविषता पराप त करता ह अथवा सवा म रहत हए उसकी मतय हो जाती ह तो यथािसथित वह या उसक वािरस या उसका नाम-िनदिशती उपधारा (1) म िविनिदष ट दर स पिरकिलत उसको दय छ ी क सथान पर मजदरी पान का हकदार होगा यिदmdash

(क) भिम क नीच िकसी खान म िनयोिजत िक त की दशा म वह अपन िनयोजन की तारीख स लकर अपन उनमोचन या पदचयित की तारीख तक या िनयोजन छोड़न या अिधविषता या मतय की तारीख तक िदन की कल सखया क कम स कम आध िदन तक उपिसथित रहा ह और

(ख) िकसी अनय दशा म वह अपन िनयोजन की तारीख स लकर अपन उनमोचन या पदचयित या िनयोजन छोड़न या अिधविषता या मतय की तारीख तक िदन की कल सखया क कम स कम दो-ितहाई िदन तक उपिसथत रहा ह

और ऐसी मजदरी का सदाय खान क सवामी अिभकतार या परबनधक ारा धारा 53 म िविनिदष ट दर स जहा उस िक त को सवा स उनमोिचत या पदचयत कर िदया जाता ह अथवा वह िनयोजन छोड़ दता ह या अिधविषता पराप त कर लता ह वहा यथािसथित ऐस उनमोचन पदचयित िनयोजन छोड़न या अिधविषता क पश चात दसर कायर िदन की समािप त क पवर और जहा िनयोिजत िक त की सवा म रहत हए मतय हो जाती ह वहा उसकी मतय क दो मास की अविध क भीतर िकया जाएगा ]

सपष टीकरणmdash2[उपधारा (1) उपधारा (3) और उपधारा (10)] क परयोजन क िलए आध िदन या इसस अिधक की छ ी क िभन न को एक परा िदन माना जाएगा और आध िदन स कम वाला िभन न छोड़ िदया जाएगा

53 छ ी की कालाविध क दौरान मजदरीmdashउस छ ी क िलए जो खान म िनयोिजत िक त को धारा 52 क अधीन अनजञात हो उस सदाय ऐसी दर स िकया जाएगा जो उसकी छ ी क अ वितह पवरवत मास क उन िदन की बाबत िजनम वह िनयोिजत रहा हो कल पणरकािलक उपाजरन क उस दिनक औसत क बराबर हो जो उन उपाजरन म स िकसी अितकािलक मजदरी और बोनस को अपविजत करक िकनत उनम महगाई भ और नकद परितकर को िजसक अनतगरत खा ा और अनय वसत क िबना मलय िवतरण स परोदभावी ऐसा कोई परितकर (यिद कोई हो) िजसक हकदार खान म काम करन वाल िक त ततसमय ह आता ह सिममिलत करक आए

परनत यिद ऐस कोई औसत उपाजरन उपलबध न ह तो औसत की सगणना उसी मास क िलए वस ही िनयोिजत सब िक तय क कल पणरकािलक उपाजरन क दिनक औसत क आधार पर की जाएगी

54 कितपय दशा म अिगरम सदायmdashखान म िनयोिजत उस िक त को िजस चार स अनयन िदन की छ ी अनजञात की गई हो अनजञात छ ी की कालाविध क िलए शोधय मजदरी उसकी छ ी आरमभ होन स पहल द दी जाएगी

55 असद मजदरी की वसली का ढगmdashखान क सवामी अिभकतार या परबनधक ारा इस अधयाय क अधीन सद िकए जान क िलए अपिकषत िकनत उसक ारा असद कोई रकम मजदरी सदाय अिधिनयम 1936 (1936 का 4) क उपबनध क अधीन िवलिबत मजदरी क रप म वसलीय होगी

56 खान को छट की शिक तmdashजहा िक कनदरीय सरकार का यह समाधान हो जाए िक िकसी खान म िनयोिजत िक तय को लाग होन वाल छ ी क िनयम ऐसी परसिवधा का उपबनध करत ह जो उसकी राय म उन परसिवधा स कम अनकल नह ह िजनक िलए यह अधयाय उपबनध करता ह वहा वह उस खान को इस अधयाय क सब या िकनह उपबनध स छट िलिखत आदश ारा और ऐसी शत क अधयधीन जो उसम िविनिदष ट की जाए द सकगी ]

अधयाय 8

िविनयम िनयम और उपिविधया 57 िविनयम बनान की कनदरीय सरकार की शिक तmdashकनदरीय सरकार िनम निलिखत सब परयोजन या उनम स िकसी क िलए

ऐस िविनयम3 जो इस अिधिनयम स सगत हो शासकीय राजपतर म अिधसचना ारा बना सकगी अथारत mdash

(क) व अहरताए िविहत करना जो मखय िनरीकषक या िनरीकषक क रप म िनयिक त क िलए अपिकषत हो

(ख) इस अिधिनयम क अधीन खान क िनरीकषण क समबनध म मखय िनरीकषक और िनरीकषक क कतर और शिक तय को िविहत और िविनयिमत करना

(ग) खान क सवािमय अिभकतार और परबनधक क और उनक अधीन कायर करन वाल िक तय क कतर िविहत करना और खान क 4[अिभकतार और परबनधक और उनक अधीन कायर करन वाल िक तय की अहरताए (िजसक अनतगरत आय आती ह)] िविहत करना

1 1983 क अिधिनयम स० 42 की धारा 29 ारा (31-5-1984 स) अनतःसथािपत 2 1983 क अिधिनयम स० 42 की धारा 29 ारा (31-5-1984 स) ldquoउपधारा (1) और (3)rdquo क सथान पर परितसथािपत 3 कोयला खान िविनयम 1957 क िलए दिखए भारत का राजपतर (अगरजी) 1957 भाग 2 खणड 3 प 2569 और धातमय खान िविनयम 1961 क िलए दिखए भारत

का राजपतर 1961 भाग 2 अनभाग 3(i) प 360 4 1959 क अिधिनयम स० 62 की धारा 31 ारा (16-1-1960 स) ldquoपरबनधक की अहरताएrdquo शबद क सथान पर परितसथािपत

21

(घ) खान क परबनधक और उनक अधीन कायर करन वाल अनय िक तय को अपन कतर का पालन दकषतापवरक करन क िलए समथर बनान क िलए सिवधाए उपबिनधत की जान की अपकषा करना

(ङ) खान क परबनधक और उनक अधीन कायर करन वाल िक तय की अहरताए परीकषा ारा या अनयथा अिभिनिश चत करन की रीित को और सकषमता परमाणपतर क अनद और नवीकत िकए जान को िविनयिमत करना

(च) ऐसी परीकषा और ऐस परमाणपतर क अनदान तथा नवीकरण क बार म दी जान वाली फीस यिद कोई ह िनयत करना

(छ) उन पिरिसथितय को िजनम और उन शत को िजसक अधयधीन रहत हए एक स अिधक खान का एक ही परबनधक क अधीन रहना या िकसी खान या िकनह खान का िविहत अहरताए न रखन वाल परबनधक क अधीन रहना िविधपणर होगा अवधािरत करना

1[(ज) इस अिधिनयम क अधीन की जान वाली जाच क िलए िजनक अनतगरत इस अिधिनयम क अधीन परमाणपतर धारण करन वाल िकसी िक त क अवचार या अकषमता स सब कोई जाच आती ह उपबनध करना और ऐस िकसी परमाणपतर क िनलमबन और र िकए जान क िलए उपबनध करना और जहा भी आवशयक हो वहा यह उपबनध करना िक जाच करन क िलए िनयक त िकए गए िक त को सािकषय को हािजर करान और दसतावज और भौितक पदाथ को पश करान क परयोजन क िलए िसिवल परिकरया सिहता 1908 (1908 का 5) क अधीन की िसिवल नयायालय की सब शिक तया पराप त ह गी ]

(झ) भारतीय िवसफोटक अिधिनयम 1884 (1884 का 4) और तद धीन बनाए गए िकनह िनयम क उपबनध क अधयधीन रहत हए िवसफोटक का भडारकरण परवहण और उपयोग िविनयिमत करना

2[(ञ) 3 िस तरय का खान म या खान क िकसी वगर म या ऐस िविशष ट परकार क शरम म िजनम ऐस िक तय क जीवन कषम या सवासथय क िलए खतरा रहता ह िनयोजन परितिष िनबरिनधत या िविनयिमत करना और ऐस िक त

ारा एक बार म वहन िकए जा सकन वाल बोझ क भार को पिरसीिमत करना ]

(ट) खान म िनयोिजत िक तय क कषम उनम उनक परवश करन और वहा स उनक िनकलन क साधन क िलए और उन कपक या िनकास की सखया क िलए जो उपबध िकए जान ह और कपक गत िनकास पथया और अवतलन पर बाड़ लगाई जान क िलए उपबनध करना

(ठ) खान क सवामी स सदाय पान वाल और खान क सवामी या परबनधक क परित सीध उ रदायी िक तय स िभन न िकसी िक त का खान म परबनधक क रप म या िकसी अनय िविनिदष ट हिसयत म िनयोजन परितिष करना

4[(ड) सतमभ या खिनज खणड क सथान िनिश चत करन अनरकषण और िनकाल या छाट जान तथा एक खान और दसरी खान क बीच पयारप त रोध क अनरकषण सिहत खान म सड़क और काम क सथल की सरकषा क िलए उपबनध करना

(ढ) खान म खिनज और महबनद अिग न-कषतर का िनरीकषण और सागर क या िकसी सरोवर या नदी या िकसी अनय भप ीय जलरािश क चाह वह पराकितक हो चाह कितरम या िकसी लोक सड़क या िनमारण क समीप खिनत िवषयक िनबनधन और िकनह खिनत म पानी भर जान या आग लग जान या उनक समय-पवर ढह जान क िवर समयक पवारवधानी बरती जान की अपकषा करना ]

(ण) खान क सवातन का और धल अिग न और जवलनशील तथा अपायकर गस क िवषय म की जान वाली काररवाई का िजसक अनतगरत सवतःदहन भिम क नीच की अिग न और कोयल की धल क िवर पवारवधानी आती ह उपबनध करना

5[(त) खान म िव त क जनन भणडारकरण रपानतरण पारषण और उपयोग की भारतीय िव त अिधिनयम 1910 (1910 का 9) और तद धीन बनाए गए िकनह िनयम क उपबनध क अधयधीन रहत हए िविनयिमत करना और खान म क सब िव त उपकरण िव त तार और उनम की सब अनय मशीनरी और सयतर की दखभाल और उपयोग क िविनयमन क िलए उपबनध करना ]

(थ) 6[खान म मशीनरी का उपयोग िविनयिमत करना ऐसी मशीनरी पर या उसक आसपास और कषरण-माग पर िनयोिजत िक तय क कषम क िलए उपबनध करना] और भिम क नीच कछ वग क चिलतर का परयोग िनबरिनधत करना

(द) खान म उिचत परकाश क िलए उपबनध करना और उनम िनरापद और लमप का परयोग िविनयिमत करना और िजस खान म िनरापद लमप परयोग म लाए जात ह उसम परवश करन वाल िक तय की तलाशी लना

1 1959 क अिधिनयम स० 62 की धारा 31 ारा (16-1-1960 स) खड (ज) क सथान पर परितसथािपत 2 1959 क अिधिनयम स० 62 की धारा 31 ारा (16-1-1960 स) खड (ञ) क सथान पर परितसथािपत 3 1983 क अिधिनयम स० 42 की धारा 30 ारा (31-5-1984 स) ldquoकमार औरrdquo शबद का लोप िकया गया 4 1959 क अिधिनयम स० 62 की धारा 31 ारा (16-1-1960 स) खड (ड) और (ढ) क सथान पर परितसथािपत 5 1959 क अिधिनयम स० 62 की धारा 31 ारा (16-1-1960 स) खड (त) क सथान पर परितसथािपत 6 1983 क अिधिनयम स० 42 की धारा 30 ारा (31-5-1984 स) कितपय शबद क सथान पर परितसथािपत

22

(ध) खान म 1[जवलनशील गस या धल क] िवसफोटक या जवलन या पानी क फट िनकलन या सिचत होन क िवर और उनस उदभत खतर क िवर उपबनध करना और ऐसी पिरिसथितय म खिनज क िनकाल जान का परितषध िनबरनधन या िविनयमन करना िजनस यह समभा ता हो िक उसक पिरणामसवरप खान म 1[खिनत] समय-पवर ढह जाए या यह िक उसक पिरणामसवरप खान म 1[खिनत ] का ढह जाना या जल का फट िनकलना या जवलन घिटत होगा या गरतर हो जाएगा

(न) 2[धारा 23 की उपधारा (1) क खड (छ) क अधीन दघरटना क परकार िविहत करना और दघरटना और खतरनाक घटना की सचना का और खिनज उतपाद िनयोिजत िक तय तथा िविनयम ारा उपबिनधत अनय बात की सचना िरपोट और िववरिणय का खान क सवािमय अिभकतार और परबनधक ारा िदया जाना िविहत करना] और ऐसी सचना िववरिणय और िरपोट क पररप व िक त और परािधकारी िजनह व दी जानी ह व िविशि या जो उनम अनतिवष ट होनी ह और वह समय िजसक अनदर व िनविदन की जानी ह िविहत करना

3[(प) 4[खान क सवािमय अिभकतार और परबनधक स खान क िलए िनयत सीमाए रखन की अपकषा करना उनस ससक त रखाक और खडिचतर तथा सथलीय िटपपण जो उनक ारा रख जान ह िविहत करना] और वह रीित िजसस और व सथान िजनम ऐस रखाक खणडिचतर और सथलीय िटपपण अिभलख क परयोजन क िलए रख जान ह िविहत करना और उनकी परितय का मखय िनरीकषक को िनविदत िकया जाना और उनस यह अपकषा करना िक व नए सवकषण कर और नए रखाक बनाए और अननपालन की दशा म िकसी अनय अिभकरण क माधयम स सवकषण कराना और रखाक तयार कराना और उनक य की वसली उसी रीित स करना िजसस भ-राजसव की बकाया होती ह ]

(फ) 5[िसथित स परभावी ढग स िनपटन क परयोजन क िलए] खान म या उनक आसपास दघरटना या आकिसमक िवसफोट या जवलन क घिटत होन पर अपनाई जान वाली परिकरया िविनयिमत करना

(ब) खान क सवामी अिभकतार या परबनधक ारा धारा 16 क अधीन दी जान वाली सचना का पररप और उसम अनतिवष ट होन वाली िविशि या िविहत करना

(भ) वह सचना िविहत करना जो िकसी ऐस सथान पर जो भारतीय रल अिधिनयम 1890 (1890 का 9) क उपबनध क अधयधीन की िकसी रल क या 6[यथािसथित िकनह ऐसी लोक सड़क या अनय सकम क जो सरकार ारा या िकसी सथानीय परािधकारी ारा अनरिकषत ह ] 7[पतालीस मीटर] क अनदर का हो खनन सिकरयाए परारमभ करन या उस तक िवसतािरत करन क पवर खान क सवामी अिभकतार या परबनधक ारा दी जानी ह

(म) िकसी खान क बार म उस दशा म जबिक खिनत म काम बनद कर िदया गया हो सरकार या िकसी सथानीय परािधकारी या भारतीय रल अिधिनयम 1890 (1890 का 9) म यथापिरभािषत िकसी रल कमपनी म िनिहत समपि की कषित स सरकषा

8[(मम) खान क सवामी अिभकतार या परबनधक स यह अपकषा करना िक खान क बनद िकए जान क पवर सरकषा-सकमर सि िमत कर और अननपालन की दशा म ऐस सकमर िकसी अनय अिभकरण ारा िनषपािदत कराना और ऐस सवामी स उनक य की वसली उसी रीित स करना िजसस भ-राजसव की बकाया की होती ह ]

(य) िकसी खान या खान क भाग या िकसी खदान आनित कपक गतर या िनकास म चाह उसका कायरकरण हो रहा हो या नह या िकसी खतरनाक या परितिष कषतर अवतलन कषरण टराम लाइन या पथया पर जहा जनता क सरकषण क िलए बाड़ लगाना आवशयक हो बाड़ लगाई जान की अपकषा करना

(यय) कोई अनय बात जो िविहत की जानी ह या िविहत की जाए

58 िनयम बनान की कनदरीय सरकार की शिक तmdashकनदरीय सरकार िनिम निलिखत सब परयोजन या उनम स िकसी क िलए ऐस िनयम जो इस अिधिनयम स सगत ह शासकीय राजपतर म अिधसचना ारा बना सकगी अथारत --

9[(क) सिमित क सदसय की पदाविध और उनकी सवा की अनय शत का तथा िरिक तया भरन की रीित का उपबनध कराना और अपना कारबार चलान क िलए सिमित ारा अनसिरत की जान वाली परिकरया िविनयिमत करना

(ख) धारा 23 की उपधारा (3) म िनिदष ट रिजसटर का पररप िविहत करना

1 1959 क अिधिनयम स० 62 की धारा 31 ारा (16-1-1960 स) अनतःसथािपत 2 1959 क अिधिनयम स० 62 की धारा 31 ारा (16-1-1960 स) ldquoसचनाए िविहत करन क िलएrdquo क सथान पर परितसथािपत 3 1959 क अिधिनयम स० 62 की धारा 31 ारा (16-1-1960 स) खड (प) क सथान पर परितसथािपत 4 1983 क अिधिनयम स० 42 की धारा 30 ारा (31-5-1984 स) कितपय शबद क सथान पर परितसथािपत 5 1983 क अिधिनयम स० 42 की धारा 30 ारा (31-5-1984 स) अनतःसथािपत 6 1959 क अिधिनयम स० 62 की धारा 31 ारा (16-1-1960 स) कितपय शबद क सथान पर परितसथािपत 7 1983 क अिधिनयम स० 42 की धारा 30 ारा (31-5-1984 स) ldquoपचास गजrdquo क सथान पर परितसथािपत 8 1959 क अिधिनयम स० 62 की धारा 31 ारा (16-1-1960 स) अनतःसथािपत 9 1983 क अिधिनयम स० 42 की धारा 31 ारा (31-5-1984 स) खड (क) क सथान पर परितसथािपत

23

(ग) धारा 24 क अधीन जाच नयायालय की िनयिक त क िलए उपबनध करना ऐस नयायालय की परिकरया और शिक तया िविनयिमत करना ऐस नयायालय क सदसय को यातरा-भ का सदाय करना और सयक त खान क परबनधक सवामी या अिभकतार स उक त नयायलय क य की 1[िजनक अनतगरत जाच स ससक त कोई अनय य आत ह] 2[उसी रीित स जस भ-राजसव की बकाया वसल की जाती ह] वसली करना

2[(गग) खान म िनयोिजत िक तय की ओर स तकनीकी िवशषजञ ारा (जो परािसथित म ओवरमन स कम नह ह) खान क िनरीकषण क िलए उसक िलए दी जान वाली सिवधा क िलए वह आवित िजस पर और वह रीित िजसम ऐस िनरीकषण िकए जाएग और वह रीित िजसम ऐस िनरीकषण की िरपोटर दी जाएगी उपबनध करना ]

(घ) िजन खान म कोई ि या िनयोिजत ह या पवरवत बारह मास म िकसी िदन िनयोिजत रह ह उनम ऐसी िस तरय क छह वषर स कम आय वाल बालक क उपयोग क िलए आरिकषत िकए जान वाल समिचत कमर बनाए रखन की अपकषा करना और या तो साधारणतः या खान म िनयोिजत िस तरय की सखया क परित िविशष ट िनदश स ऐस कमर की सखया और सतरमान और उन सख-सिवधा की जो उनम उपबिनधत की जानी ह और उस पयरवकषण की जो उनम िकया जाना ह परकित और िवसतार िविहत करना

(ङ) खान म िनयोिजत परष क उपयोग क िलए फहारयक त स नान सथान और लॉकर ककष और िजन खान म ि या िनयोिजत ह उनम िस तरय क उपयोग क िलए वस ही पथक सथान और ककष गतरमख पर या उनक आसपास बनाए रख जान की अपकषा करना और या तो साधारणतः या खान म मामली तौर पर िनयोिजत परष और िस तरय की सखया क परित िविशष ट िनदश स ऐस सथान और ककष की सखयाए और सतरमान िविहत करना

(च) खान म सवचछता का जो सतरमान बनाए रखना ह उस खान म उपबिनधत िकए जान वाल शौचालय और मतरालय का आनपाितक मान िविहत करना और 3 पय जल क परदाय क िलए िकया जान वाला उपबनध

1[(चच) िचिकतसीय सािधतर और सख-सिवधा क परदाय और बनाए रख जान क िलए उपबनध करना और पराथिमक उपचार बकस और कपबोड की अनतवरसतए और सखयाए पराथिमक उपचार क काम म परिशकषण पराथिमक उपचार कमर क आकार और उपसकर और उनक भारसाधक कमरचािरवनद और कषितगरसत िक तय को िचिकतसालय या औषधालय को परवहण करन क िलए इतजाम िविहत करना

(चचच) उन व यिक तय को जो खान म पयरवकषण या परबन ध क पद स िभन न पद पर िनयोिजत ह या िनयोिजत िकए जान ह व यावहािरक िशकषण िदए जान या परिशिकषत िकए जान की अपकषा करना और ऐस िशकषण और परिशकषण क िलए स कीम िविहत करना]

(छ) खान म मादक पय या औषिधय को कबज म रखन को या उनक उपभोग को और म ता की हालत म िकसी िक त क उनम परवश या उपिसथित को परितिष करना

(ज) धारा 36 क अधीन अपिकषत सचना क पररप िविहत करना और यह अपकषा करना िक ऐसी सचनाए िविनिदष ट भाषा म भी लगाई जाए

(झ) उन िक तय को पिरभािषत करना िजनकी बाबत धारा 37 क परयोजन क िलए यह समझा जाएगा िक व पयरवकषण या परबनध क पद धारण िकए हए ह या िकसी गोपनीयता की हिसयत म िनयोिजत ह

(ञ) उन िक तय या िक तय क िकसी वगर का खान म िनयोजन परितिष करना िजनकी बाबत िकसी अिहत िचिकतसा- वसायी ारा यह परमािणत न िकया गया हो िक उनह न अपना पदरहवा वषर परा कर िलया ह और वह रीित और व पिरिसथितया िजनम ऐस परमाणपतर अनद और परितसहत िकए जा सकग िविहत करना

4

1[(टट) खान म िनयोिजत या िनयोजन चाहन वाल िक तय स यह अपकषा करना िक व अपन को िचिकतसीय परीकषा क िलए परसतत कर और खान म िकसी िक त का िनयोजन िकए जान का आतयितक परितषध या िकसी िविशष ट हिसयत म या िविशष ट काम म िकए जान का परितषध िचिकतसीय आधार पर करना ]

5[(ठ) धारा 48 ारा अपिकषत रिजसटर क पररप और अधयाय 7 क परयोजन क िलए रिजसटर रखा जाना और उनक पररप िविहत करना ]

(ड) इस अिधिनयम को और िविनयम और िनयम की सिकषिप तया और वह भाषा िजसम सिकषिप तया और उपिविधया धारा 61 और 62 म अपिकषत रप स लगाई जाएगी िविहत करना

1 1959 क अिधिनयम स० 62 की धारा 32 ारा (16-1-1960 स) अनतःसथािपत 2 1983 क अिधिनयम स० 42 की धारा 31 ारा (31-5-1984 स) अनतःसथािपत 3 1959 क अिधिनयम स० 62 की धारा 32 ारा (16-1-1960 स) कितपय शबद का लोप िकया गया 4 1983 क अिधिनयम स० 42 की धारा 31 ारा (31-5-1984 स) (ट) का लोप िकया गया 5 1959 क अिधिनयम स० 62 की धारा 32 ारा (16-1-1960 स) खड (ठ) क सथान पर परितसथािपत

24

(ढ) यह अपकषा करना िक िजन बात क िलए िनयम बनाए गए ह उनस सब सचनाए िववरिणया और िरपोट खान क सवामी अिभकतार और परबनधक द और ऐसी सचना िववरिणय और िरपोट क पररप व िक त और परािधकारी िजनह व दी जानी ह व िविशि या जो उनम अनतिवष ट होनी ह और व समय िजनक अनदर व िनविदत की जानी ह िविहत करना

(ण) िजन खान म 1 पचास स अिधक िक त मामली तौर पर िनयोिजत रहत ह उनम भोजन करन क िलए यथायोगय और उपयक त ऐस आशरय क िजनम पीन क पानी का उपबनध भी हो उपबिनधत िकए जान और बनाए रख जान की अपकषा करना

(त) मखय िनरीकषक या िनरीकषक ारा इस िनिम िविनिदष ट िकसी ऐसी खान म िजसम दो सौ पचास स अिधक िक त मामली तौर पर िनयोिजत रहत ह ऐस िक तय क उपयोग क िलए कोई कटीन या कटीन उपबिनधत की जान और

बनाए रखी जान की अपकषा करना

(थ) हर ऐसी खान म िजसम पाच सौ या अिधक िक त मामली तौर पर िनयोिजत रहत ह इतनी सखया म कलयाण आिफसर िनयोिजत िकए जान की अपकषा करना िजतनी िविनिदष ट की जाए और ऐस कलयाण आिफसर की अहरताए और सवा क िनबनधन और शत और उनक ारा पालनीय कतर िविहत करना

2[(द) िविनिदष ट खान या िविनिदष ट खान क समह क िलए या िकसी िविनिदष ट कषतर की सब खान क िलए बचाव सटशन की सथापना की जान की अपकषा करना और यह िविहत करना िक ऐस सटशन कस और िकसक ारा सथािपत िकए जाएग

(ध) बचाव सटशन क परबनध क िलए उपबनध करना

(धक) बचाव िबरगड का गठन करन वाल िक तय की शारीिरक योगयता क मानक और अनय अहरता क िलए उपबनध करना

(धख) बचाव िबरगड का गठन करन वाल िक तय का िनवास-सथान िविहत करना ]

(न) 3 बचाव सटशन की िसथित उपसकर िनयतरण अनरकषण और कतय िविहत करना 4[(प) खड (द) क अधीन िविनिदष ट खान म उतपािदत और वहा स परिषत कोक और कोयल पर (पच चीस पस परित

टन स अनिधक दर स) उतपाद-शलक क उद गहण और सगरहण क िलए ऐसी खान क िलए बचाव सटशन िनिध का सजन करन क िलए भारत की सिचत िनिध म जमा िकए गए ऐस उपकर क आगम म स उन धनरािशय क जो कनदरीय सरकार ससद

ारा िविध ारा इस िनिम समयक िविनयोग िकए जान क पश चात उपबिनधत कर ऐसी िनिध म जमा िकए जान क िलए उस रीित क िलए िजसम ऐसी िनिध म स धन का उपयोग िकया जाएगा और ऐसी िनिध क परशासन क िलए उपबनध करना

(फ) बचाव िबरगड़ क बनाव परिशकषण सरचना और कतर क िलए 5 और साधारणतः खान म बचाव कायर क सचालन क िलए उपबनध करना 6

7[(फफ) िविनिदष ट खान या िविनिदष ट खान क समह क िलए सरकषा सिमितय क गठन क िलए या सरकषा की अिभवि करन क िलए िकसी िविनिदष ट कषतर म सभी खान क िलए और ऐसी सरकषा सिमितय की सरचना उनक गठन और कतय की रीित अिधकिथत करन क िलए उपबनध करना तथा]

(ब) साधारणतः िकसी ऐस मामल क िलए उपबनध करना िजनक िलए इस अिधिनयम या िविनयम ारा उपबनध न िकया गया हो और िजसक िलए उपबनध इस अिधिनयम को परभावी करन क िलए अपिकषत हो

59 िविनयम और िनयम का पवर परकाशनmdash(1) धारा 57 और 58 ारा परद िविनयम और िनयम बनान की शिक त इस शतर क अधयधीन ह िक य िविनयम और िनयम पवर परकाशन क पश चात बनाए जाएग

(2) जो तारीख साधारण खड अिधिनयम 1897 (1897 का 10) की धारा 23 क खड (3) क अनसार उस तारीख क रप म िविनिदष ट की जानी ह िजसक पश चात िक बनाए जान क िलए परसथािपत िविनयम या िनयम क परारप पर िवचार िकया जाएगा वह उस तारीख स तीन मास स कम की होगी िजसको परसथािपत िविनयम या िनयम का परारप साधारण जानकारी क िलए परकािशत िकया जाए

1 1959 क अिधिनयम स० 62 की धारा 32 ारा (16-1-1960 स) ldquoएक सौ औरrdquo शबद का लोप िकया गया 2 1983 क अिधिनयम स० 42 की धारा 31 ारा (31-5-1984 स) खड (द) और (ध) क सथान पर परसथािपत 3 1983 क अिधिनयम स० 42 की धारा 31 ारा (31-5-1984 स) ldquoकनदरीयrdquo शबद का लोप िकया गया 4 1983 क अिधिनयम स० 42 की धारा 31 ारा (31-5-1984 स) खड (प) क सथान पर परितसथािपत 5 1983 क अिधिनयम स० 42 की धारा 31 ारा (31-5-1984 स) कितपय शबद का लोप िकया गया 6 1983 क अिधिनयम स० 42 की धारा 31 ारा (31-5-1984 स) ldquoऔरrdquo शबद का लोप िकया गया 7 1983 क अिधिनयम स० 42 की धारा 31 ारा (31-5-1984 स) अनतःसथािपत

25

1

2[(4) कोई भी िविनयम या िनयम तब तक नह बनाया जाएगा जब तक िक उस िविनयम या िनयम का परारप धारा 12 की उपधारा (1) क अधीन गिठत सिमित को िनदिशत न कर िदया गया हो और जब तक उस सिमित को उसक बनाए जान की समीचीनता और उसक उपबनध की उपयक तता की बाबत िरपोटर दन का यिक तयक त अवसर न िमल गया हो ]

(5) िविनयम और िनयम शासकीय राजपतर म परकािशत िकए जाएग और ऐस परकािशत िकए जान पर ऐस परभाव रखग मानो व इस अिधिनयम म अिधिनिमत ह

(6) उपधारा (1) उपधारा (2) और उपधारा (4) क उपबनध उस अवसर को लाग न ह ग िजस पर धारा 58 क खड (घ) या खड (ङ) म िनदिशत िनयम सवरपरथम बनाए जाए

3

60 पवर परकाशन क िबना िविनयम बनान की शिक तmdashयिद कनदरीय सरकार का समाधान हो जाए िक आशिकत खतर का िनवारण करन या खतरा पदा करन की सभा ता रखन वाली िसथितय का शीघर उपचार करन क िलए यह आवशयक ह िक ऐस िविनयम बनान म वह िवलमब न होन िदया जाए जो ऐस परकाशन और िनदशन स होगा तो धारा 57 4 क अधीन िविनयम धारा 59 की उपधारा (1) उपधारा (2) और उपधारा 5[(4)] म अनतिवष ट िकसी बात क होत हए भी पवर परकाशन और 6[धारा 12 की उपधारा (1) क अधीन गिठत सिमित] को 7 िनदशन क िबना बनाए जा सकग

परनत इस परकार बनाए गए िविनयम 8[सिमित की जानकारी क िलए भज जाएग और] बनाए जान स 9[एक वषर] स अिधक क िलए परव नह रहग

61 उपिविधयाmdash(1) खान का सवामी अिभकतार या परबनधक 10[उस खान म िकसी िवशष मशीनरी क उपयोग या कायरकरण की िकसी िवशष प ित को अपनाए जान क शािस त करन क िलए] इस अिधिनयम या िकनह ततसमय परव िविनयम या िनयम स असगत न होन वाली ऐसी उपिविधय का परारप जसी िक ऐसा सवामी अिभकतार या परबनधक उस खान म दघरटना का िनवारण करन क िलए और उसम िनयोिजत िक तय क कषम सिवधा और अनशासन हत उपबनध करन क िलए आवशयक समझ तयार कर सकगा और मखय िनरीकषक या िनरीकषक को िनविदत कर सकगा और यिद ऐसा करन की उसस अपकषा मखय िनरीकषक या िनरीकषक ारा की जाए तो तयार करगा और िनविदत करगा

(2) यिद ऐसा कोई सवामी अिभकतार या परबनधकmdash

(क) मखय िनरीकषक या िनरीकषक ारा ऐसा करन की उसस अपकषा की जान क पश चात दो मास क अनदर उपिविधय का परारप िनविदत करन म असफल रह अथवा

(ख) उपिविधय का ऐसा परारप िनविदत कर जो मखय िनरीकषक या िनरीकषक की राय म पयार न हो

तो मखय िनरीकषक या िनरीकषकmdash

(i) ऐसी उपिविधय का परारप परसथािपत कर सकगा जो उस पयार परतीत ह अथवा

(ii) सवामी अिभकतार या परबनधक ारा जो परारप उस िनविदत िकया गया हो उसम ऐस सशोधन परसथािपत कर सकगा िजनस उसकी राय म वह पयार हो जाएगा और ऐसी परारप-उपिविधया या परारप-सशोधन यथािसथित सवामी अिभकतार या परबनधक क पास िवचार क िलए भजगा

(3) यिद उस तारीख स िजसको कोई परारप-उपिविधया या परारप-सशोधन मखय िनरीकषक या िनरीकषक न सवामी अिभकतार या परबनधक क पास उपधारा (2) क उपबनध क अधीन भज ह दो मास की कालाविध क अनदर मखय िनरीकषक या िनरीकषक और सवामी अिभकतार या परबनधक उपधारा (1) क अधीन बनाई जान वाली उपिविधय क िनबनधन क िवषय म परसपर सहमत होन म

1 1959 क अिधिनयम स० 62 की धारा 33 ारा (16-1-1960 स) उपधारा (3) का लोप िकया गया 2 1983 क अिधिनयम स० 42 की धारा 32 ारा (31-5-1984 स) उपधारा (4) क सथान पर परितसथािपत 3 1983 क अिधिनयम स० 42 की धारा 32 ारा (31-5-1984 स) उपधारा (7) का लोप िकया गया 4 1959 क अिधिनयम स० 62 की धारा 34 ारा (16-1-1960 स) ldquoक खड (ठ) को अपविजत करत हए खड (झ) और खड (ट) स (ख) (ध)rdquo शबद को क और अकषर का

लोप िकया गया 5 1959 क अिधिनयम स० 62 की धारा 34 ारा (16-1-1960 स) ldquo(3)rdquo क सथान पर परितसथािपत 6 1983 क अिधिनयम स० 42 की धारा 33 ारा (31-5-1984 स) ldquoखनन बोड rdquo क सथान पर परितसथािपत 7 1959 क अिधिनयम स० 62 की धारा 34 ारा (16-1-1960 स) ldquoपवरrdquo शबद का लोप िकया गया 8 1983 क अिधिनयम स० 42 की धारा 33 ारा (31-5-1984 स) अनतःसथािपत 9 1959 क अिधिनयम स० 62 की धारा 34 ारा (16-1-1960 स) ldquoदो वषरrdquo क सथान पर परितसथािपत 10 1983 क अिधिनयम स० 42 की धारा 34 ारा (31-5-1984 स) कितपय शबद क सथान पर परितसथािपत

26

असमथर रह तो मखय िनरीकषक या िनरीकषक परारप-उपिविधय को पिरिनधाररण क िलए 1[धारा 12 की उपधारा (1) क अधीन गिठत सिमित को] िनदिशत करगा

(4) (क) जबिक ऐसी पररप-उपिविधय पर अिभकतार या परबनधक और मखय िनरीकषक सहमत हो गए ह या जबिक उनक सहमत होन म असमथर होन पर व 2[धारा 12 की उपधारा (1) क अधीन गिठत सिमित को] ारा पिरिनधारिरत कर दी गई ह तब मखय िनरीकषक या िनरीकषक ारा परारप-उपिविधय की एक परित कनदरीय सरकार को अनमोदनाथर भजी जाएगी

(ख) कनदरीय सरकार परारप-उपिविधय म ऐसा उपातरण कर सकगी जसा वह ठीक समझ

(ग) इसस पवर िक कनदरीय सरकार परारप-उपिविधय का अनमोदन चाह उपातर क सिहत या उनक िबना कर उपिविधया बनान की परसथापना की और उस सथान की जहा परारप-उपिविधय की परितया अिभपरा की जा सकगी और उस समय की (जो तीस िदन स कम का न होगा) इसक अनदर िक परभािवत िक तय क ारा या उनकी ओर स परारप-उपिविधय क परित िकया गया कोई आकषप कनदरीय सरकार को भजा जाना चािहए सचना ऐसी रीित स जसी कनदरीय सरकार परभािवत िक तय की जानकारी दन क िलए उपयक ततम समझ परकािशत की जाएगी

(घ) हर आकषप िलिखत होगा और उसमmdash

(i) आकषप क िविशष ट आधार तथा

(ii) चाह गए लोप पिरवधरन या उपानतर

किथत ह ग

(ङ) उन िक तय क ारा या उनकी ओर स िजनकी बाबत कनदरीय सरकार को यह परतीत हो िक व तद ारा परभािवत िक त ह अपिकषत समय क अनदर िकए गए आकषप पर वह सरकार िवचार करगी और उपिविधय पर या तो उस रप म िजसम व परकािशत की गई थ या उनम ऐस सशोधन करक िजनह वह ठीक समझ अनमोिदत कर सकगी

(5) कनदरीय सरकार ारा इस परकार अनमोिदत हो जान पर उपिविधया इस परकार परभावी ह गी मानो व इस अिधिनयम म अिधिनयिमत ह और खान का सवामी अिभकतार या परबनधक उन उपिविधय की एक परित अगरजी म और ऐसी अनय भाषा या भाषा म जसी िविहत की जाए खान म या उसक आसपास िकसी ऐस सहजदशय सथान पर लगवाएगा जहा व उपिविधया िनयोिजत

िक तय ारा सिवधापवरक पढ़ी या दखी जा सक और िजतनी बार व िवरिपत हो जाए िमट जाए या नष ट हो जाए उतनी बार यिक तयक त शीघरता क साथ उनह नए िसर स लगवाएगा

(6) कनदरीय सरकार इस परकार िनिमत िकसी उपिविध को िलिखत आदश ारा पणरतः या भागतः िवखिडत कर सकगी और तदपिर ऐसी उपिविध तदनसार परभावहीन हो जाएगी

3[61क िविनयम िनयम और उपिविधय का ससद क समकष रखा जानाmdashधारा 57 क अधीन बनाया गया परतयक िविनयम धारा 58 क अधीन बनाया गया परतयक िनयम और धारा 61 क अधीन बनाई गई परतयक उपिविध बनाई जान क पश चात यथाशीघर ससद क परतयक सदन क समकष जब वह सतर म हो कल तीस िदन की अविध क िलए रखा जाएगा या रखी जाएगी यह अविध एक सतरा म अथवा दो या अिधक आनकरिमक सतर म परी हो सकगी यिद उस सतर क या पव क त आनकरिमक सतर म अवसान क पवर दोन सदन उस िविनयम िनयम या उपिविध म कोई पिरवतरन करन क िलए सहमत हो जाए तो ततपश चात वह ऐस पिरवितत रप म ही परभावी होगा या होगी यिद उक त अवसान क पवर दोन सदन सहमत हो जाए िक वह िविनयम िनयम या उपिविध नह बनाया या बनायी जानी चािहए तो ततपश चात वह िनषपरभाव हो जाएगा या हो जाएगी िकनत यथािसथित िविनयम िनयम या उपिविधय क ऐस पिरवितत या िनषपरषभाव होन स उसक अधीन पहल की गई िकसी बात की िविधमानयता पर परितकल परभाव नह पड़गा ]

62 अिधिनयम िविनयम आिद की सिकषिप तया लगवानाmdashहर खान म या उसक आसपास अगरजी म और ऐसी अनय भाषा या भाषा म जो िविहत की जाए अिधिनयम की और िविनयम और िनयम की िविहत सिकषिप तया लगाई रखी जाएगी

अधयाय 9

शािसतया और परिकरया 63 बाधा डालनाmdash(1) जो कोई मखय िनरीकषक िनरीकषक या धारा 8 क अधीन परािधकत िकसी िक त क इस अिधिनयम क अधीन क उसक अपन कतर क िनवरहन म बाधा डालगा या मखय िनरीकषक िनरीकषक या ऐस िक त को िकसी खान क समबनध म इस अिधिनयम क ारा या अधीन परािधकत कोई परवश िनरीकषण परीकषा या जाच करन क िलए कोई यिक तयक त सिवधा दन स इनकार करगा या दन म जानबझकर उपकषा करगा वह कारावास स िजसकी अविध तीन मास तक की हो सकगी या जमारन स जो पाच सौ रपए तक का हो सकगा या दोन स दणडनीय होगा

1 1983 क अिधिनयम स० 42 की धारा 34 ारा (31-5-1984 स) कितपय शबद क सथान पर परितसथािपत 2 1983 क अिधिनयम स० 42 की धारा 34 ारा (31-5-1984 स) कितपय शबद क सथान पर परितसथािपत 3 1983 क अिधिनयम स० 42 की धारा 35 ारा (31-5-1984 स) अतःसथािपत

27

(2) जो कोई इस अिधिनयम क अनसरण म रख गए िकनह रिजसटर या अनय दसतावज को मखय िनरीकषक या िनरीकषक की माग पर पश करन स इनकार करगा अथवा िकसी ऐस िनरीकषण आिफसर क समकष जो इस अिधिनयम क अधीन क अपन कतर क अनसरण म कायर कर रहा ह उपसजात होन या उसक ारा परीकषा की जान स िकसी िक त को िनवािरत करगा या िनवािरत करन का परयत न करगा या कोई ऐसा कायर करगा िजसक बार म उसक पास यह िवश वास करन का कारण हो िक उसस उसका इस परकार िनवािरत होना सभा ह वह जमारन स जो तीन सौ रपए तक का हो सकगा दणडनीय होगा

64 अिभलख का िमथयाकरण आिदmdashजो कोईmdash

(क) इस अिधिनयम क अधीन अनद िकसी परमाणपतर का या परमाणपतर की िकसी कायारलय परित का कटकरण करगा या जानत हए उसम िमथया कथन करगा अथवा

(ख) जानत हए ऐस िकसी कटकतय या िमथया परमाणपतर को असली क रप म उपयोग म लाएगा अथवा

(ग) कोई िमथया घोषणा कथन या सा य यह जानत हए िक वह िमथया ह अपन िलए या िकसी अनय िक त क िलए इस अिधिनयम क अधीन परमाणपतर अिभपरा करन या परमाणपतर का नवीकरण करान या खान म िनयोजन अिभपरा करन क परयोजनाथर करगा या बनाएगा या पश करगा या उपयोग म लाएगा अथवा

1[(घ) िकसी ऐस रखाक खडिचतर रिजसटर या अिभलख का िमथयाकरण करगा िजसका रखा जाना इस अिधिनयम क ारा या अधीन अपिकषत हो या ऐसा िमथया रखाक खडिचतर रिजसटर या अिभलख उस िमथया जानत हए िकसी परािधकारी क

समकष पश करगा अथवा]

(ङ) कोई ऐसा रखाक िववरणी सचना अिभलख या िरपोटर बनाएगा दगा या पिरद करगा िजसम ऐसा कथन परिवि या बयौरा अनतिवष ट हो जो उसकी सव म जानकारी या िवश वास क अनसार सही न हो

वह कारावास स िजसकी अविध तीन मास तक की हो सकगी या जमारन स जो 2[एक हजार रपए] तक का हो सकगा या दोन स दणडनीय होगा

65 िमथया योगयता परमाणपतर का उपयोगmdashजो कोई 3[धारा 43] क अधीन अनय िक त को अनद िकसी परमाणपतर का उस धारा क अधीन अपन को योगयता-परमाणपतर क रप म जानत हए उपयोग करगा या उपयोग करन का परयत न करगा या उस धारा क अधीन अपन को योग यता-परमाणपतर अनद िकए जान पर जानत हए अनय िक त को उसका उपयोग करन दगा या उपयोग करन का परय करन दगा वह कारावास स िजसकी अविध एक मास तक की हो सकगी या जमारन स जो 4[दो सौ] रपए तक का हो सकगा या दोन स दणडनीय ोगा

िक तयक त कारण क िजस सािबत करन का भार उस पर होगा करगा जमारन स जो 6[एक हजार] रपए क का हो

ास स िजसकी विध तीन

ोिजत िकया जाता ह तो ऐसी खान का सवामी अिभकतार या परबनधक ऐस जमारन स जो पाच सौ रपए क का हो

ी अविध तीन मास तक की हो सकगी या जमारन स जो 10[दो हजार पाच सौ] रपए तक का हो सकगा या दोन स दणडनीय होगा

66 रखाक आिद दन का लोपmdashकोई िक त जो इस अिधिनयम क ारा या अधीन बनाए जान या िदए जान क िलए अपिकषत कोई रखाक 5[खडिचतर] िववरणी सचना रिजसटर अिभलख या िरपोटर िविहत पररप म या िविहत रीित स या िविहत समय पर या क भीतर बनान या दन का लोप िकए िबना यत सकगा दणडनीय होगा

67 शरिमक क िनयोजन िवषयक उपबनध का उललघनmdashजो कोई उसक िसवाय जसा िक धारा 38 ारा अनजञात ह इस अिधिनयम क या िकसी िविनयम िनयम या उपिविध क या तद धीन िकए गए िकसी आदश क िकसी ऐस उपबनध का उललघन करगा जो खान म या उसक आसपास िक तय क िनयोजन या उनकी उपिसथित को परितिष िनबरिनधत या िविनयिमत करता हो वह कारावअ मास तक की हो सकगी या जमारन स जो 7[एक हजार] रपए तक का हो सकगा या दोन स 8 दडनीय होगा

9[68 अठारह वषर स कम आय क िक तय क िनयोजन क िलए शािसतmdashयिद अठारह वषर स कम आय क िकसी िक त को धारा 40 क उललघन म िकसी खान म िनयत सकगा दणडनीय होगा ]

69 परबनधक िनयक त करन म असफलताmdashधारा 17 क उपबनध क उललघन म जो कोई परबनधक िनयक त करन म असफल रहगा वह कारावास स िजसक11

1 1959 क अिधिनयम स० 62 की धारा 35 ारा (16-1-1960 स) खड (घ) क सथान पर परितसथािपत 2 1959 क अिधिनयम स० 62 की धारा 35 ारा (16-1-1960 स) ldquoपाच सौ रपएrdquo क सथान पर परितसथािपत 3 1983 क अिधिनयम स० 42 की धारा 36 ारा (31-5-1984 स) ldquoधारा 40rdquo क सथान पर परितसथािपत 4 1959 क अिधिनयम स० 62 की धारा 36 ारा (16-1-1960 स) ldquoपचासrdquo क सथान पर परितसथािपत 5 1959 क अिधिनयम स० 62 की धारा 37 ारा (16-1-1960 स) अनतःसथािपत 6 1959 क अिधिनयम स० 62 की धारा 37 ारा (16-1-1960 स) ldquoदो सौrdquo क सथान पर परितसथािप 7 1959 क अिधिनयम स० 62 की धारा 38 ारा (16-1-1960 स) ldquoपाच सौrdquo क सथान पर परितसथािपत 8 1959 क अिधिनयम स० 62 की धारा 38 ारा (16-1-1960 स) कितपय शबद का लोप िकया गया 9 1983 क अिधिनयम स० 42 की धारा 37 ारा (31-5-1984 स) धारा 68 क सथान पर परितसथािपत 10 1959 क अिधिनयम स० 62 की धारा 39 ारा (16-1-1960 स) ldquoपाच सौrdquo क सथान पर परितसथािपत 11 1959 क अिधिनयम स० 62 की धारा 39 ारा (16-1-1960 स) कितपय शबद का लोप िकया गया

28

70 दघरटना की सचनाmdash(1) धारा 23 की उपधारा (1) क उपबनध क उललघन म जो कोई िकसी दघरटना की सचना दन म या उस सचना की परित उस उपधारा म िनिदष ट िवशष सचनाप पर लगान म और िविनिदष ट कालाविध क िलए वहा रखन म असफल रहगा वह कारावास स िजसकी अविध तीन मास तक की हो सकगी या जमारन स जो पाच सौ रपए तक का हो सकगा या दोन स दणनीय होगा

(2) कनदरीय सरकार ारा धारा 23 की उपधारा (3) क अधीन िदए गए िनदश क उललघन म जो कोई िकसी दघरटना को िविहत रिजसटर म अिभिलिखत करन म या उसकी सचना दन म असफल रहगा वह कारावास स िजसकी अविध तीन मास तक की हो सकगी या जमारन स तो पाच सौ रपए तक का हो सकगा या दोन स दणडनीय होगा

71 कितपय मामल म सवामी आिद का मखय िनरीकषक को िरपोटर दनाmdashजहा िक खान क यथािसथित सवामी अिभकतार या परबनधक न खान म या उसक आसपास िनयोिजत िकसी िक त क िवर कायरवाही इस अिधिनयम क अधीन क िकसी अपराध क बार म की हो वहा वह नयायालय क िनणरय या आदश की तारीख स इक कीस िदन क अनदर उसक पिरणाम की िरपोटर मखय िनरीकषक को दगा

72 खान म िनयोिजत िक तय की बाधयताmdashखान म िनयोिजत कोई भी िक तmdash

(क) खान म िनयोिजत िक तय का सवासथय कषम या कलयाण सिनिश चत करन क परयोजनाथर खान म उपबिनधत िकसी सािधतर सिवधा या अनय चीज म जानबझकर हसतकषप या उसका जानबझकर दरपयोग न करगा

(ख) जानबझकर और यिक तयक त कारण क िबना कोई ऐसी बात न करगा िजसस सवय उसक या अनय क सकटाप होन की सभा ता हो

(ग) खान म िनयोिजत िक तय का सवासथय या कषम सिनिश चत करन क परयोजनाथर उसम उपबिनधत िकसी सािधतर या अनय चीज को उपयोग म लान की जानबझकर उपकषा नह करगा

1[72क कछ िविनयम क उललघन क िलए िवशष उपबनधmdashजो कोई धारा 57 क खणड (घ) खणड (झ) खणड (ड) खणड (ढ) खणड (ण) खणड (त) खणड (द) खणड (ध) और खणड (प) म िविनिदष ट बात स सब िकसी िविनयम क या िकसी उपिविध क या तद धीन िकए गए िकसी आदश क िकसी उपबनध का उललघन करगा वह कारावास स िजसकी अविध छह मास तक की हो सकगी या जमारन स जो दो हजार रपए तक का हो सकगा या दोन स दणडनीय होगा

72ख धारा 22 क अधीन आदश क उललघन क िलए िवशष उपबनधmdashजो कोई धारा 22 की उपधारा (1क) उपधारा (2) या उपधारा (3) क अधीन 2[या धारा 22क की उपधारा (2) क अधीन] िनकाल गए आदश क उललघन म खान का कायरकरण चाल रखगा वह कारावास स िजसकी अविध दो वषर तक की हो सकगी दडनीय होगा और जमारन स भी जो पाच हजार रपए तक का हो सकगा दडनीय होगा

2[परनत नयायालय क िनणरय म लखब िकए जान वाल ततपरितकल िवशष और पयारप त कारण क अभाव म ऐसा जमारना खड (क) म िनिदष ट उललघन की दशा म तीन हजार रपए स कम नह होगा ]

72ग िविध क ऐस उललघन क िलए िजसक खतरनाक पिरणाम होत ह िवशष उपबनधmdash(1) जो कोई इस अिधिनयम क या िकसी िविनयम िनयम या उपिविध क या तद धीन िकए गए [धारा 22 की उपधारा (1क) या उपधारा (2) या उपधारा (3) 3[या धारा 22क की उपधारा (2)] क अधीन िकए गए आदश स िभ ] िकसी आदश क िकसी उपबनध का उललघन करगा वहmdash

(क) यिद ऐस उललघन क पिरणामसवरप जीवन की हािन हो तो कारावास स जो दो वषर तक का हो सकगा या जमारन स जो पाच हजार रपए तक का हो सकगा या दोन स दणडनीय होगा या

(ख) यिद ऐस उललघन क पिरणामसवरप गमभीर शारीिरक कषित हो तो कारावास स जो एक वषर तक का हो सकगा या जमारन स जो तीन हजार रपए तक का हो सकगा या दोन स दडनीय होगा अथवा

(ग) यिद ऐस उललघन स खान म िनयोिजत िक तय को या खान म या उसक आसपास क अनय िक तय को कषित या खतरा कािरत हो तो कारवास स जो तीन मास तक का हो सकगा या जमारन स जो एक हजार रपए तक का हो सकगा या दोन स दणडनीय होगा 6[परनत नयायालय क िनणरय म लखब िकए जान वाल ततपरितकल िवशष और पयारप त कारण क अभाव म ऐसा जमारना

खणड (क) म िनिदष ट उललघन की दशा म तीन हजार रपए स कम नह होगा ]

(2) जहा िक कोई िक त इस धारा क अधीन दोषिस िकए गए जान पर िफर उसक अधीन दोषिस िकया जाए वहा वह उपधारा (1) ारा उपबिनधत दड क दगन दड स दणडनीय होगा

1 1959 क अिधिनयम स० 62 की धारा 40 ारा (16-1-1960 स) धारा 73 तथा धारा 74 क सथान पर परितसथािपत 2 1983 क अिधिनयम स० 42 की धारा 38 ारा (31-5-1984 स) अतःसथािपत 3 1983 क अिधिनयम स० 42 की धारा 39 ारा (31-5-1984 स) अतःसथािपत

29

(3) इस धारा क अधीन पािरत जमारन का दडादश आरोिपत करन वाला अथवा अपील या पनरीकषण म या अनयथा उसकी पिष ट करन वाला नयायालय िनणरय पािरत करत समय आदश द सकगा िक वसल िकया गया सपणर जमारना या उसका कोई भाग कषितगरसत िक त को या उसकी मतय की दशा म उसक िविधक परितिनिध को परितकर क रप म िदया जाए

परनत यिद जमारना ऐस मामल म आरोिपत िकया जाए जो अपीलनीय हो तो अपील उपिसथत िकए जान क िलए अनजञात कालाविध क बीत जान क पहल या यिद अपील उपिसथत की गई हो तो अपील क िविनश चय स पहल ऐसा कोई भी सदाय नह िकया जाएगा

73 आदश की अवजञा क िलए साधारण उपबनधmdashजो कोई इस अिधिनयम क या िकसी िविनयम िनयम या उपिविध क या तद धीन िकए गए िकसी आदश क िकसी ऐस उपबनध का उललघन करगा िजसक उललघन क िलए एतिसमनपवर कोई शािसत उपबिनधत नह ह वह कारावास स िजसकी अविध तीन मास तक की हो सकगी या जमारन स जो एक हजार रपए तक का हो सकगा या दोन स दडनीय होगा

74 पवर दोषिसि क पश चात विधत शािसतmdashयिद कोई िक त जो (धारा 72ख और 72ग स िभ ) पवरगामी उपबनध म स िकसी क अधीन दडनीय िकसी अपराध का दोषिस िकया जा चका हो पवर दोषिसि क दो वषर क अनदर िकए गए और उसी उपबनध का उललघन अनतवरिलत करन वाल िकसी अपराध क िलए पनः दोषिस िकया जाए तो वह हर एक पश चात वत दोषिसि क िलए उस दड क दगन दणड स दणडनीय होगा िजसस वह ऐस उपबनध क परथम उललघन क िलए दडनीय होता ]

75 सवामी अिभकतार या परबनधक का अिभयोजनmdashइस अिधिनयम क अधीन क िकसी अपराध क िलए िकसी सवामी अिभकतार या परबनधक क िवर कोई भी अिभयोजन मखय िनरीकषक की या िजला मिजसटरट की या मखय िनरीकषक क िलिखत साधारण या िवशष आदश ारा इस िनिम परािधकत िनरीकषक की पररणा पर सिसथत िकए जान क िसवाय सिसथत नह िकया जाएगा

1[परनत मखय िनरीकषक या िजला मिजसटरट या इस परकार परािधकत िनरीकषक ऐसा अिभयोजन सिसथत करन स पवर अपना यह समाधान करगा िक सवामी अिभकतार या परबनधक ऐस अपराध क िकए जान को रोकन म सभी समयक ततपरता बरतन म असफल रहा था ]

2[परनत यह और िक] िकसी खान म तकनीकी िनदशन और परबनध क अनकरम म िकए गए िकसी अपराध क बार म िजला मिजसटरट िकसी सवामी अिभकतार या परबनधक क िवर कोई अिभयोजन मखय िनरीकषक क पवर अनमोदन स सिसथत करन क िसवाय सिसथत नह करगा

3[76 कितपय मामल म सवामी का अवधारणmdashजहा िक खान का सवामी कोई फमर या िष टय का अनय सगम हो वहा उसक सब भागीदार या सदसय या उनम स कोई अथवा जहा िक खान का सवामी कमपनी हो वहा उसक सब िनदशक या उनम स कोई अथवा जहा िक खान का सवामी सरकार या कोई सथानीय परािधकारी हो वहा यथािसथित ऐसी सरकार या सथानीय परािधकारी ारा खान क कामकाज का परबनध करन क िलए परािधकत सब आिफसर या िक त या उनम स कोई ऐस िकसी अपराध क िलए िजसक िलए खान का सवामी दडनीय हो इस अिधिनयम क अधीन अिभयोिजत और दिडत िकया जा सकगा

4[परनत जहा िकसी फमर सगम या कमपनी न मखय िनरीकषक को िलिखत रप म यह सचना द दी ह िक उसनmdash

(क) फमर की दशा म उसक िकसी भागीदार या परबनधक को

(ख) सगम की दशा म उसक िकसी सदसय या परबनधक को

(ग) कमपनी की दशा म उसक िकसी िनदशक या परबनधक को

जो परतयक मामल म िकसी ऐस सथान म िजस पर इस अिधिनयम का िवसतार ह िनवासी ह और जो परतयक मामल म या तो वासतव म ऐसी फमर सगम या कमपनी क परबनध का भारसाधक ह या उसम अिधकाश शयर धारण करता ह इस अिधिनयम क परयोजन क िलए खान क सवामी क उ रदाियतव को गरहण करन क िलए नामिनदिशत कर िदया ह वहा यथािसथित ऐसा भागीदार सदसय िनदशक या परबनधक जब तक वह ऐसा िनवासी बना रहता ह और पव क त रप म भारसाधक ह या अिधकाश शयर को धारण करता ह इस अिधिनयम क परयोजन क िलए खान का सवामी समझा जाएगा जब तक िक उसक नामिनदशन को र करन वाली या यह कथन करन वाली कोई िलिखत सचना की वह यथािसथित भागीदारी सदसय िनदशक या परबनधक नह रहा ह मखय िनरीकषक को पराप त नह हो जाती ह

सपष टीकरणmdashजहा िकसी फमर सगम या कमपनी क िविभन न सथापन या शाखाए ह अथवा उसक िकसी सथापन या शाखा म िविभन न एकक ह वहा िविभन न सथापन या शाखा या एकक क सबध म इस परनतक क अधीन िविभन न िक तय को नामिनदिशत िकया जा सकगा और इस परकार नामिनदिशत िक त कवल उस सथापन शाखा या एकक क समबनध म िजसक समबनध म उस नामिनदिशत िकया गया ह खान का सवामी समझा जाएगा ]

1 1983 क अिधिनयम स० 42 की धारा 40 ारा (31-5-1984 स) अतःसथािपत 2 1983 क अिधिनयम स० 42 की धारा 40 ारा (31-5-1984 स) ldquoपरनतrdquo क सथान पर परितसथािपत 3 1959 क अिधिनयम स० 62 की धारा 41 ारा (16-1-1960 स) धारा 76 क सथान पर परितसथािपत 4 1983 क अिधिनयम स० 42 की धारा 41 ारा (31-5-1984 स) ldquoपरनतकrdquo क सथान पर परितसथािपत

30

77 सवामी अिभकतार या परबनधक को दाियतव स कितपय दशा म छटmdashजहा िक खान का सवामी अिभकतार या परबनधक जो इस अिधिनयम क अधीन िकसी अपराध का अिभयक त हो यह अिभकथन कर िक वासतिवक अपराधी अनय िक त ह वहा वह अपन

ारा इस िनिम िकए गए पिरवाद पर 1[और वासतिवक अपराधी का जञात पता दन पर] और अिभयोजक को ऐसा करन क अपन आशय की तीन स अनयन पणर िदन की िलिखत सचना दन पर इस बात का हकदार होगा िक वह अनय िक त उस तारीख को जो मामल की सनवाई क िलए िनयत हो नयायालय क समकष लाया जाए और यिद अपराध का िकया जाना सािबत हो जान क पश चात खान का यथािसथित सवामी अिभकतार या परबनधक नयायालय को समाधान परदान करन वाल रप म सािबत कर द िकmdash

(क) इस अिधिनयम क ससगत उपबनध का िनषपादन करान क िलए उसन समयक ततपता बरती ह तथा (ख) उस अनय िक त न परश नगत अपराध को उसक जञान सममित या मौनानकलता क िबना िकया ह

तो उक त अनय िक त उस अपराध क िलए दोषिस िकया जाएगा और उसी परकार क दणड स ऐस दडनीय होगा मानो वह खान का सवामी अिभकतार या परबनधक हो और यथािसथित सवामी अिभकतार या परबनधक दोषमक त कर िदया जाएगा परनतmdash

(क) यथािसथित खान क सवामी अिभकतार या परबनधक की शपथ पर परीकषा की जा सकगी और उसक और िकसी अनय साकषी क िजस वह अपन समथरन म बलाए सा य की उस िक त क ारा या की ओर स िजसकी बाबत वह अिभकिथत करता हो िक वह वासतिवक अपराधी ह और अिभयोजक ारा परितपरीकषा की जा सकगी

(ख) यिद वह िक त िजसका वासतिवक अपराधी होना अिभकिथत हो उस तारीख को जो मामल की सनवाई क िलए िनयत हो नयायालय क समकष समयक ततपरता बरती जान पर भी न लाया जा सक तो नयायालय उसकी सनवाई समय-समय पर सथिगत कर दगा िकनत इस परकार िक ऐस सथगन की कल कालाविध तीन मास स अिधक न हो और यिद उक त कालाविध क अनत तक भी वह िक त िजसका वासतिवक अपराधी होना अिभकिथत हो नयायालय क समकष न लाया जा सक तो नयायालय यथािसथित सवामी अिभकतार या परबनधक क िवर मामल की सनवाई क िलए अगरसर होगा

78 नयायालय की आदश करन की शिक तmdash(1) जहा िक खान का सवमी अिभकतार या परबनधक इस अिधिनयम क अधीन दडनीय अपराध क िलए दोषिस िकया जाए वहा नयायालय उस कोई दड अिधिनण त करन क अितिरक त िलिखत आदश ारा उसस आदश म िविनिदष ट कालाविध क अनदर (िजस नयायालय इस िनिम िकए गए आवदन पर समय-समय पर िवसतािरत कर सकगा) ऐस उपाय करन की अपकषा कर सकगा जो उन बात का उपचार करन क िलए िजनक बार म अपराध िकया गया था ऐस िविनिदष ट िकए जाए (2) जहा िक उपधारा (1) क अधीन आदश िदया जाए वहा यथािसथित खान का सवामी अिभकतार या परबनधक उस कालाविध या िवसतािरत कालाविध क यिद कोई हो दौरान अपराध क चाल रहन क िवषय म इस अिधिनयम क अधीन दडनीय नह होगा िकनत यिद नयायालय क आदश का पणर अनपालन ऐसी कालाविध या िवसतािरत कालाविध क अवसान पर न हो गया हो तो यथािसथित सवामी अिभकतार या परबनधक क बार म यह समझा जाएगा िक उसन अितिरक त अपराध िकया ह और वह कारावास स िजसकी अविध छह मास तक की हो सकगी या जमारन स जो ऐस अवसान क पश चात हर एक ऐस िदन क िलए िजसम िक आदश का अनपालन न हआ हो एक सौ रपए तक का हो सकगा या दोन स दणडनीय होगा 79 अिभयोजन की पिरसीमाmdashकोई भी नयायालय इस अिधिनयम क अधीन िकसी अपराध का सजञान तब तक नह करगा जब तक िक उसका पिरवादmdash

(i) उस तारीख स िजसकी बाबत यह अिभकिथत हो िक अपराध उस तारीख को िकया गया छह मास क अनदर अथवा

(ii) उस तारीख स िजसको िक अिभकिथत अपराध का िकया जाना िनरीकषक क जञान म आया छह मास क अनदर अथवा

2[(iiक) िकसी ऐस मामल म िजसम अिभयक त लोक सवक ह या था और ततसमय परव िकसी िविध क अधीन अपराध का सजञान करन क िलए कनदरीय सरकार या राजय सरकार या िकसी अनय परािधकारी की पवर मजरी आवशयक ह उस तारीख क िजसको ऐसी मजरी मखय िनरीकषक को पराप त होती ह तीन मास क अनदर अथवा]

(iii) िकसी ऐस मामल म िजसम जाच नयायालय कनदरीय सरकार ारा धारा 24 क अधीन िनयक त िकया गया हो उस धारा की उपधारा (4) म िविनिदष ट िरपोटर क परकाशन की तारीख क पश चात 3[एक वषर] क अनदर

इनम स जो भी बाद म हो न िकया गया हो 4[सपष टीकरणmdashइस धारा क परयोजन क िलएmdash

1 1959 क अिधिनयम स० 62 की धारा 42 ारा (16-1-1960 स) अनतःसथािपत 2 1983 क अिधिनयम स० 42 की धारा 42 ारा (31-5-1984 स) अतःसथािपत 3 1983 क अिधिनयम स० 42 की धारा 42 ारा (31-5-1984 स) ldquoछह मासrdquo क सथान पर परितसथािपत 4 1959 क अिधिनयम स० 62 की धारा 43 ारा (16-1-1960 स) सप ीकरण जोड़ा गया

31

(क) चाल रहन वाल अपराध की दशा म पिरसीमा की सगणना उस समय क हर कषण क परित िनदश स की जाएगी िजसक दौरान अपराध चाल रह

(ख) जहा िक कोई कायर करन क िलए समय इस अिधिनयम क अधीन िवसतािरत िकया गया हो वहा पिरसीमा की सगणना उस िवसतािरत कालाविध क अवसान स की जाएगी ]

80 अपराध का सजञानmdash1[महानगर मिजसटरट या परथम वगर नयाियक मिजसटरट] क नयायालय स अवर कोई नयायालय इस अिधिनयम क अधीन िकसी ऐस अपराध का िजसकी बाबत यह अिभकिथत हो िक वह खान क सवामी अिभकतार या परबनधक ारा िकया गया ह या िकसी ऐस अपराध का जो इस अिधिनयम ारा कारावास स दडनीय बनाया गया ह िवचारण नह करगा

80क [जमारन क बार म िवशष उपबध ]mdashखान (सशोधन) अिधिनयम 1983 (1983 का 42) की धारा 44 ारा (31-5-1984 स) िनरिसत

81 कितपय मामल म अिभयोजन क बजाय खान बोडर या सिमित को िनदशmdash(1) यिद मखय िनरीकषक या िजला मिजसटरट या िकसी िनरीकषक की पररणा पर इस अिधिनयम क अधीन सिसथत िकसी मामल का िवचारण करन वाल नयायालय की यह राय हो िक यह मामला ऐसा ह जो अिभयोजन क बजाय 2 सिमित को िनदिशत िकया जाना चािहए तो वह दािडक कायरवािहय को रोक सकगा और इस दिष ट स िक ऐसा िनदशन िकया जाए उस िवषय की िरपोटर कनदरीय सरकार को भजगा

(2) उपधारा (1) क अधीन िरपोटर पराप त होन पर कनदरीय सरकार मामला 2 सिमित को िनदिशत कर सकगी या िवचारण म अगरसर होन क िलए नयायालय को िनदश द सकगी

अधयाय 10

परकीणर 82 इस परश न का िविनश चय िक कया खान इस अिधिनयम क अधीन हmdashयिद कोई परश न उठ िक कया 3[खान का और उसम

का या उसका पाश वरसथ कोई उतखान या खिनत या पिरसर िजस पर खिनज या कोक पराप त करन दरसी करन या िवकरय क िलए तयार करन की सहायक कोई परिकरया चलाई जा रही ह] इस अिधिनयम क अथर क अनदर खान ह तो कनदरीय सरकार उस परश न का िविनश चय कर सकगी और कनदरीय सरकार क सिचव ारा हसताकषिरत परमाणपतर इस परश न पर िनश चायक होगा

83 अिधिनयम क परवतरन स छट दन की शिक तmdash4[(1)] कनदरीय सरकार िकसी सथानीय कषतर या िकसी खान को या खान क िकसी समह या वगर को या खान क िकसी भाग को या िक तय क िकसी वगर को 5[इस अिधिनयम या उसक अधीन बनाए गए िविनयम िनयम या उपिविधय क सब उपबनध क या उनम स िकसी क] परवतरन स छट शासकीय राजपतर म अिधसचना ारा या तो अतयितकतः या िकनह िविनिदष ट शत क अधयधीन द सकगी

परनत िकसी सथनीय कषतर या खान या खान क समह या वगर को 6[धारा 40 और धारा 45] क उपबनध स छट तब तक नह दी जाएगी जब तक उस इस अिधिनयम क अनय सब उपबनध क परवतरन स भी छट न द दी जाए ]

7[(2) कनदरीय सरकार मखय िनरीकषक या िकसी अनय परािधकारी को साधारण या िवशष आदश ारा ऐस िनबरनधन क अधयधीन िजनह अिधरोिपत करना वह ठीक समझ परािधकत कर सकगी िक वह िकसी खान या उसक िकसी भाग को 8[िविनयम िनयम या उपिविधय ] क उपबन ध म स िकसी क परवतरन स िकनह िविनिदष ट शत क अधयधीन तब छट द द जब िक मखय िनरीकषक या ऐस अिधकारी की राय हो िक खान या उसक भाग म पिरिसथितया ऐसी ह िक उनक कारण ऐस उपबनध का अनपालन अनावशयक या अ वहायर हो जाता ह ]

84 आदश को पिरवितत या िवखिणडत करन की शिक तmdash9[(1)] कनदरीय सरकार इस अिधिनयम क अधीन िदया गया कोई आदश उलट सकगी या उपानतिरत कर सकगी

10[(2) मखय िनरीकषक लखब िकए जान वाल कारण स इस अिधिनयम क अधीन या िकसी िविनयम िनयम या उपिविध क अधीन अपन ारा पािरत िकसी आदश को उलट सकगा या उस उपातिरत कर सकगा

(3) खान क सवामी अिभकतार या परबनधक पर परितकल परभाव डालन वाला कोई आदश इस धारा क अधीन तब तक नह िकया जाएगा जब तक िक ऐस सवामी अिभकतार या परबनधक को अभयावदन करन का यिक तयक त अवसर न द िदया गया हो ]

1 1983 क अिधिनयम स० 42 की धारा 43 ारा (31-5-1984 स) ldquoपरसीडसी मिजसटरट या परथम वगर मिजसटरटrdquo क सथान पर परितसथािपत 2 1983 क अिधिनयम स० 42 की धारा 43 ारा (31-5-1984 स) ldquoखनन बोडरrdquo शब द का लोप िकया गया 3 1959 क अिधिनयम स० 62 की धारा 45 ारा (16-1-1960 स) अनतःसथािपत 4 1959 क अिधिनयम स० 62 की धारा 46 ारा (16-1-1960 स) उपधारा (1) क रप म पनःसखयािकत 5 1983 क अिधिनयम स० 42 की धारा 46 ारा (31-5-1984 स) ldquoइस अिधिनयम क सब उपबध क िकसी कrdquo क सथान पर परितसथािपत 6 1983 क अिधिनयम स० 42 की धारा 46 ारा (31-5-1984 स) ldquoधारा 45rdquo क सथान पर परितसथािपत 7 1959 क अिधिनयम स० 62 की धारा 46 ारा (16-1-1960 स) अनतःसथािपत 8 1983 क अिधिनयम स० 42 की धारा 46 ारा (31-5-1984 स) ldquoइस अिधिनयम क अतगरत िविनयम और िनयमrdquo क सथान पर परितसथािपत 9 1983 क अिधिनयम स० 42 की धारा 47 ारा (31-5-1984 स) धारा 84 उपधारा (1) क रप म पनःसखयािकत 10 1983 क अिधिनयम स० 42 की धारा 47 ारा (31-5-1984 स) अतःसथािपत

32

85 सरकार की खान को अिधिनयम का लाग होनाmdashयह अिधिनयम सरकार की खान को 1[भी] लाग होगा 2[85क सचना आिद दन क िलए अपिकषत िक त ऐसा करन क िलए वध रप स आब ह गmdashहर िक त जो िकसी

अिधकारी को कोई सचना या इि ला इस अिधिनयम क अधीन दन क िलए अपिकषत ह भारतीय दड सिहता (1860 का 45) की धारा 176 क अथर क अनदर ऐसा करन क िलए वध रप स आब होगा ]

3[85ख िववरिणय सचना आिद पर हसताकषर करनाmdashइस अिधिनयम या उसक अधीन बनाए गए िकसी िविनयम िनयम उपिविध या िकसी आदश क उपबनध क समबनध म िकसी खान क सवामी ारा या उसकी ओर स दी जान क िलए अपिकषत सभी िववरिणय और सचना पर या भजी जान वाली सचना पर खान क सवामी अिभकतार या परबधक ारा या िकसी ऐस िक त ारा िजस सवामी ारा मखतारनाम ारा इस िनिम शिक त परतयायोिजत की गई ह हसताकषर िकए जाएग

85ग सिवधा और जन सिवधा क िलए फीस या परभार का वसल न िकया जानाmdashखान म िनयोिजत िकसी िक त स सरकषातमक परबनध या दी जान वाली सिवधा या इस अिधिनयम क उपबनध क अधीन परदाय िकए जान वाल िकसी उपसकर या सािधतर की बाबत कोई फीस या परभार वसल नह िकया जाएगा ]

86 1948 क अिधिनयम 63 क कितपय उपबध का खान को लाग होनाmdashकनदरीय सरकार शासकीय राजपतर म अिधसचना ारा िनदश द सकगी िक कारखाना अिधिनयम 1948 (1948 का 63) क अधयाय 3 और 4 क उपबनध ऐस अपवाद और िनबरनधन क

अधयधीन रहत हए जस उस अिधसचना म िविनिदष ट िकए जाए सब खान और उनकी परसीमा को लाग ह ग

87 सद भावपवरक िकए गए कायर क िलए पिरतराणmdashकोई भी वाद अिभयोजन या अनय िविधक कायरवाही इस अिधिनयम क अधीन सद भावपवरक की गई या जान क िलए आशियत िकसी बात क िलए िकसी िक त क िवर न होगी

88 [1923 क अिधिनयम 4 का िनरसन]mdashिनरसन और सशोधन अिधिनयम 1957 (1957 का 36) की धारा 2 और पहली अनसची ारा िनरिसत

______

1 1959 क अिधिनयम स० 62 की धारा 47 ारा (16-1-1960 स) अनतःसथािपत 2 1959 क अिधिनयम स० 62 की धारा 48 ारा (16-1-1960 स) अनतःसथािपत 3 1983 क अिधिनयम स० 42 की धारा 48 ारा (31-5-1984 स) अतःसथािपत

Page 2: खान अधिनियम, 1952ncwapps.nic.in/acts/TheMinesAct1952_Hindi.pdf1 ज ल ई, 1952, द खए भ रत क र जपतर (अ गर 1952, ज ) भ ग 2,

2

(iii) खान म या उसक आस-पास परयक त मशीनरी क िकसी भाग को चलान उसकी सफाई करन उसका अनरकषण करन या उसकी मरममत करन म

(iv) खिनज क परषण क िलए लदाई की खान क पिरसर क भीतर सिकरया म

(v) खान क िकसी कायारलय म

(vi) िकनह कलयाण सवासथय सवचछता या सफाई सवा म िजनकी वसथा इस अिधिनयम क अधीन की जानी अपिकषत ह खान या खान क पिरसर क भीतर िजनम िनवासीय कषतर नह आता ह पहर और िनगरानी का या

(vii) िकसी भी परकार क िकसी कायर म जो खनन सिकरया क िलए परारिमभक या उनक आनषिगक या उनस सबिधत ह

चाह मजदरी पर या मजदरी क िबना काम करता ह ]

(झ) ldquoिनरीकषकrdquo स इस अिधिनयम क अधीन िनयक त िकया गया खान का िनरीकषण अिभपरत ह और इसक अनतगरत कोई िजला मिजस टरट तब आता ह जब वह िनरीकषक की िकसी ऐसी शिक त का परयोग या िकसी ऐस कतर का पालन कर रहा हो िजसका परयोग या पालन करन क िलए वह इस अिधिनयम ारा सशक त िकया गया हो

1

2[(ञ) ldquoखानrdquo स कोई ऐसा उतखात अिभपरत ह जहा खिनज की तलाश या अिभपरािप त क परयोजन क िलए कोई सिकरया चलाई गई ह या चलाई जा रही ह और िनम निलिखत इसक अनतगरत आत ह mdash

(i) सब बोिरग बोर िछदर और तल कप और समनषिगक अपिरषकत अनकलन सयतर िजनक अनतगरत तल कषतर क भीतर खिनज तल ल जान वाला पाइप भी ह

(ii) खान म क या उसक पा रसथ और खान क सब कपक चाह व गलाए जा रह ह या नह

(iii) अनखनन क अनकरम म सब समतिलकाए और आगत समतथ

(iv) सब िवव खिनत

(v) खिनज या अनय वसत को खान म लान या वहा स हटान या वहा स कचरा हटान क िलए उपबिनधत सब परवहिणया या आकाशी रजजमागर

(vi) खान म क या उसक पा रसथ और खान क सब एिडट समतिलकाए समपथ मशीनरी सकमर रल टरामव और साइिडग

(vii) खान म या उसक पा रसथ चलाए जान वाल सब सरकषा सकमर

(viii) व सब कमरशालाए और सटोर जो खान की परसीमा क अनदर िसथत ह और एक ही परबनध क अधीन ह और मखयतया उस खान स या उसी परबनध क अधीन की गई खान स ससक त परयोजन क िलए ही उपयोग म लाए जात ह

(ix) उस खान या उसी परबनध क अधीन की कई खान क ही या मखयता उनक कायरकरण क परयोजनाथर िव त परदाय क िलए सभी िव त कनदर टरासफामरर उप-कनदर पिरवितत कनदर रकटीफायर कनदर और एकयमलटर सटोरज कनदर

(x) खान क सवामी क अनय अिधभोग म क कोई पिरसर जो बाल या खान म उपयोग क िलए अनय पदाथर जमा करन अथवा खान का कचरा डालन क िलए ततसमय उपयोग म लाए जा रह ह या िजनम ऐसी बाल कचर या अनय पदाथर क समबनध म कोई सिकरयाए चलाई जा रही ह

(xi) ऐस पिरसर जो खान म ह या उसक पा रसथ ह और खान क ह और जहा खिनज या कोक की परािप त दरसी या िवकरयाथर तयारी की अनषगी कोई परिकरया चलाई जा रही ह ]

(ञञ) ldquoखिनजrdquo स व सब पदाथर अिभपरत ह जो भिम स खनन खोदन बमारन झमाई जल-परथार खनन खदान-िकरया या िकसी अनय सिकरया ारा अिभपराप त िकए जा सकत ह और इसक अनतगरत खिनज तल (िजसक अनतगरत पराकितक गस और पटरोिलयम आत ह) आत ह

1 1983 क अिधिनयम स० 42 की धारा 2 ारा (31-5-1984 स) खड (झझ) का लोप िकया गया 2 1983 क अिधिनयम स० 42 की धारा 2 ारा (31-5-1984 स) खड (ञ) क सथान पर परितसथािपत

3

1

(ट) ldquoखान का कायारलयrdquo स सपक त खान क बिहसथल पर का कोई कायारलय अिभपरत ह 2[(टट) ldquoिवव खिनतrdquo स खदान अथारत कोई ऐसा उतखात अिभपरत ह जहा खिनज की तलाश या अिभपरािप त क

परयोजन क िलए कोई सिकरया चलाई जाती रही ह या चलाई जा रही ह और जो न कपक ह न ऐसा उतखात ह िजसका िवसतार उपिसथत भिम क नीच ह ]

(ठ) ldquoसवामीrdquo स जब िक वह िकसी खान क सबध म परयक त हआ ह कोई ऐसा िक त जो खान या उसक िकसी भाग का अ विहत सवतवधारी प दार या अिधभोगी ह और ऐसी खान की दशा म िजसका कारबार समापक या िरसीवर

ारा चलाया जा रहा ह वह समापक या िरसीवर अिभपरत ह 3 िकनत इसक अनतगरत ऐसा िक त नह आता ह जो उस खान स कवल सवािमसव भाटक या नजराना पराप त करता ह या ऐसी खान का सवतवधारी मातर ह जो कायरकरण क िलए िकसी प अनदान या अनजञिप त क अधयधीन ह या कवल मदा का सवामी ह और उस खान क खिनज म िहतब नह ह िकनत खान या उसक िकसी भाग क कायरकरण का 4[कोई ठकदार या उप-प दार] उसी परकार स इस अिधिनयम क अधयधीन होगा मानो वह सवामी हो िकनत इस परकार नह िक सवामी को िकसी दाियतव स छट िमल जाए

(ड) ldquoिविहतrdquo स यथािसथित िनयम िविनयम या उपिविधय ारा िविहत अिभपरत ह

5[(ढ) ldquoअिहत िचिकतसा वसायीrdquo स ऐसा िचिकतसा वसायी अिभपरत ह िजसक पास भारतीय आयिवजञान पिरषद अिधिनयम 1956 (1956 का 102) की धारा 2 क खणड (ज) म यथापिरभािषत कोई मानयतापराप त आयिवजञान अहरता ह और िजसका नाम उस धारा क खड (ट) म यथापिरभािषत राजय िचिकतसक रिजसटर म दजर ह ]

(ण) ldquoिविनयमrdquo ldquoिनयमrdquo और ldquoउपिविधrdquo स करमशः इस अिधिनयम क अधीन बनाया गया िविनयम िनयम और उपिविध अिभपरत ह

(त) जहा िक एक ही िकसम का काम िदन की िविभन न कालाविधय क दौरान काम करन वाल िक तय क दो या अिधक सवग ारा िकया जाता ह वहा ऐस सवग म स हर एक सवगर ldquoटोलीrdquo कहलाता ह 6[और ऐसी कालाविधय म स हर एक कालाविध ldquoपारीrdquo कहलाती ह]

7[(तत) ldquoिरपोटर की जान योगय कषितrdquo स िकसी गभीर शारीिरक कषित स िभन न ऐसी कषित अिभपरत ह िजसम कषितगरसत िक त की बह र घणट या उसस अिधक की कालाविध क िलए काम स मजबरी क कारण अनपिसथित अनतवरिलत ह या अनतवरिलत होन की पणर अिधसभा ता ह ]

8[(थ) ldquoगमभीर शारीिरक कषितrdquo स कोई ऐसी कषित अिभपरत ह िजसम शरीर क िकसी अवयव या िहसस की या शरीर क िकसी अवयव या िहसस क उपयोग की सथायी हािन या दिष ट या शरवण शिक त की सथायी हािन या उस कषित या कोई सथायी शारीिरक असमथरता या हाथ या पर की िकसी ह ी का या उसक एक या अिधक जोड़ का या उसकी िकनह अगलयिसथय की हि य का िवभग अनतवरिलत ह या अनतवरिलत होन की पणर अिधसभा ता ह

(द) ldquoसप ताहrdquo स शिनवार की राितर को या ऐसी अनय राितर को जो मखय िनरीकषक या िकसी िनरीकषक ारा िकसी िविशष ट कषतर क िलए िलिखत रप म अनमोिदत की जाए मधय राितर को आरमभ होन वाली सात िदन की कालाविध अिभपरत ह ]

9[(2) ऐस िक त की बाबत जो खान म या खान क सबध म काम कर रहा या िनयोिजत ह यह तब कहा जाता ह िक वहmdash

(क) ldquoभिम क नीचrdquo काम कर रहा या िनयोिजत ह जब िक वहmdash

(i) िकसी ऐस कपक म काम कर रहा या िनयोिजत ह जो गलाया जा चका ह या गलाया जा रहा ह अथवा

(ii) िकसी ऐस उतखात म काम कर रहा या िनयोिजत ह िजसका िवसतार उपिसथत भिम क नीच ह तथा

1 1983 क अिधिनयम स० 42 की धारा 2 ारा (31-5-1984 स) खड (ञञञ) का लोप िकया गया 2 1959 क अिधिनयम स० 62 की धारा 2 ारा (16-1-1960 स) अनतःसथािपत 3 1983 क अिधिनयम स० 42 की धारा 2 ारा (31-5-1984 स) कितपय शबद का लोप िकया गया 4 1983 क अिधिनयम स० 42 की धारा 2 ारा (31-5-1984 स) ldquoकोई ठकदारrdquo शबद क सथान पर परितसथािपत 5 1983 क अिधिनयम स० 42 की धारा 2 ारा (31-5-1984 स) खड (ढ) क सथान पर परितसथािपत 6 1959 क अिधिनयम स० 62 की धारा 2 ारा (16-1-1960 स) जोड़ा गया 7 1983 क अिधिनयम स० 42 की धारा 2 ारा (31-5-1984 स) अनतःसथािपत 8 1983 क अिधिनयम स० 42 की धारा 2 ारा (31-5-1984 स) खड (थ) और (द) क सथान पर परितसथािपत 9 1959 क अिधिनयम स० 62 की धारा 2 ारा (16-1-1960 स) अनतःसथािपत

4

(ख) ldquoभिम क ऊपरrdquo काम कर रहा या िनयोिजत ह जब िक वह िकसी िवव खिनत म काम कर रहा ह या िकसी अनय ऐसी रीित स काम कर रहा ह जो खड (क) म िविनिदष ट नह ह ] 1[3 अिधिनयम का कितपय दशा म लाग न होनाmdash(1) 2[धारा 7 8 9 40 45 और 46] म अनतिवष ट उपबनध क

िसवाय इस अिधिनयम क उपबनधmdash

(क) िकसी ऐसी खान या उसक भाग को लाग न ह ग िजसम उतखनन कवल पवकषण क परयोजन क िलए न िक उपयोग या िवकरय क िलए खिनज की अिभपरािप त क परयोजन क िलए िकया जा रहा हो

परनत यह तब जब िकmdash

(i) ऐस िकसी उतखनन क समबनध म िकसी एक िदन म बीस स अिधक िक त िनयोिजत न ह ]

(ii) उतखात क उच चतम िबनद स उसक िनम नतम िबनद तक नापी गई उतखात की गहराई कह भी छह मीटर स या कोयल क िलए उतखनन की दशा म पनदरह मीटर स अिधक न हो तथा

(iii) ऐस उतखान क िकसी भी भाग का िवसतार उपिरसथ भिम क नीच न हो (ख) िकसी ऐसी खान को लाग न ह ग जो ककड़ मोरम लटराइट ढोका वजरी िशिगल (साचाबाल काचबाल

और अनय खिनज बाल को अपिवजत करत हए) मामली बाल (कओिलन चीनी िम ी श वत मि का या अिग नसह मि का को अपविजत करत हए) मामली मि का इमारती पतथर 3[सलट] सड़क-िम ी िम ी मलतानी िम ी 3[मालर चाक] और चनाशम िनकालन म लगी हो

परनत यह तब जब िकmdash

(i) खिनज का िवसतार उपिरस थ भिम क नीच न हो अथवा (ii) जहा िक वह िवव खिनत हो वहाmdash

(क) उतखात क उच चतम िबनद स उसक िनम नतम िबनद तक नापी गई उतखात की गहराई कह भी छह मीटर स अिधक न हो

(ख) िकसी एक िदन िनयोिजत िक तय की सखया पचास स अिधक न हो तथा (ग) उतखनन क समबनध म िवसफोटक परयक त न िकए जात ह

(2) यिद कनदरीय सरकार का समाधान हो जाए िक िकसी खान या उसक िकसी भाग या खान क समह या वगर क समबनध म िव मान पिरिसथितय को धयान म रखत हए ऐसा करना आवशयक या वाछनीय ह तो वह उपधारा (1) म अनतिवष ट िकसी बात क होत हए भी शासकीय राजपतर म अिधसचना ारा घोिषत कर सकगी िक इस अिधिनयम क उपबनध म स कोई ऐसा उपबनध जो उपधारा (1) म उपविणत नह ह उस खान या उसक भाग को या खान क समह या वगर को या उसम िनयोिजत िक तय क िकसी वगर को लाग होगा

(3) उपधारा (2) म अनतिवष ट उपबनध पर परितकल परभाव डाल िबना यिद उपधारा (1) क खणड (क) या खणड (ख) क परनतक म िविनिदष ट शत म स िकसी की पित उस उपधारा म िनिदष ट िकसी खान क समबनध म िकसी समय न की जाए तो इस अिधिनयम क व उपबनध जो उपधारा (1) म उपविणत नह ह तरत लाग हो जाएग और खान क सवामी अिभकतार या परबनधक का यह कतर होगा िक वह उस पित न होन की इि ला िविहत परािधकारी को िविहत रीित स और िविहत समय क अनदर द ]

4 िदन क समय क परित िनदशmdashइस अिधिनयम म व िनदश जो िदन क समय क परित ह भारतीय मानक समय क परित िनदश ह जो िगरनिवच माधय समय स साढ पाच घट आग ह

परनत िकसी ऐस कषतर क िलए िजसम मामली तौर पर भारतीय मानक समय का अनपालन नह होता कनदरीय सरकारmdash

(क) उस कषतर को िविनिदष ट करन वाल (ख) उस सथानीय माधय समय को जो मामली तौर पर उसम अनपािलत होता ह पिरभािषत करन वाल तथा (ग) उस कषतर म िसथत सब खान या उनम स िकसी म उस समय का अनपालन अनजञात करन वाल िनयम बना सकगी

1 1959 क अिधिनयम स० 62 की धारा 3 ारा (16-1-1960 स) धारा 3 क सथान पर परितसथािपत 2 1983 क अिधिनयम स० 42 की धारा 3 ारा (31-5-1984 स) ldquoधारा 7 8 9 44 45 और 46rdquo क सथान पर परितसथािपत 3 1983 क अिधिनयम स० 42 की धारा 3 ारा (31-5-1984 स) अनतःसथािपत

5

अधयाय 2

िनरीकषक और परमाणकतार सजरन

5 मखय िनरीकषक और िनरीकषकmdash(1) कनदरीय सरकार शासकीय राजपतर म अिधसचना ारा ऐस िक त को जो िविहत अहरताए रखता हो उन सब राजयकषतर क िलए िजन पर इस अिधिनयम का िवसतार ह खान का मखय िनरीकषक और ऐस िक तय को जो िविहत अहरताए रखत ह मखय िनरीकषक क अधीनसथ खान क िनरीकषक िनयक त कर सकगी

(2) कोई भी िक त जो भारत म िकसी खान या खनन अिधकार म परतयकषतः या अपरतयकषतः िहतब हो या हो जाए मखय िनरीकषक या िनरीकषक िनयक त नह िकया जाएगा और न िनयक त िकए जान क पश चात ऐस पद को धारण िकए रहगा

(3) िजला मिजसटरट िनरीकषक की शिक तय का परयोग और कतर का पालन कनदरीय सरकार क साधारण या िवशष आदश 1 क अधयधीन रहत हए कर सकगा

परनत इस उपधारा म की िकसी भी बात स यह न समझा जाएगा िक वह 2[धारा 22 या धारा 22क] या धारा 61 ारा परद शिक तय म स िकसी का परयोग करन क िलए िकसी िजला मिजसटरट को सशक त करती ह

(4) मखय िनरीकषक और सभी िनरीकषक भारतीय दणड सिहता (1860 का 45) क अथर क अनदर लोक सवक समझ जाएग 3[6 िनरीकषक क कतयmdash(1) मखय िनरीकषक कनदरीय सरकार क अनमोदन स आदश ारा उस आदश म नािमत िकसी

िनरीकषक या िविनिदष ट िकसी िनरीकषक वगर को मखय िनरीकषक की इस अिधिनयम क अधीन की शिक तय म स (अपील सबधी शिक तय स िभन न) ऐसी शिक तय का िजनह वह िविनिदष ट कर ऐस िनबधन या शत क अधयधीन रहत हए िजनह अिधरोिपत करना वह ठीक समझ परयोग करन क िलए परािधकत कर सकगा

(2) मखय िनरीकषक इस अिधिनयम क अधीन िनरीकषक को परद िकसी शिक त का परयोग िलिखत आदश ारा उस आदश म नािमत िकसी िनरीकषक या िविनिदष ट िकसी िनरीकषक वगर ारा िकया जाना परितिष या िनबरिनधत कर सकगा

(3) मखय िनरीकषक इस धारा म अनतिवष ट अनय उपबनध क अधयधीन रहत हए ऐस सथानीय कषतर या कषतर को िजनक अनदर और खान क उस समह या वगर की िजसक बार म िनरीकषक अपनी-अपनी शिक तय का परयोग करग घोिषत करगा ]

7 खान क िनरीकषक की शिक तयाmdash(1) मखय िनरीकषक और कोई िनरीकषकmdash

(क) ऐसी परीकषा और जाच सकगा जसी वह यह अिभिनिश चत करन क िलए ठीक समझ िक कया इस अिधिनयम क और िविनयम िनयम और उपिविधय क और तद धीन िकए गए िकनह आदश क उपबनध का अनपालन िकसी खान क बार म िकया जाता ह

(ख) ऐस सहायक क साथ यिद कोई ह िजनह वह ठीक समझ िदन या राितर म िकसी भी समय िकसी खान या उसक भाग म परवश उसका िनरीकषण और उसकी परीकषा कर सकगा

परनत इस खड ारा परद शिक त का ऐसी िसथित स परयोग नह िकया जाएगा िजसस खान क कायरकरण म अयिक तयक त अड़चन या बाधा पड़

(ग) िकसी खान या उसक िकसी भाग की िसथित और दशा खान क सवातन खान क सबध म ततसमय परव उपिविधय की पयारप तता और खान म िनयोिजत िक तय क सवासथय कषम और कलयाण स ससक त या सब सब मामल और बात की परीकषा और उनक बार म जाच कर सकगा और चाह खान की परसीमा पर या अनयतर िकसी िक त क ऐस कथन िजनह वह इस अिधिनयम क परयोजन को कायारिनवत करन क िलए आवशयक समझ ल सकगा

(घ) अनय ऐसी शिक तय का परयोग कर सकगा जो कनदरीय सरकार ारा इस िनिम बनाए गए िविनयम ारा िविहत की जाए

परनत इस उपधारा क अधीन कोई भी िक त िकसी ऐस परश न का उ र दन या कोई ऐसा कथन करन क िलए िववश न िकया जाएगा िजसकी परवि उस अपराध म फसान की हो

(2) मखय िनरीकषक और कोई िनरीकषक यिद उनक पास इस धारा क अधीन िकसी िनरीकषण परीकषा या जाच क पिरणामसवरप यह िवश वास करन का कारण हो िक इस अिधिनयम क अधीन कोई अपराध िकया गया ह या िकया जा रहा ह िकसी सथान की तलाशी ल सकगा और खान स समब 4[िकसी सामगरी या िकसी रखाक खडिचतर रिजसटर या अनय अिभलख को] कबज म ल सकगा और 5[दड परिकरया सिहता 1973 (1973 का 2)] क उपबनध जहा तक लाग हो सकत ह इस अिधिनयम क अधीन िकसी

1 ऐस आदश क िलए दिखए भारत का राजपतर (अगरजी) 1953 भाग 2 खड 3 प 1530 2 1983 क अिधिनयम स० 42 की धारा 4 ारा (31-5-1984 स) ldquoधारा 22rdquo क सथान पर परितसथािपत 3 1959 क अिधिनयम स० 62 की धारा 4 ारा (16-1-1960 स) धारा 6 क सथान पर परितसथािपत 4 1959 क अिधिनयम स० 62 की धारा 5 ारा (16-1-1960 स) ldquoिकसी रिजसटर या अनय अिभलख कोrdquo शबद क सथान पर परितसथािपत 5 1983 क अिधिनयम स० 42 की धारा 5 ारा (31-5-1984 स) ldquoदणड परिकरया सिहता 1898 (1898 का 5)rdquo क सथान पर परितसथािपत

6

तलाशी और अिभगरहण को ऐस ही लाग ह ग जस व उस सिहता की 1[धारा 94] क अधीन िनकाल गए वारट क परािधकार क अधीन की िकसी तलाशी या अिभगरहण को लाग होत ह

8 िवशष आिफसर की परवश करन मापन आिद की शिक तयाmdashसरकार की सवा म का कोई भी िक त िजस मखय िनरीकषक या िनरीकषक न िलिखत रप म िवशष आदश ारा इस िनिम समयक रप स परािधकत िकया हो खान क परबनधक को ऐसी सचना दन क पश चात जो तीन िदन स कम की न हो 2[िकसी खान या उसम क िकसी उतपाद का सवकषण तलमापन] या मापन करन क परयोजन क िलए उसम परवश कर सकगा और िदन या राितर म िकसी भी समय खान या उसक िकसी भाग 2[या उसम क िकसी उतपाद] का सवकषण तलमापन या मापन कर सकगा

परनत जहा िक मखय िनरीकषक या िकसी िनरीकषक की राय म कोई आपात िव मान हो वहा वह िलिखत आदश ारा िकसी ऐस िक त को परािधकत कर सकगा िक वह ऐसी कोई सचना िदए िबना पव क त म स िकसी परयोजन क िलए खान म परवश कर

9 िनरीकषक को दी जान वाली सिवधाएmdashखान का हर सवामी अिभकतार और परबनधक मखय िनरीकषक और हर िनरीकषक को और धारा 8 क अधीन परािधकत हर िक त को इस अिधिनयम क अधीन कोई परवश िनरीकषण सवकषण मापन परीकषा या जाच करन क िलए सब यिक तयक त सिवधाए दगा

3[9क उपजीिवकाजनय सवासथय सवकषण क िलए दी जान वाली सिवधाएmdash(1) मखय िनरीकषक या िनरीकषक या उसक ारा इस िनिम िलिखत रप म परािधकत कोई अनय परािधकारी खान क सामानय कायर समय क दौरान िकसी भी समय या िदन या राितर म िकसी भी समय जब आवशयक हो खान क परबनधक को िलिखत सचना दन क पश चात खान म कषतर और उपजीिवकाजनय सवासथय सवकषण कर सकगा और खान का सवामी अिभकतार या परबनधक ऐस िनरीकषक या अिधकारी को सभी आवशयक सिवधाए िजनक अनतगरत सवकषण स सबिधत नमन और अनय आकड़ क सगरहण क िलए तथा सवकषण क िलए चन गए खान म िनयोिजत िकसी िक त क पिरवहन और परीकषा क िलए समय और मशीनरी की परीकषा और परख क िलए सिवधाए भी ह दगा

(2) खान म िनयोिजत परतयक ऐसा िक त जो उपधारा (1) क अधीन िकसी कषम और उपजीिवकाजनय सवासथय सवकषण म परीकषा क िलए चना गया ह ऐसी परीकषा क िलए और ऐस सथान पर जो आवशयक ह सवय को परसतत करगा और उक त सवकषण क समबनध म अपन काम और सवासथय क बार म सब जानकारी दगा

(3) खान म िनयोिजत िकसी िक त ारा जो कषम और उपजीिवकाजनय सवासथय सवकषण म परीकषा क िलए चना गया ह तीत िकए गए समय को उसक काम क समय म िगना जाएगा िकनत इस परकार िक िकसी अितकाल का सदाय मजदरी की मामली दर

स िकया जाएगा

सपष टीकरणmdashइस उपधारा क परयोजन क िलए ldquoमजदरी की मामली दरrdquo स वह आधािरक मजदरी तथा कोई महगाई भ ा और अिधभिम भ ा तथा नकद परितकर अिभपरत ह िजसक अनतगरत खा ान न और खा तल क िनःशलक िवतरण क माधयम स परोदभत होन वाला ऐसा परितकर यिद कोई हो भी ह िजसक िलए खान म िनयोिजत िक त ततसमय हकदार हो िकनत इसक अनतगरत बोनस (उतपादन क िलए परोतसाहन क रप म िदए जान वाल बोनस स िभन न) या कोई ऐसा परितकर नह ह जो िनःशलक आवास कोयल क िनःशलक परदाय िचिकतसा और शकषिणक सिवधा बीमारी भ ा िम ी क तल क परदाय टोिकिरय औजार और विदय जसी सख-सिवधा की वसथा क माधयम स परोदभत होता ह

(4) ऐसा कोई िक त िजसकी उपधारा (2) क अधीन परीकषा की जान पर उस कतर का िनवरहन करन क िलए िचिकतसकदष ट या अयोगय पाया जाता ह िजस कतर का िनवरहन वह सवय क परसतत िकए जान क ठीक पहल िकसी खान म कर रहा था सवामी अिभकतार और परबधक क खचर पर िचिकतसीय उपचार पान का हकदार होगा और ऐस उपचार की अविध क दौरान उस परी मजदरी दी जाएगी

(5) यिद िचिकतसालय उपचार क पश चात उपधारा (4) म िनिदष ट िकसी िक त को उस कतर का िनवरहन करन क िलए िचिकतसकदष ट या अयोगय घोिषत कर िदया जाता ह िजसका िनवरहन वह उक त परीकषा क िलए सवय क परसतत िकए जान क ठीक पहल िकसी खान म कर रहा था और ऐसी अयोगयता ऐस परसतत होन क पवर खान म उसक िनयोजन क कारण परतयकषतः हई मानी जा सकती ह तो सवामी अिभकतार और परबधक ऐस िक त को खान म ऐसा आनकिलपक िनयोजक दग िजसक िलए वह िचिकतसकदष ट या योगय ह

परनत जहा ऐसा कोई आनकिलपक िनयोजन तरनत उपलबध नह ह वहा सवामी अिभकतार और परबनधक ारा ऐस िक त को इस िनिम िविहत दर क अनसार अवधािरत िनय गयता भ ा िदया जाएगा

परनत यह और िक जहा ऐसा िक त खान क अपन िनयोजन को छोड़न का िविनश चय करता ह वहा उस सवामी अिभकतार और परबनधक ारा इस िनिम िविहत दर क अनसार अवधािरत एकमशत रकम िनय गयता परितकर क रप म सद की जाएगी

1 1983 क अिधिनयम स० 42 की धारा 5 ारा (31-5-1984 स) ldquoधारा 98rdquo क सथान पर परितसथािपत 2 1983 क अिधिनयम स० 42 की धारा 6 ारा (31-5-1984 स) अनतःसथािपत 3 1983 क अिधिनयम स० 42 की धारा 7 ारा (31-5-1984 स) अनतःसथािपत

7

(6) उपधारा (5) क परनतक क अधीन दर का अवधारण कमरचािरय की मािसक मजदरी िनय गयता की परकित और अनय सब बात को धयान म रखत हए िकया जाएगा ]

10 अिभपराप त जानकारी की गोपनीयताmdash(1) िकसी खान स सब रिजसटर या अनय अिभलख की सब परितय और उनम क उ रण और अनय सब जानकारी को जो मखय िनरीकषक या िनरीकषक ारा या उसकी सहायता करन वाल िक त ारा इस अिधिनयम क अधीन िकसी खान क िनरीकषण 1[या सवकषण] क अनकरम म अिजत की गई हो या धारा 8 1[या धारा 9क] क अधीन परािधकत िकसी िक त ारा तद धीन अपन कतर क पालन म अिजत की गई हो गोपनीय माना जाएगा और जब तक िक मखय िनरीकषक या िनरीकषक उसका परकटन उस खान म या उसक पा रसथ िकसी अनय खान म िनयोिजत िकसी िक त का सवासथय कषम या कलयाण सिनिश चत करन क िलए आवशयक न समझ वह िकसी िक त या परािधकारी को परकट नह की जाएगी

(2) उपधारा (1) की कोई भी बात ऐसी िकसी जानकारी क ऐस परकटन को (यिद ऐस परकटन की अपकषा की गई हो) लाग न होगी जो िनम निलिखत म स िकसी को िकया जाएmdash

(क) कोई नयायालय 2[(ख) यथािसथित धारा 12 या धारा 24 क अधीन गिठत या िनयक त सिमित या जाच नयायालय ] (ग) पदीय विरष ठ या सयक त खान का सवामी अिभकतार या परबनधक (घ) कमरकार परितकर अिधिनयम 1923 (1923 का 8) क अधीन िनयक त कमरकार परितकर आयक त 3[(ङ) भारतीय खान बयरो का िनयतरक

(च) कोई रिजसटरीकत या मानयतापराप त वसाय सघ (छ) ऐसा अनय अिधकारी परािधकारी या सगठन जो कनदरीय सरकार ारा इस िनिम िविनिदष ट िकया जाए ]

(3) यिद मखय िनरीकषक या उपधारा (1) म िनिदष ट कोई अनय िक त पव क त जसी िकसी जानकारी को कनदरीय सरकार की सममित क िबना इस धारा क उपबनध क परितकल परकट करगा तो वह कारावास स िजसकी अविध एक वषर तक की हो सकगी या जमारन स या दोन स दणडनीय होगा

(4) कोई भी नयायालय इस धारा क अधीन क िकसी अपराध क िवचारण क िलए कायरवाही कनदरीय सरकार की पवर मजरी स करन क िसवाय नह करगा

11 परमाणकतार सजरनmdash(1) कनदरीय सरकार अिहत िचिकतसा- वसाियय को ऐसी सथानीय सीमा क अनदर या ऐसी खान या खान क वगर या परकार क िलए िजनह वह उनह करमशः समनिदष ट कर इस अिधिनयम क परयोजन क िलए परमाणकतार सजरन िनयक त कर सकगी

(2) ऐसी शत क अधयधीन रहत हए जसी कनदरीय सरकार अिधरोिपत करना ठीक समझ परमाणकतार सजरन िकसी भी अिहत िचिकतसा वसायी को ऐसी कालाविध क िलए जो परमाणकतार सजरन िविनिदष ट कर इस अिधिनयम क अधीन की अपनी सब शिक तय का या उनम स िकसी का परयोग करन क िलए कनदरीय सरकार क अनमोदन स परािधकत कर सकगा और यह समझा जाएगा िक परमाणकतार सजरन क परित िनदश क अनतगरत परािधकत िकए गए अिहत िचिकतसा वसायी क परित िनदश आत ह

(3) कोई भी िक त जो खान का सवामी अिभकतार या परबनधक हो या हो जाए या उसम चलाई जा रही िकसी परिकरया या कारबार म या उसस ससक त िकसी पटनट या मशीनरी म परतयकषतः या अपरतयकषतः िहतब हो या हो जाए या अनयथा खान क िनयोजन म हो न तो परमाणकतार सजरन िनयक त िकया जाएगा और न परमाणकतार सजरन की शिक तय का परयोग करन क िलए परािधकत िकया जाएगा और न ऐस िनयोिजत या परािधकत िकए जान क पश चात ऐसी शिक तय का परयोग करगा

(4) परमाणकतार सजरन ऐस कतर का पालन करगा जो िनम निलिखत क सबध म िविहत िकए जाए mdash 4

(ख) खान म ऐसी सकटपणर उपजीिवका या परिकरया या परिकरया म जसी िविहत की जाए लग हए िक तय की परीकषा

(ग) ऐसा िचिकतसीय परीकषण जसा िकसी ऐसी खान या खान क िकसी ऐस वगर या परकार क िलए िविहत िकया जाए िजसमmdash

(i) रगणता क ऐस मामल हए ह िजनक बार म यह िवश वास करना यिक तयक त हो िक य खान म चलाई जान वाली िकसी परिकरया की परकित या खान म काम की अनय पिरिसथितय क कारण हए ह

4

1 1983 क अिधिनयम स० 42 की धारा 8 ारा (31-5-1984 स) अनतःसथािपत 2 1983 क अिधिनयम स० 42 की धारा 8 ारा (31-5-1984 स) खड (ख) क सथान पर परितसथािपत 3 1983 क अिधिनयम स० 42 की धारा 8 ारा (31-5-1984 स) खड (ङ) क सथान पर परितसथािपत 4 1983 क अिधिनयम स० 42 की धारा 9 ारा (31-5-1984 स) खड (क) और खड (ग) क उपखड (ii) का लोप िकया गया

8

अधयाय 3

1[सिमितया 12 सिमितयाmdash(1) कनदरीय सरकार ऐसी तारीख स जो वह सरकार राजपतर म अिधसचना ारा इस िनिम िविनिदष ट

कर इस अिधिनयम क परयोजन क िलए एक सिमित गिठत करगी जो िनम निलिखत स िमलकर बनगी mdash

(क) मखय िनरीकषक या िनरीकषक स िभन न सरकार की सवा म का एक िक त जो अधयकष क रप स कायर करन क िलए कनदरीय सरकार ारा िनयक त िकया जाए

(ख) खान का मखय िनरीकषक

(ग) खनक क िहत का परितिनिधतव करन क िलए दो िक त जो कनदरीय सरकार ारा िनयक त िकए जाए

(घ) खान क सवािमय क िहत का परितिनिधतव करन क िलए दो िक त जो कनदरीय सरकार ारा िनयक त िकए जाए

(ङ) दो अिहत खनन इजीिनयर जो सीध खनन उ ोग म िनयोिजत नह ह और जो कनदरीय सरकार ारा िनयक त िकए जाए

परनत खड (ग) क अधीन िनयक त िकए गए िक तय म स कम स कम एक कोयला खान म क कमरकार क िहत का परितिनिधतव करन क िलए और खड (घ) क अधीन िनयक त िक तय म स कम स कम एक कोयला खान क सवािमय क िहत का परितिनिधतव करन क िलए होगा

(2) उपधारा (1) की ापकता पर परितकल परभाव डाल िबना कनदरीय सरकार उन राजयकषतर क िजन पर इस अिधिनयम का िवसतार ह िकसी भाग या िकसी खान या खान क समह स समबिनधत िविनिदष ट िवषय क समबनध म काररवाई करन क िलए एक या अिधक सिमितय का गठन कर सकगी और उनक सदसय की िनयिक त कर सकगी और उपधारा (1) क उपबनध (उसक परनतक को छोड़कर) इस उपधारा क अधीन िकसी सिमित क गठन क िलए वस ही लाग ह ग जस व उस उपधारा क अधीन िकसी सिमित क गठन क िलए लाग होत ह

(3) सिमित का कोई कायर या कायरवाही मातर इस कारण स अिविधमानय नह होगी िक उसक सदसय म कोई िरिक त िव मान ह या उसक गठन म कोई तरिट ह

13 सिमित क कतयmdash(1) धारा 12 की उपधारा (1) क अधीन गिठत सिमितmdash

(क) इस अिधिनयम क अधीन िनयम और िविनयम बनान क िलए परसथापना पर िवचार करगी और कनदरीय सरकार को समिचत िसफािरश करगी

(ख) ऐसी दघरटना या ऐस अनय िवषय की जो कनदरीय सरकार ारा समय-समय पर उस िनिदष ट िकए जाए जाच करगी और उन पर िरपोटर दगी और

(ग) उपधारा (2) क उपबनध क अधीन रहत हए इस अिधिनयम या उसक अधीन बनाए गए िविनयम िनयम या उपिविधय क अधीन सचना या आदश क िवर ऐसी अपील या आकषप की जो इस अिधिनयम ारा उस िनदिशत िकए जान क िलए अपिकषत ह या जो िविहत िकए जाए सनवाई और िविनश चय करगी

(2) मखय िनरीकषक अपन ारा िकए गए िकसी आदश या जारी की गई िकसी सचना क िवर िकसी अपील या आकषप की बाबत सिमित की कायरवािहय म भाग नह लगा या ऐसी अपील या आकषप स सबिधत िकसी िवषय क सबध म सिमित क सदसय क रप म कायर नह करगा

14 सिमितय की शिक तया आिदmdash(1) धारा 12 क अधीन गिठत सिमित इस अिधिनयम क अधीन की िनरीकषण की ऐसी शिक तय का परयोग कर सकगी िजनका परयोग करना वह इस अिधिनयम क अधीन अपन कतय का िनवरहन करन क परयोजन क िलए आवशयक या समीचीन समझ

(2) धारा 12 क अधीन गिठत सिमित को अपन कतय का िनवरहन करन क परयोजन क िलए वसी ही शिक तया ह गी जो िनम निलिखत िवषय की बाबत िकसी वाद का िवचारण करत समय िसिवल परिकरया सिहता 1908 (1908 का 5) क अधीन नयायालय म िनिहत होती ह अथारत mdash

(क) परकटीकरण और िनरीकषण

(ख) िकसी िक त को हािजर कराना और शपथ पर उसकी परीकषा करना

(ग) दसतावज क पश िकए जान क िलए िववश करना

1 1983 क अिधिनयम स० 42 की धारा 10 ारा (31-5-1984 स) ldquoखनन बोडर और सिमितयाrdquo शीषर और धारा 12 13 और 14 क सथान पर परितसथािपत

9

(घ) ऐस अनय िवषय जो िविहत िकए जाए ]

15 य की वसलीmdashकनदरीय सरकार िनदश द सकगी िक 1[धारा 12 क अधीन गिठत सिमित] ारा सचािलत िकसी जाच क य सयक त खान क सवामी या अिभकतार ारा पणरतः या भागतः वहन िकए जाएग और इस परकार सद िकए जान क िलए िनिदष ट रकम उस सथान म जहा खान िसथत हो या जहा ऐसा सवामी या अिभकतार ततसमय िनवास करता हो अिधकािरता रखन वाल मिजसटरट स मखय िनरीकषक या िनरीकषक ारा आवदन िकए जान पर मिजसटरट की अिधकािरता की सीमा क अनदर की िकसी जगम सपि क जो ऐस सवामी या अिभकतार की हो करसथम या िवकरय ारा वसल की जा सकगी

परनत यह तब जब िक सवामी या अिभकतार न रकम का सदाय कनदरीय सरकार स या खान क मखय िनरीकषक स सचना की परािप त की तारीख स छह सप ताह क अनदर न िकया हो

अधयाय 4

खनन सिकरयाए और खान का परबनध

16 खनन सिकरया की सचना का िदया जानाmdash(1) खान क सवामी अिभकतार या परबनधक िकसी खनन सिकरया क परारमभ िकए जान क पवर मखय िनरीकषक की भारतीय खान बयरो क 2[िनयतरक] को और उस िजल क िजसम खान िसथत हो िजला मिजसटरट को ऐस पररप म और खान सबधी ऐसी िविशिष टय को जसी िविहत की जाए अनतिवष ट करन वाली िलिखत सचना दगा

(2) उपधारा (1) क अधीन गई कोई सचना इस परकार दी जाएगी िक वह सपक त िक तय क पास िकसी खनन सिकरया क परारमभ िकए जान स कम स कम एक मास पवर पहच जाए

3[17 परबनधकmdash(1) जसा अनयथा िविहत िकया जाए उस छोड़कर हर खान एक परबनधक क अधीन होगी िजसकी िविहत अहरताए ह गी और हर एक खान का सवामी या अिभकतार ऐसी अहरताए रखन वाल िक त को परबनधक िनयक त करगा

परनत सवामी या अिभकतार सवय को परबनधक िनयक त कर सकगा यिद उसक पास िविहत अहरताए ह

(2) ऐस अनदश क अधीन रहत हए जो उस खान क सवामी या अिभकतार ारा या उसकी ओर स िदए जाए परबनधक खान क समपणर परबनध िनयतरण पयरवकषण और िनदशन क िलए उ रदायी होगा और ऐस सब अनदश जब सवामी या अिभकतार ारा िदए जाए तो उनकी तरत िलिखत रप म पिष ट की जाएगी

(3) आपात की दशा क िसवाय खान का सवामी या अिभकतार या उसकी ओर स कोई िक त खान म िनयोिजत िकसी िक त को जो परबनधक क परित उ रदायी ह ऐस अनदश जो उसक काननी कतर की पित पर परभाव डालत ह परबधक क माधयम स ही दगा अनयथा नह

18 सवािमय अिभकतार और परबनधक क कतर और उ रदाियतवmdash(1) हर खान क सवामी और अिभकतार म स परतयक इस अिधिनयम और उसक अधीन बनाए गए िविनयम िनयम उपिविधय और आदश क उपबनध क अनपालन क िलए िव ीय और अनय उपबनध करन क िलए तथा ऐसी अनय काररवाई करन क िलए जो आवशयक हो उ रदायी होगा

(2) धारा 58 क खड (घ) खड (ङ) और खड (त) क अधीन बनाए गए िनयम म उपबिनधत िवषय की बाबत उ रदाियतव का िनवरहन अननयतः खान क सवामी और अिभकतार ारा और ऐस िक त (जो परबनधक स िभन न ह) िजस सवामी या अिभकतार पव क त उपबनध का अनपालन सिनिश चत करन क िलए िनयक त कर िकया जाएगा

(3) यिद उपधारा (2) क अधीन िदए गए िकनह अनदश या धारा 17 की उपधारा (3) क अधीन परबनधक की माफर त स अनयथा िदए गए िकनह अनदश क िकरयािनवत िकए जान क पिरणामसवरप इस अिधिनयम क या उसक अधीन बनाए गए िविनयम िनयम उपिविधय या आदश क उपबनध का उललघन होता ह तो ऐस अनदश दन वाला परतयक िक त भी समपक त उपबनध क उललघन क िलए िजममदार होगा

(4) उपधारा (1) उपधारा (2) और उपधारा (3) क उपबनध क अधीन रहत हए हर खान क सवामी अिभकतार और परबनधक म स परतयक इस बात क िलए उ रदायी होगा िक खान क समबनध म चलाई जा रही सब सिकरयाए इस अिधिनयम और उसक अधीन बनाए गए िविनयम िनयम उपिविधय और आदश क उपबनध क अनसार चलाई जाए

(5) इस अिधिनयम या उसक अधीन बनाए गए िविनयम िनयम उपिविधय या आदश क उपबनध म स उन उपबनध क िसवाय जो िकसी िक त स कोई कायर या बात करन की या िकसी िक त को कोई कायर या बात करन स परितिष करन की िविनिदष ट रप स अपकषा करत ह िकसी उपबनध का िकसी भी िक त ारा कोई उललघन होन की दशा म उस िक त क अितिरक त िजसन उललघन िकया ह िनम निलिखत म स परतयक िक त भी ऐस उललघन होन का दोषी माना जाएगा जब तक िक वह यह सािबत नह कर दता ह िक उसन ऐस उपबनध का अनपालन सिनिश चत करन क िलए सब समयक ततपरता बरती थी और ऐस उललघन को रोकन क िलए यिक तयक त उपाय िकए थ mdash

1 1983 क अिधिनयम स० 42 की धारा 11 ारा (31-5-1984 स) कितपय शबद क सथान पर परितसथािपत 2 1983 क अिधिनयम स० 42 की धारा 12 ारा (31-5-1984 स) ldquoिनदशकrdquo क सथान पर परितसथािपत 3 1983 क अिधिनयम स० 42 की धारा 13 ारा (31-5-1984 स) धारा 17 और 18 क सथान पर परितसथािपत

10

(i) वह या व पदधारी िजनको उललघन िकए गए उपबनध की बाबत पयरवकषण क कतर का पालन करन क िलए िनयक त िकया गया था

(ii) खान का परबनधक

(iii) खान का सवामी और अिभकतार

(iv) वह िक त यिद कोई हो जो उपधारा (2) क अधीन उ रदाियतव का िनवरहन करन क िलए िनयक त िकया गया ह

परनत पव क त िक तय म स िकसी क िवर कायरवाही नह की जा सकगी यिद जाच और अनवषण िकए जान पर यह परतीत होता ह िक वह परथमदष ा िजममदार नह ह

(6) इस धारा क अधीन खान क सवामी या अिभकतार क िवर की गई िकसी कररवाई म यह कोई परितवाद नह होगा िक परबनधक और अनय पदधािरय को इस अिधिनयम क उपबनध क अनसार िनयक त िकया गया ह या िक उपधारा (2) क अधीन उ रदाियतव को वहन करन क िलए िकसी िक त की िनयिक त की गई ह ]

अधयाय 5

सवासथय और कषम क िवषय म उपबनध

19 पीन का जलmdash1[(1) हर खान म उसम िनयोिजत सब िक तय क िलए सिवधाजनक रप स िसथत यथोिचत सथान पर ठड और सवासथयपरद पीन क जल क पयारप त परदाय का उपबनध करन और बनाए रखन क िलए परभावी इनतजाम िकया जाएगा

परनत भिम क नीच िनयोिजत िक तय की दशा म मखय िनरीकषक यथोिचत सथान पर पीन क जल का उपबनध िकए जान और बनाए रख जान क बदल म ऐस परदाय क िलए कोई अनय परभावी इनतजाम अनजञात कर सकगा ]

(2) ऐस सब सथान खान म िनयोिजत िक तय की बहसखया ारा समझी जान वाली भाषा म पढ़ जान योगय अकषर म ldquoपीन का जलrdquo पद स अिकत िकए जाएग और ऐसा कोई सथान िकसी धोन क सथान मतरालय या शौचालय क 2[छह मीटर] क अनदर तब क िसवाय न होगा जबिक इसस कम दरी मखय िनरीकषक ारा िलिखत रप म अनमोिदत न कर दी गई हो

(3) सब खान या खान की िकसी वगर या परकार क बार म कनदरीय सरकार उपधारा (1) और (2) क उपबनध का अनपालन सिनिश चत करन क िलए और पीन क जल क परदाय और िवतरण की परीकषा िविहत परािधकािरय ारा की जान क िलए िनयम बना सकगी

20 सफाईmdash(1) हर खान म िविहत परकार क शौचालय और मतरालय का उपबनध परष और मिहला क िलए अलग-अलग पयारप त सखया म िकया जाएगा जो इस परकार िसथत ह ग िक व खान म िनयोिजत िक तय क िलए सब समय पर सिवधाजनक और पहच क अनदर ह

(2) उपधारा (3) क अधीन उपबिनधत सब शौचालय और मतरालय पयारप त परकाशयक त और सवाितत ह ग और हर समय साफ और सवचछता की अवसथा म रख जाएग

(3) कनदरीय सरकार िकसी खान म उपबिनधत िकए जान वाल शौचालय और मतरालय की सखया खान म िनयोिजत परष और मिहला की सखया क अनपात म िविनिदष ट कर सकगी और खान म सवचछता क बार म ऐस अनय मामल क िलए (िजसक अनतगरत खान म िनयोिजत िक तय की इस बार म बाधयताए आती ह) उपबनध कर सकगी जस वह इस परकार िनयोिजत िक तय क सवासथ य क िहत म आवशयक समझ

3[21 िचिकतसीय साधनmdash(1) हर खान म ऐसी अनतवरसत क सिजजत जसी िविहत की जाए पराथिमक उपचार बकस या कबड का उपबनध इस परकार िकया जाएगा और उनह इस परकार बनाए रखा जाएगा िक काम क सब घणट म उन तक आसानी स पहच हो सक

(2) पराथिमक उपचार बकस या कबडर या कमर म िविहत अनतवरसत क िसवाय और कछ भी नह रखा जाएगा

(3) हर पराथिमक उपचार बकस या कबडर िकसी उ रदाियतवपणर िक त क भारसाधन म रखा जाएगा जो ऐस पराथिमक उपचार म परिशिकषत हो जसा िविहत िकया जाए और जो खान क काम क घट म सदा आसानी स उपलभय रहगा

(4) हर खान म उन िक तय को जो उस समय जब व खान म िनयोिजत ह शारीिरक कषित स या रोग स गरसत हो जाए िचिकतसालय या औषधालय तक पहचन क िलए ऐस आसानी स उपयोगय इनतजाम िकए जाएग जस िविहत िकए जाए

1 1959 क अिधिनयम स० 62 की धारा 10 ारा (16-1-1960 स) उपधारा (1) क सथान पर परितसथािपत 2 1983 क अिधिनयम स० 42 की धारा 14 ारा (31-5-1984 स) ldquoबीस फटrdquo क सथान पर परितसथािपत 3 1959 क अिधिनयम स० 62 की धारा 11 ारा (16-1-1960 स) धारा 21 और 22 क सथान पर परितसथािपत

11

(5) हर खान म िजसम डढ़ सौ स अिधक िक त िनयोिजत ह ऐस आकार का ऐस साज सामान स सिजजत और ऐस िचिकतसीय और पिरचयार कमरचािरवनद क भारसाधन म जस िक िविहत िकए जाए एक पराथिमक उपचार कमरा उपबिनधत िकया जाएगा और चाल हालत म रखा जाएगा

22 जब िक सकट क ऐस कारण िव मान ह िजनक िलए कोई अिभ क त उपबनध नह िकया गया ह या जब िक िक तय का िनयोजन सकटपणर हो तब िनरीकषक की शिक तयाmdash(1) यिद िकसी ऐसी बात क बार म िजसक िलए इस अिधिनयम ारा या या क अधीन कोई अिभ क त उपबनध नह िकया गया ह मखय िनरीकषक को या िनरीकषक को यह परतीत हो िक कोई खान या उसका कोई भाग अथवा खान म की या उसस या उसक िनयतरण पयरवकषण परबनध या िनदशन स ससक त कोई बात वसत या प ित मानव जीवन या कषम क िलए सकटपणर ह या इतनी तरिटपणर ह िक उसस यह जोिखम ह या उसकी ऐसी परवि ह िक िकसी िक त को शारीिरक कषित हो तो वह खान क सवामी अिभकतार या परबनधक को उसकी िलिखत सचना द सकगा और सचना म उन िविशिष टय का कथन करगा िजनक बार म वह खान या उसक भाग को या बात वसत या प ित को सकटपणर या तरिटपणर समझता हो और यह अपकषा करगा िक उस इतन समय क अनदर और ऐसी रीित स ठीक कर िदया जाए जो वह उस सचना म िविनिदष ट कर

(1क) जहा िक खान का सवामी अिभकतार या परबनधक उपधारा (1) क अधीन दी गई सचना क िनबनधन का अनपालन उसम िविनिदष ट कालाविध क अनदर करन म असफल रहगा वहा यथािसथित मखय िनरीकषक या िनरीकषक खान या उसक िकसी भाग म या क आसपास िकसी ऐस िक त का िनयोजन िलिखत आदश ारा परितिष कर सकगा िजसका िनयोजन उसकी राय म सचना क िनबनधन का अनपालन सिनिश चत करन क िलए यिक तयक ततः आवशयक न हो

(2) उपधारा (1) म अनतिवष ट उपबनध पर परितकल परभाव डाल िबना यह ह िक यथािसथित मखय िनरीकषक या िनरीकषक खान क सवामी अिभकतार या परबनधक को सबोिधत िलिखत आदश ारा िकसी खान या उसक िकसी भाग म स सतभ या खिनज-खणड का िनकाला जाना या छाटा जाना परितिष कर सकगा यिद उसकी राय म ऐसी सिकरया स सतभ या खिनज-खणड का बठ जाना या खिनज क िकसी भाग का समय पवर ढह जाना सभा हो या उसस खान का या उसम िनयोिजत िक तय क जीवन या कषम का अनयथा सकटापन न हो जाना सभा हो या यिद उसकी राय म खान क िजस भाग म ऐसी सिकरया अनधयात हो उसम आग लगन या जलपलावन क िवर यथायोगय उपबनध उसको महरबनद और अलग करन क िलए उपबनध करक और जो कषतर आग या जलपलावन स परभािवत हो सकता हो उस पिरिमत करन क िलए उपबनध करक न िकया गया हो

(3) यिद मखय िनरीकषक या उसक ारा िलिखत रप म साधारण या िवशष आदश ारा इस िनिम परािधकत िनरीकषक की यह राय हो िक िकसी खान म या उसक िकसी भाग म िनयोिजत िकसी िक त क जीवन या कषम को अजनट या आसन न सकट ह तो वह अपनी राय क कारण का कथन अनतिवष ट करन वाल िलिखत आदश ारा खान क िकसी भाग म या क आसपास िकसी ऐस िक त का िनयोजन िजसका िनयोजन सकट दर करन क िलए उसकी राय म यिक तयक ततः आवशयक न हो तब तक क िलए परितिष कर सकगा 1[जब तक उसका यह समाधान न हो जाए िक वह सकट दर हो गया ह]

2[(3क) ऐसा परतयक िक त िजसका िनयोजन उपधारा (1क) या उपधारा (3) क अधीन परितिष ह उस अविध क िलए िजसक िलए वह यिद परितषध न होता तो िनयोजन म होता पणर मजदरी का सदाय पान का हकदार होगा और सवामी अिभकतार या परबनधक उस िक त को ऐसी पणर मजदरी क सदाय क िलए िजममदार होगा

परनत सवामी अिभकतार या परबनधक ऐसी पणर मजदरी का सदाय करन क बजाय ऐस िक त को उसी मजदरी पर आनकिलपक िनयोजन की वसथा कर सकगा जो ऐसा िक त उस िनयोजन म पराप त कर रहा था िजस परितिष कर िदया गया था ]

(4) जहा िक िनरीकषक ारा उपधारा (1) क अधीन कोई सचना दी गई हो या उसक ारा उपधारा (1क) उपधारा (2) या उपधारा (3) क अधीन कोई आदश िकया गया हो वहा खान का सवामी अिभकतार या परबनधक यथािसथित सचना या आदश की परािप त क पश चात दस िदन क अनदर उसक िखलाफ अपील मख य िनरीकषक को कर सकगा जो सचना या आदश को पष ट उपानतिरत या र कर सकगा

(5) उपधारा (1) क अधीन सचना भजन वाला या उपधारा (1क) या उपधारा (2) या उपधारा (3) क अधीन आदश करन वाला मखय िनरीकषक या िनरीकषक और उपधारा (4) क अधीन आदश (जो अपील म िकए गए र करन क आदश स िभन न हो) करन वाला मखय िनरीकषक उसकी िरपोटर ततकाल कनदरीय सरकार को दगा

(6) यिद खान का सवामी अिभकतार या परबनधक मखय िनरीकषक ारा उपधारा (1) क अधीन भजी गई सचना या उपधारा (1क) या उपधारा (2) या उपधारा (3) या उपधारा (4) क अधीन मखय िनरीकषक ारा िकए गए आदश पर आकषप कर तो वह यथािसथित आकषप अनतिवष ट करन वाली सचना की या आदश की परािप त क पश चात या अपील क िविनश चय की तारीख क पश चात बीस िदन क अनदर आकषप क आधार का कथन करत हए अपना िलिखत आकषप कनदरीय सरकार को भज सकगा 3[जो सामानयतः आकषप की परािप त की तारीख स दो मास की अविध क भीतर उस एक सिमित को िनदिशत कर दगी ]

1 1983 क अिधिनयम स० 42 की धारा 15 ारा (31-5-1984 स) ldquoजब तक वह सकट दर न हो जाएrdquo शबद क सथान पर परितसथािपत 2 1983 क अिधिनयम स० 42 की धारा 15 ारा (31-5-1984 स) अनतःसथािपत 3 1983 क अिधिनयम स० 42 की धारा 15 ारा (31-5-1984 स) ldquoजो िनदिशत करगीrdquo शबद क सथान पर परितसथािपत

12

(7) उपधारा (1) क अधीन की हर सचना का या उपधारा (1क) उपधारा (2) उपधारा (3) या उपधारा (4) क अधीन क हर आदश का िजस पर उपधारा (6) क अधीन आकषप िकया गया हो अनपालन सिमित का िविनश चय खान म पराप त होन तक िकया जाएगा

परनत सिमित उपधारा (1) क अधीन की 1[सचना] का परवतरन सवामी अिभकतार या परबनधक क आवदन पर तब तक क िलए िनलिमबत कर सकगी जब तक आकषप पर उसका अपना िविनश चय न हो जाए

(8) इस धारा की कोई भी बात 2दणड परिकरया सिहता 1898 (1898 का 5) की धारा 144 क अधीन की मिजसटरट की शिक तय पर परभाव नह डालगी ]

3[22क कछ दशा म िनयोजन का परितषध करन की शिक तmdash(1) जहा सरकषा स सबिधत िकसी बात क बार म िजसक िलए इस अिधिनयम ारा या उसक अधीन अिभ क त उपबनध िकया गया ह खान का सवामी अिभकतार या परबनधक ऐस उपबनध का अनपालन करन म असफल रहता ह वहा मखय िनरीकषक यह अपकषा करन वाली िलिखत सचना द सकगा िक उसका उतन समय क भीतर जो वह सचना म िविनिदष ट कर या समय की उतनी बढ़ाई गई अविध क भीतर जो वह उसक पश चात समय-समय पर िविनिदष ट कर अनपालन िकया जाए

(2) जहा सवामी अिभकतार या परबनधक उपधारा (1) क अधीन दी गई सचना क िनबनधन का यथािसथित ऐसी सचना म िविनिदष ट अविध क भीतर या उस उपधारा क अधीन िविनिदष ट समय की बढ़ाई गई अविध क भीतर अनपालन करन म असफल रहता ह वहा मखय िनरीकषक खान म या उसक िकसी भाग म या उसक आसपास िकसी ऐस िक त का िनयोजन िलिखत आदश ारा परितिष कर सकगा िजसका िनयोजन उसकी राय म सचना क िनबनधन का अनपालन सिनिश चत करन क िलए यिक तयक त तौर पर आवशयक न हो

(3) परतयक ऐसा िक त िजसका िनयोजन उपधारा (2) क अधीन परितिष िकया जाता ह उस अविध की पणर मजदरी का सदाय पान का हकदार होगा िजसक िलए वह यिद परितषध न हआ होता तो िनयोजन म होता और सवामी अिभकतार या परबनधक उस

िक त को ऐसी पणर मजदरी क सदाय क िलए दायी होगा

परनत सवामी अिभकतार या परबनधक ऐसी पणर मजदरी दन बजाय ऐस िक त को उसी मजदरी पर आनकिलपक िनयोजन द सकगा जो ऐसा िक त उस िनयोजन म पराप त कर रहा था जो उपधारा (2) क अधीन परितिष िकया गया था

(4) धारा 22 की उपधारा (5) उपधारा (6) और उपधारा (7) क उपबनध इस धारा की उपधारा (1) क अधीन जारी की गई िकसी सचना या उपधारा (2) क अधीन िकए गए िकसी आदश क समबनध म उसी परकार लाग ह ग जस व उस धारा की उपधारा (1) क अधीन सचना या उपधारा (1क) क अधीन आदश क सबध म लाग होत ह ]

23 दघरटना की सचना का िदया जानाmdash4[(1) जब िकसी खान म या उसक आसपासmdash

(क) कोई ऐसी दघरटना हो जाए िजसस जीवन की हािन या गमभीर शारीिरक कषित कािरत हई हो अथवा

(ख) िवसफोट जवलन सवतः तपन या आग लग जाना या जल या अनय दरव-पदाथर का फट िनकलना या सवग अनतपररवश घिटत हो जाए अथवा

(ग) जवलनशील या अपायकर गस का अनतवारह घिटत हो जाए अथवा

(घ) िजन रसस जजीर या अनय िगयर स िक त या सामगरी कपक या आनित म उतारी या वहा स उठाई जाती ह उनका टट जाना घिटत हो जाए अथवा

(ङ) िकसी कपक म िपजर या अनय परवहण-साधन अतयिधक लपट तब खा जाए जब िक त या सामगरी उतारी या उठाई जा रही हो अथवा

(च) खिनत का कोई भाग समय-पवर ढह जाए अथवा

(छ) कोई अनय दघरटना जो िविहत की जाए घिटत हो जाए

तब खान का सवामी अिभकतार या परबनधक उस घटना की सचना ऐस परािधकारी को ऐस पररप म और ऐस समय क अनदर दगा जो िविहत िकया जाए और साथ ही साथ वह सचना की एक परित ऐस सथान पर जहा उसका िनरीकषण वसाय सघ क पदधािरय ारा िकया जा सक िविहत रीित म एक िवशष सचना प पर लगाएगा और सिनिश चत करगा की वह सचना ऐस लगाए जान की तारीख स कम स कम चौदह िदन तक प पर लगी रह ]

1 1983 क अिधिनयम स० 42 की धारा 15 ारा (31-5-1984 स) ldquoअधयपकषाrdquo शबद क सथान पर परितसथािपत 2 अब दिखए दड परिकरया सिहता 1973 (1974 का 2) 3 1983 क अिधिनयम स० 42 की धारा 16 ारा (31-5-1984 स) अनतःसथािपत 4 1959 क अिधिनयम स० 62 की धारा 12 ारा (16-1-1960 स) उपधारा (1) क सथान पर परितसथािपत

13

1[(1क) जब कभी खान म या उसक आसपास कोई ऐसी दघरटना हो जाए िजसस िकसी िक त को िरपोटर की जान योगय कोई कषित कािरत हई हो तो खान का सवामी अिभकतार या परबनधक ऐसी दघरटना को एक रिजसटर म िविहत पररप म परिवष ट करगा और ऐसी परिविष टय की परितया ितमाही म एक बार मखय िनरीकषक को दी जाएगी ]

(2) जहा िक उपधारा (1) क अधीन दी गई सचना ऐसी दघरटना क बार म हो िजसस जीवन की हािन कािरत हई हो वहा वह परािधकारी घटना की जाच सचना की परािप त क दो मास क अनदर करगा और यिद परािधकारी िनरीकषक न हो तो वह िनरीकषक स उक त कालाविध क अनदर जाच कराएगा

2[(3) कनदरीय सरकार राजपतर म अिधसचना ारा िनदश द सकगी िक उपधारा (1) और उपधारा (1क) म िविनिदष ट दघरटना स िभन न िजन दघरटना म ऐसी शारीिरक कषित कािरत होती ह िजसस िक कषितगरसत िक त की काम स चौबीस घट स अिधक की अविध की मजदरी क कारण अनपिसथित हो जाती ह तो व दघरटनाए िविहत पररप म एक रिजसटर म परिवष ट की जाएगी या यथािसथित उपधारा (1) या उपधारा (1क) क उपबनध क अधयधीन रहगी ]

(4) उपधारा (3) म िनिदष ट रिजसटर म की परिविष टय की एक परित खान क सवामी अिभकतार या परबनधक ारा 3[उस वषर स िजसस व परिविष टया समब ह अगल वषर म जनवरी क 20व िदन या ततपवर] मखय िनरीकषक को भजी जाएगी

3[(5) जब कभी खान म या उसक आसपास कोई ऐसी दघरटना हो जाए िजसस िकसी िक त क जीवन को हािन या उसको गभीर शारीिरक कषित कािरत हई हो तो उस मखय िनरीकषक या िनरीकषक क िजसको धारा 23 की उपधारा (1) क अधीन दघरटना की सचना का िदया जाना अपिकषत ह आगमन क पवर या उसकी सम मित क िबना दघरटना सथल की उलट-पलट या उसम कोई पिरवतरन नह िकया जाएगा जब तक िक ऐसी उलट-पलट या पिरवतरन आग िकसी दघरटना को रोकन क िलए मतक क शव को हटान क िलए या िकसी िक त की सकट स रकषा करन क िलए आवशयक न हो अथवा जब तक िक दघरटना सथल पर काम क बनद िकए जान स खान क कायरकरण म गमभीर अड़चन न पड़

परनत जहा मखय िनरीकषक या उक त िनरीकषक दघरटना क समय स बह र घट क भीतर दघरटना का सथल िनरीकषण करन म असफल रहता ह वहा दघरटना सथल पर काम पनः आरमभ िकया जा सकगा ]

24 दघरटना क मामल म जाच-नयायालय िनयक त करन की सरकार की शिक तmdash4[(1) जब िक खान म या उसक आसपास धारा 23 की उपधारा (1) क खड म स िकसी म िनिदष ट परकित की कोई दघरटना हो जाए तब कनदरीय सरकार यिद उसकी यह राय हो िक दघरटना क कारण की और पिरिसथितय की पररिपक जाच होनी चािहए ऐसी जाच करन क िलए कोई सकषम िक त िनयक त कर सकगी और जाच करन म अससर क रप म कायर करन क िलए िविध का या कोई िवशष जञान रखन वाल एक या अिधक िक तय को भी िनयक त कर सकगी ]

(2) ऐसी िकसी जाच करन क िलए िनयक त िक त को सािकषय को हािजर करान और दसतावज और भौितक पदाथ 5 को पश करन क िलए िववश करन क परयोजन क िलए िसिवल परिकरया सिहता 1908 (1908 का 5) क अधीन की िसिवल नयायालय की सब शिक तया पराप त ह गी

(3) इस धारा क अधीन जाच करन वाला कोई िक त इस अिधिनयम क अधीन की िनरीकषक की ऐसी शिक तय का परयोग कर सकगा िजसका परयोग करना वह जाच क परयोजन क िलए आवश यक या समीचीन समझ

(4) इस धारा क अधीन जाच करन वाला िक त दघरटना क कारण और उसकी पिरिसथितय को किथत करन वाली िरपोटर िकनह ऐसी समिक तय को जोड़कर िजनह िक वह या अससर म स कोई िलखना आवशयक समझ कनदरीय सरकार को दगा

25 कछ रोग की सचनाmdash(1) जहा िक खान म िनयोिजत िकसी िक त को कोई 6ऐसा रोग लग जाए जो कनदरीय सरकार ारा शासकीय राजपतर म खनन सिकरया स ससक त रोग क रप म अिधसिचत िकया गया हो वहा खान का यथािसथित सवामी

अिभकतार या परबनधक उसकी सचना मखय िनरीकषक को और ऐस अनय परािधकािरय को ऐस पररप म और ऐस समय क अनदर भजगा जस िविहत िकए जाए

(2) यिद कोई िचिकतसा- वसायी िकसी ऐस िक त की दखभाल कर जो िकसी खान म िनयोिजत हो या रहा हो और जो उपधारा (1) क अधीन अिधसिचत िकसी रोग स पीिड़त हो या िजसक बार म िचिकतसा- वसायी को िवश वास हो िक वह ऐस रोग स पीिड़त ह तो िचिकतसा- वसायीmdash

(क) रोगी का नाम और पता

1 1983 क अिधिनयम स० 42 की धारा 17 ारा (31-5-1984 स) अनतःसथािपत 2 1983 क अिधिनयम स० 42 की धारा 17 ारा (31-5-1984 स) उपधारा (3) क सथान पर परितसथािपत 3 1959 क अिधिनयम स० 62 की धारा 12 ारा (16-1-1960 स) कितपय शबद क सथान पर परितसथािपत 4 1959 क अिधिनयम स० 62 की धारा 13 ारा (16-1-1960 स) उपधारा (1) क सथान पर परितसथािपत 5 1959 क अिधिनयम स० 62 की धारा 13 ारा (16-1-1960 स) कितपय शबद का लोप िकया गया 6 िसलकोिसस और नयमोकोिनओिसस िजनह ऐस रोग घोिषत िकया गया ह दिखए भारत का राजपतर (अगरजी) भाग 2 खण ड 3 प 1153 म परकािशत अिधसचना स० 1

का०िन०आ० 1306 तारीख 21 जलाई 1952 और मगनीज िवषाकतीकरण-तितरका परकार का िजस ऐसा रोग घोिषत िकया गया ह दिखए भारत का राजपतर (अगजी) 1956 भाग 2 खणड 3 प 2195 म परकािशत अिधसचना स० का०िन०आ० 3109 तारीख 18 िदसमबर 1956

14

(ख) वह रोग िजसस रोगी पीिड़त हो या िजसस उसक पीिड़त होन का िवश वास हो तथा

(ग) उस खान का नाम और पता िजसम रोगी िनयोिजत हो या अिनतम बार िनयोिजत था

किथत करन वाली िलिखत िरपोटर मखय िनरीकषक को अिवलमब भजगा

(3) जहा िक उपधारा (2) क अधीन की िरपोटर की यह पिष ट परमाणकतार सजरन क परमाणपतर स या अनयथा मखय िनरीकषक को समाधानपरद रप म हो जाए िक वह िक त उपधारा (1) क अधीन अिधसिचत रोग स पीिड़त ह वहा मखय िनरीकषक िचिकतसा-

वसायी को उतनी फीस दगा िजतनी िविहत की जाए और ऐस सद फीस उस खान क सवामी अिभकतार या परबनधक स िजसम उस िक त को रोग लगा हो भ-राजसव क बकाया क रप म वसलीय होगी

(4) यिद कोई िचिकतसा- वसायी उपधारा (2) क उपबनध का अनपालन करन म असफल रहगा तो वह जमारन स जो पचास रपए तक का हो सकगा दणडनीय होगा

26 रोग क कारण क अनवषण का िनदश दन की शिक तmdash(1) कनदरीय सरकार यिद वह ऐसा करना समीचीन समझ तो िकसी ऐस मामल की जाच करन क िलए तथा उस पर िरपोटर दन को कोई सकषम िक त िनयक त कर सकगी िजसम धारा 25 की उपधारा (1) क अधीन अिधसिचत कोई रोग खान म लगा हो या िजसक बार म सदह िकया जाता हो िक वह खान म लगा ह और ऐसी जाच म अससर क रप म कायर करन क िलए िविध का जञान या िवशष जञान रखन वाल एक या अिधक िक तय को भी िनयक त कर सकगी

(2) धारा 24 की उपधारा (2) और (3) क उपबध इस धारा क अधीन की जाच को उसी रीित स लाग ह ग जस व उस धारा क अधीन की िकसी जाच को लाग होत ह

27 िरपोट का परकाशनmdashऐस समय पर और ऐसी रीित स जो वह ठीक समझ कनदरीय सरकार सिमित ारा 1[धारा 12] क अधीन भजी गई िकसी िरपोटर को या अपन को धारा 26 क अधीन भजी गई िकसी िरपोटर या िकसी िरपोटर क उ रण को परकािशत करा सकगी और धारा 24 क अधीन िकसी जाच नयायालय ारा भजी गई हर िरपोटर को परकािशत कराएगी

अधयाय 6

िनयोजन क घट और उस पर िनबरधन

28 साप तािहक िवशराम-िदनmdashिकसी भी िक त को खान म िकसी एक सप ताह म छह िदन स अिधक काम नह करन िदया जाएगा

29 परितकरातमक िवशराम-िदनmdash(1) जहा िक धारा 38 क अधीन कायरवाही क अनसरण म अथवा िकसी खान को या उसम िनयोिजत िक तय को धारा 28 क उपबनध स छट िदए जान क फलसवरप कोई िक त जो उस खान म िनयोिजत हो उन साप तािहक िवशराम-िदन म स िकसी स िजनक िलए धारा 28 म उपबनध िकया गया ह विचत िकया जाए वहा उस उसी मास क अनदर िजसम उस ऐस िवशराम-िदन दय थ या उस मास क अ विहत पश चात क दो मास क अनदर उन िवशराम-िदन की समान सखया म िजनस वह इस परकार विचत िकया गया हो परितकरातमक िवशराम-िदन िदए जाएग

(2) कनदरीय सरकार वह रीित िविहत कर सकगी िजसस व िवशराम-िदन िजनक िलए उपधारा (1) म उपबनध िकया गया ह िदए जाएग

30 भिम क ऊपर क काम क घणटmdash(1) िकसी सप ताह म अड़तालीस घणट स अिधक या िकसी िदन म नौ घणट स अिधक काम भिम क ऊपर िनयोिजत िकसी भी वयसथ स न तो अपिकषत िकया जाएगा और न उस करन िदया जाएगा

2[परनत मखय िनरीकषक क पवर अनमोदन क अधयधीन रहत हए इस उपधारा म िविनिदष ट दिनक अिधकतम घणट को पािरय म तबदीली सकर बनान क िलए बढ़ाया जा सकगा ]

(2) िकसी ऐस वयसथ क काम की कालाविधया इस परकार विसथत की जाएगी िक उसक िवशराम अनतराल सिहत व िकसी भी िदन बारह घणट स अिधक िवसतत न ह और वह कम स कम आध घणट का िवशराम अनतराल क चकन क पवर िनरनतर पाच घणट स अिधक काम न कर

3[परनत मखय िनरीकषक ऐस कारण स जो लखन ारा अिभिलिखत िकए जाएग इस िवसतित का िकसी िदन अिधकतम चौदह घणट की कालाविध तक का होना ऐसी शत क अधयधीन जसी वह अिधरोिपत करना ठीक समझ अनजञात कर सकगा ]

4[(3) दो या अिधक पािरय क िक तय को एक ही समय भिम क ऊपर एक ही परकार का काम नह करन िदया जाएगा

1 1983 क अिधिनयम स० 42 की धारा 18 ारा (31-5-1984 स) ldquoधारा 13rdquo शबद और अक क सथान पर परितसथािपत 2 1959 क अिधिनयम स० 62 की धारा 14 ारा (16-1-1960 स) परनतक जोड़ा गया 3 1959 क अिधिनयम स० 62 की धारा 14 ारा (16-1-1960 स) परनतक क सथान पर परितसथािपत 4 1959 क अिधिनयम स० 62 की धारा 14 ारा (16-1-1960 स) उपधारा (3) क सथान पर परितसथािपत

15

परनत इस उपधारा क परयोजन क िलए िक तय क बार म कवल इस तथय क कारण िक उनक िवशराम अनतराल उनह िभन न समय पर िमलत ह यह न समझा जाएगा िक व िविभन न पािरय क ह ]

1[31 भिम क नीच क काम क घटmdash(1) खान म भिम क नीच िनयोिजत िकसी भी वयसथ को िकसी सप ताह म अड़तालीस घणट स अिधक या िकसी िदन म आठ घणट स अिधक काम नह करन िदया जाएगा

परनत मखय िनरीकषक क पवर अनमोदन क अधयधीन रहत हए इस उपधारा म िविनिदष ट दिनक अिधकतम घणट को पािरय म तबदीली सकर बनान क िलए बढ़ाया जा सकगा

(2) खान म भिम क नीच कोई भी काम ऐस विसथत पारी-प ित स चलान क िसवाय न चलाया जाएगा िक हर एक पारी म काम की कालाविध उपधारा (1) म बताए गए दिनक अिधकतम घट स अिधक िवसतत न हो

(3) खान म िनयोिजत िकसी िक त को भिम क नीच क खान क िकसी भाग म काम की उन कालाविधय क दौरान उपिसथत रहन दन क िसवाय उपिसथत न रहन िदया जाएगा जो धारा 48 की उपधारा (4) क अधीन रख जान वाल रिजसटर म उसक बार म दिशत ह ]

2[32 राितर की पारीmdashजहा िक खान म िनयोिजत िक त ऐसी पारी म काम कर िजसका िवसतार मधयराितर क पश चात तक हो वहाmdash

(क) धारा 28 और धारा 29 क परयोजन क िलए उसक मामल म साप तािहक िवशराम-िदन स उसकी पारी क अनत होन पर आरमभ होन वाली िनरनतर 24 घणट की कालाविध अिभपरत होगी

(ख) उसकी पारी का अनत होन पर आरमभ होन वाली चौबीस घणट की कालाविध उसक िलए अगला िदन समझी जाएगी और मधयराितर क पश चात िजतन घणट उसन काम िकया हो व पवरवत िदन म िगन जाएग ]

33 अितकाल क िलए अितिरक त मजदरीmdash3[(1) जहा िक खान म कोई िक त भिम क ऊपर िकसी िदन नौ घणट स अिधक या भिम क नीच िकसी िदन आठ घणट स अिधक काम कर या चाह भिम क ऊपर या नीच िकसी सप ताह म अड़तालीस घणट स अिधक काम कर वहा ऐस अितकािलक काम क िलए वह अपनी मजदरी की मामली दर स दगनी दर पर मजदरी पान का हकदार होगा और अितकािलक काम की कालाविध की गणना दिनक या साप तािहक आधार पर जो भी उसक िलए अिधक अनकल हो की जाएगी ]

4[(2) जहा खान म िनयोिजत िकसी िक त को मातरानपाती दर स सदाय िकया जाना हो वहा कालानपाती दर को उन िदन क िजनको उसक उस सप ताह क िजसम अितकाल काम िकया गया ह ठीक पवरवत सप ताह क दौरान वासतव म काम िकया था िकसी अितकाल को छोड़कर उसक पणरकािलक उपाजरन क दिनक औसत क बराबर माना जाएगा और ऐसी कालानपाती दर ऐस िक त की मजदरी की मामली दर मानी जाएगी

परनत यिद ऐस िक त न पवरवत सप ताह म उसी या समान काम पर कायर नह िकया ह तो कालानपाती दर अितकाल को छोड़कर उन िदन की िजनको उसन उसी सप ताह म काम िकया ह औसत या िकसी पवरवत सप ताह म उसक उपाजरन की दिनक औसत इनम स जो भी उच चतर हो उस पर आधािरत होगी

सपष टीकरणmdashइस धारा क परयोजन क िलए ldquoमजदरी की मामली दरrdquo का वही अथर होगा जो उसका धारा 9क की उपधारा (3) क सपष टीकरण म ह ]

(4) इस धारा क उपबनध का अनपालन सिनिश चत करन क परयोजन क िलए कनदरीय सरकार खान म रख जान वाल रिजसटर िविहत कर सकगी

5[34 कितपय िक तय क िनयोजन का परितषधmdashकोई भी िक त जो पवरवत बारह घनट क अनदर िकसी अनय खान म पहल ही काम करता रहा हो खान म काम करन क िलए न तो अपिकषत िकया जाएगा न उस खान म काम करन िदया जाएगा ]

6[35 अितकािलक काम सिहत दिनक काम क घट का िनबरनधनmdashधारा 39 क खणड (क) और खणड (ङ) म आन वाल मामल म क िसवाय िकसी भी िदन अितकाल सिहत दस घट स अिधक खान म काम न तो खान म िनयोिजत िकसी भी िक त स अपिकषत िकया जाएगा न उस करन िदया जाएगा ]

36 काम क घट क िवषय म सचनाएmdash(1) हर खान का परबनधक खान म काम क परारमभ और बनद होन का समय और यिद टोली प ित ारा काम परसथािपत हो तो हर एक टोली क काम क परारमभ और बनद होन का समय किथत करन वाली सचना िविहत पररप म खान क कायारलय क बाहर लगवाएगा

1 1959 क अिधिनयम स० 62 की धारा 15 ारा (16-1-1960 स) धारा 31 क सथान पर परितसथािपत 2 1959 क अिधिनयम स० 62 की धारा 16 ारा (16-1-1960 स) धारा 32 क सथान पर परितसथािपत 3 1959 क अिधिनयम स० 62 की धारा 17 ारा (16-1-1960 स) उपधारा (1) क सथान पर परितसथािपत 4 1983 क अिधिनयम स० 42 की धारा 19 ारा (31-5-1984 स) उपधारा (2) और (3) क सथान पर परितसथािपत 5 1959 क अिधिनयम स० 62 की धारा 18 ारा (16-1-1960 स) धारा 34 क सथान पर परितसथािपत 6 1959 क अिधिनयम स० 62 की धारा 19 ारा (16-1-1960 स) धारा 35 क सथान पर परितसथािपत

16

(2) उस खान की दशा म िजसम खनन सिकरयाए इस अिधिनयम क परारमभ क पश चात परारभ ह उपधारा (1) म िनिदष ट सचना काम क परारमभ होन क कम स कम सात िदन पवर लगाई जाएगी

(3) उपधारा (1) म िनिदष ट सचना म भिम क ऊपर िनयोिजत िक तय क काम क परारमभ का समय और िवशराम अनतराल भी किथत ह ग और उसकी एक परित मखय िनरीकषक को यिद वह ऐसी अपकषा कर तो भजी जाएगी

(4) जहा िक साधारणतः खान म या िकसी टोली क काम क परारमभ या बनद होन क िलए िनयत समय म या भिम क ऊपर िनयोिजत िक तय क िलए िनयत िवशराम अनतराल म कोई तबदीली करन की परसथापना हो वहा िविहत पररप म एक सशोिधत सचना उस तबदीली क िकए जान क सात स अनयन िदन पवर खान क कायारलय क बाहर लगाई जाएगी और ऐसी सचना की एक परित ऐसी तबदीली क सात स अनयन िदन पवर मखय िनरीकषक को भजी जाएगी

(5) िकसी भी िक त को उपधारा (1) ारा अपिकषत सचना क अनसार काम करन स अनयथा खान म काम नह करन िदया जाएगा

37 पयरवकषक कमरचािरवनदmdashधारा 28 धारा 30 धारा 31 धारा 34 या 1[धारा 36 की उपधारा (5)] की कोई भी बात उन िक तय को लाग न होगी िजनकी बाबत िनयम ारा यह पिरभािषत िकया जाए िक व पयरवकषण या परबनध का पद धारण िकए हए ह

या गोपनीयता की हिसयत म िनयोिजत ह

38 िनयोजन सबधी उपबनध स छटmdash(1) उस आपात की दशा म िजसम खान या उसम िनयोिजत िक तय क कषम क िलए गमभीर जोिखम अनतवरिलत हो या वासतिवक या आशिकत िकसी दघरटना की दशा म या िकसी दवीकत की दशा म या खान की मशीनरी सयतर या उपसकर क ठपप हो जान क पिरणामसवरप ऐसी मशीनरी सयतर या उपसकर पर िकए जान वाल िकसी अजनट काम की दशा म परबनधक धारा 22 2[या धारा 22क] क उपबनध क अधयधीन और धारा 39 क अधीन क िनयम क अनसार िक तय को धारा 28 धारा 30 धारा 31 या धारा 34 या 1[धारा 36 की उपधारा (5)] क उललघन म ऐस काम म िनयोजन की अनजञा द सकगा जो खान या उसम िनयोिजत िक तय क कषम का सरकषण करन क िलए आवशयक हो

परनत मशीनरी सयतर या उपसकर पर इस धारा क अधीन िकए जान वाल िकसी अजनट काम की दशा म परबनधक इस धारा ारा अनजञात कोई काररवाई कर सकगा य िप उसक िकए जान स 3[खिनज] उतपादन आनषिगक रप स परभािवत होता हो िकनत इस

परकार की गई काररवाई उन सीमा क बाहर न की जाएगी जो खान क मामली कायरकरण म गमभीर हसतकषप का पिरवजरन करन क परयोजन क िलए आवशयक हो

(2) हर वह दशा िजसम उपधारा (1) क अधीन परबनधक ारा काररवाई की गई हो ततसमब पिरिसथितय क साथ अिभिलिखत की जाएगी और उसकी िरपोटर मखय िनरीकषक या िनरीकषक को भी दी जाएगी

4[39 छट दन वाल िनयम बनान की शिक तmdash5[कनदरीय सरकार] िनम निलिखत िक तय क िलए धारा 28 धारा 30 धारा 31 धारा 34 या धारा 36 की उपधारा (5) क उपबनध स ऐस िवसतार तक ऐसी पिरिसथितय म और ऐसी शत क अधयधीन जसी िविनिदष ट की जाए छट का उपबनध करन वाल िनयम बना सकगीmdash

(क) ऐसी खान म िजसम ऐस आपात की आशका हो िजसम खान क या उसम िनयोिजत िक तय क कषम की गमभीर जोिखम अनतवरिलत हो िनयोिजत सब िक त या उनम स कोई

(ख) िकसी वासतिवक या आशिकत दघरटना की दशा म इस परकार िनयोिजत सब िक त या उनम स कोई

(ग) िकसी तयारी की परकित क या परक परकित क ऐस काम म जो खान क मामली कायरकरण म गमभीर हसतकषप का पिरवजरन करन क परयोजन क िलए अवशय चलाया जाना चािहए लग हए सब िक त या उनम स कोई

(घ) अजनट मरममत म लग हए सब िक त या उनम स कोई

(ङ) िकसी ऐस काम म जो िक तकनीकी कारण स िनरनतर चाल रखा जाना चािहए िनयोिजत सब िक त या उनम स कोई ] 6[40 अठारह वषर स कम आय क िक तय का िनयोजनmdash(1) खान (सशोधन) अिधिनयम 1983 क परारमभ क पश चात

अठारह वषर स कम आय क िकसी िक त को िकसी खान या उसक भाग म काम करन क िलए अनजञात नह िकया जाएगा

(2) उपधारा (1) म िकसी बात क होत हए भी िशकष और अनय परिशकष को जो सोलह वषर स कम आय क नह ह िकसी खान या उसक भाग म परबनधक ारा समिचत पयरवकषण क अधीन काम करन क िलए अनजञात िकया जा सकगा

1 1953 क अिधिनयम स० 42 की धारा 4 और अनसची 3 ारा ldquoधारा 36 की उपधारा (4)rdquo क सथान पर परितसथािपत 2 1983 क अिधिनयम स० 42 की धारा 20 ारा (31-5-1984 स) अनतःसथािपत 3 1959 क अिधिनयम स० 62 की धारा 20 ारा (16-1-1960 स) ldquoकोयलाrdquo क सथान पर परितसथािपत 4 1959 क अिधिनयम स० 62 की धारा 21 ारा (16-1-1960 स) धारा 39 क सथान पर परितसथािपत 5 1983 क अिधिनयम स० 42 की धारा 21 ारा (31-5-1984 स) कितपय शबद क सथान पर परितसथािपत 6 1983 क अिधिनयम स० 42 की धारा 22 ारा (31-5-1984 स) धारा 40 क सथान पर परितसथािपत

17

परनत िशकष स िभन न परिशकष की दशा म उनको काम करना अनजञात करन स पवर मखय िनरीकषक या िनरीकषक का पवर अनमोदन अिभपराप त करना आवशयक होगा

सपष टीकरणmdashइस धारा और धारा 43 म ldquoिशकषrdquo स िशकष अिधिनयम 1961 (1961 का 52) की धारा 2 क खणड (क) म यथापिरभािषत िशकष अिभपरत ह ]

41 [योगयता परमाणपतर ]mdashखान (सशोधन) अिधिनयम 1983 की धारा 23 ारा (31-5-1984 स) िनरिसत

42 [कमार को अनद योगयता परमाणपतर का परभाव ]mdashखान (सशोधन) अिधिनयम 1983 (1983 का 42) की धारा 23 ारा (31-5-1984 स) िनरिसत

1[43 िचिकतसीय परीकषा की अपकषा करन की शिक तmdash(1) जहा िकसी िनरीकषक की यह राय हो िक िशकष या अनय परिशकष स अनयथा खान म िनयोिजत कोई िक त वयसथ नह ह अथवा खान म िशकष या अनय परिशकष क रप म िनयोिजत कोई िक त या तो सोलह वषर स कम आय का ह या वह काम करन क योगय नह रह गया ह वहा िनरीकषक खान क परबनधक पर यह अपकषा करन वाली सचना की तामील कर सकगा िक ऐस िक त की परीकषा िकसी परमाणकतार सजरन ारा की जाए और िनरीकषक ऐसा िनदश द तो ऐसा

िक त तब तक िकसी खान म काम करन क िलए िनयोिजत या अनजञात नह िकया जाएगा जब तक इस परकार उसकी परीकषा न हो गई हो और यह परमािणत न कर िदया गया हो िक वह वयसथ ह या यिद ऐसा िक त िशकष या परिशकष ह तो वह सोलह वषर स कम आय का नह ह और काम करन क योगय ह

(2) उपधारा (1) क अधीन िनदश पर परमाणकतार सजरन ारा िदया गया हर परमाणपतर उसम किथत बात का इस अिधिनयम क परयोजन क िलए िनश चायक सा य होगा ]

44 [उन कमार क िलए काम क घट जो वयसक क रप म काम क िलए योगय परमािणत नह िकए गए ]mdashखान (सशोधन) अिधिनयम 1983 (1984 का 42) की धारा 25 ारा (31-5-1984 स) िनरिसत

2[45 खान म अठारह वषर स कम आय क िक तय की उपिसथित का परितषधmdashधारा 40 की उपधारा (2) क उपबनध क अधीन रहत हए ऐसी तारीख क पश चात जो कनदरीय सरकार राजपतर म अिधसचना ारा इस िनिम िनयत कर अठारह वषर स कम आय क िकसी िक त को भिम क ऊपर खान क िकसी ऐस भाग म जहा िकसी खनन सिकरया स ससक त या आनषिगक कोई सिकरया चलाई जा रही हो उपिसथत नह रहन िदया जाएगा ]

3[46 िस तरय का िनयोजनmdash(1) िकसी अनय िविध म अनतिवष ट िकसी बात क होत हए भी कोई भी स तरीmdash

(क) खान क िकसी ऐस भाग म जो भिम क नीच हो

(ख) िकसी खान म भिम क ऊपर 6 बज पवारहन और 7 बज अपराहन क बीच क िसवाय

िनयोिजत नह की जाएगी ]

(2) खान म भिम क ऊपर िनयोिजत हर स तरी को िकसी एक िदन िनयोजन का पयरवसान होन और िनयोजन की अगली कालाविध का परारमभ होन क बीच कम स कम गयारह घनट का अनतराल िदया जाएगा

(3) उपधारा (1) म अनतिवष ट िकसी बात क होत हए भी कनदरीय सरकार िकसी खान या िकसी वगर या परकार की खान क बार म भिम क ऊपर िस तरय क िनयोजन क घट म फरफार शासकीय राजपतर म अिधसचना ारा कर सकगी िकनत इस परकार की िकसी स तरी का 10 बज अपराहन और 5 बज पवारहन क बीच कोई भी िनयोजन तद ारा अनजञात न हो ]

47 [आय क बार म िववाद ]mdashखान (सशोधन) अिधिनयम 1959 (1959 का 62) की धारा 28 ारा िनरिसत

48 िनयोिजत िक तय का रिजसटरmdash4[(1) हर खान क िलए उस खान म िनयोिजत सब िक तय का एक रिजसटर िविहत पररप और सथान म रखा जाएगा िजसम ऐस हर एक िक त क बार म िनम निलिखत बात दिशत ह गीmdash

(क) कमरचारी का नाम यथािसथित उसक िपता या पित क नाम सिहत और ऐसी अनय िविशिष टया जसी उसकी पहचान क परयोजन क िलए आवशयक ह

(ख) कमरचारी की आय और िलग

(ग) िनयोजन की परकित (वह िनयोजन भिम क ऊपर ह या भिम क नीच और यिद भिम क ऊपर ह तो वह िवव खिनत म ह या अनयथा) और उसक परारमभ की तारीख

5

1 1983 क अिधिनयम स० 42 की धारा 24 ारा (31-5-1984 स) धारा 43 क सथान पर परितसथािपत 2 1983 क अिधिनयम स० 42 की धारा 26 ारा (31-5-1984 स) धारा 45 क सथान पर परितसथािपत 3 1959 क अिधिनयम स० 62 की धारा 27 ारा (16-1-1960 स) धारा 46 क सथान पर परितसथािपत 4 1959 क अिधिनयम स० 62 की धारा 29 ारा (16-1-1960 स) उपधारा (1) क सथान पर परितसथािपत 5 1983 क अिधिनयम स० 42 की धारा 27 ारा (31-5-1984 स) खणड (घ) का लोप िकया गया

18

(ङ) अनय ऐसी िविशिष टया जो िविहत की जाए

और ससगत परिविष टया सपक त िकयत क हसताकषर या अगठ क िचहन ारा अिधपरमािणत की जाएगी ]

(2) उपधारा (1) ारा िविहत रिजसटर म की परिविष टया ऐसी ह गी िक उनक अनसार काम करन वाल कमरकार इस अधयाय क उपबनध म स िकसी क उललघन म काम न करत ह ग

(3) कोई िक त खान म तब तक िनयोिजत न िकया जाएगा जब तक उसक बार म उपधारा (1) ारा अपिकषत िविशिष टया रिजसटर म अिधिलिखत न कर ली गई ह और कोई भी िक त रिजसटर म अपन बार म दिशत काम की कालाविधय क दौरान िनयोिजत िकए जान क िसवाय िनयोिजत नह िकया जाएगा

1[(4) िजस खान को कनदरीय सरकार न साधारण या िवशष आदश ारा िकसी िवशष कारण स जो अिभिलिखत िकया जाएगा छट दी हो उसस िभन न हर खान क िलए पथक रिजसटर िविहत पररप और सथान म रख जाएग िजनम हर िक त क बार म जो खान मmdash

(क) भिम क नीच

(ख) िवव खिनत म भिम क ऊपर

(ग) अनय दशा म भिम क ऊपर

िनयोिजत हो िनम निलिखत बात दिशत ह गीmdash

(i) कमरचारी का नाम

(ii) उसक िनयोजन का वगर या िकसम

(iii) जहा िक काम टोली-प ित स चलाया जाता हो वहा िजस पारी का वह ह वह पारी और उस पारी क घनट ]

(5) भिम क नीच िनयोिजत िक तय क उपधारा (4) म िनिदष ट रिजसटर म िकसी भी कषण ऐस हर िक त का नाम दिशत होगा जो तब खान म भिम क नीच उपिसथत हो

2[(6) कोई िक त िकसी िवव खिनत या भिम क नीच िकसी खिनत म तब क िसवाय परवश नह कर सकगा जब िक ऐसा करन क िलए वह परबनधक ारा अनजञात िकया गया हो अथवा इस अिधिनयम या िकसी अनय िविध क अधीन परािधकत हो ]

अधयाय 7

मजदरी सिहत छ ी 3[49 अधयाय का लाग होनाmdashइस अधयाय क उपबनध ऐस परवितत नह ह ग िक उनका िकसी ऐस अिधकार पर परितकल

परभाव पड़ िजसका िक खान म िनयोिजत कोई िक त िकसी अनय िविध क अधीन या िकसी अिधिनणरय करार या सवा-सिवदा क िनबनधन क अधीन हकदार हो

4[परनत यिद ऐसा अिधिनणरय करार या सवा-सिवदा इस अधयाय म उपबिनधत स दीघरतर मजदरी सिहत वािषक छ ी का उपबनध करती हो तो छ ी की वह मातरा िजसक िलए िनयोिजत िक त हकदार होगा ऐस अिधिनणरय करार या सवा-सिवदा क अनसार होगी िकनत छ ी ऐस िवषय की बाबत जो ऐस अिधिनणरय करार या सवा-सिवदा म उपबिनधत नह ह धारा 50 स लकर धारा 56 तक क (िजसम य दोन धाराए भी सिममिलत ह) उपबनध क अनसार िविनयिमत होगी ]

50 छ ी की पिरभाषाmdashसाप तािहक िवशराम-िदन अथवा उतसव क िलए या अनय ऐस ही अवसर क िलए अवकाश-िदन इस अधयाय क परयोजन क िलए छ ी क अनतगरत नह आत ह चाह व छ ी की कालाविध क दौरान ह या उसक ठीक पहल या ठीक पीछ ह

51 कलनडर वषर की पिरभाषाmdashइस अधयाय क परयोजन क िलए ldquoकलनडर वषरrdquo स िकसी वषर म जनवरी क परथम िदन स आरमभ होन वाली बारह मास की कालाविध अिभपरत होगी

52 मजदरी सिहत वािषक छ ीmdash(1) खान म िनयोिजत हर िक त को िजसन उसम एक कलनडर वषर की सवा परी कर ली हो पश चातवत कलनडर वषर क दौरान मजदरी सिहत छ ी अनजञात की जाएगी िजसकी गणनाmdash

(क) भिम क नीच िनयोिजत िक त की दशा म उसक ारा िकए गए काम क हर 5[पनदरह िदन] क िलए एक िदन की दर स की जाएगी तथा

1 1959 क अिधिनयम स० 62 की धारा 29 ारा (16-1-1960 स) उपधारा (4) क सथान पर परितसथािपत 2 1959 क अिधिनयम स० 62 की धारा 29 ारा (16-1-1960 स) अनतःसथािपत 3 1959 क अिधिनयम स० 62 की धारा 30 ारा (16-1-1960 स) धारा 49 स 56 तक क सथान पर परितसथािपत 4 1983 क अिधिनयम स० 42 की धारा 28 ारा (31-5-1984 स) परनतक क सथान पर परितसथािपत 5 1983 क अिधिनयम स० 42 की धारा 29 ारा (31-5-1984 स) ldquoसोलह िदनrdquo क सथान पर परितसथािपत

19

(ख) िकसी अनय दशा म उसक ारा िकए गए काम क हर बीस िदन क िलए एक िदन की दर स की जाएगी

(2) उपधारा (1) म िनिदष ट एक कलनडर वषर की सवाmdash

(क) खान म भिम क नीच िनयोिजत िक त की दशा म परी कर ली गई समझी जाएगी यिद कलनडर वषर क दौरान खान म उसकी हािजिरया एक सौ नबब स कम न ह तथा

(ख) िकसी अनय िक त की दशा म परी कर ली गई समझी जाएगी यिद कलनडर वषर क दौरान खान म उसकी हािजिरया दो सौ चालीस स कम न ह

सपष टीकरणmdashइस उपधारा क परयोजन क िलए यह ह िकmdash

(क) करार या सिवदा ारा या सथायी आदश क अधीन यथा अनजञय कामबदी क िदन को

(ख) स तरी कमरचारी की दशा म बारह सप ताह स अनिधक िकतन ही िदन की परसित छटटी को तथा

(ग) उस वषर स िजसम छ ी का उपभोग िकया जाए पवरवत वषर म उपािजत छ ी को

हािजरी की सगणना क परयोजन क िलए ऐस िदन समझा जाएगा िजनम कमरचारी न खान म काम िकया ह िकनत वह इन िदन क िलए छ ी उपािजत नह करगा

(3) िजस िक त की सवा जनवरी क परथम िदन को परारमभ न होकर अनयथा आरमभ होती ह वहmdash

(क) खान म भिम क नीच िनयोिजत िक त की दशा म तब जब िक वह कलनडर वषर क शष भाग क दौरान क कल िदन क आध स अनयन िदन म हािजर रहा हो तथा

(ख) िकसी अनय दशा म तब जब िक वह कलनडर वषर क शष भाग क दौरान क कल िदन क दो-ितहाई स अनयन िदन म हािजर रहा हो

पश चातवत कलनडर वषर म मजदरी सिहत छ ी उस दर स पान का हकदार होगा जो उपधारा (1) म िविनिदष ट ह

(4) िकसी िक त ारा न ली गई वह छ ी िजसका वह उपधारा (1) या उपधारा (2) क अधीन िकसी एक कलनडर वषर म हकदार हो उस छ ी म जोड़ दी जाएगी जो िक उ रवत कलनडर वषर क दौरान उस उपधारा क अधीन उस अनजञय हो

परनत उन छ ी क िदन की कल सखया जो ऐस िकसी िक त ारा सिचत की जा सकगी िकसी भी एक समय कल तीस िदन स अिधक न होगी

परनत यह और भी िक ऐसा वह िक त िजसन मजदरी सिहत छ ी क िलए आवदन िकया हो िकनत उस उपधारा (6) क अनसार ऐसी छ ी न दी गई हो िकसी सीमा क िबना अनपभक त छ ी क अगरनयन का हकदार होगा

(5) ऐसा कोई िक त उपधारा (1) उपधारा (2) और उपधारा (4) क अधीन उस समय अपन को अनजञय सारी छ ी या उसका कोई भाग लन क िलए खान क परबनधक स उस िदन स पदरह िदन स अनयन िदन पहल िलिखत आवदन कर सकगा िजस िदन वह अपनी छ ी आरमभ करना चाहता हो

परनत िकसी एक कलनडर वषर क दौरान तीन बार स अिधक छ ी न ली जा सकगी

(6) उपधारा (5) क उपबनध क अनसार ऐसी छ ी क िलए िकया गया आवदन तब क िसवाय नामजर नह िकया जाएगा जब िक छ ी अनद करन क िलए सशक त परािधकारी की यह राय हो िक पिरिसथित की आवशयकता क कारण छ ी नामजर की जानी चािहए ]

(7) यिद खान म िनयोिजत िक त अपनी मजदरी सिहत छ ी जो उस शष हो बीमारी की कालाविध क िलए लना चाहता हो तो चाह उसन छ ी क िलए आवदन उपधारा (5) म िविनिदष ट समय क अनदर न भी िकया हो तो भी उस वह छ ी अनद की जाएगी

(8) यिद खान का सवामी अिभकतार या परबनधक खान म िनयोिजत िक त क िनयोजन का पयरवसान उस िक त ारा अपनी वह कल छटटी ल ली जान क पवर कर द िजसका वह अपन िनयोजन क पयरवसान क िदन तक हकदार हो या यिद उस िक त न ऐसी छ ी क िलए आवदन िकया हो और ऐसी छ ी अनद न हई हो और वह िक त अपना िनयोजन छ ी लन स पवर छोड़ द तो खान का सवामी अिभकतार या परबनधक न ली गई छ ी क बार म धारा 53 क अधीन सदय रकम उस सद करगा और ऐसा सदाय वहा जहा िक

िक त क िनयोजन का पयरवसान सवामी अिभकतार या परबनधक ारा िकया जाए ऐस पयरवसान क पश चात क दसर कायर-िदवस क अवसान क पवर और जहा िक िक त अपना िनयोजन सवय छोड़ द वहा अगल वतन-िदवस को या उसक पवर िकया जाएगा

(9) खान म िनयोिजत िक त की अनपभक त छ ी उसक िनयोजन क पयरवसान क पवर िदए जान क िलए अपिकषत िकसी सचना की कालाविध की सगणना करन म िवचार म नह ली जाएगी

20

1[(10) जहा खान म िनयोिजत कोई िक त सवा स उनमोिचत या पदचयत िकया जाता ह अथवा वह अपना िनयोजन छोड़ता ह या अिधविषता पराप त करता ह अथवा सवा म रहत हए उसकी मतय हो जाती ह तो यथािसथित वह या उसक वािरस या उसका नाम-िनदिशती उपधारा (1) म िविनिदष ट दर स पिरकिलत उसको दय छ ी क सथान पर मजदरी पान का हकदार होगा यिदmdash

(क) भिम क नीच िकसी खान म िनयोिजत िक त की दशा म वह अपन िनयोजन की तारीख स लकर अपन उनमोचन या पदचयित की तारीख तक या िनयोजन छोड़न या अिधविषता या मतय की तारीख तक िदन की कल सखया क कम स कम आध िदन तक उपिसथित रहा ह और

(ख) िकसी अनय दशा म वह अपन िनयोजन की तारीख स लकर अपन उनमोचन या पदचयित या िनयोजन छोड़न या अिधविषता या मतय की तारीख तक िदन की कल सखया क कम स कम दो-ितहाई िदन तक उपिसथत रहा ह

और ऐसी मजदरी का सदाय खान क सवामी अिभकतार या परबनधक ारा धारा 53 म िविनिदष ट दर स जहा उस िक त को सवा स उनमोिचत या पदचयत कर िदया जाता ह अथवा वह िनयोजन छोड़ दता ह या अिधविषता पराप त कर लता ह वहा यथािसथित ऐस उनमोचन पदचयित िनयोजन छोड़न या अिधविषता क पश चात दसर कायर िदन की समािप त क पवर और जहा िनयोिजत िक त की सवा म रहत हए मतय हो जाती ह वहा उसकी मतय क दो मास की अविध क भीतर िकया जाएगा ]

सपष टीकरणmdash2[उपधारा (1) उपधारा (3) और उपधारा (10)] क परयोजन क िलए आध िदन या इसस अिधक की छ ी क िभन न को एक परा िदन माना जाएगा और आध िदन स कम वाला िभन न छोड़ िदया जाएगा

53 छ ी की कालाविध क दौरान मजदरीmdashउस छ ी क िलए जो खान म िनयोिजत िक त को धारा 52 क अधीन अनजञात हो उस सदाय ऐसी दर स िकया जाएगा जो उसकी छ ी क अ वितह पवरवत मास क उन िदन की बाबत िजनम वह िनयोिजत रहा हो कल पणरकािलक उपाजरन क उस दिनक औसत क बराबर हो जो उन उपाजरन म स िकसी अितकािलक मजदरी और बोनस को अपविजत करक िकनत उनम महगाई भ और नकद परितकर को िजसक अनतगरत खा ा और अनय वसत क िबना मलय िवतरण स परोदभावी ऐसा कोई परितकर (यिद कोई हो) िजसक हकदार खान म काम करन वाल िक त ततसमय ह आता ह सिममिलत करक आए

परनत यिद ऐस कोई औसत उपाजरन उपलबध न ह तो औसत की सगणना उसी मास क िलए वस ही िनयोिजत सब िक तय क कल पणरकािलक उपाजरन क दिनक औसत क आधार पर की जाएगी

54 कितपय दशा म अिगरम सदायmdashखान म िनयोिजत उस िक त को िजस चार स अनयन िदन की छ ी अनजञात की गई हो अनजञात छ ी की कालाविध क िलए शोधय मजदरी उसकी छ ी आरमभ होन स पहल द दी जाएगी

55 असद मजदरी की वसली का ढगmdashखान क सवामी अिभकतार या परबनधक ारा इस अधयाय क अधीन सद िकए जान क िलए अपिकषत िकनत उसक ारा असद कोई रकम मजदरी सदाय अिधिनयम 1936 (1936 का 4) क उपबनध क अधीन िवलिबत मजदरी क रप म वसलीय होगी

56 खान को छट की शिक तmdashजहा िक कनदरीय सरकार का यह समाधान हो जाए िक िकसी खान म िनयोिजत िक तय को लाग होन वाल छ ी क िनयम ऐसी परसिवधा का उपबनध करत ह जो उसकी राय म उन परसिवधा स कम अनकल नह ह िजनक िलए यह अधयाय उपबनध करता ह वहा वह उस खान को इस अधयाय क सब या िकनह उपबनध स छट िलिखत आदश ारा और ऐसी शत क अधयधीन जो उसम िविनिदष ट की जाए द सकगी ]

अधयाय 8

िविनयम िनयम और उपिविधया 57 िविनयम बनान की कनदरीय सरकार की शिक तmdashकनदरीय सरकार िनम निलिखत सब परयोजन या उनम स िकसी क िलए

ऐस िविनयम3 जो इस अिधिनयम स सगत हो शासकीय राजपतर म अिधसचना ारा बना सकगी अथारत mdash

(क) व अहरताए िविहत करना जो मखय िनरीकषक या िनरीकषक क रप म िनयिक त क िलए अपिकषत हो

(ख) इस अिधिनयम क अधीन खान क िनरीकषण क समबनध म मखय िनरीकषक और िनरीकषक क कतर और शिक तय को िविहत और िविनयिमत करना

(ग) खान क सवािमय अिभकतार और परबनधक क और उनक अधीन कायर करन वाल िक तय क कतर िविहत करना और खान क 4[अिभकतार और परबनधक और उनक अधीन कायर करन वाल िक तय की अहरताए (िजसक अनतगरत आय आती ह)] िविहत करना

1 1983 क अिधिनयम स० 42 की धारा 29 ारा (31-5-1984 स) अनतःसथािपत 2 1983 क अिधिनयम स० 42 की धारा 29 ारा (31-5-1984 स) ldquoउपधारा (1) और (3)rdquo क सथान पर परितसथािपत 3 कोयला खान िविनयम 1957 क िलए दिखए भारत का राजपतर (अगरजी) 1957 भाग 2 खणड 3 प 2569 और धातमय खान िविनयम 1961 क िलए दिखए भारत

का राजपतर 1961 भाग 2 अनभाग 3(i) प 360 4 1959 क अिधिनयम स० 62 की धारा 31 ारा (16-1-1960 स) ldquoपरबनधक की अहरताएrdquo शबद क सथान पर परितसथािपत

21

(घ) खान क परबनधक और उनक अधीन कायर करन वाल अनय िक तय को अपन कतर का पालन दकषतापवरक करन क िलए समथर बनान क िलए सिवधाए उपबिनधत की जान की अपकषा करना

(ङ) खान क परबनधक और उनक अधीन कायर करन वाल िक तय की अहरताए परीकषा ारा या अनयथा अिभिनिश चत करन की रीित को और सकषमता परमाणपतर क अनद और नवीकत िकए जान को िविनयिमत करना

(च) ऐसी परीकषा और ऐस परमाणपतर क अनदान तथा नवीकरण क बार म दी जान वाली फीस यिद कोई ह िनयत करना

(छ) उन पिरिसथितय को िजनम और उन शत को िजसक अधयधीन रहत हए एक स अिधक खान का एक ही परबनधक क अधीन रहना या िकसी खान या िकनह खान का िविहत अहरताए न रखन वाल परबनधक क अधीन रहना िविधपणर होगा अवधािरत करना

1[(ज) इस अिधिनयम क अधीन की जान वाली जाच क िलए िजनक अनतगरत इस अिधिनयम क अधीन परमाणपतर धारण करन वाल िकसी िक त क अवचार या अकषमता स सब कोई जाच आती ह उपबनध करना और ऐस िकसी परमाणपतर क िनलमबन और र िकए जान क िलए उपबनध करना और जहा भी आवशयक हो वहा यह उपबनध करना िक जाच करन क िलए िनयक त िकए गए िक त को सािकषय को हािजर करान और दसतावज और भौितक पदाथ को पश करान क परयोजन क िलए िसिवल परिकरया सिहता 1908 (1908 का 5) क अधीन की िसिवल नयायालय की सब शिक तया पराप त ह गी ]

(झ) भारतीय िवसफोटक अिधिनयम 1884 (1884 का 4) और तद धीन बनाए गए िकनह िनयम क उपबनध क अधयधीन रहत हए िवसफोटक का भडारकरण परवहण और उपयोग िविनयिमत करना

2[(ञ) 3 िस तरय का खान म या खान क िकसी वगर म या ऐस िविशष ट परकार क शरम म िजनम ऐस िक तय क जीवन कषम या सवासथय क िलए खतरा रहता ह िनयोजन परितिष िनबरिनधत या िविनयिमत करना और ऐस िक त

ारा एक बार म वहन िकए जा सकन वाल बोझ क भार को पिरसीिमत करना ]

(ट) खान म िनयोिजत िक तय क कषम उनम उनक परवश करन और वहा स उनक िनकलन क साधन क िलए और उन कपक या िनकास की सखया क िलए जो उपबध िकए जान ह और कपक गत िनकास पथया और अवतलन पर बाड़ लगाई जान क िलए उपबनध करना

(ठ) खान क सवामी स सदाय पान वाल और खान क सवामी या परबनधक क परित सीध उ रदायी िक तय स िभन न िकसी िक त का खान म परबनधक क रप म या िकसी अनय िविनिदष ट हिसयत म िनयोजन परितिष करना

4[(ड) सतमभ या खिनज खणड क सथान िनिश चत करन अनरकषण और िनकाल या छाट जान तथा एक खान और दसरी खान क बीच पयारप त रोध क अनरकषण सिहत खान म सड़क और काम क सथल की सरकषा क िलए उपबनध करना

(ढ) खान म खिनज और महबनद अिग न-कषतर का िनरीकषण और सागर क या िकसी सरोवर या नदी या िकसी अनय भप ीय जलरािश क चाह वह पराकितक हो चाह कितरम या िकसी लोक सड़क या िनमारण क समीप खिनत िवषयक िनबनधन और िकनह खिनत म पानी भर जान या आग लग जान या उनक समय-पवर ढह जान क िवर समयक पवारवधानी बरती जान की अपकषा करना ]

(ण) खान क सवातन का और धल अिग न और जवलनशील तथा अपायकर गस क िवषय म की जान वाली काररवाई का िजसक अनतगरत सवतःदहन भिम क नीच की अिग न और कोयल की धल क िवर पवारवधानी आती ह उपबनध करना

5[(त) खान म िव त क जनन भणडारकरण रपानतरण पारषण और उपयोग की भारतीय िव त अिधिनयम 1910 (1910 का 9) और तद धीन बनाए गए िकनह िनयम क उपबनध क अधयधीन रहत हए िविनयिमत करना और खान म क सब िव त उपकरण िव त तार और उनम की सब अनय मशीनरी और सयतर की दखभाल और उपयोग क िविनयमन क िलए उपबनध करना ]

(थ) 6[खान म मशीनरी का उपयोग िविनयिमत करना ऐसी मशीनरी पर या उसक आसपास और कषरण-माग पर िनयोिजत िक तय क कषम क िलए उपबनध करना] और भिम क नीच कछ वग क चिलतर का परयोग िनबरिनधत करना

(द) खान म उिचत परकाश क िलए उपबनध करना और उनम िनरापद और लमप का परयोग िविनयिमत करना और िजस खान म िनरापद लमप परयोग म लाए जात ह उसम परवश करन वाल िक तय की तलाशी लना

1 1959 क अिधिनयम स० 62 की धारा 31 ारा (16-1-1960 स) खड (ज) क सथान पर परितसथािपत 2 1959 क अिधिनयम स० 62 की धारा 31 ारा (16-1-1960 स) खड (ञ) क सथान पर परितसथािपत 3 1983 क अिधिनयम स० 42 की धारा 30 ारा (31-5-1984 स) ldquoकमार औरrdquo शबद का लोप िकया गया 4 1959 क अिधिनयम स० 62 की धारा 31 ारा (16-1-1960 स) खड (ड) और (ढ) क सथान पर परितसथािपत 5 1959 क अिधिनयम स० 62 की धारा 31 ारा (16-1-1960 स) खड (त) क सथान पर परितसथािपत 6 1983 क अिधिनयम स० 42 की धारा 30 ारा (31-5-1984 स) कितपय शबद क सथान पर परितसथािपत

22

(ध) खान म 1[जवलनशील गस या धल क] िवसफोटक या जवलन या पानी क फट िनकलन या सिचत होन क िवर और उनस उदभत खतर क िवर उपबनध करना और ऐसी पिरिसथितय म खिनज क िनकाल जान का परितषध िनबरनधन या िविनयमन करना िजनस यह समभा ता हो िक उसक पिरणामसवरप खान म 1[खिनत] समय-पवर ढह जाए या यह िक उसक पिरणामसवरप खान म 1[खिनत ] का ढह जाना या जल का फट िनकलना या जवलन घिटत होगा या गरतर हो जाएगा

(न) 2[धारा 23 की उपधारा (1) क खड (छ) क अधीन दघरटना क परकार िविहत करना और दघरटना और खतरनाक घटना की सचना का और खिनज उतपाद िनयोिजत िक तय तथा िविनयम ारा उपबिनधत अनय बात की सचना िरपोट और िववरिणय का खान क सवािमय अिभकतार और परबनधक ारा िदया जाना िविहत करना] और ऐसी सचना िववरिणय और िरपोट क पररप व िक त और परािधकारी िजनह व दी जानी ह व िविशि या जो उनम अनतिवष ट होनी ह और वह समय िजसक अनदर व िनविदन की जानी ह िविहत करना

3[(प) 4[खान क सवािमय अिभकतार और परबनधक स खान क िलए िनयत सीमाए रखन की अपकषा करना उनस ससक त रखाक और खडिचतर तथा सथलीय िटपपण जो उनक ारा रख जान ह िविहत करना] और वह रीित िजसस और व सथान िजनम ऐस रखाक खणडिचतर और सथलीय िटपपण अिभलख क परयोजन क िलए रख जान ह िविहत करना और उनकी परितय का मखय िनरीकषक को िनविदत िकया जाना और उनस यह अपकषा करना िक व नए सवकषण कर और नए रखाक बनाए और अननपालन की दशा म िकसी अनय अिभकरण क माधयम स सवकषण कराना और रखाक तयार कराना और उनक य की वसली उसी रीित स करना िजसस भ-राजसव की बकाया होती ह ]

(फ) 5[िसथित स परभावी ढग स िनपटन क परयोजन क िलए] खान म या उनक आसपास दघरटना या आकिसमक िवसफोट या जवलन क घिटत होन पर अपनाई जान वाली परिकरया िविनयिमत करना

(ब) खान क सवामी अिभकतार या परबनधक ारा धारा 16 क अधीन दी जान वाली सचना का पररप और उसम अनतिवष ट होन वाली िविशि या िविहत करना

(भ) वह सचना िविहत करना जो िकसी ऐस सथान पर जो भारतीय रल अिधिनयम 1890 (1890 का 9) क उपबनध क अधयधीन की िकसी रल क या 6[यथािसथित िकनह ऐसी लोक सड़क या अनय सकम क जो सरकार ारा या िकसी सथानीय परािधकारी ारा अनरिकषत ह ] 7[पतालीस मीटर] क अनदर का हो खनन सिकरयाए परारमभ करन या उस तक िवसतािरत करन क पवर खान क सवामी अिभकतार या परबनधक ारा दी जानी ह

(म) िकसी खान क बार म उस दशा म जबिक खिनत म काम बनद कर िदया गया हो सरकार या िकसी सथानीय परािधकारी या भारतीय रल अिधिनयम 1890 (1890 का 9) म यथापिरभािषत िकसी रल कमपनी म िनिहत समपि की कषित स सरकषा

8[(मम) खान क सवामी अिभकतार या परबनधक स यह अपकषा करना िक खान क बनद िकए जान क पवर सरकषा-सकमर सि िमत कर और अननपालन की दशा म ऐस सकमर िकसी अनय अिभकरण ारा िनषपािदत कराना और ऐस सवामी स उनक य की वसली उसी रीित स करना िजसस भ-राजसव की बकाया की होती ह ]

(य) िकसी खान या खान क भाग या िकसी खदान आनित कपक गतर या िनकास म चाह उसका कायरकरण हो रहा हो या नह या िकसी खतरनाक या परितिष कषतर अवतलन कषरण टराम लाइन या पथया पर जहा जनता क सरकषण क िलए बाड़ लगाना आवशयक हो बाड़ लगाई जान की अपकषा करना

(यय) कोई अनय बात जो िविहत की जानी ह या िविहत की जाए

58 िनयम बनान की कनदरीय सरकार की शिक तmdashकनदरीय सरकार िनिम निलिखत सब परयोजन या उनम स िकसी क िलए ऐस िनयम जो इस अिधिनयम स सगत ह शासकीय राजपतर म अिधसचना ारा बना सकगी अथारत --

9[(क) सिमित क सदसय की पदाविध और उनकी सवा की अनय शत का तथा िरिक तया भरन की रीित का उपबनध कराना और अपना कारबार चलान क िलए सिमित ारा अनसिरत की जान वाली परिकरया िविनयिमत करना

(ख) धारा 23 की उपधारा (3) म िनिदष ट रिजसटर का पररप िविहत करना

1 1959 क अिधिनयम स० 62 की धारा 31 ारा (16-1-1960 स) अनतःसथािपत 2 1959 क अिधिनयम स० 62 की धारा 31 ारा (16-1-1960 स) ldquoसचनाए िविहत करन क िलएrdquo क सथान पर परितसथािपत 3 1959 क अिधिनयम स० 62 की धारा 31 ारा (16-1-1960 स) खड (प) क सथान पर परितसथािपत 4 1983 क अिधिनयम स० 42 की धारा 30 ारा (31-5-1984 स) कितपय शबद क सथान पर परितसथािपत 5 1983 क अिधिनयम स० 42 की धारा 30 ारा (31-5-1984 स) अनतःसथािपत 6 1959 क अिधिनयम स० 62 की धारा 31 ारा (16-1-1960 स) कितपय शबद क सथान पर परितसथािपत 7 1983 क अिधिनयम स० 42 की धारा 30 ारा (31-5-1984 स) ldquoपचास गजrdquo क सथान पर परितसथािपत 8 1959 क अिधिनयम स० 62 की धारा 31 ारा (16-1-1960 स) अनतःसथािपत 9 1983 क अिधिनयम स० 42 की धारा 31 ारा (31-5-1984 स) खड (क) क सथान पर परितसथािपत

23

(ग) धारा 24 क अधीन जाच नयायालय की िनयिक त क िलए उपबनध करना ऐस नयायालय की परिकरया और शिक तया िविनयिमत करना ऐस नयायालय क सदसय को यातरा-भ का सदाय करना और सयक त खान क परबनधक सवामी या अिभकतार स उक त नयायलय क य की 1[िजनक अनतगरत जाच स ससक त कोई अनय य आत ह] 2[उसी रीित स जस भ-राजसव की बकाया वसल की जाती ह] वसली करना

2[(गग) खान म िनयोिजत िक तय की ओर स तकनीकी िवशषजञ ारा (जो परािसथित म ओवरमन स कम नह ह) खान क िनरीकषण क िलए उसक िलए दी जान वाली सिवधा क िलए वह आवित िजस पर और वह रीित िजसम ऐस िनरीकषण िकए जाएग और वह रीित िजसम ऐस िनरीकषण की िरपोटर दी जाएगी उपबनध करना ]

(घ) िजन खान म कोई ि या िनयोिजत ह या पवरवत बारह मास म िकसी िदन िनयोिजत रह ह उनम ऐसी िस तरय क छह वषर स कम आय वाल बालक क उपयोग क िलए आरिकषत िकए जान वाल समिचत कमर बनाए रखन की अपकषा करना और या तो साधारणतः या खान म िनयोिजत िस तरय की सखया क परित िविशष ट िनदश स ऐस कमर की सखया और सतरमान और उन सख-सिवधा की जो उनम उपबिनधत की जानी ह और उस पयरवकषण की जो उनम िकया जाना ह परकित और िवसतार िविहत करना

(ङ) खान म िनयोिजत परष क उपयोग क िलए फहारयक त स नान सथान और लॉकर ककष और िजन खान म ि या िनयोिजत ह उनम िस तरय क उपयोग क िलए वस ही पथक सथान और ककष गतरमख पर या उनक आसपास बनाए रख जान की अपकषा करना और या तो साधारणतः या खान म मामली तौर पर िनयोिजत परष और िस तरय की सखया क परित िविशष ट िनदश स ऐस सथान और ककष की सखयाए और सतरमान िविहत करना

(च) खान म सवचछता का जो सतरमान बनाए रखना ह उस खान म उपबिनधत िकए जान वाल शौचालय और मतरालय का आनपाितक मान िविहत करना और 3 पय जल क परदाय क िलए िकया जान वाला उपबनध

1[(चच) िचिकतसीय सािधतर और सख-सिवधा क परदाय और बनाए रख जान क िलए उपबनध करना और पराथिमक उपचार बकस और कपबोड की अनतवरसतए और सखयाए पराथिमक उपचार क काम म परिशकषण पराथिमक उपचार कमर क आकार और उपसकर और उनक भारसाधक कमरचािरवनद और कषितगरसत िक तय को िचिकतसालय या औषधालय को परवहण करन क िलए इतजाम िविहत करना

(चचच) उन व यिक तय को जो खान म पयरवकषण या परबन ध क पद स िभन न पद पर िनयोिजत ह या िनयोिजत िकए जान ह व यावहािरक िशकषण िदए जान या परिशिकषत िकए जान की अपकषा करना और ऐस िशकषण और परिशकषण क िलए स कीम िविहत करना]

(छ) खान म मादक पय या औषिधय को कबज म रखन को या उनक उपभोग को और म ता की हालत म िकसी िक त क उनम परवश या उपिसथित को परितिष करना

(ज) धारा 36 क अधीन अपिकषत सचना क पररप िविहत करना और यह अपकषा करना िक ऐसी सचनाए िविनिदष ट भाषा म भी लगाई जाए

(झ) उन िक तय को पिरभािषत करना िजनकी बाबत धारा 37 क परयोजन क िलए यह समझा जाएगा िक व पयरवकषण या परबनध क पद धारण िकए हए ह या िकसी गोपनीयता की हिसयत म िनयोिजत ह

(ञ) उन िक तय या िक तय क िकसी वगर का खान म िनयोजन परितिष करना िजनकी बाबत िकसी अिहत िचिकतसा- वसायी ारा यह परमािणत न िकया गया हो िक उनह न अपना पदरहवा वषर परा कर िलया ह और वह रीित और व पिरिसथितया िजनम ऐस परमाणपतर अनद और परितसहत िकए जा सकग िविहत करना

4

1[(टट) खान म िनयोिजत या िनयोजन चाहन वाल िक तय स यह अपकषा करना िक व अपन को िचिकतसीय परीकषा क िलए परसतत कर और खान म िकसी िक त का िनयोजन िकए जान का आतयितक परितषध या िकसी िविशष ट हिसयत म या िविशष ट काम म िकए जान का परितषध िचिकतसीय आधार पर करना ]

5[(ठ) धारा 48 ारा अपिकषत रिजसटर क पररप और अधयाय 7 क परयोजन क िलए रिजसटर रखा जाना और उनक पररप िविहत करना ]

(ड) इस अिधिनयम को और िविनयम और िनयम की सिकषिप तया और वह भाषा िजसम सिकषिप तया और उपिविधया धारा 61 और 62 म अपिकषत रप स लगाई जाएगी िविहत करना

1 1959 क अिधिनयम स० 62 की धारा 32 ारा (16-1-1960 स) अनतःसथािपत 2 1983 क अिधिनयम स० 42 की धारा 31 ारा (31-5-1984 स) अनतःसथािपत 3 1959 क अिधिनयम स० 62 की धारा 32 ारा (16-1-1960 स) कितपय शबद का लोप िकया गया 4 1983 क अिधिनयम स० 42 की धारा 31 ारा (31-5-1984 स) (ट) का लोप िकया गया 5 1959 क अिधिनयम स० 62 की धारा 32 ारा (16-1-1960 स) खड (ठ) क सथान पर परितसथािपत

24

(ढ) यह अपकषा करना िक िजन बात क िलए िनयम बनाए गए ह उनस सब सचनाए िववरिणया और िरपोट खान क सवामी अिभकतार और परबनधक द और ऐसी सचना िववरिणय और िरपोट क पररप व िक त और परािधकारी िजनह व दी जानी ह व िविशि या जो उनम अनतिवष ट होनी ह और व समय िजनक अनदर व िनविदत की जानी ह िविहत करना

(ण) िजन खान म 1 पचास स अिधक िक त मामली तौर पर िनयोिजत रहत ह उनम भोजन करन क िलए यथायोगय और उपयक त ऐस आशरय क िजनम पीन क पानी का उपबनध भी हो उपबिनधत िकए जान और बनाए रख जान की अपकषा करना

(त) मखय िनरीकषक या िनरीकषक ारा इस िनिम िविनिदष ट िकसी ऐसी खान म िजसम दो सौ पचास स अिधक िक त मामली तौर पर िनयोिजत रहत ह ऐस िक तय क उपयोग क िलए कोई कटीन या कटीन उपबिनधत की जान और

बनाए रखी जान की अपकषा करना

(थ) हर ऐसी खान म िजसम पाच सौ या अिधक िक त मामली तौर पर िनयोिजत रहत ह इतनी सखया म कलयाण आिफसर िनयोिजत िकए जान की अपकषा करना िजतनी िविनिदष ट की जाए और ऐस कलयाण आिफसर की अहरताए और सवा क िनबनधन और शत और उनक ारा पालनीय कतर िविहत करना

2[(द) िविनिदष ट खान या िविनिदष ट खान क समह क िलए या िकसी िविनिदष ट कषतर की सब खान क िलए बचाव सटशन की सथापना की जान की अपकषा करना और यह िविहत करना िक ऐस सटशन कस और िकसक ारा सथािपत िकए जाएग

(ध) बचाव सटशन क परबनध क िलए उपबनध करना

(धक) बचाव िबरगड का गठन करन वाल िक तय की शारीिरक योगयता क मानक और अनय अहरता क िलए उपबनध करना

(धख) बचाव िबरगड का गठन करन वाल िक तय का िनवास-सथान िविहत करना ]

(न) 3 बचाव सटशन की िसथित उपसकर िनयतरण अनरकषण और कतय िविहत करना 4[(प) खड (द) क अधीन िविनिदष ट खान म उतपािदत और वहा स परिषत कोक और कोयल पर (पच चीस पस परित

टन स अनिधक दर स) उतपाद-शलक क उद गहण और सगरहण क िलए ऐसी खान क िलए बचाव सटशन िनिध का सजन करन क िलए भारत की सिचत िनिध म जमा िकए गए ऐस उपकर क आगम म स उन धनरािशय क जो कनदरीय सरकार ससद

ारा िविध ारा इस िनिम समयक िविनयोग िकए जान क पश चात उपबिनधत कर ऐसी िनिध म जमा िकए जान क िलए उस रीित क िलए िजसम ऐसी िनिध म स धन का उपयोग िकया जाएगा और ऐसी िनिध क परशासन क िलए उपबनध करना

(फ) बचाव िबरगड़ क बनाव परिशकषण सरचना और कतर क िलए 5 और साधारणतः खान म बचाव कायर क सचालन क िलए उपबनध करना 6

7[(फफ) िविनिदष ट खान या िविनिदष ट खान क समह क िलए सरकषा सिमितय क गठन क िलए या सरकषा की अिभवि करन क िलए िकसी िविनिदष ट कषतर म सभी खान क िलए और ऐसी सरकषा सिमितय की सरचना उनक गठन और कतय की रीित अिधकिथत करन क िलए उपबनध करना तथा]

(ब) साधारणतः िकसी ऐस मामल क िलए उपबनध करना िजनक िलए इस अिधिनयम या िविनयम ारा उपबनध न िकया गया हो और िजसक िलए उपबनध इस अिधिनयम को परभावी करन क िलए अपिकषत हो

59 िविनयम और िनयम का पवर परकाशनmdash(1) धारा 57 और 58 ारा परद िविनयम और िनयम बनान की शिक त इस शतर क अधयधीन ह िक य िविनयम और िनयम पवर परकाशन क पश चात बनाए जाएग

(2) जो तारीख साधारण खड अिधिनयम 1897 (1897 का 10) की धारा 23 क खड (3) क अनसार उस तारीख क रप म िविनिदष ट की जानी ह िजसक पश चात िक बनाए जान क िलए परसथािपत िविनयम या िनयम क परारप पर िवचार िकया जाएगा वह उस तारीख स तीन मास स कम की होगी िजसको परसथािपत िविनयम या िनयम का परारप साधारण जानकारी क िलए परकािशत िकया जाए

1 1959 क अिधिनयम स० 62 की धारा 32 ारा (16-1-1960 स) ldquoएक सौ औरrdquo शबद का लोप िकया गया 2 1983 क अिधिनयम स० 42 की धारा 31 ारा (31-5-1984 स) खड (द) और (ध) क सथान पर परसथािपत 3 1983 क अिधिनयम स० 42 की धारा 31 ारा (31-5-1984 स) ldquoकनदरीयrdquo शबद का लोप िकया गया 4 1983 क अिधिनयम स० 42 की धारा 31 ारा (31-5-1984 स) खड (प) क सथान पर परितसथािपत 5 1983 क अिधिनयम स० 42 की धारा 31 ारा (31-5-1984 स) कितपय शबद का लोप िकया गया 6 1983 क अिधिनयम स० 42 की धारा 31 ारा (31-5-1984 स) ldquoऔरrdquo शबद का लोप िकया गया 7 1983 क अिधिनयम स० 42 की धारा 31 ारा (31-5-1984 स) अनतःसथािपत

25

1

2[(4) कोई भी िविनयम या िनयम तब तक नह बनाया जाएगा जब तक िक उस िविनयम या िनयम का परारप धारा 12 की उपधारा (1) क अधीन गिठत सिमित को िनदिशत न कर िदया गया हो और जब तक उस सिमित को उसक बनाए जान की समीचीनता और उसक उपबनध की उपयक तता की बाबत िरपोटर दन का यिक तयक त अवसर न िमल गया हो ]

(5) िविनयम और िनयम शासकीय राजपतर म परकािशत िकए जाएग और ऐस परकािशत िकए जान पर ऐस परभाव रखग मानो व इस अिधिनयम म अिधिनिमत ह

(6) उपधारा (1) उपधारा (2) और उपधारा (4) क उपबनध उस अवसर को लाग न ह ग िजस पर धारा 58 क खड (घ) या खड (ङ) म िनदिशत िनयम सवरपरथम बनाए जाए

3

60 पवर परकाशन क िबना िविनयम बनान की शिक तmdashयिद कनदरीय सरकार का समाधान हो जाए िक आशिकत खतर का िनवारण करन या खतरा पदा करन की सभा ता रखन वाली िसथितय का शीघर उपचार करन क िलए यह आवशयक ह िक ऐस िविनयम बनान म वह िवलमब न होन िदया जाए जो ऐस परकाशन और िनदशन स होगा तो धारा 57 4 क अधीन िविनयम धारा 59 की उपधारा (1) उपधारा (2) और उपधारा 5[(4)] म अनतिवष ट िकसी बात क होत हए भी पवर परकाशन और 6[धारा 12 की उपधारा (1) क अधीन गिठत सिमित] को 7 िनदशन क िबना बनाए जा सकग

परनत इस परकार बनाए गए िविनयम 8[सिमित की जानकारी क िलए भज जाएग और] बनाए जान स 9[एक वषर] स अिधक क िलए परव नह रहग

61 उपिविधयाmdash(1) खान का सवामी अिभकतार या परबनधक 10[उस खान म िकसी िवशष मशीनरी क उपयोग या कायरकरण की िकसी िवशष प ित को अपनाए जान क शािस त करन क िलए] इस अिधिनयम या िकनह ततसमय परव िविनयम या िनयम स असगत न होन वाली ऐसी उपिविधय का परारप जसी िक ऐसा सवामी अिभकतार या परबनधक उस खान म दघरटना का िनवारण करन क िलए और उसम िनयोिजत िक तय क कषम सिवधा और अनशासन हत उपबनध करन क िलए आवशयक समझ तयार कर सकगा और मखय िनरीकषक या िनरीकषक को िनविदत कर सकगा और यिद ऐसा करन की उसस अपकषा मखय िनरीकषक या िनरीकषक ारा की जाए तो तयार करगा और िनविदत करगा

(2) यिद ऐसा कोई सवामी अिभकतार या परबनधकmdash

(क) मखय िनरीकषक या िनरीकषक ारा ऐसा करन की उसस अपकषा की जान क पश चात दो मास क अनदर उपिविधय का परारप िनविदत करन म असफल रह अथवा

(ख) उपिविधय का ऐसा परारप िनविदत कर जो मखय िनरीकषक या िनरीकषक की राय म पयार न हो

तो मखय िनरीकषक या िनरीकषकmdash

(i) ऐसी उपिविधय का परारप परसथािपत कर सकगा जो उस पयार परतीत ह अथवा

(ii) सवामी अिभकतार या परबनधक ारा जो परारप उस िनविदत िकया गया हो उसम ऐस सशोधन परसथािपत कर सकगा िजनस उसकी राय म वह पयार हो जाएगा और ऐसी परारप-उपिविधया या परारप-सशोधन यथािसथित सवामी अिभकतार या परबनधक क पास िवचार क िलए भजगा

(3) यिद उस तारीख स िजसको कोई परारप-उपिविधया या परारप-सशोधन मखय िनरीकषक या िनरीकषक न सवामी अिभकतार या परबनधक क पास उपधारा (2) क उपबनध क अधीन भज ह दो मास की कालाविध क अनदर मखय िनरीकषक या िनरीकषक और सवामी अिभकतार या परबनधक उपधारा (1) क अधीन बनाई जान वाली उपिविधय क िनबनधन क िवषय म परसपर सहमत होन म

1 1959 क अिधिनयम स० 62 की धारा 33 ारा (16-1-1960 स) उपधारा (3) का लोप िकया गया 2 1983 क अिधिनयम स० 42 की धारा 32 ारा (31-5-1984 स) उपधारा (4) क सथान पर परितसथािपत 3 1983 क अिधिनयम स० 42 की धारा 32 ारा (31-5-1984 स) उपधारा (7) का लोप िकया गया 4 1959 क अिधिनयम स० 62 की धारा 34 ारा (16-1-1960 स) ldquoक खड (ठ) को अपविजत करत हए खड (झ) और खड (ट) स (ख) (ध)rdquo शबद को क और अकषर का

लोप िकया गया 5 1959 क अिधिनयम स० 62 की धारा 34 ारा (16-1-1960 स) ldquo(3)rdquo क सथान पर परितसथािपत 6 1983 क अिधिनयम स० 42 की धारा 33 ारा (31-5-1984 स) ldquoखनन बोड rdquo क सथान पर परितसथािपत 7 1959 क अिधिनयम स० 62 की धारा 34 ारा (16-1-1960 स) ldquoपवरrdquo शबद का लोप िकया गया 8 1983 क अिधिनयम स० 42 की धारा 33 ारा (31-5-1984 स) अनतःसथािपत 9 1959 क अिधिनयम स० 62 की धारा 34 ारा (16-1-1960 स) ldquoदो वषरrdquo क सथान पर परितसथािपत 10 1983 क अिधिनयम स० 42 की धारा 34 ारा (31-5-1984 स) कितपय शबद क सथान पर परितसथािपत

26

असमथर रह तो मखय िनरीकषक या िनरीकषक परारप-उपिविधय को पिरिनधाररण क िलए 1[धारा 12 की उपधारा (1) क अधीन गिठत सिमित को] िनदिशत करगा

(4) (क) जबिक ऐसी पररप-उपिविधय पर अिभकतार या परबनधक और मखय िनरीकषक सहमत हो गए ह या जबिक उनक सहमत होन म असमथर होन पर व 2[धारा 12 की उपधारा (1) क अधीन गिठत सिमित को] ारा पिरिनधारिरत कर दी गई ह तब मखय िनरीकषक या िनरीकषक ारा परारप-उपिविधय की एक परित कनदरीय सरकार को अनमोदनाथर भजी जाएगी

(ख) कनदरीय सरकार परारप-उपिविधय म ऐसा उपातरण कर सकगी जसा वह ठीक समझ

(ग) इसस पवर िक कनदरीय सरकार परारप-उपिविधय का अनमोदन चाह उपातर क सिहत या उनक िबना कर उपिविधया बनान की परसथापना की और उस सथान की जहा परारप-उपिविधय की परितया अिभपरा की जा सकगी और उस समय की (जो तीस िदन स कम का न होगा) इसक अनदर िक परभािवत िक तय क ारा या उनकी ओर स परारप-उपिविधय क परित िकया गया कोई आकषप कनदरीय सरकार को भजा जाना चािहए सचना ऐसी रीित स जसी कनदरीय सरकार परभािवत िक तय की जानकारी दन क िलए उपयक ततम समझ परकािशत की जाएगी

(घ) हर आकषप िलिखत होगा और उसमmdash

(i) आकषप क िविशष ट आधार तथा

(ii) चाह गए लोप पिरवधरन या उपानतर

किथत ह ग

(ङ) उन िक तय क ारा या उनकी ओर स िजनकी बाबत कनदरीय सरकार को यह परतीत हो िक व तद ारा परभािवत िक त ह अपिकषत समय क अनदर िकए गए आकषप पर वह सरकार िवचार करगी और उपिविधय पर या तो उस रप म िजसम व परकािशत की गई थ या उनम ऐस सशोधन करक िजनह वह ठीक समझ अनमोिदत कर सकगी

(5) कनदरीय सरकार ारा इस परकार अनमोिदत हो जान पर उपिविधया इस परकार परभावी ह गी मानो व इस अिधिनयम म अिधिनयिमत ह और खान का सवामी अिभकतार या परबनधक उन उपिविधय की एक परित अगरजी म और ऐसी अनय भाषा या भाषा म जसी िविहत की जाए खान म या उसक आसपास िकसी ऐस सहजदशय सथान पर लगवाएगा जहा व उपिविधया िनयोिजत

िक तय ारा सिवधापवरक पढ़ी या दखी जा सक और िजतनी बार व िवरिपत हो जाए िमट जाए या नष ट हो जाए उतनी बार यिक तयक त शीघरता क साथ उनह नए िसर स लगवाएगा

(6) कनदरीय सरकार इस परकार िनिमत िकसी उपिविध को िलिखत आदश ारा पणरतः या भागतः िवखिडत कर सकगी और तदपिर ऐसी उपिविध तदनसार परभावहीन हो जाएगी

3[61क िविनयम िनयम और उपिविधय का ससद क समकष रखा जानाmdashधारा 57 क अधीन बनाया गया परतयक िविनयम धारा 58 क अधीन बनाया गया परतयक िनयम और धारा 61 क अधीन बनाई गई परतयक उपिविध बनाई जान क पश चात यथाशीघर ससद क परतयक सदन क समकष जब वह सतर म हो कल तीस िदन की अविध क िलए रखा जाएगा या रखी जाएगी यह अविध एक सतरा म अथवा दो या अिधक आनकरिमक सतर म परी हो सकगी यिद उस सतर क या पव क त आनकरिमक सतर म अवसान क पवर दोन सदन उस िविनयम िनयम या उपिविध म कोई पिरवतरन करन क िलए सहमत हो जाए तो ततपश चात वह ऐस पिरवितत रप म ही परभावी होगा या होगी यिद उक त अवसान क पवर दोन सदन सहमत हो जाए िक वह िविनयम िनयम या उपिविध नह बनाया या बनायी जानी चािहए तो ततपश चात वह िनषपरभाव हो जाएगा या हो जाएगी िकनत यथािसथित िविनयम िनयम या उपिविधय क ऐस पिरवितत या िनषपरषभाव होन स उसक अधीन पहल की गई िकसी बात की िविधमानयता पर परितकल परभाव नह पड़गा ]

62 अिधिनयम िविनयम आिद की सिकषिप तया लगवानाmdashहर खान म या उसक आसपास अगरजी म और ऐसी अनय भाषा या भाषा म जो िविहत की जाए अिधिनयम की और िविनयम और िनयम की िविहत सिकषिप तया लगाई रखी जाएगी

अधयाय 9

शािसतया और परिकरया 63 बाधा डालनाmdash(1) जो कोई मखय िनरीकषक िनरीकषक या धारा 8 क अधीन परािधकत िकसी िक त क इस अिधिनयम क अधीन क उसक अपन कतर क िनवरहन म बाधा डालगा या मखय िनरीकषक िनरीकषक या ऐस िक त को िकसी खान क समबनध म इस अिधिनयम क ारा या अधीन परािधकत कोई परवश िनरीकषण परीकषा या जाच करन क िलए कोई यिक तयक त सिवधा दन स इनकार करगा या दन म जानबझकर उपकषा करगा वह कारावास स िजसकी अविध तीन मास तक की हो सकगी या जमारन स जो पाच सौ रपए तक का हो सकगा या दोन स दणडनीय होगा

1 1983 क अिधिनयम स० 42 की धारा 34 ारा (31-5-1984 स) कितपय शबद क सथान पर परितसथािपत 2 1983 क अिधिनयम स० 42 की धारा 34 ारा (31-5-1984 स) कितपय शबद क सथान पर परितसथािपत 3 1983 क अिधिनयम स० 42 की धारा 35 ारा (31-5-1984 स) अतःसथािपत

27

(2) जो कोई इस अिधिनयम क अनसरण म रख गए िकनह रिजसटर या अनय दसतावज को मखय िनरीकषक या िनरीकषक की माग पर पश करन स इनकार करगा अथवा िकसी ऐस िनरीकषण आिफसर क समकष जो इस अिधिनयम क अधीन क अपन कतर क अनसरण म कायर कर रहा ह उपसजात होन या उसक ारा परीकषा की जान स िकसी िक त को िनवािरत करगा या िनवािरत करन का परयत न करगा या कोई ऐसा कायर करगा िजसक बार म उसक पास यह िवश वास करन का कारण हो िक उसस उसका इस परकार िनवािरत होना सभा ह वह जमारन स जो तीन सौ रपए तक का हो सकगा दणडनीय होगा

64 अिभलख का िमथयाकरण आिदmdashजो कोईmdash

(क) इस अिधिनयम क अधीन अनद िकसी परमाणपतर का या परमाणपतर की िकसी कायारलय परित का कटकरण करगा या जानत हए उसम िमथया कथन करगा अथवा

(ख) जानत हए ऐस िकसी कटकतय या िमथया परमाणपतर को असली क रप म उपयोग म लाएगा अथवा

(ग) कोई िमथया घोषणा कथन या सा य यह जानत हए िक वह िमथया ह अपन िलए या िकसी अनय िक त क िलए इस अिधिनयम क अधीन परमाणपतर अिभपरा करन या परमाणपतर का नवीकरण करान या खान म िनयोजन अिभपरा करन क परयोजनाथर करगा या बनाएगा या पश करगा या उपयोग म लाएगा अथवा

1[(घ) िकसी ऐस रखाक खडिचतर रिजसटर या अिभलख का िमथयाकरण करगा िजसका रखा जाना इस अिधिनयम क ारा या अधीन अपिकषत हो या ऐसा िमथया रखाक खडिचतर रिजसटर या अिभलख उस िमथया जानत हए िकसी परािधकारी क

समकष पश करगा अथवा]

(ङ) कोई ऐसा रखाक िववरणी सचना अिभलख या िरपोटर बनाएगा दगा या पिरद करगा िजसम ऐसा कथन परिवि या बयौरा अनतिवष ट हो जो उसकी सव म जानकारी या िवश वास क अनसार सही न हो

वह कारावास स िजसकी अविध तीन मास तक की हो सकगी या जमारन स जो 2[एक हजार रपए] तक का हो सकगा या दोन स दणडनीय होगा

65 िमथया योगयता परमाणपतर का उपयोगmdashजो कोई 3[धारा 43] क अधीन अनय िक त को अनद िकसी परमाणपतर का उस धारा क अधीन अपन को योगयता-परमाणपतर क रप म जानत हए उपयोग करगा या उपयोग करन का परयत न करगा या उस धारा क अधीन अपन को योग यता-परमाणपतर अनद िकए जान पर जानत हए अनय िक त को उसका उपयोग करन दगा या उपयोग करन का परय करन दगा वह कारावास स िजसकी अविध एक मास तक की हो सकगी या जमारन स जो 4[दो सौ] रपए तक का हो सकगा या दोन स दणडनीय ोगा

िक तयक त कारण क िजस सािबत करन का भार उस पर होगा करगा जमारन स जो 6[एक हजार] रपए क का हो

ास स िजसकी विध तीन

ोिजत िकया जाता ह तो ऐसी खान का सवामी अिभकतार या परबनधक ऐस जमारन स जो पाच सौ रपए क का हो

ी अविध तीन मास तक की हो सकगी या जमारन स जो 10[दो हजार पाच सौ] रपए तक का हो सकगा या दोन स दणडनीय होगा

66 रखाक आिद दन का लोपmdashकोई िक त जो इस अिधिनयम क ारा या अधीन बनाए जान या िदए जान क िलए अपिकषत कोई रखाक 5[खडिचतर] िववरणी सचना रिजसटर अिभलख या िरपोटर िविहत पररप म या िविहत रीित स या िविहत समय पर या क भीतर बनान या दन का लोप िकए िबना यत सकगा दणडनीय होगा

67 शरिमक क िनयोजन िवषयक उपबनध का उललघनmdashजो कोई उसक िसवाय जसा िक धारा 38 ारा अनजञात ह इस अिधिनयम क या िकसी िविनयम िनयम या उपिविध क या तद धीन िकए गए िकसी आदश क िकसी ऐस उपबनध का उललघन करगा जो खान म या उसक आसपास िक तय क िनयोजन या उनकी उपिसथित को परितिष िनबरिनधत या िविनयिमत करता हो वह कारावअ मास तक की हो सकगी या जमारन स जो 7[एक हजार] रपए तक का हो सकगा या दोन स 8 दडनीय होगा

9[68 अठारह वषर स कम आय क िक तय क िनयोजन क िलए शािसतmdashयिद अठारह वषर स कम आय क िकसी िक त को धारा 40 क उललघन म िकसी खान म िनयत सकगा दणडनीय होगा ]

69 परबनधक िनयक त करन म असफलताmdashधारा 17 क उपबनध क उललघन म जो कोई परबनधक िनयक त करन म असफल रहगा वह कारावास स िजसक11

1 1959 क अिधिनयम स० 62 की धारा 35 ारा (16-1-1960 स) खड (घ) क सथान पर परितसथािपत 2 1959 क अिधिनयम स० 62 की धारा 35 ारा (16-1-1960 स) ldquoपाच सौ रपएrdquo क सथान पर परितसथािपत 3 1983 क अिधिनयम स० 42 की धारा 36 ारा (31-5-1984 स) ldquoधारा 40rdquo क सथान पर परितसथािपत 4 1959 क अिधिनयम स० 62 की धारा 36 ारा (16-1-1960 स) ldquoपचासrdquo क सथान पर परितसथािपत 5 1959 क अिधिनयम स० 62 की धारा 37 ारा (16-1-1960 स) अनतःसथािपत 6 1959 क अिधिनयम स० 62 की धारा 37 ारा (16-1-1960 स) ldquoदो सौrdquo क सथान पर परितसथािप 7 1959 क अिधिनयम स० 62 की धारा 38 ारा (16-1-1960 स) ldquoपाच सौrdquo क सथान पर परितसथािपत 8 1959 क अिधिनयम स० 62 की धारा 38 ारा (16-1-1960 स) कितपय शबद का लोप िकया गया 9 1983 क अिधिनयम स० 42 की धारा 37 ारा (31-5-1984 स) धारा 68 क सथान पर परितसथािपत 10 1959 क अिधिनयम स० 62 की धारा 39 ारा (16-1-1960 स) ldquoपाच सौrdquo क सथान पर परितसथािपत 11 1959 क अिधिनयम स० 62 की धारा 39 ारा (16-1-1960 स) कितपय शबद का लोप िकया गया

28

70 दघरटना की सचनाmdash(1) धारा 23 की उपधारा (1) क उपबनध क उललघन म जो कोई िकसी दघरटना की सचना दन म या उस सचना की परित उस उपधारा म िनिदष ट िवशष सचनाप पर लगान म और िविनिदष ट कालाविध क िलए वहा रखन म असफल रहगा वह कारावास स िजसकी अविध तीन मास तक की हो सकगी या जमारन स जो पाच सौ रपए तक का हो सकगा या दोन स दणनीय होगा

(2) कनदरीय सरकार ारा धारा 23 की उपधारा (3) क अधीन िदए गए िनदश क उललघन म जो कोई िकसी दघरटना को िविहत रिजसटर म अिभिलिखत करन म या उसकी सचना दन म असफल रहगा वह कारावास स िजसकी अविध तीन मास तक की हो सकगी या जमारन स तो पाच सौ रपए तक का हो सकगा या दोन स दणडनीय होगा

71 कितपय मामल म सवामी आिद का मखय िनरीकषक को िरपोटर दनाmdashजहा िक खान क यथािसथित सवामी अिभकतार या परबनधक न खान म या उसक आसपास िनयोिजत िकसी िक त क िवर कायरवाही इस अिधिनयम क अधीन क िकसी अपराध क बार म की हो वहा वह नयायालय क िनणरय या आदश की तारीख स इक कीस िदन क अनदर उसक पिरणाम की िरपोटर मखय िनरीकषक को दगा

72 खान म िनयोिजत िक तय की बाधयताmdashखान म िनयोिजत कोई भी िक तmdash

(क) खान म िनयोिजत िक तय का सवासथय कषम या कलयाण सिनिश चत करन क परयोजनाथर खान म उपबिनधत िकसी सािधतर सिवधा या अनय चीज म जानबझकर हसतकषप या उसका जानबझकर दरपयोग न करगा

(ख) जानबझकर और यिक तयक त कारण क िबना कोई ऐसी बात न करगा िजसस सवय उसक या अनय क सकटाप होन की सभा ता हो

(ग) खान म िनयोिजत िक तय का सवासथय या कषम सिनिश चत करन क परयोजनाथर उसम उपबिनधत िकसी सािधतर या अनय चीज को उपयोग म लान की जानबझकर उपकषा नह करगा

1[72क कछ िविनयम क उललघन क िलए िवशष उपबनधmdashजो कोई धारा 57 क खणड (घ) खणड (झ) खणड (ड) खणड (ढ) खणड (ण) खणड (त) खणड (द) खणड (ध) और खणड (प) म िविनिदष ट बात स सब िकसी िविनयम क या िकसी उपिविध क या तद धीन िकए गए िकसी आदश क िकसी उपबनध का उललघन करगा वह कारावास स िजसकी अविध छह मास तक की हो सकगी या जमारन स जो दो हजार रपए तक का हो सकगा या दोन स दणडनीय होगा

72ख धारा 22 क अधीन आदश क उललघन क िलए िवशष उपबनधmdashजो कोई धारा 22 की उपधारा (1क) उपधारा (2) या उपधारा (3) क अधीन 2[या धारा 22क की उपधारा (2) क अधीन] िनकाल गए आदश क उललघन म खान का कायरकरण चाल रखगा वह कारावास स िजसकी अविध दो वषर तक की हो सकगी दडनीय होगा और जमारन स भी जो पाच हजार रपए तक का हो सकगा दडनीय होगा

2[परनत नयायालय क िनणरय म लखब िकए जान वाल ततपरितकल िवशष और पयारप त कारण क अभाव म ऐसा जमारना खड (क) म िनिदष ट उललघन की दशा म तीन हजार रपए स कम नह होगा ]

72ग िविध क ऐस उललघन क िलए िजसक खतरनाक पिरणाम होत ह िवशष उपबनधmdash(1) जो कोई इस अिधिनयम क या िकसी िविनयम िनयम या उपिविध क या तद धीन िकए गए [धारा 22 की उपधारा (1क) या उपधारा (2) या उपधारा (3) 3[या धारा 22क की उपधारा (2)] क अधीन िकए गए आदश स िभ ] िकसी आदश क िकसी उपबनध का उललघन करगा वहmdash

(क) यिद ऐस उललघन क पिरणामसवरप जीवन की हािन हो तो कारावास स जो दो वषर तक का हो सकगा या जमारन स जो पाच हजार रपए तक का हो सकगा या दोन स दणडनीय होगा या

(ख) यिद ऐस उललघन क पिरणामसवरप गमभीर शारीिरक कषित हो तो कारावास स जो एक वषर तक का हो सकगा या जमारन स जो तीन हजार रपए तक का हो सकगा या दोन स दडनीय होगा अथवा

(ग) यिद ऐस उललघन स खान म िनयोिजत िक तय को या खान म या उसक आसपास क अनय िक तय को कषित या खतरा कािरत हो तो कारवास स जो तीन मास तक का हो सकगा या जमारन स जो एक हजार रपए तक का हो सकगा या दोन स दणडनीय होगा 6[परनत नयायालय क िनणरय म लखब िकए जान वाल ततपरितकल िवशष और पयारप त कारण क अभाव म ऐसा जमारना

खणड (क) म िनिदष ट उललघन की दशा म तीन हजार रपए स कम नह होगा ]

(2) जहा िक कोई िक त इस धारा क अधीन दोषिस िकए गए जान पर िफर उसक अधीन दोषिस िकया जाए वहा वह उपधारा (1) ारा उपबिनधत दड क दगन दड स दणडनीय होगा

1 1959 क अिधिनयम स० 62 की धारा 40 ारा (16-1-1960 स) धारा 73 तथा धारा 74 क सथान पर परितसथािपत 2 1983 क अिधिनयम स० 42 की धारा 38 ारा (31-5-1984 स) अतःसथािपत 3 1983 क अिधिनयम स० 42 की धारा 39 ारा (31-5-1984 स) अतःसथािपत

29

(3) इस धारा क अधीन पािरत जमारन का दडादश आरोिपत करन वाला अथवा अपील या पनरीकषण म या अनयथा उसकी पिष ट करन वाला नयायालय िनणरय पािरत करत समय आदश द सकगा िक वसल िकया गया सपणर जमारना या उसका कोई भाग कषितगरसत िक त को या उसकी मतय की दशा म उसक िविधक परितिनिध को परितकर क रप म िदया जाए

परनत यिद जमारना ऐस मामल म आरोिपत िकया जाए जो अपीलनीय हो तो अपील उपिसथत िकए जान क िलए अनजञात कालाविध क बीत जान क पहल या यिद अपील उपिसथत की गई हो तो अपील क िविनश चय स पहल ऐसा कोई भी सदाय नह िकया जाएगा

73 आदश की अवजञा क िलए साधारण उपबनधmdashजो कोई इस अिधिनयम क या िकसी िविनयम िनयम या उपिविध क या तद धीन िकए गए िकसी आदश क िकसी ऐस उपबनध का उललघन करगा िजसक उललघन क िलए एतिसमनपवर कोई शािसत उपबिनधत नह ह वह कारावास स िजसकी अविध तीन मास तक की हो सकगी या जमारन स जो एक हजार रपए तक का हो सकगा या दोन स दडनीय होगा

74 पवर दोषिसि क पश चात विधत शािसतmdashयिद कोई िक त जो (धारा 72ख और 72ग स िभ ) पवरगामी उपबनध म स िकसी क अधीन दडनीय िकसी अपराध का दोषिस िकया जा चका हो पवर दोषिसि क दो वषर क अनदर िकए गए और उसी उपबनध का उललघन अनतवरिलत करन वाल िकसी अपराध क िलए पनः दोषिस िकया जाए तो वह हर एक पश चात वत दोषिसि क िलए उस दड क दगन दणड स दणडनीय होगा िजसस वह ऐस उपबनध क परथम उललघन क िलए दडनीय होता ]

75 सवामी अिभकतार या परबनधक का अिभयोजनmdashइस अिधिनयम क अधीन क िकसी अपराध क िलए िकसी सवामी अिभकतार या परबनधक क िवर कोई भी अिभयोजन मखय िनरीकषक की या िजला मिजसटरट की या मखय िनरीकषक क िलिखत साधारण या िवशष आदश ारा इस िनिम परािधकत िनरीकषक की पररणा पर सिसथत िकए जान क िसवाय सिसथत नह िकया जाएगा

1[परनत मखय िनरीकषक या िजला मिजसटरट या इस परकार परािधकत िनरीकषक ऐसा अिभयोजन सिसथत करन स पवर अपना यह समाधान करगा िक सवामी अिभकतार या परबनधक ऐस अपराध क िकए जान को रोकन म सभी समयक ततपरता बरतन म असफल रहा था ]

2[परनत यह और िक] िकसी खान म तकनीकी िनदशन और परबनध क अनकरम म िकए गए िकसी अपराध क बार म िजला मिजसटरट िकसी सवामी अिभकतार या परबनधक क िवर कोई अिभयोजन मखय िनरीकषक क पवर अनमोदन स सिसथत करन क िसवाय सिसथत नह करगा

3[76 कितपय मामल म सवामी का अवधारणmdashजहा िक खान का सवामी कोई फमर या िष टय का अनय सगम हो वहा उसक सब भागीदार या सदसय या उनम स कोई अथवा जहा िक खान का सवामी कमपनी हो वहा उसक सब िनदशक या उनम स कोई अथवा जहा िक खान का सवामी सरकार या कोई सथानीय परािधकारी हो वहा यथािसथित ऐसी सरकार या सथानीय परािधकारी ारा खान क कामकाज का परबनध करन क िलए परािधकत सब आिफसर या िक त या उनम स कोई ऐस िकसी अपराध क िलए िजसक िलए खान का सवामी दडनीय हो इस अिधिनयम क अधीन अिभयोिजत और दिडत िकया जा सकगा

4[परनत जहा िकसी फमर सगम या कमपनी न मखय िनरीकषक को िलिखत रप म यह सचना द दी ह िक उसनmdash

(क) फमर की दशा म उसक िकसी भागीदार या परबनधक को

(ख) सगम की दशा म उसक िकसी सदसय या परबनधक को

(ग) कमपनी की दशा म उसक िकसी िनदशक या परबनधक को

जो परतयक मामल म िकसी ऐस सथान म िजस पर इस अिधिनयम का िवसतार ह िनवासी ह और जो परतयक मामल म या तो वासतव म ऐसी फमर सगम या कमपनी क परबनध का भारसाधक ह या उसम अिधकाश शयर धारण करता ह इस अिधिनयम क परयोजन क िलए खान क सवामी क उ रदाियतव को गरहण करन क िलए नामिनदिशत कर िदया ह वहा यथािसथित ऐसा भागीदार सदसय िनदशक या परबनधक जब तक वह ऐसा िनवासी बना रहता ह और पव क त रप म भारसाधक ह या अिधकाश शयर को धारण करता ह इस अिधिनयम क परयोजन क िलए खान का सवामी समझा जाएगा जब तक िक उसक नामिनदशन को र करन वाली या यह कथन करन वाली कोई िलिखत सचना की वह यथािसथित भागीदारी सदसय िनदशक या परबनधक नह रहा ह मखय िनरीकषक को पराप त नह हो जाती ह

सपष टीकरणmdashजहा िकसी फमर सगम या कमपनी क िविभन न सथापन या शाखाए ह अथवा उसक िकसी सथापन या शाखा म िविभन न एकक ह वहा िविभन न सथापन या शाखा या एकक क सबध म इस परनतक क अधीन िविभन न िक तय को नामिनदिशत िकया जा सकगा और इस परकार नामिनदिशत िक त कवल उस सथापन शाखा या एकक क समबनध म िजसक समबनध म उस नामिनदिशत िकया गया ह खान का सवामी समझा जाएगा ]

1 1983 क अिधिनयम स० 42 की धारा 40 ारा (31-5-1984 स) अतःसथािपत 2 1983 क अिधिनयम स० 42 की धारा 40 ारा (31-5-1984 स) ldquoपरनतrdquo क सथान पर परितसथािपत 3 1959 क अिधिनयम स० 62 की धारा 41 ारा (16-1-1960 स) धारा 76 क सथान पर परितसथािपत 4 1983 क अिधिनयम स० 42 की धारा 41 ारा (31-5-1984 स) ldquoपरनतकrdquo क सथान पर परितसथािपत

30

77 सवामी अिभकतार या परबनधक को दाियतव स कितपय दशा म छटmdashजहा िक खान का सवामी अिभकतार या परबनधक जो इस अिधिनयम क अधीन िकसी अपराध का अिभयक त हो यह अिभकथन कर िक वासतिवक अपराधी अनय िक त ह वहा वह अपन

ारा इस िनिम िकए गए पिरवाद पर 1[और वासतिवक अपराधी का जञात पता दन पर] और अिभयोजक को ऐसा करन क अपन आशय की तीन स अनयन पणर िदन की िलिखत सचना दन पर इस बात का हकदार होगा िक वह अनय िक त उस तारीख को जो मामल की सनवाई क िलए िनयत हो नयायालय क समकष लाया जाए और यिद अपराध का िकया जाना सािबत हो जान क पश चात खान का यथािसथित सवामी अिभकतार या परबनधक नयायालय को समाधान परदान करन वाल रप म सािबत कर द िकmdash

(क) इस अिधिनयम क ससगत उपबनध का िनषपादन करान क िलए उसन समयक ततपता बरती ह तथा (ख) उस अनय िक त न परश नगत अपराध को उसक जञान सममित या मौनानकलता क िबना िकया ह

तो उक त अनय िक त उस अपराध क िलए दोषिस िकया जाएगा और उसी परकार क दणड स ऐस दडनीय होगा मानो वह खान का सवामी अिभकतार या परबनधक हो और यथािसथित सवामी अिभकतार या परबनधक दोषमक त कर िदया जाएगा परनतmdash

(क) यथािसथित खान क सवामी अिभकतार या परबनधक की शपथ पर परीकषा की जा सकगी और उसक और िकसी अनय साकषी क िजस वह अपन समथरन म बलाए सा य की उस िक त क ारा या की ओर स िजसकी बाबत वह अिभकिथत करता हो िक वह वासतिवक अपराधी ह और अिभयोजक ारा परितपरीकषा की जा सकगी

(ख) यिद वह िक त िजसका वासतिवक अपराधी होना अिभकिथत हो उस तारीख को जो मामल की सनवाई क िलए िनयत हो नयायालय क समकष समयक ततपरता बरती जान पर भी न लाया जा सक तो नयायालय उसकी सनवाई समय-समय पर सथिगत कर दगा िकनत इस परकार िक ऐस सथगन की कल कालाविध तीन मास स अिधक न हो और यिद उक त कालाविध क अनत तक भी वह िक त िजसका वासतिवक अपराधी होना अिभकिथत हो नयायालय क समकष न लाया जा सक तो नयायालय यथािसथित सवामी अिभकतार या परबनधक क िवर मामल की सनवाई क िलए अगरसर होगा

78 नयायालय की आदश करन की शिक तmdash(1) जहा िक खान का सवमी अिभकतार या परबनधक इस अिधिनयम क अधीन दडनीय अपराध क िलए दोषिस िकया जाए वहा नयायालय उस कोई दड अिधिनण त करन क अितिरक त िलिखत आदश ारा उसस आदश म िविनिदष ट कालाविध क अनदर (िजस नयायालय इस िनिम िकए गए आवदन पर समय-समय पर िवसतािरत कर सकगा) ऐस उपाय करन की अपकषा कर सकगा जो उन बात का उपचार करन क िलए िजनक बार म अपराध िकया गया था ऐस िविनिदष ट िकए जाए (2) जहा िक उपधारा (1) क अधीन आदश िदया जाए वहा यथािसथित खान का सवामी अिभकतार या परबनधक उस कालाविध या िवसतािरत कालाविध क यिद कोई हो दौरान अपराध क चाल रहन क िवषय म इस अिधिनयम क अधीन दडनीय नह होगा िकनत यिद नयायालय क आदश का पणर अनपालन ऐसी कालाविध या िवसतािरत कालाविध क अवसान पर न हो गया हो तो यथािसथित सवामी अिभकतार या परबनधक क बार म यह समझा जाएगा िक उसन अितिरक त अपराध िकया ह और वह कारावास स िजसकी अविध छह मास तक की हो सकगी या जमारन स जो ऐस अवसान क पश चात हर एक ऐस िदन क िलए िजसम िक आदश का अनपालन न हआ हो एक सौ रपए तक का हो सकगा या दोन स दणडनीय होगा 79 अिभयोजन की पिरसीमाmdashकोई भी नयायालय इस अिधिनयम क अधीन िकसी अपराध का सजञान तब तक नह करगा जब तक िक उसका पिरवादmdash

(i) उस तारीख स िजसकी बाबत यह अिभकिथत हो िक अपराध उस तारीख को िकया गया छह मास क अनदर अथवा

(ii) उस तारीख स िजसको िक अिभकिथत अपराध का िकया जाना िनरीकषक क जञान म आया छह मास क अनदर अथवा

2[(iiक) िकसी ऐस मामल म िजसम अिभयक त लोक सवक ह या था और ततसमय परव िकसी िविध क अधीन अपराध का सजञान करन क िलए कनदरीय सरकार या राजय सरकार या िकसी अनय परािधकारी की पवर मजरी आवशयक ह उस तारीख क िजसको ऐसी मजरी मखय िनरीकषक को पराप त होती ह तीन मास क अनदर अथवा]

(iii) िकसी ऐस मामल म िजसम जाच नयायालय कनदरीय सरकार ारा धारा 24 क अधीन िनयक त िकया गया हो उस धारा की उपधारा (4) म िविनिदष ट िरपोटर क परकाशन की तारीख क पश चात 3[एक वषर] क अनदर

इनम स जो भी बाद म हो न िकया गया हो 4[सपष टीकरणmdashइस धारा क परयोजन क िलएmdash

1 1959 क अिधिनयम स० 62 की धारा 42 ारा (16-1-1960 स) अनतःसथािपत 2 1983 क अिधिनयम स० 42 की धारा 42 ारा (31-5-1984 स) अतःसथािपत 3 1983 क अिधिनयम स० 42 की धारा 42 ारा (31-5-1984 स) ldquoछह मासrdquo क सथान पर परितसथािपत 4 1959 क अिधिनयम स० 62 की धारा 43 ारा (16-1-1960 स) सप ीकरण जोड़ा गया

31

(क) चाल रहन वाल अपराध की दशा म पिरसीमा की सगणना उस समय क हर कषण क परित िनदश स की जाएगी िजसक दौरान अपराध चाल रह

(ख) जहा िक कोई कायर करन क िलए समय इस अिधिनयम क अधीन िवसतािरत िकया गया हो वहा पिरसीमा की सगणना उस िवसतािरत कालाविध क अवसान स की जाएगी ]

80 अपराध का सजञानmdash1[महानगर मिजसटरट या परथम वगर नयाियक मिजसटरट] क नयायालय स अवर कोई नयायालय इस अिधिनयम क अधीन िकसी ऐस अपराध का िजसकी बाबत यह अिभकिथत हो िक वह खान क सवामी अिभकतार या परबनधक ारा िकया गया ह या िकसी ऐस अपराध का जो इस अिधिनयम ारा कारावास स दडनीय बनाया गया ह िवचारण नह करगा

80क [जमारन क बार म िवशष उपबध ]mdashखान (सशोधन) अिधिनयम 1983 (1983 का 42) की धारा 44 ारा (31-5-1984 स) िनरिसत

81 कितपय मामल म अिभयोजन क बजाय खान बोडर या सिमित को िनदशmdash(1) यिद मखय िनरीकषक या िजला मिजसटरट या िकसी िनरीकषक की पररणा पर इस अिधिनयम क अधीन सिसथत िकसी मामल का िवचारण करन वाल नयायालय की यह राय हो िक यह मामला ऐसा ह जो अिभयोजन क बजाय 2 सिमित को िनदिशत िकया जाना चािहए तो वह दािडक कायरवािहय को रोक सकगा और इस दिष ट स िक ऐसा िनदशन िकया जाए उस िवषय की िरपोटर कनदरीय सरकार को भजगा

(2) उपधारा (1) क अधीन िरपोटर पराप त होन पर कनदरीय सरकार मामला 2 सिमित को िनदिशत कर सकगी या िवचारण म अगरसर होन क िलए नयायालय को िनदश द सकगी

अधयाय 10

परकीणर 82 इस परश न का िविनश चय िक कया खान इस अिधिनयम क अधीन हmdashयिद कोई परश न उठ िक कया 3[खान का और उसम

का या उसका पाश वरसथ कोई उतखान या खिनत या पिरसर िजस पर खिनज या कोक पराप त करन दरसी करन या िवकरय क िलए तयार करन की सहायक कोई परिकरया चलाई जा रही ह] इस अिधिनयम क अथर क अनदर खान ह तो कनदरीय सरकार उस परश न का िविनश चय कर सकगी और कनदरीय सरकार क सिचव ारा हसताकषिरत परमाणपतर इस परश न पर िनश चायक होगा

83 अिधिनयम क परवतरन स छट दन की शिक तmdash4[(1)] कनदरीय सरकार िकसी सथानीय कषतर या िकसी खान को या खान क िकसी समह या वगर को या खान क िकसी भाग को या िक तय क िकसी वगर को 5[इस अिधिनयम या उसक अधीन बनाए गए िविनयम िनयम या उपिविधय क सब उपबनध क या उनम स िकसी क] परवतरन स छट शासकीय राजपतर म अिधसचना ारा या तो अतयितकतः या िकनह िविनिदष ट शत क अधयधीन द सकगी

परनत िकसी सथनीय कषतर या खान या खान क समह या वगर को 6[धारा 40 और धारा 45] क उपबनध स छट तब तक नह दी जाएगी जब तक उस इस अिधिनयम क अनय सब उपबनध क परवतरन स भी छट न द दी जाए ]

7[(2) कनदरीय सरकार मखय िनरीकषक या िकसी अनय परािधकारी को साधारण या िवशष आदश ारा ऐस िनबरनधन क अधयधीन िजनह अिधरोिपत करना वह ठीक समझ परािधकत कर सकगी िक वह िकसी खान या उसक िकसी भाग को 8[िविनयम िनयम या उपिविधय ] क उपबन ध म स िकसी क परवतरन स िकनह िविनिदष ट शत क अधयधीन तब छट द द जब िक मखय िनरीकषक या ऐस अिधकारी की राय हो िक खान या उसक भाग म पिरिसथितया ऐसी ह िक उनक कारण ऐस उपबनध का अनपालन अनावशयक या अ वहायर हो जाता ह ]

84 आदश को पिरवितत या िवखिणडत करन की शिक तmdash9[(1)] कनदरीय सरकार इस अिधिनयम क अधीन िदया गया कोई आदश उलट सकगी या उपानतिरत कर सकगी

10[(2) मखय िनरीकषक लखब िकए जान वाल कारण स इस अिधिनयम क अधीन या िकसी िविनयम िनयम या उपिविध क अधीन अपन ारा पािरत िकसी आदश को उलट सकगा या उस उपातिरत कर सकगा

(3) खान क सवामी अिभकतार या परबनधक पर परितकल परभाव डालन वाला कोई आदश इस धारा क अधीन तब तक नह िकया जाएगा जब तक िक ऐस सवामी अिभकतार या परबनधक को अभयावदन करन का यिक तयक त अवसर न द िदया गया हो ]

1 1983 क अिधिनयम स० 42 की धारा 43 ारा (31-5-1984 स) ldquoपरसीडसी मिजसटरट या परथम वगर मिजसटरटrdquo क सथान पर परितसथािपत 2 1983 क अिधिनयम स० 42 की धारा 43 ारा (31-5-1984 स) ldquoखनन बोडरrdquo शब द का लोप िकया गया 3 1959 क अिधिनयम स० 62 की धारा 45 ारा (16-1-1960 स) अनतःसथािपत 4 1959 क अिधिनयम स० 62 की धारा 46 ारा (16-1-1960 स) उपधारा (1) क रप म पनःसखयािकत 5 1983 क अिधिनयम स० 42 की धारा 46 ारा (31-5-1984 स) ldquoइस अिधिनयम क सब उपबध क िकसी कrdquo क सथान पर परितसथािपत 6 1983 क अिधिनयम स० 42 की धारा 46 ारा (31-5-1984 स) ldquoधारा 45rdquo क सथान पर परितसथािपत 7 1959 क अिधिनयम स० 62 की धारा 46 ारा (16-1-1960 स) अनतःसथािपत 8 1983 क अिधिनयम स० 42 की धारा 46 ारा (31-5-1984 स) ldquoइस अिधिनयम क अतगरत िविनयम और िनयमrdquo क सथान पर परितसथािपत 9 1983 क अिधिनयम स० 42 की धारा 47 ारा (31-5-1984 स) धारा 84 उपधारा (1) क रप म पनःसखयािकत 10 1983 क अिधिनयम स० 42 की धारा 47 ारा (31-5-1984 स) अतःसथािपत

32

85 सरकार की खान को अिधिनयम का लाग होनाmdashयह अिधिनयम सरकार की खान को 1[भी] लाग होगा 2[85क सचना आिद दन क िलए अपिकषत िक त ऐसा करन क िलए वध रप स आब ह गmdashहर िक त जो िकसी

अिधकारी को कोई सचना या इि ला इस अिधिनयम क अधीन दन क िलए अपिकषत ह भारतीय दड सिहता (1860 का 45) की धारा 176 क अथर क अनदर ऐसा करन क िलए वध रप स आब होगा ]

3[85ख िववरिणय सचना आिद पर हसताकषर करनाmdashइस अिधिनयम या उसक अधीन बनाए गए िकसी िविनयम िनयम उपिविध या िकसी आदश क उपबनध क समबनध म िकसी खान क सवामी ारा या उसकी ओर स दी जान क िलए अपिकषत सभी िववरिणय और सचना पर या भजी जान वाली सचना पर खान क सवामी अिभकतार या परबधक ारा या िकसी ऐस िक त ारा िजस सवामी ारा मखतारनाम ारा इस िनिम शिक त परतयायोिजत की गई ह हसताकषर िकए जाएग

85ग सिवधा और जन सिवधा क िलए फीस या परभार का वसल न िकया जानाmdashखान म िनयोिजत िकसी िक त स सरकषातमक परबनध या दी जान वाली सिवधा या इस अिधिनयम क उपबनध क अधीन परदाय िकए जान वाल िकसी उपसकर या सािधतर की बाबत कोई फीस या परभार वसल नह िकया जाएगा ]

86 1948 क अिधिनयम 63 क कितपय उपबध का खान को लाग होनाmdashकनदरीय सरकार शासकीय राजपतर म अिधसचना ारा िनदश द सकगी िक कारखाना अिधिनयम 1948 (1948 का 63) क अधयाय 3 और 4 क उपबनध ऐस अपवाद और िनबरनधन क

अधयधीन रहत हए जस उस अिधसचना म िविनिदष ट िकए जाए सब खान और उनकी परसीमा को लाग ह ग

87 सद भावपवरक िकए गए कायर क िलए पिरतराणmdashकोई भी वाद अिभयोजन या अनय िविधक कायरवाही इस अिधिनयम क अधीन सद भावपवरक की गई या जान क िलए आशियत िकसी बात क िलए िकसी िक त क िवर न होगी

88 [1923 क अिधिनयम 4 का िनरसन]mdashिनरसन और सशोधन अिधिनयम 1957 (1957 का 36) की धारा 2 और पहली अनसची ारा िनरिसत

______

1 1959 क अिधिनयम स० 62 की धारा 47 ारा (16-1-1960 स) अनतःसथािपत 2 1959 क अिधिनयम स० 62 की धारा 48 ारा (16-1-1960 स) अनतःसथािपत 3 1983 क अिधिनयम स० 42 की धारा 48 ारा (31-5-1984 स) अतःसथािपत

Page 3: खान अधिनियम, 1952ncwapps.nic.in/acts/TheMinesAct1952_Hindi.pdf1 ज ल ई, 1952, द खए भ रत क र जपतर (अ गर 1952, ज ) भ ग 2,

3

1

(ट) ldquoखान का कायारलयrdquo स सपक त खान क बिहसथल पर का कोई कायारलय अिभपरत ह 2[(टट) ldquoिवव खिनतrdquo स खदान अथारत कोई ऐसा उतखात अिभपरत ह जहा खिनज की तलाश या अिभपरािप त क

परयोजन क िलए कोई सिकरया चलाई जाती रही ह या चलाई जा रही ह और जो न कपक ह न ऐसा उतखात ह िजसका िवसतार उपिसथत भिम क नीच ह ]

(ठ) ldquoसवामीrdquo स जब िक वह िकसी खान क सबध म परयक त हआ ह कोई ऐसा िक त जो खान या उसक िकसी भाग का अ विहत सवतवधारी प दार या अिधभोगी ह और ऐसी खान की दशा म िजसका कारबार समापक या िरसीवर

ारा चलाया जा रहा ह वह समापक या िरसीवर अिभपरत ह 3 िकनत इसक अनतगरत ऐसा िक त नह आता ह जो उस खान स कवल सवािमसव भाटक या नजराना पराप त करता ह या ऐसी खान का सवतवधारी मातर ह जो कायरकरण क िलए िकसी प अनदान या अनजञिप त क अधयधीन ह या कवल मदा का सवामी ह और उस खान क खिनज म िहतब नह ह िकनत खान या उसक िकसी भाग क कायरकरण का 4[कोई ठकदार या उप-प दार] उसी परकार स इस अिधिनयम क अधयधीन होगा मानो वह सवामी हो िकनत इस परकार नह िक सवामी को िकसी दाियतव स छट िमल जाए

(ड) ldquoिविहतrdquo स यथािसथित िनयम िविनयम या उपिविधय ारा िविहत अिभपरत ह

5[(ढ) ldquoअिहत िचिकतसा वसायीrdquo स ऐसा िचिकतसा वसायी अिभपरत ह िजसक पास भारतीय आयिवजञान पिरषद अिधिनयम 1956 (1956 का 102) की धारा 2 क खणड (ज) म यथापिरभािषत कोई मानयतापराप त आयिवजञान अहरता ह और िजसका नाम उस धारा क खड (ट) म यथापिरभािषत राजय िचिकतसक रिजसटर म दजर ह ]

(ण) ldquoिविनयमrdquo ldquoिनयमrdquo और ldquoउपिविधrdquo स करमशः इस अिधिनयम क अधीन बनाया गया िविनयम िनयम और उपिविध अिभपरत ह

(त) जहा िक एक ही िकसम का काम िदन की िविभन न कालाविधय क दौरान काम करन वाल िक तय क दो या अिधक सवग ारा िकया जाता ह वहा ऐस सवग म स हर एक सवगर ldquoटोलीrdquo कहलाता ह 6[और ऐसी कालाविधय म स हर एक कालाविध ldquoपारीrdquo कहलाती ह]

7[(तत) ldquoिरपोटर की जान योगय कषितrdquo स िकसी गभीर शारीिरक कषित स िभन न ऐसी कषित अिभपरत ह िजसम कषितगरसत िक त की बह र घणट या उसस अिधक की कालाविध क िलए काम स मजबरी क कारण अनपिसथित अनतवरिलत ह या अनतवरिलत होन की पणर अिधसभा ता ह ]

8[(थ) ldquoगमभीर शारीिरक कषितrdquo स कोई ऐसी कषित अिभपरत ह िजसम शरीर क िकसी अवयव या िहसस की या शरीर क िकसी अवयव या िहसस क उपयोग की सथायी हािन या दिष ट या शरवण शिक त की सथायी हािन या उस कषित या कोई सथायी शारीिरक असमथरता या हाथ या पर की िकसी ह ी का या उसक एक या अिधक जोड़ का या उसकी िकनह अगलयिसथय की हि य का िवभग अनतवरिलत ह या अनतवरिलत होन की पणर अिधसभा ता ह

(द) ldquoसप ताहrdquo स शिनवार की राितर को या ऐसी अनय राितर को जो मखय िनरीकषक या िकसी िनरीकषक ारा िकसी िविशष ट कषतर क िलए िलिखत रप म अनमोिदत की जाए मधय राितर को आरमभ होन वाली सात िदन की कालाविध अिभपरत ह ]

9[(2) ऐस िक त की बाबत जो खान म या खान क सबध म काम कर रहा या िनयोिजत ह यह तब कहा जाता ह िक वहmdash

(क) ldquoभिम क नीचrdquo काम कर रहा या िनयोिजत ह जब िक वहmdash

(i) िकसी ऐस कपक म काम कर रहा या िनयोिजत ह जो गलाया जा चका ह या गलाया जा रहा ह अथवा

(ii) िकसी ऐस उतखात म काम कर रहा या िनयोिजत ह िजसका िवसतार उपिसथत भिम क नीच ह तथा

1 1983 क अिधिनयम स० 42 की धारा 2 ारा (31-5-1984 स) खड (ञञञ) का लोप िकया गया 2 1959 क अिधिनयम स० 62 की धारा 2 ारा (16-1-1960 स) अनतःसथािपत 3 1983 क अिधिनयम स० 42 की धारा 2 ारा (31-5-1984 स) कितपय शबद का लोप िकया गया 4 1983 क अिधिनयम स० 42 की धारा 2 ारा (31-5-1984 स) ldquoकोई ठकदारrdquo शबद क सथान पर परितसथािपत 5 1983 क अिधिनयम स० 42 की धारा 2 ारा (31-5-1984 स) खड (ढ) क सथान पर परितसथािपत 6 1959 क अिधिनयम स० 62 की धारा 2 ारा (16-1-1960 स) जोड़ा गया 7 1983 क अिधिनयम स० 42 की धारा 2 ारा (31-5-1984 स) अनतःसथािपत 8 1983 क अिधिनयम स० 42 की धारा 2 ारा (31-5-1984 स) खड (थ) और (द) क सथान पर परितसथािपत 9 1959 क अिधिनयम स० 62 की धारा 2 ारा (16-1-1960 स) अनतःसथािपत

4

(ख) ldquoभिम क ऊपरrdquo काम कर रहा या िनयोिजत ह जब िक वह िकसी िवव खिनत म काम कर रहा ह या िकसी अनय ऐसी रीित स काम कर रहा ह जो खड (क) म िविनिदष ट नह ह ] 1[3 अिधिनयम का कितपय दशा म लाग न होनाmdash(1) 2[धारा 7 8 9 40 45 और 46] म अनतिवष ट उपबनध क

िसवाय इस अिधिनयम क उपबनधmdash

(क) िकसी ऐसी खान या उसक भाग को लाग न ह ग िजसम उतखनन कवल पवकषण क परयोजन क िलए न िक उपयोग या िवकरय क िलए खिनज की अिभपरािप त क परयोजन क िलए िकया जा रहा हो

परनत यह तब जब िकmdash

(i) ऐस िकसी उतखनन क समबनध म िकसी एक िदन म बीस स अिधक िक त िनयोिजत न ह ]

(ii) उतखात क उच चतम िबनद स उसक िनम नतम िबनद तक नापी गई उतखात की गहराई कह भी छह मीटर स या कोयल क िलए उतखनन की दशा म पनदरह मीटर स अिधक न हो तथा

(iii) ऐस उतखान क िकसी भी भाग का िवसतार उपिरसथ भिम क नीच न हो (ख) िकसी ऐसी खान को लाग न ह ग जो ककड़ मोरम लटराइट ढोका वजरी िशिगल (साचाबाल काचबाल

और अनय खिनज बाल को अपिवजत करत हए) मामली बाल (कओिलन चीनी िम ी श वत मि का या अिग नसह मि का को अपविजत करत हए) मामली मि का इमारती पतथर 3[सलट] सड़क-िम ी िम ी मलतानी िम ी 3[मालर चाक] और चनाशम िनकालन म लगी हो

परनत यह तब जब िकmdash

(i) खिनज का िवसतार उपिरस थ भिम क नीच न हो अथवा (ii) जहा िक वह िवव खिनत हो वहाmdash

(क) उतखात क उच चतम िबनद स उसक िनम नतम िबनद तक नापी गई उतखात की गहराई कह भी छह मीटर स अिधक न हो

(ख) िकसी एक िदन िनयोिजत िक तय की सखया पचास स अिधक न हो तथा (ग) उतखनन क समबनध म िवसफोटक परयक त न िकए जात ह

(2) यिद कनदरीय सरकार का समाधान हो जाए िक िकसी खान या उसक िकसी भाग या खान क समह या वगर क समबनध म िव मान पिरिसथितय को धयान म रखत हए ऐसा करना आवशयक या वाछनीय ह तो वह उपधारा (1) म अनतिवष ट िकसी बात क होत हए भी शासकीय राजपतर म अिधसचना ारा घोिषत कर सकगी िक इस अिधिनयम क उपबनध म स कोई ऐसा उपबनध जो उपधारा (1) म उपविणत नह ह उस खान या उसक भाग को या खान क समह या वगर को या उसम िनयोिजत िक तय क िकसी वगर को लाग होगा

(3) उपधारा (2) म अनतिवष ट उपबनध पर परितकल परभाव डाल िबना यिद उपधारा (1) क खणड (क) या खणड (ख) क परनतक म िविनिदष ट शत म स िकसी की पित उस उपधारा म िनिदष ट िकसी खान क समबनध म िकसी समय न की जाए तो इस अिधिनयम क व उपबनध जो उपधारा (1) म उपविणत नह ह तरत लाग हो जाएग और खान क सवामी अिभकतार या परबनधक का यह कतर होगा िक वह उस पित न होन की इि ला िविहत परािधकारी को िविहत रीित स और िविहत समय क अनदर द ]

4 िदन क समय क परित िनदशmdashइस अिधिनयम म व िनदश जो िदन क समय क परित ह भारतीय मानक समय क परित िनदश ह जो िगरनिवच माधय समय स साढ पाच घट आग ह

परनत िकसी ऐस कषतर क िलए िजसम मामली तौर पर भारतीय मानक समय का अनपालन नह होता कनदरीय सरकारmdash

(क) उस कषतर को िविनिदष ट करन वाल (ख) उस सथानीय माधय समय को जो मामली तौर पर उसम अनपािलत होता ह पिरभािषत करन वाल तथा (ग) उस कषतर म िसथत सब खान या उनम स िकसी म उस समय का अनपालन अनजञात करन वाल िनयम बना सकगी

1 1959 क अिधिनयम स० 62 की धारा 3 ारा (16-1-1960 स) धारा 3 क सथान पर परितसथािपत 2 1983 क अिधिनयम स० 42 की धारा 3 ारा (31-5-1984 स) ldquoधारा 7 8 9 44 45 और 46rdquo क सथान पर परितसथािपत 3 1983 क अिधिनयम स० 42 की धारा 3 ारा (31-5-1984 स) अनतःसथािपत

5

अधयाय 2

िनरीकषक और परमाणकतार सजरन

5 मखय िनरीकषक और िनरीकषकmdash(1) कनदरीय सरकार शासकीय राजपतर म अिधसचना ारा ऐस िक त को जो िविहत अहरताए रखता हो उन सब राजयकषतर क िलए िजन पर इस अिधिनयम का िवसतार ह खान का मखय िनरीकषक और ऐस िक तय को जो िविहत अहरताए रखत ह मखय िनरीकषक क अधीनसथ खान क िनरीकषक िनयक त कर सकगी

(2) कोई भी िक त जो भारत म िकसी खान या खनन अिधकार म परतयकषतः या अपरतयकषतः िहतब हो या हो जाए मखय िनरीकषक या िनरीकषक िनयक त नह िकया जाएगा और न िनयक त िकए जान क पश चात ऐस पद को धारण िकए रहगा

(3) िजला मिजसटरट िनरीकषक की शिक तय का परयोग और कतर का पालन कनदरीय सरकार क साधारण या िवशष आदश 1 क अधयधीन रहत हए कर सकगा

परनत इस उपधारा म की िकसी भी बात स यह न समझा जाएगा िक वह 2[धारा 22 या धारा 22क] या धारा 61 ारा परद शिक तय म स िकसी का परयोग करन क िलए िकसी िजला मिजसटरट को सशक त करती ह

(4) मखय िनरीकषक और सभी िनरीकषक भारतीय दणड सिहता (1860 का 45) क अथर क अनदर लोक सवक समझ जाएग 3[6 िनरीकषक क कतयmdash(1) मखय िनरीकषक कनदरीय सरकार क अनमोदन स आदश ारा उस आदश म नािमत िकसी

िनरीकषक या िविनिदष ट िकसी िनरीकषक वगर को मखय िनरीकषक की इस अिधिनयम क अधीन की शिक तय म स (अपील सबधी शिक तय स िभन न) ऐसी शिक तय का िजनह वह िविनिदष ट कर ऐस िनबधन या शत क अधयधीन रहत हए िजनह अिधरोिपत करना वह ठीक समझ परयोग करन क िलए परािधकत कर सकगा

(2) मखय िनरीकषक इस अिधिनयम क अधीन िनरीकषक को परद िकसी शिक त का परयोग िलिखत आदश ारा उस आदश म नािमत िकसी िनरीकषक या िविनिदष ट िकसी िनरीकषक वगर ारा िकया जाना परितिष या िनबरिनधत कर सकगा

(3) मखय िनरीकषक इस धारा म अनतिवष ट अनय उपबनध क अधयधीन रहत हए ऐस सथानीय कषतर या कषतर को िजनक अनदर और खान क उस समह या वगर की िजसक बार म िनरीकषक अपनी-अपनी शिक तय का परयोग करग घोिषत करगा ]

7 खान क िनरीकषक की शिक तयाmdash(1) मखय िनरीकषक और कोई िनरीकषकmdash

(क) ऐसी परीकषा और जाच सकगा जसी वह यह अिभिनिश चत करन क िलए ठीक समझ िक कया इस अिधिनयम क और िविनयम िनयम और उपिविधय क और तद धीन िकए गए िकनह आदश क उपबनध का अनपालन िकसी खान क बार म िकया जाता ह

(ख) ऐस सहायक क साथ यिद कोई ह िजनह वह ठीक समझ िदन या राितर म िकसी भी समय िकसी खान या उसक भाग म परवश उसका िनरीकषण और उसकी परीकषा कर सकगा

परनत इस खड ारा परद शिक त का ऐसी िसथित स परयोग नह िकया जाएगा िजसस खान क कायरकरण म अयिक तयक त अड़चन या बाधा पड़

(ग) िकसी खान या उसक िकसी भाग की िसथित और दशा खान क सवातन खान क सबध म ततसमय परव उपिविधय की पयारप तता और खान म िनयोिजत िक तय क सवासथय कषम और कलयाण स ससक त या सब सब मामल और बात की परीकषा और उनक बार म जाच कर सकगा और चाह खान की परसीमा पर या अनयतर िकसी िक त क ऐस कथन िजनह वह इस अिधिनयम क परयोजन को कायारिनवत करन क िलए आवशयक समझ ल सकगा

(घ) अनय ऐसी शिक तय का परयोग कर सकगा जो कनदरीय सरकार ारा इस िनिम बनाए गए िविनयम ारा िविहत की जाए

परनत इस उपधारा क अधीन कोई भी िक त िकसी ऐस परश न का उ र दन या कोई ऐसा कथन करन क िलए िववश न िकया जाएगा िजसकी परवि उस अपराध म फसान की हो

(2) मखय िनरीकषक और कोई िनरीकषक यिद उनक पास इस धारा क अधीन िकसी िनरीकषण परीकषा या जाच क पिरणामसवरप यह िवश वास करन का कारण हो िक इस अिधिनयम क अधीन कोई अपराध िकया गया ह या िकया जा रहा ह िकसी सथान की तलाशी ल सकगा और खान स समब 4[िकसी सामगरी या िकसी रखाक खडिचतर रिजसटर या अनय अिभलख को] कबज म ल सकगा और 5[दड परिकरया सिहता 1973 (1973 का 2)] क उपबनध जहा तक लाग हो सकत ह इस अिधिनयम क अधीन िकसी

1 ऐस आदश क िलए दिखए भारत का राजपतर (अगरजी) 1953 भाग 2 खड 3 प 1530 2 1983 क अिधिनयम स० 42 की धारा 4 ारा (31-5-1984 स) ldquoधारा 22rdquo क सथान पर परितसथािपत 3 1959 क अिधिनयम स० 62 की धारा 4 ारा (16-1-1960 स) धारा 6 क सथान पर परितसथािपत 4 1959 क अिधिनयम स० 62 की धारा 5 ारा (16-1-1960 स) ldquoिकसी रिजसटर या अनय अिभलख कोrdquo शबद क सथान पर परितसथािपत 5 1983 क अिधिनयम स० 42 की धारा 5 ारा (31-5-1984 स) ldquoदणड परिकरया सिहता 1898 (1898 का 5)rdquo क सथान पर परितसथािपत

6

तलाशी और अिभगरहण को ऐस ही लाग ह ग जस व उस सिहता की 1[धारा 94] क अधीन िनकाल गए वारट क परािधकार क अधीन की िकसी तलाशी या अिभगरहण को लाग होत ह

8 िवशष आिफसर की परवश करन मापन आिद की शिक तयाmdashसरकार की सवा म का कोई भी िक त िजस मखय िनरीकषक या िनरीकषक न िलिखत रप म िवशष आदश ारा इस िनिम समयक रप स परािधकत िकया हो खान क परबनधक को ऐसी सचना दन क पश चात जो तीन िदन स कम की न हो 2[िकसी खान या उसम क िकसी उतपाद का सवकषण तलमापन] या मापन करन क परयोजन क िलए उसम परवश कर सकगा और िदन या राितर म िकसी भी समय खान या उसक िकसी भाग 2[या उसम क िकसी उतपाद] का सवकषण तलमापन या मापन कर सकगा

परनत जहा िक मखय िनरीकषक या िकसी िनरीकषक की राय म कोई आपात िव मान हो वहा वह िलिखत आदश ारा िकसी ऐस िक त को परािधकत कर सकगा िक वह ऐसी कोई सचना िदए िबना पव क त म स िकसी परयोजन क िलए खान म परवश कर

9 िनरीकषक को दी जान वाली सिवधाएmdashखान का हर सवामी अिभकतार और परबनधक मखय िनरीकषक और हर िनरीकषक को और धारा 8 क अधीन परािधकत हर िक त को इस अिधिनयम क अधीन कोई परवश िनरीकषण सवकषण मापन परीकषा या जाच करन क िलए सब यिक तयक त सिवधाए दगा

3[9क उपजीिवकाजनय सवासथय सवकषण क िलए दी जान वाली सिवधाएmdash(1) मखय िनरीकषक या िनरीकषक या उसक ारा इस िनिम िलिखत रप म परािधकत कोई अनय परािधकारी खान क सामानय कायर समय क दौरान िकसी भी समय या िदन या राितर म िकसी भी समय जब आवशयक हो खान क परबनधक को िलिखत सचना दन क पश चात खान म कषतर और उपजीिवकाजनय सवासथय सवकषण कर सकगा और खान का सवामी अिभकतार या परबनधक ऐस िनरीकषक या अिधकारी को सभी आवशयक सिवधाए िजनक अनतगरत सवकषण स सबिधत नमन और अनय आकड़ क सगरहण क िलए तथा सवकषण क िलए चन गए खान म िनयोिजत िकसी िक त क पिरवहन और परीकषा क िलए समय और मशीनरी की परीकषा और परख क िलए सिवधाए भी ह दगा

(2) खान म िनयोिजत परतयक ऐसा िक त जो उपधारा (1) क अधीन िकसी कषम और उपजीिवकाजनय सवासथय सवकषण म परीकषा क िलए चना गया ह ऐसी परीकषा क िलए और ऐस सथान पर जो आवशयक ह सवय को परसतत करगा और उक त सवकषण क समबनध म अपन काम और सवासथय क बार म सब जानकारी दगा

(3) खान म िनयोिजत िकसी िक त ारा जो कषम और उपजीिवकाजनय सवासथय सवकषण म परीकषा क िलए चना गया ह तीत िकए गए समय को उसक काम क समय म िगना जाएगा िकनत इस परकार िक िकसी अितकाल का सदाय मजदरी की मामली दर

स िकया जाएगा

सपष टीकरणmdashइस उपधारा क परयोजन क िलए ldquoमजदरी की मामली दरrdquo स वह आधािरक मजदरी तथा कोई महगाई भ ा और अिधभिम भ ा तथा नकद परितकर अिभपरत ह िजसक अनतगरत खा ान न और खा तल क िनःशलक िवतरण क माधयम स परोदभत होन वाला ऐसा परितकर यिद कोई हो भी ह िजसक िलए खान म िनयोिजत िक त ततसमय हकदार हो िकनत इसक अनतगरत बोनस (उतपादन क िलए परोतसाहन क रप म िदए जान वाल बोनस स िभन न) या कोई ऐसा परितकर नह ह जो िनःशलक आवास कोयल क िनःशलक परदाय िचिकतसा और शकषिणक सिवधा बीमारी भ ा िम ी क तल क परदाय टोिकिरय औजार और विदय जसी सख-सिवधा की वसथा क माधयम स परोदभत होता ह

(4) ऐसा कोई िक त िजसकी उपधारा (2) क अधीन परीकषा की जान पर उस कतर का िनवरहन करन क िलए िचिकतसकदष ट या अयोगय पाया जाता ह िजस कतर का िनवरहन वह सवय क परसतत िकए जान क ठीक पहल िकसी खान म कर रहा था सवामी अिभकतार और परबधक क खचर पर िचिकतसीय उपचार पान का हकदार होगा और ऐस उपचार की अविध क दौरान उस परी मजदरी दी जाएगी

(5) यिद िचिकतसालय उपचार क पश चात उपधारा (4) म िनिदष ट िकसी िक त को उस कतर का िनवरहन करन क िलए िचिकतसकदष ट या अयोगय घोिषत कर िदया जाता ह िजसका िनवरहन वह उक त परीकषा क िलए सवय क परसतत िकए जान क ठीक पहल िकसी खान म कर रहा था और ऐसी अयोगयता ऐस परसतत होन क पवर खान म उसक िनयोजन क कारण परतयकषतः हई मानी जा सकती ह तो सवामी अिभकतार और परबधक ऐस िक त को खान म ऐसा आनकिलपक िनयोजक दग िजसक िलए वह िचिकतसकदष ट या योगय ह

परनत जहा ऐसा कोई आनकिलपक िनयोजन तरनत उपलबध नह ह वहा सवामी अिभकतार और परबनधक ारा ऐस िक त को इस िनिम िविहत दर क अनसार अवधािरत िनय गयता भ ा िदया जाएगा

परनत यह और िक जहा ऐसा िक त खान क अपन िनयोजन को छोड़न का िविनश चय करता ह वहा उस सवामी अिभकतार और परबनधक ारा इस िनिम िविहत दर क अनसार अवधािरत एकमशत रकम िनय गयता परितकर क रप म सद की जाएगी

1 1983 क अिधिनयम स० 42 की धारा 5 ारा (31-5-1984 स) ldquoधारा 98rdquo क सथान पर परितसथािपत 2 1983 क अिधिनयम स० 42 की धारा 6 ारा (31-5-1984 स) अनतःसथािपत 3 1983 क अिधिनयम स० 42 की धारा 7 ारा (31-5-1984 स) अनतःसथािपत

7

(6) उपधारा (5) क परनतक क अधीन दर का अवधारण कमरचािरय की मािसक मजदरी िनय गयता की परकित और अनय सब बात को धयान म रखत हए िकया जाएगा ]

10 अिभपराप त जानकारी की गोपनीयताmdash(1) िकसी खान स सब रिजसटर या अनय अिभलख की सब परितय और उनम क उ रण और अनय सब जानकारी को जो मखय िनरीकषक या िनरीकषक ारा या उसकी सहायता करन वाल िक त ारा इस अिधिनयम क अधीन िकसी खान क िनरीकषण 1[या सवकषण] क अनकरम म अिजत की गई हो या धारा 8 1[या धारा 9क] क अधीन परािधकत िकसी िक त ारा तद धीन अपन कतर क पालन म अिजत की गई हो गोपनीय माना जाएगा और जब तक िक मखय िनरीकषक या िनरीकषक उसका परकटन उस खान म या उसक पा रसथ िकसी अनय खान म िनयोिजत िकसी िक त का सवासथय कषम या कलयाण सिनिश चत करन क िलए आवशयक न समझ वह िकसी िक त या परािधकारी को परकट नह की जाएगी

(2) उपधारा (1) की कोई भी बात ऐसी िकसी जानकारी क ऐस परकटन को (यिद ऐस परकटन की अपकषा की गई हो) लाग न होगी जो िनम निलिखत म स िकसी को िकया जाएmdash

(क) कोई नयायालय 2[(ख) यथािसथित धारा 12 या धारा 24 क अधीन गिठत या िनयक त सिमित या जाच नयायालय ] (ग) पदीय विरष ठ या सयक त खान का सवामी अिभकतार या परबनधक (घ) कमरकार परितकर अिधिनयम 1923 (1923 का 8) क अधीन िनयक त कमरकार परितकर आयक त 3[(ङ) भारतीय खान बयरो का िनयतरक

(च) कोई रिजसटरीकत या मानयतापराप त वसाय सघ (छ) ऐसा अनय अिधकारी परािधकारी या सगठन जो कनदरीय सरकार ारा इस िनिम िविनिदष ट िकया जाए ]

(3) यिद मखय िनरीकषक या उपधारा (1) म िनिदष ट कोई अनय िक त पव क त जसी िकसी जानकारी को कनदरीय सरकार की सममित क िबना इस धारा क उपबनध क परितकल परकट करगा तो वह कारावास स िजसकी अविध एक वषर तक की हो सकगी या जमारन स या दोन स दणडनीय होगा

(4) कोई भी नयायालय इस धारा क अधीन क िकसी अपराध क िवचारण क िलए कायरवाही कनदरीय सरकार की पवर मजरी स करन क िसवाय नह करगा

11 परमाणकतार सजरनmdash(1) कनदरीय सरकार अिहत िचिकतसा- वसाियय को ऐसी सथानीय सीमा क अनदर या ऐसी खान या खान क वगर या परकार क िलए िजनह वह उनह करमशः समनिदष ट कर इस अिधिनयम क परयोजन क िलए परमाणकतार सजरन िनयक त कर सकगी

(2) ऐसी शत क अधयधीन रहत हए जसी कनदरीय सरकार अिधरोिपत करना ठीक समझ परमाणकतार सजरन िकसी भी अिहत िचिकतसा वसायी को ऐसी कालाविध क िलए जो परमाणकतार सजरन िविनिदष ट कर इस अिधिनयम क अधीन की अपनी सब शिक तय का या उनम स िकसी का परयोग करन क िलए कनदरीय सरकार क अनमोदन स परािधकत कर सकगा और यह समझा जाएगा िक परमाणकतार सजरन क परित िनदश क अनतगरत परािधकत िकए गए अिहत िचिकतसा वसायी क परित िनदश आत ह

(3) कोई भी िक त जो खान का सवामी अिभकतार या परबनधक हो या हो जाए या उसम चलाई जा रही िकसी परिकरया या कारबार म या उसस ससक त िकसी पटनट या मशीनरी म परतयकषतः या अपरतयकषतः िहतब हो या हो जाए या अनयथा खान क िनयोजन म हो न तो परमाणकतार सजरन िनयक त िकया जाएगा और न परमाणकतार सजरन की शिक तय का परयोग करन क िलए परािधकत िकया जाएगा और न ऐस िनयोिजत या परािधकत िकए जान क पश चात ऐसी शिक तय का परयोग करगा

(4) परमाणकतार सजरन ऐस कतर का पालन करगा जो िनम निलिखत क सबध म िविहत िकए जाए mdash 4

(ख) खान म ऐसी सकटपणर उपजीिवका या परिकरया या परिकरया म जसी िविहत की जाए लग हए िक तय की परीकषा

(ग) ऐसा िचिकतसीय परीकषण जसा िकसी ऐसी खान या खान क िकसी ऐस वगर या परकार क िलए िविहत िकया जाए िजसमmdash

(i) रगणता क ऐस मामल हए ह िजनक बार म यह िवश वास करना यिक तयक त हो िक य खान म चलाई जान वाली िकसी परिकरया की परकित या खान म काम की अनय पिरिसथितय क कारण हए ह

4

1 1983 क अिधिनयम स० 42 की धारा 8 ारा (31-5-1984 स) अनतःसथािपत 2 1983 क अिधिनयम स० 42 की धारा 8 ारा (31-5-1984 स) खड (ख) क सथान पर परितसथािपत 3 1983 क अिधिनयम स० 42 की धारा 8 ारा (31-5-1984 स) खड (ङ) क सथान पर परितसथािपत 4 1983 क अिधिनयम स० 42 की धारा 9 ारा (31-5-1984 स) खड (क) और खड (ग) क उपखड (ii) का लोप िकया गया

8

अधयाय 3

1[सिमितया 12 सिमितयाmdash(1) कनदरीय सरकार ऐसी तारीख स जो वह सरकार राजपतर म अिधसचना ारा इस िनिम िविनिदष ट

कर इस अिधिनयम क परयोजन क िलए एक सिमित गिठत करगी जो िनम निलिखत स िमलकर बनगी mdash

(क) मखय िनरीकषक या िनरीकषक स िभन न सरकार की सवा म का एक िक त जो अधयकष क रप स कायर करन क िलए कनदरीय सरकार ारा िनयक त िकया जाए

(ख) खान का मखय िनरीकषक

(ग) खनक क िहत का परितिनिधतव करन क िलए दो िक त जो कनदरीय सरकार ारा िनयक त िकए जाए

(घ) खान क सवािमय क िहत का परितिनिधतव करन क िलए दो िक त जो कनदरीय सरकार ारा िनयक त िकए जाए

(ङ) दो अिहत खनन इजीिनयर जो सीध खनन उ ोग म िनयोिजत नह ह और जो कनदरीय सरकार ारा िनयक त िकए जाए

परनत खड (ग) क अधीन िनयक त िकए गए िक तय म स कम स कम एक कोयला खान म क कमरकार क िहत का परितिनिधतव करन क िलए और खड (घ) क अधीन िनयक त िक तय म स कम स कम एक कोयला खान क सवािमय क िहत का परितिनिधतव करन क िलए होगा

(2) उपधारा (1) की ापकता पर परितकल परभाव डाल िबना कनदरीय सरकार उन राजयकषतर क िजन पर इस अिधिनयम का िवसतार ह िकसी भाग या िकसी खान या खान क समह स समबिनधत िविनिदष ट िवषय क समबनध म काररवाई करन क िलए एक या अिधक सिमितय का गठन कर सकगी और उनक सदसय की िनयिक त कर सकगी और उपधारा (1) क उपबनध (उसक परनतक को छोड़कर) इस उपधारा क अधीन िकसी सिमित क गठन क िलए वस ही लाग ह ग जस व उस उपधारा क अधीन िकसी सिमित क गठन क िलए लाग होत ह

(3) सिमित का कोई कायर या कायरवाही मातर इस कारण स अिविधमानय नह होगी िक उसक सदसय म कोई िरिक त िव मान ह या उसक गठन म कोई तरिट ह

13 सिमित क कतयmdash(1) धारा 12 की उपधारा (1) क अधीन गिठत सिमितmdash

(क) इस अिधिनयम क अधीन िनयम और िविनयम बनान क िलए परसथापना पर िवचार करगी और कनदरीय सरकार को समिचत िसफािरश करगी

(ख) ऐसी दघरटना या ऐस अनय िवषय की जो कनदरीय सरकार ारा समय-समय पर उस िनिदष ट िकए जाए जाच करगी और उन पर िरपोटर दगी और

(ग) उपधारा (2) क उपबनध क अधीन रहत हए इस अिधिनयम या उसक अधीन बनाए गए िविनयम िनयम या उपिविधय क अधीन सचना या आदश क िवर ऐसी अपील या आकषप की जो इस अिधिनयम ारा उस िनदिशत िकए जान क िलए अपिकषत ह या जो िविहत िकए जाए सनवाई और िविनश चय करगी

(2) मखय िनरीकषक अपन ारा िकए गए िकसी आदश या जारी की गई िकसी सचना क िवर िकसी अपील या आकषप की बाबत सिमित की कायरवािहय म भाग नह लगा या ऐसी अपील या आकषप स सबिधत िकसी िवषय क सबध म सिमित क सदसय क रप म कायर नह करगा

14 सिमितय की शिक तया आिदmdash(1) धारा 12 क अधीन गिठत सिमित इस अिधिनयम क अधीन की िनरीकषण की ऐसी शिक तय का परयोग कर सकगी िजनका परयोग करना वह इस अिधिनयम क अधीन अपन कतय का िनवरहन करन क परयोजन क िलए आवशयक या समीचीन समझ

(2) धारा 12 क अधीन गिठत सिमित को अपन कतय का िनवरहन करन क परयोजन क िलए वसी ही शिक तया ह गी जो िनम निलिखत िवषय की बाबत िकसी वाद का िवचारण करत समय िसिवल परिकरया सिहता 1908 (1908 का 5) क अधीन नयायालय म िनिहत होती ह अथारत mdash

(क) परकटीकरण और िनरीकषण

(ख) िकसी िक त को हािजर कराना और शपथ पर उसकी परीकषा करना

(ग) दसतावज क पश िकए जान क िलए िववश करना

1 1983 क अिधिनयम स० 42 की धारा 10 ारा (31-5-1984 स) ldquoखनन बोडर और सिमितयाrdquo शीषर और धारा 12 13 और 14 क सथान पर परितसथािपत

9

(घ) ऐस अनय िवषय जो िविहत िकए जाए ]

15 य की वसलीmdashकनदरीय सरकार िनदश द सकगी िक 1[धारा 12 क अधीन गिठत सिमित] ारा सचािलत िकसी जाच क य सयक त खान क सवामी या अिभकतार ारा पणरतः या भागतः वहन िकए जाएग और इस परकार सद िकए जान क िलए िनिदष ट रकम उस सथान म जहा खान िसथत हो या जहा ऐसा सवामी या अिभकतार ततसमय िनवास करता हो अिधकािरता रखन वाल मिजसटरट स मखय िनरीकषक या िनरीकषक ारा आवदन िकए जान पर मिजसटरट की अिधकािरता की सीमा क अनदर की िकसी जगम सपि क जो ऐस सवामी या अिभकतार की हो करसथम या िवकरय ारा वसल की जा सकगी

परनत यह तब जब िक सवामी या अिभकतार न रकम का सदाय कनदरीय सरकार स या खान क मखय िनरीकषक स सचना की परािप त की तारीख स छह सप ताह क अनदर न िकया हो

अधयाय 4

खनन सिकरयाए और खान का परबनध

16 खनन सिकरया की सचना का िदया जानाmdash(1) खान क सवामी अिभकतार या परबनधक िकसी खनन सिकरया क परारमभ िकए जान क पवर मखय िनरीकषक की भारतीय खान बयरो क 2[िनयतरक] को और उस िजल क िजसम खान िसथत हो िजला मिजसटरट को ऐस पररप म और खान सबधी ऐसी िविशिष टय को जसी िविहत की जाए अनतिवष ट करन वाली िलिखत सचना दगा

(2) उपधारा (1) क अधीन गई कोई सचना इस परकार दी जाएगी िक वह सपक त िक तय क पास िकसी खनन सिकरया क परारमभ िकए जान स कम स कम एक मास पवर पहच जाए

3[17 परबनधकmdash(1) जसा अनयथा िविहत िकया जाए उस छोड़कर हर खान एक परबनधक क अधीन होगी िजसकी िविहत अहरताए ह गी और हर एक खान का सवामी या अिभकतार ऐसी अहरताए रखन वाल िक त को परबनधक िनयक त करगा

परनत सवामी या अिभकतार सवय को परबनधक िनयक त कर सकगा यिद उसक पास िविहत अहरताए ह

(2) ऐस अनदश क अधीन रहत हए जो उस खान क सवामी या अिभकतार ारा या उसकी ओर स िदए जाए परबनधक खान क समपणर परबनध िनयतरण पयरवकषण और िनदशन क िलए उ रदायी होगा और ऐस सब अनदश जब सवामी या अिभकतार ारा िदए जाए तो उनकी तरत िलिखत रप म पिष ट की जाएगी

(3) आपात की दशा क िसवाय खान का सवामी या अिभकतार या उसकी ओर स कोई िक त खान म िनयोिजत िकसी िक त को जो परबनधक क परित उ रदायी ह ऐस अनदश जो उसक काननी कतर की पित पर परभाव डालत ह परबधक क माधयम स ही दगा अनयथा नह

18 सवािमय अिभकतार और परबनधक क कतर और उ रदाियतवmdash(1) हर खान क सवामी और अिभकतार म स परतयक इस अिधिनयम और उसक अधीन बनाए गए िविनयम िनयम उपिविधय और आदश क उपबनध क अनपालन क िलए िव ीय और अनय उपबनध करन क िलए तथा ऐसी अनय काररवाई करन क िलए जो आवशयक हो उ रदायी होगा

(2) धारा 58 क खड (घ) खड (ङ) और खड (त) क अधीन बनाए गए िनयम म उपबिनधत िवषय की बाबत उ रदाियतव का िनवरहन अननयतः खान क सवामी और अिभकतार ारा और ऐस िक त (जो परबनधक स िभन न ह) िजस सवामी या अिभकतार पव क त उपबनध का अनपालन सिनिश चत करन क िलए िनयक त कर िकया जाएगा

(3) यिद उपधारा (2) क अधीन िदए गए िकनह अनदश या धारा 17 की उपधारा (3) क अधीन परबनधक की माफर त स अनयथा िदए गए िकनह अनदश क िकरयािनवत िकए जान क पिरणामसवरप इस अिधिनयम क या उसक अधीन बनाए गए िविनयम िनयम उपिविधय या आदश क उपबनध का उललघन होता ह तो ऐस अनदश दन वाला परतयक िक त भी समपक त उपबनध क उललघन क िलए िजममदार होगा

(4) उपधारा (1) उपधारा (2) और उपधारा (3) क उपबनध क अधीन रहत हए हर खान क सवामी अिभकतार और परबनधक म स परतयक इस बात क िलए उ रदायी होगा िक खान क समबनध म चलाई जा रही सब सिकरयाए इस अिधिनयम और उसक अधीन बनाए गए िविनयम िनयम उपिविधय और आदश क उपबनध क अनसार चलाई जाए

(5) इस अिधिनयम या उसक अधीन बनाए गए िविनयम िनयम उपिविधय या आदश क उपबनध म स उन उपबनध क िसवाय जो िकसी िक त स कोई कायर या बात करन की या िकसी िक त को कोई कायर या बात करन स परितिष करन की िविनिदष ट रप स अपकषा करत ह िकसी उपबनध का िकसी भी िक त ारा कोई उललघन होन की दशा म उस िक त क अितिरक त िजसन उललघन िकया ह िनम निलिखत म स परतयक िक त भी ऐस उललघन होन का दोषी माना जाएगा जब तक िक वह यह सािबत नह कर दता ह िक उसन ऐस उपबनध का अनपालन सिनिश चत करन क िलए सब समयक ततपरता बरती थी और ऐस उललघन को रोकन क िलए यिक तयक त उपाय िकए थ mdash

1 1983 क अिधिनयम स० 42 की धारा 11 ारा (31-5-1984 स) कितपय शबद क सथान पर परितसथािपत 2 1983 क अिधिनयम स० 42 की धारा 12 ारा (31-5-1984 स) ldquoिनदशकrdquo क सथान पर परितसथािपत 3 1983 क अिधिनयम स० 42 की धारा 13 ारा (31-5-1984 स) धारा 17 और 18 क सथान पर परितसथािपत

10

(i) वह या व पदधारी िजनको उललघन िकए गए उपबनध की बाबत पयरवकषण क कतर का पालन करन क िलए िनयक त िकया गया था

(ii) खान का परबनधक

(iii) खान का सवामी और अिभकतार

(iv) वह िक त यिद कोई हो जो उपधारा (2) क अधीन उ रदाियतव का िनवरहन करन क िलए िनयक त िकया गया ह

परनत पव क त िक तय म स िकसी क िवर कायरवाही नह की जा सकगी यिद जाच और अनवषण िकए जान पर यह परतीत होता ह िक वह परथमदष ा िजममदार नह ह

(6) इस धारा क अधीन खान क सवामी या अिभकतार क िवर की गई िकसी कररवाई म यह कोई परितवाद नह होगा िक परबनधक और अनय पदधािरय को इस अिधिनयम क उपबनध क अनसार िनयक त िकया गया ह या िक उपधारा (2) क अधीन उ रदाियतव को वहन करन क िलए िकसी िक त की िनयिक त की गई ह ]

अधयाय 5

सवासथय और कषम क िवषय म उपबनध

19 पीन का जलmdash1[(1) हर खान म उसम िनयोिजत सब िक तय क िलए सिवधाजनक रप स िसथत यथोिचत सथान पर ठड और सवासथयपरद पीन क जल क पयारप त परदाय का उपबनध करन और बनाए रखन क िलए परभावी इनतजाम िकया जाएगा

परनत भिम क नीच िनयोिजत िक तय की दशा म मखय िनरीकषक यथोिचत सथान पर पीन क जल का उपबनध िकए जान और बनाए रख जान क बदल म ऐस परदाय क िलए कोई अनय परभावी इनतजाम अनजञात कर सकगा ]

(2) ऐस सब सथान खान म िनयोिजत िक तय की बहसखया ारा समझी जान वाली भाषा म पढ़ जान योगय अकषर म ldquoपीन का जलrdquo पद स अिकत िकए जाएग और ऐसा कोई सथान िकसी धोन क सथान मतरालय या शौचालय क 2[छह मीटर] क अनदर तब क िसवाय न होगा जबिक इसस कम दरी मखय िनरीकषक ारा िलिखत रप म अनमोिदत न कर दी गई हो

(3) सब खान या खान की िकसी वगर या परकार क बार म कनदरीय सरकार उपधारा (1) और (2) क उपबनध का अनपालन सिनिश चत करन क िलए और पीन क जल क परदाय और िवतरण की परीकषा िविहत परािधकािरय ारा की जान क िलए िनयम बना सकगी

20 सफाईmdash(1) हर खान म िविहत परकार क शौचालय और मतरालय का उपबनध परष और मिहला क िलए अलग-अलग पयारप त सखया म िकया जाएगा जो इस परकार िसथत ह ग िक व खान म िनयोिजत िक तय क िलए सब समय पर सिवधाजनक और पहच क अनदर ह

(2) उपधारा (3) क अधीन उपबिनधत सब शौचालय और मतरालय पयारप त परकाशयक त और सवाितत ह ग और हर समय साफ और सवचछता की अवसथा म रख जाएग

(3) कनदरीय सरकार िकसी खान म उपबिनधत िकए जान वाल शौचालय और मतरालय की सखया खान म िनयोिजत परष और मिहला की सखया क अनपात म िविनिदष ट कर सकगी और खान म सवचछता क बार म ऐस अनय मामल क िलए (िजसक अनतगरत खान म िनयोिजत िक तय की इस बार म बाधयताए आती ह) उपबनध कर सकगी जस वह इस परकार िनयोिजत िक तय क सवासथ य क िहत म आवशयक समझ

3[21 िचिकतसीय साधनmdash(1) हर खान म ऐसी अनतवरसत क सिजजत जसी िविहत की जाए पराथिमक उपचार बकस या कबड का उपबनध इस परकार िकया जाएगा और उनह इस परकार बनाए रखा जाएगा िक काम क सब घणट म उन तक आसानी स पहच हो सक

(2) पराथिमक उपचार बकस या कबडर या कमर म िविहत अनतवरसत क िसवाय और कछ भी नह रखा जाएगा

(3) हर पराथिमक उपचार बकस या कबडर िकसी उ रदाियतवपणर िक त क भारसाधन म रखा जाएगा जो ऐस पराथिमक उपचार म परिशिकषत हो जसा िविहत िकया जाए और जो खान क काम क घट म सदा आसानी स उपलभय रहगा

(4) हर खान म उन िक तय को जो उस समय जब व खान म िनयोिजत ह शारीिरक कषित स या रोग स गरसत हो जाए िचिकतसालय या औषधालय तक पहचन क िलए ऐस आसानी स उपयोगय इनतजाम िकए जाएग जस िविहत िकए जाए

1 1959 क अिधिनयम स० 62 की धारा 10 ारा (16-1-1960 स) उपधारा (1) क सथान पर परितसथािपत 2 1983 क अिधिनयम स० 42 की धारा 14 ारा (31-5-1984 स) ldquoबीस फटrdquo क सथान पर परितसथािपत 3 1959 क अिधिनयम स० 62 की धारा 11 ारा (16-1-1960 स) धारा 21 और 22 क सथान पर परितसथािपत

11

(5) हर खान म िजसम डढ़ सौ स अिधक िक त िनयोिजत ह ऐस आकार का ऐस साज सामान स सिजजत और ऐस िचिकतसीय और पिरचयार कमरचािरवनद क भारसाधन म जस िक िविहत िकए जाए एक पराथिमक उपचार कमरा उपबिनधत िकया जाएगा और चाल हालत म रखा जाएगा

22 जब िक सकट क ऐस कारण िव मान ह िजनक िलए कोई अिभ क त उपबनध नह िकया गया ह या जब िक िक तय का िनयोजन सकटपणर हो तब िनरीकषक की शिक तयाmdash(1) यिद िकसी ऐसी बात क बार म िजसक िलए इस अिधिनयम ारा या या क अधीन कोई अिभ क त उपबनध नह िकया गया ह मखय िनरीकषक को या िनरीकषक को यह परतीत हो िक कोई खान या उसका कोई भाग अथवा खान म की या उसस या उसक िनयतरण पयरवकषण परबनध या िनदशन स ससक त कोई बात वसत या प ित मानव जीवन या कषम क िलए सकटपणर ह या इतनी तरिटपणर ह िक उसस यह जोिखम ह या उसकी ऐसी परवि ह िक िकसी िक त को शारीिरक कषित हो तो वह खान क सवामी अिभकतार या परबनधक को उसकी िलिखत सचना द सकगा और सचना म उन िविशिष टय का कथन करगा िजनक बार म वह खान या उसक भाग को या बात वसत या प ित को सकटपणर या तरिटपणर समझता हो और यह अपकषा करगा िक उस इतन समय क अनदर और ऐसी रीित स ठीक कर िदया जाए जो वह उस सचना म िविनिदष ट कर

(1क) जहा िक खान का सवामी अिभकतार या परबनधक उपधारा (1) क अधीन दी गई सचना क िनबनधन का अनपालन उसम िविनिदष ट कालाविध क अनदर करन म असफल रहगा वहा यथािसथित मखय िनरीकषक या िनरीकषक खान या उसक िकसी भाग म या क आसपास िकसी ऐस िक त का िनयोजन िलिखत आदश ारा परितिष कर सकगा िजसका िनयोजन उसकी राय म सचना क िनबनधन का अनपालन सिनिश चत करन क िलए यिक तयक ततः आवशयक न हो

(2) उपधारा (1) म अनतिवष ट उपबनध पर परितकल परभाव डाल िबना यह ह िक यथािसथित मखय िनरीकषक या िनरीकषक खान क सवामी अिभकतार या परबनधक को सबोिधत िलिखत आदश ारा िकसी खान या उसक िकसी भाग म स सतभ या खिनज-खणड का िनकाला जाना या छाटा जाना परितिष कर सकगा यिद उसकी राय म ऐसी सिकरया स सतभ या खिनज-खणड का बठ जाना या खिनज क िकसी भाग का समय पवर ढह जाना सभा हो या उसस खान का या उसम िनयोिजत िक तय क जीवन या कषम का अनयथा सकटापन न हो जाना सभा हो या यिद उसकी राय म खान क िजस भाग म ऐसी सिकरया अनधयात हो उसम आग लगन या जलपलावन क िवर यथायोगय उपबनध उसको महरबनद और अलग करन क िलए उपबनध करक और जो कषतर आग या जलपलावन स परभािवत हो सकता हो उस पिरिमत करन क िलए उपबनध करक न िकया गया हो

(3) यिद मखय िनरीकषक या उसक ारा िलिखत रप म साधारण या िवशष आदश ारा इस िनिम परािधकत िनरीकषक की यह राय हो िक िकसी खान म या उसक िकसी भाग म िनयोिजत िकसी िक त क जीवन या कषम को अजनट या आसन न सकट ह तो वह अपनी राय क कारण का कथन अनतिवष ट करन वाल िलिखत आदश ारा खान क िकसी भाग म या क आसपास िकसी ऐस िक त का िनयोजन िजसका िनयोजन सकट दर करन क िलए उसकी राय म यिक तयक ततः आवशयक न हो तब तक क िलए परितिष कर सकगा 1[जब तक उसका यह समाधान न हो जाए िक वह सकट दर हो गया ह]

2[(3क) ऐसा परतयक िक त िजसका िनयोजन उपधारा (1क) या उपधारा (3) क अधीन परितिष ह उस अविध क िलए िजसक िलए वह यिद परितषध न होता तो िनयोजन म होता पणर मजदरी का सदाय पान का हकदार होगा और सवामी अिभकतार या परबनधक उस िक त को ऐसी पणर मजदरी क सदाय क िलए िजममदार होगा

परनत सवामी अिभकतार या परबनधक ऐसी पणर मजदरी का सदाय करन क बजाय ऐस िक त को उसी मजदरी पर आनकिलपक िनयोजन की वसथा कर सकगा जो ऐसा िक त उस िनयोजन म पराप त कर रहा था िजस परितिष कर िदया गया था ]

(4) जहा िक िनरीकषक ारा उपधारा (1) क अधीन कोई सचना दी गई हो या उसक ारा उपधारा (1क) उपधारा (2) या उपधारा (3) क अधीन कोई आदश िकया गया हो वहा खान का सवामी अिभकतार या परबनधक यथािसथित सचना या आदश की परािप त क पश चात दस िदन क अनदर उसक िखलाफ अपील मख य िनरीकषक को कर सकगा जो सचना या आदश को पष ट उपानतिरत या र कर सकगा

(5) उपधारा (1) क अधीन सचना भजन वाला या उपधारा (1क) या उपधारा (2) या उपधारा (3) क अधीन आदश करन वाला मखय िनरीकषक या िनरीकषक और उपधारा (4) क अधीन आदश (जो अपील म िकए गए र करन क आदश स िभन न हो) करन वाला मखय िनरीकषक उसकी िरपोटर ततकाल कनदरीय सरकार को दगा

(6) यिद खान का सवामी अिभकतार या परबनधक मखय िनरीकषक ारा उपधारा (1) क अधीन भजी गई सचना या उपधारा (1क) या उपधारा (2) या उपधारा (3) या उपधारा (4) क अधीन मखय िनरीकषक ारा िकए गए आदश पर आकषप कर तो वह यथािसथित आकषप अनतिवष ट करन वाली सचना की या आदश की परािप त क पश चात या अपील क िविनश चय की तारीख क पश चात बीस िदन क अनदर आकषप क आधार का कथन करत हए अपना िलिखत आकषप कनदरीय सरकार को भज सकगा 3[जो सामानयतः आकषप की परािप त की तारीख स दो मास की अविध क भीतर उस एक सिमित को िनदिशत कर दगी ]

1 1983 क अिधिनयम स० 42 की धारा 15 ारा (31-5-1984 स) ldquoजब तक वह सकट दर न हो जाएrdquo शबद क सथान पर परितसथािपत 2 1983 क अिधिनयम स० 42 की धारा 15 ारा (31-5-1984 स) अनतःसथािपत 3 1983 क अिधिनयम स० 42 की धारा 15 ारा (31-5-1984 स) ldquoजो िनदिशत करगीrdquo शबद क सथान पर परितसथािपत

12

(7) उपधारा (1) क अधीन की हर सचना का या उपधारा (1क) उपधारा (2) उपधारा (3) या उपधारा (4) क अधीन क हर आदश का िजस पर उपधारा (6) क अधीन आकषप िकया गया हो अनपालन सिमित का िविनश चय खान म पराप त होन तक िकया जाएगा

परनत सिमित उपधारा (1) क अधीन की 1[सचना] का परवतरन सवामी अिभकतार या परबनधक क आवदन पर तब तक क िलए िनलिमबत कर सकगी जब तक आकषप पर उसका अपना िविनश चय न हो जाए

(8) इस धारा की कोई भी बात 2दणड परिकरया सिहता 1898 (1898 का 5) की धारा 144 क अधीन की मिजसटरट की शिक तय पर परभाव नह डालगी ]

3[22क कछ दशा म िनयोजन का परितषध करन की शिक तmdash(1) जहा सरकषा स सबिधत िकसी बात क बार म िजसक िलए इस अिधिनयम ारा या उसक अधीन अिभ क त उपबनध िकया गया ह खान का सवामी अिभकतार या परबनधक ऐस उपबनध का अनपालन करन म असफल रहता ह वहा मखय िनरीकषक यह अपकषा करन वाली िलिखत सचना द सकगा िक उसका उतन समय क भीतर जो वह सचना म िविनिदष ट कर या समय की उतनी बढ़ाई गई अविध क भीतर जो वह उसक पश चात समय-समय पर िविनिदष ट कर अनपालन िकया जाए

(2) जहा सवामी अिभकतार या परबनधक उपधारा (1) क अधीन दी गई सचना क िनबनधन का यथािसथित ऐसी सचना म िविनिदष ट अविध क भीतर या उस उपधारा क अधीन िविनिदष ट समय की बढ़ाई गई अविध क भीतर अनपालन करन म असफल रहता ह वहा मखय िनरीकषक खान म या उसक िकसी भाग म या उसक आसपास िकसी ऐस िक त का िनयोजन िलिखत आदश ारा परितिष कर सकगा िजसका िनयोजन उसकी राय म सचना क िनबनधन का अनपालन सिनिश चत करन क िलए यिक तयक त तौर पर आवशयक न हो

(3) परतयक ऐसा िक त िजसका िनयोजन उपधारा (2) क अधीन परितिष िकया जाता ह उस अविध की पणर मजदरी का सदाय पान का हकदार होगा िजसक िलए वह यिद परितषध न हआ होता तो िनयोजन म होता और सवामी अिभकतार या परबनधक उस

िक त को ऐसी पणर मजदरी क सदाय क िलए दायी होगा

परनत सवामी अिभकतार या परबनधक ऐसी पणर मजदरी दन बजाय ऐस िक त को उसी मजदरी पर आनकिलपक िनयोजन द सकगा जो ऐसा िक त उस िनयोजन म पराप त कर रहा था जो उपधारा (2) क अधीन परितिष िकया गया था

(4) धारा 22 की उपधारा (5) उपधारा (6) और उपधारा (7) क उपबनध इस धारा की उपधारा (1) क अधीन जारी की गई िकसी सचना या उपधारा (2) क अधीन िकए गए िकसी आदश क समबनध म उसी परकार लाग ह ग जस व उस धारा की उपधारा (1) क अधीन सचना या उपधारा (1क) क अधीन आदश क सबध म लाग होत ह ]

23 दघरटना की सचना का िदया जानाmdash4[(1) जब िकसी खान म या उसक आसपासmdash

(क) कोई ऐसी दघरटना हो जाए िजसस जीवन की हािन या गमभीर शारीिरक कषित कािरत हई हो अथवा

(ख) िवसफोट जवलन सवतः तपन या आग लग जाना या जल या अनय दरव-पदाथर का फट िनकलना या सवग अनतपररवश घिटत हो जाए अथवा

(ग) जवलनशील या अपायकर गस का अनतवारह घिटत हो जाए अथवा

(घ) िजन रसस जजीर या अनय िगयर स िक त या सामगरी कपक या आनित म उतारी या वहा स उठाई जाती ह उनका टट जाना घिटत हो जाए अथवा

(ङ) िकसी कपक म िपजर या अनय परवहण-साधन अतयिधक लपट तब खा जाए जब िक त या सामगरी उतारी या उठाई जा रही हो अथवा

(च) खिनत का कोई भाग समय-पवर ढह जाए अथवा

(छ) कोई अनय दघरटना जो िविहत की जाए घिटत हो जाए

तब खान का सवामी अिभकतार या परबनधक उस घटना की सचना ऐस परािधकारी को ऐस पररप म और ऐस समय क अनदर दगा जो िविहत िकया जाए और साथ ही साथ वह सचना की एक परित ऐस सथान पर जहा उसका िनरीकषण वसाय सघ क पदधािरय ारा िकया जा सक िविहत रीित म एक िवशष सचना प पर लगाएगा और सिनिश चत करगा की वह सचना ऐस लगाए जान की तारीख स कम स कम चौदह िदन तक प पर लगी रह ]

1 1983 क अिधिनयम स० 42 की धारा 15 ारा (31-5-1984 स) ldquoअधयपकषाrdquo शबद क सथान पर परितसथािपत 2 अब दिखए दड परिकरया सिहता 1973 (1974 का 2) 3 1983 क अिधिनयम स० 42 की धारा 16 ारा (31-5-1984 स) अनतःसथािपत 4 1959 क अिधिनयम स० 62 की धारा 12 ारा (16-1-1960 स) उपधारा (1) क सथान पर परितसथािपत

13

1[(1क) जब कभी खान म या उसक आसपास कोई ऐसी दघरटना हो जाए िजसस िकसी िक त को िरपोटर की जान योगय कोई कषित कािरत हई हो तो खान का सवामी अिभकतार या परबनधक ऐसी दघरटना को एक रिजसटर म िविहत पररप म परिवष ट करगा और ऐसी परिविष टय की परितया ितमाही म एक बार मखय िनरीकषक को दी जाएगी ]

(2) जहा िक उपधारा (1) क अधीन दी गई सचना ऐसी दघरटना क बार म हो िजसस जीवन की हािन कािरत हई हो वहा वह परािधकारी घटना की जाच सचना की परािप त क दो मास क अनदर करगा और यिद परािधकारी िनरीकषक न हो तो वह िनरीकषक स उक त कालाविध क अनदर जाच कराएगा

2[(3) कनदरीय सरकार राजपतर म अिधसचना ारा िनदश द सकगी िक उपधारा (1) और उपधारा (1क) म िविनिदष ट दघरटना स िभन न िजन दघरटना म ऐसी शारीिरक कषित कािरत होती ह िजसस िक कषितगरसत िक त की काम स चौबीस घट स अिधक की अविध की मजदरी क कारण अनपिसथित हो जाती ह तो व दघरटनाए िविहत पररप म एक रिजसटर म परिवष ट की जाएगी या यथािसथित उपधारा (1) या उपधारा (1क) क उपबनध क अधयधीन रहगी ]

(4) उपधारा (3) म िनिदष ट रिजसटर म की परिविष टय की एक परित खान क सवामी अिभकतार या परबनधक ारा 3[उस वषर स िजसस व परिविष टया समब ह अगल वषर म जनवरी क 20व िदन या ततपवर] मखय िनरीकषक को भजी जाएगी

3[(5) जब कभी खान म या उसक आसपास कोई ऐसी दघरटना हो जाए िजसस िकसी िक त क जीवन को हािन या उसको गभीर शारीिरक कषित कािरत हई हो तो उस मखय िनरीकषक या िनरीकषक क िजसको धारा 23 की उपधारा (1) क अधीन दघरटना की सचना का िदया जाना अपिकषत ह आगमन क पवर या उसकी सम मित क िबना दघरटना सथल की उलट-पलट या उसम कोई पिरवतरन नह िकया जाएगा जब तक िक ऐसी उलट-पलट या पिरवतरन आग िकसी दघरटना को रोकन क िलए मतक क शव को हटान क िलए या िकसी िक त की सकट स रकषा करन क िलए आवशयक न हो अथवा जब तक िक दघरटना सथल पर काम क बनद िकए जान स खान क कायरकरण म गमभीर अड़चन न पड़

परनत जहा मखय िनरीकषक या उक त िनरीकषक दघरटना क समय स बह र घट क भीतर दघरटना का सथल िनरीकषण करन म असफल रहता ह वहा दघरटना सथल पर काम पनः आरमभ िकया जा सकगा ]

24 दघरटना क मामल म जाच-नयायालय िनयक त करन की सरकार की शिक तmdash4[(1) जब िक खान म या उसक आसपास धारा 23 की उपधारा (1) क खड म स िकसी म िनिदष ट परकित की कोई दघरटना हो जाए तब कनदरीय सरकार यिद उसकी यह राय हो िक दघरटना क कारण की और पिरिसथितय की पररिपक जाच होनी चािहए ऐसी जाच करन क िलए कोई सकषम िक त िनयक त कर सकगी और जाच करन म अससर क रप म कायर करन क िलए िविध का या कोई िवशष जञान रखन वाल एक या अिधक िक तय को भी िनयक त कर सकगी ]

(2) ऐसी िकसी जाच करन क िलए िनयक त िक त को सािकषय को हािजर करान और दसतावज और भौितक पदाथ 5 को पश करन क िलए िववश करन क परयोजन क िलए िसिवल परिकरया सिहता 1908 (1908 का 5) क अधीन की िसिवल नयायालय की सब शिक तया पराप त ह गी

(3) इस धारा क अधीन जाच करन वाला कोई िक त इस अिधिनयम क अधीन की िनरीकषक की ऐसी शिक तय का परयोग कर सकगा िजसका परयोग करना वह जाच क परयोजन क िलए आवश यक या समीचीन समझ

(4) इस धारा क अधीन जाच करन वाला िक त दघरटना क कारण और उसकी पिरिसथितय को किथत करन वाली िरपोटर िकनह ऐसी समिक तय को जोड़कर िजनह िक वह या अससर म स कोई िलखना आवशयक समझ कनदरीय सरकार को दगा

25 कछ रोग की सचनाmdash(1) जहा िक खान म िनयोिजत िकसी िक त को कोई 6ऐसा रोग लग जाए जो कनदरीय सरकार ारा शासकीय राजपतर म खनन सिकरया स ससक त रोग क रप म अिधसिचत िकया गया हो वहा खान का यथािसथित सवामी

अिभकतार या परबनधक उसकी सचना मखय िनरीकषक को और ऐस अनय परािधकािरय को ऐस पररप म और ऐस समय क अनदर भजगा जस िविहत िकए जाए

(2) यिद कोई िचिकतसा- वसायी िकसी ऐस िक त की दखभाल कर जो िकसी खान म िनयोिजत हो या रहा हो और जो उपधारा (1) क अधीन अिधसिचत िकसी रोग स पीिड़त हो या िजसक बार म िचिकतसा- वसायी को िवश वास हो िक वह ऐस रोग स पीिड़त ह तो िचिकतसा- वसायीmdash

(क) रोगी का नाम और पता

1 1983 क अिधिनयम स० 42 की धारा 17 ारा (31-5-1984 स) अनतःसथािपत 2 1983 क अिधिनयम स० 42 की धारा 17 ारा (31-5-1984 स) उपधारा (3) क सथान पर परितसथािपत 3 1959 क अिधिनयम स० 62 की धारा 12 ारा (16-1-1960 स) कितपय शबद क सथान पर परितसथािपत 4 1959 क अिधिनयम स० 62 की धारा 13 ारा (16-1-1960 स) उपधारा (1) क सथान पर परितसथािपत 5 1959 क अिधिनयम स० 62 की धारा 13 ारा (16-1-1960 स) कितपय शबद का लोप िकया गया 6 िसलकोिसस और नयमोकोिनओिसस िजनह ऐस रोग घोिषत िकया गया ह दिखए भारत का राजपतर (अगरजी) भाग 2 खण ड 3 प 1153 म परकािशत अिधसचना स० 1

का०िन०आ० 1306 तारीख 21 जलाई 1952 और मगनीज िवषाकतीकरण-तितरका परकार का िजस ऐसा रोग घोिषत िकया गया ह दिखए भारत का राजपतर (अगजी) 1956 भाग 2 खणड 3 प 2195 म परकािशत अिधसचना स० का०िन०आ० 3109 तारीख 18 िदसमबर 1956

14

(ख) वह रोग िजसस रोगी पीिड़त हो या िजसस उसक पीिड़त होन का िवश वास हो तथा

(ग) उस खान का नाम और पता िजसम रोगी िनयोिजत हो या अिनतम बार िनयोिजत था

किथत करन वाली िलिखत िरपोटर मखय िनरीकषक को अिवलमब भजगा

(3) जहा िक उपधारा (2) क अधीन की िरपोटर की यह पिष ट परमाणकतार सजरन क परमाणपतर स या अनयथा मखय िनरीकषक को समाधानपरद रप म हो जाए िक वह िक त उपधारा (1) क अधीन अिधसिचत रोग स पीिड़त ह वहा मखय िनरीकषक िचिकतसा-

वसायी को उतनी फीस दगा िजतनी िविहत की जाए और ऐस सद फीस उस खान क सवामी अिभकतार या परबनधक स िजसम उस िक त को रोग लगा हो भ-राजसव क बकाया क रप म वसलीय होगी

(4) यिद कोई िचिकतसा- वसायी उपधारा (2) क उपबनध का अनपालन करन म असफल रहगा तो वह जमारन स जो पचास रपए तक का हो सकगा दणडनीय होगा

26 रोग क कारण क अनवषण का िनदश दन की शिक तmdash(1) कनदरीय सरकार यिद वह ऐसा करना समीचीन समझ तो िकसी ऐस मामल की जाच करन क िलए तथा उस पर िरपोटर दन को कोई सकषम िक त िनयक त कर सकगी िजसम धारा 25 की उपधारा (1) क अधीन अिधसिचत कोई रोग खान म लगा हो या िजसक बार म सदह िकया जाता हो िक वह खान म लगा ह और ऐसी जाच म अससर क रप म कायर करन क िलए िविध का जञान या िवशष जञान रखन वाल एक या अिधक िक तय को भी िनयक त कर सकगी

(2) धारा 24 की उपधारा (2) और (3) क उपबध इस धारा क अधीन की जाच को उसी रीित स लाग ह ग जस व उस धारा क अधीन की िकसी जाच को लाग होत ह

27 िरपोट का परकाशनmdashऐस समय पर और ऐसी रीित स जो वह ठीक समझ कनदरीय सरकार सिमित ारा 1[धारा 12] क अधीन भजी गई िकसी िरपोटर को या अपन को धारा 26 क अधीन भजी गई िकसी िरपोटर या िकसी िरपोटर क उ रण को परकािशत करा सकगी और धारा 24 क अधीन िकसी जाच नयायालय ारा भजी गई हर िरपोटर को परकािशत कराएगी

अधयाय 6

िनयोजन क घट और उस पर िनबरधन

28 साप तािहक िवशराम-िदनmdashिकसी भी िक त को खान म िकसी एक सप ताह म छह िदन स अिधक काम नह करन िदया जाएगा

29 परितकरातमक िवशराम-िदनmdash(1) जहा िक धारा 38 क अधीन कायरवाही क अनसरण म अथवा िकसी खान को या उसम िनयोिजत िक तय को धारा 28 क उपबनध स छट िदए जान क फलसवरप कोई िक त जो उस खान म िनयोिजत हो उन साप तािहक िवशराम-िदन म स िकसी स िजनक िलए धारा 28 म उपबनध िकया गया ह विचत िकया जाए वहा उस उसी मास क अनदर िजसम उस ऐस िवशराम-िदन दय थ या उस मास क अ विहत पश चात क दो मास क अनदर उन िवशराम-िदन की समान सखया म िजनस वह इस परकार विचत िकया गया हो परितकरातमक िवशराम-िदन िदए जाएग

(2) कनदरीय सरकार वह रीित िविहत कर सकगी िजसस व िवशराम-िदन िजनक िलए उपधारा (1) म उपबनध िकया गया ह िदए जाएग

30 भिम क ऊपर क काम क घणटmdash(1) िकसी सप ताह म अड़तालीस घणट स अिधक या िकसी िदन म नौ घणट स अिधक काम भिम क ऊपर िनयोिजत िकसी भी वयसथ स न तो अपिकषत िकया जाएगा और न उस करन िदया जाएगा

2[परनत मखय िनरीकषक क पवर अनमोदन क अधयधीन रहत हए इस उपधारा म िविनिदष ट दिनक अिधकतम घणट को पािरय म तबदीली सकर बनान क िलए बढ़ाया जा सकगा ]

(2) िकसी ऐस वयसथ क काम की कालाविधया इस परकार विसथत की जाएगी िक उसक िवशराम अनतराल सिहत व िकसी भी िदन बारह घणट स अिधक िवसतत न ह और वह कम स कम आध घणट का िवशराम अनतराल क चकन क पवर िनरनतर पाच घणट स अिधक काम न कर

3[परनत मखय िनरीकषक ऐस कारण स जो लखन ारा अिभिलिखत िकए जाएग इस िवसतित का िकसी िदन अिधकतम चौदह घणट की कालाविध तक का होना ऐसी शत क अधयधीन जसी वह अिधरोिपत करना ठीक समझ अनजञात कर सकगा ]

4[(3) दो या अिधक पािरय क िक तय को एक ही समय भिम क ऊपर एक ही परकार का काम नह करन िदया जाएगा

1 1983 क अिधिनयम स० 42 की धारा 18 ारा (31-5-1984 स) ldquoधारा 13rdquo शबद और अक क सथान पर परितसथािपत 2 1959 क अिधिनयम स० 62 की धारा 14 ारा (16-1-1960 स) परनतक जोड़ा गया 3 1959 क अिधिनयम स० 62 की धारा 14 ारा (16-1-1960 स) परनतक क सथान पर परितसथािपत 4 1959 क अिधिनयम स० 62 की धारा 14 ारा (16-1-1960 स) उपधारा (3) क सथान पर परितसथािपत

15

परनत इस उपधारा क परयोजन क िलए िक तय क बार म कवल इस तथय क कारण िक उनक िवशराम अनतराल उनह िभन न समय पर िमलत ह यह न समझा जाएगा िक व िविभन न पािरय क ह ]

1[31 भिम क नीच क काम क घटmdash(1) खान म भिम क नीच िनयोिजत िकसी भी वयसथ को िकसी सप ताह म अड़तालीस घणट स अिधक या िकसी िदन म आठ घणट स अिधक काम नह करन िदया जाएगा

परनत मखय िनरीकषक क पवर अनमोदन क अधयधीन रहत हए इस उपधारा म िविनिदष ट दिनक अिधकतम घणट को पािरय म तबदीली सकर बनान क िलए बढ़ाया जा सकगा

(2) खान म भिम क नीच कोई भी काम ऐस विसथत पारी-प ित स चलान क िसवाय न चलाया जाएगा िक हर एक पारी म काम की कालाविध उपधारा (1) म बताए गए दिनक अिधकतम घट स अिधक िवसतत न हो

(3) खान म िनयोिजत िकसी िक त को भिम क नीच क खान क िकसी भाग म काम की उन कालाविधय क दौरान उपिसथत रहन दन क िसवाय उपिसथत न रहन िदया जाएगा जो धारा 48 की उपधारा (4) क अधीन रख जान वाल रिजसटर म उसक बार म दिशत ह ]

2[32 राितर की पारीmdashजहा िक खान म िनयोिजत िक त ऐसी पारी म काम कर िजसका िवसतार मधयराितर क पश चात तक हो वहाmdash

(क) धारा 28 और धारा 29 क परयोजन क िलए उसक मामल म साप तािहक िवशराम-िदन स उसकी पारी क अनत होन पर आरमभ होन वाली िनरनतर 24 घणट की कालाविध अिभपरत होगी

(ख) उसकी पारी का अनत होन पर आरमभ होन वाली चौबीस घणट की कालाविध उसक िलए अगला िदन समझी जाएगी और मधयराितर क पश चात िजतन घणट उसन काम िकया हो व पवरवत िदन म िगन जाएग ]

33 अितकाल क िलए अितिरक त मजदरीmdash3[(1) जहा िक खान म कोई िक त भिम क ऊपर िकसी िदन नौ घणट स अिधक या भिम क नीच िकसी िदन आठ घणट स अिधक काम कर या चाह भिम क ऊपर या नीच िकसी सप ताह म अड़तालीस घणट स अिधक काम कर वहा ऐस अितकािलक काम क िलए वह अपनी मजदरी की मामली दर स दगनी दर पर मजदरी पान का हकदार होगा और अितकािलक काम की कालाविध की गणना दिनक या साप तािहक आधार पर जो भी उसक िलए अिधक अनकल हो की जाएगी ]

4[(2) जहा खान म िनयोिजत िकसी िक त को मातरानपाती दर स सदाय िकया जाना हो वहा कालानपाती दर को उन िदन क िजनको उसक उस सप ताह क िजसम अितकाल काम िकया गया ह ठीक पवरवत सप ताह क दौरान वासतव म काम िकया था िकसी अितकाल को छोड़कर उसक पणरकािलक उपाजरन क दिनक औसत क बराबर माना जाएगा और ऐसी कालानपाती दर ऐस िक त की मजदरी की मामली दर मानी जाएगी

परनत यिद ऐस िक त न पवरवत सप ताह म उसी या समान काम पर कायर नह िकया ह तो कालानपाती दर अितकाल को छोड़कर उन िदन की िजनको उसन उसी सप ताह म काम िकया ह औसत या िकसी पवरवत सप ताह म उसक उपाजरन की दिनक औसत इनम स जो भी उच चतर हो उस पर आधािरत होगी

सपष टीकरणmdashइस धारा क परयोजन क िलए ldquoमजदरी की मामली दरrdquo का वही अथर होगा जो उसका धारा 9क की उपधारा (3) क सपष टीकरण म ह ]

(4) इस धारा क उपबनध का अनपालन सिनिश चत करन क परयोजन क िलए कनदरीय सरकार खान म रख जान वाल रिजसटर िविहत कर सकगी

5[34 कितपय िक तय क िनयोजन का परितषधmdashकोई भी िक त जो पवरवत बारह घनट क अनदर िकसी अनय खान म पहल ही काम करता रहा हो खान म काम करन क िलए न तो अपिकषत िकया जाएगा न उस खान म काम करन िदया जाएगा ]

6[35 अितकािलक काम सिहत दिनक काम क घट का िनबरनधनmdashधारा 39 क खणड (क) और खणड (ङ) म आन वाल मामल म क िसवाय िकसी भी िदन अितकाल सिहत दस घट स अिधक खान म काम न तो खान म िनयोिजत िकसी भी िक त स अपिकषत िकया जाएगा न उस करन िदया जाएगा ]

36 काम क घट क िवषय म सचनाएmdash(1) हर खान का परबनधक खान म काम क परारमभ और बनद होन का समय और यिद टोली प ित ारा काम परसथािपत हो तो हर एक टोली क काम क परारमभ और बनद होन का समय किथत करन वाली सचना िविहत पररप म खान क कायारलय क बाहर लगवाएगा

1 1959 क अिधिनयम स० 62 की धारा 15 ारा (16-1-1960 स) धारा 31 क सथान पर परितसथािपत 2 1959 क अिधिनयम स० 62 की धारा 16 ारा (16-1-1960 स) धारा 32 क सथान पर परितसथािपत 3 1959 क अिधिनयम स० 62 की धारा 17 ारा (16-1-1960 स) उपधारा (1) क सथान पर परितसथािपत 4 1983 क अिधिनयम स० 42 की धारा 19 ारा (31-5-1984 स) उपधारा (2) और (3) क सथान पर परितसथािपत 5 1959 क अिधिनयम स० 62 की धारा 18 ारा (16-1-1960 स) धारा 34 क सथान पर परितसथािपत 6 1959 क अिधिनयम स० 62 की धारा 19 ारा (16-1-1960 स) धारा 35 क सथान पर परितसथािपत

16

(2) उस खान की दशा म िजसम खनन सिकरयाए इस अिधिनयम क परारमभ क पश चात परारभ ह उपधारा (1) म िनिदष ट सचना काम क परारमभ होन क कम स कम सात िदन पवर लगाई जाएगी

(3) उपधारा (1) म िनिदष ट सचना म भिम क ऊपर िनयोिजत िक तय क काम क परारमभ का समय और िवशराम अनतराल भी किथत ह ग और उसकी एक परित मखय िनरीकषक को यिद वह ऐसी अपकषा कर तो भजी जाएगी

(4) जहा िक साधारणतः खान म या िकसी टोली क काम क परारमभ या बनद होन क िलए िनयत समय म या भिम क ऊपर िनयोिजत िक तय क िलए िनयत िवशराम अनतराल म कोई तबदीली करन की परसथापना हो वहा िविहत पररप म एक सशोिधत सचना उस तबदीली क िकए जान क सात स अनयन िदन पवर खान क कायारलय क बाहर लगाई जाएगी और ऐसी सचना की एक परित ऐसी तबदीली क सात स अनयन िदन पवर मखय िनरीकषक को भजी जाएगी

(5) िकसी भी िक त को उपधारा (1) ारा अपिकषत सचना क अनसार काम करन स अनयथा खान म काम नह करन िदया जाएगा

37 पयरवकषक कमरचािरवनदmdashधारा 28 धारा 30 धारा 31 धारा 34 या 1[धारा 36 की उपधारा (5)] की कोई भी बात उन िक तय को लाग न होगी िजनकी बाबत िनयम ारा यह पिरभािषत िकया जाए िक व पयरवकषण या परबनध का पद धारण िकए हए ह

या गोपनीयता की हिसयत म िनयोिजत ह

38 िनयोजन सबधी उपबनध स छटmdash(1) उस आपात की दशा म िजसम खान या उसम िनयोिजत िक तय क कषम क िलए गमभीर जोिखम अनतवरिलत हो या वासतिवक या आशिकत िकसी दघरटना की दशा म या िकसी दवीकत की दशा म या खान की मशीनरी सयतर या उपसकर क ठपप हो जान क पिरणामसवरप ऐसी मशीनरी सयतर या उपसकर पर िकए जान वाल िकसी अजनट काम की दशा म परबनधक धारा 22 2[या धारा 22क] क उपबनध क अधयधीन और धारा 39 क अधीन क िनयम क अनसार िक तय को धारा 28 धारा 30 धारा 31 या धारा 34 या 1[धारा 36 की उपधारा (5)] क उललघन म ऐस काम म िनयोजन की अनजञा द सकगा जो खान या उसम िनयोिजत िक तय क कषम का सरकषण करन क िलए आवशयक हो

परनत मशीनरी सयतर या उपसकर पर इस धारा क अधीन िकए जान वाल िकसी अजनट काम की दशा म परबनधक इस धारा ारा अनजञात कोई काररवाई कर सकगा य िप उसक िकए जान स 3[खिनज] उतपादन आनषिगक रप स परभािवत होता हो िकनत इस

परकार की गई काररवाई उन सीमा क बाहर न की जाएगी जो खान क मामली कायरकरण म गमभीर हसतकषप का पिरवजरन करन क परयोजन क िलए आवशयक हो

(2) हर वह दशा िजसम उपधारा (1) क अधीन परबनधक ारा काररवाई की गई हो ततसमब पिरिसथितय क साथ अिभिलिखत की जाएगी और उसकी िरपोटर मखय िनरीकषक या िनरीकषक को भी दी जाएगी

4[39 छट दन वाल िनयम बनान की शिक तmdash5[कनदरीय सरकार] िनम निलिखत िक तय क िलए धारा 28 धारा 30 धारा 31 धारा 34 या धारा 36 की उपधारा (5) क उपबनध स ऐस िवसतार तक ऐसी पिरिसथितय म और ऐसी शत क अधयधीन जसी िविनिदष ट की जाए छट का उपबनध करन वाल िनयम बना सकगीmdash

(क) ऐसी खान म िजसम ऐस आपात की आशका हो िजसम खान क या उसम िनयोिजत िक तय क कषम की गमभीर जोिखम अनतवरिलत हो िनयोिजत सब िक त या उनम स कोई

(ख) िकसी वासतिवक या आशिकत दघरटना की दशा म इस परकार िनयोिजत सब िक त या उनम स कोई

(ग) िकसी तयारी की परकित क या परक परकित क ऐस काम म जो खान क मामली कायरकरण म गमभीर हसतकषप का पिरवजरन करन क परयोजन क िलए अवशय चलाया जाना चािहए लग हए सब िक त या उनम स कोई

(घ) अजनट मरममत म लग हए सब िक त या उनम स कोई

(ङ) िकसी ऐस काम म जो िक तकनीकी कारण स िनरनतर चाल रखा जाना चािहए िनयोिजत सब िक त या उनम स कोई ] 6[40 अठारह वषर स कम आय क िक तय का िनयोजनmdash(1) खान (सशोधन) अिधिनयम 1983 क परारमभ क पश चात

अठारह वषर स कम आय क िकसी िक त को िकसी खान या उसक भाग म काम करन क िलए अनजञात नह िकया जाएगा

(2) उपधारा (1) म िकसी बात क होत हए भी िशकष और अनय परिशकष को जो सोलह वषर स कम आय क नह ह िकसी खान या उसक भाग म परबनधक ारा समिचत पयरवकषण क अधीन काम करन क िलए अनजञात िकया जा सकगा

1 1953 क अिधिनयम स० 42 की धारा 4 और अनसची 3 ारा ldquoधारा 36 की उपधारा (4)rdquo क सथान पर परितसथािपत 2 1983 क अिधिनयम स० 42 की धारा 20 ारा (31-5-1984 स) अनतःसथािपत 3 1959 क अिधिनयम स० 62 की धारा 20 ारा (16-1-1960 स) ldquoकोयलाrdquo क सथान पर परितसथािपत 4 1959 क अिधिनयम स० 62 की धारा 21 ारा (16-1-1960 स) धारा 39 क सथान पर परितसथािपत 5 1983 क अिधिनयम स० 42 की धारा 21 ारा (31-5-1984 स) कितपय शबद क सथान पर परितसथािपत 6 1983 क अिधिनयम स० 42 की धारा 22 ारा (31-5-1984 स) धारा 40 क सथान पर परितसथािपत

17

परनत िशकष स िभन न परिशकष की दशा म उनको काम करना अनजञात करन स पवर मखय िनरीकषक या िनरीकषक का पवर अनमोदन अिभपराप त करना आवशयक होगा

सपष टीकरणmdashइस धारा और धारा 43 म ldquoिशकषrdquo स िशकष अिधिनयम 1961 (1961 का 52) की धारा 2 क खणड (क) म यथापिरभािषत िशकष अिभपरत ह ]

41 [योगयता परमाणपतर ]mdashखान (सशोधन) अिधिनयम 1983 की धारा 23 ारा (31-5-1984 स) िनरिसत

42 [कमार को अनद योगयता परमाणपतर का परभाव ]mdashखान (सशोधन) अिधिनयम 1983 (1983 का 42) की धारा 23 ारा (31-5-1984 स) िनरिसत

1[43 िचिकतसीय परीकषा की अपकषा करन की शिक तmdash(1) जहा िकसी िनरीकषक की यह राय हो िक िशकष या अनय परिशकष स अनयथा खान म िनयोिजत कोई िक त वयसथ नह ह अथवा खान म िशकष या अनय परिशकष क रप म िनयोिजत कोई िक त या तो सोलह वषर स कम आय का ह या वह काम करन क योगय नह रह गया ह वहा िनरीकषक खान क परबनधक पर यह अपकषा करन वाली सचना की तामील कर सकगा िक ऐस िक त की परीकषा िकसी परमाणकतार सजरन ारा की जाए और िनरीकषक ऐसा िनदश द तो ऐसा

िक त तब तक िकसी खान म काम करन क िलए िनयोिजत या अनजञात नह िकया जाएगा जब तक इस परकार उसकी परीकषा न हो गई हो और यह परमािणत न कर िदया गया हो िक वह वयसथ ह या यिद ऐसा िक त िशकष या परिशकष ह तो वह सोलह वषर स कम आय का नह ह और काम करन क योगय ह

(2) उपधारा (1) क अधीन िनदश पर परमाणकतार सजरन ारा िदया गया हर परमाणपतर उसम किथत बात का इस अिधिनयम क परयोजन क िलए िनश चायक सा य होगा ]

44 [उन कमार क िलए काम क घट जो वयसक क रप म काम क िलए योगय परमािणत नह िकए गए ]mdashखान (सशोधन) अिधिनयम 1983 (1984 का 42) की धारा 25 ारा (31-5-1984 स) िनरिसत

2[45 खान म अठारह वषर स कम आय क िक तय की उपिसथित का परितषधmdashधारा 40 की उपधारा (2) क उपबनध क अधीन रहत हए ऐसी तारीख क पश चात जो कनदरीय सरकार राजपतर म अिधसचना ारा इस िनिम िनयत कर अठारह वषर स कम आय क िकसी िक त को भिम क ऊपर खान क िकसी ऐस भाग म जहा िकसी खनन सिकरया स ससक त या आनषिगक कोई सिकरया चलाई जा रही हो उपिसथत नह रहन िदया जाएगा ]

3[46 िस तरय का िनयोजनmdash(1) िकसी अनय िविध म अनतिवष ट िकसी बात क होत हए भी कोई भी स तरीmdash

(क) खान क िकसी ऐस भाग म जो भिम क नीच हो

(ख) िकसी खान म भिम क ऊपर 6 बज पवारहन और 7 बज अपराहन क बीच क िसवाय

िनयोिजत नह की जाएगी ]

(2) खान म भिम क ऊपर िनयोिजत हर स तरी को िकसी एक िदन िनयोजन का पयरवसान होन और िनयोजन की अगली कालाविध का परारमभ होन क बीच कम स कम गयारह घनट का अनतराल िदया जाएगा

(3) उपधारा (1) म अनतिवष ट िकसी बात क होत हए भी कनदरीय सरकार िकसी खान या िकसी वगर या परकार की खान क बार म भिम क ऊपर िस तरय क िनयोजन क घट म फरफार शासकीय राजपतर म अिधसचना ारा कर सकगी िकनत इस परकार की िकसी स तरी का 10 बज अपराहन और 5 बज पवारहन क बीच कोई भी िनयोजन तद ारा अनजञात न हो ]

47 [आय क बार म िववाद ]mdashखान (सशोधन) अिधिनयम 1959 (1959 का 62) की धारा 28 ारा िनरिसत

48 िनयोिजत िक तय का रिजसटरmdash4[(1) हर खान क िलए उस खान म िनयोिजत सब िक तय का एक रिजसटर िविहत पररप और सथान म रखा जाएगा िजसम ऐस हर एक िक त क बार म िनम निलिखत बात दिशत ह गीmdash

(क) कमरचारी का नाम यथािसथित उसक िपता या पित क नाम सिहत और ऐसी अनय िविशिष टया जसी उसकी पहचान क परयोजन क िलए आवशयक ह

(ख) कमरचारी की आय और िलग

(ग) िनयोजन की परकित (वह िनयोजन भिम क ऊपर ह या भिम क नीच और यिद भिम क ऊपर ह तो वह िवव खिनत म ह या अनयथा) और उसक परारमभ की तारीख

5

1 1983 क अिधिनयम स० 42 की धारा 24 ारा (31-5-1984 स) धारा 43 क सथान पर परितसथािपत 2 1983 क अिधिनयम स० 42 की धारा 26 ारा (31-5-1984 स) धारा 45 क सथान पर परितसथािपत 3 1959 क अिधिनयम स० 62 की धारा 27 ारा (16-1-1960 स) धारा 46 क सथान पर परितसथािपत 4 1959 क अिधिनयम स० 62 की धारा 29 ारा (16-1-1960 स) उपधारा (1) क सथान पर परितसथािपत 5 1983 क अिधिनयम स० 42 की धारा 27 ारा (31-5-1984 स) खणड (घ) का लोप िकया गया

18

(ङ) अनय ऐसी िविशिष टया जो िविहत की जाए

और ससगत परिविष टया सपक त िकयत क हसताकषर या अगठ क िचहन ारा अिधपरमािणत की जाएगी ]

(2) उपधारा (1) ारा िविहत रिजसटर म की परिविष टया ऐसी ह गी िक उनक अनसार काम करन वाल कमरकार इस अधयाय क उपबनध म स िकसी क उललघन म काम न करत ह ग

(3) कोई िक त खान म तब तक िनयोिजत न िकया जाएगा जब तक उसक बार म उपधारा (1) ारा अपिकषत िविशिष टया रिजसटर म अिधिलिखत न कर ली गई ह और कोई भी िक त रिजसटर म अपन बार म दिशत काम की कालाविधय क दौरान िनयोिजत िकए जान क िसवाय िनयोिजत नह िकया जाएगा

1[(4) िजस खान को कनदरीय सरकार न साधारण या िवशष आदश ारा िकसी िवशष कारण स जो अिभिलिखत िकया जाएगा छट दी हो उसस िभन न हर खान क िलए पथक रिजसटर िविहत पररप और सथान म रख जाएग िजनम हर िक त क बार म जो खान मmdash

(क) भिम क नीच

(ख) िवव खिनत म भिम क ऊपर

(ग) अनय दशा म भिम क ऊपर

िनयोिजत हो िनम निलिखत बात दिशत ह गीmdash

(i) कमरचारी का नाम

(ii) उसक िनयोजन का वगर या िकसम

(iii) जहा िक काम टोली-प ित स चलाया जाता हो वहा िजस पारी का वह ह वह पारी और उस पारी क घनट ]

(5) भिम क नीच िनयोिजत िक तय क उपधारा (4) म िनिदष ट रिजसटर म िकसी भी कषण ऐस हर िक त का नाम दिशत होगा जो तब खान म भिम क नीच उपिसथत हो

2[(6) कोई िक त िकसी िवव खिनत या भिम क नीच िकसी खिनत म तब क िसवाय परवश नह कर सकगा जब िक ऐसा करन क िलए वह परबनधक ारा अनजञात िकया गया हो अथवा इस अिधिनयम या िकसी अनय िविध क अधीन परािधकत हो ]

अधयाय 7

मजदरी सिहत छ ी 3[49 अधयाय का लाग होनाmdashइस अधयाय क उपबनध ऐस परवितत नह ह ग िक उनका िकसी ऐस अिधकार पर परितकल

परभाव पड़ िजसका िक खान म िनयोिजत कोई िक त िकसी अनय िविध क अधीन या िकसी अिधिनणरय करार या सवा-सिवदा क िनबनधन क अधीन हकदार हो

4[परनत यिद ऐसा अिधिनणरय करार या सवा-सिवदा इस अधयाय म उपबिनधत स दीघरतर मजदरी सिहत वािषक छ ी का उपबनध करती हो तो छ ी की वह मातरा िजसक िलए िनयोिजत िक त हकदार होगा ऐस अिधिनणरय करार या सवा-सिवदा क अनसार होगी िकनत छ ी ऐस िवषय की बाबत जो ऐस अिधिनणरय करार या सवा-सिवदा म उपबिनधत नह ह धारा 50 स लकर धारा 56 तक क (िजसम य दोन धाराए भी सिममिलत ह) उपबनध क अनसार िविनयिमत होगी ]

50 छ ी की पिरभाषाmdashसाप तािहक िवशराम-िदन अथवा उतसव क िलए या अनय ऐस ही अवसर क िलए अवकाश-िदन इस अधयाय क परयोजन क िलए छ ी क अनतगरत नह आत ह चाह व छ ी की कालाविध क दौरान ह या उसक ठीक पहल या ठीक पीछ ह

51 कलनडर वषर की पिरभाषाmdashइस अधयाय क परयोजन क िलए ldquoकलनडर वषरrdquo स िकसी वषर म जनवरी क परथम िदन स आरमभ होन वाली बारह मास की कालाविध अिभपरत होगी

52 मजदरी सिहत वािषक छ ीmdash(1) खान म िनयोिजत हर िक त को िजसन उसम एक कलनडर वषर की सवा परी कर ली हो पश चातवत कलनडर वषर क दौरान मजदरी सिहत छ ी अनजञात की जाएगी िजसकी गणनाmdash

(क) भिम क नीच िनयोिजत िक त की दशा म उसक ारा िकए गए काम क हर 5[पनदरह िदन] क िलए एक िदन की दर स की जाएगी तथा

1 1959 क अिधिनयम स० 62 की धारा 29 ारा (16-1-1960 स) उपधारा (4) क सथान पर परितसथािपत 2 1959 क अिधिनयम स० 62 की धारा 29 ारा (16-1-1960 स) अनतःसथािपत 3 1959 क अिधिनयम स० 62 की धारा 30 ारा (16-1-1960 स) धारा 49 स 56 तक क सथान पर परितसथािपत 4 1983 क अिधिनयम स० 42 की धारा 28 ारा (31-5-1984 स) परनतक क सथान पर परितसथािपत 5 1983 क अिधिनयम स० 42 की धारा 29 ारा (31-5-1984 स) ldquoसोलह िदनrdquo क सथान पर परितसथािपत

19

(ख) िकसी अनय दशा म उसक ारा िकए गए काम क हर बीस िदन क िलए एक िदन की दर स की जाएगी

(2) उपधारा (1) म िनिदष ट एक कलनडर वषर की सवाmdash

(क) खान म भिम क नीच िनयोिजत िक त की दशा म परी कर ली गई समझी जाएगी यिद कलनडर वषर क दौरान खान म उसकी हािजिरया एक सौ नबब स कम न ह तथा

(ख) िकसी अनय िक त की दशा म परी कर ली गई समझी जाएगी यिद कलनडर वषर क दौरान खान म उसकी हािजिरया दो सौ चालीस स कम न ह

सपष टीकरणmdashइस उपधारा क परयोजन क िलए यह ह िकmdash

(क) करार या सिवदा ारा या सथायी आदश क अधीन यथा अनजञय कामबदी क िदन को

(ख) स तरी कमरचारी की दशा म बारह सप ताह स अनिधक िकतन ही िदन की परसित छटटी को तथा

(ग) उस वषर स िजसम छ ी का उपभोग िकया जाए पवरवत वषर म उपािजत छ ी को

हािजरी की सगणना क परयोजन क िलए ऐस िदन समझा जाएगा िजनम कमरचारी न खान म काम िकया ह िकनत वह इन िदन क िलए छ ी उपािजत नह करगा

(3) िजस िक त की सवा जनवरी क परथम िदन को परारमभ न होकर अनयथा आरमभ होती ह वहmdash

(क) खान म भिम क नीच िनयोिजत िक त की दशा म तब जब िक वह कलनडर वषर क शष भाग क दौरान क कल िदन क आध स अनयन िदन म हािजर रहा हो तथा

(ख) िकसी अनय दशा म तब जब िक वह कलनडर वषर क शष भाग क दौरान क कल िदन क दो-ितहाई स अनयन िदन म हािजर रहा हो

पश चातवत कलनडर वषर म मजदरी सिहत छ ी उस दर स पान का हकदार होगा जो उपधारा (1) म िविनिदष ट ह

(4) िकसी िक त ारा न ली गई वह छ ी िजसका वह उपधारा (1) या उपधारा (2) क अधीन िकसी एक कलनडर वषर म हकदार हो उस छ ी म जोड़ दी जाएगी जो िक उ रवत कलनडर वषर क दौरान उस उपधारा क अधीन उस अनजञय हो

परनत उन छ ी क िदन की कल सखया जो ऐस िकसी िक त ारा सिचत की जा सकगी िकसी भी एक समय कल तीस िदन स अिधक न होगी

परनत यह और भी िक ऐसा वह िक त िजसन मजदरी सिहत छ ी क िलए आवदन िकया हो िकनत उस उपधारा (6) क अनसार ऐसी छ ी न दी गई हो िकसी सीमा क िबना अनपभक त छ ी क अगरनयन का हकदार होगा

(5) ऐसा कोई िक त उपधारा (1) उपधारा (2) और उपधारा (4) क अधीन उस समय अपन को अनजञय सारी छ ी या उसका कोई भाग लन क िलए खान क परबनधक स उस िदन स पदरह िदन स अनयन िदन पहल िलिखत आवदन कर सकगा िजस िदन वह अपनी छ ी आरमभ करना चाहता हो

परनत िकसी एक कलनडर वषर क दौरान तीन बार स अिधक छ ी न ली जा सकगी

(6) उपधारा (5) क उपबनध क अनसार ऐसी छ ी क िलए िकया गया आवदन तब क िसवाय नामजर नह िकया जाएगा जब िक छ ी अनद करन क िलए सशक त परािधकारी की यह राय हो िक पिरिसथित की आवशयकता क कारण छ ी नामजर की जानी चािहए ]

(7) यिद खान म िनयोिजत िक त अपनी मजदरी सिहत छ ी जो उस शष हो बीमारी की कालाविध क िलए लना चाहता हो तो चाह उसन छ ी क िलए आवदन उपधारा (5) म िविनिदष ट समय क अनदर न भी िकया हो तो भी उस वह छ ी अनद की जाएगी

(8) यिद खान का सवामी अिभकतार या परबनधक खान म िनयोिजत िक त क िनयोजन का पयरवसान उस िक त ारा अपनी वह कल छटटी ल ली जान क पवर कर द िजसका वह अपन िनयोजन क पयरवसान क िदन तक हकदार हो या यिद उस िक त न ऐसी छ ी क िलए आवदन िकया हो और ऐसी छ ी अनद न हई हो और वह िक त अपना िनयोजन छ ी लन स पवर छोड़ द तो खान का सवामी अिभकतार या परबनधक न ली गई छ ी क बार म धारा 53 क अधीन सदय रकम उस सद करगा और ऐसा सदाय वहा जहा िक

िक त क िनयोजन का पयरवसान सवामी अिभकतार या परबनधक ारा िकया जाए ऐस पयरवसान क पश चात क दसर कायर-िदवस क अवसान क पवर और जहा िक िक त अपना िनयोजन सवय छोड़ द वहा अगल वतन-िदवस को या उसक पवर िकया जाएगा

(9) खान म िनयोिजत िक त की अनपभक त छ ी उसक िनयोजन क पयरवसान क पवर िदए जान क िलए अपिकषत िकसी सचना की कालाविध की सगणना करन म िवचार म नह ली जाएगी

20

1[(10) जहा खान म िनयोिजत कोई िक त सवा स उनमोिचत या पदचयत िकया जाता ह अथवा वह अपना िनयोजन छोड़ता ह या अिधविषता पराप त करता ह अथवा सवा म रहत हए उसकी मतय हो जाती ह तो यथािसथित वह या उसक वािरस या उसका नाम-िनदिशती उपधारा (1) म िविनिदष ट दर स पिरकिलत उसको दय छ ी क सथान पर मजदरी पान का हकदार होगा यिदmdash

(क) भिम क नीच िकसी खान म िनयोिजत िक त की दशा म वह अपन िनयोजन की तारीख स लकर अपन उनमोचन या पदचयित की तारीख तक या िनयोजन छोड़न या अिधविषता या मतय की तारीख तक िदन की कल सखया क कम स कम आध िदन तक उपिसथित रहा ह और

(ख) िकसी अनय दशा म वह अपन िनयोजन की तारीख स लकर अपन उनमोचन या पदचयित या िनयोजन छोड़न या अिधविषता या मतय की तारीख तक िदन की कल सखया क कम स कम दो-ितहाई िदन तक उपिसथत रहा ह

और ऐसी मजदरी का सदाय खान क सवामी अिभकतार या परबनधक ारा धारा 53 म िविनिदष ट दर स जहा उस िक त को सवा स उनमोिचत या पदचयत कर िदया जाता ह अथवा वह िनयोजन छोड़ दता ह या अिधविषता पराप त कर लता ह वहा यथािसथित ऐस उनमोचन पदचयित िनयोजन छोड़न या अिधविषता क पश चात दसर कायर िदन की समािप त क पवर और जहा िनयोिजत िक त की सवा म रहत हए मतय हो जाती ह वहा उसकी मतय क दो मास की अविध क भीतर िकया जाएगा ]

सपष टीकरणmdash2[उपधारा (1) उपधारा (3) और उपधारा (10)] क परयोजन क िलए आध िदन या इसस अिधक की छ ी क िभन न को एक परा िदन माना जाएगा और आध िदन स कम वाला िभन न छोड़ िदया जाएगा

53 छ ी की कालाविध क दौरान मजदरीmdashउस छ ी क िलए जो खान म िनयोिजत िक त को धारा 52 क अधीन अनजञात हो उस सदाय ऐसी दर स िकया जाएगा जो उसकी छ ी क अ वितह पवरवत मास क उन िदन की बाबत िजनम वह िनयोिजत रहा हो कल पणरकािलक उपाजरन क उस दिनक औसत क बराबर हो जो उन उपाजरन म स िकसी अितकािलक मजदरी और बोनस को अपविजत करक िकनत उनम महगाई भ और नकद परितकर को िजसक अनतगरत खा ा और अनय वसत क िबना मलय िवतरण स परोदभावी ऐसा कोई परितकर (यिद कोई हो) िजसक हकदार खान म काम करन वाल िक त ततसमय ह आता ह सिममिलत करक आए

परनत यिद ऐस कोई औसत उपाजरन उपलबध न ह तो औसत की सगणना उसी मास क िलए वस ही िनयोिजत सब िक तय क कल पणरकािलक उपाजरन क दिनक औसत क आधार पर की जाएगी

54 कितपय दशा म अिगरम सदायmdashखान म िनयोिजत उस िक त को िजस चार स अनयन िदन की छ ी अनजञात की गई हो अनजञात छ ी की कालाविध क िलए शोधय मजदरी उसकी छ ी आरमभ होन स पहल द दी जाएगी

55 असद मजदरी की वसली का ढगmdashखान क सवामी अिभकतार या परबनधक ारा इस अधयाय क अधीन सद िकए जान क िलए अपिकषत िकनत उसक ारा असद कोई रकम मजदरी सदाय अिधिनयम 1936 (1936 का 4) क उपबनध क अधीन िवलिबत मजदरी क रप म वसलीय होगी

56 खान को छट की शिक तmdashजहा िक कनदरीय सरकार का यह समाधान हो जाए िक िकसी खान म िनयोिजत िक तय को लाग होन वाल छ ी क िनयम ऐसी परसिवधा का उपबनध करत ह जो उसकी राय म उन परसिवधा स कम अनकल नह ह िजनक िलए यह अधयाय उपबनध करता ह वहा वह उस खान को इस अधयाय क सब या िकनह उपबनध स छट िलिखत आदश ारा और ऐसी शत क अधयधीन जो उसम िविनिदष ट की जाए द सकगी ]

अधयाय 8

िविनयम िनयम और उपिविधया 57 िविनयम बनान की कनदरीय सरकार की शिक तmdashकनदरीय सरकार िनम निलिखत सब परयोजन या उनम स िकसी क िलए

ऐस िविनयम3 जो इस अिधिनयम स सगत हो शासकीय राजपतर म अिधसचना ारा बना सकगी अथारत mdash

(क) व अहरताए िविहत करना जो मखय िनरीकषक या िनरीकषक क रप म िनयिक त क िलए अपिकषत हो

(ख) इस अिधिनयम क अधीन खान क िनरीकषण क समबनध म मखय िनरीकषक और िनरीकषक क कतर और शिक तय को िविहत और िविनयिमत करना

(ग) खान क सवािमय अिभकतार और परबनधक क और उनक अधीन कायर करन वाल िक तय क कतर िविहत करना और खान क 4[अिभकतार और परबनधक और उनक अधीन कायर करन वाल िक तय की अहरताए (िजसक अनतगरत आय आती ह)] िविहत करना

1 1983 क अिधिनयम स० 42 की धारा 29 ारा (31-5-1984 स) अनतःसथािपत 2 1983 क अिधिनयम स० 42 की धारा 29 ारा (31-5-1984 स) ldquoउपधारा (1) और (3)rdquo क सथान पर परितसथािपत 3 कोयला खान िविनयम 1957 क िलए दिखए भारत का राजपतर (अगरजी) 1957 भाग 2 खणड 3 प 2569 और धातमय खान िविनयम 1961 क िलए दिखए भारत

का राजपतर 1961 भाग 2 अनभाग 3(i) प 360 4 1959 क अिधिनयम स० 62 की धारा 31 ारा (16-1-1960 स) ldquoपरबनधक की अहरताएrdquo शबद क सथान पर परितसथािपत

21

(घ) खान क परबनधक और उनक अधीन कायर करन वाल अनय िक तय को अपन कतर का पालन दकषतापवरक करन क िलए समथर बनान क िलए सिवधाए उपबिनधत की जान की अपकषा करना

(ङ) खान क परबनधक और उनक अधीन कायर करन वाल िक तय की अहरताए परीकषा ारा या अनयथा अिभिनिश चत करन की रीित को और सकषमता परमाणपतर क अनद और नवीकत िकए जान को िविनयिमत करना

(च) ऐसी परीकषा और ऐस परमाणपतर क अनदान तथा नवीकरण क बार म दी जान वाली फीस यिद कोई ह िनयत करना

(छ) उन पिरिसथितय को िजनम और उन शत को िजसक अधयधीन रहत हए एक स अिधक खान का एक ही परबनधक क अधीन रहना या िकसी खान या िकनह खान का िविहत अहरताए न रखन वाल परबनधक क अधीन रहना िविधपणर होगा अवधािरत करना

1[(ज) इस अिधिनयम क अधीन की जान वाली जाच क िलए िजनक अनतगरत इस अिधिनयम क अधीन परमाणपतर धारण करन वाल िकसी िक त क अवचार या अकषमता स सब कोई जाच आती ह उपबनध करना और ऐस िकसी परमाणपतर क िनलमबन और र िकए जान क िलए उपबनध करना और जहा भी आवशयक हो वहा यह उपबनध करना िक जाच करन क िलए िनयक त िकए गए िक त को सािकषय को हािजर करान और दसतावज और भौितक पदाथ को पश करान क परयोजन क िलए िसिवल परिकरया सिहता 1908 (1908 का 5) क अधीन की िसिवल नयायालय की सब शिक तया पराप त ह गी ]

(झ) भारतीय िवसफोटक अिधिनयम 1884 (1884 का 4) और तद धीन बनाए गए िकनह िनयम क उपबनध क अधयधीन रहत हए िवसफोटक का भडारकरण परवहण और उपयोग िविनयिमत करना

2[(ञ) 3 िस तरय का खान म या खान क िकसी वगर म या ऐस िविशष ट परकार क शरम म िजनम ऐस िक तय क जीवन कषम या सवासथय क िलए खतरा रहता ह िनयोजन परितिष िनबरिनधत या िविनयिमत करना और ऐस िक त

ारा एक बार म वहन िकए जा सकन वाल बोझ क भार को पिरसीिमत करना ]

(ट) खान म िनयोिजत िक तय क कषम उनम उनक परवश करन और वहा स उनक िनकलन क साधन क िलए और उन कपक या िनकास की सखया क िलए जो उपबध िकए जान ह और कपक गत िनकास पथया और अवतलन पर बाड़ लगाई जान क िलए उपबनध करना

(ठ) खान क सवामी स सदाय पान वाल और खान क सवामी या परबनधक क परित सीध उ रदायी िक तय स िभन न िकसी िक त का खान म परबनधक क रप म या िकसी अनय िविनिदष ट हिसयत म िनयोजन परितिष करना

4[(ड) सतमभ या खिनज खणड क सथान िनिश चत करन अनरकषण और िनकाल या छाट जान तथा एक खान और दसरी खान क बीच पयारप त रोध क अनरकषण सिहत खान म सड़क और काम क सथल की सरकषा क िलए उपबनध करना

(ढ) खान म खिनज और महबनद अिग न-कषतर का िनरीकषण और सागर क या िकसी सरोवर या नदी या िकसी अनय भप ीय जलरािश क चाह वह पराकितक हो चाह कितरम या िकसी लोक सड़क या िनमारण क समीप खिनत िवषयक िनबनधन और िकनह खिनत म पानी भर जान या आग लग जान या उनक समय-पवर ढह जान क िवर समयक पवारवधानी बरती जान की अपकषा करना ]

(ण) खान क सवातन का और धल अिग न और जवलनशील तथा अपायकर गस क िवषय म की जान वाली काररवाई का िजसक अनतगरत सवतःदहन भिम क नीच की अिग न और कोयल की धल क िवर पवारवधानी आती ह उपबनध करना

5[(त) खान म िव त क जनन भणडारकरण रपानतरण पारषण और उपयोग की भारतीय िव त अिधिनयम 1910 (1910 का 9) और तद धीन बनाए गए िकनह िनयम क उपबनध क अधयधीन रहत हए िविनयिमत करना और खान म क सब िव त उपकरण िव त तार और उनम की सब अनय मशीनरी और सयतर की दखभाल और उपयोग क िविनयमन क िलए उपबनध करना ]

(थ) 6[खान म मशीनरी का उपयोग िविनयिमत करना ऐसी मशीनरी पर या उसक आसपास और कषरण-माग पर िनयोिजत िक तय क कषम क िलए उपबनध करना] और भिम क नीच कछ वग क चिलतर का परयोग िनबरिनधत करना

(द) खान म उिचत परकाश क िलए उपबनध करना और उनम िनरापद और लमप का परयोग िविनयिमत करना और िजस खान म िनरापद लमप परयोग म लाए जात ह उसम परवश करन वाल िक तय की तलाशी लना

1 1959 क अिधिनयम स० 62 की धारा 31 ारा (16-1-1960 स) खड (ज) क सथान पर परितसथािपत 2 1959 क अिधिनयम स० 62 की धारा 31 ारा (16-1-1960 स) खड (ञ) क सथान पर परितसथािपत 3 1983 क अिधिनयम स० 42 की धारा 30 ारा (31-5-1984 स) ldquoकमार औरrdquo शबद का लोप िकया गया 4 1959 क अिधिनयम स० 62 की धारा 31 ारा (16-1-1960 स) खड (ड) और (ढ) क सथान पर परितसथािपत 5 1959 क अिधिनयम स० 62 की धारा 31 ारा (16-1-1960 स) खड (त) क सथान पर परितसथािपत 6 1983 क अिधिनयम स० 42 की धारा 30 ारा (31-5-1984 स) कितपय शबद क सथान पर परितसथािपत

22

(ध) खान म 1[जवलनशील गस या धल क] िवसफोटक या जवलन या पानी क फट िनकलन या सिचत होन क िवर और उनस उदभत खतर क िवर उपबनध करना और ऐसी पिरिसथितय म खिनज क िनकाल जान का परितषध िनबरनधन या िविनयमन करना िजनस यह समभा ता हो िक उसक पिरणामसवरप खान म 1[खिनत] समय-पवर ढह जाए या यह िक उसक पिरणामसवरप खान म 1[खिनत ] का ढह जाना या जल का फट िनकलना या जवलन घिटत होगा या गरतर हो जाएगा

(न) 2[धारा 23 की उपधारा (1) क खड (छ) क अधीन दघरटना क परकार िविहत करना और दघरटना और खतरनाक घटना की सचना का और खिनज उतपाद िनयोिजत िक तय तथा िविनयम ारा उपबिनधत अनय बात की सचना िरपोट और िववरिणय का खान क सवािमय अिभकतार और परबनधक ारा िदया जाना िविहत करना] और ऐसी सचना िववरिणय और िरपोट क पररप व िक त और परािधकारी िजनह व दी जानी ह व िविशि या जो उनम अनतिवष ट होनी ह और वह समय िजसक अनदर व िनविदन की जानी ह िविहत करना

3[(प) 4[खान क सवािमय अिभकतार और परबनधक स खान क िलए िनयत सीमाए रखन की अपकषा करना उनस ससक त रखाक और खडिचतर तथा सथलीय िटपपण जो उनक ारा रख जान ह िविहत करना] और वह रीित िजसस और व सथान िजनम ऐस रखाक खणडिचतर और सथलीय िटपपण अिभलख क परयोजन क िलए रख जान ह िविहत करना और उनकी परितय का मखय िनरीकषक को िनविदत िकया जाना और उनस यह अपकषा करना िक व नए सवकषण कर और नए रखाक बनाए और अननपालन की दशा म िकसी अनय अिभकरण क माधयम स सवकषण कराना और रखाक तयार कराना और उनक य की वसली उसी रीित स करना िजसस भ-राजसव की बकाया होती ह ]

(फ) 5[िसथित स परभावी ढग स िनपटन क परयोजन क िलए] खान म या उनक आसपास दघरटना या आकिसमक िवसफोट या जवलन क घिटत होन पर अपनाई जान वाली परिकरया िविनयिमत करना

(ब) खान क सवामी अिभकतार या परबनधक ारा धारा 16 क अधीन दी जान वाली सचना का पररप और उसम अनतिवष ट होन वाली िविशि या िविहत करना

(भ) वह सचना िविहत करना जो िकसी ऐस सथान पर जो भारतीय रल अिधिनयम 1890 (1890 का 9) क उपबनध क अधयधीन की िकसी रल क या 6[यथािसथित िकनह ऐसी लोक सड़क या अनय सकम क जो सरकार ारा या िकसी सथानीय परािधकारी ारा अनरिकषत ह ] 7[पतालीस मीटर] क अनदर का हो खनन सिकरयाए परारमभ करन या उस तक िवसतािरत करन क पवर खान क सवामी अिभकतार या परबनधक ारा दी जानी ह

(म) िकसी खान क बार म उस दशा म जबिक खिनत म काम बनद कर िदया गया हो सरकार या िकसी सथानीय परािधकारी या भारतीय रल अिधिनयम 1890 (1890 का 9) म यथापिरभािषत िकसी रल कमपनी म िनिहत समपि की कषित स सरकषा

8[(मम) खान क सवामी अिभकतार या परबनधक स यह अपकषा करना िक खान क बनद िकए जान क पवर सरकषा-सकमर सि िमत कर और अननपालन की दशा म ऐस सकमर िकसी अनय अिभकरण ारा िनषपािदत कराना और ऐस सवामी स उनक य की वसली उसी रीित स करना िजसस भ-राजसव की बकाया की होती ह ]

(य) िकसी खान या खान क भाग या िकसी खदान आनित कपक गतर या िनकास म चाह उसका कायरकरण हो रहा हो या नह या िकसी खतरनाक या परितिष कषतर अवतलन कषरण टराम लाइन या पथया पर जहा जनता क सरकषण क िलए बाड़ लगाना आवशयक हो बाड़ लगाई जान की अपकषा करना

(यय) कोई अनय बात जो िविहत की जानी ह या िविहत की जाए

58 िनयम बनान की कनदरीय सरकार की शिक तmdashकनदरीय सरकार िनिम निलिखत सब परयोजन या उनम स िकसी क िलए ऐस िनयम जो इस अिधिनयम स सगत ह शासकीय राजपतर म अिधसचना ारा बना सकगी अथारत --

9[(क) सिमित क सदसय की पदाविध और उनकी सवा की अनय शत का तथा िरिक तया भरन की रीित का उपबनध कराना और अपना कारबार चलान क िलए सिमित ारा अनसिरत की जान वाली परिकरया िविनयिमत करना

(ख) धारा 23 की उपधारा (3) म िनिदष ट रिजसटर का पररप िविहत करना

1 1959 क अिधिनयम स० 62 की धारा 31 ारा (16-1-1960 स) अनतःसथािपत 2 1959 क अिधिनयम स० 62 की धारा 31 ारा (16-1-1960 स) ldquoसचनाए िविहत करन क िलएrdquo क सथान पर परितसथािपत 3 1959 क अिधिनयम स० 62 की धारा 31 ारा (16-1-1960 स) खड (प) क सथान पर परितसथािपत 4 1983 क अिधिनयम स० 42 की धारा 30 ारा (31-5-1984 स) कितपय शबद क सथान पर परितसथािपत 5 1983 क अिधिनयम स० 42 की धारा 30 ारा (31-5-1984 स) अनतःसथािपत 6 1959 क अिधिनयम स० 62 की धारा 31 ारा (16-1-1960 स) कितपय शबद क सथान पर परितसथािपत 7 1983 क अिधिनयम स० 42 की धारा 30 ारा (31-5-1984 स) ldquoपचास गजrdquo क सथान पर परितसथािपत 8 1959 क अिधिनयम स० 62 की धारा 31 ारा (16-1-1960 स) अनतःसथािपत 9 1983 क अिधिनयम स० 42 की धारा 31 ारा (31-5-1984 स) खड (क) क सथान पर परितसथािपत

23

(ग) धारा 24 क अधीन जाच नयायालय की िनयिक त क िलए उपबनध करना ऐस नयायालय की परिकरया और शिक तया िविनयिमत करना ऐस नयायालय क सदसय को यातरा-भ का सदाय करना और सयक त खान क परबनधक सवामी या अिभकतार स उक त नयायलय क य की 1[िजनक अनतगरत जाच स ससक त कोई अनय य आत ह] 2[उसी रीित स जस भ-राजसव की बकाया वसल की जाती ह] वसली करना

2[(गग) खान म िनयोिजत िक तय की ओर स तकनीकी िवशषजञ ारा (जो परािसथित म ओवरमन स कम नह ह) खान क िनरीकषण क िलए उसक िलए दी जान वाली सिवधा क िलए वह आवित िजस पर और वह रीित िजसम ऐस िनरीकषण िकए जाएग और वह रीित िजसम ऐस िनरीकषण की िरपोटर दी जाएगी उपबनध करना ]

(घ) िजन खान म कोई ि या िनयोिजत ह या पवरवत बारह मास म िकसी िदन िनयोिजत रह ह उनम ऐसी िस तरय क छह वषर स कम आय वाल बालक क उपयोग क िलए आरिकषत िकए जान वाल समिचत कमर बनाए रखन की अपकषा करना और या तो साधारणतः या खान म िनयोिजत िस तरय की सखया क परित िविशष ट िनदश स ऐस कमर की सखया और सतरमान और उन सख-सिवधा की जो उनम उपबिनधत की जानी ह और उस पयरवकषण की जो उनम िकया जाना ह परकित और िवसतार िविहत करना

(ङ) खान म िनयोिजत परष क उपयोग क िलए फहारयक त स नान सथान और लॉकर ककष और िजन खान म ि या िनयोिजत ह उनम िस तरय क उपयोग क िलए वस ही पथक सथान और ककष गतरमख पर या उनक आसपास बनाए रख जान की अपकषा करना और या तो साधारणतः या खान म मामली तौर पर िनयोिजत परष और िस तरय की सखया क परित िविशष ट िनदश स ऐस सथान और ककष की सखयाए और सतरमान िविहत करना

(च) खान म सवचछता का जो सतरमान बनाए रखना ह उस खान म उपबिनधत िकए जान वाल शौचालय और मतरालय का आनपाितक मान िविहत करना और 3 पय जल क परदाय क िलए िकया जान वाला उपबनध

1[(चच) िचिकतसीय सािधतर और सख-सिवधा क परदाय और बनाए रख जान क िलए उपबनध करना और पराथिमक उपचार बकस और कपबोड की अनतवरसतए और सखयाए पराथिमक उपचार क काम म परिशकषण पराथिमक उपचार कमर क आकार और उपसकर और उनक भारसाधक कमरचािरवनद और कषितगरसत िक तय को िचिकतसालय या औषधालय को परवहण करन क िलए इतजाम िविहत करना

(चचच) उन व यिक तय को जो खान म पयरवकषण या परबन ध क पद स िभन न पद पर िनयोिजत ह या िनयोिजत िकए जान ह व यावहािरक िशकषण िदए जान या परिशिकषत िकए जान की अपकषा करना और ऐस िशकषण और परिशकषण क िलए स कीम िविहत करना]

(छ) खान म मादक पय या औषिधय को कबज म रखन को या उनक उपभोग को और म ता की हालत म िकसी िक त क उनम परवश या उपिसथित को परितिष करना

(ज) धारा 36 क अधीन अपिकषत सचना क पररप िविहत करना और यह अपकषा करना िक ऐसी सचनाए िविनिदष ट भाषा म भी लगाई जाए

(झ) उन िक तय को पिरभािषत करना िजनकी बाबत धारा 37 क परयोजन क िलए यह समझा जाएगा िक व पयरवकषण या परबनध क पद धारण िकए हए ह या िकसी गोपनीयता की हिसयत म िनयोिजत ह

(ञ) उन िक तय या िक तय क िकसी वगर का खान म िनयोजन परितिष करना िजनकी बाबत िकसी अिहत िचिकतसा- वसायी ारा यह परमािणत न िकया गया हो िक उनह न अपना पदरहवा वषर परा कर िलया ह और वह रीित और व पिरिसथितया िजनम ऐस परमाणपतर अनद और परितसहत िकए जा सकग िविहत करना

4

1[(टट) खान म िनयोिजत या िनयोजन चाहन वाल िक तय स यह अपकषा करना िक व अपन को िचिकतसीय परीकषा क िलए परसतत कर और खान म िकसी िक त का िनयोजन िकए जान का आतयितक परितषध या िकसी िविशष ट हिसयत म या िविशष ट काम म िकए जान का परितषध िचिकतसीय आधार पर करना ]

5[(ठ) धारा 48 ारा अपिकषत रिजसटर क पररप और अधयाय 7 क परयोजन क िलए रिजसटर रखा जाना और उनक पररप िविहत करना ]

(ड) इस अिधिनयम को और िविनयम और िनयम की सिकषिप तया और वह भाषा िजसम सिकषिप तया और उपिविधया धारा 61 और 62 म अपिकषत रप स लगाई जाएगी िविहत करना

1 1959 क अिधिनयम स० 62 की धारा 32 ारा (16-1-1960 स) अनतःसथािपत 2 1983 क अिधिनयम स० 42 की धारा 31 ारा (31-5-1984 स) अनतःसथािपत 3 1959 क अिधिनयम स० 62 की धारा 32 ारा (16-1-1960 स) कितपय शबद का लोप िकया गया 4 1983 क अिधिनयम स० 42 की धारा 31 ारा (31-5-1984 स) (ट) का लोप िकया गया 5 1959 क अिधिनयम स० 62 की धारा 32 ारा (16-1-1960 स) खड (ठ) क सथान पर परितसथािपत

24

(ढ) यह अपकषा करना िक िजन बात क िलए िनयम बनाए गए ह उनस सब सचनाए िववरिणया और िरपोट खान क सवामी अिभकतार और परबनधक द और ऐसी सचना िववरिणय और िरपोट क पररप व िक त और परािधकारी िजनह व दी जानी ह व िविशि या जो उनम अनतिवष ट होनी ह और व समय िजनक अनदर व िनविदत की जानी ह िविहत करना

(ण) िजन खान म 1 पचास स अिधक िक त मामली तौर पर िनयोिजत रहत ह उनम भोजन करन क िलए यथायोगय और उपयक त ऐस आशरय क िजनम पीन क पानी का उपबनध भी हो उपबिनधत िकए जान और बनाए रख जान की अपकषा करना

(त) मखय िनरीकषक या िनरीकषक ारा इस िनिम िविनिदष ट िकसी ऐसी खान म िजसम दो सौ पचास स अिधक िक त मामली तौर पर िनयोिजत रहत ह ऐस िक तय क उपयोग क िलए कोई कटीन या कटीन उपबिनधत की जान और

बनाए रखी जान की अपकषा करना

(थ) हर ऐसी खान म िजसम पाच सौ या अिधक िक त मामली तौर पर िनयोिजत रहत ह इतनी सखया म कलयाण आिफसर िनयोिजत िकए जान की अपकषा करना िजतनी िविनिदष ट की जाए और ऐस कलयाण आिफसर की अहरताए और सवा क िनबनधन और शत और उनक ारा पालनीय कतर िविहत करना

2[(द) िविनिदष ट खान या िविनिदष ट खान क समह क िलए या िकसी िविनिदष ट कषतर की सब खान क िलए बचाव सटशन की सथापना की जान की अपकषा करना और यह िविहत करना िक ऐस सटशन कस और िकसक ारा सथािपत िकए जाएग

(ध) बचाव सटशन क परबनध क िलए उपबनध करना

(धक) बचाव िबरगड का गठन करन वाल िक तय की शारीिरक योगयता क मानक और अनय अहरता क िलए उपबनध करना

(धख) बचाव िबरगड का गठन करन वाल िक तय का िनवास-सथान िविहत करना ]

(न) 3 बचाव सटशन की िसथित उपसकर िनयतरण अनरकषण और कतय िविहत करना 4[(प) खड (द) क अधीन िविनिदष ट खान म उतपािदत और वहा स परिषत कोक और कोयल पर (पच चीस पस परित

टन स अनिधक दर स) उतपाद-शलक क उद गहण और सगरहण क िलए ऐसी खान क िलए बचाव सटशन िनिध का सजन करन क िलए भारत की सिचत िनिध म जमा िकए गए ऐस उपकर क आगम म स उन धनरािशय क जो कनदरीय सरकार ससद

ारा िविध ारा इस िनिम समयक िविनयोग िकए जान क पश चात उपबिनधत कर ऐसी िनिध म जमा िकए जान क िलए उस रीित क िलए िजसम ऐसी िनिध म स धन का उपयोग िकया जाएगा और ऐसी िनिध क परशासन क िलए उपबनध करना

(फ) बचाव िबरगड़ क बनाव परिशकषण सरचना और कतर क िलए 5 और साधारणतः खान म बचाव कायर क सचालन क िलए उपबनध करना 6

7[(फफ) िविनिदष ट खान या िविनिदष ट खान क समह क िलए सरकषा सिमितय क गठन क िलए या सरकषा की अिभवि करन क िलए िकसी िविनिदष ट कषतर म सभी खान क िलए और ऐसी सरकषा सिमितय की सरचना उनक गठन और कतय की रीित अिधकिथत करन क िलए उपबनध करना तथा]

(ब) साधारणतः िकसी ऐस मामल क िलए उपबनध करना िजनक िलए इस अिधिनयम या िविनयम ारा उपबनध न िकया गया हो और िजसक िलए उपबनध इस अिधिनयम को परभावी करन क िलए अपिकषत हो

59 िविनयम और िनयम का पवर परकाशनmdash(1) धारा 57 और 58 ारा परद िविनयम और िनयम बनान की शिक त इस शतर क अधयधीन ह िक य िविनयम और िनयम पवर परकाशन क पश चात बनाए जाएग

(2) जो तारीख साधारण खड अिधिनयम 1897 (1897 का 10) की धारा 23 क खड (3) क अनसार उस तारीख क रप म िविनिदष ट की जानी ह िजसक पश चात िक बनाए जान क िलए परसथािपत िविनयम या िनयम क परारप पर िवचार िकया जाएगा वह उस तारीख स तीन मास स कम की होगी िजसको परसथािपत िविनयम या िनयम का परारप साधारण जानकारी क िलए परकािशत िकया जाए

1 1959 क अिधिनयम स० 62 की धारा 32 ारा (16-1-1960 स) ldquoएक सौ औरrdquo शबद का लोप िकया गया 2 1983 क अिधिनयम स० 42 की धारा 31 ारा (31-5-1984 स) खड (द) और (ध) क सथान पर परसथािपत 3 1983 क अिधिनयम स० 42 की धारा 31 ारा (31-5-1984 स) ldquoकनदरीयrdquo शबद का लोप िकया गया 4 1983 क अिधिनयम स० 42 की धारा 31 ारा (31-5-1984 स) खड (प) क सथान पर परितसथािपत 5 1983 क अिधिनयम स० 42 की धारा 31 ारा (31-5-1984 स) कितपय शबद का लोप िकया गया 6 1983 क अिधिनयम स० 42 की धारा 31 ारा (31-5-1984 स) ldquoऔरrdquo शबद का लोप िकया गया 7 1983 क अिधिनयम स० 42 की धारा 31 ारा (31-5-1984 स) अनतःसथािपत

25

1

2[(4) कोई भी िविनयम या िनयम तब तक नह बनाया जाएगा जब तक िक उस िविनयम या िनयम का परारप धारा 12 की उपधारा (1) क अधीन गिठत सिमित को िनदिशत न कर िदया गया हो और जब तक उस सिमित को उसक बनाए जान की समीचीनता और उसक उपबनध की उपयक तता की बाबत िरपोटर दन का यिक तयक त अवसर न िमल गया हो ]

(5) िविनयम और िनयम शासकीय राजपतर म परकािशत िकए जाएग और ऐस परकािशत िकए जान पर ऐस परभाव रखग मानो व इस अिधिनयम म अिधिनिमत ह

(6) उपधारा (1) उपधारा (2) और उपधारा (4) क उपबनध उस अवसर को लाग न ह ग िजस पर धारा 58 क खड (घ) या खड (ङ) म िनदिशत िनयम सवरपरथम बनाए जाए

3

60 पवर परकाशन क िबना िविनयम बनान की शिक तmdashयिद कनदरीय सरकार का समाधान हो जाए िक आशिकत खतर का िनवारण करन या खतरा पदा करन की सभा ता रखन वाली िसथितय का शीघर उपचार करन क िलए यह आवशयक ह िक ऐस िविनयम बनान म वह िवलमब न होन िदया जाए जो ऐस परकाशन और िनदशन स होगा तो धारा 57 4 क अधीन िविनयम धारा 59 की उपधारा (1) उपधारा (2) और उपधारा 5[(4)] म अनतिवष ट िकसी बात क होत हए भी पवर परकाशन और 6[धारा 12 की उपधारा (1) क अधीन गिठत सिमित] को 7 िनदशन क िबना बनाए जा सकग

परनत इस परकार बनाए गए िविनयम 8[सिमित की जानकारी क िलए भज जाएग और] बनाए जान स 9[एक वषर] स अिधक क िलए परव नह रहग

61 उपिविधयाmdash(1) खान का सवामी अिभकतार या परबनधक 10[उस खान म िकसी िवशष मशीनरी क उपयोग या कायरकरण की िकसी िवशष प ित को अपनाए जान क शािस त करन क िलए] इस अिधिनयम या िकनह ततसमय परव िविनयम या िनयम स असगत न होन वाली ऐसी उपिविधय का परारप जसी िक ऐसा सवामी अिभकतार या परबनधक उस खान म दघरटना का िनवारण करन क िलए और उसम िनयोिजत िक तय क कषम सिवधा और अनशासन हत उपबनध करन क िलए आवशयक समझ तयार कर सकगा और मखय िनरीकषक या िनरीकषक को िनविदत कर सकगा और यिद ऐसा करन की उसस अपकषा मखय िनरीकषक या िनरीकषक ारा की जाए तो तयार करगा और िनविदत करगा

(2) यिद ऐसा कोई सवामी अिभकतार या परबनधकmdash

(क) मखय िनरीकषक या िनरीकषक ारा ऐसा करन की उसस अपकषा की जान क पश चात दो मास क अनदर उपिविधय का परारप िनविदत करन म असफल रह अथवा

(ख) उपिविधय का ऐसा परारप िनविदत कर जो मखय िनरीकषक या िनरीकषक की राय म पयार न हो

तो मखय िनरीकषक या िनरीकषकmdash

(i) ऐसी उपिविधय का परारप परसथािपत कर सकगा जो उस पयार परतीत ह अथवा

(ii) सवामी अिभकतार या परबनधक ारा जो परारप उस िनविदत िकया गया हो उसम ऐस सशोधन परसथािपत कर सकगा िजनस उसकी राय म वह पयार हो जाएगा और ऐसी परारप-उपिविधया या परारप-सशोधन यथािसथित सवामी अिभकतार या परबनधक क पास िवचार क िलए भजगा

(3) यिद उस तारीख स िजसको कोई परारप-उपिविधया या परारप-सशोधन मखय िनरीकषक या िनरीकषक न सवामी अिभकतार या परबनधक क पास उपधारा (2) क उपबनध क अधीन भज ह दो मास की कालाविध क अनदर मखय िनरीकषक या िनरीकषक और सवामी अिभकतार या परबनधक उपधारा (1) क अधीन बनाई जान वाली उपिविधय क िनबनधन क िवषय म परसपर सहमत होन म

1 1959 क अिधिनयम स० 62 की धारा 33 ारा (16-1-1960 स) उपधारा (3) का लोप िकया गया 2 1983 क अिधिनयम स० 42 की धारा 32 ारा (31-5-1984 स) उपधारा (4) क सथान पर परितसथािपत 3 1983 क अिधिनयम स० 42 की धारा 32 ारा (31-5-1984 स) उपधारा (7) का लोप िकया गया 4 1959 क अिधिनयम स० 62 की धारा 34 ारा (16-1-1960 स) ldquoक खड (ठ) को अपविजत करत हए खड (झ) और खड (ट) स (ख) (ध)rdquo शबद को क और अकषर का

लोप िकया गया 5 1959 क अिधिनयम स० 62 की धारा 34 ारा (16-1-1960 स) ldquo(3)rdquo क सथान पर परितसथािपत 6 1983 क अिधिनयम स० 42 की धारा 33 ारा (31-5-1984 स) ldquoखनन बोड rdquo क सथान पर परितसथािपत 7 1959 क अिधिनयम स० 62 की धारा 34 ारा (16-1-1960 स) ldquoपवरrdquo शबद का लोप िकया गया 8 1983 क अिधिनयम स० 42 की धारा 33 ारा (31-5-1984 स) अनतःसथािपत 9 1959 क अिधिनयम स० 62 की धारा 34 ारा (16-1-1960 स) ldquoदो वषरrdquo क सथान पर परितसथािपत 10 1983 क अिधिनयम स० 42 की धारा 34 ारा (31-5-1984 स) कितपय शबद क सथान पर परितसथािपत

26

असमथर रह तो मखय िनरीकषक या िनरीकषक परारप-उपिविधय को पिरिनधाररण क िलए 1[धारा 12 की उपधारा (1) क अधीन गिठत सिमित को] िनदिशत करगा

(4) (क) जबिक ऐसी पररप-उपिविधय पर अिभकतार या परबनधक और मखय िनरीकषक सहमत हो गए ह या जबिक उनक सहमत होन म असमथर होन पर व 2[धारा 12 की उपधारा (1) क अधीन गिठत सिमित को] ारा पिरिनधारिरत कर दी गई ह तब मखय िनरीकषक या िनरीकषक ारा परारप-उपिविधय की एक परित कनदरीय सरकार को अनमोदनाथर भजी जाएगी

(ख) कनदरीय सरकार परारप-उपिविधय म ऐसा उपातरण कर सकगी जसा वह ठीक समझ

(ग) इसस पवर िक कनदरीय सरकार परारप-उपिविधय का अनमोदन चाह उपातर क सिहत या उनक िबना कर उपिविधया बनान की परसथापना की और उस सथान की जहा परारप-उपिविधय की परितया अिभपरा की जा सकगी और उस समय की (जो तीस िदन स कम का न होगा) इसक अनदर िक परभािवत िक तय क ारा या उनकी ओर स परारप-उपिविधय क परित िकया गया कोई आकषप कनदरीय सरकार को भजा जाना चािहए सचना ऐसी रीित स जसी कनदरीय सरकार परभािवत िक तय की जानकारी दन क िलए उपयक ततम समझ परकािशत की जाएगी

(घ) हर आकषप िलिखत होगा और उसमmdash

(i) आकषप क िविशष ट आधार तथा

(ii) चाह गए लोप पिरवधरन या उपानतर

किथत ह ग

(ङ) उन िक तय क ारा या उनकी ओर स िजनकी बाबत कनदरीय सरकार को यह परतीत हो िक व तद ारा परभािवत िक त ह अपिकषत समय क अनदर िकए गए आकषप पर वह सरकार िवचार करगी और उपिविधय पर या तो उस रप म िजसम व परकािशत की गई थ या उनम ऐस सशोधन करक िजनह वह ठीक समझ अनमोिदत कर सकगी

(5) कनदरीय सरकार ारा इस परकार अनमोिदत हो जान पर उपिविधया इस परकार परभावी ह गी मानो व इस अिधिनयम म अिधिनयिमत ह और खान का सवामी अिभकतार या परबनधक उन उपिविधय की एक परित अगरजी म और ऐसी अनय भाषा या भाषा म जसी िविहत की जाए खान म या उसक आसपास िकसी ऐस सहजदशय सथान पर लगवाएगा जहा व उपिविधया िनयोिजत

िक तय ारा सिवधापवरक पढ़ी या दखी जा सक और िजतनी बार व िवरिपत हो जाए िमट जाए या नष ट हो जाए उतनी बार यिक तयक त शीघरता क साथ उनह नए िसर स लगवाएगा

(6) कनदरीय सरकार इस परकार िनिमत िकसी उपिविध को िलिखत आदश ारा पणरतः या भागतः िवखिडत कर सकगी और तदपिर ऐसी उपिविध तदनसार परभावहीन हो जाएगी

3[61क िविनयम िनयम और उपिविधय का ससद क समकष रखा जानाmdashधारा 57 क अधीन बनाया गया परतयक िविनयम धारा 58 क अधीन बनाया गया परतयक िनयम और धारा 61 क अधीन बनाई गई परतयक उपिविध बनाई जान क पश चात यथाशीघर ससद क परतयक सदन क समकष जब वह सतर म हो कल तीस िदन की अविध क िलए रखा जाएगा या रखी जाएगी यह अविध एक सतरा म अथवा दो या अिधक आनकरिमक सतर म परी हो सकगी यिद उस सतर क या पव क त आनकरिमक सतर म अवसान क पवर दोन सदन उस िविनयम िनयम या उपिविध म कोई पिरवतरन करन क िलए सहमत हो जाए तो ततपश चात वह ऐस पिरवितत रप म ही परभावी होगा या होगी यिद उक त अवसान क पवर दोन सदन सहमत हो जाए िक वह िविनयम िनयम या उपिविध नह बनाया या बनायी जानी चािहए तो ततपश चात वह िनषपरभाव हो जाएगा या हो जाएगी िकनत यथािसथित िविनयम िनयम या उपिविधय क ऐस पिरवितत या िनषपरषभाव होन स उसक अधीन पहल की गई िकसी बात की िविधमानयता पर परितकल परभाव नह पड़गा ]

62 अिधिनयम िविनयम आिद की सिकषिप तया लगवानाmdashहर खान म या उसक आसपास अगरजी म और ऐसी अनय भाषा या भाषा म जो िविहत की जाए अिधिनयम की और िविनयम और िनयम की िविहत सिकषिप तया लगाई रखी जाएगी

अधयाय 9

शािसतया और परिकरया 63 बाधा डालनाmdash(1) जो कोई मखय िनरीकषक िनरीकषक या धारा 8 क अधीन परािधकत िकसी िक त क इस अिधिनयम क अधीन क उसक अपन कतर क िनवरहन म बाधा डालगा या मखय िनरीकषक िनरीकषक या ऐस िक त को िकसी खान क समबनध म इस अिधिनयम क ारा या अधीन परािधकत कोई परवश िनरीकषण परीकषा या जाच करन क िलए कोई यिक तयक त सिवधा दन स इनकार करगा या दन म जानबझकर उपकषा करगा वह कारावास स िजसकी अविध तीन मास तक की हो सकगी या जमारन स जो पाच सौ रपए तक का हो सकगा या दोन स दणडनीय होगा

1 1983 क अिधिनयम स० 42 की धारा 34 ारा (31-5-1984 स) कितपय शबद क सथान पर परितसथािपत 2 1983 क अिधिनयम स० 42 की धारा 34 ारा (31-5-1984 स) कितपय शबद क सथान पर परितसथािपत 3 1983 क अिधिनयम स० 42 की धारा 35 ारा (31-5-1984 स) अतःसथािपत

27

(2) जो कोई इस अिधिनयम क अनसरण म रख गए िकनह रिजसटर या अनय दसतावज को मखय िनरीकषक या िनरीकषक की माग पर पश करन स इनकार करगा अथवा िकसी ऐस िनरीकषण आिफसर क समकष जो इस अिधिनयम क अधीन क अपन कतर क अनसरण म कायर कर रहा ह उपसजात होन या उसक ारा परीकषा की जान स िकसी िक त को िनवािरत करगा या िनवािरत करन का परयत न करगा या कोई ऐसा कायर करगा िजसक बार म उसक पास यह िवश वास करन का कारण हो िक उसस उसका इस परकार िनवािरत होना सभा ह वह जमारन स जो तीन सौ रपए तक का हो सकगा दणडनीय होगा

64 अिभलख का िमथयाकरण आिदmdashजो कोईmdash

(क) इस अिधिनयम क अधीन अनद िकसी परमाणपतर का या परमाणपतर की िकसी कायारलय परित का कटकरण करगा या जानत हए उसम िमथया कथन करगा अथवा

(ख) जानत हए ऐस िकसी कटकतय या िमथया परमाणपतर को असली क रप म उपयोग म लाएगा अथवा

(ग) कोई िमथया घोषणा कथन या सा य यह जानत हए िक वह िमथया ह अपन िलए या िकसी अनय िक त क िलए इस अिधिनयम क अधीन परमाणपतर अिभपरा करन या परमाणपतर का नवीकरण करान या खान म िनयोजन अिभपरा करन क परयोजनाथर करगा या बनाएगा या पश करगा या उपयोग म लाएगा अथवा

1[(घ) िकसी ऐस रखाक खडिचतर रिजसटर या अिभलख का िमथयाकरण करगा िजसका रखा जाना इस अिधिनयम क ारा या अधीन अपिकषत हो या ऐसा िमथया रखाक खडिचतर रिजसटर या अिभलख उस िमथया जानत हए िकसी परािधकारी क

समकष पश करगा अथवा]

(ङ) कोई ऐसा रखाक िववरणी सचना अिभलख या िरपोटर बनाएगा दगा या पिरद करगा िजसम ऐसा कथन परिवि या बयौरा अनतिवष ट हो जो उसकी सव म जानकारी या िवश वास क अनसार सही न हो

वह कारावास स िजसकी अविध तीन मास तक की हो सकगी या जमारन स जो 2[एक हजार रपए] तक का हो सकगा या दोन स दणडनीय होगा

65 िमथया योगयता परमाणपतर का उपयोगmdashजो कोई 3[धारा 43] क अधीन अनय िक त को अनद िकसी परमाणपतर का उस धारा क अधीन अपन को योगयता-परमाणपतर क रप म जानत हए उपयोग करगा या उपयोग करन का परयत न करगा या उस धारा क अधीन अपन को योग यता-परमाणपतर अनद िकए जान पर जानत हए अनय िक त को उसका उपयोग करन दगा या उपयोग करन का परय करन दगा वह कारावास स िजसकी अविध एक मास तक की हो सकगी या जमारन स जो 4[दो सौ] रपए तक का हो सकगा या दोन स दणडनीय ोगा

िक तयक त कारण क िजस सािबत करन का भार उस पर होगा करगा जमारन स जो 6[एक हजार] रपए क का हो

ास स िजसकी विध तीन

ोिजत िकया जाता ह तो ऐसी खान का सवामी अिभकतार या परबनधक ऐस जमारन स जो पाच सौ रपए क का हो

ी अविध तीन मास तक की हो सकगी या जमारन स जो 10[दो हजार पाच सौ] रपए तक का हो सकगा या दोन स दणडनीय होगा

66 रखाक आिद दन का लोपmdashकोई िक त जो इस अिधिनयम क ारा या अधीन बनाए जान या िदए जान क िलए अपिकषत कोई रखाक 5[खडिचतर] िववरणी सचना रिजसटर अिभलख या िरपोटर िविहत पररप म या िविहत रीित स या िविहत समय पर या क भीतर बनान या दन का लोप िकए िबना यत सकगा दणडनीय होगा

67 शरिमक क िनयोजन िवषयक उपबनध का उललघनmdashजो कोई उसक िसवाय जसा िक धारा 38 ारा अनजञात ह इस अिधिनयम क या िकसी िविनयम िनयम या उपिविध क या तद धीन िकए गए िकसी आदश क िकसी ऐस उपबनध का उललघन करगा जो खान म या उसक आसपास िक तय क िनयोजन या उनकी उपिसथित को परितिष िनबरिनधत या िविनयिमत करता हो वह कारावअ मास तक की हो सकगी या जमारन स जो 7[एक हजार] रपए तक का हो सकगा या दोन स 8 दडनीय होगा

9[68 अठारह वषर स कम आय क िक तय क िनयोजन क िलए शािसतmdashयिद अठारह वषर स कम आय क िकसी िक त को धारा 40 क उललघन म िकसी खान म िनयत सकगा दणडनीय होगा ]

69 परबनधक िनयक त करन म असफलताmdashधारा 17 क उपबनध क उललघन म जो कोई परबनधक िनयक त करन म असफल रहगा वह कारावास स िजसक11

1 1959 क अिधिनयम स० 62 की धारा 35 ारा (16-1-1960 स) खड (घ) क सथान पर परितसथािपत 2 1959 क अिधिनयम स० 62 की धारा 35 ारा (16-1-1960 स) ldquoपाच सौ रपएrdquo क सथान पर परितसथािपत 3 1983 क अिधिनयम स० 42 की धारा 36 ारा (31-5-1984 स) ldquoधारा 40rdquo क सथान पर परितसथािपत 4 1959 क अिधिनयम स० 62 की धारा 36 ारा (16-1-1960 स) ldquoपचासrdquo क सथान पर परितसथािपत 5 1959 क अिधिनयम स० 62 की धारा 37 ारा (16-1-1960 स) अनतःसथािपत 6 1959 क अिधिनयम स० 62 की धारा 37 ारा (16-1-1960 स) ldquoदो सौrdquo क सथान पर परितसथािप 7 1959 क अिधिनयम स० 62 की धारा 38 ारा (16-1-1960 स) ldquoपाच सौrdquo क सथान पर परितसथािपत 8 1959 क अिधिनयम स० 62 की धारा 38 ारा (16-1-1960 स) कितपय शबद का लोप िकया गया 9 1983 क अिधिनयम स० 42 की धारा 37 ारा (31-5-1984 स) धारा 68 क सथान पर परितसथािपत 10 1959 क अिधिनयम स० 62 की धारा 39 ारा (16-1-1960 स) ldquoपाच सौrdquo क सथान पर परितसथािपत 11 1959 क अिधिनयम स० 62 की धारा 39 ारा (16-1-1960 स) कितपय शबद का लोप िकया गया

28

70 दघरटना की सचनाmdash(1) धारा 23 की उपधारा (1) क उपबनध क उललघन म जो कोई िकसी दघरटना की सचना दन म या उस सचना की परित उस उपधारा म िनिदष ट िवशष सचनाप पर लगान म और िविनिदष ट कालाविध क िलए वहा रखन म असफल रहगा वह कारावास स िजसकी अविध तीन मास तक की हो सकगी या जमारन स जो पाच सौ रपए तक का हो सकगा या दोन स दणनीय होगा

(2) कनदरीय सरकार ारा धारा 23 की उपधारा (3) क अधीन िदए गए िनदश क उललघन म जो कोई िकसी दघरटना को िविहत रिजसटर म अिभिलिखत करन म या उसकी सचना दन म असफल रहगा वह कारावास स िजसकी अविध तीन मास तक की हो सकगी या जमारन स तो पाच सौ रपए तक का हो सकगा या दोन स दणडनीय होगा

71 कितपय मामल म सवामी आिद का मखय िनरीकषक को िरपोटर दनाmdashजहा िक खान क यथािसथित सवामी अिभकतार या परबनधक न खान म या उसक आसपास िनयोिजत िकसी िक त क िवर कायरवाही इस अिधिनयम क अधीन क िकसी अपराध क बार म की हो वहा वह नयायालय क िनणरय या आदश की तारीख स इक कीस िदन क अनदर उसक पिरणाम की िरपोटर मखय िनरीकषक को दगा

72 खान म िनयोिजत िक तय की बाधयताmdashखान म िनयोिजत कोई भी िक तmdash

(क) खान म िनयोिजत िक तय का सवासथय कषम या कलयाण सिनिश चत करन क परयोजनाथर खान म उपबिनधत िकसी सािधतर सिवधा या अनय चीज म जानबझकर हसतकषप या उसका जानबझकर दरपयोग न करगा

(ख) जानबझकर और यिक तयक त कारण क िबना कोई ऐसी बात न करगा िजसस सवय उसक या अनय क सकटाप होन की सभा ता हो

(ग) खान म िनयोिजत िक तय का सवासथय या कषम सिनिश चत करन क परयोजनाथर उसम उपबिनधत िकसी सािधतर या अनय चीज को उपयोग म लान की जानबझकर उपकषा नह करगा

1[72क कछ िविनयम क उललघन क िलए िवशष उपबनधmdashजो कोई धारा 57 क खणड (घ) खणड (झ) खणड (ड) खणड (ढ) खणड (ण) खणड (त) खणड (द) खणड (ध) और खणड (प) म िविनिदष ट बात स सब िकसी िविनयम क या िकसी उपिविध क या तद धीन िकए गए िकसी आदश क िकसी उपबनध का उललघन करगा वह कारावास स िजसकी अविध छह मास तक की हो सकगी या जमारन स जो दो हजार रपए तक का हो सकगा या दोन स दणडनीय होगा

72ख धारा 22 क अधीन आदश क उललघन क िलए िवशष उपबनधmdashजो कोई धारा 22 की उपधारा (1क) उपधारा (2) या उपधारा (3) क अधीन 2[या धारा 22क की उपधारा (2) क अधीन] िनकाल गए आदश क उललघन म खान का कायरकरण चाल रखगा वह कारावास स िजसकी अविध दो वषर तक की हो सकगी दडनीय होगा और जमारन स भी जो पाच हजार रपए तक का हो सकगा दडनीय होगा

2[परनत नयायालय क िनणरय म लखब िकए जान वाल ततपरितकल िवशष और पयारप त कारण क अभाव म ऐसा जमारना खड (क) म िनिदष ट उललघन की दशा म तीन हजार रपए स कम नह होगा ]

72ग िविध क ऐस उललघन क िलए िजसक खतरनाक पिरणाम होत ह िवशष उपबनधmdash(1) जो कोई इस अिधिनयम क या िकसी िविनयम िनयम या उपिविध क या तद धीन िकए गए [धारा 22 की उपधारा (1क) या उपधारा (2) या उपधारा (3) 3[या धारा 22क की उपधारा (2)] क अधीन िकए गए आदश स िभ ] िकसी आदश क िकसी उपबनध का उललघन करगा वहmdash

(क) यिद ऐस उललघन क पिरणामसवरप जीवन की हािन हो तो कारावास स जो दो वषर तक का हो सकगा या जमारन स जो पाच हजार रपए तक का हो सकगा या दोन स दणडनीय होगा या

(ख) यिद ऐस उललघन क पिरणामसवरप गमभीर शारीिरक कषित हो तो कारावास स जो एक वषर तक का हो सकगा या जमारन स जो तीन हजार रपए तक का हो सकगा या दोन स दडनीय होगा अथवा

(ग) यिद ऐस उललघन स खान म िनयोिजत िक तय को या खान म या उसक आसपास क अनय िक तय को कषित या खतरा कािरत हो तो कारवास स जो तीन मास तक का हो सकगा या जमारन स जो एक हजार रपए तक का हो सकगा या दोन स दणडनीय होगा 6[परनत नयायालय क िनणरय म लखब िकए जान वाल ततपरितकल िवशष और पयारप त कारण क अभाव म ऐसा जमारना

खणड (क) म िनिदष ट उललघन की दशा म तीन हजार रपए स कम नह होगा ]

(2) जहा िक कोई िक त इस धारा क अधीन दोषिस िकए गए जान पर िफर उसक अधीन दोषिस िकया जाए वहा वह उपधारा (1) ारा उपबिनधत दड क दगन दड स दणडनीय होगा

1 1959 क अिधिनयम स० 62 की धारा 40 ारा (16-1-1960 स) धारा 73 तथा धारा 74 क सथान पर परितसथािपत 2 1983 क अिधिनयम स० 42 की धारा 38 ारा (31-5-1984 स) अतःसथािपत 3 1983 क अिधिनयम स० 42 की धारा 39 ारा (31-5-1984 स) अतःसथािपत

29

(3) इस धारा क अधीन पािरत जमारन का दडादश आरोिपत करन वाला अथवा अपील या पनरीकषण म या अनयथा उसकी पिष ट करन वाला नयायालय िनणरय पािरत करत समय आदश द सकगा िक वसल िकया गया सपणर जमारना या उसका कोई भाग कषितगरसत िक त को या उसकी मतय की दशा म उसक िविधक परितिनिध को परितकर क रप म िदया जाए

परनत यिद जमारना ऐस मामल म आरोिपत िकया जाए जो अपीलनीय हो तो अपील उपिसथत िकए जान क िलए अनजञात कालाविध क बीत जान क पहल या यिद अपील उपिसथत की गई हो तो अपील क िविनश चय स पहल ऐसा कोई भी सदाय नह िकया जाएगा

73 आदश की अवजञा क िलए साधारण उपबनधmdashजो कोई इस अिधिनयम क या िकसी िविनयम िनयम या उपिविध क या तद धीन िकए गए िकसी आदश क िकसी ऐस उपबनध का उललघन करगा िजसक उललघन क िलए एतिसमनपवर कोई शािसत उपबिनधत नह ह वह कारावास स िजसकी अविध तीन मास तक की हो सकगी या जमारन स जो एक हजार रपए तक का हो सकगा या दोन स दडनीय होगा

74 पवर दोषिसि क पश चात विधत शािसतmdashयिद कोई िक त जो (धारा 72ख और 72ग स िभ ) पवरगामी उपबनध म स िकसी क अधीन दडनीय िकसी अपराध का दोषिस िकया जा चका हो पवर दोषिसि क दो वषर क अनदर िकए गए और उसी उपबनध का उललघन अनतवरिलत करन वाल िकसी अपराध क िलए पनः दोषिस िकया जाए तो वह हर एक पश चात वत दोषिसि क िलए उस दड क दगन दणड स दणडनीय होगा िजसस वह ऐस उपबनध क परथम उललघन क िलए दडनीय होता ]

75 सवामी अिभकतार या परबनधक का अिभयोजनmdashइस अिधिनयम क अधीन क िकसी अपराध क िलए िकसी सवामी अिभकतार या परबनधक क िवर कोई भी अिभयोजन मखय िनरीकषक की या िजला मिजसटरट की या मखय िनरीकषक क िलिखत साधारण या िवशष आदश ारा इस िनिम परािधकत िनरीकषक की पररणा पर सिसथत िकए जान क िसवाय सिसथत नह िकया जाएगा

1[परनत मखय िनरीकषक या िजला मिजसटरट या इस परकार परािधकत िनरीकषक ऐसा अिभयोजन सिसथत करन स पवर अपना यह समाधान करगा िक सवामी अिभकतार या परबनधक ऐस अपराध क िकए जान को रोकन म सभी समयक ततपरता बरतन म असफल रहा था ]

2[परनत यह और िक] िकसी खान म तकनीकी िनदशन और परबनध क अनकरम म िकए गए िकसी अपराध क बार म िजला मिजसटरट िकसी सवामी अिभकतार या परबनधक क िवर कोई अिभयोजन मखय िनरीकषक क पवर अनमोदन स सिसथत करन क िसवाय सिसथत नह करगा

3[76 कितपय मामल म सवामी का अवधारणmdashजहा िक खान का सवामी कोई फमर या िष टय का अनय सगम हो वहा उसक सब भागीदार या सदसय या उनम स कोई अथवा जहा िक खान का सवामी कमपनी हो वहा उसक सब िनदशक या उनम स कोई अथवा जहा िक खान का सवामी सरकार या कोई सथानीय परािधकारी हो वहा यथािसथित ऐसी सरकार या सथानीय परािधकारी ारा खान क कामकाज का परबनध करन क िलए परािधकत सब आिफसर या िक त या उनम स कोई ऐस िकसी अपराध क िलए िजसक िलए खान का सवामी दडनीय हो इस अिधिनयम क अधीन अिभयोिजत और दिडत िकया जा सकगा

4[परनत जहा िकसी फमर सगम या कमपनी न मखय िनरीकषक को िलिखत रप म यह सचना द दी ह िक उसनmdash

(क) फमर की दशा म उसक िकसी भागीदार या परबनधक को

(ख) सगम की दशा म उसक िकसी सदसय या परबनधक को

(ग) कमपनी की दशा म उसक िकसी िनदशक या परबनधक को

जो परतयक मामल म िकसी ऐस सथान म िजस पर इस अिधिनयम का िवसतार ह िनवासी ह और जो परतयक मामल म या तो वासतव म ऐसी फमर सगम या कमपनी क परबनध का भारसाधक ह या उसम अिधकाश शयर धारण करता ह इस अिधिनयम क परयोजन क िलए खान क सवामी क उ रदाियतव को गरहण करन क िलए नामिनदिशत कर िदया ह वहा यथािसथित ऐसा भागीदार सदसय िनदशक या परबनधक जब तक वह ऐसा िनवासी बना रहता ह और पव क त रप म भारसाधक ह या अिधकाश शयर को धारण करता ह इस अिधिनयम क परयोजन क िलए खान का सवामी समझा जाएगा जब तक िक उसक नामिनदशन को र करन वाली या यह कथन करन वाली कोई िलिखत सचना की वह यथािसथित भागीदारी सदसय िनदशक या परबनधक नह रहा ह मखय िनरीकषक को पराप त नह हो जाती ह

सपष टीकरणmdashजहा िकसी फमर सगम या कमपनी क िविभन न सथापन या शाखाए ह अथवा उसक िकसी सथापन या शाखा म िविभन न एकक ह वहा िविभन न सथापन या शाखा या एकक क सबध म इस परनतक क अधीन िविभन न िक तय को नामिनदिशत िकया जा सकगा और इस परकार नामिनदिशत िक त कवल उस सथापन शाखा या एकक क समबनध म िजसक समबनध म उस नामिनदिशत िकया गया ह खान का सवामी समझा जाएगा ]

1 1983 क अिधिनयम स० 42 की धारा 40 ारा (31-5-1984 स) अतःसथािपत 2 1983 क अिधिनयम स० 42 की धारा 40 ारा (31-5-1984 स) ldquoपरनतrdquo क सथान पर परितसथािपत 3 1959 क अिधिनयम स० 62 की धारा 41 ारा (16-1-1960 स) धारा 76 क सथान पर परितसथािपत 4 1983 क अिधिनयम स० 42 की धारा 41 ारा (31-5-1984 स) ldquoपरनतकrdquo क सथान पर परितसथािपत

30

77 सवामी अिभकतार या परबनधक को दाियतव स कितपय दशा म छटmdashजहा िक खान का सवामी अिभकतार या परबनधक जो इस अिधिनयम क अधीन िकसी अपराध का अिभयक त हो यह अिभकथन कर िक वासतिवक अपराधी अनय िक त ह वहा वह अपन

ारा इस िनिम िकए गए पिरवाद पर 1[और वासतिवक अपराधी का जञात पता दन पर] और अिभयोजक को ऐसा करन क अपन आशय की तीन स अनयन पणर िदन की िलिखत सचना दन पर इस बात का हकदार होगा िक वह अनय िक त उस तारीख को जो मामल की सनवाई क िलए िनयत हो नयायालय क समकष लाया जाए और यिद अपराध का िकया जाना सािबत हो जान क पश चात खान का यथािसथित सवामी अिभकतार या परबनधक नयायालय को समाधान परदान करन वाल रप म सािबत कर द िकmdash

(क) इस अिधिनयम क ससगत उपबनध का िनषपादन करान क िलए उसन समयक ततपता बरती ह तथा (ख) उस अनय िक त न परश नगत अपराध को उसक जञान सममित या मौनानकलता क िबना िकया ह

तो उक त अनय िक त उस अपराध क िलए दोषिस िकया जाएगा और उसी परकार क दणड स ऐस दडनीय होगा मानो वह खान का सवामी अिभकतार या परबनधक हो और यथािसथित सवामी अिभकतार या परबनधक दोषमक त कर िदया जाएगा परनतmdash

(क) यथािसथित खान क सवामी अिभकतार या परबनधक की शपथ पर परीकषा की जा सकगी और उसक और िकसी अनय साकषी क िजस वह अपन समथरन म बलाए सा य की उस िक त क ारा या की ओर स िजसकी बाबत वह अिभकिथत करता हो िक वह वासतिवक अपराधी ह और अिभयोजक ारा परितपरीकषा की जा सकगी

(ख) यिद वह िक त िजसका वासतिवक अपराधी होना अिभकिथत हो उस तारीख को जो मामल की सनवाई क िलए िनयत हो नयायालय क समकष समयक ततपरता बरती जान पर भी न लाया जा सक तो नयायालय उसकी सनवाई समय-समय पर सथिगत कर दगा िकनत इस परकार िक ऐस सथगन की कल कालाविध तीन मास स अिधक न हो और यिद उक त कालाविध क अनत तक भी वह िक त िजसका वासतिवक अपराधी होना अिभकिथत हो नयायालय क समकष न लाया जा सक तो नयायालय यथािसथित सवामी अिभकतार या परबनधक क िवर मामल की सनवाई क िलए अगरसर होगा

78 नयायालय की आदश करन की शिक तmdash(1) जहा िक खान का सवमी अिभकतार या परबनधक इस अिधिनयम क अधीन दडनीय अपराध क िलए दोषिस िकया जाए वहा नयायालय उस कोई दड अिधिनण त करन क अितिरक त िलिखत आदश ारा उसस आदश म िविनिदष ट कालाविध क अनदर (िजस नयायालय इस िनिम िकए गए आवदन पर समय-समय पर िवसतािरत कर सकगा) ऐस उपाय करन की अपकषा कर सकगा जो उन बात का उपचार करन क िलए िजनक बार म अपराध िकया गया था ऐस िविनिदष ट िकए जाए (2) जहा िक उपधारा (1) क अधीन आदश िदया जाए वहा यथािसथित खान का सवामी अिभकतार या परबनधक उस कालाविध या िवसतािरत कालाविध क यिद कोई हो दौरान अपराध क चाल रहन क िवषय म इस अिधिनयम क अधीन दडनीय नह होगा िकनत यिद नयायालय क आदश का पणर अनपालन ऐसी कालाविध या िवसतािरत कालाविध क अवसान पर न हो गया हो तो यथािसथित सवामी अिभकतार या परबनधक क बार म यह समझा जाएगा िक उसन अितिरक त अपराध िकया ह और वह कारावास स िजसकी अविध छह मास तक की हो सकगी या जमारन स जो ऐस अवसान क पश चात हर एक ऐस िदन क िलए िजसम िक आदश का अनपालन न हआ हो एक सौ रपए तक का हो सकगा या दोन स दणडनीय होगा 79 अिभयोजन की पिरसीमाmdashकोई भी नयायालय इस अिधिनयम क अधीन िकसी अपराध का सजञान तब तक नह करगा जब तक िक उसका पिरवादmdash

(i) उस तारीख स िजसकी बाबत यह अिभकिथत हो िक अपराध उस तारीख को िकया गया छह मास क अनदर अथवा

(ii) उस तारीख स िजसको िक अिभकिथत अपराध का िकया जाना िनरीकषक क जञान म आया छह मास क अनदर अथवा

2[(iiक) िकसी ऐस मामल म िजसम अिभयक त लोक सवक ह या था और ततसमय परव िकसी िविध क अधीन अपराध का सजञान करन क िलए कनदरीय सरकार या राजय सरकार या िकसी अनय परािधकारी की पवर मजरी आवशयक ह उस तारीख क िजसको ऐसी मजरी मखय िनरीकषक को पराप त होती ह तीन मास क अनदर अथवा]

(iii) िकसी ऐस मामल म िजसम जाच नयायालय कनदरीय सरकार ारा धारा 24 क अधीन िनयक त िकया गया हो उस धारा की उपधारा (4) म िविनिदष ट िरपोटर क परकाशन की तारीख क पश चात 3[एक वषर] क अनदर

इनम स जो भी बाद म हो न िकया गया हो 4[सपष टीकरणmdashइस धारा क परयोजन क िलएmdash

1 1959 क अिधिनयम स० 62 की धारा 42 ारा (16-1-1960 स) अनतःसथािपत 2 1983 क अिधिनयम स० 42 की धारा 42 ारा (31-5-1984 स) अतःसथािपत 3 1983 क अिधिनयम स० 42 की धारा 42 ारा (31-5-1984 स) ldquoछह मासrdquo क सथान पर परितसथािपत 4 1959 क अिधिनयम स० 62 की धारा 43 ारा (16-1-1960 स) सप ीकरण जोड़ा गया

31

(क) चाल रहन वाल अपराध की दशा म पिरसीमा की सगणना उस समय क हर कषण क परित िनदश स की जाएगी िजसक दौरान अपराध चाल रह

(ख) जहा िक कोई कायर करन क िलए समय इस अिधिनयम क अधीन िवसतािरत िकया गया हो वहा पिरसीमा की सगणना उस िवसतािरत कालाविध क अवसान स की जाएगी ]

80 अपराध का सजञानmdash1[महानगर मिजसटरट या परथम वगर नयाियक मिजसटरट] क नयायालय स अवर कोई नयायालय इस अिधिनयम क अधीन िकसी ऐस अपराध का िजसकी बाबत यह अिभकिथत हो िक वह खान क सवामी अिभकतार या परबनधक ारा िकया गया ह या िकसी ऐस अपराध का जो इस अिधिनयम ारा कारावास स दडनीय बनाया गया ह िवचारण नह करगा

80क [जमारन क बार म िवशष उपबध ]mdashखान (सशोधन) अिधिनयम 1983 (1983 का 42) की धारा 44 ारा (31-5-1984 स) िनरिसत

81 कितपय मामल म अिभयोजन क बजाय खान बोडर या सिमित को िनदशmdash(1) यिद मखय िनरीकषक या िजला मिजसटरट या िकसी िनरीकषक की पररणा पर इस अिधिनयम क अधीन सिसथत िकसी मामल का िवचारण करन वाल नयायालय की यह राय हो िक यह मामला ऐसा ह जो अिभयोजन क बजाय 2 सिमित को िनदिशत िकया जाना चािहए तो वह दािडक कायरवािहय को रोक सकगा और इस दिष ट स िक ऐसा िनदशन िकया जाए उस िवषय की िरपोटर कनदरीय सरकार को भजगा

(2) उपधारा (1) क अधीन िरपोटर पराप त होन पर कनदरीय सरकार मामला 2 सिमित को िनदिशत कर सकगी या िवचारण म अगरसर होन क िलए नयायालय को िनदश द सकगी

अधयाय 10

परकीणर 82 इस परश न का िविनश चय िक कया खान इस अिधिनयम क अधीन हmdashयिद कोई परश न उठ िक कया 3[खान का और उसम

का या उसका पाश वरसथ कोई उतखान या खिनत या पिरसर िजस पर खिनज या कोक पराप त करन दरसी करन या िवकरय क िलए तयार करन की सहायक कोई परिकरया चलाई जा रही ह] इस अिधिनयम क अथर क अनदर खान ह तो कनदरीय सरकार उस परश न का िविनश चय कर सकगी और कनदरीय सरकार क सिचव ारा हसताकषिरत परमाणपतर इस परश न पर िनश चायक होगा

83 अिधिनयम क परवतरन स छट दन की शिक तmdash4[(1)] कनदरीय सरकार िकसी सथानीय कषतर या िकसी खान को या खान क िकसी समह या वगर को या खान क िकसी भाग को या िक तय क िकसी वगर को 5[इस अिधिनयम या उसक अधीन बनाए गए िविनयम िनयम या उपिविधय क सब उपबनध क या उनम स िकसी क] परवतरन स छट शासकीय राजपतर म अिधसचना ारा या तो अतयितकतः या िकनह िविनिदष ट शत क अधयधीन द सकगी

परनत िकसी सथनीय कषतर या खान या खान क समह या वगर को 6[धारा 40 और धारा 45] क उपबनध स छट तब तक नह दी जाएगी जब तक उस इस अिधिनयम क अनय सब उपबनध क परवतरन स भी छट न द दी जाए ]

7[(2) कनदरीय सरकार मखय िनरीकषक या िकसी अनय परािधकारी को साधारण या िवशष आदश ारा ऐस िनबरनधन क अधयधीन िजनह अिधरोिपत करना वह ठीक समझ परािधकत कर सकगी िक वह िकसी खान या उसक िकसी भाग को 8[िविनयम िनयम या उपिविधय ] क उपबन ध म स िकसी क परवतरन स िकनह िविनिदष ट शत क अधयधीन तब छट द द जब िक मखय िनरीकषक या ऐस अिधकारी की राय हो िक खान या उसक भाग म पिरिसथितया ऐसी ह िक उनक कारण ऐस उपबनध का अनपालन अनावशयक या अ वहायर हो जाता ह ]

84 आदश को पिरवितत या िवखिणडत करन की शिक तmdash9[(1)] कनदरीय सरकार इस अिधिनयम क अधीन िदया गया कोई आदश उलट सकगी या उपानतिरत कर सकगी

10[(2) मखय िनरीकषक लखब िकए जान वाल कारण स इस अिधिनयम क अधीन या िकसी िविनयम िनयम या उपिविध क अधीन अपन ारा पािरत िकसी आदश को उलट सकगा या उस उपातिरत कर सकगा

(3) खान क सवामी अिभकतार या परबनधक पर परितकल परभाव डालन वाला कोई आदश इस धारा क अधीन तब तक नह िकया जाएगा जब तक िक ऐस सवामी अिभकतार या परबनधक को अभयावदन करन का यिक तयक त अवसर न द िदया गया हो ]

1 1983 क अिधिनयम स० 42 की धारा 43 ारा (31-5-1984 स) ldquoपरसीडसी मिजसटरट या परथम वगर मिजसटरटrdquo क सथान पर परितसथािपत 2 1983 क अिधिनयम स० 42 की धारा 43 ारा (31-5-1984 स) ldquoखनन बोडरrdquo शब द का लोप िकया गया 3 1959 क अिधिनयम स० 62 की धारा 45 ारा (16-1-1960 स) अनतःसथािपत 4 1959 क अिधिनयम स० 62 की धारा 46 ारा (16-1-1960 स) उपधारा (1) क रप म पनःसखयािकत 5 1983 क अिधिनयम स० 42 की धारा 46 ारा (31-5-1984 स) ldquoइस अिधिनयम क सब उपबध क िकसी कrdquo क सथान पर परितसथािपत 6 1983 क अिधिनयम स० 42 की धारा 46 ारा (31-5-1984 स) ldquoधारा 45rdquo क सथान पर परितसथािपत 7 1959 क अिधिनयम स० 62 की धारा 46 ारा (16-1-1960 स) अनतःसथािपत 8 1983 क अिधिनयम स० 42 की धारा 46 ारा (31-5-1984 स) ldquoइस अिधिनयम क अतगरत िविनयम और िनयमrdquo क सथान पर परितसथािपत 9 1983 क अिधिनयम स० 42 की धारा 47 ारा (31-5-1984 स) धारा 84 उपधारा (1) क रप म पनःसखयािकत 10 1983 क अिधिनयम स० 42 की धारा 47 ारा (31-5-1984 स) अतःसथािपत

32

85 सरकार की खान को अिधिनयम का लाग होनाmdashयह अिधिनयम सरकार की खान को 1[भी] लाग होगा 2[85क सचना आिद दन क िलए अपिकषत िक त ऐसा करन क िलए वध रप स आब ह गmdashहर िक त जो िकसी

अिधकारी को कोई सचना या इि ला इस अिधिनयम क अधीन दन क िलए अपिकषत ह भारतीय दड सिहता (1860 का 45) की धारा 176 क अथर क अनदर ऐसा करन क िलए वध रप स आब होगा ]

3[85ख िववरिणय सचना आिद पर हसताकषर करनाmdashइस अिधिनयम या उसक अधीन बनाए गए िकसी िविनयम िनयम उपिविध या िकसी आदश क उपबनध क समबनध म िकसी खान क सवामी ारा या उसकी ओर स दी जान क िलए अपिकषत सभी िववरिणय और सचना पर या भजी जान वाली सचना पर खान क सवामी अिभकतार या परबधक ारा या िकसी ऐस िक त ारा िजस सवामी ारा मखतारनाम ारा इस िनिम शिक त परतयायोिजत की गई ह हसताकषर िकए जाएग

85ग सिवधा और जन सिवधा क िलए फीस या परभार का वसल न िकया जानाmdashखान म िनयोिजत िकसी िक त स सरकषातमक परबनध या दी जान वाली सिवधा या इस अिधिनयम क उपबनध क अधीन परदाय िकए जान वाल िकसी उपसकर या सािधतर की बाबत कोई फीस या परभार वसल नह िकया जाएगा ]

86 1948 क अिधिनयम 63 क कितपय उपबध का खान को लाग होनाmdashकनदरीय सरकार शासकीय राजपतर म अिधसचना ारा िनदश द सकगी िक कारखाना अिधिनयम 1948 (1948 का 63) क अधयाय 3 और 4 क उपबनध ऐस अपवाद और िनबरनधन क

अधयधीन रहत हए जस उस अिधसचना म िविनिदष ट िकए जाए सब खान और उनकी परसीमा को लाग ह ग

87 सद भावपवरक िकए गए कायर क िलए पिरतराणmdashकोई भी वाद अिभयोजन या अनय िविधक कायरवाही इस अिधिनयम क अधीन सद भावपवरक की गई या जान क िलए आशियत िकसी बात क िलए िकसी िक त क िवर न होगी

88 [1923 क अिधिनयम 4 का िनरसन]mdashिनरसन और सशोधन अिधिनयम 1957 (1957 का 36) की धारा 2 और पहली अनसची ारा िनरिसत

______

1 1959 क अिधिनयम स० 62 की धारा 47 ारा (16-1-1960 स) अनतःसथािपत 2 1959 क अिधिनयम स० 62 की धारा 48 ारा (16-1-1960 स) अनतःसथािपत 3 1983 क अिधिनयम स० 42 की धारा 48 ारा (31-5-1984 स) अतःसथािपत

Page 4: खान अधिनियम, 1952ncwapps.nic.in/acts/TheMinesAct1952_Hindi.pdf1 ज ल ई, 1952, द खए भ रत क र जपतर (अ गर 1952, ज ) भ ग 2,

4

(ख) ldquoभिम क ऊपरrdquo काम कर रहा या िनयोिजत ह जब िक वह िकसी िवव खिनत म काम कर रहा ह या िकसी अनय ऐसी रीित स काम कर रहा ह जो खड (क) म िविनिदष ट नह ह ] 1[3 अिधिनयम का कितपय दशा म लाग न होनाmdash(1) 2[धारा 7 8 9 40 45 और 46] म अनतिवष ट उपबनध क

िसवाय इस अिधिनयम क उपबनधmdash

(क) िकसी ऐसी खान या उसक भाग को लाग न ह ग िजसम उतखनन कवल पवकषण क परयोजन क िलए न िक उपयोग या िवकरय क िलए खिनज की अिभपरािप त क परयोजन क िलए िकया जा रहा हो

परनत यह तब जब िकmdash

(i) ऐस िकसी उतखनन क समबनध म िकसी एक िदन म बीस स अिधक िक त िनयोिजत न ह ]

(ii) उतखात क उच चतम िबनद स उसक िनम नतम िबनद तक नापी गई उतखात की गहराई कह भी छह मीटर स या कोयल क िलए उतखनन की दशा म पनदरह मीटर स अिधक न हो तथा

(iii) ऐस उतखान क िकसी भी भाग का िवसतार उपिरसथ भिम क नीच न हो (ख) िकसी ऐसी खान को लाग न ह ग जो ककड़ मोरम लटराइट ढोका वजरी िशिगल (साचाबाल काचबाल

और अनय खिनज बाल को अपिवजत करत हए) मामली बाल (कओिलन चीनी िम ी श वत मि का या अिग नसह मि का को अपविजत करत हए) मामली मि का इमारती पतथर 3[सलट] सड़क-िम ी िम ी मलतानी िम ी 3[मालर चाक] और चनाशम िनकालन म लगी हो

परनत यह तब जब िकmdash

(i) खिनज का िवसतार उपिरस थ भिम क नीच न हो अथवा (ii) जहा िक वह िवव खिनत हो वहाmdash

(क) उतखात क उच चतम िबनद स उसक िनम नतम िबनद तक नापी गई उतखात की गहराई कह भी छह मीटर स अिधक न हो

(ख) िकसी एक िदन िनयोिजत िक तय की सखया पचास स अिधक न हो तथा (ग) उतखनन क समबनध म िवसफोटक परयक त न िकए जात ह

(2) यिद कनदरीय सरकार का समाधान हो जाए िक िकसी खान या उसक िकसी भाग या खान क समह या वगर क समबनध म िव मान पिरिसथितय को धयान म रखत हए ऐसा करना आवशयक या वाछनीय ह तो वह उपधारा (1) म अनतिवष ट िकसी बात क होत हए भी शासकीय राजपतर म अिधसचना ारा घोिषत कर सकगी िक इस अिधिनयम क उपबनध म स कोई ऐसा उपबनध जो उपधारा (1) म उपविणत नह ह उस खान या उसक भाग को या खान क समह या वगर को या उसम िनयोिजत िक तय क िकसी वगर को लाग होगा

(3) उपधारा (2) म अनतिवष ट उपबनध पर परितकल परभाव डाल िबना यिद उपधारा (1) क खणड (क) या खणड (ख) क परनतक म िविनिदष ट शत म स िकसी की पित उस उपधारा म िनिदष ट िकसी खान क समबनध म िकसी समय न की जाए तो इस अिधिनयम क व उपबनध जो उपधारा (1) म उपविणत नह ह तरत लाग हो जाएग और खान क सवामी अिभकतार या परबनधक का यह कतर होगा िक वह उस पित न होन की इि ला िविहत परािधकारी को िविहत रीित स और िविहत समय क अनदर द ]

4 िदन क समय क परित िनदशmdashइस अिधिनयम म व िनदश जो िदन क समय क परित ह भारतीय मानक समय क परित िनदश ह जो िगरनिवच माधय समय स साढ पाच घट आग ह

परनत िकसी ऐस कषतर क िलए िजसम मामली तौर पर भारतीय मानक समय का अनपालन नह होता कनदरीय सरकारmdash

(क) उस कषतर को िविनिदष ट करन वाल (ख) उस सथानीय माधय समय को जो मामली तौर पर उसम अनपािलत होता ह पिरभािषत करन वाल तथा (ग) उस कषतर म िसथत सब खान या उनम स िकसी म उस समय का अनपालन अनजञात करन वाल िनयम बना सकगी

1 1959 क अिधिनयम स० 62 की धारा 3 ारा (16-1-1960 स) धारा 3 क सथान पर परितसथािपत 2 1983 क अिधिनयम स० 42 की धारा 3 ारा (31-5-1984 स) ldquoधारा 7 8 9 44 45 और 46rdquo क सथान पर परितसथािपत 3 1983 क अिधिनयम स० 42 की धारा 3 ारा (31-5-1984 स) अनतःसथािपत

5

अधयाय 2

िनरीकषक और परमाणकतार सजरन

5 मखय िनरीकषक और िनरीकषकmdash(1) कनदरीय सरकार शासकीय राजपतर म अिधसचना ारा ऐस िक त को जो िविहत अहरताए रखता हो उन सब राजयकषतर क िलए िजन पर इस अिधिनयम का िवसतार ह खान का मखय िनरीकषक और ऐस िक तय को जो िविहत अहरताए रखत ह मखय िनरीकषक क अधीनसथ खान क िनरीकषक िनयक त कर सकगी

(2) कोई भी िक त जो भारत म िकसी खान या खनन अिधकार म परतयकषतः या अपरतयकषतः िहतब हो या हो जाए मखय िनरीकषक या िनरीकषक िनयक त नह िकया जाएगा और न िनयक त िकए जान क पश चात ऐस पद को धारण िकए रहगा

(3) िजला मिजसटरट िनरीकषक की शिक तय का परयोग और कतर का पालन कनदरीय सरकार क साधारण या िवशष आदश 1 क अधयधीन रहत हए कर सकगा

परनत इस उपधारा म की िकसी भी बात स यह न समझा जाएगा िक वह 2[धारा 22 या धारा 22क] या धारा 61 ारा परद शिक तय म स िकसी का परयोग करन क िलए िकसी िजला मिजसटरट को सशक त करती ह

(4) मखय िनरीकषक और सभी िनरीकषक भारतीय दणड सिहता (1860 का 45) क अथर क अनदर लोक सवक समझ जाएग 3[6 िनरीकषक क कतयmdash(1) मखय िनरीकषक कनदरीय सरकार क अनमोदन स आदश ारा उस आदश म नािमत िकसी

िनरीकषक या िविनिदष ट िकसी िनरीकषक वगर को मखय िनरीकषक की इस अिधिनयम क अधीन की शिक तय म स (अपील सबधी शिक तय स िभन न) ऐसी शिक तय का िजनह वह िविनिदष ट कर ऐस िनबधन या शत क अधयधीन रहत हए िजनह अिधरोिपत करना वह ठीक समझ परयोग करन क िलए परािधकत कर सकगा

(2) मखय िनरीकषक इस अिधिनयम क अधीन िनरीकषक को परद िकसी शिक त का परयोग िलिखत आदश ारा उस आदश म नािमत िकसी िनरीकषक या िविनिदष ट िकसी िनरीकषक वगर ारा िकया जाना परितिष या िनबरिनधत कर सकगा

(3) मखय िनरीकषक इस धारा म अनतिवष ट अनय उपबनध क अधयधीन रहत हए ऐस सथानीय कषतर या कषतर को िजनक अनदर और खान क उस समह या वगर की िजसक बार म िनरीकषक अपनी-अपनी शिक तय का परयोग करग घोिषत करगा ]

7 खान क िनरीकषक की शिक तयाmdash(1) मखय िनरीकषक और कोई िनरीकषकmdash

(क) ऐसी परीकषा और जाच सकगा जसी वह यह अिभिनिश चत करन क िलए ठीक समझ िक कया इस अिधिनयम क और िविनयम िनयम और उपिविधय क और तद धीन िकए गए िकनह आदश क उपबनध का अनपालन िकसी खान क बार म िकया जाता ह

(ख) ऐस सहायक क साथ यिद कोई ह िजनह वह ठीक समझ िदन या राितर म िकसी भी समय िकसी खान या उसक भाग म परवश उसका िनरीकषण और उसकी परीकषा कर सकगा

परनत इस खड ारा परद शिक त का ऐसी िसथित स परयोग नह िकया जाएगा िजसस खान क कायरकरण म अयिक तयक त अड़चन या बाधा पड़

(ग) िकसी खान या उसक िकसी भाग की िसथित और दशा खान क सवातन खान क सबध म ततसमय परव उपिविधय की पयारप तता और खान म िनयोिजत िक तय क सवासथय कषम और कलयाण स ससक त या सब सब मामल और बात की परीकषा और उनक बार म जाच कर सकगा और चाह खान की परसीमा पर या अनयतर िकसी िक त क ऐस कथन िजनह वह इस अिधिनयम क परयोजन को कायारिनवत करन क िलए आवशयक समझ ल सकगा

(घ) अनय ऐसी शिक तय का परयोग कर सकगा जो कनदरीय सरकार ारा इस िनिम बनाए गए िविनयम ारा िविहत की जाए

परनत इस उपधारा क अधीन कोई भी िक त िकसी ऐस परश न का उ र दन या कोई ऐसा कथन करन क िलए िववश न िकया जाएगा िजसकी परवि उस अपराध म फसान की हो

(2) मखय िनरीकषक और कोई िनरीकषक यिद उनक पास इस धारा क अधीन िकसी िनरीकषण परीकषा या जाच क पिरणामसवरप यह िवश वास करन का कारण हो िक इस अिधिनयम क अधीन कोई अपराध िकया गया ह या िकया जा रहा ह िकसी सथान की तलाशी ल सकगा और खान स समब 4[िकसी सामगरी या िकसी रखाक खडिचतर रिजसटर या अनय अिभलख को] कबज म ल सकगा और 5[दड परिकरया सिहता 1973 (1973 का 2)] क उपबनध जहा तक लाग हो सकत ह इस अिधिनयम क अधीन िकसी

1 ऐस आदश क िलए दिखए भारत का राजपतर (अगरजी) 1953 भाग 2 खड 3 प 1530 2 1983 क अिधिनयम स० 42 की धारा 4 ारा (31-5-1984 स) ldquoधारा 22rdquo क सथान पर परितसथािपत 3 1959 क अिधिनयम स० 62 की धारा 4 ारा (16-1-1960 स) धारा 6 क सथान पर परितसथािपत 4 1959 क अिधिनयम स० 62 की धारा 5 ारा (16-1-1960 स) ldquoिकसी रिजसटर या अनय अिभलख कोrdquo शबद क सथान पर परितसथािपत 5 1983 क अिधिनयम स० 42 की धारा 5 ारा (31-5-1984 स) ldquoदणड परिकरया सिहता 1898 (1898 का 5)rdquo क सथान पर परितसथािपत

6

तलाशी और अिभगरहण को ऐस ही लाग ह ग जस व उस सिहता की 1[धारा 94] क अधीन िनकाल गए वारट क परािधकार क अधीन की िकसी तलाशी या अिभगरहण को लाग होत ह

8 िवशष आिफसर की परवश करन मापन आिद की शिक तयाmdashसरकार की सवा म का कोई भी िक त िजस मखय िनरीकषक या िनरीकषक न िलिखत रप म िवशष आदश ारा इस िनिम समयक रप स परािधकत िकया हो खान क परबनधक को ऐसी सचना दन क पश चात जो तीन िदन स कम की न हो 2[िकसी खान या उसम क िकसी उतपाद का सवकषण तलमापन] या मापन करन क परयोजन क िलए उसम परवश कर सकगा और िदन या राितर म िकसी भी समय खान या उसक िकसी भाग 2[या उसम क िकसी उतपाद] का सवकषण तलमापन या मापन कर सकगा

परनत जहा िक मखय िनरीकषक या िकसी िनरीकषक की राय म कोई आपात िव मान हो वहा वह िलिखत आदश ारा िकसी ऐस िक त को परािधकत कर सकगा िक वह ऐसी कोई सचना िदए िबना पव क त म स िकसी परयोजन क िलए खान म परवश कर

9 िनरीकषक को दी जान वाली सिवधाएmdashखान का हर सवामी अिभकतार और परबनधक मखय िनरीकषक और हर िनरीकषक को और धारा 8 क अधीन परािधकत हर िक त को इस अिधिनयम क अधीन कोई परवश िनरीकषण सवकषण मापन परीकषा या जाच करन क िलए सब यिक तयक त सिवधाए दगा

3[9क उपजीिवकाजनय सवासथय सवकषण क िलए दी जान वाली सिवधाएmdash(1) मखय िनरीकषक या िनरीकषक या उसक ारा इस िनिम िलिखत रप म परािधकत कोई अनय परािधकारी खान क सामानय कायर समय क दौरान िकसी भी समय या िदन या राितर म िकसी भी समय जब आवशयक हो खान क परबनधक को िलिखत सचना दन क पश चात खान म कषतर और उपजीिवकाजनय सवासथय सवकषण कर सकगा और खान का सवामी अिभकतार या परबनधक ऐस िनरीकषक या अिधकारी को सभी आवशयक सिवधाए िजनक अनतगरत सवकषण स सबिधत नमन और अनय आकड़ क सगरहण क िलए तथा सवकषण क िलए चन गए खान म िनयोिजत िकसी िक त क पिरवहन और परीकषा क िलए समय और मशीनरी की परीकषा और परख क िलए सिवधाए भी ह दगा

(2) खान म िनयोिजत परतयक ऐसा िक त जो उपधारा (1) क अधीन िकसी कषम और उपजीिवकाजनय सवासथय सवकषण म परीकषा क िलए चना गया ह ऐसी परीकषा क िलए और ऐस सथान पर जो आवशयक ह सवय को परसतत करगा और उक त सवकषण क समबनध म अपन काम और सवासथय क बार म सब जानकारी दगा

(3) खान म िनयोिजत िकसी िक त ारा जो कषम और उपजीिवकाजनय सवासथय सवकषण म परीकषा क िलए चना गया ह तीत िकए गए समय को उसक काम क समय म िगना जाएगा िकनत इस परकार िक िकसी अितकाल का सदाय मजदरी की मामली दर

स िकया जाएगा

सपष टीकरणmdashइस उपधारा क परयोजन क िलए ldquoमजदरी की मामली दरrdquo स वह आधािरक मजदरी तथा कोई महगाई भ ा और अिधभिम भ ा तथा नकद परितकर अिभपरत ह िजसक अनतगरत खा ान न और खा तल क िनःशलक िवतरण क माधयम स परोदभत होन वाला ऐसा परितकर यिद कोई हो भी ह िजसक िलए खान म िनयोिजत िक त ततसमय हकदार हो िकनत इसक अनतगरत बोनस (उतपादन क िलए परोतसाहन क रप म िदए जान वाल बोनस स िभन न) या कोई ऐसा परितकर नह ह जो िनःशलक आवास कोयल क िनःशलक परदाय िचिकतसा और शकषिणक सिवधा बीमारी भ ा िम ी क तल क परदाय टोिकिरय औजार और विदय जसी सख-सिवधा की वसथा क माधयम स परोदभत होता ह

(4) ऐसा कोई िक त िजसकी उपधारा (2) क अधीन परीकषा की जान पर उस कतर का िनवरहन करन क िलए िचिकतसकदष ट या अयोगय पाया जाता ह िजस कतर का िनवरहन वह सवय क परसतत िकए जान क ठीक पहल िकसी खान म कर रहा था सवामी अिभकतार और परबधक क खचर पर िचिकतसीय उपचार पान का हकदार होगा और ऐस उपचार की अविध क दौरान उस परी मजदरी दी जाएगी

(5) यिद िचिकतसालय उपचार क पश चात उपधारा (4) म िनिदष ट िकसी िक त को उस कतर का िनवरहन करन क िलए िचिकतसकदष ट या अयोगय घोिषत कर िदया जाता ह िजसका िनवरहन वह उक त परीकषा क िलए सवय क परसतत िकए जान क ठीक पहल िकसी खान म कर रहा था और ऐसी अयोगयता ऐस परसतत होन क पवर खान म उसक िनयोजन क कारण परतयकषतः हई मानी जा सकती ह तो सवामी अिभकतार और परबधक ऐस िक त को खान म ऐसा आनकिलपक िनयोजक दग िजसक िलए वह िचिकतसकदष ट या योगय ह

परनत जहा ऐसा कोई आनकिलपक िनयोजन तरनत उपलबध नह ह वहा सवामी अिभकतार और परबनधक ारा ऐस िक त को इस िनिम िविहत दर क अनसार अवधािरत िनय गयता भ ा िदया जाएगा

परनत यह और िक जहा ऐसा िक त खान क अपन िनयोजन को छोड़न का िविनश चय करता ह वहा उस सवामी अिभकतार और परबनधक ारा इस िनिम िविहत दर क अनसार अवधािरत एकमशत रकम िनय गयता परितकर क रप म सद की जाएगी

1 1983 क अिधिनयम स० 42 की धारा 5 ारा (31-5-1984 स) ldquoधारा 98rdquo क सथान पर परितसथािपत 2 1983 क अिधिनयम स० 42 की धारा 6 ारा (31-5-1984 स) अनतःसथािपत 3 1983 क अिधिनयम स० 42 की धारा 7 ारा (31-5-1984 स) अनतःसथािपत

7

(6) उपधारा (5) क परनतक क अधीन दर का अवधारण कमरचािरय की मािसक मजदरी िनय गयता की परकित और अनय सब बात को धयान म रखत हए िकया जाएगा ]

10 अिभपराप त जानकारी की गोपनीयताmdash(1) िकसी खान स सब रिजसटर या अनय अिभलख की सब परितय और उनम क उ रण और अनय सब जानकारी को जो मखय िनरीकषक या िनरीकषक ारा या उसकी सहायता करन वाल िक त ारा इस अिधिनयम क अधीन िकसी खान क िनरीकषण 1[या सवकषण] क अनकरम म अिजत की गई हो या धारा 8 1[या धारा 9क] क अधीन परािधकत िकसी िक त ारा तद धीन अपन कतर क पालन म अिजत की गई हो गोपनीय माना जाएगा और जब तक िक मखय िनरीकषक या िनरीकषक उसका परकटन उस खान म या उसक पा रसथ िकसी अनय खान म िनयोिजत िकसी िक त का सवासथय कषम या कलयाण सिनिश चत करन क िलए आवशयक न समझ वह िकसी िक त या परािधकारी को परकट नह की जाएगी

(2) उपधारा (1) की कोई भी बात ऐसी िकसी जानकारी क ऐस परकटन को (यिद ऐस परकटन की अपकषा की गई हो) लाग न होगी जो िनम निलिखत म स िकसी को िकया जाएmdash

(क) कोई नयायालय 2[(ख) यथािसथित धारा 12 या धारा 24 क अधीन गिठत या िनयक त सिमित या जाच नयायालय ] (ग) पदीय विरष ठ या सयक त खान का सवामी अिभकतार या परबनधक (घ) कमरकार परितकर अिधिनयम 1923 (1923 का 8) क अधीन िनयक त कमरकार परितकर आयक त 3[(ङ) भारतीय खान बयरो का िनयतरक

(च) कोई रिजसटरीकत या मानयतापराप त वसाय सघ (छ) ऐसा अनय अिधकारी परािधकारी या सगठन जो कनदरीय सरकार ारा इस िनिम िविनिदष ट िकया जाए ]

(3) यिद मखय िनरीकषक या उपधारा (1) म िनिदष ट कोई अनय िक त पव क त जसी िकसी जानकारी को कनदरीय सरकार की सममित क िबना इस धारा क उपबनध क परितकल परकट करगा तो वह कारावास स िजसकी अविध एक वषर तक की हो सकगी या जमारन स या दोन स दणडनीय होगा

(4) कोई भी नयायालय इस धारा क अधीन क िकसी अपराध क िवचारण क िलए कायरवाही कनदरीय सरकार की पवर मजरी स करन क िसवाय नह करगा

11 परमाणकतार सजरनmdash(1) कनदरीय सरकार अिहत िचिकतसा- वसाियय को ऐसी सथानीय सीमा क अनदर या ऐसी खान या खान क वगर या परकार क िलए िजनह वह उनह करमशः समनिदष ट कर इस अिधिनयम क परयोजन क िलए परमाणकतार सजरन िनयक त कर सकगी

(2) ऐसी शत क अधयधीन रहत हए जसी कनदरीय सरकार अिधरोिपत करना ठीक समझ परमाणकतार सजरन िकसी भी अिहत िचिकतसा वसायी को ऐसी कालाविध क िलए जो परमाणकतार सजरन िविनिदष ट कर इस अिधिनयम क अधीन की अपनी सब शिक तय का या उनम स िकसी का परयोग करन क िलए कनदरीय सरकार क अनमोदन स परािधकत कर सकगा और यह समझा जाएगा िक परमाणकतार सजरन क परित िनदश क अनतगरत परािधकत िकए गए अिहत िचिकतसा वसायी क परित िनदश आत ह

(3) कोई भी िक त जो खान का सवामी अिभकतार या परबनधक हो या हो जाए या उसम चलाई जा रही िकसी परिकरया या कारबार म या उसस ससक त िकसी पटनट या मशीनरी म परतयकषतः या अपरतयकषतः िहतब हो या हो जाए या अनयथा खान क िनयोजन म हो न तो परमाणकतार सजरन िनयक त िकया जाएगा और न परमाणकतार सजरन की शिक तय का परयोग करन क िलए परािधकत िकया जाएगा और न ऐस िनयोिजत या परािधकत िकए जान क पश चात ऐसी शिक तय का परयोग करगा

(4) परमाणकतार सजरन ऐस कतर का पालन करगा जो िनम निलिखत क सबध म िविहत िकए जाए mdash 4

(ख) खान म ऐसी सकटपणर उपजीिवका या परिकरया या परिकरया म जसी िविहत की जाए लग हए िक तय की परीकषा

(ग) ऐसा िचिकतसीय परीकषण जसा िकसी ऐसी खान या खान क िकसी ऐस वगर या परकार क िलए िविहत िकया जाए िजसमmdash

(i) रगणता क ऐस मामल हए ह िजनक बार म यह िवश वास करना यिक तयक त हो िक य खान म चलाई जान वाली िकसी परिकरया की परकित या खान म काम की अनय पिरिसथितय क कारण हए ह

4

1 1983 क अिधिनयम स० 42 की धारा 8 ारा (31-5-1984 स) अनतःसथािपत 2 1983 क अिधिनयम स० 42 की धारा 8 ारा (31-5-1984 स) खड (ख) क सथान पर परितसथािपत 3 1983 क अिधिनयम स० 42 की धारा 8 ारा (31-5-1984 स) खड (ङ) क सथान पर परितसथािपत 4 1983 क अिधिनयम स० 42 की धारा 9 ारा (31-5-1984 स) खड (क) और खड (ग) क उपखड (ii) का लोप िकया गया

8

अधयाय 3

1[सिमितया 12 सिमितयाmdash(1) कनदरीय सरकार ऐसी तारीख स जो वह सरकार राजपतर म अिधसचना ारा इस िनिम िविनिदष ट

कर इस अिधिनयम क परयोजन क िलए एक सिमित गिठत करगी जो िनम निलिखत स िमलकर बनगी mdash

(क) मखय िनरीकषक या िनरीकषक स िभन न सरकार की सवा म का एक िक त जो अधयकष क रप स कायर करन क िलए कनदरीय सरकार ारा िनयक त िकया जाए

(ख) खान का मखय िनरीकषक

(ग) खनक क िहत का परितिनिधतव करन क िलए दो िक त जो कनदरीय सरकार ारा िनयक त िकए जाए

(घ) खान क सवािमय क िहत का परितिनिधतव करन क िलए दो िक त जो कनदरीय सरकार ारा िनयक त िकए जाए

(ङ) दो अिहत खनन इजीिनयर जो सीध खनन उ ोग म िनयोिजत नह ह और जो कनदरीय सरकार ारा िनयक त िकए जाए

परनत खड (ग) क अधीन िनयक त िकए गए िक तय म स कम स कम एक कोयला खान म क कमरकार क िहत का परितिनिधतव करन क िलए और खड (घ) क अधीन िनयक त िक तय म स कम स कम एक कोयला खान क सवािमय क िहत का परितिनिधतव करन क िलए होगा

(2) उपधारा (1) की ापकता पर परितकल परभाव डाल िबना कनदरीय सरकार उन राजयकषतर क िजन पर इस अिधिनयम का िवसतार ह िकसी भाग या िकसी खान या खान क समह स समबिनधत िविनिदष ट िवषय क समबनध म काररवाई करन क िलए एक या अिधक सिमितय का गठन कर सकगी और उनक सदसय की िनयिक त कर सकगी और उपधारा (1) क उपबनध (उसक परनतक को छोड़कर) इस उपधारा क अधीन िकसी सिमित क गठन क िलए वस ही लाग ह ग जस व उस उपधारा क अधीन िकसी सिमित क गठन क िलए लाग होत ह

(3) सिमित का कोई कायर या कायरवाही मातर इस कारण स अिविधमानय नह होगी िक उसक सदसय म कोई िरिक त िव मान ह या उसक गठन म कोई तरिट ह

13 सिमित क कतयmdash(1) धारा 12 की उपधारा (1) क अधीन गिठत सिमितmdash

(क) इस अिधिनयम क अधीन िनयम और िविनयम बनान क िलए परसथापना पर िवचार करगी और कनदरीय सरकार को समिचत िसफािरश करगी

(ख) ऐसी दघरटना या ऐस अनय िवषय की जो कनदरीय सरकार ारा समय-समय पर उस िनिदष ट िकए जाए जाच करगी और उन पर िरपोटर दगी और

(ग) उपधारा (2) क उपबनध क अधीन रहत हए इस अिधिनयम या उसक अधीन बनाए गए िविनयम िनयम या उपिविधय क अधीन सचना या आदश क िवर ऐसी अपील या आकषप की जो इस अिधिनयम ारा उस िनदिशत िकए जान क िलए अपिकषत ह या जो िविहत िकए जाए सनवाई और िविनश चय करगी

(2) मखय िनरीकषक अपन ारा िकए गए िकसी आदश या जारी की गई िकसी सचना क िवर िकसी अपील या आकषप की बाबत सिमित की कायरवािहय म भाग नह लगा या ऐसी अपील या आकषप स सबिधत िकसी िवषय क सबध म सिमित क सदसय क रप म कायर नह करगा

14 सिमितय की शिक तया आिदmdash(1) धारा 12 क अधीन गिठत सिमित इस अिधिनयम क अधीन की िनरीकषण की ऐसी शिक तय का परयोग कर सकगी िजनका परयोग करना वह इस अिधिनयम क अधीन अपन कतय का िनवरहन करन क परयोजन क िलए आवशयक या समीचीन समझ

(2) धारा 12 क अधीन गिठत सिमित को अपन कतय का िनवरहन करन क परयोजन क िलए वसी ही शिक तया ह गी जो िनम निलिखत िवषय की बाबत िकसी वाद का िवचारण करत समय िसिवल परिकरया सिहता 1908 (1908 का 5) क अधीन नयायालय म िनिहत होती ह अथारत mdash

(क) परकटीकरण और िनरीकषण

(ख) िकसी िक त को हािजर कराना और शपथ पर उसकी परीकषा करना

(ग) दसतावज क पश िकए जान क िलए िववश करना

1 1983 क अिधिनयम स० 42 की धारा 10 ारा (31-5-1984 स) ldquoखनन बोडर और सिमितयाrdquo शीषर और धारा 12 13 और 14 क सथान पर परितसथािपत

9

(घ) ऐस अनय िवषय जो िविहत िकए जाए ]

15 य की वसलीmdashकनदरीय सरकार िनदश द सकगी िक 1[धारा 12 क अधीन गिठत सिमित] ारा सचािलत िकसी जाच क य सयक त खान क सवामी या अिभकतार ारा पणरतः या भागतः वहन िकए जाएग और इस परकार सद िकए जान क िलए िनिदष ट रकम उस सथान म जहा खान िसथत हो या जहा ऐसा सवामी या अिभकतार ततसमय िनवास करता हो अिधकािरता रखन वाल मिजसटरट स मखय िनरीकषक या िनरीकषक ारा आवदन िकए जान पर मिजसटरट की अिधकािरता की सीमा क अनदर की िकसी जगम सपि क जो ऐस सवामी या अिभकतार की हो करसथम या िवकरय ारा वसल की जा सकगी

परनत यह तब जब िक सवामी या अिभकतार न रकम का सदाय कनदरीय सरकार स या खान क मखय िनरीकषक स सचना की परािप त की तारीख स छह सप ताह क अनदर न िकया हो

अधयाय 4

खनन सिकरयाए और खान का परबनध

16 खनन सिकरया की सचना का िदया जानाmdash(1) खान क सवामी अिभकतार या परबनधक िकसी खनन सिकरया क परारमभ िकए जान क पवर मखय िनरीकषक की भारतीय खान बयरो क 2[िनयतरक] को और उस िजल क िजसम खान िसथत हो िजला मिजसटरट को ऐस पररप म और खान सबधी ऐसी िविशिष टय को जसी िविहत की जाए अनतिवष ट करन वाली िलिखत सचना दगा

(2) उपधारा (1) क अधीन गई कोई सचना इस परकार दी जाएगी िक वह सपक त िक तय क पास िकसी खनन सिकरया क परारमभ िकए जान स कम स कम एक मास पवर पहच जाए

3[17 परबनधकmdash(1) जसा अनयथा िविहत िकया जाए उस छोड़कर हर खान एक परबनधक क अधीन होगी िजसकी िविहत अहरताए ह गी और हर एक खान का सवामी या अिभकतार ऐसी अहरताए रखन वाल िक त को परबनधक िनयक त करगा

परनत सवामी या अिभकतार सवय को परबनधक िनयक त कर सकगा यिद उसक पास िविहत अहरताए ह

(2) ऐस अनदश क अधीन रहत हए जो उस खान क सवामी या अिभकतार ारा या उसकी ओर स िदए जाए परबनधक खान क समपणर परबनध िनयतरण पयरवकषण और िनदशन क िलए उ रदायी होगा और ऐस सब अनदश जब सवामी या अिभकतार ारा िदए जाए तो उनकी तरत िलिखत रप म पिष ट की जाएगी

(3) आपात की दशा क िसवाय खान का सवामी या अिभकतार या उसकी ओर स कोई िक त खान म िनयोिजत िकसी िक त को जो परबनधक क परित उ रदायी ह ऐस अनदश जो उसक काननी कतर की पित पर परभाव डालत ह परबधक क माधयम स ही दगा अनयथा नह

18 सवािमय अिभकतार और परबनधक क कतर और उ रदाियतवmdash(1) हर खान क सवामी और अिभकतार म स परतयक इस अिधिनयम और उसक अधीन बनाए गए िविनयम िनयम उपिविधय और आदश क उपबनध क अनपालन क िलए िव ीय और अनय उपबनध करन क िलए तथा ऐसी अनय काररवाई करन क िलए जो आवशयक हो उ रदायी होगा

(2) धारा 58 क खड (घ) खड (ङ) और खड (त) क अधीन बनाए गए िनयम म उपबिनधत िवषय की बाबत उ रदाियतव का िनवरहन अननयतः खान क सवामी और अिभकतार ारा और ऐस िक त (जो परबनधक स िभन न ह) िजस सवामी या अिभकतार पव क त उपबनध का अनपालन सिनिश चत करन क िलए िनयक त कर िकया जाएगा

(3) यिद उपधारा (2) क अधीन िदए गए िकनह अनदश या धारा 17 की उपधारा (3) क अधीन परबनधक की माफर त स अनयथा िदए गए िकनह अनदश क िकरयािनवत िकए जान क पिरणामसवरप इस अिधिनयम क या उसक अधीन बनाए गए िविनयम िनयम उपिविधय या आदश क उपबनध का उललघन होता ह तो ऐस अनदश दन वाला परतयक िक त भी समपक त उपबनध क उललघन क िलए िजममदार होगा

(4) उपधारा (1) उपधारा (2) और उपधारा (3) क उपबनध क अधीन रहत हए हर खान क सवामी अिभकतार और परबनधक म स परतयक इस बात क िलए उ रदायी होगा िक खान क समबनध म चलाई जा रही सब सिकरयाए इस अिधिनयम और उसक अधीन बनाए गए िविनयम िनयम उपिविधय और आदश क उपबनध क अनसार चलाई जाए

(5) इस अिधिनयम या उसक अधीन बनाए गए िविनयम िनयम उपिविधय या आदश क उपबनध म स उन उपबनध क िसवाय जो िकसी िक त स कोई कायर या बात करन की या िकसी िक त को कोई कायर या बात करन स परितिष करन की िविनिदष ट रप स अपकषा करत ह िकसी उपबनध का िकसी भी िक त ारा कोई उललघन होन की दशा म उस िक त क अितिरक त िजसन उललघन िकया ह िनम निलिखत म स परतयक िक त भी ऐस उललघन होन का दोषी माना जाएगा जब तक िक वह यह सािबत नह कर दता ह िक उसन ऐस उपबनध का अनपालन सिनिश चत करन क िलए सब समयक ततपरता बरती थी और ऐस उललघन को रोकन क िलए यिक तयक त उपाय िकए थ mdash

1 1983 क अिधिनयम स० 42 की धारा 11 ारा (31-5-1984 स) कितपय शबद क सथान पर परितसथािपत 2 1983 क अिधिनयम स० 42 की धारा 12 ारा (31-5-1984 स) ldquoिनदशकrdquo क सथान पर परितसथािपत 3 1983 क अिधिनयम स० 42 की धारा 13 ारा (31-5-1984 स) धारा 17 और 18 क सथान पर परितसथािपत

10

(i) वह या व पदधारी िजनको उललघन िकए गए उपबनध की बाबत पयरवकषण क कतर का पालन करन क िलए िनयक त िकया गया था

(ii) खान का परबनधक

(iii) खान का सवामी और अिभकतार

(iv) वह िक त यिद कोई हो जो उपधारा (2) क अधीन उ रदाियतव का िनवरहन करन क िलए िनयक त िकया गया ह

परनत पव क त िक तय म स िकसी क िवर कायरवाही नह की जा सकगी यिद जाच और अनवषण िकए जान पर यह परतीत होता ह िक वह परथमदष ा िजममदार नह ह

(6) इस धारा क अधीन खान क सवामी या अिभकतार क िवर की गई िकसी कररवाई म यह कोई परितवाद नह होगा िक परबनधक और अनय पदधािरय को इस अिधिनयम क उपबनध क अनसार िनयक त िकया गया ह या िक उपधारा (2) क अधीन उ रदाियतव को वहन करन क िलए िकसी िक त की िनयिक त की गई ह ]

अधयाय 5

सवासथय और कषम क िवषय म उपबनध

19 पीन का जलmdash1[(1) हर खान म उसम िनयोिजत सब िक तय क िलए सिवधाजनक रप स िसथत यथोिचत सथान पर ठड और सवासथयपरद पीन क जल क पयारप त परदाय का उपबनध करन और बनाए रखन क िलए परभावी इनतजाम िकया जाएगा

परनत भिम क नीच िनयोिजत िक तय की दशा म मखय िनरीकषक यथोिचत सथान पर पीन क जल का उपबनध िकए जान और बनाए रख जान क बदल म ऐस परदाय क िलए कोई अनय परभावी इनतजाम अनजञात कर सकगा ]

(2) ऐस सब सथान खान म िनयोिजत िक तय की बहसखया ारा समझी जान वाली भाषा म पढ़ जान योगय अकषर म ldquoपीन का जलrdquo पद स अिकत िकए जाएग और ऐसा कोई सथान िकसी धोन क सथान मतरालय या शौचालय क 2[छह मीटर] क अनदर तब क िसवाय न होगा जबिक इसस कम दरी मखय िनरीकषक ारा िलिखत रप म अनमोिदत न कर दी गई हो

(3) सब खान या खान की िकसी वगर या परकार क बार म कनदरीय सरकार उपधारा (1) और (2) क उपबनध का अनपालन सिनिश चत करन क िलए और पीन क जल क परदाय और िवतरण की परीकषा िविहत परािधकािरय ारा की जान क िलए िनयम बना सकगी

20 सफाईmdash(1) हर खान म िविहत परकार क शौचालय और मतरालय का उपबनध परष और मिहला क िलए अलग-अलग पयारप त सखया म िकया जाएगा जो इस परकार िसथत ह ग िक व खान म िनयोिजत िक तय क िलए सब समय पर सिवधाजनक और पहच क अनदर ह

(2) उपधारा (3) क अधीन उपबिनधत सब शौचालय और मतरालय पयारप त परकाशयक त और सवाितत ह ग और हर समय साफ और सवचछता की अवसथा म रख जाएग

(3) कनदरीय सरकार िकसी खान म उपबिनधत िकए जान वाल शौचालय और मतरालय की सखया खान म िनयोिजत परष और मिहला की सखया क अनपात म िविनिदष ट कर सकगी और खान म सवचछता क बार म ऐस अनय मामल क िलए (िजसक अनतगरत खान म िनयोिजत िक तय की इस बार म बाधयताए आती ह) उपबनध कर सकगी जस वह इस परकार िनयोिजत िक तय क सवासथ य क िहत म आवशयक समझ

3[21 िचिकतसीय साधनmdash(1) हर खान म ऐसी अनतवरसत क सिजजत जसी िविहत की जाए पराथिमक उपचार बकस या कबड का उपबनध इस परकार िकया जाएगा और उनह इस परकार बनाए रखा जाएगा िक काम क सब घणट म उन तक आसानी स पहच हो सक

(2) पराथिमक उपचार बकस या कबडर या कमर म िविहत अनतवरसत क िसवाय और कछ भी नह रखा जाएगा

(3) हर पराथिमक उपचार बकस या कबडर िकसी उ रदाियतवपणर िक त क भारसाधन म रखा जाएगा जो ऐस पराथिमक उपचार म परिशिकषत हो जसा िविहत िकया जाए और जो खान क काम क घट म सदा आसानी स उपलभय रहगा

(4) हर खान म उन िक तय को जो उस समय जब व खान म िनयोिजत ह शारीिरक कषित स या रोग स गरसत हो जाए िचिकतसालय या औषधालय तक पहचन क िलए ऐस आसानी स उपयोगय इनतजाम िकए जाएग जस िविहत िकए जाए

1 1959 क अिधिनयम स० 62 की धारा 10 ारा (16-1-1960 स) उपधारा (1) क सथान पर परितसथािपत 2 1983 क अिधिनयम स० 42 की धारा 14 ारा (31-5-1984 स) ldquoबीस फटrdquo क सथान पर परितसथािपत 3 1959 क अिधिनयम स० 62 की धारा 11 ारा (16-1-1960 स) धारा 21 और 22 क सथान पर परितसथािपत

11

(5) हर खान म िजसम डढ़ सौ स अिधक िक त िनयोिजत ह ऐस आकार का ऐस साज सामान स सिजजत और ऐस िचिकतसीय और पिरचयार कमरचािरवनद क भारसाधन म जस िक िविहत िकए जाए एक पराथिमक उपचार कमरा उपबिनधत िकया जाएगा और चाल हालत म रखा जाएगा

22 जब िक सकट क ऐस कारण िव मान ह िजनक िलए कोई अिभ क त उपबनध नह िकया गया ह या जब िक िक तय का िनयोजन सकटपणर हो तब िनरीकषक की शिक तयाmdash(1) यिद िकसी ऐसी बात क बार म िजसक िलए इस अिधिनयम ारा या या क अधीन कोई अिभ क त उपबनध नह िकया गया ह मखय िनरीकषक को या िनरीकषक को यह परतीत हो िक कोई खान या उसका कोई भाग अथवा खान म की या उसस या उसक िनयतरण पयरवकषण परबनध या िनदशन स ससक त कोई बात वसत या प ित मानव जीवन या कषम क िलए सकटपणर ह या इतनी तरिटपणर ह िक उसस यह जोिखम ह या उसकी ऐसी परवि ह िक िकसी िक त को शारीिरक कषित हो तो वह खान क सवामी अिभकतार या परबनधक को उसकी िलिखत सचना द सकगा और सचना म उन िविशिष टय का कथन करगा िजनक बार म वह खान या उसक भाग को या बात वसत या प ित को सकटपणर या तरिटपणर समझता हो और यह अपकषा करगा िक उस इतन समय क अनदर और ऐसी रीित स ठीक कर िदया जाए जो वह उस सचना म िविनिदष ट कर

(1क) जहा िक खान का सवामी अिभकतार या परबनधक उपधारा (1) क अधीन दी गई सचना क िनबनधन का अनपालन उसम िविनिदष ट कालाविध क अनदर करन म असफल रहगा वहा यथािसथित मखय िनरीकषक या िनरीकषक खान या उसक िकसी भाग म या क आसपास िकसी ऐस िक त का िनयोजन िलिखत आदश ारा परितिष कर सकगा िजसका िनयोजन उसकी राय म सचना क िनबनधन का अनपालन सिनिश चत करन क िलए यिक तयक ततः आवशयक न हो

(2) उपधारा (1) म अनतिवष ट उपबनध पर परितकल परभाव डाल िबना यह ह िक यथािसथित मखय िनरीकषक या िनरीकषक खान क सवामी अिभकतार या परबनधक को सबोिधत िलिखत आदश ारा िकसी खान या उसक िकसी भाग म स सतभ या खिनज-खणड का िनकाला जाना या छाटा जाना परितिष कर सकगा यिद उसकी राय म ऐसी सिकरया स सतभ या खिनज-खणड का बठ जाना या खिनज क िकसी भाग का समय पवर ढह जाना सभा हो या उसस खान का या उसम िनयोिजत िक तय क जीवन या कषम का अनयथा सकटापन न हो जाना सभा हो या यिद उसकी राय म खान क िजस भाग म ऐसी सिकरया अनधयात हो उसम आग लगन या जलपलावन क िवर यथायोगय उपबनध उसको महरबनद और अलग करन क िलए उपबनध करक और जो कषतर आग या जलपलावन स परभािवत हो सकता हो उस पिरिमत करन क िलए उपबनध करक न िकया गया हो

(3) यिद मखय िनरीकषक या उसक ारा िलिखत रप म साधारण या िवशष आदश ारा इस िनिम परािधकत िनरीकषक की यह राय हो िक िकसी खान म या उसक िकसी भाग म िनयोिजत िकसी िक त क जीवन या कषम को अजनट या आसन न सकट ह तो वह अपनी राय क कारण का कथन अनतिवष ट करन वाल िलिखत आदश ारा खान क िकसी भाग म या क आसपास िकसी ऐस िक त का िनयोजन िजसका िनयोजन सकट दर करन क िलए उसकी राय म यिक तयक ततः आवशयक न हो तब तक क िलए परितिष कर सकगा 1[जब तक उसका यह समाधान न हो जाए िक वह सकट दर हो गया ह]

2[(3क) ऐसा परतयक िक त िजसका िनयोजन उपधारा (1क) या उपधारा (3) क अधीन परितिष ह उस अविध क िलए िजसक िलए वह यिद परितषध न होता तो िनयोजन म होता पणर मजदरी का सदाय पान का हकदार होगा और सवामी अिभकतार या परबनधक उस िक त को ऐसी पणर मजदरी क सदाय क िलए िजममदार होगा

परनत सवामी अिभकतार या परबनधक ऐसी पणर मजदरी का सदाय करन क बजाय ऐस िक त को उसी मजदरी पर आनकिलपक िनयोजन की वसथा कर सकगा जो ऐसा िक त उस िनयोजन म पराप त कर रहा था िजस परितिष कर िदया गया था ]

(4) जहा िक िनरीकषक ारा उपधारा (1) क अधीन कोई सचना दी गई हो या उसक ारा उपधारा (1क) उपधारा (2) या उपधारा (3) क अधीन कोई आदश िकया गया हो वहा खान का सवामी अिभकतार या परबनधक यथािसथित सचना या आदश की परािप त क पश चात दस िदन क अनदर उसक िखलाफ अपील मख य िनरीकषक को कर सकगा जो सचना या आदश को पष ट उपानतिरत या र कर सकगा

(5) उपधारा (1) क अधीन सचना भजन वाला या उपधारा (1क) या उपधारा (2) या उपधारा (3) क अधीन आदश करन वाला मखय िनरीकषक या िनरीकषक और उपधारा (4) क अधीन आदश (जो अपील म िकए गए र करन क आदश स िभन न हो) करन वाला मखय िनरीकषक उसकी िरपोटर ततकाल कनदरीय सरकार को दगा

(6) यिद खान का सवामी अिभकतार या परबनधक मखय िनरीकषक ारा उपधारा (1) क अधीन भजी गई सचना या उपधारा (1क) या उपधारा (2) या उपधारा (3) या उपधारा (4) क अधीन मखय िनरीकषक ारा िकए गए आदश पर आकषप कर तो वह यथािसथित आकषप अनतिवष ट करन वाली सचना की या आदश की परािप त क पश चात या अपील क िविनश चय की तारीख क पश चात बीस िदन क अनदर आकषप क आधार का कथन करत हए अपना िलिखत आकषप कनदरीय सरकार को भज सकगा 3[जो सामानयतः आकषप की परािप त की तारीख स दो मास की अविध क भीतर उस एक सिमित को िनदिशत कर दगी ]

1 1983 क अिधिनयम स० 42 की धारा 15 ारा (31-5-1984 स) ldquoजब तक वह सकट दर न हो जाएrdquo शबद क सथान पर परितसथािपत 2 1983 क अिधिनयम स० 42 की धारा 15 ारा (31-5-1984 स) अनतःसथािपत 3 1983 क अिधिनयम स० 42 की धारा 15 ारा (31-5-1984 स) ldquoजो िनदिशत करगीrdquo शबद क सथान पर परितसथािपत

12

(7) उपधारा (1) क अधीन की हर सचना का या उपधारा (1क) उपधारा (2) उपधारा (3) या उपधारा (4) क अधीन क हर आदश का िजस पर उपधारा (6) क अधीन आकषप िकया गया हो अनपालन सिमित का िविनश चय खान म पराप त होन तक िकया जाएगा

परनत सिमित उपधारा (1) क अधीन की 1[सचना] का परवतरन सवामी अिभकतार या परबनधक क आवदन पर तब तक क िलए िनलिमबत कर सकगी जब तक आकषप पर उसका अपना िविनश चय न हो जाए

(8) इस धारा की कोई भी बात 2दणड परिकरया सिहता 1898 (1898 का 5) की धारा 144 क अधीन की मिजसटरट की शिक तय पर परभाव नह डालगी ]

3[22क कछ दशा म िनयोजन का परितषध करन की शिक तmdash(1) जहा सरकषा स सबिधत िकसी बात क बार म िजसक िलए इस अिधिनयम ारा या उसक अधीन अिभ क त उपबनध िकया गया ह खान का सवामी अिभकतार या परबनधक ऐस उपबनध का अनपालन करन म असफल रहता ह वहा मखय िनरीकषक यह अपकषा करन वाली िलिखत सचना द सकगा िक उसका उतन समय क भीतर जो वह सचना म िविनिदष ट कर या समय की उतनी बढ़ाई गई अविध क भीतर जो वह उसक पश चात समय-समय पर िविनिदष ट कर अनपालन िकया जाए

(2) जहा सवामी अिभकतार या परबनधक उपधारा (1) क अधीन दी गई सचना क िनबनधन का यथािसथित ऐसी सचना म िविनिदष ट अविध क भीतर या उस उपधारा क अधीन िविनिदष ट समय की बढ़ाई गई अविध क भीतर अनपालन करन म असफल रहता ह वहा मखय िनरीकषक खान म या उसक िकसी भाग म या उसक आसपास िकसी ऐस िक त का िनयोजन िलिखत आदश ारा परितिष कर सकगा िजसका िनयोजन उसकी राय म सचना क िनबनधन का अनपालन सिनिश चत करन क िलए यिक तयक त तौर पर आवशयक न हो

(3) परतयक ऐसा िक त िजसका िनयोजन उपधारा (2) क अधीन परितिष िकया जाता ह उस अविध की पणर मजदरी का सदाय पान का हकदार होगा िजसक िलए वह यिद परितषध न हआ होता तो िनयोजन म होता और सवामी अिभकतार या परबनधक उस

िक त को ऐसी पणर मजदरी क सदाय क िलए दायी होगा

परनत सवामी अिभकतार या परबनधक ऐसी पणर मजदरी दन बजाय ऐस िक त को उसी मजदरी पर आनकिलपक िनयोजन द सकगा जो ऐसा िक त उस िनयोजन म पराप त कर रहा था जो उपधारा (2) क अधीन परितिष िकया गया था

(4) धारा 22 की उपधारा (5) उपधारा (6) और उपधारा (7) क उपबनध इस धारा की उपधारा (1) क अधीन जारी की गई िकसी सचना या उपधारा (2) क अधीन िकए गए िकसी आदश क समबनध म उसी परकार लाग ह ग जस व उस धारा की उपधारा (1) क अधीन सचना या उपधारा (1क) क अधीन आदश क सबध म लाग होत ह ]

23 दघरटना की सचना का िदया जानाmdash4[(1) जब िकसी खान म या उसक आसपासmdash

(क) कोई ऐसी दघरटना हो जाए िजसस जीवन की हािन या गमभीर शारीिरक कषित कािरत हई हो अथवा

(ख) िवसफोट जवलन सवतः तपन या आग लग जाना या जल या अनय दरव-पदाथर का फट िनकलना या सवग अनतपररवश घिटत हो जाए अथवा

(ग) जवलनशील या अपायकर गस का अनतवारह घिटत हो जाए अथवा

(घ) िजन रसस जजीर या अनय िगयर स िक त या सामगरी कपक या आनित म उतारी या वहा स उठाई जाती ह उनका टट जाना घिटत हो जाए अथवा

(ङ) िकसी कपक म िपजर या अनय परवहण-साधन अतयिधक लपट तब खा जाए जब िक त या सामगरी उतारी या उठाई जा रही हो अथवा

(च) खिनत का कोई भाग समय-पवर ढह जाए अथवा

(छ) कोई अनय दघरटना जो िविहत की जाए घिटत हो जाए

तब खान का सवामी अिभकतार या परबनधक उस घटना की सचना ऐस परािधकारी को ऐस पररप म और ऐस समय क अनदर दगा जो िविहत िकया जाए और साथ ही साथ वह सचना की एक परित ऐस सथान पर जहा उसका िनरीकषण वसाय सघ क पदधािरय ारा िकया जा सक िविहत रीित म एक िवशष सचना प पर लगाएगा और सिनिश चत करगा की वह सचना ऐस लगाए जान की तारीख स कम स कम चौदह िदन तक प पर लगी रह ]

1 1983 क अिधिनयम स० 42 की धारा 15 ारा (31-5-1984 स) ldquoअधयपकषाrdquo शबद क सथान पर परितसथािपत 2 अब दिखए दड परिकरया सिहता 1973 (1974 का 2) 3 1983 क अिधिनयम स० 42 की धारा 16 ारा (31-5-1984 स) अनतःसथािपत 4 1959 क अिधिनयम स० 62 की धारा 12 ारा (16-1-1960 स) उपधारा (1) क सथान पर परितसथािपत

13

1[(1क) जब कभी खान म या उसक आसपास कोई ऐसी दघरटना हो जाए िजसस िकसी िक त को िरपोटर की जान योगय कोई कषित कािरत हई हो तो खान का सवामी अिभकतार या परबनधक ऐसी दघरटना को एक रिजसटर म िविहत पररप म परिवष ट करगा और ऐसी परिविष टय की परितया ितमाही म एक बार मखय िनरीकषक को दी जाएगी ]

(2) जहा िक उपधारा (1) क अधीन दी गई सचना ऐसी दघरटना क बार म हो िजसस जीवन की हािन कािरत हई हो वहा वह परािधकारी घटना की जाच सचना की परािप त क दो मास क अनदर करगा और यिद परािधकारी िनरीकषक न हो तो वह िनरीकषक स उक त कालाविध क अनदर जाच कराएगा

2[(3) कनदरीय सरकार राजपतर म अिधसचना ारा िनदश द सकगी िक उपधारा (1) और उपधारा (1क) म िविनिदष ट दघरटना स िभन न िजन दघरटना म ऐसी शारीिरक कषित कािरत होती ह िजसस िक कषितगरसत िक त की काम स चौबीस घट स अिधक की अविध की मजदरी क कारण अनपिसथित हो जाती ह तो व दघरटनाए िविहत पररप म एक रिजसटर म परिवष ट की जाएगी या यथािसथित उपधारा (1) या उपधारा (1क) क उपबनध क अधयधीन रहगी ]

(4) उपधारा (3) म िनिदष ट रिजसटर म की परिविष टय की एक परित खान क सवामी अिभकतार या परबनधक ारा 3[उस वषर स िजसस व परिविष टया समब ह अगल वषर म जनवरी क 20व िदन या ततपवर] मखय िनरीकषक को भजी जाएगी

3[(5) जब कभी खान म या उसक आसपास कोई ऐसी दघरटना हो जाए िजसस िकसी िक त क जीवन को हािन या उसको गभीर शारीिरक कषित कािरत हई हो तो उस मखय िनरीकषक या िनरीकषक क िजसको धारा 23 की उपधारा (1) क अधीन दघरटना की सचना का िदया जाना अपिकषत ह आगमन क पवर या उसकी सम मित क िबना दघरटना सथल की उलट-पलट या उसम कोई पिरवतरन नह िकया जाएगा जब तक िक ऐसी उलट-पलट या पिरवतरन आग िकसी दघरटना को रोकन क िलए मतक क शव को हटान क िलए या िकसी िक त की सकट स रकषा करन क िलए आवशयक न हो अथवा जब तक िक दघरटना सथल पर काम क बनद िकए जान स खान क कायरकरण म गमभीर अड़चन न पड़

परनत जहा मखय िनरीकषक या उक त िनरीकषक दघरटना क समय स बह र घट क भीतर दघरटना का सथल िनरीकषण करन म असफल रहता ह वहा दघरटना सथल पर काम पनः आरमभ िकया जा सकगा ]

24 दघरटना क मामल म जाच-नयायालय िनयक त करन की सरकार की शिक तmdash4[(1) जब िक खान म या उसक आसपास धारा 23 की उपधारा (1) क खड म स िकसी म िनिदष ट परकित की कोई दघरटना हो जाए तब कनदरीय सरकार यिद उसकी यह राय हो िक दघरटना क कारण की और पिरिसथितय की पररिपक जाच होनी चािहए ऐसी जाच करन क िलए कोई सकषम िक त िनयक त कर सकगी और जाच करन म अससर क रप म कायर करन क िलए िविध का या कोई िवशष जञान रखन वाल एक या अिधक िक तय को भी िनयक त कर सकगी ]

(2) ऐसी िकसी जाच करन क िलए िनयक त िक त को सािकषय को हािजर करान और दसतावज और भौितक पदाथ 5 को पश करन क िलए िववश करन क परयोजन क िलए िसिवल परिकरया सिहता 1908 (1908 का 5) क अधीन की िसिवल नयायालय की सब शिक तया पराप त ह गी

(3) इस धारा क अधीन जाच करन वाला कोई िक त इस अिधिनयम क अधीन की िनरीकषक की ऐसी शिक तय का परयोग कर सकगा िजसका परयोग करना वह जाच क परयोजन क िलए आवश यक या समीचीन समझ

(4) इस धारा क अधीन जाच करन वाला िक त दघरटना क कारण और उसकी पिरिसथितय को किथत करन वाली िरपोटर िकनह ऐसी समिक तय को जोड़कर िजनह िक वह या अससर म स कोई िलखना आवशयक समझ कनदरीय सरकार को दगा

25 कछ रोग की सचनाmdash(1) जहा िक खान म िनयोिजत िकसी िक त को कोई 6ऐसा रोग लग जाए जो कनदरीय सरकार ारा शासकीय राजपतर म खनन सिकरया स ससक त रोग क रप म अिधसिचत िकया गया हो वहा खान का यथािसथित सवामी

अिभकतार या परबनधक उसकी सचना मखय िनरीकषक को और ऐस अनय परािधकािरय को ऐस पररप म और ऐस समय क अनदर भजगा जस िविहत िकए जाए

(2) यिद कोई िचिकतसा- वसायी िकसी ऐस िक त की दखभाल कर जो िकसी खान म िनयोिजत हो या रहा हो और जो उपधारा (1) क अधीन अिधसिचत िकसी रोग स पीिड़त हो या िजसक बार म िचिकतसा- वसायी को िवश वास हो िक वह ऐस रोग स पीिड़त ह तो िचिकतसा- वसायीmdash

(क) रोगी का नाम और पता

1 1983 क अिधिनयम स० 42 की धारा 17 ारा (31-5-1984 स) अनतःसथािपत 2 1983 क अिधिनयम स० 42 की धारा 17 ारा (31-5-1984 स) उपधारा (3) क सथान पर परितसथािपत 3 1959 क अिधिनयम स० 62 की धारा 12 ारा (16-1-1960 स) कितपय शबद क सथान पर परितसथािपत 4 1959 क अिधिनयम स० 62 की धारा 13 ारा (16-1-1960 स) उपधारा (1) क सथान पर परितसथािपत 5 1959 क अिधिनयम स० 62 की धारा 13 ारा (16-1-1960 स) कितपय शबद का लोप िकया गया 6 िसलकोिसस और नयमोकोिनओिसस िजनह ऐस रोग घोिषत िकया गया ह दिखए भारत का राजपतर (अगरजी) भाग 2 खण ड 3 प 1153 म परकािशत अिधसचना स० 1

का०िन०आ० 1306 तारीख 21 जलाई 1952 और मगनीज िवषाकतीकरण-तितरका परकार का िजस ऐसा रोग घोिषत िकया गया ह दिखए भारत का राजपतर (अगजी) 1956 भाग 2 खणड 3 प 2195 म परकािशत अिधसचना स० का०िन०आ० 3109 तारीख 18 िदसमबर 1956

14

(ख) वह रोग िजसस रोगी पीिड़त हो या िजसस उसक पीिड़त होन का िवश वास हो तथा

(ग) उस खान का नाम और पता िजसम रोगी िनयोिजत हो या अिनतम बार िनयोिजत था

किथत करन वाली िलिखत िरपोटर मखय िनरीकषक को अिवलमब भजगा

(3) जहा िक उपधारा (2) क अधीन की िरपोटर की यह पिष ट परमाणकतार सजरन क परमाणपतर स या अनयथा मखय िनरीकषक को समाधानपरद रप म हो जाए िक वह िक त उपधारा (1) क अधीन अिधसिचत रोग स पीिड़त ह वहा मखय िनरीकषक िचिकतसा-

वसायी को उतनी फीस दगा िजतनी िविहत की जाए और ऐस सद फीस उस खान क सवामी अिभकतार या परबनधक स िजसम उस िक त को रोग लगा हो भ-राजसव क बकाया क रप म वसलीय होगी

(4) यिद कोई िचिकतसा- वसायी उपधारा (2) क उपबनध का अनपालन करन म असफल रहगा तो वह जमारन स जो पचास रपए तक का हो सकगा दणडनीय होगा

26 रोग क कारण क अनवषण का िनदश दन की शिक तmdash(1) कनदरीय सरकार यिद वह ऐसा करना समीचीन समझ तो िकसी ऐस मामल की जाच करन क िलए तथा उस पर िरपोटर दन को कोई सकषम िक त िनयक त कर सकगी िजसम धारा 25 की उपधारा (1) क अधीन अिधसिचत कोई रोग खान म लगा हो या िजसक बार म सदह िकया जाता हो िक वह खान म लगा ह और ऐसी जाच म अससर क रप म कायर करन क िलए िविध का जञान या िवशष जञान रखन वाल एक या अिधक िक तय को भी िनयक त कर सकगी

(2) धारा 24 की उपधारा (2) और (3) क उपबध इस धारा क अधीन की जाच को उसी रीित स लाग ह ग जस व उस धारा क अधीन की िकसी जाच को लाग होत ह

27 िरपोट का परकाशनmdashऐस समय पर और ऐसी रीित स जो वह ठीक समझ कनदरीय सरकार सिमित ारा 1[धारा 12] क अधीन भजी गई िकसी िरपोटर को या अपन को धारा 26 क अधीन भजी गई िकसी िरपोटर या िकसी िरपोटर क उ रण को परकािशत करा सकगी और धारा 24 क अधीन िकसी जाच नयायालय ारा भजी गई हर िरपोटर को परकािशत कराएगी

अधयाय 6

िनयोजन क घट और उस पर िनबरधन

28 साप तािहक िवशराम-िदनmdashिकसी भी िक त को खान म िकसी एक सप ताह म छह िदन स अिधक काम नह करन िदया जाएगा

29 परितकरातमक िवशराम-िदनmdash(1) जहा िक धारा 38 क अधीन कायरवाही क अनसरण म अथवा िकसी खान को या उसम िनयोिजत िक तय को धारा 28 क उपबनध स छट िदए जान क फलसवरप कोई िक त जो उस खान म िनयोिजत हो उन साप तािहक िवशराम-िदन म स िकसी स िजनक िलए धारा 28 म उपबनध िकया गया ह विचत िकया जाए वहा उस उसी मास क अनदर िजसम उस ऐस िवशराम-िदन दय थ या उस मास क अ विहत पश चात क दो मास क अनदर उन िवशराम-िदन की समान सखया म िजनस वह इस परकार विचत िकया गया हो परितकरातमक िवशराम-िदन िदए जाएग

(2) कनदरीय सरकार वह रीित िविहत कर सकगी िजसस व िवशराम-िदन िजनक िलए उपधारा (1) म उपबनध िकया गया ह िदए जाएग

30 भिम क ऊपर क काम क घणटmdash(1) िकसी सप ताह म अड़तालीस घणट स अिधक या िकसी िदन म नौ घणट स अिधक काम भिम क ऊपर िनयोिजत िकसी भी वयसथ स न तो अपिकषत िकया जाएगा और न उस करन िदया जाएगा

2[परनत मखय िनरीकषक क पवर अनमोदन क अधयधीन रहत हए इस उपधारा म िविनिदष ट दिनक अिधकतम घणट को पािरय म तबदीली सकर बनान क िलए बढ़ाया जा सकगा ]

(2) िकसी ऐस वयसथ क काम की कालाविधया इस परकार विसथत की जाएगी िक उसक िवशराम अनतराल सिहत व िकसी भी िदन बारह घणट स अिधक िवसतत न ह और वह कम स कम आध घणट का िवशराम अनतराल क चकन क पवर िनरनतर पाच घणट स अिधक काम न कर

3[परनत मखय िनरीकषक ऐस कारण स जो लखन ारा अिभिलिखत िकए जाएग इस िवसतित का िकसी िदन अिधकतम चौदह घणट की कालाविध तक का होना ऐसी शत क अधयधीन जसी वह अिधरोिपत करना ठीक समझ अनजञात कर सकगा ]

4[(3) दो या अिधक पािरय क िक तय को एक ही समय भिम क ऊपर एक ही परकार का काम नह करन िदया जाएगा

1 1983 क अिधिनयम स० 42 की धारा 18 ारा (31-5-1984 स) ldquoधारा 13rdquo शबद और अक क सथान पर परितसथािपत 2 1959 क अिधिनयम स० 62 की धारा 14 ारा (16-1-1960 स) परनतक जोड़ा गया 3 1959 क अिधिनयम स० 62 की धारा 14 ारा (16-1-1960 स) परनतक क सथान पर परितसथािपत 4 1959 क अिधिनयम स० 62 की धारा 14 ारा (16-1-1960 स) उपधारा (3) क सथान पर परितसथािपत

15

परनत इस उपधारा क परयोजन क िलए िक तय क बार म कवल इस तथय क कारण िक उनक िवशराम अनतराल उनह िभन न समय पर िमलत ह यह न समझा जाएगा िक व िविभन न पािरय क ह ]

1[31 भिम क नीच क काम क घटmdash(1) खान म भिम क नीच िनयोिजत िकसी भी वयसथ को िकसी सप ताह म अड़तालीस घणट स अिधक या िकसी िदन म आठ घणट स अिधक काम नह करन िदया जाएगा

परनत मखय िनरीकषक क पवर अनमोदन क अधयधीन रहत हए इस उपधारा म िविनिदष ट दिनक अिधकतम घणट को पािरय म तबदीली सकर बनान क िलए बढ़ाया जा सकगा

(2) खान म भिम क नीच कोई भी काम ऐस विसथत पारी-प ित स चलान क िसवाय न चलाया जाएगा िक हर एक पारी म काम की कालाविध उपधारा (1) म बताए गए दिनक अिधकतम घट स अिधक िवसतत न हो

(3) खान म िनयोिजत िकसी िक त को भिम क नीच क खान क िकसी भाग म काम की उन कालाविधय क दौरान उपिसथत रहन दन क िसवाय उपिसथत न रहन िदया जाएगा जो धारा 48 की उपधारा (4) क अधीन रख जान वाल रिजसटर म उसक बार म दिशत ह ]

2[32 राितर की पारीmdashजहा िक खान म िनयोिजत िक त ऐसी पारी म काम कर िजसका िवसतार मधयराितर क पश चात तक हो वहाmdash

(क) धारा 28 और धारा 29 क परयोजन क िलए उसक मामल म साप तािहक िवशराम-िदन स उसकी पारी क अनत होन पर आरमभ होन वाली िनरनतर 24 घणट की कालाविध अिभपरत होगी

(ख) उसकी पारी का अनत होन पर आरमभ होन वाली चौबीस घणट की कालाविध उसक िलए अगला िदन समझी जाएगी और मधयराितर क पश चात िजतन घणट उसन काम िकया हो व पवरवत िदन म िगन जाएग ]

33 अितकाल क िलए अितिरक त मजदरीmdash3[(1) जहा िक खान म कोई िक त भिम क ऊपर िकसी िदन नौ घणट स अिधक या भिम क नीच िकसी िदन आठ घणट स अिधक काम कर या चाह भिम क ऊपर या नीच िकसी सप ताह म अड़तालीस घणट स अिधक काम कर वहा ऐस अितकािलक काम क िलए वह अपनी मजदरी की मामली दर स दगनी दर पर मजदरी पान का हकदार होगा और अितकािलक काम की कालाविध की गणना दिनक या साप तािहक आधार पर जो भी उसक िलए अिधक अनकल हो की जाएगी ]

4[(2) जहा खान म िनयोिजत िकसी िक त को मातरानपाती दर स सदाय िकया जाना हो वहा कालानपाती दर को उन िदन क िजनको उसक उस सप ताह क िजसम अितकाल काम िकया गया ह ठीक पवरवत सप ताह क दौरान वासतव म काम िकया था िकसी अितकाल को छोड़कर उसक पणरकािलक उपाजरन क दिनक औसत क बराबर माना जाएगा और ऐसी कालानपाती दर ऐस िक त की मजदरी की मामली दर मानी जाएगी

परनत यिद ऐस िक त न पवरवत सप ताह म उसी या समान काम पर कायर नह िकया ह तो कालानपाती दर अितकाल को छोड़कर उन िदन की िजनको उसन उसी सप ताह म काम िकया ह औसत या िकसी पवरवत सप ताह म उसक उपाजरन की दिनक औसत इनम स जो भी उच चतर हो उस पर आधािरत होगी

सपष टीकरणmdashइस धारा क परयोजन क िलए ldquoमजदरी की मामली दरrdquo का वही अथर होगा जो उसका धारा 9क की उपधारा (3) क सपष टीकरण म ह ]

(4) इस धारा क उपबनध का अनपालन सिनिश चत करन क परयोजन क िलए कनदरीय सरकार खान म रख जान वाल रिजसटर िविहत कर सकगी

5[34 कितपय िक तय क िनयोजन का परितषधmdashकोई भी िक त जो पवरवत बारह घनट क अनदर िकसी अनय खान म पहल ही काम करता रहा हो खान म काम करन क िलए न तो अपिकषत िकया जाएगा न उस खान म काम करन िदया जाएगा ]

6[35 अितकािलक काम सिहत दिनक काम क घट का िनबरनधनmdashधारा 39 क खणड (क) और खणड (ङ) म आन वाल मामल म क िसवाय िकसी भी िदन अितकाल सिहत दस घट स अिधक खान म काम न तो खान म िनयोिजत िकसी भी िक त स अपिकषत िकया जाएगा न उस करन िदया जाएगा ]

36 काम क घट क िवषय म सचनाएmdash(1) हर खान का परबनधक खान म काम क परारमभ और बनद होन का समय और यिद टोली प ित ारा काम परसथािपत हो तो हर एक टोली क काम क परारमभ और बनद होन का समय किथत करन वाली सचना िविहत पररप म खान क कायारलय क बाहर लगवाएगा

1 1959 क अिधिनयम स० 62 की धारा 15 ारा (16-1-1960 स) धारा 31 क सथान पर परितसथािपत 2 1959 क अिधिनयम स० 62 की धारा 16 ारा (16-1-1960 स) धारा 32 क सथान पर परितसथािपत 3 1959 क अिधिनयम स० 62 की धारा 17 ारा (16-1-1960 स) उपधारा (1) क सथान पर परितसथािपत 4 1983 क अिधिनयम स० 42 की धारा 19 ारा (31-5-1984 स) उपधारा (2) और (3) क सथान पर परितसथािपत 5 1959 क अिधिनयम स० 62 की धारा 18 ारा (16-1-1960 स) धारा 34 क सथान पर परितसथािपत 6 1959 क अिधिनयम स० 62 की धारा 19 ारा (16-1-1960 स) धारा 35 क सथान पर परितसथािपत

16

(2) उस खान की दशा म िजसम खनन सिकरयाए इस अिधिनयम क परारमभ क पश चात परारभ ह उपधारा (1) म िनिदष ट सचना काम क परारमभ होन क कम स कम सात िदन पवर लगाई जाएगी

(3) उपधारा (1) म िनिदष ट सचना म भिम क ऊपर िनयोिजत िक तय क काम क परारमभ का समय और िवशराम अनतराल भी किथत ह ग और उसकी एक परित मखय िनरीकषक को यिद वह ऐसी अपकषा कर तो भजी जाएगी

(4) जहा िक साधारणतः खान म या िकसी टोली क काम क परारमभ या बनद होन क िलए िनयत समय म या भिम क ऊपर िनयोिजत िक तय क िलए िनयत िवशराम अनतराल म कोई तबदीली करन की परसथापना हो वहा िविहत पररप म एक सशोिधत सचना उस तबदीली क िकए जान क सात स अनयन िदन पवर खान क कायारलय क बाहर लगाई जाएगी और ऐसी सचना की एक परित ऐसी तबदीली क सात स अनयन िदन पवर मखय िनरीकषक को भजी जाएगी

(5) िकसी भी िक त को उपधारा (1) ारा अपिकषत सचना क अनसार काम करन स अनयथा खान म काम नह करन िदया जाएगा

37 पयरवकषक कमरचािरवनदmdashधारा 28 धारा 30 धारा 31 धारा 34 या 1[धारा 36 की उपधारा (5)] की कोई भी बात उन िक तय को लाग न होगी िजनकी बाबत िनयम ारा यह पिरभािषत िकया जाए िक व पयरवकषण या परबनध का पद धारण िकए हए ह

या गोपनीयता की हिसयत म िनयोिजत ह

38 िनयोजन सबधी उपबनध स छटmdash(1) उस आपात की दशा म िजसम खान या उसम िनयोिजत िक तय क कषम क िलए गमभीर जोिखम अनतवरिलत हो या वासतिवक या आशिकत िकसी दघरटना की दशा म या िकसी दवीकत की दशा म या खान की मशीनरी सयतर या उपसकर क ठपप हो जान क पिरणामसवरप ऐसी मशीनरी सयतर या उपसकर पर िकए जान वाल िकसी अजनट काम की दशा म परबनधक धारा 22 2[या धारा 22क] क उपबनध क अधयधीन और धारा 39 क अधीन क िनयम क अनसार िक तय को धारा 28 धारा 30 धारा 31 या धारा 34 या 1[धारा 36 की उपधारा (5)] क उललघन म ऐस काम म िनयोजन की अनजञा द सकगा जो खान या उसम िनयोिजत िक तय क कषम का सरकषण करन क िलए आवशयक हो

परनत मशीनरी सयतर या उपसकर पर इस धारा क अधीन िकए जान वाल िकसी अजनट काम की दशा म परबनधक इस धारा ारा अनजञात कोई काररवाई कर सकगा य िप उसक िकए जान स 3[खिनज] उतपादन आनषिगक रप स परभािवत होता हो िकनत इस

परकार की गई काररवाई उन सीमा क बाहर न की जाएगी जो खान क मामली कायरकरण म गमभीर हसतकषप का पिरवजरन करन क परयोजन क िलए आवशयक हो

(2) हर वह दशा िजसम उपधारा (1) क अधीन परबनधक ारा काररवाई की गई हो ततसमब पिरिसथितय क साथ अिभिलिखत की जाएगी और उसकी िरपोटर मखय िनरीकषक या िनरीकषक को भी दी जाएगी

4[39 छट दन वाल िनयम बनान की शिक तmdash5[कनदरीय सरकार] िनम निलिखत िक तय क िलए धारा 28 धारा 30 धारा 31 धारा 34 या धारा 36 की उपधारा (5) क उपबनध स ऐस िवसतार तक ऐसी पिरिसथितय म और ऐसी शत क अधयधीन जसी िविनिदष ट की जाए छट का उपबनध करन वाल िनयम बना सकगीmdash

(क) ऐसी खान म िजसम ऐस आपात की आशका हो िजसम खान क या उसम िनयोिजत िक तय क कषम की गमभीर जोिखम अनतवरिलत हो िनयोिजत सब िक त या उनम स कोई

(ख) िकसी वासतिवक या आशिकत दघरटना की दशा म इस परकार िनयोिजत सब िक त या उनम स कोई

(ग) िकसी तयारी की परकित क या परक परकित क ऐस काम म जो खान क मामली कायरकरण म गमभीर हसतकषप का पिरवजरन करन क परयोजन क िलए अवशय चलाया जाना चािहए लग हए सब िक त या उनम स कोई

(घ) अजनट मरममत म लग हए सब िक त या उनम स कोई

(ङ) िकसी ऐस काम म जो िक तकनीकी कारण स िनरनतर चाल रखा जाना चािहए िनयोिजत सब िक त या उनम स कोई ] 6[40 अठारह वषर स कम आय क िक तय का िनयोजनmdash(1) खान (सशोधन) अिधिनयम 1983 क परारमभ क पश चात

अठारह वषर स कम आय क िकसी िक त को िकसी खान या उसक भाग म काम करन क िलए अनजञात नह िकया जाएगा

(2) उपधारा (1) म िकसी बात क होत हए भी िशकष और अनय परिशकष को जो सोलह वषर स कम आय क नह ह िकसी खान या उसक भाग म परबनधक ारा समिचत पयरवकषण क अधीन काम करन क िलए अनजञात िकया जा सकगा

1 1953 क अिधिनयम स० 42 की धारा 4 और अनसची 3 ारा ldquoधारा 36 की उपधारा (4)rdquo क सथान पर परितसथािपत 2 1983 क अिधिनयम स० 42 की धारा 20 ारा (31-5-1984 स) अनतःसथािपत 3 1959 क अिधिनयम स० 62 की धारा 20 ारा (16-1-1960 स) ldquoकोयलाrdquo क सथान पर परितसथािपत 4 1959 क अिधिनयम स० 62 की धारा 21 ारा (16-1-1960 स) धारा 39 क सथान पर परितसथािपत 5 1983 क अिधिनयम स० 42 की धारा 21 ारा (31-5-1984 स) कितपय शबद क सथान पर परितसथािपत 6 1983 क अिधिनयम स० 42 की धारा 22 ारा (31-5-1984 स) धारा 40 क सथान पर परितसथािपत

17

परनत िशकष स िभन न परिशकष की दशा म उनको काम करना अनजञात करन स पवर मखय िनरीकषक या िनरीकषक का पवर अनमोदन अिभपराप त करना आवशयक होगा

सपष टीकरणmdashइस धारा और धारा 43 म ldquoिशकषrdquo स िशकष अिधिनयम 1961 (1961 का 52) की धारा 2 क खणड (क) म यथापिरभािषत िशकष अिभपरत ह ]

41 [योगयता परमाणपतर ]mdashखान (सशोधन) अिधिनयम 1983 की धारा 23 ारा (31-5-1984 स) िनरिसत

42 [कमार को अनद योगयता परमाणपतर का परभाव ]mdashखान (सशोधन) अिधिनयम 1983 (1983 का 42) की धारा 23 ारा (31-5-1984 स) िनरिसत

1[43 िचिकतसीय परीकषा की अपकषा करन की शिक तmdash(1) जहा िकसी िनरीकषक की यह राय हो िक िशकष या अनय परिशकष स अनयथा खान म िनयोिजत कोई िक त वयसथ नह ह अथवा खान म िशकष या अनय परिशकष क रप म िनयोिजत कोई िक त या तो सोलह वषर स कम आय का ह या वह काम करन क योगय नह रह गया ह वहा िनरीकषक खान क परबनधक पर यह अपकषा करन वाली सचना की तामील कर सकगा िक ऐस िक त की परीकषा िकसी परमाणकतार सजरन ारा की जाए और िनरीकषक ऐसा िनदश द तो ऐसा

िक त तब तक िकसी खान म काम करन क िलए िनयोिजत या अनजञात नह िकया जाएगा जब तक इस परकार उसकी परीकषा न हो गई हो और यह परमािणत न कर िदया गया हो िक वह वयसथ ह या यिद ऐसा िक त िशकष या परिशकष ह तो वह सोलह वषर स कम आय का नह ह और काम करन क योगय ह

(2) उपधारा (1) क अधीन िनदश पर परमाणकतार सजरन ारा िदया गया हर परमाणपतर उसम किथत बात का इस अिधिनयम क परयोजन क िलए िनश चायक सा य होगा ]

44 [उन कमार क िलए काम क घट जो वयसक क रप म काम क िलए योगय परमािणत नह िकए गए ]mdashखान (सशोधन) अिधिनयम 1983 (1984 का 42) की धारा 25 ारा (31-5-1984 स) िनरिसत

2[45 खान म अठारह वषर स कम आय क िक तय की उपिसथित का परितषधmdashधारा 40 की उपधारा (2) क उपबनध क अधीन रहत हए ऐसी तारीख क पश चात जो कनदरीय सरकार राजपतर म अिधसचना ारा इस िनिम िनयत कर अठारह वषर स कम आय क िकसी िक त को भिम क ऊपर खान क िकसी ऐस भाग म जहा िकसी खनन सिकरया स ससक त या आनषिगक कोई सिकरया चलाई जा रही हो उपिसथत नह रहन िदया जाएगा ]

3[46 िस तरय का िनयोजनmdash(1) िकसी अनय िविध म अनतिवष ट िकसी बात क होत हए भी कोई भी स तरीmdash

(क) खान क िकसी ऐस भाग म जो भिम क नीच हो

(ख) िकसी खान म भिम क ऊपर 6 बज पवारहन और 7 बज अपराहन क बीच क िसवाय

िनयोिजत नह की जाएगी ]

(2) खान म भिम क ऊपर िनयोिजत हर स तरी को िकसी एक िदन िनयोजन का पयरवसान होन और िनयोजन की अगली कालाविध का परारमभ होन क बीच कम स कम गयारह घनट का अनतराल िदया जाएगा

(3) उपधारा (1) म अनतिवष ट िकसी बात क होत हए भी कनदरीय सरकार िकसी खान या िकसी वगर या परकार की खान क बार म भिम क ऊपर िस तरय क िनयोजन क घट म फरफार शासकीय राजपतर म अिधसचना ारा कर सकगी िकनत इस परकार की िकसी स तरी का 10 बज अपराहन और 5 बज पवारहन क बीच कोई भी िनयोजन तद ारा अनजञात न हो ]

47 [आय क बार म िववाद ]mdashखान (सशोधन) अिधिनयम 1959 (1959 का 62) की धारा 28 ारा िनरिसत

48 िनयोिजत िक तय का रिजसटरmdash4[(1) हर खान क िलए उस खान म िनयोिजत सब िक तय का एक रिजसटर िविहत पररप और सथान म रखा जाएगा िजसम ऐस हर एक िक त क बार म िनम निलिखत बात दिशत ह गीmdash

(क) कमरचारी का नाम यथािसथित उसक िपता या पित क नाम सिहत और ऐसी अनय िविशिष टया जसी उसकी पहचान क परयोजन क िलए आवशयक ह

(ख) कमरचारी की आय और िलग

(ग) िनयोजन की परकित (वह िनयोजन भिम क ऊपर ह या भिम क नीच और यिद भिम क ऊपर ह तो वह िवव खिनत म ह या अनयथा) और उसक परारमभ की तारीख

5

1 1983 क अिधिनयम स० 42 की धारा 24 ारा (31-5-1984 स) धारा 43 क सथान पर परितसथािपत 2 1983 क अिधिनयम स० 42 की धारा 26 ारा (31-5-1984 स) धारा 45 क सथान पर परितसथािपत 3 1959 क अिधिनयम स० 62 की धारा 27 ारा (16-1-1960 स) धारा 46 क सथान पर परितसथािपत 4 1959 क अिधिनयम स० 62 की धारा 29 ारा (16-1-1960 स) उपधारा (1) क सथान पर परितसथािपत 5 1983 क अिधिनयम स० 42 की धारा 27 ारा (31-5-1984 स) खणड (घ) का लोप िकया गया

18

(ङ) अनय ऐसी िविशिष टया जो िविहत की जाए

और ससगत परिविष टया सपक त िकयत क हसताकषर या अगठ क िचहन ारा अिधपरमािणत की जाएगी ]

(2) उपधारा (1) ारा िविहत रिजसटर म की परिविष टया ऐसी ह गी िक उनक अनसार काम करन वाल कमरकार इस अधयाय क उपबनध म स िकसी क उललघन म काम न करत ह ग

(3) कोई िक त खान म तब तक िनयोिजत न िकया जाएगा जब तक उसक बार म उपधारा (1) ारा अपिकषत िविशिष टया रिजसटर म अिधिलिखत न कर ली गई ह और कोई भी िक त रिजसटर म अपन बार म दिशत काम की कालाविधय क दौरान िनयोिजत िकए जान क िसवाय िनयोिजत नह िकया जाएगा

1[(4) िजस खान को कनदरीय सरकार न साधारण या िवशष आदश ारा िकसी िवशष कारण स जो अिभिलिखत िकया जाएगा छट दी हो उसस िभन न हर खान क िलए पथक रिजसटर िविहत पररप और सथान म रख जाएग िजनम हर िक त क बार म जो खान मmdash

(क) भिम क नीच

(ख) िवव खिनत म भिम क ऊपर

(ग) अनय दशा म भिम क ऊपर

िनयोिजत हो िनम निलिखत बात दिशत ह गीmdash

(i) कमरचारी का नाम

(ii) उसक िनयोजन का वगर या िकसम

(iii) जहा िक काम टोली-प ित स चलाया जाता हो वहा िजस पारी का वह ह वह पारी और उस पारी क घनट ]

(5) भिम क नीच िनयोिजत िक तय क उपधारा (4) म िनिदष ट रिजसटर म िकसी भी कषण ऐस हर िक त का नाम दिशत होगा जो तब खान म भिम क नीच उपिसथत हो

2[(6) कोई िक त िकसी िवव खिनत या भिम क नीच िकसी खिनत म तब क िसवाय परवश नह कर सकगा जब िक ऐसा करन क िलए वह परबनधक ारा अनजञात िकया गया हो अथवा इस अिधिनयम या िकसी अनय िविध क अधीन परािधकत हो ]

अधयाय 7

मजदरी सिहत छ ी 3[49 अधयाय का लाग होनाmdashइस अधयाय क उपबनध ऐस परवितत नह ह ग िक उनका िकसी ऐस अिधकार पर परितकल

परभाव पड़ िजसका िक खान म िनयोिजत कोई िक त िकसी अनय िविध क अधीन या िकसी अिधिनणरय करार या सवा-सिवदा क िनबनधन क अधीन हकदार हो

4[परनत यिद ऐसा अिधिनणरय करार या सवा-सिवदा इस अधयाय म उपबिनधत स दीघरतर मजदरी सिहत वािषक छ ी का उपबनध करती हो तो छ ी की वह मातरा िजसक िलए िनयोिजत िक त हकदार होगा ऐस अिधिनणरय करार या सवा-सिवदा क अनसार होगी िकनत छ ी ऐस िवषय की बाबत जो ऐस अिधिनणरय करार या सवा-सिवदा म उपबिनधत नह ह धारा 50 स लकर धारा 56 तक क (िजसम य दोन धाराए भी सिममिलत ह) उपबनध क अनसार िविनयिमत होगी ]

50 छ ी की पिरभाषाmdashसाप तािहक िवशराम-िदन अथवा उतसव क िलए या अनय ऐस ही अवसर क िलए अवकाश-िदन इस अधयाय क परयोजन क िलए छ ी क अनतगरत नह आत ह चाह व छ ी की कालाविध क दौरान ह या उसक ठीक पहल या ठीक पीछ ह

51 कलनडर वषर की पिरभाषाmdashइस अधयाय क परयोजन क िलए ldquoकलनडर वषरrdquo स िकसी वषर म जनवरी क परथम िदन स आरमभ होन वाली बारह मास की कालाविध अिभपरत होगी

52 मजदरी सिहत वािषक छ ीmdash(1) खान म िनयोिजत हर िक त को िजसन उसम एक कलनडर वषर की सवा परी कर ली हो पश चातवत कलनडर वषर क दौरान मजदरी सिहत छ ी अनजञात की जाएगी िजसकी गणनाmdash

(क) भिम क नीच िनयोिजत िक त की दशा म उसक ारा िकए गए काम क हर 5[पनदरह िदन] क िलए एक िदन की दर स की जाएगी तथा

1 1959 क अिधिनयम स० 62 की धारा 29 ारा (16-1-1960 स) उपधारा (4) क सथान पर परितसथािपत 2 1959 क अिधिनयम स० 62 की धारा 29 ारा (16-1-1960 स) अनतःसथािपत 3 1959 क अिधिनयम स० 62 की धारा 30 ारा (16-1-1960 स) धारा 49 स 56 तक क सथान पर परितसथािपत 4 1983 क अिधिनयम स० 42 की धारा 28 ारा (31-5-1984 स) परनतक क सथान पर परितसथािपत 5 1983 क अिधिनयम स० 42 की धारा 29 ारा (31-5-1984 स) ldquoसोलह िदनrdquo क सथान पर परितसथािपत

19

(ख) िकसी अनय दशा म उसक ारा िकए गए काम क हर बीस िदन क िलए एक िदन की दर स की जाएगी

(2) उपधारा (1) म िनिदष ट एक कलनडर वषर की सवाmdash

(क) खान म भिम क नीच िनयोिजत िक त की दशा म परी कर ली गई समझी जाएगी यिद कलनडर वषर क दौरान खान म उसकी हािजिरया एक सौ नबब स कम न ह तथा

(ख) िकसी अनय िक त की दशा म परी कर ली गई समझी जाएगी यिद कलनडर वषर क दौरान खान म उसकी हािजिरया दो सौ चालीस स कम न ह

सपष टीकरणmdashइस उपधारा क परयोजन क िलए यह ह िकmdash

(क) करार या सिवदा ारा या सथायी आदश क अधीन यथा अनजञय कामबदी क िदन को

(ख) स तरी कमरचारी की दशा म बारह सप ताह स अनिधक िकतन ही िदन की परसित छटटी को तथा

(ग) उस वषर स िजसम छ ी का उपभोग िकया जाए पवरवत वषर म उपािजत छ ी को

हािजरी की सगणना क परयोजन क िलए ऐस िदन समझा जाएगा िजनम कमरचारी न खान म काम िकया ह िकनत वह इन िदन क िलए छ ी उपािजत नह करगा

(3) िजस िक त की सवा जनवरी क परथम िदन को परारमभ न होकर अनयथा आरमभ होती ह वहmdash

(क) खान म भिम क नीच िनयोिजत िक त की दशा म तब जब िक वह कलनडर वषर क शष भाग क दौरान क कल िदन क आध स अनयन िदन म हािजर रहा हो तथा

(ख) िकसी अनय दशा म तब जब िक वह कलनडर वषर क शष भाग क दौरान क कल िदन क दो-ितहाई स अनयन िदन म हािजर रहा हो

पश चातवत कलनडर वषर म मजदरी सिहत छ ी उस दर स पान का हकदार होगा जो उपधारा (1) म िविनिदष ट ह

(4) िकसी िक त ारा न ली गई वह छ ी िजसका वह उपधारा (1) या उपधारा (2) क अधीन िकसी एक कलनडर वषर म हकदार हो उस छ ी म जोड़ दी जाएगी जो िक उ रवत कलनडर वषर क दौरान उस उपधारा क अधीन उस अनजञय हो

परनत उन छ ी क िदन की कल सखया जो ऐस िकसी िक त ारा सिचत की जा सकगी िकसी भी एक समय कल तीस िदन स अिधक न होगी

परनत यह और भी िक ऐसा वह िक त िजसन मजदरी सिहत छ ी क िलए आवदन िकया हो िकनत उस उपधारा (6) क अनसार ऐसी छ ी न दी गई हो िकसी सीमा क िबना अनपभक त छ ी क अगरनयन का हकदार होगा

(5) ऐसा कोई िक त उपधारा (1) उपधारा (2) और उपधारा (4) क अधीन उस समय अपन को अनजञय सारी छ ी या उसका कोई भाग लन क िलए खान क परबनधक स उस िदन स पदरह िदन स अनयन िदन पहल िलिखत आवदन कर सकगा िजस िदन वह अपनी छ ी आरमभ करना चाहता हो

परनत िकसी एक कलनडर वषर क दौरान तीन बार स अिधक छ ी न ली जा सकगी

(6) उपधारा (5) क उपबनध क अनसार ऐसी छ ी क िलए िकया गया आवदन तब क िसवाय नामजर नह िकया जाएगा जब िक छ ी अनद करन क िलए सशक त परािधकारी की यह राय हो िक पिरिसथित की आवशयकता क कारण छ ी नामजर की जानी चािहए ]

(7) यिद खान म िनयोिजत िक त अपनी मजदरी सिहत छ ी जो उस शष हो बीमारी की कालाविध क िलए लना चाहता हो तो चाह उसन छ ी क िलए आवदन उपधारा (5) म िविनिदष ट समय क अनदर न भी िकया हो तो भी उस वह छ ी अनद की जाएगी

(8) यिद खान का सवामी अिभकतार या परबनधक खान म िनयोिजत िक त क िनयोजन का पयरवसान उस िक त ारा अपनी वह कल छटटी ल ली जान क पवर कर द िजसका वह अपन िनयोजन क पयरवसान क िदन तक हकदार हो या यिद उस िक त न ऐसी छ ी क िलए आवदन िकया हो और ऐसी छ ी अनद न हई हो और वह िक त अपना िनयोजन छ ी लन स पवर छोड़ द तो खान का सवामी अिभकतार या परबनधक न ली गई छ ी क बार म धारा 53 क अधीन सदय रकम उस सद करगा और ऐसा सदाय वहा जहा िक

िक त क िनयोजन का पयरवसान सवामी अिभकतार या परबनधक ारा िकया जाए ऐस पयरवसान क पश चात क दसर कायर-िदवस क अवसान क पवर और जहा िक िक त अपना िनयोजन सवय छोड़ द वहा अगल वतन-िदवस को या उसक पवर िकया जाएगा

(9) खान म िनयोिजत िक त की अनपभक त छ ी उसक िनयोजन क पयरवसान क पवर िदए जान क िलए अपिकषत िकसी सचना की कालाविध की सगणना करन म िवचार म नह ली जाएगी

20

1[(10) जहा खान म िनयोिजत कोई िक त सवा स उनमोिचत या पदचयत िकया जाता ह अथवा वह अपना िनयोजन छोड़ता ह या अिधविषता पराप त करता ह अथवा सवा म रहत हए उसकी मतय हो जाती ह तो यथािसथित वह या उसक वािरस या उसका नाम-िनदिशती उपधारा (1) म िविनिदष ट दर स पिरकिलत उसको दय छ ी क सथान पर मजदरी पान का हकदार होगा यिदmdash

(क) भिम क नीच िकसी खान म िनयोिजत िक त की दशा म वह अपन िनयोजन की तारीख स लकर अपन उनमोचन या पदचयित की तारीख तक या िनयोजन छोड़न या अिधविषता या मतय की तारीख तक िदन की कल सखया क कम स कम आध िदन तक उपिसथित रहा ह और

(ख) िकसी अनय दशा म वह अपन िनयोजन की तारीख स लकर अपन उनमोचन या पदचयित या िनयोजन छोड़न या अिधविषता या मतय की तारीख तक िदन की कल सखया क कम स कम दो-ितहाई िदन तक उपिसथत रहा ह

और ऐसी मजदरी का सदाय खान क सवामी अिभकतार या परबनधक ारा धारा 53 म िविनिदष ट दर स जहा उस िक त को सवा स उनमोिचत या पदचयत कर िदया जाता ह अथवा वह िनयोजन छोड़ दता ह या अिधविषता पराप त कर लता ह वहा यथािसथित ऐस उनमोचन पदचयित िनयोजन छोड़न या अिधविषता क पश चात दसर कायर िदन की समािप त क पवर और जहा िनयोिजत िक त की सवा म रहत हए मतय हो जाती ह वहा उसकी मतय क दो मास की अविध क भीतर िकया जाएगा ]

सपष टीकरणmdash2[उपधारा (1) उपधारा (3) और उपधारा (10)] क परयोजन क िलए आध िदन या इसस अिधक की छ ी क िभन न को एक परा िदन माना जाएगा और आध िदन स कम वाला िभन न छोड़ िदया जाएगा

53 छ ी की कालाविध क दौरान मजदरीmdashउस छ ी क िलए जो खान म िनयोिजत िक त को धारा 52 क अधीन अनजञात हो उस सदाय ऐसी दर स िकया जाएगा जो उसकी छ ी क अ वितह पवरवत मास क उन िदन की बाबत िजनम वह िनयोिजत रहा हो कल पणरकािलक उपाजरन क उस दिनक औसत क बराबर हो जो उन उपाजरन म स िकसी अितकािलक मजदरी और बोनस को अपविजत करक िकनत उनम महगाई भ और नकद परितकर को िजसक अनतगरत खा ा और अनय वसत क िबना मलय िवतरण स परोदभावी ऐसा कोई परितकर (यिद कोई हो) िजसक हकदार खान म काम करन वाल िक त ततसमय ह आता ह सिममिलत करक आए

परनत यिद ऐस कोई औसत उपाजरन उपलबध न ह तो औसत की सगणना उसी मास क िलए वस ही िनयोिजत सब िक तय क कल पणरकािलक उपाजरन क दिनक औसत क आधार पर की जाएगी

54 कितपय दशा म अिगरम सदायmdashखान म िनयोिजत उस िक त को िजस चार स अनयन िदन की छ ी अनजञात की गई हो अनजञात छ ी की कालाविध क िलए शोधय मजदरी उसकी छ ी आरमभ होन स पहल द दी जाएगी

55 असद मजदरी की वसली का ढगmdashखान क सवामी अिभकतार या परबनधक ारा इस अधयाय क अधीन सद िकए जान क िलए अपिकषत िकनत उसक ारा असद कोई रकम मजदरी सदाय अिधिनयम 1936 (1936 का 4) क उपबनध क अधीन िवलिबत मजदरी क रप म वसलीय होगी

56 खान को छट की शिक तmdashजहा िक कनदरीय सरकार का यह समाधान हो जाए िक िकसी खान म िनयोिजत िक तय को लाग होन वाल छ ी क िनयम ऐसी परसिवधा का उपबनध करत ह जो उसकी राय म उन परसिवधा स कम अनकल नह ह िजनक िलए यह अधयाय उपबनध करता ह वहा वह उस खान को इस अधयाय क सब या िकनह उपबनध स छट िलिखत आदश ारा और ऐसी शत क अधयधीन जो उसम िविनिदष ट की जाए द सकगी ]

अधयाय 8

िविनयम िनयम और उपिविधया 57 िविनयम बनान की कनदरीय सरकार की शिक तmdashकनदरीय सरकार िनम निलिखत सब परयोजन या उनम स िकसी क िलए

ऐस िविनयम3 जो इस अिधिनयम स सगत हो शासकीय राजपतर म अिधसचना ारा बना सकगी अथारत mdash

(क) व अहरताए िविहत करना जो मखय िनरीकषक या िनरीकषक क रप म िनयिक त क िलए अपिकषत हो

(ख) इस अिधिनयम क अधीन खान क िनरीकषण क समबनध म मखय िनरीकषक और िनरीकषक क कतर और शिक तय को िविहत और िविनयिमत करना

(ग) खान क सवािमय अिभकतार और परबनधक क और उनक अधीन कायर करन वाल िक तय क कतर िविहत करना और खान क 4[अिभकतार और परबनधक और उनक अधीन कायर करन वाल िक तय की अहरताए (िजसक अनतगरत आय आती ह)] िविहत करना

1 1983 क अिधिनयम स० 42 की धारा 29 ारा (31-5-1984 स) अनतःसथािपत 2 1983 क अिधिनयम स० 42 की धारा 29 ारा (31-5-1984 स) ldquoउपधारा (1) और (3)rdquo क सथान पर परितसथािपत 3 कोयला खान िविनयम 1957 क िलए दिखए भारत का राजपतर (अगरजी) 1957 भाग 2 खणड 3 प 2569 और धातमय खान िविनयम 1961 क िलए दिखए भारत

का राजपतर 1961 भाग 2 अनभाग 3(i) प 360 4 1959 क अिधिनयम स० 62 की धारा 31 ारा (16-1-1960 स) ldquoपरबनधक की अहरताएrdquo शबद क सथान पर परितसथािपत

21

(घ) खान क परबनधक और उनक अधीन कायर करन वाल अनय िक तय को अपन कतर का पालन दकषतापवरक करन क िलए समथर बनान क िलए सिवधाए उपबिनधत की जान की अपकषा करना

(ङ) खान क परबनधक और उनक अधीन कायर करन वाल िक तय की अहरताए परीकषा ारा या अनयथा अिभिनिश चत करन की रीित को और सकषमता परमाणपतर क अनद और नवीकत िकए जान को िविनयिमत करना

(च) ऐसी परीकषा और ऐस परमाणपतर क अनदान तथा नवीकरण क बार म दी जान वाली फीस यिद कोई ह िनयत करना

(छ) उन पिरिसथितय को िजनम और उन शत को िजसक अधयधीन रहत हए एक स अिधक खान का एक ही परबनधक क अधीन रहना या िकसी खान या िकनह खान का िविहत अहरताए न रखन वाल परबनधक क अधीन रहना िविधपणर होगा अवधािरत करना

1[(ज) इस अिधिनयम क अधीन की जान वाली जाच क िलए िजनक अनतगरत इस अिधिनयम क अधीन परमाणपतर धारण करन वाल िकसी िक त क अवचार या अकषमता स सब कोई जाच आती ह उपबनध करना और ऐस िकसी परमाणपतर क िनलमबन और र िकए जान क िलए उपबनध करना और जहा भी आवशयक हो वहा यह उपबनध करना िक जाच करन क िलए िनयक त िकए गए िक त को सािकषय को हािजर करान और दसतावज और भौितक पदाथ को पश करान क परयोजन क िलए िसिवल परिकरया सिहता 1908 (1908 का 5) क अधीन की िसिवल नयायालय की सब शिक तया पराप त ह गी ]

(झ) भारतीय िवसफोटक अिधिनयम 1884 (1884 का 4) और तद धीन बनाए गए िकनह िनयम क उपबनध क अधयधीन रहत हए िवसफोटक का भडारकरण परवहण और उपयोग िविनयिमत करना

2[(ञ) 3 िस तरय का खान म या खान क िकसी वगर म या ऐस िविशष ट परकार क शरम म िजनम ऐस िक तय क जीवन कषम या सवासथय क िलए खतरा रहता ह िनयोजन परितिष िनबरिनधत या िविनयिमत करना और ऐस िक त

ारा एक बार म वहन िकए जा सकन वाल बोझ क भार को पिरसीिमत करना ]

(ट) खान म िनयोिजत िक तय क कषम उनम उनक परवश करन और वहा स उनक िनकलन क साधन क िलए और उन कपक या िनकास की सखया क िलए जो उपबध िकए जान ह और कपक गत िनकास पथया और अवतलन पर बाड़ लगाई जान क िलए उपबनध करना

(ठ) खान क सवामी स सदाय पान वाल और खान क सवामी या परबनधक क परित सीध उ रदायी िक तय स िभन न िकसी िक त का खान म परबनधक क रप म या िकसी अनय िविनिदष ट हिसयत म िनयोजन परितिष करना

4[(ड) सतमभ या खिनज खणड क सथान िनिश चत करन अनरकषण और िनकाल या छाट जान तथा एक खान और दसरी खान क बीच पयारप त रोध क अनरकषण सिहत खान म सड़क और काम क सथल की सरकषा क िलए उपबनध करना

(ढ) खान म खिनज और महबनद अिग न-कषतर का िनरीकषण और सागर क या िकसी सरोवर या नदी या िकसी अनय भप ीय जलरािश क चाह वह पराकितक हो चाह कितरम या िकसी लोक सड़क या िनमारण क समीप खिनत िवषयक िनबनधन और िकनह खिनत म पानी भर जान या आग लग जान या उनक समय-पवर ढह जान क िवर समयक पवारवधानी बरती जान की अपकषा करना ]

(ण) खान क सवातन का और धल अिग न और जवलनशील तथा अपायकर गस क िवषय म की जान वाली काररवाई का िजसक अनतगरत सवतःदहन भिम क नीच की अिग न और कोयल की धल क िवर पवारवधानी आती ह उपबनध करना

5[(त) खान म िव त क जनन भणडारकरण रपानतरण पारषण और उपयोग की भारतीय िव त अिधिनयम 1910 (1910 का 9) और तद धीन बनाए गए िकनह िनयम क उपबनध क अधयधीन रहत हए िविनयिमत करना और खान म क सब िव त उपकरण िव त तार और उनम की सब अनय मशीनरी और सयतर की दखभाल और उपयोग क िविनयमन क िलए उपबनध करना ]

(थ) 6[खान म मशीनरी का उपयोग िविनयिमत करना ऐसी मशीनरी पर या उसक आसपास और कषरण-माग पर िनयोिजत िक तय क कषम क िलए उपबनध करना] और भिम क नीच कछ वग क चिलतर का परयोग िनबरिनधत करना

(द) खान म उिचत परकाश क िलए उपबनध करना और उनम िनरापद और लमप का परयोग िविनयिमत करना और िजस खान म िनरापद लमप परयोग म लाए जात ह उसम परवश करन वाल िक तय की तलाशी लना

1 1959 क अिधिनयम स० 62 की धारा 31 ारा (16-1-1960 स) खड (ज) क सथान पर परितसथािपत 2 1959 क अिधिनयम स० 62 की धारा 31 ारा (16-1-1960 स) खड (ञ) क सथान पर परितसथािपत 3 1983 क अिधिनयम स० 42 की धारा 30 ारा (31-5-1984 स) ldquoकमार औरrdquo शबद का लोप िकया गया 4 1959 क अिधिनयम स० 62 की धारा 31 ारा (16-1-1960 स) खड (ड) और (ढ) क सथान पर परितसथािपत 5 1959 क अिधिनयम स० 62 की धारा 31 ारा (16-1-1960 स) खड (त) क सथान पर परितसथािपत 6 1983 क अिधिनयम स० 42 की धारा 30 ारा (31-5-1984 स) कितपय शबद क सथान पर परितसथािपत

22

(ध) खान म 1[जवलनशील गस या धल क] िवसफोटक या जवलन या पानी क फट िनकलन या सिचत होन क िवर और उनस उदभत खतर क िवर उपबनध करना और ऐसी पिरिसथितय म खिनज क िनकाल जान का परितषध िनबरनधन या िविनयमन करना िजनस यह समभा ता हो िक उसक पिरणामसवरप खान म 1[खिनत] समय-पवर ढह जाए या यह िक उसक पिरणामसवरप खान म 1[खिनत ] का ढह जाना या जल का फट िनकलना या जवलन घिटत होगा या गरतर हो जाएगा

(न) 2[धारा 23 की उपधारा (1) क खड (छ) क अधीन दघरटना क परकार िविहत करना और दघरटना और खतरनाक घटना की सचना का और खिनज उतपाद िनयोिजत िक तय तथा िविनयम ारा उपबिनधत अनय बात की सचना िरपोट और िववरिणय का खान क सवािमय अिभकतार और परबनधक ारा िदया जाना िविहत करना] और ऐसी सचना िववरिणय और िरपोट क पररप व िक त और परािधकारी िजनह व दी जानी ह व िविशि या जो उनम अनतिवष ट होनी ह और वह समय िजसक अनदर व िनविदन की जानी ह िविहत करना

3[(प) 4[खान क सवािमय अिभकतार और परबनधक स खान क िलए िनयत सीमाए रखन की अपकषा करना उनस ससक त रखाक और खडिचतर तथा सथलीय िटपपण जो उनक ारा रख जान ह िविहत करना] और वह रीित िजसस और व सथान िजनम ऐस रखाक खणडिचतर और सथलीय िटपपण अिभलख क परयोजन क िलए रख जान ह िविहत करना और उनकी परितय का मखय िनरीकषक को िनविदत िकया जाना और उनस यह अपकषा करना िक व नए सवकषण कर और नए रखाक बनाए और अननपालन की दशा म िकसी अनय अिभकरण क माधयम स सवकषण कराना और रखाक तयार कराना और उनक य की वसली उसी रीित स करना िजसस भ-राजसव की बकाया होती ह ]

(फ) 5[िसथित स परभावी ढग स िनपटन क परयोजन क िलए] खान म या उनक आसपास दघरटना या आकिसमक िवसफोट या जवलन क घिटत होन पर अपनाई जान वाली परिकरया िविनयिमत करना

(ब) खान क सवामी अिभकतार या परबनधक ारा धारा 16 क अधीन दी जान वाली सचना का पररप और उसम अनतिवष ट होन वाली िविशि या िविहत करना

(भ) वह सचना िविहत करना जो िकसी ऐस सथान पर जो भारतीय रल अिधिनयम 1890 (1890 का 9) क उपबनध क अधयधीन की िकसी रल क या 6[यथािसथित िकनह ऐसी लोक सड़क या अनय सकम क जो सरकार ारा या िकसी सथानीय परािधकारी ारा अनरिकषत ह ] 7[पतालीस मीटर] क अनदर का हो खनन सिकरयाए परारमभ करन या उस तक िवसतािरत करन क पवर खान क सवामी अिभकतार या परबनधक ारा दी जानी ह

(म) िकसी खान क बार म उस दशा म जबिक खिनत म काम बनद कर िदया गया हो सरकार या िकसी सथानीय परािधकारी या भारतीय रल अिधिनयम 1890 (1890 का 9) म यथापिरभािषत िकसी रल कमपनी म िनिहत समपि की कषित स सरकषा

8[(मम) खान क सवामी अिभकतार या परबनधक स यह अपकषा करना िक खान क बनद िकए जान क पवर सरकषा-सकमर सि िमत कर और अननपालन की दशा म ऐस सकमर िकसी अनय अिभकरण ारा िनषपािदत कराना और ऐस सवामी स उनक य की वसली उसी रीित स करना िजसस भ-राजसव की बकाया की होती ह ]

(य) िकसी खान या खान क भाग या िकसी खदान आनित कपक गतर या िनकास म चाह उसका कायरकरण हो रहा हो या नह या िकसी खतरनाक या परितिष कषतर अवतलन कषरण टराम लाइन या पथया पर जहा जनता क सरकषण क िलए बाड़ लगाना आवशयक हो बाड़ लगाई जान की अपकषा करना

(यय) कोई अनय बात जो िविहत की जानी ह या िविहत की जाए

58 िनयम बनान की कनदरीय सरकार की शिक तmdashकनदरीय सरकार िनिम निलिखत सब परयोजन या उनम स िकसी क िलए ऐस िनयम जो इस अिधिनयम स सगत ह शासकीय राजपतर म अिधसचना ारा बना सकगी अथारत --

9[(क) सिमित क सदसय की पदाविध और उनकी सवा की अनय शत का तथा िरिक तया भरन की रीित का उपबनध कराना और अपना कारबार चलान क िलए सिमित ारा अनसिरत की जान वाली परिकरया िविनयिमत करना

(ख) धारा 23 की उपधारा (3) म िनिदष ट रिजसटर का पररप िविहत करना

1 1959 क अिधिनयम स० 62 की धारा 31 ारा (16-1-1960 स) अनतःसथािपत 2 1959 क अिधिनयम स० 62 की धारा 31 ारा (16-1-1960 स) ldquoसचनाए िविहत करन क िलएrdquo क सथान पर परितसथािपत 3 1959 क अिधिनयम स० 62 की धारा 31 ारा (16-1-1960 स) खड (प) क सथान पर परितसथािपत 4 1983 क अिधिनयम स० 42 की धारा 30 ारा (31-5-1984 स) कितपय शबद क सथान पर परितसथािपत 5 1983 क अिधिनयम स० 42 की धारा 30 ारा (31-5-1984 स) अनतःसथािपत 6 1959 क अिधिनयम स० 62 की धारा 31 ारा (16-1-1960 स) कितपय शबद क सथान पर परितसथािपत 7 1983 क अिधिनयम स० 42 की धारा 30 ारा (31-5-1984 स) ldquoपचास गजrdquo क सथान पर परितसथािपत 8 1959 क अिधिनयम स० 62 की धारा 31 ारा (16-1-1960 स) अनतःसथािपत 9 1983 क अिधिनयम स० 42 की धारा 31 ारा (31-5-1984 स) खड (क) क सथान पर परितसथािपत

23

(ग) धारा 24 क अधीन जाच नयायालय की िनयिक त क िलए उपबनध करना ऐस नयायालय की परिकरया और शिक तया िविनयिमत करना ऐस नयायालय क सदसय को यातरा-भ का सदाय करना और सयक त खान क परबनधक सवामी या अिभकतार स उक त नयायलय क य की 1[िजनक अनतगरत जाच स ससक त कोई अनय य आत ह] 2[उसी रीित स जस भ-राजसव की बकाया वसल की जाती ह] वसली करना

2[(गग) खान म िनयोिजत िक तय की ओर स तकनीकी िवशषजञ ारा (जो परािसथित म ओवरमन स कम नह ह) खान क िनरीकषण क िलए उसक िलए दी जान वाली सिवधा क िलए वह आवित िजस पर और वह रीित िजसम ऐस िनरीकषण िकए जाएग और वह रीित िजसम ऐस िनरीकषण की िरपोटर दी जाएगी उपबनध करना ]

(घ) िजन खान म कोई ि या िनयोिजत ह या पवरवत बारह मास म िकसी िदन िनयोिजत रह ह उनम ऐसी िस तरय क छह वषर स कम आय वाल बालक क उपयोग क िलए आरिकषत िकए जान वाल समिचत कमर बनाए रखन की अपकषा करना और या तो साधारणतः या खान म िनयोिजत िस तरय की सखया क परित िविशष ट िनदश स ऐस कमर की सखया और सतरमान और उन सख-सिवधा की जो उनम उपबिनधत की जानी ह और उस पयरवकषण की जो उनम िकया जाना ह परकित और िवसतार िविहत करना

(ङ) खान म िनयोिजत परष क उपयोग क िलए फहारयक त स नान सथान और लॉकर ककष और िजन खान म ि या िनयोिजत ह उनम िस तरय क उपयोग क िलए वस ही पथक सथान और ककष गतरमख पर या उनक आसपास बनाए रख जान की अपकषा करना और या तो साधारणतः या खान म मामली तौर पर िनयोिजत परष और िस तरय की सखया क परित िविशष ट िनदश स ऐस सथान और ककष की सखयाए और सतरमान िविहत करना

(च) खान म सवचछता का जो सतरमान बनाए रखना ह उस खान म उपबिनधत िकए जान वाल शौचालय और मतरालय का आनपाितक मान िविहत करना और 3 पय जल क परदाय क िलए िकया जान वाला उपबनध

1[(चच) िचिकतसीय सािधतर और सख-सिवधा क परदाय और बनाए रख जान क िलए उपबनध करना और पराथिमक उपचार बकस और कपबोड की अनतवरसतए और सखयाए पराथिमक उपचार क काम म परिशकषण पराथिमक उपचार कमर क आकार और उपसकर और उनक भारसाधक कमरचािरवनद और कषितगरसत िक तय को िचिकतसालय या औषधालय को परवहण करन क िलए इतजाम िविहत करना

(चचच) उन व यिक तय को जो खान म पयरवकषण या परबन ध क पद स िभन न पद पर िनयोिजत ह या िनयोिजत िकए जान ह व यावहािरक िशकषण िदए जान या परिशिकषत िकए जान की अपकषा करना और ऐस िशकषण और परिशकषण क िलए स कीम िविहत करना]

(छ) खान म मादक पय या औषिधय को कबज म रखन को या उनक उपभोग को और म ता की हालत म िकसी िक त क उनम परवश या उपिसथित को परितिष करना

(ज) धारा 36 क अधीन अपिकषत सचना क पररप िविहत करना और यह अपकषा करना िक ऐसी सचनाए िविनिदष ट भाषा म भी लगाई जाए

(झ) उन िक तय को पिरभािषत करना िजनकी बाबत धारा 37 क परयोजन क िलए यह समझा जाएगा िक व पयरवकषण या परबनध क पद धारण िकए हए ह या िकसी गोपनीयता की हिसयत म िनयोिजत ह

(ञ) उन िक तय या िक तय क िकसी वगर का खान म िनयोजन परितिष करना िजनकी बाबत िकसी अिहत िचिकतसा- वसायी ारा यह परमािणत न िकया गया हो िक उनह न अपना पदरहवा वषर परा कर िलया ह और वह रीित और व पिरिसथितया िजनम ऐस परमाणपतर अनद और परितसहत िकए जा सकग िविहत करना

4

1[(टट) खान म िनयोिजत या िनयोजन चाहन वाल िक तय स यह अपकषा करना िक व अपन को िचिकतसीय परीकषा क िलए परसतत कर और खान म िकसी िक त का िनयोजन िकए जान का आतयितक परितषध या िकसी िविशष ट हिसयत म या िविशष ट काम म िकए जान का परितषध िचिकतसीय आधार पर करना ]

5[(ठ) धारा 48 ारा अपिकषत रिजसटर क पररप और अधयाय 7 क परयोजन क िलए रिजसटर रखा जाना और उनक पररप िविहत करना ]

(ड) इस अिधिनयम को और िविनयम और िनयम की सिकषिप तया और वह भाषा िजसम सिकषिप तया और उपिविधया धारा 61 और 62 म अपिकषत रप स लगाई जाएगी िविहत करना

1 1959 क अिधिनयम स० 62 की धारा 32 ारा (16-1-1960 स) अनतःसथािपत 2 1983 क अिधिनयम स० 42 की धारा 31 ारा (31-5-1984 स) अनतःसथािपत 3 1959 क अिधिनयम स० 62 की धारा 32 ारा (16-1-1960 स) कितपय शबद का लोप िकया गया 4 1983 क अिधिनयम स० 42 की धारा 31 ारा (31-5-1984 स) (ट) का लोप िकया गया 5 1959 क अिधिनयम स० 62 की धारा 32 ारा (16-1-1960 स) खड (ठ) क सथान पर परितसथािपत

24

(ढ) यह अपकषा करना िक िजन बात क िलए िनयम बनाए गए ह उनस सब सचनाए िववरिणया और िरपोट खान क सवामी अिभकतार और परबनधक द और ऐसी सचना िववरिणय और िरपोट क पररप व िक त और परािधकारी िजनह व दी जानी ह व िविशि या जो उनम अनतिवष ट होनी ह और व समय िजनक अनदर व िनविदत की जानी ह िविहत करना

(ण) िजन खान म 1 पचास स अिधक िक त मामली तौर पर िनयोिजत रहत ह उनम भोजन करन क िलए यथायोगय और उपयक त ऐस आशरय क िजनम पीन क पानी का उपबनध भी हो उपबिनधत िकए जान और बनाए रख जान की अपकषा करना

(त) मखय िनरीकषक या िनरीकषक ारा इस िनिम िविनिदष ट िकसी ऐसी खान म िजसम दो सौ पचास स अिधक िक त मामली तौर पर िनयोिजत रहत ह ऐस िक तय क उपयोग क िलए कोई कटीन या कटीन उपबिनधत की जान और

बनाए रखी जान की अपकषा करना

(थ) हर ऐसी खान म िजसम पाच सौ या अिधक िक त मामली तौर पर िनयोिजत रहत ह इतनी सखया म कलयाण आिफसर िनयोिजत िकए जान की अपकषा करना िजतनी िविनिदष ट की जाए और ऐस कलयाण आिफसर की अहरताए और सवा क िनबनधन और शत और उनक ारा पालनीय कतर िविहत करना

2[(द) िविनिदष ट खान या िविनिदष ट खान क समह क िलए या िकसी िविनिदष ट कषतर की सब खान क िलए बचाव सटशन की सथापना की जान की अपकषा करना और यह िविहत करना िक ऐस सटशन कस और िकसक ारा सथािपत िकए जाएग

(ध) बचाव सटशन क परबनध क िलए उपबनध करना

(धक) बचाव िबरगड का गठन करन वाल िक तय की शारीिरक योगयता क मानक और अनय अहरता क िलए उपबनध करना

(धख) बचाव िबरगड का गठन करन वाल िक तय का िनवास-सथान िविहत करना ]

(न) 3 बचाव सटशन की िसथित उपसकर िनयतरण अनरकषण और कतय िविहत करना 4[(प) खड (द) क अधीन िविनिदष ट खान म उतपािदत और वहा स परिषत कोक और कोयल पर (पच चीस पस परित

टन स अनिधक दर स) उतपाद-शलक क उद गहण और सगरहण क िलए ऐसी खान क िलए बचाव सटशन िनिध का सजन करन क िलए भारत की सिचत िनिध म जमा िकए गए ऐस उपकर क आगम म स उन धनरािशय क जो कनदरीय सरकार ससद

ारा िविध ारा इस िनिम समयक िविनयोग िकए जान क पश चात उपबिनधत कर ऐसी िनिध म जमा िकए जान क िलए उस रीित क िलए िजसम ऐसी िनिध म स धन का उपयोग िकया जाएगा और ऐसी िनिध क परशासन क िलए उपबनध करना

(फ) बचाव िबरगड़ क बनाव परिशकषण सरचना और कतर क िलए 5 और साधारणतः खान म बचाव कायर क सचालन क िलए उपबनध करना 6

7[(फफ) िविनिदष ट खान या िविनिदष ट खान क समह क िलए सरकषा सिमितय क गठन क िलए या सरकषा की अिभवि करन क िलए िकसी िविनिदष ट कषतर म सभी खान क िलए और ऐसी सरकषा सिमितय की सरचना उनक गठन और कतय की रीित अिधकिथत करन क िलए उपबनध करना तथा]

(ब) साधारणतः िकसी ऐस मामल क िलए उपबनध करना िजनक िलए इस अिधिनयम या िविनयम ारा उपबनध न िकया गया हो और िजसक िलए उपबनध इस अिधिनयम को परभावी करन क िलए अपिकषत हो

59 िविनयम और िनयम का पवर परकाशनmdash(1) धारा 57 और 58 ारा परद िविनयम और िनयम बनान की शिक त इस शतर क अधयधीन ह िक य िविनयम और िनयम पवर परकाशन क पश चात बनाए जाएग

(2) जो तारीख साधारण खड अिधिनयम 1897 (1897 का 10) की धारा 23 क खड (3) क अनसार उस तारीख क रप म िविनिदष ट की जानी ह िजसक पश चात िक बनाए जान क िलए परसथािपत िविनयम या िनयम क परारप पर िवचार िकया जाएगा वह उस तारीख स तीन मास स कम की होगी िजसको परसथािपत िविनयम या िनयम का परारप साधारण जानकारी क िलए परकािशत िकया जाए

1 1959 क अिधिनयम स० 62 की धारा 32 ारा (16-1-1960 स) ldquoएक सौ औरrdquo शबद का लोप िकया गया 2 1983 क अिधिनयम स० 42 की धारा 31 ारा (31-5-1984 स) खड (द) और (ध) क सथान पर परसथािपत 3 1983 क अिधिनयम स० 42 की धारा 31 ारा (31-5-1984 स) ldquoकनदरीयrdquo शबद का लोप िकया गया 4 1983 क अिधिनयम स० 42 की धारा 31 ारा (31-5-1984 स) खड (प) क सथान पर परितसथािपत 5 1983 क अिधिनयम स० 42 की धारा 31 ारा (31-5-1984 स) कितपय शबद का लोप िकया गया 6 1983 क अिधिनयम स० 42 की धारा 31 ारा (31-5-1984 स) ldquoऔरrdquo शबद का लोप िकया गया 7 1983 क अिधिनयम स० 42 की धारा 31 ारा (31-5-1984 स) अनतःसथािपत

25

1

2[(4) कोई भी िविनयम या िनयम तब तक नह बनाया जाएगा जब तक िक उस िविनयम या िनयम का परारप धारा 12 की उपधारा (1) क अधीन गिठत सिमित को िनदिशत न कर िदया गया हो और जब तक उस सिमित को उसक बनाए जान की समीचीनता और उसक उपबनध की उपयक तता की बाबत िरपोटर दन का यिक तयक त अवसर न िमल गया हो ]

(5) िविनयम और िनयम शासकीय राजपतर म परकािशत िकए जाएग और ऐस परकािशत िकए जान पर ऐस परभाव रखग मानो व इस अिधिनयम म अिधिनिमत ह

(6) उपधारा (1) उपधारा (2) और उपधारा (4) क उपबनध उस अवसर को लाग न ह ग िजस पर धारा 58 क खड (घ) या खड (ङ) म िनदिशत िनयम सवरपरथम बनाए जाए

3

60 पवर परकाशन क िबना िविनयम बनान की शिक तmdashयिद कनदरीय सरकार का समाधान हो जाए िक आशिकत खतर का िनवारण करन या खतरा पदा करन की सभा ता रखन वाली िसथितय का शीघर उपचार करन क िलए यह आवशयक ह िक ऐस िविनयम बनान म वह िवलमब न होन िदया जाए जो ऐस परकाशन और िनदशन स होगा तो धारा 57 4 क अधीन िविनयम धारा 59 की उपधारा (1) उपधारा (2) और उपधारा 5[(4)] म अनतिवष ट िकसी बात क होत हए भी पवर परकाशन और 6[धारा 12 की उपधारा (1) क अधीन गिठत सिमित] को 7 िनदशन क िबना बनाए जा सकग

परनत इस परकार बनाए गए िविनयम 8[सिमित की जानकारी क िलए भज जाएग और] बनाए जान स 9[एक वषर] स अिधक क िलए परव नह रहग

61 उपिविधयाmdash(1) खान का सवामी अिभकतार या परबनधक 10[उस खान म िकसी िवशष मशीनरी क उपयोग या कायरकरण की िकसी िवशष प ित को अपनाए जान क शािस त करन क िलए] इस अिधिनयम या िकनह ततसमय परव िविनयम या िनयम स असगत न होन वाली ऐसी उपिविधय का परारप जसी िक ऐसा सवामी अिभकतार या परबनधक उस खान म दघरटना का िनवारण करन क िलए और उसम िनयोिजत िक तय क कषम सिवधा और अनशासन हत उपबनध करन क िलए आवशयक समझ तयार कर सकगा और मखय िनरीकषक या िनरीकषक को िनविदत कर सकगा और यिद ऐसा करन की उसस अपकषा मखय िनरीकषक या िनरीकषक ारा की जाए तो तयार करगा और िनविदत करगा

(2) यिद ऐसा कोई सवामी अिभकतार या परबनधकmdash

(क) मखय िनरीकषक या िनरीकषक ारा ऐसा करन की उसस अपकषा की जान क पश चात दो मास क अनदर उपिविधय का परारप िनविदत करन म असफल रह अथवा

(ख) उपिविधय का ऐसा परारप िनविदत कर जो मखय िनरीकषक या िनरीकषक की राय म पयार न हो

तो मखय िनरीकषक या िनरीकषकmdash

(i) ऐसी उपिविधय का परारप परसथािपत कर सकगा जो उस पयार परतीत ह अथवा

(ii) सवामी अिभकतार या परबनधक ारा जो परारप उस िनविदत िकया गया हो उसम ऐस सशोधन परसथािपत कर सकगा िजनस उसकी राय म वह पयार हो जाएगा और ऐसी परारप-उपिविधया या परारप-सशोधन यथािसथित सवामी अिभकतार या परबनधक क पास िवचार क िलए भजगा

(3) यिद उस तारीख स िजसको कोई परारप-उपिविधया या परारप-सशोधन मखय िनरीकषक या िनरीकषक न सवामी अिभकतार या परबनधक क पास उपधारा (2) क उपबनध क अधीन भज ह दो मास की कालाविध क अनदर मखय िनरीकषक या िनरीकषक और सवामी अिभकतार या परबनधक उपधारा (1) क अधीन बनाई जान वाली उपिविधय क िनबनधन क िवषय म परसपर सहमत होन म

1 1959 क अिधिनयम स० 62 की धारा 33 ारा (16-1-1960 स) उपधारा (3) का लोप िकया गया 2 1983 क अिधिनयम स० 42 की धारा 32 ारा (31-5-1984 स) उपधारा (4) क सथान पर परितसथािपत 3 1983 क अिधिनयम स० 42 की धारा 32 ारा (31-5-1984 स) उपधारा (7) का लोप िकया गया 4 1959 क अिधिनयम स० 62 की धारा 34 ारा (16-1-1960 स) ldquoक खड (ठ) को अपविजत करत हए खड (झ) और खड (ट) स (ख) (ध)rdquo शबद को क और अकषर का

लोप िकया गया 5 1959 क अिधिनयम स० 62 की धारा 34 ारा (16-1-1960 स) ldquo(3)rdquo क सथान पर परितसथािपत 6 1983 क अिधिनयम स० 42 की धारा 33 ारा (31-5-1984 स) ldquoखनन बोड rdquo क सथान पर परितसथािपत 7 1959 क अिधिनयम स० 62 की धारा 34 ारा (16-1-1960 स) ldquoपवरrdquo शबद का लोप िकया गया 8 1983 क अिधिनयम स० 42 की धारा 33 ारा (31-5-1984 स) अनतःसथािपत 9 1959 क अिधिनयम स० 62 की धारा 34 ारा (16-1-1960 स) ldquoदो वषरrdquo क सथान पर परितसथािपत 10 1983 क अिधिनयम स० 42 की धारा 34 ारा (31-5-1984 स) कितपय शबद क सथान पर परितसथािपत

26

असमथर रह तो मखय िनरीकषक या िनरीकषक परारप-उपिविधय को पिरिनधाररण क िलए 1[धारा 12 की उपधारा (1) क अधीन गिठत सिमित को] िनदिशत करगा

(4) (क) जबिक ऐसी पररप-उपिविधय पर अिभकतार या परबनधक और मखय िनरीकषक सहमत हो गए ह या जबिक उनक सहमत होन म असमथर होन पर व 2[धारा 12 की उपधारा (1) क अधीन गिठत सिमित को] ारा पिरिनधारिरत कर दी गई ह तब मखय िनरीकषक या िनरीकषक ारा परारप-उपिविधय की एक परित कनदरीय सरकार को अनमोदनाथर भजी जाएगी

(ख) कनदरीय सरकार परारप-उपिविधय म ऐसा उपातरण कर सकगी जसा वह ठीक समझ

(ग) इसस पवर िक कनदरीय सरकार परारप-उपिविधय का अनमोदन चाह उपातर क सिहत या उनक िबना कर उपिविधया बनान की परसथापना की और उस सथान की जहा परारप-उपिविधय की परितया अिभपरा की जा सकगी और उस समय की (जो तीस िदन स कम का न होगा) इसक अनदर िक परभािवत िक तय क ारा या उनकी ओर स परारप-उपिविधय क परित िकया गया कोई आकषप कनदरीय सरकार को भजा जाना चािहए सचना ऐसी रीित स जसी कनदरीय सरकार परभािवत िक तय की जानकारी दन क िलए उपयक ततम समझ परकािशत की जाएगी

(घ) हर आकषप िलिखत होगा और उसमmdash

(i) आकषप क िविशष ट आधार तथा

(ii) चाह गए लोप पिरवधरन या उपानतर

किथत ह ग

(ङ) उन िक तय क ारा या उनकी ओर स िजनकी बाबत कनदरीय सरकार को यह परतीत हो िक व तद ारा परभािवत िक त ह अपिकषत समय क अनदर िकए गए आकषप पर वह सरकार िवचार करगी और उपिविधय पर या तो उस रप म िजसम व परकािशत की गई थ या उनम ऐस सशोधन करक िजनह वह ठीक समझ अनमोिदत कर सकगी

(5) कनदरीय सरकार ारा इस परकार अनमोिदत हो जान पर उपिविधया इस परकार परभावी ह गी मानो व इस अिधिनयम म अिधिनयिमत ह और खान का सवामी अिभकतार या परबनधक उन उपिविधय की एक परित अगरजी म और ऐसी अनय भाषा या भाषा म जसी िविहत की जाए खान म या उसक आसपास िकसी ऐस सहजदशय सथान पर लगवाएगा जहा व उपिविधया िनयोिजत

िक तय ारा सिवधापवरक पढ़ी या दखी जा सक और िजतनी बार व िवरिपत हो जाए िमट जाए या नष ट हो जाए उतनी बार यिक तयक त शीघरता क साथ उनह नए िसर स लगवाएगा

(6) कनदरीय सरकार इस परकार िनिमत िकसी उपिविध को िलिखत आदश ारा पणरतः या भागतः िवखिडत कर सकगी और तदपिर ऐसी उपिविध तदनसार परभावहीन हो जाएगी

3[61क िविनयम िनयम और उपिविधय का ससद क समकष रखा जानाmdashधारा 57 क अधीन बनाया गया परतयक िविनयम धारा 58 क अधीन बनाया गया परतयक िनयम और धारा 61 क अधीन बनाई गई परतयक उपिविध बनाई जान क पश चात यथाशीघर ससद क परतयक सदन क समकष जब वह सतर म हो कल तीस िदन की अविध क िलए रखा जाएगा या रखी जाएगी यह अविध एक सतरा म अथवा दो या अिधक आनकरिमक सतर म परी हो सकगी यिद उस सतर क या पव क त आनकरिमक सतर म अवसान क पवर दोन सदन उस िविनयम िनयम या उपिविध म कोई पिरवतरन करन क िलए सहमत हो जाए तो ततपश चात वह ऐस पिरवितत रप म ही परभावी होगा या होगी यिद उक त अवसान क पवर दोन सदन सहमत हो जाए िक वह िविनयम िनयम या उपिविध नह बनाया या बनायी जानी चािहए तो ततपश चात वह िनषपरभाव हो जाएगा या हो जाएगी िकनत यथािसथित िविनयम िनयम या उपिविधय क ऐस पिरवितत या िनषपरषभाव होन स उसक अधीन पहल की गई िकसी बात की िविधमानयता पर परितकल परभाव नह पड़गा ]

62 अिधिनयम िविनयम आिद की सिकषिप तया लगवानाmdashहर खान म या उसक आसपास अगरजी म और ऐसी अनय भाषा या भाषा म जो िविहत की जाए अिधिनयम की और िविनयम और िनयम की िविहत सिकषिप तया लगाई रखी जाएगी

अधयाय 9

शािसतया और परिकरया 63 बाधा डालनाmdash(1) जो कोई मखय िनरीकषक िनरीकषक या धारा 8 क अधीन परािधकत िकसी िक त क इस अिधिनयम क अधीन क उसक अपन कतर क िनवरहन म बाधा डालगा या मखय िनरीकषक िनरीकषक या ऐस िक त को िकसी खान क समबनध म इस अिधिनयम क ारा या अधीन परािधकत कोई परवश िनरीकषण परीकषा या जाच करन क िलए कोई यिक तयक त सिवधा दन स इनकार करगा या दन म जानबझकर उपकषा करगा वह कारावास स िजसकी अविध तीन मास तक की हो सकगी या जमारन स जो पाच सौ रपए तक का हो सकगा या दोन स दणडनीय होगा

1 1983 क अिधिनयम स० 42 की धारा 34 ारा (31-5-1984 स) कितपय शबद क सथान पर परितसथािपत 2 1983 क अिधिनयम स० 42 की धारा 34 ारा (31-5-1984 स) कितपय शबद क सथान पर परितसथािपत 3 1983 क अिधिनयम स० 42 की धारा 35 ारा (31-5-1984 स) अतःसथािपत

27

(2) जो कोई इस अिधिनयम क अनसरण म रख गए िकनह रिजसटर या अनय दसतावज को मखय िनरीकषक या िनरीकषक की माग पर पश करन स इनकार करगा अथवा िकसी ऐस िनरीकषण आिफसर क समकष जो इस अिधिनयम क अधीन क अपन कतर क अनसरण म कायर कर रहा ह उपसजात होन या उसक ारा परीकषा की जान स िकसी िक त को िनवािरत करगा या िनवािरत करन का परयत न करगा या कोई ऐसा कायर करगा िजसक बार म उसक पास यह िवश वास करन का कारण हो िक उसस उसका इस परकार िनवािरत होना सभा ह वह जमारन स जो तीन सौ रपए तक का हो सकगा दणडनीय होगा

64 अिभलख का िमथयाकरण आिदmdashजो कोईmdash

(क) इस अिधिनयम क अधीन अनद िकसी परमाणपतर का या परमाणपतर की िकसी कायारलय परित का कटकरण करगा या जानत हए उसम िमथया कथन करगा अथवा

(ख) जानत हए ऐस िकसी कटकतय या िमथया परमाणपतर को असली क रप म उपयोग म लाएगा अथवा

(ग) कोई िमथया घोषणा कथन या सा य यह जानत हए िक वह िमथया ह अपन िलए या िकसी अनय िक त क िलए इस अिधिनयम क अधीन परमाणपतर अिभपरा करन या परमाणपतर का नवीकरण करान या खान म िनयोजन अिभपरा करन क परयोजनाथर करगा या बनाएगा या पश करगा या उपयोग म लाएगा अथवा

1[(घ) िकसी ऐस रखाक खडिचतर रिजसटर या अिभलख का िमथयाकरण करगा िजसका रखा जाना इस अिधिनयम क ारा या अधीन अपिकषत हो या ऐसा िमथया रखाक खडिचतर रिजसटर या अिभलख उस िमथया जानत हए िकसी परािधकारी क

समकष पश करगा अथवा]

(ङ) कोई ऐसा रखाक िववरणी सचना अिभलख या िरपोटर बनाएगा दगा या पिरद करगा िजसम ऐसा कथन परिवि या बयौरा अनतिवष ट हो जो उसकी सव म जानकारी या िवश वास क अनसार सही न हो

वह कारावास स िजसकी अविध तीन मास तक की हो सकगी या जमारन स जो 2[एक हजार रपए] तक का हो सकगा या दोन स दणडनीय होगा

65 िमथया योगयता परमाणपतर का उपयोगmdashजो कोई 3[धारा 43] क अधीन अनय िक त को अनद िकसी परमाणपतर का उस धारा क अधीन अपन को योगयता-परमाणपतर क रप म जानत हए उपयोग करगा या उपयोग करन का परयत न करगा या उस धारा क अधीन अपन को योग यता-परमाणपतर अनद िकए जान पर जानत हए अनय िक त को उसका उपयोग करन दगा या उपयोग करन का परय करन दगा वह कारावास स िजसकी अविध एक मास तक की हो सकगी या जमारन स जो 4[दो सौ] रपए तक का हो सकगा या दोन स दणडनीय ोगा

िक तयक त कारण क िजस सािबत करन का भार उस पर होगा करगा जमारन स जो 6[एक हजार] रपए क का हो

ास स िजसकी विध तीन

ोिजत िकया जाता ह तो ऐसी खान का सवामी अिभकतार या परबनधक ऐस जमारन स जो पाच सौ रपए क का हो

ी अविध तीन मास तक की हो सकगी या जमारन स जो 10[दो हजार पाच सौ] रपए तक का हो सकगा या दोन स दणडनीय होगा

66 रखाक आिद दन का लोपmdashकोई िक त जो इस अिधिनयम क ारा या अधीन बनाए जान या िदए जान क िलए अपिकषत कोई रखाक 5[खडिचतर] िववरणी सचना रिजसटर अिभलख या िरपोटर िविहत पररप म या िविहत रीित स या िविहत समय पर या क भीतर बनान या दन का लोप िकए िबना यत सकगा दणडनीय होगा

67 शरिमक क िनयोजन िवषयक उपबनध का उललघनmdashजो कोई उसक िसवाय जसा िक धारा 38 ारा अनजञात ह इस अिधिनयम क या िकसी िविनयम िनयम या उपिविध क या तद धीन िकए गए िकसी आदश क िकसी ऐस उपबनध का उललघन करगा जो खान म या उसक आसपास िक तय क िनयोजन या उनकी उपिसथित को परितिष िनबरिनधत या िविनयिमत करता हो वह कारावअ मास तक की हो सकगी या जमारन स जो 7[एक हजार] रपए तक का हो सकगा या दोन स 8 दडनीय होगा

9[68 अठारह वषर स कम आय क िक तय क िनयोजन क िलए शािसतmdashयिद अठारह वषर स कम आय क िकसी िक त को धारा 40 क उललघन म िकसी खान म िनयत सकगा दणडनीय होगा ]

69 परबनधक िनयक त करन म असफलताmdashधारा 17 क उपबनध क उललघन म जो कोई परबनधक िनयक त करन म असफल रहगा वह कारावास स िजसक11

1 1959 क अिधिनयम स० 62 की धारा 35 ारा (16-1-1960 स) खड (घ) क सथान पर परितसथािपत 2 1959 क अिधिनयम स० 62 की धारा 35 ारा (16-1-1960 स) ldquoपाच सौ रपएrdquo क सथान पर परितसथािपत 3 1983 क अिधिनयम स० 42 की धारा 36 ारा (31-5-1984 स) ldquoधारा 40rdquo क सथान पर परितसथािपत 4 1959 क अिधिनयम स० 62 की धारा 36 ारा (16-1-1960 स) ldquoपचासrdquo क सथान पर परितसथािपत 5 1959 क अिधिनयम स० 62 की धारा 37 ारा (16-1-1960 स) अनतःसथािपत 6 1959 क अिधिनयम स० 62 की धारा 37 ारा (16-1-1960 स) ldquoदो सौrdquo क सथान पर परितसथािप 7 1959 क अिधिनयम स० 62 की धारा 38 ारा (16-1-1960 स) ldquoपाच सौrdquo क सथान पर परितसथािपत 8 1959 क अिधिनयम स० 62 की धारा 38 ारा (16-1-1960 स) कितपय शबद का लोप िकया गया 9 1983 क अिधिनयम स० 42 की धारा 37 ारा (31-5-1984 स) धारा 68 क सथान पर परितसथािपत 10 1959 क अिधिनयम स० 62 की धारा 39 ारा (16-1-1960 स) ldquoपाच सौrdquo क सथान पर परितसथािपत 11 1959 क अिधिनयम स० 62 की धारा 39 ारा (16-1-1960 स) कितपय शबद का लोप िकया गया

28

70 दघरटना की सचनाmdash(1) धारा 23 की उपधारा (1) क उपबनध क उललघन म जो कोई िकसी दघरटना की सचना दन म या उस सचना की परित उस उपधारा म िनिदष ट िवशष सचनाप पर लगान म और िविनिदष ट कालाविध क िलए वहा रखन म असफल रहगा वह कारावास स िजसकी अविध तीन मास तक की हो सकगी या जमारन स जो पाच सौ रपए तक का हो सकगा या दोन स दणनीय होगा

(2) कनदरीय सरकार ारा धारा 23 की उपधारा (3) क अधीन िदए गए िनदश क उललघन म जो कोई िकसी दघरटना को िविहत रिजसटर म अिभिलिखत करन म या उसकी सचना दन म असफल रहगा वह कारावास स िजसकी अविध तीन मास तक की हो सकगी या जमारन स तो पाच सौ रपए तक का हो सकगा या दोन स दणडनीय होगा

71 कितपय मामल म सवामी आिद का मखय िनरीकषक को िरपोटर दनाmdashजहा िक खान क यथािसथित सवामी अिभकतार या परबनधक न खान म या उसक आसपास िनयोिजत िकसी िक त क िवर कायरवाही इस अिधिनयम क अधीन क िकसी अपराध क बार म की हो वहा वह नयायालय क िनणरय या आदश की तारीख स इक कीस िदन क अनदर उसक पिरणाम की िरपोटर मखय िनरीकषक को दगा

72 खान म िनयोिजत िक तय की बाधयताmdashखान म िनयोिजत कोई भी िक तmdash

(क) खान म िनयोिजत िक तय का सवासथय कषम या कलयाण सिनिश चत करन क परयोजनाथर खान म उपबिनधत िकसी सािधतर सिवधा या अनय चीज म जानबझकर हसतकषप या उसका जानबझकर दरपयोग न करगा

(ख) जानबझकर और यिक तयक त कारण क िबना कोई ऐसी बात न करगा िजसस सवय उसक या अनय क सकटाप होन की सभा ता हो

(ग) खान म िनयोिजत िक तय का सवासथय या कषम सिनिश चत करन क परयोजनाथर उसम उपबिनधत िकसी सािधतर या अनय चीज को उपयोग म लान की जानबझकर उपकषा नह करगा

1[72क कछ िविनयम क उललघन क िलए िवशष उपबनधmdashजो कोई धारा 57 क खणड (घ) खणड (झ) खणड (ड) खणड (ढ) खणड (ण) खणड (त) खणड (द) खणड (ध) और खणड (प) म िविनिदष ट बात स सब िकसी िविनयम क या िकसी उपिविध क या तद धीन िकए गए िकसी आदश क िकसी उपबनध का उललघन करगा वह कारावास स िजसकी अविध छह मास तक की हो सकगी या जमारन स जो दो हजार रपए तक का हो सकगा या दोन स दणडनीय होगा

72ख धारा 22 क अधीन आदश क उललघन क िलए िवशष उपबनधmdashजो कोई धारा 22 की उपधारा (1क) उपधारा (2) या उपधारा (3) क अधीन 2[या धारा 22क की उपधारा (2) क अधीन] िनकाल गए आदश क उललघन म खान का कायरकरण चाल रखगा वह कारावास स िजसकी अविध दो वषर तक की हो सकगी दडनीय होगा और जमारन स भी जो पाच हजार रपए तक का हो सकगा दडनीय होगा

2[परनत नयायालय क िनणरय म लखब िकए जान वाल ततपरितकल िवशष और पयारप त कारण क अभाव म ऐसा जमारना खड (क) म िनिदष ट उललघन की दशा म तीन हजार रपए स कम नह होगा ]

72ग िविध क ऐस उललघन क िलए िजसक खतरनाक पिरणाम होत ह िवशष उपबनधmdash(1) जो कोई इस अिधिनयम क या िकसी िविनयम िनयम या उपिविध क या तद धीन िकए गए [धारा 22 की उपधारा (1क) या उपधारा (2) या उपधारा (3) 3[या धारा 22क की उपधारा (2)] क अधीन िकए गए आदश स िभ ] िकसी आदश क िकसी उपबनध का उललघन करगा वहmdash

(क) यिद ऐस उललघन क पिरणामसवरप जीवन की हािन हो तो कारावास स जो दो वषर तक का हो सकगा या जमारन स जो पाच हजार रपए तक का हो सकगा या दोन स दणडनीय होगा या

(ख) यिद ऐस उललघन क पिरणामसवरप गमभीर शारीिरक कषित हो तो कारावास स जो एक वषर तक का हो सकगा या जमारन स जो तीन हजार रपए तक का हो सकगा या दोन स दडनीय होगा अथवा

(ग) यिद ऐस उललघन स खान म िनयोिजत िक तय को या खान म या उसक आसपास क अनय िक तय को कषित या खतरा कािरत हो तो कारवास स जो तीन मास तक का हो सकगा या जमारन स जो एक हजार रपए तक का हो सकगा या दोन स दणडनीय होगा 6[परनत नयायालय क िनणरय म लखब िकए जान वाल ततपरितकल िवशष और पयारप त कारण क अभाव म ऐसा जमारना

खणड (क) म िनिदष ट उललघन की दशा म तीन हजार रपए स कम नह होगा ]

(2) जहा िक कोई िक त इस धारा क अधीन दोषिस िकए गए जान पर िफर उसक अधीन दोषिस िकया जाए वहा वह उपधारा (1) ारा उपबिनधत दड क दगन दड स दणडनीय होगा

1 1959 क अिधिनयम स० 62 की धारा 40 ारा (16-1-1960 स) धारा 73 तथा धारा 74 क सथान पर परितसथािपत 2 1983 क अिधिनयम स० 42 की धारा 38 ारा (31-5-1984 स) अतःसथािपत 3 1983 क अिधिनयम स० 42 की धारा 39 ारा (31-5-1984 स) अतःसथािपत

29

(3) इस धारा क अधीन पािरत जमारन का दडादश आरोिपत करन वाला अथवा अपील या पनरीकषण म या अनयथा उसकी पिष ट करन वाला नयायालय िनणरय पािरत करत समय आदश द सकगा िक वसल िकया गया सपणर जमारना या उसका कोई भाग कषितगरसत िक त को या उसकी मतय की दशा म उसक िविधक परितिनिध को परितकर क रप म िदया जाए

परनत यिद जमारना ऐस मामल म आरोिपत िकया जाए जो अपीलनीय हो तो अपील उपिसथत िकए जान क िलए अनजञात कालाविध क बीत जान क पहल या यिद अपील उपिसथत की गई हो तो अपील क िविनश चय स पहल ऐसा कोई भी सदाय नह िकया जाएगा

73 आदश की अवजञा क िलए साधारण उपबनधmdashजो कोई इस अिधिनयम क या िकसी िविनयम िनयम या उपिविध क या तद धीन िकए गए िकसी आदश क िकसी ऐस उपबनध का उललघन करगा िजसक उललघन क िलए एतिसमनपवर कोई शािसत उपबिनधत नह ह वह कारावास स िजसकी अविध तीन मास तक की हो सकगी या जमारन स जो एक हजार रपए तक का हो सकगा या दोन स दडनीय होगा

74 पवर दोषिसि क पश चात विधत शािसतmdashयिद कोई िक त जो (धारा 72ख और 72ग स िभ ) पवरगामी उपबनध म स िकसी क अधीन दडनीय िकसी अपराध का दोषिस िकया जा चका हो पवर दोषिसि क दो वषर क अनदर िकए गए और उसी उपबनध का उललघन अनतवरिलत करन वाल िकसी अपराध क िलए पनः दोषिस िकया जाए तो वह हर एक पश चात वत दोषिसि क िलए उस दड क दगन दणड स दणडनीय होगा िजसस वह ऐस उपबनध क परथम उललघन क िलए दडनीय होता ]

75 सवामी अिभकतार या परबनधक का अिभयोजनmdashइस अिधिनयम क अधीन क िकसी अपराध क िलए िकसी सवामी अिभकतार या परबनधक क िवर कोई भी अिभयोजन मखय िनरीकषक की या िजला मिजसटरट की या मखय िनरीकषक क िलिखत साधारण या िवशष आदश ारा इस िनिम परािधकत िनरीकषक की पररणा पर सिसथत िकए जान क िसवाय सिसथत नह िकया जाएगा

1[परनत मखय िनरीकषक या िजला मिजसटरट या इस परकार परािधकत िनरीकषक ऐसा अिभयोजन सिसथत करन स पवर अपना यह समाधान करगा िक सवामी अिभकतार या परबनधक ऐस अपराध क िकए जान को रोकन म सभी समयक ततपरता बरतन म असफल रहा था ]

2[परनत यह और िक] िकसी खान म तकनीकी िनदशन और परबनध क अनकरम म िकए गए िकसी अपराध क बार म िजला मिजसटरट िकसी सवामी अिभकतार या परबनधक क िवर कोई अिभयोजन मखय िनरीकषक क पवर अनमोदन स सिसथत करन क िसवाय सिसथत नह करगा

3[76 कितपय मामल म सवामी का अवधारणmdashजहा िक खान का सवामी कोई फमर या िष टय का अनय सगम हो वहा उसक सब भागीदार या सदसय या उनम स कोई अथवा जहा िक खान का सवामी कमपनी हो वहा उसक सब िनदशक या उनम स कोई अथवा जहा िक खान का सवामी सरकार या कोई सथानीय परािधकारी हो वहा यथािसथित ऐसी सरकार या सथानीय परािधकारी ारा खान क कामकाज का परबनध करन क िलए परािधकत सब आिफसर या िक त या उनम स कोई ऐस िकसी अपराध क िलए िजसक िलए खान का सवामी दडनीय हो इस अिधिनयम क अधीन अिभयोिजत और दिडत िकया जा सकगा

4[परनत जहा िकसी फमर सगम या कमपनी न मखय िनरीकषक को िलिखत रप म यह सचना द दी ह िक उसनmdash

(क) फमर की दशा म उसक िकसी भागीदार या परबनधक को

(ख) सगम की दशा म उसक िकसी सदसय या परबनधक को

(ग) कमपनी की दशा म उसक िकसी िनदशक या परबनधक को

जो परतयक मामल म िकसी ऐस सथान म िजस पर इस अिधिनयम का िवसतार ह िनवासी ह और जो परतयक मामल म या तो वासतव म ऐसी फमर सगम या कमपनी क परबनध का भारसाधक ह या उसम अिधकाश शयर धारण करता ह इस अिधिनयम क परयोजन क िलए खान क सवामी क उ रदाियतव को गरहण करन क िलए नामिनदिशत कर िदया ह वहा यथािसथित ऐसा भागीदार सदसय िनदशक या परबनधक जब तक वह ऐसा िनवासी बना रहता ह और पव क त रप म भारसाधक ह या अिधकाश शयर को धारण करता ह इस अिधिनयम क परयोजन क िलए खान का सवामी समझा जाएगा जब तक िक उसक नामिनदशन को र करन वाली या यह कथन करन वाली कोई िलिखत सचना की वह यथािसथित भागीदारी सदसय िनदशक या परबनधक नह रहा ह मखय िनरीकषक को पराप त नह हो जाती ह

सपष टीकरणmdashजहा िकसी फमर सगम या कमपनी क िविभन न सथापन या शाखाए ह अथवा उसक िकसी सथापन या शाखा म िविभन न एकक ह वहा िविभन न सथापन या शाखा या एकक क सबध म इस परनतक क अधीन िविभन न िक तय को नामिनदिशत िकया जा सकगा और इस परकार नामिनदिशत िक त कवल उस सथापन शाखा या एकक क समबनध म िजसक समबनध म उस नामिनदिशत िकया गया ह खान का सवामी समझा जाएगा ]

1 1983 क अिधिनयम स० 42 की धारा 40 ारा (31-5-1984 स) अतःसथािपत 2 1983 क अिधिनयम स० 42 की धारा 40 ारा (31-5-1984 स) ldquoपरनतrdquo क सथान पर परितसथािपत 3 1959 क अिधिनयम स० 62 की धारा 41 ारा (16-1-1960 स) धारा 76 क सथान पर परितसथािपत 4 1983 क अिधिनयम स० 42 की धारा 41 ारा (31-5-1984 स) ldquoपरनतकrdquo क सथान पर परितसथािपत

30

77 सवामी अिभकतार या परबनधक को दाियतव स कितपय दशा म छटmdashजहा िक खान का सवामी अिभकतार या परबनधक जो इस अिधिनयम क अधीन िकसी अपराध का अिभयक त हो यह अिभकथन कर िक वासतिवक अपराधी अनय िक त ह वहा वह अपन

ारा इस िनिम िकए गए पिरवाद पर 1[और वासतिवक अपराधी का जञात पता दन पर] और अिभयोजक को ऐसा करन क अपन आशय की तीन स अनयन पणर िदन की िलिखत सचना दन पर इस बात का हकदार होगा िक वह अनय िक त उस तारीख को जो मामल की सनवाई क िलए िनयत हो नयायालय क समकष लाया जाए और यिद अपराध का िकया जाना सािबत हो जान क पश चात खान का यथािसथित सवामी अिभकतार या परबनधक नयायालय को समाधान परदान करन वाल रप म सािबत कर द िकmdash

(क) इस अिधिनयम क ससगत उपबनध का िनषपादन करान क िलए उसन समयक ततपता बरती ह तथा (ख) उस अनय िक त न परश नगत अपराध को उसक जञान सममित या मौनानकलता क िबना िकया ह

तो उक त अनय िक त उस अपराध क िलए दोषिस िकया जाएगा और उसी परकार क दणड स ऐस दडनीय होगा मानो वह खान का सवामी अिभकतार या परबनधक हो और यथािसथित सवामी अिभकतार या परबनधक दोषमक त कर िदया जाएगा परनतmdash

(क) यथािसथित खान क सवामी अिभकतार या परबनधक की शपथ पर परीकषा की जा सकगी और उसक और िकसी अनय साकषी क िजस वह अपन समथरन म बलाए सा य की उस िक त क ारा या की ओर स िजसकी बाबत वह अिभकिथत करता हो िक वह वासतिवक अपराधी ह और अिभयोजक ारा परितपरीकषा की जा सकगी

(ख) यिद वह िक त िजसका वासतिवक अपराधी होना अिभकिथत हो उस तारीख को जो मामल की सनवाई क िलए िनयत हो नयायालय क समकष समयक ततपरता बरती जान पर भी न लाया जा सक तो नयायालय उसकी सनवाई समय-समय पर सथिगत कर दगा िकनत इस परकार िक ऐस सथगन की कल कालाविध तीन मास स अिधक न हो और यिद उक त कालाविध क अनत तक भी वह िक त िजसका वासतिवक अपराधी होना अिभकिथत हो नयायालय क समकष न लाया जा सक तो नयायालय यथािसथित सवामी अिभकतार या परबनधक क िवर मामल की सनवाई क िलए अगरसर होगा

78 नयायालय की आदश करन की शिक तmdash(1) जहा िक खान का सवमी अिभकतार या परबनधक इस अिधिनयम क अधीन दडनीय अपराध क िलए दोषिस िकया जाए वहा नयायालय उस कोई दड अिधिनण त करन क अितिरक त िलिखत आदश ारा उसस आदश म िविनिदष ट कालाविध क अनदर (िजस नयायालय इस िनिम िकए गए आवदन पर समय-समय पर िवसतािरत कर सकगा) ऐस उपाय करन की अपकषा कर सकगा जो उन बात का उपचार करन क िलए िजनक बार म अपराध िकया गया था ऐस िविनिदष ट िकए जाए (2) जहा िक उपधारा (1) क अधीन आदश िदया जाए वहा यथािसथित खान का सवामी अिभकतार या परबनधक उस कालाविध या िवसतािरत कालाविध क यिद कोई हो दौरान अपराध क चाल रहन क िवषय म इस अिधिनयम क अधीन दडनीय नह होगा िकनत यिद नयायालय क आदश का पणर अनपालन ऐसी कालाविध या िवसतािरत कालाविध क अवसान पर न हो गया हो तो यथािसथित सवामी अिभकतार या परबनधक क बार म यह समझा जाएगा िक उसन अितिरक त अपराध िकया ह और वह कारावास स िजसकी अविध छह मास तक की हो सकगी या जमारन स जो ऐस अवसान क पश चात हर एक ऐस िदन क िलए िजसम िक आदश का अनपालन न हआ हो एक सौ रपए तक का हो सकगा या दोन स दणडनीय होगा 79 अिभयोजन की पिरसीमाmdashकोई भी नयायालय इस अिधिनयम क अधीन िकसी अपराध का सजञान तब तक नह करगा जब तक िक उसका पिरवादmdash

(i) उस तारीख स िजसकी बाबत यह अिभकिथत हो िक अपराध उस तारीख को िकया गया छह मास क अनदर अथवा

(ii) उस तारीख स िजसको िक अिभकिथत अपराध का िकया जाना िनरीकषक क जञान म आया छह मास क अनदर अथवा

2[(iiक) िकसी ऐस मामल म िजसम अिभयक त लोक सवक ह या था और ततसमय परव िकसी िविध क अधीन अपराध का सजञान करन क िलए कनदरीय सरकार या राजय सरकार या िकसी अनय परािधकारी की पवर मजरी आवशयक ह उस तारीख क िजसको ऐसी मजरी मखय िनरीकषक को पराप त होती ह तीन मास क अनदर अथवा]

(iii) िकसी ऐस मामल म िजसम जाच नयायालय कनदरीय सरकार ारा धारा 24 क अधीन िनयक त िकया गया हो उस धारा की उपधारा (4) म िविनिदष ट िरपोटर क परकाशन की तारीख क पश चात 3[एक वषर] क अनदर

इनम स जो भी बाद म हो न िकया गया हो 4[सपष टीकरणmdashइस धारा क परयोजन क िलएmdash

1 1959 क अिधिनयम स० 62 की धारा 42 ारा (16-1-1960 स) अनतःसथािपत 2 1983 क अिधिनयम स० 42 की धारा 42 ारा (31-5-1984 स) अतःसथािपत 3 1983 क अिधिनयम स० 42 की धारा 42 ारा (31-5-1984 स) ldquoछह मासrdquo क सथान पर परितसथािपत 4 1959 क अिधिनयम स० 62 की धारा 43 ारा (16-1-1960 स) सप ीकरण जोड़ा गया

31

(क) चाल रहन वाल अपराध की दशा म पिरसीमा की सगणना उस समय क हर कषण क परित िनदश स की जाएगी िजसक दौरान अपराध चाल रह

(ख) जहा िक कोई कायर करन क िलए समय इस अिधिनयम क अधीन िवसतािरत िकया गया हो वहा पिरसीमा की सगणना उस िवसतािरत कालाविध क अवसान स की जाएगी ]

80 अपराध का सजञानmdash1[महानगर मिजसटरट या परथम वगर नयाियक मिजसटरट] क नयायालय स अवर कोई नयायालय इस अिधिनयम क अधीन िकसी ऐस अपराध का िजसकी बाबत यह अिभकिथत हो िक वह खान क सवामी अिभकतार या परबनधक ारा िकया गया ह या िकसी ऐस अपराध का जो इस अिधिनयम ारा कारावास स दडनीय बनाया गया ह िवचारण नह करगा

80क [जमारन क बार म िवशष उपबध ]mdashखान (सशोधन) अिधिनयम 1983 (1983 का 42) की धारा 44 ारा (31-5-1984 स) िनरिसत

81 कितपय मामल म अिभयोजन क बजाय खान बोडर या सिमित को िनदशmdash(1) यिद मखय िनरीकषक या िजला मिजसटरट या िकसी िनरीकषक की पररणा पर इस अिधिनयम क अधीन सिसथत िकसी मामल का िवचारण करन वाल नयायालय की यह राय हो िक यह मामला ऐसा ह जो अिभयोजन क बजाय 2 सिमित को िनदिशत िकया जाना चािहए तो वह दािडक कायरवािहय को रोक सकगा और इस दिष ट स िक ऐसा िनदशन िकया जाए उस िवषय की िरपोटर कनदरीय सरकार को भजगा

(2) उपधारा (1) क अधीन िरपोटर पराप त होन पर कनदरीय सरकार मामला 2 सिमित को िनदिशत कर सकगी या िवचारण म अगरसर होन क िलए नयायालय को िनदश द सकगी

अधयाय 10

परकीणर 82 इस परश न का िविनश चय िक कया खान इस अिधिनयम क अधीन हmdashयिद कोई परश न उठ िक कया 3[खान का और उसम

का या उसका पाश वरसथ कोई उतखान या खिनत या पिरसर िजस पर खिनज या कोक पराप त करन दरसी करन या िवकरय क िलए तयार करन की सहायक कोई परिकरया चलाई जा रही ह] इस अिधिनयम क अथर क अनदर खान ह तो कनदरीय सरकार उस परश न का िविनश चय कर सकगी और कनदरीय सरकार क सिचव ारा हसताकषिरत परमाणपतर इस परश न पर िनश चायक होगा

83 अिधिनयम क परवतरन स छट दन की शिक तmdash4[(1)] कनदरीय सरकार िकसी सथानीय कषतर या िकसी खान को या खान क िकसी समह या वगर को या खान क िकसी भाग को या िक तय क िकसी वगर को 5[इस अिधिनयम या उसक अधीन बनाए गए िविनयम िनयम या उपिविधय क सब उपबनध क या उनम स िकसी क] परवतरन स छट शासकीय राजपतर म अिधसचना ारा या तो अतयितकतः या िकनह िविनिदष ट शत क अधयधीन द सकगी

परनत िकसी सथनीय कषतर या खान या खान क समह या वगर को 6[धारा 40 और धारा 45] क उपबनध स छट तब तक नह दी जाएगी जब तक उस इस अिधिनयम क अनय सब उपबनध क परवतरन स भी छट न द दी जाए ]

7[(2) कनदरीय सरकार मखय िनरीकषक या िकसी अनय परािधकारी को साधारण या िवशष आदश ारा ऐस िनबरनधन क अधयधीन िजनह अिधरोिपत करना वह ठीक समझ परािधकत कर सकगी िक वह िकसी खान या उसक िकसी भाग को 8[िविनयम िनयम या उपिविधय ] क उपबन ध म स िकसी क परवतरन स िकनह िविनिदष ट शत क अधयधीन तब छट द द जब िक मखय िनरीकषक या ऐस अिधकारी की राय हो िक खान या उसक भाग म पिरिसथितया ऐसी ह िक उनक कारण ऐस उपबनध का अनपालन अनावशयक या अ वहायर हो जाता ह ]

84 आदश को पिरवितत या िवखिणडत करन की शिक तmdash9[(1)] कनदरीय सरकार इस अिधिनयम क अधीन िदया गया कोई आदश उलट सकगी या उपानतिरत कर सकगी

10[(2) मखय िनरीकषक लखब िकए जान वाल कारण स इस अिधिनयम क अधीन या िकसी िविनयम िनयम या उपिविध क अधीन अपन ारा पािरत िकसी आदश को उलट सकगा या उस उपातिरत कर सकगा

(3) खान क सवामी अिभकतार या परबनधक पर परितकल परभाव डालन वाला कोई आदश इस धारा क अधीन तब तक नह िकया जाएगा जब तक िक ऐस सवामी अिभकतार या परबनधक को अभयावदन करन का यिक तयक त अवसर न द िदया गया हो ]

1 1983 क अिधिनयम स० 42 की धारा 43 ारा (31-5-1984 स) ldquoपरसीडसी मिजसटरट या परथम वगर मिजसटरटrdquo क सथान पर परितसथािपत 2 1983 क अिधिनयम स० 42 की धारा 43 ारा (31-5-1984 स) ldquoखनन बोडरrdquo शब द का लोप िकया गया 3 1959 क अिधिनयम स० 62 की धारा 45 ारा (16-1-1960 स) अनतःसथािपत 4 1959 क अिधिनयम स० 62 की धारा 46 ारा (16-1-1960 स) उपधारा (1) क रप म पनःसखयािकत 5 1983 क अिधिनयम स० 42 की धारा 46 ारा (31-5-1984 स) ldquoइस अिधिनयम क सब उपबध क िकसी कrdquo क सथान पर परितसथािपत 6 1983 क अिधिनयम स० 42 की धारा 46 ारा (31-5-1984 स) ldquoधारा 45rdquo क सथान पर परितसथािपत 7 1959 क अिधिनयम स० 62 की धारा 46 ारा (16-1-1960 स) अनतःसथािपत 8 1983 क अिधिनयम स० 42 की धारा 46 ारा (31-5-1984 स) ldquoइस अिधिनयम क अतगरत िविनयम और िनयमrdquo क सथान पर परितसथािपत 9 1983 क अिधिनयम स० 42 की धारा 47 ारा (31-5-1984 स) धारा 84 उपधारा (1) क रप म पनःसखयािकत 10 1983 क अिधिनयम स० 42 की धारा 47 ारा (31-5-1984 स) अतःसथािपत

32

85 सरकार की खान को अिधिनयम का लाग होनाmdashयह अिधिनयम सरकार की खान को 1[भी] लाग होगा 2[85क सचना आिद दन क िलए अपिकषत िक त ऐसा करन क िलए वध रप स आब ह गmdashहर िक त जो िकसी

अिधकारी को कोई सचना या इि ला इस अिधिनयम क अधीन दन क िलए अपिकषत ह भारतीय दड सिहता (1860 का 45) की धारा 176 क अथर क अनदर ऐसा करन क िलए वध रप स आब होगा ]

3[85ख िववरिणय सचना आिद पर हसताकषर करनाmdashइस अिधिनयम या उसक अधीन बनाए गए िकसी िविनयम िनयम उपिविध या िकसी आदश क उपबनध क समबनध म िकसी खान क सवामी ारा या उसकी ओर स दी जान क िलए अपिकषत सभी िववरिणय और सचना पर या भजी जान वाली सचना पर खान क सवामी अिभकतार या परबधक ारा या िकसी ऐस िक त ारा िजस सवामी ारा मखतारनाम ारा इस िनिम शिक त परतयायोिजत की गई ह हसताकषर िकए जाएग

85ग सिवधा और जन सिवधा क िलए फीस या परभार का वसल न िकया जानाmdashखान म िनयोिजत िकसी िक त स सरकषातमक परबनध या दी जान वाली सिवधा या इस अिधिनयम क उपबनध क अधीन परदाय िकए जान वाल िकसी उपसकर या सािधतर की बाबत कोई फीस या परभार वसल नह िकया जाएगा ]

86 1948 क अिधिनयम 63 क कितपय उपबध का खान को लाग होनाmdashकनदरीय सरकार शासकीय राजपतर म अिधसचना ारा िनदश द सकगी िक कारखाना अिधिनयम 1948 (1948 का 63) क अधयाय 3 और 4 क उपबनध ऐस अपवाद और िनबरनधन क

अधयधीन रहत हए जस उस अिधसचना म िविनिदष ट िकए जाए सब खान और उनकी परसीमा को लाग ह ग

87 सद भावपवरक िकए गए कायर क िलए पिरतराणmdashकोई भी वाद अिभयोजन या अनय िविधक कायरवाही इस अिधिनयम क अधीन सद भावपवरक की गई या जान क िलए आशियत िकसी बात क िलए िकसी िक त क िवर न होगी

88 [1923 क अिधिनयम 4 का िनरसन]mdashिनरसन और सशोधन अिधिनयम 1957 (1957 का 36) की धारा 2 और पहली अनसची ारा िनरिसत

______

1 1959 क अिधिनयम स० 62 की धारा 47 ारा (16-1-1960 स) अनतःसथािपत 2 1959 क अिधिनयम स० 62 की धारा 48 ारा (16-1-1960 स) अनतःसथािपत 3 1983 क अिधिनयम स० 42 की धारा 48 ारा (31-5-1984 स) अतःसथािपत

Page 5: खान अधिनियम, 1952ncwapps.nic.in/acts/TheMinesAct1952_Hindi.pdf1 ज ल ई, 1952, द खए भ रत क र जपतर (अ गर 1952, ज ) भ ग 2,

5

अधयाय 2

िनरीकषक और परमाणकतार सजरन

5 मखय िनरीकषक और िनरीकषकmdash(1) कनदरीय सरकार शासकीय राजपतर म अिधसचना ारा ऐस िक त को जो िविहत अहरताए रखता हो उन सब राजयकषतर क िलए िजन पर इस अिधिनयम का िवसतार ह खान का मखय िनरीकषक और ऐस िक तय को जो िविहत अहरताए रखत ह मखय िनरीकषक क अधीनसथ खान क िनरीकषक िनयक त कर सकगी

(2) कोई भी िक त जो भारत म िकसी खान या खनन अिधकार म परतयकषतः या अपरतयकषतः िहतब हो या हो जाए मखय िनरीकषक या िनरीकषक िनयक त नह िकया जाएगा और न िनयक त िकए जान क पश चात ऐस पद को धारण िकए रहगा

(3) िजला मिजसटरट िनरीकषक की शिक तय का परयोग और कतर का पालन कनदरीय सरकार क साधारण या िवशष आदश 1 क अधयधीन रहत हए कर सकगा

परनत इस उपधारा म की िकसी भी बात स यह न समझा जाएगा िक वह 2[धारा 22 या धारा 22क] या धारा 61 ारा परद शिक तय म स िकसी का परयोग करन क िलए िकसी िजला मिजसटरट को सशक त करती ह

(4) मखय िनरीकषक और सभी िनरीकषक भारतीय दणड सिहता (1860 का 45) क अथर क अनदर लोक सवक समझ जाएग 3[6 िनरीकषक क कतयmdash(1) मखय िनरीकषक कनदरीय सरकार क अनमोदन स आदश ारा उस आदश म नािमत िकसी

िनरीकषक या िविनिदष ट िकसी िनरीकषक वगर को मखय िनरीकषक की इस अिधिनयम क अधीन की शिक तय म स (अपील सबधी शिक तय स िभन न) ऐसी शिक तय का िजनह वह िविनिदष ट कर ऐस िनबधन या शत क अधयधीन रहत हए िजनह अिधरोिपत करना वह ठीक समझ परयोग करन क िलए परािधकत कर सकगा

(2) मखय िनरीकषक इस अिधिनयम क अधीन िनरीकषक को परद िकसी शिक त का परयोग िलिखत आदश ारा उस आदश म नािमत िकसी िनरीकषक या िविनिदष ट िकसी िनरीकषक वगर ारा िकया जाना परितिष या िनबरिनधत कर सकगा

(3) मखय िनरीकषक इस धारा म अनतिवष ट अनय उपबनध क अधयधीन रहत हए ऐस सथानीय कषतर या कषतर को िजनक अनदर और खान क उस समह या वगर की िजसक बार म िनरीकषक अपनी-अपनी शिक तय का परयोग करग घोिषत करगा ]

7 खान क िनरीकषक की शिक तयाmdash(1) मखय िनरीकषक और कोई िनरीकषकmdash

(क) ऐसी परीकषा और जाच सकगा जसी वह यह अिभिनिश चत करन क िलए ठीक समझ िक कया इस अिधिनयम क और िविनयम िनयम और उपिविधय क और तद धीन िकए गए िकनह आदश क उपबनध का अनपालन िकसी खान क बार म िकया जाता ह

(ख) ऐस सहायक क साथ यिद कोई ह िजनह वह ठीक समझ िदन या राितर म िकसी भी समय िकसी खान या उसक भाग म परवश उसका िनरीकषण और उसकी परीकषा कर सकगा

परनत इस खड ारा परद शिक त का ऐसी िसथित स परयोग नह िकया जाएगा िजसस खान क कायरकरण म अयिक तयक त अड़चन या बाधा पड़

(ग) िकसी खान या उसक िकसी भाग की िसथित और दशा खान क सवातन खान क सबध म ततसमय परव उपिविधय की पयारप तता और खान म िनयोिजत िक तय क सवासथय कषम और कलयाण स ससक त या सब सब मामल और बात की परीकषा और उनक बार म जाच कर सकगा और चाह खान की परसीमा पर या अनयतर िकसी िक त क ऐस कथन िजनह वह इस अिधिनयम क परयोजन को कायारिनवत करन क िलए आवशयक समझ ल सकगा

(घ) अनय ऐसी शिक तय का परयोग कर सकगा जो कनदरीय सरकार ारा इस िनिम बनाए गए िविनयम ारा िविहत की जाए

परनत इस उपधारा क अधीन कोई भी िक त िकसी ऐस परश न का उ र दन या कोई ऐसा कथन करन क िलए िववश न िकया जाएगा िजसकी परवि उस अपराध म फसान की हो

(2) मखय िनरीकषक और कोई िनरीकषक यिद उनक पास इस धारा क अधीन िकसी िनरीकषण परीकषा या जाच क पिरणामसवरप यह िवश वास करन का कारण हो िक इस अिधिनयम क अधीन कोई अपराध िकया गया ह या िकया जा रहा ह िकसी सथान की तलाशी ल सकगा और खान स समब 4[िकसी सामगरी या िकसी रखाक खडिचतर रिजसटर या अनय अिभलख को] कबज म ल सकगा और 5[दड परिकरया सिहता 1973 (1973 का 2)] क उपबनध जहा तक लाग हो सकत ह इस अिधिनयम क अधीन िकसी

1 ऐस आदश क िलए दिखए भारत का राजपतर (अगरजी) 1953 भाग 2 खड 3 प 1530 2 1983 क अिधिनयम स० 42 की धारा 4 ारा (31-5-1984 स) ldquoधारा 22rdquo क सथान पर परितसथािपत 3 1959 क अिधिनयम स० 62 की धारा 4 ारा (16-1-1960 स) धारा 6 क सथान पर परितसथािपत 4 1959 क अिधिनयम स० 62 की धारा 5 ारा (16-1-1960 स) ldquoिकसी रिजसटर या अनय अिभलख कोrdquo शबद क सथान पर परितसथािपत 5 1983 क अिधिनयम स० 42 की धारा 5 ारा (31-5-1984 स) ldquoदणड परिकरया सिहता 1898 (1898 का 5)rdquo क सथान पर परितसथािपत

6

तलाशी और अिभगरहण को ऐस ही लाग ह ग जस व उस सिहता की 1[धारा 94] क अधीन िनकाल गए वारट क परािधकार क अधीन की िकसी तलाशी या अिभगरहण को लाग होत ह

8 िवशष आिफसर की परवश करन मापन आिद की शिक तयाmdashसरकार की सवा म का कोई भी िक त िजस मखय िनरीकषक या िनरीकषक न िलिखत रप म िवशष आदश ारा इस िनिम समयक रप स परािधकत िकया हो खान क परबनधक को ऐसी सचना दन क पश चात जो तीन िदन स कम की न हो 2[िकसी खान या उसम क िकसी उतपाद का सवकषण तलमापन] या मापन करन क परयोजन क िलए उसम परवश कर सकगा और िदन या राितर म िकसी भी समय खान या उसक िकसी भाग 2[या उसम क िकसी उतपाद] का सवकषण तलमापन या मापन कर सकगा

परनत जहा िक मखय िनरीकषक या िकसी िनरीकषक की राय म कोई आपात िव मान हो वहा वह िलिखत आदश ारा िकसी ऐस िक त को परािधकत कर सकगा िक वह ऐसी कोई सचना िदए िबना पव क त म स िकसी परयोजन क िलए खान म परवश कर

9 िनरीकषक को दी जान वाली सिवधाएmdashखान का हर सवामी अिभकतार और परबनधक मखय िनरीकषक और हर िनरीकषक को और धारा 8 क अधीन परािधकत हर िक त को इस अिधिनयम क अधीन कोई परवश िनरीकषण सवकषण मापन परीकषा या जाच करन क िलए सब यिक तयक त सिवधाए दगा

3[9क उपजीिवकाजनय सवासथय सवकषण क िलए दी जान वाली सिवधाएmdash(1) मखय िनरीकषक या िनरीकषक या उसक ारा इस िनिम िलिखत रप म परािधकत कोई अनय परािधकारी खान क सामानय कायर समय क दौरान िकसी भी समय या िदन या राितर म िकसी भी समय जब आवशयक हो खान क परबनधक को िलिखत सचना दन क पश चात खान म कषतर और उपजीिवकाजनय सवासथय सवकषण कर सकगा और खान का सवामी अिभकतार या परबनधक ऐस िनरीकषक या अिधकारी को सभी आवशयक सिवधाए िजनक अनतगरत सवकषण स सबिधत नमन और अनय आकड़ क सगरहण क िलए तथा सवकषण क िलए चन गए खान म िनयोिजत िकसी िक त क पिरवहन और परीकषा क िलए समय और मशीनरी की परीकषा और परख क िलए सिवधाए भी ह दगा

(2) खान म िनयोिजत परतयक ऐसा िक त जो उपधारा (1) क अधीन िकसी कषम और उपजीिवकाजनय सवासथय सवकषण म परीकषा क िलए चना गया ह ऐसी परीकषा क िलए और ऐस सथान पर जो आवशयक ह सवय को परसतत करगा और उक त सवकषण क समबनध म अपन काम और सवासथय क बार म सब जानकारी दगा

(3) खान म िनयोिजत िकसी िक त ारा जो कषम और उपजीिवकाजनय सवासथय सवकषण म परीकषा क िलए चना गया ह तीत िकए गए समय को उसक काम क समय म िगना जाएगा िकनत इस परकार िक िकसी अितकाल का सदाय मजदरी की मामली दर

स िकया जाएगा

सपष टीकरणmdashइस उपधारा क परयोजन क िलए ldquoमजदरी की मामली दरrdquo स वह आधािरक मजदरी तथा कोई महगाई भ ा और अिधभिम भ ा तथा नकद परितकर अिभपरत ह िजसक अनतगरत खा ान न और खा तल क िनःशलक िवतरण क माधयम स परोदभत होन वाला ऐसा परितकर यिद कोई हो भी ह िजसक िलए खान म िनयोिजत िक त ततसमय हकदार हो िकनत इसक अनतगरत बोनस (उतपादन क िलए परोतसाहन क रप म िदए जान वाल बोनस स िभन न) या कोई ऐसा परितकर नह ह जो िनःशलक आवास कोयल क िनःशलक परदाय िचिकतसा और शकषिणक सिवधा बीमारी भ ा िम ी क तल क परदाय टोिकिरय औजार और विदय जसी सख-सिवधा की वसथा क माधयम स परोदभत होता ह

(4) ऐसा कोई िक त िजसकी उपधारा (2) क अधीन परीकषा की जान पर उस कतर का िनवरहन करन क िलए िचिकतसकदष ट या अयोगय पाया जाता ह िजस कतर का िनवरहन वह सवय क परसतत िकए जान क ठीक पहल िकसी खान म कर रहा था सवामी अिभकतार और परबधक क खचर पर िचिकतसीय उपचार पान का हकदार होगा और ऐस उपचार की अविध क दौरान उस परी मजदरी दी जाएगी

(5) यिद िचिकतसालय उपचार क पश चात उपधारा (4) म िनिदष ट िकसी िक त को उस कतर का िनवरहन करन क िलए िचिकतसकदष ट या अयोगय घोिषत कर िदया जाता ह िजसका िनवरहन वह उक त परीकषा क िलए सवय क परसतत िकए जान क ठीक पहल िकसी खान म कर रहा था और ऐसी अयोगयता ऐस परसतत होन क पवर खान म उसक िनयोजन क कारण परतयकषतः हई मानी जा सकती ह तो सवामी अिभकतार और परबधक ऐस िक त को खान म ऐसा आनकिलपक िनयोजक दग िजसक िलए वह िचिकतसकदष ट या योगय ह

परनत जहा ऐसा कोई आनकिलपक िनयोजन तरनत उपलबध नह ह वहा सवामी अिभकतार और परबनधक ारा ऐस िक त को इस िनिम िविहत दर क अनसार अवधािरत िनय गयता भ ा िदया जाएगा

परनत यह और िक जहा ऐसा िक त खान क अपन िनयोजन को छोड़न का िविनश चय करता ह वहा उस सवामी अिभकतार और परबनधक ारा इस िनिम िविहत दर क अनसार अवधािरत एकमशत रकम िनय गयता परितकर क रप म सद की जाएगी

1 1983 क अिधिनयम स० 42 की धारा 5 ारा (31-5-1984 स) ldquoधारा 98rdquo क सथान पर परितसथािपत 2 1983 क अिधिनयम स० 42 की धारा 6 ारा (31-5-1984 स) अनतःसथािपत 3 1983 क अिधिनयम स० 42 की धारा 7 ारा (31-5-1984 स) अनतःसथािपत

7

(6) उपधारा (5) क परनतक क अधीन दर का अवधारण कमरचािरय की मािसक मजदरी िनय गयता की परकित और अनय सब बात को धयान म रखत हए िकया जाएगा ]

10 अिभपराप त जानकारी की गोपनीयताmdash(1) िकसी खान स सब रिजसटर या अनय अिभलख की सब परितय और उनम क उ रण और अनय सब जानकारी को जो मखय िनरीकषक या िनरीकषक ारा या उसकी सहायता करन वाल िक त ारा इस अिधिनयम क अधीन िकसी खान क िनरीकषण 1[या सवकषण] क अनकरम म अिजत की गई हो या धारा 8 1[या धारा 9क] क अधीन परािधकत िकसी िक त ारा तद धीन अपन कतर क पालन म अिजत की गई हो गोपनीय माना जाएगा और जब तक िक मखय िनरीकषक या िनरीकषक उसका परकटन उस खान म या उसक पा रसथ िकसी अनय खान म िनयोिजत िकसी िक त का सवासथय कषम या कलयाण सिनिश चत करन क िलए आवशयक न समझ वह िकसी िक त या परािधकारी को परकट नह की जाएगी

(2) उपधारा (1) की कोई भी बात ऐसी िकसी जानकारी क ऐस परकटन को (यिद ऐस परकटन की अपकषा की गई हो) लाग न होगी जो िनम निलिखत म स िकसी को िकया जाएmdash

(क) कोई नयायालय 2[(ख) यथािसथित धारा 12 या धारा 24 क अधीन गिठत या िनयक त सिमित या जाच नयायालय ] (ग) पदीय विरष ठ या सयक त खान का सवामी अिभकतार या परबनधक (घ) कमरकार परितकर अिधिनयम 1923 (1923 का 8) क अधीन िनयक त कमरकार परितकर आयक त 3[(ङ) भारतीय खान बयरो का िनयतरक

(च) कोई रिजसटरीकत या मानयतापराप त वसाय सघ (छ) ऐसा अनय अिधकारी परािधकारी या सगठन जो कनदरीय सरकार ारा इस िनिम िविनिदष ट िकया जाए ]

(3) यिद मखय िनरीकषक या उपधारा (1) म िनिदष ट कोई अनय िक त पव क त जसी िकसी जानकारी को कनदरीय सरकार की सममित क िबना इस धारा क उपबनध क परितकल परकट करगा तो वह कारावास स िजसकी अविध एक वषर तक की हो सकगी या जमारन स या दोन स दणडनीय होगा

(4) कोई भी नयायालय इस धारा क अधीन क िकसी अपराध क िवचारण क िलए कायरवाही कनदरीय सरकार की पवर मजरी स करन क िसवाय नह करगा

11 परमाणकतार सजरनmdash(1) कनदरीय सरकार अिहत िचिकतसा- वसाियय को ऐसी सथानीय सीमा क अनदर या ऐसी खान या खान क वगर या परकार क िलए िजनह वह उनह करमशः समनिदष ट कर इस अिधिनयम क परयोजन क िलए परमाणकतार सजरन िनयक त कर सकगी

(2) ऐसी शत क अधयधीन रहत हए जसी कनदरीय सरकार अिधरोिपत करना ठीक समझ परमाणकतार सजरन िकसी भी अिहत िचिकतसा वसायी को ऐसी कालाविध क िलए जो परमाणकतार सजरन िविनिदष ट कर इस अिधिनयम क अधीन की अपनी सब शिक तय का या उनम स िकसी का परयोग करन क िलए कनदरीय सरकार क अनमोदन स परािधकत कर सकगा और यह समझा जाएगा िक परमाणकतार सजरन क परित िनदश क अनतगरत परािधकत िकए गए अिहत िचिकतसा वसायी क परित िनदश आत ह

(3) कोई भी िक त जो खान का सवामी अिभकतार या परबनधक हो या हो जाए या उसम चलाई जा रही िकसी परिकरया या कारबार म या उसस ससक त िकसी पटनट या मशीनरी म परतयकषतः या अपरतयकषतः िहतब हो या हो जाए या अनयथा खान क िनयोजन म हो न तो परमाणकतार सजरन िनयक त िकया जाएगा और न परमाणकतार सजरन की शिक तय का परयोग करन क िलए परािधकत िकया जाएगा और न ऐस िनयोिजत या परािधकत िकए जान क पश चात ऐसी शिक तय का परयोग करगा

(4) परमाणकतार सजरन ऐस कतर का पालन करगा जो िनम निलिखत क सबध म िविहत िकए जाए mdash 4

(ख) खान म ऐसी सकटपणर उपजीिवका या परिकरया या परिकरया म जसी िविहत की जाए लग हए िक तय की परीकषा

(ग) ऐसा िचिकतसीय परीकषण जसा िकसी ऐसी खान या खान क िकसी ऐस वगर या परकार क िलए िविहत िकया जाए िजसमmdash

(i) रगणता क ऐस मामल हए ह िजनक बार म यह िवश वास करना यिक तयक त हो िक य खान म चलाई जान वाली िकसी परिकरया की परकित या खान म काम की अनय पिरिसथितय क कारण हए ह

4

1 1983 क अिधिनयम स० 42 की धारा 8 ारा (31-5-1984 स) अनतःसथािपत 2 1983 क अिधिनयम स० 42 की धारा 8 ारा (31-5-1984 स) खड (ख) क सथान पर परितसथािपत 3 1983 क अिधिनयम स० 42 की धारा 8 ारा (31-5-1984 स) खड (ङ) क सथान पर परितसथािपत 4 1983 क अिधिनयम स० 42 की धारा 9 ारा (31-5-1984 स) खड (क) और खड (ग) क उपखड (ii) का लोप िकया गया

8

अधयाय 3

1[सिमितया 12 सिमितयाmdash(1) कनदरीय सरकार ऐसी तारीख स जो वह सरकार राजपतर म अिधसचना ारा इस िनिम िविनिदष ट

कर इस अिधिनयम क परयोजन क िलए एक सिमित गिठत करगी जो िनम निलिखत स िमलकर बनगी mdash

(क) मखय िनरीकषक या िनरीकषक स िभन न सरकार की सवा म का एक िक त जो अधयकष क रप स कायर करन क िलए कनदरीय सरकार ारा िनयक त िकया जाए

(ख) खान का मखय िनरीकषक

(ग) खनक क िहत का परितिनिधतव करन क िलए दो िक त जो कनदरीय सरकार ारा िनयक त िकए जाए

(घ) खान क सवािमय क िहत का परितिनिधतव करन क िलए दो िक त जो कनदरीय सरकार ारा िनयक त िकए जाए

(ङ) दो अिहत खनन इजीिनयर जो सीध खनन उ ोग म िनयोिजत नह ह और जो कनदरीय सरकार ारा िनयक त िकए जाए

परनत खड (ग) क अधीन िनयक त िकए गए िक तय म स कम स कम एक कोयला खान म क कमरकार क िहत का परितिनिधतव करन क िलए और खड (घ) क अधीन िनयक त िक तय म स कम स कम एक कोयला खान क सवािमय क िहत का परितिनिधतव करन क िलए होगा

(2) उपधारा (1) की ापकता पर परितकल परभाव डाल िबना कनदरीय सरकार उन राजयकषतर क िजन पर इस अिधिनयम का िवसतार ह िकसी भाग या िकसी खान या खान क समह स समबिनधत िविनिदष ट िवषय क समबनध म काररवाई करन क िलए एक या अिधक सिमितय का गठन कर सकगी और उनक सदसय की िनयिक त कर सकगी और उपधारा (1) क उपबनध (उसक परनतक को छोड़कर) इस उपधारा क अधीन िकसी सिमित क गठन क िलए वस ही लाग ह ग जस व उस उपधारा क अधीन िकसी सिमित क गठन क िलए लाग होत ह

(3) सिमित का कोई कायर या कायरवाही मातर इस कारण स अिविधमानय नह होगी िक उसक सदसय म कोई िरिक त िव मान ह या उसक गठन म कोई तरिट ह

13 सिमित क कतयmdash(1) धारा 12 की उपधारा (1) क अधीन गिठत सिमितmdash

(क) इस अिधिनयम क अधीन िनयम और िविनयम बनान क िलए परसथापना पर िवचार करगी और कनदरीय सरकार को समिचत िसफािरश करगी

(ख) ऐसी दघरटना या ऐस अनय िवषय की जो कनदरीय सरकार ारा समय-समय पर उस िनिदष ट िकए जाए जाच करगी और उन पर िरपोटर दगी और

(ग) उपधारा (2) क उपबनध क अधीन रहत हए इस अिधिनयम या उसक अधीन बनाए गए िविनयम िनयम या उपिविधय क अधीन सचना या आदश क िवर ऐसी अपील या आकषप की जो इस अिधिनयम ारा उस िनदिशत िकए जान क िलए अपिकषत ह या जो िविहत िकए जाए सनवाई और िविनश चय करगी

(2) मखय िनरीकषक अपन ारा िकए गए िकसी आदश या जारी की गई िकसी सचना क िवर िकसी अपील या आकषप की बाबत सिमित की कायरवािहय म भाग नह लगा या ऐसी अपील या आकषप स सबिधत िकसी िवषय क सबध म सिमित क सदसय क रप म कायर नह करगा

14 सिमितय की शिक तया आिदmdash(1) धारा 12 क अधीन गिठत सिमित इस अिधिनयम क अधीन की िनरीकषण की ऐसी शिक तय का परयोग कर सकगी िजनका परयोग करना वह इस अिधिनयम क अधीन अपन कतय का िनवरहन करन क परयोजन क िलए आवशयक या समीचीन समझ

(2) धारा 12 क अधीन गिठत सिमित को अपन कतय का िनवरहन करन क परयोजन क िलए वसी ही शिक तया ह गी जो िनम निलिखत िवषय की बाबत िकसी वाद का िवचारण करत समय िसिवल परिकरया सिहता 1908 (1908 का 5) क अधीन नयायालय म िनिहत होती ह अथारत mdash

(क) परकटीकरण और िनरीकषण

(ख) िकसी िक त को हािजर कराना और शपथ पर उसकी परीकषा करना

(ग) दसतावज क पश िकए जान क िलए िववश करना

1 1983 क अिधिनयम स० 42 की धारा 10 ारा (31-5-1984 स) ldquoखनन बोडर और सिमितयाrdquo शीषर और धारा 12 13 और 14 क सथान पर परितसथािपत

9

(घ) ऐस अनय िवषय जो िविहत िकए जाए ]

15 य की वसलीmdashकनदरीय सरकार िनदश द सकगी िक 1[धारा 12 क अधीन गिठत सिमित] ारा सचािलत िकसी जाच क य सयक त खान क सवामी या अिभकतार ारा पणरतः या भागतः वहन िकए जाएग और इस परकार सद िकए जान क िलए िनिदष ट रकम उस सथान म जहा खान िसथत हो या जहा ऐसा सवामी या अिभकतार ततसमय िनवास करता हो अिधकािरता रखन वाल मिजसटरट स मखय िनरीकषक या िनरीकषक ारा आवदन िकए जान पर मिजसटरट की अिधकािरता की सीमा क अनदर की िकसी जगम सपि क जो ऐस सवामी या अिभकतार की हो करसथम या िवकरय ारा वसल की जा सकगी

परनत यह तब जब िक सवामी या अिभकतार न रकम का सदाय कनदरीय सरकार स या खान क मखय िनरीकषक स सचना की परािप त की तारीख स छह सप ताह क अनदर न िकया हो

अधयाय 4

खनन सिकरयाए और खान का परबनध

16 खनन सिकरया की सचना का िदया जानाmdash(1) खान क सवामी अिभकतार या परबनधक िकसी खनन सिकरया क परारमभ िकए जान क पवर मखय िनरीकषक की भारतीय खान बयरो क 2[िनयतरक] को और उस िजल क िजसम खान िसथत हो िजला मिजसटरट को ऐस पररप म और खान सबधी ऐसी िविशिष टय को जसी िविहत की जाए अनतिवष ट करन वाली िलिखत सचना दगा

(2) उपधारा (1) क अधीन गई कोई सचना इस परकार दी जाएगी िक वह सपक त िक तय क पास िकसी खनन सिकरया क परारमभ िकए जान स कम स कम एक मास पवर पहच जाए

3[17 परबनधकmdash(1) जसा अनयथा िविहत िकया जाए उस छोड़कर हर खान एक परबनधक क अधीन होगी िजसकी िविहत अहरताए ह गी और हर एक खान का सवामी या अिभकतार ऐसी अहरताए रखन वाल िक त को परबनधक िनयक त करगा

परनत सवामी या अिभकतार सवय को परबनधक िनयक त कर सकगा यिद उसक पास िविहत अहरताए ह

(2) ऐस अनदश क अधीन रहत हए जो उस खान क सवामी या अिभकतार ारा या उसकी ओर स िदए जाए परबनधक खान क समपणर परबनध िनयतरण पयरवकषण और िनदशन क िलए उ रदायी होगा और ऐस सब अनदश जब सवामी या अिभकतार ारा िदए जाए तो उनकी तरत िलिखत रप म पिष ट की जाएगी

(3) आपात की दशा क िसवाय खान का सवामी या अिभकतार या उसकी ओर स कोई िक त खान म िनयोिजत िकसी िक त को जो परबनधक क परित उ रदायी ह ऐस अनदश जो उसक काननी कतर की पित पर परभाव डालत ह परबधक क माधयम स ही दगा अनयथा नह

18 सवािमय अिभकतार और परबनधक क कतर और उ रदाियतवmdash(1) हर खान क सवामी और अिभकतार म स परतयक इस अिधिनयम और उसक अधीन बनाए गए िविनयम िनयम उपिविधय और आदश क उपबनध क अनपालन क िलए िव ीय और अनय उपबनध करन क िलए तथा ऐसी अनय काररवाई करन क िलए जो आवशयक हो उ रदायी होगा

(2) धारा 58 क खड (घ) खड (ङ) और खड (त) क अधीन बनाए गए िनयम म उपबिनधत िवषय की बाबत उ रदाियतव का िनवरहन अननयतः खान क सवामी और अिभकतार ारा और ऐस िक त (जो परबनधक स िभन न ह) िजस सवामी या अिभकतार पव क त उपबनध का अनपालन सिनिश चत करन क िलए िनयक त कर िकया जाएगा

(3) यिद उपधारा (2) क अधीन िदए गए िकनह अनदश या धारा 17 की उपधारा (3) क अधीन परबनधक की माफर त स अनयथा िदए गए िकनह अनदश क िकरयािनवत िकए जान क पिरणामसवरप इस अिधिनयम क या उसक अधीन बनाए गए िविनयम िनयम उपिविधय या आदश क उपबनध का उललघन होता ह तो ऐस अनदश दन वाला परतयक िक त भी समपक त उपबनध क उललघन क िलए िजममदार होगा

(4) उपधारा (1) उपधारा (2) और उपधारा (3) क उपबनध क अधीन रहत हए हर खान क सवामी अिभकतार और परबनधक म स परतयक इस बात क िलए उ रदायी होगा िक खान क समबनध म चलाई जा रही सब सिकरयाए इस अिधिनयम और उसक अधीन बनाए गए िविनयम िनयम उपिविधय और आदश क उपबनध क अनसार चलाई जाए

(5) इस अिधिनयम या उसक अधीन बनाए गए िविनयम िनयम उपिविधय या आदश क उपबनध म स उन उपबनध क िसवाय जो िकसी िक त स कोई कायर या बात करन की या िकसी िक त को कोई कायर या बात करन स परितिष करन की िविनिदष ट रप स अपकषा करत ह िकसी उपबनध का िकसी भी िक त ारा कोई उललघन होन की दशा म उस िक त क अितिरक त िजसन उललघन िकया ह िनम निलिखत म स परतयक िक त भी ऐस उललघन होन का दोषी माना जाएगा जब तक िक वह यह सािबत नह कर दता ह िक उसन ऐस उपबनध का अनपालन सिनिश चत करन क िलए सब समयक ततपरता बरती थी और ऐस उललघन को रोकन क िलए यिक तयक त उपाय िकए थ mdash

1 1983 क अिधिनयम स० 42 की धारा 11 ारा (31-5-1984 स) कितपय शबद क सथान पर परितसथािपत 2 1983 क अिधिनयम स० 42 की धारा 12 ारा (31-5-1984 स) ldquoिनदशकrdquo क सथान पर परितसथािपत 3 1983 क अिधिनयम स० 42 की धारा 13 ारा (31-5-1984 स) धारा 17 और 18 क सथान पर परितसथािपत

10

(i) वह या व पदधारी िजनको उललघन िकए गए उपबनध की बाबत पयरवकषण क कतर का पालन करन क िलए िनयक त िकया गया था

(ii) खान का परबनधक

(iii) खान का सवामी और अिभकतार

(iv) वह िक त यिद कोई हो जो उपधारा (2) क अधीन उ रदाियतव का िनवरहन करन क िलए िनयक त िकया गया ह

परनत पव क त िक तय म स िकसी क िवर कायरवाही नह की जा सकगी यिद जाच और अनवषण िकए जान पर यह परतीत होता ह िक वह परथमदष ा िजममदार नह ह

(6) इस धारा क अधीन खान क सवामी या अिभकतार क िवर की गई िकसी कररवाई म यह कोई परितवाद नह होगा िक परबनधक और अनय पदधािरय को इस अिधिनयम क उपबनध क अनसार िनयक त िकया गया ह या िक उपधारा (2) क अधीन उ रदाियतव को वहन करन क िलए िकसी िक त की िनयिक त की गई ह ]

अधयाय 5

सवासथय और कषम क िवषय म उपबनध

19 पीन का जलmdash1[(1) हर खान म उसम िनयोिजत सब िक तय क िलए सिवधाजनक रप स िसथत यथोिचत सथान पर ठड और सवासथयपरद पीन क जल क पयारप त परदाय का उपबनध करन और बनाए रखन क िलए परभावी इनतजाम िकया जाएगा

परनत भिम क नीच िनयोिजत िक तय की दशा म मखय िनरीकषक यथोिचत सथान पर पीन क जल का उपबनध िकए जान और बनाए रख जान क बदल म ऐस परदाय क िलए कोई अनय परभावी इनतजाम अनजञात कर सकगा ]

(2) ऐस सब सथान खान म िनयोिजत िक तय की बहसखया ारा समझी जान वाली भाषा म पढ़ जान योगय अकषर म ldquoपीन का जलrdquo पद स अिकत िकए जाएग और ऐसा कोई सथान िकसी धोन क सथान मतरालय या शौचालय क 2[छह मीटर] क अनदर तब क िसवाय न होगा जबिक इसस कम दरी मखय िनरीकषक ारा िलिखत रप म अनमोिदत न कर दी गई हो

(3) सब खान या खान की िकसी वगर या परकार क बार म कनदरीय सरकार उपधारा (1) और (2) क उपबनध का अनपालन सिनिश चत करन क िलए और पीन क जल क परदाय और िवतरण की परीकषा िविहत परािधकािरय ारा की जान क िलए िनयम बना सकगी

20 सफाईmdash(1) हर खान म िविहत परकार क शौचालय और मतरालय का उपबनध परष और मिहला क िलए अलग-अलग पयारप त सखया म िकया जाएगा जो इस परकार िसथत ह ग िक व खान म िनयोिजत िक तय क िलए सब समय पर सिवधाजनक और पहच क अनदर ह

(2) उपधारा (3) क अधीन उपबिनधत सब शौचालय और मतरालय पयारप त परकाशयक त और सवाितत ह ग और हर समय साफ और सवचछता की अवसथा म रख जाएग

(3) कनदरीय सरकार िकसी खान म उपबिनधत िकए जान वाल शौचालय और मतरालय की सखया खान म िनयोिजत परष और मिहला की सखया क अनपात म िविनिदष ट कर सकगी और खान म सवचछता क बार म ऐस अनय मामल क िलए (िजसक अनतगरत खान म िनयोिजत िक तय की इस बार म बाधयताए आती ह) उपबनध कर सकगी जस वह इस परकार िनयोिजत िक तय क सवासथ य क िहत म आवशयक समझ

3[21 िचिकतसीय साधनmdash(1) हर खान म ऐसी अनतवरसत क सिजजत जसी िविहत की जाए पराथिमक उपचार बकस या कबड का उपबनध इस परकार िकया जाएगा और उनह इस परकार बनाए रखा जाएगा िक काम क सब घणट म उन तक आसानी स पहच हो सक

(2) पराथिमक उपचार बकस या कबडर या कमर म िविहत अनतवरसत क िसवाय और कछ भी नह रखा जाएगा

(3) हर पराथिमक उपचार बकस या कबडर िकसी उ रदाियतवपणर िक त क भारसाधन म रखा जाएगा जो ऐस पराथिमक उपचार म परिशिकषत हो जसा िविहत िकया जाए और जो खान क काम क घट म सदा आसानी स उपलभय रहगा

(4) हर खान म उन िक तय को जो उस समय जब व खान म िनयोिजत ह शारीिरक कषित स या रोग स गरसत हो जाए िचिकतसालय या औषधालय तक पहचन क िलए ऐस आसानी स उपयोगय इनतजाम िकए जाएग जस िविहत िकए जाए

1 1959 क अिधिनयम स० 62 की धारा 10 ारा (16-1-1960 स) उपधारा (1) क सथान पर परितसथािपत 2 1983 क अिधिनयम स० 42 की धारा 14 ारा (31-5-1984 स) ldquoबीस फटrdquo क सथान पर परितसथािपत 3 1959 क अिधिनयम स० 62 की धारा 11 ारा (16-1-1960 स) धारा 21 और 22 क सथान पर परितसथािपत

11

(5) हर खान म िजसम डढ़ सौ स अिधक िक त िनयोिजत ह ऐस आकार का ऐस साज सामान स सिजजत और ऐस िचिकतसीय और पिरचयार कमरचािरवनद क भारसाधन म जस िक िविहत िकए जाए एक पराथिमक उपचार कमरा उपबिनधत िकया जाएगा और चाल हालत म रखा जाएगा

22 जब िक सकट क ऐस कारण िव मान ह िजनक िलए कोई अिभ क त उपबनध नह िकया गया ह या जब िक िक तय का िनयोजन सकटपणर हो तब िनरीकषक की शिक तयाmdash(1) यिद िकसी ऐसी बात क बार म िजसक िलए इस अिधिनयम ारा या या क अधीन कोई अिभ क त उपबनध नह िकया गया ह मखय िनरीकषक को या िनरीकषक को यह परतीत हो िक कोई खान या उसका कोई भाग अथवा खान म की या उसस या उसक िनयतरण पयरवकषण परबनध या िनदशन स ससक त कोई बात वसत या प ित मानव जीवन या कषम क िलए सकटपणर ह या इतनी तरिटपणर ह िक उसस यह जोिखम ह या उसकी ऐसी परवि ह िक िकसी िक त को शारीिरक कषित हो तो वह खान क सवामी अिभकतार या परबनधक को उसकी िलिखत सचना द सकगा और सचना म उन िविशिष टय का कथन करगा िजनक बार म वह खान या उसक भाग को या बात वसत या प ित को सकटपणर या तरिटपणर समझता हो और यह अपकषा करगा िक उस इतन समय क अनदर और ऐसी रीित स ठीक कर िदया जाए जो वह उस सचना म िविनिदष ट कर

(1क) जहा िक खान का सवामी अिभकतार या परबनधक उपधारा (1) क अधीन दी गई सचना क िनबनधन का अनपालन उसम िविनिदष ट कालाविध क अनदर करन म असफल रहगा वहा यथािसथित मखय िनरीकषक या िनरीकषक खान या उसक िकसी भाग म या क आसपास िकसी ऐस िक त का िनयोजन िलिखत आदश ारा परितिष कर सकगा िजसका िनयोजन उसकी राय म सचना क िनबनधन का अनपालन सिनिश चत करन क िलए यिक तयक ततः आवशयक न हो

(2) उपधारा (1) म अनतिवष ट उपबनध पर परितकल परभाव डाल िबना यह ह िक यथािसथित मखय िनरीकषक या िनरीकषक खान क सवामी अिभकतार या परबनधक को सबोिधत िलिखत आदश ारा िकसी खान या उसक िकसी भाग म स सतभ या खिनज-खणड का िनकाला जाना या छाटा जाना परितिष कर सकगा यिद उसकी राय म ऐसी सिकरया स सतभ या खिनज-खणड का बठ जाना या खिनज क िकसी भाग का समय पवर ढह जाना सभा हो या उसस खान का या उसम िनयोिजत िक तय क जीवन या कषम का अनयथा सकटापन न हो जाना सभा हो या यिद उसकी राय म खान क िजस भाग म ऐसी सिकरया अनधयात हो उसम आग लगन या जलपलावन क िवर यथायोगय उपबनध उसको महरबनद और अलग करन क िलए उपबनध करक और जो कषतर आग या जलपलावन स परभािवत हो सकता हो उस पिरिमत करन क िलए उपबनध करक न िकया गया हो

(3) यिद मखय िनरीकषक या उसक ारा िलिखत रप म साधारण या िवशष आदश ारा इस िनिम परािधकत िनरीकषक की यह राय हो िक िकसी खान म या उसक िकसी भाग म िनयोिजत िकसी िक त क जीवन या कषम को अजनट या आसन न सकट ह तो वह अपनी राय क कारण का कथन अनतिवष ट करन वाल िलिखत आदश ारा खान क िकसी भाग म या क आसपास िकसी ऐस िक त का िनयोजन िजसका िनयोजन सकट दर करन क िलए उसकी राय म यिक तयक ततः आवशयक न हो तब तक क िलए परितिष कर सकगा 1[जब तक उसका यह समाधान न हो जाए िक वह सकट दर हो गया ह]

2[(3क) ऐसा परतयक िक त िजसका िनयोजन उपधारा (1क) या उपधारा (3) क अधीन परितिष ह उस अविध क िलए िजसक िलए वह यिद परितषध न होता तो िनयोजन म होता पणर मजदरी का सदाय पान का हकदार होगा और सवामी अिभकतार या परबनधक उस िक त को ऐसी पणर मजदरी क सदाय क िलए िजममदार होगा

परनत सवामी अिभकतार या परबनधक ऐसी पणर मजदरी का सदाय करन क बजाय ऐस िक त को उसी मजदरी पर आनकिलपक िनयोजन की वसथा कर सकगा जो ऐसा िक त उस िनयोजन म पराप त कर रहा था िजस परितिष कर िदया गया था ]

(4) जहा िक िनरीकषक ारा उपधारा (1) क अधीन कोई सचना दी गई हो या उसक ारा उपधारा (1क) उपधारा (2) या उपधारा (3) क अधीन कोई आदश िकया गया हो वहा खान का सवामी अिभकतार या परबनधक यथािसथित सचना या आदश की परािप त क पश चात दस िदन क अनदर उसक िखलाफ अपील मख य िनरीकषक को कर सकगा जो सचना या आदश को पष ट उपानतिरत या र कर सकगा

(5) उपधारा (1) क अधीन सचना भजन वाला या उपधारा (1क) या उपधारा (2) या उपधारा (3) क अधीन आदश करन वाला मखय िनरीकषक या िनरीकषक और उपधारा (4) क अधीन आदश (जो अपील म िकए गए र करन क आदश स िभन न हो) करन वाला मखय िनरीकषक उसकी िरपोटर ततकाल कनदरीय सरकार को दगा

(6) यिद खान का सवामी अिभकतार या परबनधक मखय िनरीकषक ारा उपधारा (1) क अधीन भजी गई सचना या उपधारा (1क) या उपधारा (2) या उपधारा (3) या उपधारा (4) क अधीन मखय िनरीकषक ारा िकए गए आदश पर आकषप कर तो वह यथािसथित आकषप अनतिवष ट करन वाली सचना की या आदश की परािप त क पश चात या अपील क िविनश चय की तारीख क पश चात बीस िदन क अनदर आकषप क आधार का कथन करत हए अपना िलिखत आकषप कनदरीय सरकार को भज सकगा 3[जो सामानयतः आकषप की परािप त की तारीख स दो मास की अविध क भीतर उस एक सिमित को िनदिशत कर दगी ]

1 1983 क अिधिनयम स० 42 की धारा 15 ारा (31-5-1984 स) ldquoजब तक वह सकट दर न हो जाएrdquo शबद क सथान पर परितसथािपत 2 1983 क अिधिनयम स० 42 की धारा 15 ारा (31-5-1984 स) अनतःसथािपत 3 1983 क अिधिनयम स० 42 की धारा 15 ारा (31-5-1984 स) ldquoजो िनदिशत करगीrdquo शबद क सथान पर परितसथािपत

12

(7) उपधारा (1) क अधीन की हर सचना का या उपधारा (1क) उपधारा (2) उपधारा (3) या उपधारा (4) क अधीन क हर आदश का िजस पर उपधारा (6) क अधीन आकषप िकया गया हो अनपालन सिमित का िविनश चय खान म पराप त होन तक िकया जाएगा

परनत सिमित उपधारा (1) क अधीन की 1[सचना] का परवतरन सवामी अिभकतार या परबनधक क आवदन पर तब तक क िलए िनलिमबत कर सकगी जब तक आकषप पर उसका अपना िविनश चय न हो जाए

(8) इस धारा की कोई भी बात 2दणड परिकरया सिहता 1898 (1898 का 5) की धारा 144 क अधीन की मिजसटरट की शिक तय पर परभाव नह डालगी ]

3[22क कछ दशा म िनयोजन का परितषध करन की शिक तmdash(1) जहा सरकषा स सबिधत िकसी बात क बार म िजसक िलए इस अिधिनयम ारा या उसक अधीन अिभ क त उपबनध िकया गया ह खान का सवामी अिभकतार या परबनधक ऐस उपबनध का अनपालन करन म असफल रहता ह वहा मखय िनरीकषक यह अपकषा करन वाली िलिखत सचना द सकगा िक उसका उतन समय क भीतर जो वह सचना म िविनिदष ट कर या समय की उतनी बढ़ाई गई अविध क भीतर जो वह उसक पश चात समय-समय पर िविनिदष ट कर अनपालन िकया जाए

(2) जहा सवामी अिभकतार या परबनधक उपधारा (1) क अधीन दी गई सचना क िनबनधन का यथािसथित ऐसी सचना म िविनिदष ट अविध क भीतर या उस उपधारा क अधीन िविनिदष ट समय की बढ़ाई गई अविध क भीतर अनपालन करन म असफल रहता ह वहा मखय िनरीकषक खान म या उसक िकसी भाग म या उसक आसपास िकसी ऐस िक त का िनयोजन िलिखत आदश ारा परितिष कर सकगा िजसका िनयोजन उसकी राय म सचना क िनबनधन का अनपालन सिनिश चत करन क िलए यिक तयक त तौर पर आवशयक न हो

(3) परतयक ऐसा िक त िजसका िनयोजन उपधारा (2) क अधीन परितिष िकया जाता ह उस अविध की पणर मजदरी का सदाय पान का हकदार होगा िजसक िलए वह यिद परितषध न हआ होता तो िनयोजन म होता और सवामी अिभकतार या परबनधक उस

िक त को ऐसी पणर मजदरी क सदाय क िलए दायी होगा

परनत सवामी अिभकतार या परबनधक ऐसी पणर मजदरी दन बजाय ऐस िक त को उसी मजदरी पर आनकिलपक िनयोजन द सकगा जो ऐसा िक त उस िनयोजन म पराप त कर रहा था जो उपधारा (2) क अधीन परितिष िकया गया था

(4) धारा 22 की उपधारा (5) उपधारा (6) और उपधारा (7) क उपबनध इस धारा की उपधारा (1) क अधीन जारी की गई िकसी सचना या उपधारा (2) क अधीन िकए गए िकसी आदश क समबनध म उसी परकार लाग ह ग जस व उस धारा की उपधारा (1) क अधीन सचना या उपधारा (1क) क अधीन आदश क सबध म लाग होत ह ]

23 दघरटना की सचना का िदया जानाmdash4[(1) जब िकसी खान म या उसक आसपासmdash

(क) कोई ऐसी दघरटना हो जाए िजसस जीवन की हािन या गमभीर शारीिरक कषित कािरत हई हो अथवा

(ख) िवसफोट जवलन सवतः तपन या आग लग जाना या जल या अनय दरव-पदाथर का फट िनकलना या सवग अनतपररवश घिटत हो जाए अथवा

(ग) जवलनशील या अपायकर गस का अनतवारह घिटत हो जाए अथवा

(घ) िजन रसस जजीर या अनय िगयर स िक त या सामगरी कपक या आनित म उतारी या वहा स उठाई जाती ह उनका टट जाना घिटत हो जाए अथवा

(ङ) िकसी कपक म िपजर या अनय परवहण-साधन अतयिधक लपट तब खा जाए जब िक त या सामगरी उतारी या उठाई जा रही हो अथवा

(च) खिनत का कोई भाग समय-पवर ढह जाए अथवा

(छ) कोई अनय दघरटना जो िविहत की जाए घिटत हो जाए

तब खान का सवामी अिभकतार या परबनधक उस घटना की सचना ऐस परािधकारी को ऐस पररप म और ऐस समय क अनदर दगा जो िविहत िकया जाए और साथ ही साथ वह सचना की एक परित ऐस सथान पर जहा उसका िनरीकषण वसाय सघ क पदधािरय ारा िकया जा सक िविहत रीित म एक िवशष सचना प पर लगाएगा और सिनिश चत करगा की वह सचना ऐस लगाए जान की तारीख स कम स कम चौदह िदन तक प पर लगी रह ]

1 1983 क अिधिनयम स० 42 की धारा 15 ारा (31-5-1984 स) ldquoअधयपकषाrdquo शबद क सथान पर परितसथािपत 2 अब दिखए दड परिकरया सिहता 1973 (1974 का 2) 3 1983 क अिधिनयम स० 42 की धारा 16 ारा (31-5-1984 स) अनतःसथािपत 4 1959 क अिधिनयम स० 62 की धारा 12 ारा (16-1-1960 स) उपधारा (1) क सथान पर परितसथािपत

13

1[(1क) जब कभी खान म या उसक आसपास कोई ऐसी दघरटना हो जाए िजसस िकसी िक त को िरपोटर की जान योगय कोई कषित कािरत हई हो तो खान का सवामी अिभकतार या परबनधक ऐसी दघरटना को एक रिजसटर म िविहत पररप म परिवष ट करगा और ऐसी परिविष टय की परितया ितमाही म एक बार मखय िनरीकषक को दी जाएगी ]

(2) जहा िक उपधारा (1) क अधीन दी गई सचना ऐसी दघरटना क बार म हो िजसस जीवन की हािन कािरत हई हो वहा वह परािधकारी घटना की जाच सचना की परािप त क दो मास क अनदर करगा और यिद परािधकारी िनरीकषक न हो तो वह िनरीकषक स उक त कालाविध क अनदर जाच कराएगा

2[(3) कनदरीय सरकार राजपतर म अिधसचना ारा िनदश द सकगी िक उपधारा (1) और उपधारा (1क) म िविनिदष ट दघरटना स िभन न िजन दघरटना म ऐसी शारीिरक कषित कािरत होती ह िजसस िक कषितगरसत िक त की काम स चौबीस घट स अिधक की अविध की मजदरी क कारण अनपिसथित हो जाती ह तो व दघरटनाए िविहत पररप म एक रिजसटर म परिवष ट की जाएगी या यथािसथित उपधारा (1) या उपधारा (1क) क उपबनध क अधयधीन रहगी ]

(4) उपधारा (3) म िनिदष ट रिजसटर म की परिविष टय की एक परित खान क सवामी अिभकतार या परबनधक ारा 3[उस वषर स िजसस व परिविष टया समब ह अगल वषर म जनवरी क 20व िदन या ततपवर] मखय िनरीकषक को भजी जाएगी

3[(5) जब कभी खान म या उसक आसपास कोई ऐसी दघरटना हो जाए िजसस िकसी िक त क जीवन को हािन या उसको गभीर शारीिरक कषित कािरत हई हो तो उस मखय िनरीकषक या िनरीकषक क िजसको धारा 23 की उपधारा (1) क अधीन दघरटना की सचना का िदया जाना अपिकषत ह आगमन क पवर या उसकी सम मित क िबना दघरटना सथल की उलट-पलट या उसम कोई पिरवतरन नह िकया जाएगा जब तक िक ऐसी उलट-पलट या पिरवतरन आग िकसी दघरटना को रोकन क िलए मतक क शव को हटान क िलए या िकसी िक त की सकट स रकषा करन क िलए आवशयक न हो अथवा जब तक िक दघरटना सथल पर काम क बनद िकए जान स खान क कायरकरण म गमभीर अड़चन न पड़

परनत जहा मखय िनरीकषक या उक त िनरीकषक दघरटना क समय स बह र घट क भीतर दघरटना का सथल िनरीकषण करन म असफल रहता ह वहा दघरटना सथल पर काम पनः आरमभ िकया जा सकगा ]

24 दघरटना क मामल म जाच-नयायालय िनयक त करन की सरकार की शिक तmdash4[(1) जब िक खान म या उसक आसपास धारा 23 की उपधारा (1) क खड म स िकसी म िनिदष ट परकित की कोई दघरटना हो जाए तब कनदरीय सरकार यिद उसकी यह राय हो िक दघरटना क कारण की और पिरिसथितय की पररिपक जाच होनी चािहए ऐसी जाच करन क िलए कोई सकषम िक त िनयक त कर सकगी और जाच करन म अससर क रप म कायर करन क िलए िविध का या कोई िवशष जञान रखन वाल एक या अिधक िक तय को भी िनयक त कर सकगी ]

(2) ऐसी िकसी जाच करन क िलए िनयक त िक त को सािकषय को हािजर करान और दसतावज और भौितक पदाथ 5 को पश करन क िलए िववश करन क परयोजन क िलए िसिवल परिकरया सिहता 1908 (1908 का 5) क अधीन की िसिवल नयायालय की सब शिक तया पराप त ह गी

(3) इस धारा क अधीन जाच करन वाला कोई िक त इस अिधिनयम क अधीन की िनरीकषक की ऐसी शिक तय का परयोग कर सकगा िजसका परयोग करना वह जाच क परयोजन क िलए आवश यक या समीचीन समझ

(4) इस धारा क अधीन जाच करन वाला िक त दघरटना क कारण और उसकी पिरिसथितय को किथत करन वाली िरपोटर िकनह ऐसी समिक तय को जोड़कर िजनह िक वह या अससर म स कोई िलखना आवशयक समझ कनदरीय सरकार को दगा

25 कछ रोग की सचनाmdash(1) जहा िक खान म िनयोिजत िकसी िक त को कोई 6ऐसा रोग लग जाए जो कनदरीय सरकार ारा शासकीय राजपतर म खनन सिकरया स ससक त रोग क रप म अिधसिचत िकया गया हो वहा खान का यथािसथित सवामी

अिभकतार या परबनधक उसकी सचना मखय िनरीकषक को और ऐस अनय परािधकािरय को ऐस पररप म और ऐस समय क अनदर भजगा जस िविहत िकए जाए

(2) यिद कोई िचिकतसा- वसायी िकसी ऐस िक त की दखभाल कर जो िकसी खान म िनयोिजत हो या रहा हो और जो उपधारा (1) क अधीन अिधसिचत िकसी रोग स पीिड़त हो या िजसक बार म िचिकतसा- वसायी को िवश वास हो िक वह ऐस रोग स पीिड़त ह तो िचिकतसा- वसायीmdash

(क) रोगी का नाम और पता

1 1983 क अिधिनयम स० 42 की धारा 17 ारा (31-5-1984 स) अनतःसथािपत 2 1983 क अिधिनयम स० 42 की धारा 17 ारा (31-5-1984 स) उपधारा (3) क सथान पर परितसथािपत 3 1959 क अिधिनयम स० 62 की धारा 12 ारा (16-1-1960 स) कितपय शबद क सथान पर परितसथािपत 4 1959 क अिधिनयम स० 62 की धारा 13 ारा (16-1-1960 स) उपधारा (1) क सथान पर परितसथािपत 5 1959 क अिधिनयम स० 62 की धारा 13 ारा (16-1-1960 स) कितपय शबद का लोप िकया गया 6 िसलकोिसस और नयमोकोिनओिसस िजनह ऐस रोग घोिषत िकया गया ह दिखए भारत का राजपतर (अगरजी) भाग 2 खण ड 3 प 1153 म परकािशत अिधसचना स० 1

का०िन०आ० 1306 तारीख 21 जलाई 1952 और मगनीज िवषाकतीकरण-तितरका परकार का िजस ऐसा रोग घोिषत िकया गया ह दिखए भारत का राजपतर (अगजी) 1956 भाग 2 खणड 3 प 2195 म परकािशत अिधसचना स० का०िन०आ० 3109 तारीख 18 िदसमबर 1956

14

(ख) वह रोग िजसस रोगी पीिड़त हो या िजसस उसक पीिड़त होन का िवश वास हो तथा

(ग) उस खान का नाम और पता िजसम रोगी िनयोिजत हो या अिनतम बार िनयोिजत था

किथत करन वाली िलिखत िरपोटर मखय िनरीकषक को अिवलमब भजगा

(3) जहा िक उपधारा (2) क अधीन की िरपोटर की यह पिष ट परमाणकतार सजरन क परमाणपतर स या अनयथा मखय िनरीकषक को समाधानपरद रप म हो जाए िक वह िक त उपधारा (1) क अधीन अिधसिचत रोग स पीिड़त ह वहा मखय िनरीकषक िचिकतसा-

वसायी को उतनी फीस दगा िजतनी िविहत की जाए और ऐस सद फीस उस खान क सवामी अिभकतार या परबनधक स िजसम उस िक त को रोग लगा हो भ-राजसव क बकाया क रप म वसलीय होगी

(4) यिद कोई िचिकतसा- वसायी उपधारा (2) क उपबनध का अनपालन करन म असफल रहगा तो वह जमारन स जो पचास रपए तक का हो सकगा दणडनीय होगा

26 रोग क कारण क अनवषण का िनदश दन की शिक तmdash(1) कनदरीय सरकार यिद वह ऐसा करना समीचीन समझ तो िकसी ऐस मामल की जाच करन क िलए तथा उस पर िरपोटर दन को कोई सकषम िक त िनयक त कर सकगी िजसम धारा 25 की उपधारा (1) क अधीन अिधसिचत कोई रोग खान म लगा हो या िजसक बार म सदह िकया जाता हो िक वह खान म लगा ह और ऐसी जाच म अससर क रप म कायर करन क िलए िविध का जञान या िवशष जञान रखन वाल एक या अिधक िक तय को भी िनयक त कर सकगी

(2) धारा 24 की उपधारा (2) और (3) क उपबध इस धारा क अधीन की जाच को उसी रीित स लाग ह ग जस व उस धारा क अधीन की िकसी जाच को लाग होत ह

27 िरपोट का परकाशनmdashऐस समय पर और ऐसी रीित स जो वह ठीक समझ कनदरीय सरकार सिमित ारा 1[धारा 12] क अधीन भजी गई िकसी िरपोटर को या अपन को धारा 26 क अधीन भजी गई िकसी िरपोटर या िकसी िरपोटर क उ रण को परकािशत करा सकगी और धारा 24 क अधीन िकसी जाच नयायालय ारा भजी गई हर िरपोटर को परकािशत कराएगी

अधयाय 6

िनयोजन क घट और उस पर िनबरधन

28 साप तािहक िवशराम-िदनmdashिकसी भी िक त को खान म िकसी एक सप ताह म छह िदन स अिधक काम नह करन िदया जाएगा

29 परितकरातमक िवशराम-िदनmdash(1) जहा िक धारा 38 क अधीन कायरवाही क अनसरण म अथवा िकसी खान को या उसम िनयोिजत िक तय को धारा 28 क उपबनध स छट िदए जान क फलसवरप कोई िक त जो उस खान म िनयोिजत हो उन साप तािहक िवशराम-िदन म स िकसी स िजनक िलए धारा 28 म उपबनध िकया गया ह विचत िकया जाए वहा उस उसी मास क अनदर िजसम उस ऐस िवशराम-िदन दय थ या उस मास क अ विहत पश चात क दो मास क अनदर उन िवशराम-िदन की समान सखया म िजनस वह इस परकार विचत िकया गया हो परितकरातमक िवशराम-िदन िदए जाएग

(2) कनदरीय सरकार वह रीित िविहत कर सकगी िजसस व िवशराम-िदन िजनक िलए उपधारा (1) म उपबनध िकया गया ह िदए जाएग

30 भिम क ऊपर क काम क घणटmdash(1) िकसी सप ताह म अड़तालीस घणट स अिधक या िकसी िदन म नौ घणट स अिधक काम भिम क ऊपर िनयोिजत िकसी भी वयसथ स न तो अपिकषत िकया जाएगा और न उस करन िदया जाएगा

2[परनत मखय िनरीकषक क पवर अनमोदन क अधयधीन रहत हए इस उपधारा म िविनिदष ट दिनक अिधकतम घणट को पािरय म तबदीली सकर बनान क िलए बढ़ाया जा सकगा ]

(2) िकसी ऐस वयसथ क काम की कालाविधया इस परकार विसथत की जाएगी िक उसक िवशराम अनतराल सिहत व िकसी भी िदन बारह घणट स अिधक िवसतत न ह और वह कम स कम आध घणट का िवशराम अनतराल क चकन क पवर िनरनतर पाच घणट स अिधक काम न कर

3[परनत मखय िनरीकषक ऐस कारण स जो लखन ारा अिभिलिखत िकए जाएग इस िवसतित का िकसी िदन अिधकतम चौदह घणट की कालाविध तक का होना ऐसी शत क अधयधीन जसी वह अिधरोिपत करना ठीक समझ अनजञात कर सकगा ]

4[(3) दो या अिधक पािरय क िक तय को एक ही समय भिम क ऊपर एक ही परकार का काम नह करन िदया जाएगा

1 1983 क अिधिनयम स० 42 की धारा 18 ारा (31-5-1984 स) ldquoधारा 13rdquo शबद और अक क सथान पर परितसथािपत 2 1959 क अिधिनयम स० 62 की धारा 14 ारा (16-1-1960 स) परनतक जोड़ा गया 3 1959 क अिधिनयम स० 62 की धारा 14 ारा (16-1-1960 स) परनतक क सथान पर परितसथािपत 4 1959 क अिधिनयम स० 62 की धारा 14 ारा (16-1-1960 स) उपधारा (3) क सथान पर परितसथािपत

15

परनत इस उपधारा क परयोजन क िलए िक तय क बार म कवल इस तथय क कारण िक उनक िवशराम अनतराल उनह िभन न समय पर िमलत ह यह न समझा जाएगा िक व िविभन न पािरय क ह ]

1[31 भिम क नीच क काम क घटmdash(1) खान म भिम क नीच िनयोिजत िकसी भी वयसथ को िकसी सप ताह म अड़तालीस घणट स अिधक या िकसी िदन म आठ घणट स अिधक काम नह करन िदया जाएगा

परनत मखय िनरीकषक क पवर अनमोदन क अधयधीन रहत हए इस उपधारा म िविनिदष ट दिनक अिधकतम घणट को पािरय म तबदीली सकर बनान क िलए बढ़ाया जा सकगा

(2) खान म भिम क नीच कोई भी काम ऐस विसथत पारी-प ित स चलान क िसवाय न चलाया जाएगा िक हर एक पारी म काम की कालाविध उपधारा (1) म बताए गए दिनक अिधकतम घट स अिधक िवसतत न हो

(3) खान म िनयोिजत िकसी िक त को भिम क नीच क खान क िकसी भाग म काम की उन कालाविधय क दौरान उपिसथत रहन दन क िसवाय उपिसथत न रहन िदया जाएगा जो धारा 48 की उपधारा (4) क अधीन रख जान वाल रिजसटर म उसक बार म दिशत ह ]

2[32 राितर की पारीmdashजहा िक खान म िनयोिजत िक त ऐसी पारी म काम कर िजसका िवसतार मधयराितर क पश चात तक हो वहाmdash

(क) धारा 28 और धारा 29 क परयोजन क िलए उसक मामल म साप तािहक िवशराम-िदन स उसकी पारी क अनत होन पर आरमभ होन वाली िनरनतर 24 घणट की कालाविध अिभपरत होगी

(ख) उसकी पारी का अनत होन पर आरमभ होन वाली चौबीस घणट की कालाविध उसक िलए अगला िदन समझी जाएगी और मधयराितर क पश चात िजतन घणट उसन काम िकया हो व पवरवत िदन म िगन जाएग ]

33 अितकाल क िलए अितिरक त मजदरीmdash3[(1) जहा िक खान म कोई िक त भिम क ऊपर िकसी िदन नौ घणट स अिधक या भिम क नीच िकसी िदन आठ घणट स अिधक काम कर या चाह भिम क ऊपर या नीच िकसी सप ताह म अड़तालीस घणट स अिधक काम कर वहा ऐस अितकािलक काम क िलए वह अपनी मजदरी की मामली दर स दगनी दर पर मजदरी पान का हकदार होगा और अितकािलक काम की कालाविध की गणना दिनक या साप तािहक आधार पर जो भी उसक िलए अिधक अनकल हो की जाएगी ]

4[(2) जहा खान म िनयोिजत िकसी िक त को मातरानपाती दर स सदाय िकया जाना हो वहा कालानपाती दर को उन िदन क िजनको उसक उस सप ताह क िजसम अितकाल काम िकया गया ह ठीक पवरवत सप ताह क दौरान वासतव म काम िकया था िकसी अितकाल को छोड़कर उसक पणरकािलक उपाजरन क दिनक औसत क बराबर माना जाएगा और ऐसी कालानपाती दर ऐस िक त की मजदरी की मामली दर मानी जाएगी

परनत यिद ऐस िक त न पवरवत सप ताह म उसी या समान काम पर कायर नह िकया ह तो कालानपाती दर अितकाल को छोड़कर उन िदन की िजनको उसन उसी सप ताह म काम िकया ह औसत या िकसी पवरवत सप ताह म उसक उपाजरन की दिनक औसत इनम स जो भी उच चतर हो उस पर आधािरत होगी

सपष टीकरणmdashइस धारा क परयोजन क िलए ldquoमजदरी की मामली दरrdquo का वही अथर होगा जो उसका धारा 9क की उपधारा (3) क सपष टीकरण म ह ]

(4) इस धारा क उपबनध का अनपालन सिनिश चत करन क परयोजन क िलए कनदरीय सरकार खान म रख जान वाल रिजसटर िविहत कर सकगी

5[34 कितपय िक तय क िनयोजन का परितषधmdashकोई भी िक त जो पवरवत बारह घनट क अनदर िकसी अनय खान म पहल ही काम करता रहा हो खान म काम करन क िलए न तो अपिकषत िकया जाएगा न उस खान म काम करन िदया जाएगा ]

6[35 अितकािलक काम सिहत दिनक काम क घट का िनबरनधनmdashधारा 39 क खणड (क) और खणड (ङ) म आन वाल मामल म क िसवाय िकसी भी िदन अितकाल सिहत दस घट स अिधक खान म काम न तो खान म िनयोिजत िकसी भी िक त स अपिकषत िकया जाएगा न उस करन िदया जाएगा ]

36 काम क घट क िवषय म सचनाएmdash(1) हर खान का परबनधक खान म काम क परारमभ और बनद होन का समय और यिद टोली प ित ारा काम परसथािपत हो तो हर एक टोली क काम क परारमभ और बनद होन का समय किथत करन वाली सचना िविहत पररप म खान क कायारलय क बाहर लगवाएगा

1 1959 क अिधिनयम स० 62 की धारा 15 ारा (16-1-1960 स) धारा 31 क सथान पर परितसथािपत 2 1959 क अिधिनयम स० 62 की धारा 16 ारा (16-1-1960 स) धारा 32 क सथान पर परितसथािपत 3 1959 क अिधिनयम स० 62 की धारा 17 ारा (16-1-1960 स) उपधारा (1) क सथान पर परितसथािपत 4 1983 क अिधिनयम स० 42 की धारा 19 ारा (31-5-1984 स) उपधारा (2) और (3) क सथान पर परितसथािपत 5 1959 क अिधिनयम स० 62 की धारा 18 ारा (16-1-1960 स) धारा 34 क सथान पर परितसथािपत 6 1959 क अिधिनयम स० 62 की धारा 19 ारा (16-1-1960 स) धारा 35 क सथान पर परितसथािपत

16

(2) उस खान की दशा म िजसम खनन सिकरयाए इस अिधिनयम क परारमभ क पश चात परारभ ह उपधारा (1) म िनिदष ट सचना काम क परारमभ होन क कम स कम सात िदन पवर लगाई जाएगी

(3) उपधारा (1) म िनिदष ट सचना म भिम क ऊपर िनयोिजत िक तय क काम क परारमभ का समय और िवशराम अनतराल भी किथत ह ग और उसकी एक परित मखय िनरीकषक को यिद वह ऐसी अपकषा कर तो भजी जाएगी

(4) जहा िक साधारणतः खान म या िकसी टोली क काम क परारमभ या बनद होन क िलए िनयत समय म या भिम क ऊपर िनयोिजत िक तय क िलए िनयत िवशराम अनतराल म कोई तबदीली करन की परसथापना हो वहा िविहत पररप म एक सशोिधत सचना उस तबदीली क िकए जान क सात स अनयन िदन पवर खान क कायारलय क बाहर लगाई जाएगी और ऐसी सचना की एक परित ऐसी तबदीली क सात स अनयन िदन पवर मखय िनरीकषक को भजी जाएगी

(5) िकसी भी िक त को उपधारा (1) ारा अपिकषत सचना क अनसार काम करन स अनयथा खान म काम नह करन िदया जाएगा

37 पयरवकषक कमरचािरवनदmdashधारा 28 धारा 30 धारा 31 धारा 34 या 1[धारा 36 की उपधारा (5)] की कोई भी बात उन िक तय को लाग न होगी िजनकी बाबत िनयम ारा यह पिरभािषत िकया जाए िक व पयरवकषण या परबनध का पद धारण िकए हए ह

या गोपनीयता की हिसयत म िनयोिजत ह

38 िनयोजन सबधी उपबनध स छटmdash(1) उस आपात की दशा म िजसम खान या उसम िनयोिजत िक तय क कषम क िलए गमभीर जोिखम अनतवरिलत हो या वासतिवक या आशिकत िकसी दघरटना की दशा म या िकसी दवीकत की दशा म या खान की मशीनरी सयतर या उपसकर क ठपप हो जान क पिरणामसवरप ऐसी मशीनरी सयतर या उपसकर पर िकए जान वाल िकसी अजनट काम की दशा म परबनधक धारा 22 2[या धारा 22क] क उपबनध क अधयधीन और धारा 39 क अधीन क िनयम क अनसार िक तय को धारा 28 धारा 30 धारा 31 या धारा 34 या 1[धारा 36 की उपधारा (5)] क उललघन म ऐस काम म िनयोजन की अनजञा द सकगा जो खान या उसम िनयोिजत िक तय क कषम का सरकषण करन क िलए आवशयक हो

परनत मशीनरी सयतर या उपसकर पर इस धारा क अधीन िकए जान वाल िकसी अजनट काम की दशा म परबनधक इस धारा ारा अनजञात कोई काररवाई कर सकगा य िप उसक िकए जान स 3[खिनज] उतपादन आनषिगक रप स परभािवत होता हो िकनत इस

परकार की गई काररवाई उन सीमा क बाहर न की जाएगी जो खान क मामली कायरकरण म गमभीर हसतकषप का पिरवजरन करन क परयोजन क िलए आवशयक हो

(2) हर वह दशा िजसम उपधारा (1) क अधीन परबनधक ारा काररवाई की गई हो ततसमब पिरिसथितय क साथ अिभिलिखत की जाएगी और उसकी िरपोटर मखय िनरीकषक या िनरीकषक को भी दी जाएगी

4[39 छट दन वाल िनयम बनान की शिक तmdash5[कनदरीय सरकार] िनम निलिखत िक तय क िलए धारा 28 धारा 30 धारा 31 धारा 34 या धारा 36 की उपधारा (5) क उपबनध स ऐस िवसतार तक ऐसी पिरिसथितय म और ऐसी शत क अधयधीन जसी िविनिदष ट की जाए छट का उपबनध करन वाल िनयम बना सकगीmdash

(क) ऐसी खान म िजसम ऐस आपात की आशका हो िजसम खान क या उसम िनयोिजत िक तय क कषम की गमभीर जोिखम अनतवरिलत हो िनयोिजत सब िक त या उनम स कोई

(ख) िकसी वासतिवक या आशिकत दघरटना की दशा म इस परकार िनयोिजत सब िक त या उनम स कोई

(ग) िकसी तयारी की परकित क या परक परकित क ऐस काम म जो खान क मामली कायरकरण म गमभीर हसतकषप का पिरवजरन करन क परयोजन क िलए अवशय चलाया जाना चािहए लग हए सब िक त या उनम स कोई

(घ) अजनट मरममत म लग हए सब िक त या उनम स कोई

(ङ) िकसी ऐस काम म जो िक तकनीकी कारण स िनरनतर चाल रखा जाना चािहए िनयोिजत सब िक त या उनम स कोई ] 6[40 अठारह वषर स कम आय क िक तय का िनयोजनmdash(1) खान (सशोधन) अिधिनयम 1983 क परारमभ क पश चात

अठारह वषर स कम आय क िकसी िक त को िकसी खान या उसक भाग म काम करन क िलए अनजञात नह िकया जाएगा

(2) उपधारा (1) म िकसी बात क होत हए भी िशकष और अनय परिशकष को जो सोलह वषर स कम आय क नह ह िकसी खान या उसक भाग म परबनधक ारा समिचत पयरवकषण क अधीन काम करन क िलए अनजञात िकया जा सकगा

1 1953 क अिधिनयम स० 42 की धारा 4 और अनसची 3 ारा ldquoधारा 36 की उपधारा (4)rdquo क सथान पर परितसथािपत 2 1983 क अिधिनयम स० 42 की धारा 20 ारा (31-5-1984 स) अनतःसथािपत 3 1959 क अिधिनयम स० 62 की धारा 20 ारा (16-1-1960 स) ldquoकोयलाrdquo क सथान पर परितसथािपत 4 1959 क अिधिनयम स० 62 की धारा 21 ारा (16-1-1960 स) धारा 39 क सथान पर परितसथािपत 5 1983 क अिधिनयम स० 42 की धारा 21 ारा (31-5-1984 स) कितपय शबद क सथान पर परितसथािपत 6 1983 क अिधिनयम स० 42 की धारा 22 ारा (31-5-1984 स) धारा 40 क सथान पर परितसथािपत

17

परनत िशकष स िभन न परिशकष की दशा म उनको काम करना अनजञात करन स पवर मखय िनरीकषक या िनरीकषक का पवर अनमोदन अिभपराप त करना आवशयक होगा

सपष टीकरणmdashइस धारा और धारा 43 म ldquoिशकषrdquo स िशकष अिधिनयम 1961 (1961 का 52) की धारा 2 क खणड (क) म यथापिरभािषत िशकष अिभपरत ह ]

41 [योगयता परमाणपतर ]mdashखान (सशोधन) अिधिनयम 1983 की धारा 23 ारा (31-5-1984 स) िनरिसत

42 [कमार को अनद योगयता परमाणपतर का परभाव ]mdashखान (सशोधन) अिधिनयम 1983 (1983 का 42) की धारा 23 ारा (31-5-1984 स) िनरिसत

1[43 िचिकतसीय परीकषा की अपकषा करन की शिक तmdash(1) जहा िकसी िनरीकषक की यह राय हो िक िशकष या अनय परिशकष स अनयथा खान म िनयोिजत कोई िक त वयसथ नह ह अथवा खान म िशकष या अनय परिशकष क रप म िनयोिजत कोई िक त या तो सोलह वषर स कम आय का ह या वह काम करन क योगय नह रह गया ह वहा िनरीकषक खान क परबनधक पर यह अपकषा करन वाली सचना की तामील कर सकगा िक ऐस िक त की परीकषा िकसी परमाणकतार सजरन ारा की जाए और िनरीकषक ऐसा िनदश द तो ऐसा

िक त तब तक िकसी खान म काम करन क िलए िनयोिजत या अनजञात नह िकया जाएगा जब तक इस परकार उसकी परीकषा न हो गई हो और यह परमािणत न कर िदया गया हो िक वह वयसथ ह या यिद ऐसा िक त िशकष या परिशकष ह तो वह सोलह वषर स कम आय का नह ह और काम करन क योगय ह

(2) उपधारा (1) क अधीन िनदश पर परमाणकतार सजरन ारा िदया गया हर परमाणपतर उसम किथत बात का इस अिधिनयम क परयोजन क िलए िनश चायक सा य होगा ]

44 [उन कमार क िलए काम क घट जो वयसक क रप म काम क िलए योगय परमािणत नह िकए गए ]mdashखान (सशोधन) अिधिनयम 1983 (1984 का 42) की धारा 25 ारा (31-5-1984 स) िनरिसत

2[45 खान म अठारह वषर स कम आय क िक तय की उपिसथित का परितषधmdashधारा 40 की उपधारा (2) क उपबनध क अधीन रहत हए ऐसी तारीख क पश चात जो कनदरीय सरकार राजपतर म अिधसचना ारा इस िनिम िनयत कर अठारह वषर स कम आय क िकसी िक त को भिम क ऊपर खान क िकसी ऐस भाग म जहा िकसी खनन सिकरया स ससक त या आनषिगक कोई सिकरया चलाई जा रही हो उपिसथत नह रहन िदया जाएगा ]

3[46 िस तरय का िनयोजनmdash(1) िकसी अनय िविध म अनतिवष ट िकसी बात क होत हए भी कोई भी स तरीmdash

(क) खान क िकसी ऐस भाग म जो भिम क नीच हो

(ख) िकसी खान म भिम क ऊपर 6 बज पवारहन और 7 बज अपराहन क बीच क िसवाय

िनयोिजत नह की जाएगी ]

(2) खान म भिम क ऊपर िनयोिजत हर स तरी को िकसी एक िदन िनयोजन का पयरवसान होन और िनयोजन की अगली कालाविध का परारमभ होन क बीच कम स कम गयारह घनट का अनतराल िदया जाएगा

(3) उपधारा (1) म अनतिवष ट िकसी बात क होत हए भी कनदरीय सरकार िकसी खान या िकसी वगर या परकार की खान क बार म भिम क ऊपर िस तरय क िनयोजन क घट म फरफार शासकीय राजपतर म अिधसचना ारा कर सकगी िकनत इस परकार की िकसी स तरी का 10 बज अपराहन और 5 बज पवारहन क बीच कोई भी िनयोजन तद ारा अनजञात न हो ]

47 [आय क बार म िववाद ]mdashखान (सशोधन) अिधिनयम 1959 (1959 का 62) की धारा 28 ारा िनरिसत

48 िनयोिजत िक तय का रिजसटरmdash4[(1) हर खान क िलए उस खान म िनयोिजत सब िक तय का एक रिजसटर िविहत पररप और सथान म रखा जाएगा िजसम ऐस हर एक िक त क बार म िनम निलिखत बात दिशत ह गीmdash

(क) कमरचारी का नाम यथािसथित उसक िपता या पित क नाम सिहत और ऐसी अनय िविशिष टया जसी उसकी पहचान क परयोजन क िलए आवशयक ह

(ख) कमरचारी की आय और िलग

(ग) िनयोजन की परकित (वह िनयोजन भिम क ऊपर ह या भिम क नीच और यिद भिम क ऊपर ह तो वह िवव खिनत म ह या अनयथा) और उसक परारमभ की तारीख

5

1 1983 क अिधिनयम स० 42 की धारा 24 ारा (31-5-1984 स) धारा 43 क सथान पर परितसथािपत 2 1983 क अिधिनयम स० 42 की धारा 26 ारा (31-5-1984 स) धारा 45 क सथान पर परितसथािपत 3 1959 क अिधिनयम स० 62 की धारा 27 ारा (16-1-1960 स) धारा 46 क सथान पर परितसथािपत 4 1959 क अिधिनयम स० 62 की धारा 29 ारा (16-1-1960 स) उपधारा (1) क सथान पर परितसथािपत 5 1983 क अिधिनयम स० 42 की धारा 27 ारा (31-5-1984 स) खणड (घ) का लोप िकया गया

18

(ङ) अनय ऐसी िविशिष टया जो िविहत की जाए

और ससगत परिविष टया सपक त िकयत क हसताकषर या अगठ क िचहन ारा अिधपरमािणत की जाएगी ]

(2) उपधारा (1) ारा िविहत रिजसटर म की परिविष टया ऐसी ह गी िक उनक अनसार काम करन वाल कमरकार इस अधयाय क उपबनध म स िकसी क उललघन म काम न करत ह ग

(3) कोई िक त खान म तब तक िनयोिजत न िकया जाएगा जब तक उसक बार म उपधारा (1) ारा अपिकषत िविशिष टया रिजसटर म अिधिलिखत न कर ली गई ह और कोई भी िक त रिजसटर म अपन बार म दिशत काम की कालाविधय क दौरान िनयोिजत िकए जान क िसवाय िनयोिजत नह िकया जाएगा

1[(4) िजस खान को कनदरीय सरकार न साधारण या िवशष आदश ारा िकसी िवशष कारण स जो अिभिलिखत िकया जाएगा छट दी हो उसस िभन न हर खान क िलए पथक रिजसटर िविहत पररप और सथान म रख जाएग िजनम हर िक त क बार म जो खान मmdash

(क) भिम क नीच

(ख) िवव खिनत म भिम क ऊपर

(ग) अनय दशा म भिम क ऊपर

िनयोिजत हो िनम निलिखत बात दिशत ह गीmdash

(i) कमरचारी का नाम

(ii) उसक िनयोजन का वगर या िकसम

(iii) जहा िक काम टोली-प ित स चलाया जाता हो वहा िजस पारी का वह ह वह पारी और उस पारी क घनट ]

(5) भिम क नीच िनयोिजत िक तय क उपधारा (4) म िनिदष ट रिजसटर म िकसी भी कषण ऐस हर िक त का नाम दिशत होगा जो तब खान म भिम क नीच उपिसथत हो

2[(6) कोई िक त िकसी िवव खिनत या भिम क नीच िकसी खिनत म तब क िसवाय परवश नह कर सकगा जब िक ऐसा करन क िलए वह परबनधक ारा अनजञात िकया गया हो अथवा इस अिधिनयम या िकसी अनय िविध क अधीन परािधकत हो ]

अधयाय 7

मजदरी सिहत छ ी 3[49 अधयाय का लाग होनाmdashइस अधयाय क उपबनध ऐस परवितत नह ह ग िक उनका िकसी ऐस अिधकार पर परितकल

परभाव पड़ िजसका िक खान म िनयोिजत कोई िक त िकसी अनय िविध क अधीन या िकसी अिधिनणरय करार या सवा-सिवदा क िनबनधन क अधीन हकदार हो

4[परनत यिद ऐसा अिधिनणरय करार या सवा-सिवदा इस अधयाय म उपबिनधत स दीघरतर मजदरी सिहत वािषक छ ी का उपबनध करती हो तो छ ी की वह मातरा िजसक िलए िनयोिजत िक त हकदार होगा ऐस अिधिनणरय करार या सवा-सिवदा क अनसार होगी िकनत छ ी ऐस िवषय की बाबत जो ऐस अिधिनणरय करार या सवा-सिवदा म उपबिनधत नह ह धारा 50 स लकर धारा 56 तक क (िजसम य दोन धाराए भी सिममिलत ह) उपबनध क अनसार िविनयिमत होगी ]

50 छ ी की पिरभाषाmdashसाप तािहक िवशराम-िदन अथवा उतसव क िलए या अनय ऐस ही अवसर क िलए अवकाश-िदन इस अधयाय क परयोजन क िलए छ ी क अनतगरत नह आत ह चाह व छ ी की कालाविध क दौरान ह या उसक ठीक पहल या ठीक पीछ ह

51 कलनडर वषर की पिरभाषाmdashइस अधयाय क परयोजन क िलए ldquoकलनडर वषरrdquo स िकसी वषर म जनवरी क परथम िदन स आरमभ होन वाली बारह मास की कालाविध अिभपरत होगी

52 मजदरी सिहत वािषक छ ीmdash(1) खान म िनयोिजत हर िक त को िजसन उसम एक कलनडर वषर की सवा परी कर ली हो पश चातवत कलनडर वषर क दौरान मजदरी सिहत छ ी अनजञात की जाएगी िजसकी गणनाmdash

(क) भिम क नीच िनयोिजत िक त की दशा म उसक ारा िकए गए काम क हर 5[पनदरह िदन] क िलए एक िदन की दर स की जाएगी तथा

1 1959 क अिधिनयम स० 62 की धारा 29 ारा (16-1-1960 स) उपधारा (4) क सथान पर परितसथािपत 2 1959 क अिधिनयम स० 62 की धारा 29 ारा (16-1-1960 स) अनतःसथािपत 3 1959 क अिधिनयम स० 62 की धारा 30 ारा (16-1-1960 स) धारा 49 स 56 तक क सथान पर परितसथािपत 4 1983 क अिधिनयम स० 42 की धारा 28 ारा (31-5-1984 स) परनतक क सथान पर परितसथािपत 5 1983 क अिधिनयम स० 42 की धारा 29 ारा (31-5-1984 स) ldquoसोलह िदनrdquo क सथान पर परितसथािपत

19

(ख) िकसी अनय दशा म उसक ारा िकए गए काम क हर बीस िदन क िलए एक िदन की दर स की जाएगी

(2) उपधारा (1) म िनिदष ट एक कलनडर वषर की सवाmdash

(क) खान म भिम क नीच िनयोिजत िक त की दशा म परी कर ली गई समझी जाएगी यिद कलनडर वषर क दौरान खान म उसकी हािजिरया एक सौ नबब स कम न ह तथा

(ख) िकसी अनय िक त की दशा म परी कर ली गई समझी जाएगी यिद कलनडर वषर क दौरान खान म उसकी हािजिरया दो सौ चालीस स कम न ह

सपष टीकरणmdashइस उपधारा क परयोजन क िलए यह ह िकmdash

(क) करार या सिवदा ारा या सथायी आदश क अधीन यथा अनजञय कामबदी क िदन को

(ख) स तरी कमरचारी की दशा म बारह सप ताह स अनिधक िकतन ही िदन की परसित छटटी को तथा

(ग) उस वषर स िजसम छ ी का उपभोग िकया जाए पवरवत वषर म उपािजत छ ी को

हािजरी की सगणना क परयोजन क िलए ऐस िदन समझा जाएगा िजनम कमरचारी न खान म काम िकया ह िकनत वह इन िदन क िलए छ ी उपािजत नह करगा

(3) िजस िक त की सवा जनवरी क परथम िदन को परारमभ न होकर अनयथा आरमभ होती ह वहmdash

(क) खान म भिम क नीच िनयोिजत िक त की दशा म तब जब िक वह कलनडर वषर क शष भाग क दौरान क कल िदन क आध स अनयन िदन म हािजर रहा हो तथा

(ख) िकसी अनय दशा म तब जब िक वह कलनडर वषर क शष भाग क दौरान क कल िदन क दो-ितहाई स अनयन िदन म हािजर रहा हो

पश चातवत कलनडर वषर म मजदरी सिहत छ ी उस दर स पान का हकदार होगा जो उपधारा (1) म िविनिदष ट ह

(4) िकसी िक त ारा न ली गई वह छ ी िजसका वह उपधारा (1) या उपधारा (2) क अधीन िकसी एक कलनडर वषर म हकदार हो उस छ ी म जोड़ दी जाएगी जो िक उ रवत कलनडर वषर क दौरान उस उपधारा क अधीन उस अनजञय हो

परनत उन छ ी क िदन की कल सखया जो ऐस िकसी िक त ारा सिचत की जा सकगी िकसी भी एक समय कल तीस िदन स अिधक न होगी

परनत यह और भी िक ऐसा वह िक त िजसन मजदरी सिहत छ ी क िलए आवदन िकया हो िकनत उस उपधारा (6) क अनसार ऐसी छ ी न दी गई हो िकसी सीमा क िबना अनपभक त छ ी क अगरनयन का हकदार होगा

(5) ऐसा कोई िक त उपधारा (1) उपधारा (2) और उपधारा (4) क अधीन उस समय अपन को अनजञय सारी छ ी या उसका कोई भाग लन क िलए खान क परबनधक स उस िदन स पदरह िदन स अनयन िदन पहल िलिखत आवदन कर सकगा िजस िदन वह अपनी छ ी आरमभ करना चाहता हो

परनत िकसी एक कलनडर वषर क दौरान तीन बार स अिधक छ ी न ली जा सकगी

(6) उपधारा (5) क उपबनध क अनसार ऐसी छ ी क िलए िकया गया आवदन तब क िसवाय नामजर नह िकया जाएगा जब िक छ ी अनद करन क िलए सशक त परािधकारी की यह राय हो िक पिरिसथित की आवशयकता क कारण छ ी नामजर की जानी चािहए ]

(7) यिद खान म िनयोिजत िक त अपनी मजदरी सिहत छ ी जो उस शष हो बीमारी की कालाविध क िलए लना चाहता हो तो चाह उसन छ ी क िलए आवदन उपधारा (5) म िविनिदष ट समय क अनदर न भी िकया हो तो भी उस वह छ ी अनद की जाएगी

(8) यिद खान का सवामी अिभकतार या परबनधक खान म िनयोिजत िक त क िनयोजन का पयरवसान उस िक त ारा अपनी वह कल छटटी ल ली जान क पवर कर द िजसका वह अपन िनयोजन क पयरवसान क िदन तक हकदार हो या यिद उस िक त न ऐसी छ ी क िलए आवदन िकया हो और ऐसी छ ी अनद न हई हो और वह िक त अपना िनयोजन छ ी लन स पवर छोड़ द तो खान का सवामी अिभकतार या परबनधक न ली गई छ ी क बार म धारा 53 क अधीन सदय रकम उस सद करगा और ऐसा सदाय वहा जहा िक

िक त क िनयोजन का पयरवसान सवामी अिभकतार या परबनधक ारा िकया जाए ऐस पयरवसान क पश चात क दसर कायर-िदवस क अवसान क पवर और जहा िक िक त अपना िनयोजन सवय छोड़ द वहा अगल वतन-िदवस को या उसक पवर िकया जाएगा

(9) खान म िनयोिजत िक त की अनपभक त छ ी उसक िनयोजन क पयरवसान क पवर िदए जान क िलए अपिकषत िकसी सचना की कालाविध की सगणना करन म िवचार म नह ली जाएगी

20

1[(10) जहा खान म िनयोिजत कोई िक त सवा स उनमोिचत या पदचयत िकया जाता ह अथवा वह अपना िनयोजन छोड़ता ह या अिधविषता पराप त करता ह अथवा सवा म रहत हए उसकी मतय हो जाती ह तो यथािसथित वह या उसक वािरस या उसका नाम-िनदिशती उपधारा (1) म िविनिदष ट दर स पिरकिलत उसको दय छ ी क सथान पर मजदरी पान का हकदार होगा यिदmdash

(क) भिम क नीच िकसी खान म िनयोिजत िक त की दशा म वह अपन िनयोजन की तारीख स लकर अपन उनमोचन या पदचयित की तारीख तक या िनयोजन छोड़न या अिधविषता या मतय की तारीख तक िदन की कल सखया क कम स कम आध िदन तक उपिसथित रहा ह और

(ख) िकसी अनय दशा म वह अपन िनयोजन की तारीख स लकर अपन उनमोचन या पदचयित या िनयोजन छोड़न या अिधविषता या मतय की तारीख तक िदन की कल सखया क कम स कम दो-ितहाई िदन तक उपिसथत रहा ह

और ऐसी मजदरी का सदाय खान क सवामी अिभकतार या परबनधक ारा धारा 53 म िविनिदष ट दर स जहा उस िक त को सवा स उनमोिचत या पदचयत कर िदया जाता ह अथवा वह िनयोजन छोड़ दता ह या अिधविषता पराप त कर लता ह वहा यथािसथित ऐस उनमोचन पदचयित िनयोजन छोड़न या अिधविषता क पश चात दसर कायर िदन की समािप त क पवर और जहा िनयोिजत िक त की सवा म रहत हए मतय हो जाती ह वहा उसकी मतय क दो मास की अविध क भीतर िकया जाएगा ]

सपष टीकरणmdash2[उपधारा (1) उपधारा (3) और उपधारा (10)] क परयोजन क िलए आध िदन या इसस अिधक की छ ी क िभन न को एक परा िदन माना जाएगा और आध िदन स कम वाला िभन न छोड़ िदया जाएगा

53 छ ी की कालाविध क दौरान मजदरीmdashउस छ ी क िलए जो खान म िनयोिजत िक त को धारा 52 क अधीन अनजञात हो उस सदाय ऐसी दर स िकया जाएगा जो उसकी छ ी क अ वितह पवरवत मास क उन िदन की बाबत िजनम वह िनयोिजत रहा हो कल पणरकािलक उपाजरन क उस दिनक औसत क बराबर हो जो उन उपाजरन म स िकसी अितकािलक मजदरी और बोनस को अपविजत करक िकनत उनम महगाई भ और नकद परितकर को िजसक अनतगरत खा ा और अनय वसत क िबना मलय िवतरण स परोदभावी ऐसा कोई परितकर (यिद कोई हो) िजसक हकदार खान म काम करन वाल िक त ततसमय ह आता ह सिममिलत करक आए

परनत यिद ऐस कोई औसत उपाजरन उपलबध न ह तो औसत की सगणना उसी मास क िलए वस ही िनयोिजत सब िक तय क कल पणरकािलक उपाजरन क दिनक औसत क आधार पर की जाएगी

54 कितपय दशा म अिगरम सदायmdashखान म िनयोिजत उस िक त को िजस चार स अनयन िदन की छ ी अनजञात की गई हो अनजञात छ ी की कालाविध क िलए शोधय मजदरी उसकी छ ी आरमभ होन स पहल द दी जाएगी

55 असद मजदरी की वसली का ढगmdashखान क सवामी अिभकतार या परबनधक ारा इस अधयाय क अधीन सद िकए जान क िलए अपिकषत िकनत उसक ारा असद कोई रकम मजदरी सदाय अिधिनयम 1936 (1936 का 4) क उपबनध क अधीन िवलिबत मजदरी क रप म वसलीय होगी

56 खान को छट की शिक तmdashजहा िक कनदरीय सरकार का यह समाधान हो जाए िक िकसी खान म िनयोिजत िक तय को लाग होन वाल छ ी क िनयम ऐसी परसिवधा का उपबनध करत ह जो उसकी राय म उन परसिवधा स कम अनकल नह ह िजनक िलए यह अधयाय उपबनध करता ह वहा वह उस खान को इस अधयाय क सब या िकनह उपबनध स छट िलिखत आदश ारा और ऐसी शत क अधयधीन जो उसम िविनिदष ट की जाए द सकगी ]

अधयाय 8

िविनयम िनयम और उपिविधया 57 िविनयम बनान की कनदरीय सरकार की शिक तmdashकनदरीय सरकार िनम निलिखत सब परयोजन या उनम स िकसी क िलए

ऐस िविनयम3 जो इस अिधिनयम स सगत हो शासकीय राजपतर म अिधसचना ारा बना सकगी अथारत mdash

(क) व अहरताए िविहत करना जो मखय िनरीकषक या िनरीकषक क रप म िनयिक त क िलए अपिकषत हो

(ख) इस अिधिनयम क अधीन खान क िनरीकषण क समबनध म मखय िनरीकषक और िनरीकषक क कतर और शिक तय को िविहत और िविनयिमत करना

(ग) खान क सवािमय अिभकतार और परबनधक क और उनक अधीन कायर करन वाल िक तय क कतर िविहत करना और खान क 4[अिभकतार और परबनधक और उनक अधीन कायर करन वाल िक तय की अहरताए (िजसक अनतगरत आय आती ह)] िविहत करना

1 1983 क अिधिनयम स० 42 की धारा 29 ारा (31-5-1984 स) अनतःसथािपत 2 1983 क अिधिनयम स० 42 की धारा 29 ारा (31-5-1984 स) ldquoउपधारा (1) और (3)rdquo क सथान पर परितसथािपत 3 कोयला खान िविनयम 1957 क िलए दिखए भारत का राजपतर (अगरजी) 1957 भाग 2 खणड 3 प 2569 और धातमय खान िविनयम 1961 क िलए दिखए भारत

का राजपतर 1961 भाग 2 अनभाग 3(i) प 360 4 1959 क अिधिनयम स० 62 की धारा 31 ारा (16-1-1960 स) ldquoपरबनधक की अहरताएrdquo शबद क सथान पर परितसथािपत

21

(घ) खान क परबनधक और उनक अधीन कायर करन वाल अनय िक तय को अपन कतर का पालन दकषतापवरक करन क िलए समथर बनान क िलए सिवधाए उपबिनधत की जान की अपकषा करना

(ङ) खान क परबनधक और उनक अधीन कायर करन वाल िक तय की अहरताए परीकषा ारा या अनयथा अिभिनिश चत करन की रीित को और सकषमता परमाणपतर क अनद और नवीकत िकए जान को िविनयिमत करना

(च) ऐसी परीकषा और ऐस परमाणपतर क अनदान तथा नवीकरण क बार म दी जान वाली फीस यिद कोई ह िनयत करना

(छ) उन पिरिसथितय को िजनम और उन शत को िजसक अधयधीन रहत हए एक स अिधक खान का एक ही परबनधक क अधीन रहना या िकसी खान या िकनह खान का िविहत अहरताए न रखन वाल परबनधक क अधीन रहना िविधपणर होगा अवधािरत करना

1[(ज) इस अिधिनयम क अधीन की जान वाली जाच क िलए िजनक अनतगरत इस अिधिनयम क अधीन परमाणपतर धारण करन वाल िकसी िक त क अवचार या अकषमता स सब कोई जाच आती ह उपबनध करना और ऐस िकसी परमाणपतर क िनलमबन और र िकए जान क िलए उपबनध करना और जहा भी आवशयक हो वहा यह उपबनध करना िक जाच करन क िलए िनयक त िकए गए िक त को सािकषय को हािजर करान और दसतावज और भौितक पदाथ को पश करान क परयोजन क िलए िसिवल परिकरया सिहता 1908 (1908 का 5) क अधीन की िसिवल नयायालय की सब शिक तया पराप त ह गी ]

(झ) भारतीय िवसफोटक अिधिनयम 1884 (1884 का 4) और तद धीन बनाए गए िकनह िनयम क उपबनध क अधयधीन रहत हए िवसफोटक का भडारकरण परवहण और उपयोग िविनयिमत करना

2[(ञ) 3 िस तरय का खान म या खान क िकसी वगर म या ऐस िविशष ट परकार क शरम म िजनम ऐस िक तय क जीवन कषम या सवासथय क िलए खतरा रहता ह िनयोजन परितिष िनबरिनधत या िविनयिमत करना और ऐस िक त

ारा एक बार म वहन िकए जा सकन वाल बोझ क भार को पिरसीिमत करना ]

(ट) खान म िनयोिजत िक तय क कषम उनम उनक परवश करन और वहा स उनक िनकलन क साधन क िलए और उन कपक या िनकास की सखया क िलए जो उपबध िकए जान ह और कपक गत िनकास पथया और अवतलन पर बाड़ लगाई जान क िलए उपबनध करना

(ठ) खान क सवामी स सदाय पान वाल और खान क सवामी या परबनधक क परित सीध उ रदायी िक तय स िभन न िकसी िक त का खान म परबनधक क रप म या िकसी अनय िविनिदष ट हिसयत म िनयोजन परितिष करना

4[(ड) सतमभ या खिनज खणड क सथान िनिश चत करन अनरकषण और िनकाल या छाट जान तथा एक खान और दसरी खान क बीच पयारप त रोध क अनरकषण सिहत खान म सड़क और काम क सथल की सरकषा क िलए उपबनध करना

(ढ) खान म खिनज और महबनद अिग न-कषतर का िनरीकषण और सागर क या िकसी सरोवर या नदी या िकसी अनय भप ीय जलरािश क चाह वह पराकितक हो चाह कितरम या िकसी लोक सड़क या िनमारण क समीप खिनत िवषयक िनबनधन और िकनह खिनत म पानी भर जान या आग लग जान या उनक समय-पवर ढह जान क िवर समयक पवारवधानी बरती जान की अपकषा करना ]

(ण) खान क सवातन का और धल अिग न और जवलनशील तथा अपायकर गस क िवषय म की जान वाली काररवाई का िजसक अनतगरत सवतःदहन भिम क नीच की अिग न और कोयल की धल क िवर पवारवधानी आती ह उपबनध करना

5[(त) खान म िव त क जनन भणडारकरण रपानतरण पारषण और उपयोग की भारतीय िव त अिधिनयम 1910 (1910 का 9) और तद धीन बनाए गए िकनह िनयम क उपबनध क अधयधीन रहत हए िविनयिमत करना और खान म क सब िव त उपकरण िव त तार और उनम की सब अनय मशीनरी और सयतर की दखभाल और उपयोग क िविनयमन क िलए उपबनध करना ]

(थ) 6[खान म मशीनरी का उपयोग िविनयिमत करना ऐसी मशीनरी पर या उसक आसपास और कषरण-माग पर िनयोिजत िक तय क कषम क िलए उपबनध करना] और भिम क नीच कछ वग क चिलतर का परयोग िनबरिनधत करना

(द) खान म उिचत परकाश क िलए उपबनध करना और उनम िनरापद और लमप का परयोग िविनयिमत करना और िजस खान म िनरापद लमप परयोग म लाए जात ह उसम परवश करन वाल िक तय की तलाशी लना

1 1959 क अिधिनयम स० 62 की धारा 31 ारा (16-1-1960 स) खड (ज) क सथान पर परितसथािपत 2 1959 क अिधिनयम स० 62 की धारा 31 ारा (16-1-1960 स) खड (ञ) क सथान पर परितसथािपत 3 1983 क अिधिनयम स० 42 की धारा 30 ारा (31-5-1984 स) ldquoकमार औरrdquo शबद का लोप िकया गया 4 1959 क अिधिनयम स० 62 की धारा 31 ारा (16-1-1960 स) खड (ड) और (ढ) क सथान पर परितसथािपत 5 1959 क अिधिनयम स० 62 की धारा 31 ारा (16-1-1960 स) खड (त) क सथान पर परितसथािपत 6 1983 क अिधिनयम स० 42 की धारा 30 ारा (31-5-1984 स) कितपय शबद क सथान पर परितसथािपत

22

(ध) खान म 1[जवलनशील गस या धल क] िवसफोटक या जवलन या पानी क फट िनकलन या सिचत होन क िवर और उनस उदभत खतर क िवर उपबनध करना और ऐसी पिरिसथितय म खिनज क िनकाल जान का परितषध िनबरनधन या िविनयमन करना िजनस यह समभा ता हो िक उसक पिरणामसवरप खान म 1[खिनत] समय-पवर ढह जाए या यह िक उसक पिरणामसवरप खान म 1[खिनत ] का ढह जाना या जल का फट िनकलना या जवलन घिटत होगा या गरतर हो जाएगा

(न) 2[धारा 23 की उपधारा (1) क खड (छ) क अधीन दघरटना क परकार िविहत करना और दघरटना और खतरनाक घटना की सचना का और खिनज उतपाद िनयोिजत िक तय तथा िविनयम ारा उपबिनधत अनय बात की सचना िरपोट और िववरिणय का खान क सवािमय अिभकतार और परबनधक ारा िदया जाना िविहत करना] और ऐसी सचना िववरिणय और िरपोट क पररप व िक त और परािधकारी िजनह व दी जानी ह व िविशि या जो उनम अनतिवष ट होनी ह और वह समय िजसक अनदर व िनविदन की जानी ह िविहत करना

3[(प) 4[खान क सवािमय अिभकतार और परबनधक स खान क िलए िनयत सीमाए रखन की अपकषा करना उनस ससक त रखाक और खडिचतर तथा सथलीय िटपपण जो उनक ारा रख जान ह िविहत करना] और वह रीित िजसस और व सथान िजनम ऐस रखाक खणडिचतर और सथलीय िटपपण अिभलख क परयोजन क िलए रख जान ह िविहत करना और उनकी परितय का मखय िनरीकषक को िनविदत िकया जाना और उनस यह अपकषा करना िक व नए सवकषण कर और नए रखाक बनाए और अननपालन की दशा म िकसी अनय अिभकरण क माधयम स सवकषण कराना और रखाक तयार कराना और उनक य की वसली उसी रीित स करना िजसस भ-राजसव की बकाया होती ह ]

(फ) 5[िसथित स परभावी ढग स िनपटन क परयोजन क िलए] खान म या उनक आसपास दघरटना या आकिसमक िवसफोट या जवलन क घिटत होन पर अपनाई जान वाली परिकरया िविनयिमत करना

(ब) खान क सवामी अिभकतार या परबनधक ारा धारा 16 क अधीन दी जान वाली सचना का पररप और उसम अनतिवष ट होन वाली िविशि या िविहत करना

(भ) वह सचना िविहत करना जो िकसी ऐस सथान पर जो भारतीय रल अिधिनयम 1890 (1890 का 9) क उपबनध क अधयधीन की िकसी रल क या 6[यथािसथित िकनह ऐसी लोक सड़क या अनय सकम क जो सरकार ारा या िकसी सथानीय परािधकारी ारा अनरिकषत ह ] 7[पतालीस मीटर] क अनदर का हो खनन सिकरयाए परारमभ करन या उस तक िवसतािरत करन क पवर खान क सवामी अिभकतार या परबनधक ारा दी जानी ह

(म) िकसी खान क बार म उस दशा म जबिक खिनत म काम बनद कर िदया गया हो सरकार या िकसी सथानीय परािधकारी या भारतीय रल अिधिनयम 1890 (1890 का 9) म यथापिरभािषत िकसी रल कमपनी म िनिहत समपि की कषित स सरकषा

8[(मम) खान क सवामी अिभकतार या परबनधक स यह अपकषा करना िक खान क बनद िकए जान क पवर सरकषा-सकमर सि िमत कर और अननपालन की दशा म ऐस सकमर िकसी अनय अिभकरण ारा िनषपािदत कराना और ऐस सवामी स उनक य की वसली उसी रीित स करना िजसस भ-राजसव की बकाया की होती ह ]

(य) िकसी खान या खान क भाग या िकसी खदान आनित कपक गतर या िनकास म चाह उसका कायरकरण हो रहा हो या नह या िकसी खतरनाक या परितिष कषतर अवतलन कषरण टराम लाइन या पथया पर जहा जनता क सरकषण क िलए बाड़ लगाना आवशयक हो बाड़ लगाई जान की अपकषा करना

(यय) कोई अनय बात जो िविहत की जानी ह या िविहत की जाए

58 िनयम बनान की कनदरीय सरकार की शिक तmdashकनदरीय सरकार िनिम निलिखत सब परयोजन या उनम स िकसी क िलए ऐस िनयम जो इस अिधिनयम स सगत ह शासकीय राजपतर म अिधसचना ारा बना सकगी अथारत --

9[(क) सिमित क सदसय की पदाविध और उनकी सवा की अनय शत का तथा िरिक तया भरन की रीित का उपबनध कराना और अपना कारबार चलान क िलए सिमित ारा अनसिरत की जान वाली परिकरया िविनयिमत करना

(ख) धारा 23 की उपधारा (3) म िनिदष ट रिजसटर का पररप िविहत करना

1 1959 क अिधिनयम स० 62 की धारा 31 ारा (16-1-1960 स) अनतःसथािपत 2 1959 क अिधिनयम स० 62 की धारा 31 ारा (16-1-1960 स) ldquoसचनाए िविहत करन क िलएrdquo क सथान पर परितसथािपत 3 1959 क अिधिनयम स० 62 की धारा 31 ारा (16-1-1960 स) खड (प) क सथान पर परितसथािपत 4 1983 क अिधिनयम स० 42 की धारा 30 ारा (31-5-1984 स) कितपय शबद क सथान पर परितसथािपत 5 1983 क अिधिनयम स० 42 की धारा 30 ारा (31-5-1984 स) अनतःसथािपत 6 1959 क अिधिनयम स० 62 की धारा 31 ारा (16-1-1960 स) कितपय शबद क सथान पर परितसथािपत 7 1983 क अिधिनयम स० 42 की धारा 30 ारा (31-5-1984 स) ldquoपचास गजrdquo क सथान पर परितसथािपत 8 1959 क अिधिनयम स० 62 की धारा 31 ारा (16-1-1960 स) अनतःसथािपत 9 1983 क अिधिनयम स० 42 की धारा 31 ारा (31-5-1984 स) खड (क) क सथान पर परितसथािपत

23

(ग) धारा 24 क अधीन जाच नयायालय की िनयिक त क िलए उपबनध करना ऐस नयायालय की परिकरया और शिक तया िविनयिमत करना ऐस नयायालय क सदसय को यातरा-भ का सदाय करना और सयक त खान क परबनधक सवामी या अिभकतार स उक त नयायलय क य की 1[िजनक अनतगरत जाच स ससक त कोई अनय य आत ह] 2[उसी रीित स जस भ-राजसव की बकाया वसल की जाती ह] वसली करना

2[(गग) खान म िनयोिजत िक तय की ओर स तकनीकी िवशषजञ ारा (जो परािसथित म ओवरमन स कम नह ह) खान क िनरीकषण क िलए उसक िलए दी जान वाली सिवधा क िलए वह आवित िजस पर और वह रीित िजसम ऐस िनरीकषण िकए जाएग और वह रीित िजसम ऐस िनरीकषण की िरपोटर दी जाएगी उपबनध करना ]

(घ) िजन खान म कोई ि या िनयोिजत ह या पवरवत बारह मास म िकसी िदन िनयोिजत रह ह उनम ऐसी िस तरय क छह वषर स कम आय वाल बालक क उपयोग क िलए आरिकषत िकए जान वाल समिचत कमर बनाए रखन की अपकषा करना और या तो साधारणतः या खान म िनयोिजत िस तरय की सखया क परित िविशष ट िनदश स ऐस कमर की सखया और सतरमान और उन सख-सिवधा की जो उनम उपबिनधत की जानी ह और उस पयरवकषण की जो उनम िकया जाना ह परकित और िवसतार िविहत करना

(ङ) खान म िनयोिजत परष क उपयोग क िलए फहारयक त स नान सथान और लॉकर ककष और िजन खान म ि या िनयोिजत ह उनम िस तरय क उपयोग क िलए वस ही पथक सथान और ककष गतरमख पर या उनक आसपास बनाए रख जान की अपकषा करना और या तो साधारणतः या खान म मामली तौर पर िनयोिजत परष और िस तरय की सखया क परित िविशष ट िनदश स ऐस सथान और ककष की सखयाए और सतरमान िविहत करना

(च) खान म सवचछता का जो सतरमान बनाए रखना ह उस खान म उपबिनधत िकए जान वाल शौचालय और मतरालय का आनपाितक मान िविहत करना और 3 पय जल क परदाय क िलए िकया जान वाला उपबनध

1[(चच) िचिकतसीय सािधतर और सख-सिवधा क परदाय और बनाए रख जान क िलए उपबनध करना और पराथिमक उपचार बकस और कपबोड की अनतवरसतए और सखयाए पराथिमक उपचार क काम म परिशकषण पराथिमक उपचार कमर क आकार और उपसकर और उनक भारसाधक कमरचािरवनद और कषितगरसत िक तय को िचिकतसालय या औषधालय को परवहण करन क िलए इतजाम िविहत करना

(चचच) उन व यिक तय को जो खान म पयरवकषण या परबन ध क पद स िभन न पद पर िनयोिजत ह या िनयोिजत िकए जान ह व यावहािरक िशकषण िदए जान या परिशिकषत िकए जान की अपकषा करना और ऐस िशकषण और परिशकषण क िलए स कीम िविहत करना]

(छ) खान म मादक पय या औषिधय को कबज म रखन को या उनक उपभोग को और म ता की हालत म िकसी िक त क उनम परवश या उपिसथित को परितिष करना

(ज) धारा 36 क अधीन अपिकषत सचना क पररप िविहत करना और यह अपकषा करना िक ऐसी सचनाए िविनिदष ट भाषा म भी लगाई जाए

(झ) उन िक तय को पिरभािषत करना िजनकी बाबत धारा 37 क परयोजन क िलए यह समझा जाएगा िक व पयरवकषण या परबनध क पद धारण िकए हए ह या िकसी गोपनीयता की हिसयत म िनयोिजत ह

(ञ) उन िक तय या िक तय क िकसी वगर का खान म िनयोजन परितिष करना िजनकी बाबत िकसी अिहत िचिकतसा- वसायी ारा यह परमािणत न िकया गया हो िक उनह न अपना पदरहवा वषर परा कर िलया ह और वह रीित और व पिरिसथितया िजनम ऐस परमाणपतर अनद और परितसहत िकए जा सकग िविहत करना

4

1[(टट) खान म िनयोिजत या िनयोजन चाहन वाल िक तय स यह अपकषा करना िक व अपन को िचिकतसीय परीकषा क िलए परसतत कर और खान म िकसी िक त का िनयोजन िकए जान का आतयितक परितषध या िकसी िविशष ट हिसयत म या िविशष ट काम म िकए जान का परितषध िचिकतसीय आधार पर करना ]

5[(ठ) धारा 48 ारा अपिकषत रिजसटर क पररप और अधयाय 7 क परयोजन क िलए रिजसटर रखा जाना और उनक पररप िविहत करना ]

(ड) इस अिधिनयम को और िविनयम और िनयम की सिकषिप तया और वह भाषा िजसम सिकषिप तया और उपिविधया धारा 61 और 62 म अपिकषत रप स लगाई जाएगी िविहत करना

1 1959 क अिधिनयम स० 62 की धारा 32 ारा (16-1-1960 स) अनतःसथािपत 2 1983 क अिधिनयम स० 42 की धारा 31 ारा (31-5-1984 स) अनतःसथािपत 3 1959 क अिधिनयम स० 62 की धारा 32 ारा (16-1-1960 स) कितपय शबद का लोप िकया गया 4 1983 क अिधिनयम स० 42 की धारा 31 ारा (31-5-1984 स) (ट) का लोप िकया गया 5 1959 क अिधिनयम स० 62 की धारा 32 ारा (16-1-1960 स) खड (ठ) क सथान पर परितसथािपत

24

(ढ) यह अपकषा करना िक िजन बात क िलए िनयम बनाए गए ह उनस सब सचनाए िववरिणया और िरपोट खान क सवामी अिभकतार और परबनधक द और ऐसी सचना िववरिणय और िरपोट क पररप व िक त और परािधकारी िजनह व दी जानी ह व िविशि या जो उनम अनतिवष ट होनी ह और व समय िजनक अनदर व िनविदत की जानी ह िविहत करना

(ण) िजन खान म 1 पचास स अिधक िक त मामली तौर पर िनयोिजत रहत ह उनम भोजन करन क िलए यथायोगय और उपयक त ऐस आशरय क िजनम पीन क पानी का उपबनध भी हो उपबिनधत िकए जान और बनाए रख जान की अपकषा करना

(त) मखय िनरीकषक या िनरीकषक ारा इस िनिम िविनिदष ट िकसी ऐसी खान म िजसम दो सौ पचास स अिधक िक त मामली तौर पर िनयोिजत रहत ह ऐस िक तय क उपयोग क िलए कोई कटीन या कटीन उपबिनधत की जान और

बनाए रखी जान की अपकषा करना

(थ) हर ऐसी खान म िजसम पाच सौ या अिधक िक त मामली तौर पर िनयोिजत रहत ह इतनी सखया म कलयाण आिफसर िनयोिजत िकए जान की अपकषा करना िजतनी िविनिदष ट की जाए और ऐस कलयाण आिफसर की अहरताए और सवा क िनबनधन और शत और उनक ारा पालनीय कतर िविहत करना

2[(द) िविनिदष ट खान या िविनिदष ट खान क समह क िलए या िकसी िविनिदष ट कषतर की सब खान क िलए बचाव सटशन की सथापना की जान की अपकषा करना और यह िविहत करना िक ऐस सटशन कस और िकसक ारा सथािपत िकए जाएग

(ध) बचाव सटशन क परबनध क िलए उपबनध करना

(धक) बचाव िबरगड का गठन करन वाल िक तय की शारीिरक योगयता क मानक और अनय अहरता क िलए उपबनध करना

(धख) बचाव िबरगड का गठन करन वाल िक तय का िनवास-सथान िविहत करना ]

(न) 3 बचाव सटशन की िसथित उपसकर िनयतरण अनरकषण और कतय िविहत करना 4[(प) खड (द) क अधीन िविनिदष ट खान म उतपािदत और वहा स परिषत कोक और कोयल पर (पच चीस पस परित

टन स अनिधक दर स) उतपाद-शलक क उद गहण और सगरहण क िलए ऐसी खान क िलए बचाव सटशन िनिध का सजन करन क िलए भारत की सिचत िनिध म जमा िकए गए ऐस उपकर क आगम म स उन धनरािशय क जो कनदरीय सरकार ससद

ारा िविध ारा इस िनिम समयक िविनयोग िकए जान क पश चात उपबिनधत कर ऐसी िनिध म जमा िकए जान क िलए उस रीित क िलए िजसम ऐसी िनिध म स धन का उपयोग िकया जाएगा और ऐसी िनिध क परशासन क िलए उपबनध करना

(फ) बचाव िबरगड़ क बनाव परिशकषण सरचना और कतर क िलए 5 और साधारणतः खान म बचाव कायर क सचालन क िलए उपबनध करना 6

7[(फफ) िविनिदष ट खान या िविनिदष ट खान क समह क िलए सरकषा सिमितय क गठन क िलए या सरकषा की अिभवि करन क िलए िकसी िविनिदष ट कषतर म सभी खान क िलए और ऐसी सरकषा सिमितय की सरचना उनक गठन और कतय की रीित अिधकिथत करन क िलए उपबनध करना तथा]

(ब) साधारणतः िकसी ऐस मामल क िलए उपबनध करना िजनक िलए इस अिधिनयम या िविनयम ारा उपबनध न िकया गया हो और िजसक िलए उपबनध इस अिधिनयम को परभावी करन क िलए अपिकषत हो

59 िविनयम और िनयम का पवर परकाशनmdash(1) धारा 57 और 58 ारा परद िविनयम और िनयम बनान की शिक त इस शतर क अधयधीन ह िक य िविनयम और िनयम पवर परकाशन क पश चात बनाए जाएग

(2) जो तारीख साधारण खड अिधिनयम 1897 (1897 का 10) की धारा 23 क खड (3) क अनसार उस तारीख क रप म िविनिदष ट की जानी ह िजसक पश चात िक बनाए जान क िलए परसथािपत िविनयम या िनयम क परारप पर िवचार िकया जाएगा वह उस तारीख स तीन मास स कम की होगी िजसको परसथािपत िविनयम या िनयम का परारप साधारण जानकारी क िलए परकािशत िकया जाए

1 1959 क अिधिनयम स० 62 की धारा 32 ारा (16-1-1960 स) ldquoएक सौ औरrdquo शबद का लोप िकया गया 2 1983 क अिधिनयम स० 42 की धारा 31 ारा (31-5-1984 स) खड (द) और (ध) क सथान पर परसथािपत 3 1983 क अिधिनयम स० 42 की धारा 31 ारा (31-5-1984 स) ldquoकनदरीयrdquo शबद का लोप िकया गया 4 1983 क अिधिनयम स० 42 की धारा 31 ारा (31-5-1984 स) खड (प) क सथान पर परितसथािपत 5 1983 क अिधिनयम स० 42 की धारा 31 ारा (31-5-1984 स) कितपय शबद का लोप िकया गया 6 1983 क अिधिनयम स० 42 की धारा 31 ारा (31-5-1984 स) ldquoऔरrdquo शबद का लोप िकया गया 7 1983 क अिधिनयम स० 42 की धारा 31 ारा (31-5-1984 स) अनतःसथािपत

25

1

2[(4) कोई भी िविनयम या िनयम तब तक नह बनाया जाएगा जब तक िक उस िविनयम या िनयम का परारप धारा 12 की उपधारा (1) क अधीन गिठत सिमित को िनदिशत न कर िदया गया हो और जब तक उस सिमित को उसक बनाए जान की समीचीनता और उसक उपबनध की उपयक तता की बाबत िरपोटर दन का यिक तयक त अवसर न िमल गया हो ]

(5) िविनयम और िनयम शासकीय राजपतर म परकािशत िकए जाएग और ऐस परकािशत िकए जान पर ऐस परभाव रखग मानो व इस अिधिनयम म अिधिनिमत ह

(6) उपधारा (1) उपधारा (2) और उपधारा (4) क उपबनध उस अवसर को लाग न ह ग िजस पर धारा 58 क खड (घ) या खड (ङ) म िनदिशत िनयम सवरपरथम बनाए जाए

3

60 पवर परकाशन क िबना िविनयम बनान की शिक तmdashयिद कनदरीय सरकार का समाधान हो जाए िक आशिकत खतर का िनवारण करन या खतरा पदा करन की सभा ता रखन वाली िसथितय का शीघर उपचार करन क िलए यह आवशयक ह िक ऐस िविनयम बनान म वह िवलमब न होन िदया जाए जो ऐस परकाशन और िनदशन स होगा तो धारा 57 4 क अधीन िविनयम धारा 59 की उपधारा (1) उपधारा (2) और उपधारा 5[(4)] म अनतिवष ट िकसी बात क होत हए भी पवर परकाशन और 6[धारा 12 की उपधारा (1) क अधीन गिठत सिमित] को 7 िनदशन क िबना बनाए जा सकग

परनत इस परकार बनाए गए िविनयम 8[सिमित की जानकारी क िलए भज जाएग और] बनाए जान स 9[एक वषर] स अिधक क िलए परव नह रहग

61 उपिविधयाmdash(1) खान का सवामी अिभकतार या परबनधक 10[उस खान म िकसी िवशष मशीनरी क उपयोग या कायरकरण की िकसी िवशष प ित को अपनाए जान क शािस त करन क िलए] इस अिधिनयम या िकनह ततसमय परव िविनयम या िनयम स असगत न होन वाली ऐसी उपिविधय का परारप जसी िक ऐसा सवामी अिभकतार या परबनधक उस खान म दघरटना का िनवारण करन क िलए और उसम िनयोिजत िक तय क कषम सिवधा और अनशासन हत उपबनध करन क िलए आवशयक समझ तयार कर सकगा और मखय िनरीकषक या िनरीकषक को िनविदत कर सकगा और यिद ऐसा करन की उसस अपकषा मखय िनरीकषक या िनरीकषक ारा की जाए तो तयार करगा और िनविदत करगा

(2) यिद ऐसा कोई सवामी अिभकतार या परबनधकmdash

(क) मखय िनरीकषक या िनरीकषक ारा ऐसा करन की उसस अपकषा की जान क पश चात दो मास क अनदर उपिविधय का परारप िनविदत करन म असफल रह अथवा

(ख) उपिविधय का ऐसा परारप िनविदत कर जो मखय िनरीकषक या िनरीकषक की राय म पयार न हो

तो मखय िनरीकषक या िनरीकषकmdash

(i) ऐसी उपिविधय का परारप परसथािपत कर सकगा जो उस पयार परतीत ह अथवा

(ii) सवामी अिभकतार या परबनधक ारा जो परारप उस िनविदत िकया गया हो उसम ऐस सशोधन परसथािपत कर सकगा िजनस उसकी राय म वह पयार हो जाएगा और ऐसी परारप-उपिविधया या परारप-सशोधन यथािसथित सवामी अिभकतार या परबनधक क पास िवचार क िलए भजगा

(3) यिद उस तारीख स िजसको कोई परारप-उपिविधया या परारप-सशोधन मखय िनरीकषक या िनरीकषक न सवामी अिभकतार या परबनधक क पास उपधारा (2) क उपबनध क अधीन भज ह दो मास की कालाविध क अनदर मखय िनरीकषक या िनरीकषक और सवामी अिभकतार या परबनधक उपधारा (1) क अधीन बनाई जान वाली उपिविधय क िनबनधन क िवषय म परसपर सहमत होन म

1 1959 क अिधिनयम स० 62 की धारा 33 ारा (16-1-1960 स) उपधारा (3) का लोप िकया गया 2 1983 क अिधिनयम स० 42 की धारा 32 ारा (31-5-1984 स) उपधारा (4) क सथान पर परितसथािपत 3 1983 क अिधिनयम स० 42 की धारा 32 ारा (31-5-1984 स) उपधारा (7) का लोप िकया गया 4 1959 क अिधिनयम स० 62 की धारा 34 ारा (16-1-1960 स) ldquoक खड (ठ) को अपविजत करत हए खड (झ) और खड (ट) स (ख) (ध)rdquo शबद को क और अकषर का

लोप िकया गया 5 1959 क अिधिनयम स० 62 की धारा 34 ारा (16-1-1960 स) ldquo(3)rdquo क सथान पर परितसथािपत 6 1983 क अिधिनयम स० 42 की धारा 33 ारा (31-5-1984 स) ldquoखनन बोड rdquo क सथान पर परितसथािपत 7 1959 क अिधिनयम स० 62 की धारा 34 ारा (16-1-1960 स) ldquoपवरrdquo शबद का लोप िकया गया 8 1983 क अिधिनयम स० 42 की धारा 33 ारा (31-5-1984 स) अनतःसथािपत 9 1959 क अिधिनयम स० 62 की धारा 34 ारा (16-1-1960 स) ldquoदो वषरrdquo क सथान पर परितसथािपत 10 1983 क अिधिनयम स० 42 की धारा 34 ारा (31-5-1984 स) कितपय शबद क सथान पर परितसथािपत

26

असमथर रह तो मखय िनरीकषक या िनरीकषक परारप-उपिविधय को पिरिनधाररण क िलए 1[धारा 12 की उपधारा (1) क अधीन गिठत सिमित को] िनदिशत करगा

(4) (क) जबिक ऐसी पररप-उपिविधय पर अिभकतार या परबनधक और मखय िनरीकषक सहमत हो गए ह या जबिक उनक सहमत होन म असमथर होन पर व 2[धारा 12 की उपधारा (1) क अधीन गिठत सिमित को] ारा पिरिनधारिरत कर दी गई ह तब मखय िनरीकषक या िनरीकषक ारा परारप-उपिविधय की एक परित कनदरीय सरकार को अनमोदनाथर भजी जाएगी

(ख) कनदरीय सरकार परारप-उपिविधय म ऐसा उपातरण कर सकगी जसा वह ठीक समझ

(ग) इसस पवर िक कनदरीय सरकार परारप-उपिविधय का अनमोदन चाह उपातर क सिहत या उनक िबना कर उपिविधया बनान की परसथापना की और उस सथान की जहा परारप-उपिविधय की परितया अिभपरा की जा सकगी और उस समय की (जो तीस िदन स कम का न होगा) इसक अनदर िक परभािवत िक तय क ारा या उनकी ओर स परारप-उपिविधय क परित िकया गया कोई आकषप कनदरीय सरकार को भजा जाना चािहए सचना ऐसी रीित स जसी कनदरीय सरकार परभािवत िक तय की जानकारी दन क िलए उपयक ततम समझ परकािशत की जाएगी

(घ) हर आकषप िलिखत होगा और उसमmdash

(i) आकषप क िविशष ट आधार तथा

(ii) चाह गए लोप पिरवधरन या उपानतर

किथत ह ग

(ङ) उन िक तय क ारा या उनकी ओर स िजनकी बाबत कनदरीय सरकार को यह परतीत हो िक व तद ारा परभािवत िक त ह अपिकषत समय क अनदर िकए गए आकषप पर वह सरकार िवचार करगी और उपिविधय पर या तो उस रप म िजसम व परकािशत की गई थ या उनम ऐस सशोधन करक िजनह वह ठीक समझ अनमोिदत कर सकगी

(5) कनदरीय सरकार ारा इस परकार अनमोिदत हो जान पर उपिविधया इस परकार परभावी ह गी मानो व इस अिधिनयम म अिधिनयिमत ह और खान का सवामी अिभकतार या परबनधक उन उपिविधय की एक परित अगरजी म और ऐसी अनय भाषा या भाषा म जसी िविहत की जाए खान म या उसक आसपास िकसी ऐस सहजदशय सथान पर लगवाएगा जहा व उपिविधया िनयोिजत

िक तय ारा सिवधापवरक पढ़ी या दखी जा सक और िजतनी बार व िवरिपत हो जाए िमट जाए या नष ट हो जाए उतनी बार यिक तयक त शीघरता क साथ उनह नए िसर स लगवाएगा

(6) कनदरीय सरकार इस परकार िनिमत िकसी उपिविध को िलिखत आदश ारा पणरतः या भागतः िवखिडत कर सकगी और तदपिर ऐसी उपिविध तदनसार परभावहीन हो जाएगी

3[61क िविनयम िनयम और उपिविधय का ससद क समकष रखा जानाmdashधारा 57 क अधीन बनाया गया परतयक िविनयम धारा 58 क अधीन बनाया गया परतयक िनयम और धारा 61 क अधीन बनाई गई परतयक उपिविध बनाई जान क पश चात यथाशीघर ससद क परतयक सदन क समकष जब वह सतर म हो कल तीस िदन की अविध क िलए रखा जाएगा या रखी जाएगी यह अविध एक सतरा म अथवा दो या अिधक आनकरिमक सतर म परी हो सकगी यिद उस सतर क या पव क त आनकरिमक सतर म अवसान क पवर दोन सदन उस िविनयम िनयम या उपिविध म कोई पिरवतरन करन क िलए सहमत हो जाए तो ततपश चात वह ऐस पिरवितत रप म ही परभावी होगा या होगी यिद उक त अवसान क पवर दोन सदन सहमत हो जाए िक वह िविनयम िनयम या उपिविध नह बनाया या बनायी जानी चािहए तो ततपश चात वह िनषपरभाव हो जाएगा या हो जाएगी िकनत यथािसथित िविनयम िनयम या उपिविधय क ऐस पिरवितत या िनषपरषभाव होन स उसक अधीन पहल की गई िकसी बात की िविधमानयता पर परितकल परभाव नह पड़गा ]

62 अिधिनयम िविनयम आिद की सिकषिप तया लगवानाmdashहर खान म या उसक आसपास अगरजी म और ऐसी अनय भाषा या भाषा म जो िविहत की जाए अिधिनयम की और िविनयम और िनयम की िविहत सिकषिप तया लगाई रखी जाएगी

अधयाय 9

शािसतया और परिकरया 63 बाधा डालनाmdash(1) जो कोई मखय िनरीकषक िनरीकषक या धारा 8 क अधीन परािधकत िकसी िक त क इस अिधिनयम क अधीन क उसक अपन कतर क िनवरहन म बाधा डालगा या मखय िनरीकषक िनरीकषक या ऐस िक त को िकसी खान क समबनध म इस अिधिनयम क ारा या अधीन परािधकत कोई परवश िनरीकषण परीकषा या जाच करन क िलए कोई यिक तयक त सिवधा दन स इनकार करगा या दन म जानबझकर उपकषा करगा वह कारावास स िजसकी अविध तीन मास तक की हो सकगी या जमारन स जो पाच सौ रपए तक का हो सकगा या दोन स दणडनीय होगा

1 1983 क अिधिनयम स० 42 की धारा 34 ारा (31-5-1984 स) कितपय शबद क सथान पर परितसथािपत 2 1983 क अिधिनयम स० 42 की धारा 34 ारा (31-5-1984 स) कितपय शबद क सथान पर परितसथािपत 3 1983 क अिधिनयम स० 42 की धारा 35 ारा (31-5-1984 स) अतःसथािपत

27

(2) जो कोई इस अिधिनयम क अनसरण म रख गए िकनह रिजसटर या अनय दसतावज को मखय िनरीकषक या िनरीकषक की माग पर पश करन स इनकार करगा अथवा िकसी ऐस िनरीकषण आिफसर क समकष जो इस अिधिनयम क अधीन क अपन कतर क अनसरण म कायर कर रहा ह उपसजात होन या उसक ारा परीकषा की जान स िकसी िक त को िनवािरत करगा या िनवािरत करन का परयत न करगा या कोई ऐसा कायर करगा िजसक बार म उसक पास यह िवश वास करन का कारण हो िक उसस उसका इस परकार िनवािरत होना सभा ह वह जमारन स जो तीन सौ रपए तक का हो सकगा दणडनीय होगा

64 अिभलख का िमथयाकरण आिदmdashजो कोईmdash

(क) इस अिधिनयम क अधीन अनद िकसी परमाणपतर का या परमाणपतर की िकसी कायारलय परित का कटकरण करगा या जानत हए उसम िमथया कथन करगा अथवा

(ख) जानत हए ऐस िकसी कटकतय या िमथया परमाणपतर को असली क रप म उपयोग म लाएगा अथवा

(ग) कोई िमथया घोषणा कथन या सा य यह जानत हए िक वह िमथया ह अपन िलए या िकसी अनय िक त क िलए इस अिधिनयम क अधीन परमाणपतर अिभपरा करन या परमाणपतर का नवीकरण करान या खान म िनयोजन अिभपरा करन क परयोजनाथर करगा या बनाएगा या पश करगा या उपयोग म लाएगा अथवा

1[(घ) िकसी ऐस रखाक खडिचतर रिजसटर या अिभलख का िमथयाकरण करगा िजसका रखा जाना इस अिधिनयम क ारा या अधीन अपिकषत हो या ऐसा िमथया रखाक खडिचतर रिजसटर या अिभलख उस िमथया जानत हए िकसी परािधकारी क

समकष पश करगा अथवा]

(ङ) कोई ऐसा रखाक िववरणी सचना अिभलख या िरपोटर बनाएगा दगा या पिरद करगा िजसम ऐसा कथन परिवि या बयौरा अनतिवष ट हो जो उसकी सव म जानकारी या िवश वास क अनसार सही न हो

वह कारावास स िजसकी अविध तीन मास तक की हो सकगी या जमारन स जो 2[एक हजार रपए] तक का हो सकगा या दोन स दणडनीय होगा

65 िमथया योगयता परमाणपतर का उपयोगmdashजो कोई 3[धारा 43] क अधीन अनय िक त को अनद िकसी परमाणपतर का उस धारा क अधीन अपन को योगयता-परमाणपतर क रप म जानत हए उपयोग करगा या उपयोग करन का परयत न करगा या उस धारा क अधीन अपन को योग यता-परमाणपतर अनद िकए जान पर जानत हए अनय िक त को उसका उपयोग करन दगा या उपयोग करन का परय करन दगा वह कारावास स िजसकी अविध एक मास तक की हो सकगी या जमारन स जो 4[दो सौ] रपए तक का हो सकगा या दोन स दणडनीय ोगा

िक तयक त कारण क िजस सािबत करन का भार उस पर होगा करगा जमारन स जो 6[एक हजार] रपए क का हो

ास स िजसकी विध तीन

ोिजत िकया जाता ह तो ऐसी खान का सवामी अिभकतार या परबनधक ऐस जमारन स जो पाच सौ रपए क का हो

ी अविध तीन मास तक की हो सकगी या जमारन स जो 10[दो हजार पाच सौ] रपए तक का हो सकगा या दोन स दणडनीय होगा

66 रखाक आिद दन का लोपmdashकोई िक त जो इस अिधिनयम क ारा या अधीन बनाए जान या िदए जान क िलए अपिकषत कोई रखाक 5[खडिचतर] िववरणी सचना रिजसटर अिभलख या िरपोटर िविहत पररप म या िविहत रीित स या िविहत समय पर या क भीतर बनान या दन का लोप िकए िबना यत सकगा दणडनीय होगा

67 शरिमक क िनयोजन िवषयक उपबनध का उललघनmdashजो कोई उसक िसवाय जसा िक धारा 38 ारा अनजञात ह इस अिधिनयम क या िकसी िविनयम िनयम या उपिविध क या तद धीन िकए गए िकसी आदश क िकसी ऐस उपबनध का उललघन करगा जो खान म या उसक आसपास िक तय क िनयोजन या उनकी उपिसथित को परितिष िनबरिनधत या िविनयिमत करता हो वह कारावअ मास तक की हो सकगी या जमारन स जो 7[एक हजार] रपए तक का हो सकगा या दोन स 8 दडनीय होगा

9[68 अठारह वषर स कम आय क िक तय क िनयोजन क िलए शािसतmdashयिद अठारह वषर स कम आय क िकसी िक त को धारा 40 क उललघन म िकसी खान म िनयत सकगा दणडनीय होगा ]

69 परबनधक िनयक त करन म असफलताmdashधारा 17 क उपबनध क उललघन म जो कोई परबनधक िनयक त करन म असफल रहगा वह कारावास स िजसक11

1 1959 क अिधिनयम स० 62 की धारा 35 ारा (16-1-1960 स) खड (घ) क सथान पर परितसथािपत 2 1959 क अिधिनयम स० 62 की धारा 35 ारा (16-1-1960 स) ldquoपाच सौ रपएrdquo क सथान पर परितसथािपत 3 1983 क अिधिनयम स० 42 की धारा 36 ारा (31-5-1984 स) ldquoधारा 40rdquo क सथान पर परितसथािपत 4 1959 क अिधिनयम स० 62 की धारा 36 ारा (16-1-1960 स) ldquoपचासrdquo क सथान पर परितसथािपत 5 1959 क अिधिनयम स० 62 की धारा 37 ारा (16-1-1960 स) अनतःसथािपत 6 1959 क अिधिनयम स० 62 की धारा 37 ारा (16-1-1960 स) ldquoदो सौrdquo क सथान पर परितसथािप 7 1959 क अिधिनयम स० 62 की धारा 38 ारा (16-1-1960 स) ldquoपाच सौrdquo क सथान पर परितसथािपत 8 1959 क अिधिनयम स० 62 की धारा 38 ारा (16-1-1960 स) कितपय शबद का लोप िकया गया 9 1983 क अिधिनयम स० 42 की धारा 37 ारा (31-5-1984 स) धारा 68 क सथान पर परितसथािपत 10 1959 क अिधिनयम स० 62 की धारा 39 ारा (16-1-1960 स) ldquoपाच सौrdquo क सथान पर परितसथािपत 11 1959 क अिधिनयम स० 62 की धारा 39 ारा (16-1-1960 स) कितपय शबद का लोप िकया गया

28

70 दघरटना की सचनाmdash(1) धारा 23 की उपधारा (1) क उपबनध क उललघन म जो कोई िकसी दघरटना की सचना दन म या उस सचना की परित उस उपधारा म िनिदष ट िवशष सचनाप पर लगान म और िविनिदष ट कालाविध क िलए वहा रखन म असफल रहगा वह कारावास स िजसकी अविध तीन मास तक की हो सकगी या जमारन स जो पाच सौ रपए तक का हो सकगा या दोन स दणनीय होगा

(2) कनदरीय सरकार ारा धारा 23 की उपधारा (3) क अधीन िदए गए िनदश क उललघन म जो कोई िकसी दघरटना को िविहत रिजसटर म अिभिलिखत करन म या उसकी सचना दन म असफल रहगा वह कारावास स िजसकी अविध तीन मास तक की हो सकगी या जमारन स तो पाच सौ रपए तक का हो सकगा या दोन स दणडनीय होगा

71 कितपय मामल म सवामी आिद का मखय िनरीकषक को िरपोटर दनाmdashजहा िक खान क यथािसथित सवामी अिभकतार या परबनधक न खान म या उसक आसपास िनयोिजत िकसी िक त क िवर कायरवाही इस अिधिनयम क अधीन क िकसी अपराध क बार म की हो वहा वह नयायालय क िनणरय या आदश की तारीख स इक कीस िदन क अनदर उसक पिरणाम की िरपोटर मखय िनरीकषक को दगा

72 खान म िनयोिजत िक तय की बाधयताmdashखान म िनयोिजत कोई भी िक तmdash

(क) खान म िनयोिजत िक तय का सवासथय कषम या कलयाण सिनिश चत करन क परयोजनाथर खान म उपबिनधत िकसी सािधतर सिवधा या अनय चीज म जानबझकर हसतकषप या उसका जानबझकर दरपयोग न करगा

(ख) जानबझकर और यिक तयक त कारण क िबना कोई ऐसी बात न करगा िजसस सवय उसक या अनय क सकटाप होन की सभा ता हो

(ग) खान म िनयोिजत िक तय का सवासथय या कषम सिनिश चत करन क परयोजनाथर उसम उपबिनधत िकसी सािधतर या अनय चीज को उपयोग म लान की जानबझकर उपकषा नह करगा

1[72क कछ िविनयम क उललघन क िलए िवशष उपबनधmdashजो कोई धारा 57 क खणड (घ) खणड (झ) खणड (ड) खणड (ढ) खणड (ण) खणड (त) खणड (द) खणड (ध) और खणड (प) म िविनिदष ट बात स सब िकसी िविनयम क या िकसी उपिविध क या तद धीन िकए गए िकसी आदश क िकसी उपबनध का उललघन करगा वह कारावास स िजसकी अविध छह मास तक की हो सकगी या जमारन स जो दो हजार रपए तक का हो सकगा या दोन स दणडनीय होगा

72ख धारा 22 क अधीन आदश क उललघन क िलए िवशष उपबनधmdashजो कोई धारा 22 की उपधारा (1क) उपधारा (2) या उपधारा (3) क अधीन 2[या धारा 22क की उपधारा (2) क अधीन] िनकाल गए आदश क उललघन म खान का कायरकरण चाल रखगा वह कारावास स िजसकी अविध दो वषर तक की हो सकगी दडनीय होगा और जमारन स भी जो पाच हजार रपए तक का हो सकगा दडनीय होगा

2[परनत नयायालय क िनणरय म लखब िकए जान वाल ततपरितकल िवशष और पयारप त कारण क अभाव म ऐसा जमारना खड (क) म िनिदष ट उललघन की दशा म तीन हजार रपए स कम नह होगा ]

72ग िविध क ऐस उललघन क िलए िजसक खतरनाक पिरणाम होत ह िवशष उपबनधmdash(1) जो कोई इस अिधिनयम क या िकसी िविनयम िनयम या उपिविध क या तद धीन िकए गए [धारा 22 की उपधारा (1क) या उपधारा (2) या उपधारा (3) 3[या धारा 22क की उपधारा (2)] क अधीन िकए गए आदश स िभ ] िकसी आदश क िकसी उपबनध का उललघन करगा वहmdash

(क) यिद ऐस उललघन क पिरणामसवरप जीवन की हािन हो तो कारावास स जो दो वषर तक का हो सकगा या जमारन स जो पाच हजार रपए तक का हो सकगा या दोन स दणडनीय होगा या

(ख) यिद ऐस उललघन क पिरणामसवरप गमभीर शारीिरक कषित हो तो कारावास स जो एक वषर तक का हो सकगा या जमारन स जो तीन हजार रपए तक का हो सकगा या दोन स दडनीय होगा अथवा

(ग) यिद ऐस उललघन स खान म िनयोिजत िक तय को या खान म या उसक आसपास क अनय िक तय को कषित या खतरा कािरत हो तो कारवास स जो तीन मास तक का हो सकगा या जमारन स जो एक हजार रपए तक का हो सकगा या दोन स दणडनीय होगा 6[परनत नयायालय क िनणरय म लखब िकए जान वाल ततपरितकल िवशष और पयारप त कारण क अभाव म ऐसा जमारना

खणड (क) म िनिदष ट उललघन की दशा म तीन हजार रपए स कम नह होगा ]

(2) जहा िक कोई िक त इस धारा क अधीन दोषिस िकए गए जान पर िफर उसक अधीन दोषिस िकया जाए वहा वह उपधारा (1) ारा उपबिनधत दड क दगन दड स दणडनीय होगा

1 1959 क अिधिनयम स० 62 की धारा 40 ारा (16-1-1960 स) धारा 73 तथा धारा 74 क सथान पर परितसथािपत 2 1983 क अिधिनयम स० 42 की धारा 38 ारा (31-5-1984 स) अतःसथािपत 3 1983 क अिधिनयम स० 42 की धारा 39 ारा (31-5-1984 स) अतःसथािपत

29

(3) इस धारा क अधीन पािरत जमारन का दडादश आरोिपत करन वाला अथवा अपील या पनरीकषण म या अनयथा उसकी पिष ट करन वाला नयायालय िनणरय पािरत करत समय आदश द सकगा िक वसल िकया गया सपणर जमारना या उसका कोई भाग कषितगरसत िक त को या उसकी मतय की दशा म उसक िविधक परितिनिध को परितकर क रप म िदया जाए

परनत यिद जमारना ऐस मामल म आरोिपत िकया जाए जो अपीलनीय हो तो अपील उपिसथत िकए जान क िलए अनजञात कालाविध क बीत जान क पहल या यिद अपील उपिसथत की गई हो तो अपील क िविनश चय स पहल ऐसा कोई भी सदाय नह िकया जाएगा

73 आदश की अवजञा क िलए साधारण उपबनधmdashजो कोई इस अिधिनयम क या िकसी िविनयम िनयम या उपिविध क या तद धीन िकए गए िकसी आदश क िकसी ऐस उपबनध का उललघन करगा िजसक उललघन क िलए एतिसमनपवर कोई शािसत उपबिनधत नह ह वह कारावास स िजसकी अविध तीन मास तक की हो सकगी या जमारन स जो एक हजार रपए तक का हो सकगा या दोन स दडनीय होगा

74 पवर दोषिसि क पश चात विधत शािसतmdashयिद कोई िक त जो (धारा 72ख और 72ग स िभ ) पवरगामी उपबनध म स िकसी क अधीन दडनीय िकसी अपराध का दोषिस िकया जा चका हो पवर दोषिसि क दो वषर क अनदर िकए गए और उसी उपबनध का उललघन अनतवरिलत करन वाल िकसी अपराध क िलए पनः दोषिस िकया जाए तो वह हर एक पश चात वत दोषिसि क िलए उस दड क दगन दणड स दणडनीय होगा िजसस वह ऐस उपबनध क परथम उललघन क िलए दडनीय होता ]

75 सवामी अिभकतार या परबनधक का अिभयोजनmdashइस अिधिनयम क अधीन क िकसी अपराध क िलए िकसी सवामी अिभकतार या परबनधक क िवर कोई भी अिभयोजन मखय िनरीकषक की या िजला मिजसटरट की या मखय िनरीकषक क िलिखत साधारण या िवशष आदश ारा इस िनिम परािधकत िनरीकषक की पररणा पर सिसथत िकए जान क िसवाय सिसथत नह िकया जाएगा

1[परनत मखय िनरीकषक या िजला मिजसटरट या इस परकार परािधकत िनरीकषक ऐसा अिभयोजन सिसथत करन स पवर अपना यह समाधान करगा िक सवामी अिभकतार या परबनधक ऐस अपराध क िकए जान को रोकन म सभी समयक ततपरता बरतन म असफल रहा था ]

2[परनत यह और िक] िकसी खान म तकनीकी िनदशन और परबनध क अनकरम म िकए गए िकसी अपराध क बार म िजला मिजसटरट िकसी सवामी अिभकतार या परबनधक क िवर कोई अिभयोजन मखय िनरीकषक क पवर अनमोदन स सिसथत करन क िसवाय सिसथत नह करगा

3[76 कितपय मामल म सवामी का अवधारणmdashजहा िक खान का सवामी कोई फमर या िष टय का अनय सगम हो वहा उसक सब भागीदार या सदसय या उनम स कोई अथवा जहा िक खान का सवामी कमपनी हो वहा उसक सब िनदशक या उनम स कोई अथवा जहा िक खान का सवामी सरकार या कोई सथानीय परािधकारी हो वहा यथािसथित ऐसी सरकार या सथानीय परािधकारी ारा खान क कामकाज का परबनध करन क िलए परािधकत सब आिफसर या िक त या उनम स कोई ऐस िकसी अपराध क िलए िजसक िलए खान का सवामी दडनीय हो इस अिधिनयम क अधीन अिभयोिजत और दिडत िकया जा सकगा

4[परनत जहा िकसी फमर सगम या कमपनी न मखय िनरीकषक को िलिखत रप म यह सचना द दी ह िक उसनmdash

(क) फमर की दशा म उसक िकसी भागीदार या परबनधक को

(ख) सगम की दशा म उसक िकसी सदसय या परबनधक को

(ग) कमपनी की दशा म उसक िकसी िनदशक या परबनधक को

जो परतयक मामल म िकसी ऐस सथान म िजस पर इस अिधिनयम का िवसतार ह िनवासी ह और जो परतयक मामल म या तो वासतव म ऐसी फमर सगम या कमपनी क परबनध का भारसाधक ह या उसम अिधकाश शयर धारण करता ह इस अिधिनयम क परयोजन क िलए खान क सवामी क उ रदाियतव को गरहण करन क िलए नामिनदिशत कर िदया ह वहा यथािसथित ऐसा भागीदार सदसय िनदशक या परबनधक जब तक वह ऐसा िनवासी बना रहता ह और पव क त रप म भारसाधक ह या अिधकाश शयर को धारण करता ह इस अिधिनयम क परयोजन क िलए खान का सवामी समझा जाएगा जब तक िक उसक नामिनदशन को र करन वाली या यह कथन करन वाली कोई िलिखत सचना की वह यथािसथित भागीदारी सदसय िनदशक या परबनधक नह रहा ह मखय िनरीकषक को पराप त नह हो जाती ह

सपष टीकरणmdashजहा िकसी फमर सगम या कमपनी क िविभन न सथापन या शाखाए ह अथवा उसक िकसी सथापन या शाखा म िविभन न एकक ह वहा िविभन न सथापन या शाखा या एकक क सबध म इस परनतक क अधीन िविभन न िक तय को नामिनदिशत िकया जा सकगा और इस परकार नामिनदिशत िक त कवल उस सथापन शाखा या एकक क समबनध म िजसक समबनध म उस नामिनदिशत िकया गया ह खान का सवामी समझा जाएगा ]

1 1983 क अिधिनयम स० 42 की धारा 40 ारा (31-5-1984 स) अतःसथािपत 2 1983 क अिधिनयम स० 42 की धारा 40 ारा (31-5-1984 स) ldquoपरनतrdquo क सथान पर परितसथािपत 3 1959 क अिधिनयम स० 62 की धारा 41 ारा (16-1-1960 स) धारा 76 क सथान पर परितसथािपत 4 1983 क अिधिनयम स० 42 की धारा 41 ारा (31-5-1984 स) ldquoपरनतकrdquo क सथान पर परितसथािपत

30

77 सवामी अिभकतार या परबनधक को दाियतव स कितपय दशा म छटmdashजहा िक खान का सवामी अिभकतार या परबनधक जो इस अिधिनयम क अधीन िकसी अपराध का अिभयक त हो यह अिभकथन कर िक वासतिवक अपराधी अनय िक त ह वहा वह अपन

ारा इस िनिम िकए गए पिरवाद पर 1[और वासतिवक अपराधी का जञात पता दन पर] और अिभयोजक को ऐसा करन क अपन आशय की तीन स अनयन पणर िदन की िलिखत सचना दन पर इस बात का हकदार होगा िक वह अनय िक त उस तारीख को जो मामल की सनवाई क िलए िनयत हो नयायालय क समकष लाया जाए और यिद अपराध का िकया जाना सािबत हो जान क पश चात खान का यथािसथित सवामी अिभकतार या परबनधक नयायालय को समाधान परदान करन वाल रप म सािबत कर द िकmdash

(क) इस अिधिनयम क ससगत उपबनध का िनषपादन करान क िलए उसन समयक ततपता बरती ह तथा (ख) उस अनय िक त न परश नगत अपराध को उसक जञान सममित या मौनानकलता क िबना िकया ह

तो उक त अनय िक त उस अपराध क िलए दोषिस िकया जाएगा और उसी परकार क दणड स ऐस दडनीय होगा मानो वह खान का सवामी अिभकतार या परबनधक हो और यथािसथित सवामी अिभकतार या परबनधक दोषमक त कर िदया जाएगा परनतmdash

(क) यथािसथित खान क सवामी अिभकतार या परबनधक की शपथ पर परीकषा की जा सकगी और उसक और िकसी अनय साकषी क िजस वह अपन समथरन म बलाए सा य की उस िक त क ारा या की ओर स िजसकी बाबत वह अिभकिथत करता हो िक वह वासतिवक अपराधी ह और अिभयोजक ारा परितपरीकषा की जा सकगी

(ख) यिद वह िक त िजसका वासतिवक अपराधी होना अिभकिथत हो उस तारीख को जो मामल की सनवाई क िलए िनयत हो नयायालय क समकष समयक ततपरता बरती जान पर भी न लाया जा सक तो नयायालय उसकी सनवाई समय-समय पर सथिगत कर दगा िकनत इस परकार िक ऐस सथगन की कल कालाविध तीन मास स अिधक न हो और यिद उक त कालाविध क अनत तक भी वह िक त िजसका वासतिवक अपराधी होना अिभकिथत हो नयायालय क समकष न लाया जा सक तो नयायालय यथािसथित सवामी अिभकतार या परबनधक क िवर मामल की सनवाई क िलए अगरसर होगा

78 नयायालय की आदश करन की शिक तmdash(1) जहा िक खान का सवमी अिभकतार या परबनधक इस अिधिनयम क अधीन दडनीय अपराध क िलए दोषिस िकया जाए वहा नयायालय उस कोई दड अिधिनण त करन क अितिरक त िलिखत आदश ारा उसस आदश म िविनिदष ट कालाविध क अनदर (िजस नयायालय इस िनिम िकए गए आवदन पर समय-समय पर िवसतािरत कर सकगा) ऐस उपाय करन की अपकषा कर सकगा जो उन बात का उपचार करन क िलए िजनक बार म अपराध िकया गया था ऐस िविनिदष ट िकए जाए (2) जहा िक उपधारा (1) क अधीन आदश िदया जाए वहा यथािसथित खान का सवामी अिभकतार या परबनधक उस कालाविध या िवसतािरत कालाविध क यिद कोई हो दौरान अपराध क चाल रहन क िवषय म इस अिधिनयम क अधीन दडनीय नह होगा िकनत यिद नयायालय क आदश का पणर अनपालन ऐसी कालाविध या िवसतािरत कालाविध क अवसान पर न हो गया हो तो यथािसथित सवामी अिभकतार या परबनधक क बार म यह समझा जाएगा िक उसन अितिरक त अपराध िकया ह और वह कारावास स िजसकी अविध छह मास तक की हो सकगी या जमारन स जो ऐस अवसान क पश चात हर एक ऐस िदन क िलए िजसम िक आदश का अनपालन न हआ हो एक सौ रपए तक का हो सकगा या दोन स दणडनीय होगा 79 अिभयोजन की पिरसीमाmdashकोई भी नयायालय इस अिधिनयम क अधीन िकसी अपराध का सजञान तब तक नह करगा जब तक िक उसका पिरवादmdash

(i) उस तारीख स िजसकी बाबत यह अिभकिथत हो िक अपराध उस तारीख को िकया गया छह मास क अनदर अथवा

(ii) उस तारीख स िजसको िक अिभकिथत अपराध का िकया जाना िनरीकषक क जञान म आया छह मास क अनदर अथवा

2[(iiक) िकसी ऐस मामल म िजसम अिभयक त लोक सवक ह या था और ततसमय परव िकसी िविध क अधीन अपराध का सजञान करन क िलए कनदरीय सरकार या राजय सरकार या िकसी अनय परािधकारी की पवर मजरी आवशयक ह उस तारीख क िजसको ऐसी मजरी मखय िनरीकषक को पराप त होती ह तीन मास क अनदर अथवा]

(iii) िकसी ऐस मामल म िजसम जाच नयायालय कनदरीय सरकार ारा धारा 24 क अधीन िनयक त िकया गया हो उस धारा की उपधारा (4) म िविनिदष ट िरपोटर क परकाशन की तारीख क पश चात 3[एक वषर] क अनदर

इनम स जो भी बाद म हो न िकया गया हो 4[सपष टीकरणmdashइस धारा क परयोजन क िलएmdash

1 1959 क अिधिनयम स० 62 की धारा 42 ारा (16-1-1960 स) अनतःसथािपत 2 1983 क अिधिनयम स० 42 की धारा 42 ारा (31-5-1984 स) अतःसथािपत 3 1983 क अिधिनयम स० 42 की धारा 42 ारा (31-5-1984 स) ldquoछह मासrdquo क सथान पर परितसथािपत 4 1959 क अिधिनयम स० 62 की धारा 43 ारा (16-1-1960 स) सप ीकरण जोड़ा गया

31

(क) चाल रहन वाल अपराध की दशा म पिरसीमा की सगणना उस समय क हर कषण क परित िनदश स की जाएगी िजसक दौरान अपराध चाल रह

(ख) जहा िक कोई कायर करन क िलए समय इस अिधिनयम क अधीन िवसतािरत िकया गया हो वहा पिरसीमा की सगणना उस िवसतािरत कालाविध क अवसान स की जाएगी ]

80 अपराध का सजञानmdash1[महानगर मिजसटरट या परथम वगर नयाियक मिजसटरट] क नयायालय स अवर कोई नयायालय इस अिधिनयम क अधीन िकसी ऐस अपराध का िजसकी बाबत यह अिभकिथत हो िक वह खान क सवामी अिभकतार या परबनधक ारा िकया गया ह या िकसी ऐस अपराध का जो इस अिधिनयम ारा कारावास स दडनीय बनाया गया ह िवचारण नह करगा

80क [जमारन क बार म िवशष उपबध ]mdashखान (सशोधन) अिधिनयम 1983 (1983 का 42) की धारा 44 ारा (31-5-1984 स) िनरिसत

81 कितपय मामल म अिभयोजन क बजाय खान बोडर या सिमित को िनदशmdash(1) यिद मखय िनरीकषक या िजला मिजसटरट या िकसी िनरीकषक की पररणा पर इस अिधिनयम क अधीन सिसथत िकसी मामल का िवचारण करन वाल नयायालय की यह राय हो िक यह मामला ऐसा ह जो अिभयोजन क बजाय 2 सिमित को िनदिशत िकया जाना चािहए तो वह दािडक कायरवािहय को रोक सकगा और इस दिष ट स िक ऐसा िनदशन िकया जाए उस िवषय की िरपोटर कनदरीय सरकार को भजगा

(2) उपधारा (1) क अधीन िरपोटर पराप त होन पर कनदरीय सरकार मामला 2 सिमित को िनदिशत कर सकगी या िवचारण म अगरसर होन क िलए नयायालय को िनदश द सकगी

अधयाय 10

परकीणर 82 इस परश न का िविनश चय िक कया खान इस अिधिनयम क अधीन हmdashयिद कोई परश न उठ िक कया 3[खान का और उसम

का या उसका पाश वरसथ कोई उतखान या खिनत या पिरसर िजस पर खिनज या कोक पराप त करन दरसी करन या िवकरय क िलए तयार करन की सहायक कोई परिकरया चलाई जा रही ह] इस अिधिनयम क अथर क अनदर खान ह तो कनदरीय सरकार उस परश न का िविनश चय कर सकगी और कनदरीय सरकार क सिचव ारा हसताकषिरत परमाणपतर इस परश न पर िनश चायक होगा

83 अिधिनयम क परवतरन स छट दन की शिक तmdash4[(1)] कनदरीय सरकार िकसी सथानीय कषतर या िकसी खान को या खान क िकसी समह या वगर को या खान क िकसी भाग को या िक तय क िकसी वगर को 5[इस अिधिनयम या उसक अधीन बनाए गए िविनयम िनयम या उपिविधय क सब उपबनध क या उनम स िकसी क] परवतरन स छट शासकीय राजपतर म अिधसचना ारा या तो अतयितकतः या िकनह िविनिदष ट शत क अधयधीन द सकगी

परनत िकसी सथनीय कषतर या खान या खान क समह या वगर को 6[धारा 40 और धारा 45] क उपबनध स छट तब तक नह दी जाएगी जब तक उस इस अिधिनयम क अनय सब उपबनध क परवतरन स भी छट न द दी जाए ]

7[(2) कनदरीय सरकार मखय िनरीकषक या िकसी अनय परािधकारी को साधारण या िवशष आदश ारा ऐस िनबरनधन क अधयधीन िजनह अिधरोिपत करना वह ठीक समझ परािधकत कर सकगी िक वह िकसी खान या उसक िकसी भाग को 8[िविनयम िनयम या उपिविधय ] क उपबन ध म स िकसी क परवतरन स िकनह िविनिदष ट शत क अधयधीन तब छट द द जब िक मखय िनरीकषक या ऐस अिधकारी की राय हो िक खान या उसक भाग म पिरिसथितया ऐसी ह िक उनक कारण ऐस उपबनध का अनपालन अनावशयक या अ वहायर हो जाता ह ]

84 आदश को पिरवितत या िवखिणडत करन की शिक तmdash9[(1)] कनदरीय सरकार इस अिधिनयम क अधीन िदया गया कोई आदश उलट सकगी या उपानतिरत कर सकगी

10[(2) मखय िनरीकषक लखब िकए जान वाल कारण स इस अिधिनयम क अधीन या िकसी िविनयम िनयम या उपिविध क अधीन अपन ारा पािरत िकसी आदश को उलट सकगा या उस उपातिरत कर सकगा

(3) खान क सवामी अिभकतार या परबनधक पर परितकल परभाव डालन वाला कोई आदश इस धारा क अधीन तब तक नह िकया जाएगा जब तक िक ऐस सवामी अिभकतार या परबनधक को अभयावदन करन का यिक तयक त अवसर न द िदया गया हो ]

1 1983 क अिधिनयम स० 42 की धारा 43 ारा (31-5-1984 स) ldquoपरसीडसी मिजसटरट या परथम वगर मिजसटरटrdquo क सथान पर परितसथािपत 2 1983 क अिधिनयम स० 42 की धारा 43 ारा (31-5-1984 स) ldquoखनन बोडरrdquo शब द का लोप िकया गया 3 1959 क अिधिनयम स० 62 की धारा 45 ारा (16-1-1960 स) अनतःसथािपत 4 1959 क अिधिनयम स० 62 की धारा 46 ारा (16-1-1960 स) उपधारा (1) क रप म पनःसखयािकत 5 1983 क अिधिनयम स० 42 की धारा 46 ारा (31-5-1984 स) ldquoइस अिधिनयम क सब उपबध क िकसी कrdquo क सथान पर परितसथािपत 6 1983 क अिधिनयम स० 42 की धारा 46 ारा (31-5-1984 स) ldquoधारा 45rdquo क सथान पर परितसथािपत 7 1959 क अिधिनयम स० 62 की धारा 46 ारा (16-1-1960 स) अनतःसथािपत 8 1983 क अिधिनयम स० 42 की धारा 46 ारा (31-5-1984 स) ldquoइस अिधिनयम क अतगरत िविनयम और िनयमrdquo क सथान पर परितसथािपत 9 1983 क अिधिनयम स० 42 की धारा 47 ारा (31-5-1984 स) धारा 84 उपधारा (1) क रप म पनःसखयािकत 10 1983 क अिधिनयम स० 42 की धारा 47 ारा (31-5-1984 स) अतःसथािपत

32

85 सरकार की खान को अिधिनयम का लाग होनाmdashयह अिधिनयम सरकार की खान को 1[भी] लाग होगा 2[85क सचना आिद दन क िलए अपिकषत िक त ऐसा करन क िलए वध रप स आब ह गmdashहर िक त जो िकसी

अिधकारी को कोई सचना या इि ला इस अिधिनयम क अधीन दन क िलए अपिकषत ह भारतीय दड सिहता (1860 का 45) की धारा 176 क अथर क अनदर ऐसा करन क िलए वध रप स आब होगा ]

3[85ख िववरिणय सचना आिद पर हसताकषर करनाmdashइस अिधिनयम या उसक अधीन बनाए गए िकसी िविनयम िनयम उपिविध या िकसी आदश क उपबनध क समबनध म िकसी खान क सवामी ारा या उसकी ओर स दी जान क िलए अपिकषत सभी िववरिणय और सचना पर या भजी जान वाली सचना पर खान क सवामी अिभकतार या परबधक ारा या िकसी ऐस िक त ारा िजस सवामी ारा मखतारनाम ारा इस िनिम शिक त परतयायोिजत की गई ह हसताकषर िकए जाएग

85ग सिवधा और जन सिवधा क िलए फीस या परभार का वसल न िकया जानाmdashखान म िनयोिजत िकसी िक त स सरकषातमक परबनध या दी जान वाली सिवधा या इस अिधिनयम क उपबनध क अधीन परदाय िकए जान वाल िकसी उपसकर या सािधतर की बाबत कोई फीस या परभार वसल नह िकया जाएगा ]

86 1948 क अिधिनयम 63 क कितपय उपबध का खान को लाग होनाmdashकनदरीय सरकार शासकीय राजपतर म अिधसचना ारा िनदश द सकगी िक कारखाना अिधिनयम 1948 (1948 का 63) क अधयाय 3 और 4 क उपबनध ऐस अपवाद और िनबरनधन क

अधयधीन रहत हए जस उस अिधसचना म िविनिदष ट िकए जाए सब खान और उनकी परसीमा को लाग ह ग

87 सद भावपवरक िकए गए कायर क िलए पिरतराणmdashकोई भी वाद अिभयोजन या अनय िविधक कायरवाही इस अिधिनयम क अधीन सद भावपवरक की गई या जान क िलए आशियत िकसी बात क िलए िकसी िक त क िवर न होगी

88 [1923 क अिधिनयम 4 का िनरसन]mdashिनरसन और सशोधन अिधिनयम 1957 (1957 का 36) की धारा 2 और पहली अनसची ारा िनरिसत

______

1 1959 क अिधिनयम स० 62 की धारा 47 ारा (16-1-1960 स) अनतःसथािपत 2 1959 क अिधिनयम स० 62 की धारा 48 ारा (16-1-1960 स) अनतःसथािपत 3 1983 क अिधिनयम स० 42 की धारा 48 ारा (31-5-1984 स) अतःसथािपत

Page 6: खान अधिनियम, 1952ncwapps.nic.in/acts/TheMinesAct1952_Hindi.pdf1 ज ल ई, 1952, द खए भ रत क र जपतर (अ गर 1952, ज ) भ ग 2,

6

तलाशी और अिभगरहण को ऐस ही लाग ह ग जस व उस सिहता की 1[धारा 94] क अधीन िनकाल गए वारट क परािधकार क अधीन की िकसी तलाशी या अिभगरहण को लाग होत ह

8 िवशष आिफसर की परवश करन मापन आिद की शिक तयाmdashसरकार की सवा म का कोई भी िक त िजस मखय िनरीकषक या िनरीकषक न िलिखत रप म िवशष आदश ारा इस िनिम समयक रप स परािधकत िकया हो खान क परबनधक को ऐसी सचना दन क पश चात जो तीन िदन स कम की न हो 2[िकसी खान या उसम क िकसी उतपाद का सवकषण तलमापन] या मापन करन क परयोजन क िलए उसम परवश कर सकगा और िदन या राितर म िकसी भी समय खान या उसक िकसी भाग 2[या उसम क िकसी उतपाद] का सवकषण तलमापन या मापन कर सकगा

परनत जहा िक मखय िनरीकषक या िकसी िनरीकषक की राय म कोई आपात िव मान हो वहा वह िलिखत आदश ारा िकसी ऐस िक त को परािधकत कर सकगा िक वह ऐसी कोई सचना िदए िबना पव क त म स िकसी परयोजन क िलए खान म परवश कर

9 िनरीकषक को दी जान वाली सिवधाएmdashखान का हर सवामी अिभकतार और परबनधक मखय िनरीकषक और हर िनरीकषक को और धारा 8 क अधीन परािधकत हर िक त को इस अिधिनयम क अधीन कोई परवश िनरीकषण सवकषण मापन परीकषा या जाच करन क िलए सब यिक तयक त सिवधाए दगा

3[9क उपजीिवकाजनय सवासथय सवकषण क िलए दी जान वाली सिवधाएmdash(1) मखय िनरीकषक या िनरीकषक या उसक ारा इस िनिम िलिखत रप म परािधकत कोई अनय परािधकारी खान क सामानय कायर समय क दौरान िकसी भी समय या िदन या राितर म िकसी भी समय जब आवशयक हो खान क परबनधक को िलिखत सचना दन क पश चात खान म कषतर और उपजीिवकाजनय सवासथय सवकषण कर सकगा और खान का सवामी अिभकतार या परबनधक ऐस िनरीकषक या अिधकारी को सभी आवशयक सिवधाए िजनक अनतगरत सवकषण स सबिधत नमन और अनय आकड़ क सगरहण क िलए तथा सवकषण क िलए चन गए खान म िनयोिजत िकसी िक त क पिरवहन और परीकषा क िलए समय और मशीनरी की परीकषा और परख क िलए सिवधाए भी ह दगा

(2) खान म िनयोिजत परतयक ऐसा िक त जो उपधारा (1) क अधीन िकसी कषम और उपजीिवकाजनय सवासथय सवकषण म परीकषा क िलए चना गया ह ऐसी परीकषा क िलए और ऐस सथान पर जो आवशयक ह सवय को परसतत करगा और उक त सवकषण क समबनध म अपन काम और सवासथय क बार म सब जानकारी दगा

(3) खान म िनयोिजत िकसी िक त ारा जो कषम और उपजीिवकाजनय सवासथय सवकषण म परीकषा क िलए चना गया ह तीत िकए गए समय को उसक काम क समय म िगना जाएगा िकनत इस परकार िक िकसी अितकाल का सदाय मजदरी की मामली दर

स िकया जाएगा

सपष टीकरणmdashइस उपधारा क परयोजन क िलए ldquoमजदरी की मामली दरrdquo स वह आधािरक मजदरी तथा कोई महगाई भ ा और अिधभिम भ ा तथा नकद परितकर अिभपरत ह िजसक अनतगरत खा ान न और खा तल क िनःशलक िवतरण क माधयम स परोदभत होन वाला ऐसा परितकर यिद कोई हो भी ह िजसक िलए खान म िनयोिजत िक त ततसमय हकदार हो िकनत इसक अनतगरत बोनस (उतपादन क िलए परोतसाहन क रप म िदए जान वाल बोनस स िभन न) या कोई ऐसा परितकर नह ह जो िनःशलक आवास कोयल क िनःशलक परदाय िचिकतसा और शकषिणक सिवधा बीमारी भ ा िम ी क तल क परदाय टोिकिरय औजार और विदय जसी सख-सिवधा की वसथा क माधयम स परोदभत होता ह

(4) ऐसा कोई िक त िजसकी उपधारा (2) क अधीन परीकषा की जान पर उस कतर का िनवरहन करन क िलए िचिकतसकदष ट या अयोगय पाया जाता ह िजस कतर का िनवरहन वह सवय क परसतत िकए जान क ठीक पहल िकसी खान म कर रहा था सवामी अिभकतार और परबधक क खचर पर िचिकतसीय उपचार पान का हकदार होगा और ऐस उपचार की अविध क दौरान उस परी मजदरी दी जाएगी

(5) यिद िचिकतसालय उपचार क पश चात उपधारा (4) म िनिदष ट िकसी िक त को उस कतर का िनवरहन करन क िलए िचिकतसकदष ट या अयोगय घोिषत कर िदया जाता ह िजसका िनवरहन वह उक त परीकषा क िलए सवय क परसतत िकए जान क ठीक पहल िकसी खान म कर रहा था और ऐसी अयोगयता ऐस परसतत होन क पवर खान म उसक िनयोजन क कारण परतयकषतः हई मानी जा सकती ह तो सवामी अिभकतार और परबधक ऐस िक त को खान म ऐसा आनकिलपक िनयोजक दग िजसक िलए वह िचिकतसकदष ट या योगय ह

परनत जहा ऐसा कोई आनकिलपक िनयोजन तरनत उपलबध नह ह वहा सवामी अिभकतार और परबनधक ारा ऐस िक त को इस िनिम िविहत दर क अनसार अवधािरत िनय गयता भ ा िदया जाएगा

परनत यह और िक जहा ऐसा िक त खान क अपन िनयोजन को छोड़न का िविनश चय करता ह वहा उस सवामी अिभकतार और परबनधक ारा इस िनिम िविहत दर क अनसार अवधािरत एकमशत रकम िनय गयता परितकर क रप म सद की जाएगी

1 1983 क अिधिनयम स० 42 की धारा 5 ारा (31-5-1984 स) ldquoधारा 98rdquo क सथान पर परितसथािपत 2 1983 क अिधिनयम स० 42 की धारा 6 ारा (31-5-1984 स) अनतःसथािपत 3 1983 क अिधिनयम स० 42 की धारा 7 ारा (31-5-1984 स) अनतःसथािपत

7

(6) उपधारा (5) क परनतक क अधीन दर का अवधारण कमरचािरय की मािसक मजदरी िनय गयता की परकित और अनय सब बात को धयान म रखत हए िकया जाएगा ]

10 अिभपराप त जानकारी की गोपनीयताmdash(1) िकसी खान स सब रिजसटर या अनय अिभलख की सब परितय और उनम क उ रण और अनय सब जानकारी को जो मखय िनरीकषक या िनरीकषक ारा या उसकी सहायता करन वाल िक त ारा इस अिधिनयम क अधीन िकसी खान क िनरीकषण 1[या सवकषण] क अनकरम म अिजत की गई हो या धारा 8 1[या धारा 9क] क अधीन परािधकत िकसी िक त ारा तद धीन अपन कतर क पालन म अिजत की गई हो गोपनीय माना जाएगा और जब तक िक मखय िनरीकषक या िनरीकषक उसका परकटन उस खान म या उसक पा रसथ िकसी अनय खान म िनयोिजत िकसी िक त का सवासथय कषम या कलयाण सिनिश चत करन क िलए आवशयक न समझ वह िकसी िक त या परािधकारी को परकट नह की जाएगी

(2) उपधारा (1) की कोई भी बात ऐसी िकसी जानकारी क ऐस परकटन को (यिद ऐस परकटन की अपकषा की गई हो) लाग न होगी जो िनम निलिखत म स िकसी को िकया जाएmdash

(क) कोई नयायालय 2[(ख) यथािसथित धारा 12 या धारा 24 क अधीन गिठत या िनयक त सिमित या जाच नयायालय ] (ग) पदीय विरष ठ या सयक त खान का सवामी अिभकतार या परबनधक (घ) कमरकार परितकर अिधिनयम 1923 (1923 का 8) क अधीन िनयक त कमरकार परितकर आयक त 3[(ङ) भारतीय खान बयरो का िनयतरक

(च) कोई रिजसटरीकत या मानयतापराप त वसाय सघ (छ) ऐसा अनय अिधकारी परािधकारी या सगठन जो कनदरीय सरकार ारा इस िनिम िविनिदष ट िकया जाए ]

(3) यिद मखय िनरीकषक या उपधारा (1) म िनिदष ट कोई अनय िक त पव क त जसी िकसी जानकारी को कनदरीय सरकार की सममित क िबना इस धारा क उपबनध क परितकल परकट करगा तो वह कारावास स िजसकी अविध एक वषर तक की हो सकगी या जमारन स या दोन स दणडनीय होगा

(4) कोई भी नयायालय इस धारा क अधीन क िकसी अपराध क िवचारण क िलए कायरवाही कनदरीय सरकार की पवर मजरी स करन क िसवाय नह करगा

11 परमाणकतार सजरनmdash(1) कनदरीय सरकार अिहत िचिकतसा- वसाियय को ऐसी सथानीय सीमा क अनदर या ऐसी खान या खान क वगर या परकार क िलए िजनह वह उनह करमशः समनिदष ट कर इस अिधिनयम क परयोजन क िलए परमाणकतार सजरन िनयक त कर सकगी

(2) ऐसी शत क अधयधीन रहत हए जसी कनदरीय सरकार अिधरोिपत करना ठीक समझ परमाणकतार सजरन िकसी भी अिहत िचिकतसा वसायी को ऐसी कालाविध क िलए जो परमाणकतार सजरन िविनिदष ट कर इस अिधिनयम क अधीन की अपनी सब शिक तय का या उनम स िकसी का परयोग करन क िलए कनदरीय सरकार क अनमोदन स परािधकत कर सकगा और यह समझा जाएगा िक परमाणकतार सजरन क परित िनदश क अनतगरत परािधकत िकए गए अिहत िचिकतसा वसायी क परित िनदश आत ह

(3) कोई भी िक त जो खान का सवामी अिभकतार या परबनधक हो या हो जाए या उसम चलाई जा रही िकसी परिकरया या कारबार म या उसस ससक त िकसी पटनट या मशीनरी म परतयकषतः या अपरतयकषतः िहतब हो या हो जाए या अनयथा खान क िनयोजन म हो न तो परमाणकतार सजरन िनयक त िकया जाएगा और न परमाणकतार सजरन की शिक तय का परयोग करन क िलए परािधकत िकया जाएगा और न ऐस िनयोिजत या परािधकत िकए जान क पश चात ऐसी शिक तय का परयोग करगा

(4) परमाणकतार सजरन ऐस कतर का पालन करगा जो िनम निलिखत क सबध म िविहत िकए जाए mdash 4

(ख) खान म ऐसी सकटपणर उपजीिवका या परिकरया या परिकरया म जसी िविहत की जाए लग हए िक तय की परीकषा

(ग) ऐसा िचिकतसीय परीकषण जसा िकसी ऐसी खान या खान क िकसी ऐस वगर या परकार क िलए िविहत िकया जाए िजसमmdash

(i) रगणता क ऐस मामल हए ह िजनक बार म यह िवश वास करना यिक तयक त हो िक य खान म चलाई जान वाली िकसी परिकरया की परकित या खान म काम की अनय पिरिसथितय क कारण हए ह

4

1 1983 क अिधिनयम स० 42 की धारा 8 ारा (31-5-1984 स) अनतःसथािपत 2 1983 क अिधिनयम स० 42 की धारा 8 ारा (31-5-1984 स) खड (ख) क सथान पर परितसथािपत 3 1983 क अिधिनयम स० 42 की धारा 8 ारा (31-5-1984 स) खड (ङ) क सथान पर परितसथािपत 4 1983 क अिधिनयम स० 42 की धारा 9 ारा (31-5-1984 स) खड (क) और खड (ग) क उपखड (ii) का लोप िकया गया

8

अधयाय 3

1[सिमितया 12 सिमितयाmdash(1) कनदरीय सरकार ऐसी तारीख स जो वह सरकार राजपतर म अिधसचना ारा इस िनिम िविनिदष ट

कर इस अिधिनयम क परयोजन क िलए एक सिमित गिठत करगी जो िनम निलिखत स िमलकर बनगी mdash

(क) मखय िनरीकषक या िनरीकषक स िभन न सरकार की सवा म का एक िक त जो अधयकष क रप स कायर करन क िलए कनदरीय सरकार ारा िनयक त िकया जाए

(ख) खान का मखय िनरीकषक

(ग) खनक क िहत का परितिनिधतव करन क िलए दो िक त जो कनदरीय सरकार ारा िनयक त िकए जाए

(घ) खान क सवािमय क िहत का परितिनिधतव करन क िलए दो िक त जो कनदरीय सरकार ारा िनयक त िकए जाए

(ङ) दो अिहत खनन इजीिनयर जो सीध खनन उ ोग म िनयोिजत नह ह और जो कनदरीय सरकार ारा िनयक त िकए जाए

परनत खड (ग) क अधीन िनयक त िकए गए िक तय म स कम स कम एक कोयला खान म क कमरकार क िहत का परितिनिधतव करन क िलए और खड (घ) क अधीन िनयक त िक तय म स कम स कम एक कोयला खान क सवािमय क िहत का परितिनिधतव करन क िलए होगा

(2) उपधारा (1) की ापकता पर परितकल परभाव डाल िबना कनदरीय सरकार उन राजयकषतर क िजन पर इस अिधिनयम का िवसतार ह िकसी भाग या िकसी खान या खान क समह स समबिनधत िविनिदष ट िवषय क समबनध म काररवाई करन क िलए एक या अिधक सिमितय का गठन कर सकगी और उनक सदसय की िनयिक त कर सकगी और उपधारा (1) क उपबनध (उसक परनतक को छोड़कर) इस उपधारा क अधीन िकसी सिमित क गठन क िलए वस ही लाग ह ग जस व उस उपधारा क अधीन िकसी सिमित क गठन क िलए लाग होत ह

(3) सिमित का कोई कायर या कायरवाही मातर इस कारण स अिविधमानय नह होगी िक उसक सदसय म कोई िरिक त िव मान ह या उसक गठन म कोई तरिट ह

13 सिमित क कतयmdash(1) धारा 12 की उपधारा (1) क अधीन गिठत सिमितmdash

(क) इस अिधिनयम क अधीन िनयम और िविनयम बनान क िलए परसथापना पर िवचार करगी और कनदरीय सरकार को समिचत िसफािरश करगी

(ख) ऐसी दघरटना या ऐस अनय िवषय की जो कनदरीय सरकार ारा समय-समय पर उस िनिदष ट िकए जाए जाच करगी और उन पर िरपोटर दगी और

(ग) उपधारा (2) क उपबनध क अधीन रहत हए इस अिधिनयम या उसक अधीन बनाए गए िविनयम िनयम या उपिविधय क अधीन सचना या आदश क िवर ऐसी अपील या आकषप की जो इस अिधिनयम ारा उस िनदिशत िकए जान क िलए अपिकषत ह या जो िविहत िकए जाए सनवाई और िविनश चय करगी

(2) मखय िनरीकषक अपन ारा िकए गए िकसी आदश या जारी की गई िकसी सचना क िवर िकसी अपील या आकषप की बाबत सिमित की कायरवािहय म भाग नह लगा या ऐसी अपील या आकषप स सबिधत िकसी िवषय क सबध म सिमित क सदसय क रप म कायर नह करगा

14 सिमितय की शिक तया आिदmdash(1) धारा 12 क अधीन गिठत सिमित इस अिधिनयम क अधीन की िनरीकषण की ऐसी शिक तय का परयोग कर सकगी िजनका परयोग करना वह इस अिधिनयम क अधीन अपन कतय का िनवरहन करन क परयोजन क िलए आवशयक या समीचीन समझ

(2) धारा 12 क अधीन गिठत सिमित को अपन कतय का िनवरहन करन क परयोजन क िलए वसी ही शिक तया ह गी जो िनम निलिखत िवषय की बाबत िकसी वाद का िवचारण करत समय िसिवल परिकरया सिहता 1908 (1908 का 5) क अधीन नयायालय म िनिहत होती ह अथारत mdash

(क) परकटीकरण और िनरीकषण

(ख) िकसी िक त को हािजर कराना और शपथ पर उसकी परीकषा करना

(ग) दसतावज क पश िकए जान क िलए िववश करना

1 1983 क अिधिनयम स० 42 की धारा 10 ारा (31-5-1984 स) ldquoखनन बोडर और सिमितयाrdquo शीषर और धारा 12 13 और 14 क सथान पर परितसथािपत

9

(घ) ऐस अनय िवषय जो िविहत िकए जाए ]

15 य की वसलीmdashकनदरीय सरकार िनदश द सकगी िक 1[धारा 12 क अधीन गिठत सिमित] ारा सचािलत िकसी जाच क य सयक त खान क सवामी या अिभकतार ारा पणरतः या भागतः वहन िकए जाएग और इस परकार सद िकए जान क िलए िनिदष ट रकम उस सथान म जहा खान िसथत हो या जहा ऐसा सवामी या अिभकतार ततसमय िनवास करता हो अिधकािरता रखन वाल मिजसटरट स मखय िनरीकषक या िनरीकषक ारा आवदन िकए जान पर मिजसटरट की अिधकािरता की सीमा क अनदर की िकसी जगम सपि क जो ऐस सवामी या अिभकतार की हो करसथम या िवकरय ारा वसल की जा सकगी

परनत यह तब जब िक सवामी या अिभकतार न रकम का सदाय कनदरीय सरकार स या खान क मखय िनरीकषक स सचना की परािप त की तारीख स छह सप ताह क अनदर न िकया हो

अधयाय 4

खनन सिकरयाए और खान का परबनध

16 खनन सिकरया की सचना का िदया जानाmdash(1) खान क सवामी अिभकतार या परबनधक िकसी खनन सिकरया क परारमभ िकए जान क पवर मखय िनरीकषक की भारतीय खान बयरो क 2[िनयतरक] को और उस िजल क िजसम खान िसथत हो िजला मिजसटरट को ऐस पररप म और खान सबधी ऐसी िविशिष टय को जसी िविहत की जाए अनतिवष ट करन वाली िलिखत सचना दगा

(2) उपधारा (1) क अधीन गई कोई सचना इस परकार दी जाएगी िक वह सपक त िक तय क पास िकसी खनन सिकरया क परारमभ िकए जान स कम स कम एक मास पवर पहच जाए

3[17 परबनधकmdash(1) जसा अनयथा िविहत िकया जाए उस छोड़कर हर खान एक परबनधक क अधीन होगी िजसकी िविहत अहरताए ह गी और हर एक खान का सवामी या अिभकतार ऐसी अहरताए रखन वाल िक त को परबनधक िनयक त करगा

परनत सवामी या अिभकतार सवय को परबनधक िनयक त कर सकगा यिद उसक पास िविहत अहरताए ह

(2) ऐस अनदश क अधीन रहत हए जो उस खान क सवामी या अिभकतार ारा या उसकी ओर स िदए जाए परबनधक खान क समपणर परबनध िनयतरण पयरवकषण और िनदशन क िलए उ रदायी होगा और ऐस सब अनदश जब सवामी या अिभकतार ारा िदए जाए तो उनकी तरत िलिखत रप म पिष ट की जाएगी

(3) आपात की दशा क िसवाय खान का सवामी या अिभकतार या उसकी ओर स कोई िक त खान म िनयोिजत िकसी िक त को जो परबनधक क परित उ रदायी ह ऐस अनदश जो उसक काननी कतर की पित पर परभाव डालत ह परबधक क माधयम स ही दगा अनयथा नह

18 सवािमय अिभकतार और परबनधक क कतर और उ रदाियतवmdash(1) हर खान क सवामी और अिभकतार म स परतयक इस अिधिनयम और उसक अधीन बनाए गए िविनयम िनयम उपिविधय और आदश क उपबनध क अनपालन क िलए िव ीय और अनय उपबनध करन क िलए तथा ऐसी अनय काररवाई करन क िलए जो आवशयक हो उ रदायी होगा

(2) धारा 58 क खड (घ) खड (ङ) और खड (त) क अधीन बनाए गए िनयम म उपबिनधत िवषय की बाबत उ रदाियतव का िनवरहन अननयतः खान क सवामी और अिभकतार ारा और ऐस िक त (जो परबनधक स िभन न ह) िजस सवामी या अिभकतार पव क त उपबनध का अनपालन सिनिश चत करन क िलए िनयक त कर िकया जाएगा

(3) यिद उपधारा (2) क अधीन िदए गए िकनह अनदश या धारा 17 की उपधारा (3) क अधीन परबनधक की माफर त स अनयथा िदए गए िकनह अनदश क िकरयािनवत िकए जान क पिरणामसवरप इस अिधिनयम क या उसक अधीन बनाए गए िविनयम िनयम उपिविधय या आदश क उपबनध का उललघन होता ह तो ऐस अनदश दन वाला परतयक िक त भी समपक त उपबनध क उललघन क िलए िजममदार होगा

(4) उपधारा (1) उपधारा (2) और उपधारा (3) क उपबनध क अधीन रहत हए हर खान क सवामी अिभकतार और परबनधक म स परतयक इस बात क िलए उ रदायी होगा िक खान क समबनध म चलाई जा रही सब सिकरयाए इस अिधिनयम और उसक अधीन बनाए गए िविनयम िनयम उपिविधय और आदश क उपबनध क अनसार चलाई जाए

(5) इस अिधिनयम या उसक अधीन बनाए गए िविनयम िनयम उपिविधय या आदश क उपबनध म स उन उपबनध क िसवाय जो िकसी िक त स कोई कायर या बात करन की या िकसी िक त को कोई कायर या बात करन स परितिष करन की िविनिदष ट रप स अपकषा करत ह िकसी उपबनध का िकसी भी िक त ारा कोई उललघन होन की दशा म उस िक त क अितिरक त िजसन उललघन िकया ह िनम निलिखत म स परतयक िक त भी ऐस उललघन होन का दोषी माना जाएगा जब तक िक वह यह सािबत नह कर दता ह िक उसन ऐस उपबनध का अनपालन सिनिश चत करन क िलए सब समयक ततपरता बरती थी और ऐस उललघन को रोकन क िलए यिक तयक त उपाय िकए थ mdash

1 1983 क अिधिनयम स० 42 की धारा 11 ारा (31-5-1984 स) कितपय शबद क सथान पर परितसथािपत 2 1983 क अिधिनयम स० 42 की धारा 12 ारा (31-5-1984 स) ldquoिनदशकrdquo क सथान पर परितसथािपत 3 1983 क अिधिनयम स० 42 की धारा 13 ारा (31-5-1984 स) धारा 17 और 18 क सथान पर परितसथािपत

10

(i) वह या व पदधारी िजनको उललघन िकए गए उपबनध की बाबत पयरवकषण क कतर का पालन करन क िलए िनयक त िकया गया था

(ii) खान का परबनधक

(iii) खान का सवामी और अिभकतार

(iv) वह िक त यिद कोई हो जो उपधारा (2) क अधीन उ रदाियतव का िनवरहन करन क िलए िनयक त िकया गया ह

परनत पव क त िक तय म स िकसी क िवर कायरवाही नह की जा सकगी यिद जाच और अनवषण िकए जान पर यह परतीत होता ह िक वह परथमदष ा िजममदार नह ह

(6) इस धारा क अधीन खान क सवामी या अिभकतार क िवर की गई िकसी कररवाई म यह कोई परितवाद नह होगा िक परबनधक और अनय पदधािरय को इस अिधिनयम क उपबनध क अनसार िनयक त िकया गया ह या िक उपधारा (2) क अधीन उ रदाियतव को वहन करन क िलए िकसी िक त की िनयिक त की गई ह ]

अधयाय 5

सवासथय और कषम क िवषय म उपबनध

19 पीन का जलmdash1[(1) हर खान म उसम िनयोिजत सब िक तय क िलए सिवधाजनक रप स िसथत यथोिचत सथान पर ठड और सवासथयपरद पीन क जल क पयारप त परदाय का उपबनध करन और बनाए रखन क िलए परभावी इनतजाम िकया जाएगा

परनत भिम क नीच िनयोिजत िक तय की दशा म मखय िनरीकषक यथोिचत सथान पर पीन क जल का उपबनध िकए जान और बनाए रख जान क बदल म ऐस परदाय क िलए कोई अनय परभावी इनतजाम अनजञात कर सकगा ]

(2) ऐस सब सथान खान म िनयोिजत िक तय की बहसखया ारा समझी जान वाली भाषा म पढ़ जान योगय अकषर म ldquoपीन का जलrdquo पद स अिकत िकए जाएग और ऐसा कोई सथान िकसी धोन क सथान मतरालय या शौचालय क 2[छह मीटर] क अनदर तब क िसवाय न होगा जबिक इसस कम दरी मखय िनरीकषक ारा िलिखत रप म अनमोिदत न कर दी गई हो

(3) सब खान या खान की िकसी वगर या परकार क बार म कनदरीय सरकार उपधारा (1) और (2) क उपबनध का अनपालन सिनिश चत करन क िलए और पीन क जल क परदाय और िवतरण की परीकषा िविहत परािधकािरय ारा की जान क िलए िनयम बना सकगी

20 सफाईmdash(1) हर खान म िविहत परकार क शौचालय और मतरालय का उपबनध परष और मिहला क िलए अलग-अलग पयारप त सखया म िकया जाएगा जो इस परकार िसथत ह ग िक व खान म िनयोिजत िक तय क िलए सब समय पर सिवधाजनक और पहच क अनदर ह

(2) उपधारा (3) क अधीन उपबिनधत सब शौचालय और मतरालय पयारप त परकाशयक त और सवाितत ह ग और हर समय साफ और सवचछता की अवसथा म रख जाएग

(3) कनदरीय सरकार िकसी खान म उपबिनधत िकए जान वाल शौचालय और मतरालय की सखया खान म िनयोिजत परष और मिहला की सखया क अनपात म िविनिदष ट कर सकगी और खान म सवचछता क बार म ऐस अनय मामल क िलए (िजसक अनतगरत खान म िनयोिजत िक तय की इस बार म बाधयताए आती ह) उपबनध कर सकगी जस वह इस परकार िनयोिजत िक तय क सवासथ य क िहत म आवशयक समझ

3[21 िचिकतसीय साधनmdash(1) हर खान म ऐसी अनतवरसत क सिजजत जसी िविहत की जाए पराथिमक उपचार बकस या कबड का उपबनध इस परकार िकया जाएगा और उनह इस परकार बनाए रखा जाएगा िक काम क सब घणट म उन तक आसानी स पहच हो सक

(2) पराथिमक उपचार बकस या कबडर या कमर म िविहत अनतवरसत क िसवाय और कछ भी नह रखा जाएगा

(3) हर पराथिमक उपचार बकस या कबडर िकसी उ रदाियतवपणर िक त क भारसाधन म रखा जाएगा जो ऐस पराथिमक उपचार म परिशिकषत हो जसा िविहत िकया जाए और जो खान क काम क घट म सदा आसानी स उपलभय रहगा

(4) हर खान म उन िक तय को जो उस समय जब व खान म िनयोिजत ह शारीिरक कषित स या रोग स गरसत हो जाए िचिकतसालय या औषधालय तक पहचन क िलए ऐस आसानी स उपयोगय इनतजाम िकए जाएग जस िविहत िकए जाए

1 1959 क अिधिनयम स० 62 की धारा 10 ारा (16-1-1960 स) उपधारा (1) क सथान पर परितसथािपत 2 1983 क अिधिनयम स० 42 की धारा 14 ारा (31-5-1984 स) ldquoबीस फटrdquo क सथान पर परितसथािपत 3 1959 क अिधिनयम स० 62 की धारा 11 ारा (16-1-1960 स) धारा 21 और 22 क सथान पर परितसथािपत

11

(5) हर खान म िजसम डढ़ सौ स अिधक िक त िनयोिजत ह ऐस आकार का ऐस साज सामान स सिजजत और ऐस िचिकतसीय और पिरचयार कमरचािरवनद क भारसाधन म जस िक िविहत िकए जाए एक पराथिमक उपचार कमरा उपबिनधत िकया जाएगा और चाल हालत म रखा जाएगा

22 जब िक सकट क ऐस कारण िव मान ह िजनक िलए कोई अिभ क त उपबनध नह िकया गया ह या जब िक िक तय का िनयोजन सकटपणर हो तब िनरीकषक की शिक तयाmdash(1) यिद िकसी ऐसी बात क बार म िजसक िलए इस अिधिनयम ारा या या क अधीन कोई अिभ क त उपबनध नह िकया गया ह मखय िनरीकषक को या िनरीकषक को यह परतीत हो िक कोई खान या उसका कोई भाग अथवा खान म की या उसस या उसक िनयतरण पयरवकषण परबनध या िनदशन स ससक त कोई बात वसत या प ित मानव जीवन या कषम क िलए सकटपणर ह या इतनी तरिटपणर ह िक उसस यह जोिखम ह या उसकी ऐसी परवि ह िक िकसी िक त को शारीिरक कषित हो तो वह खान क सवामी अिभकतार या परबनधक को उसकी िलिखत सचना द सकगा और सचना म उन िविशिष टय का कथन करगा िजनक बार म वह खान या उसक भाग को या बात वसत या प ित को सकटपणर या तरिटपणर समझता हो और यह अपकषा करगा िक उस इतन समय क अनदर और ऐसी रीित स ठीक कर िदया जाए जो वह उस सचना म िविनिदष ट कर

(1क) जहा िक खान का सवामी अिभकतार या परबनधक उपधारा (1) क अधीन दी गई सचना क िनबनधन का अनपालन उसम िविनिदष ट कालाविध क अनदर करन म असफल रहगा वहा यथािसथित मखय िनरीकषक या िनरीकषक खान या उसक िकसी भाग म या क आसपास िकसी ऐस िक त का िनयोजन िलिखत आदश ारा परितिष कर सकगा िजसका िनयोजन उसकी राय म सचना क िनबनधन का अनपालन सिनिश चत करन क िलए यिक तयक ततः आवशयक न हो

(2) उपधारा (1) म अनतिवष ट उपबनध पर परितकल परभाव डाल िबना यह ह िक यथािसथित मखय िनरीकषक या िनरीकषक खान क सवामी अिभकतार या परबनधक को सबोिधत िलिखत आदश ारा िकसी खान या उसक िकसी भाग म स सतभ या खिनज-खणड का िनकाला जाना या छाटा जाना परितिष कर सकगा यिद उसकी राय म ऐसी सिकरया स सतभ या खिनज-खणड का बठ जाना या खिनज क िकसी भाग का समय पवर ढह जाना सभा हो या उसस खान का या उसम िनयोिजत िक तय क जीवन या कषम का अनयथा सकटापन न हो जाना सभा हो या यिद उसकी राय म खान क िजस भाग म ऐसी सिकरया अनधयात हो उसम आग लगन या जलपलावन क िवर यथायोगय उपबनध उसको महरबनद और अलग करन क िलए उपबनध करक और जो कषतर आग या जलपलावन स परभािवत हो सकता हो उस पिरिमत करन क िलए उपबनध करक न िकया गया हो

(3) यिद मखय िनरीकषक या उसक ारा िलिखत रप म साधारण या िवशष आदश ारा इस िनिम परािधकत िनरीकषक की यह राय हो िक िकसी खान म या उसक िकसी भाग म िनयोिजत िकसी िक त क जीवन या कषम को अजनट या आसन न सकट ह तो वह अपनी राय क कारण का कथन अनतिवष ट करन वाल िलिखत आदश ारा खान क िकसी भाग म या क आसपास िकसी ऐस िक त का िनयोजन िजसका िनयोजन सकट दर करन क िलए उसकी राय म यिक तयक ततः आवशयक न हो तब तक क िलए परितिष कर सकगा 1[जब तक उसका यह समाधान न हो जाए िक वह सकट दर हो गया ह]

2[(3क) ऐसा परतयक िक त िजसका िनयोजन उपधारा (1क) या उपधारा (3) क अधीन परितिष ह उस अविध क िलए िजसक िलए वह यिद परितषध न होता तो िनयोजन म होता पणर मजदरी का सदाय पान का हकदार होगा और सवामी अिभकतार या परबनधक उस िक त को ऐसी पणर मजदरी क सदाय क िलए िजममदार होगा

परनत सवामी अिभकतार या परबनधक ऐसी पणर मजदरी का सदाय करन क बजाय ऐस िक त को उसी मजदरी पर आनकिलपक िनयोजन की वसथा कर सकगा जो ऐसा िक त उस िनयोजन म पराप त कर रहा था िजस परितिष कर िदया गया था ]

(4) जहा िक िनरीकषक ारा उपधारा (1) क अधीन कोई सचना दी गई हो या उसक ारा उपधारा (1क) उपधारा (2) या उपधारा (3) क अधीन कोई आदश िकया गया हो वहा खान का सवामी अिभकतार या परबनधक यथािसथित सचना या आदश की परािप त क पश चात दस िदन क अनदर उसक िखलाफ अपील मख य िनरीकषक को कर सकगा जो सचना या आदश को पष ट उपानतिरत या र कर सकगा

(5) उपधारा (1) क अधीन सचना भजन वाला या उपधारा (1क) या उपधारा (2) या उपधारा (3) क अधीन आदश करन वाला मखय िनरीकषक या िनरीकषक और उपधारा (4) क अधीन आदश (जो अपील म िकए गए र करन क आदश स िभन न हो) करन वाला मखय िनरीकषक उसकी िरपोटर ततकाल कनदरीय सरकार को दगा

(6) यिद खान का सवामी अिभकतार या परबनधक मखय िनरीकषक ारा उपधारा (1) क अधीन भजी गई सचना या उपधारा (1क) या उपधारा (2) या उपधारा (3) या उपधारा (4) क अधीन मखय िनरीकषक ारा िकए गए आदश पर आकषप कर तो वह यथािसथित आकषप अनतिवष ट करन वाली सचना की या आदश की परािप त क पश चात या अपील क िविनश चय की तारीख क पश चात बीस िदन क अनदर आकषप क आधार का कथन करत हए अपना िलिखत आकषप कनदरीय सरकार को भज सकगा 3[जो सामानयतः आकषप की परािप त की तारीख स दो मास की अविध क भीतर उस एक सिमित को िनदिशत कर दगी ]

1 1983 क अिधिनयम स० 42 की धारा 15 ारा (31-5-1984 स) ldquoजब तक वह सकट दर न हो जाएrdquo शबद क सथान पर परितसथािपत 2 1983 क अिधिनयम स० 42 की धारा 15 ारा (31-5-1984 स) अनतःसथािपत 3 1983 क अिधिनयम स० 42 की धारा 15 ारा (31-5-1984 स) ldquoजो िनदिशत करगीrdquo शबद क सथान पर परितसथािपत

12

(7) उपधारा (1) क अधीन की हर सचना का या उपधारा (1क) उपधारा (2) उपधारा (3) या उपधारा (4) क अधीन क हर आदश का िजस पर उपधारा (6) क अधीन आकषप िकया गया हो अनपालन सिमित का िविनश चय खान म पराप त होन तक िकया जाएगा

परनत सिमित उपधारा (1) क अधीन की 1[सचना] का परवतरन सवामी अिभकतार या परबनधक क आवदन पर तब तक क िलए िनलिमबत कर सकगी जब तक आकषप पर उसका अपना िविनश चय न हो जाए

(8) इस धारा की कोई भी बात 2दणड परिकरया सिहता 1898 (1898 का 5) की धारा 144 क अधीन की मिजसटरट की शिक तय पर परभाव नह डालगी ]

3[22क कछ दशा म िनयोजन का परितषध करन की शिक तmdash(1) जहा सरकषा स सबिधत िकसी बात क बार म िजसक िलए इस अिधिनयम ारा या उसक अधीन अिभ क त उपबनध िकया गया ह खान का सवामी अिभकतार या परबनधक ऐस उपबनध का अनपालन करन म असफल रहता ह वहा मखय िनरीकषक यह अपकषा करन वाली िलिखत सचना द सकगा िक उसका उतन समय क भीतर जो वह सचना म िविनिदष ट कर या समय की उतनी बढ़ाई गई अविध क भीतर जो वह उसक पश चात समय-समय पर िविनिदष ट कर अनपालन िकया जाए

(2) जहा सवामी अिभकतार या परबनधक उपधारा (1) क अधीन दी गई सचना क िनबनधन का यथािसथित ऐसी सचना म िविनिदष ट अविध क भीतर या उस उपधारा क अधीन िविनिदष ट समय की बढ़ाई गई अविध क भीतर अनपालन करन म असफल रहता ह वहा मखय िनरीकषक खान म या उसक िकसी भाग म या उसक आसपास िकसी ऐस िक त का िनयोजन िलिखत आदश ारा परितिष कर सकगा िजसका िनयोजन उसकी राय म सचना क िनबनधन का अनपालन सिनिश चत करन क िलए यिक तयक त तौर पर आवशयक न हो

(3) परतयक ऐसा िक त िजसका िनयोजन उपधारा (2) क अधीन परितिष िकया जाता ह उस अविध की पणर मजदरी का सदाय पान का हकदार होगा िजसक िलए वह यिद परितषध न हआ होता तो िनयोजन म होता और सवामी अिभकतार या परबनधक उस

िक त को ऐसी पणर मजदरी क सदाय क िलए दायी होगा

परनत सवामी अिभकतार या परबनधक ऐसी पणर मजदरी दन बजाय ऐस िक त को उसी मजदरी पर आनकिलपक िनयोजन द सकगा जो ऐसा िक त उस िनयोजन म पराप त कर रहा था जो उपधारा (2) क अधीन परितिष िकया गया था

(4) धारा 22 की उपधारा (5) उपधारा (6) और उपधारा (7) क उपबनध इस धारा की उपधारा (1) क अधीन जारी की गई िकसी सचना या उपधारा (2) क अधीन िकए गए िकसी आदश क समबनध म उसी परकार लाग ह ग जस व उस धारा की उपधारा (1) क अधीन सचना या उपधारा (1क) क अधीन आदश क सबध म लाग होत ह ]

23 दघरटना की सचना का िदया जानाmdash4[(1) जब िकसी खान म या उसक आसपासmdash

(क) कोई ऐसी दघरटना हो जाए िजसस जीवन की हािन या गमभीर शारीिरक कषित कािरत हई हो अथवा

(ख) िवसफोट जवलन सवतः तपन या आग लग जाना या जल या अनय दरव-पदाथर का फट िनकलना या सवग अनतपररवश घिटत हो जाए अथवा

(ग) जवलनशील या अपायकर गस का अनतवारह घिटत हो जाए अथवा

(घ) िजन रसस जजीर या अनय िगयर स िक त या सामगरी कपक या आनित म उतारी या वहा स उठाई जाती ह उनका टट जाना घिटत हो जाए अथवा

(ङ) िकसी कपक म िपजर या अनय परवहण-साधन अतयिधक लपट तब खा जाए जब िक त या सामगरी उतारी या उठाई जा रही हो अथवा

(च) खिनत का कोई भाग समय-पवर ढह जाए अथवा

(छ) कोई अनय दघरटना जो िविहत की जाए घिटत हो जाए

तब खान का सवामी अिभकतार या परबनधक उस घटना की सचना ऐस परािधकारी को ऐस पररप म और ऐस समय क अनदर दगा जो िविहत िकया जाए और साथ ही साथ वह सचना की एक परित ऐस सथान पर जहा उसका िनरीकषण वसाय सघ क पदधािरय ारा िकया जा सक िविहत रीित म एक िवशष सचना प पर लगाएगा और सिनिश चत करगा की वह सचना ऐस लगाए जान की तारीख स कम स कम चौदह िदन तक प पर लगी रह ]

1 1983 क अिधिनयम स० 42 की धारा 15 ारा (31-5-1984 स) ldquoअधयपकषाrdquo शबद क सथान पर परितसथािपत 2 अब दिखए दड परिकरया सिहता 1973 (1974 का 2) 3 1983 क अिधिनयम स० 42 की धारा 16 ारा (31-5-1984 स) अनतःसथािपत 4 1959 क अिधिनयम स० 62 की धारा 12 ारा (16-1-1960 स) उपधारा (1) क सथान पर परितसथािपत

13

1[(1क) जब कभी खान म या उसक आसपास कोई ऐसी दघरटना हो जाए िजसस िकसी िक त को िरपोटर की जान योगय कोई कषित कािरत हई हो तो खान का सवामी अिभकतार या परबनधक ऐसी दघरटना को एक रिजसटर म िविहत पररप म परिवष ट करगा और ऐसी परिविष टय की परितया ितमाही म एक बार मखय िनरीकषक को दी जाएगी ]

(2) जहा िक उपधारा (1) क अधीन दी गई सचना ऐसी दघरटना क बार म हो िजसस जीवन की हािन कािरत हई हो वहा वह परािधकारी घटना की जाच सचना की परािप त क दो मास क अनदर करगा और यिद परािधकारी िनरीकषक न हो तो वह िनरीकषक स उक त कालाविध क अनदर जाच कराएगा

2[(3) कनदरीय सरकार राजपतर म अिधसचना ारा िनदश द सकगी िक उपधारा (1) और उपधारा (1क) म िविनिदष ट दघरटना स िभन न िजन दघरटना म ऐसी शारीिरक कषित कािरत होती ह िजसस िक कषितगरसत िक त की काम स चौबीस घट स अिधक की अविध की मजदरी क कारण अनपिसथित हो जाती ह तो व दघरटनाए िविहत पररप म एक रिजसटर म परिवष ट की जाएगी या यथािसथित उपधारा (1) या उपधारा (1क) क उपबनध क अधयधीन रहगी ]

(4) उपधारा (3) म िनिदष ट रिजसटर म की परिविष टय की एक परित खान क सवामी अिभकतार या परबनधक ारा 3[उस वषर स िजसस व परिविष टया समब ह अगल वषर म जनवरी क 20व िदन या ततपवर] मखय िनरीकषक को भजी जाएगी

3[(5) जब कभी खान म या उसक आसपास कोई ऐसी दघरटना हो जाए िजसस िकसी िक त क जीवन को हािन या उसको गभीर शारीिरक कषित कािरत हई हो तो उस मखय िनरीकषक या िनरीकषक क िजसको धारा 23 की उपधारा (1) क अधीन दघरटना की सचना का िदया जाना अपिकषत ह आगमन क पवर या उसकी सम मित क िबना दघरटना सथल की उलट-पलट या उसम कोई पिरवतरन नह िकया जाएगा जब तक िक ऐसी उलट-पलट या पिरवतरन आग िकसी दघरटना को रोकन क िलए मतक क शव को हटान क िलए या िकसी िक त की सकट स रकषा करन क िलए आवशयक न हो अथवा जब तक िक दघरटना सथल पर काम क बनद िकए जान स खान क कायरकरण म गमभीर अड़चन न पड़

परनत जहा मखय िनरीकषक या उक त िनरीकषक दघरटना क समय स बह र घट क भीतर दघरटना का सथल िनरीकषण करन म असफल रहता ह वहा दघरटना सथल पर काम पनः आरमभ िकया जा सकगा ]

24 दघरटना क मामल म जाच-नयायालय िनयक त करन की सरकार की शिक तmdash4[(1) जब िक खान म या उसक आसपास धारा 23 की उपधारा (1) क खड म स िकसी म िनिदष ट परकित की कोई दघरटना हो जाए तब कनदरीय सरकार यिद उसकी यह राय हो िक दघरटना क कारण की और पिरिसथितय की पररिपक जाच होनी चािहए ऐसी जाच करन क िलए कोई सकषम िक त िनयक त कर सकगी और जाच करन म अससर क रप म कायर करन क िलए िविध का या कोई िवशष जञान रखन वाल एक या अिधक िक तय को भी िनयक त कर सकगी ]

(2) ऐसी िकसी जाच करन क िलए िनयक त िक त को सािकषय को हािजर करान और दसतावज और भौितक पदाथ 5 को पश करन क िलए िववश करन क परयोजन क िलए िसिवल परिकरया सिहता 1908 (1908 का 5) क अधीन की िसिवल नयायालय की सब शिक तया पराप त ह गी

(3) इस धारा क अधीन जाच करन वाला कोई िक त इस अिधिनयम क अधीन की िनरीकषक की ऐसी शिक तय का परयोग कर सकगा िजसका परयोग करना वह जाच क परयोजन क िलए आवश यक या समीचीन समझ

(4) इस धारा क अधीन जाच करन वाला िक त दघरटना क कारण और उसकी पिरिसथितय को किथत करन वाली िरपोटर िकनह ऐसी समिक तय को जोड़कर िजनह िक वह या अससर म स कोई िलखना आवशयक समझ कनदरीय सरकार को दगा

25 कछ रोग की सचनाmdash(1) जहा िक खान म िनयोिजत िकसी िक त को कोई 6ऐसा रोग लग जाए जो कनदरीय सरकार ारा शासकीय राजपतर म खनन सिकरया स ससक त रोग क रप म अिधसिचत िकया गया हो वहा खान का यथािसथित सवामी

अिभकतार या परबनधक उसकी सचना मखय िनरीकषक को और ऐस अनय परािधकािरय को ऐस पररप म और ऐस समय क अनदर भजगा जस िविहत िकए जाए

(2) यिद कोई िचिकतसा- वसायी िकसी ऐस िक त की दखभाल कर जो िकसी खान म िनयोिजत हो या रहा हो और जो उपधारा (1) क अधीन अिधसिचत िकसी रोग स पीिड़त हो या िजसक बार म िचिकतसा- वसायी को िवश वास हो िक वह ऐस रोग स पीिड़त ह तो िचिकतसा- वसायीmdash

(क) रोगी का नाम और पता

1 1983 क अिधिनयम स० 42 की धारा 17 ारा (31-5-1984 स) अनतःसथािपत 2 1983 क अिधिनयम स० 42 की धारा 17 ारा (31-5-1984 स) उपधारा (3) क सथान पर परितसथािपत 3 1959 क अिधिनयम स० 62 की धारा 12 ारा (16-1-1960 स) कितपय शबद क सथान पर परितसथािपत 4 1959 क अिधिनयम स० 62 की धारा 13 ारा (16-1-1960 स) उपधारा (1) क सथान पर परितसथािपत 5 1959 क अिधिनयम स० 62 की धारा 13 ारा (16-1-1960 स) कितपय शबद का लोप िकया गया 6 िसलकोिसस और नयमोकोिनओिसस िजनह ऐस रोग घोिषत िकया गया ह दिखए भारत का राजपतर (अगरजी) भाग 2 खण ड 3 प 1153 म परकािशत अिधसचना स० 1

का०िन०आ० 1306 तारीख 21 जलाई 1952 और मगनीज िवषाकतीकरण-तितरका परकार का िजस ऐसा रोग घोिषत िकया गया ह दिखए भारत का राजपतर (अगजी) 1956 भाग 2 खणड 3 प 2195 म परकािशत अिधसचना स० का०िन०आ० 3109 तारीख 18 िदसमबर 1956

14

(ख) वह रोग िजसस रोगी पीिड़त हो या िजसस उसक पीिड़त होन का िवश वास हो तथा

(ग) उस खान का नाम और पता िजसम रोगी िनयोिजत हो या अिनतम बार िनयोिजत था

किथत करन वाली िलिखत िरपोटर मखय िनरीकषक को अिवलमब भजगा

(3) जहा िक उपधारा (2) क अधीन की िरपोटर की यह पिष ट परमाणकतार सजरन क परमाणपतर स या अनयथा मखय िनरीकषक को समाधानपरद रप म हो जाए िक वह िक त उपधारा (1) क अधीन अिधसिचत रोग स पीिड़त ह वहा मखय िनरीकषक िचिकतसा-

वसायी को उतनी फीस दगा िजतनी िविहत की जाए और ऐस सद फीस उस खान क सवामी अिभकतार या परबनधक स िजसम उस िक त को रोग लगा हो भ-राजसव क बकाया क रप म वसलीय होगी

(4) यिद कोई िचिकतसा- वसायी उपधारा (2) क उपबनध का अनपालन करन म असफल रहगा तो वह जमारन स जो पचास रपए तक का हो सकगा दणडनीय होगा

26 रोग क कारण क अनवषण का िनदश दन की शिक तmdash(1) कनदरीय सरकार यिद वह ऐसा करना समीचीन समझ तो िकसी ऐस मामल की जाच करन क िलए तथा उस पर िरपोटर दन को कोई सकषम िक त िनयक त कर सकगी िजसम धारा 25 की उपधारा (1) क अधीन अिधसिचत कोई रोग खान म लगा हो या िजसक बार म सदह िकया जाता हो िक वह खान म लगा ह और ऐसी जाच म अससर क रप म कायर करन क िलए िविध का जञान या िवशष जञान रखन वाल एक या अिधक िक तय को भी िनयक त कर सकगी

(2) धारा 24 की उपधारा (2) और (3) क उपबध इस धारा क अधीन की जाच को उसी रीित स लाग ह ग जस व उस धारा क अधीन की िकसी जाच को लाग होत ह

27 िरपोट का परकाशनmdashऐस समय पर और ऐसी रीित स जो वह ठीक समझ कनदरीय सरकार सिमित ारा 1[धारा 12] क अधीन भजी गई िकसी िरपोटर को या अपन को धारा 26 क अधीन भजी गई िकसी िरपोटर या िकसी िरपोटर क उ रण को परकािशत करा सकगी और धारा 24 क अधीन िकसी जाच नयायालय ारा भजी गई हर िरपोटर को परकािशत कराएगी

अधयाय 6

िनयोजन क घट और उस पर िनबरधन

28 साप तािहक िवशराम-िदनmdashिकसी भी िक त को खान म िकसी एक सप ताह म छह िदन स अिधक काम नह करन िदया जाएगा

29 परितकरातमक िवशराम-िदनmdash(1) जहा िक धारा 38 क अधीन कायरवाही क अनसरण म अथवा िकसी खान को या उसम िनयोिजत िक तय को धारा 28 क उपबनध स छट िदए जान क फलसवरप कोई िक त जो उस खान म िनयोिजत हो उन साप तािहक िवशराम-िदन म स िकसी स िजनक िलए धारा 28 म उपबनध िकया गया ह विचत िकया जाए वहा उस उसी मास क अनदर िजसम उस ऐस िवशराम-िदन दय थ या उस मास क अ विहत पश चात क दो मास क अनदर उन िवशराम-िदन की समान सखया म िजनस वह इस परकार विचत िकया गया हो परितकरातमक िवशराम-िदन िदए जाएग

(2) कनदरीय सरकार वह रीित िविहत कर सकगी िजसस व िवशराम-िदन िजनक िलए उपधारा (1) म उपबनध िकया गया ह िदए जाएग

30 भिम क ऊपर क काम क घणटmdash(1) िकसी सप ताह म अड़तालीस घणट स अिधक या िकसी िदन म नौ घणट स अिधक काम भिम क ऊपर िनयोिजत िकसी भी वयसथ स न तो अपिकषत िकया जाएगा और न उस करन िदया जाएगा

2[परनत मखय िनरीकषक क पवर अनमोदन क अधयधीन रहत हए इस उपधारा म िविनिदष ट दिनक अिधकतम घणट को पािरय म तबदीली सकर बनान क िलए बढ़ाया जा सकगा ]

(2) िकसी ऐस वयसथ क काम की कालाविधया इस परकार विसथत की जाएगी िक उसक िवशराम अनतराल सिहत व िकसी भी िदन बारह घणट स अिधक िवसतत न ह और वह कम स कम आध घणट का िवशराम अनतराल क चकन क पवर िनरनतर पाच घणट स अिधक काम न कर

3[परनत मखय िनरीकषक ऐस कारण स जो लखन ारा अिभिलिखत िकए जाएग इस िवसतित का िकसी िदन अिधकतम चौदह घणट की कालाविध तक का होना ऐसी शत क अधयधीन जसी वह अिधरोिपत करना ठीक समझ अनजञात कर सकगा ]

4[(3) दो या अिधक पािरय क िक तय को एक ही समय भिम क ऊपर एक ही परकार का काम नह करन िदया जाएगा

1 1983 क अिधिनयम स० 42 की धारा 18 ारा (31-5-1984 स) ldquoधारा 13rdquo शबद और अक क सथान पर परितसथािपत 2 1959 क अिधिनयम स० 62 की धारा 14 ारा (16-1-1960 स) परनतक जोड़ा गया 3 1959 क अिधिनयम स० 62 की धारा 14 ारा (16-1-1960 स) परनतक क सथान पर परितसथािपत 4 1959 क अिधिनयम स० 62 की धारा 14 ारा (16-1-1960 स) उपधारा (3) क सथान पर परितसथािपत

15

परनत इस उपधारा क परयोजन क िलए िक तय क बार म कवल इस तथय क कारण िक उनक िवशराम अनतराल उनह िभन न समय पर िमलत ह यह न समझा जाएगा िक व िविभन न पािरय क ह ]

1[31 भिम क नीच क काम क घटmdash(1) खान म भिम क नीच िनयोिजत िकसी भी वयसथ को िकसी सप ताह म अड़तालीस घणट स अिधक या िकसी िदन म आठ घणट स अिधक काम नह करन िदया जाएगा

परनत मखय िनरीकषक क पवर अनमोदन क अधयधीन रहत हए इस उपधारा म िविनिदष ट दिनक अिधकतम घणट को पािरय म तबदीली सकर बनान क िलए बढ़ाया जा सकगा

(2) खान म भिम क नीच कोई भी काम ऐस विसथत पारी-प ित स चलान क िसवाय न चलाया जाएगा िक हर एक पारी म काम की कालाविध उपधारा (1) म बताए गए दिनक अिधकतम घट स अिधक िवसतत न हो

(3) खान म िनयोिजत िकसी िक त को भिम क नीच क खान क िकसी भाग म काम की उन कालाविधय क दौरान उपिसथत रहन दन क िसवाय उपिसथत न रहन िदया जाएगा जो धारा 48 की उपधारा (4) क अधीन रख जान वाल रिजसटर म उसक बार म दिशत ह ]

2[32 राितर की पारीmdashजहा िक खान म िनयोिजत िक त ऐसी पारी म काम कर िजसका िवसतार मधयराितर क पश चात तक हो वहाmdash

(क) धारा 28 और धारा 29 क परयोजन क िलए उसक मामल म साप तािहक िवशराम-िदन स उसकी पारी क अनत होन पर आरमभ होन वाली िनरनतर 24 घणट की कालाविध अिभपरत होगी

(ख) उसकी पारी का अनत होन पर आरमभ होन वाली चौबीस घणट की कालाविध उसक िलए अगला िदन समझी जाएगी और मधयराितर क पश चात िजतन घणट उसन काम िकया हो व पवरवत िदन म िगन जाएग ]

33 अितकाल क िलए अितिरक त मजदरीmdash3[(1) जहा िक खान म कोई िक त भिम क ऊपर िकसी िदन नौ घणट स अिधक या भिम क नीच िकसी िदन आठ घणट स अिधक काम कर या चाह भिम क ऊपर या नीच िकसी सप ताह म अड़तालीस घणट स अिधक काम कर वहा ऐस अितकािलक काम क िलए वह अपनी मजदरी की मामली दर स दगनी दर पर मजदरी पान का हकदार होगा और अितकािलक काम की कालाविध की गणना दिनक या साप तािहक आधार पर जो भी उसक िलए अिधक अनकल हो की जाएगी ]

4[(2) जहा खान म िनयोिजत िकसी िक त को मातरानपाती दर स सदाय िकया जाना हो वहा कालानपाती दर को उन िदन क िजनको उसक उस सप ताह क िजसम अितकाल काम िकया गया ह ठीक पवरवत सप ताह क दौरान वासतव म काम िकया था िकसी अितकाल को छोड़कर उसक पणरकािलक उपाजरन क दिनक औसत क बराबर माना जाएगा और ऐसी कालानपाती दर ऐस िक त की मजदरी की मामली दर मानी जाएगी

परनत यिद ऐस िक त न पवरवत सप ताह म उसी या समान काम पर कायर नह िकया ह तो कालानपाती दर अितकाल को छोड़कर उन िदन की िजनको उसन उसी सप ताह म काम िकया ह औसत या िकसी पवरवत सप ताह म उसक उपाजरन की दिनक औसत इनम स जो भी उच चतर हो उस पर आधािरत होगी

सपष टीकरणmdashइस धारा क परयोजन क िलए ldquoमजदरी की मामली दरrdquo का वही अथर होगा जो उसका धारा 9क की उपधारा (3) क सपष टीकरण म ह ]

(4) इस धारा क उपबनध का अनपालन सिनिश चत करन क परयोजन क िलए कनदरीय सरकार खान म रख जान वाल रिजसटर िविहत कर सकगी

5[34 कितपय िक तय क िनयोजन का परितषधmdashकोई भी िक त जो पवरवत बारह घनट क अनदर िकसी अनय खान म पहल ही काम करता रहा हो खान म काम करन क िलए न तो अपिकषत िकया जाएगा न उस खान म काम करन िदया जाएगा ]

6[35 अितकािलक काम सिहत दिनक काम क घट का िनबरनधनmdashधारा 39 क खणड (क) और खणड (ङ) म आन वाल मामल म क िसवाय िकसी भी िदन अितकाल सिहत दस घट स अिधक खान म काम न तो खान म िनयोिजत िकसी भी िक त स अपिकषत िकया जाएगा न उस करन िदया जाएगा ]

36 काम क घट क िवषय म सचनाएmdash(1) हर खान का परबनधक खान म काम क परारमभ और बनद होन का समय और यिद टोली प ित ारा काम परसथािपत हो तो हर एक टोली क काम क परारमभ और बनद होन का समय किथत करन वाली सचना िविहत पररप म खान क कायारलय क बाहर लगवाएगा

1 1959 क अिधिनयम स० 62 की धारा 15 ारा (16-1-1960 स) धारा 31 क सथान पर परितसथािपत 2 1959 क अिधिनयम स० 62 की धारा 16 ारा (16-1-1960 स) धारा 32 क सथान पर परितसथािपत 3 1959 क अिधिनयम स० 62 की धारा 17 ारा (16-1-1960 स) उपधारा (1) क सथान पर परितसथािपत 4 1983 क अिधिनयम स० 42 की धारा 19 ारा (31-5-1984 स) उपधारा (2) और (3) क सथान पर परितसथािपत 5 1959 क अिधिनयम स० 62 की धारा 18 ारा (16-1-1960 स) धारा 34 क सथान पर परितसथािपत 6 1959 क अिधिनयम स० 62 की धारा 19 ारा (16-1-1960 स) धारा 35 क सथान पर परितसथािपत

16

(2) उस खान की दशा म िजसम खनन सिकरयाए इस अिधिनयम क परारमभ क पश चात परारभ ह उपधारा (1) म िनिदष ट सचना काम क परारमभ होन क कम स कम सात िदन पवर लगाई जाएगी

(3) उपधारा (1) म िनिदष ट सचना म भिम क ऊपर िनयोिजत िक तय क काम क परारमभ का समय और िवशराम अनतराल भी किथत ह ग और उसकी एक परित मखय िनरीकषक को यिद वह ऐसी अपकषा कर तो भजी जाएगी

(4) जहा िक साधारणतः खान म या िकसी टोली क काम क परारमभ या बनद होन क िलए िनयत समय म या भिम क ऊपर िनयोिजत िक तय क िलए िनयत िवशराम अनतराल म कोई तबदीली करन की परसथापना हो वहा िविहत पररप म एक सशोिधत सचना उस तबदीली क िकए जान क सात स अनयन िदन पवर खान क कायारलय क बाहर लगाई जाएगी और ऐसी सचना की एक परित ऐसी तबदीली क सात स अनयन िदन पवर मखय िनरीकषक को भजी जाएगी

(5) िकसी भी िक त को उपधारा (1) ारा अपिकषत सचना क अनसार काम करन स अनयथा खान म काम नह करन िदया जाएगा

37 पयरवकषक कमरचािरवनदmdashधारा 28 धारा 30 धारा 31 धारा 34 या 1[धारा 36 की उपधारा (5)] की कोई भी बात उन िक तय को लाग न होगी िजनकी बाबत िनयम ारा यह पिरभािषत िकया जाए िक व पयरवकषण या परबनध का पद धारण िकए हए ह

या गोपनीयता की हिसयत म िनयोिजत ह

38 िनयोजन सबधी उपबनध स छटmdash(1) उस आपात की दशा म िजसम खान या उसम िनयोिजत िक तय क कषम क िलए गमभीर जोिखम अनतवरिलत हो या वासतिवक या आशिकत िकसी दघरटना की दशा म या िकसी दवीकत की दशा म या खान की मशीनरी सयतर या उपसकर क ठपप हो जान क पिरणामसवरप ऐसी मशीनरी सयतर या उपसकर पर िकए जान वाल िकसी अजनट काम की दशा म परबनधक धारा 22 2[या धारा 22क] क उपबनध क अधयधीन और धारा 39 क अधीन क िनयम क अनसार िक तय को धारा 28 धारा 30 धारा 31 या धारा 34 या 1[धारा 36 की उपधारा (5)] क उललघन म ऐस काम म िनयोजन की अनजञा द सकगा जो खान या उसम िनयोिजत िक तय क कषम का सरकषण करन क िलए आवशयक हो

परनत मशीनरी सयतर या उपसकर पर इस धारा क अधीन िकए जान वाल िकसी अजनट काम की दशा म परबनधक इस धारा ारा अनजञात कोई काररवाई कर सकगा य िप उसक िकए जान स 3[खिनज] उतपादन आनषिगक रप स परभािवत होता हो िकनत इस

परकार की गई काररवाई उन सीमा क बाहर न की जाएगी जो खान क मामली कायरकरण म गमभीर हसतकषप का पिरवजरन करन क परयोजन क िलए आवशयक हो

(2) हर वह दशा िजसम उपधारा (1) क अधीन परबनधक ारा काररवाई की गई हो ततसमब पिरिसथितय क साथ अिभिलिखत की जाएगी और उसकी िरपोटर मखय िनरीकषक या िनरीकषक को भी दी जाएगी

4[39 छट दन वाल िनयम बनान की शिक तmdash5[कनदरीय सरकार] िनम निलिखत िक तय क िलए धारा 28 धारा 30 धारा 31 धारा 34 या धारा 36 की उपधारा (5) क उपबनध स ऐस िवसतार तक ऐसी पिरिसथितय म और ऐसी शत क अधयधीन जसी िविनिदष ट की जाए छट का उपबनध करन वाल िनयम बना सकगीmdash

(क) ऐसी खान म िजसम ऐस आपात की आशका हो िजसम खान क या उसम िनयोिजत िक तय क कषम की गमभीर जोिखम अनतवरिलत हो िनयोिजत सब िक त या उनम स कोई

(ख) िकसी वासतिवक या आशिकत दघरटना की दशा म इस परकार िनयोिजत सब िक त या उनम स कोई

(ग) िकसी तयारी की परकित क या परक परकित क ऐस काम म जो खान क मामली कायरकरण म गमभीर हसतकषप का पिरवजरन करन क परयोजन क िलए अवशय चलाया जाना चािहए लग हए सब िक त या उनम स कोई

(घ) अजनट मरममत म लग हए सब िक त या उनम स कोई

(ङ) िकसी ऐस काम म जो िक तकनीकी कारण स िनरनतर चाल रखा जाना चािहए िनयोिजत सब िक त या उनम स कोई ] 6[40 अठारह वषर स कम आय क िक तय का िनयोजनmdash(1) खान (सशोधन) अिधिनयम 1983 क परारमभ क पश चात

अठारह वषर स कम आय क िकसी िक त को िकसी खान या उसक भाग म काम करन क िलए अनजञात नह िकया जाएगा

(2) उपधारा (1) म िकसी बात क होत हए भी िशकष और अनय परिशकष को जो सोलह वषर स कम आय क नह ह िकसी खान या उसक भाग म परबनधक ारा समिचत पयरवकषण क अधीन काम करन क िलए अनजञात िकया जा सकगा

1 1953 क अिधिनयम स० 42 की धारा 4 और अनसची 3 ारा ldquoधारा 36 की उपधारा (4)rdquo क सथान पर परितसथािपत 2 1983 क अिधिनयम स० 42 की धारा 20 ारा (31-5-1984 स) अनतःसथािपत 3 1959 क अिधिनयम स० 62 की धारा 20 ारा (16-1-1960 स) ldquoकोयलाrdquo क सथान पर परितसथािपत 4 1959 क अिधिनयम स० 62 की धारा 21 ारा (16-1-1960 स) धारा 39 क सथान पर परितसथािपत 5 1983 क अिधिनयम स० 42 की धारा 21 ारा (31-5-1984 स) कितपय शबद क सथान पर परितसथािपत 6 1983 क अिधिनयम स० 42 की धारा 22 ारा (31-5-1984 स) धारा 40 क सथान पर परितसथािपत

17

परनत िशकष स िभन न परिशकष की दशा म उनको काम करना अनजञात करन स पवर मखय िनरीकषक या िनरीकषक का पवर अनमोदन अिभपराप त करना आवशयक होगा

सपष टीकरणmdashइस धारा और धारा 43 म ldquoिशकषrdquo स िशकष अिधिनयम 1961 (1961 का 52) की धारा 2 क खणड (क) म यथापिरभािषत िशकष अिभपरत ह ]

41 [योगयता परमाणपतर ]mdashखान (सशोधन) अिधिनयम 1983 की धारा 23 ारा (31-5-1984 स) िनरिसत

42 [कमार को अनद योगयता परमाणपतर का परभाव ]mdashखान (सशोधन) अिधिनयम 1983 (1983 का 42) की धारा 23 ारा (31-5-1984 स) िनरिसत

1[43 िचिकतसीय परीकषा की अपकषा करन की शिक तmdash(1) जहा िकसी िनरीकषक की यह राय हो िक िशकष या अनय परिशकष स अनयथा खान म िनयोिजत कोई िक त वयसथ नह ह अथवा खान म िशकष या अनय परिशकष क रप म िनयोिजत कोई िक त या तो सोलह वषर स कम आय का ह या वह काम करन क योगय नह रह गया ह वहा िनरीकषक खान क परबनधक पर यह अपकषा करन वाली सचना की तामील कर सकगा िक ऐस िक त की परीकषा िकसी परमाणकतार सजरन ारा की जाए और िनरीकषक ऐसा िनदश द तो ऐसा

िक त तब तक िकसी खान म काम करन क िलए िनयोिजत या अनजञात नह िकया जाएगा जब तक इस परकार उसकी परीकषा न हो गई हो और यह परमािणत न कर िदया गया हो िक वह वयसथ ह या यिद ऐसा िक त िशकष या परिशकष ह तो वह सोलह वषर स कम आय का नह ह और काम करन क योगय ह

(2) उपधारा (1) क अधीन िनदश पर परमाणकतार सजरन ारा िदया गया हर परमाणपतर उसम किथत बात का इस अिधिनयम क परयोजन क िलए िनश चायक सा य होगा ]

44 [उन कमार क िलए काम क घट जो वयसक क रप म काम क िलए योगय परमािणत नह िकए गए ]mdashखान (सशोधन) अिधिनयम 1983 (1984 का 42) की धारा 25 ारा (31-5-1984 स) िनरिसत

2[45 खान म अठारह वषर स कम आय क िक तय की उपिसथित का परितषधmdashधारा 40 की उपधारा (2) क उपबनध क अधीन रहत हए ऐसी तारीख क पश चात जो कनदरीय सरकार राजपतर म अिधसचना ारा इस िनिम िनयत कर अठारह वषर स कम आय क िकसी िक त को भिम क ऊपर खान क िकसी ऐस भाग म जहा िकसी खनन सिकरया स ससक त या आनषिगक कोई सिकरया चलाई जा रही हो उपिसथत नह रहन िदया जाएगा ]

3[46 िस तरय का िनयोजनmdash(1) िकसी अनय िविध म अनतिवष ट िकसी बात क होत हए भी कोई भी स तरीmdash

(क) खान क िकसी ऐस भाग म जो भिम क नीच हो

(ख) िकसी खान म भिम क ऊपर 6 बज पवारहन और 7 बज अपराहन क बीच क िसवाय

िनयोिजत नह की जाएगी ]

(2) खान म भिम क ऊपर िनयोिजत हर स तरी को िकसी एक िदन िनयोजन का पयरवसान होन और िनयोजन की अगली कालाविध का परारमभ होन क बीच कम स कम गयारह घनट का अनतराल िदया जाएगा

(3) उपधारा (1) म अनतिवष ट िकसी बात क होत हए भी कनदरीय सरकार िकसी खान या िकसी वगर या परकार की खान क बार म भिम क ऊपर िस तरय क िनयोजन क घट म फरफार शासकीय राजपतर म अिधसचना ारा कर सकगी िकनत इस परकार की िकसी स तरी का 10 बज अपराहन और 5 बज पवारहन क बीच कोई भी िनयोजन तद ारा अनजञात न हो ]

47 [आय क बार म िववाद ]mdashखान (सशोधन) अिधिनयम 1959 (1959 का 62) की धारा 28 ारा िनरिसत

48 िनयोिजत िक तय का रिजसटरmdash4[(1) हर खान क िलए उस खान म िनयोिजत सब िक तय का एक रिजसटर िविहत पररप और सथान म रखा जाएगा िजसम ऐस हर एक िक त क बार म िनम निलिखत बात दिशत ह गीmdash

(क) कमरचारी का नाम यथािसथित उसक िपता या पित क नाम सिहत और ऐसी अनय िविशिष टया जसी उसकी पहचान क परयोजन क िलए आवशयक ह

(ख) कमरचारी की आय और िलग

(ग) िनयोजन की परकित (वह िनयोजन भिम क ऊपर ह या भिम क नीच और यिद भिम क ऊपर ह तो वह िवव खिनत म ह या अनयथा) और उसक परारमभ की तारीख

5

1 1983 क अिधिनयम स० 42 की धारा 24 ारा (31-5-1984 स) धारा 43 क सथान पर परितसथािपत 2 1983 क अिधिनयम स० 42 की धारा 26 ारा (31-5-1984 स) धारा 45 क सथान पर परितसथािपत 3 1959 क अिधिनयम स० 62 की धारा 27 ारा (16-1-1960 स) धारा 46 क सथान पर परितसथािपत 4 1959 क अिधिनयम स० 62 की धारा 29 ारा (16-1-1960 स) उपधारा (1) क सथान पर परितसथािपत 5 1983 क अिधिनयम स० 42 की धारा 27 ारा (31-5-1984 स) खणड (घ) का लोप िकया गया

18

(ङ) अनय ऐसी िविशिष टया जो िविहत की जाए

और ससगत परिविष टया सपक त िकयत क हसताकषर या अगठ क िचहन ारा अिधपरमािणत की जाएगी ]

(2) उपधारा (1) ारा िविहत रिजसटर म की परिविष टया ऐसी ह गी िक उनक अनसार काम करन वाल कमरकार इस अधयाय क उपबनध म स िकसी क उललघन म काम न करत ह ग

(3) कोई िक त खान म तब तक िनयोिजत न िकया जाएगा जब तक उसक बार म उपधारा (1) ारा अपिकषत िविशिष टया रिजसटर म अिधिलिखत न कर ली गई ह और कोई भी िक त रिजसटर म अपन बार म दिशत काम की कालाविधय क दौरान िनयोिजत िकए जान क िसवाय िनयोिजत नह िकया जाएगा

1[(4) िजस खान को कनदरीय सरकार न साधारण या िवशष आदश ारा िकसी िवशष कारण स जो अिभिलिखत िकया जाएगा छट दी हो उसस िभन न हर खान क िलए पथक रिजसटर िविहत पररप और सथान म रख जाएग िजनम हर िक त क बार म जो खान मmdash

(क) भिम क नीच

(ख) िवव खिनत म भिम क ऊपर

(ग) अनय दशा म भिम क ऊपर

िनयोिजत हो िनम निलिखत बात दिशत ह गीmdash

(i) कमरचारी का नाम

(ii) उसक िनयोजन का वगर या िकसम

(iii) जहा िक काम टोली-प ित स चलाया जाता हो वहा िजस पारी का वह ह वह पारी और उस पारी क घनट ]

(5) भिम क नीच िनयोिजत िक तय क उपधारा (4) म िनिदष ट रिजसटर म िकसी भी कषण ऐस हर िक त का नाम दिशत होगा जो तब खान म भिम क नीच उपिसथत हो

2[(6) कोई िक त िकसी िवव खिनत या भिम क नीच िकसी खिनत म तब क िसवाय परवश नह कर सकगा जब िक ऐसा करन क िलए वह परबनधक ारा अनजञात िकया गया हो अथवा इस अिधिनयम या िकसी अनय िविध क अधीन परािधकत हो ]

अधयाय 7

मजदरी सिहत छ ी 3[49 अधयाय का लाग होनाmdashइस अधयाय क उपबनध ऐस परवितत नह ह ग िक उनका िकसी ऐस अिधकार पर परितकल

परभाव पड़ िजसका िक खान म िनयोिजत कोई िक त िकसी अनय िविध क अधीन या िकसी अिधिनणरय करार या सवा-सिवदा क िनबनधन क अधीन हकदार हो

4[परनत यिद ऐसा अिधिनणरय करार या सवा-सिवदा इस अधयाय म उपबिनधत स दीघरतर मजदरी सिहत वािषक छ ी का उपबनध करती हो तो छ ी की वह मातरा िजसक िलए िनयोिजत िक त हकदार होगा ऐस अिधिनणरय करार या सवा-सिवदा क अनसार होगी िकनत छ ी ऐस िवषय की बाबत जो ऐस अिधिनणरय करार या सवा-सिवदा म उपबिनधत नह ह धारा 50 स लकर धारा 56 तक क (िजसम य दोन धाराए भी सिममिलत ह) उपबनध क अनसार िविनयिमत होगी ]

50 छ ी की पिरभाषाmdashसाप तािहक िवशराम-िदन अथवा उतसव क िलए या अनय ऐस ही अवसर क िलए अवकाश-िदन इस अधयाय क परयोजन क िलए छ ी क अनतगरत नह आत ह चाह व छ ी की कालाविध क दौरान ह या उसक ठीक पहल या ठीक पीछ ह

51 कलनडर वषर की पिरभाषाmdashइस अधयाय क परयोजन क िलए ldquoकलनडर वषरrdquo स िकसी वषर म जनवरी क परथम िदन स आरमभ होन वाली बारह मास की कालाविध अिभपरत होगी

52 मजदरी सिहत वािषक छ ीmdash(1) खान म िनयोिजत हर िक त को िजसन उसम एक कलनडर वषर की सवा परी कर ली हो पश चातवत कलनडर वषर क दौरान मजदरी सिहत छ ी अनजञात की जाएगी िजसकी गणनाmdash

(क) भिम क नीच िनयोिजत िक त की दशा म उसक ारा िकए गए काम क हर 5[पनदरह िदन] क िलए एक िदन की दर स की जाएगी तथा

1 1959 क अिधिनयम स० 62 की धारा 29 ारा (16-1-1960 स) उपधारा (4) क सथान पर परितसथािपत 2 1959 क अिधिनयम स० 62 की धारा 29 ारा (16-1-1960 स) अनतःसथािपत 3 1959 क अिधिनयम स० 62 की धारा 30 ारा (16-1-1960 स) धारा 49 स 56 तक क सथान पर परितसथािपत 4 1983 क अिधिनयम स० 42 की धारा 28 ारा (31-5-1984 स) परनतक क सथान पर परितसथािपत 5 1983 क अिधिनयम स० 42 की धारा 29 ारा (31-5-1984 स) ldquoसोलह िदनrdquo क सथान पर परितसथािपत

19

(ख) िकसी अनय दशा म उसक ारा िकए गए काम क हर बीस िदन क िलए एक िदन की दर स की जाएगी

(2) उपधारा (1) म िनिदष ट एक कलनडर वषर की सवाmdash

(क) खान म भिम क नीच िनयोिजत िक त की दशा म परी कर ली गई समझी जाएगी यिद कलनडर वषर क दौरान खान म उसकी हािजिरया एक सौ नबब स कम न ह तथा

(ख) िकसी अनय िक त की दशा म परी कर ली गई समझी जाएगी यिद कलनडर वषर क दौरान खान म उसकी हािजिरया दो सौ चालीस स कम न ह

सपष टीकरणmdashइस उपधारा क परयोजन क िलए यह ह िकmdash

(क) करार या सिवदा ारा या सथायी आदश क अधीन यथा अनजञय कामबदी क िदन को

(ख) स तरी कमरचारी की दशा म बारह सप ताह स अनिधक िकतन ही िदन की परसित छटटी को तथा

(ग) उस वषर स िजसम छ ी का उपभोग िकया जाए पवरवत वषर म उपािजत छ ी को

हािजरी की सगणना क परयोजन क िलए ऐस िदन समझा जाएगा िजनम कमरचारी न खान म काम िकया ह िकनत वह इन िदन क िलए छ ी उपािजत नह करगा

(3) िजस िक त की सवा जनवरी क परथम िदन को परारमभ न होकर अनयथा आरमभ होती ह वहmdash

(क) खान म भिम क नीच िनयोिजत िक त की दशा म तब जब िक वह कलनडर वषर क शष भाग क दौरान क कल िदन क आध स अनयन िदन म हािजर रहा हो तथा

(ख) िकसी अनय दशा म तब जब िक वह कलनडर वषर क शष भाग क दौरान क कल िदन क दो-ितहाई स अनयन िदन म हािजर रहा हो

पश चातवत कलनडर वषर म मजदरी सिहत छ ी उस दर स पान का हकदार होगा जो उपधारा (1) म िविनिदष ट ह

(4) िकसी िक त ारा न ली गई वह छ ी िजसका वह उपधारा (1) या उपधारा (2) क अधीन िकसी एक कलनडर वषर म हकदार हो उस छ ी म जोड़ दी जाएगी जो िक उ रवत कलनडर वषर क दौरान उस उपधारा क अधीन उस अनजञय हो

परनत उन छ ी क िदन की कल सखया जो ऐस िकसी िक त ारा सिचत की जा सकगी िकसी भी एक समय कल तीस िदन स अिधक न होगी

परनत यह और भी िक ऐसा वह िक त िजसन मजदरी सिहत छ ी क िलए आवदन िकया हो िकनत उस उपधारा (6) क अनसार ऐसी छ ी न दी गई हो िकसी सीमा क िबना अनपभक त छ ी क अगरनयन का हकदार होगा

(5) ऐसा कोई िक त उपधारा (1) उपधारा (2) और उपधारा (4) क अधीन उस समय अपन को अनजञय सारी छ ी या उसका कोई भाग लन क िलए खान क परबनधक स उस िदन स पदरह िदन स अनयन िदन पहल िलिखत आवदन कर सकगा िजस िदन वह अपनी छ ी आरमभ करना चाहता हो

परनत िकसी एक कलनडर वषर क दौरान तीन बार स अिधक छ ी न ली जा सकगी

(6) उपधारा (5) क उपबनध क अनसार ऐसी छ ी क िलए िकया गया आवदन तब क िसवाय नामजर नह िकया जाएगा जब िक छ ी अनद करन क िलए सशक त परािधकारी की यह राय हो िक पिरिसथित की आवशयकता क कारण छ ी नामजर की जानी चािहए ]

(7) यिद खान म िनयोिजत िक त अपनी मजदरी सिहत छ ी जो उस शष हो बीमारी की कालाविध क िलए लना चाहता हो तो चाह उसन छ ी क िलए आवदन उपधारा (5) म िविनिदष ट समय क अनदर न भी िकया हो तो भी उस वह छ ी अनद की जाएगी

(8) यिद खान का सवामी अिभकतार या परबनधक खान म िनयोिजत िक त क िनयोजन का पयरवसान उस िक त ारा अपनी वह कल छटटी ल ली जान क पवर कर द िजसका वह अपन िनयोजन क पयरवसान क िदन तक हकदार हो या यिद उस िक त न ऐसी छ ी क िलए आवदन िकया हो और ऐसी छ ी अनद न हई हो और वह िक त अपना िनयोजन छ ी लन स पवर छोड़ द तो खान का सवामी अिभकतार या परबनधक न ली गई छ ी क बार म धारा 53 क अधीन सदय रकम उस सद करगा और ऐसा सदाय वहा जहा िक

िक त क िनयोजन का पयरवसान सवामी अिभकतार या परबनधक ारा िकया जाए ऐस पयरवसान क पश चात क दसर कायर-िदवस क अवसान क पवर और जहा िक िक त अपना िनयोजन सवय छोड़ द वहा अगल वतन-िदवस को या उसक पवर िकया जाएगा

(9) खान म िनयोिजत िक त की अनपभक त छ ी उसक िनयोजन क पयरवसान क पवर िदए जान क िलए अपिकषत िकसी सचना की कालाविध की सगणना करन म िवचार म नह ली जाएगी

20

1[(10) जहा खान म िनयोिजत कोई िक त सवा स उनमोिचत या पदचयत िकया जाता ह अथवा वह अपना िनयोजन छोड़ता ह या अिधविषता पराप त करता ह अथवा सवा म रहत हए उसकी मतय हो जाती ह तो यथािसथित वह या उसक वािरस या उसका नाम-िनदिशती उपधारा (1) म िविनिदष ट दर स पिरकिलत उसको दय छ ी क सथान पर मजदरी पान का हकदार होगा यिदmdash

(क) भिम क नीच िकसी खान म िनयोिजत िक त की दशा म वह अपन िनयोजन की तारीख स लकर अपन उनमोचन या पदचयित की तारीख तक या िनयोजन छोड़न या अिधविषता या मतय की तारीख तक िदन की कल सखया क कम स कम आध िदन तक उपिसथित रहा ह और

(ख) िकसी अनय दशा म वह अपन िनयोजन की तारीख स लकर अपन उनमोचन या पदचयित या िनयोजन छोड़न या अिधविषता या मतय की तारीख तक िदन की कल सखया क कम स कम दो-ितहाई िदन तक उपिसथत रहा ह

और ऐसी मजदरी का सदाय खान क सवामी अिभकतार या परबनधक ारा धारा 53 म िविनिदष ट दर स जहा उस िक त को सवा स उनमोिचत या पदचयत कर िदया जाता ह अथवा वह िनयोजन छोड़ दता ह या अिधविषता पराप त कर लता ह वहा यथािसथित ऐस उनमोचन पदचयित िनयोजन छोड़न या अिधविषता क पश चात दसर कायर िदन की समािप त क पवर और जहा िनयोिजत िक त की सवा म रहत हए मतय हो जाती ह वहा उसकी मतय क दो मास की अविध क भीतर िकया जाएगा ]

सपष टीकरणmdash2[उपधारा (1) उपधारा (3) और उपधारा (10)] क परयोजन क िलए आध िदन या इसस अिधक की छ ी क िभन न को एक परा िदन माना जाएगा और आध िदन स कम वाला िभन न छोड़ िदया जाएगा

53 छ ी की कालाविध क दौरान मजदरीmdashउस छ ी क िलए जो खान म िनयोिजत िक त को धारा 52 क अधीन अनजञात हो उस सदाय ऐसी दर स िकया जाएगा जो उसकी छ ी क अ वितह पवरवत मास क उन िदन की बाबत िजनम वह िनयोिजत रहा हो कल पणरकािलक उपाजरन क उस दिनक औसत क बराबर हो जो उन उपाजरन म स िकसी अितकािलक मजदरी और बोनस को अपविजत करक िकनत उनम महगाई भ और नकद परितकर को िजसक अनतगरत खा ा और अनय वसत क िबना मलय िवतरण स परोदभावी ऐसा कोई परितकर (यिद कोई हो) िजसक हकदार खान म काम करन वाल िक त ततसमय ह आता ह सिममिलत करक आए

परनत यिद ऐस कोई औसत उपाजरन उपलबध न ह तो औसत की सगणना उसी मास क िलए वस ही िनयोिजत सब िक तय क कल पणरकािलक उपाजरन क दिनक औसत क आधार पर की जाएगी

54 कितपय दशा म अिगरम सदायmdashखान म िनयोिजत उस िक त को िजस चार स अनयन िदन की छ ी अनजञात की गई हो अनजञात छ ी की कालाविध क िलए शोधय मजदरी उसकी छ ी आरमभ होन स पहल द दी जाएगी

55 असद मजदरी की वसली का ढगmdashखान क सवामी अिभकतार या परबनधक ारा इस अधयाय क अधीन सद िकए जान क िलए अपिकषत िकनत उसक ारा असद कोई रकम मजदरी सदाय अिधिनयम 1936 (1936 का 4) क उपबनध क अधीन िवलिबत मजदरी क रप म वसलीय होगी

56 खान को छट की शिक तmdashजहा िक कनदरीय सरकार का यह समाधान हो जाए िक िकसी खान म िनयोिजत िक तय को लाग होन वाल छ ी क िनयम ऐसी परसिवधा का उपबनध करत ह जो उसकी राय म उन परसिवधा स कम अनकल नह ह िजनक िलए यह अधयाय उपबनध करता ह वहा वह उस खान को इस अधयाय क सब या िकनह उपबनध स छट िलिखत आदश ारा और ऐसी शत क अधयधीन जो उसम िविनिदष ट की जाए द सकगी ]

अधयाय 8

िविनयम िनयम और उपिविधया 57 िविनयम बनान की कनदरीय सरकार की शिक तmdashकनदरीय सरकार िनम निलिखत सब परयोजन या उनम स िकसी क िलए

ऐस िविनयम3 जो इस अिधिनयम स सगत हो शासकीय राजपतर म अिधसचना ारा बना सकगी अथारत mdash

(क) व अहरताए िविहत करना जो मखय िनरीकषक या िनरीकषक क रप म िनयिक त क िलए अपिकषत हो

(ख) इस अिधिनयम क अधीन खान क िनरीकषण क समबनध म मखय िनरीकषक और िनरीकषक क कतर और शिक तय को िविहत और िविनयिमत करना

(ग) खान क सवािमय अिभकतार और परबनधक क और उनक अधीन कायर करन वाल िक तय क कतर िविहत करना और खान क 4[अिभकतार और परबनधक और उनक अधीन कायर करन वाल िक तय की अहरताए (िजसक अनतगरत आय आती ह)] िविहत करना

1 1983 क अिधिनयम स० 42 की धारा 29 ारा (31-5-1984 स) अनतःसथािपत 2 1983 क अिधिनयम स० 42 की धारा 29 ारा (31-5-1984 स) ldquoउपधारा (1) और (3)rdquo क सथान पर परितसथािपत 3 कोयला खान िविनयम 1957 क िलए दिखए भारत का राजपतर (अगरजी) 1957 भाग 2 खणड 3 प 2569 और धातमय खान िविनयम 1961 क िलए दिखए भारत

का राजपतर 1961 भाग 2 अनभाग 3(i) प 360 4 1959 क अिधिनयम स० 62 की धारा 31 ारा (16-1-1960 स) ldquoपरबनधक की अहरताएrdquo शबद क सथान पर परितसथािपत

21

(घ) खान क परबनधक और उनक अधीन कायर करन वाल अनय िक तय को अपन कतर का पालन दकषतापवरक करन क िलए समथर बनान क िलए सिवधाए उपबिनधत की जान की अपकषा करना

(ङ) खान क परबनधक और उनक अधीन कायर करन वाल िक तय की अहरताए परीकषा ारा या अनयथा अिभिनिश चत करन की रीित को और सकषमता परमाणपतर क अनद और नवीकत िकए जान को िविनयिमत करना

(च) ऐसी परीकषा और ऐस परमाणपतर क अनदान तथा नवीकरण क बार म दी जान वाली फीस यिद कोई ह िनयत करना

(छ) उन पिरिसथितय को िजनम और उन शत को िजसक अधयधीन रहत हए एक स अिधक खान का एक ही परबनधक क अधीन रहना या िकसी खान या िकनह खान का िविहत अहरताए न रखन वाल परबनधक क अधीन रहना िविधपणर होगा अवधािरत करना

1[(ज) इस अिधिनयम क अधीन की जान वाली जाच क िलए िजनक अनतगरत इस अिधिनयम क अधीन परमाणपतर धारण करन वाल िकसी िक त क अवचार या अकषमता स सब कोई जाच आती ह उपबनध करना और ऐस िकसी परमाणपतर क िनलमबन और र िकए जान क िलए उपबनध करना और जहा भी आवशयक हो वहा यह उपबनध करना िक जाच करन क िलए िनयक त िकए गए िक त को सािकषय को हािजर करान और दसतावज और भौितक पदाथ को पश करान क परयोजन क िलए िसिवल परिकरया सिहता 1908 (1908 का 5) क अधीन की िसिवल नयायालय की सब शिक तया पराप त ह गी ]

(झ) भारतीय िवसफोटक अिधिनयम 1884 (1884 का 4) और तद धीन बनाए गए िकनह िनयम क उपबनध क अधयधीन रहत हए िवसफोटक का भडारकरण परवहण और उपयोग िविनयिमत करना

2[(ञ) 3 िस तरय का खान म या खान क िकसी वगर म या ऐस िविशष ट परकार क शरम म िजनम ऐस िक तय क जीवन कषम या सवासथय क िलए खतरा रहता ह िनयोजन परितिष िनबरिनधत या िविनयिमत करना और ऐस िक त

ारा एक बार म वहन िकए जा सकन वाल बोझ क भार को पिरसीिमत करना ]

(ट) खान म िनयोिजत िक तय क कषम उनम उनक परवश करन और वहा स उनक िनकलन क साधन क िलए और उन कपक या िनकास की सखया क िलए जो उपबध िकए जान ह और कपक गत िनकास पथया और अवतलन पर बाड़ लगाई जान क िलए उपबनध करना

(ठ) खान क सवामी स सदाय पान वाल और खान क सवामी या परबनधक क परित सीध उ रदायी िक तय स िभन न िकसी िक त का खान म परबनधक क रप म या िकसी अनय िविनिदष ट हिसयत म िनयोजन परितिष करना

4[(ड) सतमभ या खिनज खणड क सथान िनिश चत करन अनरकषण और िनकाल या छाट जान तथा एक खान और दसरी खान क बीच पयारप त रोध क अनरकषण सिहत खान म सड़क और काम क सथल की सरकषा क िलए उपबनध करना

(ढ) खान म खिनज और महबनद अिग न-कषतर का िनरीकषण और सागर क या िकसी सरोवर या नदी या िकसी अनय भप ीय जलरािश क चाह वह पराकितक हो चाह कितरम या िकसी लोक सड़क या िनमारण क समीप खिनत िवषयक िनबनधन और िकनह खिनत म पानी भर जान या आग लग जान या उनक समय-पवर ढह जान क िवर समयक पवारवधानी बरती जान की अपकषा करना ]

(ण) खान क सवातन का और धल अिग न और जवलनशील तथा अपायकर गस क िवषय म की जान वाली काररवाई का िजसक अनतगरत सवतःदहन भिम क नीच की अिग न और कोयल की धल क िवर पवारवधानी आती ह उपबनध करना

5[(त) खान म िव त क जनन भणडारकरण रपानतरण पारषण और उपयोग की भारतीय िव त अिधिनयम 1910 (1910 का 9) और तद धीन बनाए गए िकनह िनयम क उपबनध क अधयधीन रहत हए िविनयिमत करना और खान म क सब िव त उपकरण िव त तार और उनम की सब अनय मशीनरी और सयतर की दखभाल और उपयोग क िविनयमन क िलए उपबनध करना ]

(थ) 6[खान म मशीनरी का उपयोग िविनयिमत करना ऐसी मशीनरी पर या उसक आसपास और कषरण-माग पर िनयोिजत िक तय क कषम क िलए उपबनध करना] और भिम क नीच कछ वग क चिलतर का परयोग िनबरिनधत करना

(द) खान म उिचत परकाश क िलए उपबनध करना और उनम िनरापद और लमप का परयोग िविनयिमत करना और िजस खान म िनरापद लमप परयोग म लाए जात ह उसम परवश करन वाल िक तय की तलाशी लना

1 1959 क अिधिनयम स० 62 की धारा 31 ारा (16-1-1960 स) खड (ज) क सथान पर परितसथािपत 2 1959 क अिधिनयम स० 62 की धारा 31 ारा (16-1-1960 स) खड (ञ) क सथान पर परितसथािपत 3 1983 क अिधिनयम स० 42 की धारा 30 ारा (31-5-1984 स) ldquoकमार औरrdquo शबद का लोप िकया गया 4 1959 क अिधिनयम स० 62 की धारा 31 ारा (16-1-1960 स) खड (ड) और (ढ) क सथान पर परितसथािपत 5 1959 क अिधिनयम स० 62 की धारा 31 ारा (16-1-1960 स) खड (त) क सथान पर परितसथािपत 6 1983 क अिधिनयम स० 42 की धारा 30 ारा (31-5-1984 स) कितपय शबद क सथान पर परितसथािपत

22

(ध) खान म 1[जवलनशील गस या धल क] िवसफोटक या जवलन या पानी क फट िनकलन या सिचत होन क िवर और उनस उदभत खतर क िवर उपबनध करना और ऐसी पिरिसथितय म खिनज क िनकाल जान का परितषध िनबरनधन या िविनयमन करना िजनस यह समभा ता हो िक उसक पिरणामसवरप खान म 1[खिनत] समय-पवर ढह जाए या यह िक उसक पिरणामसवरप खान म 1[खिनत ] का ढह जाना या जल का फट िनकलना या जवलन घिटत होगा या गरतर हो जाएगा

(न) 2[धारा 23 की उपधारा (1) क खड (छ) क अधीन दघरटना क परकार िविहत करना और दघरटना और खतरनाक घटना की सचना का और खिनज उतपाद िनयोिजत िक तय तथा िविनयम ारा उपबिनधत अनय बात की सचना िरपोट और िववरिणय का खान क सवािमय अिभकतार और परबनधक ारा िदया जाना िविहत करना] और ऐसी सचना िववरिणय और िरपोट क पररप व िक त और परािधकारी िजनह व दी जानी ह व िविशि या जो उनम अनतिवष ट होनी ह और वह समय िजसक अनदर व िनविदन की जानी ह िविहत करना

3[(प) 4[खान क सवािमय अिभकतार और परबनधक स खान क िलए िनयत सीमाए रखन की अपकषा करना उनस ससक त रखाक और खडिचतर तथा सथलीय िटपपण जो उनक ारा रख जान ह िविहत करना] और वह रीित िजसस और व सथान िजनम ऐस रखाक खणडिचतर और सथलीय िटपपण अिभलख क परयोजन क िलए रख जान ह िविहत करना और उनकी परितय का मखय िनरीकषक को िनविदत िकया जाना और उनस यह अपकषा करना िक व नए सवकषण कर और नए रखाक बनाए और अननपालन की दशा म िकसी अनय अिभकरण क माधयम स सवकषण कराना और रखाक तयार कराना और उनक य की वसली उसी रीित स करना िजसस भ-राजसव की बकाया होती ह ]

(फ) 5[िसथित स परभावी ढग स िनपटन क परयोजन क िलए] खान म या उनक आसपास दघरटना या आकिसमक िवसफोट या जवलन क घिटत होन पर अपनाई जान वाली परिकरया िविनयिमत करना

(ब) खान क सवामी अिभकतार या परबनधक ारा धारा 16 क अधीन दी जान वाली सचना का पररप और उसम अनतिवष ट होन वाली िविशि या िविहत करना

(भ) वह सचना िविहत करना जो िकसी ऐस सथान पर जो भारतीय रल अिधिनयम 1890 (1890 का 9) क उपबनध क अधयधीन की िकसी रल क या 6[यथािसथित िकनह ऐसी लोक सड़क या अनय सकम क जो सरकार ारा या िकसी सथानीय परािधकारी ारा अनरिकषत ह ] 7[पतालीस मीटर] क अनदर का हो खनन सिकरयाए परारमभ करन या उस तक िवसतािरत करन क पवर खान क सवामी अिभकतार या परबनधक ारा दी जानी ह

(म) िकसी खान क बार म उस दशा म जबिक खिनत म काम बनद कर िदया गया हो सरकार या िकसी सथानीय परािधकारी या भारतीय रल अिधिनयम 1890 (1890 का 9) म यथापिरभािषत िकसी रल कमपनी म िनिहत समपि की कषित स सरकषा

8[(मम) खान क सवामी अिभकतार या परबनधक स यह अपकषा करना िक खान क बनद िकए जान क पवर सरकषा-सकमर सि िमत कर और अननपालन की दशा म ऐस सकमर िकसी अनय अिभकरण ारा िनषपािदत कराना और ऐस सवामी स उनक य की वसली उसी रीित स करना िजसस भ-राजसव की बकाया की होती ह ]

(य) िकसी खान या खान क भाग या िकसी खदान आनित कपक गतर या िनकास म चाह उसका कायरकरण हो रहा हो या नह या िकसी खतरनाक या परितिष कषतर अवतलन कषरण टराम लाइन या पथया पर जहा जनता क सरकषण क िलए बाड़ लगाना आवशयक हो बाड़ लगाई जान की अपकषा करना

(यय) कोई अनय बात जो िविहत की जानी ह या िविहत की जाए

58 िनयम बनान की कनदरीय सरकार की शिक तmdashकनदरीय सरकार िनिम निलिखत सब परयोजन या उनम स िकसी क िलए ऐस िनयम जो इस अिधिनयम स सगत ह शासकीय राजपतर म अिधसचना ारा बना सकगी अथारत --

9[(क) सिमित क सदसय की पदाविध और उनकी सवा की अनय शत का तथा िरिक तया भरन की रीित का उपबनध कराना और अपना कारबार चलान क िलए सिमित ारा अनसिरत की जान वाली परिकरया िविनयिमत करना

(ख) धारा 23 की उपधारा (3) म िनिदष ट रिजसटर का पररप िविहत करना

1 1959 क अिधिनयम स० 62 की धारा 31 ारा (16-1-1960 स) अनतःसथािपत 2 1959 क अिधिनयम स० 62 की धारा 31 ारा (16-1-1960 स) ldquoसचनाए िविहत करन क िलएrdquo क सथान पर परितसथािपत 3 1959 क अिधिनयम स० 62 की धारा 31 ारा (16-1-1960 स) खड (प) क सथान पर परितसथािपत 4 1983 क अिधिनयम स० 42 की धारा 30 ारा (31-5-1984 स) कितपय शबद क सथान पर परितसथािपत 5 1983 क अिधिनयम स० 42 की धारा 30 ारा (31-5-1984 स) अनतःसथािपत 6 1959 क अिधिनयम स० 62 की धारा 31 ारा (16-1-1960 स) कितपय शबद क सथान पर परितसथािपत 7 1983 क अिधिनयम स० 42 की धारा 30 ारा (31-5-1984 स) ldquoपचास गजrdquo क सथान पर परितसथािपत 8 1959 क अिधिनयम स० 62 की धारा 31 ारा (16-1-1960 स) अनतःसथािपत 9 1983 क अिधिनयम स० 42 की धारा 31 ारा (31-5-1984 स) खड (क) क सथान पर परितसथािपत

23

(ग) धारा 24 क अधीन जाच नयायालय की िनयिक त क िलए उपबनध करना ऐस नयायालय की परिकरया और शिक तया िविनयिमत करना ऐस नयायालय क सदसय को यातरा-भ का सदाय करना और सयक त खान क परबनधक सवामी या अिभकतार स उक त नयायलय क य की 1[िजनक अनतगरत जाच स ससक त कोई अनय य आत ह] 2[उसी रीित स जस भ-राजसव की बकाया वसल की जाती ह] वसली करना

2[(गग) खान म िनयोिजत िक तय की ओर स तकनीकी िवशषजञ ारा (जो परािसथित म ओवरमन स कम नह ह) खान क िनरीकषण क िलए उसक िलए दी जान वाली सिवधा क िलए वह आवित िजस पर और वह रीित िजसम ऐस िनरीकषण िकए जाएग और वह रीित िजसम ऐस िनरीकषण की िरपोटर दी जाएगी उपबनध करना ]

(घ) िजन खान म कोई ि या िनयोिजत ह या पवरवत बारह मास म िकसी िदन िनयोिजत रह ह उनम ऐसी िस तरय क छह वषर स कम आय वाल बालक क उपयोग क िलए आरिकषत िकए जान वाल समिचत कमर बनाए रखन की अपकषा करना और या तो साधारणतः या खान म िनयोिजत िस तरय की सखया क परित िविशष ट िनदश स ऐस कमर की सखया और सतरमान और उन सख-सिवधा की जो उनम उपबिनधत की जानी ह और उस पयरवकषण की जो उनम िकया जाना ह परकित और िवसतार िविहत करना

(ङ) खान म िनयोिजत परष क उपयोग क िलए फहारयक त स नान सथान और लॉकर ककष और िजन खान म ि या िनयोिजत ह उनम िस तरय क उपयोग क िलए वस ही पथक सथान और ककष गतरमख पर या उनक आसपास बनाए रख जान की अपकषा करना और या तो साधारणतः या खान म मामली तौर पर िनयोिजत परष और िस तरय की सखया क परित िविशष ट िनदश स ऐस सथान और ककष की सखयाए और सतरमान िविहत करना

(च) खान म सवचछता का जो सतरमान बनाए रखना ह उस खान म उपबिनधत िकए जान वाल शौचालय और मतरालय का आनपाितक मान िविहत करना और 3 पय जल क परदाय क िलए िकया जान वाला उपबनध

1[(चच) िचिकतसीय सािधतर और सख-सिवधा क परदाय और बनाए रख जान क िलए उपबनध करना और पराथिमक उपचार बकस और कपबोड की अनतवरसतए और सखयाए पराथिमक उपचार क काम म परिशकषण पराथिमक उपचार कमर क आकार और उपसकर और उनक भारसाधक कमरचािरवनद और कषितगरसत िक तय को िचिकतसालय या औषधालय को परवहण करन क िलए इतजाम िविहत करना

(चचच) उन व यिक तय को जो खान म पयरवकषण या परबन ध क पद स िभन न पद पर िनयोिजत ह या िनयोिजत िकए जान ह व यावहािरक िशकषण िदए जान या परिशिकषत िकए जान की अपकषा करना और ऐस िशकषण और परिशकषण क िलए स कीम िविहत करना]

(छ) खान म मादक पय या औषिधय को कबज म रखन को या उनक उपभोग को और म ता की हालत म िकसी िक त क उनम परवश या उपिसथित को परितिष करना

(ज) धारा 36 क अधीन अपिकषत सचना क पररप िविहत करना और यह अपकषा करना िक ऐसी सचनाए िविनिदष ट भाषा म भी लगाई जाए

(झ) उन िक तय को पिरभािषत करना िजनकी बाबत धारा 37 क परयोजन क िलए यह समझा जाएगा िक व पयरवकषण या परबनध क पद धारण िकए हए ह या िकसी गोपनीयता की हिसयत म िनयोिजत ह

(ञ) उन िक तय या िक तय क िकसी वगर का खान म िनयोजन परितिष करना िजनकी बाबत िकसी अिहत िचिकतसा- वसायी ारा यह परमािणत न िकया गया हो िक उनह न अपना पदरहवा वषर परा कर िलया ह और वह रीित और व पिरिसथितया िजनम ऐस परमाणपतर अनद और परितसहत िकए जा सकग िविहत करना

4

1[(टट) खान म िनयोिजत या िनयोजन चाहन वाल िक तय स यह अपकषा करना िक व अपन को िचिकतसीय परीकषा क िलए परसतत कर और खान म िकसी िक त का िनयोजन िकए जान का आतयितक परितषध या िकसी िविशष ट हिसयत म या िविशष ट काम म िकए जान का परितषध िचिकतसीय आधार पर करना ]

5[(ठ) धारा 48 ारा अपिकषत रिजसटर क पररप और अधयाय 7 क परयोजन क िलए रिजसटर रखा जाना और उनक पररप िविहत करना ]

(ड) इस अिधिनयम को और िविनयम और िनयम की सिकषिप तया और वह भाषा िजसम सिकषिप तया और उपिविधया धारा 61 और 62 म अपिकषत रप स लगाई जाएगी िविहत करना

1 1959 क अिधिनयम स० 62 की धारा 32 ारा (16-1-1960 स) अनतःसथािपत 2 1983 क अिधिनयम स० 42 की धारा 31 ारा (31-5-1984 स) अनतःसथािपत 3 1959 क अिधिनयम स० 62 की धारा 32 ारा (16-1-1960 स) कितपय शबद का लोप िकया गया 4 1983 क अिधिनयम स० 42 की धारा 31 ारा (31-5-1984 स) (ट) का लोप िकया गया 5 1959 क अिधिनयम स० 62 की धारा 32 ारा (16-1-1960 स) खड (ठ) क सथान पर परितसथािपत

24

(ढ) यह अपकषा करना िक िजन बात क िलए िनयम बनाए गए ह उनस सब सचनाए िववरिणया और िरपोट खान क सवामी अिभकतार और परबनधक द और ऐसी सचना िववरिणय और िरपोट क पररप व िक त और परािधकारी िजनह व दी जानी ह व िविशि या जो उनम अनतिवष ट होनी ह और व समय िजनक अनदर व िनविदत की जानी ह िविहत करना

(ण) िजन खान म 1 पचास स अिधक िक त मामली तौर पर िनयोिजत रहत ह उनम भोजन करन क िलए यथायोगय और उपयक त ऐस आशरय क िजनम पीन क पानी का उपबनध भी हो उपबिनधत िकए जान और बनाए रख जान की अपकषा करना

(त) मखय िनरीकषक या िनरीकषक ारा इस िनिम िविनिदष ट िकसी ऐसी खान म िजसम दो सौ पचास स अिधक िक त मामली तौर पर िनयोिजत रहत ह ऐस िक तय क उपयोग क िलए कोई कटीन या कटीन उपबिनधत की जान और

बनाए रखी जान की अपकषा करना

(थ) हर ऐसी खान म िजसम पाच सौ या अिधक िक त मामली तौर पर िनयोिजत रहत ह इतनी सखया म कलयाण आिफसर िनयोिजत िकए जान की अपकषा करना िजतनी िविनिदष ट की जाए और ऐस कलयाण आिफसर की अहरताए और सवा क िनबनधन और शत और उनक ारा पालनीय कतर िविहत करना

2[(द) िविनिदष ट खान या िविनिदष ट खान क समह क िलए या िकसी िविनिदष ट कषतर की सब खान क िलए बचाव सटशन की सथापना की जान की अपकषा करना और यह िविहत करना िक ऐस सटशन कस और िकसक ारा सथािपत िकए जाएग

(ध) बचाव सटशन क परबनध क िलए उपबनध करना

(धक) बचाव िबरगड का गठन करन वाल िक तय की शारीिरक योगयता क मानक और अनय अहरता क िलए उपबनध करना

(धख) बचाव िबरगड का गठन करन वाल िक तय का िनवास-सथान िविहत करना ]

(न) 3 बचाव सटशन की िसथित उपसकर िनयतरण अनरकषण और कतय िविहत करना 4[(प) खड (द) क अधीन िविनिदष ट खान म उतपािदत और वहा स परिषत कोक और कोयल पर (पच चीस पस परित

टन स अनिधक दर स) उतपाद-शलक क उद गहण और सगरहण क िलए ऐसी खान क िलए बचाव सटशन िनिध का सजन करन क िलए भारत की सिचत िनिध म जमा िकए गए ऐस उपकर क आगम म स उन धनरािशय क जो कनदरीय सरकार ससद

ारा िविध ारा इस िनिम समयक िविनयोग िकए जान क पश चात उपबिनधत कर ऐसी िनिध म जमा िकए जान क िलए उस रीित क िलए िजसम ऐसी िनिध म स धन का उपयोग िकया जाएगा और ऐसी िनिध क परशासन क िलए उपबनध करना

(फ) बचाव िबरगड़ क बनाव परिशकषण सरचना और कतर क िलए 5 और साधारणतः खान म बचाव कायर क सचालन क िलए उपबनध करना 6

7[(फफ) िविनिदष ट खान या िविनिदष ट खान क समह क िलए सरकषा सिमितय क गठन क िलए या सरकषा की अिभवि करन क िलए िकसी िविनिदष ट कषतर म सभी खान क िलए और ऐसी सरकषा सिमितय की सरचना उनक गठन और कतय की रीित अिधकिथत करन क िलए उपबनध करना तथा]

(ब) साधारणतः िकसी ऐस मामल क िलए उपबनध करना िजनक िलए इस अिधिनयम या िविनयम ारा उपबनध न िकया गया हो और िजसक िलए उपबनध इस अिधिनयम को परभावी करन क िलए अपिकषत हो

59 िविनयम और िनयम का पवर परकाशनmdash(1) धारा 57 और 58 ारा परद िविनयम और िनयम बनान की शिक त इस शतर क अधयधीन ह िक य िविनयम और िनयम पवर परकाशन क पश चात बनाए जाएग

(2) जो तारीख साधारण खड अिधिनयम 1897 (1897 का 10) की धारा 23 क खड (3) क अनसार उस तारीख क रप म िविनिदष ट की जानी ह िजसक पश चात िक बनाए जान क िलए परसथािपत िविनयम या िनयम क परारप पर िवचार िकया जाएगा वह उस तारीख स तीन मास स कम की होगी िजसको परसथािपत िविनयम या िनयम का परारप साधारण जानकारी क िलए परकािशत िकया जाए

1 1959 क अिधिनयम स० 62 की धारा 32 ारा (16-1-1960 स) ldquoएक सौ औरrdquo शबद का लोप िकया गया 2 1983 क अिधिनयम स० 42 की धारा 31 ारा (31-5-1984 स) खड (द) और (ध) क सथान पर परसथािपत 3 1983 क अिधिनयम स० 42 की धारा 31 ारा (31-5-1984 स) ldquoकनदरीयrdquo शबद का लोप िकया गया 4 1983 क अिधिनयम स० 42 की धारा 31 ारा (31-5-1984 स) खड (प) क सथान पर परितसथािपत 5 1983 क अिधिनयम स० 42 की धारा 31 ारा (31-5-1984 स) कितपय शबद का लोप िकया गया 6 1983 क अिधिनयम स० 42 की धारा 31 ारा (31-5-1984 स) ldquoऔरrdquo शबद का लोप िकया गया 7 1983 क अिधिनयम स० 42 की धारा 31 ारा (31-5-1984 स) अनतःसथािपत

25

1

2[(4) कोई भी िविनयम या िनयम तब तक नह बनाया जाएगा जब तक िक उस िविनयम या िनयम का परारप धारा 12 की उपधारा (1) क अधीन गिठत सिमित को िनदिशत न कर िदया गया हो और जब तक उस सिमित को उसक बनाए जान की समीचीनता और उसक उपबनध की उपयक तता की बाबत िरपोटर दन का यिक तयक त अवसर न िमल गया हो ]

(5) िविनयम और िनयम शासकीय राजपतर म परकािशत िकए जाएग और ऐस परकािशत िकए जान पर ऐस परभाव रखग मानो व इस अिधिनयम म अिधिनिमत ह

(6) उपधारा (1) उपधारा (2) और उपधारा (4) क उपबनध उस अवसर को लाग न ह ग िजस पर धारा 58 क खड (घ) या खड (ङ) म िनदिशत िनयम सवरपरथम बनाए जाए

3

60 पवर परकाशन क िबना िविनयम बनान की शिक तmdashयिद कनदरीय सरकार का समाधान हो जाए िक आशिकत खतर का िनवारण करन या खतरा पदा करन की सभा ता रखन वाली िसथितय का शीघर उपचार करन क िलए यह आवशयक ह िक ऐस िविनयम बनान म वह िवलमब न होन िदया जाए जो ऐस परकाशन और िनदशन स होगा तो धारा 57 4 क अधीन िविनयम धारा 59 की उपधारा (1) उपधारा (2) और उपधारा 5[(4)] म अनतिवष ट िकसी बात क होत हए भी पवर परकाशन और 6[धारा 12 की उपधारा (1) क अधीन गिठत सिमित] को 7 िनदशन क िबना बनाए जा सकग

परनत इस परकार बनाए गए िविनयम 8[सिमित की जानकारी क िलए भज जाएग और] बनाए जान स 9[एक वषर] स अिधक क िलए परव नह रहग

61 उपिविधयाmdash(1) खान का सवामी अिभकतार या परबनधक 10[उस खान म िकसी िवशष मशीनरी क उपयोग या कायरकरण की िकसी िवशष प ित को अपनाए जान क शािस त करन क िलए] इस अिधिनयम या िकनह ततसमय परव िविनयम या िनयम स असगत न होन वाली ऐसी उपिविधय का परारप जसी िक ऐसा सवामी अिभकतार या परबनधक उस खान म दघरटना का िनवारण करन क िलए और उसम िनयोिजत िक तय क कषम सिवधा और अनशासन हत उपबनध करन क िलए आवशयक समझ तयार कर सकगा और मखय िनरीकषक या िनरीकषक को िनविदत कर सकगा और यिद ऐसा करन की उसस अपकषा मखय िनरीकषक या िनरीकषक ारा की जाए तो तयार करगा और िनविदत करगा

(2) यिद ऐसा कोई सवामी अिभकतार या परबनधकmdash

(क) मखय िनरीकषक या िनरीकषक ारा ऐसा करन की उसस अपकषा की जान क पश चात दो मास क अनदर उपिविधय का परारप िनविदत करन म असफल रह अथवा

(ख) उपिविधय का ऐसा परारप िनविदत कर जो मखय िनरीकषक या िनरीकषक की राय म पयार न हो

तो मखय िनरीकषक या िनरीकषकmdash

(i) ऐसी उपिविधय का परारप परसथािपत कर सकगा जो उस पयार परतीत ह अथवा

(ii) सवामी अिभकतार या परबनधक ारा जो परारप उस िनविदत िकया गया हो उसम ऐस सशोधन परसथािपत कर सकगा िजनस उसकी राय म वह पयार हो जाएगा और ऐसी परारप-उपिविधया या परारप-सशोधन यथािसथित सवामी अिभकतार या परबनधक क पास िवचार क िलए भजगा

(3) यिद उस तारीख स िजसको कोई परारप-उपिविधया या परारप-सशोधन मखय िनरीकषक या िनरीकषक न सवामी अिभकतार या परबनधक क पास उपधारा (2) क उपबनध क अधीन भज ह दो मास की कालाविध क अनदर मखय िनरीकषक या िनरीकषक और सवामी अिभकतार या परबनधक उपधारा (1) क अधीन बनाई जान वाली उपिविधय क िनबनधन क िवषय म परसपर सहमत होन म

1 1959 क अिधिनयम स० 62 की धारा 33 ारा (16-1-1960 स) उपधारा (3) का लोप िकया गया 2 1983 क अिधिनयम स० 42 की धारा 32 ारा (31-5-1984 स) उपधारा (4) क सथान पर परितसथािपत 3 1983 क अिधिनयम स० 42 की धारा 32 ारा (31-5-1984 स) उपधारा (7) का लोप िकया गया 4 1959 क अिधिनयम स० 62 की धारा 34 ारा (16-1-1960 स) ldquoक खड (ठ) को अपविजत करत हए खड (झ) और खड (ट) स (ख) (ध)rdquo शबद को क और अकषर का

लोप िकया गया 5 1959 क अिधिनयम स० 62 की धारा 34 ारा (16-1-1960 स) ldquo(3)rdquo क सथान पर परितसथािपत 6 1983 क अिधिनयम स० 42 की धारा 33 ारा (31-5-1984 स) ldquoखनन बोड rdquo क सथान पर परितसथािपत 7 1959 क अिधिनयम स० 62 की धारा 34 ारा (16-1-1960 स) ldquoपवरrdquo शबद का लोप िकया गया 8 1983 क अिधिनयम स० 42 की धारा 33 ारा (31-5-1984 स) अनतःसथािपत 9 1959 क अिधिनयम स० 62 की धारा 34 ारा (16-1-1960 स) ldquoदो वषरrdquo क सथान पर परितसथािपत 10 1983 क अिधिनयम स० 42 की धारा 34 ारा (31-5-1984 स) कितपय शबद क सथान पर परितसथािपत

26

असमथर रह तो मखय िनरीकषक या िनरीकषक परारप-उपिविधय को पिरिनधाररण क िलए 1[धारा 12 की उपधारा (1) क अधीन गिठत सिमित को] िनदिशत करगा

(4) (क) जबिक ऐसी पररप-उपिविधय पर अिभकतार या परबनधक और मखय िनरीकषक सहमत हो गए ह या जबिक उनक सहमत होन म असमथर होन पर व 2[धारा 12 की उपधारा (1) क अधीन गिठत सिमित को] ारा पिरिनधारिरत कर दी गई ह तब मखय िनरीकषक या िनरीकषक ारा परारप-उपिविधय की एक परित कनदरीय सरकार को अनमोदनाथर भजी जाएगी

(ख) कनदरीय सरकार परारप-उपिविधय म ऐसा उपातरण कर सकगी जसा वह ठीक समझ

(ग) इसस पवर िक कनदरीय सरकार परारप-उपिविधय का अनमोदन चाह उपातर क सिहत या उनक िबना कर उपिविधया बनान की परसथापना की और उस सथान की जहा परारप-उपिविधय की परितया अिभपरा की जा सकगी और उस समय की (जो तीस िदन स कम का न होगा) इसक अनदर िक परभािवत िक तय क ारा या उनकी ओर स परारप-उपिविधय क परित िकया गया कोई आकषप कनदरीय सरकार को भजा जाना चािहए सचना ऐसी रीित स जसी कनदरीय सरकार परभािवत िक तय की जानकारी दन क िलए उपयक ततम समझ परकािशत की जाएगी

(घ) हर आकषप िलिखत होगा और उसमmdash

(i) आकषप क िविशष ट आधार तथा

(ii) चाह गए लोप पिरवधरन या उपानतर

किथत ह ग

(ङ) उन िक तय क ारा या उनकी ओर स िजनकी बाबत कनदरीय सरकार को यह परतीत हो िक व तद ारा परभािवत िक त ह अपिकषत समय क अनदर िकए गए आकषप पर वह सरकार िवचार करगी और उपिविधय पर या तो उस रप म िजसम व परकािशत की गई थ या उनम ऐस सशोधन करक िजनह वह ठीक समझ अनमोिदत कर सकगी

(5) कनदरीय सरकार ारा इस परकार अनमोिदत हो जान पर उपिविधया इस परकार परभावी ह गी मानो व इस अिधिनयम म अिधिनयिमत ह और खान का सवामी अिभकतार या परबनधक उन उपिविधय की एक परित अगरजी म और ऐसी अनय भाषा या भाषा म जसी िविहत की जाए खान म या उसक आसपास िकसी ऐस सहजदशय सथान पर लगवाएगा जहा व उपिविधया िनयोिजत

िक तय ारा सिवधापवरक पढ़ी या दखी जा सक और िजतनी बार व िवरिपत हो जाए िमट जाए या नष ट हो जाए उतनी बार यिक तयक त शीघरता क साथ उनह नए िसर स लगवाएगा

(6) कनदरीय सरकार इस परकार िनिमत िकसी उपिविध को िलिखत आदश ारा पणरतः या भागतः िवखिडत कर सकगी और तदपिर ऐसी उपिविध तदनसार परभावहीन हो जाएगी

3[61क िविनयम िनयम और उपिविधय का ससद क समकष रखा जानाmdashधारा 57 क अधीन बनाया गया परतयक िविनयम धारा 58 क अधीन बनाया गया परतयक िनयम और धारा 61 क अधीन बनाई गई परतयक उपिविध बनाई जान क पश चात यथाशीघर ससद क परतयक सदन क समकष जब वह सतर म हो कल तीस िदन की अविध क िलए रखा जाएगा या रखी जाएगी यह अविध एक सतरा म अथवा दो या अिधक आनकरिमक सतर म परी हो सकगी यिद उस सतर क या पव क त आनकरिमक सतर म अवसान क पवर दोन सदन उस िविनयम िनयम या उपिविध म कोई पिरवतरन करन क िलए सहमत हो जाए तो ततपश चात वह ऐस पिरवितत रप म ही परभावी होगा या होगी यिद उक त अवसान क पवर दोन सदन सहमत हो जाए िक वह िविनयम िनयम या उपिविध नह बनाया या बनायी जानी चािहए तो ततपश चात वह िनषपरभाव हो जाएगा या हो जाएगी िकनत यथािसथित िविनयम िनयम या उपिविधय क ऐस पिरवितत या िनषपरषभाव होन स उसक अधीन पहल की गई िकसी बात की िविधमानयता पर परितकल परभाव नह पड़गा ]

62 अिधिनयम िविनयम आिद की सिकषिप तया लगवानाmdashहर खान म या उसक आसपास अगरजी म और ऐसी अनय भाषा या भाषा म जो िविहत की जाए अिधिनयम की और िविनयम और िनयम की िविहत सिकषिप तया लगाई रखी जाएगी

अधयाय 9

शािसतया और परिकरया 63 बाधा डालनाmdash(1) जो कोई मखय िनरीकषक िनरीकषक या धारा 8 क अधीन परािधकत िकसी िक त क इस अिधिनयम क अधीन क उसक अपन कतर क िनवरहन म बाधा डालगा या मखय िनरीकषक िनरीकषक या ऐस िक त को िकसी खान क समबनध म इस अिधिनयम क ारा या अधीन परािधकत कोई परवश िनरीकषण परीकषा या जाच करन क िलए कोई यिक तयक त सिवधा दन स इनकार करगा या दन म जानबझकर उपकषा करगा वह कारावास स िजसकी अविध तीन मास तक की हो सकगी या जमारन स जो पाच सौ रपए तक का हो सकगा या दोन स दणडनीय होगा

1 1983 क अिधिनयम स० 42 की धारा 34 ारा (31-5-1984 स) कितपय शबद क सथान पर परितसथािपत 2 1983 क अिधिनयम स० 42 की धारा 34 ारा (31-5-1984 स) कितपय शबद क सथान पर परितसथािपत 3 1983 क अिधिनयम स० 42 की धारा 35 ारा (31-5-1984 स) अतःसथािपत

27

(2) जो कोई इस अिधिनयम क अनसरण म रख गए िकनह रिजसटर या अनय दसतावज को मखय िनरीकषक या िनरीकषक की माग पर पश करन स इनकार करगा अथवा िकसी ऐस िनरीकषण आिफसर क समकष जो इस अिधिनयम क अधीन क अपन कतर क अनसरण म कायर कर रहा ह उपसजात होन या उसक ारा परीकषा की जान स िकसी िक त को िनवािरत करगा या िनवािरत करन का परयत न करगा या कोई ऐसा कायर करगा िजसक बार म उसक पास यह िवश वास करन का कारण हो िक उसस उसका इस परकार िनवािरत होना सभा ह वह जमारन स जो तीन सौ रपए तक का हो सकगा दणडनीय होगा

64 अिभलख का िमथयाकरण आिदmdashजो कोईmdash

(क) इस अिधिनयम क अधीन अनद िकसी परमाणपतर का या परमाणपतर की िकसी कायारलय परित का कटकरण करगा या जानत हए उसम िमथया कथन करगा अथवा

(ख) जानत हए ऐस िकसी कटकतय या िमथया परमाणपतर को असली क रप म उपयोग म लाएगा अथवा

(ग) कोई िमथया घोषणा कथन या सा य यह जानत हए िक वह िमथया ह अपन िलए या िकसी अनय िक त क िलए इस अिधिनयम क अधीन परमाणपतर अिभपरा करन या परमाणपतर का नवीकरण करान या खान म िनयोजन अिभपरा करन क परयोजनाथर करगा या बनाएगा या पश करगा या उपयोग म लाएगा अथवा

1[(घ) िकसी ऐस रखाक खडिचतर रिजसटर या अिभलख का िमथयाकरण करगा िजसका रखा जाना इस अिधिनयम क ारा या अधीन अपिकषत हो या ऐसा िमथया रखाक खडिचतर रिजसटर या अिभलख उस िमथया जानत हए िकसी परािधकारी क

समकष पश करगा अथवा]

(ङ) कोई ऐसा रखाक िववरणी सचना अिभलख या िरपोटर बनाएगा दगा या पिरद करगा िजसम ऐसा कथन परिवि या बयौरा अनतिवष ट हो जो उसकी सव म जानकारी या िवश वास क अनसार सही न हो

वह कारावास स िजसकी अविध तीन मास तक की हो सकगी या जमारन स जो 2[एक हजार रपए] तक का हो सकगा या दोन स दणडनीय होगा

65 िमथया योगयता परमाणपतर का उपयोगmdashजो कोई 3[धारा 43] क अधीन अनय िक त को अनद िकसी परमाणपतर का उस धारा क अधीन अपन को योगयता-परमाणपतर क रप म जानत हए उपयोग करगा या उपयोग करन का परयत न करगा या उस धारा क अधीन अपन को योग यता-परमाणपतर अनद िकए जान पर जानत हए अनय िक त को उसका उपयोग करन दगा या उपयोग करन का परय करन दगा वह कारावास स िजसकी अविध एक मास तक की हो सकगी या जमारन स जो 4[दो सौ] रपए तक का हो सकगा या दोन स दणडनीय ोगा

िक तयक त कारण क िजस सािबत करन का भार उस पर होगा करगा जमारन स जो 6[एक हजार] रपए क का हो

ास स िजसकी विध तीन

ोिजत िकया जाता ह तो ऐसी खान का सवामी अिभकतार या परबनधक ऐस जमारन स जो पाच सौ रपए क का हो

ी अविध तीन मास तक की हो सकगी या जमारन स जो 10[दो हजार पाच सौ] रपए तक का हो सकगा या दोन स दणडनीय होगा

66 रखाक आिद दन का लोपmdashकोई िक त जो इस अिधिनयम क ारा या अधीन बनाए जान या िदए जान क िलए अपिकषत कोई रखाक 5[खडिचतर] िववरणी सचना रिजसटर अिभलख या िरपोटर िविहत पररप म या िविहत रीित स या िविहत समय पर या क भीतर बनान या दन का लोप िकए िबना यत सकगा दणडनीय होगा

67 शरिमक क िनयोजन िवषयक उपबनध का उललघनmdashजो कोई उसक िसवाय जसा िक धारा 38 ारा अनजञात ह इस अिधिनयम क या िकसी िविनयम िनयम या उपिविध क या तद धीन िकए गए िकसी आदश क िकसी ऐस उपबनध का उललघन करगा जो खान म या उसक आसपास िक तय क िनयोजन या उनकी उपिसथित को परितिष िनबरिनधत या िविनयिमत करता हो वह कारावअ मास तक की हो सकगी या जमारन स जो 7[एक हजार] रपए तक का हो सकगा या दोन स 8 दडनीय होगा

9[68 अठारह वषर स कम आय क िक तय क िनयोजन क िलए शािसतmdashयिद अठारह वषर स कम आय क िकसी िक त को धारा 40 क उललघन म िकसी खान म िनयत सकगा दणडनीय होगा ]

69 परबनधक िनयक त करन म असफलताmdashधारा 17 क उपबनध क उललघन म जो कोई परबनधक िनयक त करन म असफल रहगा वह कारावास स िजसक11

1 1959 क अिधिनयम स० 62 की धारा 35 ारा (16-1-1960 स) खड (घ) क सथान पर परितसथािपत 2 1959 क अिधिनयम स० 62 की धारा 35 ारा (16-1-1960 स) ldquoपाच सौ रपएrdquo क सथान पर परितसथािपत 3 1983 क अिधिनयम स० 42 की धारा 36 ारा (31-5-1984 स) ldquoधारा 40rdquo क सथान पर परितसथािपत 4 1959 क अिधिनयम स० 62 की धारा 36 ारा (16-1-1960 स) ldquoपचासrdquo क सथान पर परितसथािपत 5 1959 क अिधिनयम स० 62 की धारा 37 ारा (16-1-1960 स) अनतःसथािपत 6 1959 क अिधिनयम स० 62 की धारा 37 ारा (16-1-1960 स) ldquoदो सौrdquo क सथान पर परितसथािप 7 1959 क अिधिनयम स० 62 की धारा 38 ारा (16-1-1960 स) ldquoपाच सौrdquo क सथान पर परितसथािपत 8 1959 क अिधिनयम स० 62 की धारा 38 ारा (16-1-1960 स) कितपय शबद का लोप िकया गया 9 1983 क अिधिनयम स० 42 की धारा 37 ारा (31-5-1984 स) धारा 68 क सथान पर परितसथािपत 10 1959 क अिधिनयम स० 62 की धारा 39 ारा (16-1-1960 स) ldquoपाच सौrdquo क सथान पर परितसथािपत 11 1959 क अिधिनयम स० 62 की धारा 39 ारा (16-1-1960 स) कितपय शबद का लोप िकया गया

28

70 दघरटना की सचनाmdash(1) धारा 23 की उपधारा (1) क उपबनध क उललघन म जो कोई िकसी दघरटना की सचना दन म या उस सचना की परित उस उपधारा म िनिदष ट िवशष सचनाप पर लगान म और िविनिदष ट कालाविध क िलए वहा रखन म असफल रहगा वह कारावास स िजसकी अविध तीन मास तक की हो सकगी या जमारन स जो पाच सौ रपए तक का हो सकगा या दोन स दणनीय होगा

(2) कनदरीय सरकार ारा धारा 23 की उपधारा (3) क अधीन िदए गए िनदश क उललघन म जो कोई िकसी दघरटना को िविहत रिजसटर म अिभिलिखत करन म या उसकी सचना दन म असफल रहगा वह कारावास स िजसकी अविध तीन मास तक की हो सकगी या जमारन स तो पाच सौ रपए तक का हो सकगा या दोन स दणडनीय होगा

71 कितपय मामल म सवामी आिद का मखय िनरीकषक को िरपोटर दनाmdashजहा िक खान क यथािसथित सवामी अिभकतार या परबनधक न खान म या उसक आसपास िनयोिजत िकसी िक त क िवर कायरवाही इस अिधिनयम क अधीन क िकसी अपराध क बार म की हो वहा वह नयायालय क िनणरय या आदश की तारीख स इक कीस िदन क अनदर उसक पिरणाम की िरपोटर मखय िनरीकषक को दगा

72 खान म िनयोिजत िक तय की बाधयताmdashखान म िनयोिजत कोई भी िक तmdash

(क) खान म िनयोिजत िक तय का सवासथय कषम या कलयाण सिनिश चत करन क परयोजनाथर खान म उपबिनधत िकसी सािधतर सिवधा या अनय चीज म जानबझकर हसतकषप या उसका जानबझकर दरपयोग न करगा

(ख) जानबझकर और यिक तयक त कारण क िबना कोई ऐसी बात न करगा िजसस सवय उसक या अनय क सकटाप होन की सभा ता हो

(ग) खान म िनयोिजत िक तय का सवासथय या कषम सिनिश चत करन क परयोजनाथर उसम उपबिनधत िकसी सािधतर या अनय चीज को उपयोग म लान की जानबझकर उपकषा नह करगा

1[72क कछ िविनयम क उललघन क िलए िवशष उपबनधmdashजो कोई धारा 57 क खणड (घ) खणड (झ) खणड (ड) खणड (ढ) खणड (ण) खणड (त) खणड (द) खणड (ध) और खणड (प) म िविनिदष ट बात स सब िकसी िविनयम क या िकसी उपिविध क या तद धीन िकए गए िकसी आदश क िकसी उपबनध का उललघन करगा वह कारावास स िजसकी अविध छह मास तक की हो सकगी या जमारन स जो दो हजार रपए तक का हो सकगा या दोन स दणडनीय होगा

72ख धारा 22 क अधीन आदश क उललघन क िलए िवशष उपबनधmdashजो कोई धारा 22 की उपधारा (1क) उपधारा (2) या उपधारा (3) क अधीन 2[या धारा 22क की उपधारा (2) क अधीन] िनकाल गए आदश क उललघन म खान का कायरकरण चाल रखगा वह कारावास स िजसकी अविध दो वषर तक की हो सकगी दडनीय होगा और जमारन स भी जो पाच हजार रपए तक का हो सकगा दडनीय होगा

2[परनत नयायालय क िनणरय म लखब िकए जान वाल ततपरितकल िवशष और पयारप त कारण क अभाव म ऐसा जमारना खड (क) म िनिदष ट उललघन की दशा म तीन हजार रपए स कम नह होगा ]

72ग िविध क ऐस उललघन क िलए िजसक खतरनाक पिरणाम होत ह िवशष उपबनधmdash(1) जो कोई इस अिधिनयम क या िकसी िविनयम िनयम या उपिविध क या तद धीन िकए गए [धारा 22 की उपधारा (1क) या उपधारा (2) या उपधारा (3) 3[या धारा 22क की उपधारा (2)] क अधीन िकए गए आदश स िभ ] िकसी आदश क िकसी उपबनध का उललघन करगा वहmdash

(क) यिद ऐस उललघन क पिरणामसवरप जीवन की हािन हो तो कारावास स जो दो वषर तक का हो सकगा या जमारन स जो पाच हजार रपए तक का हो सकगा या दोन स दणडनीय होगा या

(ख) यिद ऐस उललघन क पिरणामसवरप गमभीर शारीिरक कषित हो तो कारावास स जो एक वषर तक का हो सकगा या जमारन स जो तीन हजार रपए तक का हो सकगा या दोन स दडनीय होगा अथवा

(ग) यिद ऐस उललघन स खान म िनयोिजत िक तय को या खान म या उसक आसपास क अनय िक तय को कषित या खतरा कािरत हो तो कारवास स जो तीन मास तक का हो सकगा या जमारन स जो एक हजार रपए तक का हो सकगा या दोन स दणडनीय होगा 6[परनत नयायालय क िनणरय म लखब िकए जान वाल ततपरितकल िवशष और पयारप त कारण क अभाव म ऐसा जमारना

खणड (क) म िनिदष ट उललघन की दशा म तीन हजार रपए स कम नह होगा ]

(2) जहा िक कोई िक त इस धारा क अधीन दोषिस िकए गए जान पर िफर उसक अधीन दोषिस िकया जाए वहा वह उपधारा (1) ारा उपबिनधत दड क दगन दड स दणडनीय होगा

1 1959 क अिधिनयम स० 62 की धारा 40 ारा (16-1-1960 स) धारा 73 तथा धारा 74 क सथान पर परितसथािपत 2 1983 क अिधिनयम स० 42 की धारा 38 ारा (31-5-1984 स) अतःसथािपत 3 1983 क अिधिनयम स० 42 की धारा 39 ारा (31-5-1984 स) अतःसथािपत

29

(3) इस धारा क अधीन पािरत जमारन का दडादश आरोिपत करन वाला अथवा अपील या पनरीकषण म या अनयथा उसकी पिष ट करन वाला नयायालय िनणरय पािरत करत समय आदश द सकगा िक वसल िकया गया सपणर जमारना या उसका कोई भाग कषितगरसत िक त को या उसकी मतय की दशा म उसक िविधक परितिनिध को परितकर क रप म िदया जाए

परनत यिद जमारना ऐस मामल म आरोिपत िकया जाए जो अपीलनीय हो तो अपील उपिसथत िकए जान क िलए अनजञात कालाविध क बीत जान क पहल या यिद अपील उपिसथत की गई हो तो अपील क िविनश चय स पहल ऐसा कोई भी सदाय नह िकया जाएगा

73 आदश की अवजञा क िलए साधारण उपबनधmdashजो कोई इस अिधिनयम क या िकसी िविनयम िनयम या उपिविध क या तद धीन िकए गए िकसी आदश क िकसी ऐस उपबनध का उललघन करगा िजसक उललघन क िलए एतिसमनपवर कोई शािसत उपबिनधत नह ह वह कारावास स िजसकी अविध तीन मास तक की हो सकगी या जमारन स जो एक हजार रपए तक का हो सकगा या दोन स दडनीय होगा

74 पवर दोषिसि क पश चात विधत शािसतmdashयिद कोई िक त जो (धारा 72ख और 72ग स िभ ) पवरगामी उपबनध म स िकसी क अधीन दडनीय िकसी अपराध का दोषिस िकया जा चका हो पवर दोषिसि क दो वषर क अनदर िकए गए और उसी उपबनध का उललघन अनतवरिलत करन वाल िकसी अपराध क िलए पनः दोषिस िकया जाए तो वह हर एक पश चात वत दोषिसि क िलए उस दड क दगन दणड स दणडनीय होगा िजसस वह ऐस उपबनध क परथम उललघन क िलए दडनीय होता ]

75 सवामी अिभकतार या परबनधक का अिभयोजनmdashइस अिधिनयम क अधीन क िकसी अपराध क िलए िकसी सवामी अिभकतार या परबनधक क िवर कोई भी अिभयोजन मखय िनरीकषक की या िजला मिजसटरट की या मखय िनरीकषक क िलिखत साधारण या िवशष आदश ारा इस िनिम परािधकत िनरीकषक की पररणा पर सिसथत िकए जान क िसवाय सिसथत नह िकया जाएगा

1[परनत मखय िनरीकषक या िजला मिजसटरट या इस परकार परािधकत िनरीकषक ऐसा अिभयोजन सिसथत करन स पवर अपना यह समाधान करगा िक सवामी अिभकतार या परबनधक ऐस अपराध क िकए जान को रोकन म सभी समयक ततपरता बरतन म असफल रहा था ]

2[परनत यह और िक] िकसी खान म तकनीकी िनदशन और परबनध क अनकरम म िकए गए िकसी अपराध क बार म िजला मिजसटरट िकसी सवामी अिभकतार या परबनधक क िवर कोई अिभयोजन मखय िनरीकषक क पवर अनमोदन स सिसथत करन क िसवाय सिसथत नह करगा

3[76 कितपय मामल म सवामी का अवधारणmdashजहा िक खान का सवामी कोई फमर या िष टय का अनय सगम हो वहा उसक सब भागीदार या सदसय या उनम स कोई अथवा जहा िक खान का सवामी कमपनी हो वहा उसक सब िनदशक या उनम स कोई अथवा जहा िक खान का सवामी सरकार या कोई सथानीय परािधकारी हो वहा यथािसथित ऐसी सरकार या सथानीय परािधकारी ारा खान क कामकाज का परबनध करन क िलए परािधकत सब आिफसर या िक त या उनम स कोई ऐस िकसी अपराध क िलए िजसक िलए खान का सवामी दडनीय हो इस अिधिनयम क अधीन अिभयोिजत और दिडत िकया जा सकगा

4[परनत जहा िकसी फमर सगम या कमपनी न मखय िनरीकषक को िलिखत रप म यह सचना द दी ह िक उसनmdash

(क) फमर की दशा म उसक िकसी भागीदार या परबनधक को

(ख) सगम की दशा म उसक िकसी सदसय या परबनधक को

(ग) कमपनी की दशा म उसक िकसी िनदशक या परबनधक को

जो परतयक मामल म िकसी ऐस सथान म िजस पर इस अिधिनयम का िवसतार ह िनवासी ह और जो परतयक मामल म या तो वासतव म ऐसी फमर सगम या कमपनी क परबनध का भारसाधक ह या उसम अिधकाश शयर धारण करता ह इस अिधिनयम क परयोजन क िलए खान क सवामी क उ रदाियतव को गरहण करन क िलए नामिनदिशत कर िदया ह वहा यथािसथित ऐसा भागीदार सदसय िनदशक या परबनधक जब तक वह ऐसा िनवासी बना रहता ह और पव क त रप म भारसाधक ह या अिधकाश शयर को धारण करता ह इस अिधिनयम क परयोजन क िलए खान का सवामी समझा जाएगा जब तक िक उसक नामिनदशन को र करन वाली या यह कथन करन वाली कोई िलिखत सचना की वह यथािसथित भागीदारी सदसय िनदशक या परबनधक नह रहा ह मखय िनरीकषक को पराप त नह हो जाती ह

सपष टीकरणmdashजहा िकसी फमर सगम या कमपनी क िविभन न सथापन या शाखाए ह अथवा उसक िकसी सथापन या शाखा म िविभन न एकक ह वहा िविभन न सथापन या शाखा या एकक क सबध म इस परनतक क अधीन िविभन न िक तय को नामिनदिशत िकया जा सकगा और इस परकार नामिनदिशत िक त कवल उस सथापन शाखा या एकक क समबनध म िजसक समबनध म उस नामिनदिशत िकया गया ह खान का सवामी समझा जाएगा ]

1 1983 क अिधिनयम स० 42 की धारा 40 ारा (31-5-1984 स) अतःसथािपत 2 1983 क अिधिनयम स० 42 की धारा 40 ारा (31-5-1984 स) ldquoपरनतrdquo क सथान पर परितसथािपत 3 1959 क अिधिनयम स० 62 की धारा 41 ारा (16-1-1960 स) धारा 76 क सथान पर परितसथािपत 4 1983 क अिधिनयम स० 42 की धारा 41 ारा (31-5-1984 स) ldquoपरनतकrdquo क सथान पर परितसथािपत

30

77 सवामी अिभकतार या परबनधक को दाियतव स कितपय दशा म छटmdashजहा िक खान का सवामी अिभकतार या परबनधक जो इस अिधिनयम क अधीन िकसी अपराध का अिभयक त हो यह अिभकथन कर िक वासतिवक अपराधी अनय िक त ह वहा वह अपन

ारा इस िनिम िकए गए पिरवाद पर 1[और वासतिवक अपराधी का जञात पता दन पर] और अिभयोजक को ऐसा करन क अपन आशय की तीन स अनयन पणर िदन की िलिखत सचना दन पर इस बात का हकदार होगा िक वह अनय िक त उस तारीख को जो मामल की सनवाई क िलए िनयत हो नयायालय क समकष लाया जाए और यिद अपराध का िकया जाना सािबत हो जान क पश चात खान का यथािसथित सवामी अिभकतार या परबनधक नयायालय को समाधान परदान करन वाल रप म सािबत कर द िकmdash

(क) इस अिधिनयम क ससगत उपबनध का िनषपादन करान क िलए उसन समयक ततपता बरती ह तथा (ख) उस अनय िक त न परश नगत अपराध को उसक जञान सममित या मौनानकलता क िबना िकया ह

तो उक त अनय िक त उस अपराध क िलए दोषिस िकया जाएगा और उसी परकार क दणड स ऐस दडनीय होगा मानो वह खान का सवामी अिभकतार या परबनधक हो और यथािसथित सवामी अिभकतार या परबनधक दोषमक त कर िदया जाएगा परनतmdash

(क) यथािसथित खान क सवामी अिभकतार या परबनधक की शपथ पर परीकषा की जा सकगी और उसक और िकसी अनय साकषी क िजस वह अपन समथरन म बलाए सा य की उस िक त क ारा या की ओर स िजसकी बाबत वह अिभकिथत करता हो िक वह वासतिवक अपराधी ह और अिभयोजक ारा परितपरीकषा की जा सकगी

(ख) यिद वह िक त िजसका वासतिवक अपराधी होना अिभकिथत हो उस तारीख को जो मामल की सनवाई क िलए िनयत हो नयायालय क समकष समयक ततपरता बरती जान पर भी न लाया जा सक तो नयायालय उसकी सनवाई समय-समय पर सथिगत कर दगा िकनत इस परकार िक ऐस सथगन की कल कालाविध तीन मास स अिधक न हो और यिद उक त कालाविध क अनत तक भी वह िक त िजसका वासतिवक अपराधी होना अिभकिथत हो नयायालय क समकष न लाया जा सक तो नयायालय यथािसथित सवामी अिभकतार या परबनधक क िवर मामल की सनवाई क िलए अगरसर होगा

78 नयायालय की आदश करन की शिक तmdash(1) जहा िक खान का सवमी अिभकतार या परबनधक इस अिधिनयम क अधीन दडनीय अपराध क िलए दोषिस िकया जाए वहा नयायालय उस कोई दड अिधिनण त करन क अितिरक त िलिखत आदश ारा उसस आदश म िविनिदष ट कालाविध क अनदर (िजस नयायालय इस िनिम िकए गए आवदन पर समय-समय पर िवसतािरत कर सकगा) ऐस उपाय करन की अपकषा कर सकगा जो उन बात का उपचार करन क िलए िजनक बार म अपराध िकया गया था ऐस िविनिदष ट िकए जाए (2) जहा िक उपधारा (1) क अधीन आदश िदया जाए वहा यथािसथित खान का सवामी अिभकतार या परबनधक उस कालाविध या िवसतािरत कालाविध क यिद कोई हो दौरान अपराध क चाल रहन क िवषय म इस अिधिनयम क अधीन दडनीय नह होगा िकनत यिद नयायालय क आदश का पणर अनपालन ऐसी कालाविध या िवसतािरत कालाविध क अवसान पर न हो गया हो तो यथािसथित सवामी अिभकतार या परबनधक क बार म यह समझा जाएगा िक उसन अितिरक त अपराध िकया ह और वह कारावास स िजसकी अविध छह मास तक की हो सकगी या जमारन स जो ऐस अवसान क पश चात हर एक ऐस िदन क िलए िजसम िक आदश का अनपालन न हआ हो एक सौ रपए तक का हो सकगा या दोन स दणडनीय होगा 79 अिभयोजन की पिरसीमाmdashकोई भी नयायालय इस अिधिनयम क अधीन िकसी अपराध का सजञान तब तक नह करगा जब तक िक उसका पिरवादmdash

(i) उस तारीख स िजसकी बाबत यह अिभकिथत हो िक अपराध उस तारीख को िकया गया छह मास क अनदर अथवा

(ii) उस तारीख स िजसको िक अिभकिथत अपराध का िकया जाना िनरीकषक क जञान म आया छह मास क अनदर अथवा

2[(iiक) िकसी ऐस मामल म िजसम अिभयक त लोक सवक ह या था और ततसमय परव िकसी िविध क अधीन अपराध का सजञान करन क िलए कनदरीय सरकार या राजय सरकार या िकसी अनय परािधकारी की पवर मजरी आवशयक ह उस तारीख क िजसको ऐसी मजरी मखय िनरीकषक को पराप त होती ह तीन मास क अनदर अथवा]

(iii) िकसी ऐस मामल म िजसम जाच नयायालय कनदरीय सरकार ारा धारा 24 क अधीन िनयक त िकया गया हो उस धारा की उपधारा (4) म िविनिदष ट िरपोटर क परकाशन की तारीख क पश चात 3[एक वषर] क अनदर

इनम स जो भी बाद म हो न िकया गया हो 4[सपष टीकरणmdashइस धारा क परयोजन क िलएmdash

1 1959 क अिधिनयम स० 62 की धारा 42 ारा (16-1-1960 स) अनतःसथािपत 2 1983 क अिधिनयम स० 42 की धारा 42 ारा (31-5-1984 स) अतःसथािपत 3 1983 क अिधिनयम स० 42 की धारा 42 ारा (31-5-1984 स) ldquoछह मासrdquo क सथान पर परितसथािपत 4 1959 क अिधिनयम स० 62 की धारा 43 ारा (16-1-1960 स) सप ीकरण जोड़ा गया

31

(क) चाल रहन वाल अपराध की दशा म पिरसीमा की सगणना उस समय क हर कषण क परित िनदश स की जाएगी िजसक दौरान अपराध चाल रह

(ख) जहा िक कोई कायर करन क िलए समय इस अिधिनयम क अधीन िवसतािरत िकया गया हो वहा पिरसीमा की सगणना उस िवसतािरत कालाविध क अवसान स की जाएगी ]

80 अपराध का सजञानmdash1[महानगर मिजसटरट या परथम वगर नयाियक मिजसटरट] क नयायालय स अवर कोई नयायालय इस अिधिनयम क अधीन िकसी ऐस अपराध का िजसकी बाबत यह अिभकिथत हो िक वह खान क सवामी अिभकतार या परबनधक ारा िकया गया ह या िकसी ऐस अपराध का जो इस अिधिनयम ारा कारावास स दडनीय बनाया गया ह िवचारण नह करगा

80क [जमारन क बार म िवशष उपबध ]mdashखान (सशोधन) अिधिनयम 1983 (1983 का 42) की धारा 44 ारा (31-5-1984 स) िनरिसत

81 कितपय मामल म अिभयोजन क बजाय खान बोडर या सिमित को िनदशmdash(1) यिद मखय िनरीकषक या िजला मिजसटरट या िकसी िनरीकषक की पररणा पर इस अिधिनयम क अधीन सिसथत िकसी मामल का िवचारण करन वाल नयायालय की यह राय हो िक यह मामला ऐसा ह जो अिभयोजन क बजाय 2 सिमित को िनदिशत िकया जाना चािहए तो वह दािडक कायरवािहय को रोक सकगा और इस दिष ट स िक ऐसा िनदशन िकया जाए उस िवषय की िरपोटर कनदरीय सरकार को भजगा

(2) उपधारा (1) क अधीन िरपोटर पराप त होन पर कनदरीय सरकार मामला 2 सिमित को िनदिशत कर सकगी या िवचारण म अगरसर होन क िलए नयायालय को िनदश द सकगी

अधयाय 10

परकीणर 82 इस परश न का िविनश चय िक कया खान इस अिधिनयम क अधीन हmdashयिद कोई परश न उठ िक कया 3[खान का और उसम

का या उसका पाश वरसथ कोई उतखान या खिनत या पिरसर िजस पर खिनज या कोक पराप त करन दरसी करन या िवकरय क िलए तयार करन की सहायक कोई परिकरया चलाई जा रही ह] इस अिधिनयम क अथर क अनदर खान ह तो कनदरीय सरकार उस परश न का िविनश चय कर सकगी और कनदरीय सरकार क सिचव ारा हसताकषिरत परमाणपतर इस परश न पर िनश चायक होगा

83 अिधिनयम क परवतरन स छट दन की शिक तmdash4[(1)] कनदरीय सरकार िकसी सथानीय कषतर या िकसी खान को या खान क िकसी समह या वगर को या खान क िकसी भाग को या िक तय क िकसी वगर को 5[इस अिधिनयम या उसक अधीन बनाए गए िविनयम िनयम या उपिविधय क सब उपबनध क या उनम स िकसी क] परवतरन स छट शासकीय राजपतर म अिधसचना ारा या तो अतयितकतः या िकनह िविनिदष ट शत क अधयधीन द सकगी

परनत िकसी सथनीय कषतर या खान या खान क समह या वगर को 6[धारा 40 और धारा 45] क उपबनध स छट तब तक नह दी जाएगी जब तक उस इस अिधिनयम क अनय सब उपबनध क परवतरन स भी छट न द दी जाए ]

7[(2) कनदरीय सरकार मखय िनरीकषक या िकसी अनय परािधकारी को साधारण या िवशष आदश ारा ऐस िनबरनधन क अधयधीन िजनह अिधरोिपत करना वह ठीक समझ परािधकत कर सकगी िक वह िकसी खान या उसक िकसी भाग को 8[िविनयम िनयम या उपिविधय ] क उपबन ध म स िकसी क परवतरन स िकनह िविनिदष ट शत क अधयधीन तब छट द द जब िक मखय िनरीकषक या ऐस अिधकारी की राय हो िक खान या उसक भाग म पिरिसथितया ऐसी ह िक उनक कारण ऐस उपबनध का अनपालन अनावशयक या अ वहायर हो जाता ह ]

84 आदश को पिरवितत या िवखिणडत करन की शिक तmdash9[(1)] कनदरीय सरकार इस अिधिनयम क अधीन िदया गया कोई आदश उलट सकगी या उपानतिरत कर सकगी

10[(2) मखय िनरीकषक लखब िकए जान वाल कारण स इस अिधिनयम क अधीन या िकसी िविनयम िनयम या उपिविध क अधीन अपन ारा पािरत िकसी आदश को उलट सकगा या उस उपातिरत कर सकगा

(3) खान क सवामी अिभकतार या परबनधक पर परितकल परभाव डालन वाला कोई आदश इस धारा क अधीन तब तक नह िकया जाएगा जब तक िक ऐस सवामी अिभकतार या परबनधक को अभयावदन करन का यिक तयक त अवसर न द िदया गया हो ]

1 1983 क अिधिनयम स० 42 की धारा 43 ारा (31-5-1984 स) ldquoपरसीडसी मिजसटरट या परथम वगर मिजसटरटrdquo क सथान पर परितसथािपत 2 1983 क अिधिनयम स० 42 की धारा 43 ारा (31-5-1984 स) ldquoखनन बोडरrdquo शब द का लोप िकया गया 3 1959 क अिधिनयम स० 62 की धारा 45 ारा (16-1-1960 स) अनतःसथािपत 4 1959 क अिधिनयम स० 62 की धारा 46 ारा (16-1-1960 स) उपधारा (1) क रप म पनःसखयािकत 5 1983 क अिधिनयम स० 42 की धारा 46 ारा (31-5-1984 स) ldquoइस अिधिनयम क सब उपबध क िकसी कrdquo क सथान पर परितसथािपत 6 1983 क अिधिनयम स० 42 की धारा 46 ारा (31-5-1984 स) ldquoधारा 45rdquo क सथान पर परितसथािपत 7 1959 क अिधिनयम स० 62 की धारा 46 ारा (16-1-1960 स) अनतःसथािपत 8 1983 क अिधिनयम स० 42 की धारा 46 ारा (31-5-1984 स) ldquoइस अिधिनयम क अतगरत िविनयम और िनयमrdquo क सथान पर परितसथािपत 9 1983 क अिधिनयम स० 42 की धारा 47 ारा (31-5-1984 स) धारा 84 उपधारा (1) क रप म पनःसखयािकत 10 1983 क अिधिनयम स० 42 की धारा 47 ारा (31-5-1984 स) अतःसथािपत

32

85 सरकार की खान को अिधिनयम का लाग होनाmdashयह अिधिनयम सरकार की खान को 1[भी] लाग होगा 2[85क सचना आिद दन क िलए अपिकषत िक त ऐसा करन क िलए वध रप स आब ह गmdashहर िक त जो िकसी

अिधकारी को कोई सचना या इि ला इस अिधिनयम क अधीन दन क िलए अपिकषत ह भारतीय दड सिहता (1860 का 45) की धारा 176 क अथर क अनदर ऐसा करन क िलए वध रप स आब होगा ]

3[85ख िववरिणय सचना आिद पर हसताकषर करनाmdashइस अिधिनयम या उसक अधीन बनाए गए िकसी िविनयम िनयम उपिविध या िकसी आदश क उपबनध क समबनध म िकसी खान क सवामी ारा या उसकी ओर स दी जान क िलए अपिकषत सभी िववरिणय और सचना पर या भजी जान वाली सचना पर खान क सवामी अिभकतार या परबधक ारा या िकसी ऐस िक त ारा िजस सवामी ारा मखतारनाम ारा इस िनिम शिक त परतयायोिजत की गई ह हसताकषर िकए जाएग

85ग सिवधा और जन सिवधा क िलए फीस या परभार का वसल न िकया जानाmdashखान म िनयोिजत िकसी िक त स सरकषातमक परबनध या दी जान वाली सिवधा या इस अिधिनयम क उपबनध क अधीन परदाय िकए जान वाल िकसी उपसकर या सािधतर की बाबत कोई फीस या परभार वसल नह िकया जाएगा ]

86 1948 क अिधिनयम 63 क कितपय उपबध का खान को लाग होनाmdashकनदरीय सरकार शासकीय राजपतर म अिधसचना ारा िनदश द सकगी िक कारखाना अिधिनयम 1948 (1948 का 63) क अधयाय 3 और 4 क उपबनध ऐस अपवाद और िनबरनधन क

अधयधीन रहत हए जस उस अिधसचना म िविनिदष ट िकए जाए सब खान और उनकी परसीमा को लाग ह ग

87 सद भावपवरक िकए गए कायर क िलए पिरतराणmdashकोई भी वाद अिभयोजन या अनय िविधक कायरवाही इस अिधिनयम क अधीन सद भावपवरक की गई या जान क िलए आशियत िकसी बात क िलए िकसी िक त क िवर न होगी

88 [1923 क अिधिनयम 4 का िनरसन]mdashिनरसन और सशोधन अिधिनयम 1957 (1957 का 36) की धारा 2 और पहली अनसची ारा िनरिसत

______

1 1959 क अिधिनयम स० 62 की धारा 47 ारा (16-1-1960 स) अनतःसथािपत 2 1959 क अिधिनयम स० 62 की धारा 48 ारा (16-1-1960 स) अनतःसथािपत 3 1983 क अिधिनयम स० 42 की धारा 48 ारा (31-5-1984 स) अतःसथािपत

Page 7: खान अधिनियम, 1952ncwapps.nic.in/acts/TheMinesAct1952_Hindi.pdf1 ज ल ई, 1952, द खए भ रत क र जपतर (अ गर 1952, ज ) भ ग 2,

7

(6) उपधारा (5) क परनतक क अधीन दर का अवधारण कमरचािरय की मािसक मजदरी िनय गयता की परकित और अनय सब बात को धयान म रखत हए िकया जाएगा ]

10 अिभपराप त जानकारी की गोपनीयताmdash(1) िकसी खान स सब रिजसटर या अनय अिभलख की सब परितय और उनम क उ रण और अनय सब जानकारी को जो मखय िनरीकषक या िनरीकषक ारा या उसकी सहायता करन वाल िक त ारा इस अिधिनयम क अधीन िकसी खान क िनरीकषण 1[या सवकषण] क अनकरम म अिजत की गई हो या धारा 8 1[या धारा 9क] क अधीन परािधकत िकसी िक त ारा तद धीन अपन कतर क पालन म अिजत की गई हो गोपनीय माना जाएगा और जब तक िक मखय िनरीकषक या िनरीकषक उसका परकटन उस खान म या उसक पा रसथ िकसी अनय खान म िनयोिजत िकसी िक त का सवासथय कषम या कलयाण सिनिश चत करन क िलए आवशयक न समझ वह िकसी िक त या परािधकारी को परकट नह की जाएगी

(2) उपधारा (1) की कोई भी बात ऐसी िकसी जानकारी क ऐस परकटन को (यिद ऐस परकटन की अपकषा की गई हो) लाग न होगी जो िनम निलिखत म स िकसी को िकया जाएmdash

(क) कोई नयायालय 2[(ख) यथािसथित धारा 12 या धारा 24 क अधीन गिठत या िनयक त सिमित या जाच नयायालय ] (ग) पदीय विरष ठ या सयक त खान का सवामी अिभकतार या परबनधक (घ) कमरकार परितकर अिधिनयम 1923 (1923 का 8) क अधीन िनयक त कमरकार परितकर आयक त 3[(ङ) भारतीय खान बयरो का िनयतरक

(च) कोई रिजसटरीकत या मानयतापराप त वसाय सघ (छ) ऐसा अनय अिधकारी परािधकारी या सगठन जो कनदरीय सरकार ारा इस िनिम िविनिदष ट िकया जाए ]

(3) यिद मखय िनरीकषक या उपधारा (1) म िनिदष ट कोई अनय िक त पव क त जसी िकसी जानकारी को कनदरीय सरकार की सममित क िबना इस धारा क उपबनध क परितकल परकट करगा तो वह कारावास स िजसकी अविध एक वषर तक की हो सकगी या जमारन स या दोन स दणडनीय होगा

(4) कोई भी नयायालय इस धारा क अधीन क िकसी अपराध क िवचारण क िलए कायरवाही कनदरीय सरकार की पवर मजरी स करन क िसवाय नह करगा

11 परमाणकतार सजरनmdash(1) कनदरीय सरकार अिहत िचिकतसा- वसाियय को ऐसी सथानीय सीमा क अनदर या ऐसी खान या खान क वगर या परकार क िलए िजनह वह उनह करमशः समनिदष ट कर इस अिधिनयम क परयोजन क िलए परमाणकतार सजरन िनयक त कर सकगी

(2) ऐसी शत क अधयधीन रहत हए जसी कनदरीय सरकार अिधरोिपत करना ठीक समझ परमाणकतार सजरन िकसी भी अिहत िचिकतसा वसायी को ऐसी कालाविध क िलए जो परमाणकतार सजरन िविनिदष ट कर इस अिधिनयम क अधीन की अपनी सब शिक तय का या उनम स िकसी का परयोग करन क िलए कनदरीय सरकार क अनमोदन स परािधकत कर सकगा और यह समझा जाएगा िक परमाणकतार सजरन क परित िनदश क अनतगरत परािधकत िकए गए अिहत िचिकतसा वसायी क परित िनदश आत ह

(3) कोई भी िक त जो खान का सवामी अिभकतार या परबनधक हो या हो जाए या उसम चलाई जा रही िकसी परिकरया या कारबार म या उसस ससक त िकसी पटनट या मशीनरी म परतयकषतः या अपरतयकषतः िहतब हो या हो जाए या अनयथा खान क िनयोजन म हो न तो परमाणकतार सजरन िनयक त िकया जाएगा और न परमाणकतार सजरन की शिक तय का परयोग करन क िलए परािधकत िकया जाएगा और न ऐस िनयोिजत या परािधकत िकए जान क पश चात ऐसी शिक तय का परयोग करगा

(4) परमाणकतार सजरन ऐस कतर का पालन करगा जो िनम निलिखत क सबध म िविहत िकए जाए mdash 4

(ख) खान म ऐसी सकटपणर उपजीिवका या परिकरया या परिकरया म जसी िविहत की जाए लग हए िक तय की परीकषा

(ग) ऐसा िचिकतसीय परीकषण जसा िकसी ऐसी खान या खान क िकसी ऐस वगर या परकार क िलए िविहत िकया जाए िजसमmdash

(i) रगणता क ऐस मामल हए ह िजनक बार म यह िवश वास करना यिक तयक त हो िक य खान म चलाई जान वाली िकसी परिकरया की परकित या खान म काम की अनय पिरिसथितय क कारण हए ह

4

1 1983 क अिधिनयम स० 42 की धारा 8 ारा (31-5-1984 स) अनतःसथािपत 2 1983 क अिधिनयम स० 42 की धारा 8 ारा (31-5-1984 स) खड (ख) क सथान पर परितसथािपत 3 1983 क अिधिनयम स० 42 की धारा 8 ारा (31-5-1984 स) खड (ङ) क सथान पर परितसथािपत 4 1983 क अिधिनयम स० 42 की धारा 9 ारा (31-5-1984 स) खड (क) और खड (ग) क उपखड (ii) का लोप िकया गया

8

अधयाय 3

1[सिमितया 12 सिमितयाmdash(1) कनदरीय सरकार ऐसी तारीख स जो वह सरकार राजपतर म अिधसचना ारा इस िनिम िविनिदष ट

कर इस अिधिनयम क परयोजन क िलए एक सिमित गिठत करगी जो िनम निलिखत स िमलकर बनगी mdash

(क) मखय िनरीकषक या िनरीकषक स िभन न सरकार की सवा म का एक िक त जो अधयकष क रप स कायर करन क िलए कनदरीय सरकार ारा िनयक त िकया जाए

(ख) खान का मखय िनरीकषक

(ग) खनक क िहत का परितिनिधतव करन क िलए दो िक त जो कनदरीय सरकार ारा िनयक त िकए जाए

(घ) खान क सवािमय क िहत का परितिनिधतव करन क िलए दो िक त जो कनदरीय सरकार ारा िनयक त िकए जाए

(ङ) दो अिहत खनन इजीिनयर जो सीध खनन उ ोग म िनयोिजत नह ह और जो कनदरीय सरकार ारा िनयक त िकए जाए

परनत खड (ग) क अधीन िनयक त िकए गए िक तय म स कम स कम एक कोयला खान म क कमरकार क िहत का परितिनिधतव करन क िलए और खड (घ) क अधीन िनयक त िक तय म स कम स कम एक कोयला खान क सवािमय क िहत का परितिनिधतव करन क िलए होगा

(2) उपधारा (1) की ापकता पर परितकल परभाव डाल िबना कनदरीय सरकार उन राजयकषतर क िजन पर इस अिधिनयम का िवसतार ह िकसी भाग या िकसी खान या खान क समह स समबिनधत िविनिदष ट िवषय क समबनध म काररवाई करन क िलए एक या अिधक सिमितय का गठन कर सकगी और उनक सदसय की िनयिक त कर सकगी और उपधारा (1) क उपबनध (उसक परनतक को छोड़कर) इस उपधारा क अधीन िकसी सिमित क गठन क िलए वस ही लाग ह ग जस व उस उपधारा क अधीन िकसी सिमित क गठन क िलए लाग होत ह

(3) सिमित का कोई कायर या कायरवाही मातर इस कारण स अिविधमानय नह होगी िक उसक सदसय म कोई िरिक त िव मान ह या उसक गठन म कोई तरिट ह

13 सिमित क कतयmdash(1) धारा 12 की उपधारा (1) क अधीन गिठत सिमितmdash

(क) इस अिधिनयम क अधीन िनयम और िविनयम बनान क िलए परसथापना पर िवचार करगी और कनदरीय सरकार को समिचत िसफािरश करगी

(ख) ऐसी दघरटना या ऐस अनय िवषय की जो कनदरीय सरकार ारा समय-समय पर उस िनिदष ट िकए जाए जाच करगी और उन पर िरपोटर दगी और

(ग) उपधारा (2) क उपबनध क अधीन रहत हए इस अिधिनयम या उसक अधीन बनाए गए िविनयम िनयम या उपिविधय क अधीन सचना या आदश क िवर ऐसी अपील या आकषप की जो इस अिधिनयम ारा उस िनदिशत िकए जान क िलए अपिकषत ह या जो िविहत िकए जाए सनवाई और िविनश चय करगी

(2) मखय िनरीकषक अपन ारा िकए गए िकसी आदश या जारी की गई िकसी सचना क िवर िकसी अपील या आकषप की बाबत सिमित की कायरवािहय म भाग नह लगा या ऐसी अपील या आकषप स सबिधत िकसी िवषय क सबध म सिमित क सदसय क रप म कायर नह करगा

14 सिमितय की शिक तया आिदmdash(1) धारा 12 क अधीन गिठत सिमित इस अिधिनयम क अधीन की िनरीकषण की ऐसी शिक तय का परयोग कर सकगी िजनका परयोग करना वह इस अिधिनयम क अधीन अपन कतय का िनवरहन करन क परयोजन क िलए आवशयक या समीचीन समझ

(2) धारा 12 क अधीन गिठत सिमित को अपन कतय का िनवरहन करन क परयोजन क िलए वसी ही शिक तया ह गी जो िनम निलिखत िवषय की बाबत िकसी वाद का िवचारण करत समय िसिवल परिकरया सिहता 1908 (1908 का 5) क अधीन नयायालय म िनिहत होती ह अथारत mdash

(क) परकटीकरण और िनरीकषण

(ख) िकसी िक त को हािजर कराना और शपथ पर उसकी परीकषा करना

(ग) दसतावज क पश िकए जान क िलए िववश करना

1 1983 क अिधिनयम स० 42 की धारा 10 ारा (31-5-1984 स) ldquoखनन बोडर और सिमितयाrdquo शीषर और धारा 12 13 और 14 क सथान पर परितसथािपत

9

(घ) ऐस अनय िवषय जो िविहत िकए जाए ]

15 य की वसलीmdashकनदरीय सरकार िनदश द सकगी िक 1[धारा 12 क अधीन गिठत सिमित] ारा सचािलत िकसी जाच क य सयक त खान क सवामी या अिभकतार ारा पणरतः या भागतः वहन िकए जाएग और इस परकार सद िकए जान क िलए िनिदष ट रकम उस सथान म जहा खान िसथत हो या जहा ऐसा सवामी या अिभकतार ततसमय िनवास करता हो अिधकािरता रखन वाल मिजसटरट स मखय िनरीकषक या िनरीकषक ारा आवदन िकए जान पर मिजसटरट की अिधकािरता की सीमा क अनदर की िकसी जगम सपि क जो ऐस सवामी या अिभकतार की हो करसथम या िवकरय ारा वसल की जा सकगी

परनत यह तब जब िक सवामी या अिभकतार न रकम का सदाय कनदरीय सरकार स या खान क मखय िनरीकषक स सचना की परािप त की तारीख स छह सप ताह क अनदर न िकया हो

अधयाय 4

खनन सिकरयाए और खान का परबनध

16 खनन सिकरया की सचना का िदया जानाmdash(1) खान क सवामी अिभकतार या परबनधक िकसी खनन सिकरया क परारमभ िकए जान क पवर मखय िनरीकषक की भारतीय खान बयरो क 2[िनयतरक] को और उस िजल क िजसम खान िसथत हो िजला मिजसटरट को ऐस पररप म और खान सबधी ऐसी िविशिष टय को जसी िविहत की जाए अनतिवष ट करन वाली िलिखत सचना दगा

(2) उपधारा (1) क अधीन गई कोई सचना इस परकार दी जाएगी िक वह सपक त िक तय क पास िकसी खनन सिकरया क परारमभ िकए जान स कम स कम एक मास पवर पहच जाए

3[17 परबनधकmdash(1) जसा अनयथा िविहत िकया जाए उस छोड़कर हर खान एक परबनधक क अधीन होगी िजसकी िविहत अहरताए ह गी और हर एक खान का सवामी या अिभकतार ऐसी अहरताए रखन वाल िक त को परबनधक िनयक त करगा

परनत सवामी या अिभकतार सवय को परबनधक िनयक त कर सकगा यिद उसक पास िविहत अहरताए ह

(2) ऐस अनदश क अधीन रहत हए जो उस खान क सवामी या अिभकतार ारा या उसकी ओर स िदए जाए परबनधक खान क समपणर परबनध िनयतरण पयरवकषण और िनदशन क िलए उ रदायी होगा और ऐस सब अनदश जब सवामी या अिभकतार ारा िदए जाए तो उनकी तरत िलिखत रप म पिष ट की जाएगी

(3) आपात की दशा क िसवाय खान का सवामी या अिभकतार या उसकी ओर स कोई िक त खान म िनयोिजत िकसी िक त को जो परबनधक क परित उ रदायी ह ऐस अनदश जो उसक काननी कतर की पित पर परभाव डालत ह परबधक क माधयम स ही दगा अनयथा नह

18 सवािमय अिभकतार और परबनधक क कतर और उ रदाियतवmdash(1) हर खान क सवामी और अिभकतार म स परतयक इस अिधिनयम और उसक अधीन बनाए गए िविनयम िनयम उपिविधय और आदश क उपबनध क अनपालन क िलए िव ीय और अनय उपबनध करन क िलए तथा ऐसी अनय काररवाई करन क िलए जो आवशयक हो उ रदायी होगा

(2) धारा 58 क खड (घ) खड (ङ) और खड (त) क अधीन बनाए गए िनयम म उपबिनधत िवषय की बाबत उ रदाियतव का िनवरहन अननयतः खान क सवामी और अिभकतार ारा और ऐस िक त (जो परबनधक स िभन न ह) िजस सवामी या अिभकतार पव क त उपबनध का अनपालन सिनिश चत करन क िलए िनयक त कर िकया जाएगा

(3) यिद उपधारा (2) क अधीन िदए गए िकनह अनदश या धारा 17 की उपधारा (3) क अधीन परबनधक की माफर त स अनयथा िदए गए िकनह अनदश क िकरयािनवत िकए जान क पिरणामसवरप इस अिधिनयम क या उसक अधीन बनाए गए िविनयम िनयम उपिविधय या आदश क उपबनध का उललघन होता ह तो ऐस अनदश दन वाला परतयक िक त भी समपक त उपबनध क उललघन क िलए िजममदार होगा

(4) उपधारा (1) उपधारा (2) और उपधारा (3) क उपबनध क अधीन रहत हए हर खान क सवामी अिभकतार और परबनधक म स परतयक इस बात क िलए उ रदायी होगा िक खान क समबनध म चलाई जा रही सब सिकरयाए इस अिधिनयम और उसक अधीन बनाए गए िविनयम िनयम उपिविधय और आदश क उपबनध क अनसार चलाई जाए

(5) इस अिधिनयम या उसक अधीन बनाए गए िविनयम िनयम उपिविधय या आदश क उपबनध म स उन उपबनध क िसवाय जो िकसी िक त स कोई कायर या बात करन की या िकसी िक त को कोई कायर या बात करन स परितिष करन की िविनिदष ट रप स अपकषा करत ह िकसी उपबनध का िकसी भी िक त ारा कोई उललघन होन की दशा म उस िक त क अितिरक त िजसन उललघन िकया ह िनम निलिखत म स परतयक िक त भी ऐस उललघन होन का दोषी माना जाएगा जब तक िक वह यह सािबत नह कर दता ह िक उसन ऐस उपबनध का अनपालन सिनिश चत करन क िलए सब समयक ततपरता बरती थी और ऐस उललघन को रोकन क िलए यिक तयक त उपाय िकए थ mdash

1 1983 क अिधिनयम स० 42 की धारा 11 ारा (31-5-1984 स) कितपय शबद क सथान पर परितसथािपत 2 1983 क अिधिनयम स० 42 की धारा 12 ारा (31-5-1984 स) ldquoिनदशकrdquo क सथान पर परितसथािपत 3 1983 क अिधिनयम स० 42 की धारा 13 ारा (31-5-1984 स) धारा 17 और 18 क सथान पर परितसथािपत

10

(i) वह या व पदधारी िजनको उललघन िकए गए उपबनध की बाबत पयरवकषण क कतर का पालन करन क िलए िनयक त िकया गया था

(ii) खान का परबनधक

(iii) खान का सवामी और अिभकतार

(iv) वह िक त यिद कोई हो जो उपधारा (2) क अधीन उ रदाियतव का िनवरहन करन क िलए िनयक त िकया गया ह

परनत पव क त िक तय म स िकसी क िवर कायरवाही नह की जा सकगी यिद जाच और अनवषण िकए जान पर यह परतीत होता ह िक वह परथमदष ा िजममदार नह ह

(6) इस धारा क अधीन खान क सवामी या अिभकतार क िवर की गई िकसी कररवाई म यह कोई परितवाद नह होगा िक परबनधक और अनय पदधािरय को इस अिधिनयम क उपबनध क अनसार िनयक त िकया गया ह या िक उपधारा (2) क अधीन उ रदाियतव को वहन करन क िलए िकसी िक त की िनयिक त की गई ह ]

अधयाय 5

सवासथय और कषम क िवषय म उपबनध

19 पीन का जलmdash1[(1) हर खान म उसम िनयोिजत सब िक तय क िलए सिवधाजनक रप स िसथत यथोिचत सथान पर ठड और सवासथयपरद पीन क जल क पयारप त परदाय का उपबनध करन और बनाए रखन क िलए परभावी इनतजाम िकया जाएगा

परनत भिम क नीच िनयोिजत िक तय की दशा म मखय िनरीकषक यथोिचत सथान पर पीन क जल का उपबनध िकए जान और बनाए रख जान क बदल म ऐस परदाय क िलए कोई अनय परभावी इनतजाम अनजञात कर सकगा ]

(2) ऐस सब सथान खान म िनयोिजत िक तय की बहसखया ारा समझी जान वाली भाषा म पढ़ जान योगय अकषर म ldquoपीन का जलrdquo पद स अिकत िकए जाएग और ऐसा कोई सथान िकसी धोन क सथान मतरालय या शौचालय क 2[छह मीटर] क अनदर तब क िसवाय न होगा जबिक इसस कम दरी मखय िनरीकषक ारा िलिखत रप म अनमोिदत न कर दी गई हो

(3) सब खान या खान की िकसी वगर या परकार क बार म कनदरीय सरकार उपधारा (1) और (2) क उपबनध का अनपालन सिनिश चत करन क िलए और पीन क जल क परदाय और िवतरण की परीकषा िविहत परािधकािरय ारा की जान क िलए िनयम बना सकगी

20 सफाईmdash(1) हर खान म िविहत परकार क शौचालय और मतरालय का उपबनध परष और मिहला क िलए अलग-अलग पयारप त सखया म िकया जाएगा जो इस परकार िसथत ह ग िक व खान म िनयोिजत िक तय क िलए सब समय पर सिवधाजनक और पहच क अनदर ह

(2) उपधारा (3) क अधीन उपबिनधत सब शौचालय और मतरालय पयारप त परकाशयक त और सवाितत ह ग और हर समय साफ और सवचछता की अवसथा म रख जाएग

(3) कनदरीय सरकार िकसी खान म उपबिनधत िकए जान वाल शौचालय और मतरालय की सखया खान म िनयोिजत परष और मिहला की सखया क अनपात म िविनिदष ट कर सकगी और खान म सवचछता क बार म ऐस अनय मामल क िलए (िजसक अनतगरत खान म िनयोिजत िक तय की इस बार म बाधयताए आती ह) उपबनध कर सकगी जस वह इस परकार िनयोिजत िक तय क सवासथ य क िहत म आवशयक समझ

3[21 िचिकतसीय साधनmdash(1) हर खान म ऐसी अनतवरसत क सिजजत जसी िविहत की जाए पराथिमक उपचार बकस या कबड का उपबनध इस परकार िकया जाएगा और उनह इस परकार बनाए रखा जाएगा िक काम क सब घणट म उन तक आसानी स पहच हो सक

(2) पराथिमक उपचार बकस या कबडर या कमर म िविहत अनतवरसत क िसवाय और कछ भी नह रखा जाएगा

(3) हर पराथिमक उपचार बकस या कबडर िकसी उ रदाियतवपणर िक त क भारसाधन म रखा जाएगा जो ऐस पराथिमक उपचार म परिशिकषत हो जसा िविहत िकया जाए और जो खान क काम क घट म सदा आसानी स उपलभय रहगा

(4) हर खान म उन िक तय को जो उस समय जब व खान म िनयोिजत ह शारीिरक कषित स या रोग स गरसत हो जाए िचिकतसालय या औषधालय तक पहचन क िलए ऐस आसानी स उपयोगय इनतजाम िकए जाएग जस िविहत िकए जाए

1 1959 क अिधिनयम स० 62 की धारा 10 ारा (16-1-1960 स) उपधारा (1) क सथान पर परितसथािपत 2 1983 क अिधिनयम स० 42 की धारा 14 ारा (31-5-1984 स) ldquoबीस फटrdquo क सथान पर परितसथािपत 3 1959 क अिधिनयम स० 62 की धारा 11 ारा (16-1-1960 स) धारा 21 और 22 क सथान पर परितसथािपत

11

(5) हर खान म िजसम डढ़ सौ स अिधक िक त िनयोिजत ह ऐस आकार का ऐस साज सामान स सिजजत और ऐस िचिकतसीय और पिरचयार कमरचािरवनद क भारसाधन म जस िक िविहत िकए जाए एक पराथिमक उपचार कमरा उपबिनधत िकया जाएगा और चाल हालत म रखा जाएगा

22 जब िक सकट क ऐस कारण िव मान ह िजनक िलए कोई अिभ क त उपबनध नह िकया गया ह या जब िक िक तय का िनयोजन सकटपणर हो तब िनरीकषक की शिक तयाmdash(1) यिद िकसी ऐसी बात क बार म िजसक िलए इस अिधिनयम ारा या या क अधीन कोई अिभ क त उपबनध नह िकया गया ह मखय िनरीकषक को या िनरीकषक को यह परतीत हो िक कोई खान या उसका कोई भाग अथवा खान म की या उसस या उसक िनयतरण पयरवकषण परबनध या िनदशन स ससक त कोई बात वसत या प ित मानव जीवन या कषम क िलए सकटपणर ह या इतनी तरिटपणर ह िक उसस यह जोिखम ह या उसकी ऐसी परवि ह िक िकसी िक त को शारीिरक कषित हो तो वह खान क सवामी अिभकतार या परबनधक को उसकी िलिखत सचना द सकगा और सचना म उन िविशिष टय का कथन करगा िजनक बार म वह खान या उसक भाग को या बात वसत या प ित को सकटपणर या तरिटपणर समझता हो और यह अपकषा करगा िक उस इतन समय क अनदर और ऐसी रीित स ठीक कर िदया जाए जो वह उस सचना म िविनिदष ट कर

(1क) जहा िक खान का सवामी अिभकतार या परबनधक उपधारा (1) क अधीन दी गई सचना क िनबनधन का अनपालन उसम िविनिदष ट कालाविध क अनदर करन म असफल रहगा वहा यथािसथित मखय िनरीकषक या िनरीकषक खान या उसक िकसी भाग म या क आसपास िकसी ऐस िक त का िनयोजन िलिखत आदश ारा परितिष कर सकगा िजसका िनयोजन उसकी राय म सचना क िनबनधन का अनपालन सिनिश चत करन क िलए यिक तयक ततः आवशयक न हो

(2) उपधारा (1) म अनतिवष ट उपबनध पर परितकल परभाव डाल िबना यह ह िक यथािसथित मखय िनरीकषक या िनरीकषक खान क सवामी अिभकतार या परबनधक को सबोिधत िलिखत आदश ारा िकसी खान या उसक िकसी भाग म स सतभ या खिनज-खणड का िनकाला जाना या छाटा जाना परितिष कर सकगा यिद उसकी राय म ऐसी सिकरया स सतभ या खिनज-खणड का बठ जाना या खिनज क िकसी भाग का समय पवर ढह जाना सभा हो या उसस खान का या उसम िनयोिजत िक तय क जीवन या कषम का अनयथा सकटापन न हो जाना सभा हो या यिद उसकी राय म खान क िजस भाग म ऐसी सिकरया अनधयात हो उसम आग लगन या जलपलावन क िवर यथायोगय उपबनध उसको महरबनद और अलग करन क िलए उपबनध करक और जो कषतर आग या जलपलावन स परभािवत हो सकता हो उस पिरिमत करन क िलए उपबनध करक न िकया गया हो

(3) यिद मखय िनरीकषक या उसक ारा िलिखत रप म साधारण या िवशष आदश ारा इस िनिम परािधकत िनरीकषक की यह राय हो िक िकसी खान म या उसक िकसी भाग म िनयोिजत िकसी िक त क जीवन या कषम को अजनट या आसन न सकट ह तो वह अपनी राय क कारण का कथन अनतिवष ट करन वाल िलिखत आदश ारा खान क िकसी भाग म या क आसपास िकसी ऐस िक त का िनयोजन िजसका िनयोजन सकट दर करन क िलए उसकी राय म यिक तयक ततः आवशयक न हो तब तक क िलए परितिष कर सकगा 1[जब तक उसका यह समाधान न हो जाए िक वह सकट दर हो गया ह]

2[(3क) ऐसा परतयक िक त िजसका िनयोजन उपधारा (1क) या उपधारा (3) क अधीन परितिष ह उस अविध क िलए िजसक िलए वह यिद परितषध न होता तो िनयोजन म होता पणर मजदरी का सदाय पान का हकदार होगा और सवामी अिभकतार या परबनधक उस िक त को ऐसी पणर मजदरी क सदाय क िलए िजममदार होगा

परनत सवामी अिभकतार या परबनधक ऐसी पणर मजदरी का सदाय करन क बजाय ऐस िक त को उसी मजदरी पर आनकिलपक िनयोजन की वसथा कर सकगा जो ऐसा िक त उस िनयोजन म पराप त कर रहा था िजस परितिष कर िदया गया था ]

(4) जहा िक िनरीकषक ारा उपधारा (1) क अधीन कोई सचना दी गई हो या उसक ारा उपधारा (1क) उपधारा (2) या उपधारा (3) क अधीन कोई आदश िकया गया हो वहा खान का सवामी अिभकतार या परबनधक यथािसथित सचना या आदश की परािप त क पश चात दस िदन क अनदर उसक िखलाफ अपील मख य िनरीकषक को कर सकगा जो सचना या आदश को पष ट उपानतिरत या र कर सकगा

(5) उपधारा (1) क अधीन सचना भजन वाला या उपधारा (1क) या उपधारा (2) या उपधारा (3) क अधीन आदश करन वाला मखय िनरीकषक या िनरीकषक और उपधारा (4) क अधीन आदश (जो अपील म िकए गए र करन क आदश स िभन न हो) करन वाला मखय िनरीकषक उसकी िरपोटर ततकाल कनदरीय सरकार को दगा

(6) यिद खान का सवामी अिभकतार या परबनधक मखय िनरीकषक ारा उपधारा (1) क अधीन भजी गई सचना या उपधारा (1क) या उपधारा (2) या उपधारा (3) या उपधारा (4) क अधीन मखय िनरीकषक ारा िकए गए आदश पर आकषप कर तो वह यथािसथित आकषप अनतिवष ट करन वाली सचना की या आदश की परािप त क पश चात या अपील क िविनश चय की तारीख क पश चात बीस िदन क अनदर आकषप क आधार का कथन करत हए अपना िलिखत आकषप कनदरीय सरकार को भज सकगा 3[जो सामानयतः आकषप की परािप त की तारीख स दो मास की अविध क भीतर उस एक सिमित को िनदिशत कर दगी ]

1 1983 क अिधिनयम स० 42 की धारा 15 ारा (31-5-1984 स) ldquoजब तक वह सकट दर न हो जाएrdquo शबद क सथान पर परितसथािपत 2 1983 क अिधिनयम स० 42 की धारा 15 ारा (31-5-1984 स) अनतःसथािपत 3 1983 क अिधिनयम स० 42 की धारा 15 ारा (31-5-1984 स) ldquoजो िनदिशत करगीrdquo शबद क सथान पर परितसथािपत

12

(7) उपधारा (1) क अधीन की हर सचना का या उपधारा (1क) उपधारा (2) उपधारा (3) या उपधारा (4) क अधीन क हर आदश का िजस पर उपधारा (6) क अधीन आकषप िकया गया हो अनपालन सिमित का िविनश चय खान म पराप त होन तक िकया जाएगा

परनत सिमित उपधारा (1) क अधीन की 1[सचना] का परवतरन सवामी अिभकतार या परबनधक क आवदन पर तब तक क िलए िनलिमबत कर सकगी जब तक आकषप पर उसका अपना िविनश चय न हो जाए

(8) इस धारा की कोई भी बात 2दणड परिकरया सिहता 1898 (1898 का 5) की धारा 144 क अधीन की मिजसटरट की शिक तय पर परभाव नह डालगी ]

3[22क कछ दशा म िनयोजन का परितषध करन की शिक तmdash(1) जहा सरकषा स सबिधत िकसी बात क बार म िजसक िलए इस अिधिनयम ारा या उसक अधीन अिभ क त उपबनध िकया गया ह खान का सवामी अिभकतार या परबनधक ऐस उपबनध का अनपालन करन म असफल रहता ह वहा मखय िनरीकषक यह अपकषा करन वाली िलिखत सचना द सकगा िक उसका उतन समय क भीतर जो वह सचना म िविनिदष ट कर या समय की उतनी बढ़ाई गई अविध क भीतर जो वह उसक पश चात समय-समय पर िविनिदष ट कर अनपालन िकया जाए

(2) जहा सवामी अिभकतार या परबनधक उपधारा (1) क अधीन दी गई सचना क िनबनधन का यथािसथित ऐसी सचना म िविनिदष ट अविध क भीतर या उस उपधारा क अधीन िविनिदष ट समय की बढ़ाई गई अविध क भीतर अनपालन करन म असफल रहता ह वहा मखय िनरीकषक खान म या उसक िकसी भाग म या उसक आसपास िकसी ऐस िक त का िनयोजन िलिखत आदश ारा परितिष कर सकगा िजसका िनयोजन उसकी राय म सचना क िनबनधन का अनपालन सिनिश चत करन क िलए यिक तयक त तौर पर आवशयक न हो

(3) परतयक ऐसा िक त िजसका िनयोजन उपधारा (2) क अधीन परितिष िकया जाता ह उस अविध की पणर मजदरी का सदाय पान का हकदार होगा िजसक िलए वह यिद परितषध न हआ होता तो िनयोजन म होता और सवामी अिभकतार या परबनधक उस

िक त को ऐसी पणर मजदरी क सदाय क िलए दायी होगा

परनत सवामी अिभकतार या परबनधक ऐसी पणर मजदरी दन बजाय ऐस िक त को उसी मजदरी पर आनकिलपक िनयोजन द सकगा जो ऐसा िक त उस िनयोजन म पराप त कर रहा था जो उपधारा (2) क अधीन परितिष िकया गया था

(4) धारा 22 की उपधारा (5) उपधारा (6) और उपधारा (7) क उपबनध इस धारा की उपधारा (1) क अधीन जारी की गई िकसी सचना या उपधारा (2) क अधीन िकए गए िकसी आदश क समबनध म उसी परकार लाग ह ग जस व उस धारा की उपधारा (1) क अधीन सचना या उपधारा (1क) क अधीन आदश क सबध म लाग होत ह ]

23 दघरटना की सचना का िदया जानाmdash4[(1) जब िकसी खान म या उसक आसपासmdash

(क) कोई ऐसी दघरटना हो जाए िजसस जीवन की हािन या गमभीर शारीिरक कषित कािरत हई हो अथवा

(ख) िवसफोट जवलन सवतः तपन या आग लग जाना या जल या अनय दरव-पदाथर का फट िनकलना या सवग अनतपररवश घिटत हो जाए अथवा

(ग) जवलनशील या अपायकर गस का अनतवारह घिटत हो जाए अथवा

(घ) िजन रसस जजीर या अनय िगयर स िक त या सामगरी कपक या आनित म उतारी या वहा स उठाई जाती ह उनका टट जाना घिटत हो जाए अथवा

(ङ) िकसी कपक म िपजर या अनय परवहण-साधन अतयिधक लपट तब खा जाए जब िक त या सामगरी उतारी या उठाई जा रही हो अथवा

(च) खिनत का कोई भाग समय-पवर ढह जाए अथवा

(छ) कोई अनय दघरटना जो िविहत की जाए घिटत हो जाए

तब खान का सवामी अिभकतार या परबनधक उस घटना की सचना ऐस परािधकारी को ऐस पररप म और ऐस समय क अनदर दगा जो िविहत िकया जाए और साथ ही साथ वह सचना की एक परित ऐस सथान पर जहा उसका िनरीकषण वसाय सघ क पदधािरय ारा िकया जा सक िविहत रीित म एक िवशष सचना प पर लगाएगा और सिनिश चत करगा की वह सचना ऐस लगाए जान की तारीख स कम स कम चौदह िदन तक प पर लगी रह ]

1 1983 क अिधिनयम स० 42 की धारा 15 ारा (31-5-1984 स) ldquoअधयपकषाrdquo शबद क सथान पर परितसथािपत 2 अब दिखए दड परिकरया सिहता 1973 (1974 का 2) 3 1983 क अिधिनयम स० 42 की धारा 16 ारा (31-5-1984 स) अनतःसथािपत 4 1959 क अिधिनयम स० 62 की धारा 12 ारा (16-1-1960 स) उपधारा (1) क सथान पर परितसथािपत

13

1[(1क) जब कभी खान म या उसक आसपास कोई ऐसी दघरटना हो जाए िजसस िकसी िक त को िरपोटर की जान योगय कोई कषित कािरत हई हो तो खान का सवामी अिभकतार या परबनधक ऐसी दघरटना को एक रिजसटर म िविहत पररप म परिवष ट करगा और ऐसी परिविष टय की परितया ितमाही म एक बार मखय िनरीकषक को दी जाएगी ]

(2) जहा िक उपधारा (1) क अधीन दी गई सचना ऐसी दघरटना क बार म हो िजसस जीवन की हािन कािरत हई हो वहा वह परािधकारी घटना की जाच सचना की परािप त क दो मास क अनदर करगा और यिद परािधकारी िनरीकषक न हो तो वह िनरीकषक स उक त कालाविध क अनदर जाच कराएगा

2[(3) कनदरीय सरकार राजपतर म अिधसचना ारा िनदश द सकगी िक उपधारा (1) और उपधारा (1क) म िविनिदष ट दघरटना स िभन न िजन दघरटना म ऐसी शारीिरक कषित कािरत होती ह िजसस िक कषितगरसत िक त की काम स चौबीस घट स अिधक की अविध की मजदरी क कारण अनपिसथित हो जाती ह तो व दघरटनाए िविहत पररप म एक रिजसटर म परिवष ट की जाएगी या यथािसथित उपधारा (1) या उपधारा (1क) क उपबनध क अधयधीन रहगी ]

(4) उपधारा (3) म िनिदष ट रिजसटर म की परिविष टय की एक परित खान क सवामी अिभकतार या परबनधक ारा 3[उस वषर स िजसस व परिविष टया समब ह अगल वषर म जनवरी क 20व िदन या ततपवर] मखय िनरीकषक को भजी जाएगी

3[(5) जब कभी खान म या उसक आसपास कोई ऐसी दघरटना हो जाए िजसस िकसी िक त क जीवन को हािन या उसको गभीर शारीिरक कषित कािरत हई हो तो उस मखय िनरीकषक या िनरीकषक क िजसको धारा 23 की उपधारा (1) क अधीन दघरटना की सचना का िदया जाना अपिकषत ह आगमन क पवर या उसकी सम मित क िबना दघरटना सथल की उलट-पलट या उसम कोई पिरवतरन नह िकया जाएगा जब तक िक ऐसी उलट-पलट या पिरवतरन आग िकसी दघरटना को रोकन क िलए मतक क शव को हटान क िलए या िकसी िक त की सकट स रकषा करन क िलए आवशयक न हो अथवा जब तक िक दघरटना सथल पर काम क बनद िकए जान स खान क कायरकरण म गमभीर अड़चन न पड़

परनत जहा मखय िनरीकषक या उक त िनरीकषक दघरटना क समय स बह र घट क भीतर दघरटना का सथल िनरीकषण करन म असफल रहता ह वहा दघरटना सथल पर काम पनः आरमभ िकया जा सकगा ]

24 दघरटना क मामल म जाच-नयायालय िनयक त करन की सरकार की शिक तmdash4[(1) जब िक खान म या उसक आसपास धारा 23 की उपधारा (1) क खड म स िकसी म िनिदष ट परकित की कोई दघरटना हो जाए तब कनदरीय सरकार यिद उसकी यह राय हो िक दघरटना क कारण की और पिरिसथितय की पररिपक जाच होनी चािहए ऐसी जाच करन क िलए कोई सकषम िक त िनयक त कर सकगी और जाच करन म अससर क रप म कायर करन क िलए िविध का या कोई िवशष जञान रखन वाल एक या अिधक िक तय को भी िनयक त कर सकगी ]

(2) ऐसी िकसी जाच करन क िलए िनयक त िक त को सािकषय को हािजर करान और दसतावज और भौितक पदाथ 5 को पश करन क िलए िववश करन क परयोजन क िलए िसिवल परिकरया सिहता 1908 (1908 का 5) क अधीन की िसिवल नयायालय की सब शिक तया पराप त ह गी

(3) इस धारा क अधीन जाच करन वाला कोई िक त इस अिधिनयम क अधीन की िनरीकषक की ऐसी शिक तय का परयोग कर सकगा िजसका परयोग करना वह जाच क परयोजन क िलए आवश यक या समीचीन समझ

(4) इस धारा क अधीन जाच करन वाला िक त दघरटना क कारण और उसकी पिरिसथितय को किथत करन वाली िरपोटर िकनह ऐसी समिक तय को जोड़कर िजनह िक वह या अससर म स कोई िलखना आवशयक समझ कनदरीय सरकार को दगा

25 कछ रोग की सचनाmdash(1) जहा िक खान म िनयोिजत िकसी िक त को कोई 6ऐसा रोग लग जाए जो कनदरीय सरकार ारा शासकीय राजपतर म खनन सिकरया स ससक त रोग क रप म अिधसिचत िकया गया हो वहा खान का यथािसथित सवामी

अिभकतार या परबनधक उसकी सचना मखय िनरीकषक को और ऐस अनय परािधकािरय को ऐस पररप म और ऐस समय क अनदर भजगा जस िविहत िकए जाए

(2) यिद कोई िचिकतसा- वसायी िकसी ऐस िक त की दखभाल कर जो िकसी खान म िनयोिजत हो या रहा हो और जो उपधारा (1) क अधीन अिधसिचत िकसी रोग स पीिड़त हो या िजसक बार म िचिकतसा- वसायी को िवश वास हो िक वह ऐस रोग स पीिड़त ह तो िचिकतसा- वसायीmdash

(क) रोगी का नाम और पता

1 1983 क अिधिनयम स० 42 की धारा 17 ारा (31-5-1984 स) अनतःसथािपत 2 1983 क अिधिनयम स० 42 की धारा 17 ारा (31-5-1984 स) उपधारा (3) क सथान पर परितसथािपत 3 1959 क अिधिनयम स० 62 की धारा 12 ारा (16-1-1960 स) कितपय शबद क सथान पर परितसथािपत 4 1959 क अिधिनयम स० 62 की धारा 13 ारा (16-1-1960 स) उपधारा (1) क सथान पर परितसथािपत 5 1959 क अिधिनयम स० 62 की धारा 13 ारा (16-1-1960 स) कितपय शबद का लोप िकया गया 6 िसलकोिसस और नयमोकोिनओिसस िजनह ऐस रोग घोिषत िकया गया ह दिखए भारत का राजपतर (अगरजी) भाग 2 खण ड 3 प 1153 म परकािशत अिधसचना स० 1

का०िन०आ० 1306 तारीख 21 जलाई 1952 और मगनीज िवषाकतीकरण-तितरका परकार का िजस ऐसा रोग घोिषत िकया गया ह दिखए भारत का राजपतर (अगजी) 1956 भाग 2 खणड 3 प 2195 म परकािशत अिधसचना स० का०िन०आ० 3109 तारीख 18 िदसमबर 1956

14

(ख) वह रोग िजसस रोगी पीिड़त हो या िजसस उसक पीिड़त होन का िवश वास हो तथा

(ग) उस खान का नाम और पता िजसम रोगी िनयोिजत हो या अिनतम बार िनयोिजत था

किथत करन वाली िलिखत िरपोटर मखय िनरीकषक को अिवलमब भजगा

(3) जहा िक उपधारा (2) क अधीन की िरपोटर की यह पिष ट परमाणकतार सजरन क परमाणपतर स या अनयथा मखय िनरीकषक को समाधानपरद रप म हो जाए िक वह िक त उपधारा (1) क अधीन अिधसिचत रोग स पीिड़त ह वहा मखय िनरीकषक िचिकतसा-

वसायी को उतनी फीस दगा िजतनी िविहत की जाए और ऐस सद फीस उस खान क सवामी अिभकतार या परबनधक स िजसम उस िक त को रोग लगा हो भ-राजसव क बकाया क रप म वसलीय होगी

(4) यिद कोई िचिकतसा- वसायी उपधारा (2) क उपबनध का अनपालन करन म असफल रहगा तो वह जमारन स जो पचास रपए तक का हो सकगा दणडनीय होगा

26 रोग क कारण क अनवषण का िनदश दन की शिक तmdash(1) कनदरीय सरकार यिद वह ऐसा करना समीचीन समझ तो िकसी ऐस मामल की जाच करन क िलए तथा उस पर िरपोटर दन को कोई सकषम िक त िनयक त कर सकगी िजसम धारा 25 की उपधारा (1) क अधीन अिधसिचत कोई रोग खान म लगा हो या िजसक बार म सदह िकया जाता हो िक वह खान म लगा ह और ऐसी जाच म अससर क रप म कायर करन क िलए िविध का जञान या िवशष जञान रखन वाल एक या अिधक िक तय को भी िनयक त कर सकगी

(2) धारा 24 की उपधारा (2) और (3) क उपबध इस धारा क अधीन की जाच को उसी रीित स लाग ह ग जस व उस धारा क अधीन की िकसी जाच को लाग होत ह

27 िरपोट का परकाशनmdashऐस समय पर और ऐसी रीित स जो वह ठीक समझ कनदरीय सरकार सिमित ारा 1[धारा 12] क अधीन भजी गई िकसी िरपोटर को या अपन को धारा 26 क अधीन भजी गई िकसी िरपोटर या िकसी िरपोटर क उ रण को परकािशत करा सकगी और धारा 24 क अधीन िकसी जाच नयायालय ारा भजी गई हर िरपोटर को परकािशत कराएगी

अधयाय 6

िनयोजन क घट और उस पर िनबरधन

28 साप तािहक िवशराम-िदनmdashिकसी भी िक त को खान म िकसी एक सप ताह म छह िदन स अिधक काम नह करन िदया जाएगा

29 परितकरातमक िवशराम-िदनmdash(1) जहा िक धारा 38 क अधीन कायरवाही क अनसरण म अथवा िकसी खान को या उसम िनयोिजत िक तय को धारा 28 क उपबनध स छट िदए जान क फलसवरप कोई िक त जो उस खान म िनयोिजत हो उन साप तािहक िवशराम-िदन म स िकसी स िजनक िलए धारा 28 म उपबनध िकया गया ह विचत िकया जाए वहा उस उसी मास क अनदर िजसम उस ऐस िवशराम-िदन दय थ या उस मास क अ विहत पश चात क दो मास क अनदर उन िवशराम-िदन की समान सखया म िजनस वह इस परकार विचत िकया गया हो परितकरातमक िवशराम-िदन िदए जाएग

(2) कनदरीय सरकार वह रीित िविहत कर सकगी िजसस व िवशराम-िदन िजनक िलए उपधारा (1) म उपबनध िकया गया ह िदए जाएग

30 भिम क ऊपर क काम क घणटmdash(1) िकसी सप ताह म अड़तालीस घणट स अिधक या िकसी िदन म नौ घणट स अिधक काम भिम क ऊपर िनयोिजत िकसी भी वयसथ स न तो अपिकषत िकया जाएगा और न उस करन िदया जाएगा

2[परनत मखय िनरीकषक क पवर अनमोदन क अधयधीन रहत हए इस उपधारा म िविनिदष ट दिनक अिधकतम घणट को पािरय म तबदीली सकर बनान क िलए बढ़ाया जा सकगा ]

(2) िकसी ऐस वयसथ क काम की कालाविधया इस परकार विसथत की जाएगी िक उसक िवशराम अनतराल सिहत व िकसी भी िदन बारह घणट स अिधक िवसतत न ह और वह कम स कम आध घणट का िवशराम अनतराल क चकन क पवर िनरनतर पाच घणट स अिधक काम न कर

3[परनत मखय िनरीकषक ऐस कारण स जो लखन ारा अिभिलिखत िकए जाएग इस िवसतित का िकसी िदन अिधकतम चौदह घणट की कालाविध तक का होना ऐसी शत क अधयधीन जसी वह अिधरोिपत करना ठीक समझ अनजञात कर सकगा ]

4[(3) दो या अिधक पािरय क िक तय को एक ही समय भिम क ऊपर एक ही परकार का काम नह करन िदया जाएगा

1 1983 क अिधिनयम स० 42 की धारा 18 ारा (31-5-1984 स) ldquoधारा 13rdquo शबद और अक क सथान पर परितसथािपत 2 1959 क अिधिनयम स० 62 की धारा 14 ारा (16-1-1960 स) परनतक जोड़ा गया 3 1959 क अिधिनयम स० 62 की धारा 14 ारा (16-1-1960 स) परनतक क सथान पर परितसथािपत 4 1959 क अिधिनयम स० 62 की धारा 14 ारा (16-1-1960 स) उपधारा (3) क सथान पर परितसथािपत

15

परनत इस उपधारा क परयोजन क िलए िक तय क बार म कवल इस तथय क कारण िक उनक िवशराम अनतराल उनह िभन न समय पर िमलत ह यह न समझा जाएगा िक व िविभन न पािरय क ह ]

1[31 भिम क नीच क काम क घटmdash(1) खान म भिम क नीच िनयोिजत िकसी भी वयसथ को िकसी सप ताह म अड़तालीस घणट स अिधक या िकसी िदन म आठ घणट स अिधक काम नह करन िदया जाएगा

परनत मखय िनरीकषक क पवर अनमोदन क अधयधीन रहत हए इस उपधारा म िविनिदष ट दिनक अिधकतम घणट को पािरय म तबदीली सकर बनान क िलए बढ़ाया जा सकगा

(2) खान म भिम क नीच कोई भी काम ऐस विसथत पारी-प ित स चलान क िसवाय न चलाया जाएगा िक हर एक पारी म काम की कालाविध उपधारा (1) म बताए गए दिनक अिधकतम घट स अिधक िवसतत न हो

(3) खान म िनयोिजत िकसी िक त को भिम क नीच क खान क िकसी भाग म काम की उन कालाविधय क दौरान उपिसथत रहन दन क िसवाय उपिसथत न रहन िदया जाएगा जो धारा 48 की उपधारा (4) क अधीन रख जान वाल रिजसटर म उसक बार म दिशत ह ]

2[32 राितर की पारीmdashजहा िक खान म िनयोिजत िक त ऐसी पारी म काम कर िजसका िवसतार मधयराितर क पश चात तक हो वहाmdash

(क) धारा 28 और धारा 29 क परयोजन क िलए उसक मामल म साप तािहक िवशराम-िदन स उसकी पारी क अनत होन पर आरमभ होन वाली िनरनतर 24 घणट की कालाविध अिभपरत होगी

(ख) उसकी पारी का अनत होन पर आरमभ होन वाली चौबीस घणट की कालाविध उसक िलए अगला िदन समझी जाएगी और मधयराितर क पश चात िजतन घणट उसन काम िकया हो व पवरवत िदन म िगन जाएग ]

33 अितकाल क िलए अितिरक त मजदरीmdash3[(1) जहा िक खान म कोई िक त भिम क ऊपर िकसी िदन नौ घणट स अिधक या भिम क नीच िकसी िदन आठ घणट स अिधक काम कर या चाह भिम क ऊपर या नीच िकसी सप ताह म अड़तालीस घणट स अिधक काम कर वहा ऐस अितकािलक काम क िलए वह अपनी मजदरी की मामली दर स दगनी दर पर मजदरी पान का हकदार होगा और अितकािलक काम की कालाविध की गणना दिनक या साप तािहक आधार पर जो भी उसक िलए अिधक अनकल हो की जाएगी ]

4[(2) जहा खान म िनयोिजत िकसी िक त को मातरानपाती दर स सदाय िकया जाना हो वहा कालानपाती दर को उन िदन क िजनको उसक उस सप ताह क िजसम अितकाल काम िकया गया ह ठीक पवरवत सप ताह क दौरान वासतव म काम िकया था िकसी अितकाल को छोड़कर उसक पणरकािलक उपाजरन क दिनक औसत क बराबर माना जाएगा और ऐसी कालानपाती दर ऐस िक त की मजदरी की मामली दर मानी जाएगी

परनत यिद ऐस िक त न पवरवत सप ताह म उसी या समान काम पर कायर नह िकया ह तो कालानपाती दर अितकाल को छोड़कर उन िदन की िजनको उसन उसी सप ताह म काम िकया ह औसत या िकसी पवरवत सप ताह म उसक उपाजरन की दिनक औसत इनम स जो भी उच चतर हो उस पर आधािरत होगी

सपष टीकरणmdashइस धारा क परयोजन क िलए ldquoमजदरी की मामली दरrdquo का वही अथर होगा जो उसका धारा 9क की उपधारा (3) क सपष टीकरण म ह ]

(4) इस धारा क उपबनध का अनपालन सिनिश चत करन क परयोजन क िलए कनदरीय सरकार खान म रख जान वाल रिजसटर िविहत कर सकगी

5[34 कितपय िक तय क िनयोजन का परितषधmdashकोई भी िक त जो पवरवत बारह घनट क अनदर िकसी अनय खान म पहल ही काम करता रहा हो खान म काम करन क िलए न तो अपिकषत िकया जाएगा न उस खान म काम करन िदया जाएगा ]

6[35 अितकािलक काम सिहत दिनक काम क घट का िनबरनधनmdashधारा 39 क खणड (क) और खणड (ङ) म आन वाल मामल म क िसवाय िकसी भी िदन अितकाल सिहत दस घट स अिधक खान म काम न तो खान म िनयोिजत िकसी भी िक त स अपिकषत िकया जाएगा न उस करन िदया जाएगा ]

36 काम क घट क िवषय म सचनाएmdash(1) हर खान का परबनधक खान म काम क परारमभ और बनद होन का समय और यिद टोली प ित ारा काम परसथािपत हो तो हर एक टोली क काम क परारमभ और बनद होन का समय किथत करन वाली सचना िविहत पररप म खान क कायारलय क बाहर लगवाएगा

1 1959 क अिधिनयम स० 62 की धारा 15 ारा (16-1-1960 स) धारा 31 क सथान पर परितसथािपत 2 1959 क अिधिनयम स० 62 की धारा 16 ारा (16-1-1960 स) धारा 32 क सथान पर परितसथािपत 3 1959 क अिधिनयम स० 62 की धारा 17 ारा (16-1-1960 स) उपधारा (1) क सथान पर परितसथािपत 4 1983 क अिधिनयम स० 42 की धारा 19 ारा (31-5-1984 स) उपधारा (2) और (3) क सथान पर परितसथािपत 5 1959 क अिधिनयम स० 62 की धारा 18 ारा (16-1-1960 स) धारा 34 क सथान पर परितसथािपत 6 1959 क अिधिनयम स० 62 की धारा 19 ारा (16-1-1960 स) धारा 35 क सथान पर परितसथािपत

16

(2) उस खान की दशा म िजसम खनन सिकरयाए इस अिधिनयम क परारमभ क पश चात परारभ ह उपधारा (1) म िनिदष ट सचना काम क परारमभ होन क कम स कम सात िदन पवर लगाई जाएगी

(3) उपधारा (1) म िनिदष ट सचना म भिम क ऊपर िनयोिजत िक तय क काम क परारमभ का समय और िवशराम अनतराल भी किथत ह ग और उसकी एक परित मखय िनरीकषक को यिद वह ऐसी अपकषा कर तो भजी जाएगी

(4) जहा िक साधारणतः खान म या िकसी टोली क काम क परारमभ या बनद होन क िलए िनयत समय म या भिम क ऊपर िनयोिजत िक तय क िलए िनयत िवशराम अनतराल म कोई तबदीली करन की परसथापना हो वहा िविहत पररप म एक सशोिधत सचना उस तबदीली क िकए जान क सात स अनयन िदन पवर खान क कायारलय क बाहर लगाई जाएगी और ऐसी सचना की एक परित ऐसी तबदीली क सात स अनयन िदन पवर मखय िनरीकषक को भजी जाएगी

(5) िकसी भी िक त को उपधारा (1) ारा अपिकषत सचना क अनसार काम करन स अनयथा खान म काम नह करन िदया जाएगा

37 पयरवकषक कमरचािरवनदmdashधारा 28 धारा 30 धारा 31 धारा 34 या 1[धारा 36 की उपधारा (5)] की कोई भी बात उन िक तय को लाग न होगी िजनकी बाबत िनयम ारा यह पिरभािषत िकया जाए िक व पयरवकषण या परबनध का पद धारण िकए हए ह

या गोपनीयता की हिसयत म िनयोिजत ह

38 िनयोजन सबधी उपबनध स छटmdash(1) उस आपात की दशा म िजसम खान या उसम िनयोिजत िक तय क कषम क िलए गमभीर जोिखम अनतवरिलत हो या वासतिवक या आशिकत िकसी दघरटना की दशा म या िकसी दवीकत की दशा म या खान की मशीनरी सयतर या उपसकर क ठपप हो जान क पिरणामसवरप ऐसी मशीनरी सयतर या उपसकर पर िकए जान वाल िकसी अजनट काम की दशा म परबनधक धारा 22 2[या धारा 22क] क उपबनध क अधयधीन और धारा 39 क अधीन क िनयम क अनसार िक तय को धारा 28 धारा 30 धारा 31 या धारा 34 या 1[धारा 36 की उपधारा (5)] क उललघन म ऐस काम म िनयोजन की अनजञा द सकगा जो खान या उसम िनयोिजत िक तय क कषम का सरकषण करन क िलए आवशयक हो

परनत मशीनरी सयतर या उपसकर पर इस धारा क अधीन िकए जान वाल िकसी अजनट काम की दशा म परबनधक इस धारा ारा अनजञात कोई काररवाई कर सकगा य िप उसक िकए जान स 3[खिनज] उतपादन आनषिगक रप स परभािवत होता हो िकनत इस

परकार की गई काररवाई उन सीमा क बाहर न की जाएगी जो खान क मामली कायरकरण म गमभीर हसतकषप का पिरवजरन करन क परयोजन क िलए आवशयक हो

(2) हर वह दशा िजसम उपधारा (1) क अधीन परबनधक ारा काररवाई की गई हो ततसमब पिरिसथितय क साथ अिभिलिखत की जाएगी और उसकी िरपोटर मखय िनरीकषक या िनरीकषक को भी दी जाएगी

4[39 छट दन वाल िनयम बनान की शिक तmdash5[कनदरीय सरकार] िनम निलिखत िक तय क िलए धारा 28 धारा 30 धारा 31 धारा 34 या धारा 36 की उपधारा (5) क उपबनध स ऐस िवसतार तक ऐसी पिरिसथितय म और ऐसी शत क अधयधीन जसी िविनिदष ट की जाए छट का उपबनध करन वाल िनयम बना सकगीmdash

(क) ऐसी खान म िजसम ऐस आपात की आशका हो िजसम खान क या उसम िनयोिजत िक तय क कषम की गमभीर जोिखम अनतवरिलत हो िनयोिजत सब िक त या उनम स कोई

(ख) िकसी वासतिवक या आशिकत दघरटना की दशा म इस परकार िनयोिजत सब िक त या उनम स कोई

(ग) िकसी तयारी की परकित क या परक परकित क ऐस काम म जो खान क मामली कायरकरण म गमभीर हसतकषप का पिरवजरन करन क परयोजन क िलए अवशय चलाया जाना चािहए लग हए सब िक त या उनम स कोई

(घ) अजनट मरममत म लग हए सब िक त या उनम स कोई

(ङ) िकसी ऐस काम म जो िक तकनीकी कारण स िनरनतर चाल रखा जाना चािहए िनयोिजत सब िक त या उनम स कोई ] 6[40 अठारह वषर स कम आय क िक तय का िनयोजनmdash(1) खान (सशोधन) अिधिनयम 1983 क परारमभ क पश चात

अठारह वषर स कम आय क िकसी िक त को िकसी खान या उसक भाग म काम करन क िलए अनजञात नह िकया जाएगा

(2) उपधारा (1) म िकसी बात क होत हए भी िशकष और अनय परिशकष को जो सोलह वषर स कम आय क नह ह िकसी खान या उसक भाग म परबनधक ारा समिचत पयरवकषण क अधीन काम करन क िलए अनजञात िकया जा सकगा

1 1953 क अिधिनयम स० 42 की धारा 4 और अनसची 3 ारा ldquoधारा 36 की उपधारा (4)rdquo क सथान पर परितसथािपत 2 1983 क अिधिनयम स० 42 की धारा 20 ारा (31-5-1984 स) अनतःसथािपत 3 1959 क अिधिनयम स० 62 की धारा 20 ारा (16-1-1960 स) ldquoकोयलाrdquo क सथान पर परितसथािपत 4 1959 क अिधिनयम स० 62 की धारा 21 ारा (16-1-1960 स) धारा 39 क सथान पर परितसथािपत 5 1983 क अिधिनयम स० 42 की धारा 21 ारा (31-5-1984 स) कितपय शबद क सथान पर परितसथािपत 6 1983 क अिधिनयम स० 42 की धारा 22 ारा (31-5-1984 स) धारा 40 क सथान पर परितसथािपत

17

परनत िशकष स िभन न परिशकष की दशा म उनको काम करना अनजञात करन स पवर मखय िनरीकषक या िनरीकषक का पवर अनमोदन अिभपराप त करना आवशयक होगा

सपष टीकरणmdashइस धारा और धारा 43 म ldquoिशकषrdquo स िशकष अिधिनयम 1961 (1961 का 52) की धारा 2 क खणड (क) म यथापिरभािषत िशकष अिभपरत ह ]

41 [योगयता परमाणपतर ]mdashखान (सशोधन) अिधिनयम 1983 की धारा 23 ारा (31-5-1984 स) िनरिसत

42 [कमार को अनद योगयता परमाणपतर का परभाव ]mdashखान (सशोधन) अिधिनयम 1983 (1983 का 42) की धारा 23 ारा (31-5-1984 स) िनरिसत

1[43 िचिकतसीय परीकषा की अपकषा करन की शिक तmdash(1) जहा िकसी िनरीकषक की यह राय हो िक िशकष या अनय परिशकष स अनयथा खान म िनयोिजत कोई िक त वयसथ नह ह अथवा खान म िशकष या अनय परिशकष क रप म िनयोिजत कोई िक त या तो सोलह वषर स कम आय का ह या वह काम करन क योगय नह रह गया ह वहा िनरीकषक खान क परबनधक पर यह अपकषा करन वाली सचना की तामील कर सकगा िक ऐस िक त की परीकषा िकसी परमाणकतार सजरन ारा की जाए और िनरीकषक ऐसा िनदश द तो ऐसा

िक त तब तक िकसी खान म काम करन क िलए िनयोिजत या अनजञात नह िकया जाएगा जब तक इस परकार उसकी परीकषा न हो गई हो और यह परमािणत न कर िदया गया हो िक वह वयसथ ह या यिद ऐसा िक त िशकष या परिशकष ह तो वह सोलह वषर स कम आय का नह ह और काम करन क योगय ह

(2) उपधारा (1) क अधीन िनदश पर परमाणकतार सजरन ारा िदया गया हर परमाणपतर उसम किथत बात का इस अिधिनयम क परयोजन क िलए िनश चायक सा य होगा ]

44 [उन कमार क िलए काम क घट जो वयसक क रप म काम क िलए योगय परमािणत नह िकए गए ]mdashखान (सशोधन) अिधिनयम 1983 (1984 का 42) की धारा 25 ारा (31-5-1984 स) िनरिसत

2[45 खान म अठारह वषर स कम आय क िक तय की उपिसथित का परितषधmdashधारा 40 की उपधारा (2) क उपबनध क अधीन रहत हए ऐसी तारीख क पश चात जो कनदरीय सरकार राजपतर म अिधसचना ारा इस िनिम िनयत कर अठारह वषर स कम आय क िकसी िक त को भिम क ऊपर खान क िकसी ऐस भाग म जहा िकसी खनन सिकरया स ससक त या आनषिगक कोई सिकरया चलाई जा रही हो उपिसथत नह रहन िदया जाएगा ]

3[46 िस तरय का िनयोजनmdash(1) िकसी अनय िविध म अनतिवष ट िकसी बात क होत हए भी कोई भी स तरीmdash

(क) खान क िकसी ऐस भाग म जो भिम क नीच हो

(ख) िकसी खान म भिम क ऊपर 6 बज पवारहन और 7 बज अपराहन क बीच क िसवाय

िनयोिजत नह की जाएगी ]

(2) खान म भिम क ऊपर िनयोिजत हर स तरी को िकसी एक िदन िनयोजन का पयरवसान होन और िनयोजन की अगली कालाविध का परारमभ होन क बीच कम स कम गयारह घनट का अनतराल िदया जाएगा

(3) उपधारा (1) म अनतिवष ट िकसी बात क होत हए भी कनदरीय सरकार िकसी खान या िकसी वगर या परकार की खान क बार म भिम क ऊपर िस तरय क िनयोजन क घट म फरफार शासकीय राजपतर म अिधसचना ारा कर सकगी िकनत इस परकार की िकसी स तरी का 10 बज अपराहन और 5 बज पवारहन क बीच कोई भी िनयोजन तद ारा अनजञात न हो ]

47 [आय क बार म िववाद ]mdashखान (सशोधन) अिधिनयम 1959 (1959 का 62) की धारा 28 ारा िनरिसत

48 िनयोिजत िक तय का रिजसटरmdash4[(1) हर खान क िलए उस खान म िनयोिजत सब िक तय का एक रिजसटर िविहत पररप और सथान म रखा जाएगा िजसम ऐस हर एक िक त क बार म िनम निलिखत बात दिशत ह गीmdash

(क) कमरचारी का नाम यथािसथित उसक िपता या पित क नाम सिहत और ऐसी अनय िविशिष टया जसी उसकी पहचान क परयोजन क िलए आवशयक ह

(ख) कमरचारी की आय और िलग

(ग) िनयोजन की परकित (वह िनयोजन भिम क ऊपर ह या भिम क नीच और यिद भिम क ऊपर ह तो वह िवव खिनत म ह या अनयथा) और उसक परारमभ की तारीख

5

1 1983 क अिधिनयम स० 42 की धारा 24 ारा (31-5-1984 स) धारा 43 क सथान पर परितसथािपत 2 1983 क अिधिनयम स० 42 की धारा 26 ारा (31-5-1984 स) धारा 45 क सथान पर परितसथािपत 3 1959 क अिधिनयम स० 62 की धारा 27 ारा (16-1-1960 स) धारा 46 क सथान पर परितसथािपत 4 1959 क अिधिनयम स० 62 की धारा 29 ारा (16-1-1960 स) उपधारा (1) क सथान पर परितसथािपत 5 1983 क अिधिनयम स० 42 की धारा 27 ारा (31-5-1984 स) खणड (घ) का लोप िकया गया

18

(ङ) अनय ऐसी िविशिष टया जो िविहत की जाए

और ससगत परिविष टया सपक त िकयत क हसताकषर या अगठ क िचहन ारा अिधपरमािणत की जाएगी ]

(2) उपधारा (1) ारा िविहत रिजसटर म की परिविष टया ऐसी ह गी िक उनक अनसार काम करन वाल कमरकार इस अधयाय क उपबनध म स िकसी क उललघन म काम न करत ह ग

(3) कोई िक त खान म तब तक िनयोिजत न िकया जाएगा जब तक उसक बार म उपधारा (1) ारा अपिकषत िविशिष टया रिजसटर म अिधिलिखत न कर ली गई ह और कोई भी िक त रिजसटर म अपन बार म दिशत काम की कालाविधय क दौरान िनयोिजत िकए जान क िसवाय िनयोिजत नह िकया जाएगा

1[(4) िजस खान को कनदरीय सरकार न साधारण या िवशष आदश ारा िकसी िवशष कारण स जो अिभिलिखत िकया जाएगा छट दी हो उसस िभन न हर खान क िलए पथक रिजसटर िविहत पररप और सथान म रख जाएग िजनम हर िक त क बार म जो खान मmdash

(क) भिम क नीच

(ख) िवव खिनत म भिम क ऊपर

(ग) अनय दशा म भिम क ऊपर

िनयोिजत हो िनम निलिखत बात दिशत ह गीmdash

(i) कमरचारी का नाम

(ii) उसक िनयोजन का वगर या िकसम

(iii) जहा िक काम टोली-प ित स चलाया जाता हो वहा िजस पारी का वह ह वह पारी और उस पारी क घनट ]

(5) भिम क नीच िनयोिजत िक तय क उपधारा (4) म िनिदष ट रिजसटर म िकसी भी कषण ऐस हर िक त का नाम दिशत होगा जो तब खान म भिम क नीच उपिसथत हो

2[(6) कोई िक त िकसी िवव खिनत या भिम क नीच िकसी खिनत म तब क िसवाय परवश नह कर सकगा जब िक ऐसा करन क िलए वह परबनधक ारा अनजञात िकया गया हो अथवा इस अिधिनयम या िकसी अनय िविध क अधीन परािधकत हो ]

अधयाय 7

मजदरी सिहत छ ी 3[49 अधयाय का लाग होनाmdashइस अधयाय क उपबनध ऐस परवितत नह ह ग िक उनका िकसी ऐस अिधकार पर परितकल

परभाव पड़ िजसका िक खान म िनयोिजत कोई िक त िकसी अनय िविध क अधीन या िकसी अिधिनणरय करार या सवा-सिवदा क िनबनधन क अधीन हकदार हो

4[परनत यिद ऐसा अिधिनणरय करार या सवा-सिवदा इस अधयाय म उपबिनधत स दीघरतर मजदरी सिहत वािषक छ ी का उपबनध करती हो तो छ ी की वह मातरा िजसक िलए िनयोिजत िक त हकदार होगा ऐस अिधिनणरय करार या सवा-सिवदा क अनसार होगी िकनत छ ी ऐस िवषय की बाबत जो ऐस अिधिनणरय करार या सवा-सिवदा म उपबिनधत नह ह धारा 50 स लकर धारा 56 तक क (िजसम य दोन धाराए भी सिममिलत ह) उपबनध क अनसार िविनयिमत होगी ]

50 छ ी की पिरभाषाmdashसाप तािहक िवशराम-िदन अथवा उतसव क िलए या अनय ऐस ही अवसर क िलए अवकाश-िदन इस अधयाय क परयोजन क िलए छ ी क अनतगरत नह आत ह चाह व छ ी की कालाविध क दौरान ह या उसक ठीक पहल या ठीक पीछ ह

51 कलनडर वषर की पिरभाषाmdashइस अधयाय क परयोजन क िलए ldquoकलनडर वषरrdquo स िकसी वषर म जनवरी क परथम िदन स आरमभ होन वाली बारह मास की कालाविध अिभपरत होगी

52 मजदरी सिहत वािषक छ ीmdash(1) खान म िनयोिजत हर िक त को िजसन उसम एक कलनडर वषर की सवा परी कर ली हो पश चातवत कलनडर वषर क दौरान मजदरी सिहत छ ी अनजञात की जाएगी िजसकी गणनाmdash

(क) भिम क नीच िनयोिजत िक त की दशा म उसक ारा िकए गए काम क हर 5[पनदरह िदन] क िलए एक िदन की दर स की जाएगी तथा

1 1959 क अिधिनयम स० 62 की धारा 29 ारा (16-1-1960 स) उपधारा (4) क सथान पर परितसथािपत 2 1959 क अिधिनयम स० 62 की धारा 29 ारा (16-1-1960 स) अनतःसथािपत 3 1959 क अिधिनयम स० 62 की धारा 30 ारा (16-1-1960 स) धारा 49 स 56 तक क सथान पर परितसथािपत 4 1983 क अिधिनयम स० 42 की धारा 28 ारा (31-5-1984 स) परनतक क सथान पर परितसथािपत 5 1983 क अिधिनयम स० 42 की धारा 29 ारा (31-5-1984 स) ldquoसोलह िदनrdquo क सथान पर परितसथािपत

19

(ख) िकसी अनय दशा म उसक ारा िकए गए काम क हर बीस िदन क िलए एक िदन की दर स की जाएगी

(2) उपधारा (1) म िनिदष ट एक कलनडर वषर की सवाmdash

(क) खान म भिम क नीच िनयोिजत िक त की दशा म परी कर ली गई समझी जाएगी यिद कलनडर वषर क दौरान खान म उसकी हािजिरया एक सौ नबब स कम न ह तथा

(ख) िकसी अनय िक त की दशा म परी कर ली गई समझी जाएगी यिद कलनडर वषर क दौरान खान म उसकी हािजिरया दो सौ चालीस स कम न ह

सपष टीकरणmdashइस उपधारा क परयोजन क िलए यह ह िकmdash

(क) करार या सिवदा ारा या सथायी आदश क अधीन यथा अनजञय कामबदी क िदन को

(ख) स तरी कमरचारी की दशा म बारह सप ताह स अनिधक िकतन ही िदन की परसित छटटी को तथा

(ग) उस वषर स िजसम छ ी का उपभोग िकया जाए पवरवत वषर म उपािजत छ ी को

हािजरी की सगणना क परयोजन क िलए ऐस िदन समझा जाएगा िजनम कमरचारी न खान म काम िकया ह िकनत वह इन िदन क िलए छ ी उपािजत नह करगा

(3) िजस िक त की सवा जनवरी क परथम िदन को परारमभ न होकर अनयथा आरमभ होती ह वहmdash

(क) खान म भिम क नीच िनयोिजत िक त की दशा म तब जब िक वह कलनडर वषर क शष भाग क दौरान क कल िदन क आध स अनयन िदन म हािजर रहा हो तथा

(ख) िकसी अनय दशा म तब जब िक वह कलनडर वषर क शष भाग क दौरान क कल िदन क दो-ितहाई स अनयन िदन म हािजर रहा हो

पश चातवत कलनडर वषर म मजदरी सिहत छ ी उस दर स पान का हकदार होगा जो उपधारा (1) म िविनिदष ट ह

(4) िकसी िक त ारा न ली गई वह छ ी िजसका वह उपधारा (1) या उपधारा (2) क अधीन िकसी एक कलनडर वषर म हकदार हो उस छ ी म जोड़ दी जाएगी जो िक उ रवत कलनडर वषर क दौरान उस उपधारा क अधीन उस अनजञय हो

परनत उन छ ी क िदन की कल सखया जो ऐस िकसी िक त ारा सिचत की जा सकगी िकसी भी एक समय कल तीस िदन स अिधक न होगी

परनत यह और भी िक ऐसा वह िक त िजसन मजदरी सिहत छ ी क िलए आवदन िकया हो िकनत उस उपधारा (6) क अनसार ऐसी छ ी न दी गई हो िकसी सीमा क िबना अनपभक त छ ी क अगरनयन का हकदार होगा

(5) ऐसा कोई िक त उपधारा (1) उपधारा (2) और उपधारा (4) क अधीन उस समय अपन को अनजञय सारी छ ी या उसका कोई भाग लन क िलए खान क परबनधक स उस िदन स पदरह िदन स अनयन िदन पहल िलिखत आवदन कर सकगा िजस िदन वह अपनी छ ी आरमभ करना चाहता हो

परनत िकसी एक कलनडर वषर क दौरान तीन बार स अिधक छ ी न ली जा सकगी

(6) उपधारा (5) क उपबनध क अनसार ऐसी छ ी क िलए िकया गया आवदन तब क िसवाय नामजर नह िकया जाएगा जब िक छ ी अनद करन क िलए सशक त परािधकारी की यह राय हो िक पिरिसथित की आवशयकता क कारण छ ी नामजर की जानी चािहए ]

(7) यिद खान म िनयोिजत िक त अपनी मजदरी सिहत छ ी जो उस शष हो बीमारी की कालाविध क िलए लना चाहता हो तो चाह उसन छ ी क िलए आवदन उपधारा (5) म िविनिदष ट समय क अनदर न भी िकया हो तो भी उस वह छ ी अनद की जाएगी

(8) यिद खान का सवामी अिभकतार या परबनधक खान म िनयोिजत िक त क िनयोजन का पयरवसान उस िक त ारा अपनी वह कल छटटी ल ली जान क पवर कर द िजसका वह अपन िनयोजन क पयरवसान क िदन तक हकदार हो या यिद उस िक त न ऐसी छ ी क िलए आवदन िकया हो और ऐसी छ ी अनद न हई हो और वह िक त अपना िनयोजन छ ी लन स पवर छोड़ द तो खान का सवामी अिभकतार या परबनधक न ली गई छ ी क बार म धारा 53 क अधीन सदय रकम उस सद करगा और ऐसा सदाय वहा जहा िक

िक त क िनयोजन का पयरवसान सवामी अिभकतार या परबनधक ारा िकया जाए ऐस पयरवसान क पश चात क दसर कायर-िदवस क अवसान क पवर और जहा िक िक त अपना िनयोजन सवय छोड़ द वहा अगल वतन-िदवस को या उसक पवर िकया जाएगा

(9) खान म िनयोिजत िक त की अनपभक त छ ी उसक िनयोजन क पयरवसान क पवर िदए जान क िलए अपिकषत िकसी सचना की कालाविध की सगणना करन म िवचार म नह ली जाएगी

20

1[(10) जहा खान म िनयोिजत कोई िक त सवा स उनमोिचत या पदचयत िकया जाता ह अथवा वह अपना िनयोजन छोड़ता ह या अिधविषता पराप त करता ह अथवा सवा म रहत हए उसकी मतय हो जाती ह तो यथािसथित वह या उसक वािरस या उसका नाम-िनदिशती उपधारा (1) म िविनिदष ट दर स पिरकिलत उसको दय छ ी क सथान पर मजदरी पान का हकदार होगा यिदmdash

(क) भिम क नीच िकसी खान म िनयोिजत िक त की दशा म वह अपन िनयोजन की तारीख स लकर अपन उनमोचन या पदचयित की तारीख तक या िनयोजन छोड़न या अिधविषता या मतय की तारीख तक िदन की कल सखया क कम स कम आध िदन तक उपिसथित रहा ह और

(ख) िकसी अनय दशा म वह अपन िनयोजन की तारीख स लकर अपन उनमोचन या पदचयित या िनयोजन छोड़न या अिधविषता या मतय की तारीख तक िदन की कल सखया क कम स कम दो-ितहाई िदन तक उपिसथत रहा ह

और ऐसी मजदरी का सदाय खान क सवामी अिभकतार या परबनधक ारा धारा 53 म िविनिदष ट दर स जहा उस िक त को सवा स उनमोिचत या पदचयत कर िदया जाता ह अथवा वह िनयोजन छोड़ दता ह या अिधविषता पराप त कर लता ह वहा यथािसथित ऐस उनमोचन पदचयित िनयोजन छोड़न या अिधविषता क पश चात दसर कायर िदन की समािप त क पवर और जहा िनयोिजत िक त की सवा म रहत हए मतय हो जाती ह वहा उसकी मतय क दो मास की अविध क भीतर िकया जाएगा ]

सपष टीकरणmdash2[उपधारा (1) उपधारा (3) और उपधारा (10)] क परयोजन क िलए आध िदन या इसस अिधक की छ ी क िभन न को एक परा िदन माना जाएगा और आध िदन स कम वाला िभन न छोड़ िदया जाएगा

53 छ ी की कालाविध क दौरान मजदरीmdashउस छ ी क िलए जो खान म िनयोिजत िक त को धारा 52 क अधीन अनजञात हो उस सदाय ऐसी दर स िकया जाएगा जो उसकी छ ी क अ वितह पवरवत मास क उन िदन की बाबत िजनम वह िनयोिजत रहा हो कल पणरकािलक उपाजरन क उस दिनक औसत क बराबर हो जो उन उपाजरन म स िकसी अितकािलक मजदरी और बोनस को अपविजत करक िकनत उनम महगाई भ और नकद परितकर को िजसक अनतगरत खा ा और अनय वसत क िबना मलय िवतरण स परोदभावी ऐसा कोई परितकर (यिद कोई हो) िजसक हकदार खान म काम करन वाल िक त ततसमय ह आता ह सिममिलत करक आए

परनत यिद ऐस कोई औसत उपाजरन उपलबध न ह तो औसत की सगणना उसी मास क िलए वस ही िनयोिजत सब िक तय क कल पणरकािलक उपाजरन क दिनक औसत क आधार पर की जाएगी

54 कितपय दशा म अिगरम सदायmdashखान म िनयोिजत उस िक त को िजस चार स अनयन िदन की छ ी अनजञात की गई हो अनजञात छ ी की कालाविध क िलए शोधय मजदरी उसकी छ ी आरमभ होन स पहल द दी जाएगी

55 असद मजदरी की वसली का ढगmdashखान क सवामी अिभकतार या परबनधक ारा इस अधयाय क अधीन सद िकए जान क िलए अपिकषत िकनत उसक ारा असद कोई रकम मजदरी सदाय अिधिनयम 1936 (1936 का 4) क उपबनध क अधीन िवलिबत मजदरी क रप म वसलीय होगी

56 खान को छट की शिक तmdashजहा िक कनदरीय सरकार का यह समाधान हो जाए िक िकसी खान म िनयोिजत िक तय को लाग होन वाल छ ी क िनयम ऐसी परसिवधा का उपबनध करत ह जो उसकी राय म उन परसिवधा स कम अनकल नह ह िजनक िलए यह अधयाय उपबनध करता ह वहा वह उस खान को इस अधयाय क सब या िकनह उपबनध स छट िलिखत आदश ारा और ऐसी शत क अधयधीन जो उसम िविनिदष ट की जाए द सकगी ]

अधयाय 8

िविनयम िनयम और उपिविधया 57 िविनयम बनान की कनदरीय सरकार की शिक तmdashकनदरीय सरकार िनम निलिखत सब परयोजन या उनम स िकसी क िलए

ऐस िविनयम3 जो इस अिधिनयम स सगत हो शासकीय राजपतर म अिधसचना ारा बना सकगी अथारत mdash

(क) व अहरताए िविहत करना जो मखय िनरीकषक या िनरीकषक क रप म िनयिक त क िलए अपिकषत हो

(ख) इस अिधिनयम क अधीन खान क िनरीकषण क समबनध म मखय िनरीकषक और िनरीकषक क कतर और शिक तय को िविहत और िविनयिमत करना

(ग) खान क सवािमय अिभकतार और परबनधक क और उनक अधीन कायर करन वाल िक तय क कतर िविहत करना और खान क 4[अिभकतार और परबनधक और उनक अधीन कायर करन वाल िक तय की अहरताए (िजसक अनतगरत आय आती ह)] िविहत करना

1 1983 क अिधिनयम स० 42 की धारा 29 ारा (31-5-1984 स) अनतःसथािपत 2 1983 क अिधिनयम स० 42 की धारा 29 ारा (31-5-1984 स) ldquoउपधारा (1) और (3)rdquo क सथान पर परितसथािपत 3 कोयला खान िविनयम 1957 क िलए दिखए भारत का राजपतर (अगरजी) 1957 भाग 2 खणड 3 प 2569 और धातमय खान िविनयम 1961 क िलए दिखए भारत

का राजपतर 1961 भाग 2 अनभाग 3(i) प 360 4 1959 क अिधिनयम स० 62 की धारा 31 ारा (16-1-1960 स) ldquoपरबनधक की अहरताएrdquo शबद क सथान पर परितसथािपत

21

(घ) खान क परबनधक और उनक अधीन कायर करन वाल अनय िक तय को अपन कतर का पालन दकषतापवरक करन क िलए समथर बनान क िलए सिवधाए उपबिनधत की जान की अपकषा करना

(ङ) खान क परबनधक और उनक अधीन कायर करन वाल िक तय की अहरताए परीकषा ारा या अनयथा अिभिनिश चत करन की रीित को और सकषमता परमाणपतर क अनद और नवीकत िकए जान को िविनयिमत करना

(च) ऐसी परीकषा और ऐस परमाणपतर क अनदान तथा नवीकरण क बार म दी जान वाली फीस यिद कोई ह िनयत करना

(छ) उन पिरिसथितय को िजनम और उन शत को िजसक अधयधीन रहत हए एक स अिधक खान का एक ही परबनधक क अधीन रहना या िकसी खान या िकनह खान का िविहत अहरताए न रखन वाल परबनधक क अधीन रहना िविधपणर होगा अवधािरत करना

1[(ज) इस अिधिनयम क अधीन की जान वाली जाच क िलए िजनक अनतगरत इस अिधिनयम क अधीन परमाणपतर धारण करन वाल िकसी िक त क अवचार या अकषमता स सब कोई जाच आती ह उपबनध करना और ऐस िकसी परमाणपतर क िनलमबन और र िकए जान क िलए उपबनध करना और जहा भी आवशयक हो वहा यह उपबनध करना िक जाच करन क िलए िनयक त िकए गए िक त को सािकषय को हािजर करान और दसतावज और भौितक पदाथ को पश करान क परयोजन क िलए िसिवल परिकरया सिहता 1908 (1908 का 5) क अधीन की िसिवल नयायालय की सब शिक तया पराप त ह गी ]

(झ) भारतीय िवसफोटक अिधिनयम 1884 (1884 का 4) और तद धीन बनाए गए िकनह िनयम क उपबनध क अधयधीन रहत हए िवसफोटक का भडारकरण परवहण और उपयोग िविनयिमत करना

2[(ञ) 3 िस तरय का खान म या खान क िकसी वगर म या ऐस िविशष ट परकार क शरम म िजनम ऐस िक तय क जीवन कषम या सवासथय क िलए खतरा रहता ह िनयोजन परितिष िनबरिनधत या िविनयिमत करना और ऐस िक त

ारा एक बार म वहन िकए जा सकन वाल बोझ क भार को पिरसीिमत करना ]

(ट) खान म िनयोिजत िक तय क कषम उनम उनक परवश करन और वहा स उनक िनकलन क साधन क िलए और उन कपक या िनकास की सखया क िलए जो उपबध िकए जान ह और कपक गत िनकास पथया और अवतलन पर बाड़ लगाई जान क िलए उपबनध करना

(ठ) खान क सवामी स सदाय पान वाल और खान क सवामी या परबनधक क परित सीध उ रदायी िक तय स िभन न िकसी िक त का खान म परबनधक क रप म या िकसी अनय िविनिदष ट हिसयत म िनयोजन परितिष करना

4[(ड) सतमभ या खिनज खणड क सथान िनिश चत करन अनरकषण और िनकाल या छाट जान तथा एक खान और दसरी खान क बीच पयारप त रोध क अनरकषण सिहत खान म सड़क और काम क सथल की सरकषा क िलए उपबनध करना

(ढ) खान म खिनज और महबनद अिग न-कषतर का िनरीकषण और सागर क या िकसी सरोवर या नदी या िकसी अनय भप ीय जलरािश क चाह वह पराकितक हो चाह कितरम या िकसी लोक सड़क या िनमारण क समीप खिनत िवषयक िनबनधन और िकनह खिनत म पानी भर जान या आग लग जान या उनक समय-पवर ढह जान क िवर समयक पवारवधानी बरती जान की अपकषा करना ]

(ण) खान क सवातन का और धल अिग न और जवलनशील तथा अपायकर गस क िवषय म की जान वाली काररवाई का िजसक अनतगरत सवतःदहन भिम क नीच की अिग न और कोयल की धल क िवर पवारवधानी आती ह उपबनध करना

5[(त) खान म िव त क जनन भणडारकरण रपानतरण पारषण और उपयोग की भारतीय िव त अिधिनयम 1910 (1910 का 9) और तद धीन बनाए गए िकनह िनयम क उपबनध क अधयधीन रहत हए िविनयिमत करना और खान म क सब िव त उपकरण िव त तार और उनम की सब अनय मशीनरी और सयतर की दखभाल और उपयोग क िविनयमन क िलए उपबनध करना ]

(थ) 6[खान म मशीनरी का उपयोग िविनयिमत करना ऐसी मशीनरी पर या उसक आसपास और कषरण-माग पर िनयोिजत िक तय क कषम क िलए उपबनध करना] और भिम क नीच कछ वग क चिलतर का परयोग िनबरिनधत करना

(द) खान म उिचत परकाश क िलए उपबनध करना और उनम िनरापद और लमप का परयोग िविनयिमत करना और िजस खान म िनरापद लमप परयोग म लाए जात ह उसम परवश करन वाल िक तय की तलाशी लना

1 1959 क अिधिनयम स० 62 की धारा 31 ारा (16-1-1960 स) खड (ज) क सथान पर परितसथािपत 2 1959 क अिधिनयम स० 62 की धारा 31 ारा (16-1-1960 स) खड (ञ) क सथान पर परितसथािपत 3 1983 क अिधिनयम स० 42 की धारा 30 ारा (31-5-1984 स) ldquoकमार औरrdquo शबद का लोप िकया गया 4 1959 क अिधिनयम स० 62 की धारा 31 ारा (16-1-1960 स) खड (ड) और (ढ) क सथान पर परितसथािपत 5 1959 क अिधिनयम स० 62 की धारा 31 ारा (16-1-1960 स) खड (त) क सथान पर परितसथािपत 6 1983 क अिधिनयम स० 42 की धारा 30 ारा (31-5-1984 स) कितपय शबद क सथान पर परितसथािपत

22

(ध) खान म 1[जवलनशील गस या धल क] िवसफोटक या जवलन या पानी क फट िनकलन या सिचत होन क िवर और उनस उदभत खतर क िवर उपबनध करना और ऐसी पिरिसथितय म खिनज क िनकाल जान का परितषध िनबरनधन या िविनयमन करना िजनस यह समभा ता हो िक उसक पिरणामसवरप खान म 1[खिनत] समय-पवर ढह जाए या यह िक उसक पिरणामसवरप खान म 1[खिनत ] का ढह जाना या जल का फट िनकलना या जवलन घिटत होगा या गरतर हो जाएगा

(न) 2[धारा 23 की उपधारा (1) क खड (छ) क अधीन दघरटना क परकार िविहत करना और दघरटना और खतरनाक घटना की सचना का और खिनज उतपाद िनयोिजत िक तय तथा िविनयम ारा उपबिनधत अनय बात की सचना िरपोट और िववरिणय का खान क सवािमय अिभकतार और परबनधक ारा िदया जाना िविहत करना] और ऐसी सचना िववरिणय और िरपोट क पररप व िक त और परािधकारी िजनह व दी जानी ह व िविशि या जो उनम अनतिवष ट होनी ह और वह समय िजसक अनदर व िनविदन की जानी ह िविहत करना

3[(प) 4[खान क सवािमय अिभकतार और परबनधक स खान क िलए िनयत सीमाए रखन की अपकषा करना उनस ससक त रखाक और खडिचतर तथा सथलीय िटपपण जो उनक ारा रख जान ह िविहत करना] और वह रीित िजसस और व सथान िजनम ऐस रखाक खणडिचतर और सथलीय िटपपण अिभलख क परयोजन क िलए रख जान ह िविहत करना और उनकी परितय का मखय िनरीकषक को िनविदत िकया जाना और उनस यह अपकषा करना िक व नए सवकषण कर और नए रखाक बनाए और अननपालन की दशा म िकसी अनय अिभकरण क माधयम स सवकषण कराना और रखाक तयार कराना और उनक य की वसली उसी रीित स करना िजसस भ-राजसव की बकाया होती ह ]

(फ) 5[िसथित स परभावी ढग स िनपटन क परयोजन क िलए] खान म या उनक आसपास दघरटना या आकिसमक िवसफोट या जवलन क घिटत होन पर अपनाई जान वाली परिकरया िविनयिमत करना

(ब) खान क सवामी अिभकतार या परबनधक ारा धारा 16 क अधीन दी जान वाली सचना का पररप और उसम अनतिवष ट होन वाली िविशि या िविहत करना

(भ) वह सचना िविहत करना जो िकसी ऐस सथान पर जो भारतीय रल अिधिनयम 1890 (1890 का 9) क उपबनध क अधयधीन की िकसी रल क या 6[यथािसथित िकनह ऐसी लोक सड़क या अनय सकम क जो सरकार ारा या िकसी सथानीय परािधकारी ारा अनरिकषत ह ] 7[पतालीस मीटर] क अनदर का हो खनन सिकरयाए परारमभ करन या उस तक िवसतािरत करन क पवर खान क सवामी अिभकतार या परबनधक ारा दी जानी ह

(म) िकसी खान क बार म उस दशा म जबिक खिनत म काम बनद कर िदया गया हो सरकार या िकसी सथानीय परािधकारी या भारतीय रल अिधिनयम 1890 (1890 का 9) म यथापिरभािषत िकसी रल कमपनी म िनिहत समपि की कषित स सरकषा

8[(मम) खान क सवामी अिभकतार या परबनधक स यह अपकषा करना िक खान क बनद िकए जान क पवर सरकषा-सकमर सि िमत कर और अननपालन की दशा म ऐस सकमर िकसी अनय अिभकरण ारा िनषपािदत कराना और ऐस सवामी स उनक य की वसली उसी रीित स करना िजसस भ-राजसव की बकाया की होती ह ]

(य) िकसी खान या खान क भाग या िकसी खदान आनित कपक गतर या िनकास म चाह उसका कायरकरण हो रहा हो या नह या िकसी खतरनाक या परितिष कषतर अवतलन कषरण टराम लाइन या पथया पर जहा जनता क सरकषण क िलए बाड़ लगाना आवशयक हो बाड़ लगाई जान की अपकषा करना

(यय) कोई अनय बात जो िविहत की जानी ह या िविहत की जाए

58 िनयम बनान की कनदरीय सरकार की शिक तmdashकनदरीय सरकार िनिम निलिखत सब परयोजन या उनम स िकसी क िलए ऐस िनयम जो इस अिधिनयम स सगत ह शासकीय राजपतर म अिधसचना ारा बना सकगी अथारत --

9[(क) सिमित क सदसय की पदाविध और उनकी सवा की अनय शत का तथा िरिक तया भरन की रीित का उपबनध कराना और अपना कारबार चलान क िलए सिमित ारा अनसिरत की जान वाली परिकरया िविनयिमत करना

(ख) धारा 23 की उपधारा (3) म िनिदष ट रिजसटर का पररप िविहत करना

1 1959 क अिधिनयम स० 62 की धारा 31 ारा (16-1-1960 स) अनतःसथािपत 2 1959 क अिधिनयम स० 62 की धारा 31 ारा (16-1-1960 स) ldquoसचनाए िविहत करन क िलएrdquo क सथान पर परितसथािपत 3 1959 क अिधिनयम स० 62 की धारा 31 ारा (16-1-1960 स) खड (प) क सथान पर परितसथािपत 4 1983 क अिधिनयम स० 42 की धारा 30 ारा (31-5-1984 स) कितपय शबद क सथान पर परितसथािपत 5 1983 क अिधिनयम स० 42 की धारा 30 ारा (31-5-1984 स) अनतःसथािपत 6 1959 क अिधिनयम स० 62 की धारा 31 ारा (16-1-1960 स) कितपय शबद क सथान पर परितसथािपत 7 1983 क अिधिनयम स० 42 की धारा 30 ारा (31-5-1984 स) ldquoपचास गजrdquo क सथान पर परितसथािपत 8 1959 क अिधिनयम स० 62 की धारा 31 ारा (16-1-1960 स) अनतःसथािपत 9 1983 क अिधिनयम स० 42 की धारा 31 ारा (31-5-1984 स) खड (क) क सथान पर परितसथािपत

23

(ग) धारा 24 क अधीन जाच नयायालय की िनयिक त क िलए उपबनध करना ऐस नयायालय की परिकरया और शिक तया िविनयिमत करना ऐस नयायालय क सदसय को यातरा-भ का सदाय करना और सयक त खान क परबनधक सवामी या अिभकतार स उक त नयायलय क य की 1[िजनक अनतगरत जाच स ससक त कोई अनय य आत ह] 2[उसी रीित स जस भ-राजसव की बकाया वसल की जाती ह] वसली करना

2[(गग) खान म िनयोिजत िक तय की ओर स तकनीकी िवशषजञ ारा (जो परािसथित म ओवरमन स कम नह ह) खान क िनरीकषण क िलए उसक िलए दी जान वाली सिवधा क िलए वह आवित िजस पर और वह रीित िजसम ऐस िनरीकषण िकए जाएग और वह रीित िजसम ऐस िनरीकषण की िरपोटर दी जाएगी उपबनध करना ]

(घ) िजन खान म कोई ि या िनयोिजत ह या पवरवत बारह मास म िकसी िदन िनयोिजत रह ह उनम ऐसी िस तरय क छह वषर स कम आय वाल बालक क उपयोग क िलए आरिकषत िकए जान वाल समिचत कमर बनाए रखन की अपकषा करना और या तो साधारणतः या खान म िनयोिजत िस तरय की सखया क परित िविशष ट िनदश स ऐस कमर की सखया और सतरमान और उन सख-सिवधा की जो उनम उपबिनधत की जानी ह और उस पयरवकषण की जो उनम िकया जाना ह परकित और िवसतार िविहत करना

(ङ) खान म िनयोिजत परष क उपयोग क िलए फहारयक त स नान सथान और लॉकर ककष और िजन खान म ि या िनयोिजत ह उनम िस तरय क उपयोग क िलए वस ही पथक सथान और ककष गतरमख पर या उनक आसपास बनाए रख जान की अपकषा करना और या तो साधारणतः या खान म मामली तौर पर िनयोिजत परष और िस तरय की सखया क परित िविशष ट िनदश स ऐस सथान और ककष की सखयाए और सतरमान िविहत करना

(च) खान म सवचछता का जो सतरमान बनाए रखना ह उस खान म उपबिनधत िकए जान वाल शौचालय और मतरालय का आनपाितक मान िविहत करना और 3 पय जल क परदाय क िलए िकया जान वाला उपबनध

1[(चच) िचिकतसीय सािधतर और सख-सिवधा क परदाय और बनाए रख जान क िलए उपबनध करना और पराथिमक उपचार बकस और कपबोड की अनतवरसतए और सखयाए पराथिमक उपचार क काम म परिशकषण पराथिमक उपचार कमर क आकार और उपसकर और उनक भारसाधक कमरचािरवनद और कषितगरसत िक तय को िचिकतसालय या औषधालय को परवहण करन क िलए इतजाम िविहत करना

(चचच) उन व यिक तय को जो खान म पयरवकषण या परबन ध क पद स िभन न पद पर िनयोिजत ह या िनयोिजत िकए जान ह व यावहािरक िशकषण िदए जान या परिशिकषत िकए जान की अपकषा करना और ऐस िशकषण और परिशकषण क िलए स कीम िविहत करना]

(छ) खान म मादक पय या औषिधय को कबज म रखन को या उनक उपभोग को और म ता की हालत म िकसी िक त क उनम परवश या उपिसथित को परितिष करना

(ज) धारा 36 क अधीन अपिकषत सचना क पररप िविहत करना और यह अपकषा करना िक ऐसी सचनाए िविनिदष ट भाषा म भी लगाई जाए

(झ) उन िक तय को पिरभािषत करना िजनकी बाबत धारा 37 क परयोजन क िलए यह समझा जाएगा िक व पयरवकषण या परबनध क पद धारण िकए हए ह या िकसी गोपनीयता की हिसयत म िनयोिजत ह

(ञ) उन िक तय या िक तय क िकसी वगर का खान म िनयोजन परितिष करना िजनकी बाबत िकसी अिहत िचिकतसा- वसायी ारा यह परमािणत न िकया गया हो िक उनह न अपना पदरहवा वषर परा कर िलया ह और वह रीित और व पिरिसथितया िजनम ऐस परमाणपतर अनद और परितसहत िकए जा सकग िविहत करना

4

1[(टट) खान म िनयोिजत या िनयोजन चाहन वाल िक तय स यह अपकषा करना िक व अपन को िचिकतसीय परीकषा क िलए परसतत कर और खान म िकसी िक त का िनयोजन िकए जान का आतयितक परितषध या िकसी िविशष ट हिसयत म या िविशष ट काम म िकए जान का परितषध िचिकतसीय आधार पर करना ]

5[(ठ) धारा 48 ारा अपिकषत रिजसटर क पररप और अधयाय 7 क परयोजन क िलए रिजसटर रखा जाना और उनक पररप िविहत करना ]

(ड) इस अिधिनयम को और िविनयम और िनयम की सिकषिप तया और वह भाषा िजसम सिकषिप तया और उपिविधया धारा 61 और 62 म अपिकषत रप स लगाई जाएगी िविहत करना

1 1959 क अिधिनयम स० 62 की धारा 32 ारा (16-1-1960 स) अनतःसथािपत 2 1983 क अिधिनयम स० 42 की धारा 31 ारा (31-5-1984 स) अनतःसथािपत 3 1959 क अिधिनयम स० 62 की धारा 32 ारा (16-1-1960 स) कितपय शबद का लोप िकया गया 4 1983 क अिधिनयम स० 42 की धारा 31 ारा (31-5-1984 स) (ट) का लोप िकया गया 5 1959 क अिधिनयम स० 62 की धारा 32 ारा (16-1-1960 स) खड (ठ) क सथान पर परितसथािपत

24

(ढ) यह अपकषा करना िक िजन बात क िलए िनयम बनाए गए ह उनस सब सचनाए िववरिणया और िरपोट खान क सवामी अिभकतार और परबनधक द और ऐसी सचना िववरिणय और िरपोट क पररप व िक त और परािधकारी िजनह व दी जानी ह व िविशि या जो उनम अनतिवष ट होनी ह और व समय िजनक अनदर व िनविदत की जानी ह िविहत करना

(ण) िजन खान म 1 पचास स अिधक िक त मामली तौर पर िनयोिजत रहत ह उनम भोजन करन क िलए यथायोगय और उपयक त ऐस आशरय क िजनम पीन क पानी का उपबनध भी हो उपबिनधत िकए जान और बनाए रख जान की अपकषा करना

(त) मखय िनरीकषक या िनरीकषक ारा इस िनिम िविनिदष ट िकसी ऐसी खान म िजसम दो सौ पचास स अिधक िक त मामली तौर पर िनयोिजत रहत ह ऐस िक तय क उपयोग क िलए कोई कटीन या कटीन उपबिनधत की जान और

बनाए रखी जान की अपकषा करना

(थ) हर ऐसी खान म िजसम पाच सौ या अिधक िक त मामली तौर पर िनयोिजत रहत ह इतनी सखया म कलयाण आिफसर िनयोिजत िकए जान की अपकषा करना िजतनी िविनिदष ट की जाए और ऐस कलयाण आिफसर की अहरताए और सवा क िनबनधन और शत और उनक ारा पालनीय कतर िविहत करना

2[(द) िविनिदष ट खान या िविनिदष ट खान क समह क िलए या िकसी िविनिदष ट कषतर की सब खान क िलए बचाव सटशन की सथापना की जान की अपकषा करना और यह िविहत करना िक ऐस सटशन कस और िकसक ारा सथािपत िकए जाएग

(ध) बचाव सटशन क परबनध क िलए उपबनध करना

(धक) बचाव िबरगड का गठन करन वाल िक तय की शारीिरक योगयता क मानक और अनय अहरता क िलए उपबनध करना

(धख) बचाव िबरगड का गठन करन वाल िक तय का िनवास-सथान िविहत करना ]

(न) 3 बचाव सटशन की िसथित उपसकर िनयतरण अनरकषण और कतय िविहत करना 4[(प) खड (द) क अधीन िविनिदष ट खान म उतपािदत और वहा स परिषत कोक और कोयल पर (पच चीस पस परित

टन स अनिधक दर स) उतपाद-शलक क उद गहण और सगरहण क िलए ऐसी खान क िलए बचाव सटशन िनिध का सजन करन क िलए भारत की सिचत िनिध म जमा िकए गए ऐस उपकर क आगम म स उन धनरािशय क जो कनदरीय सरकार ससद

ारा िविध ारा इस िनिम समयक िविनयोग िकए जान क पश चात उपबिनधत कर ऐसी िनिध म जमा िकए जान क िलए उस रीित क िलए िजसम ऐसी िनिध म स धन का उपयोग िकया जाएगा और ऐसी िनिध क परशासन क िलए उपबनध करना

(फ) बचाव िबरगड़ क बनाव परिशकषण सरचना और कतर क िलए 5 और साधारणतः खान म बचाव कायर क सचालन क िलए उपबनध करना 6

7[(फफ) िविनिदष ट खान या िविनिदष ट खान क समह क िलए सरकषा सिमितय क गठन क िलए या सरकषा की अिभवि करन क िलए िकसी िविनिदष ट कषतर म सभी खान क िलए और ऐसी सरकषा सिमितय की सरचना उनक गठन और कतय की रीित अिधकिथत करन क िलए उपबनध करना तथा]

(ब) साधारणतः िकसी ऐस मामल क िलए उपबनध करना िजनक िलए इस अिधिनयम या िविनयम ारा उपबनध न िकया गया हो और िजसक िलए उपबनध इस अिधिनयम को परभावी करन क िलए अपिकषत हो

59 िविनयम और िनयम का पवर परकाशनmdash(1) धारा 57 और 58 ारा परद िविनयम और िनयम बनान की शिक त इस शतर क अधयधीन ह िक य िविनयम और िनयम पवर परकाशन क पश चात बनाए जाएग

(2) जो तारीख साधारण खड अिधिनयम 1897 (1897 का 10) की धारा 23 क खड (3) क अनसार उस तारीख क रप म िविनिदष ट की जानी ह िजसक पश चात िक बनाए जान क िलए परसथािपत िविनयम या िनयम क परारप पर िवचार िकया जाएगा वह उस तारीख स तीन मास स कम की होगी िजसको परसथािपत िविनयम या िनयम का परारप साधारण जानकारी क िलए परकािशत िकया जाए

1 1959 क अिधिनयम स० 62 की धारा 32 ारा (16-1-1960 स) ldquoएक सौ औरrdquo शबद का लोप िकया गया 2 1983 क अिधिनयम स० 42 की धारा 31 ारा (31-5-1984 स) खड (द) और (ध) क सथान पर परसथािपत 3 1983 क अिधिनयम स० 42 की धारा 31 ारा (31-5-1984 स) ldquoकनदरीयrdquo शबद का लोप िकया गया 4 1983 क अिधिनयम स० 42 की धारा 31 ारा (31-5-1984 स) खड (प) क सथान पर परितसथािपत 5 1983 क अिधिनयम स० 42 की धारा 31 ारा (31-5-1984 स) कितपय शबद का लोप िकया गया 6 1983 क अिधिनयम स० 42 की धारा 31 ारा (31-5-1984 स) ldquoऔरrdquo शबद का लोप िकया गया 7 1983 क अिधिनयम स० 42 की धारा 31 ारा (31-5-1984 स) अनतःसथािपत

25

1

2[(4) कोई भी िविनयम या िनयम तब तक नह बनाया जाएगा जब तक िक उस िविनयम या िनयम का परारप धारा 12 की उपधारा (1) क अधीन गिठत सिमित को िनदिशत न कर िदया गया हो और जब तक उस सिमित को उसक बनाए जान की समीचीनता और उसक उपबनध की उपयक तता की बाबत िरपोटर दन का यिक तयक त अवसर न िमल गया हो ]

(5) िविनयम और िनयम शासकीय राजपतर म परकािशत िकए जाएग और ऐस परकािशत िकए जान पर ऐस परभाव रखग मानो व इस अिधिनयम म अिधिनिमत ह

(6) उपधारा (1) उपधारा (2) और उपधारा (4) क उपबनध उस अवसर को लाग न ह ग िजस पर धारा 58 क खड (घ) या खड (ङ) म िनदिशत िनयम सवरपरथम बनाए जाए

3

60 पवर परकाशन क िबना िविनयम बनान की शिक तmdashयिद कनदरीय सरकार का समाधान हो जाए िक आशिकत खतर का िनवारण करन या खतरा पदा करन की सभा ता रखन वाली िसथितय का शीघर उपचार करन क िलए यह आवशयक ह िक ऐस िविनयम बनान म वह िवलमब न होन िदया जाए जो ऐस परकाशन और िनदशन स होगा तो धारा 57 4 क अधीन िविनयम धारा 59 की उपधारा (1) उपधारा (2) और उपधारा 5[(4)] म अनतिवष ट िकसी बात क होत हए भी पवर परकाशन और 6[धारा 12 की उपधारा (1) क अधीन गिठत सिमित] को 7 िनदशन क िबना बनाए जा सकग

परनत इस परकार बनाए गए िविनयम 8[सिमित की जानकारी क िलए भज जाएग और] बनाए जान स 9[एक वषर] स अिधक क िलए परव नह रहग

61 उपिविधयाmdash(1) खान का सवामी अिभकतार या परबनधक 10[उस खान म िकसी िवशष मशीनरी क उपयोग या कायरकरण की िकसी िवशष प ित को अपनाए जान क शािस त करन क िलए] इस अिधिनयम या िकनह ततसमय परव िविनयम या िनयम स असगत न होन वाली ऐसी उपिविधय का परारप जसी िक ऐसा सवामी अिभकतार या परबनधक उस खान म दघरटना का िनवारण करन क िलए और उसम िनयोिजत िक तय क कषम सिवधा और अनशासन हत उपबनध करन क िलए आवशयक समझ तयार कर सकगा और मखय िनरीकषक या िनरीकषक को िनविदत कर सकगा और यिद ऐसा करन की उसस अपकषा मखय िनरीकषक या िनरीकषक ारा की जाए तो तयार करगा और िनविदत करगा

(2) यिद ऐसा कोई सवामी अिभकतार या परबनधकmdash

(क) मखय िनरीकषक या िनरीकषक ारा ऐसा करन की उसस अपकषा की जान क पश चात दो मास क अनदर उपिविधय का परारप िनविदत करन म असफल रह अथवा

(ख) उपिविधय का ऐसा परारप िनविदत कर जो मखय िनरीकषक या िनरीकषक की राय म पयार न हो

तो मखय िनरीकषक या िनरीकषकmdash

(i) ऐसी उपिविधय का परारप परसथािपत कर सकगा जो उस पयार परतीत ह अथवा

(ii) सवामी अिभकतार या परबनधक ारा जो परारप उस िनविदत िकया गया हो उसम ऐस सशोधन परसथािपत कर सकगा िजनस उसकी राय म वह पयार हो जाएगा और ऐसी परारप-उपिविधया या परारप-सशोधन यथािसथित सवामी अिभकतार या परबनधक क पास िवचार क िलए भजगा

(3) यिद उस तारीख स िजसको कोई परारप-उपिविधया या परारप-सशोधन मखय िनरीकषक या िनरीकषक न सवामी अिभकतार या परबनधक क पास उपधारा (2) क उपबनध क अधीन भज ह दो मास की कालाविध क अनदर मखय िनरीकषक या िनरीकषक और सवामी अिभकतार या परबनधक उपधारा (1) क अधीन बनाई जान वाली उपिविधय क िनबनधन क िवषय म परसपर सहमत होन म

1 1959 क अिधिनयम स० 62 की धारा 33 ारा (16-1-1960 स) उपधारा (3) का लोप िकया गया 2 1983 क अिधिनयम स० 42 की धारा 32 ारा (31-5-1984 स) उपधारा (4) क सथान पर परितसथािपत 3 1983 क अिधिनयम स० 42 की धारा 32 ारा (31-5-1984 स) उपधारा (7) का लोप िकया गया 4 1959 क अिधिनयम स० 62 की धारा 34 ारा (16-1-1960 स) ldquoक खड (ठ) को अपविजत करत हए खड (झ) और खड (ट) स (ख) (ध)rdquo शबद को क और अकषर का

लोप िकया गया 5 1959 क अिधिनयम स० 62 की धारा 34 ारा (16-1-1960 स) ldquo(3)rdquo क सथान पर परितसथािपत 6 1983 क अिधिनयम स० 42 की धारा 33 ारा (31-5-1984 स) ldquoखनन बोड rdquo क सथान पर परितसथािपत 7 1959 क अिधिनयम स० 62 की धारा 34 ारा (16-1-1960 स) ldquoपवरrdquo शबद का लोप िकया गया 8 1983 क अिधिनयम स० 42 की धारा 33 ारा (31-5-1984 स) अनतःसथािपत 9 1959 क अिधिनयम स० 62 की धारा 34 ारा (16-1-1960 स) ldquoदो वषरrdquo क सथान पर परितसथािपत 10 1983 क अिधिनयम स० 42 की धारा 34 ारा (31-5-1984 स) कितपय शबद क सथान पर परितसथािपत

26

असमथर रह तो मखय िनरीकषक या िनरीकषक परारप-उपिविधय को पिरिनधाररण क िलए 1[धारा 12 की उपधारा (1) क अधीन गिठत सिमित को] िनदिशत करगा

(4) (क) जबिक ऐसी पररप-उपिविधय पर अिभकतार या परबनधक और मखय िनरीकषक सहमत हो गए ह या जबिक उनक सहमत होन म असमथर होन पर व 2[धारा 12 की उपधारा (1) क अधीन गिठत सिमित को] ारा पिरिनधारिरत कर दी गई ह तब मखय िनरीकषक या िनरीकषक ारा परारप-उपिविधय की एक परित कनदरीय सरकार को अनमोदनाथर भजी जाएगी

(ख) कनदरीय सरकार परारप-उपिविधय म ऐसा उपातरण कर सकगी जसा वह ठीक समझ

(ग) इसस पवर िक कनदरीय सरकार परारप-उपिविधय का अनमोदन चाह उपातर क सिहत या उनक िबना कर उपिविधया बनान की परसथापना की और उस सथान की जहा परारप-उपिविधय की परितया अिभपरा की जा सकगी और उस समय की (जो तीस िदन स कम का न होगा) इसक अनदर िक परभािवत िक तय क ारा या उनकी ओर स परारप-उपिविधय क परित िकया गया कोई आकषप कनदरीय सरकार को भजा जाना चािहए सचना ऐसी रीित स जसी कनदरीय सरकार परभािवत िक तय की जानकारी दन क िलए उपयक ततम समझ परकािशत की जाएगी

(घ) हर आकषप िलिखत होगा और उसमmdash

(i) आकषप क िविशष ट आधार तथा

(ii) चाह गए लोप पिरवधरन या उपानतर

किथत ह ग

(ङ) उन िक तय क ारा या उनकी ओर स िजनकी बाबत कनदरीय सरकार को यह परतीत हो िक व तद ारा परभािवत िक त ह अपिकषत समय क अनदर िकए गए आकषप पर वह सरकार िवचार करगी और उपिविधय पर या तो उस रप म िजसम व परकािशत की गई थ या उनम ऐस सशोधन करक िजनह वह ठीक समझ अनमोिदत कर सकगी

(5) कनदरीय सरकार ारा इस परकार अनमोिदत हो जान पर उपिविधया इस परकार परभावी ह गी मानो व इस अिधिनयम म अिधिनयिमत ह और खान का सवामी अिभकतार या परबनधक उन उपिविधय की एक परित अगरजी म और ऐसी अनय भाषा या भाषा म जसी िविहत की जाए खान म या उसक आसपास िकसी ऐस सहजदशय सथान पर लगवाएगा जहा व उपिविधया िनयोिजत

िक तय ारा सिवधापवरक पढ़ी या दखी जा सक और िजतनी बार व िवरिपत हो जाए िमट जाए या नष ट हो जाए उतनी बार यिक तयक त शीघरता क साथ उनह नए िसर स लगवाएगा

(6) कनदरीय सरकार इस परकार िनिमत िकसी उपिविध को िलिखत आदश ारा पणरतः या भागतः िवखिडत कर सकगी और तदपिर ऐसी उपिविध तदनसार परभावहीन हो जाएगी

3[61क िविनयम िनयम और उपिविधय का ससद क समकष रखा जानाmdashधारा 57 क अधीन बनाया गया परतयक िविनयम धारा 58 क अधीन बनाया गया परतयक िनयम और धारा 61 क अधीन बनाई गई परतयक उपिविध बनाई जान क पश चात यथाशीघर ससद क परतयक सदन क समकष जब वह सतर म हो कल तीस िदन की अविध क िलए रखा जाएगा या रखी जाएगी यह अविध एक सतरा म अथवा दो या अिधक आनकरिमक सतर म परी हो सकगी यिद उस सतर क या पव क त आनकरिमक सतर म अवसान क पवर दोन सदन उस िविनयम िनयम या उपिविध म कोई पिरवतरन करन क िलए सहमत हो जाए तो ततपश चात वह ऐस पिरवितत रप म ही परभावी होगा या होगी यिद उक त अवसान क पवर दोन सदन सहमत हो जाए िक वह िविनयम िनयम या उपिविध नह बनाया या बनायी जानी चािहए तो ततपश चात वह िनषपरभाव हो जाएगा या हो जाएगी िकनत यथािसथित िविनयम िनयम या उपिविधय क ऐस पिरवितत या िनषपरषभाव होन स उसक अधीन पहल की गई िकसी बात की िविधमानयता पर परितकल परभाव नह पड़गा ]

62 अिधिनयम िविनयम आिद की सिकषिप तया लगवानाmdashहर खान म या उसक आसपास अगरजी म और ऐसी अनय भाषा या भाषा म जो िविहत की जाए अिधिनयम की और िविनयम और िनयम की िविहत सिकषिप तया लगाई रखी जाएगी

अधयाय 9

शािसतया और परिकरया 63 बाधा डालनाmdash(1) जो कोई मखय िनरीकषक िनरीकषक या धारा 8 क अधीन परािधकत िकसी िक त क इस अिधिनयम क अधीन क उसक अपन कतर क िनवरहन म बाधा डालगा या मखय िनरीकषक िनरीकषक या ऐस िक त को िकसी खान क समबनध म इस अिधिनयम क ारा या अधीन परािधकत कोई परवश िनरीकषण परीकषा या जाच करन क िलए कोई यिक तयक त सिवधा दन स इनकार करगा या दन म जानबझकर उपकषा करगा वह कारावास स िजसकी अविध तीन मास तक की हो सकगी या जमारन स जो पाच सौ रपए तक का हो सकगा या दोन स दणडनीय होगा

1 1983 क अिधिनयम स० 42 की धारा 34 ारा (31-5-1984 स) कितपय शबद क सथान पर परितसथािपत 2 1983 क अिधिनयम स० 42 की धारा 34 ारा (31-5-1984 स) कितपय शबद क सथान पर परितसथािपत 3 1983 क अिधिनयम स० 42 की धारा 35 ारा (31-5-1984 स) अतःसथािपत

27

(2) जो कोई इस अिधिनयम क अनसरण म रख गए िकनह रिजसटर या अनय दसतावज को मखय िनरीकषक या िनरीकषक की माग पर पश करन स इनकार करगा अथवा िकसी ऐस िनरीकषण आिफसर क समकष जो इस अिधिनयम क अधीन क अपन कतर क अनसरण म कायर कर रहा ह उपसजात होन या उसक ारा परीकषा की जान स िकसी िक त को िनवािरत करगा या िनवािरत करन का परयत न करगा या कोई ऐसा कायर करगा िजसक बार म उसक पास यह िवश वास करन का कारण हो िक उसस उसका इस परकार िनवािरत होना सभा ह वह जमारन स जो तीन सौ रपए तक का हो सकगा दणडनीय होगा

64 अिभलख का िमथयाकरण आिदmdashजो कोईmdash

(क) इस अिधिनयम क अधीन अनद िकसी परमाणपतर का या परमाणपतर की िकसी कायारलय परित का कटकरण करगा या जानत हए उसम िमथया कथन करगा अथवा

(ख) जानत हए ऐस िकसी कटकतय या िमथया परमाणपतर को असली क रप म उपयोग म लाएगा अथवा

(ग) कोई िमथया घोषणा कथन या सा य यह जानत हए िक वह िमथया ह अपन िलए या िकसी अनय िक त क िलए इस अिधिनयम क अधीन परमाणपतर अिभपरा करन या परमाणपतर का नवीकरण करान या खान म िनयोजन अिभपरा करन क परयोजनाथर करगा या बनाएगा या पश करगा या उपयोग म लाएगा अथवा

1[(घ) िकसी ऐस रखाक खडिचतर रिजसटर या अिभलख का िमथयाकरण करगा िजसका रखा जाना इस अिधिनयम क ारा या अधीन अपिकषत हो या ऐसा िमथया रखाक खडिचतर रिजसटर या अिभलख उस िमथया जानत हए िकसी परािधकारी क

समकष पश करगा अथवा]

(ङ) कोई ऐसा रखाक िववरणी सचना अिभलख या िरपोटर बनाएगा दगा या पिरद करगा िजसम ऐसा कथन परिवि या बयौरा अनतिवष ट हो जो उसकी सव म जानकारी या िवश वास क अनसार सही न हो

वह कारावास स िजसकी अविध तीन मास तक की हो सकगी या जमारन स जो 2[एक हजार रपए] तक का हो सकगा या दोन स दणडनीय होगा

65 िमथया योगयता परमाणपतर का उपयोगmdashजो कोई 3[धारा 43] क अधीन अनय िक त को अनद िकसी परमाणपतर का उस धारा क अधीन अपन को योगयता-परमाणपतर क रप म जानत हए उपयोग करगा या उपयोग करन का परयत न करगा या उस धारा क अधीन अपन को योग यता-परमाणपतर अनद िकए जान पर जानत हए अनय िक त को उसका उपयोग करन दगा या उपयोग करन का परय करन दगा वह कारावास स िजसकी अविध एक मास तक की हो सकगी या जमारन स जो 4[दो सौ] रपए तक का हो सकगा या दोन स दणडनीय ोगा

िक तयक त कारण क िजस सािबत करन का भार उस पर होगा करगा जमारन स जो 6[एक हजार] रपए क का हो

ास स िजसकी विध तीन

ोिजत िकया जाता ह तो ऐसी खान का सवामी अिभकतार या परबनधक ऐस जमारन स जो पाच सौ रपए क का हो

ी अविध तीन मास तक की हो सकगी या जमारन स जो 10[दो हजार पाच सौ] रपए तक का हो सकगा या दोन स दणडनीय होगा

66 रखाक आिद दन का लोपmdashकोई िक त जो इस अिधिनयम क ारा या अधीन बनाए जान या िदए जान क िलए अपिकषत कोई रखाक 5[खडिचतर] िववरणी सचना रिजसटर अिभलख या िरपोटर िविहत पररप म या िविहत रीित स या िविहत समय पर या क भीतर बनान या दन का लोप िकए िबना यत सकगा दणडनीय होगा

67 शरिमक क िनयोजन िवषयक उपबनध का उललघनmdashजो कोई उसक िसवाय जसा िक धारा 38 ारा अनजञात ह इस अिधिनयम क या िकसी िविनयम िनयम या उपिविध क या तद धीन िकए गए िकसी आदश क िकसी ऐस उपबनध का उललघन करगा जो खान म या उसक आसपास िक तय क िनयोजन या उनकी उपिसथित को परितिष िनबरिनधत या िविनयिमत करता हो वह कारावअ मास तक की हो सकगी या जमारन स जो 7[एक हजार] रपए तक का हो सकगा या दोन स 8 दडनीय होगा

9[68 अठारह वषर स कम आय क िक तय क िनयोजन क िलए शािसतmdashयिद अठारह वषर स कम आय क िकसी िक त को धारा 40 क उललघन म िकसी खान म िनयत सकगा दणडनीय होगा ]

69 परबनधक िनयक त करन म असफलताmdashधारा 17 क उपबनध क उललघन म जो कोई परबनधक िनयक त करन म असफल रहगा वह कारावास स िजसक11

1 1959 क अिधिनयम स० 62 की धारा 35 ारा (16-1-1960 स) खड (घ) क सथान पर परितसथािपत 2 1959 क अिधिनयम स० 62 की धारा 35 ारा (16-1-1960 स) ldquoपाच सौ रपएrdquo क सथान पर परितसथािपत 3 1983 क अिधिनयम स० 42 की धारा 36 ारा (31-5-1984 स) ldquoधारा 40rdquo क सथान पर परितसथािपत 4 1959 क अिधिनयम स० 62 की धारा 36 ारा (16-1-1960 स) ldquoपचासrdquo क सथान पर परितसथािपत 5 1959 क अिधिनयम स० 62 की धारा 37 ारा (16-1-1960 स) अनतःसथािपत 6 1959 क अिधिनयम स० 62 की धारा 37 ारा (16-1-1960 स) ldquoदो सौrdquo क सथान पर परितसथािप 7 1959 क अिधिनयम स० 62 की धारा 38 ारा (16-1-1960 स) ldquoपाच सौrdquo क सथान पर परितसथािपत 8 1959 क अिधिनयम स० 62 की धारा 38 ारा (16-1-1960 स) कितपय शबद का लोप िकया गया 9 1983 क अिधिनयम स० 42 की धारा 37 ारा (31-5-1984 स) धारा 68 क सथान पर परितसथािपत 10 1959 क अिधिनयम स० 62 की धारा 39 ारा (16-1-1960 स) ldquoपाच सौrdquo क सथान पर परितसथािपत 11 1959 क अिधिनयम स० 62 की धारा 39 ारा (16-1-1960 स) कितपय शबद का लोप िकया गया

28

70 दघरटना की सचनाmdash(1) धारा 23 की उपधारा (1) क उपबनध क उललघन म जो कोई िकसी दघरटना की सचना दन म या उस सचना की परित उस उपधारा म िनिदष ट िवशष सचनाप पर लगान म और िविनिदष ट कालाविध क िलए वहा रखन म असफल रहगा वह कारावास स िजसकी अविध तीन मास तक की हो सकगी या जमारन स जो पाच सौ रपए तक का हो सकगा या दोन स दणनीय होगा

(2) कनदरीय सरकार ारा धारा 23 की उपधारा (3) क अधीन िदए गए िनदश क उललघन म जो कोई िकसी दघरटना को िविहत रिजसटर म अिभिलिखत करन म या उसकी सचना दन म असफल रहगा वह कारावास स िजसकी अविध तीन मास तक की हो सकगी या जमारन स तो पाच सौ रपए तक का हो सकगा या दोन स दणडनीय होगा

71 कितपय मामल म सवामी आिद का मखय िनरीकषक को िरपोटर दनाmdashजहा िक खान क यथािसथित सवामी अिभकतार या परबनधक न खान म या उसक आसपास िनयोिजत िकसी िक त क िवर कायरवाही इस अिधिनयम क अधीन क िकसी अपराध क बार म की हो वहा वह नयायालय क िनणरय या आदश की तारीख स इक कीस िदन क अनदर उसक पिरणाम की िरपोटर मखय िनरीकषक को दगा

72 खान म िनयोिजत िक तय की बाधयताmdashखान म िनयोिजत कोई भी िक तmdash

(क) खान म िनयोिजत िक तय का सवासथय कषम या कलयाण सिनिश चत करन क परयोजनाथर खान म उपबिनधत िकसी सािधतर सिवधा या अनय चीज म जानबझकर हसतकषप या उसका जानबझकर दरपयोग न करगा

(ख) जानबझकर और यिक तयक त कारण क िबना कोई ऐसी बात न करगा िजसस सवय उसक या अनय क सकटाप होन की सभा ता हो

(ग) खान म िनयोिजत िक तय का सवासथय या कषम सिनिश चत करन क परयोजनाथर उसम उपबिनधत िकसी सािधतर या अनय चीज को उपयोग म लान की जानबझकर उपकषा नह करगा

1[72क कछ िविनयम क उललघन क िलए िवशष उपबनधmdashजो कोई धारा 57 क खणड (घ) खणड (झ) खणड (ड) खणड (ढ) खणड (ण) खणड (त) खणड (द) खणड (ध) और खणड (प) म िविनिदष ट बात स सब िकसी िविनयम क या िकसी उपिविध क या तद धीन िकए गए िकसी आदश क िकसी उपबनध का उललघन करगा वह कारावास स िजसकी अविध छह मास तक की हो सकगी या जमारन स जो दो हजार रपए तक का हो सकगा या दोन स दणडनीय होगा

72ख धारा 22 क अधीन आदश क उललघन क िलए िवशष उपबनधmdashजो कोई धारा 22 की उपधारा (1क) उपधारा (2) या उपधारा (3) क अधीन 2[या धारा 22क की उपधारा (2) क अधीन] िनकाल गए आदश क उललघन म खान का कायरकरण चाल रखगा वह कारावास स िजसकी अविध दो वषर तक की हो सकगी दडनीय होगा और जमारन स भी जो पाच हजार रपए तक का हो सकगा दडनीय होगा

2[परनत नयायालय क िनणरय म लखब िकए जान वाल ततपरितकल िवशष और पयारप त कारण क अभाव म ऐसा जमारना खड (क) म िनिदष ट उललघन की दशा म तीन हजार रपए स कम नह होगा ]

72ग िविध क ऐस उललघन क िलए िजसक खतरनाक पिरणाम होत ह िवशष उपबनधmdash(1) जो कोई इस अिधिनयम क या िकसी िविनयम िनयम या उपिविध क या तद धीन िकए गए [धारा 22 की उपधारा (1क) या उपधारा (2) या उपधारा (3) 3[या धारा 22क की उपधारा (2)] क अधीन िकए गए आदश स िभ ] िकसी आदश क िकसी उपबनध का उललघन करगा वहmdash

(क) यिद ऐस उललघन क पिरणामसवरप जीवन की हािन हो तो कारावास स जो दो वषर तक का हो सकगा या जमारन स जो पाच हजार रपए तक का हो सकगा या दोन स दणडनीय होगा या

(ख) यिद ऐस उललघन क पिरणामसवरप गमभीर शारीिरक कषित हो तो कारावास स जो एक वषर तक का हो सकगा या जमारन स जो तीन हजार रपए तक का हो सकगा या दोन स दडनीय होगा अथवा

(ग) यिद ऐस उललघन स खान म िनयोिजत िक तय को या खान म या उसक आसपास क अनय िक तय को कषित या खतरा कािरत हो तो कारवास स जो तीन मास तक का हो सकगा या जमारन स जो एक हजार रपए तक का हो सकगा या दोन स दणडनीय होगा 6[परनत नयायालय क िनणरय म लखब िकए जान वाल ततपरितकल िवशष और पयारप त कारण क अभाव म ऐसा जमारना

खणड (क) म िनिदष ट उललघन की दशा म तीन हजार रपए स कम नह होगा ]

(2) जहा िक कोई िक त इस धारा क अधीन दोषिस िकए गए जान पर िफर उसक अधीन दोषिस िकया जाए वहा वह उपधारा (1) ारा उपबिनधत दड क दगन दड स दणडनीय होगा

1 1959 क अिधिनयम स० 62 की धारा 40 ारा (16-1-1960 स) धारा 73 तथा धारा 74 क सथान पर परितसथािपत 2 1983 क अिधिनयम स० 42 की धारा 38 ारा (31-5-1984 स) अतःसथािपत 3 1983 क अिधिनयम स० 42 की धारा 39 ारा (31-5-1984 स) अतःसथािपत

29

(3) इस धारा क अधीन पािरत जमारन का दडादश आरोिपत करन वाला अथवा अपील या पनरीकषण म या अनयथा उसकी पिष ट करन वाला नयायालय िनणरय पािरत करत समय आदश द सकगा िक वसल िकया गया सपणर जमारना या उसका कोई भाग कषितगरसत िक त को या उसकी मतय की दशा म उसक िविधक परितिनिध को परितकर क रप म िदया जाए

परनत यिद जमारना ऐस मामल म आरोिपत िकया जाए जो अपीलनीय हो तो अपील उपिसथत िकए जान क िलए अनजञात कालाविध क बीत जान क पहल या यिद अपील उपिसथत की गई हो तो अपील क िविनश चय स पहल ऐसा कोई भी सदाय नह िकया जाएगा

73 आदश की अवजञा क िलए साधारण उपबनधmdashजो कोई इस अिधिनयम क या िकसी िविनयम िनयम या उपिविध क या तद धीन िकए गए िकसी आदश क िकसी ऐस उपबनध का उललघन करगा िजसक उललघन क िलए एतिसमनपवर कोई शािसत उपबिनधत नह ह वह कारावास स िजसकी अविध तीन मास तक की हो सकगी या जमारन स जो एक हजार रपए तक का हो सकगा या दोन स दडनीय होगा

74 पवर दोषिसि क पश चात विधत शािसतmdashयिद कोई िक त जो (धारा 72ख और 72ग स िभ ) पवरगामी उपबनध म स िकसी क अधीन दडनीय िकसी अपराध का दोषिस िकया जा चका हो पवर दोषिसि क दो वषर क अनदर िकए गए और उसी उपबनध का उललघन अनतवरिलत करन वाल िकसी अपराध क िलए पनः दोषिस िकया जाए तो वह हर एक पश चात वत दोषिसि क िलए उस दड क दगन दणड स दणडनीय होगा िजसस वह ऐस उपबनध क परथम उललघन क िलए दडनीय होता ]

75 सवामी अिभकतार या परबनधक का अिभयोजनmdashइस अिधिनयम क अधीन क िकसी अपराध क िलए िकसी सवामी अिभकतार या परबनधक क िवर कोई भी अिभयोजन मखय िनरीकषक की या िजला मिजसटरट की या मखय िनरीकषक क िलिखत साधारण या िवशष आदश ारा इस िनिम परािधकत िनरीकषक की पररणा पर सिसथत िकए जान क िसवाय सिसथत नह िकया जाएगा

1[परनत मखय िनरीकषक या िजला मिजसटरट या इस परकार परािधकत िनरीकषक ऐसा अिभयोजन सिसथत करन स पवर अपना यह समाधान करगा िक सवामी अिभकतार या परबनधक ऐस अपराध क िकए जान को रोकन म सभी समयक ततपरता बरतन म असफल रहा था ]

2[परनत यह और िक] िकसी खान म तकनीकी िनदशन और परबनध क अनकरम म िकए गए िकसी अपराध क बार म िजला मिजसटरट िकसी सवामी अिभकतार या परबनधक क िवर कोई अिभयोजन मखय िनरीकषक क पवर अनमोदन स सिसथत करन क िसवाय सिसथत नह करगा

3[76 कितपय मामल म सवामी का अवधारणmdashजहा िक खान का सवामी कोई फमर या िष टय का अनय सगम हो वहा उसक सब भागीदार या सदसय या उनम स कोई अथवा जहा िक खान का सवामी कमपनी हो वहा उसक सब िनदशक या उनम स कोई अथवा जहा िक खान का सवामी सरकार या कोई सथानीय परािधकारी हो वहा यथािसथित ऐसी सरकार या सथानीय परािधकारी ारा खान क कामकाज का परबनध करन क िलए परािधकत सब आिफसर या िक त या उनम स कोई ऐस िकसी अपराध क िलए िजसक िलए खान का सवामी दडनीय हो इस अिधिनयम क अधीन अिभयोिजत और दिडत िकया जा सकगा

4[परनत जहा िकसी फमर सगम या कमपनी न मखय िनरीकषक को िलिखत रप म यह सचना द दी ह िक उसनmdash

(क) फमर की दशा म उसक िकसी भागीदार या परबनधक को

(ख) सगम की दशा म उसक िकसी सदसय या परबनधक को

(ग) कमपनी की दशा म उसक िकसी िनदशक या परबनधक को

जो परतयक मामल म िकसी ऐस सथान म िजस पर इस अिधिनयम का िवसतार ह िनवासी ह और जो परतयक मामल म या तो वासतव म ऐसी फमर सगम या कमपनी क परबनध का भारसाधक ह या उसम अिधकाश शयर धारण करता ह इस अिधिनयम क परयोजन क िलए खान क सवामी क उ रदाियतव को गरहण करन क िलए नामिनदिशत कर िदया ह वहा यथािसथित ऐसा भागीदार सदसय िनदशक या परबनधक जब तक वह ऐसा िनवासी बना रहता ह और पव क त रप म भारसाधक ह या अिधकाश शयर को धारण करता ह इस अिधिनयम क परयोजन क िलए खान का सवामी समझा जाएगा जब तक िक उसक नामिनदशन को र करन वाली या यह कथन करन वाली कोई िलिखत सचना की वह यथािसथित भागीदारी सदसय िनदशक या परबनधक नह रहा ह मखय िनरीकषक को पराप त नह हो जाती ह

सपष टीकरणmdashजहा िकसी फमर सगम या कमपनी क िविभन न सथापन या शाखाए ह अथवा उसक िकसी सथापन या शाखा म िविभन न एकक ह वहा िविभन न सथापन या शाखा या एकक क सबध म इस परनतक क अधीन िविभन न िक तय को नामिनदिशत िकया जा सकगा और इस परकार नामिनदिशत िक त कवल उस सथापन शाखा या एकक क समबनध म िजसक समबनध म उस नामिनदिशत िकया गया ह खान का सवामी समझा जाएगा ]

1 1983 क अिधिनयम स० 42 की धारा 40 ारा (31-5-1984 स) अतःसथािपत 2 1983 क अिधिनयम स० 42 की धारा 40 ारा (31-5-1984 स) ldquoपरनतrdquo क सथान पर परितसथािपत 3 1959 क अिधिनयम स० 62 की धारा 41 ारा (16-1-1960 स) धारा 76 क सथान पर परितसथािपत 4 1983 क अिधिनयम स० 42 की धारा 41 ारा (31-5-1984 स) ldquoपरनतकrdquo क सथान पर परितसथािपत

30

77 सवामी अिभकतार या परबनधक को दाियतव स कितपय दशा म छटmdashजहा िक खान का सवामी अिभकतार या परबनधक जो इस अिधिनयम क अधीन िकसी अपराध का अिभयक त हो यह अिभकथन कर िक वासतिवक अपराधी अनय िक त ह वहा वह अपन

ारा इस िनिम िकए गए पिरवाद पर 1[और वासतिवक अपराधी का जञात पता दन पर] और अिभयोजक को ऐसा करन क अपन आशय की तीन स अनयन पणर िदन की िलिखत सचना दन पर इस बात का हकदार होगा िक वह अनय िक त उस तारीख को जो मामल की सनवाई क िलए िनयत हो नयायालय क समकष लाया जाए और यिद अपराध का िकया जाना सािबत हो जान क पश चात खान का यथािसथित सवामी अिभकतार या परबनधक नयायालय को समाधान परदान करन वाल रप म सािबत कर द िकmdash

(क) इस अिधिनयम क ससगत उपबनध का िनषपादन करान क िलए उसन समयक ततपता बरती ह तथा (ख) उस अनय िक त न परश नगत अपराध को उसक जञान सममित या मौनानकलता क िबना िकया ह

तो उक त अनय िक त उस अपराध क िलए दोषिस िकया जाएगा और उसी परकार क दणड स ऐस दडनीय होगा मानो वह खान का सवामी अिभकतार या परबनधक हो और यथािसथित सवामी अिभकतार या परबनधक दोषमक त कर िदया जाएगा परनतmdash

(क) यथािसथित खान क सवामी अिभकतार या परबनधक की शपथ पर परीकषा की जा सकगी और उसक और िकसी अनय साकषी क िजस वह अपन समथरन म बलाए सा य की उस िक त क ारा या की ओर स िजसकी बाबत वह अिभकिथत करता हो िक वह वासतिवक अपराधी ह और अिभयोजक ारा परितपरीकषा की जा सकगी

(ख) यिद वह िक त िजसका वासतिवक अपराधी होना अिभकिथत हो उस तारीख को जो मामल की सनवाई क िलए िनयत हो नयायालय क समकष समयक ततपरता बरती जान पर भी न लाया जा सक तो नयायालय उसकी सनवाई समय-समय पर सथिगत कर दगा िकनत इस परकार िक ऐस सथगन की कल कालाविध तीन मास स अिधक न हो और यिद उक त कालाविध क अनत तक भी वह िक त िजसका वासतिवक अपराधी होना अिभकिथत हो नयायालय क समकष न लाया जा सक तो नयायालय यथािसथित सवामी अिभकतार या परबनधक क िवर मामल की सनवाई क िलए अगरसर होगा

78 नयायालय की आदश करन की शिक तmdash(1) जहा िक खान का सवमी अिभकतार या परबनधक इस अिधिनयम क अधीन दडनीय अपराध क िलए दोषिस िकया जाए वहा नयायालय उस कोई दड अिधिनण त करन क अितिरक त िलिखत आदश ारा उसस आदश म िविनिदष ट कालाविध क अनदर (िजस नयायालय इस िनिम िकए गए आवदन पर समय-समय पर िवसतािरत कर सकगा) ऐस उपाय करन की अपकषा कर सकगा जो उन बात का उपचार करन क िलए िजनक बार म अपराध िकया गया था ऐस िविनिदष ट िकए जाए (2) जहा िक उपधारा (1) क अधीन आदश िदया जाए वहा यथािसथित खान का सवामी अिभकतार या परबनधक उस कालाविध या िवसतािरत कालाविध क यिद कोई हो दौरान अपराध क चाल रहन क िवषय म इस अिधिनयम क अधीन दडनीय नह होगा िकनत यिद नयायालय क आदश का पणर अनपालन ऐसी कालाविध या िवसतािरत कालाविध क अवसान पर न हो गया हो तो यथािसथित सवामी अिभकतार या परबनधक क बार म यह समझा जाएगा िक उसन अितिरक त अपराध िकया ह और वह कारावास स िजसकी अविध छह मास तक की हो सकगी या जमारन स जो ऐस अवसान क पश चात हर एक ऐस िदन क िलए िजसम िक आदश का अनपालन न हआ हो एक सौ रपए तक का हो सकगा या दोन स दणडनीय होगा 79 अिभयोजन की पिरसीमाmdashकोई भी नयायालय इस अिधिनयम क अधीन िकसी अपराध का सजञान तब तक नह करगा जब तक िक उसका पिरवादmdash

(i) उस तारीख स िजसकी बाबत यह अिभकिथत हो िक अपराध उस तारीख को िकया गया छह मास क अनदर अथवा

(ii) उस तारीख स िजसको िक अिभकिथत अपराध का िकया जाना िनरीकषक क जञान म आया छह मास क अनदर अथवा

2[(iiक) िकसी ऐस मामल म िजसम अिभयक त लोक सवक ह या था और ततसमय परव िकसी िविध क अधीन अपराध का सजञान करन क िलए कनदरीय सरकार या राजय सरकार या िकसी अनय परािधकारी की पवर मजरी आवशयक ह उस तारीख क िजसको ऐसी मजरी मखय िनरीकषक को पराप त होती ह तीन मास क अनदर अथवा]

(iii) िकसी ऐस मामल म िजसम जाच नयायालय कनदरीय सरकार ारा धारा 24 क अधीन िनयक त िकया गया हो उस धारा की उपधारा (4) म िविनिदष ट िरपोटर क परकाशन की तारीख क पश चात 3[एक वषर] क अनदर

इनम स जो भी बाद म हो न िकया गया हो 4[सपष टीकरणmdashइस धारा क परयोजन क िलएmdash

1 1959 क अिधिनयम स० 62 की धारा 42 ारा (16-1-1960 स) अनतःसथािपत 2 1983 क अिधिनयम स० 42 की धारा 42 ारा (31-5-1984 स) अतःसथािपत 3 1983 क अिधिनयम स० 42 की धारा 42 ारा (31-5-1984 स) ldquoछह मासrdquo क सथान पर परितसथािपत 4 1959 क अिधिनयम स० 62 की धारा 43 ारा (16-1-1960 स) सप ीकरण जोड़ा गया

31

(क) चाल रहन वाल अपराध की दशा म पिरसीमा की सगणना उस समय क हर कषण क परित िनदश स की जाएगी िजसक दौरान अपराध चाल रह

(ख) जहा िक कोई कायर करन क िलए समय इस अिधिनयम क अधीन िवसतािरत िकया गया हो वहा पिरसीमा की सगणना उस िवसतािरत कालाविध क अवसान स की जाएगी ]

80 अपराध का सजञानmdash1[महानगर मिजसटरट या परथम वगर नयाियक मिजसटरट] क नयायालय स अवर कोई नयायालय इस अिधिनयम क अधीन िकसी ऐस अपराध का िजसकी बाबत यह अिभकिथत हो िक वह खान क सवामी अिभकतार या परबनधक ारा िकया गया ह या िकसी ऐस अपराध का जो इस अिधिनयम ारा कारावास स दडनीय बनाया गया ह िवचारण नह करगा

80क [जमारन क बार म िवशष उपबध ]mdashखान (सशोधन) अिधिनयम 1983 (1983 का 42) की धारा 44 ारा (31-5-1984 स) िनरिसत

81 कितपय मामल म अिभयोजन क बजाय खान बोडर या सिमित को िनदशmdash(1) यिद मखय िनरीकषक या िजला मिजसटरट या िकसी िनरीकषक की पररणा पर इस अिधिनयम क अधीन सिसथत िकसी मामल का िवचारण करन वाल नयायालय की यह राय हो िक यह मामला ऐसा ह जो अिभयोजन क बजाय 2 सिमित को िनदिशत िकया जाना चािहए तो वह दािडक कायरवािहय को रोक सकगा और इस दिष ट स िक ऐसा िनदशन िकया जाए उस िवषय की िरपोटर कनदरीय सरकार को भजगा

(2) उपधारा (1) क अधीन िरपोटर पराप त होन पर कनदरीय सरकार मामला 2 सिमित को िनदिशत कर सकगी या िवचारण म अगरसर होन क िलए नयायालय को िनदश द सकगी

अधयाय 10

परकीणर 82 इस परश न का िविनश चय िक कया खान इस अिधिनयम क अधीन हmdashयिद कोई परश न उठ िक कया 3[खान का और उसम

का या उसका पाश वरसथ कोई उतखान या खिनत या पिरसर िजस पर खिनज या कोक पराप त करन दरसी करन या िवकरय क िलए तयार करन की सहायक कोई परिकरया चलाई जा रही ह] इस अिधिनयम क अथर क अनदर खान ह तो कनदरीय सरकार उस परश न का िविनश चय कर सकगी और कनदरीय सरकार क सिचव ारा हसताकषिरत परमाणपतर इस परश न पर िनश चायक होगा

83 अिधिनयम क परवतरन स छट दन की शिक तmdash4[(1)] कनदरीय सरकार िकसी सथानीय कषतर या िकसी खान को या खान क िकसी समह या वगर को या खान क िकसी भाग को या िक तय क िकसी वगर को 5[इस अिधिनयम या उसक अधीन बनाए गए िविनयम िनयम या उपिविधय क सब उपबनध क या उनम स िकसी क] परवतरन स छट शासकीय राजपतर म अिधसचना ारा या तो अतयितकतः या िकनह िविनिदष ट शत क अधयधीन द सकगी

परनत िकसी सथनीय कषतर या खान या खान क समह या वगर को 6[धारा 40 और धारा 45] क उपबनध स छट तब तक नह दी जाएगी जब तक उस इस अिधिनयम क अनय सब उपबनध क परवतरन स भी छट न द दी जाए ]

7[(2) कनदरीय सरकार मखय िनरीकषक या िकसी अनय परािधकारी को साधारण या िवशष आदश ारा ऐस िनबरनधन क अधयधीन िजनह अिधरोिपत करना वह ठीक समझ परािधकत कर सकगी िक वह िकसी खान या उसक िकसी भाग को 8[िविनयम िनयम या उपिविधय ] क उपबन ध म स िकसी क परवतरन स िकनह िविनिदष ट शत क अधयधीन तब छट द द जब िक मखय िनरीकषक या ऐस अिधकारी की राय हो िक खान या उसक भाग म पिरिसथितया ऐसी ह िक उनक कारण ऐस उपबनध का अनपालन अनावशयक या अ वहायर हो जाता ह ]

84 आदश को पिरवितत या िवखिणडत करन की शिक तmdash9[(1)] कनदरीय सरकार इस अिधिनयम क अधीन िदया गया कोई आदश उलट सकगी या उपानतिरत कर सकगी

10[(2) मखय िनरीकषक लखब िकए जान वाल कारण स इस अिधिनयम क अधीन या िकसी िविनयम िनयम या उपिविध क अधीन अपन ारा पािरत िकसी आदश को उलट सकगा या उस उपातिरत कर सकगा

(3) खान क सवामी अिभकतार या परबनधक पर परितकल परभाव डालन वाला कोई आदश इस धारा क अधीन तब तक नह िकया जाएगा जब तक िक ऐस सवामी अिभकतार या परबनधक को अभयावदन करन का यिक तयक त अवसर न द िदया गया हो ]

1 1983 क अिधिनयम स० 42 की धारा 43 ारा (31-5-1984 स) ldquoपरसीडसी मिजसटरट या परथम वगर मिजसटरटrdquo क सथान पर परितसथािपत 2 1983 क अिधिनयम स० 42 की धारा 43 ारा (31-5-1984 स) ldquoखनन बोडरrdquo शब द का लोप िकया गया 3 1959 क अिधिनयम स० 62 की धारा 45 ारा (16-1-1960 स) अनतःसथािपत 4 1959 क अिधिनयम स० 62 की धारा 46 ारा (16-1-1960 स) उपधारा (1) क रप म पनःसखयािकत 5 1983 क अिधिनयम स० 42 की धारा 46 ारा (31-5-1984 स) ldquoइस अिधिनयम क सब उपबध क िकसी कrdquo क सथान पर परितसथािपत 6 1983 क अिधिनयम स० 42 की धारा 46 ारा (31-5-1984 स) ldquoधारा 45rdquo क सथान पर परितसथािपत 7 1959 क अिधिनयम स० 62 की धारा 46 ारा (16-1-1960 स) अनतःसथािपत 8 1983 क अिधिनयम स० 42 की धारा 46 ारा (31-5-1984 स) ldquoइस अिधिनयम क अतगरत िविनयम और िनयमrdquo क सथान पर परितसथािपत 9 1983 क अिधिनयम स० 42 की धारा 47 ारा (31-5-1984 स) धारा 84 उपधारा (1) क रप म पनःसखयािकत 10 1983 क अिधिनयम स० 42 की धारा 47 ारा (31-5-1984 स) अतःसथािपत

32

85 सरकार की खान को अिधिनयम का लाग होनाmdashयह अिधिनयम सरकार की खान को 1[भी] लाग होगा 2[85क सचना आिद दन क िलए अपिकषत िक त ऐसा करन क िलए वध रप स आब ह गmdashहर िक त जो िकसी

अिधकारी को कोई सचना या इि ला इस अिधिनयम क अधीन दन क िलए अपिकषत ह भारतीय दड सिहता (1860 का 45) की धारा 176 क अथर क अनदर ऐसा करन क िलए वध रप स आब होगा ]

3[85ख िववरिणय सचना आिद पर हसताकषर करनाmdashइस अिधिनयम या उसक अधीन बनाए गए िकसी िविनयम िनयम उपिविध या िकसी आदश क उपबनध क समबनध म िकसी खान क सवामी ारा या उसकी ओर स दी जान क िलए अपिकषत सभी िववरिणय और सचना पर या भजी जान वाली सचना पर खान क सवामी अिभकतार या परबधक ारा या िकसी ऐस िक त ारा िजस सवामी ारा मखतारनाम ारा इस िनिम शिक त परतयायोिजत की गई ह हसताकषर िकए जाएग

85ग सिवधा और जन सिवधा क िलए फीस या परभार का वसल न िकया जानाmdashखान म िनयोिजत िकसी िक त स सरकषातमक परबनध या दी जान वाली सिवधा या इस अिधिनयम क उपबनध क अधीन परदाय िकए जान वाल िकसी उपसकर या सािधतर की बाबत कोई फीस या परभार वसल नह िकया जाएगा ]

86 1948 क अिधिनयम 63 क कितपय उपबध का खान को लाग होनाmdashकनदरीय सरकार शासकीय राजपतर म अिधसचना ारा िनदश द सकगी िक कारखाना अिधिनयम 1948 (1948 का 63) क अधयाय 3 और 4 क उपबनध ऐस अपवाद और िनबरनधन क

अधयधीन रहत हए जस उस अिधसचना म िविनिदष ट िकए जाए सब खान और उनकी परसीमा को लाग ह ग

87 सद भावपवरक िकए गए कायर क िलए पिरतराणmdashकोई भी वाद अिभयोजन या अनय िविधक कायरवाही इस अिधिनयम क अधीन सद भावपवरक की गई या जान क िलए आशियत िकसी बात क िलए िकसी िक त क िवर न होगी

88 [1923 क अिधिनयम 4 का िनरसन]mdashिनरसन और सशोधन अिधिनयम 1957 (1957 का 36) की धारा 2 और पहली अनसची ारा िनरिसत

______

1 1959 क अिधिनयम स० 62 की धारा 47 ारा (16-1-1960 स) अनतःसथािपत 2 1959 क अिधिनयम स० 62 की धारा 48 ारा (16-1-1960 स) अनतःसथािपत 3 1983 क अिधिनयम स० 42 की धारा 48 ारा (31-5-1984 स) अतःसथािपत

Page 8: खान अधिनियम, 1952ncwapps.nic.in/acts/TheMinesAct1952_Hindi.pdf1 ज ल ई, 1952, द खए भ रत क र जपतर (अ गर 1952, ज ) भ ग 2,

8

अधयाय 3

1[सिमितया 12 सिमितयाmdash(1) कनदरीय सरकार ऐसी तारीख स जो वह सरकार राजपतर म अिधसचना ारा इस िनिम िविनिदष ट

कर इस अिधिनयम क परयोजन क िलए एक सिमित गिठत करगी जो िनम निलिखत स िमलकर बनगी mdash

(क) मखय िनरीकषक या िनरीकषक स िभन न सरकार की सवा म का एक िक त जो अधयकष क रप स कायर करन क िलए कनदरीय सरकार ारा िनयक त िकया जाए

(ख) खान का मखय िनरीकषक

(ग) खनक क िहत का परितिनिधतव करन क िलए दो िक त जो कनदरीय सरकार ारा िनयक त िकए जाए

(घ) खान क सवािमय क िहत का परितिनिधतव करन क िलए दो िक त जो कनदरीय सरकार ारा िनयक त िकए जाए

(ङ) दो अिहत खनन इजीिनयर जो सीध खनन उ ोग म िनयोिजत नह ह और जो कनदरीय सरकार ारा िनयक त िकए जाए

परनत खड (ग) क अधीन िनयक त िकए गए िक तय म स कम स कम एक कोयला खान म क कमरकार क िहत का परितिनिधतव करन क िलए और खड (घ) क अधीन िनयक त िक तय म स कम स कम एक कोयला खान क सवािमय क िहत का परितिनिधतव करन क िलए होगा

(2) उपधारा (1) की ापकता पर परितकल परभाव डाल िबना कनदरीय सरकार उन राजयकषतर क िजन पर इस अिधिनयम का िवसतार ह िकसी भाग या िकसी खान या खान क समह स समबिनधत िविनिदष ट िवषय क समबनध म काररवाई करन क िलए एक या अिधक सिमितय का गठन कर सकगी और उनक सदसय की िनयिक त कर सकगी और उपधारा (1) क उपबनध (उसक परनतक को छोड़कर) इस उपधारा क अधीन िकसी सिमित क गठन क िलए वस ही लाग ह ग जस व उस उपधारा क अधीन िकसी सिमित क गठन क िलए लाग होत ह

(3) सिमित का कोई कायर या कायरवाही मातर इस कारण स अिविधमानय नह होगी िक उसक सदसय म कोई िरिक त िव मान ह या उसक गठन म कोई तरिट ह

13 सिमित क कतयmdash(1) धारा 12 की उपधारा (1) क अधीन गिठत सिमितmdash

(क) इस अिधिनयम क अधीन िनयम और िविनयम बनान क िलए परसथापना पर िवचार करगी और कनदरीय सरकार को समिचत िसफािरश करगी

(ख) ऐसी दघरटना या ऐस अनय िवषय की जो कनदरीय सरकार ारा समय-समय पर उस िनिदष ट िकए जाए जाच करगी और उन पर िरपोटर दगी और

(ग) उपधारा (2) क उपबनध क अधीन रहत हए इस अिधिनयम या उसक अधीन बनाए गए िविनयम िनयम या उपिविधय क अधीन सचना या आदश क िवर ऐसी अपील या आकषप की जो इस अिधिनयम ारा उस िनदिशत िकए जान क िलए अपिकषत ह या जो िविहत िकए जाए सनवाई और िविनश चय करगी

(2) मखय िनरीकषक अपन ारा िकए गए िकसी आदश या जारी की गई िकसी सचना क िवर िकसी अपील या आकषप की बाबत सिमित की कायरवािहय म भाग नह लगा या ऐसी अपील या आकषप स सबिधत िकसी िवषय क सबध म सिमित क सदसय क रप म कायर नह करगा

14 सिमितय की शिक तया आिदmdash(1) धारा 12 क अधीन गिठत सिमित इस अिधिनयम क अधीन की िनरीकषण की ऐसी शिक तय का परयोग कर सकगी िजनका परयोग करना वह इस अिधिनयम क अधीन अपन कतय का िनवरहन करन क परयोजन क िलए आवशयक या समीचीन समझ

(2) धारा 12 क अधीन गिठत सिमित को अपन कतय का िनवरहन करन क परयोजन क िलए वसी ही शिक तया ह गी जो िनम निलिखत िवषय की बाबत िकसी वाद का िवचारण करत समय िसिवल परिकरया सिहता 1908 (1908 का 5) क अधीन नयायालय म िनिहत होती ह अथारत mdash

(क) परकटीकरण और िनरीकषण

(ख) िकसी िक त को हािजर कराना और शपथ पर उसकी परीकषा करना

(ग) दसतावज क पश िकए जान क िलए िववश करना

1 1983 क अिधिनयम स० 42 की धारा 10 ारा (31-5-1984 स) ldquoखनन बोडर और सिमितयाrdquo शीषर और धारा 12 13 और 14 क सथान पर परितसथािपत

9

(घ) ऐस अनय िवषय जो िविहत िकए जाए ]

15 य की वसलीmdashकनदरीय सरकार िनदश द सकगी िक 1[धारा 12 क अधीन गिठत सिमित] ारा सचािलत िकसी जाच क य सयक त खान क सवामी या अिभकतार ारा पणरतः या भागतः वहन िकए जाएग और इस परकार सद िकए जान क िलए िनिदष ट रकम उस सथान म जहा खान िसथत हो या जहा ऐसा सवामी या अिभकतार ततसमय िनवास करता हो अिधकािरता रखन वाल मिजसटरट स मखय िनरीकषक या िनरीकषक ारा आवदन िकए जान पर मिजसटरट की अिधकािरता की सीमा क अनदर की िकसी जगम सपि क जो ऐस सवामी या अिभकतार की हो करसथम या िवकरय ारा वसल की जा सकगी

परनत यह तब जब िक सवामी या अिभकतार न रकम का सदाय कनदरीय सरकार स या खान क मखय िनरीकषक स सचना की परािप त की तारीख स छह सप ताह क अनदर न िकया हो

अधयाय 4

खनन सिकरयाए और खान का परबनध

16 खनन सिकरया की सचना का िदया जानाmdash(1) खान क सवामी अिभकतार या परबनधक िकसी खनन सिकरया क परारमभ िकए जान क पवर मखय िनरीकषक की भारतीय खान बयरो क 2[िनयतरक] को और उस िजल क िजसम खान िसथत हो िजला मिजसटरट को ऐस पररप म और खान सबधी ऐसी िविशिष टय को जसी िविहत की जाए अनतिवष ट करन वाली िलिखत सचना दगा

(2) उपधारा (1) क अधीन गई कोई सचना इस परकार दी जाएगी िक वह सपक त िक तय क पास िकसी खनन सिकरया क परारमभ िकए जान स कम स कम एक मास पवर पहच जाए

3[17 परबनधकmdash(1) जसा अनयथा िविहत िकया जाए उस छोड़कर हर खान एक परबनधक क अधीन होगी िजसकी िविहत अहरताए ह गी और हर एक खान का सवामी या अिभकतार ऐसी अहरताए रखन वाल िक त को परबनधक िनयक त करगा

परनत सवामी या अिभकतार सवय को परबनधक िनयक त कर सकगा यिद उसक पास िविहत अहरताए ह

(2) ऐस अनदश क अधीन रहत हए जो उस खान क सवामी या अिभकतार ारा या उसकी ओर स िदए जाए परबनधक खान क समपणर परबनध िनयतरण पयरवकषण और िनदशन क िलए उ रदायी होगा और ऐस सब अनदश जब सवामी या अिभकतार ारा िदए जाए तो उनकी तरत िलिखत रप म पिष ट की जाएगी

(3) आपात की दशा क िसवाय खान का सवामी या अिभकतार या उसकी ओर स कोई िक त खान म िनयोिजत िकसी िक त को जो परबनधक क परित उ रदायी ह ऐस अनदश जो उसक काननी कतर की पित पर परभाव डालत ह परबधक क माधयम स ही दगा अनयथा नह

18 सवािमय अिभकतार और परबनधक क कतर और उ रदाियतवmdash(1) हर खान क सवामी और अिभकतार म स परतयक इस अिधिनयम और उसक अधीन बनाए गए िविनयम िनयम उपिविधय और आदश क उपबनध क अनपालन क िलए िव ीय और अनय उपबनध करन क िलए तथा ऐसी अनय काररवाई करन क िलए जो आवशयक हो उ रदायी होगा

(2) धारा 58 क खड (घ) खड (ङ) और खड (त) क अधीन बनाए गए िनयम म उपबिनधत िवषय की बाबत उ रदाियतव का िनवरहन अननयतः खान क सवामी और अिभकतार ारा और ऐस िक त (जो परबनधक स िभन न ह) िजस सवामी या अिभकतार पव क त उपबनध का अनपालन सिनिश चत करन क िलए िनयक त कर िकया जाएगा

(3) यिद उपधारा (2) क अधीन िदए गए िकनह अनदश या धारा 17 की उपधारा (3) क अधीन परबनधक की माफर त स अनयथा िदए गए िकनह अनदश क िकरयािनवत िकए जान क पिरणामसवरप इस अिधिनयम क या उसक अधीन बनाए गए िविनयम िनयम उपिविधय या आदश क उपबनध का उललघन होता ह तो ऐस अनदश दन वाला परतयक िक त भी समपक त उपबनध क उललघन क िलए िजममदार होगा

(4) उपधारा (1) उपधारा (2) और उपधारा (3) क उपबनध क अधीन रहत हए हर खान क सवामी अिभकतार और परबनधक म स परतयक इस बात क िलए उ रदायी होगा िक खान क समबनध म चलाई जा रही सब सिकरयाए इस अिधिनयम और उसक अधीन बनाए गए िविनयम िनयम उपिविधय और आदश क उपबनध क अनसार चलाई जाए

(5) इस अिधिनयम या उसक अधीन बनाए गए िविनयम िनयम उपिविधय या आदश क उपबनध म स उन उपबनध क िसवाय जो िकसी िक त स कोई कायर या बात करन की या िकसी िक त को कोई कायर या बात करन स परितिष करन की िविनिदष ट रप स अपकषा करत ह िकसी उपबनध का िकसी भी िक त ारा कोई उललघन होन की दशा म उस िक त क अितिरक त िजसन उललघन िकया ह िनम निलिखत म स परतयक िक त भी ऐस उललघन होन का दोषी माना जाएगा जब तक िक वह यह सािबत नह कर दता ह िक उसन ऐस उपबनध का अनपालन सिनिश चत करन क िलए सब समयक ततपरता बरती थी और ऐस उललघन को रोकन क िलए यिक तयक त उपाय िकए थ mdash

1 1983 क अिधिनयम स० 42 की धारा 11 ारा (31-5-1984 स) कितपय शबद क सथान पर परितसथािपत 2 1983 क अिधिनयम स० 42 की धारा 12 ारा (31-5-1984 स) ldquoिनदशकrdquo क सथान पर परितसथािपत 3 1983 क अिधिनयम स० 42 की धारा 13 ारा (31-5-1984 स) धारा 17 और 18 क सथान पर परितसथािपत

10

(i) वह या व पदधारी िजनको उललघन िकए गए उपबनध की बाबत पयरवकषण क कतर का पालन करन क िलए िनयक त िकया गया था

(ii) खान का परबनधक

(iii) खान का सवामी और अिभकतार

(iv) वह िक त यिद कोई हो जो उपधारा (2) क अधीन उ रदाियतव का िनवरहन करन क िलए िनयक त िकया गया ह

परनत पव क त िक तय म स िकसी क िवर कायरवाही नह की जा सकगी यिद जाच और अनवषण िकए जान पर यह परतीत होता ह िक वह परथमदष ा िजममदार नह ह

(6) इस धारा क अधीन खान क सवामी या अिभकतार क िवर की गई िकसी कररवाई म यह कोई परितवाद नह होगा िक परबनधक और अनय पदधािरय को इस अिधिनयम क उपबनध क अनसार िनयक त िकया गया ह या िक उपधारा (2) क अधीन उ रदाियतव को वहन करन क िलए िकसी िक त की िनयिक त की गई ह ]

अधयाय 5

सवासथय और कषम क िवषय म उपबनध

19 पीन का जलmdash1[(1) हर खान म उसम िनयोिजत सब िक तय क िलए सिवधाजनक रप स िसथत यथोिचत सथान पर ठड और सवासथयपरद पीन क जल क पयारप त परदाय का उपबनध करन और बनाए रखन क िलए परभावी इनतजाम िकया जाएगा

परनत भिम क नीच िनयोिजत िक तय की दशा म मखय िनरीकषक यथोिचत सथान पर पीन क जल का उपबनध िकए जान और बनाए रख जान क बदल म ऐस परदाय क िलए कोई अनय परभावी इनतजाम अनजञात कर सकगा ]

(2) ऐस सब सथान खान म िनयोिजत िक तय की बहसखया ारा समझी जान वाली भाषा म पढ़ जान योगय अकषर म ldquoपीन का जलrdquo पद स अिकत िकए जाएग और ऐसा कोई सथान िकसी धोन क सथान मतरालय या शौचालय क 2[छह मीटर] क अनदर तब क िसवाय न होगा जबिक इसस कम दरी मखय िनरीकषक ारा िलिखत रप म अनमोिदत न कर दी गई हो

(3) सब खान या खान की िकसी वगर या परकार क बार म कनदरीय सरकार उपधारा (1) और (2) क उपबनध का अनपालन सिनिश चत करन क िलए और पीन क जल क परदाय और िवतरण की परीकषा िविहत परािधकािरय ारा की जान क िलए िनयम बना सकगी

20 सफाईmdash(1) हर खान म िविहत परकार क शौचालय और मतरालय का उपबनध परष और मिहला क िलए अलग-अलग पयारप त सखया म िकया जाएगा जो इस परकार िसथत ह ग िक व खान म िनयोिजत िक तय क िलए सब समय पर सिवधाजनक और पहच क अनदर ह

(2) उपधारा (3) क अधीन उपबिनधत सब शौचालय और मतरालय पयारप त परकाशयक त और सवाितत ह ग और हर समय साफ और सवचछता की अवसथा म रख जाएग

(3) कनदरीय सरकार िकसी खान म उपबिनधत िकए जान वाल शौचालय और मतरालय की सखया खान म िनयोिजत परष और मिहला की सखया क अनपात म िविनिदष ट कर सकगी और खान म सवचछता क बार म ऐस अनय मामल क िलए (िजसक अनतगरत खान म िनयोिजत िक तय की इस बार म बाधयताए आती ह) उपबनध कर सकगी जस वह इस परकार िनयोिजत िक तय क सवासथ य क िहत म आवशयक समझ

3[21 िचिकतसीय साधनmdash(1) हर खान म ऐसी अनतवरसत क सिजजत जसी िविहत की जाए पराथिमक उपचार बकस या कबड का उपबनध इस परकार िकया जाएगा और उनह इस परकार बनाए रखा जाएगा िक काम क सब घणट म उन तक आसानी स पहच हो सक

(2) पराथिमक उपचार बकस या कबडर या कमर म िविहत अनतवरसत क िसवाय और कछ भी नह रखा जाएगा

(3) हर पराथिमक उपचार बकस या कबडर िकसी उ रदाियतवपणर िक त क भारसाधन म रखा जाएगा जो ऐस पराथिमक उपचार म परिशिकषत हो जसा िविहत िकया जाए और जो खान क काम क घट म सदा आसानी स उपलभय रहगा

(4) हर खान म उन िक तय को जो उस समय जब व खान म िनयोिजत ह शारीिरक कषित स या रोग स गरसत हो जाए िचिकतसालय या औषधालय तक पहचन क िलए ऐस आसानी स उपयोगय इनतजाम िकए जाएग जस िविहत िकए जाए

1 1959 क अिधिनयम स० 62 की धारा 10 ारा (16-1-1960 स) उपधारा (1) क सथान पर परितसथािपत 2 1983 क अिधिनयम स० 42 की धारा 14 ारा (31-5-1984 स) ldquoबीस फटrdquo क सथान पर परितसथािपत 3 1959 क अिधिनयम स० 62 की धारा 11 ारा (16-1-1960 स) धारा 21 और 22 क सथान पर परितसथािपत

11

(5) हर खान म िजसम डढ़ सौ स अिधक िक त िनयोिजत ह ऐस आकार का ऐस साज सामान स सिजजत और ऐस िचिकतसीय और पिरचयार कमरचािरवनद क भारसाधन म जस िक िविहत िकए जाए एक पराथिमक उपचार कमरा उपबिनधत िकया जाएगा और चाल हालत म रखा जाएगा

22 जब िक सकट क ऐस कारण िव मान ह िजनक िलए कोई अिभ क त उपबनध नह िकया गया ह या जब िक िक तय का िनयोजन सकटपणर हो तब िनरीकषक की शिक तयाmdash(1) यिद िकसी ऐसी बात क बार म िजसक िलए इस अिधिनयम ारा या या क अधीन कोई अिभ क त उपबनध नह िकया गया ह मखय िनरीकषक को या िनरीकषक को यह परतीत हो िक कोई खान या उसका कोई भाग अथवा खान म की या उसस या उसक िनयतरण पयरवकषण परबनध या िनदशन स ससक त कोई बात वसत या प ित मानव जीवन या कषम क िलए सकटपणर ह या इतनी तरिटपणर ह िक उसस यह जोिखम ह या उसकी ऐसी परवि ह िक िकसी िक त को शारीिरक कषित हो तो वह खान क सवामी अिभकतार या परबनधक को उसकी िलिखत सचना द सकगा और सचना म उन िविशिष टय का कथन करगा िजनक बार म वह खान या उसक भाग को या बात वसत या प ित को सकटपणर या तरिटपणर समझता हो और यह अपकषा करगा िक उस इतन समय क अनदर और ऐसी रीित स ठीक कर िदया जाए जो वह उस सचना म िविनिदष ट कर

(1क) जहा िक खान का सवामी अिभकतार या परबनधक उपधारा (1) क अधीन दी गई सचना क िनबनधन का अनपालन उसम िविनिदष ट कालाविध क अनदर करन म असफल रहगा वहा यथािसथित मखय िनरीकषक या िनरीकषक खान या उसक िकसी भाग म या क आसपास िकसी ऐस िक त का िनयोजन िलिखत आदश ारा परितिष कर सकगा िजसका िनयोजन उसकी राय म सचना क िनबनधन का अनपालन सिनिश चत करन क िलए यिक तयक ततः आवशयक न हो

(2) उपधारा (1) म अनतिवष ट उपबनध पर परितकल परभाव डाल िबना यह ह िक यथािसथित मखय िनरीकषक या िनरीकषक खान क सवामी अिभकतार या परबनधक को सबोिधत िलिखत आदश ारा िकसी खान या उसक िकसी भाग म स सतभ या खिनज-खणड का िनकाला जाना या छाटा जाना परितिष कर सकगा यिद उसकी राय म ऐसी सिकरया स सतभ या खिनज-खणड का बठ जाना या खिनज क िकसी भाग का समय पवर ढह जाना सभा हो या उसस खान का या उसम िनयोिजत िक तय क जीवन या कषम का अनयथा सकटापन न हो जाना सभा हो या यिद उसकी राय म खान क िजस भाग म ऐसी सिकरया अनधयात हो उसम आग लगन या जलपलावन क िवर यथायोगय उपबनध उसको महरबनद और अलग करन क िलए उपबनध करक और जो कषतर आग या जलपलावन स परभािवत हो सकता हो उस पिरिमत करन क िलए उपबनध करक न िकया गया हो

(3) यिद मखय िनरीकषक या उसक ारा िलिखत रप म साधारण या िवशष आदश ारा इस िनिम परािधकत िनरीकषक की यह राय हो िक िकसी खान म या उसक िकसी भाग म िनयोिजत िकसी िक त क जीवन या कषम को अजनट या आसन न सकट ह तो वह अपनी राय क कारण का कथन अनतिवष ट करन वाल िलिखत आदश ारा खान क िकसी भाग म या क आसपास िकसी ऐस िक त का िनयोजन िजसका िनयोजन सकट दर करन क िलए उसकी राय म यिक तयक ततः आवशयक न हो तब तक क िलए परितिष कर सकगा 1[जब तक उसका यह समाधान न हो जाए िक वह सकट दर हो गया ह]

2[(3क) ऐसा परतयक िक त िजसका िनयोजन उपधारा (1क) या उपधारा (3) क अधीन परितिष ह उस अविध क िलए िजसक िलए वह यिद परितषध न होता तो िनयोजन म होता पणर मजदरी का सदाय पान का हकदार होगा और सवामी अिभकतार या परबनधक उस िक त को ऐसी पणर मजदरी क सदाय क िलए िजममदार होगा

परनत सवामी अिभकतार या परबनधक ऐसी पणर मजदरी का सदाय करन क बजाय ऐस िक त को उसी मजदरी पर आनकिलपक िनयोजन की वसथा कर सकगा जो ऐसा िक त उस िनयोजन म पराप त कर रहा था िजस परितिष कर िदया गया था ]

(4) जहा िक िनरीकषक ारा उपधारा (1) क अधीन कोई सचना दी गई हो या उसक ारा उपधारा (1क) उपधारा (2) या उपधारा (3) क अधीन कोई आदश िकया गया हो वहा खान का सवामी अिभकतार या परबनधक यथािसथित सचना या आदश की परािप त क पश चात दस िदन क अनदर उसक िखलाफ अपील मख य िनरीकषक को कर सकगा जो सचना या आदश को पष ट उपानतिरत या र कर सकगा

(5) उपधारा (1) क अधीन सचना भजन वाला या उपधारा (1क) या उपधारा (2) या उपधारा (3) क अधीन आदश करन वाला मखय िनरीकषक या िनरीकषक और उपधारा (4) क अधीन आदश (जो अपील म िकए गए र करन क आदश स िभन न हो) करन वाला मखय िनरीकषक उसकी िरपोटर ततकाल कनदरीय सरकार को दगा

(6) यिद खान का सवामी अिभकतार या परबनधक मखय िनरीकषक ारा उपधारा (1) क अधीन भजी गई सचना या उपधारा (1क) या उपधारा (2) या उपधारा (3) या उपधारा (4) क अधीन मखय िनरीकषक ारा िकए गए आदश पर आकषप कर तो वह यथािसथित आकषप अनतिवष ट करन वाली सचना की या आदश की परािप त क पश चात या अपील क िविनश चय की तारीख क पश चात बीस िदन क अनदर आकषप क आधार का कथन करत हए अपना िलिखत आकषप कनदरीय सरकार को भज सकगा 3[जो सामानयतः आकषप की परािप त की तारीख स दो मास की अविध क भीतर उस एक सिमित को िनदिशत कर दगी ]

1 1983 क अिधिनयम स० 42 की धारा 15 ारा (31-5-1984 स) ldquoजब तक वह सकट दर न हो जाएrdquo शबद क सथान पर परितसथािपत 2 1983 क अिधिनयम स० 42 की धारा 15 ारा (31-5-1984 स) अनतःसथािपत 3 1983 क अिधिनयम स० 42 की धारा 15 ारा (31-5-1984 स) ldquoजो िनदिशत करगीrdquo शबद क सथान पर परितसथािपत

12

(7) उपधारा (1) क अधीन की हर सचना का या उपधारा (1क) उपधारा (2) उपधारा (3) या उपधारा (4) क अधीन क हर आदश का िजस पर उपधारा (6) क अधीन आकषप िकया गया हो अनपालन सिमित का िविनश चय खान म पराप त होन तक िकया जाएगा

परनत सिमित उपधारा (1) क अधीन की 1[सचना] का परवतरन सवामी अिभकतार या परबनधक क आवदन पर तब तक क िलए िनलिमबत कर सकगी जब तक आकषप पर उसका अपना िविनश चय न हो जाए

(8) इस धारा की कोई भी बात 2दणड परिकरया सिहता 1898 (1898 का 5) की धारा 144 क अधीन की मिजसटरट की शिक तय पर परभाव नह डालगी ]

3[22क कछ दशा म िनयोजन का परितषध करन की शिक तmdash(1) जहा सरकषा स सबिधत िकसी बात क बार म िजसक िलए इस अिधिनयम ारा या उसक अधीन अिभ क त उपबनध िकया गया ह खान का सवामी अिभकतार या परबनधक ऐस उपबनध का अनपालन करन म असफल रहता ह वहा मखय िनरीकषक यह अपकषा करन वाली िलिखत सचना द सकगा िक उसका उतन समय क भीतर जो वह सचना म िविनिदष ट कर या समय की उतनी बढ़ाई गई अविध क भीतर जो वह उसक पश चात समय-समय पर िविनिदष ट कर अनपालन िकया जाए

(2) जहा सवामी अिभकतार या परबनधक उपधारा (1) क अधीन दी गई सचना क िनबनधन का यथािसथित ऐसी सचना म िविनिदष ट अविध क भीतर या उस उपधारा क अधीन िविनिदष ट समय की बढ़ाई गई अविध क भीतर अनपालन करन म असफल रहता ह वहा मखय िनरीकषक खान म या उसक िकसी भाग म या उसक आसपास िकसी ऐस िक त का िनयोजन िलिखत आदश ारा परितिष कर सकगा िजसका िनयोजन उसकी राय म सचना क िनबनधन का अनपालन सिनिश चत करन क िलए यिक तयक त तौर पर आवशयक न हो

(3) परतयक ऐसा िक त िजसका िनयोजन उपधारा (2) क अधीन परितिष िकया जाता ह उस अविध की पणर मजदरी का सदाय पान का हकदार होगा िजसक िलए वह यिद परितषध न हआ होता तो िनयोजन म होता और सवामी अिभकतार या परबनधक उस

िक त को ऐसी पणर मजदरी क सदाय क िलए दायी होगा

परनत सवामी अिभकतार या परबनधक ऐसी पणर मजदरी दन बजाय ऐस िक त को उसी मजदरी पर आनकिलपक िनयोजन द सकगा जो ऐसा िक त उस िनयोजन म पराप त कर रहा था जो उपधारा (2) क अधीन परितिष िकया गया था

(4) धारा 22 की उपधारा (5) उपधारा (6) और उपधारा (7) क उपबनध इस धारा की उपधारा (1) क अधीन जारी की गई िकसी सचना या उपधारा (2) क अधीन िकए गए िकसी आदश क समबनध म उसी परकार लाग ह ग जस व उस धारा की उपधारा (1) क अधीन सचना या उपधारा (1क) क अधीन आदश क सबध म लाग होत ह ]

23 दघरटना की सचना का िदया जानाmdash4[(1) जब िकसी खान म या उसक आसपासmdash

(क) कोई ऐसी दघरटना हो जाए िजसस जीवन की हािन या गमभीर शारीिरक कषित कािरत हई हो अथवा

(ख) िवसफोट जवलन सवतः तपन या आग लग जाना या जल या अनय दरव-पदाथर का फट िनकलना या सवग अनतपररवश घिटत हो जाए अथवा

(ग) जवलनशील या अपायकर गस का अनतवारह घिटत हो जाए अथवा

(घ) िजन रसस जजीर या अनय िगयर स िक त या सामगरी कपक या आनित म उतारी या वहा स उठाई जाती ह उनका टट जाना घिटत हो जाए अथवा

(ङ) िकसी कपक म िपजर या अनय परवहण-साधन अतयिधक लपट तब खा जाए जब िक त या सामगरी उतारी या उठाई जा रही हो अथवा

(च) खिनत का कोई भाग समय-पवर ढह जाए अथवा

(छ) कोई अनय दघरटना जो िविहत की जाए घिटत हो जाए

तब खान का सवामी अिभकतार या परबनधक उस घटना की सचना ऐस परािधकारी को ऐस पररप म और ऐस समय क अनदर दगा जो िविहत िकया जाए और साथ ही साथ वह सचना की एक परित ऐस सथान पर जहा उसका िनरीकषण वसाय सघ क पदधािरय ारा िकया जा सक िविहत रीित म एक िवशष सचना प पर लगाएगा और सिनिश चत करगा की वह सचना ऐस लगाए जान की तारीख स कम स कम चौदह िदन तक प पर लगी रह ]

1 1983 क अिधिनयम स० 42 की धारा 15 ारा (31-5-1984 स) ldquoअधयपकषाrdquo शबद क सथान पर परितसथािपत 2 अब दिखए दड परिकरया सिहता 1973 (1974 का 2) 3 1983 क अिधिनयम स० 42 की धारा 16 ारा (31-5-1984 स) अनतःसथािपत 4 1959 क अिधिनयम स० 62 की धारा 12 ारा (16-1-1960 स) उपधारा (1) क सथान पर परितसथािपत

13

1[(1क) जब कभी खान म या उसक आसपास कोई ऐसी दघरटना हो जाए िजसस िकसी िक त को िरपोटर की जान योगय कोई कषित कािरत हई हो तो खान का सवामी अिभकतार या परबनधक ऐसी दघरटना को एक रिजसटर म िविहत पररप म परिवष ट करगा और ऐसी परिविष टय की परितया ितमाही म एक बार मखय िनरीकषक को दी जाएगी ]

(2) जहा िक उपधारा (1) क अधीन दी गई सचना ऐसी दघरटना क बार म हो िजसस जीवन की हािन कािरत हई हो वहा वह परािधकारी घटना की जाच सचना की परािप त क दो मास क अनदर करगा और यिद परािधकारी िनरीकषक न हो तो वह िनरीकषक स उक त कालाविध क अनदर जाच कराएगा

2[(3) कनदरीय सरकार राजपतर म अिधसचना ारा िनदश द सकगी िक उपधारा (1) और उपधारा (1क) म िविनिदष ट दघरटना स िभन न िजन दघरटना म ऐसी शारीिरक कषित कािरत होती ह िजसस िक कषितगरसत िक त की काम स चौबीस घट स अिधक की अविध की मजदरी क कारण अनपिसथित हो जाती ह तो व दघरटनाए िविहत पररप म एक रिजसटर म परिवष ट की जाएगी या यथािसथित उपधारा (1) या उपधारा (1क) क उपबनध क अधयधीन रहगी ]

(4) उपधारा (3) म िनिदष ट रिजसटर म की परिविष टय की एक परित खान क सवामी अिभकतार या परबनधक ारा 3[उस वषर स िजसस व परिविष टया समब ह अगल वषर म जनवरी क 20व िदन या ततपवर] मखय िनरीकषक को भजी जाएगी

3[(5) जब कभी खान म या उसक आसपास कोई ऐसी दघरटना हो जाए िजसस िकसी िक त क जीवन को हािन या उसको गभीर शारीिरक कषित कािरत हई हो तो उस मखय िनरीकषक या िनरीकषक क िजसको धारा 23 की उपधारा (1) क अधीन दघरटना की सचना का िदया जाना अपिकषत ह आगमन क पवर या उसकी सम मित क िबना दघरटना सथल की उलट-पलट या उसम कोई पिरवतरन नह िकया जाएगा जब तक िक ऐसी उलट-पलट या पिरवतरन आग िकसी दघरटना को रोकन क िलए मतक क शव को हटान क िलए या िकसी िक त की सकट स रकषा करन क िलए आवशयक न हो अथवा जब तक िक दघरटना सथल पर काम क बनद िकए जान स खान क कायरकरण म गमभीर अड़चन न पड़

परनत जहा मखय िनरीकषक या उक त िनरीकषक दघरटना क समय स बह र घट क भीतर दघरटना का सथल िनरीकषण करन म असफल रहता ह वहा दघरटना सथल पर काम पनः आरमभ िकया जा सकगा ]

24 दघरटना क मामल म जाच-नयायालय िनयक त करन की सरकार की शिक तmdash4[(1) जब िक खान म या उसक आसपास धारा 23 की उपधारा (1) क खड म स िकसी म िनिदष ट परकित की कोई दघरटना हो जाए तब कनदरीय सरकार यिद उसकी यह राय हो िक दघरटना क कारण की और पिरिसथितय की पररिपक जाच होनी चािहए ऐसी जाच करन क िलए कोई सकषम िक त िनयक त कर सकगी और जाच करन म अससर क रप म कायर करन क िलए िविध का या कोई िवशष जञान रखन वाल एक या अिधक िक तय को भी िनयक त कर सकगी ]

(2) ऐसी िकसी जाच करन क िलए िनयक त िक त को सािकषय को हािजर करान और दसतावज और भौितक पदाथ 5 को पश करन क िलए िववश करन क परयोजन क िलए िसिवल परिकरया सिहता 1908 (1908 का 5) क अधीन की िसिवल नयायालय की सब शिक तया पराप त ह गी

(3) इस धारा क अधीन जाच करन वाला कोई िक त इस अिधिनयम क अधीन की िनरीकषक की ऐसी शिक तय का परयोग कर सकगा िजसका परयोग करना वह जाच क परयोजन क िलए आवश यक या समीचीन समझ

(4) इस धारा क अधीन जाच करन वाला िक त दघरटना क कारण और उसकी पिरिसथितय को किथत करन वाली िरपोटर िकनह ऐसी समिक तय को जोड़कर िजनह िक वह या अससर म स कोई िलखना आवशयक समझ कनदरीय सरकार को दगा

25 कछ रोग की सचनाmdash(1) जहा िक खान म िनयोिजत िकसी िक त को कोई 6ऐसा रोग लग जाए जो कनदरीय सरकार ारा शासकीय राजपतर म खनन सिकरया स ससक त रोग क रप म अिधसिचत िकया गया हो वहा खान का यथािसथित सवामी

अिभकतार या परबनधक उसकी सचना मखय िनरीकषक को और ऐस अनय परािधकािरय को ऐस पररप म और ऐस समय क अनदर भजगा जस िविहत िकए जाए

(2) यिद कोई िचिकतसा- वसायी िकसी ऐस िक त की दखभाल कर जो िकसी खान म िनयोिजत हो या रहा हो और जो उपधारा (1) क अधीन अिधसिचत िकसी रोग स पीिड़त हो या िजसक बार म िचिकतसा- वसायी को िवश वास हो िक वह ऐस रोग स पीिड़त ह तो िचिकतसा- वसायीmdash

(क) रोगी का नाम और पता

1 1983 क अिधिनयम स० 42 की धारा 17 ारा (31-5-1984 स) अनतःसथािपत 2 1983 क अिधिनयम स० 42 की धारा 17 ारा (31-5-1984 स) उपधारा (3) क सथान पर परितसथािपत 3 1959 क अिधिनयम स० 62 की धारा 12 ारा (16-1-1960 स) कितपय शबद क सथान पर परितसथािपत 4 1959 क अिधिनयम स० 62 की धारा 13 ारा (16-1-1960 स) उपधारा (1) क सथान पर परितसथािपत 5 1959 क अिधिनयम स० 62 की धारा 13 ारा (16-1-1960 स) कितपय शबद का लोप िकया गया 6 िसलकोिसस और नयमोकोिनओिसस िजनह ऐस रोग घोिषत िकया गया ह दिखए भारत का राजपतर (अगरजी) भाग 2 खण ड 3 प 1153 म परकािशत अिधसचना स० 1

का०िन०आ० 1306 तारीख 21 जलाई 1952 और मगनीज िवषाकतीकरण-तितरका परकार का िजस ऐसा रोग घोिषत िकया गया ह दिखए भारत का राजपतर (अगजी) 1956 भाग 2 खणड 3 प 2195 म परकािशत अिधसचना स० का०िन०आ० 3109 तारीख 18 िदसमबर 1956

14

(ख) वह रोग िजसस रोगी पीिड़त हो या िजसस उसक पीिड़त होन का िवश वास हो तथा

(ग) उस खान का नाम और पता िजसम रोगी िनयोिजत हो या अिनतम बार िनयोिजत था

किथत करन वाली िलिखत िरपोटर मखय िनरीकषक को अिवलमब भजगा

(3) जहा िक उपधारा (2) क अधीन की िरपोटर की यह पिष ट परमाणकतार सजरन क परमाणपतर स या अनयथा मखय िनरीकषक को समाधानपरद रप म हो जाए िक वह िक त उपधारा (1) क अधीन अिधसिचत रोग स पीिड़त ह वहा मखय िनरीकषक िचिकतसा-

वसायी को उतनी फीस दगा िजतनी िविहत की जाए और ऐस सद फीस उस खान क सवामी अिभकतार या परबनधक स िजसम उस िक त को रोग लगा हो भ-राजसव क बकाया क रप म वसलीय होगी

(4) यिद कोई िचिकतसा- वसायी उपधारा (2) क उपबनध का अनपालन करन म असफल रहगा तो वह जमारन स जो पचास रपए तक का हो सकगा दणडनीय होगा

26 रोग क कारण क अनवषण का िनदश दन की शिक तmdash(1) कनदरीय सरकार यिद वह ऐसा करना समीचीन समझ तो िकसी ऐस मामल की जाच करन क िलए तथा उस पर िरपोटर दन को कोई सकषम िक त िनयक त कर सकगी िजसम धारा 25 की उपधारा (1) क अधीन अिधसिचत कोई रोग खान म लगा हो या िजसक बार म सदह िकया जाता हो िक वह खान म लगा ह और ऐसी जाच म अससर क रप म कायर करन क िलए िविध का जञान या िवशष जञान रखन वाल एक या अिधक िक तय को भी िनयक त कर सकगी

(2) धारा 24 की उपधारा (2) और (3) क उपबध इस धारा क अधीन की जाच को उसी रीित स लाग ह ग जस व उस धारा क अधीन की िकसी जाच को लाग होत ह

27 िरपोट का परकाशनmdashऐस समय पर और ऐसी रीित स जो वह ठीक समझ कनदरीय सरकार सिमित ारा 1[धारा 12] क अधीन भजी गई िकसी िरपोटर को या अपन को धारा 26 क अधीन भजी गई िकसी िरपोटर या िकसी िरपोटर क उ रण को परकािशत करा सकगी और धारा 24 क अधीन िकसी जाच नयायालय ारा भजी गई हर िरपोटर को परकािशत कराएगी

अधयाय 6

िनयोजन क घट और उस पर िनबरधन

28 साप तािहक िवशराम-िदनmdashिकसी भी िक त को खान म िकसी एक सप ताह म छह िदन स अिधक काम नह करन िदया जाएगा

29 परितकरातमक िवशराम-िदनmdash(1) जहा िक धारा 38 क अधीन कायरवाही क अनसरण म अथवा िकसी खान को या उसम िनयोिजत िक तय को धारा 28 क उपबनध स छट िदए जान क फलसवरप कोई िक त जो उस खान म िनयोिजत हो उन साप तािहक िवशराम-िदन म स िकसी स िजनक िलए धारा 28 म उपबनध िकया गया ह विचत िकया जाए वहा उस उसी मास क अनदर िजसम उस ऐस िवशराम-िदन दय थ या उस मास क अ विहत पश चात क दो मास क अनदर उन िवशराम-िदन की समान सखया म िजनस वह इस परकार विचत िकया गया हो परितकरातमक िवशराम-िदन िदए जाएग

(2) कनदरीय सरकार वह रीित िविहत कर सकगी िजसस व िवशराम-िदन िजनक िलए उपधारा (1) म उपबनध िकया गया ह िदए जाएग

30 भिम क ऊपर क काम क घणटmdash(1) िकसी सप ताह म अड़तालीस घणट स अिधक या िकसी िदन म नौ घणट स अिधक काम भिम क ऊपर िनयोिजत िकसी भी वयसथ स न तो अपिकषत िकया जाएगा और न उस करन िदया जाएगा

2[परनत मखय िनरीकषक क पवर अनमोदन क अधयधीन रहत हए इस उपधारा म िविनिदष ट दिनक अिधकतम घणट को पािरय म तबदीली सकर बनान क िलए बढ़ाया जा सकगा ]

(2) िकसी ऐस वयसथ क काम की कालाविधया इस परकार विसथत की जाएगी िक उसक िवशराम अनतराल सिहत व िकसी भी िदन बारह घणट स अिधक िवसतत न ह और वह कम स कम आध घणट का िवशराम अनतराल क चकन क पवर िनरनतर पाच घणट स अिधक काम न कर

3[परनत मखय िनरीकषक ऐस कारण स जो लखन ारा अिभिलिखत िकए जाएग इस िवसतित का िकसी िदन अिधकतम चौदह घणट की कालाविध तक का होना ऐसी शत क अधयधीन जसी वह अिधरोिपत करना ठीक समझ अनजञात कर सकगा ]

4[(3) दो या अिधक पािरय क िक तय को एक ही समय भिम क ऊपर एक ही परकार का काम नह करन िदया जाएगा

1 1983 क अिधिनयम स० 42 की धारा 18 ारा (31-5-1984 स) ldquoधारा 13rdquo शबद और अक क सथान पर परितसथािपत 2 1959 क अिधिनयम स० 62 की धारा 14 ारा (16-1-1960 स) परनतक जोड़ा गया 3 1959 क अिधिनयम स० 62 की धारा 14 ारा (16-1-1960 स) परनतक क सथान पर परितसथािपत 4 1959 क अिधिनयम स० 62 की धारा 14 ारा (16-1-1960 स) उपधारा (3) क सथान पर परितसथािपत

15

परनत इस उपधारा क परयोजन क िलए िक तय क बार म कवल इस तथय क कारण िक उनक िवशराम अनतराल उनह िभन न समय पर िमलत ह यह न समझा जाएगा िक व िविभन न पािरय क ह ]

1[31 भिम क नीच क काम क घटmdash(1) खान म भिम क नीच िनयोिजत िकसी भी वयसथ को िकसी सप ताह म अड़तालीस घणट स अिधक या िकसी िदन म आठ घणट स अिधक काम नह करन िदया जाएगा

परनत मखय िनरीकषक क पवर अनमोदन क अधयधीन रहत हए इस उपधारा म िविनिदष ट दिनक अिधकतम घणट को पािरय म तबदीली सकर बनान क िलए बढ़ाया जा सकगा

(2) खान म भिम क नीच कोई भी काम ऐस विसथत पारी-प ित स चलान क िसवाय न चलाया जाएगा िक हर एक पारी म काम की कालाविध उपधारा (1) म बताए गए दिनक अिधकतम घट स अिधक िवसतत न हो

(3) खान म िनयोिजत िकसी िक त को भिम क नीच क खान क िकसी भाग म काम की उन कालाविधय क दौरान उपिसथत रहन दन क िसवाय उपिसथत न रहन िदया जाएगा जो धारा 48 की उपधारा (4) क अधीन रख जान वाल रिजसटर म उसक बार म दिशत ह ]

2[32 राितर की पारीmdashजहा िक खान म िनयोिजत िक त ऐसी पारी म काम कर िजसका िवसतार मधयराितर क पश चात तक हो वहाmdash

(क) धारा 28 और धारा 29 क परयोजन क िलए उसक मामल म साप तािहक िवशराम-िदन स उसकी पारी क अनत होन पर आरमभ होन वाली िनरनतर 24 घणट की कालाविध अिभपरत होगी

(ख) उसकी पारी का अनत होन पर आरमभ होन वाली चौबीस घणट की कालाविध उसक िलए अगला िदन समझी जाएगी और मधयराितर क पश चात िजतन घणट उसन काम िकया हो व पवरवत िदन म िगन जाएग ]

33 अितकाल क िलए अितिरक त मजदरीmdash3[(1) जहा िक खान म कोई िक त भिम क ऊपर िकसी िदन नौ घणट स अिधक या भिम क नीच िकसी िदन आठ घणट स अिधक काम कर या चाह भिम क ऊपर या नीच िकसी सप ताह म अड़तालीस घणट स अिधक काम कर वहा ऐस अितकािलक काम क िलए वह अपनी मजदरी की मामली दर स दगनी दर पर मजदरी पान का हकदार होगा और अितकािलक काम की कालाविध की गणना दिनक या साप तािहक आधार पर जो भी उसक िलए अिधक अनकल हो की जाएगी ]

4[(2) जहा खान म िनयोिजत िकसी िक त को मातरानपाती दर स सदाय िकया जाना हो वहा कालानपाती दर को उन िदन क िजनको उसक उस सप ताह क िजसम अितकाल काम िकया गया ह ठीक पवरवत सप ताह क दौरान वासतव म काम िकया था िकसी अितकाल को छोड़कर उसक पणरकािलक उपाजरन क दिनक औसत क बराबर माना जाएगा और ऐसी कालानपाती दर ऐस िक त की मजदरी की मामली दर मानी जाएगी

परनत यिद ऐस िक त न पवरवत सप ताह म उसी या समान काम पर कायर नह िकया ह तो कालानपाती दर अितकाल को छोड़कर उन िदन की िजनको उसन उसी सप ताह म काम िकया ह औसत या िकसी पवरवत सप ताह म उसक उपाजरन की दिनक औसत इनम स जो भी उच चतर हो उस पर आधािरत होगी

सपष टीकरणmdashइस धारा क परयोजन क िलए ldquoमजदरी की मामली दरrdquo का वही अथर होगा जो उसका धारा 9क की उपधारा (3) क सपष टीकरण म ह ]

(4) इस धारा क उपबनध का अनपालन सिनिश चत करन क परयोजन क िलए कनदरीय सरकार खान म रख जान वाल रिजसटर िविहत कर सकगी

5[34 कितपय िक तय क िनयोजन का परितषधmdashकोई भी िक त जो पवरवत बारह घनट क अनदर िकसी अनय खान म पहल ही काम करता रहा हो खान म काम करन क िलए न तो अपिकषत िकया जाएगा न उस खान म काम करन िदया जाएगा ]

6[35 अितकािलक काम सिहत दिनक काम क घट का िनबरनधनmdashधारा 39 क खणड (क) और खणड (ङ) म आन वाल मामल म क िसवाय िकसी भी िदन अितकाल सिहत दस घट स अिधक खान म काम न तो खान म िनयोिजत िकसी भी िक त स अपिकषत िकया जाएगा न उस करन िदया जाएगा ]

36 काम क घट क िवषय म सचनाएmdash(1) हर खान का परबनधक खान म काम क परारमभ और बनद होन का समय और यिद टोली प ित ारा काम परसथािपत हो तो हर एक टोली क काम क परारमभ और बनद होन का समय किथत करन वाली सचना िविहत पररप म खान क कायारलय क बाहर लगवाएगा

1 1959 क अिधिनयम स० 62 की धारा 15 ारा (16-1-1960 स) धारा 31 क सथान पर परितसथािपत 2 1959 क अिधिनयम स० 62 की धारा 16 ारा (16-1-1960 स) धारा 32 क सथान पर परितसथािपत 3 1959 क अिधिनयम स० 62 की धारा 17 ारा (16-1-1960 स) उपधारा (1) क सथान पर परितसथािपत 4 1983 क अिधिनयम स० 42 की धारा 19 ारा (31-5-1984 स) उपधारा (2) और (3) क सथान पर परितसथािपत 5 1959 क अिधिनयम स० 62 की धारा 18 ारा (16-1-1960 स) धारा 34 क सथान पर परितसथािपत 6 1959 क अिधिनयम स० 62 की धारा 19 ारा (16-1-1960 स) धारा 35 क सथान पर परितसथािपत

16

(2) उस खान की दशा म िजसम खनन सिकरयाए इस अिधिनयम क परारमभ क पश चात परारभ ह उपधारा (1) म िनिदष ट सचना काम क परारमभ होन क कम स कम सात िदन पवर लगाई जाएगी

(3) उपधारा (1) म िनिदष ट सचना म भिम क ऊपर िनयोिजत िक तय क काम क परारमभ का समय और िवशराम अनतराल भी किथत ह ग और उसकी एक परित मखय िनरीकषक को यिद वह ऐसी अपकषा कर तो भजी जाएगी

(4) जहा िक साधारणतः खान म या िकसी टोली क काम क परारमभ या बनद होन क िलए िनयत समय म या भिम क ऊपर िनयोिजत िक तय क िलए िनयत िवशराम अनतराल म कोई तबदीली करन की परसथापना हो वहा िविहत पररप म एक सशोिधत सचना उस तबदीली क िकए जान क सात स अनयन िदन पवर खान क कायारलय क बाहर लगाई जाएगी और ऐसी सचना की एक परित ऐसी तबदीली क सात स अनयन िदन पवर मखय िनरीकषक को भजी जाएगी

(5) िकसी भी िक त को उपधारा (1) ारा अपिकषत सचना क अनसार काम करन स अनयथा खान म काम नह करन िदया जाएगा

37 पयरवकषक कमरचािरवनदmdashधारा 28 धारा 30 धारा 31 धारा 34 या 1[धारा 36 की उपधारा (5)] की कोई भी बात उन िक तय को लाग न होगी िजनकी बाबत िनयम ारा यह पिरभािषत िकया जाए िक व पयरवकषण या परबनध का पद धारण िकए हए ह

या गोपनीयता की हिसयत म िनयोिजत ह

38 िनयोजन सबधी उपबनध स छटmdash(1) उस आपात की दशा म िजसम खान या उसम िनयोिजत िक तय क कषम क िलए गमभीर जोिखम अनतवरिलत हो या वासतिवक या आशिकत िकसी दघरटना की दशा म या िकसी दवीकत की दशा म या खान की मशीनरी सयतर या उपसकर क ठपप हो जान क पिरणामसवरप ऐसी मशीनरी सयतर या उपसकर पर िकए जान वाल िकसी अजनट काम की दशा म परबनधक धारा 22 2[या धारा 22क] क उपबनध क अधयधीन और धारा 39 क अधीन क िनयम क अनसार िक तय को धारा 28 धारा 30 धारा 31 या धारा 34 या 1[धारा 36 की उपधारा (5)] क उललघन म ऐस काम म िनयोजन की अनजञा द सकगा जो खान या उसम िनयोिजत िक तय क कषम का सरकषण करन क िलए आवशयक हो

परनत मशीनरी सयतर या उपसकर पर इस धारा क अधीन िकए जान वाल िकसी अजनट काम की दशा म परबनधक इस धारा ारा अनजञात कोई काररवाई कर सकगा य िप उसक िकए जान स 3[खिनज] उतपादन आनषिगक रप स परभािवत होता हो िकनत इस

परकार की गई काररवाई उन सीमा क बाहर न की जाएगी जो खान क मामली कायरकरण म गमभीर हसतकषप का पिरवजरन करन क परयोजन क िलए आवशयक हो

(2) हर वह दशा िजसम उपधारा (1) क अधीन परबनधक ारा काररवाई की गई हो ततसमब पिरिसथितय क साथ अिभिलिखत की जाएगी और उसकी िरपोटर मखय िनरीकषक या िनरीकषक को भी दी जाएगी

4[39 छट दन वाल िनयम बनान की शिक तmdash5[कनदरीय सरकार] िनम निलिखत िक तय क िलए धारा 28 धारा 30 धारा 31 धारा 34 या धारा 36 की उपधारा (5) क उपबनध स ऐस िवसतार तक ऐसी पिरिसथितय म और ऐसी शत क अधयधीन जसी िविनिदष ट की जाए छट का उपबनध करन वाल िनयम बना सकगीmdash

(क) ऐसी खान म िजसम ऐस आपात की आशका हो िजसम खान क या उसम िनयोिजत िक तय क कषम की गमभीर जोिखम अनतवरिलत हो िनयोिजत सब िक त या उनम स कोई

(ख) िकसी वासतिवक या आशिकत दघरटना की दशा म इस परकार िनयोिजत सब िक त या उनम स कोई

(ग) िकसी तयारी की परकित क या परक परकित क ऐस काम म जो खान क मामली कायरकरण म गमभीर हसतकषप का पिरवजरन करन क परयोजन क िलए अवशय चलाया जाना चािहए लग हए सब िक त या उनम स कोई

(घ) अजनट मरममत म लग हए सब िक त या उनम स कोई

(ङ) िकसी ऐस काम म जो िक तकनीकी कारण स िनरनतर चाल रखा जाना चािहए िनयोिजत सब िक त या उनम स कोई ] 6[40 अठारह वषर स कम आय क िक तय का िनयोजनmdash(1) खान (सशोधन) अिधिनयम 1983 क परारमभ क पश चात

अठारह वषर स कम आय क िकसी िक त को िकसी खान या उसक भाग म काम करन क िलए अनजञात नह िकया जाएगा

(2) उपधारा (1) म िकसी बात क होत हए भी िशकष और अनय परिशकष को जो सोलह वषर स कम आय क नह ह िकसी खान या उसक भाग म परबनधक ारा समिचत पयरवकषण क अधीन काम करन क िलए अनजञात िकया जा सकगा

1 1953 क अिधिनयम स० 42 की धारा 4 और अनसची 3 ारा ldquoधारा 36 की उपधारा (4)rdquo क सथान पर परितसथािपत 2 1983 क अिधिनयम स० 42 की धारा 20 ारा (31-5-1984 स) अनतःसथािपत 3 1959 क अिधिनयम स० 62 की धारा 20 ारा (16-1-1960 स) ldquoकोयलाrdquo क सथान पर परितसथािपत 4 1959 क अिधिनयम स० 62 की धारा 21 ारा (16-1-1960 स) धारा 39 क सथान पर परितसथािपत 5 1983 क अिधिनयम स० 42 की धारा 21 ारा (31-5-1984 स) कितपय शबद क सथान पर परितसथािपत 6 1983 क अिधिनयम स० 42 की धारा 22 ारा (31-5-1984 स) धारा 40 क सथान पर परितसथािपत

17

परनत िशकष स िभन न परिशकष की दशा म उनको काम करना अनजञात करन स पवर मखय िनरीकषक या िनरीकषक का पवर अनमोदन अिभपराप त करना आवशयक होगा

सपष टीकरणmdashइस धारा और धारा 43 म ldquoिशकषrdquo स िशकष अिधिनयम 1961 (1961 का 52) की धारा 2 क खणड (क) म यथापिरभािषत िशकष अिभपरत ह ]

41 [योगयता परमाणपतर ]mdashखान (सशोधन) अिधिनयम 1983 की धारा 23 ारा (31-5-1984 स) िनरिसत

42 [कमार को अनद योगयता परमाणपतर का परभाव ]mdashखान (सशोधन) अिधिनयम 1983 (1983 का 42) की धारा 23 ारा (31-5-1984 स) िनरिसत

1[43 िचिकतसीय परीकषा की अपकषा करन की शिक तmdash(1) जहा िकसी िनरीकषक की यह राय हो िक िशकष या अनय परिशकष स अनयथा खान म िनयोिजत कोई िक त वयसथ नह ह अथवा खान म िशकष या अनय परिशकष क रप म िनयोिजत कोई िक त या तो सोलह वषर स कम आय का ह या वह काम करन क योगय नह रह गया ह वहा िनरीकषक खान क परबनधक पर यह अपकषा करन वाली सचना की तामील कर सकगा िक ऐस िक त की परीकषा िकसी परमाणकतार सजरन ारा की जाए और िनरीकषक ऐसा िनदश द तो ऐसा

िक त तब तक िकसी खान म काम करन क िलए िनयोिजत या अनजञात नह िकया जाएगा जब तक इस परकार उसकी परीकषा न हो गई हो और यह परमािणत न कर िदया गया हो िक वह वयसथ ह या यिद ऐसा िक त िशकष या परिशकष ह तो वह सोलह वषर स कम आय का नह ह और काम करन क योगय ह

(2) उपधारा (1) क अधीन िनदश पर परमाणकतार सजरन ारा िदया गया हर परमाणपतर उसम किथत बात का इस अिधिनयम क परयोजन क िलए िनश चायक सा य होगा ]

44 [उन कमार क िलए काम क घट जो वयसक क रप म काम क िलए योगय परमािणत नह िकए गए ]mdashखान (सशोधन) अिधिनयम 1983 (1984 का 42) की धारा 25 ारा (31-5-1984 स) िनरिसत

2[45 खान म अठारह वषर स कम आय क िक तय की उपिसथित का परितषधmdashधारा 40 की उपधारा (2) क उपबनध क अधीन रहत हए ऐसी तारीख क पश चात जो कनदरीय सरकार राजपतर म अिधसचना ारा इस िनिम िनयत कर अठारह वषर स कम आय क िकसी िक त को भिम क ऊपर खान क िकसी ऐस भाग म जहा िकसी खनन सिकरया स ससक त या आनषिगक कोई सिकरया चलाई जा रही हो उपिसथत नह रहन िदया जाएगा ]

3[46 िस तरय का िनयोजनmdash(1) िकसी अनय िविध म अनतिवष ट िकसी बात क होत हए भी कोई भी स तरीmdash

(क) खान क िकसी ऐस भाग म जो भिम क नीच हो

(ख) िकसी खान म भिम क ऊपर 6 बज पवारहन और 7 बज अपराहन क बीच क िसवाय

िनयोिजत नह की जाएगी ]

(2) खान म भिम क ऊपर िनयोिजत हर स तरी को िकसी एक िदन िनयोजन का पयरवसान होन और िनयोजन की अगली कालाविध का परारमभ होन क बीच कम स कम गयारह घनट का अनतराल िदया जाएगा

(3) उपधारा (1) म अनतिवष ट िकसी बात क होत हए भी कनदरीय सरकार िकसी खान या िकसी वगर या परकार की खान क बार म भिम क ऊपर िस तरय क िनयोजन क घट म फरफार शासकीय राजपतर म अिधसचना ारा कर सकगी िकनत इस परकार की िकसी स तरी का 10 बज अपराहन और 5 बज पवारहन क बीच कोई भी िनयोजन तद ारा अनजञात न हो ]

47 [आय क बार म िववाद ]mdashखान (सशोधन) अिधिनयम 1959 (1959 का 62) की धारा 28 ारा िनरिसत

48 िनयोिजत िक तय का रिजसटरmdash4[(1) हर खान क िलए उस खान म िनयोिजत सब िक तय का एक रिजसटर िविहत पररप और सथान म रखा जाएगा िजसम ऐस हर एक िक त क बार म िनम निलिखत बात दिशत ह गीmdash

(क) कमरचारी का नाम यथािसथित उसक िपता या पित क नाम सिहत और ऐसी अनय िविशिष टया जसी उसकी पहचान क परयोजन क िलए आवशयक ह

(ख) कमरचारी की आय और िलग

(ग) िनयोजन की परकित (वह िनयोजन भिम क ऊपर ह या भिम क नीच और यिद भिम क ऊपर ह तो वह िवव खिनत म ह या अनयथा) और उसक परारमभ की तारीख

5

1 1983 क अिधिनयम स० 42 की धारा 24 ारा (31-5-1984 स) धारा 43 क सथान पर परितसथािपत 2 1983 क अिधिनयम स० 42 की धारा 26 ारा (31-5-1984 स) धारा 45 क सथान पर परितसथािपत 3 1959 क अिधिनयम स० 62 की धारा 27 ारा (16-1-1960 स) धारा 46 क सथान पर परितसथािपत 4 1959 क अिधिनयम स० 62 की धारा 29 ारा (16-1-1960 स) उपधारा (1) क सथान पर परितसथािपत 5 1983 क अिधिनयम स० 42 की धारा 27 ारा (31-5-1984 स) खणड (घ) का लोप िकया गया

18

(ङ) अनय ऐसी िविशिष टया जो िविहत की जाए

और ससगत परिविष टया सपक त िकयत क हसताकषर या अगठ क िचहन ारा अिधपरमािणत की जाएगी ]

(2) उपधारा (1) ारा िविहत रिजसटर म की परिविष टया ऐसी ह गी िक उनक अनसार काम करन वाल कमरकार इस अधयाय क उपबनध म स िकसी क उललघन म काम न करत ह ग

(3) कोई िक त खान म तब तक िनयोिजत न िकया जाएगा जब तक उसक बार म उपधारा (1) ारा अपिकषत िविशिष टया रिजसटर म अिधिलिखत न कर ली गई ह और कोई भी िक त रिजसटर म अपन बार म दिशत काम की कालाविधय क दौरान िनयोिजत िकए जान क िसवाय िनयोिजत नह िकया जाएगा

1[(4) िजस खान को कनदरीय सरकार न साधारण या िवशष आदश ारा िकसी िवशष कारण स जो अिभिलिखत िकया जाएगा छट दी हो उसस िभन न हर खान क िलए पथक रिजसटर िविहत पररप और सथान म रख जाएग िजनम हर िक त क बार म जो खान मmdash

(क) भिम क नीच

(ख) िवव खिनत म भिम क ऊपर

(ग) अनय दशा म भिम क ऊपर

िनयोिजत हो िनम निलिखत बात दिशत ह गीmdash

(i) कमरचारी का नाम

(ii) उसक िनयोजन का वगर या िकसम

(iii) जहा िक काम टोली-प ित स चलाया जाता हो वहा िजस पारी का वह ह वह पारी और उस पारी क घनट ]

(5) भिम क नीच िनयोिजत िक तय क उपधारा (4) म िनिदष ट रिजसटर म िकसी भी कषण ऐस हर िक त का नाम दिशत होगा जो तब खान म भिम क नीच उपिसथत हो

2[(6) कोई िक त िकसी िवव खिनत या भिम क नीच िकसी खिनत म तब क िसवाय परवश नह कर सकगा जब िक ऐसा करन क िलए वह परबनधक ारा अनजञात िकया गया हो अथवा इस अिधिनयम या िकसी अनय िविध क अधीन परािधकत हो ]

अधयाय 7

मजदरी सिहत छ ी 3[49 अधयाय का लाग होनाmdashइस अधयाय क उपबनध ऐस परवितत नह ह ग िक उनका िकसी ऐस अिधकार पर परितकल

परभाव पड़ िजसका िक खान म िनयोिजत कोई िक त िकसी अनय िविध क अधीन या िकसी अिधिनणरय करार या सवा-सिवदा क िनबनधन क अधीन हकदार हो

4[परनत यिद ऐसा अिधिनणरय करार या सवा-सिवदा इस अधयाय म उपबिनधत स दीघरतर मजदरी सिहत वािषक छ ी का उपबनध करती हो तो छ ी की वह मातरा िजसक िलए िनयोिजत िक त हकदार होगा ऐस अिधिनणरय करार या सवा-सिवदा क अनसार होगी िकनत छ ी ऐस िवषय की बाबत जो ऐस अिधिनणरय करार या सवा-सिवदा म उपबिनधत नह ह धारा 50 स लकर धारा 56 तक क (िजसम य दोन धाराए भी सिममिलत ह) उपबनध क अनसार िविनयिमत होगी ]

50 छ ी की पिरभाषाmdashसाप तािहक िवशराम-िदन अथवा उतसव क िलए या अनय ऐस ही अवसर क िलए अवकाश-िदन इस अधयाय क परयोजन क िलए छ ी क अनतगरत नह आत ह चाह व छ ी की कालाविध क दौरान ह या उसक ठीक पहल या ठीक पीछ ह

51 कलनडर वषर की पिरभाषाmdashइस अधयाय क परयोजन क िलए ldquoकलनडर वषरrdquo स िकसी वषर म जनवरी क परथम िदन स आरमभ होन वाली बारह मास की कालाविध अिभपरत होगी

52 मजदरी सिहत वािषक छ ीmdash(1) खान म िनयोिजत हर िक त को िजसन उसम एक कलनडर वषर की सवा परी कर ली हो पश चातवत कलनडर वषर क दौरान मजदरी सिहत छ ी अनजञात की जाएगी िजसकी गणनाmdash

(क) भिम क नीच िनयोिजत िक त की दशा म उसक ारा िकए गए काम क हर 5[पनदरह िदन] क िलए एक िदन की दर स की जाएगी तथा

1 1959 क अिधिनयम स० 62 की धारा 29 ारा (16-1-1960 स) उपधारा (4) क सथान पर परितसथािपत 2 1959 क अिधिनयम स० 62 की धारा 29 ारा (16-1-1960 स) अनतःसथािपत 3 1959 क अिधिनयम स० 62 की धारा 30 ारा (16-1-1960 स) धारा 49 स 56 तक क सथान पर परितसथािपत 4 1983 क अिधिनयम स० 42 की धारा 28 ारा (31-5-1984 स) परनतक क सथान पर परितसथािपत 5 1983 क अिधिनयम स० 42 की धारा 29 ारा (31-5-1984 स) ldquoसोलह िदनrdquo क सथान पर परितसथािपत

19

(ख) िकसी अनय दशा म उसक ारा िकए गए काम क हर बीस िदन क िलए एक िदन की दर स की जाएगी

(2) उपधारा (1) म िनिदष ट एक कलनडर वषर की सवाmdash

(क) खान म भिम क नीच िनयोिजत िक त की दशा म परी कर ली गई समझी जाएगी यिद कलनडर वषर क दौरान खान म उसकी हािजिरया एक सौ नबब स कम न ह तथा

(ख) िकसी अनय िक त की दशा म परी कर ली गई समझी जाएगी यिद कलनडर वषर क दौरान खान म उसकी हािजिरया दो सौ चालीस स कम न ह

सपष टीकरणmdashइस उपधारा क परयोजन क िलए यह ह िकmdash

(क) करार या सिवदा ारा या सथायी आदश क अधीन यथा अनजञय कामबदी क िदन को

(ख) स तरी कमरचारी की दशा म बारह सप ताह स अनिधक िकतन ही िदन की परसित छटटी को तथा

(ग) उस वषर स िजसम छ ी का उपभोग िकया जाए पवरवत वषर म उपािजत छ ी को

हािजरी की सगणना क परयोजन क िलए ऐस िदन समझा जाएगा िजनम कमरचारी न खान म काम िकया ह िकनत वह इन िदन क िलए छ ी उपािजत नह करगा

(3) िजस िक त की सवा जनवरी क परथम िदन को परारमभ न होकर अनयथा आरमभ होती ह वहmdash

(क) खान म भिम क नीच िनयोिजत िक त की दशा म तब जब िक वह कलनडर वषर क शष भाग क दौरान क कल िदन क आध स अनयन िदन म हािजर रहा हो तथा

(ख) िकसी अनय दशा म तब जब िक वह कलनडर वषर क शष भाग क दौरान क कल िदन क दो-ितहाई स अनयन िदन म हािजर रहा हो

पश चातवत कलनडर वषर म मजदरी सिहत छ ी उस दर स पान का हकदार होगा जो उपधारा (1) म िविनिदष ट ह

(4) िकसी िक त ारा न ली गई वह छ ी िजसका वह उपधारा (1) या उपधारा (2) क अधीन िकसी एक कलनडर वषर म हकदार हो उस छ ी म जोड़ दी जाएगी जो िक उ रवत कलनडर वषर क दौरान उस उपधारा क अधीन उस अनजञय हो

परनत उन छ ी क िदन की कल सखया जो ऐस िकसी िक त ारा सिचत की जा सकगी िकसी भी एक समय कल तीस िदन स अिधक न होगी

परनत यह और भी िक ऐसा वह िक त िजसन मजदरी सिहत छ ी क िलए आवदन िकया हो िकनत उस उपधारा (6) क अनसार ऐसी छ ी न दी गई हो िकसी सीमा क िबना अनपभक त छ ी क अगरनयन का हकदार होगा

(5) ऐसा कोई िक त उपधारा (1) उपधारा (2) और उपधारा (4) क अधीन उस समय अपन को अनजञय सारी छ ी या उसका कोई भाग लन क िलए खान क परबनधक स उस िदन स पदरह िदन स अनयन िदन पहल िलिखत आवदन कर सकगा िजस िदन वह अपनी छ ी आरमभ करना चाहता हो

परनत िकसी एक कलनडर वषर क दौरान तीन बार स अिधक छ ी न ली जा सकगी

(6) उपधारा (5) क उपबनध क अनसार ऐसी छ ी क िलए िकया गया आवदन तब क िसवाय नामजर नह िकया जाएगा जब िक छ ी अनद करन क िलए सशक त परािधकारी की यह राय हो िक पिरिसथित की आवशयकता क कारण छ ी नामजर की जानी चािहए ]

(7) यिद खान म िनयोिजत िक त अपनी मजदरी सिहत छ ी जो उस शष हो बीमारी की कालाविध क िलए लना चाहता हो तो चाह उसन छ ी क िलए आवदन उपधारा (5) म िविनिदष ट समय क अनदर न भी िकया हो तो भी उस वह छ ी अनद की जाएगी

(8) यिद खान का सवामी अिभकतार या परबनधक खान म िनयोिजत िक त क िनयोजन का पयरवसान उस िक त ारा अपनी वह कल छटटी ल ली जान क पवर कर द िजसका वह अपन िनयोजन क पयरवसान क िदन तक हकदार हो या यिद उस िक त न ऐसी छ ी क िलए आवदन िकया हो और ऐसी छ ी अनद न हई हो और वह िक त अपना िनयोजन छ ी लन स पवर छोड़ द तो खान का सवामी अिभकतार या परबनधक न ली गई छ ी क बार म धारा 53 क अधीन सदय रकम उस सद करगा और ऐसा सदाय वहा जहा िक

िक त क िनयोजन का पयरवसान सवामी अिभकतार या परबनधक ारा िकया जाए ऐस पयरवसान क पश चात क दसर कायर-िदवस क अवसान क पवर और जहा िक िक त अपना िनयोजन सवय छोड़ द वहा अगल वतन-िदवस को या उसक पवर िकया जाएगा

(9) खान म िनयोिजत िक त की अनपभक त छ ी उसक िनयोजन क पयरवसान क पवर िदए जान क िलए अपिकषत िकसी सचना की कालाविध की सगणना करन म िवचार म नह ली जाएगी

20

1[(10) जहा खान म िनयोिजत कोई िक त सवा स उनमोिचत या पदचयत िकया जाता ह अथवा वह अपना िनयोजन छोड़ता ह या अिधविषता पराप त करता ह अथवा सवा म रहत हए उसकी मतय हो जाती ह तो यथािसथित वह या उसक वािरस या उसका नाम-िनदिशती उपधारा (1) म िविनिदष ट दर स पिरकिलत उसको दय छ ी क सथान पर मजदरी पान का हकदार होगा यिदmdash

(क) भिम क नीच िकसी खान म िनयोिजत िक त की दशा म वह अपन िनयोजन की तारीख स लकर अपन उनमोचन या पदचयित की तारीख तक या िनयोजन छोड़न या अिधविषता या मतय की तारीख तक िदन की कल सखया क कम स कम आध िदन तक उपिसथित रहा ह और

(ख) िकसी अनय दशा म वह अपन िनयोजन की तारीख स लकर अपन उनमोचन या पदचयित या िनयोजन छोड़न या अिधविषता या मतय की तारीख तक िदन की कल सखया क कम स कम दो-ितहाई िदन तक उपिसथत रहा ह

और ऐसी मजदरी का सदाय खान क सवामी अिभकतार या परबनधक ारा धारा 53 म िविनिदष ट दर स जहा उस िक त को सवा स उनमोिचत या पदचयत कर िदया जाता ह अथवा वह िनयोजन छोड़ दता ह या अिधविषता पराप त कर लता ह वहा यथािसथित ऐस उनमोचन पदचयित िनयोजन छोड़न या अिधविषता क पश चात दसर कायर िदन की समािप त क पवर और जहा िनयोिजत िक त की सवा म रहत हए मतय हो जाती ह वहा उसकी मतय क दो मास की अविध क भीतर िकया जाएगा ]

सपष टीकरणmdash2[उपधारा (1) उपधारा (3) और उपधारा (10)] क परयोजन क िलए आध िदन या इसस अिधक की छ ी क िभन न को एक परा िदन माना जाएगा और आध िदन स कम वाला िभन न छोड़ िदया जाएगा

53 छ ी की कालाविध क दौरान मजदरीmdashउस छ ी क िलए जो खान म िनयोिजत िक त को धारा 52 क अधीन अनजञात हो उस सदाय ऐसी दर स िकया जाएगा जो उसकी छ ी क अ वितह पवरवत मास क उन िदन की बाबत िजनम वह िनयोिजत रहा हो कल पणरकािलक उपाजरन क उस दिनक औसत क बराबर हो जो उन उपाजरन म स िकसी अितकािलक मजदरी और बोनस को अपविजत करक िकनत उनम महगाई भ और नकद परितकर को िजसक अनतगरत खा ा और अनय वसत क िबना मलय िवतरण स परोदभावी ऐसा कोई परितकर (यिद कोई हो) िजसक हकदार खान म काम करन वाल िक त ततसमय ह आता ह सिममिलत करक आए

परनत यिद ऐस कोई औसत उपाजरन उपलबध न ह तो औसत की सगणना उसी मास क िलए वस ही िनयोिजत सब िक तय क कल पणरकािलक उपाजरन क दिनक औसत क आधार पर की जाएगी

54 कितपय दशा म अिगरम सदायmdashखान म िनयोिजत उस िक त को िजस चार स अनयन िदन की छ ी अनजञात की गई हो अनजञात छ ी की कालाविध क िलए शोधय मजदरी उसकी छ ी आरमभ होन स पहल द दी जाएगी

55 असद मजदरी की वसली का ढगmdashखान क सवामी अिभकतार या परबनधक ारा इस अधयाय क अधीन सद िकए जान क िलए अपिकषत िकनत उसक ारा असद कोई रकम मजदरी सदाय अिधिनयम 1936 (1936 का 4) क उपबनध क अधीन िवलिबत मजदरी क रप म वसलीय होगी

56 खान को छट की शिक तmdashजहा िक कनदरीय सरकार का यह समाधान हो जाए िक िकसी खान म िनयोिजत िक तय को लाग होन वाल छ ी क िनयम ऐसी परसिवधा का उपबनध करत ह जो उसकी राय म उन परसिवधा स कम अनकल नह ह िजनक िलए यह अधयाय उपबनध करता ह वहा वह उस खान को इस अधयाय क सब या िकनह उपबनध स छट िलिखत आदश ारा और ऐसी शत क अधयधीन जो उसम िविनिदष ट की जाए द सकगी ]

अधयाय 8

िविनयम िनयम और उपिविधया 57 िविनयम बनान की कनदरीय सरकार की शिक तmdashकनदरीय सरकार िनम निलिखत सब परयोजन या उनम स िकसी क िलए

ऐस िविनयम3 जो इस अिधिनयम स सगत हो शासकीय राजपतर म अिधसचना ारा बना सकगी अथारत mdash

(क) व अहरताए िविहत करना जो मखय िनरीकषक या िनरीकषक क रप म िनयिक त क िलए अपिकषत हो

(ख) इस अिधिनयम क अधीन खान क िनरीकषण क समबनध म मखय िनरीकषक और िनरीकषक क कतर और शिक तय को िविहत और िविनयिमत करना

(ग) खान क सवािमय अिभकतार और परबनधक क और उनक अधीन कायर करन वाल िक तय क कतर िविहत करना और खान क 4[अिभकतार और परबनधक और उनक अधीन कायर करन वाल िक तय की अहरताए (िजसक अनतगरत आय आती ह)] िविहत करना

1 1983 क अिधिनयम स० 42 की धारा 29 ारा (31-5-1984 स) अनतःसथािपत 2 1983 क अिधिनयम स० 42 की धारा 29 ारा (31-5-1984 स) ldquoउपधारा (1) और (3)rdquo क सथान पर परितसथािपत 3 कोयला खान िविनयम 1957 क िलए दिखए भारत का राजपतर (अगरजी) 1957 भाग 2 खणड 3 प 2569 और धातमय खान िविनयम 1961 क िलए दिखए भारत

का राजपतर 1961 भाग 2 अनभाग 3(i) प 360 4 1959 क अिधिनयम स० 62 की धारा 31 ारा (16-1-1960 स) ldquoपरबनधक की अहरताएrdquo शबद क सथान पर परितसथािपत

21

(घ) खान क परबनधक और उनक अधीन कायर करन वाल अनय िक तय को अपन कतर का पालन दकषतापवरक करन क िलए समथर बनान क िलए सिवधाए उपबिनधत की जान की अपकषा करना

(ङ) खान क परबनधक और उनक अधीन कायर करन वाल िक तय की अहरताए परीकषा ारा या अनयथा अिभिनिश चत करन की रीित को और सकषमता परमाणपतर क अनद और नवीकत िकए जान को िविनयिमत करना

(च) ऐसी परीकषा और ऐस परमाणपतर क अनदान तथा नवीकरण क बार म दी जान वाली फीस यिद कोई ह िनयत करना

(छ) उन पिरिसथितय को िजनम और उन शत को िजसक अधयधीन रहत हए एक स अिधक खान का एक ही परबनधक क अधीन रहना या िकसी खान या िकनह खान का िविहत अहरताए न रखन वाल परबनधक क अधीन रहना िविधपणर होगा अवधािरत करना

1[(ज) इस अिधिनयम क अधीन की जान वाली जाच क िलए िजनक अनतगरत इस अिधिनयम क अधीन परमाणपतर धारण करन वाल िकसी िक त क अवचार या अकषमता स सब कोई जाच आती ह उपबनध करना और ऐस िकसी परमाणपतर क िनलमबन और र िकए जान क िलए उपबनध करना और जहा भी आवशयक हो वहा यह उपबनध करना िक जाच करन क िलए िनयक त िकए गए िक त को सािकषय को हािजर करान और दसतावज और भौितक पदाथ को पश करान क परयोजन क िलए िसिवल परिकरया सिहता 1908 (1908 का 5) क अधीन की िसिवल नयायालय की सब शिक तया पराप त ह गी ]

(झ) भारतीय िवसफोटक अिधिनयम 1884 (1884 का 4) और तद धीन बनाए गए िकनह िनयम क उपबनध क अधयधीन रहत हए िवसफोटक का भडारकरण परवहण और उपयोग िविनयिमत करना

2[(ञ) 3 िस तरय का खान म या खान क िकसी वगर म या ऐस िविशष ट परकार क शरम म िजनम ऐस िक तय क जीवन कषम या सवासथय क िलए खतरा रहता ह िनयोजन परितिष िनबरिनधत या िविनयिमत करना और ऐस िक त

ारा एक बार म वहन िकए जा सकन वाल बोझ क भार को पिरसीिमत करना ]

(ट) खान म िनयोिजत िक तय क कषम उनम उनक परवश करन और वहा स उनक िनकलन क साधन क िलए और उन कपक या िनकास की सखया क िलए जो उपबध िकए जान ह और कपक गत िनकास पथया और अवतलन पर बाड़ लगाई जान क िलए उपबनध करना

(ठ) खान क सवामी स सदाय पान वाल और खान क सवामी या परबनधक क परित सीध उ रदायी िक तय स िभन न िकसी िक त का खान म परबनधक क रप म या िकसी अनय िविनिदष ट हिसयत म िनयोजन परितिष करना

4[(ड) सतमभ या खिनज खणड क सथान िनिश चत करन अनरकषण और िनकाल या छाट जान तथा एक खान और दसरी खान क बीच पयारप त रोध क अनरकषण सिहत खान म सड़क और काम क सथल की सरकषा क िलए उपबनध करना

(ढ) खान म खिनज और महबनद अिग न-कषतर का िनरीकषण और सागर क या िकसी सरोवर या नदी या िकसी अनय भप ीय जलरािश क चाह वह पराकितक हो चाह कितरम या िकसी लोक सड़क या िनमारण क समीप खिनत िवषयक िनबनधन और िकनह खिनत म पानी भर जान या आग लग जान या उनक समय-पवर ढह जान क िवर समयक पवारवधानी बरती जान की अपकषा करना ]

(ण) खान क सवातन का और धल अिग न और जवलनशील तथा अपायकर गस क िवषय म की जान वाली काररवाई का िजसक अनतगरत सवतःदहन भिम क नीच की अिग न और कोयल की धल क िवर पवारवधानी आती ह उपबनध करना

5[(त) खान म िव त क जनन भणडारकरण रपानतरण पारषण और उपयोग की भारतीय िव त अिधिनयम 1910 (1910 का 9) और तद धीन बनाए गए िकनह िनयम क उपबनध क अधयधीन रहत हए िविनयिमत करना और खान म क सब िव त उपकरण िव त तार और उनम की सब अनय मशीनरी और सयतर की दखभाल और उपयोग क िविनयमन क िलए उपबनध करना ]

(थ) 6[खान म मशीनरी का उपयोग िविनयिमत करना ऐसी मशीनरी पर या उसक आसपास और कषरण-माग पर िनयोिजत िक तय क कषम क िलए उपबनध करना] और भिम क नीच कछ वग क चिलतर का परयोग िनबरिनधत करना

(द) खान म उिचत परकाश क िलए उपबनध करना और उनम िनरापद और लमप का परयोग िविनयिमत करना और िजस खान म िनरापद लमप परयोग म लाए जात ह उसम परवश करन वाल िक तय की तलाशी लना

1 1959 क अिधिनयम स० 62 की धारा 31 ारा (16-1-1960 स) खड (ज) क सथान पर परितसथािपत 2 1959 क अिधिनयम स० 62 की धारा 31 ारा (16-1-1960 स) खड (ञ) क सथान पर परितसथािपत 3 1983 क अिधिनयम स० 42 की धारा 30 ारा (31-5-1984 स) ldquoकमार औरrdquo शबद का लोप िकया गया 4 1959 क अिधिनयम स० 62 की धारा 31 ारा (16-1-1960 स) खड (ड) और (ढ) क सथान पर परितसथािपत 5 1959 क अिधिनयम स० 62 की धारा 31 ारा (16-1-1960 स) खड (त) क सथान पर परितसथािपत 6 1983 क अिधिनयम स० 42 की धारा 30 ारा (31-5-1984 स) कितपय शबद क सथान पर परितसथािपत

22

(ध) खान म 1[जवलनशील गस या धल क] िवसफोटक या जवलन या पानी क फट िनकलन या सिचत होन क िवर और उनस उदभत खतर क िवर उपबनध करना और ऐसी पिरिसथितय म खिनज क िनकाल जान का परितषध िनबरनधन या िविनयमन करना िजनस यह समभा ता हो िक उसक पिरणामसवरप खान म 1[खिनत] समय-पवर ढह जाए या यह िक उसक पिरणामसवरप खान म 1[खिनत ] का ढह जाना या जल का फट िनकलना या जवलन घिटत होगा या गरतर हो जाएगा

(न) 2[धारा 23 की उपधारा (1) क खड (छ) क अधीन दघरटना क परकार िविहत करना और दघरटना और खतरनाक घटना की सचना का और खिनज उतपाद िनयोिजत िक तय तथा िविनयम ारा उपबिनधत अनय बात की सचना िरपोट और िववरिणय का खान क सवािमय अिभकतार और परबनधक ारा िदया जाना िविहत करना] और ऐसी सचना िववरिणय और िरपोट क पररप व िक त और परािधकारी िजनह व दी जानी ह व िविशि या जो उनम अनतिवष ट होनी ह और वह समय िजसक अनदर व िनविदन की जानी ह िविहत करना

3[(प) 4[खान क सवािमय अिभकतार और परबनधक स खान क िलए िनयत सीमाए रखन की अपकषा करना उनस ससक त रखाक और खडिचतर तथा सथलीय िटपपण जो उनक ारा रख जान ह िविहत करना] और वह रीित िजसस और व सथान िजनम ऐस रखाक खणडिचतर और सथलीय िटपपण अिभलख क परयोजन क िलए रख जान ह िविहत करना और उनकी परितय का मखय िनरीकषक को िनविदत िकया जाना और उनस यह अपकषा करना िक व नए सवकषण कर और नए रखाक बनाए और अननपालन की दशा म िकसी अनय अिभकरण क माधयम स सवकषण कराना और रखाक तयार कराना और उनक य की वसली उसी रीित स करना िजसस भ-राजसव की बकाया होती ह ]

(फ) 5[िसथित स परभावी ढग स िनपटन क परयोजन क िलए] खान म या उनक आसपास दघरटना या आकिसमक िवसफोट या जवलन क घिटत होन पर अपनाई जान वाली परिकरया िविनयिमत करना

(ब) खान क सवामी अिभकतार या परबनधक ारा धारा 16 क अधीन दी जान वाली सचना का पररप और उसम अनतिवष ट होन वाली िविशि या िविहत करना

(भ) वह सचना िविहत करना जो िकसी ऐस सथान पर जो भारतीय रल अिधिनयम 1890 (1890 का 9) क उपबनध क अधयधीन की िकसी रल क या 6[यथािसथित िकनह ऐसी लोक सड़क या अनय सकम क जो सरकार ारा या िकसी सथानीय परािधकारी ारा अनरिकषत ह ] 7[पतालीस मीटर] क अनदर का हो खनन सिकरयाए परारमभ करन या उस तक िवसतािरत करन क पवर खान क सवामी अिभकतार या परबनधक ारा दी जानी ह

(म) िकसी खान क बार म उस दशा म जबिक खिनत म काम बनद कर िदया गया हो सरकार या िकसी सथानीय परािधकारी या भारतीय रल अिधिनयम 1890 (1890 का 9) म यथापिरभािषत िकसी रल कमपनी म िनिहत समपि की कषित स सरकषा

8[(मम) खान क सवामी अिभकतार या परबनधक स यह अपकषा करना िक खान क बनद िकए जान क पवर सरकषा-सकमर सि िमत कर और अननपालन की दशा म ऐस सकमर िकसी अनय अिभकरण ारा िनषपािदत कराना और ऐस सवामी स उनक य की वसली उसी रीित स करना िजसस भ-राजसव की बकाया की होती ह ]

(य) िकसी खान या खान क भाग या िकसी खदान आनित कपक गतर या िनकास म चाह उसका कायरकरण हो रहा हो या नह या िकसी खतरनाक या परितिष कषतर अवतलन कषरण टराम लाइन या पथया पर जहा जनता क सरकषण क िलए बाड़ लगाना आवशयक हो बाड़ लगाई जान की अपकषा करना

(यय) कोई अनय बात जो िविहत की जानी ह या िविहत की जाए

58 िनयम बनान की कनदरीय सरकार की शिक तmdashकनदरीय सरकार िनिम निलिखत सब परयोजन या उनम स िकसी क िलए ऐस िनयम जो इस अिधिनयम स सगत ह शासकीय राजपतर म अिधसचना ारा बना सकगी अथारत --

9[(क) सिमित क सदसय की पदाविध और उनकी सवा की अनय शत का तथा िरिक तया भरन की रीित का उपबनध कराना और अपना कारबार चलान क िलए सिमित ारा अनसिरत की जान वाली परिकरया िविनयिमत करना

(ख) धारा 23 की उपधारा (3) म िनिदष ट रिजसटर का पररप िविहत करना

1 1959 क अिधिनयम स० 62 की धारा 31 ारा (16-1-1960 स) अनतःसथािपत 2 1959 क अिधिनयम स० 62 की धारा 31 ारा (16-1-1960 स) ldquoसचनाए िविहत करन क िलएrdquo क सथान पर परितसथािपत 3 1959 क अिधिनयम स० 62 की धारा 31 ारा (16-1-1960 स) खड (प) क सथान पर परितसथािपत 4 1983 क अिधिनयम स० 42 की धारा 30 ारा (31-5-1984 स) कितपय शबद क सथान पर परितसथािपत 5 1983 क अिधिनयम स० 42 की धारा 30 ारा (31-5-1984 स) अनतःसथािपत 6 1959 क अिधिनयम स० 62 की धारा 31 ारा (16-1-1960 स) कितपय शबद क सथान पर परितसथािपत 7 1983 क अिधिनयम स० 42 की धारा 30 ारा (31-5-1984 स) ldquoपचास गजrdquo क सथान पर परितसथािपत 8 1959 क अिधिनयम स० 62 की धारा 31 ारा (16-1-1960 स) अनतःसथािपत 9 1983 क अिधिनयम स० 42 की धारा 31 ारा (31-5-1984 स) खड (क) क सथान पर परितसथािपत

23

(ग) धारा 24 क अधीन जाच नयायालय की िनयिक त क िलए उपबनध करना ऐस नयायालय की परिकरया और शिक तया िविनयिमत करना ऐस नयायालय क सदसय को यातरा-भ का सदाय करना और सयक त खान क परबनधक सवामी या अिभकतार स उक त नयायलय क य की 1[िजनक अनतगरत जाच स ससक त कोई अनय य आत ह] 2[उसी रीित स जस भ-राजसव की बकाया वसल की जाती ह] वसली करना

2[(गग) खान म िनयोिजत िक तय की ओर स तकनीकी िवशषजञ ारा (जो परािसथित म ओवरमन स कम नह ह) खान क िनरीकषण क िलए उसक िलए दी जान वाली सिवधा क िलए वह आवित िजस पर और वह रीित िजसम ऐस िनरीकषण िकए जाएग और वह रीित िजसम ऐस िनरीकषण की िरपोटर दी जाएगी उपबनध करना ]

(घ) िजन खान म कोई ि या िनयोिजत ह या पवरवत बारह मास म िकसी िदन िनयोिजत रह ह उनम ऐसी िस तरय क छह वषर स कम आय वाल बालक क उपयोग क िलए आरिकषत िकए जान वाल समिचत कमर बनाए रखन की अपकषा करना और या तो साधारणतः या खान म िनयोिजत िस तरय की सखया क परित िविशष ट िनदश स ऐस कमर की सखया और सतरमान और उन सख-सिवधा की जो उनम उपबिनधत की जानी ह और उस पयरवकषण की जो उनम िकया जाना ह परकित और िवसतार िविहत करना

(ङ) खान म िनयोिजत परष क उपयोग क िलए फहारयक त स नान सथान और लॉकर ककष और िजन खान म ि या िनयोिजत ह उनम िस तरय क उपयोग क िलए वस ही पथक सथान और ककष गतरमख पर या उनक आसपास बनाए रख जान की अपकषा करना और या तो साधारणतः या खान म मामली तौर पर िनयोिजत परष और िस तरय की सखया क परित िविशष ट िनदश स ऐस सथान और ककष की सखयाए और सतरमान िविहत करना

(च) खान म सवचछता का जो सतरमान बनाए रखना ह उस खान म उपबिनधत िकए जान वाल शौचालय और मतरालय का आनपाितक मान िविहत करना और 3 पय जल क परदाय क िलए िकया जान वाला उपबनध

1[(चच) िचिकतसीय सािधतर और सख-सिवधा क परदाय और बनाए रख जान क िलए उपबनध करना और पराथिमक उपचार बकस और कपबोड की अनतवरसतए और सखयाए पराथिमक उपचार क काम म परिशकषण पराथिमक उपचार कमर क आकार और उपसकर और उनक भारसाधक कमरचािरवनद और कषितगरसत िक तय को िचिकतसालय या औषधालय को परवहण करन क िलए इतजाम िविहत करना

(चचच) उन व यिक तय को जो खान म पयरवकषण या परबन ध क पद स िभन न पद पर िनयोिजत ह या िनयोिजत िकए जान ह व यावहािरक िशकषण िदए जान या परिशिकषत िकए जान की अपकषा करना और ऐस िशकषण और परिशकषण क िलए स कीम िविहत करना]

(छ) खान म मादक पय या औषिधय को कबज म रखन को या उनक उपभोग को और म ता की हालत म िकसी िक त क उनम परवश या उपिसथित को परितिष करना

(ज) धारा 36 क अधीन अपिकषत सचना क पररप िविहत करना और यह अपकषा करना िक ऐसी सचनाए िविनिदष ट भाषा म भी लगाई जाए

(झ) उन िक तय को पिरभािषत करना िजनकी बाबत धारा 37 क परयोजन क िलए यह समझा जाएगा िक व पयरवकषण या परबनध क पद धारण िकए हए ह या िकसी गोपनीयता की हिसयत म िनयोिजत ह

(ञ) उन िक तय या िक तय क िकसी वगर का खान म िनयोजन परितिष करना िजनकी बाबत िकसी अिहत िचिकतसा- वसायी ारा यह परमािणत न िकया गया हो िक उनह न अपना पदरहवा वषर परा कर िलया ह और वह रीित और व पिरिसथितया िजनम ऐस परमाणपतर अनद और परितसहत िकए जा सकग िविहत करना

4

1[(टट) खान म िनयोिजत या िनयोजन चाहन वाल िक तय स यह अपकषा करना िक व अपन को िचिकतसीय परीकषा क िलए परसतत कर और खान म िकसी िक त का िनयोजन िकए जान का आतयितक परितषध या िकसी िविशष ट हिसयत म या िविशष ट काम म िकए जान का परितषध िचिकतसीय आधार पर करना ]

5[(ठ) धारा 48 ारा अपिकषत रिजसटर क पररप और अधयाय 7 क परयोजन क िलए रिजसटर रखा जाना और उनक पररप िविहत करना ]

(ड) इस अिधिनयम को और िविनयम और िनयम की सिकषिप तया और वह भाषा िजसम सिकषिप तया और उपिविधया धारा 61 और 62 म अपिकषत रप स लगाई जाएगी िविहत करना

1 1959 क अिधिनयम स० 62 की धारा 32 ारा (16-1-1960 स) अनतःसथािपत 2 1983 क अिधिनयम स० 42 की धारा 31 ारा (31-5-1984 स) अनतःसथािपत 3 1959 क अिधिनयम स० 62 की धारा 32 ारा (16-1-1960 स) कितपय शबद का लोप िकया गया 4 1983 क अिधिनयम स० 42 की धारा 31 ारा (31-5-1984 स) (ट) का लोप िकया गया 5 1959 क अिधिनयम स० 62 की धारा 32 ारा (16-1-1960 स) खड (ठ) क सथान पर परितसथािपत

24

(ढ) यह अपकषा करना िक िजन बात क िलए िनयम बनाए गए ह उनस सब सचनाए िववरिणया और िरपोट खान क सवामी अिभकतार और परबनधक द और ऐसी सचना िववरिणय और िरपोट क पररप व िक त और परािधकारी िजनह व दी जानी ह व िविशि या जो उनम अनतिवष ट होनी ह और व समय िजनक अनदर व िनविदत की जानी ह िविहत करना

(ण) िजन खान म 1 पचास स अिधक िक त मामली तौर पर िनयोिजत रहत ह उनम भोजन करन क िलए यथायोगय और उपयक त ऐस आशरय क िजनम पीन क पानी का उपबनध भी हो उपबिनधत िकए जान और बनाए रख जान की अपकषा करना

(त) मखय िनरीकषक या िनरीकषक ारा इस िनिम िविनिदष ट िकसी ऐसी खान म िजसम दो सौ पचास स अिधक िक त मामली तौर पर िनयोिजत रहत ह ऐस िक तय क उपयोग क िलए कोई कटीन या कटीन उपबिनधत की जान और

बनाए रखी जान की अपकषा करना

(थ) हर ऐसी खान म िजसम पाच सौ या अिधक िक त मामली तौर पर िनयोिजत रहत ह इतनी सखया म कलयाण आिफसर िनयोिजत िकए जान की अपकषा करना िजतनी िविनिदष ट की जाए और ऐस कलयाण आिफसर की अहरताए और सवा क िनबनधन और शत और उनक ारा पालनीय कतर िविहत करना

2[(द) िविनिदष ट खान या िविनिदष ट खान क समह क िलए या िकसी िविनिदष ट कषतर की सब खान क िलए बचाव सटशन की सथापना की जान की अपकषा करना और यह िविहत करना िक ऐस सटशन कस और िकसक ारा सथािपत िकए जाएग

(ध) बचाव सटशन क परबनध क िलए उपबनध करना

(धक) बचाव िबरगड का गठन करन वाल िक तय की शारीिरक योगयता क मानक और अनय अहरता क िलए उपबनध करना

(धख) बचाव िबरगड का गठन करन वाल िक तय का िनवास-सथान िविहत करना ]

(न) 3 बचाव सटशन की िसथित उपसकर िनयतरण अनरकषण और कतय िविहत करना 4[(प) खड (द) क अधीन िविनिदष ट खान म उतपािदत और वहा स परिषत कोक और कोयल पर (पच चीस पस परित

टन स अनिधक दर स) उतपाद-शलक क उद गहण और सगरहण क िलए ऐसी खान क िलए बचाव सटशन िनिध का सजन करन क िलए भारत की सिचत िनिध म जमा िकए गए ऐस उपकर क आगम म स उन धनरािशय क जो कनदरीय सरकार ससद

ारा िविध ारा इस िनिम समयक िविनयोग िकए जान क पश चात उपबिनधत कर ऐसी िनिध म जमा िकए जान क िलए उस रीित क िलए िजसम ऐसी िनिध म स धन का उपयोग िकया जाएगा और ऐसी िनिध क परशासन क िलए उपबनध करना

(फ) बचाव िबरगड़ क बनाव परिशकषण सरचना और कतर क िलए 5 और साधारणतः खान म बचाव कायर क सचालन क िलए उपबनध करना 6

7[(फफ) िविनिदष ट खान या िविनिदष ट खान क समह क िलए सरकषा सिमितय क गठन क िलए या सरकषा की अिभवि करन क िलए िकसी िविनिदष ट कषतर म सभी खान क िलए और ऐसी सरकषा सिमितय की सरचना उनक गठन और कतय की रीित अिधकिथत करन क िलए उपबनध करना तथा]

(ब) साधारणतः िकसी ऐस मामल क िलए उपबनध करना िजनक िलए इस अिधिनयम या िविनयम ारा उपबनध न िकया गया हो और िजसक िलए उपबनध इस अिधिनयम को परभावी करन क िलए अपिकषत हो

59 िविनयम और िनयम का पवर परकाशनmdash(1) धारा 57 और 58 ारा परद िविनयम और िनयम बनान की शिक त इस शतर क अधयधीन ह िक य िविनयम और िनयम पवर परकाशन क पश चात बनाए जाएग

(2) जो तारीख साधारण खड अिधिनयम 1897 (1897 का 10) की धारा 23 क खड (3) क अनसार उस तारीख क रप म िविनिदष ट की जानी ह िजसक पश चात िक बनाए जान क िलए परसथािपत िविनयम या िनयम क परारप पर िवचार िकया जाएगा वह उस तारीख स तीन मास स कम की होगी िजसको परसथािपत िविनयम या िनयम का परारप साधारण जानकारी क िलए परकािशत िकया जाए

1 1959 क अिधिनयम स० 62 की धारा 32 ारा (16-1-1960 स) ldquoएक सौ औरrdquo शबद का लोप िकया गया 2 1983 क अिधिनयम स० 42 की धारा 31 ारा (31-5-1984 स) खड (द) और (ध) क सथान पर परसथािपत 3 1983 क अिधिनयम स० 42 की धारा 31 ारा (31-5-1984 स) ldquoकनदरीयrdquo शबद का लोप िकया गया 4 1983 क अिधिनयम स० 42 की धारा 31 ारा (31-5-1984 स) खड (प) क सथान पर परितसथािपत 5 1983 क अिधिनयम स० 42 की धारा 31 ारा (31-5-1984 स) कितपय शबद का लोप िकया गया 6 1983 क अिधिनयम स० 42 की धारा 31 ारा (31-5-1984 स) ldquoऔरrdquo शबद का लोप िकया गया 7 1983 क अिधिनयम स० 42 की धारा 31 ारा (31-5-1984 स) अनतःसथािपत

25

1

2[(4) कोई भी िविनयम या िनयम तब तक नह बनाया जाएगा जब तक िक उस िविनयम या िनयम का परारप धारा 12 की उपधारा (1) क अधीन गिठत सिमित को िनदिशत न कर िदया गया हो और जब तक उस सिमित को उसक बनाए जान की समीचीनता और उसक उपबनध की उपयक तता की बाबत िरपोटर दन का यिक तयक त अवसर न िमल गया हो ]

(5) िविनयम और िनयम शासकीय राजपतर म परकािशत िकए जाएग और ऐस परकािशत िकए जान पर ऐस परभाव रखग मानो व इस अिधिनयम म अिधिनिमत ह

(6) उपधारा (1) उपधारा (2) और उपधारा (4) क उपबनध उस अवसर को लाग न ह ग िजस पर धारा 58 क खड (घ) या खड (ङ) म िनदिशत िनयम सवरपरथम बनाए जाए

3

60 पवर परकाशन क िबना िविनयम बनान की शिक तmdashयिद कनदरीय सरकार का समाधान हो जाए िक आशिकत खतर का िनवारण करन या खतरा पदा करन की सभा ता रखन वाली िसथितय का शीघर उपचार करन क िलए यह आवशयक ह िक ऐस िविनयम बनान म वह िवलमब न होन िदया जाए जो ऐस परकाशन और िनदशन स होगा तो धारा 57 4 क अधीन िविनयम धारा 59 की उपधारा (1) उपधारा (2) और उपधारा 5[(4)] म अनतिवष ट िकसी बात क होत हए भी पवर परकाशन और 6[धारा 12 की उपधारा (1) क अधीन गिठत सिमित] को 7 िनदशन क िबना बनाए जा सकग

परनत इस परकार बनाए गए िविनयम 8[सिमित की जानकारी क िलए भज जाएग और] बनाए जान स 9[एक वषर] स अिधक क िलए परव नह रहग

61 उपिविधयाmdash(1) खान का सवामी अिभकतार या परबनधक 10[उस खान म िकसी िवशष मशीनरी क उपयोग या कायरकरण की िकसी िवशष प ित को अपनाए जान क शािस त करन क िलए] इस अिधिनयम या िकनह ततसमय परव िविनयम या िनयम स असगत न होन वाली ऐसी उपिविधय का परारप जसी िक ऐसा सवामी अिभकतार या परबनधक उस खान म दघरटना का िनवारण करन क िलए और उसम िनयोिजत िक तय क कषम सिवधा और अनशासन हत उपबनध करन क िलए आवशयक समझ तयार कर सकगा और मखय िनरीकषक या िनरीकषक को िनविदत कर सकगा और यिद ऐसा करन की उसस अपकषा मखय िनरीकषक या िनरीकषक ारा की जाए तो तयार करगा और िनविदत करगा

(2) यिद ऐसा कोई सवामी अिभकतार या परबनधकmdash

(क) मखय िनरीकषक या िनरीकषक ारा ऐसा करन की उसस अपकषा की जान क पश चात दो मास क अनदर उपिविधय का परारप िनविदत करन म असफल रह अथवा

(ख) उपिविधय का ऐसा परारप िनविदत कर जो मखय िनरीकषक या िनरीकषक की राय म पयार न हो

तो मखय िनरीकषक या िनरीकषकmdash

(i) ऐसी उपिविधय का परारप परसथािपत कर सकगा जो उस पयार परतीत ह अथवा

(ii) सवामी अिभकतार या परबनधक ारा जो परारप उस िनविदत िकया गया हो उसम ऐस सशोधन परसथािपत कर सकगा िजनस उसकी राय म वह पयार हो जाएगा और ऐसी परारप-उपिविधया या परारप-सशोधन यथािसथित सवामी अिभकतार या परबनधक क पास िवचार क िलए भजगा

(3) यिद उस तारीख स िजसको कोई परारप-उपिविधया या परारप-सशोधन मखय िनरीकषक या िनरीकषक न सवामी अिभकतार या परबनधक क पास उपधारा (2) क उपबनध क अधीन भज ह दो मास की कालाविध क अनदर मखय िनरीकषक या िनरीकषक और सवामी अिभकतार या परबनधक उपधारा (1) क अधीन बनाई जान वाली उपिविधय क िनबनधन क िवषय म परसपर सहमत होन म

1 1959 क अिधिनयम स० 62 की धारा 33 ारा (16-1-1960 स) उपधारा (3) का लोप िकया गया 2 1983 क अिधिनयम स० 42 की धारा 32 ारा (31-5-1984 स) उपधारा (4) क सथान पर परितसथािपत 3 1983 क अिधिनयम स० 42 की धारा 32 ारा (31-5-1984 स) उपधारा (7) का लोप िकया गया 4 1959 क अिधिनयम स० 62 की धारा 34 ारा (16-1-1960 स) ldquoक खड (ठ) को अपविजत करत हए खड (झ) और खड (ट) स (ख) (ध)rdquo शबद को क और अकषर का

लोप िकया गया 5 1959 क अिधिनयम स० 62 की धारा 34 ारा (16-1-1960 स) ldquo(3)rdquo क सथान पर परितसथािपत 6 1983 क अिधिनयम स० 42 की धारा 33 ारा (31-5-1984 स) ldquoखनन बोड rdquo क सथान पर परितसथािपत 7 1959 क अिधिनयम स० 62 की धारा 34 ारा (16-1-1960 स) ldquoपवरrdquo शबद का लोप िकया गया 8 1983 क अिधिनयम स० 42 की धारा 33 ारा (31-5-1984 स) अनतःसथािपत 9 1959 क अिधिनयम स० 62 की धारा 34 ारा (16-1-1960 स) ldquoदो वषरrdquo क सथान पर परितसथािपत 10 1983 क अिधिनयम स० 42 की धारा 34 ारा (31-5-1984 स) कितपय शबद क सथान पर परितसथािपत

26

असमथर रह तो मखय िनरीकषक या िनरीकषक परारप-उपिविधय को पिरिनधाररण क िलए 1[धारा 12 की उपधारा (1) क अधीन गिठत सिमित को] िनदिशत करगा

(4) (क) जबिक ऐसी पररप-उपिविधय पर अिभकतार या परबनधक और मखय िनरीकषक सहमत हो गए ह या जबिक उनक सहमत होन म असमथर होन पर व 2[धारा 12 की उपधारा (1) क अधीन गिठत सिमित को] ारा पिरिनधारिरत कर दी गई ह तब मखय िनरीकषक या िनरीकषक ारा परारप-उपिविधय की एक परित कनदरीय सरकार को अनमोदनाथर भजी जाएगी

(ख) कनदरीय सरकार परारप-उपिविधय म ऐसा उपातरण कर सकगी जसा वह ठीक समझ

(ग) इसस पवर िक कनदरीय सरकार परारप-उपिविधय का अनमोदन चाह उपातर क सिहत या उनक िबना कर उपिविधया बनान की परसथापना की और उस सथान की जहा परारप-उपिविधय की परितया अिभपरा की जा सकगी और उस समय की (जो तीस िदन स कम का न होगा) इसक अनदर िक परभािवत िक तय क ारा या उनकी ओर स परारप-उपिविधय क परित िकया गया कोई आकषप कनदरीय सरकार को भजा जाना चािहए सचना ऐसी रीित स जसी कनदरीय सरकार परभािवत िक तय की जानकारी दन क िलए उपयक ततम समझ परकािशत की जाएगी

(घ) हर आकषप िलिखत होगा और उसमmdash

(i) आकषप क िविशष ट आधार तथा

(ii) चाह गए लोप पिरवधरन या उपानतर

किथत ह ग

(ङ) उन िक तय क ारा या उनकी ओर स िजनकी बाबत कनदरीय सरकार को यह परतीत हो िक व तद ारा परभािवत िक त ह अपिकषत समय क अनदर िकए गए आकषप पर वह सरकार िवचार करगी और उपिविधय पर या तो उस रप म िजसम व परकािशत की गई थ या उनम ऐस सशोधन करक िजनह वह ठीक समझ अनमोिदत कर सकगी

(5) कनदरीय सरकार ारा इस परकार अनमोिदत हो जान पर उपिविधया इस परकार परभावी ह गी मानो व इस अिधिनयम म अिधिनयिमत ह और खान का सवामी अिभकतार या परबनधक उन उपिविधय की एक परित अगरजी म और ऐसी अनय भाषा या भाषा म जसी िविहत की जाए खान म या उसक आसपास िकसी ऐस सहजदशय सथान पर लगवाएगा जहा व उपिविधया िनयोिजत

िक तय ारा सिवधापवरक पढ़ी या दखी जा सक और िजतनी बार व िवरिपत हो जाए िमट जाए या नष ट हो जाए उतनी बार यिक तयक त शीघरता क साथ उनह नए िसर स लगवाएगा

(6) कनदरीय सरकार इस परकार िनिमत िकसी उपिविध को िलिखत आदश ारा पणरतः या भागतः िवखिडत कर सकगी और तदपिर ऐसी उपिविध तदनसार परभावहीन हो जाएगी

3[61क िविनयम िनयम और उपिविधय का ससद क समकष रखा जानाmdashधारा 57 क अधीन बनाया गया परतयक िविनयम धारा 58 क अधीन बनाया गया परतयक िनयम और धारा 61 क अधीन बनाई गई परतयक उपिविध बनाई जान क पश चात यथाशीघर ससद क परतयक सदन क समकष जब वह सतर म हो कल तीस िदन की अविध क िलए रखा जाएगा या रखी जाएगी यह अविध एक सतरा म अथवा दो या अिधक आनकरिमक सतर म परी हो सकगी यिद उस सतर क या पव क त आनकरिमक सतर म अवसान क पवर दोन सदन उस िविनयम िनयम या उपिविध म कोई पिरवतरन करन क िलए सहमत हो जाए तो ततपश चात वह ऐस पिरवितत रप म ही परभावी होगा या होगी यिद उक त अवसान क पवर दोन सदन सहमत हो जाए िक वह िविनयम िनयम या उपिविध नह बनाया या बनायी जानी चािहए तो ततपश चात वह िनषपरभाव हो जाएगा या हो जाएगी िकनत यथािसथित िविनयम िनयम या उपिविधय क ऐस पिरवितत या िनषपरषभाव होन स उसक अधीन पहल की गई िकसी बात की िविधमानयता पर परितकल परभाव नह पड़गा ]

62 अिधिनयम िविनयम आिद की सिकषिप तया लगवानाmdashहर खान म या उसक आसपास अगरजी म और ऐसी अनय भाषा या भाषा म जो िविहत की जाए अिधिनयम की और िविनयम और िनयम की िविहत सिकषिप तया लगाई रखी जाएगी

अधयाय 9

शािसतया और परिकरया 63 बाधा डालनाmdash(1) जो कोई मखय िनरीकषक िनरीकषक या धारा 8 क अधीन परािधकत िकसी िक त क इस अिधिनयम क अधीन क उसक अपन कतर क िनवरहन म बाधा डालगा या मखय िनरीकषक िनरीकषक या ऐस िक त को िकसी खान क समबनध म इस अिधिनयम क ारा या अधीन परािधकत कोई परवश िनरीकषण परीकषा या जाच करन क िलए कोई यिक तयक त सिवधा दन स इनकार करगा या दन म जानबझकर उपकषा करगा वह कारावास स िजसकी अविध तीन मास तक की हो सकगी या जमारन स जो पाच सौ रपए तक का हो सकगा या दोन स दणडनीय होगा

1 1983 क अिधिनयम स० 42 की धारा 34 ारा (31-5-1984 स) कितपय शबद क सथान पर परितसथािपत 2 1983 क अिधिनयम स० 42 की धारा 34 ारा (31-5-1984 स) कितपय शबद क सथान पर परितसथािपत 3 1983 क अिधिनयम स० 42 की धारा 35 ारा (31-5-1984 स) अतःसथािपत

27

(2) जो कोई इस अिधिनयम क अनसरण म रख गए िकनह रिजसटर या अनय दसतावज को मखय िनरीकषक या िनरीकषक की माग पर पश करन स इनकार करगा अथवा िकसी ऐस िनरीकषण आिफसर क समकष जो इस अिधिनयम क अधीन क अपन कतर क अनसरण म कायर कर रहा ह उपसजात होन या उसक ारा परीकषा की जान स िकसी िक त को िनवािरत करगा या िनवािरत करन का परयत न करगा या कोई ऐसा कायर करगा िजसक बार म उसक पास यह िवश वास करन का कारण हो िक उसस उसका इस परकार िनवािरत होना सभा ह वह जमारन स जो तीन सौ रपए तक का हो सकगा दणडनीय होगा

64 अिभलख का िमथयाकरण आिदmdashजो कोईmdash

(क) इस अिधिनयम क अधीन अनद िकसी परमाणपतर का या परमाणपतर की िकसी कायारलय परित का कटकरण करगा या जानत हए उसम िमथया कथन करगा अथवा

(ख) जानत हए ऐस िकसी कटकतय या िमथया परमाणपतर को असली क रप म उपयोग म लाएगा अथवा

(ग) कोई िमथया घोषणा कथन या सा य यह जानत हए िक वह िमथया ह अपन िलए या िकसी अनय िक त क िलए इस अिधिनयम क अधीन परमाणपतर अिभपरा करन या परमाणपतर का नवीकरण करान या खान म िनयोजन अिभपरा करन क परयोजनाथर करगा या बनाएगा या पश करगा या उपयोग म लाएगा अथवा

1[(घ) िकसी ऐस रखाक खडिचतर रिजसटर या अिभलख का िमथयाकरण करगा िजसका रखा जाना इस अिधिनयम क ारा या अधीन अपिकषत हो या ऐसा िमथया रखाक खडिचतर रिजसटर या अिभलख उस िमथया जानत हए िकसी परािधकारी क

समकष पश करगा अथवा]

(ङ) कोई ऐसा रखाक िववरणी सचना अिभलख या िरपोटर बनाएगा दगा या पिरद करगा िजसम ऐसा कथन परिवि या बयौरा अनतिवष ट हो जो उसकी सव म जानकारी या िवश वास क अनसार सही न हो

वह कारावास स िजसकी अविध तीन मास तक की हो सकगी या जमारन स जो 2[एक हजार रपए] तक का हो सकगा या दोन स दणडनीय होगा

65 िमथया योगयता परमाणपतर का उपयोगmdashजो कोई 3[धारा 43] क अधीन अनय िक त को अनद िकसी परमाणपतर का उस धारा क अधीन अपन को योगयता-परमाणपतर क रप म जानत हए उपयोग करगा या उपयोग करन का परयत न करगा या उस धारा क अधीन अपन को योग यता-परमाणपतर अनद िकए जान पर जानत हए अनय िक त को उसका उपयोग करन दगा या उपयोग करन का परय करन दगा वह कारावास स िजसकी अविध एक मास तक की हो सकगी या जमारन स जो 4[दो सौ] रपए तक का हो सकगा या दोन स दणडनीय ोगा

िक तयक त कारण क िजस सािबत करन का भार उस पर होगा करगा जमारन स जो 6[एक हजार] रपए क का हो

ास स िजसकी विध तीन

ोिजत िकया जाता ह तो ऐसी खान का सवामी अिभकतार या परबनधक ऐस जमारन स जो पाच सौ रपए क का हो

ी अविध तीन मास तक की हो सकगी या जमारन स जो 10[दो हजार पाच सौ] रपए तक का हो सकगा या दोन स दणडनीय होगा

66 रखाक आिद दन का लोपmdashकोई िक त जो इस अिधिनयम क ारा या अधीन बनाए जान या िदए जान क िलए अपिकषत कोई रखाक 5[खडिचतर] िववरणी सचना रिजसटर अिभलख या िरपोटर िविहत पररप म या िविहत रीित स या िविहत समय पर या क भीतर बनान या दन का लोप िकए िबना यत सकगा दणडनीय होगा

67 शरिमक क िनयोजन िवषयक उपबनध का उललघनmdashजो कोई उसक िसवाय जसा िक धारा 38 ारा अनजञात ह इस अिधिनयम क या िकसी िविनयम िनयम या उपिविध क या तद धीन िकए गए िकसी आदश क िकसी ऐस उपबनध का उललघन करगा जो खान म या उसक आसपास िक तय क िनयोजन या उनकी उपिसथित को परितिष िनबरिनधत या िविनयिमत करता हो वह कारावअ मास तक की हो सकगी या जमारन स जो 7[एक हजार] रपए तक का हो सकगा या दोन स 8 दडनीय होगा

9[68 अठारह वषर स कम आय क िक तय क िनयोजन क िलए शािसतmdashयिद अठारह वषर स कम आय क िकसी िक त को धारा 40 क उललघन म िकसी खान म िनयत सकगा दणडनीय होगा ]

69 परबनधक िनयक त करन म असफलताmdashधारा 17 क उपबनध क उललघन म जो कोई परबनधक िनयक त करन म असफल रहगा वह कारावास स िजसक11

1 1959 क अिधिनयम स० 62 की धारा 35 ारा (16-1-1960 स) खड (घ) क सथान पर परितसथािपत 2 1959 क अिधिनयम स० 62 की धारा 35 ारा (16-1-1960 स) ldquoपाच सौ रपएrdquo क सथान पर परितसथािपत 3 1983 क अिधिनयम स० 42 की धारा 36 ारा (31-5-1984 स) ldquoधारा 40rdquo क सथान पर परितसथािपत 4 1959 क अिधिनयम स० 62 की धारा 36 ारा (16-1-1960 स) ldquoपचासrdquo क सथान पर परितसथािपत 5 1959 क अिधिनयम स० 62 की धारा 37 ारा (16-1-1960 स) अनतःसथािपत 6 1959 क अिधिनयम स० 62 की धारा 37 ारा (16-1-1960 स) ldquoदो सौrdquo क सथान पर परितसथािप 7 1959 क अिधिनयम स० 62 की धारा 38 ारा (16-1-1960 स) ldquoपाच सौrdquo क सथान पर परितसथािपत 8 1959 क अिधिनयम स० 62 की धारा 38 ारा (16-1-1960 स) कितपय शबद का लोप िकया गया 9 1983 क अिधिनयम स० 42 की धारा 37 ारा (31-5-1984 स) धारा 68 क सथान पर परितसथािपत 10 1959 क अिधिनयम स० 62 की धारा 39 ारा (16-1-1960 स) ldquoपाच सौrdquo क सथान पर परितसथािपत 11 1959 क अिधिनयम स० 62 की धारा 39 ारा (16-1-1960 स) कितपय शबद का लोप िकया गया

28

70 दघरटना की सचनाmdash(1) धारा 23 की उपधारा (1) क उपबनध क उललघन म जो कोई िकसी दघरटना की सचना दन म या उस सचना की परित उस उपधारा म िनिदष ट िवशष सचनाप पर लगान म और िविनिदष ट कालाविध क िलए वहा रखन म असफल रहगा वह कारावास स िजसकी अविध तीन मास तक की हो सकगी या जमारन स जो पाच सौ रपए तक का हो सकगा या दोन स दणनीय होगा

(2) कनदरीय सरकार ारा धारा 23 की उपधारा (3) क अधीन िदए गए िनदश क उललघन म जो कोई िकसी दघरटना को िविहत रिजसटर म अिभिलिखत करन म या उसकी सचना दन म असफल रहगा वह कारावास स िजसकी अविध तीन मास तक की हो सकगी या जमारन स तो पाच सौ रपए तक का हो सकगा या दोन स दणडनीय होगा

71 कितपय मामल म सवामी आिद का मखय िनरीकषक को िरपोटर दनाmdashजहा िक खान क यथािसथित सवामी अिभकतार या परबनधक न खान म या उसक आसपास िनयोिजत िकसी िक त क िवर कायरवाही इस अिधिनयम क अधीन क िकसी अपराध क बार म की हो वहा वह नयायालय क िनणरय या आदश की तारीख स इक कीस िदन क अनदर उसक पिरणाम की िरपोटर मखय िनरीकषक को दगा

72 खान म िनयोिजत िक तय की बाधयताmdashखान म िनयोिजत कोई भी िक तmdash

(क) खान म िनयोिजत िक तय का सवासथय कषम या कलयाण सिनिश चत करन क परयोजनाथर खान म उपबिनधत िकसी सािधतर सिवधा या अनय चीज म जानबझकर हसतकषप या उसका जानबझकर दरपयोग न करगा

(ख) जानबझकर और यिक तयक त कारण क िबना कोई ऐसी बात न करगा िजसस सवय उसक या अनय क सकटाप होन की सभा ता हो

(ग) खान म िनयोिजत िक तय का सवासथय या कषम सिनिश चत करन क परयोजनाथर उसम उपबिनधत िकसी सािधतर या अनय चीज को उपयोग म लान की जानबझकर उपकषा नह करगा

1[72क कछ िविनयम क उललघन क िलए िवशष उपबनधmdashजो कोई धारा 57 क खणड (घ) खणड (झ) खणड (ड) खणड (ढ) खणड (ण) खणड (त) खणड (द) खणड (ध) और खणड (प) म िविनिदष ट बात स सब िकसी िविनयम क या िकसी उपिविध क या तद धीन िकए गए िकसी आदश क िकसी उपबनध का उललघन करगा वह कारावास स िजसकी अविध छह मास तक की हो सकगी या जमारन स जो दो हजार रपए तक का हो सकगा या दोन स दणडनीय होगा

72ख धारा 22 क अधीन आदश क उललघन क िलए िवशष उपबनधmdashजो कोई धारा 22 की उपधारा (1क) उपधारा (2) या उपधारा (3) क अधीन 2[या धारा 22क की उपधारा (2) क अधीन] िनकाल गए आदश क उललघन म खान का कायरकरण चाल रखगा वह कारावास स िजसकी अविध दो वषर तक की हो सकगी दडनीय होगा और जमारन स भी जो पाच हजार रपए तक का हो सकगा दडनीय होगा

2[परनत नयायालय क िनणरय म लखब िकए जान वाल ततपरितकल िवशष और पयारप त कारण क अभाव म ऐसा जमारना खड (क) म िनिदष ट उललघन की दशा म तीन हजार रपए स कम नह होगा ]

72ग िविध क ऐस उललघन क िलए िजसक खतरनाक पिरणाम होत ह िवशष उपबनधmdash(1) जो कोई इस अिधिनयम क या िकसी िविनयम िनयम या उपिविध क या तद धीन िकए गए [धारा 22 की उपधारा (1क) या उपधारा (2) या उपधारा (3) 3[या धारा 22क की उपधारा (2)] क अधीन िकए गए आदश स िभ ] िकसी आदश क िकसी उपबनध का उललघन करगा वहmdash

(क) यिद ऐस उललघन क पिरणामसवरप जीवन की हािन हो तो कारावास स जो दो वषर तक का हो सकगा या जमारन स जो पाच हजार रपए तक का हो सकगा या दोन स दणडनीय होगा या

(ख) यिद ऐस उललघन क पिरणामसवरप गमभीर शारीिरक कषित हो तो कारावास स जो एक वषर तक का हो सकगा या जमारन स जो तीन हजार रपए तक का हो सकगा या दोन स दडनीय होगा अथवा

(ग) यिद ऐस उललघन स खान म िनयोिजत िक तय को या खान म या उसक आसपास क अनय िक तय को कषित या खतरा कािरत हो तो कारवास स जो तीन मास तक का हो सकगा या जमारन स जो एक हजार रपए तक का हो सकगा या दोन स दणडनीय होगा 6[परनत नयायालय क िनणरय म लखब िकए जान वाल ततपरितकल िवशष और पयारप त कारण क अभाव म ऐसा जमारना

खणड (क) म िनिदष ट उललघन की दशा म तीन हजार रपए स कम नह होगा ]

(2) जहा िक कोई िक त इस धारा क अधीन दोषिस िकए गए जान पर िफर उसक अधीन दोषिस िकया जाए वहा वह उपधारा (1) ारा उपबिनधत दड क दगन दड स दणडनीय होगा

1 1959 क अिधिनयम स० 62 की धारा 40 ारा (16-1-1960 स) धारा 73 तथा धारा 74 क सथान पर परितसथािपत 2 1983 क अिधिनयम स० 42 की धारा 38 ारा (31-5-1984 स) अतःसथािपत 3 1983 क अिधिनयम स० 42 की धारा 39 ारा (31-5-1984 स) अतःसथािपत

29

(3) इस धारा क अधीन पािरत जमारन का दडादश आरोिपत करन वाला अथवा अपील या पनरीकषण म या अनयथा उसकी पिष ट करन वाला नयायालय िनणरय पािरत करत समय आदश द सकगा िक वसल िकया गया सपणर जमारना या उसका कोई भाग कषितगरसत िक त को या उसकी मतय की दशा म उसक िविधक परितिनिध को परितकर क रप म िदया जाए

परनत यिद जमारना ऐस मामल म आरोिपत िकया जाए जो अपीलनीय हो तो अपील उपिसथत िकए जान क िलए अनजञात कालाविध क बीत जान क पहल या यिद अपील उपिसथत की गई हो तो अपील क िविनश चय स पहल ऐसा कोई भी सदाय नह िकया जाएगा

73 आदश की अवजञा क िलए साधारण उपबनधmdashजो कोई इस अिधिनयम क या िकसी िविनयम िनयम या उपिविध क या तद धीन िकए गए िकसी आदश क िकसी ऐस उपबनध का उललघन करगा िजसक उललघन क िलए एतिसमनपवर कोई शािसत उपबिनधत नह ह वह कारावास स िजसकी अविध तीन मास तक की हो सकगी या जमारन स जो एक हजार रपए तक का हो सकगा या दोन स दडनीय होगा

74 पवर दोषिसि क पश चात विधत शािसतmdashयिद कोई िक त जो (धारा 72ख और 72ग स िभ ) पवरगामी उपबनध म स िकसी क अधीन दडनीय िकसी अपराध का दोषिस िकया जा चका हो पवर दोषिसि क दो वषर क अनदर िकए गए और उसी उपबनध का उललघन अनतवरिलत करन वाल िकसी अपराध क िलए पनः दोषिस िकया जाए तो वह हर एक पश चात वत दोषिसि क िलए उस दड क दगन दणड स दणडनीय होगा िजसस वह ऐस उपबनध क परथम उललघन क िलए दडनीय होता ]

75 सवामी अिभकतार या परबनधक का अिभयोजनmdashइस अिधिनयम क अधीन क िकसी अपराध क िलए िकसी सवामी अिभकतार या परबनधक क िवर कोई भी अिभयोजन मखय िनरीकषक की या िजला मिजसटरट की या मखय िनरीकषक क िलिखत साधारण या िवशष आदश ारा इस िनिम परािधकत िनरीकषक की पररणा पर सिसथत िकए जान क िसवाय सिसथत नह िकया जाएगा

1[परनत मखय िनरीकषक या िजला मिजसटरट या इस परकार परािधकत िनरीकषक ऐसा अिभयोजन सिसथत करन स पवर अपना यह समाधान करगा िक सवामी अिभकतार या परबनधक ऐस अपराध क िकए जान को रोकन म सभी समयक ततपरता बरतन म असफल रहा था ]

2[परनत यह और िक] िकसी खान म तकनीकी िनदशन और परबनध क अनकरम म िकए गए िकसी अपराध क बार म िजला मिजसटरट िकसी सवामी अिभकतार या परबनधक क िवर कोई अिभयोजन मखय िनरीकषक क पवर अनमोदन स सिसथत करन क िसवाय सिसथत नह करगा

3[76 कितपय मामल म सवामी का अवधारणmdashजहा िक खान का सवामी कोई फमर या िष टय का अनय सगम हो वहा उसक सब भागीदार या सदसय या उनम स कोई अथवा जहा िक खान का सवामी कमपनी हो वहा उसक सब िनदशक या उनम स कोई अथवा जहा िक खान का सवामी सरकार या कोई सथानीय परािधकारी हो वहा यथािसथित ऐसी सरकार या सथानीय परािधकारी ारा खान क कामकाज का परबनध करन क िलए परािधकत सब आिफसर या िक त या उनम स कोई ऐस िकसी अपराध क िलए िजसक िलए खान का सवामी दडनीय हो इस अिधिनयम क अधीन अिभयोिजत और दिडत िकया जा सकगा

4[परनत जहा िकसी फमर सगम या कमपनी न मखय िनरीकषक को िलिखत रप म यह सचना द दी ह िक उसनmdash

(क) फमर की दशा म उसक िकसी भागीदार या परबनधक को

(ख) सगम की दशा म उसक िकसी सदसय या परबनधक को

(ग) कमपनी की दशा म उसक िकसी िनदशक या परबनधक को

जो परतयक मामल म िकसी ऐस सथान म िजस पर इस अिधिनयम का िवसतार ह िनवासी ह और जो परतयक मामल म या तो वासतव म ऐसी फमर सगम या कमपनी क परबनध का भारसाधक ह या उसम अिधकाश शयर धारण करता ह इस अिधिनयम क परयोजन क िलए खान क सवामी क उ रदाियतव को गरहण करन क िलए नामिनदिशत कर िदया ह वहा यथािसथित ऐसा भागीदार सदसय िनदशक या परबनधक जब तक वह ऐसा िनवासी बना रहता ह और पव क त रप म भारसाधक ह या अिधकाश शयर को धारण करता ह इस अिधिनयम क परयोजन क िलए खान का सवामी समझा जाएगा जब तक िक उसक नामिनदशन को र करन वाली या यह कथन करन वाली कोई िलिखत सचना की वह यथािसथित भागीदारी सदसय िनदशक या परबनधक नह रहा ह मखय िनरीकषक को पराप त नह हो जाती ह

सपष टीकरणmdashजहा िकसी फमर सगम या कमपनी क िविभन न सथापन या शाखाए ह अथवा उसक िकसी सथापन या शाखा म िविभन न एकक ह वहा िविभन न सथापन या शाखा या एकक क सबध म इस परनतक क अधीन िविभन न िक तय को नामिनदिशत िकया जा सकगा और इस परकार नामिनदिशत िक त कवल उस सथापन शाखा या एकक क समबनध म िजसक समबनध म उस नामिनदिशत िकया गया ह खान का सवामी समझा जाएगा ]

1 1983 क अिधिनयम स० 42 की धारा 40 ारा (31-5-1984 स) अतःसथािपत 2 1983 क अिधिनयम स० 42 की धारा 40 ारा (31-5-1984 स) ldquoपरनतrdquo क सथान पर परितसथािपत 3 1959 क अिधिनयम स० 62 की धारा 41 ारा (16-1-1960 स) धारा 76 क सथान पर परितसथािपत 4 1983 क अिधिनयम स० 42 की धारा 41 ारा (31-5-1984 स) ldquoपरनतकrdquo क सथान पर परितसथािपत

30

77 सवामी अिभकतार या परबनधक को दाियतव स कितपय दशा म छटmdashजहा िक खान का सवामी अिभकतार या परबनधक जो इस अिधिनयम क अधीन िकसी अपराध का अिभयक त हो यह अिभकथन कर िक वासतिवक अपराधी अनय िक त ह वहा वह अपन

ारा इस िनिम िकए गए पिरवाद पर 1[और वासतिवक अपराधी का जञात पता दन पर] और अिभयोजक को ऐसा करन क अपन आशय की तीन स अनयन पणर िदन की िलिखत सचना दन पर इस बात का हकदार होगा िक वह अनय िक त उस तारीख को जो मामल की सनवाई क िलए िनयत हो नयायालय क समकष लाया जाए और यिद अपराध का िकया जाना सािबत हो जान क पश चात खान का यथािसथित सवामी अिभकतार या परबनधक नयायालय को समाधान परदान करन वाल रप म सािबत कर द िकmdash

(क) इस अिधिनयम क ससगत उपबनध का िनषपादन करान क िलए उसन समयक ततपता बरती ह तथा (ख) उस अनय िक त न परश नगत अपराध को उसक जञान सममित या मौनानकलता क िबना िकया ह

तो उक त अनय िक त उस अपराध क िलए दोषिस िकया जाएगा और उसी परकार क दणड स ऐस दडनीय होगा मानो वह खान का सवामी अिभकतार या परबनधक हो और यथािसथित सवामी अिभकतार या परबनधक दोषमक त कर िदया जाएगा परनतmdash

(क) यथािसथित खान क सवामी अिभकतार या परबनधक की शपथ पर परीकषा की जा सकगी और उसक और िकसी अनय साकषी क िजस वह अपन समथरन म बलाए सा य की उस िक त क ारा या की ओर स िजसकी बाबत वह अिभकिथत करता हो िक वह वासतिवक अपराधी ह और अिभयोजक ारा परितपरीकषा की जा सकगी

(ख) यिद वह िक त िजसका वासतिवक अपराधी होना अिभकिथत हो उस तारीख को जो मामल की सनवाई क िलए िनयत हो नयायालय क समकष समयक ततपरता बरती जान पर भी न लाया जा सक तो नयायालय उसकी सनवाई समय-समय पर सथिगत कर दगा िकनत इस परकार िक ऐस सथगन की कल कालाविध तीन मास स अिधक न हो और यिद उक त कालाविध क अनत तक भी वह िक त िजसका वासतिवक अपराधी होना अिभकिथत हो नयायालय क समकष न लाया जा सक तो नयायालय यथािसथित सवामी अिभकतार या परबनधक क िवर मामल की सनवाई क िलए अगरसर होगा

78 नयायालय की आदश करन की शिक तmdash(1) जहा िक खान का सवमी अिभकतार या परबनधक इस अिधिनयम क अधीन दडनीय अपराध क िलए दोषिस िकया जाए वहा नयायालय उस कोई दड अिधिनण त करन क अितिरक त िलिखत आदश ारा उसस आदश म िविनिदष ट कालाविध क अनदर (िजस नयायालय इस िनिम िकए गए आवदन पर समय-समय पर िवसतािरत कर सकगा) ऐस उपाय करन की अपकषा कर सकगा जो उन बात का उपचार करन क िलए िजनक बार म अपराध िकया गया था ऐस िविनिदष ट िकए जाए (2) जहा िक उपधारा (1) क अधीन आदश िदया जाए वहा यथािसथित खान का सवामी अिभकतार या परबनधक उस कालाविध या िवसतािरत कालाविध क यिद कोई हो दौरान अपराध क चाल रहन क िवषय म इस अिधिनयम क अधीन दडनीय नह होगा िकनत यिद नयायालय क आदश का पणर अनपालन ऐसी कालाविध या िवसतािरत कालाविध क अवसान पर न हो गया हो तो यथािसथित सवामी अिभकतार या परबनधक क बार म यह समझा जाएगा िक उसन अितिरक त अपराध िकया ह और वह कारावास स िजसकी अविध छह मास तक की हो सकगी या जमारन स जो ऐस अवसान क पश चात हर एक ऐस िदन क िलए िजसम िक आदश का अनपालन न हआ हो एक सौ रपए तक का हो सकगा या दोन स दणडनीय होगा 79 अिभयोजन की पिरसीमाmdashकोई भी नयायालय इस अिधिनयम क अधीन िकसी अपराध का सजञान तब तक नह करगा जब तक िक उसका पिरवादmdash

(i) उस तारीख स िजसकी बाबत यह अिभकिथत हो िक अपराध उस तारीख को िकया गया छह मास क अनदर अथवा

(ii) उस तारीख स िजसको िक अिभकिथत अपराध का िकया जाना िनरीकषक क जञान म आया छह मास क अनदर अथवा

2[(iiक) िकसी ऐस मामल म िजसम अिभयक त लोक सवक ह या था और ततसमय परव िकसी िविध क अधीन अपराध का सजञान करन क िलए कनदरीय सरकार या राजय सरकार या िकसी अनय परािधकारी की पवर मजरी आवशयक ह उस तारीख क िजसको ऐसी मजरी मखय िनरीकषक को पराप त होती ह तीन मास क अनदर अथवा]

(iii) िकसी ऐस मामल म िजसम जाच नयायालय कनदरीय सरकार ारा धारा 24 क अधीन िनयक त िकया गया हो उस धारा की उपधारा (4) म िविनिदष ट िरपोटर क परकाशन की तारीख क पश चात 3[एक वषर] क अनदर

इनम स जो भी बाद म हो न िकया गया हो 4[सपष टीकरणmdashइस धारा क परयोजन क िलएmdash

1 1959 क अिधिनयम स० 62 की धारा 42 ारा (16-1-1960 स) अनतःसथािपत 2 1983 क अिधिनयम स० 42 की धारा 42 ारा (31-5-1984 स) अतःसथािपत 3 1983 क अिधिनयम स० 42 की धारा 42 ारा (31-5-1984 स) ldquoछह मासrdquo क सथान पर परितसथािपत 4 1959 क अिधिनयम स० 62 की धारा 43 ारा (16-1-1960 स) सप ीकरण जोड़ा गया

31

(क) चाल रहन वाल अपराध की दशा म पिरसीमा की सगणना उस समय क हर कषण क परित िनदश स की जाएगी िजसक दौरान अपराध चाल रह

(ख) जहा िक कोई कायर करन क िलए समय इस अिधिनयम क अधीन िवसतािरत िकया गया हो वहा पिरसीमा की सगणना उस िवसतािरत कालाविध क अवसान स की जाएगी ]

80 अपराध का सजञानmdash1[महानगर मिजसटरट या परथम वगर नयाियक मिजसटरट] क नयायालय स अवर कोई नयायालय इस अिधिनयम क अधीन िकसी ऐस अपराध का िजसकी बाबत यह अिभकिथत हो िक वह खान क सवामी अिभकतार या परबनधक ारा िकया गया ह या िकसी ऐस अपराध का जो इस अिधिनयम ारा कारावास स दडनीय बनाया गया ह िवचारण नह करगा

80क [जमारन क बार म िवशष उपबध ]mdashखान (सशोधन) अिधिनयम 1983 (1983 का 42) की धारा 44 ारा (31-5-1984 स) िनरिसत

81 कितपय मामल म अिभयोजन क बजाय खान बोडर या सिमित को िनदशmdash(1) यिद मखय िनरीकषक या िजला मिजसटरट या िकसी िनरीकषक की पररणा पर इस अिधिनयम क अधीन सिसथत िकसी मामल का िवचारण करन वाल नयायालय की यह राय हो िक यह मामला ऐसा ह जो अिभयोजन क बजाय 2 सिमित को िनदिशत िकया जाना चािहए तो वह दािडक कायरवािहय को रोक सकगा और इस दिष ट स िक ऐसा िनदशन िकया जाए उस िवषय की िरपोटर कनदरीय सरकार को भजगा

(2) उपधारा (1) क अधीन िरपोटर पराप त होन पर कनदरीय सरकार मामला 2 सिमित को िनदिशत कर सकगी या िवचारण म अगरसर होन क िलए नयायालय को िनदश द सकगी

अधयाय 10

परकीणर 82 इस परश न का िविनश चय िक कया खान इस अिधिनयम क अधीन हmdashयिद कोई परश न उठ िक कया 3[खान का और उसम

का या उसका पाश वरसथ कोई उतखान या खिनत या पिरसर िजस पर खिनज या कोक पराप त करन दरसी करन या िवकरय क िलए तयार करन की सहायक कोई परिकरया चलाई जा रही ह] इस अिधिनयम क अथर क अनदर खान ह तो कनदरीय सरकार उस परश न का िविनश चय कर सकगी और कनदरीय सरकार क सिचव ारा हसताकषिरत परमाणपतर इस परश न पर िनश चायक होगा

83 अिधिनयम क परवतरन स छट दन की शिक तmdash4[(1)] कनदरीय सरकार िकसी सथानीय कषतर या िकसी खान को या खान क िकसी समह या वगर को या खान क िकसी भाग को या िक तय क िकसी वगर को 5[इस अिधिनयम या उसक अधीन बनाए गए िविनयम िनयम या उपिविधय क सब उपबनध क या उनम स िकसी क] परवतरन स छट शासकीय राजपतर म अिधसचना ारा या तो अतयितकतः या िकनह िविनिदष ट शत क अधयधीन द सकगी

परनत िकसी सथनीय कषतर या खान या खान क समह या वगर को 6[धारा 40 और धारा 45] क उपबनध स छट तब तक नह दी जाएगी जब तक उस इस अिधिनयम क अनय सब उपबनध क परवतरन स भी छट न द दी जाए ]

7[(2) कनदरीय सरकार मखय िनरीकषक या िकसी अनय परािधकारी को साधारण या िवशष आदश ारा ऐस िनबरनधन क अधयधीन िजनह अिधरोिपत करना वह ठीक समझ परािधकत कर सकगी िक वह िकसी खान या उसक िकसी भाग को 8[िविनयम िनयम या उपिविधय ] क उपबन ध म स िकसी क परवतरन स िकनह िविनिदष ट शत क अधयधीन तब छट द द जब िक मखय िनरीकषक या ऐस अिधकारी की राय हो िक खान या उसक भाग म पिरिसथितया ऐसी ह िक उनक कारण ऐस उपबनध का अनपालन अनावशयक या अ वहायर हो जाता ह ]

84 आदश को पिरवितत या िवखिणडत करन की शिक तmdash9[(1)] कनदरीय सरकार इस अिधिनयम क अधीन िदया गया कोई आदश उलट सकगी या उपानतिरत कर सकगी

10[(2) मखय िनरीकषक लखब िकए जान वाल कारण स इस अिधिनयम क अधीन या िकसी िविनयम िनयम या उपिविध क अधीन अपन ारा पािरत िकसी आदश को उलट सकगा या उस उपातिरत कर सकगा

(3) खान क सवामी अिभकतार या परबनधक पर परितकल परभाव डालन वाला कोई आदश इस धारा क अधीन तब तक नह िकया जाएगा जब तक िक ऐस सवामी अिभकतार या परबनधक को अभयावदन करन का यिक तयक त अवसर न द िदया गया हो ]

1 1983 क अिधिनयम स० 42 की धारा 43 ारा (31-5-1984 स) ldquoपरसीडसी मिजसटरट या परथम वगर मिजसटरटrdquo क सथान पर परितसथािपत 2 1983 क अिधिनयम स० 42 की धारा 43 ारा (31-5-1984 स) ldquoखनन बोडरrdquo शब द का लोप िकया गया 3 1959 क अिधिनयम स० 62 की धारा 45 ारा (16-1-1960 स) अनतःसथािपत 4 1959 क अिधिनयम स० 62 की धारा 46 ारा (16-1-1960 स) उपधारा (1) क रप म पनःसखयािकत 5 1983 क अिधिनयम स० 42 की धारा 46 ारा (31-5-1984 स) ldquoइस अिधिनयम क सब उपबध क िकसी कrdquo क सथान पर परितसथािपत 6 1983 क अिधिनयम स० 42 की धारा 46 ारा (31-5-1984 स) ldquoधारा 45rdquo क सथान पर परितसथािपत 7 1959 क अिधिनयम स० 62 की धारा 46 ारा (16-1-1960 स) अनतःसथािपत 8 1983 क अिधिनयम स० 42 की धारा 46 ारा (31-5-1984 स) ldquoइस अिधिनयम क अतगरत िविनयम और िनयमrdquo क सथान पर परितसथािपत 9 1983 क अिधिनयम स० 42 की धारा 47 ारा (31-5-1984 स) धारा 84 उपधारा (1) क रप म पनःसखयािकत 10 1983 क अिधिनयम स० 42 की धारा 47 ारा (31-5-1984 स) अतःसथािपत

32

85 सरकार की खान को अिधिनयम का लाग होनाmdashयह अिधिनयम सरकार की खान को 1[भी] लाग होगा 2[85क सचना आिद दन क िलए अपिकषत िक त ऐसा करन क िलए वध रप स आब ह गmdashहर िक त जो िकसी

अिधकारी को कोई सचना या इि ला इस अिधिनयम क अधीन दन क िलए अपिकषत ह भारतीय दड सिहता (1860 का 45) की धारा 176 क अथर क अनदर ऐसा करन क िलए वध रप स आब होगा ]

3[85ख िववरिणय सचना आिद पर हसताकषर करनाmdashइस अिधिनयम या उसक अधीन बनाए गए िकसी िविनयम िनयम उपिविध या िकसी आदश क उपबनध क समबनध म िकसी खान क सवामी ारा या उसकी ओर स दी जान क िलए अपिकषत सभी िववरिणय और सचना पर या भजी जान वाली सचना पर खान क सवामी अिभकतार या परबधक ारा या िकसी ऐस िक त ारा िजस सवामी ारा मखतारनाम ारा इस िनिम शिक त परतयायोिजत की गई ह हसताकषर िकए जाएग

85ग सिवधा और जन सिवधा क िलए फीस या परभार का वसल न िकया जानाmdashखान म िनयोिजत िकसी िक त स सरकषातमक परबनध या दी जान वाली सिवधा या इस अिधिनयम क उपबनध क अधीन परदाय िकए जान वाल िकसी उपसकर या सािधतर की बाबत कोई फीस या परभार वसल नह िकया जाएगा ]

86 1948 क अिधिनयम 63 क कितपय उपबध का खान को लाग होनाmdashकनदरीय सरकार शासकीय राजपतर म अिधसचना ारा िनदश द सकगी िक कारखाना अिधिनयम 1948 (1948 का 63) क अधयाय 3 और 4 क उपबनध ऐस अपवाद और िनबरनधन क

अधयधीन रहत हए जस उस अिधसचना म िविनिदष ट िकए जाए सब खान और उनकी परसीमा को लाग ह ग

87 सद भावपवरक िकए गए कायर क िलए पिरतराणmdashकोई भी वाद अिभयोजन या अनय िविधक कायरवाही इस अिधिनयम क अधीन सद भावपवरक की गई या जान क िलए आशियत िकसी बात क िलए िकसी िक त क िवर न होगी

88 [1923 क अिधिनयम 4 का िनरसन]mdashिनरसन और सशोधन अिधिनयम 1957 (1957 का 36) की धारा 2 और पहली अनसची ारा िनरिसत

______

1 1959 क अिधिनयम स० 62 की धारा 47 ारा (16-1-1960 स) अनतःसथािपत 2 1959 क अिधिनयम स० 62 की धारा 48 ारा (16-1-1960 स) अनतःसथािपत 3 1983 क अिधिनयम स० 42 की धारा 48 ारा (31-5-1984 स) अतःसथािपत

Page 9: खान अधिनियम, 1952ncwapps.nic.in/acts/TheMinesAct1952_Hindi.pdf1 ज ल ई, 1952, द खए भ रत क र जपतर (अ गर 1952, ज ) भ ग 2,

9

(घ) ऐस अनय िवषय जो िविहत िकए जाए ]

15 य की वसलीmdashकनदरीय सरकार िनदश द सकगी िक 1[धारा 12 क अधीन गिठत सिमित] ारा सचािलत िकसी जाच क य सयक त खान क सवामी या अिभकतार ारा पणरतः या भागतः वहन िकए जाएग और इस परकार सद िकए जान क िलए िनिदष ट रकम उस सथान म जहा खान िसथत हो या जहा ऐसा सवामी या अिभकतार ततसमय िनवास करता हो अिधकािरता रखन वाल मिजसटरट स मखय िनरीकषक या िनरीकषक ारा आवदन िकए जान पर मिजसटरट की अिधकािरता की सीमा क अनदर की िकसी जगम सपि क जो ऐस सवामी या अिभकतार की हो करसथम या िवकरय ारा वसल की जा सकगी

परनत यह तब जब िक सवामी या अिभकतार न रकम का सदाय कनदरीय सरकार स या खान क मखय िनरीकषक स सचना की परािप त की तारीख स छह सप ताह क अनदर न िकया हो

अधयाय 4

खनन सिकरयाए और खान का परबनध

16 खनन सिकरया की सचना का िदया जानाmdash(1) खान क सवामी अिभकतार या परबनधक िकसी खनन सिकरया क परारमभ िकए जान क पवर मखय िनरीकषक की भारतीय खान बयरो क 2[िनयतरक] को और उस िजल क िजसम खान िसथत हो िजला मिजसटरट को ऐस पररप म और खान सबधी ऐसी िविशिष टय को जसी िविहत की जाए अनतिवष ट करन वाली िलिखत सचना दगा

(2) उपधारा (1) क अधीन गई कोई सचना इस परकार दी जाएगी िक वह सपक त िक तय क पास िकसी खनन सिकरया क परारमभ िकए जान स कम स कम एक मास पवर पहच जाए

3[17 परबनधकmdash(1) जसा अनयथा िविहत िकया जाए उस छोड़कर हर खान एक परबनधक क अधीन होगी िजसकी िविहत अहरताए ह गी और हर एक खान का सवामी या अिभकतार ऐसी अहरताए रखन वाल िक त को परबनधक िनयक त करगा

परनत सवामी या अिभकतार सवय को परबनधक िनयक त कर सकगा यिद उसक पास िविहत अहरताए ह

(2) ऐस अनदश क अधीन रहत हए जो उस खान क सवामी या अिभकतार ारा या उसकी ओर स िदए जाए परबनधक खान क समपणर परबनध िनयतरण पयरवकषण और िनदशन क िलए उ रदायी होगा और ऐस सब अनदश जब सवामी या अिभकतार ारा िदए जाए तो उनकी तरत िलिखत रप म पिष ट की जाएगी

(3) आपात की दशा क िसवाय खान का सवामी या अिभकतार या उसकी ओर स कोई िक त खान म िनयोिजत िकसी िक त को जो परबनधक क परित उ रदायी ह ऐस अनदश जो उसक काननी कतर की पित पर परभाव डालत ह परबधक क माधयम स ही दगा अनयथा नह

18 सवािमय अिभकतार और परबनधक क कतर और उ रदाियतवmdash(1) हर खान क सवामी और अिभकतार म स परतयक इस अिधिनयम और उसक अधीन बनाए गए िविनयम िनयम उपिविधय और आदश क उपबनध क अनपालन क िलए िव ीय और अनय उपबनध करन क िलए तथा ऐसी अनय काररवाई करन क िलए जो आवशयक हो उ रदायी होगा

(2) धारा 58 क खड (घ) खड (ङ) और खड (त) क अधीन बनाए गए िनयम म उपबिनधत िवषय की बाबत उ रदाियतव का िनवरहन अननयतः खान क सवामी और अिभकतार ारा और ऐस िक त (जो परबनधक स िभन न ह) िजस सवामी या अिभकतार पव क त उपबनध का अनपालन सिनिश चत करन क िलए िनयक त कर िकया जाएगा

(3) यिद उपधारा (2) क अधीन िदए गए िकनह अनदश या धारा 17 की उपधारा (3) क अधीन परबनधक की माफर त स अनयथा िदए गए िकनह अनदश क िकरयािनवत िकए जान क पिरणामसवरप इस अिधिनयम क या उसक अधीन बनाए गए िविनयम िनयम उपिविधय या आदश क उपबनध का उललघन होता ह तो ऐस अनदश दन वाला परतयक िक त भी समपक त उपबनध क उललघन क िलए िजममदार होगा

(4) उपधारा (1) उपधारा (2) और उपधारा (3) क उपबनध क अधीन रहत हए हर खान क सवामी अिभकतार और परबनधक म स परतयक इस बात क िलए उ रदायी होगा िक खान क समबनध म चलाई जा रही सब सिकरयाए इस अिधिनयम और उसक अधीन बनाए गए िविनयम िनयम उपिविधय और आदश क उपबनध क अनसार चलाई जाए

(5) इस अिधिनयम या उसक अधीन बनाए गए िविनयम िनयम उपिविधय या आदश क उपबनध म स उन उपबनध क िसवाय जो िकसी िक त स कोई कायर या बात करन की या िकसी िक त को कोई कायर या बात करन स परितिष करन की िविनिदष ट रप स अपकषा करत ह िकसी उपबनध का िकसी भी िक त ारा कोई उललघन होन की दशा म उस िक त क अितिरक त िजसन उललघन िकया ह िनम निलिखत म स परतयक िक त भी ऐस उललघन होन का दोषी माना जाएगा जब तक िक वह यह सािबत नह कर दता ह िक उसन ऐस उपबनध का अनपालन सिनिश चत करन क िलए सब समयक ततपरता बरती थी और ऐस उललघन को रोकन क िलए यिक तयक त उपाय िकए थ mdash

1 1983 क अिधिनयम स० 42 की धारा 11 ारा (31-5-1984 स) कितपय शबद क सथान पर परितसथािपत 2 1983 क अिधिनयम स० 42 की धारा 12 ारा (31-5-1984 स) ldquoिनदशकrdquo क सथान पर परितसथािपत 3 1983 क अिधिनयम स० 42 की धारा 13 ारा (31-5-1984 स) धारा 17 और 18 क सथान पर परितसथािपत

10

(i) वह या व पदधारी िजनको उललघन िकए गए उपबनध की बाबत पयरवकषण क कतर का पालन करन क िलए िनयक त िकया गया था

(ii) खान का परबनधक

(iii) खान का सवामी और अिभकतार

(iv) वह िक त यिद कोई हो जो उपधारा (2) क अधीन उ रदाियतव का िनवरहन करन क िलए िनयक त िकया गया ह

परनत पव क त िक तय म स िकसी क िवर कायरवाही नह की जा सकगी यिद जाच और अनवषण िकए जान पर यह परतीत होता ह िक वह परथमदष ा िजममदार नह ह

(6) इस धारा क अधीन खान क सवामी या अिभकतार क िवर की गई िकसी कररवाई म यह कोई परितवाद नह होगा िक परबनधक और अनय पदधािरय को इस अिधिनयम क उपबनध क अनसार िनयक त िकया गया ह या िक उपधारा (2) क अधीन उ रदाियतव को वहन करन क िलए िकसी िक त की िनयिक त की गई ह ]

अधयाय 5

सवासथय और कषम क िवषय म उपबनध

19 पीन का जलmdash1[(1) हर खान म उसम िनयोिजत सब िक तय क िलए सिवधाजनक रप स िसथत यथोिचत सथान पर ठड और सवासथयपरद पीन क जल क पयारप त परदाय का उपबनध करन और बनाए रखन क िलए परभावी इनतजाम िकया जाएगा

परनत भिम क नीच िनयोिजत िक तय की दशा म मखय िनरीकषक यथोिचत सथान पर पीन क जल का उपबनध िकए जान और बनाए रख जान क बदल म ऐस परदाय क िलए कोई अनय परभावी इनतजाम अनजञात कर सकगा ]

(2) ऐस सब सथान खान म िनयोिजत िक तय की बहसखया ारा समझी जान वाली भाषा म पढ़ जान योगय अकषर म ldquoपीन का जलrdquo पद स अिकत िकए जाएग और ऐसा कोई सथान िकसी धोन क सथान मतरालय या शौचालय क 2[छह मीटर] क अनदर तब क िसवाय न होगा जबिक इसस कम दरी मखय िनरीकषक ारा िलिखत रप म अनमोिदत न कर दी गई हो

(3) सब खान या खान की िकसी वगर या परकार क बार म कनदरीय सरकार उपधारा (1) और (2) क उपबनध का अनपालन सिनिश चत करन क िलए और पीन क जल क परदाय और िवतरण की परीकषा िविहत परािधकािरय ारा की जान क िलए िनयम बना सकगी

20 सफाईmdash(1) हर खान म िविहत परकार क शौचालय और मतरालय का उपबनध परष और मिहला क िलए अलग-अलग पयारप त सखया म िकया जाएगा जो इस परकार िसथत ह ग िक व खान म िनयोिजत िक तय क िलए सब समय पर सिवधाजनक और पहच क अनदर ह

(2) उपधारा (3) क अधीन उपबिनधत सब शौचालय और मतरालय पयारप त परकाशयक त और सवाितत ह ग और हर समय साफ और सवचछता की अवसथा म रख जाएग

(3) कनदरीय सरकार िकसी खान म उपबिनधत िकए जान वाल शौचालय और मतरालय की सखया खान म िनयोिजत परष और मिहला की सखया क अनपात म िविनिदष ट कर सकगी और खान म सवचछता क बार म ऐस अनय मामल क िलए (िजसक अनतगरत खान म िनयोिजत िक तय की इस बार म बाधयताए आती ह) उपबनध कर सकगी जस वह इस परकार िनयोिजत िक तय क सवासथ य क िहत म आवशयक समझ

3[21 िचिकतसीय साधनmdash(1) हर खान म ऐसी अनतवरसत क सिजजत जसी िविहत की जाए पराथिमक उपचार बकस या कबड का उपबनध इस परकार िकया जाएगा और उनह इस परकार बनाए रखा जाएगा िक काम क सब घणट म उन तक आसानी स पहच हो सक

(2) पराथिमक उपचार बकस या कबडर या कमर म िविहत अनतवरसत क िसवाय और कछ भी नह रखा जाएगा

(3) हर पराथिमक उपचार बकस या कबडर िकसी उ रदाियतवपणर िक त क भारसाधन म रखा जाएगा जो ऐस पराथिमक उपचार म परिशिकषत हो जसा िविहत िकया जाए और जो खान क काम क घट म सदा आसानी स उपलभय रहगा

(4) हर खान म उन िक तय को जो उस समय जब व खान म िनयोिजत ह शारीिरक कषित स या रोग स गरसत हो जाए िचिकतसालय या औषधालय तक पहचन क िलए ऐस आसानी स उपयोगय इनतजाम िकए जाएग जस िविहत िकए जाए

1 1959 क अिधिनयम स० 62 की धारा 10 ारा (16-1-1960 स) उपधारा (1) क सथान पर परितसथािपत 2 1983 क अिधिनयम स० 42 की धारा 14 ारा (31-5-1984 स) ldquoबीस फटrdquo क सथान पर परितसथािपत 3 1959 क अिधिनयम स० 62 की धारा 11 ारा (16-1-1960 स) धारा 21 और 22 क सथान पर परितसथािपत

11

(5) हर खान म िजसम डढ़ सौ स अिधक िक त िनयोिजत ह ऐस आकार का ऐस साज सामान स सिजजत और ऐस िचिकतसीय और पिरचयार कमरचािरवनद क भारसाधन म जस िक िविहत िकए जाए एक पराथिमक उपचार कमरा उपबिनधत िकया जाएगा और चाल हालत म रखा जाएगा

22 जब िक सकट क ऐस कारण िव मान ह िजनक िलए कोई अिभ क त उपबनध नह िकया गया ह या जब िक िक तय का िनयोजन सकटपणर हो तब िनरीकषक की शिक तयाmdash(1) यिद िकसी ऐसी बात क बार म िजसक िलए इस अिधिनयम ारा या या क अधीन कोई अिभ क त उपबनध नह िकया गया ह मखय िनरीकषक को या िनरीकषक को यह परतीत हो िक कोई खान या उसका कोई भाग अथवा खान म की या उसस या उसक िनयतरण पयरवकषण परबनध या िनदशन स ससक त कोई बात वसत या प ित मानव जीवन या कषम क िलए सकटपणर ह या इतनी तरिटपणर ह िक उसस यह जोिखम ह या उसकी ऐसी परवि ह िक िकसी िक त को शारीिरक कषित हो तो वह खान क सवामी अिभकतार या परबनधक को उसकी िलिखत सचना द सकगा और सचना म उन िविशिष टय का कथन करगा िजनक बार म वह खान या उसक भाग को या बात वसत या प ित को सकटपणर या तरिटपणर समझता हो और यह अपकषा करगा िक उस इतन समय क अनदर और ऐसी रीित स ठीक कर िदया जाए जो वह उस सचना म िविनिदष ट कर

(1क) जहा िक खान का सवामी अिभकतार या परबनधक उपधारा (1) क अधीन दी गई सचना क िनबनधन का अनपालन उसम िविनिदष ट कालाविध क अनदर करन म असफल रहगा वहा यथािसथित मखय िनरीकषक या िनरीकषक खान या उसक िकसी भाग म या क आसपास िकसी ऐस िक त का िनयोजन िलिखत आदश ारा परितिष कर सकगा िजसका िनयोजन उसकी राय म सचना क िनबनधन का अनपालन सिनिश चत करन क िलए यिक तयक ततः आवशयक न हो

(2) उपधारा (1) म अनतिवष ट उपबनध पर परितकल परभाव डाल िबना यह ह िक यथािसथित मखय िनरीकषक या िनरीकषक खान क सवामी अिभकतार या परबनधक को सबोिधत िलिखत आदश ारा िकसी खान या उसक िकसी भाग म स सतभ या खिनज-खणड का िनकाला जाना या छाटा जाना परितिष कर सकगा यिद उसकी राय म ऐसी सिकरया स सतभ या खिनज-खणड का बठ जाना या खिनज क िकसी भाग का समय पवर ढह जाना सभा हो या उसस खान का या उसम िनयोिजत िक तय क जीवन या कषम का अनयथा सकटापन न हो जाना सभा हो या यिद उसकी राय म खान क िजस भाग म ऐसी सिकरया अनधयात हो उसम आग लगन या जलपलावन क िवर यथायोगय उपबनध उसको महरबनद और अलग करन क िलए उपबनध करक और जो कषतर आग या जलपलावन स परभािवत हो सकता हो उस पिरिमत करन क िलए उपबनध करक न िकया गया हो

(3) यिद मखय िनरीकषक या उसक ारा िलिखत रप म साधारण या िवशष आदश ारा इस िनिम परािधकत िनरीकषक की यह राय हो िक िकसी खान म या उसक िकसी भाग म िनयोिजत िकसी िक त क जीवन या कषम को अजनट या आसन न सकट ह तो वह अपनी राय क कारण का कथन अनतिवष ट करन वाल िलिखत आदश ारा खान क िकसी भाग म या क आसपास िकसी ऐस िक त का िनयोजन िजसका िनयोजन सकट दर करन क िलए उसकी राय म यिक तयक ततः आवशयक न हो तब तक क िलए परितिष कर सकगा 1[जब तक उसका यह समाधान न हो जाए िक वह सकट दर हो गया ह]

2[(3क) ऐसा परतयक िक त िजसका िनयोजन उपधारा (1क) या उपधारा (3) क अधीन परितिष ह उस अविध क िलए िजसक िलए वह यिद परितषध न होता तो िनयोजन म होता पणर मजदरी का सदाय पान का हकदार होगा और सवामी अिभकतार या परबनधक उस िक त को ऐसी पणर मजदरी क सदाय क िलए िजममदार होगा

परनत सवामी अिभकतार या परबनधक ऐसी पणर मजदरी का सदाय करन क बजाय ऐस िक त को उसी मजदरी पर आनकिलपक िनयोजन की वसथा कर सकगा जो ऐसा िक त उस िनयोजन म पराप त कर रहा था िजस परितिष कर िदया गया था ]

(4) जहा िक िनरीकषक ारा उपधारा (1) क अधीन कोई सचना दी गई हो या उसक ारा उपधारा (1क) उपधारा (2) या उपधारा (3) क अधीन कोई आदश िकया गया हो वहा खान का सवामी अिभकतार या परबनधक यथािसथित सचना या आदश की परािप त क पश चात दस िदन क अनदर उसक िखलाफ अपील मख य िनरीकषक को कर सकगा जो सचना या आदश को पष ट उपानतिरत या र कर सकगा

(5) उपधारा (1) क अधीन सचना भजन वाला या उपधारा (1क) या उपधारा (2) या उपधारा (3) क अधीन आदश करन वाला मखय िनरीकषक या िनरीकषक और उपधारा (4) क अधीन आदश (जो अपील म िकए गए र करन क आदश स िभन न हो) करन वाला मखय िनरीकषक उसकी िरपोटर ततकाल कनदरीय सरकार को दगा

(6) यिद खान का सवामी अिभकतार या परबनधक मखय िनरीकषक ारा उपधारा (1) क अधीन भजी गई सचना या उपधारा (1क) या उपधारा (2) या उपधारा (3) या उपधारा (4) क अधीन मखय िनरीकषक ारा िकए गए आदश पर आकषप कर तो वह यथािसथित आकषप अनतिवष ट करन वाली सचना की या आदश की परािप त क पश चात या अपील क िविनश चय की तारीख क पश चात बीस िदन क अनदर आकषप क आधार का कथन करत हए अपना िलिखत आकषप कनदरीय सरकार को भज सकगा 3[जो सामानयतः आकषप की परािप त की तारीख स दो मास की अविध क भीतर उस एक सिमित को िनदिशत कर दगी ]

1 1983 क अिधिनयम स० 42 की धारा 15 ारा (31-5-1984 स) ldquoजब तक वह सकट दर न हो जाएrdquo शबद क सथान पर परितसथािपत 2 1983 क अिधिनयम स० 42 की धारा 15 ारा (31-5-1984 स) अनतःसथािपत 3 1983 क अिधिनयम स० 42 की धारा 15 ारा (31-5-1984 स) ldquoजो िनदिशत करगीrdquo शबद क सथान पर परितसथािपत

12

(7) उपधारा (1) क अधीन की हर सचना का या उपधारा (1क) उपधारा (2) उपधारा (3) या उपधारा (4) क अधीन क हर आदश का िजस पर उपधारा (6) क अधीन आकषप िकया गया हो अनपालन सिमित का िविनश चय खान म पराप त होन तक िकया जाएगा

परनत सिमित उपधारा (1) क अधीन की 1[सचना] का परवतरन सवामी अिभकतार या परबनधक क आवदन पर तब तक क िलए िनलिमबत कर सकगी जब तक आकषप पर उसका अपना िविनश चय न हो जाए

(8) इस धारा की कोई भी बात 2दणड परिकरया सिहता 1898 (1898 का 5) की धारा 144 क अधीन की मिजसटरट की शिक तय पर परभाव नह डालगी ]

3[22क कछ दशा म िनयोजन का परितषध करन की शिक तmdash(1) जहा सरकषा स सबिधत िकसी बात क बार म िजसक िलए इस अिधिनयम ारा या उसक अधीन अिभ क त उपबनध िकया गया ह खान का सवामी अिभकतार या परबनधक ऐस उपबनध का अनपालन करन म असफल रहता ह वहा मखय िनरीकषक यह अपकषा करन वाली िलिखत सचना द सकगा िक उसका उतन समय क भीतर जो वह सचना म िविनिदष ट कर या समय की उतनी बढ़ाई गई अविध क भीतर जो वह उसक पश चात समय-समय पर िविनिदष ट कर अनपालन िकया जाए

(2) जहा सवामी अिभकतार या परबनधक उपधारा (1) क अधीन दी गई सचना क िनबनधन का यथािसथित ऐसी सचना म िविनिदष ट अविध क भीतर या उस उपधारा क अधीन िविनिदष ट समय की बढ़ाई गई अविध क भीतर अनपालन करन म असफल रहता ह वहा मखय िनरीकषक खान म या उसक िकसी भाग म या उसक आसपास िकसी ऐस िक त का िनयोजन िलिखत आदश ारा परितिष कर सकगा िजसका िनयोजन उसकी राय म सचना क िनबनधन का अनपालन सिनिश चत करन क िलए यिक तयक त तौर पर आवशयक न हो

(3) परतयक ऐसा िक त िजसका िनयोजन उपधारा (2) क अधीन परितिष िकया जाता ह उस अविध की पणर मजदरी का सदाय पान का हकदार होगा िजसक िलए वह यिद परितषध न हआ होता तो िनयोजन म होता और सवामी अिभकतार या परबनधक उस

िक त को ऐसी पणर मजदरी क सदाय क िलए दायी होगा

परनत सवामी अिभकतार या परबनधक ऐसी पणर मजदरी दन बजाय ऐस िक त को उसी मजदरी पर आनकिलपक िनयोजन द सकगा जो ऐसा िक त उस िनयोजन म पराप त कर रहा था जो उपधारा (2) क अधीन परितिष िकया गया था

(4) धारा 22 की उपधारा (5) उपधारा (6) और उपधारा (7) क उपबनध इस धारा की उपधारा (1) क अधीन जारी की गई िकसी सचना या उपधारा (2) क अधीन िकए गए िकसी आदश क समबनध म उसी परकार लाग ह ग जस व उस धारा की उपधारा (1) क अधीन सचना या उपधारा (1क) क अधीन आदश क सबध म लाग होत ह ]

23 दघरटना की सचना का िदया जानाmdash4[(1) जब िकसी खान म या उसक आसपासmdash

(क) कोई ऐसी दघरटना हो जाए िजसस जीवन की हािन या गमभीर शारीिरक कषित कािरत हई हो अथवा

(ख) िवसफोट जवलन सवतः तपन या आग लग जाना या जल या अनय दरव-पदाथर का फट िनकलना या सवग अनतपररवश घिटत हो जाए अथवा

(ग) जवलनशील या अपायकर गस का अनतवारह घिटत हो जाए अथवा

(घ) िजन रसस जजीर या अनय िगयर स िक त या सामगरी कपक या आनित म उतारी या वहा स उठाई जाती ह उनका टट जाना घिटत हो जाए अथवा

(ङ) िकसी कपक म िपजर या अनय परवहण-साधन अतयिधक लपट तब खा जाए जब िक त या सामगरी उतारी या उठाई जा रही हो अथवा

(च) खिनत का कोई भाग समय-पवर ढह जाए अथवा

(छ) कोई अनय दघरटना जो िविहत की जाए घिटत हो जाए

तब खान का सवामी अिभकतार या परबनधक उस घटना की सचना ऐस परािधकारी को ऐस पररप म और ऐस समय क अनदर दगा जो िविहत िकया जाए और साथ ही साथ वह सचना की एक परित ऐस सथान पर जहा उसका िनरीकषण वसाय सघ क पदधािरय ारा िकया जा सक िविहत रीित म एक िवशष सचना प पर लगाएगा और सिनिश चत करगा की वह सचना ऐस लगाए जान की तारीख स कम स कम चौदह िदन तक प पर लगी रह ]

1 1983 क अिधिनयम स० 42 की धारा 15 ारा (31-5-1984 स) ldquoअधयपकषाrdquo शबद क सथान पर परितसथािपत 2 अब दिखए दड परिकरया सिहता 1973 (1974 का 2) 3 1983 क अिधिनयम स० 42 की धारा 16 ारा (31-5-1984 स) अनतःसथािपत 4 1959 क अिधिनयम स० 62 की धारा 12 ारा (16-1-1960 स) उपधारा (1) क सथान पर परितसथािपत

13

1[(1क) जब कभी खान म या उसक आसपास कोई ऐसी दघरटना हो जाए िजसस िकसी िक त को िरपोटर की जान योगय कोई कषित कािरत हई हो तो खान का सवामी अिभकतार या परबनधक ऐसी दघरटना को एक रिजसटर म िविहत पररप म परिवष ट करगा और ऐसी परिविष टय की परितया ितमाही म एक बार मखय िनरीकषक को दी जाएगी ]

(2) जहा िक उपधारा (1) क अधीन दी गई सचना ऐसी दघरटना क बार म हो िजसस जीवन की हािन कािरत हई हो वहा वह परािधकारी घटना की जाच सचना की परािप त क दो मास क अनदर करगा और यिद परािधकारी िनरीकषक न हो तो वह िनरीकषक स उक त कालाविध क अनदर जाच कराएगा

2[(3) कनदरीय सरकार राजपतर म अिधसचना ारा िनदश द सकगी िक उपधारा (1) और उपधारा (1क) म िविनिदष ट दघरटना स िभन न िजन दघरटना म ऐसी शारीिरक कषित कािरत होती ह िजसस िक कषितगरसत िक त की काम स चौबीस घट स अिधक की अविध की मजदरी क कारण अनपिसथित हो जाती ह तो व दघरटनाए िविहत पररप म एक रिजसटर म परिवष ट की जाएगी या यथािसथित उपधारा (1) या उपधारा (1क) क उपबनध क अधयधीन रहगी ]

(4) उपधारा (3) म िनिदष ट रिजसटर म की परिविष टय की एक परित खान क सवामी अिभकतार या परबनधक ारा 3[उस वषर स िजसस व परिविष टया समब ह अगल वषर म जनवरी क 20व िदन या ततपवर] मखय िनरीकषक को भजी जाएगी

3[(5) जब कभी खान म या उसक आसपास कोई ऐसी दघरटना हो जाए िजसस िकसी िक त क जीवन को हािन या उसको गभीर शारीिरक कषित कािरत हई हो तो उस मखय िनरीकषक या िनरीकषक क िजसको धारा 23 की उपधारा (1) क अधीन दघरटना की सचना का िदया जाना अपिकषत ह आगमन क पवर या उसकी सम मित क िबना दघरटना सथल की उलट-पलट या उसम कोई पिरवतरन नह िकया जाएगा जब तक िक ऐसी उलट-पलट या पिरवतरन आग िकसी दघरटना को रोकन क िलए मतक क शव को हटान क िलए या िकसी िक त की सकट स रकषा करन क िलए आवशयक न हो अथवा जब तक िक दघरटना सथल पर काम क बनद िकए जान स खान क कायरकरण म गमभीर अड़चन न पड़

परनत जहा मखय िनरीकषक या उक त िनरीकषक दघरटना क समय स बह र घट क भीतर दघरटना का सथल िनरीकषण करन म असफल रहता ह वहा दघरटना सथल पर काम पनः आरमभ िकया जा सकगा ]

24 दघरटना क मामल म जाच-नयायालय िनयक त करन की सरकार की शिक तmdash4[(1) जब िक खान म या उसक आसपास धारा 23 की उपधारा (1) क खड म स िकसी म िनिदष ट परकित की कोई दघरटना हो जाए तब कनदरीय सरकार यिद उसकी यह राय हो िक दघरटना क कारण की और पिरिसथितय की पररिपक जाच होनी चािहए ऐसी जाच करन क िलए कोई सकषम िक त िनयक त कर सकगी और जाच करन म अससर क रप म कायर करन क िलए िविध का या कोई िवशष जञान रखन वाल एक या अिधक िक तय को भी िनयक त कर सकगी ]

(2) ऐसी िकसी जाच करन क िलए िनयक त िक त को सािकषय को हािजर करान और दसतावज और भौितक पदाथ 5 को पश करन क िलए िववश करन क परयोजन क िलए िसिवल परिकरया सिहता 1908 (1908 का 5) क अधीन की िसिवल नयायालय की सब शिक तया पराप त ह गी

(3) इस धारा क अधीन जाच करन वाला कोई िक त इस अिधिनयम क अधीन की िनरीकषक की ऐसी शिक तय का परयोग कर सकगा िजसका परयोग करना वह जाच क परयोजन क िलए आवश यक या समीचीन समझ

(4) इस धारा क अधीन जाच करन वाला िक त दघरटना क कारण और उसकी पिरिसथितय को किथत करन वाली िरपोटर िकनह ऐसी समिक तय को जोड़कर िजनह िक वह या अससर म स कोई िलखना आवशयक समझ कनदरीय सरकार को दगा

25 कछ रोग की सचनाmdash(1) जहा िक खान म िनयोिजत िकसी िक त को कोई 6ऐसा रोग लग जाए जो कनदरीय सरकार ारा शासकीय राजपतर म खनन सिकरया स ससक त रोग क रप म अिधसिचत िकया गया हो वहा खान का यथािसथित सवामी

अिभकतार या परबनधक उसकी सचना मखय िनरीकषक को और ऐस अनय परािधकािरय को ऐस पररप म और ऐस समय क अनदर भजगा जस िविहत िकए जाए

(2) यिद कोई िचिकतसा- वसायी िकसी ऐस िक त की दखभाल कर जो िकसी खान म िनयोिजत हो या रहा हो और जो उपधारा (1) क अधीन अिधसिचत िकसी रोग स पीिड़त हो या िजसक बार म िचिकतसा- वसायी को िवश वास हो िक वह ऐस रोग स पीिड़त ह तो िचिकतसा- वसायीmdash

(क) रोगी का नाम और पता

1 1983 क अिधिनयम स० 42 की धारा 17 ारा (31-5-1984 स) अनतःसथािपत 2 1983 क अिधिनयम स० 42 की धारा 17 ारा (31-5-1984 स) उपधारा (3) क सथान पर परितसथािपत 3 1959 क अिधिनयम स० 62 की धारा 12 ारा (16-1-1960 स) कितपय शबद क सथान पर परितसथािपत 4 1959 क अिधिनयम स० 62 की धारा 13 ारा (16-1-1960 स) उपधारा (1) क सथान पर परितसथािपत 5 1959 क अिधिनयम स० 62 की धारा 13 ारा (16-1-1960 स) कितपय शबद का लोप िकया गया 6 िसलकोिसस और नयमोकोिनओिसस िजनह ऐस रोग घोिषत िकया गया ह दिखए भारत का राजपतर (अगरजी) भाग 2 खण ड 3 प 1153 म परकािशत अिधसचना स० 1

का०िन०आ० 1306 तारीख 21 जलाई 1952 और मगनीज िवषाकतीकरण-तितरका परकार का िजस ऐसा रोग घोिषत िकया गया ह दिखए भारत का राजपतर (अगजी) 1956 भाग 2 खणड 3 प 2195 म परकािशत अिधसचना स० का०िन०आ० 3109 तारीख 18 िदसमबर 1956

14

(ख) वह रोग िजसस रोगी पीिड़त हो या िजसस उसक पीिड़त होन का िवश वास हो तथा

(ग) उस खान का नाम और पता िजसम रोगी िनयोिजत हो या अिनतम बार िनयोिजत था

किथत करन वाली िलिखत िरपोटर मखय िनरीकषक को अिवलमब भजगा

(3) जहा िक उपधारा (2) क अधीन की िरपोटर की यह पिष ट परमाणकतार सजरन क परमाणपतर स या अनयथा मखय िनरीकषक को समाधानपरद रप म हो जाए िक वह िक त उपधारा (1) क अधीन अिधसिचत रोग स पीिड़त ह वहा मखय िनरीकषक िचिकतसा-

वसायी को उतनी फीस दगा िजतनी िविहत की जाए और ऐस सद फीस उस खान क सवामी अिभकतार या परबनधक स िजसम उस िक त को रोग लगा हो भ-राजसव क बकाया क रप म वसलीय होगी

(4) यिद कोई िचिकतसा- वसायी उपधारा (2) क उपबनध का अनपालन करन म असफल रहगा तो वह जमारन स जो पचास रपए तक का हो सकगा दणडनीय होगा

26 रोग क कारण क अनवषण का िनदश दन की शिक तmdash(1) कनदरीय सरकार यिद वह ऐसा करना समीचीन समझ तो िकसी ऐस मामल की जाच करन क िलए तथा उस पर िरपोटर दन को कोई सकषम िक त िनयक त कर सकगी िजसम धारा 25 की उपधारा (1) क अधीन अिधसिचत कोई रोग खान म लगा हो या िजसक बार म सदह िकया जाता हो िक वह खान म लगा ह और ऐसी जाच म अससर क रप म कायर करन क िलए िविध का जञान या िवशष जञान रखन वाल एक या अिधक िक तय को भी िनयक त कर सकगी

(2) धारा 24 की उपधारा (2) और (3) क उपबध इस धारा क अधीन की जाच को उसी रीित स लाग ह ग जस व उस धारा क अधीन की िकसी जाच को लाग होत ह

27 िरपोट का परकाशनmdashऐस समय पर और ऐसी रीित स जो वह ठीक समझ कनदरीय सरकार सिमित ारा 1[धारा 12] क अधीन भजी गई िकसी िरपोटर को या अपन को धारा 26 क अधीन भजी गई िकसी िरपोटर या िकसी िरपोटर क उ रण को परकािशत करा सकगी और धारा 24 क अधीन िकसी जाच नयायालय ारा भजी गई हर िरपोटर को परकािशत कराएगी

अधयाय 6

िनयोजन क घट और उस पर िनबरधन

28 साप तािहक िवशराम-िदनmdashिकसी भी िक त को खान म िकसी एक सप ताह म छह िदन स अिधक काम नह करन िदया जाएगा

29 परितकरातमक िवशराम-िदनmdash(1) जहा िक धारा 38 क अधीन कायरवाही क अनसरण म अथवा िकसी खान को या उसम िनयोिजत िक तय को धारा 28 क उपबनध स छट िदए जान क फलसवरप कोई िक त जो उस खान म िनयोिजत हो उन साप तािहक िवशराम-िदन म स िकसी स िजनक िलए धारा 28 म उपबनध िकया गया ह विचत िकया जाए वहा उस उसी मास क अनदर िजसम उस ऐस िवशराम-िदन दय थ या उस मास क अ विहत पश चात क दो मास क अनदर उन िवशराम-िदन की समान सखया म िजनस वह इस परकार विचत िकया गया हो परितकरातमक िवशराम-िदन िदए जाएग

(2) कनदरीय सरकार वह रीित िविहत कर सकगी िजसस व िवशराम-िदन िजनक िलए उपधारा (1) म उपबनध िकया गया ह िदए जाएग

30 भिम क ऊपर क काम क घणटmdash(1) िकसी सप ताह म अड़तालीस घणट स अिधक या िकसी िदन म नौ घणट स अिधक काम भिम क ऊपर िनयोिजत िकसी भी वयसथ स न तो अपिकषत िकया जाएगा और न उस करन िदया जाएगा

2[परनत मखय िनरीकषक क पवर अनमोदन क अधयधीन रहत हए इस उपधारा म िविनिदष ट दिनक अिधकतम घणट को पािरय म तबदीली सकर बनान क िलए बढ़ाया जा सकगा ]

(2) िकसी ऐस वयसथ क काम की कालाविधया इस परकार विसथत की जाएगी िक उसक िवशराम अनतराल सिहत व िकसी भी िदन बारह घणट स अिधक िवसतत न ह और वह कम स कम आध घणट का िवशराम अनतराल क चकन क पवर िनरनतर पाच घणट स अिधक काम न कर

3[परनत मखय िनरीकषक ऐस कारण स जो लखन ारा अिभिलिखत िकए जाएग इस िवसतित का िकसी िदन अिधकतम चौदह घणट की कालाविध तक का होना ऐसी शत क अधयधीन जसी वह अिधरोिपत करना ठीक समझ अनजञात कर सकगा ]

4[(3) दो या अिधक पािरय क िक तय को एक ही समय भिम क ऊपर एक ही परकार का काम नह करन िदया जाएगा

1 1983 क अिधिनयम स० 42 की धारा 18 ारा (31-5-1984 स) ldquoधारा 13rdquo शबद और अक क सथान पर परितसथािपत 2 1959 क अिधिनयम स० 62 की धारा 14 ारा (16-1-1960 स) परनतक जोड़ा गया 3 1959 क अिधिनयम स० 62 की धारा 14 ारा (16-1-1960 स) परनतक क सथान पर परितसथािपत 4 1959 क अिधिनयम स० 62 की धारा 14 ारा (16-1-1960 स) उपधारा (3) क सथान पर परितसथािपत

15

परनत इस उपधारा क परयोजन क िलए िक तय क बार म कवल इस तथय क कारण िक उनक िवशराम अनतराल उनह िभन न समय पर िमलत ह यह न समझा जाएगा िक व िविभन न पािरय क ह ]

1[31 भिम क नीच क काम क घटmdash(1) खान म भिम क नीच िनयोिजत िकसी भी वयसथ को िकसी सप ताह म अड़तालीस घणट स अिधक या िकसी िदन म आठ घणट स अिधक काम नह करन िदया जाएगा

परनत मखय िनरीकषक क पवर अनमोदन क अधयधीन रहत हए इस उपधारा म िविनिदष ट दिनक अिधकतम घणट को पािरय म तबदीली सकर बनान क िलए बढ़ाया जा सकगा

(2) खान म भिम क नीच कोई भी काम ऐस विसथत पारी-प ित स चलान क िसवाय न चलाया जाएगा िक हर एक पारी म काम की कालाविध उपधारा (1) म बताए गए दिनक अिधकतम घट स अिधक िवसतत न हो

(3) खान म िनयोिजत िकसी िक त को भिम क नीच क खान क िकसी भाग म काम की उन कालाविधय क दौरान उपिसथत रहन दन क िसवाय उपिसथत न रहन िदया जाएगा जो धारा 48 की उपधारा (4) क अधीन रख जान वाल रिजसटर म उसक बार म दिशत ह ]

2[32 राितर की पारीmdashजहा िक खान म िनयोिजत िक त ऐसी पारी म काम कर िजसका िवसतार मधयराितर क पश चात तक हो वहाmdash

(क) धारा 28 और धारा 29 क परयोजन क िलए उसक मामल म साप तािहक िवशराम-िदन स उसकी पारी क अनत होन पर आरमभ होन वाली िनरनतर 24 घणट की कालाविध अिभपरत होगी

(ख) उसकी पारी का अनत होन पर आरमभ होन वाली चौबीस घणट की कालाविध उसक िलए अगला िदन समझी जाएगी और मधयराितर क पश चात िजतन घणट उसन काम िकया हो व पवरवत िदन म िगन जाएग ]

33 अितकाल क िलए अितिरक त मजदरीmdash3[(1) जहा िक खान म कोई िक त भिम क ऊपर िकसी िदन नौ घणट स अिधक या भिम क नीच िकसी िदन आठ घणट स अिधक काम कर या चाह भिम क ऊपर या नीच िकसी सप ताह म अड़तालीस घणट स अिधक काम कर वहा ऐस अितकािलक काम क िलए वह अपनी मजदरी की मामली दर स दगनी दर पर मजदरी पान का हकदार होगा और अितकािलक काम की कालाविध की गणना दिनक या साप तािहक आधार पर जो भी उसक िलए अिधक अनकल हो की जाएगी ]

4[(2) जहा खान म िनयोिजत िकसी िक त को मातरानपाती दर स सदाय िकया जाना हो वहा कालानपाती दर को उन िदन क िजनको उसक उस सप ताह क िजसम अितकाल काम िकया गया ह ठीक पवरवत सप ताह क दौरान वासतव म काम िकया था िकसी अितकाल को छोड़कर उसक पणरकािलक उपाजरन क दिनक औसत क बराबर माना जाएगा और ऐसी कालानपाती दर ऐस िक त की मजदरी की मामली दर मानी जाएगी

परनत यिद ऐस िक त न पवरवत सप ताह म उसी या समान काम पर कायर नह िकया ह तो कालानपाती दर अितकाल को छोड़कर उन िदन की िजनको उसन उसी सप ताह म काम िकया ह औसत या िकसी पवरवत सप ताह म उसक उपाजरन की दिनक औसत इनम स जो भी उच चतर हो उस पर आधािरत होगी

सपष टीकरणmdashइस धारा क परयोजन क िलए ldquoमजदरी की मामली दरrdquo का वही अथर होगा जो उसका धारा 9क की उपधारा (3) क सपष टीकरण म ह ]

(4) इस धारा क उपबनध का अनपालन सिनिश चत करन क परयोजन क िलए कनदरीय सरकार खान म रख जान वाल रिजसटर िविहत कर सकगी

5[34 कितपय िक तय क िनयोजन का परितषधmdashकोई भी िक त जो पवरवत बारह घनट क अनदर िकसी अनय खान म पहल ही काम करता रहा हो खान म काम करन क िलए न तो अपिकषत िकया जाएगा न उस खान म काम करन िदया जाएगा ]

6[35 अितकािलक काम सिहत दिनक काम क घट का िनबरनधनmdashधारा 39 क खणड (क) और खणड (ङ) म आन वाल मामल म क िसवाय िकसी भी िदन अितकाल सिहत दस घट स अिधक खान म काम न तो खान म िनयोिजत िकसी भी िक त स अपिकषत िकया जाएगा न उस करन िदया जाएगा ]

36 काम क घट क िवषय म सचनाएmdash(1) हर खान का परबनधक खान म काम क परारमभ और बनद होन का समय और यिद टोली प ित ारा काम परसथािपत हो तो हर एक टोली क काम क परारमभ और बनद होन का समय किथत करन वाली सचना िविहत पररप म खान क कायारलय क बाहर लगवाएगा

1 1959 क अिधिनयम स० 62 की धारा 15 ारा (16-1-1960 स) धारा 31 क सथान पर परितसथािपत 2 1959 क अिधिनयम स० 62 की धारा 16 ारा (16-1-1960 स) धारा 32 क सथान पर परितसथािपत 3 1959 क अिधिनयम स० 62 की धारा 17 ारा (16-1-1960 स) उपधारा (1) क सथान पर परितसथािपत 4 1983 क अिधिनयम स० 42 की धारा 19 ारा (31-5-1984 स) उपधारा (2) और (3) क सथान पर परितसथािपत 5 1959 क अिधिनयम स० 62 की धारा 18 ारा (16-1-1960 स) धारा 34 क सथान पर परितसथािपत 6 1959 क अिधिनयम स० 62 की धारा 19 ारा (16-1-1960 स) धारा 35 क सथान पर परितसथािपत

16

(2) उस खान की दशा म िजसम खनन सिकरयाए इस अिधिनयम क परारमभ क पश चात परारभ ह उपधारा (1) म िनिदष ट सचना काम क परारमभ होन क कम स कम सात िदन पवर लगाई जाएगी

(3) उपधारा (1) म िनिदष ट सचना म भिम क ऊपर िनयोिजत िक तय क काम क परारमभ का समय और िवशराम अनतराल भी किथत ह ग और उसकी एक परित मखय िनरीकषक को यिद वह ऐसी अपकषा कर तो भजी जाएगी

(4) जहा िक साधारणतः खान म या िकसी टोली क काम क परारमभ या बनद होन क िलए िनयत समय म या भिम क ऊपर िनयोिजत िक तय क िलए िनयत िवशराम अनतराल म कोई तबदीली करन की परसथापना हो वहा िविहत पररप म एक सशोिधत सचना उस तबदीली क िकए जान क सात स अनयन िदन पवर खान क कायारलय क बाहर लगाई जाएगी और ऐसी सचना की एक परित ऐसी तबदीली क सात स अनयन िदन पवर मखय िनरीकषक को भजी जाएगी

(5) िकसी भी िक त को उपधारा (1) ारा अपिकषत सचना क अनसार काम करन स अनयथा खान म काम नह करन िदया जाएगा

37 पयरवकषक कमरचािरवनदmdashधारा 28 धारा 30 धारा 31 धारा 34 या 1[धारा 36 की उपधारा (5)] की कोई भी बात उन िक तय को लाग न होगी िजनकी बाबत िनयम ारा यह पिरभािषत िकया जाए िक व पयरवकषण या परबनध का पद धारण िकए हए ह

या गोपनीयता की हिसयत म िनयोिजत ह

38 िनयोजन सबधी उपबनध स छटmdash(1) उस आपात की दशा म िजसम खान या उसम िनयोिजत िक तय क कषम क िलए गमभीर जोिखम अनतवरिलत हो या वासतिवक या आशिकत िकसी दघरटना की दशा म या िकसी दवीकत की दशा म या खान की मशीनरी सयतर या उपसकर क ठपप हो जान क पिरणामसवरप ऐसी मशीनरी सयतर या उपसकर पर िकए जान वाल िकसी अजनट काम की दशा म परबनधक धारा 22 2[या धारा 22क] क उपबनध क अधयधीन और धारा 39 क अधीन क िनयम क अनसार िक तय को धारा 28 धारा 30 धारा 31 या धारा 34 या 1[धारा 36 की उपधारा (5)] क उललघन म ऐस काम म िनयोजन की अनजञा द सकगा जो खान या उसम िनयोिजत िक तय क कषम का सरकषण करन क िलए आवशयक हो

परनत मशीनरी सयतर या उपसकर पर इस धारा क अधीन िकए जान वाल िकसी अजनट काम की दशा म परबनधक इस धारा ारा अनजञात कोई काररवाई कर सकगा य िप उसक िकए जान स 3[खिनज] उतपादन आनषिगक रप स परभािवत होता हो िकनत इस

परकार की गई काररवाई उन सीमा क बाहर न की जाएगी जो खान क मामली कायरकरण म गमभीर हसतकषप का पिरवजरन करन क परयोजन क िलए आवशयक हो

(2) हर वह दशा िजसम उपधारा (1) क अधीन परबनधक ारा काररवाई की गई हो ततसमब पिरिसथितय क साथ अिभिलिखत की जाएगी और उसकी िरपोटर मखय िनरीकषक या िनरीकषक को भी दी जाएगी

4[39 छट दन वाल िनयम बनान की शिक तmdash5[कनदरीय सरकार] िनम निलिखत िक तय क िलए धारा 28 धारा 30 धारा 31 धारा 34 या धारा 36 की उपधारा (5) क उपबनध स ऐस िवसतार तक ऐसी पिरिसथितय म और ऐसी शत क अधयधीन जसी िविनिदष ट की जाए छट का उपबनध करन वाल िनयम बना सकगीmdash

(क) ऐसी खान म िजसम ऐस आपात की आशका हो िजसम खान क या उसम िनयोिजत िक तय क कषम की गमभीर जोिखम अनतवरिलत हो िनयोिजत सब िक त या उनम स कोई

(ख) िकसी वासतिवक या आशिकत दघरटना की दशा म इस परकार िनयोिजत सब िक त या उनम स कोई

(ग) िकसी तयारी की परकित क या परक परकित क ऐस काम म जो खान क मामली कायरकरण म गमभीर हसतकषप का पिरवजरन करन क परयोजन क िलए अवशय चलाया जाना चािहए लग हए सब िक त या उनम स कोई

(घ) अजनट मरममत म लग हए सब िक त या उनम स कोई

(ङ) िकसी ऐस काम म जो िक तकनीकी कारण स िनरनतर चाल रखा जाना चािहए िनयोिजत सब िक त या उनम स कोई ] 6[40 अठारह वषर स कम आय क िक तय का िनयोजनmdash(1) खान (सशोधन) अिधिनयम 1983 क परारमभ क पश चात

अठारह वषर स कम आय क िकसी िक त को िकसी खान या उसक भाग म काम करन क िलए अनजञात नह िकया जाएगा

(2) उपधारा (1) म िकसी बात क होत हए भी िशकष और अनय परिशकष को जो सोलह वषर स कम आय क नह ह िकसी खान या उसक भाग म परबनधक ारा समिचत पयरवकषण क अधीन काम करन क िलए अनजञात िकया जा सकगा

1 1953 क अिधिनयम स० 42 की धारा 4 और अनसची 3 ारा ldquoधारा 36 की उपधारा (4)rdquo क सथान पर परितसथािपत 2 1983 क अिधिनयम स० 42 की धारा 20 ारा (31-5-1984 स) अनतःसथािपत 3 1959 क अिधिनयम स० 62 की धारा 20 ारा (16-1-1960 स) ldquoकोयलाrdquo क सथान पर परितसथािपत 4 1959 क अिधिनयम स० 62 की धारा 21 ारा (16-1-1960 स) धारा 39 क सथान पर परितसथािपत 5 1983 क अिधिनयम स० 42 की धारा 21 ारा (31-5-1984 स) कितपय शबद क सथान पर परितसथािपत 6 1983 क अिधिनयम स० 42 की धारा 22 ारा (31-5-1984 स) धारा 40 क सथान पर परितसथािपत

17

परनत िशकष स िभन न परिशकष की दशा म उनको काम करना अनजञात करन स पवर मखय िनरीकषक या िनरीकषक का पवर अनमोदन अिभपराप त करना आवशयक होगा

सपष टीकरणmdashइस धारा और धारा 43 म ldquoिशकषrdquo स िशकष अिधिनयम 1961 (1961 का 52) की धारा 2 क खणड (क) म यथापिरभािषत िशकष अिभपरत ह ]

41 [योगयता परमाणपतर ]mdashखान (सशोधन) अिधिनयम 1983 की धारा 23 ारा (31-5-1984 स) िनरिसत

42 [कमार को अनद योगयता परमाणपतर का परभाव ]mdashखान (सशोधन) अिधिनयम 1983 (1983 का 42) की धारा 23 ारा (31-5-1984 स) िनरिसत

1[43 िचिकतसीय परीकषा की अपकषा करन की शिक तmdash(1) जहा िकसी िनरीकषक की यह राय हो िक िशकष या अनय परिशकष स अनयथा खान म िनयोिजत कोई िक त वयसथ नह ह अथवा खान म िशकष या अनय परिशकष क रप म िनयोिजत कोई िक त या तो सोलह वषर स कम आय का ह या वह काम करन क योगय नह रह गया ह वहा िनरीकषक खान क परबनधक पर यह अपकषा करन वाली सचना की तामील कर सकगा िक ऐस िक त की परीकषा िकसी परमाणकतार सजरन ारा की जाए और िनरीकषक ऐसा िनदश द तो ऐसा

िक त तब तक िकसी खान म काम करन क िलए िनयोिजत या अनजञात नह िकया जाएगा जब तक इस परकार उसकी परीकषा न हो गई हो और यह परमािणत न कर िदया गया हो िक वह वयसथ ह या यिद ऐसा िक त िशकष या परिशकष ह तो वह सोलह वषर स कम आय का नह ह और काम करन क योगय ह

(2) उपधारा (1) क अधीन िनदश पर परमाणकतार सजरन ारा िदया गया हर परमाणपतर उसम किथत बात का इस अिधिनयम क परयोजन क िलए िनश चायक सा य होगा ]

44 [उन कमार क िलए काम क घट जो वयसक क रप म काम क िलए योगय परमािणत नह िकए गए ]mdashखान (सशोधन) अिधिनयम 1983 (1984 का 42) की धारा 25 ारा (31-5-1984 स) िनरिसत

2[45 खान म अठारह वषर स कम आय क िक तय की उपिसथित का परितषधmdashधारा 40 की उपधारा (2) क उपबनध क अधीन रहत हए ऐसी तारीख क पश चात जो कनदरीय सरकार राजपतर म अिधसचना ारा इस िनिम िनयत कर अठारह वषर स कम आय क िकसी िक त को भिम क ऊपर खान क िकसी ऐस भाग म जहा िकसी खनन सिकरया स ससक त या आनषिगक कोई सिकरया चलाई जा रही हो उपिसथत नह रहन िदया जाएगा ]

3[46 िस तरय का िनयोजनmdash(1) िकसी अनय िविध म अनतिवष ट िकसी बात क होत हए भी कोई भी स तरीmdash

(क) खान क िकसी ऐस भाग म जो भिम क नीच हो

(ख) िकसी खान म भिम क ऊपर 6 बज पवारहन और 7 बज अपराहन क बीच क िसवाय

िनयोिजत नह की जाएगी ]

(2) खान म भिम क ऊपर िनयोिजत हर स तरी को िकसी एक िदन िनयोजन का पयरवसान होन और िनयोजन की अगली कालाविध का परारमभ होन क बीच कम स कम गयारह घनट का अनतराल िदया जाएगा

(3) उपधारा (1) म अनतिवष ट िकसी बात क होत हए भी कनदरीय सरकार िकसी खान या िकसी वगर या परकार की खान क बार म भिम क ऊपर िस तरय क िनयोजन क घट म फरफार शासकीय राजपतर म अिधसचना ारा कर सकगी िकनत इस परकार की िकसी स तरी का 10 बज अपराहन और 5 बज पवारहन क बीच कोई भी िनयोजन तद ारा अनजञात न हो ]

47 [आय क बार म िववाद ]mdashखान (सशोधन) अिधिनयम 1959 (1959 का 62) की धारा 28 ारा िनरिसत

48 िनयोिजत िक तय का रिजसटरmdash4[(1) हर खान क िलए उस खान म िनयोिजत सब िक तय का एक रिजसटर िविहत पररप और सथान म रखा जाएगा िजसम ऐस हर एक िक त क बार म िनम निलिखत बात दिशत ह गीmdash

(क) कमरचारी का नाम यथािसथित उसक िपता या पित क नाम सिहत और ऐसी अनय िविशिष टया जसी उसकी पहचान क परयोजन क िलए आवशयक ह

(ख) कमरचारी की आय और िलग

(ग) िनयोजन की परकित (वह िनयोजन भिम क ऊपर ह या भिम क नीच और यिद भिम क ऊपर ह तो वह िवव खिनत म ह या अनयथा) और उसक परारमभ की तारीख

5

1 1983 क अिधिनयम स० 42 की धारा 24 ारा (31-5-1984 स) धारा 43 क सथान पर परितसथािपत 2 1983 क अिधिनयम स० 42 की धारा 26 ारा (31-5-1984 स) धारा 45 क सथान पर परितसथािपत 3 1959 क अिधिनयम स० 62 की धारा 27 ारा (16-1-1960 स) धारा 46 क सथान पर परितसथािपत 4 1959 क अिधिनयम स० 62 की धारा 29 ारा (16-1-1960 स) उपधारा (1) क सथान पर परितसथािपत 5 1983 क अिधिनयम स० 42 की धारा 27 ारा (31-5-1984 स) खणड (घ) का लोप िकया गया

18

(ङ) अनय ऐसी िविशिष टया जो िविहत की जाए

और ससगत परिविष टया सपक त िकयत क हसताकषर या अगठ क िचहन ारा अिधपरमािणत की जाएगी ]

(2) उपधारा (1) ारा िविहत रिजसटर म की परिविष टया ऐसी ह गी िक उनक अनसार काम करन वाल कमरकार इस अधयाय क उपबनध म स िकसी क उललघन म काम न करत ह ग

(3) कोई िक त खान म तब तक िनयोिजत न िकया जाएगा जब तक उसक बार म उपधारा (1) ारा अपिकषत िविशिष टया रिजसटर म अिधिलिखत न कर ली गई ह और कोई भी िक त रिजसटर म अपन बार म दिशत काम की कालाविधय क दौरान िनयोिजत िकए जान क िसवाय िनयोिजत नह िकया जाएगा

1[(4) िजस खान को कनदरीय सरकार न साधारण या िवशष आदश ारा िकसी िवशष कारण स जो अिभिलिखत िकया जाएगा छट दी हो उसस िभन न हर खान क िलए पथक रिजसटर िविहत पररप और सथान म रख जाएग िजनम हर िक त क बार म जो खान मmdash

(क) भिम क नीच

(ख) िवव खिनत म भिम क ऊपर

(ग) अनय दशा म भिम क ऊपर

िनयोिजत हो िनम निलिखत बात दिशत ह गीmdash

(i) कमरचारी का नाम

(ii) उसक िनयोजन का वगर या िकसम

(iii) जहा िक काम टोली-प ित स चलाया जाता हो वहा िजस पारी का वह ह वह पारी और उस पारी क घनट ]

(5) भिम क नीच िनयोिजत िक तय क उपधारा (4) म िनिदष ट रिजसटर म िकसी भी कषण ऐस हर िक त का नाम दिशत होगा जो तब खान म भिम क नीच उपिसथत हो

2[(6) कोई िक त िकसी िवव खिनत या भिम क नीच िकसी खिनत म तब क िसवाय परवश नह कर सकगा जब िक ऐसा करन क िलए वह परबनधक ारा अनजञात िकया गया हो अथवा इस अिधिनयम या िकसी अनय िविध क अधीन परािधकत हो ]

अधयाय 7

मजदरी सिहत छ ी 3[49 अधयाय का लाग होनाmdashइस अधयाय क उपबनध ऐस परवितत नह ह ग िक उनका िकसी ऐस अिधकार पर परितकल

परभाव पड़ िजसका िक खान म िनयोिजत कोई िक त िकसी अनय िविध क अधीन या िकसी अिधिनणरय करार या सवा-सिवदा क िनबनधन क अधीन हकदार हो

4[परनत यिद ऐसा अिधिनणरय करार या सवा-सिवदा इस अधयाय म उपबिनधत स दीघरतर मजदरी सिहत वािषक छ ी का उपबनध करती हो तो छ ी की वह मातरा िजसक िलए िनयोिजत िक त हकदार होगा ऐस अिधिनणरय करार या सवा-सिवदा क अनसार होगी िकनत छ ी ऐस िवषय की बाबत जो ऐस अिधिनणरय करार या सवा-सिवदा म उपबिनधत नह ह धारा 50 स लकर धारा 56 तक क (िजसम य दोन धाराए भी सिममिलत ह) उपबनध क अनसार िविनयिमत होगी ]

50 छ ी की पिरभाषाmdashसाप तािहक िवशराम-िदन अथवा उतसव क िलए या अनय ऐस ही अवसर क िलए अवकाश-िदन इस अधयाय क परयोजन क िलए छ ी क अनतगरत नह आत ह चाह व छ ी की कालाविध क दौरान ह या उसक ठीक पहल या ठीक पीछ ह

51 कलनडर वषर की पिरभाषाmdashइस अधयाय क परयोजन क िलए ldquoकलनडर वषरrdquo स िकसी वषर म जनवरी क परथम िदन स आरमभ होन वाली बारह मास की कालाविध अिभपरत होगी

52 मजदरी सिहत वािषक छ ीmdash(1) खान म िनयोिजत हर िक त को िजसन उसम एक कलनडर वषर की सवा परी कर ली हो पश चातवत कलनडर वषर क दौरान मजदरी सिहत छ ी अनजञात की जाएगी िजसकी गणनाmdash

(क) भिम क नीच िनयोिजत िक त की दशा म उसक ारा िकए गए काम क हर 5[पनदरह िदन] क िलए एक िदन की दर स की जाएगी तथा

1 1959 क अिधिनयम स० 62 की धारा 29 ारा (16-1-1960 स) उपधारा (4) क सथान पर परितसथािपत 2 1959 क अिधिनयम स० 62 की धारा 29 ारा (16-1-1960 स) अनतःसथािपत 3 1959 क अिधिनयम स० 62 की धारा 30 ारा (16-1-1960 स) धारा 49 स 56 तक क सथान पर परितसथािपत 4 1983 क अिधिनयम स० 42 की धारा 28 ारा (31-5-1984 स) परनतक क सथान पर परितसथािपत 5 1983 क अिधिनयम स० 42 की धारा 29 ारा (31-5-1984 स) ldquoसोलह िदनrdquo क सथान पर परितसथािपत

19

(ख) िकसी अनय दशा म उसक ारा िकए गए काम क हर बीस िदन क िलए एक िदन की दर स की जाएगी

(2) उपधारा (1) म िनिदष ट एक कलनडर वषर की सवाmdash

(क) खान म भिम क नीच िनयोिजत िक त की दशा म परी कर ली गई समझी जाएगी यिद कलनडर वषर क दौरान खान म उसकी हािजिरया एक सौ नबब स कम न ह तथा

(ख) िकसी अनय िक त की दशा म परी कर ली गई समझी जाएगी यिद कलनडर वषर क दौरान खान म उसकी हािजिरया दो सौ चालीस स कम न ह

सपष टीकरणmdashइस उपधारा क परयोजन क िलए यह ह िकmdash

(क) करार या सिवदा ारा या सथायी आदश क अधीन यथा अनजञय कामबदी क िदन को

(ख) स तरी कमरचारी की दशा म बारह सप ताह स अनिधक िकतन ही िदन की परसित छटटी को तथा

(ग) उस वषर स िजसम छ ी का उपभोग िकया जाए पवरवत वषर म उपािजत छ ी को

हािजरी की सगणना क परयोजन क िलए ऐस िदन समझा जाएगा िजनम कमरचारी न खान म काम िकया ह िकनत वह इन िदन क िलए छ ी उपािजत नह करगा

(3) िजस िक त की सवा जनवरी क परथम िदन को परारमभ न होकर अनयथा आरमभ होती ह वहmdash

(क) खान म भिम क नीच िनयोिजत िक त की दशा म तब जब िक वह कलनडर वषर क शष भाग क दौरान क कल िदन क आध स अनयन िदन म हािजर रहा हो तथा

(ख) िकसी अनय दशा म तब जब िक वह कलनडर वषर क शष भाग क दौरान क कल िदन क दो-ितहाई स अनयन िदन म हािजर रहा हो

पश चातवत कलनडर वषर म मजदरी सिहत छ ी उस दर स पान का हकदार होगा जो उपधारा (1) म िविनिदष ट ह

(4) िकसी िक त ारा न ली गई वह छ ी िजसका वह उपधारा (1) या उपधारा (2) क अधीन िकसी एक कलनडर वषर म हकदार हो उस छ ी म जोड़ दी जाएगी जो िक उ रवत कलनडर वषर क दौरान उस उपधारा क अधीन उस अनजञय हो

परनत उन छ ी क िदन की कल सखया जो ऐस िकसी िक त ारा सिचत की जा सकगी िकसी भी एक समय कल तीस िदन स अिधक न होगी

परनत यह और भी िक ऐसा वह िक त िजसन मजदरी सिहत छ ी क िलए आवदन िकया हो िकनत उस उपधारा (6) क अनसार ऐसी छ ी न दी गई हो िकसी सीमा क िबना अनपभक त छ ी क अगरनयन का हकदार होगा

(5) ऐसा कोई िक त उपधारा (1) उपधारा (2) और उपधारा (4) क अधीन उस समय अपन को अनजञय सारी छ ी या उसका कोई भाग लन क िलए खान क परबनधक स उस िदन स पदरह िदन स अनयन िदन पहल िलिखत आवदन कर सकगा िजस िदन वह अपनी छ ी आरमभ करना चाहता हो

परनत िकसी एक कलनडर वषर क दौरान तीन बार स अिधक छ ी न ली जा सकगी

(6) उपधारा (5) क उपबनध क अनसार ऐसी छ ी क िलए िकया गया आवदन तब क िसवाय नामजर नह िकया जाएगा जब िक छ ी अनद करन क िलए सशक त परािधकारी की यह राय हो िक पिरिसथित की आवशयकता क कारण छ ी नामजर की जानी चािहए ]

(7) यिद खान म िनयोिजत िक त अपनी मजदरी सिहत छ ी जो उस शष हो बीमारी की कालाविध क िलए लना चाहता हो तो चाह उसन छ ी क िलए आवदन उपधारा (5) म िविनिदष ट समय क अनदर न भी िकया हो तो भी उस वह छ ी अनद की जाएगी

(8) यिद खान का सवामी अिभकतार या परबनधक खान म िनयोिजत िक त क िनयोजन का पयरवसान उस िक त ारा अपनी वह कल छटटी ल ली जान क पवर कर द िजसका वह अपन िनयोजन क पयरवसान क िदन तक हकदार हो या यिद उस िक त न ऐसी छ ी क िलए आवदन िकया हो और ऐसी छ ी अनद न हई हो और वह िक त अपना िनयोजन छ ी लन स पवर छोड़ द तो खान का सवामी अिभकतार या परबनधक न ली गई छ ी क बार म धारा 53 क अधीन सदय रकम उस सद करगा और ऐसा सदाय वहा जहा िक

िक त क िनयोजन का पयरवसान सवामी अिभकतार या परबनधक ारा िकया जाए ऐस पयरवसान क पश चात क दसर कायर-िदवस क अवसान क पवर और जहा िक िक त अपना िनयोजन सवय छोड़ द वहा अगल वतन-िदवस को या उसक पवर िकया जाएगा

(9) खान म िनयोिजत िक त की अनपभक त छ ी उसक िनयोजन क पयरवसान क पवर िदए जान क िलए अपिकषत िकसी सचना की कालाविध की सगणना करन म िवचार म नह ली जाएगी

20

1[(10) जहा खान म िनयोिजत कोई िक त सवा स उनमोिचत या पदचयत िकया जाता ह अथवा वह अपना िनयोजन छोड़ता ह या अिधविषता पराप त करता ह अथवा सवा म रहत हए उसकी मतय हो जाती ह तो यथािसथित वह या उसक वािरस या उसका नाम-िनदिशती उपधारा (1) म िविनिदष ट दर स पिरकिलत उसको दय छ ी क सथान पर मजदरी पान का हकदार होगा यिदmdash

(क) भिम क नीच िकसी खान म िनयोिजत िक त की दशा म वह अपन िनयोजन की तारीख स लकर अपन उनमोचन या पदचयित की तारीख तक या िनयोजन छोड़न या अिधविषता या मतय की तारीख तक िदन की कल सखया क कम स कम आध िदन तक उपिसथित रहा ह और

(ख) िकसी अनय दशा म वह अपन िनयोजन की तारीख स लकर अपन उनमोचन या पदचयित या िनयोजन छोड़न या अिधविषता या मतय की तारीख तक िदन की कल सखया क कम स कम दो-ितहाई िदन तक उपिसथत रहा ह

और ऐसी मजदरी का सदाय खान क सवामी अिभकतार या परबनधक ारा धारा 53 म िविनिदष ट दर स जहा उस िक त को सवा स उनमोिचत या पदचयत कर िदया जाता ह अथवा वह िनयोजन छोड़ दता ह या अिधविषता पराप त कर लता ह वहा यथािसथित ऐस उनमोचन पदचयित िनयोजन छोड़न या अिधविषता क पश चात दसर कायर िदन की समािप त क पवर और जहा िनयोिजत िक त की सवा म रहत हए मतय हो जाती ह वहा उसकी मतय क दो मास की अविध क भीतर िकया जाएगा ]

सपष टीकरणmdash2[उपधारा (1) उपधारा (3) और उपधारा (10)] क परयोजन क िलए आध िदन या इसस अिधक की छ ी क िभन न को एक परा िदन माना जाएगा और आध िदन स कम वाला िभन न छोड़ िदया जाएगा

53 छ ी की कालाविध क दौरान मजदरीmdashउस छ ी क िलए जो खान म िनयोिजत िक त को धारा 52 क अधीन अनजञात हो उस सदाय ऐसी दर स िकया जाएगा जो उसकी छ ी क अ वितह पवरवत मास क उन िदन की बाबत िजनम वह िनयोिजत रहा हो कल पणरकािलक उपाजरन क उस दिनक औसत क बराबर हो जो उन उपाजरन म स िकसी अितकािलक मजदरी और बोनस को अपविजत करक िकनत उनम महगाई भ और नकद परितकर को िजसक अनतगरत खा ा और अनय वसत क िबना मलय िवतरण स परोदभावी ऐसा कोई परितकर (यिद कोई हो) िजसक हकदार खान म काम करन वाल िक त ततसमय ह आता ह सिममिलत करक आए

परनत यिद ऐस कोई औसत उपाजरन उपलबध न ह तो औसत की सगणना उसी मास क िलए वस ही िनयोिजत सब िक तय क कल पणरकािलक उपाजरन क दिनक औसत क आधार पर की जाएगी

54 कितपय दशा म अिगरम सदायmdashखान म िनयोिजत उस िक त को िजस चार स अनयन िदन की छ ी अनजञात की गई हो अनजञात छ ी की कालाविध क िलए शोधय मजदरी उसकी छ ी आरमभ होन स पहल द दी जाएगी

55 असद मजदरी की वसली का ढगmdashखान क सवामी अिभकतार या परबनधक ारा इस अधयाय क अधीन सद िकए जान क िलए अपिकषत िकनत उसक ारा असद कोई रकम मजदरी सदाय अिधिनयम 1936 (1936 का 4) क उपबनध क अधीन िवलिबत मजदरी क रप म वसलीय होगी

56 खान को छट की शिक तmdashजहा िक कनदरीय सरकार का यह समाधान हो जाए िक िकसी खान म िनयोिजत िक तय को लाग होन वाल छ ी क िनयम ऐसी परसिवधा का उपबनध करत ह जो उसकी राय म उन परसिवधा स कम अनकल नह ह िजनक िलए यह अधयाय उपबनध करता ह वहा वह उस खान को इस अधयाय क सब या िकनह उपबनध स छट िलिखत आदश ारा और ऐसी शत क अधयधीन जो उसम िविनिदष ट की जाए द सकगी ]

अधयाय 8

िविनयम िनयम और उपिविधया 57 िविनयम बनान की कनदरीय सरकार की शिक तmdashकनदरीय सरकार िनम निलिखत सब परयोजन या उनम स िकसी क िलए

ऐस िविनयम3 जो इस अिधिनयम स सगत हो शासकीय राजपतर म अिधसचना ारा बना सकगी अथारत mdash

(क) व अहरताए िविहत करना जो मखय िनरीकषक या िनरीकषक क रप म िनयिक त क िलए अपिकषत हो

(ख) इस अिधिनयम क अधीन खान क िनरीकषण क समबनध म मखय िनरीकषक और िनरीकषक क कतर और शिक तय को िविहत और िविनयिमत करना

(ग) खान क सवािमय अिभकतार और परबनधक क और उनक अधीन कायर करन वाल िक तय क कतर िविहत करना और खान क 4[अिभकतार और परबनधक और उनक अधीन कायर करन वाल िक तय की अहरताए (िजसक अनतगरत आय आती ह)] िविहत करना

1 1983 क अिधिनयम स० 42 की धारा 29 ारा (31-5-1984 स) अनतःसथािपत 2 1983 क अिधिनयम स० 42 की धारा 29 ारा (31-5-1984 स) ldquoउपधारा (1) और (3)rdquo क सथान पर परितसथािपत 3 कोयला खान िविनयम 1957 क िलए दिखए भारत का राजपतर (अगरजी) 1957 भाग 2 खणड 3 प 2569 और धातमय खान िविनयम 1961 क िलए दिखए भारत

का राजपतर 1961 भाग 2 अनभाग 3(i) प 360 4 1959 क अिधिनयम स० 62 की धारा 31 ारा (16-1-1960 स) ldquoपरबनधक की अहरताएrdquo शबद क सथान पर परितसथािपत

21

(घ) खान क परबनधक और उनक अधीन कायर करन वाल अनय िक तय को अपन कतर का पालन दकषतापवरक करन क िलए समथर बनान क िलए सिवधाए उपबिनधत की जान की अपकषा करना

(ङ) खान क परबनधक और उनक अधीन कायर करन वाल िक तय की अहरताए परीकषा ारा या अनयथा अिभिनिश चत करन की रीित को और सकषमता परमाणपतर क अनद और नवीकत िकए जान को िविनयिमत करना

(च) ऐसी परीकषा और ऐस परमाणपतर क अनदान तथा नवीकरण क बार म दी जान वाली फीस यिद कोई ह िनयत करना

(छ) उन पिरिसथितय को िजनम और उन शत को िजसक अधयधीन रहत हए एक स अिधक खान का एक ही परबनधक क अधीन रहना या िकसी खान या िकनह खान का िविहत अहरताए न रखन वाल परबनधक क अधीन रहना िविधपणर होगा अवधािरत करना

1[(ज) इस अिधिनयम क अधीन की जान वाली जाच क िलए िजनक अनतगरत इस अिधिनयम क अधीन परमाणपतर धारण करन वाल िकसी िक त क अवचार या अकषमता स सब कोई जाच आती ह उपबनध करना और ऐस िकसी परमाणपतर क िनलमबन और र िकए जान क िलए उपबनध करना और जहा भी आवशयक हो वहा यह उपबनध करना िक जाच करन क िलए िनयक त िकए गए िक त को सािकषय को हािजर करान और दसतावज और भौितक पदाथ को पश करान क परयोजन क िलए िसिवल परिकरया सिहता 1908 (1908 का 5) क अधीन की िसिवल नयायालय की सब शिक तया पराप त ह गी ]

(झ) भारतीय िवसफोटक अिधिनयम 1884 (1884 का 4) और तद धीन बनाए गए िकनह िनयम क उपबनध क अधयधीन रहत हए िवसफोटक का भडारकरण परवहण और उपयोग िविनयिमत करना

2[(ञ) 3 िस तरय का खान म या खान क िकसी वगर म या ऐस िविशष ट परकार क शरम म िजनम ऐस िक तय क जीवन कषम या सवासथय क िलए खतरा रहता ह िनयोजन परितिष िनबरिनधत या िविनयिमत करना और ऐस िक त

ारा एक बार म वहन िकए जा सकन वाल बोझ क भार को पिरसीिमत करना ]

(ट) खान म िनयोिजत िक तय क कषम उनम उनक परवश करन और वहा स उनक िनकलन क साधन क िलए और उन कपक या िनकास की सखया क िलए जो उपबध िकए जान ह और कपक गत िनकास पथया और अवतलन पर बाड़ लगाई जान क िलए उपबनध करना

(ठ) खान क सवामी स सदाय पान वाल और खान क सवामी या परबनधक क परित सीध उ रदायी िक तय स िभन न िकसी िक त का खान म परबनधक क रप म या िकसी अनय िविनिदष ट हिसयत म िनयोजन परितिष करना

4[(ड) सतमभ या खिनज खणड क सथान िनिश चत करन अनरकषण और िनकाल या छाट जान तथा एक खान और दसरी खान क बीच पयारप त रोध क अनरकषण सिहत खान म सड़क और काम क सथल की सरकषा क िलए उपबनध करना

(ढ) खान म खिनज और महबनद अिग न-कषतर का िनरीकषण और सागर क या िकसी सरोवर या नदी या िकसी अनय भप ीय जलरािश क चाह वह पराकितक हो चाह कितरम या िकसी लोक सड़क या िनमारण क समीप खिनत िवषयक िनबनधन और िकनह खिनत म पानी भर जान या आग लग जान या उनक समय-पवर ढह जान क िवर समयक पवारवधानी बरती जान की अपकषा करना ]

(ण) खान क सवातन का और धल अिग न और जवलनशील तथा अपायकर गस क िवषय म की जान वाली काररवाई का िजसक अनतगरत सवतःदहन भिम क नीच की अिग न और कोयल की धल क िवर पवारवधानी आती ह उपबनध करना

5[(त) खान म िव त क जनन भणडारकरण रपानतरण पारषण और उपयोग की भारतीय िव त अिधिनयम 1910 (1910 का 9) और तद धीन बनाए गए िकनह िनयम क उपबनध क अधयधीन रहत हए िविनयिमत करना और खान म क सब िव त उपकरण िव त तार और उनम की सब अनय मशीनरी और सयतर की दखभाल और उपयोग क िविनयमन क िलए उपबनध करना ]

(थ) 6[खान म मशीनरी का उपयोग िविनयिमत करना ऐसी मशीनरी पर या उसक आसपास और कषरण-माग पर िनयोिजत िक तय क कषम क िलए उपबनध करना] और भिम क नीच कछ वग क चिलतर का परयोग िनबरिनधत करना

(द) खान म उिचत परकाश क िलए उपबनध करना और उनम िनरापद और लमप का परयोग िविनयिमत करना और िजस खान म िनरापद लमप परयोग म लाए जात ह उसम परवश करन वाल िक तय की तलाशी लना

1 1959 क अिधिनयम स० 62 की धारा 31 ारा (16-1-1960 स) खड (ज) क सथान पर परितसथािपत 2 1959 क अिधिनयम स० 62 की धारा 31 ारा (16-1-1960 स) खड (ञ) क सथान पर परितसथािपत 3 1983 क अिधिनयम स० 42 की धारा 30 ारा (31-5-1984 स) ldquoकमार औरrdquo शबद का लोप िकया गया 4 1959 क अिधिनयम स० 62 की धारा 31 ारा (16-1-1960 स) खड (ड) और (ढ) क सथान पर परितसथािपत 5 1959 क अिधिनयम स० 62 की धारा 31 ारा (16-1-1960 स) खड (त) क सथान पर परितसथािपत 6 1983 क अिधिनयम स० 42 की धारा 30 ारा (31-5-1984 स) कितपय शबद क सथान पर परितसथािपत

22

(ध) खान म 1[जवलनशील गस या धल क] िवसफोटक या जवलन या पानी क फट िनकलन या सिचत होन क िवर और उनस उदभत खतर क िवर उपबनध करना और ऐसी पिरिसथितय म खिनज क िनकाल जान का परितषध िनबरनधन या िविनयमन करना िजनस यह समभा ता हो िक उसक पिरणामसवरप खान म 1[खिनत] समय-पवर ढह जाए या यह िक उसक पिरणामसवरप खान म 1[खिनत ] का ढह जाना या जल का फट िनकलना या जवलन घिटत होगा या गरतर हो जाएगा

(न) 2[धारा 23 की उपधारा (1) क खड (छ) क अधीन दघरटना क परकार िविहत करना और दघरटना और खतरनाक घटना की सचना का और खिनज उतपाद िनयोिजत िक तय तथा िविनयम ारा उपबिनधत अनय बात की सचना िरपोट और िववरिणय का खान क सवािमय अिभकतार और परबनधक ारा िदया जाना िविहत करना] और ऐसी सचना िववरिणय और िरपोट क पररप व िक त और परािधकारी िजनह व दी जानी ह व िविशि या जो उनम अनतिवष ट होनी ह और वह समय िजसक अनदर व िनविदन की जानी ह िविहत करना

3[(प) 4[खान क सवािमय अिभकतार और परबनधक स खान क िलए िनयत सीमाए रखन की अपकषा करना उनस ससक त रखाक और खडिचतर तथा सथलीय िटपपण जो उनक ारा रख जान ह िविहत करना] और वह रीित िजसस और व सथान िजनम ऐस रखाक खणडिचतर और सथलीय िटपपण अिभलख क परयोजन क िलए रख जान ह िविहत करना और उनकी परितय का मखय िनरीकषक को िनविदत िकया जाना और उनस यह अपकषा करना िक व नए सवकषण कर और नए रखाक बनाए और अननपालन की दशा म िकसी अनय अिभकरण क माधयम स सवकषण कराना और रखाक तयार कराना और उनक य की वसली उसी रीित स करना िजसस भ-राजसव की बकाया होती ह ]

(फ) 5[िसथित स परभावी ढग स िनपटन क परयोजन क िलए] खान म या उनक आसपास दघरटना या आकिसमक िवसफोट या जवलन क घिटत होन पर अपनाई जान वाली परिकरया िविनयिमत करना

(ब) खान क सवामी अिभकतार या परबनधक ारा धारा 16 क अधीन दी जान वाली सचना का पररप और उसम अनतिवष ट होन वाली िविशि या िविहत करना

(भ) वह सचना िविहत करना जो िकसी ऐस सथान पर जो भारतीय रल अिधिनयम 1890 (1890 का 9) क उपबनध क अधयधीन की िकसी रल क या 6[यथािसथित िकनह ऐसी लोक सड़क या अनय सकम क जो सरकार ारा या िकसी सथानीय परािधकारी ारा अनरिकषत ह ] 7[पतालीस मीटर] क अनदर का हो खनन सिकरयाए परारमभ करन या उस तक िवसतािरत करन क पवर खान क सवामी अिभकतार या परबनधक ारा दी जानी ह

(म) िकसी खान क बार म उस दशा म जबिक खिनत म काम बनद कर िदया गया हो सरकार या िकसी सथानीय परािधकारी या भारतीय रल अिधिनयम 1890 (1890 का 9) म यथापिरभािषत िकसी रल कमपनी म िनिहत समपि की कषित स सरकषा

8[(मम) खान क सवामी अिभकतार या परबनधक स यह अपकषा करना िक खान क बनद िकए जान क पवर सरकषा-सकमर सि िमत कर और अननपालन की दशा म ऐस सकमर िकसी अनय अिभकरण ारा िनषपािदत कराना और ऐस सवामी स उनक य की वसली उसी रीित स करना िजसस भ-राजसव की बकाया की होती ह ]

(य) िकसी खान या खान क भाग या िकसी खदान आनित कपक गतर या िनकास म चाह उसका कायरकरण हो रहा हो या नह या िकसी खतरनाक या परितिष कषतर अवतलन कषरण टराम लाइन या पथया पर जहा जनता क सरकषण क िलए बाड़ लगाना आवशयक हो बाड़ लगाई जान की अपकषा करना

(यय) कोई अनय बात जो िविहत की जानी ह या िविहत की जाए

58 िनयम बनान की कनदरीय सरकार की शिक तmdashकनदरीय सरकार िनिम निलिखत सब परयोजन या उनम स िकसी क िलए ऐस िनयम जो इस अिधिनयम स सगत ह शासकीय राजपतर म अिधसचना ारा बना सकगी अथारत --

9[(क) सिमित क सदसय की पदाविध और उनकी सवा की अनय शत का तथा िरिक तया भरन की रीित का उपबनध कराना और अपना कारबार चलान क िलए सिमित ारा अनसिरत की जान वाली परिकरया िविनयिमत करना

(ख) धारा 23 की उपधारा (3) म िनिदष ट रिजसटर का पररप िविहत करना

1 1959 क अिधिनयम स० 62 की धारा 31 ारा (16-1-1960 स) अनतःसथािपत 2 1959 क अिधिनयम स० 62 की धारा 31 ारा (16-1-1960 स) ldquoसचनाए िविहत करन क िलएrdquo क सथान पर परितसथािपत 3 1959 क अिधिनयम स० 62 की धारा 31 ारा (16-1-1960 स) खड (प) क सथान पर परितसथािपत 4 1983 क अिधिनयम स० 42 की धारा 30 ारा (31-5-1984 स) कितपय शबद क सथान पर परितसथािपत 5 1983 क अिधिनयम स० 42 की धारा 30 ारा (31-5-1984 स) अनतःसथािपत 6 1959 क अिधिनयम स० 62 की धारा 31 ारा (16-1-1960 स) कितपय शबद क सथान पर परितसथािपत 7 1983 क अिधिनयम स० 42 की धारा 30 ारा (31-5-1984 स) ldquoपचास गजrdquo क सथान पर परितसथािपत 8 1959 क अिधिनयम स० 62 की धारा 31 ारा (16-1-1960 स) अनतःसथािपत 9 1983 क अिधिनयम स० 42 की धारा 31 ारा (31-5-1984 स) खड (क) क सथान पर परितसथािपत

23

(ग) धारा 24 क अधीन जाच नयायालय की िनयिक त क िलए उपबनध करना ऐस नयायालय की परिकरया और शिक तया िविनयिमत करना ऐस नयायालय क सदसय को यातरा-भ का सदाय करना और सयक त खान क परबनधक सवामी या अिभकतार स उक त नयायलय क य की 1[िजनक अनतगरत जाच स ससक त कोई अनय य आत ह] 2[उसी रीित स जस भ-राजसव की बकाया वसल की जाती ह] वसली करना

2[(गग) खान म िनयोिजत िक तय की ओर स तकनीकी िवशषजञ ारा (जो परािसथित म ओवरमन स कम नह ह) खान क िनरीकषण क िलए उसक िलए दी जान वाली सिवधा क िलए वह आवित िजस पर और वह रीित िजसम ऐस िनरीकषण िकए जाएग और वह रीित िजसम ऐस िनरीकषण की िरपोटर दी जाएगी उपबनध करना ]

(घ) िजन खान म कोई ि या िनयोिजत ह या पवरवत बारह मास म िकसी िदन िनयोिजत रह ह उनम ऐसी िस तरय क छह वषर स कम आय वाल बालक क उपयोग क िलए आरिकषत िकए जान वाल समिचत कमर बनाए रखन की अपकषा करना और या तो साधारणतः या खान म िनयोिजत िस तरय की सखया क परित िविशष ट िनदश स ऐस कमर की सखया और सतरमान और उन सख-सिवधा की जो उनम उपबिनधत की जानी ह और उस पयरवकषण की जो उनम िकया जाना ह परकित और िवसतार िविहत करना

(ङ) खान म िनयोिजत परष क उपयोग क िलए फहारयक त स नान सथान और लॉकर ककष और िजन खान म ि या िनयोिजत ह उनम िस तरय क उपयोग क िलए वस ही पथक सथान और ककष गतरमख पर या उनक आसपास बनाए रख जान की अपकषा करना और या तो साधारणतः या खान म मामली तौर पर िनयोिजत परष और िस तरय की सखया क परित िविशष ट िनदश स ऐस सथान और ककष की सखयाए और सतरमान िविहत करना

(च) खान म सवचछता का जो सतरमान बनाए रखना ह उस खान म उपबिनधत िकए जान वाल शौचालय और मतरालय का आनपाितक मान िविहत करना और 3 पय जल क परदाय क िलए िकया जान वाला उपबनध

1[(चच) िचिकतसीय सािधतर और सख-सिवधा क परदाय और बनाए रख जान क िलए उपबनध करना और पराथिमक उपचार बकस और कपबोड की अनतवरसतए और सखयाए पराथिमक उपचार क काम म परिशकषण पराथिमक उपचार कमर क आकार और उपसकर और उनक भारसाधक कमरचािरवनद और कषितगरसत िक तय को िचिकतसालय या औषधालय को परवहण करन क िलए इतजाम िविहत करना

(चचच) उन व यिक तय को जो खान म पयरवकषण या परबन ध क पद स िभन न पद पर िनयोिजत ह या िनयोिजत िकए जान ह व यावहािरक िशकषण िदए जान या परिशिकषत िकए जान की अपकषा करना और ऐस िशकषण और परिशकषण क िलए स कीम िविहत करना]

(छ) खान म मादक पय या औषिधय को कबज म रखन को या उनक उपभोग को और म ता की हालत म िकसी िक त क उनम परवश या उपिसथित को परितिष करना

(ज) धारा 36 क अधीन अपिकषत सचना क पररप िविहत करना और यह अपकषा करना िक ऐसी सचनाए िविनिदष ट भाषा म भी लगाई जाए

(झ) उन िक तय को पिरभािषत करना िजनकी बाबत धारा 37 क परयोजन क िलए यह समझा जाएगा िक व पयरवकषण या परबनध क पद धारण िकए हए ह या िकसी गोपनीयता की हिसयत म िनयोिजत ह

(ञ) उन िक तय या िक तय क िकसी वगर का खान म िनयोजन परितिष करना िजनकी बाबत िकसी अिहत िचिकतसा- वसायी ारा यह परमािणत न िकया गया हो िक उनह न अपना पदरहवा वषर परा कर िलया ह और वह रीित और व पिरिसथितया िजनम ऐस परमाणपतर अनद और परितसहत िकए जा सकग िविहत करना

4

1[(टट) खान म िनयोिजत या िनयोजन चाहन वाल िक तय स यह अपकषा करना िक व अपन को िचिकतसीय परीकषा क िलए परसतत कर और खान म िकसी िक त का िनयोजन िकए जान का आतयितक परितषध या िकसी िविशष ट हिसयत म या िविशष ट काम म िकए जान का परितषध िचिकतसीय आधार पर करना ]

5[(ठ) धारा 48 ारा अपिकषत रिजसटर क पररप और अधयाय 7 क परयोजन क िलए रिजसटर रखा जाना और उनक पररप िविहत करना ]

(ड) इस अिधिनयम को और िविनयम और िनयम की सिकषिप तया और वह भाषा िजसम सिकषिप तया और उपिविधया धारा 61 और 62 म अपिकषत रप स लगाई जाएगी िविहत करना

1 1959 क अिधिनयम स० 62 की धारा 32 ारा (16-1-1960 स) अनतःसथािपत 2 1983 क अिधिनयम स० 42 की धारा 31 ारा (31-5-1984 स) अनतःसथािपत 3 1959 क अिधिनयम स० 62 की धारा 32 ारा (16-1-1960 स) कितपय शबद का लोप िकया गया 4 1983 क अिधिनयम स० 42 की धारा 31 ारा (31-5-1984 स) (ट) का लोप िकया गया 5 1959 क अिधिनयम स० 62 की धारा 32 ारा (16-1-1960 स) खड (ठ) क सथान पर परितसथािपत

24

(ढ) यह अपकषा करना िक िजन बात क िलए िनयम बनाए गए ह उनस सब सचनाए िववरिणया और िरपोट खान क सवामी अिभकतार और परबनधक द और ऐसी सचना िववरिणय और िरपोट क पररप व िक त और परािधकारी िजनह व दी जानी ह व िविशि या जो उनम अनतिवष ट होनी ह और व समय िजनक अनदर व िनविदत की जानी ह िविहत करना

(ण) िजन खान म 1 पचास स अिधक िक त मामली तौर पर िनयोिजत रहत ह उनम भोजन करन क िलए यथायोगय और उपयक त ऐस आशरय क िजनम पीन क पानी का उपबनध भी हो उपबिनधत िकए जान और बनाए रख जान की अपकषा करना

(त) मखय िनरीकषक या िनरीकषक ारा इस िनिम िविनिदष ट िकसी ऐसी खान म िजसम दो सौ पचास स अिधक िक त मामली तौर पर िनयोिजत रहत ह ऐस िक तय क उपयोग क िलए कोई कटीन या कटीन उपबिनधत की जान और

बनाए रखी जान की अपकषा करना

(थ) हर ऐसी खान म िजसम पाच सौ या अिधक िक त मामली तौर पर िनयोिजत रहत ह इतनी सखया म कलयाण आिफसर िनयोिजत िकए जान की अपकषा करना िजतनी िविनिदष ट की जाए और ऐस कलयाण आिफसर की अहरताए और सवा क िनबनधन और शत और उनक ारा पालनीय कतर िविहत करना

2[(द) िविनिदष ट खान या िविनिदष ट खान क समह क िलए या िकसी िविनिदष ट कषतर की सब खान क िलए बचाव सटशन की सथापना की जान की अपकषा करना और यह िविहत करना िक ऐस सटशन कस और िकसक ारा सथािपत िकए जाएग

(ध) बचाव सटशन क परबनध क िलए उपबनध करना

(धक) बचाव िबरगड का गठन करन वाल िक तय की शारीिरक योगयता क मानक और अनय अहरता क िलए उपबनध करना

(धख) बचाव िबरगड का गठन करन वाल िक तय का िनवास-सथान िविहत करना ]

(न) 3 बचाव सटशन की िसथित उपसकर िनयतरण अनरकषण और कतय िविहत करना 4[(प) खड (द) क अधीन िविनिदष ट खान म उतपािदत और वहा स परिषत कोक और कोयल पर (पच चीस पस परित

टन स अनिधक दर स) उतपाद-शलक क उद गहण और सगरहण क िलए ऐसी खान क िलए बचाव सटशन िनिध का सजन करन क िलए भारत की सिचत िनिध म जमा िकए गए ऐस उपकर क आगम म स उन धनरािशय क जो कनदरीय सरकार ससद

ारा िविध ारा इस िनिम समयक िविनयोग िकए जान क पश चात उपबिनधत कर ऐसी िनिध म जमा िकए जान क िलए उस रीित क िलए िजसम ऐसी िनिध म स धन का उपयोग िकया जाएगा और ऐसी िनिध क परशासन क िलए उपबनध करना

(फ) बचाव िबरगड़ क बनाव परिशकषण सरचना और कतर क िलए 5 और साधारणतः खान म बचाव कायर क सचालन क िलए उपबनध करना 6

7[(फफ) िविनिदष ट खान या िविनिदष ट खान क समह क िलए सरकषा सिमितय क गठन क िलए या सरकषा की अिभवि करन क िलए िकसी िविनिदष ट कषतर म सभी खान क िलए और ऐसी सरकषा सिमितय की सरचना उनक गठन और कतय की रीित अिधकिथत करन क िलए उपबनध करना तथा]

(ब) साधारणतः िकसी ऐस मामल क िलए उपबनध करना िजनक िलए इस अिधिनयम या िविनयम ारा उपबनध न िकया गया हो और िजसक िलए उपबनध इस अिधिनयम को परभावी करन क िलए अपिकषत हो

59 िविनयम और िनयम का पवर परकाशनmdash(1) धारा 57 और 58 ारा परद िविनयम और िनयम बनान की शिक त इस शतर क अधयधीन ह िक य िविनयम और िनयम पवर परकाशन क पश चात बनाए जाएग

(2) जो तारीख साधारण खड अिधिनयम 1897 (1897 का 10) की धारा 23 क खड (3) क अनसार उस तारीख क रप म िविनिदष ट की जानी ह िजसक पश चात िक बनाए जान क िलए परसथािपत िविनयम या िनयम क परारप पर िवचार िकया जाएगा वह उस तारीख स तीन मास स कम की होगी िजसको परसथािपत िविनयम या िनयम का परारप साधारण जानकारी क िलए परकािशत िकया जाए

1 1959 क अिधिनयम स० 62 की धारा 32 ारा (16-1-1960 स) ldquoएक सौ औरrdquo शबद का लोप िकया गया 2 1983 क अिधिनयम स० 42 की धारा 31 ारा (31-5-1984 स) खड (द) और (ध) क सथान पर परसथािपत 3 1983 क अिधिनयम स० 42 की धारा 31 ारा (31-5-1984 स) ldquoकनदरीयrdquo शबद का लोप िकया गया 4 1983 क अिधिनयम स० 42 की धारा 31 ारा (31-5-1984 स) खड (प) क सथान पर परितसथािपत 5 1983 क अिधिनयम स० 42 की धारा 31 ारा (31-5-1984 स) कितपय शबद का लोप िकया गया 6 1983 क अिधिनयम स० 42 की धारा 31 ारा (31-5-1984 स) ldquoऔरrdquo शबद का लोप िकया गया 7 1983 क अिधिनयम स० 42 की धारा 31 ारा (31-5-1984 स) अनतःसथािपत

25

1

2[(4) कोई भी िविनयम या िनयम तब तक नह बनाया जाएगा जब तक िक उस िविनयम या िनयम का परारप धारा 12 की उपधारा (1) क अधीन गिठत सिमित को िनदिशत न कर िदया गया हो और जब तक उस सिमित को उसक बनाए जान की समीचीनता और उसक उपबनध की उपयक तता की बाबत िरपोटर दन का यिक तयक त अवसर न िमल गया हो ]

(5) िविनयम और िनयम शासकीय राजपतर म परकािशत िकए जाएग और ऐस परकािशत िकए जान पर ऐस परभाव रखग मानो व इस अिधिनयम म अिधिनिमत ह

(6) उपधारा (1) उपधारा (2) और उपधारा (4) क उपबनध उस अवसर को लाग न ह ग िजस पर धारा 58 क खड (घ) या खड (ङ) म िनदिशत िनयम सवरपरथम बनाए जाए

3

60 पवर परकाशन क िबना िविनयम बनान की शिक तmdashयिद कनदरीय सरकार का समाधान हो जाए िक आशिकत खतर का िनवारण करन या खतरा पदा करन की सभा ता रखन वाली िसथितय का शीघर उपचार करन क िलए यह आवशयक ह िक ऐस िविनयम बनान म वह िवलमब न होन िदया जाए जो ऐस परकाशन और िनदशन स होगा तो धारा 57 4 क अधीन िविनयम धारा 59 की उपधारा (1) उपधारा (2) और उपधारा 5[(4)] म अनतिवष ट िकसी बात क होत हए भी पवर परकाशन और 6[धारा 12 की उपधारा (1) क अधीन गिठत सिमित] को 7 िनदशन क िबना बनाए जा सकग

परनत इस परकार बनाए गए िविनयम 8[सिमित की जानकारी क िलए भज जाएग और] बनाए जान स 9[एक वषर] स अिधक क िलए परव नह रहग

61 उपिविधयाmdash(1) खान का सवामी अिभकतार या परबनधक 10[उस खान म िकसी िवशष मशीनरी क उपयोग या कायरकरण की िकसी िवशष प ित को अपनाए जान क शािस त करन क िलए] इस अिधिनयम या िकनह ततसमय परव िविनयम या िनयम स असगत न होन वाली ऐसी उपिविधय का परारप जसी िक ऐसा सवामी अिभकतार या परबनधक उस खान म दघरटना का िनवारण करन क िलए और उसम िनयोिजत िक तय क कषम सिवधा और अनशासन हत उपबनध करन क िलए आवशयक समझ तयार कर सकगा और मखय िनरीकषक या िनरीकषक को िनविदत कर सकगा और यिद ऐसा करन की उसस अपकषा मखय िनरीकषक या िनरीकषक ारा की जाए तो तयार करगा और िनविदत करगा

(2) यिद ऐसा कोई सवामी अिभकतार या परबनधकmdash

(क) मखय िनरीकषक या िनरीकषक ारा ऐसा करन की उसस अपकषा की जान क पश चात दो मास क अनदर उपिविधय का परारप िनविदत करन म असफल रह अथवा

(ख) उपिविधय का ऐसा परारप िनविदत कर जो मखय िनरीकषक या िनरीकषक की राय म पयार न हो

तो मखय िनरीकषक या िनरीकषकmdash

(i) ऐसी उपिविधय का परारप परसथािपत कर सकगा जो उस पयार परतीत ह अथवा

(ii) सवामी अिभकतार या परबनधक ारा जो परारप उस िनविदत िकया गया हो उसम ऐस सशोधन परसथािपत कर सकगा िजनस उसकी राय म वह पयार हो जाएगा और ऐसी परारप-उपिविधया या परारप-सशोधन यथािसथित सवामी अिभकतार या परबनधक क पास िवचार क िलए भजगा

(3) यिद उस तारीख स िजसको कोई परारप-उपिविधया या परारप-सशोधन मखय िनरीकषक या िनरीकषक न सवामी अिभकतार या परबनधक क पास उपधारा (2) क उपबनध क अधीन भज ह दो मास की कालाविध क अनदर मखय िनरीकषक या िनरीकषक और सवामी अिभकतार या परबनधक उपधारा (1) क अधीन बनाई जान वाली उपिविधय क िनबनधन क िवषय म परसपर सहमत होन म

1 1959 क अिधिनयम स० 62 की धारा 33 ारा (16-1-1960 स) उपधारा (3) का लोप िकया गया 2 1983 क अिधिनयम स० 42 की धारा 32 ारा (31-5-1984 स) उपधारा (4) क सथान पर परितसथािपत 3 1983 क अिधिनयम स० 42 की धारा 32 ारा (31-5-1984 स) उपधारा (7) का लोप िकया गया 4 1959 क अिधिनयम स० 62 की धारा 34 ारा (16-1-1960 स) ldquoक खड (ठ) को अपविजत करत हए खड (झ) और खड (ट) स (ख) (ध)rdquo शबद को क और अकषर का

लोप िकया गया 5 1959 क अिधिनयम स० 62 की धारा 34 ारा (16-1-1960 स) ldquo(3)rdquo क सथान पर परितसथािपत 6 1983 क अिधिनयम स० 42 की धारा 33 ारा (31-5-1984 स) ldquoखनन बोड rdquo क सथान पर परितसथािपत 7 1959 क अिधिनयम स० 62 की धारा 34 ारा (16-1-1960 स) ldquoपवरrdquo शबद का लोप िकया गया 8 1983 क अिधिनयम स० 42 की धारा 33 ारा (31-5-1984 स) अनतःसथािपत 9 1959 क अिधिनयम स० 62 की धारा 34 ारा (16-1-1960 स) ldquoदो वषरrdquo क सथान पर परितसथािपत 10 1983 क अिधिनयम स० 42 की धारा 34 ारा (31-5-1984 स) कितपय शबद क सथान पर परितसथािपत

26

असमथर रह तो मखय िनरीकषक या िनरीकषक परारप-उपिविधय को पिरिनधाररण क िलए 1[धारा 12 की उपधारा (1) क अधीन गिठत सिमित को] िनदिशत करगा

(4) (क) जबिक ऐसी पररप-उपिविधय पर अिभकतार या परबनधक और मखय िनरीकषक सहमत हो गए ह या जबिक उनक सहमत होन म असमथर होन पर व 2[धारा 12 की उपधारा (1) क अधीन गिठत सिमित को] ारा पिरिनधारिरत कर दी गई ह तब मखय िनरीकषक या िनरीकषक ारा परारप-उपिविधय की एक परित कनदरीय सरकार को अनमोदनाथर भजी जाएगी

(ख) कनदरीय सरकार परारप-उपिविधय म ऐसा उपातरण कर सकगी जसा वह ठीक समझ

(ग) इसस पवर िक कनदरीय सरकार परारप-उपिविधय का अनमोदन चाह उपातर क सिहत या उनक िबना कर उपिविधया बनान की परसथापना की और उस सथान की जहा परारप-उपिविधय की परितया अिभपरा की जा सकगी और उस समय की (जो तीस िदन स कम का न होगा) इसक अनदर िक परभािवत िक तय क ारा या उनकी ओर स परारप-उपिविधय क परित िकया गया कोई आकषप कनदरीय सरकार को भजा जाना चािहए सचना ऐसी रीित स जसी कनदरीय सरकार परभािवत िक तय की जानकारी दन क िलए उपयक ततम समझ परकािशत की जाएगी

(घ) हर आकषप िलिखत होगा और उसमmdash

(i) आकषप क िविशष ट आधार तथा

(ii) चाह गए लोप पिरवधरन या उपानतर

किथत ह ग

(ङ) उन िक तय क ारा या उनकी ओर स िजनकी बाबत कनदरीय सरकार को यह परतीत हो िक व तद ारा परभािवत िक त ह अपिकषत समय क अनदर िकए गए आकषप पर वह सरकार िवचार करगी और उपिविधय पर या तो उस रप म िजसम व परकािशत की गई थ या उनम ऐस सशोधन करक िजनह वह ठीक समझ अनमोिदत कर सकगी

(5) कनदरीय सरकार ारा इस परकार अनमोिदत हो जान पर उपिविधया इस परकार परभावी ह गी मानो व इस अिधिनयम म अिधिनयिमत ह और खान का सवामी अिभकतार या परबनधक उन उपिविधय की एक परित अगरजी म और ऐसी अनय भाषा या भाषा म जसी िविहत की जाए खान म या उसक आसपास िकसी ऐस सहजदशय सथान पर लगवाएगा जहा व उपिविधया िनयोिजत

िक तय ारा सिवधापवरक पढ़ी या दखी जा सक और िजतनी बार व िवरिपत हो जाए िमट जाए या नष ट हो जाए उतनी बार यिक तयक त शीघरता क साथ उनह नए िसर स लगवाएगा

(6) कनदरीय सरकार इस परकार िनिमत िकसी उपिविध को िलिखत आदश ारा पणरतः या भागतः िवखिडत कर सकगी और तदपिर ऐसी उपिविध तदनसार परभावहीन हो जाएगी

3[61क िविनयम िनयम और उपिविधय का ससद क समकष रखा जानाmdashधारा 57 क अधीन बनाया गया परतयक िविनयम धारा 58 क अधीन बनाया गया परतयक िनयम और धारा 61 क अधीन बनाई गई परतयक उपिविध बनाई जान क पश चात यथाशीघर ससद क परतयक सदन क समकष जब वह सतर म हो कल तीस िदन की अविध क िलए रखा जाएगा या रखी जाएगी यह अविध एक सतरा म अथवा दो या अिधक आनकरिमक सतर म परी हो सकगी यिद उस सतर क या पव क त आनकरिमक सतर म अवसान क पवर दोन सदन उस िविनयम िनयम या उपिविध म कोई पिरवतरन करन क िलए सहमत हो जाए तो ततपश चात वह ऐस पिरवितत रप म ही परभावी होगा या होगी यिद उक त अवसान क पवर दोन सदन सहमत हो जाए िक वह िविनयम िनयम या उपिविध नह बनाया या बनायी जानी चािहए तो ततपश चात वह िनषपरभाव हो जाएगा या हो जाएगी िकनत यथािसथित िविनयम िनयम या उपिविधय क ऐस पिरवितत या िनषपरषभाव होन स उसक अधीन पहल की गई िकसी बात की िविधमानयता पर परितकल परभाव नह पड़गा ]

62 अिधिनयम िविनयम आिद की सिकषिप तया लगवानाmdashहर खान म या उसक आसपास अगरजी म और ऐसी अनय भाषा या भाषा म जो िविहत की जाए अिधिनयम की और िविनयम और िनयम की िविहत सिकषिप तया लगाई रखी जाएगी

अधयाय 9

शािसतया और परिकरया 63 बाधा डालनाmdash(1) जो कोई मखय िनरीकषक िनरीकषक या धारा 8 क अधीन परािधकत िकसी िक त क इस अिधिनयम क अधीन क उसक अपन कतर क िनवरहन म बाधा डालगा या मखय िनरीकषक िनरीकषक या ऐस िक त को िकसी खान क समबनध म इस अिधिनयम क ारा या अधीन परािधकत कोई परवश िनरीकषण परीकषा या जाच करन क िलए कोई यिक तयक त सिवधा दन स इनकार करगा या दन म जानबझकर उपकषा करगा वह कारावास स िजसकी अविध तीन मास तक की हो सकगी या जमारन स जो पाच सौ रपए तक का हो सकगा या दोन स दणडनीय होगा

1 1983 क अिधिनयम स० 42 की धारा 34 ारा (31-5-1984 स) कितपय शबद क सथान पर परितसथािपत 2 1983 क अिधिनयम स० 42 की धारा 34 ारा (31-5-1984 स) कितपय शबद क सथान पर परितसथािपत 3 1983 क अिधिनयम स० 42 की धारा 35 ारा (31-5-1984 स) अतःसथािपत

27

(2) जो कोई इस अिधिनयम क अनसरण म रख गए िकनह रिजसटर या अनय दसतावज को मखय िनरीकषक या िनरीकषक की माग पर पश करन स इनकार करगा अथवा िकसी ऐस िनरीकषण आिफसर क समकष जो इस अिधिनयम क अधीन क अपन कतर क अनसरण म कायर कर रहा ह उपसजात होन या उसक ारा परीकषा की जान स िकसी िक त को िनवािरत करगा या िनवािरत करन का परयत न करगा या कोई ऐसा कायर करगा िजसक बार म उसक पास यह िवश वास करन का कारण हो िक उसस उसका इस परकार िनवािरत होना सभा ह वह जमारन स जो तीन सौ रपए तक का हो सकगा दणडनीय होगा

64 अिभलख का िमथयाकरण आिदmdashजो कोईmdash

(क) इस अिधिनयम क अधीन अनद िकसी परमाणपतर का या परमाणपतर की िकसी कायारलय परित का कटकरण करगा या जानत हए उसम िमथया कथन करगा अथवा

(ख) जानत हए ऐस िकसी कटकतय या िमथया परमाणपतर को असली क रप म उपयोग म लाएगा अथवा

(ग) कोई िमथया घोषणा कथन या सा य यह जानत हए िक वह िमथया ह अपन िलए या िकसी अनय िक त क िलए इस अिधिनयम क अधीन परमाणपतर अिभपरा करन या परमाणपतर का नवीकरण करान या खान म िनयोजन अिभपरा करन क परयोजनाथर करगा या बनाएगा या पश करगा या उपयोग म लाएगा अथवा

1[(घ) िकसी ऐस रखाक खडिचतर रिजसटर या अिभलख का िमथयाकरण करगा िजसका रखा जाना इस अिधिनयम क ारा या अधीन अपिकषत हो या ऐसा िमथया रखाक खडिचतर रिजसटर या अिभलख उस िमथया जानत हए िकसी परािधकारी क

समकष पश करगा अथवा]

(ङ) कोई ऐसा रखाक िववरणी सचना अिभलख या िरपोटर बनाएगा दगा या पिरद करगा िजसम ऐसा कथन परिवि या बयौरा अनतिवष ट हो जो उसकी सव म जानकारी या िवश वास क अनसार सही न हो

वह कारावास स िजसकी अविध तीन मास तक की हो सकगी या जमारन स जो 2[एक हजार रपए] तक का हो सकगा या दोन स दणडनीय होगा

65 िमथया योगयता परमाणपतर का उपयोगmdashजो कोई 3[धारा 43] क अधीन अनय िक त को अनद िकसी परमाणपतर का उस धारा क अधीन अपन को योगयता-परमाणपतर क रप म जानत हए उपयोग करगा या उपयोग करन का परयत न करगा या उस धारा क अधीन अपन को योग यता-परमाणपतर अनद िकए जान पर जानत हए अनय िक त को उसका उपयोग करन दगा या उपयोग करन का परय करन दगा वह कारावास स िजसकी अविध एक मास तक की हो सकगी या जमारन स जो 4[दो सौ] रपए तक का हो सकगा या दोन स दणडनीय ोगा

िक तयक त कारण क िजस सािबत करन का भार उस पर होगा करगा जमारन स जो 6[एक हजार] रपए क का हो

ास स िजसकी विध तीन

ोिजत िकया जाता ह तो ऐसी खान का सवामी अिभकतार या परबनधक ऐस जमारन स जो पाच सौ रपए क का हो

ी अविध तीन मास तक की हो सकगी या जमारन स जो 10[दो हजार पाच सौ] रपए तक का हो सकगा या दोन स दणडनीय होगा

66 रखाक आिद दन का लोपmdashकोई िक त जो इस अिधिनयम क ारा या अधीन बनाए जान या िदए जान क िलए अपिकषत कोई रखाक 5[खडिचतर] िववरणी सचना रिजसटर अिभलख या िरपोटर िविहत पररप म या िविहत रीित स या िविहत समय पर या क भीतर बनान या दन का लोप िकए िबना यत सकगा दणडनीय होगा

67 शरिमक क िनयोजन िवषयक उपबनध का उललघनmdashजो कोई उसक िसवाय जसा िक धारा 38 ारा अनजञात ह इस अिधिनयम क या िकसी िविनयम िनयम या उपिविध क या तद धीन िकए गए िकसी आदश क िकसी ऐस उपबनध का उललघन करगा जो खान म या उसक आसपास िक तय क िनयोजन या उनकी उपिसथित को परितिष िनबरिनधत या िविनयिमत करता हो वह कारावअ मास तक की हो सकगी या जमारन स जो 7[एक हजार] रपए तक का हो सकगा या दोन स 8 दडनीय होगा

9[68 अठारह वषर स कम आय क िक तय क िनयोजन क िलए शािसतmdashयिद अठारह वषर स कम आय क िकसी िक त को धारा 40 क उललघन म िकसी खान म िनयत सकगा दणडनीय होगा ]

69 परबनधक िनयक त करन म असफलताmdashधारा 17 क उपबनध क उललघन म जो कोई परबनधक िनयक त करन म असफल रहगा वह कारावास स िजसक11

1 1959 क अिधिनयम स० 62 की धारा 35 ारा (16-1-1960 स) खड (घ) क सथान पर परितसथािपत 2 1959 क अिधिनयम स० 62 की धारा 35 ारा (16-1-1960 स) ldquoपाच सौ रपएrdquo क सथान पर परितसथािपत 3 1983 क अिधिनयम स० 42 की धारा 36 ारा (31-5-1984 स) ldquoधारा 40rdquo क सथान पर परितसथािपत 4 1959 क अिधिनयम स० 62 की धारा 36 ारा (16-1-1960 स) ldquoपचासrdquo क सथान पर परितसथािपत 5 1959 क अिधिनयम स० 62 की धारा 37 ारा (16-1-1960 स) अनतःसथािपत 6 1959 क अिधिनयम स० 62 की धारा 37 ारा (16-1-1960 स) ldquoदो सौrdquo क सथान पर परितसथािप 7 1959 क अिधिनयम स० 62 की धारा 38 ारा (16-1-1960 स) ldquoपाच सौrdquo क सथान पर परितसथािपत 8 1959 क अिधिनयम स० 62 की धारा 38 ारा (16-1-1960 स) कितपय शबद का लोप िकया गया 9 1983 क अिधिनयम स० 42 की धारा 37 ारा (31-5-1984 स) धारा 68 क सथान पर परितसथािपत 10 1959 क अिधिनयम स० 62 की धारा 39 ारा (16-1-1960 स) ldquoपाच सौrdquo क सथान पर परितसथािपत 11 1959 क अिधिनयम स० 62 की धारा 39 ारा (16-1-1960 स) कितपय शबद का लोप िकया गया

28

70 दघरटना की सचनाmdash(1) धारा 23 की उपधारा (1) क उपबनध क उललघन म जो कोई िकसी दघरटना की सचना दन म या उस सचना की परित उस उपधारा म िनिदष ट िवशष सचनाप पर लगान म और िविनिदष ट कालाविध क िलए वहा रखन म असफल रहगा वह कारावास स िजसकी अविध तीन मास तक की हो सकगी या जमारन स जो पाच सौ रपए तक का हो सकगा या दोन स दणनीय होगा

(2) कनदरीय सरकार ारा धारा 23 की उपधारा (3) क अधीन िदए गए िनदश क उललघन म जो कोई िकसी दघरटना को िविहत रिजसटर म अिभिलिखत करन म या उसकी सचना दन म असफल रहगा वह कारावास स िजसकी अविध तीन मास तक की हो सकगी या जमारन स तो पाच सौ रपए तक का हो सकगा या दोन स दणडनीय होगा

71 कितपय मामल म सवामी आिद का मखय िनरीकषक को िरपोटर दनाmdashजहा िक खान क यथािसथित सवामी अिभकतार या परबनधक न खान म या उसक आसपास िनयोिजत िकसी िक त क िवर कायरवाही इस अिधिनयम क अधीन क िकसी अपराध क बार म की हो वहा वह नयायालय क िनणरय या आदश की तारीख स इक कीस िदन क अनदर उसक पिरणाम की िरपोटर मखय िनरीकषक को दगा

72 खान म िनयोिजत िक तय की बाधयताmdashखान म िनयोिजत कोई भी िक तmdash

(क) खान म िनयोिजत िक तय का सवासथय कषम या कलयाण सिनिश चत करन क परयोजनाथर खान म उपबिनधत िकसी सािधतर सिवधा या अनय चीज म जानबझकर हसतकषप या उसका जानबझकर दरपयोग न करगा

(ख) जानबझकर और यिक तयक त कारण क िबना कोई ऐसी बात न करगा िजसस सवय उसक या अनय क सकटाप होन की सभा ता हो

(ग) खान म िनयोिजत िक तय का सवासथय या कषम सिनिश चत करन क परयोजनाथर उसम उपबिनधत िकसी सािधतर या अनय चीज को उपयोग म लान की जानबझकर उपकषा नह करगा

1[72क कछ िविनयम क उललघन क िलए िवशष उपबनधmdashजो कोई धारा 57 क खणड (घ) खणड (झ) खणड (ड) खणड (ढ) खणड (ण) खणड (त) खणड (द) खणड (ध) और खणड (प) म िविनिदष ट बात स सब िकसी िविनयम क या िकसी उपिविध क या तद धीन िकए गए िकसी आदश क िकसी उपबनध का उललघन करगा वह कारावास स िजसकी अविध छह मास तक की हो सकगी या जमारन स जो दो हजार रपए तक का हो सकगा या दोन स दणडनीय होगा

72ख धारा 22 क अधीन आदश क उललघन क िलए िवशष उपबनधmdashजो कोई धारा 22 की उपधारा (1क) उपधारा (2) या उपधारा (3) क अधीन 2[या धारा 22क की उपधारा (2) क अधीन] िनकाल गए आदश क उललघन म खान का कायरकरण चाल रखगा वह कारावास स िजसकी अविध दो वषर तक की हो सकगी दडनीय होगा और जमारन स भी जो पाच हजार रपए तक का हो सकगा दडनीय होगा

2[परनत नयायालय क िनणरय म लखब िकए जान वाल ततपरितकल िवशष और पयारप त कारण क अभाव म ऐसा जमारना खड (क) म िनिदष ट उललघन की दशा म तीन हजार रपए स कम नह होगा ]

72ग िविध क ऐस उललघन क िलए िजसक खतरनाक पिरणाम होत ह िवशष उपबनधmdash(1) जो कोई इस अिधिनयम क या िकसी िविनयम िनयम या उपिविध क या तद धीन िकए गए [धारा 22 की उपधारा (1क) या उपधारा (2) या उपधारा (3) 3[या धारा 22क की उपधारा (2)] क अधीन िकए गए आदश स िभ ] िकसी आदश क िकसी उपबनध का उललघन करगा वहmdash

(क) यिद ऐस उललघन क पिरणामसवरप जीवन की हािन हो तो कारावास स जो दो वषर तक का हो सकगा या जमारन स जो पाच हजार रपए तक का हो सकगा या दोन स दणडनीय होगा या

(ख) यिद ऐस उललघन क पिरणामसवरप गमभीर शारीिरक कषित हो तो कारावास स जो एक वषर तक का हो सकगा या जमारन स जो तीन हजार रपए तक का हो सकगा या दोन स दडनीय होगा अथवा

(ग) यिद ऐस उललघन स खान म िनयोिजत िक तय को या खान म या उसक आसपास क अनय िक तय को कषित या खतरा कािरत हो तो कारवास स जो तीन मास तक का हो सकगा या जमारन स जो एक हजार रपए तक का हो सकगा या दोन स दणडनीय होगा 6[परनत नयायालय क िनणरय म लखब िकए जान वाल ततपरितकल िवशष और पयारप त कारण क अभाव म ऐसा जमारना

खणड (क) म िनिदष ट उललघन की दशा म तीन हजार रपए स कम नह होगा ]

(2) जहा िक कोई िक त इस धारा क अधीन दोषिस िकए गए जान पर िफर उसक अधीन दोषिस िकया जाए वहा वह उपधारा (1) ारा उपबिनधत दड क दगन दड स दणडनीय होगा

1 1959 क अिधिनयम स० 62 की धारा 40 ारा (16-1-1960 स) धारा 73 तथा धारा 74 क सथान पर परितसथािपत 2 1983 क अिधिनयम स० 42 की धारा 38 ारा (31-5-1984 स) अतःसथािपत 3 1983 क अिधिनयम स० 42 की धारा 39 ारा (31-5-1984 स) अतःसथािपत

29

(3) इस धारा क अधीन पािरत जमारन का दडादश आरोिपत करन वाला अथवा अपील या पनरीकषण म या अनयथा उसकी पिष ट करन वाला नयायालय िनणरय पािरत करत समय आदश द सकगा िक वसल िकया गया सपणर जमारना या उसका कोई भाग कषितगरसत िक त को या उसकी मतय की दशा म उसक िविधक परितिनिध को परितकर क रप म िदया जाए

परनत यिद जमारना ऐस मामल म आरोिपत िकया जाए जो अपीलनीय हो तो अपील उपिसथत िकए जान क िलए अनजञात कालाविध क बीत जान क पहल या यिद अपील उपिसथत की गई हो तो अपील क िविनश चय स पहल ऐसा कोई भी सदाय नह िकया जाएगा

73 आदश की अवजञा क िलए साधारण उपबनधmdashजो कोई इस अिधिनयम क या िकसी िविनयम िनयम या उपिविध क या तद धीन िकए गए िकसी आदश क िकसी ऐस उपबनध का उललघन करगा िजसक उललघन क िलए एतिसमनपवर कोई शािसत उपबिनधत नह ह वह कारावास स िजसकी अविध तीन मास तक की हो सकगी या जमारन स जो एक हजार रपए तक का हो सकगा या दोन स दडनीय होगा

74 पवर दोषिसि क पश चात विधत शािसतmdashयिद कोई िक त जो (धारा 72ख और 72ग स िभ ) पवरगामी उपबनध म स िकसी क अधीन दडनीय िकसी अपराध का दोषिस िकया जा चका हो पवर दोषिसि क दो वषर क अनदर िकए गए और उसी उपबनध का उललघन अनतवरिलत करन वाल िकसी अपराध क िलए पनः दोषिस िकया जाए तो वह हर एक पश चात वत दोषिसि क िलए उस दड क दगन दणड स दणडनीय होगा िजसस वह ऐस उपबनध क परथम उललघन क िलए दडनीय होता ]

75 सवामी अिभकतार या परबनधक का अिभयोजनmdashइस अिधिनयम क अधीन क िकसी अपराध क िलए िकसी सवामी अिभकतार या परबनधक क िवर कोई भी अिभयोजन मखय िनरीकषक की या िजला मिजसटरट की या मखय िनरीकषक क िलिखत साधारण या िवशष आदश ारा इस िनिम परािधकत िनरीकषक की पररणा पर सिसथत िकए जान क िसवाय सिसथत नह िकया जाएगा

1[परनत मखय िनरीकषक या िजला मिजसटरट या इस परकार परािधकत िनरीकषक ऐसा अिभयोजन सिसथत करन स पवर अपना यह समाधान करगा िक सवामी अिभकतार या परबनधक ऐस अपराध क िकए जान को रोकन म सभी समयक ततपरता बरतन म असफल रहा था ]

2[परनत यह और िक] िकसी खान म तकनीकी िनदशन और परबनध क अनकरम म िकए गए िकसी अपराध क बार म िजला मिजसटरट िकसी सवामी अिभकतार या परबनधक क िवर कोई अिभयोजन मखय िनरीकषक क पवर अनमोदन स सिसथत करन क िसवाय सिसथत नह करगा

3[76 कितपय मामल म सवामी का अवधारणmdashजहा िक खान का सवामी कोई फमर या िष टय का अनय सगम हो वहा उसक सब भागीदार या सदसय या उनम स कोई अथवा जहा िक खान का सवामी कमपनी हो वहा उसक सब िनदशक या उनम स कोई अथवा जहा िक खान का सवामी सरकार या कोई सथानीय परािधकारी हो वहा यथािसथित ऐसी सरकार या सथानीय परािधकारी ारा खान क कामकाज का परबनध करन क िलए परािधकत सब आिफसर या िक त या उनम स कोई ऐस िकसी अपराध क िलए िजसक िलए खान का सवामी दडनीय हो इस अिधिनयम क अधीन अिभयोिजत और दिडत िकया जा सकगा

4[परनत जहा िकसी फमर सगम या कमपनी न मखय िनरीकषक को िलिखत रप म यह सचना द दी ह िक उसनmdash

(क) फमर की दशा म उसक िकसी भागीदार या परबनधक को

(ख) सगम की दशा म उसक िकसी सदसय या परबनधक को

(ग) कमपनी की दशा म उसक िकसी िनदशक या परबनधक को

जो परतयक मामल म िकसी ऐस सथान म िजस पर इस अिधिनयम का िवसतार ह िनवासी ह और जो परतयक मामल म या तो वासतव म ऐसी फमर सगम या कमपनी क परबनध का भारसाधक ह या उसम अिधकाश शयर धारण करता ह इस अिधिनयम क परयोजन क िलए खान क सवामी क उ रदाियतव को गरहण करन क िलए नामिनदिशत कर िदया ह वहा यथािसथित ऐसा भागीदार सदसय िनदशक या परबनधक जब तक वह ऐसा िनवासी बना रहता ह और पव क त रप म भारसाधक ह या अिधकाश शयर को धारण करता ह इस अिधिनयम क परयोजन क िलए खान का सवामी समझा जाएगा जब तक िक उसक नामिनदशन को र करन वाली या यह कथन करन वाली कोई िलिखत सचना की वह यथािसथित भागीदारी सदसय िनदशक या परबनधक नह रहा ह मखय िनरीकषक को पराप त नह हो जाती ह

सपष टीकरणmdashजहा िकसी फमर सगम या कमपनी क िविभन न सथापन या शाखाए ह अथवा उसक िकसी सथापन या शाखा म िविभन न एकक ह वहा िविभन न सथापन या शाखा या एकक क सबध म इस परनतक क अधीन िविभन न िक तय को नामिनदिशत िकया जा सकगा और इस परकार नामिनदिशत िक त कवल उस सथापन शाखा या एकक क समबनध म िजसक समबनध म उस नामिनदिशत िकया गया ह खान का सवामी समझा जाएगा ]

1 1983 क अिधिनयम स० 42 की धारा 40 ारा (31-5-1984 स) अतःसथािपत 2 1983 क अिधिनयम स० 42 की धारा 40 ारा (31-5-1984 स) ldquoपरनतrdquo क सथान पर परितसथािपत 3 1959 क अिधिनयम स० 62 की धारा 41 ारा (16-1-1960 स) धारा 76 क सथान पर परितसथािपत 4 1983 क अिधिनयम स० 42 की धारा 41 ारा (31-5-1984 स) ldquoपरनतकrdquo क सथान पर परितसथािपत

30

77 सवामी अिभकतार या परबनधक को दाियतव स कितपय दशा म छटmdashजहा िक खान का सवामी अिभकतार या परबनधक जो इस अिधिनयम क अधीन िकसी अपराध का अिभयक त हो यह अिभकथन कर िक वासतिवक अपराधी अनय िक त ह वहा वह अपन

ारा इस िनिम िकए गए पिरवाद पर 1[और वासतिवक अपराधी का जञात पता दन पर] और अिभयोजक को ऐसा करन क अपन आशय की तीन स अनयन पणर िदन की िलिखत सचना दन पर इस बात का हकदार होगा िक वह अनय िक त उस तारीख को जो मामल की सनवाई क िलए िनयत हो नयायालय क समकष लाया जाए और यिद अपराध का िकया जाना सािबत हो जान क पश चात खान का यथािसथित सवामी अिभकतार या परबनधक नयायालय को समाधान परदान करन वाल रप म सािबत कर द िकmdash

(क) इस अिधिनयम क ससगत उपबनध का िनषपादन करान क िलए उसन समयक ततपता बरती ह तथा (ख) उस अनय िक त न परश नगत अपराध को उसक जञान सममित या मौनानकलता क िबना िकया ह

तो उक त अनय िक त उस अपराध क िलए दोषिस िकया जाएगा और उसी परकार क दणड स ऐस दडनीय होगा मानो वह खान का सवामी अिभकतार या परबनधक हो और यथािसथित सवामी अिभकतार या परबनधक दोषमक त कर िदया जाएगा परनतmdash

(क) यथािसथित खान क सवामी अिभकतार या परबनधक की शपथ पर परीकषा की जा सकगी और उसक और िकसी अनय साकषी क िजस वह अपन समथरन म बलाए सा य की उस िक त क ारा या की ओर स िजसकी बाबत वह अिभकिथत करता हो िक वह वासतिवक अपराधी ह और अिभयोजक ारा परितपरीकषा की जा सकगी

(ख) यिद वह िक त िजसका वासतिवक अपराधी होना अिभकिथत हो उस तारीख को जो मामल की सनवाई क िलए िनयत हो नयायालय क समकष समयक ततपरता बरती जान पर भी न लाया जा सक तो नयायालय उसकी सनवाई समय-समय पर सथिगत कर दगा िकनत इस परकार िक ऐस सथगन की कल कालाविध तीन मास स अिधक न हो और यिद उक त कालाविध क अनत तक भी वह िक त िजसका वासतिवक अपराधी होना अिभकिथत हो नयायालय क समकष न लाया जा सक तो नयायालय यथािसथित सवामी अिभकतार या परबनधक क िवर मामल की सनवाई क िलए अगरसर होगा

78 नयायालय की आदश करन की शिक तmdash(1) जहा िक खान का सवमी अिभकतार या परबनधक इस अिधिनयम क अधीन दडनीय अपराध क िलए दोषिस िकया जाए वहा नयायालय उस कोई दड अिधिनण त करन क अितिरक त िलिखत आदश ारा उसस आदश म िविनिदष ट कालाविध क अनदर (िजस नयायालय इस िनिम िकए गए आवदन पर समय-समय पर िवसतािरत कर सकगा) ऐस उपाय करन की अपकषा कर सकगा जो उन बात का उपचार करन क िलए िजनक बार म अपराध िकया गया था ऐस िविनिदष ट िकए जाए (2) जहा िक उपधारा (1) क अधीन आदश िदया जाए वहा यथािसथित खान का सवामी अिभकतार या परबनधक उस कालाविध या िवसतािरत कालाविध क यिद कोई हो दौरान अपराध क चाल रहन क िवषय म इस अिधिनयम क अधीन दडनीय नह होगा िकनत यिद नयायालय क आदश का पणर अनपालन ऐसी कालाविध या िवसतािरत कालाविध क अवसान पर न हो गया हो तो यथािसथित सवामी अिभकतार या परबनधक क बार म यह समझा जाएगा िक उसन अितिरक त अपराध िकया ह और वह कारावास स िजसकी अविध छह मास तक की हो सकगी या जमारन स जो ऐस अवसान क पश चात हर एक ऐस िदन क िलए िजसम िक आदश का अनपालन न हआ हो एक सौ रपए तक का हो सकगा या दोन स दणडनीय होगा 79 अिभयोजन की पिरसीमाmdashकोई भी नयायालय इस अिधिनयम क अधीन िकसी अपराध का सजञान तब तक नह करगा जब तक िक उसका पिरवादmdash

(i) उस तारीख स िजसकी बाबत यह अिभकिथत हो िक अपराध उस तारीख को िकया गया छह मास क अनदर अथवा

(ii) उस तारीख स िजसको िक अिभकिथत अपराध का िकया जाना िनरीकषक क जञान म आया छह मास क अनदर अथवा

2[(iiक) िकसी ऐस मामल म िजसम अिभयक त लोक सवक ह या था और ततसमय परव िकसी िविध क अधीन अपराध का सजञान करन क िलए कनदरीय सरकार या राजय सरकार या िकसी अनय परािधकारी की पवर मजरी आवशयक ह उस तारीख क िजसको ऐसी मजरी मखय िनरीकषक को पराप त होती ह तीन मास क अनदर अथवा]

(iii) िकसी ऐस मामल म िजसम जाच नयायालय कनदरीय सरकार ारा धारा 24 क अधीन िनयक त िकया गया हो उस धारा की उपधारा (4) म िविनिदष ट िरपोटर क परकाशन की तारीख क पश चात 3[एक वषर] क अनदर

इनम स जो भी बाद म हो न िकया गया हो 4[सपष टीकरणmdashइस धारा क परयोजन क िलएmdash

1 1959 क अिधिनयम स० 62 की धारा 42 ारा (16-1-1960 स) अनतःसथािपत 2 1983 क अिधिनयम स० 42 की धारा 42 ारा (31-5-1984 स) अतःसथािपत 3 1983 क अिधिनयम स० 42 की धारा 42 ारा (31-5-1984 स) ldquoछह मासrdquo क सथान पर परितसथािपत 4 1959 क अिधिनयम स० 62 की धारा 43 ारा (16-1-1960 स) सप ीकरण जोड़ा गया

31

(क) चाल रहन वाल अपराध की दशा म पिरसीमा की सगणना उस समय क हर कषण क परित िनदश स की जाएगी िजसक दौरान अपराध चाल रह

(ख) जहा िक कोई कायर करन क िलए समय इस अिधिनयम क अधीन िवसतािरत िकया गया हो वहा पिरसीमा की सगणना उस िवसतािरत कालाविध क अवसान स की जाएगी ]

80 अपराध का सजञानmdash1[महानगर मिजसटरट या परथम वगर नयाियक मिजसटरट] क नयायालय स अवर कोई नयायालय इस अिधिनयम क अधीन िकसी ऐस अपराध का िजसकी बाबत यह अिभकिथत हो िक वह खान क सवामी अिभकतार या परबनधक ारा िकया गया ह या िकसी ऐस अपराध का जो इस अिधिनयम ारा कारावास स दडनीय बनाया गया ह िवचारण नह करगा

80क [जमारन क बार म िवशष उपबध ]mdashखान (सशोधन) अिधिनयम 1983 (1983 का 42) की धारा 44 ारा (31-5-1984 स) िनरिसत

81 कितपय मामल म अिभयोजन क बजाय खान बोडर या सिमित को िनदशmdash(1) यिद मखय िनरीकषक या िजला मिजसटरट या िकसी िनरीकषक की पररणा पर इस अिधिनयम क अधीन सिसथत िकसी मामल का िवचारण करन वाल नयायालय की यह राय हो िक यह मामला ऐसा ह जो अिभयोजन क बजाय 2 सिमित को िनदिशत िकया जाना चािहए तो वह दािडक कायरवािहय को रोक सकगा और इस दिष ट स िक ऐसा िनदशन िकया जाए उस िवषय की िरपोटर कनदरीय सरकार को भजगा

(2) उपधारा (1) क अधीन िरपोटर पराप त होन पर कनदरीय सरकार मामला 2 सिमित को िनदिशत कर सकगी या िवचारण म अगरसर होन क िलए नयायालय को िनदश द सकगी

अधयाय 10

परकीणर 82 इस परश न का िविनश चय िक कया खान इस अिधिनयम क अधीन हmdashयिद कोई परश न उठ िक कया 3[खान का और उसम

का या उसका पाश वरसथ कोई उतखान या खिनत या पिरसर िजस पर खिनज या कोक पराप त करन दरसी करन या िवकरय क िलए तयार करन की सहायक कोई परिकरया चलाई जा रही ह] इस अिधिनयम क अथर क अनदर खान ह तो कनदरीय सरकार उस परश न का िविनश चय कर सकगी और कनदरीय सरकार क सिचव ारा हसताकषिरत परमाणपतर इस परश न पर िनश चायक होगा

83 अिधिनयम क परवतरन स छट दन की शिक तmdash4[(1)] कनदरीय सरकार िकसी सथानीय कषतर या िकसी खान को या खान क िकसी समह या वगर को या खान क िकसी भाग को या िक तय क िकसी वगर को 5[इस अिधिनयम या उसक अधीन बनाए गए िविनयम िनयम या उपिविधय क सब उपबनध क या उनम स िकसी क] परवतरन स छट शासकीय राजपतर म अिधसचना ारा या तो अतयितकतः या िकनह िविनिदष ट शत क अधयधीन द सकगी

परनत िकसी सथनीय कषतर या खान या खान क समह या वगर को 6[धारा 40 और धारा 45] क उपबनध स छट तब तक नह दी जाएगी जब तक उस इस अिधिनयम क अनय सब उपबनध क परवतरन स भी छट न द दी जाए ]

7[(2) कनदरीय सरकार मखय िनरीकषक या िकसी अनय परािधकारी को साधारण या िवशष आदश ारा ऐस िनबरनधन क अधयधीन िजनह अिधरोिपत करना वह ठीक समझ परािधकत कर सकगी िक वह िकसी खान या उसक िकसी भाग को 8[िविनयम िनयम या उपिविधय ] क उपबन ध म स िकसी क परवतरन स िकनह िविनिदष ट शत क अधयधीन तब छट द द जब िक मखय िनरीकषक या ऐस अिधकारी की राय हो िक खान या उसक भाग म पिरिसथितया ऐसी ह िक उनक कारण ऐस उपबनध का अनपालन अनावशयक या अ वहायर हो जाता ह ]

84 आदश को पिरवितत या िवखिणडत करन की शिक तmdash9[(1)] कनदरीय सरकार इस अिधिनयम क अधीन िदया गया कोई आदश उलट सकगी या उपानतिरत कर सकगी

10[(2) मखय िनरीकषक लखब िकए जान वाल कारण स इस अिधिनयम क अधीन या िकसी िविनयम िनयम या उपिविध क अधीन अपन ारा पािरत िकसी आदश को उलट सकगा या उस उपातिरत कर सकगा

(3) खान क सवामी अिभकतार या परबनधक पर परितकल परभाव डालन वाला कोई आदश इस धारा क अधीन तब तक नह िकया जाएगा जब तक िक ऐस सवामी अिभकतार या परबनधक को अभयावदन करन का यिक तयक त अवसर न द िदया गया हो ]

1 1983 क अिधिनयम स० 42 की धारा 43 ारा (31-5-1984 स) ldquoपरसीडसी मिजसटरट या परथम वगर मिजसटरटrdquo क सथान पर परितसथािपत 2 1983 क अिधिनयम स० 42 की धारा 43 ारा (31-5-1984 स) ldquoखनन बोडरrdquo शब द का लोप िकया गया 3 1959 क अिधिनयम स० 62 की धारा 45 ारा (16-1-1960 स) अनतःसथािपत 4 1959 क अिधिनयम स० 62 की धारा 46 ारा (16-1-1960 स) उपधारा (1) क रप म पनःसखयािकत 5 1983 क अिधिनयम स० 42 की धारा 46 ारा (31-5-1984 स) ldquoइस अिधिनयम क सब उपबध क िकसी कrdquo क सथान पर परितसथािपत 6 1983 क अिधिनयम स० 42 की धारा 46 ारा (31-5-1984 स) ldquoधारा 45rdquo क सथान पर परितसथािपत 7 1959 क अिधिनयम स० 62 की धारा 46 ारा (16-1-1960 स) अनतःसथािपत 8 1983 क अिधिनयम स० 42 की धारा 46 ारा (31-5-1984 स) ldquoइस अिधिनयम क अतगरत िविनयम और िनयमrdquo क सथान पर परितसथािपत 9 1983 क अिधिनयम स० 42 की धारा 47 ारा (31-5-1984 स) धारा 84 उपधारा (1) क रप म पनःसखयािकत 10 1983 क अिधिनयम स० 42 की धारा 47 ारा (31-5-1984 स) अतःसथािपत

32

85 सरकार की खान को अिधिनयम का लाग होनाmdashयह अिधिनयम सरकार की खान को 1[भी] लाग होगा 2[85क सचना आिद दन क िलए अपिकषत िक त ऐसा करन क िलए वध रप स आब ह गmdashहर िक त जो िकसी

अिधकारी को कोई सचना या इि ला इस अिधिनयम क अधीन दन क िलए अपिकषत ह भारतीय दड सिहता (1860 का 45) की धारा 176 क अथर क अनदर ऐसा करन क िलए वध रप स आब होगा ]

3[85ख िववरिणय सचना आिद पर हसताकषर करनाmdashइस अिधिनयम या उसक अधीन बनाए गए िकसी िविनयम िनयम उपिविध या िकसी आदश क उपबनध क समबनध म िकसी खान क सवामी ारा या उसकी ओर स दी जान क िलए अपिकषत सभी िववरिणय और सचना पर या भजी जान वाली सचना पर खान क सवामी अिभकतार या परबधक ारा या िकसी ऐस िक त ारा िजस सवामी ारा मखतारनाम ारा इस िनिम शिक त परतयायोिजत की गई ह हसताकषर िकए जाएग

85ग सिवधा और जन सिवधा क िलए फीस या परभार का वसल न िकया जानाmdashखान म िनयोिजत िकसी िक त स सरकषातमक परबनध या दी जान वाली सिवधा या इस अिधिनयम क उपबनध क अधीन परदाय िकए जान वाल िकसी उपसकर या सािधतर की बाबत कोई फीस या परभार वसल नह िकया जाएगा ]

86 1948 क अिधिनयम 63 क कितपय उपबध का खान को लाग होनाmdashकनदरीय सरकार शासकीय राजपतर म अिधसचना ारा िनदश द सकगी िक कारखाना अिधिनयम 1948 (1948 का 63) क अधयाय 3 और 4 क उपबनध ऐस अपवाद और िनबरनधन क

अधयधीन रहत हए जस उस अिधसचना म िविनिदष ट िकए जाए सब खान और उनकी परसीमा को लाग ह ग

87 सद भावपवरक िकए गए कायर क िलए पिरतराणmdashकोई भी वाद अिभयोजन या अनय िविधक कायरवाही इस अिधिनयम क अधीन सद भावपवरक की गई या जान क िलए आशियत िकसी बात क िलए िकसी िक त क िवर न होगी

88 [1923 क अिधिनयम 4 का िनरसन]mdashिनरसन और सशोधन अिधिनयम 1957 (1957 का 36) की धारा 2 और पहली अनसची ारा िनरिसत

______

1 1959 क अिधिनयम स० 62 की धारा 47 ारा (16-1-1960 स) अनतःसथािपत 2 1959 क अिधिनयम स० 62 की धारा 48 ारा (16-1-1960 स) अनतःसथािपत 3 1983 क अिधिनयम स० 42 की धारा 48 ारा (31-5-1984 स) अतःसथािपत

Page 10: खान अधिनियम, 1952ncwapps.nic.in/acts/TheMinesAct1952_Hindi.pdf1 ज ल ई, 1952, द खए भ रत क र जपतर (अ गर 1952, ज ) भ ग 2,

10

(i) वह या व पदधारी िजनको उललघन िकए गए उपबनध की बाबत पयरवकषण क कतर का पालन करन क िलए िनयक त िकया गया था

(ii) खान का परबनधक

(iii) खान का सवामी और अिभकतार

(iv) वह िक त यिद कोई हो जो उपधारा (2) क अधीन उ रदाियतव का िनवरहन करन क िलए िनयक त िकया गया ह

परनत पव क त िक तय म स िकसी क िवर कायरवाही नह की जा सकगी यिद जाच और अनवषण िकए जान पर यह परतीत होता ह िक वह परथमदष ा िजममदार नह ह

(6) इस धारा क अधीन खान क सवामी या अिभकतार क िवर की गई िकसी कररवाई म यह कोई परितवाद नह होगा िक परबनधक और अनय पदधािरय को इस अिधिनयम क उपबनध क अनसार िनयक त िकया गया ह या िक उपधारा (2) क अधीन उ रदाियतव को वहन करन क िलए िकसी िक त की िनयिक त की गई ह ]

अधयाय 5

सवासथय और कषम क िवषय म उपबनध

19 पीन का जलmdash1[(1) हर खान म उसम िनयोिजत सब िक तय क िलए सिवधाजनक रप स िसथत यथोिचत सथान पर ठड और सवासथयपरद पीन क जल क पयारप त परदाय का उपबनध करन और बनाए रखन क िलए परभावी इनतजाम िकया जाएगा

परनत भिम क नीच िनयोिजत िक तय की दशा म मखय िनरीकषक यथोिचत सथान पर पीन क जल का उपबनध िकए जान और बनाए रख जान क बदल म ऐस परदाय क िलए कोई अनय परभावी इनतजाम अनजञात कर सकगा ]

(2) ऐस सब सथान खान म िनयोिजत िक तय की बहसखया ारा समझी जान वाली भाषा म पढ़ जान योगय अकषर म ldquoपीन का जलrdquo पद स अिकत िकए जाएग और ऐसा कोई सथान िकसी धोन क सथान मतरालय या शौचालय क 2[छह मीटर] क अनदर तब क िसवाय न होगा जबिक इसस कम दरी मखय िनरीकषक ारा िलिखत रप म अनमोिदत न कर दी गई हो

(3) सब खान या खान की िकसी वगर या परकार क बार म कनदरीय सरकार उपधारा (1) और (2) क उपबनध का अनपालन सिनिश चत करन क िलए और पीन क जल क परदाय और िवतरण की परीकषा िविहत परािधकािरय ारा की जान क िलए िनयम बना सकगी

20 सफाईmdash(1) हर खान म िविहत परकार क शौचालय और मतरालय का उपबनध परष और मिहला क िलए अलग-अलग पयारप त सखया म िकया जाएगा जो इस परकार िसथत ह ग िक व खान म िनयोिजत िक तय क िलए सब समय पर सिवधाजनक और पहच क अनदर ह

(2) उपधारा (3) क अधीन उपबिनधत सब शौचालय और मतरालय पयारप त परकाशयक त और सवाितत ह ग और हर समय साफ और सवचछता की अवसथा म रख जाएग

(3) कनदरीय सरकार िकसी खान म उपबिनधत िकए जान वाल शौचालय और मतरालय की सखया खान म िनयोिजत परष और मिहला की सखया क अनपात म िविनिदष ट कर सकगी और खान म सवचछता क बार म ऐस अनय मामल क िलए (िजसक अनतगरत खान म िनयोिजत िक तय की इस बार म बाधयताए आती ह) उपबनध कर सकगी जस वह इस परकार िनयोिजत िक तय क सवासथ य क िहत म आवशयक समझ

3[21 िचिकतसीय साधनmdash(1) हर खान म ऐसी अनतवरसत क सिजजत जसी िविहत की जाए पराथिमक उपचार बकस या कबड का उपबनध इस परकार िकया जाएगा और उनह इस परकार बनाए रखा जाएगा िक काम क सब घणट म उन तक आसानी स पहच हो सक

(2) पराथिमक उपचार बकस या कबडर या कमर म िविहत अनतवरसत क िसवाय और कछ भी नह रखा जाएगा

(3) हर पराथिमक उपचार बकस या कबडर िकसी उ रदाियतवपणर िक त क भारसाधन म रखा जाएगा जो ऐस पराथिमक उपचार म परिशिकषत हो जसा िविहत िकया जाए और जो खान क काम क घट म सदा आसानी स उपलभय रहगा

(4) हर खान म उन िक तय को जो उस समय जब व खान म िनयोिजत ह शारीिरक कषित स या रोग स गरसत हो जाए िचिकतसालय या औषधालय तक पहचन क िलए ऐस आसानी स उपयोगय इनतजाम िकए जाएग जस िविहत िकए जाए

1 1959 क अिधिनयम स० 62 की धारा 10 ारा (16-1-1960 स) उपधारा (1) क सथान पर परितसथािपत 2 1983 क अिधिनयम स० 42 की धारा 14 ारा (31-5-1984 स) ldquoबीस फटrdquo क सथान पर परितसथािपत 3 1959 क अिधिनयम स० 62 की धारा 11 ारा (16-1-1960 स) धारा 21 और 22 क सथान पर परितसथािपत

11

(5) हर खान म िजसम डढ़ सौ स अिधक िक त िनयोिजत ह ऐस आकार का ऐस साज सामान स सिजजत और ऐस िचिकतसीय और पिरचयार कमरचािरवनद क भारसाधन म जस िक िविहत िकए जाए एक पराथिमक उपचार कमरा उपबिनधत िकया जाएगा और चाल हालत म रखा जाएगा

22 जब िक सकट क ऐस कारण िव मान ह िजनक िलए कोई अिभ क त उपबनध नह िकया गया ह या जब िक िक तय का िनयोजन सकटपणर हो तब िनरीकषक की शिक तयाmdash(1) यिद िकसी ऐसी बात क बार म िजसक िलए इस अिधिनयम ारा या या क अधीन कोई अिभ क त उपबनध नह िकया गया ह मखय िनरीकषक को या िनरीकषक को यह परतीत हो िक कोई खान या उसका कोई भाग अथवा खान म की या उसस या उसक िनयतरण पयरवकषण परबनध या िनदशन स ससक त कोई बात वसत या प ित मानव जीवन या कषम क िलए सकटपणर ह या इतनी तरिटपणर ह िक उसस यह जोिखम ह या उसकी ऐसी परवि ह िक िकसी िक त को शारीिरक कषित हो तो वह खान क सवामी अिभकतार या परबनधक को उसकी िलिखत सचना द सकगा और सचना म उन िविशिष टय का कथन करगा िजनक बार म वह खान या उसक भाग को या बात वसत या प ित को सकटपणर या तरिटपणर समझता हो और यह अपकषा करगा िक उस इतन समय क अनदर और ऐसी रीित स ठीक कर िदया जाए जो वह उस सचना म िविनिदष ट कर

(1क) जहा िक खान का सवामी अिभकतार या परबनधक उपधारा (1) क अधीन दी गई सचना क िनबनधन का अनपालन उसम िविनिदष ट कालाविध क अनदर करन म असफल रहगा वहा यथािसथित मखय िनरीकषक या िनरीकषक खान या उसक िकसी भाग म या क आसपास िकसी ऐस िक त का िनयोजन िलिखत आदश ारा परितिष कर सकगा िजसका िनयोजन उसकी राय म सचना क िनबनधन का अनपालन सिनिश चत करन क िलए यिक तयक ततः आवशयक न हो

(2) उपधारा (1) म अनतिवष ट उपबनध पर परितकल परभाव डाल िबना यह ह िक यथािसथित मखय िनरीकषक या िनरीकषक खान क सवामी अिभकतार या परबनधक को सबोिधत िलिखत आदश ारा िकसी खान या उसक िकसी भाग म स सतभ या खिनज-खणड का िनकाला जाना या छाटा जाना परितिष कर सकगा यिद उसकी राय म ऐसी सिकरया स सतभ या खिनज-खणड का बठ जाना या खिनज क िकसी भाग का समय पवर ढह जाना सभा हो या उसस खान का या उसम िनयोिजत िक तय क जीवन या कषम का अनयथा सकटापन न हो जाना सभा हो या यिद उसकी राय म खान क िजस भाग म ऐसी सिकरया अनधयात हो उसम आग लगन या जलपलावन क िवर यथायोगय उपबनध उसको महरबनद और अलग करन क िलए उपबनध करक और जो कषतर आग या जलपलावन स परभािवत हो सकता हो उस पिरिमत करन क िलए उपबनध करक न िकया गया हो

(3) यिद मखय िनरीकषक या उसक ारा िलिखत रप म साधारण या िवशष आदश ारा इस िनिम परािधकत िनरीकषक की यह राय हो िक िकसी खान म या उसक िकसी भाग म िनयोिजत िकसी िक त क जीवन या कषम को अजनट या आसन न सकट ह तो वह अपनी राय क कारण का कथन अनतिवष ट करन वाल िलिखत आदश ारा खान क िकसी भाग म या क आसपास िकसी ऐस िक त का िनयोजन िजसका िनयोजन सकट दर करन क िलए उसकी राय म यिक तयक ततः आवशयक न हो तब तक क िलए परितिष कर सकगा 1[जब तक उसका यह समाधान न हो जाए िक वह सकट दर हो गया ह]

2[(3क) ऐसा परतयक िक त िजसका िनयोजन उपधारा (1क) या उपधारा (3) क अधीन परितिष ह उस अविध क िलए िजसक िलए वह यिद परितषध न होता तो िनयोजन म होता पणर मजदरी का सदाय पान का हकदार होगा और सवामी अिभकतार या परबनधक उस िक त को ऐसी पणर मजदरी क सदाय क िलए िजममदार होगा

परनत सवामी अिभकतार या परबनधक ऐसी पणर मजदरी का सदाय करन क बजाय ऐस िक त को उसी मजदरी पर आनकिलपक िनयोजन की वसथा कर सकगा जो ऐसा िक त उस िनयोजन म पराप त कर रहा था िजस परितिष कर िदया गया था ]

(4) जहा िक िनरीकषक ारा उपधारा (1) क अधीन कोई सचना दी गई हो या उसक ारा उपधारा (1क) उपधारा (2) या उपधारा (3) क अधीन कोई आदश िकया गया हो वहा खान का सवामी अिभकतार या परबनधक यथािसथित सचना या आदश की परािप त क पश चात दस िदन क अनदर उसक िखलाफ अपील मख य िनरीकषक को कर सकगा जो सचना या आदश को पष ट उपानतिरत या र कर सकगा

(5) उपधारा (1) क अधीन सचना भजन वाला या उपधारा (1क) या उपधारा (2) या उपधारा (3) क अधीन आदश करन वाला मखय िनरीकषक या िनरीकषक और उपधारा (4) क अधीन आदश (जो अपील म िकए गए र करन क आदश स िभन न हो) करन वाला मखय िनरीकषक उसकी िरपोटर ततकाल कनदरीय सरकार को दगा

(6) यिद खान का सवामी अिभकतार या परबनधक मखय िनरीकषक ारा उपधारा (1) क अधीन भजी गई सचना या उपधारा (1क) या उपधारा (2) या उपधारा (3) या उपधारा (4) क अधीन मखय िनरीकषक ारा िकए गए आदश पर आकषप कर तो वह यथािसथित आकषप अनतिवष ट करन वाली सचना की या आदश की परािप त क पश चात या अपील क िविनश चय की तारीख क पश चात बीस िदन क अनदर आकषप क आधार का कथन करत हए अपना िलिखत आकषप कनदरीय सरकार को भज सकगा 3[जो सामानयतः आकषप की परािप त की तारीख स दो मास की अविध क भीतर उस एक सिमित को िनदिशत कर दगी ]

1 1983 क अिधिनयम स० 42 की धारा 15 ारा (31-5-1984 स) ldquoजब तक वह सकट दर न हो जाएrdquo शबद क सथान पर परितसथािपत 2 1983 क अिधिनयम स० 42 की धारा 15 ारा (31-5-1984 स) अनतःसथािपत 3 1983 क अिधिनयम स० 42 की धारा 15 ारा (31-5-1984 स) ldquoजो िनदिशत करगीrdquo शबद क सथान पर परितसथािपत

12

(7) उपधारा (1) क अधीन की हर सचना का या उपधारा (1क) उपधारा (2) उपधारा (3) या उपधारा (4) क अधीन क हर आदश का िजस पर उपधारा (6) क अधीन आकषप िकया गया हो अनपालन सिमित का िविनश चय खान म पराप त होन तक िकया जाएगा

परनत सिमित उपधारा (1) क अधीन की 1[सचना] का परवतरन सवामी अिभकतार या परबनधक क आवदन पर तब तक क िलए िनलिमबत कर सकगी जब तक आकषप पर उसका अपना िविनश चय न हो जाए

(8) इस धारा की कोई भी बात 2दणड परिकरया सिहता 1898 (1898 का 5) की धारा 144 क अधीन की मिजसटरट की शिक तय पर परभाव नह डालगी ]

3[22क कछ दशा म िनयोजन का परितषध करन की शिक तmdash(1) जहा सरकषा स सबिधत िकसी बात क बार म िजसक िलए इस अिधिनयम ारा या उसक अधीन अिभ क त उपबनध िकया गया ह खान का सवामी अिभकतार या परबनधक ऐस उपबनध का अनपालन करन म असफल रहता ह वहा मखय िनरीकषक यह अपकषा करन वाली िलिखत सचना द सकगा िक उसका उतन समय क भीतर जो वह सचना म िविनिदष ट कर या समय की उतनी बढ़ाई गई अविध क भीतर जो वह उसक पश चात समय-समय पर िविनिदष ट कर अनपालन िकया जाए

(2) जहा सवामी अिभकतार या परबनधक उपधारा (1) क अधीन दी गई सचना क िनबनधन का यथािसथित ऐसी सचना म िविनिदष ट अविध क भीतर या उस उपधारा क अधीन िविनिदष ट समय की बढ़ाई गई अविध क भीतर अनपालन करन म असफल रहता ह वहा मखय िनरीकषक खान म या उसक िकसी भाग म या उसक आसपास िकसी ऐस िक त का िनयोजन िलिखत आदश ारा परितिष कर सकगा िजसका िनयोजन उसकी राय म सचना क िनबनधन का अनपालन सिनिश चत करन क िलए यिक तयक त तौर पर आवशयक न हो

(3) परतयक ऐसा िक त िजसका िनयोजन उपधारा (2) क अधीन परितिष िकया जाता ह उस अविध की पणर मजदरी का सदाय पान का हकदार होगा िजसक िलए वह यिद परितषध न हआ होता तो िनयोजन म होता और सवामी अिभकतार या परबनधक उस

िक त को ऐसी पणर मजदरी क सदाय क िलए दायी होगा

परनत सवामी अिभकतार या परबनधक ऐसी पणर मजदरी दन बजाय ऐस िक त को उसी मजदरी पर आनकिलपक िनयोजन द सकगा जो ऐसा िक त उस िनयोजन म पराप त कर रहा था जो उपधारा (2) क अधीन परितिष िकया गया था

(4) धारा 22 की उपधारा (5) उपधारा (6) और उपधारा (7) क उपबनध इस धारा की उपधारा (1) क अधीन जारी की गई िकसी सचना या उपधारा (2) क अधीन िकए गए िकसी आदश क समबनध म उसी परकार लाग ह ग जस व उस धारा की उपधारा (1) क अधीन सचना या उपधारा (1क) क अधीन आदश क सबध म लाग होत ह ]

23 दघरटना की सचना का िदया जानाmdash4[(1) जब िकसी खान म या उसक आसपासmdash

(क) कोई ऐसी दघरटना हो जाए िजसस जीवन की हािन या गमभीर शारीिरक कषित कािरत हई हो अथवा

(ख) िवसफोट जवलन सवतः तपन या आग लग जाना या जल या अनय दरव-पदाथर का फट िनकलना या सवग अनतपररवश घिटत हो जाए अथवा

(ग) जवलनशील या अपायकर गस का अनतवारह घिटत हो जाए अथवा

(घ) िजन रसस जजीर या अनय िगयर स िक त या सामगरी कपक या आनित म उतारी या वहा स उठाई जाती ह उनका टट जाना घिटत हो जाए अथवा

(ङ) िकसी कपक म िपजर या अनय परवहण-साधन अतयिधक लपट तब खा जाए जब िक त या सामगरी उतारी या उठाई जा रही हो अथवा

(च) खिनत का कोई भाग समय-पवर ढह जाए अथवा

(छ) कोई अनय दघरटना जो िविहत की जाए घिटत हो जाए

तब खान का सवामी अिभकतार या परबनधक उस घटना की सचना ऐस परािधकारी को ऐस पररप म और ऐस समय क अनदर दगा जो िविहत िकया जाए और साथ ही साथ वह सचना की एक परित ऐस सथान पर जहा उसका िनरीकषण वसाय सघ क पदधािरय ारा िकया जा सक िविहत रीित म एक िवशष सचना प पर लगाएगा और सिनिश चत करगा की वह सचना ऐस लगाए जान की तारीख स कम स कम चौदह िदन तक प पर लगी रह ]

1 1983 क अिधिनयम स० 42 की धारा 15 ारा (31-5-1984 स) ldquoअधयपकषाrdquo शबद क सथान पर परितसथािपत 2 अब दिखए दड परिकरया सिहता 1973 (1974 का 2) 3 1983 क अिधिनयम स० 42 की धारा 16 ारा (31-5-1984 स) अनतःसथािपत 4 1959 क अिधिनयम स० 62 की धारा 12 ारा (16-1-1960 स) उपधारा (1) क सथान पर परितसथािपत

13

1[(1क) जब कभी खान म या उसक आसपास कोई ऐसी दघरटना हो जाए िजसस िकसी िक त को िरपोटर की जान योगय कोई कषित कािरत हई हो तो खान का सवामी अिभकतार या परबनधक ऐसी दघरटना को एक रिजसटर म िविहत पररप म परिवष ट करगा और ऐसी परिविष टय की परितया ितमाही म एक बार मखय िनरीकषक को दी जाएगी ]

(2) जहा िक उपधारा (1) क अधीन दी गई सचना ऐसी दघरटना क बार म हो िजसस जीवन की हािन कािरत हई हो वहा वह परािधकारी घटना की जाच सचना की परािप त क दो मास क अनदर करगा और यिद परािधकारी िनरीकषक न हो तो वह िनरीकषक स उक त कालाविध क अनदर जाच कराएगा

2[(3) कनदरीय सरकार राजपतर म अिधसचना ारा िनदश द सकगी िक उपधारा (1) और उपधारा (1क) म िविनिदष ट दघरटना स िभन न िजन दघरटना म ऐसी शारीिरक कषित कािरत होती ह िजसस िक कषितगरसत िक त की काम स चौबीस घट स अिधक की अविध की मजदरी क कारण अनपिसथित हो जाती ह तो व दघरटनाए िविहत पररप म एक रिजसटर म परिवष ट की जाएगी या यथािसथित उपधारा (1) या उपधारा (1क) क उपबनध क अधयधीन रहगी ]

(4) उपधारा (3) म िनिदष ट रिजसटर म की परिविष टय की एक परित खान क सवामी अिभकतार या परबनधक ारा 3[उस वषर स िजसस व परिविष टया समब ह अगल वषर म जनवरी क 20व िदन या ततपवर] मखय िनरीकषक को भजी जाएगी

3[(5) जब कभी खान म या उसक आसपास कोई ऐसी दघरटना हो जाए िजसस िकसी िक त क जीवन को हािन या उसको गभीर शारीिरक कषित कािरत हई हो तो उस मखय िनरीकषक या िनरीकषक क िजसको धारा 23 की उपधारा (1) क अधीन दघरटना की सचना का िदया जाना अपिकषत ह आगमन क पवर या उसकी सम मित क िबना दघरटना सथल की उलट-पलट या उसम कोई पिरवतरन नह िकया जाएगा जब तक िक ऐसी उलट-पलट या पिरवतरन आग िकसी दघरटना को रोकन क िलए मतक क शव को हटान क िलए या िकसी िक त की सकट स रकषा करन क िलए आवशयक न हो अथवा जब तक िक दघरटना सथल पर काम क बनद िकए जान स खान क कायरकरण म गमभीर अड़चन न पड़

परनत जहा मखय िनरीकषक या उक त िनरीकषक दघरटना क समय स बह र घट क भीतर दघरटना का सथल िनरीकषण करन म असफल रहता ह वहा दघरटना सथल पर काम पनः आरमभ िकया जा सकगा ]

24 दघरटना क मामल म जाच-नयायालय िनयक त करन की सरकार की शिक तmdash4[(1) जब िक खान म या उसक आसपास धारा 23 की उपधारा (1) क खड म स िकसी म िनिदष ट परकित की कोई दघरटना हो जाए तब कनदरीय सरकार यिद उसकी यह राय हो िक दघरटना क कारण की और पिरिसथितय की पररिपक जाच होनी चािहए ऐसी जाच करन क िलए कोई सकषम िक त िनयक त कर सकगी और जाच करन म अससर क रप म कायर करन क िलए िविध का या कोई िवशष जञान रखन वाल एक या अिधक िक तय को भी िनयक त कर सकगी ]

(2) ऐसी िकसी जाच करन क िलए िनयक त िक त को सािकषय को हािजर करान और दसतावज और भौितक पदाथ 5 को पश करन क िलए िववश करन क परयोजन क िलए िसिवल परिकरया सिहता 1908 (1908 का 5) क अधीन की िसिवल नयायालय की सब शिक तया पराप त ह गी

(3) इस धारा क अधीन जाच करन वाला कोई िक त इस अिधिनयम क अधीन की िनरीकषक की ऐसी शिक तय का परयोग कर सकगा िजसका परयोग करना वह जाच क परयोजन क िलए आवश यक या समीचीन समझ

(4) इस धारा क अधीन जाच करन वाला िक त दघरटना क कारण और उसकी पिरिसथितय को किथत करन वाली िरपोटर िकनह ऐसी समिक तय को जोड़कर िजनह िक वह या अससर म स कोई िलखना आवशयक समझ कनदरीय सरकार को दगा

25 कछ रोग की सचनाmdash(1) जहा िक खान म िनयोिजत िकसी िक त को कोई 6ऐसा रोग लग जाए जो कनदरीय सरकार ारा शासकीय राजपतर म खनन सिकरया स ससक त रोग क रप म अिधसिचत िकया गया हो वहा खान का यथािसथित सवामी

अिभकतार या परबनधक उसकी सचना मखय िनरीकषक को और ऐस अनय परािधकािरय को ऐस पररप म और ऐस समय क अनदर भजगा जस िविहत िकए जाए

(2) यिद कोई िचिकतसा- वसायी िकसी ऐस िक त की दखभाल कर जो िकसी खान म िनयोिजत हो या रहा हो और जो उपधारा (1) क अधीन अिधसिचत िकसी रोग स पीिड़त हो या िजसक बार म िचिकतसा- वसायी को िवश वास हो िक वह ऐस रोग स पीिड़त ह तो िचिकतसा- वसायीmdash

(क) रोगी का नाम और पता

1 1983 क अिधिनयम स० 42 की धारा 17 ारा (31-5-1984 स) अनतःसथािपत 2 1983 क अिधिनयम स० 42 की धारा 17 ारा (31-5-1984 स) उपधारा (3) क सथान पर परितसथािपत 3 1959 क अिधिनयम स० 62 की धारा 12 ारा (16-1-1960 स) कितपय शबद क सथान पर परितसथािपत 4 1959 क अिधिनयम स० 62 की धारा 13 ारा (16-1-1960 स) उपधारा (1) क सथान पर परितसथािपत 5 1959 क अिधिनयम स० 62 की धारा 13 ारा (16-1-1960 स) कितपय शबद का लोप िकया गया 6 िसलकोिसस और नयमोकोिनओिसस िजनह ऐस रोग घोिषत िकया गया ह दिखए भारत का राजपतर (अगरजी) भाग 2 खण ड 3 प 1153 म परकािशत अिधसचना स० 1

का०िन०आ० 1306 तारीख 21 जलाई 1952 और मगनीज िवषाकतीकरण-तितरका परकार का िजस ऐसा रोग घोिषत िकया गया ह दिखए भारत का राजपतर (अगजी) 1956 भाग 2 खणड 3 प 2195 म परकािशत अिधसचना स० का०िन०आ० 3109 तारीख 18 िदसमबर 1956

14

(ख) वह रोग िजसस रोगी पीिड़त हो या िजसस उसक पीिड़त होन का िवश वास हो तथा

(ग) उस खान का नाम और पता िजसम रोगी िनयोिजत हो या अिनतम बार िनयोिजत था

किथत करन वाली िलिखत िरपोटर मखय िनरीकषक को अिवलमब भजगा

(3) जहा िक उपधारा (2) क अधीन की िरपोटर की यह पिष ट परमाणकतार सजरन क परमाणपतर स या अनयथा मखय िनरीकषक को समाधानपरद रप म हो जाए िक वह िक त उपधारा (1) क अधीन अिधसिचत रोग स पीिड़त ह वहा मखय िनरीकषक िचिकतसा-

वसायी को उतनी फीस दगा िजतनी िविहत की जाए और ऐस सद फीस उस खान क सवामी अिभकतार या परबनधक स िजसम उस िक त को रोग लगा हो भ-राजसव क बकाया क रप म वसलीय होगी

(4) यिद कोई िचिकतसा- वसायी उपधारा (2) क उपबनध का अनपालन करन म असफल रहगा तो वह जमारन स जो पचास रपए तक का हो सकगा दणडनीय होगा

26 रोग क कारण क अनवषण का िनदश दन की शिक तmdash(1) कनदरीय सरकार यिद वह ऐसा करना समीचीन समझ तो िकसी ऐस मामल की जाच करन क िलए तथा उस पर िरपोटर दन को कोई सकषम िक त िनयक त कर सकगी िजसम धारा 25 की उपधारा (1) क अधीन अिधसिचत कोई रोग खान म लगा हो या िजसक बार म सदह िकया जाता हो िक वह खान म लगा ह और ऐसी जाच म अससर क रप म कायर करन क िलए िविध का जञान या िवशष जञान रखन वाल एक या अिधक िक तय को भी िनयक त कर सकगी

(2) धारा 24 की उपधारा (2) और (3) क उपबध इस धारा क अधीन की जाच को उसी रीित स लाग ह ग जस व उस धारा क अधीन की िकसी जाच को लाग होत ह

27 िरपोट का परकाशनmdashऐस समय पर और ऐसी रीित स जो वह ठीक समझ कनदरीय सरकार सिमित ारा 1[धारा 12] क अधीन भजी गई िकसी िरपोटर को या अपन को धारा 26 क अधीन भजी गई िकसी िरपोटर या िकसी िरपोटर क उ रण को परकािशत करा सकगी और धारा 24 क अधीन िकसी जाच नयायालय ारा भजी गई हर िरपोटर को परकािशत कराएगी

अधयाय 6

िनयोजन क घट और उस पर िनबरधन

28 साप तािहक िवशराम-िदनmdashिकसी भी िक त को खान म िकसी एक सप ताह म छह िदन स अिधक काम नह करन िदया जाएगा

29 परितकरातमक िवशराम-िदनmdash(1) जहा िक धारा 38 क अधीन कायरवाही क अनसरण म अथवा िकसी खान को या उसम िनयोिजत िक तय को धारा 28 क उपबनध स छट िदए जान क फलसवरप कोई िक त जो उस खान म िनयोिजत हो उन साप तािहक िवशराम-िदन म स िकसी स िजनक िलए धारा 28 म उपबनध िकया गया ह विचत िकया जाए वहा उस उसी मास क अनदर िजसम उस ऐस िवशराम-िदन दय थ या उस मास क अ विहत पश चात क दो मास क अनदर उन िवशराम-िदन की समान सखया म िजनस वह इस परकार विचत िकया गया हो परितकरातमक िवशराम-िदन िदए जाएग

(2) कनदरीय सरकार वह रीित िविहत कर सकगी िजसस व िवशराम-िदन िजनक िलए उपधारा (1) म उपबनध िकया गया ह िदए जाएग

30 भिम क ऊपर क काम क घणटmdash(1) िकसी सप ताह म अड़तालीस घणट स अिधक या िकसी िदन म नौ घणट स अिधक काम भिम क ऊपर िनयोिजत िकसी भी वयसथ स न तो अपिकषत िकया जाएगा और न उस करन िदया जाएगा

2[परनत मखय िनरीकषक क पवर अनमोदन क अधयधीन रहत हए इस उपधारा म िविनिदष ट दिनक अिधकतम घणट को पािरय म तबदीली सकर बनान क िलए बढ़ाया जा सकगा ]

(2) िकसी ऐस वयसथ क काम की कालाविधया इस परकार विसथत की जाएगी िक उसक िवशराम अनतराल सिहत व िकसी भी िदन बारह घणट स अिधक िवसतत न ह और वह कम स कम आध घणट का िवशराम अनतराल क चकन क पवर िनरनतर पाच घणट स अिधक काम न कर

3[परनत मखय िनरीकषक ऐस कारण स जो लखन ारा अिभिलिखत िकए जाएग इस िवसतित का िकसी िदन अिधकतम चौदह घणट की कालाविध तक का होना ऐसी शत क अधयधीन जसी वह अिधरोिपत करना ठीक समझ अनजञात कर सकगा ]

4[(3) दो या अिधक पािरय क िक तय को एक ही समय भिम क ऊपर एक ही परकार का काम नह करन िदया जाएगा

1 1983 क अिधिनयम स० 42 की धारा 18 ारा (31-5-1984 स) ldquoधारा 13rdquo शबद और अक क सथान पर परितसथािपत 2 1959 क अिधिनयम स० 62 की धारा 14 ारा (16-1-1960 स) परनतक जोड़ा गया 3 1959 क अिधिनयम स० 62 की धारा 14 ारा (16-1-1960 स) परनतक क सथान पर परितसथािपत 4 1959 क अिधिनयम स० 62 की धारा 14 ारा (16-1-1960 स) उपधारा (3) क सथान पर परितसथािपत

15

परनत इस उपधारा क परयोजन क िलए िक तय क बार म कवल इस तथय क कारण िक उनक िवशराम अनतराल उनह िभन न समय पर िमलत ह यह न समझा जाएगा िक व िविभन न पािरय क ह ]

1[31 भिम क नीच क काम क घटmdash(1) खान म भिम क नीच िनयोिजत िकसी भी वयसथ को िकसी सप ताह म अड़तालीस घणट स अिधक या िकसी िदन म आठ घणट स अिधक काम नह करन िदया जाएगा

परनत मखय िनरीकषक क पवर अनमोदन क अधयधीन रहत हए इस उपधारा म िविनिदष ट दिनक अिधकतम घणट को पािरय म तबदीली सकर बनान क िलए बढ़ाया जा सकगा

(2) खान म भिम क नीच कोई भी काम ऐस विसथत पारी-प ित स चलान क िसवाय न चलाया जाएगा िक हर एक पारी म काम की कालाविध उपधारा (1) म बताए गए दिनक अिधकतम घट स अिधक िवसतत न हो

(3) खान म िनयोिजत िकसी िक त को भिम क नीच क खान क िकसी भाग म काम की उन कालाविधय क दौरान उपिसथत रहन दन क िसवाय उपिसथत न रहन िदया जाएगा जो धारा 48 की उपधारा (4) क अधीन रख जान वाल रिजसटर म उसक बार म दिशत ह ]

2[32 राितर की पारीmdashजहा िक खान म िनयोिजत िक त ऐसी पारी म काम कर िजसका िवसतार मधयराितर क पश चात तक हो वहाmdash

(क) धारा 28 और धारा 29 क परयोजन क िलए उसक मामल म साप तािहक िवशराम-िदन स उसकी पारी क अनत होन पर आरमभ होन वाली िनरनतर 24 घणट की कालाविध अिभपरत होगी

(ख) उसकी पारी का अनत होन पर आरमभ होन वाली चौबीस घणट की कालाविध उसक िलए अगला िदन समझी जाएगी और मधयराितर क पश चात िजतन घणट उसन काम िकया हो व पवरवत िदन म िगन जाएग ]

33 अितकाल क िलए अितिरक त मजदरीmdash3[(1) जहा िक खान म कोई िक त भिम क ऊपर िकसी िदन नौ घणट स अिधक या भिम क नीच िकसी िदन आठ घणट स अिधक काम कर या चाह भिम क ऊपर या नीच िकसी सप ताह म अड़तालीस घणट स अिधक काम कर वहा ऐस अितकािलक काम क िलए वह अपनी मजदरी की मामली दर स दगनी दर पर मजदरी पान का हकदार होगा और अितकािलक काम की कालाविध की गणना दिनक या साप तािहक आधार पर जो भी उसक िलए अिधक अनकल हो की जाएगी ]

4[(2) जहा खान म िनयोिजत िकसी िक त को मातरानपाती दर स सदाय िकया जाना हो वहा कालानपाती दर को उन िदन क िजनको उसक उस सप ताह क िजसम अितकाल काम िकया गया ह ठीक पवरवत सप ताह क दौरान वासतव म काम िकया था िकसी अितकाल को छोड़कर उसक पणरकािलक उपाजरन क दिनक औसत क बराबर माना जाएगा और ऐसी कालानपाती दर ऐस िक त की मजदरी की मामली दर मानी जाएगी

परनत यिद ऐस िक त न पवरवत सप ताह म उसी या समान काम पर कायर नह िकया ह तो कालानपाती दर अितकाल को छोड़कर उन िदन की िजनको उसन उसी सप ताह म काम िकया ह औसत या िकसी पवरवत सप ताह म उसक उपाजरन की दिनक औसत इनम स जो भी उच चतर हो उस पर आधािरत होगी

सपष टीकरणmdashइस धारा क परयोजन क िलए ldquoमजदरी की मामली दरrdquo का वही अथर होगा जो उसका धारा 9क की उपधारा (3) क सपष टीकरण म ह ]

(4) इस धारा क उपबनध का अनपालन सिनिश चत करन क परयोजन क िलए कनदरीय सरकार खान म रख जान वाल रिजसटर िविहत कर सकगी

5[34 कितपय िक तय क िनयोजन का परितषधmdashकोई भी िक त जो पवरवत बारह घनट क अनदर िकसी अनय खान म पहल ही काम करता रहा हो खान म काम करन क िलए न तो अपिकषत िकया जाएगा न उस खान म काम करन िदया जाएगा ]

6[35 अितकािलक काम सिहत दिनक काम क घट का िनबरनधनmdashधारा 39 क खणड (क) और खणड (ङ) म आन वाल मामल म क िसवाय िकसी भी िदन अितकाल सिहत दस घट स अिधक खान म काम न तो खान म िनयोिजत िकसी भी िक त स अपिकषत िकया जाएगा न उस करन िदया जाएगा ]

36 काम क घट क िवषय म सचनाएmdash(1) हर खान का परबनधक खान म काम क परारमभ और बनद होन का समय और यिद टोली प ित ारा काम परसथािपत हो तो हर एक टोली क काम क परारमभ और बनद होन का समय किथत करन वाली सचना िविहत पररप म खान क कायारलय क बाहर लगवाएगा

1 1959 क अिधिनयम स० 62 की धारा 15 ारा (16-1-1960 स) धारा 31 क सथान पर परितसथािपत 2 1959 क अिधिनयम स० 62 की धारा 16 ारा (16-1-1960 स) धारा 32 क सथान पर परितसथािपत 3 1959 क अिधिनयम स० 62 की धारा 17 ारा (16-1-1960 स) उपधारा (1) क सथान पर परितसथािपत 4 1983 क अिधिनयम स० 42 की धारा 19 ारा (31-5-1984 स) उपधारा (2) और (3) क सथान पर परितसथािपत 5 1959 क अिधिनयम स० 62 की धारा 18 ारा (16-1-1960 स) धारा 34 क सथान पर परितसथािपत 6 1959 क अिधिनयम स० 62 की धारा 19 ारा (16-1-1960 स) धारा 35 क सथान पर परितसथािपत

16

(2) उस खान की दशा म िजसम खनन सिकरयाए इस अिधिनयम क परारमभ क पश चात परारभ ह उपधारा (1) म िनिदष ट सचना काम क परारमभ होन क कम स कम सात िदन पवर लगाई जाएगी

(3) उपधारा (1) म िनिदष ट सचना म भिम क ऊपर िनयोिजत िक तय क काम क परारमभ का समय और िवशराम अनतराल भी किथत ह ग और उसकी एक परित मखय िनरीकषक को यिद वह ऐसी अपकषा कर तो भजी जाएगी

(4) जहा िक साधारणतः खान म या िकसी टोली क काम क परारमभ या बनद होन क िलए िनयत समय म या भिम क ऊपर िनयोिजत िक तय क िलए िनयत िवशराम अनतराल म कोई तबदीली करन की परसथापना हो वहा िविहत पररप म एक सशोिधत सचना उस तबदीली क िकए जान क सात स अनयन िदन पवर खान क कायारलय क बाहर लगाई जाएगी और ऐसी सचना की एक परित ऐसी तबदीली क सात स अनयन िदन पवर मखय िनरीकषक को भजी जाएगी

(5) िकसी भी िक त को उपधारा (1) ारा अपिकषत सचना क अनसार काम करन स अनयथा खान म काम नह करन िदया जाएगा

37 पयरवकषक कमरचािरवनदmdashधारा 28 धारा 30 धारा 31 धारा 34 या 1[धारा 36 की उपधारा (5)] की कोई भी बात उन िक तय को लाग न होगी िजनकी बाबत िनयम ारा यह पिरभािषत िकया जाए िक व पयरवकषण या परबनध का पद धारण िकए हए ह

या गोपनीयता की हिसयत म िनयोिजत ह

38 िनयोजन सबधी उपबनध स छटmdash(1) उस आपात की दशा म िजसम खान या उसम िनयोिजत िक तय क कषम क िलए गमभीर जोिखम अनतवरिलत हो या वासतिवक या आशिकत िकसी दघरटना की दशा म या िकसी दवीकत की दशा म या खान की मशीनरी सयतर या उपसकर क ठपप हो जान क पिरणामसवरप ऐसी मशीनरी सयतर या उपसकर पर िकए जान वाल िकसी अजनट काम की दशा म परबनधक धारा 22 2[या धारा 22क] क उपबनध क अधयधीन और धारा 39 क अधीन क िनयम क अनसार िक तय को धारा 28 धारा 30 धारा 31 या धारा 34 या 1[धारा 36 की उपधारा (5)] क उललघन म ऐस काम म िनयोजन की अनजञा द सकगा जो खान या उसम िनयोिजत िक तय क कषम का सरकषण करन क िलए आवशयक हो

परनत मशीनरी सयतर या उपसकर पर इस धारा क अधीन िकए जान वाल िकसी अजनट काम की दशा म परबनधक इस धारा ारा अनजञात कोई काररवाई कर सकगा य िप उसक िकए जान स 3[खिनज] उतपादन आनषिगक रप स परभािवत होता हो िकनत इस

परकार की गई काररवाई उन सीमा क बाहर न की जाएगी जो खान क मामली कायरकरण म गमभीर हसतकषप का पिरवजरन करन क परयोजन क िलए आवशयक हो

(2) हर वह दशा िजसम उपधारा (1) क अधीन परबनधक ारा काररवाई की गई हो ततसमब पिरिसथितय क साथ अिभिलिखत की जाएगी और उसकी िरपोटर मखय िनरीकषक या िनरीकषक को भी दी जाएगी

4[39 छट दन वाल िनयम बनान की शिक तmdash5[कनदरीय सरकार] िनम निलिखत िक तय क िलए धारा 28 धारा 30 धारा 31 धारा 34 या धारा 36 की उपधारा (5) क उपबनध स ऐस िवसतार तक ऐसी पिरिसथितय म और ऐसी शत क अधयधीन जसी िविनिदष ट की जाए छट का उपबनध करन वाल िनयम बना सकगीmdash

(क) ऐसी खान म िजसम ऐस आपात की आशका हो िजसम खान क या उसम िनयोिजत िक तय क कषम की गमभीर जोिखम अनतवरिलत हो िनयोिजत सब िक त या उनम स कोई

(ख) िकसी वासतिवक या आशिकत दघरटना की दशा म इस परकार िनयोिजत सब िक त या उनम स कोई

(ग) िकसी तयारी की परकित क या परक परकित क ऐस काम म जो खान क मामली कायरकरण म गमभीर हसतकषप का पिरवजरन करन क परयोजन क िलए अवशय चलाया जाना चािहए लग हए सब िक त या उनम स कोई

(घ) अजनट मरममत म लग हए सब िक त या उनम स कोई

(ङ) िकसी ऐस काम म जो िक तकनीकी कारण स िनरनतर चाल रखा जाना चािहए िनयोिजत सब िक त या उनम स कोई ] 6[40 अठारह वषर स कम आय क िक तय का िनयोजनmdash(1) खान (सशोधन) अिधिनयम 1983 क परारमभ क पश चात

अठारह वषर स कम आय क िकसी िक त को िकसी खान या उसक भाग म काम करन क िलए अनजञात नह िकया जाएगा

(2) उपधारा (1) म िकसी बात क होत हए भी िशकष और अनय परिशकष को जो सोलह वषर स कम आय क नह ह िकसी खान या उसक भाग म परबनधक ारा समिचत पयरवकषण क अधीन काम करन क िलए अनजञात िकया जा सकगा

1 1953 क अिधिनयम स० 42 की धारा 4 और अनसची 3 ारा ldquoधारा 36 की उपधारा (4)rdquo क सथान पर परितसथािपत 2 1983 क अिधिनयम स० 42 की धारा 20 ारा (31-5-1984 स) अनतःसथािपत 3 1959 क अिधिनयम स० 62 की धारा 20 ारा (16-1-1960 स) ldquoकोयलाrdquo क सथान पर परितसथािपत 4 1959 क अिधिनयम स० 62 की धारा 21 ारा (16-1-1960 स) धारा 39 क सथान पर परितसथािपत 5 1983 क अिधिनयम स० 42 की धारा 21 ारा (31-5-1984 स) कितपय शबद क सथान पर परितसथािपत 6 1983 क अिधिनयम स० 42 की धारा 22 ारा (31-5-1984 स) धारा 40 क सथान पर परितसथािपत

17

परनत िशकष स िभन न परिशकष की दशा म उनको काम करना अनजञात करन स पवर मखय िनरीकषक या िनरीकषक का पवर अनमोदन अिभपराप त करना आवशयक होगा

सपष टीकरणmdashइस धारा और धारा 43 म ldquoिशकषrdquo स िशकष अिधिनयम 1961 (1961 का 52) की धारा 2 क खणड (क) म यथापिरभािषत िशकष अिभपरत ह ]

41 [योगयता परमाणपतर ]mdashखान (सशोधन) अिधिनयम 1983 की धारा 23 ारा (31-5-1984 स) िनरिसत

42 [कमार को अनद योगयता परमाणपतर का परभाव ]mdashखान (सशोधन) अिधिनयम 1983 (1983 का 42) की धारा 23 ारा (31-5-1984 स) िनरिसत

1[43 िचिकतसीय परीकषा की अपकषा करन की शिक तmdash(1) जहा िकसी िनरीकषक की यह राय हो िक िशकष या अनय परिशकष स अनयथा खान म िनयोिजत कोई िक त वयसथ नह ह अथवा खान म िशकष या अनय परिशकष क रप म िनयोिजत कोई िक त या तो सोलह वषर स कम आय का ह या वह काम करन क योगय नह रह गया ह वहा िनरीकषक खान क परबनधक पर यह अपकषा करन वाली सचना की तामील कर सकगा िक ऐस िक त की परीकषा िकसी परमाणकतार सजरन ारा की जाए और िनरीकषक ऐसा िनदश द तो ऐसा

िक त तब तक िकसी खान म काम करन क िलए िनयोिजत या अनजञात नह िकया जाएगा जब तक इस परकार उसकी परीकषा न हो गई हो और यह परमािणत न कर िदया गया हो िक वह वयसथ ह या यिद ऐसा िक त िशकष या परिशकष ह तो वह सोलह वषर स कम आय का नह ह और काम करन क योगय ह

(2) उपधारा (1) क अधीन िनदश पर परमाणकतार सजरन ारा िदया गया हर परमाणपतर उसम किथत बात का इस अिधिनयम क परयोजन क िलए िनश चायक सा य होगा ]

44 [उन कमार क िलए काम क घट जो वयसक क रप म काम क िलए योगय परमािणत नह िकए गए ]mdashखान (सशोधन) अिधिनयम 1983 (1984 का 42) की धारा 25 ारा (31-5-1984 स) िनरिसत

2[45 खान म अठारह वषर स कम आय क िक तय की उपिसथित का परितषधmdashधारा 40 की उपधारा (2) क उपबनध क अधीन रहत हए ऐसी तारीख क पश चात जो कनदरीय सरकार राजपतर म अिधसचना ारा इस िनिम िनयत कर अठारह वषर स कम आय क िकसी िक त को भिम क ऊपर खान क िकसी ऐस भाग म जहा िकसी खनन सिकरया स ससक त या आनषिगक कोई सिकरया चलाई जा रही हो उपिसथत नह रहन िदया जाएगा ]

3[46 िस तरय का िनयोजनmdash(1) िकसी अनय िविध म अनतिवष ट िकसी बात क होत हए भी कोई भी स तरीmdash

(क) खान क िकसी ऐस भाग म जो भिम क नीच हो

(ख) िकसी खान म भिम क ऊपर 6 बज पवारहन और 7 बज अपराहन क बीच क िसवाय

िनयोिजत नह की जाएगी ]

(2) खान म भिम क ऊपर िनयोिजत हर स तरी को िकसी एक िदन िनयोजन का पयरवसान होन और िनयोजन की अगली कालाविध का परारमभ होन क बीच कम स कम गयारह घनट का अनतराल िदया जाएगा

(3) उपधारा (1) म अनतिवष ट िकसी बात क होत हए भी कनदरीय सरकार िकसी खान या िकसी वगर या परकार की खान क बार म भिम क ऊपर िस तरय क िनयोजन क घट म फरफार शासकीय राजपतर म अिधसचना ारा कर सकगी िकनत इस परकार की िकसी स तरी का 10 बज अपराहन और 5 बज पवारहन क बीच कोई भी िनयोजन तद ारा अनजञात न हो ]

47 [आय क बार म िववाद ]mdashखान (सशोधन) अिधिनयम 1959 (1959 का 62) की धारा 28 ारा िनरिसत

48 िनयोिजत िक तय का रिजसटरmdash4[(1) हर खान क िलए उस खान म िनयोिजत सब िक तय का एक रिजसटर िविहत पररप और सथान म रखा जाएगा िजसम ऐस हर एक िक त क बार म िनम निलिखत बात दिशत ह गीmdash

(क) कमरचारी का नाम यथािसथित उसक िपता या पित क नाम सिहत और ऐसी अनय िविशिष टया जसी उसकी पहचान क परयोजन क िलए आवशयक ह

(ख) कमरचारी की आय और िलग

(ग) िनयोजन की परकित (वह िनयोजन भिम क ऊपर ह या भिम क नीच और यिद भिम क ऊपर ह तो वह िवव खिनत म ह या अनयथा) और उसक परारमभ की तारीख

5

1 1983 क अिधिनयम स० 42 की धारा 24 ारा (31-5-1984 स) धारा 43 क सथान पर परितसथािपत 2 1983 क अिधिनयम स० 42 की धारा 26 ारा (31-5-1984 स) धारा 45 क सथान पर परितसथािपत 3 1959 क अिधिनयम स० 62 की धारा 27 ारा (16-1-1960 स) धारा 46 क सथान पर परितसथािपत 4 1959 क अिधिनयम स० 62 की धारा 29 ारा (16-1-1960 स) उपधारा (1) क सथान पर परितसथािपत 5 1983 क अिधिनयम स० 42 की धारा 27 ारा (31-5-1984 स) खणड (घ) का लोप िकया गया

18

(ङ) अनय ऐसी िविशिष टया जो िविहत की जाए

और ससगत परिविष टया सपक त िकयत क हसताकषर या अगठ क िचहन ारा अिधपरमािणत की जाएगी ]

(2) उपधारा (1) ारा िविहत रिजसटर म की परिविष टया ऐसी ह गी िक उनक अनसार काम करन वाल कमरकार इस अधयाय क उपबनध म स िकसी क उललघन म काम न करत ह ग

(3) कोई िक त खान म तब तक िनयोिजत न िकया जाएगा जब तक उसक बार म उपधारा (1) ारा अपिकषत िविशिष टया रिजसटर म अिधिलिखत न कर ली गई ह और कोई भी िक त रिजसटर म अपन बार म दिशत काम की कालाविधय क दौरान िनयोिजत िकए जान क िसवाय िनयोिजत नह िकया जाएगा

1[(4) िजस खान को कनदरीय सरकार न साधारण या िवशष आदश ारा िकसी िवशष कारण स जो अिभिलिखत िकया जाएगा छट दी हो उसस िभन न हर खान क िलए पथक रिजसटर िविहत पररप और सथान म रख जाएग िजनम हर िक त क बार म जो खान मmdash

(क) भिम क नीच

(ख) िवव खिनत म भिम क ऊपर

(ग) अनय दशा म भिम क ऊपर

िनयोिजत हो िनम निलिखत बात दिशत ह गीmdash

(i) कमरचारी का नाम

(ii) उसक िनयोजन का वगर या िकसम

(iii) जहा िक काम टोली-प ित स चलाया जाता हो वहा िजस पारी का वह ह वह पारी और उस पारी क घनट ]

(5) भिम क नीच िनयोिजत िक तय क उपधारा (4) म िनिदष ट रिजसटर म िकसी भी कषण ऐस हर िक त का नाम दिशत होगा जो तब खान म भिम क नीच उपिसथत हो

2[(6) कोई िक त िकसी िवव खिनत या भिम क नीच िकसी खिनत म तब क िसवाय परवश नह कर सकगा जब िक ऐसा करन क िलए वह परबनधक ारा अनजञात िकया गया हो अथवा इस अिधिनयम या िकसी अनय िविध क अधीन परािधकत हो ]

अधयाय 7

मजदरी सिहत छ ी 3[49 अधयाय का लाग होनाmdashइस अधयाय क उपबनध ऐस परवितत नह ह ग िक उनका िकसी ऐस अिधकार पर परितकल

परभाव पड़ िजसका िक खान म िनयोिजत कोई िक त िकसी अनय िविध क अधीन या िकसी अिधिनणरय करार या सवा-सिवदा क िनबनधन क अधीन हकदार हो

4[परनत यिद ऐसा अिधिनणरय करार या सवा-सिवदा इस अधयाय म उपबिनधत स दीघरतर मजदरी सिहत वािषक छ ी का उपबनध करती हो तो छ ी की वह मातरा िजसक िलए िनयोिजत िक त हकदार होगा ऐस अिधिनणरय करार या सवा-सिवदा क अनसार होगी िकनत छ ी ऐस िवषय की बाबत जो ऐस अिधिनणरय करार या सवा-सिवदा म उपबिनधत नह ह धारा 50 स लकर धारा 56 तक क (िजसम य दोन धाराए भी सिममिलत ह) उपबनध क अनसार िविनयिमत होगी ]

50 छ ी की पिरभाषाmdashसाप तािहक िवशराम-िदन अथवा उतसव क िलए या अनय ऐस ही अवसर क िलए अवकाश-िदन इस अधयाय क परयोजन क िलए छ ी क अनतगरत नह आत ह चाह व छ ी की कालाविध क दौरान ह या उसक ठीक पहल या ठीक पीछ ह

51 कलनडर वषर की पिरभाषाmdashइस अधयाय क परयोजन क िलए ldquoकलनडर वषरrdquo स िकसी वषर म जनवरी क परथम िदन स आरमभ होन वाली बारह मास की कालाविध अिभपरत होगी

52 मजदरी सिहत वािषक छ ीmdash(1) खान म िनयोिजत हर िक त को िजसन उसम एक कलनडर वषर की सवा परी कर ली हो पश चातवत कलनडर वषर क दौरान मजदरी सिहत छ ी अनजञात की जाएगी िजसकी गणनाmdash

(क) भिम क नीच िनयोिजत िक त की दशा म उसक ारा िकए गए काम क हर 5[पनदरह िदन] क िलए एक िदन की दर स की जाएगी तथा

1 1959 क अिधिनयम स० 62 की धारा 29 ारा (16-1-1960 स) उपधारा (4) क सथान पर परितसथािपत 2 1959 क अिधिनयम स० 62 की धारा 29 ारा (16-1-1960 स) अनतःसथािपत 3 1959 क अिधिनयम स० 62 की धारा 30 ारा (16-1-1960 स) धारा 49 स 56 तक क सथान पर परितसथािपत 4 1983 क अिधिनयम स० 42 की धारा 28 ारा (31-5-1984 स) परनतक क सथान पर परितसथािपत 5 1983 क अिधिनयम स० 42 की धारा 29 ारा (31-5-1984 स) ldquoसोलह िदनrdquo क सथान पर परितसथािपत

19

(ख) िकसी अनय दशा म उसक ारा िकए गए काम क हर बीस िदन क िलए एक िदन की दर स की जाएगी

(2) उपधारा (1) म िनिदष ट एक कलनडर वषर की सवाmdash

(क) खान म भिम क नीच िनयोिजत िक त की दशा म परी कर ली गई समझी जाएगी यिद कलनडर वषर क दौरान खान म उसकी हािजिरया एक सौ नबब स कम न ह तथा

(ख) िकसी अनय िक त की दशा म परी कर ली गई समझी जाएगी यिद कलनडर वषर क दौरान खान म उसकी हािजिरया दो सौ चालीस स कम न ह

सपष टीकरणmdashइस उपधारा क परयोजन क िलए यह ह िकmdash

(क) करार या सिवदा ारा या सथायी आदश क अधीन यथा अनजञय कामबदी क िदन को

(ख) स तरी कमरचारी की दशा म बारह सप ताह स अनिधक िकतन ही िदन की परसित छटटी को तथा

(ग) उस वषर स िजसम छ ी का उपभोग िकया जाए पवरवत वषर म उपािजत छ ी को

हािजरी की सगणना क परयोजन क िलए ऐस िदन समझा जाएगा िजनम कमरचारी न खान म काम िकया ह िकनत वह इन िदन क िलए छ ी उपािजत नह करगा

(3) िजस िक त की सवा जनवरी क परथम िदन को परारमभ न होकर अनयथा आरमभ होती ह वहmdash

(क) खान म भिम क नीच िनयोिजत िक त की दशा म तब जब िक वह कलनडर वषर क शष भाग क दौरान क कल िदन क आध स अनयन िदन म हािजर रहा हो तथा

(ख) िकसी अनय दशा म तब जब िक वह कलनडर वषर क शष भाग क दौरान क कल िदन क दो-ितहाई स अनयन िदन म हािजर रहा हो

पश चातवत कलनडर वषर म मजदरी सिहत छ ी उस दर स पान का हकदार होगा जो उपधारा (1) म िविनिदष ट ह

(4) िकसी िक त ारा न ली गई वह छ ी िजसका वह उपधारा (1) या उपधारा (2) क अधीन िकसी एक कलनडर वषर म हकदार हो उस छ ी म जोड़ दी जाएगी जो िक उ रवत कलनडर वषर क दौरान उस उपधारा क अधीन उस अनजञय हो

परनत उन छ ी क िदन की कल सखया जो ऐस िकसी िक त ारा सिचत की जा सकगी िकसी भी एक समय कल तीस िदन स अिधक न होगी

परनत यह और भी िक ऐसा वह िक त िजसन मजदरी सिहत छ ी क िलए आवदन िकया हो िकनत उस उपधारा (6) क अनसार ऐसी छ ी न दी गई हो िकसी सीमा क िबना अनपभक त छ ी क अगरनयन का हकदार होगा

(5) ऐसा कोई िक त उपधारा (1) उपधारा (2) और उपधारा (4) क अधीन उस समय अपन को अनजञय सारी छ ी या उसका कोई भाग लन क िलए खान क परबनधक स उस िदन स पदरह िदन स अनयन िदन पहल िलिखत आवदन कर सकगा िजस िदन वह अपनी छ ी आरमभ करना चाहता हो

परनत िकसी एक कलनडर वषर क दौरान तीन बार स अिधक छ ी न ली जा सकगी

(6) उपधारा (5) क उपबनध क अनसार ऐसी छ ी क िलए िकया गया आवदन तब क िसवाय नामजर नह िकया जाएगा जब िक छ ी अनद करन क िलए सशक त परािधकारी की यह राय हो िक पिरिसथित की आवशयकता क कारण छ ी नामजर की जानी चािहए ]

(7) यिद खान म िनयोिजत िक त अपनी मजदरी सिहत छ ी जो उस शष हो बीमारी की कालाविध क िलए लना चाहता हो तो चाह उसन छ ी क िलए आवदन उपधारा (5) म िविनिदष ट समय क अनदर न भी िकया हो तो भी उस वह छ ी अनद की जाएगी

(8) यिद खान का सवामी अिभकतार या परबनधक खान म िनयोिजत िक त क िनयोजन का पयरवसान उस िक त ारा अपनी वह कल छटटी ल ली जान क पवर कर द िजसका वह अपन िनयोजन क पयरवसान क िदन तक हकदार हो या यिद उस िक त न ऐसी छ ी क िलए आवदन िकया हो और ऐसी छ ी अनद न हई हो और वह िक त अपना िनयोजन छ ी लन स पवर छोड़ द तो खान का सवामी अिभकतार या परबनधक न ली गई छ ी क बार म धारा 53 क अधीन सदय रकम उस सद करगा और ऐसा सदाय वहा जहा िक

िक त क िनयोजन का पयरवसान सवामी अिभकतार या परबनधक ारा िकया जाए ऐस पयरवसान क पश चात क दसर कायर-िदवस क अवसान क पवर और जहा िक िक त अपना िनयोजन सवय छोड़ द वहा अगल वतन-िदवस को या उसक पवर िकया जाएगा

(9) खान म िनयोिजत िक त की अनपभक त छ ी उसक िनयोजन क पयरवसान क पवर िदए जान क िलए अपिकषत िकसी सचना की कालाविध की सगणना करन म िवचार म नह ली जाएगी

20

1[(10) जहा खान म िनयोिजत कोई िक त सवा स उनमोिचत या पदचयत िकया जाता ह अथवा वह अपना िनयोजन छोड़ता ह या अिधविषता पराप त करता ह अथवा सवा म रहत हए उसकी मतय हो जाती ह तो यथािसथित वह या उसक वािरस या उसका नाम-िनदिशती उपधारा (1) म िविनिदष ट दर स पिरकिलत उसको दय छ ी क सथान पर मजदरी पान का हकदार होगा यिदmdash

(क) भिम क नीच िकसी खान म िनयोिजत िक त की दशा म वह अपन िनयोजन की तारीख स लकर अपन उनमोचन या पदचयित की तारीख तक या िनयोजन छोड़न या अिधविषता या मतय की तारीख तक िदन की कल सखया क कम स कम आध िदन तक उपिसथित रहा ह और

(ख) िकसी अनय दशा म वह अपन िनयोजन की तारीख स लकर अपन उनमोचन या पदचयित या िनयोजन छोड़न या अिधविषता या मतय की तारीख तक िदन की कल सखया क कम स कम दो-ितहाई िदन तक उपिसथत रहा ह

और ऐसी मजदरी का सदाय खान क सवामी अिभकतार या परबनधक ारा धारा 53 म िविनिदष ट दर स जहा उस िक त को सवा स उनमोिचत या पदचयत कर िदया जाता ह अथवा वह िनयोजन छोड़ दता ह या अिधविषता पराप त कर लता ह वहा यथािसथित ऐस उनमोचन पदचयित िनयोजन छोड़न या अिधविषता क पश चात दसर कायर िदन की समािप त क पवर और जहा िनयोिजत िक त की सवा म रहत हए मतय हो जाती ह वहा उसकी मतय क दो मास की अविध क भीतर िकया जाएगा ]

सपष टीकरणmdash2[उपधारा (1) उपधारा (3) और उपधारा (10)] क परयोजन क िलए आध िदन या इसस अिधक की छ ी क िभन न को एक परा िदन माना जाएगा और आध िदन स कम वाला िभन न छोड़ िदया जाएगा

53 छ ी की कालाविध क दौरान मजदरीmdashउस छ ी क िलए जो खान म िनयोिजत िक त को धारा 52 क अधीन अनजञात हो उस सदाय ऐसी दर स िकया जाएगा जो उसकी छ ी क अ वितह पवरवत मास क उन िदन की बाबत िजनम वह िनयोिजत रहा हो कल पणरकािलक उपाजरन क उस दिनक औसत क बराबर हो जो उन उपाजरन म स िकसी अितकािलक मजदरी और बोनस को अपविजत करक िकनत उनम महगाई भ और नकद परितकर को िजसक अनतगरत खा ा और अनय वसत क िबना मलय िवतरण स परोदभावी ऐसा कोई परितकर (यिद कोई हो) िजसक हकदार खान म काम करन वाल िक त ततसमय ह आता ह सिममिलत करक आए

परनत यिद ऐस कोई औसत उपाजरन उपलबध न ह तो औसत की सगणना उसी मास क िलए वस ही िनयोिजत सब िक तय क कल पणरकािलक उपाजरन क दिनक औसत क आधार पर की जाएगी

54 कितपय दशा म अिगरम सदायmdashखान म िनयोिजत उस िक त को िजस चार स अनयन िदन की छ ी अनजञात की गई हो अनजञात छ ी की कालाविध क िलए शोधय मजदरी उसकी छ ी आरमभ होन स पहल द दी जाएगी

55 असद मजदरी की वसली का ढगmdashखान क सवामी अिभकतार या परबनधक ारा इस अधयाय क अधीन सद िकए जान क िलए अपिकषत िकनत उसक ारा असद कोई रकम मजदरी सदाय अिधिनयम 1936 (1936 का 4) क उपबनध क अधीन िवलिबत मजदरी क रप म वसलीय होगी

56 खान को छट की शिक तmdashजहा िक कनदरीय सरकार का यह समाधान हो जाए िक िकसी खान म िनयोिजत िक तय को लाग होन वाल छ ी क िनयम ऐसी परसिवधा का उपबनध करत ह जो उसकी राय म उन परसिवधा स कम अनकल नह ह िजनक िलए यह अधयाय उपबनध करता ह वहा वह उस खान को इस अधयाय क सब या िकनह उपबनध स छट िलिखत आदश ारा और ऐसी शत क अधयधीन जो उसम िविनिदष ट की जाए द सकगी ]

अधयाय 8

िविनयम िनयम और उपिविधया 57 िविनयम बनान की कनदरीय सरकार की शिक तmdashकनदरीय सरकार िनम निलिखत सब परयोजन या उनम स िकसी क िलए

ऐस िविनयम3 जो इस अिधिनयम स सगत हो शासकीय राजपतर म अिधसचना ारा बना सकगी अथारत mdash

(क) व अहरताए िविहत करना जो मखय िनरीकषक या िनरीकषक क रप म िनयिक त क िलए अपिकषत हो

(ख) इस अिधिनयम क अधीन खान क िनरीकषण क समबनध म मखय िनरीकषक और िनरीकषक क कतर और शिक तय को िविहत और िविनयिमत करना

(ग) खान क सवािमय अिभकतार और परबनधक क और उनक अधीन कायर करन वाल िक तय क कतर िविहत करना और खान क 4[अिभकतार और परबनधक और उनक अधीन कायर करन वाल िक तय की अहरताए (िजसक अनतगरत आय आती ह)] िविहत करना

1 1983 क अिधिनयम स० 42 की धारा 29 ारा (31-5-1984 स) अनतःसथािपत 2 1983 क अिधिनयम स० 42 की धारा 29 ारा (31-5-1984 स) ldquoउपधारा (1) और (3)rdquo क सथान पर परितसथािपत 3 कोयला खान िविनयम 1957 क िलए दिखए भारत का राजपतर (अगरजी) 1957 भाग 2 खणड 3 प 2569 और धातमय खान िविनयम 1961 क िलए दिखए भारत

का राजपतर 1961 भाग 2 अनभाग 3(i) प 360 4 1959 क अिधिनयम स० 62 की धारा 31 ारा (16-1-1960 स) ldquoपरबनधक की अहरताएrdquo शबद क सथान पर परितसथािपत

21

(घ) खान क परबनधक और उनक अधीन कायर करन वाल अनय िक तय को अपन कतर का पालन दकषतापवरक करन क िलए समथर बनान क िलए सिवधाए उपबिनधत की जान की अपकषा करना

(ङ) खान क परबनधक और उनक अधीन कायर करन वाल िक तय की अहरताए परीकषा ारा या अनयथा अिभिनिश चत करन की रीित को और सकषमता परमाणपतर क अनद और नवीकत िकए जान को िविनयिमत करना

(च) ऐसी परीकषा और ऐस परमाणपतर क अनदान तथा नवीकरण क बार म दी जान वाली फीस यिद कोई ह िनयत करना

(छ) उन पिरिसथितय को िजनम और उन शत को िजसक अधयधीन रहत हए एक स अिधक खान का एक ही परबनधक क अधीन रहना या िकसी खान या िकनह खान का िविहत अहरताए न रखन वाल परबनधक क अधीन रहना िविधपणर होगा अवधािरत करना

1[(ज) इस अिधिनयम क अधीन की जान वाली जाच क िलए िजनक अनतगरत इस अिधिनयम क अधीन परमाणपतर धारण करन वाल िकसी िक त क अवचार या अकषमता स सब कोई जाच आती ह उपबनध करना और ऐस िकसी परमाणपतर क िनलमबन और र िकए जान क िलए उपबनध करना और जहा भी आवशयक हो वहा यह उपबनध करना िक जाच करन क िलए िनयक त िकए गए िक त को सािकषय को हािजर करान और दसतावज और भौितक पदाथ को पश करान क परयोजन क िलए िसिवल परिकरया सिहता 1908 (1908 का 5) क अधीन की िसिवल नयायालय की सब शिक तया पराप त ह गी ]

(झ) भारतीय िवसफोटक अिधिनयम 1884 (1884 का 4) और तद धीन बनाए गए िकनह िनयम क उपबनध क अधयधीन रहत हए िवसफोटक का भडारकरण परवहण और उपयोग िविनयिमत करना

2[(ञ) 3 िस तरय का खान म या खान क िकसी वगर म या ऐस िविशष ट परकार क शरम म िजनम ऐस िक तय क जीवन कषम या सवासथय क िलए खतरा रहता ह िनयोजन परितिष िनबरिनधत या िविनयिमत करना और ऐस िक त

ारा एक बार म वहन िकए जा सकन वाल बोझ क भार को पिरसीिमत करना ]

(ट) खान म िनयोिजत िक तय क कषम उनम उनक परवश करन और वहा स उनक िनकलन क साधन क िलए और उन कपक या िनकास की सखया क िलए जो उपबध िकए जान ह और कपक गत िनकास पथया और अवतलन पर बाड़ लगाई जान क िलए उपबनध करना

(ठ) खान क सवामी स सदाय पान वाल और खान क सवामी या परबनधक क परित सीध उ रदायी िक तय स िभन न िकसी िक त का खान म परबनधक क रप म या िकसी अनय िविनिदष ट हिसयत म िनयोजन परितिष करना

4[(ड) सतमभ या खिनज खणड क सथान िनिश चत करन अनरकषण और िनकाल या छाट जान तथा एक खान और दसरी खान क बीच पयारप त रोध क अनरकषण सिहत खान म सड़क और काम क सथल की सरकषा क िलए उपबनध करना

(ढ) खान म खिनज और महबनद अिग न-कषतर का िनरीकषण और सागर क या िकसी सरोवर या नदी या िकसी अनय भप ीय जलरािश क चाह वह पराकितक हो चाह कितरम या िकसी लोक सड़क या िनमारण क समीप खिनत िवषयक िनबनधन और िकनह खिनत म पानी भर जान या आग लग जान या उनक समय-पवर ढह जान क िवर समयक पवारवधानी बरती जान की अपकषा करना ]

(ण) खान क सवातन का और धल अिग न और जवलनशील तथा अपायकर गस क िवषय म की जान वाली काररवाई का िजसक अनतगरत सवतःदहन भिम क नीच की अिग न और कोयल की धल क िवर पवारवधानी आती ह उपबनध करना

5[(त) खान म िव त क जनन भणडारकरण रपानतरण पारषण और उपयोग की भारतीय िव त अिधिनयम 1910 (1910 का 9) और तद धीन बनाए गए िकनह िनयम क उपबनध क अधयधीन रहत हए िविनयिमत करना और खान म क सब िव त उपकरण िव त तार और उनम की सब अनय मशीनरी और सयतर की दखभाल और उपयोग क िविनयमन क िलए उपबनध करना ]

(थ) 6[खान म मशीनरी का उपयोग िविनयिमत करना ऐसी मशीनरी पर या उसक आसपास और कषरण-माग पर िनयोिजत िक तय क कषम क िलए उपबनध करना] और भिम क नीच कछ वग क चिलतर का परयोग िनबरिनधत करना

(द) खान म उिचत परकाश क िलए उपबनध करना और उनम िनरापद और लमप का परयोग िविनयिमत करना और िजस खान म िनरापद लमप परयोग म लाए जात ह उसम परवश करन वाल िक तय की तलाशी लना

1 1959 क अिधिनयम स० 62 की धारा 31 ारा (16-1-1960 स) खड (ज) क सथान पर परितसथािपत 2 1959 क अिधिनयम स० 62 की धारा 31 ारा (16-1-1960 स) खड (ञ) क सथान पर परितसथािपत 3 1983 क अिधिनयम स० 42 की धारा 30 ारा (31-5-1984 स) ldquoकमार औरrdquo शबद का लोप िकया गया 4 1959 क अिधिनयम स० 62 की धारा 31 ारा (16-1-1960 स) खड (ड) और (ढ) क सथान पर परितसथािपत 5 1959 क अिधिनयम स० 62 की धारा 31 ारा (16-1-1960 स) खड (त) क सथान पर परितसथािपत 6 1983 क अिधिनयम स० 42 की धारा 30 ारा (31-5-1984 स) कितपय शबद क सथान पर परितसथािपत

22

(ध) खान म 1[जवलनशील गस या धल क] िवसफोटक या जवलन या पानी क फट िनकलन या सिचत होन क िवर और उनस उदभत खतर क िवर उपबनध करना और ऐसी पिरिसथितय म खिनज क िनकाल जान का परितषध िनबरनधन या िविनयमन करना िजनस यह समभा ता हो िक उसक पिरणामसवरप खान म 1[खिनत] समय-पवर ढह जाए या यह िक उसक पिरणामसवरप खान म 1[खिनत ] का ढह जाना या जल का फट िनकलना या जवलन घिटत होगा या गरतर हो जाएगा

(न) 2[धारा 23 की उपधारा (1) क खड (छ) क अधीन दघरटना क परकार िविहत करना और दघरटना और खतरनाक घटना की सचना का और खिनज उतपाद िनयोिजत िक तय तथा िविनयम ारा उपबिनधत अनय बात की सचना िरपोट और िववरिणय का खान क सवािमय अिभकतार और परबनधक ारा िदया जाना िविहत करना] और ऐसी सचना िववरिणय और िरपोट क पररप व िक त और परािधकारी िजनह व दी जानी ह व िविशि या जो उनम अनतिवष ट होनी ह और वह समय िजसक अनदर व िनविदन की जानी ह िविहत करना

3[(प) 4[खान क सवािमय अिभकतार और परबनधक स खान क िलए िनयत सीमाए रखन की अपकषा करना उनस ससक त रखाक और खडिचतर तथा सथलीय िटपपण जो उनक ारा रख जान ह िविहत करना] और वह रीित िजसस और व सथान िजनम ऐस रखाक खणडिचतर और सथलीय िटपपण अिभलख क परयोजन क िलए रख जान ह िविहत करना और उनकी परितय का मखय िनरीकषक को िनविदत िकया जाना और उनस यह अपकषा करना िक व नए सवकषण कर और नए रखाक बनाए और अननपालन की दशा म िकसी अनय अिभकरण क माधयम स सवकषण कराना और रखाक तयार कराना और उनक य की वसली उसी रीित स करना िजसस भ-राजसव की बकाया होती ह ]

(फ) 5[िसथित स परभावी ढग स िनपटन क परयोजन क िलए] खान म या उनक आसपास दघरटना या आकिसमक िवसफोट या जवलन क घिटत होन पर अपनाई जान वाली परिकरया िविनयिमत करना

(ब) खान क सवामी अिभकतार या परबनधक ारा धारा 16 क अधीन दी जान वाली सचना का पररप और उसम अनतिवष ट होन वाली िविशि या िविहत करना

(भ) वह सचना िविहत करना जो िकसी ऐस सथान पर जो भारतीय रल अिधिनयम 1890 (1890 का 9) क उपबनध क अधयधीन की िकसी रल क या 6[यथािसथित िकनह ऐसी लोक सड़क या अनय सकम क जो सरकार ारा या िकसी सथानीय परािधकारी ारा अनरिकषत ह ] 7[पतालीस मीटर] क अनदर का हो खनन सिकरयाए परारमभ करन या उस तक िवसतािरत करन क पवर खान क सवामी अिभकतार या परबनधक ारा दी जानी ह

(म) िकसी खान क बार म उस दशा म जबिक खिनत म काम बनद कर िदया गया हो सरकार या िकसी सथानीय परािधकारी या भारतीय रल अिधिनयम 1890 (1890 का 9) म यथापिरभािषत िकसी रल कमपनी म िनिहत समपि की कषित स सरकषा

8[(मम) खान क सवामी अिभकतार या परबनधक स यह अपकषा करना िक खान क बनद िकए जान क पवर सरकषा-सकमर सि िमत कर और अननपालन की दशा म ऐस सकमर िकसी अनय अिभकरण ारा िनषपािदत कराना और ऐस सवामी स उनक य की वसली उसी रीित स करना िजसस भ-राजसव की बकाया की होती ह ]

(य) िकसी खान या खान क भाग या िकसी खदान आनित कपक गतर या िनकास म चाह उसका कायरकरण हो रहा हो या नह या िकसी खतरनाक या परितिष कषतर अवतलन कषरण टराम लाइन या पथया पर जहा जनता क सरकषण क िलए बाड़ लगाना आवशयक हो बाड़ लगाई जान की अपकषा करना

(यय) कोई अनय बात जो िविहत की जानी ह या िविहत की जाए

58 िनयम बनान की कनदरीय सरकार की शिक तmdashकनदरीय सरकार िनिम निलिखत सब परयोजन या उनम स िकसी क िलए ऐस िनयम जो इस अिधिनयम स सगत ह शासकीय राजपतर म अिधसचना ारा बना सकगी अथारत --

9[(क) सिमित क सदसय की पदाविध और उनकी सवा की अनय शत का तथा िरिक तया भरन की रीित का उपबनध कराना और अपना कारबार चलान क िलए सिमित ारा अनसिरत की जान वाली परिकरया िविनयिमत करना

(ख) धारा 23 की उपधारा (3) म िनिदष ट रिजसटर का पररप िविहत करना

1 1959 क अिधिनयम स० 62 की धारा 31 ारा (16-1-1960 स) अनतःसथािपत 2 1959 क अिधिनयम स० 62 की धारा 31 ारा (16-1-1960 स) ldquoसचनाए िविहत करन क िलएrdquo क सथान पर परितसथािपत 3 1959 क अिधिनयम स० 62 की धारा 31 ारा (16-1-1960 स) खड (प) क सथान पर परितसथािपत 4 1983 क अिधिनयम स० 42 की धारा 30 ारा (31-5-1984 स) कितपय शबद क सथान पर परितसथािपत 5 1983 क अिधिनयम स० 42 की धारा 30 ारा (31-5-1984 स) अनतःसथािपत 6 1959 क अिधिनयम स० 62 की धारा 31 ारा (16-1-1960 स) कितपय शबद क सथान पर परितसथािपत 7 1983 क अिधिनयम स० 42 की धारा 30 ारा (31-5-1984 स) ldquoपचास गजrdquo क सथान पर परितसथािपत 8 1959 क अिधिनयम स० 62 की धारा 31 ारा (16-1-1960 स) अनतःसथािपत 9 1983 क अिधिनयम स० 42 की धारा 31 ारा (31-5-1984 स) खड (क) क सथान पर परितसथािपत

23

(ग) धारा 24 क अधीन जाच नयायालय की िनयिक त क िलए उपबनध करना ऐस नयायालय की परिकरया और शिक तया िविनयिमत करना ऐस नयायालय क सदसय को यातरा-भ का सदाय करना और सयक त खान क परबनधक सवामी या अिभकतार स उक त नयायलय क य की 1[िजनक अनतगरत जाच स ससक त कोई अनय य आत ह] 2[उसी रीित स जस भ-राजसव की बकाया वसल की जाती ह] वसली करना

2[(गग) खान म िनयोिजत िक तय की ओर स तकनीकी िवशषजञ ारा (जो परािसथित म ओवरमन स कम नह ह) खान क िनरीकषण क िलए उसक िलए दी जान वाली सिवधा क िलए वह आवित िजस पर और वह रीित िजसम ऐस िनरीकषण िकए जाएग और वह रीित िजसम ऐस िनरीकषण की िरपोटर दी जाएगी उपबनध करना ]

(घ) िजन खान म कोई ि या िनयोिजत ह या पवरवत बारह मास म िकसी िदन िनयोिजत रह ह उनम ऐसी िस तरय क छह वषर स कम आय वाल बालक क उपयोग क िलए आरिकषत िकए जान वाल समिचत कमर बनाए रखन की अपकषा करना और या तो साधारणतः या खान म िनयोिजत िस तरय की सखया क परित िविशष ट िनदश स ऐस कमर की सखया और सतरमान और उन सख-सिवधा की जो उनम उपबिनधत की जानी ह और उस पयरवकषण की जो उनम िकया जाना ह परकित और िवसतार िविहत करना

(ङ) खान म िनयोिजत परष क उपयोग क िलए फहारयक त स नान सथान और लॉकर ककष और िजन खान म ि या िनयोिजत ह उनम िस तरय क उपयोग क िलए वस ही पथक सथान और ककष गतरमख पर या उनक आसपास बनाए रख जान की अपकषा करना और या तो साधारणतः या खान म मामली तौर पर िनयोिजत परष और िस तरय की सखया क परित िविशष ट िनदश स ऐस सथान और ककष की सखयाए और सतरमान िविहत करना

(च) खान म सवचछता का जो सतरमान बनाए रखना ह उस खान म उपबिनधत िकए जान वाल शौचालय और मतरालय का आनपाितक मान िविहत करना और 3 पय जल क परदाय क िलए िकया जान वाला उपबनध

1[(चच) िचिकतसीय सािधतर और सख-सिवधा क परदाय और बनाए रख जान क िलए उपबनध करना और पराथिमक उपचार बकस और कपबोड की अनतवरसतए और सखयाए पराथिमक उपचार क काम म परिशकषण पराथिमक उपचार कमर क आकार और उपसकर और उनक भारसाधक कमरचािरवनद और कषितगरसत िक तय को िचिकतसालय या औषधालय को परवहण करन क िलए इतजाम िविहत करना

(चचच) उन व यिक तय को जो खान म पयरवकषण या परबन ध क पद स िभन न पद पर िनयोिजत ह या िनयोिजत िकए जान ह व यावहािरक िशकषण िदए जान या परिशिकषत िकए जान की अपकषा करना और ऐस िशकषण और परिशकषण क िलए स कीम िविहत करना]

(छ) खान म मादक पय या औषिधय को कबज म रखन को या उनक उपभोग को और म ता की हालत म िकसी िक त क उनम परवश या उपिसथित को परितिष करना

(ज) धारा 36 क अधीन अपिकषत सचना क पररप िविहत करना और यह अपकषा करना िक ऐसी सचनाए िविनिदष ट भाषा म भी लगाई जाए

(झ) उन िक तय को पिरभािषत करना िजनकी बाबत धारा 37 क परयोजन क िलए यह समझा जाएगा िक व पयरवकषण या परबनध क पद धारण िकए हए ह या िकसी गोपनीयता की हिसयत म िनयोिजत ह

(ञ) उन िक तय या िक तय क िकसी वगर का खान म िनयोजन परितिष करना िजनकी बाबत िकसी अिहत िचिकतसा- वसायी ारा यह परमािणत न िकया गया हो िक उनह न अपना पदरहवा वषर परा कर िलया ह और वह रीित और व पिरिसथितया िजनम ऐस परमाणपतर अनद और परितसहत िकए जा सकग िविहत करना

4

1[(टट) खान म िनयोिजत या िनयोजन चाहन वाल िक तय स यह अपकषा करना िक व अपन को िचिकतसीय परीकषा क िलए परसतत कर और खान म िकसी िक त का िनयोजन िकए जान का आतयितक परितषध या िकसी िविशष ट हिसयत म या िविशष ट काम म िकए जान का परितषध िचिकतसीय आधार पर करना ]

5[(ठ) धारा 48 ारा अपिकषत रिजसटर क पररप और अधयाय 7 क परयोजन क िलए रिजसटर रखा जाना और उनक पररप िविहत करना ]

(ड) इस अिधिनयम को और िविनयम और िनयम की सिकषिप तया और वह भाषा िजसम सिकषिप तया और उपिविधया धारा 61 और 62 म अपिकषत रप स लगाई जाएगी िविहत करना

1 1959 क अिधिनयम स० 62 की धारा 32 ारा (16-1-1960 स) अनतःसथािपत 2 1983 क अिधिनयम स० 42 की धारा 31 ारा (31-5-1984 स) अनतःसथािपत 3 1959 क अिधिनयम स० 62 की धारा 32 ारा (16-1-1960 स) कितपय शबद का लोप िकया गया 4 1983 क अिधिनयम स० 42 की धारा 31 ारा (31-5-1984 स) (ट) का लोप िकया गया 5 1959 क अिधिनयम स० 62 की धारा 32 ारा (16-1-1960 स) खड (ठ) क सथान पर परितसथािपत

24

(ढ) यह अपकषा करना िक िजन बात क िलए िनयम बनाए गए ह उनस सब सचनाए िववरिणया और िरपोट खान क सवामी अिभकतार और परबनधक द और ऐसी सचना िववरिणय और िरपोट क पररप व िक त और परािधकारी िजनह व दी जानी ह व िविशि या जो उनम अनतिवष ट होनी ह और व समय िजनक अनदर व िनविदत की जानी ह िविहत करना

(ण) िजन खान म 1 पचास स अिधक िक त मामली तौर पर िनयोिजत रहत ह उनम भोजन करन क िलए यथायोगय और उपयक त ऐस आशरय क िजनम पीन क पानी का उपबनध भी हो उपबिनधत िकए जान और बनाए रख जान की अपकषा करना

(त) मखय िनरीकषक या िनरीकषक ारा इस िनिम िविनिदष ट िकसी ऐसी खान म िजसम दो सौ पचास स अिधक िक त मामली तौर पर िनयोिजत रहत ह ऐस िक तय क उपयोग क िलए कोई कटीन या कटीन उपबिनधत की जान और

बनाए रखी जान की अपकषा करना

(थ) हर ऐसी खान म िजसम पाच सौ या अिधक िक त मामली तौर पर िनयोिजत रहत ह इतनी सखया म कलयाण आिफसर िनयोिजत िकए जान की अपकषा करना िजतनी िविनिदष ट की जाए और ऐस कलयाण आिफसर की अहरताए और सवा क िनबनधन और शत और उनक ारा पालनीय कतर िविहत करना

2[(द) िविनिदष ट खान या िविनिदष ट खान क समह क िलए या िकसी िविनिदष ट कषतर की सब खान क िलए बचाव सटशन की सथापना की जान की अपकषा करना और यह िविहत करना िक ऐस सटशन कस और िकसक ारा सथािपत िकए जाएग

(ध) बचाव सटशन क परबनध क िलए उपबनध करना

(धक) बचाव िबरगड का गठन करन वाल िक तय की शारीिरक योगयता क मानक और अनय अहरता क िलए उपबनध करना

(धख) बचाव िबरगड का गठन करन वाल िक तय का िनवास-सथान िविहत करना ]

(न) 3 बचाव सटशन की िसथित उपसकर िनयतरण अनरकषण और कतय िविहत करना 4[(प) खड (द) क अधीन िविनिदष ट खान म उतपािदत और वहा स परिषत कोक और कोयल पर (पच चीस पस परित

टन स अनिधक दर स) उतपाद-शलक क उद गहण और सगरहण क िलए ऐसी खान क िलए बचाव सटशन िनिध का सजन करन क िलए भारत की सिचत िनिध म जमा िकए गए ऐस उपकर क आगम म स उन धनरािशय क जो कनदरीय सरकार ससद

ारा िविध ारा इस िनिम समयक िविनयोग िकए जान क पश चात उपबिनधत कर ऐसी िनिध म जमा िकए जान क िलए उस रीित क िलए िजसम ऐसी िनिध म स धन का उपयोग िकया जाएगा और ऐसी िनिध क परशासन क िलए उपबनध करना

(फ) बचाव िबरगड़ क बनाव परिशकषण सरचना और कतर क िलए 5 और साधारणतः खान म बचाव कायर क सचालन क िलए उपबनध करना 6

7[(फफ) िविनिदष ट खान या िविनिदष ट खान क समह क िलए सरकषा सिमितय क गठन क िलए या सरकषा की अिभवि करन क िलए िकसी िविनिदष ट कषतर म सभी खान क िलए और ऐसी सरकषा सिमितय की सरचना उनक गठन और कतय की रीित अिधकिथत करन क िलए उपबनध करना तथा]

(ब) साधारणतः िकसी ऐस मामल क िलए उपबनध करना िजनक िलए इस अिधिनयम या िविनयम ारा उपबनध न िकया गया हो और िजसक िलए उपबनध इस अिधिनयम को परभावी करन क िलए अपिकषत हो

59 िविनयम और िनयम का पवर परकाशनmdash(1) धारा 57 और 58 ारा परद िविनयम और िनयम बनान की शिक त इस शतर क अधयधीन ह िक य िविनयम और िनयम पवर परकाशन क पश चात बनाए जाएग

(2) जो तारीख साधारण खड अिधिनयम 1897 (1897 का 10) की धारा 23 क खड (3) क अनसार उस तारीख क रप म िविनिदष ट की जानी ह िजसक पश चात िक बनाए जान क िलए परसथािपत िविनयम या िनयम क परारप पर िवचार िकया जाएगा वह उस तारीख स तीन मास स कम की होगी िजसको परसथािपत िविनयम या िनयम का परारप साधारण जानकारी क िलए परकािशत िकया जाए

1 1959 क अिधिनयम स० 62 की धारा 32 ारा (16-1-1960 स) ldquoएक सौ औरrdquo शबद का लोप िकया गया 2 1983 क अिधिनयम स० 42 की धारा 31 ारा (31-5-1984 स) खड (द) और (ध) क सथान पर परसथािपत 3 1983 क अिधिनयम स० 42 की धारा 31 ारा (31-5-1984 स) ldquoकनदरीयrdquo शबद का लोप िकया गया 4 1983 क अिधिनयम स० 42 की धारा 31 ारा (31-5-1984 स) खड (प) क सथान पर परितसथािपत 5 1983 क अिधिनयम स० 42 की धारा 31 ारा (31-5-1984 स) कितपय शबद का लोप िकया गया 6 1983 क अिधिनयम स० 42 की धारा 31 ारा (31-5-1984 स) ldquoऔरrdquo शबद का लोप िकया गया 7 1983 क अिधिनयम स० 42 की धारा 31 ारा (31-5-1984 स) अनतःसथािपत

25

1

2[(4) कोई भी िविनयम या िनयम तब तक नह बनाया जाएगा जब तक िक उस िविनयम या िनयम का परारप धारा 12 की उपधारा (1) क अधीन गिठत सिमित को िनदिशत न कर िदया गया हो और जब तक उस सिमित को उसक बनाए जान की समीचीनता और उसक उपबनध की उपयक तता की बाबत िरपोटर दन का यिक तयक त अवसर न िमल गया हो ]

(5) िविनयम और िनयम शासकीय राजपतर म परकािशत िकए जाएग और ऐस परकािशत िकए जान पर ऐस परभाव रखग मानो व इस अिधिनयम म अिधिनिमत ह

(6) उपधारा (1) उपधारा (2) और उपधारा (4) क उपबनध उस अवसर को लाग न ह ग िजस पर धारा 58 क खड (घ) या खड (ङ) म िनदिशत िनयम सवरपरथम बनाए जाए

3

60 पवर परकाशन क िबना िविनयम बनान की शिक तmdashयिद कनदरीय सरकार का समाधान हो जाए िक आशिकत खतर का िनवारण करन या खतरा पदा करन की सभा ता रखन वाली िसथितय का शीघर उपचार करन क िलए यह आवशयक ह िक ऐस िविनयम बनान म वह िवलमब न होन िदया जाए जो ऐस परकाशन और िनदशन स होगा तो धारा 57 4 क अधीन िविनयम धारा 59 की उपधारा (1) उपधारा (2) और उपधारा 5[(4)] म अनतिवष ट िकसी बात क होत हए भी पवर परकाशन और 6[धारा 12 की उपधारा (1) क अधीन गिठत सिमित] को 7 िनदशन क िबना बनाए जा सकग

परनत इस परकार बनाए गए िविनयम 8[सिमित की जानकारी क िलए भज जाएग और] बनाए जान स 9[एक वषर] स अिधक क िलए परव नह रहग

61 उपिविधयाmdash(1) खान का सवामी अिभकतार या परबनधक 10[उस खान म िकसी िवशष मशीनरी क उपयोग या कायरकरण की िकसी िवशष प ित को अपनाए जान क शािस त करन क िलए] इस अिधिनयम या िकनह ततसमय परव िविनयम या िनयम स असगत न होन वाली ऐसी उपिविधय का परारप जसी िक ऐसा सवामी अिभकतार या परबनधक उस खान म दघरटना का िनवारण करन क िलए और उसम िनयोिजत िक तय क कषम सिवधा और अनशासन हत उपबनध करन क िलए आवशयक समझ तयार कर सकगा और मखय िनरीकषक या िनरीकषक को िनविदत कर सकगा और यिद ऐसा करन की उसस अपकषा मखय िनरीकषक या िनरीकषक ारा की जाए तो तयार करगा और िनविदत करगा

(2) यिद ऐसा कोई सवामी अिभकतार या परबनधकmdash

(क) मखय िनरीकषक या िनरीकषक ारा ऐसा करन की उसस अपकषा की जान क पश चात दो मास क अनदर उपिविधय का परारप िनविदत करन म असफल रह अथवा

(ख) उपिविधय का ऐसा परारप िनविदत कर जो मखय िनरीकषक या िनरीकषक की राय म पयार न हो

तो मखय िनरीकषक या िनरीकषकmdash

(i) ऐसी उपिविधय का परारप परसथािपत कर सकगा जो उस पयार परतीत ह अथवा

(ii) सवामी अिभकतार या परबनधक ारा जो परारप उस िनविदत िकया गया हो उसम ऐस सशोधन परसथािपत कर सकगा िजनस उसकी राय म वह पयार हो जाएगा और ऐसी परारप-उपिविधया या परारप-सशोधन यथािसथित सवामी अिभकतार या परबनधक क पास िवचार क िलए भजगा

(3) यिद उस तारीख स िजसको कोई परारप-उपिविधया या परारप-सशोधन मखय िनरीकषक या िनरीकषक न सवामी अिभकतार या परबनधक क पास उपधारा (2) क उपबनध क अधीन भज ह दो मास की कालाविध क अनदर मखय िनरीकषक या िनरीकषक और सवामी अिभकतार या परबनधक उपधारा (1) क अधीन बनाई जान वाली उपिविधय क िनबनधन क िवषय म परसपर सहमत होन म

1 1959 क अिधिनयम स० 62 की धारा 33 ारा (16-1-1960 स) उपधारा (3) का लोप िकया गया 2 1983 क अिधिनयम स० 42 की धारा 32 ारा (31-5-1984 स) उपधारा (4) क सथान पर परितसथािपत 3 1983 क अिधिनयम स० 42 की धारा 32 ारा (31-5-1984 स) उपधारा (7) का लोप िकया गया 4 1959 क अिधिनयम स० 62 की धारा 34 ारा (16-1-1960 स) ldquoक खड (ठ) को अपविजत करत हए खड (झ) और खड (ट) स (ख) (ध)rdquo शबद को क और अकषर का

लोप िकया गया 5 1959 क अिधिनयम स० 62 की धारा 34 ारा (16-1-1960 स) ldquo(3)rdquo क सथान पर परितसथािपत 6 1983 क अिधिनयम स० 42 की धारा 33 ारा (31-5-1984 स) ldquoखनन बोड rdquo क सथान पर परितसथािपत 7 1959 क अिधिनयम स० 62 की धारा 34 ारा (16-1-1960 स) ldquoपवरrdquo शबद का लोप िकया गया 8 1983 क अिधिनयम स० 42 की धारा 33 ारा (31-5-1984 स) अनतःसथािपत 9 1959 क अिधिनयम स० 62 की धारा 34 ारा (16-1-1960 स) ldquoदो वषरrdquo क सथान पर परितसथािपत 10 1983 क अिधिनयम स० 42 की धारा 34 ारा (31-5-1984 स) कितपय शबद क सथान पर परितसथािपत

26

असमथर रह तो मखय िनरीकषक या िनरीकषक परारप-उपिविधय को पिरिनधाररण क िलए 1[धारा 12 की उपधारा (1) क अधीन गिठत सिमित को] िनदिशत करगा

(4) (क) जबिक ऐसी पररप-उपिविधय पर अिभकतार या परबनधक और मखय िनरीकषक सहमत हो गए ह या जबिक उनक सहमत होन म असमथर होन पर व 2[धारा 12 की उपधारा (1) क अधीन गिठत सिमित को] ारा पिरिनधारिरत कर दी गई ह तब मखय िनरीकषक या िनरीकषक ारा परारप-उपिविधय की एक परित कनदरीय सरकार को अनमोदनाथर भजी जाएगी

(ख) कनदरीय सरकार परारप-उपिविधय म ऐसा उपातरण कर सकगी जसा वह ठीक समझ

(ग) इसस पवर िक कनदरीय सरकार परारप-उपिविधय का अनमोदन चाह उपातर क सिहत या उनक िबना कर उपिविधया बनान की परसथापना की और उस सथान की जहा परारप-उपिविधय की परितया अिभपरा की जा सकगी और उस समय की (जो तीस िदन स कम का न होगा) इसक अनदर िक परभािवत िक तय क ारा या उनकी ओर स परारप-उपिविधय क परित िकया गया कोई आकषप कनदरीय सरकार को भजा जाना चािहए सचना ऐसी रीित स जसी कनदरीय सरकार परभािवत िक तय की जानकारी दन क िलए उपयक ततम समझ परकािशत की जाएगी

(घ) हर आकषप िलिखत होगा और उसमmdash

(i) आकषप क िविशष ट आधार तथा

(ii) चाह गए लोप पिरवधरन या उपानतर

किथत ह ग

(ङ) उन िक तय क ारा या उनकी ओर स िजनकी बाबत कनदरीय सरकार को यह परतीत हो िक व तद ारा परभािवत िक त ह अपिकषत समय क अनदर िकए गए आकषप पर वह सरकार िवचार करगी और उपिविधय पर या तो उस रप म िजसम व परकािशत की गई थ या उनम ऐस सशोधन करक िजनह वह ठीक समझ अनमोिदत कर सकगी

(5) कनदरीय सरकार ारा इस परकार अनमोिदत हो जान पर उपिविधया इस परकार परभावी ह गी मानो व इस अिधिनयम म अिधिनयिमत ह और खान का सवामी अिभकतार या परबनधक उन उपिविधय की एक परित अगरजी म और ऐसी अनय भाषा या भाषा म जसी िविहत की जाए खान म या उसक आसपास िकसी ऐस सहजदशय सथान पर लगवाएगा जहा व उपिविधया िनयोिजत

िक तय ारा सिवधापवरक पढ़ी या दखी जा सक और िजतनी बार व िवरिपत हो जाए िमट जाए या नष ट हो जाए उतनी बार यिक तयक त शीघरता क साथ उनह नए िसर स लगवाएगा

(6) कनदरीय सरकार इस परकार िनिमत िकसी उपिविध को िलिखत आदश ारा पणरतः या भागतः िवखिडत कर सकगी और तदपिर ऐसी उपिविध तदनसार परभावहीन हो जाएगी

3[61क िविनयम िनयम और उपिविधय का ससद क समकष रखा जानाmdashधारा 57 क अधीन बनाया गया परतयक िविनयम धारा 58 क अधीन बनाया गया परतयक िनयम और धारा 61 क अधीन बनाई गई परतयक उपिविध बनाई जान क पश चात यथाशीघर ससद क परतयक सदन क समकष जब वह सतर म हो कल तीस िदन की अविध क िलए रखा जाएगा या रखी जाएगी यह अविध एक सतरा म अथवा दो या अिधक आनकरिमक सतर म परी हो सकगी यिद उस सतर क या पव क त आनकरिमक सतर म अवसान क पवर दोन सदन उस िविनयम िनयम या उपिविध म कोई पिरवतरन करन क िलए सहमत हो जाए तो ततपश चात वह ऐस पिरवितत रप म ही परभावी होगा या होगी यिद उक त अवसान क पवर दोन सदन सहमत हो जाए िक वह िविनयम िनयम या उपिविध नह बनाया या बनायी जानी चािहए तो ततपश चात वह िनषपरभाव हो जाएगा या हो जाएगी िकनत यथािसथित िविनयम िनयम या उपिविधय क ऐस पिरवितत या िनषपरषभाव होन स उसक अधीन पहल की गई िकसी बात की िविधमानयता पर परितकल परभाव नह पड़गा ]

62 अिधिनयम िविनयम आिद की सिकषिप तया लगवानाmdashहर खान म या उसक आसपास अगरजी म और ऐसी अनय भाषा या भाषा म जो िविहत की जाए अिधिनयम की और िविनयम और िनयम की िविहत सिकषिप तया लगाई रखी जाएगी

अधयाय 9

शािसतया और परिकरया 63 बाधा डालनाmdash(1) जो कोई मखय िनरीकषक िनरीकषक या धारा 8 क अधीन परािधकत िकसी िक त क इस अिधिनयम क अधीन क उसक अपन कतर क िनवरहन म बाधा डालगा या मखय िनरीकषक िनरीकषक या ऐस िक त को िकसी खान क समबनध म इस अिधिनयम क ारा या अधीन परािधकत कोई परवश िनरीकषण परीकषा या जाच करन क िलए कोई यिक तयक त सिवधा दन स इनकार करगा या दन म जानबझकर उपकषा करगा वह कारावास स िजसकी अविध तीन मास तक की हो सकगी या जमारन स जो पाच सौ रपए तक का हो सकगा या दोन स दणडनीय होगा

1 1983 क अिधिनयम स० 42 की धारा 34 ारा (31-5-1984 स) कितपय शबद क सथान पर परितसथािपत 2 1983 क अिधिनयम स० 42 की धारा 34 ारा (31-5-1984 स) कितपय शबद क सथान पर परितसथािपत 3 1983 क अिधिनयम स० 42 की धारा 35 ारा (31-5-1984 स) अतःसथािपत

27

(2) जो कोई इस अिधिनयम क अनसरण म रख गए िकनह रिजसटर या अनय दसतावज को मखय िनरीकषक या िनरीकषक की माग पर पश करन स इनकार करगा अथवा िकसी ऐस िनरीकषण आिफसर क समकष जो इस अिधिनयम क अधीन क अपन कतर क अनसरण म कायर कर रहा ह उपसजात होन या उसक ारा परीकषा की जान स िकसी िक त को िनवािरत करगा या िनवािरत करन का परयत न करगा या कोई ऐसा कायर करगा िजसक बार म उसक पास यह िवश वास करन का कारण हो िक उसस उसका इस परकार िनवािरत होना सभा ह वह जमारन स जो तीन सौ रपए तक का हो सकगा दणडनीय होगा

64 अिभलख का िमथयाकरण आिदmdashजो कोईmdash

(क) इस अिधिनयम क अधीन अनद िकसी परमाणपतर का या परमाणपतर की िकसी कायारलय परित का कटकरण करगा या जानत हए उसम िमथया कथन करगा अथवा

(ख) जानत हए ऐस िकसी कटकतय या िमथया परमाणपतर को असली क रप म उपयोग म लाएगा अथवा

(ग) कोई िमथया घोषणा कथन या सा य यह जानत हए िक वह िमथया ह अपन िलए या िकसी अनय िक त क िलए इस अिधिनयम क अधीन परमाणपतर अिभपरा करन या परमाणपतर का नवीकरण करान या खान म िनयोजन अिभपरा करन क परयोजनाथर करगा या बनाएगा या पश करगा या उपयोग म लाएगा अथवा

1[(घ) िकसी ऐस रखाक खडिचतर रिजसटर या अिभलख का िमथयाकरण करगा िजसका रखा जाना इस अिधिनयम क ारा या अधीन अपिकषत हो या ऐसा िमथया रखाक खडिचतर रिजसटर या अिभलख उस िमथया जानत हए िकसी परािधकारी क

समकष पश करगा अथवा]

(ङ) कोई ऐसा रखाक िववरणी सचना अिभलख या िरपोटर बनाएगा दगा या पिरद करगा िजसम ऐसा कथन परिवि या बयौरा अनतिवष ट हो जो उसकी सव म जानकारी या िवश वास क अनसार सही न हो

वह कारावास स िजसकी अविध तीन मास तक की हो सकगी या जमारन स जो 2[एक हजार रपए] तक का हो सकगा या दोन स दणडनीय होगा

65 िमथया योगयता परमाणपतर का उपयोगmdashजो कोई 3[धारा 43] क अधीन अनय िक त को अनद िकसी परमाणपतर का उस धारा क अधीन अपन को योगयता-परमाणपतर क रप म जानत हए उपयोग करगा या उपयोग करन का परयत न करगा या उस धारा क अधीन अपन को योग यता-परमाणपतर अनद िकए जान पर जानत हए अनय िक त को उसका उपयोग करन दगा या उपयोग करन का परय करन दगा वह कारावास स िजसकी अविध एक मास तक की हो सकगी या जमारन स जो 4[दो सौ] रपए तक का हो सकगा या दोन स दणडनीय ोगा

िक तयक त कारण क िजस सािबत करन का भार उस पर होगा करगा जमारन स जो 6[एक हजार] रपए क का हो

ास स िजसकी विध तीन

ोिजत िकया जाता ह तो ऐसी खान का सवामी अिभकतार या परबनधक ऐस जमारन स जो पाच सौ रपए क का हो

ी अविध तीन मास तक की हो सकगी या जमारन स जो 10[दो हजार पाच सौ] रपए तक का हो सकगा या दोन स दणडनीय होगा

66 रखाक आिद दन का लोपmdashकोई िक त जो इस अिधिनयम क ारा या अधीन बनाए जान या िदए जान क िलए अपिकषत कोई रखाक 5[खडिचतर] िववरणी सचना रिजसटर अिभलख या िरपोटर िविहत पररप म या िविहत रीित स या िविहत समय पर या क भीतर बनान या दन का लोप िकए िबना यत सकगा दणडनीय होगा

67 शरिमक क िनयोजन िवषयक उपबनध का उललघनmdashजो कोई उसक िसवाय जसा िक धारा 38 ारा अनजञात ह इस अिधिनयम क या िकसी िविनयम िनयम या उपिविध क या तद धीन िकए गए िकसी आदश क िकसी ऐस उपबनध का उललघन करगा जो खान म या उसक आसपास िक तय क िनयोजन या उनकी उपिसथित को परितिष िनबरिनधत या िविनयिमत करता हो वह कारावअ मास तक की हो सकगी या जमारन स जो 7[एक हजार] रपए तक का हो सकगा या दोन स 8 दडनीय होगा

9[68 अठारह वषर स कम आय क िक तय क िनयोजन क िलए शािसतmdashयिद अठारह वषर स कम आय क िकसी िक त को धारा 40 क उललघन म िकसी खान म िनयत सकगा दणडनीय होगा ]

69 परबनधक िनयक त करन म असफलताmdashधारा 17 क उपबनध क उललघन म जो कोई परबनधक िनयक त करन म असफल रहगा वह कारावास स िजसक11

1 1959 क अिधिनयम स० 62 की धारा 35 ारा (16-1-1960 स) खड (घ) क सथान पर परितसथािपत 2 1959 क अिधिनयम स० 62 की धारा 35 ारा (16-1-1960 स) ldquoपाच सौ रपएrdquo क सथान पर परितसथािपत 3 1983 क अिधिनयम स० 42 की धारा 36 ारा (31-5-1984 स) ldquoधारा 40rdquo क सथान पर परितसथािपत 4 1959 क अिधिनयम स० 62 की धारा 36 ारा (16-1-1960 स) ldquoपचासrdquo क सथान पर परितसथािपत 5 1959 क अिधिनयम स० 62 की धारा 37 ारा (16-1-1960 स) अनतःसथािपत 6 1959 क अिधिनयम स० 62 की धारा 37 ारा (16-1-1960 स) ldquoदो सौrdquo क सथान पर परितसथािप 7 1959 क अिधिनयम स० 62 की धारा 38 ारा (16-1-1960 स) ldquoपाच सौrdquo क सथान पर परितसथािपत 8 1959 क अिधिनयम स० 62 की धारा 38 ारा (16-1-1960 स) कितपय शबद का लोप िकया गया 9 1983 क अिधिनयम स० 42 की धारा 37 ारा (31-5-1984 स) धारा 68 क सथान पर परितसथािपत 10 1959 क अिधिनयम स० 62 की धारा 39 ारा (16-1-1960 स) ldquoपाच सौrdquo क सथान पर परितसथािपत 11 1959 क अिधिनयम स० 62 की धारा 39 ारा (16-1-1960 स) कितपय शबद का लोप िकया गया

28

70 दघरटना की सचनाmdash(1) धारा 23 की उपधारा (1) क उपबनध क उललघन म जो कोई िकसी दघरटना की सचना दन म या उस सचना की परित उस उपधारा म िनिदष ट िवशष सचनाप पर लगान म और िविनिदष ट कालाविध क िलए वहा रखन म असफल रहगा वह कारावास स िजसकी अविध तीन मास तक की हो सकगी या जमारन स जो पाच सौ रपए तक का हो सकगा या दोन स दणनीय होगा

(2) कनदरीय सरकार ारा धारा 23 की उपधारा (3) क अधीन िदए गए िनदश क उललघन म जो कोई िकसी दघरटना को िविहत रिजसटर म अिभिलिखत करन म या उसकी सचना दन म असफल रहगा वह कारावास स िजसकी अविध तीन मास तक की हो सकगी या जमारन स तो पाच सौ रपए तक का हो सकगा या दोन स दणडनीय होगा

71 कितपय मामल म सवामी आिद का मखय िनरीकषक को िरपोटर दनाmdashजहा िक खान क यथािसथित सवामी अिभकतार या परबनधक न खान म या उसक आसपास िनयोिजत िकसी िक त क िवर कायरवाही इस अिधिनयम क अधीन क िकसी अपराध क बार म की हो वहा वह नयायालय क िनणरय या आदश की तारीख स इक कीस िदन क अनदर उसक पिरणाम की िरपोटर मखय िनरीकषक को दगा

72 खान म िनयोिजत िक तय की बाधयताmdashखान म िनयोिजत कोई भी िक तmdash

(क) खान म िनयोिजत िक तय का सवासथय कषम या कलयाण सिनिश चत करन क परयोजनाथर खान म उपबिनधत िकसी सािधतर सिवधा या अनय चीज म जानबझकर हसतकषप या उसका जानबझकर दरपयोग न करगा

(ख) जानबझकर और यिक तयक त कारण क िबना कोई ऐसी बात न करगा िजसस सवय उसक या अनय क सकटाप होन की सभा ता हो

(ग) खान म िनयोिजत िक तय का सवासथय या कषम सिनिश चत करन क परयोजनाथर उसम उपबिनधत िकसी सािधतर या अनय चीज को उपयोग म लान की जानबझकर उपकषा नह करगा

1[72क कछ िविनयम क उललघन क िलए िवशष उपबनधmdashजो कोई धारा 57 क खणड (घ) खणड (झ) खणड (ड) खणड (ढ) खणड (ण) खणड (त) खणड (द) खणड (ध) और खणड (प) म िविनिदष ट बात स सब िकसी िविनयम क या िकसी उपिविध क या तद धीन िकए गए िकसी आदश क िकसी उपबनध का उललघन करगा वह कारावास स िजसकी अविध छह मास तक की हो सकगी या जमारन स जो दो हजार रपए तक का हो सकगा या दोन स दणडनीय होगा

72ख धारा 22 क अधीन आदश क उललघन क िलए िवशष उपबनधmdashजो कोई धारा 22 की उपधारा (1क) उपधारा (2) या उपधारा (3) क अधीन 2[या धारा 22क की उपधारा (2) क अधीन] िनकाल गए आदश क उललघन म खान का कायरकरण चाल रखगा वह कारावास स िजसकी अविध दो वषर तक की हो सकगी दडनीय होगा और जमारन स भी जो पाच हजार रपए तक का हो सकगा दडनीय होगा

2[परनत नयायालय क िनणरय म लखब िकए जान वाल ततपरितकल िवशष और पयारप त कारण क अभाव म ऐसा जमारना खड (क) म िनिदष ट उललघन की दशा म तीन हजार रपए स कम नह होगा ]

72ग िविध क ऐस उललघन क िलए िजसक खतरनाक पिरणाम होत ह िवशष उपबनधmdash(1) जो कोई इस अिधिनयम क या िकसी िविनयम िनयम या उपिविध क या तद धीन िकए गए [धारा 22 की उपधारा (1क) या उपधारा (2) या उपधारा (3) 3[या धारा 22क की उपधारा (2)] क अधीन िकए गए आदश स िभ ] िकसी आदश क िकसी उपबनध का उललघन करगा वहmdash

(क) यिद ऐस उललघन क पिरणामसवरप जीवन की हािन हो तो कारावास स जो दो वषर तक का हो सकगा या जमारन स जो पाच हजार रपए तक का हो सकगा या दोन स दणडनीय होगा या

(ख) यिद ऐस उललघन क पिरणामसवरप गमभीर शारीिरक कषित हो तो कारावास स जो एक वषर तक का हो सकगा या जमारन स जो तीन हजार रपए तक का हो सकगा या दोन स दडनीय होगा अथवा

(ग) यिद ऐस उललघन स खान म िनयोिजत िक तय को या खान म या उसक आसपास क अनय िक तय को कषित या खतरा कािरत हो तो कारवास स जो तीन मास तक का हो सकगा या जमारन स जो एक हजार रपए तक का हो सकगा या दोन स दणडनीय होगा 6[परनत नयायालय क िनणरय म लखब िकए जान वाल ततपरितकल िवशष और पयारप त कारण क अभाव म ऐसा जमारना

खणड (क) म िनिदष ट उललघन की दशा म तीन हजार रपए स कम नह होगा ]

(2) जहा िक कोई िक त इस धारा क अधीन दोषिस िकए गए जान पर िफर उसक अधीन दोषिस िकया जाए वहा वह उपधारा (1) ारा उपबिनधत दड क दगन दड स दणडनीय होगा

1 1959 क अिधिनयम स० 62 की धारा 40 ारा (16-1-1960 स) धारा 73 तथा धारा 74 क सथान पर परितसथािपत 2 1983 क अिधिनयम स० 42 की धारा 38 ारा (31-5-1984 स) अतःसथािपत 3 1983 क अिधिनयम स० 42 की धारा 39 ारा (31-5-1984 स) अतःसथािपत

29

(3) इस धारा क अधीन पािरत जमारन का दडादश आरोिपत करन वाला अथवा अपील या पनरीकषण म या अनयथा उसकी पिष ट करन वाला नयायालय िनणरय पािरत करत समय आदश द सकगा िक वसल िकया गया सपणर जमारना या उसका कोई भाग कषितगरसत िक त को या उसकी मतय की दशा म उसक िविधक परितिनिध को परितकर क रप म िदया जाए

परनत यिद जमारना ऐस मामल म आरोिपत िकया जाए जो अपीलनीय हो तो अपील उपिसथत िकए जान क िलए अनजञात कालाविध क बीत जान क पहल या यिद अपील उपिसथत की गई हो तो अपील क िविनश चय स पहल ऐसा कोई भी सदाय नह िकया जाएगा

73 आदश की अवजञा क िलए साधारण उपबनधmdashजो कोई इस अिधिनयम क या िकसी िविनयम िनयम या उपिविध क या तद धीन िकए गए िकसी आदश क िकसी ऐस उपबनध का उललघन करगा िजसक उललघन क िलए एतिसमनपवर कोई शािसत उपबिनधत नह ह वह कारावास स िजसकी अविध तीन मास तक की हो सकगी या जमारन स जो एक हजार रपए तक का हो सकगा या दोन स दडनीय होगा

74 पवर दोषिसि क पश चात विधत शािसतmdashयिद कोई िक त जो (धारा 72ख और 72ग स िभ ) पवरगामी उपबनध म स िकसी क अधीन दडनीय िकसी अपराध का दोषिस िकया जा चका हो पवर दोषिसि क दो वषर क अनदर िकए गए और उसी उपबनध का उललघन अनतवरिलत करन वाल िकसी अपराध क िलए पनः दोषिस िकया जाए तो वह हर एक पश चात वत दोषिसि क िलए उस दड क दगन दणड स दणडनीय होगा िजसस वह ऐस उपबनध क परथम उललघन क िलए दडनीय होता ]

75 सवामी अिभकतार या परबनधक का अिभयोजनmdashइस अिधिनयम क अधीन क िकसी अपराध क िलए िकसी सवामी अिभकतार या परबनधक क िवर कोई भी अिभयोजन मखय िनरीकषक की या िजला मिजसटरट की या मखय िनरीकषक क िलिखत साधारण या िवशष आदश ारा इस िनिम परािधकत िनरीकषक की पररणा पर सिसथत िकए जान क िसवाय सिसथत नह िकया जाएगा

1[परनत मखय िनरीकषक या िजला मिजसटरट या इस परकार परािधकत िनरीकषक ऐसा अिभयोजन सिसथत करन स पवर अपना यह समाधान करगा िक सवामी अिभकतार या परबनधक ऐस अपराध क िकए जान को रोकन म सभी समयक ततपरता बरतन म असफल रहा था ]

2[परनत यह और िक] िकसी खान म तकनीकी िनदशन और परबनध क अनकरम म िकए गए िकसी अपराध क बार म िजला मिजसटरट िकसी सवामी अिभकतार या परबनधक क िवर कोई अिभयोजन मखय िनरीकषक क पवर अनमोदन स सिसथत करन क िसवाय सिसथत नह करगा

3[76 कितपय मामल म सवामी का अवधारणmdashजहा िक खान का सवामी कोई फमर या िष टय का अनय सगम हो वहा उसक सब भागीदार या सदसय या उनम स कोई अथवा जहा िक खान का सवामी कमपनी हो वहा उसक सब िनदशक या उनम स कोई अथवा जहा िक खान का सवामी सरकार या कोई सथानीय परािधकारी हो वहा यथािसथित ऐसी सरकार या सथानीय परािधकारी ारा खान क कामकाज का परबनध करन क िलए परािधकत सब आिफसर या िक त या उनम स कोई ऐस िकसी अपराध क िलए िजसक िलए खान का सवामी दडनीय हो इस अिधिनयम क अधीन अिभयोिजत और दिडत िकया जा सकगा

4[परनत जहा िकसी फमर सगम या कमपनी न मखय िनरीकषक को िलिखत रप म यह सचना द दी ह िक उसनmdash

(क) फमर की दशा म उसक िकसी भागीदार या परबनधक को

(ख) सगम की दशा म उसक िकसी सदसय या परबनधक को

(ग) कमपनी की दशा म उसक िकसी िनदशक या परबनधक को

जो परतयक मामल म िकसी ऐस सथान म िजस पर इस अिधिनयम का िवसतार ह िनवासी ह और जो परतयक मामल म या तो वासतव म ऐसी फमर सगम या कमपनी क परबनध का भारसाधक ह या उसम अिधकाश शयर धारण करता ह इस अिधिनयम क परयोजन क िलए खान क सवामी क उ रदाियतव को गरहण करन क िलए नामिनदिशत कर िदया ह वहा यथािसथित ऐसा भागीदार सदसय िनदशक या परबनधक जब तक वह ऐसा िनवासी बना रहता ह और पव क त रप म भारसाधक ह या अिधकाश शयर को धारण करता ह इस अिधिनयम क परयोजन क िलए खान का सवामी समझा जाएगा जब तक िक उसक नामिनदशन को र करन वाली या यह कथन करन वाली कोई िलिखत सचना की वह यथािसथित भागीदारी सदसय िनदशक या परबनधक नह रहा ह मखय िनरीकषक को पराप त नह हो जाती ह

सपष टीकरणmdashजहा िकसी फमर सगम या कमपनी क िविभन न सथापन या शाखाए ह अथवा उसक िकसी सथापन या शाखा म िविभन न एकक ह वहा िविभन न सथापन या शाखा या एकक क सबध म इस परनतक क अधीन िविभन न िक तय को नामिनदिशत िकया जा सकगा और इस परकार नामिनदिशत िक त कवल उस सथापन शाखा या एकक क समबनध म िजसक समबनध म उस नामिनदिशत िकया गया ह खान का सवामी समझा जाएगा ]

1 1983 क अिधिनयम स० 42 की धारा 40 ारा (31-5-1984 स) अतःसथािपत 2 1983 क अिधिनयम स० 42 की धारा 40 ारा (31-5-1984 स) ldquoपरनतrdquo क सथान पर परितसथािपत 3 1959 क अिधिनयम स० 62 की धारा 41 ारा (16-1-1960 स) धारा 76 क सथान पर परितसथािपत 4 1983 क अिधिनयम स० 42 की धारा 41 ारा (31-5-1984 स) ldquoपरनतकrdquo क सथान पर परितसथािपत

30

77 सवामी अिभकतार या परबनधक को दाियतव स कितपय दशा म छटmdashजहा िक खान का सवामी अिभकतार या परबनधक जो इस अिधिनयम क अधीन िकसी अपराध का अिभयक त हो यह अिभकथन कर िक वासतिवक अपराधी अनय िक त ह वहा वह अपन

ारा इस िनिम िकए गए पिरवाद पर 1[और वासतिवक अपराधी का जञात पता दन पर] और अिभयोजक को ऐसा करन क अपन आशय की तीन स अनयन पणर िदन की िलिखत सचना दन पर इस बात का हकदार होगा िक वह अनय िक त उस तारीख को जो मामल की सनवाई क िलए िनयत हो नयायालय क समकष लाया जाए और यिद अपराध का िकया जाना सािबत हो जान क पश चात खान का यथािसथित सवामी अिभकतार या परबनधक नयायालय को समाधान परदान करन वाल रप म सािबत कर द िकmdash

(क) इस अिधिनयम क ससगत उपबनध का िनषपादन करान क िलए उसन समयक ततपता बरती ह तथा (ख) उस अनय िक त न परश नगत अपराध को उसक जञान सममित या मौनानकलता क िबना िकया ह

तो उक त अनय िक त उस अपराध क िलए दोषिस िकया जाएगा और उसी परकार क दणड स ऐस दडनीय होगा मानो वह खान का सवामी अिभकतार या परबनधक हो और यथािसथित सवामी अिभकतार या परबनधक दोषमक त कर िदया जाएगा परनतmdash

(क) यथािसथित खान क सवामी अिभकतार या परबनधक की शपथ पर परीकषा की जा सकगी और उसक और िकसी अनय साकषी क िजस वह अपन समथरन म बलाए सा य की उस िक त क ारा या की ओर स िजसकी बाबत वह अिभकिथत करता हो िक वह वासतिवक अपराधी ह और अिभयोजक ारा परितपरीकषा की जा सकगी

(ख) यिद वह िक त िजसका वासतिवक अपराधी होना अिभकिथत हो उस तारीख को जो मामल की सनवाई क िलए िनयत हो नयायालय क समकष समयक ततपरता बरती जान पर भी न लाया जा सक तो नयायालय उसकी सनवाई समय-समय पर सथिगत कर दगा िकनत इस परकार िक ऐस सथगन की कल कालाविध तीन मास स अिधक न हो और यिद उक त कालाविध क अनत तक भी वह िक त िजसका वासतिवक अपराधी होना अिभकिथत हो नयायालय क समकष न लाया जा सक तो नयायालय यथािसथित सवामी अिभकतार या परबनधक क िवर मामल की सनवाई क िलए अगरसर होगा

78 नयायालय की आदश करन की शिक तmdash(1) जहा िक खान का सवमी अिभकतार या परबनधक इस अिधिनयम क अधीन दडनीय अपराध क िलए दोषिस िकया जाए वहा नयायालय उस कोई दड अिधिनण त करन क अितिरक त िलिखत आदश ारा उसस आदश म िविनिदष ट कालाविध क अनदर (िजस नयायालय इस िनिम िकए गए आवदन पर समय-समय पर िवसतािरत कर सकगा) ऐस उपाय करन की अपकषा कर सकगा जो उन बात का उपचार करन क िलए िजनक बार म अपराध िकया गया था ऐस िविनिदष ट िकए जाए (2) जहा िक उपधारा (1) क अधीन आदश िदया जाए वहा यथािसथित खान का सवामी अिभकतार या परबनधक उस कालाविध या िवसतािरत कालाविध क यिद कोई हो दौरान अपराध क चाल रहन क िवषय म इस अिधिनयम क अधीन दडनीय नह होगा िकनत यिद नयायालय क आदश का पणर अनपालन ऐसी कालाविध या िवसतािरत कालाविध क अवसान पर न हो गया हो तो यथािसथित सवामी अिभकतार या परबनधक क बार म यह समझा जाएगा िक उसन अितिरक त अपराध िकया ह और वह कारावास स िजसकी अविध छह मास तक की हो सकगी या जमारन स जो ऐस अवसान क पश चात हर एक ऐस िदन क िलए िजसम िक आदश का अनपालन न हआ हो एक सौ रपए तक का हो सकगा या दोन स दणडनीय होगा 79 अिभयोजन की पिरसीमाmdashकोई भी नयायालय इस अिधिनयम क अधीन िकसी अपराध का सजञान तब तक नह करगा जब तक िक उसका पिरवादmdash

(i) उस तारीख स िजसकी बाबत यह अिभकिथत हो िक अपराध उस तारीख को िकया गया छह मास क अनदर अथवा

(ii) उस तारीख स िजसको िक अिभकिथत अपराध का िकया जाना िनरीकषक क जञान म आया छह मास क अनदर अथवा

2[(iiक) िकसी ऐस मामल म िजसम अिभयक त लोक सवक ह या था और ततसमय परव िकसी िविध क अधीन अपराध का सजञान करन क िलए कनदरीय सरकार या राजय सरकार या िकसी अनय परािधकारी की पवर मजरी आवशयक ह उस तारीख क िजसको ऐसी मजरी मखय िनरीकषक को पराप त होती ह तीन मास क अनदर अथवा]

(iii) िकसी ऐस मामल म िजसम जाच नयायालय कनदरीय सरकार ारा धारा 24 क अधीन िनयक त िकया गया हो उस धारा की उपधारा (4) म िविनिदष ट िरपोटर क परकाशन की तारीख क पश चात 3[एक वषर] क अनदर

इनम स जो भी बाद म हो न िकया गया हो 4[सपष टीकरणmdashइस धारा क परयोजन क िलएmdash

1 1959 क अिधिनयम स० 62 की धारा 42 ारा (16-1-1960 स) अनतःसथािपत 2 1983 क अिधिनयम स० 42 की धारा 42 ारा (31-5-1984 स) अतःसथािपत 3 1983 क अिधिनयम स० 42 की धारा 42 ारा (31-5-1984 स) ldquoछह मासrdquo क सथान पर परितसथािपत 4 1959 क अिधिनयम स० 62 की धारा 43 ारा (16-1-1960 स) सप ीकरण जोड़ा गया

31

(क) चाल रहन वाल अपराध की दशा म पिरसीमा की सगणना उस समय क हर कषण क परित िनदश स की जाएगी िजसक दौरान अपराध चाल रह

(ख) जहा िक कोई कायर करन क िलए समय इस अिधिनयम क अधीन िवसतािरत िकया गया हो वहा पिरसीमा की सगणना उस िवसतािरत कालाविध क अवसान स की जाएगी ]

80 अपराध का सजञानmdash1[महानगर मिजसटरट या परथम वगर नयाियक मिजसटरट] क नयायालय स अवर कोई नयायालय इस अिधिनयम क अधीन िकसी ऐस अपराध का िजसकी बाबत यह अिभकिथत हो िक वह खान क सवामी अिभकतार या परबनधक ारा िकया गया ह या िकसी ऐस अपराध का जो इस अिधिनयम ारा कारावास स दडनीय बनाया गया ह िवचारण नह करगा

80क [जमारन क बार म िवशष उपबध ]mdashखान (सशोधन) अिधिनयम 1983 (1983 का 42) की धारा 44 ारा (31-5-1984 स) िनरिसत

81 कितपय मामल म अिभयोजन क बजाय खान बोडर या सिमित को िनदशmdash(1) यिद मखय िनरीकषक या िजला मिजसटरट या िकसी िनरीकषक की पररणा पर इस अिधिनयम क अधीन सिसथत िकसी मामल का िवचारण करन वाल नयायालय की यह राय हो िक यह मामला ऐसा ह जो अिभयोजन क बजाय 2 सिमित को िनदिशत िकया जाना चािहए तो वह दािडक कायरवािहय को रोक सकगा और इस दिष ट स िक ऐसा िनदशन िकया जाए उस िवषय की िरपोटर कनदरीय सरकार को भजगा

(2) उपधारा (1) क अधीन िरपोटर पराप त होन पर कनदरीय सरकार मामला 2 सिमित को िनदिशत कर सकगी या िवचारण म अगरसर होन क िलए नयायालय को िनदश द सकगी

अधयाय 10

परकीणर 82 इस परश न का िविनश चय िक कया खान इस अिधिनयम क अधीन हmdashयिद कोई परश न उठ िक कया 3[खान का और उसम

का या उसका पाश वरसथ कोई उतखान या खिनत या पिरसर िजस पर खिनज या कोक पराप त करन दरसी करन या िवकरय क िलए तयार करन की सहायक कोई परिकरया चलाई जा रही ह] इस अिधिनयम क अथर क अनदर खान ह तो कनदरीय सरकार उस परश न का िविनश चय कर सकगी और कनदरीय सरकार क सिचव ारा हसताकषिरत परमाणपतर इस परश न पर िनश चायक होगा

83 अिधिनयम क परवतरन स छट दन की शिक तmdash4[(1)] कनदरीय सरकार िकसी सथानीय कषतर या िकसी खान को या खान क िकसी समह या वगर को या खान क िकसी भाग को या िक तय क िकसी वगर को 5[इस अिधिनयम या उसक अधीन बनाए गए िविनयम िनयम या उपिविधय क सब उपबनध क या उनम स िकसी क] परवतरन स छट शासकीय राजपतर म अिधसचना ारा या तो अतयितकतः या िकनह िविनिदष ट शत क अधयधीन द सकगी

परनत िकसी सथनीय कषतर या खान या खान क समह या वगर को 6[धारा 40 और धारा 45] क उपबनध स छट तब तक नह दी जाएगी जब तक उस इस अिधिनयम क अनय सब उपबनध क परवतरन स भी छट न द दी जाए ]

7[(2) कनदरीय सरकार मखय िनरीकषक या िकसी अनय परािधकारी को साधारण या िवशष आदश ारा ऐस िनबरनधन क अधयधीन िजनह अिधरोिपत करना वह ठीक समझ परािधकत कर सकगी िक वह िकसी खान या उसक िकसी भाग को 8[िविनयम िनयम या उपिविधय ] क उपबन ध म स िकसी क परवतरन स िकनह िविनिदष ट शत क अधयधीन तब छट द द जब िक मखय िनरीकषक या ऐस अिधकारी की राय हो िक खान या उसक भाग म पिरिसथितया ऐसी ह िक उनक कारण ऐस उपबनध का अनपालन अनावशयक या अ वहायर हो जाता ह ]

84 आदश को पिरवितत या िवखिणडत करन की शिक तmdash9[(1)] कनदरीय सरकार इस अिधिनयम क अधीन िदया गया कोई आदश उलट सकगी या उपानतिरत कर सकगी

10[(2) मखय िनरीकषक लखब िकए जान वाल कारण स इस अिधिनयम क अधीन या िकसी िविनयम िनयम या उपिविध क अधीन अपन ारा पािरत िकसी आदश को उलट सकगा या उस उपातिरत कर सकगा

(3) खान क सवामी अिभकतार या परबनधक पर परितकल परभाव डालन वाला कोई आदश इस धारा क अधीन तब तक नह िकया जाएगा जब तक िक ऐस सवामी अिभकतार या परबनधक को अभयावदन करन का यिक तयक त अवसर न द िदया गया हो ]

1 1983 क अिधिनयम स० 42 की धारा 43 ारा (31-5-1984 स) ldquoपरसीडसी मिजसटरट या परथम वगर मिजसटरटrdquo क सथान पर परितसथािपत 2 1983 क अिधिनयम स० 42 की धारा 43 ारा (31-5-1984 स) ldquoखनन बोडरrdquo शब द का लोप िकया गया 3 1959 क अिधिनयम स० 62 की धारा 45 ारा (16-1-1960 स) अनतःसथािपत 4 1959 क अिधिनयम स० 62 की धारा 46 ारा (16-1-1960 स) उपधारा (1) क रप म पनःसखयािकत 5 1983 क अिधिनयम स० 42 की धारा 46 ारा (31-5-1984 स) ldquoइस अिधिनयम क सब उपबध क िकसी कrdquo क सथान पर परितसथािपत 6 1983 क अिधिनयम स० 42 की धारा 46 ारा (31-5-1984 स) ldquoधारा 45rdquo क सथान पर परितसथािपत 7 1959 क अिधिनयम स० 62 की धारा 46 ारा (16-1-1960 स) अनतःसथािपत 8 1983 क अिधिनयम स० 42 की धारा 46 ारा (31-5-1984 स) ldquoइस अिधिनयम क अतगरत िविनयम और िनयमrdquo क सथान पर परितसथािपत 9 1983 क अिधिनयम स० 42 की धारा 47 ारा (31-5-1984 स) धारा 84 उपधारा (1) क रप म पनःसखयािकत 10 1983 क अिधिनयम स० 42 की धारा 47 ारा (31-5-1984 स) अतःसथािपत

32

85 सरकार की खान को अिधिनयम का लाग होनाmdashयह अिधिनयम सरकार की खान को 1[भी] लाग होगा 2[85क सचना आिद दन क िलए अपिकषत िक त ऐसा करन क िलए वध रप स आब ह गmdashहर िक त जो िकसी

अिधकारी को कोई सचना या इि ला इस अिधिनयम क अधीन दन क िलए अपिकषत ह भारतीय दड सिहता (1860 का 45) की धारा 176 क अथर क अनदर ऐसा करन क िलए वध रप स आब होगा ]

3[85ख िववरिणय सचना आिद पर हसताकषर करनाmdashइस अिधिनयम या उसक अधीन बनाए गए िकसी िविनयम िनयम उपिविध या िकसी आदश क उपबनध क समबनध म िकसी खान क सवामी ारा या उसकी ओर स दी जान क िलए अपिकषत सभी िववरिणय और सचना पर या भजी जान वाली सचना पर खान क सवामी अिभकतार या परबधक ारा या िकसी ऐस िक त ारा िजस सवामी ारा मखतारनाम ारा इस िनिम शिक त परतयायोिजत की गई ह हसताकषर िकए जाएग

85ग सिवधा और जन सिवधा क िलए फीस या परभार का वसल न िकया जानाmdashखान म िनयोिजत िकसी िक त स सरकषातमक परबनध या दी जान वाली सिवधा या इस अिधिनयम क उपबनध क अधीन परदाय िकए जान वाल िकसी उपसकर या सािधतर की बाबत कोई फीस या परभार वसल नह िकया जाएगा ]

86 1948 क अिधिनयम 63 क कितपय उपबध का खान को लाग होनाmdashकनदरीय सरकार शासकीय राजपतर म अिधसचना ारा िनदश द सकगी िक कारखाना अिधिनयम 1948 (1948 का 63) क अधयाय 3 और 4 क उपबनध ऐस अपवाद और िनबरनधन क

अधयधीन रहत हए जस उस अिधसचना म िविनिदष ट िकए जाए सब खान और उनकी परसीमा को लाग ह ग

87 सद भावपवरक िकए गए कायर क िलए पिरतराणmdashकोई भी वाद अिभयोजन या अनय िविधक कायरवाही इस अिधिनयम क अधीन सद भावपवरक की गई या जान क िलए आशियत िकसी बात क िलए िकसी िक त क िवर न होगी

88 [1923 क अिधिनयम 4 का िनरसन]mdashिनरसन और सशोधन अिधिनयम 1957 (1957 का 36) की धारा 2 और पहली अनसची ारा िनरिसत

______

1 1959 क अिधिनयम स० 62 की धारा 47 ारा (16-1-1960 स) अनतःसथािपत 2 1959 क अिधिनयम स० 62 की धारा 48 ारा (16-1-1960 स) अनतःसथािपत 3 1983 क अिधिनयम स० 42 की धारा 48 ारा (31-5-1984 स) अतःसथािपत

Page 11: खान अधिनियम, 1952ncwapps.nic.in/acts/TheMinesAct1952_Hindi.pdf1 ज ल ई, 1952, द खए भ रत क र जपतर (अ गर 1952, ज ) भ ग 2,

11

(5) हर खान म िजसम डढ़ सौ स अिधक िक त िनयोिजत ह ऐस आकार का ऐस साज सामान स सिजजत और ऐस िचिकतसीय और पिरचयार कमरचािरवनद क भारसाधन म जस िक िविहत िकए जाए एक पराथिमक उपचार कमरा उपबिनधत िकया जाएगा और चाल हालत म रखा जाएगा

22 जब िक सकट क ऐस कारण िव मान ह िजनक िलए कोई अिभ क त उपबनध नह िकया गया ह या जब िक िक तय का िनयोजन सकटपणर हो तब िनरीकषक की शिक तयाmdash(1) यिद िकसी ऐसी बात क बार म िजसक िलए इस अिधिनयम ारा या या क अधीन कोई अिभ क त उपबनध नह िकया गया ह मखय िनरीकषक को या िनरीकषक को यह परतीत हो िक कोई खान या उसका कोई भाग अथवा खान म की या उसस या उसक िनयतरण पयरवकषण परबनध या िनदशन स ससक त कोई बात वसत या प ित मानव जीवन या कषम क िलए सकटपणर ह या इतनी तरिटपणर ह िक उसस यह जोिखम ह या उसकी ऐसी परवि ह िक िकसी िक त को शारीिरक कषित हो तो वह खान क सवामी अिभकतार या परबनधक को उसकी िलिखत सचना द सकगा और सचना म उन िविशिष टय का कथन करगा िजनक बार म वह खान या उसक भाग को या बात वसत या प ित को सकटपणर या तरिटपणर समझता हो और यह अपकषा करगा िक उस इतन समय क अनदर और ऐसी रीित स ठीक कर िदया जाए जो वह उस सचना म िविनिदष ट कर

(1क) जहा िक खान का सवामी अिभकतार या परबनधक उपधारा (1) क अधीन दी गई सचना क िनबनधन का अनपालन उसम िविनिदष ट कालाविध क अनदर करन म असफल रहगा वहा यथािसथित मखय िनरीकषक या िनरीकषक खान या उसक िकसी भाग म या क आसपास िकसी ऐस िक त का िनयोजन िलिखत आदश ारा परितिष कर सकगा िजसका िनयोजन उसकी राय म सचना क िनबनधन का अनपालन सिनिश चत करन क िलए यिक तयक ततः आवशयक न हो

(2) उपधारा (1) म अनतिवष ट उपबनध पर परितकल परभाव डाल िबना यह ह िक यथािसथित मखय िनरीकषक या िनरीकषक खान क सवामी अिभकतार या परबनधक को सबोिधत िलिखत आदश ारा िकसी खान या उसक िकसी भाग म स सतभ या खिनज-खणड का िनकाला जाना या छाटा जाना परितिष कर सकगा यिद उसकी राय म ऐसी सिकरया स सतभ या खिनज-खणड का बठ जाना या खिनज क िकसी भाग का समय पवर ढह जाना सभा हो या उसस खान का या उसम िनयोिजत िक तय क जीवन या कषम का अनयथा सकटापन न हो जाना सभा हो या यिद उसकी राय म खान क िजस भाग म ऐसी सिकरया अनधयात हो उसम आग लगन या जलपलावन क िवर यथायोगय उपबनध उसको महरबनद और अलग करन क िलए उपबनध करक और जो कषतर आग या जलपलावन स परभािवत हो सकता हो उस पिरिमत करन क िलए उपबनध करक न िकया गया हो

(3) यिद मखय िनरीकषक या उसक ारा िलिखत रप म साधारण या िवशष आदश ारा इस िनिम परािधकत िनरीकषक की यह राय हो िक िकसी खान म या उसक िकसी भाग म िनयोिजत िकसी िक त क जीवन या कषम को अजनट या आसन न सकट ह तो वह अपनी राय क कारण का कथन अनतिवष ट करन वाल िलिखत आदश ारा खान क िकसी भाग म या क आसपास िकसी ऐस िक त का िनयोजन िजसका िनयोजन सकट दर करन क िलए उसकी राय म यिक तयक ततः आवशयक न हो तब तक क िलए परितिष कर सकगा 1[जब तक उसका यह समाधान न हो जाए िक वह सकट दर हो गया ह]

2[(3क) ऐसा परतयक िक त िजसका िनयोजन उपधारा (1क) या उपधारा (3) क अधीन परितिष ह उस अविध क िलए िजसक िलए वह यिद परितषध न होता तो िनयोजन म होता पणर मजदरी का सदाय पान का हकदार होगा और सवामी अिभकतार या परबनधक उस िक त को ऐसी पणर मजदरी क सदाय क िलए िजममदार होगा

परनत सवामी अिभकतार या परबनधक ऐसी पणर मजदरी का सदाय करन क बजाय ऐस िक त को उसी मजदरी पर आनकिलपक िनयोजन की वसथा कर सकगा जो ऐसा िक त उस िनयोजन म पराप त कर रहा था िजस परितिष कर िदया गया था ]

(4) जहा िक िनरीकषक ारा उपधारा (1) क अधीन कोई सचना दी गई हो या उसक ारा उपधारा (1क) उपधारा (2) या उपधारा (3) क अधीन कोई आदश िकया गया हो वहा खान का सवामी अिभकतार या परबनधक यथािसथित सचना या आदश की परािप त क पश चात दस िदन क अनदर उसक िखलाफ अपील मख य िनरीकषक को कर सकगा जो सचना या आदश को पष ट उपानतिरत या र कर सकगा

(5) उपधारा (1) क अधीन सचना भजन वाला या उपधारा (1क) या उपधारा (2) या उपधारा (3) क अधीन आदश करन वाला मखय िनरीकषक या िनरीकषक और उपधारा (4) क अधीन आदश (जो अपील म िकए गए र करन क आदश स िभन न हो) करन वाला मखय िनरीकषक उसकी िरपोटर ततकाल कनदरीय सरकार को दगा

(6) यिद खान का सवामी अिभकतार या परबनधक मखय िनरीकषक ारा उपधारा (1) क अधीन भजी गई सचना या उपधारा (1क) या उपधारा (2) या उपधारा (3) या उपधारा (4) क अधीन मखय िनरीकषक ारा िकए गए आदश पर आकषप कर तो वह यथािसथित आकषप अनतिवष ट करन वाली सचना की या आदश की परािप त क पश चात या अपील क िविनश चय की तारीख क पश चात बीस िदन क अनदर आकषप क आधार का कथन करत हए अपना िलिखत आकषप कनदरीय सरकार को भज सकगा 3[जो सामानयतः आकषप की परािप त की तारीख स दो मास की अविध क भीतर उस एक सिमित को िनदिशत कर दगी ]

1 1983 क अिधिनयम स० 42 की धारा 15 ारा (31-5-1984 स) ldquoजब तक वह सकट दर न हो जाएrdquo शबद क सथान पर परितसथािपत 2 1983 क अिधिनयम स० 42 की धारा 15 ारा (31-5-1984 स) अनतःसथािपत 3 1983 क अिधिनयम स० 42 की धारा 15 ारा (31-5-1984 स) ldquoजो िनदिशत करगीrdquo शबद क सथान पर परितसथािपत

12

(7) उपधारा (1) क अधीन की हर सचना का या उपधारा (1क) उपधारा (2) उपधारा (3) या उपधारा (4) क अधीन क हर आदश का िजस पर उपधारा (6) क अधीन आकषप िकया गया हो अनपालन सिमित का िविनश चय खान म पराप त होन तक िकया जाएगा

परनत सिमित उपधारा (1) क अधीन की 1[सचना] का परवतरन सवामी अिभकतार या परबनधक क आवदन पर तब तक क िलए िनलिमबत कर सकगी जब तक आकषप पर उसका अपना िविनश चय न हो जाए

(8) इस धारा की कोई भी बात 2दणड परिकरया सिहता 1898 (1898 का 5) की धारा 144 क अधीन की मिजसटरट की शिक तय पर परभाव नह डालगी ]

3[22क कछ दशा म िनयोजन का परितषध करन की शिक तmdash(1) जहा सरकषा स सबिधत िकसी बात क बार म िजसक िलए इस अिधिनयम ारा या उसक अधीन अिभ क त उपबनध िकया गया ह खान का सवामी अिभकतार या परबनधक ऐस उपबनध का अनपालन करन म असफल रहता ह वहा मखय िनरीकषक यह अपकषा करन वाली िलिखत सचना द सकगा िक उसका उतन समय क भीतर जो वह सचना म िविनिदष ट कर या समय की उतनी बढ़ाई गई अविध क भीतर जो वह उसक पश चात समय-समय पर िविनिदष ट कर अनपालन िकया जाए

(2) जहा सवामी अिभकतार या परबनधक उपधारा (1) क अधीन दी गई सचना क िनबनधन का यथािसथित ऐसी सचना म िविनिदष ट अविध क भीतर या उस उपधारा क अधीन िविनिदष ट समय की बढ़ाई गई अविध क भीतर अनपालन करन म असफल रहता ह वहा मखय िनरीकषक खान म या उसक िकसी भाग म या उसक आसपास िकसी ऐस िक त का िनयोजन िलिखत आदश ारा परितिष कर सकगा िजसका िनयोजन उसकी राय म सचना क िनबनधन का अनपालन सिनिश चत करन क िलए यिक तयक त तौर पर आवशयक न हो

(3) परतयक ऐसा िक त िजसका िनयोजन उपधारा (2) क अधीन परितिष िकया जाता ह उस अविध की पणर मजदरी का सदाय पान का हकदार होगा िजसक िलए वह यिद परितषध न हआ होता तो िनयोजन म होता और सवामी अिभकतार या परबनधक उस

िक त को ऐसी पणर मजदरी क सदाय क िलए दायी होगा

परनत सवामी अिभकतार या परबनधक ऐसी पणर मजदरी दन बजाय ऐस िक त को उसी मजदरी पर आनकिलपक िनयोजन द सकगा जो ऐसा िक त उस िनयोजन म पराप त कर रहा था जो उपधारा (2) क अधीन परितिष िकया गया था

(4) धारा 22 की उपधारा (5) उपधारा (6) और उपधारा (7) क उपबनध इस धारा की उपधारा (1) क अधीन जारी की गई िकसी सचना या उपधारा (2) क अधीन िकए गए िकसी आदश क समबनध म उसी परकार लाग ह ग जस व उस धारा की उपधारा (1) क अधीन सचना या उपधारा (1क) क अधीन आदश क सबध म लाग होत ह ]

23 दघरटना की सचना का िदया जानाmdash4[(1) जब िकसी खान म या उसक आसपासmdash

(क) कोई ऐसी दघरटना हो जाए िजसस जीवन की हािन या गमभीर शारीिरक कषित कािरत हई हो अथवा

(ख) िवसफोट जवलन सवतः तपन या आग लग जाना या जल या अनय दरव-पदाथर का फट िनकलना या सवग अनतपररवश घिटत हो जाए अथवा

(ग) जवलनशील या अपायकर गस का अनतवारह घिटत हो जाए अथवा

(घ) िजन रसस जजीर या अनय िगयर स िक त या सामगरी कपक या आनित म उतारी या वहा स उठाई जाती ह उनका टट जाना घिटत हो जाए अथवा

(ङ) िकसी कपक म िपजर या अनय परवहण-साधन अतयिधक लपट तब खा जाए जब िक त या सामगरी उतारी या उठाई जा रही हो अथवा

(च) खिनत का कोई भाग समय-पवर ढह जाए अथवा

(छ) कोई अनय दघरटना जो िविहत की जाए घिटत हो जाए

तब खान का सवामी अिभकतार या परबनधक उस घटना की सचना ऐस परािधकारी को ऐस पररप म और ऐस समय क अनदर दगा जो िविहत िकया जाए और साथ ही साथ वह सचना की एक परित ऐस सथान पर जहा उसका िनरीकषण वसाय सघ क पदधािरय ारा िकया जा सक िविहत रीित म एक िवशष सचना प पर लगाएगा और सिनिश चत करगा की वह सचना ऐस लगाए जान की तारीख स कम स कम चौदह िदन तक प पर लगी रह ]

1 1983 क अिधिनयम स० 42 की धारा 15 ारा (31-5-1984 स) ldquoअधयपकषाrdquo शबद क सथान पर परितसथािपत 2 अब दिखए दड परिकरया सिहता 1973 (1974 का 2) 3 1983 क अिधिनयम स० 42 की धारा 16 ारा (31-5-1984 स) अनतःसथािपत 4 1959 क अिधिनयम स० 62 की धारा 12 ारा (16-1-1960 स) उपधारा (1) क सथान पर परितसथािपत

13

1[(1क) जब कभी खान म या उसक आसपास कोई ऐसी दघरटना हो जाए िजसस िकसी िक त को िरपोटर की जान योगय कोई कषित कािरत हई हो तो खान का सवामी अिभकतार या परबनधक ऐसी दघरटना को एक रिजसटर म िविहत पररप म परिवष ट करगा और ऐसी परिविष टय की परितया ितमाही म एक बार मखय िनरीकषक को दी जाएगी ]

(2) जहा िक उपधारा (1) क अधीन दी गई सचना ऐसी दघरटना क बार म हो िजसस जीवन की हािन कािरत हई हो वहा वह परािधकारी घटना की जाच सचना की परािप त क दो मास क अनदर करगा और यिद परािधकारी िनरीकषक न हो तो वह िनरीकषक स उक त कालाविध क अनदर जाच कराएगा

2[(3) कनदरीय सरकार राजपतर म अिधसचना ारा िनदश द सकगी िक उपधारा (1) और उपधारा (1क) म िविनिदष ट दघरटना स िभन न िजन दघरटना म ऐसी शारीिरक कषित कािरत होती ह िजसस िक कषितगरसत िक त की काम स चौबीस घट स अिधक की अविध की मजदरी क कारण अनपिसथित हो जाती ह तो व दघरटनाए िविहत पररप म एक रिजसटर म परिवष ट की जाएगी या यथािसथित उपधारा (1) या उपधारा (1क) क उपबनध क अधयधीन रहगी ]

(4) उपधारा (3) म िनिदष ट रिजसटर म की परिविष टय की एक परित खान क सवामी अिभकतार या परबनधक ारा 3[उस वषर स िजसस व परिविष टया समब ह अगल वषर म जनवरी क 20व िदन या ततपवर] मखय िनरीकषक को भजी जाएगी

3[(5) जब कभी खान म या उसक आसपास कोई ऐसी दघरटना हो जाए िजसस िकसी िक त क जीवन को हािन या उसको गभीर शारीिरक कषित कािरत हई हो तो उस मखय िनरीकषक या िनरीकषक क िजसको धारा 23 की उपधारा (1) क अधीन दघरटना की सचना का िदया जाना अपिकषत ह आगमन क पवर या उसकी सम मित क िबना दघरटना सथल की उलट-पलट या उसम कोई पिरवतरन नह िकया जाएगा जब तक िक ऐसी उलट-पलट या पिरवतरन आग िकसी दघरटना को रोकन क िलए मतक क शव को हटान क िलए या िकसी िक त की सकट स रकषा करन क िलए आवशयक न हो अथवा जब तक िक दघरटना सथल पर काम क बनद िकए जान स खान क कायरकरण म गमभीर अड़चन न पड़

परनत जहा मखय िनरीकषक या उक त िनरीकषक दघरटना क समय स बह र घट क भीतर दघरटना का सथल िनरीकषण करन म असफल रहता ह वहा दघरटना सथल पर काम पनः आरमभ िकया जा सकगा ]

24 दघरटना क मामल म जाच-नयायालय िनयक त करन की सरकार की शिक तmdash4[(1) जब िक खान म या उसक आसपास धारा 23 की उपधारा (1) क खड म स िकसी म िनिदष ट परकित की कोई दघरटना हो जाए तब कनदरीय सरकार यिद उसकी यह राय हो िक दघरटना क कारण की और पिरिसथितय की पररिपक जाच होनी चािहए ऐसी जाच करन क िलए कोई सकषम िक त िनयक त कर सकगी और जाच करन म अससर क रप म कायर करन क िलए िविध का या कोई िवशष जञान रखन वाल एक या अिधक िक तय को भी िनयक त कर सकगी ]

(2) ऐसी िकसी जाच करन क िलए िनयक त िक त को सािकषय को हािजर करान और दसतावज और भौितक पदाथ 5 को पश करन क िलए िववश करन क परयोजन क िलए िसिवल परिकरया सिहता 1908 (1908 का 5) क अधीन की िसिवल नयायालय की सब शिक तया पराप त ह गी

(3) इस धारा क अधीन जाच करन वाला कोई िक त इस अिधिनयम क अधीन की िनरीकषक की ऐसी शिक तय का परयोग कर सकगा िजसका परयोग करना वह जाच क परयोजन क िलए आवश यक या समीचीन समझ

(4) इस धारा क अधीन जाच करन वाला िक त दघरटना क कारण और उसकी पिरिसथितय को किथत करन वाली िरपोटर िकनह ऐसी समिक तय को जोड़कर िजनह िक वह या अससर म स कोई िलखना आवशयक समझ कनदरीय सरकार को दगा

25 कछ रोग की सचनाmdash(1) जहा िक खान म िनयोिजत िकसी िक त को कोई 6ऐसा रोग लग जाए जो कनदरीय सरकार ारा शासकीय राजपतर म खनन सिकरया स ससक त रोग क रप म अिधसिचत िकया गया हो वहा खान का यथािसथित सवामी

अिभकतार या परबनधक उसकी सचना मखय िनरीकषक को और ऐस अनय परािधकािरय को ऐस पररप म और ऐस समय क अनदर भजगा जस िविहत िकए जाए

(2) यिद कोई िचिकतसा- वसायी िकसी ऐस िक त की दखभाल कर जो िकसी खान म िनयोिजत हो या रहा हो और जो उपधारा (1) क अधीन अिधसिचत िकसी रोग स पीिड़त हो या िजसक बार म िचिकतसा- वसायी को िवश वास हो िक वह ऐस रोग स पीिड़त ह तो िचिकतसा- वसायीmdash

(क) रोगी का नाम और पता

1 1983 क अिधिनयम स० 42 की धारा 17 ारा (31-5-1984 स) अनतःसथािपत 2 1983 क अिधिनयम स० 42 की धारा 17 ारा (31-5-1984 स) उपधारा (3) क सथान पर परितसथािपत 3 1959 क अिधिनयम स० 62 की धारा 12 ारा (16-1-1960 स) कितपय शबद क सथान पर परितसथािपत 4 1959 क अिधिनयम स० 62 की धारा 13 ारा (16-1-1960 स) उपधारा (1) क सथान पर परितसथािपत 5 1959 क अिधिनयम स० 62 की धारा 13 ारा (16-1-1960 स) कितपय शबद का लोप िकया गया 6 िसलकोिसस और नयमोकोिनओिसस िजनह ऐस रोग घोिषत िकया गया ह दिखए भारत का राजपतर (अगरजी) भाग 2 खण ड 3 प 1153 म परकािशत अिधसचना स० 1

का०िन०आ० 1306 तारीख 21 जलाई 1952 और मगनीज िवषाकतीकरण-तितरका परकार का िजस ऐसा रोग घोिषत िकया गया ह दिखए भारत का राजपतर (अगजी) 1956 भाग 2 खणड 3 प 2195 म परकािशत अिधसचना स० का०िन०आ० 3109 तारीख 18 िदसमबर 1956

14

(ख) वह रोग िजसस रोगी पीिड़त हो या िजसस उसक पीिड़त होन का िवश वास हो तथा

(ग) उस खान का नाम और पता िजसम रोगी िनयोिजत हो या अिनतम बार िनयोिजत था

किथत करन वाली िलिखत िरपोटर मखय िनरीकषक को अिवलमब भजगा

(3) जहा िक उपधारा (2) क अधीन की िरपोटर की यह पिष ट परमाणकतार सजरन क परमाणपतर स या अनयथा मखय िनरीकषक को समाधानपरद रप म हो जाए िक वह िक त उपधारा (1) क अधीन अिधसिचत रोग स पीिड़त ह वहा मखय िनरीकषक िचिकतसा-

वसायी को उतनी फीस दगा िजतनी िविहत की जाए और ऐस सद फीस उस खान क सवामी अिभकतार या परबनधक स िजसम उस िक त को रोग लगा हो भ-राजसव क बकाया क रप म वसलीय होगी

(4) यिद कोई िचिकतसा- वसायी उपधारा (2) क उपबनध का अनपालन करन म असफल रहगा तो वह जमारन स जो पचास रपए तक का हो सकगा दणडनीय होगा

26 रोग क कारण क अनवषण का िनदश दन की शिक तmdash(1) कनदरीय सरकार यिद वह ऐसा करना समीचीन समझ तो िकसी ऐस मामल की जाच करन क िलए तथा उस पर िरपोटर दन को कोई सकषम िक त िनयक त कर सकगी िजसम धारा 25 की उपधारा (1) क अधीन अिधसिचत कोई रोग खान म लगा हो या िजसक बार म सदह िकया जाता हो िक वह खान म लगा ह और ऐसी जाच म अससर क रप म कायर करन क िलए िविध का जञान या िवशष जञान रखन वाल एक या अिधक िक तय को भी िनयक त कर सकगी

(2) धारा 24 की उपधारा (2) और (3) क उपबध इस धारा क अधीन की जाच को उसी रीित स लाग ह ग जस व उस धारा क अधीन की िकसी जाच को लाग होत ह

27 िरपोट का परकाशनmdashऐस समय पर और ऐसी रीित स जो वह ठीक समझ कनदरीय सरकार सिमित ारा 1[धारा 12] क अधीन भजी गई िकसी िरपोटर को या अपन को धारा 26 क अधीन भजी गई िकसी िरपोटर या िकसी िरपोटर क उ रण को परकािशत करा सकगी और धारा 24 क अधीन िकसी जाच नयायालय ारा भजी गई हर िरपोटर को परकािशत कराएगी

अधयाय 6

िनयोजन क घट और उस पर िनबरधन

28 साप तािहक िवशराम-िदनmdashिकसी भी िक त को खान म िकसी एक सप ताह म छह िदन स अिधक काम नह करन िदया जाएगा

29 परितकरातमक िवशराम-िदनmdash(1) जहा िक धारा 38 क अधीन कायरवाही क अनसरण म अथवा िकसी खान को या उसम िनयोिजत िक तय को धारा 28 क उपबनध स छट िदए जान क फलसवरप कोई िक त जो उस खान म िनयोिजत हो उन साप तािहक िवशराम-िदन म स िकसी स िजनक िलए धारा 28 म उपबनध िकया गया ह विचत िकया जाए वहा उस उसी मास क अनदर िजसम उस ऐस िवशराम-िदन दय थ या उस मास क अ विहत पश चात क दो मास क अनदर उन िवशराम-िदन की समान सखया म िजनस वह इस परकार विचत िकया गया हो परितकरातमक िवशराम-िदन िदए जाएग

(2) कनदरीय सरकार वह रीित िविहत कर सकगी िजसस व िवशराम-िदन िजनक िलए उपधारा (1) म उपबनध िकया गया ह िदए जाएग

30 भिम क ऊपर क काम क घणटmdash(1) िकसी सप ताह म अड़तालीस घणट स अिधक या िकसी िदन म नौ घणट स अिधक काम भिम क ऊपर िनयोिजत िकसी भी वयसथ स न तो अपिकषत िकया जाएगा और न उस करन िदया जाएगा

2[परनत मखय िनरीकषक क पवर अनमोदन क अधयधीन रहत हए इस उपधारा म िविनिदष ट दिनक अिधकतम घणट को पािरय म तबदीली सकर बनान क िलए बढ़ाया जा सकगा ]

(2) िकसी ऐस वयसथ क काम की कालाविधया इस परकार विसथत की जाएगी िक उसक िवशराम अनतराल सिहत व िकसी भी िदन बारह घणट स अिधक िवसतत न ह और वह कम स कम आध घणट का िवशराम अनतराल क चकन क पवर िनरनतर पाच घणट स अिधक काम न कर

3[परनत मखय िनरीकषक ऐस कारण स जो लखन ारा अिभिलिखत िकए जाएग इस िवसतित का िकसी िदन अिधकतम चौदह घणट की कालाविध तक का होना ऐसी शत क अधयधीन जसी वह अिधरोिपत करना ठीक समझ अनजञात कर सकगा ]

4[(3) दो या अिधक पािरय क िक तय को एक ही समय भिम क ऊपर एक ही परकार का काम नह करन िदया जाएगा

1 1983 क अिधिनयम स० 42 की धारा 18 ारा (31-5-1984 स) ldquoधारा 13rdquo शबद और अक क सथान पर परितसथािपत 2 1959 क अिधिनयम स० 62 की धारा 14 ारा (16-1-1960 स) परनतक जोड़ा गया 3 1959 क अिधिनयम स० 62 की धारा 14 ारा (16-1-1960 स) परनतक क सथान पर परितसथािपत 4 1959 क अिधिनयम स० 62 की धारा 14 ारा (16-1-1960 स) उपधारा (3) क सथान पर परितसथािपत

15

परनत इस उपधारा क परयोजन क िलए िक तय क बार म कवल इस तथय क कारण िक उनक िवशराम अनतराल उनह िभन न समय पर िमलत ह यह न समझा जाएगा िक व िविभन न पािरय क ह ]

1[31 भिम क नीच क काम क घटmdash(1) खान म भिम क नीच िनयोिजत िकसी भी वयसथ को िकसी सप ताह म अड़तालीस घणट स अिधक या िकसी िदन म आठ घणट स अिधक काम नह करन िदया जाएगा

परनत मखय िनरीकषक क पवर अनमोदन क अधयधीन रहत हए इस उपधारा म िविनिदष ट दिनक अिधकतम घणट को पािरय म तबदीली सकर बनान क िलए बढ़ाया जा सकगा

(2) खान म भिम क नीच कोई भी काम ऐस विसथत पारी-प ित स चलान क िसवाय न चलाया जाएगा िक हर एक पारी म काम की कालाविध उपधारा (1) म बताए गए दिनक अिधकतम घट स अिधक िवसतत न हो

(3) खान म िनयोिजत िकसी िक त को भिम क नीच क खान क िकसी भाग म काम की उन कालाविधय क दौरान उपिसथत रहन दन क िसवाय उपिसथत न रहन िदया जाएगा जो धारा 48 की उपधारा (4) क अधीन रख जान वाल रिजसटर म उसक बार म दिशत ह ]

2[32 राितर की पारीmdashजहा िक खान म िनयोिजत िक त ऐसी पारी म काम कर िजसका िवसतार मधयराितर क पश चात तक हो वहाmdash

(क) धारा 28 और धारा 29 क परयोजन क िलए उसक मामल म साप तािहक िवशराम-िदन स उसकी पारी क अनत होन पर आरमभ होन वाली िनरनतर 24 घणट की कालाविध अिभपरत होगी

(ख) उसकी पारी का अनत होन पर आरमभ होन वाली चौबीस घणट की कालाविध उसक िलए अगला िदन समझी जाएगी और मधयराितर क पश चात िजतन घणट उसन काम िकया हो व पवरवत िदन म िगन जाएग ]

33 अितकाल क िलए अितिरक त मजदरीmdash3[(1) जहा िक खान म कोई िक त भिम क ऊपर िकसी िदन नौ घणट स अिधक या भिम क नीच िकसी िदन आठ घणट स अिधक काम कर या चाह भिम क ऊपर या नीच िकसी सप ताह म अड़तालीस घणट स अिधक काम कर वहा ऐस अितकािलक काम क िलए वह अपनी मजदरी की मामली दर स दगनी दर पर मजदरी पान का हकदार होगा और अितकािलक काम की कालाविध की गणना दिनक या साप तािहक आधार पर जो भी उसक िलए अिधक अनकल हो की जाएगी ]

4[(2) जहा खान म िनयोिजत िकसी िक त को मातरानपाती दर स सदाय िकया जाना हो वहा कालानपाती दर को उन िदन क िजनको उसक उस सप ताह क िजसम अितकाल काम िकया गया ह ठीक पवरवत सप ताह क दौरान वासतव म काम िकया था िकसी अितकाल को छोड़कर उसक पणरकािलक उपाजरन क दिनक औसत क बराबर माना जाएगा और ऐसी कालानपाती दर ऐस िक त की मजदरी की मामली दर मानी जाएगी

परनत यिद ऐस िक त न पवरवत सप ताह म उसी या समान काम पर कायर नह िकया ह तो कालानपाती दर अितकाल को छोड़कर उन िदन की िजनको उसन उसी सप ताह म काम िकया ह औसत या िकसी पवरवत सप ताह म उसक उपाजरन की दिनक औसत इनम स जो भी उच चतर हो उस पर आधािरत होगी

सपष टीकरणmdashइस धारा क परयोजन क िलए ldquoमजदरी की मामली दरrdquo का वही अथर होगा जो उसका धारा 9क की उपधारा (3) क सपष टीकरण म ह ]

(4) इस धारा क उपबनध का अनपालन सिनिश चत करन क परयोजन क िलए कनदरीय सरकार खान म रख जान वाल रिजसटर िविहत कर सकगी

5[34 कितपय िक तय क िनयोजन का परितषधmdashकोई भी िक त जो पवरवत बारह घनट क अनदर िकसी अनय खान म पहल ही काम करता रहा हो खान म काम करन क िलए न तो अपिकषत िकया जाएगा न उस खान म काम करन िदया जाएगा ]

6[35 अितकािलक काम सिहत दिनक काम क घट का िनबरनधनmdashधारा 39 क खणड (क) और खणड (ङ) म आन वाल मामल म क िसवाय िकसी भी िदन अितकाल सिहत दस घट स अिधक खान म काम न तो खान म िनयोिजत िकसी भी िक त स अपिकषत िकया जाएगा न उस करन िदया जाएगा ]

36 काम क घट क िवषय म सचनाएmdash(1) हर खान का परबनधक खान म काम क परारमभ और बनद होन का समय और यिद टोली प ित ारा काम परसथािपत हो तो हर एक टोली क काम क परारमभ और बनद होन का समय किथत करन वाली सचना िविहत पररप म खान क कायारलय क बाहर लगवाएगा

1 1959 क अिधिनयम स० 62 की धारा 15 ारा (16-1-1960 स) धारा 31 क सथान पर परितसथािपत 2 1959 क अिधिनयम स० 62 की धारा 16 ारा (16-1-1960 स) धारा 32 क सथान पर परितसथािपत 3 1959 क अिधिनयम स० 62 की धारा 17 ारा (16-1-1960 स) उपधारा (1) क सथान पर परितसथािपत 4 1983 क अिधिनयम स० 42 की धारा 19 ारा (31-5-1984 स) उपधारा (2) और (3) क सथान पर परितसथािपत 5 1959 क अिधिनयम स० 62 की धारा 18 ारा (16-1-1960 स) धारा 34 क सथान पर परितसथािपत 6 1959 क अिधिनयम स० 62 की धारा 19 ारा (16-1-1960 स) धारा 35 क सथान पर परितसथािपत

16

(2) उस खान की दशा म िजसम खनन सिकरयाए इस अिधिनयम क परारमभ क पश चात परारभ ह उपधारा (1) म िनिदष ट सचना काम क परारमभ होन क कम स कम सात िदन पवर लगाई जाएगी

(3) उपधारा (1) म िनिदष ट सचना म भिम क ऊपर िनयोिजत िक तय क काम क परारमभ का समय और िवशराम अनतराल भी किथत ह ग और उसकी एक परित मखय िनरीकषक को यिद वह ऐसी अपकषा कर तो भजी जाएगी

(4) जहा िक साधारणतः खान म या िकसी टोली क काम क परारमभ या बनद होन क िलए िनयत समय म या भिम क ऊपर िनयोिजत िक तय क िलए िनयत िवशराम अनतराल म कोई तबदीली करन की परसथापना हो वहा िविहत पररप म एक सशोिधत सचना उस तबदीली क िकए जान क सात स अनयन िदन पवर खान क कायारलय क बाहर लगाई जाएगी और ऐसी सचना की एक परित ऐसी तबदीली क सात स अनयन िदन पवर मखय िनरीकषक को भजी जाएगी

(5) िकसी भी िक त को उपधारा (1) ारा अपिकषत सचना क अनसार काम करन स अनयथा खान म काम नह करन िदया जाएगा

37 पयरवकषक कमरचािरवनदmdashधारा 28 धारा 30 धारा 31 धारा 34 या 1[धारा 36 की उपधारा (5)] की कोई भी बात उन िक तय को लाग न होगी िजनकी बाबत िनयम ारा यह पिरभािषत िकया जाए िक व पयरवकषण या परबनध का पद धारण िकए हए ह

या गोपनीयता की हिसयत म िनयोिजत ह

38 िनयोजन सबधी उपबनध स छटmdash(1) उस आपात की दशा म िजसम खान या उसम िनयोिजत िक तय क कषम क िलए गमभीर जोिखम अनतवरिलत हो या वासतिवक या आशिकत िकसी दघरटना की दशा म या िकसी दवीकत की दशा म या खान की मशीनरी सयतर या उपसकर क ठपप हो जान क पिरणामसवरप ऐसी मशीनरी सयतर या उपसकर पर िकए जान वाल िकसी अजनट काम की दशा म परबनधक धारा 22 2[या धारा 22क] क उपबनध क अधयधीन और धारा 39 क अधीन क िनयम क अनसार िक तय को धारा 28 धारा 30 धारा 31 या धारा 34 या 1[धारा 36 की उपधारा (5)] क उललघन म ऐस काम म िनयोजन की अनजञा द सकगा जो खान या उसम िनयोिजत िक तय क कषम का सरकषण करन क िलए आवशयक हो

परनत मशीनरी सयतर या उपसकर पर इस धारा क अधीन िकए जान वाल िकसी अजनट काम की दशा म परबनधक इस धारा ारा अनजञात कोई काररवाई कर सकगा य िप उसक िकए जान स 3[खिनज] उतपादन आनषिगक रप स परभािवत होता हो िकनत इस

परकार की गई काररवाई उन सीमा क बाहर न की जाएगी जो खान क मामली कायरकरण म गमभीर हसतकषप का पिरवजरन करन क परयोजन क िलए आवशयक हो

(2) हर वह दशा िजसम उपधारा (1) क अधीन परबनधक ारा काररवाई की गई हो ततसमब पिरिसथितय क साथ अिभिलिखत की जाएगी और उसकी िरपोटर मखय िनरीकषक या िनरीकषक को भी दी जाएगी

4[39 छट दन वाल िनयम बनान की शिक तmdash5[कनदरीय सरकार] िनम निलिखत िक तय क िलए धारा 28 धारा 30 धारा 31 धारा 34 या धारा 36 की उपधारा (5) क उपबनध स ऐस िवसतार तक ऐसी पिरिसथितय म और ऐसी शत क अधयधीन जसी िविनिदष ट की जाए छट का उपबनध करन वाल िनयम बना सकगीmdash

(क) ऐसी खान म िजसम ऐस आपात की आशका हो िजसम खान क या उसम िनयोिजत िक तय क कषम की गमभीर जोिखम अनतवरिलत हो िनयोिजत सब िक त या उनम स कोई

(ख) िकसी वासतिवक या आशिकत दघरटना की दशा म इस परकार िनयोिजत सब िक त या उनम स कोई

(ग) िकसी तयारी की परकित क या परक परकित क ऐस काम म जो खान क मामली कायरकरण म गमभीर हसतकषप का पिरवजरन करन क परयोजन क िलए अवशय चलाया जाना चािहए लग हए सब िक त या उनम स कोई

(घ) अजनट मरममत म लग हए सब िक त या उनम स कोई

(ङ) िकसी ऐस काम म जो िक तकनीकी कारण स िनरनतर चाल रखा जाना चािहए िनयोिजत सब िक त या उनम स कोई ] 6[40 अठारह वषर स कम आय क िक तय का िनयोजनmdash(1) खान (सशोधन) अिधिनयम 1983 क परारमभ क पश चात

अठारह वषर स कम आय क िकसी िक त को िकसी खान या उसक भाग म काम करन क िलए अनजञात नह िकया जाएगा

(2) उपधारा (1) म िकसी बात क होत हए भी िशकष और अनय परिशकष को जो सोलह वषर स कम आय क नह ह िकसी खान या उसक भाग म परबनधक ारा समिचत पयरवकषण क अधीन काम करन क िलए अनजञात िकया जा सकगा

1 1953 क अिधिनयम स० 42 की धारा 4 और अनसची 3 ारा ldquoधारा 36 की उपधारा (4)rdquo क सथान पर परितसथािपत 2 1983 क अिधिनयम स० 42 की धारा 20 ारा (31-5-1984 स) अनतःसथािपत 3 1959 क अिधिनयम स० 62 की धारा 20 ारा (16-1-1960 स) ldquoकोयलाrdquo क सथान पर परितसथािपत 4 1959 क अिधिनयम स० 62 की धारा 21 ारा (16-1-1960 स) धारा 39 क सथान पर परितसथािपत 5 1983 क अिधिनयम स० 42 की धारा 21 ारा (31-5-1984 स) कितपय शबद क सथान पर परितसथािपत 6 1983 क अिधिनयम स० 42 की धारा 22 ारा (31-5-1984 स) धारा 40 क सथान पर परितसथािपत

17

परनत िशकष स िभन न परिशकष की दशा म उनको काम करना अनजञात करन स पवर मखय िनरीकषक या िनरीकषक का पवर अनमोदन अिभपराप त करना आवशयक होगा

सपष टीकरणmdashइस धारा और धारा 43 म ldquoिशकषrdquo स िशकष अिधिनयम 1961 (1961 का 52) की धारा 2 क खणड (क) म यथापिरभािषत िशकष अिभपरत ह ]

41 [योगयता परमाणपतर ]mdashखान (सशोधन) अिधिनयम 1983 की धारा 23 ारा (31-5-1984 स) िनरिसत

42 [कमार को अनद योगयता परमाणपतर का परभाव ]mdashखान (सशोधन) अिधिनयम 1983 (1983 का 42) की धारा 23 ारा (31-5-1984 स) िनरिसत

1[43 िचिकतसीय परीकषा की अपकषा करन की शिक तmdash(1) जहा िकसी िनरीकषक की यह राय हो िक िशकष या अनय परिशकष स अनयथा खान म िनयोिजत कोई िक त वयसथ नह ह अथवा खान म िशकष या अनय परिशकष क रप म िनयोिजत कोई िक त या तो सोलह वषर स कम आय का ह या वह काम करन क योगय नह रह गया ह वहा िनरीकषक खान क परबनधक पर यह अपकषा करन वाली सचना की तामील कर सकगा िक ऐस िक त की परीकषा िकसी परमाणकतार सजरन ारा की जाए और िनरीकषक ऐसा िनदश द तो ऐसा

िक त तब तक िकसी खान म काम करन क िलए िनयोिजत या अनजञात नह िकया जाएगा जब तक इस परकार उसकी परीकषा न हो गई हो और यह परमािणत न कर िदया गया हो िक वह वयसथ ह या यिद ऐसा िक त िशकष या परिशकष ह तो वह सोलह वषर स कम आय का नह ह और काम करन क योगय ह

(2) उपधारा (1) क अधीन िनदश पर परमाणकतार सजरन ारा िदया गया हर परमाणपतर उसम किथत बात का इस अिधिनयम क परयोजन क िलए िनश चायक सा य होगा ]

44 [उन कमार क िलए काम क घट जो वयसक क रप म काम क िलए योगय परमािणत नह िकए गए ]mdashखान (सशोधन) अिधिनयम 1983 (1984 का 42) की धारा 25 ारा (31-5-1984 स) िनरिसत

2[45 खान म अठारह वषर स कम आय क िक तय की उपिसथित का परितषधmdashधारा 40 की उपधारा (2) क उपबनध क अधीन रहत हए ऐसी तारीख क पश चात जो कनदरीय सरकार राजपतर म अिधसचना ारा इस िनिम िनयत कर अठारह वषर स कम आय क िकसी िक त को भिम क ऊपर खान क िकसी ऐस भाग म जहा िकसी खनन सिकरया स ससक त या आनषिगक कोई सिकरया चलाई जा रही हो उपिसथत नह रहन िदया जाएगा ]

3[46 िस तरय का िनयोजनmdash(1) िकसी अनय िविध म अनतिवष ट िकसी बात क होत हए भी कोई भी स तरीmdash

(क) खान क िकसी ऐस भाग म जो भिम क नीच हो

(ख) िकसी खान म भिम क ऊपर 6 बज पवारहन और 7 बज अपराहन क बीच क िसवाय

िनयोिजत नह की जाएगी ]

(2) खान म भिम क ऊपर िनयोिजत हर स तरी को िकसी एक िदन िनयोजन का पयरवसान होन और िनयोजन की अगली कालाविध का परारमभ होन क बीच कम स कम गयारह घनट का अनतराल िदया जाएगा

(3) उपधारा (1) म अनतिवष ट िकसी बात क होत हए भी कनदरीय सरकार िकसी खान या िकसी वगर या परकार की खान क बार म भिम क ऊपर िस तरय क िनयोजन क घट म फरफार शासकीय राजपतर म अिधसचना ारा कर सकगी िकनत इस परकार की िकसी स तरी का 10 बज अपराहन और 5 बज पवारहन क बीच कोई भी िनयोजन तद ारा अनजञात न हो ]

47 [आय क बार म िववाद ]mdashखान (सशोधन) अिधिनयम 1959 (1959 का 62) की धारा 28 ारा िनरिसत

48 िनयोिजत िक तय का रिजसटरmdash4[(1) हर खान क िलए उस खान म िनयोिजत सब िक तय का एक रिजसटर िविहत पररप और सथान म रखा जाएगा िजसम ऐस हर एक िक त क बार म िनम निलिखत बात दिशत ह गीmdash

(क) कमरचारी का नाम यथािसथित उसक िपता या पित क नाम सिहत और ऐसी अनय िविशिष टया जसी उसकी पहचान क परयोजन क िलए आवशयक ह

(ख) कमरचारी की आय और िलग

(ग) िनयोजन की परकित (वह िनयोजन भिम क ऊपर ह या भिम क नीच और यिद भिम क ऊपर ह तो वह िवव खिनत म ह या अनयथा) और उसक परारमभ की तारीख

5

1 1983 क अिधिनयम स० 42 की धारा 24 ारा (31-5-1984 स) धारा 43 क सथान पर परितसथािपत 2 1983 क अिधिनयम स० 42 की धारा 26 ारा (31-5-1984 स) धारा 45 क सथान पर परितसथािपत 3 1959 क अिधिनयम स० 62 की धारा 27 ारा (16-1-1960 स) धारा 46 क सथान पर परितसथािपत 4 1959 क अिधिनयम स० 62 की धारा 29 ारा (16-1-1960 स) उपधारा (1) क सथान पर परितसथािपत 5 1983 क अिधिनयम स० 42 की धारा 27 ारा (31-5-1984 स) खणड (घ) का लोप िकया गया

18

(ङ) अनय ऐसी िविशिष टया जो िविहत की जाए

और ससगत परिविष टया सपक त िकयत क हसताकषर या अगठ क िचहन ारा अिधपरमािणत की जाएगी ]

(2) उपधारा (1) ारा िविहत रिजसटर म की परिविष टया ऐसी ह गी िक उनक अनसार काम करन वाल कमरकार इस अधयाय क उपबनध म स िकसी क उललघन म काम न करत ह ग

(3) कोई िक त खान म तब तक िनयोिजत न िकया जाएगा जब तक उसक बार म उपधारा (1) ारा अपिकषत िविशिष टया रिजसटर म अिधिलिखत न कर ली गई ह और कोई भी िक त रिजसटर म अपन बार म दिशत काम की कालाविधय क दौरान िनयोिजत िकए जान क िसवाय िनयोिजत नह िकया जाएगा

1[(4) िजस खान को कनदरीय सरकार न साधारण या िवशष आदश ारा िकसी िवशष कारण स जो अिभिलिखत िकया जाएगा छट दी हो उसस िभन न हर खान क िलए पथक रिजसटर िविहत पररप और सथान म रख जाएग िजनम हर िक त क बार म जो खान मmdash

(क) भिम क नीच

(ख) िवव खिनत म भिम क ऊपर

(ग) अनय दशा म भिम क ऊपर

िनयोिजत हो िनम निलिखत बात दिशत ह गीmdash

(i) कमरचारी का नाम

(ii) उसक िनयोजन का वगर या िकसम

(iii) जहा िक काम टोली-प ित स चलाया जाता हो वहा िजस पारी का वह ह वह पारी और उस पारी क घनट ]

(5) भिम क नीच िनयोिजत िक तय क उपधारा (4) म िनिदष ट रिजसटर म िकसी भी कषण ऐस हर िक त का नाम दिशत होगा जो तब खान म भिम क नीच उपिसथत हो

2[(6) कोई िक त िकसी िवव खिनत या भिम क नीच िकसी खिनत म तब क िसवाय परवश नह कर सकगा जब िक ऐसा करन क िलए वह परबनधक ारा अनजञात िकया गया हो अथवा इस अिधिनयम या िकसी अनय िविध क अधीन परािधकत हो ]

अधयाय 7

मजदरी सिहत छ ी 3[49 अधयाय का लाग होनाmdashइस अधयाय क उपबनध ऐस परवितत नह ह ग िक उनका िकसी ऐस अिधकार पर परितकल

परभाव पड़ िजसका िक खान म िनयोिजत कोई िक त िकसी अनय िविध क अधीन या िकसी अिधिनणरय करार या सवा-सिवदा क िनबनधन क अधीन हकदार हो

4[परनत यिद ऐसा अिधिनणरय करार या सवा-सिवदा इस अधयाय म उपबिनधत स दीघरतर मजदरी सिहत वािषक छ ी का उपबनध करती हो तो छ ी की वह मातरा िजसक िलए िनयोिजत िक त हकदार होगा ऐस अिधिनणरय करार या सवा-सिवदा क अनसार होगी िकनत छ ी ऐस िवषय की बाबत जो ऐस अिधिनणरय करार या सवा-सिवदा म उपबिनधत नह ह धारा 50 स लकर धारा 56 तक क (िजसम य दोन धाराए भी सिममिलत ह) उपबनध क अनसार िविनयिमत होगी ]

50 छ ी की पिरभाषाmdashसाप तािहक िवशराम-िदन अथवा उतसव क िलए या अनय ऐस ही अवसर क िलए अवकाश-िदन इस अधयाय क परयोजन क िलए छ ी क अनतगरत नह आत ह चाह व छ ी की कालाविध क दौरान ह या उसक ठीक पहल या ठीक पीछ ह

51 कलनडर वषर की पिरभाषाmdashइस अधयाय क परयोजन क िलए ldquoकलनडर वषरrdquo स िकसी वषर म जनवरी क परथम िदन स आरमभ होन वाली बारह मास की कालाविध अिभपरत होगी

52 मजदरी सिहत वािषक छ ीmdash(1) खान म िनयोिजत हर िक त को िजसन उसम एक कलनडर वषर की सवा परी कर ली हो पश चातवत कलनडर वषर क दौरान मजदरी सिहत छ ी अनजञात की जाएगी िजसकी गणनाmdash

(क) भिम क नीच िनयोिजत िक त की दशा म उसक ारा िकए गए काम क हर 5[पनदरह िदन] क िलए एक िदन की दर स की जाएगी तथा

1 1959 क अिधिनयम स० 62 की धारा 29 ारा (16-1-1960 स) उपधारा (4) क सथान पर परितसथािपत 2 1959 क अिधिनयम स० 62 की धारा 29 ारा (16-1-1960 स) अनतःसथािपत 3 1959 क अिधिनयम स० 62 की धारा 30 ारा (16-1-1960 स) धारा 49 स 56 तक क सथान पर परितसथािपत 4 1983 क अिधिनयम स० 42 की धारा 28 ारा (31-5-1984 स) परनतक क सथान पर परितसथािपत 5 1983 क अिधिनयम स० 42 की धारा 29 ारा (31-5-1984 स) ldquoसोलह िदनrdquo क सथान पर परितसथािपत

19

(ख) िकसी अनय दशा म उसक ारा िकए गए काम क हर बीस िदन क िलए एक िदन की दर स की जाएगी

(2) उपधारा (1) म िनिदष ट एक कलनडर वषर की सवाmdash

(क) खान म भिम क नीच िनयोिजत िक त की दशा म परी कर ली गई समझी जाएगी यिद कलनडर वषर क दौरान खान म उसकी हािजिरया एक सौ नबब स कम न ह तथा

(ख) िकसी अनय िक त की दशा म परी कर ली गई समझी जाएगी यिद कलनडर वषर क दौरान खान म उसकी हािजिरया दो सौ चालीस स कम न ह

सपष टीकरणmdashइस उपधारा क परयोजन क िलए यह ह िकmdash

(क) करार या सिवदा ारा या सथायी आदश क अधीन यथा अनजञय कामबदी क िदन को

(ख) स तरी कमरचारी की दशा म बारह सप ताह स अनिधक िकतन ही िदन की परसित छटटी को तथा

(ग) उस वषर स िजसम छ ी का उपभोग िकया जाए पवरवत वषर म उपािजत छ ी को

हािजरी की सगणना क परयोजन क िलए ऐस िदन समझा जाएगा िजनम कमरचारी न खान म काम िकया ह िकनत वह इन िदन क िलए छ ी उपािजत नह करगा

(3) िजस िक त की सवा जनवरी क परथम िदन को परारमभ न होकर अनयथा आरमभ होती ह वहmdash

(क) खान म भिम क नीच िनयोिजत िक त की दशा म तब जब िक वह कलनडर वषर क शष भाग क दौरान क कल िदन क आध स अनयन िदन म हािजर रहा हो तथा

(ख) िकसी अनय दशा म तब जब िक वह कलनडर वषर क शष भाग क दौरान क कल िदन क दो-ितहाई स अनयन िदन म हािजर रहा हो

पश चातवत कलनडर वषर म मजदरी सिहत छ ी उस दर स पान का हकदार होगा जो उपधारा (1) म िविनिदष ट ह

(4) िकसी िक त ारा न ली गई वह छ ी िजसका वह उपधारा (1) या उपधारा (2) क अधीन िकसी एक कलनडर वषर म हकदार हो उस छ ी म जोड़ दी जाएगी जो िक उ रवत कलनडर वषर क दौरान उस उपधारा क अधीन उस अनजञय हो

परनत उन छ ी क िदन की कल सखया जो ऐस िकसी िक त ारा सिचत की जा सकगी िकसी भी एक समय कल तीस िदन स अिधक न होगी

परनत यह और भी िक ऐसा वह िक त िजसन मजदरी सिहत छ ी क िलए आवदन िकया हो िकनत उस उपधारा (6) क अनसार ऐसी छ ी न दी गई हो िकसी सीमा क िबना अनपभक त छ ी क अगरनयन का हकदार होगा

(5) ऐसा कोई िक त उपधारा (1) उपधारा (2) और उपधारा (4) क अधीन उस समय अपन को अनजञय सारी छ ी या उसका कोई भाग लन क िलए खान क परबनधक स उस िदन स पदरह िदन स अनयन िदन पहल िलिखत आवदन कर सकगा िजस िदन वह अपनी छ ी आरमभ करना चाहता हो

परनत िकसी एक कलनडर वषर क दौरान तीन बार स अिधक छ ी न ली जा सकगी

(6) उपधारा (5) क उपबनध क अनसार ऐसी छ ी क िलए िकया गया आवदन तब क िसवाय नामजर नह िकया जाएगा जब िक छ ी अनद करन क िलए सशक त परािधकारी की यह राय हो िक पिरिसथित की आवशयकता क कारण छ ी नामजर की जानी चािहए ]

(7) यिद खान म िनयोिजत िक त अपनी मजदरी सिहत छ ी जो उस शष हो बीमारी की कालाविध क िलए लना चाहता हो तो चाह उसन छ ी क िलए आवदन उपधारा (5) म िविनिदष ट समय क अनदर न भी िकया हो तो भी उस वह छ ी अनद की जाएगी

(8) यिद खान का सवामी अिभकतार या परबनधक खान म िनयोिजत िक त क िनयोजन का पयरवसान उस िक त ारा अपनी वह कल छटटी ल ली जान क पवर कर द िजसका वह अपन िनयोजन क पयरवसान क िदन तक हकदार हो या यिद उस िक त न ऐसी छ ी क िलए आवदन िकया हो और ऐसी छ ी अनद न हई हो और वह िक त अपना िनयोजन छ ी लन स पवर छोड़ द तो खान का सवामी अिभकतार या परबनधक न ली गई छ ी क बार म धारा 53 क अधीन सदय रकम उस सद करगा और ऐसा सदाय वहा जहा िक

िक त क िनयोजन का पयरवसान सवामी अिभकतार या परबनधक ारा िकया जाए ऐस पयरवसान क पश चात क दसर कायर-िदवस क अवसान क पवर और जहा िक िक त अपना िनयोजन सवय छोड़ द वहा अगल वतन-िदवस को या उसक पवर िकया जाएगा

(9) खान म िनयोिजत िक त की अनपभक त छ ी उसक िनयोजन क पयरवसान क पवर िदए जान क िलए अपिकषत िकसी सचना की कालाविध की सगणना करन म िवचार म नह ली जाएगी

20

1[(10) जहा खान म िनयोिजत कोई िक त सवा स उनमोिचत या पदचयत िकया जाता ह अथवा वह अपना िनयोजन छोड़ता ह या अिधविषता पराप त करता ह अथवा सवा म रहत हए उसकी मतय हो जाती ह तो यथािसथित वह या उसक वािरस या उसका नाम-िनदिशती उपधारा (1) म िविनिदष ट दर स पिरकिलत उसको दय छ ी क सथान पर मजदरी पान का हकदार होगा यिदmdash

(क) भिम क नीच िकसी खान म िनयोिजत िक त की दशा म वह अपन िनयोजन की तारीख स लकर अपन उनमोचन या पदचयित की तारीख तक या िनयोजन छोड़न या अिधविषता या मतय की तारीख तक िदन की कल सखया क कम स कम आध िदन तक उपिसथित रहा ह और

(ख) िकसी अनय दशा म वह अपन िनयोजन की तारीख स लकर अपन उनमोचन या पदचयित या िनयोजन छोड़न या अिधविषता या मतय की तारीख तक िदन की कल सखया क कम स कम दो-ितहाई िदन तक उपिसथत रहा ह

और ऐसी मजदरी का सदाय खान क सवामी अिभकतार या परबनधक ारा धारा 53 म िविनिदष ट दर स जहा उस िक त को सवा स उनमोिचत या पदचयत कर िदया जाता ह अथवा वह िनयोजन छोड़ दता ह या अिधविषता पराप त कर लता ह वहा यथािसथित ऐस उनमोचन पदचयित िनयोजन छोड़न या अिधविषता क पश चात दसर कायर िदन की समािप त क पवर और जहा िनयोिजत िक त की सवा म रहत हए मतय हो जाती ह वहा उसकी मतय क दो मास की अविध क भीतर िकया जाएगा ]

सपष टीकरणmdash2[उपधारा (1) उपधारा (3) और उपधारा (10)] क परयोजन क िलए आध िदन या इसस अिधक की छ ी क िभन न को एक परा िदन माना जाएगा और आध िदन स कम वाला िभन न छोड़ िदया जाएगा

53 छ ी की कालाविध क दौरान मजदरीmdashउस छ ी क िलए जो खान म िनयोिजत िक त को धारा 52 क अधीन अनजञात हो उस सदाय ऐसी दर स िकया जाएगा जो उसकी छ ी क अ वितह पवरवत मास क उन िदन की बाबत िजनम वह िनयोिजत रहा हो कल पणरकािलक उपाजरन क उस दिनक औसत क बराबर हो जो उन उपाजरन म स िकसी अितकािलक मजदरी और बोनस को अपविजत करक िकनत उनम महगाई भ और नकद परितकर को िजसक अनतगरत खा ा और अनय वसत क िबना मलय िवतरण स परोदभावी ऐसा कोई परितकर (यिद कोई हो) िजसक हकदार खान म काम करन वाल िक त ततसमय ह आता ह सिममिलत करक आए

परनत यिद ऐस कोई औसत उपाजरन उपलबध न ह तो औसत की सगणना उसी मास क िलए वस ही िनयोिजत सब िक तय क कल पणरकािलक उपाजरन क दिनक औसत क आधार पर की जाएगी

54 कितपय दशा म अिगरम सदायmdashखान म िनयोिजत उस िक त को िजस चार स अनयन िदन की छ ी अनजञात की गई हो अनजञात छ ी की कालाविध क िलए शोधय मजदरी उसकी छ ी आरमभ होन स पहल द दी जाएगी

55 असद मजदरी की वसली का ढगmdashखान क सवामी अिभकतार या परबनधक ारा इस अधयाय क अधीन सद िकए जान क िलए अपिकषत िकनत उसक ारा असद कोई रकम मजदरी सदाय अिधिनयम 1936 (1936 का 4) क उपबनध क अधीन िवलिबत मजदरी क रप म वसलीय होगी

56 खान को छट की शिक तmdashजहा िक कनदरीय सरकार का यह समाधान हो जाए िक िकसी खान म िनयोिजत िक तय को लाग होन वाल छ ी क िनयम ऐसी परसिवधा का उपबनध करत ह जो उसकी राय म उन परसिवधा स कम अनकल नह ह िजनक िलए यह अधयाय उपबनध करता ह वहा वह उस खान को इस अधयाय क सब या िकनह उपबनध स छट िलिखत आदश ारा और ऐसी शत क अधयधीन जो उसम िविनिदष ट की जाए द सकगी ]

अधयाय 8

िविनयम िनयम और उपिविधया 57 िविनयम बनान की कनदरीय सरकार की शिक तmdashकनदरीय सरकार िनम निलिखत सब परयोजन या उनम स िकसी क िलए

ऐस िविनयम3 जो इस अिधिनयम स सगत हो शासकीय राजपतर म अिधसचना ारा बना सकगी अथारत mdash

(क) व अहरताए िविहत करना जो मखय िनरीकषक या िनरीकषक क रप म िनयिक त क िलए अपिकषत हो

(ख) इस अिधिनयम क अधीन खान क िनरीकषण क समबनध म मखय िनरीकषक और िनरीकषक क कतर और शिक तय को िविहत और िविनयिमत करना

(ग) खान क सवािमय अिभकतार और परबनधक क और उनक अधीन कायर करन वाल िक तय क कतर िविहत करना और खान क 4[अिभकतार और परबनधक और उनक अधीन कायर करन वाल िक तय की अहरताए (िजसक अनतगरत आय आती ह)] िविहत करना

1 1983 क अिधिनयम स० 42 की धारा 29 ारा (31-5-1984 स) अनतःसथािपत 2 1983 क अिधिनयम स० 42 की धारा 29 ारा (31-5-1984 स) ldquoउपधारा (1) और (3)rdquo क सथान पर परितसथािपत 3 कोयला खान िविनयम 1957 क िलए दिखए भारत का राजपतर (अगरजी) 1957 भाग 2 खणड 3 प 2569 और धातमय खान िविनयम 1961 क िलए दिखए भारत

का राजपतर 1961 भाग 2 अनभाग 3(i) प 360 4 1959 क अिधिनयम स० 62 की धारा 31 ारा (16-1-1960 स) ldquoपरबनधक की अहरताएrdquo शबद क सथान पर परितसथािपत

21

(घ) खान क परबनधक और उनक अधीन कायर करन वाल अनय िक तय को अपन कतर का पालन दकषतापवरक करन क िलए समथर बनान क िलए सिवधाए उपबिनधत की जान की अपकषा करना

(ङ) खान क परबनधक और उनक अधीन कायर करन वाल िक तय की अहरताए परीकषा ारा या अनयथा अिभिनिश चत करन की रीित को और सकषमता परमाणपतर क अनद और नवीकत िकए जान को िविनयिमत करना

(च) ऐसी परीकषा और ऐस परमाणपतर क अनदान तथा नवीकरण क बार म दी जान वाली फीस यिद कोई ह िनयत करना

(छ) उन पिरिसथितय को िजनम और उन शत को िजसक अधयधीन रहत हए एक स अिधक खान का एक ही परबनधक क अधीन रहना या िकसी खान या िकनह खान का िविहत अहरताए न रखन वाल परबनधक क अधीन रहना िविधपणर होगा अवधािरत करना

1[(ज) इस अिधिनयम क अधीन की जान वाली जाच क िलए िजनक अनतगरत इस अिधिनयम क अधीन परमाणपतर धारण करन वाल िकसी िक त क अवचार या अकषमता स सब कोई जाच आती ह उपबनध करना और ऐस िकसी परमाणपतर क िनलमबन और र िकए जान क िलए उपबनध करना और जहा भी आवशयक हो वहा यह उपबनध करना िक जाच करन क िलए िनयक त िकए गए िक त को सािकषय को हािजर करान और दसतावज और भौितक पदाथ को पश करान क परयोजन क िलए िसिवल परिकरया सिहता 1908 (1908 का 5) क अधीन की िसिवल नयायालय की सब शिक तया पराप त ह गी ]

(झ) भारतीय िवसफोटक अिधिनयम 1884 (1884 का 4) और तद धीन बनाए गए िकनह िनयम क उपबनध क अधयधीन रहत हए िवसफोटक का भडारकरण परवहण और उपयोग िविनयिमत करना

2[(ञ) 3 िस तरय का खान म या खान क िकसी वगर म या ऐस िविशष ट परकार क शरम म िजनम ऐस िक तय क जीवन कषम या सवासथय क िलए खतरा रहता ह िनयोजन परितिष िनबरिनधत या िविनयिमत करना और ऐस िक त

ारा एक बार म वहन िकए जा सकन वाल बोझ क भार को पिरसीिमत करना ]

(ट) खान म िनयोिजत िक तय क कषम उनम उनक परवश करन और वहा स उनक िनकलन क साधन क िलए और उन कपक या िनकास की सखया क िलए जो उपबध िकए जान ह और कपक गत िनकास पथया और अवतलन पर बाड़ लगाई जान क िलए उपबनध करना

(ठ) खान क सवामी स सदाय पान वाल और खान क सवामी या परबनधक क परित सीध उ रदायी िक तय स िभन न िकसी िक त का खान म परबनधक क रप म या िकसी अनय िविनिदष ट हिसयत म िनयोजन परितिष करना

4[(ड) सतमभ या खिनज खणड क सथान िनिश चत करन अनरकषण और िनकाल या छाट जान तथा एक खान और दसरी खान क बीच पयारप त रोध क अनरकषण सिहत खान म सड़क और काम क सथल की सरकषा क िलए उपबनध करना

(ढ) खान म खिनज और महबनद अिग न-कषतर का िनरीकषण और सागर क या िकसी सरोवर या नदी या िकसी अनय भप ीय जलरािश क चाह वह पराकितक हो चाह कितरम या िकसी लोक सड़क या िनमारण क समीप खिनत िवषयक िनबनधन और िकनह खिनत म पानी भर जान या आग लग जान या उनक समय-पवर ढह जान क िवर समयक पवारवधानी बरती जान की अपकषा करना ]

(ण) खान क सवातन का और धल अिग न और जवलनशील तथा अपायकर गस क िवषय म की जान वाली काररवाई का िजसक अनतगरत सवतःदहन भिम क नीच की अिग न और कोयल की धल क िवर पवारवधानी आती ह उपबनध करना

5[(त) खान म िव त क जनन भणडारकरण रपानतरण पारषण और उपयोग की भारतीय िव त अिधिनयम 1910 (1910 का 9) और तद धीन बनाए गए िकनह िनयम क उपबनध क अधयधीन रहत हए िविनयिमत करना और खान म क सब िव त उपकरण िव त तार और उनम की सब अनय मशीनरी और सयतर की दखभाल और उपयोग क िविनयमन क िलए उपबनध करना ]

(थ) 6[खान म मशीनरी का उपयोग िविनयिमत करना ऐसी मशीनरी पर या उसक आसपास और कषरण-माग पर िनयोिजत िक तय क कषम क िलए उपबनध करना] और भिम क नीच कछ वग क चिलतर का परयोग िनबरिनधत करना

(द) खान म उिचत परकाश क िलए उपबनध करना और उनम िनरापद और लमप का परयोग िविनयिमत करना और िजस खान म िनरापद लमप परयोग म लाए जात ह उसम परवश करन वाल िक तय की तलाशी लना

1 1959 क अिधिनयम स० 62 की धारा 31 ारा (16-1-1960 स) खड (ज) क सथान पर परितसथािपत 2 1959 क अिधिनयम स० 62 की धारा 31 ारा (16-1-1960 स) खड (ञ) क सथान पर परितसथािपत 3 1983 क अिधिनयम स० 42 की धारा 30 ारा (31-5-1984 स) ldquoकमार औरrdquo शबद का लोप िकया गया 4 1959 क अिधिनयम स० 62 की धारा 31 ारा (16-1-1960 स) खड (ड) और (ढ) क सथान पर परितसथािपत 5 1959 क अिधिनयम स० 62 की धारा 31 ारा (16-1-1960 स) खड (त) क सथान पर परितसथािपत 6 1983 क अिधिनयम स० 42 की धारा 30 ारा (31-5-1984 स) कितपय शबद क सथान पर परितसथािपत

22

(ध) खान म 1[जवलनशील गस या धल क] िवसफोटक या जवलन या पानी क फट िनकलन या सिचत होन क िवर और उनस उदभत खतर क िवर उपबनध करना और ऐसी पिरिसथितय म खिनज क िनकाल जान का परितषध िनबरनधन या िविनयमन करना िजनस यह समभा ता हो िक उसक पिरणामसवरप खान म 1[खिनत] समय-पवर ढह जाए या यह िक उसक पिरणामसवरप खान म 1[खिनत ] का ढह जाना या जल का फट िनकलना या जवलन घिटत होगा या गरतर हो जाएगा

(न) 2[धारा 23 की उपधारा (1) क खड (छ) क अधीन दघरटना क परकार िविहत करना और दघरटना और खतरनाक घटना की सचना का और खिनज उतपाद िनयोिजत िक तय तथा िविनयम ारा उपबिनधत अनय बात की सचना िरपोट और िववरिणय का खान क सवािमय अिभकतार और परबनधक ारा िदया जाना िविहत करना] और ऐसी सचना िववरिणय और िरपोट क पररप व िक त और परािधकारी िजनह व दी जानी ह व िविशि या जो उनम अनतिवष ट होनी ह और वह समय िजसक अनदर व िनविदन की जानी ह िविहत करना

3[(प) 4[खान क सवािमय अिभकतार और परबनधक स खान क िलए िनयत सीमाए रखन की अपकषा करना उनस ससक त रखाक और खडिचतर तथा सथलीय िटपपण जो उनक ारा रख जान ह िविहत करना] और वह रीित िजसस और व सथान िजनम ऐस रखाक खणडिचतर और सथलीय िटपपण अिभलख क परयोजन क िलए रख जान ह िविहत करना और उनकी परितय का मखय िनरीकषक को िनविदत िकया जाना और उनस यह अपकषा करना िक व नए सवकषण कर और नए रखाक बनाए और अननपालन की दशा म िकसी अनय अिभकरण क माधयम स सवकषण कराना और रखाक तयार कराना और उनक य की वसली उसी रीित स करना िजसस भ-राजसव की बकाया होती ह ]

(फ) 5[िसथित स परभावी ढग स िनपटन क परयोजन क िलए] खान म या उनक आसपास दघरटना या आकिसमक िवसफोट या जवलन क घिटत होन पर अपनाई जान वाली परिकरया िविनयिमत करना

(ब) खान क सवामी अिभकतार या परबनधक ारा धारा 16 क अधीन दी जान वाली सचना का पररप और उसम अनतिवष ट होन वाली िविशि या िविहत करना

(भ) वह सचना िविहत करना जो िकसी ऐस सथान पर जो भारतीय रल अिधिनयम 1890 (1890 का 9) क उपबनध क अधयधीन की िकसी रल क या 6[यथािसथित िकनह ऐसी लोक सड़क या अनय सकम क जो सरकार ारा या िकसी सथानीय परािधकारी ारा अनरिकषत ह ] 7[पतालीस मीटर] क अनदर का हो खनन सिकरयाए परारमभ करन या उस तक िवसतािरत करन क पवर खान क सवामी अिभकतार या परबनधक ारा दी जानी ह

(म) िकसी खान क बार म उस दशा म जबिक खिनत म काम बनद कर िदया गया हो सरकार या िकसी सथानीय परािधकारी या भारतीय रल अिधिनयम 1890 (1890 का 9) म यथापिरभािषत िकसी रल कमपनी म िनिहत समपि की कषित स सरकषा

8[(मम) खान क सवामी अिभकतार या परबनधक स यह अपकषा करना िक खान क बनद िकए जान क पवर सरकषा-सकमर सि िमत कर और अननपालन की दशा म ऐस सकमर िकसी अनय अिभकरण ारा िनषपािदत कराना और ऐस सवामी स उनक य की वसली उसी रीित स करना िजसस भ-राजसव की बकाया की होती ह ]

(य) िकसी खान या खान क भाग या िकसी खदान आनित कपक गतर या िनकास म चाह उसका कायरकरण हो रहा हो या नह या िकसी खतरनाक या परितिष कषतर अवतलन कषरण टराम लाइन या पथया पर जहा जनता क सरकषण क िलए बाड़ लगाना आवशयक हो बाड़ लगाई जान की अपकषा करना

(यय) कोई अनय बात जो िविहत की जानी ह या िविहत की जाए

58 िनयम बनान की कनदरीय सरकार की शिक तmdashकनदरीय सरकार िनिम निलिखत सब परयोजन या उनम स िकसी क िलए ऐस िनयम जो इस अिधिनयम स सगत ह शासकीय राजपतर म अिधसचना ारा बना सकगी अथारत --

9[(क) सिमित क सदसय की पदाविध और उनकी सवा की अनय शत का तथा िरिक तया भरन की रीित का उपबनध कराना और अपना कारबार चलान क िलए सिमित ारा अनसिरत की जान वाली परिकरया िविनयिमत करना

(ख) धारा 23 की उपधारा (3) म िनिदष ट रिजसटर का पररप िविहत करना

1 1959 क अिधिनयम स० 62 की धारा 31 ारा (16-1-1960 स) अनतःसथािपत 2 1959 क अिधिनयम स० 62 की धारा 31 ारा (16-1-1960 स) ldquoसचनाए िविहत करन क िलएrdquo क सथान पर परितसथािपत 3 1959 क अिधिनयम स० 62 की धारा 31 ारा (16-1-1960 स) खड (प) क सथान पर परितसथािपत 4 1983 क अिधिनयम स० 42 की धारा 30 ारा (31-5-1984 स) कितपय शबद क सथान पर परितसथािपत 5 1983 क अिधिनयम स० 42 की धारा 30 ारा (31-5-1984 स) अनतःसथािपत 6 1959 क अिधिनयम स० 62 की धारा 31 ारा (16-1-1960 स) कितपय शबद क सथान पर परितसथािपत 7 1983 क अिधिनयम स० 42 की धारा 30 ारा (31-5-1984 स) ldquoपचास गजrdquo क सथान पर परितसथािपत 8 1959 क अिधिनयम स० 62 की धारा 31 ारा (16-1-1960 स) अनतःसथािपत 9 1983 क अिधिनयम स० 42 की धारा 31 ारा (31-5-1984 स) खड (क) क सथान पर परितसथािपत

23

(ग) धारा 24 क अधीन जाच नयायालय की िनयिक त क िलए उपबनध करना ऐस नयायालय की परिकरया और शिक तया िविनयिमत करना ऐस नयायालय क सदसय को यातरा-भ का सदाय करना और सयक त खान क परबनधक सवामी या अिभकतार स उक त नयायलय क य की 1[िजनक अनतगरत जाच स ससक त कोई अनय य आत ह] 2[उसी रीित स जस भ-राजसव की बकाया वसल की जाती ह] वसली करना

2[(गग) खान म िनयोिजत िक तय की ओर स तकनीकी िवशषजञ ारा (जो परािसथित म ओवरमन स कम नह ह) खान क िनरीकषण क िलए उसक िलए दी जान वाली सिवधा क िलए वह आवित िजस पर और वह रीित िजसम ऐस िनरीकषण िकए जाएग और वह रीित िजसम ऐस िनरीकषण की िरपोटर दी जाएगी उपबनध करना ]

(घ) िजन खान म कोई ि या िनयोिजत ह या पवरवत बारह मास म िकसी िदन िनयोिजत रह ह उनम ऐसी िस तरय क छह वषर स कम आय वाल बालक क उपयोग क िलए आरिकषत िकए जान वाल समिचत कमर बनाए रखन की अपकषा करना और या तो साधारणतः या खान म िनयोिजत िस तरय की सखया क परित िविशष ट िनदश स ऐस कमर की सखया और सतरमान और उन सख-सिवधा की जो उनम उपबिनधत की जानी ह और उस पयरवकषण की जो उनम िकया जाना ह परकित और िवसतार िविहत करना

(ङ) खान म िनयोिजत परष क उपयोग क िलए फहारयक त स नान सथान और लॉकर ककष और िजन खान म ि या िनयोिजत ह उनम िस तरय क उपयोग क िलए वस ही पथक सथान और ककष गतरमख पर या उनक आसपास बनाए रख जान की अपकषा करना और या तो साधारणतः या खान म मामली तौर पर िनयोिजत परष और िस तरय की सखया क परित िविशष ट िनदश स ऐस सथान और ककष की सखयाए और सतरमान िविहत करना

(च) खान म सवचछता का जो सतरमान बनाए रखना ह उस खान म उपबिनधत िकए जान वाल शौचालय और मतरालय का आनपाितक मान िविहत करना और 3 पय जल क परदाय क िलए िकया जान वाला उपबनध

1[(चच) िचिकतसीय सािधतर और सख-सिवधा क परदाय और बनाए रख जान क िलए उपबनध करना और पराथिमक उपचार बकस और कपबोड की अनतवरसतए और सखयाए पराथिमक उपचार क काम म परिशकषण पराथिमक उपचार कमर क आकार और उपसकर और उनक भारसाधक कमरचािरवनद और कषितगरसत िक तय को िचिकतसालय या औषधालय को परवहण करन क िलए इतजाम िविहत करना

(चचच) उन व यिक तय को जो खान म पयरवकषण या परबन ध क पद स िभन न पद पर िनयोिजत ह या िनयोिजत िकए जान ह व यावहािरक िशकषण िदए जान या परिशिकषत िकए जान की अपकषा करना और ऐस िशकषण और परिशकषण क िलए स कीम िविहत करना]

(छ) खान म मादक पय या औषिधय को कबज म रखन को या उनक उपभोग को और म ता की हालत म िकसी िक त क उनम परवश या उपिसथित को परितिष करना

(ज) धारा 36 क अधीन अपिकषत सचना क पररप िविहत करना और यह अपकषा करना िक ऐसी सचनाए िविनिदष ट भाषा म भी लगाई जाए

(झ) उन िक तय को पिरभािषत करना िजनकी बाबत धारा 37 क परयोजन क िलए यह समझा जाएगा िक व पयरवकषण या परबनध क पद धारण िकए हए ह या िकसी गोपनीयता की हिसयत म िनयोिजत ह

(ञ) उन िक तय या िक तय क िकसी वगर का खान म िनयोजन परितिष करना िजनकी बाबत िकसी अिहत िचिकतसा- वसायी ारा यह परमािणत न िकया गया हो िक उनह न अपना पदरहवा वषर परा कर िलया ह और वह रीित और व पिरिसथितया िजनम ऐस परमाणपतर अनद और परितसहत िकए जा सकग िविहत करना

4

1[(टट) खान म िनयोिजत या िनयोजन चाहन वाल िक तय स यह अपकषा करना िक व अपन को िचिकतसीय परीकषा क िलए परसतत कर और खान म िकसी िक त का िनयोजन िकए जान का आतयितक परितषध या िकसी िविशष ट हिसयत म या िविशष ट काम म िकए जान का परितषध िचिकतसीय आधार पर करना ]

5[(ठ) धारा 48 ारा अपिकषत रिजसटर क पररप और अधयाय 7 क परयोजन क िलए रिजसटर रखा जाना और उनक पररप िविहत करना ]

(ड) इस अिधिनयम को और िविनयम और िनयम की सिकषिप तया और वह भाषा िजसम सिकषिप तया और उपिविधया धारा 61 और 62 म अपिकषत रप स लगाई जाएगी िविहत करना

1 1959 क अिधिनयम स० 62 की धारा 32 ारा (16-1-1960 स) अनतःसथािपत 2 1983 क अिधिनयम स० 42 की धारा 31 ारा (31-5-1984 स) अनतःसथािपत 3 1959 क अिधिनयम स० 62 की धारा 32 ारा (16-1-1960 स) कितपय शबद का लोप िकया गया 4 1983 क अिधिनयम स० 42 की धारा 31 ारा (31-5-1984 स) (ट) का लोप िकया गया 5 1959 क अिधिनयम स० 62 की धारा 32 ारा (16-1-1960 स) खड (ठ) क सथान पर परितसथािपत

24

(ढ) यह अपकषा करना िक िजन बात क िलए िनयम बनाए गए ह उनस सब सचनाए िववरिणया और िरपोट खान क सवामी अिभकतार और परबनधक द और ऐसी सचना िववरिणय और िरपोट क पररप व िक त और परािधकारी िजनह व दी जानी ह व िविशि या जो उनम अनतिवष ट होनी ह और व समय िजनक अनदर व िनविदत की जानी ह िविहत करना

(ण) िजन खान म 1 पचास स अिधक िक त मामली तौर पर िनयोिजत रहत ह उनम भोजन करन क िलए यथायोगय और उपयक त ऐस आशरय क िजनम पीन क पानी का उपबनध भी हो उपबिनधत िकए जान और बनाए रख जान की अपकषा करना

(त) मखय िनरीकषक या िनरीकषक ारा इस िनिम िविनिदष ट िकसी ऐसी खान म िजसम दो सौ पचास स अिधक िक त मामली तौर पर िनयोिजत रहत ह ऐस िक तय क उपयोग क िलए कोई कटीन या कटीन उपबिनधत की जान और

बनाए रखी जान की अपकषा करना

(थ) हर ऐसी खान म िजसम पाच सौ या अिधक िक त मामली तौर पर िनयोिजत रहत ह इतनी सखया म कलयाण आिफसर िनयोिजत िकए जान की अपकषा करना िजतनी िविनिदष ट की जाए और ऐस कलयाण आिफसर की अहरताए और सवा क िनबनधन और शत और उनक ारा पालनीय कतर िविहत करना

2[(द) िविनिदष ट खान या िविनिदष ट खान क समह क िलए या िकसी िविनिदष ट कषतर की सब खान क िलए बचाव सटशन की सथापना की जान की अपकषा करना और यह िविहत करना िक ऐस सटशन कस और िकसक ारा सथािपत िकए जाएग

(ध) बचाव सटशन क परबनध क िलए उपबनध करना

(धक) बचाव िबरगड का गठन करन वाल िक तय की शारीिरक योगयता क मानक और अनय अहरता क िलए उपबनध करना

(धख) बचाव िबरगड का गठन करन वाल िक तय का िनवास-सथान िविहत करना ]

(न) 3 बचाव सटशन की िसथित उपसकर िनयतरण अनरकषण और कतय िविहत करना 4[(प) खड (द) क अधीन िविनिदष ट खान म उतपािदत और वहा स परिषत कोक और कोयल पर (पच चीस पस परित

टन स अनिधक दर स) उतपाद-शलक क उद गहण और सगरहण क िलए ऐसी खान क िलए बचाव सटशन िनिध का सजन करन क िलए भारत की सिचत िनिध म जमा िकए गए ऐस उपकर क आगम म स उन धनरािशय क जो कनदरीय सरकार ससद

ारा िविध ारा इस िनिम समयक िविनयोग िकए जान क पश चात उपबिनधत कर ऐसी िनिध म जमा िकए जान क िलए उस रीित क िलए िजसम ऐसी िनिध म स धन का उपयोग िकया जाएगा और ऐसी िनिध क परशासन क िलए उपबनध करना

(फ) बचाव िबरगड़ क बनाव परिशकषण सरचना और कतर क िलए 5 और साधारणतः खान म बचाव कायर क सचालन क िलए उपबनध करना 6

7[(फफ) िविनिदष ट खान या िविनिदष ट खान क समह क िलए सरकषा सिमितय क गठन क िलए या सरकषा की अिभवि करन क िलए िकसी िविनिदष ट कषतर म सभी खान क िलए और ऐसी सरकषा सिमितय की सरचना उनक गठन और कतय की रीित अिधकिथत करन क िलए उपबनध करना तथा]

(ब) साधारणतः िकसी ऐस मामल क िलए उपबनध करना िजनक िलए इस अिधिनयम या िविनयम ारा उपबनध न िकया गया हो और िजसक िलए उपबनध इस अिधिनयम को परभावी करन क िलए अपिकषत हो

59 िविनयम और िनयम का पवर परकाशनmdash(1) धारा 57 और 58 ारा परद िविनयम और िनयम बनान की शिक त इस शतर क अधयधीन ह िक य िविनयम और िनयम पवर परकाशन क पश चात बनाए जाएग

(2) जो तारीख साधारण खड अिधिनयम 1897 (1897 का 10) की धारा 23 क खड (3) क अनसार उस तारीख क रप म िविनिदष ट की जानी ह िजसक पश चात िक बनाए जान क िलए परसथािपत िविनयम या िनयम क परारप पर िवचार िकया जाएगा वह उस तारीख स तीन मास स कम की होगी िजसको परसथािपत िविनयम या िनयम का परारप साधारण जानकारी क िलए परकािशत िकया जाए

1 1959 क अिधिनयम स० 62 की धारा 32 ारा (16-1-1960 स) ldquoएक सौ औरrdquo शबद का लोप िकया गया 2 1983 क अिधिनयम स० 42 की धारा 31 ारा (31-5-1984 स) खड (द) और (ध) क सथान पर परसथािपत 3 1983 क अिधिनयम स० 42 की धारा 31 ारा (31-5-1984 स) ldquoकनदरीयrdquo शबद का लोप िकया गया 4 1983 क अिधिनयम स० 42 की धारा 31 ारा (31-5-1984 स) खड (प) क सथान पर परितसथािपत 5 1983 क अिधिनयम स० 42 की धारा 31 ारा (31-5-1984 स) कितपय शबद का लोप िकया गया 6 1983 क अिधिनयम स० 42 की धारा 31 ारा (31-5-1984 स) ldquoऔरrdquo शबद का लोप िकया गया 7 1983 क अिधिनयम स० 42 की धारा 31 ारा (31-5-1984 स) अनतःसथािपत

25

1

2[(4) कोई भी िविनयम या िनयम तब तक नह बनाया जाएगा जब तक िक उस िविनयम या िनयम का परारप धारा 12 की उपधारा (1) क अधीन गिठत सिमित को िनदिशत न कर िदया गया हो और जब तक उस सिमित को उसक बनाए जान की समीचीनता और उसक उपबनध की उपयक तता की बाबत िरपोटर दन का यिक तयक त अवसर न िमल गया हो ]

(5) िविनयम और िनयम शासकीय राजपतर म परकािशत िकए जाएग और ऐस परकािशत िकए जान पर ऐस परभाव रखग मानो व इस अिधिनयम म अिधिनिमत ह

(6) उपधारा (1) उपधारा (2) और उपधारा (4) क उपबनध उस अवसर को लाग न ह ग िजस पर धारा 58 क खड (घ) या खड (ङ) म िनदिशत िनयम सवरपरथम बनाए जाए

3

60 पवर परकाशन क िबना िविनयम बनान की शिक तmdashयिद कनदरीय सरकार का समाधान हो जाए िक आशिकत खतर का िनवारण करन या खतरा पदा करन की सभा ता रखन वाली िसथितय का शीघर उपचार करन क िलए यह आवशयक ह िक ऐस िविनयम बनान म वह िवलमब न होन िदया जाए जो ऐस परकाशन और िनदशन स होगा तो धारा 57 4 क अधीन िविनयम धारा 59 की उपधारा (1) उपधारा (2) और उपधारा 5[(4)] म अनतिवष ट िकसी बात क होत हए भी पवर परकाशन और 6[धारा 12 की उपधारा (1) क अधीन गिठत सिमित] को 7 िनदशन क िबना बनाए जा सकग

परनत इस परकार बनाए गए िविनयम 8[सिमित की जानकारी क िलए भज जाएग और] बनाए जान स 9[एक वषर] स अिधक क िलए परव नह रहग

61 उपिविधयाmdash(1) खान का सवामी अिभकतार या परबनधक 10[उस खान म िकसी िवशष मशीनरी क उपयोग या कायरकरण की िकसी िवशष प ित को अपनाए जान क शािस त करन क िलए] इस अिधिनयम या िकनह ततसमय परव िविनयम या िनयम स असगत न होन वाली ऐसी उपिविधय का परारप जसी िक ऐसा सवामी अिभकतार या परबनधक उस खान म दघरटना का िनवारण करन क िलए और उसम िनयोिजत िक तय क कषम सिवधा और अनशासन हत उपबनध करन क िलए आवशयक समझ तयार कर सकगा और मखय िनरीकषक या िनरीकषक को िनविदत कर सकगा और यिद ऐसा करन की उसस अपकषा मखय िनरीकषक या िनरीकषक ारा की जाए तो तयार करगा और िनविदत करगा

(2) यिद ऐसा कोई सवामी अिभकतार या परबनधकmdash

(क) मखय िनरीकषक या िनरीकषक ारा ऐसा करन की उसस अपकषा की जान क पश चात दो मास क अनदर उपिविधय का परारप िनविदत करन म असफल रह अथवा

(ख) उपिविधय का ऐसा परारप िनविदत कर जो मखय िनरीकषक या िनरीकषक की राय म पयार न हो

तो मखय िनरीकषक या िनरीकषकmdash

(i) ऐसी उपिविधय का परारप परसथािपत कर सकगा जो उस पयार परतीत ह अथवा

(ii) सवामी अिभकतार या परबनधक ारा जो परारप उस िनविदत िकया गया हो उसम ऐस सशोधन परसथािपत कर सकगा िजनस उसकी राय म वह पयार हो जाएगा और ऐसी परारप-उपिविधया या परारप-सशोधन यथािसथित सवामी अिभकतार या परबनधक क पास िवचार क िलए भजगा

(3) यिद उस तारीख स िजसको कोई परारप-उपिविधया या परारप-सशोधन मखय िनरीकषक या िनरीकषक न सवामी अिभकतार या परबनधक क पास उपधारा (2) क उपबनध क अधीन भज ह दो मास की कालाविध क अनदर मखय िनरीकषक या िनरीकषक और सवामी अिभकतार या परबनधक उपधारा (1) क अधीन बनाई जान वाली उपिविधय क िनबनधन क िवषय म परसपर सहमत होन म

1 1959 क अिधिनयम स० 62 की धारा 33 ारा (16-1-1960 स) उपधारा (3) का लोप िकया गया 2 1983 क अिधिनयम स० 42 की धारा 32 ारा (31-5-1984 स) उपधारा (4) क सथान पर परितसथािपत 3 1983 क अिधिनयम स० 42 की धारा 32 ारा (31-5-1984 स) उपधारा (7) का लोप िकया गया 4 1959 क अिधिनयम स० 62 की धारा 34 ारा (16-1-1960 स) ldquoक खड (ठ) को अपविजत करत हए खड (झ) और खड (ट) स (ख) (ध)rdquo शबद को क और अकषर का

लोप िकया गया 5 1959 क अिधिनयम स० 62 की धारा 34 ारा (16-1-1960 स) ldquo(3)rdquo क सथान पर परितसथािपत 6 1983 क अिधिनयम स० 42 की धारा 33 ारा (31-5-1984 स) ldquoखनन बोड rdquo क सथान पर परितसथािपत 7 1959 क अिधिनयम स० 62 की धारा 34 ारा (16-1-1960 स) ldquoपवरrdquo शबद का लोप िकया गया 8 1983 क अिधिनयम स० 42 की धारा 33 ारा (31-5-1984 स) अनतःसथािपत 9 1959 क अिधिनयम स० 62 की धारा 34 ारा (16-1-1960 स) ldquoदो वषरrdquo क सथान पर परितसथािपत 10 1983 क अिधिनयम स० 42 की धारा 34 ारा (31-5-1984 स) कितपय शबद क सथान पर परितसथािपत

26

असमथर रह तो मखय िनरीकषक या िनरीकषक परारप-उपिविधय को पिरिनधाररण क िलए 1[धारा 12 की उपधारा (1) क अधीन गिठत सिमित को] िनदिशत करगा

(4) (क) जबिक ऐसी पररप-उपिविधय पर अिभकतार या परबनधक और मखय िनरीकषक सहमत हो गए ह या जबिक उनक सहमत होन म असमथर होन पर व 2[धारा 12 की उपधारा (1) क अधीन गिठत सिमित को] ारा पिरिनधारिरत कर दी गई ह तब मखय िनरीकषक या िनरीकषक ारा परारप-उपिविधय की एक परित कनदरीय सरकार को अनमोदनाथर भजी जाएगी

(ख) कनदरीय सरकार परारप-उपिविधय म ऐसा उपातरण कर सकगी जसा वह ठीक समझ

(ग) इसस पवर िक कनदरीय सरकार परारप-उपिविधय का अनमोदन चाह उपातर क सिहत या उनक िबना कर उपिविधया बनान की परसथापना की और उस सथान की जहा परारप-उपिविधय की परितया अिभपरा की जा सकगी और उस समय की (जो तीस िदन स कम का न होगा) इसक अनदर िक परभािवत िक तय क ारा या उनकी ओर स परारप-उपिविधय क परित िकया गया कोई आकषप कनदरीय सरकार को भजा जाना चािहए सचना ऐसी रीित स जसी कनदरीय सरकार परभािवत िक तय की जानकारी दन क िलए उपयक ततम समझ परकािशत की जाएगी

(घ) हर आकषप िलिखत होगा और उसमmdash

(i) आकषप क िविशष ट आधार तथा

(ii) चाह गए लोप पिरवधरन या उपानतर

किथत ह ग

(ङ) उन िक तय क ारा या उनकी ओर स िजनकी बाबत कनदरीय सरकार को यह परतीत हो िक व तद ारा परभािवत िक त ह अपिकषत समय क अनदर िकए गए आकषप पर वह सरकार िवचार करगी और उपिविधय पर या तो उस रप म िजसम व परकािशत की गई थ या उनम ऐस सशोधन करक िजनह वह ठीक समझ अनमोिदत कर सकगी

(5) कनदरीय सरकार ारा इस परकार अनमोिदत हो जान पर उपिविधया इस परकार परभावी ह गी मानो व इस अिधिनयम म अिधिनयिमत ह और खान का सवामी अिभकतार या परबनधक उन उपिविधय की एक परित अगरजी म और ऐसी अनय भाषा या भाषा म जसी िविहत की जाए खान म या उसक आसपास िकसी ऐस सहजदशय सथान पर लगवाएगा जहा व उपिविधया िनयोिजत

िक तय ारा सिवधापवरक पढ़ी या दखी जा सक और िजतनी बार व िवरिपत हो जाए िमट जाए या नष ट हो जाए उतनी बार यिक तयक त शीघरता क साथ उनह नए िसर स लगवाएगा

(6) कनदरीय सरकार इस परकार िनिमत िकसी उपिविध को िलिखत आदश ारा पणरतः या भागतः िवखिडत कर सकगी और तदपिर ऐसी उपिविध तदनसार परभावहीन हो जाएगी

3[61क िविनयम िनयम और उपिविधय का ससद क समकष रखा जानाmdashधारा 57 क अधीन बनाया गया परतयक िविनयम धारा 58 क अधीन बनाया गया परतयक िनयम और धारा 61 क अधीन बनाई गई परतयक उपिविध बनाई जान क पश चात यथाशीघर ससद क परतयक सदन क समकष जब वह सतर म हो कल तीस िदन की अविध क िलए रखा जाएगा या रखी जाएगी यह अविध एक सतरा म अथवा दो या अिधक आनकरिमक सतर म परी हो सकगी यिद उस सतर क या पव क त आनकरिमक सतर म अवसान क पवर दोन सदन उस िविनयम िनयम या उपिविध म कोई पिरवतरन करन क िलए सहमत हो जाए तो ततपश चात वह ऐस पिरवितत रप म ही परभावी होगा या होगी यिद उक त अवसान क पवर दोन सदन सहमत हो जाए िक वह िविनयम िनयम या उपिविध नह बनाया या बनायी जानी चािहए तो ततपश चात वह िनषपरभाव हो जाएगा या हो जाएगी िकनत यथािसथित िविनयम िनयम या उपिविधय क ऐस पिरवितत या िनषपरषभाव होन स उसक अधीन पहल की गई िकसी बात की िविधमानयता पर परितकल परभाव नह पड़गा ]

62 अिधिनयम िविनयम आिद की सिकषिप तया लगवानाmdashहर खान म या उसक आसपास अगरजी म और ऐसी अनय भाषा या भाषा म जो िविहत की जाए अिधिनयम की और िविनयम और िनयम की िविहत सिकषिप तया लगाई रखी जाएगी

अधयाय 9

शािसतया और परिकरया 63 बाधा डालनाmdash(1) जो कोई मखय िनरीकषक िनरीकषक या धारा 8 क अधीन परािधकत िकसी िक त क इस अिधिनयम क अधीन क उसक अपन कतर क िनवरहन म बाधा डालगा या मखय िनरीकषक िनरीकषक या ऐस िक त को िकसी खान क समबनध म इस अिधिनयम क ारा या अधीन परािधकत कोई परवश िनरीकषण परीकषा या जाच करन क िलए कोई यिक तयक त सिवधा दन स इनकार करगा या दन म जानबझकर उपकषा करगा वह कारावास स िजसकी अविध तीन मास तक की हो सकगी या जमारन स जो पाच सौ रपए तक का हो सकगा या दोन स दणडनीय होगा

1 1983 क अिधिनयम स० 42 की धारा 34 ारा (31-5-1984 स) कितपय शबद क सथान पर परितसथािपत 2 1983 क अिधिनयम स० 42 की धारा 34 ारा (31-5-1984 स) कितपय शबद क सथान पर परितसथािपत 3 1983 क अिधिनयम स० 42 की धारा 35 ारा (31-5-1984 स) अतःसथािपत

27

(2) जो कोई इस अिधिनयम क अनसरण म रख गए िकनह रिजसटर या अनय दसतावज को मखय िनरीकषक या िनरीकषक की माग पर पश करन स इनकार करगा अथवा िकसी ऐस िनरीकषण आिफसर क समकष जो इस अिधिनयम क अधीन क अपन कतर क अनसरण म कायर कर रहा ह उपसजात होन या उसक ारा परीकषा की जान स िकसी िक त को िनवािरत करगा या िनवािरत करन का परयत न करगा या कोई ऐसा कायर करगा िजसक बार म उसक पास यह िवश वास करन का कारण हो िक उसस उसका इस परकार िनवािरत होना सभा ह वह जमारन स जो तीन सौ रपए तक का हो सकगा दणडनीय होगा

64 अिभलख का िमथयाकरण आिदmdashजो कोईmdash

(क) इस अिधिनयम क अधीन अनद िकसी परमाणपतर का या परमाणपतर की िकसी कायारलय परित का कटकरण करगा या जानत हए उसम िमथया कथन करगा अथवा

(ख) जानत हए ऐस िकसी कटकतय या िमथया परमाणपतर को असली क रप म उपयोग म लाएगा अथवा

(ग) कोई िमथया घोषणा कथन या सा य यह जानत हए िक वह िमथया ह अपन िलए या िकसी अनय िक त क िलए इस अिधिनयम क अधीन परमाणपतर अिभपरा करन या परमाणपतर का नवीकरण करान या खान म िनयोजन अिभपरा करन क परयोजनाथर करगा या बनाएगा या पश करगा या उपयोग म लाएगा अथवा

1[(घ) िकसी ऐस रखाक खडिचतर रिजसटर या अिभलख का िमथयाकरण करगा िजसका रखा जाना इस अिधिनयम क ारा या अधीन अपिकषत हो या ऐसा िमथया रखाक खडिचतर रिजसटर या अिभलख उस िमथया जानत हए िकसी परािधकारी क

समकष पश करगा अथवा]

(ङ) कोई ऐसा रखाक िववरणी सचना अिभलख या िरपोटर बनाएगा दगा या पिरद करगा िजसम ऐसा कथन परिवि या बयौरा अनतिवष ट हो जो उसकी सव म जानकारी या िवश वास क अनसार सही न हो

वह कारावास स िजसकी अविध तीन मास तक की हो सकगी या जमारन स जो 2[एक हजार रपए] तक का हो सकगा या दोन स दणडनीय होगा

65 िमथया योगयता परमाणपतर का उपयोगmdashजो कोई 3[धारा 43] क अधीन अनय िक त को अनद िकसी परमाणपतर का उस धारा क अधीन अपन को योगयता-परमाणपतर क रप म जानत हए उपयोग करगा या उपयोग करन का परयत न करगा या उस धारा क अधीन अपन को योग यता-परमाणपतर अनद िकए जान पर जानत हए अनय िक त को उसका उपयोग करन दगा या उपयोग करन का परय करन दगा वह कारावास स िजसकी अविध एक मास तक की हो सकगी या जमारन स जो 4[दो सौ] रपए तक का हो सकगा या दोन स दणडनीय ोगा

िक तयक त कारण क िजस सािबत करन का भार उस पर होगा करगा जमारन स जो 6[एक हजार] रपए क का हो

ास स िजसकी विध तीन

ोिजत िकया जाता ह तो ऐसी खान का सवामी अिभकतार या परबनधक ऐस जमारन स जो पाच सौ रपए क का हो

ी अविध तीन मास तक की हो सकगी या जमारन स जो 10[दो हजार पाच सौ] रपए तक का हो सकगा या दोन स दणडनीय होगा

66 रखाक आिद दन का लोपmdashकोई िक त जो इस अिधिनयम क ारा या अधीन बनाए जान या िदए जान क िलए अपिकषत कोई रखाक 5[खडिचतर] िववरणी सचना रिजसटर अिभलख या िरपोटर िविहत पररप म या िविहत रीित स या िविहत समय पर या क भीतर बनान या दन का लोप िकए िबना यत सकगा दणडनीय होगा

67 शरिमक क िनयोजन िवषयक उपबनध का उललघनmdashजो कोई उसक िसवाय जसा िक धारा 38 ारा अनजञात ह इस अिधिनयम क या िकसी िविनयम िनयम या उपिविध क या तद धीन िकए गए िकसी आदश क िकसी ऐस उपबनध का उललघन करगा जो खान म या उसक आसपास िक तय क िनयोजन या उनकी उपिसथित को परितिष िनबरिनधत या िविनयिमत करता हो वह कारावअ मास तक की हो सकगी या जमारन स जो 7[एक हजार] रपए तक का हो सकगा या दोन स 8 दडनीय होगा

9[68 अठारह वषर स कम आय क िक तय क िनयोजन क िलए शािसतmdashयिद अठारह वषर स कम आय क िकसी िक त को धारा 40 क उललघन म िकसी खान म िनयत सकगा दणडनीय होगा ]

69 परबनधक िनयक त करन म असफलताmdashधारा 17 क उपबनध क उललघन म जो कोई परबनधक िनयक त करन म असफल रहगा वह कारावास स िजसक11

1 1959 क अिधिनयम स० 62 की धारा 35 ारा (16-1-1960 स) खड (घ) क सथान पर परितसथािपत 2 1959 क अिधिनयम स० 62 की धारा 35 ारा (16-1-1960 स) ldquoपाच सौ रपएrdquo क सथान पर परितसथािपत 3 1983 क अिधिनयम स० 42 की धारा 36 ारा (31-5-1984 स) ldquoधारा 40rdquo क सथान पर परितसथािपत 4 1959 क अिधिनयम स० 62 की धारा 36 ारा (16-1-1960 स) ldquoपचासrdquo क सथान पर परितसथािपत 5 1959 क अिधिनयम स० 62 की धारा 37 ारा (16-1-1960 स) अनतःसथािपत 6 1959 क अिधिनयम स० 62 की धारा 37 ारा (16-1-1960 स) ldquoदो सौrdquo क सथान पर परितसथािप 7 1959 क अिधिनयम स० 62 की धारा 38 ारा (16-1-1960 स) ldquoपाच सौrdquo क सथान पर परितसथािपत 8 1959 क अिधिनयम स० 62 की धारा 38 ारा (16-1-1960 स) कितपय शबद का लोप िकया गया 9 1983 क अिधिनयम स० 42 की धारा 37 ारा (31-5-1984 स) धारा 68 क सथान पर परितसथािपत 10 1959 क अिधिनयम स० 62 की धारा 39 ारा (16-1-1960 स) ldquoपाच सौrdquo क सथान पर परितसथािपत 11 1959 क अिधिनयम स० 62 की धारा 39 ारा (16-1-1960 स) कितपय शबद का लोप िकया गया

28

70 दघरटना की सचनाmdash(1) धारा 23 की उपधारा (1) क उपबनध क उललघन म जो कोई िकसी दघरटना की सचना दन म या उस सचना की परित उस उपधारा म िनिदष ट िवशष सचनाप पर लगान म और िविनिदष ट कालाविध क िलए वहा रखन म असफल रहगा वह कारावास स िजसकी अविध तीन मास तक की हो सकगी या जमारन स जो पाच सौ रपए तक का हो सकगा या दोन स दणनीय होगा

(2) कनदरीय सरकार ारा धारा 23 की उपधारा (3) क अधीन िदए गए िनदश क उललघन म जो कोई िकसी दघरटना को िविहत रिजसटर म अिभिलिखत करन म या उसकी सचना दन म असफल रहगा वह कारावास स िजसकी अविध तीन मास तक की हो सकगी या जमारन स तो पाच सौ रपए तक का हो सकगा या दोन स दणडनीय होगा

71 कितपय मामल म सवामी आिद का मखय िनरीकषक को िरपोटर दनाmdashजहा िक खान क यथािसथित सवामी अिभकतार या परबनधक न खान म या उसक आसपास िनयोिजत िकसी िक त क िवर कायरवाही इस अिधिनयम क अधीन क िकसी अपराध क बार म की हो वहा वह नयायालय क िनणरय या आदश की तारीख स इक कीस िदन क अनदर उसक पिरणाम की िरपोटर मखय िनरीकषक को दगा

72 खान म िनयोिजत िक तय की बाधयताmdashखान म िनयोिजत कोई भी िक तmdash

(क) खान म िनयोिजत िक तय का सवासथय कषम या कलयाण सिनिश चत करन क परयोजनाथर खान म उपबिनधत िकसी सािधतर सिवधा या अनय चीज म जानबझकर हसतकषप या उसका जानबझकर दरपयोग न करगा

(ख) जानबझकर और यिक तयक त कारण क िबना कोई ऐसी बात न करगा िजसस सवय उसक या अनय क सकटाप होन की सभा ता हो

(ग) खान म िनयोिजत िक तय का सवासथय या कषम सिनिश चत करन क परयोजनाथर उसम उपबिनधत िकसी सािधतर या अनय चीज को उपयोग म लान की जानबझकर उपकषा नह करगा

1[72क कछ िविनयम क उललघन क िलए िवशष उपबनधmdashजो कोई धारा 57 क खणड (घ) खणड (झ) खणड (ड) खणड (ढ) खणड (ण) खणड (त) खणड (द) खणड (ध) और खणड (प) म िविनिदष ट बात स सब िकसी िविनयम क या िकसी उपिविध क या तद धीन िकए गए िकसी आदश क िकसी उपबनध का उललघन करगा वह कारावास स िजसकी अविध छह मास तक की हो सकगी या जमारन स जो दो हजार रपए तक का हो सकगा या दोन स दणडनीय होगा

72ख धारा 22 क अधीन आदश क उललघन क िलए िवशष उपबनधmdashजो कोई धारा 22 की उपधारा (1क) उपधारा (2) या उपधारा (3) क अधीन 2[या धारा 22क की उपधारा (2) क अधीन] िनकाल गए आदश क उललघन म खान का कायरकरण चाल रखगा वह कारावास स िजसकी अविध दो वषर तक की हो सकगी दडनीय होगा और जमारन स भी जो पाच हजार रपए तक का हो सकगा दडनीय होगा

2[परनत नयायालय क िनणरय म लखब िकए जान वाल ततपरितकल िवशष और पयारप त कारण क अभाव म ऐसा जमारना खड (क) म िनिदष ट उललघन की दशा म तीन हजार रपए स कम नह होगा ]

72ग िविध क ऐस उललघन क िलए िजसक खतरनाक पिरणाम होत ह िवशष उपबनधmdash(1) जो कोई इस अिधिनयम क या िकसी िविनयम िनयम या उपिविध क या तद धीन िकए गए [धारा 22 की उपधारा (1क) या उपधारा (2) या उपधारा (3) 3[या धारा 22क की उपधारा (2)] क अधीन िकए गए आदश स िभ ] िकसी आदश क िकसी उपबनध का उललघन करगा वहmdash

(क) यिद ऐस उललघन क पिरणामसवरप जीवन की हािन हो तो कारावास स जो दो वषर तक का हो सकगा या जमारन स जो पाच हजार रपए तक का हो सकगा या दोन स दणडनीय होगा या

(ख) यिद ऐस उललघन क पिरणामसवरप गमभीर शारीिरक कषित हो तो कारावास स जो एक वषर तक का हो सकगा या जमारन स जो तीन हजार रपए तक का हो सकगा या दोन स दडनीय होगा अथवा

(ग) यिद ऐस उललघन स खान म िनयोिजत िक तय को या खान म या उसक आसपास क अनय िक तय को कषित या खतरा कािरत हो तो कारवास स जो तीन मास तक का हो सकगा या जमारन स जो एक हजार रपए तक का हो सकगा या दोन स दणडनीय होगा 6[परनत नयायालय क िनणरय म लखब िकए जान वाल ततपरितकल िवशष और पयारप त कारण क अभाव म ऐसा जमारना

खणड (क) म िनिदष ट उललघन की दशा म तीन हजार रपए स कम नह होगा ]

(2) जहा िक कोई िक त इस धारा क अधीन दोषिस िकए गए जान पर िफर उसक अधीन दोषिस िकया जाए वहा वह उपधारा (1) ारा उपबिनधत दड क दगन दड स दणडनीय होगा

1 1959 क अिधिनयम स० 62 की धारा 40 ारा (16-1-1960 स) धारा 73 तथा धारा 74 क सथान पर परितसथािपत 2 1983 क अिधिनयम स० 42 की धारा 38 ारा (31-5-1984 स) अतःसथािपत 3 1983 क अिधिनयम स० 42 की धारा 39 ारा (31-5-1984 स) अतःसथािपत

29

(3) इस धारा क अधीन पािरत जमारन का दडादश आरोिपत करन वाला अथवा अपील या पनरीकषण म या अनयथा उसकी पिष ट करन वाला नयायालय िनणरय पािरत करत समय आदश द सकगा िक वसल िकया गया सपणर जमारना या उसका कोई भाग कषितगरसत िक त को या उसकी मतय की दशा म उसक िविधक परितिनिध को परितकर क रप म िदया जाए

परनत यिद जमारना ऐस मामल म आरोिपत िकया जाए जो अपीलनीय हो तो अपील उपिसथत िकए जान क िलए अनजञात कालाविध क बीत जान क पहल या यिद अपील उपिसथत की गई हो तो अपील क िविनश चय स पहल ऐसा कोई भी सदाय नह िकया जाएगा

73 आदश की अवजञा क िलए साधारण उपबनधmdashजो कोई इस अिधिनयम क या िकसी िविनयम िनयम या उपिविध क या तद धीन िकए गए िकसी आदश क िकसी ऐस उपबनध का उललघन करगा िजसक उललघन क िलए एतिसमनपवर कोई शािसत उपबिनधत नह ह वह कारावास स िजसकी अविध तीन मास तक की हो सकगी या जमारन स जो एक हजार रपए तक का हो सकगा या दोन स दडनीय होगा

74 पवर दोषिसि क पश चात विधत शािसतmdashयिद कोई िक त जो (धारा 72ख और 72ग स िभ ) पवरगामी उपबनध म स िकसी क अधीन दडनीय िकसी अपराध का दोषिस िकया जा चका हो पवर दोषिसि क दो वषर क अनदर िकए गए और उसी उपबनध का उललघन अनतवरिलत करन वाल िकसी अपराध क िलए पनः दोषिस िकया जाए तो वह हर एक पश चात वत दोषिसि क िलए उस दड क दगन दणड स दणडनीय होगा िजसस वह ऐस उपबनध क परथम उललघन क िलए दडनीय होता ]

75 सवामी अिभकतार या परबनधक का अिभयोजनmdashइस अिधिनयम क अधीन क िकसी अपराध क िलए िकसी सवामी अिभकतार या परबनधक क िवर कोई भी अिभयोजन मखय िनरीकषक की या िजला मिजसटरट की या मखय िनरीकषक क िलिखत साधारण या िवशष आदश ारा इस िनिम परािधकत िनरीकषक की पररणा पर सिसथत िकए जान क िसवाय सिसथत नह िकया जाएगा

1[परनत मखय िनरीकषक या िजला मिजसटरट या इस परकार परािधकत िनरीकषक ऐसा अिभयोजन सिसथत करन स पवर अपना यह समाधान करगा िक सवामी अिभकतार या परबनधक ऐस अपराध क िकए जान को रोकन म सभी समयक ततपरता बरतन म असफल रहा था ]

2[परनत यह और िक] िकसी खान म तकनीकी िनदशन और परबनध क अनकरम म िकए गए िकसी अपराध क बार म िजला मिजसटरट िकसी सवामी अिभकतार या परबनधक क िवर कोई अिभयोजन मखय िनरीकषक क पवर अनमोदन स सिसथत करन क िसवाय सिसथत नह करगा

3[76 कितपय मामल म सवामी का अवधारणmdashजहा िक खान का सवामी कोई फमर या िष टय का अनय सगम हो वहा उसक सब भागीदार या सदसय या उनम स कोई अथवा जहा िक खान का सवामी कमपनी हो वहा उसक सब िनदशक या उनम स कोई अथवा जहा िक खान का सवामी सरकार या कोई सथानीय परािधकारी हो वहा यथािसथित ऐसी सरकार या सथानीय परािधकारी ारा खान क कामकाज का परबनध करन क िलए परािधकत सब आिफसर या िक त या उनम स कोई ऐस िकसी अपराध क िलए िजसक िलए खान का सवामी दडनीय हो इस अिधिनयम क अधीन अिभयोिजत और दिडत िकया जा सकगा

4[परनत जहा िकसी फमर सगम या कमपनी न मखय िनरीकषक को िलिखत रप म यह सचना द दी ह िक उसनmdash

(क) फमर की दशा म उसक िकसी भागीदार या परबनधक को

(ख) सगम की दशा म उसक िकसी सदसय या परबनधक को

(ग) कमपनी की दशा म उसक िकसी िनदशक या परबनधक को

जो परतयक मामल म िकसी ऐस सथान म िजस पर इस अिधिनयम का िवसतार ह िनवासी ह और जो परतयक मामल म या तो वासतव म ऐसी फमर सगम या कमपनी क परबनध का भारसाधक ह या उसम अिधकाश शयर धारण करता ह इस अिधिनयम क परयोजन क िलए खान क सवामी क उ रदाियतव को गरहण करन क िलए नामिनदिशत कर िदया ह वहा यथािसथित ऐसा भागीदार सदसय िनदशक या परबनधक जब तक वह ऐसा िनवासी बना रहता ह और पव क त रप म भारसाधक ह या अिधकाश शयर को धारण करता ह इस अिधिनयम क परयोजन क िलए खान का सवामी समझा जाएगा जब तक िक उसक नामिनदशन को र करन वाली या यह कथन करन वाली कोई िलिखत सचना की वह यथािसथित भागीदारी सदसय िनदशक या परबनधक नह रहा ह मखय िनरीकषक को पराप त नह हो जाती ह

सपष टीकरणmdashजहा िकसी फमर सगम या कमपनी क िविभन न सथापन या शाखाए ह अथवा उसक िकसी सथापन या शाखा म िविभन न एकक ह वहा िविभन न सथापन या शाखा या एकक क सबध म इस परनतक क अधीन िविभन न िक तय को नामिनदिशत िकया जा सकगा और इस परकार नामिनदिशत िक त कवल उस सथापन शाखा या एकक क समबनध म िजसक समबनध म उस नामिनदिशत िकया गया ह खान का सवामी समझा जाएगा ]

1 1983 क अिधिनयम स० 42 की धारा 40 ारा (31-5-1984 स) अतःसथािपत 2 1983 क अिधिनयम स० 42 की धारा 40 ारा (31-5-1984 स) ldquoपरनतrdquo क सथान पर परितसथािपत 3 1959 क अिधिनयम स० 62 की धारा 41 ारा (16-1-1960 स) धारा 76 क सथान पर परितसथािपत 4 1983 क अिधिनयम स० 42 की धारा 41 ारा (31-5-1984 स) ldquoपरनतकrdquo क सथान पर परितसथािपत

30

77 सवामी अिभकतार या परबनधक को दाियतव स कितपय दशा म छटmdashजहा िक खान का सवामी अिभकतार या परबनधक जो इस अिधिनयम क अधीन िकसी अपराध का अिभयक त हो यह अिभकथन कर िक वासतिवक अपराधी अनय िक त ह वहा वह अपन

ारा इस िनिम िकए गए पिरवाद पर 1[और वासतिवक अपराधी का जञात पता दन पर] और अिभयोजक को ऐसा करन क अपन आशय की तीन स अनयन पणर िदन की िलिखत सचना दन पर इस बात का हकदार होगा िक वह अनय िक त उस तारीख को जो मामल की सनवाई क िलए िनयत हो नयायालय क समकष लाया जाए और यिद अपराध का िकया जाना सािबत हो जान क पश चात खान का यथािसथित सवामी अिभकतार या परबनधक नयायालय को समाधान परदान करन वाल रप म सािबत कर द िकmdash

(क) इस अिधिनयम क ससगत उपबनध का िनषपादन करान क िलए उसन समयक ततपता बरती ह तथा (ख) उस अनय िक त न परश नगत अपराध को उसक जञान सममित या मौनानकलता क िबना िकया ह

तो उक त अनय िक त उस अपराध क िलए दोषिस िकया जाएगा और उसी परकार क दणड स ऐस दडनीय होगा मानो वह खान का सवामी अिभकतार या परबनधक हो और यथािसथित सवामी अिभकतार या परबनधक दोषमक त कर िदया जाएगा परनतmdash

(क) यथािसथित खान क सवामी अिभकतार या परबनधक की शपथ पर परीकषा की जा सकगी और उसक और िकसी अनय साकषी क िजस वह अपन समथरन म बलाए सा य की उस िक त क ारा या की ओर स िजसकी बाबत वह अिभकिथत करता हो िक वह वासतिवक अपराधी ह और अिभयोजक ारा परितपरीकषा की जा सकगी

(ख) यिद वह िक त िजसका वासतिवक अपराधी होना अिभकिथत हो उस तारीख को जो मामल की सनवाई क िलए िनयत हो नयायालय क समकष समयक ततपरता बरती जान पर भी न लाया जा सक तो नयायालय उसकी सनवाई समय-समय पर सथिगत कर दगा िकनत इस परकार िक ऐस सथगन की कल कालाविध तीन मास स अिधक न हो और यिद उक त कालाविध क अनत तक भी वह िक त िजसका वासतिवक अपराधी होना अिभकिथत हो नयायालय क समकष न लाया जा सक तो नयायालय यथािसथित सवामी अिभकतार या परबनधक क िवर मामल की सनवाई क िलए अगरसर होगा

78 नयायालय की आदश करन की शिक तmdash(1) जहा िक खान का सवमी अिभकतार या परबनधक इस अिधिनयम क अधीन दडनीय अपराध क िलए दोषिस िकया जाए वहा नयायालय उस कोई दड अिधिनण त करन क अितिरक त िलिखत आदश ारा उसस आदश म िविनिदष ट कालाविध क अनदर (िजस नयायालय इस िनिम िकए गए आवदन पर समय-समय पर िवसतािरत कर सकगा) ऐस उपाय करन की अपकषा कर सकगा जो उन बात का उपचार करन क िलए िजनक बार म अपराध िकया गया था ऐस िविनिदष ट िकए जाए (2) जहा िक उपधारा (1) क अधीन आदश िदया जाए वहा यथािसथित खान का सवामी अिभकतार या परबनधक उस कालाविध या िवसतािरत कालाविध क यिद कोई हो दौरान अपराध क चाल रहन क िवषय म इस अिधिनयम क अधीन दडनीय नह होगा िकनत यिद नयायालय क आदश का पणर अनपालन ऐसी कालाविध या िवसतािरत कालाविध क अवसान पर न हो गया हो तो यथािसथित सवामी अिभकतार या परबनधक क बार म यह समझा जाएगा िक उसन अितिरक त अपराध िकया ह और वह कारावास स िजसकी अविध छह मास तक की हो सकगी या जमारन स जो ऐस अवसान क पश चात हर एक ऐस िदन क िलए िजसम िक आदश का अनपालन न हआ हो एक सौ रपए तक का हो सकगा या दोन स दणडनीय होगा 79 अिभयोजन की पिरसीमाmdashकोई भी नयायालय इस अिधिनयम क अधीन िकसी अपराध का सजञान तब तक नह करगा जब तक िक उसका पिरवादmdash

(i) उस तारीख स िजसकी बाबत यह अिभकिथत हो िक अपराध उस तारीख को िकया गया छह मास क अनदर अथवा

(ii) उस तारीख स िजसको िक अिभकिथत अपराध का िकया जाना िनरीकषक क जञान म आया छह मास क अनदर अथवा

2[(iiक) िकसी ऐस मामल म िजसम अिभयक त लोक सवक ह या था और ततसमय परव िकसी िविध क अधीन अपराध का सजञान करन क िलए कनदरीय सरकार या राजय सरकार या िकसी अनय परािधकारी की पवर मजरी आवशयक ह उस तारीख क िजसको ऐसी मजरी मखय िनरीकषक को पराप त होती ह तीन मास क अनदर अथवा]

(iii) िकसी ऐस मामल म िजसम जाच नयायालय कनदरीय सरकार ारा धारा 24 क अधीन िनयक त िकया गया हो उस धारा की उपधारा (4) म िविनिदष ट िरपोटर क परकाशन की तारीख क पश चात 3[एक वषर] क अनदर

इनम स जो भी बाद म हो न िकया गया हो 4[सपष टीकरणmdashइस धारा क परयोजन क िलएmdash

1 1959 क अिधिनयम स० 62 की धारा 42 ारा (16-1-1960 स) अनतःसथािपत 2 1983 क अिधिनयम स० 42 की धारा 42 ारा (31-5-1984 स) अतःसथािपत 3 1983 क अिधिनयम स० 42 की धारा 42 ारा (31-5-1984 स) ldquoछह मासrdquo क सथान पर परितसथािपत 4 1959 क अिधिनयम स० 62 की धारा 43 ारा (16-1-1960 स) सप ीकरण जोड़ा गया

31

(क) चाल रहन वाल अपराध की दशा म पिरसीमा की सगणना उस समय क हर कषण क परित िनदश स की जाएगी िजसक दौरान अपराध चाल रह

(ख) जहा िक कोई कायर करन क िलए समय इस अिधिनयम क अधीन िवसतािरत िकया गया हो वहा पिरसीमा की सगणना उस िवसतािरत कालाविध क अवसान स की जाएगी ]

80 अपराध का सजञानmdash1[महानगर मिजसटरट या परथम वगर नयाियक मिजसटरट] क नयायालय स अवर कोई नयायालय इस अिधिनयम क अधीन िकसी ऐस अपराध का िजसकी बाबत यह अिभकिथत हो िक वह खान क सवामी अिभकतार या परबनधक ारा िकया गया ह या िकसी ऐस अपराध का जो इस अिधिनयम ारा कारावास स दडनीय बनाया गया ह िवचारण नह करगा

80क [जमारन क बार म िवशष उपबध ]mdashखान (सशोधन) अिधिनयम 1983 (1983 का 42) की धारा 44 ारा (31-5-1984 स) िनरिसत

81 कितपय मामल म अिभयोजन क बजाय खान बोडर या सिमित को िनदशmdash(1) यिद मखय िनरीकषक या िजला मिजसटरट या िकसी िनरीकषक की पररणा पर इस अिधिनयम क अधीन सिसथत िकसी मामल का िवचारण करन वाल नयायालय की यह राय हो िक यह मामला ऐसा ह जो अिभयोजन क बजाय 2 सिमित को िनदिशत िकया जाना चािहए तो वह दािडक कायरवािहय को रोक सकगा और इस दिष ट स िक ऐसा िनदशन िकया जाए उस िवषय की िरपोटर कनदरीय सरकार को भजगा

(2) उपधारा (1) क अधीन िरपोटर पराप त होन पर कनदरीय सरकार मामला 2 सिमित को िनदिशत कर सकगी या िवचारण म अगरसर होन क िलए नयायालय को िनदश द सकगी

अधयाय 10

परकीणर 82 इस परश न का िविनश चय िक कया खान इस अिधिनयम क अधीन हmdashयिद कोई परश न उठ िक कया 3[खान का और उसम

का या उसका पाश वरसथ कोई उतखान या खिनत या पिरसर िजस पर खिनज या कोक पराप त करन दरसी करन या िवकरय क िलए तयार करन की सहायक कोई परिकरया चलाई जा रही ह] इस अिधिनयम क अथर क अनदर खान ह तो कनदरीय सरकार उस परश न का िविनश चय कर सकगी और कनदरीय सरकार क सिचव ारा हसताकषिरत परमाणपतर इस परश न पर िनश चायक होगा

83 अिधिनयम क परवतरन स छट दन की शिक तmdash4[(1)] कनदरीय सरकार िकसी सथानीय कषतर या िकसी खान को या खान क िकसी समह या वगर को या खान क िकसी भाग को या िक तय क िकसी वगर को 5[इस अिधिनयम या उसक अधीन बनाए गए िविनयम िनयम या उपिविधय क सब उपबनध क या उनम स िकसी क] परवतरन स छट शासकीय राजपतर म अिधसचना ारा या तो अतयितकतः या िकनह िविनिदष ट शत क अधयधीन द सकगी

परनत िकसी सथनीय कषतर या खान या खान क समह या वगर को 6[धारा 40 और धारा 45] क उपबनध स छट तब तक नह दी जाएगी जब तक उस इस अिधिनयम क अनय सब उपबनध क परवतरन स भी छट न द दी जाए ]

7[(2) कनदरीय सरकार मखय िनरीकषक या िकसी अनय परािधकारी को साधारण या िवशष आदश ारा ऐस िनबरनधन क अधयधीन िजनह अिधरोिपत करना वह ठीक समझ परािधकत कर सकगी िक वह िकसी खान या उसक िकसी भाग को 8[िविनयम िनयम या उपिविधय ] क उपबन ध म स िकसी क परवतरन स िकनह िविनिदष ट शत क अधयधीन तब छट द द जब िक मखय िनरीकषक या ऐस अिधकारी की राय हो िक खान या उसक भाग म पिरिसथितया ऐसी ह िक उनक कारण ऐस उपबनध का अनपालन अनावशयक या अ वहायर हो जाता ह ]

84 आदश को पिरवितत या िवखिणडत करन की शिक तmdash9[(1)] कनदरीय सरकार इस अिधिनयम क अधीन िदया गया कोई आदश उलट सकगी या उपानतिरत कर सकगी

10[(2) मखय िनरीकषक लखब िकए जान वाल कारण स इस अिधिनयम क अधीन या िकसी िविनयम िनयम या उपिविध क अधीन अपन ारा पािरत िकसी आदश को उलट सकगा या उस उपातिरत कर सकगा

(3) खान क सवामी अिभकतार या परबनधक पर परितकल परभाव डालन वाला कोई आदश इस धारा क अधीन तब तक नह िकया जाएगा जब तक िक ऐस सवामी अिभकतार या परबनधक को अभयावदन करन का यिक तयक त अवसर न द िदया गया हो ]

1 1983 क अिधिनयम स० 42 की धारा 43 ारा (31-5-1984 स) ldquoपरसीडसी मिजसटरट या परथम वगर मिजसटरटrdquo क सथान पर परितसथािपत 2 1983 क अिधिनयम स० 42 की धारा 43 ारा (31-5-1984 स) ldquoखनन बोडरrdquo शब द का लोप िकया गया 3 1959 क अिधिनयम स० 62 की धारा 45 ारा (16-1-1960 स) अनतःसथािपत 4 1959 क अिधिनयम स० 62 की धारा 46 ारा (16-1-1960 स) उपधारा (1) क रप म पनःसखयािकत 5 1983 क अिधिनयम स० 42 की धारा 46 ारा (31-5-1984 स) ldquoइस अिधिनयम क सब उपबध क िकसी कrdquo क सथान पर परितसथािपत 6 1983 क अिधिनयम स० 42 की धारा 46 ारा (31-5-1984 स) ldquoधारा 45rdquo क सथान पर परितसथािपत 7 1959 क अिधिनयम स० 62 की धारा 46 ारा (16-1-1960 स) अनतःसथािपत 8 1983 क अिधिनयम स० 42 की धारा 46 ारा (31-5-1984 स) ldquoइस अिधिनयम क अतगरत िविनयम और िनयमrdquo क सथान पर परितसथािपत 9 1983 क अिधिनयम स० 42 की धारा 47 ारा (31-5-1984 स) धारा 84 उपधारा (1) क रप म पनःसखयािकत 10 1983 क अिधिनयम स० 42 की धारा 47 ारा (31-5-1984 स) अतःसथािपत

32

85 सरकार की खान को अिधिनयम का लाग होनाmdashयह अिधिनयम सरकार की खान को 1[भी] लाग होगा 2[85क सचना आिद दन क िलए अपिकषत िक त ऐसा करन क िलए वध रप स आब ह गmdashहर िक त जो िकसी

अिधकारी को कोई सचना या इि ला इस अिधिनयम क अधीन दन क िलए अपिकषत ह भारतीय दड सिहता (1860 का 45) की धारा 176 क अथर क अनदर ऐसा करन क िलए वध रप स आब होगा ]

3[85ख िववरिणय सचना आिद पर हसताकषर करनाmdashइस अिधिनयम या उसक अधीन बनाए गए िकसी िविनयम िनयम उपिविध या िकसी आदश क उपबनध क समबनध म िकसी खान क सवामी ारा या उसकी ओर स दी जान क िलए अपिकषत सभी िववरिणय और सचना पर या भजी जान वाली सचना पर खान क सवामी अिभकतार या परबधक ारा या िकसी ऐस िक त ारा िजस सवामी ारा मखतारनाम ारा इस िनिम शिक त परतयायोिजत की गई ह हसताकषर िकए जाएग

85ग सिवधा और जन सिवधा क िलए फीस या परभार का वसल न िकया जानाmdashखान म िनयोिजत िकसी िक त स सरकषातमक परबनध या दी जान वाली सिवधा या इस अिधिनयम क उपबनध क अधीन परदाय िकए जान वाल िकसी उपसकर या सािधतर की बाबत कोई फीस या परभार वसल नह िकया जाएगा ]

86 1948 क अिधिनयम 63 क कितपय उपबध का खान को लाग होनाmdashकनदरीय सरकार शासकीय राजपतर म अिधसचना ारा िनदश द सकगी िक कारखाना अिधिनयम 1948 (1948 का 63) क अधयाय 3 और 4 क उपबनध ऐस अपवाद और िनबरनधन क

अधयधीन रहत हए जस उस अिधसचना म िविनिदष ट िकए जाए सब खान और उनकी परसीमा को लाग ह ग

87 सद भावपवरक िकए गए कायर क िलए पिरतराणmdashकोई भी वाद अिभयोजन या अनय िविधक कायरवाही इस अिधिनयम क अधीन सद भावपवरक की गई या जान क िलए आशियत िकसी बात क िलए िकसी िक त क िवर न होगी

88 [1923 क अिधिनयम 4 का िनरसन]mdashिनरसन और सशोधन अिधिनयम 1957 (1957 का 36) की धारा 2 और पहली अनसची ारा िनरिसत

______

1 1959 क अिधिनयम स० 62 की धारा 47 ारा (16-1-1960 स) अनतःसथािपत 2 1959 क अिधिनयम स० 62 की धारा 48 ारा (16-1-1960 स) अनतःसथािपत 3 1983 क अिधिनयम स० 42 की धारा 48 ारा (31-5-1984 स) अतःसथािपत

Page 12: खान अधिनियम, 1952ncwapps.nic.in/acts/TheMinesAct1952_Hindi.pdf1 ज ल ई, 1952, द खए भ रत क र जपतर (अ गर 1952, ज ) भ ग 2,

12

(7) उपधारा (1) क अधीन की हर सचना का या उपधारा (1क) उपधारा (2) उपधारा (3) या उपधारा (4) क अधीन क हर आदश का िजस पर उपधारा (6) क अधीन आकषप िकया गया हो अनपालन सिमित का िविनश चय खान म पराप त होन तक िकया जाएगा

परनत सिमित उपधारा (1) क अधीन की 1[सचना] का परवतरन सवामी अिभकतार या परबनधक क आवदन पर तब तक क िलए िनलिमबत कर सकगी जब तक आकषप पर उसका अपना िविनश चय न हो जाए

(8) इस धारा की कोई भी बात 2दणड परिकरया सिहता 1898 (1898 का 5) की धारा 144 क अधीन की मिजसटरट की शिक तय पर परभाव नह डालगी ]

3[22क कछ दशा म िनयोजन का परितषध करन की शिक तmdash(1) जहा सरकषा स सबिधत िकसी बात क बार म िजसक िलए इस अिधिनयम ारा या उसक अधीन अिभ क त उपबनध िकया गया ह खान का सवामी अिभकतार या परबनधक ऐस उपबनध का अनपालन करन म असफल रहता ह वहा मखय िनरीकषक यह अपकषा करन वाली िलिखत सचना द सकगा िक उसका उतन समय क भीतर जो वह सचना म िविनिदष ट कर या समय की उतनी बढ़ाई गई अविध क भीतर जो वह उसक पश चात समय-समय पर िविनिदष ट कर अनपालन िकया जाए

(2) जहा सवामी अिभकतार या परबनधक उपधारा (1) क अधीन दी गई सचना क िनबनधन का यथािसथित ऐसी सचना म िविनिदष ट अविध क भीतर या उस उपधारा क अधीन िविनिदष ट समय की बढ़ाई गई अविध क भीतर अनपालन करन म असफल रहता ह वहा मखय िनरीकषक खान म या उसक िकसी भाग म या उसक आसपास िकसी ऐस िक त का िनयोजन िलिखत आदश ारा परितिष कर सकगा िजसका िनयोजन उसकी राय म सचना क िनबनधन का अनपालन सिनिश चत करन क िलए यिक तयक त तौर पर आवशयक न हो

(3) परतयक ऐसा िक त िजसका िनयोजन उपधारा (2) क अधीन परितिष िकया जाता ह उस अविध की पणर मजदरी का सदाय पान का हकदार होगा िजसक िलए वह यिद परितषध न हआ होता तो िनयोजन म होता और सवामी अिभकतार या परबनधक उस

िक त को ऐसी पणर मजदरी क सदाय क िलए दायी होगा

परनत सवामी अिभकतार या परबनधक ऐसी पणर मजदरी दन बजाय ऐस िक त को उसी मजदरी पर आनकिलपक िनयोजन द सकगा जो ऐसा िक त उस िनयोजन म पराप त कर रहा था जो उपधारा (2) क अधीन परितिष िकया गया था

(4) धारा 22 की उपधारा (5) उपधारा (6) और उपधारा (7) क उपबनध इस धारा की उपधारा (1) क अधीन जारी की गई िकसी सचना या उपधारा (2) क अधीन िकए गए िकसी आदश क समबनध म उसी परकार लाग ह ग जस व उस धारा की उपधारा (1) क अधीन सचना या उपधारा (1क) क अधीन आदश क सबध म लाग होत ह ]

23 दघरटना की सचना का िदया जानाmdash4[(1) जब िकसी खान म या उसक आसपासmdash

(क) कोई ऐसी दघरटना हो जाए िजसस जीवन की हािन या गमभीर शारीिरक कषित कािरत हई हो अथवा

(ख) िवसफोट जवलन सवतः तपन या आग लग जाना या जल या अनय दरव-पदाथर का फट िनकलना या सवग अनतपररवश घिटत हो जाए अथवा

(ग) जवलनशील या अपायकर गस का अनतवारह घिटत हो जाए अथवा

(घ) िजन रसस जजीर या अनय िगयर स िक त या सामगरी कपक या आनित म उतारी या वहा स उठाई जाती ह उनका टट जाना घिटत हो जाए अथवा

(ङ) िकसी कपक म िपजर या अनय परवहण-साधन अतयिधक लपट तब खा जाए जब िक त या सामगरी उतारी या उठाई जा रही हो अथवा

(च) खिनत का कोई भाग समय-पवर ढह जाए अथवा

(छ) कोई अनय दघरटना जो िविहत की जाए घिटत हो जाए

तब खान का सवामी अिभकतार या परबनधक उस घटना की सचना ऐस परािधकारी को ऐस पररप म और ऐस समय क अनदर दगा जो िविहत िकया जाए और साथ ही साथ वह सचना की एक परित ऐस सथान पर जहा उसका िनरीकषण वसाय सघ क पदधािरय ारा िकया जा सक िविहत रीित म एक िवशष सचना प पर लगाएगा और सिनिश चत करगा की वह सचना ऐस लगाए जान की तारीख स कम स कम चौदह िदन तक प पर लगी रह ]

1 1983 क अिधिनयम स० 42 की धारा 15 ारा (31-5-1984 स) ldquoअधयपकषाrdquo शबद क सथान पर परितसथािपत 2 अब दिखए दड परिकरया सिहता 1973 (1974 का 2) 3 1983 क अिधिनयम स० 42 की धारा 16 ारा (31-5-1984 स) अनतःसथािपत 4 1959 क अिधिनयम स० 62 की धारा 12 ारा (16-1-1960 स) उपधारा (1) क सथान पर परितसथािपत

13

1[(1क) जब कभी खान म या उसक आसपास कोई ऐसी दघरटना हो जाए िजसस िकसी िक त को िरपोटर की जान योगय कोई कषित कािरत हई हो तो खान का सवामी अिभकतार या परबनधक ऐसी दघरटना को एक रिजसटर म िविहत पररप म परिवष ट करगा और ऐसी परिविष टय की परितया ितमाही म एक बार मखय िनरीकषक को दी जाएगी ]

(2) जहा िक उपधारा (1) क अधीन दी गई सचना ऐसी दघरटना क बार म हो िजसस जीवन की हािन कािरत हई हो वहा वह परािधकारी घटना की जाच सचना की परािप त क दो मास क अनदर करगा और यिद परािधकारी िनरीकषक न हो तो वह िनरीकषक स उक त कालाविध क अनदर जाच कराएगा

2[(3) कनदरीय सरकार राजपतर म अिधसचना ारा िनदश द सकगी िक उपधारा (1) और उपधारा (1क) म िविनिदष ट दघरटना स िभन न िजन दघरटना म ऐसी शारीिरक कषित कािरत होती ह िजसस िक कषितगरसत िक त की काम स चौबीस घट स अिधक की अविध की मजदरी क कारण अनपिसथित हो जाती ह तो व दघरटनाए िविहत पररप म एक रिजसटर म परिवष ट की जाएगी या यथािसथित उपधारा (1) या उपधारा (1क) क उपबनध क अधयधीन रहगी ]

(4) उपधारा (3) म िनिदष ट रिजसटर म की परिविष टय की एक परित खान क सवामी अिभकतार या परबनधक ारा 3[उस वषर स िजसस व परिविष टया समब ह अगल वषर म जनवरी क 20व िदन या ततपवर] मखय िनरीकषक को भजी जाएगी

3[(5) जब कभी खान म या उसक आसपास कोई ऐसी दघरटना हो जाए िजसस िकसी िक त क जीवन को हािन या उसको गभीर शारीिरक कषित कािरत हई हो तो उस मखय िनरीकषक या िनरीकषक क िजसको धारा 23 की उपधारा (1) क अधीन दघरटना की सचना का िदया जाना अपिकषत ह आगमन क पवर या उसकी सम मित क िबना दघरटना सथल की उलट-पलट या उसम कोई पिरवतरन नह िकया जाएगा जब तक िक ऐसी उलट-पलट या पिरवतरन आग िकसी दघरटना को रोकन क िलए मतक क शव को हटान क िलए या िकसी िक त की सकट स रकषा करन क िलए आवशयक न हो अथवा जब तक िक दघरटना सथल पर काम क बनद िकए जान स खान क कायरकरण म गमभीर अड़चन न पड़

परनत जहा मखय िनरीकषक या उक त िनरीकषक दघरटना क समय स बह र घट क भीतर दघरटना का सथल िनरीकषण करन म असफल रहता ह वहा दघरटना सथल पर काम पनः आरमभ िकया जा सकगा ]

24 दघरटना क मामल म जाच-नयायालय िनयक त करन की सरकार की शिक तmdash4[(1) जब िक खान म या उसक आसपास धारा 23 की उपधारा (1) क खड म स िकसी म िनिदष ट परकित की कोई दघरटना हो जाए तब कनदरीय सरकार यिद उसकी यह राय हो िक दघरटना क कारण की और पिरिसथितय की पररिपक जाच होनी चािहए ऐसी जाच करन क िलए कोई सकषम िक त िनयक त कर सकगी और जाच करन म अससर क रप म कायर करन क िलए िविध का या कोई िवशष जञान रखन वाल एक या अिधक िक तय को भी िनयक त कर सकगी ]

(2) ऐसी िकसी जाच करन क िलए िनयक त िक त को सािकषय को हािजर करान और दसतावज और भौितक पदाथ 5 को पश करन क िलए िववश करन क परयोजन क िलए िसिवल परिकरया सिहता 1908 (1908 का 5) क अधीन की िसिवल नयायालय की सब शिक तया पराप त ह गी

(3) इस धारा क अधीन जाच करन वाला कोई िक त इस अिधिनयम क अधीन की िनरीकषक की ऐसी शिक तय का परयोग कर सकगा िजसका परयोग करना वह जाच क परयोजन क िलए आवश यक या समीचीन समझ

(4) इस धारा क अधीन जाच करन वाला िक त दघरटना क कारण और उसकी पिरिसथितय को किथत करन वाली िरपोटर िकनह ऐसी समिक तय को जोड़कर िजनह िक वह या अससर म स कोई िलखना आवशयक समझ कनदरीय सरकार को दगा

25 कछ रोग की सचनाmdash(1) जहा िक खान म िनयोिजत िकसी िक त को कोई 6ऐसा रोग लग जाए जो कनदरीय सरकार ारा शासकीय राजपतर म खनन सिकरया स ससक त रोग क रप म अिधसिचत िकया गया हो वहा खान का यथािसथित सवामी

अिभकतार या परबनधक उसकी सचना मखय िनरीकषक को और ऐस अनय परािधकािरय को ऐस पररप म और ऐस समय क अनदर भजगा जस िविहत िकए जाए

(2) यिद कोई िचिकतसा- वसायी िकसी ऐस िक त की दखभाल कर जो िकसी खान म िनयोिजत हो या रहा हो और जो उपधारा (1) क अधीन अिधसिचत िकसी रोग स पीिड़त हो या िजसक बार म िचिकतसा- वसायी को िवश वास हो िक वह ऐस रोग स पीिड़त ह तो िचिकतसा- वसायीmdash

(क) रोगी का नाम और पता

1 1983 क अिधिनयम स० 42 की धारा 17 ारा (31-5-1984 स) अनतःसथािपत 2 1983 क अिधिनयम स० 42 की धारा 17 ारा (31-5-1984 स) उपधारा (3) क सथान पर परितसथािपत 3 1959 क अिधिनयम स० 62 की धारा 12 ारा (16-1-1960 स) कितपय शबद क सथान पर परितसथािपत 4 1959 क अिधिनयम स० 62 की धारा 13 ारा (16-1-1960 स) उपधारा (1) क सथान पर परितसथािपत 5 1959 क अिधिनयम स० 62 की धारा 13 ारा (16-1-1960 स) कितपय शबद का लोप िकया गया 6 िसलकोिसस और नयमोकोिनओिसस िजनह ऐस रोग घोिषत िकया गया ह दिखए भारत का राजपतर (अगरजी) भाग 2 खण ड 3 प 1153 म परकािशत अिधसचना स० 1

का०िन०आ० 1306 तारीख 21 जलाई 1952 और मगनीज िवषाकतीकरण-तितरका परकार का िजस ऐसा रोग घोिषत िकया गया ह दिखए भारत का राजपतर (अगजी) 1956 भाग 2 खणड 3 प 2195 म परकािशत अिधसचना स० का०िन०आ० 3109 तारीख 18 िदसमबर 1956

14

(ख) वह रोग िजसस रोगी पीिड़त हो या िजसस उसक पीिड़त होन का िवश वास हो तथा

(ग) उस खान का नाम और पता िजसम रोगी िनयोिजत हो या अिनतम बार िनयोिजत था

किथत करन वाली िलिखत िरपोटर मखय िनरीकषक को अिवलमब भजगा

(3) जहा िक उपधारा (2) क अधीन की िरपोटर की यह पिष ट परमाणकतार सजरन क परमाणपतर स या अनयथा मखय िनरीकषक को समाधानपरद रप म हो जाए िक वह िक त उपधारा (1) क अधीन अिधसिचत रोग स पीिड़त ह वहा मखय िनरीकषक िचिकतसा-

वसायी को उतनी फीस दगा िजतनी िविहत की जाए और ऐस सद फीस उस खान क सवामी अिभकतार या परबनधक स िजसम उस िक त को रोग लगा हो भ-राजसव क बकाया क रप म वसलीय होगी

(4) यिद कोई िचिकतसा- वसायी उपधारा (2) क उपबनध का अनपालन करन म असफल रहगा तो वह जमारन स जो पचास रपए तक का हो सकगा दणडनीय होगा

26 रोग क कारण क अनवषण का िनदश दन की शिक तmdash(1) कनदरीय सरकार यिद वह ऐसा करना समीचीन समझ तो िकसी ऐस मामल की जाच करन क िलए तथा उस पर िरपोटर दन को कोई सकषम िक त िनयक त कर सकगी िजसम धारा 25 की उपधारा (1) क अधीन अिधसिचत कोई रोग खान म लगा हो या िजसक बार म सदह िकया जाता हो िक वह खान म लगा ह और ऐसी जाच म अससर क रप म कायर करन क िलए िविध का जञान या िवशष जञान रखन वाल एक या अिधक िक तय को भी िनयक त कर सकगी

(2) धारा 24 की उपधारा (2) और (3) क उपबध इस धारा क अधीन की जाच को उसी रीित स लाग ह ग जस व उस धारा क अधीन की िकसी जाच को लाग होत ह

27 िरपोट का परकाशनmdashऐस समय पर और ऐसी रीित स जो वह ठीक समझ कनदरीय सरकार सिमित ारा 1[धारा 12] क अधीन भजी गई िकसी िरपोटर को या अपन को धारा 26 क अधीन भजी गई िकसी िरपोटर या िकसी िरपोटर क उ रण को परकािशत करा सकगी और धारा 24 क अधीन िकसी जाच नयायालय ारा भजी गई हर िरपोटर को परकािशत कराएगी

अधयाय 6

िनयोजन क घट और उस पर िनबरधन

28 साप तािहक िवशराम-िदनmdashिकसी भी िक त को खान म िकसी एक सप ताह म छह िदन स अिधक काम नह करन िदया जाएगा

29 परितकरातमक िवशराम-िदनmdash(1) जहा िक धारा 38 क अधीन कायरवाही क अनसरण म अथवा िकसी खान को या उसम िनयोिजत िक तय को धारा 28 क उपबनध स छट िदए जान क फलसवरप कोई िक त जो उस खान म िनयोिजत हो उन साप तािहक िवशराम-िदन म स िकसी स िजनक िलए धारा 28 म उपबनध िकया गया ह विचत िकया जाए वहा उस उसी मास क अनदर िजसम उस ऐस िवशराम-िदन दय थ या उस मास क अ विहत पश चात क दो मास क अनदर उन िवशराम-िदन की समान सखया म िजनस वह इस परकार विचत िकया गया हो परितकरातमक िवशराम-िदन िदए जाएग

(2) कनदरीय सरकार वह रीित िविहत कर सकगी िजसस व िवशराम-िदन िजनक िलए उपधारा (1) म उपबनध िकया गया ह िदए जाएग

30 भिम क ऊपर क काम क घणटmdash(1) िकसी सप ताह म अड़तालीस घणट स अिधक या िकसी िदन म नौ घणट स अिधक काम भिम क ऊपर िनयोिजत िकसी भी वयसथ स न तो अपिकषत िकया जाएगा और न उस करन िदया जाएगा

2[परनत मखय िनरीकषक क पवर अनमोदन क अधयधीन रहत हए इस उपधारा म िविनिदष ट दिनक अिधकतम घणट को पािरय म तबदीली सकर बनान क िलए बढ़ाया जा सकगा ]

(2) िकसी ऐस वयसथ क काम की कालाविधया इस परकार विसथत की जाएगी िक उसक िवशराम अनतराल सिहत व िकसी भी िदन बारह घणट स अिधक िवसतत न ह और वह कम स कम आध घणट का िवशराम अनतराल क चकन क पवर िनरनतर पाच घणट स अिधक काम न कर

3[परनत मखय िनरीकषक ऐस कारण स जो लखन ारा अिभिलिखत िकए जाएग इस िवसतित का िकसी िदन अिधकतम चौदह घणट की कालाविध तक का होना ऐसी शत क अधयधीन जसी वह अिधरोिपत करना ठीक समझ अनजञात कर सकगा ]

4[(3) दो या अिधक पािरय क िक तय को एक ही समय भिम क ऊपर एक ही परकार का काम नह करन िदया जाएगा

1 1983 क अिधिनयम स० 42 की धारा 18 ारा (31-5-1984 स) ldquoधारा 13rdquo शबद और अक क सथान पर परितसथािपत 2 1959 क अिधिनयम स० 62 की धारा 14 ारा (16-1-1960 स) परनतक जोड़ा गया 3 1959 क अिधिनयम स० 62 की धारा 14 ारा (16-1-1960 स) परनतक क सथान पर परितसथािपत 4 1959 क अिधिनयम स० 62 की धारा 14 ारा (16-1-1960 स) उपधारा (3) क सथान पर परितसथािपत

15

परनत इस उपधारा क परयोजन क िलए िक तय क बार म कवल इस तथय क कारण िक उनक िवशराम अनतराल उनह िभन न समय पर िमलत ह यह न समझा जाएगा िक व िविभन न पािरय क ह ]

1[31 भिम क नीच क काम क घटmdash(1) खान म भिम क नीच िनयोिजत िकसी भी वयसथ को िकसी सप ताह म अड़तालीस घणट स अिधक या िकसी िदन म आठ घणट स अिधक काम नह करन िदया जाएगा

परनत मखय िनरीकषक क पवर अनमोदन क अधयधीन रहत हए इस उपधारा म िविनिदष ट दिनक अिधकतम घणट को पािरय म तबदीली सकर बनान क िलए बढ़ाया जा सकगा

(2) खान म भिम क नीच कोई भी काम ऐस विसथत पारी-प ित स चलान क िसवाय न चलाया जाएगा िक हर एक पारी म काम की कालाविध उपधारा (1) म बताए गए दिनक अिधकतम घट स अिधक िवसतत न हो

(3) खान म िनयोिजत िकसी िक त को भिम क नीच क खान क िकसी भाग म काम की उन कालाविधय क दौरान उपिसथत रहन दन क िसवाय उपिसथत न रहन िदया जाएगा जो धारा 48 की उपधारा (4) क अधीन रख जान वाल रिजसटर म उसक बार म दिशत ह ]

2[32 राितर की पारीmdashजहा िक खान म िनयोिजत िक त ऐसी पारी म काम कर िजसका िवसतार मधयराितर क पश चात तक हो वहाmdash

(क) धारा 28 और धारा 29 क परयोजन क िलए उसक मामल म साप तािहक िवशराम-िदन स उसकी पारी क अनत होन पर आरमभ होन वाली िनरनतर 24 घणट की कालाविध अिभपरत होगी

(ख) उसकी पारी का अनत होन पर आरमभ होन वाली चौबीस घणट की कालाविध उसक िलए अगला िदन समझी जाएगी और मधयराितर क पश चात िजतन घणट उसन काम िकया हो व पवरवत िदन म िगन जाएग ]

33 अितकाल क िलए अितिरक त मजदरीmdash3[(1) जहा िक खान म कोई िक त भिम क ऊपर िकसी िदन नौ घणट स अिधक या भिम क नीच िकसी िदन आठ घणट स अिधक काम कर या चाह भिम क ऊपर या नीच िकसी सप ताह म अड़तालीस घणट स अिधक काम कर वहा ऐस अितकािलक काम क िलए वह अपनी मजदरी की मामली दर स दगनी दर पर मजदरी पान का हकदार होगा और अितकािलक काम की कालाविध की गणना दिनक या साप तािहक आधार पर जो भी उसक िलए अिधक अनकल हो की जाएगी ]

4[(2) जहा खान म िनयोिजत िकसी िक त को मातरानपाती दर स सदाय िकया जाना हो वहा कालानपाती दर को उन िदन क िजनको उसक उस सप ताह क िजसम अितकाल काम िकया गया ह ठीक पवरवत सप ताह क दौरान वासतव म काम िकया था िकसी अितकाल को छोड़कर उसक पणरकािलक उपाजरन क दिनक औसत क बराबर माना जाएगा और ऐसी कालानपाती दर ऐस िक त की मजदरी की मामली दर मानी जाएगी

परनत यिद ऐस िक त न पवरवत सप ताह म उसी या समान काम पर कायर नह िकया ह तो कालानपाती दर अितकाल को छोड़कर उन िदन की िजनको उसन उसी सप ताह म काम िकया ह औसत या िकसी पवरवत सप ताह म उसक उपाजरन की दिनक औसत इनम स जो भी उच चतर हो उस पर आधािरत होगी

सपष टीकरणmdashइस धारा क परयोजन क िलए ldquoमजदरी की मामली दरrdquo का वही अथर होगा जो उसका धारा 9क की उपधारा (3) क सपष टीकरण म ह ]

(4) इस धारा क उपबनध का अनपालन सिनिश चत करन क परयोजन क िलए कनदरीय सरकार खान म रख जान वाल रिजसटर िविहत कर सकगी

5[34 कितपय िक तय क िनयोजन का परितषधmdashकोई भी िक त जो पवरवत बारह घनट क अनदर िकसी अनय खान म पहल ही काम करता रहा हो खान म काम करन क िलए न तो अपिकषत िकया जाएगा न उस खान म काम करन िदया जाएगा ]

6[35 अितकािलक काम सिहत दिनक काम क घट का िनबरनधनmdashधारा 39 क खणड (क) और खणड (ङ) म आन वाल मामल म क िसवाय िकसी भी िदन अितकाल सिहत दस घट स अिधक खान म काम न तो खान म िनयोिजत िकसी भी िक त स अपिकषत िकया जाएगा न उस करन िदया जाएगा ]

36 काम क घट क िवषय म सचनाएmdash(1) हर खान का परबनधक खान म काम क परारमभ और बनद होन का समय और यिद टोली प ित ारा काम परसथािपत हो तो हर एक टोली क काम क परारमभ और बनद होन का समय किथत करन वाली सचना िविहत पररप म खान क कायारलय क बाहर लगवाएगा

1 1959 क अिधिनयम स० 62 की धारा 15 ारा (16-1-1960 स) धारा 31 क सथान पर परितसथािपत 2 1959 क अिधिनयम स० 62 की धारा 16 ारा (16-1-1960 स) धारा 32 क सथान पर परितसथािपत 3 1959 क अिधिनयम स० 62 की धारा 17 ारा (16-1-1960 स) उपधारा (1) क सथान पर परितसथािपत 4 1983 क अिधिनयम स० 42 की धारा 19 ारा (31-5-1984 स) उपधारा (2) और (3) क सथान पर परितसथािपत 5 1959 क अिधिनयम स० 62 की धारा 18 ारा (16-1-1960 स) धारा 34 क सथान पर परितसथािपत 6 1959 क अिधिनयम स० 62 की धारा 19 ारा (16-1-1960 स) धारा 35 क सथान पर परितसथािपत

16

(2) उस खान की दशा म िजसम खनन सिकरयाए इस अिधिनयम क परारमभ क पश चात परारभ ह उपधारा (1) म िनिदष ट सचना काम क परारमभ होन क कम स कम सात िदन पवर लगाई जाएगी

(3) उपधारा (1) म िनिदष ट सचना म भिम क ऊपर िनयोिजत िक तय क काम क परारमभ का समय और िवशराम अनतराल भी किथत ह ग और उसकी एक परित मखय िनरीकषक को यिद वह ऐसी अपकषा कर तो भजी जाएगी

(4) जहा िक साधारणतः खान म या िकसी टोली क काम क परारमभ या बनद होन क िलए िनयत समय म या भिम क ऊपर िनयोिजत िक तय क िलए िनयत िवशराम अनतराल म कोई तबदीली करन की परसथापना हो वहा िविहत पररप म एक सशोिधत सचना उस तबदीली क िकए जान क सात स अनयन िदन पवर खान क कायारलय क बाहर लगाई जाएगी और ऐसी सचना की एक परित ऐसी तबदीली क सात स अनयन िदन पवर मखय िनरीकषक को भजी जाएगी

(5) िकसी भी िक त को उपधारा (1) ारा अपिकषत सचना क अनसार काम करन स अनयथा खान म काम नह करन िदया जाएगा

37 पयरवकषक कमरचािरवनदmdashधारा 28 धारा 30 धारा 31 धारा 34 या 1[धारा 36 की उपधारा (5)] की कोई भी बात उन िक तय को लाग न होगी िजनकी बाबत िनयम ारा यह पिरभािषत िकया जाए िक व पयरवकषण या परबनध का पद धारण िकए हए ह

या गोपनीयता की हिसयत म िनयोिजत ह

38 िनयोजन सबधी उपबनध स छटmdash(1) उस आपात की दशा म िजसम खान या उसम िनयोिजत िक तय क कषम क िलए गमभीर जोिखम अनतवरिलत हो या वासतिवक या आशिकत िकसी दघरटना की दशा म या िकसी दवीकत की दशा म या खान की मशीनरी सयतर या उपसकर क ठपप हो जान क पिरणामसवरप ऐसी मशीनरी सयतर या उपसकर पर िकए जान वाल िकसी अजनट काम की दशा म परबनधक धारा 22 2[या धारा 22क] क उपबनध क अधयधीन और धारा 39 क अधीन क िनयम क अनसार िक तय को धारा 28 धारा 30 धारा 31 या धारा 34 या 1[धारा 36 की उपधारा (5)] क उललघन म ऐस काम म िनयोजन की अनजञा द सकगा जो खान या उसम िनयोिजत िक तय क कषम का सरकषण करन क िलए आवशयक हो

परनत मशीनरी सयतर या उपसकर पर इस धारा क अधीन िकए जान वाल िकसी अजनट काम की दशा म परबनधक इस धारा ारा अनजञात कोई काररवाई कर सकगा य िप उसक िकए जान स 3[खिनज] उतपादन आनषिगक रप स परभािवत होता हो िकनत इस

परकार की गई काररवाई उन सीमा क बाहर न की जाएगी जो खान क मामली कायरकरण म गमभीर हसतकषप का पिरवजरन करन क परयोजन क िलए आवशयक हो

(2) हर वह दशा िजसम उपधारा (1) क अधीन परबनधक ारा काररवाई की गई हो ततसमब पिरिसथितय क साथ अिभिलिखत की जाएगी और उसकी िरपोटर मखय िनरीकषक या िनरीकषक को भी दी जाएगी

4[39 छट दन वाल िनयम बनान की शिक तmdash5[कनदरीय सरकार] िनम निलिखत िक तय क िलए धारा 28 धारा 30 धारा 31 धारा 34 या धारा 36 की उपधारा (5) क उपबनध स ऐस िवसतार तक ऐसी पिरिसथितय म और ऐसी शत क अधयधीन जसी िविनिदष ट की जाए छट का उपबनध करन वाल िनयम बना सकगीmdash

(क) ऐसी खान म िजसम ऐस आपात की आशका हो िजसम खान क या उसम िनयोिजत िक तय क कषम की गमभीर जोिखम अनतवरिलत हो िनयोिजत सब िक त या उनम स कोई

(ख) िकसी वासतिवक या आशिकत दघरटना की दशा म इस परकार िनयोिजत सब िक त या उनम स कोई

(ग) िकसी तयारी की परकित क या परक परकित क ऐस काम म जो खान क मामली कायरकरण म गमभीर हसतकषप का पिरवजरन करन क परयोजन क िलए अवशय चलाया जाना चािहए लग हए सब िक त या उनम स कोई

(घ) अजनट मरममत म लग हए सब िक त या उनम स कोई

(ङ) िकसी ऐस काम म जो िक तकनीकी कारण स िनरनतर चाल रखा जाना चािहए िनयोिजत सब िक त या उनम स कोई ] 6[40 अठारह वषर स कम आय क िक तय का िनयोजनmdash(1) खान (सशोधन) अिधिनयम 1983 क परारमभ क पश चात

अठारह वषर स कम आय क िकसी िक त को िकसी खान या उसक भाग म काम करन क िलए अनजञात नह िकया जाएगा

(2) उपधारा (1) म िकसी बात क होत हए भी िशकष और अनय परिशकष को जो सोलह वषर स कम आय क नह ह िकसी खान या उसक भाग म परबनधक ारा समिचत पयरवकषण क अधीन काम करन क िलए अनजञात िकया जा सकगा

1 1953 क अिधिनयम स० 42 की धारा 4 और अनसची 3 ारा ldquoधारा 36 की उपधारा (4)rdquo क सथान पर परितसथािपत 2 1983 क अिधिनयम स० 42 की धारा 20 ारा (31-5-1984 स) अनतःसथािपत 3 1959 क अिधिनयम स० 62 की धारा 20 ारा (16-1-1960 स) ldquoकोयलाrdquo क सथान पर परितसथािपत 4 1959 क अिधिनयम स० 62 की धारा 21 ारा (16-1-1960 स) धारा 39 क सथान पर परितसथािपत 5 1983 क अिधिनयम स० 42 की धारा 21 ारा (31-5-1984 स) कितपय शबद क सथान पर परितसथािपत 6 1983 क अिधिनयम स० 42 की धारा 22 ारा (31-5-1984 स) धारा 40 क सथान पर परितसथािपत

17

परनत िशकष स िभन न परिशकष की दशा म उनको काम करना अनजञात करन स पवर मखय िनरीकषक या िनरीकषक का पवर अनमोदन अिभपराप त करना आवशयक होगा

सपष टीकरणmdashइस धारा और धारा 43 म ldquoिशकषrdquo स िशकष अिधिनयम 1961 (1961 का 52) की धारा 2 क खणड (क) म यथापिरभािषत िशकष अिभपरत ह ]

41 [योगयता परमाणपतर ]mdashखान (सशोधन) अिधिनयम 1983 की धारा 23 ारा (31-5-1984 स) िनरिसत

42 [कमार को अनद योगयता परमाणपतर का परभाव ]mdashखान (सशोधन) अिधिनयम 1983 (1983 का 42) की धारा 23 ारा (31-5-1984 स) िनरिसत

1[43 िचिकतसीय परीकषा की अपकषा करन की शिक तmdash(1) जहा िकसी िनरीकषक की यह राय हो िक िशकष या अनय परिशकष स अनयथा खान म िनयोिजत कोई िक त वयसथ नह ह अथवा खान म िशकष या अनय परिशकष क रप म िनयोिजत कोई िक त या तो सोलह वषर स कम आय का ह या वह काम करन क योगय नह रह गया ह वहा िनरीकषक खान क परबनधक पर यह अपकषा करन वाली सचना की तामील कर सकगा िक ऐस िक त की परीकषा िकसी परमाणकतार सजरन ारा की जाए और िनरीकषक ऐसा िनदश द तो ऐसा

िक त तब तक िकसी खान म काम करन क िलए िनयोिजत या अनजञात नह िकया जाएगा जब तक इस परकार उसकी परीकषा न हो गई हो और यह परमािणत न कर िदया गया हो िक वह वयसथ ह या यिद ऐसा िक त िशकष या परिशकष ह तो वह सोलह वषर स कम आय का नह ह और काम करन क योगय ह

(2) उपधारा (1) क अधीन िनदश पर परमाणकतार सजरन ारा िदया गया हर परमाणपतर उसम किथत बात का इस अिधिनयम क परयोजन क िलए िनश चायक सा य होगा ]

44 [उन कमार क िलए काम क घट जो वयसक क रप म काम क िलए योगय परमािणत नह िकए गए ]mdashखान (सशोधन) अिधिनयम 1983 (1984 का 42) की धारा 25 ारा (31-5-1984 स) िनरिसत

2[45 खान म अठारह वषर स कम आय क िक तय की उपिसथित का परितषधmdashधारा 40 की उपधारा (2) क उपबनध क अधीन रहत हए ऐसी तारीख क पश चात जो कनदरीय सरकार राजपतर म अिधसचना ारा इस िनिम िनयत कर अठारह वषर स कम आय क िकसी िक त को भिम क ऊपर खान क िकसी ऐस भाग म जहा िकसी खनन सिकरया स ससक त या आनषिगक कोई सिकरया चलाई जा रही हो उपिसथत नह रहन िदया जाएगा ]

3[46 िस तरय का िनयोजनmdash(1) िकसी अनय िविध म अनतिवष ट िकसी बात क होत हए भी कोई भी स तरीmdash

(क) खान क िकसी ऐस भाग म जो भिम क नीच हो

(ख) िकसी खान म भिम क ऊपर 6 बज पवारहन और 7 बज अपराहन क बीच क िसवाय

िनयोिजत नह की जाएगी ]

(2) खान म भिम क ऊपर िनयोिजत हर स तरी को िकसी एक िदन िनयोजन का पयरवसान होन और िनयोजन की अगली कालाविध का परारमभ होन क बीच कम स कम गयारह घनट का अनतराल िदया जाएगा

(3) उपधारा (1) म अनतिवष ट िकसी बात क होत हए भी कनदरीय सरकार िकसी खान या िकसी वगर या परकार की खान क बार म भिम क ऊपर िस तरय क िनयोजन क घट म फरफार शासकीय राजपतर म अिधसचना ारा कर सकगी िकनत इस परकार की िकसी स तरी का 10 बज अपराहन और 5 बज पवारहन क बीच कोई भी िनयोजन तद ारा अनजञात न हो ]

47 [आय क बार म िववाद ]mdashखान (सशोधन) अिधिनयम 1959 (1959 का 62) की धारा 28 ारा िनरिसत

48 िनयोिजत िक तय का रिजसटरmdash4[(1) हर खान क िलए उस खान म िनयोिजत सब िक तय का एक रिजसटर िविहत पररप और सथान म रखा जाएगा िजसम ऐस हर एक िक त क बार म िनम निलिखत बात दिशत ह गीmdash

(क) कमरचारी का नाम यथािसथित उसक िपता या पित क नाम सिहत और ऐसी अनय िविशिष टया जसी उसकी पहचान क परयोजन क िलए आवशयक ह

(ख) कमरचारी की आय और िलग

(ग) िनयोजन की परकित (वह िनयोजन भिम क ऊपर ह या भिम क नीच और यिद भिम क ऊपर ह तो वह िवव खिनत म ह या अनयथा) और उसक परारमभ की तारीख

5

1 1983 क अिधिनयम स० 42 की धारा 24 ारा (31-5-1984 स) धारा 43 क सथान पर परितसथािपत 2 1983 क अिधिनयम स० 42 की धारा 26 ारा (31-5-1984 स) धारा 45 क सथान पर परितसथािपत 3 1959 क अिधिनयम स० 62 की धारा 27 ारा (16-1-1960 स) धारा 46 क सथान पर परितसथािपत 4 1959 क अिधिनयम स० 62 की धारा 29 ारा (16-1-1960 स) उपधारा (1) क सथान पर परितसथािपत 5 1983 क अिधिनयम स० 42 की धारा 27 ारा (31-5-1984 स) खणड (घ) का लोप िकया गया

18

(ङ) अनय ऐसी िविशिष टया जो िविहत की जाए

और ससगत परिविष टया सपक त िकयत क हसताकषर या अगठ क िचहन ारा अिधपरमािणत की जाएगी ]

(2) उपधारा (1) ारा िविहत रिजसटर म की परिविष टया ऐसी ह गी िक उनक अनसार काम करन वाल कमरकार इस अधयाय क उपबनध म स िकसी क उललघन म काम न करत ह ग

(3) कोई िक त खान म तब तक िनयोिजत न िकया जाएगा जब तक उसक बार म उपधारा (1) ारा अपिकषत िविशिष टया रिजसटर म अिधिलिखत न कर ली गई ह और कोई भी िक त रिजसटर म अपन बार म दिशत काम की कालाविधय क दौरान िनयोिजत िकए जान क िसवाय िनयोिजत नह िकया जाएगा

1[(4) िजस खान को कनदरीय सरकार न साधारण या िवशष आदश ारा िकसी िवशष कारण स जो अिभिलिखत िकया जाएगा छट दी हो उसस िभन न हर खान क िलए पथक रिजसटर िविहत पररप और सथान म रख जाएग िजनम हर िक त क बार म जो खान मmdash

(क) भिम क नीच

(ख) िवव खिनत म भिम क ऊपर

(ग) अनय दशा म भिम क ऊपर

िनयोिजत हो िनम निलिखत बात दिशत ह गीmdash

(i) कमरचारी का नाम

(ii) उसक िनयोजन का वगर या िकसम

(iii) जहा िक काम टोली-प ित स चलाया जाता हो वहा िजस पारी का वह ह वह पारी और उस पारी क घनट ]

(5) भिम क नीच िनयोिजत िक तय क उपधारा (4) म िनिदष ट रिजसटर म िकसी भी कषण ऐस हर िक त का नाम दिशत होगा जो तब खान म भिम क नीच उपिसथत हो

2[(6) कोई िक त िकसी िवव खिनत या भिम क नीच िकसी खिनत म तब क िसवाय परवश नह कर सकगा जब िक ऐसा करन क िलए वह परबनधक ारा अनजञात िकया गया हो अथवा इस अिधिनयम या िकसी अनय िविध क अधीन परािधकत हो ]

अधयाय 7

मजदरी सिहत छ ी 3[49 अधयाय का लाग होनाmdashइस अधयाय क उपबनध ऐस परवितत नह ह ग िक उनका िकसी ऐस अिधकार पर परितकल

परभाव पड़ िजसका िक खान म िनयोिजत कोई िक त िकसी अनय िविध क अधीन या िकसी अिधिनणरय करार या सवा-सिवदा क िनबनधन क अधीन हकदार हो

4[परनत यिद ऐसा अिधिनणरय करार या सवा-सिवदा इस अधयाय म उपबिनधत स दीघरतर मजदरी सिहत वािषक छ ी का उपबनध करती हो तो छ ी की वह मातरा िजसक िलए िनयोिजत िक त हकदार होगा ऐस अिधिनणरय करार या सवा-सिवदा क अनसार होगी िकनत छ ी ऐस िवषय की बाबत जो ऐस अिधिनणरय करार या सवा-सिवदा म उपबिनधत नह ह धारा 50 स लकर धारा 56 तक क (िजसम य दोन धाराए भी सिममिलत ह) उपबनध क अनसार िविनयिमत होगी ]

50 छ ी की पिरभाषाmdashसाप तािहक िवशराम-िदन अथवा उतसव क िलए या अनय ऐस ही अवसर क िलए अवकाश-िदन इस अधयाय क परयोजन क िलए छ ी क अनतगरत नह आत ह चाह व छ ी की कालाविध क दौरान ह या उसक ठीक पहल या ठीक पीछ ह

51 कलनडर वषर की पिरभाषाmdashइस अधयाय क परयोजन क िलए ldquoकलनडर वषरrdquo स िकसी वषर म जनवरी क परथम िदन स आरमभ होन वाली बारह मास की कालाविध अिभपरत होगी

52 मजदरी सिहत वािषक छ ीmdash(1) खान म िनयोिजत हर िक त को िजसन उसम एक कलनडर वषर की सवा परी कर ली हो पश चातवत कलनडर वषर क दौरान मजदरी सिहत छ ी अनजञात की जाएगी िजसकी गणनाmdash

(क) भिम क नीच िनयोिजत िक त की दशा म उसक ारा िकए गए काम क हर 5[पनदरह िदन] क िलए एक िदन की दर स की जाएगी तथा

1 1959 क अिधिनयम स० 62 की धारा 29 ारा (16-1-1960 स) उपधारा (4) क सथान पर परितसथािपत 2 1959 क अिधिनयम स० 62 की धारा 29 ारा (16-1-1960 स) अनतःसथािपत 3 1959 क अिधिनयम स० 62 की धारा 30 ारा (16-1-1960 स) धारा 49 स 56 तक क सथान पर परितसथािपत 4 1983 क अिधिनयम स० 42 की धारा 28 ारा (31-5-1984 स) परनतक क सथान पर परितसथािपत 5 1983 क अिधिनयम स० 42 की धारा 29 ारा (31-5-1984 स) ldquoसोलह िदनrdquo क सथान पर परितसथािपत

19

(ख) िकसी अनय दशा म उसक ारा िकए गए काम क हर बीस िदन क िलए एक िदन की दर स की जाएगी

(2) उपधारा (1) म िनिदष ट एक कलनडर वषर की सवाmdash

(क) खान म भिम क नीच िनयोिजत िक त की दशा म परी कर ली गई समझी जाएगी यिद कलनडर वषर क दौरान खान म उसकी हािजिरया एक सौ नबब स कम न ह तथा

(ख) िकसी अनय िक त की दशा म परी कर ली गई समझी जाएगी यिद कलनडर वषर क दौरान खान म उसकी हािजिरया दो सौ चालीस स कम न ह

सपष टीकरणmdashइस उपधारा क परयोजन क िलए यह ह िकmdash

(क) करार या सिवदा ारा या सथायी आदश क अधीन यथा अनजञय कामबदी क िदन को

(ख) स तरी कमरचारी की दशा म बारह सप ताह स अनिधक िकतन ही िदन की परसित छटटी को तथा

(ग) उस वषर स िजसम छ ी का उपभोग िकया जाए पवरवत वषर म उपािजत छ ी को

हािजरी की सगणना क परयोजन क िलए ऐस िदन समझा जाएगा िजनम कमरचारी न खान म काम िकया ह िकनत वह इन िदन क िलए छ ी उपािजत नह करगा

(3) िजस िक त की सवा जनवरी क परथम िदन को परारमभ न होकर अनयथा आरमभ होती ह वहmdash

(क) खान म भिम क नीच िनयोिजत िक त की दशा म तब जब िक वह कलनडर वषर क शष भाग क दौरान क कल िदन क आध स अनयन िदन म हािजर रहा हो तथा

(ख) िकसी अनय दशा म तब जब िक वह कलनडर वषर क शष भाग क दौरान क कल िदन क दो-ितहाई स अनयन िदन म हािजर रहा हो

पश चातवत कलनडर वषर म मजदरी सिहत छ ी उस दर स पान का हकदार होगा जो उपधारा (1) म िविनिदष ट ह

(4) िकसी िक त ारा न ली गई वह छ ी िजसका वह उपधारा (1) या उपधारा (2) क अधीन िकसी एक कलनडर वषर म हकदार हो उस छ ी म जोड़ दी जाएगी जो िक उ रवत कलनडर वषर क दौरान उस उपधारा क अधीन उस अनजञय हो

परनत उन छ ी क िदन की कल सखया जो ऐस िकसी िक त ारा सिचत की जा सकगी िकसी भी एक समय कल तीस िदन स अिधक न होगी

परनत यह और भी िक ऐसा वह िक त िजसन मजदरी सिहत छ ी क िलए आवदन िकया हो िकनत उस उपधारा (6) क अनसार ऐसी छ ी न दी गई हो िकसी सीमा क िबना अनपभक त छ ी क अगरनयन का हकदार होगा

(5) ऐसा कोई िक त उपधारा (1) उपधारा (2) और उपधारा (4) क अधीन उस समय अपन को अनजञय सारी छ ी या उसका कोई भाग लन क िलए खान क परबनधक स उस िदन स पदरह िदन स अनयन िदन पहल िलिखत आवदन कर सकगा िजस िदन वह अपनी छ ी आरमभ करना चाहता हो

परनत िकसी एक कलनडर वषर क दौरान तीन बार स अिधक छ ी न ली जा सकगी

(6) उपधारा (5) क उपबनध क अनसार ऐसी छ ी क िलए िकया गया आवदन तब क िसवाय नामजर नह िकया जाएगा जब िक छ ी अनद करन क िलए सशक त परािधकारी की यह राय हो िक पिरिसथित की आवशयकता क कारण छ ी नामजर की जानी चािहए ]

(7) यिद खान म िनयोिजत िक त अपनी मजदरी सिहत छ ी जो उस शष हो बीमारी की कालाविध क िलए लना चाहता हो तो चाह उसन छ ी क िलए आवदन उपधारा (5) म िविनिदष ट समय क अनदर न भी िकया हो तो भी उस वह छ ी अनद की जाएगी

(8) यिद खान का सवामी अिभकतार या परबनधक खान म िनयोिजत िक त क िनयोजन का पयरवसान उस िक त ारा अपनी वह कल छटटी ल ली जान क पवर कर द िजसका वह अपन िनयोजन क पयरवसान क िदन तक हकदार हो या यिद उस िक त न ऐसी छ ी क िलए आवदन िकया हो और ऐसी छ ी अनद न हई हो और वह िक त अपना िनयोजन छ ी लन स पवर छोड़ द तो खान का सवामी अिभकतार या परबनधक न ली गई छ ी क बार म धारा 53 क अधीन सदय रकम उस सद करगा और ऐसा सदाय वहा जहा िक

िक त क िनयोजन का पयरवसान सवामी अिभकतार या परबनधक ारा िकया जाए ऐस पयरवसान क पश चात क दसर कायर-िदवस क अवसान क पवर और जहा िक िक त अपना िनयोजन सवय छोड़ द वहा अगल वतन-िदवस को या उसक पवर िकया जाएगा

(9) खान म िनयोिजत िक त की अनपभक त छ ी उसक िनयोजन क पयरवसान क पवर िदए जान क िलए अपिकषत िकसी सचना की कालाविध की सगणना करन म िवचार म नह ली जाएगी

20

1[(10) जहा खान म िनयोिजत कोई िक त सवा स उनमोिचत या पदचयत िकया जाता ह अथवा वह अपना िनयोजन छोड़ता ह या अिधविषता पराप त करता ह अथवा सवा म रहत हए उसकी मतय हो जाती ह तो यथािसथित वह या उसक वािरस या उसका नाम-िनदिशती उपधारा (1) म िविनिदष ट दर स पिरकिलत उसको दय छ ी क सथान पर मजदरी पान का हकदार होगा यिदmdash

(क) भिम क नीच िकसी खान म िनयोिजत िक त की दशा म वह अपन िनयोजन की तारीख स लकर अपन उनमोचन या पदचयित की तारीख तक या िनयोजन छोड़न या अिधविषता या मतय की तारीख तक िदन की कल सखया क कम स कम आध िदन तक उपिसथित रहा ह और

(ख) िकसी अनय दशा म वह अपन िनयोजन की तारीख स लकर अपन उनमोचन या पदचयित या िनयोजन छोड़न या अिधविषता या मतय की तारीख तक िदन की कल सखया क कम स कम दो-ितहाई िदन तक उपिसथत रहा ह

और ऐसी मजदरी का सदाय खान क सवामी अिभकतार या परबनधक ारा धारा 53 म िविनिदष ट दर स जहा उस िक त को सवा स उनमोिचत या पदचयत कर िदया जाता ह अथवा वह िनयोजन छोड़ दता ह या अिधविषता पराप त कर लता ह वहा यथािसथित ऐस उनमोचन पदचयित िनयोजन छोड़न या अिधविषता क पश चात दसर कायर िदन की समािप त क पवर और जहा िनयोिजत िक त की सवा म रहत हए मतय हो जाती ह वहा उसकी मतय क दो मास की अविध क भीतर िकया जाएगा ]

सपष टीकरणmdash2[उपधारा (1) उपधारा (3) और उपधारा (10)] क परयोजन क िलए आध िदन या इसस अिधक की छ ी क िभन न को एक परा िदन माना जाएगा और आध िदन स कम वाला िभन न छोड़ िदया जाएगा

53 छ ी की कालाविध क दौरान मजदरीmdashउस छ ी क िलए जो खान म िनयोिजत िक त को धारा 52 क अधीन अनजञात हो उस सदाय ऐसी दर स िकया जाएगा जो उसकी छ ी क अ वितह पवरवत मास क उन िदन की बाबत िजनम वह िनयोिजत रहा हो कल पणरकािलक उपाजरन क उस दिनक औसत क बराबर हो जो उन उपाजरन म स िकसी अितकािलक मजदरी और बोनस को अपविजत करक िकनत उनम महगाई भ और नकद परितकर को िजसक अनतगरत खा ा और अनय वसत क िबना मलय िवतरण स परोदभावी ऐसा कोई परितकर (यिद कोई हो) िजसक हकदार खान म काम करन वाल िक त ततसमय ह आता ह सिममिलत करक आए

परनत यिद ऐस कोई औसत उपाजरन उपलबध न ह तो औसत की सगणना उसी मास क िलए वस ही िनयोिजत सब िक तय क कल पणरकािलक उपाजरन क दिनक औसत क आधार पर की जाएगी

54 कितपय दशा म अिगरम सदायmdashखान म िनयोिजत उस िक त को िजस चार स अनयन िदन की छ ी अनजञात की गई हो अनजञात छ ी की कालाविध क िलए शोधय मजदरी उसकी छ ी आरमभ होन स पहल द दी जाएगी

55 असद मजदरी की वसली का ढगmdashखान क सवामी अिभकतार या परबनधक ारा इस अधयाय क अधीन सद िकए जान क िलए अपिकषत िकनत उसक ारा असद कोई रकम मजदरी सदाय अिधिनयम 1936 (1936 का 4) क उपबनध क अधीन िवलिबत मजदरी क रप म वसलीय होगी

56 खान को छट की शिक तmdashजहा िक कनदरीय सरकार का यह समाधान हो जाए िक िकसी खान म िनयोिजत िक तय को लाग होन वाल छ ी क िनयम ऐसी परसिवधा का उपबनध करत ह जो उसकी राय म उन परसिवधा स कम अनकल नह ह िजनक िलए यह अधयाय उपबनध करता ह वहा वह उस खान को इस अधयाय क सब या िकनह उपबनध स छट िलिखत आदश ारा और ऐसी शत क अधयधीन जो उसम िविनिदष ट की जाए द सकगी ]

अधयाय 8

िविनयम िनयम और उपिविधया 57 िविनयम बनान की कनदरीय सरकार की शिक तmdashकनदरीय सरकार िनम निलिखत सब परयोजन या उनम स िकसी क िलए

ऐस िविनयम3 जो इस अिधिनयम स सगत हो शासकीय राजपतर म अिधसचना ारा बना सकगी अथारत mdash

(क) व अहरताए िविहत करना जो मखय िनरीकषक या िनरीकषक क रप म िनयिक त क िलए अपिकषत हो

(ख) इस अिधिनयम क अधीन खान क िनरीकषण क समबनध म मखय िनरीकषक और िनरीकषक क कतर और शिक तय को िविहत और िविनयिमत करना

(ग) खान क सवािमय अिभकतार और परबनधक क और उनक अधीन कायर करन वाल िक तय क कतर िविहत करना और खान क 4[अिभकतार और परबनधक और उनक अधीन कायर करन वाल िक तय की अहरताए (िजसक अनतगरत आय आती ह)] िविहत करना

1 1983 क अिधिनयम स० 42 की धारा 29 ारा (31-5-1984 स) अनतःसथािपत 2 1983 क अिधिनयम स० 42 की धारा 29 ारा (31-5-1984 स) ldquoउपधारा (1) और (3)rdquo क सथान पर परितसथािपत 3 कोयला खान िविनयम 1957 क िलए दिखए भारत का राजपतर (अगरजी) 1957 भाग 2 खणड 3 प 2569 और धातमय खान िविनयम 1961 क िलए दिखए भारत

का राजपतर 1961 भाग 2 अनभाग 3(i) प 360 4 1959 क अिधिनयम स० 62 की धारा 31 ारा (16-1-1960 स) ldquoपरबनधक की अहरताएrdquo शबद क सथान पर परितसथािपत

21

(घ) खान क परबनधक और उनक अधीन कायर करन वाल अनय िक तय को अपन कतर का पालन दकषतापवरक करन क िलए समथर बनान क िलए सिवधाए उपबिनधत की जान की अपकषा करना

(ङ) खान क परबनधक और उनक अधीन कायर करन वाल िक तय की अहरताए परीकषा ारा या अनयथा अिभिनिश चत करन की रीित को और सकषमता परमाणपतर क अनद और नवीकत िकए जान को िविनयिमत करना

(च) ऐसी परीकषा और ऐस परमाणपतर क अनदान तथा नवीकरण क बार म दी जान वाली फीस यिद कोई ह िनयत करना

(छ) उन पिरिसथितय को िजनम और उन शत को िजसक अधयधीन रहत हए एक स अिधक खान का एक ही परबनधक क अधीन रहना या िकसी खान या िकनह खान का िविहत अहरताए न रखन वाल परबनधक क अधीन रहना िविधपणर होगा अवधािरत करना

1[(ज) इस अिधिनयम क अधीन की जान वाली जाच क िलए िजनक अनतगरत इस अिधिनयम क अधीन परमाणपतर धारण करन वाल िकसी िक त क अवचार या अकषमता स सब कोई जाच आती ह उपबनध करना और ऐस िकसी परमाणपतर क िनलमबन और र िकए जान क िलए उपबनध करना और जहा भी आवशयक हो वहा यह उपबनध करना िक जाच करन क िलए िनयक त िकए गए िक त को सािकषय को हािजर करान और दसतावज और भौितक पदाथ को पश करान क परयोजन क िलए िसिवल परिकरया सिहता 1908 (1908 का 5) क अधीन की िसिवल नयायालय की सब शिक तया पराप त ह गी ]

(झ) भारतीय िवसफोटक अिधिनयम 1884 (1884 का 4) और तद धीन बनाए गए िकनह िनयम क उपबनध क अधयधीन रहत हए िवसफोटक का भडारकरण परवहण और उपयोग िविनयिमत करना

2[(ञ) 3 िस तरय का खान म या खान क िकसी वगर म या ऐस िविशष ट परकार क शरम म िजनम ऐस िक तय क जीवन कषम या सवासथय क िलए खतरा रहता ह िनयोजन परितिष िनबरिनधत या िविनयिमत करना और ऐस िक त

ारा एक बार म वहन िकए जा सकन वाल बोझ क भार को पिरसीिमत करना ]

(ट) खान म िनयोिजत िक तय क कषम उनम उनक परवश करन और वहा स उनक िनकलन क साधन क िलए और उन कपक या िनकास की सखया क िलए जो उपबध िकए जान ह और कपक गत िनकास पथया और अवतलन पर बाड़ लगाई जान क िलए उपबनध करना

(ठ) खान क सवामी स सदाय पान वाल और खान क सवामी या परबनधक क परित सीध उ रदायी िक तय स िभन न िकसी िक त का खान म परबनधक क रप म या िकसी अनय िविनिदष ट हिसयत म िनयोजन परितिष करना

4[(ड) सतमभ या खिनज खणड क सथान िनिश चत करन अनरकषण और िनकाल या छाट जान तथा एक खान और दसरी खान क बीच पयारप त रोध क अनरकषण सिहत खान म सड़क और काम क सथल की सरकषा क िलए उपबनध करना

(ढ) खान म खिनज और महबनद अिग न-कषतर का िनरीकषण और सागर क या िकसी सरोवर या नदी या िकसी अनय भप ीय जलरािश क चाह वह पराकितक हो चाह कितरम या िकसी लोक सड़क या िनमारण क समीप खिनत िवषयक िनबनधन और िकनह खिनत म पानी भर जान या आग लग जान या उनक समय-पवर ढह जान क िवर समयक पवारवधानी बरती जान की अपकषा करना ]

(ण) खान क सवातन का और धल अिग न और जवलनशील तथा अपायकर गस क िवषय म की जान वाली काररवाई का िजसक अनतगरत सवतःदहन भिम क नीच की अिग न और कोयल की धल क िवर पवारवधानी आती ह उपबनध करना

5[(त) खान म िव त क जनन भणडारकरण रपानतरण पारषण और उपयोग की भारतीय िव त अिधिनयम 1910 (1910 का 9) और तद धीन बनाए गए िकनह िनयम क उपबनध क अधयधीन रहत हए िविनयिमत करना और खान म क सब िव त उपकरण िव त तार और उनम की सब अनय मशीनरी और सयतर की दखभाल और उपयोग क िविनयमन क िलए उपबनध करना ]

(थ) 6[खान म मशीनरी का उपयोग िविनयिमत करना ऐसी मशीनरी पर या उसक आसपास और कषरण-माग पर िनयोिजत िक तय क कषम क िलए उपबनध करना] और भिम क नीच कछ वग क चिलतर का परयोग िनबरिनधत करना

(द) खान म उिचत परकाश क िलए उपबनध करना और उनम िनरापद और लमप का परयोग िविनयिमत करना और िजस खान म िनरापद लमप परयोग म लाए जात ह उसम परवश करन वाल िक तय की तलाशी लना

1 1959 क अिधिनयम स० 62 की धारा 31 ारा (16-1-1960 स) खड (ज) क सथान पर परितसथािपत 2 1959 क अिधिनयम स० 62 की धारा 31 ारा (16-1-1960 स) खड (ञ) क सथान पर परितसथािपत 3 1983 क अिधिनयम स० 42 की धारा 30 ारा (31-5-1984 स) ldquoकमार औरrdquo शबद का लोप िकया गया 4 1959 क अिधिनयम स० 62 की धारा 31 ारा (16-1-1960 स) खड (ड) और (ढ) क सथान पर परितसथािपत 5 1959 क अिधिनयम स० 62 की धारा 31 ारा (16-1-1960 स) खड (त) क सथान पर परितसथािपत 6 1983 क अिधिनयम स० 42 की धारा 30 ारा (31-5-1984 स) कितपय शबद क सथान पर परितसथािपत

22

(ध) खान म 1[जवलनशील गस या धल क] िवसफोटक या जवलन या पानी क फट िनकलन या सिचत होन क िवर और उनस उदभत खतर क िवर उपबनध करना और ऐसी पिरिसथितय म खिनज क िनकाल जान का परितषध िनबरनधन या िविनयमन करना िजनस यह समभा ता हो िक उसक पिरणामसवरप खान म 1[खिनत] समय-पवर ढह जाए या यह िक उसक पिरणामसवरप खान म 1[खिनत ] का ढह जाना या जल का फट िनकलना या जवलन घिटत होगा या गरतर हो जाएगा

(न) 2[धारा 23 की उपधारा (1) क खड (छ) क अधीन दघरटना क परकार िविहत करना और दघरटना और खतरनाक घटना की सचना का और खिनज उतपाद िनयोिजत िक तय तथा िविनयम ारा उपबिनधत अनय बात की सचना िरपोट और िववरिणय का खान क सवािमय अिभकतार और परबनधक ारा िदया जाना िविहत करना] और ऐसी सचना िववरिणय और िरपोट क पररप व िक त और परािधकारी िजनह व दी जानी ह व िविशि या जो उनम अनतिवष ट होनी ह और वह समय िजसक अनदर व िनविदन की जानी ह िविहत करना

3[(प) 4[खान क सवािमय अिभकतार और परबनधक स खान क िलए िनयत सीमाए रखन की अपकषा करना उनस ससक त रखाक और खडिचतर तथा सथलीय िटपपण जो उनक ारा रख जान ह िविहत करना] और वह रीित िजसस और व सथान िजनम ऐस रखाक खणडिचतर और सथलीय िटपपण अिभलख क परयोजन क िलए रख जान ह िविहत करना और उनकी परितय का मखय िनरीकषक को िनविदत िकया जाना और उनस यह अपकषा करना िक व नए सवकषण कर और नए रखाक बनाए और अननपालन की दशा म िकसी अनय अिभकरण क माधयम स सवकषण कराना और रखाक तयार कराना और उनक य की वसली उसी रीित स करना िजसस भ-राजसव की बकाया होती ह ]

(फ) 5[िसथित स परभावी ढग स िनपटन क परयोजन क िलए] खान म या उनक आसपास दघरटना या आकिसमक िवसफोट या जवलन क घिटत होन पर अपनाई जान वाली परिकरया िविनयिमत करना

(ब) खान क सवामी अिभकतार या परबनधक ारा धारा 16 क अधीन दी जान वाली सचना का पररप और उसम अनतिवष ट होन वाली िविशि या िविहत करना

(भ) वह सचना िविहत करना जो िकसी ऐस सथान पर जो भारतीय रल अिधिनयम 1890 (1890 का 9) क उपबनध क अधयधीन की िकसी रल क या 6[यथािसथित िकनह ऐसी लोक सड़क या अनय सकम क जो सरकार ारा या िकसी सथानीय परािधकारी ारा अनरिकषत ह ] 7[पतालीस मीटर] क अनदर का हो खनन सिकरयाए परारमभ करन या उस तक िवसतािरत करन क पवर खान क सवामी अिभकतार या परबनधक ारा दी जानी ह

(म) िकसी खान क बार म उस दशा म जबिक खिनत म काम बनद कर िदया गया हो सरकार या िकसी सथानीय परािधकारी या भारतीय रल अिधिनयम 1890 (1890 का 9) म यथापिरभािषत िकसी रल कमपनी म िनिहत समपि की कषित स सरकषा

8[(मम) खान क सवामी अिभकतार या परबनधक स यह अपकषा करना िक खान क बनद िकए जान क पवर सरकषा-सकमर सि िमत कर और अननपालन की दशा म ऐस सकमर िकसी अनय अिभकरण ारा िनषपािदत कराना और ऐस सवामी स उनक य की वसली उसी रीित स करना िजसस भ-राजसव की बकाया की होती ह ]

(य) िकसी खान या खान क भाग या िकसी खदान आनित कपक गतर या िनकास म चाह उसका कायरकरण हो रहा हो या नह या िकसी खतरनाक या परितिष कषतर अवतलन कषरण टराम लाइन या पथया पर जहा जनता क सरकषण क िलए बाड़ लगाना आवशयक हो बाड़ लगाई जान की अपकषा करना

(यय) कोई अनय बात जो िविहत की जानी ह या िविहत की जाए

58 िनयम बनान की कनदरीय सरकार की शिक तmdashकनदरीय सरकार िनिम निलिखत सब परयोजन या उनम स िकसी क िलए ऐस िनयम जो इस अिधिनयम स सगत ह शासकीय राजपतर म अिधसचना ारा बना सकगी अथारत --

9[(क) सिमित क सदसय की पदाविध और उनकी सवा की अनय शत का तथा िरिक तया भरन की रीित का उपबनध कराना और अपना कारबार चलान क िलए सिमित ारा अनसिरत की जान वाली परिकरया िविनयिमत करना

(ख) धारा 23 की उपधारा (3) म िनिदष ट रिजसटर का पररप िविहत करना

1 1959 क अिधिनयम स० 62 की धारा 31 ारा (16-1-1960 स) अनतःसथािपत 2 1959 क अिधिनयम स० 62 की धारा 31 ारा (16-1-1960 स) ldquoसचनाए िविहत करन क िलएrdquo क सथान पर परितसथािपत 3 1959 क अिधिनयम स० 62 की धारा 31 ारा (16-1-1960 स) खड (प) क सथान पर परितसथािपत 4 1983 क अिधिनयम स० 42 की धारा 30 ारा (31-5-1984 स) कितपय शबद क सथान पर परितसथािपत 5 1983 क अिधिनयम स० 42 की धारा 30 ारा (31-5-1984 स) अनतःसथािपत 6 1959 क अिधिनयम स० 62 की धारा 31 ारा (16-1-1960 स) कितपय शबद क सथान पर परितसथािपत 7 1983 क अिधिनयम स० 42 की धारा 30 ारा (31-5-1984 स) ldquoपचास गजrdquo क सथान पर परितसथािपत 8 1959 क अिधिनयम स० 62 की धारा 31 ारा (16-1-1960 स) अनतःसथािपत 9 1983 क अिधिनयम स० 42 की धारा 31 ारा (31-5-1984 स) खड (क) क सथान पर परितसथािपत

23

(ग) धारा 24 क अधीन जाच नयायालय की िनयिक त क िलए उपबनध करना ऐस नयायालय की परिकरया और शिक तया िविनयिमत करना ऐस नयायालय क सदसय को यातरा-भ का सदाय करना और सयक त खान क परबनधक सवामी या अिभकतार स उक त नयायलय क य की 1[िजनक अनतगरत जाच स ससक त कोई अनय य आत ह] 2[उसी रीित स जस भ-राजसव की बकाया वसल की जाती ह] वसली करना

2[(गग) खान म िनयोिजत िक तय की ओर स तकनीकी िवशषजञ ारा (जो परािसथित म ओवरमन स कम नह ह) खान क िनरीकषण क िलए उसक िलए दी जान वाली सिवधा क िलए वह आवित िजस पर और वह रीित िजसम ऐस िनरीकषण िकए जाएग और वह रीित िजसम ऐस िनरीकषण की िरपोटर दी जाएगी उपबनध करना ]

(घ) िजन खान म कोई ि या िनयोिजत ह या पवरवत बारह मास म िकसी िदन िनयोिजत रह ह उनम ऐसी िस तरय क छह वषर स कम आय वाल बालक क उपयोग क िलए आरिकषत िकए जान वाल समिचत कमर बनाए रखन की अपकषा करना और या तो साधारणतः या खान म िनयोिजत िस तरय की सखया क परित िविशष ट िनदश स ऐस कमर की सखया और सतरमान और उन सख-सिवधा की जो उनम उपबिनधत की जानी ह और उस पयरवकषण की जो उनम िकया जाना ह परकित और िवसतार िविहत करना

(ङ) खान म िनयोिजत परष क उपयोग क िलए फहारयक त स नान सथान और लॉकर ककष और िजन खान म ि या िनयोिजत ह उनम िस तरय क उपयोग क िलए वस ही पथक सथान और ककष गतरमख पर या उनक आसपास बनाए रख जान की अपकषा करना और या तो साधारणतः या खान म मामली तौर पर िनयोिजत परष और िस तरय की सखया क परित िविशष ट िनदश स ऐस सथान और ककष की सखयाए और सतरमान िविहत करना

(च) खान म सवचछता का जो सतरमान बनाए रखना ह उस खान म उपबिनधत िकए जान वाल शौचालय और मतरालय का आनपाितक मान िविहत करना और 3 पय जल क परदाय क िलए िकया जान वाला उपबनध

1[(चच) िचिकतसीय सािधतर और सख-सिवधा क परदाय और बनाए रख जान क िलए उपबनध करना और पराथिमक उपचार बकस और कपबोड की अनतवरसतए और सखयाए पराथिमक उपचार क काम म परिशकषण पराथिमक उपचार कमर क आकार और उपसकर और उनक भारसाधक कमरचािरवनद और कषितगरसत िक तय को िचिकतसालय या औषधालय को परवहण करन क िलए इतजाम िविहत करना

(चचच) उन व यिक तय को जो खान म पयरवकषण या परबन ध क पद स िभन न पद पर िनयोिजत ह या िनयोिजत िकए जान ह व यावहािरक िशकषण िदए जान या परिशिकषत िकए जान की अपकषा करना और ऐस िशकषण और परिशकषण क िलए स कीम िविहत करना]

(छ) खान म मादक पय या औषिधय को कबज म रखन को या उनक उपभोग को और म ता की हालत म िकसी िक त क उनम परवश या उपिसथित को परितिष करना

(ज) धारा 36 क अधीन अपिकषत सचना क पररप िविहत करना और यह अपकषा करना िक ऐसी सचनाए िविनिदष ट भाषा म भी लगाई जाए

(झ) उन िक तय को पिरभािषत करना िजनकी बाबत धारा 37 क परयोजन क िलए यह समझा जाएगा िक व पयरवकषण या परबनध क पद धारण िकए हए ह या िकसी गोपनीयता की हिसयत म िनयोिजत ह

(ञ) उन िक तय या िक तय क िकसी वगर का खान म िनयोजन परितिष करना िजनकी बाबत िकसी अिहत िचिकतसा- वसायी ारा यह परमािणत न िकया गया हो िक उनह न अपना पदरहवा वषर परा कर िलया ह और वह रीित और व पिरिसथितया िजनम ऐस परमाणपतर अनद और परितसहत िकए जा सकग िविहत करना

4

1[(टट) खान म िनयोिजत या िनयोजन चाहन वाल िक तय स यह अपकषा करना िक व अपन को िचिकतसीय परीकषा क िलए परसतत कर और खान म िकसी िक त का िनयोजन िकए जान का आतयितक परितषध या िकसी िविशष ट हिसयत म या िविशष ट काम म िकए जान का परितषध िचिकतसीय आधार पर करना ]

5[(ठ) धारा 48 ारा अपिकषत रिजसटर क पररप और अधयाय 7 क परयोजन क िलए रिजसटर रखा जाना और उनक पररप िविहत करना ]

(ड) इस अिधिनयम को और िविनयम और िनयम की सिकषिप तया और वह भाषा िजसम सिकषिप तया और उपिविधया धारा 61 और 62 म अपिकषत रप स लगाई जाएगी िविहत करना

1 1959 क अिधिनयम स० 62 की धारा 32 ारा (16-1-1960 स) अनतःसथािपत 2 1983 क अिधिनयम स० 42 की धारा 31 ारा (31-5-1984 स) अनतःसथािपत 3 1959 क अिधिनयम स० 62 की धारा 32 ारा (16-1-1960 स) कितपय शबद का लोप िकया गया 4 1983 क अिधिनयम स० 42 की धारा 31 ारा (31-5-1984 स) (ट) का लोप िकया गया 5 1959 क अिधिनयम स० 62 की धारा 32 ारा (16-1-1960 स) खड (ठ) क सथान पर परितसथािपत

24

(ढ) यह अपकषा करना िक िजन बात क िलए िनयम बनाए गए ह उनस सब सचनाए िववरिणया और िरपोट खान क सवामी अिभकतार और परबनधक द और ऐसी सचना िववरिणय और िरपोट क पररप व िक त और परािधकारी िजनह व दी जानी ह व िविशि या जो उनम अनतिवष ट होनी ह और व समय िजनक अनदर व िनविदत की जानी ह िविहत करना

(ण) िजन खान म 1 पचास स अिधक िक त मामली तौर पर िनयोिजत रहत ह उनम भोजन करन क िलए यथायोगय और उपयक त ऐस आशरय क िजनम पीन क पानी का उपबनध भी हो उपबिनधत िकए जान और बनाए रख जान की अपकषा करना

(त) मखय िनरीकषक या िनरीकषक ारा इस िनिम िविनिदष ट िकसी ऐसी खान म िजसम दो सौ पचास स अिधक िक त मामली तौर पर िनयोिजत रहत ह ऐस िक तय क उपयोग क िलए कोई कटीन या कटीन उपबिनधत की जान और

बनाए रखी जान की अपकषा करना

(थ) हर ऐसी खान म िजसम पाच सौ या अिधक िक त मामली तौर पर िनयोिजत रहत ह इतनी सखया म कलयाण आिफसर िनयोिजत िकए जान की अपकषा करना िजतनी िविनिदष ट की जाए और ऐस कलयाण आिफसर की अहरताए और सवा क िनबनधन और शत और उनक ारा पालनीय कतर िविहत करना

2[(द) िविनिदष ट खान या िविनिदष ट खान क समह क िलए या िकसी िविनिदष ट कषतर की सब खान क िलए बचाव सटशन की सथापना की जान की अपकषा करना और यह िविहत करना िक ऐस सटशन कस और िकसक ारा सथािपत िकए जाएग

(ध) बचाव सटशन क परबनध क िलए उपबनध करना

(धक) बचाव िबरगड का गठन करन वाल िक तय की शारीिरक योगयता क मानक और अनय अहरता क िलए उपबनध करना

(धख) बचाव िबरगड का गठन करन वाल िक तय का िनवास-सथान िविहत करना ]

(न) 3 बचाव सटशन की िसथित उपसकर िनयतरण अनरकषण और कतय िविहत करना 4[(प) खड (द) क अधीन िविनिदष ट खान म उतपािदत और वहा स परिषत कोक और कोयल पर (पच चीस पस परित

टन स अनिधक दर स) उतपाद-शलक क उद गहण और सगरहण क िलए ऐसी खान क िलए बचाव सटशन िनिध का सजन करन क िलए भारत की सिचत िनिध म जमा िकए गए ऐस उपकर क आगम म स उन धनरािशय क जो कनदरीय सरकार ससद

ारा िविध ारा इस िनिम समयक िविनयोग िकए जान क पश चात उपबिनधत कर ऐसी िनिध म जमा िकए जान क िलए उस रीित क िलए िजसम ऐसी िनिध म स धन का उपयोग िकया जाएगा और ऐसी िनिध क परशासन क िलए उपबनध करना

(फ) बचाव िबरगड़ क बनाव परिशकषण सरचना और कतर क िलए 5 और साधारणतः खान म बचाव कायर क सचालन क िलए उपबनध करना 6

7[(फफ) िविनिदष ट खान या िविनिदष ट खान क समह क िलए सरकषा सिमितय क गठन क िलए या सरकषा की अिभवि करन क िलए िकसी िविनिदष ट कषतर म सभी खान क िलए और ऐसी सरकषा सिमितय की सरचना उनक गठन और कतय की रीित अिधकिथत करन क िलए उपबनध करना तथा]

(ब) साधारणतः िकसी ऐस मामल क िलए उपबनध करना िजनक िलए इस अिधिनयम या िविनयम ारा उपबनध न िकया गया हो और िजसक िलए उपबनध इस अिधिनयम को परभावी करन क िलए अपिकषत हो

59 िविनयम और िनयम का पवर परकाशनmdash(1) धारा 57 और 58 ारा परद िविनयम और िनयम बनान की शिक त इस शतर क अधयधीन ह िक य िविनयम और िनयम पवर परकाशन क पश चात बनाए जाएग

(2) जो तारीख साधारण खड अिधिनयम 1897 (1897 का 10) की धारा 23 क खड (3) क अनसार उस तारीख क रप म िविनिदष ट की जानी ह िजसक पश चात िक बनाए जान क िलए परसथािपत िविनयम या िनयम क परारप पर िवचार िकया जाएगा वह उस तारीख स तीन मास स कम की होगी िजसको परसथािपत िविनयम या िनयम का परारप साधारण जानकारी क िलए परकािशत िकया जाए

1 1959 क अिधिनयम स० 62 की धारा 32 ारा (16-1-1960 स) ldquoएक सौ औरrdquo शबद का लोप िकया गया 2 1983 क अिधिनयम स० 42 की धारा 31 ारा (31-5-1984 स) खड (द) और (ध) क सथान पर परसथािपत 3 1983 क अिधिनयम स० 42 की धारा 31 ारा (31-5-1984 स) ldquoकनदरीयrdquo शबद का लोप िकया गया 4 1983 क अिधिनयम स० 42 की धारा 31 ारा (31-5-1984 स) खड (प) क सथान पर परितसथािपत 5 1983 क अिधिनयम स० 42 की धारा 31 ारा (31-5-1984 स) कितपय शबद का लोप िकया गया 6 1983 क अिधिनयम स० 42 की धारा 31 ारा (31-5-1984 स) ldquoऔरrdquo शबद का लोप िकया गया 7 1983 क अिधिनयम स० 42 की धारा 31 ारा (31-5-1984 स) अनतःसथािपत

25

1

2[(4) कोई भी िविनयम या िनयम तब तक नह बनाया जाएगा जब तक िक उस िविनयम या िनयम का परारप धारा 12 की उपधारा (1) क अधीन गिठत सिमित को िनदिशत न कर िदया गया हो और जब तक उस सिमित को उसक बनाए जान की समीचीनता और उसक उपबनध की उपयक तता की बाबत िरपोटर दन का यिक तयक त अवसर न िमल गया हो ]

(5) िविनयम और िनयम शासकीय राजपतर म परकािशत िकए जाएग और ऐस परकािशत िकए जान पर ऐस परभाव रखग मानो व इस अिधिनयम म अिधिनिमत ह

(6) उपधारा (1) उपधारा (2) और उपधारा (4) क उपबनध उस अवसर को लाग न ह ग िजस पर धारा 58 क खड (घ) या खड (ङ) म िनदिशत िनयम सवरपरथम बनाए जाए

3

60 पवर परकाशन क िबना िविनयम बनान की शिक तmdashयिद कनदरीय सरकार का समाधान हो जाए िक आशिकत खतर का िनवारण करन या खतरा पदा करन की सभा ता रखन वाली िसथितय का शीघर उपचार करन क िलए यह आवशयक ह िक ऐस िविनयम बनान म वह िवलमब न होन िदया जाए जो ऐस परकाशन और िनदशन स होगा तो धारा 57 4 क अधीन िविनयम धारा 59 की उपधारा (1) उपधारा (2) और उपधारा 5[(4)] म अनतिवष ट िकसी बात क होत हए भी पवर परकाशन और 6[धारा 12 की उपधारा (1) क अधीन गिठत सिमित] को 7 िनदशन क िबना बनाए जा सकग

परनत इस परकार बनाए गए िविनयम 8[सिमित की जानकारी क िलए भज जाएग और] बनाए जान स 9[एक वषर] स अिधक क िलए परव नह रहग

61 उपिविधयाmdash(1) खान का सवामी अिभकतार या परबनधक 10[उस खान म िकसी िवशष मशीनरी क उपयोग या कायरकरण की िकसी िवशष प ित को अपनाए जान क शािस त करन क िलए] इस अिधिनयम या िकनह ततसमय परव िविनयम या िनयम स असगत न होन वाली ऐसी उपिविधय का परारप जसी िक ऐसा सवामी अिभकतार या परबनधक उस खान म दघरटना का िनवारण करन क िलए और उसम िनयोिजत िक तय क कषम सिवधा और अनशासन हत उपबनध करन क िलए आवशयक समझ तयार कर सकगा और मखय िनरीकषक या िनरीकषक को िनविदत कर सकगा और यिद ऐसा करन की उसस अपकषा मखय िनरीकषक या िनरीकषक ारा की जाए तो तयार करगा और िनविदत करगा

(2) यिद ऐसा कोई सवामी अिभकतार या परबनधकmdash

(क) मखय िनरीकषक या िनरीकषक ारा ऐसा करन की उसस अपकषा की जान क पश चात दो मास क अनदर उपिविधय का परारप िनविदत करन म असफल रह अथवा

(ख) उपिविधय का ऐसा परारप िनविदत कर जो मखय िनरीकषक या िनरीकषक की राय म पयार न हो

तो मखय िनरीकषक या िनरीकषकmdash

(i) ऐसी उपिविधय का परारप परसथािपत कर सकगा जो उस पयार परतीत ह अथवा

(ii) सवामी अिभकतार या परबनधक ारा जो परारप उस िनविदत िकया गया हो उसम ऐस सशोधन परसथािपत कर सकगा िजनस उसकी राय म वह पयार हो जाएगा और ऐसी परारप-उपिविधया या परारप-सशोधन यथािसथित सवामी अिभकतार या परबनधक क पास िवचार क िलए भजगा

(3) यिद उस तारीख स िजसको कोई परारप-उपिविधया या परारप-सशोधन मखय िनरीकषक या िनरीकषक न सवामी अिभकतार या परबनधक क पास उपधारा (2) क उपबनध क अधीन भज ह दो मास की कालाविध क अनदर मखय िनरीकषक या िनरीकषक और सवामी अिभकतार या परबनधक उपधारा (1) क अधीन बनाई जान वाली उपिविधय क िनबनधन क िवषय म परसपर सहमत होन म

1 1959 क अिधिनयम स० 62 की धारा 33 ारा (16-1-1960 स) उपधारा (3) का लोप िकया गया 2 1983 क अिधिनयम स० 42 की धारा 32 ारा (31-5-1984 स) उपधारा (4) क सथान पर परितसथािपत 3 1983 क अिधिनयम स० 42 की धारा 32 ारा (31-5-1984 स) उपधारा (7) का लोप िकया गया 4 1959 क अिधिनयम स० 62 की धारा 34 ारा (16-1-1960 स) ldquoक खड (ठ) को अपविजत करत हए खड (झ) और खड (ट) स (ख) (ध)rdquo शबद को क और अकषर का

लोप िकया गया 5 1959 क अिधिनयम स० 62 की धारा 34 ारा (16-1-1960 स) ldquo(3)rdquo क सथान पर परितसथािपत 6 1983 क अिधिनयम स० 42 की धारा 33 ारा (31-5-1984 स) ldquoखनन बोड rdquo क सथान पर परितसथािपत 7 1959 क अिधिनयम स० 62 की धारा 34 ारा (16-1-1960 स) ldquoपवरrdquo शबद का लोप िकया गया 8 1983 क अिधिनयम स० 42 की धारा 33 ारा (31-5-1984 स) अनतःसथािपत 9 1959 क अिधिनयम स० 62 की धारा 34 ारा (16-1-1960 स) ldquoदो वषरrdquo क सथान पर परितसथािपत 10 1983 क अिधिनयम स० 42 की धारा 34 ारा (31-5-1984 स) कितपय शबद क सथान पर परितसथािपत

26

असमथर रह तो मखय िनरीकषक या िनरीकषक परारप-उपिविधय को पिरिनधाररण क िलए 1[धारा 12 की उपधारा (1) क अधीन गिठत सिमित को] िनदिशत करगा

(4) (क) जबिक ऐसी पररप-उपिविधय पर अिभकतार या परबनधक और मखय िनरीकषक सहमत हो गए ह या जबिक उनक सहमत होन म असमथर होन पर व 2[धारा 12 की उपधारा (1) क अधीन गिठत सिमित को] ारा पिरिनधारिरत कर दी गई ह तब मखय िनरीकषक या िनरीकषक ारा परारप-उपिविधय की एक परित कनदरीय सरकार को अनमोदनाथर भजी जाएगी

(ख) कनदरीय सरकार परारप-उपिविधय म ऐसा उपातरण कर सकगी जसा वह ठीक समझ

(ग) इसस पवर िक कनदरीय सरकार परारप-उपिविधय का अनमोदन चाह उपातर क सिहत या उनक िबना कर उपिविधया बनान की परसथापना की और उस सथान की जहा परारप-उपिविधय की परितया अिभपरा की जा सकगी और उस समय की (जो तीस िदन स कम का न होगा) इसक अनदर िक परभािवत िक तय क ारा या उनकी ओर स परारप-उपिविधय क परित िकया गया कोई आकषप कनदरीय सरकार को भजा जाना चािहए सचना ऐसी रीित स जसी कनदरीय सरकार परभािवत िक तय की जानकारी दन क िलए उपयक ततम समझ परकािशत की जाएगी

(घ) हर आकषप िलिखत होगा और उसमmdash

(i) आकषप क िविशष ट आधार तथा

(ii) चाह गए लोप पिरवधरन या उपानतर

किथत ह ग

(ङ) उन िक तय क ारा या उनकी ओर स िजनकी बाबत कनदरीय सरकार को यह परतीत हो िक व तद ारा परभािवत िक त ह अपिकषत समय क अनदर िकए गए आकषप पर वह सरकार िवचार करगी और उपिविधय पर या तो उस रप म िजसम व परकािशत की गई थ या उनम ऐस सशोधन करक िजनह वह ठीक समझ अनमोिदत कर सकगी

(5) कनदरीय सरकार ारा इस परकार अनमोिदत हो जान पर उपिविधया इस परकार परभावी ह गी मानो व इस अिधिनयम म अिधिनयिमत ह और खान का सवामी अिभकतार या परबनधक उन उपिविधय की एक परित अगरजी म और ऐसी अनय भाषा या भाषा म जसी िविहत की जाए खान म या उसक आसपास िकसी ऐस सहजदशय सथान पर लगवाएगा जहा व उपिविधया िनयोिजत

िक तय ारा सिवधापवरक पढ़ी या दखी जा सक और िजतनी बार व िवरिपत हो जाए िमट जाए या नष ट हो जाए उतनी बार यिक तयक त शीघरता क साथ उनह नए िसर स लगवाएगा

(6) कनदरीय सरकार इस परकार िनिमत िकसी उपिविध को िलिखत आदश ारा पणरतः या भागतः िवखिडत कर सकगी और तदपिर ऐसी उपिविध तदनसार परभावहीन हो जाएगी

3[61क िविनयम िनयम और उपिविधय का ससद क समकष रखा जानाmdashधारा 57 क अधीन बनाया गया परतयक िविनयम धारा 58 क अधीन बनाया गया परतयक िनयम और धारा 61 क अधीन बनाई गई परतयक उपिविध बनाई जान क पश चात यथाशीघर ससद क परतयक सदन क समकष जब वह सतर म हो कल तीस िदन की अविध क िलए रखा जाएगा या रखी जाएगी यह अविध एक सतरा म अथवा दो या अिधक आनकरिमक सतर म परी हो सकगी यिद उस सतर क या पव क त आनकरिमक सतर म अवसान क पवर दोन सदन उस िविनयम िनयम या उपिविध म कोई पिरवतरन करन क िलए सहमत हो जाए तो ततपश चात वह ऐस पिरवितत रप म ही परभावी होगा या होगी यिद उक त अवसान क पवर दोन सदन सहमत हो जाए िक वह िविनयम िनयम या उपिविध नह बनाया या बनायी जानी चािहए तो ततपश चात वह िनषपरभाव हो जाएगा या हो जाएगी िकनत यथािसथित िविनयम िनयम या उपिविधय क ऐस पिरवितत या िनषपरषभाव होन स उसक अधीन पहल की गई िकसी बात की िविधमानयता पर परितकल परभाव नह पड़गा ]

62 अिधिनयम िविनयम आिद की सिकषिप तया लगवानाmdashहर खान म या उसक आसपास अगरजी म और ऐसी अनय भाषा या भाषा म जो िविहत की जाए अिधिनयम की और िविनयम और िनयम की िविहत सिकषिप तया लगाई रखी जाएगी

अधयाय 9

शािसतया और परिकरया 63 बाधा डालनाmdash(1) जो कोई मखय िनरीकषक िनरीकषक या धारा 8 क अधीन परािधकत िकसी िक त क इस अिधिनयम क अधीन क उसक अपन कतर क िनवरहन म बाधा डालगा या मखय िनरीकषक िनरीकषक या ऐस िक त को िकसी खान क समबनध म इस अिधिनयम क ारा या अधीन परािधकत कोई परवश िनरीकषण परीकषा या जाच करन क िलए कोई यिक तयक त सिवधा दन स इनकार करगा या दन म जानबझकर उपकषा करगा वह कारावास स िजसकी अविध तीन मास तक की हो सकगी या जमारन स जो पाच सौ रपए तक का हो सकगा या दोन स दणडनीय होगा

1 1983 क अिधिनयम स० 42 की धारा 34 ारा (31-5-1984 स) कितपय शबद क सथान पर परितसथािपत 2 1983 क अिधिनयम स० 42 की धारा 34 ारा (31-5-1984 स) कितपय शबद क सथान पर परितसथािपत 3 1983 क अिधिनयम स० 42 की धारा 35 ारा (31-5-1984 स) अतःसथािपत

27

(2) जो कोई इस अिधिनयम क अनसरण म रख गए िकनह रिजसटर या अनय दसतावज को मखय िनरीकषक या िनरीकषक की माग पर पश करन स इनकार करगा अथवा िकसी ऐस िनरीकषण आिफसर क समकष जो इस अिधिनयम क अधीन क अपन कतर क अनसरण म कायर कर रहा ह उपसजात होन या उसक ारा परीकषा की जान स िकसी िक त को िनवािरत करगा या िनवािरत करन का परयत न करगा या कोई ऐसा कायर करगा िजसक बार म उसक पास यह िवश वास करन का कारण हो िक उसस उसका इस परकार िनवािरत होना सभा ह वह जमारन स जो तीन सौ रपए तक का हो सकगा दणडनीय होगा

64 अिभलख का िमथयाकरण आिदmdashजो कोईmdash

(क) इस अिधिनयम क अधीन अनद िकसी परमाणपतर का या परमाणपतर की िकसी कायारलय परित का कटकरण करगा या जानत हए उसम िमथया कथन करगा अथवा

(ख) जानत हए ऐस िकसी कटकतय या िमथया परमाणपतर को असली क रप म उपयोग म लाएगा अथवा

(ग) कोई िमथया घोषणा कथन या सा य यह जानत हए िक वह िमथया ह अपन िलए या िकसी अनय िक त क िलए इस अिधिनयम क अधीन परमाणपतर अिभपरा करन या परमाणपतर का नवीकरण करान या खान म िनयोजन अिभपरा करन क परयोजनाथर करगा या बनाएगा या पश करगा या उपयोग म लाएगा अथवा

1[(घ) िकसी ऐस रखाक खडिचतर रिजसटर या अिभलख का िमथयाकरण करगा िजसका रखा जाना इस अिधिनयम क ारा या अधीन अपिकषत हो या ऐसा िमथया रखाक खडिचतर रिजसटर या अिभलख उस िमथया जानत हए िकसी परािधकारी क

समकष पश करगा अथवा]

(ङ) कोई ऐसा रखाक िववरणी सचना अिभलख या िरपोटर बनाएगा दगा या पिरद करगा िजसम ऐसा कथन परिवि या बयौरा अनतिवष ट हो जो उसकी सव म जानकारी या िवश वास क अनसार सही न हो

वह कारावास स िजसकी अविध तीन मास तक की हो सकगी या जमारन स जो 2[एक हजार रपए] तक का हो सकगा या दोन स दणडनीय होगा

65 िमथया योगयता परमाणपतर का उपयोगmdashजो कोई 3[धारा 43] क अधीन अनय िक त को अनद िकसी परमाणपतर का उस धारा क अधीन अपन को योगयता-परमाणपतर क रप म जानत हए उपयोग करगा या उपयोग करन का परयत न करगा या उस धारा क अधीन अपन को योग यता-परमाणपतर अनद िकए जान पर जानत हए अनय िक त को उसका उपयोग करन दगा या उपयोग करन का परय करन दगा वह कारावास स िजसकी अविध एक मास तक की हो सकगी या जमारन स जो 4[दो सौ] रपए तक का हो सकगा या दोन स दणडनीय ोगा

िक तयक त कारण क िजस सािबत करन का भार उस पर होगा करगा जमारन स जो 6[एक हजार] रपए क का हो

ास स िजसकी विध तीन

ोिजत िकया जाता ह तो ऐसी खान का सवामी अिभकतार या परबनधक ऐस जमारन स जो पाच सौ रपए क का हो

ी अविध तीन मास तक की हो सकगी या जमारन स जो 10[दो हजार पाच सौ] रपए तक का हो सकगा या दोन स दणडनीय होगा

66 रखाक आिद दन का लोपmdashकोई िक त जो इस अिधिनयम क ारा या अधीन बनाए जान या िदए जान क िलए अपिकषत कोई रखाक 5[खडिचतर] िववरणी सचना रिजसटर अिभलख या िरपोटर िविहत पररप म या िविहत रीित स या िविहत समय पर या क भीतर बनान या दन का लोप िकए िबना यत सकगा दणडनीय होगा

67 शरिमक क िनयोजन िवषयक उपबनध का उललघनmdashजो कोई उसक िसवाय जसा िक धारा 38 ारा अनजञात ह इस अिधिनयम क या िकसी िविनयम िनयम या उपिविध क या तद धीन िकए गए िकसी आदश क िकसी ऐस उपबनध का उललघन करगा जो खान म या उसक आसपास िक तय क िनयोजन या उनकी उपिसथित को परितिष िनबरिनधत या िविनयिमत करता हो वह कारावअ मास तक की हो सकगी या जमारन स जो 7[एक हजार] रपए तक का हो सकगा या दोन स 8 दडनीय होगा

9[68 अठारह वषर स कम आय क िक तय क िनयोजन क िलए शािसतmdashयिद अठारह वषर स कम आय क िकसी िक त को धारा 40 क उललघन म िकसी खान म िनयत सकगा दणडनीय होगा ]

69 परबनधक िनयक त करन म असफलताmdashधारा 17 क उपबनध क उललघन म जो कोई परबनधक िनयक त करन म असफल रहगा वह कारावास स िजसक11

1 1959 क अिधिनयम स० 62 की धारा 35 ारा (16-1-1960 स) खड (घ) क सथान पर परितसथािपत 2 1959 क अिधिनयम स० 62 की धारा 35 ारा (16-1-1960 स) ldquoपाच सौ रपएrdquo क सथान पर परितसथािपत 3 1983 क अिधिनयम स० 42 की धारा 36 ारा (31-5-1984 स) ldquoधारा 40rdquo क सथान पर परितसथािपत 4 1959 क अिधिनयम स० 62 की धारा 36 ारा (16-1-1960 स) ldquoपचासrdquo क सथान पर परितसथािपत 5 1959 क अिधिनयम स० 62 की धारा 37 ारा (16-1-1960 स) अनतःसथािपत 6 1959 क अिधिनयम स० 62 की धारा 37 ारा (16-1-1960 स) ldquoदो सौrdquo क सथान पर परितसथािप 7 1959 क अिधिनयम स० 62 की धारा 38 ारा (16-1-1960 स) ldquoपाच सौrdquo क सथान पर परितसथािपत 8 1959 क अिधिनयम स० 62 की धारा 38 ारा (16-1-1960 स) कितपय शबद का लोप िकया गया 9 1983 क अिधिनयम स० 42 की धारा 37 ारा (31-5-1984 स) धारा 68 क सथान पर परितसथािपत 10 1959 क अिधिनयम स० 62 की धारा 39 ारा (16-1-1960 स) ldquoपाच सौrdquo क सथान पर परितसथािपत 11 1959 क अिधिनयम स० 62 की धारा 39 ारा (16-1-1960 स) कितपय शबद का लोप िकया गया

28

70 दघरटना की सचनाmdash(1) धारा 23 की उपधारा (1) क उपबनध क उललघन म जो कोई िकसी दघरटना की सचना दन म या उस सचना की परित उस उपधारा म िनिदष ट िवशष सचनाप पर लगान म और िविनिदष ट कालाविध क िलए वहा रखन म असफल रहगा वह कारावास स िजसकी अविध तीन मास तक की हो सकगी या जमारन स जो पाच सौ रपए तक का हो सकगा या दोन स दणनीय होगा

(2) कनदरीय सरकार ारा धारा 23 की उपधारा (3) क अधीन िदए गए िनदश क उललघन म जो कोई िकसी दघरटना को िविहत रिजसटर म अिभिलिखत करन म या उसकी सचना दन म असफल रहगा वह कारावास स िजसकी अविध तीन मास तक की हो सकगी या जमारन स तो पाच सौ रपए तक का हो सकगा या दोन स दणडनीय होगा

71 कितपय मामल म सवामी आिद का मखय िनरीकषक को िरपोटर दनाmdashजहा िक खान क यथािसथित सवामी अिभकतार या परबनधक न खान म या उसक आसपास िनयोिजत िकसी िक त क िवर कायरवाही इस अिधिनयम क अधीन क िकसी अपराध क बार म की हो वहा वह नयायालय क िनणरय या आदश की तारीख स इक कीस िदन क अनदर उसक पिरणाम की िरपोटर मखय िनरीकषक को दगा

72 खान म िनयोिजत िक तय की बाधयताmdashखान म िनयोिजत कोई भी िक तmdash

(क) खान म िनयोिजत िक तय का सवासथय कषम या कलयाण सिनिश चत करन क परयोजनाथर खान म उपबिनधत िकसी सािधतर सिवधा या अनय चीज म जानबझकर हसतकषप या उसका जानबझकर दरपयोग न करगा

(ख) जानबझकर और यिक तयक त कारण क िबना कोई ऐसी बात न करगा िजसस सवय उसक या अनय क सकटाप होन की सभा ता हो

(ग) खान म िनयोिजत िक तय का सवासथय या कषम सिनिश चत करन क परयोजनाथर उसम उपबिनधत िकसी सािधतर या अनय चीज को उपयोग म लान की जानबझकर उपकषा नह करगा

1[72क कछ िविनयम क उललघन क िलए िवशष उपबनधmdashजो कोई धारा 57 क खणड (घ) खणड (झ) खणड (ड) खणड (ढ) खणड (ण) खणड (त) खणड (द) खणड (ध) और खणड (प) म िविनिदष ट बात स सब िकसी िविनयम क या िकसी उपिविध क या तद धीन िकए गए िकसी आदश क िकसी उपबनध का उललघन करगा वह कारावास स िजसकी अविध छह मास तक की हो सकगी या जमारन स जो दो हजार रपए तक का हो सकगा या दोन स दणडनीय होगा

72ख धारा 22 क अधीन आदश क उललघन क िलए िवशष उपबनधmdashजो कोई धारा 22 की उपधारा (1क) उपधारा (2) या उपधारा (3) क अधीन 2[या धारा 22क की उपधारा (2) क अधीन] िनकाल गए आदश क उललघन म खान का कायरकरण चाल रखगा वह कारावास स िजसकी अविध दो वषर तक की हो सकगी दडनीय होगा और जमारन स भी जो पाच हजार रपए तक का हो सकगा दडनीय होगा

2[परनत नयायालय क िनणरय म लखब िकए जान वाल ततपरितकल िवशष और पयारप त कारण क अभाव म ऐसा जमारना खड (क) म िनिदष ट उललघन की दशा म तीन हजार रपए स कम नह होगा ]

72ग िविध क ऐस उललघन क िलए िजसक खतरनाक पिरणाम होत ह िवशष उपबनधmdash(1) जो कोई इस अिधिनयम क या िकसी िविनयम िनयम या उपिविध क या तद धीन िकए गए [धारा 22 की उपधारा (1क) या उपधारा (2) या उपधारा (3) 3[या धारा 22क की उपधारा (2)] क अधीन िकए गए आदश स िभ ] िकसी आदश क िकसी उपबनध का उललघन करगा वहmdash

(क) यिद ऐस उललघन क पिरणामसवरप जीवन की हािन हो तो कारावास स जो दो वषर तक का हो सकगा या जमारन स जो पाच हजार रपए तक का हो सकगा या दोन स दणडनीय होगा या

(ख) यिद ऐस उललघन क पिरणामसवरप गमभीर शारीिरक कषित हो तो कारावास स जो एक वषर तक का हो सकगा या जमारन स जो तीन हजार रपए तक का हो सकगा या दोन स दडनीय होगा अथवा

(ग) यिद ऐस उललघन स खान म िनयोिजत िक तय को या खान म या उसक आसपास क अनय िक तय को कषित या खतरा कािरत हो तो कारवास स जो तीन मास तक का हो सकगा या जमारन स जो एक हजार रपए तक का हो सकगा या दोन स दणडनीय होगा 6[परनत नयायालय क िनणरय म लखब िकए जान वाल ततपरितकल िवशष और पयारप त कारण क अभाव म ऐसा जमारना

खणड (क) म िनिदष ट उललघन की दशा म तीन हजार रपए स कम नह होगा ]

(2) जहा िक कोई िक त इस धारा क अधीन दोषिस िकए गए जान पर िफर उसक अधीन दोषिस िकया जाए वहा वह उपधारा (1) ारा उपबिनधत दड क दगन दड स दणडनीय होगा

1 1959 क अिधिनयम स० 62 की धारा 40 ारा (16-1-1960 स) धारा 73 तथा धारा 74 क सथान पर परितसथािपत 2 1983 क अिधिनयम स० 42 की धारा 38 ारा (31-5-1984 स) अतःसथािपत 3 1983 क अिधिनयम स० 42 की धारा 39 ारा (31-5-1984 स) अतःसथािपत

29

(3) इस धारा क अधीन पािरत जमारन का दडादश आरोिपत करन वाला अथवा अपील या पनरीकषण म या अनयथा उसकी पिष ट करन वाला नयायालय िनणरय पािरत करत समय आदश द सकगा िक वसल िकया गया सपणर जमारना या उसका कोई भाग कषितगरसत िक त को या उसकी मतय की दशा म उसक िविधक परितिनिध को परितकर क रप म िदया जाए

परनत यिद जमारना ऐस मामल म आरोिपत िकया जाए जो अपीलनीय हो तो अपील उपिसथत िकए जान क िलए अनजञात कालाविध क बीत जान क पहल या यिद अपील उपिसथत की गई हो तो अपील क िविनश चय स पहल ऐसा कोई भी सदाय नह िकया जाएगा

73 आदश की अवजञा क िलए साधारण उपबनधmdashजो कोई इस अिधिनयम क या िकसी िविनयम िनयम या उपिविध क या तद धीन िकए गए िकसी आदश क िकसी ऐस उपबनध का उललघन करगा िजसक उललघन क िलए एतिसमनपवर कोई शािसत उपबिनधत नह ह वह कारावास स िजसकी अविध तीन मास तक की हो सकगी या जमारन स जो एक हजार रपए तक का हो सकगा या दोन स दडनीय होगा

74 पवर दोषिसि क पश चात विधत शािसतmdashयिद कोई िक त जो (धारा 72ख और 72ग स िभ ) पवरगामी उपबनध म स िकसी क अधीन दडनीय िकसी अपराध का दोषिस िकया जा चका हो पवर दोषिसि क दो वषर क अनदर िकए गए और उसी उपबनध का उललघन अनतवरिलत करन वाल िकसी अपराध क िलए पनः दोषिस िकया जाए तो वह हर एक पश चात वत दोषिसि क िलए उस दड क दगन दणड स दणडनीय होगा िजसस वह ऐस उपबनध क परथम उललघन क िलए दडनीय होता ]

75 सवामी अिभकतार या परबनधक का अिभयोजनmdashइस अिधिनयम क अधीन क िकसी अपराध क िलए िकसी सवामी अिभकतार या परबनधक क िवर कोई भी अिभयोजन मखय िनरीकषक की या िजला मिजसटरट की या मखय िनरीकषक क िलिखत साधारण या िवशष आदश ारा इस िनिम परािधकत िनरीकषक की पररणा पर सिसथत िकए जान क िसवाय सिसथत नह िकया जाएगा

1[परनत मखय िनरीकषक या िजला मिजसटरट या इस परकार परािधकत िनरीकषक ऐसा अिभयोजन सिसथत करन स पवर अपना यह समाधान करगा िक सवामी अिभकतार या परबनधक ऐस अपराध क िकए जान को रोकन म सभी समयक ततपरता बरतन म असफल रहा था ]

2[परनत यह और िक] िकसी खान म तकनीकी िनदशन और परबनध क अनकरम म िकए गए िकसी अपराध क बार म िजला मिजसटरट िकसी सवामी अिभकतार या परबनधक क िवर कोई अिभयोजन मखय िनरीकषक क पवर अनमोदन स सिसथत करन क िसवाय सिसथत नह करगा

3[76 कितपय मामल म सवामी का अवधारणmdashजहा िक खान का सवामी कोई फमर या िष टय का अनय सगम हो वहा उसक सब भागीदार या सदसय या उनम स कोई अथवा जहा िक खान का सवामी कमपनी हो वहा उसक सब िनदशक या उनम स कोई अथवा जहा िक खान का सवामी सरकार या कोई सथानीय परािधकारी हो वहा यथािसथित ऐसी सरकार या सथानीय परािधकारी ारा खान क कामकाज का परबनध करन क िलए परािधकत सब आिफसर या िक त या उनम स कोई ऐस िकसी अपराध क िलए िजसक िलए खान का सवामी दडनीय हो इस अिधिनयम क अधीन अिभयोिजत और दिडत िकया जा सकगा

4[परनत जहा िकसी फमर सगम या कमपनी न मखय िनरीकषक को िलिखत रप म यह सचना द दी ह िक उसनmdash

(क) फमर की दशा म उसक िकसी भागीदार या परबनधक को

(ख) सगम की दशा म उसक िकसी सदसय या परबनधक को

(ग) कमपनी की दशा म उसक िकसी िनदशक या परबनधक को

जो परतयक मामल म िकसी ऐस सथान म िजस पर इस अिधिनयम का िवसतार ह िनवासी ह और जो परतयक मामल म या तो वासतव म ऐसी फमर सगम या कमपनी क परबनध का भारसाधक ह या उसम अिधकाश शयर धारण करता ह इस अिधिनयम क परयोजन क िलए खान क सवामी क उ रदाियतव को गरहण करन क िलए नामिनदिशत कर िदया ह वहा यथािसथित ऐसा भागीदार सदसय िनदशक या परबनधक जब तक वह ऐसा िनवासी बना रहता ह और पव क त रप म भारसाधक ह या अिधकाश शयर को धारण करता ह इस अिधिनयम क परयोजन क िलए खान का सवामी समझा जाएगा जब तक िक उसक नामिनदशन को र करन वाली या यह कथन करन वाली कोई िलिखत सचना की वह यथािसथित भागीदारी सदसय िनदशक या परबनधक नह रहा ह मखय िनरीकषक को पराप त नह हो जाती ह

सपष टीकरणmdashजहा िकसी फमर सगम या कमपनी क िविभन न सथापन या शाखाए ह अथवा उसक िकसी सथापन या शाखा म िविभन न एकक ह वहा िविभन न सथापन या शाखा या एकक क सबध म इस परनतक क अधीन िविभन न िक तय को नामिनदिशत िकया जा सकगा और इस परकार नामिनदिशत िक त कवल उस सथापन शाखा या एकक क समबनध म िजसक समबनध म उस नामिनदिशत िकया गया ह खान का सवामी समझा जाएगा ]

1 1983 क अिधिनयम स० 42 की धारा 40 ारा (31-5-1984 स) अतःसथािपत 2 1983 क अिधिनयम स० 42 की धारा 40 ारा (31-5-1984 स) ldquoपरनतrdquo क सथान पर परितसथािपत 3 1959 क अिधिनयम स० 62 की धारा 41 ारा (16-1-1960 स) धारा 76 क सथान पर परितसथािपत 4 1983 क अिधिनयम स० 42 की धारा 41 ारा (31-5-1984 स) ldquoपरनतकrdquo क सथान पर परितसथािपत

30

77 सवामी अिभकतार या परबनधक को दाियतव स कितपय दशा म छटmdashजहा िक खान का सवामी अिभकतार या परबनधक जो इस अिधिनयम क अधीन िकसी अपराध का अिभयक त हो यह अिभकथन कर िक वासतिवक अपराधी अनय िक त ह वहा वह अपन

ारा इस िनिम िकए गए पिरवाद पर 1[और वासतिवक अपराधी का जञात पता दन पर] और अिभयोजक को ऐसा करन क अपन आशय की तीन स अनयन पणर िदन की िलिखत सचना दन पर इस बात का हकदार होगा िक वह अनय िक त उस तारीख को जो मामल की सनवाई क िलए िनयत हो नयायालय क समकष लाया जाए और यिद अपराध का िकया जाना सािबत हो जान क पश चात खान का यथािसथित सवामी अिभकतार या परबनधक नयायालय को समाधान परदान करन वाल रप म सािबत कर द िकmdash

(क) इस अिधिनयम क ससगत उपबनध का िनषपादन करान क िलए उसन समयक ततपता बरती ह तथा (ख) उस अनय िक त न परश नगत अपराध को उसक जञान सममित या मौनानकलता क िबना िकया ह

तो उक त अनय िक त उस अपराध क िलए दोषिस िकया जाएगा और उसी परकार क दणड स ऐस दडनीय होगा मानो वह खान का सवामी अिभकतार या परबनधक हो और यथािसथित सवामी अिभकतार या परबनधक दोषमक त कर िदया जाएगा परनतmdash

(क) यथािसथित खान क सवामी अिभकतार या परबनधक की शपथ पर परीकषा की जा सकगी और उसक और िकसी अनय साकषी क िजस वह अपन समथरन म बलाए सा य की उस िक त क ारा या की ओर स िजसकी बाबत वह अिभकिथत करता हो िक वह वासतिवक अपराधी ह और अिभयोजक ारा परितपरीकषा की जा सकगी

(ख) यिद वह िक त िजसका वासतिवक अपराधी होना अिभकिथत हो उस तारीख को जो मामल की सनवाई क िलए िनयत हो नयायालय क समकष समयक ततपरता बरती जान पर भी न लाया जा सक तो नयायालय उसकी सनवाई समय-समय पर सथिगत कर दगा िकनत इस परकार िक ऐस सथगन की कल कालाविध तीन मास स अिधक न हो और यिद उक त कालाविध क अनत तक भी वह िक त िजसका वासतिवक अपराधी होना अिभकिथत हो नयायालय क समकष न लाया जा सक तो नयायालय यथािसथित सवामी अिभकतार या परबनधक क िवर मामल की सनवाई क िलए अगरसर होगा

78 नयायालय की आदश करन की शिक तmdash(1) जहा िक खान का सवमी अिभकतार या परबनधक इस अिधिनयम क अधीन दडनीय अपराध क िलए दोषिस िकया जाए वहा नयायालय उस कोई दड अिधिनण त करन क अितिरक त िलिखत आदश ारा उसस आदश म िविनिदष ट कालाविध क अनदर (िजस नयायालय इस िनिम िकए गए आवदन पर समय-समय पर िवसतािरत कर सकगा) ऐस उपाय करन की अपकषा कर सकगा जो उन बात का उपचार करन क िलए िजनक बार म अपराध िकया गया था ऐस िविनिदष ट िकए जाए (2) जहा िक उपधारा (1) क अधीन आदश िदया जाए वहा यथािसथित खान का सवामी अिभकतार या परबनधक उस कालाविध या िवसतािरत कालाविध क यिद कोई हो दौरान अपराध क चाल रहन क िवषय म इस अिधिनयम क अधीन दडनीय नह होगा िकनत यिद नयायालय क आदश का पणर अनपालन ऐसी कालाविध या िवसतािरत कालाविध क अवसान पर न हो गया हो तो यथािसथित सवामी अिभकतार या परबनधक क बार म यह समझा जाएगा िक उसन अितिरक त अपराध िकया ह और वह कारावास स िजसकी अविध छह मास तक की हो सकगी या जमारन स जो ऐस अवसान क पश चात हर एक ऐस िदन क िलए िजसम िक आदश का अनपालन न हआ हो एक सौ रपए तक का हो सकगा या दोन स दणडनीय होगा 79 अिभयोजन की पिरसीमाmdashकोई भी नयायालय इस अिधिनयम क अधीन िकसी अपराध का सजञान तब तक नह करगा जब तक िक उसका पिरवादmdash

(i) उस तारीख स िजसकी बाबत यह अिभकिथत हो िक अपराध उस तारीख को िकया गया छह मास क अनदर अथवा

(ii) उस तारीख स िजसको िक अिभकिथत अपराध का िकया जाना िनरीकषक क जञान म आया छह मास क अनदर अथवा

2[(iiक) िकसी ऐस मामल म िजसम अिभयक त लोक सवक ह या था और ततसमय परव िकसी िविध क अधीन अपराध का सजञान करन क िलए कनदरीय सरकार या राजय सरकार या िकसी अनय परािधकारी की पवर मजरी आवशयक ह उस तारीख क िजसको ऐसी मजरी मखय िनरीकषक को पराप त होती ह तीन मास क अनदर अथवा]

(iii) िकसी ऐस मामल म िजसम जाच नयायालय कनदरीय सरकार ारा धारा 24 क अधीन िनयक त िकया गया हो उस धारा की उपधारा (4) म िविनिदष ट िरपोटर क परकाशन की तारीख क पश चात 3[एक वषर] क अनदर

इनम स जो भी बाद म हो न िकया गया हो 4[सपष टीकरणmdashइस धारा क परयोजन क िलएmdash

1 1959 क अिधिनयम स० 62 की धारा 42 ारा (16-1-1960 स) अनतःसथािपत 2 1983 क अिधिनयम स० 42 की धारा 42 ारा (31-5-1984 स) अतःसथािपत 3 1983 क अिधिनयम स० 42 की धारा 42 ारा (31-5-1984 स) ldquoछह मासrdquo क सथान पर परितसथािपत 4 1959 क अिधिनयम स० 62 की धारा 43 ारा (16-1-1960 स) सप ीकरण जोड़ा गया

31

(क) चाल रहन वाल अपराध की दशा म पिरसीमा की सगणना उस समय क हर कषण क परित िनदश स की जाएगी िजसक दौरान अपराध चाल रह

(ख) जहा िक कोई कायर करन क िलए समय इस अिधिनयम क अधीन िवसतािरत िकया गया हो वहा पिरसीमा की सगणना उस िवसतािरत कालाविध क अवसान स की जाएगी ]

80 अपराध का सजञानmdash1[महानगर मिजसटरट या परथम वगर नयाियक मिजसटरट] क नयायालय स अवर कोई नयायालय इस अिधिनयम क अधीन िकसी ऐस अपराध का िजसकी बाबत यह अिभकिथत हो िक वह खान क सवामी अिभकतार या परबनधक ारा िकया गया ह या िकसी ऐस अपराध का जो इस अिधिनयम ारा कारावास स दडनीय बनाया गया ह िवचारण नह करगा

80क [जमारन क बार म िवशष उपबध ]mdashखान (सशोधन) अिधिनयम 1983 (1983 का 42) की धारा 44 ारा (31-5-1984 स) िनरिसत

81 कितपय मामल म अिभयोजन क बजाय खान बोडर या सिमित को िनदशmdash(1) यिद मखय िनरीकषक या िजला मिजसटरट या िकसी िनरीकषक की पररणा पर इस अिधिनयम क अधीन सिसथत िकसी मामल का िवचारण करन वाल नयायालय की यह राय हो िक यह मामला ऐसा ह जो अिभयोजन क बजाय 2 सिमित को िनदिशत िकया जाना चािहए तो वह दािडक कायरवािहय को रोक सकगा और इस दिष ट स िक ऐसा िनदशन िकया जाए उस िवषय की िरपोटर कनदरीय सरकार को भजगा

(2) उपधारा (1) क अधीन िरपोटर पराप त होन पर कनदरीय सरकार मामला 2 सिमित को िनदिशत कर सकगी या िवचारण म अगरसर होन क िलए नयायालय को िनदश द सकगी

अधयाय 10

परकीणर 82 इस परश न का िविनश चय िक कया खान इस अिधिनयम क अधीन हmdashयिद कोई परश न उठ िक कया 3[खान का और उसम

का या उसका पाश वरसथ कोई उतखान या खिनत या पिरसर िजस पर खिनज या कोक पराप त करन दरसी करन या िवकरय क िलए तयार करन की सहायक कोई परिकरया चलाई जा रही ह] इस अिधिनयम क अथर क अनदर खान ह तो कनदरीय सरकार उस परश न का िविनश चय कर सकगी और कनदरीय सरकार क सिचव ारा हसताकषिरत परमाणपतर इस परश न पर िनश चायक होगा

83 अिधिनयम क परवतरन स छट दन की शिक तmdash4[(1)] कनदरीय सरकार िकसी सथानीय कषतर या िकसी खान को या खान क िकसी समह या वगर को या खान क िकसी भाग को या िक तय क िकसी वगर को 5[इस अिधिनयम या उसक अधीन बनाए गए िविनयम िनयम या उपिविधय क सब उपबनध क या उनम स िकसी क] परवतरन स छट शासकीय राजपतर म अिधसचना ारा या तो अतयितकतः या िकनह िविनिदष ट शत क अधयधीन द सकगी

परनत िकसी सथनीय कषतर या खान या खान क समह या वगर को 6[धारा 40 और धारा 45] क उपबनध स छट तब तक नह दी जाएगी जब तक उस इस अिधिनयम क अनय सब उपबनध क परवतरन स भी छट न द दी जाए ]

7[(2) कनदरीय सरकार मखय िनरीकषक या िकसी अनय परािधकारी को साधारण या िवशष आदश ारा ऐस िनबरनधन क अधयधीन िजनह अिधरोिपत करना वह ठीक समझ परािधकत कर सकगी िक वह िकसी खान या उसक िकसी भाग को 8[िविनयम िनयम या उपिविधय ] क उपबन ध म स िकसी क परवतरन स िकनह िविनिदष ट शत क अधयधीन तब छट द द जब िक मखय िनरीकषक या ऐस अिधकारी की राय हो िक खान या उसक भाग म पिरिसथितया ऐसी ह िक उनक कारण ऐस उपबनध का अनपालन अनावशयक या अ वहायर हो जाता ह ]

84 आदश को पिरवितत या िवखिणडत करन की शिक तmdash9[(1)] कनदरीय सरकार इस अिधिनयम क अधीन िदया गया कोई आदश उलट सकगी या उपानतिरत कर सकगी

10[(2) मखय िनरीकषक लखब िकए जान वाल कारण स इस अिधिनयम क अधीन या िकसी िविनयम िनयम या उपिविध क अधीन अपन ारा पािरत िकसी आदश को उलट सकगा या उस उपातिरत कर सकगा

(3) खान क सवामी अिभकतार या परबनधक पर परितकल परभाव डालन वाला कोई आदश इस धारा क अधीन तब तक नह िकया जाएगा जब तक िक ऐस सवामी अिभकतार या परबनधक को अभयावदन करन का यिक तयक त अवसर न द िदया गया हो ]

1 1983 क अिधिनयम स० 42 की धारा 43 ारा (31-5-1984 स) ldquoपरसीडसी मिजसटरट या परथम वगर मिजसटरटrdquo क सथान पर परितसथािपत 2 1983 क अिधिनयम स० 42 की धारा 43 ारा (31-5-1984 स) ldquoखनन बोडरrdquo शब द का लोप िकया गया 3 1959 क अिधिनयम स० 62 की धारा 45 ारा (16-1-1960 स) अनतःसथािपत 4 1959 क अिधिनयम स० 62 की धारा 46 ारा (16-1-1960 स) उपधारा (1) क रप म पनःसखयािकत 5 1983 क अिधिनयम स० 42 की धारा 46 ारा (31-5-1984 स) ldquoइस अिधिनयम क सब उपबध क िकसी कrdquo क सथान पर परितसथािपत 6 1983 क अिधिनयम स० 42 की धारा 46 ारा (31-5-1984 स) ldquoधारा 45rdquo क सथान पर परितसथािपत 7 1959 क अिधिनयम स० 62 की धारा 46 ारा (16-1-1960 स) अनतःसथािपत 8 1983 क अिधिनयम स० 42 की धारा 46 ारा (31-5-1984 स) ldquoइस अिधिनयम क अतगरत िविनयम और िनयमrdquo क सथान पर परितसथािपत 9 1983 क अिधिनयम स० 42 की धारा 47 ारा (31-5-1984 स) धारा 84 उपधारा (1) क रप म पनःसखयािकत 10 1983 क अिधिनयम स० 42 की धारा 47 ारा (31-5-1984 स) अतःसथािपत

32

85 सरकार की खान को अिधिनयम का लाग होनाmdashयह अिधिनयम सरकार की खान को 1[भी] लाग होगा 2[85क सचना आिद दन क िलए अपिकषत िक त ऐसा करन क िलए वध रप स आब ह गmdashहर िक त जो िकसी

अिधकारी को कोई सचना या इि ला इस अिधिनयम क अधीन दन क िलए अपिकषत ह भारतीय दड सिहता (1860 का 45) की धारा 176 क अथर क अनदर ऐसा करन क िलए वध रप स आब होगा ]

3[85ख िववरिणय सचना आिद पर हसताकषर करनाmdashइस अिधिनयम या उसक अधीन बनाए गए िकसी िविनयम िनयम उपिविध या िकसी आदश क उपबनध क समबनध म िकसी खान क सवामी ारा या उसकी ओर स दी जान क िलए अपिकषत सभी िववरिणय और सचना पर या भजी जान वाली सचना पर खान क सवामी अिभकतार या परबधक ारा या िकसी ऐस िक त ारा िजस सवामी ारा मखतारनाम ारा इस िनिम शिक त परतयायोिजत की गई ह हसताकषर िकए जाएग

85ग सिवधा और जन सिवधा क िलए फीस या परभार का वसल न िकया जानाmdashखान म िनयोिजत िकसी िक त स सरकषातमक परबनध या दी जान वाली सिवधा या इस अिधिनयम क उपबनध क अधीन परदाय िकए जान वाल िकसी उपसकर या सािधतर की बाबत कोई फीस या परभार वसल नह िकया जाएगा ]

86 1948 क अिधिनयम 63 क कितपय उपबध का खान को लाग होनाmdashकनदरीय सरकार शासकीय राजपतर म अिधसचना ारा िनदश द सकगी िक कारखाना अिधिनयम 1948 (1948 का 63) क अधयाय 3 और 4 क उपबनध ऐस अपवाद और िनबरनधन क

अधयधीन रहत हए जस उस अिधसचना म िविनिदष ट िकए जाए सब खान और उनकी परसीमा को लाग ह ग

87 सद भावपवरक िकए गए कायर क िलए पिरतराणmdashकोई भी वाद अिभयोजन या अनय िविधक कायरवाही इस अिधिनयम क अधीन सद भावपवरक की गई या जान क िलए आशियत िकसी बात क िलए िकसी िक त क िवर न होगी

88 [1923 क अिधिनयम 4 का िनरसन]mdashिनरसन और सशोधन अिधिनयम 1957 (1957 का 36) की धारा 2 और पहली अनसची ारा िनरिसत

______

1 1959 क अिधिनयम स० 62 की धारा 47 ारा (16-1-1960 स) अनतःसथािपत 2 1959 क अिधिनयम स० 62 की धारा 48 ारा (16-1-1960 स) अनतःसथािपत 3 1983 क अिधिनयम स० 42 की धारा 48 ारा (31-5-1984 स) अतःसथािपत

Page 13: खान अधिनियम, 1952ncwapps.nic.in/acts/TheMinesAct1952_Hindi.pdf1 ज ल ई, 1952, द खए भ रत क र जपतर (अ गर 1952, ज ) भ ग 2,

13

1[(1क) जब कभी खान म या उसक आसपास कोई ऐसी दघरटना हो जाए िजसस िकसी िक त को िरपोटर की जान योगय कोई कषित कािरत हई हो तो खान का सवामी अिभकतार या परबनधक ऐसी दघरटना को एक रिजसटर म िविहत पररप म परिवष ट करगा और ऐसी परिविष टय की परितया ितमाही म एक बार मखय िनरीकषक को दी जाएगी ]

(2) जहा िक उपधारा (1) क अधीन दी गई सचना ऐसी दघरटना क बार म हो िजसस जीवन की हािन कािरत हई हो वहा वह परािधकारी घटना की जाच सचना की परािप त क दो मास क अनदर करगा और यिद परािधकारी िनरीकषक न हो तो वह िनरीकषक स उक त कालाविध क अनदर जाच कराएगा

2[(3) कनदरीय सरकार राजपतर म अिधसचना ारा िनदश द सकगी िक उपधारा (1) और उपधारा (1क) म िविनिदष ट दघरटना स िभन न िजन दघरटना म ऐसी शारीिरक कषित कािरत होती ह िजसस िक कषितगरसत िक त की काम स चौबीस घट स अिधक की अविध की मजदरी क कारण अनपिसथित हो जाती ह तो व दघरटनाए िविहत पररप म एक रिजसटर म परिवष ट की जाएगी या यथािसथित उपधारा (1) या उपधारा (1क) क उपबनध क अधयधीन रहगी ]

(4) उपधारा (3) म िनिदष ट रिजसटर म की परिविष टय की एक परित खान क सवामी अिभकतार या परबनधक ारा 3[उस वषर स िजसस व परिविष टया समब ह अगल वषर म जनवरी क 20व िदन या ततपवर] मखय िनरीकषक को भजी जाएगी

3[(5) जब कभी खान म या उसक आसपास कोई ऐसी दघरटना हो जाए िजसस िकसी िक त क जीवन को हािन या उसको गभीर शारीिरक कषित कािरत हई हो तो उस मखय िनरीकषक या िनरीकषक क िजसको धारा 23 की उपधारा (1) क अधीन दघरटना की सचना का िदया जाना अपिकषत ह आगमन क पवर या उसकी सम मित क िबना दघरटना सथल की उलट-पलट या उसम कोई पिरवतरन नह िकया जाएगा जब तक िक ऐसी उलट-पलट या पिरवतरन आग िकसी दघरटना को रोकन क िलए मतक क शव को हटान क िलए या िकसी िक त की सकट स रकषा करन क िलए आवशयक न हो अथवा जब तक िक दघरटना सथल पर काम क बनद िकए जान स खान क कायरकरण म गमभीर अड़चन न पड़

परनत जहा मखय िनरीकषक या उक त िनरीकषक दघरटना क समय स बह र घट क भीतर दघरटना का सथल िनरीकषण करन म असफल रहता ह वहा दघरटना सथल पर काम पनः आरमभ िकया जा सकगा ]

24 दघरटना क मामल म जाच-नयायालय िनयक त करन की सरकार की शिक तmdash4[(1) जब िक खान म या उसक आसपास धारा 23 की उपधारा (1) क खड म स िकसी म िनिदष ट परकित की कोई दघरटना हो जाए तब कनदरीय सरकार यिद उसकी यह राय हो िक दघरटना क कारण की और पिरिसथितय की पररिपक जाच होनी चािहए ऐसी जाच करन क िलए कोई सकषम िक त िनयक त कर सकगी और जाच करन म अससर क रप म कायर करन क िलए िविध का या कोई िवशष जञान रखन वाल एक या अिधक िक तय को भी िनयक त कर सकगी ]

(2) ऐसी िकसी जाच करन क िलए िनयक त िक त को सािकषय को हािजर करान और दसतावज और भौितक पदाथ 5 को पश करन क िलए िववश करन क परयोजन क िलए िसिवल परिकरया सिहता 1908 (1908 का 5) क अधीन की िसिवल नयायालय की सब शिक तया पराप त ह गी

(3) इस धारा क अधीन जाच करन वाला कोई िक त इस अिधिनयम क अधीन की िनरीकषक की ऐसी शिक तय का परयोग कर सकगा िजसका परयोग करना वह जाच क परयोजन क िलए आवश यक या समीचीन समझ

(4) इस धारा क अधीन जाच करन वाला िक त दघरटना क कारण और उसकी पिरिसथितय को किथत करन वाली िरपोटर िकनह ऐसी समिक तय को जोड़कर िजनह िक वह या अससर म स कोई िलखना आवशयक समझ कनदरीय सरकार को दगा

25 कछ रोग की सचनाmdash(1) जहा िक खान म िनयोिजत िकसी िक त को कोई 6ऐसा रोग लग जाए जो कनदरीय सरकार ारा शासकीय राजपतर म खनन सिकरया स ससक त रोग क रप म अिधसिचत िकया गया हो वहा खान का यथािसथित सवामी

अिभकतार या परबनधक उसकी सचना मखय िनरीकषक को और ऐस अनय परािधकािरय को ऐस पररप म और ऐस समय क अनदर भजगा जस िविहत िकए जाए

(2) यिद कोई िचिकतसा- वसायी िकसी ऐस िक त की दखभाल कर जो िकसी खान म िनयोिजत हो या रहा हो और जो उपधारा (1) क अधीन अिधसिचत िकसी रोग स पीिड़त हो या िजसक बार म िचिकतसा- वसायी को िवश वास हो िक वह ऐस रोग स पीिड़त ह तो िचिकतसा- वसायीmdash

(क) रोगी का नाम और पता

1 1983 क अिधिनयम स० 42 की धारा 17 ारा (31-5-1984 स) अनतःसथािपत 2 1983 क अिधिनयम स० 42 की धारा 17 ारा (31-5-1984 स) उपधारा (3) क सथान पर परितसथािपत 3 1959 क अिधिनयम स० 62 की धारा 12 ारा (16-1-1960 स) कितपय शबद क सथान पर परितसथािपत 4 1959 क अिधिनयम स० 62 की धारा 13 ारा (16-1-1960 स) उपधारा (1) क सथान पर परितसथािपत 5 1959 क अिधिनयम स० 62 की धारा 13 ारा (16-1-1960 स) कितपय शबद का लोप िकया गया 6 िसलकोिसस और नयमोकोिनओिसस िजनह ऐस रोग घोिषत िकया गया ह दिखए भारत का राजपतर (अगरजी) भाग 2 खण ड 3 प 1153 म परकािशत अिधसचना स० 1

का०िन०आ० 1306 तारीख 21 जलाई 1952 और मगनीज िवषाकतीकरण-तितरका परकार का िजस ऐसा रोग घोिषत िकया गया ह दिखए भारत का राजपतर (अगजी) 1956 भाग 2 खणड 3 प 2195 म परकािशत अिधसचना स० का०िन०आ० 3109 तारीख 18 िदसमबर 1956

14

(ख) वह रोग िजसस रोगी पीिड़त हो या िजसस उसक पीिड़त होन का िवश वास हो तथा

(ग) उस खान का नाम और पता िजसम रोगी िनयोिजत हो या अिनतम बार िनयोिजत था

किथत करन वाली िलिखत िरपोटर मखय िनरीकषक को अिवलमब भजगा

(3) जहा िक उपधारा (2) क अधीन की िरपोटर की यह पिष ट परमाणकतार सजरन क परमाणपतर स या अनयथा मखय िनरीकषक को समाधानपरद रप म हो जाए िक वह िक त उपधारा (1) क अधीन अिधसिचत रोग स पीिड़त ह वहा मखय िनरीकषक िचिकतसा-

वसायी को उतनी फीस दगा िजतनी िविहत की जाए और ऐस सद फीस उस खान क सवामी अिभकतार या परबनधक स िजसम उस िक त को रोग लगा हो भ-राजसव क बकाया क रप म वसलीय होगी

(4) यिद कोई िचिकतसा- वसायी उपधारा (2) क उपबनध का अनपालन करन म असफल रहगा तो वह जमारन स जो पचास रपए तक का हो सकगा दणडनीय होगा

26 रोग क कारण क अनवषण का िनदश दन की शिक तmdash(1) कनदरीय सरकार यिद वह ऐसा करना समीचीन समझ तो िकसी ऐस मामल की जाच करन क िलए तथा उस पर िरपोटर दन को कोई सकषम िक त िनयक त कर सकगी िजसम धारा 25 की उपधारा (1) क अधीन अिधसिचत कोई रोग खान म लगा हो या िजसक बार म सदह िकया जाता हो िक वह खान म लगा ह और ऐसी जाच म अससर क रप म कायर करन क िलए िविध का जञान या िवशष जञान रखन वाल एक या अिधक िक तय को भी िनयक त कर सकगी

(2) धारा 24 की उपधारा (2) और (3) क उपबध इस धारा क अधीन की जाच को उसी रीित स लाग ह ग जस व उस धारा क अधीन की िकसी जाच को लाग होत ह

27 िरपोट का परकाशनmdashऐस समय पर और ऐसी रीित स जो वह ठीक समझ कनदरीय सरकार सिमित ारा 1[धारा 12] क अधीन भजी गई िकसी िरपोटर को या अपन को धारा 26 क अधीन भजी गई िकसी िरपोटर या िकसी िरपोटर क उ रण को परकािशत करा सकगी और धारा 24 क अधीन िकसी जाच नयायालय ारा भजी गई हर िरपोटर को परकािशत कराएगी

अधयाय 6

िनयोजन क घट और उस पर िनबरधन

28 साप तािहक िवशराम-िदनmdashिकसी भी िक त को खान म िकसी एक सप ताह म छह िदन स अिधक काम नह करन िदया जाएगा

29 परितकरातमक िवशराम-िदनmdash(1) जहा िक धारा 38 क अधीन कायरवाही क अनसरण म अथवा िकसी खान को या उसम िनयोिजत िक तय को धारा 28 क उपबनध स छट िदए जान क फलसवरप कोई िक त जो उस खान म िनयोिजत हो उन साप तािहक िवशराम-िदन म स िकसी स िजनक िलए धारा 28 म उपबनध िकया गया ह विचत िकया जाए वहा उस उसी मास क अनदर िजसम उस ऐस िवशराम-िदन दय थ या उस मास क अ विहत पश चात क दो मास क अनदर उन िवशराम-िदन की समान सखया म िजनस वह इस परकार विचत िकया गया हो परितकरातमक िवशराम-िदन िदए जाएग

(2) कनदरीय सरकार वह रीित िविहत कर सकगी िजसस व िवशराम-िदन िजनक िलए उपधारा (1) म उपबनध िकया गया ह िदए जाएग

30 भिम क ऊपर क काम क घणटmdash(1) िकसी सप ताह म अड़तालीस घणट स अिधक या िकसी िदन म नौ घणट स अिधक काम भिम क ऊपर िनयोिजत िकसी भी वयसथ स न तो अपिकषत िकया जाएगा और न उस करन िदया जाएगा

2[परनत मखय िनरीकषक क पवर अनमोदन क अधयधीन रहत हए इस उपधारा म िविनिदष ट दिनक अिधकतम घणट को पािरय म तबदीली सकर बनान क िलए बढ़ाया जा सकगा ]

(2) िकसी ऐस वयसथ क काम की कालाविधया इस परकार विसथत की जाएगी िक उसक िवशराम अनतराल सिहत व िकसी भी िदन बारह घणट स अिधक िवसतत न ह और वह कम स कम आध घणट का िवशराम अनतराल क चकन क पवर िनरनतर पाच घणट स अिधक काम न कर

3[परनत मखय िनरीकषक ऐस कारण स जो लखन ारा अिभिलिखत िकए जाएग इस िवसतित का िकसी िदन अिधकतम चौदह घणट की कालाविध तक का होना ऐसी शत क अधयधीन जसी वह अिधरोिपत करना ठीक समझ अनजञात कर सकगा ]

4[(3) दो या अिधक पािरय क िक तय को एक ही समय भिम क ऊपर एक ही परकार का काम नह करन िदया जाएगा

1 1983 क अिधिनयम स० 42 की धारा 18 ारा (31-5-1984 स) ldquoधारा 13rdquo शबद और अक क सथान पर परितसथािपत 2 1959 क अिधिनयम स० 62 की धारा 14 ारा (16-1-1960 स) परनतक जोड़ा गया 3 1959 क अिधिनयम स० 62 की धारा 14 ारा (16-1-1960 स) परनतक क सथान पर परितसथािपत 4 1959 क अिधिनयम स० 62 की धारा 14 ारा (16-1-1960 स) उपधारा (3) क सथान पर परितसथािपत

15

परनत इस उपधारा क परयोजन क िलए िक तय क बार म कवल इस तथय क कारण िक उनक िवशराम अनतराल उनह िभन न समय पर िमलत ह यह न समझा जाएगा िक व िविभन न पािरय क ह ]

1[31 भिम क नीच क काम क घटmdash(1) खान म भिम क नीच िनयोिजत िकसी भी वयसथ को िकसी सप ताह म अड़तालीस घणट स अिधक या िकसी िदन म आठ घणट स अिधक काम नह करन िदया जाएगा

परनत मखय िनरीकषक क पवर अनमोदन क अधयधीन रहत हए इस उपधारा म िविनिदष ट दिनक अिधकतम घणट को पािरय म तबदीली सकर बनान क िलए बढ़ाया जा सकगा

(2) खान म भिम क नीच कोई भी काम ऐस विसथत पारी-प ित स चलान क िसवाय न चलाया जाएगा िक हर एक पारी म काम की कालाविध उपधारा (1) म बताए गए दिनक अिधकतम घट स अिधक िवसतत न हो

(3) खान म िनयोिजत िकसी िक त को भिम क नीच क खान क िकसी भाग म काम की उन कालाविधय क दौरान उपिसथत रहन दन क िसवाय उपिसथत न रहन िदया जाएगा जो धारा 48 की उपधारा (4) क अधीन रख जान वाल रिजसटर म उसक बार म दिशत ह ]

2[32 राितर की पारीmdashजहा िक खान म िनयोिजत िक त ऐसी पारी म काम कर िजसका िवसतार मधयराितर क पश चात तक हो वहाmdash

(क) धारा 28 और धारा 29 क परयोजन क िलए उसक मामल म साप तािहक िवशराम-िदन स उसकी पारी क अनत होन पर आरमभ होन वाली िनरनतर 24 घणट की कालाविध अिभपरत होगी

(ख) उसकी पारी का अनत होन पर आरमभ होन वाली चौबीस घणट की कालाविध उसक िलए अगला िदन समझी जाएगी और मधयराितर क पश चात िजतन घणट उसन काम िकया हो व पवरवत िदन म िगन जाएग ]

33 अितकाल क िलए अितिरक त मजदरीmdash3[(1) जहा िक खान म कोई िक त भिम क ऊपर िकसी िदन नौ घणट स अिधक या भिम क नीच िकसी िदन आठ घणट स अिधक काम कर या चाह भिम क ऊपर या नीच िकसी सप ताह म अड़तालीस घणट स अिधक काम कर वहा ऐस अितकािलक काम क िलए वह अपनी मजदरी की मामली दर स दगनी दर पर मजदरी पान का हकदार होगा और अितकािलक काम की कालाविध की गणना दिनक या साप तािहक आधार पर जो भी उसक िलए अिधक अनकल हो की जाएगी ]

4[(2) जहा खान म िनयोिजत िकसी िक त को मातरानपाती दर स सदाय िकया जाना हो वहा कालानपाती दर को उन िदन क िजनको उसक उस सप ताह क िजसम अितकाल काम िकया गया ह ठीक पवरवत सप ताह क दौरान वासतव म काम िकया था िकसी अितकाल को छोड़कर उसक पणरकािलक उपाजरन क दिनक औसत क बराबर माना जाएगा और ऐसी कालानपाती दर ऐस िक त की मजदरी की मामली दर मानी जाएगी

परनत यिद ऐस िक त न पवरवत सप ताह म उसी या समान काम पर कायर नह िकया ह तो कालानपाती दर अितकाल को छोड़कर उन िदन की िजनको उसन उसी सप ताह म काम िकया ह औसत या िकसी पवरवत सप ताह म उसक उपाजरन की दिनक औसत इनम स जो भी उच चतर हो उस पर आधािरत होगी

सपष टीकरणmdashइस धारा क परयोजन क िलए ldquoमजदरी की मामली दरrdquo का वही अथर होगा जो उसका धारा 9क की उपधारा (3) क सपष टीकरण म ह ]

(4) इस धारा क उपबनध का अनपालन सिनिश चत करन क परयोजन क िलए कनदरीय सरकार खान म रख जान वाल रिजसटर िविहत कर सकगी

5[34 कितपय िक तय क िनयोजन का परितषधmdashकोई भी िक त जो पवरवत बारह घनट क अनदर िकसी अनय खान म पहल ही काम करता रहा हो खान म काम करन क िलए न तो अपिकषत िकया जाएगा न उस खान म काम करन िदया जाएगा ]

6[35 अितकािलक काम सिहत दिनक काम क घट का िनबरनधनmdashधारा 39 क खणड (क) और खणड (ङ) म आन वाल मामल म क िसवाय िकसी भी िदन अितकाल सिहत दस घट स अिधक खान म काम न तो खान म िनयोिजत िकसी भी िक त स अपिकषत िकया जाएगा न उस करन िदया जाएगा ]

36 काम क घट क िवषय म सचनाएmdash(1) हर खान का परबनधक खान म काम क परारमभ और बनद होन का समय और यिद टोली प ित ारा काम परसथािपत हो तो हर एक टोली क काम क परारमभ और बनद होन का समय किथत करन वाली सचना िविहत पररप म खान क कायारलय क बाहर लगवाएगा

1 1959 क अिधिनयम स० 62 की धारा 15 ारा (16-1-1960 स) धारा 31 क सथान पर परितसथािपत 2 1959 क अिधिनयम स० 62 की धारा 16 ारा (16-1-1960 स) धारा 32 क सथान पर परितसथािपत 3 1959 क अिधिनयम स० 62 की धारा 17 ारा (16-1-1960 स) उपधारा (1) क सथान पर परितसथािपत 4 1983 क अिधिनयम स० 42 की धारा 19 ारा (31-5-1984 स) उपधारा (2) और (3) क सथान पर परितसथािपत 5 1959 क अिधिनयम स० 62 की धारा 18 ारा (16-1-1960 स) धारा 34 क सथान पर परितसथािपत 6 1959 क अिधिनयम स० 62 की धारा 19 ारा (16-1-1960 स) धारा 35 क सथान पर परितसथािपत

16

(2) उस खान की दशा म िजसम खनन सिकरयाए इस अिधिनयम क परारमभ क पश चात परारभ ह उपधारा (1) म िनिदष ट सचना काम क परारमभ होन क कम स कम सात िदन पवर लगाई जाएगी

(3) उपधारा (1) म िनिदष ट सचना म भिम क ऊपर िनयोिजत िक तय क काम क परारमभ का समय और िवशराम अनतराल भी किथत ह ग और उसकी एक परित मखय िनरीकषक को यिद वह ऐसी अपकषा कर तो भजी जाएगी

(4) जहा िक साधारणतः खान म या िकसी टोली क काम क परारमभ या बनद होन क िलए िनयत समय म या भिम क ऊपर िनयोिजत िक तय क िलए िनयत िवशराम अनतराल म कोई तबदीली करन की परसथापना हो वहा िविहत पररप म एक सशोिधत सचना उस तबदीली क िकए जान क सात स अनयन िदन पवर खान क कायारलय क बाहर लगाई जाएगी और ऐसी सचना की एक परित ऐसी तबदीली क सात स अनयन िदन पवर मखय िनरीकषक को भजी जाएगी

(5) िकसी भी िक त को उपधारा (1) ारा अपिकषत सचना क अनसार काम करन स अनयथा खान म काम नह करन िदया जाएगा

37 पयरवकषक कमरचािरवनदmdashधारा 28 धारा 30 धारा 31 धारा 34 या 1[धारा 36 की उपधारा (5)] की कोई भी बात उन िक तय को लाग न होगी िजनकी बाबत िनयम ारा यह पिरभािषत िकया जाए िक व पयरवकषण या परबनध का पद धारण िकए हए ह

या गोपनीयता की हिसयत म िनयोिजत ह

38 िनयोजन सबधी उपबनध स छटmdash(1) उस आपात की दशा म िजसम खान या उसम िनयोिजत िक तय क कषम क िलए गमभीर जोिखम अनतवरिलत हो या वासतिवक या आशिकत िकसी दघरटना की दशा म या िकसी दवीकत की दशा म या खान की मशीनरी सयतर या उपसकर क ठपप हो जान क पिरणामसवरप ऐसी मशीनरी सयतर या उपसकर पर िकए जान वाल िकसी अजनट काम की दशा म परबनधक धारा 22 2[या धारा 22क] क उपबनध क अधयधीन और धारा 39 क अधीन क िनयम क अनसार िक तय को धारा 28 धारा 30 धारा 31 या धारा 34 या 1[धारा 36 की उपधारा (5)] क उललघन म ऐस काम म िनयोजन की अनजञा द सकगा जो खान या उसम िनयोिजत िक तय क कषम का सरकषण करन क िलए आवशयक हो

परनत मशीनरी सयतर या उपसकर पर इस धारा क अधीन िकए जान वाल िकसी अजनट काम की दशा म परबनधक इस धारा ारा अनजञात कोई काररवाई कर सकगा य िप उसक िकए जान स 3[खिनज] उतपादन आनषिगक रप स परभािवत होता हो िकनत इस

परकार की गई काररवाई उन सीमा क बाहर न की जाएगी जो खान क मामली कायरकरण म गमभीर हसतकषप का पिरवजरन करन क परयोजन क िलए आवशयक हो

(2) हर वह दशा िजसम उपधारा (1) क अधीन परबनधक ारा काररवाई की गई हो ततसमब पिरिसथितय क साथ अिभिलिखत की जाएगी और उसकी िरपोटर मखय िनरीकषक या िनरीकषक को भी दी जाएगी

4[39 छट दन वाल िनयम बनान की शिक तmdash5[कनदरीय सरकार] िनम निलिखत िक तय क िलए धारा 28 धारा 30 धारा 31 धारा 34 या धारा 36 की उपधारा (5) क उपबनध स ऐस िवसतार तक ऐसी पिरिसथितय म और ऐसी शत क अधयधीन जसी िविनिदष ट की जाए छट का उपबनध करन वाल िनयम बना सकगीmdash

(क) ऐसी खान म िजसम ऐस आपात की आशका हो िजसम खान क या उसम िनयोिजत िक तय क कषम की गमभीर जोिखम अनतवरिलत हो िनयोिजत सब िक त या उनम स कोई

(ख) िकसी वासतिवक या आशिकत दघरटना की दशा म इस परकार िनयोिजत सब िक त या उनम स कोई

(ग) िकसी तयारी की परकित क या परक परकित क ऐस काम म जो खान क मामली कायरकरण म गमभीर हसतकषप का पिरवजरन करन क परयोजन क िलए अवशय चलाया जाना चािहए लग हए सब िक त या उनम स कोई

(घ) अजनट मरममत म लग हए सब िक त या उनम स कोई

(ङ) िकसी ऐस काम म जो िक तकनीकी कारण स िनरनतर चाल रखा जाना चािहए िनयोिजत सब िक त या उनम स कोई ] 6[40 अठारह वषर स कम आय क िक तय का िनयोजनmdash(1) खान (सशोधन) अिधिनयम 1983 क परारमभ क पश चात

अठारह वषर स कम आय क िकसी िक त को िकसी खान या उसक भाग म काम करन क िलए अनजञात नह िकया जाएगा

(2) उपधारा (1) म िकसी बात क होत हए भी िशकष और अनय परिशकष को जो सोलह वषर स कम आय क नह ह िकसी खान या उसक भाग म परबनधक ारा समिचत पयरवकषण क अधीन काम करन क िलए अनजञात िकया जा सकगा

1 1953 क अिधिनयम स० 42 की धारा 4 और अनसची 3 ारा ldquoधारा 36 की उपधारा (4)rdquo क सथान पर परितसथािपत 2 1983 क अिधिनयम स० 42 की धारा 20 ारा (31-5-1984 स) अनतःसथािपत 3 1959 क अिधिनयम स० 62 की धारा 20 ारा (16-1-1960 स) ldquoकोयलाrdquo क सथान पर परितसथािपत 4 1959 क अिधिनयम स० 62 की धारा 21 ारा (16-1-1960 स) धारा 39 क सथान पर परितसथािपत 5 1983 क अिधिनयम स० 42 की धारा 21 ारा (31-5-1984 स) कितपय शबद क सथान पर परितसथािपत 6 1983 क अिधिनयम स० 42 की धारा 22 ारा (31-5-1984 स) धारा 40 क सथान पर परितसथािपत

17

परनत िशकष स िभन न परिशकष की दशा म उनको काम करना अनजञात करन स पवर मखय िनरीकषक या िनरीकषक का पवर अनमोदन अिभपराप त करना आवशयक होगा

सपष टीकरणmdashइस धारा और धारा 43 म ldquoिशकषrdquo स िशकष अिधिनयम 1961 (1961 का 52) की धारा 2 क खणड (क) म यथापिरभािषत िशकष अिभपरत ह ]

41 [योगयता परमाणपतर ]mdashखान (सशोधन) अिधिनयम 1983 की धारा 23 ारा (31-5-1984 स) िनरिसत

42 [कमार को अनद योगयता परमाणपतर का परभाव ]mdashखान (सशोधन) अिधिनयम 1983 (1983 का 42) की धारा 23 ारा (31-5-1984 स) िनरिसत

1[43 िचिकतसीय परीकषा की अपकषा करन की शिक तmdash(1) जहा िकसी िनरीकषक की यह राय हो िक िशकष या अनय परिशकष स अनयथा खान म िनयोिजत कोई िक त वयसथ नह ह अथवा खान म िशकष या अनय परिशकष क रप म िनयोिजत कोई िक त या तो सोलह वषर स कम आय का ह या वह काम करन क योगय नह रह गया ह वहा िनरीकषक खान क परबनधक पर यह अपकषा करन वाली सचना की तामील कर सकगा िक ऐस िक त की परीकषा िकसी परमाणकतार सजरन ारा की जाए और िनरीकषक ऐसा िनदश द तो ऐसा

िक त तब तक िकसी खान म काम करन क िलए िनयोिजत या अनजञात नह िकया जाएगा जब तक इस परकार उसकी परीकषा न हो गई हो और यह परमािणत न कर िदया गया हो िक वह वयसथ ह या यिद ऐसा िक त िशकष या परिशकष ह तो वह सोलह वषर स कम आय का नह ह और काम करन क योगय ह

(2) उपधारा (1) क अधीन िनदश पर परमाणकतार सजरन ारा िदया गया हर परमाणपतर उसम किथत बात का इस अिधिनयम क परयोजन क िलए िनश चायक सा य होगा ]

44 [उन कमार क िलए काम क घट जो वयसक क रप म काम क िलए योगय परमािणत नह िकए गए ]mdashखान (सशोधन) अिधिनयम 1983 (1984 का 42) की धारा 25 ारा (31-5-1984 स) िनरिसत

2[45 खान म अठारह वषर स कम आय क िक तय की उपिसथित का परितषधmdashधारा 40 की उपधारा (2) क उपबनध क अधीन रहत हए ऐसी तारीख क पश चात जो कनदरीय सरकार राजपतर म अिधसचना ारा इस िनिम िनयत कर अठारह वषर स कम आय क िकसी िक त को भिम क ऊपर खान क िकसी ऐस भाग म जहा िकसी खनन सिकरया स ससक त या आनषिगक कोई सिकरया चलाई जा रही हो उपिसथत नह रहन िदया जाएगा ]

3[46 िस तरय का िनयोजनmdash(1) िकसी अनय िविध म अनतिवष ट िकसी बात क होत हए भी कोई भी स तरीmdash

(क) खान क िकसी ऐस भाग म जो भिम क नीच हो

(ख) िकसी खान म भिम क ऊपर 6 बज पवारहन और 7 बज अपराहन क बीच क िसवाय

िनयोिजत नह की जाएगी ]

(2) खान म भिम क ऊपर िनयोिजत हर स तरी को िकसी एक िदन िनयोजन का पयरवसान होन और िनयोजन की अगली कालाविध का परारमभ होन क बीच कम स कम गयारह घनट का अनतराल िदया जाएगा

(3) उपधारा (1) म अनतिवष ट िकसी बात क होत हए भी कनदरीय सरकार िकसी खान या िकसी वगर या परकार की खान क बार म भिम क ऊपर िस तरय क िनयोजन क घट म फरफार शासकीय राजपतर म अिधसचना ारा कर सकगी िकनत इस परकार की िकसी स तरी का 10 बज अपराहन और 5 बज पवारहन क बीच कोई भी िनयोजन तद ारा अनजञात न हो ]

47 [आय क बार म िववाद ]mdashखान (सशोधन) अिधिनयम 1959 (1959 का 62) की धारा 28 ारा िनरिसत

48 िनयोिजत िक तय का रिजसटरmdash4[(1) हर खान क िलए उस खान म िनयोिजत सब िक तय का एक रिजसटर िविहत पररप और सथान म रखा जाएगा िजसम ऐस हर एक िक त क बार म िनम निलिखत बात दिशत ह गीmdash

(क) कमरचारी का नाम यथािसथित उसक िपता या पित क नाम सिहत और ऐसी अनय िविशिष टया जसी उसकी पहचान क परयोजन क िलए आवशयक ह

(ख) कमरचारी की आय और िलग

(ग) िनयोजन की परकित (वह िनयोजन भिम क ऊपर ह या भिम क नीच और यिद भिम क ऊपर ह तो वह िवव खिनत म ह या अनयथा) और उसक परारमभ की तारीख

5

1 1983 क अिधिनयम स० 42 की धारा 24 ारा (31-5-1984 स) धारा 43 क सथान पर परितसथािपत 2 1983 क अिधिनयम स० 42 की धारा 26 ारा (31-5-1984 स) धारा 45 क सथान पर परितसथािपत 3 1959 क अिधिनयम स० 62 की धारा 27 ारा (16-1-1960 स) धारा 46 क सथान पर परितसथािपत 4 1959 क अिधिनयम स० 62 की धारा 29 ारा (16-1-1960 स) उपधारा (1) क सथान पर परितसथािपत 5 1983 क अिधिनयम स० 42 की धारा 27 ारा (31-5-1984 स) खणड (घ) का लोप िकया गया

18

(ङ) अनय ऐसी िविशिष टया जो िविहत की जाए

और ससगत परिविष टया सपक त िकयत क हसताकषर या अगठ क िचहन ारा अिधपरमािणत की जाएगी ]

(2) उपधारा (1) ारा िविहत रिजसटर म की परिविष टया ऐसी ह गी िक उनक अनसार काम करन वाल कमरकार इस अधयाय क उपबनध म स िकसी क उललघन म काम न करत ह ग

(3) कोई िक त खान म तब तक िनयोिजत न िकया जाएगा जब तक उसक बार म उपधारा (1) ारा अपिकषत िविशिष टया रिजसटर म अिधिलिखत न कर ली गई ह और कोई भी िक त रिजसटर म अपन बार म दिशत काम की कालाविधय क दौरान िनयोिजत िकए जान क िसवाय िनयोिजत नह िकया जाएगा

1[(4) िजस खान को कनदरीय सरकार न साधारण या िवशष आदश ारा िकसी िवशष कारण स जो अिभिलिखत िकया जाएगा छट दी हो उसस िभन न हर खान क िलए पथक रिजसटर िविहत पररप और सथान म रख जाएग िजनम हर िक त क बार म जो खान मmdash

(क) भिम क नीच

(ख) िवव खिनत म भिम क ऊपर

(ग) अनय दशा म भिम क ऊपर

िनयोिजत हो िनम निलिखत बात दिशत ह गीmdash

(i) कमरचारी का नाम

(ii) उसक िनयोजन का वगर या िकसम

(iii) जहा िक काम टोली-प ित स चलाया जाता हो वहा िजस पारी का वह ह वह पारी और उस पारी क घनट ]

(5) भिम क नीच िनयोिजत िक तय क उपधारा (4) म िनिदष ट रिजसटर म िकसी भी कषण ऐस हर िक त का नाम दिशत होगा जो तब खान म भिम क नीच उपिसथत हो

2[(6) कोई िक त िकसी िवव खिनत या भिम क नीच िकसी खिनत म तब क िसवाय परवश नह कर सकगा जब िक ऐसा करन क िलए वह परबनधक ारा अनजञात िकया गया हो अथवा इस अिधिनयम या िकसी अनय िविध क अधीन परािधकत हो ]

अधयाय 7

मजदरी सिहत छ ी 3[49 अधयाय का लाग होनाmdashइस अधयाय क उपबनध ऐस परवितत नह ह ग िक उनका िकसी ऐस अिधकार पर परितकल

परभाव पड़ िजसका िक खान म िनयोिजत कोई िक त िकसी अनय िविध क अधीन या िकसी अिधिनणरय करार या सवा-सिवदा क िनबनधन क अधीन हकदार हो

4[परनत यिद ऐसा अिधिनणरय करार या सवा-सिवदा इस अधयाय म उपबिनधत स दीघरतर मजदरी सिहत वािषक छ ी का उपबनध करती हो तो छ ी की वह मातरा िजसक िलए िनयोिजत िक त हकदार होगा ऐस अिधिनणरय करार या सवा-सिवदा क अनसार होगी िकनत छ ी ऐस िवषय की बाबत जो ऐस अिधिनणरय करार या सवा-सिवदा म उपबिनधत नह ह धारा 50 स लकर धारा 56 तक क (िजसम य दोन धाराए भी सिममिलत ह) उपबनध क अनसार िविनयिमत होगी ]

50 छ ी की पिरभाषाmdashसाप तािहक िवशराम-िदन अथवा उतसव क िलए या अनय ऐस ही अवसर क िलए अवकाश-िदन इस अधयाय क परयोजन क िलए छ ी क अनतगरत नह आत ह चाह व छ ी की कालाविध क दौरान ह या उसक ठीक पहल या ठीक पीछ ह

51 कलनडर वषर की पिरभाषाmdashइस अधयाय क परयोजन क िलए ldquoकलनडर वषरrdquo स िकसी वषर म जनवरी क परथम िदन स आरमभ होन वाली बारह मास की कालाविध अिभपरत होगी

52 मजदरी सिहत वािषक छ ीmdash(1) खान म िनयोिजत हर िक त को िजसन उसम एक कलनडर वषर की सवा परी कर ली हो पश चातवत कलनडर वषर क दौरान मजदरी सिहत छ ी अनजञात की जाएगी िजसकी गणनाmdash

(क) भिम क नीच िनयोिजत िक त की दशा म उसक ारा िकए गए काम क हर 5[पनदरह िदन] क िलए एक िदन की दर स की जाएगी तथा

1 1959 क अिधिनयम स० 62 की धारा 29 ारा (16-1-1960 स) उपधारा (4) क सथान पर परितसथािपत 2 1959 क अिधिनयम स० 62 की धारा 29 ारा (16-1-1960 स) अनतःसथािपत 3 1959 क अिधिनयम स० 62 की धारा 30 ारा (16-1-1960 स) धारा 49 स 56 तक क सथान पर परितसथािपत 4 1983 क अिधिनयम स० 42 की धारा 28 ारा (31-5-1984 स) परनतक क सथान पर परितसथािपत 5 1983 क अिधिनयम स० 42 की धारा 29 ारा (31-5-1984 स) ldquoसोलह िदनrdquo क सथान पर परितसथािपत

19

(ख) िकसी अनय दशा म उसक ारा िकए गए काम क हर बीस िदन क िलए एक िदन की दर स की जाएगी

(2) उपधारा (1) म िनिदष ट एक कलनडर वषर की सवाmdash

(क) खान म भिम क नीच िनयोिजत िक त की दशा म परी कर ली गई समझी जाएगी यिद कलनडर वषर क दौरान खान म उसकी हािजिरया एक सौ नबब स कम न ह तथा

(ख) िकसी अनय िक त की दशा म परी कर ली गई समझी जाएगी यिद कलनडर वषर क दौरान खान म उसकी हािजिरया दो सौ चालीस स कम न ह

सपष टीकरणmdashइस उपधारा क परयोजन क िलए यह ह िकmdash

(क) करार या सिवदा ारा या सथायी आदश क अधीन यथा अनजञय कामबदी क िदन को

(ख) स तरी कमरचारी की दशा म बारह सप ताह स अनिधक िकतन ही िदन की परसित छटटी को तथा

(ग) उस वषर स िजसम छ ी का उपभोग िकया जाए पवरवत वषर म उपािजत छ ी को

हािजरी की सगणना क परयोजन क िलए ऐस िदन समझा जाएगा िजनम कमरचारी न खान म काम िकया ह िकनत वह इन िदन क िलए छ ी उपािजत नह करगा

(3) िजस िक त की सवा जनवरी क परथम िदन को परारमभ न होकर अनयथा आरमभ होती ह वहmdash

(क) खान म भिम क नीच िनयोिजत िक त की दशा म तब जब िक वह कलनडर वषर क शष भाग क दौरान क कल िदन क आध स अनयन िदन म हािजर रहा हो तथा

(ख) िकसी अनय दशा म तब जब िक वह कलनडर वषर क शष भाग क दौरान क कल िदन क दो-ितहाई स अनयन िदन म हािजर रहा हो

पश चातवत कलनडर वषर म मजदरी सिहत छ ी उस दर स पान का हकदार होगा जो उपधारा (1) म िविनिदष ट ह

(4) िकसी िक त ारा न ली गई वह छ ी िजसका वह उपधारा (1) या उपधारा (2) क अधीन िकसी एक कलनडर वषर म हकदार हो उस छ ी म जोड़ दी जाएगी जो िक उ रवत कलनडर वषर क दौरान उस उपधारा क अधीन उस अनजञय हो

परनत उन छ ी क िदन की कल सखया जो ऐस िकसी िक त ारा सिचत की जा सकगी िकसी भी एक समय कल तीस िदन स अिधक न होगी

परनत यह और भी िक ऐसा वह िक त िजसन मजदरी सिहत छ ी क िलए आवदन िकया हो िकनत उस उपधारा (6) क अनसार ऐसी छ ी न दी गई हो िकसी सीमा क िबना अनपभक त छ ी क अगरनयन का हकदार होगा

(5) ऐसा कोई िक त उपधारा (1) उपधारा (2) और उपधारा (4) क अधीन उस समय अपन को अनजञय सारी छ ी या उसका कोई भाग लन क िलए खान क परबनधक स उस िदन स पदरह िदन स अनयन िदन पहल िलिखत आवदन कर सकगा िजस िदन वह अपनी छ ी आरमभ करना चाहता हो

परनत िकसी एक कलनडर वषर क दौरान तीन बार स अिधक छ ी न ली जा सकगी

(6) उपधारा (5) क उपबनध क अनसार ऐसी छ ी क िलए िकया गया आवदन तब क िसवाय नामजर नह िकया जाएगा जब िक छ ी अनद करन क िलए सशक त परािधकारी की यह राय हो िक पिरिसथित की आवशयकता क कारण छ ी नामजर की जानी चािहए ]

(7) यिद खान म िनयोिजत िक त अपनी मजदरी सिहत छ ी जो उस शष हो बीमारी की कालाविध क िलए लना चाहता हो तो चाह उसन छ ी क िलए आवदन उपधारा (5) म िविनिदष ट समय क अनदर न भी िकया हो तो भी उस वह छ ी अनद की जाएगी

(8) यिद खान का सवामी अिभकतार या परबनधक खान म िनयोिजत िक त क िनयोजन का पयरवसान उस िक त ारा अपनी वह कल छटटी ल ली जान क पवर कर द िजसका वह अपन िनयोजन क पयरवसान क िदन तक हकदार हो या यिद उस िक त न ऐसी छ ी क िलए आवदन िकया हो और ऐसी छ ी अनद न हई हो और वह िक त अपना िनयोजन छ ी लन स पवर छोड़ द तो खान का सवामी अिभकतार या परबनधक न ली गई छ ी क बार म धारा 53 क अधीन सदय रकम उस सद करगा और ऐसा सदाय वहा जहा िक

िक त क िनयोजन का पयरवसान सवामी अिभकतार या परबनधक ारा िकया जाए ऐस पयरवसान क पश चात क दसर कायर-िदवस क अवसान क पवर और जहा िक िक त अपना िनयोजन सवय छोड़ द वहा अगल वतन-िदवस को या उसक पवर िकया जाएगा

(9) खान म िनयोिजत िक त की अनपभक त छ ी उसक िनयोजन क पयरवसान क पवर िदए जान क िलए अपिकषत िकसी सचना की कालाविध की सगणना करन म िवचार म नह ली जाएगी

20

1[(10) जहा खान म िनयोिजत कोई िक त सवा स उनमोिचत या पदचयत िकया जाता ह अथवा वह अपना िनयोजन छोड़ता ह या अिधविषता पराप त करता ह अथवा सवा म रहत हए उसकी मतय हो जाती ह तो यथािसथित वह या उसक वािरस या उसका नाम-िनदिशती उपधारा (1) म िविनिदष ट दर स पिरकिलत उसको दय छ ी क सथान पर मजदरी पान का हकदार होगा यिदmdash

(क) भिम क नीच िकसी खान म िनयोिजत िक त की दशा म वह अपन िनयोजन की तारीख स लकर अपन उनमोचन या पदचयित की तारीख तक या िनयोजन छोड़न या अिधविषता या मतय की तारीख तक िदन की कल सखया क कम स कम आध िदन तक उपिसथित रहा ह और

(ख) िकसी अनय दशा म वह अपन िनयोजन की तारीख स लकर अपन उनमोचन या पदचयित या िनयोजन छोड़न या अिधविषता या मतय की तारीख तक िदन की कल सखया क कम स कम दो-ितहाई िदन तक उपिसथत रहा ह

और ऐसी मजदरी का सदाय खान क सवामी अिभकतार या परबनधक ारा धारा 53 म िविनिदष ट दर स जहा उस िक त को सवा स उनमोिचत या पदचयत कर िदया जाता ह अथवा वह िनयोजन छोड़ दता ह या अिधविषता पराप त कर लता ह वहा यथािसथित ऐस उनमोचन पदचयित िनयोजन छोड़न या अिधविषता क पश चात दसर कायर िदन की समािप त क पवर और जहा िनयोिजत िक त की सवा म रहत हए मतय हो जाती ह वहा उसकी मतय क दो मास की अविध क भीतर िकया जाएगा ]

सपष टीकरणmdash2[उपधारा (1) उपधारा (3) और उपधारा (10)] क परयोजन क िलए आध िदन या इसस अिधक की छ ी क िभन न को एक परा िदन माना जाएगा और आध िदन स कम वाला िभन न छोड़ िदया जाएगा

53 छ ी की कालाविध क दौरान मजदरीmdashउस छ ी क िलए जो खान म िनयोिजत िक त को धारा 52 क अधीन अनजञात हो उस सदाय ऐसी दर स िकया जाएगा जो उसकी छ ी क अ वितह पवरवत मास क उन िदन की बाबत िजनम वह िनयोिजत रहा हो कल पणरकािलक उपाजरन क उस दिनक औसत क बराबर हो जो उन उपाजरन म स िकसी अितकािलक मजदरी और बोनस को अपविजत करक िकनत उनम महगाई भ और नकद परितकर को िजसक अनतगरत खा ा और अनय वसत क िबना मलय िवतरण स परोदभावी ऐसा कोई परितकर (यिद कोई हो) िजसक हकदार खान म काम करन वाल िक त ततसमय ह आता ह सिममिलत करक आए

परनत यिद ऐस कोई औसत उपाजरन उपलबध न ह तो औसत की सगणना उसी मास क िलए वस ही िनयोिजत सब िक तय क कल पणरकािलक उपाजरन क दिनक औसत क आधार पर की जाएगी

54 कितपय दशा म अिगरम सदायmdashखान म िनयोिजत उस िक त को िजस चार स अनयन िदन की छ ी अनजञात की गई हो अनजञात छ ी की कालाविध क िलए शोधय मजदरी उसकी छ ी आरमभ होन स पहल द दी जाएगी

55 असद मजदरी की वसली का ढगmdashखान क सवामी अिभकतार या परबनधक ारा इस अधयाय क अधीन सद िकए जान क िलए अपिकषत िकनत उसक ारा असद कोई रकम मजदरी सदाय अिधिनयम 1936 (1936 का 4) क उपबनध क अधीन िवलिबत मजदरी क रप म वसलीय होगी

56 खान को छट की शिक तmdashजहा िक कनदरीय सरकार का यह समाधान हो जाए िक िकसी खान म िनयोिजत िक तय को लाग होन वाल छ ी क िनयम ऐसी परसिवधा का उपबनध करत ह जो उसकी राय म उन परसिवधा स कम अनकल नह ह िजनक िलए यह अधयाय उपबनध करता ह वहा वह उस खान को इस अधयाय क सब या िकनह उपबनध स छट िलिखत आदश ारा और ऐसी शत क अधयधीन जो उसम िविनिदष ट की जाए द सकगी ]

अधयाय 8

िविनयम िनयम और उपिविधया 57 िविनयम बनान की कनदरीय सरकार की शिक तmdashकनदरीय सरकार िनम निलिखत सब परयोजन या उनम स िकसी क िलए

ऐस िविनयम3 जो इस अिधिनयम स सगत हो शासकीय राजपतर म अिधसचना ारा बना सकगी अथारत mdash

(क) व अहरताए िविहत करना जो मखय िनरीकषक या िनरीकषक क रप म िनयिक त क िलए अपिकषत हो

(ख) इस अिधिनयम क अधीन खान क िनरीकषण क समबनध म मखय िनरीकषक और िनरीकषक क कतर और शिक तय को िविहत और िविनयिमत करना

(ग) खान क सवािमय अिभकतार और परबनधक क और उनक अधीन कायर करन वाल िक तय क कतर िविहत करना और खान क 4[अिभकतार और परबनधक और उनक अधीन कायर करन वाल िक तय की अहरताए (िजसक अनतगरत आय आती ह)] िविहत करना

1 1983 क अिधिनयम स० 42 की धारा 29 ारा (31-5-1984 स) अनतःसथािपत 2 1983 क अिधिनयम स० 42 की धारा 29 ारा (31-5-1984 स) ldquoउपधारा (1) और (3)rdquo क सथान पर परितसथािपत 3 कोयला खान िविनयम 1957 क िलए दिखए भारत का राजपतर (अगरजी) 1957 भाग 2 खणड 3 प 2569 और धातमय खान िविनयम 1961 क िलए दिखए भारत

का राजपतर 1961 भाग 2 अनभाग 3(i) प 360 4 1959 क अिधिनयम स० 62 की धारा 31 ारा (16-1-1960 स) ldquoपरबनधक की अहरताएrdquo शबद क सथान पर परितसथािपत

21

(घ) खान क परबनधक और उनक अधीन कायर करन वाल अनय िक तय को अपन कतर का पालन दकषतापवरक करन क िलए समथर बनान क िलए सिवधाए उपबिनधत की जान की अपकषा करना

(ङ) खान क परबनधक और उनक अधीन कायर करन वाल िक तय की अहरताए परीकषा ारा या अनयथा अिभिनिश चत करन की रीित को और सकषमता परमाणपतर क अनद और नवीकत िकए जान को िविनयिमत करना

(च) ऐसी परीकषा और ऐस परमाणपतर क अनदान तथा नवीकरण क बार म दी जान वाली फीस यिद कोई ह िनयत करना

(छ) उन पिरिसथितय को िजनम और उन शत को िजसक अधयधीन रहत हए एक स अिधक खान का एक ही परबनधक क अधीन रहना या िकसी खान या िकनह खान का िविहत अहरताए न रखन वाल परबनधक क अधीन रहना िविधपणर होगा अवधािरत करना

1[(ज) इस अिधिनयम क अधीन की जान वाली जाच क िलए िजनक अनतगरत इस अिधिनयम क अधीन परमाणपतर धारण करन वाल िकसी िक त क अवचार या अकषमता स सब कोई जाच आती ह उपबनध करना और ऐस िकसी परमाणपतर क िनलमबन और र िकए जान क िलए उपबनध करना और जहा भी आवशयक हो वहा यह उपबनध करना िक जाच करन क िलए िनयक त िकए गए िक त को सािकषय को हािजर करान और दसतावज और भौितक पदाथ को पश करान क परयोजन क िलए िसिवल परिकरया सिहता 1908 (1908 का 5) क अधीन की िसिवल नयायालय की सब शिक तया पराप त ह गी ]

(झ) भारतीय िवसफोटक अिधिनयम 1884 (1884 का 4) और तद धीन बनाए गए िकनह िनयम क उपबनध क अधयधीन रहत हए िवसफोटक का भडारकरण परवहण और उपयोग िविनयिमत करना

2[(ञ) 3 िस तरय का खान म या खान क िकसी वगर म या ऐस िविशष ट परकार क शरम म िजनम ऐस िक तय क जीवन कषम या सवासथय क िलए खतरा रहता ह िनयोजन परितिष िनबरिनधत या िविनयिमत करना और ऐस िक त

ारा एक बार म वहन िकए जा सकन वाल बोझ क भार को पिरसीिमत करना ]

(ट) खान म िनयोिजत िक तय क कषम उनम उनक परवश करन और वहा स उनक िनकलन क साधन क िलए और उन कपक या िनकास की सखया क िलए जो उपबध िकए जान ह और कपक गत िनकास पथया और अवतलन पर बाड़ लगाई जान क िलए उपबनध करना

(ठ) खान क सवामी स सदाय पान वाल और खान क सवामी या परबनधक क परित सीध उ रदायी िक तय स िभन न िकसी िक त का खान म परबनधक क रप म या िकसी अनय िविनिदष ट हिसयत म िनयोजन परितिष करना

4[(ड) सतमभ या खिनज खणड क सथान िनिश चत करन अनरकषण और िनकाल या छाट जान तथा एक खान और दसरी खान क बीच पयारप त रोध क अनरकषण सिहत खान म सड़क और काम क सथल की सरकषा क िलए उपबनध करना

(ढ) खान म खिनज और महबनद अिग न-कषतर का िनरीकषण और सागर क या िकसी सरोवर या नदी या िकसी अनय भप ीय जलरािश क चाह वह पराकितक हो चाह कितरम या िकसी लोक सड़क या िनमारण क समीप खिनत िवषयक िनबनधन और िकनह खिनत म पानी भर जान या आग लग जान या उनक समय-पवर ढह जान क िवर समयक पवारवधानी बरती जान की अपकषा करना ]

(ण) खान क सवातन का और धल अिग न और जवलनशील तथा अपायकर गस क िवषय म की जान वाली काररवाई का िजसक अनतगरत सवतःदहन भिम क नीच की अिग न और कोयल की धल क िवर पवारवधानी आती ह उपबनध करना

5[(त) खान म िव त क जनन भणडारकरण रपानतरण पारषण और उपयोग की भारतीय िव त अिधिनयम 1910 (1910 का 9) और तद धीन बनाए गए िकनह िनयम क उपबनध क अधयधीन रहत हए िविनयिमत करना और खान म क सब िव त उपकरण िव त तार और उनम की सब अनय मशीनरी और सयतर की दखभाल और उपयोग क िविनयमन क िलए उपबनध करना ]

(थ) 6[खान म मशीनरी का उपयोग िविनयिमत करना ऐसी मशीनरी पर या उसक आसपास और कषरण-माग पर िनयोिजत िक तय क कषम क िलए उपबनध करना] और भिम क नीच कछ वग क चिलतर का परयोग िनबरिनधत करना

(द) खान म उिचत परकाश क िलए उपबनध करना और उनम िनरापद और लमप का परयोग िविनयिमत करना और िजस खान म िनरापद लमप परयोग म लाए जात ह उसम परवश करन वाल िक तय की तलाशी लना

1 1959 क अिधिनयम स० 62 की धारा 31 ारा (16-1-1960 स) खड (ज) क सथान पर परितसथािपत 2 1959 क अिधिनयम स० 62 की धारा 31 ारा (16-1-1960 स) खड (ञ) क सथान पर परितसथािपत 3 1983 क अिधिनयम स० 42 की धारा 30 ारा (31-5-1984 स) ldquoकमार औरrdquo शबद का लोप िकया गया 4 1959 क अिधिनयम स० 62 की धारा 31 ारा (16-1-1960 स) खड (ड) और (ढ) क सथान पर परितसथािपत 5 1959 क अिधिनयम स० 62 की धारा 31 ारा (16-1-1960 स) खड (त) क सथान पर परितसथािपत 6 1983 क अिधिनयम स० 42 की धारा 30 ारा (31-5-1984 स) कितपय शबद क सथान पर परितसथािपत

22

(ध) खान म 1[जवलनशील गस या धल क] िवसफोटक या जवलन या पानी क फट िनकलन या सिचत होन क िवर और उनस उदभत खतर क िवर उपबनध करना और ऐसी पिरिसथितय म खिनज क िनकाल जान का परितषध िनबरनधन या िविनयमन करना िजनस यह समभा ता हो िक उसक पिरणामसवरप खान म 1[खिनत] समय-पवर ढह जाए या यह िक उसक पिरणामसवरप खान म 1[खिनत ] का ढह जाना या जल का फट िनकलना या जवलन घिटत होगा या गरतर हो जाएगा

(न) 2[धारा 23 की उपधारा (1) क खड (छ) क अधीन दघरटना क परकार िविहत करना और दघरटना और खतरनाक घटना की सचना का और खिनज उतपाद िनयोिजत िक तय तथा िविनयम ारा उपबिनधत अनय बात की सचना िरपोट और िववरिणय का खान क सवािमय अिभकतार और परबनधक ारा िदया जाना िविहत करना] और ऐसी सचना िववरिणय और िरपोट क पररप व िक त और परािधकारी िजनह व दी जानी ह व िविशि या जो उनम अनतिवष ट होनी ह और वह समय िजसक अनदर व िनविदन की जानी ह िविहत करना

3[(प) 4[खान क सवािमय अिभकतार और परबनधक स खान क िलए िनयत सीमाए रखन की अपकषा करना उनस ससक त रखाक और खडिचतर तथा सथलीय िटपपण जो उनक ारा रख जान ह िविहत करना] और वह रीित िजसस और व सथान िजनम ऐस रखाक खणडिचतर और सथलीय िटपपण अिभलख क परयोजन क िलए रख जान ह िविहत करना और उनकी परितय का मखय िनरीकषक को िनविदत िकया जाना और उनस यह अपकषा करना िक व नए सवकषण कर और नए रखाक बनाए और अननपालन की दशा म िकसी अनय अिभकरण क माधयम स सवकषण कराना और रखाक तयार कराना और उनक य की वसली उसी रीित स करना िजसस भ-राजसव की बकाया होती ह ]

(फ) 5[िसथित स परभावी ढग स िनपटन क परयोजन क िलए] खान म या उनक आसपास दघरटना या आकिसमक िवसफोट या जवलन क घिटत होन पर अपनाई जान वाली परिकरया िविनयिमत करना

(ब) खान क सवामी अिभकतार या परबनधक ारा धारा 16 क अधीन दी जान वाली सचना का पररप और उसम अनतिवष ट होन वाली िविशि या िविहत करना

(भ) वह सचना िविहत करना जो िकसी ऐस सथान पर जो भारतीय रल अिधिनयम 1890 (1890 का 9) क उपबनध क अधयधीन की िकसी रल क या 6[यथािसथित िकनह ऐसी लोक सड़क या अनय सकम क जो सरकार ारा या िकसी सथानीय परािधकारी ारा अनरिकषत ह ] 7[पतालीस मीटर] क अनदर का हो खनन सिकरयाए परारमभ करन या उस तक िवसतािरत करन क पवर खान क सवामी अिभकतार या परबनधक ारा दी जानी ह

(म) िकसी खान क बार म उस दशा म जबिक खिनत म काम बनद कर िदया गया हो सरकार या िकसी सथानीय परािधकारी या भारतीय रल अिधिनयम 1890 (1890 का 9) म यथापिरभािषत िकसी रल कमपनी म िनिहत समपि की कषित स सरकषा

8[(मम) खान क सवामी अिभकतार या परबनधक स यह अपकषा करना िक खान क बनद िकए जान क पवर सरकषा-सकमर सि िमत कर और अननपालन की दशा म ऐस सकमर िकसी अनय अिभकरण ारा िनषपािदत कराना और ऐस सवामी स उनक य की वसली उसी रीित स करना िजसस भ-राजसव की बकाया की होती ह ]

(य) िकसी खान या खान क भाग या िकसी खदान आनित कपक गतर या िनकास म चाह उसका कायरकरण हो रहा हो या नह या िकसी खतरनाक या परितिष कषतर अवतलन कषरण टराम लाइन या पथया पर जहा जनता क सरकषण क िलए बाड़ लगाना आवशयक हो बाड़ लगाई जान की अपकषा करना

(यय) कोई अनय बात जो िविहत की जानी ह या िविहत की जाए

58 िनयम बनान की कनदरीय सरकार की शिक तmdashकनदरीय सरकार िनिम निलिखत सब परयोजन या उनम स िकसी क िलए ऐस िनयम जो इस अिधिनयम स सगत ह शासकीय राजपतर म अिधसचना ारा बना सकगी अथारत --

9[(क) सिमित क सदसय की पदाविध और उनकी सवा की अनय शत का तथा िरिक तया भरन की रीित का उपबनध कराना और अपना कारबार चलान क िलए सिमित ारा अनसिरत की जान वाली परिकरया िविनयिमत करना

(ख) धारा 23 की उपधारा (3) म िनिदष ट रिजसटर का पररप िविहत करना

1 1959 क अिधिनयम स० 62 की धारा 31 ारा (16-1-1960 स) अनतःसथािपत 2 1959 क अिधिनयम स० 62 की धारा 31 ारा (16-1-1960 स) ldquoसचनाए िविहत करन क िलएrdquo क सथान पर परितसथािपत 3 1959 क अिधिनयम स० 62 की धारा 31 ारा (16-1-1960 स) खड (प) क सथान पर परितसथािपत 4 1983 क अिधिनयम स० 42 की धारा 30 ारा (31-5-1984 स) कितपय शबद क सथान पर परितसथािपत 5 1983 क अिधिनयम स० 42 की धारा 30 ारा (31-5-1984 स) अनतःसथािपत 6 1959 क अिधिनयम स० 62 की धारा 31 ारा (16-1-1960 स) कितपय शबद क सथान पर परितसथािपत 7 1983 क अिधिनयम स० 42 की धारा 30 ारा (31-5-1984 स) ldquoपचास गजrdquo क सथान पर परितसथािपत 8 1959 क अिधिनयम स० 62 की धारा 31 ारा (16-1-1960 स) अनतःसथािपत 9 1983 क अिधिनयम स० 42 की धारा 31 ारा (31-5-1984 स) खड (क) क सथान पर परितसथािपत

23

(ग) धारा 24 क अधीन जाच नयायालय की िनयिक त क िलए उपबनध करना ऐस नयायालय की परिकरया और शिक तया िविनयिमत करना ऐस नयायालय क सदसय को यातरा-भ का सदाय करना और सयक त खान क परबनधक सवामी या अिभकतार स उक त नयायलय क य की 1[िजनक अनतगरत जाच स ससक त कोई अनय य आत ह] 2[उसी रीित स जस भ-राजसव की बकाया वसल की जाती ह] वसली करना

2[(गग) खान म िनयोिजत िक तय की ओर स तकनीकी िवशषजञ ारा (जो परािसथित म ओवरमन स कम नह ह) खान क िनरीकषण क िलए उसक िलए दी जान वाली सिवधा क िलए वह आवित िजस पर और वह रीित िजसम ऐस िनरीकषण िकए जाएग और वह रीित िजसम ऐस िनरीकषण की िरपोटर दी जाएगी उपबनध करना ]

(घ) िजन खान म कोई ि या िनयोिजत ह या पवरवत बारह मास म िकसी िदन िनयोिजत रह ह उनम ऐसी िस तरय क छह वषर स कम आय वाल बालक क उपयोग क िलए आरिकषत िकए जान वाल समिचत कमर बनाए रखन की अपकषा करना और या तो साधारणतः या खान म िनयोिजत िस तरय की सखया क परित िविशष ट िनदश स ऐस कमर की सखया और सतरमान और उन सख-सिवधा की जो उनम उपबिनधत की जानी ह और उस पयरवकषण की जो उनम िकया जाना ह परकित और िवसतार िविहत करना

(ङ) खान म िनयोिजत परष क उपयोग क िलए फहारयक त स नान सथान और लॉकर ककष और िजन खान म ि या िनयोिजत ह उनम िस तरय क उपयोग क िलए वस ही पथक सथान और ककष गतरमख पर या उनक आसपास बनाए रख जान की अपकषा करना और या तो साधारणतः या खान म मामली तौर पर िनयोिजत परष और िस तरय की सखया क परित िविशष ट िनदश स ऐस सथान और ककष की सखयाए और सतरमान िविहत करना

(च) खान म सवचछता का जो सतरमान बनाए रखना ह उस खान म उपबिनधत िकए जान वाल शौचालय और मतरालय का आनपाितक मान िविहत करना और 3 पय जल क परदाय क िलए िकया जान वाला उपबनध

1[(चच) िचिकतसीय सािधतर और सख-सिवधा क परदाय और बनाए रख जान क िलए उपबनध करना और पराथिमक उपचार बकस और कपबोड की अनतवरसतए और सखयाए पराथिमक उपचार क काम म परिशकषण पराथिमक उपचार कमर क आकार और उपसकर और उनक भारसाधक कमरचािरवनद और कषितगरसत िक तय को िचिकतसालय या औषधालय को परवहण करन क िलए इतजाम िविहत करना

(चचच) उन व यिक तय को जो खान म पयरवकषण या परबन ध क पद स िभन न पद पर िनयोिजत ह या िनयोिजत िकए जान ह व यावहािरक िशकषण िदए जान या परिशिकषत िकए जान की अपकषा करना और ऐस िशकषण और परिशकषण क िलए स कीम िविहत करना]

(छ) खान म मादक पय या औषिधय को कबज म रखन को या उनक उपभोग को और म ता की हालत म िकसी िक त क उनम परवश या उपिसथित को परितिष करना

(ज) धारा 36 क अधीन अपिकषत सचना क पररप िविहत करना और यह अपकषा करना िक ऐसी सचनाए िविनिदष ट भाषा म भी लगाई जाए

(झ) उन िक तय को पिरभािषत करना िजनकी बाबत धारा 37 क परयोजन क िलए यह समझा जाएगा िक व पयरवकषण या परबनध क पद धारण िकए हए ह या िकसी गोपनीयता की हिसयत म िनयोिजत ह

(ञ) उन िक तय या िक तय क िकसी वगर का खान म िनयोजन परितिष करना िजनकी बाबत िकसी अिहत िचिकतसा- वसायी ारा यह परमािणत न िकया गया हो िक उनह न अपना पदरहवा वषर परा कर िलया ह और वह रीित और व पिरिसथितया िजनम ऐस परमाणपतर अनद और परितसहत िकए जा सकग िविहत करना

4

1[(टट) खान म िनयोिजत या िनयोजन चाहन वाल िक तय स यह अपकषा करना िक व अपन को िचिकतसीय परीकषा क िलए परसतत कर और खान म िकसी िक त का िनयोजन िकए जान का आतयितक परितषध या िकसी िविशष ट हिसयत म या िविशष ट काम म िकए जान का परितषध िचिकतसीय आधार पर करना ]

5[(ठ) धारा 48 ारा अपिकषत रिजसटर क पररप और अधयाय 7 क परयोजन क िलए रिजसटर रखा जाना और उनक पररप िविहत करना ]

(ड) इस अिधिनयम को और िविनयम और िनयम की सिकषिप तया और वह भाषा िजसम सिकषिप तया और उपिविधया धारा 61 और 62 म अपिकषत रप स लगाई जाएगी िविहत करना

1 1959 क अिधिनयम स० 62 की धारा 32 ारा (16-1-1960 स) अनतःसथािपत 2 1983 क अिधिनयम स० 42 की धारा 31 ारा (31-5-1984 स) अनतःसथािपत 3 1959 क अिधिनयम स० 62 की धारा 32 ारा (16-1-1960 स) कितपय शबद का लोप िकया गया 4 1983 क अिधिनयम स० 42 की धारा 31 ारा (31-5-1984 स) (ट) का लोप िकया गया 5 1959 क अिधिनयम स० 62 की धारा 32 ारा (16-1-1960 स) खड (ठ) क सथान पर परितसथािपत

24

(ढ) यह अपकषा करना िक िजन बात क िलए िनयम बनाए गए ह उनस सब सचनाए िववरिणया और िरपोट खान क सवामी अिभकतार और परबनधक द और ऐसी सचना िववरिणय और िरपोट क पररप व िक त और परािधकारी िजनह व दी जानी ह व िविशि या जो उनम अनतिवष ट होनी ह और व समय िजनक अनदर व िनविदत की जानी ह िविहत करना

(ण) िजन खान म 1 पचास स अिधक िक त मामली तौर पर िनयोिजत रहत ह उनम भोजन करन क िलए यथायोगय और उपयक त ऐस आशरय क िजनम पीन क पानी का उपबनध भी हो उपबिनधत िकए जान और बनाए रख जान की अपकषा करना

(त) मखय िनरीकषक या िनरीकषक ारा इस िनिम िविनिदष ट िकसी ऐसी खान म िजसम दो सौ पचास स अिधक िक त मामली तौर पर िनयोिजत रहत ह ऐस िक तय क उपयोग क िलए कोई कटीन या कटीन उपबिनधत की जान और

बनाए रखी जान की अपकषा करना

(थ) हर ऐसी खान म िजसम पाच सौ या अिधक िक त मामली तौर पर िनयोिजत रहत ह इतनी सखया म कलयाण आिफसर िनयोिजत िकए जान की अपकषा करना िजतनी िविनिदष ट की जाए और ऐस कलयाण आिफसर की अहरताए और सवा क िनबनधन और शत और उनक ारा पालनीय कतर िविहत करना

2[(द) िविनिदष ट खान या िविनिदष ट खान क समह क िलए या िकसी िविनिदष ट कषतर की सब खान क िलए बचाव सटशन की सथापना की जान की अपकषा करना और यह िविहत करना िक ऐस सटशन कस और िकसक ारा सथािपत िकए जाएग

(ध) बचाव सटशन क परबनध क िलए उपबनध करना

(धक) बचाव िबरगड का गठन करन वाल िक तय की शारीिरक योगयता क मानक और अनय अहरता क िलए उपबनध करना

(धख) बचाव िबरगड का गठन करन वाल िक तय का िनवास-सथान िविहत करना ]

(न) 3 बचाव सटशन की िसथित उपसकर िनयतरण अनरकषण और कतय िविहत करना 4[(प) खड (द) क अधीन िविनिदष ट खान म उतपािदत और वहा स परिषत कोक और कोयल पर (पच चीस पस परित

टन स अनिधक दर स) उतपाद-शलक क उद गहण और सगरहण क िलए ऐसी खान क िलए बचाव सटशन िनिध का सजन करन क िलए भारत की सिचत िनिध म जमा िकए गए ऐस उपकर क आगम म स उन धनरािशय क जो कनदरीय सरकार ससद

ारा िविध ारा इस िनिम समयक िविनयोग िकए जान क पश चात उपबिनधत कर ऐसी िनिध म जमा िकए जान क िलए उस रीित क िलए िजसम ऐसी िनिध म स धन का उपयोग िकया जाएगा और ऐसी िनिध क परशासन क िलए उपबनध करना

(फ) बचाव िबरगड़ क बनाव परिशकषण सरचना और कतर क िलए 5 और साधारणतः खान म बचाव कायर क सचालन क िलए उपबनध करना 6

7[(फफ) िविनिदष ट खान या िविनिदष ट खान क समह क िलए सरकषा सिमितय क गठन क िलए या सरकषा की अिभवि करन क िलए िकसी िविनिदष ट कषतर म सभी खान क िलए और ऐसी सरकषा सिमितय की सरचना उनक गठन और कतय की रीित अिधकिथत करन क िलए उपबनध करना तथा]

(ब) साधारणतः िकसी ऐस मामल क िलए उपबनध करना िजनक िलए इस अिधिनयम या िविनयम ारा उपबनध न िकया गया हो और िजसक िलए उपबनध इस अिधिनयम को परभावी करन क िलए अपिकषत हो

59 िविनयम और िनयम का पवर परकाशनmdash(1) धारा 57 और 58 ारा परद िविनयम और िनयम बनान की शिक त इस शतर क अधयधीन ह िक य िविनयम और िनयम पवर परकाशन क पश चात बनाए जाएग

(2) जो तारीख साधारण खड अिधिनयम 1897 (1897 का 10) की धारा 23 क खड (3) क अनसार उस तारीख क रप म िविनिदष ट की जानी ह िजसक पश चात िक बनाए जान क िलए परसथािपत िविनयम या िनयम क परारप पर िवचार िकया जाएगा वह उस तारीख स तीन मास स कम की होगी िजसको परसथािपत िविनयम या िनयम का परारप साधारण जानकारी क िलए परकािशत िकया जाए

1 1959 क अिधिनयम स० 62 की धारा 32 ारा (16-1-1960 स) ldquoएक सौ औरrdquo शबद का लोप िकया गया 2 1983 क अिधिनयम स० 42 की धारा 31 ारा (31-5-1984 स) खड (द) और (ध) क सथान पर परसथािपत 3 1983 क अिधिनयम स० 42 की धारा 31 ारा (31-5-1984 स) ldquoकनदरीयrdquo शबद का लोप िकया गया 4 1983 क अिधिनयम स० 42 की धारा 31 ारा (31-5-1984 स) खड (प) क सथान पर परितसथािपत 5 1983 क अिधिनयम स० 42 की धारा 31 ारा (31-5-1984 स) कितपय शबद का लोप िकया गया 6 1983 क अिधिनयम स० 42 की धारा 31 ारा (31-5-1984 स) ldquoऔरrdquo शबद का लोप िकया गया 7 1983 क अिधिनयम स० 42 की धारा 31 ारा (31-5-1984 स) अनतःसथािपत

25

1

2[(4) कोई भी िविनयम या िनयम तब तक नह बनाया जाएगा जब तक िक उस िविनयम या िनयम का परारप धारा 12 की उपधारा (1) क अधीन गिठत सिमित को िनदिशत न कर िदया गया हो और जब तक उस सिमित को उसक बनाए जान की समीचीनता और उसक उपबनध की उपयक तता की बाबत िरपोटर दन का यिक तयक त अवसर न िमल गया हो ]

(5) िविनयम और िनयम शासकीय राजपतर म परकािशत िकए जाएग और ऐस परकािशत िकए जान पर ऐस परभाव रखग मानो व इस अिधिनयम म अिधिनिमत ह

(6) उपधारा (1) उपधारा (2) और उपधारा (4) क उपबनध उस अवसर को लाग न ह ग िजस पर धारा 58 क खड (घ) या खड (ङ) म िनदिशत िनयम सवरपरथम बनाए जाए

3

60 पवर परकाशन क िबना िविनयम बनान की शिक तmdashयिद कनदरीय सरकार का समाधान हो जाए िक आशिकत खतर का िनवारण करन या खतरा पदा करन की सभा ता रखन वाली िसथितय का शीघर उपचार करन क िलए यह आवशयक ह िक ऐस िविनयम बनान म वह िवलमब न होन िदया जाए जो ऐस परकाशन और िनदशन स होगा तो धारा 57 4 क अधीन िविनयम धारा 59 की उपधारा (1) उपधारा (2) और उपधारा 5[(4)] म अनतिवष ट िकसी बात क होत हए भी पवर परकाशन और 6[धारा 12 की उपधारा (1) क अधीन गिठत सिमित] को 7 िनदशन क िबना बनाए जा सकग

परनत इस परकार बनाए गए िविनयम 8[सिमित की जानकारी क िलए भज जाएग और] बनाए जान स 9[एक वषर] स अिधक क िलए परव नह रहग

61 उपिविधयाmdash(1) खान का सवामी अिभकतार या परबनधक 10[उस खान म िकसी िवशष मशीनरी क उपयोग या कायरकरण की िकसी िवशष प ित को अपनाए जान क शािस त करन क िलए] इस अिधिनयम या िकनह ततसमय परव िविनयम या िनयम स असगत न होन वाली ऐसी उपिविधय का परारप जसी िक ऐसा सवामी अिभकतार या परबनधक उस खान म दघरटना का िनवारण करन क िलए और उसम िनयोिजत िक तय क कषम सिवधा और अनशासन हत उपबनध करन क िलए आवशयक समझ तयार कर सकगा और मखय िनरीकषक या िनरीकषक को िनविदत कर सकगा और यिद ऐसा करन की उसस अपकषा मखय िनरीकषक या िनरीकषक ारा की जाए तो तयार करगा और िनविदत करगा

(2) यिद ऐसा कोई सवामी अिभकतार या परबनधकmdash

(क) मखय िनरीकषक या िनरीकषक ारा ऐसा करन की उसस अपकषा की जान क पश चात दो मास क अनदर उपिविधय का परारप िनविदत करन म असफल रह अथवा

(ख) उपिविधय का ऐसा परारप िनविदत कर जो मखय िनरीकषक या िनरीकषक की राय म पयार न हो

तो मखय िनरीकषक या िनरीकषकmdash

(i) ऐसी उपिविधय का परारप परसथािपत कर सकगा जो उस पयार परतीत ह अथवा

(ii) सवामी अिभकतार या परबनधक ारा जो परारप उस िनविदत िकया गया हो उसम ऐस सशोधन परसथािपत कर सकगा िजनस उसकी राय म वह पयार हो जाएगा और ऐसी परारप-उपिविधया या परारप-सशोधन यथािसथित सवामी अिभकतार या परबनधक क पास िवचार क िलए भजगा

(3) यिद उस तारीख स िजसको कोई परारप-उपिविधया या परारप-सशोधन मखय िनरीकषक या िनरीकषक न सवामी अिभकतार या परबनधक क पास उपधारा (2) क उपबनध क अधीन भज ह दो मास की कालाविध क अनदर मखय िनरीकषक या िनरीकषक और सवामी अिभकतार या परबनधक उपधारा (1) क अधीन बनाई जान वाली उपिविधय क िनबनधन क िवषय म परसपर सहमत होन म

1 1959 क अिधिनयम स० 62 की धारा 33 ारा (16-1-1960 स) उपधारा (3) का लोप िकया गया 2 1983 क अिधिनयम स० 42 की धारा 32 ारा (31-5-1984 स) उपधारा (4) क सथान पर परितसथािपत 3 1983 क अिधिनयम स० 42 की धारा 32 ारा (31-5-1984 स) उपधारा (7) का लोप िकया गया 4 1959 क अिधिनयम स० 62 की धारा 34 ारा (16-1-1960 स) ldquoक खड (ठ) को अपविजत करत हए खड (झ) और खड (ट) स (ख) (ध)rdquo शबद को क और अकषर का

लोप िकया गया 5 1959 क अिधिनयम स० 62 की धारा 34 ारा (16-1-1960 स) ldquo(3)rdquo क सथान पर परितसथािपत 6 1983 क अिधिनयम स० 42 की धारा 33 ारा (31-5-1984 स) ldquoखनन बोड rdquo क सथान पर परितसथािपत 7 1959 क अिधिनयम स० 62 की धारा 34 ारा (16-1-1960 स) ldquoपवरrdquo शबद का लोप िकया गया 8 1983 क अिधिनयम स० 42 की धारा 33 ारा (31-5-1984 स) अनतःसथािपत 9 1959 क अिधिनयम स० 62 की धारा 34 ारा (16-1-1960 स) ldquoदो वषरrdquo क सथान पर परितसथािपत 10 1983 क अिधिनयम स० 42 की धारा 34 ारा (31-5-1984 स) कितपय शबद क सथान पर परितसथािपत

26

असमथर रह तो मखय िनरीकषक या िनरीकषक परारप-उपिविधय को पिरिनधाररण क िलए 1[धारा 12 की उपधारा (1) क अधीन गिठत सिमित को] िनदिशत करगा

(4) (क) जबिक ऐसी पररप-उपिविधय पर अिभकतार या परबनधक और मखय िनरीकषक सहमत हो गए ह या जबिक उनक सहमत होन म असमथर होन पर व 2[धारा 12 की उपधारा (1) क अधीन गिठत सिमित को] ारा पिरिनधारिरत कर दी गई ह तब मखय िनरीकषक या िनरीकषक ारा परारप-उपिविधय की एक परित कनदरीय सरकार को अनमोदनाथर भजी जाएगी

(ख) कनदरीय सरकार परारप-उपिविधय म ऐसा उपातरण कर सकगी जसा वह ठीक समझ

(ग) इसस पवर िक कनदरीय सरकार परारप-उपिविधय का अनमोदन चाह उपातर क सिहत या उनक िबना कर उपिविधया बनान की परसथापना की और उस सथान की जहा परारप-उपिविधय की परितया अिभपरा की जा सकगी और उस समय की (जो तीस िदन स कम का न होगा) इसक अनदर िक परभािवत िक तय क ारा या उनकी ओर स परारप-उपिविधय क परित िकया गया कोई आकषप कनदरीय सरकार को भजा जाना चािहए सचना ऐसी रीित स जसी कनदरीय सरकार परभािवत िक तय की जानकारी दन क िलए उपयक ततम समझ परकािशत की जाएगी

(घ) हर आकषप िलिखत होगा और उसमmdash

(i) आकषप क िविशष ट आधार तथा

(ii) चाह गए लोप पिरवधरन या उपानतर

किथत ह ग

(ङ) उन िक तय क ारा या उनकी ओर स िजनकी बाबत कनदरीय सरकार को यह परतीत हो िक व तद ारा परभािवत िक त ह अपिकषत समय क अनदर िकए गए आकषप पर वह सरकार िवचार करगी और उपिविधय पर या तो उस रप म िजसम व परकािशत की गई थ या उनम ऐस सशोधन करक िजनह वह ठीक समझ अनमोिदत कर सकगी

(5) कनदरीय सरकार ारा इस परकार अनमोिदत हो जान पर उपिविधया इस परकार परभावी ह गी मानो व इस अिधिनयम म अिधिनयिमत ह और खान का सवामी अिभकतार या परबनधक उन उपिविधय की एक परित अगरजी म और ऐसी अनय भाषा या भाषा म जसी िविहत की जाए खान म या उसक आसपास िकसी ऐस सहजदशय सथान पर लगवाएगा जहा व उपिविधया िनयोिजत

िक तय ारा सिवधापवरक पढ़ी या दखी जा सक और िजतनी बार व िवरिपत हो जाए िमट जाए या नष ट हो जाए उतनी बार यिक तयक त शीघरता क साथ उनह नए िसर स लगवाएगा

(6) कनदरीय सरकार इस परकार िनिमत िकसी उपिविध को िलिखत आदश ारा पणरतः या भागतः िवखिडत कर सकगी और तदपिर ऐसी उपिविध तदनसार परभावहीन हो जाएगी

3[61क िविनयम िनयम और उपिविधय का ससद क समकष रखा जानाmdashधारा 57 क अधीन बनाया गया परतयक िविनयम धारा 58 क अधीन बनाया गया परतयक िनयम और धारा 61 क अधीन बनाई गई परतयक उपिविध बनाई जान क पश चात यथाशीघर ससद क परतयक सदन क समकष जब वह सतर म हो कल तीस िदन की अविध क िलए रखा जाएगा या रखी जाएगी यह अविध एक सतरा म अथवा दो या अिधक आनकरिमक सतर म परी हो सकगी यिद उस सतर क या पव क त आनकरिमक सतर म अवसान क पवर दोन सदन उस िविनयम िनयम या उपिविध म कोई पिरवतरन करन क िलए सहमत हो जाए तो ततपश चात वह ऐस पिरवितत रप म ही परभावी होगा या होगी यिद उक त अवसान क पवर दोन सदन सहमत हो जाए िक वह िविनयम िनयम या उपिविध नह बनाया या बनायी जानी चािहए तो ततपश चात वह िनषपरभाव हो जाएगा या हो जाएगी िकनत यथािसथित िविनयम िनयम या उपिविधय क ऐस पिरवितत या िनषपरषभाव होन स उसक अधीन पहल की गई िकसी बात की िविधमानयता पर परितकल परभाव नह पड़गा ]

62 अिधिनयम िविनयम आिद की सिकषिप तया लगवानाmdashहर खान म या उसक आसपास अगरजी म और ऐसी अनय भाषा या भाषा म जो िविहत की जाए अिधिनयम की और िविनयम और िनयम की िविहत सिकषिप तया लगाई रखी जाएगी

अधयाय 9

शािसतया और परिकरया 63 बाधा डालनाmdash(1) जो कोई मखय िनरीकषक िनरीकषक या धारा 8 क अधीन परािधकत िकसी िक त क इस अिधिनयम क अधीन क उसक अपन कतर क िनवरहन म बाधा डालगा या मखय िनरीकषक िनरीकषक या ऐस िक त को िकसी खान क समबनध म इस अिधिनयम क ारा या अधीन परािधकत कोई परवश िनरीकषण परीकषा या जाच करन क िलए कोई यिक तयक त सिवधा दन स इनकार करगा या दन म जानबझकर उपकषा करगा वह कारावास स िजसकी अविध तीन मास तक की हो सकगी या जमारन स जो पाच सौ रपए तक का हो सकगा या दोन स दणडनीय होगा

1 1983 क अिधिनयम स० 42 की धारा 34 ारा (31-5-1984 स) कितपय शबद क सथान पर परितसथािपत 2 1983 क अिधिनयम स० 42 की धारा 34 ारा (31-5-1984 स) कितपय शबद क सथान पर परितसथािपत 3 1983 क अिधिनयम स० 42 की धारा 35 ारा (31-5-1984 स) अतःसथािपत

27

(2) जो कोई इस अिधिनयम क अनसरण म रख गए िकनह रिजसटर या अनय दसतावज को मखय िनरीकषक या िनरीकषक की माग पर पश करन स इनकार करगा अथवा िकसी ऐस िनरीकषण आिफसर क समकष जो इस अिधिनयम क अधीन क अपन कतर क अनसरण म कायर कर रहा ह उपसजात होन या उसक ारा परीकषा की जान स िकसी िक त को िनवािरत करगा या िनवािरत करन का परयत न करगा या कोई ऐसा कायर करगा िजसक बार म उसक पास यह िवश वास करन का कारण हो िक उसस उसका इस परकार िनवािरत होना सभा ह वह जमारन स जो तीन सौ रपए तक का हो सकगा दणडनीय होगा

64 अिभलख का िमथयाकरण आिदmdashजो कोईmdash

(क) इस अिधिनयम क अधीन अनद िकसी परमाणपतर का या परमाणपतर की िकसी कायारलय परित का कटकरण करगा या जानत हए उसम िमथया कथन करगा अथवा

(ख) जानत हए ऐस िकसी कटकतय या िमथया परमाणपतर को असली क रप म उपयोग म लाएगा अथवा

(ग) कोई िमथया घोषणा कथन या सा य यह जानत हए िक वह िमथया ह अपन िलए या िकसी अनय िक त क िलए इस अिधिनयम क अधीन परमाणपतर अिभपरा करन या परमाणपतर का नवीकरण करान या खान म िनयोजन अिभपरा करन क परयोजनाथर करगा या बनाएगा या पश करगा या उपयोग म लाएगा अथवा

1[(घ) िकसी ऐस रखाक खडिचतर रिजसटर या अिभलख का िमथयाकरण करगा िजसका रखा जाना इस अिधिनयम क ारा या अधीन अपिकषत हो या ऐसा िमथया रखाक खडिचतर रिजसटर या अिभलख उस िमथया जानत हए िकसी परािधकारी क

समकष पश करगा अथवा]

(ङ) कोई ऐसा रखाक िववरणी सचना अिभलख या िरपोटर बनाएगा दगा या पिरद करगा िजसम ऐसा कथन परिवि या बयौरा अनतिवष ट हो जो उसकी सव म जानकारी या िवश वास क अनसार सही न हो

वह कारावास स िजसकी अविध तीन मास तक की हो सकगी या जमारन स जो 2[एक हजार रपए] तक का हो सकगा या दोन स दणडनीय होगा

65 िमथया योगयता परमाणपतर का उपयोगmdashजो कोई 3[धारा 43] क अधीन अनय िक त को अनद िकसी परमाणपतर का उस धारा क अधीन अपन को योगयता-परमाणपतर क रप म जानत हए उपयोग करगा या उपयोग करन का परयत न करगा या उस धारा क अधीन अपन को योग यता-परमाणपतर अनद िकए जान पर जानत हए अनय िक त को उसका उपयोग करन दगा या उपयोग करन का परय करन दगा वह कारावास स िजसकी अविध एक मास तक की हो सकगी या जमारन स जो 4[दो सौ] रपए तक का हो सकगा या दोन स दणडनीय ोगा

िक तयक त कारण क िजस सािबत करन का भार उस पर होगा करगा जमारन स जो 6[एक हजार] रपए क का हो

ास स िजसकी विध तीन

ोिजत िकया जाता ह तो ऐसी खान का सवामी अिभकतार या परबनधक ऐस जमारन स जो पाच सौ रपए क का हो

ी अविध तीन मास तक की हो सकगी या जमारन स जो 10[दो हजार पाच सौ] रपए तक का हो सकगा या दोन स दणडनीय होगा

66 रखाक आिद दन का लोपmdashकोई िक त जो इस अिधिनयम क ारा या अधीन बनाए जान या िदए जान क िलए अपिकषत कोई रखाक 5[खडिचतर] िववरणी सचना रिजसटर अिभलख या िरपोटर िविहत पररप म या िविहत रीित स या िविहत समय पर या क भीतर बनान या दन का लोप िकए िबना यत सकगा दणडनीय होगा

67 शरिमक क िनयोजन िवषयक उपबनध का उललघनmdashजो कोई उसक िसवाय जसा िक धारा 38 ारा अनजञात ह इस अिधिनयम क या िकसी िविनयम िनयम या उपिविध क या तद धीन िकए गए िकसी आदश क िकसी ऐस उपबनध का उललघन करगा जो खान म या उसक आसपास िक तय क िनयोजन या उनकी उपिसथित को परितिष िनबरिनधत या िविनयिमत करता हो वह कारावअ मास तक की हो सकगी या जमारन स जो 7[एक हजार] रपए तक का हो सकगा या दोन स 8 दडनीय होगा

9[68 अठारह वषर स कम आय क िक तय क िनयोजन क िलए शािसतmdashयिद अठारह वषर स कम आय क िकसी िक त को धारा 40 क उललघन म िकसी खान म िनयत सकगा दणडनीय होगा ]

69 परबनधक िनयक त करन म असफलताmdashधारा 17 क उपबनध क उललघन म जो कोई परबनधक िनयक त करन म असफल रहगा वह कारावास स िजसक11

1 1959 क अिधिनयम स० 62 की धारा 35 ारा (16-1-1960 स) खड (घ) क सथान पर परितसथािपत 2 1959 क अिधिनयम स० 62 की धारा 35 ारा (16-1-1960 स) ldquoपाच सौ रपएrdquo क सथान पर परितसथािपत 3 1983 क अिधिनयम स० 42 की धारा 36 ारा (31-5-1984 स) ldquoधारा 40rdquo क सथान पर परितसथािपत 4 1959 क अिधिनयम स० 62 की धारा 36 ारा (16-1-1960 स) ldquoपचासrdquo क सथान पर परितसथािपत 5 1959 क अिधिनयम स० 62 की धारा 37 ारा (16-1-1960 स) अनतःसथािपत 6 1959 क अिधिनयम स० 62 की धारा 37 ारा (16-1-1960 स) ldquoदो सौrdquo क सथान पर परितसथािप 7 1959 क अिधिनयम स० 62 की धारा 38 ारा (16-1-1960 स) ldquoपाच सौrdquo क सथान पर परितसथािपत 8 1959 क अिधिनयम स० 62 की धारा 38 ारा (16-1-1960 स) कितपय शबद का लोप िकया गया 9 1983 क अिधिनयम स० 42 की धारा 37 ारा (31-5-1984 स) धारा 68 क सथान पर परितसथािपत 10 1959 क अिधिनयम स० 62 की धारा 39 ारा (16-1-1960 स) ldquoपाच सौrdquo क सथान पर परितसथािपत 11 1959 क अिधिनयम स० 62 की धारा 39 ारा (16-1-1960 स) कितपय शबद का लोप िकया गया

28

70 दघरटना की सचनाmdash(1) धारा 23 की उपधारा (1) क उपबनध क उललघन म जो कोई िकसी दघरटना की सचना दन म या उस सचना की परित उस उपधारा म िनिदष ट िवशष सचनाप पर लगान म और िविनिदष ट कालाविध क िलए वहा रखन म असफल रहगा वह कारावास स िजसकी अविध तीन मास तक की हो सकगी या जमारन स जो पाच सौ रपए तक का हो सकगा या दोन स दणनीय होगा

(2) कनदरीय सरकार ारा धारा 23 की उपधारा (3) क अधीन िदए गए िनदश क उललघन म जो कोई िकसी दघरटना को िविहत रिजसटर म अिभिलिखत करन म या उसकी सचना दन म असफल रहगा वह कारावास स िजसकी अविध तीन मास तक की हो सकगी या जमारन स तो पाच सौ रपए तक का हो सकगा या दोन स दणडनीय होगा

71 कितपय मामल म सवामी आिद का मखय िनरीकषक को िरपोटर दनाmdashजहा िक खान क यथािसथित सवामी अिभकतार या परबनधक न खान म या उसक आसपास िनयोिजत िकसी िक त क िवर कायरवाही इस अिधिनयम क अधीन क िकसी अपराध क बार म की हो वहा वह नयायालय क िनणरय या आदश की तारीख स इक कीस िदन क अनदर उसक पिरणाम की िरपोटर मखय िनरीकषक को दगा

72 खान म िनयोिजत िक तय की बाधयताmdashखान म िनयोिजत कोई भी िक तmdash

(क) खान म िनयोिजत िक तय का सवासथय कषम या कलयाण सिनिश चत करन क परयोजनाथर खान म उपबिनधत िकसी सािधतर सिवधा या अनय चीज म जानबझकर हसतकषप या उसका जानबझकर दरपयोग न करगा

(ख) जानबझकर और यिक तयक त कारण क िबना कोई ऐसी बात न करगा िजसस सवय उसक या अनय क सकटाप होन की सभा ता हो

(ग) खान म िनयोिजत िक तय का सवासथय या कषम सिनिश चत करन क परयोजनाथर उसम उपबिनधत िकसी सािधतर या अनय चीज को उपयोग म लान की जानबझकर उपकषा नह करगा

1[72क कछ िविनयम क उललघन क िलए िवशष उपबनधmdashजो कोई धारा 57 क खणड (घ) खणड (झ) खणड (ड) खणड (ढ) खणड (ण) खणड (त) खणड (द) खणड (ध) और खणड (प) म िविनिदष ट बात स सब िकसी िविनयम क या िकसी उपिविध क या तद धीन िकए गए िकसी आदश क िकसी उपबनध का उललघन करगा वह कारावास स िजसकी अविध छह मास तक की हो सकगी या जमारन स जो दो हजार रपए तक का हो सकगा या दोन स दणडनीय होगा

72ख धारा 22 क अधीन आदश क उललघन क िलए िवशष उपबनधmdashजो कोई धारा 22 की उपधारा (1क) उपधारा (2) या उपधारा (3) क अधीन 2[या धारा 22क की उपधारा (2) क अधीन] िनकाल गए आदश क उललघन म खान का कायरकरण चाल रखगा वह कारावास स िजसकी अविध दो वषर तक की हो सकगी दडनीय होगा और जमारन स भी जो पाच हजार रपए तक का हो सकगा दडनीय होगा

2[परनत नयायालय क िनणरय म लखब िकए जान वाल ततपरितकल िवशष और पयारप त कारण क अभाव म ऐसा जमारना खड (क) म िनिदष ट उललघन की दशा म तीन हजार रपए स कम नह होगा ]

72ग िविध क ऐस उललघन क िलए िजसक खतरनाक पिरणाम होत ह िवशष उपबनधmdash(1) जो कोई इस अिधिनयम क या िकसी िविनयम िनयम या उपिविध क या तद धीन िकए गए [धारा 22 की उपधारा (1क) या उपधारा (2) या उपधारा (3) 3[या धारा 22क की उपधारा (2)] क अधीन िकए गए आदश स िभ ] िकसी आदश क िकसी उपबनध का उललघन करगा वहmdash

(क) यिद ऐस उललघन क पिरणामसवरप जीवन की हािन हो तो कारावास स जो दो वषर तक का हो सकगा या जमारन स जो पाच हजार रपए तक का हो सकगा या दोन स दणडनीय होगा या

(ख) यिद ऐस उललघन क पिरणामसवरप गमभीर शारीिरक कषित हो तो कारावास स जो एक वषर तक का हो सकगा या जमारन स जो तीन हजार रपए तक का हो सकगा या दोन स दडनीय होगा अथवा

(ग) यिद ऐस उललघन स खान म िनयोिजत िक तय को या खान म या उसक आसपास क अनय िक तय को कषित या खतरा कािरत हो तो कारवास स जो तीन मास तक का हो सकगा या जमारन स जो एक हजार रपए तक का हो सकगा या दोन स दणडनीय होगा 6[परनत नयायालय क िनणरय म लखब िकए जान वाल ततपरितकल िवशष और पयारप त कारण क अभाव म ऐसा जमारना

खणड (क) म िनिदष ट उललघन की दशा म तीन हजार रपए स कम नह होगा ]

(2) जहा िक कोई िक त इस धारा क अधीन दोषिस िकए गए जान पर िफर उसक अधीन दोषिस िकया जाए वहा वह उपधारा (1) ारा उपबिनधत दड क दगन दड स दणडनीय होगा

1 1959 क अिधिनयम स० 62 की धारा 40 ारा (16-1-1960 स) धारा 73 तथा धारा 74 क सथान पर परितसथािपत 2 1983 क अिधिनयम स० 42 की धारा 38 ारा (31-5-1984 स) अतःसथािपत 3 1983 क अिधिनयम स० 42 की धारा 39 ारा (31-5-1984 स) अतःसथािपत

29

(3) इस धारा क अधीन पािरत जमारन का दडादश आरोिपत करन वाला अथवा अपील या पनरीकषण म या अनयथा उसकी पिष ट करन वाला नयायालय िनणरय पािरत करत समय आदश द सकगा िक वसल िकया गया सपणर जमारना या उसका कोई भाग कषितगरसत िक त को या उसकी मतय की दशा म उसक िविधक परितिनिध को परितकर क रप म िदया जाए

परनत यिद जमारना ऐस मामल म आरोिपत िकया जाए जो अपीलनीय हो तो अपील उपिसथत िकए जान क िलए अनजञात कालाविध क बीत जान क पहल या यिद अपील उपिसथत की गई हो तो अपील क िविनश चय स पहल ऐसा कोई भी सदाय नह िकया जाएगा

73 आदश की अवजञा क िलए साधारण उपबनधmdashजो कोई इस अिधिनयम क या िकसी िविनयम िनयम या उपिविध क या तद धीन िकए गए िकसी आदश क िकसी ऐस उपबनध का उललघन करगा िजसक उललघन क िलए एतिसमनपवर कोई शािसत उपबिनधत नह ह वह कारावास स िजसकी अविध तीन मास तक की हो सकगी या जमारन स जो एक हजार रपए तक का हो सकगा या दोन स दडनीय होगा

74 पवर दोषिसि क पश चात विधत शािसतmdashयिद कोई िक त जो (धारा 72ख और 72ग स िभ ) पवरगामी उपबनध म स िकसी क अधीन दडनीय िकसी अपराध का दोषिस िकया जा चका हो पवर दोषिसि क दो वषर क अनदर िकए गए और उसी उपबनध का उललघन अनतवरिलत करन वाल िकसी अपराध क िलए पनः दोषिस िकया जाए तो वह हर एक पश चात वत दोषिसि क िलए उस दड क दगन दणड स दणडनीय होगा िजसस वह ऐस उपबनध क परथम उललघन क िलए दडनीय होता ]

75 सवामी अिभकतार या परबनधक का अिभयोजनmdashइस अिधिनयम क अधीन क िकसी अपराध क िलए िकसी सवामी अिभकतार या परबनधक क िवर कोई भी अिभयोजन मखय िनरीकषक की या िजला मिजसटरट की या मखय िनरीकषक क िलिखत साधारण या िवशष आदश ारा इस िनिम परािधकत िनरीकषक की पररणा पर सिसथत िकए जान क िसवाय सिसथत नह िकया जाएगा

1[परनत मखय िनरीकषक या िजला मिजसटरट या इस परकार परािधकत िनरीकषक ऐसा अिभयोजन सिसथत करन स पवर अपना यह समाधान करगा िक सवामी अिभकतार या परबनधक ऐस अपराध क िकए जान को रोकन म सभी समयक ततपरता बरतन म असफल रहा था ]

2[परनत यह और िक] िकसी खान म तकनीकी िनदशन और परबनध क अनकरम म िकए गए िकसी अपराध क बार म िजला मिजसटरट िकसी सवामी अिभकतार या परबनधक क िवर कोई अिभयोजन मखय िनरीकषक क पवर अनमोदन स सिसथत करन क िसवाय सिसथत नह करगा

3[76 कितपय मामल म सवामी का अवधारणmdashजहा िक खान का सवामी कोई फमर या िष टय का अनय सगम हो वहा उसक सब भागीदार या सदसय या उनम स कोई अथवा जहा िक खान का सवामी कमपनी हो वहा उसक सब िनदशक या उनम स कोई अथवा जहा िक खान का सवामी सरकार या कोई सथानीय परािधकारी हो वहा यथािसथित ऐसी सरकार या सथानीय परािधकारी ारा खान क कामकाज का परबनध करन क िलए परािधकत सब आिफसर या िक त या उनम स कोई ऐस िकसी अपराध क िलए िजसक िलए खान का सवामी दडनीय हो इस अिधिनयम क अधीन अिभयोिजत और दिडत िकया जा सकगा

4[परनत जहा िकसी फमर सगम या कमपनी न मखय िनरीकषक को िलिखत रप म यह सचना द दी ह िक उसनmdash

(क) फमर की दशा म उसक िकसी भागीदार या परबनधक को

(ख) सगम की दशा म उसक िकसी सदसय या परबनधक को

(ग) कमपनी की दशा म उसक िकसी िनदशक या परबनधक को

जो परतयक मामल म िकसी ऐस सथान म िजस पर इस अिधिनयम का िवसतार ह िनवासी ह और जो परतयक मामल म या तो वासतव म ऐसी फमर सगम या कमपनी क परबनध का भारसाधक ह या उसम अिधकाश शयर धारण करता ह इस अिधिनयम क परयोजन क िलए खान क सवामी क उ रदाियतव को गरहण करन क िलए नामिनदिशत कर िदया ह वहा यथािसथित ऐसा भागीदार सदसय िनदशक या परबनधक जब तक वह ऐसा िनवासी बना रहता ह और पव क त रप म भारसाधक ह या अिधकाश शयर को धारण करता ह इस अिधिनयम क परयोजन क िलए खान का सवामी समझा जाएगा जब तक िक उसक नामिनदशन को र करन वाली या यह कथन करन वाली कोई िलिखत सचना की वह यथािसथित भागीदारी सदसय िनदशक या परबनधक नह रहा ह मखय िनरीकषक को पराप त नह हो जाती ह

सपष टीकरणmdashजहा िकसी फमर सगम या कमपनी क िविभन न सथापन या शाखाए ह अथवा उसक िकसी सथापन या शाखा म िविभन न एकक ह वहा िविभन न सथापन या शाखा या एकक क सबध म इस परनतक क अधीन िविभन न िक तय को नामिनदिशत िकया जा सकगा और इस परकार नामिनदिशत िक त कवल उस सथापन शाखा या एकक क समबनध म िजसक समबनध म उस नामिनदिशत िकया गया ह खान का सवामी समझा जाएगा ]

1 1983 क अिधिनयम स० 42 की धारा 40 ारा (31-5-1984 स) अतःसथािपत 2 1983 क अिधिनयम स० 42 की धारा 40 ारा (31-5-1984 स) ldquoपरनतrdquo क सथान पर परितसथािपत 3 1959 क अिधिनयम स० 62 की धारा 41 ारा (16-1-1960 स) धारा 76 क सथान पर परितसथािपत 4 1983 क अिधिनयम स० 42 की धारा 41 ारा (31-5-1984 स) ldquoपरनतकrdquo क सथान पर परितसथािपत

30

77 सवामी अिभकतार या परबनधक को दाियतव स कितपय दशा म छटmdashजहा िक खान का सवामी अिभकतार या परबनधक जो इस अिधिनयम क अधीन िकसी अपराध का अिभयक त हो यह अिभकथन कर िक वासतिवक अपराधी अनय िक त ह वहा वह अपन

ारा इस िनिम िकए गए पिरवाद पर 1[और वासतिवक अपराधी का जञात पता दन पर] और अिभयोजक को ऐसा करन क अपन आशय की तीन स अनयन पणर िदन की िलिखत सचना दन पर इस बात का हकदार होगा िक वह अनय िक त उस तारीख को जो मामल की सनवाई क िलए िनयत हो नयायालय क समकष लाया जाए और यिद अपराध का िकया जाना सािबत हो जान क पश चात खान का यथािसथित सवामी अिभकतार या परबनधक नयायालय को समाधान परदान करन वाल रप म सािबत कर द िकmdash

(क) इस अिधिनयम क ससगत उपबनध का िनषपादन करान क िलए उसन समयक ततपता बरती ह तथा (ख) उस अनय िक त न परश नगत अपराध को उसक जञान सममित या मौनानकलता क िबना िकया ह

तो उक त अनय िक त उस अपराध क िलए दोषिस िकया जाएगा और उसी परकार क दणड स ऐस दडनीय होगा मानो वह खान का सवामी अिभकतार या परबनधक हो और यथािसथित सवामी अिभकतार या परबनधक दोषमक त कर िदया जाएगा परनतmdash

(क) यथािसथित खान क सवामी अिभकतार या परबनधक की शपथ पर परीकषा की जा सकगी और उसक और िकसी अनय साकषी क िजस वह अपन समथरन म बलाए सा य की उस िक त क ारा या की ओर स िजसकी बाबत वह अिभकिथत करता हो िक वह वासतिवक अपराधी ह और अिभयोजक ारा परितपरीकषा की जा सकगी

(ख) यिद वह िक त िजसका वासतिवक अपराधी होना अिभकिथत हो उस तारीख को जो मामल की सनवाई क िलए िनयत हो नयायालय क समकष समयक ततपरता बरती जान पर भी न लाया जा सक तो नयायालय उसकी सनवाई समय-समय पर सथिगत कर दगा िकनत इस परकार िक ऐस सथगन की कल कालाविध तीन मास स अिधक न हो और यिद उक त कालाविध क अनत तक भी वह िक त िजसका वासतिवक अपराधी होना अिभकिथत हो नयायालय क समकष न लाया जा सक तो नयायालय यथािसथित सवामी अिभकतार या परबनधक क िवर मामल की सनवाई क िलए अगरसर होगा

78 नयायालय की आदश करन की शिक तmdash(1) जहा िक खान का सवमी अिभकतार या परबनधक इस अिधिनयम क अधीन दडनीय अपराध क िलए दोषिस िकया जाए वहा नयायालय उस कोई दड अिधिनण त करन क अितिरक त िलिखत आदश ारा उसस आदश म िविनिदष ट कालाविध क अनदर (िजस नयायालय इस िनिम िकए गए आवदन पर समय-समय पर िवसतािरत कर सकगा) ऐस उपाय करन की अपकषा कर सकगा जो उन बात का उपचार करन क िलए िजनक बार म अपराध िकया गया था ऐस िविनिदष ट िकए जाए (2) जहा िक उपधारा (1) क अधीन आदश िदया जाए वहा यथािसथित खान का सवामी अिभकतार या परबनधक उस कालाविध या िवसतािरत कालाविध क यिद कोई हो दौरान अपराध क चाल रहन क िवषय म इस अिधिनयम क अधीन दडनीय नह होगा िकनत यिद नयायालय क आदश का पणर अनपालन ऐसी कालाविध या िवसतािरत कालाविध क अवसान पर न हो गया हो तो यथािसथित सवामी अिभकतार या परबनधक क बार म यह समझा जाएगा िक उसन अितिरक त अपराध िकया ह और वह कारावास स िजसकी अविध छह मास तक की हो सकगी या जमारन स जो ऐस अवसान क पश चात हर एक ऐस िदन क िलए िजसम िक आदश का अनपालन न हआ हो एक सौ रपए तक का हो सकगा या दोन स दणडनीय होगा 79 अिभयोजन की पिरसीमाmdashकोई भी नयायालय इस अिधिनयम क अधीन िकसी अपराध का सजञान तब तक नह करगा जब तक िक उसका पिरवादmdash

(i) उस तारीख स िजसकी बाबत यह अिभकिथत हो िक अपराध उस तारीख को िकया गया छह मास क अनदर अथवा

(ii) उस तारीख स िजसको िक अिभकिथत अपराध का िकया जाना िनरीकषक क जञान म आया छह मास क अनदर अथवा

2[(iiक) िकसी ऐस मामल म िजसम अिभयक त लोक सवक ह या था और ततसमय परव िकसी िविध क अधीन अपराध का सजञान करन क िलए कनदरीय सरकार या राजय सरकार या िकसी अनय परािधकारी की पवर मजरी आवशयक ह उस तारीख क िजसको ऐसी मजरी मखय िनरीकषक को पराप त होती ह तीन मास क अनदर अथवा]

(iii) िकसी ऐस मामल म िजसम जाच नयायालय कनदरीय सरकार ारा धारा 24 क अधीन िनयक त िकया गया हो उस धारा की उपधारा (4) म िविनिदष ट िरपोटर क परकाशन की तारीख क पश चात 3[एक वषर] क अनदर

इनम स जो भी बाद म हो न िकया गया हो 4[सपष टीकरणmdashइस धारा क परयोजन क िलएmdash

1 1959 क अिधिनयम स० 62 की धारा 42 ारा (16-1-1960 स) अनतःसथािपत 2 1983 क अिधिनयम स० 42 की धारा 42 ारा (31-5-1984 स) अतःसथािपत 3 1983 क अिधिनयम स० 42 की धारा 42 ारा (31-5-1984 स) ldquoछह मासrdquo क सथान पर परितसथािपत 4 1959 क अिधिनयम स० 62 की धारा 43 ारा (16-1-1960 स) सप ीकरण जोड़ा गया

31

(क) चाल रहन वाल अपराध की दशा म पिरसीमा की सगणना उस समय क हर कषण क परित िनदश स की जाएगी िजसक दौरान अपराध चाल रह

(ख) जहा िक कोई कायर करन क िलए समय इस अिधिनयम क अधीन िवसतािरत िकया गया हो वहा पिरसीमा की सगणना उस िवसतािरत कालाविध क अवसान स की जाएगी ]

80 अपराध का सजञानmdash1[महानगर मिजसटरट या परथम वगर नयाियक मिजसटरट] क नयायालय स अवर कोई नयायालय इस अिधिनयम क अधीन िकसी ऐस अपराध का िजसकी बाबत यह अिभकिथत हो िक वह खान क सवामी अिभकतार या परबनधक ारा िकया गया ह या िकसी ऐस अपराध का जो इस अिधिनयम ारा कारावास स दडनीय बनाया गया ह िवचारण नह करगा

80क [जमारन क बार म िवशष उपबध ]mdashखान (सशोधन) अिधिनयम 1983 (1983 का 42) की धारा 44 ारा (31-5-1984 स) िनरिसत

81 कितपय मामल म अिभयोजन क बजाय खान बोडर या सिमित को िनदशmdash(1) यिद मखय िनरीकषक या िजला मिजसटरट या िकसी िनरीकषक की पररणा पर इस अिधिनयम क अधीन सिसथत िकसी मामल का िवचारण करन वाल नयायालय की यह राय हो िक यह मामला ऐसा ह जो अिभयोजन क बजाय 2 सिमित को िनदिशत िकया जाना चािहए तो वह दािडक कायरवािहय को रोक सकगा और इस दिष ट स िक ऐसा िनदशन िकया जाए उस िवषय की िरपोटर कनदरीय सरकार को भजगा

(2) उपधारा (1) क अधीन िरपोटर पराप त होन पर कनदरीय सरकार मामला 2 सिमित को िनदिशत कर सकगी या िवचारण म अगरसर होन क िलए नयायालय को िनदश द सकगी

अधयाय 10

परकीणर 82 इस परश न का िविनश चय िक कया खान इस अिधिनयम क अधीन हmdashयिद कोई परश न उठ िक कया 3[खान का और उसम

का या उसका पाश वरसथ कोई उतखान या खिनत या पिरसर िजस पर खिनज या कोक पराप त करन दरसी करन या िवकरय क िलए तयार करन की सहायक कोई परिकरया चलाई जा रही ह] इस अिधिनयम क अथर क अनदर खान ह तो कनदरीय सरकार उस परश न का िविनश चय कर सकगी और कनदरीय सरकार क सिचव ारा हसताकषिरत परमाणपतर इस परश न पर िनश चायक होगा

83 अिधिनयम क परवतरन स छट दन की शिक तmdash4[(1)] कनदरीय सरकार िकसी सथानीय कषतर या िकसी खान को या खान क िकसी समह या वगर को या खान क िकसी भाग को या िक तय क िकसी वगर को 5[इस अिधिनयम या उसक अधीन बनाए गए िविनयम िनयम या उपिविधय क सब उपबनध क या उनम स िकसी क] परवतरन स छट शासकीय राजपतर म अिधसचना ारा या तो अतयितकतः या िकनह िविनिदष ट शत क अधयधीन द सकगी

परनत िकसी सथनीय कषतर या खान या खान क समह या वगर को 6[धारा 40 और धारा 45] क उपबनध स छट तब तक नह दी जाएगी जब तक उस इस अिधिनयम क अनय सब उपबनध क परवतरन स भी छट न द दी जाए ]

7[(2) कनदरीय सरकार मखय िनरीकषक या िकसी अनय परािधकारी को साधारण या िवशष आदश ारा ऐस िनबरनधन क अधयधीन िजनह अिधरोिपत करना वह ठीक समझ परािधकत कर सकगी िक वह िकसी खान या उसक िकसी भाग को 8[िविनयम िनयम या उपिविधय ] क उपबन ध म स िकसी क परवतरन स िकनह िविनिदष ट शत क अधयधीन तब छट द द जब िक मखय िनरीकषक या ऐस अिधकारी की राय हो िक खान या उसक भाग म पिरिसथितया ऐसी ह िक उनक कारण ऐस उपबनध का अनपालन अनावशयक या अ वहायर हो जाता ह ]

84 आदश को पिरवितत या िवखिणडत करन की शिक तmdash9[(1)] कनदरीय सरकार इस अिधिनयम क अधीन िदया गया कोई आदश उलट सकगी या उपानतिरत कर सकगी

10[(2) मखय िनरीकषक लखब िकए जान वाल कारण स इस अिधिनयम क अधीन या िकसी िविनयम िनयम या उपिविध क अधीन अपन ारा पािरत िकसी आदश को उलट सकगा या उस उपातिरत कर सकगा

(3) खान क सवामी अिभकतार या परबनधक पर परितकल परभाव डालन वाला कोई आदश इस धारा क अधीन तब तक नह िकया जाएगा जब तक िक ऐस सवामी अिभकतार या परबनधक को अभयावदन करन का यिक तयक त अवसर न द िदया गया हो ]

1 1983 क अिधिनयम स० 42 की धारा 43 ारा (31-5-1984 स) ldquoपरसीडसी मिजसटरट या परथम वगर मिजसटरटrdquo क सथान पर परितसथािपत 2 1983 क अिधिनयम स० 42 की धारा 43 ारा (31-5-1984 स) ldquoखनन बोडरrdquo शब द का लोप िकया गया 3 1959 क अिधिनयम स० 62 की धारा 45 ारा (16-1-1960 स) अनतःसथािपत 4 1959 क अिधिनयम स० 62 की धारा 46 ारा (16-1-1960 स) उपधारा (1) क रप म पनःसखयािकत 5 1983 क अिधिनयम स० 42 की धारा 46 ारा (31-5-1984 स) ldquoइस अिधिनयम क सब उपबध क िकसी कrdquo क सथान पर परितसथािपत 6 1983 क अिधिनयम स० 42 की धारा 46 ारा (31-5-1984 स) ldquoधारा 45rdquo क सथान पर परितसथािपत 7 1959 क अिधिनयम स० 62 की धारा 46 ारा (16-1-1960 स) अनतःसथािपत 8 1983 क अिधिनयम स० 42 की धारा 46 ारा (31-5-1984 स) ldquoइस अिधिनयम क अतगरत िविनयम और िनयमrdquo क सथान पर परितसथािपत 9 1983 क अिधिनयम स० 42 की धारा 47 ारा (31-5-1984 स) धारा 84 उपधारा (1) क रप म पनःसखयािकत 10 1983 क अिधिनयम स० 42 की धारा 47 ारा (31-5-1984 स) अतःसथािपत

32

85 सरकार की खान को अिधिनयम का लाग होनाmdashयह अिधिनयम सरकार की खान को 1[भी] लाग होगा 2[85क सचना आिद दन क िलए अपिकषत िक त ऐसा करन क िलए वध रप स आब ह गmdashहर िक त जो िकसी

अिधकारी को कोई सचना या इि ला इस अिधिनयम क अधीन दन क िलए अपिकषत ह भारतीय दड सिहता (1860 का 45) की धारा 176 क अथर क अनदर ऐसा करन क िलए वध रप स आब होगा ]

3[85ख िववरिणय सचना आिद पर हसताकषर करनाmdashइस अिधिनयम या उसक अधीन बनाए गए िकसी िविनयम िनयम उपिविध या िकसी आदश क उपबनध क समबनध म िकसी खान क सवामी ारा या उसकी ओर स दी जान क िलए अपिकषत सभी िववरिणय और सचना पर या भजी जान वाली सचना पर खान क सवामी अिभकतार या परबधक ारा या िकसी ऐस िक त ारा िजस सवामी ारा मखतारनाम ारा इस िनिम शिक त परतयायोिजत की गई ह हसताकषर िकए जाएग

85ग सिवधा और जन सिवधा क िलए फीस या परभार का वसल न िकया जानाmdashखान म िनयोिजत िकसी िक त स सरकषातमक परबनध या दी जान वाली सिवधा या इस अिधिनयम क उपबनध क अधीन परदाय िकए जान वाल िकसी उपसकर या सािधतर की बाबत कोई फीस या परभार वसल नह िकया जाएगा ]

86 1948 क अिधिनयम 63 क कितपय उपबध का खान को लाग होनाmdashकनदरीय सरकार शासकीय राजपतर म अिधसचना ारा िनदश द सकगी िक कारखाना अिधिनयम 1948 (1948 का 63) क अधयाय 3 और 4 क उपबनध ऐस अपवाद और िनबरनधन क

अधयधीन रहत हए जस उस अिधसचना म िविनिदष ट िकए जाए सब खान और उनकी परसीमा को लाग ह ग

87 सद भावपवरक िकए गए कायर क िलए पिरतराणmdashकोई भी वाद अिभयोजन या अनय िविधक कायरवाही इस अिधिनयम क अधीन सद भावपवरक की गई या जान क िलए आशियत िकसी बात क िलए िकसी िक त क िवर न होगी

88 [1923 क अिधिनयम 4 का िनरसन]mdashिनरसन और सशोधन अिधिनयम 1957 (1957 का 36) की धारा 2 और पहली अनसची ारा िनरिसत

______

1 1959 क अिधिनयम स० 62 की धारा 47 ारा (16-1-1960 स) अनतःसथािपत 2 1959 क अिधिनयम स० 62 की धारा 48 ारा (16-1-1960 स) अनतःसथािपत 3 1983 क अिधिनयम स० 42 की धारा 48 ारा (31-5-1984 स) अतःसथािपत

Page 14: खान अधिनियम, 1952ncwapps.nic.in/acts/TheMinesAct1952_Hindi.pdf1 ज ल ई, 1952, द खए भ रत क र जपतर (अ गर 1952, ज ) भ ग 2,

14

(ख) वह रोग िजसस रोगी पीिड़त हो या िजसस उसक पीिड़त होन का िवश वास हो तथा

(ग) उस खान का नाम और पता िजसम रोगी िनयोिजत हो या अिनतम बार िनयोिजत था

किथत करन वाली िलिखत िरपोटर मखय िनरीकषक को अिवलमब भजगा

(3) जहा िक उपधारा (2) क अधीन की िरपोटर की यह पिष ट परमाणकतार सजरन क परमाणपतर स या अनयथा मखय िनरीकषक को समाधानपरद रप म हो जाए िक वह िक त उपधारा (1) क अधीन अिधसिचत रोग स पीिड़त ह वहा मखय िनरीकषक िचिकतसा-

वसायी को उतनी फीस दगा िजतनी िविहत की जाए और ऐस सद फीस उस खान क सवामी अिभकतार या परबनधक स िजसम उस िक त को रोग लगा हो भ-राजसव क बकाया क रप म वसलीय होगी

(4) यिद कोई िचिकतसा- वसायी उपधारा (2) क उपबनध का अनपालन करन म असफल रहगा तो वह जमारन स जो पचास रपए तक का हो सकगा दणडनीय होगा

26 रोग क कारण क अनवषण का िनदश दन की शिक तmdash(1) कनदरीय सरकार यिद वह ऐसा करना समीचीन समझ तो िकसी ऐस मामल की जाच करन क िलए तथा उस पर िरपोटर दन को कोई सकषम िक त िनयक त कर सकगी िजसम धारा 25 की उपधारा (1) क अधीन अिधसिचत कोई रोग खान म लगा हो या िजसक बार म सदह िकया जाता हो िक वह खान म लगा ह और ऐसी जाच म अससर क रप म कायर करन क िलए िविध का जञान या िवशष जञान रखन वाल एक या अिधक िक तय को भी िनयक त कर सकगी

(2) धारा 24 की उपधारा (2) और (3) क उपबध इस धारा क अधीन की जाच को उसी रीित स लाग ह ग जस व उस धारा क अधीन की िकसी जाच को लाग होत ह

27 िरपोट का परकाशनmdashऐस समय पर और ऐसी रीित स जो वह ठीक समझ कनदरीय सरकार सिमित ारा 1[धारा 12] क अधीन भजी गई िकसी िरपोटर को या अपन को धारा 26 क अधीन भजी गई िकसी िरपोटर या िकसी िरपोटर क उ रण को परकािशत करा सकगी और धारा 24 क अधीन िकसी जाच नयायालय ारा भजी गई हर िरपोटर को परकािशत कराएगी

अधयाय 6

िनयोजन क घट और उस पर िनबरधन

28 साप तािहक िवशराम-िदनmdashिकसी भी िक त को खान म िकसी एक सप ताह म छह िदन स अिधक काम नह करन िदया जाएगा

29 परितकरातमक िवशराम-िदनmdash(1) जहा िक धारा 38 क अधीन कायरवाही क अनसरण म अथवा िकसी खान को या उसम िनयोिजत िक तय को धारा 28 क उपबनध स छट िदए जान क फलसवरप कोई िक त जो उस खान म िनयोिजत हो उन साप तािहक िवशराम-िदन म स िकसी स िजनक िलए धारा 28 म उपबनध िकया गया ह विचत िकया जाए वहा उस उसी मास क अनदर िजसम उस ऐस िवशराम-िदन दय थ या उस मास क अ विहत पश चात क दो मास क अनदर उन िवशराम-िदन की समान सखया म िजनस वह इस परकार विचत िकया गया हो परितकरातमक िवशराम-िदन िदए जाएग

(2) कनदरीय सरकार वह रीित िविहत कर सकगी िजसस व िवशराम-िदन िजनक िलए उपधारा (1) म उपबनध िकया गया ह िदए जाएग

30 भिम क ऊपर क काम क घणटmdash(1) िकसी सप ताह म अड़तालीस घणट स अिधक या िकसी िदन म नौ घणट स अिधक काम भिम क ऊपर िनयोिजत िकसी भी वयसथ स न तो अपिकषत िकया जाएगा और न उस करन िदया जाएगा

2[परनत मखय िनरीकषक क पवर अनमोदन क अधयधीन रहत हए इस उपधारा म िविनिदष ट दिनक अिधकतम घणट को पािरय म तबदीली सकर बनान क िलए बढ़ाया जा सकगा ]

(2) िकसी ऐस वयसथ क काम की कालाविधया इस परकार विसथत की जाएगी िक उसक िवशराम अनतराल सिहत व िकसी भी िदन बारह घणट स अिधक िवसतत न ह और वह कम स कम आध घणट का िवशराम अनतराल क चकन क पवर िनरनतर पाच घणट स अिधक काम न कर

3[परनत मखय िनरीकषक ऐस कारण स जो लखन ारा अिभिलिखत िकए जाएग इस िवसतित का िकसी िदन अिधकतम चौदह घणट की कालाविध तक का होना ऐसी शत क अधयधीन जसी वह अिधरोिपत करना ठीक समझ अनजञात कर सकगा ]

4[(3) दो या अिधक पािरय क िक तय को एक ही समय भिम क ऊपर एक ही परकार का काम नह करन िदया जाएगा

1 1983 क अिधिनयम स० 42 की धारा 18 ारा (31-5-1984 स) ldquoधारा 13rdquo शबद और अक क सथान पर परितसथािपत 2 1959 क अिधिनयम स० 62 की धारा 14 ारा (16-1-1960 स) परनतक जोड़ा गया 3 1959 क अिधिनयम स० 62 की धारा 14 ारा (16-1-1960 स) परनतक क सथान पर परितसथािपत 4 1959 क अिधिनयम स० 62 की धारा 14 ारा (16-1-1960 स) उपधारा (3) क सथान पर परितसथािपत

15

परनत इस उपधारा क परयोजन क िलए िक तय क बार म कवल इस तथय क कारण िक उनक िवशराम अनतराल उनह िभन न समय पर िमलत ह यह न समझा जाएगा िक व िविभन न पािरय क ह ]

1[31 भिम क नीच क काम क घटmdash(1) खान म भिम क नीच िनयोिजत िकसी भी वयसथ को िकसी सप ताह म अड़तालीस घणट स अिधक या िकसी िदन म आठ घणट स अिधक काम नह करन िदया जाएगा

परनत मखय िनरीकषक क पवर अनमोदन क अधयधीन रहत हए इस उपधारा म िविनिदष ट दिनक अिधकतम घणट को पािरय म तबदीली सकर बनान क िलए बढ़ाया जा सकगा

(2) खान म भिम क नीच कोई भी काम ऐस विसथत पारी-प ित स चलान क िसवाय न चलाया जाएगा िक हर एक पारी म काम की कालाविध उपधारा (1) म बताए गए दिनक अिधकतम घट स अिधक िवसतत न हो

(3) खान म िनयोिजत िकसी िक त को भिम क नीच क खान क िकसी भाग म काम की उन कालाविधय क दौरान उपिसथत रहन दन क िसवाय उपिसथत न रहन िदया जाएगा जो धारा 48 की उपधारा (4) क अधीन रख जान वाल रिजसटर म उसक बार म दिशत ह ]

2[32 राितर की पारीmdashजहा िक खान म िनयोिजत िक त ऐसी पारी म काम कर िजसका िवसतार मधयराितर क पश चात तक हो वहाmdash

(क) धारा 28 और धारा 29 क परयोजन क िलए उसक मामल म साप तािहक िवशराम-िदन स उसकी पारी क अनत होन पर आरमभ होन वाली िनरनतर 24 घणट की कालाविध अिभपरत होगी

(ख) उसकी पारी का अनत होन पर आरमभ होन वाली चौबीस घणट की कालाविध उसक िलए अगला िदन समझी जाएगी और मधयराितर क पश चात िजतन घणट उसन काम िकया हो व पवरवत िदन म िगन जाएग ]

33 अितकाल क िलए अितिरक त मजदरीmdash3[(1) जहा िक खान म कोई िक त भिम क ऊपर िकसी िदन नौ घणट स अिधक या भिम क नीच िकसी िदन आठ घणट स अिधक काम कर या चाह भिम क ऊपर या नीच िकसी सप ताह म अड़तालीस घणट स अिधक काम कर वहा ऐस अितकािलक काम क िलए वह अपनी मजदरी की मामली दर स दगनी दर पर मजदरी पान का हकदार होगा और अितकािलक काम की कालाविध की गणना दिनक या साप तािहक आधार पर जो भी उसक िलए अिधक अनकल हो की जाएगी ]

4[(2) जहा खान म िनयोिजत िकसी िक त को मातरानपाती दर स सदाय िकया जाना हो वहा कालानपाती दर को उन िदन क िजनको उसक उस सप ताह क िजसम अितकाल काम िकया गया ह ठीक पवरवत सप ताह क दौरान वासतव म काम िकया था िकसी अितकाल को छोड़कर उसक पणरकािलक उपाजरन क दिनक औसत क बराबर माना जाएगा और ऐसी कालानपाती दर ऐस िक त की मजदरी की मामली दर मानी जाएगी

परनत यिद ऐस िक त न पवरवत सप ताह म उसी या समान काम पर कायर नह िकया ह तो कालानपाती दर अितकाल को छोड़कर उन िदन की िजनको उसन उसी सप ताह म काम िकया ह औसत या िकसी पवरवत सप ताह म उसक उपाजरन की दिनक औसत इनम स जो भी उच चतर हो उस पर आधािरत होगी

सपष टीकरणmdashइस धारा क परयोजन क िलए ldquoमजदरी की मामली दरrdquo का वही अथर होगा जो उसका धारा 9क की उपधारा (3) क सपष टीकरण म ह ]

(4) इस धारा क उपबनध का अनपालन सिनिश चत करन क परयोजन क िलए कनदरीय सरकार खान म रख जान वाल रिजसटर िविहत कर सकगी

5[34 कितपय िक तय क िनयोजन का परितषधmdashकोई भी िक त जो पवरवत बारह घनट क अनदर िकसी अनय खान म पहल ही काम करता रहा हो खान म काम करन क िलए न तो अपिकषत िकया जाएगा न उस खान म काम करन िदया जाएगा ]

6[35 अितकािलक काम सिहत दिनक काम क घट का िनबरनधनmdashधारा 39 क खणड (क) और खणड (ङ) म आन वाल मामल म क िसवाय िकसी भी िदन अितकाल सिहत दस घट स अिधक खान म काम न तो खान म िनयोिजत िकसी भी िक त स अपिकषत िकया जाएगा न उस करन िदया जाएगा ]

36 काम क घट क िवषय म सचनाएmdash(1) हर खान का परबनधक खान म काम क परारमभ और बनद होन का समय और यिद टोली प ित ारा काम परसथािपत हो तो हर एक टोली क काम क परारमभ और बनद होन का समय किथत करन वाली सचना िविहत पररप म खान क कायारलय क बाहर लगवाएगा

1 1959 क अिधिनयम स० 62 की धारा 15 ारा (16-1-1960 स) धारा 31 क सथान पर परितसथािपत 2 1959 क अिधिनयम स० 62 की धारा 16 ारा (16-1-1960 स) धारा 32 क सथान पर परितसथािपत 3 1959 क अिधिनयम स० 62 की धारा 17 ारा (16-1-1960 स) उपधारा (1) क सथान पर परितसथािपत 4 1983 क अिधिनयम स० 42 की धारा 19 ारा (31-5-1984 स) उपधारा (2) और (3) क सथान पर परितसथािपत 5 1959 क अिधिनयम स० 62 की धारा 18 ारा (16-1-1960 स) धारा 34 क सथान पर परितसथािपत 6 1959 क अिधिनयम स० 62 की धारा 19 ारा (16-1-1960 स) धारा 35 क सथान पर परितसथािपत

16

(2) उस खान की दशा म िजसम खनन सिकरयाए इस अिधिनयम क परारमभ क पश चात परारभ ह उपधारा (1) म िनिदष ट सचना काम क परारमभ होन क कम स कम सात िदन पवर लगाई जाएगी

(3) उपधारा (1) म िनिदष ट सचना म भिम क ऊपर िनयोिजत िक तय क काम क परारमभ का समय और िवशराम अनतराल भी किथत ह ग और उसकी एक परित मखय िनरीकषक को यिद वह ऐसी अपकषा कर तो भजी जाएगी

(4) जहा िक साधारणतः खान म या िकसी टोली क काम क परारमभ या बनद होन क िलए िनयत समय म या भिम क ऊपर िनयोिजत िक तय क िलए िनयत िवशराम अनतराल म कोई तबदीली करन की परसथापना हो वहा िविहत पररप म एक सशोिधत सचना उस तबदीली क िकए जान क सात स अनयन िदन पवर खान क कायारलय क बाहर लगाई जाएगी और ऐसी सचना की एक परित ऐसी तबदीली क सात स अनयन िदन पवर मखय िनरीकषक को भजी जाएगी

(5) िकसी भी िक त को उपधारा (1) ारा अपिकषत सचना क अनसार काम करन स अनयथा खान म काम नह करन िदया जाएगा

37 पयरवकषक कमरचािरवनदmdashधारा 28 धारा 30 धारा 31 धारा 34 या 1[धारा 36 की उपधारा (5)] की कोई भी बात उन िक तय को लाग न होगी िजनकी बाबत िनयम ारा यह पिरभािषत िकया जाए िक व पयरवकषण या परबनध का पद धारण िकए हए ह

या गोपनीयता की हिसयत म िनयोिजत ह

38 िनयोजन सबधी उपबनध स छटmdash(1) उस आपात की दशा म िजसम खान या उसम िनयोिजत िक तय क कषम क िलए गमभीर जोिखम अनतवरिलत हो या वासतिवक या आशिकत िकसी दघरटना की दशा म या िकसी दवीकत की दशा म या खान की मशीनरी सयतर या उपसकर क ठपप हो जान क पिरणामसवरप ऐसी मशीनरी सयतर या उपसकर पर िकए जान वाल िकसी अजनट काम की दशा म परबनधक धारा 22 2[या धारा 22क] क उपबनध क अधयधीन और धारा 39 क अधीन क िनयम क अनसार िक तय को धारा 28 धारा 30 धारा 31 या धारा 34 या 1[धारा 36 की उपधारा (5)] क उललघन म ऐस काम म िनयोजन की अनजञा द सकगा जो खान या उसम िनयोिजत िक तय क कषम का सरकषण करन क िलए आवशयक हो

परनत मशीनरी सयतर या उपसकर पर इस धारा क अधीन िकए जान वाल िकसी अजनट काम की दशा म परबनधक इस धारा ारा अनजञात कोई काररवाई कर सकगा य िप उसक िकए जान स 3[खिनज] उतपादन आनषिगक रप स परभािवत होता हो िकनत इस

परकार की गई काररवाई उन सीमा क बाहर न की जाएगी जो खान क मामली कायरकरण म गमभीर हसतकषप का पिरवजरन करन क परयोजन क िलए आवशयक हो

(2) हर वह दशा िजसम उपधारा (1) क अधीन परबनधक ारा काररवाई की गई हो ततसमब पिरिसथितय क साथ अिभिलिखत की जाएगी और उसकी िरपोटर मखय िनरीकषक या िनरीकषक को भी दी जाएगी

4[39 छट दन वाल िनयम बनान की शिक तmdash5[कनदरीय सरकार] िनम निलिखत िक तय क िलए धारा 28 धारा 30 धारा 31 धारा 34 या धारा 36 की उपधारा (5) क उपबनध स ऐस िवसतार तक ऐसी पिरिसथितय म और ऐसी शत क अधयधीन जसी िविनिदष ट की जाए छट का उपबनध करन वाल िनयम बना सकगीmdash

(क) ऐसी खान म िजसम ऐस आपात की आशका हो िजसम खान क या उसम िनयोिजत िक तय क कषम की गमभीर जोिखम अनतवरिलत हो िनयोिजत सब िक त या उनम स कोई

(ख) िकसी वासतिवक या आशिकत दघरटना की दशा म इस परकार िनयोिजत सब िक त या उनम स कोई

(ग) िकसी तयारी की परकित क या परक परकित क ऐस काम म जो खान क मामली कायरकरण म गमभीर हसतकषप का पिरवजरन करन क परयोजन क िलए अवशय चलाया जाना चािहए लग हए सब िक त या उनम स कोई

(घ) अजनट मरममत म लग हए सब िक त या उनम स कोई

(ङ) िकसी ऐस काम म जो िक तकनीकी कारण स िनरनतर चाल रखा जाना चािहए िनयोिजत सब िक त या उनम स कोई ] 6[40 अठारह वषर स कम आय क िक तय का िनयोजनmdash(1) खान (सशोधन) अिधिनयम 1983 क परारमभ क पश चात

अठारह वषर स कम आय क िकसी िक त को िकसी खान या उसक भाग म काम करन क िलए अनजञात नह िकया जाएगा

(2) उपधारा (1) म िकसी बात क होत हए भी िशकष और अनय परिशकष को जो सोलह वषर स कम आय क नह ह िकसी खान या उसक भाग म परबनधक ारा समिचत पयरवकषण क अधीन काम करन क िलए अनजञात िकया जा सकगा

1 1953 क अिधिनयम स० 42 की धारा 4 और अनसची 3 ारा ldquoधारा 36 की उपधारा (4)rdquo क सथान पर परितसथािपत 2 1983 क अिधिनयम स० 42 की धारा 20 ारा (31-5-1984 स) अनतःसथािपत 3 1959 क अिधिनयम स० 62 की धारा 20 ारा (16-1-1960 स) ldquoकोयलाrdquo क सथान पर परितसथािपत 4 1959 क अिधिनयम स० 62 की धारा 21 ारा (16-1-1960 स) धारा 39 क सथान पर परितसथािपत 5 1983 क अिधिनयम स० 42 की धारा 21 ारा (31-5-1984 स) कितपय शबद क सथान पर परितसथािपत 6 1983 क अिधिनयम स० 42 की धारा 22 ारा (31-5-1984 स) धारा 40 क सथान पर परितसथािपत

17

परनत िशकष स िभन न परिशकष की दशा म उनको काम करना अनजञात करन स पवर मखय िनरीकषक या िनरीकषक का पवर अनमोदन अिभपराप त करना आवशयक होगा

सपष टीकरणmdashइस धारा और धारा 43 म ldquoिशकषrdquo स िशकष अिधिनयम 1961 (1961 का 52) की धारा 2 क खणड (क) म यथापिरभािषत िशकष अिभपरत ह ]

41 [योगयता परमाणपतर ]mdashखान (सशोधन) अिधिनयम 1983 की धारा 23 ारा (31-5-1984 स) िनरिसत

42 [कमार को अनद योगयता परमाणपतर का परभाव ]mdashखान (सशोधन) अिधिनयम 1983 (1983 का 42) की धारा 23 ारा (31-5-1984 स) िनरिसत

1[43 िचिकतसीय परीकषा की अपकषा करन की शिक तmdash(1) जहा िकसी िनरीकषक की यह राय हो िक िशकष या अनय परिशकष स अनयथा खान म िनयोिजत कोई िक त वयसथ नह ह अथवा खान म िशकष या अनय परिशकष क रप म िनयोिजत कोई िक त या तो सोलह वषर स कम आय का ह या वह काम करन क योगय नह रह गया ह वहा िनरीकषक खान क परबनधक पर यह अपकषा करन वाली सचना की तामील कर सकगा िक ऐस िक त की परीकषा िकसी परमाणकतार सजरन ारा की जाए और िनरीकषक ऐसा िनदश द तो ऐसा

िक त तब तक िकसी खान म काम करन क िलए िनयोिजत या अनजञात नह िकया जाएगा जब तक इस परकार उसकी परीकषा न हो गई हो और यह परमािणत न कर िदया गया हो िक वह वयसथ ह या यिद ऐसा िक त िशकष या परिशकष ह तो वह सोलह वषर स कम आय का नह ह और काम करन क योगय ह

(2) उपधारा (1) क अधीन िनदश पर परमाणकतार सजरन ारा िदया गया हर परमाणपतर उसम किथत बात का इस अिधिनयम क परयोजन क िलए िनश चायक सा य होगा ]

44 [उन कमार क िलए काम क घट जो वयसक क रप म काम क िलए योगय परमािणत नह िकए गए ]mdashखान (सशोधन) अिधिनयम 1983 (1984 का 42) की धारा 25 ारा (31-5-1984 स) िनरिसत

2[45 खान म अठारह वषर स कम आय क िक तय की उपिसथित का परितषधmdashधारा 40 की उपधारा (2) क उपबनध क अधीन रहत हए ऐसी तारीख क पश चात जो कनदरीय सरकार राजपतर म अिधसचना ारा इस िनिम िनयत कर अठारह वषर स कम आय क िकसी िक त को भिम क ऊपर खान क िकसी ऐस भाग म जहा िकसी खनन सिकरया स ससक त या आनषिगक कोई सिकरया चलाई जा रही हो उपिसथत नह रहन िदया जाएगा ]

3[46 िस तरय का िनयोजनmdash(1) िकसी अनय िविध म अनतिवष ट िकसी बात क होत हए भी कोई भी स तरीmdash

(क) खान क िकसी ऐस भाग म जो भिम क नीच हो

(ख) िकसी खान म भिम क ऊपर 6 बज पवारहन और 7 बज अपराहन क बीच क िसवाय

िनयोिजत नह की जाएगी ]

(2) खान म भिम क ऊपर िनयोिजत हर स तरी को िकसी एक िदन िनयोजन का पयरवसान होन और िनयोजन की अगली कालाविध का परारमभ होन क बीच कम स कम गयारह घनट का अनतराल िदया जाएगा

(3) उपधारा (1) म अनतिवष ट िकसी बात क होत हए भी कनदरीय सरकार िकसी खान या िकसी वगर या परकार की खान क बार म भिम क ऊपर िस तरय क िनयोजन क घट म फरफार शासकीय राजपतर म अिधसचना ारा कर सकगी िकनत इस परकार की िकसी स तरी का 10 बज अपराहन और 5 बज पवारहन क बीच कोई भी िनयोजन तद ारा अनजञात न हो ]

47 [आय क बार म िववाद ]mdashखान (सशोधन) अिधिनयम 1959 (1959 का 62) की धारा 28 ारा िनरिसत

48 िनयोिजत िक तय का रिजसटरmdash4[(1) हर खान क िलए उस खान म िनयोिजत सब िक तय का एक रिजसटर िविहत पररप और सथान म रखा जाएगा िजसम ऐस हर एक िक त क बार म िनम निलिखत बात दिशत ह गीmdash

(क) कमरचारी का नाम यथािसथित उसक िपता या पित क नाम सिहत और ऐसी अनय िविशिष टया जसी उसकी पहचान क परयोजन क िलए आवशयक ह

(ख) कमरचारी की आय और िलग

(ग) िनयोजन की परकित (वह िनयोजन भिम क ऊपर ह या भिम क नीच और यिद भिम क ऊपर ह तो वह िवव खिनत म ह या अनयथा) और उसक परारमभ की तारीख

5

1 1983 क अिधिनयम स० 42 की धारा 24 ारा (31-5-1984 स) धारा 43 क सथान पर परितसथािपत 2 1983 क अिधिनयम स० 42 की धारा 26 ारा (31-5-1984 स) धारा 45 क सथान पर परितसथािपत 3 1959 क अिधिनयम स० 62 की धारा 27 ारा (16-1-1960 स) धारा 46 क सथान पर परितसथािपत 4 1959 क अिधिनयम स० 62 की धारा 29 ारा (16-1-1960 स) उपधारा (1) क सथान पर परितसथािपत 5 1983 क अिधिनयम स० 42 की धारा 27 ारा (31-5-1984 स) खणड (घ) का लोप िकया गया

18

(ङ) अनय ऐसी िविशिष टया जो िविहत की जाए

और ससगत परिविष टया सपक त िकयत क हसताकषर या अगठ क िचहन ारा अिधपरमािणत की जाएगी ]

(2) उपधारा (1) ारा िविहत रिजसटर म की परिविष टया ऐसी ह गी िक उनक अनसार काम करन वाल कमरकार इस अधयाय क उपबनध म स िकसी क उललघन म काम न करत ह ग

(3) कोई िक त खान म तब तक िनयोिजत न िकया जाएगा जब तक उसक बार म उपधारा (1) ारा अपिकषत िविशिष टया रिजसटर म अिधिलिखत न कर ली गई ह और कोई भी िक त रिजसटर म अपन बार म दिशत काम की कालाविधय क दौरान िनयोिजत िकए जान क िसवाय िनयोिजत नह िकया जाएगा

1[(4) िजस खान को कनदरीय सरकार न साधारण या िवशष आदश ारा िकसी िवशष कारण स जो अिभिलिखत िकया जाएगा छट दी हो उसस िभन न हर खान क िलए पथक रिजसटर िविहत पररप और सथान म रख जाएग िजनम हर िक त क बार म जो खान मmdash

(क) भिम क नीच

(ख) िवव खिनत म भिम क ऊपर

(ग) अनय दशा म भिम क ऊपर

िनयोिजत हो िनम निलिखत बात दिशत ह गीmdash

(i) कमरचारी का नाम

(ii) उसक िनयोजन का वगर या िकसम

(iii) जहा िक काम टोली-प ित स चलाया जाता हो वहा िजस पारी का वह ह वह पारी और उस पारी क घनट ]

(5) भिम क नीच िनयोिजत िक तय क उपधारा (4) म िनिदष ट रिजसटर म िकसी भी कषण ऐस हर िक त का नाम दिशत होगा जो तब खान म भिम क नीच उपिसथत हो

2[(6) कोई िक त िकसी िवव खिनत या भिम क नीच िकसी खिनत म तब क िसवाय परवश नह कर सकगा जब िक ऐसा करन क िलए वह परबनधक ारा अनजञात िकया गया हो अथवा इस अिधिनयम या िकसी अनय िविध क अधीन परािधकत हो ]

अधयाय 7

मजदरी सिहत छ ी 3[49 अधयाय का लाग होनाmdashइस अधयाय क उपबनध ऐस परवितत नह ह ग िक उनका िकसी ऐस अिधकार पर परितकल

परभाव पड़ िजसका िक खान म िनयोिजत कोई िक त िकसी अनय िविध क अधीन या िकसी अिधिनणरय करार या सवा-सिवदा क िनबनधन क अधीन हकदार हो

4[परनत यिद ऐसा अिधिनणरय करार या सवा-सिवदा इस अधयाय म उपबिनधत स दीघरतर मजदरी सिहत वािषक छ ी का उपबनध करती हो तो छ ी की वह मातरा िजसक िलए िनयोिजत िक त हकदार होगा ऐस अिधिनणरय करार या सवा-सिवदा क अनसार होगी िकनत छ ी ऐस िवषय की बाबत जो ऐस अिधिनणरय करार या सवा-सिवदा म उपबिनधत नह ह धारा 50 स लकर धारा 56 तक क (िजसम य दोन धाराए भी सिममिलत ह) उपबनध क अनसार िविनयिमत होगी ]

50 छ ी की पिरभाषाmdashसाप तािहक िवशराम-िदन अथवा उतसव क िलए या अनय ऐस ही अवसर क िलए अवकाश-िदन इस अधयाय क परयोजन क िलए छ ी क अनतगरत नह आत ह चाह व छ ी की कालाविध क दौरान ह या उसक ठीक पहल या ठीक पीछ ह

51 कलनडर वषर की पिरभाषाmdashइस अधयाय क परयोजन क िलए ldquoकलनडर वषरrdquo स िकसी वषर म जनवरी क परथम िदन स आरमभ होन वाली बारह मास की कालाविध अिभपरत होगी

52 मजदरी सिहत वािषक छ ीmdash(1) खान म िनयोिजत हर िक त को िजसन उसम एक कलनडर वषर की सवा परी कर ली हो पश चातवत कलनडर वषर क दौरान मजदरी सिहत छ ी अनजञात की जाएगी िजसकी गणनाmdash

(क) भिम क नीच िनयोिजत िक त की दशा म उसक ारा िकए गए काम क हर 5[पनदरह िदन] क िलए एक िदन की दर स की जाएगी तथा

1 1959 क अिधिनयम स० 62 की धारा 29 ारा (16-1-1960 स) उपधारा (4) क सथान पर परितसथािपत 2 1959 क अिधिनयम स० 62 की धारा 29 ारा (16-1-1960 स) अनतःसथािपत 3 1959 क अिधिनयम स० 62 की धारा 30 ारा (16-1-1960 स) धारा 49 स 56 तक क सथान पर परितसथािपत 4 1983 क अिधिनयम स० 42 की धारा 28 ारा (31-5-1984 स) परनतक क सथान पर परितसथािपत 5 1983 क अिधिनयम स० 42 की धारा 29 ारा (31-5-1984 स) ldquoसोलह िदनrdquo क सथान पर परितसथािपत

19

(ख) िकसी अनय दशा म उसक ारा िकए गए काम क हर बीस िदन क िलए एक िदन की दर स की जाएगी

(2) उपधारा (1) म िनिदष ट एक कलनडर वषर की सवाmdash

(क) खान म भिम क नीच िनयोिजत िक त की दशा म परी कर ली गई समझी जाएगी यिद कलनडर वषर क दौरान खान म उसकी हािजिरया एक सौ नबब स कम न ह तथा

(ख) िकसी अनय िक त की दशा म परी कर ली गई समझी जाएगी यिद कलनडर वषर क दौरान खान म उसकी हािजिरया दो सौ चालीस स कम न ह

सपष टीकरणmdashइस उपधारा क परयोजन क िलए यह ह िकmdash

(क) करार या सिवदा ारा या सथायी आदश क अधीन यथा अनजञय कामबदी क िदन को

(ख) स तरी कमरचारी की दशा म बारह सप ताह स अनिधक िकतन ही िदन की परसित छटटी को तथा

(ग) उस वषर स िजसम छ ी का उपभोग िकया जाए पवरवत वषर म उपािजत छ ी को

हािजरी की सगणना क परयोजन क िलए ऐस िदन समझा जाएगा िजनम कमरचारी न खान म काम िकया ह िकनत वह इन िदन क िलए छ ी उपािजत नह करगा

(3) िजस िक त की सवा जनवरी क परथम िदन को परारमभ न होकर अनयथा आरमभ होती ह वहmdash

(क) खान म भिम क नीच िनयोिजत िक त की दशा म तब जब िक वह कलनडर वषर क शष भाग क दौरान क कल िदन क आध स अनयन िदन म हािजर रहा हो तथा

(ख) िकसी अनय दशा म तब जब िक वह कलनडर वषर क शष भाग क दौरान क कल िदन क दो-ितहाई स अनयन िदन म हािजर रहा हो

पश चातवत कलनडर वषर म मजदरी सिहत छ ी उस दर स पान का हकदार होगा जो उपधारा (1) म िविनिदष ट ह

(4) िकसी िक त ारा न ली गई वह छ ी िजसका वह उपधारा (1) या उपधारा (2) क अधीन िकसी एक कलनडर वषर म हकदार हो उस छ ी म जोड़ दी जाएगी जो िक उ रवत कलनडर वषर क दौरान उस उपधारा क अधीन उस अनजञय हो

परनत उन छ ी क िदन की कल सखया जो ऐस िकसी िक त ारा सिचत की जा सकगी िकसी भी एक समय कल तीस िदन स अिधक न होगी

परनत यह और भी िक ऐसा वह िक त िजसन मजदरी सिहत छ ी क िलए आवदन िकया हो िकनत उस उपधारा (6) क अनसार ऐसी छ ी न दी गई हो िकसी सीमा क िबना अनपभक त छ ी क अगरनयन का हकदार होगा

(5) ऐसा कोई िक त उपधारा (1) उपधारा (2) और उपधारा (4) क अधीन उस समय अपन को अनजञय सारी छ ी या उसका कोई भाग लन क िलए खान क परबनधक स उस िदन स पदरह िदन स अनयन िदन पहल िलिखत आवदन कर सकगा िजस िदन वह अपनी छ ी आरमभ करना चाहता हो

परनत िकसी एक कलनडर वषर क दौरान तीन बार स अिधक छ ी न ली जा सकगी

(6) उपधारा (5) क उपबनध क अनसार ऐसी छ ी क िलए िकया गया आवदन तब क िसवाय नामजर नह िकया जाएगा जब िक छ ी अनद करन क िलए सशक त परािधकारी की यह राय हो िक पिरिसथित की आवशयकता क कारण छ ी नामजर की जानी चािहए ]

(7) यिद खान म िनयोिजत िक त अपनी मजदरी सिहत छ ी जो उस शष हो बीमारी की कालाविध क िलए लना चाहता हो तो चाह उसन छ ी क िलए आवदन उपधारा (5) म िविनिदष ट समय क अनदर न भी िकया हो तो भी उस वह छ ी अनद की जाएगी

(8) यिद खान का सवामी अिभकतार या परबनधक खान म िनयोिजत िक त क िनयोजन का पयरवसान उस िक त ारा अपनी वह कल छटटी ल ली जान क पवर कर द िजसका वह अपन िनयोजन क पयरवसान क िदन तक हकदार हो या यिद उस िक त न ऐसी छ ी क िलए आवदन िकया हो और ऐसी छ ी अनद न हई हो और वह िक त अपना िनयोजन छ ी लन स पवर छोड़ द तो खान का सवामी अिभकतार या परबनधक न ली गई छ ी क बार म धारा 53 क अधीन सदय रकम उस सद करगा और ऐसा सदाय वहा जहा िक

िक त क िनयोजन का पयरवसान सवामी अिभकतार या परबनधक ारा िकया जाए ऐस पयरवसान क पश चात क दसर कायर-िदवस क अवसान क पवर और जहा िक िक त अपना िनयोजन सवय छोड़ द वहा अगल वतन-िदवस को या उसक पवर िकया जाएगा

(9) खान म िनयोिजत िक त की अनपभक त छ ी उसक िनयोजन क पयरवसान क पवर िदए जान क िलए अपिकषत िकसी सचना की कालाविध की सगणना करन म िवचार म नह ली जाएगी

20

1[(10) जहा खान म िनयोिजत कोई िक त सवा स उनमोिचत या पदचयत िकया जाता ह अथवा वह अपना िनयोजन छोड़ता ह या अिधविषता पराप त करता ह अथवा सवा म रहत हए उसकी मतय हो जाती ह तो यथािसथित वह या उसक वािरस या उसका नाम-िनदिशती उपधारा (1) म िविनिदष ट दर स पिरकिलत उसको दय छ ी क सथान पर मजदरी पान का हकदार होगा यिदmdash

(क) भिम क नीच िकसी खान म िनयोिजत िक त की दशा म वह अपन िनयोजन की तारीख स लकर अपन उनमोचन या पदचयित की तारीख तक या िनयोजन छोड़न या अिधविषता या मतय की तारीख तक िदन की कल सखया क कम स कम आध िदन तक उपिसथित रहा ह और

(ख) िकसी अनय दशा म वह अपन िनयोजन की तारीख स लकर अपन उनमोचन या पदचयित या िनयोजन छोड़न या अिधविषता या मतय की तारीख तक िदन की कल सखया क कम स कम दो-ितहाई िदन तक उपिसथत रहा ह

और ऐसी मजदरी का सदाय खान क सवामी अिभकतार या परबनधक ारा धारा 53 म िविनिदष ट दर स जहा उस िक त को सवा स उनमोिचत या पदचयत कर िदया जाता ह अथवा वह िनयोजन छोड़ दता ह या अिधविषता पराप त कर लता ह वहा यथािसथित ऐस उनमोचन पदचयित िनयोजन छोड़न या अिधविषता क पश चात दसर कायर िदन की समािप त क पवर और जहा िनयोिजत िक त की सवा म रहत हए मतय हो जाती ह वहा उसकी मतय क दो मास की अविध क भीतर िकया जाएगा ]

सपष टीकरणmdash2[उपधारा (1) उपधारा (3) और उपधारा (10)] क परयोजन क िलए आध िदन या इसस अिधक की छ ी क िभन न को एक परा िदन माना जाएगा और आध िदन स कम वाला िभन न छोड़ िदया जाएगा

53 छ ी की कालाविध क दौरान मजदरीmdashउस छ ी क िलए जो खान म िनयोिजत िक त को धारा 52 क अधीन अनजञात हो उस सदाय ऐसी दर स िकया जाएगा जो उसकी छ ी क अ वितह पवरवत मास क उन िदन की बाबत िजनम वह िनयोिजत रहा हो कल पणरकािलक उपाजरन क उस दिनक औसत क बराबर हो जो उन उपाजरन म स िकसी अितकािलक मजदरी और बोनस को अपविजत करक िकनत उनम महगाई भ और नकद परितकर को िजसक अनतगरत खा ा और अनय वसत क िबना मलय िवतरण स परोदभावी ऐसा कोई परितकर (यिद कोई हो) िजसक हकदार खान म काम करन वाल िक त ततसमय ह आता ह सिममिलत करक आए

परनत यिद ऐस कोई औसत उपाजरन उपलबध न ह तो औसत की सगणना उसी मास क िलए वस ही िनयोिजत सब िक तय क कल पणरकािलक उपाजरन क दिनक औसत क आधार पर की जाएगी

54 कितपय दशा म अिगरम सदायmdashखान म िनयोिजत उस िक त को िजस चार स अनयन िदन की छ ी अनजञात की गई हो अनजञात छ ी की कालाविध क िलए शोधय मजदरी उसकी छ ी आरमभ होन स पहल द दी जाएगी

55 असद मजदरी की वसली का ढगmdashखान क सवामी अिभकतार या परबनधक ारा इस अधयाय क अधीन सद िकए जान क िलए अपिकषत िकनत उसक ारा असद कोई रकम मजदरी सदाय अिधिनयम 1936 (1936 का 4) क उपबनध क अधीन िवलिबत मजदरी क रप म वसलीय होगी

56 खान को छट की शिक तmdashजहा िक कनदरीय सरकार का यह समाधान हो जाए िक िकसी खान म िनयोिजत िक तय को लाग होन वाल छ ी क िनयम ऐसी परसिवधा का उपबनध करत ह जो उसकी राय म उन परसिवधा स कम अनकल नह ह िजनक िलए यह अधयाय उपबनध करता ह वहा वह उस खान को इस अधयाय क सब या िकनह उपबनध स छट िलिखत आदश ारा और ऐसी शत क अधयधीन जो उसम िविनिदष ट की जाए द सकगी ]

अधयाय 8

िविनयम िनयम और उपिविधया 57 िविनयम बनान की कनदरीय सरकार की शिक तmdashकनदरीय सरकार िनम निलिखत सब परयोजन या उनम स िकसी क िलए

ऐस िविनयम3 जो इस अिधिनयम स सगत हो शासकीय राजपतर म अिधसचना ारा बना सकगी अथारत mdash

(क) व अहरताए िविहत करना जो मखय िनरीकषक या िनरीकषक क रप म िनयिक त क िलए अपिकषत हो

(ख) इस अिधिनयम क अधीन खान क िनरीकषण क समबनध म मखय िनरीकषक और िनरीकषक क कतर और शिक तय को िविहत और िविनयिमत करना

(ग) खान क सवािमय अिभकतार और परबनधक क और उनक अधीन कायर करन वाल िक तय क कतर िविहत करना और खान क 4[अिभकतार और परबनधक और उनक अधीन कायर करन वाल िक तय की अहरताए (िजसक अनतगरत आय आती ह)] िविहत करना

1 1983 क अिधिनयम स० 42 की धारा 29 ारा (31-5-1984 स) अनतःसथािपत 2 1983 क अिधिनयम स० 42 की धारा 29 ारा (31-5-1984 स) ldquoउपधारा (1) और (3)rdquo क सथान पर परितसथािपत 3 कोयला खान िविनयम 1957 क िलए दिखए भारत का राजपतर (अगरजी) 1957 भाग 2 खणड 3 प 2569 और धातमय खान िविनयम 1961 क िलए दिखए भारत

का राजपतर 1961 भाग 2 अनभाग 3(i) प 360 4 1959 क अिधिनयम स० 62 की धारा 31 ारा (16-1-1960 स) ldquoपरबनधक की अहरताएrdquo शबद क सथान पर परितसथािपत

21

(घ) खान क परबनधक और उनक अधीन कायर करन वाल अनय िक तय को अपन कतर का पालन दकषतापवरक करन क िलए समथर बनान क िलए सिवधाए उपबिनधत की जान की अपकषा करना

(ङ) खान क परबनधक और उनक अधीन कायर करन वाल िक तय की अहरताए परीकषा ारा या अनयथा अिभिनिश चत करन की रीित को और सकषमता परमाणपतर क अनद और नवीकत िकए जान को िविनयिमत करना

(च) ऐसी परीकषा और ऐस परमाणपतर क अनदान तथा नवीकरण क बार म दी जान वाली फीस यिद कोई ह िनयत करना

(छ) उन पिरिसथितय को िजनम और उन शत को िजसक अधयधीन रहत हए एक स अिधक खान का एक ही परबनधक क अधीन रहना या िकसी खान या िकनह खान का िविहत अहरताए न रखन वाल परबनधक क अधीन रहना िविधपणर होगा अवधािरत करना

1[(ज) इस अिधिनयम क अधीन की जान वाली जाच क िलए िजनक अनतगरत इस अिधिनयम क अधीन परमाणपतर धारण करन वाल िकसी िक त क अवचार या अकषमता स सब कोई जाच आती ह उपबनध करना और ऐस िकसी परमाणपतर क िनलमबन और र िकए जान क िलए उपबनध करना और जहा भी आवशयक हो वहा यह उपबनध करना िक जाच करन क िलए िनयक त िकए गए िक त को सािकषय को हािजर करान और दसतावज और भौितक पदाथ को पश करान क परयोजन क िलए िसिवल परिकरया सिहता 1908 (1908 का 5) क अधीन की िसिवल नयायालय की सब शिक तया पराप त ह गी ]

(झ) भारतीय िवसफोटक अिधिनयम 1884 (1884 का 4) और तद धीन बनाए गए िकनह िनयम क उपबनध क अधयधीन रहत हए िवसफोटक का भडारकरण परवहण और उपयोग िविनयिमत करना

2[(ञ) 3 िस तरय का खान म या खान क िकसी वगर म या ऐस िविशष ट परकार क शरम म िजनम ऐस िक तय क जीवन कषम या सवासथय क िलए खतरा रहता ह िनयोजन परितिष िनबरिनधत या िविनयिमत करना और ऐस िक त

ारा एक बार म वहन िकए जा सकन वाल बोझ क भार को पिरसीिमत करना ]

(ट) खान म िनयोिजत िक तय क कषम उनम उनक परवश करन और वहा स उनक िनकलन क साधन क िलए और उन कपक या िनकास की सखया क िलए जो उपबध िकए जान ह और कपक गत िनकास पथया और अवतलन पर बाड़ लगाई जान क िलए उपबनध करना

(ठ) खान क सवामी स सदाय पान वाल और खान क सवामी या परबनधक क परित सीध उ रदायी िक तय स िभन न िकसी िक त का खान म परबनधक क रप म या िकसी अनय िविनिदष ट हिसयत म िनयोजन परितिष करना

4[(ड) सतमभ या खिनज खणड क सथान िनिश चत करन अनरकषण और िनकाल या छाट जान तथा एक खान और दसरी खान क बीच पयारप त रोध क अनरकषण सिहत खान म सड़क और काम क सथल की सरकषा क िलए उपबनध करना

(ढ) खान म खिनज और महबनद अिग न-कषतर का िनरीकषण और सागर क या िकसी सरोवर या नदी या िकसी अनय भप ीय जलरािश क चाह वह पराकितक हो चाह कितरम या िकसी लोक सड़क या िनमारण क समीप खिनत िवषयक िनबनधन और िकनह खिनत म पानी भर जान या आग लग जान या उनक समय-पवर ढह जान क िवर समयक पवारवधानी बरती जान की अपकषा करना ]

(ण) खान क सवातन का और धल अिग न और जवलनशील तथा अपायकर गस क िवषय म की जान वाली काररवाई का िजसक अनतगरत सवतःदहन भिम क नीच की अिग न और कोयल की धल क िवर पवारवधानी आती ह उपबनध करना

5[(त) खान म िव त क जनन भणडारकरण रपानतरण पारषण और उपयोग की भारतीय िव त अिधिनयम 1910 (1910 का 9) और तद धीन बनाए गए िकनह िनयम क उपबनध क अधयधीन रहत हए िविनयिमत करना और खान म क सब िव त उपकरण िव त तार और उनम की सब अनय मशीनरी और सयतर की दखभाल और उपयोग क िविनयमन क िलए उपबनध करना ]

(थ) 6[खान म मशीनरी का उपयोग िविनयिमत करना ऐसी मशीनरी पर या उसक आसपास और कषरण-माग पर िनयोिजत िक तय क कषम क िलए उपबनध करना] और भिम क नीच कछ वग क चिलतर का परयोग िनबरिनधत करना

(द) खान म उिचत परकाश क िलए उपबनध करना और उनम िनरापद और लमप का परयोग िविनयिमत करना और िजस खान म िनरापद लमप परयोग म लाए जात ह उसम परवश करन वाल िक तय की तलाशी लना

1 1959 क अिधिनयम स० 62 की धारा 31 ारा (16-1-1960 स) खड (ज) क सथान पर परितसथािपत 2 1959 क अिधिनयम स० 62 की धारा 31 ारा (16-1-1960 स) खड (ञ) क सथान पर परितसथािपत 3 1983 क अिधिनयम स० 42 की धारा 30 ारा (31-5-1984 स) ldquoकमार औरrdquo शबद का लोप िकया गया 4 1959 क अिधिनयम स० 62 की धारा 31 ारा (16-1-1960 स) खड (ड) और (ढ) क सथान पर परितसथािपत 5 1959 क अिधिनयम स० 62 की धारा 31 ारा (16-1-1960 स) खड (त) क सथान पर परितसथािपत 6 1983 क अिधिनयम स० 42 की धारा 30 ारा (31-5-1984 स) कितपय शबद क सथान पर परितसथािपत

22

(ध) खान म 1[जवलनशील गस या धल क] िवसफोटक या जवलन या पानी क फट िनकलन या सिचत होन क िवर और उनस उदभत खतर क िवर उपबनध करना और ऐसी पिरिसथितय म खिनज क िनकाल जान का परितषध िनबरनधन या िविनयमन करना िजनस यह समभा ता हो िक उसक पिरणामसवरप खान म 1[खिनत] समय-पवर ढह जाए या यह िक उसक पिरणामसवरप खान म 1[खिनत ] का ढह जाना या जल का फट िनकलना या जवलन घिटत होगा या गरतर हो जाएगा

(न) 2[धारा 23 की उपधारा (1) क खड (छ) क अधीन दघरटना क परकार िविहत करना और दघरटना और खतरनाक घटना की सचना का और खिनज उतपाद िनयोिजत िक तय तथा िविनयम ारा उपबिनधत अनय बात की सचना िरपोट और िववरिणय का खान क सवािमय अिभकतार और परबनधक ारा िदया जाना िविहत करना] और ऐसी सचना िववरिणय और िरपोट क पररप व िक त और परािधकारी िजनह व दी जानी ह व िविशि या जो उनम अनतिवष ट होनी ह और वह समय िजसक अनदर व िनविदन की जानी ह िविहत करना

3[(प) 4[खान क सवािमय अिभकतार और परबनधक स खान क िलए िनयत सीमाए रखन की अपकषा करना उनस ससक त रखाक और खडिचतर तथा सथलीय िटपपण जो उनक ारा रख जान ह िविहत करना] और वह रीित िजसस और व सथान िजनम ऐस रखाक खणडिचतर और सथलीय िटपपण अिभलख क परयोजन क िलए रख जान ह िविहत करना और उनकी परितय का मखय िनरीकषक को िनविदत िकया जाना और उनस यह अपकषा करना िक व नए सवकषण कर और नए रखाक बनाए और अननपालन की दशा म िकसी अनय अिभकरण क माधयम स सवकषण कराना और रखाक तयार कराना और उनक य की वसली उसी रीित स करना िजसस भ-राजसव की बकाया होती ह ]

(फ) 5[िसथित स परभावी ढग स िनपटन क परयोजन क िलए] खान म या उनक आसपास दघरटना या आकिसमक िवसफोट या जवलन क घिटत होन पर अपनाई जान वाली परिकरया िविनयिमत करना

(ब) खान क सवामी अिभकतार या परबनधक ारा धारा 16 क अधीन दी जान वाली सचना का पररप और उसम अनतिवष ट होन वाली िविशि या िविहत करना

(भ) वह सचना िविहत करना जो िकसी ऐस सथान पर जो भारतीय रल अिधिनयम 1890 (1890 का 9) क उपबनध क अधयधीन की िकसी रल क या 6[यथािसथित िकनह ऐसी लोक सड़क या अनय सकम क जो सरकार ारा या िकसी सथानीय परािधकारी ारा अनरिकषत ह ] 7[पतालीस मीटर] क अनदर का हो खनन सिकरयाए परारमभ करन या उस तक िवसतािरत करन क पवर खान क सवामी अिभकतार या परबनधक ारा दी जानी ह

(म) िकसी खान क बार म उस दशा म जबिक खिनत म काम बनद कर िदया गया हो सरकार या िकसी सथानीय परािधकारी या भारतीय रल अिधिनयम 1890 (1890 का 9) म यथापिरभािषत िकसी रल कमपनी म िनिहत समपि की कषित स सरकषा

8[(मम) खान क सवामी अिभकतार या परबनधक स यह अपकषा करना िक खान क बनद िकए जान क पवर सरकषा-सकमर सि िमत कर और अननपालन की दशा म ऐस सकमर िकसी अनय अिभकरण ारा िनषपािदत कराना और ऐस सवामी स उनक य की वसली उसी रीित स करना िजसस भ-राजसव की बकाया की होती ह ]

(य) िकसी खान या खान क भाग या िकसी खदान आनित कपक गतर या िनकास म चाह उसका कायरकरण हो रहा हो या नह या िकसी खतरनाक या परितिष कषतर अवतलन कषरण टराम लाइन या पथया पर जहा जनता क सरकषण क िलए बाड़ लगाना आवशयक हो बाड़ लगाई जान की अपकषा करना

(यय) कोई अनय बात जो िविहत की जानी ह या िविहत की जाए

58 िनयम बनान की कनदरीय सरकार की शिक तmdashकनदरीय सरकार िनिम निलिखत सब परयोजन या उनम स िकसी क िलए ऐस िनयम जो इस अिधिनयम स सगत ह शासकीय राजपतर म अिधसचना ारा बना सकगी अथारत --

9[(क) सिमित क सदसय की पदाविध और उनकी सवा की अनय शत का तथा िरिक तया भरन की रीित का उपबनध कराना और अपना कारबार चलान क िलए सिमित ारा अनसिरत की जान वाली परिकरया िविनयिमत करना

(ख) धारा 23 की उपधारा (3) म िनिदष ट रिजसटर का पररप िविहत करना

1 1959 क अिधिनयम स० 62 की धारा 31 ारा (16-1-1960 स) अनतःसथािपत 2 1959 क अिधिनयम स० 62 की धारा 31 ारा (16-1-1960 स) ldquoसचनाए िविहत करन क िलएrdquo क सथान पर परितसथािपत 3 1959 क अिधिनयम स० 62 की धारा 31 ारा (16-1-1960 स) खड (प) क सथान पर परितसथािपत 4 1983 क अिधिनयम स० 42 की धारा 30 ारा (31-5-1984 स) कितपय शबद क सथान पर परितसथािपत 5 1983 क अिधिनयम स० 42 की धारा 30 ारा (31-5-1984 स) अनतःसथािपत 6 1959 क अिधिनयम स० 62 की धारा 31 ारा (16-1-1960 स) कितपय शबद क सथान पर परितसथािपत 7 1983 क अिधिनयम स० 42 की धारा 30 ारा (31-5-1984 स) ldquoपचास गजrdquo क सथान पर परितसथािपत 8 1959 क अिधिनयम स० 62 की धारा 31 ारा (16-1-1960 स) अनतःसथािपत 9 1983 क अिधिनयम स० 42 की धारा 31 ारा (31-5-1984 स) खड (क) क सथान पर परितसथािपत

23

(ग) धारा 24 क अधीन जाच नयायालय की िनयिक त क िलए उपबनध करना ऐस नयायालय की परिकरया और शिक तया िविनयिमत करना ऐस नयायालय क सदसय को यातरा-भ का सदाय करना और सयक त खान क परबनधक सवामी या अिभकतार स उक त नयायलय क य की 1[िजनक अनतगरत जाच स ससक त कोई अनय य आत ह] 2[उसी रीित स जस भ-राजसव की बकाया वसल की जाती ह] वसली करना

2[(गग) खान म िनयोिजत िक तय की ओर स तकनीकी िवशषजञ ारा (जो परािसथित म ओवरमन स कम नह ह) खान क िनरीकषण क िलए उसक िलए दी जान वाली सिवधा क िलए वह आवित िजस पर और वह रीित िजसम ऐस िनरीकषण िकए जाएग और वह रीित िजसम ऐस िनरीकषण की िरपोटर दी जाएगी उपबनध करना ]

(घ) िजन खान म कोई ि या िनयोिजत ह या पवरवत बारह मास म िकसी िदन िनयोिजत रह ह उनम ऐसी िस तरय क छह वषर स कम आय वाल बालक क उपयोग क िलए आरिकषत िकए जान वाल समिचत कमर बनाए रखन की अपकषा करना और या तो साधारणतः या खान म िनयोिजत िस तरय की सखया क परित िविशष ट िनदश स ऐस कमर की सखया और सतरमान और उन सख-सिवधा की जो उनम उपबिनधत की जानी ह और उस पयरवकषण की जो उनम िकया जाना ह परकित और िवसतार िविहत करना

(ङ) खान म िनयोिजत परष क उपयोग क िलए फहारयक त स नान सथान और लॉकर ककष और िजन खान म ि या िनयोिजत ह उनम िस तरय क उपयोग क िलए वस ही पथक सथान और ककष गतरमख पर या उनक आसपास बनाए रख जान की अपकषा करना और या तो साधारणतः या खान म मामली तौर पर िनयोिजत परष और िस तरय की सखया क परित िविशष ट िनदश स ऐस सथान और ककष की सखयाए और सतरमान िविहत करना

(च) खान म सवचछता का जो सतरमान बनाए रखना ह उस खान म उपबिनधत िकए जान वाल शौचालय और मतरालय का आनपाितक मान िविहत करना और 3 पय जल क परदाय क िलए िकया जान वाला उपबनध

1[(चच) िचिकतसीय सािधतर और सख-सिवधा क परदाय और बनाए रख जान क िलए उपबनध करना और पराथिमक उपचार बकस और कपबोड की अनतवरसतए और सखयाए पराथिमक उपचार क काम म परिशकषण पराथिमक उपचार कमर क आकार और उपसकर और उनक भारसाधक कमरचािरवनद और कषितगरसत िक तय को िचिकतसालय या औषधालय को परवहण करन क िलए इतजाम िविहत करना

(चचच) उन व यिक तय को जो खान म पयरवकषण या परबन ध क पद स िभन न पद पर िनयोिजत ह या िनयोिजत िकए जान ह व यावहािरक िशकषण िदए जान या परिशिकषत िकए जान की अपकषा करना और ऐस िशकषण और परिशकषण क िलए स कीम िविहत करना]

(छ) खान म मादक पय या औषिधय को कबज म रखन को या उनक उपभोग को और म ता की हालत म िकसी िक त क उनम परवश या उपिसथित को परितिष करना

(ज) धारा 36 क अधीन अपिकषत सचना क पररप िविहत करना और यह अपकषा करना िक ऐसी सचनाए िविनिदष ट भाषा म भी लगाई जाए

(झ) उन िक तय को पिरभािषत करना िजनकी बाबत धारा 37 क परयोजन क िलए यह समझा जाएगा िक व पयरवकषण या परबनध क पद धारण िकए हए ह या िकसी गोपनीयता की हिसयत म िनयोिजत ह

(ञ) उन िक तय या िक तय क िकसी वगर का खान म िनयोजन परितिष करना िजनकी बाबत िकसी अिहत िचिकतसा- वसायी ारा यह परमािणत न िकया गया हो िक उनह न अपना पदरहवा वषर परा कर िलया ह और वह रीित और व पिरिसथितया िजनम ऐस परमाणपतर अनद और परितसहत िकए जा सकग िविहत करना

4

1[(टट) खान म िनयोिजत या िनयोजन चाहन वाल िक तय स यह अपकषा करना िक व अपन को िचिकतसीय परीकषा क िलए परसतत कर और खान म िकसी िक त का िनयोजन िकए जान का आतयितक परितषध या िकसी िविशष ट हिसयत म या िविशष ट काम म िकए जान का परितषध िचिकतसीय आधार पर करना ]

5[(ठ) धारा 48 ारा अपिकषत रिजसटर क पररप और अधयाय 7 क परयोजन क िलए रिजसटर रखा जाना और उनक पररप िविहत करना ]

(ड) इस अिधिनयम को और िविनयम और िनयम की सिकषिप तया और वह भाषा िजसम सिकषिप तया और उपिविधया धारा 61 और 62 म अपिकषत रप स लगाई जाएगी िविहत करना

1 1959 क अिधिनयम स० 62 की धारा 32 ारा (16-1-1960 स) अनतःसथािपत 2 1983 क अिधिनयम स० 42 की धारा 31 ारा (31-5-1984 स) अनतःसथािपत 3 1959 क अिधिनयम स० 62 की धारा 32 ारा (16-1-1960 स) कितपय शबद का लोप िकया गया 4 1983 क अिधिनयम स० 42 की धारा 31 ारा (31-5-1984 स) (ट) का लोप िकया गया 5 1959 क अिधिनयम स० 62 की धारा 32 ारा (16-1-1960 स) खड (ठ) क सथान पर परितसथािपत

24

(ढ) यह अपकषा करना िक िजन बात क िलए िनयम बनाए गए ह उनस सब सचनाए िववरिणया और िरपोट खान क सवामी अिभकतार और परबनधक द और ऐसी सचना िववरिणय और िरपोट क पररप व िक त और परािधकारी िजनह व दी जानी ह व िविशि या जो उनम अनतिवष ट होनी ह और व समय िजनक अनदर व िनविदत की जानी ह िविहत करना

(ण) िजन खान म 1 पचास स अिधक िक त मामली तौर पर िनयोिजत रहत ह उनम भोजन करन क िलए यथायोगय और उपयक त ऐस आशरय क िजनम पीन क पानी का उपबनध भी हो उपबिनधत िकए जान और बनाए रख जान की अपकषा करना

(त) मखय िनरीकषक या िनरीकषक ारा इस िनिम िविनिदष ट िकसी ऐसी खान म िजसम दो सौ पचास स अिधक िक त मामली तौर पर िनयोिजत रहत ह ऐस िक तय क उपयोग क िलए कोई कटीन या कटीन उपबिनधत की जान और

बनाए रखी जान की अपकषा करना

(थ) हर ऐसी खान म िजसम पाच सौ या अिधक िक त मामली तौर पर िनयोिजत रहत ह इतनी सखया म कलयाण आिफसर िनयोिजत िकए जान की अपकषा करना िजतनी िविनिदष ट की जाए और ऐस कलयाण आिफसर की अहरताए और सवा क िनबनधन और शत और उनक ारा पालनीय कतर िविहत करना

2[(द) िविनिदष ट खान या िविनिदष ट खान क समह क िलए या िकसी िविनिदष ट कषतर की सब खान क िलए बचाव सटशन की सथापना की जान की अपकषा करना और यह िविहत करना िक ऐस सटशन कस और िकसक ारा सथािपत िकए जाएग

(ध) बचाव सटशन क परबनध क िलए उपबनध करना

(धक) बचाव िबरगड का गठन करन वाल िक तय की शारीिरक योगयता क मानक और अनय अहरता क िलए उपबनध करना

(धख) बचाव िबरगड का गठन करन वाल िक तय का िनवास-सथान िविहत करना ]

(न) 3 बचाव सटशन की िसथित उपसकर िनयतरण अनरकषण और कतय िविहत करना 4[(प) खड (द) क अधीन िविनिदष ट खान म उतपािदत और वहा स परिषत कोक और कोयल पर (पच चीस पस परित

टन स अनिधक दर स) उतपाद-शलक क उद गहण और सगरहण क िलए ऐसी खान क िलए बचाव सटशन िनिध का सजन करन क िलए भारत की सिचत िनिध म जमा िकए गए ऐस उपकर क आगम म स उन धनरािशय क जो कनदरीय सरकार ससद

ारा िविध ारा इस िनिम समयक िविनयोग िकए जान क पश चात उपबिनधत कर ऐसी िनिध म जमा िकए जान क िलए उस रीित क िलए िजसम ऐसी िनिध म स धन का उपयोग िकया जाएगा और ऐसी िनिध क परशासन क िलए उपबनध करना

(फ) बचाव िबरगड़ क बनाव परिशकषण सरचना और कतर क िलए 5 और साधारणतः खान म बचाव कायर क सचालन क िलए उपबनध करना 6

7[(फफ) िविनिदष ट खान या िविनिदष ट खान क समह क िलए सरकषा सिमितय क गठन क िलए या सरकषा की अिभवि करन क िलए िकसी िविनिदष ट कषतर म सभी खान क िलए और ऐसी सरकषा सिमितय की सरचना उनक गठन और कतय की रीित अिधकिथत करन क िलए उपबनध करना तथा]

(ब) साधारणतः िकसी ऐस मामल क िलए उपबनध करना िजनक िलए इस अिधिनयम या िविनयम ारा उपबनध न िकया गया हो और िजसक िलए उपबनध इस अिधिनयम को परभावी करन क िलए अपिकषत हो

59 िविनयम और िनयम का पवर परकाशनmdash(1) धारा 57 और 58 ारा परद िविनयम और िनयम बनान की शिक त इस शतर क अधयधीन ह िक य िविनयम और िनयम पवर परकाशन क पश चात बनाए जाएग

(2) जो तारीख साधारण खड अिधिनयम 1897 (1897 का 10) की धारा 23 क खड (3) क अनसार उस तारीख क रप म िविनिदष ट की जानी ह िजसक पश चात िक बनाए जान क िलए परसथािपत िविनयम या िनयम क परारप पर िवचार िकया जाएगा वह उस तारीख स तीन मास स कम की होगी िजसको परसथािपत िविनयम या िनयम का परारप साधारण जानकारी क िलए परकािशत िकया जाए

1 1959 क अिधिनयम स० 62 की धारा 32 ारा (16-1-1960 स) ldquoएक सौ औरrdquo शबद का लोप िकया गया 2 1983 क अिधिनयम स० 42 की धारा 31 ारा (31-5-1984 स) खड (द) और (ध) क सथान पर परसथािपत 3 1983 क अिधिनयम स० 42 की धारा 31 ारा (31-5-1984 स) ldquoकनदरीयrdquo शबद का लोप िकया गया 4 1983 क अिधिनयम स० 42 की धारा 31 ारा (31-5-1984 स) खड (प) क सथान पर परितसथािपत 5 1983 क अिधिनयम स० 42 की धारा 31 ारा (31-5-1984 स) कितपय शबद का लोप िकया गया 6 1983 क अिधिनयम स० 42 की धारा 31 ारा (31-5-1984 स) ldquoऔरrdquo शबद का लोप िकया गया 7 1983 क अिधिनयम स० 42 की धारा 31 ारा (31-5-1984 स) अनतःसथािपत

25

1

2[(4) कोई भी िविनयम या िनयम तब तक नह बनाया जाएगा जब तक िक उस िविनयम या िनयम का परारप धारा 12 की उपधारा (1) क अधीन गिठत सिमित को िनदिशत न कर िदया गया हो और जब तक उस सिमित को उसक बनाए जान की समीचीनता और उसक उपबनध की उपयक तता की बाबत िरपोटर दन का यिक तयक त अवसर न िमल गया हो ]

(5) िविनयम और िनयम शासकीय राजपतर म परकािशत िकए जाएग और ऐस परकािशत िकए जान पर ऐस परभाव रखग मानो व इस अिधिनयम म अिधिनिमत ह

(6) उपधारा (1) उपधारा (2) और उपधारा (4) क उपबनध उस अवसर को लाग न ह ग िजस पर धारा 58 क खड (घ) या खड (ङ) म िनदिशत िनयम सवरपरथम बनाए जाए

3

60 पवर परकाशन क िबना िविनयम बनान की शिक तmdashयिद कनदरीय सरकार का समाधान हो जाए िक आशिकत खतर का िनवारण करन या खतरा पदा करन की सभा ता रखन वाली िसथितय का शीघर उपचार करन क िलए यह आवशयक ह िक ऐस िविनयम बनान म वह िवलमब न होन िदया जाए जो ऐस परकाशन और िनदशन स होगा तो धारा 57 4 क अधीन िविनयम धारा 59 की उपधारा (1) उपधारा (2) और उपधारा 5[(4)] म अनतिवष ट िकसी बात क होत हए भी पवर परकाशन और 6[धारा 12 की उपधारा (1) क अधीन गिठत सिमित] को 7 िनदशन क िबना बनाए जा सकग

परनत इस परकार बनाए गए िविनयम 8[सिमित की जानकारी क िलए भज जाएग और] बनाए जान स 9[एक वषर] स अिधक क िलए परव नह रहग

61 उपिविधयाmdash(1) खान का सवामी अिभकतार या परबनधक 10[उस खान म िकसी िवशष मशीनरी क उपयोग या कायरकरण की िकसी िवशष प ित को अपनाए जान क शािस त करन क िलए] इस अिधिनयम या िकनह ततसमय परव िविनयम या िनयम स असगत न होन वाली ऐसी उपिविधय का परारप जसी िक ऐसा सवामी अिभकतार या परबनधक उस खान म दघरटना का िनवारण करन क िलए और उसम िनयोिजत िक तय क कषम सिवधा और अनशासन हत उपबनध करन क िलए आवशयक समझ तयार कर सकगा और मखय िनरीकषक या िनरीकषक को िनविदत कर सकगा और यिद ऐसा करन की उसस अपकषा मखय िनरीकषक या िनरीकषक ारा की जाए तो तयार करगा और िनविदत करगा

(2) यिद ऐसा कोई सवामी अिभकतार या परबनधकmdash

(क) मखय िनरीकषक या िनरीकषक ारा ऐसा करन की उसस अपकषा की जान क पश चात दो मास क अनदर उपिविधय का परारप िनविदत करन म असफल रह अथवा

(ख) उपिविधय का ऐसा परारप िनविदत कर जो मखय िनरीकषक या िनरीकषक की राय म पयार न हो

तो मखय िनरीकषक या िनरीकषकmdash

(i) ऐसी उपिविधय का परारप परसथािपत कर सकगा जो उस पयार परतीत ह अथवा

(ii) सवामी अिभकतार या परबनधक ारा जो परारप उस िनविदत िकया गया हो उसम ऐस सशोधन परसथािपत कर सकगा िजनस उसकी राय म वह पयार हो जाएगा और ऐसी परारप-उपिविधया या परारप-सशोधन यथािसथित सवामी अिभकतार या परबनधक क पास िवचार क िलए भजगा

(3) यिद उस तारीख स िजसको कोई परारप-उपिविधया या परारप-सशोधन मखय िनरीकषक या िनरीकषक न सवामी अिभकतार या परबनधक क पास उपधारा (2) क उपबनध क अधीन भज ह दो मास की कालाविध क अनदर मखय िनरीकषक या िनरीकषक और सवामी अिभकतार या परबनधक उपधारा (1) क अधीन बनाई जान वाली उपिविधय क िनबनधन क िवषय म परसपर सहमत होन म

1 1959 क अिधिनयम स० 62 की धारा 33 ारा (16-1-1960 स) उपधारा (3) का लोप िकया गया 2 1983 क अिधिनयम स० 42 की धारा 32 ारा (31-5-1984 स) उपधारा (4) क सथान पर परितसथािपत 3 1983 क अिधिनयम स० 42 की धारा 32 ारा (31-5-1984 स) उपधारा (7) का लोप िकया गया 4 1959 क अिधिनयम स० 62 की धारा 34 ारा (16-1-1960 स) ldquoक खड (ठ) को अपविजत करत हए खड (झ) और खड (ट) स (ख) (ध)rdquo शबद को क और अकषर का

लोप िकया गया 5 1959 क अिधिनयम स० 62 की धारा 34 ारा (16-1-1960 स) ldquo(3)rdquo क सथान पर परितसथािपत 6 1983 क अिधिनयम स० 42 की धारा 33 ारा (31-5-1984 स) ldquoखनन बोड rdquo क सथान पर परितसथािपत 7 1959 क अिधिनयम स० 62 की धारा 34 ारा (16-1-1960 स) ldquoपवरrdquo शबद का लोप िकया गया 8 1983 क अिधिनयम स० 42 की धारा 33 ारा (31-5-1984 स) अनतःसथािपत 9 1959 क अिधिनयम स० 62 की धारा 34 ारा (16-1-1960 स) ldquoदो वषरrdquo क सथान पर परितसथािपत 10 1983 क अिधिनयम स० 42 की धारा 34 ारा (31-5-1984 स) कितपय शबद क सथान पर परितसथािपत

26

असमथर रह तो मखय िनरीकषक या िनरीकषक परारप-उपिविधय को पिरिनधाररण क िलए 1[धारा 12 की उपधारा (1) क अधीन गिठत सिमित को] िनदिशत करगा

(4) (क) जबिक ऐसी पररप-उपिविधय पर अिभकतार या परबनधक और मखय िनरीकषक सहमत हो गए ह या जबिक उनक सहमत होन म असमथर होन पर व 2[धारा 12 की उपधारा (1) क अधीन गिठत सिमित को] ारा पिरिनधारिरत कर दी गई ह तब मखय िनरीकषक या िनरीकषक ारा परारप-उपिविधय की एक परित कनदरीय सरकार को अनमोदनाथर भजी जाएगी

(ख) कनदरीय सरकार परारप-उपिविधय म ऐसा उपातरण कर सकगी जसा वह ठीक समझ

(ग) इसस पवर िक कनदरीय सरकार परारप-उपिविधय का अनमोदन चाह उपातर क सिहत या उनक िबना कर उपिविधया बनान की परसथापना की और उस सथान की जहा परारप-उपिविधय की परितया अिभपरा की जा सकगी और उस समय की (जो तीस िदन स कम का न होगा) इसक अनदर िक परभािवत िक तय क ारा या उनकी ओर स परारप-उपिविधय क परित िकया गया कोई आकषप कनदरीय सरकार को भजा जाना चािहए सचना ऐसी रीित स जसी कनदरीय सरकार परभािवत िक तय की जानकारी दन क िलए उपयक ततम समझ परकािशत की जाएगी

(घ) हर आकषप िलिखत होगा और उसमmdash

(i) आकषप क िविशष ट आधार तथा

(ii) चाह गए लोप पिरवधरन या उपानतर

किथत ह ग

(ङ) उन िक तय क ारा या उनकी ओर स िजनकी बाबत कनदरीय सरकार को यह परतीत हो िक व तद ारा परभािवत िक त ह अपिकषत समय क अनदर िकए गए आकषप पर वह सरकार िवचार करगी और उपिविधय पर या तो उस रप म िजसम व परकािशत की गई थ या उनम ऐस सशोधन करक िजनह वह ठीक समझ अनमोिदत कर सकगी

(5) कनदरीय सरकार ारा इस परकार अनमोिदत हो जान पर उपिविधया इस परकार परभावी ह गी मानो व इस अिधिनयम म अिधिनयिमत ह और खान का सवामी अिभकतार या परबनधक उन उपिविधय की एक परित अगरजी म और ऐसी अनय भाषा या भाषा म जसी िविहत की जाए खान म या उसक आसपास िकसी ऐस सहजदशय सथान पर लगवाएगा जहा व उपिविधया िनयोिजत

िक तय ारा सिवधापवरक पढ़ी या दखी जा सक और िजतनी बार व िवरिपत हो जाए िमट जाए या नष ट हो जाए उतनी बार यिक तयक त शीघरता क साथ उनह नए िसर स लगवाएगा

(6) कनदरीय सरकार इस परकार िनिमत िकसी उपिविध को िलिखत आदश ारा पणरतः या भागतः िवखिडत कर सकगी और तदपिर ऐसी उपिविध तदनसार परभावहीन हो जाएगी

3[61क िविनयम िनयम और उपिविधय का ससद क समकष रखा जानाmdashधारा 57 क अधीन बनाया गया परतयक िविनयम धारा 58 क अधीन बनाया गया परतयक िनयम और धारा 61 क अधीन बनाई गई परतयक उपिविध बनाई जान क पश चात यथाशीघर ससद क परतयक सदन क समकष जब वह सतर म हो कल तीस िदन की अविध क िलए रखा जाएगा या रखी जाएगी यह अविध एक सतरा म अथवा दो या अिधक आनकरिमक सतर म परी हो सकगी यिद उस सतर क या पव क त आनकरिमक सतर म अवसान क पवर दोन सदन उस िविनयम िनयम या उपिविध म कोई पिरवतरन करन क िलए सहमत हो जाए तो ततपश चात वह ऐस पिरवितत रप म ही परभावी होगा या होगी यिद उक त अवसान क पवर दोन सदन सहमत हो जाए िक वह िविनयम िनयम या उपिविध नह बनाया या बनायी जानी चािहए तो ततपश चात वह िनषपरभाव हो जाएगा या हो जाएगी िकनत यथािसथित िविनयम िनयम या उपिविधय क ऐस पिरवितत या िनषपरषभाव होन स उसक अधीन पहल की गई िकसी बात की िविधमानयता पर परितकल परभाव नह पड़गा ]

62 अिधिनयम िविनयम आिद की सिकषिप तया लगवानाmdashहर खान म या उसक आसपास अगरजी म और ऐसी अनय भाषा या भाषा म जो िविहत की जाए अिधिनयम की और िविनयम और िनयम की िविहत सिकषिप तया लगाई रखी जाएगी

अधयाय 9

शािसतया और परिकरया 63 बाधा डालनाmdash(1) जो कोई मखय िनरीकषक िनरीकषक या धारा 8 क अधीन परािधकत िकसी िक त क इस अिधिनयम क अधीन क उसक अपन कतर क िनवरहन म बाधा डालगा या मखय िनरीकषक िनरीकषक या ऐस िक त को िकसी खान क समबनध म इस अिधिनयम क ारा या अधीन परािधकत कोई परवश िनरीकषण परीकषा या जाच करन क िलए कोई यिक तयक त सिवधा दन स इनकार करगा या दन म जानबझकर उपकषा करगा वह कारावास स िजसकी अविध तीन मास तक की हो सकगी या जमारन स जो पाच सौ रपए तक का हो सकगा या दोन स दणडनीय होगा

1 1983 क अिधिनयम स० 42 की धारा 34 ारा (31-5-1984 स) कितपय शबद क सथान पर परितसथािपत 2 1983 क अिधिनयम स० 42 की धारा 34 ारा (31-5-1984 स) कितपय शबद क सथान पर परितसथािपत 3 1983 क अिधिनयम स० 42 की धारा 35 ारा (31-5-1984 स) अतःसथािपत

27

(2) जो कोई इस अिधिनयम क अनसरण म रख गए िकनह रिजसटर या अनय दसतावज को मखय िनरीकषक या िनरीकषक की माग पर पश करन स इनकार करगा अथवा िकसी ऐस िनरीकषण आिफसर क समकष जो इस अिधिनयम क अधीन क अपन कतर क अनसरण म कायर कर रहा ह उपसजात होन या उसक ारा परीकषा की जान स िकसी िक त को िनवािरत करगा या िनवािरत करन का परयत न करगा या कोई ऐसा कायर करगा िजसक बार म उसक पास यह िवश वास करन का कारण हो िक उसस उसका इस परकार िनवािरत होना सभा ह वह जमारन स जो तीन सौ रपए तक का हो सकगा दणडनीय होगा

64 अिभलख का िमथयाकरण आिदmdashजो कोईmdash

(क) इस अिधिनयम क अधीन अनद िकसी परमाणपतर का या परमाणपतर की िकसी कायारलय परित का कटकरण करगा या जानत हए उसम िमथया कथन करगा अथवा

(ख) जानत हए ऐस िकसी कटकतय या िमथया परमाणपतर को असली क रप म उपयोग म लाएगा अथवा

(ग) कोई िमथया घोषणा कथन या सा य यह जानत हए िक वह िमथया ह अपन िलए या िकसी अनय िक त क िलए इस अिधिनयम क अधीन परमाणपतर अिभपरा करन या परमाणपतर का नवीकरण करान या खान म िनयोजन अिभपरा करन क परयोजनाथर करगा या बनाएगा या पश करगा या उपयोग म लाएगा अथवा

1[(घ) िकसी ऐस रखाक खडिचतर रिजसटर या अिभलख का िमथयाकरण करगा िजसका रखा जाना इस अिधिनयम क ारा या अधीन अपिकषत हो या ऐसा िमथया रखाक खडिचतर रिजसटर या अिभलख उस िमथया जानत हए िकसी परािधकारी क

समकष पश करगा अथवा]

(ङ) कोई ऐसा रखाक िववरणी सचना अिभलख या िरपोटर बनाएगा दगा या पिरद करगा िजसम ऐसा कथन परिवि या बयौरा अनतिवष ट हो जो उसकी सव म जानकारी या िवश वास क अनसार सही न हो

वह कारावास स िजसकी अविध तीन मास तक की हो सकगी या जमारन स जो 2[एक हजार रपए] तक का हो सकगा या दोन स दणडनीय होगा

65 िमथया योगयता परमाणपतर का उपयोगmdashजो कोई 3[धारा 43] क अधीन अनय िक त को अनद िकसी परमाणपतर का उस धारा क अधीन अपन को योगयता-परमाणपतर क रप म जानत हए उपयोग करगा या उपयोग करन का परयत न करगा या उस धारा क अधीन अपन को योग यता-परमाणपतर अनद िकए जान पर जानत हए अनय िक त को उसका उपयोग करन दगा या उपयोग करन का परय करन दगा वह कारावास स िजसकी अविध एक मास तक की हो सकगी या जमारन स जो 4[दो सौ] रपए तक का हो सकगा या दोन स दणडनीय ोगा

िक तयक त कारण क िजस सािबत करन का भार उस पर होगा करगा जमारन स जो 6[एक हजार] रपए क का हो

ास स िजसकी विध तीन

ोिजत िकया जाता ह तो ऐसी खान का सवामी अिभकतार या परबनधक ऐस जमारन स जो पाच सौ रपए क का हो

ी अविध तीन मास तक की हो सकगी या जमारन स जो 10[दो हजार पाच सौ] रपए तक का हो सकगा या दोन स दणडनीय होगा

66 रखाक आिद दन का लोपmdashकोई िक त जो इस अिधिनयम क ारा या अधीन बनाए जान या िदए जान क िलए अपिकषत कोई रखाक 5[खडिचतर] िववरणी सचना रिजसटर अिभलख या िरपोटर िविहत पररप म या िविहत रीित स या िविहत समय पर या क भीतर बनान या दन का लोप िकए िबना यत सकगा दणडनीय होगा

67 शरिमक क िनयोजन िवषयक उपबनध का उललघनmdashजो कोई उसक िसवाय जसा िक धारा 38 ारा अनजञात ह इस अिधिनयम क या िकसी िविनयम िनयम या उपिविध क या तद धीन िकए गए िकसी आदश क िकसी ऐस उपबनध का उललघन करगा जो खान म या उसक आसपास िक तय क िनयोजन या उनकी उपिसथित को परितिष िनबरिनधत या िविनयिमत करता हो वह कारावअ मास तक की हो सकगी या जमारन स जो 7[एक हजार] रपए तक का हो सकगा या दोन स 8 दडनीय होगा

9[68 अठारह वषर स कम आय क िक तय क िनयोजन क िलए शािसतmdashयिद अठारह वषर स कम आय क िकसी िक त को धारा 40 क उललघन म िकसी खान म िनयत सकगा दणडनीय होगा ]

69 परबनधक िनयक त करन म असफलताmdashधारा 17 क उपबनध क उललघन म जो कोई परबनधक िनयक त करन म असफल रहगा वह कारावास स िजसक11

1 1959 क अिधिनयम स० 62 की धारा 35 ारा (16-1-1960 स) खड (घ) क सथान पर परितसथािपत 2 1959 क अिधिनयम स० 62 की धारा 35 ारा (16-1-1960 स) ldquoपाच सौ रपएrdquo क सथान पर परितसथािपत 3 1983 क अिधिनयम स० 42 की धारा 36 ारा (31-5-1984 स) ldquoधारा 40rdquo क सथान पर परितसथािपत 4 1959 क अिधिनयम स० 62 की धारा 36 ारा (16-1-1960 स) ldquoपचासrdquo क सथान पर परितसथािपत 5 1959 क अिधिनयम स० 62 की धारा 37 ारा (16-1-1960 स) अनतःसथािपत 6 1959 क अिधिनयम स० 62 की धारा 37 ारा (16-1-1960 स) ldquoदो सौrdquo क सथान पर परितसथािप 7 1959 क अिधिनयम स० 62 की धारा 38 ारा (16-1-1960 स) ldquoपाच सौrdquo क सथान पर परितसथािपत 8 1959 क अिधिनयम स० 62 की धारा 38 ारा (16-1-1960 स) कितपय शबद का लोप िकया गया 9 1983 क अिधिनयम स० 42 की धारा 37 ारा (31-5-1984 स) धारा 68 क सथान पर परितसथािपत 10 1959 क अिधिनयम स० 62 की धारा 39 ारा (16-1-1960 स) ldquoपाच सौrdquo क सथान पर परितसथािपत 11 1959 क अिधिनयम स० 62 की धारा 39 ारा (16-1-1960 स) कितपय शबद का लोप िकया गया

28

70 दघरटना की सचनाmdash(1) धारा 23 की उपधारा (1) क उपबनध क उललघन म जो कोई िकसी दघरटना की सचना दन म या उस सचना की परित उस उपधारा म िनिदष ट िवशष सचनाप पर लगान म और िविनिदष ट कालाविध क िलए वहा रखन म असफल रहगा वह कारावास स िजसकी अविध तीन मास तक की हो सकगी या जमारन स जो पाच सौ रपए तक का हो सकगा या दोन स दणनीय होगा

(2) कनदरीय सरकार ारा धारा 23 की उपधारा (3) क अधीन िदए गए िनदश क उललघन म जो कोई िकसी दघरटना को िविहत रिजसटर म अिभिलिखत करन म या उसकी सचना दन म असफल रहगा वह कारावास स िजसकी अविध तीन मास तक की हो सकगी या जमारन स तो पाच सौ रपए तक का हो सकगा या दोन स दणडनीय होगा

71 कितपय मामल म सवामी आिद का मखय िनरीकषक को िरपोटर दनाmdashजहा िक खान क यथािसथित सवामी अिभकतार या परबनधक न खान म या उसक आसपास िनयोिजत िकसी िक त क िवर कायरवाही इस अिधिनयम क अधीन क िकसी अपराध क बार म की हो वहा वह नयायालय क िनणरय या आदश की तारीख स इक कीस िदन क अनदर उसक पिरणाम की िरपोटर मखय िनरीकषक को दगा

72 खान म िनयोिजत िक तय की बाधयताmdashखान म िनयोिजत कोई भी िक तmdash

(क) खान म िनयोिजत िक तय का सवासथय कषम या कलयाण सिनिश चत करन क परयोजनाथर खान म उपबिनधत िकसी सािधतर सिवधा या अनय चीज म जानबझकर हसतकषप या उसका जानबझकर दरपयोग न करगा

(ख) जानबझकर और यिक तयक त कारण क िबना कोई ऐसी बात न करगा िजसस सवय उसक या अनय क सकटाप होन की सभा ता हो

(ग) खान म िनयोिजत िक तय का सवासथय या कषम सिनिश चत करन क परयोजनाथर उसम उपबिनधत िकसी सािधतर या अनय चीज को उपयोग म लान की जानबझकर उपकषा नह करगा

1[72क कछ िविनयम क उललघन क िलए िवशष उपबनधmdashजो कोई धारा 57 क खणड (घ) खणड (झ) खणड (ड) खणड (ढ) खणड (ण) खणड (त) खणड (द) खणड (ध) और खणड (प) म िविनिदष ट बात स सब िकसी िविनयम क या िकसी उपिविध क या तद धीन िकए गए िकसी आदश क िकसी उपबनध का उललघन करगा वह कारावास स िजसकी अविध छह मास तक की हो सकगी या जमारन स जो दो हजार रपए तक का हो सकगा या दोन स दणडनीय होगा

72ख धारा 22 क अधीन आदश क उललघन क िलए िवशष उपबनधmdashजो कोई धारा 22 की उपधारा (1क) उपधारा (2) या उपधारा (3) क अधीन 2[या धारा 22क की उपधारा (2) क अधीन] िनकाल गए आदश क उललघन म खान का कायरकरण चाल रखगा वह कारावास स िजसकी अविध दो वषर तक की हो सकगी दडनीय होगा और जमारन स भी जो पाच हजार रपए तक का हो सकगा दडनीय होगा

2[परनत नयायालय क िनणरय म लखब िकए जान वाल ततपरितकल िवशष और पयारप त कारण क अभाव म ऐसा जमारना खड (क) म िनिदष ट उललघन की दशा म तीन हजार रपए स कम नह होगा ]

72ग िविध क ऐस उललघन क िलए िजसक खतरनाक पिरणाम होत ह िवशष उपबनधmdash(1) जो कोई इस अिधिनयम क या िकसी िविनयम िनयम या उपिविध क या तद धीन िकए गए [धारा 22 की उपधारा (1क) या उपधारा (2) या उपधारा (3) 3[या धारा 22क की उपधारा (2)] क अधीन िकए गए आदश स िभ ] िकसी आदश क िकसी उपबनध का उललघन करगा वहmdash

(क) यिद ऐस उललघन क पिरणामसवरप जीवन की हािन हो तो कारावास स जो दो वषर तक का हो सकगा या जमारन स जो पाच हजार रपए तक का हो सकगा या दोन स दणडनीय होगा या

(ख) यिद ऐस उललघन क पिरणामसवरप गमभीर शारीिरक कषित हो तो कारावास स जो एक वषर तक का हो सकगा या जमारन स जो तीन हजार रपए तक का हो सकगा या दोन स दडनीय होगा अथवा

(ग) यिद ऐस उललघन स खान म िनयोिजत िक तय को या खान म या उसक आसपास क अनय िक तय को कषित या खतरा कािरत हो तो कारवास स जो तीन मास तक का हो सकगा या जमारन स जो एक हजार रपए तक का हो सकगा या दोन स दणडनीय होगा 6[परनत नयायालय क िनणरय म लखब िकए जान वाल ततपरितकल िवशष और पयारप त कारण क अभाव म ऐसा जमारना

खणड (क) म िनिदष ट उललघन की दशा म तीन हजार रपए स कम नह होगा ]

(2) जहा िक कोई िक त इस धारा क अधीन दोषिस िकए गए जान पर िफर उसक अधीन दोषिस िकया जाए वहा वह उपधारा (1) ारा उपबिनधत दड क दगन दड स दणडनीय होगा

1 1959 क अिधिनयम स० 62 की धारा 40 ारा (16-1-1960 स) धारा 73 तथा धारा 74 क सथान पर परितसथािपत 2 1983 क अिधिनयम स० 42 की धारा 38 ारा (31-5-1984 स) अतःसथािपत 3 1983 क अिधिनयम स० 42 की धारा 39 ारा (31-5-1984 स) अतःसथािपत

29

(3) इस धारा क अधीन पािरत जमारन का दडादश आरोिपत करन वाला अथवा अपील या पनरीकषण म या अनयथा उसकी पिष ट करन वाला नयायालय िनणरय पािरत करत समय आदश द सकगा िक वसल िकया गया सपणर जमारना या उसका कोई भाग कषितगरसत िक त को या उसकी मतय की दशा म उसक िविधक परितिनिध को परितकर क रप म िदया जाए

परनत यिद जमारना ऐस मामल म आरोिपत िकया जाए जो अपीलनीय हो तो अपील उपिसथत िकए जान क िलए अनजञात कालाविध क बीत जान क पहल या यिद अपील उपिसथत की गई हो तो अपील क िविनश चय स पहल ऐसा कोई भी सदाय नह िकया जाएगा

73 आदश की अवजञा क िलए साधारण उपबनधmdashजो कोई इस अिधिनयम क या िकसी िविनयम िनयम या उपिविध क या तद धीन िकए गए िकसी आदश क िकसी ऐस उपबनध का उललघन करगा िजसक उललघन क िलए एतिसमनपवर कोई शािसत उपबिनधत नह ह वह कारावास स िजसकी अविध तीन मास तक की हो सकगी या जमारन स जो एक हजार रपए तक का हो सकगा या दोन स दडनीय होगा

74 पवर दोषिसि क पश चात विधत शािसतmdashयिद कोई िक त जो (धारा 72ख और 72ग स िभ ) पवरगामी उपबनध म स िकसी क अधीन दडनीय िकसी अपराध का दोषिस िकया जा चका हो पवर दोषिसि क दो वषर क अनदर िकए गए और उसी उपबनध का उललघन अनतवरिलत करन वाल िकसी अपराध क िलए पनः दोषिस िकया जाए तो वह हर एक पश चात वत दोषिसि क िलए उस दड क दगन दणड स दणडनीय होगा िजसस वह ऐस उपबनध क परथम उललघन क िलए दडनीय होता ]

75 सवामी अिभकतार या परबनधक का अिभयोजनmdashइस अिधिनयम क अधीन क िकसी अपराध क िलए िकसी सवामी अिभकतार या परबनधक क िवर कोई भी अिभयोजन मखय िनरीकषक की या िजला मिजसटरट की या मखय िनरीकषक क िलिखत साधारण या िवशष आदश ारा इस िनिम परािधकत िनरीकषक की पररणा पर सिसथत िकए जान क िसवाय सिसथत नह िकया जाएगा

1[परनत मखय िनरीकषक या िजला मिजसटरट या इस परकार परािधकत िनरीकषक ऐसा अिभयोजन सिसथत करन स पवर अपना यह समाधान करगा िक सवामी अिभकतार या परबनधक ऐस अपराध क िकए जान को रोकन म सभी समयक ततपरता बरतन म असफल रहा था ]

2[परनत यह और िक] िकसी खान म तकनीकी िनदशन और परबनध क अनकरम म िकए गए िकसी अपराध क बार म िजला मिजसटरट िकसी सवामी अिभकतार या परबनधक क िवर कोई अिभयोजन मखय िनरीकषक क पवर अनमोदन स सिसथत करन क िसवाय सिसथत नह करगा

3[76 कितपय मामल म सवामी का अवधारणmdashजहा िक खान का सवामी कोई फमर या िष टय का अनय सगम हो वहा उसक सब भागीदार या सदसय या उनम स कोई अथवा जहा िक खान का सवामी कमपनी हो वहा उसक सब िनदशक या उनम स कोई अथवा जहा िक खान का सवामी सरकार या कोई सथानीय परािधकारी हो वहा यथािसथित ऐसी सरकार या सथानीय परािधकारी ारा खान क कामकाज का परबनध करन क िलए परािधकत सब आिफसर या िक त या उनम स कोई ऐस िकसी अपराध क िलए िजसक िलए खान का सवामी दडनीय हो इस अिधिनयम क अधीन अिभयोिजत और दिडत िकया जा सकगा

4[परनत जहा िकसी फमर सगम या कमपनी न मखय िनरीकषक को िलिखत रप म यह सचना द दी ह िक उसनmdash

(क) फमर की दशा म उसक िकसी भागीदार या परबनधक को

(ख) सगम की दशा म उसक िकसी सदसय या परबनधक को

(ग) कमपनी की दशा म उसक िकसी िनदशक या परबनधक को

जो परतयक मामल म िकसी ऐस सथान म िजस पर इस अिधिनयम का िवसतार ह िनवासी ह और जो परतयक मामल म या तो वासतव म ऐसी फमर सगम या कमपनी क परबनध का भारसाधक ह या उसम अिधकाश शयर धारण करता ह इस अिधिनयम क परयोजन क िलए खान क सवामी क उ रदाियतव को गरहण करन क िलए नामिनदिशत कर िदया ह वहा यथािसथित ऐसा भागीदार सदसय िनदशक या परबनधक जब तक वह ऐसा िनवासी बना रहता ह और पव क त रप म भारसाधक ह या अिधकाश शयर को धारण करता ह इस अिधिनयम क परयोजन क िलए खान का सवामी समझा जाएगा जब तक िक उसक नामिनदशन को र करन वाली या यह कथन करन वाली कोई िलिखत सचना की वह यथािसथित भागीदारी सदसय िनदशक या परबनधक नह रहा ह मखय िनरीकषक को पराप त नह हो जाती ह

सपष टीकरणmdashजहा िकसी फमर सगम या कमपनी क िविभन न सथापन या शाखाए ह अथवा उसक िकसी सथापन या शाखा म िविभन न एकक ह वहा िविभन न सथापन या शाखा या एकक क सबध म इस परनतक क अधीन िविभन न िक तय को नामिनदिशत िकया जा सकगा और इस परकार नामिनदिशत िक त कवल उस सथापन शाखा या एकक क समबनध म िजसक समबनध म उस नामिनदिशत िकया गया ह खान का सवामी समझा जाएगा ]

1 1983 क अिधिनयम स० 42 की धारा 40 ारा (31-5-1984 स) अतःसथािपत 2 1983 क अिधिनयम स० 42 की धारा 40 ारा (31-5-1984 स) ldquoपरनतrdquo क सथान पर परितसथािपत 3 1959 क अिधिनयम स० 62 की धारा 41 ारा (16-1-1960 स) धारा 76 क सथान पर परितसथािपत 4 1983 क अिधिनयम स० 42 की धारा 41 ारा (31-5-1984 स) ldquoपरनतकrdquo क सथान पर परितसथािपत

30

77 सवामी अिभकतार या परबनधक को दाियतव स कितपय दशा म छटmdashजहा िक खान का सवामी अिभकतार या परबनधक जो इस अिधिनयम क अधीन िकसी अपराध का अिभयक त हो यह अिभकथन कर िक वासतिवक अपराधी अनय िक त ह वहा वह अपन

ारा इस िनिम िकए गए पिरवाद पर 1[और वासतिवक अपराधी का जञात पता दन पर] और अिभयोजक को ऐसा करन क अपन आशय की तीन स अनयन पणर िदन की िलिखत सचना दन पर इस बात का हकदार होगा िक वह अनय िक त उस तारीख को जो मामल की सनवाई क िलए िनयत हो नयायालय क समकष लाया जाए और यिद अपराध का िकया जाना सािबत हो जान क पश चात खान का यथािसथित सवामी अिभकतार या परबनधक नयायालय को समाधान परदान करन वाल रप म सािबत कर द िकmdash

(क) इस अिधिनयम क ससगत उपबनध का िनषपादन करान क िलए उसन समयक ततपता बरती ह तथा (ख) उस अनय िक त न परश नगत अपराध को उसक जञान सममित या मौनानकलता क िबना िकया ह

तो उक त अनय िक त उस अपराध क िलए दोषिस िकया जाएगा और उसी परकार क दणड स ऐस दडनीय होगा मानो वह खान का सवामी अिभकतार या परबनधक हो और यथािसथित सवामी अिभकतार या परबनधक दोषमक त कर िदया जाएगा परनतmdash

(क) यथािसथित खान क सवामी अिभकतार या परबनधक की शपथ पर परीकषा की जा सकगी और उसक और िकसी अनय साकषी क िजस वह अपन समथरन म बलाए सा य की उस िक त क ारा या की ओर स िजसकी बाबत वह अिभकिथत करता हो िक वह वासतिवक अपराधी ह और अिभयोजक ारा परितपरीकषा की जा सकगी

(ख) यिद वह िक त िजसका वासतिवक अपराधी होना अिभकिथत हो उस तारीख को जो मामल की सनवाई क िलए िनयत हो नयायालय क समकष समयक ततपरता बरती जान पर भी न लाया जा सक तो नयायालय उसकी सनवाई समय-समय पर सथिगत कर दगा िकनत इस परकार िक ऐस सथगन की कल कालाविध तीन मास स अिधक न हो और यिद उक त कालाविध क अनत तक भी वह िक त िजसका वासतिवक अपराधी होना अिभकिथत हो नयायालय क समकष न लाया जा सक तो नयायालय यथािसथित सवामी अिभकतार या परबनधक क िवर मामल की सनवाई क िलए अगरसर होगा

78 नयायालय की आदश करन की शिक तmdash(1) जहा िक खान का सवमी अिभकतार या परबनधक इस अिधिनयम क अधीन दडनीय अपराध क िलए दोषिस िकया जाए वहा नयायालय उस कोई दड अिधिनण त करन क अितिरक त िलिखत आदश ारा उसस आदश म िविनिदष ट कालाविध क अनदर (िजस नयायालय इस िनिम िकए गए आवदन पर समय-समय पर िवसतािरत कर सकगा) ऐस उपाय करन की अपकषा कर सकगा जो उन बात का उपचार करन क िलए िजनक बार म अपराध िकया गया था ऐस िविनिदष ट िकए जाए (2) जहा िक उपधारा (1) क अधीन आदश िदया जाए वहा यथािसथित खान का सवामी अिभकतार या परबनधक उस कालाविध या िवसतािरत कालाविध क यिद कोई हो दौरान अपराध क चाल रहन क िवषय म इस अिधिनयम क अधीन दडनीय नह होगा िकनत यिद नयायालय क आदश का पणर अनपालन ऐसी कालाविध या िवसतािरत कालाविध क अवसान पर न हो गया हो तो यथािसथित सवामी अिभकतार या परबनधक क बार म यह समझा जाएगा िक उसन अितिरक त अपराध िकया ह और वह कारावास स िजसकी अविध छह मास तक की हो सकगी या जमारन स जो ऐस अवसान क पश चात हर एक ऐस िदन क िलए िजसम िक आदश का अनपालन न हआ हो एक सौ रपए तक का हो सकगा या दोन स दणडनीय होगा 79 अिभयोजन की पिरसीमाmdashकोई भी नयायालय इस अिधिनयम क अधीन िकसी अपराध का सजञान तब तक नह करगा जब तक िक उसका पिरवादmdash

(i) उस तारीख स िजसकी बाबत यह अिभकिथत हो िक अपराध उस तारीख को िकया गया छह मास क अनदर अथवा

(ii) उस तारीख स िजसको िक अिभकिथत अपराध का िकया जाना िनरीकषक क जञान म आया छह मास क अनदर अथवा

2[(iiक) िकसी ऐस मामल म िजसम अिभयक त लोक सवक ह या था और ततसमय परव िकसी िविध क अधीन अपराध का सजञान करन क िलए कनदरीय सरकार या राजय सरकार या िकसी अनय परािधकारी की पवर मजरी आवशयक ह उस तारीख क िजसको ऐसी मजरी मखय िनरीकषक को पराप त होती ह तीन मास क अनदर अथवा]

(iii) िकसी ऐस मामल म िजसम जाच नयायालय कनदरीय सरकार ारा धारा 24 क अधीन िनयक त िकया गया हो उस धारा की उपधारा (4) म िविनिदष ट िरपोटर क परकाशन की तारीख क पश चात 3[एक वषर] क अनदर

इनम स जो भी बाद म हो न िकया गया हो 4[सपष टीकरणmdashइस धारा क परयोजन क िलएmdash

1 1959 क अिधिनयम स० 62 की धारा 42 ारा (16-1-1960 स) अनतःसथािपत 2 1983 क अिधिनयम स० 42 की धारा 42 ारा (31-5-1984 स) अतःसथािपत 3 1983 क अिधिनयम स० 42 की धारा 42 ारा (31-5-1984 स) ldquoछह मासrdquo क सथान पर परितसथािपत 4 1959 क अिधिनयम स० 62 की धारा 43 ारा (16-1-1960 स) सप ीकरण जोड़ा गया

31

(क) चाल रहन वाल अपराध की दशा म पिरसीमा की सगणना उस समय क हर कषण क परित िनदश स की जाएगी िजसक दौरान अपराध चाल रह

(ख) जहा िक कोई कायर करन क िलए समय इस अिधिनयम क अधीन िवसतािरत िकया गया हो वहा पिरसीमा की सगणना उस िवसतािरत कालाविध क अवसान स की जाएगी ]

80 अपराध का सजञानmdash1[महानगर मिजसटरट या परथम वगर नयाियक मिजसटरट] क नयायालय स अवर कोई नयायालय इस अिधिनयम क अधीन िकसी ऐस अपराध का िजसकी बाबत यह अिभकिथत हो िक वह खान क सवामी अिभकतार या परबनधक ारा िकया गया ह या िकसी ऐस अपराध का जो इस अिधिनयम ारा कारावास स दडनीय बनाया गया ह िवचारण नह करगा

80क [जमारन क बार म िवशष उपबध ]mdashखान (सशोधन) अिधिनयम 1983 (1983 का 42) की धारा 44 ारा (31-5-1984 स) िनरिसत

81 कितपय मामल म अिभयोजन क बजाय खान बोडर या सिमित को िनदशmdash(1) यिद मखय िनरीकषक या िजला मिजसटरट या िकसी िनरीकषक की पररणा पर इस अिधिनयम क अधीन सिसथत िकसी मामल का िवचारण करन वाल नयायालय की यह राय हो िक यह मामला ऐसा ह जो अिभयोजन क बजाय 2 सिमित को िनदिशत िकया जाना चािहए तो वह दािडक कायरवािहय को रोक सकगा और इस दिष ट स िक ऐसा िनदशन िकया जाए उस िवषय की िरपोटर कनदरीय सरकार को भजगा

(2) उपधारा (1) क अधीन िरपोटर पराप त होन पर कनदरीय सरकार मामला 2 सिमित को िनदिशत कर सकगी या िवचारण म अगरसर होन क िलए नयायालय को िनदश द सकगी

अधयाय 10

परकीणर 82 इस परश न का िविनश चय िक कया खान इस अिधिनयम क अधीन हmdashयिद कोई परश न उठ िक कया 3[खान का और उसम

का या उसका पाश वरसथ कोई उतखान या खिनत या पिरसर िजस पर खिनज या कोक पराप त करन दरसी करन या िवकरय क िलए तयार करन की सहायक कोई परिकरया चलाई जा रही ह] इस अिधिनयम क अथर क अनदर खान ह तो कनदरीय सरकार उस परश न का िविनश चय कर सकगी और कनदरीय सरकार क सिचव ारा हसताकषिरत परमाणपतर इस परश न पर िनश चायक होगा

83 अिधिनयम क परवतरन स छट दन की शिक तmdash4[(1)] कनदरीय सरकार िकसी सथानीय कषतर या िकसी खान को या खान क िकसी समह या वगर को या खान क िकसी भाग को या िक तय क िकसी वगर को 5[इस अिधिनयम या उसक अधीन बनाए गए िविनयम िनयम या उपिविधय क सब उपबनध क या उनम स िकसी क] परवतरन स छट शासकीय राजपतर म अिधसचना ारा या तो अतयितकतः या िकनह िविनिदष ट शत क अधयधीन द सकगी

परनत िकसी सथनीय कषतर या खान या खान क समह या वगर को 6[धारा 40 और धारा 45] क उपबनध स छट तब तक नह दी जाएगी जब तक उस इस अिधिनयम क अनय सब उपबनध क परवतरन स भी छट न द दी जाए ]

7[(2) कनदरीय सरकार मखय िनरीकषक या िकसी अनय परािधकारी को साधारण या िवशष आदश ारा ऐस िनबरनधन क अधयधीन िजनह अिधरोिपत करना वह ठीक समझ परािधकत कर सकगी िक वह िकसी खान या उसक िकसी भाग को 8[िविनयम िनयम या उपिविधय ] क उपबन ध म स िकसी क परवतरन स िकनह िविनिदष ट शत क अधयधीन तब छट द द जब िक मखय िनरीकषक या ऐस अिधकारी की राय हो िक खान या उसक भाग म पिरिसथितया ऐसी ह िक उनक कारण ऐस उपबनध का अनपालन अनावशयक या अ वहायर हो जाता ह ]

84 आदश को पिरवितत या िवखिणडत करन की शिक तmdash9[(1)] कनदरीय सरकार इस अिधिनयम क अधीन िदया गया कोई आदश उलट सकगी या उपानतिरत कर सकगी

10[(2) मखय िनरीकषक लखब िकए जान वाल कारण स इस अिधिनयम क अधीन या िकसी िविनयम िनयम या उपिविध क अधीन अपन ारा पािरत िकसी आदश को उलट सकगा या उस उपातिरत कर सकगा

(3) खान क सवामी अिभकतार या परबनधक पर परितकल परभाव डालन वाला कोई आदश इस धारा क अधीन तब तक नह िकया जाएगा जब तक िक ऐस सवामी अिभकतार या परबनधक को अभयावदन करन का यिक तयक त अवसर न द िदया गया हो ]

1 1983 क अिधिनयम स० 42 की धारा 43 ारा (31-5-1984 स) ldquoपरसीडसी मिजसटरट या परथम वगर मिजसटरटrdquo क सथान पर परितसथािपत 2 1983 क अिधिनयम स० 42 की धारा 43 ारा (31-5-1984 स) ldquoखनन बोडरrdquo शब द का लोप िकया गया 3 1959 क अिधिनयम स० 62 की धारा 45 ारा (16-1-1960 स) अनतःसथािपत 4 1959 क अिधिनयम स० 62 की धारा 46 ारा (16-1-1960 स) उपधारा (1) क रप म पनःसखयािकत 5 1983 क अिधिनयम स० 42 की धारा 46 ारा (31-5-1984 स) ldquoइस अिधिनयम क सब उपबध क िकसी कrdquo क सथान पर परितसथािपत 6 1983 क अिधिनयम स० 42 की धारा 46 ारा (31-5-1984 स) ldquoधारा 45rdquo क सथान पर परितसथािपत 7 1959 क अिधिनयम स० 62 की धारा 46 ारा (16-1-1960 स) अनतःसथािपत 8 1983 क अिधिनयम स० 42 की धारा 46 ारा (31-5-1984 स) ldquoइस अिधिनयम क अतगरत िविनयम और िनयमrdquo क सथान पर परितसथािपत 9 1983 क अिधिनयम स० 42 की धारा 47 ारा (31-5-1984 स) धारा 84 उपधारा (1) क रप म पनःसखयािकत 10 1983 क अिधिनयम स० 42 की धारा 47 ारा (31-5-1984 स) अतःसथािपत

32

85 सरकार की खान को अिधिनयम का लाग होनाmdashयह अिधिनयम सरकार की खान को 1[भी] लाग होगा 2[85क सचना आिद दन क िलए अपिकषत िक त ऐसा करन क िलए वध रप स आब ह गmdashहर िक त जो िकसी

अिधकारी को कोई सचना या इि ला इस अिधिनयम क अधीन दन क िलए अपिकषत ह भारतीय दड सिहता (1860 का 45) की धारा 176 क अथर क अनदर ऐसा करन क िलए वध रप स आब होगा ]

3[85ख िववरिणय सचना आिद पर हसताकषर करनाmdashइस अिधिनयम या उसक अधीन बनाए गए िकसी िविनयम िनयम उपिविध या िकसी आदश क उपबनध क समबनध म िकसी खान क सवामी ारा या उसकी ओर स दी जान क िलए अपिकषत सभी िववरिणय और सचना पर या भजी जान वाली सचना पर खान क सवामी अिभकतार या परबधक ारा या िकसी ऐस िक त ारा िजस सवामी ारा मखतारनाम ारा इस िनिम शिक त परतयायोिजत की गई ह हसताकषर िकए जाएग

85ग सिवधा और जन सिवधा क िलए फीस या परभार का वसल न िकया जानाmdashखान म िनयोिजत िकसी िक त स सरकषातमक परबनध या दी जान वाली सिवधा या इस अिधिनयम क उपबनध क अधीन परदाय िकए जान वाल िकसी उपसकर या सािधतर की बाबत कोई फीस या परभार वसल नह िकया जाएगा ]

86 1948 क अिधिनयम 63 क कितपय उपबध का खान को लाग होनाmdashकनदरीय सरकार शासकीय राजपतर म अिधसचना ारा िनदश द सकगी िक कारखाना अिधिनयम 1948 (1948 का 63) क अधयाय 3 और 4 क उपबनध ऐस अपवाद और िनबरनधन क

अधयधीन रहत हए जस उस अिधसचना म िविनिदष ट िकए जाए सब खान और उनकी परसीमा को लाग ह ग

87 सद भावपवरक िकए गए कायर क िलए पिरतराणmdashकोई भी वाद अिभयोजन या अनय िविधक कायरवाही इस अिधिनयम क अधीन सद भावपवरक की गई या जान क िलए आशियत िकसी बात क िलए िकसी िक त क िवर न होगी

88 [1923 क अिधिनयम 4 का िनरसन]mdashिनरसन और सशोधन अिधिनयम 1957 (1957 का 36) की धारा 2 और पहली अनसची ारा िनरिसत

______

1 1959 क अिधिनयम स० 62 की धारा 47 ारा (16-1-1960 स) अनतःसथािपत 2 1959 क अिधिनयम स० 62 की धारा 48 ारा (16-1-1960 स) अनतःसथािपत 3 1983 क अिधिनयम स० 42 की धारा 48 ारा (31-5-1984 स) अतःसथािपत

Page 15: खान अधिनियम, 1952ncwapps.nic.in/acts/TheMinesAct1952_Hindi.pdf1 ज ल ई, 1952, द खए भ रत क र जपतर (अ गर 1952, ज ) भ ग 2,

15

परनत इस उपधारा क परयोजन क िलए िक तय क बार म कवल इस तथय क कारण िक उनक िवशराम अनतराल उनह िभन न समय पर िमलत ह यह न समझा जाएगा िक व िविभन न पािरय क ह ]

1[31 भिम क नीच क काम क घटmdash(1) खान म भिम क नीच िनयोिजत िकसी भी वयसथ को िकसी सप ताह म अड़तालीस घणट स अिधक या िकसी िदन म आठ घणट स अिधक काम नह करन िदया जाएगा

परनत मखय िनरीकषक क पवर अनमोदन क अधयधीन रहत हए इस उपधारा म िविनिदष ट दिनक अिधकतम घणट को पािरय म तबदीली सकर बनान क िलए बढ़ाया जा सकगा

(2) खान म भिम क नीच कोई भी काम ऐस विसथत पारी-प ित स चलान क िसवाय न चलाया जाएगा िक हर एक पारी म काम की कालाविध उपधारा (1) म बताए गए दिनक अिधकतम घट स अिधक िवसतत न हो

(3) खान म िनयोिजत िकसी िक त को भिम क नीच क खान क िकसी भाग म काम की उन कालाविधय क दौरान उपिसथत रहन दन क िसवाय उपिसथत न रहन िदया जाएगा जो धारा 48 की उपधारा (4) क अधीन रख जान वाल रिजसटर म उसक बार म दिशत ह ]

2[32 राितर की पारीmdashजहा िक खान म िनयोिजत िक त ऐसी पारी म काम कर िजसका िवसतार मधयराितर क पश चात तक हो वहाmdash

(क) धारा 28 और धारा 29 क परयोजन क िलए उसक मामल म साप तािहक िवशराम-िदन स उसकी पारी क अनत होन पर आरमभ होन वाली िनरनतर 24 घणट की कालाविध अिभपरत होगी

(ख) उसकी पारी का अनत होन पर आरमभ होन वाली चौबीस घणट की कालाविध उसक िलए अगला िदन समझी जाएगी और मधयराितर क पश चात िजतन घणट उसन काम िकया हो व पवरवत िदन म िगन जाएग ]

33 अितकाल क िलए अितिरक त मजदरीmdash3[(1) जहा िक खान म कोई िक त भिम क ऊपर िकसी िदन नौ घणट स अिधक या भिम क नीच िकसी िदन आठ घणट स अिधक काम कर या चाह भिम क ऊपर या नीच िकसी सप ताह म अड़तालीस घणट स अिधक काम कर वहा ऐस अितकािलक काम क िलए वह अपनी मजदरी की मामली दर स दगनी दर पर मजदरी पान का हकदार होगा और अितकािलक काम की कालाविध की गणना दिनक या साप तािहक आधार पर जो भी उसक िलए अिधक अनकल हो की जाएगी ]

4[(2) जहा खान म िनयोिजत िकसी िक त को मातरानपाती दर स सदाय िकया जाना हो वहा कालानपाती दर को उन िदन क िजनको उसक उस सप ताह क िजसम अितकाल काम िकया गया ह ठीक पवरवत सप ताह क दौरान वासतव म काम िकया था िकसी अितकाल को छोड़कर उसक पणरकािलक उपाजरन क दिनक औसत क बराबर माना जाएगा और ऐसी कालानपाती दर ऐस िक त की मजदरी की मामली दर मानी जाएगी

परनत यिद ऐस िक त न पवरवत सप ताह म उसी या समान काम पर कायर नह िकया ह तो कालानपाती दर अितकाल को छोड़कर उन िदन की िजनको उसन उसी सप ताह म काम िकया ह औसत या िकसी पवरवत सप ताह म उसक उपाजरन की दिनक औसत इनम स जो भी उच चतर हो उस पर आधािरत होगी

सपष टीकरणmdashइस धारा क परयोजन क िलए ldquoमजदरी की मामली दरrdquo का वही अथर होगा जो उसका धारा 9क की उपधारा (3) क सपष टीकरण म ह ]

(4) इस धारा क उपबनध का अनपालन सिनिश चत करन क परयोजन क िलए कनदरीय सरकार खान म रख जान वाल रिजसटर िविहत कर सकगी

5[34 कितपय िक तय क िनयोजन का परितषधmdashकोई भी िक त जो पवरवत बारह घनट क अनदर िकसी अनय खान म पहल ही काम करता रहा हो खान म काम करन क िलए न तो अपिकषत िकया जाएगा न उस खान म काम करन िदया जाएगा ]

6[35 अितकािलक काम सिहत दिनक काम क घट का िनबरनधनmdashधारा 39 क खणड (क) और खणड (ङ) म आन वाल मामल म क िसवाय िकसी भी िदन अितकाल सिहत दस घट स अिधक खान म काम न तो खान म िनयोिजत िकसी भी िक त स अपिकषत िकया जाएगा न उस करन िदया जाएगा ]

36 काम क घट क िवषय म सचनाएmdash(1) हर खान का परबनधक खान म काम क परारमभ और बनद होन का समय और यिद टोली प ित ारा काम परसथािपत हो तो हर एक टोली क काम क परारमभ और बनद होन का समय किथत करन वाली सचना िविहत पररप म खान क कायारलय क बाहर लगवाएगा

1 1959 क अिधिनयम स० 62 की धारा 15 ारा (16-1-1960 स) धारा 31 क सथान पर परितसथािपत 2 1959 क अिधिनयम स० 62 की धारा 16 ारा (16-1-1960 स) धारा 32 क सथान पर परितसथािपत 3 1959 क अिधिनयम स० 62 की धारा 17 ारा (16-1-1960 स) उपधारा (1) क सथान पर परितसथािपत 4 1983 क अिधिनयम स० 42 की धारा 19 ारा (31-5-1984 स) उपधारा (2) और (3) क सथान पर परितसथािपत 5 1959 क अिधिनयम स० 62 की धारा 18 ारा (16-1-1960 स) धारा 34 क सथान पर परितसथािपत 6 1959 क अिधिनयम स० 62 की धारा 19 ारा (16-1-1960 स) धारा 35 क सथान पर परितसथािपत

16

(2) उस खान की दशा म िजसम खनन सिकरयाए इस अिधिनयम क परारमभ क पश चात परारभ ह उपधारा (1) म िनिदष ट सचना काम क परारमभ होन क कम स कम सात िदन पवर लगाई जाएगी

(3) उपधारा (1) म िनिदष ट सचना म भिम क ऊपर िनयोिजत िक तय क काम क परारमभ का समय और िवशराम अनतराल भी किथत ह ग और उसकी एक परित मखय िनरीकषक को यिद वह ऐसी अपकषा कर तो भजी जाएगी

(4) जहा िक साधारणतः खान म या िकसी टोली क काम क परारमभ या बनद होन क िलए िनयत समय म या भिम क ऊपर िनयोिजत िक तय क िलए िनयत िवशराम अनतराल म कोई तबदीली करन की परसथापना हो वहा िविहत पररप म एक सशोिधत सचना उस तबदीली क िकए जान क सात स अनयन िदन पवर खान क कायारलय क बाहर लगाई जाएगी और ऐसी सचना की एक परित ऐसी तबदीली क सात स अनयन िदन पवर मखय िनरीकषक को भजी जाएगी

(5) िकसी भी िक त को उपधारा (1) ारा अपिकषत सचना क अनसार काम करन स अनयथा खान म काम नह करन िदया जाएगा

37 पयरवकषक कमरचािरवनदmdashधारा 28 धारा 30 धारा 31 धारा 34 या 1[धारा 36 की उपधारा (5)] की कोई भी बात उन िक तय को लाग न होगी िजनकी बाबत िनयम ारा यह पिरभािषत िकया जाए िक व पयरवकषण या परबनध का पद धारण िकए हए ह

या गोपनीयता की हिसयत म िनयोिजत ह

38 िनयोजन सबधी उपबनध स छटmdash(1) उस आपात की दशा म िजसम खान या उसम िनयोिजत िक तय क कषम क िलए गमभीर जोिखम अनतवरिलत हो या वासतिवक या आशिकत िकसी दघरटना की दशा म या िकसी दवीकत की दशा म या खान की मशीनरी सयतर या उपसकर क ठपप हो जान क पिरणामसवरप ऐसी मशीनरी सयतर या उपसकर पर िकए जान वाल िकसी अजनट काम की दशा म परबनधक धारा 22 2[या धारा 22क] क उपबनध क अधयधीन और धारा 39 क अधीन क िनयम क अनसार िक तय को धारा 28 धारा 30 धारा 31 या धारा 34 या 1[धारा 36 की उपधारा (5)] क उललघन म ऐस काम म िनयोजन की अनजञा द सकगा जो खान या उसम िनयोिजत िक तय क कषम का सरकषण करन क िलए आवशयक हो

परनत मशीनरी सयतर या उपसकर पर इस धारा क अधीन िकए जान वाल िकसी अजनट काम की दशा म परबनधक इस धारा ारा अनजञात कोई काररवाई कर सकगा य िप उसक िकए जान स 3[खिनज] उतपादन आनषिगक रप स परभािवत होता हो िकनत इस

परकार की गई काररवाई उन सीमा क बाहर न की जाएगी जो खान क मामली कायरकरण म गमभीर हसतकषप का पिरवजरन करन क परयोजन क िलए आवशयक हो

(2) हर वह दशा िजसम उपधारा (1) क अधीन परबनधक ारा काररवाई की गई हो ततसमब पिरिसथितय क साथ अिभिलिखत की जाएगी और उसकी िरपोटर मखय िनरीकषक या िनरीकषक को भी दी जाएगी

4[39 छट दन वाल िनयम बनान की शिक तmdash5[कनदरीय सरकार] िनम निलिखत िक तय क िलए धारा 28 धारा 30 धारा 31 धारा 34 या धारा 36 की उपधारा (5) क उपबनध स ऐस िवसतार तक ऐसी पिरिसथितय म और ऐसी शत क अधयधीन जसी िविनिदष ट की जाए छट का उपबनध करन वाल िनयम बना सकगीmdash

(क) ऐसी खान म िजसम ऐस आपात की आशका हो िजसम खान क या उसम िनयोिजत िक तय क कषम की गमभीर जोिखम अनतवरिलत हो िनयोिजत सब िक त या उनम स कोई

(ख) िकसी वासतिवक या आशिकत दघरटना की दशा म इस परकार िनयोिजत सब िक त या उनम स कोई

(ग) िकसी तयारी की परकित क या परक परकित क ऐस काम म जो खान क मामली कायरकरण म गमभीर हसतकषप का पिरवजरन करन क परयोजन क िलए अवशय चलाया जाना चािहए लग हए सब िक त या उनम स कोई

(घ) अजनट मरममत म लग हए सब िक त या उनम स कोई

(ङ) िकसी ऐस काम म जो िक तकनीकी कारण स िनरनतर चाल रखा जाना चािहए िनयोिजत सब िक त या उनम स कोई ] 6[40 अठारह वषर स कम आय क िक तय का िनयोजनmdash(1) खान (सशोधन) अिधिनयम 1983 क परारमभ क पश चात

अठारह वषर स कम आय क िकसी िक त को िकसी खान या उसक भाग म काम करन क िलए अनजञात नह िकया जाएगा

(2) उपधारा (1) म िकसी बात क होत हए भी िशकष और अनय परिशकष को जो सोलह वषर स कम आय क नह ह िकसी खान या उसक भाग म परबनधक ारा समिचत पयरवकषण क अधीन काम करन क िलए अनजञात िकया जा सकगा

1 1953 क अिधिनयम स० 42 की धारा 4 और अनसची 3 ारा ldquoधारा 36 की उपधारा (4)rdquo क सथान पर परितसथािपत 2 1983 क अिधिनयम स० 42 की धारा 20 ारा (31-5-1984 स) अनतःसथािपत 3 1959 क अिधिनयम स० 62 की धारा 20 ारा (16-1-1960 स) ldquoकोयलाrdquo क सथान पर परितसथािपत 4 1959 क अिधिनयम स० 62 की धारा 21 ारा (16-1-1960 स) धारा 39 क सथान पर परितसथािपत 5 1983 क अिधिनयम स० 42 की धारा 21 ारा (31-5-1984 स) कितपय शबद क सथान पर परितसथािपत 6 1983 क अिधिनयम स० 42 की धारा 22 ारा (31-5-1984 स) धारा 40 क सथान पर परितसथािपत

17

परनत िशकष स िभन न परिशकष की दशा म उनको काम करना अनजञात करन स पवर मखय िनरीकषक या िनरीकषक का पवर अनमोदन अिभपराप त करना आवशयक होगा

सपष टीकरणmdashइस धारा और धारा 43 म ldquoिशकषrdquo स िशकष अिधिनयम 1961 (1961 का 52) की धारा 2 क खणड (क) म यथापिरभािषत िशकष अिभपरत ह ]

41 [योगयता परमाणपतर ]mdashखान (सशोधन) अिधिनयम 1983 की धारा 23 ारा (31-5-1984 स) िनरिसत

42 [कमार को अनद योगयता परमाणपतर का परभाव ]mdashखान (सशोधन) अिधिनयम 1983 (1983 का 42) की धारा 23 ारा (31-5-1984 स) िनरिसत

1[43 िचिकतसीय परीकषा की अपकषा करन की शिक तmdash(1) जहा िकसी िनरीकषक की यह राय हो िक िशकष या अनय परिशकष स अनयथा खान म िनयोिजत कोई िक त वयसथ नह ह अथवा खान म िशकष या अनय परिशकष क रप म िनयोिजत कोई िक त या तो सोलह वषर स कम आय का ह या वह काम करन क योगय नह रह गया ह वहा िनरीकषक खान क परबनधक पर यह अपकषा करन वाली सचना की तामील कर सकगा िक ऐस िक त की परीकषा िकसी परमाणकतार सजरन ारा की जाए और िनरीकषक ऐसा िनदश द तो ऐसा

िक त तब तक िकसी खान म काम करन क िलए िनयोिजत या अनजञात नह िकया जाएगा जब तक इस परकार उसकी परीकषा न हो गई हो और यह परमािणत न कर िदया गया हो िक वह वयसथ ह या यिद ऐसा िक त िशकष या परिशकष ह तो वह सोलह वषर स कम आय का नह ह और काम करन क योगय ह

(2) उपधारा (1) क अधीन िनदश पर परमाणकतार सजरन ारा िदया गया हर परमाणपतर उसम किथत बात का इस अिधिनयम क परयोजन क िलए िनश चायक सा य होगा ]

44 [उन कमार क िलए काम क घट जो वयसक क रप म काम क िलए योगय परमािणत नह िकए गए ]mdashखान (सशोधन) अिधिनयम 1983 (1984 का 42) की धारा 25 ारा (31-5-1984 स) िनरिसत

2[45 खान म अठारह वषर स कम आय क िक तय की उपिसथित का परितषधmdashधारा 40 की उपधारा (2) क उपबनध क अधीन रहत हए ऐसी तारीख क पश चात जो कनदरीय सरकार राजपतर म अिधसचना ारा इस िनिम िनयत कर अठारह वषर स कम आय क िकसी िक त को भिम क ऊपर खान क िकसी ऐस भाग म जहा िकसी खनन सिकरया स ससक त या आनषिगक कोई सिकरया चलाई जा रही हो उपिसथत नह रहन िदया जाएगा ]

3[46 िस तरय का िनयोजनmdash(1) िकसी अनय िविध म अनतिवष ट िकसी बात क होत हए भी कोई भी स तरीmdash

(क) खान क िकसी ऐस भाग म जो भिम क नीच हो

(ख) िकसी खान म भिम क ऊपर 6 बज पवारहन और 7 बज अपराहन क बीच क िसवाय

िनयोिजत नह की जाएगी ]

(2) खान म भिम क ऊपर िनयोिजत हर स तरी को िकसी एक िदन िनयोजन का पयरवसान होन और िनयोजन की अगली कालाविध का परारमभ होन क बीच कम स कम गयारह घनट का अनतराल िदया जाएगा

(3) उपधारा (1) म अनतिवष ट िकसी बात क होत हए भी कनदरीय सरकार िकसी खान या िकसी वगर या परकार की खान क बार म भिम क ऊपर िस तरय क िनयोजन क घट म फरफार शासकीय राजपतर म अिधसचना ारा कर सकगी िकनत इस परकार की िकसी स तरी का 10 बज अपराहन और 5 बज पवारहन क बीच कोई भी िनयोजन तद ारा अनजञात न हो ]

47 [आय क बार म िववाद ]mdashखान (सशोधन) अिधिनयम 1959 (1959 का 62) की धारा 28 ारा िनरिसत

48 िनयोिजत िक तय का रिजसटरmdash4[(1) हर खान क िलए उस खान म िनयोिजत सब िक तय का एक रिजसटर िविहत पररप और सथान म रखा जाएगा िजसम ऐस हर एक िक त क बार म िनम निलिखत बात दिशत ह गीmdash

(क) कमरचारी का नाम यथािसथित उसक िपता या पित क नाम सिहत और ऐसी अनय िविशिष टया जसी उसकी पहचान क परयोजन क िलए आवशयक ह

(ख) कमरचारी की आय और िलग

(ग) िनयोजन की परकित (वह िनयोजन भिम क ऊपर ह या भिम क नीच और यिद भिम क ऊपर ह तो वह िवव खिनत म ह या अनयथा) और उसक परारमभ की तारीख

5

1 1983 क अिधिनयम स० 42 की धारा 24 ारा (31-5-1984 स) धारा 43 क सथान पर परितसथािपत 2 1983 क अिधिनयम स० 42 की धारा 26 ारा (31-5-1984 स) धारा 45 क सथान पर परितसथािपत 3 1959 क अिधिनयम स० 62 की धारा 27 ारा (16-1-1960 स) धारा 46 क सथान पर परितसथािपत 4 1959 क अिधिनयम स० 62 की धारा 29 ारा (16-1-1960 स) उपधारा (1) क सथान पर परितसथािपत 5 1983 क अिधिनयम स० 42 की धारा 27 ारा (31-5-1984 स) खणड (घ) का लोप िकया गया

18

(ङ) अनय ऐसी िविशिष टया जो िविहत की जाए

और ससगत परिविष टया सपक त िकयत क हसताकषर या अगठ क िचहन ारा अिधपरमािणत की जाएगी ]

(2) उपधारा (1) ारा िविहत रिजसटर म की परिविष टया ऐसी ह गी िक उनक अनसार काम करन वाल कमरकार इस अधयाय क उपबनध म स िकसी क उललघन म काम न करत ह ग

(3) कोई िक त खान म तब तक िनयोिजत न िकया जाएगा जब तक उसक बार म उपधारा (1) ारा अपिकषत िविशिष टया रिजसटर म अिधिलिखत न कर ली गई ह और कोई भी िक त रिजसटर म अपन बार म दिशत काम की कालाविधय क दौरान िनयोिजत िकए जान क िसवाय िनयोिजत नह िकया जाएगा

1[(4) िजस खान को कनदरीय सरकार न साधारण या िवशष आदश ारा िकसी िवशष कारण स जो अिभिलिखत िकया जाएगा छट दी हो उसस िभन न हर खान क िलए पथक रिजसटर िविहत पररप और सथान म रख जाएग िजनम हर िक त क बार म जो खान मmdash

(क) भिम क नीच

(ख) िवव खिनत म भिम क ऊपर

(ग) अनय दशा म भिम क ऊपर

िनयोिजत हो िनम निलिखत बात दिशत ह गीmdash

(i) कमरचारी का नाम

(ii) उसक िनयोजन का वगर या िकसम

(iii) जहा िक काम टोली-प ित स चलाया जाता हो वहा िजस पारी का वह ह वह पारी और उस पारी क घनट ]

(5) भिम क नीच िनयोिजत िक तय क उपधारा (4) म िनिदष ट रिजसटर म िकसी भी कषण ऐस हर िक त का नाम दिशत होगा जो तब खान म भिम क नीच उपिसथत हो

2[(6) कोई िक त िकसी िवव खिनत या भिम क नीच िकसी खिनत म तब क िसवाय परवश नह कर सकगा जब िक ऐसा करन क िलए वह परबनधक ारा अनजञात िकया गया हो अथवा इस अिधिनयम या िकसी अनय िविध क अधीन परािधकत हो ]

अधयाय 7

मजदरी सिहत छ ी 3[49 अधयाय का लाग होनाmdashइस अधयाय क उपबनध ऐस परवितत नह ह ग िक उनका िकसी ऐस अिधकार पर परितकल

परभाव पड़ िजसका िक खान म िनयोिजत कोई िक त िकसी अनय िविध क अधीन या िकसी अिधिनणरय करार या सवा-सिवदा क िनबनधन क अधीन हकदार हो

4[परनत यिद ऐसा अिधिनणरय करार या सवा-सिवदा इस अधयाय म उपबिनधत स दीघरतर मजदरी सिहत वािषक छ ी का उपबनध करती हो तो छ ी की वह मातरा िजसक िलए िनयोिजत िक त हकदार होगा ऐस अिधिनणरय करार या सवा-सिवदा क अनसार होगी िकनत छ ी ऐस िवषय की बाबत जो ऐस अिधिनणरय करार या सवा-सिवदा म उपबिनधत नह ह धारा 50 स लकर धारा 56 तक क (िजसम य दोन धाराए भी सिममिलत ह) उपबनध क अनसार िविनयिमत होगी ]

50 छ ी की पिरभाषाmdashसाप तािहक िवशराम-िदन अथवा उतसव क िलए या अनय ऐस ही अवसर क िलए अवकाश-िदन इस अधयाय क परयोजन क िलए छ ी क अनतगरत नह आत ह चाह व छ ी की कालाविध क दौरान ह या उसक ठीक पहल या ठीक पीछ ह

51 कलनडर वषर की पिरभाषाmdashइस अधयाय क परयोजन क िलए ldquoकलनडर वषरrdquo स िकसी वषर म जनवरी क परथम िदन स आरमभ होन वाली बारह मास की कालाविध अिभपरत होगी

52 मजदरी सिहत वािषक छ ीmdash(1) खान म िनयोिजत हर िक त को िजसन उसम एक कलनडर वषर की सवा परी कर ली हो पश चातवत कलनडर वषर क दौरान मजदरी सिहत छ ी अनजञात की जाएगी िजसकी गणनाmdash

(क) भिम क नीच िनयोिजत िक त की दशा म उसक ारा िकए गए काम क हर 5[पनदरह िदन] क िलए एक िदन की दर स की जाएगी तथा

1 1959 क अिधिनयम स० 62 की धारा 29 ारा (16-1-1960 स) उपधारा (4) क सथान पर परितसथािपत 2 1959 क अिधिनयम स० 62 की धारा 29 ारा (16-1-1960 स) अनतःसथािपत 3 1959 क अिधिनयम स० 62 की धारा 30 ारा (16-1-1960 स) धारा 49 स 56 तक क सथान पर परितसथािपत 4 1983 क अिधिनयम स० 42 की धारा 28 ारा (31-5-1984 स) परनतक क सथान पर परितसथािपत 5 1983 क अिधिनयम स० 42 की धारा 29 ारा (31-5-1984 स) ldquoसोलह िदनrdquo क सथान पर परितसथािपत

19

(ख) िकसी अनय दशा म उसक ारा िकए गए काम क हर बीस िदन क िलए एक िदन की दर स की जाएगी

(2) उपधारा (1) म िनिदष ट एक कलनडर वषर की सवाmdash

(क) खान म भिम क नीच िनयोिजत िक त की दशा म परी कर ली गई समझी जाएगी यिद कलनडर वषर क दौरान खान म उसकी हािजिरया एक सौ नबब स कम न ह तथा

(ख) िकसी अनय िक त की दशा म परी कर ली गई समझी जाएगी यिद कलनडर वषर क दौरान खान म उसकी हािजिरया दो सौ चालीस स कम न ह

सपष टीकरणmdashइस उपधारा क परयोजन क िलए यह ह िकmdash

(क) करार या सिवदा ारा या सथायी आदश क अधीन यथा अनजञय कामबदी क िदन को

(ख) स तरी कमरचारी की दशा म बारह सप ताह स अनिधक िकतन ही िदन की परसित छटटी को तथा

(ग) उस वषर स िजसम छ ी का उपभोग िकया जाए पवरवत वषर म उपािजत छ ी को

हािजरी की सगणना क परयोजन क िलए ऐस िदन समझा जाएगा िजनम कमरचारी न खान म काम िकया ह िकनत वह इन िदन क िलए छ ी उपािजत नह करगा

(3) िजस िक त की सवा जनवरी क परथम िदन को परारमभ न होकर अनयथा आरमभ होती ह वहmdash

(क) खान म भिम क नीच िनयोिजत िक त की दशा म तब जब िक वह कलनडर वषर क शष भाग क दौरान क कल िदन क आध स अनयन िदन म हािजर रहा हो तथा

(ख) िकसी अनय दशा म तब जब िक वह कलनडर वषर क शष भाग क दौरान क कल िदन क दो-ितहाई स अनयन िदन म हािजर रहा हो

पश चातवत कलनडर वषर म मजदरी सिहत छ ी उस दर स पान का हकदार होगा जो उपधारा (1) म िविनिदष ट ह

(4) िकसी िक त ारा न ली गई वह छ ी िजसका वह उपधारा (1) या उपधारा (2) क अधीन िकसी एक कलनडर वषर म हकदार हो उस छ ी म जोड़ दी जाएगी जो िक उ रवत कलनडर वषर क दौरान उस उपधारा क अधीन उस अनजञय हो

परनत उन छ ी क िदन की कल सखया जो ऐस िकसी िक त ारा सिचत की जा सकगी िकसी भी एक समय कल तीस िदन स अिधक न होगी

परनत यह और भी िक ऐसा वह िक त िजसन मजदरी सिहत छ ी क िलए आवदन िकया हो िकनत उस उपधारा (6) क अनसार ऐसी छ ी न दी गई हो िकसी सीमा क िबना अनपभक त छ ी क अगरनयन का हकदार होगा

(5) ऐसा कोई िक त उपधारा (1) उपधारा (2) और उपधारा (4) क अधीन उस समय अपन को अनजञय सारी छ ी या उसका कोई भाग लन क िलए खान क परबनधक स उस िदन स पदरह िदन स अनयन िदन पहल िलिखत आवदन कर सकगा िजस िदन वह अपनी छ ी आरमभ करना चाहता हो

परनत िकसी एक कलनडर वषर क दौरान तीन बार स अिधक छ ी न ली जा सकगी

(6) उपधारा (5) क उपबनध क अनसार ऐसी छ ी क िलए िकया गया आवदन तब क िसवाय नामजर नह िकया जाएगा जब िक छ ी अनद करन क िलए सशक त परािधकारी की यह राय हो िक पिरिसथित की आवशयकता क कारण छ ी नामजर की जानी चािहए ]

(7) यिद खान म िनयोिजत िक त अपनी मजदरी सिहत छ ी जो उस शष हो बीमारी की कालाविध क िलए लना चाहता हो तो चाह उसन छ ी क िलए आवदन उपधारा (5) म िविनिदष ट समय क अनदर न भी िकया हो तो भी उस वह छ ी अनद की जाएगी

(8) यिद खान का सवामी अिभकतार या परबनधक खान म िनयोिजत िक त क िनयोजन का पयरवसान उस िक त ारा अपनी वह कल छटटी ल ली जान क पवर कर द िजसका वह अपन िनयोजन क पयरवसान क िदन तक हकदार हो या यिद उस िक त न ऐसी छ ी क िलए आवदन िकया हो और ऐसी छ ी अनद न हई हो और वह िक त अपना िनयोजन छ ी लन स पवर छोड़ द तो खान का सवामी अिभकतार या परबनधक न ली गई छ ी क बार म धारा 53 क अधीन सदय रकम उस सद करगा और ऐसा सदाय वहा जहा िक

िक त क िनयोजन का पयरवसान सवामी अिभकतार या परबनधक ारा िकया जाए ऐस पयरवसान क पश चात क दसर कायर-िदवस क अवसान क पवर और जहा िक िक त अपना िनयोजन सवय छोड़ द वहा अगल वतन-िदवस को या उसक पवर िकया जाएगा

(9) खान म िनयोिजत िक त की अनपभक त छ ी उसक िनयोजन क पयरवसान क पवर िदए जान क िलए अपिकषत िकसी सचना की कालाविध की सगणना करन म िवचार म नह ली जाएगी

20

1[(10) जहा खान म िनयोिजत कोई िक त सवा स उनमोिचत या पदचयत िकया जाता ह अथवा वह अपना िनयोजन छोड़ता ह या अिधविषता पराप त करता ह अथवा सवा म रहत हए उसकी मतय हो जाती ह तो यथािसथित वह या उसक वािरस या उसका नाम-िनदिशती उपधारा (1) म िविनिदष ट दर स पिरकिलत उसको दय छ ी क सथान पर मजदरी पान का हकदार होगा यिदmdash

(क) भिम क नीच िकसी खान म िनयोिजत िक त की दशा म वह अपन िनयोजन की तारीख स लकर अपन उनमोचन या पदचयित की तारीख तक या िनयोजन छोड़न या अिधविषता या मतय की तारीख तक िदन की कल सखया क कम स कम आध िदन तक उपिसथित रहा ह और

(ख) िकसी अनय दशा म वह अपन िनयोजन की तारीख स लकर अपन उनमोचन या पदचयित या िनयोजन छोड़न या अिधविषता या मतय की तारीख तक िदन की कल सखया क कम स कम दो-ितहाई िदन तक उपिसथत रहा ह

और ऐसी मजदरी का सदाय खान क सवामी अिभकतार या परबनधक ारा धारा 53 म िविनिदष ट दर स जहा उस िक त को सवा स उनमोिचत या पदचयत कर िदया जाता ह अथवा वह िनयोजन छोड़ दता ह या अिधविषता पराप त कर लता ह वहा यथािसथित ऐस उनमोचन पदचयित िनयोजन छोड़न या अिधविषता क पश चात दसर कायर िदन की समािप त क पवर और जहा िनयोिजत िक त की सवा म रहत हए मतय हो जाती ह वहा उसकी मतय क दो मास की अविध क भीतर िकया जाएगा ]

सपष टीकरणmdash2[उपधारा (1) उपधारा (3) और उपधारा (10)] क परयोजन क िलए आध िदन या इसस अिधक की छ ी क िभन न को एक परा िदन माना जाएगा और आध िदन स कम वाला िभन न छोड़ िदया जाएगा

53 छ ी की कालाविध क दौरान मजदरीmdashउस छ ी क िलए जो खान म िनयोिजत िक त को धारा 52 क अधीन अनजञात हो उस सदाय ऐसी दर स िकया जाएगा जो उसकी छ ी क अ वितह पवरवत मास क उन िदन की बाबत िजनम वह िनयोिजत रहा हो कल पणरकािलक उपाजरन क उस दिनक औसत क बराबर हो जो उन उपाजरन म स िकसी अितकािलक मजदरी और बोनस को अपविजत करक िकनत उनम महगाई भ और नकद परितकर को िजसक अनतगरत खा ा और अनय वसत क िबना मलय िवतरण स परोदभावी ऐसा कोई परितकर (यिद कोई हो) िजसक हकदार खान म काम करन वाल िक त ततसमय ह आता ह सिममिलत करक आए

परनत यिद ऐस कोई औसत उपाजरन उपलबध न ह तो औसत की सगणना उसी मास क िलए वस ही िनयोिजत सब िक तय क कल पणरकािलक उपाजरन क दिनक औसत क आधार पर की जाएगी

54 कितपय दशा म अिगरम सदायmdashखान म िनयोिजत उस िक त को िजस चार स अनयन िदन की छ ी अनजञात की गई हो अनजञात छ ी की कालाविध क िलए शोधय मजदरी उसकी छ ी आरमभ होन स पहल द दी जाएगी

55 असद मजदरी की वसली का ढगmdashखान क सवामी अिभकतार या परबनधक ारा इस अधयाय क अधीन सद िकए जान क िलए अपिकषत िकनत उसक ारा असद कोई रकम मजदरी सदाय अिधिनयम 1936 (1936 का 4) क उपबनध क अधीन िवलिबत मजदरी क रप म वसलीय होगी

56 खान को छट की शिक तmdashजहा िक कनदरीय सरकार का यह समाधान हो जाए िक िकसी खान म िनयोिजत िक तय को लाग होन वाल छ ी क िनयम ऐसी परसिवधा का उपबनध करत ह जो उसकी राय म उन परसिवधा स कम अनकल नह ह िजनक िलए यह अधयाय उपबनध करता ह वहा वह उस खान को इस अधयाय क सब या िकनह उपबनध स छट िलिखत आदश ारा और ऐसी शत क अधयधीन जो उसम िविनिदष ट की जाए द सकगी ]

अधयाय 8

िविनयम िनयम और उपिविधया 57 िविनयम बनान की कनदरीय सरकार की शिक तmdashकनदरीय सरकार िनम निलिखत सब परयोजन या उनम स िकसी क िलए

ऐस िविनयम3 जो इस अिधिनयम स सगत हो शासकीय राजपतर म अिधसचना ारा बना सकगी अथारत mdash

(क) व अहरताए िविहत करना जो मखय िनरीकषक या िनरीकषक क रप म िनयिक त क िलए अपिकषत हो

(ख) इस अिधिनयम क अधीन खान क िनरीकषण क समबनध म मखय िनरीकषक और िनरीकषक क कतर और शिक तय को िविहत और िविनयिमत करना

(ग) खान क सवािमय अिभकतार और परबनधक क और उनक अधीन कायर करन वाल िक तय क कतर िविहत करना और खान क 4[अिभकतार और परबनधक और उनक अधीन कायर करन वाल िक तय की अहरताए (िजसक अनतगरत आय आती ह)] िविहत करना

1 1983 क अिधिनयम स० 42 की धारा 29 ारा (31-5-1984 स) अनतःसथािपत 2 1983 क अिधिनयम स० 42 की धारा 29 ारा (31-5-1984 स) ldquoउपधारा (1) और (3)rdquo क सथान पर परितसथािपत 3 कोयला खान िविनयम 1957 क िलए दिखए भारत का राजपतर (अगरजी) 1957 भाग 2 खणड 3 प 2569 और धातमय खान िविनयम 1961 क िलए दिखए भारत

का राजपतर 1961 भाग 2 अनभाग 3(i) प 360 4 1959 क अिधिनयम स० 62 की धारा 31 ारा (16-1-1960 स) ldquoपरबनधक की अहरताएrdquo शबद क सथान पर परितसथािपत

21

(घ) खान क परबनधक और उनक अधीन कायर करन वाल अनय िक तय को अपन कतर का पालन दकषतापवरक करन क िलए समथर बनान क िलए सिवधाए उपबिनधत की जान की अपकषा करना

(ङ) खान क परबनधक और उनक अधीन कायर करन वाल िक तय की अहरताए परीकषा ारा या अनयथा अिभिनिश चत करन की रीित को और सकषमता परमाणपतर क अनद और नवीकत िकए जान को िविनयिमत करना

(च) ऐसी परीकषा और ऐस परमाणपतर क अनदान तथा नवीकरण क बार म दी जान वाली फीस यिद कोई ह िनयत करना

(छ) उन पिरिसथितय को िजनम और उन शत को िजसक अधयधीन रहत हए एक स अिधक खान का एक ही परबनधक क अधीन रहना या िकसी खान या िकनह खान का िविहत अहरताए न रखन वाल परबनधक क अधीन रहना िविधपणर होगा अवधािरत करना

1[(ज) इस अिधिनयम क अधीन की जान वाली जाच क िलए िजनक अनतगरत इस अिधिनयम क अधीन परमाणपतर धारण करन वाल िकसी िक त क अवचार या अकषमता स सब कोई जाच आती ह उपबनध करना और ऐस िकसी परमाणपतर क िनलमबन और र िकए जान क िलए उपबनध करना और जहा भी आवशयक हो वहा यह उपबनध करना िक जाच करन क िलए िनयक त िकए गए िक त को सािकषय को हािजर करान और दसतावज और भौितक पदाथ को पश करान क परयोजन क िलए िसिवल परिकरया सिहता 1908 (1908 का 5) क अधीन की िसिवल नयायालय की सब शिक तया पराप त ह गी ]

(झ) भारतीय िवसफोटक अिधिनयम 1884 (1884 का 4) और तद धीन बनाए गए िकनह िनयम क उपबनध क अधयधीन रहत हए िवसफोटक का भडारकरण परवहण और उपयोग िविनयिमत करना

2[(ञ) 3 िस तरय का खान म या खान क िकसी वगर म या ऐस िविशष ट परकार क शरम म िजनम ऐस िक तय क जीवन कषम या सवासथय क िलए खतरा रहता ह िनयोजन परितिष िनबरिनधत या िविनयिमत करना और ऐस िक त

ारा एक बार म वहन िकए जा सकन वाल बोझ क भार को पिरसीिमत करना ]

(ट) खान म िनयोिजत िक तय क कषम उनम उनक परवश करन और वहा स उनक िनकलन क साधन क िलए और उन कपक या िनकास की सखया क िलए जो उपबध िकए जान ह और कपक गत िनकास पथया और अवतलन पर बाड़ लगाई जान क िलए उपबनध करना

(ठ) खान क सवामी स सदाय पान वाल और खान क सवामी या परबनधक क परित सीध उ रदायी िक तय स िभन न िकसी िक त का खान म परबनधक क रप म या िकसी अनय िविनिदष ट हिसयत म िनयोजन परितिष करना

4[(ड) सतमभ या खिनज खणड क सथान िनिश चत करन अनरकषण और िनकाल या छाट जान तथा एक खान और दसरी खान क बीच पयारप त रोध क अनरकषण सिहत खान म सड़क और काम क सथल की सरकषा क िलए उपबनध करना

(ढ) खान म खिनज और महबनद अिग न-कषतर का िनरीकषण और सागर क या िकसी सरोवर या नदी या िकसी अनय भप ीय जलरािश क चाह वह पराकितक हो चाह कितरम या िकसी लोक सड़क या िनमारण क समीप खिनत िवषयक िनबनधन और िकनह खिनत म पानी भर जान या आग लग जान या उनक समय-पवर ढह जान क िवर समयक पवारवधानी बरती जान की अपकषा करना ]

(ण) खान क सवातन का और धल अिग न और जवलनशील तथा अपायकर गस क िवषय म की जान वाली काररवाई का िजसक अनतगरत सवतःदहन भिम क नीच की अिग न और कोयल की धल क िवर पवारवधानी आती ह उपबनध करना

5[(त) खान म िव त क जनन भणडारकरण रपानतरण पारषण और उपयोग की भारतीय िव त अिधिनयम 1910 (1910 का 9) और तद धीन बनाए गए िकनह िनयम क उपबनध क अधयधीन रहत हए िविनयिमत करना और खान म क सब िव त उपकरण िव त तार और उनम की सब अनय मशीनरी और सयतर की दखभाल और उपयोग क िविनयमन क िलए उपबनध करना ]

(थ) 6[खान म मशीनरी का उपयोग िविनयिमत करना ऐसी मशीनरी पर या उसक आसपास और कषरण-माग पर िनयोिजत िक तय क कषम क िलए उपबनध करना] और भिम क नीच कछ वग क चिलतर का परयोग िनबरिनधत करना

(द) खान म उिचत परकाश क िलए उपबनध करना और उनम िनरापद और लमप का परयोग िविनयिमत करना और िजस खान म िनरापद लमप परयोग म लाए जात ह उसम परवश करन वाल िक तय की तलाशी लना

1 1959 क अिधिनयम स० 62 की धारा 31 ारा (16-1-1960 स) खड (ज) क सथान पर परितसथािपत 2 1959 क अिधिनयम स० 62 की धारा 31 ारा (16-1-1960 स) खड (ञ) क सथान पर परितसथािपत 3 1983 क अिधिनयम स० 42 की धारा 30 ारा (31-5-1984 स) ldquoकमार औरrdquo शबद का लोप िकया गया 4 1959 क अिधिनयम स० 62 की धारा 31 ारा (16-1-1960 स) खड (ड) और (ढ) क सथान पर परितसथािपत 5 1959 क अिधिनयम स० 62 की धारा 31 ारा (16-1-1960 स) खड (त) क सथान पर परितसथािपत 6 1983 क अिधिनयम स० 42 की धारा 30 ारा (31-5-1984 स) कितपय शबद क सथान पर परितसथािपत

22

(ध) खान म 1[जवलनशील गस या धल क] िवसफोटक या जवलन या पानी क फट िनकलन या सिचत होन क िवर और उनस उदभत खतर क िवर उपबनध करना और ऐसी पिरिसथितय म खिनज क िनकाल जान का परितषध िनबरनधन या िविनयमन करना िजनस यह समभा ता हो िक उसक पिरणामसवरप खान म 1[खिनत] समय-पवर ढह जाए या यह िक उसक पिरणामसवरप खान म 1[खिनत ] का ढह जाना या जल का फट िनकलना या जवलन घिटत होगा या गरतर हो जाएगा

(न) 2[धारा 23 की उपधारा (1) क खड (छ) क अधीन दघरटना क परकार िविहत करना और दघरटना और खतरनाक घटना की सचना का और खिनज उतपाद िनयोिजत िक तय तथा िविनयम ारा उपबिनधत अनय बात की सचना िरपोट और िववरिणय का खान क सवािमय अिभकतार और परबनधक ारा िदया जाना िविहत करना] और ऐसी सचना िववरिणय और िरपोट क पररप व िक त और परािधकारी िजनह व दी जानी ह व िविशि या जो उनम अनतिवष ट होनी ह और वह समय िजसक अनदर व िनविदन की जानी ह िविहत करना

3[(प) 4[खान क सवािमय अिभकतार और परबनधक स खान क िलए िनयत सीमाए रखन की अपकषा करना उनस ससक त रखाक और खडिचतर तथा सथलीय िटपपण जो उनक ारा रख जान ह िविहत करना] और वह रीित िजसस और व सथान िजनम ऐस रखाक खणडिचतर और सथलीय िटपपण अिभलख क परयोजन क िलए रख जान ह िविहत करना और उनकी परितय का मखय िनरीकषक को िनविदत िकया जाना और उनस यह अपकषा करना िक व नए सवकषण कर और नए रखाक बनाए और अननपालन की दशा म िकसी अनय अिभकरण क माधयम स सवकषण कराना और रखाक तयार कराना और उनक य की वसली उसी रीित स करना िजसस भ-राजसव की बकाया होती ह ]

(फ) 5[िसथित स परभावी ढग स िनपटन क परयोजन क िलए] खान म या उनक आसपास दघरटना या आकिसमक िवसफोट या जवलन क घिटत होन पर अपनाई जान वाली परिकरया िविनयिमत करना

(ब) खान क सवामी अिभकतार या परबनधक ारा धारा 16 क अधीन दी जान वाली सचना का पररप और उसम अनतिवष ट होन वाली िविशि या िविहत करना

(भ) वह सचना िविहत करना जो िकसी ऐस सथान पर जो भारतीय रल अिधिनयम 1890 (1890 का 9) क उपबनध क अधयधीन की िकसी रल क या 6[यथािसथित िकनह ऐसी लोक सड़क या अनय सकम क जो सरकार ारा या िकसी सथानीय परािधकारी ारा अनरिकषत ह ] 7[पतालीस मीटर] क अनदर का हो खनन सिकरयाए परारमभ करन या उस तक िवसतािरत करन क पवर खान क सवामी अिभकतार या परबनधक ारा दी जानी ह

(म) िकसी खान क बार म उस दशा म जबिक खिनत म काम बनद कर िदया गया हो सरकार या िकसी सथानीय परािधकारी या भारतीय रल अिधिनयम 1890 (1890 का 9) म यथापिरभािषत िकसी रल कमपनी म िनिहत समपि की कषित स सरकषा

8[(मम) खान क सवामी अिभकतार या परबनधक स यह अपकषा करना िक खान क बनद िकए जान क पवर सरकषा-सकमर सि िमत कर और अननपालन की दशा म ऐस सकमर िकसी अनय अिभकरण ारा िनषपािदत कराना और ऐस सवामी स उनक य की वसली उसी रीित स करना िजसस भ-राजसव की बकाया की होती ह ]

(य) िकसी खान या खान क भाग या िकसी खदान आनित कपक गतर या िनकास म चाह उसका कायरकरण हो रहा हो या नह या िकसी खतरनाक या परितिष कषतर अवतलन कषरण टराम लाइन या पथया पर जहा जनता क सरकषण क िलए बाड़ लगाना आवशयक हो बाड़ लगाई जान की अपकषा करना

(यय) कोई अनय बात जो िविहत की जानी ह या िविहत की जाए

58 िनयम बनान की कनदरीय सरकार की शिक तmdashकनदरीय सरकार िनिम निलिखत सब परयोजन या उनम स िकसी क िलए ऐस िनयम जो इस अिधिनयम स सगत ह शासकीय राजपतर म अिधसचना ारा बना सकगी अथारत --

9[(क) सिमित क सदसय की पदाविध और उनकी सवा की अनय शत का तथा िरिक तया भरन की रीित का उपबनध कराना और अपना कारबार चलान क िलए सिमित ारा अनसिरत की जान वाली परिकरया िविनयिमत करना

(ख) धारा 23 की उपधारा (3) म िनिदष ट रिजसटर का पररप िविहत करना

1 1959 क अिधिनयम स० 62 की धारा 31 ारा (16-1-1960 स) अनतःसथािपत 2 1959 क अिधिनयम स० 62 की धारा 31 ारा (16-1-1960 स) ldquoसचनाए िविहत करन क िलएrdquo क सथान पर परितसथािपत 3 1959 क अिधिनयम स० 62 की धारा 31 ारा (16-1-1960 स) खड (प) क सथान पर परितसथािपत 4 1983 क अिधिनयम स० 42 की धारा 30 ारा (31-5-1984 स) कितपय शबद क सथान पर परितसथािपत 5 1983 क अिधिनयम स० 42 की धारा 30 ारा (31-5-1984 स) अनतःसथािपत 6 1959 क अिधिनयम स० 62 की धारा 31 ारा (16-1-1960 स) कितपय शबद क सथान पर परितसथािपत 7 1983 क अिधिनयम स० 42 की धारा 30 ारा (31-5-1984 स) ldquoपचास गजrdquo क सथान पर परितसथािपत 8 1959 क अिधिनयम स० 62 की धारा 31 ारा (16-1-1960 स) अनतःसथािपत 9 1983 क अिधिनयम स० 42 की धारा 31 ारा (31-5-1984 स) खड (क) क सथान पर परितसथािपत

23

(ग) धारा 24 क अधीन जाच नयायालय की िनयिक त क िलए उपबनध करना ऐस नयायालय की परिकरया और शिक तया िविनयिमत करना ऐस नयायालय क सदसय को यातरा-भ का सदाय करना और सयक त खान क परबनधक सवामी या अिभकतार स उक त नयायलय क य की 1[िजनक अनतगरत जाच स ससक त कोई अनय य आत ह] 2[उसी रीित स जस भ-राजसव की बकाया वसल की जाती ह] वसली करना

2[(गग) खान म िनयोिजत िक तय की ओर स तकनीकी िवशषजञ ारा (जो परािसथित म ओवरमन स कम नह ह) खान क िनरीकषण क िलए उसक िलए दी जान वाली सिवधा क िलए वह आवित िजस पर और वह रीित िजसम ऐस िनरीकषण िकए जाएग और वह रीित िजसम ऐस िनरीकषण की िरपोटर दी जाएगी उपबनध करना ]

(घ) िजन खान म कोई ि या िनयोिजत ह या पवरवत बारह मास म िकसी िदन िनयोिजत रह ह उनम ऐसी िस तरय क छह वषर स कम आय वाल बालक क उपयोग क िलए आरिकषत िकए जान वाल समिचत कमर बनाए रखन की अपकषा करना और या तो साधारणतः या खान म िनयोिजत िस तरय की सखया क परित िविशष ट िनदश स ऐस कमर की सखया और सतरमान और उन सख-सिवधा की जो उनम उपबिनधत की जानी ह और उस पयरवकषण की जो उनम िकया जाना ह परकित और िवसतार िविहत करना

(ङ) खान म िनयोिजत परष क उपयोग क िलए फहारयक त स नान सथान और लॉकर ककष और िजन खान म ि या िनयोिजत ह उनम िस तरय क उपयोग क िलए वस ही पथक सथान और ककष गतरमख पर या उनक आसपास बनाए रख जान की अपकषा करना और या तो साधारणतः या खान म मामली तौर पर िनयोिजत परष और िस तरय की सखया क परित िविशष ट िनदश स ऐस सथान और ककष की सखयाए और सतरमान िविहत करना

(च) खान म सवचछता का जो सतरमान बनाए रखना ह उस खान म उपबिनधत िकए जान वाल शौचालय और मतरालय का आनपाितक मान िविहत करना और 3 पय जल क परदाय क िलए िकया जान वाला उपबनध

1[(चच) िचिकतसीय सािधतर और सख-सिवधा क परदाय और बनाए रख जान क िलए उपबनध करना और पराथिमक उपचार बकस और कपबोड की अनतवरसतए और सखयाए पराथिमक उपचार क काम म परिशकषण पराथिमक उपचार कमर क आकार और उपसकर और उनक भारसाधक कमरचािरवनद और कषितगरसत िक तय को िचिकतसालय या औषधालय को परवहण करन क िलए इतजाम िविहत करना

(चचच) उन व यिक तय को जो खान म पयरवकषण या परबन ध क पद स िभन न पद पर िनयोिजत ह या िनयोिजत िकए जान ह व यावहािरक िशकषण िदए जान या परिशिकषत िकए जान की अपकषा करना और ऐस िशकषण और परिशकषण क िलए स कीम िविहत करना]

(छ) खान म मादक पय या औषिधय को कबज म रखन को या उनक उपभोग को और म ता की हालत म िकसी िक त क उनम परवश या उपिसथित को परितिष करना

(ज) धारा 36 क अधीन अपिकषत सचना क पररप िविहत करना और यह अपकषा करना िक ऐसी सचनाए िविनिदष ट भाषा म भी लगाई जाए

(झ) उन िक तय को पिरभािषत करना िजनकी बाबत धारा 37 क परयोजन क िलए यह समझा जाएगा िक व पयरवकषण या परबनध क पद धारण िकए हए ह या िकसी गोपनीयता की हिसयत म िनयोिजत ह

(ञ) उन िक तय या िक तय क िकसी वगर का खान म िनयोजन परितिष करना िजनकी बाबत िकसी अिहत िचिकतसा- वसायी ारा यह परमािणत न िकया गया हो िक उनह न अपना पदरहवा वषर परा कर िलया ह और वह रीित और व पिरिसथितया िजनम ऐस परमाणपतर अनद और परितसहत िकए जा सकग िविहत करना

4

1[(टट) खान म िनयोिजत या िनयोजन चाहन वाल िक तय स यह अपकषा करना िक व अपन को िचिकतसीय परीकषा क िलए परसतत कर और खान म िकसी िक त का िनयोजन िकए जान का आतयितक परितषध या िकसी िविशष ट हिसयत म या िविशष ट काम म िकए जान का परितषध िचिकतसीय आधार पर करना ]

5[(ठ) धारा 48 ारा अपिकषत रिजसटर क पररप और अधयाय 7 क परयोजन क िलए रिजसटर रखा जाना और उनक पररप िविहत करना ]

(ड) इस अिधिनयम को और िविनयम और िनयम की सिकषिप तया और वह भाषा िजसम सिकषिप तया और उपिविधया धारा 61 और 62 म अपिकषत रप स लगाई जाएगी िविहत करना

1 1959 क अिधिनयम स० 62 की धारा 32 ारा (16-1-1960 स) अनतःसथािपत 2 1983 क अिधिनयम स० 42 की धारा 31 ारा (31-5-1984 स) अनतःसथािपत 3 1959 क अिधिनयम स० 62 की धारा 32 ारा (16-1-1960 स) कितपय शबद का लोप िकया गया 4 1983 क अिधिनयम स० 42 की धारा 31 ारा (31-5-1984 स) (ट) का लोप िकया गया 5 1959 क अिधिनयम स० 62 की धारा 32 ारा (16-1-1960 स) खड (ठ) क सथान पर परितसथािपत

24

(ढ) यह अपकषा करना िक िजन बात क िलए िनयम बनाए गए ह उनस सब सचनाए िववरिणया और िरपोट खान क सवामी अिभकतार और परबनधक द और ऐसी सचना िववरिणय और िरपोट क पररप व िक त और परािधकारी िजनह व दी जानी ह व िविशि या जो उनम अनतिवष ट होनी ह और व समय िजनक अनदर व िनविदत की जानी ह िविहत करना

(ण) िजन खान म 1 पचास स अिधक िक त मामली तौर पर िनयोिजत रहत ह उनम भोजन करन क िलए यथायोगय और उपयक त ऐस आशरय क िजनम पीन क पानी का उपबनध भी हो उपबिनधत िकए जान और बनाए रख जान की अपकषा करना

(त) मखय िनरीकषक या िनरीकषक ारा इस िनिम िविनिदष ट िकसी ऐसी खान म िजसम दो सौ पचास स अिधक िक त मामली तौर पर िनयोिजत रहत ह ऐस िक तय क उपयोग क िलए कोई कटीन या कटीन उपबिनधत की जान और

बनाए रखी जान की अपकषा करना

(थ) हर ऐसी खान म िजसम पाच सौ या अिधक िक त मामली तौर पर िनयोिजत रहत ह इतनी सखया म कलयाण आिफसर िनयोिजत िकए जान की अपकषा करना िजतनी िविनिदष ट की जाए और ऐस कलयाण आिफसर की अहरताए और सवा क िनबनधन और शत और उनक ारा पालनीय कतर िविहत करना

2[(द) िविनिदष ट खान या िविनिदष ट खान क समह क िलए या िकसी िविनिदष ट कषतर की सब खान क िलए बचाव सटशन की सथापना की जान की अपकषा करना और यह िविहत करना िक ऐस सटशन कस और िकसक ारा सथािपत िकए जाएग

(ध) बचाव सटशन क परबनध क िलए उपबनध करना

(धक) बचाव िबरगड का गठन करन वाल िक तय की शारीिरक योगयता क मानक और अनय अहरता क िलए उपबनध करना

(धख) बचाव िबरगड का गठन करन वाल िक तय का िनवास-सथान िविहत करना ]

(न) 3 बचाव सटशन की िसथित उपसकर िनयतरण अनरकषण और कतय िविहत करना 4[(प) खड (द) क अधीन िविनिदष ट खान म उतपािदत और वहा स परिषत कोक और कोयल पर (पच चीस पस परित

टन स अनिधक दर स) उतपाद-शलक क उद गहण और सगरहण क िलए ऐसी खान क िलए बचाव सटशन िनिध का सजन करन क िलए भारत की सिचत िनिध म जमा िकए गए ऐस उपकर क आगम म स उन धनरािशय क जो कनदरीय सरकार ससद

ारा िविध ारा इस िनिम समयक िविनयोग िकए जान क पश चात उपबिनधत कर ऐसी िनिध म जमा िकए जान क िलए उस रीित क िलए िजसम ऐसी िनिध म स धन का उपयोग िकया जाएगा और ऐसी िनिध क परशासन क िलए उपबनध करना

(फ) बचाव िबरगड़ क बनाव परिशकषण सरचना और कतर क िलए 5 और साधारणतः खान म बचाव कायर क सचालन क िलए उपबनध करना 6

7[(फफ) िविनिदष ट खान या िविनिदष ट खान क समह क िलए सरकषा सिमितय क गठन क िलए या सरकषा की अिभवि करन क िलए िकसी िविनिदष ट कषतर म सभी खान क िलए और ऐसी सरकषा सिमितय की सरचना उनक गठन और कतय की रीित अिधकिथत करन क िलए उपबनध करना तथा]

(ब) साधारणतः िकसी ऐस मामल क िलए उपबनध करना िजनक िलए इस अिधिनयम या िविनयम ारा उपबनध न िकया गया हो और िजसक िलए उपबनध इस अिधिनयम को परभावी करन क िलए अपिकषत हो

59 िविनयम और िनयम का पवर परकाशनmdash(1) धारा 57 और 58 ारा परद िविनयम और िनयम बनान की शिक त इस शतर क अधयधीन ह िक य िविनयम और िनयम पवर परकाशन क पश चात बनाए जाएग

(2) जो तारीख साधारण खड अिधिनयम 1897 (1897 का 10) की धारा 23 क खड (3) क अनसार उस तारीख क रप म िविनिदष ट की जानी ह िजसक पश चात िक बनाए जान क िलए परसथािपत िविनयम या िनयम क परारप पर िवचार िकया जाएगा वह उस तारीख स तीन मास स कम की होगी िजसको परसथािपत िविनयम या िनयम का परारप साधारण जानकारी क िलए परकािशत िकया जाए

1 1959 क अिधिनयम स० 62 की धारा 32 ारा (16-1-1960 स) ldquoएक सौ औरrdquo शबद का लोप िकया गया 2 1983 क अिधिनयम स० 42 की धारा 31 ारा (31-5-1984 स) खड (द) और (ध) क सथान पर परसथािपत 3 1983 क अिधिनयम स० 42 की धारा 31 ारा (31-5-1984 स) ldquoकनदरीयrdquo शबद का लोप िकया गया 4 1983 क अिधिनयम स० 42 की धारा 31 ारा (31-5-1984 स) खड (प) क सथान पर परितसथािपत 5 1983 क अिधिनयम स० 42 की धारा 31 ारा (31-5-1984 स) कितपय शबद का लोप िकया गया 6 1983 क अिधिनयम स० 42 की धारा 31 ारा (31-5-1984 स) ldquoऔरrdquo शबद का लोप िकया गया 7 1983 क अिधिनयम स० 42 की धारा 31 ारा (31-5-1984 स) अनतःसथािपत

25

1

2[(4) कोई भी िविनयम या िनयम तब तक नह बनाया जाएगा जब तक िक उस िविनयम या िनयम का परारप धारा 12 की उपधारा (1) क अधीन गिठत सिमित को िनदिशत न कर िदया गया हो और जब तक उस सिमित को उसक बनाए जान की समीचीनता और उसक उपबनध की उपयक तता की बाबत िरपोटर दन का यिक तयक त अवसर न िमल गया हो ]

(5) िविनयम और िनयम शासकीय राजपतर म परकािशत िकए जाएग और ऐस परकािशत िकए जान पर ऐस परभाव रखग मानो व इस अिधिनयम म अिधिनिमत ह

(6) उपधारा (1) उपधारा (2) और उपधारा (4) क उपबनध उस अवसर को लाग न ह ग िजस पर धारा 58 क खड (घ) या खड (ङ) म िनदिशत िनयम सवरपरथम बनाए जाए

3

60 पवर परकाशन क िबना िविनयम बनान की शिक तmdashयिद कनदरीय सरकार का समाधान हो जाए िक आशिकत खतर का िनवारण करन या खतरा पदा करन की सभा ता रखन वाली िसथितय का शीघर उपचार करन क िलए यह आवशयक ह िक ऐस िविनयम बनान म वह िवलमब न होन िदया जाए जो ऐस परकाशन और िनदशन स होगा तो धारा 57 4 क अधीन िविनयम धारा 59 की उपधारा (1) उपधारा (2) और उपधारा 5[(4)] म अनतिवष ट िकसी बात क होत हए भी पवर परकाशन और 6[धारा 12 की उपधारा (1) क अधीन गिठत सिमित] को 7 िनदशन क िबना बनाए जा सकग

परनत इस परकार बनाए गए िविनयम 8[सिमित की जानकारी क िलए भज जाएग और] बनाए जान स 9[एक वषर] स अिधक क िलए परव नह रहग

61 उपिविधयाmdash(1) खान का सवामी अिभकतार या परबनधक 10[उस खान म िकसी िवशष मशीनरी क उपयोग या कायरकरण की िकसी िवशष प ित को अपनाए जान क शािस त करन क िलए] इस अिधिनयम या िकनह ततसमय परव िविनयम या िनयम स असगत न होन वाली ऐसी उपिविधय का परारप जसी िक ऐसा सवामी अिभकतार या परबनधक उस खान म दघरटना का िनवारण करन क िलए और उसम िनयोिजत िक तय क कषम सिवधा और अनशासन हत उपबनध करन क िलए आवशयक समझ तयार कर सकगा और मखय िनरीकषक या िनरीकषक को िनविदत कर सकगा और यिद ऐसा करन की उसस अपकषा मखय िनरीकषक या िनरीकषक ारा की जाए तो तयार करगा और िनविदत करगा

(2) यिद ऐसा कोई सवामी अिभकतार या परबनधकmdash

(क) मखय िनरीकषक या िनरीकषक ारा ऐसा करन की उसस अपकषा की जान क पश चात दो मास क अनदर उपिविधय का परारप िनविदत करन म असफल रह अथवा

(ख) उपिविधय का ऐसा परारप िनविदत कर जो मखय िनरीकषक या िनरीकषक की राय म पयार न हो

तो मखय िनरीकषक या िनरीकषकmdash

(i) ऐसी उपिविधय का परारप परसथािपत कर सकगा जो उस पयार परतीत ह अथवा

(ii) सवामी अिभकतार या परबनधक ारा जो परारप उस िनविदत िकया गया हो उसम ऐस सशोधन परसथािपत कर सकगा िजनस उसकी राय म वह पयार हो जाएगा और ऐसी परारप-उपिविधया या परारप-सशोधन यथािसथित सवामी अिभकतार या परबनधक क पास िवचार क िलए भजगा

(3) यिद उस तारीख स िजसको कोई परारप-उपिविधया या परारप-सशोधन मखय िनरीकषक या िनरीकषक न सवामी अिभकतार या परबनधक क पास उपधारा (2) क उपबनध क अधीन भज ह दो मास की कालाविध क अनदर मखय िनरीकषक या िनरीकषक और सवामी अिभकतार या परबनधक उपधारा (1) क अधीन बनाई जान वाली उपिविधय क िनबनधन क िवषय म परसपर सहमत होन म

1 1959 क अिधिनयम स० 62 की धारा 33 ारा (16-1-1960 स) उपधारा (3) का लोप िकया गया 2 1983 क अिधिनयम स० 42 की धारा 32 ारा (31-5-1984 स) उपधारा (4) क सथान पर परितसथािपत 3 1983 क अिधिनयम स० 42 की धारा 32 ारा (31-5-1984 स) उपधारा (7) का लोप िकया गया 4 1959 क अिधिनयम स० 62 की धारा 34 ारा (16-1-1960 स) ldquoक खड (ठ) को अपविजत करत हए खड (झ) और खड (ट) स (ख) (ध)rdquo शबद को क और अकषर का

लोप िकया गया 5 1959 क अिधिनयम स० 62 की धारा 34 ारा (16-1-1960 स) ldquo(3)rdquo क सथान पर परितसथािपत 6 1983 क अिधिनयम स० 42 की धारा 33 ारा (31-5-1984 स) ldquoखनन बोड rdquo क सथान पर परितसथािपत 7 1959 क अिधिनयम स० 62 की धारा 34 ारा (16-1-1960 स) ldquoपवरrdquo शबद का लोप िकया गया 8 1983 क अिधिनयम स० 42 की धारा 33 ारा (31-5-1984 स) अनतःसथािपत 9 1959 क अिधिनयम स० 62 की धारा 34 ारा (16-1-1960 स) ldquoदो वषरrdquo क सथान पर परितसथािपत 10 1983 क अिधिनयम स० 42 की धारा 34 ारा (31-5-1984 स) कितपय शबद क सथान पर परितसथािपत

26

असमथर रह तो मखय िनरीकषक या िनरीकषक परारप-उपिविधय को पिरिनधाररण क िलए 1[धारा 12 की उपधारा (1) क अधीन गिठत सिमित को] िनदिशत करगा

(4) (क) जबिक ऐसी पररप-उपिविधय पर अिभकतार या परबनधक और मखय िनरीकषक सहमत हो गए ह या जबिक उनक सहमत होन म असमथर होन पर व 2[धारा 12 की उपधारा (1) क अधीन गिठत सिमित को] ारा पिरिनधारिरत कर दी गई ह तब मखय िनरीकषक या िनरीकषक ारा परारप-उपिविधय की एक परित कनदरीय सरकार को अनमोदनाथर भजी जाएगी

(ख) कनदरीय सरकार परारप-उपिविधय म ऐसा उपातरण कर सकगी जसा वह ठीक समझ

(ग) इसस पवर िक कनदरीय सरकार परारप-उपिविधय का अनमोदन चाह उपातर क सिहत या उनक िबना कर उपिविधया बनान की परसथापना की और उस सथान की जहा परारप-उपिविधय की परितया अिभपरा की जा सकगी और उस समय की (जो तीस िदन स कम का न होगा) इसक अनदर िक परभािवत िक तय क ारा या उनकी ओर स परारप-उपिविधय क परित िकया गया कोई आकषप कनदरीय सरकार को भजा जाना चािहए सचना ऐसी रीित स जसी कनदरीय सरकार परभािवत िक तय की जानकारी दन क िलए उपयक ततम समझ परकािशत की जाएगी

(घ) हर आकषप िलिखत होगा और उसमmdash

(i) आकषप क िविशष ट आधार तथा

(ii) चाह गए लोप पिरवधरन या उपानतर

किथत ह ग

(ङ) उन िक तय क ारा या उनकी ओर स िजनकी बाबत कनदरीय सरकार को यह परतीत हो िक व तद ारा परभािवत िक त ह अपिकषत समय क अनदर िकए गए आकषप पर वह सरकार िवचार करगी और उपिविधय पर या तो उस रप म िजसम व परकािशत की गई थ या उनम ऐस सशोधन करक िजनह वह ठीक समझ अनमोिदत कर सकगी

(5) कनदरीय सरकार ारा इस परकार अनमोिदत हो जान पर उपिविधया इस परकार परभावी ह गी मानो व इस अिधिनयम म अिधिनयिमत ह और खान का सवामी अिभकतार या परबनधक उन उपिविधय की एक परित अगरजी म और ऐसी अनय भाषा या भाषा म जसी िविहत की जाए खान म या उसक आसपास िकसी ऐस सहजदशय सथान पर लगवाएगा जहा व उपिविधया िनयोिजत

िक तय ारा सिवधापवरक पढ़ी या दखी जा सक और िजतनी बार व िवरिपत हो जाए िमट जाए या नष ट हो जाए उतनी बार यिक तयक त शीघरता क साथ उनह नए िसर स लगवाएगा

(6) कनदरीय सरकार इस परकार िनिमत िकसी उपिविध को िलिखत आदश ारा पणरतः या भागतः िवखिडत कर सकगी और तदपिर ऐसी उपिविध तदनसार परभावहीन हो जाएगी

3[61क िविनयम िनयम और उपिविधय का ससद क समकष रखा जानाmdashधारा 57 क अधीन बनाया गया परतयक िविनयम धारा 58 क अधीन बनाया गया परतयक िनयम और धारा 61 क अधीन बनाई गई परतयक उपिविध बनाई जान क पश चात यथाशीघर ससद क परतयक सदन क समकष जब वह सतर म हो कल तीस िदन की अविध क िलए रखा जाएगा या रखी जाएगी यह अविध एक सतरा म अथवा दो या अिधक आनकरिमक सतर म परी हो सकगी यिद उस सतर क या पव क त आनकरिमक सतर म अवसान क पवर दोन सदन उस िविनयम िनयम या उपिविध म कोई पिरवतरन करन क िलए सहमत हो जाए तो ततपश चात वह ऐस पिरवितत रप म ही परभावी होगा या होगी यिद उक त अवसान क पवर दोन सदन सहमत हो जाए िक वह िविनयम िनयम या उपिविध नह बनाया या बनायी जानी चािहए तो ततपश चात वह िनषपरभाव हो जाएगा या हो जाएगी िकनत यथािसथित िविनयम िनयम या उपिविधय क ऐस पिरवितत या िनषपरषभाव होन स उसक अधीन पहल की गई िकसी बात की िविधमानयता पर परितकल परभाव नह पड़गा ]

62 अिधिनयम िविनयम आिद की सिकषिप तया लगवानाmdashहर खान म या उसक आसपास अगरजी म और ऐसी अनय भाषा या भाषा म जो िविहत की जाए अिधिनयम की और िविनयम और िनयम की िविहत सिकषिप तया लगाई रखी जाएगी

अधयाय 9

शािसतया और परिकरया 63 बाधा डालनाmdash(1) जो कोई मखय िनरीकषक िनरीकषक या धारा 8 क अधीन परािधकत िकसी िक त क इस अिधिनयम क अधीन क उसक अपन कतर क िनवरहन म बाधा डालगा या मखय िनरीकषक िनरीकषक या ऐस िक त को िकसी खान क समबनध म इस अिधिनयम क ारा या अधीन परािधकत कोई परवश िनरीकषण परीकषा या जाच करन क िलए कोई यिक तयक त सिवधा दन स इनकार करगा या दन म जानबझकर उपकषा करगा वह कारावास स िजसकी अविध तीन मास तक की हो सकगी या जमारन स जो पाच सौ रपए तक का हो सकगा या दोन स दणडनीय होगा

1 1983 क अिधिनयम स० 42 की धारा 34 ारा (31-5-1984 स) कितपय शबद क सथान पर परितसथािपत 2 1983 क अिधिनयम स० 42 की धारा 34 ारा (31-5-1984 स) कितपय शबद क सथान पर परितसथािपत 3 1983 क अिधिनयम स० 42 की धारा 35 ारा (31-5-1984 स) अतःसथािपत

27

(2) जो कोई इस अिधिनयम क अनसरण म रख गए िकनह रिजसटर या अनय दसतावज को मखय िनरीकषक या िनरीकषक की माग पर पश करन स इनकार करगा अथवा िकसी ऐस िनरीकषण आिफसर क समकष जो इस अिधिनयम क अधीन क अपन कतर क अनसरण म कायर कर रहा ह उपसजात होन या उसक ारा परीकषा की जान स िकसी िक त को िनवािरत करगा या िनवािरत करन का परयत न करगा या कोई ऐसा कायर करगा िजसक बार म उसक पास यह िवश वास करन का कारण हो िक उसस उसका इस परकार िनवािरत होना सभा ह वह जमारन स जो तीन सौ रपए तक का हो सकगा दणडनीय होगा

64 अिभलख का िमथयाकरण आिदmdashजो कोईmdash

(क) इस अिधिनयम क अधीन अनद िकसी परमाणपतर का या परमाणपतर की िकसी कायारलय परित का कटकरण करगा या जानत हए उसम िमथया कथन करगा अथवा

(ख) जानत हए ऐस िकसी कटकतय या िमथया परमाणपतर को असली क रप म उपयोग म लाएगा अथवा

(ग) कोई िमथया घोषणा कथन या सा य यह जानत हए िक वह िमथया ह अपन िलए या िकसी अनय िक त क िलए इस अिधिनयम क अधीन परमाणपतर अिभपरा करन या परमाणपतर का नवीकरण करान या खान म िनयोजन अिभपरा करन क परयोजनाथर करगा या बनाएगा या पश करगा या उपयोग म लाएगा अथवा

1[(घ) िकसी ऐस रखाक खडिचतर रिजसटर या अिभलख का िमथयाकरण करगा िजसका रखा जाना इस अिधिनयम क ारा या अधीन अपिकषत हो या ऐसा िमथया रखाक खडिचतर रिजसटर या अिभलख उस िमथया जानत हए िकसी परािधकारी क

समकष पश करगा अथवा]

(ङ) कोई ऐसा रखाक िववरणी सचना अिभलख या िरपोटर बनाएगा दगा या पिरद करगा िजसम ऐसा कथन परिवि या बयौरा अनतिवष ट हो जो उसकी सव म जानकारी या िवश वास क अनसार सही न हो

वह कारावास स िजसकी अविध तीन मास तक की हो सकगी या जमारन स जो 2[एक हजार रपए] तक का हो सकगा या दोन स दणडनीय होगा

65 िमथया योगयता परमाणपतर का उपयोगmdashजो कोई 3[धारा 43] क अधीन अनय िक त को अनद िकसी परमाणपतर का उस धारा क अधीन अपन को योगयता-परमाणपतर क रप म जानत हए उपयोग करगा या उपयोग करन का परयत न करगा या उस धारा क अधीन अपन को योग यता-परमाणपतर अनद िकए जान पर जानत हए अनय िक त को उसका उपयोग करन दगा या उपयोग करन का परय करन दगा वह कारावास स िजसकी अविध एक मास तक की हो सकगी या जमारन स जो 4[दो सौ] रपए तक का हो सकगा या दोन स दणडनीय ोगा

िक तयक त कारण क िजस सािबत करन का भार उस पर होगा करगा जमारन स जो 6[एक हजार] रपए क का हो

ास स िजसकी विध तीन

ोिजत िकया जाता ह तो ऐसी खान का सवामी अिभकतार या परबनधक ऐस जमारन स जो पाच सौ रपए क का हो

ी अविध तीन मास तक की हो सकगी या जमारन स जो 10[दो हजार पाच सौ] रपए तक का हो सकगा या दोन स दणडनीय होगा

66 रखाक आिद दन का लोपmdashकोई िक त जो इस अिधिनयम क ारा या अधीन बनाए जान या िदए जान क िलए अपिकषत कोई रखाक 5[खडिचतर] िववरणी सचना रिजसटर अिभलख या िरपोटर िविहत पररप म या िविहत रीित स या िविहत समय पर या क भीतर बनान या दन का लोप िकए िबना यत सकगा दणडनीय होगा

67 शरिमक क िनयोजन िवषयक उपबनध का उललघनmdashजो कोई उसक िसवाय जसा िक धारा 38 ारा अनजञात ह इस अिधिनयम क या िकसी िविनयम िनयम या उपिविध क या तद धीन िकए गए िकसी आदश क िकसी ऐस उपबनध का उललघन करगा जो खान म या उसक आसपास िक तय क िनयोजन या उनकी उपिसथित को परितिष िनबरिनधत या िविनयिमत करता हो वह कारावअ मास तक की हो सकगी या जमारन स जो 7[एक हजार] रपए तक का हो सकगा या दोन स 8 दडनीय होगा

9[68 अठारह वषर स कम आय क िक तय क िनयोजन क िलए शािसतmdashयिद अठारह वषर स कम आय क िकसी िक त को धारा 40 क उललघन म िकसी खान म िनयत सकगा दणडनीय होगा ]

69 परबनधक िनयक त करन म असफलताmdashधारा 17 क उपबनध क उललघन म जो कोई परबनधक िनयक त करन म असफल रहगा वह कारावास स िजसक11

1 1959 क अिधिनयम स० 62 की धारा 35 ारा (16-1-1960 स) खड (घ) क सथान पर परितसथािपत 2 1959 क अिधिनयम स० 62 की धारा 35 ारा (16-1-1960 स) ldquoपाच सौ रपएrdquo क सथान पर परितसथािपत 3 1983 क अिधिनयम स० 42 की धारा 36 ारा (31-5-1984 स) ldquoधारा 40rdquo क सथान पर परितसथािपत 4 1959 क अिधिनयम स० 62 की धारा 36 ारा (16-1-1960 स) ldquoपचासrdquo क सथान पर परितसथािपत 5 1959 क अिधिनयम स० 62 की धारा 37 ारा (16-1-1960 स) अनतःसथािपत 6 1959 क अिधिनयम स० 62 की धारा 37 ारा (16-1-1960 स) ldquoदो सौrdquo क सथान पर परितसथािप 7 1959 क अिधिनयम स० 62 की धारा 38 ारा (16-1-1960 स) ldquoपाच सौrdquo क सथान पर परितसथािपत 8 1959 क अिधिनयम स० 62 की धारा 38 ारा (16-1-1960 स) कितपय शबद का लोप िकया गया 9 1983 क अिधिनयम स० 42 की धारा 37 ारा (31-5-1984 स) धारा 68 क सथान पर परितसथािपत 10 1959 क अिधिनयम स० 62 की धारा 39 ारा (16-1-1960 स) ldquoपाच सौrdquo क सथान पर परितसथािपत 11 1959 क अिधिनयम स० 62 की धारा 39 ारा (16-1-1960 स) कितपय शबद का लोप िकया गया

28

70 दघरटना की सचनाmdash(1) धारा 23 की उपधारा (1) क उपबनध क उललघन म जो कोई िकसी दघरटना की सचना दन म या उस सचना की परित उस उपधारा म िनिदष ट िवशष सचनाप पर लगान म और िविनिदष ट कालाविध क िलए वहा रखन म असफल रहगा वह कारावास स िजसकी अविध तीन मास तक की हो सकगी या जमारन स जो पाच सौ रपए तक का हो सकगा या दोन स दणनीय होगा

(2) कनदरीय सरकार ारा धारा 23 की उपधारा (3) क अधीन िदए गए िनदश क उललघन म जो कोई िकसी दघरटना को िविहत रिजसटर म अिभिलिखत करन म या उसकी सचना दन म असफल रहगा वह कारावास स िजसकी अविध तीन मास तक की हो सकगी या जमारन स तो पाच सौ रपए तक का हो सकगा या दोन स दणडनीय होगा

71 कितपय मामल म सवामी आिद का मखय िनरीकषक को िरपोटर दनाmdashजहा िक खान क यथािसथित सवामी अिभकतार या परबनधक न खान म या उसक आसपास िनयोिजत िकसी िक त क िवर कायरवाही इस अिधिनयम क अधीन क िकसी अपराध क बार म की हो वहा वह नयायालय क िनणरय या आदश की तारीख स इक कीस िदन क अनदर उसक पिरणाम की िरपोटर मखय िनरीकषक को दगा

72 खान म िनयोिजत िक तय की बाधयताmdashखान म िनयोिजत कोई भी िक तmdash

(क) खान म िनयोिजत िक तय का सवासथय कषम या कलयाण सिनिश चत करन क परयोजनाथर खान म उपबिनधत िकसी सािधतर सिवधा या अनय चीज म जानबझकर हसतकषप या उसका जानबझकर दरपयोग न करगा

(ख) जानबझकर और यिक तयक त कारण क िबना कोई ऐसी बात न करगा िजसस सवय उसक या अनय क सकटाप होन की सभा ता हो

(ग) खान म िनयोिजत िक तय का सवासथय या कषम सिनिश चत करन क परयोजनाथर उसम उपबिनधत िकसी सािधतर या अनय चीज को उपयोग म लान की जानबझकर उपकषा नह करगा

1[72क कछ िविनयम क उललघन क िलए िवशष उपबनधmdashजो कोई धारा 57 क खणड (घ) खणड (झ) खणड (ड) खणड (ढ) खणड (ण) खणड (त) खणड (द) खणड (ध) और खणड (प) म िविनिदष ट बात स सब िकसी िविनयम क या िकसी उपिविध क या तद धीन िकए गए िकसी आदश क िकसी उपबनध का उललघन करगा वह कारावास स िजसकी अविध छह मास तक की हो सकगी या जमारन स जो दो हजार रपए तक का हो सकगा या दोन स दणडनीय होगा

72ख धारा 22 क अधीन आदश क उललघन क िलए िवशष उपबनधmdashजो कोई धारा 22 की उपधारा (1क) उपधारा (2) या उपधारा (3) क अधीन 2[या धारा 22क की उपधारा (2) क अधीन] िनकाल गए आदश क उललघन म खान का कायरकरण चाल रखगा वह कारावास स िजसकी अविध दो वषर तक की हो सकगी दडनीय होगा और जमारन स भी जो पाच हजार रपए तक का हो सकगा दडनीय होगा

2[परनत नयायालय क िनणरय म लखब िकए जान वाल ततपरितकल िवशष और पयारप त कारण क अभाव म ऐसा जमारना खड (क) म िनिदष ट उललघन की दशा म तीन हजार रपए स कम नह होगा ]

72ग िविध क ऐस उललघन क िलए िजसक खतरनाक पिरणाम होत ह िवशष उपबनधmdash(1) जो कोई इस अिधिनयम क या िकसी िविनयम िनयम या उपिविध क या तद धीन िकए गए [धारा 22 की उपधारा (1क) या उपधारा (2) या उपधारा (3) 3[या धारा 22क की उपधारा (2)] क अधीन िकए गए आदश स िभ ] िकसी आदश क िकसी उपबनध का उललघन करगा वहmdash

(क) यिद ऐस उललघन क पिरणामसवरप जीवन की हािन हो तो कारावास स जो दो वषर तक का हो सकगा या जमारन स जो पाच हजार रपए तक का हो सकगा या दोन स दणडनीय होगा या

(ख) यिद ऐस उललघन क पिरणामसवरप गमभीर शारीिरक कषित हो तो कारावास स जो एक वषर तक का हो सकगा या जमारन स जो तीन हजार रपए तक का हो सकगा या दोन स दडनीय होगा अथवा

(ग) यिद ऐस उललघन स खान म िनयोिजत िक तय को या खान म या उसक आसपास क अनय िक तय को कषित या खतरा कािरत हो तो कारवास स जो तीन मास तक का हो सकगा या जमारन स जो एक हजार रपए तक का हो सकगा या दोन स दणडनीय होगा 6[परनत नयायालय क िनणरय म लखब िकए जान वाल ततपरितकल िवशष और पयारप त कारण क अभाव म ऐसा जमारना

खणड (क) म िनिदष ट उललघन की दशा म तीन हजार रपए स कम नह होगा ]

(2) जहा िक कोई िक त इस धारा क अधीन दोषिस िकए गए जान पर िफर उसक अधीन दोषिस िकया जाए वहा वह उपधारा (1) ारा उपबिनधत दड क दगन दड स दणडनीय होगा

1 1959 क अिधिनयम स० 62 की धारा 40 ारा (16-1-1960 स) धारा 73 तथा धारा 74 क सथान पर परितसथािपत 2 1983 क अिधिनयम स० 42 की धारा 38 ारा (31-5-1984 स) अतःसथािपत 3 1983 क अिधिनयम स० 42 की धारा 39 ारा (31-5-1984 स) अतःसथािपत

29

(3) इस धारा क अधीन पािरत जमारन का दडादश आरोिपत करन वाला अथवा अपील या पनरीकषण म या अनयथा उसकी पिष ट करन वाला नयायालय िनणरय पािरत करत समय आदश द सकगा िक वसल िकया गया सपणर जमारना या उसका कोई भाग कषितगरसत िक त को या उसकी मतय की दशा म उसक िविधक परितिनिध को परितकर क रप म िदया जाए

परनत यिद जमारना ऐस मामल म आरोिपत िकया जाए जो अपीलनीय हो तो अपील उपिसथत िकए जान क िलए अनजञात कालाविध क बीत जान क पहल या यिद अपील उपिसथत की गई हो तो अपील क िविनश चय स पहल ऐसा कोई भी सदाय नह िकया जाएगा

73 आदश की अवजञा क िलए साधारण उपबनधmdashजो कोई इस अिधिनयम क या िकसी िविनयम िनयम या उपिविध क या तद धीन िकए गए िकसी आदश क िकसी ऐस उपबनध का उललघन करगा िजसक उललघन क िलए एतिसमनपवर कोई शािसत उपबिनधत नह ह वह कारावास स िजसकी अविध तीन मास तक की हो सकगी या जमारन स जो एक हजार रपए तक का हो सकगा या दोन स दडनीय होगा

74 पवर दोषिसि क पश चात विधत शािसतmdashयिद कोई िक त जो (धारा 72ख और 72ग स िभ ) पवरगामी उपबनध म स िकसी क अधीन दडनीय िकसी अपराध का दोषिस िकया जा चका हो पवर दोषिसि क दो वषर क अनदर िकए गए और उसी उपबनध का उललघन अनतवरिलत करन वाल िकसी अपराध क िलए पनः दोषिस िकया जाए तो वह हर एक पश चात वत दोषिसि क िलए उस दड क दगन दणड स दणडनीय होगा िजसस वह ऐस उपबनध क परथम उललघन क िलए दडनीय होता ]

75 सवामी अिभकतार या परबनधक का अिभयोजनmdashइस अिधिनयम क अधीन क िकसी अपराध क िलए िकसी सवामी अिभकतार या परबनधक क िवर कोई भी अिभयोजन मखय िनरीकषक की या िजला मिजसटरट की या मखय िनरीकषक क िलिखत साधारण या िवशष आदश ारा इस िनिम परािधकत िनरीकषक की पररणा पर सिसथत िकए जान क िसवाय सिसथत नह िकया जाएगा

1[परनत मखय िनरीकषक या िजला मिजसटरट या इस परकार परािधकत िनरीकषक ऐसा अिभयोजन सिसथत करन स पवर अपना यह समाधान करगा िक सवामी अिभकतार या परबनधक ऐस अपराध क िकए जान को रोकन म सभी समयक ततपरता बरतन म असफल रहा था ]

2[परनत यह और िक] िकसी खान म तकनीकी िनदशन और परबनध क अनकरम म िकए गए िकसी अपराध क बार म िजला मिजसटरट िकसी सवामी अिभकतार या परबनधक क िवर कोई अिभयोजन मखय िनरीकषक क पवर अनमोदन स सिसथत करन क िसवाय सिसथत नह करगा

3[76 कितपय मामल म सवामी का अवधारणmdashजहा िक खान का सवामी कोई फमर या िष टय का अनय सगम हो वहा उसक सब भागीदार या सदसय या उनम स कोई अथवा जहा िक खान का सवामी कमपनी हो वहा उसक सब िनदशक या उनम स कोई अथवा जहा िक खान का सवामी सरकार या कोई सथानीय परािधकारी हो वहा यथािसथित ऐसी सरकार या सथानीय परािधकारी ारा खान क कामकाज का परबनध करन क िलए परािधकत सब आिफसर या िक त या उनम स कोई ऐस िकसी अपराध क िलए िजसक िलए खान का सवामी दडनीय हो इस अिधिनयम क अधीन अिभयोिजत और दिडत िकया जा सकगा

4[परनत जहा िकसी फमर सगम या कमपनी न मखय िनरीकषक को िलिखत रप म यह सचना द दी ह िक उसनmdash

(क) फमर की दशा म उसक िकसी भागीदार या परबनधक को

(ख) सगम की दशा म उसक िकसी सदसय या परबनधक को

(ग) कमपनी की दशा म उसक िकसी िनदशक या परबनधक को

जो परतयक मामल म िकसी ऐस सथान म िजस पर इस अिधिनयम का िवसतार ह िनवासी ह और जो परतयक मामल म या तो वासतव म ऐसी फमर सगम या कमपनी क परबनध का भारसाधक ह या उसम अिधकाश शयर धारण करता ह इस अिधिनयम क परयोजन क िलए खान क सवामी क उ रदाियतव को गरहण करन क िलए नामिनदिशत कर िदया ह वहा यथािसथित ऐसा भागीदार सदसय िनदशक या परबनधक जब तक वह ऐसा िनवासी बना रहता ह और पव क त रप म भारसाधक ह या अिधकाश शयर को धारण करता ह इस अिधिनयम क परयोजन क िलए खान का सवामी समझा जाएगा जब तक िक उसक नामिनदशन को र करन वाली या यह कथन करन वाली कोई िलिखत सचना की वह यथािसथित भागीदारी सदसय िनदशक या परबनधक नह रहा ह मखय िनरीकषक को पराप त नह हो जाती ह

सपष टीकरणmdashजहा िकसी फमर सगम या कमपनी क िविभन न सथापन या शाखाए ह अथवा उसक िकसी सथापन या शाखा म िविभन न एकक ह वहा िविभन न सथापन या शाखा या एकक क सबध म इस परनतक क अधीन िविभन न िक तय को नामिनदिशत िकया जा सकगा और इस परकार नामिनदिशत िक त कवल उस सथापन शाखा या एकक क समबनध म िजसक समबनध म उस नामिनदिशत िकया गया ह खान का सवामी समझा जाएगा ]

1 1983 क अिधिनयम स० 42 की धारा 40 ारा (31-5-1984 स) अतःसथािपत 2 1983 क अिधिनयम स० 42 की धारा 40 ारा (31-5-1984 स) ldquoपरनतrdquo क सथान पर परितसथािपत 3 1959 क अिधिनयम स० 62 की धारा 41 ारा (16-1-1960 स) धारा 76 क सथान पर परितसथािपत 4 1983 क अिधिनयम स० 42 की धारा 41 ारा (31-5-1984 स) ldquoपरनतकrdquo क सथान पर परितसथािपत

30

77 सवामी अिभकतार या परबनधक को दाियतव स कितपय दशा म छटmdashजहा िक खान का सवामी अिभकतार या परबनधक जो इस अिधिनयम क अधीन िकसी अपराध का अिभयक त हो यह अिभकथन कर िक वासतिवक अपराधी अनय िक त ह वहा वह अपन

ारा इस िनिम िकए गए पिरवाद पर 1[और वासतिवक अपराधी का जञात पता दन पर] और अिभयोजक को ऐसा करन क अपन आशय की तीन स अनयन पणर िदन की िलिखत सचना दन पर इस बात का हकदार होगा िक वह अनय िक त उस तारीख को जो मामल की सनवाई क िलए िनयत हो नयायालय क समकष लाया जाए और यिद अपराध का िकया जाना सािबत हो जान क पश चात खान का यथािसथित सवामी अिभकतार या परबनधक नयायालय को समाधान परदान करन वाल रप म सािबत कर द िकmdash

(क) इस अिधिनयम क ससगत उपबनध का िनषपादन करान क िलए उसन समयक ततपता बरती ह तथा (ख) उस अनय िक त न परश नगत अपराध को उसक जञान सममित या मौनानकलता क िबना िकया ह

तो उक त अनय िक त उस अपराध क िलए दोषिस िकया जाएगा और उसी परकार क दणड स ऐस दडनीय होगा मानो वह खान का सवामी अिभकतार या परबनधक हो और यथािसथित सवामी अिभकतार या परबनधक दोषमक त कर िदया जाएगा परनतmdash

(क) यथािसथित खान क सवामी अिभकतार या परबनधक की शपथ पर परीकषा की जा सकगी और उसक और िकसी अनय साकषी क िजस वह अपन समथरन म बलाए सा य की उस िक त क ारा या की ओर स िजसकी बाबत वह अिभकिथत करता हो िक वह वासतिवक अपराधी ह और अिभयोजक ारा परितपरीकषा की जा सकगी

(ख) यिद वह िक त िजसका वासतिवक अपराधी होना अिभकिथत हो उस तारीख को जो मामल की सनवाई क िलए िनयत हो नयायालय क समकष समयक ततपरता बरती जान पर भी न लाया जा सक तो नयायालय उसकी सनवाई समय-समय पर सथिगत कर दगा िकनत इस परकार िक ऐस सथगन की कल कालाविध तीन मास स अिधक न हो और यिद उक त कालाविध क अनत तक भी वह िक त िजसका वासतिवक अपराधी होना अिभकिथत हो नयायालय क समकष न लाया जा सक तो नयायालय यथािसथित सवामी अिभकतार या परबनधक क िवर मामल की सनवाई क िलए अगरसर होगा

78 नयायालय की आदश करन की शिक तmdash(1) जहा िक खान का सवमी अिभकतार या परबनधक इस अिधिनयम क अधीन दडनीय अपराध क िलए दोषिस िकया जाए वहा नयायालय उस कोई दड अिधिनण त करन क अितिरक त िलिखत आदश ारा उसस आदश म िविनिदष ट कालाविध क अनदर (िजस नयायालय इस िनिम िकए गए आवदन पर समय-समय पर िवसतािरत कर सकगा) ऐस उपाय करन की अपकषा कर सकगा जो उन बात का उपचार करन क िलए िजनक बार म अपराध िकया गया था ऐस िविनिदष ट िकए जाए (2) जहा िक उपधारा (1) क अधीन आदश िदया जाए वहा यथािसथित खान का सवामी अिभकतार या परबनधक उस कालाविध या िवसतािरत कालाविध क यिद कोई हो दौरान अपराध क चाल रहन क िवषय म इस अिधिनयम क अधीन दडनीय नह होगा िकनत यिद नयायालय क आदश का पणर अनपालन ऐसी कालाविध या िवसतािरत कालाविध क अवसान पर न हो गया हो तो यथािसथित सवामी अिभकतार या परबनधक क बार म यह समझा जाएगा िक उसन अितिरक त अपराध िकया ह और वह कारावास स िजसकी अविध छह मास तक की हो सकगी या जमारन स जो ऐस अवसान क पश चात हर एक ऐस िदन क िलए िजसम िक आदश का अनपालन न हआ हो एक सौ रपए तक का हो सकगा या दोन स दणडनीय होगा 79 अिभयोजन की पिरसीमाmdashकोई भी नयायालय इस अिधिनयम क अधीन िकसी अपराध का सजञान तब तक नह करगा जब तक िक उसका पिरवादmdash

(i) उस तारीख स िजसकी बाबत यह अिभकिथत हो िक अपराध उस तारीख को िकया गया छह मास क अनदर अथवा

(ii) उस तारीख स िजसको िक अिभकिथत अपराध का िकया जाना िनरीकषक क जञान म आया छह मास क अनदर अथवा

2[(iiक) िकसी ऐस मामल म िजसम अिभयक त लोक सवक ह या था और ततसमय परव िकसी िविध क अधीन अपराध का सजञान करन क िलए कनदरीय सरकार या राजय सरकार या िकसी अनय परािधकारी की पवर मजरी आवशयक ह उस तारीख क िजसको ऐसी मजरी मखय िनरीकषक को पराप त होती ह तीन मास क अनदर अथवा]

(iii) िकसी ऐस मामल म िजसम जाच नयायालय कनदरीय सरकार ारा धारा 24 क अधीन िनयक त िकया गया हो उस धारा की उपधारा (4) म िविनिदष ट िरपोटर क परकाशन की तारीख क पश चात 3[एक वषर] क अनदर

इनम स जो भी बाद म हो न िकया गया हो 4[सपष टीकरणmdashइस धारा क परयोजन क िलएmdash

1 1959 क अिधिनयम स० 62 की धारा 42 ारा (16-1-1960 स) अनतःसथािपत 2 1983 क अिधिनयम स० 42 की धारा 42 ारा (31-5-1984 स) अतःसथािपत 3 1983 क अिधिनयम स० 42 की धारा 42 ारा (31-5-1984 स) ldquoछह मासrdquo क सथान पर परितसथािपत 4 1959 क अिधिनयम स० 62 की धारा 43 ारा (16-1-1960 स) सप ीकरण जोड़ा गया

31

(क) चाल रहन वाल अपराध की दशा म पिरसीमा की सगणना उस समय क हर कषण क परित िनदश स की जाएगी िजसक दौरान अपराध चाल रह

(ख) जहा िक कोई कायर करन क िलए समय इस अिधिनयम क अधीन िवसतािरत िकया गया हो वहा पिरसीमा की सगणना उस िवसतािरत कालाविध क अवसान स की जाएगी ]

80 अपराध का सजञानmdash1[महानगर मिजसटरट या परथम वगर नयाियक मिजसटरट] क नयायालय स अवर कोई नयायालय इस अिधिनयम क अधीन िकसी ऐस अपराध का िजसकी बाबत यह अिभकिथत हो िक वह खान क सवामी अिभकतार या परबनधक ारा िकया गया ह या िकसी ऐस अपराध का जो इस अिधिनयम ारा कारावास स दडनीय बनाया गया ह िवचारण नह करगा

80क [जमारन क बार म िवशष उपबध ]mdashखान (सशोधन) अिधिनयम 1983 (1983 का 42) की धारा 44 ारा (31-5-1984 स) िनरिसत

81 कितपय मामल म अिभयोजन क बजाय खान बोडर या सिमित को िनदशmdash(1) यिद मखय िनरीकषक या िजला मिजसटरट या िकसी िनरीकषक की पररणा पर इस अिधिनयम क अधीन सिसथत िकसी मामल का िवचारण करन वाल नयायालय की यह राय हो िक यह मामला ऐसा ह जो अिभयोजन क बजाय 2 सिमित को िनदिशत िकया जाना चािहए तो वह दािडक कायरवािहय को रोक सकगा और इस दिष ट स िक ऐसा िनदशन िकया जाए उस िवषय की िरपोटर कनदरीय सरकार को भजगा

(2) उपधारा (1) क अधीन िरपोटर पराप त होन पर कनदरीय सरकार मामला 2 सिमित को िनदिशत कर सकगी या िवचारण म अगरसर होन क िलए नयायालय को िनदश द सकगी

अधयाय 10

परकीणर 82 इस परश न का िविनश चय िक कया खान इस अिधिनयम क अधीन हmdashयिद कोई परश न उठ िक कया 3[खान का और उसम

का या उसका पाश वरसथ कोई उतखान या खिनत या पिरसर िजस पर खिनज या कोक पराप त करन दरसी करन या िवकरय क िलए तयार करन की सहायक कोई परिकरया चलाई जा रही ह] इस अिधिनयम क अथर क अनदर खान ह तो कनदरीय सरकार उस परश न का िविनश चय कर सकगी और कनदरीय सरकार क सिचव ारा हसताकषिरत परमाणपतर इस परश न पर िनश चायक होगा

83 अिधिनयम क परवतरन स छट दन की शिक तmdash4[(1)] कनदरीय सरकार िकसी सथानीय कषतर या िकसी खान को या खान क िकसी समह या वगर को या खान क िकसी भाग को या िक तय क िकसी वगर को 5[इस अिधिनयम या उसक अधीन बनाए गए िविनयम िनयम या उपिविधय क सब उपबनध क या उनम स िकसी क] परवतरन स छट शासकीय राजपतर म अिधसचना ारा या तो अतयितकतः या िकनह िविनिदष ट शत क अधयधीन द सकगी

परनत िकसी सथनीय कषतर या खान या खान क समह या वगर को 6[धारा 40 और धारा 45] क उपबनध स छट तब तक नह दी जाएगी जब तक उस इस अिधिनयम क अनय सब उपबनध क परवतरन स भी छट न द दी जाए ]

7[(2) कनदरीय सरकार मखय िनरीकषक या िकसी अनय परािधकारी को साधारण या िवशष आदश ारा ऐस िनबरनधन क अधयधीन िजनह अिधरोिपत करना वह ठीक समझ परािधकत कर सकगी िक वह िकसी खान या उसक िकसी भाग को 8[िविनयम िनयम या उपिविधय ] क उपबन ध म स िकसी क परवतरन स िकनह िविनिदष ट शत क अधयधीन तब छट द द जब िक मखय िनरीकषक या ऐस अिधकारी की राय हो िक खान या उसक भाग म पिरिसथितया ऐसी ह िक उनक कारण ऐस उपबनध का अनपालन अनावशयक या अ वहायर हो जाता ह ]

84 आदश को पिरवितत या िवखिणडत करन की शिक तmdash9[(1)] कनदरीय सरकार इस अिधिनयम क अधीन िदया गया कोई आदश उलट सकगी या उपानतिरत कर सकगी

10[(2) मखय िनरीकषक लखब िकए जान वाल कारण स इस अिधिनयम क अधीन या िकसी िविनयम िनयम या उपिविध क अधीन अपन ारा पािरत िकसी आदश को उलट सकगा या उस उपातिरत कर सकगा

(3) खान क सवामी अिभकतार या परबनधक पर परितकल परभाव डालन वाला कोई आदश इस धारा क अधीन तब तक नह िकया जाएगा जब तक िक ऐस सवामी अिभकतार या परबनधक को अभयावदन करन का यिक तयक त अवसर न द िदया गया हो ]

1 1983 क अिधिनयम स० 42 की धारा 43 ारा (31-5-1984 स) ldquoपरसीडसी मिजसटरट या परथम वगर मिजसटरटrdquo क सथान पर परितसथािपत 2 1983 क अिधिनयम स० 42 की धारा 43 ारा (31-5-1984 स) ldquoखनन बोडरrdquo शब द का लोप िकया गया 3 1959 क अिधिनयम स० 62 की धारा 45 ारा (16-1-1960 स) अनतःसथािपत 4 1959 क अिधिनयम स० 62 की धारा 46 ारा (16-1-1960 स) उपधारा (1) क रप म पनःसखयािकत 5 1983 क अिधिनयम स० 42 की धारा 46 ारा (31-5-1984 स) ldquoइस अिधिनयम क सब उपबध क िकसी कrdquo क सथान पर परितसथािपत 6 1983 क अिधिनयम स० 42 की धारा 46 ारा (31-5-1984 स) ldquoधारा 45rdquo क सथान पर परितसथािपत 7 1959 क अिधिनयम स० 62 की धारा 46 ारा (16-1-1960 स) अनतःसथािपत 8 1983 क अिधिनयम स० 42 की धारा 46 ारा (31-5-1984 स) ldquoइस अिधिनयम क अतगरत िविनयम और िनयमrdquo क सथान पर परितसथािपत 9 1983 क अिधिनयम स० 42 की धारा 47 ारा (31-5-1984 स) धारा 84 उपधारा (1) क रप म पनःसखयािकत 10 1983 क अिधिनयम स० 42 की धारा 47 ारा (31-5-1984 स) अतःसथािपत

32

85 सरकार की खान को अिधिनयम का लाग होनाmdashयह अिधिनयम सरकार की खान को 1[भी] लाग होगा 2[85क सचना आिद दन क िलए अपिकषत िक त ऐसा करन क िलए वध रप स आब ह गmdashहर िक त जो िकसी

अिधकारी को कोई सचना या इि ला इस अिधिनयम क अधीन दन क िलए अपिकषत ह भारतीय दड सिहता (1860 का 45) की धारा 176 क अथर क अनदर ऐसा करन क िलए वध रप स आब होगा ]

3[85ख िववरिणय सचना आिद पर हसताकषर करनाmdashइस अिधिनयम या उसक अधीन बनाए गए िकसी िविनयम िनयम उपिविध या िकसी आदश क उपबनध क समबनध म िकसी खान क सवामी ारा या उसकी ओर स दी जान क िलए अपिकषत सभी िववरिणय और सचना पर या भजी जान वाली सचना पर खान क सवामी अिभकतार या परबधक ारा या िकसी ऐस िक त ारा िजस सवामी ारा मखतारनाम ारा इस िनिम शिक त परतयायोिजत की गई ह हसताकषर िकए जाएग

85ग सिवधा और जन सिवधा क िलए फीस या परभार का वसल न िकया जानाmdashखान म िनयोिजत िकसी िक त स सरकषातमक परबनध या दी जान वाली सिवधा या इस अिधिनयम क उपबनध क अधीन परदाय िकए जान वाल िकसी उपसकर या सािधतर की बाबत कोई फीस या परभार वसल नह िकया जाएगा ]

86 1948 क अिधिनयम 63 क कितपय उपबध का खान को लाग होनाmdashकनदरीय सरकार शासकीय राजपतर म अिधसचना ारा िनदश द सकगी िक कारखाना अिधिनयम 1948 (1948 का 63) क अधयाय 3 और 4 क उपबनध ऐस अपवाद और िनबरनधन क

अधयधीन रहत हए जस उस अिधसचना म िविनिदष ट िकए जाए सब खान और उनकी परसीमा को लाग ह ग

87 सद भावपवरक िकए गए कायर क िलए पिरतराणmdashकोई भी वाद अिभयोजन या अनय िविधक कायरवाही इस अिधिनयम क अधीन सद भावपवरक की गई या जान क िलए आशियत िकसी बात क िलए िकसी िक त क िवर न होगी

88 [1923 क अिधिनयम 4 का िनरसन]mdashिनरसन और सशोधन अिधिनयम 1957 (1957 का 36) की धारा 2 और पहली अनसची ारा िनरिसत

______

1 1959 क अिधिनयम स० 62 की धारा 47 ारा (16-1-1960 स) अनतःसथािपत 2 1959 क अिधिनयम स० 62 की धारा 48 ारा (16-1-1960 स) अनतःसथािपत 3 1983 क अिधिनयम स० 42 की धारा 48 ारा (31-5-1984 स) अतःसथािपत

Page 16: खान अधिनियम, 1952ncwapps.nic.in/acts/TheMinesAct1952_Hindi.pdf1 ज ल ई, 1952, द खए भ रत क र जपतर (अ गर 1952, ज ) भ ग 2,

16

(2) उस खान की दशा म िजसम खनन सिकरयाए इस अिधिनयम क परारमभ क पश चात परारभ ह उपधारा (1) म िनिदष ट सचना काम क परारमभ होन क कम स कम सात िदन पवर लगाई जाएगी

(3) उपधारा (1) म िनिदष ट सचना म भिम क ऊपर िनयोिजत िक तय क काम क परारमभ का समय और िवशराम अनतराल भी किथत ह ग और उसकी एक परित मखय िनरीकषक को यिद वह ऐसी अपकषा कर तो भजी जाएगी

(4) जहा िक साधारणतः खान म या िकसी टोली क काम क परारमभ या बनद होन क िलए िनयत समय म या भिम क ऊपर िनयोिजत िक तय क िलए िनयत िवशराम अनतराल म कोई तबदीली करन की परसथापना हो वहा िविहत पररप म एक सशोिधत सचना उस तबदीली क िकए जान क सात स अनयन िदन पवर खान क कायारलय क बाहर लगाई जाएगी और ऐसी सचना की एक परित ऐसी तबदीली क सात स अनयन िदन पवर मखय िनरीकषक को भजी जाएगी

(5) िकसी भी िक त को उपधारा (1) ारा अपिकषत सचना क अनसार काम करन स अनयथा खान म काम नह करन िदया जाएगा

37 पयरवकषक कमरचािरवनदmdashधारा 28 धारा 30 धारा 31 धारा 34 या 1[धारा 36 की उपधारा (5)] की कोई भी बात उन िक तय को लाग न होगी िजनकी बाबत िनयम ारा यह पिरभािषत िकया जाए िक व पयरवकषण या परबनध का पद धारण िकए हए ह

या गोपनीयता की हिसयत म िनयोिजत ह

38 िनयोजन सबधी उपबनध स छटmdash(1) उस आपात की दशा म िजसम खान या उसम िनयोिजत िक तय क कषम क िलए गमभीर जोिखम अनतवरिलत हो या वासतिवक या आशिकत िकसी दघरटना की दशा म या िकसी दवीकत की दशा म या खान की मशीनरी सयतर या उपसकर क ठपप हो जान क पिरणामसवरप ऐसी मशीनरी सयतर या उपसकर पर िकए जान वाल िकसी अजनट काम की दशा म परबनधक धारा 22 2[या धारा 22क] क उपबनध क अधयधीन और धारा 39 क अधीन क िनयम क अनसार िक तय को धारा 28 धारा 30 धारा 31 या धारा 34 या 1[धारा 36 की उपधारा (5)] क उललघन म ऐस काम म िनयोजन की अनजञा द सकगा जो खान या उसम िनयोिजत िक तय क कषम का सरकषण करन क िलए आवशयक हो

परनत मशीनरी सयतर या उपसकर पर इस धारा क अधीन िकए जान वाल िकसी अजनट काम की दशा म परबनधक इस धारा ारा अनजञात कोई काररवाई कर सकगा य िप उसक िकए जान स 3[खिनज] उतपादन आनषिगक रप स परभािवत होता हो िकनत इस

परकार की गई काररवाई उन सीमा क बाहर न की जाएगी जो खान क मामली कायरकरण म गमभीर हसतकषप का पिरवजरन करन क परयोजन क िलए आवशयक हो

(2) हर वह दशा िजसम उपधारा (1) क अधीन परबनधक ारा काररवाई की गई हो ततसमब पिरिसथितय क साथ अिभिलिखत की जाएगी और उसकी िरपोटर मखय िनरीकषक या िनरीकषक को भी दी जाएगी

4[39 छट दन वाल िनयम बनान की शिक तmdash5[कनदरीय सरकार] िनम निलिखत िक तय क िलए धारा 28 धारा 30 धारा 31 धारा 34 या धारा 36 की उपधारा (5) क उपबनध स ऐस िवसतार तक ऐसी पिरिसथितय म और ऐसी शत क अधयधीन जसी िविनिदष ट की जाए छट का उपबनध करन वाल िनयम बना सकगीmdash

(क) ऐसी खान म िजसम ऐस आपात की आशका हो िजसम खान क या उसम िनयोिजत िक तय क कषम की गमभीर जोिखम अनतवरिलत हो िनयोिजत सब िक त या उनम स कोई

(ख) िकसी वासतिवक या आशिकत दघरटना की दशा म इस परकार िनयोिजत सब िक त या उनम स कोई

(ग) िकसी तयारी की परकित क या परक परकित क ऐस काम म जो खान क मामली कायरकरण म गमभीर हसतकषप का पिरवजरन करन क परयोजन क िलए अवशय चलाया जाना चािहए लग हए सब िक त या उनम स कोई

(घ) अजनट मरममत म लग हए सब िक त या उनम स कोई

(ङ) िकसी ऐस काम म जो िक तकनीकी कारण स िनरनतर चाल रखा जाना चािहए िनयोिजत सब िक त या उनम स कोई ] 6[40 अठारह वषर स कम आय क िक तय का िनयोजनmdash(1) खान (सशोधन) अिधिनयम 1983 क परारमभ क पश चात

अठारह वषर स कम आय क िकसी िक त को िकसी खान या उसक भाग म काम करन क िलए अनजञात नह िकया जाएगा

(2) उपधारा (1) म िकसी बात क होत हए भी िशकष और अनय परिशकष को जो सोलह वषर स कम आय क नह ह िकसी खान या उसक भाग म परबनधक ारा समिचत पयरवकषण क अधीन काम करन क िलए अनजञात िकया जा सकगा

1 1953 क अिधिनयम स० 42 की धारा 4 और अनसची 3 ारा ldquoधारा 36 की उपधारा (4)rdquo क सथान पर परितसथािपत 2 1983 क अिधिनयम स० 42 की धारा 20 ारा (31-5-1984 स) अनतःसथािपत 3 1959 क अिधिनयम स० 62 की धारा 20 ारा (16-1-1960 स) ldquoकोयलाrdquo क सथान पर परितसथािपत 4 1959 क अिधिनयम स० 62 की धारा 21 ारा (16-1-1960 स) धारा 39 क सथान पर परितसथािपत 5 1983 क अिधिनयम स० 42 की धारा 21 ारा (31-5-1984 स) कितपय शबद क सथान पर परितसथािपत 6 1983 क अिधिनयम स० 42 की धारा 22 ारा (31-5-1984 स) धारा 40 क सथान पर परितसथािपत

17

परनत िशकष स िभन न परिशकष की दशा म उनको काम करना अनजञात करन स पवर मखय िनरीकषक या िनरीकषक का पवर अनमोदन अिभपराप त करना आवशयक होगा

सपष टीकरणmdashइस धारा और धारा 43 म ldquoिशकषrdquo स िशकष अिधिनयम 1961 (1961 का 52) की धारा 2 क खणड (क) म यथापिरभािषत िशकष अिभपरत ह ]

41 [योगयता परमाणपतर ]mdashखान (सशोधन) अिधिनयम 1983 की धारा 23 ारा (31-5-1984 स) िनरिसत

42 [कमार को अनद योगयता परमाणपतर का परभाव ]mdashखान (सशोधन) अिधिनयम 1983 (1983 का 42) की धारा 23 ारा (31-5-1984 स) िनरिसत

1[43 िचिकतसीय परीकषा की अपकषा करन की शिक तmdash(1) जहा िकसी िनरीकषक की यह राय हो िक िशकष या अनय परिशकष स अनयथा खान म िनयोिजत कोई िक त वयसथ नह ह अथवा खान म िशकष या अनय परिशकष क रप म िनयोिजत कोई िक त या तो सोलह वषर स कम आय का ह या वह काम करन क योगय नह रह गया ह वहा िनरीकषक खान क परबनधक पर यह अपकषा करन वाली सचना की तामील कर सकगा िक ऐस िक त की परीकषा िकसी परमाणकतार सजरन ारा की जाए और िनरीकषक ऐसा िनदश द तो ऐसा

िक त तब तक िकसी खान म काम करन क िलए िनयोिजत या अनजञात नह िकया जाएगा जब तक इस परकार उसकी परीकषा न हो गई हो और यह परमािणत न कर िदया गया हो िक वह वयसथ ह या यिद ऐसा िक त िशकष या परिशकष ह तो वह सोलह वषर स कम आय का नह ह और काम करन क योगय ह

(2) उपधारा (1) क अधीन िनदश पर परमाणकतार सजरन ारा िदया गया हर परमाणपतर उसम किथत बात का इस अिधिनयम क परयोजन क िलए िनश चायक सा य होगा ]

44 [उन कमार क िलए काम क घट जो वयसक क रप म काम क िलए योगय परमािणत नह िकए गए ]mdashखान (सशोधन) अिधिनयम 1983 (1984 का 42) की धारा 25 ारा (31-5-1984 स) िनरिसत

2[45 खान म अठारह वषर स कम आय क िक तय की उपिसथित का परितषधmdashधारा 40 की उपधारा (2) क उपबनध क अधीन रहत हए ऐसी तारीख क पश चात जो कनदरीय सरकार राजपतर म अिधसचना ारा इस िनिम िनयत कर अठारह वषर स कम आय क िकसी िक त को भिम क ऊपर खान क िकसी ऐस भाग म जहा िकसी खनन सिकरया स ससक त या आनषिगक कोई सिकरया चलाई जा रही हो उपिसथत नह रहन िदया जाएगा ]

3[46 िस तरय का िनयोजनmdash(1) िकसी अनय िविध म अनतिवष ट िकसी बात क होत हए भी कोई भी स तरीmdash

(क) खान क िकसी ऐस भाग म जो भिम क नीच हो

(ख) िकसी खान म भिम क ऊपर 6 बज पवारहन और 7 बज अपराहन क बीच क िसवाय

िनयोिजत नह की जाएगी ]

(2) खान म भिम क ऊपर िनयोिजत हर स तरी को िकसी एक िदन िनयोजन का पयरवसान होन और िनयोजन की अगली कालाविध का परारमभ होन क बीच कम स कम गयारह घनट का अनतराल िदया जाएगा

(3) उपधारा (1) म अनतिवष ट िकसी बात क होत हए भी कनदरीय सरकार िकसी खान या िकसी वगर या परकार की खान क बार म भिम क ऊपर िस तरय क िनयोजन क घट म फरफार शासकीय राजपतर म अिधसचना ारा कर सकगी िकनत इस परकार की िकसी स तरी का 10 बज अपराहन और 5 बज पवारहन क बीच कोई भी िनयोजन तद ारा अनजञात न हो ]

47 [आय क बार म िववाद ]mdashखान (सशोधन) अिधिनयम 1959 (1959 का 62) की धारा 28 ारा िनरिसत

48 िनयोिजत िक तय का रिजसटरmdash4[(1) हर खान क िलए उस खान म िनयोिजत सब िक तय का एक रिजसटर िविहत पररप और सथान म रखा जाएगा िजसम ऐस हर एक िक त क बार म िनम निलिखत बात दिशत ह गीmdash

(क) कमरचारी का नाम यथािसथित उसक िपता या पित क नाम सिहत और ऐसी अनय िविशिष टया जसी उसकी पहचान क परयोजन क िलए आवशयक ह

(ख) कमरचारी की आय और िलग

(ग) िनयोजन की परकित (वह िनयोजन भिम क ऊपर ह या भिम क नीच और यिद भिम क ऊपर ह तो वह िवव खिनत म ह या अनयथा) और उसक परारमभ की तारीख

5

1 1983 क अिधिनयम स० 42 की धारा 24 ारा (31-5-1984 स) धारा 43 क सथान पर परितसथािपत 2 1983 क अिधिनयम स० 42 की धारा 26 ारा (31-5-1984 स) धारा 45 क सथान पर परितसथािपत 3 1959 क अिधिनयम स० 62 की धारा 27 ारा (16-1-1960 स) धारा 46 क सथान पर परितसथािपत 4 1959 क अिधिनयम स० 62 की धारा 29 ारा (16-1-1960 स) उपधारा (1) क सथान पर परितसथािपत 5 1983 क अिधिनयम स० 42 की धारा 27 ारा (31-5-1984 स) खणड (घ) का लोप िकया गया

18

(ङ) अनय ऐसी िविशिष टया जो िविहत की जाए

और ससगत परिविष टया सपक त िकयत क हसताकषर या अगठ क िचहन ारा अिधपरमािणत की जाएगी ]

(2) उपधारा (1) ारा िविहत रिजसटर म की परिविष टया ऐसी ह गी िक उनक अनसार काम करन वाल कमरकार इस अधयाय क उपबनध म स िकसी क उललघन म काम न करत ह ग

(3) कोई िक त खान म तब तक िनयोिजत न िकया जाएगा जब तक उसक बार म उपधारा (1) ारा अपिकषत िविशिष टया रिजसटर म अिधिलिखत न कर ली गई ह और कोई भी िक त रिजसटर म अपन बार म दिशत काम की कालाविधय क दौरान िनयोिजत िकए जान क िसवाय िनयोिजत नह िकया जाएगा

1[(4) िजस खान को कनदरीय सरकार न साधारण या िवशष आदश ारा िकसी िवशष कारण स जो अिभिलिखत िकया जाएगा छट दी हो उसस िभन न हर खान क िलए पथक रिजसटर िविहत पररप और सथान म रख जाएग िजनम हर िक त क बार म जो खान मmdash

(क) भिम क नीच

(ख) िवव खिनत म भिम क ऊपर

(ग) अनय दशा म भिम क ऊपर

िनयोिजत हो िनम निलिखत बात दिशत ह गीmdash

(i) कमरचारी का नाम

(ii) उसक िनयोजन का वगर या िकसम

(iii) जहा िक काम टोली-प ित स चलाया जाता हो वहा िजस पारी का वह ह वह पारी और उस पारी क घनट ]

(5) भिम क नीच िनयोिजत िक तय क उपधारा (4) म िनिदष ट रिजसटर म िकसी भी कषण ऐस हर िक त का नाम दिशत होगा जो तब खान म भिम क नीच उपिसथत हो

2[(6) कोई िक त िकसी िवव खिनत या भिम क नीच िकसी खिनत म तब क िसवाय परवश नह कर सकगा जब िक ऐसा करन क िलए वह परबनधक ारा अनजञात िकया गया हो अथवा इस अिधिनयम या िकसी अनय िविध क अधीन परािधकत हो ]

अधयाय 7

मजदरी सिहत छ ी 3[49 अधयाय का लाग होनाmdashइस अधयाय क उपबनध ऐस परवितत नह ह ग िक उनका िकसी ऐस अिधकार पर परितकल

परभाव पड़ िजसका िक खान म िनयोिजत कोई िक त िकसी अनय िविध क अधीन या िकसी अिधिनणरय करार या सवा-सिवदा क िनबनधन क अधीन हकदार हो

4[परनत यिद ऐसा अिधिनणरय करार या सवा-सिवदा इस अधयाय म उपबिनधत स दीघरतर मजदरी सिहत वािषक छ ी का उपबनध करती हो तो छ ी की वह मातरा िजसक िलए िनयोिजत िक त हकदार होगा ऐस अिधिनणरय करार या सवा-सिवदा क अनसार होगी िकनत छ ी ऐस िवषय की बाबत जो ऐस अिधिनणरय करार या सवा-सिवदा म उपबिनधत नह ह धारा 50 स लकर धारा 56 तक क (िजसम य दोन धाराए भी सिममिलत ह) उपबनध क अनसार िविनयिमत होगी ]

50 छ ी की पिरभाषाmdashसाप तािहक िवशराम-िदन अथवा उतसव क िलए या अनय ऐस ही अवसर क िलए अवकाश-िदन इस अधयाय क परयोजन क िलए छ ी क अनतगरत नह आत ह चाह व छ ी की कालाविध क दौरान ह या उसक ठीक पहल या ठीक पीछ ह

51 कलनडर वषर की पिरभाषाmdashइस अधयाय क परयोजन क िलए ldquoकलनडर वषरrdquo स िकसी वषर म जनवरी क परथम िदन स आरमभ होन वाली बारह मास की कालाविध अिभपरत होगी

52 मजदरी सिहत वािषक छ ीmdash(1) खान म िनयोिजत हर िक त को िजसन उसम एक कलनडर वषर की सवा परी कर ली हो पश चातवत कलनडर वषर क दौरान मजदरी सिहत छ ी अनजञात की जाएगी िजसकी गणनाmdash

(क) भिम क नीच िनयोिजत िक त की दशा म उसक ारा िकए गए काम क हर 5[पनदरह िदन] क िलए एक िदन की दर स की जाएगी तथा

1 1959 क अिधिनयम स० 62 की धारा 29 ारा (16-1-1960 स) उपधारा (4) क सथान पर परितसथािपत 2 1959 क अिधिनयम स० 62 की धारा 29 ारा (16-1-1960 स) अनतःसथािपत 3 1959 क अिधिनयम स० 62 की धारा 30 ारा (16-1-1960 स) धारा 49 स 56 तक क सथान पर परितसथािपत 4 1983 क अिधिनयम स० 42 की धारा 28 ारा (31-5-1984 स) परनतक क सथान पर परितसथािपत 5 1983 क अिधिनयम स० 42 की धारा 29 ारा (31-5-1984 स) ldquoसोलह िदनrdquo क सथान पर परितसथािपत

19

(ख) िकसी अनय दशा म उसक ारा िकए गए काम क हर बीस िदन क िलए एक िदन की दर स की जाएगी

(2) उपधारा (1) म िनिदष ट एक कलनडर वषर की सवाmdash

(क) खान म भिम क नीच िनयोिजत िक त की दशा म परी कर ली गई समझी जाएगी यिद कलनडर वषर क दौरान खान म उसकी हािजिरया एक सौ नबब स कम न ह तथा

(ख) िकसी अनय िक त की दशा म परी कर ली गई समझी जाएगी यिद कलनडर वषर क दौरान खान म उसकी हािजिरया दो सौ चालीस स कम न ह

सपष टीकरणmdashइस उपधारा क परयोजन क िलए यह ह िकmdash

(क) करार या सिवदा ारा या सथायी आदश क अधीन यथा अनजञय कामबदी क िदन को

(ख) स तरी कमरचारी की दशा म बारह सप ताह स अनिधक िकतन ही िदन की परसित छटटी को तथा

(ग) उस वषर स िजसम छ ी का उपभोग िकया जाए पवरवत वषर म उपािजत छ ी को

हािजरी की सगणना क परयोजन क िलए ऐस िदन समझा जाएगा िजनम कमरचारी न खान म काम िकया ह िकनत वह इन िदन क िलए छ ी उपािजत नह करगा

(3) िजस िक त की सवा जनवरी क परथम िदन को परारमभ न होकर अनयथा आरमभ होती ह वहmdash

(क) खान म भिम क नीच िनयोिजत िक त की दशा म तब जब िक वह कलनडर वषर क शष भाग क दौरान क कल िदन क आध स अनयन िदन म हािजर रहा हो तथा

(ख) िकसी अनय दशा म तब जब िक वह कलनडर वषर क शष भाग क दौरान क कल िदन क दो-ितहाई स अनयन िदन म हािजर रहा हो

पश चातवत कलनडर वषर म मजदरी सिहत छ ी उस दर स पान का हकदार होगा जो उपधारा (1) म िविनिदष ट ह

(4) िकसी िक त ारा न ली गई वह छ ी िजसका वह उपधारा (1) या उपधारा (2) क अधीन िकसी एक कलनडर वषर म हकदार हो उस छ ी म जोड़ दी जाएगी जो िक उ रवत कलनडर वषर क दौरान उस उपधारा क अधीन उस अनजञय हो

परनत उन छ ी क िदन की कल सखया जो ऐस िकसी िक त ारा सिचत की जा सकगी िकसी भी एक समय कल तीस िदन स अिधक न होगी

परनत यह और भी िक ऐसा वह िक त िजसन मजदरी सिहत छ ी क िलए आवदन िकया हो िकनत उस उपधारा (6) क अनसार ऐसी छ ी न दी गई हो िकसी सीमा क िबना अनपभक त छ ी क अगरनयन का हकदार होगा

(5) ऐसा कोई िक त उपधारा (1) उपधारा (2) और उपधारा (4) क अधीन उस समय अपन को अनजञय सारी छ ी या उसका कोई भाग लन क िलए खान क परबनधक स उस िदन स पदरह िदन स अनयन िदन पहल िलिखत आवदन कर सकगा िजस िदन वह अपनी छ ी आरमभ करना चाहता हो

परनत िकसी एक कलनडर वषर क दौरान तीन बार स अिधक छ ी न ली जा सकगी

(6) उपधारा (5) क उपबनध क अनसार ऐसी छ ी क िलए िकया गया आवदन तब क िसवाय नामजर नह िकया जाएगा जब िक छ ी अनद करन क िलए सशक त परािधकारी की यह राय हो िक पिरिसथित की आवशयकता क कारण छ ी नामजर की जानी चािहए ]

(7) यिद खान म िनयोिजत िक त अपनी मजदरी सिहत छ ी जो उस शष हो बीमारी की कालाविध क िलए लना चाहता हो तो चाह उसन छ ी क िलए आवदन उपधारा (5) म िविनिदष ट समय क अनदर न भी िकया हो तो भी उस वह छ ी अनद की जाएगी

(8) यिद खान का सवामी अिभकतार या परबनधक खान म िनयोिजत िक त क िनयोजन का पयरवसान उस िक त ारा अपनी वह कल छटटी ल ली जान क पवर कर द िजसका वह अपन िनयोजन क पयरवसान क िदन तक हकदार हो या यिद उस िक त न ऐसी छ ी क िलए आवदन िकया हो और ऐसी छ ी अनद न हई हो और वह िक त अपना िनयोजन छ ी लन स पवर छोड़ द तो खान का सवामी अिभकतार या परबनधक न ली गई छ ी क बार म धारा 53 क अधीन सदय रकम उस सद करगा और ऐसा सदाय वहा जहा िक

िक त क िनयोजन का पयरवसान सवामी अिभकतार या परबनधक ारा िकया जाए ऐस पयरवसान क पश चात क दसर कायर-िदवस क अवसान क पवर और जहा िक िक त अपना िनयोजन सवय छोड़ द वहा अगल वतन-िदवस को या उसक पवर िकया जाएगा

(9) खान म िनयोिजत िक त की अनपभक त छ ी उसक िनयोजन क पयरवसान क पवर िदए जान क िलए अपिकषत िकसी सचना की कालाविध की सगणना करन म िवचार म नह ली जाएगी

20

1[(10) जहा खान म िनयोिजत कोई िक त सवा स उनमोिचत या पदचयत िकया जाता ह अथवा वह अपना िनयोजन छोड़ता ह या अिधविषता पराप त करता ह अथवा सवा म रहत हए उसकी मतय हो जाती ह तो यथािसथित वह या उसक वािरस या उसका नाम-िनदिशती उपधारा (1) म िविनिदष ट दर स पिरकिलत उसको दय छ ी क सथान पर मजदरी पान का हकदार होगा यिदmdash

(क) भिम क नीच िकसी खान म िनयोिजत िक त की दशा म वह अपन िनयोजन की तारीख स लकर अपन उनमोचन या पदचयित की तारीख तक या िनयोजन छोड़न या अिधविषता या मतय की तारीख तक िदन की कल सखया क कम स कम आध िदन तक उपिसथित रहा ह और

(ख) िकसी अनय दशा म वह अपन िनयोजन की तारीख स लकर अपन उनमोचन या पदचयित या िनयोजन छोड़न या अिधविषता या मतय की तारीख तक िदन की कल सखया क कम स कम दो-ितहाई िदन तक उपिसथत रहा ह

और ऐसी मजदरी का सदाय खान क सवामी अिभकतार या परबनधक ारा धारा 53 म िविनिदष ट दर स जहा उस िक त को सवा स उनमोिचत या पदचयत कर िदया जाता ह अथवा वह िनयोजन छोड़ दता ह या अिधविषता पराप त कर लता ह वहा यथािसथित ऐस उनमोचन पदचयित िनयोजन छोड़न या अिधविषता क पश चात दसर कायर िदन की समािप त क पवर और जहा िनयोिजत िक त की सवा म रहत हए मतय हो जाती ह वहा उसकी मतय क दो मास की अविध क भीतर िकया जाएगा ]

सपष टीकरणmdash2[उपधारा (1) उपधारा (3) और उपधारा (10)] क परयोजन क िलए आध िदन या इसस अिधक की छ ी क िभन न को एक परा िदन माना जाएगा और आध िदन स कम वाला िभन न छोड़ िदया जाएगा

53 छ ी की कालाविध क दौरान मजदरीmdashउस छ ी क िलए जो खान म िनयोिजत िक त को धारा 52 क अधीन अनजञात हो उस सदाय ऐसी दर स िकया जाएगा जो उसकी छ ी क अ वितह पवरवत मास क उन िदन की बाबत िजनम वह िनयोिजत रहा हो कल पणरकािलक उपाजरन क उस दिनक औसत क बराबर हो जो उन उपाजरन म स िकसी अितकािलक मजदरी और बोनस को अपविजत करक िकनत उनम महगाई भ और नकद परितकर को िजसक अनतगरत खा ा और अनय वसत क िबना मलय िवतरण स परोदभावी ऐसा कोई परितकर (यिद कोई हो) िजसक हकदार खान म काम करन वाल िक त ततसमय ह आता ह सिममिलत करक आए

परनत यिद ऐस कोई औसत उपाजरन उपलबध न ह तो औसत की सगणना उसी मास क िलए वस ही िनयोिजत सब िक तय क कल पणरकािलक उपाजरन क दिनक औसत क आधार पर की जाएगी

54 कितपय दशा म अिगरम सदायmdashखान म िनयोिजत उस िक त को िजस चार स अनयन िदन की छ ी अनजञात की गई हो अनजञात छ ी की कालाविध क िलए शोधय मजदरी उसकी छ ी आरमभ होन स पहल द दी जाएगी

55 असद मजदरी की वसली का ढगmdashखान क सवामी अिभकतार या परबनधक ारा इस अधयाय क अधीन सद िकए जान क िलए अपिकषत िकनत उसक ारा असद कोई रकम मजदरी सदाय अिधिनयम 1936 (1936 का 4) क उपबनध क अधीन िवलिबत मजदरी क रप म वसलीय होगी

56 खान को छट की शिक तmdashजहा िक कनदरीय सरकार का यह समाधान हो जाए िक िकसी खान म िनयोिजत िक तय को लाग होन वाल छ ी क िनयम ऐसी परसिवधा का उपबनध करत ह जो उसकी राय म उन परसिवधा स कम अनकल नह ह िजनक िलए यह अधयाय उपबनध करता ह वहा वह उस खान को इस अधयाय क सब या िकनह उपबनध स छट िलिखत आदश ारा और ऐसी शत क अधयधीन जो उसम िविनिदष ट की जाए द सकगी ]

अधयाय 8

िविनयम िनयम और उपिविधया 57 िविनयम बनान की कनदरीय सरकार की शिक तmdashकनदरीय सरकार िनम निलिखत सब परयोजन या उनम स िकसी क िलए

ऐस िविनयम3 जो इस अिधिनयम स सगत हो शासकीय राजपतर म अिधसचना ारा बना सकगी अथारत mdash

(क) व अहरताए िविहत करना जो मखय िनरीकषक या िनरीकषक क रप म िनयिक त क िलए अपिकषत हो

(ख) इस अिधिनयम क अधीन खान क िनरीकषण क समबनध म मखय िनरीकषक और िनरीकषक क कतर और शिक तय को िविहत और िविनयिमत करना

(ग) खान क सवािमय अिभकतार और परबनधक क और उनक अधीन कायर करन वाल िक तय क कतर िविहत करना और खान क 4[अिभकतार और परबनधक और उनक अधीन कायर करन वाल िक तय की अहरताए (िजसक अनतगरत आय आती ह)] िविहत करना

1 1983 क अिधिनयम स० 42 की धारा 29 ारा (31-5-1984 स) अनतःसथािपत 2 1983 क अिधिनयम स० 42 की धारा 29 ारा (31-5-1984 स) ldquoउपधारा (1) और (3)rdquo क सथान पर परितसथािपत 3 कोयला खान िविनयम 1957 क िलए दिखए भारत का राजपतर (अगरजी) 1957 भाग 2 खणड 3 प 2569 और धातमय खान िविनयम 1961 क िलए दिखए भारत

का राजपतर 1961 भाग 2 अनभाग 3(i) प 360 4 1959 क अिधिनयम स० 62 की धारा 31 ारा (16-1-1960 स) ldquoपरबनधक की अहरताएrdquo शबद क सथान पर परितसथािपत

21

(घ) खान क परबनधक और उनक अधीन कायर करन वाल अनय िक तय को अपन कतर का पालन दकषतापवरक करन क िलए समथर बनान क िलए सिवधाए उपबिनधत की जान की अपकषा करना

(ङ) खान क परबनधक और उनक अधीन कायर करन वाल िक तय की अहरताए परीकषा ारा या अनयथा अिभिनिश चत करन की रीित को और सकषमता परमाणपतर क अनद और नवीकत िकए जान को िविनयिमत करना

(च) ऐसी परीकषा और ऐस परमाणपतर क अनदान तथा नवीकरण क बार म दी जान वाली फीस यिद कोई ह िनयत करना

(छ) उन पिरिसथितय को िजनम और उन शत को िजसक अधयधीन रहत हए एक स अिधक खान का एक ही परबनधक क अधीन रहना या िकसी खान या िकनह खान का िविहत अहरताए न रखन वाल परबनधक क अधीन रहना िविधपणर होगा अवधािरत करना

1[(ज) इस अिधिनयम क अधीन की जान वाली जाच क िलए िजनक अनतगरत इस अिधिनयम क अधीन परमाणपतर धारण करन वाल िकसी िक त क अवचार या अकषमता स सब कोई जाच आती ह उपबनध करना और ऐस िकसी परमाणपतर क िनलमबन और र िकए जान क िलए उपबनध करना और जहा भी आवशयक हो वहा यह उपबनध करना िक जाच करन क िलए िनयक त िकए गए िक त को सािकषय को हािजर करान और दसतावज और भौितक पदाथ को पश करान क परयोजन क िलए िसिवल परिकरया सिहता 1908 (1908 का 5) क अधीन की िसिवल नयायालय की सब शिक तया पराप त ह गी ]

(झ) भारतीय िवसफोटक अिधिनयम 1884 (1884 का 4) और तद धीन बनाए गए िकनह िनयम क उपबनध क अधयधीन रहत हए िवसफोटक का भडारकरण परवहण और उपयोग िविनयिमत करना

2[(ञ) 3 िस तरय का खान म या खान क िकसी वगर म या ऐस िविशष ट परकार क शरम म िजनम ऐस िक तय क जीवन कषम या सवासथय क िलए खतरा रहता ह िनयोजन परितिष िनबरिनधत या िविनयिमत करना और ऐस िक त

ारा एक बार म वहन िकए जा सकन वाल बोझ क भार को पिरसीिमत करना ]

(ट) खान म िनयोिजत िक तय क कषम उनम उनक परवश करन और वहा स उनक िनकलन क साधन क िलए और उन कपक या िनकास की सखया क िलए जो उपबध िकए जान ह और कपक गत िनकास पथया और अवतलन पर बाड़ लगाई जान क िलए उपबनध करना

(ठ) खान क सवामी स सदाय पान वाल और खान क सवामी या परबनधक क परित सीध उ रदायी िक तय स िभन न िकसी िक त का खान म परबनधक क रप म या िकसी अनय िविनिदष ट हिसयत म िनयोजन परितिष करना

4[(ड) सतमभ या खिनज खणड क सथान िनिश चत करन अनरकषण और िनकाल या छाट जान तथा एक खान और दसरी खान क बीच पयारप त रोध क अनरकषण सिहत खान म सड़क और काम क सथल की सरकषा क िलए उपबनध करना

(ढ) खान म खिनज और महबनद अिग न-कषतर का िनरीकषण और सागर क या िकसी सरोवर या नदी या िकसी अनय भप ीय जलरािश क चाह वह पराकितक हो चाह कितरम या िकसी लोक सड़क या िनमारण क समीप खिनत िवषयक िनबनधन और िकनह खिनत म पानी भर जान या आग लग जान या उनक समय-पवर ढह जान क िवर समयक पवारवधानी बरती जान की अपकषा करना ]

(ण) खान क सवातन का और धल अिग न और जवलनशील तथा अपायकर गस क िवषय म की जान वाली काररवाई का िजसक अनतगरत सवतःदहन भिम क नीच की अिग न और कोयल की धल क िवर पवारवधानी आती ह उपबनध करना

5[(त) खान म िव त क जनन भणडारकरण रपानतरण पारषण और उपयोग की भारतीय िव त अिधिनयम 1910 (1910 का 9) और तद धीन बनाए गए िकनह िनयम क उपबनध क अधयधीन रहत हए िविनयिमत करना और खान म क सब िव त उपकरण िव त तार और उनम की सब अनय मशीनरी और सयतर की दखभाल और उपयोग क िविनयमन क िलए उपबनध करना ]

(थ) 6[खान म मशीनरी का उपयोग िविनयिमत करना ऐसी मशीनरी पर या उसक आसपास और कषरण-माग पर िनयोिजत िक तय क कषम क िलए उपबनध करना] और भिम क नीच कछ वग क चिलतर का परयोग िनबरिनधत करना

(द) खान म उिचत परकाश क िलए उपबनध करना और उनम िनरापद और लमप का परयोग िविनयिमत करना और िजस खान म िनरापद लमप परयोग म लाए जात ह उसम परवश करन वाल िक तय की तलाशी लना

1 1959 क अिधिनयम स० 62 की धारा 31 ारा (16-1-1960 स) खड (ज) क सथान पर परितसथािपत 2 1959 क अिधिनयम स० 62 की धारा 31 ारा (16-1-1960 स) खड (ञ) क सथान पर परितसथािपत 3 1983 क अिधिनयम स० 42 की धारा 30 ारा (31-5-1984 स) ldquoकमार औरrdquo शबद का लोप िकया गया 4 1959 क अिधिनयम स० 62 की धारा 31 ारा (16-1-1960 स) खड (ड) और (ढ) क सथान पर परितसथािपत 5 1959 क अिधिनयम स० 62 की धारा 31 ारा (16-1-1960 स) खड (त) क सथान पर परितसथािपत 6 1983 क अिधिनयम स० 42 की धारा 30 ारा (31-5-1984 स) कितपय शबद क सथान पर परितसथािपत

22

(ध) खान म 1[जवलनशील गस या धल क] िवसफोटक या जवलन या पानी क फट िनकलन या सिचत होन क िवर और उनस उदभत खतर क िवर उपबनध करना और ऐसी पिरिसथितय म खिनज क िनकाल जान का परितषध िनबरनधन या िविनयमन करना िजनस यह समभा ता हो िक उसक पिरणामसवरप खान म 1[खिनत] समय-पवर ढह जाए या यह िक उसक पिरणामसवरप खान म 1[खिनत ] का ढह जाना या जल का फट िनकलना या जवलन घिटत होगा या गरतर हो जाएगा

(न) 2[धारा 23 की उपधारा (1) क खड (छ) क अधीन दघरटना क परकार िविहत करना और दघरटना और खतरनाक घटना की सचना का और खिनज उतपाद िनयोिजत िक तय तथा िविनयम ारा उपबिनधत अनय बात की सचना िरपोट और िववरिणय का खान क सवािमय अिभकतार और परबनधक ारा िदया जाना िविहत करना] और ऐसी सचना िववरिणय और िरपोट क पररप व िक त और परािधकारी िजनह व दी जानी ह व िविशि या जो उनम अनतिवष ट होनी ह और वह समय िजसक अनदर व िनविदन की जानी ह िविहत करना

3[(प) 4[खान क सवािमय अिभकतार और परबनधक स खान क िलए िनयत सीमाए रखन की अपकषा करना उनस ससक त रखाक और खडिचतर तथा सथलीय िटपपण जो उनक ारा रख जान ह िविहत करना] और वह रीित िजसस और व सथान िजनम ऐस रखाक खणडिचतर और सथलीय िटपपण अिभलख क परयोजन क िलए रख जान ह िविहत करना और उनकी परितय का मखय िनरीकषक को िनविदत िकया जाना और उनस यह अपकषा करना िक व नए सवकषण कर और नए रखाक बनाए और अननपालन की दशा म िकसी अनय अिभकरण क माधयम स सवकषण कराना और रखाक तयार कराना और उनक य की वसली उसी रीित स करना िजसस भ-राजसव की बकाया होती ह ]

(फ) 5[िसथित स परभावी ढग स िनपटन क परयोजन क िलए] खान म या उनक आसपास दघरटना या आकिसमक िवसफोट या जवलन क घिटत होन पर अपनाई जान वाली परिकरया िविनयिमत करना

(ब) खान क सवामी अिभकतार या परबनधक ारा धारा 16 क अधीन दी जान वाली सचना का पररप और उसम अनतिवष ट होन वाली िविशि या िविहत करना

(भ) वह सचना िविहत करना जो िकसी ऐस सथान पर जो भारतीय रल अिधिनयम 1890 (1890 का 9) क उपबनध क अधयधीन की िकसी रल क या 6[यथािसथित िकनह ऐसी लोक सड़क या अनय सकम क जो सरकार ारा या िकसी सथानीय परािधकारी ारा अनरिकषत ह ] 7[पतालीस मीटर] क अनदर का हो खनन सिकरयाए परारमभ करन या उस तक िवसतािरत करन क पवर खान क सवामी अिभकतार या परबनधक ारा दी जानी ह

(म) िकसी खान क बार म उस दशा म जबिक खिनत म काम बनद कर िदया गया हो सरकार या िकसी सथानीय परािधकारी या भारतीय रल अिधिनयम 1890 (1890 का 9) म यथापिरभािषत िकसी रल कमपनी म िनिहत समपि की कषित स सरकषा

8[(मम) खान क सवामी अिभकतार या परबनधक स यह अपकषा करना िक खान क बनद िकए जान क पवर सरकषा-सकमर सि िमत कर और अननपालन की दशा म ऐस सकमर िकसी अनय अिभकरण ारा िनषपािदत कराना और ऐस सवामी स उनक य की वसली उसी रीित स करना िजसस भ-राजसव की बकाया की होती ह ]

(य) िकसी खान या खान क भाग या िकसी खदान आनित कपक गतर या िनकास म चाह उसका कायरकरण हो रहा हो या नह या िकसी खतरनाक या परितिष कषतर अवतलन कषरण टराम लाइन या पथया पर जहा जनता क सरकषण क िलए बाड़ लगाना आवशयक हो बाड़ लगाई जान की अपकषा करना

(यय) कोई अनय बात जो िविहत की जानी ह या िविहत की जाए

58 िनयम बनान की कनदरीय सरकार की शिक तmdashकनदरीय सरकार िनिम निलिखत सब परयोजन या उनम स िकसी क िलए ऐस िनयम जो इस अिधिनयम स सगत ह शासकीय राजपतर म अिधसचना ारा बना सकगी अथारत --

9[(क) सिमित क सदसय की पदाविध और उनकी सवा की अनय शत का तथा िरिक तया भरन की रीित का उपबनध कराना और अपना कारबार चलान क िलए सिमित ारा अनसिरत की जान वाली परिकरया िविनयिमत करना

(ख) धारा 23 की उपधारा (3) म िनिदष ट रिजसटर का पररप िविहत करना

1 1959 क अिधिनयम स० 62 की धारा 31 ारा (16-1-1960 स) अनतःसथािपत 2 1959 क अिधिनयम स० 62 की धारा 31 ारा (16-1-1960 स) ldquoसचनाए िविहत करन क िलएrdquo क सथान पर परितसथािपत 3 1959 क अिधिनयम स० 62 की धारा 31 ारा (16-1-1960 स) खड (प) क सथान पर परितसथािपत 4 1983 क अिधिनयम स० 42 की धारा 30 ारा (31-5-1984 स) कितपय शबद क सथान पर परितसथािपत 5 1983 क अिधिनयम स० 42 की धारा 30 ारा (31-5-1984 स) अनतःसथािपत 6 1959 क अिधिनयम स० 62 की धारा 31 ारा (16-1-1960 स) कितपय शबद क सथान पर परितसथािपत 7 1983 क अिधिनयम स० 42 की धारा 30 ारा (31-5-1984 स) ldquoपचास गजrdquo क सथान पर परितसथािपत 8 1959 क अिधिनयम स० 62 की धारा 31 ारा (16-1-1960 स) अनतःसथािपत 9 1983 क अिधिनयम स० 42 की धारा 31 ारा (31-5-1984 स) खड (क) क सथान पर परितसथािपत

23

(ग) धारा 24 क अधीन जाच नयायालय की िनयिक त क िलए उपबनध करना ऐस नयायालय की परिकरया और शिक तया िविनयिमत करना ऐस नयायालय क सदसय को यातरा-भ का सदाय करना और सयक त खान क परबनधक सवामी या अिभकतार स उक त नयायलय क य की 1[िजनक अनतगरत जाच स ससक त कोई अनय य आत ह] 2[उसी रीित स जस भ-राजसव की बकाया वसल की जाती ह] वसली करना

2[(गग) खान म िनयोिजत िक तय की ओर स तकनीकी िवशषजञ ारा (जो परािसथित म ओवरमन स कम नह ह) खान क िनरीकषण क िलए उसक िलए दी जान वाली सिवधा क िलए वह आवित िजस पर और वह रीित िजसम ऐस िनरीकषण िकए जाएग और वह रीित िजसम ऐस िनरीकषण की िरपोटर दी जाएगी उपबनध करना ]

(घ) िजन खान म कोई ि या िनयोिजत ह या पवरवत बारह मास म िकसी िदन िनयोिजत रह ह उनम ऐसी िस तरय क छह वषर स कम आय वाल बालक क उपयोग क िलए आरिकषत िकए जान वाल समिचत कमर बनाए रखन की अपकषा करना और या तो साधारणतः या खान म िनयोिजत िस तरय की सखया क परित िविशष ट िनदश स ऐस कमर की सखया और सतरमान और उन सख-सिवधा की जो उनम उपबिनधत की जानी ह और उस पयरवकषण की जो उनम िकया जाना ह परकित और िवसतार िविहत करना

(ङ) खान म िनयोिजत परष क उपयोग क िलए फहारयक त स नान सथान और लॉकर ककष और िजन खान म ि या िनयोिजत ह उनम िस तरय क उपयोग क िलए वस ही पथक सथान और ककष गतरमख पर या उनक आसपास बनाए रख जान की अपकषा करना और या तो साधारणतः या खान म मामली तौर पर िनयोिजत परष और िस तरय की सखया क परित िविशष ट िनदश स ऐस सथान और ककष की सखयाए और सतरमान िविहत करना

(च) खान म सवचछता का जो सतरमान बनाए रखना ह उस खान म उपबिनधत िकए जान वाल शौचालय और मतरालय का आनपाितक मान िविहत करना और 3 पय जल क परदाय क िलए िकया जान वाला उपबनध

1[(चच) िचिकतसीय सािधतर और सख-सिवधा क परदाय और बनाए रख जान क िलए उपबनध करना और पराथिमक उपचार बकस और कपबोड की अनतवरसतए और सखयाए पराथिमक उपचार क काम म परिशकषण पराथिमक उपचार कमर क आकार और उपसकर और उनक भारसाधक कमरचािरवनद और कषितगरसत िक तय को िचिकतसालय या औषधालय को परवहण करन क िलए इतजाम िविहत करना

(चचच) उन व यिक तय को जो खान म पयरवकषण या परबन ध क पद स िभन न पद पर िनयोिजत ह या िनयोिजत िकए जान ह व यावहािरक िशकषण िदए जान या परिशिकषत िकए जान की अपकषा करना और ऐस िशकषण और परिशकषण क िलए स कीम िविहत करना]

(छ) खान म मादक पय या औषिधय को कबज म रखन को या उनक उपभोग को और म ता की हालत म िकसी िक त क उनम परवश या उपिसथित को परितिष करना

(ज) धारा 36 क अधीन अपिकषत सचना क पररप िविहत करना और यह अपकषा करना िक ऐसी सचनाए िविनिदष ट भाषा म भी लगाई जाए

(झ) उन िक तय को पिरभािषत करना िजनकी बाबत धारा 37 क परयोजन क िलए यह समझा जाएगा िक व पयरवकषण या परबनध क पद धारण िकए हए ह या िकसी गोपनीयता की हिसयत म िनयोिजत ह

(ञ) उन िक तय या िक तय क िकसी वगर का खान म िनयोजन परितिष करना िजनकी बाबत िकसी अिहत िचिकतसा- वसायी ारा यह परमािणत न िकया गया हो िक उनह न अपना पदरहवा वषर परा कर िलया ह और वह रीित और व पिरिसथितया िजनम ऐस परमाणपतर अनद और परितसहत िकए जा सकग िविहत करना

4

1[(टट) खान म िनयोिजत या िनयोजन चाहन वाल िक तय स यह अपकषा करना िक व अपन को िचिकतसीय परीकषा क िलए परसतत कर और खान म िकसी िक त का िनयोजन िकए जान का आतयितक परितषध या िकसी िविशष ट हिसयत म या िविशष ट काम म िकए जान का परितषध िचिकतसीय आधार पर करना ]

5[(ठ) धारा 48 ारा अपिकषत रिजसटर क पररप और अधयाय 7 क परयोजन क िलए रिजसटर रखा जाना और उनक पररप िविहत करना ]

(ड) इस अिधिनयम को और िविनयम और िनयम की सिकषिप तया और वह भाषा िजसम सिकषिप तया और उपिविधया धारा 61 और 62 म अपिकषत रप स लगाई जाएगी िविहत करना

1 1959 क अिधिनयम स० 62 की धारा 32 ारा (16-1-1960 स) अनतःसथािपत 2 1983 क अिधिनयम स० 42 की धारा 31 ारा (31-5-1984 स) अनतःसथािपत 3 1959 क अिधिनयम स० 62 की धारा 32 ारा (16-1-1960 स) कितपय शबद का लोप िकया गया 4 1983 क अिधिनयम स० 42 की धारा 31 ारा (31-5-1984 स) (ट) का लोप िकया गया 5 1959 क अिधिनयम स० 62 की धारा 32 ारा (16-1-1960 स) खड (ठ) क सथान पर परितसथािपत

24

(ढ) यह अपकषा करना िक िजन बात क िलए िनयम बनाए गए ह उनस सब सचनाए िववरिणया और िरपोट खान क सवामी अिभकतार और परबनधक द और ऐसी सचना िववरिणय और िरपोट क पररप व िक त और परािधकारी िजनह व दी जानी ह व िविशि या जो उनम अनतिवष ट होनी ह और व समय िजनक अनदर व िनविदत की जानी ह िविहत करना

(ण) िजन खान म 1 पचास स अिधक िक त मामली तौर पर िनयोिजत रहत ह उनम भोजन करन क िलए यथायोगय और उपयक त ऐस आशरय क िजनम पीन क पानी का उपबनध भी हो उपबिनधत िकए जान और बनाए रख जान की अपकषा करना

(त) मखय िनरीकषक या िनरीकषक ारा इस िनिम िविनिदष ट िकसी ऐसी खान म िजसम दो सौ पचास स अिधक िक त मामली तौर पर िनयोिजत रहत ह ऐस िक तय क उपयोग क िलए कोई कटीन या कटीन उपबिनधत की जान और

बनाए रखी जान की अपकषा करना

(थ) हर ऐसी खान म िजसम पाच सौ या अिधक िक त मामली तौर पर िनयोिजत रहत ह इतनी सखया म कलयाण आिफसर िनयोिजत िकए जान की अपकषा करना िजतनी िविनिदष ट की जाए और ऐस कलयाण आिफसर की अहरताए और सवा क िनबनधन और शत और उनक ारा पालनीय कतर िविहत करना

2[(द) िविनिदष ट खान या िविनिदष ट खान क समह क िलए या िकसी िविनिदष ट कषतर की सब खान क िलए बचाव सटशन की सथापना की जान की अपकषा करना और यह िविहत करना िक ऐस सटशन कस और िकसक ारा सथािपत िकए जाएग

(ध) बचाव सटशन क परबनध क िलए उपबनध करना

(धक) बचाव िबरगड का गठन करन वाल िक तय की शारीिरक योगयता क मानक और अनय अहरता क िलए उपबनध करना

(धख) बचाव िबरगड का गठन करन वाल िक तय का िनवास-सथान िविहत करना ]

(न) 3 बचाव सटशन की िसथित उपसकर िनयतरण अनरकषण और कतय िविहत करना 4[(प) खड (द) क अधीन िविनिदष ट खान म उतपािदत और वहा स परिषत कोक और कोयल पर (पच चीस पस परित

टन स अनिधक दर स) उतपाद-शलक क उद गहण और सगरहण क िलए ऐसी खान क िलए बचाव सटशन िनिध का सजन करन क िलए भारत की सिचत िनिध म जमा िकए गए ऐस उपकर क आगम म स उन धनरािशय क जो कनदरीय सरकार ससद

ारा िविध ारा इस िनिम समयक िविनयोग िकए जान क पश चात उपबिनधत कर ऐसी िनिध म जमा िकए जान क िलए उस रीित क िलए िजसम ऐसी िनिध म स धन का उपयोग िकया जाएगा और ऐसी िनिध क परशासन क िलए उपबनध करना

(फ) बचाव िबरगड़ क बनाव परिशकषण सरचना और कतर क िलए 5 और साधारणतः खान म बचाव कायर क सचालन क िलए उपबनध करना 6

7[(फफ) िविनिदष ट खान या िविनिदष ट खान क समह क िलए सरकषा सिमितय क गठन क िलए या सरकषा की अिभवि करन क िलए िकसी िविनिदष ट कषतर म सभी खान क िलए और ऐसी सरकषा सिमितय की सरचना उनक गठन और कतय की रीित अिधकिथत करन क िलए उपबनध करना तथा]

(ब) साधारणतः िकसी ऐस मामल क िलए उपबनध करना िजनक िलए इस अिधिनयम या िविनयम ारा उपबनध न िकया गया हो और िजसक िलए उपबनध इस अिधिनयम को परभावी करन क िलए अपिकषत हो

59 िविनयम और िनयम का पवर परकाशनmdash(1) धारा 57 और 58 ारा परद िविनयम और िनयम बनान की शिक त इस शतर क अधयधीन ह िक य िविनयम और िनयम पवर परकाशन क पश चात बनाए जाएग

(2) जो तारीख साधारण खड अिधिनयम 1897 (1897 का 10) की धारा 23 क खड (3) क अनसार उस तारीख क रप म िविनिदष ट की जानी ह िजसक पश चात िक बनाए जान क िलए परसथािपत िविनयम या िनयम क परारप पर िवचार िकया जाएगा वह उस तारीख स तीन मास स कम की होगी िजसको परसथािपत िविनयम या िनयम का परारप साधारण जानकारी क िलए परकािशत िकया जाए

1 1959 क अिधिनयम स० 62 की धारा 32 ारा (16-1-1960 स) ldquoएक सौ औरrdquo शबद का लोप िकया गया 2 1983 क अिधिनयम स० 42 की धारा 31 ारा (31-5-1984 स) खड (द) और (ध) क सथान पर परसथािपत 3 1983 क अिधिनयम स० 42 की धारा 31 ारा (31-5-1984 स) ldquoकनदरीयrdquo शबद का लोप िकया गया 4 1983 क अिधिनयम स० 42 की धारा 31 ारा (31-5-1984 स) खड (प) क सथान पर परितसथािपत 5 1983 क अिधिनयम स० 42 की धारा 31 ारा (31-5-1984 स) कितपय शबद का लोप िकया गया 6 1983 क अिधिनयम स० 42 की धारा 31 ारा (31-5-1984 स) ldquoऔरrdquo शबद का लोप िकया गया 7 1983 क अिधिनयम स० 42 की धारा 31 ारा (31-5-1984 स) अनतःसथािपत

25

1

2[(4) कोई भी िविनयम या िनयम तब तक नह बनाया जाएगा जब तक िक उस िविनयम या िनयम का परारप धारा 12 की उपधारा (1) क अधीन गिठत सिमित को िनदिशत न कर िदया गया हो और जब तक उस सिमित को उसक बनाए जान की समीचीनता और उसक उपबनध की उपयक तता की बाबत िरपोटर दन का यिक तयक त अवसर न िमल गया हो ]

(5) िविनयम और िनयम शासकीय राजपतर म परकािशत िकए जाएग और ऐस परकािशत िकए जान पर ऐस परभाव रखग मानो व इस अिधिनयम म अिधिनिमत ह

(6) उपधारा (1) उपधारा (2) और उपधारा (4) क उपबनध उस अवसर को लाग न ह ग िजस पर धारा 58 क खड (घ) या खड (ङ) म िनदिशत िनयम सवरपरथम बनाए जाए

3

60 पवर परकाशन क िबना िविनयम बनान की शिक तmdashयिद कनदरीय सरकार का समाधान हो जाए िक आशिकत खतर का िनवारण करन या खतरा पदा करन की सभा ता रखन वाली िसथितय का शीघर उपचार करन क िलए यह आवशयक ह िक ऐस िविनयम बनान म वह िवलमब न होन िदया जाए जो ऐस परकाशन और िनदशन स होगा तो धारा 57 4 क अधीन िविनयम धारा 59 की उपधारा (1) उपधारा (2) और उपधारा 5[(4)] म अनतिवष ट िकसी बात क होत हए भी पवर परकाशन और 6[धारा 12 की उपधारा (1) क अधीन गिठत सिमित] को 7 िनदशन क िबना बनाए जा सकग

परनत इस परकार बनाए गए िविनयम 8[सिमित की जानकारी क िलए भज जाएग और] बनाए जान स 9[एक वषर] स अिधक क िलए परव नह रहग

61 उपिविधयाmdash(1) खान का सवामी अिभकतार या परबनधक 10[उस खान म िकसी िवशष मशीनरी क उपयोग या कायरकरण की िकसी िवशष प ित को अपनाए जान क शािस त करन क िलए] इस अिधिनयम या िकनह ततसमय परव िविनयम या िनयम स असगत न होन वाली ऐसी उपिविधय का परारप जसी िक ऐसा सवामी अिभकतार या परबनधक उस खान म दघरटना का िनवारण करन क िलए और उसम िनयोिजत िक तय क कषम सिवधा और अनशासन हत उपबनध करन क िलए आवशयक समझ तयार कर सकगा और मखय िनरीकषक या िनरीकषक को िनविदत कर सकगा और यिद ऐसा करन की उसस अपकषा मखय िनरीकषक या िनरीकषक ारा की जाए तो तयार करगा और िनविदत करगा

(2) यिद ऐसा कोई सवामी अिभकतार या परबनधकmdash

(क) मखय िनरीकषक या िनरीकषक ारा ऐसा करन की उसस अपकषा की जान क पश चात दो मास क अनदर उपिविधय का परारप िनविदत करन म असफल रह अथवा

(ख) उपिविधय का ऐसा परारप िनविदत कर जो मखय िनरीकषक या िनरीकषक की राय म पयार न हो

तो मखय िनरीकषक या िनरीकषकmdash

(i) ऐसी उपिविधय का परारप परसथािपत कर सकगा जो उस पयार परतीत ह अथवा

(ii) सवामी अिभकतार या परबनधक ारा जो परारप उस िनविदत िकया गया हो उसम ऐस सशोधन परसथािपत कर सकगा िजनस उसकी राय म वह पयार हो जाएगा और ऐसी परारप-उपिविधया या परारप-सशोधन यथािसथित सवामी अिभकतार या परबनधक क पास िवचार क िलए भजगा

(3) यिद उस तारीख स िजसको कोई परारप-उपिविधया या परारप-सशोधन मखय िनरीकषक या िनरीकषक न सवामी अिभकतार या परबनधक क पास उपधारा (2) क उपबनध क अधीन भज ह दो मास की कालाविध क अनदर मखय िनरीकषक या िनरीकषक और सवामी अिभकतार या परबनधक उपधारा (1) क अधीन बनाई जान वाली उपिविधय क िनबनधन क िवषय म परसपर सहमत होन म

1 1959 क अिधिनयम स० 62 की धारा 33 ारा (16-1-1960 स) उपधारा (3) का लोप िकया गया 2 1983 क अिधिनयम स० 42 की धारा 32 ारा (31-5-1984 स) उपधारा (4) क सथान पर परितसथािपत 3 1983 क अिधिनयम स० 42 की धारा 32 ारा (31-5-1984 स) उपधारा (7) का लोप िकया गया 4 1959 क अिधिनयम स० 62 की धारा 34 ारा (16-1-1960 स) ldquoक खड (ठ) को अपविजत करत हए खड (झ) और खड (ट) स (ख) (ध)rdquo शबद को क और अकषर का

लोप िकया गया 5 1959 क अिधिनयम स० 62 की धारा 34 ारा (16-1-1960 स) ldquo(3)rdquo क सथान पर परितसथािपत 6 1983 क अिधिनयम स० 42 की धारा 33 ारा (31-5-1984 स) ldquoखनन बोड rdquo क सथान पर परितसथािपत 7 1959 क अिधिनयम स० 62 की धारा 34 ारा (16-1-1960 स) ldquoपवरrdquo शबद का लोप िकया गया 8 1983 क अिधिनयम स० 42 की धारा 33 ारा (31-5-1984 स) अनतःसथािपत 9 1959 क अिधिनयम स० 62 की धारा 34 ारा (16-1-1960 स) ldquoदो वषरrdquo क सथान पर परितसथािपत 10 1983 क अिधिनयम स० 42 की धारा 34 ारा (31-5-1984 स) कितपय शबद क सथान पर परितसथािपत

26

असमथर रह तो मखय िनरीकषक या िनरीकषक परारप-उपिविधय को पिरिनधाररण क िलए 1[धारा 12 की उपधारा (1) क अधीन गिठत सिमित को] िनदिशत करगा

(4) (क) जबिक ऐसी पररप-उपिविधय पर अिभकतार या परबनधक और मखय िनरीकषक सहमत हो गए ह या जबिक उनक सहमत होन म असमथर होन पर व 2[धारा 12 की उपधारा (1) क अधीन गिठत सिमित को] ारा पिरिनधारिरत कर दी गई ह तब मखय िनरीकषक या िनरीकषक ारा परारप-उपिविधय की एक परित कनदरीय सरकार को अनमोदनाथर भजी जाएगी

(ख) कनदरीय सरकार परारप-उपिविधय म ऐसा उपातरण कर सकगी जसा वह ठीक समझ

(ग) इसस पवर िक कनदरीय सरकार परारप-उपिविधय का अनमोदन चाह उपातर क सिहत या उनक िबना कर उपिविधया बनान की परसथापना की और उस सथान की जहा परारप-उपिविधय की परितया अिभपरा की जा सकगी और उस समय की (जो तीस िदन स कम का न होगा) इसक अनदर िक परभािवत िक तय क ारा या उनकी ओर स परारप-उपिविधय क परित िकया गया कोई आकषप कनदरीय सरकार को भजा जाना चािहए सचना ऐसी रीित स जसी कनदरीय सरकार परभािवत िक तय की जानकारी दन क िलए उपयक ततम समझ परकािशत की जाएगी

(घ) हर आकषप िलिखत होगा और उसमmdash

(i) आकषप क िविशष ट आधार तथा

(ii) चाह गए लोप पिरवधरन या उपानतर

किथत ह ग

(ङ) उन िक तय क ारा या उनकी ओर स िजनकी बाबत कनदरीय सरकार को यह परतीत हो िक व तद ारा परभािवत िक त ह अपिकषत समय क अनदर िकए गए आकषप पर वह सरकार िवचार करगी और उपिविधय पर या तो उस रप म िजसम व परकािशत की गई थ या उनम ऐस सशोधन करक िजनह वह ठीक समझ अनमोिदत कर सकगी

(5) कनदरीय सरकार ारा इस परकार अनमोिदत हो जान पर उपिविधया इस परकार परभावी ह गी मानो व इस अिधिनयम म अिधिनयिमत ह और खान का सवामी अिभकतार या परबनधक उन उपिविधय की एक परित अगरजी म और ऐसी अनय भाषा या भाषा म जसी िविहत की जाए खान म या उसक आसपास िकसी ऐस सहजदशय सथान पर लगवाएगा जहा व उपिविधया िनयोिजत

िक तय ारा सिवधापवरक पढ़ी या दखी जा सक और िजतनी बार व िवरिपत हो जाए िमट जाए या नष ट हो जाए उतनी बार यिक तयक त शीघरता क साथ उनह नए िसर स लगवाएगा

(6) कनदरीय सरकार इस परकार िनिमत िकसी उपिविध को िलिखत आदश ारा पणरतः या भागतः िवखिडत कर सकगी और तदपिर ऐसी उपिविध तदनसार परभावहीन हो जाएगी

3[61क िविनयम िनयम और उपिविधय का ससद क समकष रखा जानाmdashधारा 57 क अधीन बनाया गया परतयक िविनयम धारा 58 क अधीन बनाया गया परतयक िनयम और धारा 61 क अधीन बनाई गई परतयक उपिविध बनाई जान क पश चात यथाशीघर ससद क परतयक सदन क समकष जब वह सतर म हो कल तीस िदन की अविध क िलए रखा जाएगा या रखी जाएगी यह अविध एक सतरा म अथवा दो या अिधक आनकरिमक सतर म परी हो सकगी यिद उस सतर क या पव क त आनकरिमक सतर म अवसान क पवर दोन सदन उस िविनयम िनयम या उपिविध म कोई पिरवतरन करन क िलए सहमत हो जाए तो ततपश चात वह ऐस पिरवितत रप म ही परभावी होगा या होगी यिद उक त अवसान क पवर दोन सदन सहमत हो जाए िक वह िविनयम िनयम या उपिविध नह बनाया या बनायी जानी चािहए तो ततपश चात वह िनषपरभाव हो जाएगा या हो जाएगी िकनत यथािसथित िविनयम िनयम या उपिविधय क ऐस पिरवितत या िनषपरषभाव होन स उसक अधीन पहल की गई िकसी बात की िविधमानयता पर परितकल परभाव नह पड़गा ]

62 अिधिनयम िविनयम आिद की सिकषिप तया लगवानाmdashहर खान म या उसक आसपास अगरजी म और ऐसी अनय भाषा या भाषा म जो िविहत की जाए अिधिनयम की और िविनयम और िनयम की िविहत सिकषिप तया लगाई रखी जाएगी

अधयाय 9

शािसतया और परिकरया 63 बाधा डालनाmdash(1) जो कोई मखय िनरीकषक िनरीकषक या धारा 8 क अधीन परािधकत िकसी िक त क इस अिधिनयम क अधीन क उसक अपन कतर क िनवरहन म बाधा डालगा या मखय िनरीकषक िनरीकषक या ऐस िक त को िकसी खान क समबनध म इस अिधिनयम क ारा या अधीन परािधकत कोई परवश िनरीकषण परीकषा या जाच करन क िलए कोई यिक तयक त सिवधा दन स इनकार करगा या दन म जानबझकर उपकषा करगा वह कारावास स िजसकी अविध तीन मास तक की हो सकगी या जमारन स जो पाच सौ रपए तक का हो सकगा या दोन स दणडनीय होगा

1 1983 क अिधिनयम स० 42 की धारा 34 ारा (31-5-1984 स) कितपय शबद क सथान पर परितसथािपत 2 1983 क अिधिनयम स० 42 की धारा 34 ारा (31-5-1984 स) कितपय शबद क सथान पर परितसथािपत 3 1983 क अिधिनयम स० 42 की धारा 35 ारा (31-5-1984 स) अतःसथािपत

27

(2) जो कोई इस अिधिनयम क अनसरण म रख गए िकनह रिजसटर या अनय दसतावज को मखय िनरीकषक या िनरीकषक की माग पर पश करन स इनकार करगा अथवा िकसी ऐस िनरीकषण आिफसर क समकष जो इस अिधिनयम क अधीन क अपन कतर क अनसरण म कायर कर रहा ह उपसजात होन या उसक ारा परीकषा की जान स िकसी िक त को िनवािरत करगा या िनवािरत करन का परयत न करगा या कोई ऐसा कायर करगा िजसक बार म उसक पास यह िवश वास करन का कारण हो िक उसस उसका इस परकार िनवािरत होना सभा ह वह जमारन स जो तीन सौ रपए तक का हो सकगा दणडनीय होगा

64 अिभलख का िमथयाकरण आिदmdashजो कोईmdash

(क) इस अिधिनयम क अधीन अनद िकसी परमाणपतर का या परमाणपतर की िकसी कायारलय परित का कटकरण करगा या जानत हए उसम िमथया कथन करगा अथवा

(ख) जानत हए ऐस िकसी कटकतय या िमथया परमाणपतर को असली क रप म उपयोग म लाएगा अथवा

(ग) कोई िमथया घोषणा कथन या सा य यह जानत हए िक वह िमथया ह अपन िलए या िकसी अनय िक त क िलए इस अिधिनयम क अधीन परमाणपतर अिभपरा करन या परमाणपतर का नवीकरण करान या खान म िनयोजन अिभपरा करन क परयोजनाथर करगा या बनाएगा या पश करगा या उपयोग म लाएगा अथवा

1[(घ) िकसी ऐस रखाक खडिचतर रिजसटर या अिभलख का िमथयाकरण करगा िजसका रखा जाना इस अिधिनयम क ारा या अधीन अपिकषत हो या ऐसा िमथया रखाक खडिचतर रिजसटर या अिभलख उस िमथया जानत हए िकसी परािधकारी क

समकष पश करगा अथवा]

(ङ) कोई ऐसा रखाक िववरणी सचना अिभलख या िरपोटर बनाएगा दगा या पिरद करगा िजसम ऐसा कथन परिवि या बयौरा अनतिवष ट हो जो उसकी सव म जानकारी या िवश वास क अनसार सही न हो

वह कारावास स िजसकी अविध तीन मास तक की हो सकगी या जमारन स जो 2[एक हजार रपए] तक का हो सकगा या दोन स दणडनीय होगा

65 िमथया योगयता परमाणपतर का उपयोगmdashजो कोई 3[धारा 43] क अधीन अनय िक त को अनद िकसी परमाणपतर का उस धारा क अधीन अपन को योगयता-परमाणपतर क रप म जानत हए उपयोग करगा या उपयोग करन का परयत न करगा या उस धारा क अधीन अपन को योग यता-परमाणपतर अनद िकए जान पर जानत हए अनय िक त को उसका उपयोग करन दगा या उपयोग करन का परय करन दगा वह कारावास स िजसकी अविध एक मास तक की हो सकगी या जमारन स जो 4[दो सौ] रपए तक का हो सकगा या दोन स दणडनीय ोगा

िक तयक त कारण क िजस सािबत करन का भार उस पर होगा करगा जमारन स जो 6[एक हजार] रपए क का हो

ास स िजसकी विध तीन

ोिजत िकया जाता ह तो ऐसी खान का सवामी अिभकतार या परबनधक ऐस जमारन स जो पाच सौ रपए क का हो

ी अविध तीन मास तक की हो सकगी या जमारन स जो 10[दो हजार पाच सौ] रपए तक का हो सकगा या दोन स दणडनीय होगा

66 रखाक आिद दन का लोपmdashकोई िक त जो इस अिधिनयम क ारा या अधीन बनाए जान या िदए जान क िलए अपिकषत कोई रखाक 5[खडिचतर] िववरणी सचना रिजसटर अिभलख या िरपोटर िविहत पररप म या िविहत रीित स या िविहत समय पर या क भीतर बनान या दन का लोप िकए िबना यत सकगा दणडनीय होगा

67 शरिमक क िनयोजन िवषयक उपबनध का उललघनmdashजो कोई उसक िसवाय जसा िक धारा 38 ारा अनजञात ह इस अिधिनयम क या िकसी िविनयम िनयम या उपिविध क या तद धीन िकए गए िकसी आदश क िकसी ऐस उपबनध का उललघन करगा जो खान म या उसक आसपास िक तय क िनयोजन या उनकी उपिसथित को परितिष िनबरिनधत या िविनयिमत करता हो वह कारावअ मास तक की हो सकगी या जमारन स जो 7[एक हजार] रपए तक का हो सकगा या दोन स 8 दडनीय होगा

9[68 अठारह वषर स कम आय क िक तय क िनयोजन क िलए शािसतmdashयिद अठारह वषर स कम आय क िकसी िक त को धारा 40 क उललघन म िकसी खान म िनयत सकगा दणडनीय होगा ]

69 परबनधक िनयक त करन म असफलताmdashधारा 17 क उपबनध क उललघन म जो कोई परबनधक िनयक त करन म असफल रहगा वह कारावास स िजसक11

1 1959 क अिधिनयम स० 62 की धारा 35 ारा (16-1-1960 स) खड (घ) क सथान पर परितसथािपत 2 1959 क अिधिनयम स० 62 की धारा 35 ारा (16-1-1960 स) ldquoपाच सौ रपएrdquo क सथान पर परितसथािपत 3 1983 क अिधिनयम स० 42 की धारा 36 ारा (31-5-1984 स) ldquoधारा 40rdquo क सथान पर परितसथािपत 4 1959 क अिधिनयम स० 62 की धारा 36 ारा (16-1-1960 स) ldquoपचासrdquo क सथान पर परितसथािपत 5 1959 क अिधिनयम स० 62 की धारा 37 ारा (16-1-1960 स) अनतःसथािपत 6 1959 क अिधिनयम स० 62 की धारा 37 ारा (16-1-1960 स) ldquoदो सौrdquo क सथान पर परितसथािप 7 1959 क अिधिनयम स० 62 की धारा 38 ारा (16-1-1960 स) ldquoपाच सौrdquo क सथान पर परितसथािपत 8 1959 क अिधिनयम स० 62 की धारा 38 ारा (16-1-1960 स) कितपय शबद का लोप िकया गया 9 1983 क अिधिनयम स० 42 की धारा 37 ारा (31-5-1984 स) धारा 68 क सथान पर परितसथािपत 10 1959 क अिधिनयम स० 62 की धारा 39 ारा (16-1-1960 स) ldquoपाच सौrdquo क सथान पर परितसथािपत 11 1959 क अिधिनयम स० 62 की धारा 39 ारा (16-1-1960 स) कितपय शबद का लोप िकया गया

28

70 दघरटना की सचनाmdash(1) धारा 23 की उपधारा (1) क उपबनध क उललघन म जो कोई िकसी दघरटना की सचना दन म या उस सचना की परित उस उपधारा म िनिदष ट िवशष सचनाप पर लगान म और िविनिदष ट कालाविध क िलए वहा रखन म असफल रहगा वह कारावास स िजसकी अविध तीन मास तक की हो सकगी या जमारन स जो पाच सौ रपए तक का हो सकगा या दोन स दणनीय होगा

(2) कनदरीय सरकार ारा धारा 23 की उपधारा (3) क अधीन िदए गए िनदश क उललघन म जो कोई िकसी दघरटना को िविहत रिजसटर म अिभिलिखत करन म या उसकी सचना दन म असफल रहगा वह कारावास स िजसकी अविध तीन मास तक की हो सकगी या जमारन स तो पाच सौ रपए तक का हो सकगा या दोन स दणडनीय होगा

71 कितपय मामल म सवामी आिद का मखय िनरीकषक को िरपोटर दनाmdashजहा िक खान क यथािसथित सवामी अिभकतार या परबनधक न खान म या उसक आसपास िनयोिजत िकसी िक त क िवर कायरवाही इस अिधिनयम क अधीन क िकसी अपराध क बार म की हो वहा वह नयायालय क िनणरय या आदश की तारीख स इक कीस िदन क अनदर उसक पिरणाम की िरपोटर मखय िनरीकषक को दगा

72 खान म िनयोिजत िक तय की बाधयताmdashखान म िनयोिजत कोई भी िक तmdash

(क) खान म िनयोिजत िक तय का सवासथय कषम या कलयाण सिनिश चत करन क परयोजनाथर खान म उपबिनधत िकसी सािधतर सिवधा या अनय चीज म जानबझकर हसतकषप या उसका जानबझकर दरपयोग न करगा

(ख) जानबझकर और यिक तयक त कारण क िबना कोई ऐसी बात न करगा िजसस सवय उसक या अनय क सकटाप होन की सभा ता हो

(ग) खान म िनयोिजत िक तय का सवासथय या कषम सिनिश चत करन क परयोजनाथर उसम उपबिनधत िकसी सािधतर या अनय चीज को उपयोग म लान की जानबझकर उपकषा नह करगा

1[72क कछ िविनयम क उललघन क िलए िवशष उपबनधmdashजो कोई धारा 57 क खणड (घ) खणड (झ) खणड (ड) खणड (ढ) खणड (ण) खणड (त) खणड (द) खणड (ध) और खणड (प) म िविनिदष ट बात स सब िकसी िविनयम क या िकसी उपिविध क या तद धीन िकए गए िकसी आदश क िकसी उपबनध का उललघन करगा वह कारावास स िजसकी अविध छह मास तक की हो सकगी या जमारन स जो दो हजार रपए तक का हो सकगा या दोन स दणडनीय होगा

72ख धारा 22 क अधीन आदश क उललघन क िलए िवशष उपबनधmdashजो कोई धारा 22 की उपधारा (1क) उपधारा (2) या उपधारा (3) क अधीन 2[या धारा 22क की उपधारा (2) क अधीन] िनकाल गए आदश क उललघन म खान का कायरकरण चाल रखगा वह कारावास स िजसकी अविध दो वषर तक की हो सकगी दडनीय होगा और जमारन स भी जो पाच हजार रपए तक का हो सकगा दडनीय होगा

2[परनत नयायालय क िनणरय म लखब िकए जान वाल ततपरितकल िवशष और पयारप त कारण क अभाव म ऐसा जमारना खड (क) म िनिदष ट उललघन की दशा म तीन हजार रपए स कम नह होगा ]

72ग िविध क ऐस उललघन क िलए िजसक खतरनाक पिरणाम होत ह िवशष उपबनधmdash(1) जो कोई इस अिधिनयम क या िकसी िविनयम िनयम या उपिविध क या तद धीन िकए गए [धारा 22 की उपधारा (1क) या उपधारा (2) या उपधारा (3) 3[या धारा 22क की उपधारा (2)] क अधीन िकए गए आदश स िभ ] िकसी आदश क िकसी उपबनध का उललघन करगा वहmdash

(क) यिद ऐस उललघन क पिरणामसवरप जीवन की हािन हो तो कारावास स जो दो वषर तक का हो सकगा या जमारन स जो पाच हजार रपए तक का हो सकगा या दोन स दणडनीय होगा या

(ख) यिद ऐस उललघन क पिरणामसवरप गमभीर शारीिरक कषित हो तो कारावास स जो एक वषर तक का हो सकगा या जमारन स जो तीन हजार रपए तक का हो सकगा या दोन स दडनीय होगा अथवा

(ग) यिद ऐस उललघन स खान म िनयोिजत िक तय को या खान म या उसक आसपास क अनय िक तय को कषित या खतरा कािरत हो तो कारवास स जो तीन मास तक का हो सकगा या जमारन स जो एक हजार रपए तक का हो सकगा या दोन स दणडनीय होगा 6[परनत नयायालय क िनणरय म लखब िकए जान वाल ततपरितकल िवशष और पयारप त कारण क अभाव म ऐसा जमारना

खणड (क) म िनिदष ट उललघन की दशा म तीन हजार रपए स कम नह होगा ]

(2) जहा िक कोई िक त इस धारा क अधीन दोषिस िकए गए जान पर िफर उसक अधीन दोषिस िकया जाए वहा वह उपधारा (1) ारा उपबिनधत दड क दगन दड स दणडनीय होगा

1 1959 क अिधिनयम स० 62 की धारा 40 ारा (16-1-1960 स) धारा 73 तथा धारा 74 क सथान पर परितसथािपत 2 1983 क अिधिनयम स० 42 की धारा 38 ारा (31-5-1984 स) अतःसथािपत 3 1983 क अिधिनयम स० 42 की धारा 39 ारा (31-5-1984 स) अतःसथािपत

29

(3) इस धारा क अधीन पािरत जमारन का दडादश आरोिपत करन वाला अथवा अपील या पनरीकषण म या अनयथा उसकी पिष ट करन वाला नयायालय िनणरय पािरत करत समय आदश द सकगा िक वसल िकया गया सपणर जमारना या उसका कोई भाग कषितगरसत िक त को या उसकी मतय की दशा म उसक िविधक परितिनिध को परितकर क रप म िदया जाए

परनत यिद जमारना ऐस मामल म आरोिपत िकया जाए जो अपीलनीय हो तो अपील उपिसथत िकए जान क िलए अनजञात कालाविध क बीत जान क पहल या यिद अपील उपिसथत की गई हो तो अपील क िविनश चय स पहल ऐसा कोई भी सदाय नह िकया जाएगा

73 आदश की अवजञा क िलए साधारण उपबनधmdashजो कोई इस अिधिनयम क या िकसी िविनयम िनयम या उपिविध क या तद धीन िकए गए िकसी आदश क िकसी ऐस उपबनध का उललघन करगा िजसक उललघन क िलए एतिसमनपवर कोई शािसत उपबिनधत नह ह वह कारावास स िजसकी अविध तीन मास तक की हो सकगी या जमारन स जो एक हजार रपए तक का हो सकगा या दोन स दडनीय होगा

74 पवर दोषिसि क पश चात विधत शािसतmdashयिद कोई िक त जो (धारा 72ख और 72ग स िभ ) पवरगामी उपबनध म स िकसी क अधीन दडनीय िकसी अपराध का दोषिस िकया जा चका हो पवर दोषिसि क दो वषर क अनदर िकए गए और उसी उपबनध का उललघन अनतवरिलत करन वाल िकसी अपराध क िलए पनः दोषिस िकया जाए तो वह हर एक पश चात वत दोषिसि क िलए उस दड क दगन दणड स दणडनीय होगा िजसस वह ऐस उपबनध क परथम उललघन क िलए दडनीय होता ]

75 सवामी अिभकतार या परबनधक का अिभयोजनmdashइस अिधिनयम क अधीन क िकसी अपराध क िलए िकसी सवामी अिभकतार या परबनधक क िवर कोई भी अिभयोजन मखय िनरीकषक की या िजला मिजसटरट की या मखय िनरीकषक क िलिखत साधारण या िवशष आदश ारा इस िनिम परािधकत िनरीकषक की पररणा पर सिसथत िकए जान क िसवाय सिसथत नह िकया जाएगा

1[परनत मखय िनरीकषक या िजला मिजसटरट या इस परकार परािधकत िनरीकषक ऐसा अिभयोजन सिसथत करन स पवर अपना यह समाधान करगा िक सवामी अिभकतार या परबनधक ऐस अपराध क िकए जान को रोकन म सभी समयक ततपरता बरतन म असफल रहा था ]

2[परनत यह और िक] िकसी खान म तकनीकी िनदशन और परबनध क अनकरम म िकए गए िकसी अपराध क बार म िजला मिजसटरट िकसी सवामी अिभकतार या परबनधक क िवर कोई अिभयोजन मखय िनरीकषक क पवर अनमोदन स सिसथत करन क िसवाय सिसथत नह करगा

3[76 कितपय मामल म सवामी का अवधारणmdashजहा िक खान का सवामी कोई फमर या िष टय का अनय सगम हो वहा उसक सब भागीदार या सदसय या उनम स कोई अथवा जहा िक खान का सवामी कमपनी हो वहा उसक सब िनदशक या उनम स कोई अथवा जहा िक खान का सवामी सरकार या कोई सथानीय परािधकारी हो वहा यथािसथित ऐसी सरकार या सथानीय परािधकारी ारा खान क कामकाज का परबनध करन क िलए परािधकत सब आिफसर या िक त या उनम स कोई ऐस िकसी अपराध क िलए िजसक िलए खान का सवामी दडनीय हो इस अिधिनयम क अधीन अिभयोिजत और दिडत िकया जा सकगा

4[परनत जहा िकसी फमर सगम या कमपनी न मखय िनरीकषक को िलिखत रप म यह सचना द दी ह िक उसनmdash

(क) फमर की दशा म उसक िकसी भागीदार या परबनधक को

(ख) सगम की दशा म उसक िकसी सदसय या परबनधक को

(ग) कमपनी की दशा म उसक िकसी िनदशक या परबनधक को

जो परतयक मामल म िकसी ऐस सथान म िजस पर इस अिधिनयम का िवसतार ह िनवासी ह और जो परतयक मामल म या तो वासतव म ऐसी फमर सगम या कमपनी क परबनध का भारसाधक ह या उसम अिधकाश शयर धारण करता ह इस अिधिनयम क परयोजन क िलए खान क सवामी क उ रदाियतव को गरहण करन क िलए नामिनदिशत कर िदया ह वहा यथािसथित ऐसा भागीदार सदसय िनदशक या परबनधक जब तक वह ऐसा िनवासी बना रहता ह और पव क त रप म भारसाधक ह या अिधकाश शयर को धारण करता ह इस अिधिनयम क परयोजन क िलए खान का सवामी समझा जाएगा जब तक िक उसक नामिनदशन को र करन वाली या यह कथन करन वाली कोई िलिखत सचना की वह यथािसथित भागीदारी सदसय िनदशक या परबनधक नह रहा ह मखय िनरीकषक को पराप त नह हो जाती ह

सपष टीकरणmdashजहा िकसी फमर सगम या कमपनी क िविभन न सथापन या शाखाए ह अथवा उसक िकसी सथापन या शाखा म िविभन न एकक ह वहा िविभन न सथापन या शाखा या एकक क सबध म इस परनतक क अधीन िविभन न िक तय को नामिनदिशत िकया जा सकगा और इस परकार नामिनदिशत िक त कवल उस सथापन शाखा या एकक क समबनध म िजसक समबनध म उस नामिनदिशत िकया गया ह खान का सवामी समझा जाएगा ]

1 1983 क अिधिनयम स० 42 की धारा 40 ारा (31-5-1984 स) अतःसथािपत 2 1983 क अिधिनयम स० 42 की धारा 40 ारा (31-5-1984 स) ldquoपरनतrdquo क सथान पर परितसथािपत 3 1959 क अिधिनयम स० 62 की धारा 41 ारा (16-1-1960 स) धारा 76 क सथान पर परितसथािपत 4 1983 क अिधिनयम स० 42 की धारा 41 ारा (31-5-1984 स) ldquoपरनतकrdquo क सथान पर परितसथािपत

30

77 सवामी अिभकतार या परबनधक को दाियतव स कितपय दशा म छटmdashजहा िक खान का सवामी अिभकतार या परबनधक जो इस अिधिनयम क अधीन िकसी अपराध का अिभयक त हो यह अिभकथन कर िक वासतिवक अपराधी अनय िक त ह वहा वह अपन

ारा इस िनिम िकए गए पिरवाद पर 1[और वासतिवक अपराधी का जञात पता दन पर] और अिभयोजक को ऐसा करन क अपन आशय की तीन स अनयन पणर िदन की िलिखत सचना दन पर इस बात का हकदार होगा िक वह अनय िक त उस तारीख को जो मामल की सनवाई क िलए िनयत हो नयायालय क समकष लाया जाए और यिद अपराध का िकया जाना सािबत हो जान क पश चात खान का यथािसथित सवामी अिभकतार या परबनधक नयायालय को समाधान परदान करन वाल रप म सािबत कर द िकmdash

(क) इस अिधिनयम क ससगत उपबनध का िनषपादन करान क िलए उसन समयक ततपता बरती ह तथा (ख) उस अनय िक त न परश नगत अपराध को उसक जञान सममित या मौनानकलता क िबना िकया ह

तो उक त अनय िक त उस अपराध क िलए दोषिस िकया जाएगा और उसी परकार क दणड स ऐस दडनीय होगा मानो वह खान का सवामी अिभकतार या परबनधक हो और यथािसथित सवामी अिभकतार या परबनधक दोषमक त कर िदया जाएगा परनतmdash

(क) यथािसथित खान क सवामी अिभकतार या परबनधक की शपथ पर परीकषा की जा सकगी और उसक और िकसी अनय साकषी क िजस वह अपन समथरन म बलाए सा य की उस िक त क ारा या की ओर स िजसकी बाबत वह अिभकिथत करता हो िक वह वासतिवक अपराधी ह और अिभयोजक ारा परितपरीकषा की जा सकगी

(ख) यिद वह िक त िजसका वासतिवक अपराधी होना अिभकिथत हो उस तारीख को जो मामल की सनवाई क िलए िनयत हो नयायालय क समकष समयक ततपरता बरती जान पर भी न लाया जा सक तो नयायालय उसकी सनवाई समय-समय पर सथिगत कर दगा िकनत इस परकार िक ऐस सथगन की कल कालाविध तीन मास स अिधक न हो और यिद उक त कालाविध क अनत तक भी वह िक त िजसका वासतिवक अपराधी होना अिभकिथत हो नयायालय क समकष न लाया जा सक तो नयायालय यथािसथित सवामी अिभकतार या परबनधक क िवर मामल की सनवाई क िलए अगरसर होगा

78 नयायालय की आदश करन की शिक तmdash(1) जहा िक खान का सवमी अिभकतार या परबनधक इस अिधिनयम क अधीन दडनीय अपराध क िलए दोषिस िकया जाए वहा नयायालय उस कोई दड अिधिनण त करन क अितिरक त िलिखत आदश ारा उसस आदश म िविनिदष ट कालाविध क अनदर (िजस नयायालय इस िनिम िकए गए आवदन पर समय-समय पर िवसतािरत कर सकगा) ऐस उपाय करन की अपकषा कर सकगा जो उन बात का उपचार करन क िलए िजनक बार म अपराध िकया गया था ऐस िविनिदष ट िकए जाए (2) जहा िक उपधारा (1) क अधीन आदश िदया जाए वहा यथािसथित खान का सवामी अिभकतार या परबनधक उस कालाविध या िवसतािरत कालाविध क यिद कोई हो दौरान अपराध क चाल रहन क िवषय म इस अिधिनयम क अधीन दडनीय नह होगा िकनत यिद नयायालय क आदश का पणर अनपालन ऐसी कालाविध या िवसतािरत कालाविध क अवसान पर न हो गया हो तो यथािसथित सवामी अिभकतार या परबनधक क बार म यह समझा जाएगा िक उसन अितिरक त अपराध िकया ह और वह कारावास स िजसकी अविध छह मास तक की हो सकगी या जमारन स जो ऐस अवसान क पश चात हर एक ऐस िदन क िलए िजसम िक आदश का अनपालन न हआ हो एक सौ रपए तक का हो सकगा या दोन स दणडनीय होगा 79 अिभयोजन की पिरसीमाmdashकोई भी नयायालय इस अिधिनयम क अधीन िकसी अपराध का सजञान तब तक नह करगा जब तक िक उसका पिरवादmdash

(i) उस तारीख स िजसकी बाबत यह अिभकिथत हो िक अपराध उस तारीख को िकया गया छह मास क अनदर अथवा

(ii) उस तारीख स िजसको िक अिभकिथत अपराध का िकया जाना िनरीकषक क जञान म आया छह मास क अनदर अथवा

2[(iiक) िकसी ऐस मामल म िजसम अिभयक त लोक सवक ह या था और ततसमय परव िकसी िविध क अधीन अपराध का सजञान करन क िलए कनदरीय सरकार या राजय सरकार या िकसी अनय परािधकारी की पवर मजरी आवशयक ह उस तारीख क िजसको ऐसी मजरी मखय िनरीकषक को पराप त होती ह तीन मास क अनदर अथवा]

(iii) िकसी ऐस मामल म िजसम जाच नयायालय कनदरीय सरकार ारा धारा 24 क अधीन िनयक त िकया गया हो उस धारा की उपधारा (4) म िविनिदष ट िरपोटर क परकाशन की तारीख क पश चात 3[एक वषर] क अनदर

इनम स जो भी बाद म हो न िकया गया हो 4[सपष टीकरणmdashइस धारा क परयोजन क िलएmdash

1 1959 क अिधिनयम स० 62 की धारा 42 ारा (16-1-1960 स) अनतःसथािपत 2 1983 क अिधिनयम स० 42 की धारा 42 ारा (31-5-1984 स) अतःसथािपत 3 1983 क अिधिनयम स० 42 की धारा 42 ारा (31-5-1984 स) ldquoछह मासrdquo क सथान पर परितसथािपत 4 1959 क अिधिनयम स० 62 की धारा 43 ारा (16-1-1960 स) सप ीकरण जोड़ा गया

31

(क) चाल रहन वाल अपराध की दशा म पिरसीमा की सगणना उस समय क हर कषण क परित िनदश स की जाएगी िजसक दौरान अपराध चाल रह

(ख) जहा िक कोई कायर करन क िलए समय इस अिधिनयम क अधीन िवसतािरत िकया गया हो वहा पिरसीमा की सगणना उस िवसतािरत कालाविध क अवसान स की जाएगी ]

80 अपराध का सजञानmdash1[महानगर मिजसटरट या परथम वगर नयाियक मिजसटरट] क नयायालय स अवर कोई नयायालय इस अिधिनयम क अधीन िकसी ऐस अपराध का िजसकी बाबत यह अिभकिथत हो िक वह खान क सवामी अिभकतार या परबनधक ारा िकया गया ह या िकसी ऐस अपराध का जो इस अिधिनयम ारा कारावास स दडनीय बनाया गया ह िवचारण नह करगा

80क [जमारन क बार म िवशष उपबध ]mdashखान (सशोधन) अिधिनयम 1983 (1983 का 42) की धारा 44 ारा (31-5-1984 स) िनरिसत

81 कितपय मामल म अिभयोजन क बजाय खान बोडर या सिमित को िनदशmdash(1) यिद मखय िनरीकषक या िजला मिजसटरट या िकसी िनरीकषक की पररणा पर इस अिधिनयम क अधीन सिसथत िकसी मामल का िवचारण करन वाल नयायालय की यह राय हो िक यह मामला ऐसा ह जो अिभयोजन क बजाय 2 सिमित को िनदिशत िकया जाना चािहए तो वह दािडक कायरवािहय को रोक सकगा और इस दिष ट स िक ऐसा िनदशन िकया जाए उस िवषय की िरपोटर कनदरीय सरकार को भजगा

(2) उपधारा (1) क अधीन िरपोटर पराप त होन पर कनदरीय सरकार मामला 2 सिमित को िनदिशत कर सकगी या िवचारण म अगरसर होन क िलए नयायालय को िनदश द सकगी

अधयाय 10

परकीणर 82 इस परश न का िविनश चय िक कया खान इस अिधिनयम क अधीन हmdashयिद कोई परश न उठ िक कया 3[खान का और उसम

का या उसका पाश वरसथ कोई उतखान या खिनत या पिरसर िजस पर खिनज या कोक पराप त करन दरसी करन या िवकरय क िलए तयार करन की सहायक कोई परिकरया चलाई जा रही ह] इस अिधिनयम क अथर क अनदर खान ह तो कनदरीय सरकार उस परश न का िविनश चय कर सकगी और कनदरीय सरकार क सिचव ारा हसताकषिरत परमाणपतर इस परश न पर िनश चायक होगा

83 अिधिनयम क परवतरन स छट दन की शिक तmdash4[(1)] कनदरीय सरकार िकसी सथानीय कषतर या िकसी खान को या खान क िकसी समह या वगर को या खान क िकसी भाग को या िक तय क िकसी वगर को 5[इस अिधिनयम या उसक अधीन बनाए गए िविनयम िनयम या उपिविधय क सब उपबनध क या उनम स िकसी क] परवतरन स छट शासकीय राजपतर म अिधसचना ारा या तो अतयितकतः या िकनह िविनिदष ट शत क अधयधीन द सकगी

परनत िकसी सथनीय कषतर या खान या खान क समह या वगर को 6[धारा 40 और धारा 45] क उपबनध स छट तब तक नह दी जाएगी जब तक उस इस अिधिनयम क अनय सब उपबनध क परवतरन स भी छट न द दी जाए ]

7[(2) कनदरीय सरकार मखय िनरीकषक या िकसी अनय परािधकारी को साधारण या िवशष आदश ारा ऐस िनबरनधन क अधयधीन िजनह अिधरोिपत करना वह ठीक समझ परािधकत कर सकगी िक वह िकसी खान या उसक िकसी भाग को 8[िविनयम िनयम या उपिविधय ] क उपबन ध म स िकसी क परवतरन स िकनह िविनिदष ट शत क अधयधीन तब छट द द जब िक मखय िनरीकषक या ऐस अिधकारी की राय हो िक खान या उसक भाग म पिरिसथितया ऐसी ह िक उनक कारण ऐस उपबनध का अनपालन अनावशयक या अ वहायर हो जाता ह ]

84 आदश को पिरवितत या िवखिणडत करन की शिक तmdash9[(1)] कनदरीय सरकार इस अिधिनयम क अधीन िदया गया कोई आदश उलट सकगी या उपानतिरत कर सकगी

10[(2) मखय िनरीकषक लखब िकए जान वाल कारण स इस अिधिनयम क अधीन या िकसी िविनयम िनयम या उपिविध क अधीन अपन ारा पािरत िकसी आदश को उलट सकगा या उस उपातिरत कर सकगा

(3) खान क सवामी अिभकतार या परबनधक पर परितकल परभाव डालन वाला कोई आदश इस धारा क अधीन तब तक नह िकया जाएगा जब तक िक ऐस सवामी अिभकतार या परबनधक को अभयावदन करन का यिक तयक त अवसर न द िदया गया हो ]

1 1983 क अिधिनयम स० 42 की धारा 43 ारा (31-5-1984 स) ldquoपरसीडसी मिजसटरट या परथम वगर मिजसटरटrdquo क सथान पर परितसथािपत 2 1983 क अिधिनयम स० 42 की धारा 43 ारा (31-5-1984 स) ldquoखनन बोडरrdquo शब द का लोप िकया गया 3 1959 क अिधिनयम स० 62 की धारा 45 ारा (16-1-1960 स) अनतःसथािपत 4 1959 क अिधिनयम स० 62 की धारा 46 ारा (16-1-1960 स) उपधारा (1) क रप म पनःसखयािकत 5 1983 क अिधिनयम स० 42 की धारा 46 ारा (31-5-1984 स) ldquoइस अिधिनयम क सब उपबध क िकसी कrdquo क सथान पर परितसथािपत 6 1983 क अिधिनयम स० 42 की धारा 46 ारा (31-5-1984 स) ldquoधारा 45rdquo क सथान पर परितसथािपत 7 1959 क अिधिनयम स० 62 की धारा 46 ारा (16-1-1960 स) अनतःसथािपत 8 1983 क अिधिनयम स० 42 की धारा 46 ारा (31-5-1984 स) ldquoइस अिधिनयम क अतगरत िविनयम और िनयमrdquo क सथान पर परितसथािपत 9 1983 क अिधिनयम स० 42 की धारा 47 ारा (31-5-1984 स) धारा 84 उपधारा (1) क रप म पनःसखयािकत 10 1983 क अिधिनयम स० 42 की धारा 47 ारा (31-5-1984 स) अतःसथािपत

32

85 सरकार की खान को अिधिनयम का लाग होनाmdashयह अिधिनयम सरकार की खान को 1[भी] लाग होगा 2[85क सचना आिद दन क िलए अपिकषत िक त ऐसा करन क िलए वध रप स आब ह गmdashहर िक त जो िकसी

अिधकारी को कोई सचना या इि ला इस अिधिनयम क अधीन दन क िलए अपिकषत ह भारतीय दड सिहता (1860 का 45) की धारा 176 क अथर क अनदर ऐसा करन क िलए वध रप स आब होगा ]

3[85ख िववरिणय सचना आिद पर हसताकषर करनाmdashइस अिधिनयम या उसक अधीन बनाए गए िकसी िविनयम िनयम उपिविध या िकसी आदश क उपबनध क समबनध म िकसी खान क सवामी ारा या उसकी ओर स दी जान क िलए अपिकषत सभी िववरिणय और सचना पर या भजी जान वाली सचना पर खान क सवामी अिभकतार या परबधक ारा या िकसी ऐस िक त ारा िजस सवामी ारा मखतारनाम ारा इस िनिम शिक त परतयायोिजत की गई ह हसताकषर िकए जाएग

85ग सिवधा और जन सिवधा क िलए फीस या परभार का वसल न िकया जानाmdashखान म िनयोिजत िकसी िक त स सरकषातमक परबनध या दी जान वाली सिवधा या इस अिधिनयम क उपबनध क अधीन परदाय िकए जान वाल िकसी उपसकर या सािधतर की बाबत कोई फीस या परभार वसल नह िकया जाएगा ]

86 1948 क अिधिनयम 63 क कितपय उपबध का खान को लाग होनाmdashकनदरीय सरकार शासकीय राजपतर म अिधसचना ारा िनदश द सकगी िक कारखाना अिधिनयम 1948 (1948 का 63) क अधयाय 3 और 4 क उपबनध ऐस अपवाद और िनबरनधन क

अधयधीन रहत हए जस उस अिधसचना म िविनिदष ट िकए जाए सब खान और उनकी परसीमा को लाग ह ग

87 सद भावपवरक िकए गए कायर क िलए पिरतराणmdashकोई भी वाद अिभयोजन या अनय िविधक कायरवाही इस अिधिनयम क अधीन सद भावपवरक की गई या जान क िलए आशियत िकसी बात क िलए िकसी िक त क िवर न होगी

88 [1923 क अिधिनयम 4 का िनरसन]mdashिनरसन और सशोधन अिधिनयम 1957 (1957 का 36) की धारा 2 और पहली अनसची ारा िनरिसत

______

1 1959 क अिधिनयम स० 62 की धारा 47 ारा (16-1-1960 स) अनतःसथािपत 2 1959 क अिधिनयम स० 62 की धारा 48 ारा (16-1-1960 स) अनतःसथािपत 3 1983 क अिधिनयम स० 42 की धारा 48 ारा (31-5-1984 स) अतःसथािपत

Page 17: खान अधिनियम, 1952ncwapps.nic.in/acts/TheMinesAct1952_Hindi.pdf1 ज ल ई, 1952, द खए भ रत क र जपतर (अ गर 1952, ज ) भ ग 2,

17

परनत िशकष स िभन न परिशकष की दशा म उनको काम करना अनजञात करन स पवर मखय िनरीकषक या िनरीकषक का पवर अनमोदन अिभपराप त करना आवशयक होगा

सपष टीकरणmdashइस धारा और धारा 43 म ldquoिशकषrdquo स िशकष अिधिनयम 1961 (1961 का 52) की धारा 2 क खणड (क) म यथापिरभािषत िशकष अिभपरत ह ]

41 [योगयता परमाणपतर ]mdashखान (सशोधन) अिधिनयम 1983 की धारा 23 ारा (31-5-1984 स) िनरिसत

42 [कमार को अनद योगयता परमाणपतर का परभाव ]mdashखान (सशोधन) अिधिनयम 1983 (1983 का 42) की धारा 23 ारा (31-5-1984 स) िनरिसत

1[43 िचिकतसीय परीकषा की अपकषा करन की शिक तmdash(1) जहा िकसी िनरीकषक की यह राय हो िक िशकष या अनय परिशकष स अनयथा खान म िनयोिजत कोई िक त वयसथ नह ह अथवा खान म िशकष या अनय परिशकष क रप म िनयोिजत कोई िक त या तो सोलह वषर स कम आय का ह या वह काम करन क योगय नह रह गया ह वहा िनरीकषक खान क परबनधक पर यह अपकषा करन वाली सचना की तामील कर सकगा िक ऐस िक त की परीकषा िकसी परमाणकतार सजरन ारा की जाए और िनरीकषक ऐसा िनदश द तो ऐसा

िक त तब तक िकसी खान म काम करन क िलए िनयोिजत या अनजञात नह िकया जाएगा जब तक इस परकार उसकी परीकषा न हो गई हो और यह परमािणत न कर िदया गया हो िक वह वयसथ ह या यिद ऐसा िक त िशकष या परिशकष ह तो वह सोलह वषर स कम आय का नह ह और काम करन क योगय ह

(2) उपधारा (1) क अधीन िनदश पर परमाणकतार सजरन ारा िदया गया हर परमाणपतर उसम किथत बात का इस अिधिनयम क परयोजन क िलए िनश चायक सा य होगा ]

44 [उन कमार क िलए काम क घट जो वयसक क रप म काम क िलए योगय परमािणत नह िकए गए ]mdashखान (सशोधन) अिधिनयम 1983 (1984 का 42) की धारा 25 ारा (31-5-1984 स) िनरिसत

2[45 खान म अठारह वषर स कम आय क िक तय की उपिसथित का परितषधmdashधारा 40 की उपधारा (2) क उपबनध क अधीन रहत हए ऐसी तारीख क पश चात जो कनदरीय सरकार राजपतर म अिधसचना ारा इस िनिम िनयत कर अठारह वषर स कम आय क िकसी िक त को भिम क ऊपर खान क िकसी ऐस भाग म जहा िकसी खनन सिकरया स ससक त या आनषिगक कोई सिकरया चलाई जा रही हो उपिसथत नह रहन िदया जाएगा ]

3[46 िस तरय का िनयोजनmdash(1) िकसी अनय िविध म अनतिवष ट िकसी बात क होत हए भी कोई भी स तरीmdash

(क) खान क िकसी ऐस भाग म जो भिम क नीच हो

(ख) िकसी खान म भिम क ऊपर 6 बज पवारहन और 7 बज अपराहन क बीच क िसवाय

िनयोिजत नह की जाएगी ]

(2) खान म भिम क ऊपर िनयोिजत हर स तरी को िकसी एक िदन िनयोजन का पयरवसान होन और िनयोजन की अगली कालाविध का परारमभ होन क बीच कम स कम गयारह घनट का अनतराल िदया जाएगा

(3) उपधारा (1) म अनतिवष ट िकसी बात क होत हए भी कनदरीय सरकार िकसी खान या िकसी वगर या परकार की खान क बार म भिम क ऊपर िस तरय क िनयोजन क घट म फरफार शासकीय राजपतर म अिधसचना ारा कर सकगी िकनत इस परकार की िकसी स तरी का 10 बज अपराहन और 5 बज पवारहन क बीच कोई भी िनयोजन तद ारा अनजञात न हो ]

47 [आय क बार म िववाद ]mdashखान (सशोधन) अिधिनयम 1959 (1959 का 62) की धारा 28 ारा िनरिसत

48 िनयोिजत िक तय का रिजसटरmdash4[(1) हर खान क िलए उस खान म िनयोिजत सब िक तय का एक रिजसटर िविहत पररप और सथान म रखा जाएगा िजसम ऐस हर एक िक त क बार म िनम निलिखत बात दिशत ह गीmdash

(क) कमरचारी का नाम यथािसथित उसक िपता या पित क नाम सिहत और ऐसी अनय िविशिष टया जसी उसकी पहचान क परयोजन क िलए आवशयक ह

(ख) कमरचारी की आय और िलग

(ग) िनयोजन की परकित (वह िनयोजन भिम क ऊपर ह या भिम क नीच और यिद भिम क ऊपर ह तो वह िवव खिनत म ह या अनयथा) और उसक परारमभ की तारीख

5

1 1983 क अिधिनयम स० 42 की धारा 24 ारा (31-5-1984 स) धारा 43 क सथान पर परितसथािपत 2 1983 क अिधिनयम स० 42 की धारा 26 ारा (31-5-1984 स) धारा 45 क सथान पर परितसथािपत 3 1959 क अिधिनयम स० 62 की धारा 27 ारा (16-1-1960 स) धारा 46 क सथान पर परितसथािपत 4 1959 क अिधिनयम स० 62 की धारा 29 ारा (16-1-1960 स) उपधारा (1) क सथान पर परितसथािपत 5 1983 क अिधिनयम स० 42 की धारा 27 ारा (31-5-1984 स) खणड (घ) का लोप िकया गया

18

(ङ) अनय ऐसी िविशिष टया जो िविहत की जाए

और ससगत परिविष टया सपक त िकयत क हसताकषर या अगठ क िचहन ारा अिधपरमािणत की जाएगी ]

(2) उपधारा (1) ारा िविहत रिजसटर म की परिविष टया ऐसी ह गी िक उनक अनसार काम करन वाल कमरकार इस अधयाय क उपबनध म स िकसी क उललघन म काम न करत ह ग

(3) कोई िक त खान म तब तक िनयोिजत न िकया जाएगा जब तक उसक बार म उपधारा (1) ारा अपिकषत िविशिष टया रिजसटर म अिधिलिखत न कर ली गई ह और कोई भी िक त रिजसटर म अपन बार म दिशत काम की कालाविधय क दौरान िनयोिजत िकए जान क िसवाय िनयोिजत नह िकया जाएगा

1[(4) िजस खान को कनदरीय सरकार न साधारण या िवशष आदश ारा िकसी िवशष कारण स जो अिभिलिखत िकया जाएगा छट दी हो उसस िभन न हर खान क िलए पथक रिजसटर िविहत पररप और सथान म रख जाएग िजनम हर िक त क बार म जो खान मmdash

(क) भिम क नीच

(ख) िवव खिनत म भिम क ऊपर

(ग) अनय दशा म भिम क ऊपर

िनयोिजत हो िनम निलिखत बात दिशत ह गीmdash

(i) कमरचारी का नाम

(ii) उसक िनयोजन का वगर या िकसम

(iii) जहा िक काम टोली-प ित स चलाया जाता हो वहा िजस पारी का वह ह वह पारी और उस पारी क घनट ]

(5) भिम क नीच िनयोिजत िक तय क उपधारा (4) म िनिदष ट रिजसटर म िकसी भी कषण ऐस हर िक त का नाम दिशत होगा जो तब खान म भिम क नीच उपिसथत हो

2[(6) कोई िक त िकसी िवव खिनत या भिम क नीच िकसी खिनत म तब क िसवाय परवश नह कर सकगा जब िक ऐसा करन क िलए वह परबनधक ारा अनजञात िकया गया हो अथवा इस अिधिनयम या िकसी अनय िविध क अधीन परािधकत हो ]

अधयाय 7

मजदरी सिहत छ ी 3[49 अधयाय का लाग होनाmdashइस अधयाय क उपबनध ऐस परवितत नह ह ग िक उनका िकसी ऐस अिधकार पर परितकल

परभाव पड़ िजसका िक खान म िनयोिजत कोई िक त िकसी अनय िविध क अधीन या िकसी अिधिनणरय करार या सवा-सिवदा क िनबनधन क अधीन हकदार हो

4[परनत यिद ऐसा अिधिनणरय करार या सवा-सिवदा इस अधयाय म उपबिनधत स दीघरतर मजदरी सिहत वािषक छ ी का उपबनध करती हो तो छ ी की वह मातरा िजसक िलए िनयोिजत िक त हकदार होगा ऐस अिधिनणरय करार या सवा-सिवदा क अनसार होगी िकनत छ ी ऐस िवषय की बाबत जो ऐस अिधिनणरय करार या सवा-सिवदा म उपबिनधत नह ह धारा 50 स लकर धारा 56 तक क (िजसम य दोन धाराए भी सिममिलत ह) उपबनध क अनसार िविनयिमत होगी ]

50 छ ी की पिरभाषाmdashसाप तािहक िवशराम-िदन अथवा उतसव क िलए या अनय ऐस ही अवसर क िलए अवकाश-िदन इस अधयाय क परयोजन क िलए छ ी क अनतगरत नह आत ह चाह व छ ी की कालाविध क दौरान ह या उसक ठीक पहल या ठीक पीछ ह

51 कलनडर वषर की पिरभाषाmdashइस अधयाय क परयोजन क िलए ldquoकलनडर वषरrdquo स िकसी वषर म जनवरी क परथम िदन स आरमभ होन वाली बारह मास की कालाविध अिभपरत होगी

52 मजदरी सिहत वािषक छ ीmdash(1) खान म िनयोिजत हर िक त को िजसन उसम एक कलनडर वषर की सवा परी कर ली हो पश चातवत कलनडर वषर क दौरान मजदरी सिहत छ ी अनजञात की जाएगी िजसकी गणनाmdash

(क) भिम क नीच िनयोिजत िक त की दशा म उसक ारा िकए गए काम क हर 5[पनदरह िदन] क िलए एक िदन की दर स की जाएगी तथा

1 1959 क अिधिनयम स० 62 की धारा 29 ारा (16-1-1960 स) उपधारा (4) क सथान पर परितसथािपत 2 1959 क अिधिनयम स० 62 की धारा 29 ारा (16-1-1960 स) अनतःसथािपत 3 1959 क अिधिनयम स० 62 की धारा 30 ारा (16-1-1960 स) धारा 49 स 56 तक क सथान पर परितसथािपत 4 1983 क अिधिनयम स० 42 की धारा 28 ारा (31-5-1984 स) परनतक क सथान पर परितसथािपत 5 1983 क अिधिनयम स० 42 की धारा 29 ारा (31-5-1984 स) ldquoसोलह िदनrdquo क सथान पर परितसथािपत

19

(ख) िकसी अनय दशा म उसक ारा िकए गए काम क हर बीस िदन क िलए एक िदन की दर स की जाएगी

(2) उपधारा (1) म िनिदष ट एक कलनडर वषर की सवाmdash

(क) खान म भिम क नीच िनयोिजत िक त की दशा म परी कर ली गई समझी जाएगी यिद कलनडर वषर क दौरान खान म उसकी हािजिरया एक सौ नबब स कम न ह तथा

(ख) िकसी अनय िक त की दशा म परी कर ली गई समझी जाएगी यिद कलनडर वषर क दौरान खान म उसकी हािजिरया दो सौ चालीस स कम न ह

सपष टीकरणmdashइस उपधारा क परयोजन क िलए यह ह िकmdash

(क) करार या सिवदा ारा या सथायी आदश क अधीन यथा अनजञय कामबदी क िदन को

(ख) स तरी कमरचारी की दशा म बारह सप ताह स अनिधक िकतन ही िदन की परसित छटटी को तथा

(ग) उस वषर स िजसम छ ी का उपभोग िकया जाए पवरवत वषर म उपािजत छ ी को

हािजरी की सगणना क परयोजन क िलए ऐस िदन समझा जाएगा िजनम कमरचारी न खान म काम िकया ह िकनत वह इन िदन क िलए छ ी उपािजत नह करगा

(3) िजस िक त की सवा जनवरी क परथम िदन को परारमभ न होकर अनयथा आरमभ होती ह वहmdash

(क) खान म भिम क नीच िनयोिजत िक त की दशा म तब जब िक वह कलनडर वषर क शष भाग क दौरान क कल िदन क आध स अनयन िदन म हािजर रहा हो तथा

(ख) िकसी अनय दशा म तब जब िक वह कलनडर वषर क शष भाग क दौरान क कल िदन क दो-ितहाई स अनयन िदन म हािजर रहा हो

पश चातवत कलनडर वषर म मजदरी सिहत छ ी उस दर स पान का हकदार होगा जो उपधारा (1) म िविनिदष ट ह

(4) िकसी िक त ारा न ली गई वह छ ी िजसका वह उपधारा (1) या उपधारा (2) क अधीन िकसी एक कलनडर वषर म हकदार हो उस छ ी म जोड़ दी जाएगी जो िक उ रवत कलनडर वषर क दौरान उस उपधारा क अधीन उस अनजञय हो

परनत उन छ ी क िदन की कल सखया जो ऐस िकसी िक त ारा सिचत की जा सकगी िकसी भी एक समय कल तीस िदन स अिधक न होगी

परनत यह और भी िक ऐसा वह िक त िजसन मजदरी सिहत छ ी क िलए आवदन िकया हो िकनत उस उपधारा (6) क अनसार ऐसी छ ी न दी गई हो िकसी सीमा क िबना अनपभक त छ ी क अगरनयन का हकदार होगा

(5) ऐसा कोई िक त उपधारा (1) उपधारा (2) और उपधारा (4) क अधीन उस समय अपन को अनजञय सारी छ ी या उसका कोई भाग लन क िलए खान क परबनधक स उस िदन स पदरह िदन स अनयन िदन पहल िलिखत आवदन कर सकगा िजस िदन वह अपनी छ ी आरमभ करना चाहता हो

परनत िकसी एक कलनडर वषर क दौरान तीन बार स अिधक छ ी न ली जा सकगी

(6) उपधारा (5) क उपबनध क अनसार ऐसी छ ी क िलए िकया गया आवदन तब क िसवाय नामजर नह िकया जाएगा जब िक छ ी अनद करन क िलए सशक त परािधकारी की यह राय हो िक पिरिसथित की आवशयकता क कारण छ ी नामजर की जानी चािहए ]

(7) यिद खान म िनयोिजत िक त अपनी मजदरी सिहत छ ी जो उस शष हो बीमारी की कालाविध क िलए लना चाहता हो तो चाह उसन छ ी क िलए आवदन उपधारा (5) म िविनिदष ट समय क अनदर न भी िकया हो तो भी उस वह छ ी अनद की जाएगी

(8) यिद खान का सवामी अिभकतार या परबनधक खान म िनयोिजत िक त क िनयोजन का पयरवसान उस िक त ारा अपनी वह कल छटटी ल ली जान क पवर कर द िजसका वह अपन िनयोजन क पयरवसान क िदन तक हकदार हो या यिद उस िक त न ऐसी छ ी क िलए आवदन िकया हो और ऐसी छ ी अनद न हई हो और वह िक त अपना िनयोजन छ ी लन स पवर छोड़ द तो खान का सवामी अिभकतार या परबनधक न ली गई छ ी क बार म धारा 53 क अधीन सदय रकम उस सद करगा और ऐसा सदाय वहा जहा िक

िक त क िनयोजन का पयरवसान सवामी अिभकतार या परबनधक ारा िकया जाए ऐस पयरवसान क पश चात क दसर कायर-िदवस क अवसान क पवर और जहा िक िक त अपना िनयोजन सवय छोड़ द वहा अगल वतन-िदवस को या उसक पवर िकया जाएगा

(9) खान म िनयोिजत िक त की अनपभक त छ ी उसक िनयोजन क पयरवसान क पवर िदए जान क िलए अपिकषत िकसी सचना की कालाविध की सगणना करन म िवचार म नह ली जाएगी

20

1[(10) जहा खान म िनयोिजत कोई िक त सवा स उनमोिचत या पदचयत िकया जाता ह अथवा वह अपना िनयोजन छोड़ता ह या अिधविषता पराप त करता ह अथवा सवा म रहत हए उसकी मतय हो जाती ह तो यथािसथित वह या उसक वािरस या उसका नाम-िनदिशती उपधारा (1) म िविनिदष ट दर स पिरकिलत उसको दय छ ी क सथान पर मजदरी पान का हकदार होगा यिदmdash

(क) भिम क नीच िकसी खान म िनयोिजत िक त की दशा म वह अपन िनयोजन की तारीख स लकर अपन उनमोचन या पदचयित की तारीख तक या िनयोजन छोड़न या अिधविषता या मतय की तारीख तक िदन की कल सखया क कम स कम आध िदन तक उपिसथित रहा ह और

(ख) िकसी अनय दशा म वह अपन िनयोजन की तारीख स लकर अपन उनमोचन या पदचयित या िनयोजन छोड़न या अिधविषता या मतय की तारीख तक िदन की कल सखया क कम स कम दो-ितहाई िदन तक उपिसथत रहा ह

और ऐसी मजदरी का सदाय खान क सवामी अिभकतार या परबनधक ारा धारा 53 म िविनिदष ट दर स जहा उस िक त को सवा स उनमोिचत या पदचयत कर िदया जाता ह अथवा वह िनयोजन छोड़ दता ह या अिधविषता पराप त कर लता ह वहा यथािसथित ऐस उनमोचन पदचयित िनयोजन छोड़न या अिधविषता क पश चात दसर कायर िदन की समािप त क पवर और जहा िनयोिजत िक त की सवा म रहत हए मतय हो जाती ह वहा उसकी मतय क दो मास की अविध क भीतर िकया जाएगा ]

सपष टीकरणmdash2[उपधारा (1) उपधारा (3) और उपधारा (10)] क परयोजन क िलए आध िदन या इसस अिधक की छ ी क िभन न को एक परा िदन माना जाएगा और आध िदन स कम वाला िभन न छोड़ िदया जाएगा

53 छ ी की कालाविध क दौरान मजदरीmdashउस छ ी क िलए जो खान म िनयोिजत िक त को धारा 52 क अधीन अनजञात हो उस सदाय ऐसी दर स िकया जाएगा जो उसकी छ ी क अ वितह पवरवत मास क उन िदन की बाबत िजनम वह िनयोिजत रहा हो कल पणरकािलक उपाजरन क उस दिनक औसत क बराबर हो जो उन उपाजरन म स िकसी अितकािलक मजदरी और बोनस को अपविजत करक िकनत उनम महगाई भ और नकद परितकर को िजसक अनतगरत खा ा और अनय वसत क िबना मलय िवतरण स परोदभावी ऐसा कोई परितकर (यिद कोई हो) िजसक हकदार खान म काम करन वाल िक त ततसमय ह आता ह सिममिलत करक आए

परनत यिद ऐस कोई औसत उपाजरन उपलबध न ह तो औसत की सगणना उसी मास क िलए वस ही िनयोिजत सब िक तय क कल पणरकािलक उपाजरन क दिनक औसत क आधार पर की जाएगी

54 कितपय दशा म अिगरम सदायmdashखान म िनयोिजत उस िक त को िजस चार स अनयन िदन की छ ी अनजञात की गई हो अनजञात छ ी की कालाविध क िलए शोधय मजदरी उसकी छ ी आरमभ होन स पहल द दी जाएगी

55 असद मजदरी की वसली का ढगmdashखान क सवामी अिभकतार या परबनधक ारा इस अधयाय क अधीन सद िकए जान क िलए अपिकषत िकनत उसक ारा असद कोई रकम मजदरी सदाय अिधिनयम 1936 (1936 का 4) क उपबनध क अधीन िवलिबत मजदरी क रप म वसलीय होगी

56 खान को छट की शिक तmdashजहा िक कनदरीय सरकार का यह समाधान हो जाए िक िकसी खान म िनयोिजत िक तय को लाग होन वाल छ ी क िनयम ऐसी परसिवधा का उपबनध करत ह जो उसकी राय म उन परसिवधा स कम अनकल नह ह िजनक िलए यह अधयाय उपबनध करता ह वहा वह उस खान को इस अधयाय क सब या िकनह उपबनध स छट िलिखत आदश ारा और ऐसी शत क अधयधीन जो उसम िविनिदष ट की जाए द सकगी ]

अधयाय 8

िविनयम िनयम और उपिविधया 57 िविनयम बनान की कनदरीय सरकार की शिक तmdashकनदरीय सरकार िनम निलिखत सब परयोजन या उनम स िकसी क िलए

ऐस िविनयम3 जो इस अिधिनयम स सगत हो शासकीय राजपतर म अिधसचना ारा बना सकगी अथारत mdash

(क) व अहरताए िविहत करना जो मखय िनरीकषक या िनरीकषक क रप म िनयिक त क िलए अपिकषत हो

(ख) इस अिधिनयम क अधीन खान क िनरीकषण क समबनध म मखय िनरीकषक और िनरीकषक क कतर और शिक तय को िविहत और िविनयिमत करना

(ग) खान क सवािमय अिभकतार और परबनधक क और उनक अधीन कायर करन वाल िक तय क कतर िविहत करना और खान क 4[अिभकतार और परबनधक और उनक अधीन कायर करन वाल िक तय की अहरताए (िजसक अनतगरत आय आती ह)] िविहत करना

1 1983 क अिधिनयम स० 42 की धारा 29 ारा (31-5-1984 स) अनतःसथािपत 2 1983 क अिधिनयम स० 42 की धारा 29 ारा (31-5-1984 स) ldquoउपधारा (1) और (3)rdquo क सथान पर परितसथािपत 3 कोयला खान िविनयम 1957 क िलए दिखए भारत का राजपतर (अगरजी) 1957 भाग 2 खणड 3 प 2569 और धातमय खान िविनयम 1961 क िलए दिखए भारत

का राजपतर 1961 भाग 2 अनभाग 3(i) प 360 4 1959 क अिधिनयम स० 62 की धारा 31 ारा (16-1-1960 स) ldquoपरबनधक की अहरताएrdquo शबद क सथान पर परितसथािपत

21

(घ) खान क परबनधक और उनक अधीन कायर करन वाल अनय िक तय को अपन कतर का पालन दकषतापवरक करन क िलए समथर बनान क िलए सिवधाए उपबिनधत की जान की अपकषा करना

(ङ) खान क परबनधक और उनक अधीन कायर करन वाल िक तय की अहरताए परीकषा ारा या अनयथा अिभिनिश चत करन की रीित को और सकषमता परमाणपतर क अनद और नवीकत िकए जान को िविनयिमत करना

(च) ऐसी परीकषा और ऐस परमाणपतर क अनदान तथा नवीकरण क बार म दी जान वाली फीस यिद कोई ह िनयत करना

(छ) उन पिरिसथितय को िजनम और उन शत को िजसक अधयधीन रहत हए एक स अिधक खान का एक ही परबनधक क अधीन रहना या िकसी खान या िकनह खान का िविहत अहरताए न रखन वाल परबनधक क अधीन रहना िविधपणर होगा अवधािरत करना

1[(ज) इस अिधिनयम क अधीन की जान वाली जाच क िलए िजनक अनतगरत इस अिधिनयम क अधीन परमाणपतर धारण करन वाल िकसी िक त क अवचार या अकषमता स सब कोई जाच आती ह उपबनध करना और ऐस िकसी परमाणपतर क िनलमबन और र िकए जान क िलए उपबनध करना और जहा भी आवशयक हो वहा यह उपबनध करना िक जाच करन क िलए िनयक त िकए गए िक त को सािकषय को हािजर करान और दसतावज और भौितक पदाथ को पश करान क परयोजन क िलए िसिवल परिकरया सिहता 1908 (1908 का 5) क अधीन की िसिवल नयायालय की सब शिक तया पराप त ह गी ]

(झ) भारतीय िवसफोटक अिधिनयम 1884 (1884 का 4) और तद धीन बनाए गए िकनह िनयम क उपबनध क अधयधीन रहत हए िवसफोटक का भडारकरण परवहण और उपयोग िविनयिमत करना

2[(ञ) 3 िस तरय का खान म या खान क िकसी वगर म या ऐस िविशष ट परकार क शरम म िजनम ऐस िक तय क जीवन कषम या सवासथय क िलए खतरा रहता ह िनयोजन परितिष िनबरिनधत या िविनयिमत करना और ऐस िक त

ारा एक बार म वहन िकए जा सकन वाल बोझ क भार को पिरसीिमत करना ]

(ट) खान म िनयोिजत िक तय क कषम उनम उनक परवश करन और वहा स उनक िनकलन क साधन क िलए और उन कपक या िनकास की सखया क िलए जो उपबध िकए जान ह और कपक गत िनकास पथया और अवतलन पर बाड़ लगाई जान क िलए उपबनध करना

(ठ) खान क सवामी स सदाय पान वाल और खान क सवामी या परबनधक क परित सीध उ रदायी िक तय स िभन न िकसी िक त का खान म परबनधक क रप म या िकसी अनय िविनिदष ट हिसयत म िनयोजन परितिष करना

4[(ड) सतमभ या खिनज खणड क सथान िनिश चत करन अनरकषण और िनकाल या छाट जान तथा एक खान और दसरी खान क बीच पयारप त रोध क अनरकषण सिहत खान म सड़क और काम क सथल की सरकषा क िलए उपबनध करना

(ढ) खान म खिनज और महबनद अिग न-कषतर का िनरीकषण और सागर क या िकसी सरोवर या नदी या िकसी अनय भप ीय जलरािश क चाह वह पराकितक हो चाह कितरम या िकसी लोक सड़क या िनमारण क समीप खिनत िवषयक िनबनधन और िकनह खिनत म पानी भर जान या आग लग जान या उनक समय-पवर ढह जान क िवर समयक पवारवधानी बरती जान की अपकषा करना ]

(ण) खान क सवातन का और धल अिग न और जवलनशील तथा अपायकर गस क िवषय म की जान वाली काररवाई का िजसक अनतगरत सवतःदहन भिम क नीच की अिग न और कोयल की धल क िवर पवारवधानी आती ह उपबनध करना

5[(त) खान म िव त क जनन भणडारकरण रपानतरण पारषण और उपयोग की भारतीय िव त अिधिनयम 1910 (1910 का 9) और तद धीन बनाए गए िकनह िनयम क उपबनध क अधयधीन रहत हए िविनयिमत करना और खान म क सब िव त उपकरण िव त तार और उनम की सब अनय मशीनरी और सयतर की दखभाल और उपयोग क िविनयमन क िलए उपबनध करना ]

(थ) 6[खान म मशीनरी का उपयोग िविनयिमत करना ऐसी मशीनरी पर या उसक आसपास और कषरण-माग पर िनयोिजत िक तय क कषम क िलए उपबनध करना] और भिम क नीच कछ वग क चिलतर का परयोग िनबरिनधत करना

(द) खान म उिचत परकाश क िलए उपबनध करना और उनम िनरापद और लमप का परयोग िविनयिमत करना और िजस खान म िनरापद लमप परयोग म लाए जात ह उसम परवश करन वाल िक तय की तलाशी लना

1 1959 क अिधिनयम स० 62 की धारा 31 ारा (16-1-1960 स) खड (ज) क सथान पर परितसथािपत 2 1959 क अिधिनयम स० 62 की धारा 31 ारा (16-1-1960 स) खड (ञ) क सथान पर परितसथािपत 3 1983 क अिधिनयम स० 42 की धारा 30 ारा (31-5-1984 स) ldquoकमार औरrdquo शबद का लोप िकया गया 4 1959 क अिधिनयम स० 62 की धारा 31 ारा (16-1-1960 स) खड (ड) और (ढ) क सथान पर परितसथािपत 5 1959 क अिधिनयम स० 62 की धारा 31 ारा (16-1-1960 स) खड (त) क सथान पर परितसथािपत 6 1983 क अिधिनयम स० 42 की धारा 30 ारा (31-5-1984 स) कितपय शबद क सथान पर परितसथािपत

22

(ध) खान म 1[जवलनशील गस या धल क] िवसफोटक या जवलन या पानी क फट िनकलन या सिचत होन क िवर और उनस उदभत खतर क िवर उपबनध करना और ऐसी पिरिसथितय म खिनज क िनकाल जान का परितषध िनबरनधन या िविनयमन करना िजनस यह समभा ता हो िक उसक पिरणामसवरप खान म 1[खिनत] समय-पवर ढह जाए या यह िक उसक पिरणामसवरप खान म 1[खिनत ] का ढह जाना या जल का फट िनकलना या जवलन घिटत होगा या गरतर हो जाएगा

(न) 2[धारा 23 की उपधारा (1) क खड (छ) क अधीन दघरटना क परकार िविहत करना और दघरटना और खतरनाक घटना की सचना का और खिनज उतपाद िनयोिजत िक तय तथा िविनयम ारा उपबिनधत अनय बात की सचना िरपोट और िववरिणय का खान क सवािमय अिभकतार और परबनधक ारा िदया जाना िविहत करना] और ऐसी सचना िववरिणय और िरपोट क पररप व िक त और परािधकारी िजनह व दी जानी ह व िविशि या जो उनम अनतिवष ट होनी ह और वह समय िजसक अनदर व िनविदन की जानी ह िविहत करना

3[(प) 4[खान क सवािमय अिभकतार और परबनधक स खान क िलए िनयत सीमाए रखन की अपकषा करना उनस ससक त रखाक और खडिचतर तथा सथलीय िटपपण जो उनक ारा रख जान ह िविहत करना] और वह रीित िजसस और व सथान िजनम ऐस रखाक खणडिचतर और सथलीय िटपपण अिभलख क परयोजन क िलए रख जान ह िविहत करना और उनकी परितय का मखय िनरीकषक को िनविदत िकया जाना और उनस यह अपकषा करना िक व नए सवकषण कर और नए रखाक बनाए और अननपालन की दशा म िकसी अनय अिभकरण क माधयम स सवकषण कराना और रखाक तयार कराना और उनक य की वसली उसी रीित स करना िजसस भ-राजसव की बकाया होती ह ]

(फ) 5[िसथित स परभावी ढग स िनपटन क परयोजन क िलए] खान म या उनक आसपास दघरटना या आकिसमक िवसफोट या जवलन क घिटत होन पर अपनाई जान वाली परिकरया िविनयिमत करना

(ब) खान क सवामी अिभकतार या परबनधक ारा धारा 16 क अधीन दी जान वाली सचना का पररप और उसम अनतिवष ट होन वाली िविशि या िविहत करना

(भ) वह सचना िविहत करना जो िकसी ऐस सथान पर जो भारतीय रल अिधिनयम 1890 (1890 का 9) क उपबनध क अधयधीन की िकसी रल क या 6[यथािसथित िकनह ऐसी लोक सड़क या अनय सकम क जो सरकार ारा या िकसी सथानीय परािधकारी ारा अनरिकषत ह ] 7[पतालीस मीटर] क अनदर का हो खनन सिकरयाए परारमभ करन या उस तक िवसतािरत करन क पवर खान क सवामी अिभकतार या परबनधक ारा दी जानी ह

(म) िकसी खान क बार म उस दशा म जबिक खिनत म काम बनद कर िदया गया हो सरकार या िकसी सथानीय परािधकारी या भारतीय रल अिधिनयम 1890 (1890 का 9) म यथापिरभािषत िकसी रल कमपनी म िनिहत समपि की कषित स सरकषा

8[(मम) खान क सवामी अिभकतार या परबनधक स यह अपकषा करना िक खान क बनद िकए जान क पवर सरकषा-सकमर सि िमत कर और अननपालन की दशा म ऐस सकमर िकसी अनय अिभकरण ारा िनषपािदत कराना और ऐस सवामी स उनक य की वसली उसी रीित स करना िजसस भ-राजसव की बकाया की होती ह ]

(य) िकसी खान या खान क भाग या िकसी खदान आनित कपक गतर या िनकास म चाह उसका कायरकरण हो रहा हो या नह या िकसी खतरनाक या परितिष कषतर अवतलन कषरण टराम लाइन या पथया पर जहा जनता क सरकषण क िलए बाड़ लगाना आवशयक हो बाड़ लगाई जान की अपकषा करना

(यय) कोई अनय बात जो िविहत की जानी ह या िविहत की जाए

58 िनयम बनान की कनदरीय सरकार की शिक तmdashकनदरीय सरकार िनिम निलिखत सब परयोजन या उनम स िकसी क िलए ऐस िनयम जो इस अिधिनयम स सगत ह शासकीय राजपतर म अिधसचना ारा बना सकगी अथारत --

9[(क) सिमित क सदसय की पदाविध और उनकी सवा की अनय शत का तथा िरिक तया भरन की रीित का उपबनध कराना और अपना कारबार चलान क िलए सिमित ारा अनसिरत की जान वाली परिकरया िविनयिमत करना

(ख) धारा 23 की उपधारा (3) म िनिदष ट रिजसटर का पररप िविहत करना

1 1959 क अिधिनयम स० 62 की धारा 31 ारा (16-1-1960 स) अनतःसथािपत 2 1959 क अिधिनयम स० 62 की धारा 31 ारा (16-1-1960 स) ldquoसचनाए िविहत करन क िलएrdquo क सथान पर परितसथािपत 3 1959 क अिधिनयम स० 62 की धारा 31 ारा (16-1-1960 स) खड (प) क सथान पर परितसथािपत 4 1983 क अिधिनयम स० 42 की धारा 30 ारा (31-5-1984 स) कितपय शबद क सथान पर परितसथािपत 5 1983 क अिधिनयम स० 42 की धारा 30 ारा (31-5-1984 स) अनतःसथािपत 6 1959 क अिधिनयम स० 62 की धारा 31 ारा (16-1-1960 स) कितपय शबद क सथान पर परितसथािपत 7 1983 क अिधिनयम स० 42 की धारा 30 ारा (31-5-1984 स) ldquoपचास गजrdquo क सथान पर परितसथािपत 8 1959 क अिधिनयम स० 62 की धारा 31 ारा (16-1-1960 स) अनतःसथािपत 9 1983 क अिधिनयम स० 42 की धारा 31 ारा (31-5-1984 स) खड (क) क सथान पर परितसथािपत

23

(ग) धारा 24 क अधीन जाच नयायालय की िनयिक त क िलए उपबनध करना ऐस नयायालय की परिकरया और शिक तया िविनयिमत करना ऐस नयायालय क सदसय को यातरा-भ का सदाय करना और सयक त खान क परबनधक सवामी या अिभकतार स उक त नयायलय क य की 1[िजनक अनतगरत जाच स ससक त कोई अनय य आत ह] 2[उसी रीित स जस भ-राजसव की बकाया वसल की जाती ह] वसली करना

2[(गग) खान म िनयोिजत िक तय की ओर स तकनीकी िवशषजञ ारा (जो परािसथित म ओवरमन स कम नह ह) खान क िनरीकषण क िलए उसक िलए दी जान वाली सिवधा क िलए वह आवित िजस पर और वह रीित िजसम ऐस िनरीकषण िकए जाएग और वह रीित िजसम ऐस िनरीकषण की िरपोटर दी जाएगी उपबनध करना ]

(घ) िजन खान म कोई ि या िनयोिजत ह या पवरवत बारह मास म िकसी िदन िनयोिजत रह ह उनम ऐसी िस तरय क छह वषर स कम आय वाल बालक क उपयोग क िलए आरिकषत िकए जान वाल समिचत कमर बनाए रखन की अपकषा करना और या तो साधारणतः या खान म िनयोिजत िस तरय की सखया क परित िविशष ट िनदश स ऐस कमर की सखया और सतरमान और उन सख-सिवधा की जो उनम उपबिनधत की जानी ह और उस पयरवकषण की जो उनम िकया जाना ह परकित और िवसतार िविहत करना

(ङ) खान म िनयोिजत परष क उपयोग क िलए फहारयक त स नान सथान और लॉकर ककष और िजन खान म ि या िनयोिजत ह उनम िस तरय क उपयोग क िलए वस ही पथक सथान और ककष गतरमख पर या उनक आसपास बनाए रख जान की अपकषा करना और या तो साधारणतः या खान म मामली तौर पर िनयोिजत परष और िस तरय की सखया क परित िविशष ट िनदश स ऐस सथान और ककष की सखयाए और सतरमान िविहत करना

(च) खान म सवचछता का जो सतरमान बनाए रखना ह उस खान म उपबिनधत िकए जान वाल शौचालय और मतरालय का आनपाितक मान िविहत करना और 3 पय जल क परदाय क िलए िकया जान वाला उपबनध

1[(चच) िचिकतसीय सािधतर और सख-सिवधा क परदाय और बनाए रख जान क िलए उपबनध करना और पराथिमक उपचार बकस और कपबोड की अनतवरसतए और सखयाए पराथिमक उपचार क काम म परिशकषण पराथिमक उपचार कमर क आकार और उपसकर और उनक भारसाधक कमरचािरवनद और कषितगरसत िक तय को िचिकतसालय या औषधालय को परवहण करन क िलए इतजाम िविहत करना

(चचच) उन व यिक तय को जो खान म पयरवकषण या परबन ध क पद स िभन न पद पर िनयोिजत ह या िनयोिजत िकए जान ह व यावहािरक िशकषण िदए जान या परिशिकषत िकए जान की अपकषा करना और ऐस िशकषण और परिशकषण क िलए स कीम िविहत करना]

(छ) खान म मादक पय या औषिधय को कबज म रखन को या उनक उपभोग को और म ता की हालत म िकसी िक त क उनम परवश या उपिसथित को परितिष करना

(ज) धारा 36 क अधीन अपिकषत सचना क पररप िविहत करना और यह अपकषा करना िक ऐसी सचनाए िविनिदष ट भाषा म भी लगाई जाए

(झ) उन िक तय को पिरभािषत करना िजनकी बाबत धारा 37 क परयोजन क िलए यह समझा जाएगा िक व पयरवकषण या परबनध क पद धारण िकए हए ह या िकसी गोपनीयता की हिसयत म िनयोिजत ह

(ञ) उन िक तय या िक तय क िकसी वगर का खान म िनयोजन परितिष करना िजनकी बाबत िकसी अिहत िचिकतसा- वसायी ारा यह परमािणत न िकया गया हो िक उनह न अपना पदरहवा वषर परा कर िलया ह और वह रीित और व पिरिसथितया िजनम ऐस परमाणपतर अनद और परितसहत िकए जा सकग िविहत करना

4

1[(टट) खान म िनयोिजत या िनयोजन चाहन वाल िक तय स यह अपकषा करना िक व अपन को िचिकतसीय परीकषा क िलए परसतत कर और खान म िकसी िक त का िनयोजन िकए जान का आतयितक परितषध या िकसी िविशष ट हिसयत म या िविशष ट काम म िकए जान का परितषध िचिकतसीय आधार पर करना ]

5[(ठ) धारा 48 ारा अपिकषत रिजसटर क पररप और अधयाय 7 क परयोजन क िलए रिजसटर रखा जाना और उनक पररप िविहत करना ]

(ड) इस अिधिनयम को और िविनयम और िनयम की सिकषिप तया और वह भाषा िजसम सिकषिप तया और उपिविधया धारा 61 और 62 म अपिकषत रप स लगाई जाएगी िविहत करना

1 1959 क अिधिनयम स० 62 की धारा 32 ारा (16-1-1960 स) अनतःसथािपत 2 1983 क अिधिनयम स० 42 की धारा 31 ारा (31-5-1984 स) अनतःसथािपत 3 1959 क अिधिनयम स० 62 की धारा 32 ारा (16-1-1960 स) कितपय शबद का लोप िकया गया 4 1983 क अिधिनयम स० 42 की धारा 31 ारा (31-5-1984 स) (ट) का लोप िकया गया 5 1959 क अिधिनयम स० 62 की धारा 32 ारा (16-1-1960 स) खड (ठ) क सथान पर परितसथािपत

24

(ढ) यह अपकषा करना िक िजन बात क िलए िनयम बनाए गए ह उनस सब सचनाए िववरिणया और िरपोट खान क सवामी अिभकतार और परबनधक द और ऐसी सचना िववरिणय और िरपोट क पररप व िक त और परािधकारी िजनह व दी जानी ह व िविशि या जो उनम अनतिवष ट होनी ह और व समय िजनक अनदर व िनविदत की जानी ह िविहत करना

(ण) िजन खान म 1 पचास स अिधक िक त मामली तौर पर िनयोिजत रहत ह उनम भोजन करन क िलए यथायोगय और उपयक त ऐस आशरय क िजनम पीन क पानी का उपबनध भी हो उपबिनधत िकए जान और बनाए रख जान की अपकषा करना

(त) मखय िनरीकषक या िनरीकषक ारा इस िनिम िविनिदष ट िकसी ऐसी खान म िजसम दो सौ पचास स अिधक िक त मामली तौर पर िनयोिजत रहत ह ऐस िक तय क उपयोग क िलए कोई कटीन या कटीन उपबिनधत की जान और

बनाए रखी जान की अपकषा करना

(थ) हर ऐसी खान म िजसम पाच सौ या अिधक िक त मामली तौर पर िनयोिजत रहत ह इतनी सखया म कलयाण आिफसर िनयोिजत िकए जान की अपकषा करना िजतनी िविनिदष ट की जाए और ऐस कलयाण आिफसर की अहरताए और सवा क िनबनधन और शत और उनक ारा पालनीय कतर िविहत करना

2[(द) िविनिदष ट खान या िविनिदष ट खान क समह क िलए या िकसी िविनिदष ट कषतर की सब खान क िलए बचाव सटशन की सथापना की जान की अपकषा करना और यह िविहत करना िक ऐस सटशन कस और िकसक ारा सथािपत िकए जाएग

(ध) बचाव सटशन क परबनध क िलए उपबनध करना

(धक) बचाव िबरगड का गठन करन वाल िक तय की शारीिरक योगयता क मानक और अनय अहरता क िलए उपबनध करना

(धख) बचाव िबरगड का गठन करन वाल िक तय का िनवास-सथान िविहत करना ]

(न) 3 बचाव सटशन की िसथित उपसकर िनयतरण अनरकषण और कतय िविहत करना 4[(प) खड (द) क अधीन िविनिदष ट खान म उतपािदत और वहा स परिषत कोक और कोयल पर (पच चीस पस परित

टन स अनिधक दर स) उतपाद-शलक क उद गहण और सगरहण क िलए ऐसी खान क िलए बचाव सटशन िनिध का सजन करन क िलए भारत की सिचत िनिध म जमा िकए गए ऐस उपकर क आगम म स उन धनरािशय क जो कनदरीय सरकार ससद

ारा िविध ारा इस िनिम समयक िविनयोग िकए जान क पश चात उपबिनधत कर ऐसी िनिध म जमा िकए जान क िलए उस रीित क िलए िजसम ऐसी िनिध म स धन का उपयोग िकया जाएगा और ऐसी िनिध क परशासन क िलए उपबनध करना

(फ) बचाव िबरगड़ क बनाव परिशकषण सरचना और कतर क िलए 5 और साधारणतः खान म बचाव कायर क सचालन क िलए उपबनध करना 6

7[(फफ) िविनिदष ट खान या िविनिदष ट खान क समह क िलए सरकषा सिमितय क गठन क िलए या सरकषा की अिभवि करन क िलए िकसी िविनिदष ट कषतर म सभी खान क िलए और ऐसी सरकषा सिमितय की सरचना उनक गठन और कतय की रीित अिधकिथत करन क िलए उपबनध करना तथा]

(ब) साधारणतः िकसी ऐस मामल क िलए उपबनध करना िजनक िलए इस अिधिनयम या िविनयम ारा उपबनध न िकया गया हो और िजसक िलए उपबनध इस अिधिनयम को परभावी करन क िलए अपिकषत हो

59 िविनयम और िनयम का पवर परकाशनmdash(1) धारा 57 और 58 ारा परद िविनयम और िनयम बनान की शिक त इस शतर क अधयधीन ह िक य िविनयम और िनयम पवर परकाशन क पश चात बनाए जाएग

(2) जो तारीख साधारण खड अिधिनयम 1897 (1897 का 10) की धारा 23 क खड (3) क अनसार उस तारीख क रप म िविनिदष ट की जानी ह िजसक पश चात िक बनाए जान क िलए परसथािपत िविनयम या िनयम क परारप पर िवचार िकया जाएगा वह उस तारीख स तीन मास स कम की होगी िजसको परसथािपत िविनयम या िनयम का परारप साधारण जानकारी क िलए परकािशत िकया जाए

1 1959 क अिधिनयम स० 62 की धारा 32 ारा (16-1-1960 स) ldquoएक सौ औरrdquo शबद का लोप िकया गया 2 1983 क अिधिनयम स० 42 की धारा 31 ारा (31-5-1984 स) खड (द) और (ध) क सथान पर परसथािपत 3 1983 क अिधिनयम स० 42 की धारा 31 ारा (31-5-1984 स) ldquoकनदरीयrdquo शबद का लोप िकया गया 4 1983 क अिधिनयम स० 42 की धारा 31 ारा (31-5-1984 स) खड (प) क सथान पर परितसथािपत 5 1983 क अिधिनयम स० 42 की धारा 31 ारा (31-5-1984 स) कितपय शबद का लोप िकया गया 6 1983 क अिधिनयम स० 42 की धारा 31 ारा (31-5-1984 स) ldquoऔरrdquo शबद का लोप िकया गया 7 1983 क अिधिनयम स० 42 की धारा 31 ारा (31-5-1984 स) अनतःसथािपत

25

1

2[(4) कोई भी िविनयम या िनयम तब तक नह बनाया जाएगा जब तक िक उस िविनयम या िनयम का परारप धारा 12 की उपधारा (1) क अधीन गिठत सिमित को िनदिशत न कर िदया गया हो और जब तक उस सिमित को उसक बनाए जान की समीचीनता और उसक उपबनध की उपयक तता की बाबत िरपोटर दन का यिक तयक त अवसर न िमल गया हो ]

(5) िविनयम और िनयम शासकीय राजपतर म परकािशत िकए जाएग और ऐस परकािशत िकए जान पर ऐस परभाव रखग मानो व इस अिधिनयम म अिधिनिमत ह

(6) उपधारा (1) उपधारा (2) और उपधारा (4) क उपबनध उस अवसर को लाग न ह ग िजस पर धारा 58 क खड (घ) या खड (ङ) म िनदिशत िनयम सवरपरथम बनाए जाए

3

60 पवर परकाशन क िबना िविनयम बनान की शिक तmdashयिद कनदरीय सरकार का समाधान हो जाए िक आशिकत खतर का िनवारण करन या खतरा पदा करन की सभा ता रखन वाली िसथितय का शीघर उपचार करन क िलए यह आवशयक ह िक ऐस िविनयम बनान म वह िवलमब न होन िदया जाए जो ऐस परकाशन और िनदशन स होगा तो धारा 57 4 क अधीन िविनयम धारा 59 की उपधारा (1) उपधारा (2) और उपधारा 5[(4)] म अनतिवष ट िकसी बात क होत हए भी पवर परकाशन और 6[धारा 12 की उपधारा (1) क अधीन गिठत सिमित] को 7 िनदशन क िबना बनाए जा सकग

परनत इस परकार बनाए गए िविनयम 8[सिमित की जानकारी क िलए भज जाएग और] बनाए जान स 9[एक वषर] स अिधक क िलए परव नह रहग

61 उपिविधयाmdash(1) खान का सवामी अिभकतार या परबनधक 10[उस खान म िकसी िवशष मशीनरी क उपयोग या कायरकरण की िकसी िवशष प ित को अपनाए जान क शािस त करन क िलए] इस अिधिनयम या िकनह ततसमय परव िविनयम या िनयम स असगत न होन वाली ऐसी उपिविधय का परारप जसी िक ऐसा सवामी अिभकतार या परबनधक उस खान म दघरटना का िनवारण करन क िलए और उसम िनयोिजत िक तय क कषम सिवधा और अनशासन हत उपबनध करन क िलए आवशयक समझ तयार कर सकगा और मखय िनरीकषक या िनरीकषक को िनविदत कर सकगा और यिद ऐसा करन की उसस अपकषा मखय िनरीकषक या िनरीकषक ारा की जाए तो तयार करगा और िनविदत करगा

(2) यिद ऐसा कोई सवामी अिभकतार या परबनधकmdash

(क) मखय िनरीकषक या िनरीकषक ारा ऐसा करन की उसस अपकषा की जान क पश चात दो मास क अनदर उपिविधय का परारप िनविदत करन म असफल रह अथवा

(ख) उपिविधय का ऐसा परारप िनविदत कर जो मखय िनरीकषक या िनरीकषक की राय म पयार न हो

तो मखय िनरीकषक या िनरीकषकmdash

(i) ऐसी उपिविधय का परारप परसथािपत कर सकगा जो उस पयार परतीत ह अथवा

(ii) सवामी अिभकतार या परबनधक ारा जो परारप उस िनविदत िकया गया हो उसम ऐस सशोधन परसथािपत कर सकगा िजनस उसकी राय म वह पयार हो जाएगा और ऐसी परारप-उपिविधया या परारप-सशोधन यथािसथित सवामी अिभकतार या परबनधक क पास िवचार क िलए भजगा

(3) यिद उस तारीख स िजसको कोई परारप-उपिविधया या परारप-सशोधन मखय िनरीकषक या िनरीकषक न सवामी अिभकतार या परबनधक क पास उपधारा (2) क उपबनध क अधीन भज ह दो मास की कालाविध क अनदर मखय िनरीकषक या िनरीकषक और सवामी अिभकतार या परबनधक उपधारा (1) क अधीन बनाई जान वाली उपिविधय क िनबनधन क िवषय म परसपर सहमत होन म

1 1959 क अिधिनयम स० 62 की धारा 33 ारा (16-1-1960 स) उपधारा (3) का लोप िकया गया 2 1983 क अिधिनयम स० 42 की धारा 32 ारा (31-5-1984 स) उपधारा (4) क सथान पर परितसथािपत 3 1983 क अिधिनयम स० 42 की धारा 32 ारा (31-5-1984 स) उपधारा (7) का लोप िकया गया 4 1959 क अिधिनयम स० 62 की धारा 34 ारा (16-1-1960 स) ldquoक खड (ठ) को अपविजत करत हए खड (झ) और खड (ट) स (ख) (ध)rdquo शबद को क और अकषर का

लोप िकया गया 5 1959 क अिधिनयम स० 62 की धारा 34 ारा (16-1-1960 स) ldquo(3)rdquo क सथान पर परितसथािपत 6 1983 क अिधिनयम स० 42 की धारा 33 ारा (31-5-1984 स) ldquoखनन बोड rdquo क सथान पर परितसथािपत 7 1959 क अिधिनयम स० 62 की धारा 34 ारा (16-1-1960 स) ldquoपवरrdquo शबद का लोप िकया गया 8 1983 क अिधिनयम स० 42 की धारा 33 ारा (31-5-1984 स) अनतःसथािपत 9 1959 क अिधिनयम स० 62 की धारा 34 ारा (16-1-1960 स) ldquoदो वषरrdquo क सथान पर परितसथािपत 10 1983 क अिधिनयम स० 42 की धारा 34 ारा (31-5-1984 स) कितपय शबद क सथान पर परितसथािपत

26

असमथर रह तो मखय िनरीकषक या िनरीकषक परारप-उपिविधय को पिरिनधाररण क िलए 1[धारा 12 की उपधारा (1) क अधीन गिठत सिमित को] िनदिशत करगा

(4) (क) जबिक ऐसी पररप-उपिविधय पर अिभकतार या परबनधक और मखय िनरीकषक सहमत हो गए ह या जबिक उनक सहमत होन म असमथर होन पर व 2[धारा 12 की उपधारा (1) क अधीन गिठत सिमित को] ारा पिरिनधारिरत कर दी गई ह तब मखय िनरीकषक या िनरीकषक ारा परारप-उपिविधय की एक परित कनदरीय सरकार को अनमोदनाथर भजी जाएगी

(ख) कनदरीय सरकार परारप-उपिविधय म ऐसा उपातरण कर सकगी जसा वह ठीक समझ

(ग) इसस पवर िक कनदरीय सरकार परारप-उपिविधय का अनमोदन चाह उपातर क सिहत या उनक िबना कर उपिविधया बनान की परसथापना की और उस सथान की जहा परारप-उपिविधय की परितया अिभपरा की जा सकगी और उस समय की (जो तीस िदन स कम का न होगा) इसक अनदर िक परभािवत िक तय क ारा या उनकी ओर स परारप-उपिविधय क परित िकया गया कोई आकषप कनदरीय सरकार को भजा जाना चािहए सचना ऐसी रीित स जसी कनदरीय सरकार परभािवत िक तय की जानकारी दन क िलए उपयक ततम समझ परकािशत की जाएगी

(घ) हर आकषप िलिखत होगा और उसमmdash

(i) आकषप क िविशष ट आधार तथा

(ii) चाह गए लोप पिरवधरन या उपानतर

किथत ह ग

(ङ) उन िक तय क ारा या उनकी ओर स िजनकी बाबत कनदरीय सरकार को यह परतीत हो िक व तद ारा परभािवत िक त ह अपिकषत समय क अनदर िकए गए आकषप पर वह सरकार िवचार करगी और उपिविधय पर या तो उस रप म िजसम व परकािशत की गई थ या उनम ऐस सशोधन करक िजनह वह ठीक समझ अनमोिदत कर सकगी

(5) कनदरीय सरकार ारा इस परकार अनमोिदत हो जान पर उपिविधया इस परकार परभावी ह गी मानो व इस अिधिनयम म अिधिनयिमत ह और खान का सवामी अिभकतार या परबनधक उन उपिविधय की एक परित अगरजी म और ऐसी अनय भाषा या भाषा म जसी िविहत की जाए खान म या उसक आसपास िकसी ऐस सहजदशय सथान पर लगवाएगा जहा व उपिविधया िनयोिजत

िक तय ारा सिवधापवरक पढ़ी या दखी जा सक और िजतनी बार व िवरिपत हो जाए िमट जाए या नष ट हो जाए उतनी बार यिक तयक त शीघरता क साथ उनह नए िसर स लगवाएगा

(6) कनदरीय सरकार इस परकार िनिमत िकसी उपिविध को िलिखत आदश ारा पणरतः या भागतः िवखिडत कर सकगी और तदपिर ऐसी उपिविध तदनसार परभावहीन हो जाएगी

3[61क िविनयम िनयम और उपिविधय का ससद क समकष रखा जानाmdashधारा 57 क अधीन बनाया गया परतयक िविनयम धारा 58 क अधीन बनाया गया परतयक िनयम और धारा 61 क अधीन बनाई गई परतयक उपिविध बनाई जान क पश चात यथाशीघर ससद क परतयक सदन क समकष जब वह सतर म हो कल तीस िदन की अविध क िलए रखा जाएगा या रखी जाएगी यह अविध एक सतरा म अथवा दो या अिधक आनकरिमक सतर म परी हो सकगी यिद उस सतर क या पव क त आनकरिमक सतर म अवसान क पवर दोन सदन उस िविनयम िनयम या उपिविध म कोई पिरवतरन करन क िलए सहमत हो जाए तो ततपश चात वह ऐस पिरवितत रप म ही परभावी होगा या होगी यिद उक त अवसान क पवर दोन सदन सहमत हो जाए िक वह िविनयम िनयम या उपिविध नह बनाया या बनायी जानी चािहए तो ततपश चात वह िनषपरभाव हो जाएगा या हो जाएगी िकनत यथािसथित िविनयम िनयम या उपिविधय क ऐस पिरवितत या िनषपरषभाव होन स उसक अधीन पहल की गई िकसी बात की िविधमानयता पर परितकल परभाव नह पड़गा ]

62 अिधिनयम िविनयम आिद की सिकषिप तया लगवानाmdashहर खान म या उसक आसपास अगरजी म और ऐसी अनय भाषा या भाषा म जो िविहत की जाए अिधिनयम की और िविनयम और िनयम की िविहत सिकषिप तया लगाई रखी जाएगी

अधयाय 9

शािसतया और परिकरया 63 बाधा डालनाmdash(1) जो कोई मखय िनरीकषक िनरीकषक या धारा 8 क अधीन परािधकत िकसी िक त क इस अिधिनयम क अधीन क उसक अपन कतर क िनवरहन म बाधा डालगा या मखय िनरीकषक िनरीकषक या ऐस िक त को िकसी खान क समबनध म इस अिधिनयम क ारा या अधीन परािधकत कोई परवश िनरीकषण परीकषा या जाच करन क िलए कोई यिक तयक त सिवधा दन स इनकार करगा या दन म जानबझकर उपकषा करगा वह कारावास स िजसकी अविध तीन मास तक की हो सकगी या जमारन स जो पाच सौ रपए तक का हो सकगा या दोन स दणडनीय होगा

1 1983 क अिधिनयम स० 42 की धारा 34 ारा (31-5-1984 स) कितपय शबद क सथान पर परितसथािपत 2 1983 क अिधिनयम स० 42 की धारा 34 ारा (31-5-1984 स) कितपय शबद क सथान पर परितसथािपत 3 1983 क अिधिनयम स० 42 की धारा 35 ारा (31-5-1984 स) अतःसथािपत

27

(2) जो कोई इस अिधिनयम क अनसरण म रख गए िकनह रिजसटर या अनय दसतावज को मखय िनरीकषक या िनरीकषक की माग पर पश करन स इनकार करगा अथवा िकसी ऐस िनरीकषण आिफसर क समकष जो इस अिधिनयम क अधीन क अपन कतर क अनसरण म कायर कर रहा ह उपसजात होन या उसक ारा परीकषा की जान स िकसी िक त को िनवािरत करगा या िनवािरत करन का परयत न करगा या कोई ऐसा कायर करगा िजसक बार म उसक पास यह िवश वास करन का कारण हो िक उसस उसका इस परकार िनवािरत होना सभा ह वह जमारन स जो तीन सौ रपए तक का हो सकगा दणडनीय होगा

64 अिभलख का िमथयाकरण आिदmdashजो कोईmdash

(क) इस अिधिनयम क अधीन अनद िकसी परमाणपतर का या परमाणपतर की िकसी कायारलय परित का कटकरण करगा या जानत हए उसम िमथया कथन करगा अथवा

(ख) जानत हए ऐस िकसी कटकतय या िमथया परमाणपतर को असली क रप म उपयोग म लाएगा अथवा

(ग) कोई िमथया घोषणा कथन या सा य यह जानत हए िक वह िमथया ह अपन िलए या िकसी अनय िक त क िलए इस अिधिनयम क अधीन परमाणपतर अिभपरा करन या परमाणपतर का नवीकरण करान या खान म िनयोजन अिभपरा करन क परयोजनाथर करगा या बनाएगा या पश करगा या उपयोग म लाएगा अथवा

1[(घ) िकसी ऐस रखाक खडिचतर रिजसटर या अिभलख का िमथयाकरण करगा िजसका रखा जाना इस अिधिनयम क ारा या अधीन अपिकषत हो या ऐसा िमथया रखाक खडिचतर रिजसटर या अिभलख उस िमथया जानत हए िकसी परािधकारी क

समकष पश करगा अथवा]

(ङ) कोई ऐसा रखाक िववरणी सचना अिभलख या िरपोटर बनाएगा दगा या पिरद करगा िजसम ऐसा कथन परिवि या बयौरा अनतिवष ट हो जो उसकी सव म जानकारी या िवश वास क अनसार सही न हो

वह कारावास स िजसकी अविध तीन मास तक की हो सकगी या जमारन स जो 2[एक हजार रपए] तक का हो सकगा या दोन स दणडनीय होगा

65 िमथया योगयता परमाणपतर का उपयोगmdashजो कोई 3[धारा 43] क अधीन अनय िक त को अनद िकसी परमाणपतर का उस धारा क अधीन अपन को योगयता-परमाणपतर क रप म जानत हए उपयोग करगा या उपयोग करन का परयत न करगा या उस धारा क अधीन अपन को योग यता-परमाणपतर अनद िकए जान पर जानत हए अनय िक त को उसका उपयोग करन दगा या उपयोग करन का परय करन दगा वह कारावास स िजसकी अविध एक मास तक की हो सकगी या जमारन स जो 4[दो सौ] रपए तक का हो सकगा या दोन स दणडनीय ोगा

िक तयक त कारण क िजस सािबत करन का भार उस पर होगा करगा जमारन स जो 6[एक हजार] रपए क का हो

ास स िजसकी विध तीन

ोिजत िकया जाता ह तो ऐसी खान का सवामी अिभकतार या परबनधक ऐस जमारन स जो पाच सौ रपए क का हो

ी अविध तीन मास तक की हो सकगी या जमारन स जो 10[दो हजार पाच सौ] रपए तक का हो सकगा या दोन स दणडनीय होगा

66 रखाक आिद दन का लोपmdashकोई िक त जो इस अिधिनयम क ारा या अधीन बनाए जान या िदए जान क िलए अपिकषत कोई रखाक 5[खडिचतर] िववरणी सचना रिजसटर अिभलख या िरपोटर िविहत पररप म या िविहत रीित स या िविहत समय पर या क भीतर बनान या दन का लोप िकए िबना यत सकगा दणडनीय होगा

67 शरिमक क िनयोजन िवषयक उपबनध का उललघनmdashजो कोई उसक िसवाय जसा िक धारा 38 ारा अनजञात ह इस अिधिनयम क या िकसी िविनयम िनयम या उपिविध क या तद धीन िकए गए िकसी आदश क िकसी ऐस उपबनध का उललघन करगा जो खान म या उसक आसपास िक तय क िनयोजन या उनकी उपिसथित को परितिष िनबरिनधत या िविनयिमत करता हो वह कारावअ मास तक की हो सकगी या जमारन स जो 7[एक हजार] रपए तक का हो सकगा या दोन स 8 दडनीय होगा

9[68 अठारह वषर स कम आय क िक तय क िनयोजन क िलए शािसतmdashयिद अठारह वषर स कम आय क िकसी िक त को धारा 40 क उललघन म िकसी खान म िनयत सकगा दणडनीय होगा ]

69 परबनधक िनयक त करन म असफलताmdashधारा 17 क उपबनध क उललघन म जो कोई परबनधक िनयक त करन म असफल रहगा वह कारावास स िजसक11

1 1959 क अिधिनयम स० 62 की धारा 35 ारा (16-1-1960 स) खड (घ) क सथान पर परितसथािपत 2 1959 क अिधिनयम स० 62 की धारा 35 ारा (16-1-1960 स) ldquoपाच सौ रपएrdquo क सथान पर परितसथािपत 3 1983 क अिधिनयम स० 42 की धारा 36 ारा (31-5-1984 स) ldquoधारा 40rdquo क सथान पर परितसथािपत 4 1959 क अिधिनयम स० 62 की धारा 36 ारा (16-1-1960 स) ldquoपचासrdquo क सथान पर परितसथािपत 5 1959 क अिधिनयम स० 62 की धारा 37 ारा (16-1-1960 स) अनतःसथािपत 6 1959 क अिधिनयम स० 62 की धारा 37 ारा (16-1-1960 स) ldquoदो सौrdquo क सथान पर परितसथािप 7 1959 क अिधिनयम स० 62 की धारा 38 ारा (16-1-1960 स) ldquoपाच सौrdquo क सथान पर परितसथािपत 8 1959 क अिधिनयम स० 62 की धारा 38 ारा (16-1-1960 स) कितपय शबद का लोप िकया गया 9 1983 क अिधिनयम स० 42 की धारा 37 ारा (31-5-1984 स) धारा 68 क सथान पर परितसथािपत 10 1959 क अिधिनयम स० 62 की धारा 39 ारा (16-1-1960 स) ldquoपाच सौrdquo क सथान पर परितसथािपत 11 1959 क अिधिनयम स० 62 की धारा 39 ारा (16-1-1960 स) कितपय शबद का लोप िकया गया

28

70 दघरटना की सचनाmdash(1) धारा 23 की उपधारा (1) क उपबनध क उललघन म जो कोई िकसी दघरटना की सचना दन म या उस सचना की परित उस उपधारा म िनिदष ट िवशष सचनाप पर लगान म और िविनिदष ट कालाविध क िलए वहा रखन म असफल रहगा वह कारावास स िजसकी अविध तीन मास तक की हो सकगी या जमारन स जो पाच सौ रपए तक का हो सकगा या दोन स दणनीय होगा

(2) कनदरीय सरकार ारा धारा 23 की उपधारा (3) क अधीन िदए गए िनदश क उललघन म जो कोई िकसी दघरटना को िविहत रिजसटर म अिभिलिखत करन म या उसकी सचना दन म असफल रहगा वह कारावास स िजसकी अविध तीन मास तक की हो सकगी या जमारन स तो पाच सौ रपए तक का हो सकगा या दोन स दणडनीय होगा

71 कितपय मामल म सवामी आिद का मखय िनरीकषक को िरपोटर दनाmdashजहा िक खान क यथािसथित सवामी अिभकतार या परबनधक न खान म या उसक आसपास िनयोिजत िकसी िक त क िवर कायरवाही इस अिधिनयम क अधीन क िकसी अपराध क बार म की हो वहा वह नयायालय क िनणरय या आदश की तारीख स इक कीस िदन क अनदर उसक पिरणाम की िरपोटर मखय िनरीकषक को दगा

72 खान म िनयोिजत िक तय की बाधयताmdashखान म िनयोिजत कोई भी िक तmdash

(क) खान म िनयोिजत िक तय का सवासथय कषम या कलयाण सिनिश चत करन क परयोजनाथर खान म उपबिनधत िकसी सािधतर सिवधा या अनय चीज म जानबझकर हसतकषप या उसका जानबझकर दरपयोग न करगा

(ख) जानबझकर और यिक तयक त कारण क िबना कोई ऐसी बात न करगा िजसस सवय उसक या अनय क सकटाप होन की सभा ता हो

(ग) खान म िनयोिजत िक तय का सवासथय या कषम सिनिश चत करन क परयोजनाथर उसम उपबिनधत िकसी सािधतर या अनय चीज को उपयोग म लान की जानबझकर उपकषा नह करगा

1[72क कछ िविनयम क उललघन क िलए िवशष उपबनधmdashजो कोई धारा 57 क खणड (घ) खणड (झ) खणड (ड) खणड (ढ) खणड (ण) खणड (त) खणड (द) खणड (ध) और खणड (प) म िविनिदष ट बात स सब िकसी िविनयम क या िकसी उपिविध क या तद धीन िकए गए िकसी आदश क िकसी उपबनध का उललघन करगा वह कारावास स िजसकी अविध छह मास तक की हो सकगी या जमारन स जो दो हजार रपए तक का हो सकगा या दोन स दणडनीय होगा

72ख धारा 22 क अधीन आदश क उललघन क िलए िवशष उपबनधmdashजो कोई धारा 22 की उपधारा (1क) उपधारा (2) या उपधारा (3) क अधीन 2[या धारा 22क की उपधारा (2) क अधीन] िनकाल गए आदश क उललघन म खान का कायरकरण चाल रखगा वह कारावास स िजसकी अविध दो वषर तक की हो सकगी दडनीय होगा और जमारन स भी जो पाच हजार रपए तक का हो सकगा दडनीय होगा

2[परनत नयायालय क िनणरय म लखब िकए जान वाल ततपरितकल िवशष और पयारप त कारण क अभाव म ऐसा जमारना खड (क) म िनिदष ट उललघन की दशा म तीन हजार रपए स कम नह होगा ]

72ग िविध क ऐस उललघन क िलए िजसक खतरनाक पिरणाम होत ह िवशष उपबनधmdash(1) जो कोई इस अिधिनयम क या िकसी िविनयम िनयम या उपिविध क या तद धीन िकए गए [धारा 22 की उपधारा (1क) या उपधारा (2) या उपधारा (3) 3[या धारा 22क की उपधारा (2)] क अधीन िकए गए आदश स िभ ] िकसी आदश क िकसी उपबनध का उललघन करगा वहmdash

(क) यिद ऐस उललघन क पिरणामसवरप जीवन की हािन हो तो कारावास स जो दो वषर तक का हो सकगा या जमारन स जो पाच हजार रपए तक का हो सकगा या दोन स दणडनीय होगा या

(ख) यिद ऐस उललघन क पिरणामसवरप गमभीर शारीिरक कषित हो तो कारावास स जो एक वषर तक का हो सकगा या जमारन स जो तीन हजार रपए तक का हो सकगा या दोन स दडनीय होगा अथवा

(ग) यिद ऐस उललघन स खान म िनयोिजत िक तय को या खान म या उसक आसपास क अनय िक तय को कषित या खतरा कािरत हो तो कारवास स जो तीन मास तक का हो सकगा या जमारन स जो एक हजार रपए तक का हो सकगा या दोन स दणडनीय होगा 6[परनत नयायालय क िनणरय म लखब िकए जान वाल ततपरितकल िवशष और पयारप त कारण क अभाव म ऐसा जमारना

खणड (क) म िनिदष ट उललघन की दशा म तीन हजार रपए स कम नह होगा ]

(2) जहा िक कोई िक त इस धारा क अधीन दोषिस िकए गए जान पर िफर उसक अधीन दोषिस िकया जाए वहा वह उपधारा (1) ारा उपबिनधत दड क दगन दड स दणडनीय होगा

1 1959 क अिधिनयम स० 62 की धारा 40 ारा (16-1-1960 स) धारा 73 तथा धारा 74 क सथान पर परितसथािपत 2 1983 क अिधिनयम स० 42 की धारा 38 ारा (31-5-1984 स) अतःसथािपत 3 1983 क अिधिनयम स० 42 की धारा 39 ारा (31-5-1984 स) अतःसथािपत

29

(3) इस धारा क अधीन पािरत जमारन का दडादश आरोिपत करन वाला अथवा अपील या पनरीकषण म या अनयथा उसकी पिष ट करन वाला नयायालय िनणरय पािरत करत समय आदश द सकगा िक वसल िकया गया सपणर जमारना या उसका कोई भाग कषितगरसत िक त को या उसकी मतय की दशा म उसक िविधक परितिनिध को परितकर क रप म िदया जाए

परनत यिद जमारना ऐस मामल म आरोिपत िकया जाए जो अपीलनीय हो तो अपील उपिसथत िकए जान क िलए अनजञात कालाविध क बीत जान क पहल या यिद अपील उपिसथत की गई हो तो अपील क िविनश चय स पहल ऐसा कोई भी सदाय नह िकया जाएगा

73 आदश की अवजञा क िलए साधारण उपबनधmdashजो कोई इस अिधिनयम क या िकसी िविनयम िनयम या उपिविध क या तद धीन िकए गए िकसी आदश क िकसी ऐस उपबनध का उललघन करगा िजसक उललघन क िलए एतिसमनपवर कोई शािसत उपबिनधत नह ह वह कारावास स िजसकी अविध तीन मास तक की हो सकगी या जमारन स जो एक हजार रपए तक का हो सकगा या दोन स दडनीय होगा

74 पवर दोषिसि क पश चात विधत शािसतmdashयिद कोई िक त जो (धारा 72ख और 72ग स िभ ) पवरगामी उपबनध म स िकसी क अधीन दडनीय िकसी अपराध का दोषिस िकया जा चका हो पवर दोषिसि क दो वषर क अनदर िकए गए और उसी उपबनध का उललघन अनतवरिलत करन वाल िकसी अपराध क िलए पनः दोषिस िकया जाए तो वह हर एक पश चात वत दोषिसि क िलए उस दड क दगन दणड स दणडनीय होगा िजसस वह ऐस उपबनध क परथम उललघन क िलए दडनीय होता ]

75 सवामी अिभकतार या परबनधक का अिभयोजनmdashइस अिधिनयम क अधीन क िकसी अपराध क िलए िकसी सवामी अिभकतार या परबनधक क िवर कोई भी अिभयोजन मखय िनरीकषक की या िजला मिजसटरट की या मखय िनरीकषक क िलिखत साधारण या िवशष आदश ारा इस िनिम परािधकत िनरीकषक की पररणा पर सिसथत िकए जान क िसवाय सिसथत नह िकया जाएगा

1[परनत मखय िनरीकषक या िजला मिजसटरट या इस परकार परािधकत िनरीकषक ऐसा अिभयोजन सिसथत करन स पवर अपना यह समाधान करगा िक सवामी अिभकतार या परबनधक ऐस अपराध क िकए जान को रोकन म सभी समयक ततपरता बरतन म असफल रहा था ]

2[परनत यह और िक] िकसी खान म तकनीकी िनदशन और परबनध क अनकरम म िकए गए िकसी अपराध क बार म िजला मिजसटरट िकसी सवामी अिभकतार या परबनधक क िवर कोई अिभयोजन मखय िनरीकषक क पवर अनमोदन स सिसथत करन क िसवाय सिसथत नह करगा

3[76 कितपय मामल म सवामी का अवधारणmdashजहा िक खान का सवामी कोई फमर या िष टय का अनय सगम हो वहा उसक सब भागीदार या सदसय या उनम स कोई अथवा जहा िक खान का सवामी कमपनी हो वहा उसक सब िनदशक या उनम स कोई अथवा जहा िक खान का सवामी सरकार या कोई सथानीय परािधकारी हो वहा यथािसथित ऐसी सरकार या सथानीय परािधकारी ारा खान क कामकाज का परबनध करन क िलए परािधकत सब आिफसर या िक त या उनम स कोई ऐस िकसी अपराध क िलए िजसक िलए खान का सवामी दडनीय हो इस अिधिनयम क अधीन अिभयोिजत और दिडत िकया जा सकगा

4[परनत जहा िकसी फमर सगम या कमपनी न मखय िनरीकषक को िलिखत रप म यह सचना द दी ह िक उसनmdash

(क) फमर की दशा म उसक िकसी भागीदार या परबनधक को

(ख) सगम की दशा म उसक िकसी सदसय या परबनधक को

(ग) कमपनी की दशा म उसक िकसी िनदशक या परबनधक को

जो परतयक मामल म िकसी ऐस सथान म िजस पर इस अिधिनयम का िवसतार ह िनवासी ह और जो परतयक मामल म या तो वासतव म ऐसी फमर सगम या कमपनी क परबनध का भारसाधक ह या उसम अिधकाश शयर धारण करता ह इस अिधिनयम क परयोजन क िलए खान क सवामी क उ रदाियतव को गरहण करन क िलए नामिनदिशत कर िदया ह वहा यथािसथित ऐसा भागीदार सदसय िनदशक या परबनधक जब तक वह ऐसा िनवासी बना रहता ह और पव क त रप म भारसाधक ह या अिधकाश शयर को धारण करता ह इस अिधिनयम क परयोजन क िलए खान का सवामी समझा जाएगा जब तक िक उसक नामिनदशन को र करन वाली या यह कथन करन वाली कोई िलिखत सचना की वह यथािसथित भागीदारी सदसय िनदशक या परबनधक नह रहा ह मखय िनरीकषक को पराप त नह हो जाती ह

सपष टीकरणmdashजहा िकसी फमर सगम या कमपनी क िविभन न सथापन या शाखाए ह अथवा उसक िकसी सथापन या शाखा म िविभन न एकक ह वहा िविभन न सथापन या शाखा या एकक क सबध म इस परनतक क अधीन िविभन न िक तय को नामिनदिशत िकया जा सकगा और इस परकार नामिनदिशत िक त कवल उस सथापन शाखा या एकक क समबनध म िजसक समबनध म उस नामिनदिशत िकया गया ह खान का सवामी समझा जाएगा ]

1 1983 क अिधिनयम स० 42 की धारा 40 ारा (31-5-1984 स) अतःसथािपत 2 1983 क अिधिनयम स० 42 की धारा 40 ारा (31-5-1984 स) ldquoपरनतrdquo क सथान पर परितसथािपत 3 1959 क अिधिनयम स० 62 की धारा 41 ारा (16-1-1960 स) धारा 76 क सथान पर परितसथािपत 4 1983 क अिधिनयम स० 42 की धारा 41 ारा (31-5-1984 स) ldquoपरनतकrdquo क सथान पर परितसथािपत

30

77 सवामी अिभकतार या परबनधक को दाियतव स कितपय दशा म छटmdashजहा िक खान का सवामी अिभकतार या परबनधक जो इस अिधिनयम क अधीन िकसी अपराध का अिभयक त हो यह अिभकथन कर िक वासतिवक अपराधी अनय िक त ह वहा वह अपन

ारा इस िनिम िकए गए पिरवाद पर 1[और वासतिवक अपराधी का जञात पता दन पर] और अिभयोजक को ऐसा करन क अपन आशय की तीन स अनयन पणर िदन की िलिखत सचना दन पर इस बात का हकदार होगा िक वह अनय िक त उस तारीख को जो मामल की सनवाई क िलए िनयत हो नयायालय क समकष लाया जाए और यिद अपराध का िकया जाना सािबत हो जान क पश चात खान का यथािसथित सवामी अिभकतार या परबनधक नयायालय को समाधान परदान करन वाल रप म सािबत कर द िकmdash

(क) इस अिधिनयम क ससगत उपबनध का िनषपादन करान क िलए उसन समयक ततपता बरती ह तथा (ख) उस अनय िक त न परश नगत अपराध को उसक जञान सममित या मौनानकलता क िबना िकया ह

तो उक त अनय िक त उस अपराध क िलए दोषिस िकया जाएगा और उसी परकार क दणड स ऐस दडनीय होगा मानो वह खान का सवामी अिभकतार या परबनधक हो और यथािसथित सवामी अिभकतार या परबनधक दोषमक त कर िदया जाएगा परनतmdash

(क) यथािसथित खान क सवामी अिभकतार या परबनधक की शपथ पर परीकषा की जा सकगी और उसक और िकसी अनय साकषी क िजस वह अपन समथरन म बलाए सा य की उस िक त क ारा या की ओर स िजसकी बाबत वह अिभकिथत करता हो िक वह वासतिवक अपराधी ह और अिभयोजक ारा परितपरीकषा की जा सकगी

(ख) यिद वह िक त िजसका वासतिवक अपराधी होना अिभकिथत हो उस तारीख को जो मामल की सनवाई क िलए िनयत हो नयायालय क समकष समयक ततपरता बरती जान पर भी न लाया जा सक तो नयायालय उसकी सनवाई समय-समय पर सथिगत कर दगा िकनत इस परकार िक ऐस सथगन की कल कालाविध तीन मास स अिधक न हो और यिद उक त कालाविध क अनत तक भी वह िक त िजसका वासतिवक अपराधी होना अिभकिथत हो नयायालय क समकष न लाया जा सक तो नयायालय यथािसथित सवामी अिभकतार या परबनधक क िवर मामल की सनवाई क िलए अगरसर होगा

78 नयायालय की आदश करन की शिक तmdash(1) जहा िक खान का सवमी अिभकतार या परबनधक इस अिधिनयम क अधीन दडनीय अपराध क िलए दोषिस िकया जाए वहा नयायालय उस कोई दड अिधिनण त करन क अितिरक त िलिखत आदश ारा उसस आदश म िविनिदष ट कालाविध क अनदर (िजस नयायालय इस िनिम िकए गए आवदन पर समय-समय पर िवसतािरत कर सकगा) ऐस उपाय करन की अपकषा कर सकगा जो उन बात का उपचार करन क िलए िजनक बार म अपराध िकया गया था ऐस िविनिदष ट िकए जाए (2) जहा िक उपधारा (1) क अधीन आदश िदया जाए वहा यथािसथित खान का सवामी अिभकतार या परबनधक उस कालाविध या िवसतािरत कालाविध क यिद कोई हो दौरान अपराध क चाल रहन क िवषय म इस अिधिनयम क अधीन दडनीय नह होगा िकनत यिद नयायालय क आदश का पणर अनपालन ऐसी कालाविध या िवसतािरत कालाविध क अवसान पर न हो गया हो तो यथािसथित सवामी अिभकतार या परबनधक क बार म यह समझा जाएगा िक उसन अितिरक त अपराध िकया ह और वह कारावास स िजसकी अविध छह मास तक की हो सकगी या जमारन स जो ऐस अवसान क पश चात हर एक ऐस िदन क िलए िजसम िक आदश का अनपालन न हआ हो एक सौ रपए तक का हो सकगा या दोन स दणडनीय होगा 79 अिभयोजन की पिरसीमाmdashकोई भी नयायालय इस अिधिनयम क अधीन िकसी अपराध का सजञान तब तक नह करगा जब तक िक उसका पिरवादmdash

(i) उस तारीख स िजसकी बाबत यह अिभकिथत हो िक अपराध उस तारीख को िकया गया छह मास क अनदर अथवा

(ii) उस तारीख स िजसको िक अिभकिथत अपराध का िकया जाना िनरीकषक क जञान म आया छह मास क अनदर अथवा

2[(iiक) िकसी ऐस मामल म िजसम अिभयक त लोक सवक ह या था और ततसमय परव िकसी िविध क अधीन अपराध का सजञान करन क िलए कनदरीय सरकार या राजय सरकार या िकसी अनय परािधकारी की पवर मजरी आवशयक ह उस तारीख क िजसको ऐसी मजरी मखय िनरीकषक को पराप त होती ह तीन मास क अनदर अथवा]

(iii) िकसी ऐस मामल म िजसम जाच नयायालय कनदरीय सरकार ारा धारा 24 क अधीन िनयक त िकया गया हो उस धारा की उपधारा (4) म िविनिदष ट िरपोटर क परकाशन की तारीख क पश चात 3[एक वषर] क अनदर

इनम स जो भी बाद म हो न िकया गया हो 4[सपष टीकरणmdashइस धारा क परयोजन क िलएmdash

1 1959 क अिधिनयम स० 62 की धारा 42 ारा (16-1-1960 स) अनतःसथािपत 2 1983 क अिधिनयम स० 42 की धारा 42 ारा (31-5-1984 स) अतःसथािपत 3 1983 क अिधिनयम स० 42 की धारा 42 ारा (31-5-1984 स) ldquoछह मासrdquo क सथान पर परितसथािपत 4 1959 क अिधिनयम स० 62 की धारा 43 ारा (16-1-1960 स) सप ीकरण जोड़ा गया

31

(क) चाल रहन वाल अपराध की दशा म पिरसीमा की सगणना उस समय क हर कषण क परित िनदश स की जाएगी िजसक दौरान अपराध चाल रह

(ख) जहा िक कोई कायर करन क िलए समय इस अिधिनयम क अधीन िवसतािरत िकया गया हो वहा पिरसीमा की सगणना उस िवसतािरत कालाविध क अवसान स की जाएगी ]

80 अपराध का सजञानmdash1[महानगर मिजसटरट या परथम वगर नयाियक मिजसटरट] क नयायालय स अवर कोई नयायालय इस अिधिनयम क अधीन िकसी ऐस अपराध का िजसकी बाबत यह अिभकिथत हो िक वह खान क सवामी अिभकतार या परबनधक ारा िकया गया ह या िकसी ऐस अपराध का जो इस अिधिनयम ारा कारावास स दडनीय बनाया गया ह िवचारण नह करगा

80क [जमारन क बार म िवशष उपबध ]mdashखान (सशोधन) अिधिनयम 1983 (1983 का 42) की धारा 44 ारा (31-5-1984 स) िनरिसत

81 कितपय मामल म अिभयोजन क बजाय खान बोडर या सिमित को िनदशmdash(1) यिद मखय िनरीकषक या िजला मिजसटरट या िकसी िनरीकषक की पररणा पर इस अिधिनयम क अधीन सिसथत िकसी मामल का िवचारण करन वाल नयायालय की यह राय हो िक यह मामला ऐसा ह जो अिभयोजन क बजाय 2 सिमित को िनदिशत िकया जाना चािहए तो वह दािडक कायरवािहय को रोक सकगा और इस दिष ट स िक ऐसा िनदशन िकया जाए उस िवषय की िरपोटर कनदरीय सरकार को भजगा

(2) उपधारा (1) क अधीन िरपोटर पराप त होन पर कनदरीय सरकार मामला 2 सिमित को िनदिशत कर सकगी या िवचारण म अगरसर होन क िलए नयायालय को िनदश द सकगी

अधयाय 10

परकीणर 82 इस परश न का िविनश चय िक कया खान इस अिधिनयम क अधीन हmdashयिद कोई परश न उठ िक कया 3[खान का और उसम

का या उसका पाश वरसथ कोई उतखान या खिनत या पिरसर िजस पर खिनज या कोक पराप त करन दरसी करन या िवकरय क िलए तयार करन की सहायक कोई परिकरया चलाई जा रही ह] इस अिधिनयम क अथर क अनदर खान ह तो कनदरीय सरकार उस परश न का िविनश चय कर सकगी और कनदरीय सरकार क सिचव ारा हसताकषिरत परमाणपतर इस परश न पर िनश चायक होगा

83 अिधिनयम क परवतरन स छट दन की शिक तmdash4[(1)] कनदरीय सरकार िकसी सथानीय कषतर या िकसी खान को या खान क िकसी समह या वगर को या खान क िकसी भाग को या िक तय क िकसी वगर को 5[इस अिधिनयम या उसक अधीन बनाए गए िविनयम िनयम या उपिविधय क सब उपबनध क या उनम स िकसी क] परवतरन स छट शासकीय राजपतर म अिधसचना ारा या तो अतयितकतः या िकनह िविनिदष ट शत क अधयधीन द सकगी

परनत िकसी सथनीय कषतर या खान या खान क समह या वगर को 6[धारा 40 और धारा 45] क उपबनध स छट तब तक नह दी जाएगी जब तक उस इस अिधिनयम क अनय सब उपबनध क परवतरन स भी छट न द दी जाए ]

7[(2) कनदरीय सरकार मखय िनरीकषक या िकसी अनय परािधकारी को साधारण या िवशष आदश ारा ऐस िनबरनधन क अधयधीन िजनह अिधरोिपत करना वह ठीक समझ परािधकत कर सकगी िक वह िकसी खान या उसक िकसी भाग को 8[िविनयम िनयम या उपिविधय ] क उपबन ध म स िकसी क परवतरन स िकनह िविनिदष ट शत क अधयधीन तब छट द द जब िक मखय िनरीकषक या ऐस अिधकारी की राय हो िक खान या उसक भाग म पिरिसथितया ऐसी ह िक उनक कारण ऐस उपबनध का अनपालन अनावशयक या अ वहायर हो जाता ह ]

84 आदश को पिरवितत या िवखिणडत करन की शिक तmdash9[(1)] कनदरीय सरकार इस अिधिनयम क अधीन िदया गया कोई आदश उलट सकगी या उपानतिरत कर सकगी

10[(2) मखय िनरीकषक लखब िकए जान वाल कारण स इस अिधिनयम क अधीन या िकसी िविनयम िनयम या उपिविध क अधीन अपन ारा पािरत िकसी आदश को उलट सकगा या उस उपातिरत कर सकगा

(3) खान क सवामी अिभकतार या परबनधक पर परितकल परभाव डालन वाला कोई आदश इस धारा क अधीन तब तक नह िकया जाएगा जब तक िक ऐस सवामी अिभकतार या परबनधक को अभयावदन करन का यिक तयक त अवसर न द िदया गया हो ]

1 1983 क अिधिनयम स० 42 की धारा 43 ारा (31-5-1984 स) ldquoपरसीडसी मिजसटरट या परथम वगर मिजसटरटrdquo क सथान पर परितसथािपत 2 1983 क अिधिनयम स० 42 की धारा 43 ारा (31-5-1984 स) ldquoखनन बोडरrdquo शब द का लोप िकया गया 3 1959 क अिधिनयम स० 62 की धारा 45 ारा (16-1-1960 स) अनतःसथािपत 4 1959 क अिधिनयम स० 62 की धारा 46 ारा (16-1-1960 स) उपधारा (1) क रप म पनःसखयािकत 5 1983 क अिधिनयम स० 42 की धारा 46 ारा (31-5-1984 स) ldquoइस अिधिनयम क सब उपबध क िकसी कrdquo क सथान पर परितसथािपत 6 1983 क अिधिनयम स० 42 की धारा 46 ारा (31-5-1984 स) ldquoधारा 45rdquo क सथान पर परितसथािपत 7 1959 क अिधिनयम स० 62 की धारा 46 ारा (16-1-1960 स) अनतःसथािपत 8 1983 क अिधिनयम स० 42 की धारा 46 ारा (31-5-1984 स) ldquoइस अिधिनयम क अतगरत िविनयम और िनयमrdquo क सथान पर परितसथािपत 9 1983 क अिधिनयम स० 42 की धारा 47 ारा (31-5-1984 स) धारा 84 उपधारा (1) क रप म पनःसखयािकत 10 1983 क अिधिनयम स० 42 की धारा 47 ारा (31-5-1984 स) अतःसथािपत

32

85 सरकार की खान को अिधिनयम का लाग होनाmdashयह अिधिनयम सरकार की खान को 1[भी] लाग होगा 2[85क सचना आिद दन क िलए अपिकषत िक त ऐसा करन क िलए वध रप स आब ह गmdashहर िक त जो िकसी

अिधकारी को कोई सचना या इि ला इस अिधिनयम क अधीन दन क िलए अपिकषत ह भारतीय दड सिहता (1860 का 45) की धारा 176 क अथर क अनदर ऐसा करन क िलए वध रप स आब होगा ]

3[85ख िववरिणय सचना आिद पर हसताकषर करनाmdashइस अिधिनयम या उसक अधीन बनाए गए िकसी िविनयम िनयम उपिविध या िकसी आदश क उपबनध क समबनध म िकसी खान क सवामी ारा या उसकी ओर स दी जान क िलए अपिकषत सभी िववरिणय और सचना पर या भजी जान वाली सचना पर खान क सवामी अिभकतार या परबधक ारा या िकसी ऐस िक त ारा िजस सवामी ारा मखतारनाम ारा इस िनिम शिक त परतयायोिजत की गई ह हसताकषर िकए जाएग

85ग सिवधा और जन सिवधा क िलए फीस या परभार का वसल न िकया जानाmdashखान म िनयोिजत िकसी िक त स सरकषातमक परबनध या दी जान वाली सिवधा या इस अिधिनयम क उपबनध क अधीन परदाय िकए जान वाल िकसी उपसकर या सािधतर की बाबत कोई फीस या परभार वसल नह िकया जाएगा ]

86 1948 क अिधिनयम 63 क कितपय उपबध का खान को लाग होनाmdashकनदरीय सरकार शासकीय राजपतर म अिधसचना ारा िनदश द सकगी िक कारखाना अिधिनयम 1948 (1948 का 63) क अधयाय 3 और 4 क उपबनध ऐस अपवाद और िनबरनधन क

अधयधीन रहत हए जस उस अिधसचना म िविनिदष ट िकए जाए सब खान और उनकी परसीमा को लाग ह ग

87 सद भावपवरक िकए गए कायर क िलए पिरतराणmdashकोई भी वाद अिभयोजन या अनय िविधक कायरवाही इस अिधिनयम क अधीन सद भावपवरक की गई या जान क िलए आशियत िकसी बात क िलए िकसी िक त क िवर न होगी

88 [1923 क अिधिनयम 4 का िनरसन]mdashिनरसन और सशोधन अिधिनयम 1957 (1957 का 36) की धारा 2 और पहली अनसची ारा िनरिसत

______

1 1959 क अिधिनयम स० 62 की धारा 47 ारा (16-1-1960 स) अनतःसथािपत 2 1959 क अिधिनयम स० 62 की धारा 48 ारा (16-1-1960 स) अनतःसथािपत 3 1983 क अिधिनयम स० 42 की धारा 48 ारा (31-5-1984 स) अतःसथािपत

Page 18: खान अधिनियम, 1952ncwapps.nic.in/acts/TheMinesAct1952_Hindi.pdf1 ज ल ई, 1952, द खए भ रत क र जपतर (अ गर 1952, ज ) भ ग 2,

18

(ङ) अनय ऐसी िविशिष टया जो िविहत की जाए

और ससगत परिविष टया सपक त िकयत क हसताकषर या अगठ क िचहन ारा अिधपरमािणत की जाएगी ]

(2) उपधारा (1) ारा िविहत रिजसटर म की परिविष टया ऐसी ह गी िक उनक अनसार काम करन वाल कमरकार इस अधयाय क उपबनध म स िकसी क उललघन म काम न करत ह ग

(3) कोई िक त खान म तब तक िनयोिजत न िकया जाएगा जब तक उसक बार म उपधारा (1) ारा अपिकषत िविशिष टया रिजसटर म अिधिलिखत न कर ली गई ह और कोई भी िक त रिजसटर म अपन बार म दिशत काम की कालाविधय क दौरान िनयोिजत िकए जान क िसवाय िनयोिजत नह िकया जाएगा

1[(4) िजस खान को कनदरीय सरकार न साधारण या िवशष आदश ारा िकसी िवशष कारण स जो अिभिलिखत िकया जाएगा छट दी हो उसस िभन न हर खान क िलए पथक रिजसटर िविहत पररप और सथान म रख जाएग िजनम हर िक त क बार म जो खान मmdash

(क) भिम क नीच

(ख) िवव खिनत म भिम क ऊपर

(ग) अनय दशा म भिम क ऊपर

िनयोिजत हो िनम निलिखत बात दिशत ह गीmdash

(i) कमरचारी का नाम

(ii) उसक िनयोजन का वगर या िकसम

(iii) जहा िक काम टोली-प ित स चलाया जाता हो वहा िजस पारी का वह ह वह पारी और उस पारी क घनट ]

(5) भिम क नीच िनयोिजत िक तय क उपधारा (4) म िनिदष ट रिजसटर म िकसी भी कषण ऐस हर िक त का नाम दिशत होगा जो तब खान म भिम क नीच उपिसथत हो

2[(6) कोई िक त िकसी िवव खिनत या भिम क नीच िकसी खिनत म तब क िसवाय परवश नह कर सकगा जब िक ऐसा करन क िलए वह परबनधक ारा अनजञात िकया गया हो अथवा इस अिधिनयम या िकसी अनय िविध क अधीन परािधकत हो ]

अधयाय 7

मजदरी सिहत छ ी 3[49 अधयाय का लाग होनाmdashइस अधयाय क उपबनध ऐस परवितत नह ह ग िक उनका िकसी ऐस अिधकार पर परितकल

परभाव पड़ िजसका िक खान म िनयोिजत कोई िक त िकसी अनय िविध क अधीन या िकसी अिधिनणरय करार या सवा-सिवदा क िनबनधन क अधीन हकदार हो

4[परनत यिद ऐसा अिधिनणरय करार या सवा-सिवदा इस अधयाय म उपबिनधत स दीघरतर मजदरी सिहत वािषक छ ी का उपबनध करती हो तो छ ी की वह मातरा िजसक िलए िनयोिजत िक त हकदार होगा ऐस अिधिनणरय करार या सवा-सिवदा क अनसार होगी िकनत छ ी ऐस िवषय की बाबत जो ऐस अिधिनणरय करार या सवा-सिवदा म उपबिनधत नह ह धारा 50 स लकर धारा 56 तक क (िजसम य दोन धाराए भी सिममिलत ह) उपबनध क अनसार िविनयिमत होगी ]

50 छ ी की पिरभाषाmdashसाप तािहक िवशराम-िदन अथवा उतसव क िलए या अनय ऐस ही अवसर क िलए अवकाश-िदन इस अधयाय क परयोजन क िलए छ ी क अनतगरत नह आत ह चाह व छ ी की कालाविध क दौरान ह या उसक ठीक पहल या ठीक पीछ ह

51 कलनडर वषर की पिरभाषाmdashइस अधयाय क परयोजन क िलए ldquoकलनडर वषरrdquo स िकसी वषर म जनवरी क परथम िदन स आरमभ होन वाली बारह मास की कालाविध अिभपरत होगी

52 मजदरी सिहत वािषक छ ीmdash(1) खान म िनयोिजत हर िक त को िजसन उसम एक कलनडर वषर की सवा परी कर ली हो पश चातवत कलनडर वषर क दौरान मजदरी सिहत छ ी अनजञात की जाएगी िजसकी गणनाmdash

(क) भिम क नीच िनयोिजत िक त की दशा म उसक ारा िकए गए काम क हर 5[पनदरह िदन] क िलए एक िदन की दर स की जाएगी तथा

1 1959 क अिधिनयम स० 62 की धारा 29 ारा (16-1-1960 स) उपधारा (4) क सथान पर परितसथािपत 2 1959 क अिधिनयम स० 62 की धारा 29 ारा (16-1-1960 स) अनतःसथािपत 3 1959 क अिधिनयम स० 62 की धारा 30 ारा (16-1-1960 स) धारा 49 स 56 तक क सथान पर परितसथािपत 4 1983 क अिधिनयम स० 42 की धारा 28 ारा (31-5-1984 स) परनतक क सथान पर परितसथािपत 5 1983 क अिधिनयम स० 42 की धारा 29 ारा (31-5-1984 स) ldquoसोलह िदनrdquo क सथान पर परितसथािपत

19

(ख) िकसी अनय दशा म उसक ारा िकए गए काम क हर बीस िदन क िलए एक िदन की दर स की जाएगी

(2) उपधारा (1) म िनिदष ट एक कलनडर वषर की सवाmdash

(क) खान म भिम क नीच िनयोिजत िक त की दशा म परी कर ली गई समझी जाएगी यिद कलनडर वषर क दौरान खान म उसकी हािजिरया एक सौ नबब स कम न ह तथा

(ख) िकसी अनय िक त की दशा म परी कर ली गई समझी जाएगी यिद कलनडर वषर क दौरान खान म उसकी हािजिरया दो सौ चालीस स कम न ह

सपष टीकरणmdashइस उपधारा क परयोजन क िलए यह ह िकmdash

(क) करार या सिवदा ारा या सथायी आदश क अधीन यथा अनजञय कामबदी क िदन को

(ख) स तरी कमरचारी की दशा म बारह सप ताह स अनिधक िकतन ही िदन की परसित छटटी को तथा

(ग) उस वषर स िजसम छ ी का उपभोग िकया जाए पवरवत वषर म उपािजत छ ी को

हािजरी की सगणना क परयोजन क िलए ऐस िदन समझा जाएगा िजनम कमरचारी न खान म काम िकया ह िकनत वह इन िदन क िलए छ ी उपािजत नह करगा

(3) िजस िक त की सवा जनवरी क परथम िदन को परारमभ न होकर अनयथा आरमभ होती ह वहmdash

(क) खान म भिम क नीच िनयोिजत िक त की दशा म तब जब िक वह कलनडर वषर क शष भाग क दौरान क कल िदन क आध स अनयन िदन म हािजर रहा हो तथा

(ख) िकसी अनय दशा म तब जब िक वह कलनडर वषर क शष भाग क दौरान क कल िदन क दो-ितहाई स अनयन िदन म हािजर रहा हो

पश चातवत कलनडर वषर म मजदरी सिहत छ ी उस दर स पान का हकदार होगा जो उपधारा (1) म िविनिदष ट ह

(4) िकसी िक त ारा न ली गई वह छ ी िजसका वह उपधारा (1) या उपधारा (2) क अधीन िकसी एक कलनडर वषर म हकदार हो उस छ ी म जोड़ दी जाएगी जो िक उ रवत कलनडर वषर क दौरान उस उपधारा क अधीन उस अनजञय हो

परनत उन छ ी क िदन की कल सखया जो ऐस िकसी िक त ारा सिचत की जा सकगी िकसी भी एक समय कल तीस िदन स अिधक न होगी

परनत यह और भी िक ऐसा वह िक त िजसन मजदरी सिहत छ ी क िलए आवदन िकया हो िकनत उस उपधारा (6) क अनसार ऐसी छ ी न दी गई हो िकसी सीमा क िबना अनपभक त छ ी क अगरनयन का हकदार होगा

(5) ऐसा कोई िक त उपधारा (1) उपधारा (2) और उपधारा (4) क अधीन उस समय अपन को अनजञय सारी छ ी या उसका कोई भाग लन क िलए खान क परबनधक स उस िदन स पदरह िदन स अनयन िदन पहल िलिखत आवदन कर सकगा िजस िदन वह अपनी छ ी आरमभ करना चाहता हो

परनत िकसी एक कलनडर वषर क दौरान तीन बार स अिधक छ ी न ली जा सकगी

(6) उपधारा (5) क उपबनध क अनसार ऐसी छ ी क िलए िकया गया आवदन तब क िसवाय नामजर नह िकया जाएगा जब िक छ ी अनद करन क िलए सशक त परािधकारी की यह राय हो िक पिरिसथित की आवशयकता क कारण छ ी नामजर की जानी चािहए ]

(7) यिद खान म िनयोिजत िक त अपनी मजदरी सिहत छ ी जो उस शष हो बीमारी की कालाविध क िलए लना चाहता हो तो चाह उसन छ ी क िलए आवदन उपधारा (5) म िविनिदष ट समय क अनदर न भी िकया हो तो भी उस वह छ ी अनद की जाएगी

(8) यिद खान का सवामी अिभकतार या परबनधक खान म िनयोिजत िक त क िनयोजन का पयरवसान उस िक त ारा अपनी वह कल छटटी ल ली जान क पवर कर द िजसका वह अपन िनयोजन क पयरवसान क िदन तक हकदार हो या यिद उस िक त न ऐसी छ ी क िलए आवदन िकया हो और ऐसी छ ी अनद न हई हो और वह िक त अपना िनयोजन छ ी लन स पवर छोड़ द तो खान का सवामी अिभकतार या परबनधक न ली गई छ ी क बार म धारा 53 क अधीन सदय रकम उस सद करगा और ऐसा सदाय वहा जहा िक

िक त क िनयोजन का पयरवसान सवामी अिभकतार या परबनधक ारा िकया जाए ऐस पयरवसान क पश चात क दसर कायर-िदवस क अवसान क पवर और जहा िक िक त अपना िनयोजन सवय छोड़ द वहा अगल वतन-िदवस को या उसक पवर िकया जाएगा

(9) खान म िनयोिजत िक त की अनपभक त छ ी उसक िनयोजन क पयरवसान क पवर िदए जान क िलए अपिकषत िकसी सचना की कालाविध की सगणना करन म िवचार म नह ली जाएगी

20

1[(10) जहा खान म िनयोिजत कोई िक त सवा स उनमोिचत या पदचयत िकया जाता ह अथवा वह अपना िनयोजन छोड़ता ह या अिधविषता पराप त करता ह अथवा सवा म रहत हए उसकी मतय हो जाती ह तो यथािसथित वह या उसक वािरस या उसका नाम-िनदिशती उपधारा (1) म िविनिदष ट दर स पिरकिलत उसको दय छ ी क सथान पर मजदरी पान का हकदार होगा यिदmdash

(क) भिम क नीच िकसी खान म िनयोिजत िक त की दशा म वह अपन िनयोजन की तारीख स लकर अपन उनमोचन या पदचयित की तारीख तक या िनयोजन छोड़न या अिधविषता या मतय की तारीख तक िदन की कल सखया क कम स कम आध िदन तक उपिसथित रहा ह और

(ख) िकसी अनय दशा म वह अपन िनयोजन की तारीख स लकर अपन उनमोचन या पदचयित या िनयोजन छोड़न या अिधविषता या मतय की तारीख तक िदन की कल सखया क कम स कम दो-ितहाई िदन तक उपिसथत रहा ह

और ऐसी मजदरी का सदाय खान क सवामी अिभकतार या परबनधक ारा धारा 53 म िविनिदष ट दर स जहा उस िक त को सवा स उनमोिचत या पदचयत कर िदया जाता ह अथवा वह िनयोजन छोड़ दता ह या अिधविषता पराप त कर लता ह वहा यथािसथित ऐस उनमोचन पदचयित िनयोजन छोड़न या अिधविषता क पश चात दसर कायर िदन की समािप त क पवर और जहा िनयोिजत िक त की सवा म रहत हए मतय हो जाती ह वहा उसकी मतय क दो मास की अविध क भीतर िकया जाएगा ]

सपष टीकरणmdash2[उपधारा (1) उपधारा (3) और उपधारा (10)] क परयोजन क िलए आध िदन या इसस अिधक की छ ी क िभन न को एक परा िदन माना जाएगा और आध िदन स कम वाला िभन न छोड़ िदया जाएगा

53 छ ी की कालाविध क दौरान मजदरीmdashउस छ ी क िलए जो खान म िनयोिजत िक त को धारा 52 क अधीन अनजञात हो उस सदाय ऐसी दर स िकया जाएगा जो उसकी छ ी क अ वितह पवरवत मास क उन िदन की बाबत िजनम वह िनयोिजत रहा हो कल पणरकािलक उपाजरन क उस दिनक औसत क बराबर हो जो उन उपाजरन म स िकसी अितकािलक मजदरी और बोनस को अपविजत करक िकनत उनम महगाई भ और नकद परितकर को िजसक अनतगरत खा ा और अनय वसत क िबना मलय िवतरण स परोदभावी ऐसा कोई परितकर (यिद कोई हो) िजसक हकदार खान म काम करन वाल िक त ततसमय ह आता ह सिममिलत करक आए

परनत यिद ऐस कोई औसत उपाजरन उपलबध न ह तो औसत की सगणना उसी मास क िलए वस ही िनयोिजत सब िक तय क कल पणरकािलक उपाजरन क दिनक औसत क आधार पर की जाएगी

54 कितपय दशा म अिगरम सदायmdashखान म िनयोिजत उस िक त को िजस चार स अनयन िदन की छ ी अनजञात की गई हो अनजञात छ ी की कालाविध क िलए शोधय मजदरी उसकी छ ी आरमभ होन स पहल द दी जाएगी

55 असद मजदरी की वसली का ढगmdashखान क सवामी अिभकतार या परबनधक ारा इस अधयाय क अधीन सद िकए जान क िलए अपिकषत िकनत उसक ारा असद कोई रकम मजदरी सदाय अिधिनयम 1936 (1936 का 4) क उपबनध क अधीन िवलिबत मजदरी क रप म वसलीय होगी

56 खान को छट की शिक तmdashजहा िक कनदरीय सरकार का यह समाधान हो जाए िक िकसी खान म िनयोिजत िक तय को लाग होन वाल छ ी क िनयम ऐसी परसिवधा का उपबनध करत ह जो उसकी राय म उन परसिवधा स कम अनकल नह ह िजनक िलए यह अधयाय उपबनध करता ह वहा वह उस खान को इस अधयाय क सब या िकनह उपबनध स छट िलिखत आदश ारा और ऐसी शत क अधयधीन जो उसम िविनिदष ट की जाए द सकगी ]

अधयाय 8

िविनयम िनयम और उपिविधया 57 िविनयम बनान की कनदरीय सरकार की शिक तmdashकनदरीय सरकार िनम निलिखत सब परयोजन या उनम स िकसी क िलए

ऐस िविनयम3 जो इस अिधिनयम स सगत हो शासकीय राजपतर म अिधसचना ारा बना सकगी अथारत mdash

(क) व अहरताए िविहत करना जो मखय िनरीकषक या िनरीकषक क रप म िनयिक त क िलए अपिकषत हो

(ख) इस अिधिनयम क अधीन खान क िनरीकषण क समबनध म मखय िनरीकषक और िनरीकषक क कतर और शिक तय को िविहत और िविनयिमत करना

(ग) खान क सवािमय अिभकतार और परबनधक क और उनक अधीन कायर करन वाल िक तय क कतर िविहत करना और खान क 4[अिभकतार और परबनधक और उनक अधीन कायर करन वाल िक तय की अहरताए (िजसक अनतगरत आय आती ह)] िविहत करना

1 1983 क अिधिनयम स० 42 की धारा 29 ारा (31-5-1984 स) अनतःसथािपत 2 1983 क अिधिनयम स० 42 की धारा 29 ारा (31-5-1984 स) ldquoउपधारा (1) और (3)rdquo क सथान पर परितसथािपत 3 कोयला खान िविनयम 1957 क िलए दिखए भारत का राजपतर (अगरजी) 1957 भाग 2 खणड 3 प 2569 और धातमय खान िविनयम 1961 क िलए दिखए भारत

का राजपतर 1961 भाग 2 अनभाग 3(i) प 360 4 1959 क अिधिनयम स० 62 की धारा 31 ारा (16-1-1960 स) ldquoपरबनधक की अहरताएrdquo शबद क सथान पर परितसथािपत

21

(घ) खान क परबनधक और उनक अधीन कायर करन वाल अनय िक तय को अपन कतर का पालन दकषतापवरक करन क िलए समथर बनान क िलए सिवधाए उपबिनधत की जान की अपकषा करना

(ङ) खान क परबनधक और उनक अधीन कायर करन वाल िक तय की अहरताए परीकषा ारा या अनयथा अिभिनिश चत करन की रीित को और सकषमता परमाणपतर क अनद और नवीकत िकए जान को िविनयिमत करना

(च) ऐसी परीकषा और ऐस परमाणपतर क अनदान तथा नवीकरण क बार म दी जान वाली फीस यिद कोई ह िनयत करना

(छ) उन पिरिसथितय को िजनम और उन शत को िजसक अधयधीन रहत हए एक स अिधक खान का एक ही परबनधक क अधीन रहना या िकसी खान या िकनह खान का िविहत अहरताए न रखन वाल परबनधक क अधीन रहना िविधपणर होगा अवधािरत करना

1[(ज) इस अिधिनयम क अधीन की जान वाली जाच क िलए िजनक अनतगरत इस अिधिनयम क अधीन परमाणपतर धारण करन वाल िकसी िक त क अवचार या अकषमता स सब कोई जाच आती ह उपबनध करना और ऐस िकसी परमाणपतर क िनलमबन और र िकए जान क िलए उपबनध करना और जहा भी आवशयक हो वहा यह उपबनध करना िक जाच करन क िलए िनयक त िकए गए िक त को सािकषय को हािजर करान और दसतावज और भौितक पदाथ को पश करान क परयोजन क िलए िसिवल परिकरया सिहता 1908 (1908 का 5) क अधीन की िसिवल नयायालय की सब शिक तया पराप त ह गी ]

(झ) भारतीय िवसफोटक अिधिनयम 1884 (1884 का 4) और तद धीन बनाए गए िकनह िनयम क उपबनध क अधयधीन रहत हए िवसफोटक का भडारकरण परवहण और उपयोग िविनयिमत करना

2[(ञ) 3 िस तरय का खान म या खान क िकसी वगर म या ऐस िविशष ट परकार क शरम म िजनम ऐस िक तय क जीवन कषम या सवासथय क िलए खतरा रहता ह िनयोजन परितिष िनबरिनधत या िविनयिमत करना और ऐस िक त

ारा एक बार म वहन िकए जा सकन वाल बोझ क भार को पिरसीिमत करना ]

(ट) खान म िनयोिजत िक तय क कषम उनम उनक परवश करन और वहा स उनक िनकलन क साधन क िलए और उन कपक या िनकास की सखया क िलए जो उपबध िकए जान ह और कपक गत िनकास पथया और अवतलन पर बाड़ लगाई जान क िलए उपबनध करना

(ठ) खान क सवामी स सदाय पान वाल और खान क सवामी या परबनधक क परित सीध उ रदायी िक तय स िभन न िकसी िक त का खान म परबनधक क रप म या िकसी अनय िविनिदष ट हिसयत म िनयोजन परितिष करना

4[(ड) सतमभ या खिनज खणड क सथान िनिश चत करन अनरकषण और िनकाल या छाट जान तथा एक खान और दसरी खान क बीच पयारप त रोध क अनरकषण सिहत खान म सड़क और काम क सथल की सरकषा क िलए उपबनध करना

(ढ) खान म खिनज और महबनद अिग न-कषतर का िनरीकषण और सागर क या िकसी सरोवर या नदी या िकसी अनय भप ीय जलरािश क चाह वह पराकितक हो चाह कितरम या िकसी लोक सड़क या िनमारण क समीप खिनत िवषयक िनबनधन और िकनह खिनत म पानी भर जान या आग लग जान या उनक समय-पवर ढह जान क िवर समयक पवारवधानी बरती जान की अपकषा करना ]

(ण) खान क सवातन का और धल अिग न और जवलनशील तथा अपायकर गस क िवषय म की जान वाली काररवाई का िजसक अनतगरत सवतःदहन भिम क नीच की अिग न और कोयल की धल क िवर पवारवधानी आती ह उपबनध करना

5[(त) खान म िव त क जनन भणडारकरण रपानतरण पारषण और उपयोग की भारतीय िव त अिधिनयम 1910 (1910 का 9) और तद धीन बनाए गए िकनह िनयम क उपबनध क अधयधीन रहत हए िविनयिमत करना और खान म क सब िव त उपकरण िव त तार और उनम की सब अनय मशीनरी और सयतर की दखभाल और उपयोग क िविनयमन क िलए उपबनध करना ]

(थ) 6[खान म मशीनरी का उपयोग िविनयिमत करना ऐसी मशीनरी पर या उसक आसपास और कषरण-माग पर िनयोिजत िक तय क कषम क िलए उपबनध करना] और भिम क नीच कछ वग क चिलतर का परयोग िनबरिनधत करना

(द) खान म उिचत परकाश क िलए उपबनध करना और उनम िनरापद और लमप का परयोग िविनयिमत करना और िजस खान म िनरापद लमप परयोग म लाए जात ह उसम परवश करन वाल िक तय की तलाशी लना

1 1959 क अिधिनयम स० 62 की धारा 31 ारा (16-1-1960 स) खड (ज) क सथान पर परितसथािपत 2 1959 क अिधिनयम स० 62 की धारा 31 ारा (16-1-1960 स) खड (ञ) क सथान पर परितसथािपत 3 1983 क अिधिनयम स० 42 की धारा 30 ारा (31-5-1984 स) ldquoकमार औरrdquo शबद का लोप िकया गया 4 1959 क अिधिनयम स० 62 की धारा 31 ारा (16-1-1960 स) खड (ड) और (ढ) क सथान पर परितसथािपत 5 1959 क अिधिनयम स० 62 की धारा 31 ारा (16-1-1960 स) खड (त) क सथान पर परितसथािपत 6 1983 क अिधिनयम स० 42 की धारा 30 ारा (31-5-1984 स) कितपय शबद क सथान पर परितसथािपत

22

(ध) खान म 1[जवलनशील गस या धल क] िवसफोटक या जवलन या पानी क फट िनकलन या सिचत होन क िवर और उनस उदभत खतर क िवर उपबनध करना और ऐसी पिरिसथितय म खिनज क िनकाल जान का परितषध िनबरनधन या िविनयमन करना िजनस यह समभा ता हो िक उसक पिरणामसवरप खान म 1[खिनत] समय-पवर ढह जाए या यह िक उसक पिरणामसवरप खान म 1[खिनत ] का ढह जाना या जल का फट िनकलना या जवलन घिटत होगा या गरतर हो जाएगा

(न) 2[धारा 23 की उपधारा (1) क खड (छ) क अधीन दघरटना क परकार िविहत करना और दघरटना और खतरनाक घटना की सचना का और खिनज उतपाद िनयोिजत िक तय तथा िविनयम ारा उपबिनधत अनय बात की सचना िरपोट और िववरिणय का खान क सवािमय अिभकतार और परबनधक ारा िदया जाना िविहत करना] और ऐसी सचना िववरिणय और िरपोट क पररप व िक त और परािधकारी िजनह व दी जानी ह व िविशि या जो उनम अनतिवष ट होनी ह और वह समय िजसक अनदर व िनविदन की जानी ह िविहत करना

3[(प) 4[खान क सवािमय अिभकतार और परबनधक स खान क िलए िनयत सीमाए रखन की अपकषा करना उनस ससक त रखाक और खडिचतर तथा सथलीय िटपपण जो उनक ारा रख जान ह िविहत करना] और वह रीित िजसस और व सथान िजनम ऐस रखाक खणडिचतर और सथलीय िटपपण अिभलख क परयोजन क िलए रख जान ह िविहत करना और उनकी परितय का मखय िनरीकषक को िनविदत िकया जाना और उनस यह अपकषा करना िक व नए सवकषण कर और नए रखाक बनाए और अननपालन की दशा म िकसी अनय अिभकरण क माधयम स सवकषण कराना और रखाक तयार कराना और उनक य की वसली उसी रीित स करना िजसस भ-राजसव की बकाया होती ह ]

(फ) 5[िसथित स परभावी ढग स िनपटन क परयोजन क िलए] खान म या उनक आसपास दघरटना या आकिसमक िवसफोट या जवलन क घिटत होन पर अपनाई जान वाली परिकरया िविनयिमत करना

(ब) खान क सवामी अिभकतार या परबनधक ारा धारा 16 क अधीन दी जान वाली सचना का पररप और उसम अनतिवष ट होन वाली िविशि या िविहत करना

(भ) वह सचना िविहत करना जो िकसी ऐस सथान पर जो भारतीय रल अिधिनयम 1890 (1890 का 9) क उपबनध क अधयधीन की िकसी रल क या 6[यथािसथित िकनह ऐसी लोक सड़क या अनय सकम क जो सरकार ारा या िकसी सथानीय परािधकारी ारा अनरिकषत ह ] 7[पतालीस मीटर] क अनदर का हो खनन सिकरयाए परारमभ करन या उस तक िवसतािरत करन क पवर खान क सवामी अिभकतार या परबनधक ारा दी जानी ह

(म) िकसी खान क बार म उस दशा म जबिक खिनत म काम बनद कर िदया गया हो सरकार या िकसी सथानीय परािधकारी या भारतीय रल अिधिनयम 1890 (1890 का 9) म यथापिरभािषत िकसी रल कमपनी म िनिहत समपि की कषित स सरकषा

8[(मम) खान क सवामी अिभकतार या परबनधक स यह अपकषा करना िक खान क बनद िकए जान क पवर सरकषा-सकमर सि िमत कर और अननपालन की दशा म ऐस सकमर िकसी अनय अिभकरण ारा िनषपािदत कराना और ऐस सवामी स उनक य की वसली उसी रीित स करना िजसस भ-राजसव की बकाया की होती ह ]

(य) िकसी खान या खान क भाग या िकसी खदान आनित कपक गतर या िनकास म चाह उसका कायरकरण हो रहा हो या नह या िकसी खतरनाक या परितिष कषतर अवतलन कषरण टराम लाइन या पथया पर जहा जनता क सरकषण क िलए बाड़ लगाना आवशयक हो बाड़ लगाई जान की अपकषा करना

(यय) कोई अनय बात जो िविहत की जानी ह या िविहत की जाए

58 िनयम बनान की कनदरीय सरकार की शिक तmdashकनदरीय सरकार िनिम निलिखत सब परयोजन या उनम स िकसी क िलए ऐस िनयम जो इस अिधिनयम स सगत ह शासकीय राजपतर म अिधसचना ारा बना सकगी अथारत --

9[(क) सिमित क सदसय की पदाविध और उनकी सवा की अनय शत का तथा िरिक तया भरन की रीित का उपबनध कराना और अपना कारबार चलान क िलए सिमित ारा अनसिरत की जान वाली परिकरया िविनयिमत करना

(ख) धारा 23 की उपधारा (3) म िनिदष ट रिजसटर का पररप िविहत करना

1 1959 क अिधिनयम स० 62 की धारा 31 ारा (16-1-1960 स) अनतःसथािपत 2 1959 क अिधिनयम स० 62 की धारा 31 ारा (16-1-1960 स) ldquoसचनाए िविहत करन क िलएrdquo क सथान पर परितसथािपत 3 1959 क अिधिनयम स० 62 की धारा 31 ारा (16-1-1960 स) खड (प) क सथान पर परितसथािपत 4 1983 क अिधिनयम स० 42 की धारा 30 ारा (31-5-1984 स) कितपय शबद क सथान पर परितसथािपत 5 1983 क अिधिनयम स० 42 की धारा 30 ारा (31-5-1984 स) अनतःसथािपत 6 1959 क अिधिनयम स० 62 की धारा 31 ारा (16-1-1960 स) कितपय शबद क सथान पर परितसथािपत 7 1983 क अिधिनयम स० 42 की धारा 30 ारा (31-5-1984 स) ldquoपचास गजrdquo क सथान पर परितसथािपत 8 1959 क अिधिनयम स० 62 की धारा 31 ारा (16-1-1960 स) अनतःसथािपत 9 1983 क अिधिनयम स० 42 की धारा 31 ारा (31-5-1984 स) खड (क) क सथान पर परितसथािपत

23

(ग) धारा 24 क अधीन जाच नयायालय की िनयिक त क िलए उपबनध करना ऐस नयायालय की परिकरया और शिक तया िविनयिमत करना ऐस नयायालय क सदसय को यातरा-भ का सदाय करना और सयक त खान क परबनधक सवामी या अिभकतार स उक त नयायलय क य की 1[िजनक अनतगरत जाच स ससक त कोई अनय य आत ह] 2[उसी रीित स जस भ-राजसव की बकाया वसल की जाती ह] वसली करना

2[(गग) खान म िनयोिजत िक तय की ओर स तकनीकी िवशषजञ ारा (जो परािसथित म ओवरमन स कम नह ह) खान क िनरीकषण क िलए उसक िलए दी जान वाली सिवधा क िलए वह आवित िजस पर और वह रीित िजसम ऐस िनरीकषण िकए जाएग और वह रीित िजसम ऐस िनरीकषण की िरपोटर दी जाएगी उपबनध करना ]

(घ) िजन खान म कोई ि या िनयोिजत ह या पवरवत बारह मास म िकसी िदन िनयोिजत रह ह उनम ऐसी िस तरय क छह वषर स कम आय वाल बालक क उपयोग क िलए आरिकषत िकए जान वाल समिचत कमर बनाए रखन की अपकषा करना और या तो साधारणतः या खान म िनयोिजत िस तरय की सखया क परित िविशष ट िनदश स ऐस कमर की सखया और सतरमान और उन सख-सिवधा की जो उनम उपबिनधत की जानी ह और उस पयरवकषण की जो उनम िकया जाना ह परकित और िवसतार िविहत करना

(ङ) खान म िनयोिजत परष क उपयोग क िलए फहारयक त स नान सथान और लॉकर ककष और िजन खान म ि या िनयोिजत ह उनम िस तरय क उपयोग क िलए वस ही पथक सथान और ककष गतरमख पर या उनक आसपास बनाए रख जान की अपकषा करना और या तो साधारणतः या खान म मामली तौर पर िनयोिजत परष और िस तरय की सखया क परित िविशष ट िनदश स ऐस सथान और ककष की सखयाए और सतरमान िविहत करना

(च) खान म सवचछता का जो सतरमान बनाए रखना ह उस खान म उपबिनधत िकए जान वाल शौचालय और मतरालय का आनपाितक मान िविहत करना और 3 पय जल क परदाय क िलए िकया जान वाला उपबनध

1[(चच) िचिकतसीय सािधतर और सख-सिवधा क परदाय और बनाए रख जान क िलए उपबनध करना और पराथिमक उपचार बकस और कपबोड की अनतवरसतए और सखयाए पराथिमक उपचार क काम म परिशकषण पराथिमक उपचार कमर क आकार और उपसकर और उनक भारसाधक कमरचािरवनद और कषितगरसत िक तय को िचिकतसालय या औषधालय को परवहण करन क िलए इतजाम िविहत करना

(चचच) उन व यिक तय को जो खान म पयरवकषण या परबन ध क पद स िभन न पद पर िनयोिजत ह या िनयोिजत िकए जान ह व यावहािरक िशकषण िदए जान या परिशिकषत िकए जान की अपकषा करना और ऐस िशकषण और परिशकषण क िलए स कीम िविहत करना]

(छ) खान म मादक पय या औषिधय को कबज म रखन को या उनक उपभोग को और म ता की हालत म िकसी िक त क उनम परवश या उपिसथित को परितिष करना

(ज) धारा 36 क अधीन अपिकषत सचना क पररप िविहत करना और यह अपकषा करना िक ऐसी सचनाए िविनिदष ट भाषा म भी लगाई जाए

(झ) उन िक तय को पिरभािषत करना िजनकी बाबत धारा 37 क परयोजन क िलए यह समझा जाएगा िक व पयरवकषण या परबनध क पद धारण िकए हए ह या िकसी गोपनीयता की हिसयत म िनयोिजत ह

(ञ) उन िक तय या िक तय क िकसी वगर का खान म िनयोजन परितिष करना िजनकी बाबत िकसी अिहत िचिकतसा- वसायी ारा यह परमािणत न िकया गया हो िक उनह न अपना पदरहवा वषर परा कर िलया ह और वह रीित और व पिरिसथितया िजनम ऐस परमाणपतर अनद और परितसहत िकए जा सकग िविहत करना

4

1[(टट) खान म िनयोिजत या िनयोजन चाहन वाल िक तय स यह अपकषा करना िक व अपन को िचिकतसीय परीकषा क िलए परसतत कर और खान म िकसी िक त का िनयोजन िकए जान का आतयितक परितषध या िकसी िविशष ट हिसयत म या िविशष ट काम म िकए जान का परितषध िचिकतसीय आधार पर करना ]

5[(ठ) धारा 48 ारा अपिकषत रिजसटर क पररप और अधयाय 7 क परयोजन क िलए रिजसटर रखा जाना और उनक पररप िविहत करना ]

(ड) इस अिधिनयम को और िविनयम और िनयम की सिकषिप तया और वह भाषा िजसम सिकषिप तया और उपिविधया धारा 61 और 62 म अपिकषत रप स लगाई जाएगी िविहत करना

1 1959 क अिधिनयम स० 62 की धारा 32 ारा (16-1-1960 स) अनतःसथािपत 2 1983 क अिधिनयम स० 42 की धारा 31 ारा (31-5-1984 स) अनतःसथािपत 3 1959 क अिधिनयम स० 62 की धारा 32 ारा (16-1-1960 स) कितपय शबद का लोप िकया गया 4 1983 क अिधिनयम स० 42 की धारा 31 ारा (31-5-1984 स) (ट) का लोप िकया गया 5 1959 क अिधिनयम स० 62 की धारा 32 ारा (16-1-1960 स) खड (ठ) क सथान पर परितसथािपत

24

(ढ) यह अपकषा करना िक िजन बात क िलए िनयम बनाए गए ह उनस सब सचनाए िववरिणया और िरपोट खान क सवामी अिभकतार और परबनधक द और ऐसी सचना िववरिणय और िरपोट क पररप व िक त और परािधकारी िजनह व दी जानी ह व िविशि या जो उनम अनतिवष ट होनी ह और व समय िजनक अनदर व िनविदत की जानी ह िविहत करना

(ण) िजन खान म 1 पचास स अिधक िक त मामली तौर पर िनयोिजत रहत ह उनम भोजन करन क िलए यथायोगय और उपयक त ऐस आशरय क िजनम पीन क पानी का उपबनध भी हो उपबिनधत िकए जान और बनाए रख जान की अपकषा करना

(त) मखय िनरीकषक या िनरीकषक ारा इस िनिम िविनिदष ट िकसी ऐसी खान म िजसम दो सौ पचास स अिधक िक त मामली तौर पर िनयोिजत रहत ह ऐस िक तय क उपयोग क िलए कोई कटीन या कटीन उपबिनधत की जान और

बनाए रखी जान की अपकषा करना

(थ) हर ऐसी खान म िजसम पाच सौ या अिधक िक त मामली तौर पर िनयोिजत रहत ह इतनी सखया म कलयाण आिफसर िनयोिजत िकए जान की अपकषा करना िजतनी िविनिदष ट की जाए और ऐस कलयाण आिफसर की अहरताए और सवा क िनबनधन और शत और उनक ारा पालनीय कतर िविहत करना

2[(द) िविनिदष ट खान या िविनिदष ट खान क समह क िलए या िकसी िविनिदष ट कषतर की सब खान क िलए बचाव सटशन की सथापना की जान की अपकषा करना और यह िविहत करना िक ऐस सटशन कस और िकसक ारा सथािपत िकए जाएग

(ध) बचाव सटशन क परबनध क िलए उपबनध करना

(धक) बचाव िबरगड का गठन करन वाल िक तय की शारीिरक योगयता क मानक और अनय अहरता क िलए उपबनध करना

(धख) बचाव िबरगड का गठन करन वाल िक तय का िनवास-सथान िविहत करना ]

(न) 3 बचाव सटशन की िसथित उपसकर िनयतरण अनरकषण और कतय िविहत करना 4[(प) खड (द) क अधीन िविनिदष ट खान म उतपािदत और वहा स परिषत कोक और कोयल पर (पच चीस पस परित

टन स अनिधक दर स) उतपाद-शलक क उद गहण और सगरहण क िलए ऐसी खान क िलए बचाव सटशन िनिध का सजन करन क िलए भारत की सिचत िनिध म जमा िकए गए ऐस उपकर क आगम म स उन धनरािशय क जो कनदरीय सरकार ससद

ारा िविध ारा इस िनिम समयक िविनयोग िकए जान क पश चात उपबिनधत कर ऐसी िनिध म जमा िकए जान क िलए उस रीित क िलए िजसम ऐसी िनिध म स धन का उपयोग िकया जाएगा और ऐसी िनिध क परशासन क िलए उपबनध करना

(फ) बचाव िबरगड़ क बनाव परिशकषण सरचना और कतर क िलए 5 और साधारणतः खान म बचाव कायर क सचालन क िलए उपबनध करना 6

7[(फफ) िविनिदष ट खान या िविनिदष ट खान क समह क िलए सरकषा सिमितय क गठन क िलए या सरकषा की अिभवि करन क िलए िकसी िविनिदष ट कषतर म सभी खान क िलए और ऐसी सरकषा सिमितय की सरचना उनक गठन और कतय की रीित अिधकिथत करन क िलए उपबनध करना तथा]

(ब) साधारणतः िकसी ऐस मामल क िलए उपबनध करना िजनक िलए इस अिधिनयम या िविनयम ारा उपबनध न िकया गया हो और िजसक िलए उपबनध इस अिधिनयम को परभावी करन क िलए अपिकषत हो

59 िविनयम और िनयम का पवर परकाशनmdash(1) धारा 57 और 58 ारा परद िविनयम और िनयम बनान की शिक त इस शतर क अधयधीन ह िक य िविनयम और िनयम पवर परकाशन क पश चात बनाए जाएग

(2) जो तारीख साधारण खड अिधिनयम 1897 (1897 का 10) की धारा 23 क खड (3) क अनसार उस तारीख क रप म िविनिदष ट की जानी ह िजसक पश चात िक बनाए जान क िलए परसथािपत िविनयम या िनयम क परारप पर िवचार िकया जाएगा वह उस तारीख स तीन मास स कम की होगी िजसको परसथािपत िविनयम या िनयम का परारप साधारण जानकारी क िलए परकािशत िकया जाए

1 1959 क अिधिनयम स० 62 की धारा 32 ारा (16-1-1960 स) ldquoएक सौ औरrdquo शबद का लोप िकया गया 2 1983 क अिधिनयम स० 42 की धारा 31 ारा (31-5-1984 स) खड (द) और (ध) क सथान पर परसथािपत 3 1983 क अिधिनयम स० 42 की धारा 31 ारा (31-5-1984 स) ldquoकनदरीयrdquo शबद का लोप िकया गया 4 1983 क अिधिनयम स० 42 की धारा 31 ारा (31-5-1984 स) खड (प) क सथान पर परितसथािपत 5 1983 क अिधिनयम स० 42 की धारा 31 ारा (31-5-1984 स) कितपय शबद का लोप िकया गया 6 1983 क अिधिनयम स० 42 की धारा 31 ारा (31-5-1984 स) ldquoऔरrdquo शबद का लोप िकया गया 7 1983 क अिधिनयम स० 42 की धारा 31 ारा (31-5-1984 स) अनतःसथािपत

25

1

2[(4) कोई भी िविनयम या िनयम तब तक नह बनाया जाएगा जब तक िक उस िविनयम या िनयम का परारप धारा 12 की उपधारा (1) क अधीन गिठत सिमित को िनदिशत न कर िदया गया हो और जब तक उस सिमित को उसक बनाए जान की समीचीनता और उसक उपबनध की उपयक तता की बाबत िरपोटर दन का यिक तयक त अवसर न िमल गया हो ]

(5) िविनयम और िनयम शासकीय राजपतर म परकािशत िकए जाएग और ऐस परकािशत िकए जान पर ऐस परभाव रखग मानो व इस अिधिनयम म अिधिनिमत ह

(6) उपधारा (1) उपधारा (2) और उपधारा (4) क उपबनध उस अवसर को लाग न ह ग िजस पर धारा 58 क खड (घ) या खड (ङ) म िनदिशत िनयम सवरपरथम बनाए जाए

3

60 पवर परकाशन क िबना िविनयम बनान की शिक तmdashयिद कनदरीय सरकार का समाधान हो जाए िक आशिकत खतर का िनवारण करन या खतरा पदा करन की सभा ता रखन वाली िसथितय का शीघर उपचार करन क िलए यह आवशयक ह िक ऐस िविनयम बनान म वह िवलमब न होन िदया जाए जो ऐस परकाशन और िनदशन स होगा तो धारा 57 4 क अधीन िविनयम धारा 59 की उपधारा (1) उपधारा (2) और उपधारा 5[(4)] म अनतिवष ट िकसी बात क होत हए भी पवर परकाशन और 6[धारा 12 की उपधारा (1) क अधीन गिठत सिमित] को 7 िनदशन क िबना बनाए जा सकग

परनत इस परकार बनाए गए िविनयम 8[सिमित की जानकारी क िलए भज जाएग और] बनाए जान स 9[एक वषर] स अिधक क िलए परव नह रहग

61 उपिविधयाmdash(1) खान का सवामी अिभकतार या परबनधक 10[उस खान म िकसी िवशष मशीनरी क उपयोग या कायरकरण की िकसी िवशष प ित को अपनाए जान क शािस त करन क िलए] इस अिधिनयम या िकनह ततसमय परव िविनयम या िनयम स असगत न होन वाली ऐसी उपिविधय का परारप जसी िक ऐसा सवामी अिभकतार या परबनधक उस खान म दघरटना का िनवारण करन क िलए और उसम िनयोिजत िक तय क कषम सिवधा और अनशासन हत उपबनध करन क िलए आवशयक समझ तयार कर सकगा और मखय िनरीकषक या िनरीकषक को िनविदत कर सकगा और यिद ऐसा करन की उसस अपकषा मखय िनरीकषक या िनरीकषक ारा की जाए तो तयार करगा और िनविदत करगा

(2) यिद ऐसा कोई सवामी अिभकतार या परबनधकmdash

(क) मखय िनरीकषक या िनरीकषक ारा ऐसा करन की उसस अपकषा की जान क पश चात दो मास क अनदर उपिविधय का परारप िनविदत करन म असफल रह अथवा

(ख) उपिविधय का ऐसा परारप िनविदत कर जो मखय िनरीकषक या िनरीकषक की राय म पयार न हो

तो मखय िनरीकषक या िनरीकषकmdash

(i) ऐसी उपिविधय का परारप परसथािपत कर सकगा जो उस पयार परतीत ह अथवा

(ii) सवामी अिभकतार या परबनधक ारा जो परारप उस िनविदत िकया गया हो उसम ऐस सशोधन परसथािपत कर सकगा िजनस उसकी राय म वह पयार हो जाएगा और ऐसी परारप-उपिविधया या परारप-सशोधन यथािसथित सवामी अिभकतार या परबनधक क पास िवचार क िलए भजगा

(3) यिद उस तारीख स िजसको कोई परारप-उपिविधया या परारप-सशोधन मखय िनरीकषक या िनरीकषक न सवामी अिभकतार या परबनधक क पास उपधारा (2) क उपबनध क अधीन भज ह दो मास की कालाविध क अनदर मखय िनरीकषक या िनरीकषक और सवामी अिभकतार या परबनधक उपधारा (1) क अधीन बनाई जान वाली उपिविधय क िनबनधन क िवषय म परसपर सहमत होन म

1 1959 क अिधिनयम स० 62 की धारा 33 ारा (16-1-1960 स) उपधारा (3) का लोप िकया गया 2 1983 क अिधिनयम स० 42 की धारा 32 ारा (31-5-1984 स) उपधारा (4) क सथान पर परितसथािपत 3 1983 क अिधिनयम स० 42 की धारा 32 ारा (31-5-1984 स) उपधारा (7) का लोप िकया गया 4 1959 क अिधिनयम स० 62 की धारा 34 ारा (16-1-1960 स) ldquoक खड (ठ) को अपविजत करत हए खड (झ) और खड (ट) स (ख) (ध)rdquo शबद को क और अकषर का

लोप िकया गया 5 1959 क अिधिनयम स० 62 की धारा 34 ारा (16-1-1960 स) ldquo(3)rdquo क सथान पर परितसथािपत 6 1983 क अिधिनयम स० 42 की धारा 33 ारा (31-5-1984 स) ldquoखनन बोड rdquo क सथान पर परितसथािपत 7 1959 क अिधिनयम स० 62 की धारा 34 ारा (16-1-1960 स) ldquoपवरrdquo शबद का लोप िकया गया 8 1983 क अिधिनयम स० 42 की धारा 33 ारा (31-5-1984 स) अनतःसथािपत 9 1959 क अिधिनयम स० 62 की धारा 34 ारा (16-1-1960 स) ldquoदो वषरrdquo क सथान पर परितसथािपत 10 1983 क अिधिनयम स० 42 की धारा 34 ारा (31-5-1984 स) कितपय शबद क सथान पर परितसथािपत

26

असमथर रह तो मखय िनरीकषक या िनरीकषक परारप-उपिविधय को पिरिनधाररण क िलए 1[धारा 12 की उपधारा (1) क अधीन गिठत सिमित को] िनदिशत करगा

(4) (क) जबिक ऐसी पररप-उपिविधय पर अिभकतार या परबनधक और मखय िनरीकषक सहमत हो गए ह या जबिक उनक सहमत होन म असमथर होन पर व 2[धारा 12 की उपधारा (1) क अधीन गिठत सिमित को] ारा पिरिनधारिरत कर दी गई ह तब मखय िनरीकषक या िनरीकषक ारा परारप-उपिविधय की एक परित कनदरीय सरकार को अनमोदनाथर भजी जाएगी

(ख) कनदरीय सरकार परारप-उपिविधय म ऐसा उपातरण कर सकगी जसा वह ठीक समझ

(ग) इसस पवर िक कनदरीय सरकार परारप-उपिविधय का अनमोदन चाह उपातर क सिहत या उनक िबना कर उपिविधया बनान की परसथापना की और उस सथान की जहा परारप-उपिविधय की परितया अिभपरा की जा सकगी और उस समय की (जो तीस िदन स कम का न होगा) इसक अनदर िक परभािवत िक तय क ारा या उनकी ओर स परारप-उपिविधय क परित िकया गया कोई आकषप कनदरीय सरकार को भजा जाना चािहए सचना ऐसी रीित स जसी कनदरीय सरकार परभािवत िक तय की जानकारी दन क िलए उपयक ततम समझ परकािशत की जाएगी

(घ) हर आकषप िलिखत होगा और उसमmdash

(i) आकषप क िविशष ट आधार तथा

(ii) चाह गए लोप पिरवधरन या उपानतर

किथत ह ग

(ङ) उन िक तय क ारा या उनकी ओर स िजनकी बाबत कनदरीय सरकार को यह परतीत हो िक व तद ारा परभािवत िक त ह अपिकषत समय क अनदर िकए गए आकषप पर वह सरकार िवचार करगी और उपिविधय पर या तो उस रप म िजसम व परकािशत की गई थ या उनम ऐस सशोधन करक िजनह वह ठीक समझ अनमोिदत कर सकगी

(5) कनदरीय सरकार ारा इस परकार अनमोिदत हो जान पर उपिविधया इस परकार परभावी ह गी मानो व इस अिधिनयम म अिधिनयिमत ह और खान का सवामी अिभकतार या परबनधक उन उपिविधय की एक परित अगरजी म और ऐसी अनय भाषा या भाषा म जसी िविहत की जाए खान म या उसक आसपास िकसी ऐस सहजदशय सथान पर लगवाएगा जहा व उपिविधया िनयोिजत

िक तय ारा सिवधापवरक पढ़ी या दखी जा सक और िजतनी बार व िवरिपत हो जाए िमट जाए या नष ट हो जाए उतनी बार यिक तयक त शीघरता क साथ उनह नए िसर स लगवाएगा

(6) कनदरीय सरकार इस परकार िनिमत िकसी उपिविध को िलिखत आदश ारा पणरतः या भागतः िवखिडत कर सकगी और तदपिर ऐसी उपिविध तदनसार परभावहीन हो जाएगी

3[61क िविनयम िनयम और उपिविधय का ससद क समकष रखा जानाmdashधारा 57 क अधीन बनाया गया परतयक िविनयम धारा 58 क अधीन बनाया गया परतयक िनयम और धारा 61 क अधीन बनाई गई परतयक उपिविध बनाई जान क पश चात यथाशीघर ससद क परतयक सदन क समकष जब वह सतर म हो कल तीस िदन की अविध क िलए रखा जाएगा या रखी जाएगी यह अविध एक सतरा म अथवा दो या अिधक आनकरिमक सतर म परी हो सकगी यिद उस सतर क या पव क त आनकरिमक सतर म अवसान क पवर दोन सदन उस िविनयम िनयम या उपिविध म कोई पिरवतरन करन क िलए सहमत हो जाए तो ततपश चात वह ऐस पिरवितत रप म ही परभावी होगा या होगी यिद उक त अवसान क पवर दोन सदन सहमत हो जाए िक वह िविनयम िनयम या उपिविध नह बनाया या बनायी जानी चािहए तो ततपश चात वह िनषपरभाव हो जाएगा या हो जाएगी िकनत यथािसथित िविनयम िनयम या उपिविधय क ऐस पिरवितत या िनषपरषभाव होन स उसक अधीन पहल की गई िकसी बात की िविधमानयता पर परितकल परभाव नह पड़गा ]

62 अिधिनयम िविनयम आिद की सिकषिप तया लगवानाmdashहर खान म या उसक आसपास अगरजी म और ऐसी अनय भाषा या भाषा म जो िविहत की जाए अिधिनयम की और िविनयम और िनयम की िविहत सिकषिप तया लगाई रखी जाएगी

अधयाय 9

शािसतया और परिकरया 63 बाधा डालनाmdash(1) जो कोई मखय िनरीकषक िनरीकषक या धारा 8 क अधीन परािधकत िकसी िक त क इस अिधिनयम क अधीन क उसक अपन कतर क िनवरहन म बाधा डालगा या मखय िनरीकषक िनरीकषक या ऐस िक त को िकसी खान क समबनध म इस अिधिनयम क ारा या अधीन परािधकत कोई परवश िनरीकषण परीकषा या जाच करन क िलए कोई यिक तयक त सिवधा दन स इनकार करगा या दन म जानबझकर उपकषा करगा वह कारावास स िजसकी अविध तीन मास तक की हो सकगी या जमारन स जो पाच सौ रपए तक का हो सकगा या दोन स दणडनीय होगा

1 1983 क अिधिनयम स० 42 की धारा 34 ारा (31-5-1984 स) कितपय शबद क सथान पर परितसथािपत 2 1983 क अिधिनयम स० 42 की धारा 34 ारा (31-5-1984 स) कितपय शबद क सथान पर परितसथािपत 3 1983 क अिधिनयम स० 42 की धारा 35 ारा (31-5-1984 स) अतःसथािपत

27

(2) जो कोई इस अिधिनयम क अनसरण म रख गए िकनह रिजसटर या अनय दसतावज को मखय िनरीकषक या िनरीकषक की माग पर पश करन स इनकार करगा अथवा िकसी ऐस िनरीकषण आिफसर क समकष जो इस अिधिनयम क अधीन क अपन कतर क अनसरण म कायर कर रहा ह उपसजात होन या उसक ारा परीकषा की जान स िकसी िक त को िनवािरत करगा या िनवािरत करन का परयत न करगा या कोई ऐसा कायर करगा िजसक बार म उसक पास यह िवश वास करन का कारण हो िक उसस उसका इस परकार िनवािरत होना सभा ह वह जमारन स जो तीन सौ रपए तक का हो सकगा दणडनीय होगा

64 अिभलख का िमथयाकरण आिदmdashजो कोईmdash

(क) इस अिधिनयम क अधीन अनद िकसी परमाणपतर का या परमाणपतर की िकसी कायारलय परित का कटकरण करगा या जानत हए उसम िमथया कथन करगा अथवा

(ख) जानत हए ऐस िकसी कटकतय या िमथया परमाणपतर को असली क रप म उपयोग म लाएगा अथवा

(ग) कोई िमथया घोषणा कथन या सा य यह जानत हए िक वह िमथया ह अपन िलए या िकसी अनय िक त क िलए इस अिधिनयम क अधीन परमाणपतर अिभपरा करन या परमाणपतर का नवीकरण करान या खान म िनयोजन अिभपरा करन क परयोजनाथर करगा या बनाएगा या पश करगा या उपयोग म लाएगा अथवा

1[(घ) िकसी ऐस रखाक खडिचतर रिजसटर या अिभलख का िमथयाकरण करगा िजसका रखा जाना इस अिधिनयम क ारा या अधीन अपिकषत हो या ऐसा िमथया रखाक खडिचतर रिजसटर या अिभलख उस िमथया जानत हए िकसी परािधकारी क

समकष पश करगा अथवा]

(ङ) कोई ऐसा रखाक िववरणी सचना अिभलख या िरपोटर बनाएगा दगा या पिरद करगा िजसम ऐसा कथन परिवि या बयौरा अनतिवष ट हो जो उसकी सव म जानकारी या िवश वास क अनसार सही न हो

वह कारावास स िजसकी अविध तीन मास तक की हो सकगी या जमारन स जो 2[एक हजार रपए] तक का हो सकगा या दोन स दणडनीय होगा

65 िमथया योगयता परमाणपतर का उपयोगmdashजो कोई 3[धारा 43] क अधीन अनय िक त को अनद िकसी परमाणपतर का उस धारा क अधीन अपन को योगयता-परमाणपतर क रप म जानत हए उपयोग करगा या उपयोग करन का परयत न करगा या उस धारा क अधीन अपन को योग यता-परमाणपतर अनद िकए जान पर जानत हए अनय िक त को उसका उपयोग करन दगा या उपयोग करन का परय करन दगा वह कारावास स िजसकी अविध एक मास तक की हो सकगी या जमारन स जो 4[दो सौ] रपए तक का हो सकगा या दोन स दणडनीय ोगा

िक तयक त कारण क िजस सािबत करन का भार उस पर होगा करगा जमारन स जो 6[एक हजार] रपए क का हो

ास स िजसकी विध तीन

ोिजत िकया जाता ह तो ऐसी खान का सवामी अिभकतार या परबनधक ऐस जमारन स जो पाच सौ रपए क का हो

ी अविध तीन मास तक की हो सकगी या जमारन स जो 10[दो हजार पाच सौ] रपए तक का हो सकगा या दोन स दणडनीय होगा

66 रखाक आिद दन का लोपmdashकोई िक त जो इस अिधिनयम क ारा या अधीन बनाए जान या िदए जान क िलए अपिकषत कोई रखाक 5[खडिचतर] िववरणी सचना रिजसटर अिभलख या िरपोटर िविहत पररप म या िविहत रीित स या िविहत समय पर या क भीतर बनान या दन का लोप िकए िबना यत सकगा दणडनीय होगा

67 शरिमक क िनयोजन िवषयक उपबनध का उललघनmdashजो कोई उसक िसवाय जसा िक धारा 38 ारा अनजञात ह इस अिधिनयम क या िकसी िविनयम िनयम या उपिविध क या तद धीन िकए गए िकसी आदश क िकसी ऐस उपबनध का उललघन करगा जो खान म या उसक आसपास िक तय क िनयोजन या उनकी उपिसथित को परितिष िनबरिनधत या िविनयिमत करता हो वह कारावअ मास तक की हो सकगी या जमारन स जो 7[एक हजार] रपए तक का हो सकगा या दोन स 8 दडनीय होगा

9[68 अठारह वषर स कम आय क िक तय क िनयोजन क िलए शािसतmdashयिद अठारह वषर स कम आय क िकसी िक त को धारा 40 क उललघन म िकसी खान म िनयत सकगा दणडनीय होगा ]

69 परबनधक िनयक त करन म असफलताmdashधारा 17 क उपबनध क उललघन म जो कोई परबनधक िनयक त करन म असफल रहगा वह कारावास स िजसक11

1 1959 क अिधिनयम स० 62 की धारा 35 ारा (16-1-1960 स) खड (घ) क सथान पर परितसथािपत 2 1959 क अिधिनयम स० 62 की धारा 35 ारा (16-1-1960 स) ldquoपाच सौ रपएrdquo क सथान पर परितसथािपत 3 1983 क अिधिनयम स० 42 की धारा 36 ारा (31-5-1984 स) ldquoधारा 40rdquo क सथान पर परितसथािपत 4 1959 क अिधिनयम स० 62 की धारा 36 ारा (16-1-1960 स) ldquoपचासrdquo क सथान पर परितसथािपत 5 1959 क अिधिनयम स० 62 की धारा 37 ारा (16-1-1960 स) अनतःसथािपत 6 1959 क अिधिनयम स० 62 की धारा 37 ारा (16-1-1960 स) ldquoदो सौrdquo क सथान पर परितसथािप 7 1959 क अिधिनयम स० 62 की धारा 38 ारा (16-1-1960 स) ldquoपाच सौrdquo क सथान पर परितसथािपत 8 1959 क अिधिनयम स० 62 की धारा 38 ारा (16-1-1960 स) कितपय शबद का लोप िकया गया 9 1983 क अिधिनयम स० 42 की धारा 37 ारा (31-5-1984 स) धारा 68 क सथान पर परितसथािपत 10 1959 क अिधिनयम स० 62 की धारा 39 ारा (16-1-1960 स) ldquoपाच सौrdquo क सथान पर परितसथािपत 11 1959 क अिधिनयम स० 62 की धारा 39 ारा (16-1-1960 स) कितपय शबद का लोप िकया गया

28

70 दघरटना की सचनाmdash(1) धारा 23 की उपधारा (1) क उपबनध क उललघन म जो कोई िकसी दघरटना की सचना दन म या उस सचना की परित उस उपधारा म िनिदष ट िवशष सचनाप पर लगान म और िविनिदष ट कालाविध क िलए वहा रखन म असफल रहगा वह कारावास स िजसकी अविध तीन मास तक की हो सकगी या जमारन स जो पाच सौ रपए तक का हो सकगा या दोन स दणनीय होगा

(2) कनदरीय सरकार ारा धारा 23 की उपधारा (3) क अधीन िदए गए िनदश क उललघन म जो कोई िकसी दघरटना को िविहत रिजसटर म अिभिलिखत करन म या उसकी सचना दन म असफल रहगा वह कारावास स िजसकी अविध तीन मास तक की हो सकगी या जमारन स तो पाच सौ रपए तक का हो सकगा या दोन स दणडनीय होगा

71 कितपय मामल म सवामी आिद का मखय िनरीकषक को िरपोटर दनाmdashजहा िक खान क यथािसथित सवामी अिभकतार या परबनधक न खान म या उसक आसपास िनयोिजत िकसी िक त क िवर कायरवाही इस अिधिनयम क अधीन क िकसी अपराध क बार म की हो वहा वह नयायालय क िनणरय या आदश की तारीख स इक कीस िदन क अनदर उसक पिरणाम की िरपोटर मखय िनरीकषक को दगा

72 खान म िनयोिजत िक तय की बाधयताmdashखान म िनयोिजत कोई भी िक तmdash

(क) खान म िनयोिजत िक तय का सवासथय कषम या कलयाण सिनिश चत करन क परयोजनाथर खान म उपबिनधत िकसी सािधतर सिवधा या अनय चीज म जानबझकर हसतकषप या उसका जानबझकर दरपयोग न करगा

(ख) जानबझकर और यिक तयक त कारण क िबना कोई ऐसी बात न करगा िजसस सवय उसक या अनय क सकटाप होन की सभा ता हो

(ग) खान म िनयोिजत िक तय का सवासथय या कषम सिनिश चत करन क परयोजनाथर उसम उपबिनधत िकसी सािधतर या अनय चीज को उपयोग म लान की जानबझकर उपकषा नह करगा

1[72क कछ िविनयम क उललघन क िलए िवशष उपबनधmdashजो कोई धारा 57 क खणड (घ) खणड (झ) खणड (ड) खणड (ढ) खणड (ण) खणड (त) खणड (द) खणड (ध) और खणड (प) म िविनिदष ट बात स सब िकसी िविनयम क या िकसी उपिविध क या तद धीन िकए गए िकसी आदश क िकसी उपबनध का उललघन करगा वह कारावास स िजसकी अविध छह मास तक की हो सकगी या जमारन स जो दो हजार रपए तक का हो सकगा या दोन स दणडनीय होगा

72ख धारा 22 क अधीन आदश क उललघन क िलए िवशष उपबनधmdashजो कोई धारा 22 की उपधारा (1क) उपधारा (2) या उपधारा (3) क अधीन 2[या धारा 22क की उपधारा (2) क अधीन] िनकाल गए आदश क उललघन म खान का कायरकरण चाल रखगा वह कारावास स िजसकी अविध दो वषर तक की हो सकगी दडनीय होगा और जमारन स भी जो पाच हजार रपए तक का हो सकगा दडनीय होगा

2[परनत नयायालय क िनणरय म लखब िकए जान वाल ततपरितकल िवशष और पयारप त कारण क अभाव म ऐसा जमारना खड (क) म िनिदष ट उललघन की दशा म तीन हजार रपए स कम नह होगा ]

72ग िविध क ऐस उललघन क िलए िजसक खतरनाक पिरणाम होत ह िवशष उपबनधmdash(1) जो कोई इस अिधिनयम क या िकसी िविनयम िनयम या उपिविध क या तद धीन िकए गए [धारा 22 की उपधारा (1क) या उपधारा (2) या उपधारा (3) 3[या धारा 22क की उपधारा (2)] क अधीन िकए गए आदश स िभ ] िकसी आदश क िकसी उपबनध का उललघन करगा वहmdash

(क) यिद ऐस उललघन क पिरणामसवरप जीवन की हािन हो तो कारावास स जो दो वषर तक का हो सकगा या जमारन स जो पाच हजार रपए तक का हो सकगा या दोन स दणडनीय होगा या

(ख) यिद ऐस उललघन क पिरणामसवरप गमभीर शारीिरक कषित हो तो कारावास स जो एक वषर तक का हो सकगा या जमारन स जो तीन हजार रपए तक का हो सकगा या दोन स दडनीय होगा अथवा

(ग) यिद ऐस उललघन स खान म िनयोिजत िक तय को या खान म या उसक आसपास क अनय िक तय को कषित या खतरा कािरत हो तो कारवास स जो तीन मास तक का हो सकगा या जमारन स जो एक हजार रपए तक का हो सकगा या दोन स दणडनीय होगा 6[परनत नयायालय क िनणरय म लखब िकए जान वाल ततपरितकल िवशष और पयारप त कारण क अभाव म ऐसा जमारना

खणड (क) म िनिदष ट उललघन की दशा म तीन हजार रपए स कम नह होगा ]

(2) जहा िक कोई िक त इस धारा क अधीन दोषिस िकए गए जान पर िफर उसक अधीन दोषिस िकया जाए वहा वह उपधारा (1) ारा उपबिनधत दड क दगन दड स दणडनीय होगा

1 1959 क अिधिनयम स० 62 की धारा 40 ारा (16-1-1960 स) धारा 73 तथा धारा 74 क सथान पर परितसथािपत 2 1983 क अिधिनयम स० 42 की धारा 38 ारा (31-5-1984 स) अतःसथािपत 3 1983 क अिधिनयम स० 42 की धारा 39 ारा (31-5-1984 स) अतःसथािपत

29

(3) इस धारा क अधीन पािरत जमारन का दडादश आरोिपत करन वाला अथवा अपील या पनरीकषण म या अनयथा उसकी पिष ट करन वाला नयायालय िनणरय पािरत करत समय आदश द सकगा िक वसल िकया गया सपणर जमारना या उसका कोई भाग कषितगरसत िक त को या उसकी मतय की दशा म उसक िविधक परितिनिध को परितकर क रप म िदया जाए

परनत यिद जमारना ऐस मामल म आरोिपत िकया जाए जो अपीलनीय हो तो अपील उपिसथत िकए जान क िलए अनजञात कालाविध क बीत जान क पहल या यिद अपील उपिसथत की गई हो तो अपील क िविनश चय स पहल ऐसा कोई भी सदाय नह िकया जाएगा

73 आदश की अवजञा क िलए साधारण उपबनधmdashजो कोई इस अिधिनयम क या िकसी िविनयम िनयम या उपिविध क या तद धीन िकए गए िकसी आदश क िकसी ऐस उपबनध का उललघन करगा िजसक उललघन क िलए एतिसमनपवर कोई शािसत उपबिनधत नह ह वह कारावास स िजसकी अविध तीन मास तक की हो सकगी या जमारन स जो एक हजार रपए तक का हो सकगा या दोन स दडनीय होगा

74 पवर दोषिसि क पश चात विधत शािसतmdashयिद कोई िक त जो (धारा 72ख और 72ग स िभ ) पवरगामी उपबनध म स िकसी क अधीन दडनीय िकसी अपराध का दोषिस िकया जा चका हो पवर दोषिसि क दो वषर क अनदर िकए गए और उसी उपबनध का उललघन अनतवरिलत करन वाल िकसी अपराध क िलए पनः दोषिस िकया जाए तो वह हर एक पश चात वत दोषिसि क िलए उस दड क दगन दणड स दणडनीय होगा िजसस वह ऐस उपबनध क परथम उललघन क िलए दडनीय होता ]

75 सवामी अिभकतार या परबनधक का अिभयोजनmdashइस अिधिनयम क अधीन क िकसी अपराध क िलए िकसी सवामी अिभकतार या परबनधक क िवर कोई भी अिभयोजन मखय िनरीकषक की या िजला मिजसटरट की या मखय िनरीकषक क िलिखत साधारण या िवशष आदश ारा इस िनिम परािधकत िनरीकषक की पररणा पर सिसथत िकए जान क िसवाय सिसथत नह िकया जाएगा

1[परनत मखय िनरीकषक या िजला मिजसटरट या इस परकार परािधकत िनरीकषक ऐसा अिभयोजन सिसथत करन स पवर अपना यह समाधान करगा िक सवामी अिभकतार या परबनधक ऐस अपराध क िकए जान को रोकन म सभी समयक ततपरता बरतन म असफल रहा था ]

2[परनत यह और िक] िकसी खान म तकनीकी िनदशन और परबनध क अनकरम म िकए गए िकसी अपराध क बार म िजला मिजसटरट िकसी सवामी अिभकतार या परबनधक क िवर कोई अिभयोजन मखय िनरीकषक क पवर अनमोदन स सिसथत करन क िसवाय सिसथत नह करगा

3[76 कितपय मामल म सवामी का अवधारणmdashजहा िक खान का सवामी कोई फमर या िष टय का अनय सगम हो वहा उसक सब भागीदार या सदसय या उनम स कोई अथवा जहा िक खान का सवामी कमपनी हो वहा उसक सब िनदशक या उनम स कोई अथवा जहा िक खान का सवामी सरकार या कोई सथानीय परािधकारी हो वहा यथािसथित ऐसी सरकार या सथानीय परािधकारी ारा खान क कामकाज का परबनध करन क िलए परािधकत सब आिफसर या िक त या उनम स कोई ऐस िकसी अपराध क िलए िजसक िलए खान का सवामी दडनीय हो इस अिधिनयम क अधीन अिभयोिजत और दिडत िकया जा सकगा

4[परनत जहा िकसी फमर सगम या कमपनी न मखय िनरीकषक को िलिखत रप म यह सचना द दी ह िक उसनmdash

(क) फमर की दशा म उसक िकसी भागीदार या परबनधक को

(ख) सगम की दशा म उसक िकसी सदसय या परबनधक को

(ग) कमपनी की दशा म उसक िकसी िनदशक या परबनधक को

जो परतयक मामल म िकसी ऐस सथान म िजस पर इस अिधिनयम का िवसतार ह िनवासी ह और जो परतयक मामल म या तो वासतव म ऐसी फमर सगम या कमपनी क परबनध का भारसाधक ह या उसम अिधकाश शयर धारण करता ह इस अिधिनयम क परयोजन क िलए खान क सवामी क उ रदाियतव को गरहण करन क िलए नामिनदिशत कर िदया ह वहा यथािसथित ऐसा भागीदार सदसय िनदशक या परबनधक जब तक वह ऐसा िनवासी बना रहता ह और पव क त रप म भारसाधक ह या अिधकाश शयर को धारण करता ह इस अिधिनयम क परयोजन क िलए खान का सवामी समझा जाएगा जब तक िक उसक नामिनदशन को र करन वाली या यह कथन करन वाली कोई िलिखत सचना की वह यथािसथित भागीदारी सदसय िनदशक या परबनधक नह रहा ह मखय िनरीकषक को पराप त नह हो जाती ह

सपष टीकरणmdashजहा िकसी फमर सगम या कमपनी क िविभन न सथापन या शाखाए ह अथवा उसक िकसी सथापन या शाखा म िविभन न एकक ह वहा िविभन न सथापन या शाखा या एकक क सबध म इस परनतक क अधीन िविभन न िक तय को नामिनदिशत िकया जा सकगा और इस परकार नामिनदिशत िक त कवल उस सथापन शाखा या एकक क समबनध म िजसक समबनध म उस नामिनदिशत िकया गया ह खान का सवामी समझा जाएगा ]

1 1983 क अिधिनयम स० 42 की धारा 40 ारा (31-5-1984 स) अतःसथािपत 2 1983 क अिधिनयम स० 42 की धारा 40 ारा (31-5-1984 स) ldquoपरनतrdquo क सथान पर परितसथािपत 3 1959 क अिधिनयम स० 62 की धारा 41 ारा (16-1-1960 स) धारा 76 क सथान पर परितसथािपत 4 1983 क अिधिनयम स० 42 की धारा 41 ारा (31-5-1984 स) ldquoपरनतकrdquo क सथान पर परितसथािपत

30

77 सवामी अिभकतार या परबनधक को दाियतव स कितपय दशा म छटmdashजहा िक खान का सवामी अिभकतार या परबनधक जो इस अिधिनयम क अधीन िकसी अपराध का अिभयक त हो यह अिभकथन कर िक वासतिवक अपराधी अनय िक त ह वहा वह अपन

ारा इस िनिम िकए गए पिरवाद पर 1[और वासतिवक अपराधी का जञात पता दन पर] और अिभयोजक को ऐसा करन क अपन आशय की तीन स अनयन पणर िदन की िलिखत सचना दन पर इस बात का हकदार होगा िक वह अनय िक त उस तारीख को जो मामल की सनवाई क िलए िनयत हो नयायालय क समकष लाया जाए और यिद अपराध का िकया जाना सािबत हो जान क पश चात खान का यथािसथित सवामी अिभकतार या परबनधक नयायालय को समाधान परदान करन वाल रप म सािबत कर द िकmdash

(क) इस अिधिनयम क ससगत उपबनध का िनषपादन करान क िलए उसन समयक ततपता बरती ह तथा (ख) उस अनय िक त न परश नगत अपराध को उसक जञान सममित या मौनानकलता क िबना िकया ह

तो उक त अनय िक त उस अपराध क िलए दोषिस िकया जाएगा और उसी परकार क दणड स ऐस दडनीय होगा मानो वह खान का सवामी अिभकतार या परबनधक हो और यथािसथित सवामी अिभकतार या परबनधक दोषमक त कर िदया जाएगा परनतmdash

(क) यथािसथित खान क सवामी अिभकतार या परबनधक की शपथ पर परीकषा की जा सकगी और उसक और िकसी अनय साकषी क िजस वह अपन समथरन म बलाए सा य की उस िक त क ारा या की ओर स िजसकी बाबत वह अिभकिथत करता हो िक वह वासतिवक अपराधी ह और अिभयोजक ारा परितपरीकषा की जा सकगी

(ख) यिद वह िक त िजसका वासतिवक अपराधी होना अिभकिथत हो उस तारीख को जो मामल की सनवाई क िलए िनयत हो नयायालय क समकष समयक ततपरता बरती जान पर भी न लाया जा सक तो नयायालय उसकी सनवाई समय-समय पर सथिगत कर दगा िकनत इस परकार िक ऐस सथगन की कल कालाविध तीन मास स अिधक न हो और यिद उक त कालाविध क अनत तक भी वह िक त िजसका वासतिवक अपराधी होना अिभकिथत हो नयायालय क समकष न लाया जा सक तो नयायालय यथािसथित सवामी अिभकतार या परबनधक क िवर मामल की सनवाई क िलए अगरसर होगा

78 नयायालय की आदश करन की शिक तmdash(1) जहा िक खान का सवमी अिभकतार या परबनधक इस अिधिनयम क अधीन दडनीय अपराध क िलए दोषिस िकया जाए वहा नयायालय उस कोई दड अिधिनण त करन क अितिरक त िलिखत आदश ारा उसस आदश म िविनिदष ट कालाविध क अनदर (िजस नयायालय इस िनिम िकए गए आवदन पर समय-समय पर िवसतािरत कर सकगा) ऐस उपाय करन की अपकषा कर सकगा जो उन बात का उपचार करन क िलए िजनक बार म अपराध िकया गया था ऐस िविनिदष ट िकए जाए (2) जहा िक उपधारा (1) क अधीन आदश िदया जाए वहा यथािसथित खान का सवामी अिभकतार या परबनधक उस कालाविध या िवसतािरत कालाविध क यिद कोई हो दौरान अपराध क चाल रहन क िवषय म इस अिधिनयम क अधीन दडनीय नह होगा िकनत यिद नयायालय क आदश का पणर अनपालन ऐसी कालाविध या िवसतािरत कालाविध क अवसान पर न हो गया हो तो यथािसथित सवामी अिभकतार या परबनधक क बार म यह समझा जाएगा िक उसन अितिरक त अपराध िकया ह और वह कारावास स िजसकी अविध छह मास तक की हो सकगी या जमारन स जो ऐस अवसान क पश चात हर एक ऐस िदन क िलए िजसम िक आदश का अनपालन न हआ हो एक सौ रपए तक का हो सकगा या दोन स दणडनीय होगा 79 अिभयोजन की पिरसीमाmdashकोई भी नयायालय इस अिधिनयम क अधीन िकसी अपराध का सजञान तब तक नह करगा जब तक िक उसका पिरवादmdash

(i) उस तारीख स िजसकी बाबत यह अिभकिथत हो िक अपराध उस तारीख को िकया गया छह मास क अनदर अथवा

(ii) उस तारीख स िजसको िक अिभकिथत अपराध का िकया जाना िनरीकषक क जञान म आया छह मास क अनदर अथवा

2[(iiक) िकसी ऐस मामल म िजसम अिभयक त लोक सवक ह या था और ततसमय परव िकसी िविध क अधीन अपराध का सजञान करन क िलए कनदरीय सरकार या राजय सरकार या िकसी अनय परािधकारी की पवर मजरी आवशयक ह उस तारीख क िजसको ऐसी मजरी मखय िनरीकषक को पराप त होती ह तीन मास क अनदर अथवा]

(iii) िकसी ऐस मामल म िजसम जाच नयायालय कनदरीय सरकार ारा धारा 24 क अधीन िनयक त िकया गया हो उस धारा की उपधारा (4) म िविनिदष ट िरपोटर क परकाशन की तारीख क पश चात 3[एक वषर] क अनदर

इनम स जो भी बाद म हो न िकया गया हो 4[सपष टीकरणmdashइस धारा क परयोजन क िलएmdash

1 1959 क अिधिनयम स० 62 की धारा 42 ारा (16-1-1960 स) अनतःसथािपत 2 1983 क अिधिनयम स० 42 की धारा 42 ारा (31-5-1984 स) अतःसथािपत 3 1983 क अिधिनयम स० 42 की धारा 42 ारा (31-5-1984 स) ldquoछह मासrdquo क सथान पर परितसथािपत 4 1959 क अिधिनयम स० 62 की धारा 43 ारा (16-1-1960 स) सप ीकरण जोड़ा गया

31

(क) चाल रहन वाल अपराध की दशा म पिरसीमा की सगणना उस समय क हर कषण क परित िनदश स की जाएगी िजसक दौरान अपराध चाल रह

(ख) जहा िक कोई कायर करन क िलए समय इस अिधिनयम क अधीन िवसतािरत िकया गया हो वहा पिरसीमा की सगणना उस िवसतािरत कालाविध क अवसान स की जाएगी ]

80 अपराध का सजञानmdash1[महानगर मिजसटरट या परथम वगर नयाियक मिजसटरट] क नयायालय स अवर कोई नयायालय इस अिधिनयम क अधीन िकसी ऐस अपराध का िजसकी बाबत यह अिभकिथत हो िक वह खान क सवामी अिभकतार या परबनधक ारा िकया गया ह या िकसी ऐस अपराध का जो इस अिधिनयम ारा कारावास स दडनीय बनाया गया ह िवचारण नह करगा

80क [जमारन क बार म िवशष उपबध ]mdashखान (सशोधन) अिधिनयम 1983 (1983 का 42) की धारा 44 ारा (31-5-1984 स) िनरिसत

81 कितपय मामल म अिभयोजन क बजाय खान बोडर या सिमित को िनदशmdash(1) यिद मखय िनरीकषक या िजला मिजसटरट या िकसी िनरीकषक की पररणा पर इस अिधिनयम क अधीन सिसथत िकसी मामल का िवचारण करन वाल नयायालय की यह राय हो िक यह मामला ऐसा ह जो अिभयोजन क बजाय 2 सिमित को िनदिशत िकया जाना चािहए तो वह दािडक कायरवािहय को रोक सकगा और इस दिष ट स िक ऐसा िनदशन िकया जाए उस िवषय की िरपोटर कनदरीय सरकार को भजगा

(2) उपधारा (1) क अधीन िरपोटर पराप त होन पर कनदरीय सरकार मामला 2 सिमित को िनदिशत कर सकगी या िवचारण म अगरसर होन क िलए नयायालय को िनदश द सकगी

अधयाय 10

परकीणर 82 इस परश न का िविनश चय िक कया खान इस अिधिनयम क अधीन हmdashयिद कोई परश न उठ िक कया 3[खान का और उसम

का या उसका पाश वरसथ कोई उतखान या खिनत या पिरसर िजस पर खिनज या कोक पराप त करन दरसी करन या िवकरय क िलए तयार करन की सहायक कोई परिकरया चलाई जा रही ह] इस अिधिनयम क अथर क अनदर खान ह तो कनदरीय सरकार उस परश न का िविनश चय कर सकगी और कनदरीय सरकार क सिचव ारा हसताकषिरत परमाणपतर इस परश न पर िनश चायक होगा

83 अिधिनयम क परवतरन स छट दन की शिक तmdash4[(1)] कनदरीय सरकार िकसी सथानीय कषतर या िकसी खान को या खान क िकसी समह या वगर को या खान क िकसी भाग को या िक तय क िकसी वगर को 5[इस अिधिनयम या उसक अधीन बनाए गए िविनयम िनयम या उपिविधय क सब उपबनध क या उनम स िकसी क] परवतरन स छट शासकीय राजपतर म अिधसचना ारा या तो अतयितकतः या िकनह िविनिदष ट शत क अधयधीन द सकगी

परनत िकसी सथनीय कषतर या खान या खान क समह या वगर को 6[धारा 40 और धारा 45] क उपबनध स छट तब तक नह दी जाएगी जब तक उस इस अिधिनयम क अनय सब उपबनध क परवतरन स भी छट न द दी जाए ]

7[(2) कनदरीय सरकार मखय िनरीकषक या िकसी अनय परािधकारी को साधारण या िवशष आदश ारा ऐस िनबरनधन क अधयधीन िजनह अिधरोिपत करना वह ठीक समझ परािधकत कर सकगी िक वह िकसी खान या उसक िकसी भाग को 8[िविनयम िनयम या उपिविधय ] क उपबन ध म स िकसी क परवतरन स िकनह िविनिदष ट शत क अधयधीन तब छट द द जब िक मखय िनरीकषक या ऐस अिधकारी की राय हो िक खान या उसक भाग म पिरिसथितया ऐसी ह िक उनक कारण ऐस उपबनध का अनपालन अनावशयक या अ वहायर हो जाता ह ]

84 आदश को पिरवितत या िवखिणडत करन की शिक तmdash9[(1)] कनदरीय सरकार इस अिधिनयम क अधीन िदया गया कोई आदश उलट सकगी या उपानतिरत कर सकगी

10[(2) मखय िनरीकषक लखब िकए जान वाल कारण स इस अिधिनयम क अधीन या िकसी िविनयम िनयम या उपिविध क अधीन अपन ारा पािरत िकसी आदश को उलट सकगा या उस उपातिरत कर सकगा

(3) खान क सवामी अिभकतार या परबनधक पर परितकल परभाव डालन वाला कोई आदश इस धारा क अधीन तब तक नह िकया जाएगा जब तक िक ऐस सवामी अिभकतार या परबनधक को अभयावदन करन का यिक तयक त अवसर न द िदया गया हो ]

1 1983 क अिधिनयम स० 42 की धारा 43 ारा (31-5-1984 स) ldquoपरसीडसी मिजसटरट या परथम वगर मिजसटरटrdquo क सथान पर परितसथािपत 2 1983 क अिधिनयम स० 42 की धारा 43 ारा (31-5-1984 स) ldquoखनन बोडरrdquo शब द का लोप िकया गया 3 1959 क अिधिनयम स० 62 की धारा 45 ारा (16-1-1960 स) अनतःसथािपत 4 1959 क अिधिनयम स० 62 की धारा 46 ारा (16-1-1960 स) उपधारा (1) क रप म पनःसखयािकत 5 1983 क अिधिनयम स० 42 की धारा 46 ारा (31-5-1984 स) ldquoइस अिधिनयम क सब उपबध क िकसी कrdquo क सथान पर परितसथािपत 6 1983 क अिधिनयम स० 42 की धारा 46 ारा (31-5-1984 स) ldquoधारा 45rdquo क सथान पर परितसथािपत 7 1959 क अिधिनयम स० 62 की धारा 46 ारा (16-1-1960 स) अनतःसथािपत 8 1983 क अिधिनयम स० 42 की धारा 46 ारा (31-5-1984 स) ldquoइस अिधिनयम क अतगरत िविनयम और िनयमrdquo क सथान पर परितसथािपत 9 1983 क अिधिनयम स० 42 की धारा 47 ारा (31-5-1984 स) धारा 84 उपधारा (1) क रप म पनःसखयािकत 10 1983 क अिधिनयम स० 42 की धारा 47 ारा (31-5-1984 स) अतःसथािपत

32

85 सरकार की खान को अिधिनयम का लाग होनाmdashयह अिधिनयम सरकार की खान को 1[भी] लाग होगा 2[85क सचना आिद दन क िलए अपिकषत िक त ऐसा करन क िलए वध रप स आब ह गmdashहर िक त जो िकसी

अिधकारी को कोई सचना या इि ला इस अिधिनयम क अधीन दन क िलए अपिकषत ह भारतीय दड सिहता (1860 का 45) की धारा 176 क अथर क अनदर ऐसा करन क िलए वध रप स आब होगा ]

3[85ख िववरिणय सचना आिद पर हसताकषर करनाmdashइस अिधिनयम या उसक अधीन बनाए गए िकसी िविनयम िनयम उपिविध या िकसी आदश क उपबनध क समबनध म िकसी खान क सवामी ारा या उसकी ओर स दी जान क िलए अपिकषत सभी िववरिणय और सचना पर या भजी जान वाली सचना पर खान क सवामी अिभकतार या परबधक ारा या िकसी ऐस िक त ारा िजस सवामी ारा मखतारनाम ारा इस िनिम शिक त परतयायोिजत की गई ह हसताकषर िकए जाएग

85ग सिवधा और जन सिवधा क िलए फीस या परभार का वसल न िकया जानाmdashखान म िनयोिजत िकसी िक त स सरकषातमक परबनध या दी जान वाली सिवधा या इस अिधिनयम क उपबनध क अधीन परदाय िकए जान वाल िकसी उपसकर या सािधतर की बाबत कोई फीस या परभार वसल नह िकया जाएगा ]

86 1948 क अिधिनयम 63 क कितपय उपबध का खान को लाग होनाmdashकनदरीय सरकार शासकीय राजपतर म अिधसचना ारा िनदश द सकगी िक कारखाना अिधिनयम 1948 (1948 का 63) क अधयाय 3 और 4 क उपबनध ऐस अपवाद और िनबरनधन क

अधयधीन रहत हए जस उस अिधसचना म िविनिदष ट िकए जाए सब खान और उनकी परसीमा को लाग ह ग

87 सद भावपवरक िकए गए कायर क िलए पिरतराणmdashकोई भी वाद अिभयोजन या अनय िविधक कायरवाही इस अिधिनयम क अधीन सद भावपवरक की गई या जान क िलए आशियत िकसी बात क िलए िकसी िक त क िवर न होगी

88 [1923 क अिधिनयम 4 का िनरसन]mdashिनरसन और सशोधन अिधिनयम 1957 (1957 का 36) की धारा 2 और पहली अनसची ारा िनरिसत

______

1 1959 क अिधिनयम स० 62 की धारा 47 ारा (16-1-1960 स) अनतःसथािपत 2 1959 क अिधिनयम स० 62 की धारा 48 ारा (16-1-1960 स) अनतःसथािपत 3 1983 क अिधिनयम स० 42 की धारा 48 ारा (31-5-1984 स) अतःसथािपत

Page 19: खान अधिनियम, 1952ncwapps.nic.in/acts/TheMinesAct1952_Hindi.pdf1 ज ल ई, 1952, द खए भ रत क र जपतर (अ गर 1952, ज ) भ ग 2,

19

(ख) िकसी अनय दशा म उसक ारा िकए गए काम क हर बीस िदन क िलए एक िदन की दर स की जाएगी

(2) उपधारा (1) म िनिदष ट एक कलनडर वषर की सवाmdash

(क) खान म भिम क नीच िनयोिजत िक त की दशा म परी कर ली गई समझी जाएगी यिद कलनडर वषर क दौरान खान म उसकी हािजिरया एक सौ नबब स कम न ह तथा

(ख) िकसी अनय िक त की दशा म परी कर ली गई समझी जाएगी यिद कलनडर वषर क दौरान खान म उसकी हािजिरया दो सौ चालीस स कम न ह

सपष टीकरणmdashइस उपधारा क परयोजन क िलए यह ह िकmdash

(क) करार या सिवदा ारा या सथायी आदश क अधीन यथा अनजञय कामबदी क िदन को

(ख) स तरी कमरचारी की दशा म बारह सप ताह स अनिधक िकतन ही िदन की परसित छटटी को तथा

(ग) उस वषर स िजसम छ ी का उपभोग िकया जाए पवरवत वषर म उपािजत छ ी को

हािजरी की सगणना क परयोजन क िलए ऐस िदन समझा जाएगा िजनम कमरचारी न खान म काम िकया ह िकनत वह इन िदन क िलए छ ी उपािजत नह करगा

(3) िजस िक त की सवा जनवरी क परथम िदन को परारमभ न होकर अनयथा आरमभ होती ह वहmdash

(क) खान म भिम क नीच िनयोिजत िक त की दशा म तब जब िक वह कलनडर वषर क शष भाग क दौरान क कल िदन क आध स अनयन िदन म हािजर रहा हो तथा

(ख) िकसी अनय दशा म तब जब िक वह कलनडर वषर क शष भाग क दौरान क कल िदन क दो-ितहाई स अनयन िदन म हािजर रहा हो

पश चातवत कलनडर वषर म मजदरी सिहत छ ी उस दर स पान का हकदार होगा जो उपधारा (1) म िविनिदष ट ह

(4) िकसी िक त ारा न ली गई वह छ ी िजसका वह उपधारा (1) या उपधारा (2) क अधीन िकसी एक कलनडर वषर म हकदार हो उस छ ी म जोड़ दी जाएगी जो िक उ रवत कलनडर वषर क दौरान उस उपधारा क अधीन उस अनजञय हो

परनत उन छ ी क िदन की कल सखया जो ऐस िकसी िक त ारा सिचत की जा सकगी िकसी भी एक समय कल तीस िदन स अिधक न होगी

परनत यह और भी िक ऐसा वह िक त िजसन मजदरी सिहत छ ी क िलए आवदन िकया हो िकनत उस उपधारा (6) क अनसार ऐसी छ ी न दी गई हो िकसी सीमा क िबना अनपभक त छ ी क अगरनयन का हकदार होगा

(5) ऐसा कोई िक त उपधारा (1) उपधारा (2) और उपधारा (4) क अधीन उस समय अपन को अनजञय सारी छ ी या उसका कोई भाग लन क िलए खान क परबनधक स उस िदन स पदरह िदन स अनयन िदन पहल िलिखत आवदन कर सकगा िजस िदन वह अपनी छ ी आरमभ करना चाहता हो

परनत िकसी एक कलनडर वषर क दौरान तीन बार स अिधक छ ी न ली जा सकगी

(6) उपधारा (5) क उपबनध क अनसार ऐसी छ ी क िलए िकया गया आवदन तब क िसवाय नामजर नह िकया जाएगा जब िक छ ी अनद करन क िलए सशक त परािधकारी की यह राय हो िक पिरिसथित की आवशयकता क कारण छ ी नामजर की जानी चािहए ]

(7) यिद खान म िनयोिजत िक त अपनी मजदरी सिहत छ ी जो उस शष हो बीमारी की कालाविध क िलए लना चाहता हो तो चाह उसन छ ी क िलए आवदन उपधारा (5) म िविनिदष ट समय क अनदर न भी िकया हो तो भी उस वह छ ी अनद की जाएगी

(8) यिद खान का सवामी अिभकतार या परबनधक खान म िनयोिजत िक त क िनयोजन का पयरवसान उस िक त ारा अपनी वह कल छटटी ल ली जान क पवर कर द िजसका वह अपन िनयोजन क पयरवसान क िदन तक हकदार हो या यिद उस िक त न ऐसी छ ी क िलए आवदन िकया हो और ऐसी छ ी अनद न हई हो और वह िक त अपना िनयोजन छ ी लन स पवर छोड़ द तो खान का सवामी अिभकतार या परबनधक न ली गई छ ी क बार म धारा 53 क अधीन सदय रकम उस सद करगा और ऐसा सदाय वहा जहा िक

िक त क िनयोजन का पयरवसान सवामी अिभकतार या परबनधक ारा िकया जाए ऐस पयरवसान क पश चात क दसर कायर-िदवस क अवसान क पवर और जहा िक िक त अपना िनयोजन सवय छोड़ द वहा अगल वतन-िदवस को या उसक पवर िकया जाएगा

(9) खान म िनयोिजत िक त की अनपभक त छ ी उसक िनयोजन क पयरवसान क पवर िदए जान क िलए अपिकषत िकसी सचना की कालाविध की सगणना करन म िवचार म नह ली जाएगी

20

1[(10) जहा खान म िनयोिजत कोई िक त सवा स उनमोिचत या पदचयत िकया जाता ह अथवा वह अपना िनयोजन छोड़ता ह या अिधविषता पराप त करता ह अथवा सवा म रहत हए उसकी मतय हो जाती ह तो यथािसथित वह या उसक वािरस या उसका नाम-िनदिशती उपधारा (1) म िविनिदष ट दर स पिरकिलत उसको दय छ ी क सथान पर मजदरी पान का हकदार होगा यिदmdash

(क) भिम क नीच िकसी खान म िनयोिजत िक त की दशा म वह अपन िनयोजन की तारीख स लकर अपन उनमोचन या पदचयित की तारीख तक या िनयोजन छोड़न या अिधविषता या मतय की तारीख तक िदन की कल सखया क कम स कम आध िदन तक उपिसथित रहा ह और

(ख) िकसी अनय दशा म वह अपन िनयोजन की तारीख स लकर अपन उनमोचन या पदचयित या िनयोजन छोड़न या अिधविषता या मतय की तारीख तक िदन की कल सखया क कम स कम दो-ितहाई िदन तक उपिसथत रहा ह

और ऐसी मजदरी का सदाय खान क सवामी अिभकतार या परबनधक ारा धारा 53 म िविनिदष ट दर स जहा उस िक त को सवा स उनमोिचत या पदचयत कर िदया जाता ह अथवा वह िनयोजन छोड़ दता ह या अिधविषता पराप त कर लता ह वहा यथािसथित ऐस उनमोचन पदचयित िनयोजन छोड़न या अिधविषता क पश चात दसर कायर िदन की समािप त क पवर और जहा िनयोिजत िक त की सवा म रहत हए मतय हो जाती ह वहा उसकी मतय क दो मास की अविध क भीतर िकया जाएगा ]

सपष टीकरणmdash2[उपधारा (1) उपधारा (3) और उपधारा (10)] क परयोजन क िलए आध िदन या इसस अिधक की छ ी क िभन न को एक परा िदन माना जाएगा और आध िदन स कम वाला िभन न छोड़ िदया जाएगा

53 छ ी की कालाविध क दौरान मजदरीmdashउस छ ी क िलए जो खान म िनयोिजत िक त को धारा 52 क अधीन अनजञात हो उस सदाय ऐसी दर स िकया जाएगा जो उसकी छ ी क अ वितह पवरवत मास क उन िदन की बाबत िजनम वह िनयोिजत रहा हो कल पणरकािलक उपाजरन क उस दिनक औसत क बराबर हो जो उन उपाजरन म स िकसी अितकािलक मजदरी और बोनस को अपविजत करक िकनत उनम महगाई भ और नकद परितकर को िजसक अनतगरत खा ा और अनय वसत क िबना मलय िवतरण स परोदभावी ऐसा कोई परितकर (यिद कोई हो) िजसक हकदार खान म काम करन वाल िक त ततसमय ह आता ह सिममिलत करक आए

परनत यिद ऐस कोई औसत उपाजरन उपलबध न ह तो औसत की सगणना उसी मास क िलए वस ही िनयोिजत सब िक तय क कल पणरकािलक उपाजरन क दिनक औसत क आधार पर की जाएगी

54 कितपय दशा म अिगरम सदायmdashखान म िनयोिजत उस िक त को िजस चार स अनयन िदन की छ ी अनजञात की गई हो अनजञात छ ी की कालाविध क िलए शोधय मजदरी उसकी छ ी आरमभ होन स पहल द दी जाएगी

55 असद मजदरी की वसली का ढगmdashखान क सवामी अिभकतार या परबनधक ारा इस अधयाय क अधीन सद िकए जान क िलए अपिकषत िकनत उसक ारा असद कोई रकम मजदरी सदाय अिधिनयम 1936 (1936 का 4) क उपबनध क अधीन िवलिबत मजदरी क रप म वसलीय होगी

56 खान को छट की शिक तmdashजहा िक कनदरीय सरकार का यह समाधान हो जाए िक िकसी खान म िनयोिजत िक तय को लाग होन वाल छ ी क िनयम ऐसी परसिवधा का उपबनध करत ह जो उसकी राय म उन परसिवधा स कम अनकल नह ह िजनक िलए यह अधयाय उपबनध करता ह वहा वह उस खान को इस अधयाय क सब या िकनह उपबनध स छट िलिखत आदश ारा और ऐसी शत क अधयधीन जो उसम िविनिदष ट की जाए द सकगी ]

अधयाय 8

िविनयम िनयम और उपिविधया 57 िविनयम बनान की कनदरीय सरकार की शिक तmdashकनदरीय सरकार िनम निलिखत सब परयोजन या उनम स िकसी क िलए

ऐस िविनयम3 जो इस अिधिनयम स सगत हो शासकीय राजपतर म अिधसचना ारा बना सकगी अथारत mdash

(क) व अहरताए िविहत करना जो मखय िनरीकषक या िनरीकषक क रप म िनयिक त क िलए अपिकषत हो

(ख) इस अिधिनयम क अधीन खान क िनरीकषण क समबनध म मखय िनरीकषक और िनरीकषक क कतर और शिक तय को िविहत और िविनयिमत करना

(ग) खान क सवािमय अिभकतार और परबनधक क और उनक अधीन कायर करन वाल िक तय क कतर िविहत करना और खान क 4[अिभकतार और परबनधक और उनक अधीन कायर करन वाल िक तय की अहरताए (िजसक अनतगरत आय आती ह)] िविहत करना

1 1983 क अिधिनयम स० 42 की धारा 29 ारा (31-5-1984 स) अनतःसथािपत 2 1983 क अिधिनयम स० 42 की धारा 29 ारा (31-5-1984 स) ldquoउपधारा (1) और (3)rdquo क सथान पर परितसथािपत 3 कोयला खान िविनयम 1957 क िलए दिखए भारत का राजपतर (अगरजी) 1957 भाग 2 खणड 3 प 2569 और धातमय खान िविनयम 1961 क िलए दिखए भारत

का राजपतर 1961 भाग 2 अनभाग 3(i) प 360 4 1959 क अिधिनयम स० 62 की धारा 31 ारा (16-1-1960 स) ldquoपरबनधक की अहरताएrdquo शबद क सथान पर परितसथािपत

21

(घ) खान क परबनधक और उनक अधीन कायर करन वाल अनय िक तय को अपन कतर का पालन दकषतापवरक करन क िलए समथर बनान क िलए सिवधाए उपबिनधत की जान की अपकषा करना

(ङ) खान क परबनधक और उनक अधीन कायर करन वाल िक तय की अहरताए परीकषा ारा या अनयथा अिभिनिश चत करन की रीित को और सकषमता परमाणपतर क अनद और नवीकत िकए जान को िविनयिमत करना

(च) ऐसी परीकषा और ऐस परमाणपतर क अनदान तथा नवीकरण क बार म दी जान वाली फीस यिद कोई ह िनयत करना

(छ) उन पिरिसथितय को िजनम और उन शत को िजसक अधयधीन रहत हए एक स अिधक खान का एक ही परबनधक क अधीन रहना या िकसी खान या िकनह खान का िविहत अहरताए न रखन वाल परबनधक क अधीन रहना िविधपणर होगा अवधािरत करना

1[(ज) इस अिधिनयम क अधीन की जान वाली जाच क िलए िजनक अनतगरत इस अिधिनयम क अधीन परमाणपतर धारण करन वाल िकसी िक त क अवचार या अकषमता स सब कोई जाच आती ह उपबनध करना और ऐस िकसी परमाणपतर क िनलमबन और र िकए जान क िलए उपबनध करना और जहा भी आवशयक हो वहा यह उपबनध करना िक जाच करन क िलए िनयक त िकए गए िक त को सािकषय को हािजर करान और दसतावज और भौितक पदाथ को पश करान क परयोजन क िलए िसिवल परिकरया सिहता 1908 (1908 का 5) क अधीन की िसिवल नयायालय की सब शिक तया पराप त ह गी ]

(झ) भारतीय िवसफोटक अिधिनयम 1884 (1884 का 4) और तद धीन बनाए गए िकनह िनयम क उपबनध क अधयधीन रहत हए िवसफोटक का भडारकरण परवहण और उपयोग िविनयिमत करना

2[(ञ) 3 िस तरय का खान म या खान क िकसी वगर म या ऐस िविशष ट परकार क शरम म िजनम ऐस िक तय क जीवन कषम या सवासथय क िलए खतरा रहता ह िनयोजन परितिष िनबरिनधत या िविनयिमत करना और ऐस िक त

ारा एक बार म वहन िकए जा सकन वाल बोझ क भार को पिरसीिमत करना ]

(ट) खान म िनयोिजत िक तय क कषम उनम उनक परवश करन और वहा स उनक िनकलन क साधन क िलए और उन कपक या िनकास की सखया क िलए जो उपबध िकए जान ह और कपक गत िनकास पथया और अवतलन पर बाड़ लगाई जान क िलए उपबनध करना

(ठ) खान क सवामी स सदाय पान वाल और खान क सवामी या परबनधक क परित सीध उ रदायी िक तय स िभन न िकसी िक त का खान म परबनधक क रप म या िकसी अनय िविनिदष ट हिसयत म िनयोजन परितिष करना

4[(ड) सतमभ या खिनज खणड क सथान िनिश चत करन अनरकषण और िनकाल या छाट जान तथा एक खान और दसरी खान क बीच पयारप त रोध क अनरकषण सिहत खान म सड़क और काम क सथल की सरकषा क िलए उपबनध करना

(ढ) खान म खिनज और महबनद अिग न-कषतर का िनरीकषण और सागर क या िकसी सरोवर या नदी या िकसी अनय भप ीय जलरािश क चाह वह पराकितक हो चाह कितरम या िकसी लोक सड़क या िनमारण क समीप खिनत िवषयक िनबनधन और िकनह खिनत म पानी भर जान या आग लग जान या उनक समय-पवर ढह जान क िवर समयक पवारवधानी बरती जान की अपकषा करना ]

(ण) खान क सवातन का और धल अिग न और जवलनशील तथा अपायकर गस क िवषय म की जान वाली काररवाई का िजसक अनतगरत सवतःदहन भिम क नीच की अिग न और कोयल की धल क िवर पवारवधानी आती ह उपबनध करना

5[(त) खान म िव त क जनन भणडारकरण रपानतरण पारषण और उपयोग की भारतीय िव त अिधिनयम 1910 (1910 का 9) और तद धीन बनाए गए िकनह िनयम क उपबनध क अधयधीन रहत हए िविनयिमत करना और खान म क सब िव त उपकरण िव त तार और उनम की सब अनय मशीनरी और सयतर की दखभाल और उपयोग क िविनयमन क िलए उपबनध करना ]

(थ) 6[खान म मशीनरी का उपयोग िविनयिमत करना ऐसी मशीनरी पर या उसक आसपास और कषरण-माग पर िनयोिजत िक तय क कषम क िलए उपबनध करना] और भिम क नीच कछ वग क चिलतर का परयोग िनबरिनधत करना

(द) खान म उिचत परकाश क िलए उपबनध करना और उनम िनरापद और लमप का परयोग िविनयिमत करना और िजस खान म िनरापद लमप परयोग म लाए जात ह उसम परवश करन वाल िक तय की तलाशी लना

1 1959 क अिधिनयम स० 62 की धारा 31 ारा (16-1-1960 स) खड (ज) क सथान पर परितसथािपत 2 1959 क अिधिनयम स० 62 की धारा 31 ारा (16-1-1960 स) खड (ञ) क सथान पर परितसथािपत 3 1983 क अिधिनयम स० 42 की धारा 30 ारा (31-5-1984 स) ldquoकमार औरrdquo शबद का लोप िकया गया 4 1959 क अिधिनयम स० 62 की धारा 31 ारा (16-1-1960 स) खड (ड) और (ढ) क सथान पर परितसथािपत 5 1959 क अिधिनयम स० 62 की धारा 31 ारा (16-1-1960 स) खड (त) क सथान पर परितसथािपत 6 1983 क अिधिनयम स० 42 की धारा 30 ारा (31-5-1984 स) कितपय शबद क सथान पर परितसथािपत

22

(ध) खान म 1[जवलनशील गस या धल क] िवसफोटक या जवलन या पानी क फट िनकलन या सिचत होन क िवर और उनस उदभत खतर क िवर उपबनध करना और ऐसी पिरिसथितय म खिनज क िनकाल जान का परितषध िनबरनधन या िविनयमन करना िजनस यह समभा ता हो िक उसक पिरणामसवरप खान म 1[खिनत] समय-पवर ढह जाए या यह िक उसक पिरणामसवरप खान म 1[खिनत ] का ढह जाना या जल का फट िनकलना या जवलन घिटत होगा या गरतर हो जाएगा

(न) 2[धारा 23 की उपधारा (1) क खड (छ) क अधीन दघरटना क परकार िविहत करना और दघरटना और खतरनाक घटना की सचना का और खिनज उतपाद िनयोिजत िक तय तथा िविनयम ारा उपबिनधत अनय बात की सचना िरपोट और िववरिणय का खान क सवािमय अिभकतार और परबनधक ारा िदया जाना िविहत करना] और ऐसी सचना िववरिणय और िरपोट क पररप व िक त और परािधकारी िजनह व दी जानी ह व िविशि या जो उनम अनतिवष ट होनी ह और वह समय िजसक अनदर व िनविदन की जानी ह िविहत करना

3[(प) 4[खान क सवािमय अिभकतार और परबनधक स खान क िलए िनयत सीमाए रखन की अपकषा करना उनस ससक त रखाक और खडिचतर तथा सथलीय िटपपण जो उनक ारा रख जान ह िविहत करना] और वह रीित िजसस और व सथान िजनम ऐस रखाक खणडिचतर और सथलीय िटपपण अिभलख क परयोजन क िलए रख जान ह िविहत करना और उनकी परितय का मखय िनरीकषक को िनविदत िकया जाना और उनस यह अपकषा करना िक व नए सवकषण कर और नए रखाक बनाए और अननपालन की दशा म िकसी अनय अिभकरण क माधयम स सवकषण कराना और रखाक तयार कराना और उनक य की वसली उसी रीित स करना िजसस भ-राजसव की बकाया होती ह ]

(फ) 5[िसथित स परभावी ढग स िनपटन क परयोजन क िलए] खान म या उनक आसपास दघरटना या आकिसमक िवसफोट या जवलन क घिटत होन पर अपनाई जान वाली परिकरया िविनयिमत करना

(ब) खान क सवामी अिभकतार या परबनधक ारा धारा 16 क अधीन दी जान वाली सचना का पररप और उसम अनतिवष ट होन वाली िविशि या िविहत करना

(भ) वह सचना िविहत करना जो िकसी ऐस सथान पर जो भारतीय रल अिधिनयम 1890 (1890 का 9) क उपबनध क अधयधीन की िकसी रल क या 6[यथािसथित िकनह ऐसी लोक सड़क या अनय सकम क जो सरकार ारा या िकसी सथानीय परािधकारी ारा अनरिकषत ह ] 7[पतालीस मीटर] क अनदर का हो खनन सिकरयाए परारमभ करन या उस तक िवसतािरत करन क पवर खान क सवामी अिभकतार या परबनधक ारा दी जानी ह

(म) िकसी खान क बार म उस दशा म जबिक खिनत म काम बनद कर िदया गया हो सरकार या िकसी सथानीय परािधकारी या भारतीय रल अिधिनयम 1890 (1890 का 9) म यथापिरभािषत िकसी रल कमपनी म िनिहत समपि की कषित स सरकषा

8[(मम) खान क सवामी अिभकतार या परबनधक स यह अपकषा करना िक खान क बनद िकए जान क पवर सरकषा-सकमर सि िमत कर और अननपालन की दशा म ऐस सकमर िकसी अनय अिभकरण ारा िनषपािदत कराना और ऐस सवामी स उनक य की वसली उसी रीित स करना िजसस भ-राजसव की बकाया की होती ह ]

(य) िकसी खान या खान क भाग या िकसी खदान आनित कपक गतर या िनकास म चाह उसका कायरकरण हो रहा हो या नह या िकसी खतरनाक या परितिष कषतर अवतलन कषरण टराम लाइन या पथया पर जहा जनता क सरकषण क िलए बाड़ लगाना आवशयक हो बाड़ लगाई जान की अपकषा करना

(यय) कोई अनय बात जो िविहत की जानी ह या िविहत की जाए

58 िनयम बनान की कनदरीय सरकार की शिक तmdashकनदरीय सरकार िनिम निलिखत सब परयोजन या उनम स िकसी क िलए ऐस िनयम जो इस अिधिनयम स सगत ह शासकीय राजपतर म अिधसचना ारा बना सकगी अथारत --

9[(क) सिमित क सदसय की पदाविध और उनकी सवा की अनय शत का तथा िरिक तया भरन की रीित का उपबनध कराना और अपना कारबार चलान क िलए सिमित ारा अनसिरत की जान वाली परिकरया िविनयिमत करना

(ख) धारा 23 की उपधारा (3) म िनिदष ट रिजसटर का पररप िविहत करना

1 1959 क अिधिनयम स० 62 की धारा 31 ारा (16-1-1960 स) अनतःसथािपत 2 1959 क अिधिनयम स० 62 की धारा 31 ारा (16-1-1960 स) ldquoसचनाए िविहत करन क िलएrdquo क सथान पर परितसथािपत 3 1959 क अिधिनयम स० 62 की धारा 31 ारा (16-1-1960 स) खड (प) क सथान पर परितसथािपत 4 1983 क अिधिनयम स० 42 की धारा 30 ारा (31-5-1984 स) कितपय शबद क सथान पर परितसथािपत 5 1983 क अिधिनयम स० 42 की धारा 30 ारा (31-5-1984 स) अनतःसथािपत 6 1959 क अिधिनयम स० 62 की धारा 31 ारा (16-1-1960 स) कितपय शबद क सथान पर परितसथािपत 7 1983 क अिधिनयम स० 42 की धारा 30 ारा (31-5-1984 स) ldquoपचास गजrdquo क सथान पर परितसथािपत 8 1959 क अिधिनयम स० 62 की धारा 31 ारा (16-1-1960 स) अनतःसथािपत 9 1983 क अिधिनयम स० 42 की धारा 31 ारा (31-5-1984 स) खड (क) क सथान पर परितसथािपत

23

(ग) धारा 24 क अधीन जाच नयायालय की िनयिक त क िलए उपबनध करना ऐस नयायालय की परिकरया और शिक तया िविनयिमत करना ऐस नयायालय क सदसय को यातरा-भ का सदाय करना और सयक त खान क परबनधक सवामी या अिभकतार स उक त नयायलय क य की 1[िजनक अनतगरत जाच स ससक त कोई अनय य आत ह] 2[उसी रीित स जस भ-राजसव की बकाया वसल की जाती ह] वसली करना

2[(गग) खान म िनयोिजत िक तय की ओर स तकनीकी िवशषजञ ारा (जो परािसथित म ओवरमन स कम नह ह) खान क िनरीकषण क िलए उसक िलए दी जान वाली सिवधा क िलए वह आवित िजस पर और वह रीित िजसम ऐस िनरीकषण िकए जाएग और वह रीित िजसम ऐस िनरीकषण की िरपोटर दी जाएगी उपबनध करना ]

(घ) िजन खान म कोई ि या िनयोिजत ह या पवरवत बारह मास म िकसी िदन िनयोिजत रह ह उनम ऐसी िस तरय क छह वषर स कम आय वाल बालक क उपयोग क िलए आरिकषत िकए जान वाल समिचत कमर बनाए रखन की अपकषा करना और या तो साधारणतः या खान म िनयोिजत िस तरय की सखया क परित िविशष ट िनदश स ऐस कमर की सखया और सतरमान और उन सख-सिवधा की जो उनम उपबिनधत की जानी ह और उस पयरवकषण की जो उनम िकया जाना ह परकित और िवसतार िविहत करना

(ङ) खान म िनयोिजत परष क उपयोग क िलए फहारयक त स नान सथान और लॉकर ककष और िजन खान म ि या िनयोिजत ह उनम िस तरय क उपयोग क िलए वस ही पथक सथान और ककष गतरमख पर या उनक आसपास बनाए रख जान की अपकषा करना और या तो साधारणतः या खान म मामली तौर पर िनयोिजत परष और िस तरय की सखया क परित िविशष ट िनदश स ऐस सथान और ककष की सखयाए और सतरमान िविहत करना

(च) खान म सवचछता का जो सतरमान बनाए रखना ह उस खान म उपबिनधत िकए जान वाल शौचालय और मतरालय का आनपाितक मान िविहत करना और 3 पय जल क परदाय क िलए िकया जान वाला उपबनध

1[(चच) िचिकतसीय सािधतर और सख-सिवधा क परदाय और बनाए रख जान क िलए उपबनध करना और पराथिमक उपचार बकस और कपबोड की अनतवरसतए और सखयाए पराथिमक उपचार क काम म परिशकषण पराथिमक उपचार कमर क आकार और उपसकर और उनक भारसाधक कमरचािरवनद और कषितगरसत िक तय को िचिकतसालय या औषधालय को परवहण करन क िलए इतजाम िविहत करना

(चचच) उन व यिक तय को जो खान म पयरवकषण या परबन ध क पद स िभन न पद पर िनयोिजत ह या िनयोिजत िकए जान ह व यावहािरक िशकषण िदए जान या परिशिकषत िकए जान की अपकषा करना और ऐस िशकषण और परिशकषण क िलए स कीम िविहत करना]

(छ) खान म मादक पय या औषिधय को कबज म रखन को या उनक उपभोग को और म ता की हालत म िकसी िक त क उनम परवश या उपिसथित को परितिष करना

(ज) धारा 36 क अधीन अपिकषत सचना क पररप िविहत करना और यह अपकषा करना िक ऐसी सचनाए िविनिदष ट भाषा म भी लगाई जाए

(झ) उन िक तय को पिरभािषत करना िजनकी बाबत धारा 37 क परयोजन क िलए यह समझा जाएगा िक व पयरवकषण या परबनध क पद धारण िकए हए ह या िकसी गोपनीयता की हिसयत म िनयोिजत ह

(ञ) उन िक तय या िक तय क िकसी वगर का खान म िनयोजन परितिष करना िजनकी बाबत िकसी अिहत िचिकतसा- वसायी ारा यह परमािणत न िकया गया हो िक उनह न अपना पदरहवा वषर परा कर िलया ह और वह रीित और व पिरिसथितया िजनम ऐस परमाणपतर अनद और परितसहत िकए जा सकग िविहत करना

4

1[(टट) खान म िनयोिजत या िनयोजन चाहन वाल िक तय स यह अपकषा करना िक व अपन को िचिकतसीय परीकषा क िलए परसतत कर और खान म िकसी िक त का िनयोजन िकए जान का आतयितक परितषध या िकसी िविशष ट हिसयत म या िविशष ट काम म िकए जान का परितषध िचिकतसीय आधार पर करना ]

5[(ठ) धारा 48 ारा अपिकषत रिजसटर क पररप और अधयाय 7 क परयोजन क िलए रिजसटर रखा जाना और उनक पररप िविहत करना ]

(ड) इस अिधिनयम को और िविनयम और िनयम की सिकषिप तया और वह भाषा िजसम सिकषिप तया और उपिविधया धारा 61 और 62 म अपिकषत रप स लगाई जाएगी िविहत करना

1 1959 क अिधिनयम स० 62 की धारा 32 ारा (16-1-1960 स) अनतःसथािपत 2 1983 क अिधिनयम स० 42 की धारा 31 ारा (31-5-1984 स) अनतःसथािपत 3 1959 क अिधिनयम स० 62 की धारा 32 ारा (16-1-1960 स) कितपय शबद का लोप िकया गया 4 1983 क अिधिनयम स० 42 की धारा 31 ारा (31-5-1984 स) (ट) का लोप िकया गया 5 1959 क अिधिनयम स० 62 की धारा 32 ारा (16-1-1960 स) खड (ठ) क सथान पर परितसथािपत

24

(ढ) यह अपकषा करना िक िजन बात क िलए िनयम बनाए गए ह उनस सब सचनाए िववरिणया और िरपोट खान क सवामी अिभकतार और परबनधक द और ऐसी सचना िववरिणय और िरपोट क पररप व िक त और परािधकारी िजनह व दी जानी ह व िविशि या जो उनम अनतिवष ट होनी ह और व समय िजनक अनदर व िनविदत की जानी ह िविहत करना

(ण) िजन खान म 1 पचास स अिधक िक त मामली तौर पर िनयोिजत रहत ह उनम भोजन करन क िलए यथायोगय और उपयक त ऐस आशरय क िजनम पीन क पानी का उपबनध भी हो उपबिनधत िकए जान और बनाए रख जान की अपकषा करना

(त) मखय िनरीकषक या िनरीकषक ारा इस िनिम िविनिदष ट िकसी ऐसी खान म िजसम दो सौ पचास स अिधक िक त मामली तौर पर िनयोिजत रहत ह ऐस िक तय क उपयोग क िलए कोई कटीन या कटीन उपबिनधत की जान और

बनाए रखी जान की अपकषा करना

(थ) हर ऐसी खान म िजसम पाच सौ या अिधक िक त मामली तौर पर िनयोिजत रहत ह इतनी सखया म कलयाण आिफसर िनयोिजत िकए जान की अपकषा करना िजतनी िविनिदष ट की जाए और ऐस कलयाण आिफसर की अहरताए और सवा क िनबनधन और शत और उनक ारा पालनीय कतर िविहत करना

2[(द) िविनिदष ट खान या िविनिदष ट खान क समह क िलए या िकसी िविनिदष ट कषतर की सब खान क िलए बचाव सटशन की सथापना की जान की अपकषा करना और यह िविहत करना िक ऐस सटशन कस और िकसक ारा सथािपत िकए जाएग

(ध) बचाव सटशन क परबनध क िलए उपबनध करना

(धक) बचाव िबरगड का गठन करन वाल िक तय की शारीिरक योगयता क मानक और अनय अहरता क िलए उपबनध करना

(धख) बचाव िबरगड का गठन करन वाल िक तय का िनवास-सथान िविहत करना ]

(न) 3 बचाव सटशन की िसथित उपसकर िनयतरण अनरकषण और कतय िविहत करना 4[(प) खड (द) क अधीन िविनिदष ट खान म उतपािदत और वहा स परिषत कोक और कोयल पर (पच चीस पस परित

टन स अनिधक दर स) उतपाद-शलक क उद गहण और सगरहण क िलए ऐसी खान क िलए बचाव सटशन िनिध का सजन करन क िलए भारत की सिचत िनिध म जमा िकए गए ऐस उपकर क आगम म स उन धनरािशय क जो कनदरीय सरकार ससद

ारा िविध ारा इस िनिम समयक िविनयोग िकए जान क पश चात उपबिनधत कर ऐसी िनिध म जमा िकए जान क िलए उस रीित क िलए िजसम ऐसी िनिध म स धन का उपयोग िकया जाएगा और ऐसी िनिध क परशासन क िलए उपबनध करना

(फ) बचाव िबरगड़ क बनाव परिशकषण सरचना और कतर क िलए 5 और साधारणतः खान म बचाव कायर क सचालन क िलए उपबनध करना 6

7[(फफ) िविनिदष ट खान या िविनिदष ट खान क समह क िलए सरकषा सिमितय क गठन क िलए या सरकषा की अिभवि करन क िलए िकसी िविनिदष ट कषतर म सभी खान क िलए और ऐसी सरकषा सिमितय की सरचना उनक गठन और कतय की रीित अिधकिथत करन क िलए उपबनध करना तथा]

(ब) साधारणतः िकसी ऐस मामल क िलए उपबनध करना िजनक िलए इस अिधिनयम या िविनयम ारा उपबनध न िकया गया हो और िजसक िलए उपबनध इस अिधिनयम को परभावी करन क िलए अपिकषत हो

59 िविनयम और िनयम का पवर परकाशनmdash(1) धारा 57 और 58 ारा परद िविनयम और िनयम बनान की शिक त इस शतर क अधयधीन ह िक य िविनयम और िनयम पवर परकाशन क पश चात बनाए जाएग

(2) जो तारीख साधारण खड अिधिनयम 1897 (1897 का 10) की धारा 23 क खड (3) क अनसार उस तारीख क रप म िविनिदष ट की जानी ह िजसक पश चात िक बनाए जान क िलए परसथािपत िविनयम या िनयम क परारप पर िवचार िकया जाएगा वह उस तारीख स तीन मास स कम की होगी िजसको परसथािपत िविनयम या िनयम का परारप साधारण जानकारी क िलए परकािशत िकया जाए

1 1959 क अिधिनयम स० 62 की धारा 32 ारा (16-1-1960 स) ldquoएक सौ औरrdquo शबद का लोप िकया गया 2 1983 क अिधिनयम स० 42 की धारा 31 ारा (31-5-1984 स) खड (द) और (ध) क सथान पर परसथािपत 3 1983 क अिधिनयम स० 42 की धारा 31 ारा (31-5-1984 स) ldquoकनदरीयrdquo शबद का लोप िकया गया 4 1983 क अिधिनयम स० 42 की धारा 31 ारा (31-5-1984 स) खड (प) क सथान पर परितसथािपत 5 1983 क अिधिनयम स० 42 की धारा 31 ारा (31-5-1984 स) कितपय शबद का लोप िकया गया 6 1983 क अिधिनयम स० 42 की धारा 31 ारा (31-5-1984 स) ldquoऔरrdquo शबद का लोप िकया गया 7 1983 क अिधिनयम स० 42 की धारा 31 ारा (31-5-1984 स) अनतःसथािपत

25

1

2[(4) कोई भी िविनयम या िनयम तब तक नह बनाया जाएगा जब तक िक उस िविनयम या िनयम का परारप धारा 12 की उपधारा (1) क अधीन गिठत सिमित को िनदिशत न कर िदया गया हो और जब तक उस सिमित को उसक बनाए जान की समीचीनता और उसक उपबनध की उपयक तता की बाबत िरपोटर दन का यिक तयक त अवसर न िमल गया हो ]

(5) िविनयम और िनयम शासकीय राजपतर म परकािशत िकए जाएग और ऐस परकािशत िकए जान पर ऐस परभाव रखग मानो व इस अिधिनयम म अिधिनिमत ह

(6) उपधारा (1) उपधारा (2) और उपधारा (4) क उपबनध उस अवसर को लाग न ह ग िजस पर धारा 58 क खड (घ) या खड (ङ) म िनदिशत िनयम सवरपरथम बनाए जाए

3

60 पवर परकाशन क िबना िविनयम बनान की शिक तmdashयिद कनदरीय सरकार का समाधान हो जाए िक आशिकत खतर का िनवारण करन या खतरा पदा करन की सभा ता रखन वाली िसथितय का शीघर उपचार करन क िलए यह आवशयक ह िक ऐस िविनयम बनान म वह िवलमब न होन िदया जाए जो ऐस परकाशन और िनदशन स होगा तो धारा 57 4 क अधीन िविनयम धारा 59 की उपधारा (1) उपधारा (2) और उपधारा 5[(4)] म अनतिवष ट िकसी बात क होत हए भी पवर परकाशन और 6[धारा 12 की उपधारा (1) क अधीन गिठत सिमित] को 7 िनदशन क िबना बनाए जा सकग

परनत इस परकार बनाए गए िविनयम 8[सिमित की जानकारी क िलए भज जाएग और] बनाए जान स 9[एक वषर] स अिधक क िलए परव नह रहग

61 उपिविधयाmdash(1) खान का सवामी अिभकतार या परबनधक 10[उस खान म िकसी िवशष मशीनरी क उपयोग या कायरकरण की िकसी िवशष प ित को अपनाए जान क शािस त करन क िलए] इस अिधिनयम या िकनह ततसमय परव िविनयम या िनयम स असगत न होन वाली ऐसी उपिविधय का परारप जसी िक ऐसा सवामी अिभकतार या परबनधक उस खान म दघरटना का िनवारण करन क िलए और उसम िनयोिजत िक तय क कषम सिवधा और अनशासन हत उपबनध करन क िलए आवशयक समझ तयार कर सकगा और मखय िनरीकषक या िनरीकषक को िनविदत कर सकगा और यिद ऐसा करन की उसस अपकषा मखय िनरीकषक या िनरीकषक ारा की जाए तो तयार करगा और िनविदत करगा

(2) यिद ऐसा कोई सवामी अिभकतार या परबनधकmdash

(क) मखय िनरीकषक या िनरीकषक ारा ऐसा करन की उसस अपकषा की जान क पश चात दो मास क अनदर उपिविधय का परारप िनविदत करन म असफल रह अथवा

(ख) उपिविधय का ऐसा परारप िनविदत कर जो मखय िनरीकषक या िनरीकषक की राय म पयार न हो

तो मखय िनरीकषक या िनरीकषकmdash

(i) ऐसी उपिविधय का परारप परसथािपत कर सकगा जो उस पयार परतीत ह अथवा

(ii) सवामी अिभकतार या परबनधक ारा जो परारप उस िनविदत िकया गया हो उसम ऐस सशोधन परसथािपत कर सकगा िजनस उसकी राय म वह पयार हो जाएगा और ऐसी परारप-उपिविधया या परारप-सशोधन यथािसथित सवामी अिभकतार या परबनधक क पास िवचार क िलए भजगा

(3) यिद उस तारीख स िजसको कोई परारप-उपिविधया या परारप-सशोधन मखय िनरीकषक या िनरीकषक न सवामी अिभकतार या परबनधक क पास उपधारा (2) क उपबनध क अधीन भज ह दो मास की कालाविध क अनदर मखय िनरीकषक या िनरीकषक और सवामी अिभकतार या परबनधक उपधारा (1) क अधीन बनाई जान वाली उपिविधय क िनबनधन क िवषय म परसपर सहमत होन म

1 1959 क अिधिनयम स० 62 की धारा 33 ारा (16-1-1960 स) उपधारा (3) का लोप िकया गया 2 1983 क अिधिनयम स० 42 की धारा 32 ारा (31-5-1984 स) उपधारा (4) क सथान पर परितसथािपत 3 1983 क अिधिनयम स० 42 की धारा 32 ारा (31-5-1984 स) उपधारा (7) का लोप िकया गया 4 1959 क अिधिनयम स० 62 की धारा 34 ारा (16-1-1960 स) ldquoक खड (ठ) को अपविजत करत हए खड (झ) और खड (ट) स (ख) (ध)rdquo शबद को क और अकषर का

लोप िकया गया 5 1959 क अिधिनयम स० 62 की धारा 34 ारा (16-1-1960 स) ldquo(3)rdquo क सथान पर परितसथािपत 6 1983 क अिधिनयम स० 42 की धारा 33 ारा (31-5-1984 स) ldquoखनन बोड rdquo क सथान पर परितसथािपत 7 1959 क अिधिनयम स० 62 की धारा 34 ारा (16-1-1960 स) ldquoपवरrdquo शबद का लोप िकया गया 8 1983 क अिधिनयम स० 42 की धारा 33 ारा (31-5-1984 स) अनतःसथािपत 9 1959 क अिधिनयम स० 62 की धारा 34 ारा (16-1-1960 स) ldquoदो वषरrdquo क सथान पर परितसथािपत 10 1983 क अिधिनयम स० 42 की धारा 34 ारा (31-5-1984 स) कितपय शबद क सथान पर परितसथािपत

26

असमथर रह तो मखय िनरीकषक या िनरीकषक परारप-उपिविधय को पिरिनधाररण क िलए 1[धारा 12 की उपधारा (1) क अधीन गिठत सिमित को] िनदिशत करगा

(4) (क) जबिक ऐसी पररप-उपिविधय पर अिभकतार या परबनधक और मखय िनरीकषक सहमत हो गए ह या जबिक उनक सहमत होन म असमथर होन पर व 2[धारा 12 की उपधारा (1) क अधीन गिठत सिमित को] ारा पिरिनधारिरत कर दी गई ह तब मखय िनरीकषक या िनरीकषक ारा परारप-उपिविधय की एक परित कनदरीय सरकार को अनमोदनाथर भजी जाएगी

(ख) कनदरीय सरकार परारप-उपिविधय म ऐसा उपातरण कर सकगी जसा वह ठीक समझ

(ग) इसस पवर िक कनदरीय सरकार परारप-उपिविधय का अनमोदन चाह उपातर क सिहत या उनक िबना कर उपिविधया बनान की परसथापना की और उस सथान की जहा परारप-उपिविधय की परितया अिभपरा की जा सकगी और उस समय की (जो तीस िदन स कम का न होगा) इसक अनदर िक परभािवत िक तय क ारा या उनकी ओर स परारप-उपिविधय क परित िकया गया कोई आकषप कनदरीय सरकार को भजा जाना चािहए सचना ऐसी रीित स जसी कनदरीय सरकार परभािवत िक तय की जानकारी दन क िलए उपयक ततम समझ परकािशत की जाएगी

(घ) हर आकषप िलिखत होगा और उसमmdash

(i) आकषप क िविशष ट आधार तथा

(ii) चाह गए लोप पिरवधरन या उपानतर

किथत ह ग

(ङ) उन िक तय क ारा या उनकी ओर स िजनकी बाबत कनदरीय सरकार को यह परतीत हो िक व तद ारा परभािवत िक त ह अपिकषत समय क अनदर िकए गए आकषप पर वह सरकार िवचार करगी और उपिविधय पर या तो उस रप म िजसम व परकािशत की गई थ या उनम ऐस सशोधन करक िजनह वह ठीक समझ अनमोिदत कर सकगी

(5) कनदरीय सरकार ारा इस परकार अनमोिदत हो जान पर उपिविधया इस परकार परभावी ह गी मानो व इस अिधिनयम म अिधिनयिमत ह और खान का सवामी अिभकतार या परबनधक उन उपिविधय की एक परित अगरजी म और ऐसी अनय भाषा या भाषा म जसी िविहत की जाए खान म या उसक आसपास िकसी ऐस सहजदशय सथान पर लगवाएगा जहा व उपिविधया िनयोिजत

िक तय ारा सिवधापवरक पढ़ी या दखी जा सक और िजतनी बार व िवरिपत हो जाए िमट जाए या नष ट हो जाए उतनी बार यिक तयक त शीघरता क साथ उनह नए िसर स लगवाएगा

(6) कनदरीय सरकार इस परकार िनिमत िकसी उपिविध को िलिखत आदश ारा पणरतः या भागतः िवखिडत कर सकगी और तदपिर ऐसी उपिविध तदनसार परभावहीन हो जाएगी

3[61क िविनयम िनयम और उपिविधय का ससद क समकष रखा जानाmdashधारा 57 क अधीन बनाया गया परतयक िविनयम धारा 58 क अधीन बनाया गया परतयक िनयम और धारा 61 क अधीन बनाई गई परतयक उपिविध बनाई जान क पश चात यथाशीघर ससद क परतयक सदन क समकष जब वह सतर म हो कल तीस िदन की अविध क िलए रखा जाएगा या रखी जाएगी यह अविध एक सतरा म अथवा दो या अिधक आनकरिमक सतर म परी हो सकगी यिद उस सतर क या पव क त आनकरिमक सतर म अवसान क पवर दोन सदन उस िविनयम िनयम या उपिविध म कोई पिरवतरन करन क िलए सहमत हो जाए तो ततपश चात वह ऐस पिरवितत रप म ही परभावी होगा या होगी यिद उक त अवसान क पवर दोन सदन सहमत हो जाए िक वह िविनयम िनयम या उपिविध नह बनाया या बनायी जानी चािहए तो ततपश चात वह िनषपरभाव हो जाएगा या हो जाएगी िकनत यथािसथित िविनयम िनयम या उपिविधय क ऐस पिरवितत या िनषपरषभाव होन स उसक अधीन पहल की गई िकसी बात की िविधमानयता पर परितकल परभाव नह पड़गा ]

62 अिधिनयम िविनयम आिद की सिकषिप तया लगवानाmdashहर खान म या उसक आसपास अगरजी म और ऐसी अनय भाषा या भाषा म जो िविहत की जाए अिधिनयम की और िविनयम और िनयम की िविहत सिकषिप तया लगाई रखी जाएगी

अधयाय 9

शािसतया और परिकरया 63 बाधा डालनाmdash(1) जो कोई मखय िनरीकषक िनरीकषक या धारा 8 क अधीन परािधकत िकसी िक त क इस अिधिनयम क अधीन क उसक अपन कतर क िनवरहन म बाधा डालगा या मखय िनरीकषक िनरीकषक या ऐस िक त को िकसी खान क समबनध म इस अिधिनयम क ारा या अधीन परािधकत कोई परवश िनरीकषण परीकषा या जाच करन क िलए कोई यिक तयक त सिवधा दन स इनकार करगा या दन म जानबझकर उपकषा करगा वह कारावास स िजसकी अविध तीन मास तक की हो सकगी या जमारन स जो पाच सौ रपए तक का हो सकगा या दोन स दणडनीय होगा

1 1983 क अिधिनयम स० 42 की धारा 34 ारा (31-5-1984 स) कितपय शबद क सथान पर परितसथािपत 2 1983 क अिधिनयम स० 42 की धारा 34 ारा (31-5-1984 स) कितपय शबद क सथान पर परितसथािपत 3 1983 क अिधिनयम स० 42 की धारा 35 ारा (31-5-1984 स) अतःसथािपत

27

(2) जो कोई इस अिधिनयम क अनसरण म रख गए िकनह रिजसटर या अनय दसतावज को मखय िनरीकषक या िनरीकषक की माग पर पश करन स इनकार करगा अथवा िकसी ऐस िनरीकषण आिफसर क समकष जो इस अिधिनयम क अधीन क अपन कतर क अनसरण म कायर कर रहा ह उपसजात होन या उसक ारा परीकषा की जान स िकसी िक त को िनवािरत करगा या िनवािरत करन का परयत न करगा या कोई ऐसा कायर करगा िजसक बार म उसक पास यह िवश वास करन का कारण हो िक उसस उसका इस परकार िनवािरत होना सभा ह वह जमारन स जो तीन सौ रपए तक का हो सकगा दणडनीय होगा

64 अिभलख का िमथयाकरण आिदmdashजो कोईmdash

(क) इस अिधिनयम क अधीन अनद िकसी परमाणपतर का या परमाणपतर की िकसी कायारलय परित का कटकरण करगा या जानत हए उसम िमथया कथन करगा अथवा

(ख) जानत हए ऐस िकसी कटकतय या िमथया परमाणपतर को असली क रप म उपयोग म लाएगा अथवा

(ग) कोई िमथया घोषणा कथन या सा य यह जानत हए िक वह िमथया ह अपन िलए या िकसी अनय िक त क िलए इस अिधिनयम क अधीन परमाणपतर अिभपरा करन या परमाणपतर का नवीकरण करान या खान म िनयोजन अिभपरा करन क परयोजनाथर करगा या बनाएगा या पश करगा या उपयोग म लाएगा अथवा

1[(घ) िकसी ऐस रखाक खडिचतर रिजसटर या अिभलख का िमथयाकरण करगा िजसका रखा जाना इस अिधिनयम क ारा या अधीन अपिकषत हो या ऐसा िमथया रखाक खडिचतर रिजसटर या अिभलख उस िमथया जानत हए िकसी परािधकारी क

समकष पश करगा अथवा]

(ङ) कोई ऐसा रखाक िववरणी सचना अिभलख या िरपोटर बनाएगा दगा या पिरद करगा िजसम ऐसा कथन परिवि या बयौरा अनतिवष ट हो जो उसकी सव म जानकारी या िवश वास क अनसार सही न हो

वह कारावास स िजसकी अविध तीन मास तक की हो सकगी या जमारन स जो 2[एक हजार रपए] तक का हो सकगा या दोन स दणडनीय होगा

65 िमथया योगयता परमाणपतर का उपयोगmdashजो कोई 3[धारा 43] क अधीन अनय िक त को अनद िकसी परमाणपतर का उस धारा क अधीन अपन को योगयता-परमाणपतर क रप म जानत हए उपयोग करगा या उपयोग करन का परयत न करगा या उस धारा क अधीन अपन को योग यता-परमाणपतर अनद िकए जान पर जानत हए अनय िक त को उसका उपयोग करन दगा या उपयोग करन का परय करन दगा वह कारावास स िजसकी अविध एक मास तक की हो सकगी या जमारन स जो 4[दो सौ] रपए तक का हो सकगा या दोन स दणडनीय ोगा

िक तयक त कारण क िजस सािबत करन का भार उस पर होगा करगा जमारन स जो 6[एक हजार] रपए क का हो

ास स िजसकी विध तीन

ोिजत िकया जाता ह तो ऐसी खान का सवामी अिभकतार या परबनधक ऐस जमारन स जो पाच सौ रपए क का हो

ी अविध तीन मास तक की हो सकगी या जमारन स जो 10[दो हजार पाच सौ] रपए तक का हो सकगा या दोन स दणडनीय होगा

66 रखाक आिद दन का लोपmdashकोई िक त जो इस अिधिनयम क ारा या अधीन बनाए जान या िदए जान क िलए अपिकषत कोई रखाक 5[खडिचतर] िववरणी सचना रिजसटर अिभलख या िरपोटर िविहत पररप म या िविहत रीित स या िविहत समय पर या क भीतर बनान या दन का लोप िकए िबना यत सकगा दणडनीय होगा

67 शरिमक क िनयोजन िवषयक उपबनध का उललघनmdashजो कोई उसक िसवाय जसा िक धारा 38 ारा अनजञात ह इस अिधिनयम क या िकसी िविनयम िनयम या उपिविध क या तद धीन िकए गए िकसी आदश क िकसी ऐस उपबनध का उललघन करगा जो खान म या उसक आसपास िक तय क िनयोजन या उनकी उपिसथित को परितिष िनबरिनधत या िविनयिमत करता हो वह कारावअ मास तक की हो सकगी या जमारन स जो 7[एक हजार] रपए तक का हो सकगा या दोन स 8 दडनीय होगा

9[68 अठारह वषर स कम आय क िक तय क िनयोजन क िलए शािसतmdashयिद अठारह वषर स कम आय क िकसी िक त को धारा 40 क उललघन म िकसी खान म िनयत सकगा दणडनीय होगा ]

69 परबनधक िनयक त करन म असफलताmdashधारा 17 क उपबनध क उललघन म जो कोई परबनधक िनयक त करन म असफल रहगा वह कारावास स िजसक11

1 1959 क अिधिनयम स० 62 की धारा 35 ारा (16-1-1960 स) खड (घ) क सथान पर परितसथािपत 2 1959 क अिधिनयम स० 62 की धारा 35 ारा (16-1-1960 स) ldquoपाच सौ रपएrdquo क सथान पर परितसथािपत 3 1983 क अिधिनयम स० 42 की धारा 36 ारा (31-5-1984 स) ldquoधारा 40rdquo क सथान पर परितसथािपत 4 1959 क अिधिनयम स० 62 की धारा 36 ारा (16-1-1960 स) ldquoपचासrdquo क सथान पर परितसथािपत 5 1959 क अिधिनयम स० 62 की धारा 37 ारा (16-1-1960 स) अनतःसथािपत 6 1959 क अिधिनयम स० 62 की धारा 37 ारा (16-1-1960 स) ldquoदो सौrdquo क सथान पर परितसथािप 7 1959 क अिधिनयम स० 62 की धारा 38 ारा (16-1-1960 स) ldquoपाच सौrdquo क सथान पर परितसथािपत 8 1959 क अिधिनयम स० 62 की धारा 38 ारा (16-1-1960 स) कितपय शबद का लोप िकया गया 9 1983 क अिधिनयम स० 42 की धारा 37 ारा (31-5-1984 स) धारा 68 क सथान पर परितसथािपत 10 1959 क अिधिनयम स० 62 की धारा 39 ारा (16-1-1960 स) ldquoपाच सौrdquo क सथान पर परितसथािपत 11 1959 क अिधिनयम स० 62 की धारा 39 ारा (16-1-1960 स) कितपय शबद का लोप िकया गया

28

70 दघरटना की सचनाmdash(1) धारा 23 की उपधारा (1) क उपबनध क उललघन म जो कोई िकसी दघरटना की सचना दन म या उस सचना की परित उस उपधारा म िनिदष ट िवशष सचनाप पर लगान म और िविनिदष ट कालाविध क िलए वहा रखन म असफल रहगा वह कारावास स िजसकी अविध तीन मास तक की हो सकगी या जमारन स जो पाच सौ रपए तक का हो सकगा या दोन स दणनीय होगा

(2) कनदरीय सरकार ारा धारा 23 की उपधारा (3) क अधीन िदए गए िनदश क उललघन म जो कोई िकसी दघरटना को िविहत रिजसटर म अिभिलिखत करन म या उसकी सचना दन म असफल रहगा वह कारावास स िजसकी अविध तीन मास तक की हो सकगी या जमारन स तो पाच सौ रपए तक का हो सकगा या दोन स दणडनीय होगा

71 कितपय मामल म सवामी आिद का मखय िनरीकषक को िरपोटर दनाmdashजहा िक खान क यथािसथित सवामी अिभकतार या परबनधक न खान म या उसक आसपास िनयोिजत िकसी िक त क िवर कायरवाही इस अिधिनयम क अधीन क िकसी अपराध क बार म की हो वहा वह नयायालय क िनणरय या आदश की तारीख स इक कीस िदन क अनदर उसक पिरणाम की िरपोटर मखय िनरीकषक को दगा

72 खान म िनयोिजत िक तय की बाधयताmdashखान म िनयोिजत कोई भी िक तmdash

(क) खान म िनयोिजत िक तय का सवासथय कषम या कलयाण सिनिश चत करन क परयोजनाथर खान म उपबिनधत िकसी सािधतर सिवधा या अनय चीज म जानबझकर हसतकषप या उसका जानबझकर दरपयोग न करगा

(ख) जानबझकर और यिक तयक त कारण क िबना कोई ऐसी बात न करगा िजसस सवय उसक या अनय क सकटाप होन की सभा ता हो

(ग) खान म िनयोिजत िक तय का सवासथय या कषम सिनिश चत करन क परयोजनाथर उसम उपबिनधत िकसी सािधतर या अनय चीज को उपयोग म लान की जानबझकर उपकषा नह करगा

1[72क कछ िविनयम क उललघन क िलए िवशष उपबनधmdashजो कोई धारा 57 क खणड (घ) खणड (झ) खणड (ड) खणड (ढ) खणड (ण) खणड (त) खणड (द) खणड (ध) और खणड (प) म िविनिदष ट बात स सब िकसी िविनयम क या िकसी उपिविध क या तद धीन िकए गए िकसी आदश क िकसी उपबनध का उललघन करगा वह कारावास स िजसकी अविध छह मास तक की हो सकगी या जमारन स जो दो हजार रपए तक का हो सकगा या दोन स दणडनीय होगा

72ख धारा 22 क अधीन आदश क उललघन क िलए िवशष उपबनधmdashजो कोई धारा 22 की उपधारा (1क) उपधारा (2) या उपधारा (3) क अधीन 2[या धारा 22क की उपधारा (2) क अधीन] िनकाल गए आदश क उललघन म खान का कायरकरण चाल रखगा वह कारावास स िजसकी अविध दो वषर तक की हो सकगी दडनीय होगा और जमारन स भी जो पाच हजार रपए तक का हो सकगा दडनीय होगा

2[परनत नयायालय क िनणरय म लखब िकए जान वाल ततपरितकल िवशष और पयारप त कारण क अभाव म ऐसा जमारना खड (क) म िनिदष ट उललघन की दशा म तीन हजार रपए स कम नह होगा ]

72ग िविध क ऐस उललघन क िलए िजसक खतरनाक पिरणाम होत ह िवशष उपबनधmdash(1) जो कोई इस अिधिनयम क या िकसी िविनयम िनयम या उपिविध क या तद धीन िकए गए [धारा 22 की उपधारा (1क) या उपधारा (2) या उपधारा (3) 3[या धारा 22क की उपधारा (2)] क अधीन िकए गए आदश स िभ ] िकसी आदश क िकसी उपबनध का उललघन करगा वहmdash

(क) यिद ऐस उललघन क पिरणामसवरप जीवन की हािन हो तो कारावास स जो दो वषर तक का हो सकगा या जमारन स जो पाच हजार रपए तक का हो सकगा या दोन स दणडनीय होगा या

(ख) यिद ऐस उललघन क पिरणामसवरप गमभीर शारीिरक कषित हो तो कारावास स जो एक वषर तक का हो सकगा या जमारन स जो तीन हजार रपए तक का हो सकगा या दोन स दडनीय होगा अथवा

(ग) यिद ऐस उललघन स खान म िनयोिजत िक तय को या खान म या उसक आसपास क अनय िक तय को कषित या खतरा कािरत हो तो कारवास स जो तीन मास तक का हो सकगा या जमारन स जो एक हजार रपए तक का हो सकगा या दोन स दणडनीय होगा 6[परनत नयायालय क िनणरय म लखब िकए जान वाल ततपरितकल िवशष और पयारप त कारण क अभाव म ऐसा जमारना

खणड (क) म िनिदष ट उललघन की दशा म तीन हजार रपए स कम नह होगा ]

(2) जहा िक कोई िक त इस धारा क अधीन दोषिस िकए गए जान पर िफर उसक अधीन दोषिस िकया जाए वहा वह उपधारा (1) ारा उपबिनधत दड क दगन दड स दणडनीय होगा

1 1959 क अिधिनयम स० 62 की धारा 40 ारा (16-1-1960 स) धारा 73 तथा धारा 74 क सथान पर परितसथािपत 2 1983 क अिधिनयम स० 42 की धारा 38 ारा (31-5-1984 स) अतःसथािपत 3 1983 क अिधिनयम स० 42 की धारा 39 ारा (31-5-1984 स) अतःसथािपत

29

(3) इस धारा क अधीन पािरत जमारन का दडादश आरोिपत करन वाला अथवा अपील या पनरीकषण म या अनयथा उसकी पिष ट करन वाला नयायालय िनणरय पािरत करत समय आदश द सकगा िक वसल िकया गया सपणर जमारना या उसका कोई भाग कषितगरसत िक त को या उसकी मतय की दशा म उसक िविधक परितिनिध को परितकर क रप म िदया जाए

परनत यिद जमारना ऐस मामल म आरोिपत िकया जाए जो अपीलनीय हो तो अपील उपिसथत िकए जान क िलए अनजञात कालाविध क बीत जान क पहल या यिद अपील उपिसथत की गई हो तो अपील क िविनश चय स पहल ऐसा कोई भी सदाय नह िकया जाएगा

73 आदश की अवजञा क िलए साधारण उपबनधmdashजो कोई इस अिधिनयम क या िकसी िविनयम िनयम या उपिविध क या तद धीन िकए गए िकसी आदश क िकसी ऐस उपबनध का उललघन करगा िजसक उललघन क िलए एतिसमनपवर कोई शािसत उपबिनधत नह ह वह कारावास स िजसकी अविध तीन मास तक की हो सकगी या जमारन स जो एक हजार रपए तक का हो सकगा या दोन स दडनीय होगा

74 पवर दोषिसि क पश चात विधत शािसतmdashयिद कोई िक त जो (धारा 72ख और 72ग स िभ ) पवरगामी उपबनध म स िकसी क अधीन दडनीय िकसी अपराध का दोषिस िकया जा चका हो पवर दोषिसि क दो वषर क अनदर िकए गए और उसी उपबनध का उललघन अनतवरिलत करन वाल िकसी अपराध क िलए पनः दोषिस िकया जाए तो वह हर एक पश चात वत दोषिसि क िलए उस दड क दगन दणड स दणडनीय होगा िजसस वह ऐस उपबनध क परथम उललघन क िलए दडनीय होता ]

75 सवामी अिभकतार या परबनधक का अिभयोजनmdashइस अिधिनयम क अधीन क िकसी अपराध क िलए िकसी सवामी अिभकतार या परबनधक क िवर कोई भी अिभयोजन मखय िनरीकषक की या िजला मिजसटरट की या मखय िनरीकषक क िलिखत साधारण या िवशष आदश ारा इस िनिम परािधकत िनरीकषक की पररणा पर सिसथत िकए जान क िसवाय सिसथत नह िकया जाएगा

1[परनत मखय िनरीकषक या िजला मिजसटरट या इस परकार परािधकत िनरीकषक ऐसा अिभयोजन सिसथत करन स पवर अपना यह समाधान करगा िक सवामी अिभकतार या परबनधक ऐस अपराध क िकए जान को रोकन म सभी समयक ततपरता बरतन म असफल रहा था ]

2[परनत यह और िक] िकसी खान म तकनीकी िनदशन और परबनध क अनकरम म िकए गए िकसी अपराध क बार म िजला मिजसटरट िकसी सवामी अिभकतार या परबनधक क िवर कोई अिभयोजन मखय िनरीकषक क पवर अनमोदन स सिसथत करन क िसवाय सिसथत नह करगा

3[76 कितपय मामल म सवामी का अवधारणmdashजहा िक खान का सवामी कोई फमर या िष टय का अनय सगम हो वहा उसक सब भागीदार या सदसय या उनम स कोई अथवा जहा िक खान का सवामी कमपनी हो वहा उसक सब िनदशक या उनम स कोई अथवा जहा िक खान का सवामी सरकार या कोई सथानीय परािधकारी हो वहा यथािसथित ऐसी सरकार या सथानीय परािधकारी ारा खान क कामकाज का परबनध करन क िलए परािधकत सब आिफसर या िक त या उनम स कोई ऐस िकसी अपराध क िलए िजसक िलए खान का सवामी दडनीय हो इस अिधिनयम क अधीन अिभयोिजत और दिडत िकया जा सकगा

4[परनत जहा िकसी फमर सगम या कमपनी न मखय िनरीकषक को िलिखत रप म यह सचना द दी ह िक उसनmdash

(क) फमर की दशा म उसक िकसी भागीदार या परबनधक को

(ख) सगम की दशा म उसक िकसी सदसय या परबनधक को

(ग) कमपनी की दशा म उसक िकसी िनदशक या परबनधक को

जो परतयक मामल म िकसी ऐस सथान म िजस पर इस अिधिनयम का िवसतार ह िनवासी ह और जो परतयक मामल म या तो वासतव म ऐसी फमर सगम या कमपनी क परबनध का भारसाधक ह या उसम अिधकाश शयर धारण करता ह इस अिधिनयम क परयोजन क िलए खान क सवामी क उ रदाियतव को गरहण करन क िलए नामिनदिशत कर िदया ह वहा यथािसथित ऐसा भागीदार सदसय िनदशक या परबनधक जब तक वह ऐसा िनवासी बना रहता ह और पव क त रप म भारसाधक ह या अिधकाश शयर को धारण करता ह इस अिधिनयम क परयोजन क िलए खान का सवामी समझा जाएगा जब तक िक उसक नामिनदशन को र करन वाली या यह कथन करन वाली कोई िलिखत सचना की वह यथािसथित भागीदारी सदसय िनदशक या परबनधक नह रहा ह मखय िनरीकषक को पराप त नह हो जाती ह

सपष टीकरणmdashजहा िकसी फमर सगम या कमपनी क िविभन न सथापन या शाखाए ह अथवा उसक िकसी सथापन या शाखा म िविभन न एकक ह वहा िविभन न सथापन या शाखा या एकक क सबध म इस परनतक क अधीन िविभन न िक तय को नामिनदिशत िकया जा सकगा और इस परकार नामिनदिशत िक त कवल उस सथापन शाखा या एकक क समबनध म िजसक समबनध म उस नामिनदिशत िकया गया ह खान का सवामी समझा जाएगा ]

1 1983 क अिधिनयम स० 42 की धारा 40 ारा (31-5-1984 स) अतःसथािपत 2 1983 क अिधिनयम स० 42 की धारा 40 ारा (31-5-1984 स) ldquoपरनतrdquo क सथान पर परितसथािपत 3 1959 क अिधिनयम स० 62 की धारा 41 ारा (16-1-1960 स) धारा 76 क सथान पर परितसथािपत 4 1983 क अिधिनयम स० 42 की धारा 41 ारा (31-5-1984 स) ldquoपरनतकrdquo क सथान पर परितसथािपत

30

77 सवामी अिभकतार या परबनधक को दाियतव स कितपय दशा म छटmdashजहा िक खान का सवामी अिभकतार या परबनधक जो इस अिधिनयम क अधीन िकसी अपराध का अिभयक त हो यह अिभकथन कर िक वासतिवक अपराधी अनय िक त ह वहा वह अपन

ारा इस िनिम िकए गए पिरवाद पर 1[और वासतिवक अपराधी का जञात पता दन पर] और अिभयोजक को ऐसा करन क अपन आशय की तीन स अनयन पणर िदन की िलिखत सचना दन पर इस बात का हकदार होगा िक वह अनय िक त उस तारीख को जो मामल की सनवाई क िलए िनयत हो नयायालय क समकष लाया जाए और यिद अपराध का िकया जाना सािबत हो जान क पश चात खान का यथािसथित सवामी अिभकतार या परबनधक नयायालय को समाधान परदान करन वाल रप म सािबत कर द िकmdash

(क) इस अिधिनयम क ससगत उपबनध का िनषपादन करान क िलए उसन समयक ततपता बरती ह तथा (ख) उस अनय िक त न परश नगत अपराध को उसक जञान सममित या मौनानकलता क िबना िकया ह

तो उक त अनय िक त उस अपराध क िलए दोषिस िकया जाएगा और उसी परकार क दणड स ऐस दडनीय होगा मानो वह खान का सवामी अिभकतार या परबनधक हो और यथािसथित सवामी अिभकतार या परबनधक दोषमक त कर िदया जाएगा परनतmdash

(क) यथािसथित खान क सवामी अिभकतार या परबनधक की शपथ पर परीकषा की जा सकगी और उसक और िकसी अनय साकषी क िजस वह अपन समथरन म बलाए सा य की उस िक त क ारा या की ओर स िजसकी बाबत वह अिभकिथत करता हो िक वह वासतिवक अपराधी ह और अिभयोजक ारा परितपरीकषा की जा सकगी

(ख) यिद वह िक त िजसका वासतिवक अपराधी होना अिभकिथत हो उस तारीख को जो मामल की सनवाई क िलए िनयत हो नयायालय क समकष समयक ततपरता बरती जान पर भी न लाया जा सक तो नयायालय उसकी सनवाई समय-समय पर सथिगत कर दगा िकनत इस परकार िक ऐस सथगन की कल कालाविध तीन मास स अिधक न हो और यिद उक त कालाविध क अनत तक भी वह िक त िजसका वासतिवक अपराधी होना अिभकिथत हो नयायालय क समकष न लाया जा सक तो नयायालय यथािसथित सवामी अिभकतार या परबनधक क िवर मामल की सनवाई क िलए अगरसर होगा

78 नयायालय की आदश करन की शिक तmdash(1) जहा िक खान का सवमी अिभकतार या परबनधक इस अिधिनयम क अधीन दडनीय अपराध क िलए दोषिस िकया जाए वहा नयायालय उस कोई दड अिधिनण त करन क अितिरक त िलिखत आदश ारा उसस आदश म िविनिदष ट कालाविध क अनदर (िजस नयायालय इस िनिम िकए गए आवदन पर समय-समय पर िवसतािरत कर सकगा) ऐस उपाय करन की अपकषा कर सकगा जो उन बात का उपचार करन क िलए िजनक बार म अपराध िकया गया था ऐस िविनिदष ट िकए जाए (2) जहा िक उपधारा (1) क अधीन आदश िदया जाए वहा यथािसथित खान का सवामी अिभकतार या परबनधक उस कालाविध या िवसतािरत कालाविध क यिद कोई हो दौरान अपराध क चाल रहन क िवषय म इस अिधिनयम क अधीन दडनीय नह होगा िकनत यिद नयायालय क आदश का पणर अनपालन ऐसी कालाविध या िवसतािरत कालाविध क अवसान पर न हो गया हो तो यथािसथित सवामी अिभकतार या परबनधक क बार म यह समझा जाएगा िक उसन अितिरक त अपराध िकया ह और वह कारावास स िजसकी अविध छह मास तक की हो सकगी या जमारन स जो ऐस अवसान क पश चात हर एक ऐस िदन क िलए िजसम िक आदश का अनपालन न हआ हो एक सौ रपए तक का हो सकगा या दोन स दणडनीय होगा 79 अिभयोजन की पिरसीमाmdashकोई भी नयायालय इस अिधिनयम क अधीन िकसी अपराध का सजञान तब तक नह करगा जब तक िक उसका पिरवादmdash

(i) उस तारीख स िजसकी बाबत यह अिभकिथत हो िक अपराध उस तारीख को िकया गया छह मास क अनदर अथवा

(ii) उस तारीख स िजसको िक अिभकिथत अपराध का िकया जाना िनरीकषक क जञान म आया छह मास क अनदर अथवा

2[(iiक) िकसी ऐस मामल म िजसम अिभयक त लोक सवक ह या था और ततसमय परव िकसी िविध क अधीन अपराध का सजञान करन क िलए कनदरीय सरकार या राजय सरकार या िकसी अनय परािधकारी की पवर मजरी आवशयक ह उस तारीख क िजसको ऐसी मजरी मखय िनरीकषक को पराप त होती ह तीन मास क अनदर अथवा]

(iii) िकसी ऐस मामल म िजसम जाच नयायालय कनदरीय सरकार ारा धारा 24 क अधीन िनयक त िकया गया हो उस धारा की उपधारा (4) म िविनिदष ट िरपोटर क परकाशन की तारीख क पश चात 3[एक वषर] क अनदर

इनम स जो भी बाद म हो न िकया गया हो 4[सपष टीकरणmdashइस धारा क परयोजन क िलएmdash

1 1959 क अिधिनयम स० 62 की धारा 42 ारा (16-1-1960 स) अनतःसथािपत 2 1983 क अिधिनयम स० 42 की धारा 42 ारा (31-5-1984 स) अतःसथािपत 3 1983 क अिधिनयम स० 42 की धारा 42 ारा (31-5-1984 स) ldquoछह मासrdquo क सथान पर परितसथािपत 4 1959 क अिधिनयम स० 62 की धारा 43 ारा (16-1-1960 स) सप ीकरण जोड़ा गया

31

(क) चाल रहन वाल अपराध की दशा म पिरसीमा की सगणना उस समय क हर कषण क परित िनदश स की जाएगी िजसक दौरान अपराध चाल रह

(ख) जहा िक कोई कायर करन क िलए समय इस अिधिनयम क अधीन िवसतािरत िकया गया हो वहा पिरसीमा की सगणना उस िवसतािरत कालाविध क अवसान स की जाएगी ]

80 अपराध का सजञानmdash1[महानगर मिजसटरट या परथम वगर नयाियक मिजसटरट] क नयायालय स अवर कोई नयायालय इस अिधिनयम क अधीन िकसी ऐस अपराध का िजसकी बाबत यह अिभकिथत हो िक वह खान क सवामी अिभकतार या परबनधक ारा िकया गया ह या िकसी ऐस अपराध का जो इस अिधिनयम ारा कारावास स दडनीय बनाया गया ह िवचारण नह करगा

80क [जमारन क बार म िवशष उपबध ]mdashखान (सशोधन) अिधिनयम 1983 (1983 का 42) की धारा 44 ारा (31-5-1984 स) िनरिसत

81 कितपय मामल म अिभयोजन क बजाय खान बोडर या सिमित को िनदशmdash(1) यिद मखय िनरीकषक या िजला मिजसटरट या िकसी िनरीकषक की पररणा पर इस अिधिनयम क अधीन सिसथत िकसी मामल का िवचारण करन वाल नयायालय की यह राय हो िक यह मामला ऐसा ह जो अिभयोजन क बजाय 2 सिमित को िनदिशत िकया जाना चािहए तो वह दािडक कायरवािहय को रोक सकगा और इस दिष ट स िक ऐसा िनदशन िकया जाए उस िवषय की िरपोटर कनदरीय सरकार को भजगा

(2) उपधारा (1) क अधीन िरपोटर पराप त होन पर कनदरीय सरकार मामला 2 सिमित को िनदिशत कर सकगी या िवचारण म अगरसर होन क िलए नयायालय को िनदश द सकगी

अधयाय 10

परकीणर 82 इस परश न का िविनश चय िक कया खान इस अिधिनयम क अधीन हmdashयिद कोई परश न उठ िक कया 3[खान का और उसम

का या उसका पाश वरसथ कोई उतखान या खिनत या पिरसर िजस पर खिनज या कोक पराप त करन दरसी करन या िवकरय क िलए तयार करन की सहायक कोई परिकरया चलाई जा रही ह] इस अिधिनयम क अथर क अनदर खान ह तो कनदरीय सरकार उस परश न का िविनश चय कर सकगी और कनदरीय सरकार क सिचव ारा हसताकषिरत परमाणपतर इस परश न पर िनश चायक होगा

83 अिधिनयम क परवतरन स छट दन की शिक तmdash4[(1)] कनदरीय सरकार िकसी सथानीय कषतर या िकसी खान को या खान क िकसी समह या वगर को या खान क िकसी भाग को या िक तय क िकसी वगर को 5[इस अिधिनयम या उसक अधीन बनाए गए िविनयम िनयम या उपिविधय क सब उपबनध क या उनम स िकसी क] परवतरन स छट शासकीय राजपतर म अिधसचना ारा या तो अतयितकतः या िकनह िविनिदष ट शत क अधयधीन द सकगी

परनत िकसी सथनीय कषतर या खान या खान क समह या वगर को 6[धारा 40 और धारा 45] क उपबनध स छट तब तक नह दी जाएगी जब तक उस इस अिधिनयम क अनय सब उपबनध क परवतरन स भी छट न द दी जाए ]

7[(2) कनदरीय सरकार मखय िनरीकषक या िकसी अनय परािधकारी को साधारण या िवशष आदश ारा ऐस िनबरनधन क अधयधीन िजनह अिधरोिपत करना वह ठीक समझ परािधकत कर सकगी िक वह िकसी खान या उसक िकसी भाग को 8[िविनयम िनयम या उपिविधय ] क उपबन ध म स िकसी क परवतरन स िकनह िविनिदष ट शत क अधयधीन तब छट द द जब िक मखय िनरीकषक या ऐस अिधकारी की राय हो िक खान या उसक भाग म पिरिसथितया ऐसी ह िक उनक कारण ऐस उपबनध का अनपालन अनावशयक या अ वहायर हो जाता ह ]

84 आदश को पिरवितत या िवखिणडत करन की शिक तmdash9[(1)] कनदरीय सरकार इस अिधिनयम क अधीन िदया गया कोई आदश उलट सकगी या उपानतिरत कर सकगी

10[(2) मखय िनरीकषक लखब िकए जान वाल कारण स इस अिधिनयम क अधीन या िकसी िविनयम िनयम या उपिविध क अधीन अपन ारा पािरत िकसी आदश को उलट सकगा या उस उपातिरत कर सकगा

(3) खान क सवामी अिभकतार या परबनधक पर परितकल परभाव डालन वाला कोई आदश इस धारा क अधीन तब तक नह िकया जाएगा जब तक िक ऐस सवामी अिभकतार या परबनधक को अभयावदन करन का यिक तयक त अवसर न द िदया गया हो ]

1 1983 क अिधिनयम स० 42 की धारा 43 ारा (31-5-1984 स) ldquoपरसीडसी मिजसटरट या परथम वगर मिजसटरटrdquo क सथान पर परितसथािपत 2 1983 क अिधिनयम स० 42 की धारा 43 ारा (31-5-1984 स) ldquoखनन बोडरrdquo शब द का लोप िकया गया 3 1959 क अिधिनयम स० 62 की धारा 45 ारा (16-1-1960 स) अनतःसथािपत 4 1959 क अिधिनयम स० 62 की धारा 46 ारा (16-1-1960 स) उपधारा (1) क रप म पनःसखयािकत 5 1983 क अिधिनयम स० 42 की धारा 46 ारा (31-5-1984 स) ldquoइस अिधिनयम क सब उपबध क िकसी कrdquo क सथान पर परितसथािपत 6 1983 क अिधिनयम स० 42 की धारा 46 ारा (31-5-1984 स) ldquoधारा 45rdquo क सथान पर परितसथािपत 7 1959 क अिधिनयम स० 62 की धारा 46 ारा (16-1-1960 स) अनतःसथािपत 8 1983 क अिधिनयम स० 42 की धारा 46 ारा (31-5-1984 स) ldquoइस अिधिनयम क अतगरत िविनयम और िनयमrdquo क सथान पर परितसथािपत 9 1983 क अिधिनयम स० 42 की धारा 47 ारा (31-5-1984 स) धारा 84 उपधारा (1) क रप म पनःसखयािकत 10 1983 क अिधिनयम स० 42 की धारा 47 ारा (31-5-1984 स) अतःसथािपत

32

85 सरकार की खान को अिधिनयम का लाग होनाmdashयह अिधिनयम सरकार की खान को 1[भी] लाग होगा 2[85क सचना आिद दन क िलए अपिकषत िक त ऐसा करन क िलए वध रप स आब ह गmdashहर िक त जो िकसी

अिधकारी को कोई सचना या इि ला इस अिधिनयम क अधीन दन क िलए अपिकषत ह भारतीय दड सिहता (1860 का 45) की धारा 176 क अथर क अनदर ऐसा करन क िलए वध रप स आब होगा ]

3[85ख िववरिणय सचना आिद पर हसताकषर करनाmdashइस अिधिनयम या उसक अधीन बनाए गए िकसी िविनयम िनयम उपिविध या िकसी आदश क उपबनध क समबनध म िकसी खान क सवामी ारा या उसकी ओर स दी जान क िलए अपिकषत सभी िववरिणय और सचना पर या भजी जान वाली सचना पर खान क सवामी अिभकतार या परबधक ारा या िकसी ऐस िक त ारा िजस सवामी ारा मखतारनाम ारा इस िनिम शिक त परतयायोिजत की गई ह हसताकषर िकए जाएग

85ग सिवधा और जन सिवधा क िलए फीस या परभार का वसल न िकया जानाmdashखान म िनयोिजत िकसी िक त स सरकषातमक परबनध या दी जान वाली सिवधा या इस अिधिनयम क उपबनध क अधीन परदाय िकए जान वाल िकसी उपसकर या सािधतर की बाबत कोई फीस या परभार वसल नह िकया जाएगा ]

86 1948 क अिधिनयम 63 क कितपय उपबध का खान को लाग होनाmdashकनदरीय सरकार शासकीय राजपतर म अिधसचना ारा िनदश द सकगी िक कारखाना अिधिनयम 1948 (1948 का 63) क अधयाय 3 और 4 क उपबनध ऐस अपवाद और िनबरनधन क

अधयधीन रहत हए जस उस अिधसचना म िविनिदष ट िकए जाए सब खान और उनकी परसीमा को लाग ह ग

87 सद भावपवरक िकए गए कायर क िलए पिरतराणmdashकोई भी वाद अिभयोजन या अनय िविधक कायरवाही इस अिधिनयम क अधीन सद भावपवरक की गई या जान क िलए आशियत िकसी बात क िलए िकसी िक त क िवर न होगी

88 [1923 क अिधिनयम 4 का िनरसन]mdashिनरसन और सशोधन अिधिनयम 1957 (1957 का 36) की धारा 2 और पहली अनसची ारा िनरिसत

______

1 1959 क अिधिनयम स० 62 की धारा 47 ारा (16-1-1960 स) अनतःसथािपत 2 1959 क अिधिनयम स० 62 की धारा 48 ारा (16-1-1960 स) अनतःसथािपत 3 1983 क अिधिनयम स० 42 की धारा 48 ारा (31-5-1984 स) अतःसथािपत

Page 20: खान अधिनियम, 1952ncwapps.nic.in/acts/TheMinesAct1952_Hindi.pdf1 ज ल ई, 1952, द खए भ रत क र जपतर (अ गर 1952, ज ) भ ग 2,

20

1[(10) जहा खान म िनयोिजत कोई िक त सवा स उनमोिचत या पदचयत िकया जाता ह अथवा वह अपना िनयोजन छोड़ता ह या अिधविषता पराप त करता ह अथवा सवा म रहत हए उसकी मतय हो जाती ह तो यथािसथित वह या उसक वािरस या उसका नाम-िनदिशती उपधारा (1) म िविनिदष ट दर स पिरकिलत उसको दय छ ी क सथान पर मजदरी पान का हकदार होगा यिदmdash

(क) भिम क नीच िकसी खान म िनयोिजत िक त की दशा म वह अपन िनयोजन की तारीख स लकर अपन उनमोचन या पदचयित की तारीख तक या िनयोजन छोड़न या अिधविषता या मतय की तारीख तक िदन की कल सखया क कम स कम आध िदन तक उपिसथित रहा ह और

(ख) िकसी अनय दशा म वह अपन िनयोजन की तारीख स लकर अपन उनमोचन या पदचयित या िनयोजन छोड़न या अिधविषता या मतय की तारीख तक िदन की कल सखया क कम स कम दो-ितहाई िदन तक उपिसथत रहा ह

और ऐसी मजदरी का सदाय खान क सवामी अिभकतार या परबनधक ारा धारा 53 म िविनिदष ट दर स जहा उस िक त को सवा स उनमोिचत या पदचयत कर िदया जाता ह अथवा वह िनयोजन छोड़ दता ह या अिधविषता पराप त कर लता ह वहा यथािसथित ऐस उनमोचन पदचयित िनयोजन छोड़न या अिधविषता क पश चात दसर कायर िदन की समािप त क पवर और जहा िनयोिजत िक त की सवा म रहत हए मतय हो जाती ह वहा उसकी मतय क दो मास की अविध क भीतर िकया जाएगा ]

सपष टीकरणmdash2[उपधारा (1) उपधारा (3) और उपधारा (10)] क परयोजन क िलए आध िदन या इसस अिधक की छ ी क िभन न को एक परा िदन माना जाएगा और आध िदन स कम वाला िभन न छोड़ िदया जाएगा

53 छ ी की कालाविध क दौरान मजदरीmdashउस छ ी क िलए जो खान म िनयोिजत िक त को धारा 52 क अधीन अनजञात हो उस सदाय ऐसी दर स िकया जाएगा जो उसकी छ ी क अ वितह पवरवत मास क उन िदन की बाबत िजनम वह िनयोिजत रहा हो कल पणरकािलक उपाजरन क उस दिनक औसत क बराबर हो जो उन उपाजरन म स िकसी अितकािलक मजदरी और बोनस को अपविजत करक िकनत उनम महगाई भ और नकद परितकर को िजसक अनतगरत खा ा और अनय वसत क िबना मलय िवतरण स परोदभावी ऐसा कोई परितकर (यिद कोई हो) िजसक हकदार खान म काम करन वाल िक त ततसमय ह आता ह सिममिलत करक आए

परनत यिद ऐस कोई औसत उपाजरन उपलबध न ह तो औसत की सगणना उसी मास क िलए वस ही िनयोिजत सब िक तय क कल पणरकािलक उपाजरन क दिनक औसत क आधार पर की जाएगी

54 कितपय दशा म अिगरम सदायmdashखान म िनयोिजत उस िक त को िजस चार स अनयन िदन की छ ी अनजञात की गई हो अनजञात छ ी की कालाविध क िलए शोधय मजदरी उसकी छ ी आरमभ होन स पहल द दी जाएगी

55 असद मजदरी की वसली का ढगmdashखान क सवामी अिभकतार या परबनधक ारा इस अधयाय क अधीन सद िकए जान क िलए अपिकषत िकनत उसक ारा असद कोई रकम मजदरी सदाय अिधिनयम 1936 (1936 का 4) क उपबनध क अधीन िवलिबत मजदरी क रप म वसलीय होगी

56 खान को छट की शिक तmdashजहा िक कनदरीय सरकार का यह समाधान हो जाए िक िकसी खान म िनयोिजत िक तय को लाग होन वाल छ ी क िनयम ऐसी परसिवधा का उपबनध करत ह जो उसकी राय म उन परसिवधा स कम अनकल नह ह िजनक िलए यह अधयाय उपबनध करता ह वहा वह उस खान को इस अधयाय क सब या िकनह उपबनध स छट िलिखत आदश ारा और ऐसी शत क अधयधीन जो उसम िविनिदष ट की जाए द सकगी ]

अधयाय 8

िविनयम िनयम और उपिविधया 57 िविनयम बनान की कनदरीय सरकार की शिक तmdashकनदरीय सरकार िनम निलिखत सब परयोजन या उनम स िकसी क िलए

ऐस िविनयम3 जो इस अिधिनयम स सगत हो शासकीय राजपतर म अिधसचना ारा बना सकगी अथारत mdash

(क) व अहरताए िविहत करना जो मखय िनरीकषक या िनरीकषक क रप म िनयिक त क िलए अपिकषत हो

(ख) इस अिधिनयम क अधीन खान क िनरीकषण क समबनध म मखय िनरीकषक और िनरीकषक क कतर और शिक तय को िविहत और िविनयिमत करना

(ग) खान क सवािमय अिभकतार और परबनधक क और उनक अधीन कायर करन वाल िक तय क कतर िविहत करना और खान क 4[अिभकतार और परबनधक और उनक अधीन कायर करन वाल िक तय की अहरताए (िजसक अनतगरत आय आती ह)] िविहत करना

1 1983 क अिधिनयम स० 42 की धारा 29 ारा (31-5-1984 स) अनतःसथािपत 2 1983 क अिधिनयम स० 42 की धारा 29 ारा (31-5-1984 स) ldquoउपधारा (1) और (3)rdquo क सथान पर परितसथािपत 3 कोयला खान िविनयम 1957 क िलए दिखए भारत का राजपतर (अगरजी) 1957 भाग 2 खणड 3 प 2569 और धातमय खान िविनयम 1961 क िलए दिखए भारत

का राजपतर 1961 भाग 2 अनभाग 3(i) प 360 4 1959 क अिधिनयम स० 62 की धारा 31 ारा (16-1-1960 स) ldquoपरबनधक की अहरताएrdquo शबद क सथान पर परितसथािपत

21

(घ) खान क परबनधक और उनक अधीन कायर करन वाल अनय िक तय को अपन कतर का पालन दकषतापवरक करन क िलए समथर बनान क िलए सिवधाए उपबिनधत की जान की अपकषा करना

(ङ) खान क परबनधक और उनक अधीन कायर करन वाल िक तय की अहरताए परीकषा ारा या अनयथा अिभिनिश चत करन की रीित को और सकषमता परमाणपतर क अनद और नवीकत िकए जान को िविनयिमत करना

(च) ऐसी परीकषा और ऐस परमाणपतर क अनदान तथा नवीकरण क बार म दी जान वाली फीस यिद कोई ह िनयत करना

(छ) उन पिरिसथितय को िजनम और उन शत को िजसक अधयधीन रहत हए एक स अिधक खान का एक ही परबनधक क अधीन रहना या िकसी खान या िकनह खान का िविहत अहरताए न रखन वाल परबनधक क अधीन रहना िविधपणर होगा अवधािरत करना

1[(ज) इस अिधिनयम क अधीन की जान वाली जाच क िलए िजनक अनतगरत इस अिधिनयम क अधीन परमाणपतर धारण करन वाल िकसी िक त क अवचार या अकषमता स सब कोई जाच आती ह उपबनध करना और ऐस िकसी परमाणपतर क िनलमबन और र िकए जान क िलए उपबनध करना और जहा भी आवशयक हो वहा यह उपबनध करना िक जाच करन क िलए िनयक त िकए गए िक त को सािकषय को हािजर करान और दसतावज और भौितक पदाथ को पश करान क परयोजन क िलए िसिवल परिकरया सिहता 1908 (1908 का 5) क अधीन की िसिवल नयायालय की सब शिक तया पराप त ह गी ]

(झ) भारतीय िवसफोटक अिधिनयम 1884 (1884 का 4) और तद धीन बनाए गए िकनह िनयम क उपबनध क अधयधीन रहत हए िवसफोटक का भडारकरण परवहण और उपयोग िविनयिमत करना

2[(ञ) 3 िस तरय का खान म या खान क िकसी वगर म या ऐस िविशष ट परकार क शरम म िजनम ऐस िक तय क जीवन कषम या सवासथय क िलए खतरा रहता ह िनयोजन परितिष िनबरिनधत या िविनयिमत करना और ऐस िक त

ारा एक बार म वहन िकए जा सकन वाल बोझ क भार को पिरसीिमत करना ]

(ट) खान म िनयोिजत िक तय क कषम उनम उनक परवश करन और वहा स उनक िनकलन क साधन क िलए और उन कपक या िनकास की सखया क िलए जो उपबध िकए जान ह और कपक गत िनकास पथया और अवतलन पर बाड़ लगाई जान क िलए उपबनध करना

(ठ) खान क सवामी स सदाय पान वाल और खान क सवामी या परबनधक क परित सीध उ रदायी िक तय स िभन न िकसी िक त का खान म परबनधक क रप म या िकसी अनय िविनिदष ट हिसयत म िनयोजन परितिष करना

4[(ड) सतमभ या खिनज खणड क सथान िनिश चत करन अनरकषण और िनकाल या छाट जान तथा एक खान और दसरी खान क बीच पयारप त रोध क अनरकषण सिहत खान म सड़क और काम क सथल की सरकषा क िलए उपबनध करना

(ढ) खान म खिनज और महबनद अिग न-कषतर का िनरीकषण और सागर क या िकसी सरोवर या नदी या िकसी अनय भप ीय जलरािश क चाह वह पराकितक हो चाह कितरम या िकसी लोक सड़क या िनमारण क समीप खिनत िवषयक िनबनधन और िकनह खिनत म पानी भर जान या आग लग जान या उनक समय-पवर ढह जान क िवर समयक पवारवधानी बरती जान की अपकषा करना ]

(ण) खान क सवातन का और धल अिग न और जवलनशील तथा अपायकर गस क िवषय म की जान वाली काररवाई का िजसक अनतगरत सवतःदहन भिम क नीच की अिग न और कोयल की धल क िवर पवारवधानी आती ह उपबनध करना

5[(त) खान म िव त क जनन भणडारकरण रपानतरण पारषण और उपयोग की भारतीय िव त अिधिनयम 1910 (1910 का 9) और तद धीन बनाए गए िकनह िनयम क उपबनध क अधयधीन रहत हए िविनयिमत करना और खान म क सब िव त उपकरण िव त तार और उनम की सब अनय मशीनरी और सयतर की दखभाल और उपयोग क िविनयमन क िलए उपबनध करना ]

(थ) 6[खान म मशीनरी का उपयोग िविनयिमत करना ऐसी मशीनरी पर या उसक आसपास और कषरण-माग पर िनयोिजत िक तय क कषम क िलए उपबनध करना] और भिम क नीच कछ वग क चिलतर का परयोग िनबरिनधत करना

(द) खान म उिचत परकाश क िलए उपबनध करना और उनम िनरापद और लमप का परयोग िविनयिमत करना और िजस खान म िनरापद लमप परयोग म लाए जात ह उसम परवश करन वाल िक तय की तलाशी लना

1 1959 क अिधिनयम स० 62 की धारा 31 ारा (16-1-1960 स) खड (ज) क सथान पर परितसथािपत 2 1959 क अिधिनयम स० 62 की धारा 31 ारा (16-1-1960 स) खड (ञ) क सथान पर परितसथािपत 3 1983 क अिधिनयम स० 42 की धारा 30 ारा (31-5-1984 स) ldquoकमार औरrdquo शबद का लोप िकया गया 4 1959 क अिधिनयम स० 62 की धारा 31 ारा (16-1-1960 स) खड (ड) और (ढ) क सथान पर परितसथािपत 5 1959 क अिधिनयम स० 62 की धारा 31 ारा (16-1-1960 स) खड (त) क सथान पर परितसथािपत 6 1983 क अिधिनयम स० 42 की धारा 30 ारा (31-5-1984 स) कितपय शबद क सथान पर परितसथािपत

22

(ध) खान म 1[जवलनशील गस या धल क] िवसफोटक या जवलन या पानी क फट िनकलन या सिचत होन क िवर और उनस उदभत खतर क िवर उपबनध करना और ऐसी पिरिसथितय म खिनज क िनकाल जान का परितषध िनबरनधन या िविनयमन करना िजनस यह समभा ता हो िक उसक पिरणामसवरप खान म 1[खिनत] समय-पवर ढह जाए या यह िक उसक पिरणामसवरप खान म 1[खिनत ] का ढह जाना या जल का फट िनकलना या जवलन घिटत होगा या गरतर हो जाएगा

(न) 2[धारा 23 की उपधारा (1) क खड (छ) क अधीन दघरटना क परकार िविहत करना और दघरटना और खतरनाक घटना की सचना का और खिनज उतपाद िनयोिजत िक तय तथा िविनयम ारा उपबिनधत अनय बात की सचना िरपोट और िववरिणय का खान क सवािमय अिभकतार और परबनधक ारा िदया जाना िविहत करना] और ऐसी सचना िववरिणय और िरपोट क पररप व िक त और परािधकारी िजनह व दी जानी ह व िविशि या जो उनम अनतिवष ट होनी ह और वह समय िजसक अनदर व िनविदन की जानी ह िविहत करना

3[(प) 4[खान क सवािमय अिभकतार और परबनधक स खान क िलए िनयत सीमाए रखन की अपकषा करना उनस ससक त रखाक और खडिचतर तथा सथलीय िटपपण जो उनक ारा रख जान ह िविहत करना] और वह रीित िजसस और व सथान िजनम ऐस रखाक खणडिचतर और सथलीय िटपपण अिभलख क परयोजन क िलए रख जान ह िविहत करना और उनकी परितय का मखय िनरीकषक को िनविदत िकया जाना और उनस यह अपकषा करना िक व नए सवकषण कर और नए रखाक बनाए और अननपालन की दशा म िकसी अनय अिभकरण क माधयम स सवकषण कराना और रखाक तयार कराना और उनक य की वसली उसी रीित स करना िजसस भ-राजसव की बकाया होती ह ]

(फ) 5[िसथित स परभावी ढग स िनपटन क परयोजन क िलए] खान म या उनक आसपास दघरटना या आकिसमक िवसफोट या जवलन क घिटत होन पर अपनाई जान वाली परिकरया िविनयिमत करना

(ब) खान क सवामी अिभकतार या परबनधक ारा धारा 16 क अधीन दी जान वाली सचना का पररप और उसम अनतिवष ट होन वाली िविशि या िविहत करना

(भ) वह सचना िविहत करना जो िकसी ऐस सथान पर जो भारतीय रल अिधिनयम 1890 (1890 का 9) क उपबनध क अधयधीन की िकसी रल क या 6[यथािसथित िकनह ऐसी लोक सड़क या अनय सकम क जो सरकार ारा या िकसी सथानीय परािधकारी ारा अनरिकषत ह ] 7[पतालीस मीटर] क अनदर का हो खनन सिकरयाए परारमभ करन या उस तक िवसतािरत करन क पवर खान क सवामी अिभकतार या परबनधक ारा दी जानी ह

(म) िकसी खान क बार म उस दशा म जबिक खिनत म काम बनद कर िदया गया हो सरकार या िकसी सथानीय परािधकारी या भारतीय रल अिधिनयम 1890 (1890 का 9) म यथापिरभािषत िकसी रल कमपनी म िनिहत समपि की कषित स सरकषा

8[(मम) खान क सवामी अिभकतार या परबनधक स यह अपकषा करना िक खान क बनद िकए जान क पवर सरकषा-सकमर सि िमत कर और अननपालन की दशा म ऐस सकमर िकसी अनय अिभकरण ारा िनषपािदत कराना और ऐस सवामी स उनक य की वसली उसी रीित स करना िजसस भ-राजसव की बकाया की होती ह ]

(य) िकसी खान या खान क भाग या िकसी खदान आनित कपक गतर या िनकास म चाह उसका कायरकरण हो रहा हो या नह या िकसी खतरनाक या परितिष कषतर अवतलन कषरण टराम लाइन या पथया पर जहा जनता क सरकषण क िलए बाड़ लगाना आवशयक हो बाड़ लगाई जान की अपकषा करना

(यय) कोई अनय बात जो िविहत की जानी ह या िविहत की जाए

58 िनयम बनान की कनदरीय सरकार की शिक तmdashकनदरीय सरकार िनिम निलिखत सब परयोजन या उनम स िकसी क िलए ऐस िनयम जो इस अिधिनयम स सगत ह शासकीय राजपतर म अिधसचना ारा बना सकगी अथारत --

9[(क) सिमित क सदसय की पदाविध और उनकी सवा की अनय शत का तथा िरिक तया भरन की रीित का उपबनध कराना और अपना कारबार चलान क िलए सिमित ारा अनसिरत की जान वाली परिकरया िविनयिमत करना

(ख) धारा 23 की उपधारा (3) म िनिदष ट रिजसटर का पररप िविहत करना

1 1959 क अिधिनयम स० 62 की धारा 31 ारा (16-1-1960 स) अनतःसथािपत 2 1959 क अिधिनयम स० 62 की धारा 31 ारा (16-1-1960 स) ldquoसचनाए िविहत करन क िलएrdquo क सथान पर परितसथािपत 3 1959 क अिधिनयम स० 62 की धारा 31 ारा (16-1-1960 स) खड (प) क सथान पर परितसथािपत 4 1983 क अिधिनयम स० 42 की धारा 30 ारा (31-5-1984 स) कितपय शबद क सथान पर परितसथािपत 5 1983 क अिधिनयम स० 42 की धारा 30 ारा (31-5-1984 स) अनतःसथािपत 6 1959 क अिधिनयम स० 62 की धारा 31 ारा (16-1-1960 स) कितपय शबद क सथान पर परितसथािपत 7 1983 क अिधिनयम स० 42 की धारा 30 ारा (31-5-1984 स) ldquoपचास गजrdquo क सथान पर परितसथािपत 8 1959 क अिधिनयम स० 62 की धारा 31 ारा (16-1-1960 स) अनतःसथािपत 9 1983 क अिधिनयम स० 42 की धारा 31 ारा (31-5-1984 स) खड (क) क सथान पर परितसथािपत

23

(ग) धारा 24 क अधीन जाच नयायालय की िनयिक त क िलए उपबनध करना ऐस नयायालय की परिकरया और शिक तया िविनयिमत करना ऐस नयायालय क सदसय को यातरा-भ का सदाय करना और सयक त खान क परबनधक सवामी या अिभकतार स उक त नयायलय क य की 1[िजनक अनतगरत जाच स ससक त कोई अनय य आत ह] 2[उसी रीित स जस भ-राजसव की बकाया वसल की जाती ह] वसली करना

2[(गग) खान म िनयोिजत िक तय की ओर स तकनीकी िवशषजञ ारा (जो परािसथित म ओवरमन स कम नह ह) खान क िनरीकषण क िलए उसक िलए दी जान वाली सिवधा क िलए वह आवित िजस पर और वह रीित िजसम ऐस िनरीकषण िकए जाएग और वह रीित िजसम ऐस िनरीकषण की िरपोटर दी जाएगी उपबनध करना ]

(घ) िजन खान म कोई ि या िनयोिजत ह या पवरवत बारह मास म िकसी िदन िनयोिजत रह ह उनम ऐसी िस तरय क छह वषर स कम आय वाल बालक क उपयोग क िलए आरिकषत िकए जान वाल समिचत कमर बनाए रखन की अपकषा करना और या तो साधारणतः या खान म िनयोिजत िस तरय की सखया क परित िविशष ट िनदश स ऐस कमर की सखया और सतरमान और उन सख-सिवधा की जो उनम उपबिनधत की जानी ह और उस पयरवकषण की जो उनम िकया जाना ह परकित और िवसतार िविहत करना

(ङ) खान म िनयोिजत परष क उपयोग क िलए फहारयक त स नान सथान और लॉकर ककष और िजन खान म ि या िनयोिजत ह उनम िस तरय क उपयोग क िलए वस ही पथक सथान और ककष गतरमख पर या उनक आसपास बनाए रख जान की अपकषा करना और या तो साधारणतः या खान म मामली तौर पर िनयोिजत परष और िस तरय की सखया क परित िविशष ट िनदश स ऐस सथान और ककष की सखयाए और सतरमान िविहत करना

(च) खान म सवचछता का जो सतरमान बनाए रखना ह उस खान म उपबिनधत िकए जान वाल शौचालय और मतरालय का आनपाितक मान िविहत करना और 3 पय जल क परदाय क िलए िकया जान वाला उपबनध

1[(चच) िचिकतसीय सािधतर और सख-सिवधा क परदाय और बनाए रख जान क िलए उपबनध करना और पराथिमक उपचार बकस और कपबोड की अनतवरसतए और सखयाए पराथिमक उपचार क काम म परिशकषण पराथिमक उपचार कमर क आकार और उपसकर और उनक भारसाधक कमरचािरवनद और कषितगरसत िक तय को िचिकतसालय या औषधालय को परवहण करन क िलए इतजाम िविहत करना

(चचच) उन व यिक तय को जो खान म पयरवकषण या परबन ध क पद स िभन न पद पर िनयोिजत ह या िनयोिजत िकए जान ह व यावहािरक िशकषण िदए जान या परिशिकषत िकए जान की अपकषा करना और ऐस िशकषण और परिशकषण क िलए स कीम िविहत करना]

(छ) खान म मादक पय या औषिधय को कबज म रखन को या उनक उपभोग को और म ता की हालत म िकसी िक त क उनम परवश या उपिसथित को परितिष करना

(ज) धारा 36 क अधीन अपिकषत सचना क पररप िविहत करना और यह अपकषा करना िक ऐसी सचनाए िविनिदष ट भाषा म भी लगाई जाए

(झ) उन िक तय को पिरभािषत करना िजनकी बाबत धारा 37 क परयोजन क िलए यह समझा जाएगा िक व पयरवकषण या परबनध क पद धारण िकए हए ह या िकसी गोपनीयता की हिसयत म िनयोिजत ह

(ञ) उन िक तय या िक तय क िकसी वगर का खान म िनयोजन परितिष करना िजनकी बाबत िकसी अिहत िचिकतसा- वसायी ारा यह परमािणत न िकया गया हो िक उनह न अपना पदरहवा वषर परा कर िलया ह और वह रीित और व पिरिसथितया िजनम ऐस परमाणपतर अनद और परितसहत िकए जा सकग िविहत करना

4

1[(टट) खान म िनयोिजत या िनयोजन चाहन वाल िक तय स यह अपकषा करना िक व अपन को िचिकतसीय परीकषा क िलए परसतत कर और खान म िकसी िक त का िनयोजन िकए जान का आतयितक परितषध या िकसी िविशष ट हिसयत म या िविशष ट काम म िकए जान का परितषध िचिकतसीय आधार पर करना ]

5[(ठ) धारा 48 ारा अपिकषत रिजसटर क पररप और अधयाय 7 क परयोजन क िलए रिजसटर रखा जाना और उनक पररप िविहत करना ]

(ड) इस अिधिनयम को और िविनयम और िनयम की सिकषिप तया और वह भाषा िजसम सिकषिप तया और उपिविधया धारा 61 और 62 म अपिकषत रप स लगाई जाएगी िविहत करना

1 1959 क अिधिनयम स० 62 की धारा 32 ारा (16-1-1960 स) अनतःसथािपत 2 1983 क अिधिनयम स० 42 की धारा 31 ारा (31-5-1984 स) अनतःसथािपत 3 1959 क अिधिनयम स० 62 की धारा 32 ारा (16-1-1960 स) कितपय शबद का लोप िकया गया 4 1983 क अिधिनयम स० 42 की धारा 31 ारा (31-5-1984 स) (ट) का लोप िकया गया 5 1959 क अिधिनयम स० 62 की धारा 32 ारा (16-1-1960 स) खड (ठ) क सथान पर परितसथािपत

24

(ढ) यह अपकषा करना िक िजन बात क िलए िनयम बनाए गए ह उनस सब सचनाए िववरिणया और िरपोट खान क सवामी अिभकतार और परबनधक द और ऐसी सचना िववरिणय और िरपोट क पररप व िक त और परािधकारी िजनह व दी जानी ह व िविशि या जो उनम अनतिवष ट होनी ह और व समय िजनक अनदर व िनविदत की जानी ह िविहत करना

(ण) िजन खान म 1 पचास स अिधक िक त मामली तौर पर िनयोिजत रहत ह उनम भोजन करन क िलए यथायोगय और उपयक त ऐस आशरय क िजनम पीन क पानी का उपबनध भी हो उपबिनधत िकए जान और बनाए रख जान की अपकषा करना

(त) मखय िनरीकषक या िनरीकषक ारा इस िनिम िविनिदष ट िकसी ऐसी खान म िजसम दो सौ पचास स अिधक िक त मामली तौर पर िनयोिजत रहत ह ऐस िक तय क उपयोग क िलए कोई कटीन या कटीन उपबिनधत की जान और

बनाए रखी जान की अपकषा करना

(थ) हर ऐसी खान म िजसम पाच सौ या अिधक िक त मामली तौर पर िनयोिजत रहत ह इतनी सखया म कलयाण आिफसर िनयोिजत िकए जान की अपकषा करना िजतनी िविनिदष ट की जाए और ऐस कलयाण आिफसर की अहरताए और सवा क िनबनधन और शत और उनक ारा पालनीय कतर िविहत करना

2[(द) िविनिदष ट खान या िविनिदष ट खान क समह क िलए या िकसी िविनिदष ट कषतर की सब खान क िलए बचाव सटशन की सथापना की जान की अपकषा करना और यह िविहत करना िक ऐस सटशन कस और िकसक ारा सथािपत िकए जाएग

(ध) बचाव सटशन क परबनध क िलए उपबनध करना

(धक) बचाव िबरगड का गठन करन वाल िक तय की शारीिरक योगयता क मानक और अनय अहरता क िलए उपबनध करना

(धख) बचाव िबरगड का गठन करन वाल िक तय का िनवास-सथान िविहत करना ]

(न) 3 बचाव सटशन की िसथित उपसकर िनयतरण अनरकषण और कतय िविहत करना 4[(प) खड (द) क अधीन िविनिदष ट खान म उतपािदत और वहा स परिषत कोक और कोयल पर (पच चीस पस परित

टन स अनिधक दर स) उतपाद-शलक क उद गहण और सगरहण क िलए ऐसी खान क िलए बचाव सटशन िनिध का सजन करन क िलए भारत की सिचत िनिध म जमा िकए गए ऐस उपकर क आगम म स उन धनरािशय क जो कनदरीय सरकार ससद

ारा िविध ारा इस िनिम समयक िविनयोग िकए जान क पश चात उपबिनधत कर ऐसी िनिध म जमा िकए जान क िलए उस रीित क िलए िजसम ऐसी िनिध म स धन का उपयोग िकया जाएगा और ऐसी िनिध क परशासन क िलए उपबनध करना

(फ) बचाव िबरगड़ क बनाव परिशकषण सरचना और कतर क िलए 5 और साधारणतः खान म बचाव कायर क सचालन क िलए उपबनध करना 6

7[(फफ) िविनिदष ट खान या िविनिदष ट खान क समह क िलए सरकषा सिमितय क गठन क िलए या सरकषा की अिभवि करन क िलए िकसी िविनिदष ट कषतर म सभी खान क िलए और ऐसी सरकषा सिमितय की सरचना उनक गठन और कतय की रीित अिधकिथत करन क िलए उपबनध करना तथा]

(ब) साधारणतः िकसी ऐस मामल क िलए उपबनध करना िजनक िलए इस अिधिनयम या िविनयम ारा उपबनध न िकया गया हो और िजसक िलए उपबनध इस अिधिनयम को परभावी करन क िलए अपिकषत हो

59 िविनयम और िनयम का पवर परकाशनmdash(1) धारा 57 और 58 ारा परद िविनयम और िनयम बनान की शिक त इस शतर क अधयधीन ह िक य िविनयम और िनयम पवर परकाशन क पश चात बनाए जाएग

(2) जो तारीख साधारण खड अिधिनयम 1897 (1897 का 10) की धारा 23 क खड (3) क अनसार उस तारीख क रप म िविनिदष ट की जानी ह िजसक पश चात िक बनाए जान क िलए परसथािपत िविनयम या िनयम क परारप पर िवचार िकया जाएगा वह उस तारीख स तीन मास स कम की होगी िजसको परसथािपत िविनयम या िनयम का परारप साधारण जानकारी क िलए परकािशत िकया जाए

1 1959 क अिधिनयम स० 62 की धारा 32 ारा (16-1-1960 स) ldquoएक सौ औरrdquo शबद का लोप िकया गया 2 1983 क अिधिनयम स० 42 की धारा 31 ारा (31-5-1984 स) खड (द) और (ध) क सथान पर परसथािपत 3 1983 क अिधिनयम स० 42 की धारा 31 ारा (31-5-1984 स) ldquoकनदरीयrdquo शबद का लोप िकया गया 4 1983 क अिधिनयम स० 42 की धारा 31 ारा (31-5-1984 स) खड (प) क सथान पर परितसथािपत 5 1983 क अिधिनयम स० 42 की धारा 31 ारा (31-5-1984 स) कितपय शबद का लोप िकया गया 6 1983 क अिधिनयम स० 42 की धारा 31 ारा (31-5-1984 स) ldquoऔरrdquo शबद का लोप िकया गया 7 1983 क अिधिनयम स० 42 की धारा 31 ारा (31-5-1984 स) अनतःसथािपत

25

1

2[(4) कोई भी िविनयम या िनयम तब तक नह बनाया जाएगा जब तक िक उस िविनयम या िनयम का परारप धारा 12 की उपधारा (1) क अधीन गिठत सिमित को िनदिशत न कर िदया गया हो और जब तक उस सिमित को उसक बनाए जान की समीचीनता और उसक उपबनध की उपयक तता की बाबत िरपोटर दन का यिक तयक त अवसर न िमल गया हो ]

(5) िविनयम और िनयम शासकीय राजपतर म परकािशत िकए जाएग और ऐस परकािशत िकए जान पर ऐस परभाव रखग मानो व इस अिधिनयम म अिधिनिमत ह

(6) उपधारा (1) उपधारा (2) और उपधारा (4) क उपबनध उस अवसर को लाग न ह ग िजस पर धारा 58 क खड (घ) या खड (ङ) म िनदिशत िनयम सवरपरथम बनाए जाए

3

60 पवर परकाशन क िबना िविनयम बनान की शिक तmdashयिद कनदरीय सरकार का समाधान हो जाए िक आशिकत खतर का िनवारण करन या खतरा पदा करन की सभा ता रखन वाली िसथितय का शीघर उपचार करन क िलए यह आवशयक ह िक ऐस िविनयम बनान म वह िवलमब न होन िदया जाए जो ऐस परकाशन और िनदशन स होगा तो धारा 57 4 क अधीन िविनयम धारा 59 की उपधारा (1) उपधारा (2) और उपधारा 5[(4)] म अनतिवष ट िकसी बात क होत हए भी पवर परकाशन और 6[धारा 12 की उपधारा (1) क अधीन गिठत सिमित] को 7 िनदशन क िबना बनाए जा सकग

परनत इस परकार बनाए गए िविनयम 8[सिमित की जानकारी क िलए भज जाएग और] बनाए जान स 9[एक वषर] स अिधक क िलए परव नह रहग

61 उपिविधयाmdash(1) खान का सवामी अिभकतार या परबनधक 10[उस खान म िकसी िवशष मशीनरी क उपयोग या कायरकरण की िकसी िवशष प ित को अपनाए जान क शािस त करन क िलए] इस अिधिनयम या िकनह ततसमय परव िविनयम या िनयम स असगत न होन वाली ऐसी उपिविधय का परारप जसी िक ऐसा सवामी अिभकतार या परबनधक उस खान म दघरटना का िनवारण करन क िलए और उसम िनयोिजत िक तय क कषम सिवधा और अनशासन हत उपबनध करन क िलए आवशयक समझ तयार कर सकगा और मखय िनरीकषक या िनरीकषक को िनविदत कर सकगा और यिद ऐसा करन की उसस अपकषा मखय िनरीकषक या िनरीकषक ारा की जाए तो तयार करगा और िनविदत करगा

(2) यिद ऐसा कोई सवामी अिभकतार या परबनधकmdash

(क) मखय िनरीकषक या िनरीकषक ारा ऐसा करन की उसस अपकषा की जान क पश चात दो मास क अनदर उपिविधय का परारप िनविदत करन म असफल रह अथवा

(ख) उपिविधय का ऐसा परारप िनविदत कर जो मखय िनरीकषक या िनरीकषक की राय म पयार न हो

तो मखय िनरीकषक या िनरीकषकmdash

(i) ऐसी उपिविधय का परारप परसथािपत कर सकगा जो उस पयार परतीत ह अथवा

(ii) सवामी अिभकतार या परबनधक ारा जो परारप उस िनविदत िकया गया हो उसम ऐस सशोधन परसथािपत कर सकगा िजनस उसकी राय म वह पयार हो जाएगा और ऐसी परारप-उपिविधया या परारप-सशोधन यथािसथित सवामी अिभकतार या परबनधक क पास िवचार क िलए भजगा

(3) यिद उस तारीख स िजसको कोई परारप-उपिविधया या परारप-सशोधन मखय िनरीकषक या िनरीकषक न सवामी अिभकतार या परबनधक क पास उपधारा (2) क उपबनध क अधीन भज ह दो मास की कालाविध क अनदर मखय िनरीकषक या िनरीकषक और सवामी अिभकतार या परबनधक उपधारा (1) क अधीन बनाई जान वाली उपिविधय क िनबनधन क िवषय म परसपर सहमत होन म

1 1959 क अिधिनयम स० 62 की धारा 33 ारा (16-1-1960 स) उपधारा (3) का लोप िकया गया 2 1983 क अिधिनयम स० 42 की धारा 32 ारा (31-5-1984 स) उपधारा (4) क सथान पर परितसथािपत 3 1983 क अिधिनयम स० 42 की धारा 32 ारा (31-5-1984 स) उपधारा (7) का लोप िकया गया 4 1959 क अिधिनयम स० 62 की धारा 34 ारा (16-1-1960 स) ldquoक खड (ठ) को अपविजत करत हए खड (झ) और खड (ट) स (ख) (ध)rdquo शबद को क और अकषर का

लोप िकया गया 5 1959 क अिधिनयम स० 62 की धारा 34 ारा (16-1-1960 स) ldquo(3)rdquo क सथान पर परितसथािपत 6 1983 क अिधिनयम स० 42 की धारा 33 ारा (31-5-1984 स) ldquoखनन बोड rdquo क सथान पर परितसथािपत 7 1959 क अिधिनयम स० 62 की धारा 34 ारा (16-1-1960 स) ldquoपवरrdquo शबद का लोप िकया गया 8 1983 क अिधिनयम स० 42 की धारा 33 ारा (31-5-1984 स) अनतःसथािपत 9 1959 क अिधिनयम स० 62 की धारा 34 ारा (16-1-1960 स) ldquoदो वषरrdquo क सथान पर परितसथािपत 10 1983 क अिधिनयम स० 42 की धारा 34 ारा (31-5-1984 स) कितपय शबद क सथान पर परितसथािपत

26

असमथर रह तो मखय िनरीकषक या िनरीकषक परारप-उपिविधय को पिरिनधाररण क िलए 1[धारा 12 की उपधारा (1) क अधीन गिठत सिमित को] िनदिशत करगा

(4) (क) जबिक ऐसी पररप-उपिविधय पर अिभकतार या परबनधक और मखय िनरीकषक सहमत हो गए ह या जबिक उनक सहमत होन म असमथर होन पर व 2[धारा 12 की उपधारा (1) क अधीन गिठत सिमित को] ारा पिरिनधारिरत कर दी गई ह तब मखय िनरीकषक या िनरीकषक ारा परारप-उपिविधय की एक परित कनदरीय सरकार को अनमोदनाथर भजी जाएगी

(ख) कनदरीय सरकार परारप-उपिविधय म ऐसा उपातरण कर सकगी जसा वह ठीक समझ

(ग) इसस पवर िक कनदरीय सरकार परारप-उपिविधय का अनमोदन चाह उपातर क सिहत या उनक िबना कर उपिविधया बनान की परसथापना की और उस सथान की जहा परारप-उपिविधय की परितया अिभपरा की जा सकगी और उस समय की (जो तीस िदन स कम का न होगा) इसक अनदर िक परभािवत िक तय क ारा या उनकी ओर स परारप-उपिविधय क परित िकया गया कोई आकषप कनदरीय सरकार को भजा जाना चािहए सचना ऐसी रीित स जसी कनदरीय सरकार परभािवत िक तय की जानकारी दन क िलए उपयक ततम समझ परकािशत की जाएगी

(घ) हर आकषप िलिखत होगा और उसमmdash

(i) आकषप क िविशष ट आधार तथा

(ii) चाह गए लोप पिरवधरन या उपानतर

किथत ह ग

(ङ) उन िक तय क ारा या उनकी ओर स िजनकी बाबत कनदरीय सरकार को यह परतीत हो िक व तद ारा परभािवत िक त ह अपिकषत समय क अनदर िकए गए आकषप पर वह सरकार िवचार करगी और उपिविधय पर या तो उस रप म िजसम व परकािशत की गई थ या उनम ऐस सशोधन करक िजनह वह ठीक समझ अनमोिदत कर सकगी

(5) कनदरीय सरकार ारा इस परकार अनमोिदत हो जान पर उपिविधया इस परकार परभावी ह गी मानो व इस अिधिनयम म अिधिनयिमत ह और खान का सवामी अिभकतार या परबनधक उन उपिविधय की एक परित अगरजी म और ऐसी अनय भाषा या भाषा म जसी िविहत की जाए खान म या उसक आसपास िकसी ऐस सहजदशय सथान पर लगवाएगा जहा व उपिविधया िनयोिजत

िक तय ारा सिवधापवरक पढ़ी या दखी जा सक और िजतनी बार व िवरिपत हो जाए िमट जाए या नष ट हो जाए उतनी बार यिक तयक त शीघरता क साथ उनह नए िसर स लगवाएगा

(6) कनदरीय सरकार इस परकार िनिमत िकसी उपिविध को िलिखत आदश ारा पणरतः या भागतः िवखिडत कर सकगी और तदपिर ऐसी उपिविध तदनसार परभावहीन हो जाएगी

3[61क िविनयम िनयम और उपिविधय का ससद क समकष रखा जानाmdashधारा 57 क अधीन बनाया गया परतयक िविनयम धारा 58 क अधीन बनाया गया परतयक िनयम और धारा 61 क अधीन बनाई गई परतयक उपिविध बनाई जान क पश चात यथाशीघर ससद क परतयक सदन क समकष जब वह सतर म हो कल तीस िदन की अविध क िलए रखा जाएगा या रखी जाएगी यह अविध एक सतरा म अथवा दो या अिधक आनकरिमक सतर म परी हो सकगी यिद उस सतर क या पव क त आनकरिमक सतर म अवसान क पवर दोन सदन उस िविनयम िनयम या उपिविध म कोई पिरवतरन करन क िलए सहमत हो जाए तो ततपश चात वह ऐस पिरवितत रप म ही परभावी होगा या होगी यिद उक त अवसान क पवर दोन सदन सहमत हो जाए िक वह िविनयम िनयम या उपिविध नह बनाया या बनायी जानी चािहए तो ततपश चात वह िनषपरभाव हो जाएगा या हो जाएगी िकनत यथािसथित िविनयम िनयम या उपिविधय क ऐस पिरवितत या िनषपरषभाव होन स उसक अधीन पहल की गई िकसी बात की िविधमानयता पर परितकल परभाव नह पड़गा ]

62 अिधिनयम िविनयम आिद की सिकषिप तया लगवानाmdashहर खान म या उसक आसपास अगरजी म और ऐसी अनय भाषा या भाषा म जो िविहत की जाए अिधिनयम की और िविनयम और िनयम की िविहत सिकषिप तया लगाई रखी जाएगी

अधयाय 9

शािसतया और परिकरया 63 बाधा डालनाmdash(1) जो कोई मखय िनरीकषक िनरीकषक या धारा 8 क अधीन परािधकत िकसी िक त क इस अिधिनयम क अधीन क उसक अपन कतर क िनवरहन म बाधा डालगा या मखय िनरीकषक िनरीकषक या ऐस िक त को िकसी खान क समबनध म इस अिधिनयम क ारा या अधीन परािधकत कोई परवश िनरीकषण परीकषा या जाच करन क िलए कोई यिक तयक त सिवधा दन स इनकार करगा या दन म जानबझकर उपकषा करगा वह कारावास स िजसकी अविध तीन मास तक की हो सकगी या जमारन स जो पाच सौ रपए तक का हो सकगा या दोन स दणडनीय होगा

1 1983 क अिधिनयम स० 42 की धारा 34 ारा (31-5-1984 स) कितपय शबद क सथान पर परितसथािपत 2 1983 क अिधिनयम स० 42 की धारा 34 ारा (31-5-1984 स) कितपय शबद क सथान पर परितसथािपत 3 1983 क अिधिनयम स० 42 की धारा 35 ारा (31-5-1984 स) अतःसथािपत

27

(2) जो कोई इस अिधिनयम क अनसरण म रख गए िकनह रिजसटर या अनय दसतावज को मखय िनरीकषक या िनरीकषक की माग पर पश करन स इनकार करगा अथवा िकसी ऐस िनरीकषण आिफसर क समकष जो इस अिधिनयम क अधीन क अपन कतर क अनसरण म कायर कर रहा ह उपसजात होन या उसक ारा परीकषा की जान स िकसी िक त को िनवािरत करगा या िनवािरत करन का परयत न करगा या कोई ऐसा कायर करगा िजसक बार म उसक पास यह िवश वास करन का कारण हो िक उसस उसका इस परकार िनवािरत होना सभा ह वह जमारन स जो तीन सौ रपए तक का हो सकगा दणडनीय होगा

64 अिभलख का िमथयाकरण आिदmdashजो कोईmdash

(क) इस अिधिनयम क अधीन अनद िकसी परमाणपतर का या परमाणपतर की िकसी कायारलय परित का कटकरण करगा या जानत हए उसम िमथया कथन करगा अथवा

(ख) जानत हए ऐस िकसी कटकतय या िमथया परमाणपतर को असली क रप म उपयोग म लाएगा अथवा

(ग) कोई िमथया घोषणा कथन या सा य यह जानत हए िक वह िमथया ह अपन िलए या िकसी अनय िक त क िलए इस अिधिनयम क अधीन परमाणपतर अिभपरा करन या परमाणपतर का नवीकरण करान या खान म िनयोजन अिभपरा करन क परयोजनाथर करगा या बनाएगा या पश करगा या उपयोग म लाएगा अथवा

1[(घ) िकसी ऐस रखाक खडिचतर रिजसटर या अिभलख का िमथयाकरण करगा िजसका रखा जाना इस अिधिनयम क ारा या अधीन अपिकषत हो या ऐसा िमथया रखाक खडिचतर रिजसटर या अिभलख उस िमथया जानत हए िकसी परािधकारी क

समकष पश करगा अथवा]

(ङ) कोई ऐसा रखाक िववरणी सचना अिभलख या िरपोटर बनाएगा दगा या पिरद करगा िजसम ऐसा कथन परिवि या बयौरा अनतिवष ट हो जो उसकी सव म जानकारी या िवश वास क अनसार सही न हो

वह कारावास स िजसकी अविध तीन मास तक की हो सकगी या जमारन स जो 2[एक हजार रपए] तक का हो सकगा या दोन स दणडनीय होगा

65 िमथया योगयता परमाणपतर का उपयोगmdashजो कोई 3[धारा 43] क अधीन अनय िक त को अनद िकसी परमाणपतर का उस धारा क अधीन अपन को योगयता-परमाणपतर क रप म जानत हए उपयोग करगा या उपयोग करन का परयत न करगा या उस धारा क अधीन अपन को योग यता-परमाणपतर अनद िकए जान पर जानत हए अनय िक त को उसका उपयोग करन दगा या उपयोग करन का परय करन दगा वह कारावास स िजसकी अविध एक मास तक की हो सकगी या जमारन स जो 4[दो सौ] रपए तक का हो सकगा या दोन स दणडनीय ोगा

िक तयक त कारण क िजस सािबत करन का भार उस पर होगा करगा जमारन स जो 6[एक हजार] रपए क का हो

ास स िजसकी विध तीन

ोिजत िकया जाता ह तो ऐसी खान का सवामी अिभकतार या परबनधक ऐस जमारन स जो पाच सौ रपए क का हो

ी अविध तीन मास तक की हो सकगी या जमारन स जो 10[दो हजार पाच सौ] रपए तक का हो सकगा या दोन स दणडनीय होगा

66 रखाक आिद दन का लोपmdashकोई िक त जो इस अिधिनयम क ारा या अधीन बनाए जान या िदए जान क िलए अपिकषत कोई रखाक 5[खडिचतर] िववरणी सचना रिजसटर अिभलख या िरपोटर िविहत पररप म या िविहत रीित स या िविहत समय पर या क भीतर बनान या दन का लोप िकए िबना यत सकगा दणडनीय होगा

67 शरिमक क िनयोजन िवषयक उपबनध का उललघनmdashजो कोई उसक िसवाय जसा िक धारा 38 ारा अनजञात ह इस अिधिनयम क या िकसी िविनयम िनयम या उपिविध क या तद धीन िकए गए िकसी आदश क िकसी ऐस उपबनध का उललघन करगा जो खान म या उसक आसपास िक तय क िनयोजन या उनकी उपिसथित को परितिष िनबरिनधत या िविनयिमत करता हो वह कारावअ मास तक की हो सकगी या जमारन स जो 7[एक हजार] रपए तक का हो सकगा या दोन स 8 दडनीय होगा

9[68 अठारह वषर स कम आय क िक तय क िनयोजन क िलए शािसतmdashयिद अठारह वषर स कम आय क िकसी िक त को धारा 40 क उललघन म िकसी खान म िनयत सकगा दणडनीय होगा ]

69 परबनधक िनयक त करन म असफलताmdashधारा 17 क उपबनध क उललघन म जो कोई परबनधक िनयक त करन म असफल रहगा वह कारावास स िजसक11

1 1959 क अिधिनयम स० 62 की धारा 35 ारा (16-1-1960 स) खड (घ) क सथान पर परितसथािपत 2 1959 क अिधिनयम स० 62 की धारा 35 ारा (16-1-1960 स) ldquoपाच सौ रपएrdquo क सथान पर परितसथािपत 3 1983 क अिधिनयम स० 42 की धारा 36 ारा (31-5-1984 स) ldquoधारा 40rdquo क सथान पर परितसथािपत 4 1959 क अिधिनयम स० 62 की धारा 36 ारा (16-1-1960 स) ldquoपचासrdquo क सथान पर परितसथािपत 5 1959 क अिधिनयम स० 62 की धारा 37 ारा (16-1-1960 स) अनतःसथािपत 6 1959 क अिधिनयम स० 62 की धारा 37 ारा (16-1-1960 स) ldquoदो सौrdquo क सथान पर परितसथािप 7 1959 क अिधिनयम स० 62 की धारा 38 ारा (16-1-1960 स) ldquoपाच सौrdquo क सथान पर परितसथािपत 8 1959 क अिधिनयम स० 62 की धारा 38 ारा (16-1-1960 स) कितपय शबद का लोप िकया गया 9 1983 क अिधिनयम स० 42 की धारा 37 ारा (31-5-1984 स) धारा 68 क सथान पर परितसथािपत 10 1959 क अिधिनयम स० 62 की धारा 39 ारा (16-1-1960 स) ldquoपाच सौrdquo क सथान पर परितसथािपत 11 1959 क अिधिनयम स० 62 की धारा 39 ारा (16-1-1960 स) कितपय शबद का लोप िकया गया

28

70 दघरटना की सचनाmdash(1) धारा 23 की उपधारा (1) क उपबनध क उललघन म जो कोई िकसी दघरटना की सचना दन म या उस सचना की परित उस उपधारा म िनिदष ट िवशष सचनाप पर लगान म और िविनिदष ट कालाविध क िलए वहा रखन म असफल रहगा वह कारावास स िजसकी अविध तीन मास तक की हो सकगी या जमारन स जो पाच सौ रपए तक का हो सकगा या दोन स दणनीय होगा

(2) कनदरीय सरकार ारा धारा 23 की उपधारा (3) क अधीन िदए गए िनदश क उललघन म जो कोई िकसी दघरटना को िविहत रिजसटर म अिभिलिखत करन म या उसकी सचना दन म असफल रहगा वह कारावास स िजसकी अविध तीन मास तक की हो सकगी या जमारन स तो पाच सौ रपए तक का हो सकगा या दोन स दणडनीय होगा

71 कितपय मामल म सवामी आिद का मखय िनरीकषक को िरपोटर दनाmdashजहा िक खान क यथािसथित सवामी अिभकतार या परबनधक न खान म या उसक आसपास िनयोिजत िकसी िक त क िवर कायरवाही इस अिधिनयम क अधीन क िकसी अपराध क बार म की हो वहा वह नयायालय क िनणरय या आदश की तारीख स इक कीस िदन क अनदर उसक पिरणाम की िरपोटर मखय िनरीकषक को दगा

72 खान म िनयोिजत िक तय की बाधयताmdashखान म िनयोिजत कोई भी िक तmdash

(क) खान म िनयोिजत िक तय का सवासथय कषम या कलयाण सिनिश चत करन क परयोजनाथर खान म उपबिनधत िकसी सािधतर सिवधा या अनय चीज म जानबझकर हसतकषप या उसका जानबझकर दरपयोग न करगा

(ख) जानबझकर और यिक तयक त कारण क िबना कोई ऐसी बात न करगा िजसस सवय उसक या अनय क सकटाप होन की सभा ता हो

(ग) खान म िनयोिजत िक तय का सवासथय या कषम सिनिश चत करन क परयोजनाथर उसम उपबिनधत िकसी सािधतर या अनय चीज को उपयोग म लान की जानबझकर उपकषा नह करगा

1[72क कछ िविनयम क उललघन क िलए िवशष उपबनधmdashजो कोई धारा 57 क खणड (घ) खणड (झ) खणड (ड) खणड (ढ) खणड (ण) खणड (त) खणड (द) खणड (ध) और खणड (प) म िविनिदष ट बात स सब िकसी िविनयम क या िकसी उपिविध क या तद धीन िकए गए िकसी आदश क िकसी उपबनध का उललघन करगा वह कारावास स िजसकी अविध छह मास तक की हो सकगी या जमारन स जो दो हजार रपए तक का हो सकगा या दोन स दणडनीय होगा

72ख धारा 22 क अधीन आदश क उललघन क िलए िवशष उपबनधmdashजो कोई धारा 22 की उपधारा (1क) उपधारा (2) या उपधारा (3) क अधीन 2[या धारा 22क की उपधारा (2) क अधीन] िनकाल गए आदश क उललघन म खान का कायरकरण चाल रखगा वह कारावास स िजसकी अविध दो वषर तक की हो सकगी दडनीय होगा और जमारन स भी जो पाच हजार रपए तक का हो सकगा दडनीय होगा

2[परनत नयायालय क िनणरय म लखब िकए जान वाल ततपरितकल िवशष और पयारप त कारण क अभाव म ऐसा जमारना खड (क) म िनिदष ट उललघन की दशा म तीन हजार रपए स कम नह होगा ]

72ग िविध क ऐस उललघन क िलए िजसक खतरनाक पिरणाम होत ह िवशष उपबनधmdash(1) जो कोई इस अिधिनयम क या िकसी िविनयम िनयम या उपिविध क या तद धीन िकए गए [धारा 22 की उपधारा (1क) या उपधारा (2) या उपधारा (3) 3[या धारा 22क की उपधारा (2)] क अधीन िकए गए आदश स िभ ] िकसी आदश क िकसी उपबनध का उललघन करगा वहmdash

(क) यिद ऐस उललघन क पिरणामसवरप जीवन की हािन हो तो कारावास स जो दो वषर तक का हो सकगा या जमारन स जो पाच हजार रपए तक का हो सकगा या दोन स दणडनीय होगा या

(ख) यिद ऐस उललघन क पिरणामसवरप गमभीर शारीिरक कषित हो तो कारावास स जो एक वषर तक का हो सकगा या जमारन स जो तीन हजार रपए तक का हो सकगा या दोन स दडनीय होगा अथवा

(ग) यिद ऐस उललघन स खान म िनयोिजत िक तय को या खान म या उसक आसपास क अनय िक तय को कषित या खतरा कािरत हो तो कारवास स जो तीन मास तक का हो सकगा या जमारन स जो एक हजार रपए तक का हो सकगा या दोन स दणडनीय होगा 6[परनत नयायालय क िनणरय म लखब िकए जान वाल ततपरितकल िवशष और पयारप त कारण क अभाव म ऐसा जमारना

खणड (क) म िनिदष ट उललघन की दशा म तीन हजार रपए स कम नह होगा ]

(2) जहा िक कोई िक त इस धारा क अधीन दोषिस िकए गए जान पर िफर उसक अधीन दोषिस िकया जाए वहा वह उपधारा (1) ारा उपबिनधत दड क दगन दड स दणडनीय होगा

1 1959 क अिधिनयम स० 62 की धारा 40 ारा (16-1-1960 स) धारा 73 तथा धारा 74 क सथान पर परितसथािपत 2 1983 क अिधिनयम स० 42 की धारा 38 ारा (31-5-1984 स) अतःसथािपत 3 1983 क अिधिनयम स० 42 की धारा 39 ारा (31-5-1984 स) अतःसथािपत

29

(3) इस धारा क अधीन पािरत जमारन का दडादश आरोिपत करन वाला अथवा अपील या पनरीकषण म या अनयथा उसकी पिष ट करन वाला नयायालय िनणरय पािरत करत समय आदश द सकगा िक वसल िकया गया सपणर जमारना या उसका कोई भाग कषितगरसत िक त को या उसकी मतय की दशा म उसक िविधक परितिनिध को परितकर क रप म िदया जाए

परनत यिद जमारना ऐस मामल म आरोिपत िकया जाए जो अपीलनीय हो तो अपील उपिसथत िकए जान क िलए अनजञात कालाविध क बीत जान क पहल या यिद अपील उपिसथत की गई हो तो अपील क िविनश चय स पहल ऐसा कोई भी सदाय नह िकया जाएगा

73 आदश की अवजञा क िलए साधारण उपबनधmdashजो कोई इस अिधिनयम क या िकसी िविनयम िनयम या उपिविध क या तद धीन िकए गए िकसी आदश क िकसी ऐस उपबनध का उललघन करगा िजसक उललघन क िलए एतिसमनपवर कोई शािसत उपबिनधत नह ह वह कारावास स िजसकी अविध तीन मास तक की हो सकगी या जमारन स जो एक हजार रपए तक का हो सकगा या दोन स दडनीय होगा

74 पवर दोषिसि क पश चात विधत शािसतmdashयिद कोई िक त जो (धारा 72ख और 72ग स िभ ) पवरगामी उपबनध म स िकसी क अधीन दडनीय िकसी अपराध का दोषिस िकया जा चका हो पवर दोषिसि क दो वषर क अनदर िकए गए और उसी उपबनध का उललघन अनतवरिलत करन वाल िकसी अपराध क िलए पनः दोषिस िकया जाए तो वह हर एक पश चात वत दोषिसि क िलए उस दड क दगन दणड स दणडनीय होगा िजसस वह ऐस उपबनध क परथम उललघन क िलए दडनीय होता ]

75 सवामी अिभकतार या परबनधक का अिभयोजनmdashइस अिधिनयम क अधीन क िकसी अपराध क िलए िकसी सवामी अिभकतार या परबनधक क िवर कोई भी अिभयोजन मखय िनरीकषक की या िजला मिजसटरट की या मखय िनरीकषक क िलिखत साधारण या िवशष आदश ारा इस िनिम परािधकत िनरीकषक की पररणा पर सिसथत िकए जान क िसवाय सिसथत नह िकया जाएगा

1[परनत मखय िनरीकषक या िजला मिजसटरट या इस परकार परािधकत िनरीकषक ऐसा अिभयोजन सिसथत करन स पवर अपना यह समाधान करगा िक सवामी अिभकतार या परबनधक ऐस अपराध क िकए जान को रोकन म सभी समयक ततपरता बरतन म असफल रहा था ]

2[परनत यह और िक] िकसी खान म तकनीकी िनदशन और परबनध क अनकरम म िकए गए िकसी अपराध क बार म िजला मिजसटरट िकसी सवामी अिभकतार या परबनधक क िवर कोई अिभयोजन मखय िनरीकषक क पवर अनमोदन स सिसथत करन क िसवाय सिसथत नह करगा

3[76 कितपय मामल म सवामी का अवधारणmdashजहा िक खान का सवामी कोई फमर या िष टय का अनय सगम हो वहा उसक सब भागीदार या सदसय या उनम स कोई अथवा जहा िक खान का सवामी कमपनी हो वहा उसक सब िनदशक या उनम स कोई अथवा जहा िक खान का सवामी सरकार या कोई सथानीय परािधकारी हो वहा यथािसथित ऐसी सरकार या सथानीय परािधकारी ारा खान क कामकाज का परबनध करन क िलए परािधकत सब आिफसर या िक त या उनम स कोई ऐस िकसी अपराध क िलए िजसक िलए खान का सवामी दडनीय हो इस अिधिनयम क अधीन अिभयोिजत और दिडत िकया जा सकगा

4[परनत जहा िकसी फमर सगम या कमपनी न मखय िनरीकषक को िलिखत रप म यह सचना द दी ह िक उसनmdash

(क) फमर की दशा म उसक िकसी भागीदार या परबनधक को

(ख) सगम की दशा म उसक िकसी सदसय या परबनधक को

(ग) कमपनी की दशा म उसक िकसी िनदशक या परबनधक को

जो परतयक मामल म िकसी ऐस सथान म िजस पर इस अिधिनयम का िवसतार ह िनवासी ह और जो परतयक मामल म या तो वासतव म ऐसी फमर सगम या कमपनी क परबनध का भारसाधक ह या उसम अिधकाश शयर धारण करता ह इस अिधिनयम क परयोजन क िलए खान क सवामी क उ रदाियतव को गरहण करन क िलए नामिनदिशत कर िदया ह वहा यथािसथित ऐसा भागीदार सदसय िनदशक या परबनधक जब तक वह ऐसा िनवासी बना रहता ह और पव क त रप म भारसाधक ह या अिधकाश शयर को धारण करता ह इस अिधिनयम क परयोजन क िलए खान का सवामी समझा जाएगा जब तक िक उसक नामिनदशन को र करन वाली या यह कथन करन वाली कोई िलिखत सचना की वह यथािसथित भागीदारी सदसय िनदशक या परबनधक नह रहा ह मखय िनरीकषक को पराप त नह हो जाती ह

सपष टीकरणmdashजहा िकसी फमर सगम या कमपनी क िविभन न सथापन या शाखाए ह अथवा उसक िकसी सथापन या शाखा म िविभन न एकक ह वहा िविभन न सथापन या शाखा या एकक क सबध म इस परनतक क अधीन िविभन न िक तय को नामिनदिशत िकया जा सकगा और इस परकार नामिनदिशत िक त कवल उस सथापन शाखा या एकक क समबनध म िजसक समबनध म उस नामिनदिशत िकया गया ह खान का सवामी समझा जाएगा ]

1 1983 क अिधिनयम स० 42 की धारा 40 ारा (31-5-1984 स) अतःसथािपत 2 1983 क अिधिनयम स० 42 की धारा 40 ारा (31-5-1984 स) ldquoपरनतrdquo क सथान पर परितसथािपत 3 1959 क अिधिनयम स० 62 की धारा 41 ारा (16-1-1960 स) धारा 76 क सथान पर परितसथािपत 4 1983 क अिधिनयम स० 42 की धारा 41 ारा (31-5-1984 स) ldquoपरनतकrdquo क सथान पर परितसथािपत

30

77 सवामी अिभकतार या परबनधक को दाियतव स कितपय दशा म छटmdashजहा िक खान का सवामी अिभकतार या परबनधक जो इस अिधिनयम क अधीन िकसी अपराध का अिभयक त हो यह अिभकथन कर िक वासतिवक अपराधी अनय िक त ह वहा वह अपन

ारा इस िनिम िकए गए पिरवाद पर 1[और वासतिवक अपराधी का जञात पता दन पर] और अिभयोजक को ऐसा करन क अपन आशय की तीन स अनयन पणर िदन की िलिखत सचना दन पर इस बात का हकदार होगा िक वह अनय िक त उस तारीख को जो मामल की सनवाई क िलए िनयत हो नयायालय क समकष लाया जाए और यिद अपराध का िकया जाना सािबत हो जान क पश चात खान का यथािसथित सवामी अिभकतार या परबनधक नयायालय को समाधान परदान करन वाल रप म सािबत कर द िकmdash

(क) इस अिधिनयम क ससगत उपबनध का िनषपादन करान क िलए उसन समयक ततपता बरती ह तथा (ख) उस अनय िक त न परश नगत अपराध को उसक जञान सममित या मौनानकलता क िबना िकया ह

तो उक त अनय िक त उस अपराध क िलए दोषिस िकया जाएगा और उसी परकार क दणड स ऐस दडनीय होगा मानो वह खान का सवामी अिभकतार या परबनधक हो और यथािसथित सवामी अिभकतार या परबनधक दोषमक त कर िदया जाएगा परनतmdash

(क) यथािसथित खान क सवामी अिभकतार या परबनधक की शपथ पर परीकषा की जा सकगी और उसक और िकसी अनय साकषी क िजस वह अपन समथरन म बलाए सा य की उस िक त क ारा या की ओर स िजसकी बाबत वह अिभकिथत करता हो िक वह वासतिवक अपराधी ह और अिभयोजक ारा परितपरीकषा की जा सकगी

(ख) यिद वह िक त िजसका वासतिवक अपराधी होना अिभकिथत हो उस तारीख को जो मामल की सनवाई क िलए िनयत हो नयायालय क समकष समयक ततपरता बरती जान पर भी न लाया जा सक तो नयायालय उसकी सनवाई समय-समय पर सथिगत कर दगा िकनत इस परकार िक ऐस सथगन की कल कालाविध तीन मास स अिधक न हो और यिद उक त कालाविध क अनत तक भी वह िक त िजसका वासतिवक अपराधी होना अिभकिथत हो नयायालय क समकष न लाया जा सक तो नयायालय यथािसथित सवामी अिभकतार या परबनधक क िवर मामल की सनवाई क िलए अगरसर होगा

78 नयायालय की आदश करन की शिक तmdash(1) जहा िक खान का सवमी अिभकतार या परबनधक इस अिधिनयम क अधीन दडनीय अपराध क िलए दोषिस िकया जाए वहा नयायालय उस कोई दड अिधिनण त करन क अितिरक त िलिखत आदश ारा उसस आदश म िविनिदष ट कालाविध क अनदर (िजस नयायालय इस िनिम िकए गए आवदन पर समय-समय पर िवसतािरत कर सकगा) ऐस उपाय करन की अपकषा कर सकगा जो उन बात का उपचार करन क िलए िजनक बार म अपराध िकया गया था ऐस िविनिदष ट िकए जाए (2) जहा िक उपधारा (1) क अधीन आदश िदया जाए वहा यथािसथित खान का सवामी अिभकतार या परबनधक उस कालाविध या िवसतािरत कालाविध क यिद कोई हो दौरान अपराध क चाल रहन क िवषय म इस अिधिनयम क अधीन दडनीय नह होगा िकनत यिद नयायालय क आदश का पणर अनपालन ऐसी कालाविध या िवसतािरत कालाविध क अवसान पर न हो गया हो तो यथािसथित सवामी अिभकतार या परबनधक क बार म यह समझा जाएगा िक उसन अितिरक त अपराध िकया ह और वह कारावास स िजसकी अविध छह मास तक की हो सकगी या जमारन स जो ऐस अवसान क पश चात हर एक ऐस िदन क िलए िजसम िक आदश का अनपालन न हआ हो एक सौ रपए तक का हो सकगा या दोन स दणडनीय होगा 79 अिभयोजन की पिरसीमाmdashकोई भी नयायालय इस अिधिनयम क अधीन िकसी अपराध का सजञान तब तक नह करगा जब तक िक उसका पिरवादmdash

(i) उस तारीख स िजसकी बाबत यह अिभकिथत हो िक अपराध उस तारीख को िकया गया छह मास क अनदर अथवा

(ii) उस तारीख स िजसको िक अिभकिथत अपराध का िकया जाना िनरीकषक क जञान म आया छह मास क अनदर अथवा

2[(iiक) िकसी ऐस मामल म िजसम अिभयक त लोक सवक ह या था और ततसमय परव िकसी िविध क अधीन अपराध का सजञान करन क िलए कनदरीय सरकार या राजय सरकार या िकसी अनय परािधकारी की पवर मजरी आवशयक ह उस तारीख क िजसको ऐसी मजरी मखय िनरीकषक को पराप त होती ह तीन मास क अनदर अथवा]

(iii) िकसी ऐस मामल म िजसम जाच नयायालय कनदरीय सरकार ारा धारा 24 क अधीन िनयक त िकया गया हो उस धारा की उपधारा (4) म िविनिदष ट िरपोटर क परकाशन की तारीख क पश चात 3[एक वषर] क अनदर

इनम स जो भी बाद म हो न िकया गया हो 4[सपष टीकरणmdashइस धारा क परयोजन क िलएmdash

1 1959 क अिधिनयम स० 62 की धारा 42 ारा (16-1-1960 स) अनतःसथािपत 2 1983 क अिधिनयम स० 42 की धारा 42 ारा (31-5-1984 स) अतःसथािपत 3 1983 क अिधिनयम स० 42 की धारा 42 ारा (31-5-1984 स) ldquoछह मासrdquo क सथान पर परितसथािपत 4 1959 क अिधिनयम स० 62 की धारा 43 ारा (16-1-1960 स) सप ीकरण जोड़ा गया

31

(क) चाल रहन वाल अपराध की दशा म पिरसीमा की सगणना उस समय क हर कषण क परित िनदश स की जाएगी िजसक दौरान अपराध चाल रह

(ख) जहा िक कोई कायर करन क िलए समय इस अिधिनयम क अधीन िवसतािरत िकया गया हो वहा पिरसीमा की सगणना उस िवसतािरत कालाविध क अवसान स की जाएगी ]

80 अपराध का सजञानmdash1[महानगर मिजसटरट या परथम वगर नयाियक मिजसटरट] क नयायालय स अवर कोई नयायालय इस अिधिनयम क अधीन िकसी ऐस अपराध का िजसकी बाबत यह अिभकिथत हो िक वह खान क सवामी अिभकतार या परबनधक ारा िकया गया ह या िकसी ऐस अपराध का जो इस अिधिनयम ारा कारावास स दडनीय बनाया गया ह िवचारण नह करगा

80क [जमारन क बार म िवशष उपबध ]mdashखान (सशोधन) अिधिनयम 1983 (1983 का 42) की धारा 44 ारा (31-5-1984 स) िनरिसत

81 कितपय मामल म अिभयोजन क बजाय खान बोडर या सिमित को िनदशmdash(1) यिद मखय िनरीकषक या िजला मिजसटरट या िकसी िनरीकषक की पररणा पर इस अिधिनयम क अधीन सिसथत िकसी मामल का िवचारण करन वाल नयायालय की यह राय हो िक यह मामला ऐसा ह जो अिभयोजन क बजाय 2 सिमित को िनदिशत िकया जाना चािहए तो वह दािडक कायरवािहय को रोक सकगा और इस दिष ट स िक ऐसा िनदशन िकया जाए उस िवषय की िरपोटर कनदरीय सरकार को भजगा

(2) उपधारा (1) क अधीन िरपोटर पराप त होन पर कनदरीय सरकार मामला 2 सिमित को िनदिशत कर सकगी या िवचारण म अगरसर होन क िलए नयायालय को िनदश द सकगी

अधयाय 10

परकीणर 82 इस परश न का िविनश चय िक कया खान इस अिधिनयम क अधीन हmdashयिद कोई परश न उठ िक कया 3[खान का और उसम

का या उसका पाश वरसथ कोई उतखान या खिनत या पिरसर िजस पर खिनज या कोक पराप त करन दरसी करन या िवकरय क िलए तयार करन की सहायक कोई परिकरया चलाई जा रही ह] इस अिधिनयम क अथर क अनदर खान ह तो कनदरीय सरकार उस परश न का िविनश चय कर सकगी और कनदरीय सरकार क सिचव ारा हसताकषिरत परमाणपतर इस परश न पर िनश चायक होगा

83 अिधिनयम क परवतरन स छट दन की शिक तmdash4[(1)] कनदरीय सरकार िकसी सथानीय कषतर या िकसी खान को या खान क िकसी समह या वगर को या खान क िकसी भाग को या िक तय क िकसी वगर को 5[इस अिधिनयम या उसक अधीन बनाए गए िविनयम िनयम या उपिविधय क सब उपबनध क या उनम स िकसी क] परवतरन स छट शासकीय राजपतर म अिधसचना ारा या तो अतयितकतः या िकनह िविनिदष ट शत क अधयधीन द सकगी

परनत िकसी सथनीय कषतर या खान या खान क समह या वगर को 6[धारा 40 और धारा 45] क उपबनध स छट तब तक नह दी जाएगी जब तक उस इस अिधिनयम क अनय सब उपबनध क परवतरन स भी छट न द दी जाए ]

7[(2) कनदरीय सरकार मखय िनरीकषक या िकसी अनय परािधकारी को साधारण या िवशष आदश ारा ऐस िनबरनधन क अधयधीन िजनह अिधरोिपत करना वह ठीक समझ परािधकत कर सकगी िक वह िकसी खान या उसक िकसी भाग को 8[िविनयम िनयम या उपिविधय ] क उपबन ध म स िकसी क परवतरन स िकनह िविनिदष ट शत क अधयधीन तब छट द द जब िक मखय िनरीकषक या ऐस अिधकारी की राय हो िक खान या उसक भाग म पिरिसथितया ऐसी ह िक उनक कारण ऐस उपबनध का अनपालन अनावशयक या अ वहायर हो जाता ह ]

84 आदश को पिरवितत या िवखिणडत करन की शिक तmdash9[(1)] कनदरीय सरकार इस अिधिनयम क अधीन िदया गया कोई आदश उलट सकगी या उपानतिरत कर सकगी

10[(2) मखय िनरीकषक लखब िकए जान वाल कारण स इस अिधिनयम क अधीन या िकसी िविनयम िनयम या उपिविध क अधीन अपन ारा पािरत िकसी आदश को उलट सकगा या उस उपातिरत कर सकगा

(3) खान क सवामी अिभकतार या परबनधक पर परितकल परभाव डालन वाला कोई आदश इस धारा क अधीन तब तक नह िकया जाएगा जब तक िक ऐस सवामी अिभकतार या परबनधक को अभयावदन करन का यिक तयक त अवसर न द िदया गया हो ]

1 1983 क अिधिनयम स० 42 की धारा 43 ारा (31-5-1984 स) ldquoपरसीडसी मिजसटरट या परथम वगर मिजसटरटrdquo क सथान पर परितसथािपत 2 1983 क अिधिनयम स० 42 की धारा 43 ारा (31-5-1984 स) ldquoखनन बोडरrdquo शब द का लोप िकया गया 3 1959 क अिधिनयम स० 62 की धारा 45 ारा (16-1-1960 स) अनतःसथािपत 4 1959 क अिधिनयम स० 62 की धारा 46 ारा (16-1-1960 स) उपधारा (1) क रप म पनःसखयािकत 5 1983 क अिधिनयम स० 42 की धारा 46 ारा (31-5-1984 स) ldquoइस अिधिनयम क सब उपबध क िकसी कrdquo क सथान पर परितसथािपत 6 1983 क अिधिनयम स० 42 की धारा 46 ारा (31-5-1984 स) ldquoधारा 45rdquo क सथान पर परितसथािपत 7 1959 क अिधिनयम स० 62 की धारा 46 ारा (16-1-1960 स) अनतःसथािपत 8 1983 क अिधिनयम स० 42 की धारा 46 ारा (31-5-1984 स) ldquoइस अिधिनयम क अतगरत िविनयम और िनयमrdquo क सथान पर परितसथािपत 9 1983 क अिधिनयम स० 42 की धारा 47 ारा (31-5-1984 स) धारा 84 उपधारा (1) क रप म पनःसखयािकत 10 1983 क अिधिनयम स० 42 की धारा 47 ारा (31-5-1984 स) अतःसथािपत

32

85 सरकार की खान को अिधिनयम का लाग होनाmdashयह अिधिनयम सरकार की खान को 1[भी] लाग होगा 2[85क सचना आिद दन क िलए अपिकषत िक त ऐसा करन क िलए वध रप स आब ह गmdashहर िक त जो िकसी

अिधकारी को कोई सचना या इि ला इस अिधिनयम क अधीन दन क िलए अपिकषत ह भारतीय दड सिहता (1860 का 45) की धारा 176 क अथर क अनदर ऐसा करन क िलए वध रप स आब होगा ]

3[85ख िववरिणय सचना आिद पर हसताकषर करनाmdashइस अिधिनयम या उसक अधीन बनाए गए िकसी िविनयम िनयम उपिविध या िकसी आदश क उपबनध क समबनध म िकसी खान क सवामी ारा या उसकी ओर स दी जान क िलए अपिकषत सभी िववरिणय और सचना पर या भजी जान वाली सचना पर खान क सवामी अिभकतार या परबधक ारा या िकसी ऐस िक त ारा िजस सवामी ारा मखतारनाम ारा इस िनिम शिक त परतयायोिजत की गई ह हसताकषर िकए जाएग

85ग सिवधा और जन सिवधा क िलए फीस या परभार का वसल न िकया जानाmdashखान म िनयोिजत िकसी िक त स सरकषातमक परबनध या दी जान वाली सिवधा या इस अिधिनयम क उपबनध क अधीन परदाय िकए जान वाल िकसी उपसकर या सािधतर की बाबत कोई फीस या परभार वसल नह िकया जाएगा ]

86 1948 क अिधिनयम 63 क कितपय उपबध का खान को लाग होनाmdashकनदरीय सरकार शासकीय राजपतर म अिधसचना ारा िनदश द सकगी िक कारखाना अिधिनयम 1948 (1948 का 63) क अधयाय 3 और 4 क उपबनध ऐस अपवाद और िनबरनधन क

अधयधीन रहत हए जस उस अिधसचना म िविनिदष ट िकए जाए सब खान और उनकी परसीमा को लाग ह ग

87 सद भावपवरक िकए गए कायर क िलए पिरतराणmdashकोई भी वाद अिभयोजन या अनय िविधक कायरवाही इस अिधिनयम क अधीन सद भावपवरक की गई या जान क िलए आशियत िकसी बात क िलए िकसी िक त क िवर न होगी

88 [1923 क अिधिनयम 4 का िनरसन]mdashिनरसन और सशोधन अिधिनयम 1957 (1957 का 36) की धारा 2 और पहली अनसची ारा िनरिसत

______

1 1959 क अिधिनयम स० 62 की धारा 47 ारा (16-1-1960 स) अनतःसथािपत 2 1959 क अिधिनयम स० 62 की धारा 48 ारा (16-1-1960 स) अनतःसथािपत 3 1983 क अिधिनयम स० 42 की धारा 48 ारा (31-5-1984 स) अतःसथािपत

Page 21: खान अधिनियम, 1952ncwapps.nic.in/acts/TheMinesAct1952_Hindi.pdf1 ज ल ई, 1952, द खए भ रत क र जपतर (अ गर 1952, ज ) भ ग 2,

21

(घ) खान क परबनधक और उनक अधीन कायर करन वाल अनय िक तय को अपन कतर का पालन दकषतापवरक करन क िलए समथर बनान क िलए सिवधाए उपबिनधत की जान की अपकषा करना

(ङ) खान क परबनधक और उनक अधीन कायर करन वाल िक तय की अहरताए परीकषा ारा या अनयथा अिभिनिश चत करन की रीित को और सकषमता परमाणपतर क अनद और नवीकत िकए जान को िविनयिमत करना

(च) ऐसी परीकषा और ऐस परमाणपतर क अनदान तथा नवीकरण क बार म दी जान वाली फीस यिद कोई ह िनयत करना

(छ) उन पिरिसथितय को िजनम और उन शत को िजसक अधयधीन रहत हए एक स अिधक खान का एक ही परबनधक क अधीन रहना या िकसी खान या िकनह खान का िविहत अहरताए न रखन वाल परबनधक क अधीन रहना िविधपणर होगा अवधािरत करना

1[(ज) इस अिधिनयम क अधीन की जान वाली जाच क िलए िजनक अनतगरत इस अिधिनयम क अधीन परमाणपतर धारण करन वाल िकसी िक त क अवचार या अकषमता स सब कोई जाच आती ह उपबनध करना और ऐस िकसी परमाणपतर क िनलमबन और र िकए जान क िलए उपबनध करना और जहा भी आवशयक हो वहा यह उपबनध करना िक जाच करन क िलए िनयक त िकए गए िक त को सािकषय को हािजर करान और दसतावज और भौितक पदाथ को पश करान क परयोजन क िलए िसिवल परिकरया सिहता 1908 (1908 का 5) क अधीन की िसिवल नयायालय की सब शिक तया पराप त ह गी ]

(झ) भारतीय िवसफोटक अिधिनयम 1884 (1884 का 4) और तद धीन बनाए गए िकनह िनयम क उपबनध क अधयधीन रहत हए िवसफोटक का भडारकरण परवहण और उपयोग िविनयिमत करना

2[(ञ) 3 िस तरय का खान म या खान क िकसी वगर म या ऐस िविशष ट परकार क शरम म िजनम ऐस िक तय क जीवन कषम या सवासथय क िलए खतरा रहता ह िनयोजन परितिष िनबरिनधत या िविनयिमत करना और ऐस िक त

ारा एक बार म वहन िकए जा सकन वाल बोझ क भार को पिरसीिमत करना ]

(ट) खान म िनयोिजत िक तय क कषम उनम उनक परवश करन और वहा स उनक िनकलन क साधन क िलए और उन कपक या िनकास की सखया क िलए जो उपबध िकए जान ह और कपक गत िनकास पथया और अवतलन पर बाड़ लगाई जान क िलए उपबनध करना

(ठ) खान क सवामी स सदाय पान वाल और खान क सवामी या परबनधक क परित सीध उ रदायी िक तय स िभन न िकसी िक त का खान म परबनधक क रप म या िकसी अनय िविनिदष ट हिसयत म िनयोजन परितिष करना

4[(ड) सतमभ या खिनज खणड क सथान िनिश चत करन अनरकषण और िनकाल या छाट जान तथा एक खान और दसरी खान क बीच पयारप त रोध क अनरकषण सिहत खान म सड़क और काम क सथल की सरकषा क िलए उपबनध करना

(ढ) खान म खिनज और महबनद अिग न-कषतर का िनरीकषण और सागर क या िकसी सरोवर या नदी या िकसी अनय भप ीय जलरािश क चाह वह पराकितक हो चाह कितरम या िकसी लोक सड़क या िनमारण क समीप खिनत िवषयक िनबनधन और िकनह खिनत म पानी भर जान या आग लग जान या उनक समय-पवर ढह जान क िवर समयक पवारवधानी बरती जान की अपकषा करना ]

(ण) खान क सवातन का और धल अिग न और जवलनशील तथा अपायकर गस क िवषय म की जान वाली काररवाई का िजसक अनतगरत सवतःदहन भिम क नीच की अिग न और कोयल की धल क िवर पवारवधानी आती ह उपबनध करना

5[(त) खान म िव त क जनन भणडारकरण रपानतरण पारषण और उपयोग की भारतीय िव त अिधिनयम 1910 (1910 का 9) और तद धीन बनाए गए िकनह िनयम क उपबनध क अधयधीन रहत हए िविनयिमत करना और खान म क सब िव त उपकरण िव त तार और उनम की सब अनय मशीनरी और सयतर की दखभाल और उपयोग क िविनयमन क िलए उपबनध करना ]

(थ) 6[खान म मशीनरी का उपयोग िविनयिमत करना ऐसी मशीनरी पर या उसक आसपास और कषरण-माग पर िनयोिजत िक तय क कषम क िलए उपबनध करना] और भिम क नीच कछ वग क चिलतर का परयोग िनबरिनधत करना

(द) खान म उिचत परकाश क िलए उपबनध करना और उनम िनरापद और लमप का परयोग िविनयिमत करना और िजस खान म िनरापद लमप परयोग म लाए जात ह उसम परवश करन वाल िक तय की तलाशी लना

1 1959 क अिधिनयम स० 62 की धारा 31 ारा (16-1-1960 स) खड (ज) क सथान पर परितसथािपत 2 1959 क अिधिनयम स० 62 की धारा 31 ारा (16-1-1960 स) खड (ञ) क सथान पर परितसथािपत 3 1983 क अिधिनयम स० 42 की धारा 30 ारा (31-5-1984 स) ldquoकमार औरrdquo शबद का लोप िकया गया 4 1959 क अिधिनयम स० 62 की धारा 31 ारा (16-1-1960 स) खड (ड) और (ढ) क सथान पर परितसथािपत 5 1959 क अिधिनयम स० 62 की धारा 31 ारा (16-1-1960 स) खड (त) क सथान पर परितसथािपत 6 1983 क अिधिनयम स० 42 की धारा 30 ारा (31-5-1984 स) कितपय शबद क सथान पर परितसथािपत

22

(ध) खान म 1[जवलनशील गस या धल क] िवसफोटक या जवलन या पानी क फट िनकलन या सिचत होन क िवर और उनस उदभत खतर क िवर उपबनध करना और ऐसी पिरिसथितय म खिनज क िनकाल जान का परितषध िनबरनधन या िविनयमन करना िजनस यह समभा ता हो िक उसक पिरणामसवरप खान म 1[खिनत] समय-पवर ढह जाए या यह िक उसक पिरणामसवरप खान म 1[खिनत ] का ढह जाना या जल का फट िनकलना या जवलन घिटत होगा या गरतर हो जाएगा

(न) 2[धारा 23 की उपधारा (1) क खड (छ) क अधीन दघरटना क परकार िविहत करना और दघरटना और खतरनाक घटना की सचना का और खिनज उतपाद िनयोिजत िक तय तथा िविनयम ारा उपबिनधत अनय बात की सचना िरपोट और िववरिणय का खान क सवािमय अिभकतार और परबनधक ारा िदया जाना िविहत करना] और ऐसी सचना िववरिणय और िरपोट क पररप व िक त और परािधकारी िजनह व दी जानी ह व िविशि या जो उनम अनतिवष ट होनी ह और वह समय िजसक अनदर व िनविदन की जानी ह िविहत करना

3[(प) 4[खान क सवािमय अिभकतार और परबनधक स खान क िलए िनयत सीमाए रखन की अपकषा करना उनस ससक त रखाक और खडिचतर तथा सथलीय िटपपण जो उनक ारा रख जान ह िविहत करना] और वह रीित िजसस और व सथान िजनम ऐस रखाक खणडिचतर और सथलीय िटपपण अिभलख क परयोजन क िलए रख जान ह िविहत करना और उनकी परितय का मखय िनरीकषक को िनविदत िकया जाना और उनस यह अपकषा करना िक व नए सवकषण कर और नए रखाक बनाए और अननपालन की दशा म िकसी अनय अिभकरण क माधयम स सवकषण कराना और रखाक तयार कराना और उनक य की वसली उसी रीित स करना िजसस भ-राजसव की बकाया होती ह ]

(फ) 5[िसथित स परभावी ढग स िनपटन क परयोजन क िलए] खान म या उनक आसपास दघरटना या आकिसमक िवसफोट या जवलन क घिटत होन पर अपनाई जान वाली परिकरया िविनयिमत करना

(ब) खान क सवामी अिभकतार या परबनधक ारा धारा 16 क अधीन दी जान वाली सचना का पररप और उसम अनतिवष ट होन वाली िविशि या िविहत करना

(भ) वह सचना िविहत करना जो िकसी ऐस सथान पर जो भारतीय रल अिधिनयम 1890 (1890 का 9) क उपबनध क अधयधीन की िकसी रल क या 6[यथािसथित िकनह ऐसी लोक सड़क या अनय सकम क जो सरकार ारा या िकसी सथानीय परािधकारी ारा अनरिकषत ह ] 7[पतालीस मीटर] क अनदर का हो खनन सिकरयाए परारमभ करन या उस तक िवसतािरत करन क पवर खान क सवामी अिभकतार या परबनधक ारा दी जानी ह

(म) िकसी खान क बार म उस दशा म जबिक खिनत म काम बनद कर िदया गया हो सरकार या िकसी सथानीय परािधकारी या भारतीय रल अिधिनयम 1890 (1890 का 9) म यथापिरभािषत िकसी रल कमपनी म िनिहत समपि की कषित स सरकषा

8[(मम) खान क सवामी अिभकतार या परबनधक स यह अपकषा करना िक खान क बनद िकए जान क पवर सरकषा-सकमर सि िमत कर और अननपालन की दशा म ऐस सकमर िकसी अनय अिभकरण ारा िनषपािदत कराना और ऐस सवामी स उनक य की वसली उसी रीित स करना िजसस भ-राजसव की बकाया की होती ह ]

(य) िकसी खान या खान क भाग या िकसी खदान आनित कपक गतर या िनकास म चाह उसका कायरकरण हो रहा हो या नह या िकसी खतरनाक या परितिष कषतर अवतलन कषरण टराम लाइन या पथया पर जहा जनता क सरकषण क िलए बाड़ लगाना आवशयक हो बाड़ लगाई जान की अपकषा करना

(यय) कोई अनय बात जो िविहत की जानी ह या िविहत की जाए

58 िनयम बनान की कनदरीय सरकार की शिक तmdashकनदरीय सरकार िनिम निलिखत सब परयोजन या उनम स िकसी क िलए ऐस िनयम जो इस अिधिनयम स सगत ह शासकीय राजपतर म अिधसचना ारा बना सकगी अथारत --

9[(क) सिमित क सदसय की पदाविध और उनकी सवा की अनय शत का तथा िरिक तया भरन की रीित का उपबनध कराना और अपना कारबार चलान क िलए सिमित ारा अनसिरत की जान वाली परिकरया िविनयिमत करना

(ख) धारा 23 की उपधारा (3) म िनिदष ट रिजसटर का पररप िविहत करना

1 1959 क अिधिनयम स० 62 की धारा 31 ारा (16-1-1960 स) अनतःसथािपत 2 1959 क अिधिनयम स० 62 की धारा 31 ारा (16-1-1960 स) ldquoसचनाए िविहत करन क िलएrdquo क सथान पर परितसथािपत 3 1959 क अिधिनयम स० 62 की धारा 31 ारा (16-1-1960 स) खड (प) क सथान पर परितसथािपत 4 1983 क अिधिनयम स० 42 की धारा 30 ारा (31-5-1984 स) कितपय शबद क सथान पर परितसथािपत 5 1983 क अिधिनयम स० 42 की धारा 30 ारा (31-5-1984 स) अनतःसथािपत 6 1959 क अिधिनयम स० 62 की धारा 31 ारा (16-1-1960 स) कितपय शबद क सथान पर परितसथािपत 7 1983 क अिधिनयम स० 42 की धारा 30 ारा (31-5-1984 स) ldquoपचास गजrdquo क सथान पर परितसथािपत 8 1959 क अिधिनयम स० 62 की धारा 31 ारा (16-1-1960 स) अनतःसथािपत 9 1983 क अिधिनयम स० 42 की धारा 31 ारा (31-5-1984 स) खड (क) क सथान पर परितसथािपत

23

(ग) धारा 24 क अधीन जाच नयायालय की िनयिक त क िलए उपबनध करना ऐस नयायालय की परिकरया और शिक तया िविनयिमत करना ऐस नयायालय क सदसय को यातरा-भ का सदाय करना और सयक त खान क परबनधक सवामी या अिभकतार स उक त नयायलय क य की 1[िजनक अनतगरत जाच स ससक त कोई अनय य आत ह] 2[उसी रीित स जस भ-राजसव की बकाया वसल की जाती ह] वसली करना

2[(गग) खान म िनयोिजत िक तय की ओर स तकनीकी िवशषजञ ारा (जो परािसथित म ओवरमन स कम नह ह) खान क िनरीकषण क िलए उसक िलए दी जान वाली सिवधा क िलए वह आवित िजस पर और वह रीित िजसम ऐस िनरीकषण िकए जाएग और वह रीित िजसम ऐस िनरीकषण की िरपोटर दी जाएगी उपबनध करना ]

(घ) िजन खान म कोई ि या िनयोिजत ह या पवरवत बारह मास म िकसी िदन िनयोिजत रह ह उनम ऐसी िस तरय क छह वषर स कम आय वाल बालक क उपयोग क िलए आरिकषत िकए जान वाल समिचत कमर बनाए रखन की अपकषा करना और या तो साधारणतः या खान म िनयोिजत िस तरय की सखया क परित िविशष ट िनदश स ऐस कमर की सखया और सतरमान और उन सख-सिवधा की जो उनम उपबिनधत की जानी ह और उस पयरवकषण की जो उनम िकया जाना ह परकित और िवसतार िविहत करना

(ङ) खान म िनयोिजत परष क उपयोग क िलए फहारयक त स नान सथान और लॉकर ककष और िजन खान म ि या िनयोिजत ह उनम िस तरय क उपयोग क िलए वस ही पथक सथान और ककष गतरमख पर या उनक आसपास बनाए रख जान की अपकषा करना और या तो साधारणतः या खान म मामली तौर पर िनयोिजत परष और िस तरय की सखया क परित िविशष ट िनदश स ऐस सथान और ककष की सखयाए और सतरमान िविहत करना

(च) खान म सवचछता का जो सतरमान बनाए रखना ह उस खान म उपबिनधत िकए जान वाल शौचालय और मतरालय का आनपाितक मान िविहत करना और 3 पय जल क परदाय क िलए िकया जान वाला उपबनध

1[(चच) िचिकतसीय सािधतर और सख-सिवधा क परदाय और बनाए रख जान क िलए उपबनध करना और पराथिमक उपचार बकस और कपबोड की अनतवरसतए और सखयाए पराथिमक उपचार क काम म परिशकषण पराथिमक उपचार कमर क आकार और उपसकर और उनक भारसाधक कमरचािरवनद और कषितगरसत िक तय को िचिकतसालय या औषधालय को परवहण करन क िलए इतजाम िविहत करना

(चचच) उन व यिक तय को जो खान म पयरवकषण या परबन ध क पद स िभन न पद पर िनयोिजत ह या िनयोिजत िकए जान ह व यावहािरक िशकषण िदए जान या परिशिकषत िकए जान की अपकषा करना और ऐस िशकषण और परिशकषण क िलए स कीम िविहत करना]

(छ) खान म मादक पय या औषिधय को कबज म रखन को या उनक उपभोग को और म ता की हालत म िकसी िक त क उनम परवश या उपिसथित को परितिष करना

(ज) धारा 36 क अधीन अपिकषत सचना क पररप िविहत करना और यह अपकषा करना िक ऐसी सचनाए िविनिदष ट भाषा म भी लगाई जाए

(झ) उन िक तय को पिरभािषत करना िजनकी बाबत धारा 37 क परयोजन क िलए यह समझा जाएगा िक व पयरवकषण या परबनध क पद धारण िकए हए ह या िकसी गोपनीयता की हिसयत म िनयोिजत ह

(ञ) उन िक तय या िक तय क िकसी वगर का खान म िनयोजन परितिष करना िजनकी बाबत िकसी अिहत िचिकतसा- वसायी ारा यह परमािणत न िकया गया हो िक उनह न अपना पदरहवा वषर परा कर िलया ह और वह रीित और व पिरिसथितया िजनम ऐस परमाणपतर अनद और परितसहत िकए जा सकग िविहत करना

4

1[(टट) खान म िनयोिजत या िनयोजन चाहन वाल िक तय स यह अपकषा करना िक व अपन को िचिकतसीय परीकषा क िलए परसतत कर और खान म िकसी िक त का िनयोजन िकए जान का आतयितक परितषध या िकसी िविशष ट हिसयत म या िविशष ट काम म िकए जान का परितषध िचिकतसीय आधार पर करना ]

5[(ठ) धारा 48 ारा अपिकषत रिजसटर क पररप और अधयाय 7 क परयोजन क िलए रिजसटर रखा जाना और उनक पररप िविहत करना ]

(ड) इस अिधिनयम को और िविनयम और िनयम की सिकषिप तया और वह भाषा िजसम सिकषिप तया और उपिविधया धारा 61 और 62 म अपिकषत रप स लगाई जाएगी िविहत करना

1 1959 क अिधिनयम स० 62 की धारा 32 ारा (16-1-1960 स) अनतःसथािपत 2 1983 क अिधिनयम स० 42 की धारा 31 ारा (31-5-1984 स) अनतःसथािपत 3 1959 क अिधिनयम स० 62 की धारा 32 ारा (16-1-1960 स) कितपय शबद का लोप िकया गया 4 1983 क अिधिनयम स० 42 की धारा 31 ारा (31-5-1984 स) (ट) का लोप िकया गया 5 1959 क अिधिनयम स० 62 की धारा 32 ारा (16-1-1960 स) खड (ठ) क सथान पर परितसथािपत

24

(ढ) यह अपकषा करना िक िजन बात क िलए िनयम बनाए गए ह उनस सब सचनाए िववरिणया और िरपोट खान क सवामी अिभकतार और परबनधक द और ऐसी सचना िववरिणय और िरपोट क पररप व िक त और परािधकारी िजनह व दी जानी ह व िविशि या जो उनम अनतिवष ट होनी ह और व समय िजनक अनदर व िनविदत की जानी ह िविहत करना

(ण) िजन खान म 1 पचास स अिधक िक त मामली तौर पर िनयोिजत रहत ह उनम भोजन करन क िलए यथायोगय और उपयक त ऐस आशरय क िजनम पीन क पानी का उपबनध भी हो उपबिनधत िकए जान और बनाए रख जान की अपकषा करना

(त) मखय िनरीकषक या िनरीकषक ारा इस िनिम िविनिदष ट िकसी ऐसी खान म िजसम दो सौ पचास स अिधक िक त मामली तौर पर िनयोिजत रहत ह ऐस िक तय क उपयोग क िलए कोई कटीन या कटीन उपबिनधत की जान और

बनाए रखी जान की अपकषा करना

(थ) हर ऐसी खान म िजसम पाच सौ या अिधक िक त मामली तौर पर िनयोिजत रहत ह इतनी सखया म कलयाण आिफसर िनयोिजत िकए जान की अपकषा करना िजतनी िविनिदष ट की जाए और ऐस कलयाण आिफसर की अहरताए और सवा क िनबनधन और शत और उनक ारा पालनीय कतर िविहत करना

2[(द) िविनिदष ट खान या िविनिदष ट खान क समह क िलए या िकसी िविनिदष ट कषतर की सब खान क िलए बचाव सटशन की सथापना की जान की अपकषा करना और यह िविहत करना िक ऐस सटशन कस और िकसक ारा सथािपत िकए जाएग

(ध) बचाव सटशन क परबनध क िलए उपबनध करना

(धक) बचाव िबरगड का गठन करन वाल िक तय की शारीिरक योगयता क मानक और अनय अहरता क िलए उपबनध करना

(धख) बचाव िबरगड का गठन करन वाल िक तय का िनवास-सथान िविहत करना ]

(न) 3 बचाव सटशन की िसथित उपसकर िनयतरण अनरकषण और कतय िविहत करना 4[(प) खड (द) क अधीन िविनिदष ट खान म उतपािदत और वहा स परिषत कोक और कोयल पर (पच चीस पस परित

टन स अनिधक दर स) उतपाद-शलक क उद गहण और सगरहण क िलए ऐसी खान क िलए बचाव सटशन िनिध का सजन करन क िलए भारत की सिचत िनिध म जमा िकए गए ऐस उपकर क आगम म स उन धनरािशय क जो कनदरीय सरकार ससद

ारा िविध ारा इस िनिम समयक िविनयोग िकए जान क पश चात उपबिनधत कर ऐसी िनिध म जमा िकए जान क िलए उस रीित क िलए िजसम ऐसी िनिध म स धन का उपयोग िकया जाएगा और ऐसी िनिध क परशासन क िलए उपबनध करना

(फ) बचाव िबरगड़ क बनाव परिशकषण सरचना और कतर क िलए 5 और साधारणतः खान म बचाव कायर क सचालन क िलए उपबनध करना 6

7[(फफ) िविनिदष ट खान या िविनिदष ट खान क समह क िलए सरकषा सिमितय क गठन क िलए या सरकषा की अिभवि करन क िलए िकसी िविनिदष ट कषतर म सभी खान क िलए और ऐसी सरकषा सिमितय की सरचना उनक गठन और कतय की रीित अिधकिथत करन क िलए उपबनध करना तथा]

(ब) साधारणतः िकसी ऐस मामल क िलए उपबनध करना िजनक िलए इस अिधिनयम या िविनयम ारा उपबनध न िकया गया हो और िजसक िलए उपबनध इस अिधिनयम को परभावी करन क िलए अपिकषत हो

59 िविनयम और िनयम का पवर परकाशनmdash(1) धारा 57 और 58 ारा परद िविनयम और िनयम बनान की शिक त इस शतर क अधयधीन ह िक य िविनयम और िनयम पवर परकाशन क पश चात बनाए जाएग

(2) जो तारीख साधारण खड अिधिनयम 1897 (1897 का 10) की धारा 23 क खड (3) क अनसार उस तारीख क रप म िविनिदष ट की जानी ह िजसक पश चात िक बनाए जान क िलए परसथािपत िविनयम या िनयम क परारप पर िवचार िकया जाएगा वह उस तारीख स तीन मास स कम की होगी िजसको परसथािपत िविनयम या िनयम का परारप साधारण जानकारी क िलए परकािशत िकया जाए

1 1959 क अिधिनयम स० 62 की धारा 32 ारा (16-1-1960 स) ldquoएक सौ औरrdquo शबद का लोप िकया गया 2 1983 क अिधिनयम स० 42 की धारा 31 ारा (31-5-1984 स) खड (द) और (ध) क सथान पर परसथािपत 3 1983 क अिधिनयम स० 42 की धारा 31 ारा (31-5-1984 स) ldquoकनदरीयrdquo शबद का लोप िकया गया 4 1983 क अिधिनयम स० 42 की धारा 31 ारा (31-5-1984 स) खड (प) क सथान पर परितसथािपत 5 1983 क अिधिनयम स० 42 की धारा 31 ारा (31-5-1984 स) कितपय शबद का लोप िकया गया 6 1983 क अिधिनयम स० 42 की धारा 31 ारा (31-5-1984 स) ldquoऔरrdquo शबद का लोप िकया गया 7 1983 क अिधिनयम स० 42 की धारा 31 ारा (31-5-1984 स) अनतःसथािपत

25

1

2[(4) कोई भी िविनयम या िनयम तब तक नह बनाया जाएगा जब तक िक उस िविनयम या िनयम का परारप धारा 12 की उपधारा (1) क अधीन गिठत सिमित को िनदिशत न कर िदया गया हो और जब तक उस सिमित को उसक बनाए जान की समीचीनता और उसक उपबनध की उपयक तता की बाबत िरपोटर दन का यिक तयक त अवसर न िमल गया हो ]

(5) िविनयम और िनयम शासकीय राजपतर म परकािशत िकए जाएग और ऐस परकािशत िकए जान पर ऐस परभाव रखग मानो व इस अिधिनयम म अिधिनिमत ह

(6) उपधारा (1) उपधारा (2) और उपधारा (4) क उपबनध उस अवसर को लाग न ह ग िजस पर धारा 58 क खड (घ) या खड (ङ) म िनदिशत िनयम सवरपरथम बनाए जाए

3

60 पवर परकाशन क िबना िविनयम बनान की शिक तmdashयिद कनदरीय सरकार का समाधान हो जाए िक आशिकत खतर का िनवारण करन या खतरा पदा करन की सभा ता रखन वाली िसथितय का शीघर उपचार करन क िलए यह आवशयक ह िक ऐस िविनयम बनान म वह िवलमब न होन िदया जाए जो ऐस परकाशन और िनदशन स होगा तो धारा 57 4 क अधीन िविनयम धारा 59 की उपधारा (1) उपधारा (2) और उपधारा 5[(4)] म अनतिवष ट िकसी बात क होत हए भी पवर परकाशन और 6[धारा 12 की उपधारा (1) क अधीन गिठत सिमित] को 7 िनदशन क िबना बनाए जा सकग

परनत इस परकार बनाए गए िविनयम 8[सिमित की जानकारी क िलए भज जाएग और] बनाए जान स 9[एक वषर] स अिधक क िलए परव नह रहग

61 उपिविधयाmdash(1) खान का सवामी अिभकतार या परबनधक 10[उस खान म िकसी िवशष मशीनरी क उपयोग या कायरकरण की िकसी िवशष प ित को अपनाए जान क शािस त करन क िलए] इस अिधिनयम या िकनह ततसमय परव िविनयम या िनयम स असगत न होन वाली ऐसी उपिविधय का परारप जसी िक ऐसा सवामी अिभकतार या परबनधक उस खान म दघरटना का िनवारण करन क िलए और उसम िनयोिजत िक तय क कषम सिवधा और अनशासन हत उपबनध करन क िलए आवशयक समझ तयार कर सकगा और मखय िनरीकषक या िनरीकषक को िनविदत कर सकगा और यिद ऐसा करन की उसस अपकषा मखय िनरीकषक या िनरीकषक ारा की जाए तो तयार करगा और िनविदत करगा

(2) यिद ऐसा कोई सवामी अिभकतार या परबनधकmdash

(क) मखय िनरीकषक या िनरीकषक ारा ऐसा करन की उसस अपकषा की जान क पश चात दो मास क अनदर उपिविधय का परारप िनविदत करन म असफल रह अथवा

(ख) उपिविधय का ऐसा परारप िनविदत कर जो मखय िनरीकषक या िनरीकषक की राय म पयार न हो

तो मखय िनरीकषक या िनरीकषकmdash

(i) ऐसी उपिविधय का परारप परसथािपत कर सकगा जो उस पयार परतीत ह अथवा

(ii) सवामी अिभकतार या परबनधक ारा जो परारप उस िनविदत िकया गया हो उसम ऐस सशोधन परसथािपत कर सकगा िजनस उसकी राय म वह पयार हो जाएगा और ऐसी परारप-उपिविधया या परारप-सशोधन यथािसथित सवामी अिभकतार या परबनधक क पास िवचार क िलए भजगा

(3) यिद उस तारीख स िजसको कोई परारप-उपिविधया या परारप-सशोधन मखय िनरीकषक या िनरीकषक न सवामी अिभकतार या परबनधक क पास उपधारा (2) क उपबनध क अधीन भज ह दो मास की कालाविध क अनदर मखय िनरीकषक या िनरीकषक और सवामी अिभकतार या परबनधक उपधारा (1) क अधीन बनाई जान वाली उपिविधय क िनबनधन क िवषय म परसपर सहमत होन म

1 1959 क अिधिनयम स० 62 की धारा 33 ारा (16-1-1960 स) उपधारा (3) का लोप िकया गया 2 1983 क अिधिनयम स० 42 की धारा 32 ारा (31-5-1984 स) उपधारा (4) क सथान पर परितसथािपत 3 1983 क अिधिनयम स० 42 की धारा 32 ारा (31-5-1984 स) उपधारा (7) का लोप िकया गया 4 1959 क अिधिनयम स० 62 की धारा 34 ारा (16-1-1960 स) ldquoक खड (ठ) को अपविजत करत हए खड (झ) और खड (ट) स (ख) (ध)rdquo शबद को क और अकषर का

लोप िकया गया 5 1959 क अिधिनयम स० 62 की धारा 34 ारा (16-1-1960 स) ldquo(3)rdquo क सथान पर परितसथािपत 6 1983 क अिधिनयम स० 42 की धारा 33 ारा (31-5-1984 स) ldquoखनन बोड rdquo क सथान पर परितसथािपत 7 1959 क अिधिनयम स० 62 की धारा 34 ारा (16-1-1960 स) ldquoपवरrdquo शबद का लोप िकया गया 8 1983 क अिधिनयम स० 42 की धारा 33 ारा (31-5-1984 स) अनतःसथािपत 9 1959 क अिधिनयम स० 62 की धारा 34 ारा (16-1-1960 स) ldquoदो वषरrdquo क सथान पर परितसथािपत 10 1983 क अिधिनयम स० 42 की धारा 34 ारा (31-5-1984 स) कितपय शबद क सथान पर परितसथािपत

26

असमथर रह तो मखय िनरीकषक या िनरीकषक परारप-उपिविधय को पिरिनधाररण क िलए 1[धारा 12 की उपधारा (1) क अधीन गिठत सिमित को] िनदिशत करगा

(4) (क) जबिक ऐसी पररप-उपिविधय पर अिभकतार या परबनधक और मखय िनरीकषक सहमत हो गए ह या जबिक उनक सहमत होन म असमथर होन पर व 2[धारा 12 की उपधारा (1) क अधीन गिठत सिमित को] ारा पिरिनधारिरत कर दी गई ह तब मखय िनरीकषक या िनरीकषक ारा परारप-उपिविधय की एक परित कनदरीय सरकार को अनमोदनाथर भजी जाएगी

(ख) कनदरीय सरकार परारप-उपिविधय म ऐसा उपातरण कर सकगी जसा वह ठीक समझ

(ग) इसस पवर िक कनदरीय सरकार परारप-उपिविधय का अनमोदन चाह उपातर क सिहत या उनक िबना कर उपिविधया बनान की परसथापना की और उस सथान की जहा परारप-उपिविधय की परितया अिभपरा की जा सकगी और उस समय की (जो तीस िदन स कम का न होगा) इसक अनदर िक परभािवत िक तय क ारा या उनकी ओर स परारप-उपिविधय क परित िकया गया कोई आकषप कनदरीय सरकार को भजा जाना चािहए सचना ऐसी रीित स जसी कनदरीय सरकार परभािवत िक तय की जानकारी दन क िलए उपयक ततम समझ परकािशत की जाएगी

(घ) हर आकषप िलिखत होगा और उसमmdash

(i) आकषप क िविशष ट आधार तथा

(ii) चाह गए लोप पिरवधरन या उपानतर

किथत ह ग

(ङ) उन िक तय क ारा या उनकी ओर स िजनकी बाबत कनदरीय सरकार को यह परतीत हो िक व तद ारा परभािवत िक त ह अपिकषत समय क अनदर िकए गए आकषप पर वह सरकार िवचार करगी और उपिविधय पर या तो उस रप म िजसम व परकािशत की गई थ या उनम ऐस सशोधन करक िजनह वह ठीक समझ अनमोिदत कर सकगी

(5) कनदरीय सरकार ारा इस परकार अनमोिदत हो जान पर उपिविधया इस परकार परभावी ह गी मानो व इस अिधिनयम म अिधिनयिमत ह और खान का सवामी अिभकतार या परबनधक उन उपिविधय की एक परित अगरजी म और ऐसी अनय भाषा या भाषा म जसी िविहत की जाए खान म या उसक आसपास िकसी ऐस सहजदशय सथान पर लगवाएगा जहा व उपिविधया िनयोिजत

िक तय ारा सिवधापवरक पढ़ी या दखी जा सक और िजतनी बार व िवरिपत हो जाए िमट जाए या नष ट हो जाए उतनी बार यिक तयक त शीघरता क साथ उनह नए िसर स लगवाएगा

(6) कनदरीय सरकार इस परकार िनिमत िकसी उपिविध को िलिखत आदश ारा पणरतः या भागतः िवखिडत कर सकगी और तदपिर ऐसी उपिविध तदनसार परभावहीन हो जाएगी

3[61क िविनयम िनयम और उपिविधय का ससद क समकष रखा जानाmdashधारा 57 क अधीन बनाया गया परतयक िविनयम धारा 58 क अधीन बनाया गया परतयक िनयम और धारा 61 क अधीन बनाई गई परतयक उपिविध बनाई जान क पश चात यथाशीघर ससद क परतयक सदन क समकष जब वह सतर म हो कल तीस िदन की अविध क िलए रखा जाएगा या रखी जाएगी यह अविध एक सतरा म अथवा दो या अिधक आनकरिमक सतर म परी हो सकगी यिद उस सतर क या पव क त आनकरिमक सतर म अवसान क पवर दोन सदन उस िविनयम िनयम या उपिविध म कोई पिरवतरन करन क िलए सहमत हो जाए तो ततपश चात वह ऐस पिरवितत रप म ही परभावी होगा या होगी यिद उक त अवसान क पवर दोन सदन सहमत हो जाए िक वह िविनयम िनयम या उपिविध नह बनाया या बनायी जानी चािहए तो ततपश चात वह िनषपरभाव हो जाएगा या हो जाएगी िकनत यथािसथित िविनयम िनयम या उपिविधय क ऐस पिरवितत या िनषपरषभाव होन स उसक अधीन पहल की गई िकसी बात की िविधमानयता पर परितकल परभाव नह पड़गा ]

62 अिधिनयम िविनयम आिद की सिकषिप तया लगवानाmdashहर खान म या उसक आसपास अगरजी म और ऐसी अनय भाषा या भाषा म जो िविहत की जाए अिधिनयम की और िविनयम और िनयम की िविहत सिकषिप तया लगाई रखी जाएगी

अधयाय 9

शािसतया और परिकरया 63 बाधा डालनाmdash(1) जो कोई मखय िनरीकषक िनरीकषक या धारा 8 क अधीन परािधकत िकसी िक त क इस अिधिनयम क अधीन क उसक अपन कतर क िनवरहन म बाधा डालगा या मखय िनरीकषक िनरीकषक या ऐस िक त को िकसी खान क समबनध म इस अिधिनयम क ारा या अधीन परािधकत कोई परवश िनरीकषण परीकषा या जाच करन क िलए कोई यिक तयक त सिवधा दन स इनकार करगा या दन म जानबझकर उपकषा करगा वह कारावास स िजसकी अविध तीन मास तक की हो सकगी या जमारन स जो पाच सौ रपए तक का हो सकगा या दोन स दणडनीय होगा

1 1983 क अिधिनयम स० 42 की धारा 34 ारा (31-5-1984 स) कितपय शबद क सथान पर परितसथािपत 2 1983 क अिधिनयम स० 42 की धारा 34 ारा (31-5-1984 स) कितपय शबद क सथान पर परितसथािपत 3 1983 क अिधिनयम स० 42 की धारा 35 ारा (31-5-1984 स) अतःसथािपत

27

(2) जो कोई इस अिधिनयम क अनसरण म रख गए िकनह रिजसटर या अनय दसतावज को मखय िनरीकषक या िनरीकषक की माग पर पश करन स इनकार करगा अथवा िकसी ऐस िनरीकषण आिफसर क समकष जो इस अिधिनयम क अधीन क अपन कतर क अनसरण म कायर कर रहा ह उपसजात होन या उसक ारा परीकषा की जान स िकसी िक त को िनवािरत करगा या िनवािरत करन का परयत न करगा या कोई ऐसा कायर करगा िजसक बार म उसक पास यह िवश वास करन का कारण हो िक उसस उसका इस परकार िनवािरत होना सभा ह वह जमारन स जो तीन सौ रपए तक का हो सकगा दणडनीय होगा

64 अिभलख का िमथयाकरण आिदmdashजो कोईmdash

(क) इस अिधिनयम क अधीन अनद िकसी परमाणपतर का या परमाणपतर की िकसी कायारलय परित का कटकरण करगा या जानत हए उसम िमथया कथन करगा अथवा

(ख) जानत हए ऐस िकसी कटकतय या िमथया परमाणपतर को असली क रप म उपयोग म लाएगा अथवा

(ग) कोई िमथया घोषणा कथन या सा य यह जानत हए िक वह िमथया ह अपन िलए या िकसी अनय िक त क िलए इस अिधिनयम क अधीन परमाणपतर अिभपरा करन या परमाणपतर का नवीकरण करान या खान म िनयोजन अिभपरा करन क परयोजनाथर करगा या बनाएगा या पश करगा या उपयोग म लाएगा अथवा

1[(घ) िकसी ऐस रखाक खडिचतर रिजसटर या अिभलख का िमथयाकरण करगा िजसका रखा जाना इस अिधिनयम क ारा या अधीन अपिकषत हो या ऐसा िमथया रखाक खडिचतर रिजसटर या अिभलख उस िमथया जानत हए िकसी परािधकारी क

समकष पश करगा अथवा]

(ङ) कोई ऐसा रखाक िववरणी सचना अिभलख या िरपोटर बनाएगा दगा या पिरद करगा िजसम ऐसा कथन परिवि या बयौरा अनतिवष ट हो जो उसकी सव म जानकारी या िवश वास क अनसार सही न हो

वह कारावास स िजसकी अविध तीन मास तक की हो सकगी या जमारन स जो 2[एक हजार रपए] तक का हो सकगा या दोन स दणडनीय होगा

65 िमथया योगयता परमाणपतर का उपयोगmdashजो कोई 3[धारा 43] क अधीन अनय िक त को अनद िकसी परमाणपतर का उस धारा क अधीन अपन को योगयता-परमाणपतर क रप म जानत हए उपयोग करगा या उपयोग करन का परयत न करगा या उस धारा क अधीन अपन को योग यता-परमाणपतर अनद िकए जान पर जानत हए अनय िक त को उसका उपयोग करन दगा या उपयोग करन का परय करन दगा वह कारावास स िजसकी अविध एक मास तक की हो सकगी या जमारन स जो 4[दो सौ] रपए तक का हो सकगा या दोन स दणडनीय ोगा

िक तयक त कारण क िजस सािबत करन का भार उस पर होगा करगा जमारन स जो 6[एक हजार] रपए क का हो

ास स िजसकी विध तीन

ोिजत िकया जाता ह तो ऐसी खान का सवामी अिभकतार या परबनधक ऐस जमारन स जो पाच सौ रपए क का हो

ी अविध तीन मास तक की हो सकगी या जमारन स जो 10[दो हजार पाच सौ] रपए तक का हो सकगा या दोन स दणडनीय होगा

66 रखाक आिद दन का लोपmdashकोई िक त जो इस अिधिनयम क ारा या अधीन बनाए जान या िदए जान क िलए अपिकषत कोई रखाक 5[खडिचतर] िववरणी सचना रिजसटर अिभलख या िरपोटर िविहत पररप म या िविहत रीित स या िविहत समय पर या क भीतर बनान या दन का लोप िकए िबना यत सकगा दणडनीय होगा

67 शरिमक क िनयोजन िवषयक उपबनध का उललघनmdashजो कोई उसक िसवाय जसा िक धारा 38 ारा अनजञात ह इस अिधिनयम क या िकसी िविनयम िनयम या उपिविध क या तद धीन िकए गए िकसी आदश क िकसी ऐस उपबनध का उललघन करगा जो खान म या उसक आसपास िक तय क िनयोजन या उनकी उपिसथित को परितिष िनबरिनधत या िविनयिमत करता हो वह कारावअ मास तक की हो सकगी या जमारन स जो 7[एक हजार] रपए तक का हो सकगा या दोन स 8 दडनीय होगा

9[68 अठारह वषर स कम आय क िक तय क िनयोजन क िलए शािसतmdashयिद अठारह वषर स कम आय क िकसी िक त को धारा 40 क उललघन म िकसी खान म िनयत सकगा दणडनीय होगा ]

69 परबनधक िनयक त करन म असफलताmdashधारा 17 क उपबनध क उललघन म जो कोई परबनधक िनयक त करन म असफल रहगा वह कारावास स िजसक11

1 1959 क अिधिनयम स० 62 की धारा 35 ारा (16-1-1960 स) खड (घ) क सथान पर परितसथािपत 2 1959 क अिधिनयम स० 62 की धारा 35 ारा (16-1-1960 स) ldquoपाच सौ रपएrdquo क सथान पर परितसथािपत 3 1983 क अिधिनयम स० 42 की धारा 36 ारा (31-5-1984 स) ldquoधारा 40rdquo क सथान पर परितसथािपत 4 1959 क अिधिनयम स० 62 की धारा 36 ारा (16-1-1960 स) ldquoपचासrdquo क सथान पर परितसथािपत 5 1959 क अिधिनयम स० 62 की धारा 37 ारा (16-1-1960 स) अनतःसथािपत 6 1959 क अिधिनयम स० 62 की धारा 37 ारा (16-1-1960 स) ldquoदो सौrdquo क सथान पर परितसथािप 7 1959 क अिधिनयम स० 62 की धारा 38 ारा (16-1-1960 स) ldquoपाच सौrdquo क सथान पर परितसथािपत 8 1959 क अिधिनयम स० 62 की धारा 38 ारा (16-1-1960 स) कितपय शबद का लोप िकया गया 9 1983 क अिधिनयम स० 42 की धारा 37 ारा (31-5-1984 स) धारा 68 क सथान पर परितसथािपत 10 1959 क अिधिनयम स० 62 की धारा 39 ारा (16-1-1960 स) ldquoपाच सौrdquo क सथान पर परितसथािपत 11 1959 क अिधिनयम स० 62 की धारा 39 ारा (16-1-1960 स) कितपय शबद का लोप िकया गया

28

70 दघरटना की सचनाmdash(1) धारा 23 की उपधारा (1) क उपबनध क उललघन म जो कोई िकसी दघरटना की सचना दन म या उस सचना की परित उस उपधारा म िनिदष ट िवशष सचनाप पर लगान म और िविनिदष ट कालाविध क िलए वहा रखन म असफल रहगा वह कारावास स िजसकी अविध तीन मास तक की हो सकगी या जमारन स जो पाच सौ रपए तक का हो सकगा या दोन स दणनीय होगा

(2) कनदरीय सरकार ारा धारा 23 की उपधारा (3) क अधीन िदए गए िनदश क उललघन म जो कोई िकसी दघरटना को िविहत रिजसटर म अिभिलिखत करन म या उसकी सचना दन म असफल रहगा वह कारावास स िजसकी अविध तीन मास तक की हो सकगी या जमारन स तो पाच सौ रपए तक का हो सकगा या दोन स दणडनीय होगा

71 कितपय मामल म सवामी आिद का मखय िनरीकषक को िरपोटर दनाmdashजहा िक खान क यथािसथित सवामी अिभकतार या परबनधक न खान म या उसक आसपास िनयोिजत िकसी िक त क िवर कायरवाही इस अिधिनयम क अधीन क िकसी अपराध क बार म की हो वहा वह नयायालय क िनणरय या आदश की तारीख स इक कीस िदन क अनदर उसक पिरणाम की िरपोटर मखय िनरीकषक को दगा

72 खान म िनयोिजत िक तय की बाधयताmdashखान म िनयोिजत कोई भी िक तmdash

(क) खान म िनयोिजत िक तय का सवासथय कषम या कलयाण सिनिश चत करन क परयोजनाथर खान म उपबिनधत िकसी सािधतर सिवधा या अनय चीज म जानबझकर हसतकषप या उसका जानबझकर दरपयोग न करगा

(ख) जानबझकर और यिक तयक त कारण क िबना कोई ऐसी बात न करगा िजसस सवय उसक या अनय क सकटाप होन की सभा ता हो

(ग) खान म िनयोिजत िक तय का सवासथय या कषम सिनिश चत करन क परयोजनाथर उसम उपबिनधत िकसी सािधतर या अनय चीज को उपयोग म लान की जानबझकर उपकषा नह करगा

1[72क कछ िविनयम क उललघन क िलए िवशष उपबनधmdashजो कोई धारा 57 क खणड (घ) खणड (झ) खणड (ड) खणड (ढ) खणड (ण) खणड (त) खणड (द) खणड (ध) और खणड (प) म िविनिदष ट बात स सब िकसी िविनयम क या िकसी उपिविध क या तद धीन िकए गए िकसी आदश क िकसी उपबनध का उललघन करगा वह कारावास स िजसकी अविध छह मास तक की हो सकगी या जमारन स जो दो हजार रपए तक का हो सकगा या दोन स दणडनीय होगा

72ख धारा 22 क अधीन आदश क उललघन क िलए िवशष उपबनधmdashजो कोई धारा 22 की उपधारा (1क) उपधारा (2) या उपधारा (3) क अधीन 2[या धारा 22क की उपधारा (2) क अधीन] िनकाल गए आदश क उललघन म खान का कायरकरण चाल रखगा वह कारावास स िजसकी अविध दो वषर तक की हो सकगी दडनीय होगा और जमारन स भी जो पाच हजार रपए तक का हो सकगा दडनीय होगा

2[परनत नयायालय क िनणरय म लखब िकए जान वाल ततपरितकल िवशष और पयारप त कारण क अभाव म ऐसा जमारना खड (क) म िनिदष ट उललघन की दशा म तीन हजार रपए स कम नह होगा ]

72ग िविध क ऐस उललघन क िलए िजसक खतरनाक पिरणाम होत ह िवशष उपबनधmdash(1) जो कोई इस अिधिनयम क या िकसी िविनयम िनयम या उपिविध क या तद धीन िकए गए [धारा 22 की उपधारा (1क) या उपधारा (2) या उपधारा (3) 3[या धारा 22क की उपधारा (2)] क अधीन िकए गए आदश स िभ ] िकसी आदश क िकसी उपबनध का उललघन करगा वहmdash

(क) यिद ऐस उललघन क पिरणामसवरप जीवन की हािन हो तो कारावास स जो दो वषर तक का हो सकगा या जमारन स जो पाच हजार रपए तक का हो सकगा या दोन स दणडनीय होगा या

(ख) यिद ऐस उललघन क पिरणामसवरप गमभीर शारीिरक कषित हो तो कारावास स जो एक वषर तक का हो सकगा या जमारन स जो तीन हजार रपए तक का हो सकगा या दोन स दडनीय होगा अथवा

(ग) यिद ऐस उललघन स खान म िनयोिजत िक तय को या खान म या उसक आसपास क अनय िक तय को कषित या खतरा कािरत हो तो कारवास स जो तीन मास तक का हो सकगा या जमारन स जो एक हजार रपए तक का हो सकगा या दोन स दणडनीय होगा 6[परनत नयायालय क िनणरय म लखब िकए जान वाल ततपरितकल िवशष और पयारप त कारण क अभाव म ऐसा जमारना

खणड (क) म िनिदष ट उललघन की दशा म तीन हजार रपए स कम नह होगा ]

(2) जहा िक कोई िक त इस धारा क अधीन दोषिस िकए गए जान पर िफर उसक अधीन दोषिस िकया जाए वहा वह उपधारा (1) ारा उपबिनधत दड क दगन दड स दणडनीय होगा

1 1959 क अिधिनयम स० 62 की धारा 40 ारा (16-1-1960 स) धारा 73 तथा धारा 74 क सथान पर परितसथािपत 2 1983 क अिधिनयम स० 42 की धारा 38 ारा (31-5-1984 स) अतःसथािपत 3 1983 क अिधिनयम स० 42 की धारा 39 ारा (31-5-1984 स) अतःसथािपत

29

(3) इस धारा क अधीन पािरत जमारन का दडादश आरोिपत करन वाला अथवा अपील या पनरीकषण म या अनयथा उसकी पिष ट करन वाला नयायालय िनणरय पािरत करत समय आदश द सकगा िक वसल िकया गया सपणर जमारना या उसका कोई भाग कषितगरसत िक त को या उसकी मतय की दशा म उसक िविधक परितिनिध को परितकर क रप म िदया जाए

परनत यिद जमारना ऐस मामल म आरोिपत िकया जाए जो अपीलनीय हो तो अपील उपिसथत िकए जान क िलए अनजञात कालाविध क बीत जान क पहल या यिद अपील उपिसथत की गई हो तो अपील क िविनश चय स पहल ऐसा कोई भी सदाय नह िकया जाएगा

73 आदश की अवजञा क िलए साधारण उपबनधmdashजो कोई इस अिधिनयम क या िकसी िविनयम िनयम या उपिविध क या तद धीन िकए गए िकसी आदश क िकसी ऐस उपबनध का उललघन करगा िजसक उललघन क िलए एतिसमनपवर कोई शािसत उपबिनधत नह ह वह कारावास स िजसकी अविध तीन मास तक की हो सकगी या जमारन स जो एक हजार रपए तक का हो सकगा या दोन स दडनीय होगा

74 पवर दोषिसि क पश चात विधत शािसतmdashयिद कोई िक त जो (धारा 72ख और 72ग स िभ ) पवरगामी उपबनध म स िकसी क अधीन दडनीय िकसी अपराध का दोषिस िकया जा चका हो पवर दोषिसि क दो वषर क अनदर िकए गए और उसी उपबनध का उललघन अनतवरिलत करन वाल िकसी अपराध क िलए पनः दोषिस िकया जाए तो वह हर एक पश चात वत दोषिसि क िलए उस दड क दगन दणड स दणडनीय होगा िजसस वह ऐस उपबनध क परथम उललघन क िलए दडनीय होता ]

75 सवामी अिभकतार या परबनधक का अिभयोजनmdashइस अिधिनयम क अधीन क िकसी अपराध क िलए िकसी सवामी अिभकतार या परबनधक क िवर कोई भी अिभयोजन मखय िनरीकषक की या िजला मिजसटरट की या मखय िनरीकषक क िलिखत साधारण या िवशष आदश ारा इस िनिम परािधकत िनरीकषक की पररणा पर सिसथत िकए जान क िसवाय सिसथत नह िकया जाएगा

1[परनत मखय िनरीकषक या िजला मिजसटरट या इस परकार परािधकत िनरीकषक ऐसा अिभयोजन सिसथत करन स पवर अपना यह समाधान करगा िक सवामी अिभकतार या परबनधक ऐस अपराध क िकए जान को रोकन म सभी समयक ततपरता बरतन म असफल रहा था ]

2[परनत यह और िक] िकसी खान म तकनीकी िनदशन और परबनध क अनकरम म िकए गए िकसी अपराध क बार म िजला मिजसटरट िकसी सवामी अिभकतार या परबनधक क िवर कोई अिभयोजन मखय िनरीकषक क पवर अनमोदन स सिसथत करन क िसवाय सिसथत नह करगा

3[76 कितपय मामल म सवामी का अवधारणmdashजहा िक खान का सवामी कोई फमर या िष टय का अनय सगम हो वहा उसक सब भागीदार या सदसय या उनम स कोई अथवा जहा िक खान का सवामी कमपनी हो वहा उसक सब िनदशक या उनम स कोई अथवा जहा िक खान का सवामी सरकार या कोई सथानीय परािधकारी हो वहा यथािसथित ऐसी सरकार या सथानीय परािधकारी ारा खान क कामकाज का परबनध करन क िलए परािधकत सब आिफसर या िक त या उनम स कोई ऐस िकसी अपराध क िलए िजसक िलए खान का सवामी दडनीय हो इस अिधिनयम क अधीन अिभयोिजत और दिडत िकया जा सकगा

4[परनत जहा िकसी फमर सगम या कमपनी न मखय िनरीकषक को िलिखत रप म यह सचना द दी ह िक उसनmdash

(क) फमर की दशा म उसक िकसी भागीदार या परबनधक को

(ख) सगम की दशा म उसक िकसी सदसय या परबनधक को

(ग) कमपनी की दशा म उसक िकसी िनदशक या परबनधक को

जो परतयक मामल म िकसी ऐस सथान म िजस पर इस अिधिनयम का िवसतार ह िनवासी ह और जो परतयक मामल म या तो वासतव म ऐसी फमर सगम या कमपनी क परबनध का भारसाधक ह या उसम अिधकाश शयर धारण करता ह इस अिधिनयम क परयोजन क िलए खान क सवामी क उ रदाियतव को गरहण करन क िलए नामिनदिशत कर िदया ह वहा यथािसथित ऐसा भागीदार सदसय िनदशक या परबनधक जब तक वह ऐसा िनवासी बना रहता ह और पव क त रप म भारसाधक ह या अिधकाश शयर को धारण करता ह इस अिधिनयम क परयोजन क िलए खान का सवामी समझा जाएगा जब तक िक उसक नामिनदशन को र करन वाली या यह कथन करन वाली कोई िलिखत सचना की वह यथािसथित भागीदारी सदसय िनदशक या परबनधक नह रहा ह मखय िनरीकषक को पराप त नह हो जाती ह

सपष टीकरणmdashजहा िकसी फमर सगम या कमपनी क िविभन न सथापन या शाखाए ह अथवा उसक िकसी सथापन या शाखा म िविभन न एकक ह वहा िविभन न सथापन या शाखा या एकक क सबध म इस परनतक क अधीन िविभन न िक तय को नामिनदिशत िकया जा सकगा और इस परकार नामिनदिशत िक त कवल उस सथापन शाखा या एकक क समबनध म िजसक समबनध म उस नामिनदिशत िकया गया ह खान का सवामी समझा जाएगा ]

1 1983 क अिधिनयम स० 42 की धारा 40 ारा (31-5-1984 स) अतःसथािपत 2 1983 क अिधिनयम स० 42 की धारा 40 ारा (31-5-1984 स) ldquoपरनतrdquo क सथान पर परितसथािपत 3 1959 क अिधिनयम स० 62 की धारा 41 ारा (16-1-1960 स) धारा 76 क सथान पर परितसथािपत 4 1983 क अिधिनयम स० 42 की धारा 41 ारा (31-5-1984 स) ldquoपरनतकrdquo क सथान पर परितसथािपत

30

77 सवामी अिभकतार या परबनधक को दाियतव स कितपय दशा म छटmdashजहा िक खान का सवामी अिभकतार या परबनधक जो इस अिधिनयम क अधीन िकसी अपराध का अिभयक त हो यह अिभकथन कर िक वासतिवक अपराधी अनय िक त ह वहा वह अपन

ारा इस िनिम िकए गए पिरवाद पर 1[और वासतिवक अपराधी का जञात पता दन पर] और अिभयोजक को ऐसा करन क अपन आशय की तीन स अनयन पणर िदन की िलिखत सचना दन पर इस बात का हकदार होगा िक वह अनय िक त उस तारीख को जो मामल की सनवाई क िलए िनयत हो नयायालय क समकष लाया जाए और यिद अपराध का िकया जाना सािबत हो जान क पश चात खान का यथािसथित सवामी अिभकतार या परबनधक नयायालय को समाधान परदान करन वाल रप म सािबत कर द िकmdash

(क) इस अिधिनयम क ससगत उपबनध का िनषपादन करान क िलए उसन समयक ततपता बरती ह तथा (ख) उस अनय िक त न परश नगत अपराध को उसक जञान सममित या मौनानकलता क िबना िकया ह

तो उक त अनय िक त उस अपराध क िलए दोषिस िकया जाएगा और उसी परकार क दणड स ऐस दडनीय होगा मानो वह खान का सवामी अिभकतार या परबनधक हो और यथािसथित सवामी अिभकतार या परबनधक दोषमक त कर िदया जाएगा परनतmdash

(क) यथािसथित खान क सवामी अिभकतार या परबनधक की शपथ पर परीकषा की जा सकगी और उसक और िकसी अनय साकषी क िजस वह अपन समथरन म बलाए सा य की उस िक त क ारा या की ओर स िजसकी बाबत वह अिभकिथत करता हो िक वह वासतिवक अपराधी ह और अिभयोजक ारा परितपरीकषा की जा सकगी

(ख) यिद वह िक त िजसका वासतिवक अपराधी होना अिभकिथत हो उस तारीख को जो मामल की सनवाई क िलए िनयत हो नयायालय क समकष समयक ततपरता बरती जान पर भी न लाया जा सक तो नयायालय उसकी सनवाई समय-समय पर सथिगत कर दगा िकनत इस परकार िक ऐस सथगन की कल कालाविध तीन मास स अिधक न हो और यिद उक त कालाविध क अनत तक भी वह िक त िजसका वासतिवक अपराधी होना अिभकिथत हो नयायालय क समकष न लाया जा सक तो नयायालय यथािसथित सवामी अिभकतार या परबनधक क िवर मामल की सनवाई क िलए अगरसर होगा

78 नयायालय की आदश करन की शिक तmdash(1) जहा िक खान का सवमी अिभकतार या परबनधक इस अिधिनयम क अधीन दडनीय अपराध क िलए दोषिस िकया जाए वहा नयायालय उस कोई दड अिधिनण त करन क अितिरक त िलिखत आदश ारा उसस आदश म िविनिदष ट कालाविध क अनदर (िजस नयायालय इस िनिम िकए गए आवदन पर समय-समय पर िवसतािरत कर सकगा) ऐस उपाय करन की अपकषा कर सकगा जो उन बात का उपचार करन क िलए िजनक बार म अपराध िकया गया था ऐस िविनिदष ट िकए जाए (2) जहा िक उपधारा (1) क अधीन आदश िदया जाए वहा यथािसथित खान का सवामी अिभकतार या परबनधक उस कालाविध या िवसतािरत कालाविध क यिद कोई हो दौरान अपराध क चाल रहन क िवषय म इस अिधिनयम क अधीन दडनीय नह होगा िकनत यिद नयायालय क आदश का पणर अनपालन ऐसी कालाविध या िवसतािरत कालाविध क अवसान पर न हो गया हो तो यथािसथित सवामी अिभकतार या परबनधक क बार म यह समझा जाएगा िक उसन अितिरक त अपराध िकया ह और वह कारावास स िजसकी अविध छह मास तक की हो सकगी या जमारन स जो ऐस अवसान क पश चात हर एक ऐस िदन क िलए िजसम िक आदश का अनपालन न हआ हो एक सौ रपए तक का हो सकगा या दोन स दणडनीय होगा 79 अिभयोजन की पिरसीमाmdashकोई भी नयायालय इस अिधिनयम क अधीन िकसी अपराध का सजञान तब तक नह करगा जब तक िक उसका पिरवादmdash

(i) उस तारीख स िजसकी बाबत यह अिभकिथत हो िक अपराध उस तारीख को िकया गया छह मास क अनदर अथवा

(ii) उस तारीख स िजसको िक अिभकिथत अपराध का िकया जाना िनरीकषक क जञान म आया छह मास क अनदर अथवा

2[(iiक) िकसी ऐस मामल म िजसम अिभयक त लोक सवक ह या था और ततसमय परव िकसी िविध क अधीन अपराध का सजञान करन क िलए कनदरीय सरकार या राजय सरकार या िकसी अनय परािधकारी की पवर मजरी आवशयक ह उस तारीख क िजसको ऐसी मजरी मखय िनरीकषक को पराप त होती ह तीन मास क अनदर अथवा]

(iii) िकसी ऐस मामल म िजसम जाच नयायालय कनदरीय सरकार ारा धारा 24 क अधीन िनयक त िकया गया हो उस धारा की उपधारा (4) म िविनिदष ट िरपोटर क परकाशन की तारीख क पश चात 3[एक वषर] क अनदर

इनम स जो भी बाद म हो न िकया गया हो 4[सपष टीकरणmdashइस धारा क परयोजन क िलएmdash

1 1959 क अिधिनयम स० 62 की धारा 42 ारा (16-1-1960 स) अनतःसथािपत 2 1983 क अिधिनयम स० 42 की धारा 42 ारा (31-5-1984 स) अतःसथािपत 3 1983 क अिधिनयम स० 42 की धारा 42 ारा (31-5-1984 स) ldquoछह मासrdquo क सथान पर परितसथािपत 4 1959 क अिधिनयम स० 62 की धारा 43 ारा (16-1-1960 स) सप ीकरण जोड़ा गया

31

(क) चाल रहन वाल अपराध की दशा म पिरसीमा की सगणना उस समय क हर कषण क परित िनदश स की जाएगी िजसक दौरान अपराध चाल रह

(ख) जहा िक कोई कायर करन क िलए समय इस अिधिनयम क अधीन िवसतािरत िकया गया हो वहा पिरसीमा की सगणना उस िवसतािरत कालाविध क अवसान स की जाएगी ]

80 अपराध का सजञानmdash1[महानगर मिजसटरट या परथम वगर नयाियक मिजसटरट] क नयायालय स अवर कोई नयायालय इस अिधिनयम क अधीन िकसी ऐस अपराध का िजसकी बाबत यह अिभकिथत हो िक वह खान क सवामी अिभकतार या परबनधक ारा िकया गया ह या िकसी ऐस अपराध का जो इस अिधिनयम ारा कारावास स दडनीय बनाया गया ह िवचारण नह करगा

80क [जमारन क बार म िवशष उपबध ]mdashखान (सशोधन) अिधिनयम 1983 (1983 का 42) की धारा 44 ारा (31-5-1984 स) िनरिसत

81 कितपय मामल म अिभयोजन क बजाय खान बोडर या सिमित को िनदशmdash(1) यिद मखय िनरीकषक या िजला मिजसटरट या िकसी िनरीकषक की पररणा पर इस अिधिनयम क अधीन सिसथत िकसी मामल का िवचारण करन वाल नयायालय की यह राय हो िक यह मामला ऐसा ह जो अिभयोजन क बजाय 2 सिमित को िनदिशत िकया जाना चािहए तो वह दािडक कायरवािहय को रोक सकगा और इस दिष ट स िक ऐसा िनदशन िकया जाए उस िवषय की िरपोटर कनदरीय सरकार को भजगा

(2) उपधारा (1) क अधीन िरपोटर पराप त होन पर कनदरीय सरकार मामला 2 सिमित को िनदिशत कर सकगी या िवचारण म अगरसर होन क िलए नयायालय को िनदश द सकगी

अधयाय 10

परकीणर 82 इस परश न का िविनश चय िक कया खान इस अिधिनयम क अधीन हmdashयिद कोई परश न उठ िक कया 3[खान का और उसम

का या उसका पाश वरसथ कोई उतखान या खिनत या पिरसर िजस पर खिनज या कोक पराप त करन दरसी करन या िवकरय क िलए तयार करन की सहायक कोई परिकरया चलाई जा रही ह] इस अिधिनयम क अथर क अनदर खान ह तो कनदरीय सरकार उस परश न का िविनश चय कर सकगी और कनदरीय सरकार क सिचव ारा हसताकषिरत परमाणपतर इस परश न पर िनश चायक होगा

83 अिधिनयम क परवतरन स छट दन की शिक तmdash4[(1)] कनदरीय सरकार िकसी सथानीय कषतर या िकसी खान को या खान क िकसी समह या वगर को या खान क िकसी भाग को या िक तय क िकसी वगर को 5[इस अिधिनयम या उसक अधीन बनाए गए िविनयम िनयम या उपिविधय क सब उपबनध क या उनम स िकसी क] परवतरन स छट शासकीय राजपतर म अिधसचना ारा या तो अतयितकतः या िकनह िविनिदष ट शत क अधयधीन द सकगी

परनत िकसी सथनीय कषतर या खान या खान क समह या वगर को 6[धारा 40 और धारा 45] क उपबनध स छट तब तक नह दी जाएगी जब तक उस इस अिधिनयम क अनय सब उपबनध क परवतरन स भी छट न द दी जाए ]

7[(2) कनदरीय सरकार मखय िनरीकषक या िकसी अनय परािधकारी को साधारण या िवशष आदश ारा ऐस िनबरनधन क अधयधीन िजनह अिधरोिपत करना वह ठीक समझ परािधकत कर सकगी िक वह िकसी खान या उसक िकसी भाग को 8[िविनयम िनयम या उपिविधय ] क उपबन ध म स िकसी क परवतरन स िकनह िविनिदष ट शत क अधयधीन तब छट द द जब िक मखय िनरीकषक या ऐस अिधकारी की राय हो िक खान या उसक भाग म पिरिसथितया ऐसी ह िक उनक कारण ऐस उपबनध का अनपालन अनावशयक या अ वहायर हो जाता ह ]

84 आदश को पिरवितत या िवखिणडत करन की शिक तmdash9[(1)] कनदरीय सरकार इस अिधिनयम क अधीन िदया गया कोई आदश उलट सकगी या उपानतिरत कर सकगी

10[(2) मखय िनरीकषक लखब िकए जान वाल कारण स इस अिधिनयम क अधीन या िकसी िविनयम िनयम या उपिविध क अधीन अपन ारा पािरत िकसी आदश को उलट सकगा या उस उपातिरत कर सकगा

(3) खान क सवामी अिभकतार या परबनधक पर परितकल परभाव डालन वाला कोई आदश इस धारा क अधीन तब तक नह िकया जाएगा जब तक िक ऐस सवामी अिभकतार या परबनधक को अभयावदन करन का यिक तयक त अवसर न द िदया गया हो ]

1 1983 क अिधिनयम स० 42 की धारा 43 ारा (31-5-1984 स) ldquoपरसीडसी मिजसटरट या परथम वगर मिजसटरटrdquo क सथान पर परितसथािपत 2 1983 क अिधिनयम स० 42 की धारा 43 ारा (31-5-1984 स) ldquoखनन बोडरrdquo शब द का लोप िकया गया 3 1959 क अिधिनयम स० 62 की धारा 45 ारा (16-1-1960 स) अनतःसथािपत 4 1959 क अिधिनयम स० 62 की धारा 46 ारा (16-1-1960 स) उपधारा (1) क रप म पनःसखयािकत 5 1983 क अिधिनयम स० 42 की धारा 46 ारा (31-5-1984 स) ldquoइस अिधिनयम क सब उपबध क िकसी कrdquo क सथान पर परितसथािपत 6 1983 क अिधिनयम स० 42 की धारा 46 ारा (31-5-1984 स) ldquoधारा 45rdquo क सथान पर परितसथािपत 7 1959 क अिधिनयम स० 62 की धारा 46 ारा (16-1-1960 स) अनतःसथािपत 8 1983 क अिधिनयम स० 42 की धारा 46 ारा (31-5-1984 स) ldquoइस अिधिनयम क अतगरत िविनयम और िनयमrdquo क सथान पर परितसथािपत 9 1983 क अिधिनयम स० 42 की धारा 47 ारा (31-5-1984 स) धारा 84 उपधारा (1) क रप म पनःसखयािकत 10 1983 क अिधिनयम स० 42 की धारा 47 ारा (31-5-1984 स) अतःसथािपत

32

85 सरकार की खान को अिधिनयम का लाग होनाmdashयह अिधिनयम सरकार की खान को 1[भी] लाग होगा 2[85क सचना आिद दन क िलए अपिकषत िक त ऐसा करन क िलए वध रप स आब ह गmdashहर िक त जो िकसी

अिधकारी को कोई सचना या इि ला इस अिधिनयम क अधीन दन क िलए अपिकषत ह भारतीय दड सिहता (1860 का 45) की धारा 176 क अथर क अनदर ऐसा करन क िलए वध रप स आब होगा ]

3[85ख िववरिणय सचना आिद पर हसताकषर करनाmdashइस अिधिनयम या उसक अधीन बनाए गए िकसी िविनयम िनयम उपिविध या िकसी आदश क उपबनध क समबनध म िकसी खान क सवामी ारा या उसकी ओर स दी जान क िलए अपिकषत सभी िववरिणय और सचना पर या भजी जान वाली सचना पर खान क सवामी अिभकतार या परबधक ारा या िकसी ऐस िक त ारा िजस सवामी ारा मखतारनाम ारा इस िनिम शिक त परतयायोिजत की गई ह हसताकषर िकए जाएग

85ग सिवधा और जन सिवधा क िलए फीस या परभार का वसल न िकया जानाmdashखान म िनयोिजत िकसी िक त स सरकषातमक परबनध या दी जान वाली सिवधा या इस अिधिनयम क उपबनध क अधीन परदाय िकए जान वाल िकसी उपसकर या सािधतर की बाबत कोई फीस या परभार वसल नह िकया जाएगा ]

86 1948 क अिधिनयम 63 क कितपय उपबध का खान को लाग होनाmdashकनदरीय सरकार शासकीय राजपतर म अिधसचना ारा िनदश द सकगी िक कारखाना अिधिनयम 1948 (1948 का 63) क अधयाय 3 और 4 क उपबनध ऐस अपवाद और िनबरनधन क

अधयधीन रहत हए जस उस अिधसचना म िविनिदष ट िकए जाए सब खान और उनकी परसीमा को लाग ह ग

87 सद भावपवरक िकए गए कायर क िलए पिरतराणmdashकोई भी वाद अिभयोजन या अनय िविधक कायरवाही इस अिधिनयम क अधीन सद भावपवरक की गई या जान क िलए आशियत िकसी बात क िलए िकसी िक त क िवर न होगी

88 [1923 क अिधिनयम 4 का िनरसन]mdashिनरसन और सशोधन अिधिनयम 1957 (1957 का 36) की धारा 2 और पहली अनसची ारा िनरिसत

______

1 1959 क अिधिनयम स० 62 की धारा 47 ारा (16-1-1960 स) अनतःसथािपत 2 1959 क अिधिनयम स० 62 की धारा 48 ारा (16-1-1960 स) अनतःसथािपत 3 1983 क अिधिनयम स० 42 की धारा 48 ारा (31-5-1984 स) अतःसथािपत

Page 22: खान अधिनियम, 1952ncwapps.nic.in/acts/TheMinesAct1952_Hindi.pdf1 ज ल ई, 1952, द खए भ रत क र जपतर (अ गर 1952, ज ) भ ग 2,

22

(ध) खान म 1[जवलनशील गस या धल क] िवसफोटक या जवलन या पानी क फट िनकलन या सिचत होन क िवर और उनस उदभत खतर क िवर उपबनध करना और ऐसी पिरिसथितय म खिनज क िनकाल जान का परितषध िनबरनधन या िविनयमन करना िजनस यह समभा ता हो िक उसक पिरणामसवरप खान म 1[खिनत] समय-पवर ढह जाए या यह िक उसक पिरणामसवरप खान म 1[खिनत ] का ढह जाना या जल का फट िनकलना या जवलन घिटत होगा या गरतर हो जाएगा

(न) 2[धारा 23 की उपधारा (1) क खड (छ) क अधीन दघरटना क परकार िविहत करना और दघरटना और खतरनाक घटना की सचना का और खिनज उतपाद िनयोिजत िक तय तथा िविनयम ारा उपबिनधत अनय बात की सचना िरपोट और िववरिणय का खान क सवािमय अिभकतार और परबनधक ारा िदया जाना िविहत करना] और ऐसी सचना िववरिणय और िरपोट क पररप व िक त और परािधकारी िजनह व दी जानी ह व िविशि या जो उनम अनतिवष ट होनी ह और वह समय िजसक अनदर व िनविदन की जानी ह िविहत करना

3[(प) 4[खान क सवािमय अिभकतार और परबनधक स खान क िलए िनयत सीमाए रखन की अपकषा करना उनस ससक त रखाक और खडिचतर तथा सथलीय िटपपण जो उनक ारा रख जान ह िविहत करना] और वह रीित िजसस और व सथान िजनम ऐस रखाक खणडिचतर और सथलीय िटपपण अिभलख क परयोजन क िलए रख जान ह िविहत करना और उनकी परितय का मखय िनरीकषक को िनविदत िकया जाना और उनस यह अपकषा करना िक व नए सवकषण कर और नए रखाक बनाए और अननपालन की दशा म िकसी अनय अिभकरण क माधयम स सवकषण कराना और रखाक तयार कराना और उनक य की वसली उसी रीित स करना िजसस भ-राजसव की बकाया होती ह ]

(फ) 5[िसथित स परभावी ढग स िनपटन क परयोजन क िलए] खान म या उनक आसपास दघरटना या आकिसमक िवसफोट या जवलन क घिटत होन पर अपनाई जान वाली परिकरया िविनयिमत करना

(ब) खान क सवामी अिभकतार या परबनधक ारा धारा 16 क अधीन दी जान वाली सचना का पररप और उसम अनतिवष ट होन वाली िविशि या िविहत करना

(भ) वह सचना िविहत करना जो िकसी ऐस सथान पर जो भारतीय रल अिधिनयम 1890 (1890 का 9) क उपबनध क अधयधीन की िकसी रल क या 6[यथािसथित िकनह ऐसी लोक सड़क या अनय सकम क जो सरकार ारा या िकसी सथानीय परािधकारी ारा अनरिकषत ह ] 7[पतालीस मीटर] क अनदर का हो खनन सिकरयाए परारमभ करन या उस तक िवसतािरत करन क पवर खान क सवामी अिभकतार या परबनधक ारा दी जानी ह

(म) िकसी खान क बार म उस दशा म जबिक खिनत म काम बनद कर िदया गया हो सरकार या िकसी सथानीय परािधकारी या भारतीय रल अिधिनयम 1890 (1890 का 9) म यथापिरभािषत िकसी रल कमपनी म िनिहत समपि की कषित स सरकषा

8[(मम) खान क सवामी अिभकतार या परबनधक स यह अपकषा करना िक खान क बनद िकए जान क पवर सरकषा-सकमर सि िमत कर और अननपालन की दशा म ऐस सकमर िकसी अनय अिभकरण ारा िनषपािदत कराना और ऐस सवामी स उनक य की वसली उसी रीित स करना िजसस भ-राजसव की बकाया की होती ह ]

(य) िकसी खान या खान क भाग या िकसी खदान आनित कपक गतर या िनकास म चाह उसका कायरकरण हो रहा हो या नह या िकसी खतरनाक या परितिष कषतर अवतलन कषरण टराम लाइन या पथया पर जहा जनता क सरकषण क िलए बाड़ लगाना आवशयक हो बाड़ लगाई जान की अपकषा करना

(यय) कोई अनय बात जो िविहत की जानी ह या िविहत की जाए

58 िनयम बनान की कनदरीय सरकार की शिक तmdashकनदरीय सरकार िनिम निलिखत सब परयोजन या उनम स िकसी क िलए ऐस िनयम जो इस अिधिनयम स सगत ह शासकीय राजपतर म अिधसचना ारा बना सकगी अथारत --

9[(क) सिमित क सदसय की पदाविध और उनकी सवा की अनय शत का तथा िरिक तया भरन की रीित का उपबनध कराना और अपना कारबार चलान क िलए सिमित ारा अनसिरत की जान वाली परिकरया िविनयिमत करना

(ख) धारा 23 की उपधारा (3) म िनिदष ट रिजसटर का पररप िविहत करना

1 1959 क अिधिनयम स० 62 की धारा 31 ारा (16-1-1960 स) अनतःसथािपत 2 1959 क अिधिनयम स० 62 की धारा 31 ारा (16-1-1960 स) ldquoसचनाए िविहत करन क िलएrdquo क सथान पर परितसथािपत 3 1959 क अिधिनयम स० 62 की धारा 31 ारा (16-1-1960 स) खड (प) क सथान पर परितसथािपत 4 1983 क अिधिनयम स० 42 की धारा 30 ारा (31-5-1984 स) कितपय शबद क सथान पर परितसथािपत 5 1983 क अिधिनयम स० 42 की धारा 30 ारा (31-5-1984 स) अनतःसथािपत 6 1959 क अिधिनयम स० 62 की धारा 31 ारा (16-1-1960 स) कितपय शबद क सथान पर परितसथािपत 7 1983 क अिधिनयम स० 42 की धारा 30 ारा (31-5-1984 स) ldquoपचास गजrdquo क सथान पर परितसथािपत 8 1959 क अिधिनयम स० 62 की धारा 31 ारा (16-1-1960 स) अनतःसथािपत 9 1983 क अिधिनयम स० 42 की धारा 31 ारा (31-5-1984 स) खड (क) क सथान पर परितसथािपत

23

(ग) धारा 24 क अधीन जाच नयायालय की िनयिक त क िलए उपबनध करना ऐस नयायालय की परिकरया और शिक तया िविनयिमत करना ऐस नयायालय क सदसय को यातरा-भ का सदाय करना और सयक त खान क परबनधक सवामी या अिभकतार स उक त नयायलय क य की 1[िजनक अनतगरत जाच स ससक त कोई अनय य आत ह] 2[उसी रीित स जस भ-राजसव की बकाया वसल की जाती ह] वसली करना

2[(गग) खान म िनयोिजत िक तय की ओर स तकनीकी िवशषजञ ारा (जो परािसथित म ओवरमन स कम नह ह) खान क िनरीकषण क िलए उसक िलए दी जान वाली सिवधा क िलए वह आवित िजस पर और वह रीित िजसम ऐस िनरीकषण िकए जाएग और वह रीित िजसम ऐस िनरीकषण की िरपोटर दी जाएगी उपबनध करना ]

(घ) िजन खान म कोई ि या िनयोिजत ह या पवरवत बारह मास म िकसी िदन िनयोिजत रह ह उनम ऐसी िस तरय क छह वषर स कम आय वाल बालक क उपयोग क िलए आरिकषत िकए जान वाल समिचत कमर बनाए रखन की अपकषा करना और या तो साधारणतः या खान म िनयोिजत िस तरय की सखया क परित िविशष ट िनदश स ऐस कमर की सखया और सतरमान और उन सख-सिवधा की जो उनम उपबिनधत की जानी ह और उस पयरवकषण की जो उनम िकया जाना ह परकित और िवसतार िविहत करना

(ङ) खान म िनयोिजत परष क उपयोग क िलए फहारयक त स नान सथान और लॉकर ककष और िजन खान म ि या िनयोिजत ह उनम िस तरय क उपयोग क िलए वस ही पथक सथान और ककष गतरमख पर या उनक आसपास बनाए रख जान की अपकषा करना और या तो साधारणतः या खान म मामली तौर पर िनयोिजत परष और िस तरय की सखया क परित िविशष ट िनदश स ऐस सथान और ककष की सखयाए और सतरमान िविहत करना

(च) खान म सवचछता का जो सतरमान बनाए रखना ह उस खान म उपबिनधत िकए जान वाल शौचालय और मतरालय का आनपाितक मान िविहत करना और 3 पय जल क परदाय क िलए िकया जान वाला उपबनध

1[(चच) िचिकतसीय सािधतर और सख-सिवधा क परदाय और बनाए रख जान क िलए उपबनध करना और पराथिमक उपचार बकस और कपबोड की अनतवरसतए और सखयाए पराथिमक उपचार क काम म परिशकषण पराथिमक उपचार कमर क आकार और उपसकर और उनक भारसाधक कमरचािरवनद और कषितगरसत िक तय को िचिकतसालय या औषधालय को परवहण करन क िलए इतजाम िविहत करना

(चचच) उन व यिक तय को जो खान म पयरवकषण या परबन ध क पद स िभन न पद पर िनयोिजत ह या िनयोिजत िकए जान ह व यावहािरक िशकषण िदए जान या परिशिकषत िकए जान की अपकषा करना और ऐस िशकषण और परिशकषण क िलए स कीम िविहत करना]

(छ) खान म मादक पय या औषिधय को कबज म रखन को या उनक उपभोग को और म ता की हालत म िकसी िक त क उनम परवश या उपिसथित को परितिष करना

(ज) धारा 36 क अधीन अपिकषत सचना क पररप िविहत करना और यह अपकषा करना िक ऐसी सचनाए िविनिदष ट भाषा म भी लगाई जाए

(झ) उन िक तय को पिरभािषत करना िजनकी बाबत धारा 37 क परयोजन क िलए यह समझा जाएगा िक व पयरवकषण या परबनध क पद धारण िकए हए ह या िकसी गोपनीयता की हिसयत म िनयोिजत ह

(ञ) उन िक तय या िक तय क िकसी वगर का खान म िनयोजन परितिष करना िजनकी बाबत िकसी अिहत िचिकतसा- वसायी ारा यह परमािणत न िकया गया हो िक उनह न अपना पदरहवा वषर परा कर िलया ह और वह रीित और व पिरिसथितया िजनम ऐस परमाणपतर अनद और परितसहत िकए जा सकग िविहत करना

4

1[(टट) खान म िनयोिजत या िनयोजन चाहन वाल िक तय स यह अपकषा करना िक व अपन को िचिकतसीय परीकषा क िलए परसतत कर और खान म िकसी िक त का िनयोजन िकए जान का आतयितक परितषध या िकसी िविशष ट हिसयत म या िविशष ट काम म िकए जान का परितषध िचिकतसीय आधार पर करना ]

5[(ठ) धारा 48 ारा अपिकषत रिजसटर क पररप और अधयाय 7 क परयोजन क िलए रिजसटर रखा जाना और उनक पररप िविहत करना ]

(ड) इस अिधिनयम को और िविनयम और िनयम की सिकषिप तया और वह भाषा िजसम सिकषिप तया और उपिविधया धारा 61 और 62 म अपिकषत रप स लगाई जाएगी िविहत करना

1 1959 क अिधिनयम स० 62 की धारा 32 ारा (16-1-1960 स) अनतःसथािपत 2 1983 क अिधिनयम स० 42 की धारा 31 ारा (31-5-1984 स) अनतःसथािपत 3 1959 क अिधिनयम स० 62 की धारा 32 ारा (16-1-1960 स) कितपय शबद का लोप िकया गया 4 1983 क अिधिनयम स० 42 की धारा 31 ारा (31-5-1984 स) (ट) का लोप िकया गया 5 1959 क अिधिनयम स० 62 की धारा 32 ारा (16-1-1960 स) खड (ठ) क सथान पर परितसथािपत

24

(ढ) यह अपकषा करना िक िजन बात क िलए िनयम बनाए गए ह उनस सब सचनाए िववरिणया और िरपोट खान क सवामी अिभकतार और परबनधक द और ऐसी सचना िववरिणय और िरपोट क पररप व िक त और परािधकारी िजनह व दी जानी ह व िविशि या जो उनम अनतिवष ट होनी ह और व समय िजनक अनदर व िनविदत की जानी ह िविहत करना

(ण) िजन खान म 1 पचास स अिधक िक त मामली तौर पर िनयोिजत रहत ह उनम भोजन करन क िलए यथायोगय और उपयक त ऐस आशरय क िजनम पीन क पानी का उपबनध भी हो उपबिनधत िकए जान और बनाए रख जान की अपकषा करना

(त) मखय िनरीकषक या िनरीकषक ारा इस िनिम िविनिदष ट िकसी ऐसी खान म िजसम दो सौ पचास स अिधक िक त मामली तौर पर िनयोिजत रहत ह ऐस िक तय क उपयोग क िलए कोई कटीन या कटीन उपबिनधत की जान और

बनाए रखी जान की अपकषा करना

(थ) हर ऐसी खान म िजसम पाच सौ या अिधक िक त मामली तौर पर िनयोिजत रहत ह इतनी सखया म कलयाण आिफसर िनयोिजत िकए जान की अपकषा करना िजतनी िविनिदष ट की जाए और ऐस कलयाण आिफसर की अहरताए और सवा क िनबनधन और शत और उनक ारा पालनीय कतर िविहत करना

2[(द) िविनिदष ट खान या िविनिदष ट खान क समह क िलए या िकसी िविनिदष ट कषतर की सब खान क िलए बचाव सटशन की सथापना की जान की अपकषा करना और यह िविहत करना िक ऐस सटशन कस और िकसक ारा सथािपत िकए जाएग

(ध) बचाव सटशन क परबनध क िलए उपबनध करना

(धक) बचाव िबरगड का गठन करन वाल िक तय की शारीिरक योगयता क मानक और अनय अहरता क िलए उपबनध करना

(धख) बचाव िबरगड का गठन करन वाल िक तय का िनवास-सथान िविहत करना ]

(न) 3 बचाव सटशन की िसथित उपसकर िनयतरण अनरकषण और कतय िविहत करना 4[(प) खड (द) क अधीन िविनिदष ट खान म उतपािदत और वहा स परिषत कोक और कोयल पर (पच चीस पस परित

टन स अनिधक दर स) उतपाद-शलक क उद गहण और सगरहण क िलए ऐसी खान क िलए बचाव सटशन िनिध का सजन करन क िलए भारत की सिचत िनिध म जमा िकए गए ऐस उपकर क आगम म स उन धनरािशय क जो कनदरीय सरकार ससद

ारा िविध ारा इस िनिम समयक िविनयोग िकए जान क पश चात उपबिनधत कर ऐसी िनिध म जमा िकए जान क िलए उस रीित क िलए िजसम ऐसी िनिध म स धन का उपयोग िकया जाएगा और ऐसी िनिध क परशासन क िलए उपबनध करना

(फ) बचाव िबरगड़ क बनाव परिशकषण सरचना और कतर क िलए 5 और साधारणतः खान म बचाव कायर क सचालन क िलए उपबनध करना 6

7[(फफ) िविनिदष ट खान या िविनिदष ट खान क समह क िलए सरकषा सिमितय क गठन क िलए या सरकषा की अिभवि करन क िलए िकसी िविनिदष ट कषतर म सभी खान क िलए और ऐसी सरकषा सिमितय की सरचना उनक गठन और कतय की रीित अिधकिथत करन क िलए उपबनध करना तथा]

(ब) साधारणतः िकसी ऐस मामल क िलए उपबनध करना िजनक िलए इस अिधिनयम या िविनयम ारा उपबनध न िकया गया हो और िजसक िलए उपबनध इस अिधिनयम को परभावी करन क िलए अपिकषत हो

59 िविनयम और िनयम का पवर परकाशनmdash(1) धारा 57 और 58 ारा परद िविनयम और िनयम बनान की शिक त इस शतर क अधयधीन ह िक य िविनयम और िनयम पवर परकाशन क पश चात बनाए जाएग

(2) जो तारीख साधारण खड अिधिनयम 1897 (1897 का 10) की धारा 23 क खड (3) क अनसार उस तारीख क रप म िविनिदष ट की जानी ह िजसक पश चात िक बनाए जान क िलए परसथािपत िविनयम या िनयम क परारप पर िवचार िकया जाएगा वह उस तारीख स तीन मास स कम की होगी िजसको परसथािपत िविनयम या िनयम का परारप साधारण जानकारी क िलए परकािशत िकया जाए

1 1959 क अिधिनयम स० 62 की धारा 32 ारा (16-1-1960 स) ldquoएक सौ औरrdquo शबद का लोप िकया गया 2 1983 क अिधिनयम स० 42 की धारा 31 ारा (31-5-1984 स) खड (द) और (ध) क सथान पर परसथािपत 3 1983 क अिधिनयम स० 42 की धारा 31 ारा (31-5-1984 स) ldquoकनदरीयrdquo शबद का लोप िकया गया 4 1983 क अिधिनयम स० 42 की धारा 31 ारा (31-5-1984 स) खड (प) क सथान पर परितसथािपत 5 1983 क अिधिनयम स० 42 की धारा 31 ारा (31-5-1984 स) कितपय शबद का लोप िकया गया 6 1983 क अिधिनयम स० 42 की धारा 31 ारा (31-5-1984 स) ldquoऔरrdquo शबद का लोप िकया गया 7 1983 क अिधिनयम स० 42 की धारा 31 ारा (31-5-1984 स) अनतःसथािपत

25

1

2[(4) कोई भी िविनयम या िनयम तब तक नह बनाया जाएगा जब तक िक उस िविनयम या िनयम का परारप धारा 12 की उपधारा (1) क अधीन गिठत सिमित को िनदिशत न कर िदया गया हो और जब तक उस सिमित को उसक बनाए जान की समीचीनता और उसक उपबनध की उपयक तता की बाबत िरपोटर दन का यिक तयक त अवसर न िमल गया हो ]

(5) िविनयम और िनयम शासकीय राजपतर म परकािशत िकए जाएग और ऐस परकािशत िकए जान पर ऐस परभाव रखग मानो व इस अिधिनयम म अिधिनिमत ह

(6) उपधारा (1) उपधारा (2) और उपधारा (4) क उपबनध उस अवसर को लाग न ह ग िजस पर धारा 58 क खड (घ) या खड (ङ) म िनदिशत िनयम सवरपरथम बनाए जाए

3

60 पवर परकाशन क िबना िविनयम बनान की शिक तmdashयिद कनदरीय सरकार का समाधान हो जाए िक आशिकत खतर का िनवारण करन या खतरा पदा करन की सभा ता रखन वाली िसथितय का शीघर उपचार करन क िलए यह आवशयक ह िक ऐस िविनयम बनान म वह िवलमब न होन िदया जाए जो ऐस परकाशन और िनदशन स होगा तो धारा 57 4 क अधीन िविनयम धारा 59 की उपधारा (1) उपधारा (2) और उपधारा 5[(4)] म अनतिवष ट िकसी बात क होत हए भी पवर परकाशन और 6[धारा 12 की उपधारा (1) क अधीन गिठत सिमित] को 7 िनदशन क िबना बनाए जा सकग

परनत इस परकार बनाए गए िविनयम 8[सिमित की जानकारी क िलए भज जाएग और] बनाए जान स 9[एक वषर] स अिधक क िलए परव नह रहग

61 उपिविधयाmdash(1) खान का सवामी अिभकतार या परबनधक 10[उस खान म िकसी िवशष मशीनरी क उपयोग या कायरकरण की िकसी िवशष प ित को अपनाए जान क शािस त करन क िलए] इस अिधिनयम या िकनह ततसमय परव िविनयम या िनयम स असगत न होन वाली ऐसी उपिविधय का परारप जसी िक ऐसा सवामी अिभकतार या परबनधक उस खान म दघरटना का िनवारण करन क िलए और उसम िनयोिजत िक तय क कषम सिवधा और अनशासन हत उपबनध करन क िलए आवशयक समझ तयार कर सकगा और मखय िनरीकषक या िनरीकषक को िनविदत कर सकगा और यिद ऐसा करन की उसस अपकषा मखय िनरीकषक या िनरीकषक ारा की जाए तो तयार करगा और िनविदत करगा

(2) यिद ऐसा कोई सवामी अिभकतार या परबनधकmdash

(क) मखय िनरीकषक या िनरीकषक ारा ऐसा करन की उसस अपकषा की जान क पश चात दो मास क अनदर उपिविधय का परारप िनविदत करन म असफल रह अथवा

(ख) उपिविधय का ऐसा परारप िनविदत कर जो मखय िनरीकषक या िनरीकषक की राय म पयार न हो

तो मखय िनरीकषक या िनरीकषकmdash

(i) ऐसी उपिविधय का परारप परसथािपत कर सकगा जो उस पयार परतीत ह अथवा

(ii) सवामी अिभकतार या परबनधक ारा जो परारप उस िनविदत िकया गया हो उसम ऐस सशोधन परसथािपत कर सकगा िजनस उसकी राय म वह पयार हो जाएगा और ऐसी परारप-उपिविधया या परारप-सशोधन यथािसथित सवामी अिभकतार या परबनधक क पास िवचार क िलए भजगा

(3) यिद उस तारीख स िजसको कोई परारप-उपिविधया या परारप-सशोधन मखय िनरीकषक या िनरीकषक न सवामी अिभकतार या परबनधक क पास उपधारा (2) क उपबनध क अधीन भज ह दो मास की कालाविध क अनदर मखय िनरीकषक या िनरीकषक और सवामी अिभकतार या परबनधक उपधारा (1) क अधीन बनाई जान वाली उपिविधय क िनबनधन क िवषय म परसपर सहमत होन म

1 1959 क अिधिनयम स० 62 की धारा 33 ारा (16-1-1960 स) उपधारा (3) का लोप िकया गया 2 1983 क अिधिनयम स० 42 की धारा 32 ारा (31-5-1984 स) उपधारा (4) क सथान पर परितसथािपत 3 1983 क अिधिनयम स० 42 की धारा 32 ारा (31-5-1984 स) उपधारा (7) का लोप िकया गया 4 1959 क अिधिनयम स० 62 की धारा 34 ारा (16-1-1960 स) ldquoक खड (ठ) को अपविजत करत हए खड (झ) और खड (ट) स (ख) (ध)rdquo शबद को क और अकषर का

लोप िकया गया 5 1959 क अिधिनयम स० 62 की धारा 34 ारा (16-1-1960 स) ldquo(3)rdquo क सथान पर परितसथािपत 6 1983 क अिधिनयम स० 42 की धारा 33 ारा (31-5-1984 स) ldquoखनन बोड rdquo क सथान पर परितसथािपत 7 1959 क अिधिनयम स० 62 की धारा 34 ारा (16-1-1960 स) ldquoपवरrdquo शबद का लोप िकया गया 8 1983 क अिधिनयम स० 42 की धारा 33 ारा (31-5-1984 स) अनतःसथािपत 9 1959 क अिधिनयम स० 62 की धारा 34 ारा (16-1-1960 स) ldquoदो वषरrdquo क सथान पर परितसथािपत 10 1983 क अिधिनयम स० 42 की धारा 34 ारा (31-5-1984 स) कितपय शबद क सथान पर परितसथािपत

26

असमथर रह तो मखय िनरीकषक या िनरीकषक परारप-उपिविधय को पिरिनधाररण क िलए 1[धारा 12 की उपधारा (1) क अधीन गिठत सिमित को] िनदिशत करगा

(4) (क) जबिक ऐसी पररप-उपिविधय पर अिभकतार या परबनधक और मखय िनरीकषक सहमत हो गए ह या जबिक उनक सहमत होन म असमथर होन पर व 2[धारा 12 की उपधारा (1) क अधीन गिठत सिमित को] ारा पिरिनधारिरत कर दी गई ह तब मखय िनरीकषक या िनरीकषक ारा परारप-उपिविधय की एक परित कनदरीय सरकार को अनमोदनाथर भजी जाएगी

(ख) कनदरीय सरकार परारप-उपिविधय म ऐसा उपातरण कर सकगी जसा वह ठीक समझ

(ग) इसस पवर िक कनदरीय सरकार परारप-उपिविधय का अनमोदन चाह उपातर क सिहत या उनक िबना कर उपिविधया बनान की परसथापना की और उस सथान की जहा परारप-उपिविधय की परितया अिभपरा की जा सकगी और उस समय की (जो तीस िदन स कम का न होगा) इसक अनदर िक परभािवत िक तय क ारा या उनकी ओर स परारप-उपिविधय क परित िकया गया कोई आकषप कनदरीय सरकार को भजा जाना चािहए सचना ऐसी रीित स जसी कनदरीय सरकार परभािवत िक तय की जानकारी दन क िलए उपयक ततम समझ परकािशत की जाएगी

(घ) हर आकषप िलिखत होगा और उसमmdash

(i) आकषप क िविशष ट आधार तथा

(ii) चाह गए लोप पिरवधरन या उपानतर

किथत ह ग

(ङ) उन िक तय क ारा या उनकी ओर स िजनकी बाबत कनदरीय सरकार को यह परतीत हो िक व तद ारा परभािवत िक त ह अपिकषत समय क अनदर िकए गए आकषप पर वह सरकार िवचार करगी और उपिविधय पर या तो उस रप म िजसम व परकािशत की गई थ या उनम ऐस सशोधन करक िजनह वह ठीक समझ अनमोिदत कर सकगी

(5) कनदरीय सरकार ारा इस परकार अनमोिदत हो जान पर उपिविधया इस परकार परभावी ह गी मानो व इस अिधिनयम म अिधिनयिमत ह और खान का सवामी अिभकतार या परबनधक उन उपिविधय की एक परित अगरजी म और ऐसी अनय भाषा या भाषा म जसी िविहत की जाए खान म या उसक आसपास िकसी ऐस सहजदशय सथान पर लगवाएगा जहा व उपिविधया िनयोिजत

िक तय ारा सिवधापवरक पढ़ी या दखी जा सक और िजतनी बार व िवरिपत हो जाए िमट जाए या नष ट हो जाए उतनी बार यिक तयक त शीघरता क साथ उनह नए िसर स लगवाएगा

(6) कनदरीय सरकार इस परकार िनिमत िकसी उपिविध को िलिखत आदश ारा पणरतः या भागतः िवखिडत कर सकगी और तदपिर ऐसी उपिविध तदनसार परभावहीन हो जाएगी

3[61क िविनयम िनयम और उपिविधय का ससद क समकष रखा जानाmdashधारा 57 क अधीन बनाया गया परतयक िविनयम धारा 58 क अधीन बनाया गया परतयक िनयम और धारा 61 क अधीन बनाई गई परतयक उपिविध बनाई जान क पश चात यथाशीघर ससद क परतयक सदन क समकष जब वह सतर म हो कल तीस िदन की अविध क िलए रखा जाएगा या रखी जाएगी यह अविध एक सतरा म अथवा दो या अिधक आनकरिमक सतर म परी हो सकगी यिद उस सतर क या पव क त आनकरिमक सतर म अवसान क पवर दोन सदन उस िविनयम िनयम या उपिविध म कोई पिरवतरन करन क िलए सहमत हो जाए तो ततपश चात वह ऐस पिरवितत रप म ही परभावी होगा या होगी यिद उक त अवसान क पवर दोन सदन सहमत हो जाए िक वह िविनयम िनयम या उपिविध नह बनाया या बनायी जानी चािहए तो ततपश चात वह िनषपरभाव हो जाएगा या हो जाएगी िकनत यथािसथित िविनयम िनयम या उपिविधय क ऐस पिरवितत या िनषपरषभाव होन स उसक अधीन पहल की गई िकसी बात की िविधमानयता पर परितकल परभाव नह पड़गा ]

62 अिधिनयम िविनयम आिद की सिकषिप तया लगवानाmdashहर खान म या उसक आसपास अगरजी म और ऐसी अनय भाषा या भाषा म जो िविहत की जाए अिधिनयम की और िविनयम और िनयम की िविहत सिकषिप तया लगाई रखी जाएगी

अधयाय 9

शािसतया और परिकरया 63 बाधा डालनाmdash(1) जो कोई मखय िनरीकषक िनरीकषक या धारा 8 क अधीन परािधकत िकसी िक त क इस अिधिनयम क अधीन क उसक अपन कतर क िनवरहन म बाधा डालगा या मखय िनरीकषक िनरीकषक या ऐस िक त को िकसी खान क समबनध म इस अिधिनयम क ारा या अधीन परािधकत कोई परवश िनरीकषण परीकषा या जाच करन क िलए कोई यिक तयक त सिवधा दन स इनकार करगा या दन म जानबझकर उपकषा करगा वह कारावास स िजसकी अविध तीन मास तक की हो सकगी या जमारन स जो पाच सौ रपए तक का हो सकगा या दोन स दणडनीय होगा

1 1983 क अिधिनयम स० 42 की धारा 34 ारा (31-5-1984 स) कितपय शबद क सथान पर परितसथािपत 2 1983 क अिधिनयम स० 42 की धारा 34 ारा (31-5-1984 स) कितपय शबद क सथान पर परितसथािपत 3 1983 क अिधिनयम स० 42 की धारा 35 ारा (31-5-1984 स) अतःसथािपत

27

(2) जो कोई इस अिधिनयम क अनसरण म रख गए िकनह रिजसटर या अनय दसतावज को मखय िनरीकषक या िनरीकषक की माग पर पश करन स इनकार करगा अथवा िकसी ऐस िनरीकषण आिफसर क समकष जो इस अिधिनयम क अधीन क अपन कतर क अनसरण म कायर कर रहा ह उपसजात होन या उसक ारा परीकषा की जान स िकसी िक त को िनवािरत करगा या िनवािरत करन का परयत न करगा या कोई ऐसा कायर करगा िजसक बार म उसक पास यह िवश वास करन का कारण हो िक उसस उसका इस परकार िनवािरत होना सभा ह वह जमारन स जो तीन सौ रपए तक का हो सकगा दणडनीय होगा

64 अिभलख का िमथयाकरण आिदmdashजो कोईmdash

(क) इस अिधिनयम क अधीन अनद िकसी परमाणपतर का या परमाणपतर की िकसी कायारलय परित का कटकरण करगा या जानत हए उसम िमथया कथन करगा अथवा

(ख) जानत हए ऐस िकसी कटकतय या िमथया परमाणपतर को असली क रप म उपयोग म लाएगा अथवा

(ग) कोई िमथया घोषणा कथन या सा य यह जानत हए िक वह िमथया ह अपन िलए या िकसी अनय िक त क िलए इस अिधिनयम क अधीन परमाणपतर अिभपरा करन या परमाणपतर का नवीकरण करान या खान म िनयोजन अिभपरा करन क परयोजनाथर करगा या बनाएगा या पश करगा या उपयोग म लाएगा अथवा

1[(घ) िकसी ऐस रखाक खडिचतर रिजसटर या अिभलख का िमथयाकरण करगा िजसका रखा जाना इस अिधिनयम क ारा या अधीन अपिकषत हो या ऐसा िमथया रखाक खडिचतर रिजसटर या अिभलख उस िमथया जानत हए िकसी परािधकारी क

समकष पश करगा अथवा]

(ङ) कोई ऐसा रखाक िववरणी सचना अिभलख या िरपोटर बनाएगा दगा या पिरद करगा िजसम ऐसा कथन परिवि या बयौरा अनतिवष ट हो जो उसकी सव म जानकारी या िवश वास क अनसार सही न हो

वह कारावास स िजसकी अविध तीन मास तक की हो सकगी या जमारन स जो 2[एक हजार रपए] तक का हो सकगा या दोन स दणडनीय होगा

65 िमथया योगयता परमाणपतर का उपयोगmdashजो कोई 3[धारा 43] क अधीन अनय िक त को अनद िकसी परमाणपतर का उस धारा क अधीन अपन को योगयता-परमाणपतर क रप म जानत हए उपयोग करगा या उपयोग करन का परयत न करगा या उस धारा क अधीन अपन को योग यता-परमाणपतर अनद िकए जान पर जानत हए अनय िक त को उसका उपयोग करन दगा या उपयोग करन का परय करन दगा वह कारावास स िजसकी अविध एक मास तक की हो सकगी या जमारन स जो 4[दो सौ] रपए तक का हो सकगा या दोन स दणडनीय ोगा

िक तयक त कारण क िजस सािबत करन का भार उस पर होगा करगा जमारन स जो 6[एक हजार] रपए क का हो

ास स िजसकी विध तीन

ोिजत िकया जाता ह तो ऐसी खान का सवामी अिभकतार या परबनधक ऐस जमारन स जो पाच सौ रपए क का हो

ी अविध तीन मास तक की हो सकगी या जमारन स जो 10[दो हजार पाच सौ] रपए तक का हो सकगा या दोन स दणडनीय होगा

66 रखाक आिद दन का लोपmdashकोई िक त जो इस अिधिनयम क ारा या अधीन बनाए जान या िदए जान क िलए अपिकषत कोई रखाक 5[खडिचतर] िववरणी सचना रिजसटर अिभलख या िरपोटर िविहत पररप म या िविहत रीित स या िविहत समय पर या क भीतर बनान या दन का लोप िकए िबना यत सकगा दणडनीय होगा

67 शरिमक क िनयोजन िवषयक उपबनध का उललघनmdashजो कोई उसक िसवाय जसा िक धारा 38 ारा अनजञात ह इस अिधिनयम क या िकसी िविनयम िनयम या उपिविध क या तद धीन िकए गए िकसी आदश क िकसी ऐस उपबनध का उललघन करगा जो खान म या उसक आसपास िक तय क िनयोजन या उनकी उपिसथित को परितिष िनबरिनधत या िविनयिमत करता हो वह कारावअ मास तक की हो सकगी या जमारन स जो 7[एक हजार] रपए तक का हो सकगा या दोन स 8 दडनीय होगा

9[68 अठारह वषर स कम आय क िक तय क िनयोजन क िलए शािसतmdashयिद अठारह वषर स कम आय क िकसी िक त को धारा 40 क उललघन म िकसी खान म िनयत सकगा दणडनीय होगा ]

69 परबनधक िनयक त करन म असफलताmdashधारा 17 क उपबनध क उललघन म जो कोई परबनधक िनयक त करन म असफल रहगा वह कारावास स िजसक11

1 1959 क अिधिनयम स० 62 की धारा 35 ारा (16-1-1960 स) खड (घ) क सथान पर परितसथािपत 2 1959 क अिधिनयम स० 62 की धारा 35 ारा (16-1-1960 स) ldquoपाच सौ रपएrdquo क सथान पर परितसथािपत 3 1983 क अिधिनयम स० 42 की धारा 36 ारा (31-5-1984 स) ldquoधारा 40rdquo क सथान पर परितसथािपत 4 1959 क अिधिनयम स० 62 की धारा 36 ारा (16-1-1960 स) ldquoपचासrdquo क सथान पर परितसथािपत 5 1959 क अिधिनयम स० 62 की धारा 37 ारा (16-1-1960 स) अनतःसथािपत 6 1959 क अिधिनयम स० 62 की धारा 37 ारा (16-1-1960 स) ldquoदो सौrdquo क सथान पर परितसथािप 7 1959 क अिधिनयम स० 62 की धारा 38 ारा (16-1-1960 स) ldquoपाच सौrdquo क सथान पर परितसथािपत 8 1959 क अिधिनयम स० 62 की धारा 38 ारा (16-1-1960 स) कितपय शबद का लोप िकया गया 9 1983 क अिधिनयम स० 42 की धारा 37 ारा (31-5-1984 स) धारा 68 क सथान पर परितसथािपत 10 1959 क अिधिनयम स० 62 की धारा 39 ारा (16-1-1960 स) ldquoपाच सौrdquo क सथान पर परितसथािपत 11 1959 क अिधिनयम स० 62 की धारा 39 ारा (16-1-1960 स) कितपय शबद का लोप िकया गया

28

70 दघरटना की सचनाmdash(1) धारा 23 की उपधारा (1) क उपबनध क उललघन म जो कोई िकसी दघरटना की सचना दन म या उस सचना की परित उस उपधारा म िनिदष ट िवशष सचनाप पर लगान म और िविनिदष ट कालाविध क िलए वहा रखन म असफल रहगा वह कारावास स िजसकी अविध तीन मास तक की हो सकगी या जमारन स जो पाच सौ रपए तक का हो सकगा या दोन स दणनीय होगा

(2) कनदरीय सरकार ारा धारा 23 की उपधारा (3) क अधीन िदए गए िनदश क उललघन म जो कोई िकसी दघरटना को िविहत रिजसटर म अिभिलिखत करन म या उसकी सचना दन म असफल रहगा वह कारावास स िजसकी अविध तीन मास तक की हो सकगी या जमारन स तो पाच सौ रपए तक का हो सकगा या दोन स दणडनीय होगा

71 कितपय मामल म सवामी आिद का मखय िनरीकषक को िरपोटर दनाmdashजहा िक खान क यथािसथित सवामी अिभकतार या परबनधक न खान म या उसक आसपास िनयोिजत िकसी िक त क िवर कायरवाही इस अिधिनयम क अधीन क िकसी अपराध क बार म की हो वहा वह नयायालय क िनणरय या आदश की तारीख स इक कीस िदन क अनदर उसक पिरणाम की िरपोटर मखय िनरीकषक को दगा

72 खान म िनयोिजत िक तय की बाधयताmdashखान म िनयोिजत कोई भी िक तmdash

(क) खान म िनयोिजत िक तय का सवासथय कषम या कलयाण सिनिश चत करन क परयोजनाथर खान म उपबिनधत िकसी सािधतर सिवधा या अनय चीज म जानबझकर हसतकषप या उसका जानबझकर दरपयोग न करगा

(ख) जानबझकर और यिक तयक त कारण क िबना कोई ऐसी बात न करगा िजसस सवय उसक या अनय क सकटाप होन की सभा ता हो

(ग) खान म िनयोिजत िक तय का सवासथय या कषम सिनिश चत करन क परयोजनाथर उसम उपबिनधत िकसी सािधतर या अनय चीज को उपयोग म लान की जानबझकर उपकषा नह करगा

1[72क कछ िविनयम क उललघन क िलए िवशष उपबनधmdashजो कोई धारा 57 क खणड (घ) खणड (झ) खणड (ड) खणड (ढ) खणड (ण) खणड (त) खणड (द) खणड (ध) और खणड (प) म िविनिदष ट बात स सब िकसी िविनयम क या िकसी उपिविध क या तद धीन िकए गए िकसी आदश क िकसी उपबनध का उललघन करगा वह कारावास स िजसकी अविध छह मास तक की हो सकगी या जमारन स जो दो हजार रपए तक का हो सकगा या दोन स दणडनीय होगा

72ख धारा 22 क अधीन आदश क उललघन क िलए िवशष उपबनधmdashजो कोई धारा 22 की उपधारा (1क) उपधारा (2) या उपधारा (3) क अधीन 2[या धारा 22क की उपधारा (2) क अधीन] िनकाल गए आदश क उललघन म खान का कायरकरण चाल रखगा वह कारावास स िजसकी अविध दो वषर तक की हो सकगी दडनीय होगा और जमारन स भी जो पाच हजार रपए तक का हो सकगा दडनीय होगा

2[परनत नयायालय क िनणरय म लखब िकए जान वाल ततपरितकल िवशष और पयारप त कारण क अभाव म ऐसा जमारना खड (क) म िनिदष ट उललघन की दशा म तीन हजार रपए स कम नह होगा ]

72ग िविध क ऐस उललघन क िलए िजसक खतरनाक पिरणाम होत ह िवशष उपबनधmdash(1) जो कोई इस अिधिनयम क या िकसी िविनयम िनयम या उपिविध क या तद धीन िकए गए [धारा 22 की उपधारा (1क) या उपधारा (2) या उपधारा (3) 3[या धारा 22क की उपधारा (2)] क अधीन िकए गए आदश स िभ ] िकसी आदश क िकसी उपबनध का उललघन करगा वहmdash

(क) यिद ऐस उललघन क पिरणामसवरप जीवन की हािन हो तो कारावास स जो दो वषर तक का हो सकगा या जमारन स जो पाच हजार रपए तक का हो सकगा या दोन स दणडनीय होगा या

(ख) यिद ऐस उललघन क पिरणामसवरप गमभीर शारीिरक कषित हो तो कारावास स जो एक वषर तक का हो सकगा या जमारन स जो तीन हजार रपए तक का हो सकगा या दोन स दडनीय होगा अथवा

(ग) यिद ऐस उललघन स खान म िनयोिजत िक तय को या खान म या उसक आसपास क अनय िक तय को कषित या खतरा कािरत हो तो कारवास स जो तीन मास तक का हो सकगा या जमारन स जो एक हजार रपए तक का हो सकगा या दोन स दणडनीय होगा 6[परनत नयायालय क िनणरय म लखब िकए जान वाल ततपरितकल िवशष और पयारप त कारण क अभाव म ऐसा जमारना

खणड (क) म िनिदष ट उललघन की दशा म तीन हजार रपए स कम नह होगा ]

(2) जहा िक कोई िक त इस धारा क अधीन दोषिस िकए गए जान पर िफर उसक अधीन दोषिस िकया जाए वहा वह उपधारा (1) ारा उपबिनधत दड क दगन दड स दणडनीय होगा

1 1959 क अिधिनयम स० 62 की धारा 40 ारा (16-1-1960 स) धारा 73 तथा धारा 74 क सथान पर परितसथािपत 2 1983 क अिधिनयम स० 42 की धारा 38 ारा (31-5-1984 स) अतःसथािपत 3 1983 क अिधिनयम स० 42 की धारा 39 ारा (31-5-1984 स) अतःसथािपत

29

(3) इस धारा क अधीन पािरत जमारन का दडादश आरोिपत करन वाला अथवा अपील या पनरीकषण म या अनयथा उसकी पिष ट करन वाला नयायालय िनणरय पािरत करत समय आदश द सकगा िक वसल िकया गया सपणर जमारना या उसका कोई भाग कषितगरसत िक त को या उसकी मतय की दशा म उसक िविधक परितिनिध को परितकर क रप म िदया जाए

परनत यिद जमारना ऐस मामल म आरोिपत िकया जाए जो अपीलनीय हो तो अपील उपिसथत िकए जान क िलए अनजञात कालाविध क बीत जान क पहल या यिद अपील उपिसथत की गई हो तो अपील क िविनश चय स पहल ऐसा कोई भी सदाय नह िकया जाएगा

73 आदश की अवजञा क िलए साधारण उपबनधmdashजो कोई इस अिधिनयम क या िकसी िविनयम िनयम या उपिविध क या तद धीन िकए गए िकसी आदश क िकसी ऐस उपबनध का उललघन करगा िजसक उललघन क िलए एतिसमनपवर कोई शािसत उपबिनधत नह ह वह कारावास स िजसकी अविध तीन मास तक की हो सकगी या जमारन स जो एक हजार रपए तक का हो सकगा या दोन स दडनीय होगा

74 पवर दोषिसि क पश चात विधत शािसतmdashयिद कोई िक त जो (धारा 72ख और 72ग स िभ ) पवरगामी उपबनध म स िकसी क अधीन दडनीय िकसी अपराध का दोषिस िकया जा चका हो पवर दोषिसि क दो वषर क अनदर िकए गए और उसी उपबनध का उललघन अनतवरिलत करन वाल िकसी अपराध क िलए पनः दोषिस िकया जाए तो वह हर एक पश चात वत दोषिसि क िलए उस दड क दगन दणड स दणडनीय होगा िजसस वह ऐस उपबनध क परथम उललघन क िलए दडनीय होता ]

75 सवामी अिभकतार या परबनधक का अिभयोजनmdashइस अिधिनयम क अधीन क िकसी अपराध क िलए िकसी सवामी अिभकतार या परबनधक क िवर कोई भी अिभयोजन मखय िनरीकषक की या िजला मिजसटरट की या मखय िनरीकषक क िलिखत साधारण या िवशष आदश ारा इस िनिम परािधकत िनरीकषक की पररणा पर सिसथत िकए जान क िसवाय सिसथत नह िकया जाएगा

1[परनत मखय िनरीकषक या िजला मिजसटरट या इस परकार परािधकत िनरीकषक ऐसा अिभयोजन सिसथत करन स पवर अपना यह समाधान करगा िक सवामी अिभकतार या परबनधक ऐस अपराध क िकए जान को रोकन म सभी समयक ततपरता बरतन म असफल रहा था ]

2[परनत यह और िक] िकसी खान म तकनीकी िनदशन और परबनध क अनकरम म िकए गए िकसी अपराध क बार म िजला मिजसटरट िकसी सवामी अिभकतार या परबनधक क िवर कोई अिभयोजन मखय िनरीकषक क पवर अनमोदन स सिसथत करन क िसवाय सिसथत नह करगा

3[76 कितपय मामल म सवामी का अवधारणmdashजहा िक खान का सवामी कोई फमर या िष टय का अनय सगम हो वहा उसक सब भागीदार या सदसय या उनम स कोई अथवा जहा िक खान का सवामी कमपनी हो वहा उसक सब िनदशक या उनम स कोई अथवा जहा िक खान का सवामी सरकार या कोई सथानीय परािधकारी हो वहा यथािसथित ऐसी सरकार या सथानीय परािधकारी ारा खान क कामकाज का परबनध करन क िलए परािधकत सब आिफसर या िक त या उनम स कोई ऐस िकसी अपराध क िलए िजसक िलए खान का सवामी दडनीय हो इस अिधिनयम क अधीन अिभयोिजत और दिडत िकया जा सकगा

4[परनत जहा िकसी फमर सगम या कमपनी न मखय िनरीकषक को िलिखत रप म यह सचना द दी ह िक उसनmdash

(क) फमर की दशा म उसक िकसी भागीदार या परबनधक को

(ख) सगम की दशा म उसक िकसी सदसय या परबनधक को

(ग) कमपनी की दशा म उसक िकसी िनदशक या परबनधक को

जो परतयक मामल म िकसी ऐस सथान म िजस पर इस अिधिनयम का िवसतार ह िनवासी ह और जो परतयक मामल म या तो वासतव म ऐसी फमर सगम या कमपनी क परबनध का भारसाधक ह या उसम अिधकाश शयर धारण करता ह इस अिधिनयम क परयोजन क िलए खान क सवामी क उ रदाियतव को गरहण करन क िलए नामिनदिशत कर िदया ह वहा यथािसथित ऐसा भागीदार सदसय िनदशक या परबनधक जब तक वह ऐसा िनवासी बना रहता ह और पव क त रप म भारसाधक ह या अिधकाश शयर को धारण करता ह इस अिधिनयम क परयोजन क िलए खान का सवामी समझा जाएगा जब तक िक उसक नामिनदशन को र करन वाली या यह कथन करन वाली कोई िलिखत सचना की वह यथािसथित भागीदारी सदसय िनदशक या परबनधक नह रहा ह मखय िनरीकषक को पराप त नह हो जाती ह

सपष टीकरणmdashजहा िकसी फमर सगम या कमपनी क िविभन न सथापन या शाखाए ह अथवा उसक िकसी सथापन या शाखा म िविभन न एकक ह वहा िविभन न सथापन या शाखा या एकक क सबध म इस परनतक क अधीन िविभन न िक तय को नामिनदिशत िकया जा सकगा और इस परकार नामिनदिशत िक त कवल उस सथापन शाखा या एकक क समबनध म िजसक समबनध म उस नामिनदिशत िकया गया ह खान का सवामी समझा जाएगा ]

1 1983 क अिधिनयम स० 42 की धारा 40 ारा (31-5-1984 स) अतःसथािपत 2 1983 क अिधिनयम स० 42 की धारा 40 ारा (31-5-1984 स) ldquoपरनतrdquo क सथान पर परितसथािपत 3 1959 क अिधिनयम स० 62 की धारा 41 ारा (16-1-1960 स) धारा 76 क सथान पर परितसथािपत 4 1983 क अिधिनयम स० 42 की धारा 41 ारा (31-5-1984 स) ldquoपरनतकrdquo क सथान पर परितसथािपत

30

77 सवामी अिभकतार या परबनधक को दाियतव स कितपय दशा म छटmdashजहा िक खान का सवामी अिभकतार या परबनधक जो इस अिधिनयम क अधीन िकसी अपराध का अिभयक त हो यह अिभकथन कर िक वासतिवक अपराधी अनय िक त ह वहा वह अपन

ारा इस िनिम िकए गए पिरवाद पर 1[और वासतिवक अपराधी का जञात पता दन पर] और अिभयोजक को ऐसा करन क अपन आशय की तीन स अनयन पणर िदन की िलिखत सचना दन पर इस बात का हकदार होगा िक वह अनय िक त उस तारीख को जो मामल की सनवाई क िलए िनयत हो नयायालय क समकष लाया जाए और यिद अपराध का िकया जाना सािबत हो जान क पश चात खान का यथािसथित सवामी अिभकतार या परबनधक नयायालय को समाधान परदान करन वाल रप म सािबत कर द िकmdash

(क) इस अिधिनयम क ससगत उपबनध का िनषपादन करान क िलए उसन समयक ततपता बरती ह तथा (ख) उस अनय िक त न परश नगत अपराध को उसक जञान सममित या मौनानकलता क िबना िकया ह

तो उक त अनय िक त उस अपराध क िलए दोषिस िकया जाएगा और उसी परकार क दणड स ऐस दडनीय होगा मानो वह खान का सवामी अिभकतार या परबनधक हो और यथािसथित सवामी अिभकतार या परबनधक दोषमक त कर िदया जाएगा परनतmdash

(क) यथािसथित खान क सवामी अिभकतार या परबनधक की शपथ पर परीकषा की जा सकगी और उसक और िकसी अनय साकषी क िजस वह अपन समथरन म बलाए सा य की उस िक त क ारा या की ओर स िजसकी बाबत वह अिभकिथत करता हो िक वह वासतिवक अपराधी ह और अिभयोजक ारा परितपरीकषा की जा सकगी

(ख) यिद वह िक त िजसका वासतिवक अपराधी होना अिभकिथत हो उस तारीख को जो मामल की सनवाई क िलए िनयत हो नयायालय क समकष समयक ततपरता बरती जान पर भी न लाया जा सक तो नयायालय उसकी सनवाई समय-समय पर सथिगत कर दगा िकनत इस परकार िक ऐस सथगन की कल कालाविध तीन मास स अिधक न हो और यिद उक त कालाविध क अनत तक भी वह िक त िजसका वासतिवक अपराधी होना अिभकिथत हो नयायालय क समकष न लाया जा सक तो नयायालय यथािसथित सवामी अिभकतार या परबनधक क िवर मामल की सनवाई क िलए अगरसर होगा

78 नयायालय की आदश करन की शिक तmdash(1) जहा िक खान का सवमी अिभकतार या परबनधक इस अिधिनयम क अधीन दडनीय अपराध क िलए दोषिस िकया जाए वहा नयायालय उस कोई दड अिधिनण त करन क अितिरक त िलिखत आदश ारा उसस आदश म िविनिदष ट कालाविध क अनदर (िजस नयायालय इस िनिम िकए गए आवदन पर समय-समय पर िवसतािरत कर सकगा) ऐस उपाय करन की अपकषा कर सकगा जो उन बात का उपचार करन क िलए िजनक बार म अपराध िकया गया था ऐस िविनिदष ट िकए जाए (2) जहा िक उपधारा (1) क अधीन आदश िदया जाए वहा यथािसथित खान का सवामी अिभकतार या परबनधक उस कालाविध या िवसतािरत कालाविध क यिद कोई हो दौरान अपराध क चाल रहन क िवषय म इस अिधिनयम क अधीन दडनीय नह होगा िकनत यिद नयायालय क आदश का पणर अनपालन ऐसी कालाविध या िवसतािरत कालाविध क अवसान पर न हो गया हो तो यथािसथित सवामी अिभकतार या परबनधक क बार म यह समझा जाएगा िक उसन अितिरक त अपराध िकया ह और वह कारावास स िजसकी अविध छह मास तक की हो सकगी या जमारन स जो ऐस अवसान क पश चात हर एक ऐस िदन क िलए िजसम िक आदश का अनपालन न हआ हो एक सौ रपए तक का हो सकगा या दोन स दणडनीय होगा 79 अिभयोजन की पिरसीमाmdashकोई भी नयायालय इस अिधिनयम क अधीन िकसी अपराध का सजञान तब तक नह करगा जब तक िक उसका पिरवादmdash

(i) उस तारीख स िजसकी बाबत यह अिभकिथत हो िक अपराध उस तारीख को िकया गया छह मास क अनदर अथवा

(ii) उस तारीख स िजसको िक अिभकिथत अपराध का िकया जाना िनरीकषक क जञान म आया छह मास क अनदर अथवा

2[(iiक) िकसी ऐस मामल म िजसम अिभयक त लोक सवक ह या था और ततसमय परव िकसी िविध क अधीन अपराध का सजञान करन क िलए कनदरीय सरकार या राजय सरकार या िकसी अनय परािधकारी की पवर मजरी आवशयक ह उस तारीख क िजसको ऐसी मजरी मखय िनरीकषक को पराप त होती ह तीन मास क अनदर अथवा]

(iii) िकसी ऐस मामल म िजसम जाच नयायालय कनदरीय सरकार ारा धारा 24 क अधीन िनयक त िकया गया हो उस धारा की उपधारा (4) म िविनिदष ट िरपोटर क परकाशन की तारीख क पश चात 3[एक वषर] क अनदर

इनम स जो भी बाद म हो न िकया गया हो 4[सपष टीकरणmdashइस धारा क परयोजन क िलएmdash

1 1959 क अिधिनयम स० 62 की धारा 42 ारा (16-1-1960 स) अनतःसथािपत 2 1983 क अिधिनयम स० 42 की धारा 42 ारा (31-5-1984 स) अतःसथािपत 3 1983 क अिधिनयम स० 42 की धारा 42 ारा (31-5-1984 स) ldquoछह मासrdquo क सथान पर परितसथािपत 4 1959 क अिधिनयम स० 62 की धारा 43 ारा (16-1-1960 स) सप ीकरण जोड़ा गया

31

(क) चाल रहन वाल अपराध की दशा म पिरसीमा की सगणना उस समय क हर कषण क परित िनदश स की जाएगी िजसक दौरान अपराध चाल रह

(ख) जहा िक कोई कायर करन क िलए समय इस अिधिनयम क अधीन िवसतािरत िकया गया हो वहा पिरसीमा की सगणना उस िवसतािरत कालाविध क अवसान स की जाएगी ]

80 अपराध का सजञानmdash1[महानगर मिजसटरट या परथम वगर नयाियक मिजसटरट] क नयायालय स अवर कोई नयायालय इस अिधिनयम क अधीन िकसी ऐस अपराध का िजसकी बाबत यह अिभकिथत हो िक वह खान क सवामी अिभकतार या परबनधक ारा िकया गया ह या िकसी ऐस अपराध का जो इस अिधिनयम ारा कारावास स दडनीय बनाया गया ह िवचारण नह करगा

80क [जमारन क बार म िवशष उपबध ]mdashखान (सशोधन) अिधिनयम 1983 (1983 का 42) की धारा 44 ारा (31-5-1984 स) िनरिसत

81 कितपय मामल म अिभयोजन क बजाय खान बोडर या सिमित को िनदशmdash(1) यिद मखय िनरीकषक या िजला मिजसटरट या िकसी िनरीकषक की पररणा पर इस अिधिनयम क अधीन सिसथत िकसी मामल का िवचारण करन वाल नयायालय की यह राय हो िक यह मामला ऐसा ह जो अिभयोजन क बजाय 2 सिमित को िनदिशत िकया जाना चािहए तो वह दािडक कायरवािहय को रोक सकगा और इस दिष ट स िक ऐसा िनदशन िकया जाए उस िवषय की िरपोटर कनदरीय सरकार को भजगा

(2) उपधारा (1) क अधीन िरपोटर पराप त होन पर कनदरीय सरकार मामला 2 सिमित को िनदिशत कर सकगी या िवचारण म अगरसर होन क िलए नयायालय को िनदश द सकगी

अधयाय 10

परकीणर 82 इस परश न का िविनश चय िक कया खान इस अिधिनयम क अधीन हmdashयिद कोई परश न उठ िक कया 3[खान का और उसम

का या उसका पाश वरसथ कोई उतखान या खिनत या पिरसर िजस पर खिनज या कोक पराप त करन दरसी करन या िवकरय क िलए तयार करन की सहायक कोई परिकरया चलाई जा रही ह] इस अिधिनयम क अथर क अनदर खान ह तो कनदरीय सरकार उस परश न का िविनश चय कर सकगी और कनदरीय सरकार क सिचव ारा हसताकषिरत परमाणपतर इस परश न पर िनश चायक होगा

83 अिधिनयम क परवतरन स छट दन की शिक तmdash4[(1)] कनदरीय सरकार िकसी सथानीय कषतर या िकसी खान को या खान क िकसी समह या वगर को या खान क िकसी भाग को या िक तय क िकसी वगर को 5[इस अिधिनयम या उसक अधीन बनाए गए िविनयम िनयम या उपिविधय क सब उपबनध क या उनम स िकसी क] परवतरन स छट शासकीय राजपतर म अिधसचना ारा या तो अतयितकतः या िकनह िविनिदष ट शत क अधयधीन द सकगी

परनत िकसी सथनीय कषतर या खान या खान क समह या वगर को 6[धारा 40 और धारा 45] क उपबनध स छट तब तक नह दी जाएगी जब तक उस इस अिधिनयम क अनय सब उपबनध क परवतरन स भी छट न द दी जाए ]

7[(2) कनदरीय सरकार मखय िनरीकषक या िकसी अनय परािधकारी को साधारण या िवशष आदश ारा ऐस िनबरनधन क अधयधीन िजनह अिधरोिपत करना वह ठीक समझ परािधकत कर सकगी िक वह िकसी खान या उसक िकसी भाग को 8[िविनयम िनयम या उपिविधय ] क उपबन ध म स िकसी क परवतरन स िकनह िविनिदष ट शत क अधयधीन तब छट द द जब िक मखय िनरीकषक या ऐस अिधकारी की राय हो िक खान या उसक भाग म पिरिसथितया ऐसी ह िक उनक कारण ऐस उपबनध का अनपालन अनावशयक या अ वहायर हो जाता ह ]

84 आदश को पिरवितत या िवखिणडत करन की शिक तmdash9[(1)] कनदरीय सरकार इस अिधिनयम क अधीन िदया गया कोई आदश उलट सकगी या उपानतिरत कर सकगी

10[(2) मखय िनरीकषक लखब िकए जान वाल कारण स इस अिधिनयम क अधीन या िकसी िविनयम िनयम या उपिविध क अधीन अपन ारा पािरत िकसी आदश को उलट सकगा या उस उपातिरत कर सकगा

(3) खान क सवामी अिभकतार या परबनधक पर परितकल परभाव डालन वाला कोई आदश इस धारा क अधीन तब तक नह िकया जाएगा जब तक िक ऐस सवामी अिभकतार या परबनधक को अभयावदन करन का यिक तयक त अवसर न द िदया गया हो ]

1 1983 क अिधिनयम स० 42 की धारा 43 ारा (31-5-1984 स) ldquoपरसीडसी मिजसटरट या परथम वगर मिजसटरटrdquo क सथान पर परितसथािपत 2 1983 क अिधिनयम स० 42 की धारा 43 ारा (31-5-1984 स) ldquoखनन बोडरrdquo शब द का लोप िकया गया 3 1959 क अिधिनयम स० 62 की धारा 45 ारा (16-1-1960 स) अनतःसथािपत 4 1959 क अिधिनयम स० 62 की धारा 46 ारा (16-1-1960 स) उपधारा (1) क रप म पनःसखयािकत 5 1983 क अिधिनयम स० 42 की धारा 46 ारा (31-5-1984 स) ldquoइस अिधिनयम क सब उपबध क िकसी कrdquo क सथान पर परितसथािपत 6 1983 क अिधिनयम स० 42 की धारा 46 ारा (31-5-1984 स) ldquoधारा 45rdquo क सथान पर परितसथािपत 7 1959 क अिधिनयम स० 62 की धारा 46 ारा (16-1-1960 स) अनतःसथािपत 8 1983 क अिधिनयम स० 42 की धारा 46 ारा (31-5-1984 स) ldquoइस अिधिनयम क अतगरत िविनयम और िनयमrdquo क सथान पर परितसथािपत 9 1983 क अिधिनयम स० 42 की धारा 47 ारा (31-5-1984 स) धारा 84 उपधारा (1) क रप म पनःसखयािकत 10 1983 क अिधिनयम स० 42 की धारा 47 ारा (31-5-1984 स) अतःसथािपत

32

85 सरकार की खान को अिधिनयम का लाग होनाmdashयह अिधिनयम सरकार की खान को 1[भी] लाग होगा 2[85क सचना आिद दन क िलए अपिकषत िक त ऐसा करन क िलए वध रप स आब ह गmdashहर िक त जो िकसी

अिधकारी को कोई सचना या इि ला इस अिधिनयम क अधीन दन क िलए अपिकषत ह भारतीय दड सिहता (1860 का 45) की धारा 176 क अथर क अनदर ऐसा करन क िलए वध रप स आब होगा ]

3[85ख िववरिणय सचना आिद पर हसताकषर करनाmdashइस अिधिनयम या उसक अधीन बनाए गए िकसी िविनयम िनयम उपिविध या िकसी आदश क उपबनध क समबनध म िकसी खान क सवामी ारा या उसकी ओर स दी जान क िलए अपिकषत सभी िववरिणय और सचना पर या भजी जान वाली सचना पर खान क सवामी अिभकतार या परबधक ारा या िकसी ऐस िक त ारा िजस सवामी ारा मखतारनाम ारा इस िनिम शिक त परतयायोिजत की गई ह हसताकषर िकए जाएग

85ग सिवधा और जन सिवधा क िलए फीस या परभार का वसल न िकया जानाmdashखान म िनयोिजत िकसी िक त स सरकषातमक परबनध या दी जान वाली सिवधा या इस अिधिनयम क उपबनध क अधीन परदाय िकए जान वाल िकसी उपसकर या सािधतर की बाबत कोई फीस या परभार वसल नह िकया जाएगा ]

86 1948 क अिधिनयम 63 क कितपय उपबध का खान को लाग होनाmdashकनदरीय सरकार शासकीय राजपतर म अिधसचना ारा िनदश द सकगी िक कारखाना अिधिनयम 1948 (1948 का 63) क अधयाय 3 और 4 क उपबनध ऐस अपवाद और िनबरनधन क

अधयधीन रहत हए जस उस अिधसचना म िविनिदष ट िकए जाए सब खान और उनकी परसीमा को लाग ह ग

87 सद भावपवरक िकए गए कायर क िलए पिरतराणmdashकोई भी वाद अिभयोजन या अनय िविधक कायरवाही इस अिधिनयम क अधीन सद भावपवरक की गई या जान क िलए आशियत िकसी बात क िलए िकसी िक त क िवर न होगी

88 [1923 क अिधिनयम 4 का िनरसन]mdashिनरसन और सशोधन अिधिनयम 1957 (1957 का 36) की धारा 2 और पहली अनसची ारा िनरिसत

______

1 1959 क अिधिनयम स० 62 की धारा 47 ारा (16-1-1960 स) अनतःसथािपत 2 1959 क अिधिनयम स० 62 की धारा 48 ारा (16-1-1960 स) अनतःसथािपत 3 1983 क अिधिनयम स० 42 की धारा 48 ारा (31-5-1984 स) अतःसथािपत

Page 23: खान अधिनियम, 1952ncwapps.nic.in/acts/TheMinesAct1952_Hindi.pdf1 ज ल ई, 1952, द खए भ रत क र जपतर (अ गर 1952, ज ) भ ग 2,

23

(ग) धारा 24 क अधीन जाच नयायालय की िनयिक त क िलए उपबनध करना ऐस नयायालय की परिकरया और शिक तया िविनयिमत करना ऐस नयायालय क सदसय को यातरा-भ का सदाय करना और सयक त खान क परबनधक सवामी या अिभकतार स उक त नयायलय क य की 1[िजनक अनतगरत जाच स ससक त कोई अनय य आत ह] 2[उसी रीित स जस भ-राजसव की बकाया वसल की जाती ह] वसली करना

2[(गग) खान म िनयोिजत िक तय की ओर स तकनीकी िवशषजञ ारा (जो परािसथित म ओवरमन स कम नह ह) खान क िनरीकषण क िलए उसक िलए दी जान वाली सिवधा क िलए वह आवित िजस पर और वह रीित िजसम ऐस िनरीकषण िकए जाएग और वह रीित िजसम ऐस िनरीकषण की िरपोटर दी जाएगी उपबनध करना ]

(घ) िजन खान म कोई ि या िनयोिजत ह या पवरवत बारह मास म िकसी िदन िनयोिजत रह ह उनम ऐसी िस तरय क छह वषर स कम आय वाल बालक क उपयोग क िलए आरिकषत िकए जान वाल समिचत कमर बनाए रखन की अपकषा करना और या तो साधारणतः या खान म िनयोिजत िस तरय की सखया क परित िविशष ट िनदश स ऐस कमर की सखया और सतरमान और उन सख-सिवधा की जो उनम उपबिनधत की जानी ह और उस पयरवकषण की जो उनम िकया जाना ह परकित और िवसतार िविहत करना

(ङ) खान म िनयोिजत परष क उपयोग क िलए फहारयक त स नान सथान और लॉकर ककष और िजन खान म ि या िनयोिजत ह उनम िस तरय क उपयोग क िलए वस ही पथक सथान और ककष गतरमख पर या उनक आसपास बनाए रख जान की अपकषा करना और या तो साधारणतः या खान म मामली तौर पर िनयोिजत परष और िस तरय की सखया क परित िविशष ट िनदश स ऐस सथान और ककष की सखयाए और सतरमान िविहत करना

(च) खान म सवचछता का जो सतरमान बनाए रखना ह उस खान म उपबिनधत िकए जान वाल शौचालय और मतरालय का आनपाितक मान िविहत करना और 3 पय जल क परदाय क िलए िकया जान वाला उपबनध

1[(चच) िचिकतसीय सािधतर और सख-सिवधा क परदाय और बनाए रख जान क िलए उपबनध करना और पराथिमक उपचार बकस और कपबोड की अनतवरसतए और सखयाए पराथिमक उपचार क काम म परिशकषण पराथिमक उपचार कमर क आकार और उपसकर और उनक भारसाधक कमरचािरवनद और कषितगरसत िक तय को िचिकतसालय या औषधालय को परवहण करन क िलए इतजाम िविहत करना

(चचच) उन व यिक तय को जो खान म पयरवकषण या परबन ध क पद स िभन न पद पर िनयोिजत ह या िनयोिजत िकए जान ह व यावहािरक िशकषण िदए जान या परिशिकषत िकए जान की अपकषा करना और ऐस िशकषण और परिशकषण क िलए स कीम िविहत करना]

(छ) खान म मादक पय या औषिधय को कबज म रखन को या उनक उपभोग को और म ता की हालत म िकसी िक त क उनम परवश या उपिसथित को परितिष करना

(ज) धारा 36 क अधीन अपिकषत सचना क पररप िविहत करना और यह अपकषा करना िक ऐसी सचनाए िविनिदष ट भाषा म भी लगाई जाए

(झ) उन िक तय को पिरभािषत करना िजनकी बाबत धारा 37 क परयोजन क िलए यह समझा जाएगा िक व पयरवकषण या परबनध क पद धारण िकए हए ह या िकसी गोपनीयता की हिसयत म िनयोिजत ह

(ञ) उन िक तय या िक तय क िकसी वगर का खान म िनयोजन परितिष करना िजनकी बाबत िकसी अिहत िचिकतसा- वसायी ारा यह परमािणत न िकया गया हो िक उनह न अपना पदरहवा वषर परा कर िलया ह और वह रीित और व पिरिसथितया िजनम ऐस परमाणपतर अनद और परितसहत िकए जा सकग िविहत करना

4

1[(टट) खान म िनयोिजत या िनयोजन चाहन वाल िक तय स यह अपकषा करना िक व अपन को िचिकतसीय परीकषा क िलए परसतत कर और खान म िकसी िक त का िनयोजन िकए जान का आतयितक परितषध या िकसी िविशष ट हिसयत म या िविशष ट काम म िकए जान का परितषध िचिकतसीय आधार पर करना ]

5[(ठ) धारा 48 ारा अपिकषत रिजसटर क पररप और अधयाय 7 क परयोजन क िलए रिजसटर रखा जाना और उनक पररप िविहत करना ]

(ड) इस अिधिनयम को और िविनयम और िनयम की सिकषिप तया और वह भाषा िजसम सिकषिप तया और उपिविधया धारा 61 और 62 म अपिकषत रप स लगाई जाएगी िविहत करना

1 1959 क अिधिनयम स० 62 की धारा 32 ारा (16-1-1960 स) अनतःसथािपत 2 1983 क अिधिनयम स० 42 की धारा 31 ारा (31-5-1984 स) अनतःसथािपत 3 1959 क अिधिनयम स० 62 की धारा 32 ारा (16-1-1960 स) कितपय शबद का लोप िकया गया 4 1983 क अिधिनयम स० 42 की धारा 31 ारा (31-5-1984 स) (ट) का लोप िकया गया 5 1959 क अिधिनयम स० 62 की धारा 32 ारा (16-1-1960 स) खड (ठ) क सथान पर परितसथािपत

24

(ढ) यह अपकषा करना िक िजन बात क िलए िनयम बनाए गए ह उनस सब सचनाए िववरिणया और िरपोट खान क सवामी अिभकतार और परबनधक द और ऐसी सचना िववरिणय और िरपोट क पररप व िक त और परािधकारी िजनह व दी जानी ह व िविशि या जो उनम अनतिवष ट होनी ह और व समय िजनक अनदर व िनविदत की जानी ह िविहत करना

(ण) िजन खान म 1 पचास स अिधक िक त मामली तौर पर िनयोिजत रहत ह उनम भोजन करन क िलए यथायोगय और उपयक त ऐस आशरय क िजनम पीन क पानी का उपबनध भी हो उपबिनधत िकए जान और बनाए रख जान की अपकषा करना

(त) मखय िनरीकषक या िनरीकषक ारा इस िनिम िविनिदष ट िकसी ऐसी खान म िजसम दो सौ पचास स अिधक िक त मामली तौर पर िनयोिजत रहत ह ऐस िक तय क उपयोग क िलए कोई कटीन या कटीन उपबिनधत की जान और

बनाए रखी जान की अपकषा करना

(थ) हर ऐसी खान म िजसम पाच सौ या अिधक िक त मामली तौर पर िनयोिजत रहत ह इतनी सखया म कलयाण आिफसर िनयोिजत िकए जान की अपकषा करना िजतनी िविनिदष ट की जाए और ऐस कलयाण आिफसर की अहरताए और सवा क िनबनधन और शत और उनक ारा पालनीय कतर िविहत करना

2[(द) िविनिदष ट खान या िविनिदष ट खान क समह क िलए या िकसी िविनिदष ट कषतर की सब खान क िलए बचाव सटशन की सथापना की जान की अपकषा करना और यह िविहत करना िक ऐस सटशन कस और िकसक ारा सथािपत िकए जाएग

(ध) बचाव सटशन क परबनध क िलए उपबनध करना

(धक) बचाव िबरगड का गठन करन वाल िक तय की शारीिरक योगयता क मानक और अनय अहरता क िलए उपबनध करना

(धख) बचाव िबरगड का गठन करन वाल िक तय का िनवास-सथान िविहत करना ]

(न) 3 बचाव सटशन की िसथित उपसकर िनयतरण अनरकषण और कतय िविहत करना 4[(प) खड (द) क अधीन िविनिदष ट खान म उतपािदत और वहा स परिषत कोक और कोयल पर (पच चीस पस परित

टन स अनिधक दर स) उतपाद-शलक क उद गहण और सगरहण क िलए ऐसी खान क िलए बचाव सटशन िनिध का सजन करन क िलए भारत की सिचत िनिध म जमा िकए गए ऐस उपकर क आगम म स उन धनरािशय क जो कनदरीय सरकार ससद

ारा िविध ारा इस िनिम समयक िविनयोग िकए जान क पश चात उपबिनधत कर ऐसी िनिध म जमा िकए जान क िलए उस रीित क िलए िजसम ऐसी िनिध म स धन का उपयोग िकया जाएगा और ऐसी िनिध क परशासन क िलए उपबनध करना

(फ) बचाव िबरगड़ क बनाव परिशकषण सरचना और कतर क िलए 5 और साधारणतः खान म बचाव कायर क सचालन क िलए उपबनध करना 6

7[(फफ) िविनिदष ट खान या िविनिदष ट खान क समह क िलए सरकषा सिमितय क गठन क िलए या सरकषा की अिभवि करन क िलए िकसी िविनिदष ट कषतर म सभी खान क िलए और ऐसी सरकषा सिमितय की सरचना उनक गठन और कतय की रीित अिधकिथत करन क िलए उपबनध करना तथा]

(ब) साधारणतः िकसी ऐस मामल क िलए उपबनध करना िजनक िलए इस अिधिनयम या िविनयम ारा उपबनध न िकया गया हो और िजसक िलए उपबनध इस अिधिनयम को परभावी करन क िलए अपिकषत हो

59 िविनयम और िनयम का पवर परकाशनmdash(1) धारा 57 और 58 ारा परद िविनयम और िनयम बनान की शिक त इस शतर क अधयधीन ह िक य िविनयम और िनयम पवर परकाशन क पश चात बनाए जाएग

(2) जो तारीख साधारण खड अिधिनयम 1897 (1897 का 10) की धारा 23 क खड (3) क अनसार उस तारीख क रप म िविनिदष ट की जानी ह िजसक पश चात िक बनाए जान क िलए परसथािपत िविनयम या िनयम क परारप पर िवचार िकया जाएगा वह उस तारीख स तीन मास स कम की होगी िजसको परसथािपत िविनयम या िनयम का परारप साधारण जानकारी क िलए परकािशत िकया जाए

1 1959 क अिधिनयम स० 62 की धारा 32 ारा (16-1-1960 स) ldquoएक सौ औरrdquo शबद का लोप िकया गया 2 1983 क अिधिनयम स० 42 की धारा 31 ारा (31-5-1984 स) खड (द) और (ध) क सथान पर परसथािपत 3 1983 क अिधिनयम स० 42 की धारा 31 ारा (31-5-1984 स) ldquoकनदरीयrdquo शबद का लोप िकया गया 4 1983 क अिधिनयम स० 42 की धारा 31 ारा (31-5-1984 स) खड (प) क सथान पर परितसथािपत 5 1983 क अिधिनयम स० 42 की धारा 31 ारा (31-5-1984 स) कितपय शबद का लोप िकया गया 6 1983 क अिधिनयम स० 42 की धारा 31 ारा (31-5-1984 स) ldquoऔरrdquo शबद का लोप िकया गया 7 1983 क अिधिनयम स० 42 की धारा 31 ारा (31-5-1984 स) अनतःसथािपत

25

1

2[(4) कोई भी िविनयम या िनयम तब तक नह बनाया जाएगा जब तक िक उस िविनयम या िनयम का परारप धारा 12 की उपधारा (1) क अधीन गिठत सिमित को िनदिशत न कर िदया गया हो और जब तक उस सिमित को उसक बनाए जान की समीचीनता और उसक उपबनध की उपयक तता की बाबत िरपोटर दन का यिक तयक त अवसर न िमल गया हो ]

(5) िविनयम और िनयम शासकीय राजपतर म परकािशत िकए जाएग और ऐस परकािशत िकए जान पर ऐस परभाव रखग मानो व इस अिधिनयम म अिधिनिमत ह

(6) उपधारा (1) उपधारा (2) और उपधारा (4) क उपबनध उस अवसर को लाग न ह ग िजस पर धारा 58 क खड (घ) या खड (ङ) म िनदिशत िनयम सवरपरथम बनाए जाए

3

60 पवर परकाशन क िबना िविनयम बनान की शिक तmdashयिद कनदरीय सरकार का समाधान हो जाए िक आशिकत खतर का िनवारण करन या खतरा पदा करन की सभा ता रखन वाली िसथितय का शीघर उपचार करन क िलए यह आवशयक ह िक ऐस िविनयम बनान म वह िवलमब न होन िदया जाए जो ऐस परकाशन और िनदशन स होगा तो धारा 57 4 क अधीन िविनयम धारा 59 की उपधारा (1) उपधारा (2) और उपधारा 5[(4)] म अनतिवष ट िकसी बात क होत हए भी पवर परकाशन और 6[धारा 12 की उपधारा (1) क अधीन गिठत सिमित] को 7 िनदशन क िबना बनाए जा सकग

परनत इस परकार बनाए गए िविनयम 8[सिमित की जानकारी क िलए भज जाएग और] बनाए जान स 9[एक वषर] स अिधक क िलए परव नह रहग

61 उपिविधयाmdash(1) खान का सवामी अिभकतार या परबनधक 10[उस खान म िकसी िवशष मशीनरी क उपयोग या कायरकरण की िकसी िवशष प ित को अपनाए जान क शािस त करन क िलए] इस अिधिनयम या िकनह ततसमय परव िविनयम या िनयम स असगत न होन वाली ऐसी उपिविधय का परारप जसी िक ऐसा सवामी अिभकतार या परबनधक उस खान म दघरटना का िनवारण करन क िलए और उसम िनयोिजत िक तय क कषम सिवधा और अनशासन हत उपबनध करन क िलए आवशयक समझ तयार कर सकगा और मखय िनरीकषक या िनरीकषक को िनविदत कर सकगा और यिद ऐसा करन की उसस अपकषा मखय िनरीकषक या िनरीकषक ारा की जाए तो तयार करगा और िनविदत करगा

(2) यिद ऐसा कोई सवामी अिभकतार या परबनधकmdash

(क) मखय िनरीकषक या िनरीकषक ारा ऐसा करन की उसस अपकषा की जान क पश चात दो मास क अनदर उपिविधय का परारप िनविदत करन म असफल रह अथवा

(ख) उपिविधय का ऐसा परारप िनविदत कर जो मखय िनरीकषक या िनरीकषक की राय म पयार न हो

तो मखय िनरीकषक या िनरीकषकmdash

(i) ऐसी उपिविधय का परारप परसथािपत कर सकगा जो उस पयार परतीत ह अथवा

(ii) सवामी अिभकतार या परबनधक ारा जो परारप उस िनविदत िकया गया हो उसम ऐस सशोधन परसथािपत कर सकगा िजनस उसकी राय म वह पयार हो जाएगा और ऐसी परारप-उपिविधया या परारप-सशोधन यथािसथित सवामी अिभकतार या परबनधक क पास िवचार क िलए भजगा

(3) यिद उस तारीख स िजसको कोई परारप-उपिविधया या परारप-सशोधन मखय िनरीकषक या िनरीकषक न सवामी अिभकतार या परबनधक क पास उपधारा (2) क उपबनध क अधीन भज ह दो मास की कालाविध क अनदर मखय िनरीकषक या िनरीकषक और सवामी अिभकतार या परबनधक उपधारा (1) क अधीन बनाई जान वाली उपिविधय क िनबनधन क िवषय म परसपर सहमत होन म

1 1959 क अिधिनयम स० 62 की धारा 33 ारा (16-1-1960 स) उपधारा (3) का लोप िकया गया 2 1983 क अिधिनयम स० 42 की धारा 32 ारा (31-5-1984 स) उपधारा (4) क सथान पर परितसथािपत 3 1983 क अिधिनयम स० 42 की धारा 32 ारा (31-5-1984 स) उपधारा (7) का लोप िकया गया 4 1959 क अिधिनयम स० 62 की धारा 34 ारा (16-1-1960 स) ldquoक खड (ठ) को अपविजत करत हए खड (झ) और खड (ट) स (ख) (ध)rdquo शबद को क और अकषर का

लोप िकया गया 5 1959 क अिधिनयम स० 62 की धारा 34 ारा (16-1-1960 स) ldquo(3)rdquo क सथान पर परितसथािपत 6 1983 क अिधिनयम स० 42 की धारा 33 ारा (31-5-1984 स) ldquoखनन बोड rdquo क सथान पर परितसथािपत 7 1959 क अिधिनयम स० 62 की धारा 34 ारा (16-1-1960 स) ldquoपवरrdquo शबद का लोप िकया गया 8 1983 क अिधिनयम स० 42 की धारा 33 ारा (31-5-1984 स) अनतःसथािपत 9 1959 क अिधिनयम स० 62 की धारा 34 ारा (16-1-1960 स) ldquoदो वषरrdquo क सथान पर परितसथािपत 10 1983 क अिधिनयम स० 42 की धारा 34 ारा (31-5-1984 स) कितपय शबद क सथान पर परितसथािपत

26

असमथर रह तो मखय िनरीकषक या िनरीकषक परारप-उपिविधय को पिरिनधाररण क िलए 1[धारा 12 की उपधारा (1) क अधीन गिठत सिमित को] िनदिशत करगा

(4) (क) जबिक ऐसी पररप-उपिविधय पर अिभकतार या परबनधक और मखय िनरीकषक सहमत हो गए ह या जबिक उनक सहमत होन म असमथर होन पर व 2[धारा 12 की उपधारा (1) क अधीन गिठत सिमित को] ारा पिरिनधारिरत कर दी गई ह तब मखय िनरीकषक या िनरीकषक ारा परारप-उपिविधय की एक परित कनदरीय सरकार को अनमोदनाथर भजी जाएगी

(ख) कनदरीय सरकार परारप-उपिविधय म ऐसा उपातरण कर सकगी जसा वह ठीक समझ

(ग) इसस पवर िक कनदरीय सरकार परारप-उपिविधय का अनमोदन चाह उपातर क सिहत या उनक िबना कर उपिविधया बनान की परसथापना की और उस सथान की जहा परारप-उपिविधय की परितया अिभपरा की जा सकगी और उस समय की (जो तीस िदन स कम का न होगा) इसक अनदर िक परभािवत िक तय क ारा या उनकी ओर स परारप-उपिविधय क परित िकया गया कोई आकषप कनदरीय सरकार को भजा जाना चािहए सचना ऐसी रीित स जसी कनदरीय सरकार परभािवत िक तय की जानकारी दन क िलए उपयक ततम समझ परकािशत की जाएगी

(घ) हर आकषप िलिखत होगा और उसमmdash

(i) आकषप क िविशष ट आधार तथा

(ii) चाह गए लोप पिरवधरन या उपानतर

किथत ह ग

(ङ) उन िक तय क ारा या उनकी ओर स िजनकी बाबत कनदरीय सरकार को यह परतीत हो िक व तद ारा परभािवत िक त ह अपिकषत समय क अनदर िकए गए आकषप पर वह सरकार िवचार करगी और उपिविधय पर या तो उस रप म िजसम व परकािशत की गई थ या उनम ऐस सशोधन करक िजनह वह ठीक समझ अनमोिदत कर सकगी

(5) कनदरीय सरकार ारा इस परकार अनमोिदत हो जान पर उपिविधया इस परकार परभावी ह गी मानो व इस अिधिनयम म अिधिनयिमत ह और खान का सवामी अिभकतार या परबनधक उन उपिविधय की एक परित अगरजी म और ऐसी अनय भाषा या भाषा म जसी िविहत की जाए खान म या उसक आसपास िकसी ऐस सहजदशय सथान पर लगवाएगा जहा व उपिविधया िनयोिजत

िक तय ारा सिवधापवरक पढ़ी या दखी जा सक और िजतनी बार व िवरिपत हो जाए िमट जाए या नष ट हो जाए उतनी बार यिक तयक त शीघरता क साथ उनह नए िसर स लगवाएगा

(6) कनदरीय सरकार इस परकार िनिमत िकसी उपिविध को िलिखत आदश ारा पणरतः या भागतः िवखिडत कर सकगी और तदपिर ऐसी उपिविध तदनसार परभावहीन हो जाएगी

3[61क िविनयम िनयम और उपिविधय का ससद क समकष रखा जानाmdashधारा 57 क अधीन बनाया गया परतयक िविनयम धारा 58 क अधीन बनाया गया परतयक िनयम और धारा 61 क अधीन बनाई गई परतयक उपिविध बनाई जान क पश चात यथाशीघर ससद क परतयक सदन क समकष जब वह सतर म हो कल तीस िदन की अविध क िलए रखा जाएगा या रखी जाएगी यह अविध एक सतरा म अथवा दो या अिधक आनकरिमक सतर म परी हो सकगी यिद उस सतर क या पव क त आनकरिमक सतर म अवसान क पवर दोन सदन उस िविनयम िनयम या उपिविध म कोई पिरवतरन करन क िलए सहमत हो जाए तो ततपश चात वह ऐस पिरवितत रप म ही परभावी होगा या होगी यिद उक त अवसान क पवर दोन सदन सहमत हो जाए िक वह िविनयम िनयम या उपिविध नह बनाया या बनायी जानी चािहए तो ततपश चात वह िनषपरभाव हो जाएगा या हो जाएगी िकनत यथािसथित िविनयम िनयम या उपिविधय क ऐस पिरवितत या िनषपरषभाव होन स उसक अधीन पहल की गई िकसी बात की िविधमानयता पर परितकल परभाव नह पड़गा ]

62 अिधिनयम िविनयम आिद की सिकषिप तया लगवानाmdashहर खान म या उसक आसपास अगरजी म और ऐसी अनय भाषा या भाषा म जो िविहत की जाए अिधिनयम की और िविनयम और िनयम की िविहत सिकषिप तया लगाई रखी जाएगी

अधयाय 9

शािसतया और परिकरया 63 बाधा डालनाmdash(1) जो कोई मखय िनरीकषक िनरीकषक या धारा 8 क अधीन परािधकत िकसी िक त क इस अिधिनयम क अधीन क उसक अपन कतर क िनवरहन म बाधा डालगा या मखय िनरीकषक िनरीकषक या ऐस िक त को िकसी खान क समबनध म इस अिधिनयम क ारा या अधीन परािधकत कोई परवश िनरीकषण परीकषा या जाच करन क िलए कोई यिक तयक त सिवधा दन स इनकार करगा या दन म जानबझकर उपकषा करगा वह कारावास स िजसकी अविध तीन मास तक की हो सकगी या जमारन स जो पाच सौ रपए तक का हो सकगा या दोन स दणडनीय होगा

1 1983 क अिधिनयम स० 42 की धारा 34 ारा (31-5-1984 स) कितपय शबद क सथान पर परितसथािपत 2 1983 क अिधिनयम स० 42 की धारा 34 ारा (31-5-1984 स) कितपय शबद क सथान पर परितसथािपत 3 1983 क अिधिनयम स० 42 की धारा 35 ारा (31-5-1984 स) अतःसथािपत

27

(2) जो कोई इस अिधिनयम क अनसरण म रख गए िकनह रिजसटर या अनय दसतावज को मखय िनरीकषक या िनरीकषक की माग पर पश करन स इनकार करगा अथवा िकसी ऐस िनरीकषण आिफसर क समकष जो इस अिधिनयम क अधीन क अपन कतर क अनसरण म कायर कर रहा ह उपसजात होन या उसक ारा परीकषा की जान स िकसी िक त को िनवािरत करगा या िनवािरत करन का परयत न करगा या कोई ऐसा कायर करगा िजसक बार म उसक पास यह िवश वास करन का कारण हो िक उसस उसका इस परकार िनवािरत होना सभा ह वह जमारन स जो तीन सौ रपए तक का हो सकगा दणडनीय होगा

64 अिभलख का िमथयाकरण आिदmdashजो कोईmdash

(क) इस अिधिनयम क अधीन अनद िकसी परमाणपतर का या परमाणपतर की िकसी कायारलय परित का कटकरण करगा या जानत हए उसम िमथया कथन करगा अथवा

(ख) जानत हए ऐस िकसी कटकतय या िमथया परमाणपतर को असली क रप म उपयोग म लाएगा अथवा

(ग) कोई िमथया घोषणा कथन या सा य यह जानत हए िक वह िमथया ह अपन िलए या िकसी अनय िक त क िलए इस अिधिनयम क अधीन परमाणपतर अिभपरा करन या परमाणपतर का नवीकरण करान या खान म िनयोजन अिभपरा करन क परयोजनाथर करगा या बनाएगा या पश करगा या उपयोग म लाएगा अथवा

1[(घ) िकसी ऐस रखाक खडिचतर रिजसटर या अिभलख का िमथयाकरण करगा िजसका रखा जाना इस अिधिनयम क ारा या अधीन अपिकषत हो या ऐसा िमथया रखाक खडिचतर रिजसटर या अिभलख उस िमथया जानत हए िकसी परािधकारी क

समकष पश करगा अथवा]

(ङ) कोई ऐसा रखाक िववरणी सचना अिभलख या िरपोटर बनाएगा दगा या पिरद करगा िजसम ऐसा कथन परिवि या बयौरा अनतिवष ट हो जो उसकी सव म जानकारी या िवश वास क अनसार सही न हो

वह कारावास स िजसकी अविध तीन मास तक की हो सकगी या जमारन स जो 2[एक हजार रपए] तक का हो सकगा या दोन स दणडनीय होगा

65 िमथया योगयता परमाणपतर का उपयोगmdashजो कोई 3[धारा 43] क अधीन अनय िक त को अनद िकसी परमाणपतर का उस धारा क अधीन अपन को योगयता-परमाणपतर क रप म जानत हए उपयोग करगा या उपयोग करन का परयत न करगा या उस धारा क अधीन अपन को योग यता-परमाणपतर अनद िकए जान पर जानत हए अनय िक त को उसका उपयोग करन दगा या उपयोग करन का परय करन दगा वह कारावास स िजसकी अविध एक मास तक की हो सकगी या जमारन स जो 4[दो सौ] रपए तक का हो सकगा या दोन स दणडनीय ोगा

िक तयक त कारण क िजस सािबत करन का भार उस पर होगा करगा जमारन स जो 6[एक हजार] रपए क का हो

ास स िजसकी विध तीन

ोिजत िकया जाता ह तो ऐसी खान का सवामी अिभकतार या परबनधक ऐस जमारन स जो पाच सौ रपए क का हो

ी अविध तीन मास तक की हो सकगी या जमारन स जो 10[दो हजार पाच सौ] रपए तक का हो सकगा या दोन स दणडनीय होगा

66 रखाक आिद दन का लोपmdashकोई िक त जो इस अिधिनयम क ारा या अधीन बनाए जान या िदए जान क िलए अपिकषत कोई रखाक 5[खडिचतर] िववरणी सचना रिजसटर अिभलख या िरपोटर िविहत पररप म या िविहत रीित स या िविहत समय पर या क भीतर बनान या दन का लोप िकए िबना यत सकगा दणडनीय होगा

67 शरिमक क िनयोजन िवषयक उपबनध का उललघनmdashजो कोई उसक िसवाय जसा िक धारा 38 ारा अनजञात ह इस अिधिनयम क या िकसी िविनयम िनयम या उपिविध क या तद धीन िकए गए िकसी आदश क िकसी ऐस उपबनध का उललघन करगा जो खान म या उसक आसपास िक तय क िनयोजन या उनकी उपिसथित को परितिष िनबरिनधत या िविनयिमत करता हो वह कारावअ मास तक की हो सकगी या जमारन स जो 7[एक हजार] रपए तक का हो सकगा या दोन स 8 दडनीय होगा

9[68 अठारह वषर स कम आय क िक तय क िनयोजन क िलए शािसतmdashयिद अठारह वषर स कम आय क िकसी िक त को धारा 40 क उललघन म िकसी खान म िनयत सकगा दणडनीय होगा ]

69 परबनधक िनयक त करन म असफलताmdashधारा 17 क उपबनध क उललघन म जो कोई परबनधक िनयक त करन म असफल रहगा वह कारावास स िजसक11

1 1959 क अिधिनयम स० 62 की धारा 35 ारा (16-1-1960 स) खड (घ) क सथान पर परितसथािपत 2 1959 क अिधिनयम स० 62 की धारा 35 ारा (16-1-1960 स) ldquoपाच सौ रपएrdquo क सथान पर परितसथािपत 3 1983 क अिधिनयम स० 42 की धारा 36 ारा (31-5-1984 स) ldquoधारा 40rdquo क सथान पर परितसथािपत 4 1959 क अिधिनयम स० 62 की धारा 36 ारा (16-1-1960 स) ldquoपचासrdquo क सथान पर परितसथािपत 5 1959 क अिधिनयम स० 62 की धारा 37 ारा (16-1-1960 स) अनतःसथािपत 6 1959 क अिधिनयम स० 62 की धारा 37 ारा (16-1-1960 स) ldquoदो सौrdquo क सथान पर परितसथािप 7 1959 क अिधिनयम स० 62 की धारा 38 ारा (16-1-1960 स) ldquoपाच सौrdquo क सथान पर परितसथािपत 8 1959 क अिधिनयम स० 62 की धारा 38 ारा (16-1-1960 स) कितपय शबद का लोप िकया गया 9 1983 क अिधिनयम स० 42 की धारा 37 ारा (31-5-1984 स) धारा 68 क सथान पर परितसथािपत 10 1959 क अिधिनयम स० 62 की धारा 39 ारा (16-1-1960 स) ldquoपाच सौrdquo क सथान पर परितसथािपत 11 1959 क अिधिनयम स० 62 की धारा 39 ारा (16-1-1960 स) कितपय शबद का लोप िकया गया

28

70 दघरटना की सचनाmdash(1) धारा 23 की उपधारा (1) क उपबनध क उललघन म जो कोई िकसी दघरटना की सचना दन म या उस सचना की परित उस उपधारा म िनिदष ट िवशष सचनाप पर लगान म और िविनिदष ट कालाविध क िलए वहा रखन म असफल रहगा वह कारावास स िजसकी अविध तीन मास तक की हो सकगी या जमारन स जो पाच सौ रपए तक का हो सकगा या दोन स दणनीय होगा

(2) कनदरीय सरकार ारा धारा 23 की उपधारा (3) क अधीन िदए गए िनदश क उललघन म जो कोई िकसी दघरटना को िविहत रिजसटर म अिभिलिखत करन म या उसकी सचना दन म असफल रहगा वह कारावास स िजसकी अविध तीन मास तक की हो सकगी या जमारन स तो पाच सौ रपए तक का हो सकगा या दोन स दणडनीय होगा

71 कितपय मामल म सवामी आिद का मखय िनरीकषक को िरपोटर दनाmdashजहा िक खान क यथािसथित सवामी अिभकतार या परबनधक न खान म या उसक आसपास िनयोिजत िकसी िक त क िवर कायरवाही इस अिधिनयम क अधीन क िकसी अपराध क बार म की हो वहा वह नयायालय क िनणरय या आदश की तारीख स इक कीस िदन क अनदर उसक पिरणाम की िरपोटर मखय िनरीकषक को दगा

72 खान म िनयोिजत िक तय की बाधयताmdashखान म िनयोिजत कोई भी िक तmdash

(क) खान म िनयोिजत िक तय का सवासथय कषम या कलयाण सिनिश चत करन क परयोजनाथर खान म उपबिनधत िकसी सािधतर सिवधा या अनय चीज म जानबझकर हसतकषप या उसका जानबझकर दरपयोग न करगा

(ख) जानबझकर और यिक तयक त कारण क िबना कोई ऐसी बात न करगा िजसस सवय उसक या अनय क सकटाप होन की सभा ता हो

(ग) खान म िनयोिजत िक तय का सवासथय या कषम सिनिश चत करन क परयोजनाथर उसम उपबिनधत िकसी सािधतर या अनय चीज को उपयोग म लान की जानबझकर उपकषा नह करगा

1[72क कछ िविनयम क उललघन क िलए िवशष उपबनधmdashजो कोई धारा 57 क खणड (घ) खणड (झ) खणड (ड) खणड (ढ) खणड (ण) खणड (त) खणड (द) खणड (ध) और खणड (प) म िविनिदष ट बात स सब िकसी िविनयम क या िकसी उपिविध क या तद धीन िकए गए िकसी आदश क िकसी उपबनध का उललघन करगा वह कारावास स िजसकी अविध छह मास तक की हो सकगी या जमारन स जो दो हजार रपए तक का हो सकगा या दोन स दणडनीय होगा

72ख धारा 22 क अधीन आदश क उललघन क िलए िवशष उपबनधmdashजो कोई धारा 22 की उपधारा (1क) उपधारा (2) या उपधारा (3) क अधीन 2[या धारा 22क की उपधारा (2) क अधीन] िनकाल गए आदश क उललघन म खान का कायरकरण चाल रखगा वह कारावास स िजसकी अविध दो वषर तक की हो सकगी दडनीय होगा और जमारन स भी जो पाच हजार रपए तक का हो सकगा दडनीय होगा

2[परनत नयायालय क िनणरय म लखब िकए जान वाल ततपरितकल िवशष और पयारप त कारण क अभाव म ऐसा जमारना खड (क) म िनिदष ट उललघन की दशा म तीन हजार रपए स कम नह होगा ]

72ग िविध क ऐस उललघन क िलए िजसक खतरनाक पिरणाम होत ह िवशष उपबनधmdash(1) जो कोई इस अिधिनयम क या िकसी िविनयम िनयम या उपिविध क या तद धीन िकए गए [धारा 22 की उपधारा (1क) या उपधारा (2) या उपधारा (3) 3[या धारा 22क की उपधारा (2)] क अधीन िकए गए आदश स िभ ] िकसी आदश क िकसी उपबनध का उललघन करगा वहmdash

(क) यिद ऐस उललघन क पिरणामसवरप जीवन की हािन हो तो कारावास स जो दो वषर तक का हो सकगा या जमारन स जो पाच हजार रपए तक का हो सकगा या दोन स दणडनीय होगा या

(ख) यिद ऐस उललघन क पिरणामसवरप गमभीर शारीिरक कषित हो तो कारावास स जो एक वषर तक का हो सकगा या जमारन स जो तीन हजार रपए तक का हो सकगा या दोन स दडनीय होगा अथवा

(ग) यिद ऐस उललघन स खान म िनयोिजत िक तय को या खान म या उसक आसपास क अनय िक तय को कषित या खतरा कािरत हो तो कारवास स जो तीन मास तक का हो सकगा या जमारन स जो एक हजार रपए तक का हो सकगा या दोन स दणडनीय होगा 6[परनत नयायालय क िनणरय म लखब िकए जान वाल ततपरितकल िवशष और पयारप त कारण क अभाव म ऐसा जमारना

खणड (क) म िनिदष ट उललघन की दशा म तीन हजार रपए स कम नह होगा ]

(2) जहा िक कोई िक त इस धारा क अधीन दोषिस िकए गए जान पर िफर उसक अधीन दोषिस िकया जाए वहा वह उपधारा (1) ारा उपबिनधत दड क दगन दड स दणडनीय होगा

1 1959 क अिधिनयम स० 62 की धारा 40 ारा (16-1-1960 स) धारा 73 तथा धारा 74 क सथान पर परितसथािपत 2 1983 क अिधिनयम स० 42 की धारा 38 ारा (31-5-1984 स) अतःसथािपत 3 1983 क अिधिनयम स० 42 की धारा 39 ारा (31-5-1984 स) अतःसथािपत

29

(3) इस धारा क अधीन पािरत जमारन का दडादश आरोिपत करन वाला अथवा अपील या पनरीकषण म या अनयथा उसकी पिष ट करन वाला नयायालय िनणरय पािरत करत समय आदश द सकगा िक वसल िकया गया सपणर जमारना या उसका कोई भाग कषितगरसत िक त को या उसकी मतय की दशा म उसक िविधक परितिनिध को परितकर क रप म िदया जाए

परनत यिद जमारना ऐस मामल म आरोिपत िकया जाए जो अपीलनीय हो तो अपील उपिसथत िकए जान क िलए अनजञात कालाविध क बीत जान क पहल या यिद अपील उपिसथत की गई हो तो अपील क िविनश चय स पहल ऐसा कोई भी सदाय नह िकया जाएगा

73 आदश की अवजञा क िलए साधारण उपबनधmdashजो कोई इस अिधिनयम क या िकसी िविनयम िनयम या उपिविध क या तद धीन िकए गए िकसी आदश क िकसी ऐस उपबनध का उललघन करगा िजसक उललघन क िलए एतिसमनपवर कोई शािसत उपबिनधत नह ह वह कारावास स िजसकी अविध तीन मास तक की हो सकगी या जमारन स जो एक हजार रपए तक का हो सकगा या दोन स दडनीय होगा

74 पवर दोषिसि क पश चात विधत शािसतmdashयिद कोई िक त जो (धारा 72ख और 72ग स िभ ) पवरगामी उपबनध म स िकसी क अधीन दडनीय िकसी अपराध का दोषिस िकया जा चका हो पवर दोषिसि क दो वषर क अनदर िकए गए और उसी उपबनध का उललघन अनतवरिलत करन वाल िकसी अपराध क िलए पनः दोषिस िकया जाए तो वह हर एक पश चात वत दोषिसि क िलए उस दड क दगन दणड स दणडनीय होगा िजसस वह ऐस उपबनध क परथम उललघन क िलए दडनीय होता ]

75 सवामी अिभकतार या परबनधक का अिभयोजनmdashइस अिधिनयम क अधीन क िकसी अपराध क िलए िकसी सवामी अिभकतार या परबनधक क िवर कोई भी अिभयोजन मखय िनरीकषक की या िजला मिजसटरट की या मखय िनरीकषक क िलिखत साधारण या िवशष आदश ारा इस िनिम परािधकत िनरीकषक की पररणा पर सिसथत िकए जान क िसवाय सिसथत नह िकया जाएगा

1[परनत मखय िनरीकषक या िजला मिजसटरट या इस परकार परािधकत िनरीकषक ऐसा अिभयोजन सिसथत करन स पवर अपना यह समाधान करगा िक सवामी अिभकतार या परबनधक ऐस अपराध क िकए जान को रोकन म सभी समयक ततपरता बरतन म असफल रहा था ]

2[परनत यह और िक] िकसी खान म तकनीकी िनदशन और परबनध क अनकरम म िकए गए िकसी अपराध क बार म िजला मिजसटरट िकसी सवामी अिभकतार या परबनधक क िवर कोई अिभयोजन मखय िनरीकषक क पवर अनमोदन स सिसथत करन क िसवाय सिसथत नह करगा

3[76 कितपय मामल म सवामी का अवधारणmdashजहा िक खान का सवामी कोई फमर या िष टय का अनय सगम हो वहा उसक सब भागीदार या सदसय या उनम स कोई अथवा जहा िक खान का सवामी कमपनी हो वहा उसक सब िनदशक या उनम स कोई अथवा जहा िक खान का सवामी सरकार या कोई सथानीय परािधकारी हो वहा यथािसथित ऐसी सरकार या सथानीय परािधकारी ारा खान क कामकाज का परबनध करन क िलए परािधकत सब आिफसर या िक त या उनम स कोई ऐस िकसी अपराध क िलए िजसक िलए खान का सवामी दडनीय हो इस अिधिनयम क अधीन अिभयोिजत और दिडत िकया जा सकगा

4[परनत जहा िकसी फमर सगम या कमपनी न मखय िनरीकषक को िलिखत रप म यह सचना द दी ह िक उसनmdash

(क) फमर की दशा म उसक िकसी भागीदार या परबनधक को

(ख) सगम की दशा म उसक िकसी सदसय या परबनधक को

(ग) कमपनी की दशा म उसक िकसी िनदशक या परबनधक को

जो परतयक मामल म िकसी ऐस सथान म िजस पर इस अिधिनयम का िवसतार ह िनवासी ह और जो परतयक मामल म या तो वासतव म ऐसी फमर सगम या कमपनी क परबनध का भारसाधक ह या उसम अिधकाश शयर धारण करता ह इस अिधिनयम क परयोजन क िलए खान क सवामी क उ रदाियतव को गरहण करन क िलए नामिनदिशत कर िदया ह वहा यथािसथित ऐसा भागीदार सदसय िनदशक या परबनधक जब तक वह ऐसा िनवासी बना रहता ह और पव क त रप म भारसाधक ह या अिधकाश शयर को धारण करता ह इस अिधिनयम क परयोजन क िलए खान का सवामी समझा जाएगा जब तक िक उसक नामिनदशन को र करन वाली या यह कथन करन वाली कोई िलिखत सचना की वह यथािसथित भागीदारी सदसय िनदशक या परबनधक नह रहा ह मखय िनरीकषक को पराप त नह हो जाती ह

सपष टीकरणmdashजहा िकसी फमर सगम या कमपनी क िविभन न सथापन या शाखाए ह अथवा उसक िकसी सथापन या शाखा म िविभन न एकक ह वहा िविभन न सथापन या शाखा या एकक क सबध म इस परनतक क अधीन िविभन न िक तय को नामिनदिशत िकया जा सकगा और इस परकार नामिनदिशत िक त कवल उस सथापन शाखा या एकक क समबनध म िजसक समबनध म उस नामिनदिशत िकया गया ह खान का सवामी समझा जाएगा ]

1 1983 क अिधिनयम स० 42 की धारा 40 ारा (31-5-1984 स) अतःसथािपत 2 1983 क अिधिनयम स० 42 की धारा 40 ारा (31-5-1984 स) ldquoपरनतrdquo क सथान पर परितसथािपत 3 1959 क अिधिनयम स० 62 की धारा 41 ारा (16-1-1960 स) धारा 76 क सथान पर परितसथािपत 4 1983 क अिधिनयम स० 42 की धारा 41 ारा (31-5-1984 स) ldquoपरनतकrdquo क सथान पर परितसथािपत

30

77 सवामी अिभकतार या परबनधक को दाियतव स कितपय दशा म छटmdashजहा िक खान का सवामी अिभकतार या परबनधक जो इस अिधिनयम क अधीन िकसी अपराध का अिभयक त हो यह अिभकथन कर िक वासतिवक अपराधी अनय िक त ह वहा वह अपन

ारा इस िनिम िकए गए पिरवाद पर 1[और वासतिवक अपराधी का जञात पता दन पर] और अिभयोजक को ऐसा करन क अपन आशय की तीन स अनयन पणर िदन की िलिखत सचना दन पर इस बात का हकदार होगा िक वह अनय िक त उस तारीख को जो मामल की सनवाई क िलए िनयत हो नयायालय क समकष लाया जाए और यिद अपराध का िकया जाना सािबत हो जान क पश चात खान का यथािसथित सवामी अिभकतार या परबनधक नयायालय को समाधान परदान करन वाल रप म सािबत कर द िकmdash

(क) इस अिधिनयम क ससगत उपबनध का िनषपादन करान क िलए उसन समयक ततपता बरती ह तथा (ख) उस अनय िक त न परश नगत अपराध को उसक जञान सममित या मौनानकलता क िबना िकया ह

तो उक त अनय िक त उस अपराध क िलए दोषिस िकया जाएगा और उसी परकार क दणड स ऐस दडनीय होगा मानो वह खान का सवामी अिभकतार या परबनधक हो और यथािसथित सवामी अिभकतार या परबनधक दोषमक त कर िदया जाएगा परनतmdash

(क) यथािसथित खान क सवामी अिभकतार या परबनधक की शपथ पर परीकषा की जा सकगी और उसक और िकसी अनय साकषी क िजस वह अपन समथरन म बलाए सा य की उस िक त क ारा या की ओर स िजसकी बाबत वह अिभकिथत करता हो िक वह वासतिवक अपराधी ह और अिभयोजक ारा परितपरीकषा की जा सकगी

(ख) यिद वह िक त िजसका वासतिवक अपराधी होना अिभकिथत हो उस तारीख को जो मामल की सनवाई क िलए िनयत हो नयायालय क समकष समयक ततपरता बरती जान पर भी न लाया जा सक तो नयायालय उसकी सनवाई समय-समय पर सथिगत कर दगा िकनत इस परकार िक ऐस सथगन की कल कालाविध तीन मास स अिधक न हो और यिद उक त कालाविध क अनत तक भी वह िक त िजसका वासतिवक अपराधी होना अिभकिथत हो नयायालय क समकष न लाया जा सक तो नयायालय यथािसथित सवामी अिभकतार या परबनधक क िवर मामल की सनवाई क िलए अगरसर होगा

78 नयायालय की आदश करन की शिक तmdash(1) जहा िक खान का सवमी अिभकतार या परबनधक इस अिधिनयम क अधीन दडनीय अपराध क िलए दोषिस िकया जाए वहा नयायालय उस कोई दड अिधिनण त करन क अितिरक त िलिखत आदश ारा उसस आदश म िविनिदष ट कालाविध क अनदर (िजस नयायालय इस िनिम िकए गए आवदन पर समय-समय पर िवसतािरत कर सकगा) ऐस उपाय करन की अपकषा कर सकगा जो उन बात का उपचार करन क िलए िजनक बार म अपराध िकया गया था ऐस िविनिदष ट िकए जाए (2) जहा िक उपधारा (1) क अधीन आदश िदया जाए वहा यथािसथित खान का सवामी अिभकतार या परबनधक उस कालाविध या िवसतािरत कालाविध क यिद कोई हो दौरान अपराध क चाल रहन क िवषय म इस अिधिनयम क अधीन दडनीय नह होगा िकनत यिद नयायालय क आदश का पणर अनपालन ऐसी कालाविध या िवसतािरत कालाविध क अवसान पर न हो गया हो तो यथािसथित सवामी अिभकतार या परबनधक क बार म यह समझा जाएगा िक उसन अितिरक त अपराध िकया ह और वह कारावास स िजसकी अविध छह मास तक की हो सकगी या जमारन स जो ऐस अवसान क पश चात हर एक ऐस िदन क िलए िजसम िक आदश का अनपालन न हआ हो एक सौ रपए तक का हो सकगा या दोन स दणडनीय होगा 79 अिभयोजन की पिरसीमाmdashकोई भी नयायालय इस अिधिनयम क अधीन िकसी अपराध का सजञान तब तक नह करगा जब तक िक उसका पिरवादmdash

(i) उस तारीख स िजसकी बाबत यह अिभकिथत हो िक अपराध उस तारीख को िकया गया छह मास क अनदर अथवा

(ii) उस तारीख स िजसको िक अिभकिथत अपराध का िकया जाना िनरीकषक क जञान म आया छह मास क अनदर अथवा

2[(iiक) िकसी ऐस मामल म िजसम अिभयक त लोक सवक ह या था और ततसमय परव िकसी िविध क अधीन अपराध का सजञान करन क िलए कनदरीय सरकार या राजय सरकार या िकसी अनय परािधकारी की पवर मजरी आवशयक ह उस तारीख क िजसको ऐसी मजरी मखय िनरीकषक को पराप त होती ह तीन मास क अनदर अथवा]

(iii) िकसी ऐस मामल म िजसम जाच नयायालय कनदरीय सरकार ारा धारा 24 क अधीन िनयक त िकया गया हो उस धारा की उपधारा (4) म िविनिदष ट िरपोटर क परकाशन की तारीख क पश चात 3[एक वषर] क अनदर

इनम स जो भी बाद म हो न िकया गया हो 4[सपष टीकरणmdashइस धारा क परयोजन क िलएmdash

1 1959 क अिधिनयम स० 62 की धारा 42 ारा (16-1-1960 स) अनतःसथािपत 2 1983 क अिधिनयम स० 42 की धारा 42 ारा (31-5-1984 स) अतःसथािपत 3 1983 क अिधिनयम स० 42 की धारा 42 ारा (31-5-1984 स) ldquoछह मासrdquo क सथान पर परितसथािपत 4 1959 क अिधिनयम स० 62 की धारा 43 ारा (16-1-1960 स) सप ीकरण जोड़ा गया

31

(क) चाल रहन वाल अपराध की दशा म पिरसीमा की सगणना उस समय क हर कषण क परित िनदश स की जाएगी िजसक दौरान अपराध चाल रह

(ख) जहा िक कोई कायर करन क िलए समय इस अिधिनयम क अधीन िवसतािरत िकया गया हो वहा पिरसीमा की सगणना उस िवसतािरत कालाविध क अवसान स की जाएगी ]

80 अपराध का सजञानmdash1[महानगर मिजसटरट या परथम वगर नयाियक मिजसटरट] क नयायालय स अवर कोई नयायालय इस अिधिनयम क अधीन िकसी ऐस अपराध का िजसकी बाबत यह अिभकिथत हो िक वह खान क सवामी अिभकतार या परबनधक ारा िकया गया ह या िकसी ऐस अपराध का जो इस अिधिनयम ारा कारावास स दडनीय बनाया गया ह िवचारण नह करगा

80क [जमारन क बार म िवशष उपबध ]mdashखान (सशोधन) अिधिनयम 1983 (1983 का 42) की धारा 44 ारा (31-5-1984 स) िनरिसत

81 कितपय मामल म अिभयोजन क बजाय खान बोडर या सिमित को िनदशmdash(1) यिद मखय िनरीकषक या िजला मिजसटरट या िकसी िनरीकषक की पररणा पर इस अिधिनयम क अधीन सिसथत िकसी मामल का िवचारण करन वाल नयायालय की यह राय हो िक यह मामला ऐसा ह जो अिभयोजन क बजाय 2 सिमित को िनदिशत िकया जाना चािहए तो वह दािडक कायरवािहय को रोक सकगा और इस दिष ट स िक ऐसा िनदशन िकया जाए उस िवषय की िरपोटर कनदरीय सरकार को भजगा

(2) उपधारा (1) क अधीन िरपोटर पराप त होन पर कनदरीय सरकार मामला 2 सिमित को िनदिशत कर सकगी या िवचारण म अगरसर होन क िलए नयायालय को िनदश द सकगी

अधयाय 10

परकीणर 82 इस परश न का िविनश चय िक कया खान इस अिधिनयम क अधीन हmdashयिद कोई परश न उठ िक कया 3[खान का और उसम

का या उसका पाश वरसथ कोई उतखान या खिनत या पिरसर िजस पर खिनज या कोक पराप त करन दरसी करन या िवकरय क िलए तयार करन की सहायक कोई परिकरया चलाई जा रही ह] इस अिधिनयम क अथर क अनदर खान ह तो कनदरीय सरकार उस परश न का िविनश चय कर सकगी और कनदरीय सरकार क सिचव ारा हसताकषिरत परमाणपतर इस परश न पर िनश चायक होगा

83 अिधिनयम क परवतरन स छट दन की शिक तmdash4[(1)] कनदरीय सरकार िकसी सथानीय कषतर या िकसी खान को या खान क िकसी समह या वगर को या खान क िकसी भाग को या िक तय क िकसी वगर को 5[इस अिधिनयम या उसक अधीन बनाए गए िविनयम िनयम या उपिविधय क सब उपबनध क या उनम स िकसी क] परवतरन स छट शासकीय राजपतर म अिधसचना ारा या तो अतयितकतः या िकनह िविनिदष ट शत क अधयधीन द सकगी

परनत िकसी सथनीय कषतर या खान या खान क समह या वगर को 6[धारा 40 और धारा 45] क उपबनध स छट तब तक नह दी जाएगी जब तक उस इस अिधिनयम क अनय सब उपबनध क परवतरन स भी छट न द दी जाए ]

7[(2) कनदरीय सरकार मखय िनरीकषक या िकसी अनय परािधकारी को साधारण या िवशष आदश ारा ऐस िनबरनधन क अधयधीन िजनह अिधरोिपत करना वह ठीक समझ परािधकत कर सकगी िक वह िकसी खान या उसक िकसी भाग को 8[िविनयम िनयम या उपिविधय ] क उपबन ध म स िकसी क परवतरन स िकनह िविनिदष ट शत क अधयधीन तब छट द द जब िक मखय िनरीकषक या ऐस अिधकारी की राय हो िक खान या उसक भाग म पिरिसथितया ऐसी ह िक उनक कारण ऐस उपबनध का अनपालन अनावशयक या अ वहायर हो जाता ह ]

84 आदश को पिरवितत या िवखिणडत करन की शिक तmdash9[(1)] कनदरीय सरकार इस अिधिनयम क अधीन िदया गया कोई आदश उलट सकगी या उपानतिरत कर सकगी

10[(2) मखय िनरीकषक लखब िकए जान वाल कारण स इस अिधिनयम क अधीन या िकसी िविनयम िनयम या उपिविध क अधीन अपन ारा पािरत िकसी आदश को उलट सकगा या उस उपातिरत कर सकगा

(3) खान क सवामी अिभकतार या परबनधक पर परितकल परभाव डालन वाला कोई आदश इस धारा क अधीन तब तक नह िकया जाएगा जब तक िक ऐस सवामी अिभकतार या परबनधक को अभयावदन करन का यिक तयक त अवसर न द िदया गया हो ]

1 1983 क अिधिनयम स० 42 की धारा 43 ारा (31-5-1984 स) ldquoपरसीडसी मिजसटरट या परथम वगर मिजसटरटrdquo क सथान पर परितसथािपत 2 1983 क अिधिनयम स० 42 की धारा 43 ारा (31-5-1984 स) ldquoखनन बोडरrdquo शब द का लोप िकया गया 3 1959 क अिधिनयम स० 62 की धारा 45 ारा (16-1-1960 स) अनतःसथािपत 4 1959 क अिधिनयम स० 62 की धारा 46 ारा (16-1-1960 स) उपधारा (1) क रप म पनःसखयािकत 5 1983 क अिधिनयम स० 42 की धारा 46 ारा (31-5-1984 स) ldquoइस अिधिनयम क सब उपबध क िकसी कrdquo क सथान पर परितसथािपत 6 1983 क अिधिनयम स० 42 की धारा 46 ारा (31-5-1984 स) ldquoधारा 45rdquo क सथान पर परितसथािपत 7 1959 क अिधिनयम स० 62 की धारा 46 ारा (16-1-1960 स) अनतःसथािपत 8 1983 क अिधिनयम स० 42 की धारा 46 ारा (31-5-1984 स) ldquoइस अिधिनयम क अतगरत िविनयम और िनयमrdquo क सथान पर परितसथािपत 9 1983 क अिधिनयम स० 42 की धारा 47 ारा (31-5-1984 स) धारा 84 उपधारा (1) क रप म पनःसखयािकत 10 1983 क अिधिनयम स० 42 की धारा 47 ारा (31-5-1984 स) अतःसथािपत

32

85 सरकार की खान को अिधिनयम का लाग होनाmdashयह अिधिनयम सरकार की खान को 1[भी] लाग होगा 2[85क सचना आिद दन क िलए अपिकषत िक त ऐसा करन क िलए वध रप स आब ह गmdashहर िक त जो िकसी

अिधकारी को कोई सचना या इि ला इस अिधिनयम क अधीन दन क िलए अपिकषत ह भारतीय दड सिहता (1860 का 45) की धारा 176 क अथर क अनदर ऐसा करन क िलए वध रप स आब होगा ]

3[85ख िववरिणय सचना आिद पर हसताकषर करनाmdashइस अिधिनयम या उसक अधीन बनाए गए िकसी िविनयम िनयम उपिविध या िकसी आदश क उपबनध क समबनध म िकसी खान क सवामी ारा या उसकी ओर स दी जान क िलए अपिकषत सभी िववरिणय और सचना पर या भजी जान वाली सचना पर खान क सवामी अिभकतार या परबधक ारा या िकसी ऐस िक त ारा िजस सवामी ारा मखतारनाम ारा इस िनिम शिक त परतयायोिजत की गई ह हसताकषर िकए जाएग

85ग सिवधा और जन सिवधा क िलए फीस या परभार का वसल न िकया जानाmdashखान म िनयोिजत िकसी िक त स सरकषातमक परबनध या दी जान वाली सिवधा या इस अिधिनयम क उपबनध क अधीन परदाय िकए जान वाल िकसी उपसकर या सािधतर की बाबत कोई फीस या परभार वसल नह िकया जाएगा ]

86 1948 क अिधिनयम 63 क कितपय उपबध का खान को लाग होनाmdashकनदरीय सरकार शासकीय राजपतर म अिधसचना ारा िनदश द सकगी िक कारखाना अिधिनयम 1948 (1948 का 63) क अधयाय 3 और 4 क उपबनध ऐस अपवाद और िनबरनधन क

अधयधीन रहत हए जस उस अिधसचना म िविनिदष ट िकए जाए सब खान और उनकी परसीमा को लाग ह ग

87 सद भावपवरक िकए गए कायर क िलए पिरतराणmdashकोई भी वाद अिभयोजन या अनय िविधक कायरवाही इस अिधिनयम क अधीन सद भावपवरक की गई या जान क िलए आशियत िकसी बात क िलए िकसी िक त क िवर न होगी

88 [1923 क अिधिनयम 4 का िनरसन]mdashिनरसन और सशोधन अिधिनयम 1957 (1957 का 36) की धारा 2 और पहली अनसची ारा िनरिसत

______

1 1959 क अिधिनयम स० 62 की धारा 47 ारा (16-1-1960 स) अनतःसथािपत 2 1959 क अिधिनयम स० 62 की धारा 48 ारा (16-1-1960 स) अनतःसथािपत 3 1983 क अिधिनयम स० 42 की धारा 48 ारा (31-5-1984 स) अतःसथािपत

Page 24: खान अधिनियम, 1952ncwapps.nic.in/acts/TheMinesAct1952_Hindi.pdf1 ज ल ई, 1952, द खए भ रत क र जपतर (अ गर 1952, ज ) भ ग 2,

24

(ढ) यह अपकषा करना िक िजन बात क िलए िनयम बनाए गए ह उनस सब सचनाए िववरिणया और िरपोट खान क सवामी अिभकतार और परबनधक द और ऐसी सचना िववरिणय और िरपोट क पररप व िक त और परािधकारी िजनह व दी जानी ह व िविशि या जो उनम अनतिवष ट होनी ह और व समय िजनक अनदर व िनविदत की जानी ह िविहत करना

(ण) िजन खान म 1 पचास स अिधक िक त मामली तौर पर िनयोिजत रहत ह उनम भोजन करन क िलए यथायोगय और उपयक त ऐस आशरय क िजनम पीन क पानी का उपबनध भी हो उपबिनधत िकए जान और बनाए रख जान की अपकषा करना

(त) मखय िनरीकषक या िनरीकषक ारा इस िनिम िविनिदष ट िकसी ऐसी खान म िजसम दो सौ पचास स अिधक िक त मामली तौर पर िनयोिजत रहत ह ऐस िक तय क उपयोग क िलए कोई कटीन या कटीन उपबिनधत की जान और

बनाए रखी जान की अपकषा करना

(थ) हर ऐसी खान म िजसम पाच सौ या अिधक िक त मामली तौर पर िनयोिजत रहत ह इतनी सखया म कलयाण आिफसर िनयोिजत िकए जान की अपकषा करना िजतनी िविनिदष ट की जाए और ऐस कलयाण आिफसर की अहरताए और सवा क िनबनधन और शत और उनक ारा पालनीय कतर िविहत करना

2[(द) िविनिदष ट खान या िविनिदष ट खान क समह क िलए या िकसी िविनिदष ट कषतर की सब खान क िलए बचाव सटशन की सथापना की जान की अपकषा करना और यह िविहत करना िक ऐस सटशन कस और िकसक ारा सथािपत िकए जाएग

(ध) बचाव सटशन क परबनध क िलए उपबनध करना

(धक) बचाव िबरगड का गठन करन वाल िक तय की शारीिरक योगयता क मानक और अनय अहरता क िलए उपबनध करना

(धख) बचाव िबरगड का गठन करन वाल िक तय का िनवास-सथान िविहत करना ]

(न) 3 बचाव सटशन की िसथित उपसकर िनयतरण अनरकषण और कतय िविहत करना 4[(प) खड (द) क अधीन िविनिदष ट खान म उतपािदत और वहा स परिषत कोक और कोयल पर (पच चीस पस परित

टन स अनिधक दर स) उतपाद-शलक क उद गहण और सगरहण क िलए ऐसी खान क िलए बचाव सटशन िनिध का सजन करन क िलए भारत की सिचत िनिध म जमा िकए गए ऐस उपकर क आगम म स उन धनरािशय क जो कनदरीय सरकार ससद

ारा िविध ारा इस िनिम समयक िविनयोग िकए जान क पश चात उपबिनधत कर ऐसी िनिध म जमा िकए जान क िलए उस रीित क िलए िजसम ऐसी िनिध म स धन का उपयोग िकया जाएगा और ऐसी िनिध क परशासन क िलए उपबनध करना

(फ) बचाव िबरगड़ क बनाव परिशकषण सरचना और कतर क िलए 5 और साधारणतः खान म बचाव कायर क सचालन क िलए उपबनध करना 6

7[(फफ) िविनिदष ट खान या िविनिदष ट खान क समह क िलए सरकषा सिमितय क गठन क िलए या सरकषा की अिभवि करन क िलए िकसी िविनिदष ट कषतर म सभी खान क िलए और ऐसी सरकषा सिमितय की सरचना उनक गठन और कतय की रीित अिधकिथत करन क िलए उपबनध करना तथा]

(ब) साधारणतः िकसी ऐस मामल क िलए उपबनध करना िजनक िलए इस अिधिनयम या िविनयम ारा उपबनध न िकया गया हो और िजसक िलए उपबनध इस अिधिनयम को परभावी करन क िलए अपिकषत हो

59 िविनयम और िनयम का पवर परकाशनmdash(1) धारा 57 और 58 ारा परद िविनयम और िनयम बनान की शिक त इस शतर क अधयधीन ह िक य िविनयम और िनयम पवर परकाशन क पश चात बनाए जाएग

(2) जो तारीख साधारण खड अिधिनयम 1897 (1897 का 10) की धारा 23 क खड (3) क अनसार उस तारीख क रप म िविनिदष ट की जानी ह िजसक पश चात िक बनाए जान क िलए परसथािपत िविनयम या िनयम क परारप पर िवचार िकया जाएगा वह उस तारीख स तीन मास स कम की होगी िजसको परसथािपत िविनयम या िनयम का परारप साधारण जानकारी क िलए परकािशत िकया जाए

1 1959 क अिधिनयम स० 62 की धारा 32 ारा (16-1-1960 स) ldquoएक सौ औरrdquo शबद का लोप िकया गया 2 1983 क अिधिनयम स० 42 की धारा 31 ारा (31-5-1984 स) खड (द) और (ध) क सथान पर परसथािपत 3 1983 क अिधिनयम स० 42 की धारा 31 ारा (31-5-1984 स) ldquoकनदरीयrdquo शबद का लोप िकया गया 4 1983 क अिधिनयम स० 42 की धारा 31 ारा (31-5-1984 स) खड (प) क सथान पर परितसथािपत 5 1983 क अिधिनयम स० 42 की धारा 31 ारा (31-5-1984 स) कितपय शबद का लोप िकया गया 6 1983 क अिधिनयम स० 42 की धारा 31 ारा (31-5-1984 स) ldquoऔरrdquo शबद का लोप िकया गया 7 1983 क अिधिनयम स० 42 की धारा 31 ारा (31-5-1984 स) अनतःसथािपत

25

1

2[(4) कोई भी िविनयम या िनयम तब तक नह बनाया जाएगा जब तक िक उस िविनयम या िनयम का परारप धारा 12 की उपधारा (1) क अधीन गिठत सिमित को िनदिशत न कर िदया गया हो और जब तक उस सिमित को उसक बनाए जान की समीचीनता और उसक उपबनध की उपयक तता की बाबत िरपोटर दन का यिक तयक त अवसर न िमल गया हो ]

(5) िविनयम और िनयम शासकीय राजपतर म परकािशत िकए जाएग और ऐस परकािशत िकए जान पर ऐस परभाव रखग मानो व इस अिधिनयम म अिधिनिमत ह

(6) उपधारा (1) उपधारा (2) और उपधारा (4) क उपबनध उस अवसर को लाग न ह ग िजस पर धारा 58 क खड (घ) या खड (ङ) म िनदिशत िनयम सवरपरथम बनाए जाए

3

60 पवर परकाशन क िबना िविनयम बनान की शिक तmdashयिद कनदरीय सरकार का समाधान हो जाए िक आशिकत खतर का िनवारण करन या खतरा पदा करन की सभा ता रखन वाली िसथितय का शीघर उपचार करन क िलए यह आवशयक ह िक ऐस िविनयम बनान म वह िवलमब न होन िदया जाए जो ऐस परकाशन और िनदशन स होगा तो धारा 57 4 क अधीन िविनयम धारा 59 की उपधारा (1) उपधारा (2) और उपधारा 5[(4)] म अनतिवष ट िकसी बात क होत हए भी पवर परकाशन और 6[धारा 12 की उपधारा (1) क अधीन गिठत सिमित] को 7 िनदशन क िबना बनाए जा सकग

परनत इस परकार बनाए गए िविनयम 8[सिमित की जानकारी क िलए भज जाएग और] बनाए जान स 9[एक वषर] स अिधक क िलए परव नह रहग

61 उपिविधयाmdash(1) खान का सवामी अिभकतार या परबनधक 10[उस खान म िकसी िवशष मशीनरी क उपयोग या कायरकरण की िकसी िवशष प ित को अपनाए जान क शािस त करन क िलए] इस अिधिनयम या िकनह ततसमय परव िविनयम या िनयम स असगत न होन वाली ऐसी उपिविधय का परारप जसी िक ऐसा सवामी अिभकतार या परबनधक उस खान म दघरटना का िनवारण करन क िलए और उसम िनयोिजत िक तय क कषम सिवधा और अनशासन हत उपबनध करन क िलए आवशयक समझ तयार कर सकगा और मखय िनरीकषक या िनरीकषक को िनविदत कर सकगा और यिद ऐसा करन की उसस अपकषा मखय िनरीकषक या िनरीकषक ारा की जाए तो तयार करगा और िनविदत करगा

(2) यिद ऐसा कोई सवामी अिभकतार या परबनधकmdash

(क) मखय िनरीकषक या िनरीकषक ारा ऐसा करन की उसस अपकषा की जान क पश चात दो मास क अनदर उपिविधय का परारप िनविदत करन म असफल रह अथवा

(ख) उपिविधय का ऐसा परारप िनविदत कर जो मखय िनरीकषक या िनरीकषक की राय म पयार न हो

तो मखय िनरीकषक या िनरीकषकmdash

(i) ऐसी उपिविधय का परारप परसथािपत कर सकगा जो उस पयार परतीत ह अथवा

(ii) सवामी अिभकतार या परबनधक ारा जो परारप उस िनविदत िकया गया हो उसम ऐस सशोधन परसथािपत कर सकगा िजनस उसकी राय म वह पयार हो जाएगा और ऐसी परारप-उपिविधया या परारप-सशोधन यथािसथित सवामी अिभकतार या परबनधक क पास िवचार क िलए भजगा

(3) यिद उस तारीख स िजसको कोई परारप-उपिविधया या परारप-सशोधन मखय िनरीकषक या िनरीकषक न सवामी अिभकतार या परबनधक क पास उपधारा (2) क उपबनध क अधीन भज ह दो मास की कालाविध क अनदर मखय िनरीकषक या िनरीकषक और सवामी अिभकतार या परबनधक उपधारा (1) क अधीन बनाई जान वाली उपिविधय क िनबनधन क िवषय म परसपर सहमत होन म

1 1959 क अिधिनयम स० 62 की धारा 33 ारा (16-1-1960 स) उपधारा (3) का लोप िकया गया 2 1983 क अिधिनयम स० 42 की धारा 32 ारा (31-5-1984 स) उपधारा (4) क सथान पर परितसथािपत 3 1983 क अिधिनयम स० 42 की धारा 32 ारा (31-5-1984 स) उपधारा (7) का लोप िकया गया 4 1959 क अिधिनयम स० 62 की धारा 34 ारा (16-1-1960 स) ldquoक खड (ठ) को अपविजत करत हए खड (झ) और खड (ट) स (ख) (ध)rdquo शबद को क और अकषर का

लोप िकया गया 5 1959 क अिधिनयम स० 62 की धारा 34 ारा (16-1-1960 स) ldquo(3)rdquo क सथान पर परितसथािपत 6 1983 क अिधिनयम स० 42 की धारा 33 ारा (31-5-1984 स) ldquoखनन बोड rdquo क सथान पर परितसथािपत 7 1959 क अिधिनयम स० 62 की धारा 34 ारा (16-1-1960 स) ldquoपवरrdquo शबद का लोप िकया गया 8 1983 क अिधिनयम स० 42 की धारा 33 ारा (31-5-1984 स) अनतःसथािपत 9 1959 क अिधिनयम स० 62 की धारा 34 ारा (16-1-1960 स) ldquoदो वषरrdquo क सथान पर परितसथािपत 10 1983 क अिधिनयम स० 42 की धारा 34 ारा (31-5-1984 स) कितपय शबद क सथान पर परितसथािपत

26

असमथर रह तो मखय िनरीकषक या िनरीकषक परारप-उपिविधय को पिरिनधाररण क िलए 1[धारा 12 की उपधारा (1) क अधीन गिठत सिमित को] िनदिशत करगा

(4) (क) जबिक ऐसी पररप-उपिविधय पर अिभकतार या परबनधक और मखय िनरीकषक सहमत हो गए ह या जबिक उनक सहमत होन म असमथर होन पर व 2[धारा 12 की उपधारा (1) क अधीन गिठत सिमित को] ारा पिरिनधारिरत कर दी गई ह तब मखय िनरीकषक या िनरीकषक ारा परारप-उपिविधय की एक परित कनदरीय सरकार को अनमोदनाथर भजी जाएगी

(ख) कनदरीय सरकार परारप-उपिविधय म ऐसा उपातरण कर सकगी जसा वह ठीक समझ

(ग) इसस पवर िक कनदरीय सरकार परारप-उपिविधय का अनमोदन चाह उपातर क सिहत या उनक िबना कर उपिविधया बनान की परसथापना की और उस सथान की जहा परारप-उपिविधय की परितया अिभपरा की जा सकगी और उस समय की (जो तीस िदन स कम का न होगा) इसक अनदर िक परभािवत िक तय क ारा या उनकी ओर स परारप-उपिविधय क परित िकया गया कोई आकषप कनदरीय सरकार को भजा जाना चािहए सचना ऐसी रीित स जसी कनदरीय सरकार परभािवत िक तय की जानकारी दन क िलए उपयक ततम समझ परकािशत की जाएगी

(घ) हर आकषप िलिखत होगा और उसमmdash

(i) आकषप क िविशष ट आधार तथा

(ii) चाह गए लोप पिरवधरन या उपानतर

किथत ह ग

(ङ) उन िक तय क ारा या उनकी ओर स िजनकी बाबत कनदरीय सरकार को यह परतीत हो िक व तद ारा परभािवत िक त ह अपिकषत समय क अनदर िकए गए आकषप पर वह सरकार िवचार करगी और उपिविधय पर या तो उस रप म िजसम व परकािशत की गई थ या उनम ऐस सशोधन करक िजनह वह ठीक समझ अनमोिदत कर सकगी

(5) कनदरीय सरकार ारा इस परकार अनमोिदत हो जान पर उपिविधया इस परकार परभावी ह गी मानो व इस अिधिनयम म अिधिनयिमत ह और खान का सवामी अिभकतार या परबनधक उन उपिविधय की एक परित अगरजी म और ऐसी अनय भाषा या भाषा म जसी िविहत की जाए खान म या उसक आसपास िकसी ऐस सहजदशय सथान पर लगवाएगा जहा व उपिविधया िनयोिजत

िक तय ारा सिवधापवरक पढ़ी या दखी जा सक और िजतनी बार व िवरिपत हो जाए िमट जाए या नष ट हो जाए उतनी बार यिक तयक त शीघरता क साथ उनह नए िसर स लगवाएगा

(6) कनदरीय सरकार इस परकार िनिमत िकसी उपिविध को िलिखत आदश ारा पणरतः या भागतः िवखिडत कर सकगी और तदपिर ऐसी उपिविध तदनसार परभावहीन हो जाएगी

3[61क िविनयम िनयम और उपिविधय का ससद क समकष रखा जानाmdashधारा 57 क अधीन बनाया गया परतयक िविनयम धारा 58 क अधीन बनाया गया परतयक िनयम और धारा 61 क अधीन बनाई गई परतयक उपिविध बनाई जान क पश चात यथाशीघर ससद क परतयक सदन क समकष जब वह सतर म हो कल तीस िदन की अविध क िलए रखा जाएगा या रखी जाएगी यह अविध एक सतरा म अथवा दो या अिधक आनकरिमक सतर म परी हो सकगी यिद उस सतर क या पव क त आनकरिमक सतर म अवसान क पवर दोन सदन उस िविनयम िनयम या उपिविध म कोई पिरवतरन करन क िलए सहमत हो जाए तो ततपश चात वह ऐस पिरवितत रप म ही परभावी होगा या होगी यिद उक त अवसान क पवर दोन सदन सहमत हो जाए िक वह िविनयम िनयम या उपिविध नह बनाया या बनायी जानी चािहए तो ततपश चात वह िनषपरभाव हो जाएगा या हो जाएगी िकनत यथािसथित िविनयम िनयम या उपिविधय क ऐस पिरवितत या िनषपरषभाव होन स उसक अधीन पहल की गई िकसी बात की िविधमानयता पर परितकल परभाव नह पड़गा ]

62 अिधिनयम िविनयम आिद की सिकषिप तया लगवानाmdashहर खान म या उसक आसपास अगरजी म और ऐसी अनय भाषा या भाषा म जो िविहत की जाए अिधिनयम की और िविनयम और िनयम की िविहत सिकषिप तया लगाई रखी जाएगी

अधयाय 9

शािसतया और परिकरया 63 बाधा डालनाmdash(1) जो कोई मखय िनरीकषक िनरीकषक या धारा 8 क अधीन परािधकत िकसी िक त क इस अिधिनयम क अधीन क उसक अपन कतर क िनवरहन म बाधा डालगा या मखय िनरीकषक िनरीकषक या ऐस िक त को िकसी खान क समबनध म इस अिधिनयम क ारा या अधीन परािधकत कोई परवश िनरीकषण परीकषा या जाच करन क िलए कोई यिक तयक त सिवधा दन स इनकार करगा या दन म जानबझकर उपकषा करगा वह कारावास स िजसकी अविध तीन मास तक की हो सकगी या जमारन स जो पाच सौ रपए तक का हो सकगा या दोन स दणडनीय होगा

1 1983 क अिधिनयम स० 42 की धारा 34 ारा (31-5-1984 स) कितपय शबद क सथान पर परितसथािपत 2 1983 क अिधिनयम स० 42 की धारा 34 ारा (31-5-1984 स) कितपय शबद क सथान पर परितसथािपत 3 1983 क अिधिनयम स० 42 की धारा 35 ारा (31-5-1984 स) अतःसथािपत

27

(2) जो कोई इस अिधिनयम क अनसरण म रख गए िकनह रिजसटर या अनय दसतावज को मखय िनरीकषक या िनरीकषक की माग पर पश करन स इनकार करगा अथवा िकसी ऐस िनरीकषण आिफसर क समकष जो इस अिधिनयम क अधीन क अपन कतर क अनसरण म कायर कर रहा ह उपसजात होन या उसक ारा परीकषा की जान स िकसी िक त को िनवािरत करगा या िनवािरत करन का परयत न करगा या कोई ऐसा कायर करगा िजसक बार म उसक पास यह िवश वास करन का कारण हो िक उसस उसका इस परकार िनवािरत होना सभा ह वह जमारन स जो तीन सौ रपए तक का हो सकगा दणडनीय होगा

64 अिभलख का िमथयाकरण आिदmdashजो कोईmdash

(क) इस अिधिनयम क अधीन अनद िकसी परमाणपतर का या परमाणपतर की िकसी कायारलय परित का कटकरण करगा या जानत हए उसम िमथया कथन करगा अथवा

(ख) जानत हए ऐस िकसी कटकतय या िमथया परमाणपतर को असली क रप म उपयोग म लाएगा अथवा

(ग) कोई िमथया घोषणा कथन या सा य यह जानत हए िक वह िमथया ह अपन िलए या िकसी अनय िक त क िलए इस अिधिनयम क अधीन परमाणपतर अिभपरा करन या परमाणपतर का नवीकरण करान या खान म िनयोजन अिभपरा करन क परयोजनाथर करगा या बनाएगा या पश करगा या उपयोग म लाएगा अथवा

1[(घ) िकसी ऐस रखाक खडिचतर रिजसटर या अिभलख का िमथयाकरण करगा िजसका रखा जाना इस अिधिनयम क ारा या अधीन अपिकषत हो या ऐसा िमथया रखाक खडिचतर रिजसटर या अिभलख उस िमथया जानत हए िकसी परािधकारी क

समकष पश करगा अथवा]

(ङ) कोई ऐसा रखाक िववरणी सचना अिभलख या िरपोटर बनाएगा दगा या पिरद करगा िजसम ऐसा कथन परिवि या बयौरा अनतिवष ट हो जो उसकी सव म जानकारी या िवश वास क अनसार सही न हो

वह कारावास स िजसकी अविध तीन मास तक की हो सकगी या जमारन स जो 2[एक हजार रपए] तक का हो सकगा या दोन स दणडनीय होगा

65 िमथया योगयता परमाणपतर का उपयोगmdashजो कोई 3[धारा 43] क अधीन अनय िक त को अनद िकसी परमाणपतर का उस धारा क अधीन अपन को योगयता-परमाणपतर क रप म जानत हए उपयोग करगा या उपयोग करन का परयत न करगा या उस धारा क अधीन अपन को योग यता-परमाणपतर अनद िकए जान पर जानत हए अनय िक त को उसका उपयोग करन दगा या उपयोग करन का परय करन दगा वह कारावास स िजसकी अविध एक मास तक की हो सकगी या जमारन स जो 4[दो सौ] रपए तक का हो सकगा या दोन स दणडनीय ोगा

िक तयक त कारण क िजस सािबत करन का भार उस पर होगा करगा जमारन स जो 6[एक हजार] रपए क का हो

ास स िजसकी विध तीन

ोिजत िकया जाता ह तो ऐसी खान का सवामी अिभकतार या परबनधक ऐस जमारन स जो पाच सौ रपए क का हो

ी अविध तीन मास तक की हो सकगी या जमारन स जो 10[दो हजार पाच सौ] रपए तक का हो सकगा या दोन स दणडनीय होगा

66 रखाक आिद दन का लोपmdashकोई िक त जो इस अिधिनयम क ारा या अधीन बनाए जान या िदए जान क िलए अपिकषत कोई रखाक 5[खडिचतर] िववरणी सचना रिजसटर अिभलख या िरपोटर िविहत पररप म या िविहत रीित स या िविहत समय पर या क भीतर बनान या दन का लोप िकए िबना यत सकगा दणडनीय होगा

67 शरिमक क िनयोजन िवषयक उपबनध का उललघनmdashजो कोई उसक िसवाय जसा िक धारा 38 ारा अनजञात ह इस अिधिनयम क या िकसी िविनयम िनयम या उपिविध क या तद धीन िकए गए िकसी आदश क िकसी ऐस उपबनध का उललघन करगा जो खान म या उसक आसपास िक तय क िनयोजन या उनकी उपिसथित को परितिष िनबरिनधत या िविनयिमत करता हो वह कारावअ मास तक की हो सकगी या जमारन स जो 7[एक हजार] रपए तक का हो सकगा या दोन स 8 दडनीय होगा

9[68 अठारह वषर स कम आय क िक तय क िनयोजन क िलए शािसतmdashयिद अठारह वषर स कम आय क िकसी िक त को धारा 40 क उललघन म िकसी खान म िनयत सकगा दणडनीय होगा ]

69 परबनधक िनयक त करन म असफलताmdashधारा 17 क उपबनध क उललघन म जो कोई परबनधक िनयक त करन म असफल रहगा वह कारावास स िजसक11

1 1959 क अिधिनयम स० 62 की धारा 35 ारा (16-1-1960 स) खड (घ) क सथान पर परितसथािपत 2 1959 क अिधिनयम स० 62 की धारा 35 ारा (16-1-1960 स) ldquoपाच सौ रपएrdquo क सथान पर परितसथािपत 3 1983 क अिधिनयम स० 42 की धारा 36 ारा (31-5-1984 स) ldquoधारा 40rdquo क सथान पर परितसथािपत 4 1959 क अिधिनयम स० 62 की धारा 36 ारा (16-1-1960 स) ldquoपचासrdquo क सथान पर परितसथािपत 5 1959 क अिधिनयम स० 62 की धारा 37 ारा (16-1-1960 स) अनतःसथािपत 6 1959 क अिधिनयम स० 62 की धारा 37 ारा (16-1-1960 स) ldquoदो सौrdquo क सथान पर परितसथािप 7 1959 क अिधिनयम स० 62 की धारा 38 ारा (16-1-1960 स) ldquoपाच सौrdquo क सथान पर परितसथािपत 8 1959 क अिधिनयम स० 62 की धारा 38 ारा (16-1-1960 स) कितपय शबद का लोप िकया गया 9 1983 क अिधिनयम स० 42 की धारा 37 ारा (31-5-1984 स) धारा 68 क सथान पर परितसथािपत 10 1959 क अिधिनयम स० 62 की धारा 39 ारा (16-1-1960 स) ldquoपाच सौrdquo क सथान पर परितसथािपत 11 1959 क अिधिनयम स० 62 की धारा 39 ारा (16-1-1960 स) कितपय शबद का लोप िकया गया

28

70 दघरटना की सचनाmdash(1) धारा 23 की उपधारा (1) क उपबनध क उललघन म जो कोई िकसी दघरटना की सचना दन म या उस सचना की परित उस उपधारा म िनिदष ट िवशष सचनाप पर लगान म और िविनिदष ट कालाविध क िलए वहा रखन म असफल रहगा वह कारावास स िजसकी अविध तीन मास तक की हो सकगी या जमारन स जो पाच सौ रपए तक का हो सकगा या दोन स दणनीय होगा

(2) कनदरीय सरकार ारा धारा 23 की उपधारा (3) क अधीन िदए गए िनदश क उललघन म जो कोई िकसी दघरटना को िविहत रिजसटर म अिभिलिखत करन म या उसकी सचना दन म असफल रहगा वह कारावास स िजसकी अविध तीन मास तक की हो सकगी या जमारन स तो पाच सौ रपए तक का हो सकगा या दोन स दणडनीय होगा

71 कितपय मामल म सवामी आिद का मखय िनरीकषक को िरपोटर दनाmdashजहा िक खान क यथािसथित सवामी अिभकतार या परबनधक न खान म या उसक आसपास िनयोिजत िकसी िक त क िवर कायरवाही इस अिधिनयम क अधीन क िकसी अपराध क बार म की हो वहा वह नयायालय क िनणरय या आदश की तारीख स इक कीस िदन क अनदर उसक पिरणाम की िरपोटर मखय िनरीकषक को दगा

72 खान म िनयोिजत िक तय की बाधयताmdashखान म िनयोिजत कोई भी िक तmdash

(क) खान म िनयोिजत िक तय का सवासथय कषम या कलयाण सिनिश चत करन क परयोजनाथर खान म उपबिनधत िकसी सािधतर सिवधा या अनय चीज म जानबझकर हसतकषप या उसका जानबझकर दरपयोग न करगा

(ख) जानबझकर और यिक तयक त कारण क िबना कोई ऐसी बात न करगा िजसस सवय उसक या अनय क सकटाप होन की सभा ता हो

(ग) खान म िनयोिजत िक तय का सवासथय या कषम सिनिश चत करन क परयोजनाथर उसम उपबिनधत िकसी सािधतर या अनय चीज को उपयोग म लान की जानबझकर उपकषा नह करगा

1[72क कछ िविनयम क उललघन क िलए िवशष उपबनधmdashजो कोई धारा 57 क खणड (घ) खणड (झ) खणड (ड) खणड (ढ) खणड (ण) खणड (त) खणड (द) खणड (ध) और खणड (प) म िविनिदष ट बात स सब िकसी िविनयम क या िकसी उपिविध क या तद धीन िकए गए िकसी आदश क िकसी उपबनध का उललघन करगा वह कारावास स िजसकी अविध छह मास तक की हो सकगी या जमारन स जो दो हजार रपए तक का हो सकगा या दोन स दणडनीय होगा

72ख धारा 22 क अधीन आदश क उललघन क िलए िवशष उपबनधmdashजो कोई धारा 22 की उपधारा (1क) उपधारा (2) या उपधारा (3) क अधीन 2[या धारा 22क की उपधारा (2) क अधीन] िनकाल गए आदश क उललघन म खान का कायरकरण चाल रखगा वह कारावास स िजसकी अविध दो वषर तक की हो सकगी दडनीय होगा और जमारन स भी जो पाच हजार रपए तक का हो सकगा दडनीय होगा

2[परनत नयायालय क िनणरय म लखब िकए जान वाल ततपरितकल िवशष और पयारप त कारण क अभाव म ऐसा जमारना खड (क) म िनिदष ट उललघन की दशा म तीन हजार रपए स कम नह होगा ]

72ग िविध क ऐस उललघन क िलए िजसक खतरनाक पिरणाम होत ह िवशष उपबनधmdash(1) जो कोई इस अिधिनयम क या िकसी िविनयम िनयम या उपिविध क या तद धीन िकए गए [धारा 22 की उपधारा (1क) या उपधारा (2) या उपधारा (3) 3[या धारा 22क की उपधारा (2)] क अधीन िकए गए आदश स िभ ] िकसी आदश क िकसी उपबनध का उललघन करगा वहmdash

(क) यिद ऐस उललघन क पिरणामसवरप जीवन की हािन हो तो कारावास स जो दो वषर तक का हो सकगा या जमारन स जो पाच हजार रपए तक का हो सकगा या दोन स दणडनीय होगा या

(ख) यिद ऐस उललघन क पिरणामसवरप गमभीर शारीिरक कषित हो तो कारावास स जो एक वषर तक का हो सकगा या जमारन स जो तीन हजार रपए तक का हो सकगा या दोन स दडनीय होगा अथवा

(ग) यिद ऐस उललघन स खान म िनयोिजत िक तय को या खान म या उसक आसपास क अनय िक तय को कषित या खतरा कािरत हो तो कारवास स जो तीन मास तक का हो सकगा या जमारन स जो एक हजार रपए तक का हो सकगा या दोन स दणडनीय होगा 6[परनत नयायालय क िनणरय म लखब िकए जान वाल ततपरितकल िवशष और पयारप त कारण क अभाव म ऐसा जमारना

खणड (क) म िनिदष ट उललघन की दशा म तीन हजार रपए स कम नह होगा ]

(2) जहा िक कोई िक त इस धारा क अधीन दोषिस िकए गए जान पर िफर उसक अधीन दोषिस िकया जाए वहा वह उपधारा (1) ारा उपबिनधत दड क दगन दड स दणडनीय होगा

1 1959 क अिधिनयम स० 62 की धारा 40 ारा (16-1-1960 स) धारा 73 तथा धारा 74 क सथान पर परितसथािपत 2 1983 क अिधिनयम स० 42 की धारा 38 ारा (31-5-1984 स) अतःसथािपत 3 1983 क अिधिनयम स० 42 की धारा 39 ारा (31-5-1984 स) अतःसथािपत

29

(3) इस धारा क अधीन पािरत जमारन का दडादश आरोिपत करन वाला अथवा अपील या पनरीकषण म या अनयथा उसकी पिष ट करन वाला नयायालय िनणरय पािरत करत समय आदश द सकगा िक वसल िकया गया सपणर जमारना या उसका कोई भाग कषितगरसत िक त को या उसकी मतय की दशा म उसक िविधक परितिनिध को परितकर क रप म िदया जाए

परनत यिद जमारना ऐस मामल म आरोिपत िकया जाए जो अपीलनीय हो तो अपील उपिसथत िकए जान क िलए अनजञात कालाविध क बीत जान क पहल या यिद अपील उपिसथत की गई हो तो अपील क िविनश चय स पहल ऐसा कोई भी सदाय नह िकया जाएगा

73 आदश की अवजञा क िलए साधारण उपबनधmdashजो कोई इस अिधिनयम क या िकसी िविनयम िनयम या उपिविध क या तद धीन िकए गए िकसी आदश क िकसी ऐस उपबनध का उललघन करगा िजसक उललघन क िलए एतिसमनपवर कोई शािसत उपबिनधत नह ह वह कारावास स िजसकी अविध तीन मास तक की हो सकगी या जमारन स जो एक हजार रपए तक का हो सकगा या दोन स दडनीय होगा

74 पवर दोषिसि क पश चात विधत शािसतmdashयिद कोई िक त जो (धारा 72ख और 72ग स िभ ) पवरगामी उपबनध म स िकसी क अधीन दडनीय िकसी अपराध का दोषिस िकया जा चका हो पवर दोषिसि क दो वषर क अनदर िकए गए और उसी उपबनध का उललघन अनतवरिलत करन वाल िकसी अपराध क िलए पनः दोषिस िकया जाए तो वह हर एक पश चात वत दोषिसि क िलए उस दड क दगन दणड स दणडनीय होगा िजसस वह ऐस उपबनध क परथम उललघन क िलए दडनीय होता ]

75 सवामी अिभकतार या परबनधक का अिभयोजनmdashइस अिधिनयम क अधीन क िकसी अपराध क िलए िकसी सवामी अिभकतार या परबनधक क िवर कोई भी अिभयोजन मखय िनरीकषक की या िजला मिजसटरट की या मखय िनरीकषक क िलिखत साधारण या िवशष आदश ारा इस िनिम परािधकत िनरीकषक की पररणा पर सिसथत िकए जान क िसवाय सिसथत नह िकया जाएगा

1[परनत मखय िनरीकषक या िजला मिजसटरट या इस परकार परािधकत िनरीकषक ऐसा अिभयोजन सिसथत करन स पवर अपना यह समाधान करगा िक सवामी अिभकतार या परबनधक ऐस अपराध क िकए जान को रोकन म सभी समयक ततपरता बरतन म असफल रहा था ]

2[परनत यह और िक] िकसी खान म तकनीकी िनदशन और परबनध क अनकरम म िकए गए िकसी अपराध क बार म िजला मिजसटरट िकसी सवामी अिभकतार या परबनधक क िवर कोई अिभयोजन मखय िनरीकषक क पवर अनमोदन स सिसथत करन क िसवाय सिसथत नह करगा

3[76 कितपय मामल म सवामी का अवधारणmdashजहा िक खान का सवामी कोई फमर या िष टय का अनय सगम हो वहा उसक सब भागीदार या सदसय या उनम स कोई अथवा जहा िक खान का सवामी कमपनी हो वहा उसक सब िनदशक या उनम स कोई अथवा जहा िक खान का सवामी सरकार या कोई सथानीय परािधकारी हो वहा यथािसथित ऐसी सरकार या सथानीय परािधकारी ारा खान क कामकाज का परबनध करन क िलए परािधकत सब आिफसर या िक त या उनम स कोई ऐस िकसी अपराध क िलए िजसक िलए खान का सवामी दडनीय हो इस अिधिनयम क अधीन अिभयोिजत और दिडत िकया जा सकगा

4[परनत जहा िकसी फमर सगम या कमपनी न मखय िनरीकषक को िलिखत रप म यह सचना द दी ह िक उसनmdash

(क) फमर की दशा म उसक िकसी भागीदार या परबनधक को

(ख) सगम की दशा म उसक िकसी सदसय या परबनधक को

(ग) कमपनी की दशा म उसक िकसी िनदशक या परबनधक को

जो परतयक मामल म िकसी ऐस सथान म िजस पर इस अिधिनयम का िवसतार ह िनवासी ह और जो परतयक मामल म या तो वासतव म ऐसी फमर सगम या कमपनी क परबनध का भारसाधक ह या उसम अिधकाश शयर धारण करता ह इस अिधिनयम क परयोजन क िलए खान क सवामी क उ रदाियतव को गरहण करन क िलए नामिनदिशत कर िदया ह वहा यथािसथित ऐसा भागीदार सदसय िनदशक या परबनधक जब तक वह ऐसा िनवासी बना रहता ह और पव क त रप म भारसाधक ह या अिधकाश शयर को धारण करता ह इस अिधिनयम क परयोजन क िलए खान का सवामी समझा जाएगा जब तक िक उसक नामिनदशन को र करन वाली या यह कथन करन वाली कोई िलिखत सचना की वह यथािसथित भागीदारी सदसय िनदशक या परबनधक नह रहा ह मखय िनरीकषक को पराप त नह हो जाती ह

सपष टीकरणmdashजहा िकसी फमर सगम या कमपनी क िविभन न सथापन या शाखाए ह अथवा उसक िकसी सथापन या शाखा म िविभन न एकक ह वहा िविभन न सथापन या शाखा या एकक क सबध म इस परनतक क अधीन िविभन न िक तय को नामिनदिशत िकया जा सकगा और इस परकार नामिनदिशत िक त कवल उस सथापन शाखा या एकक क समबनध म िजसक समबनध म उस नामिनदिशत िकया गया ह खान का सवामी समझा जाएगा ]

1 1983 क अिधिनयम स० 42 की धारा 40 ारा (31-5-1984 स) अतःसथािपत 2 1983 क अिधिनयम स० 42 की धारा 40 ारा (31-5-1984 स) ldquoपरनतrdquo क सथान पर परितसथािपत 3 1959 क अिधिनयम स० 62 की धारा 41 ारा (16-1-1960 स) धारा 76 क सथान पर परितसथािपत 4 1983 क अिधिनयम स० 42 की धारा 41 ारा (31-5-1984 स) ldquoपरनतकrdquo क सथान पर परितसथािपत

30

77 सवामी अिभकतार या परबनधक को दाियतव स कितपय दशा म छटmdashजहा िक खान का सवामी अिभकतार या परबनधक जो इस अिधिनयम क अधीन िकसी अपराध का अिभयक त हो यह अिभकथन कर िक वासतिवक अपराधी अनय िक त ह वहा वह अपन

ारा इस िनिम िकए गए पिरवाद पर 1[और वासतिवक अपराधी का जञात पता दन पर] और अिभयोजक को ऐसा करन क अपन आशय की तीन स अनयन पणर िदन की िलिखत सचना दन पर इस बात का हकदार होगा िक वह अनय िक त उस तारीख को जो मामल की सनवाई क िलए िनयत हो नयायालय क समकष लाया जाए और यिद अपराध का िकया जाना सािबत हो जान क पश चात खान का यथािसथित सवामी अिभकतार या परबनधक नयायालय को समाधान परदान करन वाल रप म सािबत कर द िकmdash

(क) इस अिधिनयम क ससगत उपबनध का िनषपादन करान क िलए उसन समयक ततपता बरती ह तथा (ख) उस अनय िक त न परश नगत अपराध को उसक जञान सममित या मौनानकलता क िबना िकया ह

तो उक त अनय िक त उस अपराध क िलए दोषिस िकया जाएगा और उसी परकार क दणड स ऐस दडनीय होगा मानो वह खान का सवामी अिभकतार या परबनधक हो और यथािसथित सवामी अिभकतार या परबनधक दोषमक त कर िदया जाएगा परनतmdash

(क) यथािसथित खान क सवामी अिभकतार या परबनधक की शपथ पर परीकषा की जा सकगी और उसक और िकसी अनय साकषी क िजस वह अपन समथरन म बलाए सा य की उस िक त क ारा या की ओर स िजसकी बाबत वह अिभकिथत करता हो िक वह वासतिवक अपराधी ह और अिभयोजक ारा परितपरीकषा की जा सकगी

(ख) यिद वह िक त िजसका वासतिवक अपराधी होना अिभकिथत हो उस तारीख को जो मामल की सनवाई क िलए िनयत हो नयायालय क समकष समयक ततपरता बरती जान पर भी न लाया जा सक तो नयायालय उसकी सनवाई समय-समय पर सथिगत कर दगा िकनत इस परकार िक ऐस सथगन की कल कालाविध तीन मास स अिधक न हो और यिद उक त कालाविध क अनत तक भी वह िक त िजसका वासतिवक अपराधी होना अिभकिथत हो नयायालय क समकष न लाया जा सक तो नयायालय यथािसथित सवामी अिभकतार या परबनधक क िवर मामल की सनवाई क िलए अगरसर होगा

78 नयायालय की आदश करन की शिक तmdash(1) जहा िक खान का सवमी अिभकतार या परबनधक इस अिधिनयम क अधीन दडनीय अपराध क िलए दोषिस िकया जाए वहा नयायालय उस कोई दड अिधिनण त करन क अितिरक त िलिखत आदश ारा उसस आदश म िविनिदष ट कालाविध क अनदर (िजस नयायालय इस िनिम िकए गए आवदन पर समय-समय पर िवसतािरत कर सकगा) ऐस उपाय करन की अपकषा कर सकगा जो उन बात का उपचार करन क िलए िजनक बार म अपराध िकया गया था ऐस िविनिदष ट िकए जाए (2) जहा िक उपधारा (1) क अधीन आदश िदया जाए वहा यथािसथित खान का सवामी अिभकतार या परबनधक उस कालाविध या िवसतािरत कालाविध क यिद कोई हो दौरान अपराध क चाल रहन क िवषय म इस अिधिनयम क अधीन दडनीय नह होगा िकनत यिद नयायालय क आदश का पणर अनपालन ऐसी कालाविध या िवसतािरत कालाविध क अवसान पर न हो गया हो तो यथािसथित सवामी अिभकतार या परबनधक क बार म यह समझा जाएगा िक उसन अितिरक त अपराध िकया ह और वह कारावास स िजसकी अविध छह मास तक की हो सकगी या जमारन स जो ऐस अवसान क पश चात हर एक ऐस िदन क िलए िजसम िक आदश का अनपालन न हआ हो एक सौ रपए तक का हो सकगा या दोन स दणडनीय होगा 79 अिभयोजन की पिरसीमाmdashकोई भी नयायालय इस अिधिनयम क अधीन िकसी अपराध का सजञान तब तक नह करगा जब तक िक उसका पिरवादmdash

(i) उस तारीख स िजसकी बाबत यह अिभकिथत हो िक अपराध उस तारीख को िकया गया छह मास क अनदर अथवा

(ii) उस तारीख स िजसको िक अिभकिथत अपराध का िकया जाना िनरीकषक क जञान म आया छह मास क अनदर अथवा

2[(iiक) िकसी ऐस मामल म िजसम अिभयक त लोक सवक ह या था और ततसमय परव िकसी िविध क अधीन अपराध का सजञान करन क िलए कनदरीय सरकार या राजय सरकार या िकसी अनय परािधकारी की पवर मजरी आवशयक ह उस तारीख क िजसको ऐसी मजरी मखय िनरीकषक को पराप त होती ह तीन मास क अनदर अथवा]

(iii) िकसी ऐस मामल म िजसम जाच नयायालय कनदरीय सरकार ारा धारा 24 क अधीन िनयक त िकया गया हो उस धारा की उपधारा (4) म िविनिदष ट िरपोटर क परकाशन की तारीख क पश चात 3[एक वषर] क अनदर

इनम स जो भी बाद म हो न िकया गया हो 4[सपष टीकरणmdashइस धारा क परयोजन क िलएmdash

1 1959 क अिधिनयम स० 62 की धारा 42 ारा (16-1-1960 स) अनतःसथािपत 2 1983 क अिधिनयम स० 42 की धारा 42 ारा (31-5-1984 स) अतःसथािपत 3 1983 क अिधिनयम स० 42 की धारा 42 ारा (31-5-1984 स) ldquoछह मासrdquo क सथान पर परितसथािपत 4 1959 क अिधिनयम स० 62 की धारा 43 ारा (16-1-1960 स) सप ीकरण जोड़ा गया

31

(क) चाल रहन वाल अपराध की दशा म पिरसीमा की सगणना उस समय क हर कषण क परित िनदश स की जाएगी िजसक दौरान अपराध चाल रह

(ख) जहा िक कोई कायर करन क िलए समय इस अिधिनयम क अधीन िवसतािरत िकया गया हो वहा पिरसीमा की सगणना उस िवसतािरत कालाविध क अवसान स की जाएगी ]

80 अपराध का सजञानmdash1[महानगर मिजसटरट या परथम वगर नयाियक मिजसटरट] क नयायालय स अवर कोई नयायालय इस अिधिनयम क अधीन िकसी ऐस अपराध का िजसकी बाबत यह अिभकिथत हो िक वह खान क सवामी अिभकतार या परबनधक ारा िकया गया ह या िकसी ऐस अपराध का जो इस अिधिनयम ारा कारावास स दडनीय बनाया गया ह िवचारण नह करगा

80क [जमारन क बार म िवशष उपबध ]mdashखान (सशोधन) अिधिनयम 1983 (1983 का 42) की धारा 44 ारा (31-5-1984 स) िनरिसत

81 कितपय मामल म अिभयोजन क बजाय खान बोडर या सिमित को िनदशmdash(1) यिद मखय िनरीकषक या िजला मिजसटरट या िकसी िनरीकषक की पररणा पर इस अिधिनयम क अधीन सिसथत िकसी मामल का िवचारण करन वाल नयायालय की यह राय हो िक यह मामला ऐसा ह जो अिभयोजन क बजाय 2 सिमित को िनदिशत िकया जाना चािहए तो वह दािडक कायरवािहय को रोक सकगा और इस दिष ट स िक ऐसा िनदशन िकया जाए उस िवषय की िरपोटर कनदरीय सरकार को भजगा

(2) उपधारा (1) क अधीन िरपोटर पराप त होन पर कनदरीय सरकार मामला 2 सिमित को िनदिशत कर सकगी या िवचारण म अगरसर होन क िलए नयायालय को िनदश द सकगी

अधयाय 10

परकीणर 82 इस परश न का िविनश चय िक कया खान इस अिधिनयम क अधीन हmdashयिद कोई परश न उठ िक कया 3[खान का और उसम

का या उसका पाश वरसथ कोई उतखान या खिनत या पिरसर िजस पर खिनज या कोक पराप त करन दरसी करन या िवकरय क िलए तयार करन की सहायक कोई परिकरया चलाई जा रही ह] इस अिधिनयम क अथर क अनदर खान ह तो कनदरीय सरकार उस परश न का िविनश चय कर सकगी और कनदरीय सरकार क सिचव ारा हसताकषिरत परमाणपतर इस परश न पर िनश चायक होगा

83 अिधिनयम क परवतरन स छट दन की शिक तmdash4[(1)] कनदरीय सरकार िकसी सथानीय कषतर या िकसी खान को या खान क िकसी समह या वगर को या खान क िकसी भाग को या िक तय क िकसी वगर को 5[इस अिधिनयम या उसक अधीन बनाए गए िविनयम िनयम या उपिविधय क सब उपबनध क या उनम स िकसी क] परवतरन स छट शासकीय राजपतर म अिधसचना ारा या तो अतयितकतः या िकनह िविनिदष ट शत क अधयधीन द सकगी

परनत िकसी सथनीय कषतर या खान या खान क समह या वगर को 6[धारा 40 और धारा 45] क उपबनध स छट तब तक नह दी जाएगी जब तक उस इस अिधिनयम क अनय सब उपबनध क परवतरन स भी छट न द दी जाए ]

7[(2) कनदरीय सरकार मखय िनरीकषक या िकसी अनय परािधकारी को साधारण या िवशष आदश ारा ऐस िनबरनधन क अधयधीन िजनह अिधरोिपत करना वह ठीक समझ परािधकत कर सकगी िक वह िकसी खान या उसक िकसी भाग को 8[िविनयम िनयम या उपिविधय ] क उपबन ध म स िकसी क परवतरन स िकनह िविनिदष ट शत क अधयधीन तब छट द द जब िक मखय िनरीकषक या ऐस अिधकारी की राय हो िक खान या उसक भाग म पिरिसथितया ऐसी ह िक उनक कारण ऐस उपबनध का अनपालन अनावशयक या अ वहायर हो जाता ह ]

84 आदश को पिरवितत या िवखिणडत करन की शिक तmdash9[(1)] कनदरीय सरकार इस अिधिनयम क अधीन िदया गया कोई आदश उलट सकगी या उपानतिरत कर सकगी

10[(2) मखय िनरीकषक लखब िकए जान वाल कारण स इस अिधिनयम क अधीन या िकसी िविनयम िनयम या उपिविध क अधीन अपन ारा पािरत िकसी आदश को उलट सकगा या उस उपातिरत कर सकगा

(3) खान क सवामी अिभकतार या परबनधक पर परितकल परभाव डालन वाला कोई आदश इस धारा क अधीन तब तक नह िकया जाएगा जब तक िक ऐस सवामी अिभकतार या परबनधक को अभयावदन करन का यिक तयक त अवसर न द िदया गया हो ]

1 1983 क अिधिनयम स० 42 की धारा 43 ारा (31-5-1984 स) ldquoपरसीडसी मिजसटरट या परथम वगर मिजसटरटrdquo क सथान पर परितसथािपत 2 1983 क अिधिनयम स० 42 की धारा 43 ारा (31-5-1984 स) ldquoखनन बोडरrdquo शब द का लोप िकया गया 3 1959 क अिधिनयम स० 62 की धारा 45 ारा (16-1-1960 स) अनतःसथािपत 4 1959 क अिधिनयम स० 62 की धारा 46 ारा (16-1-1960 स) उपधारा (1) क रप म पनःसखयािकत 5 1983 क अिधिनयम स० 42 की धारा 46 ारा (31-5-1984 स) ldquoइस अिधिनयम क सब उपबध क िकसी कrdquo क सथान पर परितसथािपत 6 1983 क अिधिनयम स० 42 की धारा 46 ारा (31-5-1984 स) ldquoधारा 45rdquo क सथान पर परितसथािपत 7 1959 क अिधिनयम स० 62 की धारा 46 ारा (16-1-1960 स) अनतःसथािपत 8 1983 क अिधिनयम स० 42 की धारा 46 ारा (31-5-1984 स) ldquoइस अिधिनयम क अतगरत िविनयम और िनयमrdquo क सथान पर परितसथािपत 9 1983 क अिधिनयम स० 42 की धारा 47 ारा (31-5-1984 स) धारा 84 उपधारा (1) क रप म पनःसखयािकत 10 1983 क अिधिनयम स० 42 की धारा 47 ारा (31-5-1984 स) अतःसथािपत

32

85 सरकार की खान को अिधिनयम का लाग होनाmdashयह अिधिनयम सरकार की खान को 1[भी] लाग होगा 2[85क सचना आिद दन क िलए अपिकषत िक त ऐसा करन क िलए वध रप स आब ह गmdashहर िक त जो िकसी

अिधकारी को कोई सचना या इि ला इस अिधिनयम क अधीन दन क िलए अपिकषत ह भारतीय दड सिहता (1860 का 45) की धारा 176 क अथर क अनदर ऐसा करन क िलए वध रप स आब होगा ]

3[85ख िववरिणय सचना आिद पर हसताकषर करनाmdashइस अिधिनयम या उसक अधीन बनाए गए िकसी िविनयम िनयम उपिविध या िकसी आदश क उपबनध क समबनध म िकसी खान क सवामी ारा या उसकी ओर स दी जान क िलए अपिकषत सभी िववरिणय और सचना पर या भजी जान वाली सचना पर खान क सवामी अिभकतार या परबधक ारा या िकसी ऐस िक त ारा िजस सवामी ारा मखतारनाम ारा इस िनिम शिक त परतयायोिजत की गई ह हसताकषर िकए जाएग

85ग सिवधा और जन सिवधा क िलए फीस या परभार का वसल न िकया जानाmdashखान म िनयोिजत िकसी िक त स सरकषातमक परबनध या दी जान वाली सिवधा या इस अिधिनयम क उपबनध क अधीन परदाय िकए जान वाल िकसी उपसकर या सािधतर की बाबत कोई फीस या परभार वसल नह िकया जाएगा ]

86 1948 क अिधिनयम 63 क कितपय उपबध का खान को लाग होनाmdashकनदरीय सरकार शासकीय राजपतर म अिधसचना ारा िनदश द सकगी िक कारखाना अिधिनयम 1948 (1948 का 63) क अधयाय 3 और 4 क उपबनध ऐस अपवाद और िनबरनधन क

अधयधीन रहत हए जस उस अिधसचना म िविनिदष ट िकए जाए सब खान और उनकी परसीमा को लाग ह ग

87 सद भावपवरक िकए गए कायर क िलए पिरतराणmdashकोई भी वाद अिभयोजन या अनय िविधक कायरवाही इस अिधिनयम क अधीन सद भावपवरक की गई या जान क िलए आशियत िकसी बात क िलए िकसी िक त क िवर न होगी

88 [1923 क अिधिनयम 4 का िनरसन]mdashिनरसन और सशोधन अिधिनयम 1957 (1957 का 36) की धारा 2 और पहली अनसची ारा िनरिसत

______

1 1959 क अिधिनयम स० 62 की धारा 47 ारा (16-1-1960 स) अनतःसथािपत 2 1959 क अिधिनयम स० 62 की धारा 48 ारा (16-1-1960 स) अनतःसथािपत 3 1983 क अिधिनयम स० 42 की धारा 48 ारा (31-5-1984 स) अतःसथािपत

Page 25: खान अधिनियम, 1952ncwapps.nic.in/acts/TheMinesAct1952_Hindi.pdf1 ज ल ई, 1952, द खए भ रत क र जपतर (अ गर 1952, ज ) भ ग 2,

25

1

2[(4) कोई भी िविनयम या िनयम तब तक नह बनाया जाएगा जब तक िक उस िविनयम या िनयम का परारप धारा 12 की उपधारा (1) क अधीन गिठत सिमित को िनदिशत न कर िदया गया हो और जब तक उस सिमित को उसक बनाए जान की समीचीनता और उसक उपबनध की उपयक तता की बाबत िरपोटर दन का यिक तयक त अवसर न िमल गया हो ]

(5) िविनयम और िनयम शासकीय राजपतर म परकािशत िकए जाएग और ऐस परकािशत िकए जान पर ऐस परभाव रखग मानो व इस अिधिनयम म अिधिनिमत ह

(6) उपधारा (1) उपधारा (2) और उपधारा (4) क उपबनध उस अवसर को लाग न ह ग िजस पर धारा 58 क खड (घ) या खड (ङ) म िनदिशत िनयम सवरपरथम बनाए जाए

3

60 पवर परकाशन क िबना िविनयम बनान की शिक तmdashयिद कनदरीय सरकार का समाधान हो जाए िक आशिकत खतर का िनवारण करन या खतरा पदा करन की सभा ता रखन वाली िसथितय का शीघर उपचार करन क िलए यह आवशयक ह िक ऐस िविनयम बनान म वह िवलमब न होन िदया जाए जो ऐस परकाशन और िनदशन स होगा तो धारा 57 4 क अधीन िविनयम धारा 59 की उपधारा (1) उपधारा (2) और उपधारा 5[(4)] म अनतिवष ट िकसी बात क होत हए भी पवर परकाशन और 6[धारा 12 की उपधारा (1) क अधीन गिठत सिमित] को 7 िनदशन क िबना बनाए जा सकग

परनत इस परकार बनाए गए िविनयम 8[सिमित की जानकारी क िलए भज जाएग और] बनाए जान स 9[एक वषर] स अिधक क िलए परव नह रहग

61 उपिविधयाmdash(1) खान का सवामी अिभकतार या परबनधक 10[उस खान म िकसी िवशष मशीनरी क उपयोग या कायरकरण की िकसी िवशष प ित को अपनाए जान क शािस त करन क िलए] इस अिधिनयम या िकनह ततसमय परव िविनयम या िनयम स असगत न होन वाली ऐसी उपिविधय का परारप जसी िक ऐसा सवामी अिभकतार या परबनधक उस खान म दघरटना का िनवारण करन क िलए और उसम िनयोिजत िक तय क कषम सिवधा और अनशासन हत उपबनध करन क िलए आवशयक समझ तयार कर सकगा और मखय िनरीकषक या िनरीकषक को िनविदत कर सकगा और यिद ऐसा करन की उसस अपकषा मखय िनरीकषक या िनरीकषक ारा की जाए तो तयार करगा और िनविदत करगा

(2) यिद ऐसा कोई सवामी अिभकतार या परबनधकmdash

(क) मखय िनरीकषक या िनरीकषक ारा ऐसा करन की उसस अपकषा की जान क पश चात दो मास क अनदर उपिविधय का परारप िनविदत करन म असफल रह अथवा

(ख) उपिविधय का ऐसा परारप िनविदत कर जो मखय िनरीकषक या िनरीकषक की राय म पयार न हो

तो मखय िनरीकषक या िनरीकषकmdash

(i) ऐसी उपिविधय का परारप परसथािपत कर सकगा जो उस पयार परतीत ह अथवा

(ii) सवामी अिभकतार या परबनधक ारा जो परारप उस िनविदत िकया गया हो उसम ऐस सशोधन परसथािपत कर सकगा िजनस उसकी राय म वह पयार हो जाएगा और ऐसी परारप-उपिविधया या परारप-सशोधन यथािसथित सवामी अिभकतार या परबनधक क पास िवचार क िलए भजगा

(3) यिद उस तारीख स िजसको कोई परारप-उपिविधया या परारप-सशोधन मखय िनरीकषक या िनरीकषक न सवामी अिभकतार या परबनधक क पास उपधारा (2) क उपबनध क अधीन भज ह दो मास की कालाविध क अनदर मखय िनरीकषक या िनरीकषक और सवामी अिभकतार या परबनधक उपधारा (1) क अधीन बनाई जान वाली उपिविधय क िनबनधन क िवषय म परसपर सहमत होन म

1 1959 क अिधिनयम स० 62 की धारा 33 ारा (16-1-1960 स) उपधारा (3) का लोप िकया गया 2 1983 क अिधिनयम स० 42 की धारा 32 ारा (31-5-1984 स) उपधारा (4) क सथान पर परितसथािपत 3 1983 क अिधिनयम स० 42 की धारा 32 ारा (31-5-1984 स) उपधारा (7) का लोप िकया गया 4 1959 क अिधिनयम स० 62 की धारा 34 ारा (16-1-1960 स) ldquoक खड (ठ) को अपविजत करत हए खड (झ) और खड (ट) स (ख) (ध)rdquo शबद को क और अकषर का

लोप िकया गया 5 1959 क अिधिनयम स० 62 की धारा 34 ारा (16-1-1960 स) ldquo(3)rdquo क सथान पर परितसथािपत 6 1983 क अिधिनयम स० 42 की धारा 33 ारा (31-5-1984 स) ldquoखनन बोड rdquo क सथान पर परितसथािपत 7 1959 क अिधिनयम स० 62 की धारा 34 ारा (16-1-1960 स) ldquoपवरrdquo शबद का लोप िकया गया 8 1983 क अिधिनयम स० 42 की धारा 33 ारा (31-5-1984 स) अनतःसथािपत 9 1959 क अिधिनयम स० 62 की धारा 34 ारा (16-1-1960 स) ldquoदो वषरrdquo क सथान पर परितसथािपत 10 1983 क अिधिनयम स० 42 की धारा 34 ारा (31-5-1984 स) कितपय शबद क सथान पर परितसथािपत

26

असमथर रह तो मखय िनरीकषक या िनरीकषक परारप-उपिविधय को पिरिनधाररण क िलए 1[धारा 12 की उपधारा (1) क अधीन गिठत सिमित को] िनदिशत करगा

(4) (क) जबिक ऐसी पररप-उपिविधय पर अिभकतार या परबनधक और मखय िनरीकषक सहमत हो गए ह या जबिक उनक सहमत होन म असमथर होन पर व 2[धारा 12 की उपधारा (1) क अधीन गिठत सिमित को] ारा पिरिनधारिरत कर दी गई ह तब मखय िनरीकषक या िनरीकषक ारा परारप-उपिविधय की एक परित कनदरीय सरकार को अनमोदनाथर भजी जाएगी

(ख) कनदरीय सरकार परारप-उपिविधय म ऐसा उपातरण कर सकगी जसा वह ठीक समझ

(ग) इसस पवर िक कनदरीय सरकार परारप-उपिविधय का अनमोदन चाह उपातर क सिहत या उनक िबना कर उपिविधया बनान की परसथापना की और उस सथान की जहा परारप-उपिविधय की परितया अिभपरा की जा सकगी और उस समय की (जो तीस िदन स कम का न होगा) इसक अनदर िक परभािवत िक तय क ारा या उनकी ओर स परारप-उपिविधय क परित िकया गया कोई आकषप कनदरीय सरकार को भजा जाना चािहए सचना ऐसी रीित स जसी कनदरीय सरकार परभािवत िक तय की जानकारी दन क िलए उपयक ततम समझ परकािशत की जाएगी

(घ) हर आकषप िलिखत होगा और उसमmdash

(i) आकषप क िविशष ट आधार तथा

(ii) चाह गए लोप पिरवधरन या उपानतर

किथत ह ग

(ङ) उन िक तय क ारा या उनकी ओर स िजनकी बाबत कनदरीय सरकार को यह परतीत हो िक व तद ारा परभािवत िक त ह अपिकषत समय क अनदर िकए गए आकषप पर वह सरकार िवचार करगी और उपिविधय पर या तो उस रप म िजसम व परकािशत की गई थ या उनम ऐस सशोधन करक िजनह वह ठीक समझ अनमोिदत कर सकगी

(5) कनदरीय सरकार ारा इस परकार अनमोिदत हो जान पर उपिविधया इस परकार परभावी ह गी मानो व इस अिधिनयम म अिधिनयिमत ह और खान का सवामी अिभकतार या परबनधक उन उपिविधय की एक परित अगरजी म और ऐसी अनय भाषा या भाषा म जसी िविहत की जाए खान म या उसक आसपास िकसी ऐस सहजदशय सथान पर लगवाएगा जहा व उपिविधया िनयोिजत

िक तय ारा सिवधापवरक पढ़ी या दखी जा सक और िजतनी बार व िवरिपत हो जाए िमट जाए या नष ट हो जाए उतनी बार यिक तयक त शीघरता क साथ उनह नए िसर स लगवाएगा

(6) कनदरीय सरकार इस परकार िनिमत िकसी उपिविध को िलिखत आदश ारा पणरतः या भागतः िवखिडत कर सकगी और तदपिर ऐसी उपिविध तदनसार परभावहीन हो जाएगी

3[61क िविनयम िनयम और उपिविधय का ससद क समकष रखा जानाmdashधारा 57 क अधीन बनाया गया परतयक िविनयम धारा 58 क अधीन बनाया गया परतयक िनयम और धारा 61 क अधीन बनाई गई परतयक उपिविध बनाई जान क पश चात यथाशीघर ससद क परतयक सदन क समकष जब वह सतर म हो कल तीस िदन की अविध क िलए रखा जाएगा या रखी जाएगी यह अविध एक सतरा म अथवा दो या अिधक आनकरिमक सतर म परी हो सकगी यिद उस सतर क या पव क त आनकरिमक सतर म अवसान क पवर दोन सदन उस िविनयम िनयम या उपिविध म कोई पिरवतरन करन क िलए सहमत हो जाए तो ततपश चात वह ऐस पिरवितत रप म ही परभावी होगा या होगी यिद उक त अवसान क पवर दोन सदन सहमत हो जाए िक वह िविनयम िनयम या उपिविध नह बनाया या बनायी जानी चािहए तो ततपश चात वह िनषपरभाव हो जाएगा या हो जाएगी िकनत यथािसथित िविनयम िनयम या उपिविधय क ऐस पिरवितत या िनषपरषभाव होन स उसक अधीन पहल की गई िकसी बात की िविधमानयता पर परितकल परभाव नह पड़गा ]

62 अिधिनयम िविनयम आिद की सिकषिप तया लगवानाmdashहर खान म या उसक आसपास अगरजी म और ऐसी अनय भाषा या भाषा म जो िविहत की जाए अिधिनयम की और िविनयम और िनयम की िविहत सिकषिप तया लगाई रखी जाएगी

अधयाय 9

शािसतया और परिकरया 63 बाधा डालनाmdash(1) जो कोई मखय िनरीकषक िनरीकषक या धारा 8 क अधीन परािधकत िकसी िक त क इस अिधिनयम क अधीन क उसक अपन कतर क िनवरहन म बाधा डालगा या मखय िनरीकषक िनरीकषक या ऐस िक त को िकसी खान क समबनध म इस अिधिनयम क ारा या अधीन परािधकत कोई परवश िनरीकषण परीकषा या जाच करन क िलए कोई यिक तयक त सिवधा दन स इनकार करगा या दन म जानबझकर उपकषा करगा वह कारावास स िजसकी अविध तीन मास तक की हो सकगी या जमारन स जो पाच सौ रपए तक का हो सकगा या दोन स दणडनीय होगा

1 1983 क अिधिनयम स० 42 की धारा 34 ारा (31-5-1984 स) कितपय शबद क सथान पर परितसथािपत 2 1983 क अिधिनयम स० 42 की धारा 34 ारा (31-5-1984 स) कितपय शबद क सथान पर परितसथािपत 3 1983 क अिधिनयम स० 42 की धारा 35 ारा (31-5-1984 स) अतःसथािपत

27

(2) जो कोई इस अिधिनयम क अनसरण म रख गए िकनह रिजसटर या अनय दसतावज को मखय िनरीकषक या िनरीकषक की माग पर पश करन स इनकार करगा अथवा िकसी ऐस िनरीकषण आिफसर क समकष जो इस अिधिनयम क अधीन क अपन कतर क अनसरण म कायर कर रहा ह उपसजात होन या उसक ारा परीकषा की जान स िकसी िक त को िनवािरत करगा या िनवािरत करन का परयत न करगा या कोई ऐसा कायर करगा िजसक बार म उसक पास यह िवश वास करन का कारण हो िक उसस उसका इस परकार िनवािरत होना सभा ह वह जमारन स जो तीन सौ रपए तक का हो सकगा दणडनीय होगा

64 अिभलख का िमथयाकरण आिदmdashजो कोईmdash

(क) इस अिधिनयम क अधीन अनद िकसी परमाणपतर का या परमाणपतर की िकसी कायारलय परित का कटकरण करगा या जानत हए उसम िमथया कथन करगा अथवा

(ख) जानत हए ऐस िकसी कटकतय या िमथया परमाणपतर को असली क रप म उपयोग म लाएगा अथवा

(ग) कोई िमथया घोषणा कथन या सा य यह जानत हए िक वह िमथया ह अपन िलए या िकसी अनय िक त क िलए इस अिधिनयम क अधीन परमाणपतर अिभपरा करन या परमाणपतर का नवीकरण करान या खान म िनयोजन अिभपरा करन क परयोजनाथर करगा या बनाएगा या पश करगा या उपयोग म लाएगा अथवा

1[(घ) िकसी ऐस रखाक खडिचतर रिजसटर या अिभलख का िमथयाकरण करगा िजसका रखा जाना इस अिधिनयम क ारा या अधीन अपिकषत हो या ऐसा िमथया रखाक खडिचतर रिजसटर या अिभलख उस िमथया जानत हए िकसी परािधकारी क

समकष पश करगा अथवा]

(ङ) कोई ऐसा रखाक िववरणी सचना अिभलख या िरपोटर बनाएगा दगा या पिरद करगा िजसम ऐसा कथन परिवि या बयौरा अनतिवष ट हो जो उसकी सव म जानकारी या िवश वास क अनसार सही न हो

वह कारावास स िजसकी अविध तीन मास तक की हो सकगी या जमारन स जो 2[एक हजार रपए] तक का हो सकगा या दोन स दणडनीय होगा

65 िमथया योगयता परमाणपतर का उपयोगmdashजो कोई 3[धारा 43] क अधीन अनय िक त को अनद िकसी परमाणपतर का उस धारा क अधीन अपन को योगयता-परमाणपतर क रप म जानत हए उपयोग करगा या उपयोग करन का परयत न करगा या उस धारा क अधीन अपन को योग यता-परमाणपतर अनद िकए जान पर जानत हए अनय िक त को उसका उपयोग करन दगा या उपयोग करन का परय करन दगा वह कारावास स िजसकी अविध एक मास तक की हो सकगी या जमारन स जो 4[दो सौ] रपए तक का हो सकगा या दोन स दणडनीय ोगा

िक तयक त कारण क िजस सािबत करन का भार उस पर होगा करगा जमारन स जो 6[एक हजार] रपए क का हो

ास स िजसकी विध तीन

ोिजत िकया जाता ह तो ऐसी खान का सवामी अिभकतार या परबनधक ऐस जमारन स जो पाच सौ रपए क का हो

ी अविध तीन मास तक की हो सकगी या जमारन स जो 10[दो हजार पाच सौ] रपए तक का हो सकगा या दोन स दणडनीय होगा

66 रखाक आिद दन का लोपmdashकोई िक त जो इस अिधिनयम क ारा या अधीन बनाए जान या िदए जान क िलए अपिकषत कोई रखाक 5[खडिचतर] िववरणी सचना रिजसटर अिभलख या िरपोटर िविहत पररप म या िविहत रीित स या िविहत समय पर या क भीतर बनान या दन का लोप िकए िबना यत सकगा दणडनीय होगा

67 शरिमक क िनयोजन िवषयक उपबनध का उललघनmdashजो कोई उसक िसवाय जसा िक धारा 38 ारा अनजञात ह इस अिधिनयम क या िकसी िविनयम िनयम या उपिविध क या तद धीन िकए गए िकसी आदश क िकसी ऐस उपबनध का उललघन करगा जो खान म या उसक आसपास िक तय क िनयोजन या उनकी उपिसथित को परितिष िनबरिनधत या िविनयिमत करता हो वह कारावअ मास तक की हो सकगी या जमारन स जो 7[एक हजार] रपए तक का हो सकगा या दोन स 8 दडनीय होगा

9[68 अठारह वषर स कम आय क िक तय क िनयोजन क िलए शािसतmdashयिद अठारह वषर स कम आय क िकसी िक त को धारा 40 क उललघन म िकसी खान म िनयत सकगा दणडनीय होगा ]

69 परबनधक िनयक त करन म असफलताmdashधारा 17 क उपबनध क उललघन म जो कोई परबनधक िनयक त करन म असफल रहगा वह कारावास स िजसक11

1 1959 क अिधिनयम स० 62 की धारा 35 ारा (16-1-1960 स) खड (घ) क सथान पर परितसथािपत 2 1959 क अिधिनयम स० 62 की धारा 35 ारा (16-1-1960 स) ldquoपाच सौ रपएrdquo क सथान पर परितसथािपत 3 1983 क अिधिनयम स० 42 की धारा 36 ारा (31-5-1984 स) ldquoधारा 40rdquo क सथान पर परितसथािपत 4 1959 क अिधिनयम स० 62 की धारा 36 ारा (16-1-1960 स) ldquoपचासrdquo क सथान पर परितसथािपत 5 1959 क अिधिनयम स० 62 की धारा 37 ारा (16-1-1960 स) अनतःसथािपत 6 1959 क अिधिनयम स० 62 की धारा 37 ारा (16-1-1960 स) ldquoदो सौrdquo क सथान पर परितसथािप 7 1959 क अिधिनयम स० 62 की धारा 38 ारा (16-1-1960 स) ldquoपाच सौrdquo क सथान पर परितसथािपत 8 1959 क अिधिनयम स० 62 की धारा 38 ारा (16-1-1960 स) कितपय शबद का लोप िकया गया 9 1983 क अिधिनयम स० 42 की धारा 37 ारा (31-5-1984 स) धारा 68 क सथान पर परितसथािपत 10 1959 क अिधिनयम स० 62 की धारा 39 ारा (16-1-1960 स) ldquoपाच सौrdquo क सथान पर परितसथािपत 11 1959 क अिधिनयम स० 62 की धारा 39 ारा (16-1-1960 स) कितपय शबद का लोप िकया गया

28

70 दघरटना की सचनाmdash(1) धारा 23 की उपधारा (1) क उपबनध क उललघन म जो कोई िकसी दघरटना की सचना दन म या उस सचना की परित उस उपधारा म िनिदष ट िवशष सचनाप पर लगान म और िविनिदष ट कालाविध क िलए वहा रखन म असफल रहगा वह कारावास स िजसकी अविध तीन मास तक की हो सकगी या जमारन स जो पाच सौ रपए तक का हो सकगा या दोन स दणनीय होगा

(2) कनदरीय सरकार ारा धारा 23 की उपधारा (3) क अधीन िदए गए िनदश क उललघन म जो कोई िकसी दघरटना को िविहत रिजसटर म अिभिलिखत करन म या उसकी सचना दन म असफल रहगा वह कारावास स िजसकी अविध तीन मास तक की हो सकगी या जमारन स तो पाच सौ रपए तक का हो सकगा या दोन स दणडनीय होगा

71 कितपय मामल म सवामी आिद का मखय िनरीकषक को िरपोटर दनाmdashजहा िक खान क यथािसथित सवामी अिभकतार या परबनधक न खान म या उसक आसपास िनयोिजत िकसी िक त क िवर कायरवाही इस अिधिनयम क अधीन क िकसी अपराध क बार म की हो वहा वह नयायालय क िनणरय या आदश की तारीख स इक कीस िदन क अनदर उसक पिरणाम की िरपोटर मखय िनरीकषक को दगा

72 खान म िनयोिजत िक तय की बाधयताmdashखान म िनयोिजत कोई भी िक तmdash

(क) खान म िनयोिजत िक तय का सवासथय कषम या कलयाण सिनिश चत करन क परयोजनाथर खान म उपबिनधत िकसी सािधतर सिवधा या अनय चीज म जानबझकर हसतकषप या उसका जानबझकर दरपयोग न करगा

(ख) जानबझकर और यिक तयक त कारण क िबना कोई ऐसी बात न करगा िजसस सवय उसक या अनय क सकटाप होन की सभा ता हो

(ग) खान म िनयोिजत िक तय का सवासथय या कषम सिनिश चत करन क परयोजनाथर उसम उपबिनधत िकसी सािधतर या अनय चीज को उपयोग म लान की जानबझकर उपकषा नह करगा

1[72क कछ िविनयम क उललघन क िलए िवशष उपबनधmdashजो कोई धारा 57 क खणड (घ) खणड (झ) खणड (ड) खणड (ढ) खणड (ण) खणड (त) खणड (द) खणड (ध) और खणड (प) म िविनिदष ट बात स सब िकसी िविनयम क या िकसी उपिविध क या तद धीन िकए गए िकसी आदश क िकसी उपबनध का उललघन करगा वह कारावास स िजसकी अविध छह मास तक की हो सकगी या जमारन स जो दो हजार रपए तक का हो सकगा या दोन स दणडनीय होगा

72ख धारा 22 क अधीन आदश क उललघन क िलए िवशष उपबनधmdashजो कोई धारा 22 की उपधारा (1क) उपधारा (2) या उपधारा (3) क अधीन 2[या धारा 22क की उपधारा (2) क अधीन] िनकाल गए आदश क उललघन म खान का कायरकरण चाल रखगा वह कारावास स िजसकी अविध दो वषर तक की हो सकगी दडनीय होगा और जमारन स भी जो पाच हजार रपए तक का हो सकगा दडनीय होगा

2[परनत नयायालय क िनणरय म लखब िकए जान वाल ततपरितकल िवशष और पयारप त कारण क अभाव म ऐसा जमारना खड (क) म िनिदष ट उललघन की दशा म तीन हजार रपए स कम नह होगा ]

72ग िविध क ऐस उललघन क िलए िजसक खतरनाक पिरणाम होत ह िवशष उपबनधmdash(1) जो कोई इस अिधिनयम क या िकसी िविनयम िनयम या उपिविध क या तद धीन िकए गए [धारा 22 की उपधारा (1क) या उपधारा (2) या उपधारा (3) 3[या धारा 22क की उपधारा (2)] क अधीन िकए गए आदश स िभ ] िकसी आदश क िकसी उपबनध का उललघन करगा वहmdash

(क) यिद ऐस उललघन क पिरणामसवरप जीवन की हािन हो तो कारावास स जो दो वषर तक का हो सकगा या जमारन स जो पाच हजार रपए तक का हो सकगा या दोन स दणडनीय होगा या

(ख) यिद ऐस उललघन क पिरणामसवरप गमभीर शारीिरक कषित हो तो कारावास स जो एक वषर तक का हो सकगा या जमारन स जो तीन हजार रपए तक का हो सकगा या दोन स दडनीय होगा अथवा

(ग) यिद ऐस उललघन स खान म िनयोिजत िक तय को या खान म या उसक आसपास क अनय िक तय को कषित या खतरा कािरत हो तो कारवास स जो तीन मास तक का हो सकगा या जमारन स जो एक हजार रपए तक का हो सकगा या दोन स दणडनीय होगा 6[परनत नयायालय क िनणरय म लखब िकए जान वाल ततपरितकल िवशष और पयारप त कारण क अभाव म ऐसा जमारना

खणड (क) म िनिदष ट उललघन की दशा म तीन हजार रपए स कम नह होगा ]

(2) जहा िक कोई िक त इस धारा क अधीन दोषिस िकए गए जान पर िफर उसक अधीन दोषिस िकया जाए वहा वह उपधारा (1) ारा उपबिनधत दड क दगन दड स दणडनीय होगा

1 1959 क अिधिनयम स० 62 की धारा 40 ारा (16-1-1960 स) धारा 73 तथा धारा 74 क सथान पर परितसथािपत 2 1983 क अिधिनयम स० 42 की धारा 38 ारा (31-5-1984 स) अतःसथािपत 3 1983 क अिधिनयम स० 42 की धारा 39 ारा (31-5-1984 स) अतःसथािपत

29

(3) इस धारा क अधीन पािरत जमारन का दडादश आरोिपत करन वाला अथवा अपील या पनरीकषण म या अनयथा उसकी पिष ट करन वाला नयायालय िनणरय पािरत करत समय आदश द सकगा िक वसल िकया गया सपणर जमारना या उसका कोई भाग कषितगरसत िक त को या उसकी मतय की दशा म उसक िविधक परितिनिध को परितकर क रप म िदया जाए

परनत यिद जमारना ऐस मामल म आरोिपत िकया जाए जो अपीलनीय हो तो अपील उपिसथत िकए जान क िलए अनजञात कालाविध क बीत जान क पहल या यिद अपील उपिसथत की गई हो तो अपील क िविनश चय स पहल ऐसा कोई भी सदाय नह िकया जाएगा

73 आदश की अवजञा क िलए साधारण उपबनधmdashजो कोई इस अिधिनयम क या िकसी िविनयम िनयम या उपिविध क या तद धीन िकए गए िकसी आदश क िकसी ऐस उपबनध का उललघन करगा िजसक उललघन क िलए एतिसमनपवर कोई शािसत उपबिनधत नह ह वह कारावास स िजसकी अविध तीन मास तक की हो सकगी या जमारन स जो एक हजार रपए तक का हो सकगा या दोन स दडनीय होगा

74 पवर दोषिसि क पश चात विधत शािसतmdashयिद कोई िक त जो (धारा 72ख और 72ग स िभ ) पवरगामी उपबनध म स िकसी क अधीन दडनीय िकसी अपराध का दोषिस िकया जा चका हो पवर दोषिसि क दो वषर क अनदर िकए गए और उसी उपबनध का उललघन अनतवरिलत करन वाल िकसी अपराध क िलए पनः दोषिस िकया जाए तो वह हर एक पश चात वत दोषिसि क िलए उस दड क दगन दणड स दणडनीय होगा िजसस वह ऐस उपबनध क परथम उललघन क िलए दडनीय होता ]

75 सवामी अिभकतार या परबनधक का अिभयोजनmdashइस अिधिनयम क अधीन क िकसी अपराध क िलए िकसी सवामी अिभकतार या परबनधक क िवर कोई भी अिभयोजन मखय िनरीकषक की या िजला मिजसटरट की या मखय िनरीकषक क िलिखत साधारण या िवशष आदश ारा इस िनिम परािधकत िनरीकषक की पररणा पर सिसथत िकए जान क िसवाय सिसथत नह िकया जाएगा

1[परनत मखय िनरीकषक या िजला मिजसटरट या इस परकार परािधकत िनरीकषक ऐसा अिभयोजन सिसथत करन स पवर अपना यह समाधान करगा िक सवामी अिभकतार या परबनधक ऐस अपराध क िकए जान को रोकन म सभी समयक ततपरता बरतन म असफल रहा था ]

2[परनत यह और िक] िकसी खान म तकनीकी िनदशन और परबनध क अनकरम म िकए गए िकसी अपराध क बार म िजला मिजसटरट िकसी सवामी अिभकतार या परबनधक क िवर कोई अिभयोजन मखय िनरीकषक क पवर अनमोदन स सिसथत करन क िसवाय सिसथत नह करगा

3[76 कितपय मामल म सवामी का अवधारणmdashजहा िक खान का सवामी कोई फमर या िष टय का अनय सगम हो वहा उसक सब भागीदार या सदसय या उनम स कोई अथवा जहा िक खान का सवामी कमपनी हो वहा उसक सब िनदशक या उनम स कोई अथवा जहा िक खान का सवामी सरकार या कोई सथानीय परािधकारी हो वहा यथािसथित ऐसी सरकार या सथानीय परािधकारी ारा खान क कामकाज का परबनध करन क िलए परािधकत सब आिफसर या िक त या उनम स कोई ऐस िकसी अपराध क िलए िजसक िलए खान का सवामी दडनीय हो इस अिधिनयम क अधीन अिभयोिजत और दिडत िकया जा सकगा

4[परनत जहा िकसी फमर सगम या कमपनी न मखय िनरीकषक को िलिखत रप म यह सचना द दी ह िक उसनmdash

(क) फमर की दशा म उसक िकसी भागीदार या परबनधक को

(ख) सगम की दशा म उसक िकसी सदसय या परबनधक को

(ग) कमपनी की दशा म उसक िकसी िनदशक या परबनधक को

जो परतयक मामल म िकसी ऐस सथान म िजस पर इस अिधिनयम का िवसतार ह िनवासी ह और जो परतयक मामल म या तो वासतव म ऐसी फमर सगम या कमपनी क परबनध का भारसाधक ह या उसम अिधकाश शयर धारण करता ह इस अिधिनयम क परयोजन क िलए खान क सवामी क उ रदाियतव को गरहण करन क िलए नामिनदिशत कर िदया ह वहा यथािसथित ऐसा भागीदार सदसय िनदशक या परबनधक जब तक वह ऐसा िनवासी बना रहता ह और पव क त रप म भारसाधक ह या अिधकाश शयर को धारण करता ह इस अिधिनयम क परयोजन क िलए खान का सवामी समझा जाएगा जब तक िक उसक नामिनदशन को र करन वाली या यह कथन करन वाली कोई िलिखत सचना की वह यथािसथित भागीदारी सदसय िनदशक या परबनधक नह रहा ह मखय िनरीकषक को पराप त नह हो जाती ह

सपष टीकरणmdashजहा िकसी फमर सगम या कमपनी क िविभन न सथापन या शाखाए ह अथवा उसक िकसी सथापन या शाखा म िविभन न एकक ह वहा िविभन न सथापन या शाखा या एकक क सबध म इस परनतक क अधीन िविभन न िक तय को नामिनदिशत िकया जा सकगा और इस परकार नामिनदिशत िक त कवल उस सथापन शाखा या एकक क समबनध म िजसक समबनध म उस नामिनदिशत िकया गया ह खान का सवामी समझा जाएगा ]

1 1983 क अिधिनयम स० 42 की धारा 40 ारा (31-5-1984 स) अतःसथािपत 2 1983 क अिधिनयम स० 42 की धारा 40 ारा (31-5-1984 स) ldquoपरनतrdquo क सथान पर परितसथािपत 3 1959 क अिधिनयम स० 62 की धारा 41 ारा (16-1-1960 स) धारा 76 क सथान पर परितसथािपत 4 1983 क अिधिनयम स० 42 की धारा 41 ारा (31-5-1984 स) ldquoपरनतकrdquo क सथान पर परितसथािपत

30

77 सवामी अिभकतार या परबनधक को दाियतव स कितपय दशा म छटmdashजहा िक खान का सवामी अिभकतार या परबनधक जो इस अिधिनयम क अधीन िकसी अपराध का अिभयक त हो यह अिभकथन कर िक वासतिवक अपराधी अनय िक त ह वहा वह अपन

ारा इस िनिम िकए गए पिरवाद पर 1[और वासतिवक अपराधी का जञात पता दन पर] और अिभयोजक को ऐसा करन क अपन आशय की तीन स अनयन पणर िदन की िलिखत सचना दन पर इस बात का हकदार होगा िक वह अनय िक त उस तारीख को जो मामल की सनवाई क िलए िनयत हो नयायालय क समकष लाया जाए और यिद अपराध का िकया जाना सािबत हो जान क पश चात खान का यथािसथित सवामी अिभकतार या परबनधक नयायालय को समाधान परदान करन वाल रप म सािबत कर द िकmdash

(क) इस अिधिनयम क ससगत उपबनध का िनषपादन करान क िलए उसन समयक ततपता बरती ह तथा (ख) उस अनय िक त न परश नगत अपराध को उसक जञान सममित या मौनानकलता क िबना िकया ह

तो उक त अनय िक त उस अपराध क िलए दोषिस िकया जाएगा और उसी परकार क दणड स ऐस दडनीय होगा मानो वह खान का सवामी अिभकतार या परबनधक हो और यथािसथित सवामी अिभकतार या परबनधक दोषमक त कर िदया जाएगा परनतmdash

(क) यथािसथित खान क सवामी अिभकतार या परबनधक की शपथ पर परीकषा की जा सकगी और उसक और िकसी अनय साकषी क िजस वह अपन समथरन म बलाए सा य की उस िक त क ारा या की ओर स िजसकी बाबत वह अिभकिथत करता हो िक वह वासतिवक अपराधी ह और अिभयोजक ारा परितपरीकषा की जा सकगी

(ख) यिद वह िक त िजसका वासतिवक अपराधी होना अिभकिथत हो उस तारीख को जो मामल की सनवाई क िलए िनयत हो नयायालय क समकष समयक ततपरता बरती जान पर भी न लाया जा सक तो नयायालय उसकी सनवाई समय-समय पर सथिगत कर दगा िकनत इस परकार िक ऐस सथगन की कल कालाविध तीन मास स अिधक न हो और यिद उक त कालाविध क अनत तक भी वह िक त िजसका वासतिवक अपराधी होना अिभकिथत हो नयायालय क समकष न लाया जा सक तो नयायालय यथािसथित सवामी अिभकतार या परबनधक क िवर मामल की सनवाई क िलए अगरसर होगा

78 नयायालय की आदश करन की शिक तmdash(1) जहा िक खान का सवमी अिभकतार या परबनधक इस अिधिनयम क अधीन दडनीय अपराध क िलए दोषिस िकया जाए वहा नयायालय उस कोई दड अिधिनण त करन क अितिरक त िलिखत आदश ारा उसस आदश म िविनिदष ट कालाविध क अनदर (िजस नयायालय इस िनिम िकए गए आवदन पर समय-समय पर िवसतािरत कर सकगा) ऐस उपाय करन की अपकषा कर सकगा जो उन बात का उपचार करन क िलए िजनक बार म अपराध िकया गया था ऐस िविनिदष ट िकए जाए (2) जहा िक उपधारा (1) क अधीन आदश िदया जाए वहा यथािसथित खान का सवामी अिभकतार या परबनधक उस कालाविध या िवसतािरत कालाविध क यिद कोई हो दौरान अपराध क चाल रहन क िवषय म इस अिधिनयम क अधीन दडनीय नह होगा िकनत यिद नयायालय क आदश का पणर अनपालन ऐसी कालाविध या िवसतािरत कालाविध क अवसान पर न हो गया हो तो यथािसथित सवामी अिभकतार या परबनधक क बार म यह समझा जाएगा िक उसन अितिरक त अपराध िकया ह और वह कारावास स िजसकी अविध छह मास तक की हो सकगी या जमारन स जो ऐस अवसान क पश चात हर एक ऐस िदन क िलए िजसम िक आदश का अनपालन न हआ हो एक सौ रपए तक का हो सकगा या दोन स दणडनीय होगा 79 अिभयोजन की पिरसीमाmdashकोई भी नयायालय इस अिधिनयम क अधीन िकसी अपराध का सजञान तब तक नह करगा जब तक िक उसका पिरवादmdash

(i) उस तारीख स िजसकी बाबत यह अिभकिथत हो िक अपराध उस तारीख को िकया गया छह मास क अनदर अथवा

(ii) उस तारीख स िजसको िक अिभकिथत अपराध का िकया जाना िनरीकषक क जञान म आया छह मास क अनदर अथवा

2[(iiक) िकसी ऐस मामल म िजसम अिभयक त लोक सवक ह या था और ततसमय परव िकसी िविध क अधीन अपराध का सजञान करन क िलए कनदरीय सरकार या राजय सरकार या िकसी अनय परािधकारी की पवर मजरी आवशयक ह उस तारीख क िजसको ऐसी मजरी मखय िनरीकषक को पराप त होती ह तीन मास क अनदर अथवा]

(iii) िकसी ऐस मामल म िजसम जाच नयायालय कनदरीय सरकार ारा धारा 24 क अधीन िनयक त िकया गया हो उस धारा की उपधारा (4) म िविनिदष ट िरपोटर क परकाशन की तारीख क पश चात 3[एक वषर] क अनदर

इनम स जो भी बाद म हो न िकया गया हो 4[सपष टीकरणmdashइस धारा क परयोजन क िलएmdash

1 1959 क अिधिनयम स० 62 की धारा 42 ारा (16-1-1960 स) अनतःसथािपत 2 1983 क अिधिनयम स० 42 की धारा 42 ारा (31-5-1984 स) अतःसथािपत 3 1983 क अिधिनयम स० 42 की धारा 42 ारा (31-5-1984 स) ldquoछह मासrdquo क सथान पर परितसथािपत 4 1959 क अिधिनयम स० 62 की धारा 43 ारा (16-1-1960 स) सप ीकरण जोड़ा गया

31

(क) चाल रहन वाल अपराध की दशा म पिरसीमा की सगणना उस समय क हर कषण क परित िनदश स की जाएगी िजसक दौरान अपराध चाल रह

(ख) जहा िक कोई कायर करन क िलए समय इस अिधिनयम क अधीन िवसतािरत िकया गया हो वहा पिरसीमा की सगणना उस िवसतािरत कालाविध क अवसान स की जाएगी ]

80 अपराध का सजञानmdash1[महानगर मिजसटरट या परथम वगर नयाियक मिजसटरट] क नयायालय स अवर कोई नयायालय इस अिधिनयम क अधीन िकसी ऐस अपराध का िजसकी बाबत यह अिभकिथत हो िक वह खान क सवामी अिभकतार या परबनधक ारा िकया गया ह या िकसी ऐस अपराध का जो इस अिधिनयम ारा कारावास स दडनीय बनाया गया ह िवचारण नह करगा

80क [जमारन क बार म िवशष उपबध ]mdashखान (सशोधन) अिधिनयम 1983 (1983 का 42) की धारा 44 ारा (31-5-1984 स) िनरिसत

81 कितपय मामल म अिभयोजन क बजाय खान बोडर या सिमित को िनदशmdash(1) यिद मखय िनरीकषक या िजला मिजसटरट या िकसी िनरीकषक की पररणा पर इस अिधिनयम क अधीन सिसथत िकसी मामल का िवचारण करन वाल नयायालय की यह राय हो िक यह मामला ऐसा ह जो अिभयोजन क बजाय 2 सिमित को िनदिशत िकया जाना चािहए तो वह दािडक कायरवािहय को रोक सकगा और इस दिष ट स िक ऐसा िनदशन िकया जाए उस िवषय की िरपोटर कनदरीय सरकार को भजगा

(2) उपधारा (1) क अधीन िरपोटर पराप त होन पर कनदरीय सरकार मामला 2 सिमित को िनदिशत कर सकगी या िवचारण म अगरसर होन क िलए नयायालय को िनदश द सकगी

अधयाय 10

परकीणर 82 इस परश न का िविनश चय िक कया खान इस अिधिनयम क अधीन हmdashयिद कोई परश न उठ िक कया 3[खान का और उसम

का या उसका पाश वरसथ कोई उतखान या खिनत या पिरसर िजस पर खिनज या कोक पराप त करन दरसी करन या िवकरय क िलए तयार करन की सहायक कोई परिकरया चलाई जा रही ह] इस अिधिनयम क अथर क अनदर खान ह तो कनदरीय सरकार उस परश न का िविनश चय कर सकगी और कनदरीय सरकार क सिचव ारा हसताकषिरत परमाणपतर इस परश न पर िनश चायक होगा

83 अिधिनयम क परवतरन स छट दन की शिक तmdash4[(1)] कनदरीय सरकार िकसी सथानीय कषतर या िकसी खान को या खान क िकसी समह या वगर को या खान क िकसी भाग को या िक तय क िकसी वगर को 5[इस अिधिनयम या उसक अधीन बनाए गए िविनयम िनयम या उपिविधय क सब उपबनध क या उनम स िकसी क] परवतरन स छट शासकीय राजपतर म अिधसचना ारा या तो अतयितकतः या िकनह िविनिदष ट शत क अधयधीन द सकगी

परनत िकसी सथनीय कषतर या खान या खान क समह या वगर को 6[धारा 40 और धारा 45] क उपबनध स छट तब तक नह दी जाएगी जब तक उस इस अिधिनयम क अनय सब उपबनध क परवतरन स भी छट न द दी जाए ]

7[(2) कनदरीय सरकार मखय िनरीकषक या िकसी अनय परािधकारी को साधारण या िवशष आदश ारा ऐस िनबरनधन क अधयधीन िजनह अिधरोिपत करना वह ठीक समझ परािधकत कर सकगी िक वह िकसी खान या उसक िकसी भाग को 8[िविनयम िनयम या उपिविधय ] क उपबन ध म स िकसी क परवतरन स िकनह िविनिदष ट शत क अधयधीन तब छट द द जब िक मखय िनरीकषक या ऐस अिधकारी की राय हो िक खान या उसक भाग म पिरिसथितया ऐसी ह िक उनक कारण ऐस उपबनध का अनपालन अनावशयक या अ वहायर हो जाता ह ]

84 आदश को पिरवितत या िवखिणडत करन की शिक तmdash9[(1)] कनदरीय सरकार इस अिधिनयम क अधीन िदया गया कोई आदश उलट सकगी या उपानतिरत कर सकगी

10[(2) मखय िनरीकषक लखब िकए जान वाल कारण स इस अिधिनयम क अधीन या िकसी िविनयम िनयम या उपिविध क अधीन अपन ारा पािरत िकसी आदश को उलट सकगा या उस उपातिरत कर सकगा

(3) खान क सवामी अिभकतार या परबनधक पर परितकल परभाव डालन वाला कोई आदश इस धारा क अधीन तब तक नह िकया जाएगा जब तक िक ऐस सवामी अिभकतार या परबनधक को अभयावदन करन का यिक तयक त अवसर न द िदया गया हो ]

1 1983 क अिधिनयम स० 42 की धारा 43 ारा (31-5-1984 स) ldquoपरसीडसी मिजसटरट या परथम वगर मिजसटरटrdquo क सथान पर परितसथािपत 2 1983 क अिधिनयम स० 42 की धारा 43 ारा (31-5-1984 स) ldquoखनन बोडरrdquo शब द का लोप िकया गया 3 1959 क अिधिनयम स० 62 की धारा 45 ारा (16-1-1960 स) अनतःसथािपत 4 1959 क अिधिनयम स० 62 की धारा 46 ारा (16-1-1960 स) उपधारा (1) क रप म पनःसखयािकत 5 1983 क अिधिनयम स० 42 की धारा 46 ारा (31-5-1984 स) ldquoइस अिधिनयम क सब उपबध क िकसी कrdquo क सथान पर परितसथािपत 6 1983 क अिधिनयम स० 42 की धारा 46 ारा (31-5-1984 स) ldquoधारा 45rdquo क सथान पर परितसथािपत 7 1959 क अिधिनयम स० 62 की धारा 46 ारा (16-1-1960 स) अनतःसथािपत 8 1983 क अिधिनयम स० 42 की धारा 46 ारा (31-5-1984 स) ldquoइस अिधिनयम क अतगरत िविनयम और िनयमrdquo क सथान पर परितसथािपत 9 1983 क अिधिनयम स० 42 की धारा 47 ारा (31-5-1984 स) धारा 84 उपधारा (1) क रप म पनःसखयािकत 10 1983 क अिधिनयम स० 42 की धारा 47 ारा (31-5-1984 स) अतःसथािपत

32

85 सरकार की खान को अिधिनयम का लाग होनाmdashयह अिधिनयम सरकार की खान को 1[भी] लाग होगा 2[85क सचना आिद दन क िलए अपिकषत िक त ऐसा करन क िलए वध रप स आब ह गmdashहर िक त जो िकसी

अिधकारी को कोई सचना या इि ला इस अिधिनयम क अधीन दन क िलए अपिकषत ह भारतीय दड सिहता (1860 का 45) की धारा 176 क अथर क अनदर ऐसा करन क िलए वध रप स आब होगा ]

3[85ख िववरिणय सचना आिद पर हसताकषर करनाmdashइस अिधिनयम या उसक अधीन बनाए गए िकसी िविनयम िनयम उपिविध या िकसी आदश क उपबनध क समबनध म िकसी खान क सवामी ारा या उसकी ओर स दी जान क िलए अपिकषत सभी िववरिणय और सचना पर या भजी जान वाली सचना पर खान क सवामी अिभकतार या परबधक ारा या िकसी ऐस िक त ारा िजस सवामी ारा मखतारनाम ारा इस िनिम शिक त परतयायोिजत की गई ह हसताकषर िकए जाएग

85ग सिवधा और जन सिवधा क िलए फीस या परभार का वसल न िकया जानाmdashखान म िनयोिजत िकसी िक त स सरकषातमक परबनध या दी जान वाली सिवधा या इस अिधिनयम क उपबनध क अधीन परदाय िकए जान वाल िकसी उपसकर या सािधतर की बाबत कोई फीस या परभार वसल नह िकया जाएगा ]

86 1948 क अिधिनयम 63 क कितपय उपबध का खान को लाग होनाmdashकनदरीय सरकार शासकीय राजपतर म अिधसचना ारा िनदश द सकगी िक कारखाना अिधिनयम 1948 (1948 का 63) क अधयाय 3 और 4 क उपबनध ऐस अपवाद और िनबरनधन क

अधयधीन रहत हए जस उस अिधसचना म िविनिदष ट िकए जाए सब खान और उनकी परसीमा को लाग ह ग

87 सद भावपवरक िकए गए कायर क िलए पिरतराणmdashकोई भी वाद अिभयोजन या अनय िविधक कायरवाही इस अिधिनयम क अधीन सद भावपवरक की गई या जान क िलए आशियत िकसी बात क िलए िकसी िक त क िवर न होगी

88 [1923 क अिधिनयम 4 का िनरसन]mdashिनरसन और सशोधन अिधिनयम 1957 (1957 का 36) की धारा 2 और पहली अनसची ारा िनरिसत

______

1 1959 क अिधिनयम स० 62 की धारा 47 ारा (16-1-1960 स) अनतःसथािपत 2 1959 क अिधिनयम स० 62 की धारा 48 ारा (16-1-1960 स) अनतःसथािपत 3 1983 क अिधिनयम स० 42 की धारा 48 ारा (31-5-1984 स) अतःसथािपत

Page 26: खान अधिनियम, 1952ncwapps.nic.in/acts/TheMinesAct1952_Hindi.pdf1 ज ल ई, 1952, द खए भ रत क र जपतर (अ गर 1952, ज ) भ ग 2,

26

असमथर रह तो मखय िनरीकषक या िनरीकषक परारप-उपिविधय को पिरिनधाररण क िलए 1[धारा 12 की उपधारा (1) क अधीन गिठत सिमित को] िनदिशत करगा

(4) (क) जबिक ऐसी पररप-उपिविधय पर अिभकतार या परबनधक और मखय िनरीकषक सहमत हो गए ह या जबिक उनक सहमत होन म असमथर होन पर व 2[धारा 12 की उपधारा (1) क अधीन गिठत सिमित को] ारा पिरिनधारिरत कर दी गई ह तब मखय िनरीकषक या िनरीकषक ारा परारप-उपिविधय की एक परित कनदरीय सरकार को अनमोदनाथर भजी जाएगी

(ख) कनदरीय सरकार परारप-उपिविधय म ऐसा उपातरण कर सकगी जसा वह ठीक समझ

(ग) इसस पवर िक कनदरीय सरकार परारप-उपिविधय का अनमोदन चाह उपातर क सिहत या उनक िबना कर उपिविधया बनान की परसथापना की और उस सथान की जहा परारप-उपिविधय की परितया अिभपरा की जा सकगी और उस समय की (जो तीस िदन स कम का न होगा) इसक अनदर िक परभािवत िक तय क ारा या उनकी ओर स परारप-उपिविधय क परित िकया गया कोई आकषप कनदरीय सरकार को भजा जाना चािहए सचना ऐसी रीित स जसी कनदरीय सरकार परभािवत िक तय की जानकारी दन क िलए उपयक ततम समझ परकािशत की जाएगी

(घ) हर आकषप िलिखत होगा और उसमmdash

(i) आकषप क िविशष ट आधार तथा

(ii) चाह गए लोप पिरवधरन या उपानतर

किथत ह ग

(ङ) उन िक तय क ारा या उनकी ओर स िजनकी बाबत कनदरीय सरकार को यह परतीत हो िक व तद ारा परभािवत िक त ह अपिकषत समय क अनदर िकए गए आकषप पर वह सरकार िवचार करगी और उपिविधय पर या तो उस रप म िजसम व परकािशत की गई थ या उनम ऐस सशोधन करक िजनह वह ठीक समझ अनमोिदत कर सकगी

(5) कनदरीय सरकार ारा इस परकार अनमोिदत हो जान पर उपिविधया इस परकार परभावी ह गी मानो व इस अिधिनयम म अिधिनयिमत ह और खान का सवामी अिभकतार या परबनधक उन उपिविधय की एक परित अगरजी म और ऐसी अनय भाषा या भाषा म जसी िविहत की जाए खान म या उसक आसपास िकसी ऐस सहजदशय सथान पर लगवाएगा जहा व उपिविधया िनयोिजत

िक तय ारा सिवधापवरक पढ़ी या दखी जा सक और िजतनी बार व िवरिपत हो जाए िमट जाए या नष ट हो जाए उतनी बार यिक तयक त शीघरता क साथ उनह नए िसर स लगवाएगा

(6) कनदरीय सरकार इस परकार िनिमत िकसी उपिविध को िलिखत आदश ारा पणरतः या भागतः िवखिडत कर सकगी और तदपिर ऐसी उपिविध तदनसार परभावहीन हो जाएगी

3[61क िविनयम िनयम और उपिविधय का ससद क समकष रखा जानाmdashधारा 57 क अधीन बनाया गया परतयक िविनयम धारा 58 क अधीन बनाया गया परतयक िनयम और धारा 61 क अधीन बनाई गई परतयक उपिविध बनाई जान क पश चात यथाशीघर ससद क परतयक सदन क समकष जब वह सतर म हो कल तीस िदन की अविध क िलए रखा जाएगा या रखी जाएगी यह अविध एक सतरा म अथवा दो या अिधक आनकरिमक सतर म परी हो सकगी यिद उस सतर क या पव क त आनकरिमक सतर म अवसान क पवर दोन सदन उस िविनयम िनयम या उपिविध म कोई पिरवतरन करन क िलए सहमत हो जाए तो ततपश चात वह ऐस पिरवितत रप म ही परभावी होगा या होगी यिद उक त अवसान क पवर दोन सदन सहमत हो जाए िक वह िविनयम िनयम या उपिविध नह बनाया या बनायी जानी चािहए तो ततपश चात वह िनषपरभाव हो जाएगा या हो जाएगी िकनत यथािसथित िविनयम िनयम या उपिविधय क ऐस पिरवितत या िनषपरषभाव होन स उसक अधीन पहल की गई िकसी बात की िविधमानयता पर परितकल परभाव नह पड़गा ]

62 अिधिनयम िविनयम आिद की सिकषिप तया लगवानाmdashहर खान म या उसक आसपास अगरजी म और ऐसी अनय भाषा या भाषा म जो िविहत की जाए अिधिनयम की और िविनयम और िनयम की िविहत सिकषिप तया लगाई रखी जाएगी

अधयाय 9

शािसतया और परिकरया 63 बाधा डालनाmdash(1) जो कोई मखय िनरीकषक िनरीकषक या धारा 8 क अधीन परािधकत िकसी िक त क इस अिधिनयम क अधीन क उसक अपन कतर क िनवरहन म बाधा डालगा या मखय िनरीकषक िनरीकषक या ऐस िक त को िकसी खान क समबनध म इस अिधिनयम क ारा या अधीन परािधकत कोई परवश िनरीकषण परीकषा या जाच करन क िलए कोई यिक तयक त सिवधा दन स इनकार करगा या दन म जानबझकर उपकषा करगा वह कारावास स िजसकी अविध तीन मास तक की हो सकगी या जमारन स जो पाच सौ रपए तक का हो सकगा या दोन स दणडनीय होगा

1 1983 क अिधिनयम स० 42 की धारा 34 ारा (31-5-1984 स) कितपय शबद क सथान पर परितसथािपत 2 1983 क अिधिनयम स० 42 की धारा 34 ारा (31-5-1984 स) कितपय शबद क सथान पर परितसथािपत 3 1983 क अिधिनयम स० 42 की धारा 35 ारा (31-5-1984 स) अतःसथािपत

27

(2) जो कोई इस अिधिनयम क अनसरण म रख गए िकनह रिजसटर या अनय दसतावज को मखय िनरीकषक या िनरीकषक की माग पर पश करन स इनकार करगा अथवा िकसी ऐस िनरीकषण आिफसर क समकष जो इस अिधिनयम क अधीन क अपन कतर क अनसरण म कायर कर रहा ह उपसजात होन या उसक ारा परीकषा की जान स िकसी िक त को िनवािरत करगा या िनवािरत करन का परयत न करगा या कोई ऐसा कायर करगा िजसक बार म उसक पास यह िवश वास करन का कारण हो िक उसस उसका इस परकार िनवािरत होना सभा ह वह जमारन स जो तीन सौ रपए तक का हो सकगा दणडनीय होगा

64 अिभलख का िमथयाकरण आिदmdashजो कोईmdash

(क) इस अिधिनयम क अधीन अनद िकसी परमाणपतर का या परमाणपतर की िकसी कायारलय परित का कटकरण करगा या जानत हए उसम िमथया कथन करगा अथवा

(ख) जानत हए ऐस िकसी कटकतय या िमथया परमाणपतर को असली क रप म उपयोग म लाएगा अथवा

(ग) कोई िमथया घोषणा कथन या सा य यह जानत हए िक वह िमथया ह अपन िलए या िकसी अनय िक त क िलए इस अिधिनयम क अधीन परमाणपतर अिभपरा करन या परमाणपतर का नवीकरण करान या खान म िनयोजन अिभपरा करन क परयोजनाथर करगा या बनाएगा या पश करगा या उपयोग म लाएगा अथवा

1[(घ) िकसी ऐस रखाक खडिचतर रिजसटर या अिभलख का िमथयाकरण करगा िजसका रखा जाना इस अिधिनयम क ारा या अधीन अपिकषत हो या ऐसा िमथया रखाक खडिचतर रिजसटर या अिभलख उस िमथया जानत हए िकसी परािधकारी क

समकष पश करगा अथवा]

(ङ) कोई ऐसा रखाक िववरणी सचना अिभलख या िरपोटर बनाएगा दगा या पिरद करगा िजसम ऐसा कथन परिवि या बयौरा अनतिवष ट हो जो उसकी सव म जानकारी या िवश वास क अनसार सही न हो

वह कारावास स िजसकी अविध तीन मास तक की हो सकगी या जमारन स जो 2[एक हजार रपए] तक का हो सकगा या दोन स दणडनीय होगा

65 िमथया योगयता परमाणपतर का उपयोगmdashजो कोई 3[धारा 43] क अधीन अनय िक त को अनद िकसी परमाणपतर का उस धारा क अधीन अपन को योगयता-परमाणपतर क रप म जानत हए उपयोग करगा या उपयोग करन का परयत न करगा या उस धारा क अधीन अपन को योग यता-परमाणपतर अनद िकए जान पर जानत हए अनय िक त को उसका उपयोग करन दगा या उपयोग करन का परय करन दगा वह कारावास स िजसकी अविध एक मास तक की हो सकगी या जमारन स जो 4[दो सौ] रपए तक का हो सकगा या दोन स दणडनीय ोगा

िक तयक त कारण क िजस सािबत करन का भार उस पर होगा करगा जमारन स जो 6[एक हजार] रपए क का हो

ास स िजसकी विध तीन

ोिजत िकया जाता ह तो ऐसी खान का सवामी अिभकतार या परबनधक ऐस जमारन स जो पाच सौ रपए क का हो

ी अविध तीन मास तक की हो सकगी या जमारन स जो 10[दो हजार पाच सौ] रपए तक का हो सकगा या दोन स दणडनीय होगा

66 रखाक आिद दन का लोपmdashकोई िक त जो इस अिधिनयम क ारा या अधीन बनाए जान या िदए जान क िलए अपिकषत कोई रखाक 5[खडिचतर] िववरणी सचना रिजसटर अिभलख या िरपोटर िविहत पररप म या िविहत रीित स या िविहत समय पर या क भीतर बनान या दन का लोप िकए िबना यत सकगा दणडनीय होगा

67 शरिमक क िनयोजन िवषयक उपबनध का उललघनmdashजो कोई उसक िसवाय जसा िक धारा 38 ारा अनजञात ह इस अिधिनयम क या िकसी िविनयम िनयम या उपिविध क या तद धीन िकए गए िकसी आदश क िकसी ऐस उपबनध का उललघन करगा जो खान म या उसक आसपास िक तय क िनयोजन या उनकी उपिसथित को परितिष िनबरिनधत या िविनयिमत करता हो वह कारावअ मास तक की हो सकगी या जमारन स जो 7[एक हजार] रपए तक का हो सकगा या दोन स 8 दडनीय होगा

9[68 अठारह वषर स कम आय क िक तय क िनयोजन क िलए शािसतmdashयिद अठारह वषर स कम आय क िकसी िक त को धारा 40 क उललघन म िकसी खान म िनयत सकगा दणडनीय होगा ]

69 परबनधक िनयक त करन म असफलताmdashधारा 17 क उपबनध क उललघन म जो कोई परबनधक िनयक त करन म असफल रहगा वह कारावास स िजसक11

1 1959 क अिधिनयम स० 62 की धारा 35 ारा (16-1-1960 स) खड (घ) क सथान पर परितसथािपत 2 1959 क अिधिनयम स० 62 की धारा 35 ारा (16-1-1960 स) ldquoपाच सौ रपएrdquo क सथान पर परितसथािपत 3 1983 क अिधिनयम स० 42 की धारा 36 ारा (31-5-1984 स) ldquoधारा 40rdquo क सथान पर परितसथािपत 4 1959 क अिधिनयम स० 62 की धारा 36 ारा (16-1-1960 स) ldquoपचासrdquo क सथान पर परितसथािपत 5 1959 क अिधिनयम स० 62 की धारा 37 ारा (16-1-1960 स) अनतःसथािपत 6 1959 क अिधिनयम स० 62 की धारा 37 ारा (16-1-1960 स) ldquoदो सौrdquo क सथान पर परितसथािप 7 1959 क अिधिनयम स० 62 की धारा 38 ारा (16-1-1960 स) ldquoपाच सौrdquo क सथान पर परितसथािपत 8 1959 क अिधिनयम स० 62 की धारा 38 ारा (16-1-1960 स) कितपय शबद का लोप िकया गया 9 1983 क अिधिनयम स० 42 की धारा 37 ारा (31-5-1984 स) धारा 68 क सथान पर परितसथािपत 10 1959 क अिधिनयम स० 62 की धारा 39 ारा (16-1-1960 स) ldquoपाच सौrdquo क सथान पर परितसथािपत 11 1959 क अिधिनयम स० 62 की धारा 39 ारा (16-1-1960 स) कितपय शबद का लोप िकया गया

28

70 दघरटना की सचनाmdash(1) धारा 23 की उपधारा (1) क उपबनध क उललघन म जो कोई िकसी दघरटना की सचना दन म या उस सचना की परित उस उपधारा म िनिदष ट िवशष सचनाप पर लगान म और िविनिदष ट कालाविध क िलए वहा रखन म असफल रहगा वह कारावास स िजसकी अविध तीन मास तक की हो सकगी या जमारन स जो पाच सौ रपए तक का हो सकगा या दोन स दणनीय होगा

(2) कनदरीय सरकार ारा धारा 23 की उपधारा (3) क अधीन िदए गए िनदश क उललघन म जो कोई िकसी दघरटना को िविहत रिजसटर म अिभिलिखत करन म या उसकी सचना दन म असफल रहगा वह कारावास स िजसकी अविध तीन मास तक की हो सकगी या जमारन स तो पाच सौ रपए तक का हो सकगा या दोन स दणडनीय होगा

71 कितपय मामल म सवामी आिद का मखय िनरीकषक को िरपोटर दनाmdashजहा िक खान क यथािसथित सवामी अिभकतार या परबनधक न खान म या उसक आसपास िनयोिजत िकसी िक त क िवर कायरवाही इस अिधिनयम क अधीन क िकसी अपराध क बार म की हो वहा वह नयायालय क िनणरय या आदश की तारीख स इक कीस िदन क अनदर उसक पिरणाम की िरपोटर मखय िनरीकषक को दगा

72 खान म िनयोिजत िक तय की बाधयताmdashखान म िनयोिजत कोई भी िक तmdash

(क) खान म िनयोिजत िक तय का सवासथय कषम या कलयाण सिनिश चत करन क परयोजनाथर खान म उपबिनधत िकसी सािधतर सिवधा या अनय चीज म जानबझकर हसतकषप या उसका जानबझकर दरपयोग न करगा

(ख) जानबझकर और यिक तयक त कारण क िबना कोई ऐसी बात न करगा िजसस सवय उसक या अनय क सकटाप होन की सभा ता हो

(ग) खान म िनयोिजत िक तय का सवासथय या कषम सिनिश चत करन क परयोजनाथर उसम उपबिनधत िकसी सािधतर या अनय चीज को उपयोग म लान की जानबझकर उपकषा नह करगा

1[72क कछ िविनयम क उललघन क िलए िवशष उपबनधmdashजो कोई धारा 57 क खणड (घ) खणड (झ) खणड (ड) खणड (ढ) खणड (ण) खणड (त) खणड (द) खणड (ध) और खणड (प) म िविनिदष ट बात स सब िकसी िविनयम क या िकसी उपिविध क या तद धीन िकए गए िकसी आदश क िकसी उपबनध का उललघन करगा वह कारावास स िजसकी अविध छह मास तक की हो सकगी या जमारन स जो दो हजार रपए तक का हो सकगा या दोन स दणडनीय होगा

72ख धारा 22 क अधीन आदश क उललघन क िलए िवशष उपबनधmdashजो कोई धारा 22 की उपधारा (1क) उपधारा (2) या उपधारा (3) क अधीन 2[या धारा 22क की उपधारा (2) क अधीन] िनकाल गए आदश क उललघन म खान का कायरकरण चाल रखगा वह कारावास स िजसकी अविध दो वषर तक की हो सकगी दडनीय होगा और जमारन स भी जो पाच हजार रपए तक का हो सकगा दडनीय होगा

2[परनत नयायालय क िनणरय म लखब िकए जान वाल ततपरितकल िवशष और पयारप त कारण क अभाव म ऐसा जमारना खड (क) म िनिदष ट उललघन की दशा म तीन हजार रपए स कम नह होगा ]

72ग िविध क ऐस उललघन क िलए िजसक खतरनाक पिरणाम होत ह िवशष उपबनधmdash(1) जो कोई इस अिधिनयम क या िकसी िविनयम िनयम या उपिविध क या तद धीन िकए गए [धारा 22 की उपधारा (1क) या उपधारा (2) या उपधारा (3) 3[या धारा 22क की उपधारा (2)] क अधीन िकए गए आदश स िभ ] िकसी आदश क िकसी उपबनध का उललघन करगा वहmdash

(क) यिद ऐस उललघन क पिरणामसवरप जीवन की हािन हो तो कारावास स जो दो वषर तक का हो सकगा या जमारन स जो पाच हजार रपए तक का हो सकगा या दोन स दणडनीय होगा या

(ख) यिद ऐस उललघन क पिरणामसवरप गमभीर शारीिरक कषित हो तो कारावास स जो एक वषर तक का हो सकगा या जमारन स जो तीन हजार रपए तक का हो सकगा या दोन स दडनीय होगा अथवा

(ग) यिद ऐस उललघन स खान म िनयोिजत िक तय को या खान म या उसक आसपास क अनय िक तय को कषित या खतरा कािरत हो तो कारवास स जो तीन मास तक का हो सकगा या जमारन स जो एक हजार रपए तक का हो सकगा या दोन स दणडनीय होगा 6[परनत नयायालय क िनणरय म लखब िकए जान वाल ततपरितकल िवशष और पयारप त कारण क अभाव म ऐसा जमारना

खणड (क) म िनिदष ट उललघन की दशा म तीन हजार रपए स कम नह होगा ]

(2) जहा िक कोई िक त इस धारा क अधीन दोषिस िकए गए जान पर िफर उसक अधीन दोषिस िकया जाए वहा वह उपधारा (1) ारा उपबिनधत दड क दगन दड स दणडनीय होगा

1 1959 क अिधिनयम स० 62 की धारा 40 ारा (16-1-1960 स) धारा 73 तथा धारा 74 क सथान पर परितसथािपत 2 1983 क अिधिनयम स० 42 की धारा 38 ारा (31-5-1984 स) अतःसथािपत 3 1983 क अिधिनयम स० 42 की धारा 39 ारा (31-5-1984 स) अतःसथािपत

29

(3) इस धारा क अधीन पािरत जमारन का दडादश आरोिपत करन वाला अथवा अपील या पनरीकषण म या अनयथा उसकी पिष ट करन वाला नयायालय िनणरय पािरत करत समय आदश द सकगा िक वसल िकया गया सपणर जमारना या उसका कोई भाग कषितगरसत िक त को या उसकी मतय की दशा म उसक िविधक परितिनिध को परितकर क रप म िदया जाए

परनत यिद जमारना ऐस मामल म आरोिपत िकया जाए जो अपीलनीय हो तो अपील उपिसथत िकए जान क िलए अनजञात कालाविध क बीत जान क पहल या यिद अपील उपिसथत की गई हो तो अपील क िविनश चय स पहल ऐसा कोई भी सदाय नह िकया जाएगा

73 आदश की अवजञा क िलए साधारण उपबनधmdashजो कोई इस अिधिनयम क या िकसी िविनयम िनयम या उपिविध क या तद धीन िकए गए िकसी आदश क िकसी ऐस उपबनध का उललघन करगा िजसक उललघन क िलए एतिसमनपवर कोई शािसत उपबिनधत नह ह वह कारावास स िजसकी अविध तीन मास तक की हो सकगी या जमारन स जो एक हजार रपए तक का हो सकगा या दोन स दडनीय होगा

74 पवर दोषिसि क पश चात विधत शािसतmdashयिद कोई िक त जो (धारा 72ख और 72ग स िभ ) पवरगामी उपबनध म स िकसी क अधीन दडनीय िकसी अपराध का दोषिस िकया जा चका हो पवर दोषिसि क दो वषर क अनदर िकए गए और उसी उपबनध का उललघन अनतवरिलत करन वाल िकसी अपराध क िलए पनः दोषिस िकया जाए तो वह हर एक पश चात वत दोषिसि क िलए उस दड क दगन दणड स दणडनीय होगा िजसस वह ऐस उपबनध क परथम उललघन क िलए दडनीय होता ]

75 सवामी अिभकतार या परबनधक का अिभयोजनmdashइस अिधिनयम क अधीन क िकसी अपराध क िलए िकसी सवामी अिभकतार या परबनधक क िवर कोई भी अिभयोजन मखय िनरीकषक की या िजला मिजसटरट की या मखय िनरीकषक क िलिखत साधारण या िवशष आदश ारा इस िनिम परािधकत िनरीकषक की पररणा पर सिसथत िकए जान क िसवाय सिसथत नह िकया जाएगा

1[परनत मखय िनरीकषक या िजला मिजसटरट या इस परकार परािधकत िनरीकषक ऐसा अिभयोजन सिसथत करन स पवर अपना यह समाधान करगा िक सवामी अिभकतार या परबनधक ऐस अपराध क िकए जान को रोकन म सभी समयक ततपरता बरतन म असफल रहा था ]

2[परनत यह और िक] िकसी खान म तकनीकी िनदशन और परबनध क अनकरम म िकए गए िकसी अपराध क बार म िजला मिजसटरट िकसी सवामी अिभकतार या परबनधक क िवर कोई अिभयोजन मखय िनरीकषक क पवर अनमोदन स सिसथत करन क िसवाय सिसथत नह करगा

3[76 कितपय मामल म सवामी का अवधारणmdashजहा िक खान का सवामी कोई फमर या िष टय का अनय सगम हो वहा उसक सब भागीदार या सदसय या उनम स कोई अथवा जहा िक खान का सवामी कमपनी हो वहा उसक सब िनदशक या उनम स कोई अथवा जहा िक खान का सवामी सरकार या कोई सथानीय परािधकारी हो वहा यथािसथित ऐसी सरकार या सथानीय परािधकारी ारा खान क कामकाज का परबनध करन क िलए परािधकत सब आिफसर या िक त या उनम स कोई ऐस िकसी अपराध क िलए िजसक िलए खान का सवामी दडनीय हो इस अिधिनयम क अधीन अिभयोिजत और दिडत िकया जा सकगा

4[परनत जहा िकसी फमर सगम या कमपनी न मखय िनरीकषक को िलिखत रप म यह सचना द दी ह िक उसनmdash

(क) फमर की दशा म उसक िकसी भागीदार या परबनधक को

(ख) सगम की दशा म उसक िकसी सदसय या परबनधक को

(ग) कमपनी की दशा म उसक िकसी िनदशक या परबनधक को

जो परतयक मामल म िकसी ऐस सथान म िजस पर इस अिधिनयम का िवसतार ह िनवासी ह और जो परतयक मामल म या तो वासतव म ऐसी फमर सगम या कमपनी क परबनध का भारसाधक ह या उसम अिधकाश शयर धारण करता ह इस अिधिनयम क परयोजन क िलए खान क सवामी क उ रदाियतव को गरहण करन क िलए नामिनदिशत कर िदया ह वहा यथािसथित ऐसा भागीदार सदसय िनदशक या परबनधक जब तक वह ऐसा िनवासी बना रहता ह और पव क त रप म भारसाधक ह या अिधकाश शयर को धारण करता ह इस अिधिनयम क परयोजन क िलए खान का सवामी समझा जाएगा जब तक िक उसक नामिनदशन को र करन वाली या यह कथन करन वाली कोई िलिखत सचना की वह यथािसथित भागीदारी सदसय िनदशक या परबनधक नह रहा ह मखय िनरीकषक को पराप त नह हो जाती ह

सपष टीकरणmdashजहा िकसी फमर सगम या कमपनी क िविभन न सथापन या शाखाए ह अथवा उसक िकसी सथापन या शाखा म िविभन न एकक ह वहा िविभन न सथापन या शाखा या एकक क सबध म इस परनतक क अधीन िविभन न िक तय को नामिनदिशत िकया जा सकगा और इस परकार नामिनदिशत िक त कवल उस सथापन शाखा या एकक क समबनध म िजसक समबनध म उस नामिनदिशत िकया गया ह खान का सवामी समझा जाएगा ]

1 1983 क अिधिनयम स० 42 की धारा 40 ारा (31-5-1984 स) अतःसथािपत 2 1983 क अिधिनयम स० 42 की धारा 40 ारा (31-5-1984 स) ldquoपरनतrdquo क सथान पर परितसथािपत 3 1959 क अिधिनयम स० 62 की धारा 41 ारा (16-1-1960 स) धारा 76 क सथान पर परितसथािपत 4 1983 क अिधिनयम स० 42 की धारा 41 ारा (31-5-1984 स) ldquoपरनतकrdquo क सथान पर परितसथािपत

30

77 सवामी अिभकतार या परबनधक को दाियतव स कितपय दशा म छटmdashजहा िक खान का सवामी अिभकतार या परबनधक जो इस अिधिनयम क अधीन िकसी अपराध का अिभयक त हो यह अिभकथन कर िक वासतिवक अपराधी अनय िक त ह वहा वह अपन

ारा इस िनिम िकए गए पिरवाद पर 1[और वासतिवक अपराधी का जञात पता दन पर] और अिभयोजक को ऐसा करन क अपन आशय की तीन स अनयन पणर िदन की िलिखत सचना दन पर इस बात का हकदार होगा िक वह अनय िक त उस तारीख को जो मामल की सनवाई क िलए िनयत हो नयायालय क समकष लाया जाए और यिद अपराध का िकया जाना सािबत हो जान क पश चात खान का यथािसथित सवामी अिभकतार या परबनधक नयायालय को समाधान परदान करन वाल रप म सािबत कर द िकmdash

(क) इस अिधिनयम क ससगत उपबनध का िनषपादन करान क िलए उसन समयक ततपता बरती ह तथा (ख) उस अनय िक त न परश नगत अपराध को उसक जञान सममित या मौनानकलता क िबना िकया ह

तो उक त अनय िक त उस अपराध क िलए दोषिस िकया जाएगा और उसी परकार क दणड स ऐस दडनीय होगा मानो वह खान का सवामी अिभकतार या परबनधक हो और यथािसथित सवामी अिभकतार या परबनधक दोषमक त कर िदया जाएगा परनतmdash

(क) यथािसथित खान क सवामी अिभकतार या परबनधक की शपथ पर परीकषा की जा सकगी और उसक और िकसी अनय साकषी क िजस वह अपन समथरन म बलाए सा य की उस िक त क ारा या की ओर स िजसकी बाबत वह अिभकिथत करता हो िक वह वासतिवक अपराधी ह और अिभयोजक ारा परितपरीकषा की जा सकगी

(ख) यिद वह िक त िजसका वासतिवक अपराधी होना अिभकिथत हो उस तारीख को जो मामल की सनवाई क िलए िनयत हो नयायालय क समकष समयक ततपरता बरती जान पर भी न लाया जा सक तो नयायालय उसकी सनवाई समय-समय पर सथिगत कर दगा िकनत इस परकार िक ऐस सथगन की कल कालाविध तीन मास स अिधक न हो और यिद उक त कालाविध क अनत तक भी वह िक त िजसका वासतिवक अपराधी होना अिभकिथत हो नयायालय क समकष न लाया जा सक तो नयायालय यथािसथित सवामी अिभकतार या परबनधक क िवर मामल की सनवाई क िलए अगरसर होगा

78 नयायालय की आदश करन की शिक तmdash(1) जहा िक खान का सवमी अिभकतार या परबनधक इस अिधिनयम क अधीन दडनीय अपराध क िलए दोषिस िकया जाए वहा नयायालय उस कोई दड अिधिनण त करन क अितिरक त िलिखत आदश ारा उसस आदश म िविनिदष ट कालाविध क अनदर (िजस नयायालय इस िनिम िकए गए आवदन पर समय-समय पर िवसतािरत कर सकगा) ऐस उपाय करन की अपकषा कर सकगा जो उन बात का उपचार करन क िलए िजनक बार म अपराध िकया गया था ऐस िविनिदष ट िकए जाए (2) जहा िक उपधारा (1) क अधीन आदश िदया जाए वहा यथािसथित खान का सवामी अिभकतार या परबनधक उस कालाविध या िवसतािरत कालाविध क यिद कोई हो दौरान अपराध क चाल रहन क िवषय म इस अिधिनयम क अधीन दडनीय नह होगा िकनत यिद नयायालय क आदश का पणर अनपालन ऐसी कालाविध या िवसतािरत कालाविध क अवसान पर न हो गया हो तो यथािसथित सवामी अिभकतार या परबनधक क बार म यह समझा जाएगा िक उसन अितिरक त अपराध िकया ह और वह कारावास स िजसकी अविध छह मास तक की हो सकगी या जमारन स जो ऐस अवसान क पश चात हर एक ऐस िदन क िलए िजसम िक आदश का अनपालन न हआ हो एक सौ रपए तक का हो सकगा या दोन स दणडनीय होगा 79 अिभयोजन की पिरसीमाmdashकोई भी नयायालय इस अिधिनयम क अधीन िकसी अपराध का सजञान तब तक नह करगा जब तक िक उसका पिरवादmdash

(i) उस तारीख स िजसकी बाबत यह अिभकिथत हो िक अपराध उस तारीख को िकया गया छह मास क अनदर अथवा

(ii) उस तारीख स िजसको िक अिभकिथत अपराध का िकया जाना िनरीकषक क जञान म आया छह मास क अनदर अथवा

2[(iiक) िकसी ऐस मामल म िजसम अिभयक त लोक सवक ह या था और ततसमय परव िकसी िविध क अधीन अपराध का सजञान करन क िलए कनदरीय सरकार या राजय सरकार या िकसी अनय परािधकारी की पवर मजरी आवशयक ह उस तारीख क िजसको ऐसी मजरी मखय िनरीकषक को पराप त होती ह तीन मास क अनदर अथवा]

(iii) िकसी ऐस मामल म िजसम जाच नयायालय कनदरीय सरकार ारा धारा 24 क अधीन िनयक त िकया गया हो उस धारा की उपधारा (4) म िविनिदष ट िरपोटर क परकाशन की तारीख क पश चात 3[एक वषर] क अनदर

इनम स जो भी बाद म हो न िकया गया हो 4[सपष टीकरणmdashइस धारा क परयोजन क िलएmdash

1 1959 क अिधिनयम स० 62 की धारा 42 ारा (16-1-1960 स) अनतःसथािपत 2 1983 क अिधिनयम स० 42 की धारा 42 ारा (31-5-1984 स) अतःसथािपत 3 1983 क अिधिनयम स० 42 की धारा 42 ारा (31-5-1984 स) ldquoछह मासrdquo क सथान पर परितसथािपत 4 1959 क अिधिनयम स० 62 की धारा 43 ारा (16-1-1960 स) सप ीकरण जोड़ा गया

31

(क) चाल रहन वाल अपराध की दशा म पिरसीमा की सगणना उस समय क हर कषण क परित िनदश स की जाएगी िजसक दौरान अपराध चाल रह

(ख) जहा िक कोई कायर करन क िलए समय इस अिधिनयम क अधीन िवसतािरत िकया गया हो वहा पिरसीमा की सगणना उस िवसतािरत कालाविध क अवसान स की जाएगी ]

80 अपराध का सजञानmdash1[महानगर मिजसटरट या परथम वगर नयाियक मिजसटरट] क नयायालय स अवर कोई नयायालय इस अिधिनयम क अधीन िकसी ऐस अपराध का िजसकी बाबत यह अिभकिथत हो िक वह खान क सवामी अिभकतार या परबनधक ारा िकया गया ह या िकसी ऐस अपराध का जो इस अिधिनयम ारा कारावास स दडनीय बनाया गया ह िवचारण नह करगा

80क [जमारन क बार म िवशष उपबध ]mdashखान (सशोधन) अिधिनयम 1983 (1983 का 42) की धारा 44 ारा (31-5-1984 स) िनरिसत

81 कितपय मामल म अिभयोजन क बजाय खान बोडर या सिमित को िनदशmdash(1) यिद मखय िनरीकषक या िजला मिजसटरट या िकसी िनरीकषक की पररणा पर इस अिधिनयम क अधीन सिसथत िकसी मामल का िवचारण करन वाल नयायालय की यह राय हो िक यह मामला ऐसा ह जो अिभयोजन क बजाय 2 सिमित को िनदिशत िकया जाना चािहए तो वह दािडक कायरवािहय को रोक सकगा और इस दिष ट स िक ऐसा िनदशन िकया जाए उस िवषय की िरपोटर कनदरीय सरकार को भजगा

(2) उपधारा (1) क अधीन िरपोटर पराप त होन पर कनदरीय सरकार मामला 2 सिमित को िनदिशत कर सकगी या िवचारण म अगरसर होन क िलए नयायालय को िनदश द सकगी

अधयाय 10

परकीणर 82 इस परश न का िविनश चय िक कया खान इस अिधिनयम क अधीन हmdashयिद कोई परश न उठ िक कया 3[खान का और उसम

का या उसका पाश वरसथ कोई उतखान या खिनत या पिरसर िजस पर खिनज या कोक पराप त करन दरसी करन या िवकरय क िलए तयार करन की सहायक कोई परिकरया चलाई जा रही ह] इस अिधिनयम क अथर क अनदर खान ह तो कनदरीय सरकार उस परश न का िविनश चय कर सकगी और कनदरीय सरकार क सिचव ारा हसताकषिरत परमाणपतर इस परश न पर िनश चायक होगा

83 अिधिनयम क परवतरन स छट दन की शिक तmdash4[(1)] कनदरीय सरकार िकसी सथानीय कषतर या िकसी खान को या खान क िकसी समह या वगर को या खान क िकसी भाग को या िक तय क िकसी वगर को 5[इस अिधिनयम या उसक अधीन बनाए गए िविनयम िनयम या उपिविधय क सब उपबनध क या उनम स िकसी क] परवतरन स छट शासकीय राजपतर म अिधसचना ारा या तो अतयितकतः या िकनह िविनिदष ट शत क अधयधीन द सकगी

परनत िकसी सथनीय कषतर या खान या खान क समह या वगर को 6[धारा 40 और धारा 45] क उपबनध स छट तब तक नह दी जाएगी जब तक उस इस अिधिनयम क अनय सब उपबनध क परवतरन स भी छट न द दी जाए ]

7[(2) कनदरीय सरकार मखय िनरीकषक या िकसी अनय परािधकारी को साधारण या िवशष आदश ारा ऐस िनबरनधन क अधयधीन िजनह अिधरोिपत करना वह ठीक समझ परािधकत कर सकगी िक वह िकसी खान या उसक िकसी भाग को 8[िविनयम िनयम या उपिविधय ] क उपबन ध म स िकसी क परवतरन स िकनह िविनिदष ट शत क अधयधीन तब छट द द जब िक मखय िनरीकषक या ऐस अिधकारी की राय हो िक खान या उसक भाग म पिरिसथितया ऐसी ह िक उनक कारण ऐस उपबनध का अनपालन अनावशयक या अ वहायर हो जाता ह ]

84 आदश को पिरवितत या िवखिणडत करन की शिक तmdash9[(1)] कनदरीय सरकार इस अिधिनयम क अधीन िदया गया कोई आदश उलट सकगी या उपानतिरत कर सकगी

10[(2) मखय िनरीकषक लखब िकए जान वाल कारण स इस अिधिनयम क अधीन या िकसी िविनयम िनयम या उपिविध क अधीन अपन ारा पािरत िकसी आदश को उलट सकगा या उस उपातिरत कर सकगा

(3) खान क सवामी अिभकतार या परबनधक पर परितकल परभाव डालन वाला कोई आदश इस धारा क अधीन तब तक नह िकया जाएगा जब तक िक ऐस सवामी अिभकतार या परबनधक को अभयावदन करन का यिक तयक त अवसर न द िदया गया हो ]

1 1983 क अिधिनयम स० 42 की धारा 43 ारा (31-5-1984 स) ldquoपरसीडसी मिजसटरट या परथम वगर मिजसटरटrdquo क सथान पर परितसथािपत 2 1983 क अिधिनयम स० 42 की धारा 43 ारा (31-5-1984 स) ldquoखनन बोडरrdquo शब द का लोप िकया गया 3 1959 क अिधिनयम स० 62 की धारा 45 ारा (16-1-1960 स) अनतःसथािपत 4 1959 क अिधिनयम स० 62 की धारा 46 ारा (16-1-1960 स) उपधारा (1) क रप म पनःसखयािकत 5 1983 क अिधिनयम स० 42 की धारा 46 ारा (31-5-1984 स) ldquoइस अिधिनयम क सब उपबध क िकसी कrdquo क सथान पर परितसथािपत 6 1983 क अिधिनयम स० 42 की धारा 46 ारा (31-5-1984 स) ldquoधारा 45rdquo क सथान पर परितसथािपत 7 1959 क अिधिनयम स० 62 की धारा 46 ारा (16-1-1960 स) अनतःसथािपत 8 1983 क अिधिनयम स० 42 की धारा 46 ारा (31-5-1984 स) ldquoइस अिधिनयम क अतगरत िविनयम और िनयमrdquo क सथान पर परितसथािपत 9 1983 क अिधिनयम स० 42 की धारा 47 ारा (31-5-1984 स) धारा 84 उपधारा (1) क रप म पनःसखयािकत 10 1983 क अिधिनयम स० 42 की धारा 47 ारा (31-5-1984 स) अतःसथािपत

32

85 सरकार की खान को अिधिनयम का लाग होनाmdashयह अिधिनयम सरकार की खान को 1[भी] लाग होगा 2[85क सचना आिद दन क िलए अपिकषत िक त ऐसा करन क िलए वध रप स आब ह गmdashहर िक त जो िकसी

अिधकारी को कोई सचना या इि ला इस अिधिनयम क अधीन दन क िलए अपिकषत ह भारतीय दड सिहता (1860 का 45) की धारा 176 क अथर क अनदर ऐसा करन क िलए वध रप स आब होगा ]

3[85ख िववरिणय सचना आिद पर हसताकषर करनाmdashइस अिधिनयम या उसक अधीन बनाए गए िकसी िविनयम िनयम उपिविध या िकसी आदश क उपबनध क समबनध म िकसी खान क सवामी ारा या उसकी ओर स दी जान क िलए अपिकषत सभी िववरिणय और सचना पर या भजी जान वाली सचना पर खान क सवामी अिभकतार या परबधक ारा या िकसी ऐस िक त ारा िजस सवामी ारा मखतारनाम ारा इस िनिम शिक त परतयायोिजत की गई ह हसताकषर िकए जाएग

85ग सिवधा और जन सिवधा क िलए फीस या परभार का वसल न िकया जानाmdashखान म िनयोिजत िकसी िक त स सरकषातमक परबनध या दी जान वाली सिवधा या इस अिधिनयम क उपबनध क अधीन परदाय िकए जान वाल िकसी उपसकर या सािधतर की बाबत कोई फीस या परभार वसल नह िकया जाएगा ]

86 1948 क अिधिनयम 63 क कितपय उपबध का खान को लाग होनाmdashकनदरीय सरकार शासकीय राजपतर म अिधसचना ारा िनदश द सकगी िक कारखाना अिधिनयम 1948 (1948 का 63) क अधयाय 3 और 4 क उपबनध ऐस अपवाद और िनबरनधन क

अधयधीन रहत हए जस उस अिधसचना म िविनिदष ट िकए जाए सब खान और उनकी परसीमा को लाग ह ग

87 सद भावपवरक िकए गए कायर क िलए पिरतराणmdashकोई भी वाद अिभयोजन या अनय िविधक कायरवाही इस अिधिनयम क अधीन सद भावपवरक की गई या जान क िलए आशियत िकसी बात क िलए िकसी िक त क िवर न होगी

88 [1923 क अिधिनयम 4 का िनरसन]mdashिनरसन और सशोधन अिधिनयम 1957 (1957 का 36) की धारा 2 और पहली अनसची ारा िनरिसत

______

1 1959 क अिधिनयम स० 62 की धारा 47 ारा (16-1-1960 स) अनतःसथािपत 2 1959 क अिधिनयम स० 62 की धारा 48 ारा (16-1-1960 स) अनतःसथािपत 3 1983 क अिधिनयम स० 42 की धारा 48 ारा (31-5-1984 स) अतःसथािपत

Page 27: खान अधिनियम, 1952ncwapps.nic.in/acts/TheMinesAct1952_Hindi.pdf1 ज ल ई, 1952, द खए भ रत क र जपतर (अ गर 1952, ज ) भ ग 2,

27

(2) जो कोई इस अिधिनयम क अनसरण म रख गए िकनह रिजसटर या अनय दसतावज को मखय िनरीकषक या िनरीकषक की माग पर पश करन स इनकार करगा अथवा िकसी ऐस िनरीकषण आिफसर क समकष जो इस अिधिनयम क अधीन क अपन कतर क अनसरण म कायर कर रहा ह उपसजात होन या उसक ारा परीकषा की जान स िकसी िक त को िनवािरत करगा या िनवािरत करन का परयत न करगा या कोई ऐसा कायर करगा िजसक बार म उसक पास यह िवश वास करन का कारण हो िक उसस उसका इस परकार िनवािरत होना सभा ह वह जमारन स जो तीन सौ रपए तक का हो सकगा दणडनीय होगा

64 अिभलख का िमथयाकरण आिदmdashजो कोईmdash

(क) इस अिधिनयम क अधीन अनद िकसी परमाणपतर का या परमाणपतर की िकसी कायारलय परित का कटकरण करगा या जानत हए उसम िमथया कथन करगा अथवा

(ख) जानत हए ऐस िकसी कटकतय या िमथया परमाणपतर को असली क रप म उपयोग म लाएगा अथवा

(ग) कोई िमथया घोषणा कथन या सा य यह जानत हए िक वह िमथया ह अपन िलए या िकसी अनय िक त क िलए इस अिधिनयम क अधीन परमाणपतर अिभपरा करन या परमाणपतर का नवीकरण करान या खान म िनयोजन अिभपरा करन क परयोजनाथर करगा या बनाएगा या पश करगा या उपयोग म लाएगा अथवा

1[(घ) िकसी ऐस रखाक खडिचतर रिजसटर या अिभलख का िमथयाकरण करगा िजसका रखा जाना इस अिधिनयम क ारा या अधीन अपिकषत हो या ऐसा िमथया रखाक खडिचतर रिजसटर या अिभलख उस िमथया जानत हए िकसी परािधकारी क

समकष पश करगा अथवा]

(ङ) कोई ऐसा रखाक िववरणी सचना अिभलख या िरपोटर बनाएगा दगा या पिरद करगा िजसम ऐसा कथन परिवि या बयौरा अनतिवष ट हो जो उसकी सव म जानकारी या िवश वास क अनसार सही न हो

वह कारावास स िजसकी अविध तीन मास तक की हो सकगी या जमारन स जो 2[एक हजार रपए] तक का हो सकगा या दोन स दणडनीय होगा

65 िमथया योगयता परमाणपतर का उपयोगmdashजो कोई 3[धारा 43] क अधीन अनय िक त को अनद िकसी परमाणपतर का उस धारा क अधीन अपन को योगयता-परमाणपतर क रप म जानत हए उपयोग करगा या उपयोग करन का परयत न करगा या उस धारा क अधीन अपन को योग यता-परमाणपतर अनद िकए जान पर जानत हए अनय िक त को उसका उपयोग करन दगा या उपयोग करन का परय करन दगा वह कारावास स िजसकी अविध एक मास तक की हो सकगी या जमारन स जो 4[दो सौ] रपए तक का हो सकगा या दोन स दणडनीय ोगा

िक तयक त कारण क िजस सािबत करन का भार उस पर होगा करगा जमारन स जो 6[एक हजार] रपए क का हो

ास स िजसकी विध तीन

ोिजत िकया जाता ह तो ऐसी खान का सवामी अिभकतार या परबनधक ऐस जमारन स जो पाच सौ रपए क का हो

ी अविध तीन मास तक की हो सकगी या जमारन स जो 10[दो हजार पाच सौ] रपए तक का हो सकगा या दोन स दणडनीय होगा

66 रखाक आिद दन का लोपmdashकोई िक त जो इस अिधिनयम क ारा या अधीन बनाए जान या िदए जान क िलए अपिकषत कोई रखाक 5[खडिचतर] िववरणी सचना रिजसटर अिभलख या िरपोटर िविहत पररप म या िविहत रीित स या िविहत समय पर या क भीतर बनान या दन का लोप िकए िबना यत सकगा दणडनीय होगा

67 शरिमक क िनयोजन िवषयक उपबनध का उललघनmdashजो कोई उसक िसवाय जसा िक धारा 38 ारा अनजञात ह इस अिधिनयम क या िकसी िविनयम िनयम या उपिविध क या तद धीन िकए गए िकसी आदश क िकसी ऐस उपबनध का उललघन करगा जो खान म या उसक आसपास िक तय क िनयोजन या उनकी उपिसथित को परितिष िनबरिनधत या िविनयिमत करता हो वह कारावअ मास तक की हो सकगी या जमारन स जो 7[एक हजार] रपए तक का हो सकगा या दोन स 8 दडनीय होगा

9[68 अठारह वषर स कम आय क िक तय क िनयोजन क िलए शािसतmdashयिद अठारह वषर स कम आय क िकसी िक त को धारा 40 क उललघन म िकसी खान म िनयत सकगा दणडनीय होगा ]

69 परबनधक िनयक त करन म असफलताmdashधारा 17 क उपबनध क उललघन म जो कोई परबनधक िनयक त करन म असफल रहगा वह कारावास स िजसक11

1 1959 क अिधिनयम स० 62 की धारा 35 ारा (16-1-1960 स) खड (घ) क सथान पर परितसथािपत 2 1959 क अिधिनयम स० 62 की धारा 35 ारा (16-1-1960 स) ldquoपाच सौ रपएrdquo क सथान पर परितसथािपत 3 1983 क अिधिनयम स० 42 की धारा 36 ारा (31-5-1984 स) ldquoधारा 40rdquo क सथान पर परितसथािपत 4 1959 क अिधिनयम स० 62 की धारा 36 ारा (16-1-1960 स) ldquoपचासrdquo क सथान पर परितसथािपत 5 1959 क अिधिनयम स० 62 की धारा 37 ारा (16-1-1960 स) अनतःसथािपत 6 1959 क अिधिनयम स० 62 की धारा 37 ारा (16-1-1960 स) ldquoदो सौrdquo क सथान पर परितसथािप 7 1959 क अिधिनयम स० 62 की धारा 38 ारा (16-1-1960 स) ldquoपाच सौrdquo क सथान पर परितसथािपत 8 1959 क अिधिनयम स० 62 की धारा 38 ारा (16-1-1960 स) कितपय शबद का लोप िकया गया 9 1983 क अिधिनयम स० 42 की धारा 37 ारा (31-5-1984 स) धारा 68 क सथान पर परितसथािपत 10 1959 क अिधिनयम स० 62 की धारा 39 ारा (16-1-1960 स) ldquoपाच सौrdquo क सथान पर परितसथािपत 11 1959 क अिधिनयम स० 62 की धारा 39 ारा (16-1-1960 स) कितपय शबद का लोप िकया गया

28

70 दघरटना की सचनाmdash(1) धारा 23 की उपधारा (1) क उपबनध क उललघन म जो कोई िकसी दघरटना की सचना दन म या उस सचना की परित उस उपधारा म िनिदष ट िवशष सचनाप पर लगान म और िविनिदष ट कालाविध क िलए वहा रखन म असफल रहगा वह कारावास स िजसकी अविध तीन मास तक की हो सकगी या जमारन स जो पाच सौ रपए तक का हो सकगा या दोन स दणनीय होगा

(2) कनदरीय सरकार ारा धारा 23 की उपधारा (3) क अधीन िदए गए िनदश क उललघन म जो कोई िकसी दघरटना को िविहत रिजसटर म अिभिलिखत करन म या उसकी सचना दन म असफल रहगा वह कारावास स िजसकी अविध तीन मास तक की हो सकगी या जमारन स तो पाच सौ रपए तक का हो सकगा या दोन स दणडनीय होगा

71 कितपय मामल म सवामी आिद का मखय िनरीकषक को िरपोटर दनाmdashजहा िक खान क यथािसथित सवामी अिभकतार या परबनधक न खान म या उसक आसपास िनयोिजत िकसी िक त क िवर कायरवाही इस अिधिनयम क अधीन क िकसी अपराध क बार म की हो वहा वह नयायालय क िनणरय या आदश की तारीख स इक कीस िदन क अनदर उसक पिरणाम की िरपोटर मखय िनरीकषक को दगा

72 खान म िनयोिजत िक तय की बाधयताmdashखान म िनयोिजत कोई भी िक तmdash

(क) खान म िनयोिजत िक तय का सवासथय कषम या कलयाण सिनिश चत करन क परयोजनाथर खान म उपबिनधत िकसी सािधतर सिवधा या अनय चीज म जानबझकर हसतकषप या उसका जानबझकर दरपयोग न करगा

(ख) जानबझकर और यिक तयक त कारण क िबना कोई ऐसी बात न करगा िजसस सवय उसक या अनय क सकटाप होन की सभा ता हो

(ग) खान म िनयोिजत िक तय का सवासथय या कषम सिनिश चत करन क परयोजनाथर उसम उपबिनधत िकसी सािधतर या अनय चीज को उपयोग म लान की जानबझकर उपकषा नह करगा

1[72क कछ िविनयम क उललघन क िलए िवशष उपबनधmdashजो कोई धारा 57 क खणड (घ) खणड (झ) खणड (ड) खणड (ढ) खणड (ण) खणड (त) खणड (द) खणड (ध) और खणड (प) म िविनिदष ट बात स सब िकसी िविनयम क या िकसी उपिविध क या तद धीन िकए गए िकसी आदश क िकसी उपबनध का उललघन करगा वह कारावास स िजसकी अविध छह मास तक की हो सकगी या जमारन स जो दो हजार रपए तक का हो सकगा या दोन स दणडनीय होगा

72ख धारा 22 क अधीन आदश क उललघन क िलए िवशष उपबनधmdashजो कोई धारा 22 की उपधारा (1क) उपधारा (2) या उपधारा (3) क अधीन 2[या धारा 22क की उपधारा (2) क अधीन] िनकाल गए आदश क उललघन म खान का कायरकरण चाल रखगा वह कारावास स िजसकी अविध दो वषर तक की हो सकगी दडनीय होगा और जमारन स भी जो पाच हजार रपए तक का हो सकगा दडनीय होगा

2[परनत नयायालय क िनणरय म लखब िकए जान वाल ततपरितकल िवशष और पयारप त कारण क अभाव म ऐसा जमारना खड (क) म िनिदष ट उललघन की दशा म तीन हजार रपए स कम नह होगा ]

72ग िविध क ऐस उललघन क िलए िजसक खतरनाक पिरणाम होत ह िवशष उपबनधmdash(1) जो कोई इस अिधिनयम क या िकसी िविनयम िनयम या उपिविध क या तद धीन िकए गए [धारा 22 की उपधारा (1क) या उपधारा (2) या उपधारा (3) 3[या धारा 22क की उपधारा (2)] क अधीन िकए गए आदश स िभ ] िकसी आदश क िकसी उपबनध का उललघन करगा वहmdash

(क) यिद ऐस उललघन क पिरणामसवरप जीवन की हािन हो तो कारावास स जो दो वषर तक का हो सकगा या जमारन स जो पाच हजार रपए तक का हो सकगा या दोन स दणडनीय होगा या

(ख) यिद ऐस उललघन क पिरणामसवरप गमभीर शारीिरक कषित हो तो कारावास स जो एक वषर तक का हो सकगा या जमारन स जो तीन हजार रपए तक का हो सकगा या दोन स दडनीय होगा अथवा

(ग) यिद ऐस उललघन स खान म िनयोिजत िक तय को या खान म या उसक आसपास क अनय िक तय को कषित या खतरा कािरत हो तो कारवास स जो तीन मास तक का हो सकगा या जमारन स जो एक हजार रपए तक का हो सकगा या दोन स दणडनीय होगा 6[परनत नयायालय क िनणरय म लखब िकए जान वाल ततपरितकल िवशष और पयारप त कारण क अभाव म ऐसा जमारना

खणड (क) म िनिदष ट उललघन की दशा म तीन हजार रपए स कम नह होगा ]

(2) जहा िक कोई िक त इस धारा क अधीन दोषिस िकए गए जान पर िफर उसक अधीन दोषिस िकया जाए वहा वह उपधारा (1) ारा उपबिनधत दड क दगन दड स दणडनीय होगा

1 1959 क अिधिनयम स० 62 की धारा 40 ारा (16-1-1960 स) धारा 73 तथा धारा 74 क सथान पर परितसथािपत 2 1983 क अिधिनयम स० 42 की धारा 38 ारा (31-5-1984 स) अतःसथािपत 3 1983 क अिधिनयम स० 42 की धारा 39 ारा (31-5-1984 स) अतःसथािपत

29

(3) इस धारा क अधीन पािरत जमारन का दडादश आरोिपत करन वाला अथवा अपील या पनरीकषण म या अनयथा उसकी पिष ट करन वाला नयायालय िनणरय पािरत करत समय आदश द सकगा िक वसल िकया गया सपणर जमारना या उसका कोई भाग कषितगरसत िक त को या उसकी मतय की दशा म उसक िविधक परितिनिध को परितकर क रप म िदया जाए

परनत यिद जमारना ऐस मामल म आरोिपत िकया जाए जो अपीलनीय हो तो अपील उपिसथत िकए जान क िलए अनजञात कालाविध क बीत जान क पहल या यिद अपील उपिसथत की गई हो तो अपील क िविनश चय स पहल ऐसा कोई भी सदाय नह िकया जाएगा

73 आदश की अवजञा क िलए साधारण उपबनधmdashजो कोई इस अिधिनयम क या िकसी िविनयम िनयम या उपिविध क या तद धीन िकए गए िकसी आदश क िकसी ऐस उपबनध का उललघन करगा िजसक उललघन क िलए एतिसमनपवर कोई शािसत उपबिनधत नह ह वह कारावास स िजसकी अविध तीन मास तक की हो सकगी या जमारन स जो एक हजार रपए तक का हो सकगा या दोन स दडनीय होगा

74 पवर दोषिसि क पश चात विधत शािसतmdashयिद कोई िक त जो (धारा 72ख और 72ग स िभ ) पवरगामी उपबनध म स िकसी क अधीन दडनीय िकसी अपराध का दोषिस िकया जा चका हो पवर दोषिसि क दो वषर क अनदर िकए गए और उसी उपबनध का उललघन अनतवरिलत करन वाल िकसी अपराध क िलए पनः दोषिस िकया जाए तो वह हर एक पश चात वत दोषिसि क िलए उस दड क दगन दणड स दणडनीय होगा िजसस वह ऐस उपबनध क परथम उललघन क िलए दडनीय होता ]

75 सवामी अिभकतार या परबनधक का अिभयोजनmdashइस अिधिनयम क अधीन क िकसी अपराध क िलए िकसी सवामी अिभकतार या परबनधक क िवर कोई भी अिभयोजन मखय िनरीकषक की या िजला मिजसटरट की या मखय िनरीकषक क िलिखत साधारण या िवशष आदश ारा इस िनिम परािधकत िनरीकषक की पररणा पर सिसथत िकए जान क िसवाय सिसथत नह िकया जाएगा

1[परनत मखय िनरीकषक या िजला मिजसटरट या इस परकार परािधकत िनरीकषक ऐसा अिभयोजन सिसथत करन स पवर अपना यह समाधान करगा िक सवामी अिभकतार या परबनधक ऐस अपराध क िकए जान को रोकन म सभी समयक ततपरता बरतन म असफल रहा था ]

2[परनत यह और िक] िकसी खान म तकनीकी िनदशन और परबनध क अनकरम म िकए गए िकसी अपराध क बार म िजला मिजसटरट िकसी सवामी अिभकतार या परबनधक क िवर कोई अिभयोजन मखय िनरीकषक क पवर अनमोदन स सिसथत करन क िसवाय सिसथत नह करगा

3[76 कितपय मामल म सवामी का अवधारणmdashजहा िक खान का सवामी कोई फमर या िष टय का अनय सगम हो वहा उसक सब भागीदार या सदसय या उनम स कोई अथवा जहा िक खान का सवामी कमपनी हो वहा उसक सब िनदशक या उनम स कोई अथवा जहा िक खान का सवामी सरकार या कोई सथानीय परािधकारी हो वहा यथािसथित ऐसी सरकार या सथानीय परािधकारी ारा खान क कामकाज का परबनध करन क िलए परािधकत सब आिफसर या िक त या उनम स कोई ऐस िकसी अपराध क िलए िजसक िलए खान का सवामी दडनीय हो इस अिधिनयम क अधीन अिभयोिजत और दिडत िकया जा सकगा

4[परनत जहा िकसी फमर सगम या कमपनी न मखय िनरीकषक को िलिखत रप म यह सचना द दी ह िक उसनmdash

(क) फमर की दशा म उसक िकसी भागीदार या परबनधक को

(ख) सगम की दशा म उसक िकसी सदसय या परबनधक को

(ग) कमपनी की दशा म उसक िकसी िनदशक या परबनधक को

जो परतयक मामल म िकसी ऐस सथान म िजस पर इस अिधिनयम का िवसतार ह िनवासी ह और जो परतयक मामल म या तो वासतव म ऐसी फमर सगम या कमपनी क परबनध का भारसाधक ह या उसम अिधकाश शयर धारण करता ह इस अिधिनयम क परयोजन क िलए खान क सवामी क उ रदाियतव को गरहण करन क िलए नामिनदिशत कर िदया ह वहा यथािसथित ऐसा भागीदार सदसय िनदशक या परबनधक जब तक वह ऐसा िनवासी बना रहता ह और पव क त रप म भारसाधक ह या अिधकाश शयर को धारण करता ह इस अिधिनयम क परयोजन क िलए खान का सवामी समझा जाएगा जब तक िक उसक नामिनदशन को र करन वाली या यह कथन करन वाली कोई िलिखत सचना की वह यथािसथित भागीदारी सदसय िनदशक या परबनधक नह रहा ह मखय िनरीकषक को पराप त नह हो जाती ह

सपष टीकरणmdashजहा िकसी फमर सगम या कमपनी क िविभन न सथापन या शाखाए ह अथवा उसक िकसी सथापन या शाखा म िविभन न एकक ह वहा िविभन न सथापन या शाखा या एकक क सबध म इस परनतक क अधीन िविभन न िक तय को नामिनदिशत िकया जा सकगा और इस परकार नामिनदिशत िक त कवल उस सथापन शाखा या एकक क समबनध म िजसक समबनध म उस नामिनदिशत िकया गया ह खान का सवामी समझा जाएगा ]

1 1983 क अिधिनयम स० 42 की धारा 40 ारा (31-5-1984 स) अतःसथािपत 2 1983 क अिधिनयम स० 42 की धारा 40 ारा (31-5-1984 स) ldquoपरनतrdquo क सथान पर परितसथािपत 3 1959 क अिधिनयम स० 62 की धारा 41 ारा (16-1-1960 स) धारा 76 क सथान पर परितसथािपत 4 1983 क अिधिनयम स० 42 की धारा 41 ारा (31-5-1984 स) ldquoपरनतकrdquo क सथान पर परितसथािपत

30

77 सवामी अिभकतार या परबनधक को दाियतव स कितपय दशा म छटmdashजहा िक खान का सवामी अिभकतार या परबनधक जो इस अिधिनयम क अधीन िकसी अपराध का अिभयक त हो यह अिभकथन कर िक वासतिवक अपराधी अनय िक त ह वहा वह अपन

ारा इस िनिम िकए गए पिरवाद पर 1[और वासतिवक अपराधी का जञात पता दन पर] और अिभयोजक को ऐसा करन क अपन आशय की तीन स अनयन पणर िदन की िलिखत सचना दन पर इस बात का हकदार होगा िक वह अनय िक त उस तारीख को जो मामल की सनवाई क िलए िनयत हो नयायालय क समकष लाया जाए और यिद अपराध का िकया जाना सािबत हो जान क पश चात खान का यथािसथित सवामी अिभकतार या परबनधक नयायालय को समाधान परदान करन वाल रप म सािबत कर द िकmdash

(क) इस अिधिनयम क ससगत उपबनध का िनषपादन करान क िलए उसन समयक ततपता बरती ह तथा (ख) उस अनय िक त न परश नगत अपराध को उसक जञान सममित या मौनानकलता क िबना िकया ह

तो उक त अनय िक त उस अपराध क िलए दोषिस िकया जाएगा और उसी परकार क दणड स ऐस दडनीय होगा मानो वह खान का सवामी अिभकतार या परबनधक हो और यथािसथित सवामी अिभकतार या परबनधक दोषमक त कर िदया जाएगा परनतmdash

(क) यथािसथित खान क सवामी अिभकतार या परबनधक की शपथ पर परीकषा की जा सकगी और उसक और िकसी अनय साकषी क िजस वह अपन समथरन म बलाए सा य की उस िक त क ारा या की ओर स िजसकी बाबत वह अिभकिथत करता हो िक वह वासतिवक अपराधी ह और अिभयोजक ारा परितपरीकषा की जा सकगी

(ख) यिद वह िक त िजसका वासतिवक अपराधी होना अिभकिथत हो उस तारीख को जो मामल की सनवाई क िलए िनयत हो नयायालय क समकष समयक ततपरता बरती जान पर भी न लाया जा सक तो नयायालय उसकी सनवाई समय-समय पर सथिगत कर दगा िकनत इस परकार िक ऐस सथगन की कल कालाविध तीन मास स अिधक न हो और यिद उक त कालाविध क अनत तक भी वह िक त िजसका वासतिवक अपराधी होना अिभकिथत हो नयायालय क समकष न लाया जा सक तो नयायालय यथािसथित सवामी अिभकतार या परबनधक क िवर मामल की सनवाई क िलए अगरसर होगा

78 नयायालय की आदश करन की शिक तmdash(1) जहा िक खान का सवमी अिभकतार या परबनधक इस अिधिनयम क अधीन दडनीय अपराध क िलए दोषिस िकया जाए वहा नयायालय उस कोई दड अिधिनण त करन क अितिरक त िलिखत आदश ारा उसस आदश म िविनिदष ट कालाविध क अनदर (िजस नयायालय इस िनिम िकए गए आवदन पर समय-समय पर िवसतािरत कर सकगा) ऐस उपाय करन की अपकषा कर सकगा जो उन बात का उपचार करन क िलए िजनक बार म अपराध िकया गया था ऐस िविनिदष ट िकए जाए (2) जहा िक उपधारा (1) क अधीन आदश िदया जाए वहा यथािसथित खान का सवामी अिभकतार या परबनधक उस कालाविध या िवसतािरत कालाविध क यिद कोई हो दौरान अपराध क चाल रहन क िवषय म इस अिधिनयम क अधीन दडनीय नह होगा िकनत यिद नयायालय क आदश का पणर अनपालन ऐसी कालाविध या िवसतािरत कालाविध क अवसान पर न हो गया हो तो यथािसथित सवामी अिभकतार या परबनधक क बार म यह समझा जाएगा िक उसन अितिरक त अपराध िकया ह और वह कारावास स िजसकी अविध छह मास तक की हो सकगी या जमारन स जो ऐस अवसान क पश चात हर एक ऐस िदन क िलए िजसम िक आदश का अनपालन न हआ हो एक सौ रपए तक का हो सकगा या दोन स दणडनीय होगा 79 अिभयोजन की पिरसीमाmdashकोई भी नयायालय इस अिधिनयम क अधीन िकसी अपराध का सजञान तब तक नह करगा जब तक िक उसका पिरवादmdash

(i) उस तारीख स िजसकी बाबत यह अिभकिथत हो िक अपराध उस तारीख को िकया गया छह मास क अनदर अथवा

(ii) उस तारीख स िजसको िक अिभकिथत अपराध का िकया जाना िनरीकषक क जञान म आया छह मास क अनदर अथवा

2[(iiक) िकसी ऐस मामल म िजसम अिभयक त लोक सवक ह या था और ततसमय परव िकसी िविध क अधीन अपराध का सजञान करन क िलए कनदरीय सरकार या राजय सरकार या िकसी अनय परािधकारी की पवर मजरी आवशयक ह उस तारीख क िजसको ऐसी मजरी मखय िनरीकषक को पराप त होती ह तीन मास क अनदर अथवा]

(iii) िकसी ऐस मामल म िजसम जाच नयायालय कनदरीय सरकार ारा धारा 24 क अधीन िनयक त िकया गया हो उस धारा की उपधारा (4) म िविनिदष ट िरपोटर क परकाशन की तारीख क पश चात 3[एक वषर] क अनदर

इनम स जो भी बाद म हो न िकया गया हो 4[सपष टीकरणmdashइस धारा क परयोजन क िलएmdash

1 1959 क अिधिनयम स० 62 की धारा 42 ारा (16-1-1960 स) अनतःसथािपत 2 1983 क अिधिनयम स० 42 की धारा 42 ारा (31-5-1984 स) अतःसथािपत 3 1983 क अिधिनयम स० 42 की धारा 42 ारा (31-5-1984 स) ldquoछह मासrdquo क सथान पर परितसथािपत 4 1959 क अिधिनयम स० 62 की धारा 43 ारा (16-1-1960 स) सप ीकरण जोड़ा गया

31

(क) चाल रहन वाल अपराध की दशा म पिरसीमा की सगणना उस समय क हर कषण क परित िनदश स की जाएगी िजसक दौरान अपराध चाल रह

(ख) जहा िक कोई कायर करन क िलए समय इस अिधिनयम क अधीन िवसतािरत िकया गया हो वहा पिरसीमा की सगणना उस िवसतािरत कालाविध क अवसान स की जाएगी ]

80 अपराध का सजञानmdash1[महानगर मिजसटरट या परथम वगर नयाियक मिजसटरट] क नयायालय स अवर कोई नयायालय इस अिधिनयम क अधीन िकसी ऐस अपराध का िजसकी बाबत यह अिभकिथत हो िक वह खान क सवामी अिभकतार या परबनधक ारा िकया गया ह या िकसी ऐस अपराध का जो इस अिधिनयम ारा कारावास स दडनीय बनाया गया ह िवचारण नह करगा

80क [जमारन क बार म िवशष उपबध ]mdashखान (सशोधन) अिधिनयम 1983 (1983 का 42) की धारा 44 ारा (31-5-1984 स) िनरिसत

81 कितपय मामल म अिभयोजन क बजाय खान बोडर या सिमित को िनदशmdash(1) यिद मखय िनरीकषक या िजला मिजसटरट या िकसी िनरीकषक की पररणा पर इस अिधिनयम क अधीन सिसथत िकसी मामल का िवचारण करन वाल नयायालय की यह राय हो िक यह मामला ऐसा ह जो अिभयोजन क बजाय 2 सिमित को िनदिशत िकया जाना चािहए तो वह दािडक कायरवािहय को रोक सकगा और इस दिष ट स िक ऐसा िनदशन िकया जाए उस िवषय की िरपोटर कनदरीय सरकार को भजगा

(2) उपधारा (1) क अधीन िरपोटर पराप त होन पर कनदरीय सरकार मामला 2 सिमित को िनदिशत कर सकगी या िवचारण म अगरसर होन क िलए नयायालय को िनदश द सकगी

अधयाय 10

परकीणर 82 इस परश न का िविनश चय िक कया खान इस अिधिनयम क अधीन हmdashयिद कोई परश न उठ िक कया 3[खान का और उसम

का या उसका पाश वरसथ कोई उतखान या खिनत या पिरसर िजस पर खिनज या कोक पराप त करन दरसी करन या िवकरय क िलए तयार करन की सहायक कोई परिकरया चलाई जा रही ह] इस अिधिनयम क अथर क अनदर खान ह तो कनदरीय सरकार उस परश न का िविनश चय कर सकगी और कनदरीय सरकार क सिचव ारा हसताकषिरत परमाणपतर इस परश न पर िनश चायक होगा

83 अिधिनयम क परवतरन स छट दन की शिक तmdash4[(1)] कनदरीय सरकार िकसी सथानीय कषतर या िकसी खान को या खान क िकसी समह या वगर को या खान क िकसी भाग को या िक तय क िकसी वगर को 5[इस अिधिनयम या उसक अधीन बनाए गए िविनयम िनयम या उपिविधय क सब उपबनध क या उनम स िकसी क] परवतरन स छट शासकीय राजपतर म अिधसचना ारा या तो अतयितकतः या िकनह िविनिदष ट शत क अधयधीन द सकगी

परनत िकसी सथनीय कषतर या खान या खान क समह या वगर को 6[धारा 40 और धारा 45] क उपबनध स छट तब तक नह दी जाएगी जब तक उस इस अिधिनयम क अनय सब उपबनध क परवतरन स भी छट न द दी जाए ]

7[(2) कनदरीय सरकार मखय िनरीकषक या िकसी अनय परािधकारी को साधारण या िवशष आदश ारा ऐस िनबरनधन क अधयधीन िजनह अिधरोिपत करना वह ठीक समझ परािधकत कर सकगी िक वह िकसी खान या उसक िकसी भाग को 8[िविनयम िनयम या उपिविधय ] क उपबन ध म स िकसी क परवतरन स िकनह िविनिदष ट शत क अधयधीन तब छट द द जब िक मखय िनरीकषक या ऐस अिधकारी की राय हो िक खान या उसक भाग म पिरिसथितया ऐसी ह िक उनक कारण ऐस उपबनध का अनपालन अनावशयक या अ वहायर हो जाता ह ]

84 आदश को पिरवितत या िवखिणडत करन की शिक तmdash9[(1)] कनदरीय सरकार इस अिधिनयम क अधीन िदया गया कोई आदश उलट सकगी या उपानतिरत कर सकगी

10[(2) मखय िनरीकषक लखब िकए जान वाल कारण स इस अिधिनयम क अधीन या िकसी िविनयम िनयम या उपिविध क अधीन अपन ारा पािरत िकसी आदश को उलट सकगा या उस उपातिरत कर सकगा

(3) खान क सवामी अिभकतार या परबनधक पर परितकल परभाव डालन वाला कोई आदश इस धारा क अधीन तब तक नह िकया जाएगा जब तक िक ऐस सवामी अिभकतार या परबनधक को अभयावदन करन का यिक तयक त अवसर न द िदया गया हो ]

1 1983 क अिधिनयम स० 42 की धारा 43 ारा (31-5-1984 स) ldquoपरसीडसी मिजसटरट या परथम वगर मिजसटरटrdquo क सथान पर परितसथािपत 2 1983 क अिधिनयम स० 42 की धारा 43 ारा (31-5-1984 स) ldquoखनन बोडरrdquo शब द का लोप िकया गया 3 1959 क अिधिनयम स० 62 की धारा 45 ारा (16-1-1960 स) अनतःसथािपत 4 1959 क अिधिनयम स० 62 की धारा 46 ारा (16-1-1960 स) उपधारा (1) क रप म पनःसखयािकत 5 1983 क अिधिनयम स० 42 की धारा 46 ारा (31-5-1984 स) ldquoइस अिधिनयम क सब उपबध क िकसी कrdquo क सथान पर परितसथािपत 6 1983 क अिधिनयम स० 42 की धारा 46 ारा (31-5-1984 स) ldquoधारा 45rdquo क सथान पर परितसथािपत 7 1959 क अिधिनयम स० 62 की धारा 46 ारा (16-1-1960 स) अनतःसथािपत 8 1983 क अिधिनयम स० 42 की धारा 46 ारा (31-5-1984 स) ldquoइस अिधिनयम क अतगरत िविनयम और िनयमrdquo क सथान पर परितसथािपत 9 1983 क अिधिनयम स० 42 की धारा 47 ारा (31-5-1984 स) धारा 84 उपधारा (1) क रप म पनःसखयािकत 10 1983 क अिधिनयम स० 42 की धारा 47 ारा (31-5-1984 स) अतःसथािपत

32

85 सरकार की खान को अिधिनयम का लाग होनाmdashयह अिधिनयम सरकार की खान को 1[भी] लाग होगा 2[85क सचना आिद दन क िलए अपिकषत िक त ऐसा करन क िलए वध रप स आब ह गmdashहर िक त जो िकसी

अिधकारी को कोई सचना या इि ला इस अिधिनयम क अधीन दन क िलए अपिकषत ह भारतीय दड सिहता (1860 का 45) की धारा 176 क अथर क अनदर ऐसा करन क िलए वध रप स आब होगा ]

3[85ख िववरिणय सचना आिद पर हसताकषर करनाmdashइस अिधिनयम या उसक अधीन बनाए गए िकसी िविनयम िनयम उपिविध या िकसी आदश क उपबनध क समबनध म िकसी खान क सवामी ारा या उसकी ओर स दी जान क िलए अपिकषत सभी िववरिणय और सचना पर या भजी जान वाली सचना पर खान क सवामी अिभकतार या परबधक ारा या िकसी ऐस िक त ारा िजस सवामी ारा मखतारनाम ारा इस िनिम शिक त परतयायोिजत की गई ह हसताकषर िकए जाएग

85ग सिवधा और जन सिवधा क िलए फीस या परभार का वसल न िकया जानाmdashखान म िनयोिजत िकसी िक त स सरकषातमक परबनध या दी जान वाली सिवधा या इस अिधिनयम क उपबनध क अधीन परदाय िकए जान वाल िकसी उपसकर या सािधतर की बाबत कोई फीस या परभार वसल नह िकया जाएगा ]

86 1948 क अिधिनयम 63 क कितपय उपबध का खान को लाग होनाmdashकनदरीय सरकार शासकीय राजपतर म अिधसचना ारा िनदश द सकगी िक कारखाना अिधिनयम 1948 (1948 का 63) क अधयाय 3 और 4 क उपबनध ऐस अपवाद और िनबरनधन क

अधयधीन रहत हए जस उस अिधसचना म िविनिदष ट िकए जाए सब खान और उनकी परसीमा को लाग ह ग

87 सद भावपवरक िकए गए कायर क िलए पिरतराणmdashकोई भी वाद अिभयोजन या अनय िविधक कायरवाही इस अिधिनयम क अधीन सद भावपवरक की गई या जान क िलए आशियत िकसी बात क िलए िकसी िक त क िवर न होगी

88 [1923 क अिधिनयम 4 का िनरसन]mdashिनरसन और सशोधन अिधिनयम 1957 (1957 का 36) की धारा 2 और पहली अनसची ारा िनरिसत

______

1 1959 क अिधिनयम स० 62 की धारा 47 ारा (16-1-1960 स) अनतःसथािपत 2 1959 क अिधिनयम स० 62 की धारा 48 ारा (16-1-1960 स) अनतःसथािपत 3 1983 क अिधिनयम स० 42 की धारा 48 ारा (31-5-1984 स) अतःसथािपत

Page 28: खान अधिनियम, 1952ncwapps.nic.in/acts/TheMinesAct1952_Hindi.pdf1 ज ल ई, 1952, द खए भ रत क र जपतर (अ गर 1952, ज ) भ ग 2,

28

70 दघरटना की सचनाmdash(1) धारा 23 की उपधारा (1) क उपबनध क उललघन म जो कोई िकसी दघरटना की सचना दन म या उस सचना की परित उस उपधारा म िनिदष ट िवशष सचनाप पर लगान म और िविनिदष ट कालाविध क िलए वहा रखन म असफल रहगा वह कारावास स िजसकी अविध तीन मास तक की हो सकगी या जमारन स जो पाच सौ रपए तक का हो सकगा या दोन स दणनीय होगा

(2) कनदरीय सरकार ारा धारा 23 की उपधारा (3) क अधीन िदए गए िनदश क उललघन म जो कोई िकसी दघरटना को िविहत रिजसटर म अिभिलिखत करन म या उसकी सचना दन म असफल रहगा वह कारावास स िजसकी अविध तीन मास तक की हो सकगी या जमारन स तो पाच सौ रपए तक का हो सकगा या दोन स दणडनीय होगा

71 कितपय मामल म सवामी आिद का मखय िनरीकषक को िरपोटर दनाmdashजहा िक खान क यथािसथित सवामी अिभकतार या परबनधक न खान म या उसक आसपास िनयोिजत िकसी िक त क िवर कायरवाही इस अिधिनयम क अधीन क िकसी अपराध क बार म की हो वहा वह नयायालय क िनणरय या आदश की तारीख स इक कीस िदन क अनदर उसक पिरणाम की िरपोटर मखय िनरीकषक को दगा

72 खान म िनयोिजत िक तय की बाधयताmdashखान म िनयोिजत कोई भी िक तmdash

(क) खान म िनयोिजत िक तय का सवासथय कषम या कलयाण सिनिश चत करन क परयोजनाथर खान म उपबिनधत िकसी सािधतर सिवधा या अनय चीज म जानबझकर हसतकषप या उसका जानबझकर दरपयोग न करगा

(ख) जानबझकर और यिक तयक त कारण क िबना कोई ऐसी बात न करगा िजसस सवय उसक या अनय क सकटाप होन की सभा ता हो

(ग) खान म िनयोिजत िक तय का सवासथय या कषम सिनिश चत करन क परयोजनाथर उसम उपबिनधत िकसी सािधतर या अनय चीज को उपयोग म लान की जानबझकर उपकषा नह करगा

1[72क कछ िविनयम क उललघन क िलए िवशष उपबनधmdashजो कोई धारा 57 क खणड (घ) खणड (झ) खणड (ड) खणड (ढ) खणड (ण) खणड (त) खणड (द) खणड (ध) और खणड (प) म िविनिदष ट बात स सब िकसी िविनयम क या िकसी उपिविध क या तद धीन िकए गए िकसी आदश क िकसी उपबनध का उललघन करगा वह कारावास स िजसकी अविध छह मास तक की हो सकगी या जमारन स जो दो हजार रपए तक का हो सकगा या दोन स दणडनीय होगा

72ख धारा 22 क अधीन आदश क उललघन क िलए िवशष उपबनधmdashजो कोई धारा 22 की उपधारा (1क) उपधारा (2) या उपधारा (3) क अधीन 2[या धारा 22क की उपधारा (2) क अधीन] िनकाल गए आदश क उललघन म खान का कायरकरण चाल रखगा वह कारावास स िजसकी अविध दो वषर तक की हो सकगी दडनीय होगा और जमारन स भी जो पाच हजार रपए तक का हो सकगा दडनीय होगा

2[परनत नयायालय क िनणरय म लखब िकए जान वाल ततपरितकल िवशष और पयारप त कारण क अभाव म ऐसा जमारना खड (क) म िनिदष ट उललघन की दशा म तीन हजार रपए स कम नह होगा ]

72ग िविध क ऐस उललघन क िलए िजसक खतरनाक पिरणाम होत ह िवशष उपबनधmdash(1) जो कोई इस अिधिनयम क या िकसी िविनयम िनयम या उपिविध क या तद धीन िकए गए [धारा 22 की उपधारा (1क) या उपधारा (2) या उपधारा (3) 3[या धारा 22क की उपधारा (2)] क अधीन िकए गए आदश स िभ ] िकसी आदश क िकसी उपबनध का उललघन करगा वहmdash

(क) यिद ऐस उललघन क पिरणामसवरप जीवन की हािन हो तो कारावास स जो दो वषर तक का हो सकगा या जमारन स जो पाच हजार रपए तक का हो सकगा या दोन स दणडनीय होगा या

(ख) यिद ऐस उललघन क पिरणामसवरप गमभीर शारीिरक कषित हो तो कारावास स जो एक वषर तक का हो सकगा या जमारन स जो तीन हजार रपए तक का हो सकगा या दोन स दडनीय होगा अथवा

(ग) यिद ऐस उललघन स खान म िनयोिजत िक तय को या खान म या उसक आसपास क अनय िक तय को कषित या खतरा कािरत हो तो कारवास स जो तीन मास तक का हो सकगा या जमारन स जो एक हजार रपए तक का हो सकगा या दोन स दणडनीय होगा 6[परनत नयायालय क िनणरय म लखब िकए जान वाल ततपरितकल िवशष और पयारप त कारण क अभाव म ऐसा जमारना

खणड (क) म िनिदष ट उललघन की दशा म तीन हजार रपए स कम नह होगा ]

(2) जहा िक कोई िक त इस धारा क अधीन दोषिस िकए गए जान पर िफर उसक अधीन दोषिस िकया जाए वहा वह उपधारा (1) ारा उपबिनधत दड क दगन दड स दणडनीय होगा

1 1959 क अिधिनयम स० 62 की धारा 40 ारा (16-1-1960 स) धारा 73 तथा धारा 74 क सथान पर परितसथािपत 2 1983 क अिधिनयम स० 42 की धारा 38 ारा (31-5-1984 स) अतःसथािपत 3 1983 क अिधिनयम स० 42 की धारा 39 ारा (31-5-1984 स) अतःसथािपत

29

(3) इस धारा क अधीन पािरत जमारन का दडादश आरोिपत करन वाला अथवा अपील या पनरीकषण म या अनयथा उसकी पिष ट करन वाला नयायालय िनणरय पािरत करत समय आदश द सकगा िक वसल िकया गया सपणर जमारना या उसका कोई भाग कषितगरसत िक त को या उसकी मतय की दशा म उसक िविधक परितिनिध को परितकर क रप म िदया जाए

परनत यिद जमारना ऐस मामल म आरोिपत िकया जाए जो अपीलनीय हो तो अपील उपिसथत िकए जान क िलए अनजञात कालाविध क बीत जान क पहल या यिद अपील उपिसथत की गई हो तो अपील क िविनश चय स पहल ऐसा कोई भी सदाय नह िकया जाएगा

73 आदश की अवजञा क िलए साधारण उपबनधmdashजो कोई इस अिधिनयम क या िकसी िविनयम िनयम या उपिविध क या तद धीन िकए गए िकसी आदश क िकसी ऐस उपबनध का उललघन करगा िजसक उललघन क िलए एतिसमनपवर कोई शािसत उपबिनधत नह ह वह कारावास स िजसकी अविध तीन मास तक की हो सकगी या जमारन स जो एक हजार रपए तक का हो सकगा या दोन स दडनीय होगा

74 पवर दोषिसि क पश चात विधत शािसतmdashयिद कोई िक त जो (धारा 72ख और 72ग स िभ ) पवरगामी उपबनध म स िकसी क अधीन दडनीय िकसी अपराध का दोषिस िकया जा चका हो पवर दोषिसि क दो वषर क अनदर िकए गए और उसी उपबनध का उललघन अनतवरिलत करन वाल िकसी अपराध क िलए पनः दोषिस िकया जाए तो वह हर एक पश चात वत दोषिसि क िलए उस दड क दगन दणड स दणडनीय होगा िजसस वह ऐस उपबनध क परथम उललघन क िलए दडनीय होता ]

75 सवामी अिभकतार या परबनधक का अिभयोजनmdashइस अिधिनयम क अधीन क िकसी अपराध क िलए िकसी सवामी अिभकतार या परबनधक क िवर कोई भी अिभयोजन मखय िनरीकषक की या िजला मिजसटरट की या मखय िनरीकषक क िलिखत साधारण या िवशष आदश ारा इस िनिम परािधकत िनरीकषक की पररणा पर सिसथत िकए जान क िसवाय सिसथत नह िकया जाएगा

1[परनत मखय िनरीकषक या िजला मिजसटरट या इस परकार परािधकत िनरीकषक ऐसा अिभयोजन सिसथत करन स पवर अपना यह समाधान करगा िक सवामी अिभकतार या परबनधक ऐस अपराध क िकए जान को रोकन म सभी समयक ततपरता बरतन म असफल रहा था ]

2[परनत यह और िक] िकसी खान म तकनीकी िनदशन और परबनध क अनकरम म िकए गए िकसी अपराध क बार म िजला मिजसटरट िकसी सवामी अिभकतार या परबनधक क िवर कोई अिभयोजन मखय िनरीकषक क पवर अनमोदन स सिसथत करन क िसवाय सिसथत नह करगा

3[76 कितपय मामल म सवामी का अवधारणmdashजहा िक खान का सवामी कोई फमर या िष टय का अनय सगम हो वहा उसक सब भागीदार या सदसय या उनम स कोई अथवा जहा िक खान का सवामी कमपनी हो वहा उसक सब िनदशक या उनम स कोई अथवा जहा िक खान का सवामी सरकार या कोई सथानीय परािधकारी हो वहा यथािसथित ऐसी सरकार या सथानीय परािधकारी ारा खान क कामकाज का परबनध करन क िलए परािधकत सब आिफसर या िक त या उनम स कोई ऐस िकसी अपराध क िलए िजसक िलए खान का सवामी दडनीय हो इस अिधिनयम क अधीन अिभयोिजत और दिडत िकया जा सकगा

4[परनत जहा िकसी फमर सगम या कमपनी न मखय िनरीकषक को िलिखत रप म यह सचना द दी ह िक उसनmdash

(क) फमर की दशा म उसक िकसी भागीदार या परबनधक को

(ख) सगम की दशा म उसक िकसी सदसय या परबनधक को

(ग) कमपनी की दशा म उसक िकसी िनदशक या परबनधक को

जो परतयक मामल म िकसी ऐस सथान म िजस पर इस अिधिनयम का िवसतार ह िनवासी ह और जो परतयक मामल म या तो वासतव म ऐसी फमर सगम या कमपनी क परबनध का भारसाधक ह या उसम अिधकाश शयर धारण करता ह इस अिधिनयम क परयोजन क िलए खान क सवामी क उ रदाियतव को गरहण करन क िलए नामिनदिशत कर िदया ह वहा यथािसथित ऐसा भागीदार सदसय िनदशक या परबनधक जब तक वह ऐसा िनवासी बना रहता ह और पव क त रप म भारसाधक ह या अिधकाश शयर को धारण करता ह इस अिधिनयम क परयोजन क िलए खान का सवामी समझा जाएगा जब तक िक उसक नामिनदशन को र करन वाली या यह कथन करन वाली कोई िलिखत सचना की वह यथािसथित भागीदारी सदसय िनदशक या परबनधक नह रहा ह मखय िनरीकषक को पराप त नह हो जाती ह

सपष टीकरणmdashजहा िकसी फमर सगम या कमपनी क िविभन न सथापन या शाखाए ह अथवा उसक िकसी सथापन या शाखा म िविभन न एकक ह वहा िविभन न सथापन या शाखा या एकक क सबध म इस परनतक क अधीन िविभन न िक तय को नामिनदिशत िकया जा सकगा और इस परकार नामिनदिशत िक त कवल उस सथापन शाखा या एकक क समबनध म िजसक समबनध म उस नामिनदिशत िकया गया ह खान का सवामी समझा जाएगा ]

1 1983 क अिधिनयम स० 42 की धारा 40 ारा (31-5-1984 स) अतःसथािपत 2 1983 क अिधिनयम स० 42 की धारा 40 ारा (31-5-1984 स) ldquoपरनतrdquo क सथान पर परितसथािपत 3 1959 क अिधिनयम स० 62 की धारा 41 ारा (16-1-1960 स) धारा 76 क सथान पर परितसथािपत 4 1983 क अिधिनयम स० 42 की धारा 41 ारा (31-5-1984 स) ldquoपरनतकrdquo क सथान पर परितसथािपत

30

77 सवामी अिभकतार या परबनधक को दाियतव स कितपय दशा म छटmdashजहा िक खान का सवामी अिभकतार या परबनधक जो इस अिधिनयम क अधीन िकसी अपराध का अिभयक त हो यह अिभकथन कर िक वासतिवक अपराधी अनय िक त ह वहा वह अपन

ारा इस िनिम िकए गए पिरवाद पर 1[और वासतिवक अपराधी का जञात पता दन पर] और अिभयोजक को ऐसा करन क अपन आशय की तीन स अनयन पणर िदन की िलिखत सचना दन पर इस बात का हकदार होगा िक वह अनय िक त उस तारीख को जो मामल की सनवाई क िलए िनयत हो नयायालय क समकष लाया जाए और यिद अपराध का िकया जाना सािबत हो जान क पश चात खान का यथािसथित सवामी अिभकतार या परबनधक नयायालय को समाधान परदान करन वाल रप म सािबत कर द िकmdash

(क) इस अिधिनयम क ससगत उपबनध का िनषपादन करान क िलए उसन समयक ततपता बरती ह तथा (ख) उस अनय िक त न परश नगत अपराध को उसक जञान सममित या मौनानकलता क िबना िकया ह

तो उक त अनय िक त उस अपराध क िलए दोषिस िकया जाएगा और उसी परकार क दणड स ऐस दडनीय होगा मानो वह खान का सवामी अिभकतार या परबनधक हो और यथािसथित सवामी अिभकतार या परबनधक दोषमक त कर िदया जाएगा परनतmdash

(क) यथािसथित खान क सवामी अिभकतार या परबनधक की शपथ पर परीकषा की जा सकगी और उसक और िकसी अनय साकषी क िजस वह अपन समथरन म बलाए सा य की उस िक त क ारा या की ओर स िजसकी बाबत वह अिभकिथत करता हो िक वह वासतिवक अपराधी ह और अिभयोजक ारा परितपरीकषा की जा सकगी

(ख) यिद वह िक त िजसका वासतिवक अपराधी होना अिभकिथत हो उस तारीख को जो मामल की सनवाई क िलए िनयत हो नयायालय क समकष समयक ततपरता बरती जान पर भी न लाया जा सक तो नयायालय उसकी सनवाई समय-समय पर सथिगत कर दगा िकनत इस परकार िक ऐस सथगन की कल कालाविध तीन मास स अिधक न हो और यिद उक त कालाविध क अनत तक भी वह िक त िजसका वासतिवक अपराधी होना अिभकिथत हो नयायालय क समकष न लाया जा सक तो नयायालय यथािसथित सवामी अिभकतार या परबनधक क िवर मामल की सनवाई क िलए अगरसर होगा

78 नयायालय की आदश करन की शिक तmdash(1) जहा िक खान का सवमी अिभकतार या परबनधक इस अिधिनयम क अधीन दडनीय अपराध क िलए दोषिस िकया जाए वहा नयायालय उस कोई दड अिधिनण त करन क अितिरक त िलिखत आदश ारा उसस आदश म िविनिदष ट कालाविध क अनदर (िजस नयायालय इस िनिम िकए गए आवदन पर समय-समय पर िवसतािरत कर सकगा) ऐस उपाय करन की अपकषा कर सकगा जो उन बात का उपचार करन क िलए िजनक बार म अपराध िकया गया था ऐस िविनिदष ट िकए जाए (2) जहा िक उपधारा (1) क अधीन आदश िदया जाए वहा यथािसथित खान का सवामी अिभकतार या परबनधक उस कालाविध या िवसतािरत कालाविध क यिद कोई हो दौरान अपराध क चाल रहन क िवषय म इस अिधिनयम क अधीन दडनीय नह होगा िकनत यिद नयायालय क आदश का पणर अनपालन ऐसी कालाविध या िवसतािरत कालाविध क अवसान पर न हो गया हो तो यथािसथित सवामी अिभकतार या परबनधक क बार म यह समझा जाएगा िक उसन अितिरक त अपराध िकया ह और वह कारावास स िजसकी अविध छह मास तक की हो सकगी या जमारन स जो ऐस अवसान क पश चात हर एक ऐस िदन क िलए िजसम िक आदश का अनपालन न हआ हो एक सौ रपए तक का हो सकगा या दोन स दणडनीय होगा 79 अिभयोजन की पिरसीमाmdashकोई भी नयायालय इस अिधिनयम क अधीन िकसी अपराध का सजञान तब तक नह करगा जब तक िक उसका पिरवादmdash

(i) उस तारीख स िजसकी बाबत यह अिभकिथत हो िक अपराध उस तारीख को िकया गया छह मास क अनदर अथवा

(ii) उस तारीख स िजसको िक अिभकिथत अपराध का िकया जाना िनरीकषक क जञान म आया छह मास क अनदर अथवा

2[(iiक) िकसी ऐस मामल म िजसम अिभयक त लोक सवक ह या था और ततसमय परव िकसी िविध क अधीन अपराध का सजञान करन क िलए कनदरीय सरकार या राजय सरकार या िकसी अनय परािधकारी की पवर मजरी आवशयक ह उस तारीख क िजसको ऐसी मजरी मखय िनरीकषक को पराप त होती ह तीन मास क अनदर अथवा]

(iii) िकसी ऐस मामल म िजसम जाच नयायालय कनदरीय सरकार ारा धारा 24 क अधीन िनयक त िकया गया हो उस धारा की उपधारा (4) म िविनिदष ट िरपोटर क परकाशन की तारीख क पश चात 3[एक वषर] क अनदर

इनम स जो भी बाद म हो न िकया गया हो 4[सपष टीकरणmdashइस धारा क परयोजन क िलएmdash

1 1959 क अिधिनयम स० 62 की धारा 42 ारा (16-1-1960 स) अनतःसथािपत 2 1983 क अिधिनयम स० 42 की धारा 42 ारा (31-5-1984 स) अतःसथािपत 3 1983 क अिधिनयम स० 42 की धारा 42 ारा (31-5-1984 स) ldquoछह मासrdquo क सथान पर परितसथािपत 4 1959 क अिधिनयम स० 62 की धारा 43 ारा (16-1-1960 स) सप ीकरण जोड़ा गया

31

(क) चाल रहन वाल अपराध की दशा म पिरसीमा की सगणना उस समय क हर कषण क परित िनदश स की जाएगी िजसक दौरान अपराध चाल रह

(ख) जहा िक कोई कायर करन क िलए समय इस अिधिनयम क अधीन िवसतािरत िकया गया हो वहा पिरसीमा की सगणना उस िवसतािरत कालाविध क अवसान स की जाएगी ]

80 अपराध का सजञानmdash1[महानगर मिजसटरट या परथम वगर नयाियक मिजसटरट] क नयायालय स अवर कोई नयायालय इस अिधिनयम क अधीन िकसी ऐस अपराध का िजसकी बाबत यह अिभकिथत हो िक वह खान क सवामी अिभकतार या परबनधक ारा िकया गया ह या िकसी ऐस अपराध का जो इस अिधिनयम ारा कारावास स दडनीय बनाया गया ह िवचारण नह करगा

80क [जमारन क बार म िवशष उपबध ]mdashखान (सशोधन) अिधिनयम 1983 (1983 का 42) की धारा 44 ारा (31-5-1984 स) िनरिसत

81 कितपय मामल म अिभयोजन क बजाय खान बोडर या सिमित को िनदशmdash(1) यिद मखय िनरीकषक या िजला मिजसटरट या िकसी िनरीकषक की पररणा पर इस अिधिनयम क अधीन सिसथत िकसी मामल का िवचारण करन वाल नयायालय की यह राय हो िक यह मामला ऐसा ह जो अिभयोजन क बजाय 2 सिमित को िनदिशत िकया जाना चािहए तो वह दािडक कायरवािहय को रोक सकगा और इस दिष ट स िक ऐसा िनदशन िकया जाए उस िवषय की िरपोटर कनदरीय सरकार को भजगा

(2) उपधारा (1) क अधीन िरपोटर पराप त होन पर कनदरीय सरकार मामला 2 सिमित को िनदिशत कर सकगी या िवचारण म अगरसर होन क िलए नयायालय को िनदश द सकगी

अधयाय 10

परकीणर 82 इस परश न का िविनश चय िक कया खान इस अिधिनयम क अधीन हmdashयिद कोई परश न उठ िक कया 3[खान का और उसम

का या उसका पाश वरसथ कोई उतखान या खिनत या पिरसर िजस पर खिनज या कोक पराप त करन दरसी करन या िवकरय क िलए तयार करन की सहायक कोई परिकरया चलाई जा रही ह] इस अिधिनयम क अथर क अनदर खान ह तो कनदरीय सरकार उस परश न का िविनश चय कर सकगी और कनदरीय सरकार क सिचव ारा हसताकषिरत परमाणपतर इस परश न पर िनश चायक होगा

83 अिधिनयम क परवतरन स छट दन की शिक तmdash4[(1)] कनदरीय सरकार िकसी सथानीय कषतर या िकसी खान को या खान क िकसी समह या वगर को या खान क िकसी भाग को या िक तय क िकसी वगर को 5[इस अिधिनयम या उसक अधीन बनाए गए िविनयम िनयम या उपिविधय क सब उपबनध क या उनम स िकसी क] परवतरन स छट शासकीय राजपतर म अिधसचना ारा या तो अतयितकतः या िकनह िविनिदष ट शत क अधयधीन द सकगी

परनत िकसी सथनीय कषतर या खान या खान क समह या वगर को 6[धारा 40 और धारा 45] क उपबनध स छट तब तक नह दी जाएगी जब तक उस इस अिधिनयम क अनय सब उपबनध क परवतरन स भी छट न द दी जाए ]

7[(2) कनदरीय सरकार मखय िनरीकषक या िकसी अनय परािधकारी को साधारण या िवशष आदश ारा ऐस िनबरनधन क अधयधीन िजनह अिधरोिपत करना वह ठीक समझ परािधकत कर सकगी िक वह िकसी खान या उसक िकसी भाग को 8[िविनयम िनयम या उपिविधय ] क उपबन ध म स िकसी क परवतरन स िकनह िविनिदष ट शत क अधयधीन तब छट द द जब िक मखय िनरीकषक या ऐस अिधकारी की राय हो िक खान या उसक भाग म पिरिसथितया ऐसी ह िक उनक कारण ऐस उपबनध का अनपालन अनावशयक या अ वहायर हो जाता ह ]

84 आदश को पिरवितत या िवखिणडत करन की शिक तmdash9[(1)] कनदरीय सरकार इस अिधिनयम क अधीन िदया गया कोई आदश उलट सकगी या उपानतिरत कर सकगी

10[(2) मखय िनरीकषक लखब िकए जान वाल कारण स इस अिधिनयम क अधीन या िकसी िविनयम िनयम या उपिविध क अधीन अपन ारा पािरत िकसी आदश को उलट सकगा या उस उपातिरत कर सकगा

(3) खान क सवामी अिभकतार या परबनधक पर परितकल परभाव डालन वाला कोई आदश इस धारा क अधीन तब तक नह िकया जाएगा जब तक िक ऐस सवामी अिभकतार या परबनधक को अभयावदन करन का यिक तयक त अवसर न द िदया गया हो ]

1 1983 क अिधिनयम स० 42 की धारा 43 ारा (31-5-1984 स) ldquoपरसीडसी मिजसटरट या परथम वगर मिजसटरटrdquo क सथान पर परितसथािपत 2 1983 क अिधिनयम स० 42 की धारा 43 ारा (31-5-1984 स) ldquoखनन बोडरrdquo शब द का लोप िकया गया 3 1959 क अिधिनयम स० 62 की धारा 45 ारा (16-1-1960 स) अनतःसथािपत 4 1959 क अिधिनयम स० 62 की धारा 46 ारा (16-1-1960 स) उपधारा (1) क रप म पनःसखयािकत 5 1983 क अिधिनयम स० 42 की धारा 46 ारा (31-5-1984 स) ldquoइस अिधिनयम क सब उपबध क िकसी कrdquo क सथान पर परितसथािपत 6 1983 क अिधिनयम स० 42 की धारा 46 ारा (31-5-1984 स) ldquoधारा 45rdquo क सथान पर परितसथािपत 7 1959 क अिधिनयम स० 62 की धारा 46 ारा (16-1-1960 स) अनतःसथािपत 8 1983 क अिधिनयम स० 42 की धारा 46 ारा (31-5-1984 स) ldquoइस अिधिनयम क अतगरत िविनयम और िनयमrdquo क सथान पर परितसथािपत 9 1983 क अिधिनयम स० 42 की धारा 47 ारा (31-5-1984 स) धारा 84 उपधारा (1) क रप म पनःसखयािकत 10 1983 क अिधिनयम स० 42 की धारा 47 ारा (31-5-1984 स) अतःसथािपत

32

85 सरकार की खान को अिधिनयम का लाग होनाmdashयह अिधिनयम सरकार की खान को 1[भी] लाग होगा 2[85क सचना आिद दन क िलए अपिकषत िक त ऐसा करन क िलए वध रप स आब ह गmdashहर िक त जो िकसी

अिधकारी को कोई सचना या इि ला इस अिधिनयम क अधीन दन क िलए अपिकषत ह भारतीय दड सिहता (1860 का 45) की धारा 176 क अथर क अनदर ऐसा करन क िलए वध रप स आब होगा ]

3[85ख िववरिणय सचना आिद पर हसताकषर करनाmdashइस अिधिनयम या उसक अधीन बनाए गए िकसी िविनयम िनयम उपिविध या िकसी आदश क उपबनध क समबनध म िकसी खान क सवामी ारा या उसकी ओर स दी जान क िलए अपिकषत सभी िववरिणय और सचना पर या भजी जान वाली सचना पर खान क सवामी अिभकतार या परबधक ारा या िकसी ऐस िक त ारा िजस सवामी ारा मखतारनाम ारा इस िनिम शिक त परतयायोिजत की गई ह हसताकषर िकए जाएग

85ग सिवधा और जन सिवधा क िलए फीस या परभार का वसल न िकया जानाmdashखान म िनयोिजत िकसी िक त स सरकषातमक परबनध या दी जान वाली सिवधा या इस अिधिनयम क उपबनध क अधीन परदाय िकए जान वाल िकसी उपसकर या सािधतर की बाबत कोई फीस या परभार वसल नह िकया जाएगा ]

86 1948 क अिधिनयम 63 क कितपय उपबध का खान को लाग होनाmdashकनदरीय सरकार शासकीय राजपतर म अिधसचना ारा िनदश द सकगी िक कारखाना अिधिनयम 1948 (1948 का 63) क अधयाय 3 और 4 क उपबनध ऐस अपवाद और िनबरनधन क

अधयधीन रहत हए जस उस अिधसचना म िविनिदष ट िकए जाए सब खान और उनकी परसीमा को लाग ह ग

87 सद भावपवरक िकए गए कायर क िलए पिरतराणmdashकोई भी वाद अिभयोजन या अनय िविधक कायरवाही इस अिधिनयम क अधीन सद भावपवरक की गई या जान क िलए आशियत िकसी बात क िलए िकसी िक त क िवर न होगी

88 [1923 क अिधिनयम 4 का िनरसन]mdashिनरसन और सशोधन अिधिनयम 1957 (1957 का 36) की धारा 2 और पहली अनसची ारा िनरिसत

______

1 1959 क अिधिनयम स० 62 की धारा 47 ारा (16-1-1960 स) अनतःसथािपत 2 1959 क अिधिनयम स० 62 की धारा 48 ारा (16-1-1960 स) अनतःसथािपत 3 1983 क अिधिनयम स० 42 की धारा 48 ारा (31-5-1984 स) अतःसथािपत

Page 29: खान अधिनियम, 1952ncwapps.nic.in/acts/TheMinesAct1952_Hindi.pdf1 ज ल ई, 1952, द खए भ रत क र जपतर (अ गर 1952, ज ) भ ग 2,

29

(3) इस धारा क अधीन पािरत जमारन का दडादश आरोिपत करन वाला अथवा अपील या पनरीकषण म या अनयथा उसकी पिष ट करन वाला नयायालय िनणरय पािरत करत समय आदश द सकगा िक वसल िकया गया सपणर जमारना या उसका कोई भाग कषितगरसत िक त को या उसकी मतय की दशा म उसक िविधक परितिनिध को परितकर क रप म िदया जाए

परनत यिद जमारना ऐस मामल म आरोिपत िकया जाए जो अपीलनीय हो तो अपील उपिसथत िकए जान क िलए अनजञात कालाविध क बीत जान क पहल या यिद अपील उपिसथत की गई हो तो अपील क िविनश चय स पहल ऐसा कोई भी सदाय नह िकया जाएगा

73 आदश की अवजञा क िलए साधारण उपबनधmdashजो कोई इस अिधिनयम क या िकसी िविनयम िनयम या उपिविध क या तद धीन िकए गए िकसी आदश क िकसी ऐस उपबनध का उललघन करगा िजसक उललघन क िलए एतिसमनपवर कोई शािसत उपबिनधत नह ह वह कारावास स िजसकी अविध तीन मास तक की हो सकगी या जमारन स जो एक हजार रपए तक का हो सकगा या दोन स दडनीय होगा

74 पवर दोषिसि क पश चात विधत शािसतmdashयिद कोई िक त जो (धारा 72ख और 72ग स िभ ) पवरगामी उपबनध म स िकसी क अधीन दडनीय िकसी अपराध का दोषिस िकया जा चका हो पवर दोषिसि क दो वषर क अनदर िकए गए और उसी उपबनध का उललघन अनतवरिलत करन वाल िकसी अपराध क िलए पनः दोषिस िकया जाए तो वह हर एक पश चात वत दोषिसि क िलए उस दड क दगन दणड स दणडनीय होगा िजसस वह ऐस उपबनध क परथम उललघन क िलए दडनीय होता ]

75 सवामी अिभकतार या परबनधक का अिभयोजनmdashइस अिधिनयम क अधीन क िकसी अपराध क िलए िकसी सवामी अिभकतार या परबनधक क िवर कोई भी अिभयोजन मखय िनरीकषक की या िजला मिजसटरट की या मखय िनरीकषक क िलिखत साधारण या िवशष आदश ारा इस िनिम परािधकत िनरीकषक की पररणा पर सिसथत िकए जान क िसवाय सिसथत नह िकया जाएगा

1[परनत मखय िनरीकषक या िजला मिजसटरट या इस परकार परािधकत िनरीकषक ऐसा अिभयोजन सिसथत करन स पवर अपना यह समाधान करगा िक सवामी अिभकतार या परबनधक ऐस अपराध क िकए जान को रोकन म सभी समयक ततपरता बरतन म असफल रहा था ]

2[परनत यह और िक] िकसी खान म तकनीकी िनदशन और परबनध क अनकरम म िकए गए िकसी अपराध क बार म िजला मिजसटरट िकसी सवामी अिभकतार या परबनधक क िवर कोई अिभयोजन मखय िनरीकषक क पवर अनमोदन स सिसथत करन क िसवाय सिसथत नह करगा

3[76 कितपय मामल म सवामी का अवधारणmdashजहा िक खान का सवामी कोई फमर या िष टय का अनय सगम हो वहा उसक सब भागीदार या सदसय या उनम स कोई अथवा जहा िक खान का सवामी कमपनी हो वहा उसक सब िनदशक या उनम स कोई अथवा जहा िक खान का सवामी सरकार या कोई सथानीय परािधकारी हो वहा यथािसथित ऐसी सरकार या सथानीय परािधकारी ारा खान क कामकाज का परबनध करन क िलए परािधकत सब आिफसर या िक त या उनम स कोई ऐस िकसी अपराध क िलए िजसक िलए खान का सवामी दडनीय हो इस अिधिनयम क अधीन अिभयोिजत और दिडत िकया जा सकगा

4[परनत जहा िकसी फमर सगम या कमपनी न मखय िनरीकषक को िलिखत रप म यह सचना द दी ह िक उसनmdash

(क) फमर की दशा म उसक िकसी भागीदार या परबनधक को

(ख) सगम की दशा म उसक िकसी सदसय या परबनधक को

(ग) कमपनी की दशा म उसक िकसी िनदशक या परबनधक को

जो परतयक मामल म िकसी ऐस सथान म िजस पर इस अिधिनयम का िवसतार ह िनवासी ह और जो परतयक मामल म या तो वासतव म ऐसी फमर सगम या कमपनी क परबनध का भारसाधक ह या उसम अिधकाश शयर धारण करता ह इस अिधिनयम क परयोजन क िलए खान क सवामी क उ रदाियतव को गरहण करन क िलए नामिनदिशत कर िदया ह वहा यथािसथित ऐसा भागीदार सदसय िनदशक या परबनधक जब तक वह ऐसा िनवासी बना रहता ह और पव क त रप म भारसाधक ह या अिधकाश शयर को धारण करता ह इस अिधिनयम क परयोजन क िलए खान का सवामी समझा जाएगा जब तक िक उसक नामिनदशन को र करन वाली या यह कथन करन वाली कोई िलिखत सचना की वह यथािसथित भागीदारी सदसय िनदशक या परबनधक नह रहा ह मखय िनरीकषक को पराप त नह हो जाती ह

सपष टीकरणmdashजहा िकसी फमर सगम या कमपनी क िविभन न सथापन या शाखाए ह अथवा उसक िकसी सथापन या शाखा म िविभन न एकक ह वहा िविभन न सथापन या शाखा या एकक क सबध म इस परनतक क अधीन िविभन न िक तय को नामिनदिशत िकया जा सकगा और इस परकार नामिनदिशत िक त कवल उस सथापन शाखा या एकक क समबनध म िजसक समबनध म उस नामिनदिशत िकया गया ह खान का सवामी समझा जाएगा ]

1 1983 क अिधिनयम स० 42 की धारा 40 ारा (31-5-1984 स) अतःसथािपत 2 1983 क अिधिनयम स० 42 की धारा 40 ारा (31-5-1984 स) ldquoपरनतrdquo क सथान पर परितसथािपत 3 1959 क अिधिनयम स० 62 की धारा 41 ारा (16-1-1960 स) धारा 76 क सथान पर परितसथािपत 4 1983 क अिधिनयम स० 42 की धारा 41 ारा (31-5-1984 स) ldquoपरनतकrdquo क सथान पर परितसथािपत

30

77 सवामी अिभकतार या परबनधक को दाियतव स कितपय दशा म छटmdashजहा िक खान का सवामी अिभकतार या परबनधक जो इस अिधिनयम क अधीन िकसी अपराध का अिभयक त हो यह अिभकथन कर िक वासतिवक अपराधी अनय िक त ह वहा वह अपन

ारा इस िनिम िकए गए पिरवाद पर 1[और वासतिवक अपराधी का जञात पता दन पर] और अिभयोजक को ऐसा करन क अपन आशय की तीन स अनयन पणर िदन की िलिखत सचना दन पर इस बात का हकदार होगा िक वह अनय िक त उस तारीख को जो मामल की सनवाई क िलए िनयत हो नयायालय क समकष लाया जाए और यिद अपराध का िकया जाना सािबत हो जान क पश चात खान का यथािसथित सवामी अिभकतार या परबनधक नयायालय को समाधान परदान करन वाल रप म सािबत कर द िकmdash

(क) इस अिधिनयम क ससगत उपबनध का िनषपादन करान क िलए उसन समयक ततपता बरती ह तथा (ख) उस अनय िक त न परश नगत अपराध को उसक जञान सममित या मौनानकलता क िबना िकया ह

तो उक त अनय िक त उस अपराध क िलए दोषिस िकया जाएगा और उसी परकार क दणड स ऐस दडनीय होगा मानो वह खान का सवामी अिभकतार या परबनधक हो और यथािसथित सवामी अिभकतार या परबनधक दोषमक त कर िदया जाएगा परनतmdash

(क) यथािसथित खान क सवामी अिभकतार या परबनधक की शपथ पर परीकषा की जा सकगी और उसक और िकसी अनय साकषी क िजस वह अपन समथरन म बलाए सा य की उस िक त क ारा या की ओर स िजसकी बाबत वह अिभकिथत करता हो िक वह वासतिवक अपराधी ह और अिभयोजक ारा परितपरीकषा की जा सकगी

(ख) यिद वह िक त िजसका वासतिवक अपराधी होना अिभकिथत हो उस तारीख को जो मामल की सनवाई क िलए िनयत हो नयायालय क समकष समयक ततपरता बरती जान पर भी न लाया जा सक तो नयायालय उसकी सनवाई समय-समय पर सथिगत कर दगा िकनत इस परकार िक ऐस सथगन की कल कालाविध तीन मास स अिधक न हो और यिद उक त कालाविध क अनत तक भी वह िक त िजसका वासतिवक अपराधी होना अिभकिथत हो नयायालय क समकष न लाया जा सक तो नयायालय यथािसथित सवामी अिभकतार या परबनधक क िवर मामल की सनवाई क िलए अगरसर होगा

78 नयायालय की आदश करन की शिक तmdash(1) जहा िक खान का सवमी अिभकतार या परबनधक इस अिधिनयम क अधीन दडनीय अपराध क िलए दोषिस िकया जाए वहा नयायालय उस कोई दड अिधिनण त करन क अितिरक त िलिखत आदश ारा उसस आदश म िविनिदष ट कालाविध क अनदर (िजस नयायालय इस िनिम िकए गए आवदन पर समय-समय पर िवसतािरत कर सकगा) ऐस उपाय करन की अपकषा कर सकगा जो उन बात का उपचार करन क िलए िजनक बार म अपराध िकया गया था ऐस िविनिदष ट िकए जाए (2) जहा िक उपधारा (1) क अधीन आदश िदया जाए वहा यथािसथित खान का सवामी अिभकतार या परबनधक उस कालाविध या िवसतािरत कालाविध क यिद कोई हो दौरान अपराध क चाल रहन क िवषय म इस अिधिनयम क अधीन दडनीय नह होगा िकनत यिद नयायालय क आदश का पणर अनपालन ऐसी कालाविध या िवसतािरत कालाविध क अवसान पर न हो गया हो तो यथािसथित सवामी अिभकतार या परबनधक क बार म यह समझा जाएगा िक उसन अितिरक त अपराध िकया ह और वह कारावास स िजसकी अविध छह मास तक की हो सकगी या जमारन स जो ऐस अवसान क पश चात हर एक ऐस िदन क िलए िजसम िक आदश का अनपालन न हआ हो एक सौ रपए तक का हो सकगा या दोन स दणडनीय होगा 79 अिभयोजन की पिरसीमाmdashकोई भी नयायालय इस अिधिनयम क अधीन िकसी अपराध का सजञान तब तक नह करगा जब तक िक उसका पिरवादmdash

(i) उस तारीख स िजसकी बाबत यह अिभकिथत हो िक अपराध उस तारीख को िकया गया छह मास क अनदर अथवा

(ii) उस तारीख स िजसको िक अिभकिथत अपराध का िकया जाना िनरीकषक क जञान म आया छह मास क अनदर अथवा

2[(iiक) िकसी ऐस मामल म िजसम अिभयक त लोक सवक ह या था और ततसमय परव िकसी िविध क अधीन अपराध का सजञान करन क िलए कनदरीय सरकार या राजय सरकार या िकसी अनय परािधकारी की पवर मजरी आवशयक ह उस तारीख क िजसको ऐसी मजरी मखय िनरीकषक को पराप त होती ह तीन मास क अनदर अथवा]

(iii) िकसी ऐस मामल म िजसम जाच नयायालय कनदरीय सरकार ारा धारा 24 क अधीन िनयक त िकया गया हो उस धारा की उपधारा (4) म िविनिदष ट िरपोटर क परकाशन की तारीख क पश चात 3[एक वषर] क अनदर

इनम स जो भी बाद म हो न िकया गया हो 4[सपष टीकरणmdashइस धारा क परयोजन क िलएmdash

1 1959 क अिधिनयम स० 62 की धारा 42 ारा (16-1-1960 स) अनतःसथािपत 2 1983 क अिधिनयम स० 42 की धारा 42 ारा (31-5-1984 स) अतःसथािपत 3 1983 क अिधिनयम स० 42 की धारा 42 ारा (31-5-1984 स) ldquoछह मासrdquo क सथान पर परितसथािपत 4 1959 क अिधिनयम स० 62 की धारा 43 ारा (16-1-1960 स) सप ीकरण जोड़ा गया

31

(क) चाल रहन वाल अपराध की दशा म पिरसीमा की सगणना उस समय क हर कषण क परित िनदश स की जाएगी िजसक दौरान अपराध चाल रह

(ख) जहा िक कोई कायर करन क िलए समय इस अिधिनयम क अधीन िवसतािरत िकया गया हो वहा पिरसीमा की सगणना उस िवसतािरत कालाविध क अवसान स की जाएगी ]

80 अपराध का सजञानmdash1[महानगर मिजसटरट या परथम वगर नयाियक मिजसटरट] क नयायालय स अवर कोई नयायालय इस अिधिनयम क अधीन िकसी ऐस अपराध का िजसकी बाबत यह अिभकिथत हो िक वह खान क सवामी अिभकतार या परबनधक ारा िकया गया ह या िकसी ऐस अपराध का जो इस अिधिनयम ारा कारावास स दडनीय बनाया गया ह िवचारण नह करगा

80क [जमारन क बार म िवशष उपबध ]mdashखान (सशोधन) अिधिनयम 1983 (1983 का 42) की धारा 44 ारा (31-5-1984 स) िनरिसत

81 कितपय मामल म अिभयोजन क बजाय खान बोडर या सिमित को िनदशmdash(1) यिद मखय िनरीकषक या िजला मिजसटरट या िकसी िनरीकषक की पररणा पर इस अिधिनयम क अधीन सिसथत िकसी मामल का िवचारण करन वाल नयायालय की यह राय हो िक यह मामला ऐसा ह जो अिभयोजन क बजाय 2 सिमित को िनदिशत िकया जाना चािहए तो वह दािडक कायरवािहय को रोक सकगा और इस दिष ट स िक ऐसा िनदशन िकया जाए उस िवषय की िरपोटर कनदरीय सरकार को भजगा

(2) उपधारा (1) क अधीन िरपोटर पराप त होन पर कनदरीय सरकार मामला 2 सिमित को िनदिशत कर सकगी या िवचारण म अगरसर होन क िलए नयायालय को िनदश द सकगी

अधयाय 10

परकीणर 82 इस परश न का िविनश चय िक कया खान इस अिधिनयम क अधीन हmdashयिद कोई परश न उठ िक कया 3[खान का और उसम

का या उसका पाश वरसथ कोई उतखान या खिनत या पिरसर िजस पर खिनज या कोक पराप त करन दरसी करन या िवकरय क िलए तयार करन की सहायक कोई परिकरया चलाई जा रही ह] इस अिधिनयम क अथर क अनदर खान ह तो कनदरीय सरकार उस परश न का िविनश चय कर सकगी और कनदरीय सरकार क सिचव ारा हसताकषिरत परमाणपतर इस परश न पर िनश चायक होगा

83 अिधिनयम क परवतरन स छट दन की शिक तmdash4[(1)] कनदरीय सरकार िकसी सथानीय कषतर या िकसी खान को या खान क िकसी समह या वगर को या खान क िकसी भाग को या िक तय क िकसी वगर को 5[इस अिधिनयम या उसक अधीन बनाए गए िविनयम िनयम या उपिविधय क सब उपबनध क या उनम स िकसी क] परवतरन स छट शासकीय राजपतर म अिधसचना ारा या तो अतयितकतः या िकनह िविनिदष ट शत क अधयधीन द सकगी

परनत िकसी सथनीय कषतर या खान या खान क समह या वगर को 6[धारा 40 और धारा 45] क उपबनध स छट तब तक नह दी जाएगी जब तक उस इस अिधिनयम क अनय सब उपबनध क परवतरन स भी छट न द दी जाए ]

7[(2) कनदरीय सरकार मखय िनरीकषक या िकसी अनय परािधकारी को साधारण या िवशष आदश ारा ऐस िनबरनधन क अधयधीन िजनह अिधरोिपत करना वह ठीक समझ परािधकत कर सकगी िक वह िकसी खान या उसक िकसी भाग को 8[िविनयम िनयम या उपिविधय ] क उपबन ध म स िकसी क परवतरन स िकनह िविनिदष ट शत क अधयधीन तब छट द द जब िक मखय िनरीकषक या ऐस अिधकारी की राय हो िक खान या उसक भाग म पिरिसथितया ऐसी ह िक उनक कारण ऐस उपबनध का अनपालन अनावशयक या अ वहायर हो जाता ह ]

84 आदश को पिरवितत या िवखिणडत करन की शिक तmdash9[(1)] कनदरीय सरकार इस अिधिनयम क अधीन िदया गया कोई आदश उलट सकगी या उपानतिरत कर सकगी

10[(2) मखय िनरीकषक लखब िकए जान वाल कारण स इस अिधिनयम क अधीन या िकसी िविनयम िनयम या उपिविध क अधीन अपन ारा पािरत िकसी आदश को उलट सकगा या उस उपातिरत कर सकगा

(3) खान क सवामी अिभकतार या परबनधक पर परितकल परभाव डालन वाला कोई आदश इस धारा क अधीन तब तक नह िकया जाएगा जब तक िक ऐस सवामी अिभकतार या परबनधक को अभयावदन करन का यिक तयक त अवसर न द िदया गया हो ]

1 1983 क अिधिनयम स० 42 की धारा 43 ारा (31-5-1984 स) ldquoपरसीडसी मिजसटरट या परथम वगर मिजसटरटrdquo क सथान पर परितसथािपत 2 1983 क अिधिनयम स० 42 की धारा 43 ारा (31-5-1984 स) ldquoखनन बोडरrdquo शब द का लोप िकया गया 3 1959 क अिधिनयम स० 62 की धारा 45 ारा (16-1-1960 स) अनतःसथािपत 4 1959 क अिधिनयम स० 62 की धारा 46 ारा (16-1-1960 स) उपधारा (1) क रप म पनःसखयािकत 5 1983 क अिधिनयम स० 42 की धारा 46 ारा (31-5-1984 स) ldquoइस अिधिनयम क सब उपबध क िकसी कrdquo क सथान पर परितसथािपत 6 1983 क अिधिनयम स० 42 की धारा 46 ारा (31-5-1984 स) ldquoधारा 45rdquo क सथान पर परितसथािपत 7 1959 क अिधिनयम स० 62 की धारा 46 ारा (16-1-1960 स) अनतःसथािपत 8 1983 क अिधिनयम स० 42 की धारा 46 ारा (31-5-1984 स) ldquoइस अिधिनयम क अतगरत िविनयम और िनयमrdquo क सथान पर परितसथािपत 9 1983 क अिधिनयम स० 42 की धारा 47 ारा (31-5-1984 स) धारा 84 उपधारा (1) क रप म पनःसखयािकत 10 1983 क अिधिनयम स० 42 की धारा 47 ारा (31-5-1984 स) अतःसथािपत

32

85 सरकार की खान को अिधिनयम का लाग होनाmdashयह अिधिनयम सरकार की खान को 1[भी] लाग होगा 2[85क सचना आिद दन क िलए अपिकषत िक त ऐसा करन क िलए वध रप स आब ह गmdashहर िक त जो िकसी

अिधकारी को कोई सचना या इि ला इस अिधिनयम क अधीन दन क िलए अपिकषत ह भारतीय दड सिहता (1860 का 45) की धारा 176 क अथर क अनदर ऐसा करन क िलए वध रप स आब होगा ]

3[85ख िववरिणय सचना आिद पर हसताकषर करनाmdashइस अिधिनयम या उसक अधीन बनाए गए िकसी िविनयम िनयम उपिविध या िकसी आदश क उपबनध क समबनध म िकसी खान क सवामी ारा या उसकी ओर स दी जान क िलए अपिकषत सभी िववरिणय और सचना पर या भजी जान वाली सचना पर खान क सवामी अिभकतार या परबधक ारा या िकसी ऐस िक त ारा िजस सवामी ारा मखतारनाम ारा इस िनिम शिक त परतयायोिजत की गई ह हसताकषर िकए जाएग

85ग सिवधा और जन सिवधा क िलए फीस या परभार का वसल न िकया जानाmdashखान म िनयोिजत िकसी िक त स सरकषातमक परबनध या दी जान वाली सिवधा या इस अिधिनयम क उपबनध क अधीन परदाय िकए जान वाल िकसी उपसकर या सािधतर की बाबत कोई फीस या परभार वसल नह िकया जाएगा ]

86 1948 क अिधिनयम 63 क कितपय उपबध का खान को लाग होनाmdashकनदरीय सरकार शासकीय राजपतर म अिधसचना ारा िनदश द सकगी िक कारखाना अिधिनयम 1948 (1948 का 63) क अधयाय 3 और 4 क उपबनध ऐस अपवाद और िनबरनधन क

अधयधीन रहत हए जस उस अिधसचना म िविनिदष ट िकए जाए सब खान और उनकी परसीमा को लाग ह ग

87 सद भावपवरक िकए गए कायर क िलए पिरतराणmdashकोई भी वाद अिभयोजन या अनय िविधक कायरवाही इस अिधिनयम क अधीन सद भावपवरक की गई या जान क िलए आशियत िकसी बात क िलए िकसी िक त क िवर न होगी

88 [1923 क अिधिनयम 4 का िनरसन]mdashिनरसन और सशोधन अिधिनयम 1957 (1957 का 36) की धारा 2 और पहली अनसची ारा िनरिसत

______

1 1959 क अिधिनयम स० 62 की धारा 47 ारा (16-1-1960 स) अनतःसथािपत 2 1959 क अिधिनयम स० 62 की धारा 48 ारा (16-1-1960 स) अनतःसथािपत 3 1983 क अिधिनयम स० 42 की धारा 48 ारा (31-5-1984 स) अतःसथािपत

Page 30: खान अधिनियम, 1952ncwapps.nic.in/acts/TheMinesAct1952_Hindi.pdf1 ज ल ई, 1952, द खए भ रत क र जपतर (अ गर 1952, ज ) भ ग 2,

30

77 सवामी अिभकतार या परबनधक को दाियतव स कितपय दशा म छटmdashजहा िक खान का सवामी अिभकतार या परबनधक जो इस अिधिनयम क अधीन िकसी अपराध का अिभयक त हो यह अिभकथन कर िक वासतिवक अपराधी अनय िक त ह वहा वह अपन

ारा इस िनिम िकए गए पिरवाद पर 1[और वासतिवक अपराधी का जञात पता दन पर] और अिभयोजक को ऐसा करन क अपन आशय की तीन स अनयन पणर िदन की िलिखत सचना दन पर इस बात का हकदार होगा िक वह अनय िक त उस तारीख को जो मामल की सनवाई क िलए िनयत हो नयायालय क समकष लाया जाए और यिद अपराध का िकया जाना सािबत हो जान क पश चात खान का यथािसथित सवामी अिभकतार या परबनधक नयायालय को समाधान परदान करन वाल रप म सािबत कर द िकmdash

(क) इस अिधिनयम क ससगत उपबनध का िनषपादन करान क िलए उसन समयक ततपता बरती ह तथा (ख) उस अनय िक त न परश नगत अपराध को उसक जञान सममित या मौनानकलता क िबना िकया ह

तो उक त अनय िक त उस अपराध क िलए दोषिस िकया जाएगा और उसी परकार क दणड स ऐस दडनीय होगा मानो वह खान का सवामी अिभकतार या परबनधक हो और यथािसथित सवामी अिभकतार या परबनधक दोषमक त कर िदया जाएगा परनतmdash

(क) यथािसथित खान क सवामी अिभकतार या परबनधक की शपथ पर परीकषा की जा सकगी और उसक और िकसी अनय साकषी क िजस वह अपन समथरन म बलाए सा य की उस िक त क ारा या की ओर स िजसकी बाबत वह अिभकिथत करता हो िक वह वासतिवक अपराधी ह और अिभयोजक ारा परितपरीकषा की जा सकगी

(ख) यिद वह िक त िजसका वासतिवक अपराधी होना अिभकिथत हो उस तारीख को जो मामल की सनवाई क िलए िनयत हो नयायालय क समकष समयक ततपरता बरती जान पर भी न लाया जा सक तो नयायालय उसकी सनवाई समय-समय पर सथिगत कर दगा िकनत इस परकार िक ऐस सथगन की कल कालाविध तीन मास स अिधक न हो और यिद उक त कालाविध क अनत तक भी वह िक त िजसका वासतिवक अपराधी होना अिभकिथत हो नयायालय क समकष न लाया जा सक तो नयायालय यथािसथित सवामी अिभकतार या परबनधक क िवर मामल की सनवाई क िलए अगरसर होगा

78 नयायालय की आदश करन की शिक तmdash(1) जहा िक खान का सवमी अिभकतार या परबनधक इस अिधिनयम क अधीन दडनीय अपराध क िलए दोषिस िकया जाए वहा नयायालय उस कोई दड अिधिनण त करन क अितिरक त िलिखत आदश ारा उसस आदश म िविनिदष ट कालाविध क अनदर (िजस नयायालय इस िनिम िकए गए आवदन पर समय-समय पर िवसतािरत कर सकगा) ऐस उपाय करन की अपकषा कर सकगा जो उन बात का उपचार करन क िलए िजनक बार म अपराध िकया गया था ऐस िविनिदष ट िकए जाए (2) जहा िक उपधारा (1) क अधीन आदश िदया जाए वहा यथािसथित खान का सवामी अिभकतार या परबनधक उस कालाविध या िवसतािरत कालाविध क यिद कोई हो दौरान अपराध क चाल रहन क िवषय म इस अिधिनयम क अधीन दडनीय नह होगा िकनत यिद नयायालय क आदश का पणर अनपालन ऐसी कालाविध या िवसतािरत कालाविध क अवसान पर न हो गया हो तो यथािसथित सवामी अिभकतार या परबनधक क बार म यह समझा जाएगा िक उसन अितिरक त अपराध िकया ह और वह कारावास स िजसकी अविध छह मास तक की हो सकगी या जमारन स जो ऐस अवसान क पश चात हर एक ऐस िदन क िलए िजसम िक आदश का अनपालन न हआ हो एक सौ रपए तक का हो सकगा या दोन स दणडनीय होगा 79 अिभयोजन की पिरसीमाmdashकोई भी नयायालय इस अिधिनयम क अधीन िकसी अपराध का सजञान तब तक नह करगा जब तक िक उसका पिरवादmdash

(i) उस तारीख स िजसकी बाबत यह अिभकिथत हो िक अपराध उस तारीख को िकया गया छह मास क अनदर अथवा

(ii) उस तारीख स िजसको िक अिभकिथत अपराध का िकया जाना िनरीकषक क जञान म आया छह मास क अनदर अथवा

2[(iiक) िकसी ऐस मामल म िजसम अिभयक त लोक सवक ह या था और ततसमय परव िकसी िविध क अधीन अपराध का सजञान करन क िलए कनदरीय सरकार या राजय सरकार या िकसी अनय परािधकारी की पवर मजरी आवशयक ह उस तारीख क िजसको ऐसी मजरी मखय िनरीकषक को पराप त होती ह तीन मास क अनदर अथवा]

(iii) िकसी ऐस मामल म िजसम जाच नयायालय कनदरीय सरकार ारा धारा 24 क अधीन िनयक त िकया गया हो उस धारा की उपधारा (4) म िविनिदष ट िरपोटर क परकाशन की तारीख क पश चात 3[एक वषर] क अनदर

इनम स जो भी बाद म हो न िकया गया हो 4[सपष टीकरणmdashइस धारा क परयोजन क िलएmdash

1 1959 क अिधिनयम स० 62 की धारा 42 ारा (16-1-1960 स) अनतःसथािपत 2 1983 क अिधिनयम स० 42 की धारा 42 ारा (31-5-1984 स) अतःसथािपत 3 1983 क अिधिनयम स० 42 की धारा 42 ारा (31-5-1984 स) ldquoछह मासrdquo क सथान पर परितसथािपत 4 1959 क अिधिनयम स० 62 की धारा 43 ारा (16-1-1960 स) सप ीकरण जोड़ा गया

31

(क) चाल रहन वाल अपराध की दशा म पिरसीमा की सगणना उस समय क हर कषण क परित िनदश स की जाएगी िजसक दौरान अपराध चाल रह

(ख) जहा िक कोई कायर करन क िलए समय इस अिधिनयम क अधीन िवसतािरत िकया गया हो वहा पिरसीमा की सगणना उस िवसतािरत कालाविध क अवसान स की जाएगी ]

80 अपराध का सजञानmdash1[महानगर मिजसटरट या परथम वगर नयाियक मिजसटरट] क नयायालय स अवर कोई नयायालय इस अिधिनयम क अधीन िकसी ऐस अपराध का िजसकी बाबत यह अिभकिथत हो िक वह खान क सवामी अिभकतार या परबनधक ारा िकया गया ह या िकसी ऐस अपराध का जो इस अिधिनयम ारा कारावास स दडनीय बनाया गया ह िवचारण नह करगा

80क [जमारन क बार म िवशष उपबध ]mdashखान (सशोधन) अिधिनयम 1983 (1983 का 42) की धारा 44 ारा (31-5-1984 स) िनरिसत

81 कितपय मामल म अिभयोजन क बजाय खान बोडर या सिमित को िनदशmdash(1) यिद मखय िनरीकषक या िजला मिजसटरट या िकसी िनरीकषक की पररणा पर इस अिधिनयम क अधीन सिसथत िकसी मामल का िवचारण करन वाल नयायालय की यह राय हो िक यह मामला ऐसा ह जो अिभयोजन क बजाय 2 सिमित को िनदिशत िकया जाना चािहए तो वह दािडक कायरवािहय को रोक सकगा और इस दिष ट स िक ऐसा िनदशन िकया जाए उस िवषय की िरपोटर कनदरीय सरकार को भजगा

(2) उपधारा (1) क अधीन िरपोटर पराप त होन पर कनदरीय सरकार मामला 2 सिमित को िनदिशत कर सकगी या िवचारण म अगरसर होन क िलए नयायालय को िनदश द सकगी

अधयाय 10

परकीणर 82 इस परश न का िविनश चय िक कया खान इस अिधिनयम क अधीन हmdashयिद कोई परश न उठ िक कया 3[खान का और उसम

का या उसका पाश वरसथ कोई उतखान या खिनत या पिरसर िजस पर खिनज या कोक पराप त करन दरसी करन या िवकरय क िलए तयार करन की सहायक कोई परिकरया चलाई जा रही ह] इस अिधिनयम क अथर क अनदर खान ह तो कनदरीय सरकार उस परश न का िविनश चय कर सकगी और कनदरीय सरकार क सिचव ारा हसताकषिरत परमाणपतर इस परश न पर िनश चायक होगा

83 अिधिनयम क परवतरन स छट दन की शिक तmdash4[(1)] कनदरीय सरकार िकसी सथानीय कषतर या िकसी खान को या खान क िकसी समह या वगर को या खान क िकसी भाग को या िक तय क िकसी वगर को 5[इस अिधिनयम या उसक अधीन बनाए गए िविनयम िनयम या उपिविधय क सब उपबनध क या उनम स िकसी क] परवतरन स छट शासकीय राजपतर म अिधसचना ारा या तो अतयितकतः या िकनह िविनिदष ट शत क अधयधीन द सकगी

परनत िकसी सथनीय कषतर या खान या खान क समह या वगर को 6[धारा 40 और धारा 45] क उपबनध स छट तब तक नह दी जाएगी जब तक उस इस अिधिनयम क अनय सब उपबनध क परवतरन स भी छट न द दी जाए ]

7[(2) कनदरीय सरकार मखय िनरीकषक या िकसी अनय परािधकारी को साधारण या िवशष आदश ारा ऐस िनबरनधन क अधयधीन िजनह अिधरोिपत करना वह ठीक समझ परािधकत कर सकगी िक वह िकसी खान या उसक िकसी भाग को 8[िविनयम िनयम या उपिविधय ] क उपबन ध म स िकसी क परवतरन स िकनह िविनिदष ट शत क अधयधीन तब छट द द जब िक मखय िनरीकषक या ऐस अिधकारी की राय हो िक खान या उसक भाग म पिरिसथितया ऐसी ह िक उनक कारण ऐस उपबनध का अनपालन अनावशयक या अ वहायर हो जाता ह ]

84 आदश को पिरवितत या िवखिणडत करन की शिक तmdash9[(1)] कनदरीय सरकार इस अिधिनयम क अधीन िदया गया कोई आदश उलट सकगी या उपानतिरत कर सकगी

10[(2) मखय िनरीकषक लखब िकए जान वाल कारण स इस अिधिनयम क अधीन या िकसी िविनयम िनयम या उपिविध क अधीन अपन ारा पािरत िकसी आदश को उलट सकगा या उस उपातिरत कर सकगा

(3) खान क सवामी अिभकतार या परबनधक पर परितकल परभाव डालन वाला कोई आदश इस धारा क अधीन तब तक नह िकया जाएगा जब तक िक ऐस सवामी अिभकतार या परबनधक को अभयावदन करन का यिक तयक त अवसर न द िदया गया हो ]

1 1983 क अिधिनयम स० 42 की धारा 43 ारा (31-5-1984 स) ldquoपरसीडसी मिजसटरट या परथम वगर मिजसटरटrdquo क सथान पर परितसथािपत 2 1983 क अिधिनयम स० 42 की धारा 43 ारा (31-5-1984 स) ldquoखनन बोडरrdquo शब द का लोप िकया गया 3 1959 क अिधिनयम स० 62 की धारा 45 ारा (16-1-1960 स) अनतःसथािपत 4 1959 क अिधिनयम स० 62 की धारा 46 ारा (16-1-1960 स) उपधारा (1) क रप म पनःसखयािकत 5 1983 क अिधिनयम स० 42 की धारा 46 ारा (31-5-1984 स) ldquoइस अिधिनयम क सब उपबध क िकसी कrdquo क सथान पर परितसथािपत 6 1983 क अिधिनयम स० 42 की धारा 46 ारा (31-5-1984 स) ldquoधारा 45rdquo क सथान पर परितसथािपत 7 1959 क अिधिनयम स० 62 की धारा 46 ारा (16-1-1960 स) अनतःसथािपत 8 1983 क अिधिनयम स० 42 की धारा 46 ारा (31-5-1984 स) ldquoइस अिधिनयम क अतगरत िविनयम और िनयमrdquo क सथान पर परितसथािपत 9 1983 क अिधिनयम स० 42 की धारा 47 ारा (31-5-1984 स) धारा 84 उपधारा (1) क रप म पनःसखयािकत 10 1983 क अिधिनयम स० 42 की धारा 47 ारा (31-5-1984 स) अतःसथािपत

32

85 सरकार की खान को अिधिनयम का लाग होनाmdashयह अिधिनयम सरकार की खान को 1[भी] लाग होगा 2[85क सचना आिद दन क िलए अपिकषत िक त ऐसा करन क िलए वध रप स आब ह गmdashहर िक त जो िकसी

अिधकारी को कोई सचना या इि ला इस अिधिनयम क अधीन दन क िलए अपिकषत ह भारतीय दड सिहता (1860 का 45) की धारा 176 क अथर क अनदर ऐसा करन क िलए वध रप स आब होगा ]

3[85ख िववरिणय सचना आिद पर हसताकषर करनाmdashइस अिधिनयम या उसक अधीन बनाए गए िकसी िविनयम िनयम उपिविध या िकसी आदश क उपबनध क समबनध म िकसी खान क सवामी ारा या उसकी ओर स दी जान क िलए अपिकषत सभी िववरिणय और सचना पर या भजी जान वाली सचना पर खान क सवामी अिभकतार या परबधक ारा या िकसी ऐस िक त ारा िजस सवामी ारा मखतारनाम ारा इस िनिम शिक त परतयायोिजत की गई ह हसताकषर िकए जाएग

85ग सिवधा और जन सिवधा क िलए फीस या परभार का वसल न िकया जानाmdashखान म िनयोिजत िकसी िक त स सरकषातमक परबनध या दी जान वाली सिवधा या इस अिधिनयम क उपबनध क अधीन परदाय िकए जान वाल िकसी उपसकर या सािधतर की बाबत कोई फीस या परभार वसल नह िकया जाएगा ]

86 1948 क अिधिनयम 63 क कितपय उपबध का खान को लाग होनाmdashकनदरीय सरकार शासकीय राजपतर म अिधसचना ारा िनदश द सकगी िक कारखाना अिधिनयम 1948 (1948 का 63) क अधयाय 3 और 4 क उपबनध ऐस अपवाद और िनबरनधन क

अधयधीन रहत हए जस उस अिधसचना म िविनिदष ट िकए जाए सब खान और उनकी परसीमा को लाग ह ग

87 सद भावपवरक िकए गए कायर क िलए पिरतराणmdashकोई भी वाद अिभयोजन या अनय िविधक कायरवाही इस अिधिनयम क अधीन सद भावपवरक की गई या जान क िलए आशियत िकसी बात क िलए िकसी िक त क िवर न होगी

88 [1923 क अिधिनयम 4 का िनरसन]mdashिनरसन और सशोधन अिधिनयम 1957 (1957 का 36) की धारा 2 और पहली अनसची ारा िनरिसत

______

1 1959 क अिधिनयम स० 62 की धारा 47 ारा (16-1-1960 स) अनतःसथािपत 2 1959 क अिधिनयम स० 62 की धारा 48 ारा (16-1-1960 स) अनतःसथािपत 3 1983 क अिधिनयम स० 42 की धारा 48 ारा (31-5-1984 स) अतःसथािपत

Page 31: खान अधिनियम, 1952ncwapps.nic.in/acts/TheMinesAct1952_Hindi.pdf1 ज ल ई, 1952, द खए भ रत क र जपतर (अ गर 1952, ज ) भ ग 2,

31

(क) चाल रहन वाल अपराध की दशा म पिरसीमा की सगणना उस समय क हर कषण क परित िनदश स की जाएगी िजसक दौरान अपराध चाल रह

(ख) जहा िक कोई कायर करन क िलए समय इस अिधिनयम क अधीन िवसतािरत िकया गया हो वहा पिरसीमा की सगणना उस िवसतािरत कालाविध क अवसान स की जाएगी ]

80 अपराध का सजञानmdash1[महानगर मिजसटरट या परथम वगर नयाियक मिजसटरट] क नयायालय स अवर कोई नयायालय इस अिधिनयम क अधीन िकसी ऐस अपराध का िजसकी बाबत यह अिभकिथत हो िक वह खान क सवामी अिभकतार या परबनधक ारा िकया गया ह या िकसी ऐस अपराध का जो इस अिधिनयम ारा कारावास स दडनीय बनाया गया ह िवचारण नह करगा

80क [जमारन क बार म िवशष उपबध ]mdashखान (सशोधन) अिधिनयम 1983 (1983 का 42) की धारा 44 ारा (31-5-1984 स) िनरिसत

81 कितपय मामल म अिभयोजन क बजाय खान बोडर या सिमित को िनदशmdash(1) यिद मखय िनरीकषक या िजला मिजसटरट या िकसी िनरीकषक की पररणा पर इस अिधिनयम क अधीन सिसथत िकसी मामल का िवचारण करन वाल नयायालय की यह राय हो िक यह मामला ऐसा ह जो अिभयोजन क बजाय 2 सिमित को िनदिशत िकया जाना चािहए तो वह दािडक कायरवािहय को रोक सकगा और इस दिष ट स िक ऐसा िनदशन िकया जाए उस िवषय की िरपोटर कनदरीय सरकार को भजगा

(2) उपधारा (1) क अधीन िरपोटर पराप त होन पर कनदरीय सरकार मामला 2 सिमित को िनदिशत कर सकगी या िवचारण म अगरसर होन क िलए नयायालय को िनदश द सकगी

अधयाय 10

परकीणर 82 इस परश न का िविनश चय िक कया खान इस अिधिनयम क अधीन हmdashयिद कोई परश न उठ िक कया 3[खान का और उसम

का या उसका पाश वरसथ कोई उतखान या खिनत या पिरसर िजस पर खिनज या कोक पराप त करन दरसी करन या िवकरय क िलए तयार करन की सहायक कोई परिकरया चलाई जा रही ह] इस अिधिनयम क अथर क अनदर खान ह तो कनदरीय सरकार उस परश न का िविनश चय कर सकगी और कनदरीय सरकार क सिचव ारा हसताकषिरत परमाणपतर इस परश न पर िनश चायक होगा

83 अिधिनयम क परवतरन स छट दन की शिक तmdash4[(1)] कनदरीय सरकार िकसी सथानीय कषतर या िकसी खान को या खान क िकसी समह या वगर को या खान क िकसी भाग को या िक तय क िकसी वगर को 5[इस अिधिनयम या उसक अधीन बनाए गए िविनयम िनयम या उपिविधय क सब उपबनध क या उनम स िकसी क] परवतरन स छट शासकीय राजपतर म अिधसचना ारा या तो अतयितकतः या िकनह िविनिदष ट शत क अधयधीन द सकगी

परनत िकसी सथनीय कषतर या खान या खान क समह या वगर को 6[धारा 40 और धारा 45] क उपबनध स छट तब तक नह दी जाएगी जब तक उस इस अिधिनयम क अनय सब उपबनध क परवतरन स भी छट न द दी जाए ]

7[(2) कनदरीय सरकार मखय िनरीकषक या िकसी अनय परािधकारी को साधारण या िवशष आदश ारा ऐस िनबरनधन क अधयधीन िजनह अिधरोिपत करना वह ठीक समझ परािधकत कर सकगी िक वह िकसी खान या उसक िकसी भाग को 8[िविनयम िनयम या उपिविधय ] क उपबन ध म स िकसी क परवतरन स िकनह िविनिदष ट शत क अधयधीन तब छट द द जब िक मखय िनरीकषक या ऐस अिधकारी की राय हो िक खान या उसक भाग म पिरिसथितया ऐसी ह िक उनक कारण ऐस उपबनध का अनपालन अनावशयक या अ वहायर हो जाता ह ]

84 आदश को पिरवितत या िवखिणडत करन की शिक तmdash9[(1)] कनदरीय सरकार इस अिधिनयम क अधीन िदया गया कोई आदश उलट सकगी या उपानतिरत कर सकगी

10[(2) मखय िनरीकषक लखब िकए जान वाल कारण स इस अिधिनयम क अधीन या िकसी िविनयम िनयम या उपिविध क अधीन अपन ारा पािरत िकसी आदश को उलट सकगा या उस उपातिरत कर सकगा

(3) खान क सवामी अिभकतार या परबनधक पर परितकल परभाव डालन वाला कोई आदश इस धारा क अधीन तब तक नह िकया जाएगा जब तक िक ऐस सवामी अिभकतार या परबनधक को अभयावदन करन का यिक तयक त अवसर न द िदया गया हो ]

1 1983 क अिधिनयम स० 42 की धारा 43 ारा (31-5-1984 स) ldquoपरसीडसी मिजसटरट या परथम वगर मिजसटरटrdquo क सथान पर परितसथािपत 2 1983 क अिधिनयम स० 42 की धारा 43 ारा (31-5-1984 स) ldquoखनन बोडरrdquo शब द का लोप िकया गया 3 1959 क अिधिनयम स० 62 की धारा 45 ारा (16-1-1960 स) अनतःसथािपत 4 1959 क अिधिनयम स० 62 की धारा 46 ारा (16-1-1960 स) उपधारा (1) क रप म पनःसखयािकत 5 1983 क अिधिनयम स० 42 की धारा 46 ारा (31-5-1984 स) ldquoइस अिधिनयम क सब उपबध क िकसी कrdquo क सथान पर परितसथािपत 6 1983 क अिधिनयम स० 42 की धारा 46 ारा (31-5-1984 स) ldquoधारा 45rdquo क सथान पर परितसथािपत 7 1959 क अिधिनयम स० 62 की धारा 46 ारा (16-1-1960 स) अनतःसथािपत 8 1983 क अिधिनयम स० 42 की धारा 46 ारा (31-5-1984 स) ldquoइस अिधिनयम क अतगरत िविनयम और िनयमrdquo क सथान पर परितसथािपत 9 1983 क अिधिनयम स० 42 की धारा 47 ारा (31-5-1984 स) धारा 84 उपधारा (1) क रप म पनःसखयािकत 10 1983 क अिधिनयम स० 42 की धारा 47 ारा (31-5-1984 स) अतःसथािपत

32

85 सरकार की खान को अिधिनयम का लाग होनाmdashयह अिधिनयम सरकार की खान को 1[भी] लाग होगा 2[85क सचना आिद दन क िलए अपिकषत िक त ऐसा करन क िलए वध रप स आब ह गmdashहर िक त जो िकसी

अिधकारी को कोई सचना या इि ला इस अिधिनयम क अधीन दन क िलए अपिकषत ह भारतीय दड सिहता (1860 का 45) की धारा 176 क अथर क अनदर ऐसा करन क िलए वध रप स आब होगा ]

3[85ख िववरिणय सचना आिद पर हसताकषर करनाmdashइस अिधिनयम या उसक अधीन बनाए गए िकसी िविनयम िनयम उपिविध या िकसी आदश क उपबनध क समबनध म िकसी खान क सवामी ारा या उसकी ओर स दी जान क िलए अपिकषत सभी िववरिणय और सचना पर या भजी जान वाली सचना पर खान क सवामी अिभकतार या परबधक ारा या िकसी ऐस िक त ारा िजस सवामी ारा मखतारनाम ारा इस िनिम शिक त परतयायोिजत की गई ह हसताकषर िकए जाएग

85ग सिवधा और जन सिवधा क िलए फीस या परभार का वसल न िकया जानाmdashखान म िनयोिजत िकसी िक त स सरकषातमक परबनध या दी जान वाली सिवधा या इस अिधिनयम क उपबनध क अधीन परदाय िकए जान वाल िकसी उपसकर या सािधतर की बाबत कोई फीस या परभार वसल नह िकया जाएगा ]

86 1948 क अिधिनयम 63 क कितपय उपबध का खान को लाग होनाmdashकनदरीय सरकार शासकीय राजपतर म अिधसचना ारा िनदश द सकगी िक कारखाना अिधिनयम 1948 (1948 का 63) क अधयाय 3 और 4 क उपबनध ऐस अपवाद और िनबरनधन क

अधयधीन रहत हए जस उस अिधसचना म िविनिदष ट िकए जाए सब खान और उनकी परसीमा को लाग ह ग

87 सद भावपवरक िकए गए कायर क िलए पिरतराणmdashकोई भी वाद अिभयोजन या अनय िविधक कायरवाही इस अिधिनयम क अधीन सद भावपवरक की गई या जान क िलए आशियत िकसी बात क िलए िकसी िक त क िवर न होगी

88 [1923 क अिधिनयम 4 का िनरसन]mdashिनरसन और सशोधन अिधिनयम 1957 (1957 का 36) की धारा 2 और पहली अनसची ारा िनरिसत

______

1 1959 क अिधिनयम स० 62 की धारा 47 ारा (16-1-1960 स) अनतःसथािपत 2 1959 क अिधिनयम स० 62 की धारा 48 ारा (16-1-1960 स) अनतःसथािपत 3 1983 क अिधिनयम स० 42 की धारा 48 ारा (31-5-1984 स) अतःसथािपत

Page 32: खान अधिनियम, 1952ncwapps.nic.in/acts/TheMinesAct1952_Hindi.pdf1 ज ल ई, 1952, द खए भ रत क र जपतर (अ गर 1952, ज ) भ ग 2,

32

85 सरकार की खान को अिधिनयम का लाग होनाmdashयह अिधिनयम सरकार की खान को 1[भी] लाग होगा 2[85क सचना आिद दन क िलए अपिकषत िक त ऐसा करन क िलए वध रप स आब ह गmdashहर िक त जो िकसी

अिधकारी को कोई सचना या इि ला इस अिधिनयम क अधीन दन क िलए अपिकषत ह भारतीय दड सिहता (1860 का 45) की धारा 176 क अथर क अनदर ऐसा करन क िलए वध रप स आब होगा ]

3[85ख िववरिणय सचना आिद पर हसताकषर करनाmdashइस अिधिनयम या उसक अधीन बनाए गए िकसी िविनयम िनयम उपिविध या िकसी आदश क उपबनध क समबनध म िकसी खान क सवामी ारा या उसकी ओर स दी जान क िलए अपिकषत सभी िववरिणय और सचना पर या भजी जान वाली सचना पर खान क सवामी अिभकतार या परबधक ारा या िकसी ऐस िक त ारा िजस सवामी ारा मखतारनाम ारा इस िनिम शिक त परतयायोिजत की गई ह हसताकषर िकए जाएग

85ग सिवधा और जन सिवधा क िलए फीस या परभार का वसल न िकया जानाmdashखान म िनयोिजत िकसी िक त स सरकषातमक परबनध या दी जान वाली सिवधा या इस अिधिनयम क उपबनध क अधीन परदाय िकए जान वाल िकसी उपसकर या सािधतर की बाबत कोई फीस या परभार वसल नह िकया जाएगा ]

86 1948 क अिधिनयम 63 क कितपय उपबध का खान को लाग होनाmdashकनदरीय सरकार शासकीय राजपतर म अिधसचना ारा िनदश द सकगी िक कारखाना अिधिनयम 1948 (1948 का 63) क अधयाय 3 और 4 क उपबनध ऐस अपवाद और िनबरनधन क

अधयधीन रहत हए जस उस अिधसचना म िविनिदष ट िकए जाए सब खान और उनकी परसीमा को लाग ह ग

87 सद भावपवरक िकए गए कायर क िलए पिरतराणmdashकोई भी वाद अिभयोजन या अनय िविधक कायरवाही इस अिधिनयम क अधीन सद भावपवरक की गई या जान क िलए आशियत िकसी बात क िलए िकसी िक त क िवर न होगी

88 [1923 क अिधिनयम 4 का िनरसन]mdashिनरसन और सशोधन अिधिनयम 1957 (1957 का 36) की धारा 2 और पहली अनसची ारा िनरिसत

______

1 1959 क अिधिनयम स० 62 की धारा 47 ारा (16-1-1960 स) अनतःसथािपत 2 1959 क अिधिनयम स० 62 की धारा 48 ारा (16-1-1960 स) अनतःसथािपत 3 1983 क अिधिनयम स० 42 की धारा 48 ारा (31-5-1984 स) अतःसथािपत