भारतीय रेल बजट भाषण 2015-16 26 फरवर #2015...

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पृçठ 31 का 1 भारतीय रेल बजट भाषण 2015-16 26 फरवरȣ, 2015 को 2015-16 के िलए रेल बजट Ĥèतुत करते समय Įी सुरेश Ĥभाकर Ĥभु का भाषण अÚय¢ महोदया, 1. मɇ इस गǐरमामयी सदन के सम¢ वष[ 2015-16 के िलए भारतीय रेल कȧ अनुमािनत ĤािƯयɉ और खच[ का ǒववरण Ĥèतुत करता हूँ। 2. Ĥारंभ मɅ , मɇ माननीय Ĥधानमंğी Įी नरेÛġ मोदȣ जी का धÛयवाद करना चाहूंगा , ǔजÛहɉने समृƨ राçĚ के èवपन मɅ नई चेतना जगाते हुए सभी भारतीयɉ मɅ गव[ कȧ भावना जागृत कȧ। åयǒƠगत èतर पर मɇ उनके Ĥित अपना आभार Ĥकट करना चाहूंगा , ǔजÛहɉने रेलवे के माÚयम से , जो उनकȧ Ĥाथिमकता है , मुझे भारत कȧ जनता कȧ सेवा करने का अवसर Ĥदान Ǒकया है। Ĥधानमंğी जी ने सुशासन के िसƨांत को ĤितपाǑदत Ǒकया जब उÛहɉने कहा Ǒक यǑद सरकार गरȣब के कãयाण के िलए नहȣं है तो उस सरकार का Èया लाभ है। उÛहɉने हमे Ĥेरणादायी उƧेæय कȧ चुनौती देते हुए कहा है Ǒक गरȣबी उपशमन का समय चला गया है और गरȣबी उÛमूलन का युग आ गया है। भारतीय रेलवे इस ऐितहािसक िमशन मɅ अपनी भूिमका िनभाएगी। 3. अÚय¢ महोदया, भारत का रेलवे मानिचğ धमिनयɉ का एक ऐसा नेटवक[ है , जो भारतीय अथ[åयवèथा के ǿदय मɅ जीवनदायी रÈत को संचǐरत करता है। सामाǔजक-आिथ[क ǒवकास मɅ Ĥमुख भूिमका िनभाने के कारण भारतीय रेल आधुिनक भारत को एकȧकृत करने वाला अनूठा कारक है। यह एक ऐसा संगठन है जो सभी भारतीयɉ, यहां तक Ǒक महा×मा गांधी, के मम[ और अǔèत×व को Ĥभाǒवत करता है। इसीिलए बापू ने राƶीय èवतंğता आंदोलन कȧ शुǽआत करने से पहले भारत कȧ खोज का अिभयान शुǽ करने का िनण[य Ǒकया और उÛहɉने रेलगाǑड़यɉ के माÚयम से भारत दश[न Ǒकया और हमेशा तीसरे दजȶ मɅ याğा कȧ। 4. दुभा[Êयवश , ǒपछले कु छ दशकɉ मɅ रेलवे सुǒवधाओं मɅ Ïयादा सुधार नहȣं हुआ। इसका एक मूलभूत कारण यह है Ǒक रेलवे मɅ लंबे समय से लगातार कम िनवेश हुआ है , ǔजसके कारण भीड़-भाड़ बढ़ȣ है और ¢मता का अित दोहन हुआ है। पǐरणामèवǾप, ¢मता बढ़ाने का काय[ Ĥभाǒवत होता है , संर¢ा Ĥभाǒवत होती है और Ĥदान कȧ जाने वाली सेवा का èतर िगरता है , ǔजसके फलèवǾप मनोबल मɅ िगरावट आती है , काय[कु शलता घटती है , माल और याğी यातायात इçटतम से कम रहता है और ǒवƣीय संसाधन कम होते हɇ। इससे पुनः िनवेश कȧ तंगी का दुçचĐ बनता है।

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  • पृ ठ 31 का 1

    भारतीय रेल बजट भाषण 2015-16

    26 फरवर , 2015 को 2015-16 के िलए रेल बजट तुत करते समय ी सुरेश भाकर भु का भाषण

    अ य महोदया,

    1. म इस ग रमामयी सदन के सम वष 2015-16 के िलए भारतीय रेल क अनुमािनत ाि य और खच का ववरण तुत करता हूँ।

    2. ारंभ म, म माननीय धानमं ी ी नरे मोद जी का ध यवाद करना चाहूंगा, ज ह ने समृ

    रा के वपन म नई चेतना जगाते हुए सभी भारतीय म गव क भावना जागृत क । य गत तर पर म उनके ित अपना आभार कट करना चाहूंगा, ज ह ने रेलवे के मा यम से, जो

    उनक ाथिमकता है, मुझे भारत क जनता क सेवा करने का अवसर दान कया है। धानमं ी जी ने सुशासन के िस ांत को ितपा दत कया जब उ ह ने कहा क य द सरकार गर ब के क याण के िलए नह ं है तो उस सरकार का या लाभ है। उ ह ने हमे ेरणादायी उ े य क चुनौती देते हुए कहा है क गर बी उपशमन का समय चला गया है और गर बी उ मूलन का युग आ गया है। भारतीय रेलवे इस ऐितहािसक िमशन म अपनी भूिमका िनभाएगी।

    3. अ य महोदया, भारत का रेलवे मानिच धमिनय का एक ऐसा नेटवक है, जो भारतीय अथ यव था के दय म जीवनदायी र त को संच रत करता है। सामा जक-आिथक वकास म मुख भूिमका िनभाने के कारण भारतीय रेल आधुिनक भारत को एक कृत करने वाला अनूठा

    कारक है। यह एक ऐसा संगठन है जो सभी भारतीय , यहां तक क महा मा गांधी, के मम और अ त व को भा वत करता है। इसीिलए बापू ने रा ीय वतं ता आंदोलन क शु आत करने से पहले भारत क खोज का अिभयान शु करने का िनणय कया और उ ह ने रेलगा ड़य के मा यम से भारत दशन कया और हमेशा तीसरे दज म या ा क ।

    4. दुभा यवश, पछले कुछ दशक म रेलवे सु वधाओं म यादा सुधार नह ं हुआ। इसका एक मूलभूत

    कारण यह है क रेलवे म लंबे समय से लगातार कम िनवेश हुआ है, जसके कारण भीड़-भाड़ बढ़ है और मता का अित दोहन हुआ है। प रणाम व प, मता बढ़ाने का काय भा वत होता है, संर ा भा वत होती है और दान क जाने वाली सेवा का तर िगरता है, जसके फल व प मनोबल म िगरावट आती है, कायकुशलता घटती है, माल और या ी यातायात इ टतम से कम रहता है और व ीय संसाधन कम होते ह। इससे पुनः िनवेश क तंगी का दु च बनता है।

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    5. इस दु च क समाि क जानी चा हए। एक बार ऐसा होने से, अथ यव था को अ यिधक लाभ होगा: बेहतर सेवाएं ा ह गी, समाज के गर ब तबक स हत सभी नाग रक के िलए बेहतर संपक यव था उपल ध होगी, लागत कम ह गी और उ नत ित पधा होगी। रेलवे म िनवेश बढ़ने से शेष अथ यव था म भी गुणा मक भाव पड़ेगा और गर ब के िलए अिधक रोजगार सृ जत ह गे। पयावरण को बनाए रखने और भावी पी ढ़य के हत के िलए भी भारतीय रेल म िनवेश ज र है।

    6. अ य महोदया, भारतीय रेल से सभी को बहुत अिधक उ मीद ह। बेहतर रेल सेवाओं क मांग करने वाले नाग रक आमतौर पर उन बा यताओं से प रिचत नह ं होते जनसे रेलवे जूझती है। म दो को िच त करना चाहूंगा: उ च घन व वाले नेटवक म 1219 खंड ह, जो मोटे तौर पर महानगर को रेलपथ से जोड़ते ह। इनम से 492 खंड 100% से भी अिधक मता से काय कर रहे ह और अ य 228 खंड 80% से 100% के बीच क मता से काय कर रहे ह। य द कोई खंड सीमा से अिधक काय करता है तो समूची लाइन पर उसका दबाव पड़ता है। वहां रख-रखाव के िलए कोई गुंजाइश नह ं रहती और गाड़ क गित धीमी हो जाती है। इकहरे रेलपथ पर भारतीय रेल को राजधानी और शता द जैसी फा ट ए स से गा ड़यां, साधारण, धीमी पैसजर गा ड़य के साथ-साथ मालगा ड़यां भी चलानी होती है। य प राजधानी और शता द गा ड़यां 130 कमी. ितघंटा क र तार से चलाई जा सकती ह आ यजनक तौर पर उनक औसत र तार 70 से

    अिधक नह ं होती? या यह हैरानी क बात नह ं है क साधारण पैसजर गाड़ या मालगाड़ औसतन लगभग 25 कमी. ितघंटा क अिधक र तार से नह ं चलाई जा सकती?

    7. अगले पांच वष म, हमार ाथिमकता होगी क मौजूदा उ च घन व वाले नेटवक पर मता म उ लेखनीय सुधार कया जाए। मौजूदा नेटवक पर मता म सुधार करना अिधक स ता होता है। इसम भूिम अिध हण क सम या नह ं होती और इसे पूरा करने म समय कम लगता है। आमान प रवतन, दोहर करण, ितहर करण और व ुतीकरण पर जोर दया जाएगा। औसत गित बढ़ेगी। गा ड़य के समय पालन म सुधार होगा। मालगा ड़य को समय-सारणी के अनुसार चलाया जा सकेगा।

    पर मेरे मन म सवाल उठता है- हे भु, ये कैसे होगा? भु ने तो जवाब नह ं दया, तब ये भु ने सोचा क गांधीजी जस साल भारत

    आये थे, उनक शता द वष म भारतीय रेलवे को एक भट िमलनी चा हए क प र थित बदल सकती है, रा ते खोजे जा सकते ह, इतना बड़ा देश, इतना बड़ा network, इतने सारे resources, इतना वशाल manpower, इतनी strong political will, तो फर य नह ं हो सकता रेलवे का पुनज म...

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    8. मुझे शुभदा गोगाटे के "ख डाळया याघाटासाठ " नामक उप यास क याद आती है। यह उप यास स ा पवत ृखंला को पार करते हुए भारत क पहली रेल लाइन बछाए जाने क का पिनक कथा है। आप एक बार म एक खंड बनाते ह। आप एक बार म एक सुरंग बनाते ह। उसके बाद आप अगले खंड और अगली सुरंग क ओर बढ़ते ह। आप थोड़ा-थोड़ा करके िनमाण करते ह। हम अपने देश क प रवहन अवसंरचना के िलए र ढ़ क ह ड के प म भारतीय रेल क ताकत को पुन: था पत करना होगा। भारतीय रेल को माल यातायात प रवहन के अपने बाजार ह से को पुनः हािसल करना होगा। रेल प रवहन को व सनीय आरामदायक और सुर त तथा व यापी मानक के अनु प बनाना होगा।

    कुछ नया जोड़ना, कुछ पुराना तोड़ना होगा, कुछ engine बदलने ह गे, कुछ पुज repair करने ह ग,े कुछ ताकत दखानी होगी, कुछ कमजो रयां िमटानी ह गी, कुछ रा ते बदलने ह ग,े कुछ दशाएं खोलनी पड़ेगी.... मुझे पूरा व ास है क हम यह कर सकते ह। ले कन हम इसे रात -रात नह ं कर सकते। हम धीरे-धीरे आगे बढगे। पछले दशक से चली आ रह इस अ यव था को बदलने म कुछ समय लगेगा।

    9. मेरा व ास है क सुशासन भागीदार वाली सरकार से िनकलता है। बहुत थोड़े समय म मने कई रा य का दौरा कया है; कई कमचा रय , टेकहो डर और ाहक से संवाद कया है। मने सोशल मी डया के ज रए उपयोगक ाओं से सीधे जुड़ने क शु आत क है। मुझे यह बताते हुए हष है क 20000 से भी यादा सुझाव ा हुए थे और हमने यावहा रक पाए गए सुझाव पर पहले ह काय करना शु कर दया है। आप इस बजट म भी ऐसे कुछ सुझाव को शािमल पाएंगे। इस योग से मुझे अंत ा त हुई क जनता, रेलवे से कस कदर जुड़ हुई है और वह इसे बेहतर थित म और इसे देश के वकास के इंजन के प म अपनी थित को पुनः हािसल करता हुआ देखना चाहती है।

    10. हमने एक भ व यगामी कायसूची तैयार क है। आगामी पांच वष म, भारतीय रेल को कायाक प

    से गुजरना होगा। हमने अपने िलए चार ल य िनधा रत कए ह:

    (क) ाहक के अनुभव म थायी और मापनयो य सुधार लाना। हम ऐसी पहल शु करगे जसम व छता, सहूिलयत, सुगमता, सेवा गुणव ता और

    गा ड़ य क गित से संबंिधत ाहक क सम याएं यव थत ढंग से दूर क जाएंगी।

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    (ख) रेलवे को या ा का सुर त साधन बनाना। (ग) भारतीय रेल क मता म पया त व तार करना और इसक अवसंरचना को आधुिनक

    बनाना। हमारे नाग रक के िलए रेल या ा के मह व को देखते हुए, हम अपनी या ी वहन मता 21 िमिलयन या ी ित दन से बढ़ाकर 30 िमिलयन तक करगे। हम रेलपथ क लंबाई भी 20% तक बढ़ाकर 1,14,000 क.मी. से 1,38,000 क.मी. तक करगे और हम अपनी वा षक माल वाहक मता 1 बिलयन टन से बढ़ाकर 1.5 बिलयन टन करगे।

    (घ) अंततः भारतीय रेलवे को व ीय से आ मिनभर बनाना। इसका आशय यह है क अपने प रचालन से हमारे िलए अ यिधक अिधशेष का सृजन होगा, जो केवल हमार मता व तार के व तपोषण हेतु आव यक ऋण क अदायगी के िलए ह नह ं होगा ब क उससे हमार ित त प रसंप य को सतत आधार पर बदलने हेतु िनवेश के िलए भी पया त होगा। इसके िलए प रचालन द ता, लागत पर कड़ा िनयं ण, प रयोजना के चयन एवं िन पादन म अिधक अनुशासन और भारतीय रेल क राज व सृजन करने क मता म अभूतपूव बढ़ोतर होगी।

    11. इन ल य से यह भी सुिन त होगा क रेलवे उन सभी मुख याकलाप का अिभ न भाग है

    जो हमारे माननीय धानमं ी जी ने गर ब के जीवन तर म सुधार लाने के िलए शु कए ह, जनम व छ भारत से मेक इन इं डया तक, डजीटल इं डया से कल इं डया तक शािमल है।

    12. हम इन ल य को कस कार पूरा करग?े हमार कायिन पादन योजना म पांच मह वपूण

    उ ेरक ह: (क) म याविध योजना अपनाना:

    कसी भी संगठन को द घाविध और म याविध उ े य के साथ-साथ अ पाविध क ाथिमकताओं को भी दूर करना चा हए जैसा क वनोबा भावे जी ने एक बार कहा था, ‘य द आप अपने पैर क ओर देखते हुए चलोगे तो लुढ़क जाओग ेऔर य द आप सड़क पर दूर तक यान नह ं दोग ेतो नीचे अव य िगरोग’े। अ य महोदया, इस रेल बजट लेख के तीन भाग ह, जनम हमार भावी योजना द गई है। इस म म सबसे पहला भाग वेत प है, जसे आज सदन के सूचनाथ

    तुत कया गया है। इसका दूसरा भाग वष 2015-16 के िलए आज का यह ब जट है। इसके तीसरे ह से म वज़न-2030 है, जसे हमारा इस वष के दौरान कुछ समय प चात तुत करने का इरादा है। अत: इस बजट म दए गए ताव को रेलवे म प रवतन लाने के िलए पंचवष य काय योजना क शु आत के प म देखा जाए।

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    (ख) साझेदार बनाना: रेलवे म बड़े पैमाने पर बदलाव लाने के िलए हम मह वपूण टेकहो डर के साथ साझेदार क ज रत होगी।

    सबसे पहले, रेलवे को रा ीय संपक का आधार बनाने के िलए क और रा य के बीच सहभािगता के धानमं ी के वजन के अनु प हम रा य के साथ िमलकर काय करगे। रेलवे णाली म सुधार होने से रा य क अथ यव था और नाग रक को अ यिधक लाभ होगा। रेलवे

    क प रयोजनाओं क योजना बनाते समय और उनका िन पादन करते समय थानीय जनता क आकां ाएं रा य सरकार के मा यम से ित विनत ह गी। वे वशेष योजन के िलए बनाई गई योजना, जसे हम उनके साथ िमलकर बनाएंग,े के मा यम से धनरािश जुटा पाने म भी समथ ह गे। अिधकांश रा य ने पहले ह रेलवे म सुधार लाने के िलए िमलकर काय दान करने व रेलवे क सफलता म भागीदार बनने म अपनी गहर िच दखाई है। दूसरे, हम कोयला, लौह अय क, सीमट आ द जैसे मह वपूण प य का उन थान , जहां उनका उ पादन होता है अथवा जहां से उ ह आयात कया जाता है, से उन थान , जहां उनका उपयोग कया जाता है अथवा उनको ोसेस कया जाता है, तक ढ़ोने हेतु पया त मता का िनमाण करने के िलए हम सावजिनक े के उप म के साथ भी साझेदार करगे।

    तीसरे, द घकािलक अविध के िलए धनरािश ा त करने तथा वदेश से ौ ोिगक ा त करने के िलए हम बहु-प ीय और प ीय संगठन तथा अ य सरकार के साथ साझेदार करगे। अंतत:, हम ला ट माइल कने ट वट म सुधार लाने और अपने चल टॉक के बेड़े का व तार करने और हमारे टेशन क आधारभूत सु वधाओं का आधुिनक करण करने के िलए िनजी े के साथ भी भागीदार करगे।

    यहां म यह कहना चाहूंगा क रेलवे हमार अमू य रा य संपदा बनी रहेगी। यह आम आदमी क सेवा करती रहेगी। रेलवे, भारत के लोग क स पदा सदैव बनी रहेगी।

    ग) अित र त संसाधन जुटाना:

    अगले पांच वष म 8.5 लाख करोड़ पए का िनवेश करने का हमारा वचार है इस भाषण के अनुल नक-1 म मोटे तौर पर पांच वष के िनवेश क योजना का उ लेख कया गया है।

    बजट य सहायता, कसी भी योजना के व तपोषण के िलए शी ा त होने वाला सुलभ और आसान वक प है, पर तु व त मं ालय के सामने भी ित पध मांग रहती ह। य प रेलवे को दान कया गया थोड़ा सा ा र भक अंशदान रेलवे के िलए अ यंत मह वपूण हो सकता है

    पर तु, हमार िनवेश संबंधी ज रत इतनी यादा है क हम कई ोत से व तपोषण क

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    आव यकता रहती है। हम व तपोषण के अ य ोत का उपयोग करगे। बहु-प ीय वकासा मक बक और पशन फंड ने भी नए िनवेश के व तपोषण म गहर िच दखाई है। उनक समय-सीमा हमार ज रत से मेल खाती है। वे िन त और आवत राज व चाहते ह, जसे हम राज व उपाजक रेलवे प रयोजनाओं के व तपोषण के िलए द घकािलक ऋण प जार करके दान कर सकते ह।

    घ) बंधन प ितय , णािलय , याओं म सुधार करना और मानव संसाधन को समथ बनाना।

    उन अित र त संसाधन , जनका हम िनवेश करग,े से अिधकतम लाभ ा त करने के िलए हम प रचालिनक और यावसाियक कुशलता के उ चतम मानक को सुिन त करना होगा। मुझे यह बताते हुए खुशी हो रह है क वष 2014-15 के िलए हमने अपने व तीय काय िन पादन के संबंध म जो पहले

    याशा क थी, उसक तुलना म यादा ा कया है। म वष 2015-16 के िलए 88.5% के प रचालन अनुपात का ताव करता हू,ं जब क 2014-15 के िलए प रचालन अनुपात का ल य 91.8% तथा 2013-14 के िलए 93.6% रखा गया था। मुझे यह बताते हुए भी स नता हो रह है क यह न केवल पछले 9 वष का ब क छठे वेतन आयोग के बाद का भी सव तम प रचालन अनुपात वाला वष होगा।

    रेलवे प रचालिनक कुशलता म िनरंतर सुधार तब तक नह ं कर सकेगी जब तक क िनणय लेने क या म तेजी न लाई जाए, जवाबदेह को सु ढ़ न कया जाए तथा बंधन सूचना णाली म सुधार न कया जाए।

    हमारे लोग हमार सबसे बड़ स प ह। हालां क इस वभाग म मुझे थोड़ा सा समय ह हुआ है, मने देशभर म रेल किमय म उ साह और समपण क भावना देखी है। बड़े प रवतन लाने क हमार इस या ा क सफलता के िलए यह बहुत मह वपूण है क हमारे कािमक को िश ण देकर और उनका वकास करके उनक ितभा को िनखारा जाए।

    ड) शासन यव था तथा पारदिशता के मानक था पत करना।

    रेलवे समूचे देश क स प है। इसके कायकलाप म शासन यव था तथा पारदिशता के उ तम मानक का पालन कया जाना चा हए। भारतीय रेलवे के िनणय इसके सभी टेकहो डर , जसम हमारे सबसे िनधन ाहक, हमारे कमचार और हमारे बजनेस पाटनर शािमल ह, के िलए यायोिचत होने चा हए। रेल मं ी के प म मेरा पहला िनणय अपनी िन वदा अनुमोदन करने संबंधी सभी श यां महा बंधक के तर पर यायो जत करने का था।

  • पृ ठ 31 का 7

    पारदिशता के बहुत से आयाम ह। इसके िलए णाली के भीतर सूचना सं हण करने क बेहतर गुणव ता अपे त होती है और उस सूचना को कट करने के िलए बेहतर मानदंड अपे त होते ह। इसके िलए ववेकािधकार म कमी कया जाना तथा याओं का मानक करण कया जाना अपे त है। इसके िलए जवाबदेह अपे त है। अ ययन से पता चला है क अिधक पारदिशता और जवाबदेह गर ब के हत म होती है य क पारदिशता म कमी क थित म अपे ाकृत गर ब यादा भा वत होता है। श य के यायोजन के अलावा, म आम जनता को लाभा वत करने के िलए इस संगठन के दन-ित दन के कायकलाप म पारदिशता लाने के उपाय करने का भी ताव करता हूं।

    13. अब म हमार काय योजना के उन 11 मुख े का उ लेख करता हू,ं जन पर हमारा यादा जोर रहेगा।

    क. सुखद या ा का आभास

    14. मने या ी कराए म वृ नह ं क है। हम विभ न उपाय करके भारतीय रेल क या ा को एक सुखद अनुभव बनाने क दशा म यास कर रहे ह।

    साफ-सफाई

    15. साफ-सफाई एक ऐसा मुख े है, जस पर ाहक असंतु ट रहते ह। हमार सव तम ाथिमकता साफ-सफाई म उ चतर मानक को सुिन त करना है। हम सरकार के मुख काय म व छ भारत अिभयान के तहत व छ रेल बनाने के काय म को जोरदार ढंग से चलाना चाहते ह। अत: अब हम - व छ रेल व छ भारत के िलए काय करग।े

    16. हम अपने टेशन और गा ़डय क सफाई के िलए एक नया वभाग बनाने का ताव करते ह। एक कृत साफ-सफाई के काय को एक वशेष ता वाले काय के प म शु कया जाएगा, जसम ोफेशनल एजिसय क सेवा लेना तथा हमारे कमचा रय को साफ-सफाई क नवीनतम प ित का िश ण देना भी शािमल होगा। रेलवे क योजना है क बड़े कोिचंग टिमनल के समीप “अपिश ट पदाथ

    से ऊजा” पैदा करने वाले संयं को था पत कया जाए जससे पयावरण अनुकूल विध से अपिश ट पदाथ का िनपटान कया जा सके। ारंभ म, एक पायलट संयं था पत कया जाएगा और उसके बाद चरणब आधार पर और अिधक संयं को था पत कया जाएगा।

    17. हमारे टेशन और गा ़डय म शौचालय सु वधाओं क हालत म भार सुधार क ज रत है। हम वगत वष के 120 टेशन क तुलना म 650 अित र त टेशन पर नए शौचालय बनाएंगे। सवार ड ब म जैव-शौचालय का ावधान कर दया है। अभी तक हमने मौजूदा शौचालय के थान पर 17,388 जैव-शौचालय को लगा दया है। इस वष हमारा इरादा और 17000 जैव शौचालय का ावधान करने का है। अनुसंधान, अिभक प एवं मानक संगठन (आरड एसओ) को छह माह के भीतर वै यूम शौचालय का अिभक प तैयार करने का काय दया गया है।

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    18. य प, भारतीय रेलवे क ऑनबोड हाउसक पंग स वस (ओबीएचएस) जो इस समय 500 जोड़ गा ़डय म उपल ध है, को और भावी बनाने के िलए इसक समी ा क जा रह है, हम ाहक क िचंताओं के समाधान के िलए तुर त छोटे-छोटे कदम उठाएंगे। ब तर के साथ ड पोजेबल बैग दान करने क यावहा रकता पर भी वचार कया जा रहा है ता क या ी अपने कूड़े को उसम डाल सक। गैर-वातानुकूिलत सवार ड ब म भी ड ट बन को लगाया जाएगा। 19. म अपने देशवािसय से अपील करना चाहता हूं क भारतीय रेल आपक या ा म आपका घर है, कृपया इसे व छ रखने म हमार मदद कर।

    ब तर

    20. हम आगामी छह मह ने के भीतर ब तर के डजाइन, गुणव ता तथा साफ-सफाई के िलए एक काय म शु करगे। हमने ब तर के डजाइन के िलए िन ट, द ली से संपक कया है। इसके अलावा, चुिनंदा टेशन पर ड पोजेबल ब तर क ऑनलाइन बु कंग क सु वधा भुगतान के आधार पर आईआरसीट सी पोटल के मा यम से सभी या य को दान क जा रह है। हम मैकेनाइ ड लॉ य क सं या बढ़ाएंगे।

    है प लाइन

    21. येक संवेदनशील संगठन के पास अपने अमू य ाहक से ा त िशकायत का समाधान करने क एक णाली होनी चा हए। या य क सम याओं का वा त वक समय के आधार पर िनराकरण करने के िलए अ खल भारतीय 24x7 है प लाइन नं. 138 काय करना आर भ कर देगी। या ी गाड़ से ह कॉल कर िशकायत कर सकते ह। रेलवे िशकायत का समाधान करने के िलए एक मोबाइल ए लीकेशन भी वकिसत कया जा रहा है। हमारा इरादा है क 1 माच, 2015 से उ तर रेलवे पर एक पायलट प रयोजना के प म इस सु वधा को शु कया जाए। इसके बाद ा त अनुभव तथा या य से ा त फ डबैक के आधार पर इस सु वधा को तुर त सभी रेल पर शु कया जाएगा। इसके अलावा, सुर ा से संबंिधत मु के मह व को यान म रखते हुए हमने सुर ा से संबंिधत िशकायत को ा त करने के िलए एक टोल न बर 182 िनधा रत कया है। रेलवे अपनी म हला या य क सुर ा म व ृ के िलए िन भया िनिध से संसाधन का उपयोग करेगी।

    टकट

    22. आज अनार त ेणी म या ा करने के इ छुक आम आदमी के सामने सबसे बड़ सम या टकट खर दने क होती है। अनार त या ा करने वाला या ी 5 िमनट के भीतर टकट खर द सक, यह सुिन त करने के िलए हम “ऑपरेशन फाइव िमनट” शु कर रहे ह। आशोिधत “हॉट बटन” कॉइन व डंग मशीन और “िसंगल डे टनेशन टेलर” वंडो से लेनदेन म लगने वाले समय म काफ कमी होगी। िभ न प से स म या य के िलए एक वशेष अिभयान चलाया जा रहा है, जसके तहत वे एक बार

  • पृ ठ 31 का 9

    र ज ेशन करा लेने के बाद रयायती ई- टकट खर द सकते ह। बहु-भाषी ई- टक टंग पोटल वकिसत करने क दशा म काय करने का भी ताव है। हम सभी कार के रफंड को ब कंग णाली के ज रए े डट करने क ओर अ सर ह गे।

    23. म य रेलवे, प म रेलवे तथा द ण रेलवे के उपनगर य खंड पर हमने माट फोन पर अनार त टकट को जार करने क एक पायलट प रयोजना पहले ह शु कर द है। आशा है क हम उ तरो तर इस सु वधा को सभी टेशन पर उपल ध करा दगे। बहुत से टेशन पर माट काड और करसी वक प वाली ऑटोमे टक टकट व डंग मशीन भी लगाई गई ह। इस सु वधा का और व तार करने तथा डे बट काड ारा प रचािलत होने वाली मशीन को शु करने का भी ताव है। ज मू- ीनगर माग पर रेल-सह-सड़क टकट क तज पर और अिधक थान पर एक कृत टकट णाली लागू क जाएगी।

    24. हमारे बहादुर िसपा हय क या ा को सुगम बनाने के िलए के िलए वारंट को समा त करने के िलए र ा या ा णाली वकिसत क गई है। लगभग 2000 थान म से 600 थान पर इस सु वधा को चालू कर दया गया है। इस सु वधा का और व तार कया जाएगा।

    खानपान

    25. हमारे मू यवान ाहक को अपना भोजन चुनने के िलए दए गए व वध वक प , जसम थानीय यंजन भी शािमल ह, म से वे अपने पसंद का भोजन चुनने के िलए इस वष जनवर से ायोिगक आधार पर 108 गा ड़य म ई-केट रंग शु क गई है। या ी टकट को बुक करते समय

    आईआरसीट सी क वेबसाइट के मा यम से अपने भोजन के िलए ऑडर दे सकते ह। हम देश क सव तम फूड चेन को इस प रयोजना म जोड़ने का काय कर रहे ह। हमारे ाहक क ित या के आधार पर इस सु वधा को और अिधक गा ड़य म लागू कया जाएगा। हमारा या य को अ छ गुणव ा का भोजन दान करने के िलए िन द मंडल म बेस कचन था पत करने का भी इरादा है, ज ह अ यंत व सनीय एजिसय ारा चलाया जाएगा।

    26. इस समय वाटर-व डंग मशीन बहुत कम ह। हम इसे अिधकांश रेलवे टेशन म लगाएंगे। पयावरण के अनुकूल होने के अलावा, इससे बहुत कम दाम पर या य को पीने के व छ पानी क उपल धता सुिन त होगी।

  • पृ ठ 31 का 10

    ौ ोिगक का अिधकािधक उपयोग करना।

    27. चल टकट पर क को हड हे ड टिमनल उपल ध कराए जाएंगे जनका उपयोग या य का स यापन और चाट को डाउनलोड करने के िलए कया जा सकेगा। इस णाली से हम पेपरलेस टक टंग और चा टग क ओर अ सर होने और इससे पेपर के रम क बचत होने के अलावा रफंड के दाव को अ तम प देने म भी तेजी लाने म सहायता िमलेगी। हम पीआरएस टकट के मामले म भी या ा के वैध माण के प म मोबाइल पर एसएमएस क सु वधा दान करने क संभावना को भी तलाश रहे है।

    28. हम एक एक कृत ाहक पोटल तैयार कर रहे ह, जसम ाहक एक ह पोटल पर विभ न सेवाएं ा कर सकते ह। इससे रेलवे क विभ न वेबसाइट के बीच िनबाध नेवीगेशन संभव होगा।

    29. क य प से िनयं त रेलवे ड ले नेटवक को अगले दो वष म 2000 से यादा टेशन पर लागू कर देने क संभावना है, जो गाड़ के आगमन/ थान, आर ण, सामा य तथा आपात संदेश तथा नाग रक क िच क कसी अ य सूचना को भी मुहैया कराने म सहायता दान करेगा। इस सु वधा से “ ड जटल इं डया अिभयान” को बढ़ावा िमलेगा तथा व ापन के ज रए अ यिधक राज व ा त होने क संभावना भी बनती है।

    30. हमारा या य को पहले ह ारंिभक अथवा गंत य टेशन पर गा ़डय के आगमन/ थान के अ तन समय क जानकार देने के िलए “एसएमएस अलट” सेवा शु करने का ताव है। इसी कार, गंत य टेशन पर गाड़ के आगमन से 15/30 िमनट पहले “एसएमएस अलट” भेजा जाएगा।

    िनगरानी

    31. म हला या य क सुर ा के िलए पायलट आधार पर मेनलाइन के चुिनंदा सवार ड ब और उपनगर य गा ़डय म म हलाओं के ड ब म िनगरानी रखने के िलए कैमरा लगाए जाएंगे परंतु ऐसा करते समय उनक ाइवेसी का भी याल रखा जाएगा।

    मनोरंजन

    32. मुझे यह घोषणा करते हुए स नता हो रह है क हमारा द ली मंडल चुिनंदा शता द गा ़डय म लाइसस शु क के आधार पर ऑनबोड मनोरंजन क एक प रयोजना क शु आत कर रहा है। इस पर ा त ित या के आधार पर इस सु वधा का व तार सभी शता द गा ़डय म कया जाएगा।

    33. साधारण ेणी के सवार ड ब म मोबाइल फोन को चाज करने क सु वधा दान क जाएगी और लीपर ेणी के सवार ड ब म चा जग सु वधाओं क सं या म वृ क जाएगी.

    टेशन सु वधाएं

  • पृ ठ 31 का 11

    34. अभी तक आदश टेशन क म के अंतगत या ी सु वधाओं को अप ेड करने के िलए 1052 टेशन क पहचान क गई है। इस योजना के अंतगत 200 और टेशन को शािमल करने का ताव

    है।

    35. सभी ए1 और ए को ट के टेशन पर Wi-Fi सु वधा दान क जा रह है। इसके अलावा, ड जटल इं डया पहल के भाग के प म “बी” को ट के टेशन पर भी Wi-Fi मुहैया कराया जाएगा।

    36. व ाम क क ऑनलाइन बु कंग पहले ह शु कर द गई है। टेशन पर धीरे-धीरे वयं प रचािलत कए जाने वाले लॉकर क सु वधा भी उपल ध कराई जाएगी। मुख टेशन पर या य क सहायता के िलए उ ह लाने तथा छोड़ने के िलए आईआरसीट सी के मा यम से पक-अप एवं ॉप सेवा दान करने के िलए कॉनिसयाज सेवा शु करने का ताव है। हम व र नाग रक , रोिगय और िभ न प से स म या य के िलए आईआरसीट सी के मा यम से चुिनंदा टेशन पर भुगतान के आधार पर ह ल चेयर क ऑनलाइन बु कंग सु वधा भी मुहैया कराएंगे।

    गाड़ मता म वृ

    37. गा ड़य म कंफम सीट के िलए बढ़ती मांग को पूरा करने के िलए सवार ड ब क सं या म वृ करके अिधक बथ उपल ध कराई जाएंगी। हम प रसंप य का कारगर ढंग से उपयोग करके इस उ े य को पूरा करगे। उन गा ड़य , जो वष भर अिधक लोक य रहती ह, क पहचान करके उनम अित र सवार ड बे जोड़कर उनक मता बढ़ाई जाएगी और इसके िलए उन गा ड़य के सवार ड ब का इ तेमाल कया जाएगा जनम अिधभोिगता का तर अपे ाकृत कम होता है। इसके अलावा, िच त गा ड़य क मता बढ़ाने के उ े य से उनम मौजूदा 24 सवार ड ब के थान पर 26 सवार ड बे जोड़े जाएंगे। आम जनता के हत के िलए िच त गा ड़य म जनरल ेणी के अिधक सवार ड बे जोड़े जाएंगे।

    38. मंुबई उपनगर य खंड पर चल रहे पर ण के यापक आकलन के बाद वातानुकूिलत ईएमयू सेवा शु करने का भी ताव है।

    आरामदायक या ा

    39. हम ऊपर बथ पर चढ़ने के िलए सी ढय का मौजूदा सी ढयां, जो या य के िलए असु वधाजनक ह को बदल कर उसके थान पर या य के िलए सु वधाजनक सी ढय क यव था करगे। हमने नेशनल इं ट यूट ऑफ डजाइन से इस संबंध म संपक कया है। अ पकािलक उपाय के प म हमारा व र नाग रक के िलए िनचली बथ म कोटा बढ़ाने का ताव है। चल टकट पर क को भी िनचली बथ ा करने म व र नाग रक , गभवती म हलाओं और िभ न प से स म य य क मदद करने क हदायत द जाएंगी। सवार ड ब म फो डंग सीढ़ उपल ध कराई जाएगी ता क चढ़ने म आसानी हो। सुर ा को यान म रखते हुए म हलाओं और व र नाग रक के िलए सवार ड बे के म य भाग म सीट आर त क जाएंगी।

  • पृ ठ 31 का 12

    40. ाहक को या ा का सुखद अनुभव के िलए बेहतर कोच डजाइन और इंट रअर पर जोर दया जाएगा। भारतीय रेल एग नोिमकली डजाइन क गई सीट वकिसत करने के िलए एनआईड के साथ सहयोग कर रह है। सभी सवार ड ब के थान पर उ रो र एलएचबी डजाइन के सवार ड बे लगाने का भी हमारा वचार है।

    41. बेहतर या ा अनुभव ा करने और या ा समय म लगभग 20% क कमी करने के उ े य से एक आधुिनक गाड़ णाली जसे ेन सेट कहा जाता है, को शु करने का ताव है। ये डजाइन म बुलेट ेन के समान ह और इ ह इंजन के बना मौजूदा रेलपथ पर चलाया जा सकता है। इसके प रणाम व प रेलवे पर उ चतर मता उपल ध होगी, ऊजा क अिधक बचत होगी और -ूपुट म वृ होगी। हम आशा करते ह क अगले 2 वष के भीतर हमार णाली पर इन गा ड़य का पहला सेट दौड़ने लगेगा। इसके अनुभव के आधार पर भारत म गाड़ सेट के विनमाण के बारे म वचार कया जाएगा। हमारा येक भारतीय को नौकर देने का यास है।

    42. वृ और िभ न प से स म या य के सु वधाजनक आवागमन के िलए बड़े टेशन पर िल ट और ए केलेटर क यव था करने क योजना बनाई गई है। इस योजन के िलए 120 करोड़ . क रािश मुहैया कराई गई है जो चालू वष म अंितम आबंटन से लगभग 76% अिधक है। भ व य म विनिमत सभी नए सवार ड ब म ेल क सु वधा होगी और रेल सवार ड बा कारखाना से िभ न प से स म या य क सु वधा के िलए चौड़े वेश ार बनाने क संभा यता का पता लगाने के िलए कहा गया है। 43. भारतीय रेल सभी टेशन पर बेहतर या ी सुख-सु वधाएं उपल ध कराने का यास कर रह है। सदन को सूिचत करते हुए मुझे स नता हो रह है क इस वष हमने या ी सु वधाओं के िलए धनरािश म 67% क वृ क है। म सभी कारपोरेट , गैर-सरकार संगठन , चै रटेबल सं थान और धािमक सं थान से यह अनुरोध क ंगा क वे आगे आएं और या ी सु वधाओं के िलए अपनी सीएसआर िनिध से खुले दल से िनवेश कर। म सभी संसद सद य से भी अनुरोध करना चाहूंगा क वे रेलवे टेशन पर सु वधाओं म सुधार करने के िलए अपने एमपीएलएड फंड का एक ह सा इ तेमाल कर। म बड़ वन ता से बगलु स ल से संसद सद य ी पी.सी. मोहन और नॉथ मंुबई के ी गोपाल शे ट के नाम का उ लेख करना चाहूंगा, ज ह ने या ी सुख-सु वधाओं के िलए अपने एमपीएलएड फंड से मशः 1 करोड़ . और 1.5 करोड़ . दए ह।

    44. अ य महोदया, हमारे माननीय संसद सद य बड़ सं या म लोग का ितिनिध व करते ह और रेल तथा जनता के बीच एक अ यंत मह वपूण कड़ का काम करते ह। थानीय आकां ाओं को संतु ट करने म थानीय जन ितिनिध बेहतर ढंग से समाधान ढंूढ सकते ह। हमारा येक रेलवे म मंडल सिमित बनाने का ताव है, जसक अ य ता संसद सद य ारा क जाएगी, जो रेलवे और भारत क जनता के बीच मह वपूण कड़ के प म काय करेगी।

  • पृ ठ 31 का 13

    ख. टेशन का पुन वकास

    45. भारतीय रेल समाज के सभी वग वशेषकर गर ब क ज रत को पूरा करती है। हमारे धानमं ी जी ने सह कहा है क हमारे रेलवे टेशन बेहतर होने चा हए। भारतीय रेल, टेशन का पुन वकास करने का यास कर रह है पर तु इन यास म अिधक सफलता नह ं िमली है। इसके िलए थायी कारोबार अनुभव के साथ-साथ क पनाश क भी ज रत होती है। टेशन के वकास से छोटे और म यम शहर का कायाक प हो सकता है और राज व म बढ़ोतर हो सकती है तथा थानीय अथ यव था के िलए लाभदायक हो सकती है।

    46. य प पहले से चुने गए टेशन के वकास क या जार रहेगी, तथा प शेष टेशन के िलए हम टेशन पुन वकास नीित म पूणतया बदलाव करने और इ छुक पा टय से खुली िन वदाएं आमं त करके शी पुन वकास के िलए या को सरल बनाने का ताव करते ह। रयायती दर पर थान और नभ अिधकार का लाभ उठाने हेतु वकास करने के िलए मौजूदा टेशन ‘जैसा है जहां ह’ आधार पर उपल ध रहगे। भूिम बेची नह ं जाएगी। इन टेशन पर चलती गा ड़ य के िलए रेलवे क प रचालिनक आव यकताएं मुहैया कराके अपने डज़ाइन और कारोबार सुझाव के साथ इस बोली या म कोई भी भाग ले सकता है। सभी अनुमो दत बोिलय के िलए वतं वशेष ारा कारवाई क जाएगी और उसे वेब पर अपलोड कया जाएगा और बोली संबंधी सव तम प ितय से जोड़ा जाएगा। शी िनणय करने के िलए े ीय और मंडल कायालय को अिधकार संप न बनाया जाएगा। समय-सीमा का अनुपालन सुिन त करने के िलए िनगरानी क क थापना क जाएगी। हम चाहते ह क हमारे रेलवे टेशन देखने म संुदर लगे और उनक इमारत म उस शहर क सं कृित और कला झलकती हो। हम रा य सरकार और थानीय िनकाय को इस यास म सहयोग के िलए अपील करते ह। 47. बड़े शहर म थत अिधकांश रेलवे टिमनल अ यिधक भीड़भाड़ वाले े म ह। हमारा बड़े शहर म सैटेलाइट रेलवे टिमनल के वकास का ताव है, जससे शहर म भीड़-भाड़ कम करने के साथ-साथ उपनगर म बसने वाले या य को सेवाएं उपल ध कराने का दोहरा योजन पूरा हो जाएगा। इन सैटेलाइट टिमनल पर आरंिभक और टिमने टंग गा ड़य के िलए आधुिनक सु वधाएं ह गी, जो मौजूदा बड़े टिमनल पर भी थोड़े समय के िलए कगी। इस योजन के िलए 2015-16 म दस चुिनंदा टेशन पर काय शु कया जाएगा।

  • पृ ठ 31 का 14

    ग) मता संवधन

    नेटवक का व तार करना

    48. रेलवे म बदलाव लाने क हमार काय योजना का मु य उ े य हमार नेटवक मता म अ यिधक व तार करना है। हमारे उ च घन व वाले नेटवक, जनम अ यिधक भीड़भाड़ रहती है, पर अ यिधक दबाव रहता है और उनक मता कम पड़ती है। हमारे ाहक असंतु रहते ह। हमारे मह वपूण ाहक , जैसे कोयला, इ पात और सीमे ट उ ोग को अपने माल के प रवहन के िलए नई लाइन क आव यकता होती है। इन नेटवक पर भीड़भाड़ कम करके पया त यातायात सृजन वाली प रयोजनाओं को शु करना ाथिमकता है।

    49. मौजूदा नेटवक पर और मता सृ जत करने के अ तिन हत लाभ होते ह। इसे पूरा करने म कम समय लगता है। चंू क अिधकांश भूिम पहले ह उपल ध होती है इसिलए यह खच ला भी कम होता है और इसम शी ह राज व म वृ होती है। इन राज व का उपयोग अ य लाइन म िनवेश के िलए कया जा सकता है। इससे ा होने वाले अित र लाभ म गा ड़य क औसत गित बढ़ना, मालगा ड़य क समय सारणी का िनधारण करना, या ी गा ड़य के समयपालन म सुधार होना तथा ढुलाई मता बढ़ना शािमल है।

    50. य प िनमाण क अंितम पड़ाव वाली प रयोजनाओं को उ चतम ाथिमकता दान क जाती रहेगी। हमारा 2015-16 म 8686 करोड़ . के िनवेश से दोहर /ितहर /चौथी लाइन के 7000 कमी. और 1200 क.मी. को चालू करने पर ती गित से काय करने का इरादा है। पंूजी के अंतगत इसका बजट य आवंटन 2014-15 से 71.4% यादा कया गया है। हमारा इरादा 800 कमी. के आमान प रवतन को भी चालू करने का है। इसके अलावा, हमने 96,182 करोड़ . क कुल लागत पर व ुतीकरण स हत 9,400 कमी. के दोहर करण/ितहर करण/ चौहर करण क 77 प रयोजनाएं वीकृत क ह, जो 2014-15 के लान होिलडे होने के कारण 2013-14 म वीकृत रािश से 2700% अिधक है। मता संव न, राज व सृजन और भीड़भाड़ कम करने के िलए नािमत सिमित ारा इन प रयोजनाओं को शु करने क ाथिमकता िनधा रत क गई है। गैर-बजट य संसाधन के ज रए इन प रयोजनाओं के व तपोषण के िलए व तीय सं थान के साथ बातचीत क जा रह है। माननीय संसद सद य को यह जानकर स नता होगी क ये प रयोजनाएं लगभग सभी रा य को कवर करगी।

    51. लंबे लूप का िनमाण, छोटे लॉक खंड का िनमाण, बाई-पास लाइन बनाना, ािसंग टेशन, टिमनल का संव न और थायी गित ितबंध को हटाने जैसे यातायात सु वधा संबंधी िनमाण काय हमार परम ाथिमकता ह। ये कम खच वाले िनमाण काय ह पर तु इनसे कम समय म बाधाएं दूर

  • पृ ठ 31 का 15

    करके अ यिधक प रचालिनक लाभ ा त होते ह और अित र त मता का सृजन होता है। इन िनमाण काय को 2374 करोड़ . के प र यय स हत वष 2015-16 म शु कया जाएगा।

    52. अ य महोदया, भारतीय रेल सभी पूव तर रा य को रेल कने ट वट मुहैया कराने के िलए ितब है। मुझे यह सूिचत करते हुए स नता हो रह है क मेघालय अब भारतीय रेल के मानिच पर

    आ गया है और अ णाचल देश को द ली से सीधे कने ट वट उपल ध करा द गई है। इसके अित र त, इस वष माच तक बराक घाट को बड़ लाइन से जोड़ दया जाएगा। इस े के शेष रा य को जोड़ने के िलए काय संतोषजनक प से गित पर है।

    53. भारतीय रेल ज मू एवं क मीर म रेल नेटवक म ती तर वृ के िलए ितब है। बिनहाल सुरंग ज मू े और क मीर घाट के बीच रेल कने ट वट सभी मौसम म देश के शेष भाग के साथ कने ट वट उपल ध कराती है। उधमपुर-कटरा का चालू होना लाख ालुओं के िलए सपने के सच होने जैसा था।

    54. पूव तथा प मी माग पर दो डेड के टड े ट को रडोर प रयोजनाओं के काया वयन का काय गित पकड़ रहा है। हम 2015-16 म 750 कमी. के िस वल ठेके और 1300 कमी. के णाली ठेके दान कए जाने का ल य रखगे। पूव डेड के टड े ट को रडोर का दुगावती – सासाराम के 55 कमी. ख ड को चालू वष म पूरा करने का ल य रखा गया है। चार अ य डेड के टड े ट को रडोर के िलए ारंिभक इंजीिनयर एवं यातायात सव ण का काय चल रहा है और इसे इस वष पूरा कर िलया जाएगा। हमारा इरादा िनजी भागीदार के मा यम से ड एफसी फ डर माग के िनमाण क संभावना का पता लगाने का है।

    55. धन के खपत म िमत ययता ा करने और यातायात आउटपुट बढ़ाने के िलए भी यह आव यक है क रेलवे व ुतीकरण क गित बढ़ाई जाए। 2014-15 म 462 माग कमी. के व ुतीकरण क तुलना म 2015-16 म 6608 माग कमी. ल बाई का व ुतीकरण वीकृत कया गया है। यह पछले वष क तुलना म 1330% अिधक है।

    माल यातायात स हलाई करने क मता बढ़ाना

    56. भारतीय रेलवे को माल यातायात क ढुलाई के िलए नेटवक मता बढ़ाने के साथ-साथ माल यातायात क स हलाई करने क मता को भी अव य बढ़ाना होगा। हमारा सावजिनक िनजी भागीदार के मा यम से ए ड-टु-ए ड लॉ ज ट स समाधान मुहैया कराने के िलए स हलाई तथा मू य संव त सेवाओं के साथ सामा य उपयोगकता सु वधाएं वकिसत करने के िलए सावजिनक े के उप म – ांसपोट लॉ ज ट स काप रेशन आफ इं डया ( ांसलोक) था पत करने का ताव है। आरंभ म भारतीय

    रेलवे के 10 मौजूदा गु स शेड को अप ेड करने तथा जहां भारतीय रेलवे के पास सर लस भूिम है वहां 30 छोटे म ट मोडल लॉ ज ट स पाक वकिसत करने का ताव है।

  • पृ ठ 31 का 16

    57. हमारे कसान के लाभ के िलए और केले को यादा समय तक रखने के िलए आजादपुर मंड म अ तन सु वधाओं के साथ न य पदाथ काग सटर के काय को पूरा कया जा रहा है, जसम केला पकाने के िलए एक वै ािनक क है। इसके अलावा, हमने आईसीड और गेटवे हवाई अ ड के बीच एयर काग क ढुलाई क यव था करने और उसे एक कृत करने के िलए एयर काग से टर वकिसत करने के िलए कदम उठाए ह।

    58. ाइवेट े ट टिमनल (पीएफट ) के नेटवक को तेजी से वकिसत करने के िलए 2010 म एक नीित जार क गई थी और इसम िनजी िनवेश आमं त करने के िलए 2012 म इसम संशोधन कया गया था। कुछ ऐसे मु े सामने आए ह, जनसे ाइवेट े ट टिमनल म और िनवेश ा होने म बाधा उ प न हो रह है। हमारा इरादा त काल इन मु का समाधान करने का है ता क इन टिमनल क सं या बढ़ना भा वत न हो। हम आगामी 3 माह म इस े के हमारे भागीदार के िलए अिधक उदार, यापक और आकषक बनाने के िलए माल ड ब को लीज पर देने क योजना, पेशल े ट ेन आपरेटर योजना, ाइवेट े ट टिमनल योजना तथा उदार कृत माल ड बा िनवेश योजना क समी ा करगे। रेलवे इस कार क सु वधाएं वकिसत करने के िलए फालतू पड़ हुई रेलवे भूिम और उपयोग म न लाए जा रहे गु स शेड को नाममा के लाइसस शु क पर ाइवेट डवलेपर को देने के िलए तौर-तर के तैयार करेगी।

    59. खाली माल ड ब क ढुलाई को कम करने के िलए पूव र सीमा रेलवे और द ण रेलवे पर अ ू बर 2014 म एक पायलट प रयोजना के प म पर परागत प से माल ड ब क खाली ढुलाई होने वाली दशा म लदान कए गए यातायात के िलए आटोमै टक े ट रबेट क म शु क गई है। इस क म को अ खल भारतीय तर पर शु करने का हमारा ताव है।

    60. ऐसी ल बी दूर के कषण वाली माल गा ड़य का प रचालन यादा कया जाएगा, जसम दो अथवा उससे यादा माल गा ड़य को एक गाड़ के प म चलाया जाता है। इसके िलए ल बी लूप लाइन के िनमाण क गित बढ़ाई जाएगी। इसके अलावा, लंबी दूर के कषण वाली गा ड़य के माल ड ब को जस गित से सं वत रत पावर िस टम मुहैया कराया जाता है, उसक भी गित बढ़ाई जाएगी।

    गा ड़य क र तार बढ़ाना

    61. 9 रेल गिलयार क र तार मौजूदा 110 और 130 कमी. ित घंटा से बढ़ाकर मशः 160 और 200 कमी. ितघंटा कया जाएगा ता क अंतर-महानगर य या ा जैसे क द ली-कोलकाता और द ली-मंुबई क या ा एक रात म पूर क जा सके। इसके िलए टन आउट स हत रेलपथ को अप डे करना और

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    बेहतर तर के चल टॉक क यव था करना तथा साथ ह रेलपथ रका डग, मॉनीट रंग और अनुर ण क बेहतर प ित को अपनाना अपे त होगा।

    मालगा ड़य क खाली तथा लदान दोन ह थितय म औसत र तार बढ़ाई जाएगी। खाली माल गा ड़य को 100 कमी. ितघंटा क र तार से चलाने और लदान क गई गा ड़य को 75 कमी. ित घंटा क गित से चलाने के िलए एक नीित बनाई जा रह है। इस उ े य क ाि के िलए येक गाड़ म अिधक से अिधक लदान कया जा सके, इसके िलए भारतीय रेलवे के सभी मुख माल यातायात वाले माग पर लदान घन व अप ेड करके 22.82 टन धुरा भार कया जाएगा।

    बुलेट ेन 62. महोदया, हम अ यंत जोश के साथ हमार वशेष प रयोजनाओं जैसे क मंुबई-अहमदाबाद के बीच उ च र तार क रेल गा ड़यां चलाने को जार रखगे। इसके िलए यावहा रकता अ ययन अंितम चरण म है और इसक रपोट इस वष के म य तक ा हो जाने क आशा है। हम रपोट ा हो जाने के बाद इस संबंध म व रत और उपयु कारवाई क जाएगी। डायमंड चतुभुज पर अ य हाई पीड माग के संबंध म अ ययन शु कए जा रहे ह।

    मै यूफै च रंग मता बढ़ाना

    63. रेलवे के कायाक प म मेक इन इं डया पहल के िलए असीम अवसर ह। मता बढ़ने के साथ-साथ, भारतीय रेल को अिधक रेलइंजन , अिधक माल ड ब और अिधक सवार ड ब क आव यकता होगी। ‘ बग टकट’ विनमाण सुझाव म उ च अ व श और ह रत ौ ोिगक के रेलइंजन, ऑटो कै रयर जैसे विश ट मद वाले माल ड बे, िसगनल णािलयां और गाड़ सुर ा णािलयां तथा रेलपथ बछाने एवं रेलपथ अनुर ण मशीन शािमल ह। इन सभी के प रणाम व प नौकर के अवसर उ प न ह गे।

    64. भारतीय रेल क उ पादन इकाइय और कारखान क उनके उ पाद के विनमाण म उ ह क टंगएज दान करने के कोण से काय णाली क समी ा क जाएगी। इ ह आ मिनभर बनाने के िलए ौ ोिगक अप ेडेशन और उ पादकता संव न के उपाय कए जाएंगे। इन इकाइय म अित र त मता का बाहर ाहक के िलए उपयोग कया जा सकता है। हमारा इन मु क जांच के िलए अ ययन

    करने का ताव है।

    घ. संर ा

    65. संर ा सवािधक मह वपूण है। हर य का जीवन अमू य है, कसी एक य के भी जीवन क ितपूित असंभव है। म सभी दुघटनाओं म मारे गए य य और यूट पर अपने जीवन बिलदान करने वाले रेलकिमय के प रवार के ित गहर संवेदनाएं कट करता हूं। भारतीय रेल पर बना

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    चौक दार वाले समपार , चौक दार वाले समपार , गा ड़य के पटर से उतरने, गा ड़य क ट कर और आग लगने से संर ा को खतरा रहता है। इन सभी े के िलए काय योजना तैयार क जाएगी।

    66. हम जून 2015 तक, 5 वष य समवेत संर ा योजना तैयार कर रहे ह जसम वा षक गणना करने यो य ल य का उ लेख है। हम अ ैल 2015 तक डॉ. काकोडकर सिमित क अ य ता वाली उ च तर य संर ा समी ा सिमित ारा क गई सभी लं बत िसफा रश क जांच करगे।

    67. ऊपर सड़क पुल (आरओबी) और िनचले सड़क पुल (आरयूबी) का िनमाण करके बना चौक दार वाले सभी समपार को समा त करने का हमारा अंितम उ े य है। आरड एसओ को शी ह भारतीय अंत र अनुसंधान संगठन के परामश से जयो- पै टयल ौ ोिगक का उपयोग करते हुए बना चौक दार वाले समपार पर सड़क उपयोगकताओं को य- य के मा यम से चेतावनी देने के िलए चोर न हो सकने वाले पैनल/बैटर आधा रत व वसनीय पावर स लाई िस टम से उपयु त उपकरण बनाने के िलए कहा है। इसके अलावा, बना चौक दार वाले समपार पर चेतावनी के िलए आईआईट कानपुर के साथ रे डयो आधा रत िसगनल डज़ाइन प रयोजना शु क गई है।

    68. आरओबी/आरयूबी के िनमाण काय क अ यंत आव यकता को सुसा य बनाने को देखते हुए, ऑनलाइन ाइंग तुत करने और 60 दन के भीतर इनके अनुमोदन के िलए उपयोगकता अनुकूल उपाय स हत एक वेब आधा रत ए लीकेशन शु क गई है और इस संबंध म सड़क प रवहन एवं राजमाग मं ालय के साथ समझौता ापन पर भी ह ता र कए गए ह। मुझे यह घोषणा करते हुए खुशी हो रह है क अगले व त वष म 6581 करोड़ . के कुल रेल खच क लागत पर आरओबी/आरयूबी के 970 अदद िनमाण काय तथा 3438 समपार को समा त करने के िलए संर ा संबंधी अ य िनमाण काय वीकृत कए गए ह। यह चालू वष से 2600% अिधक है और हािलया समय म सबसे अिधक है। हमारे संघ के लगभग सभी रा य म ये प रयोजनाएं कवर करगी।

    69. सवार ड ब म आग क रोकथाम और दुघटना के समय सवार ड ब के एक-दूसरे के ऊपर न चढ़ सकने के िलए आरड एसओ को नई णािलयां वकिसत करने के िलए कहा गया है। हम शी ह चुिनंदा माग पर गाड़ सुर ा चेतावनी णाली और गाड़ ट कर बचाव णाली लगाने का भी ताव करते ह।

    70. पटर से उतरने के मामल को रोकने के िलए, रेलपथ का ाथिमक नवीकरण करते समय लीपर और भार पट रय वाली आधुिनक रेलपथ संरचना का उपयोग कया जा रहा है। वे डंग क

    बेहतर तकनीक का भी उपयोग कया जाएगा। इसके अलावा, पट रय क जांच के िलए एनालॉग मशीन के थान पर ड जटल क म क मशीन का बदलाव कया जा रहा है, जो अिधक व वसनीय ह।

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    ड़. ौ ोिगक अप ेडेशन 71. कसी भी गितशील एवं वकासशील संगठन को अपनी काय प ितय को नूतन और पुनप रभा षत करने क ज रत होती है। माननीय धान मं ी जी के अिभनव ौ ोिगक वकास और विनमाण संबंधी वज़न के अनुसरण म हमारा भारतीय रेल के बज़नेस र-इंजीिनयर तथा नवीनता क भावना जगाने के उ े य से ‘कायाक प’ नाम से एक इनोवेशन काउंिसल था पत करने का इरादा है।

    72. रेल से जुड़े हुए विश ट मामल के समाधान के िलए हम बुिनयाद एवं अनु यु त अनुसंधान म िनवेश करने क आव यकता है। अिभनव ौ ोिगक य समाधान आमं त करने के िलए ौ ो िगक पोटल बनाने का भी हमारा इरादा है।

    73. अनु यु त ् अनुसंधान के े म उ कृ ट संगठन के प म हमने आरड एसओ को सु ढ़ करने का विन चय कया है। आरड एसओ ित त सं थान के साथ सहयोग करेगा। हम 2015-16 म बुिनयाद अनुसंधान करने के िलए चुिनंदा व व व ालय म चार रेलवे अनुसंधान के खोलगे। भारत सरकार ने पं डत मदन मोहन मालवीय जी को भारत र न दान कया है। बनारस हंदू व वव ालय के शता द महो सव के उपल य म हमारा आईआईट (बीएचयू), वाराणसी म रेलवे ौ ोिगक हेतु ‘मालवीय पीठ’ था पत करने का ताव है। रेलवे क सभी प रसंप य म उपयोग क जाने वाली नई सामि य के वकास म यह पीठ सहायक होगी।

    74. अनुसंधान के िलए पहचानी गई रेल प रयोजनाओं को शु करने हेतु भारतीय रेल के ौ ोिगक िमशन के भाग के प म िनवेश म भागीदार के आधार पर रेल मं ालय, मानव संसाधन वकास मं ालय, व ान एवं ौ ोिगक मं ालय और उ ोग का एक संघ बनाया जाएगा।

    75. हम शी ह रेलवे के िलए आईट वज़न का अनावरण करगे। चलती गा ड़ य म बथ क अ तन उपल धता क ऑनलाइन सूचना के िलए टेशन ने वगेशन णाली स हत एक एक कृत मोबाइल ए लीकेशन उपल ध कराई जाएगी। पासल एवं माल ड ब क ै कंग के िलए बार कोड/आरएफआईड शु करना, वचािलत पासल गोदाम, ाहक संबंध बंधन णाली आ द जैसी ाहक अनुकूल मालभाड़ा संचलन पहल शु क जाएंगी। गाड़ िनयं ण और प रसंप बंधन ए लीकेशन म समाकलन होगा। 76. भारतीय रेलवे व टव अनुर ण से े ड टव अनुर ण क ओर अ सर होने का ताव करती है। पूर तरह से मशीन से एक कृत रेलपथ अनुर ण करने क संभा यता का भी पता लगाने का ताव है, जससे अनुर ण म और द ता आएगी। हम रेलपथ के ट न जांच के िलए भी नवीनतम उपकरण लाना चाहते ह।

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    च. वकास हेतु साझेदार

    77. हम मं ालय म मौजूदा सावजिनक िनजी साझेदार (पीपीपी) सैल को स�