डेली न्यूज़ (18 sep, 2019)नई द क वजय च क स 5 कम . तक...

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डेली यूज़ (18 Sep, 2019) drishtiias.com/hindi/current-affairs-news-analysis-editorials/news-analysis/18-09-2019/print और भारत चचा चचा ? हाल ही िदी के लुिटयंस ज़ोन (Lutyens Zone) दो अमे!रक" नाग!रक को रा$ पत भवन के आस-पास कै मरा लैस ड ोन (Drone) उड़ाने के आरोप िगर,तार िकया गया है या या होते होते ह- ह- ड ोन एक /कार का 0ाइंग रोबोट (Flying Robot) होता है , ■जसे मनु5य 6ारा िनयंि7त िकया जाता है इसक" खोज मनु5य ने अपने दैिनक काय9 के संपादन के :लये क" थी, परंतु वतमान इसका /योग खुिफया जानकारी /ा= करने हेतु भी काफ" >यापक ?तर पर िकया जा रहा है ड ोन को मानव रिहत िवमान (Unmanned Aerial Vehicle-UAV) भी कहा जाता है इसका /योग सामायतः ऐसे ?थान पर िकया जाता है , जहाँ मनु5य आसानी से नहC पहुँच सकते केके /कार /कार नागर िवमानन महािनदेशालय (Directorate General of Civil Aviation-DGCA) ने ड ोन के मुEयतः 5 /कार िनधा!रत िकये ह- (1) नैनो (2) माइGो (3) ?मॉल (4) मीडयम और (5) लाज नैनो नैनो ड ोन ड ोन: वे ड ोन ■जनका वज़न 250 Iाम तक होता है माइGो माइGो ड ोन ड ोन: वे ड ोन ■जनका वज़न 250 Iाम से अधक लेिकन 2 िकलो Iाम से कम होता है ?मॉल ?मॉल ड ोन ड ोन: वे ड ोन ■जनका वज़न 2 Iाम िकलो से अधक लेिकन 25 िकलो Iाम से कम होता है मीडयम मीडयम ड ोन ड ोन: वे ड ोन ■जनका वज़न 25 िकलो Iाम से अधक लेिकन 150 िकलो Iाम से कम होता है लाज लाज ड ोन ड ोन: वे ड ोन ■जनका वज़न 150 िकलो Iाम से अधक होता है नैनो ड ोन के अत!रJ अय सभी ड ोन को िवमानन िनयामक (Aviation Regulator) से िवश$ पहचान संEया (Unique Identification Number-UIN) /ा= करना आवLयक होता है साथ ही यह भी आवLयक है ििवश$ पहचान संEया ड ोन पर /दशत होभारत UIN ■सफ भारतीय नाग!रक के :लये ही होता है एवं यह िवदेशी नाग!रक को जारी नहC िकया जाता उड़ाने उड़ाने संबंधी संबंधी शतN शतN 1/15

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  • डेली यूज़ (18 Sep, 2019)drishtiias.com/hindi/current-affairs-news-analysis-editorials/news-analysis/18-09-2019/print

    डोन और भारत

    चचाचचा मम यय ?हाल ही म िद ी के लुिटयसं ज़ोन (Lutyens Zone) म दो अमे रक नाग रक को रा पत भवन के आस-पास कैमरा लसैडोन (Drone) उड़ाने के आरोप म िगर तार िकया गया ह।ै

    याया होतेहोते हह डोनडोनडोन एक कार का ाइगं रोबोट (Flying Robot) होता ह,ै ■जसे मनु य ारा िनयिं त िकया जाता ह।ै इसक खोजमनु य ने अपने दिैनक काय के संपादन के लये क थी, परतंु वतमान म इसका योग खिुफया जानकारी ा करनेहेतु भी काफ यापक तर पर िकया जा रहा ह।ैडोन को मानव रिहत िवमान (Unmanned Aerial Vehicle-UAV) भी कहा जाता ह।ैइसका योग सामा यतः ऐसे थान पर िकया जाता ह,ै जहाँ मनु य आसानी से नह पहँुच सकते।

    डोनडोन केके कारकारनागर िवमानन महािनदेशालय (Directorate General of Civil Aviation-DGCA) ने डोन के मु यतः 5 कारिनधा रत िकये ह (1) ननैो (2) माइ ो (3) मॉल (4) मीडयम और (5) लाज।

    ननैोननैो डोनडोन: वे डोन ■जनका वज़न 250 ाम तक होता ह।ैमाइ ोमाइ ो डोनडोन: वे डोन ■जनका वज़न 250 ाम से अधक लेिकन 2 िकलो ाम से कम होता ह।ैमॉलमॉल डोनडोन: वे डोन ■जनका वज़न 2 ाम िकलो से अधक लेिकन 25 िकलो ाम से कम होता ह।ैमीडयममीडयम डोनडोन: वे डोन ■जनका वज़न 25 िकलो ाम से अधक लेिकन 150 िकलो ाम से कम होता ह।ैलाजलाज डोनडोन: वे डोन ■जनका वज़न 150 िकलो ाम से अधक होता ह।ै

    ननैो डोन के अत र अ य सभी डोन को िवमानन िनयामक (Aviation Regulator) से िवश पहचान सं या(Unique Identification Number-UIN) ा करना आव यक होता ह।ै साथ ही यह भी आव यक ह ैिकिवश पहचान सं या डोन पर दशत हो।भारत म UIN ■सफ भारतीय नाग रक के लये ही होता ह ैएवं यह िवदेशी नाग रक को जारी नह िकया जाता।

    डोनडोन उड़ानेउड़ाने संबधंीसंबधंी शतशत1/15

    https://www.drishtiias.com/hindi/current-affairs-news-analysis-editorials/news-analysis/18-09-2019/print

  • ननैो डोन के अत र अ य सभी डोन के लये आव यक उपकरण जसेै- जीपीएस (GPS), आईडी ेट (ID Plate),रेडयो ि सी आइडिटिफकेशन (Radio-Frequency Identification) आिद अिनवाय ह।साथ ही यह भी आव यक ह ैिक यिद कोई यि मॉल डोन उड़ा रहा ह ैतो उसे उड़ाने से पूव इसक सूचना थानीयपु लस एवं शासन को देनी होगी।‘ननैो डोन’ िबना िकसी पंजीकरण या परिमट के वतं प से योग िकये जा सकते ह, लेिकन उ ह ज़मीन से 50 फ टसे अधक ऊँचाई पर नह उड़ाया जा सकता।

    केवलकेवल िदनिदन मम हीही होताहोता हैहै योगयोगडोन उड़ाने के संबधं म DGCA ने जो िदशा-िनदश जारी िकये ह उनके अनुसार, िकसी भी कार के डोन के लये यहआव यक ह ैिक उसका योग केवल िदन के समय ही िकया जाए, परतंु रात के समय होने वाले सामा■जक समारोहजसेै- िववाह समारोह आिद म फोटो ाफ के लये डोन के योग को इस िनदश का अपवाद माना गया ह।ै योग करनेसे पूव थानीय पु लस और शासन को सूचना देना इस अपवाद के संबधं म भी अिनवाय ह।ै

    याया होताहोता हैहै नोनो ाईाई ज़ोनज़ोन (No Fly Zones)नो ाई ज़ोन (No Fly Zones) सामा यतः वह े होता ह ैजहाँ िकसी भी कार के िवमान को उड़ाने क अनुमतनह होती ह।ैनो ाई ज़ोन के संबधं म DGCA ने िन न ल खत े िनधा रत िकये ह:

    मुबंई, िद ी, चे ई, कोलकाता, बगंलू और हदैराबाद के उ यातायात हवाई अ क प रध से 5 िकमी. तकका े ।देश के अ य हवाई अ के लये यह 3 िकमी. तक का े ह।ैकोई भी डोन अंतरा ीय सीमाओं (िनयं ण रखेा और वा तिवक िनयं ण रखेा सिहत) के 25 िकमी. के भीतरनह उड़ाया जा सकता ह।ैनई िद ी के िवजय चौक से 5 िकमी. तक का दायरा।गृह मं ालय ारा अधसूचत रणनीतक थान से 2 िकमी. के भीतर भी डोन नह उड़ाया जा सकता ह।ैरा य क राजधािनय म सचवालय प रसर के 3 िकमी. के दायर ेम भी डोन उड़ाना िनषेध ह।ै

    डोनडोन केके इ तेमालइ तेमाल केके फायदेफायदेडोन, आधुिनक यगु क तकनीक का एक नया आयाम ह ै■जसे आसानी से िकसी भी यि ारा िनयिं त िकया जासकता ह ैएवं दिैनक काय के लये भी योग िकया जा सकता ह।ैवतमान म कई प मी देश म डोन का योग ई-कॉमस उ ोग म व तुओं क होम डलीवरी (Home Delivery) हेतुिकया जा रहा ह,ै यह परी ण काफ सफल रहा ह ैएवं इससे प रवहन लागत म भी कमी देखने को िमली ह।ैडोन के योग का सबसे बड़ा फायदा यह ह ैिक इससे न केवल लागत म कमी आती ह,ै ब क समय क भी काफ बचतहोती ह,ै य िक इसे सामा यतः टैिफक अवरोध का सामना नह करना पड़ता, साथ ही इसके योग से कंपिनय कम लागत भी काफ कम हो जाती ह।ैडोन उन थान पर भी आसानी से पहँुच सकता ह,ै जहाँ जाना इसंान के लये अपे ाकृत मु कल होता ह ैया पूणतःअसंभव होता ह,ै अतः डोन क यह िवशेषता उसे आपदा बधंन म योग करने के लये भी एक अ छा िवक प बनातीह।ैकई देश म डोन का योग कृिष संबधंी काय जसेै- क टनाशक के छड़काव और फसल क देखभाल आिद के लये भीिकया जा रहा ह।ै

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  • डोनडोन केके इ तेमालइ तेमाल सेसे नुकसाननुकसानडोन एक मशीन ह ैऔर अ य मशीन क तरह इस पर भी यही खतरा बना रहता ह ैिक इसे आसानी से हकै (Hack)िकया जा सकता ह।ै हकैर आसानी से इसक िनयं ण णाली (Control System) पर हमला कर डोन को नुकसानपहँुचा सकता ह ैएवं गोपनीय जानका रयाँ ा कर सकता ह।ैयिद डोन जसैी तकनीक असामा■जक या आपराधक त व के पास पहँुच जाती ह ैतो वह काफ खतरनाक सािबत होसकती ह,ै य िक डोन के सहार ेन ■सफ जासूसी क जा सकती ह ैब क आव यकता पड़ने पर इसके सहार ेहमला भीिकया जा सकता ह।ैइसके अत र डोन के उड़ान भरते समय प य से टकराने का भी खतरा रहता ह।ै

    भारतभारत कक डोनडोन नीतनीत (Drone Policy)भारत म डोन का चलन ■जस कार बढ़ रहा था उसे देखते हुए 1 िदसंबर, 2018 को संपूण भारत म डोन नीत(Drone Policy) लागू क गई थी।इस नीत म यह िनधा रत िकया गया था िक कोई भी यि 18 वष क उ से पहले डोन नह उड़ा सकता ह,ै साथ हीयह भी आव यक ह ैिक उसने दसव ास तक पढ़ाई क हो और उसे डोन से संबंधत बुिनयादी चीज़ क जानकारीहो।नीतनीत नेने डोनडोन उड़ानेउड़ाने संबधंीसंबधंी िन न ल खतिन न ल खत ज़ोनज़ोन िनधा रतिनधा रत िकयेिकये थेथे:

    रडे ज़ोन उड़ान क अनुमत नहयेलो ज़ोन िनयिं त हवाई े - उड़ान से पहले अनुमत लेना आव यकीन ज़ोन अिनयिं त हवाई े - वचा लत अनुमतनो डोन ज़ोन कुछ िवशेष जगह पर डोन संचालन क अनुमत नह

    डोन नीत म कृिष, वा य, आपदा राहत जसेै े म डोन का वाण यक इ तेमाल 1 िदसंबर, 2018 से भावी होगया था, लेिकन खा साम ी समेत अ य व तुओं क आपूत के लये अनुमत नह दी गई थी।

    वतमान समय म डोन तकनीक अपने िवकास के एक नए दौर से गुज़र रही ह ै■जसके कारण यह सुिन त करना आव यक होजाता ह ैिक इसका योग मानव जात क सहायता एवं उसके िहत के लये ही हो, न िक असामा■जक त व ारा मानवीय िहतको नुकसान पहँुचाने के लये।

    ोतोत: इंडयनइंडयन ए स ेसए स ेस

    नासा का अंत र यान LRO

    चचाचचा मम यय ?नासा का अंत र यान LRO चं मा पर चं यान-2 के िव म लडर का पता लगाने म इसरो क मदद करगेा।

    मुखमुख बदुबद:ुलूनरलूनर रकॉिनससरकॉिनसस ऑ बटरऑ बटर (Lunar Reconnaissance Orbiter- LRO) नासा का एक रोबोिटक अंत र यानह ैजो वतमान म चं मा क प र मा करते समय च के मा यम से डेटा एक करता ह ैऔर चं मा क सतह का

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  • अ ययन करता ह।ैयह अंत र यान चं मा पर पानी और अ य संसाधन क संभावना का पता लगाने म मदद करता ह,ै साथ ही चं मा केभिव य के िमशन क योजना बनाने म भी मदद करता ह।ैLRO का ाथिमक उ े य चं मा क सतह का उ - रज़ॉ यूशन (High Resolution) 3डी मानच तयैार करनाथा ■जससे चं मा हेतु भिव य के रोबोट और ू (Crew) िमशन क सहायता क जा सके।LRO और लूनर े टर ऑ ज़वशन एंड स↓सग सटेैलाइट िमशन (Lunar Crater Observation and SensingSatellite Missions) 18 जून, 2009 को पृ वी से छोड़ा गया और इसने 23 जून, 2009 को चं मा क क ा मवेश िकया।■सतबंर 2010 म LRO ने अपना ाथिमक मानच ण िमशन पूरा िकया और चं मा के चार ओर एक िव ता रतिव ान िमशन (Extended Science Mission) शु िकया। यह नासा के िव ान िमशन िनदेशालय के अंतगतकाय करता ह।ैLRO अंत र यान पर लगे उपकरण चं मा के िदन-रात का तापमान, वै क भू- थािनक ि ड (Global GeodeticGrid), चं मा का ए बडो और उ रज़ॉ यूशन कलर इमे↓जग (High Resolution Color Imaging) सेसंबंधत जानका रयाँ उपल ध करा रहे ह।

    भूभू- थािनकथािनक ि डि ड (Geodetic Grid): यह GPS आधा रत सटेैलाइट नेिवगेशन म इ तेमाल हेतु एक मानक ह।ै इस मानक मसम वत णाली के तहत पृ वी का गु वाकषण मॉडल, संबंधत चुंबक य मॉडल का िववरण तथा थानीय प रवतन इ यािदशािमल होते ह।

    चं मा के ुवीय े पर िवशेष प से यान िदया जा रहा ह ै य िक यहाँ पर पानी क उपल धता क अधकसंभावनाएँ ह।अनुमानतः LRO के पास अभी भी कम-से-कम छह वष के लये अपने िमशन पर बने रहने हेतु पया ईधंन ह।ै

    ोतोत: इंडयनइंडयन ए स ेसए स ेस

    तालचेर यू रया प रयोजना

    चचाचचा मम यय ?तालचेर यू रया प रयोजना (Talcher Urea Project) के लये कोयला गसैीकरण संयं (Coal Gasification Plant)हेतु अनुबधं पर 17 ■सतबंर, 2019 को नई िद ी म ह ता र िकये गए।

    मुखमुख बदुबद:ुभारत एक कृिष आधा रत अथ यव था ह।ै भारत क जनसं या का एक बड़ा भाग कृिष काय म संल ह,ै साथ हीखा ा सुर ा हेतु जनसं या का एक बड़ा वग कृिष के उ पादन पर आ त ह।ैदेश के खा ा उ पादन म उवरक , िवशेषकर भारतीय संदभ म यू रया क भूिमका मह वपूण ह।ै वतमान म यू रया कआव यकता को पूरा करने के लये भारत येक वष लगभग 50 से 70 लाख टन यू रया का आयात करता ह।ैसरकार ारा घरलेू तर पर यू रया उ पादन को बढ़ाने हेतु ↓सदरी, बरौनी, रामागुडंम और गोरखपुर जसैी बदं पड़ीइकाइय के पुन ार के यास िकये जा रहे ह।वतमान म देश म यू रया का उ पादन ाकृतक गसै और वीकृत ाकृतक गसै के उपयोग से िकया जा रहा ह।ै

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  • वीकृत ाकृतक गसै का आयात करना मह◌ंँगा ह ैऔर इसम अ यधक िवदेशी मु ा खच होती ह।ै इस लये देश मयू रया और अ य उवरक के उ पादन के लये वदेशी क े माल का उपयोग िकया जा रहा ह।ै तालचेर उवरकप रयोजना इस िदशा म उठाया गया एक कदम ह ै■जसम यू रया के उ पादन के लये पेटकोक के साथ थानीय कोयलेका उपयोग िकया जाएगा।इस प रयोजना के लये पेटकोक पारादीप रफाइनरी से लया जाएगा। यह प रयोजना पयावरण क अनुकूलता के साथही चुर मा ा म उपल ध घरलेू कोयले के उपयोग को बढ़ावा देगी, साथ ही इस तकनीक क सफलता से कोयले केअ य उ पाद जसेै- डीजल, मेथनॉल और पेटोकेिमकल आिद के उ पादन म भी तेज़ी आएगी।यह प रयोजना ओडशा क आ मिनभरता म सुधार करगेी साथ ही ओडशा म यू रया क उपल धता के मा यम सेकृिष िवकास को बढ़ावा देगी।पयावरण के अनुकूल होने के कारण यह प रयोजना CoP-21 पे रस समझौते के दौरान भारत ारा क गईतब ताओं को पूरा करने म मदद करगेी।

    ोतोत: pib

    रते और धूल भर ेतूफान का सामना करने हेतु नया वै क गठबधंन

    चचाचचा मम यय ?6 ■सतबंर, 2019 को राजधानी िद ी म हुई UNCCD COP14 (United Nations Convention to CombatDesertification Conference of Parties) क बठैक म रते और धूल भर ेतूफान का सामना करने के लये एक नएवै क गठबधंन क शु आत क गई।

    रतेरते औरऔर धूलधूल भरेभरे तूफानतूफानरते और धूल के तूफान को ■सरोको (Sirocco), हबूब (Haboob), येलो ड ट (Yellow Dust), हाइट टॉम(White Storms) और हारमटन (Harmattan) के प म भी जाना जाता ह।ैयह भूिम एवं जल बधंन तथा जलवाय ुप रवतन से जुड़ी एक ाकृतक घटना ह।ैइन तूफान क ती ता, प रमाण या एक-दसूर ेके साथ संब ता इ ह अ याशत और खतरनाक बना सकती ह।ै

    मुखमुख बदुबदुUNCCD (United Nations Convention to Combat Desertification) ारा 45 देश को इन तूफान केोत के प म वग कृत िकया गया ह।ै

    सद य रा य के आ ह के बाद संयु रा पयावरण काय म (UNEP) ारा संयु रा पयावरण बधंन समूह (UNEnvironment Management Group) के मा यम से ■सतबंर 2018 म बनाए गए गठबधंन क थापना औरशु आती उपल धय हेतु आव यक योगदान िदया गया ह।ै

    नवगिठतनवगिठत गठबधंनगठबधंन केके मुखमुख ल यल य:एक वै क ति या तयैार करना ■जसका उपयोग संयु रा णाली के यापक ि कोण को िवक■सत करने के लयेिकया जा सकता ह।ै

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  • ति या उपाय को लागू करने के लये भािवत देश और े हेतु तूफान के वेश बदओुं क पहचान के लये एकरणनीत एवं काय योजना िवक■सत करना।वै क, े ीय और उप- े ीय तर पर भािवत देश एवं संयु रा एज■सय के बीच भागीदार को संल करने तथासंवाद और सहयोग को बढ़ावा देने के लये एक मचं दान करना।ान, डेटा, संसाधन, सूचना और तकनीक िवशेष ता के आदान- दान के लये एक साझा मचं दान करना।जो खम म कमी, समेिकत नीत, अभनव समाधान और मता िनमाण के यास एवं धन इक ा करने संबधंी पहल केलये आव यक उपाय और रणनीतय को सु ढ़ बनाना।रते और धूल भर ेतूफान के शमन के लये संयु ति याओं हेतु िव ीय संसाधन क पहचान करना तथा उ हएकि त करना।

    रतेरते औरऔर धूलधूल भरेभरे तूफानतूफान केके भावभावकृिष भूिम का िनरतंर उपयोग, वन क कटाई, अतवृि , जल ोत क कमी और औ ोिगक गतिवधयाँ सभी रतेऔर धूल भर ेतूफान को बढ़ावा देती ह।इस कार के तूफान का मानव वा य, कृिष, उ ोग, प रवहन, जल और वाय ुगुणव ा सभी पर यापक सामा■जक-आथक भाव पड़ता ह।ैहाल के वष म कुछ े िवशेष म रते और धूल भर ेतूफान क आवृ एवं ती ता म हुई वृ पयावरणिवद के लयेचता का िवषय बनी हुई ह।ै रते और धूल भर ेतूफान क वै क आकलन (Global Assessment of Sand andDust Storms) रपोट म यह िन कष िनकाला गया िक वै क सर पर इन तूफान के 25 तशत भाग के लये मानवगतिवधयाँ िज़ मेदार ह।ैरते और धूल भर ेतूफान के मह वपूण संभािवत चालक म म थलीकरण, भूिम रण और जलवाय ुप रवतन शािमलह। इसके मु य कारण म िवशेष प से भूिम एवं जल का अ थायी उपयोग, तेज़ गत क पवन क अ यधक घटनाएँ,कुछ े म अ यधक शु कता, सूखे क बढ़ती आवृ एवं गभंीरता के साथ-साथ लबंी अवध, आिद शािमल ह।

    भारतभारत सिहतसिहत िवभिवभ देशदेश कक पहलपहलइस बठैक म चीन ने िवशेष प से रते और धूल भर ेतूफान क ती ता पर संयु मानक को िवक■सत करने के लयेसश अंतरा ीय सहयोग का आ ान िकया ह।ैभारत ने इस िवषय पर अपने रा य के मागदशन हुए एक योजना तुत क ।हालाँिक ईरान ने इस बात पर बल िदया िक रते और धूल भर ेतूफान वाले हॉट पॉट पर पारपं रक और आधुिनक ानके समृ सम वय का योग करके सश े ीय पहल क जा सकती ह।ै

    ‘संयक्ुसंयक्ुतत राष्राष्टट म स्म स्थलीकरणथलीकरण रोकथामरोकथाम कन्कन्वशनवशन’

    (United Nations Convention to Combat Desertification- UNCCD)

    वष 1972 के स्टॉकहोम सम्मेलन से ेरणा लेकर वष 1992 म रयो म जवै-िविवधता, जलवाय ुप रवतन एवंम स्थलीकरण के िवषय पर एकजुटता कट क थी। पृथ्वी शखर वाता के दौरान जलवाय ुप रवतन, जवै-िविवधताऔर म स्थलीकरण का सामना करने जसेै तीन मह ववपूण स्ताव को स्वीकार िकया।संयु रा म थलीकरण रोकथाम क वशन संयु रा के अंतगत तीन रयो समझौत (Rio Conventions) म सेएक ह।ै अ य दो समझौते ह-

    1. जवै िविवधता पर समझौता (Convention on Biological Diversity- CBD)।6/15

  • 2. जलवाय ुप रवतन पर संयु रा े मवक समझौता (United Nations Framework Convention onClimate Change (UNFCCC)।

    UNCCD एकमा अंतरा ीय समझौता ह ैजो पयावरण एवं िवकास के मु पर कानूनी प से बा यकारी ह।ैम थलीकरण क चुनौती से िनपटने के लये अंतरा ीय यास के बार ेम लोग म जाग कता बढ़ाने के उ े य से इसिदवस को 25 साल पहले शु िकया गया था।तब से येक वष 17 जून को ‘िव म थलीकरण और सूखा रोकथाम िदवस’ मनाया जाता ह।ै14 अ ू बर, 1994 को भारत ने UNCCD पर हस्ता र िकये। भारत म पयावरण, वन एवं जलवाय ुप रवतन मं ालयइसका नोडल मं ालय ह।ै

    ोतोत: डाउनडाउन टूटू अथअथ

    भारत का ‘कूलग एक्शन प्लान’

    चचाचचा मम यय ?िवश्व ओज़ोन िदवस (16 ■सतबंर) के अवसर पर संयक्ुत राष्ट संघ ने भारत क शीतलन कारवाई योजना/कूलग एक्शनप्लान (India's Cooling Action Plan-ICAP) क सराहना क ।

    ‘कूलगकूलग एक्एक्शनशन प्प्लानलान’ याया हैहै?माच 2019 म भारत ने अपना ‘कूलगकूलग ए शनए शन प्प्लानलान’ शु िकया ह।ै कूलग क ज़ रत हर े म ह ैतथा यह आथकिवकास का एक मह वपूण िह सा ह।ैइसक ज़ रत आवासीय और यापा रक इमारत के साथ को ड चेन रिे ज़रशेन, प रवहन और यापा रक त ानजसेै िवभ े म होती ह।ै‘कूलग एक्शन प्लान’ के अंतगत प रशीतन क मांग म कटौती करने म मदद िमलेगी, ■जससे त्य और अ त्यउत्सजन म कमी आएगी।इसके तहत आवासीय एवं व्यापा रक इमारत , कोल्ड–चेन, रे ■जरशेन, यातायात और उ ोग के लये प रशीतनसमस्याओं का समाधान िकया जाएगा।

    उ े यउ े यICAP का उ े य पयावरण और सामा■जक-आथक लाभ को हा■सल करने के लये काय म तालमेल का यास करनाह।ैसमाज को पयावरणीय और सामा■जक-आथक लाभ दान करते हुए सभी के लये थायी शीतलन और उ मीयसहू लयत दान करना।

    ल यल यवष 2037-38 तक िवभ े म शीतलक मांग (Cooling Demand) को 20% से 25% तक कम करना।वष 2037-38 तक रे जरट डमांड (Refrigerant Demand) को 25% से 30% तक कम करना।वष 2037-38 तक शीतलन हेतु ऊजा क आव यकता को 25% से 40% तक कम करना।

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  • वष 2022-23 तक कौशल भारत िमशन के तालमेल से स व↓सग से टर के 100,000 तकनीशयन को श ण औरमाण-प उपल ध कराना।

    मुखमुख लाभलाभअगले 20 वष तक सभी े म शीतलता से संबंधत आव यकताओं से जुड़ी मांग तथा ऊजा आव यकता काआकलन।शीतलता के लये उपल ध तकनीक क पहचान के साथ ही वकै पक तकनीक , अ य उपाय और अलग कारक तकनीक क पहचान करना।सभी े म गम से राहत िदलाने तथा सतत् शीतलता दान करने वाले उपाय को अपनाने के बार ेसलाह देना।तकनीशयन के कौशल िवकास पर यान कि त करना।घरलेू वकै पक तकनीक के िवकास हेतु ‘शोध एवं िवकास पा र थतक तं ’ को िवक■सत करना।इससे य और अ य दोन तरह के काबन उ सजन को कम करने म मदद िमलेगी।

    ोतोत: pib

    िग संर ण: एक सफल यास

    चचाचचा मम यय ?हाल ही म िग संर ण एवं जनन क (Vulture Conservation and Breeding Centres– VCBCs) म िग कसं या म वृ दज क गई, जो 700 से अधक थी।

    पृ भूिमपृ भूिमिग क नौ जातयाँ भारत क थािनक ह, परतंु अधकांश पर िवलु होने का खतरा ह।ैआईयूसीएन के अनुसार िग क नौ जातय क थत िन न ह-ै

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  • वष 1990 के उ रा म, जब देश म िग क सं या म तेजी से िगरावट होने लगी उस दौरान राज थान के केवलादेवरा ीय उ ान म सफेद पीठ वाले एक िग (White-backed vulture) को बचाया गया जहाँ िग क सं या मचताजनक दर से िगरावट हो रही थी।िग क मौत के कारण पर अ ययन करने के लये वष 2001 म ह रयाणा के पजौर म एक िग देखभाल क

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    http://www.drishtiias.com/hindi/images/uploads/1568809746_Vulture-Culture.jpg

  • (Vulture Care Centre-VCC) थािपत िकया गया। कुछ समय बाद वष 2004 म िग देखभाल क को उ त(Upgrade) करते हुए देश के पहले ‘िग संर ण एवं जनन क ’ क थापना क गई।

    मुखमुख बदुबदुवतमान म िग संर ण एवं जनन क म िग क तीन जातय हाइट-बै ड (White– backed), लॉ ग-िब ड(long-billed) और लडर-िब ड (Slender–billed) का सरं ण िकया जा रहा ह।ैिग संर ण एवं जनन क क थापना उस िनणायक समय पर क गई जब िग क सं या म 99 तशत तकिगरावट दज क जा चुक थी।इस समय देश म नौ िग संर ण एवं जनन क ह, ■जनम से तीन बॉ बे नेचुरल िह टी सोसायटी (BombayNatural History Society-BNHS) के ारा य प से शा■सत िकये जा रहे ह।िग संर ण एवं जनन क का उ े य न केवल िग क देखभाल करना व उनका संर ण करना ह ैब क उ हजंगली े म छोड़ना भी ह।ैइन क का पहला उ े य िग क लु ाय तीन जातय म से येक से सकैड़ क सं या म िग के जोड़े पदैाकरना ह।ैभारत के संर ण यास म मु य फोकस आईयूसीएन क गभंीर संकट त सूची म शािमल िग क तीन जातयाँ ह,जो िन न ल खत ह-

    हाइट-बै ड व चर (Whilte-backed Vulture)लडर-िब ड व चर (Slender-billed vulture)लॉ ग-िब ड व चर (long-billed vulture)

    संकटसंकट केके कारणकारणिग क सं या म िगरावट का मुख कारण ड ोिफनेक (Diclofenac) दवा ह,ै जो पशुओं के शव को खाते समयिग के शरीर म पहँुच जाती ह।ै

    पशुचिक सा म योग क जाने वाली दवा ड ोिफनेक को वष 2008 म तबंधत कर िदया गया। इसकायोग मु यत: पशुओं म बुखार/सूजन/उ ेजन क सम या से िनपटने म िकया जाता था।ड ोिफनेक दवा के जवै संचयन (शरीर म क टनाशक , रसायन तथा हािनकारक पदाथ का िमक संचयन)से िग के गुद (Kidney) काम करना बदं कर देते ह ■जससे उनक मौत हो जाती ह।ैड ोिफनेक दवा िग के लये ाणघातक सािबत हुई। मृत पशुओं म, दवा से 1% भािवत पशु भी कम समयम िग क बड़ी सं या को मार सकती ह।ै

    दवा से भािवत पशुओं के शव से थानीय आवारा जानवर भी मार ेगए ह परतंु िग क सं या म िगरावट का यहमुख कारण ह।ैवन िवभाग शका रय को दरू रखने के लये पशुओं के शव को जला रहा ह ैया िफर दफन कर रहा ह।ै इस ि या सेिग के लये भोजन क कमी हो रही ह।ै

    िगिग संर णसंर ण एवंएवं जननजनन ककिग संर ण एवं जनन क ह रयाणा वन िवभाग तथा बॉ बे नेचुरल िह टी सोसायटी का एक संयु काय म ह।ैिग संर ण एवं जनन क को वष 2001 म थािपत िग देखभाल क के नाम से जाना जाता था।‘साउथ एशया व चर रकवरी ान’ के काशत होने के साथ ही वष 2004 म िग देखभाल क के उ त सं करणके प म िग संर ण एवं जनन क क थापना क गई।

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  • आगेआगे कक राहराहवन िवभाग को िग के संर ण के संदभ म जाग कता फैलाने क आव यकता ह,ै तथा ऐसे सुर त े (SafeZones) के िनमाण पर यान देना होगा जहाँ िग क अ यधक सं या ह।ैअब तक नौ रा य म िग के लये सुर त े के िनमाण के काय म ारभं िकये जा चुके ह।ैिग धीमी जनन दर वाले प ी ह, इस लये इ ह िवलु होने से बचाने के लये त काल ह त ेप क आव यकता ह।ै

    ोतोत: दद हदूहदू

    सऊदी अरामको पर हवाई हमले के िनिहताथ

    चचाचचा मम यय ?हाल ही म सऊदी अरब क सरकारी तेल कंपनी सऊदी अरामको (Arabian American Oil Company-ARAMCO)पर डोन से हवाई हमले हुए ह, ■जसके कारण अंतरा ीय तेल बाज़ार काफ हद तक भािवत हुआ ह।ै

    मुखमुख बदुबदुहवाई हमल से बुरी तरह भािवत सऊदी अरब के तेल उ पादन म तकरीबन 5.7 िम लयन बरैल तिदन क कमीआई ह,ै जो िक सऊदी अरब के तेल उ पादन का लगभग आधा िह सा ह।ैसऊदी अरामको, सऊदी अरब म तेल उ पादन क सबसे बड़ी सरकारी कंपनी ह।ै आँकड़ के अनुसार, बीते वषसऊदी अरामको क कुल कमाई 111 िब लयन डॉलर थी।

    यात य ह ैिक 1970 के दशक म सऊदी अरब क सरकार ने अरामको का रा ीकरण कर िदया था।

    िकसनेिकसने िकयािकया हैहै हमलाहमला?अरामको पर हुए हवाई हमले क िज़ मेदारी यमन के हूती िव ोिहय (Houthi Rebels) ने ली ह,ै जो िक यमन कसरकार और सऊदी अरब के नेतृ व वाले सै य बल के िव लड़ रहे ह।हूती िव ोिहय के संबधं म सदवै ही ईरान पर ये आरोप लगते रहे ह िक वह अपने राजनीतक िहत को साधने के लयेहूती िव ोिहय को सै य व मौि क समथन दान करता ह,ै हालाँिक ईरान सदवै ही इन आरोप से इनकार करता रहाह।ैसऊदी अरब ारा क गई शु आती जाँच के अनुसार भी हमले के लये ■जन हथयार का योग िकया गया वे ईरान केथे।वह अमे रका भी इन हमल के लये ईरान को ही िज़ मेदार मानता ह।ै शु आती जाँच के आधार पर अमे रका काकहना ह ैिक सऊदी अरामको पर जो हमले हुए ह वे यमन क ओर से नह ब क इराक या ईरान क ओर से हुए ह।

    सऊदीसऊदी अरामकोअरामको परपर हमलेहमले केके वै कवै क मायनेमायनेइस हमले के भाव से सऊदी अरब के तेल उ पादन म 5.7 िम लयन बरैल क कमी आई ह,ै ■जसके कारण िव कतेल आपूत पर काफ बुरा असर पड़ा ह।ैइस हमले के कारण िव भर के तेल भडंार को लेकर भी चताएँ काफ बढ़ गई ह।

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  • यह हमला न केवल संपूण े म अ थरता पदैा करगेा, ब क अमे रका और ईरान के म य तनाव म और अधक वृकरगेा।वै क तर पर तेल क क मत म वृ होगी ■जससे उपभो ा लागत बढ़ जाएगी और िव क सभी बड़ी एवं तेल िनभरअथ यव थाओं को नुकसान होगा।संयु रा य अमे रका म तेल भडंार क खोज ने म य पूव से तेल पर िनभरता को कम िकया ह,ै ■जसके कारण “तेलसंकट" क थत को रोकने म मदद िमलेगी, यिद ऐसा नह होता तो प र थतयाँ काफ गभंीर प धारण कर सकतीथ ।

    भारतभारत परपर भीभी होगाहोगा भावभावसऊदी अरामको पर हमला ऐसे समय म हुआ ह ैजब भारतीय अथ यव था िव ीय संकट का सामना कर रही ह।ैवतमान िव ीय वष क पहली तमाही म GDP वृ दर 5 तशत पर आ गई ह,ै जबिक बीते िव ीय वष क इसीतमाही म यह दर 5.8 तशत थी।भारत अपनी तेल संबधंी आव यकताओं का 80 तशत से अधक िह सा अ य देश से आयात करता ह ैएवं सऊदीअरब भारत के लये दसूरा सबसे बड़ा तेल आयातक ह,ै इस आधार पर यह कहा जा सकता ह ैिक यिद सऊदी अरबइतनी बड़ी मा ा म तेल उ पादन को कम कर देगा तो भारत पर इसका काफ नकारा मक भाव पड़ेगा।पेटो लयम और ाकृतक गसै मं ालय के आँकड़े दशाते ह िक वष 2017 से धीर-ेधीर ेभारत क तेल पर िनभरताबढ़ती ही जा रही ह।ै आँकड़ के अनुसार, वष 2018-19 म भारत क तेल खपत बढ़कर 211.6 िम लयन टन हो गईथी।वै क तर पर क े तेल क क मत म वृ से भारत का राजकोषीय संतुलन भी िबगड़ सकता ह।ैकेयर रे टग (Care Ratings) नामक रे टग एजसी ने अनुमान लगाया ह ैिक वतमान िव ीय वष म भारत लगभग 1.6िब लयन बरैल क ा तेल आयात करने वाला ह,ै अतः यिद क े तेल के मू य म 1 डॉलर क भी वृ होती ह ैतो भारतको 1.6 िब लयन डॉलर अधक चुकाने ह गे, ■जसके कारण भारत के आयात िबल म काफ वृ होगी।क े तेल क क मत म वृ से न केवल भारत के आयात िबल म वृ होगी, ब क भारतीय पए का अवमू यन भीहोगा, य िक जब तेल क क मत म वृ होगी तो भारत को तेल खरीदने के लये और अधक डॉलर क आव यकताहोगी और भारत डॉलर क खरीद करगेा, ■जससे डॉलर क अपे ा भारतीय पया कमज़ोर हो जाएगा।भारत म घरलेू मांग पहले से ही काफ कम ह ैऔर यिद क े तेल क क मत म भी वृ हो जाएगी तो मांग और अधकउदासीन हो जाएगी, साथ ही इसका नकारा मक भाव भारतीय ऑटोमोबाइल से टर पर भी पड़ेगा, जो िक आथकसु ती से काफ अधक भािवत हुआ ह।ैयिद क े तेल क क मत म वृ होगी तो ज़ािहर ह ैिक ईधंन क क मत म भी वृ होगी, और यिद ऐसा होता ह ैतोइसका तकूल भाव िविनमाण एवं एिवएशन से टर पर भी देखने को िमलेगा।

    याया करकर सकतासकता हैहै भारतभारतिवशेष का मानना ह ैिक ऐसे थत म भारत सरकार कुछ खास नह कर सकती ह।ै यिद भिव य म तेल का संकटगहराता ह ैतो वह अपने तेल भडंार से आपूत कर थत को काबू म करने क कोशश कर सकती ह,ै परतंु भारत कातेल भडंार इतना नह ह ैिक भारत सरकार लबें समय तक इससे संतुलन बनाए रख पाएगी। थत अगर और गभंीरहोती ह ैतो सरकार तेल पर कर क दर म कटौती भी कर सकती ह,ै लेिकन इसका य असर राजकोषीय घाटे परिदखाई देगा।

    िन कषिन कष12/15

  • सऊदी अरामको पर हुआ डोन हमला वै क तर पर चता का िवषय बन गया ह ैएवं यह भारत जसेै बड़े आयातक के लये भीगभंीर चता का िवषय ह।ै हालाँिक सऊदी अरब ने आ ासन िदया ह ैिक आपूत म कोई कमी नह होगी, परतंु यिद बहाली कि या अनुमान से अधक समय लेती ह,ै तो भारत को अ य िवक प क तलाश करनी होगी, तािक देश म तेल संकट कथत न पदैा हो और थरता बरकरार रहे।

    ोतोत: इंडयनइंडयन ए स ेसए स ेस

    हजैा के जीवाणु

    चचाचचा मम यय ?टांसलेशनल हे थ साइसं एंड टे नोलॉजी इं टी ूट (Translational Health Science and TechnologyInstitute) के डॉ टर ारा िकये गए परी ण के अनुसार, हजैा पदैा करने वाले जीवाणओुं (िवि योिवि यो कॉलेरीकॉलेरी- Vibriocholerae) ने एंटीबायोिटक दवाओं के खलाफ तरोधक मता िवक■सत कर ली ह।ै

    मुखमुख बदुबद:ुोसीड स ऑफ द नेशनल एकेडमी ऑफ साइसेंज़ (Proceedings of the National Academy of

    Sciences- PNAS) नामक पि का म काशत अ ययन म बताया गया िक डॉ टर ारा िकये गए परी ण म 99%जीवाणओुं ने दो या दो से अधक एंटीबायोिटक दवाओं के मामले म तरोधक मता िवक■सत कर ली ह।ैअ ययन के अनुसार, 17% जीवाणओुं ने 10 से अधक एंटीबायोिटक दवाओं और 7.5% जीवाणओुं ने 14 से अधकएंटीबायोिटक दवाओं के लये तरोधक मता िवक■सत कर ली ह।ैस फाथे सोज़ोलस फाथे सोज़ोल (Sulfamethaxozole) एंटीबायोिटक के लये उ तम तरोध 99.8% देखा गया, वह सबसेकम केवल 4% तरोध िनओमाइ■सनिनओमाइ■सन (Neomycin) के लये देखा गया ह।ैडॉ टर क टीम ने वष 1980, 2000, 2014 और 2015 के दौरान अलग-अलग जीवाणओुं के जीनोम अनु मण(Genome Sequencing) का अ ययन करते हुए यह पाया िक समय के साथ एंटीबायोिट स के योग से हीजीवाणओुं ने, इनके लये तरोधक मता िवक■सत कर ली ह।ैजीवाणओुं ने वष 2014-2015 तक सामा यतः इ तेमाल िकये जाने वाले सभी एंटीबायोिटक दवाओं के लये बड़ेपमैाने पर दवा तरोधी (Extensively Drug Resistant- XDR) बना लये ह और अभी भी बहुत सार ेजीवाणुकाया मक थत म ह।तरोधी जीन आनुवंशक प से िवभ गतशील आनुवंशक त व से जुड़े होते ह, ■जसका अथ ह ैिक तरोध तेज़गत से थानांतरण के मा यम से बहुत आसानी से अ य बै टी रया जातय म फैल सकता ह।ै

    ोतोत: दद हदूहदू

    Rapid Fire करट अफेयस (18 September)सवसव ऑफऑफ इंडयाइंडया (एसओआई) पहली बार डोन क मदद से देशदेश काका ड■जटलड■जटल न शान शा बना रहा ह।ै िव ान और तकनीकिवभाग के सहयोग से यह काम दो साल म पूरा होगा। इसके लये तीन ड■जटल क बनाए गए ह। यहाँ से पूर ेदेश का

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  • भौगो लक ड■जटल डेटा तयैार होगा। सटेैलाइटसटेैलाइट से िनयिं त होने वाले जीपीएस ■स टम क अपे ा यह ड■जटलन शा यादा सटीक और प होगा। लेिकन रा ीय सुर ा को यान म रखते हुए ऐसे थान क मै पग नह कजाएगी, ■ज ह संवेदनशील माना जाता ह।ै महारा , ह रयाणा और कनाटक से इस ोजे ट क शु आत हो गई ह।ैइससे ज़मीन संबधंी जानका रयाँ और िठकाने क पता आसानी से चल सकेगा। यह न शा 10 सटीमीटर तक कसटीक पहचान दान करगेा। सव ऑफ इंडया के पास अभी 2500 से यादा ाउंडाउंड कंटोलकंटोल पॉइं सपॉइं स ह और इसीआधार पर मै पग क जाती रही ह।ै यह ाउंड कंटोल पॉइं स देश के हर 30 से 40 िकमी. के दायर ेम समान प सेबाँटे गए ह। नई म पग के लये वचुअलवचुअल CORS ■स टम■स टम का इ तेमाल िकया जा रहा ह।ै CORS यानीContinuously Operating Reference Stations अथात् सततसतत संचालनसंचालन संदभसंदभ कक । इसके नेटवक काउपयोग करते हुए अब जो न शे बनाए जा रहे ह, उनसे त काल 3-डीडी जानकारी हा■सल क जा सकती ह।ै नई तकनीकक मदद से िवभाग िनधा रत केल पर ही ड■जटल न शा उपल ध कराएगा। अभी जो न शा मौजूद ह ैउसे ि िटशसवयर कनलकनल सरसर जॉजजॉज एवरे टएवरे ट ने 1 मई, 1830 को बनाया था। 189 साल पुराने इस सटीक न शे के काशन केबाद इसे नए ■सर ेसे बनाने के लये सरकार ने कई ोजे ट शु िकये थे। वष 2017 म डाक िवभाग ने मपै माई इंडयाके साथ जुड़कर एक पायलट ड■जटल ोजे ट शु िकया था। इसका नाम ईई-लोकेशसंलोकेशसं था। इस ड■जटल मै पगो ाम का उ े य लोग के पते क ड■जटल मै पग करना था, ■जससे भारत क डाक सेवा यादा सटीक हो औररयल ए टेट के बार ेम पारदशता आए। नए सव म सभी घर क ■जयो■जयो मै पगमै पग होगी। वा तिवक थान को न शे परचि त िकया जाएगा। इससे संप य के टै स म सामने आने वाली ुिटयाँ ख म ह गी। टै स वसूली बढ़ने से नगरिनगम और पा लकाओं को आथक मज़बूती िमलेगी। बाढ़ के बाद भी खाली ॉट क आसानी के साथ मै पग क जासकेगी। इससे लोग को राहत िमलेगी।भारत सरकार आ■सयानआ■सयान (द ण पूव एशयाई रा का संगठन) सद य देश के ऐसे टूड स को फेलोशपफेलोशप देगी जोIIT से Ph.D. कर रहे ह। 16 ■सतबंर को इस फेलोशप काय म क शु आत क गई। भारत सरकार इस काय म केज़ रये आ■सयान के सद य देश के भारत म IIT म पढ़ने वाले 1000 टूड स को फेलोशप दान करगेी। गौरतलब हैिक वष 2018 म आ■सयान-भारत संबधं के 25 साल पूर ेहोने पर धानमं ी नर मोदी ने सद य देश के टूड स कोकॉलरशप देने क घोषणा क थी। इसके साथ ही आ■सयानआ■सयान हाइवेहाइवे ोफेशन सोफेशन स के लये इंडयन अकेडमी ऑफ हाइवेइजंीिनयस म टे नग कोस िदये जाने का भी ताव िदया गया था। ात य ह ैिक आ■सयान क थापना 8 अग त,1967 को बकॉक, थाइलड म हुई थी। इस संगठन के दस थायी सद य ह, ■जनम ुनेई, क बोडया, इडंोनेशया,लाओस, मलेशया, यांमार, िफलीप स, ↓सगापुर, थाइलड और िवयतनाम शािमल ह।राज थानराज थान देश का पहला ऐसा रा य बन गया ह,ै जहाँ िबना मांगे सूचनाएँ देने का ावधान िकया गया ह।ै अब यहअधका रय क इ छा पर िनभर नह होगा िक RTI म कौन सी सूचना देनी ह ैऔर कौन सी छपानी ह।ै देश केसरकारी िवभाग म पारदशता और ■ज मेदारी बढ़ाने के लये जनजन सूचनासूचना पोटलपोटल 2019 लॉ च िकया गया ह।ै इस पोटलके मा यम से ारभं म आम जनता से जुड़े 13 सरकारी िवभाग क 23 योजनाओं क जानकारी अब एक ही ि क परिमल सकेगी। धीर-ेधीर ेअ य िवभाग क योजनाओं को जोड़ा जाएगा। इस पोटल क शु आत होने से सरकार के कायम पारदशता व जवाबदेही सुिन त होगी तथा आम लोग को एक ही जगह पर सूचनाएँ अपने आप उपल ध होजाएंगी। लोग को िकसी तरह क जानकारी लेने के लये RTI लगाने क आव य ा नह होगी। आरटीआईआरटीआई ए टए ट केतहत इस तरह का पोटल बनाने वाला राज थान देशदेश काका पहलापहला रा य ह।ै राज थान म इस पोटल के अलावा सरकारीयोजनाओं क जानकारी आमजन तक पहँुचाने के लये जनजन सूचनासूचना पोटलपोटल मोबाइलमोबाइल एपएप भी िवक■सत िकया जा रहा ह।ैजो अधका रय को ही सूचना ऑनलाइन उपल ध कराने के लये बा य करगेी। इस पोटल से आम जनता से जुड़े ■जन13 िवभाग को जोड़ा गया ह ैउनम ऊजा, श ा, चिक सा व वा य िवभाग, सामा■जक याय व अधका रता िवभाग,जनजात े ीय िवकास िवभाग, ामीण िवकास व पंचायती राज िवभाग, म व रोज़गार िवभाग, खनन िवभाग, राज विवभाग, खा व नाग रक आपूत िवभाग, सहका रता िवभाग, ऊजा िवभाग, आयोजना, सूचना ौ ोिगक िवभाग वशासिनक सुधार िवभाग शािमल ह। पोटल पर मनरगेा, ामीण े म खलेु म शौचमु लाभाथय , पंचायतीराजसं थाओं के िवकास काय, मु यमं ी िनःशु क दवा व जाँच योजना, आयु मान भारत, वा य बीमा योजना के

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  • लाभाथय क जानकारी उपल ध होगी। इसके साथ ही खा सुर ा योजना के लाभाथय क जानकारी, उचत मू यक दकुान क जानकारी, राशनकाड धारक क जानकारी, िकसान कज़ माफ , वन अधकार अधिनयम आिद के बारेम सूचनाएँ उपल ध ह गी।

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    डेली न्यूज़ (18 Sep, 2019)ड्रोन और भारतचर्चा में क्यों?क्या होते हैं ड्रोनड्रोन के प्रकारड्रोन उड़ाने संबंधी शर्तेंकेवल दिन में ही होता है प्रयोगक्या होता है नो फ्लाई ज़ोन (No Fly Zones)ड्रोन के इस्तेमाल के फायदेड्रोन के इस्तेमाल से नुकसानभारत की ड्रोन नीति (Drone Policy)स्रोत: इंडियन एक्सप्रेस

    नासा का अंतरिक्षयान LROचर्चा में क्यों?प्रमुख बिंदु:स्रोत: इंडियन एक्सप्रेस

    तालचेर यूरिया परियोजनाचर्चा में क्यों?प्रमुख बिंदु:स्रोत: pib

    रेत और धूल भरे तूफान का सामना करने हेतु नया वैश्विक गठबंधनचर्चा में क्यों?रेत और धूल भरे तूफानप्रमुख बिंदुनवगठित गठबंधन के प्रमुख लक्ष्य:रेत और धूल भरे तूफान के प्रभावभारत सहित विभिन्न देशों की पहल‘संयुक्त राष्ट्र मरुस्थलीकरण रोकथाम कन्वेंशन’(United Nations Convention to Combat Desertification- UNCCD)स्रोत: डाउन टू अर्थ

    भारत का ‘कूलिंग एक्शन प्लान’चर्चा में क्यों?‘कूलिंग एक्शन प्लान’ क्या है?उद्देश्यलक्ष्यप्रमुख लाभस्रोत: pib

    गिद्ध संरक्षण: एक सफल प्रयासचर्चा में क्यों?पृष्ठभूमिप्रमुख बिंदुसंकट के कारणगिद्ध संरक्षण एवं प्रजनन केंद्रआगे की राहस्रोत: द हिंदू

    सऊदी अरामको पर हवाई हमले के निहितार्थचर्चा में क्यों?प्रमुख बिंदुकिसने किया है हमला?सऊदी अरामको पर हमले के वैश्विक मायनेभारत पर भी होगा प्रभावक्या कर सकता है भारतनिष्कर्षस्रोत: इंडियन एक्सप्रेस

    हैजा के जीवाणुचर्चा में क्यों?प्रमुख बिंदु:स्रोत: द हिंदू

    Rapid Fire करेंट अफेयर्स (18 September)