प्रे औ पुस्ाक जिस् ी.कण अधिनि , 1867प . र ज...

23
ेस और प ाक रजिी.करण अधिनियम, 1867 िराओं का म उदेशिका भाग 1 ारंशभक िराएं . 1. निवि ण ..................................................................................................... 2 2. ( निरसित । ) ......................................................................................................3 भाग 2 मुणालय ाथा समाचारप के विषय म 3. पुतक ता प पर िसि.य क मुित ककय जि ...............................................................3 4. मुिणलय रणिे ले र घोष..............................................................................................3 5. िमरप के किि के बरे म नियम । .................................................................................3 5क. जम.-कशमर म मुिणलय रणिे ले ता िमरप के मुिक ता किक िनिदव. अधि के भतर िई घोषणएं करगे ता उि पर हतर करगे .......................................................5 6. घोषण क अधिमणि ............................................................................................................5 निेप ..................................................................................................................................6 नतय क निरीण ता उिक दय जि ..................................................................................6 7. घोषण की कयवलय नत क ाम य िय होि ....................................................................6 8. ऐिे यततय र िई घोषण, जनहिे घोषण पर हतर ककए ह कनतु जो बद म मुिक य किक िहीं रहे .................................................................................................................6 अधिमणि और फइल करि...................................................................................6 नतय क निरीण ता दय जि ..........................................................................6 िय म नत क रण जि ....................................................................................6 8क. ह यतत, जिक िम गलत िे िंपदक के प म कसित ह आ है मजे. के िम घोषण कर िकत है ..............................................................................................7 8ण. घोषण क रद कय जि ......................................................................................7 8ग. अपल .................................................................................................................7

Upload: others

Post on 29-Feb-2020

28 views

Category:

Documents


0 download

TRANSCRIPT

पे्रस और पसु् ाक रजि स् ी.करण अधि नि यम, 1867 िाराओं का क्रम

उदे्दशि का भाग 1 प्रारंशभ क

िाराएं पषृ् . 1. नि र्वचनि ण् ..................................................................................................... 2 2. ( नि रसि त । ) ......................................................................................................3

भाग 2 मुद्रणालयों ाथा समाचारपत्रों के वि षय में

3. पुस् तकों ता प्ों पर िर् सि ष्ष् . यों क मुद्रि त कक य ज ि ...............................................................3

4. मुिण लय रणिे र् ले द्र् र घोषण ..............................................................................................3

5. िम चन रप्ों के प्रक िि के ब रे में नि यम । .................................................................................3

5क. जम् म.-कश मीेर में मुिण लय रणिे र् ले ता िम चन रप्ों के मुिक ता प्रक िक िर् नि द्रदव ष् .

अर्धि के भीेतर िई घोषण एं करेंगे ता उि पर हस् त क्षर करेंगे .......................................................5 6. घोषण क अधि प्रम णि ............................................................................................................5 नि क्षेप ..................................................................................................................................6 प्रनत यों क नि रीक्षण ता उिक द्रद य ज ि ..................................................................................6

7. घोषण की क य वलय प्रनत क प्राम दृष् यय ि य य होि ....................................................................6

8. ऐिे व् यष्त त यों द्र् र िई घोषण , ष्ज न हों िे घोषण पर हस् त क्षर कक ए हैं कक न तु जो ब द में मुिक

य प्रक िक िहीं रहे .................................................................................................................6

अधि प्रम णि और फ इल करि ...................................................................................6 प्रनत यों क नि रीक्षण ता द्रद य ज ि ..........................................................................6 ि य य में प्रनत क रण ज ि ....................................................................................6 8क. र्ह व् यष्त त , ष्ज िक ि म गलतीे िे िंप दक के रूप में प्रक सि त हुआ है मष्ज स् ेे. के िमक्ष

घोषण कर िकत है..............................................................................................7

8ण. घोषण क रद्द कक य ज ि ......................................................................................7 8ग. अपीेल .................................................................................................................7

भाग 3 पुस् ाकों का पिर दाि

9ग. अधि नि यम के प्र रंभ के पश चन त म मुद्रि त पुस् तकों की प्रनत यों क िरक र को मुफ्त द्रद य

ज ि .................................................................................................................8 10. ि र 9 के अिीेि दी गई प्रनत यों के सल ए रिीेद ............................................................8

11. ि र 9 के अिीेि दी गई प्रनत यों क नि प. र ...............................................................8 11क. भ रत में मुद्रि त िम चन रप् की प्रनत यों क िरक र को मुफ्त द्रद य ज ि ............................8 11ण. िम चन रप्ों की प्रनत यों क पे्रि रष्ज स् े र को द्रद य ज ि ...............................................9

संिोिि अधि नि यमों और अिकूुल आदेिों की सचूी

1. नि रिि अधि नि यम, 1870 (1870 क 14 ) । 2. पे्रि और पसु् तक रष्ज स् ेीकरण अधि नि यम, (1867) ििंोिि

अधि नि यम,1890(1890 क 10) 3. िंिोिि अधि नि यम,1891(1891 क 12) । 4. भ रतीेय िकं्षक्ष प् त ि म अधि नि यम,1897(1897 क 14 ) । 5. इंड यि क पीेर इ. ऐत .,1914 (1914 क 3 ) । 6. नि रिि और िंिोिि अधि नि यम,1914 (1914 क 10) ।

7. नि रिि और िंिोिि अधि नि यम, 1915 (1915 क 11) । 8. ड र्ोल य.िि ऐत .,1920 (1920 क 38 ) । 9. पे्रि ल रर पीेल एं अमें में. ऐत .,1922(1922 क 14) । 10. नि रिि और ििंोिि अधि नि यम, 1923(1923 क 11) । 11. भ रत ि िि (भ रतीेय िर् धि अिकु. लि) आदेि,1937 ।

12. भ रतीेय स् र्तं्त (कें िीय अधि नि यमों और अध य देिों क अिकु. लि)आदेि,1948 । 13. िर् धि अिकु. लि आदेि,1950 ।

14. नि रिि और ििंोिि अधि नि यम,1950 (1950 क 35) । 15. भ ग ण र ज् य(िर् धि ) अधि नि यम,1951(1951 क 3) । 16. पे्रि (आब् जेत ििेबुल मै.र) ऐत .,1951(1951 क 56 ) । 17. पे्रि और पसु् तक रष्ज स् ेीकरण(िंिोिि) अधि नि यम,1955(1955 क 55) । 18. पे्रि और पसु् तक रष्ज स् ेीकरण(िंिोिि)अिनि यम,1960(1960 क 26) । 19. पे्रि और पसु् तक रष्ज स् ेीकरण(िंिोिि) अधि नि यम,1965(1965 क 16) । 20. पे्रि और पसु् तक रष्ज स् ेीकरण (िंिोिि)अधि नि यम,1968(1968 क 30) ।

21. पे्रि परर षद् अधि नि यम,1978(1978 क 37 ) । 22. ित य योष्ज त िर् ि ि उपबंि (िंिोिि) अधि नि यम,1983(1983 क 20 ) ।

संक्षेपाक्षर

सं................................................संख यांक(िम् )र) ।

भाग 4

िाजस् ा यां िाराएं पषृ् 12. ि र 3 में द्रद ए गए नि यम के िर् रूद्र् मुिण के सल ए ि ष्स् त .................................................................9 13. ि र 4 में अपेक्षक्ष त घोषण कक ए बब ि मुिण लय रणि ेके सल ए ि ष्स् त ..................................................9 14. सम थ् य काि करि ेके सल ए दं .....................................................................................................9

15. नि यमों क अिुप लि कक ए बब ि िम चन रप् के मुिण य प्रक िि के सल ए ि ष्स् त .....................................9

15क. ि र 8 के अिीेि घोषण ि करिे के सल ए ि ष्स् त .............................................................................9 16. पुि म तकें ि देिे के सल ए य मुिक को म िधचन ् ि देि ेके सल ए ि ष्स् त ....................................................10 16क. िरक र को िम चन रप् की प्रनत य ं मुफ्त ि देिे के सल ए ि ष्स् त ..........................................................10 16ण. प्रेि रष्ज स् े र को िम चन रप् की प्रनत य ंि देि ेके सल ए ि ष्स् त ...........................................................10 17. िमपहरणों की र्ि.ली ता उिक और जमु विों क व् ययि ..................................................................10

भाग 5

पुस् ाकों का रजि स् ी.करण 18. पुस् तकों के ् पिों क रष्ज स् ेीकरण ..............................................................................................10 19. रष्ज स् .र कक ए गए ् पिों क प्रक िि ...........................................................................................11

भाग 5क समाचारपत्रों का रजि स् ी.करण

19क. प्रिे रष्ज स् े र ता अन य अधि क रर यों की नि युष्त त .........................................................................11 19ण. िम चन रप्ों क रष्ज स् .र ...........................................................................................................11 19ग. रष्ज स् ेीकरण के प्रम णप्...........................................................................................................12

19घ. िम चन रप्ों द्र् र र् िषवक िर् र्रण आद्रद क द्रद य ज ि .....................................................................12 19 . िम चन रप्ों द्र् र िर् र्रणण य ं ता रर पो.व क द्रद य ज ि .....................................................................12 19चन. असभ लेणों ता दस् त र्ेजों को देणिे क अधि क र ............................................................................12 19छ. र् िषवक रर पो.व .........................................................................................................................12 19ज. रष्ज स् े र िे उद्र्रणों की प्रनत य ं देि ............................................................................................12 19झ. िष्त त यों क प्रत य योजि............................................................................................................12 19्. प्रेि रष्ज स् े र ता अन य अधि क रर यों क लोक िेर्क होि .............................................................12 19.. ि र 19 घ य ि र 19 . आद्रद के उल लंघि के सल ए ि ष्स् त ............................................................13 19.. ज िक री के अिुधचन त प्रक.ि के सल ए ि ष्स् त .................................................................................13

भाग 6 प्रकीणण

20. र ज् य िरक र की नि यम बि िे की िष्त त ...................................................................................13 20क. केन िीय िरक र की नि यम बि िे की िष्त त ...................................................................................13 20ण. इि अधि नि यम के अिीेि बि ए गए नि यमों में यह उपबंि हो िकेग कक उिक उल लघंि दं िीेय होग ।

............................................................................................................................................14 21. अधि नि यम के प्रर्तवि ि ेकक िीे र्गव की पुस् तकों को अपर्ष्जवत करिे की िष्त त ...................................... 14

22. िर् स् त र............................................................................................................................. ......14 23. [ नि रसि त । ]

पे्रि और पसु् तक रष्ज स् ेीकरण अधि नि यम, 1867 ( 1867 का अधि नि यम संख यांक 25 )

[22 म चनव,1867] मुिण लयों ता िम चन रप्ों के िर् नि यमि के सल ए 2(भ रत ) में मदु्रि त पसु् तकों 3(ता िम चन रप्ों ) की प्रनत यों के परर रक्षण ता ऐिीे पसु् तकों 3(ता िम चन रप्ों ) के रष्ज स् ेीकरण के सल ए अधि नि यम

--------------------------------------------------------------------------------------- 1 भ रतीेय िंक्षक्ष प् त ि म अधि नि यम, 1897(1897 क 14) द्र् र िंक्षक्ष प् त ि म द्रद य गय । उदेश यों और क रणों के काि के सल ए देणण ए भ रत क र जप् (अगें्रजीे) 1867,पषृ् . 191 और क उंसि ल में प्रकि य के सल ए देणण ए भ रत क र जप्(अगें्रजीे) अिपु.रक पषृ् . 72,156 और 299. यह अधि नि यम िर् धि स् ा िीेय िर् स् त र अधि नि यम,1874(1874 क 15) की ि र 3 द्र् र अििु.धचन त ष्ज लों के सि र् य भ रत के िभीे प्रदेिों में प्रर्तृ कक ए ज िे के सल ए घोिष त कक य गय । इिे िंा ल परगि ज िेद्र. लमें. रेगुलेिि (1872 क 3) की ि र 3 द्र् र िंर् ल परगि को, णों मल ि ल ज रेगुलेिि,1936(1936 क 4) की ि र 3 और अििु.चनीे द्र् र णों मल ि ष्ज ले को और अगंलु ल ज रेगुलेिि,1936(1936 क 5) की ि र 3 और अििु.चनीे द्र् र अगंुल ष्ज ले को ल ग. कक य गय ।

1962 के िर् नि यम िं. 12 की ि र 3 और अििु.चनीे द्र् र गोर् ,दमि और दीर् को, 1963 के िर् नि यम िं. 6 की ि र 2 और अििु.चनीे 1 द्र् र (1-7-1965 िे) द दर और ि गर हर्ेली की और 1963 के िर् नि यम िं. 7 की ि र 3 और अििु.चनीे 1 द्र् र (1-10-1963 िे) प ंड चनेरी पर इिक िर् स् त र कक य गय । इिे सि ड्य.ल ड ष्स् े त .ि ऐत .,1874(1874 क 14) की ि र 3(क) के अिीेि अधि ि.चनि द्र् र नि म् िसल णण त अधि ि.धचन त ष्ज लों को ल ग. कक य गय , अा वत:-

पें. र ज् यक्षे्, देणण ए भ रत क र जप्(अगें्रजीे), 1887 भ ग 1 पषृ् .(144 पें. अब अििु.धचन त ष्ज ल िहीं रह गय है और ब म् बे पे्रसि ेंिीे के ि सि क ष्ज ल में प्रर्तृत िभीे अधि नि यसम नत यों और उिमें िे 1867 को अधि नि यम िंख य ंक 25 अब इि र ज् यक्षे् में प्रर्तृत है) देणण ए पें. ल ज ऐत ., 1894(1894 क ब ं0 ऐत . 2) : पेरर म द्र्ीेप, देणण ए भ रत क र जप् (अगें्रजीे)भ ग 1 पषृ् . 5, जलप ईगुडीे ष्ज ल क र्ह भ ग जो पहले जलप ईगुडीे उपणं क भ ग,य और अब जलप ईगुडीे ष्ज ल के पष्श चन मीे प्रभ ग क भ ग है और उिक िर् स् त र तीेस् त िदी के िुद.र प.र्व द ष्जवसल ंग ष्ज ल में तीेस् त िदी के पष्श चन मीे प. र, द ष्जवसल ंग तर ई, द ष्जवसल ंग ष्ज ल क मैिि उपण ं हज री ब ग ष्ज ल , लोह र ग (जो अब र ंचनीे ष्ज ल कह ज त है , देणण ए कलकतत र जप्(अगें्रजीे), 1899 भ ग 1 पषृ् . 44 ) और म िभ.म औरं सि ंहभ.म ष्ज ल में परगि ढ लभ.म और कोल हि देणण ए भ रत क र जप्(अगें्रजीे) 1881, भ ग 1 पषृ् . 74 और 504,जलप ईग ुीे ष्ज ल क पष्श चन मीे दशु्र ि देणण ए भ रत क र जप् (अगें्रजीे), 1910 भ ग, पषृ् . 1160 ; कुम य. ंऔर गढ़र् ल ष्ज ले, देणण ए भ रत क र जप्(अगें्रजीे) 1876 भ ग 1, पषृ् . 605: सम ज वपरु ष्ज ल क अििु.धचन त प्रभ ग देणण ए भ रत क र जप्(अगें्रजीे) 1879 भ ग 1, पषृ् . 383 : देहर द.ि ष्ज ल में जौिि र ब बर परगि देणण ए भ रत क र जप्(अगें्रजीे) 1897 भ ग: 1 पषृ् . 382: क मरूप,िर्ग ंर्, द रंग,सि र्ि गर,लणीेमपरु,ग् ल लप ड (प.र्ी दशु्र त छोडकर) और कछ र(उततरी कछ र पह डड य ं को छोडकर) ष्ज ल देणण ए भ रत क र जप्(अगें्रजीे) 1897 भ ग 1, पषृ् . 533: गोरी पह डड यों ,ण िीे और जयंनत य पह डड य ं,ि ग पह डड य ं, कछ र ष्ज लों में उततर कछ र पह डड य ं और ग् र् लप ड ष्ज ल में प.र्ी दशु्र िव देणण ए भ रत क र जप्(अगें्रजीे) 1897 भ ग 1, पषृ् . 299: सि ड्य.ल ड ष्स् े त यि ऐत .,1874(1874 क 14) की ि र 3 (बीे) के अिीेि अधि ि.चनि द्र् र अधि ि.धचन त कक य गय कक पजं ब में ल हौल के अििु.धचन त ष्ज ल में यह प्रर्तृत िहीं है, देणण ए भ रत क र जप् (अगें्रजीे)1886 भ ग 1,पषृ् . 301: सि ड्य.ल ड ष्स् े त यि ऐत ., 1874(1874 क 14) की ि र के अिीेि अधि ि.चनि द्र् र इिक िर् स् त र आगर प्रदेि के तर ई ष्ज ल पर कक य गय देणण ए भ रत क र जप्(अगें्रजीे) ए 1876 भ ग 1, पषृ् . 506,ष्ज ल क. गव पर कक य गय ,देणण ए भ रत क र जप्(अगें्रजीे) 1876 भ ग 2,पषृ् . 1730 । बर र ल ज ऐत ., 1941 (1941 क 4 ) द्र् र इिक िर् स् त र बर र पर कक य गय ।

नि म् िसल णण त को ल ग. कक ए ज िे में इिक िंिोिि कक य गय है:- 1960 के आधं्र ऐत . द्र् र आधं्र: 1948 के मि ि ऐत . 24 और 1960 के ऐत . 14 द्र् र मि ि: और 1942 के पजं ब ऐत . 14, 1950 के ऐत . 25 और 1957 के ऐत . 15 द्र् र पजं ब ।

2. 1951 के अधि नि यम िं. 3 की ि र 3 और अििु.चनीे द्र् र भ ग ण र ज् यों के सि र् य िंप.णव भ रत के स् ा ि पर प्रनत स् ा िप त ।

3. 1955 के अधि नि यम िं. 55 की ि र 2 द्र् र (1-7-1956 िे) अतं:स् ा िप त ।

सं. 1/96-ट..सी. No. 1/96-TC भारा सरकार

GOVERNMENT OF INDIA

भारा के समाचारपत्रों के पिंीयक का कायाणलय (सूचिा और प्रसारण मंत्रालय)

OFFICE OF THE REGISTRAR OF NEWSPAPERS FOR INDIA

िारा 1 ] पे्रस और पसु् ाक रजि स् ी.करण अधि नि यम, 1867

उदे्दशि का- मुिण लयों ता 1(िम चन रप्ों ) के िर् नि यमि के सल ए 2(भ रत में मुद्रि त प्रत येक पसु् तक ता िम चन रप् क )3 *** प्रनत यों के परर रक्षण के सल ए 2(ता ऐिीे पसु् तकों ता िम चन रप्ों के रष्ज स् ेीकरण के सल ए) उपबन ि करि िमीेचनीेि है: अत: इिके द्र् र नि म् िसल णण त रूप में यह अधि नि यसम त कक य ज त है:-

भाग 1 प्रारजम् भ क

13. नििणचि खण् ड-4 [1] इि अधि नि यम में, जब तक कक कोई ब त िर् षय य िंदभव में िर् रूद्ध ि हो,- “पसु् तक’ के अन तगवत कक िीे भीे भ ष में प्रत येक ष्ज ल द, ष्ज ल द क भ ग य ण् और पषु्स् त क और पाृक रूप िे मदु्रि त 5*** म िधचन ्, चन .व, रेण ंकि य स् र्रसल िप प् है : 6* * * *

7[“ िम् प दक ” िे र्ह व् यष्त त असभ पे्रत है, जो उि ि मग्रीे के चनयि पर नि यं् ण रणत है, जो कक िीे िम चन रप् िे प्रक सि त की ज तीे है:] 8* * * *

“मष्ज स् ेे.” िे ऐि व् यष्त त असभ पे्रत है, जो 9 मष्ज स् ेे. की प.री िष्त त यों क प्रयोग करत है और इिके अन तगवत

10(पसुल ि मष्ज स् ेे. 11*** भीे है : 7 [ “ िम चन रप्” िे कोई मुद्रि त क सल क कृनत असभ पे्रत है ष्ज िमें ि र्वजनि क िम चन र य ि र्वजनि क िम चन रों की िमीेक्ष अन तिर्वष् . है :] 12* * * *

13[ “ प् ” िे कोई भीे दस् त र्ेज असभ पे्रत है और इिके अन तगवत पसु् तक िे सभ न ि िम चन रप् भीे है:]

“ िर् द्रह त” िे केन िीय िरक र द्र् र ि र 20क के अिीेि बि ए गए नि यमों द्र् र िर् द्रह त असभ पे्रत है ;

“ पे्रि रष्ज स् े र ” िे ि र 19क के अिीेि केन िीय िरक र द्र् र नि यतु त भ रत क िम चन रप् रष्ज स् े र असभ पे्रत है और इिके अन तगवत पे्रि रष्ज स् े र के िभीे कृत यों य उिमें िे कक िीे को करिे के सल ए केन िीय िरक र द्र् र नि युत त कोई अन य व् यष्त त भीे है : “मुिण” के अन तगवत चनिमुिण ता सि ल मुिण द्र् र मुिण भीे है: “रष्ज स् .र” िे ि र 19 ण के अिीेि रण गय िम चन रप्ों क रष्ज स् .र असभ पे्रत है ।

1. 1950 के अधि नि यम ि0ं 35 की ि र 3 और अििु.चनीे 2 द्र् र “प्-पब् क एं ष्ज िमें िम चन र हों ” के स्ा ि पर प्रनत स् ा िप त ।

2. 1955 के अधि नि यम िं.55 की ि र 3 द्र् र “भ रत में मुद्रि त य सि ल मुद्रि त प्रत येक पसु् तक ता ऐिीे पसु् तकों के

रष्ज स् ेीकरण के सल ए” के स् ा ि पर प्रनत स् ा िप त । 3. 1890 के अधि नि यम िं. 10 की ि र 1 द्र् र “तीेि” िब् द क लोप कक य गय । 4. 1965 के अधि नि यम िं. 16 की ि र 2 द्र् र (1-11-1966 िे) ि र 1 को उिकी उपि र (1) के रूप में पिु:िंख य ंकक त

कक य गय । 5. 1955 के अधि नि यम िं. 55 की ि र 4 द्र् र (1-7-1956िे) “य सि ल मुद्रि त” िब् द क लोप कक य गय ।

6. 1937 के भ रत ि िि(भ रतीेय िर् धि अिकु. लि) आदेि, 1937 द्र् र “बि द्र. ि भ रत” की परर भ ष नि रसि त की गई, अब

ि ि रण ण ं अधि नि यम, 1897(1897 क 10)की ि र 3 में पररभ ष देणण ए ।

7. 1922 के अधि नि यम िं. 14 की ि र 3 और अििु.चनीे 1 द्र् र अन त:स् ा िप त । 8. 1965 के अधि नि यम िं. 16 की ि र 2 द्र् र (1-11-1965 िे ) “भ रत” की परर भ ष क लोप कक य गय । 9. अब प्राम र्गव मष्ज स् ेे.,देणण ए दं प्रकि य िंद्रह त , 1898(1898 क 5) 10. अब पे्रसि ेंिीे मष्ज स् ेे., देणण ए दं -प्रकि य िंद्रह त , 1898(1898 क 5) 11. 1890 के अधि नि यम िं. 10 की ि र 2 द्र् र “एं जष्स् . ि आफ पीेि” िब् द नि रसि त कक ए गए । 12. 1914 के अधि नि यम िं. 10 की ि र 3 और अििु.चनीे 2 “िंख य और सल ंग” की परर भ ष िे िंबधंि त परै नि रसि त कक य गय ,

भ रत ि िि (भ रतीेय िर् धि अिकु. लि)आदेि, 1937 द्र् र “ लोकल गर्िवमें. ” की परर भ ष नि रसि त की गई और िर् धि अिकु. लि आदेि, 1950 द्र् र अतं:स् ा िप त “र ज् य” की परर भ ष 1951 के अधि नि यम िं. 3 की ि र 3 और अििु.चनीे द्र् र नि रसि त की गई ।

13. 1955 के अधि नि यम िं. 55 की ि र 4 द्र् र (1-7-1956 िे) अतं:स् ा िप त

[िाराएं 1-5] पे्रस और पसु् ाक रजि स् ी.करण अधि नि यम, 1867

1 [(2) इि अधि नि यम में, कक िीे ऐिीे िर् धि के प्रनत , जो जम् म. –कश मीेर र ज् य में प्रर्तृत िहीं है, कक िीे नि देि क उि र ज् य के िंबिं में यह अाव लग य ज एग कक र्ह उि र ज्य में प्रर्तत तत स् ा िीे िर् धि के प्रनत नि देि है ।]

1. [ 1835 के अधि नि यम िंख य ंक 11 क नि रिि ।] नि रिि अधि नि यम, 1870(1870 क 14 ) की ि र ] ता अििु.चनीे,भ ग 2, द्र् र नि रसि त ।

भाग 2

मुद्रणालयों ाथा समाचारपत्रों के वि षय में 3. पसु् तकों ता प्ों पर िर् सि ष्ष् . यों क मुद्रि त कक य ज ि - 2 [भ रत] में मुद्रि त प्रत येक पसु् तक य प् पर मुिक क ि म ता मुिण क स् ा ि और (यद्रद र्ह पसु् तक य प् प्रक सि त कक य ज त है तो) प्रक िक क 2 [ि म] ता प्रक िि क स् ा ि ि फ-ि फ मुद्रि त कक य ज एग ।

4. मुिण लय रणिे र् ले द्र् र घोषण -4 [(1)] भ रत में कोई ऐि व् यष्त त पसु् तकों य प्ों के मुिण के सल ए अपिे कब् जे में कोई मुिण लय िहीं रणेग , ष्ज ििे 5 [ष्ज ल , पे्रसि ेंिीे य उप-ण् मष्ज स् ेे.] के िमक्ष, ष्ज िकी स् ा िीेय अधि क रर त में ऐि मुिण लय है, नि म म िसल णण त घोषण िहीं की है ता उि पर हस् त क्षर िहीं कक ए है :- “ मैं, क.ण, घोिष त करत ह.ं कक मेरे प ि....................................में मुिण के सल ए मुिण लय है ” ।

और उपरोत त रर त त स् ा ि में, ऐि मिुण लय जह ं ष्स् ा त है उि स् ा ि के ब रे में िही और . क . क िर् र्रण भर ज एग । 6 [(2) ष्ज तिीे ब र ,र्ह स् ा ि , जह ं मुिण लय रण गय है, परर र्नतवत कक य ज त है, उतिीे ब र िई घोषण आर्श यक होगीे : परन त ु जह ं ऐि परर र्तवि ि . द्रद ि िे अधि क की अर्धि के सल ए िहीं है और परर र्तवि के पश चन त म मुिण लय उपि र (1) में नि द्रदव ष् . मष्ज स् ेे. की स् ा िीेय अधि क रर त में रहत है र्ह ं िई घोषण की आर्श यकत िहीं होगीे , यद्रद -

क परर र्तवि िे िम् बष्न ि त िर् र्रण परर र्तवि के चनौबीेि घ.ें के भीेतर दे द्रद य ज त है : और

(ण) मुिण लय रणिे र् ल व् यष्त त र्हीं रहत है । ]

5. िम चन रप्ों के प्रक िि के ब रे में नि यम-2 [भ रत] में कोई भीे 7 [िम चन रप्] , इिमें इिके पश चन त म अधि कधा त नि यमों के अिरुूप ही प्रक सि त कक य ज एग , अन या िहीं:-

8 [(1) ि र 3 के उपबन िों पर प्रनत क. ल प्रभ र् ले बब ि , ऐिे प्रत येक िम चन रप् की प्रत येक प्रनत पर उिके स् र् मीे ता उिके िम् प दक के ि म ता उिके प्रक िि की त रीण भीे स् पष् . मुद्रि त होगीे ।]

9 [(2)] ऐिे प्रत येक 10 [िम चन रप्] क मुिक ता प्रक िक 7 [व् यष्त त गत रूप िे य ि र 20 के अिीेि बि ए गए नि यमों के अििु र इि नि सम त प्र धि कृत असभ कत व की म फव त ,ऐि ष्ज ल , प्रसि ेंिीे य उप-ण् मष्ज स् ेे. के िमक्ष, ष्ज िकी ______________________________________________________________________________________ 1. 1965 के अधि नि यम िं. 16 की ि र 2 द्र् र (1-11-1965 िे) अतं:स् ा िप त । 2. 1951 के अधि नि यम िं. 3 की ि र 3 और अििु.चनीे द्र् र ‘र ज्यों ’ के ि म ा ि पर प्रनत स् ा िप त । 3. 1891 के अधि नि यम िं. 12 की ि र 2 और अििु.चनीे 2, भ ग 1 द्र् र अतं:स् ा िप त । 4. 1955 के अधि नि यम िं. 55 की ि र 5 द्र् र (1-7-1956 िे) ि र 4 को उि ि र की उपि र (1) के

रूप में पिु:िंख य कक त । 5. 1951 के अधि नि यम िं. 56 की ि र 36 द्र् र (1-2-1952 िे) ‘मष्ज स् ेे.’ के स् ा ि पर प्रनत स् ा िप त । 6. 1955 के अधि नि यम िं. 55 की ि र 5 द्र् र (1-7-1956 िे) अतं:स् ा िप त । 7. 1922 के अधि नि यम िं. 14 की ि र 3 और अििु.चनीे द्र् र कुछ िब् दों के स् ा ि पर प्रनत स् ा िप त । 8. 1960 के अधि नि यम िं. 26 की ि र 2 द्र् र (1-10-1960 िे) नि यम(1) के, जो 1922 के अधि नि यम

िं. 14 की ि र 3 और अििु.चनीे 1 द्र् र अतंस् ा िप त कक य गय ा , स् ा ि पर प्रनत स् ा िप त । 9. 1922 के अधि नि यम िं. 14 की ि र 3 और अििु.चनीे 1 द्र् र नि यम (1) को नि यम (2) के रूप में पिु: िंख य ंकक त कक य गय । 10. 1922 के अधि नि यम िं.14 की ि र 3 और अििु.चनीे द्र् र “ प्-पब् क ” िब् द के स् ा ि पर प्रनत स् ा िप त

[िारा-5] पे्रस और पसु् ाक रजि स् ी.करण अधि नि यम,1867

स् ा िीेय अधि क रर त में ऐि िम चन रप् मुद्रि त य प्रक सि त कक य ज एग 1* * * ह ष्ज र होग ] और नि म् िसल णण त घोषण करेग ता उिकी दो प्रनत यों पर हस् त क्षर करेग :- “ मैं, क ण, घोिष त करत ह.ं कक मैं ..................(स्ा ि) में, या ष्स् ा नत , 2 [मुद्रि त य प्रक सि त कक ए ज िे र् ले अार् मुद्रि त और प्रक सि त कक ए ज िे र् ले] ..............ि मक 3 [िम चन रप्] क मुिक (य प्रक िक,य मुिक और प्रक िक) ह.ं ” ।

और इि घोषण के प्ररूप की पहली पषं्त त में जह ं मुिण य प्रक िि कक य ज त है उि भर्ि के ब रे में िही-िही और . क-. क िर् र्रण भर ज एग ।

4 [(2क) नि यम (2) के अिीेि की प्रत येक घोषण में, िम चन रप् क ि म, र्ह भ ष , ष्ज िमें उिक प्रक िि कक य ज ि है, ता उिकी प्रक िि आर्धि कत िर् नि द्रदव ष् . की ज एगीे और उिमें ऐिीे अन य िर् सि ष म द्र. य ं भीे हों गीे, जो िर् द्रह त की ज एं ।]

5 [(2ण) जह ं नि यम (2) के अिीेि की घोषण करिे र् ल िम चन रप् क मुिक य प्रक िक उिक स् र् मीे िहीं है र्ह ं उि घोषण में स् र् मीे क ि म िर् नि द्रदवष् . कक य ज एग और उिके ि ा स् र् मीे क सल णण त रूप में ऐि प्र धि क र भीे होग ष्ज िमें उत त व् यष्त त को घोषण करिे ता उि पर हस् त क्षर करिे के सल ए प्र द्नय कृत कक य गय है ।

(2ग) िम चन रप् प्रक सि त करिे िे प.र्व उि िम चन रप् की ब बत नि यम (2) के अिीेि घोषण ता ि र 6 के अिीेि उिक अधि प्रम णण त कक य ज ि आर्श यक होग ।

(2घ) जह ं कक िीे िम चन रप् के ि म य उिकी भ ष य उिकी प्रक िि-आर्धि कत में परर र्तवि कक य गय है र्ह ं घोषण प्रभ र्हीि हो ज एगीे और िम चन र प् के प्रक िि को चन ल. करिे िे प.र्व िई घोषण आर्श यक होगीे ।

(2 .) ष्ज तिीे ब र कक िीे िम चन रप् के स् र् सम त र् में परर र्तवि कक य ज त है उतिीे ब र िई घोषण आर्श यक होगीे ।]

6 [(3)] ष्ज तिीे ब र मुिण ता प्रक िि के स् ा ि में परर र्तवि कक य ज त है उतिीे ब र िई घोषण आर्श यक होग :

7 [परन तु जह ं ऐि परर र्तवि तीेि द्रद ि िे अधि क की अर्धि के सल ए िहीं है और परर र्तवि के पश चन त म मुिण अार् प्रक िि क स् ा ि नि यम (2) में नि द्रदवष् . मष्ज स् ेे. की स् ा िीेय अधि क रर त में रहत है र्ह ं िई घोषण आर्श यक िहीं होगीे यद्रद -

(क) परर र्तवि के चनौबीेि घ.ें के भीेतर परर र्तवि िे िम् बष्न ि त िर् र्रण दे द्रद य ज त है ; और (ण) िम चन रप् क मुिक य प्रक िक य मुिक और प्रक िक र्ही व् यष्त त रहत है ।] 8. [(4) ऐि मुिक य प्रक िक, ष्ज ििे या प.र्ोत त घोषण की है, िब् बे द्रद ि िे अधि क की अर्धि के सल ए ष्ज तिीे भीे ब र भ रत िे ब हर ज एग य जह ं ऐि मुिक य प्रक िक अित तत के क रण य अन या िब् बे द्रद ि िे अधि क की अर्धि के सल ए अपिे कततवव् यों को, ऐिीे परर ष्स् ा नत यों में, ष्ज िमें उिक पद रर त त िहीं होत है, क य वष्न र् त करिे में अिमाव रहेग र्ह ं, उतिीे ही ब र िई घोषण आर्श यक होगीे ।]

7 [( 5) जह ं िम चन रप् के प्रक िि क आरम् भ- (क) िप् त ह में एक य एक िे अधि क ब र प्रक सि त द्रद ए ज िे र् ले िम चन रप् की दि में, 9 [ि र 6 के अिीेि घोषण के अधि प्रम णि के] छह िप् त ह के भीेतर; और

1. 1960 के अधि नि यम िं. 26 की ि र 2 द्र् र (1-10-1960 िे) “य ऐि मुिक य प्रक िक नि र् ि करत है” क लोप कक य गय । 2. 1955 के अधि नि यम िं. 55 की ि र 6 द्र् र (1-7-1956 िे) कुछ िब् दों के स् ा ि पर प्रनत स् ा िप त । 3. 1922 के अधि नि यम िं. 14 की ि र 3 और अििु.चनीे द्र् र ‘प् –पब् क ’ िब् द के स् ा ि पर प्रनत स् ा िप त । 4. 1955 के अधि नि यम िं. 55 की ि र 6 द्र् र अतं:स् ा िप त । 5. 1960 के अधि नि यम िं. 26 की ि र 2 द्र् र (1-10-1960 िे) अतं:स् ा िप त । 6. 1922 के अधि नि यम िं. 14 की ि र 3 और अििु.चनीे द्र् र नि यम(2) को नि यम(3) के रूप में पिु: िंख य ंकक त कक य गय । 7. 1955 के अधि नि यम िं. 55 की ि र 6 द्र् र (1-7-1956 िे) अतं:स् ा िप त । 8. 1960 के अधि नि यम िं. 26 की ि र 2 द्र् र (1-10-1960 िे) नि यम 4 के,जो 1922 के अधि नि यम

िं. 14 की ि र 3 और अििु.चनीे 1 द्र् र म.ल नि यम 3 के स् ा ि पर पिु: ता िंख य ंकक त कक य गय ा , स् ा ि पर

प्रनत स् ा िप त ।

9. 1960 के अधि नि यम िं.26 की ि र 2 द्र् र ( 1-10.1960 िे) “ घोषण ” के स् ा ि पर प्रनत स् ा िप त ।

[िाराएं 5-6] पे्रस और पसु् ाक रजि स् ी.करण अधि नि यम, 1867

(ण) कक िीे अन य िम चन रप् की दि में, 1 [ि र 6 के अिीेि घोषण के अनघ प्रम णि के] तीेि म ि के भीेतर, िहीं कर द्रद य ज त र्ह ं िम चन रप् की ब बत की गई प्रत येक घोषण ि.न य होगीे और ऐिीे प्रत येक दि में िम चन रप् प्रक सि त कक ए ज िे िे प.र्व िई घोषण आर्श यक होगीे ।

(6) जह ं तीेि म ि की कक िीे अर्धि में कोई दैनि क, ब् ि प् त द्रह क, द्रद्द ि प् त द्रह क, ि प् त द्रह क य प क्षक्ष क िम चन रप्, अपिे अकं उतिीे िंख य में प्रक सि त करत है, ष्ज िकी िंख य तत िम् बन िीे घोषण के अििु र प्रक सि त होिे र् ली िंख य के आिे िे कम है र्ह ं घोषण प्रभ र्हीि हो ज एगीे और िम चन रप् क प्रक िि ज री रणिे िे प.र्व िई घोषण आर्श यक होगीे ।

(7) जह ं कक िीे अन य िम चन रप् क प्रक िि ब रह म ि िे अधि क की अर्धि के सल ए बदं हो गय है र्ह ं उिके ब रे में की गई प्रत येक घोषण प्रभ र्हीि हो ज एगीे, और िम चन रप् के पिु: प्रक िि िे प.र्व िई घोषण आर्श यक होगीे ।

(8) कक िीे िम चन रप् के ब रे में प्रत येक िर् द्यम ि घोषण उि मष्ज स् ेे. द्र् र रद्द कर दी ज एगीे, ष्ज िके िमक्ष उिीे िम चन रप् के ब रे में िई घोषण की ज ए और उि पर हस् त क्षर कक ए ज एं :

2[ परन तु कोई भीे व् यष्त त 3 [जो म म.ली तौर िे भ रत में नि र् ि िहीं करत है य ] ष्ज ििे भ रतीेय र्यस् कत अधि नि यम, 1875 (1875 क 9) के अििु र अार् ष्ज ि िर् धि िे र्ह र्यस् कत प्र प् त करिे की ब बत ि सि त होत है उि िर् धि के अििु र र्यस् कत प्र प् त म िहीं की है, इि ि र द्र् र िर् द्रह त घोषण करिे के सल ए ि तो अिु् त कक य ज एग और िहीं कोई ऐि व् यष्त त कक िीे िम चन रप् क िंप दि करेग । ]

4 [5क. िम् म-ूकच मीर में मुद्रणालय रखिे िाले ाथा समाचारपत्रों के मदु्रक ाथा प्रकािक वि नि ददणष् ट अिधि के भीार िई घोषिाएं करेंगे ाथा उि पर हस् ााक्षर करेंगे- (।) कोई भीे व् यष्त त , ष्ज ििे जम् म. ए् कश मीेर स् .े. पे्रि ए् पष्ब् ल केिि ऐत ., िंर्त म 1989(िंर्त म 1989 क जम् म.-कश मीेर अधि नि यम िंख य ंक 1) की ि र 4 के अिीेि कक िीे मुिण लय के ब रे में घोषण की है ता उि पर हस् त क्षर कक ए है, 5[ 1968 के द्रद िम् बर के इत तीेिर्ें द्रद ि के पश चन त म] पसु् तकों य प्ों के मुिण के सल ए कोई भीे मुिण लय तब तक अपिे कब् जे में िहीं रणेग , 5[ जब तक कक उि त रीण की िम ष्प् त के प.र्व] र्ह इि अधि नि यम की ि र 4 के अिीेि उिे मुिण लय के ब रे में िई घोषण िहीं कर देत है ता उि पर हस् त क्षर िहीं कर देत है ।

(2) प्रत येक ऐि व् यष्त त , ष्ज ििे जम् म. ए् कश मीेर स् .े. पे्रि ए् पष्ब् ल केिि ऐत .ण म िंर्त म 1989 (िंर्त म 1989 क जम् म.-कश मीेर अधि नि यम िंख य ंक 1) की ि र 5 के अिीेि कक िीे िम चन रप् के ब रे में कक िीे घोषण पर हस् त क्षर कक ए हैं, 5[1968 के द्रद िम् बर के इत तीेिर्ें द्रद ि के पश चन त म ] उि घोषण में उष्ल ल णण त िम चन रप् क िम् प दक, मुिक य प्रक िक केर्ल उिीे दि में रहेग जब र्ह उि त रीण की िम ष्प् त के प.र्व इि अधि नि यम की ि र 5 में अधि कधा त नि यमों के नि यम (2) के अिीेि उि िम चन रप् की ब बत िई घोषण कर देत है ता उि पर हस् त क्षर कर देत है, अन या िहीं । 6. घोषणा का अधि प्रमाणि – इि प्रक र प.र्ोत त रूप में की गई ता हस् त क्षर की गई प्रत येक घोषण की दो म.ल प्रनत यों में िे प्रत येक प्रनत उि मष्ज स् ेे. द्र् र ष्ज िके िमक्ष उत त घोषण की गई है, हस् त क्षरर त ता प्र धि क रर क मुि िे प्रम णण त की ज एगीे ;

6 [ परन तु जह ं कक िीे िम चन रप् के ब रे में ि र 5 के अिीेि कोई घोषण की गई है ता उि पर हस् त क्षर कक ए गए हैं, र्ह ं र्ह घोषण , उिीे व् यष्त त के स् र् सम त र् के िम चन रप्ों को छोडकर, इि प्रक र अनघ प्रम णण त िहीं की ज एगीे 7 [ जब तक कक मष्ज स् ेे. क , पे्रि रष्ज स् े र िे प.छत छ करिे पर, यह िम ि ि िहीं हो ज त है ] कक प्रक सि त कक ए ज िे के सल ए प्रस् त िर् त िम चन रप् क र्ही ि म य उििे सम लत -जलुत ि म िहीं है जो य तो उिीे भ ष में य उिीे र ज् य में कक िीे अन य प्रक सि त िम चन रप् क है । ]

____________________________________________________________________________________________________________

1. 1960 के अधि नि यम िं. 26 की ि र 2 द्र् र (1-10-1960 ि)े “ घोषण के ” के स् ा ि पर प्रनत स् ा िप त। 2. 1922 के अधि नि यम ि.ं 14 की ि र 3 और अिुि.चनीे द्र् र अंत:स् ा िप त । 3. 1960 के अधि नि यम ि.ं 26 की ि र 2 द्र् र (1-10-1960 िे) अंत:स् ा िप त । 4. 1965 के अधि नि यम ि.ं 16 की ि र 3 द्र् र (1-10-1965 िे) अंत:स् ा िप त । 5. 1968 के अधि नि यम ि.ं 30 की ि र 2 द्र् र कुछ िब् दों के स् ा ि पर(भ.तलक्षीे रूप िे)प्रनत स् ा िप त । 6. 1955 के अधि नि यम ि.ं 55 की ि र 7 द्र् र (1-7-1956 िे) अंत:स् ा िप त । 7. 1960 के अधि नि यम ि.ं 26 की ि र 3 द्र् र (1-10-1960 िे) कुछ िब् दों के स् ा ि पर अंत:स् ा िप त ।

[िाराएं 6-5] प्रेस और पुस् ाक रजि स् ी.करण अधि नि यम, 1867

नि क्षेप- उत त म.ल प्रनत यों में िे एक मष्ज स् ेे. के क य वलय के असभ लेणों मे रणीे ज एगीे और द.िरी उच् चन न य य लय के य जह ं उत त घोषण की गई ाीे , 1 [ उि स् ा ि के सल ए आरष्म् भ क अधि क रर त रणिे र् ले अन य प्रि ि सि िर् ल न य य लय ] के

असभ लेणों में रणीे ज एगीे । प्रना यों का नि र.क्षण ाथा उिका दद या िािा- प्रत येक म.ल प्रनत क भ रि िक अधि क री कक िीे भीे व् यष्त त की, एक रूपय फीि िंद य करिे पर, उि म.ल प्रनत क नि रीक्षण करिे देग , और आर्ेदि करिे र् ले कक िीे व् यष्त त को, दो रूपय फीि िंद य करिे पर, उत त घोषण की एक प्रनत उि न य य लय की मुि िे, ष्ज िकी असभ रक्ष में म.ल प्रनत है, अिपु्रम णण त करके देग । 2 [ मष्ज स् ेे. की प्र धि क रर क मुि िे अिपु्रम णण त घोषण की एक प्रनत , य घोषण अनघ प्रम णण त करिे िे इंक र करिे र् ले आदेि की एक प्रनत , या ित य िीे् , उि व् यष्त त को, जो घोषण करत है और उि पर हस् त क्षर करत है, और पे्रि रष्ज स् े र को भीे, भेजीे ज एगीे । ]

7. घोषणा की कायाणलय प्रना का प्रथम दृष् ्या साय य होिा – कक िीे भीे सि िर् ल ता द ष्् क िर् धि क क यवर् ही में, ऐिीे घोषण ओ ंको असभ रक्ष के सल ए इि अनघ नि यम द्र् र िित त कक ए गए कक िीे न य य लय की मुि िे अिपु्रम णण त याप.र्ोत त ऐिीे घोषण की प्रनत क 3 [ य िंप दक की दि में उि िम चन र प् की प्रनत क , ष्ज ि पर उिक ि म िंप दक के रूप में मुद्रि त है,] पेि कक य ज ि (जब तक तत प्रनत क. ल ि बब त िहीं कक य ज त ) तब तक ऐिे व् यष्त त के प्रनत , ष्ज िक ि म, 3 [ या ष्स् ा नत ,] उि घोषण पर हस् त क्षरर त 3 [ य उि िम चन रप् पर मुद्रि त ] है, इि ब त क पय वप् त ि य य म ि ज एग कक र्ह व् यष्त त ऐिे प्रत येक 4 [ िम चन रप् ] के प्रत येक भ ग क , ष्ज िक ि म र्हीं है जो उि घोषण में उष्ल ल णण त 5 [ िम चन रप् ] क है (उत त घोषण के िब् दों के अििु र) मुिक य प्रक िक, य मुिक और प्रक िक ा 3 य [ उि िम चन र के उि अकं के, ष्ज िकी प्रनत पेि की गई है, प्रत येक भ ग क िंप दक ा । ]

8. ऐसे व् यजत ा यों द्िारा िई घोषणा, जि न होंिे घोषणा पर हस् ााक्षर क ए है क न ा ुिो )ाद में मुद्रक या प्रकािक िह.ं रहे- 6

[ यद्रद कक िीे व् यष्त त िे कक िीे िम चन रप् के ब रे में कक िीे घोषण पर ि र 5 के अिीेि हस् त क्षर कक ए हैं और ि र 6 के अिीेि मष्ज स् ेे. द्र् र र्ह घोषण अनघ प्रम णण त की गई है और तत पश चन त म र्ह व् यष्त त उि घोषण में उष्ल ल णण त िम चन रप् क मिक य प्रक िक िहीं रह ज त है तो र्ह कक िीे ष्ज ल , पे्रसि ेंिीे य उपणं मष्ज ि म ेे. के िमक्ष ह ष्ज र होग और नि म् िसल णण त घोषण करेग ता उिकी दो प्रनत यों पर हस् त क्षर करेग :- ‘ मै, क ण, घोिष त करत ह.ं कक मैं ....................................ि मक िम चन रप् क अब मुिक य प्रक िक अार् मुिक और प्रक िक िहीं ह.ं ” । ]

अनघ प्रमाणि और फाइल करिा– पश चन त म कधा त घोषण की प्रत येक म.ल प्रनत उि मष्ज स् ेे. के हस् त क्षर ता मुि िे अद्नय प्रम णण त की ज एगीे ष्ज ििें िमक्ष पश चन त म कधा त उत त घोषण की गई है और पश चन तकधा त उत त घोषण की एक म.ल प्रनत प.र्व कधा त घोषण की प्रत येक म.ल प्रनत के ि ा फ इल की ज एगीे । प्रना यों का नि र.क्षण ाथा दद या िािा – पश चन तकधा त घोषण की प्रत येक म.ल प्रनत क भ रि िक अधि क री आर्ेदि करिे र् ले कक िीे व् यष्त त को, एक रूपय फीि िंद य करिे पर, उि म.ल प्रनत क नि रर क्षण करिे देग , और आर्ेदि करिे र् ले कक िीे व् यष्त त को, दो रूपय फीि िंद य करिे पर, पश चन तकधा त उत त म.ल घोषण की एक प्रनत उि न य य लय की मुि िे, ष्ज िकी असभ रक्ष में म.ल प्रनत है, अिपु्रम णण त करके देग ।

साय य में प्रना का रखा िािा- िभीे ऐिे िर् चन रणों में, ष्ज िमें प.र्ोत त अिपु्रम णण त प.र्वकधा त घोषण की प्रनत ि य य में रणीे ज िकेगीे , यह िर् धि प.णव होग कक पश चन तकधा त घोषण की प.र्ोत त अिपु्रम णण त प्रनत ि य य में रणीे ज ए, और र्ह प.र्वकधा त घोषण इि ि य य के रूप में िहीं ली ज एगीे कक घोषण कत व पश चन तकधा त घोषण की त रीण के पश चन त म की कक िीे अर्धि , में, उिमें उष्ल ल णण त िम चन र प् क मुिक य प्रक िक ा । 7 [ मष्ज स् ेे. की प्र धि क रर क मुि िे अिपु्रम णण त पश चन त म कधा त घोषण की प्रनत पे्रि रष्ज स् े र को भेज दी ज एगीे । ] ________________________________________________________________________________________________

1. 1890 के अधि नि यम िं. 10 की ि र 3 द्र् र कुछ िब् दों के स् ा ि पर प्रनत :स् ा िप त । 2. 1960 के अधि नि यम िं. 26 की ि र 3 द्र् र (1-10-1960 िे) चनौा ेपरै के, जो 1955 के अधि नि यम िं. 55 की ि र 7 द्र् र

(1-7-1956 िे) अतं:स् ा िप त कक य गय ा ,स् ा ि पर प्रनत स् ा िप त ।

3. 1922 के अधि नि यम िं. 14 की ि र 3 और अििु.चनीे द्र् र अन त:स् ा िप त । 4. 1922 के अधि नि यम िं. 14 की ि र 4 और अििु.चनीे द्र् र “ कधा त कृनत ” के स् ा ि पर प्रनत स् ा िप त । 5. 1622 के अधि नि यम िं. 14 की ि र 3 और अििु.चनीे द्र् र कधा त कृनत के स् ा ि पर प्रनत स् ा िप त । 6. 1955 के अधि नि यम िं. 55 की ि र 8 द्र् र (1-7-1956 िे) प्राम परै के स् ा ि पर प्रनत स् ा िप त । 7. 1955 के अधि नि यम िं. 56 की ि र 8 द्र् र (1-7-1956 िे) अतं:स् ा िप त ।

[िाराएं 8क-8ग] पे्रस और पसु् ाक रजि स् ी.करण अधि नि यम,1867

1 [ 8क. िह व् यजत ा , जि स का िाम गलाी से संपादक के रूप में प्रकाशि ा हुआ है मजि स् ीेट के समक्ष घोषणा कर सकाा है- यद्रद कोई व् यष्त त , ष्ज िक ि म कक िीे िम चन रप् की प्रनत पर िंप दक के रूप में छप गय है, यह द र् करत है कक र्ह उि अकं

क ष्ज ि पर उिक ि म इि प्रक र छप गय है, िंप दक िहीं ा , तो र्ह, उिे यह ् त होिे के दो िप् त ह के भीेतर की उिक ि म इि प्रक र छप गय है कक िीे ष्ज ल , पे्रसि ेंिीे य उप-णं मष्ज स् ेे. के िमक्ष ह ष्ज र होकर यह घोषण कर िकत है कक उिक ि म उि अकं में उिके िंप दक के रूप में गलतीे िे छप गय ा , ओर यद्रद उि मष्ज स् ेे. क ऐिीे ज ंचन करिे य कर िे के पश चन त म जिैीे र्ह आर्श यक िमझें, यह िम ि ि हो ज त है कक र्ह घोषण िही है तो र्ह तदििु र प्रम णण त करेग , और ऐि प्रम णप् द्रद ए ज िे पर ि र 7 के उपबन ि उि व् यष्त त को, उि िम चन रप् के उि अकं की ब बत ल ग. िहीं हों गे ।

कक िीे भीे दि में मष्ज स् ेे. इि ि र द्र् र अिु् त अर्धि को बढ़ िकत है यद्रद उिक यह िम ि ि हो ज त है कक ऐि व् यष्त त पय वप् त क रण िे उत त अर्धि के भीेतर ह ष्ज र होिे ता घोषण करिे िे नि र् रर त कक य गय ा । 2 [ 8ख. घोषणा का रद्द क या िािा - यद्रद पे्रि रष्ज स् े र य कक िीे अन य व् यष्त त द्र् र कक ए गए आर्देि पर अार् अन या इि अधि नि यम के अिीेि घोषण अनघ प्रम णण त करिे के सल ए िित त मष्ज स् ेे. की यह र य है कक कक िीे िम चन र प् के ब रे में की गई कोई घोषण रद्द की ज िीे चन द्रह ए तो र्ह िम् बद्ध व् यष्त त को, प्रस् त िर् त क यवर् ही के िर् रूद्ध क रण दसिवत करिे य अर्िर देिे के पश चन त म उि म मले की ज ंचन कर िकेग और यद्रद ऐिें व् यष्त त द्र् र द्रद ण ए गए क रण पर, यद्रद कोई हो, िर् चन र करिे के पश चन त म ता उिे िुिर् ई क अर्िर देिे के पश चन त म उिक र्ह िम ि ि हो ज त है कक - (i) र्ह िम चन रप् ष्ज िके ब रे में घोषण की गई है, इि अधि नि यम य उिके अिीेि बि ए गए नि यमों के उपबन िों के उल लंघि में प्रक सि त कक य ज रह है ; य (ii) घोषण में उष्ल ल णण त िम चन रप् क ि म र्ही है, य उि ि म िे सम लत जलुत है, जो य तो उिीे भ ष में य उिीे र ज्य में प्रक सि त कक िीे िम चन रप् क है: य

(iii) मुिक य प्रक िक, उि घोषण में उष्ल ल णण त िम चन रप् क मुिक य प्रक िक िहीं रह गय है ; य (iV) घोषण , सम थ् य व् यपदेिि पर य कक िीे ि रर् ि म तथ् य को नछ प कर की गई ाीे य ऐिीे क सल क कृनत के ब रे में की गई ाीे, जो िम चन रप् िहीं है , तो र्ह मष्ज स् ेे. आदेि द्र् र घोषण रद्द कर िकेग और आदेि की एक प्रनत घोषण करिे र् ले य उि पर हस् त क्षर करिे र् ले व् यष्त त को ता पे्रि रष्ज ि म े र को भीे या ित य िीे् भेजेग ।

8ग. अपील- (1) मष्ज स् ेे. के, ि र 6 के अिीेि कक िीे घोषण को अधि प्रम णण त करिे िे इंक र करिे र् ले य ि र 8 ण के अिीेि कक िीे घोषण को रद्द करिे र् ले आदेि िे व् यधा त कोई व् यष्त त , उि त रीण िे ि . द्रद ि के भीेतर, ष्ज िको ऐि आदेि उिे िंि.धचन त कक य गय ा , मुिण लय ता रष्ज स् ेीकरण अपीेल बो व ि मक अपीेल बो व को, जो 3 [ पे्रि परर षद अधि नि यम, 1978 (1978 क 37 ) की ि र 4 के अिीेि स् ा िप त भ रतीेय पे्रि परर षद द्र् र अपिे िदस् यों में िे ि मनि द्रदव ष् . कक ए ज िे र् ले अध यक्ष ता एक अन य िदस् य िे सम लकर बिेग ,] अपीेल कर िकेग :

परन तु अपीेल बो व उत त अर्धि की िम ष्प् त के पश चन त म भीे अपीेल ग्रहण कर िकेग यद्रद उिक यह िम ि ि हो ज त है कक अपीेल ाी िमय पर अपीेल करिे िे पय वप् त क रण िे नि र् रर त कक य गय ा ।

(2) इि ि र के अिीेि अपीेल को प्र ष्प् त पर, अपीेल बो व, मष्ज स् ेे. िे असभ लेणों को मंगर् िे के पश चन त म और ऐिीे और ज ंचन करिे के पश चन त म, जिैीे र्ह . क िमझत है, उि आदेि को, ष्ज िके िर् रूद्ध अपीेल की गई है,पषु् .,उप ंतरर त य अप स् त कर िकेग ।

(3) उप ि र (2) के उपबिंों के अिीेि रहते हुए अपीेल बो व आदेि द्र् र अपिीे पद्धनत ता प्रकि य िर् नि यसम त कर िकेग ।

(4) अपीेल बो व क िर् नि श चनय अष्न त म होग । ] ________________________________________________________________________

1. 1922 के अधिनि यम िं. 14 की ि र 3 और अििु.चनीे द्र् र अतं:ि म ा िप त । 2. 1960 के अधि नि यम िं. 26 की ि र 4 द्र् र (1-10-1960 िे) अतं:स् ा िप त । 3. 1978 के अधि नि यम िं. 37 की ि र 27 द्र् र कुछ िब् दों के स् ा ि पर प्रनत स् ा िप त ।

[िाराएं 9-11क] पे्रस और पसु् ाक रजि स् ी.करण अधि नि यम, 1867

1[ भाग 3

पुस् ाकों का पिर दाि

9. अधि नि यम के प्रारम् भ के पच चाा म मुदद्र ा पसु् ाकों की प्रना यों का सरकार को मुफ्ा दद या िािा- प्रत येक िम् प.णव पसु् तक की मुद्रि त 2* * * प्रनत य ं, जो इि अधि नि यम के प्रर्तृत होिे के पश चन त म 3[ भ रत ] में मुद्रि त 2* * * की ज तीे है, उिके िभीे म िधचन ्ों ,मुिणों य अन य उत कीणों िद्रह त, जो उि पसु् तक की िर्ोत म कृनत यों की भ ंनत परर ि धि त और रंष्ज त की गई हों , उिके मुिक य प्रक िक के बीेचन (यद्रद पसु् तक प्रक सि त की ज ए तो) कक िीे कर र के होते हुए भीे, मुिक द्र् र िरक र को मुफ्त ऐिे स् ा ि पर ता ऐिे अधि क री को, ष्ज िके सल ए र ज् य िरक र, र जप् में अधि ि.चनि द्र् र िमय-िमय पर नि देि दे, नि म् िसल णण त प्रक र िे दी ज एंगीे , अा वत:-

(क) कक िीे भीे दि में, उि द्रद ि के पश चन त म एक कले् र म ि के भीेतर, ष्ज िको ऐिीे पसु् तक मुिण लय िे पहली ब र ब हर नि क ली ज ए, ऐिीे एक प्रनत , और (ण) यद्रद उि द्रद ि िे एक कले् र र्षव के भीेतर र ज् य िरक र मुिक िे ऐिीे दो िे अिधि क अन य प्रनत य ं देिे की अपेक्ष करतीे है तो, उि द्रद ि ष्ज िको र ज् य िरक र द्र् र मुिक िे ऐिीे अपेक्ष करिे के द्रद ि के पश चन त म एक कले् र म ि के भीेतर, ऐिीे अन य एक य दो प्रनत य ं, जिै भीे र ज् य िरक र नि देि दे,

और इि प्रक र दी गई प्रनत य ं ष्ज ल द बिंीे, सि ली हुई य . ंके िे सि ली हुई और ऐिे िर्ोततम क गज पर हों गीे ष्ज ि पर उि पसु् तक की प्रनत य ं मुद्रि त 2* * * की गई हों ।

प्रक िक य कोई अन य व् यष्त त जो मुिक को नि योष्ज त करे प.र्ोत त परर ि धि त ता रंष्ज त िभीे म िधचन ्ों , मुिणों और उत कीणों को जो मुिक को प.र्ोत त अपेक्ष ओ ंको अिपु लि करिे में िमाव बि िे के सल ए आर्श यक हों , उत त म ि की िम ष्प् त के प.र्व उधचन त िमय पर देग । इि ि र के प.र्व कधा त भ ग की कोई भीे ब त नि म् िसल णण त को ल ग. िहीं होगीे- (i) कक िीे पसु् तक क द्िर् तीेय य पश चन तर्ती िंस् करण, ष्ज ि िंस्करण में पसु् तक के ले.र पे्रि में य म िधचन ्ों , मुिणों य अन य उत कीणों में कोई परर र्तवि य परर र्तवि िहीं कक ए गए हैं, और ष्ज ि पसु् तक के प्राम य कक िीे प.र्वर्ती िंस् करण की प्रनत इि अधि नि यम के अिीेि दी ज चनकुी है, य (ii) इि अधि नि यम की ि र 5 में अधि कधा त नि यमों के अिरुूप प्रक सि त कोई 4[िम चन रप् ] ।

10. िारा 9 के अिीि द. गई प्रना यों के शल ए रसीद -- र्ह अधि क री, ष्ज िे कक िीे पसु् तक की प्रनत अष्न त म प.र्वग मीे ि र के अिीेि दी गई है, मुिक को उिके सल ए सल णण त रिीेद देग । 11. िारा 9 के अिीि द. गई प्रना यों का नि पटारा-इि अधि नि यम की ि र 9 के प्राम परेै के ण् (क) के अििुरण में दी गई प्रनत क र्िेै ही नि प. र कक य ज एग जिेै र ज् य िरक र, िमय-िमय पर अर्ि रर त करे ।

उत त परै के ण् (ण) के अििुरण में दी गई कोई प्रनत य प्रनत य ं 5[केन िीय िरक र को भेजीे ज एंगीे । ]

6[11क. भारा में मुदद्र ा समाचारपत्र की प्रना यों का सरकार को मुफ्ा दद या िािा-3 [भ रत] में प्रत येक िम चन रप् क मुिक ऐिे िम चन रप् के प्रत येक अकं की दो प्रनत य ं िरक र को ऐिे स् ा ि पर ता ऐिे अधि क री को ष्ज िके सल ए र ज्य िरक र र जप् में अधि ि.चनि द्र् र नि देि दे, उिके प्रक िि के ब द या ित त िीे् मुफ्त देग ।]

1. 1890 के अधि नि यम िं. 10 की ि र 4 द्र् र म.ल भ ग 3 के स् ा ि पर प्रनत स् ा िप त । 2. 1955 के अधि नि यम िं. 55 की ि र 9 (1-7-1956िे ) य “ सि ल मुद्रि त ” िब् दों क लोप कक य गय । 3. 1951 के अधि नि यम िं. 3 की ि र 3 और अििु.चनीे द्र् र र ज् यों के स् ा ि पर प्रनत स् ा िप त । 4. 1922 के अधि नि यम िंख य 14 की ि र 3 और अििु.चनीे 1 द्र् र “ प् पब् क ” के स् ा ि पर प्रनत ि म ा िप त । 5. भ रतीेय स् र्तं्त (कें िीय अधि नि यमों और अध य देिों क अिकु. लि ) आदेि, 1948 द्र् र कुछ िब् दों के स् ा ि पर प्रनत स् ा िप त । 6. 1922 के अधि नि यम िं. 14 की ि र 3 और अििु.चनीे द्र् र अतं:स् ा िप त ।

[ िाराएं 11ख-15क ] पे्रस और पसु् ाक रजि स् ी.करण अधि नि यम, 1867 1[11ख. समाचारपत्रों की प्रना यों का पे्रस रजि स् ीार को दद या िािा- ऐिे कक न ही नि यमों के अिीेि रहते हुए, जो इि अधि नि यम के अन तगवत बि ए ज एं, भ रत में प्रत येक िम चन रप् क प्रक िक, पे्रि रष्ज स् े र को ऐिे िम चन रप् के प्रत येक अकं की एक प्रनत , उिके प्रक िि के पश चन त म या ित य िीे्, मुफ्त देग ।]

भाग 4

िाजस् ा यां

12.िारा 3 में दद ए गए नि यम के वि रूद्ध मुद्रण के शल ए िाजस् ा - जो कोई इि अधि नि यम की ि र 3 में द्रद ए गए नि यम के अिरुूप कोई पसु् तक य प् मुद्रि त य प्रक सि त ि करके अन या प्रक सि त करेग , र्ह मष्ज स् ेे. के िमक्ष दोषसि िद्ध पर जमु विे िे, जो 2 [दो हज र] रूपए िे अधि क क िहीं होग य ि दे क र र् ि िे, ष्ज िकी अर्धि 3 [छह म ि] िे अधि क की िही होगीे, य दोिों िे, दंड त कक य ज एग ।

13.िारा 4 में अपेक्षक्ष ा घोषणा क ए ब) िा मुद्रणालय रखिे के शल ए िाजस् ा -- जो कोई, प.र्ोकम त कोई मुिण लय 4 [इि अधि नि यम की ि र 4 में अन तिर्व ष् . उपबन िों में िे कक िीे के उल लंघि में,] अपिे कब् जे में रणेग , र्ह मष्ज स् ेे. के िमक्ष दोषसि िद्ध पर जमु विे िे, जो 2 [दो हज र] रूपए िे अधि क क िहीं होग य ि दे क र र् ि िे, ष्ज िकी अर्धि 3 [छह म ि] िे अधि क की िहीं होगीे, य दोिों िे, दंड त कक य ज एग । 14. शम थ या कथि करिे के शल ए दंड- कोई ऐि व् यष्त त , जो इि अधि नि यम के प्र धि क र के अिीेि 5 [कोई घोषण य अन य काि ] करते हुए ऐि काि करेग जो सम थ् य है और ष्ज िके ब रे में र्ह य तो यह ज ित है य िर् श र् ि करत है कक र्ह सम थ् य है य उिके िही होिे के ब रे में र्ह िर् श र् ि िहीं करत है, मष्ज स् ेे. के िमक्ष दोषसि िद्ध पर जमु विे िे, जो 2 [दो हज र] रूपए िे अधि क क िहीं होग और क र र् ि िे, ष्ज िकी अर्धि 3 [छह म ि] िे अधि क की िहीं होगीे, दंड त कक य ज एग । 15. नि यमों का अिपुालि क ए ब) िा समाचारपत्र के मुद्रण या प्रकािि के शल ए िाजस् ा ---6 [(1)] जो कोई, इिमें इिके प.र्व अधि कधा त नि यमों क अिपु लि कक ए बब ि कक िीे िम चन रप् क 7 [िंप दि] मुिण य प्रक िि करेग , य जो कोई यह ज िते हुए कक 8 [उि िम चन रप्] की ब बत उत त नि यमों क अिपु लि िहीं कक य गय है, कक िीे 9 [िम चन रप् ] क 7 [िंप दि] मुिण य प्रक िि करेग य उिक िंप दि ,मिुण य प्रक िि करर् एग , र्ह मष्ज स् ेे. के िमक्ष दोषसि िद्ध पर, जमु विे िे जो, 2 [दो हज र] रूपए िे अधि क क िहीं होग य क र र् ि िे, ष्ज िकी अर्धि 3 [छह म ि] िे अधि क की िहीं होगीे, य दोिों िे , दंड त कक य ज एग । 10 [(2)] जह ं उपि र (1) के अिीेि कक िीे िम चन रप् के िम्बन ि में कोई अपर ि कक य गय है र्ह ं मष्ज स् ेे., उत त उपि र के अिीेि अधि रोिप त दं के अनत रर त त , उि िम चन रप् की ब बत की गई घोषण को भीे रद्द कर िकेग । ] 11 [15क. िारा 8 के अिीि घोषणा ि करिे के शल ए िाजस् ा --- यद्रद कोई व् यष्त त , जो कक िीे िम चन रप् क मुिक य प्रक िक िहीं रह गय है, ि र 8 के अिपु लि में घोषण करिे में अिफल रहेग य घोषण करिे में उपेक्ष करेग तो र्ह मष्ज स् ेे. के िमक्ष दोषसि िद्ध पर, जमु विे िे जो, दो िौ रूपए िे अधि क क िहीं होग , दं िीेय होग । ________________________________________________________________________

1. 1965 के अधि नि यम िं. 55 की ि र 10 द्र् र (1-7-1956 िे अतं:स् ा िप त) । 2. 1922 के अधि नि यम िं. 14 की ि र 3 और अििु.चनीे द्र् र “ प ंचन हज र ” के स् ा ि पर प्रनत स् ा िप त । 3. 1922 के अधि नि यम िं. 14 की ि र 3 और अििु.चनीे द्र् र “ दो र्षव ” के स् ा ि पर प्रनत स् ा िप त । 4. 1955 के अिीेनि यम िं्म 55 की ि र 11 द्र् र “ ऐिीे कोई घोषण कक ए बब ि जो इि अधि नि यम की ि र 4 द्र् र अपेक्षक्ष त है”

के स् ा ि पर प्रनत स् ा िप त । 5. 1955 के अधि नि यम िं. 55 की ि र 12 द्र् र (1-7-1956 िे) “ कोई घोषण ” के स् ा ि पर प्रनत स् ा िप त । 6. 1960 के अधि नि यम िं. 26 की ि र 5 द्र् र (1-10-1960 िे) ि र 15 को उि ि र की उपि र (1) के रूप में पिु:िंण म य ंकक त

कक य गय ।

7. 1922 के अधि नि यम िं. 14 की ि र 3 और अििु.चनीे द्र् र अतं:स् ा िप त । 8. 1922 के अधि नि यम िं. 14 की ि र 3 और अििु.चनीे द्र् र “ ऐिीे प् पब् क ष्ज िक इिमें पहले र्णवि कक य गय है ” के

स् ा ि पर प्रनत स् ा िप त ।

9. 1922 के अधि नि यम िं. 14 की ि र 3 और अििु.चनीे 1 द्र् र “ उि रचनि ” के स् ा ि पर प्रनत स् ा िप त । 10. 1960 के अधि नि यम िं. 26 की ि र 5 द्र् र (1-10-1960 िे) अतं:स् ा िप त । 11. 1955 के अधि नि यम िं. 55 की ि र 13 द्र् र (1-7-1956 िे) अतं:स् ा िप त ।

[िाराएं 16-18] पे्रस और पुस् ाक रजि स् ी.करण, 1867

1 [16. पसु् ाके ि देिे के शल ए या मुद्रक को मािधच त्र ि देिे के शल ए िाजस् ा -यद्रद इि अधि नि यम की ि र 9 में नि द्रदव ष् . कक िीे पसु् तक क कोई मुिक उि ि र के अििुरण में उिकी प्रनत य ं देिे में उपेक्ष करेग तो, र्ह ऐिे प्रत येक व् यष्त त िम के सल ए िरक र के पक्ष में पचन ि रूपए िे अिधि क उतिीे र सि िमपह्त करेग ष्ज ति उि स् ा ि मे, जह ं र्ह पसु् तक मुद्रि त की गई ाीे अधि क रर त रणिेर् ल मष्ज स् ेे.,उि अधि क री के, ष्ज िे प्रनत य ं दी ज िीे ाींे, य इि नि सम त उि अधि क री द्र् र प्र धि कृत कक िीे व् यष्त त के आर्ेदि पर उि परर ष्स् ा नत यों में उि व् यष्त त िम क सल ए उधचन त ि रर त अर्ि रर त करे, और ऐिीे र सि के अनत रर त त उतिीे र सि और िमपह्त करग ष्ज तिीे र्ह मष्ज स् ेे. उि प्रनत यों के म.ल य के रूप में अर्िरर त करे, जो मुिक द्र् र दी ज िीे ाींे ।]

यद्रद कोई प्रक िक य अन य व् यष्त त , जो मुिक को नि योष्ज त करे इि अधि नि यम की ि र 9 के द.िरे परेै में िर् द्रह त रीनत िे ऐिे, म िधचन ्ों ,मुिणों य उत कीणों को जो उि ि र के उपबल िों क अिपु लि करिे में मुिक को िमाव बि िे के सल ए आर्श यक हैं, उिे देिे में उपेक्ष करेग , तो ऐि प्रक िक य अन य व् यष्त त प्रत येक ऐिे व् यष्त त िम के सल ए, पचन ि रूपए िे अिधि क उतिीे र सि ष्ज तिीे प.र्ोत त मष्ज स् ेे. प.र्ोत त आर्ेदि पर उि परर ष्स् ा नत यों में उि व् यष्त त िम के सल ए उधचन त ि ष्स् त अर्िरर त करे, िरक र के पक्ष में िमपह्त करेग और ऐिीे र सि के अनत रर त त उतिीे और र सि िमपह्त करेग ष्ज तिीे र्ह मष्ज स् ेे. उि म िधचन ्ों ,मुिणों य उत कीणों के म.ल य के रूप में अर्ि रर त करे, जो ऐिे प्रक िक य अन य व् यष्त त द्र् र द्रद ए ज िे ाे । 2 [16.क सरकार को समाचारपत्र की प्रना यां मुफ्ा ि देिे के शल ए िाजस् ा - यद्रद 3 [भ रत] में प्रक सि त कक िीे िम चन रप् क कोई मुिक ि र 11क के अिपु लि में उिकी प्रनत य ं देिे में उपेक्ष करेग तो र्ह, उि अधि क री की, ष्ज िे प्रनत य ं दी ज िीे चन द्रह ये ाींे य इि नि सम त उि अधि क री द्र् र प्र धि कृत कक िीे व् यष्त त की सि क यत पर, उि स् ा ि में, जह ं िम चन रप् क मुिण कक य गय ा , अधि क रर त रणिे र् ले मष्ज स् ेे. द्र् र दोषसि िद्ध पर, जमु विे िे दं िीेय होग जो प्रत येक व् यष्त त िम के सल ए पचन ि रूपि तक क हो िकेग । 4.[16ख. पे्रस रजि स् ीार को समाचारपत्र की प्रना यां ि देिे के शल ए िाजस् ा - यद्रद भ रत में प्रक सि त कक िीे िम चन रप् क कोई प्रक िक ि र 11ण के अिपु लि में उिकी प्रनत य ं देिे में उपेक्ष करेग तो र्ह, पे्रि रष्ज स् े र की सि क यत पर, उि स् ा ि में, जह ं उि िम चन रप् क मुिण कक य गय ा , अधि क रर त रणिे र् ले मष्ज स् ेे. द्र् र दोषसि िद्ध पर , जमु विे िे दं िीेय होग , जो प्रत येक व् यष्त त िम के सल ए पचन ि रूपए तक क हो िकेग । 17. समपहरणों की िसूल. ाथा उिका और िमुाणिों का व् ययि- 5 [ि र ] 16 के अिीेि िरक र के पक्ष में िमपह्त कोई भीे ििर सि ,उि र सि क अर्ि रण करिे र् ले मष्ज स् ेे. य पद में उिके उततरर्ती के अधि प् के अिीेि जमु विे के उद्ग्रहण के सल ए उि िमय प्रर्तृत 6 दं प्रकि य िंद्रह त (1882 क 10) द्र् र प्र धि कृत रीनत िे ता भ रतीेय दं िंद्रह त (1860 क 45) द्र् र िर् द्रह त अर्धि के भीेतर, र्ि.ल की ज िकेगीे । 7 * * * * *

भाग 5 पसु् ाकों का रजि स् ी.करण

18.पसु् तकों के ् पिों क रष्ज स् ेीकरण- ऐिे क य वलय में ता ऐिे अधि क री द्र् र , ष्ज िे र ज् य िरक र, इि नि सम त नि यतु त करे, 3[भ रत] में मुद्रि त पसु् तकों क ि.चनीेप् ि म की एक पसु् तक रणीे ज एगीे, ष्ज िमें ऐिीे प्रत येक पसु् तक क ् पि रष्ज स् .र कक य ज एग , जो इि अधि नि यम की 8 [ि र 9 के प्राम परेै के ण ं (क) के अििुरण में] दी गई होगीे । ऐिे ् पि में, (जह ं तक हो िके) नि म् िसल णण त िर् सि ष्ष् . य ं हों गीे, अा वत:-

(1) पसु् तक क ि म ता मणु पषृ् . की ि मग्रीे और ऐिे ि म ता ि मग्रीे क , यद्रद रे् अगें्रजीे भ ष में िहीं हैं तो, अगें्रजीे भ ष में अिरु् द: (2) र्ह भ ष , ष्ज िमें पसु् तक सल णीे गई है : ________________________________________________________________________

1. 1890 के अधि नि यम िं. 10 की ि र 5 द्र् र पहले की ि र 16 और 17 के स् ा ि पर प्रनत स् ा िप त । 2. 1922 के अधि नि यम िं. 14 की ि र 3 और अििु.चनीे 1 द्र् र अतं:स् ा िप त । 3. 1951 के अधि नि यम िं. 3 की ि र 3 और अििु.चनीे द्र् र ‘र ज् यों ’ के स् ा ि पर प्रनत स् ा िप त । 4. 1955 के अधि नि यम िं. 55 की ि र 14 द्र् र (1-7-1956 िे) अतं:स् ा िप त । 5. 1923 के अधि नि यम िं. 11 की ि र 2 और अििु.चनीे 1 द्र् र ‘िप छली प.र्वग मीे ि र ’ के स् ा ि पर प्रनत स् ा िप त । 6. अब देणण ए दं प्रकि य िंद्रह त , 1898 (1898 क 5) । 7. भ रत ि िि (भ रतीेय िर् धि अिकु. लि) आदेि, 1937 द्र् र द.िर परै नि रसि त । 8. 1890 के अधि नि यम िं. 10 की ि र 6 द्र् र ‘ि र 9 के अििुरण में’ के स् ा ि पर प्रनत स् ा िप त ।

(िाराएं 18-19) पे्रस और पुस् ाक रजि स् ीकरण अधि नि यम, 1867 (3) पसु् तक य उिके कक िीे भ ग के लेणक,अिरु् दक य िंप दक क ि म: (4) िर् षय : (5) मुिण क स् ा ि ता प्रक िि क स् ा ि : (6) मुिक य उिकी फमव क ि म और प्रक िक य उिकी फमव क ि म: (7) मुिण लय िे ज री कक ए ज िे की य प्रक िक की त रीण : (8) िो.ों , पन िों य पषृ् .ों की िंख य : (9) आक र : (10) प्राम,द्िर् तीेय य अन य िंस् करण की िंख य : (11) िंस् करण की प्रनत यों की िंख य : (12) त य पसु् तक मुद्रि त है, 1 [चनि-मुद्रि त है य सि ल -मुद्रि त] है : (13) र्ह कीमत, ष्ज ि पर पसु् तक जिि ि रण को बेचनीे ज तीे है : और (14) प्रनत सल प् यधि क र के य ऐिे प्रनत सल प् यधि क र के कक िीे प्रभ ग के स्र्त र्ि री क ि म ता पत । ऐि ् पि 2 [ि र 9 के प्राम परेै के ण ं (क) के अििुरण में] प्रत येक पसु् तक की 2 [प्रनत] देिे के पश चन त ष्ज ति िीे् हो िके कक य ज एग ता उिे रष्ज स् .र कक य ज एग 3* * * ।

19. रष्ज स् .र कक ए गए ् पिों क प्रक िि- उत त ि.चनीेप् में, प्रत येक नत म ही के दौर ि रष्ज स् .र कक ए गए ् पि, ऐिीे नत म ही की िम ष्प् त के पश चन त य र्तित य िीे् र जप् में प्रक सि त कक ए ज एंगे और इि प्रक र प्रक सि त ् पिों की एक प्रनत

4* * * केन िीय िरक र को भेजीे ज एगीे ।

5 [भाग 5क समाचारपत्रों का रजि स् ी.करण

19क. पे्रस रजि स् ीार ाथा अन य अधि कािर यों की नि यजुत ा - केन िीय िरक र, भ रत के िम चन रप् रष्ज स् े र और पे्रि रष्ज स् े र के ि ि रण अिीेक्षण ता नि यं् ण के अिीेि ऐिे अन य अधि क री नि यतु त कर िकेगीे जो इि अधि नि यम द्र् र य उिके अिीेि िौपे गए कृत य करिे के सल ए आर्श यक हों और ि ि रण य िर् िषे आदेि द्र् र उि कृत यों के िर् तरण य आर्.ंि के सल ए उपबन ि कर िकेगीे जो इि अधि नि यम के अिीेि उन हें करिे हैं । 19ख. समाचारपत्रों का रजि स् टर-(1) पे्रि रष्ज स् े र िर् द्रह त रीनत िे िम चन रप्ों क एक रष्ज स् .र रणेग । (2) रष्ज स् .र में भ रत में प्रक सि त प्रत येक िम चन रप् के ब रे में जह ं तक हो िके नि म् िसल णण त िर् सि ष्ष् . य ं हों गीे ,

अथाणा:- (क) िम चन रप् क ि म: (ण) र्ह भ ष , ष्ज िमें िम चन रप् प्रक सि त कक य ज त है : (ग) िम चन रप् की प्रक िि-आर्धि कत :

(घ) िम चन रप् के िंप दक,मुिक ता प्रक िक क ि म ; ( .) मुिण ता प्रक िि क स् ा ि; (चन) प्रनत िप् त ह पषृ् .ों की औित िंख य ; (छ) र्षव में प्रक िि के द्रद ि की िंख य ; (ज) मुद्रि त प्रनत यों की औित िंख य , जित को बेचनीे गई प्रनत यों की औित िंख य और जित को मुफ्त िर् तरर त की गई प्रनत यों की औित िंख य , र्ह औित अर्धि ऐिीे के प्रनत नि देि करते हुए िगंणण त की ज एगीे जो िर् द्रह त की ज ए : (झ) प्रत येक प्रनत की फु.कर िर् िय कीमत :

1. 1955 के अधि नि यम िं. 55 की ि र 15 द्र् र (1-7-1956 िे) “ य सि ल -मुद्रि त ” के स् ा ि पर प्रनत स् ा िप त । 2. 1890 के अधि नि यम िं. 10 की ि र 6 द्र् र “ प.र्ोत त रीनत में उिकी प्रनत य ं ” के स्ा ि पर प्रनत स् ा िप त । 3. 1914 के अधि नि यम िं. 15 और अििु.चनीे 2 द्र् र ि र 19 की अनंत म पषं्त त नि रसि त । 4. भ रतीेय स्र्तं्त (कें िीय अधि नि यमों और अध य देिों क अिकु. िल) आदेि, 1948 द्र् र “ िमि: उत त र ज् य िधचन र्”

नि रसि त ।

5. 1955 के अधि नि यम िं. 55 की ि र 16 द्र् र (1-7-1956 िे) भ ग 5क ष्ज िमें ि र 19क िे ि र 19. तक हैं,

अतं:स् ा िप त कक य गय ।

(िाराएं 19ख-19ि) पे्रस और पसु् ाक रजि स् ी.करण अधि नि यम, 1867

(्) िम चन रप् के स् र् सम यों के ि म ता पते और स् र् सम त र् िे िबंधंि त ऐिीे अन य िर् सि ष्ष् . य ं जो िर् द्रह त की ज एं : (.) ऐिीे अन य िर् सि ष्ष् . य ं , जो िर् द्रह त की ज ए ं। (3) प.र्ोत त िर् सि ष्ष् . यों की ब बत िमय-िमय पर ज िक री की प्र ष्प् त पर पे्रि रष्ज स् े र रष्ज स् .र में िुंिगत प्रिर् ष् .यों को दजव करर् एग और उिमें ऐिे आर्श यक परर र्तवि य िुि र कर िकेग जो रष्ज स् .र को अद्यति बि ए रणिे के सल ए अपेक्षक्ष त हों । 19ग. रजि स् ी.करण के प्रमाणपत्र- मष्ज स् ेे. िे कक िीे िम चन रप् की ब बत ि र 6 के अिीेि घोषण की प्रनत की प्र ष्प् त पर, 1 [और ऐिे िम चन रप् के प्रक िि पर, पे्रि रष्ज स् े र,] उिके पश चन त म या ितय िीे्, उि िम चन रप् की ब बत रष्ज स् ेीकरण क प्रम णप् उिके प्रक िक को ज री करेग । 19घ. समाचारपत्रों द्िारा िावषणक वि िरण आदद का दद या िािा – प्रत येक िम चन रप् के प्रक िक क यह कततवव् य होग कक र्ह –

क पे्रि रष्ज स् े र को िम चन रप् की ब बत ऐिे िमय पर और ि र 19 ण की उपि र (2) में नि द्रदव ष् . ऐिीे िर् सि ष्ष् . यों िद्रह त, जो िर् द्रह त की ज एं, एक र् िषवक िर् र्रण दें:

ण िम चन रप् में ऐिे िमय पर और िम चन रप् के िंबिं में ि र 19ण की उपि र (2) में नि द्रदव ष् . ऐिीे िर् सि ष्ष् . य ं प्रक सि त करे जो पे्रि रष्ज स् े र द्र् र इि नि सम त िर् नि द्रदवष् . की ज एं ।

19ड. समाचारपत्रों द्िारा वि िरणण यां ाथा िर पोटो का दद या िािा –प्रत येक िम चन रप् क प्रक िक पे्रि रष्ज स् े र को ि र 19 ण की उपि र (2) में नि द्रदव ष् . िर् सि ष्ष् . यों में िे कक िीे की ब बत ऐिीे िर् र्रणण य ं, आकंडे ता अन य ज िक री देग , ष्ज िकी इि नि सम त पे्रि रष्जस् े र िमय-िमय पर अपेक्ष करे । 19च. अशभ लेखों ाथा दस् ाािेिों को देखिे का अधि कार- पे्रि रष्ज स् े र य उिके द्र् र इि नि सम त सल णण त रूप में प्र धि कृत कोई अन य र जपब् त अधि क री इि अधि नि यम के अिीेि कक िीे िम चन रप् िे िंबधंि त कक िीे ज िक री के िंग्रहण के प्रयोजि के सल ए कक िीे भीे िुिंगत असभ लेण य दस् त र्ेज को, जो उिके प्रक िक के कब् जे में है, देण िकेग और कक िीे भीे उधचन त िमय पर कक िीे ऐिे भर्ि में प्ररे्ि कर िकेग जह ं ऐि असभ लेण य दस् त र्ेज होिे क उिे िर् श र् ि है और िुिंगत असभ लेणों य दस् त र्ेजों क नि रीक्षण कर िकेग य उिकी प्रनत य ं ले िकेग य इि अधि नि यम के अिीेि दी ज िे के सल ए अपेक्षक्ष त कोई ज िक री प्र प् त करिे के सल ए आर्श यक प्रश ि प.छ िकेग । 19छ. िावषणक िर पोटण- पे्रि रष्ज स् े र प्रत येक र्षव, ऐिे िमय पर और ऐिे प्ररूप में, जो िर् द्रह त कक य ज ए, एक र् िषवक रर पो.व तैय र करेग ष्ज िमें भ रत में िम चन रप्ों की ब बत प.र्वति र्षव के दौर ि उिके द्र् र प्र प् त ज िक री क िकं्षेप होग और ष्ज िमें ऐिे िम चन रप्ों के क यवचन लि क िर् र्रण द्रद य ज एग , और उिकी प्रनत य ं केन िीय िरक र को भेजीे ज एंगीे । 19ि. रजि स् ीार से उद्धरणों की प्रना यां देिा - रष्ज स् े र िे कक िीे उद्धरण की प्रनत देिे के सल ए कक िीे व् यष्त त के आर्ेदि पर

ता ऐिीे फीि के िंद य पर, जो िर् द्रह त की ज ए, पे्रि रष्ज स् े र ऐिीे प्रनत आर्ेदक को, ऐिे प्ररूप में ता ऐिीे रीनत िे देग , जो िर् द्रह त की ज ए । 19झ. िजत ा यों का प्रत यायोिि- इि अधि नि यम ता उिके अिीेि बि ए गए िर् नि यमों के उपबन िों के अिीेि रहते हुए, पे्रि रष्ज स् े र इि अधि नि यम के अिीेि की अपिीे िभीे िष्त त यों य उिमें िे कक िीे िष्तत को अपिे अिीेिस् ा कक िीे अधि क री को प्रत य योष्ज त कर िकेग । 19त्र. पे्रस रजि स् ीार ाथा अन य अधि कािर यों का लोक सेिक होिा - इि अधि नि यम के अिीेि नि यतु त पे्रि रष्ज स् े र और िभीे अधि क री भ रतीेयदं िंद्रह त (1860 क 45) की ि र 21 के अाव में लोक िेर्क िमझ ेज एंगे ।

_______________________________________________________________________________________________________

1. 1960 के अधि नि यम िं. 26 की ि र 6 द्र् र (1-10-1960 िे) कुछ िब् दों के स् ा ि पर प्रनत स् ा िप त ।

(िाराएं 19ट-20क) पे्रस और पसु् ाक रजि स् ी.करण अधि नि यम, 1867

19ट. िारा 19 घ या िारा 19ड. आदद के उल् लंघि के शल ए िाजस् ा -यद्रद कक िीे िम चन रप् क प्रक िक –

(क) ि र 19घ य ि र 19 . के उपबन िों क अिपु लि करिे िे इंक र करेग य उिकी उपेक्ष करेग , य 1* * * * *

(ग) िम चन रप् में, उि िम चन रप् िे िम् बष्न ि त कोई ऐिीे िर् सि ष्ष् . य ं ि र 19घ के णं (ण) के अििुरण में प्रक सि त करेग , ष्ज िके सम थ् य होिे के ब रे में िर् श र् ि करिे क उिके प ि क रण है,

तो र्ह जमु विे िे, जो प ंचन िौ रूपए तक क हो िकेग , दं िीेय होग ।

19 . िािकार. के अिधुच ा प्रकटि के शल ए िाजस् ा - यद्रद इि अधि नि यम के अिीेि ज िक री के िंग्रहण के िम् बन ि में लग हुआ कोई व् यष्त त इि अधि नि यम के अिीेि दी गई कक िीे ज िक री य प्रस् ततु की गई कक िीे िर् र्रणीे की िर् षयर्स् त ुको, इि अधि नि यम के अिीेि अपिे कततवव् यों के नि ष् प दि िे य इि अधि नि यम य भ रतीेय दं िंद्रह त (1860 क 45) के अिीेि कक िीे अपर ि के असभ योजि के प्रयोजिों िे अन या ज िब.झकर प्रक. करेग तो र्ह ऐिीे अर्धि के क र र् ि िे, जो छह म ि तक की हो िकेगीे , य ऐिे जमु विे िे, जो एक हज र रूपए तक क हो िकेग , य दोिों िे, दं िीेय होग ।]

भाग 6

प्रकीणण 2 [20. राज्य सरकार की नि यम )िािे की िजता -(1) र ज् य िरक र र जप् में अधि ि.चनि द्र् र , ऐिे नि यम (जो ि र 20क के अिीेि केन िीय िरक र द्र् र बि ए गए नि यमों िे अिंगत िहीं है ) जो इि अधि नि यम के उदे्दश यों को कि य ष्न र् त करिे के सल ए आर्श यक य र् ंछिीेय हों , बि िकेगीे ।

(2) इि ि र के अिीेि र ज् य िरक र द्र् र बि य गय प्रत येक नि यम, बि ए ज िे के पश चन त म या िीे्,र ज् य िर् ि िमं ल के िमक्ष रण ज एग । ]

3 [20क. केन द्र.य सरकार की नि यम )िािे की िजत ा -(1) केन िीय िरक र, र जप् में अधि ि.चनि द्र् र नि म् िसल णण त के सल ए नि यम बि िकेगीे ।

क ऐिीे िर् सि ष्ष् . य ं िर् द्रह त करि जो ि र 5 के अिीेि की गई ता हस् त क्षरर त घोषण में दी ज िकेगीे 4 [और र्ह प्ररूप, ष्ज िमें ता र्ह रीनत ष्ज ििे िम चन रप् के मुिक,प्रक िक,स् र् मीे ता िंप दक के ि म और उिके मिुण ता प्रक िि क स् ा ि उि िम चन रप्ों की प्रत येक प्रनत पर मुद्रि त कक ए ज िकें गे ] ;

5[(ण) र्ह रीनत िर् द्रह त करि , ष्ज ििे मष्ज स् ेे. की प्र धि क रर क मुि िे अिपु्रम णण त कक िीे घोषण की प्रनत य ं य कक िीे घोषण को अधि प्रम णण त करिे िे इन क र करिे र् ले कक िीे आदेि की प्रनत य ं घोषण करिे र् ले ता उि पर हस् त क्षर करिे र् ले व् यष्त त को ता पे्रि रष्ज स् े र को भेजीे ज एं ] ; (ग) र्ह रीनत िर् द्रह त करि , ष्ज ििे कक िीे िम चन रप् की प्रनत य ं ि र 11ण के अिीेि पे्रि रष्ज स् े र को भेजीे ज एं ; (घ) र्ह रीनत िर् द्रह त करि , ष्ज ििे ि र 19ण के अिीेि रष्ज स् .र रण ज ए ता उिमें कौि िीे िर् सि ष्ष् . य ं हों ; ( .) उि िर्सि ष् .यों को िर् द्रह त करि , जो पे्रि रष्ज स् े र को कक िीे िम चन रप् के प्रक िक द्र् र भेजे ज िे र् ले र् िषवक िर् र्रण में दी ज एं ; (चन) र्ह प्ररूप ता रीनत िर् द्रह त करि , ष्ज ििे ि र 19घ के णं (क) के अिीेि र् िषवक िर् र्रण य ि र 19 . के अिीेि िर् र्रण, आकंड ेय अन य ज िक री पे्रि रष्ज स् े र को भेजीे ज ए ;

1. 1960 के अधि नि यम िं. 26 की ि र 7 द्र् र ( 1-10-1960 िे) ण ं (ण) क लोप कक य गय । 2. 1983 के अधि नि यम िं. 20 की ि र 2 और अििु.चनीे द्र् र (15-3-1984 िे) प्रनत स् ा िप त । 3. 1955 के अधि नि यम िं. 55 की ि र 18 द्र् र (1-7-1956 िे) अन त:स् ा िप त । 4. 1960 के अधि नि यम िं. 26 की ि र 8 द्र् र (1-10.1960 िे) अतं:स् ा िप त । 5. 1960 के अधि नि यम िं. 26 की ि र 8 द्र् र (1-10-1960 िे) ण ं (ण) के स् ा ि पर प्रनत स् ा िप त ।

(िाराएं 20क-23) पे्रस और पसु् ाक रजि स् ी.करण, 1867

(छ) रष्ज स् े र िे उद्धरण की प्रनत य ं देिे के सल ए फीि ता र्ह रीनत िर् द्रह त करि , ष्ज ििे ऐिीे प्रनत य ं दी ज एं : (ज) र्ह रीनत िर् द्रह त करि , ष्ज ििे कक िीे िम चन रप् की ब बत रष्ज स् ेीकरण क प्रम णप् ज री कक य ज ए: (झ) र्ह प्ररूप िर् द्रह त करि , ष्ज िमें और र्ह िमय िर् द्रह त करि , ष्ज िके भीेतर पे्रि रष्ज स् े र द्र् र र् िषवक रर पो.व तैय र की ज एं और केन िीय िरक र को भेजीे ज एं । 1 [ (2) इि ि र के अिीेि बि य गय प्रत येक नि यम बि ए ज िे के पश चन त म या िीे् िंिद् के प्रत येक िदि के िमक्ष , उि िमय जब र्ह ि् में हो, तीेि द्रद ि की अर्धि के सल ए रण ज एग यह अर्धि एक ि् में अार् 2 [दो य अधि क आििुसम क ि्ों में प.री हो िकेगीे । यद्रद उि ि् के य प.र्ोत त आििुसम क ि्ों के . क ब द के ि् के अर्ि ि के प.र्व] दोिों िदि उि नि यम में कोई परर र्तवि करिे सल ए िहमत हो ज एं तो तत पश चन त म र्ह ऐिे परर र्नतवत रूप में ही प्रभ र्ीे होग । यद्रद उत त अर्ि ि के प.र्व दोिों िदि िहमत हो ज एं कक र्ह नि यम िहीं बि य ज ि चन द्रह ए तो तत पश चन त म र्ह नि ष् प्रभ र् हो ज एग । कक न तु नि यम के ऐिे परर र्नतवत य नि ष् प्रभ र् होिे िे उिके अिीेि पहले की गई कक िीे ब त की िर् धि म न यत पर प्रनत क. ल प्रभ र् िहीं पडगे । ]

3 [20ख. इस अधि नि यम के अिीि )िाए गए नि यमों में यह उप)िं हो सकेगा क उिका उल् लंघि दंडिीय होगा – इि अधि नि यम के कक िीे उपबन ि के अिीेि बि ए गए नि यमों में यह उपबन ि हो िकेग कक उिक कोई उल लंघि, जमु विे िे, जो एक िौ रूपए तक क हो िकेग , दं िीेय होग । ] 21. अधि नि यम के प्रिाणि से क सी िगण की पसु् ाकों को अपिजिणा करिे की िजत ा - 4 [ र ज् य िरक र, र जप् में अधि ि.चनि द्र् र ] , कक िीे र्गव की पसु् तकों 5 [ य प्ों ] को इि िंप.णव अधि नि यम य उिके कक िीे भ ग य भ गों के प्रर्तवि िे, अपर्ष्जवत कर िकेगीे: 6 [ परन तु िम चन रप् के कक िीे र्गव की ब बत कोई भीे ऐिीे अधि ि.चनि केन िीय िरक र िे पर मिव कक ए बब ि ज री िहीं की ज एगीे । ]

7 [22.वि स् ाार- इि अधि नि यम क िर् स् त र 8* * * िंप.णव भ रत पर है । ] 23. [अधि नि यम क प्र रम् भ] नि रिि अधि नि यम 1870 (1870 क अधि नि यम िंख य ंक 14) की ि र 1 ता अििु.चनीे भ ग 2 द्र् र नि रसि त ।

1. 1960 के अधि नि यम िं. 26 की ि र 8 द्र् र (1-10-1960 िे) उपि र (2) के स् ा ि पर प्रनत स् ा िप त ।

2. 1983 के अधि नि यम िं. 26 की ि र 2 और अििु.चनीे द्र् र (15-3-1984 िे)कुछ िब् दों के स् ा ि पर प्रनत स् ा िप त ।

3. 1960 के अधि नि यम िं. 26 की ि र 9 द्र् र (1-10-1960 िे) अतं:स् ा िप त ।

4. भ रत ि िि (भ रतीेय िर् धि अिकु. लि)आदेि, 1937 द्र् र कुछ िब्दों द्र् र प्रनत स् ा िप त ।

5. 1915 के अधि नि यम िं. 11 की ि र 2 और अििु.चनीे 1 द्र् र अतं:स् ा िप त 1

6. 1960 के अधि नि यम िं. 26 की ि र 10 द्र् र (1-10-1960 िे) अतं:स् ा िप त ।

7. 1955 के अधि नि यम िं. 55 की ि र 19 द्र् र अतं:स् ा िप त । 1890 के अधि नि यम िं. 10 की ि र 7 द्र् र (1-7-1956 िे) म.ल ि र 22 नि रसि त की गई ाीे ।

8. 1965 के अधि नि यम िं. 16 की ि र 4 द्र् र (1-11-1965 िे ) ‘ जम् म.-कश मीेर के सि र् य’ िब्दों क लोप कक य गय ।

अिुि.चनीे घोषण क प्ररूप

प्ररूप 1

(नियम 3 देणणए)

मैं, ................................................,.घोषण करत ह.ं कक मैं ..............................ि मक िम चन रप् क , जो .....................................में मुद्रित और................................िे प्रक सित ककय ज एग य ...........................िे मुद्रित और प्रक सित ककय ज एग , मुिक य प्रक िक अार् मुिक और प्रक िक ह.ं

। उत त िम चन रप् की ब बत िर्सिष्ष्.य ं, जो िीेचन ेदी ज रही हैं, मेरे िर्ोत तम ् ि और िर्श र् ि के अिुि र िही हैं :

1. िम चन रप् क ि म

2. र्ह भ ष (र्े भ ष एं) ष्जिमें (ष्जिमें) िम चन रप् प्रक सित ककय ज त है (ककय ज एग )

3. िम चन रप् की प्रक िि आर्धिकत (क) दैनिक है य ब्ि प् त द्रहक, द्िर्ि प् त द्रहक, ि प् त द्रह क, प क्षक्षक य ककिीे और नियत अर्धि क है

(ण) दैनिक की दि में कृपय यह उल लेण कीष्जए कक यह प्र त:क लीि िम चन रप् है य ि ंध यक लीि

(ग) दैनिक िम चन रप् िे सभन ि िम चन रप् की दि में कृपय यह उल लेण कीष्जए कक र्ह ककि त रीण (ककि त रीणों ) को प्रक सित ककय ज त है (ककय ज एग )

4. िम चन रप् की प्रत येक प्रनत की फु.कर िर्िय कीमत (क) यद्रद िम चन रप् मुफ्त िर्तरण के सलए है तो कृपय उल लेण कीष्जए र्ह ‘’मुफ्त िर्तरण के सलए ’’ है । (ण) यद्रद उिक केर्ल र् िषवक चनन द है और कोई फु.कर कीमत िही हैं तो कृपय र् िषवक चनन दे क उल लेण कीष्जए ।

5. प्रक िक क ि म: र ष् ेीयत : पत :

6.प्रक िि क स् ा ि ( कृपय प.र क पत दीजए)

7. मुिक क ि म र ष् ेीयत पत

8. उि मुिण लय क (उि मुिण लयों के ) ि म जह ं मुिण ककय ज एग और उि भर्ि (उि भर्िों ) क िही और िंक्षक्षप् त िर्र्रण ष्जिमे (ष्जिमें) मुिण लय अर्ष्स्ात है (हैं)

9. िंप दक क ि म र ष् ेीयत पत

10. स् र् मीे क / के ि म

(क) कृपय व् यष्तत (व् यष्ततयों ) य फमव, ज् र् इन . स् . क कंपिीे, न य ि, िहक री िसमनत य िंगम के ब् यौरे दीष्जए जो िम चन रप् के स् र् मीे है (हैं)

(ण) कृपय उल लेण कीष्जए कक स् र् मीे ककिीे अन य िम चन रप् क भीे स् र् मीे है और यद्रद ऐि हो तो उि िम चन रप् क ि म, प्रक िि की नियत अर्धि, भ ष और प्रक िि क स् ा ि दीष्जए।

11. कृपय यह उल लेण कीष्जए कक घोषण

(क) िए िम चन रप् के ब रे में है, (ण) ककिीे िर्द्यम ि िम चन रप् के ब रे में है, (ग) यद्रद घोषण मद ‘ण’ के अंतगवत आतीे है तो िय घोषण प् प्रस् तुत करिे क क रण दीष्जए।

हस् त क्षर त रीण...................... ि म (स् पष् . अक्षरों में) पदि म