vardhaman mahaveer open universityassets.vmou.ac.in/jmbj04.pdf · 2014. 4. 5. · डीट...

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Page 1: Vardhaman Mahaveer Open Universityassets.vmou.ac.in/JMBJ04.pdf · 2014. 4. 5. · डीट #वी. ... 12 टेल # jवजन के gलए पटकथा लेखन - इस

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पा य म अ भक प स म त अ य ो (डॉ) नरश दाधीच

कलप त वधमान महावीर खला व व व यालय कोटा (राज थान)

सयोजक एव सद य

सयोजक डॉ एचबी न दवाना प तकालय एव सचना व ान वभाग वधमान महावीर खला व व व यालय कोटा

1 डॉ सजीव भानावत

अ य जनसचार क राज थान व व व यालय जयपर

सद य 2 ी राज बोडा थानीय सपादक द नक भा कर

जयपर 3 ो दवश कशोर

नदशक (स न) इल ॉ नक मी डया ोड शन सटर इि दरा गाधी रा य म त व व व यालय नई द ल

4 डॉ रमश च पाठ वभागा य प का रता एव जनसचार वभाग लखनऊ व व व यालय लखनऊ

5 ी राजन महान राज थान यरो चीफ एनडीट वी जयपर

6 ो रमश जन वभागा य (स न) प का रता एव जनसचार वभाग वधमान महावीर खला व व व यालय कोटा

7 डॉ अ नल कमार उपा याय वभागा य प का रता एव जनसचार वभाग महा मा गाधी काशी व यापीठ वाराणसी

8 ी न द भार वाज नदशक दरदशन जयपर

सपादन एव पाठ लखन

सपादक ो सभाष ध लया वभागा य एजकशन रसच ए ड नग इल ॉ नक मी डया ोड शन सटर इि दरा गाधी रा य म त व व व यालय नई द ल

पाठ लखक

डॉ रमश अ वाल (45) सय त सपादक द नक भा कर जयपर

याम माथर (6) समाचार सपादक राज थान प का जयपर

ो रमश जन (178) वभागा य (स न) प का रता एव जनसचार वभाग वधमान महावीर खला व व व यालय कोटा

सभाष स तया (91011) अपर महा नदशक (समाचार) (स न) समाचार सवा भाग आकाशवाणी नई द ल

डॉ राजश यास (2) सचना एव जनस पक अ धकार राज थान सरकार जयपर

डॉ सीक वरठ (12) सहायक क नदशक दरदशन जयपर

डॉ व ण पकज (3) धान सपादक

अ णी सदश जयपर

ो हम त जोशी (13) ह द वभाग जा मया म लया इसला मया व व व यालय नई द ल

अकाद मक एव शास नक यव था ो नरश दाधीच

कलप त वधमान महावीर खला व व व यालयकोटा

ो एमक घड़ो लया नदशक

सकाय वभाग

योग गोयल भार

पा य साम ी उ पादन एव वतरण वभाग

पा य म उ पादन

योग गोयल सहायक उ पादन अ धकार वधमान महावीर खला व व व यालय कोटा

पनः उ पादन ndash अ ल 2011 ISBN No 13978-81-8496-275-8 इस साम ी क कसी भी अश को व म ख व कोटा क ल खत अनम त क बना कसी भी प म lsquo म मयो ाफ rsquo (च म ण) वारा या अ य पनः तत करन क अनम त नह हव म ख व कोटा क लय कलस चव व म ख व कोटा (राज) वारा म त एव का शत

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JMBJ-04 वधमान महावीर खला व व व यालय कोटा (राज थान)

मी डया लखन

इकाई स इकाई का नाम प ठ स या इकाई - 1 समाचार अवधारणा एव लखन तकनीक 8 इकाई - 2 सवाददाता समाचार ोत एव सकलन 33 इकाई - 3 सा ा कार 53 इकाई - 4 समाचार का वग करण ndash (भाग ndash 1) 73 इकाई - 5 समाचार का वग करण ndash (भाग ndash 2) 86 इकाई - 6 त भ लखन 98 इकाई - 7 फ चर लखन 114 इकाई - 8 समी ा लखन 136 इकाई - 9 र डयो समाचार लखन 152 इकाई ndash 10 र डयो लखन क स ा त 167 इकाई ndash 11 टल वजन समाचार लखन 184 इकाई ndash 12 टल वजन क लए पटकथा लखन 201 इकाई ndash 13 साइबर मी डया क लए लखन 218

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पा य म प रचय बी ज (एम सी) काय म का चौथा पा य म मी डया लखन ह इस पा य म म 13 इकाइय को शा मल कया गया ह इनका प रचय न नानसार ह इकाई-1 समाचार अवधारणा एव लखन तकनीक - इस इकाई म समाचार क अवधारणा प रभाषा

त व कार एव मह व स अवगत करवाया गया ह साथ ह समाचार क ोत एव वग करण समाचार लखन तकनीक समाचार लखन क मह वपण त व एव समाचार लखन क पाच सकार पर भी काश डाला गया ह

इकाई - 2 सवाददाता समाचार ोत एव सकलन - इस इकाई म सवाददाता स आशय सवाददाताओ क णया एव काय वभाजन समाचार क ोत एव समाचार सकलन क व तार स चचा क गई ह साथ ह समाचार लखन एव ततीकरण एव समाचार का अनवतन क भी जानकार द गई ह

इकाई - 3 सा ा कार - इस इकाई म सा ा कार का अथ एव व प सा ा कार और अ य वधाए उपयो गता एव मह व क व तार स जानकार द गई ह साथ ह इल ा नक एव ट मी डया म सा ा कार कस लत ह इस सदभ म भी काश डाला गया ह सा ा कार

या को व तार स रखा कत कया गया ह इकाई - 4 समाचार का वग करण- ( भाग 1 ) - इस इकाई म समाचार का व प त व कार

एव वग करण पर काश डाला गया ह वषय व त क आधार पर क त क आधार पर या या क आधार पर एव रपो टग व धक क आधार पर समाचार क वग करण पर व तार स चचा क गई ह

इकाई - 5 समाचार का वग करण- (भाग 2 ) - इस इकाई म घटना क मह व क आधार पर क आधार पर एव वषय अथवा बीट क आधार पर समाचार क वग करण क व तत जानकार द गई ह

इकाई - 6 तभ लखन - इस इकाई म तभ लखन का मह व तभ एव समाचार तभ लखन क वषय तभ लखन क क त क साथ इटरनट पर तभ लखन भावी तभ लखन को भी चचा क गई ह

इकाई - 7 फ चर लखन - इस इकाई म फ चर लखन या ह फ चर क वशषताए एव मल व प क जानकार द गई ह फ चर लखक क यो यताए फ चर लखन क तयार शीषक भ मका एव च ाकन एव व भ न वधाओ स तलना क भी जानकार द गयी ह

इकाई - 8 समी ा लखन - इस इकाई म समी ा क अथ एव व प समी ा कस कर समी ा लखन क कार और मी डया म समी ा लखन क व तत जानकार द गई ह

इकाई - 9 र डयो समाचार लखन - इस इकाई म समाचार क प रभाषा र डयो समाचार या ा आकाशवाणी का समाचार त एव समाचार क ोत स अवगत करवाया गया ह साथ ह र डयो समाचार का लखन व सपादन र डयो समाचार क भाषा पर भी काश डाला गया ह

इकाई - 10 र डयो लखन क स ात - इस इकाई म र डयो लखन क स ात र डयो लखन क सीमाए और सभावनाए एव र डयो लखन क व भ न आयाम क चचा क गई ह साथ ह सगीत

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क लए लखन एव उ घोषणाओ पर भी काश डाला गया ह इकाई - 11 टल वजन समाचार लखन - इस इकाई म भारत म टल वजन समाचार का इ तहास

मह व एव लखन पर व तत जानकार द गई ह टल वजन समाचार बल टन एव टल वजन समाचार क या मक त व स भी अवगत करवाया गया ह

इकाई - 12 टल वजन क लए पटकथा लखन - इस इकाई म पटकथा का अथ इ तहास प रभाषा आलख क कार पटकथा लखन का ाराप आ द क चचा क गई ह साथ ह नमन क पटकथाय एव नदशक क आलख क भी जानकार द गई ह

इकाई - 13 साइबर मी डया क लय लखन - इस इकाई म साइबर मी डया क लए लखन साइबर लखन क वशषताए साइबर लखन क कार भारत म साइबर लखन क ि थ त एव भारत म साइबर लखन क मह व एव सभावनाओ पर व तत जानकार द गई ह

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इकाई-1 समाचार अवधारणा एव लखन तकनीक

इकाई क परखा 10 उ य 11 तावना 12 समाचार का व प

121 समाचार क अवधारणा एव प रभाषा 122 समाचार क त व 123 समाचार क कार

13 समाचार का मह व 131 समाचार का घटना- थल और दर 132 यि त का मह व 133 मानवीय च

14 समाचार क ोत एव वग करण 141 या शत समाचार 142 अ या शत समाचार 143 पवानमा नत समाचार

15 समाचार लखन तकनीक 151 समाचार का गठन - छ ककार 152 वलोम परा मड शल 153 ऊ व परा मड शल 154 समाचार लखन क नई शल 155 शीषक 156 व तार 157 समापन

16 समाचार लखन क मह वपण त व 17 समाचार लखन क पाच सकार 18 साराश 19 श दावल 110 कछ उपयोगी प तक 111 अ यासाथ न

10 उ य इस पाठ का उ य समाचार क अवधारणा एव लखन तकनीक क बार म जानकार दना ह समाचार या ह एक समाचारप क लए समाचार कस एक त कए जात ह समाचार

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का मह व समाचार लखन क तकनीक मह वपण त व और पाच सकार क बार म व तार स इस इकाई म बताया गया ह इस इकाई का अ ययन करन क बाद आप जान पाएग क- समाचार या ह - यह प ट प स समझ सकग समाचार श द को कस प रभा षत कया जा सकता ह यह जान सकग िजन-िजन ोत स समाचार ा त कए जा सकत ह उनस अवगत हो सकग समाचार क मह व समाचार क सरचना समाचार लखन क तकनीक समाचार लखन

क मह वपण त व और पाच सकार स प र चत हो जाएग आप समाचार लखन म व श टता ा त कर सकग

11 तावना lsquoसमाचार क अवधारणा एव लखन तकनीकrsquo का मी डया म मह वपण थान ह चाह सवाददाता हो या उपसपादक उस समाचार को अवधारणा और उसक तकनीक स अ छ तरह प र चत होना आव यक ह भारत म हाल ह क वष म एक तरह क मी डया ा त आई ह और समाचार मा यम का भी यापक व तार हआ ह हमार दश क वशाल और वकासशील समाज म आज मी डया क यक का व तार हो रहा ह प -प काओ क पाठक क स या लगातार बढ़ रह ह र डयो और ट वी चनल क स या भी नरतर बढ़ती जा रह ह ल कन आज भी मी डया म और खास तौर स समाचार मी डया म अनक गभीर म को सतह और ना समझी क साथ तत कया जाता ह अनक अवसर पर समाचार को अनाव यक प स lsquoरोचकrsquo और मनोरजक बनान क को शश क जाती ह

ो सभाष ध लया एव डी आनद धान क श द म कहा जा सकता ह क ldquoदरअसल समाचार और मनोरजन क नीव क वभाजन रखा क ख म होन क कारण पज वन और पज ी (पज वन मह वपण समाचार और पज ी मनोरजन क प का रता) एक-दसर स ग डम ड होत जा रह ह इसक कारण समाचार मा यम क ाथ मकताए भी बदलती जा रह ह यह नह इसक साथ ह समाचार क प रभाषा भी बदल द गई ह अब समाचार क क म आम आदमी और उसक सख-दख सरोकार चताए और उ मीद उतनी नह ह बि क कभी-कभी तो सल ट ज भी समाचार क पयाय तीत होत ह समाचार य घटनाओ क प रभाषा म ह बदलाव आ रहा ह इस प क तरफ भी यान दए जान क ज रत ह क कन वषय पर लोग को ज रत स अ धक जानका रया द जाती ह और कन वषय क बार म उ ह अधर म रखा जाता ह समाचार अवधारणा और लखन कया को तत इकाई म व तार स वव चत कया गया ह

12 समाचार का व प lsquoसमाचार क कोई यापक प स वीकाय प रभाषा आज तक नह उभर पाई ह समाचारप म जानकार बात और अफवाह क भरमार होती ह ल कन हर जानकार हर बात और हर अफवाह समाचार नह होती तब न उठता ह क समाचार या ह उसक प रभाषा या ह उसक सरचना कस ह ई उसक म य त व या ह इन न का उ तर अनक

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व वान न दया ह अ जी म समाचार को यज (NEWS) कहत ह इस श द क चार अ र होत ह- एन ई ड ल एस इन अ र स चार दशाओ - उ तर (नोथ) पव (ई ट) पि चम (व ट) और द ण (साउथ) का बोध होता ह अत यह कहा जा सकता ह क जो चार दशाओ का बोध कराए वह समाचार ह स भवत इसी ि ट स हडन क कोश म समाचार क प रभाषा सब दशाओ क घटना द गई ह उ तर पव पि चम और द ण क घटनाओ को समाचार समझना चा हए अ जी का य ल टन क नौवा स कत क नवrsquo श द पर आधा रत ह इन तीन श द का एक ह अथ ह नवीन वा तव म समाचार तो वह ह जो नवीन ह महाक व जयशकर साद न ठ क ह कहा ह - क त क यौवन का शगार करग कभी न बासी फल जस

कोई बासी फल को पस द नह करता उसी कार कोई भी पाठक बासी समाचार को पढ़ना चकर नह समझता स य तो यह ह क समाचार का शव व उसक नवीनता म ह कहा

जा सकता ह क जो न य नतन हो वह समाचार ह इस तरह हम कह सकत ह क पहला तो नई सचना समाचार भी आव यक शत ह और दसरा कसी वषय को एक नई ि ट म दखना भी समाचार क णी म आता ह समाचार वह ह िजस तत करन म कसी ब मान (समाचारप क) यि त को सबस अ धक स तोष हो और जो ऐसा तत करत समय कता को अ धक लाभ तो न होता हो पर त िजसक सपादन स ह उसक यावसा यक कशलता का परा-परा पता चलता हो सपादक क इस मता क सबस बड़ी कसौट अ प टताओ और द हताओ क ओट म छप मह वपण त य को इस ढग स तत करना ह क उन त य को इस द नया क व लोग समझ जाए िजनम अ ानता लापरवाह और मखता ह भर ह तथा वचार क सघष क त च का अभाव ह

121 समाचार क अवधारणा एव प रभाषा

समाचार क कछ मह वपण और रोचक प रभाषाए इस कार ह - ldquoपया त स या म मन य िजस जानना चाह वह समाचार ह शत यह ह क वह स च तथा त ठा क नयम का उ लघन न कर ndash जज सडलर

ldquoकोई भी ऐसी घटना िजसम मन य क दलच पी हो समाचार ह पाठक िजसस जानना चाहत ह वह समाचार ह ldquoसमाचार सामा यत वह उ तजक सचना ह िजसम कोई यि त सतोष अथवा उ तजना ा त करता ह - ो च टन बश अनक यि तय क अ भ च िजस साम यक बात म होती ह वह समाचार ह सव ठ समाचार वह ह िजसम बह स यक लोग क अ धकतम च हो

- ो व लयम जी लयर

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ठ समाचार क प रभाषा य य प यह ह तथा प साधारण यवहार म समाचार व ह जो अखबार म छपत ह और अखबार व ह िज ह समाचारप म काम करन वाल तयार करत ह यह कथन य य प वदनामलक ह तथा प कट य य होत ह ए भी स य ह

- जोरा ड ड ल जॉनसन ldquoिजस अ छा सपादक का शत करना चाह वह समाचार ह rdquo ldquoसमाचार घटना का ववरण ह घटना वय म समाचार नह rdquo ldquoघटनाओ त य और वचार क साम यक रपोट समाचार ह िजसम पया त लोग क च हो - व लयम एल रवस ldquoवह स य घटना या वचार िजसम बह स यक पाठक क अ भ च हो

- एमलाइल पसर ldquoउन मह वपण घटनाओ क िजनम जनता क दलच पी हो पहल रपोट को समाचार कह सकत ह rdquo - इर सी हापवड ldquo कसी समय होन वाल उन मह वपण घटनाओ क सह और प पातर हत ववरण को िजनम उस समाचारप क पाठक क अ भ च हो हम समाचार कह सकत ह

- व लयम एस मा सबाई ldquoसमाचार अ त ग तशील सा ह य ह समाचार समय क चरख पर इ तहास क बह रग बल-बटदार कपड़ को बनन वाल तकए ह rdquo

- हापर ल च और जॉन सी करोल ldquoसमाचारप का मौ लक क चा माल न कागज ह न याह वह ह समाचार फर चाह का शत साम ी ठोस सवाद क प म हो या लख क प म सबक मल म वह त व रहता

ह िजस हम समाचार कहत ह rdquo - डी न द कशोर खा

अब व व तजी स बदल रहा ह मी डया म नई पर पराए था पत हो रह ह समाचार क बार म भी मा यताए बदल गई ह एक व वान न समाचार क बड़ी ग भीर प रभाषा क ह - िजस कह कोई दबाना चाह रहा हो समाचार ह शष सब व ापन मनाथ चतवद न समाचार क या या करत ह ए लखा ह ndash ldquoसख त य को समाचार नह

माना जाता व त य ह समाचार ह जो पाठक क जीवन सख-दःख भावना और वचार पर भाव डालत उस चकर तीत होत और आन द दत ह rdquo कपी नारायण न समाचार क सजन म स य को मह वपण त व माना ह उनक मा यता ह िजन त व स समाचार बनता ह उनम सबस मह वपण त व ह - स य का त व साम यकता म यवान होती ह क त स य उसस भी अ धक म यवान होता ह

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टन क स समाचारप मानच टर गा डयन न एक बार lsquoसमाचार क प रभाषा या हrsquo इस पर एक तयो गता कराई थी िजसम सव तम प रभाषा जो पर कत क गई वह इस कार थी ndash ldquoसमाचार कसी अनोखी या असाधारण

घटना क अ वल ब सचना को कहत ह िजसक बार म लोग ाय पहल कछ न जानत ह ल कन िजस तर त ह जानन क यादा स यादा लोग म च हो rdquo एक बार कसी प कार न समाचार क या या करत ह ए कहा क बराई म समाचार ह lsquo आप ईमानदार स काम करत ह इसम समाचार व कछ नह ह पर य द चोर करत ह ए पकड़ जाए तो वह समाचार हो जाएगा प कार क कहन का अथ यह था क बराई म कछ न कछ असाधारणता कछ नवीनता कछ सनसनी और लोग क लए कछ कतहल रहता ह अत उसका समाचार क ि ट स म य ह उपय त प रभाषाओ क अ त र त अनक व वान न समाचार को प रभा षत कया ह िजसम स कछ उ लखनीय ह- ldquoिजस कसी बात को सपादक कहत ह वह समाचार होता ह rdquo ldquo वचार र हत त य भी समाचार ह rdquo ldquoसमाचार का अथ आग बढ़ना चलना अ छा आचरण या यवहार ह म य और परवत काल म कसी काय या यापार क सचना को समाचार मानत थ ऐसी ताजी या हाल क घटना क सचना िजनक स ब ध म पहल लोग क जानकार न हो rdquo

- मानक ह द कोश (रामच वमा) द नया म कह भी कसी समय कोई छोट -मोट घटना या प रवतन हो उसका श द म जो वणन होगा उस समाचार या खबर कहत ह rdquo

- रा र खा डलकर ldquoघटना समाचार नह ह बि क वह घटना का ववरण ह िजस उसक लए लखा जाता ह िज ह न उस दखा नह ह rdquo - म सफ ड ldquoजो सा रत अथवा समाचारप म म त होता ह वह समाचार होता ह rdquo सवाद खबर वता त ववरण और सचना समाचार क पयाय ह अमरकोश म वाता वि त वि त तथा lsquoउद तrsquo चार श द समाचार क लए य त ह ए ह इन सभी श द स कसी

घटना क पर जानकार दन का भाव प ट होता ह ldquoसमाचार कसी घटना प रि थ त ि थ त या प क सह और साम यक सचना ह- ऐसी सचना िजसम उन लोग को िजनक लए वह अ भ त हो दलच पी होगी rdquo

- डाउ लग लदरवड ldquoसमाचार lsquoसामा य स परrsquo कोई भी बात ह और समाचार ह एक ऐसी बात ह जो समाचारप क वशाल स या को बचन म सहायता कर सकती ह rdquo

- नाथि लफ ldquoसमाचार कसी भी घटना का ऐसा ववरण ह िजस एक समाचारप कवल इस लए म त करता ह ता क वह लाभ कमा सक rdquo - क टस डी म डगल

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ldquoसमाचार कसी वतमान वचार घटना या ववाद का ऐसा ववरण ह जो उपभो ताओ को आक षत कर rdquo - वल ल और क पवल News is anything you did not know yesterday - Turner Calledge lsquoAnything timely that interests a number of persons and the best news is that which has greatest interest for the greatest numbersrsquo

- Willard Bleyer News is history in a hurry - George H Morris It is the honest and unbiased and complete account of events of interest and concern to the public - Duane Bradley News is anything out of the ordinary lsquoNews is something revealedrsquo lsquoNews is something which somebody wants suppressedrsquo lsquoNews is any event idea or opinion that is timely that interests or affects a large number of people in a community and that is capable of being understood by themrsquo lsquoNews is a compilation of facts and events of current interest or importance to the readers of the Newspaper printing itrsquo lsquoSex money crime - that is newsrsquo rsquoNews is anything and everything interesting about life and materials all their manifestationrsquo lsquoWhat is new in Newsrsquo इन सभी प रभाषाओ स यह न कष नकलता ह क स य साम यक और बह स यक यि तय क िजसम च हो वह सचना समाचार ह

122 समाचार क त व

जो घटना या व त एकाएक हमारा यान आक षत कर लती ह उसम समाचार का ब नयाद त व मौजद होता ह ऐसी मा यता ह इनक अ त र त न न त व का कसी भी समाचार को मह व दन म वशष योगदान रहता ह - 1 ता का लकता 2 नकटता 3 आकार एव स या 4 मह व और 5 व च ता समाचार क आध नक और िजतनी भी प रभाषाए ह इन सबका सार यह ह क समाचार को समाचार व दान करन वाल न न ल खत पाच त व ह - 1 जानकार 2 नवीनता 3 बह स यक क अ धकतम च 4 उ तजक सचना और 5 प रवतन क सचना मनाथ चतवद क श द म कवल श क त य कभी समाचार नह कहलात पर त जो त य

मानव क जीवन भावना और वचार म भाव डालत ह उस चकर लगत ह आन द दत

14

ह और आ दो लत करत ह व ह समाचार बनत ह भावो क करन वाल या अपन हत और अ हत स स ब समाचार म मन य क वशष च होती ह इस लए ऐस समाचार म आकषण क मल गण न न मान ह- 1 नवीनता 2 साम यकता 3 सामी य 4 व हत 5 धन 6 काम-वासना 7 सघष और रोमानी 8 असाधारणता 9 वीर पजा 10 यश 11 रह य 12 मानवीय गण का उ क 13 साहस और वीरता 14 आ व कार और खोज 15 कक य 16 ग त क कहानी 17 नाटक यता 18 व श टता ( यि त थान और पद) 19 प रणाम ( यापक और सघन) 20 स क त 21 व वास 22 वा य 23 सर ा 24 बध व (अ तरा य रा य ाद शक नगर य और जातीय) तथा 25 सामािजक और आ थक प रवतन डा न द कशोर खा न व बात जो अ धकाश पाठक को दलच प लगती ह व इस कार मानी ह- 1 नवीनता 2 असामा यता 3 अनाप त भाव 4 आ मीयता 5 आका ा 6 यि तगत भाव 7 नकटता 8 क णा और भय 9 धन 10 मानवीय प 11 सहानभ त और 12 रह य ो सभाष ध लया न समाचार य मह व म िजन त व का उ लख कया ह व ह - 1 नकटता

2 आकार 3 भाव 4 उपभो ता वग 5 सदभ 6 नी तगत ढाचा 7 मह वपण जानका रया और 8 असाधारणता

123 समाचार क कार

वस तो समाचार क कार क नि चत प स पहचान करना मि कल ह फर भी समाचार म य प स दो कार क होत ह - 1 सीधा समाचार (Straight News) 2 या या मक समाचार (Interpretative News) सीधा समाचार उन समाचार को कहा जाता ह िजसम समाचार का सरल प ट और सह त या मक ववरण हो इनम त य को य क य तत कया जाता ह त य को तोड़ा-मरोड़ा नह जाता ह या या मक समाचार म समाचार क घटना क गहर खोजबीन क जाती ह उस स पण प स काश म लाया जाता ह इस समाचार म घटना क प रवश पवापर स ब ध तथा उसक वशष प रणाम को लखा जाता ह िजसस पाठक सरलता स समझ सक घटना क मह व क ि ट स घटना क मह व क ि ट स भी समाचार क दो प होत ह व इस कार ह ndash 1 व श ट समाचार 2 यापी समाचार 1 व श ट समाचार - व ह िजनक बार म पहल स कछ मालम नह होता ह समाचार

जब घ टत हो जात ह तो उनका अपना वशष मह व और भाव होता ह समाचार गरमागरम और अ यतन होत ह व श ट समाचार अपन गण क कारण प ठ पर म य

15

थान हण करत ह कभी-कभी तो व इतन मह व क होत ह क कम मह व क समाचार को बचाकर प ठ का व प ह बदल दना पड़ता ह पव - नधा रत अ त मह व क समाचार गौण प ल लत ह

2 यापी समाचार - वह ह जो अपन मह व और भाव क कारण प ठ पर ऐसा थान पाता ह मानो सभी पर आ छा दत हो उसका व तार भी बड़ा हो सकता ह यह भी सभव ह क यापी समाचार क खडन क लए अ य समाचार भी उसक अनगामी का थान हण करत ह यापी समाचार को थान भी वशष मलता ह और उसका शीषक भी

अ धक आकषक होता ह इस कार क समाचार अपन म पण होत ह

अथवा थान क आधार पर

थल प स अथवा थान क आधार पर समाचार को चार भाग म वभ त कया जा सकता ह-

1 थानीय समाचार - व समाचार जो उस थान स वशष प स सब ह जहा स समाचारप का शत होता ह

2 ातीय समाचार - िजस ात स समाचारप का शत होता ह उस थान क समाचार 3 अतदशीय समाचार - दश क सभी दश स सब समाचार 4 अतरा य समाचार- व व क अनक दश स सब समाचार उपय त समाचार म यक वग क अ तगत न न कार क समाचार को सि म लत कया जा सकता ह - 1 भाषण व त य और स व ि त 2 असामािजक त व क ग त व धया 3 अदालती ग त व धया 4 आ थक अपराध 5 अशा त उप व और तोड़-फोड़ 6 प रवहन तथा माग दघटनाए 7 ाक तक दघटनाए जस - बाढ़ आधी हमपात भक प अवषण तथा अ तवषण आ द 8 असाम यक या आकि मक म य या आ मह या 9 राजनी तक सामािजक सा क तक आ थक सगठन क ग त व धया काय म समारोह दशनी

और जलस 10 यवा छा कसान-मजदर आदोलन 11 राजनी तक सामािजक सा क तक आ थक सगठन क ग त व धया काय म समारोह दशनी

और जलस 12 सरकार वभाग और थानीय शासन नकाय क ग त व धया 13 व ा नक सगठन श णक सा हि यक सा क तक व कला स ब धी ग त व धया 14 सरकार अ धका रय कमचा रय तथा राजनी तक नताओ एव कायकताओ क मनमानी और

याद तय क शकायत

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15 उ योग वा ण य एव बाजार समाचार 16 खल-कद समाचार 17 मल एव पव क समाचार 18 यि तगत समाचार जस - वदश या ा ववाह ज म म य आ द 19 मनोरजक एव चम का रक समाचार 20 मानवीय अ भ च क समाचार जस - म दया ई या सहानभ त याग भय आतक और घणा

आ द

अतरा य मह व क समाचार

कछ समाचार रा य मह व क होत ह ए भी अ तरा य मह व क होत ह जस- 1 चनाव चनाव म कसी दल क वजय व पराजय सरकार का गठन 2 धानम ी म यम ी रा प त का चनाव 3 मि म डल का गठन एव वभाग का वतरण 4 ससद य ग त व धया - बहस नो तर-काल आरोप- यारोप हगामा काम रोको ताव

यानाकषण ताव उ तजना मत- वभाजन व ब हगमन आ द 5 सरकार का पतन म य का यागप न कासन गह-य स नक व ोह 6 लोकत क थापना एव राजत का पतन 7 राजनी तक आ थक सामािजक समझौत 8 अतरा य सबध 9 शीत-य 10 कटनी तक सबध और वाता 11 य क घोषणा 12 सीमा सघष थल एव जल सीमात क ग त व धया 13 वमान अपहरण 14 जाससी काड 15 अतरा य या रा य या त क यि त का अपहरण ह या या अक मात अपद थ होना 16 दश और वदश क मख जाससी सगठन 17 क य न ट और गर-क य न ट दश क मह वपण ग त व धया 18 रा सघ 19 व व वा य सगठन 20 व व म सगठन 21 वदशी अ त थ 22 व ा नक उपलि धया एव व ा नक पर ण 23 दो दश क म य स नक समझौता व उसक अ तगत अ -श दना 24 शि त सतलन

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25 वदशी म ा बाजार उपय त दोन समाचार स चय को पण नह कहा जा सकता इसका उ य कवल इतना ह ह क प का रता क म आन वाल छा सवाददाताओ समाचार लखक को अपन समाचारप क लय व वध समाचार क आकलन और काशन म सहायता मल सक मह व क ि ट स भी समाचार क तीन भद कय जा सकत ह - 1 मह वपण 2 कम मह वपण 3 सामा य वषय को आधार मानकर समाचार क अनक वग करण कए जा सकत ह जस- राजनी तक समाचार वा ण य समाचार आ थक समाचार खल समाचार सा क तक समाचार अपराध समाचार डाक समाचार मौसम समाचार यायालय समाचार हष-शोक समाचार फ म समाचार वदश समाचार ससद य समाचार य समाचार व ान समाचार वकासा मक समाचार ामीण समाचार क ष समाचार पयावरणीय समाचार आ द समाचार ाि त क ि ट स समाचार क तीन भद कए जा सकत ह - 1 या शत समाचार 2 अ या शत समाचार 3 पवानमा नत समाचार समाचार नगर या गाव म घमन स तो मलत ह ह पर साथ ह काफ समाचार समाचारप क कायालय म वयमव आ जात ह समाचार सपादक या म य सवाददाता का क त य होता ह क वह दन दनी म अ कत कर क अमक काय अमक सवाददाता को करना ह नगरपा लकाओ नगर- नगम वधानसभाओ ससद भवन तथा व भ न स थाओ क बठक क कायवाह क सवाद-लखन क लए सवाददाताओ को भजा जाता ह कसी राजन तक दल का उ सव हो या सरकार स मलन स स मलन हो या भट वाताए सब या शत समाचार क णी म आत ह खलकद नाटक चल च या अ य सा क तक ग त व धय क समाचार पव नि चत रहत ह अ या शत समाचार म दघटना ह या आग डकती चोर बला कार आ द अपराध का ततीकरण आता ह इस कार क समाचार क लए सवाददाता को प लस टशन रलव टशन बस ट ड अि नशामक दल अ पताल टाउन हाल आ द स स पक रखना अ नवाय होता ह वह त दन इन कायालय को नई खबर क बार म टल फोन करता रहता ह

13 समाचार का मह व समाचार का मह व तय करन क लए सवाददाता को कछ बात वशष प स यान म रखना चा हए उस याद रखना चा हए क वह समाचार लखन वाला बाब नह ह साथ ह समाचार का ह-ब-ह च ण कर दन वाला फोटो ाफर भी नह ह उस मानवीय ि टकोण स घटना क समालोचना करना ह और उसका उ चत मह व तय करना ह इसम पहला आधार- त म समय ह समाचार का म य आधार शी ता पर ह ह आज का समाचार कल क अखबार

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म छप जाए तभी उसका मह व ह तीसर दन छप तो उसका मह व थोड़ा कम हो जाएगा पर रहगा ज र ल कन इसक बाद तो उसम स समाचार-त व ब कल नकल जाएगा वस कोई घटना परानी हो गई हो और का शत नह ह ई तब भी इस घटना म समाचार व ह यह कहा जा सकता ह समाचार त काल न ट होन वाल व त ह यह स य सवाददाता क दमाग म लखा हआ रहना चा हए द नक-समाचारप क कई स करण का शत होत ह नगर स करण म नगर क अि तम स अि तम समाचार समट लन क को शश क जाती ह इस- कार समय समाचार का मह वपण अग ह नई ौ यो गक आन क बाद तक ह थान स समाचारप क कई स करण क अलावा अनक समाचारप अनक थान स अलग- अलग स करण भी नकालन लग ह

131 समाचार का घटना- थल और दर

समाचार का मह व नि चत करत समय उसका घटना- थल और दर भी यान म रखी जाती ह अम रका म घट कोई घटना वाराणसी या अहमदाबाद क लोग क लए शायद नरथक भी हो सकती ह अ पताल स ब च क अपहरण क घटना थानीय ह इस कारण थानीय लोग क लए अ य त मह वपण ह हमार दश

म कई रा य ह और इन रा य क सरकार स नी तय सबधी ढर सार समाचार मलत रहत ह इसका अथ यह नह क दर-दराज क सभी घटनाए यथ मानी जाए अम रक रा प त क चनाव क समाचार को व व भर क समाचारप म थान मलगा इसी कार चीन क रा प त क दहा त का समाचार भी द नया-भर म का शत होगा चीन और स जस फौलाद द वार वाल सा यवाद दश क छोट

घटनाओ को भी अखबार म अ य त मह व मलता ह य क य घटनाए सचक होती ह

132 यि त का मह व

समाचार क घटना म कौन यि त सि म लत ह यह त य भी अनक बार मह व था पत करन म सहायक होता ह घटना क घर म कौन यि त ह यह वशष प स दख लना चा हए शहर म छोट -बड़ी दघटनाए तो हर रोज होती ह रहती

ह ल कन शहर का महापौर (मयर) कसी छोट -सी दघटना का शकार हो जाए तो यह समाचार अपन आप म मह वपण हो जाता ह छोट -बड़ी रल दघटनाए भी जब-तब होती रहती ह कोई छोट रल-दघटना हो और उसम दो-तीन यि तय क म य हो जाए ल कन उन मरन वाल म कोई स यि त हो तो यह सामा य प स एक कॉलम म छपन यो य समाचार बड़ शीषक म का शत होगा इसी कार

द नया म त दन अस य शा दया और सगाइया होती ह ल कन ए वया राय क अ भषक ब चन स शाद या दल प कमार तथा सायरा बानो अथवा राजश ख ना और ड पल काप डया या फर जक कनडी का औना सस स ववाह का समाचार मह वपण समाचार कहा जाएगा यि त िजतना अ धक स होगा उतना ह

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समाचार भी अ धक मह वपण होगा समाज क भ न- भ न म नत व कर रह लोग का जीवन यि तगत नह रहकर सावज नक हो जाता ह और लोग उनक जीवन क छोट घटनाओ म ह बह त दलच पी रखत ह

यक क मह वपण यि त स स ब घटना को मह व दया जाता ह यह बात नकारा मक प स लाग होती ह कसी सामा य यि त का छोटा-सा दराचार समाचारप म कोई वशष थान ा त नह करता ल कन कसी म ी या उ च अ धकार क जीवन का छोटा दराचरण भी बड़ा सनसनीखज हो जाता ह अम रका का lsquoवाटरगट काड इसका उदाहरण ह इसक अ त र त ब ट बकर काड lsquoव ड ड सटर पर हमला गोधरा काड अ रधाम पर हमला ताज कार डोर प रयोजना टा प पपर घोटाला ज सका लाल ह या काड रय लट शो बग दर और श पा

श ी आ द को सि म लत कया जा सकता ह इस कार कसी भी घटना क समी ा करत समय उसम कौन यि त सि म लत ह इस ओर सवाददाता को एक नजर अव य डाल लनी चा हए और इसी आधार पर इसका मह व तय करना चा हए

133 मानवीय च

मानवीय च भी समाचार का मह व नि चत करती ह समाचार क बार म एक मशह र कहावत ह क क ता आदमी को काट ल तो समाचार नह होगा ल कन आदमी क त को काट ल यह समाचार हो जाएगा इस कहावत का ता पय यह ह क अ वाभा वकता का त व भी कसी घटना को समाचार बना दता ह कोई सामा य घटना समाचार नह होती इसक बजाय उसम कोई असामा य होती ह तो वह घटना समाचार बन जाती ह उदाहरण क प म कोई ी चार या पाच ब च को एक साथ ज म दती ह तो यह समाचार होगा कछ ह दन पहल एक ऐसी घटना का शत ह ई थी क एक मग क दो क बजाय चार टाग दखी गई यह असाधारण

घटना कह जाएगी ऐस समाचार अखबार म बॉ स समाचार बनकर छपग दो सर वाल बकर पदा होना व च अग वाल बालक का ज म होना यह सभी इसक उदाहरण ह समाचारप चम कार क बार म भी भा त-भा त क घटनाए छापत ह वा तव म इस कार क सभी घटनाओ क िजतनी भी सभव हो जाच-परख करन क बाद ह का शत करना चा हए

14 समाचार क ोत एव वग करण सवाददाताओ को समाचार व भ न ोत स ा त होत ह य ोत अ धका रक भी हो सकत ह और गर-अ धका रक भी कहा जा सकता ह क समाचार ोत का उपभोग और दोहन करना भी एक कला ह अत यक सवाददाता को इस कला म पारगत होना चा हए समाचार ोत क गठन और उनक उपभोग स सब धत ब द इस कार ह-

1 सवाददाता क अपन यि तगत सपक स होन चा हए िजतन अ धक लोग स सवाददाता का सपक होगा उस उतनी ह अ धक एव अ छ खबर मलगी इस लए यक सवाददाता

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को अपन-अपन व वसनीय सपक स बनान होत ह साराश म कहा जा सकता ह क लोग ह समाचार स ोत होत ह

2 सवाददाता को सबस पहल उस क मह वपण यि तय स थाओ और उनक भार यि तय क बार म जानकार होनी चा हए इसक अ त र त सवाददाता को राजनी तक दल क नताओ उनक कायालय प लस थान च क सालय वधान मडल नगर नगम और उनक व भ न अनभाग श णक सामािजक धा मक सा क तक स थाए वक ल सघ नगर क सभी मह वपण यि तय स थाओ सगठन आ द क भल भा त जानकार होनी चा हए और यक जगह उसका स पक स होना चा हए

3 स व ि त क तरह सवाददाता स मलन या स का स भी समाचार का म य ोत होता ह सवाददाता को सवाददाता स मलन म नय मत प स जाना चा हए और वहा स समाचार सक लत करन चा हए

4 सवाददाता म समाचार स घन और परखन क शि त होनी चा हए सवाददाता क इ ह गण को अ जी म lsquoनोज फार द यज कहा गया ह उसम जाच-पड़ताल खोज- बन पछताछ आ द क लए जासस जस गण व भ न कार क समाचार- ो ( यि तय ) क म ह स बात नकलवान क लए मनोव ा नक जस गण होन चा हए

5 सवाददाता को अपना सचना- ोत का व वास सदव कायम रखना चा हए य द उसम कोई ऑफ द रकाड बात कह हो तो उस अ य कह न बताए मरण रह क अपन स पक स म कह भी कोई आच नह आन दनी चा हए जहा ा त जानकार क व वसनीयता क बार म जरा भी सदह हो सवाददाता को शी ह माण एक कर लना चा हए

6 स पक स था पत करन क साथ-साथ उ ह बनाए रखना भी अ य त आव यक ह इसक लए अपनी ओर स सदव य न करत रहना चा हए स पक-स म नर तरता भी ज र ह

सवाददाता क लए समाचार क न न ोत हो सकत ह - 1 स व ि तया 2 स क य न स 3 स कॉ स 4 भाषण एव व त य 5 सा ा कार या भट वाता 6 र डयो या टल वजन समाचार 7 समाचार स म तया 8 प लस थाना 9 यायालय 10 अ पताल 11 सरकार वभाग 12 वधान मडल 13 यि तगत सपक 14 अ य ोत- स मलन सगो ठ तवदन रपोट

आ द समाचार का वग करण समाचार ोत को तीन भाग म वभ त कया जा सकता ह - 1 या शत समाचार 2 अ या शत समाचार 3 पवानमा नत समाचार

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141 या शत समाचार

या शत समाचार का आशय उन समाचार स ह जो सवाददाता को य प स मल जात ह अदालत क सनवाई फसल वधान मडल नगर नगम नगर पा लका क बठक प कार स मलन सा ा कार सरकार घोषणाए सावज नक व त य जाच आयोग क बठक आ द कछ या शत समाचार क ोत ह अ य समाचार को पढ़न स भी या शत साम यक समाचार क जानकार मल सकती ह

142 अ या शत समाचार

अ या शत समाचार का समाचार ा त करन या उसका सराग पान क लए सवाददाता का सपक स काम म आता ह दघटना आगजनी अपराध म य आ द ऐस अ या शत समाचार का पवानमान उस भी नह होता ह इस कार क समाचार क सकत बह त सहसा या अचानक मलत ह िज ह अनभवी सवाददाता ज द स पकड़ लता ह

143 पवानमा नत समाचार

पवानमा नत समाचार क ोत फ चर सा ता हक डायर अदालत म जन च क मामल क तार ख फसल व भ न म हो रह वकास क काय उनम पड़ी अडचन आ द पवानमा नत समाचार क ोत ह

15 समाचार लखन तकनीक समाचार क अवधारणा स प र चत होन क बाद सवाददाता क सम सबस पहला न यह आता ह क समाचार को कस लखा और तत कया जाए समाचार-लखन क स ा त या ह और समाचार लखन कस कहग यापक अथ म कहा जाए तो समाचार लखन कसी समाचार मा यम वारा कसी कह ह ए सन ह ए अथवा कसी तरह ा त कए सदश को पन तत करना ह ययॉक टाइ स म क एस एड स क कथनानसार - lsquoReporting means the application of curiosity directed by intelligence and fairness to the current happenings of the worldrsquo - (द नया म होन वाल घटनाओ क स ब ध म इस तरह ब सगत प स िज ासा क प त करना िजसस स चाई और ईमानदार क स ा त क अवहलना न हो ) व यात अम रकन प कार चा स ए डाना इस एक lsquoउ च णी क कलाrsquo कहत ह क णम त इस ल लतकला मानत ह दसर श द म कह तो जो हो चका ह अथवा होन क सभावना ह उसक वषय म सह सपण तट थ और समय पर जानकार दन क कया को समाचार लखन कहा जा सकता ह इस ववरण स यह प ट होता ह क समाचारप म समाचार लखन का अ य त मह वपण थान ह आज व व क आबाद पचास वष पहल थी उसस दगनी होन जा रह ह और व व क एक भाग स दसर भाग म पह चन म बह त कम समय लगता ह मानव क िज ासा

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का भी इसी कार व तत होता जा रहा ह और भ व य म और व तत होता जाएगा वाभा वक ह ह क इस कया क साथ-साथ समाचार लखन का भी बढ़ता जा रहा ह और इस म नए-नए वषय वश करत जा रह ह मानव क क त और मानव यवहार िजतना पर पर आधा रत होता जाएगा उतना ह उसका भाव समाचारप पर बढ़ता जाएगा यह नि चत ह एक समय म यह मा यता थी क लखक क तरह प कार भी ज मजात प कार होता ह य न स या श ण लकर प कार नह बना जा सकता यह मा यता आज भी सह ह

ल कन आ शक प म ह आज यक म उ चत श ण का मह व बढ़ता जा रहा ह और एक ऐसा समय आ गया ह क जब ज मजात गण रखन वाल यि त को भी थोड़ा श ण तो लना ह पड़ता ह ज मजात गण और श ण क बीच क सीमा रखा आज

खतर म ह प रि थ त धीर-धीर श ण क प म जा रह ह जोसफ प ल जर क श द म कह तो - आज क यग म ज मजात ा त कया जा सक ऐसा कोई गण ह तो वह सफ lsquoमखताrsquo का गण ह यह कहकर तर त ह व पछत ह क आज ससार का कौन सा ऐसा ह िजसम मन य को श ण क आव यकता नह पड़ती चाह जस ज मजात गण रखन वाला यि त भी उ चत श ण ल तो सोन म सगध हो जाएगी और वह कशल सपादक या सवाददाता बन सकगा

151 समाचार का गठन - छ ककार

सन 1800 स पव समाचार लखन क लए कोई व ा नक प त नह थी सवाददाता द नक घटनाओ को काल मानसार रखकर अपना काय चला रह थ धीर-धीर समाचारप का सार होता गया समाचारप म थान का मह व बढ़ा और म य का भी अत समाचार को यवि थत ढग स तत कया जान लगा सन 1894 म एड वन एल शमन न ि टकल जन ल मrsquo नामक प तक म प का रता क इन व श ट त य क ओर सकत कया डयाड कप लग न सव थम समाचार-लखन क लए 5 ड य और 1 एच का उ लख कया

इ ह हद म छ ककार कहत ह य छ ककार आज भी न कवल समाचार सकलन जगत क बि क प का रता-जगत क आधार त भ ह ndash 1 या हआ अथात या घटना ह ई 2 कहा हआ अथात घटना कहा ह ई 3 कब हआ अथात कस समय घटना घट 4 कौन सी घटना ह ई अथात कसक साथ या हआ 5 य घटना घ टत ह ई अथात घटना का या कारण था 6 कस घटना घ टत ह ई अ जी म इ ह ndash What Where when who why और How कहा जाता ह (अथात 5 ड य और 1 एच) पाठक इन ककार का उ तर इसी म म चाहता ह सबस पहल या और सबस बाद कस का उ तर दना चा हए सामा य नयम यह ह क अ य त मह व

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क त य सबस पहल दना चा हए और सबस कम मह व क अश को सबस बाद म दना चा हए एक समाचार द खए -

अमर क व व व यालय म अधाधध फाय रग 30 मर 28 घायल

ल सवग व 17 अ ल (एजसी) अमर क रा य वज नया क एक व व व यालय म एक बदकधार न एक छा ावास और लास म म अधाधध गोल बार कर कम स कम 30 लोग क ह या कर द जब क 28 स

अ धक लोग घायल हो गए प लस का कहना ह क फाय रग क घटनाओ क बाद हमलावर भी मरा हआ पाया गया ल कन यह अभी प ट नह हो सका ह क उसन खद अपनी जान ल या वह प लस क गोल का नशाना बना एक यज चनल क मता बक हताहत म कोई भारतीय नह ह वज नया टक क प लस मख व डल ि लशम न बताया क फाय रग व ट ए बलर जॉ टन हॉल छा ावास और एक इजी नय रग सकाय क भवन नॉ रस हॉल म ह ई य दोन थान 26 सौ एकड़ क व व क पस क अलग-अलग कोन पर ह

मका क तलाश हमलावर कौन ह और उसन वारदात को अजाम य दया इसक बार म कोई प ट जानकार नह मल ह बताया जाता ह क एक यवक अपनी गल ड क बार म छा स पछताछ कर रहा था इसक कछ ह दर बाद फाय रग क घटना हो गई

(राज थान प का 17 अ ल 2007) इस समाचार म छ ककार का उ लख मल जाएगा - 1 या अधाधध फाय रग स ह ई दघटना 2 कहा अमर क रा य वज नया क एक व व व यालय म 3 कब 17 अ ल 2007 को 4 कौन 30 मर और 28 घायल 5 य एक यवक वारा अपनी गलफड क तलाश क सदभ म 6 कस हमलावर वारा छा स गलफड क बार म पछताछ क दौरान अधाधध फाय रग पाठक इन ककार क इसी म म उ तर चाहता ह सबस पहल याrsquo और उसक बाद म उस कस का उ तर चा हए वस यह दखा जाता ह क याrsquo का उ तर दन क बाद समाचार क अ य न क कम म उलट-फर भी हो जाता ह सामा य नयम यह ह क अ त मह वपण त य को या प रणाम को सबस पहल दना चा हए और सबस कम मह व क अश को सबस पीछ सवाददाता को समाचार लखन स पव तय कर लना चा हए क समाचार क श आत कस करनी ह कौन सी जानकार पहल दनी ह और कस म स दनी ह मन म इस तरह का खाका बना लन स यौर तरतीब स सजाए जा सकत ह तथा सग ठत और तलाश हआ समाचार लखा जा सकता ह डा अजन तवार न समाचार लखन क लए न न याओ को ज र बताया

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ह - 1 समाचार त य को सक लत करना 2 कथा क काय योजना बनाना तथा लखना 3 आमख लखना 4 प र छद का नधारण करना 5 व ता क कथन को अ वकल प स तत करना 6 स क सकत को उ त करना समाचार लखन क लए दो कार क शल च लत ह - 1 वलोम परा मड शल और 2 उ व परा मड शल

152 वलोम परा मड शल

समाचार-लखन क लए कछ पार प रक नयम ह िजनका कमोबश आज भी योग होता ह उदाहरण क लए वलोम परा मड (Inverted Pyramid) शल परा मड का आधार आयताकार होता ह और शीष पहाड़ क चोट क तरह नक ला परा मड को उलटकर न क क बल पर खड़ा कर दया जाए तो उसका आधार ऊपर क तरफ होगा समाचार क सदभ म इसका अथ ह क समाचार का सार स प आर भ म ह द दया जाए ता क पाठक को एक ह नजर म पता लग जाए क आग या- या जानकार मलन वाल ह इसस पाठक म आग प न क उ सकता जागगी और य - य वह खबर पढ़ता जाएगा जानकार क परत एक-एक करक उभरती चल जाएगी वलोम परा मड शल स पाठक को श म ह ात हो जाता ह क समाचार म या ह दसरा य द पज का मकअप करत समय मटर या समाचार बढ़ जाता ह यानी जगह कम रहती ह तो आ खर क दो-तीन पर आसानी स काट जा सकत ह अत म गौण त य ह ह ग वलोम परा मड क सरचना दख ndash 1 इ ो

1 समाचार का सार 2 व तार 2 आमख (इ ो) का व तार 3 समापन 3 गौण ववरण

वलोम परा मड शल म कछ खा मया भी ह जस- समाचार क आरि भक भाग (इ ) म जानकार ठसन क को शश म वा य रचना क बो झल होन का खतरा रहता ह दसरा समाचार क श आत रोचक ढग स नह होती तीसर बात यह ह क शीषक और इ ो म वषय या जानकार क पनरावि त होती ह आग चलकर अ य त य दत समय उनका फर स उ लख करना पड़ जाता ह इन खा मय क बावजद वलोम परा मड शल समाचार को कम स कम थान या पि तय म जोड़न क ि ट स भी बह त उपयोगी ह समाचार म पर तरह और

बड़ी घटनाओ क खबर म काफ हद तक वलोम परा मड का अनसरण कया जाता ह वलोम परा मड शल (Inverted Pyramid) को इस कार तत कया जा सकता ह-

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वलोम परा मड शल को उ ट तपी प त क नाम स भी जाना जाता ह मी डया जगत म यह प त या शल वशष प स च लत और लोक य ह

153 ऊ व परा मड शल

ऊ व परा मड (Upright Pyramid) शल वलोम परा मड शल स एकदम उलट ह ऐस समाचार म सवा धक मह वपण अश को श म न दकर उसका आर भ सबस कम मह व क ववरण स कया जाता ह ल कन धीर-धीर मह वपण वषय को लया जाता ह और समाचार सवा धक मह व वाल ववरण पर समा त कया जाता ह इ ह नल बत अ भ च वाल समाचार भी कहा जाता ह ऊ व परा मड का उपयोग फ चर मानवीय अ भ च क समाचार म य त कया जाता ह इसम द जान वाल साम ी का म कछ इस कार रहता ह- 1 दलच प आर भ

2 गर मह वपण सचना 3 त य 4 व तार 5 मह वपण जानकार

1 सबस कम मह वपण सचना ल कन जो पाठक म उ सकता पदा कर

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2 समाचार स जड़ त य 3 व तार िजसम समाचार क प ठभ म भी शा मल ह 4 मह वपण जानकार 5 सवा धक मह वपण जानकार िजस समाचार का चम कष भी कहा जा सकता ह ऊ व परा मड शल (Upright Pyramid) को इस कार तत कया जा सकता ह-

154 समाचार लखन क नई शल

समाचार मा यम म समाचार लखन क लए आज भी वलोम परा मड शल का सवा धक योग होता ह ल कन इधर कछ वष म धीर-धीर ह सह समाचार लखन क कई नई श लय

का चलन भी बढ़ा ह पाठक नए तर क स लख जा रह इन समाचार को पसद कर रह ह इसका मख कारण यह ह क वलोम परा मड शल क अ धक योग क कारण समाचार मा यम म नीरसता और उबाऊपन सा आ जाता ह िजस तोड़न क लए नई श लय का योग बढ़ रहा ह नई श लय म सवा धक लोक य शल कथा मक या वणना मक शल ह इसम वलोम परा मड क बजाय समाचार को कथा मक वणना मक शल म लखा जाता ह इसम परा समाचार पढ़न स ह एक नर तरता बनती ह और उस वलोम परा मड क तरह कह भी सपा दत या काटा-छाटा नह जा सकता ह ऐस समाचार म ार भ स लकर अत तक पाठक क च बनी रह इस लए उ ह ऐसा लखा जाता ह क िजसम पाठक को कह भी उबाऊपन का अहसास नह हो अ जी क समाचारप ndash lsquoटाइ स ऑफ इ डयाrsquo lsquo ह द तान टाइ सrsquo lsquoइ डयन ए स स आ द समाचारप म कथा मक या वणाना मक शल म लख समाचार का चलन लगातार बढ़ रहा ह हद क समाचारप नवभारत टाइ सrsquo द नक ह द तान lsquoद नक भा करrsquo जनस ता आ द म इस शल म लख गए समाचार दखाई दत ह

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155 शीषक

मानव शर र म जो शीष का मह व ह वह समाचार म शीषक का शीषक समाचार का ाण और उसक सार का व ापन ह समाचार क शीषक स यह बोध हो सकता ह क समाचारप क वचारधारा नी त और पर परा कस कार ह शीषक समाचारप क मनोभावना का प ट त ब ब ह कोई भी समाचार या लख बना शीषक क का शत नह होत सबस

अ धक वह समाचारप बकत ह िजनक शीषक साथक पन स त और जीवत होत ह वा तव म शीषक ह बकत ह समाचारप नह शीषक क तीन उ य होत ह - 1 समाचार को व ा पत करना या उस काश म लाना 2 समाचार क मह वपण अश का सार कट करना 3 समाचारप क प ठ को साज-स जा क ि ट स स दर एव आकषक बनाना समाचारप म म यत न न शीषक का योग कया जाता ह - ॉसलाइन ॉपलाइन वलोम सोपानी पण पा त वलोम तपी क ट शीषक आ द मह वपण समाचार क लए गगन रखा और बनर (पताका) का योग कया जाता ह चट ल रसील भीषण तथा अ या शत समाचार को बा स (Box) म का शत कया जाता ह

156 व तार

समाचार लखन म इ ो या आमख लखन पर िजतना जोर दया जाता ह उतना जोर समाचार क व तार अथात अ य श द म समाचार क बॉडी लखन पर नह दया जाता इस लए कई बार अ छ इ ो क बावजद कमजोर व तार (बॉडी) क कारण समाचार अ भावी और अपठनीय हो जात ह वा तव म सवाददाता को कसी भी समाचार को उसक सपणता म दखना चा हए न क उसक अलग-अलग पहलओ जस इ ो व तार और समापन क तौर पर समाचार कापी लखन क कापी तयार करत ह ए सवाददाता को यह हमशा यान म रखना चा हए क इ ो क बाद समाचार क बॉडी म या होगा और वह कस आएगा इसक लए सवाददाता को यह स नि चत करना चा हए क इ ो और बॉडी क बीच एक नरतरता हो और पाठक को ऐसा न लग क समाचार क इ ो और बॉडी क बीच कोई सामज य ह नह ह कहा जा सकता ह क समाचार लखन क लए समाचार क बॉडी क अलावा बाक शर र भी मह वपण ह समाचार क बॉडी का मह व इस लए बढ़ जाता ह क इ ो म उ ल खत त य क या या और व लषण समाचार क बॉडी म होता ह समाचार क व तार म दो त य का यान रखना आव यक ह - 1 इ ो म दए गए त य क या या और 2 कम मह वपण त य को समाचार म या या पत करना इसस समाचार को या या पत करन म सहायता मलती ह जो आमतौर पर इ ो म नह आ पात

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157 समापन

समाचार का समापन कस कया जाए इस सदभ म कोई नि चत नयम या फामला नह ह परा मड शल म समाचार को उसक मह व और समाचार मा यम म उपल ध जगह क अनसार कह भी समा त कर सकत ह इस शल म लख समाचार म त य और सचनाओ को उनक घटत म म लखा जाता ह ऐस म समाचार क समापन क लए अलग स यास करन क कोई आव यकता नह ह फर भी इसक बावजद समाचार को इस तरह स समा त नह कया जाना चा हए िजसस उसका अथ प ट न हो या ऐसा लग क समाचार का अत अटपट ढग स कया गया ह समाचार का समापन करत समय इस त य को यान म रखना चा हए क उसम समाचार क मख त व आ गए ह समाचार क इ ो और समापन क म य एक मब ता होनी चा हए कछ समाचार का तो कोई अत या समापन ह नह हो सकता ह इस कार क समाचार म घटना म या वकास म को चलाकर समाचार का समापन कया जा सकता ह

16 समाचार लखन क मह वपण त व समाचार-लखन क आकषक क जो म य मल त व मान गए ह उनम 1 साम यकता 2 घटना थल ( काशन थल) 3 मानवीय च 4 आ मीयता एव 5 सामी य त व वशष मह व रखत ह इसी कार समाचार-लखन म कशलता एव वीणता ा त करन क लए चार गण मह वपण ह य ह - स यता प टता स च और स तता इ ह समाचार-लखन क चार सकार भी कहा जा सकता ह समाचार लखन क मह वपण त व ह - 1 साम यकता - साम यकता समाचार-लखन का सवा धक मह वपण गण ह कोई भी

समाचार चाह वह ट मी डया का हो या इल ॉ नक मी डया का नवीन घटनाओ एव वतमान जगत स िजतना अ धक जड़ा होगा उसम पाठक क उतनी ह अ धक च होगी समाचार का सबस बड़ा गण ह उसक ता का लकता या साम यकता उस नद क नर तर बहत जल- वाह क तरह नवीनतम होना चा हए घटना म क ती वाह क साथ-साथ समाचार का क य भी बदलता रहता ह यह साम यकता ह पराना या बासी पड़ गया समाचार एक तरह स समाचार नह रह जाता समाचार य द साम यक या नवीनतम न हो तो वह सवाद न होकर सदभ व लषण या आ यान बन जाता ह

2 घटना थल ( काशन थल) - समाचार का दसरा मह वपण गण उसका lsquoघटना- थलrsquo या काशन- थल ह आम पाठक क अपन आस-पास नगर या रा य क समाचार म दलच पी होना वाभा वक ह य क जो घटनाए पाठक क इद- गद घटती ह व उस अ धक भा वत करती ह

3 मानवीय च - रोजमरा क आपाधापी क िज दगी म कछ ऐसी ि थ तया आती ह जो जीवन क ि ट स अथपण होती ह आम तौर पर नताओ क भाषण बयान अपराध

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आतकवाद टाचार और सरकार व ि तया चनाव आ द समाचार क समाचारप म भरमार होती ह ल कन मानवीय च ndash lsquo यमन इटर टrsquo स जड़ समाचार का समाचारप म अभाव रहता ह मानवीय सवदनाओ और जीवन क कछ अ य त पहलओ को काश म लान वाल समाचार मानवीय च क समाचार क णी म आत ह ऐस समाचार को लखन क ढग स और रोचक भी बनाया जा सकता ह

4 आ मीयता - आ मीयताrsquo भी समाचार का एक बड़ा गण ह समाचार स जड़ी घटनाओ स पाठक िजतनी आ मीयता पाएगा वह उसस उतना ह भा वत होगा इसक अ त र त स यता नवीनता वयि तकता स या और आकार सशय और रह य आ द समाचार क ऐस त व ह िजनम समाचार क त आकषण उ प न होता ह

5 सामी य त व - समाचार लखन म सामी य का अपना वशष मह व ह सामी य का आशय नकटता स ह जो समाचार पाठक क नकट या आस-पास होगा वह उतना ह पाठक वारा पढ़ा जाएगा य क पाठक का अपन आस-पास क घटनाओ म च होना वाभा वक ह

17 समाचार लखन क पाच सकार समाचार-लखन म कशलता ा त करन पाच सकार को अव य यान म रखना चा हए य ह - 1 स यता 2 प टता 3 स च 4 स तता और 5 साम यकता 171 स यता ndash समाचार म स यता हो तथा समाचार कसी पवा ह या प पात स नह

लखा जाए स य को ठस पह चाना समाचार क आ मा को न ट करना ह समाचार म साम यकता भी म यवान होती ह ल कन स य भी उसस अ धक म यवान होता ह

172 प टता - समाचार सरल एव सहज भाषा म लखा जाए िजसस पाठक को समझन म कोई क ठनाई नह हो प टता समाचार का मह वपण ब द ह जो समाचार िजतना प ट होगा वह पाठक वारा अ धक पढ़ा जाएगा

173 स च - समाचार सदव स च ढग स लखा जाना चा हए िजसस पाठक क च उसम बनी रह

174 स तता - समाचार म थोड़ स श द स अ धक स अ धक बात कहन क मता हो स तता समाचार का व श ट गण ह

175 साम यकता - समाचार म साम यकता का सदव यान रखना चा हए समाचारप या यक पाठक सम-साम यक घटनाओ या समाचार क बार म जानना चाहता ह

बोध- न - 1 समाचार क प रभाषा द िजय

2 समाचार क छ ककार या ह

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18 साराश lsquoसमाचार अवधारणा एव लखन तकनीक इकाई पढ़ लन क बाद आप जान गए क समाचार कस कहत ह और समाचार लखन क तकनीक या ह इसम समाचार क व भ न प रभाषाओ क भी व तार स समी ा क ह साथ ह समाचार क मह व समाचार क ोत समाचार लखन समाचार क मह वपण त व और समाचार क पाच सकार क व तत ववचना क ह मी डया जगत म समाचार का अपना व श ट थान ह चाह वह ट मी डया हो या इल ॉ नक मी डया समाचार लखन म वलोम परा मड शल या उ ट परा मड शल का योग सवा धक होता ह ल कन इधर कछ वष स समाचार लखन म अनक नई श लय का योग हो रहा ह नई श लय म सवा धक लोक य शल कथा मक या वणना मक शल

ह अ जी एव ह द क समाचारप म इस शल का चलन बढ़ रहा ह

19 श दावल समाचारप - नय मत प स त दन का शत होन वाल द नक समाचारप कहलात ह भारत क स ए ड रिज शन ऑफ ब स ए ट क अनसार ndash lsquoसमाचारप कोई भी नि चत अव ध म का शत होन वाला प ह िजसम सावज नक समाचार या ऐस समाचार पर ट प णया हो rsquo यह प रभाषा समाचार स जड़ी हर प का को समाचारप क प र ध म शा मल कर दती ह समाचार सकलन - सवाददाता वारा अपनी सझबझ प र म और साहस स व भ न ोत स समाचार ा त करना ढढना खोजना जनसपक करना वय घटना- थल तक पह चकर समाचार ा त करना आ द समाचार सकलन कहलाता ह समाचार क त व - समाचार को समाचार व दान करन वाल त य ह - 1 जानकार 2 नवीनता 3 बह स यक क अ धकतम च 4 उ तजक सचना और 5 प रवतन क सचना फ चर - प का रता म फ चर लखन एक वशष वधा ह इसका उ य सामा य पाठक का मनोरजन करना ह अथवा उसक जानकार बढ़ाना ह फ चर कसी रोचक वषय पर मनोरजक शल म लखा गया लख ह सवाददाता - समाचारप को सवाद या समाचार भजन वाला प कार सवाददाता कहलाता ह सवाददाता भी दो तरह क होत ह - 1 थानीय और 2 अ य थान स समाचार एक कर डाक फ स फोन आ द स भजन वाल

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इ ो या आमख - समाचार का आर भक भाग िजस आमख भी कहा जाता ह इसम समाचार क ाय एक या दो या अ धक मह वपण अश का सकत होता ह ककार - समाचार लखन म छ ककार का अपना मह वपण थान ह य ककार ह- या कहा य कस कौन और कब इनवटड परा मड वलोम परा मड - समाचार क आर भक वा य म ह मह व क अनसार जानकार दन का स ा त इसम सबस मह वपण जानकार पहल द जाती ह और गौण यौर अत म अपराइट परा मडऊ व परा मड - मानवीय सवदना उजागर करन या उभारन वाल समाचार म घटना या उसक मह वपण यौर आर भ म न दकर बाद म उनका उ लख कया जाता ह

110 कछ उपयोगी प तक 1 सपादन प ठ स जा और म ण - ो रमश जन (मगलद प पि लकश स जयपर) 2 जनसचार व वकोश - ो रमश जन (नशनल पि ल शग हाऊस जयपर एव द ल ) 3 ट मी डया लखन - ो रमश जन (मगलद प पि लकश स जयपर) 4 समाचार सपादन - मनाथ चतवद (एकड मक पि लशस नई द ल ) 5 समाचार सकलन और लखन - डॉ नद कशोर खा ( ह द स म त लखनऊ) 6 सवाद और सवाददाता - राज (ह रयाणा सा ह य अकादमी चडीगढ़) 7 समाचार अवधारणा और लखन कया सपादक- सभाष ध लया एव आनद धान

(भारतीय जनसचार स थान नई द ल ) 8 प का रता क व भ न वधाए - डॉ नशात सह (राधा पि लकश स नई द ल ) 9 योजनमलक हद - ो रमश जन (नशनल पि ल शग हाउस जयपर)

111 अ यासाथ न 1 समाचार या ह समाचार क प रभाषा समझात ह ए समाचार- ोत क वग करण पर काश

डा लए 2 समाचार लखन क तकनीक क व तत ववचना क िजए 3 समाचार सकलन क बाद सवा धक मह वपण काय समाचार लखन का ह rdquo इस कथन क

समी ा क िजए 4 ldquo वलोम परा मड शल समाचार लखन का ब नयाद स ा त ह यह समाचार लखन का

सबस सरल उपयोगी और यावहा रक स ा त ह समी ा क िजए 5 इ ो स आप या समझत ह एक अ छ इ ो क वशषताए बताइए 6 समाचार क पाच सकार कौन स ह आप इन सकार म स कन सकार को उपयोगी और

भावी मानत ह व तार स बताइए 7 समाचार लखन क मह वपण त व कौन-कौन स ह इन त व का व तत प रचय द िजए

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8 समाचार-सकलन क मख ोत या ह यि त ह समाचार क ोत होत ह इस कथन क समी ा क िजए

9 स त ट प णया ल खए ndash 1 समाचार का व प 2 समाचार क कार 3 समाचार का मह व 4 समाचार लखन क नई श लया 5 छ ककार 6 समाचार क शीषक

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इकाई-2 सवाददाता समाचार ोत एव सकलन

इकाई क परखा 20 उ य 21 तावना 22 सवाददाता स आशय 23 सवाददाताओ क णया काय वभाजन

231 कायालय सवाददाता 232 वशष सवाददाता 233 अशका लक सवाददाता 234 काय क आधार पर सवाददाता

2341 लाइनर 2342 ि गर 2343 पणका लक सवाददाता 2344 टाफस

235 प कार वतन मडल वारा नधा रत सवाददाता 2351 वशष सवाददाता 2352 म य कायालय सवाददाता 2353 उप म य कायालय सवाददाता 2354 रपोटर 2355 सवाददाता 2356 वदश सवाददाता

24 समाचार व प एव आशय 241 समाचार क कार

2411 व श ट समाचार 2412 यापी समाचार

25 समाचार क ोत 251 या शत ोत 252 अ या शत ोत 253 पवानमा नत ोत

26 समाचार सकलन 261 स व ि त 262 प लस थान एव अ पताल 263 सरकार एव गर सरकार स थान

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264 स स मलन 265 जनस पक वभाग 266 सा ा कार 267 यज एजि सया

27 समाचार लखन एव ततीकरण 28 समाचार का अनवतन साराश 29 साराश 210 श दावल 211 कछ उपयोगी प तक 212 अ यासाथ न

20 उ य यह सचना यग ह सचना ससाधन का नय ण और उपयोग जो कर सकता ह वह शि तशाल ह दरअसल यह सचनाओ क व फोट का दौर ह आप नह भी चाहग तब भी सचनाए आपक इद- गद घमगी और आपक सरोकार उनम तय करगी ह इस इकाई म आपको समाचार दन वाल सवाददाता समाचार ोत एव सकलन क बार म ह जानकार द जा रह ह इस इकाई क अ ययन उपरा त आप - सवाददाता स आशय उसक प रभाषा क बार म जान सकग सवाददाता क व भ न णया एव उसक काय वभाजन को समझ सकग समाचार क प रभाषा एव उसक व प को जान सकग समाचार क व भ न ोत एव सकलन तकनीक क बार म जान सकग समाचार लखन तकनीक एव उसक व प को समझ सकग

21 तावना सचना ौ यो गक क इस यग म व व भर क द रया अब समा त हो गयी ह दरसचार क यटर-इटरनट और सटलाईट क ज रए पलभर म व व क एक कोन स दसर कोन तक सदश का सारण सभव होन क साथ ह मी डया क पार प रक व प म भी तजी स बदलाव आया ह समाचारप क इ टरनट स करण आन क साथ ह उनक पह च दश द रय को समा त कर चक ह आप अम रका म बठ ह और वहा ह द तान क कसी छोट स िजल स का शत द नक समाचार का आ वाद लना चाहत ह तो त काल इ टरनट स जड़ क यटर पर जाए आपको वहा वह अखबार अपन पर कलवर क साथ मौजद मलगा-नवीनतम सचनाओ क साथ ऐसा ह ट वी क साथ हआ ह इतन अ धक सटलाईट चनल का आकाश माग स व व म वश हो चका ह क आप द नया जहान म घ टत पल-पल क समाचार को दख-सन सकत ह ऐसा जब हो रहा ह तो वाभा वक ह ह क समाचार लखन वाल तत करन वाल सवाददाता का काय भी अब बहद चनौतीपण हो गया ह समाचारप एव इल ॉ नक मी डया म काय करन वाल सवाददाता ह व मह वपण कड़ी ह जो पल-पल क समाचार को एक थान स दसर

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थान तक पह चात ह ऐस म सवाददाता क भ मका समाचार क लए य त उसक ोत क आयाम भी नरतर बदल ह ट एव इल ॉ नक मी डया म सवाददाता क या ह भ मका कौनस ह उसक ोत कस करता ह वह समाचार का सकलन और कस उनक करता ह त त इस इकाई म इ ह पर काश डालन का यास कया गया ह

22 सवाददाता स आशय सवाददाता का सामा य तौर पर अथ कर तो पाएग-सवाद दन वाला शाि दक अथ म कह तो कसी घटना वशष क सबध म त या मक जानकार दान करन का काय ह एक कार स lsquoसवादrsquo कहलाता ह ऐस म जो यह काय करता ह उस सवाददाता या रपोटर कह सकत ह सवाद का अथ कहन सचना दन अथवा कसी घटना का ववरण तत करन स ह इस कार स जब सवाद स षण कया जाता ह तो उस प का रता क भाषा म रपो टग कहा जाएगा रपोटर बह स य लोग क उपयोग क जानका रय को ट या इल ॉ नक मी डया क मा यम स स षण करता ह इस ऐस भी कहा जा सकता ह क जो रपोट या समाचार लखन ततीकरण का काय करता ह उस सवाददाता कहा जाएगा पहल समाचारप क काशन क म यालय पर तनात रपोटर कह जात थ और जो म यालय स बाहर स समाचार भजत थ उ ह सवाददाता कहा जाता था सवाददाता समाज क बह स यक लोग क च वाल सचनाओ को समाचार क प म पाठक दशक या फर ोता या फर इन सबक लए ह तत करन का काय करता ह वह सचनाओ क मह व को समझत ह ए उनका व रत आकलन ह नह करता बि क कम स कम समय म उस अ धक स अ धक लोग तक पह चान का काय करता ह सचना क मह व उसक उपयो गता को समझत ह ए उस समाचार क प म जब सवाददाता

तत करता ह तो उस यह भी दखना होता ह क उसका असर पढ़न सनन या दखन वाल पर या होगा ट एच कॉट क अनसार ndash ldquoप कार या सवाददाता वह यि त ह जो थोड़-थोड़ समय क अतर पर का शत अपनी रचनाओ स जनमत को एक नि चत दशा म भा वत करता ह डॉ नशात सह क मतानसार ndash ldquo कसी घटना वशष क बार म अ य यि तय को त या मक जानकार दना lsquoसवादrsquoकहलाता ह और इस काय को करनवाला यि त सवाददाता या रपोटर कहलाता ह व र ठ प कार एव लखक ानश उपा याय क श द म ndash ldquoसवाददाता वह ह जो नर समाज क जनोपयोगी स चाइय स समाज का ल खत स- वर स- य सा ा कार करवाता ह rdquo डॉ मह मधप का कहना ह- बहउपयोगी सचनाओ क स षण क सवाहक को सवाददाता कहा जाएगा वह ट एव इल ॉ नक मी डया क लए अ धकतम लोग क च क जानका रया ह नह जटाता बि क उ ह आकषक ढग स इस कार तत करता ह क लोग क उ सकता उसम बनी रह इन प रभाषाओ क आधार पर प टत यह कहा जा सकता ह क सवाददाता जनोपयोगी नवीनतम घटनाओ जानका रय क सवाद का स षण ह नह करता बि क जनमत नमाण

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म भी मह वपण भ मका नभाता ह प का रता को लोकत का चौथा त भ कहा गया ह सवाददाता इस चौथ त भ क वह बहद मह वपण कड़ी ह जो समाचार क मा यम स जनता क न ज को टटोलत अ भ यि त क वत ता का सह मायन म इ तमाल करत ह ए लोकत क नीव को मजबत करता ह

23 सवाददाता क णया एव काय वभाजन समाचार सकलन क ि ट स सवाददाताओ क अलग-अलग णया बनी ह ई ह ट एव इल ॉ नक मी डया क लए काय करन वाल सवाददाताओ को उनक काय क हसाब स वग कत कया जाता ह एक समय था जब समाचारप क एक या दो स करण ह अ धका धक हआ करत थ आज ि थ तया बदल चक ह ीय प का रता क इस दौर म समाचारप क िजलवार स करण का शत होन लग ह यहा तक क उपखड तर क भी प ठ अलग स समाचारप म दय जात ह ऐस म सवाददाताओ क स या म भी पहल स कई गना बढ़ोतर हो गयी ह अब अलग-अलग वषय क समाचार क लए अलग-अलग बीट का नधारण होता ह मसलन अपराध समाचार ह तो उस बीट को अलग स एक सवाददाता दखता ह ऐस ह सा क तक राजनी तक धा मक आ थक आ द अलग-अलग वषय क बीट क भी अलग-अलग सवाददाता नधा रत होत ह यह नह िजस कार स सरकार म अलग-अलग वभाग क अलग-अलग अ धकार होत ह उसी कार स समाचारप म भी अलग-अलग वषय क लए अलग-अलग नधा रत सवाददाता होत ह व सवाददाता अपन वषय स सब धत समाचार को ह दखत ह इसी कार थान क आधार पर भी सवाददाता क अलग-अलग णया ह समाचार सकलन क अतगत मोट तौर पर सवाददाताओ क तीन णया क ह ई ह

231 कायालय सवाददाता

समाचारप क काशन थल पर थानीय समाचार का सकलन कर उनका जो लखन करत ह उ ह कायालय सवाददाता क णी म रखा जाता ह कायालय सवाददाता समाचारप कायालय म आन वाल समाचार को भी समाचारप क तवर क हसाब स लखत ह थानीय वषय पर सरकार एव गर सरकार स व ि तया तथा व भ न आयोजन आ द क सबध म समाचार एक कर उस लखन का काय कायालय सवाददाता अममन करता ह ट मी डया क अतगत भी आन वाल स व ि तया व भ न समाचार योर को वहा क कायालय सवाददाता एक कर सपा दत कर उस सारण यो य बनात ह ए यापक लोग तक पह चान क यव था करत ह

232 वशष सवाददाता

रा य और रा य तर य समाचार का सकलन कर उनका व लषण करत ह ए लखन का काय समाचारप म कायरत वशष सवाददाताओ वारा कया जाता ह वशष सवाददाता समाचार क न ज को पहचानत ह ए त नसार उसका कलवर समाचारप

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क लए नधा रत करत ह ए खबर क तह तक जान का यास करत ह ए सब धत व भ न अ य समाचार स उस सब करत ह ए समाचार लखता ह एक अनभवी प कार होन क नात वशष सवाददाता समाचार लखत समय घटना या वषय का व लषण ह नह करत बि क व उसक भ व य म होन वाल प रणाम का ववचन भी करता ह ऐस ह इल ॉ नक मी डया क वशष सवाददाता कसी राजनी तक समाचार वशष घटना क समाचार व श ट सचना आ द का पण व लषण करत ह ए ता कक ढग स उसक प रणाम और उसक लोग पर पड़न वाल असर क बार म योरा बनात ह ए उस यापक दशक ोताओ तक पह चात ह ऐस म व घटना थल पर वय पह चकर वहा क य- य साम ी भी जटात ह उदाहरण क लए लखनऊ स का शत होन वाल समाचारप म लखनऊ नगर म समाचार का उ तरदा य व कायालय सवाददाता या रपोटर का होता ह

233 अशका लक सवाददाता

अशका लक सवाददाता व होत ह जो कसी समाचारप समाचार एज सी क लए दर दराज क इलाक स समाचार एक कर का शत करन हत भजवात ह बड़ समाचारप क सवाददाता हाला क दश क राजधा नय बड़ नगर म भी तनात होत ह पर त दर-दराज क शहर गाव म समाचार क उनक ोत अशका लक सवाददाता ह होत ह ऐस ह इल ॉ नक मी डया म ऐस सवाददाताओ को ि गर कहा जाता ह व घटना या वशष वषय का योरा य या य या फर य- य दोन ह प म सारण क लए भजवात ह

234 काय क आधार पर सवाददाता

सवाददाता क इन णय क अलावा ट एव इल ॉ नक मी डया म बह त स तर पर प कार जड़ होत ह मी डया म काय क व त क हसाब स उनका नामकरण भी अलग-अलग थान पर अलग-अलग कया हआ ह काया धकता क कारण सवाददाताओ क जो अ य णया क ह ई ह व इस कार ह-

2341 लाइनर

य व सवाददाता होत ह जो समाचारप क थायी कमचार नह होत इ ह उनक का शत समाचार क पि तया (कॉलम) क अनसार अपन काय का पा र मक मलता ह छोट-छोट क ब गाव म बड़ समाचारप क लए लाइनर ह सवाददाता का काय करत ह य समाचारप क लए व ापन जटान का काय भी करत ह

2342 ि गर

लाइनर स कछ बहतर ि थ त ि गर क होती ह भल ह य थायी कमचार नह होत पर त इ ह िजस ट या इल ॉ नक मी डया क लए काय करत ह उस मी डया क ओर स प कार को द जान वाल सामा य स वधाए उपल य करायी जाती ह

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तमाह इ ह एक नधा रत रा श अपन प का रता कम क लए दान क जाती ह आजकल इल ॉ नक मी डया म तो अ धकाशत ि गर ह तनात होत ह िजनक पास वय क कमर होत ह सब धत इल ॉ नक मी डया क लए य ि गर य

य- य साम ी भजवात ह

2343 पणका लक सवाददाता

जसा क नाम स ह व दत ह य समाचारप या इल ॉ नक मी डया चनल क नय मत प कार होत ह मी डया ह आव यकता क अनसार य कसी िजला म यालय या अ य थान पर नय त होत ह और इ ह उपसपादक क समान स वधाए वतन ा त होता ह

2344 टाफस

सामा यतया रा य क राजधा नय म टाफस लग होत ह इनका सीधा सबध समाचारप या चनल क म य कायालय स होता ह बड़ समाचारप और इल ॉ नक मी डया क बड़ चनल वारा ह टाफस रख जान क पर परा ह च क इ ह नय मत प कार क स वधाए और ट स दया होता ह

235 प कार वतन मडल वारा नधा रत सवाददाता

ट एव इल ॉ नक मी डया म सवाददाताओ क नयि त अपनी स वधा और तर क हसाब स क होती ह पर त प कार वतन मडल वारा सवाददाताओ क जो णया नधा रत क ह ई ह व इस कार स ह-

2351 वशष सवाददाता ( पशल कॉरसप डट)

प कार वतन मडल क मानदड क अतगत वशष सवाददाता उस माना गया ह जो कसी समाचारप क लए ससद य राजनी तक और आम जन क मह व क सभी समाचार को सक लत करत ह ए उनक समी ा करता ह वशष सवाददाता द ल म भारत सरकार वारा मा यता ा त होता ह और वदश म नय त कया हआ भी हो सकता ह ऐस प रभाषा म उन प कार को भी शा मल कया गया ह जो ससद य राजनी तक या सामा य जन म क समाचार क सकलन एव लखन क साथ एक स अ धक रा य म या कसी ऐस रा य या कसी ऐस थान पर जहा उनस ऐसा ह काय करन को कहा गया ह काम करत ह

2352 म य कायालय सवाददाता (चीफ रपोटर)

चीफ रपोटर क णी म उन प कार को शा मल कया गया ह जो समाचारप क काशन क थान पर सभी कायालय सवाददाताओ क मख क प म काय करता

हो चीफ रपोटर उस माना गया ह जो कायालय सवाददाताओ क काय क दखभाल करता ह और वय नय मत प स वधान-मडल य राजनी तक तथा सामा य मह व क समाचार का सकलन और उनक या या करता ह

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2353 उप म य कायालय सवाददाता या व र ठ सवाददाता

उप म य सवाददाता क णी म व प कार आत ह जो म य कायालय सवाददाता क उसक काय म सहायता करत ह तथा उनक अनपि थ त म उसक काय का वहन भी करत ह ऐस ह व र ठ सवाददाता उस कहा जाता ह जो समाचारप क काशन क थान पर समाचार का सकलन करता ह व र ठ सवाददाता उस कहा जाता ह िजस सवाददाता क प म काय करन का कम स कम पाच वष का अनभव हो

2354 रपोटर

रपोटर समाचार को ा त कर उस समाचारप क लए सामा यतया लखन का काय करता ह समाचारप म प कार क प म कसी यि त क श आत समाचारदाता क प म ह होती ह रपोटर का काम एक प क काशन थल या कसी अ य वशष थान पर समाचार का सकलन कर उस समाचारप क लए तत करना होता ह

2355 सवाददाता

प कार वतन मडल क अनसार सवाददाता वह यि त होता ह जो समाचारप का शत होन वाल थान स दर रहकर समाचार को एक कर उ ह फ स इ टरनट

तार डाक या फर अ य कसी भी सचार मा यम स समाचारप कायालय तक पह चाता ह

2356 वदश सवाददाता

वदश सवाददाता उस कहा जाता ह जो िजस दश म समाचारप का शत होता ह उसस भ न कसी दसर दश म रहकर उस समाचारप क लए समाचार सकलन का काय करता ह ऐसा सवाददाता आम तौर पर सवाद स म तय या फर कसी बड़ समाचारप क लए काय करता ह सवाददाताओ क उपय त णया म यत प कार वतन म क आधार पर कया हआ ह वतन म क अनसार ह प कार का यह वग करण ऐसा ह जो वत ह उनक क न ठता और व र ठता क बार म भी जानकार द दता ह यह ज र नह ह क सभी समाचारप म उपय त बताए कार क सभी सवाददाताओ क णया ह पर त मोट तौर सवाददाताओ का वभाजन इसी आधार पर कया हआ ह

24 समाचार व प एव आशय समाचार अ जी श द ldquo यजrdquo का ह द अनवाद ह यज दरअसल म यकाल न ल टन श द ldquoनोवाrdquo स बना ह यज स ह बाद म यज पपर अथात समाचारप श द योग म आया म ण कला क वकास क साथ समाचारप का नरतर यापक होता चला गया इ लड क ldquo यज पपर लायबल रिज शन ए टrdquo क अनसार ldquoकोई भी परचा समाचारप कहा जायगा

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बशत क उसम सावज नक समाचार सचनाए छपी हो अथवा इन समाचार क सबध म कोई ट का- ट पणी हो और वह एक नि चत अव ध क बाद ब क लए का शत होता हो rdquo समाचारप क बार म इस कथन स यह बात प ट होती ह क सावज नक सचनाओ को यापक अथ म समाचार कहा जाता ह अब तो समाचार श द ह सचना क सार का योतक बन गया ह मोट तौर पर यह कहा जा सकता ह क मन य क च को यान म रखत ह ए एका धक लोग तक पह चाई जान वाल सचना क अ भ यि त को समाचार कहा जाता ह समाचार को कसी वशष अथ म प रभा षत नह कया जा सकता च क इसका अ य धक यापक ह ट और इल ॉ नक मी डया क इस दौर म समाचारप म का शत सचनाओ को ह समाचार नह कहा जा सकता बि क सारण क व भ न मा यम म तत क जान वाल सचनाओ क व वध प भी समाचार स ह सब धत मान जायग सामा यतया समाचारप क सदभ म समाचार वह ह िजस सपादक का शत करना चाह या सपादक िजस लख वह समाचार ह समाचार अथात घटना त य या मत क ऐसी साम यक सचना िजसक बार म जानन क लए यापक वग को उ सकता हो ऐसा भी कहा जाता ह क िजसक बार म कछ समय पहल तक कसी कार क जानकार नह हो समाचार वह स चाई ह समाचार क बार म बह च लत प रभाषा यह भी द जाती ह क क ता अगर आदमी को काट ल तो वह समाचार नह ह य द आदमी क त को काट ल तो उस समाचार कहग इसका अथ यह हआ क अ या शत ऐसी सचना िजसक बार म सामा यतया अनमान नह लगाया जाता वह समाचार ह कहलायगी मी डया म समाचार क बार म एक अवधारणा यह भी खासा च लत ह क िजस सचना को लोग को जानन न दन अथात दबान का यास कया जाता ह वह समाचार या खबर कहलाता ह शाि दक अथ म दख तो समाचार को अ जी श द NEWS क ह द पा तरण क प म भी दखा जाता ह NEWS क उ प त NEW स ल जाती ह अथात नवीन जो कछ नया ह िजसम नवीनता का बोध हो ऐसा माना जाता ह क NEW का सम चय NEWS ह हडन कोश क अनसार ldquoसब दशाओ क घटनाओ को समाचार कहा जाता ह rdquo इस अथ म NEWS श द क चार अ र चार दशाओ क आ या र ह NEWS क पहल अ र N को NORTH E को EAST W को WEST व S को SOUTH क अतगत चार दशाओ का सचक मानत ह ए इसका अथ लगाया जाता ह च क समाचार क अतगत चार दशाओ स समाचार व सचनाओ का आदान- दान जो होता ह प का रता का ाणत व समाचार ह जामना जाना जाता ह व तात खबर ववरण सचना को समाचार क पयाय क प म दखा जाता ह अमरकोश म वाता बि त तथा उद त श द समाचार क लए य त ह ए ह ऐस म यह कहा जा सकता ह क सवाद स षण क अतगत बह उपयोगी घटना क पर जानकार दन का काय समाचार क अतगत कया जाता ह अ जी क बाद ह द म य द समाचार श द का व लषण कर तो पायग क ह द वणमाला क चार श द स+म+च+र = समचर बना ह समचर का ता पय साथ-साथ चलन स ह इस अथ म समाचार समाचार दाता और ा तकता क साथ-साथ ह तातरण स सब धत ह

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समाचार का अथ समाज को स चत करन स ह इसम सचना दना और लना दोन ह स म लत ह कल मलाकर समाचार का अ भ ाय द नक जीवन को सहज सरल और कछ रोचक बनान क लए मलन वाल ान अथात सचनाओ स ह मन य सामािजक ाणी ह और वह अपन आस-पास क प रवश स कभी भी अलग नह रह सकता ऐस म समाचार का मन य स जड़ाव नरतर बना रहता ह एक दसर क बार म जानन क उ सकता सहज मानवीय वाभाव ह आचाय रामच वमा क अनसार ndash ldquoसमाचार का अथ आग बढ़ना चलना अ छ आचरण अथवा यवहार ह म य और परवत काल म कसी काय या यापार क सचना को समाचार मानत थ rdquo ो व लयम जी लयर क श द म ndash ldquoअनक यि तय क अ भ च िजस साम यक बात

म हो वह समाचार ह ठ समाचार वह ह िजसम बह स यक क अ धकतम च हो rdquo मानच टर गािजयन क अनसार ndash ldquoसमाचार कसी अनोखी या असाधारण घटना क अ वल ब सचना को कहत ह ऐसी सचना िजसक बार म लोग ाय पहल कछ न जानत हो पर त िजस तर त ह जानन क अ धक स अ धक लोग म च हो rdquo व लयम एल रवस क मतानसार ndash ldquoघटनाओ त य और वचार क साम यक रपोट िजसम पया त लोग क च हो समाचार ह rdquo जाज एच मौ रस कहत ह ndash ldquoसमाचार ज द म लखा गया इ तहास ह टनर कॉलज - rsquoवह सभी कछ िजसस आप कल तक अन भइा थ समाचार ह जरा ड ड य जॉनसन क अनसार- ldquoसाधारण यवहार म समाचार व ह जो अखबार म छपत ह और अखबार व ह िज ह समाचारप म काम करन वाल तयार करत ह ो रमश जन क श द म ndash ldquoस य साम यक और बह स यक यि तय क िजसम च हो

वह सचना समाचार ह इन प रभाषाओ क आधार पर प टत यह कहा जा सकता ह क समाचार वह ह िजसम बह स यक लोग क जानन क उ सकता हो जो नवीन हो िजसम ग त हो जो साम यक घटनाओ और वषय को अ भ य त करती हो व तत सचनाओ क व फोट क इस दौर म समाचार साम यक घटनाओ क इ तहास क प म ट एव इल ॉ नक मी डया क वह धरोहर ह िजसस हर आम और खास का सरोकार जड़ा होता ह

241 समाचार क कार

समाचार क म यत दो कार ह - 1 सीधा समाचार 2 या या मक समाचार सीधा समाचार वह होता ह जो सरल प ट और सह त या मक प म ववरणा मक लखा जाता ह इसक अतगत त य को य का य तत कर दया जाता ह उनक या या नह क जाती या या मक समाचार घटना या त य क व लषण पर आधा रत होत ह इसक अतगत समाचार क त य क गहर खोजबीन करत

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उसक पण प रवश और भ व य म पड़न वाल त य क भाव का व लषणा मक यौरा तत कया जाता ह इसी कार घटना क मह व क हसाब स दख तो समाचार को दो और भाग म वभ त कर समझा जा सकता ह

2411 व श ट समाचार ( पॉट यज)

व श ट समाचार व होत ह जो अचानक घ टत कसी घटना या सचना क अ या शत मोड़ क आधार पर लख जात ह अथात य व समाचार होत ह िजनक बार म पहल स कसी कार का अनमान नह होता जब कोई घटना घट जाती ह तो उसका वशष मह व और जो भाव पड़ता ह वह समाचार म आता ह स प म कह तो य साम यक और अ यतन होत ह व श ट होन क कारण ाय ऐस समाचार म य प ठ क खबर बनत ह अचानक और अ या शत घटना स जड़ होन क कारण ऐस समाचार का मह व कई बार इतना अ धक होता ह क समाचारप क छपाई रोककर पव समाचार को गौण करत इ ह थान दया जाता ह ऐस ह इल ॉ नक मी डया क अतगत ऐस समाचार चल रह सारण क म य वशष थान पात ह

2412 यापी समाचार ( ड यज)

जसा क श द स ह ात होता ह य व समाचार होत ह जो अपन मह व और भाव स पर तरह अपना फलाव करत ह अपन आप म पण ऐस समाचार घटना या सग क सवाहक बनत व तार पात ह ऐस समाचार कसी व श ट घटना या सग स मह व पात और दसर भा वत होन वाल घटनाओ क छोट-छोट अश क साथ पण प स या या मक अपना प दखात ह मसलन रा प त पद पर कसी का

मनोनयन होना कल तक साधारण प म समाज का ह सा बना यि त जब दश क सव च पद पर आसीन होता ह तो उसस सब व भ न कार क सचनाए भी अपना मह व जतात यापक व तार पाती ह ट एव इल ॉ नक मी डया म इस कार क समाचार को वशष थान मलता ह और उनका ततीकरण भी खासा

रोचक होता ह समाचार को य तो कसी तयशदा ढाच म नह रखा जा सकता परत फर भी थान घटना आ द क आधार पर उ ह अलग-अलग प म वग कत कया जा सकता ह मसलन थानीय समाचार ातीय समाचार अतदशीय और अतरा य समाचार इनक अतगत भी समाचार का अलग-अलग प म वषय क हसाब स वग करण कया जा सकता ह यथा खल समाचार व ध समाचार आ थक राजन तक सामािजक सा क तक व ा नक सरकार स व ि त आ द

25 समाचार क ोत समाचार क व भ न ोत होत ह एक सवाददाता को अ छ समाचार क लए ल खत ोत वशष आम या भ तभोगी लोग घटना स सब धत लोग को ोत क प म योग करना होता ह खास प रि थ तय म सवाददाता वय घटना थल जाकर खद भी सचनाओ का ोत

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हो सकता ह समाचार क ोत य भी हो सकत ह और अ य भी हो सकत ह समाचार लखन वाल सवाददाता का िजतना सम जनस पक होगा उतना ह वह समाचार क मामल म सम होगा समाचार क व भ न ोत इस कार स ह-

251 या शत ोत

या शत ोत व होत ह िजनस सीध तौर पर समाचार ा त कया जा सकता ह व भ न सामािजक स थाए धा मक थल नगर वकास याय वकास ा धकरण प लस टशन अ पताल ससद और वधानसभाए सरकार कायालय

प कार स मलन सावज नक समारोह अदालत क फसल आ द या शत ोत क समाचार होत ह या शत ोत स ा त समाचार को समाचारप -प काओ अथवा इल ॉ नक मी डया क लए बहद सावधानी रखत ह ए सपा दत करक ह काशन या सारण यो य बनाया जाता ह

252 अ या शत ोत

पहल स कसी घटना का अनमान नह हो और अचानक वह घट जाए और उसस जब समाचार बनता ह तो वह अ या शत ोत णी का समाचार माना जाता ह मसलन सब कछ सामा य चलत ह ए औचक कह पर कोई बड़ी दघटना हो जाती ह आगजनी हो जाती ह या फर कसी स थान वभाग क अतगत मह वपण फसल स यापक वग पर बह त बड़ा भाव पड़न जा रहा हो और उसक बार म सवाददाता को वहा ऐस ह जान पर सहज जानकार मल जाती ह तो वह उस समाचार का मह व जानत ह ए जब उस पता लगाता ह तो वह अ या शत ोत का समाचार हो जाता ह ऐस ह सवाददाता घर स कायालय क लए रवाना हआ रा त म फक प लस क मनमानी या बगर रसीद काट चालान काट जान को अपनी आख स दखता ह तो इस दशा म और खोज-बीन ारभ कर मह वपण त य जटा लता ह तो अनायास ह उस अ या शत ोत स कई बार मह वपण समाचार मल जाता ह समाचार क लए य ऐस ोत होत ह जो पहल स तय नह होत ह अनायास ह उनस समाचार बन जात ह

253 पवानमा नत ोत

वषय घटनाओ सग क सबध म पहल स अनमान लगाकर लख जान वाल समाचार पवानमा नत ोत मान जात ह पवानमा नत ोत समाचार लखक क तक शि त बौ क मता भ व य को भाप लन क यो यता आ द पर नभर करती ह समाचार प -प काओ एव इल ॉ नक मी डया क अतगत ऐस ोत क इ तमाल स कई बार बहद मह वपण समाचार का काशन सारण सभव हो जाता ह कसी घटना सग क सकत स ह सवाददाता यह समझ लता ह क भ व य म इसक या प रण त होनी ह इसी आधार पर कई बार व श ट समाचार मी डया को ा त

हो जात ह कई बार ऐसा भी होता ह क मौसम व ान क कसी शोध अनसधान

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को लकर भी इस कार क अनमान लगाए जात ह जो भ व य म सच होत ह या फर चनाव क दौरान भी सवाददाता जनता क लहर को दखत ह ए एि जट पोल जसा कोई वशष समाचार लख दत ह पवानमा नत समाचार ोत पणत सवाददाता क ववक और ब पर ह नभर होता ह म यत समाचार क ोत को उपय त तीन णय म ह बाट कर दखा जाता ह पर त इनक अलावा भी समाचार क व भ न य एव अ य ोत होत ह समाचारप म जब कोई समाचार का शत होता ह तो उसक व भ न ोत क बार म भी जानकार द जाती ह कसी समाचारप म उसक थायी कमचार सवाददाताओ क साथ ह अशका लक और वत प कार क लख समाचार भी का शत कय जात ह समाचार क ोत कसी भी तर क हो सकत ह समाचार

प -प काओ और इल ॉ नक मी डया क व भ न मा यम क वारा य एव अ य ोत स समाचार सक लत कर उनका त तकरण कया जाता ह

26 समाचार सकलन समाचारप क लए कसी समाचार का लखन या इल ॉ नक मी डया क लए समाचार का सारण कया जाता ह तो नधा रत ोत क साथ ह बह त स यि तगत ोत का भी सहारा

लता ह सबस पहल तो व सब जानका रया जो कसी न कसी प म पहल स ह मी डया म उपल ध ह उसम हम एक समाचार क प म वक सत कर सकत ह और इस ि ट स यह हमारा समाचार का ोत ह अथात यहा स हम समाचार का वचार आया या उसक पहल सचना ा त ह ई इसक अलावा आम लोग भी कायालय आकर या जहा कह हम उनस मलत ह हम इस तरह क सचना दत ह िज ह हम समाचार क प म वक सत कर सकत ह

कई बार समाचार एजि सय भी ऐस समाचार को जार करती ह िज ह ह बह उपयोग म लन क बजाय उनक आधार पर उसस सब धत और खोजबीन करक मह वपण समाचार का सजन प कार कर लत ह समाचार एज सी न मान ल िजए राजधानी द ल स सब धत कोई राजनी तक समाचार जार कया ह थानीय ग त व धय को उसम सि म लत करत ह ए जब प कार त य स सब धत और भी जानका रया जटा लत ह तो उसस समाचार एज सी स इतर भी मह वपण समाचार बन जाता ह कसी भी प कार क लए उसक जानकार क नता त नजी ोत का वशष मह व होता ह व भ न स थान वभाग कायालय ससद एव वधानसभाओ आ द सभी थान पर प कार जब नरतर जाता-आता रहता ह तो वय क नजी स पक भी वहा क कमचा रय टाफ क लोग स कर लता ह यह उसक ऐस ोत होत ह जो कई बार बहद मह वपण सचनाए प कार को अनायास ह दान कर दत ह ऐस म यह कहा जा सकता ह क कसी भी प कार क घ न ठ स पक ह उसक समाचार क ोत होत ह मोट तौर पर समाचार ाि त क लए समाचारप या इल ॉ नक मी डया क दो ह ोत होत ह- प कार या सवाददाता समाचार स म तया या सरकार एजि सया

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ट एव इल ॉ नक मी डया म समाचार ाि त क म य ोत उसक वय क प कार या फर समाचार स म तया एव सरकार एजि सया ह होती ह यह स आ धका रक समाचार ा त होत ह इसक अलावा प कार सचनाओ क ाि त भी व भ न तर पर करता ह

सचना को ह बाद म वह य द उसस समाचार बनाता ह तो उसका उपयोग खबर क प म करता ह य द सचना खबर यो य नह ह तो उसका उपयोग फर वह नह करता ह कसी और सदभ क लए उसका उपयोग ह तो कई बार वह त काल उसका उपयोग समाचार क प म नह करक बाद म भी उसका योग कर लता ह आर भक समाचार क मोट तौर पर जो ोत होत ह व इस कार स ह-

261 स व ि त

समाचारप इल ॉ नक मी डया क अतगत ट वी एव र डयो चनल पर सरकार क व भ न वभाग स थान कप नया आ द अपन यहा आयोिजत काय म या फर कसी वशष काय क लए गए नणय बठक आ द क बार म स व ि त तयार कर भजवान का आजकल एक कार स रवाज ह ारभ हो गया ह यहा तक क स स मलन स का स कसी व श ट आयोजन आ द म भी पहल स तयार स व ि त प कार को दान क जान लगी ह स वपि त समाचार का बड़ा ोत इस प म ह क सवाददाता इसस ामा णक जानकार ा त कर अपन समाचार

को परा कर लता ह इसस बाद म कसी कार क ववाद क कोई गजाईश नह रहती स व ि त भी कई बार ह बह समाचार श ल म तयार कर द जाती ह तो कई बार घटना समारोह नणय क ववरण क प म समाचारप इल ॉ नक मी डया क चनल तक पह चती ह सचना क इस ोत का समाचार लखन म बड़ा योगदान होता ह जाग क प कार स व ि त का बहतर न उपयोग खबर क लए करता ह तो कई बार स व ि त भजन वाल को यह लाभ भी मलता ह क उसक वारा षत सचना ह बह समाचार बन जाती ह यह इस बात पर नभर करता ह क स व ि त भजन वाल न समाचारप क अनकलता का कतना यान रखा ह बहरहाल स व ि त समाचार का बड़ा ोत ह

262 प लस थान एव अ पताल

वतमान समाचार क बड़ ोत क प म इनका अ य धक मह व ह कसी कार क घटना दघटना क बार म सबस पहल प कार प लस थान या फर अ पताल स ह जानकार ा त करता ह थान वशष पर होन वाल अपराध दघटना या फर कसी ववाद क बार म प लस थान और अ पताल स ह सचनाए ा त क जाती ह समाज म जो कछ घ टत हो रहा ह उसस मानवीय भावनाए जड़ी होती ह ऐस म ट एव इल ॉ नक मी डया कम ाय इन थान स सतत स पक बनाए रखत ह ता क कसी भी कार क घटना-दघटना क बार म यापक पाठक वग दशक- ोताओ को उसक बार म जानकार द जा सक

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263 सरकार एव गर सरकार स थान

समाज स जड़ सरोकार वाल स थान श ण स थाओ तकनीक एव व ान इ ट यट आ द क अतगत समाज को दशा दन वाल कौनस नय कोस श ण ारभ कए जान वाल ह क रयर को य कस दशा दग या फर श ण स समाज नमाण म इनक या भ मका रहगी इस दखत ह ए ान व ान स जड़ कल कॉलज व व व यालय सरकार एव गर सरकार श ण स थान आ द समाचार क उपयोगी ोत सा बत होत ह प कार इनस स पक रखत ह ए कई बार बहद मह वपण समाचार जटा लता ह

264 स स मलन

व भ न बड़ स थान उप म जन त न धय सरकार वभाग ससद वधानसभा तक म स स मलन बलाकर प कार को वशष काय म आयोजन लए गए व श ट नणय बह उपयोगी जानका रया आम जन क हत स जड़ म पर जानकार दन क लए स स मलन का आयोजन कय जात ह इसक अतगत एक साथ ट एव इल ॉ नक मी डया क त न धय को बलाकर जानकार द जाती ह जब ऐसा होता ह तो प कार भी सब धत या इतर वषय स जड़ी और जानका रय क लए स स मलन बलान वाल स न करक समाचार साम ी जटाता ह फ म अ भनता राजनता वशष वषय स जड़ी नामचीन यि त व क लए कई बार स वारा भी मट-द- स का आयोजन कया जाता ह इसम सब धत यि त स उसस

जड़ सामािजक सरोकार वाल न कर समाचार का सजन कया जाता ह

265 जनस पक वभाग

समाचार ाि त का बहद मह वपण ोत क एव रा य सरकार क जनस पक वभाग होत ह ाय सभी रा य क िजला म यालय पर सचना एव जनस पक कायालय होत ह और वहा पद था पत सचना एव जनस पक अ धकार त दन िजल म ि थत व भ न राजक य वभाग स सब धत सचनाओ को समाचार क प म तयार कर ट एव इल ॉ नक मी डया तक पह चान क यव था करता ह वशष आयोजन व श ट यि त क सर राजनी त क दौर मह वपण सरकार बठक म होन वाल नणय आ द क समाचारप एव इल ॉ नक मी डया तक पह च ाय सरकार जनस पक कायालय क मा यम स ह होती ह दश क राजधानी द ल म भी व भ न रा य सरकार क अपन-अपन सचना क ह जो रा य मी डया तक सरकार स व ि तया मह वपण नणय आयोजन क समाचार षत करत ह क सरकार वारा स इ फोमशन यरो क ज रए व भ न सरकार वभाग क योजनाओ उपलि धयॉ को मी डया तक पह चाया जाता ह

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266 सा ा कार

समाचार क मह वपण ोत क प म सा ा कार का व श ट थान ह सा ा कार क अतगत सवाददाता व श ट वषय क जानकार मख राजनी त व ा नक फ म अ भनता या अ य कसी कार क मह वपण यि त व स यि तगत सा ा कार क ज रए अपनी िज ासाओ का समाधान पाता ह सवाददाता जो न सा ा कारदाता स करता ह उनक उ तर ह समाचार क प म य त कर लता ह सा ा कार आधा रत समाचार इस प म व वसनीय और लोग क लए रोचक होत ह क उनम कयास या कसी कार का सदह नह होता ह ट एव इल ॉ नक दोन ह मी डया क लए सा ा कार समाचार का मख ोत ह

267 यज एजि सया

हाला क बदलत समय क साथ समाचारप क का शत होन वाल बह स करण और इल ॉ नक मी डया क दर-दराज पर तनात ि गर क कारण समाचार स म तय का मह व धीर-धीर कम होता चला गया ह पर त आज भी बड़ तर पर समाचार स म तया ह समाचार क मख ोत होती ह समाचार स म तया वय समाचार का सारण या काशन नह करती बि क ट एव इल ॉ नक मी डया क लए इनका सकलन षण करती ह बड़ समाचारप वशष वदश समाचार कसी घटना सग स जड़ दर दराज क म पर आज भी समाचार स म तया वारा षत समाचार

पर ह अ धक नभर ह रा य स का शत होन वाल समाचारप को रा य क अलावा अ य रा य और दश क मह वपण समाचार ात करन का मख ोत आज भी समाचार स म तया ह ह समाचार स म तया समाचारप एव इल ॉ नक मी डया चनल को घटना वशष का व रत समाचार एव फोटो षण करती ह मखत दश म वतमान म स ट ऑफ इि डया यनाइटड यज ऑफ इि डया

भाषा वाता ह द तान समाचार आ द समाचार एजि सया दशभर क समाचारप एव इल ॉ नक मी डया को अपनी समाचार सवाए दती ह अ तरा य समाचार एजि सय क अतगत एपी अम रका रायटर आईएनएस यपीआई एएफपी तास आ द मख ह य व वभर क मी डया को समाचार एव फोटो सवाए दान करती ह

27 समाचार लखन एव ततीकरण सवाददाता व भ न ोत स समाचार ा त करन क बाद समाचारप या फर इल ॉ नक मी डया क अपन चनल क अनकलता क हसाब स उस लखता ह समाचार लखन स पहल वह इस बात पर ह वचार करता ह क कस उसक श आत क जाए समाचार म कौनसी ऐसी मह वपण जानकार ह िजस पहल द जाए और बाद का म कस रखा जाए यह सवाददाता समाचार लखन म पहल-पहल तय करता ह समाचार लखन क अतगत सवाददाता- त य का सकलन करता ह उनस सब धत सदभ क तलाश करता ह

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आव यक हो तो उसस सब धत यि त क व त य को भी लया जाता ह व त य सकलन क बाद समाचार लखन क काय योजना बनायी जाती ह इसक बाद आमख तयार करता ह आमख क बाद क त य का म नधारण करत ह ए समाचार सबधी ा त अ य स

और साम ी को समायोिजत करत ह ए समाचार का समापन करता ह समाचारप और इल ॉ नक मी डया म समाचार क लखन का अलग-अलग तर का होता ह समाचार स आशय ह सबस पहल तो या हआ फर कस हआ और अत म इसक या प रणाम ह ग म यत समाचार का लखन करत समय उसक तीन ह स कए जात ह थम समाचार का आमख या इ ो वतीय भाग समाचार का व तार और तीसरा भाग उसका

अत समाचार लखन क अतगत इस बात का यान वशष प स रखा जाना चा हए क समाचार का मह व कस प म ह उसी आधार पर उसका इ ो अथात आमख लखा जाता ह समाचार का आरभ अ य धक आकषक और भावी होना चा हए दरअसल आमख ह समाचार का वह ह सा होता ह िजस पढ़त ह उस आग प न या न प न का ट मी डया क अतगत पाठक मानस बनाता ह ऐस ह इल ॉ नक मी डया क अतगत कसी खबर या समाचार का रोचक भावशाल शल स श आत करन स ह उसक आग दख जान का दशक का मन करता ह इस प म समाचार का इ ो ऐसा होना चा हए जो पाठक या दशक म अपन श द स ऐसा जाद जगाए क उस हण करन वाला उसस मो हत होत उसस बधता चला जाए आमख सध ह ए श द म ऐसा होना चा हए जो स तता क साथ अपन उ य क प त कर यानी िजसस पहल नजर म ह पाठक या दशक समाचार क मत य को जानत उस आग जानन क लए उ सक बना रह इ ो या आमख म यत समाचार क छ ककार क अवधारणा पर आधा रत होत ह छ ककार- ldquoकब कसन कहा य कस और याrdquo ह समाचार क अतगत घटना पा थान समय कारण और िज ासा स जब समाचार ारभ कया जाता ह तो उसम इन छ ककार का ह योग स नि चत कया जाता ह सभी

समाचार सामा यतया इ ह पर आधा रत होत ह समाचार क दसर ह स क अतगत समाचार का व तार कया जाता ह इसक अतगत इ ो म जो जानकार द जाती ह उस स नयोिजत तर क स सल सलवार आग बढ़ाया जाता ह समाचार क व तार भाग को दरअसल समाचार क दह कहा जाता ह इसक अतगत समाचार स जड़ व भ न अ य आव यक त व का उ लख कया जाता ह कई बार ऐसा भी होता ह क समाचार क व तार भाग क अतगत ह समाचार का अत भी न हत होता ह ऐसा य द नह होता ह तो समाचार क अ तम भाग को व श ट प स लखा जाता ह इसका अथ यह ह क समाचार परा लख जान क बाद अत म उसक समाहार क प म उसक भ व य क प रणाम क सदभ म कसी कार क आशका या सभावना य त क जाती ह समाचार लखन क अतगत इस बात का सदव यान रखा जाना चा हए क वह कस मा यम क लए लखा जा रहा ह समाचारप म कोई लखा हआ समाचार बहद आकषक रोचक हो सकता ह ज र नह ह क वह र डयो या दरदशन या कसी नजी चनल क लए भी उतना ह रोचक व मह वपण बना हो ऐस म सावधानी यह रखी जानी ज र ह क समाचार लखन

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स पहल उसक मा यम क बार म यान रखत ह ए उसका लखन कया जाए च क समाचारप र डयो ट वी आ द मा यम क लए समाचार लखन का व प अलग-अलग होता ह मसलन र डयो एव ट वी क लए समाचार जब लखा जाता ह तो हर समाचार क लए पथक प ठ पर उसका त यवार योरा लखा जाता ह समाचार लखन म यहा पर य क लए अतराल को भी वशष प स यान म रखना पड़ता ह अतराल म या तो य च या फर छाया च क लए अलग-अलग अव ध को ि टगत रखत ह ए समाचार तत कया जाता ह इल ॉ नक मी डया क लए समाचार लखन इस प म भी चनौतीपण होता ह क वहा य एव य को यान म रखत ह ए लखन करना होता ह ऐस समाचार म सरल सहज श द का योग तो हो ह साथ म उनक शल ऐसी हो िजसस दशक या ोता समाचार को अपना ह सा मान ट मी डया म भी समाचार लखन क लए तयशदा मापदड को मानत ह ए लखन नह कया जाना चा हए पाठक को यान म रखत ह ए कस समाचार पाठक क प रवश का ह सा बन कस वह पाठक म उ सकता को अत तक बनाए रख इन न पर वचार करक य द समाचार लखन कया जाए तो न कवल व भावी ह ग बि क अपना असर भी पाठक पर अत तक बनाए रखगी सामा यतया य ोत का उ लख समाचार म कर दया जाता ह पर त कई बार व वसनीय ोत क वारा जानकार ा त कर सवाददाता समाचार का लखन करता ह ऐस म वह उस ोत का सीध तौर पर उ लख नह करता ह ऐस म समाचार जब लखा जाता ह तो सवाददाता उसम व वसनीय स क अनसारrdquo या फर स स ा त जानकार क अनसार या फर ldquoजानकार स क अनसारrdquo आ द श द का इ तमाल करत ह ए समाचार का लखन करता ह समाचार का सवा धक मह वपण व वसनीय च लत और मा य ोत सरकार क व भ न वभाग भी होत ह रा य एव क सरकार क सचना एव जनस पक वभाग समाचार क मख ोत इस प म होत ह क उनक ज रए जन क याण आम आदमी स सरोकार वाल

योजनाओ प रयोजनाओ क बार म समाचारप को नय मत प स साम ी ा त होती ह सरकार एज सी वारा उपल य करायी गयी जानकार स व ि त सरकार वभाग म ालय कायालय अ धकार वारा बलायी गयी स का स स स मलन क ज रए समाचारप तक पह चती ह सरकार क सचना एव जनस पक अ धकार समाचारप एव इल ॉ नक मी डया स य त सतत स पक बनाए रखत ह ता क सरकार नी तय काय म उपलि धय जनता स सरोकार वाल म पर सरकार क ख आ द को यापक लोग तक ट एव इल ॉ नक मी डया वारा पह चाया जा सक समाचार ोत क अतगत समाचारप क सवाददाता क स पक का दायरा िजतना व तत होगा उतना ह वह समाचार क मामल म सम होता ह सवाददाता क अपन समाचार ोत क त िजतनी अ धक व वसनीयता होगी उतन ह मह वपण समाचार प ा त कर उ ह

समाचारप हत लख सकता ह इसी आधार पर उस कई बार बहद मह वपण समाचार भी हा सल हो जात ह सवाददाता क अपन ोत क साथ ह उसक वय क स यता भी उसस

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अ छ समाचार कई बार लखवा लती ह मसलन वह अपन आस-पास क प रवश सभा वत घटनाओ क त कतना सजग ह उस कसी वषय वशष क सभावना या आशका क बार म ता कक व लषण क कतनी मता ह आ द ऐसी बह तर बात ह िजनक आधार पर कई बार बहद मह वपण समाचार समाचारप को मल जात ह अपराध दघटना वाल थान पर सवाददाता को वय उपि थत होकर घटना समाचार का योरा लत ह ए उसस सब धत समाचार लखना होता ह तो अकाल बाढ़ आ द क समय क घटनाओ का स म एव बार क म याकन य द करना उस आता ह तो वह समाचारप पाठक क लए कई बार मागदशन का काय भी अपन समाचार क ज रए कर दता ह यहा भी मह वपण उसक वय क स यता और उसक यि तगत ोत ह होत ह बह त पहल इन पि तय का लखक जब वत प का रता क अतगत lsquoसा ता हक ि ल ज़rsquo क लए खोजी प का रता स सब समाचार लखन स नय मत जड़ा हआ था तो ऐस ह यि तगत सपक क कारण कई बार बहद मह वपण ऐस समाचार भी ा त ह ए जो थानीय द नक समाचारप को भी तब उपल ध नह हो पाए थ याद पड़ता ह बीकानर क पीबीएम अ पताल म डा टर क लापरवाह स एक म हला को मा बनन क सख स सदा क लए व चत होना पड़ा था च क सक न म हला को अव धपार इज शन लगा दया था रा को म हला क बह त अ धक र त ाव होन लगा और डा टर को उसक ब चदानी नकालनी पड़ी रा म कोई दो बज क कर ब यि तगत स पक स क अनसार इस सबध म इन पि तय क लखक को जब जानकार मल तो व रत लखक अ पताल पह चा और तभी च क सक क इस लापरवाह क जो रपट तयार क उसका फायदा यह हआ क अ पताल म लगायी जान वाल अव धपार इज शन क पोल खल और इसस अ पताल क यव थाओ म तो सधार हआ ह च क सक क लापरवाह स होन वाल नकसान स भी मर ज को नजात मल समाचारप वारा समाचार लखन क अपन ोत क बार म डटलाईन क बाद उसक जानकार दता ह सवाददाता वय क तर पर जब वशष जानकार जटाता ह और उसको ए स लिजव क प म लखता ह तो वह उसका अपना वशष समाचार होता ह और ाय उसक नाम स ह समाचारप म वह का शत होता ह ऐस समाचार बाइलाईन (सवाददाता क नाम क साथ) का शत होत ह इसी कार सवाददाता जब कसी स व ि त स समाचार बनाता ह तो

समाचार ोत क प म ( व) लखा जाता ह समाचार एजि सय स ा त समाचार म डटलाईन क बाद सब धत एज सी का स त नाम (रायटरपीट आईयएनआईभाषावाता आ द) लखा जाता ह समाचार लखन एव त तकरण क सबध म नाथ ि लफ का यह कथन अ य धक सट क ह- ldquoसमझाइए सरल बनाइए और प ट क िजए इस सबध म महाक व अ य का यह कथन भी अ य त मह वपण ह- ldquoश द म का प ह इस न ट न कर और कम श द म अ धक बात कहन क कला सीख rdquo दरअसल समाचार लखन और त तकरण क अतगत साम यकता क साथ ह जनाकषण का यान रखा जाना बहद ज र ह इसी स वह अ धकतम पाठक दशक और ोताओ म अपनी

पठ बना पाता ह जन च लोग क आकषण त य क स चाई पाठक क श ा तर

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जनमत नमाण म सहयोग आ द ऐसी बात ह िज ह यान म रखकर समाचार का लखन त तकरण कया जाए तो लोकत क चौथ त भ क प म मी डया क भ मका म समाचार

अपनी भावशाल भ मका नि चत ह यापक पाठक वग पर बनाता ह सवाददाता इस यान म रखत ह ए काय कर तभी उसक होन क साथकता सह मायन म स होती ह

28 समाचार का अनवतन सवाददाता का काय समाचार लखन तक ह सी मत नह होता बि क वह समाचार क बाद भी उसस सब धत त य का एक कार स पीछा करता ह गत दवस क समाचार क अगल और नवीन सचना क ाि त क या को ह दरअसल खबर का अनवतन करना कहत ह समाचार का फॉलोअप समाचार क मह व को यान म रखकर कया जाता ह फॉलोअप क अतगत समाचार क पहल क त य बाद म होन वाल प रणाम और भ व य म सभा वत प रणाम को यान म रखत ह ए सवाददाता बहद सावधानी स ववक और तक शि त क साथ िजतन भावी तर क स करता ह उतना ह उसका पाठक य मह व बनता ह जब कभी सखा बाढ़ कसी वशष कार क ह याकाड वा षक बजट क मत म उछाल कर लगाए जान आ द का काय कया जाता ह तो सवाददाता ऐस समाचार का फॉलोअप करता ह

बोध न - 1 सवाददाता का अथ या ह helliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphellip helliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphellip 2 लाइनर कस कहत ह helliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphellip helliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphellip3 टाफस कौन होत ह helliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphellip helliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphellip

29 साराश सचना ौ यो गक क इस दौर म सचनाओ का जस-जस तजी स व तार हो रहा ह वस ह जनता क लए उनका उपयोग भी नरतर बढ़ता जा रहा ह लोकत म मी डया को चौथा त भ माना गया ह चौथ त भ का काय जनमत नमाण का होता ह जनमत नमाण

म समाचार क ह आज मख भ मका ह यह चौथा त भ जनता क ओर स सरकार पर नजर रखता ह और सरकार क कायकलाप स जनता को स चत करता ह जानकार बनाता ह ऐस म समाचार लखन वाल सवाददाता का काय भी अब बहद चनौतीपण हो गया ह समाचारप म व भ न तर पर काय करन वाल सवाददाताओ का काय उनक क त क अनसार अलग-अलग वभािजत ह सवाददाता समाज म जो कछ घ टत हो रहा ह उसक यवि थत सचना ट एव इल ॉ नक मी डया क मा यम स बह स य लोग को दता ह

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ऐसा जब वह करता ह तो जनमत नमाण म वत ह उसक मह वपण भ मका हो जाती ह समाज और मी डया को अलग नह कया जा सकता च क समाज म रहत ह वह समाचार क अपन ोत क तलाश व भ न तर पर करता ह इन ोत क तलाश क बाद ह वह समाचार को स नयोिजत तर क स लखता और तत करता ह इस इकाई म सवाददाता समाचार ोत एव सकलन क बार म ह व तार स जानकार द गयी ह

210 श दावल समाचार स म त - वह स था जो नधा रत दर पर प -प काओ एव इल ॉ नक मी डया

को समाचार दती ह जस भाषा य नवाता रायटस स ट ऑफ इि डया आ द बाइ लाईन - समाचार क ऊपर समाचारदाता क नाम का जब उ लख कया जाता ह तो

वह बाइ लाईन कहलाती ह डट लाईन - समाचार क ारभ म थान तथा दनाक का जो उ लख कया जाता ह उस

डट लाईन कहा जाता ह इसम समाचार षण या लखन क थान दनाक ओर म हन का उ लख होता ह

फॉलो अप - दसर दन क समाचार वशषत कई दन तक चलन वाल ऐस समाचार जो कसी पव क का शत समाचार क बाद का ववरण एक कार स दत ह

कप - ऐसा कोई वशष समाचार जो अ य कसी समाचारप म का शत नह हआ हो

211 कछ उपयोगी प तक सवाद और सवाददाता - राज ह रयाणा सा ह य अकादमी चडीगढ़ योजनमलक ह द - ो रमश जन नशनल पि ल शग हाउस जयपर

जनसचार और ह द प का रता - डॉ अजन तवार जयभारती काशन इलाहबाद प का रता प रभाषा कोश - व ा नक एव तकनीक श दावल आयोग नई द ल ह द प का रता क दशाए - जोग सह सर कमार एड सस शाहदरा द ल जनसचार व वकोश - ो रमश जन नशनल पि ल शग हाउस जयपर

212 अ यासाथ न 1 सवाददाता क प रभाषा एव समाचारप म काय वभाजन क हसाब स उसक व भ न

णय पर काश डा लए 2 समाचार स या आशय ह समाचार क व भ न ोत बतात ह ए समाचार क लखन क

तकनीक क जानकार द िजए 3 सवाददाता क समाचार सकलन ोत बतात ह ए समाचार लखन एव अनवतन को

समझाइए

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इकाई- 3 सा ा कार

इकाई क परखा 30 उ य 31 तावना 32 अ भ रणा 33 सा ा कार का अथ एव व प 34 सा ा कार और अ य वधाए 35 सा ा कार क उपयो गता एव मह व 36 सा ा कार क उ य 37 सा ा कार क कार 38 सा ा कार क व ध 39 सा ा कार क या 310 सा ा कारकता क वशषताए 311 सा ा कार एक कला 312 ट-मी डया म सा ा कार 313 इल ॉ नक-मी डया म सा ा कार 314 साराश 315 श दावल 316 कछ उपयोगी प तक 317 अ यासाथ न

30 उ य इस इकाई क अ ययन करन क बाद आप - सा ा कार का अथ एव प रभाषा का ान ा त कर सकग सा ा कार और उसक अ य वधाओ को जान सकग सा ा कार का मह व उपयो गता एव उ य क जानकार मल सकगी सा ा कार क अ य वधाओ स तलना करक उसक व प को जान सकग सा ा कार क व भ न कार स प र चत हो सकग सा ा कार लन क या एव व ध को जान सकग सा ा कारकता क वशषताओ क जानकार ा त हो सकगी ट-मी डया और इल ॉ नक-मी डया म सा ा कार कस लए जाए इस तकनीक को जान

सकग आप सा ा कार म व श टता ा त कर पारगत हो सकग

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31 तावना िज ासा मानव क सहज वि त ह एक ओर वह बा य सि ट क वषय म जानन को उ सक रहता ह तो दसर ओर अ य मानव क अतजगत म स चत अनभव का लाभ उठान क आका ा मन म रहती ह इसक साथ ह हर यि त म अपन अतजगत को उ घा टत कर दन क सहज वि त व यमान ह बा य-जगत को दखकर उसम वचरण कर मन पर पड़ भाव और अनभ तय का वह कट करण कर दना चाहता ह स चत व भ न अनभव ान तथा फरणाओ को अ भ य त कर दन म वह सतोष और आनद क अनभ त करता ह दसर

क साथ वचा रक आदान- दान स उस ति त मलती ह िज ासा और अ भ यि त एक-दसर क परक ह एक जानना चाहता ह दसरा बताता ह जानकार दता ह अपन वचार अ भ य त करता ह अपन अनभव वचार आ द स दसर को रणा और लाभ दना चाहता ह यह सा ा कार का बीज- प ह पछल कछ दशक म अनक नवीन वधाए वक सत ह ई ह उनम सा ा कार का नाम वशष उ लखनीय ह सा ा कार एक नव वक सत वत उपयोगी और मह वपण वधा ह इसम िज ास यि त कसी व श ट सा हि यक राजनता समाजसवी कलाकार व ा नक शासक प कार सत उ योगप त फ म-जगत क यि त अ य व श टजन अथवा

सामा यजन स वय भट करक उसस वाता न बहस करत ह ए उसक यि त व जीवन क त व प रवश वचार योजनाओ आ द क वषय म सीध जानकार ा त करता ह कभी यह जानकार टल फोन प क यटर इटरनट आ द क मा यम स भी ा त क जाती ह कभी वह स चत साम ी अथवा क पना क आधार पर न और सभा वत उ तर वय लख दता ह सा ा कार को इटर य भटवाता मलाकात बातचीत सवाद आ द भी कहा जाता ह

32 अ भ रणा सा ा कार क मल अ भ रणा िज ासा-समाधान ान और स चत अनभव स लाभ पह चाना तथा उठाना ह िज ास ाय प कार ह होता ह जो कसी वशष यि त स उसक बार म बातचीत और न क मा यम स जानकार ा त करक प -प का क ज रए उस दसर तक पह चा दता ह दरदशन (ट वी) और आकाशवाणी (र डयो) पर यह जानकार सीध ह दशक - ोताओ तक पह च जाती ह व श ट यि त क जीवन यि त व क त व वचार स दसर को रणा मल सकती ह उसक अनभव स लाभ उठाया जा सकता ह कई नई और ामा णक जानका रया तो मलती ह ह सामा यजन स मा जानकार ह ा त क जाती ह यह सा ा कार क अ भ रणा ह

33 सा ा कार का अथ एव व प य य प ाचीन भारतीय सा ह य म भट-वाता सा ा कार िज ासा-समाधान सवाद वातालाप आ द क अनक उदाहरण ा त होत ह परत प का रता क वतमान वधा क प म सा ा कार

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पि चम स बन-सवरकर आया ह इसक अतगत सामा यत कोई प - त न ध कसी राजनता अथवा अ य व श ट यि त स मलता ह न क मा यम स सा ा कार क वषय पर जानकार ा त करता ह और उसक वचार जानता ह कछ सा ा कार जानकार हा सल करन पर कि त होत ह और कछ म वचार या टड जानना मह वपण होता ह द रडमहाउस ड शनर आफ द इग लश ल वज म कहा गया ह ndash lsquoसा ा कार उस वाता अथवा भट को कहा गया ह िजसम लखक अथवा सवाददाता कसी यि त अथवा क ह यि तय स न पछकर कसी समाचारप क काशन अथवा टल वजन स सारण हत साम ी एक करता ह rsquo आ सफोड इग लश ड शनर म कसी ब द वशष प को लकर औपचा रक वचार- व नमय हत य भट करन पर पर मलन या वमश करन कसी प - त न ध वारा काशन हत व त य लन क लए कसी स भट करन को सा ा कार कहा गया ह rsquo डॉ नग क अनसार- lsquoइटर य (सा ा कार) स अ भ ाय उस रचना स ह िजसम लखक यि त- वशष क साथ सा ा कार करन क बाद ाय कसी नि चत नमाला क आधार पर उसक यि त व एव क त व क सबध म जानकार ा त करता ह और फर अपन मन पर पड़ भाव को ल पब कर डालता ह डॉ च भान रावत का कथन ह - बह त-स लोग यह मानत ह क नावल वारा ा त साम ी तथा इटर य स ा त साम ी म अतर नह कत

नावल क अपनी सीमाए ह नावल इटर य नह हो सकती डॉ ह रवशराय ब चन लखत ह- इटर य का यय ह पढ़न वाला यह अनभव कर क जस वह क व- वशष स मल आया ह उसक पास हो आया ह उस स घ आया ह उस गल लगा आया ह मख सा ा कारकता डॉ प सह शमा कमलश क अनसार- इटर य दन वाला यि त अपनी

यो यताओ को वय य त करता ह और यह इटर य लन वाल पर नभर ह क वह इटर य दन वाल को अपना व वासपा बनाकर उसस जो चाह सो नकलवा ल यह बड़ा क ठन काय ह जो ा प र म तथा ब म ता पर नभर करता ह मख प कार डॉ नद कशोर खा क श द म - भटवाता या समालाप (सा ा कार)

समाचार-सकलन का आव यक अग ह नह ह बि क इसक बगर अ धकाश समाचार सरकार व त य भाषण सावज नक घोषणाए व ि तया और औपचा रक आयोजन क त य ववरण मा होत ह इन सबक खबर वभावत एकप ीय या एकागी होती ह इनम य और कस पछन क गजाइश नह होती जब क य और कस का उ तर ह खबर क जान होता ह य और कस सवाल इ ह क ज रए पछ जा सकत ह सामा य प म इटर य को बह त सरल वधा क प म माना जाता ह ल कन वा त वकता यह ह क सा ा कार अथवा भटवाता बह त क ठन ह सा ा कारकाता को िजस यि त स भट करक चचा करनी होती ह उसस बह त सी कह -अनकह बात का स य उगलवाना पड़ता ह यह भटवाता का सबस दःखद और कठोर काय ह सा ा कारकता को सब धत यि त क रचना मक प क िजतनी अ धक और प ट जानकार होगी वह इस वधा म उतना ह सफल माना जाएगा rsquo

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व र ठ प कार रामशरण जोशी कहत ह- सा ा कार वधा को प का रता क आधारभत स ात म स एक क प म दखा जाना चा हए आध नक प का रता म इसका मह व पहल स कह अ धक और बहआयामी हो गया ह इल ॉ नक मा यम (टल वजन) क अि त व म आन क प चात इसक भ मका का व तार हआ ह आज प का रता ऑन लाइन प का रता या इटरनट प का रता क यग म वश कर चक ह अत सा ा कार वधा क उपयो गता क नई सभावनाए पदा हो गई ह जहा पहल प कार हाथ म कापी-प सल थाम सा ा कार लया करता था आज क यटर इन दोन को ाय अपद थ करन क ि थ त म पह च गया ह ई-मल क मा यम स लब-लब सा ा कार लय जा रह ह व भ न चनल क यज-बल टन म सकडजीवी एव मनटजीवी सा ा कार क उपि थ त उ ह जीवतता दान कर रह ह म ण-मा यम अथात प -प काओ म सा ा कार का योगदान इ तहास स ह इस कार सा ा कार मी डया क एक अ नवाय वधा क प म ति ठत हो गया ह बना सा ा कार क मी डया अधरा माना जाता ह इसी लए प कार सपादक उपसपादक रपोटर लखक तथा इल ॉ नक-मी डया (ट वी-र डयो) क त न धय आ द का सा ा कार- वधा म पारगत होना आव यक समझा जाता ह

34 सा ा कार और अ य वधाए सा ा कार एक वत सम और सश त वधा क प म अपना थान बना चका ह इसक वधाकार क सची वशाल ह सा ा कार म कह -कह जीवनी आ मकथा स मरण रखा च नबध नाटक आलोचना आ द क त व दखाई दत ह कभी-कभी सा ा कार-नायक कोई क वताश भी सना दता ह परत य सभी त व सा ा कार क सहायक प म ह होत ह और सा ा कार को रोचक जानकार स य त अलकत तथा भावी बनात ह य द य त व सा ा कार पर हावी हो जाएग तो सा ा कार सा ा कार ह नह रहगा सा ा कार म सा ा कारकता कह -कह ( ट-मी डया क सा ा कार म) सा ा कार-नायक अथवा सा ा कार- थान आ द का नबधा मक वणन करता ह पर त वह स त होना चा हए तथा यह सा ा कार को आग बढ़ाता ह अत सा ा कार नबध नह हो सकता सा ा कारकता नायक का कभी-कभी रखा च -सा खीचता ह परत वह रखा च - वधा का प नह होता सा ा कार म उसका नायक अपन जीवन क वषय म आ मकथा मक शल म कछ बतान लगता ह अथवा अपन जीवन क स मरण सनान लगता ह इनका उपयोग सा ा कार का वकास करन म होता ह सा ा कार म सवाद का अ य त मह वपण थान ह परत व नाटक क सवाद स अलग होत ह सा ा कार सवाद क होत ह ए भी नाटक नह ह सा ा कार-नायक अपनी या दसर क रचनाओ अथवा क त व पर आलोचना मक ट प णया भी कर दता ह परत व वत आलोचना- वधा नह होती कभी-कभी नायक कोई क वताश भी सना दता ह परत वह सा ा कार का ह ह सा होती ह वत क वता- वधा नह होती अ य वधाओ स सा ा कार का सबध ह नग य ह फर भी कसी वषय क व त और मा यम क वशषताओ का भी सा ा कार पर सबस गहरा भाव होता ह

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इस कार प ट ह क अ य वधाओ क त व सा ा कार म सी मत मा ा म सहायक प म ह हो सकत ह य सभी सा ा कार को आग बढ़ात ह उस रोचक स दर और भावी बनात ह

35 सा ा कार क उपयो गता एव मह व सा ा कार क उपयो गता और मह व अस द ध ह इसक वारा हम यि त- वशष कसी वषय क बार म अ धका धक नवीन मह वपण और ामा णक जानकार ा त करत ह उस सम प स जानन का य न करत ह टल वजन पर उस यि त को दखन तथा उसक भाव-भ गमाओ क अवलोकन का दलभ अवसर ा त करत ह सा ा कार स ा त जानकार उपयोगी और मह वपण होती ह डॉ सकलदव शमा का कथन ह - सा ा कार पढ़त समय अप र चत अनदखा रचनाकार पाठक स -ब- होता ह इसस लखक और पाठक क बीच तादा य क सि ट होती ह ववरण व वसनीय और ामा णक लगता ह आप कह सकत ह क नगण और नराकार रचनाकार सगण साकार हो उठता ह ो अफगान उ लाह खा लखत ह - च क बातचीत करन वाल का अपन पसद दा कलाकार

क साथ भावना मक लगाव या आ मीयता का र ता कायम हो जाता ह इस लए वह कलाकार क अतरग म ताक-झाक करन और उस कर ब स जानन क को शश करन लगता ह जो सहज या मानवीय वि त ह और तकसगत पहचान भी इस लए यादातर बातचीत फनकार क नजी जीवन और वचार स सब धत सवाल-जवाब क ब नयाद तयार हो जाती ह

36 सा ा कार क उ य सा ा कार एक सो य या ह सा ा कार कसी यि त वशष क यि त व और क त व पर भी कि त हो सकता ह और यह कसी मह वपण वषय पर कसी यि त क वचार जानन पर भी कि त हो सकता ह इसक अनक उ य ह सम सा ा कार म सा ा कार-नायक या पा स आरभ म यह पछा जाता ह क वह इस म कस आया य द सा ह यकार ह तो सा ह य म प कार ह तो प का रता म राजनता ह तो राजनी त म कलाकार ह तो कला म खलाड़ी ह तो खल जगत म आ द फर उसक ार भक जीवन श ा आ द क वषय म जाना जाता ह इस कार पा क जीवन क वषय म जानकार ा त करना सा ा कार का उ य होता ह फर उसक क त व क बार म जानना सा ा कार का उ य होता ह उसन या- या रचनाए लखी अथवा च बनाए समाजसवा क आ द फर व भ न वषय यि तय आ द क वषय म उसक वचार जान जात ह त प चात उसक चय दनचया योजनाओ क जानकार ल जाती ह पा क बा य का वणन सा ा कारकता कर दता ह इस कार पा क अतबा य को जानना सा ा कार का म य उ य होता ह सा ा कार का दसरा मख उ य जानकार स पाठक को अवगत कराना होता ह अत सा ा कार कसी प -प का म का शत कया जाता ह ट वी-र डयो पर सा ा कार का सजीव

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(त काल) सारण होता ह अथवा रकाड करक उस बाद म सा रत कया जाता ह कसी वषय पर कि त सा ा कार का सबस मह वपण पहल गहन अनसधान और ऐस न तयार करना ह क सा ा कार म कछ नया और मह वपण नकल कर आए ट वी- र डयो क लघ-सा ा कार म कसी घटना व त य आ द क वषय म लोग क वचार त या सझाव आ द जानना सा ा कार का उ य होता ह कसी घटना- वशष क वषय

म अ धक तथा व वध जानकार एक क जाती ह

37 सा ा कार क कार डॉ नग डॉ च भान डॉ व वनाथ साद तवार डॉ रामच तवार डॉ रमश कतलमघ डॉ हरदयाल नातक स यकाम वमा आ द आलोचक न सा ा कार क म यत दो कार बताए ह - वा त वक और का प नक डॉ व वनाथ श ल न इस वधा क तीन प मान व लखत ह - lsquo ारभ म हद म तीन कार स इस वधा का स पात हआ- 1 स लखक क पास एक नि चत नावल भजकर उनक उ तर ा त करना 2 लखक

स वय मलकर य वातालाप वारा जानकार ा त करना और 3 दवगत सा ह यकार स का प नक इटर य करना आजकल वतीय कार क इटर य ह सवा धक च लत ह और जीवत होन क कारण उ ह को सव ठ भी माना जाता ह rsquo डॉ च भान न वा त वक इटर य क दो कार दए ह- 1 प कार क तथा 2 सा ह यकार क सा ह यकार क इटर य भी उ ह न दो कार क बताए ह- म त तथा एकागी उनक अनसार का प नक इटर य क तीन भद ह- प रहास य य च ा मक तथा वगत सा ह यकार क डॉ च भान न यह वग करण प क ि ट स कया ह समय क ि ट स इटर य क दो वग कए ह- एक बठक म लए गए इटर य तथा दसरा कई दन म लए गए इटर य उनका कथन ह - lsquoवा त वक इटर य म आज म त और एकागी इटर य च लत ह म त इटर य म जीवन-प रचय समय-प रचय ि टकोण रचना-प रचय आ द सभी का म ण रहता ह और आजकल इसी कार क इटर य बह त दखन म आत ह rsquo डॉ व वनाथ साद तवार लखत ह- इटर य वा त वक और का प नक दोन कार क होत ह वा त वक इटर य म लखक यि तगत सा ा कार करता ह और अपन ा त त य का ववरण दता ह का प नक इटर य म य य प यि तगत सा ा कार नह होता क त यथाथ का आ ह उसम भी धान होता ह य न यह रहता ह क िजस यि त और सग का इटर य तत ह वह अ धक स अ धक वा त वक हो स यकाम वमा क श द म समाचारप -सपादन म इटर य का अ य धक मह व ह कसी भी वषय पर यि त क वचार जानन का सीधा तर का ह - य समी ण (सा ा कार) इसम यि त क अतमानस का नर ण शी हो जाता ह का प नक इटर य या समी ण भी लख जान लग ह इस कार क इटर य मत यि तय क सबध म भी का शत कए जा रह ह इसम लखक का अपना यि त व अ य प म ह झलकता ह यह कहना ामक ह क यि त व का कोई मह व नह होता नकता क प म इटर य करन वाल

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का ह दा य व होता ह समी यमाण यि त (सा ा कार-पा ) क अतमानस क झाक लन का अत लखक क सतकता ौढ़ता एव स म ा हणी शि त का भी प रचय उसी म अत न हत रहता ह rsquo डॉ हरदयाल भी सा ा कार क दो कार मानत ह उनका कथन ह - इधर हद म एक नई ग य- व या वक सत ह ई ह इटर यrsquo इसक जो रचनाए सामन आई ह उनस इसक दो कार बन जात ह - एक यथाथ इटर य अथात जी वत यि तय स मलकर इटर य -लखक उनक ह जीवन और वचार क सबध म जानकार ा त करता ह हद म अभी तक ऐस इटर य सा ह यकार स सब रह ह इनम सा ह यकार क वारा द गई उनक सा ह य-रचना क रणा सा ह य-सजन क या आ द-आ द क सबध म उनक वचार इक कए गए ह इटर य का दसरा कार का प नक ह इसम दवगत यि तय स इटर य लन क क पना कर ल जाती ह और उसक जीवन रचना वचार आ द को तत कया जाता हrsquo प कार डॉ नद कशोर खा क अनसार- भटवाताए म यत दो कार क होती ह एक - कसी रोचक या मह वपण यि त स भट और दसर - ठोस समाचार क सबध म भटवाता प कार डॉ भवर सराणा न सा ा कार क छ मख कार नधा रत कए ह - 1 पव- नधा रत सा ा कार 2 सव णाथ सा ा कार 3 य व अ य सा ा कार 4 औपचा रक व अनौपचा रक सा ा कार 5 पनरावि त और 6 अचानक (आकि मक) सा ा कार ए मो कॉट वाटसन क मतानसार- 1 त या मक समाचार सा ा कार 2 यि तपरक अथवा फ चर हत सा ा कार और 3 आ मकथा मक सा ा कार होत ह व र ठ प कार रामशरण जोशी सा ा कार को इस कार वग कत करत ह- आ मकथा मक स मरणा मक च ा मक एव वणना मक का प नक सवादा मक नो तरा मक यि त वपरक म ापरक प रचचा मक क तवार सा ा कार योगा मक औपचा रक अनौपचा रक व रत आकि मक और योजनाब त या मक और म ाब सा ा कार क व भ न कार ह व ण पकज क अनसार - 1 व प क आधार पर 2 शल क आधार पर 3 औपचा रकता क आधार पर 4 सपक क आधार पर 5 मी डया क आधार पर 6 आकार क आधार पर 7 वषय क आधार पर 8 वाताकार क आधार पर 9 पा क आधार पर और 10 अ य आधार पर

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1 व प क आधार पर (क) यि त न ठ- इसम यि त को परा-परा मह व दया जाता ह (ख) वषय न ट- इसम वषय को अ धक मह व दया जाता ह वषय न ट सा ा कार को भी तीन वग म रखा जाता ह- (अ) सामा य - इसम सामा य वषय को लकर सा ा कार लया जाता ह (आ) वशष - वषय क ब द- वशष को म यतया इसम लया जाता ह (इ) व वध - इसम अनक वषय न हत होत ह

2 शल क आधार पर (क) ववरणा मक (ख) वणना मक (ग) वचारा मक (घ) भावा मक (घ) हा य- य या मक (छ) भावा मक और (ज) नो तरा मक

3 औपचा रकता क आधार पर (क)औपचा रक - य योजना बनाकर पा स समय लकर लए जात ह (ख) अनौपचा रक - य बना योजना क अचानक और बना समय नधा रत कए लए जात ह

4 सपक क आधार पर (क) य भट - इसम पा स य भटवाता क जाती ह (ख) प - इटर य - प वारा लए जात ह (ग) का प नक - (अ) गभीर (इसम पा क उ तर या वचार उसक रचनाओ व त य डायर

प आ द स लए जात ह (आ) पण का प नक (इ) हा य- य या मक 5 मी डया क आधार पर

(क) ट मी डया - प -प काओ प तक अ भनदन थ म त थ आ द म का शत होन वाल (ख) इल ॉ नक मी डया- ट वी र डयो टल फोन क यटर इटरनट टल टर फ स ई-मल आ द मा यम स लए गए सा ा कार

6 आकार क आधार पर (क) लघ - य छोट सा ा कार होत ह और मनी इटर य कहलात ह य अब वत वधा

का प लत जा रह ह (ख) द घ - य बड़ सा ा कार होत ह

7 वषय क आधार पर (क) सा हि यक सा ह य वषय पर सा ह यकार स लए गए सा हि यक ढग स लख गए

सा ा कार इस णी म आत ह (ख) सा ह यतर-सा ह य को छोडकर अ य वषय -प का रता कला सगीत राजनी त धम

खल फ म समाजसवा व ान आ द वषय स सब सा ा कार इस वग म आत ह य प कार कलाकार सगीतकार राजनताओ सत खला ड़य अ भनताओ- अ भन य समाजस वय व ा नक आ द स लए गए सा ा कार होत ह

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8 वाताकार क आधार पर सा ह यकार प कार मी डयाकम (ट वी-र डयो) तथा अ य सामा य अथवा व श टजन स सा ा कार होत ह

9 पा क आधार पर (क) व श टजन स लए गए सा ा कार (ख) सामा यजन स लए गए सा ा कार

10 अ य आधार पर (क) आ मसा ा कार - लखक वय अपना (का प नक) सा ा कार लखता ह (ख) सव ण अनसधान नौकर पर ा आ द क सा ा कार

ाय यह दखा गया ह क कसी एक प त वारा सा ा कार नह लया जाता उसम अनक प तय का समावश हो जाता ह फर भी िजस प त क धानता होती ह उसी वग म उस रख दया जाता ह

38 सा ा कार क व ध सामा यत सा ा कार लन क एक या या व ध होती ह कस यि त का सा ा कार कया जाए यह तय करना इस या का पहला चरण ह सामा यत सा ा कार व श टजन क ह लए जात ह परत आजकल सामा यजन (आम आदमी गह थ पी ड़तजन आ द) क भी सा ा कार ( वशषत ट वी पर) खब लए जात ह बाह बल अपराधी आ द क भी सा ा कार लए जात ह कभी-कभी प -प का क सपादक ट वी-र डयो क अ धकार तय कर दत ह क अमक यि त स सा ा कार लना ह कभी-कभी सा ा कारकता वय भी सा ा कार-पा का चयन करता ह सा ा कार-पा तय हो जान पर यह तय होता ह क उसम कस वषय (या वषय ) पर बात करनी ह सा ा कार कतना बड़ा लना ह सम (टोटल) बातचीत करनी ह आ शक फर पा स समय नधा रत कया जाता ह कभी-कभी बना समय तय कए भी सा ा कार लना पड़ता ह ट वी-र डयो का सा ा कार ाय ट डयो म बलाकर अथवा कमरा और रकाडर क साथ पा क पास जाकर लया जाता ह प -प का क लए भी सा ा कार लत समय टप रकाडर का योग कया जाता ह कछ साम ी सक लत क जाती ह अथवा हाथ स लखनी भी पड़ सकती ह सा ा कार लत समय ख ढग स एक क बाद एक लगातार न न पछ जाए बातचीत भी क जाए परक न भी पछ जाए पा क मड क अन प वाता को मोड़ दया जाए कसी न का उ तर य द टाल दया जाए तो मौका दखकर भाषा बदलकर उस न को पन पा क सामन रखा जा सकता ह परत फर भी य द पा उसका उ तर नह द तो िज नह क जाए अड़ा नह जाए पा छोटा हो या बड़ा उसका आदर कया जाए उसक उ तर वचार को मह व दया जाए अपनी ओर स असहम त या नाराजगी कट न क जाए सा ा कार म दश क अ हत म अथवा समाज म व वष फलान वाल बात नह होनी चा हए य द कसी कारणवश आ भी जाए तो सपा दत करत समय उस हटा दया जाए य द कभी

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ट वी-र डयो क सजीव सारण क समय ऐसा हो जाए तो सा ा कारकता उसका त काल नराकरण कर द य द कसी सा ा कार म पा को कई ब द सा ा कार म न रखन को कह तो सामा यत उसका अनरोध मान लना चा हए सा ा कार श करत समय (इल ॉ नक-मी डया म) पा का स त प रचय द दना चा हए ट-मी डया क सा ा कार म सा ा कार परा हो जान पर तयार करत समय ऐसा करना चा हए सा ा कार परा होत समय सा ा कार पा को ध यवाद दना न भल

39 सा ा कार क या सामा यत सा ा कार लन क लए एक नि चत या अपनाई जाती ह कई बार इस या का पर तरह स पालन नह हो पाता फर भी सा ा कारकता को एक या स तो गजरना ह पड़ता ह चाह इसम कछ प रवतन हो जाय अथवा सा ा कारकता वय कर द साधारणत इस या क न न ल खत चरण हात ह- 1 सा ा कार पा का चयन

कसी यि त का सा ा कार लया जाय यह नि चत करना इसक या का पहला चरण ह सा ा कार-पा का चयन कई बात पर नभर करता ह ल ध ति ठत सा ह यकार मख नताओ समाज क व श ट यि तय कलाकार गायक सगीतकार खला ड़य आ द क वषय म जानन क लए लोग सामा यत उ सक रहत ह अतएव प कार और लखक इस कार क यि तय क सा ा कार लन क लए अवसर ढढत रहत ह पहल व श ट स महान अथवा उ लखनीय यि तय स ह इटर य लना उपय त समझा जाता था बाद म साधारण न न उप त अथवा क यात लोग क भी सा ा कार लय जान लग कह आतककार हमला हआ ह डाका पड़ा ह बड़ी चोर ह ई ह अपहरण हआ ह कोई बड़ा या क यात यि त पकड़ा गया ह आयकर वाल का छापा पड़ा ह बला कार हआ ह ए सीडट या दघटना ह ई ह ाक तक आपदा आ पड़ी ह कोई बड़ा खल मला तयो गता आ द का आयोजन हआ ह चनाव ह ए ह कोई बड़ा नता जीत या हार गया ह दल-बदल या पाट गत व ोह हआ ह कसी को पाट या म म डल स नकाला गया ह शरनी क ब च ह ए ह कसी क ह या ह ई ह कसी न आ मह या क हhellip मतलब क लोग हर तरह क खबर जानना चाहत ह उसक तह म जाना चाहत ह य -कब-कस क जानकार चाहत ह तो इनस जड़ व भ न यि तय क सा ा कार लए जात ह जो ट वी एव र डयो पर तो त काल दखा दए जात ह शाम को या दसर दन अखबार म छप जात ह कछ क सा ा कार लन क लए ट वी एव र डयो क अ धका रय प -प काओ क सपादक स नदश मल जात ह कछ क सा ा कार प कार सवाददाता त न ध आ द वय लत ह और समाचार क सपणता रोचकता दान करत ह ऐस सा ा कार छोट होत ह और इनम सा ा कार क सोपान इसक या का पालन करन का अवकाश नह होता

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कभी ऐसा भी होता ह क नगर म कसी व श ट यि त का आगमन होता ह तो थानीय ट वी एव र डयो- त न ध सवाददाता प -प का स जड़ा प कार या लखक उसका सा ा कार लना तय करता ह अथवा इस काय क लए उस नदश मलता ह कसी समारोह म कसी व श ट यि त क पदापण करन पर उस सा ा कार का पा बना लया जाता ह कभी कसी नि चत योजना क अतगत भी कसी अप त यि त अथवा यि तय क सा ा कार लय जात ह इसक लए कई बार बाहर भी जाना पड़ता ह यि त कसी क वषय म जानन को उ सक होता ह उसस भा वत होता ह तो भी वह उसस सा ा कार लन क सोच लता ह सामा यत य सा ा कार उस यि त स मलकर बातचीत करक न पछकर लय जात ह कभी-कभी सा ा कार अपन न डाक वारा उस यि त क पास भज दता ह और उनका उ तर आन पर न-उ तर जमाकर सा ा कार बना लया जाता ह फोन आ द क वारा भी उस यि त स सा ा कार ल लया जाता ह दवगत यि तय क सा ा कार क पना क आधार पर लख जात ह कभी-कभी इसम उस यि त क अ य लख वचार कथन का समावश भी कर लया जाता ह 2 वषय का चयन

सा ा कार पा का चयन हो जान पर उसस कस वषय पर सा ा कार लना ह यह तय कया जाता ह क व स क वता पर कथाकार स कहानी-उप यास पर कलाकार स कला पर राजनता स राजनी त पर सा ा कार सामा यत लय जात ह सब धत अ य बात पछन का ि टकोण भी रहता ह कभी-कभी पा क जीवन क त व रणा चय भाव दनचया वचार योजना आ द अनक क जानकार ा त करन का ल य

रहता ह कभी सा ा कार-पा क नजी जीवन आ द क बार म न पछकर कसी वषय या उसक कसी बद पर ह बात क जाती ह साधारण पा स योजनानसार न पछ जात ह

3 योजना का नमाण

यि त और वषय तय हो जान पर सामा यत सा ा कारकता इटर य लन क एक योजना बना लता ह इसम सा ा कार पा स समय लना सा ा कार का थान तय करना सा ा कार म पछ जान वाल न व अ य बात क सची बनाना अथवा अपन दमाग म उनक एक परखा रखना आ द सि म लत ह अ धकाशत इस योजना क ल खत प का ह योग कया जाता ह कभी-कभी सा ा कार दन वाला सा ा कार स पव न को अपनी स वधा क लए माग लता ह ता क उस पता चल सक क सा ा कार

म या पछा जाना ह और वह तयार क साथ उ तर द सक अथवा अचानक कसी न स हड़बड़ाए नह ट वी पर सा ा कार लत समय भी सा ा कारकता अपनी नावल ट बल पर रखता ह और सा ा कार क दौरान समय-समय पर उस दखता रहता ह इसस उस सा ा कार लन म आसानी रहती ह फर भी नावल क अनसार पर तरह स सा ा कार नह चलाया जा सकता कभी बातचीत क दशा बदल जाती ह न क

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म म उलटफर हो जाती ह कशल सा ा कार यनकन- कारण घमा- फराकर अपना काम नकाल ह लत ह कभी-कभी नावल सामन रखन का अवकाश ह नह मल पाता तब सा ा कारकता को अपन मानस म स चत िज ासा और न स काम चलाना होता ह अनक सा ा कारकता बना कसी ल खत योजना क ह कशलतापवक सा ा कार ल लत ह फर भी दमाग म एक योजना तो रहती ह ह जो प रि थ त क अनसार बदलती रहती ह प कार इस कला म काफ हो शयार होत ह वस भी सा ा कार पा क सामन ल खत नावल लकर बठना वाभा वक और वाह म यवधान उपि थत कर सकता ह इसस कभी सा ा कार पा असहज अनभव कर सकता ह ऊब सकता ह चढ़ सकता ह नाराज हो सकता ह य य प ऐसा अपवाद म ह होता ह ाय बना योजना परखा या योजना क सा ा कारकता योजनाब तर क स आग नह

बढ़ पाता सा ा कार पा स अप त बात नह नकलवा पाता वह ऊपर-ह -ऊपर तरकर वापस आ सकता ह गहराई म गोत नह लगा सकता व भ न यि तय क लए एक जसी नावल भी काम नह आ सकती सा ा कार म य प नम त व का होना आव यक ह

4 भटवाता

सा ा कार लन क योजना या ा प बन जान पर उस याि वत करन मत प दन क लए सा ा कार पा स भट क जाती ह या प ा द वारा स पक कया जाता ह भटवाता क दौरान सा ा कार पा क वचार को नकलवान ता वत न क उ तर ा त करन का यास कया जाता ह नधा रत योजना क अन प सा ा कार चलता

रहता ह बदलती ह ई प रि थ त और पा क मनःि थ त क अनसार सा ा कार वाता को बदलाव या मोड़ दता रहता ह वह यह भी यान रखता ह क कसी न स पा ऊब न जाय अथवा अ स न न हो जाय य द कभी थोड़ा-बह त यवधान भी पड़ता ह तो वह ि थ त को कशलतापवक सभाल लता ह और सा ा कार को असफल नह होन दता

5 ब द-अकन

य द सा ा कारकता क पास वी डयो- रकाडर (ट वी क लए) अथवा टप- रकाडर या आश ल पक क स वधा उपल ध नह ह तो वह वय आश ल प (शॉटह ड) न जानन क कारण सा ा कार पा वारा अ भ य त वचार को उसी ग त स ह-ब-ह नह लख सकता ट वी ट डयो या र डयो टशन पर यह सम या नह होती दसर य द सा ा कारकता सा ा कार पा क कथन को तलख ( ड टशन) क भा त लखता रहगा तो यह अन चत तीत होगा और वचार क खला भी टट जाएगी अतएव सा ा कारकता म य-म य

बात को बद- प ( वाइ स) म लखता जाता ह बद अकन म इस बात का यान रखा जाता ह क कोई भी मह वपण बात लखन स न रह जाय त थय यि त स था

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क त क नाम घटनाओ उ ारण स ात-वा य आ द का अकन करना आव यक ह त-लखन का अ यास सा ा कारकता क लए लाभदायक रहता ह सकत स ह बदओ

का त काल अकन करक वाता- वाह को वह आग नह होन दता इसक अ त र त सा ा कार पा क यि त व हाव-भाव वातावरण अपनी त या आ द का अकन भी बद- प म तरत करता जाता ह अथवा घर जाकर म त क आधार पर वह बाद म लख लता ह य द लघभट ( मनी-इटर य) ह तो इसक ज रत नह पड़ती

6 ततीकरण

सा ा कार लकर सा ा कारकता लौट आता ह लौटकर वह बदओ और वाता क म त क आधार पर परा सा ा कार लखता ह सा ा कारपा क कथन को यथासभव उसी क भाषा म लखन का यास कया जाता ह सा ा कार क वकास म वह अपनी शल का समावश करता ह सा ा कार क न-उ तर और बातचीत को वह खलाब करता ह सा ा कार तयार करत समय इस बात का यान रखा जाता ह क उसका वाह बना रह तथा कोई भी मह वपण प छटन न पाए सा ा कारकता सा ा कार म यथा थान सा ा कारपा क यि त व का बा य-अकन हाव-भाव वहा क वातावरण अपनी त याओ तथा ट प णय को भी दता जाता ह

कई बार सा ा कार म सा ा कारपा अनौपचा रक प स कछ बात कह दता ह जो ऑफ रकॉड होती ह िजनको सा ा कार म नह दया जाना चा हए कई बार सा ा कार दन वाला इस बात को कह भी दता ह क यह बात अनौपचा रक प म कह गई ह इस अश को सा ा कार म शा मल न कया जाय कसी क च र वषय म क गई तकल ट पणी अपश द कोई नजी गोपनीय त य (िजसको कट करना उ चत न हो) आ द को सा ा कार तयार करत समय छोड़ दना चा हए सा ा कार क सफल ततीकरण पर ह उसक सफलता नभर करती ह आज क इस अ य धक य त यग म कसी स समय लकर सा ा कार जस मसा य और ययसा य काय करना वस ह क ठन ह उस पर फर वीक त लन क क लत सा ा कारकता वय भी एक लखक प कार ब जीवी यि त ह उसका अपना यि त व और टटस ह यह उ चत तीत नह होता क कई परशा नय क रहत पहल तो वह कसी का सा ा कार ल और फर लक क भा त सा ा कार क फाइल लय ह ता र क लए सा ा कार पा क आग-पीछ घमता रह य द सा ा कारपा ह ता र करन स मना कर द तो अपना-सा मह लकर लौट आए हा य द सा ा कारपा वय यह कह द क सा ा कार तयार हो जान पर उस दखा दया जाय अथवा वशष ि थ त म कह उसक कथन या ववरण म कोई शका हो अथवा कोई ववादा पद या ज टल बद हो तो अपनी र क को कम करन क लए वह सा ा कार उसक पा को दखा सकता ह उसक वीक त ल सकता ह ट वी या र डयो क सा ा कार म यह सम या नह आती टप कए ह ए सा ा कार म भी उलझन नह रहती

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कई बार ऐसा हआ ह क सा ा कार क दौरान सा ा कार न कछ और कहा ह कसी सा ा कारकता न गलती स या जानबझ कर कछ और लख दया ह कभी-कभी प -प का क सपादक भी मनमान सशोधन या काट-पीट कर दत ह गलत बात या त य को तोड़-मरोड़कर छप जान स सा ा कार पा को क ट या पीड़ा या नाराजगी होती ह मनमानी काट-छाट स कई बार अथ का अनथ हो जाता ह डॉ बनारसीदास चतवद महादवी वमा अमता ीतम व ण भाकर मनोहर याम जोशी जस लोग इस पीड़ा को भगत चक ह इन लोग न अपनी पीड़ा को य त भी कया ह फ म म तो यह वि त और भी अ धक ह सामा यत प कार ज द म होता ह उसका ल य व श ट और स त होता ह वह सा ह यक सा ा कार क भा त अवकाश नह पाता उसका ल य पा को उजागर करना नह अप त त य को सामन लाना होता ह वह सा ा कार क सम या को नह अपना पाता सा ा कार क सपण सोपान का नवाह उसस नह हो पाता फर भी उसक सा ा कार का अपना मह व ह यह ज र नह ह क सा ा कार म कस पा को सपणत उजागर कया जाए उसक एक झलक कछ अश भी सामन लाए जा सकत ह सपणता लय ह ए सा हि यक सा ा कार सा ा कार- वधा क मह वपण अग ह और व सा ा कार-सा ह य क बह म य न ध ह

310 सा ा कारकता क वशषताए सा ा कारकता को एक अ छा ोता होना सबस ज र ह सा ा कारपा क बात यान स धय-पवक सन ऊब उतावलापन असहम त नाराजगी न जताए सा ा कारपा य द सामा य या कमजोर अथवा ग रमाह न ि थ त (अपराधी) का भी हो तो भी उसक उप ा न कर उसक वशभषा भाषा स क त हाथ-भाव आ द क उप ा न कर व श टजन तो आदर क पा ह ह य द सा ा कारकता क वचार पा क वचार क तकल ह तो भी वह सयम बरत पा क कथन ह सा ा कार म मह वपण होत ह सा ा कारकता तो एक सहायक मा यम क भ मका अदा करता ह सा ा कारकता म न पछन क कला होनी चा हए य द सामा य न स अप त जानकार न मल तो उस न को अवसर दखकर भाषा बदलकर बाद म फर पछना चा हए य द फर भी पा उस टाल द तो दरा ह नह करना चा हए सा ा कार लन स पव सब धत पा और वषय क जानकार कर लनी चा हए य द सगीत क वषय म सा ा कारकता श य ह तो वह सगीत स सफल सा ा कार नह ल सकगा जानकार क लए प तकालय और वषय स सब धत यि त स सहयोग लया जा सकता ह य द उस मनो व ान का थोड़ा-बह त ान होगा तो वह पा क मनोि थ त मड को तर त भाप लगा और सा ा कार को आग बढ़ाता जाएगा सा ा कारकता म अहकार खापन अपनी बात थोपना पवा ह वाचालता कटता स ती-जसी चीज नह होनी चा हए उसम िज ासा न ता भाषा पर अ धकार बात नकालन क कला तट थता पा क बात सनन का धय लखन-शि त बदलती ह ई प रि थ त क अनकल सा ा कार को टन (मोड़) दन क मता-जसी

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बात होनी चा हए पा क स क त भाषा तर वचारधारा ट प णया आ द य द अनकल न ह तब भी सा ा कारकता को सामा य और सय मत रहना चा हए य द ट-मी डया क लए सा ा कार ह तो पा क वचार उसक वारा द गई जानकार को तोड़-मरोड़कर अथ बदलकर पश नह करना चा हए कई सा ा कारदाताओ (पा ) यथा अमता ीतम मनोहर याम जोशी आ द न इस कार क शकायत क ह ट वी या र डयो पर तो सा ा कारकता कोई सशोधन कर ह नह सकता सा ा कार म झठ तार फ खशामद चमचा गर न दा कसी पर अन चत हार आ द न हो सा ा कार साथक हो वह नधा रत समय म परा होना चा हए कोई बात समझ म नह आए तो उस प ट कर लनी चा हए य य प कसी एक यि त म इतनी वशषताए नह हो सकती फर भी िजतनी अ धक हो अ छा ह

311 सा ा कार एक कला सा ा कार म यत प कार लखक मी डयाकम ह लत ह कभी-कभी अ य क यि त भी ल लत ह सा ा कार एक कला ह डॉ च भान का कहना ह - इटर य भी एक कला ह इसम बड़ कौशल क आव यकता होती ह आप न पछ और उ तरदाता आपको इधर-उधर ह भटकाता रह और कसी न का उ तर ठ क स न द व तत कसी यि त स उसक जीवन क बात नकलवा लना एक कला ह इसक लए पहल आव यकता इस बात क ह क सा ा कारकता आपक मन स उस यि त स सब धत सभी पवा ह को नकाल द वह साफ लट लकर उसक पास पह च तभी स य व प उस पर अ कत हो सकगा दसर आव यकता यह ह क वह उस ल य- यि त का व वासपा बन जाए बना उसका व वासपा ह ए वह सार बात उसस नह कहलवा सकता तीसर आव यकता इस बात क ह क इटर य म या श भाव स न लया जाए rsquo िजस कार सा ा कार लना एक कला ह उसी कार सा ा कार दना भी एक कला ह हर आदमी अ छा इटर य नह द सकता सा ा कार एक मह वपण और उपयोगी वधा ह इसम य द नवीन और मह वपण साम ी नह आएगी तो वह कोई अ छा सा ा कार नह होगा िजस कार सा ा कारकता म कछ वशषताए होनी चा हए वस ह सा ा कारदाता (पा ) म भी कछ अ छ बात का होना सा ा कार को सफल और अ धक उपयोगी बनाता ह व श ट सा ा कारपा का अपन पर अ धकार उ लखनीय यि त व-क त व वशष उपलि धया पवा ह र हत होना अहकार र हत सा ा कारकता का स मान करन वाला उस सहयोग दन वाला वन खश- मजाज डीग न हाकन वाला भाषा पर सयम रखन वाला होना चा हए उसम वगोपनवि त अपन को छपान क वि त न हो य य प य सार गण कसी एक यि त म नह हो सकत परत िजतन अ धक गण ह अ छा ह सामा यजन म य सब होना ज र नह होता सा ा कार को सफल मह वपण और उपयोगी बनान का दा य व सा ा कारकता क साथ-साथ सा ा कारपा का भी ह महा मा गाधी जन ब चन व ण भाकर आ द इस कला म न णात ह उ ह न बड़ी स या म अ छ सा ा कार दए ह

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मख सा ा कारकता डॉ पदम सह शमा कमलशrsquo का मत ह ndash lsquoइटर य क अ छ-बर होन क कछ िज मदार इटर य दन वाल क भी ह य द इटर य लन वाल क ा को मह व न दकर चलताऊ बात बताता ह और काय म च नह लता तो इटर य कभी अ छा नह बन सकता ऐसा भी सभव ह क सा ा कारकता को कसी मह वपण बात क जानकार न हो अथवा वह उस समय पछना भल जाए तो पा को वह जानकार वत द दनी चा हए महा मा गाधी तक न ऐसा कया ह सा ा कार को अन चत चार कसी को गरान-उठान न दा- त त का मच नह बनाना चा हए अपा (उपलि धह न) लोग स सा ा कार लना उ चत नह सामा यजन इसक अपवाद ह अगभीर मह वह न लोग को इस वधा स दर रहना चा हए प कार डॉ नद कशोर खा ठ क ह लखत ह - समाला य- यि त (पा ) ऐसा हो सकता ह जो वत ह सार जानकार द द और ऐसा भी हो सकता ह जो मह खोलना ह नह चाह दोन ह प रि थ तय म भट-वाताकार या समालापक को बड़ा सतक सयाना और ववक बनन क आव यकता होती ह य द कोई यि त अपन-आप बह त कछ बताता ह तो सभव ह वह आपको अपन म त चार का साधन बनान क को शश कर रहा हो जो यि त कछ नह बोलता और आपस सहयोग को तयार नह ह वह न चय ह आपस कछ छपान क को शश म ह ऐस यि तय स नपटना आसान नह होता इन यि तय स खबर नकाल लन म आपका यावसा यक चातय काम म आता ह

बोध न- 1 1 सा ा कार कस कहत ह helliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphellip helliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphellip2 सा ा कार और अ य वधाओ म अतर क िजए helliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphellip helliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphellip3 मी डया म सा ा कार का मह व एव उपयो गता को बताइए helliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphellip helliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphellip4 सा ा कार क व भ न कार कौन- कौन स ह helliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphellip helliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphellip

312 ट- मी डया म सा ा कार ट-मी डया म सा ा कार एक मह वपण वधा ह यह प का रता सा ह य

इल ॉ नक-मी डया (ट वी-र डयो) आ द अनक स जड़ी ह हद म इस वधा क वतन का य डॉ नग डॉ व वनाथ श ल आ द व वान न मध य प कार बनारसीदास चतवद

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को दया ह डॉ नग का कथन ह - हद -ग य म इस वधा (सा ा कार) क वतन का य बनारसीदास चतवद को ह - वशाल भारत म का शत र नाकरजी स बातचीत ( सत बर

1931) और मच दजी क साथ दो दन (जनवर 1932) इस दशा म उनक उ लखनीय रचनाए ह डॉ व वनाथ श ल न भी लखा ह - इस वधा का स पात करन का थम य प बनारसीदास चतवद को ह उ ह न र नाकरजी स बातचीत शीषक इटर य सतबर

1931 क वशाल भारत म का शत कया था इसक कछ ह मह न बाद मचदजी क साथ दो दन शीषक स उनका दसरा इटर य जनवर 1932 क वशाल भारत म का शत हआ सभवत 1931 का र नाकरजी वाला इटर य हद का थम सा हि यक इटर य ह इसक वपर त डॉ रामगोपाल सह चौहान हद म इस वधा क वतन का य डॉ पदम सह शमा कमलश को दत ह व लखत ह- हद म इटर य क वधा का स पात करन का य डॉ पदम सह शमा कमलश को ह इसस पहल यह वधा हद म अनजानी थी डॉ

कमलश न हद क चोट क सा ह यकार स इटर य लकर मौ लक काय कया rsquo डॉ कमलश का च चत सा ा कार-स ह म इनस मला दो भाग म 1952 म का शत हआ था परत सा ा कार- वधा क थम शोधकता व ण पकज न हद म सा ा कार वधा क वतन का य प कार-लखक च धर शमा गलर को दया और समालोचक क सतबर 1905 क अक म का शत उनक सा ा कार सगीत क धन एक सवाद को हद का पहला सा ा कार माना यह सा ा कार सगीत-महारथी व ण दगबर पल कर स लया गया था गलर जी समलोचक क अघो षत सपादक (रा यसवा म होन क कारण) थ व तब मयो कालज अजमर म ा यापक थ पल करजी क अजमर आगमन पर समालोचक क त न ध को ह सयत स उ ह न यह सा ा कार लया था इसम सा ा कार क पर त व ह जब क र नाकरजी वाल बातचीत नबध स मरण रखा च सवाद आ द अनक वधाओ का समवत- प ह सा ा कार क गण उसम नह ह मख आलोचक और सा ा कारकता डॉ रणवीर रा ा न व ण पकज क का शत शोध- थ

हद - इटर य उ व और वकास क समी ा आकाशवाणी द ल (7 अग त 1984 को सा रत) पर करत ह ए कहा ndash lsquorsquo व ण पकज का शोध- बध हद -इटर य lsquoउ व और वकास

अपन वषय का पहला और स नयोिजत अनसधान काय ह इस शोध- बध म इटर य- वधा क बार म च लत अनक ाि तय का सम ाण नराकरण भी कया गया ह हद म इस वधा क वतन क वषय म अब तक दो मत सामन आए थ डॉ नग डॉ व वनाथ श ल जस व वान शीष थ प कार प बनारसीदास चतवद को पहला इटर यकार होन का य दत ह इसक वपर त रामगोपाल सह चौहान जस समी क न यह य डॉ पदम सह

शमा कमलश क प तक म इनस मला को दया ह गहर छानबीन क आधार पर इस शोध- बध ( हद -इटर य उ व और वकास) म प च धर शमा lsquoगलर rsquo को हद इटर य का वतक स कया ह

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313 इल ॉ नक-मी डया म सा ा कार इल ॉ नक-मी डया (म यत ट वी-र डयो) पर आरभ स ह सा ा कार सा रत हो रह ह रोजाना ह व वध चनल पर छोट-बड़ व वध वषय पर सा ा कार आत ह इल ॉ नक- ा त न अनक मा यम व तत और सश त बना दए कई नए मा यम भी वक सत कर दए ह अब टल फोन वी डयोफोन इटरनट फ स ई-मल आ द स भी खब सा ा कार लए जान लग ह व पन हाडा द पक बोहरा शखर समन आ द न टल वजन पर बड़ी स या म सा ा कार लए ह तब सम न अनक फ मी हि तय स सा ा कार लकर फल खल ह गलशन-गलशन जस काय म को सफल बनाया था कमल वर न अनक यि तय स बातचीत क कलाश वाजपयी च कमार बरठ कलानाथ शा ी आ द न सा ह यकार क भ चावला एमज अकबर क हयालाल नदन रजत शमा वनोद दआ श शकमार उदयन शमा आ द न राजनताओ क व पन हाडा द पक बोहरा शखर समन महश भ फा क शख मनीष दब मोहन कपर आ द न फ मी हि तय क अ छ सा ा कार लए ह भ चावला न सीधी बात रजत शमा न जनता क अदालत शखर समन न शकस ए ड मवस म तज तरार सा ा कार लए ह मनका गाधी न जीव दया अनराधा साद न व वध वषय रोशनी न पाकशा पर बातचीत क ह शखर ग ता न टहलत ह ए सो नया गाधी ऐ वया राय आ द स भटवाता क ह रामशरण जोशी णवराय सईद नकवी मह मधप (क ष पर) मनोज रघवशी करण थापर राह ल दव मणाल पाड पकज शमा राज बोहरा राध याम तवार राजीव श ला प पश पत बलजीत आशा सचदव जाि मन मोजज फर दा जलाल नीलम शमा न लनी सह वा त आ द वारा भी बह त-स सा ा कार लए गए ह र डयो पर गोपालदास जसदव सह ठाकर साद सह नरो तम पर छोट स वता बजाज मोहन सह सगर वद यास स यनारायण शमा मदन शमा राह मजल राम सह पवार वजय चौधर सवाई सह धमोरा अचला नागर अ नता म लक इद जन कथा जन वमला पा टल सरल कमार आ द न उ लखनीय सा ा कार कय ह

बोध न- 2 1 ट मी डया क लए सा ा कार कस लत ह helliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphellip helliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphellip2 इल ॉ नक मी डया म सा ा कार वधा आज य लोक य ह helliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphellip helliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphellip3 सा ा कार क या क मख चरण कौन स ह

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314 साराश इस इकाई म हम दख चक ह क सा ा कार मी डया का एक मह वपण और उपयोगी घटक ह सा ा कार क कला जान बगर कसी भी मी डयाकम प कार का काम चलना क ठन ह उस कभी पा स य भट करक सा ा कार लना होता ह तो कभी टल फोन या अ य इल ॉ नक-मा यम वारा इस पाठ म सा ा कार क व प कार थम हद -सा ा कार ट-मी डया और इल ॉ नक-मी डया क सा ा कार क अ ययन क अलावा हमन इसक

उपादयता और मह व को जाना सा ा कारकता म या गण ह सा ा कार कस ल - यह जानकार भी हमन ा त क सा ा कार- वधा को सम प म जानन का यास हमन कया ह सा ा कार एक वत वधा ह

315 श दावल इस इकाई म आन वाल पा रभा षक श द क अथ इस कार ह - सा ा कार - यह जनसचार क मख वधा ह इसक अतगत सा ा कारकता

सा ा कार दन वाल स मलकर बातचीत करक नो तर वारा उसक जीवन क त व और वचार आ द क जानकार ा त करता ह

सा ा कारकता - जो यि त सा ा कार लता ह उस सा ा कारकता कहत ह सा ा कारपा - िजस यि त स सा ा कार लया जाता ह वह सा ा कारपा

कहलाता ह ट मी डया - म त मा यम (समाचारप प का थ आ द) को कहत ह

इल ॉ नक मी डया - ट वी र डयो क यटर इटरनट फ स ई मल आ द को कहत ह

316 कछ उपयोगी प तक 1 ह द -इटर य उ व और वकास - डॉ व ण पकज ववक पि ल शग हाउस जयपर 2 जनसचार क वधा-सा ा कार- डॉ व ण पकज राज थान काशन जयपर 3 सा ा कार-कोश- डॉ व ण पकज रचना काशन जयपर 4 भारतीय भाषाओ म सा ा कार - डॉ व ण पकज मगलद प एि लकशन जयपर 5 मी डया इटर य - डॉ व ण पकज मगलद प पि लकशन जयपर

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6 इटर य स ात तकनीक और यवहार - डॉ व ण पकज नशनल पि ल शग हाउस नई द ल

7 सा ा कार स ात और यवहार - रामशरण जोशी थ श पी नई द ल 8 म इनस मला - डॉ पदम सह शमा कमलश आ माराम एड सस नई द ल 9 सा ह यकार क सग - कलाश कि पत कताबघर द ल 10 भारतीय सा ह यकार स सा ा कार - डॉ रणवीर रा ा भारतीय ानपीठ काशन नई

द ल

317 अ यासाथ न 1 सा ा कार स आप या समझत ह यह अ य वधाओ स कस कार भ न ह 2 सा ा कार क उपयो गता और मह व पर व तत काश डा लए 3 सा ा कार कतन कार क होत ह इनम स कौन-सा कार आपको अ धक भावी लगा

तक क साथ समझाइए 4 आप एक सफल सा ा कार कस कार लग व तार स बताइए 5 सा ा कार- या का व तार स उ लख क िजए 6 एक सफल सा ा कारकता म या वशषताए होनी चा हए इनम स कौन-सी वशषताए

आप अपन अदर अनभव करत ह 7 सा ा कार कला ह इस कथन क समी ा क िजए 8 पहला हद -सा ा कार आप कस मानत ह और य व तारपवक लख 9 स त ट प णया लख -

1 ट-मी डया म सा ा कार 2 इल ॉ नक-मी डया म सा ा कार 3 सा ा कार और अ य वधाए 4 मी डया म सा ा कार का मह व

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इकाई-4 समाचार का वग करण - (भाग-1)

इकाई क परखा 40 उ य 41 तावना 42 समाचार का व प 43 समाचार क त व 44 समाचार क कार एव वग करण

441 वषयव त क आधार पर 442 क त क आधार पर 443 या या क आधार पर 444 रपो टग व ध क आधार पर 445 ततीकरण क व श ट शल क आधार पर

45 साराश 46 श दावल 47 कछ उपयोगी प तक 48 अ यासाथ न

40 उ य इस पाठ का उ य समाचार इसक अथ इसक व प इसक त व तथा समाचार क कार क सबध म व तार स चचा करना ह बदल ह ए प रवश म समाचार का जन जीवन म या मह व हो गया ह समाचार क अथ और प रभाषा म पछल दो दशक क दौरान कस तरह का बदलाव आया ह वगत अव ध क दौरान समाचार का कौनसा नया वग करण तथा कौन-कौनस नए कार उभरकर सामन आए ह इन सब बात क इस पाठ क अ तगत चचा क गई ह इस पाठ का अ ययन करन क प चात आप जान सकग - समाचार या ह समाचार क परपरागत व नवीन प रभाषाए या ह समाचार क मख त व कौनस ह व भ न आधार पर समाचार का वग करण कस कया जा सकता ह तथा समाचार क

कार कौन कौन स ह

41 तावना पछल दो दशक क दौरान व वभर क मी डया जगत एव खासतौर पर ट मी डया क अवधारणा और व प म आमल प रवतन आया ह मी डया का काम सफ सचनाओ को

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य का य आम आदमी तक पह चाना भर नह रहा टल वजन और इटरनट न अब समाचारप को अपनी भ मका पर पन वचार क लए मजबर कर दया ह शायद यह कारण ह क समाचारप क मख प ठ पर आज कसी भी घटना क ाथ मक सचना क बजाय पछल दन टल वजन पर दखाई जा चक अमक घटना का व लषण प ठभ म या भाव दखाया जाता ह समाचारप म अब बयो ड ट ल वजन जन ल म क नई अवधारणा ज म लन लगी ह िजसक अ तगत वह करन का यास कया जाता ह जो ट वी नह कर सका समाचारप क बदल ह ए कलवर पर नजर डाल तो न सफ समाचार क दो दशक परानी अवधारणा बदल ह ई नजर आती ह बि क समाचारप क समाचारप होन पर भी बड़ा सा सवाल लगा दखाई दता ह समाचारप का मख उ य अब सचना दन क बजाय आम आदमी का मनोरजन करना अ धक हो गया ह अ धकाश समाचारप क प न गभीर राजनी तक समाचार क बजाय फ मी हि तय क ग त व धय स तथा वकास योजनाओ क सचना क बजाय वला सता और सर सपाट स जड़ी ताजातर न जानका रय जस - वा य सौ दय और लमर स जड़ी नवीनतम खोज व सचनाओ स भर दखाई दत ह हाल ह म इल ो नक मी डया का भार व तार हआ ह और समाचारप का सार भी बढ़ा ह इसक साथ ह मी डया का यापार करण हआ और बाजार पर क जा करन क मकसद स ह समाचार म मनोरजन का त व हावी हआ ह समाचारप क इस बदल ह ई त वीर क म नजर ह समाचारप म लखन क कई नवीन वधाओ का ज म हआ ह कछ समय पव तक प म जहा सफ त य आधा रत समाचार एव सपादक य आलख ह छपा करत थ वह आज समाचारप म हाड यज सॉ ट यज यज फ चर यमन टोर पािज टव यज एव अ य कई तरह क समाचार वधाओ का योग

होन लगा ह समाचार जगत क बदलती ह ई ज रत को यान म रखत ह ए प का रता क छा को समाचार लखन क इन नवीनतम वधाओ स प र चत होना ह चा हए

42 समाचार का व प आम जीवन म हम जब भी कसी प र चत अथवा अप र चत स मलाकात करत ह दोन मलाका तय का आपस म पहला सवाल यह रहता ह क और या खबर ह जब कसी म अथवा प र चत को यि तगत प लखा जाता ह पि त बरस स कछ य श क जाती रह ह अ कशलम त ा त क प चात समाचार यह ह क अथवा आग समाचार यह ह क वगरह rsquorsquo जा हर ह इसानी सवाद क एक म य वजह जानका रय का लना या दना रह ह जानका रय क त मानव सलभ िज ासा न ह समाचार को एक यवसाय क व त बना दया ह यह समाचार व तत पर मी डया जगत का क चा माल भी ह और इसका म य उ पाद भी परपरागत या याओ क अ तगत समाचार का अथ इसक अ जी नाम स समझा जाता ह िजसक अनसार NEWS स चार दशाओ नाथ ई ट व ट और साउथ का भान होता ह कई अ य प रभाषाओ का न कष भी यह दशाता ह क समाचार दरअसल सचनाओ का स ह ह कत एक यावसा यक नज रए स हम दख तो हर सचना समाचार नह हो सकती बहार

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क म यम ी का वहा क कसी क बनट म ी स गोपनीय वातालाप बहार क पाठक क लए नि चत प स समाचार हो सकता ह मगर म य दश क पाठक क लए यह जानकार एक ऐसी सचना भर ह िजसम उनक कोई च नह ह इस ि ट स हम कह सकत ह क समाचारप क लए वह सचना समाचार बनती ह िजस लोग जानना चाहत ह एक यि तगत वातालाप अथवा एक नजी च ी म द जान वाल जानका रया सब धत लोग क लए अव य समाचार हो सकत ह मगर अ य लोग क लए य मा अ चकर सचनाए ह इस ि ट स हम य भी कह सकत ह क समाचारप क लए व ह सचनाए समाचार ह िज ह अ धक स अ धक लोग जानना चाहत ह rsquorsquo

43 समाचार क त व कसी सचना को समाचार बनान म कछ कारण अपनी भ मका नभात ह यह कारण समाचार क त व कह जा सकत ह िजन लोग का कभी अदालती वाद- ववाद स पाला पड़ा हो व जानत ह ग क कोई भी वाद दायर करत समय वाद प म वाद कारण का उ लख कया जाता ह जो यह प ट करता ह क अमक ववशता क कारण यह वाद दायर कया जाना आव यक हो गया ह ठ क इसी तरह समाचार का शत करत समय पाठक को भी यह बताना ज र होता ह क अमक समाचार आज का शत करन का औ च य अथवा कारण या बना ह उदाहरणत हम नगर क कसी ऐस जलाशय पर समाचार फ चर बना रह ह िजसका वजद सौ वष स भी यादा समय स ह ऐस म हम यह अव य लखना होगा क इस जलाशय म पछल एक माह या छ माह क दौरान अचानक अ त मण बढ़ गए ह अथवा पछल दस रोज म तज गम क कारण इसका जल तर अचानक एक फट कम हो गया ह यह ताजातम ि थ त ह इस समाचार का कारक त व होगा कोई समाचार कस सीमा तक समाचार ह और कसक बाद असमाचार यह सब बात नधा रत करन वाल न न ल खत कछ मख त व ह िज ह समझना हमार लए नि चत प स उपयोगी रहगा समाचार लखन क मख त व ह- 1 जन च 2 ताजगी 3 ल त समह 4 जानकार का आकार 5 सपादक या रपोटर का ववक 6 ता का लक प रि थ तया 7 सचना मा यम क नी त 8 बदलत मानदड 1 जन च - समाचार का सबस पहला त व जन च ह कसी सचना म समाचारप पाठक

र डय ोताओ अथवा ट वी दशक क कतनी च ह यह उस समाचार क नमाण चयन लसमट अथवा ड ल का आधार बनता ह इसक अ त र त कतन लोग अथवा समाज क कतन बड़ वग क च अमक सचना म ह यह बात उस समाचार का आकार भी

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तय करती ह हम अ सर समाचार का मह व उसम द जान वाल जानकार बड़ आकड़ अथवा बड़ यि त क नाम स तय करन क गलती कर बठत ह कत समाचार जगत म ऐसी कसी भी सचना अथवा जानकार का मह व सफ जन च ह तय करती ह य द हम यावसा यक नज रए क बात कर तो कसी जानकार क बाजार माग ह उसक क मत तय करती ह

2 ताजगी- समाचार का एक मह वपण त व उपल ध जानकार क ताजगी ह सचना मा यम क दौड़ म अब वह वजता माना जाता ह जो सबस ताजा जानकार द आम आदमी समयातीत या परानी जानका रय म वह तक च रखता ह जहा तक व कसी ताजा घटना म क प ठभ म क ि ट स ास गक ह इस तरह स जो सचना िजतनी नई ह उतनी ह समाचार क ि ट स मह वपण ह

3 ल त समह - िजस हम बोलचाल म टारगट प या टारगट आ डय स कहत ह उसक भौगो लक दर घटना थल स कतनी ह यह बात भी समाचार का एक मह वपण त व ह बगलोर क नकट कसी गाव म घ टत बस दघटना म बीस लोग भी मर जाए तो इस राज थान क समाचारप म सगल कॉलम समाचार ह बनाया जा सकता ह मगर य द जयपर म ह ई दघटना म तीन लोग भी मार जाए तो यह थानीय प म दो अथवा तीन कॉलम क खबर बन सकती ह

4 जानकार का आकार - कसी समाचार म दया गया आकड़ा मतक क स या योजना का आ द आकार म कतना बड़ा ह यह त व भी समाचार को भा वत करता ह क त यह त व हमशा प रि थ तय पर नभर करता ह भौगौ लक दर अथवा जन च आ द त व वपर त होन पर यह त व ाय गौण रह जाता ह

5 सपादक या रपोटर का ववक - कसी खास सपादक या रपोटर क यि तगत सोच भी कई बार कसी समाचार क मह व को घटा अथवा बढ़ा सकती ह कसी शहर म आम तौर पर दो दन म एक बार पयजल आप त होती ह कसी दन यह आप त तीन रोज तक पह च जाती ह थानीय रपोटर एव सपादक क लए यह आम समाचार ह मगर शहर म एक नया रपोटर कसी ऐस शहर स आता ह जहा दन म दो बार जलाप त होती थी ऐस रपोटर क लए तीन दन म जल आप त एक ल ड समाचार जसा मह वपण हो सकता ह

6 ता का लक प रि थ तया - एक ह सचना अलग-अलग प रि थ तय म समाचार अथवा असमाचार हो सकती ह समाचारप म उस दन व ापन क स या अ य मह वपण घटना म क तलना मक ि थ त अथवा कछ अ य यावहा रक कारण एक ह सचना क मह व को घटा अथवा बढ़ा सकत ह दश क कसी लोक य यि त का नधन आम दन म समाचारप क थम ल ड बन सकता ह कत उसी दन दश क कसी भाग म भकप स कई लोग मार जाए तो इस यि त क नधन का समाचारप क कसी कोन म सगल कॉलम म भी का शत हो सकता ह

7 सचना मा यम क नी त - एक ह सचना क साथ अलग-अलग समाचारप अथवा अलग अलग सचना मा यम म भी अलग अलग यवहार हो सकता ह कछ ट वी चनल भत त

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क घटनाओ को बढ़ा चढ़ा कर दखात ह जब क कछ चनल सजीदा समाचार को ाथ मकता दत ह कसी समाचारप म आ याि मक समाचार मखता स छाप जात

ह तो कसी म बला कार या अपराध क खबर को बड़ा आकार ा त होता ह 8 बदलत मानदड - समाचार क त व ाय समय काल क अनसार भी बदलत रहत ह

एक समय था जब दश का धानम ी कसी भी दश म कोई भाषण दता था तो वह समाचारप क थम ल ड क प म का शत हआ करता था अब वह समय आ गया ह जब भाषण क लए भीतर प ठ क कोन म भी जगह नह मलती कसी अ भनता क ववाह क पाट अथवा कसी कट टार का म सग जो शायद कसी जमान म समाचार का वषय भी नह माना जाता था अब प क थम ल ड क प म छप सकता ह

44 समाचार क कार एव वग करण प का रता क म पछल बरस क दौरान जो बदलाव आए ह उनक अ तगत समाचार और लखन क कई नवीन श लया वक सत ह ई ह पाठक को आक षत करन क लए या त पधा म और स अलग नजर आन क लए समाचार त त क नत नए तर क क खोज

नर तर जार ह समाचार क अलग अलग कार को अलग-अलग णय म वग कत कया जा सकता ह समाचार क वग करण क जो मख आधार हो सकता ह व न नानसार ह- 441 वषयव त क आधार पर 442 क त क आधार पर 443 या या क आधार पर 444 रपो टग व ध क आधार पर 445 ततीकरण क व श ट शल क आधार पर

441 वषय व त क आधार पर वग करण

समाचार म द जान वाल साम ी जानकार त य तथा आकड़ पाठक य मनि थ त पर गभीर भाव डालत ह अथवा ह का फ का यह बात कसी समाचार को हाड यज अथवा सा ट यज क णी म वभािजत करती ह

(क) हाड यज ठोस त य पर आधा रत घटना धान एव समयब समाचार को हाड यज कहा जा सकता ह यह समाचार लखन क परपरागत शल ह ह या दघटना वधा यका क बठक वीआईपी का आगमन अथवा कोई मह वपण अदालती फसला हाड यज का वषय हो सकता ह हाड यज क मख वशषताओ को हम इस तरह अलग रख सकत ह थम हाड यज त य एव ठोस जानकार पर आधा रत होती ह वतीय हाड यज अखबार क ऐस ट न समाचार क णी म आती ह जो खद चल कर रपोटर क पास आती ह ततीय

हाड यज ाय सभी त पध समाचारप म एक ह दन का शत होती ह इ ह अगल

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दन क लए रोका नह जा सकता चतथ हाड यज क भाषा गभीर व सपाट होती ह पचम हाड यज का मख उ य पाठक को सचना दना होता ह ष ठम हाड यज ाय उ व परा मड क श ल म ह बनाई जाती ह िजसम ठोस व मख जानकार आर भ

म तथा गौण जानकार बाद म का शत क जाती ह उदाहरण- अि न पर ाrsquo म सफल अि न- 3

भारत न मसाइल तकनीक तक म लबी छलाग लगात ह ए 3 हजार कलो मीटर तक परमाण ह थयार क साथ मार करन म स म अि न-3 मसाइल का ग वार को सफल पर ण

कया बगाल क खाड़ी ि थत ह लर वीप क अत रम पर ण थल (आईट आर) स सबह 1052

बज इस छोड़ा गया यह दश क अब तक क सवा धक दर तक मर करन

वाल मसाइल ह यह चीन क बीिजग और शघाई तक मार करन म स म ह

(ख) सा ट यज जसा क नाम स ह जा हर ह सा ट यज क भीतर चकर जानकार दलच प अदाज म

तत क जाती ह गम क मौसम म अचानक सद हो जाना कसी भ त का दडवत करत ह ए तीथया ा करना कसी बारात म द ह स हत घोड़ी का भाग जाना आ द ऐस ह क-फ क वषय ह िजनक कसी समाचारप म न छपन पर पाठक प को अधरा तो महसस नह करता मगर िज ह पढ़न क बाद एक अवणनीय आन द का अनभव अव य करता ह सा ट यज क मख वशषताए इस कार ह थम सा ट यज म हाड यज क तरह सभी मख ककार का इ ो म होना आव यक नह माना जाता वतीय सा ट यज ाय समयब नह होती तथा जब तक कोई च चत घटना स जड़ा समाचार न हो इस उसी दन का शत करना ज र नह समझा जाता ततीय सा ट यज क भाषा ाय चट ल और महावरदार हआ करती ह चतथ सा ट यज का मख ल य सचना दना नह पाठक का मनोरजन करना होता ह पचम सा ट यज पाठक पर कोई गभीर भाव डालन क अप ा उसक भावना सवदना अथवा अनभ तय को पश करन का काय करती ह उदाहरण-

कान स ग बारा फलान वाला स न बड लयास गाव क सजय शमा (32) न कान स ग बार म हवा भरन का कारनामा कर दखाया ह लोग उस कान स ग बारा फलान वाला स त कहत ह दो साल पहल बनास नद म नहान क बाद सजय न कान स पानी नकालन क को शश क नाक बद करन पर कान स फ वार क तरह पानी बाहर आया एक-दो

दन बाद उसन ट वी पर एक यवक को म ह स मोटर साइ कल क यब म हवा भरत दखा इसक बाद उसन कान स ग बार म हवा भरन क को शश श क छह मह न बाद उसन दो त क सामन ग बार म कान स हवा भर कर दखाई

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442 क त क आधार पर

समाचार क वग करण का एक आधार उस सचना क क त भी ह जो क पाठक तक पह चाई जानी ह अलग- अलग ोत अथवा मा यम स ा त होन वाल सचनाओ का ल य एव वषय अलग-अलग हो सकता ह सचना क क त क आधार पर हम समाचार का न न ल खत णीकरण कर सकत ह - (क) भाषण (ख) व त य (ग) स नोट (घ) वकास समाचार (ङ) त या (क) भाषण राजनताओ मख यि तय लोक य हि तय अथवा ब लोग वारा

सावज नक थल पर दए जान वाल भाषण हमशा स समाचार का वषय बनत रह ह क त पछल एक दशक स भाषण का कवरज समाचारप म काफ हद तक सी मत हो चला ह भाषण स जड़ समाचार का इ ो बनात समय दो बात को यान म रखा जाता ह थम तो यह ह क भाषण दन वाला यि त कतनी जानी मानी शि सयत ह दसर भाषण म कह गई बात आम लोग को कस सीमा तक भा वत या उ व लत करन वाल ह राजनताओ का भाषण कवर करत समय उनक वारा क गई नई घोषणाओ को सबस पहल वर यता द जाती ह य द कोई घोषणा नह ह ई ह तो उनक वारा कह गई कसी नई ववादा पद या तीखी बात को मखता द जाती ह

(ख) व त य कछ मख अवसर पर वशष यि तय वारा वशष व त य जार कए जात ह दो दश क शखर यि तय क वाता क प चात सय त व त य जार करन क पर परा भी रह ह कभी कसी बड़ी घटना या वशष अवसर पर सरकार या शासन क ओर स भी व त य जार कए जात ह िजनका ल य ाय कसी खास मसल पर सरकार प रखना या कसी म क ि थ त को दर करना होता ह ऐस व त य को इनक मह व क अनसार स वारा औपचा रक तर क स ाय ह-ब-ह का शत कया जाता ह

(ग) स नोट समाचारप म का शत होन वाल समाचार का एक मख ोत स नोट अथवा स व ि तया होत ह सरकार व शासन क ओर स जनस पक वभाग नय मत प स सरकार ग त व धय पर स नोट जार करत ह इनम अनक कार क जनोपयोगी

एव जन च क सचनाए भी रहा करती ह कई बार नजी स थाओ वयसवी स थाओ व व भ न वभाग क ओर स भी स नोट जार कए जात ह स नो स क भाषा औपचा रक ल य चार एव सचनाए एकतरफा हआ करती ह

(घ) वकास समाचार वकासा मक समाचार काफ हद तक सनोट अथवा सरकार व त य क क त क होत ह आमतौर पर हम समाचार क प रभाषा जन च स जड़ी सचना

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स करत ह तथा जन च ाय पोल खोल समाचार म अ धक दखाई दती ह इस ि ट स सरकार वारा जार वकास क आकड़ भावी वकास योजनाए दश रा य अथवा सरकार क ग त क सचनाओ म आम पाठक क अ धक च नह होती कत कसी ऐस म पर य द कोई वकास समाचार जार होता ह जो कसी गभीर जन सम या स जड़ा हआ ह तो इसम पाठक क गहर च होती ह मसलन कसी पयजल सम या त इलाक म मह वाका ी पयजल योजना स जड़ा समाचार अथवा कसी भीड़भाड़ और फक जाम वाल इलाक म ओवर ज बनन स जड़ी सचना आ द

(ङ) त या कसी खास अवसर पर अथवा कसी च चत म को लकर या तो मी डया वारा सब धत प स त या आम त क जाती ह अथवा कसी मख मामल म वशष यि त या पदा धकार मी डया को अपनी राय दत ह उनक बात त या क प म छपती ह

443 या या क आधार पर

समाचार बनात समय अमक जानकार क त रपोटर अथवा सपादक का नज रया भी अपना काम करता ह समाचार पर रपोटर क ि टकोण का जो भाव पड़ता ह इस यान म रखत ह ए समाचार को दो णय म बाटा जा सकता ह

(क) सीधा समाचार (ख) या या मक समाचार (क) सीधा समाचार

जब कसी वषय वशष क सबध म उपल ध सचनाओ को हाड यज क श ल म यथावत पश कया जाता ह तो ऐस समाचार को सीधा समाचार कहा जाता ह ाय घटना धान समाचार म त य को यथावत पश कर दया जाता ह ऐस समाचार म पाठक को कसी न कष पर पह चन अथवा कोई राय बनान म रपोटर क ओर स कोई सहायता नह क जाती दख एक समाचार

रा य म पहल सज को काननी दजा अजमर रोड पर कलवाड़ा गाव म ता वत म ह ा व ड सट क सचना ौ यो गक (आईट ) वशष आ थक (सज) को क सरकार न काननी दजा द दया ह इसक बाद अब आईट क कप नया यहा अपना कारोबार था पत कर सकगी सज नमाण पर दश यापी ज ोजहद और नई पा लसी जार होन क बाद राज थान का सरकार क भागीदार वाला यह पहला सज होगा िजस काननी दजा मला ह इसम र को क 26 तशत भागीदार ह

(ख) या या मक समाचार या या मक समाचार को हम एक सीमा तक वचार म त त य वाला समाचार कह सकत ह मगर ऐस समाचार म वचार उसी सीमा तक वाछनीय होत ह जहा तक य पाठक को कसी सचना वशष क प ठभ म अथवा इसक भावी प रणाम को समझन म सहायता करत ह कछ जानका रय को लकर रपोटर का कोई खास ि टकोण होता

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ह अथवा वह अपनी अ त र त जानकार क मा यम स कसी समाचार क या या करता हआ इस पश करता ह ता क पाठक को समझ म आ जाए क इस जानकार का मह व या ह अथवा इसस फक या पड़न वाला ह ऐस समाचार को या या मक समाचार

क णी म रखा जाता ह क त या या मक समाचार लखन क जो खम उ ह लखक को उठानी चा हए जो वषय पर परा अ धकार रखत ह तथा अपनी व वसनीयता पर आच लाए बगर समाचार क या या कर सकत ह जस-

इ फो सस- व ो का रा ता साफ राजधानी जयपर म ता वत म ह ा व ड सट ल मटड क ता वत पशल इकोनो मक जोन (सज) म क यटर सॉ टवयर नमाता क प नय इ फो सस व व ो क आन का रा ता साफ हो गया ह क य वा ण य म ालय न सागानर तहसील क कलवाड़ा गाव म 188 एकड़ जमीन को सचना ो यौ गक सज क प म अ धस चत होन क बाद उसम मलन वाल कर रयायत लाग हो गई ह िजसस इसका वकास तजी स होगा

444 रपो टग व ध क आधार पर

कसी समाचार पर काय करत समय अथवा जानकार क सकलन म रपोटर न कौनसी व ध का इ तमाल कया ह इस आधार पर समाचार क न न ल खत वग करण हो सकत ह - (क) सा ा कार (ख) सव ण (ग) खोजपण समाचार (क) सा ा कार - समाचार सकलन एव लखन क काफ लोक य शल ह सा ा कार कसी

भी यि त का सा ा कार ाय दो अलग-अलग कारण स कया जा सकता ह पहला कारण तो उस यि त क खास शि सयत हो सकती ह कसी मख यि त क समाचारप काशन म आगमन पर उसस औपचा रक मलाकात इस आशय स क जाती ह क वह अमक प क पाठक क लए कोई नई जानकार द इस ि थ त म यि त क शि सयत का मह व अ धक होता ह उसक वारा द गई जानकार का कम दसर ि थ त म रपोटर क पास पहल स कोई मह वपण जानकार और म ा मौजद होता ह तथा कसी खास ब द पर ह वह अमक यि त का सा ा कार करना चाहता ह इस ि थ त म जानकार अथवा म ा मह वपण होता ह एव यि त गौण सा ा कार पर आधा रत समाचार क त त क दो तर क होत ह पहला ह नो तर का तर का एव दसरा ह ट ट क प म सीधा समाचार का शत करन का नो तर शल का योग ाय प काओ म होता ह जब क दसर शल म समाचार प ठ पर सा ा कार भी समाचार क भीतर दए गए एक सामा य व त य क तरह ह तत कया जाता ह

(ख) सव ण आधा रत समाचार - सव ण पर आधा रत समाचार ाय कसी साम यक घटना अथवा म को लकर बनाए जात ह चनाव क दौरान चनाव पव सव ण पाठक क च का वषय हआ करता ह सव ण आधा रत समाचार म समाचार लखक क सम

कोई वचार प रक पना अथवा म ा पहल स मौजद रहता ह रपोटर अपनी प रक पना क प अथवा वप म लोग क वचार एक त करत ह तथा इन वचार को खास न कष

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क श ल म पाठक क सम तत करत ह सव ण आधा रत समाचार को लकर अ सर यह सवाल उठता ह क सव ण क लए चन गए लोग क चनाव का आधार या था इस बात को लकर सवाददाता पर अ सर यह आरोप लगता ह क व अपन पवा ह को चद लोग क मा यम स आम सोच क प म था पत करना चाहत ह इसक बावजद सव ण समाचार व लषण का एक भावशाल तर का माना जाता ह

(ग) खोजपण समाचार - खोजपण समाचार पछल कछ दशक क दौरान उ साह प कार क बीच लोक य ह ई समाचार लखन क एक वशष वधा ह अम रका का बह च चत वाटरगट काड प का रता क इ तहास म या त पान वाला ऐसा पहला करण कहा जा सकता ह िजसन न सफ त काल न अमर क रा प त रचड न सन को अपना पद छोड़न पर मजबर कर दया बि क व व भर क प का रता को एक नई दशा द डाल खोजपण समाचार दरअसल द साह सक प का रता क प रणाम होत ह िज ह पान क लए प कार को एक जासस क भ मका नभानी होती ह खोजपण समाचार म कसी ऐसी सचना का रह यो घाटन कया जाता ह िजस कसी थान पर कसी यि त वारा दबान का यास कया गया हो जा हर ह ऐसी जानकार को बाहर लान क लए रपोटर वारा वशष यास करन होत ह कई खोजी प कार क अनभव क आधार पर समाचार

खोज क वशष तकनीक को यज इ वि टगशन नाम द दया गया ह

445 ततीकरण क व श ट शल क आधार पर

समाचार क व श ट क त अथवा इसक खास ल य को यान म रखत ह ए इसक त तकरण म भी अलग-अलग श लय का योग कया जाता ह समाचार को तत करन क इन श लय क आधार पर समाचार क न न ल खत भद हो सकत ह - (क) यज फ चर (ख) यमन टोर (ग) यमरस यज (व)पािज टव टोर (क) यज फ चर

यज फ चर दरअसल समाचार और फ चर क मल जल वधा ह यज फ चर सचना मकता त य क ताजगी तथा साम यक मह व आ द गण क ि ट स समाचार क कर ब ह कत भाषा शल व लषणा मकता तथा रजकता आ द गण क कारण फ चर जसा ह यज फ चर कसी घटना क साइड टोर अथवा फॉलोअप क प म भी बनाए जा सकत ह तो य अपन आप म वत आलख भी हो सकत ह कसी वलत सम या कसी आयोजन कसी अवसर अथवा यि त पर भी यज फ चर बनाए जा सकत ह मगर इनम दो बात का होना बह त ज र ह थम तो यह क कसी थान अवसर अथवा यि त क बार जो बात लखी जा रह ह उसम अ य थान अवसर अथवा यि तय स कोई बात अलग हो दसर वतमान सदभ म जो बात यज फ चर लखन का कारण बन रह हो वसी बात पहल कभी नह ह ई हो

(ख) यमन टोर

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यमन टोर भी य य प एक क म का यज फ चर ह ह मगर ऐस समाचार म मानवीय सवदनाओ क धानता रहती ह कसी यि त पर हो रह ज म मानव अ धकार का हनन कसी वकलाग यि त का जीवन सघष कसी मानव पा वारा द शत असाधारण मानवीयता आ द मानवीय समाचार क म य वषय हआ करत ह ऐस समाचार लखत समय भाषा शल म क णा सवदना मा मकता हा य अथवा अ य कसी मानवीय भावना को उभार कर ि थ त का श द च खीचन का यास कया जाता ह

(ग) यमरस यज यमरस यज ाय व छोट-छोट समाचार होत ह िज ह समाचार प ठ पर बीच बीच

म बॉ स बना कर खास अदाज म पश कया जाता ह इ ह यमरस इस लए कहा जाता ह य क इनम द जान वाल जानकार ाय चटपट अथवा मनोरजक हआ करती ह लाल यादव साइ कल पर द तर गए टायर पचर होन क कारण म यम ी को ढाब पर कना पड़ा नताजी रफ अहमद कदवई को मह मद रफ बोलत रह आ द जानका रया

अ सर यमरस यज का वषय हआ करती ह ऐस समाचार को रोचक और ल छदार भाषा म पश करन पर ह य पाठक पर भाव डाल पात ह

(घ) पािज टव टोर जसा क नाम स ह जा हर ह पािज टव टोर जीवन क सकारा मक पहल को उजागर करन स ह जड़ी होती ह समाचारप क पहचान आज अपराध दघटना घपल

टाचार जस नकारा मक समाचार स बन चक ह ऐस म कोई एक समाचार जीवन क कसी उजल प को उजागर करता ह तो पाठक को यह म थल म बरसात जसा सखद अहसास कराता ह एक ब चा अपन कसर पी ड़त दो त क इलाज क लए कार साफ करक पसा बटोर रहा ह कसी कल बस क दघटना क बाद अ पताल क म हलाओ न घायल ब च को गल लगाया और ढाढस बधाया भक प म अनाथ ह ई ब ची को कसी द प त न अपना लया आ द जानका रया अ छ पािज टव टोर का वषय हो सकती ह

(ङ) खानाबदोश नतक बनी राजनी त क खलाड़ी उ तर दश क रामपर िजल क शाहबाद वधानसभा सीट क लए का स उ मीदवार क प म खड़ी ग डी बगम क िज दगी हमशा स सघष का पयाय रह ह फर भी वह हर

परशानी का मकाबला िज दा दल स करती ह कभी गल मह ल म नाच करन वाल खानाबदोश नट समदाय क ग डी बगम ( नमला दवी) अपन मि लम मी स शाद करन क लए मसलमान बन गई इसक बाद वह राजनी त क म उतर और िजला पचायत क सद य चनी गई अब वह एमएलए बनन क लड़ाई लड़ रह ह ग डी का कहना ह क हम वकास क बात करनी चा हए न क बीती िज दगी क

बोध न- 1 हाड यज या ह

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45 साराश हमन दखा क प का रता क वकास या ा क दौरान समाचार क कई कई नई वधाए वक सत हो गई समाचार क व भ न भद समझन क लए हमन इनका अलग-अलग आधार पर अलग-अलग वग करण कर दया वषय व त क आधार पर हाड यज व सॉ ट यज रपो टग तकनीक क आधार पर सा ा कार सव ण एव खोजपण समाचार क त क आधार पर भाषण व त य स नोट या या क आधार पर सीधा व या या मक समाचार व श ट शल क आधार पर यज फ चर यमन टोर यमरस टोर व पािज टव टोर आ द का वग करण कया गया अगल अ याय म समाचार क कछ और भद अलग आधार पर कए गए ह

46 श दावल इस इकाई म य त श दावल इस कार ह-

ट मी डया - व सचना मा यम जो कागज और याह क मा यम स अथात छपाई क तकनीक स लोग तक अपनी बात पह चात ह इनम समाचारप व प काए मख ह

लसमट - समाचारप म कसी समाचार का थान नधा रत करन क या को लसमट कहत ह जस इस मख प ठ पर लगाया जाए या भीतर मख प ठ क शीष पर लगाया जाए अथवा बॉटम म

ड ल - कसी समाचार अथवा फोटो क समाचारप म त त तथा इसक वजअल भाव को ह ड ल कहा जाता ह

टारगट प - लोग का वह समह िजस यान म रख कर समाचार लखा जा रहा हो

सगल कॉलम - द नक समाचारप क मख प ठ को ाय 8 कॉलम म बाट दया जाता ह ऐस म िजस समाचार का फलाव एक ह कॉलम तक सी मत हो उस सगल कॉलम कहा जाता ह

थम ल ड - समाचारप क मख प ठ क शीष पर आरि भक कॉल स म जो सव थम पठनीय समाचार लगाया जाता ह वह थम ल ड कहलाता

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ह इ ो - समाचार का मखड़ा अथवा आमख दरअसल साराश म कहा गया सपण

समाचार ह होता ह

47 कछ उपयोगी प तक यज राइ टग ए ड रपो टग फार टड ज मी डया - स डी इटपल व डगलस ए ए डरसन

ब सक यज राइ टग - मि वन म शर ब सक जन ल म - रगा वामी पाथसारथी समाचार सकलन और लखन - नद कशोर खा सपादन प ठ स जा और म ण - ो रमश जन समाचार सपादन - मनाथ चतवद समाचार और सवाददाता - डा नशात सह सवाद और सवाददाता - राज समाचार अवधारणा और लखन कया-सपादन - सभाष ध तया आनद धान

48 अ यासाथ न 1 एक पाठक क नजर स आप समाचार कस मानत ह समझाइय समाचार क मख

त व कौन-कौन स ह 2 हाड यज व सॉ ट यज म या अ तर ह उदाहरण स हत समझाइय 3 एक अ छ यमन टोर क या वशषताए होती ह उदाहरण स हत समझाइए

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इकाई-5 समाचार का वग करण - (भाग-2)

इकाई क परखा 50 उ य 51 तावना 52 समाचार का वग करण

521 घटना क मह व क आधार पर 5211 व श ट समाचार 5212 यापी समाचार

522 अथवा थान क आधार पर 5221 थानीय समाचार 5222 ातीय समाचार 5223 रा य समाचार 5224 अतररा य अथवा वदश समाचार

523 वषय अथवा बीट क आधार पर 5231 राजनी तक समाचार 5232 चनाव समाचार 5233 ससद य समाचार 5234 व ान समाचार 5235 तर ा समाचार 5236 अपराध समाचार 5237 अदालती समाचार 5238 वा ण य समाचार

53 साराश 54 श दावल 55 कछ उपयोगी प तक 56 अ यासाथ न

50 उ य पछल पाठ म हमन समाचार इसक अथ एव व प क साथ-साथ समाचार क व भ न कार एव अलग-अलग आधार पर इनक णीकरण क सबध म अ ययन कया समाचार क णीकरण को लकर ह कछ अ य ब दओ का हम इस पाठ क अतगत अ ययन करग

इस पाठ का अ ययन करन क प चात हम जान सकग क -

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घटना क मह व क आधार पर व श ट एव यापी समाचार या होत ह समाचार क कवरज ए रया अथवा क आधार पर थानीय ातीय अ तदशीय

अ तरा य ामीण एव सट समाचार म या भद होता ह बीट कस कहत ह बीट क आधार पर समाचार का णीकरण कस होता ह तथा बीट

कौन कौन सी होती ह इसक अ त र त राजनी तक ससद य अपराध व ान तर ा वा ण य अदालती

समाचार आ द क सबध म प र चत हो जाएग

51 तावना समाचार का मल त व पाठक य च अहम भ मका अदा करती ह इस ि ट स हर वह सचना समाचार ह िजसम पाठक य च होती ह मगर हर समाचार म च रखन वाल पाठक का तर व च का अश समान नह होता पाठक य च क हर समाचार को न तो समाचारप क म य ल ड क थान पर लगाया जा सकता ह और न ह हर तरह क समाचार क कवरज क लए खल सवाददाता वा ण य सवाददाता अथवा अपराध सवाददाता जस कसी भी रपोटर को ह भजा जा सकता ह जा हर ह समाचार बधन क काय क लए समाचार क क म और क त क पहचान ज र होती ह कसी समाचार को मख प ठ पर लगाया जाना ह अथवा भीतर प ठ पर चार कॉलम म लगाया जाना ह अथवा सगल कॉलम म यह नणय करन स पव यह दखना ज र होता ह क समाचार सफ एक वग वशष क च का ह अथवा हर आम आदमी क च का कस स करण म दया जाए इसका फसला करन क लए यह जानना ज र होता ह क घटना कस म घ टत ह ई ह तथा समाचार कस क लोग क च का ह समाचार बधन क अतगत कई बार यह भी दखना होता ह क कवरज कए जान वाल वषय क अतगत कोई वशष ता पण जानकार क आव यकता तो नह य द ऐसा ह तो वषय को सह ढग स समझन वाल को ह इसक कवरज का कायभार स पना होता ह इसी वजह स समाचारप क कायालय म व भ न रपोटर क बीच वषयानसार काय का बटवारा कर दया जाता ह

52 समाचार का वग करण इस इकाई क अ तगत हम तीन मख आधार पर समाचार क वग करण का अ ययन करग जो इस कार ह - 1 घटना क मह व क आधार पर 2 अथवा थान क आधार पर तथा 3 वषय अथवा बीट क आधार पर

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521 घटना क मह व क आधार पर

समाचारप कायालय म समाचार का यह णीकरण इस बात को तय करन म सहायता करता ह क कस समाचार को कतना मह व दया जाए समाचार क मह व क आधार पर ह यह बात तय होती ह क समाचार को कतन कॉलम का शीषक लगाया जाए समाचार का आकार कतना बड़ा रखा जाए इस कौन स प ठ पर द इसक साथ च भी लगाया जाए अथवा नह तथा या इसक साथ कसी साइड टोर अथवा ट पणी आ द क आव यकता ह या नह घटना क मह व क ि ट स समाचार को दो भाग म बाटा जा सकता ह - 1 व श ट समाचार 2 यापी समाचार

5211 व श ट समाचार

व श ट समाचार व होत ह जो कसी खास पाठक समह क च स सबध रखत ह यह पाठक समह भौगो लक क अनसार भी हो सकता ह तथा इसम न हत लोग क समान हत समान चय या समान प रि थ तय क आधार पर भी हो सकता ह कछ समाचार एव घटनाए बड़ी होन क बावजद कसी वशष क लोग क च स जड़ी होती ह इस आधार पर समाचार क णीकरण का अ ययन हम अगल ब द क तहत करग कछ समाचार एव घटनाए ऐसी होती ह जो कसी खास वग क च स जड़ी होती ह जस खल समाचार वा ण य समाचार राजनी तक समाचार व ान समाचार आ द ऐस समाचार म हर पाठक क च होना ज र नह ह न न ल खत उदाहरण म जो समाचार दखाया गया ह उसस अधीन थ लखा सवा क कमचा रय क अलावा अ य लोग क च होना सभव नह ह -

शपथ हण समारोह कल जयपर 30 जन राज थान अधीन थ लखा सवा िजला शाखा जयपर क नवग ठत कायका रणी का शपथ हण समारोह 2 जन को शाम 530 बज व त भवन प रसर म आयोिजत कया जाएगा म य अ त थ व त रा यम ी वीर मीणा शासन स चव ( व तीय वतीय) सजय म हो ा तथा कोष एव लखा नदशक पीआर शमा व दश पदा धकार इसम भाग लग

5212 यापी समाचार

यापी समाचार स आशय ऐस समाचार अथवा घटनाओ स ह िजनका असर यापक हो तथा यादा स यादा लोग क इसम च हो ऐस समाचार म कसी भी पाठक क च महज

इसानी िज ासा क आधार पर हआ करती ह चाह उस घटना का य अथवा परो प स उस पर कोई भाव पड़ रहा हो अथवा नह रा य अथवा अतररा य तर पर होन वाल घटना-दघटनाए आतककार हमल खगोल य घटनाए महगाई आ द पर आधा रत समाचार ाय आम च स जड़ होत ह यापी समाचार समाचारप म का शत व समाचार होत

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ह िज ह प क अ धका धक पाठक न सफ पढ़त ह - बि क परा पढ़त ह त पधा क दौर म यक समाचारप अपन प न का अ धका धक तशत यापी समाचार स ह भरना चाहता ह -

इ तीफ क धमक नई द ल 1० अग त अम रका क साथ एटमी करार को लकर जहा यपीए सरकार और वाम दल क बीच टकराव बढता जा रहा ह वह ऐसी खबर भी आ रह ह क वाम दल क उ तवर को शात करन क लए धानम ी मनमोहन सह इ तीफ क धमक का मा भी चला चक ह वाम दल म व भ न स क मता बक धानम ी न मगलवार दर रात जब माकपा महास चव काश करात और भाकपा नताओ एबी बधन और डी राजा स फोन पर बात क थी तब व भावक हो उठ थ इसक चद घट पहल वाम दल एटमी करार को सर स खा रज कर चक थ स का कहना ह क धानम ी न इस बातचीत म मझ हटन क इजाजत दो जस श द का इ तमाल कया इसका अथ इ तीफ स लगात ह ए वाम दल क नता बचाव क म ा म आ गए और व धानम ी स इस मसल पर एक और दौर क वाता क लए तयार हो गए

522 अथवा थान क आधार पर

समाचार का एक मख त व माना जाता ह नकटता नकटता स आशय भौगो लक नकटता स ह िजतनी अ धक भौगो लक नकटता होगी घटना म उतनी ह अ धक पाठक य च होगी एक जसी ह घटना मरठ और जयपर म घ टत हो तथा दोन ह घटनाओ क प रि थ तया एव भा वत क स या बराबर हो तो ज र नह क दोन ह जगह क समाचारप म दोन ह समाचार को बराबर का थान मल मरठ क प म जहा एक तरफ मरठ क खबर को अ धक मह व मलगा वह जयपर क खबर उस क प म एक कॉलम म भी शायद ह थान पाए ठ क ऐसा ह जयपर क समाचारप म मरठ क घटना क साथ होगा समाचार क मह व पर पड़न वाल इस भाव क कारण ह ीय आधार पर समाचार क वग करण क आव यकता पड़ती ह अथवा थान क आधार पर समाचार का न न वग करण कया जा सकता ह -

1 थानीय समाचार 2 ातीय समाचार 3 अतदशीय अथवा रा य समाचार 4 अतररा य व वदश समाचार

5221 थानीय समाचार

थानीय समाचार स सीधा ता पय उन समाचार स ह जो समाचार बनान वाल अथवा समाचार प न वाल यि त क शहर क ब अथवा ाम स सबध रखत ह कसी समाचारप का

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स करण जब काशन थल स अ य कसी गाव अथवा शहर म जाता ह तो सभव ह क जो समाचार इसक बनान वाल क लए थानीय ह वह पढ़न वाल क लए बाहर समाचार हो कत आम तौर पर समाचारप म थानीय समाचार अथवा लोकल यज इसक काशन क स जड़ शहर क ब क खबर को ह कहा जाता ह समाचारप म थानीय स करण सबस ताजा स करण होता ह य क इस स करण क काशन थल स वतरण थल तक प रवहन म लगन वाल समय क बचत क कारण इस

दर रात तक छापना और इसम ताजातम समाचार कवर करना आसानी स सभव हो पाता ह थानीय स करण म थानीय समाचार क मखता रहती ह िजनम थानीय घटना-दघटनाओ क अलावा थानीय वकास स जड़ी योजनाए थानीय सम याए मख थानीय लोग क ग त व धया व अ य थानीय हलचल स जड़ी खबर शा मल रहती ह

कछ समाचारप थानीय घर म होन वाल ज म व म य स जड़ छोट समाचार का शत कर थानीय लोग स नजद क था पत करन का यास भी करत ह

रा य समाचारप व ट वी चनल स त पधा क बावजद भाषाई समाचारप का वजद दरअसल थानीय समाचार क बत पर ह कायम ह थानीय समाचार क कवरज क लए यक समाचारप म अलग स एक वभाग होता ह

कछ प म सट ए डटर व अ धकाश म एक चीफ रपोटर अनक रपोटर क ट म का नत व करता ह तथा शहर क व भ न ग त व धय क कवरज म इनका मागदशन करता ह

5222 ातीय समाचार

य तो यक समाचार दश क कसी न कसी ात स सब धत होता ह कत जब कछ समाचार क समह को एक ात वशष क नाम स अलग पहचान द द जाती ह तो य समाचार ातीय समाचार क वग म शा मल हो जात ह रा य समाचारप म भी समाचारप का कोई एक प ठ अथवा प ठ का कोई एक कोना कसी ात वशष क लए नधा रत कर दया जाता ह इस प ठ पर उस ात या दश वशष क च नदा समाचार को थान दया जाता ह ऐसा करन का एक लाभ तो यह होता ह क उस ा त वशष क खबर म च रखन वाल पाठक को अपनी च क खबर एक नि चत जगह पर ा त हो जाती ह दसरा यह उस ात क पाठक स समाचारप क भावना मक जड़ाव क रणनी त का ह सा भी ह जहा तक ीय तर पर छपन वाल भाषाई समाचारप का सबध ह इनम ातीय समाचार को वशष मह व ा त होता ह ातीय तर क राजनी त ात क वकास स जड़ी नी तया ातीय तर क राजनताओ क ग त व धया आ द इन समाचारप म मखता क साथ का शत

क जाती ह ीय तर पर समाचारप क त पधा जब स थानीय तर पर उतर आई ह ातीय

समाचार का मह व कछ कम होन लगा ह पाठक को अ धक स अ धक उनक नजद क क समाचार पढ़वान क होड़ म समाचारप क थानीय स करण क बाढ़ सी आ गई

ह अनक समाचारप न एक एक ात म बारह-बारह थानीय स करण का शत करन

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श कर दए ह िजनम थानीय समाचार क ह मखता रहती ह थानीयता क यह होड़ इस सीमा तक जा पह ची ह क कई बार एक िजल क लोग को यह पता नह चल पाता क उनक पास क ह िजल म या बड़ी घटना घ टत हो गई ह यव था क तौर पर इन थानीय स करण म भी ातीय समाचार क लए एक अथवा दो प ठ नधा रत कर दए जात ह िजनम स पण ात क मख खबर स म लत करन का यास कया जाता ह

5223 रा य समाचार

ाय सभी द नक समाचारप म आज भी हाड यज क प ठ पर सव च वर यता रा य तर पर घ टत घटना म को ह द जाती ह ट वी चनल क बदौलत रा य तर क

घटना म को य य प अब हाथ -हाथ उसी दन दखा जाना सभव हो गया ह मगर इसक बावजद पाठक य िज ासा क भख अगल दन समाचारप म इस पढ़न क बाद ह पर तरह शात होती ह कोई वमान दघटना कोई बड़ी रल दघटना सीमा पर झड़प आतककार घटनाए कसी रा य नता स जड़ी कोई खबर अथवा रा य तर क कोई वकास योजना रा य समाचार का वषय हो सकती ह रा य तर क हद अथवा अ जी अखबार क मख प ठ पर रा य समाचार क ह बह लता रहती ह कत भाषाई एव ीय समाचारप न ट वी एव रा य समाचारप क त पधा स अलग वक सत करन क ि ट स अब ातीय एव थानीय समाचार को रा य समाचार स अ धक मह व दना श कर दया ह इन समाचारप म अब रा य तर क व ह समाचार शा मल हो पात ह जो क घटना क मह व क आधार पर यापक ह अथवा जो अपन चटपटपन अनोखपन या कसी खास दलच पी क कारण पाठक य च स जड़ ह ए ह

5224 अतररा य अथवा वदश समाचार

अतररा य अथवा वदश समाचार व होत ह जो कसी समाचारप स जड़ म क स बाहर क घटनाओ पर आधा रत होत ह व भ न दश क बीच य और स धया अतररा य सबध अतररा य यापार यएनओ अ य रा क आ त रक राजनी त या व व तर य चटपट समाचार ऐस ह समाचार क णी म आत ह अतररा य समाचार का काशन रा य तर क अखबार वशष प स अ जी क अखबार म अ धक होता ह भाषाई एव ीय समाचारप म वदश समाचार ाय व ह कवर होत ह जो या तो व ड ड टावर जसी कसी बड़ी दखाि तका स सब धत ह अथवा य ऐस कसी वषय स जड़ हो िजसस आम पाठक य च जड़ी ह ई हो वा य सबधी कोई नई खोज लाइफ टाइल या कसी मशह र वदशी शि सयत स जड़ी कोई चटपट घटना वदश समाचार क कॉलम म अ सर थान पा जाती ह -

ह टन न कया एक और जम ययाक 30 जन शराब पीकर गाड़ी चलान क जम म पाच जन स जल जान क तयार

कर रह हॉल वड क खबसरत अ भन ी प रस ह टन अब गाड़ी पा कग नयम क उ लघन मामल म फस गई ह 26 वष या सनहर बाल वाल ह टन कल शाम यहा अपनी कार को

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नधा रत पा कग थल पर लापरवाह स खड़ी करक पास ि थत एक ा ट टोर म च कार करन चल गई िजसक बाद फक प लस न उनक कार पर जमाना ठ क दया गौरतलब ह क वष 2006 म शराब पीकर गाड़ी चलान क मामल म ह टन क जल क सजा पाच जन स श हो रह ह उ ह लास ऐिज स सचर र जनल डटशन सटर म अपनी 23 दन क यह सजा काटनी ह और इस सल सल म जल अ धका रय न अपनी तया रया भी कर ल ह

523 वषय अथवा बीट क आधार पर

कारोबार म एक कहावत ह क मौत और ाहक का कोई भरोसा नह जान कब आ जाए ठ क इसी तरह प कार क लए यह कहावत खर ह क समाचार का कोई ठकाना नह जान कब और कहा मल जाए समाचार का य द कोई नि चत ठकाना हआ करता तो हर समाचारप का द तर उसी ठकान पर खलता ह जहा समाचार खद-ब-खद द तर क आगन म आकर एक त हो जाए मगर ऐसा नह होता दघटना अपराध घटना म य जस समाचार बशक कसी समाचारप क द तर म खद चल कर पह च जात ह मगर कई समाचार अलग अलग इलाक अलग अलग वभाग और अलग अलग द तर म दब- बखर पड़ होत ह िज ह खद जाकर लाना पड़ता ह िजस तरह अलग-अलग म ढर समाचार बखर पड़ रहत ह उसी तरह समाचारप क द तर म अनक रपोटर समाचार क टोह म इतजार करत रहत ह ऐसी ि थ त म कसी थान स कसी समाचार क खशब आत ह द तर क सार रपोटर य द एक साथ समाचार थल पर पह च जाए तो समाचार सकलन का काय एक तमाशा बन सकता ह इसी तरह

कह कोई बड़ा हादसा हो जाए और द तर का हर रपोटर इस भरोस म रह क कोई अ य रपोटर वहा पह च गया होगा तो सभव ह इस घटना का समाचार अखबार म का शत ह न हो इन सब गड़ब ड़य स बचन क लए ह समाचारप रपोटर क बीच काय वभाजन क एक नि चत यव था बनाई जाती ह िजसक अनसार यक रपोटर का काय नधा रत कर दया जाता ह इस नधा रत काय को ह दरअसल बीट कह कर पकारा जाता ह रपोटर क बीट का नधारण अलग-अलग आधार पर कया जा सकता ह जस- सव थम भौगो लक क आधार पर रपोटर क बीट नधा रत क जा सकती ह कसी शहर का व तार य द असाधारण प स बड़ा ह तो रपोटर को प लस महकम क तरह भौगो लक आधार पर बाट दए जात ह इस तरह क वभाजन अ सर अपराध व दघटनाओ क बीट म कए जात ह वतीय एक अ य बीट वभाजन वभागीय आधार पर कया जाता ह व भ न सरकार

वभाग जस बजल वभाग जलदाय वभाग अथवा अ य नकाय क िज मदार अलग अलग रपोटर म बाट द जाती ह तथा इनस जड़ समाचार क जवाबदह इ ह क होती ह ततीय बीट का वभाजन वषय क अनसार भी कया जाता ह जस सा क तक एव सामािजक ग त व धय का रपोटर एव श णक ग त व धय स स ब रपोटर

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चतथ कई बार रपोटर क श ण अथवा वशष ता क आधार पर उसक बीट का नधारण कया जाता ह जस य अथवा सीमा सबधी ग त व धय क कवरज का काय ऐस रपोटर को स पा जाता ह िजसन वार रपो टग का बाकायदा श ण ा त कया हो पचम अनभव एव व र ठता क आधार पर भी रपोटर क बीट का आवटन सभव ह ाय चनाव क कवरज ससद या वधानसभा क रपो टग या कसी अ त व श ट यि त स मलाकात क िज मदार व र ठ एव अनभवी रपोटर को ह स पी जाती ह वषय अथवा बीट क आधार पर समाचार का न न ल खत वग करण सभव हो सकता ह -

5231 राजनी तक समाचार

समाचारप का पचास तशत स अ धक भाग ाय राजनी तक समाचार स रगा होता ह राजनताओ क व त य राजनी तक दल क दाव पच म य क इ तीफ चनावी गठजोड़ व राजनी त क तमाम ग त व धया राजनी तक समाचार क दायर म आती ह रा य समाचार क प र य म इन समाचार का क जहा क य म ी और सासदगण होत ह वह नगर क समाचार म नगर पाषद क हलचल राजनी तक समाचार का वषय हो सकती ह पछल एक अरस क दौरान समाचारप का यान महज राजनी त स हट कर खल मनोरजन लाइफ टाइल आ द वषय क ओर काफ हद तक मड़न लगा ह इसक बावजद राजनी तक समाचार का मह व आज भी अपनी जगह कायम ह अनक अवसर पर राजनी तक प रि थ तय को लकर क गई या या मक ट प णया भी राजनी तक समाचार का ह एक प कह जा सकती ह उदाहरणत दो वरोधी राजनताओ क कोई ग त मलाकात आन वाल समय म राजनी तक समीकरण पर या भाव डाल सकती ह अमक राजनता क कसी वशष राजनी तक दल को समथन दन क घोषणा स उस दल क राजनी तक ह सयत पर या भाव पड़ सकता ह आ द कवरज व लषण होत ह ए भी समाचार क णी म आत ह मगर ऐस राजनी तक समाचार पया त अनभव और गहर राजनी तक समझ रखन वाल उन ह रपोटर को लखन चा हए िज ह न सफ सब धत राजनी तक र त क जानकार बि क राजनताओ क यवहार क पर समझ भी हो एक समाचार दख -

त ल मा पर हमला हदराबाद 9 अग त बा लादश क ववादा पद ल खका त ल मा नसर न पर ग वार को यहा मज लस इ तहादल मसलमीन (एमआईएम) पाट क तीन वधायक व 20 कायकताओ न हमला कर दया त ल मा क सर म मामल चोट आन क खबर ह प लस न हमलावार को गर तार कर लया बाद म उ ह जमानत मल गई हमल क बाद त ल मा न कहा म भारत म सर त रह गी हमला करन वाल म ीभर ह जब क शभ चतक यादा म अपन व वास क अनसार लखना जार रखगी गौरतलब ह क इ लाम

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क खलाफ ट पणी करन क आरोप म क रप थय न त ल मा क खलाफ फतवा जार कर रखा ह त ल मा न भारत सरकार स यहा क नाग रकता क भी माग क ह इस बीच पि चम बगाल सरकार न ग वार को बताया क इसी माह समा त हो रह उनक वीजा अव ध छह माह बढ़ा द गई ह

5232 चनाव समाचार

चनाव समाचार भी राजनी तक समाचार का ह एक प ह मगर चनावी समाचार ऐस समीकरण पर आधा रत ग णत क तरह हआ करत ह िजनका मल फामला बदलता रहता ह चनावी समाचार बनात समय ता का लक राजनी तक ि थ त पर हर पल नजर रखनी ज र होती ह थायी राजनी तक प रि थ तया इनम सफ प ठभ म का काम करती ह चनावी समाचार क बनावट ऐसी पह लय क तरह होती ह िजनम पाठक को इसक उ तर क परछाई तो नजर आती ह मगर वा त वक उ तर नह मल पाता चनाव क दौरान होन वाल राजनी तक सव ण चनाव व लषण चनावी म व जन भावनाए आ द चनाव समाचार क म य वषय रहा करत ह

5233 ससद य समाचार

ससद क बठक कारवाई घोषणाए वधयक का पश होना या कानन का पास होना सासद क नोक झ क म य क व त य बजट आ द बात ससद य समाचार क णी म आती ह अ यत अनभवी एव व र ठ रपोटर को ह ससद य एव वधान सभाई रपो टग क लए लगाया जाता ह ससद व वधान सभा क रपो टग करत समय न सफ इन सदन क वशषा धकार क जानकार होना ज र ह बि क यह समझ होना भी ज र ह क वहा स मलन वाल जानकार क सम दर म स पाठक य च क बात कस नकाल जाए

5234 व ान समाचार

व ान समाचार को मोट तौर पर दो अलग णय म रखा जा सकता ह पहल णी म व समाचार आत ह जो गढ़ व ा नक मसल पर आधा रत होत ह ऐस समाचार म ाय उ ह लोग क च रहती ह िज ह व ान क आधारभत नयम का ान अव य हो ऐस समाचार बनान वाल रपोटर म व ान क गहर समझ आव यक ह य समाचार आमतौर पर व ान स जड़ी प काओ अथवा समाचारप म वशष टारगट प क लए नधा रत कॉलम म ह छपत ह व ान क लए वशष ताय त समाचार बनान क वधा न व ान प का रता क प म अपनी अलग पहचान बनाई ह दसर क म क व ान समाचार आम आदमी क च स जड़ होत ह िजनम तकनीक और ान पर अ धक बल नह होता ऐस समाचार म उपभो ता क लए उपयोगी नए आ व कार

क जानकार व ान क म कोई अनोखी खोज कोई अजीबोगर ब व ा नक योग आ द शा मल रहत ह -

बदर था दो पर पर चलन वाला पहला जीव इसान न ह सबस पहल दो पर पर चलना श कया ल कन अब इस

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धारणा को चनौती मलन लगी ह टश शोधकताओ क मता बक पड़ पर इधर-उधर कदन वाल बदर (ओरगोटग जा त) ह पहल जीव थ िज ह न दो पर पर चलना श कया था व ापन प का साइस क ताजा अक म छप एक लख म कहा गया ह क बदर न पतल टह नय स फल तोड़न क लए दो पर पर चलना श कया वस इस तरह चलन क वा त उस सहार क लए अपन हाथ का इ तमाल करना पड़ता था इस लख को लवरपल य नव सट क रो बन ाम टन ब मघम व व व यालय क सशनहा थोप और रोजर हो डर न मलकर लखा ह ाम टन न कहा अब तक द नया यह मानती आई ह क सबस पहल

इसान न ह कवल दो पर क बत चलना जाना rsquo अगर हम सच ह तो कसी ाचीन बदर और श आती इसान क जीवा म म अतर कर पाना और मि कल हो जाएगा

5235 तर ा समाचार

तर ा सबधी जानका रय स जड़ समाचार इस णी म आत ह तर ा सबधी घोटाल अ सर खोजी प कार क समाचार का मख वषय रह ह ऐस समाचार दत समय यह सावधानी रखना ज र ह क भडाफोड़ करन क उ साह म कोई ऐसी जानकार का शत न हो जाए जो दश क सर ा क लए खतरा बन जाए

5236 अपराध समाचार

समाचारप म सवा धक पढ़ जान वाल समाचार क णी म अपराध समाचार ह आत ह थानीय एव ीय स करण म अपराध समाचार को सवा धक मह व दया जाता ह अपराध समाचार क लए यक द नक समाचारप म एक रपोटर अलग स नय त रहता ह जो नय मत प स न सफ प लस थान व अपन ऐस ह स क स पक म रहता ह बि क दघटनाओ व अ य हादस क जानकार रखन क लए क अ पताल क भी च कर लगाता ह

5237 अदालती समाचार

जन च स जड़ मह वपण म या च चत घटनाओ स जड़ अदालती फसल को ाय सभी अखबार वारा समाचार क प म छापा जाता ह अदालती फसल को का शत करत समय अ य धक सावधानी क ज रत हआ करती ह समाचारप वारा अदालती समाचार बनान का काय ाय पणका लक अथवा अशका लक प स कसी अनभवी वक ल को स प दया जाता ह

5238 वा ण य समाचार

समाचारप पाठक का एक बड़ा वग यापार और वा ण य स जड़ा होता ह इन पाठक क िज ासा सबस पहल यह जानन म रहती ह क बाजार क आज या ि थ त ह तथा कल

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क लए वि त कस ओर ह बाजार क तजी-मद िज स क भाव थोक व कराणा बाजार शयर माकट कारपोरट जगत आ द स जड़ समाचार एक खास भाषा एव खास तकनीक क साथ कवर कए जात ह इन समाचार को बनान का काय वशष एव अनभवी रपोटर वारा ह कया जाता ह

समाचार क उपरो त कार क अलावा भी वषय एव बीट क आधार कई अ य कार हो सकत ह जस खल समाचार क ष समाचार पयावरण समाचार सा हि यक एव सा क तक समाचार फ म समाचार श णक समाचार आ द समाचार का वषय अथवा चाह कोई भी हो इसका मल उ य पाठक य िज ासा को शात करना ह होता ह य द इस यय को यान म रखा जाए तो ज रत पड़न पर कोई भी रपोटर कस भी समाचार को कवर कर सकता ह

बोध न- 1 यापी समाचार का अथ समझाइय helliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphellip helliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphellip2 ातीय समाचार या होत ह helliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphellip helliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphellip3 वा ण य समाचार कस कहत ह helliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphellip helliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphellip

53 साराश पछल इकाई म समाचार क कछ व श ट भद एव इनक वग करण क आधार का अ ययन करन क बाद समाचार क कछ बची ह ई णय का अ ययन हमन इस इकाई म कया हमन जाना क समाचार क वग करण का म य उ य समाचारप म समाचार क क म एव क त क अनसार इसक कवरज रचना लसमट और त तकरण क रणनी त बनाना और इसक अनसार यव था करना ह

54 श दावल बीट - रपोटर का काय कवरज - कसी घटना वशष को इसक मह व क अनसार समाचारप म जो

थान दया जाता ह इस कवरज कहत ह टारगट प - लोग का वह समह िजस यान म रख कर समाचार लखा जा रहा

हो डाक ए डशन - समाचारप का वह अक जो काशन थल स बाहर कसी अ य थान

पर सा रत होता ह

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सट ए डशन - समाचारप का वह अक जो इसक म ण व काशन वाल शहर म ह बटता ह

55 कछ उपयोगी प तक ट मी डया लखन - ो रमश जन

सवाददाता और समाचार लखन - हर ब म मी डया वमश - रामशरण जोशी मी डया लखन स ात एव यवहार - डा च काश म मी डया लखन - डा रमशच पाठ मी डया लखन - डा स मत मोहन इ वग यज राइ टग - लाक राय पीटर राइ टग फार पअर र डस - मर डोना ड

56 अ यासाथ न 1 घटना क मह व क आधार पर समाचार का वग करण कस कार सभव ह 2 अथवा थान क आधार पर समाचार क भद समझाइय 3 बीट कस कहत ह वषय क आधार पर समाचार क कौन क न सी णया हो सकती

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इकाई- 6 त भ लखन

इकाई क परखा 60 उ य 61 तावना 62 त भ लखन का मह व 63 त भ और समाचार 64 त भ लखन क वषय 65 त भ क क त 66 इटरनट पर त भ लखन 67 भावी त भ लखन 68 साराश 69 कछ उपयोगी प तक 610 अ यासाथ न

60 उ य इस इकाई का अ ययन करन क बाद व याथ - तभ लखन क व वध पहलओ स प र चत हो पाएग कसी भी समाचारप और प का म तभ का या थान ह और तभ लखन क बार

म पाठक क या त याए रहती ह इस बार म भी यह इकाई उनका मागदशन करगी

तभ लखन क उ य और उसक उपयो गता को जान सकग तभ लखन क लए वषय का चनाव कस कर और अपन लखन को भावी कस बनाए

इस दशा म भी यह इकाई सहायक स होगी स य प का रता म तभ लखन को अपनान क इ छक छा क लए यह इकाई वशष

प स उपयोगी ह तभ ओर समाचार क अतर को समझ सकग तभ लखन क अधनातन वि तय को समझ सकग

61 तावना समाचारप अथवा प का म अ य साम ी क साथ का शत होन वाल तभ का भी अपना अलग मह व ह एक बड़ा पाठक वग ऐसा ह जो नय मत तौर पर का शत होन वाल तभ का अ ययन करत ह बड़ी स या उन पाठक क भी ह जो अ य साम ी स भी अ धक

मह व कसी तभ को दत ह समाचारप म का शत होन वाल तभ य द भावी और नरप ह तो नि चत तौर पर पाठक क दल म अपना थान बनात ह त यपरक

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वचारपण और एक नई राह सझान वाल तभ अ य का शत साम ी क बीच अपनी अलग पहचान रखत ह साधारण तौर पर यह माना जाता ह क ब वग क पाठक ह तभ पढ़त ह पर हर मामल म यह बात लाग नह क जा सकती बड़ी स या ऐस साधारण पाठक क भी ह जो समाचार और फ चर साम ी क साथ नय मत का शत होन वाल तभ भी पढ़त ह अ धकाश पाठक का मानना ह क समाचारप म का शत समाचार क बीच अगर वचार कह िजदा ह तो वह तभ लखन म ह ह वतमान दौर म तभ लखन क वधा का उपयोग पाठक क सवदनाओ को जा त करन क लए भी कया जाता ह रोजमरा क समाचार क बीच कई बार पाठक क सवदनाए सख जाती ह और व तत घटना म को लकर अ यत न वकार भाव स त या य त करत ह ऐसी सरत म तभ लखक उनक सवदनाओ को पश करता हआ उनक वचार को एक नई राह दखाता ह

62 त भ लखन का मह व अनक प कार ऐस ह जो समाचार और फ चर लखन क तलना म तभ लखन को अपनात ह इसक पीछ वचार यह ह क समाचार लखन धीर-धीर एक ट न का काम बन जाता ह और इस वजह स उसम व व य नह आ पाता ह यादातर प कार क सामन इसक अलावा कोई वक प नह होता क व स का स या कसी दसर आयोजन स जड़ समाचार को य का य लख द उ ह अपन वचार य त करन क गजाइश नह होती और समाचार लखन क जो पारप रक शल ह उ ह उस ह अपनात ह ए अपना लखन तत करना होता ह इसी तरह फ चर लखन म भी उ ह फ चर क शल का अनसरण ह करना होता ह और फ चर का जो अनशासन ह उसक अनपालना करत ह ए उ ह अपना लखन कम परा करना होता ह दसर तरफ तभ लखन म उ ह अ भ यि त क वत ता मलती ह और अपनी राय अपन वचार व एक यापक पाठक वग क सम रख सकत ह

63 त भ और समाचार जहा तक समाचार लखन का सवाल ह तो यह माना जाता ह क नय मत अ ययन क अलावा गहन श ण और नरतर अ यास क बाद कोई भी इस वधा म पारगत हो सकता ह इसी तरह अगर आप सह फामल का चयन कर ल तो फ चर लखन को भी आसानी स अपनाया जा सकता ह ल कन तभ लखन को सबस मि कल वधा माना जाता ह य क इस दौरान आपको नरतर वचार मथन क या स गजरना पड़ता ह हर पल अपन आपको अपडट करना होता ह और नय मत और मब अ ययन क वि त को वक सत करना होता ह हाला क तभ लखन म लखक क वचार का ह सवा धक मह व होता ह ल कन इसका यह आशय नह क तभ लखक अपन अता कक वचार का चार- सार करन क च टा कर यह आव यक ह क वचार ससगत वाहमान और तक क कसौट पर खरा उतरत ह और साथ म उनका पठनीय होना तो आव यक ह ह जब तक वचार चपण और मब तर क स तत नह कए जाएग तब तक व पाठक म दलच पी जगान म सफल नह ह ग इन अथ म तभ लखक क भ मका कसी वक ल जसी होती ह उस अपनी दल ल

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स पाठक को आ व त करना होगा क उसका मवि कल यानी उसका मत य सह राह का अनसरण कर रहा ह

64 त भ लखन क वषय तभ कसी भी वषय पर हो पर एक बात नि चत ह क पाठक का एक बड़ा वग उसस

ज र भा वत होता ह इस ि ट स यह कहा जा सकता ह क कसी भी प -प का म तभ लखक अ यत मह वपण भ मका नभाता ह तभ कसी भी वषय पर आधा रत हो सकता ह ल कन उसक यापक भाव स इनकार नह कया जा सकता तभ लखन क लए हम न न ल खत वषय म स कसी एक का चनाव कर सकत ह-

641 राजनी तक

इस तभ क तहत ताजा राजनी तक ग त व धय पर फोकस कया जाता ह क और रा य म स ता क लए या उठापटक चल रह ह और राजनी तक ग लयार म कसका पलड़ा भार ह और कसका पलड़ा हलका चल रहा ह और कौन-सा दल कस नता क सहार अपनी राजनी तक मह वाका ाए पर करन का य न कर रहा ह इस तरह क साम ी इस तभ म शा मल क जाती ह अखबार का राजनी तक सवाददाता या व र ठ सपादक य सहयोगी इस तभ को लखता ह

642 खलकद

खल क द नया स जड़ी ग त व धय पर क त इस तभ क बार म यह माना जाता ह क इस सवा धक स या म पाठक मलत ह इस तभ म समसाम यक घटनाओ पर फोकस कया जा सकता ह और द नक काशन म का शत होन वाल साम ी स इतर कछ व श ट साम ी को थान दया जाए तो इसक लोक यता थायी तौर पर कायम रखी जा सकती ह

643 बागवानी

तभ लखक क लए यह अप ाकत नया वषय ह ल कन इस वषय म सभावनाए अपार ह आजकल शहर प रवार म भी अपन घर म बागवानी का चलन बढ़ता जा रहा ह और यह तभ उनक लए उपयोगी सा बत हो सकता ह

644 सगीत

इस तभ का कलवर ट न क कला-स क त सबधी आयोजन स भ न होता ह इसम ल ध ति ठत कलाकार पर आधा रत रपोताज लखन क साथ नए और तभाशाल कलाकार क बार म भी नय मत तौर पर लखा जा सकता ह पर

यह तभ शहर म स ताहभर म होन वाल सागी तक आयोजन क रपोट बनकर न रह जाए इस बात का यान रखना आव यक ह इस तभ म फ मी और गर फ मी यिजक एलबम क समी ा भी शा मल क जा सकती ह

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645 प तक

प तक समी ा का तभ लगभग हर समाचारप और प का म का शत होता ह कई बार सपादक थानीय या बाहर समालोचक का एक पनल तयार रखत ह और इसी पनल म शा मल कसी समालोचक या लखक को समी ा का िज मा स पा जाता ह इनक बीच कछ लखक ऐस भी होत ह जो नय मत तौर पर प तक समी ा लखत ह प तक समी ा का तभ न सफ पाठक समदाय क बीच अ पत लखक समदाय क म य भी लोक य होता ह

646 हास-प रहास

तभ लखन का यह ऐसा ह िजसम भरपर सभावनाए न हत ह लगभग यक समाचारप अथवा प का अपन काशन को नीरसता स बचान क लए हास-प रहास स भरपर साम ी का काशन भी नय मत तौर पर करत ह इस तरह क तभ कई बार इतन लोक य होत ह क अखबार हाथ म आत ह पाठक इस तभ को तलाश करत ह यात य यकार शरद जोशी का कॉलम त दन पर एक दशक तक नवभारत टाइ स म लगातार छपा अ तम प ठ पर का शत होन वाल इस तभ को पाठक सबस पहल पढ़त थ य क शरद जोशी इस तभ क मा यम स

समसाम यक घटनाओ पर करारा य य करत थ

647 सहत

लोग को वा य सबधी जानकार दन वाल इस तभ क पठनीयता भी अस द ध ह ाय यक काशन वा य सबधी जानकार स भरपर साम ी को थान दता ह इस तभ म पाठक क भागीदार स नि चत करन क लए वशष क सलाह को भी थान दया जा सकता ह

648 फटनस

इस हम वा य सबधी तभ स भ न प म तत करना होगा और एक तभ लखक क लए यह सबस बडी चनौती ह आज क भाग-दौड़ भर िजदगी म फटनस क चाहत हर कसी को होती ह तभ लखक को चा हए क वह अपन क पाठक क ाथ मकताओ को समझकर उनक लए उपय त साम ी का चनाव इस तभ क लए कर

649 सनमा

सनमा स सब धत साम ी क पाठक क स या असी मत होती ह इस लहाज स सनमा पर तभ लखन वाल लखक क िज मदार भी बह त अ धक हो जाती ह फ म उ योग म हर पल घटन वाल घटनाओ क बीच अपन पाठक वग क लए उपयोगी साम ी का चनाव करना और उस शाल न भाषा म तत करना उसका दा य व होता ह वतमान दौर म टल वजन चनल क बढ़ती लोक यता क कारण

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सनमा सबधी तभ म ह ट वी काय म स सब धत साम ी शा मल क जा सकती ह

6410 रक सग

समाचारप म रक सग और लोक कथाओ क तभ भी बह त लोक य होत ह इन तभ क लोक यता का अदाजा इस बात स लगाया जा सकता ह क नवभारत टाइ स जसा रा य समाचारप रक सग का तभ अपन सपादक य प ठ पर का शत करता ह

6411 व तीय

वा ण य और व तीय समाचार पर आधा रत इस तभ का पाठक वग हाला क सी मत होता ह ल कन इस तभ क लए साम ी का चयन बड़ी सझ-बझ क साथ कया जाना चा हए आम तौर पर वा ण य और व तीय समाचार नीरस आकड़ स भरपर होत ह ल कन तभ लखक स यह अप ा क जाती ह क वह नीरस साम ी म स पाठक क मतलब क जानकार खोज कर उस अलग अदाज म उनक सम

तत कर

6412 कला

कला सबधी ग त व धय पर आधा रत इस तभ को लखन वाल प कार क छ व एक कला समी क क बन जाती ह ल कन इस तभ को लखन स पव लखक को अपन वषय का गहराई स ान होना चा हए उसम नरतर अ ययन क वि त का होना भी आव यक ह और कला जगत क व भ न धाराओ का भी उस पया त ान होना चा हए

6413 रगमच

इस तभ म रगमच स जड़ी ग त व धय को थान दया जाता ह इसम नाटक क समी ा क साथ रगमच सबधी कायशालाओ स मनार और वचार- वमश को भी पया त थान दया जाना चा हए थानीय रगमच स जड़ कलाकार क तभा को सामन लान क ि ट स ऐस तभ का मह व सव व दत ह

6414 काननी सलाह

इस तभ म पाठक क व धक न का उ तर व ध वशष दत ह च क ऐस तभ पाठक क व धक सम याओ का समाधान तत करत ह इस लए इनक

उपयो गता स इनकार नह कया जा सकता पर ऐस तभ क लए न का चयन करन म अ यत सावधानी रखनी चा हए और सफ ऐस न ह शा मल करन चा हए िज ह व धस मत ठहराया जा सक

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6415 पा रवा रक उलझन

आम तौर पर इस वषय स सब धत तभ म हलाओ क प काओ म ह का शत होत ह इनम म हला पाठक अपन जीवन क उलझन को तभ लखक क साथ शयर करती ह और इन अथ म तभ लखक क भ मका एक पा रवा रक म क समान होती ह

6416 धम और अ या म

पाठक का एक बड़ा वग धम और अ या म स सब धत साम ी नय मत तौर पर पढ़ना पसद करता ह खास तौर पर छोट शहर और क ब क पाठक धा मक ग त व धय स सब धत साम ी म अ धक दलच पी रखत ह इसी लए आजकल अ धकाश समाचारप धम और अ या म पर पया त साम ी का काशन करत ह ऐस तभ म हम ाचीन धम ग ओ क बार म रक साम ी का काशन करना चा हए और साथ म उनक वचन और श ाओ को भी थान दया जाना चा हए

6417 यो तष और रा शफल

ाय सभी काशन म यो तष और रा शफल क तभ त दन का शत होत ह द नक रा शफल क साथ सा ता हक रा शफल का काशन भी कया जाता ह वष क अत म वा षक रा शफल का काशन भी समाचारप और प काओ म कया जाता ह

65 त भ क क त तभ लखन क लए वषय का चयन करन क दौरान इन बात का यान भी रखा जाना चा हए-

जानकार - य तो अनकानक वषय ऐस ह िजन पर तभ लखन कया जा सकता ह ल कन असल सवाल यह ह क या आप सब धत वषय क ाता ह वषय क हर पहल क आपको कतनी जानकार ह या आप उस वषय पर अ धकारपवक चचा कर सकत ह कहन का आशय यह क आप िजस वषय का चयन कर उसस जड़ी हर छोट -बड़ी बात क जानकार आपको होनी ह चा हए जानकार क साथ-साथ वषय क समझ हा सल कए बना आप जो कछ लखग उसम चक होन क आशका लगातार बनी रहगी याद रह क त य और वषयव त क ततीकरण म जरा-सी चक भी आपक छ व ध मल कर सकती ह और आपक तभ क व वसनीयता को ख डत कर सकती ह ास गकता - वषय का चनाव करत समय ास गकता का पहल अव य यान म रख जब

तक वषयव त ास गक नह होगी पाठक उस तभ स अपना तादा य था पत नह कर पाएग इसक अलावा अपन तभ लखन को पठनीय बनाए रखन क लए भी ास गकता क प को यान म रखना आव यक ह लखन स पहल यह अव य दख क सब धत वषय वतमान दौर म कतना ास गक और पठनीय ह कहन का आशय यह क अगर आप व ान स जड़ वषय पर तभ लखन करत ह और लोबल वा मग जस वलत म पर कछ लखना चाहत ह तो ऐसा लखन भीषण गम क दौर म कया जा सकता ह और अगर आप कड़कड़ाती

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सद क दन म इस वषय पर कलम चलात ह तो पाठक इस वषय स कदा प नह जड़ पाएग शोध और अ ययन - तभ लखक म शोध और अ ययन क वि त का होना भी आव यक ह जब भी कसी वषय पर लखन क तयार कर तो ज र ह क हम उस वषय स सब धत पहलओ क यापक जानकार क लए शोध क तर पर अ ययन कर इस तरह हम कसी भी सम या या म क गहराई तक पह च सकग और पाठक को भी इस बात का एहसास होगा क जो तभ आलख उ ह न पढ़ा ह उसन उ ह वषय क पया त जानकार द ह इसी तरह अगर हम नय मत अ ययन का अ यास रखग तो पाठक को कसी भी वषय क बार म सवाग जानकार द पाएग याद रख क लखन स भी यादा ज र ह पढ़ना नई पीढ़ क प कार म अ ययन क वि त कम दखाई द रह ह और अ सर व गवषणा और शोध जस यास स बचत ह जब क नय मत अ ययन स न सफ उनका ववक तर ऊचा होगा अ पत उनका भाषा ान भी सम होगा त य का सकलन - य य प तभ लखन म लखक य वचार क धानता रहती ह तथा प त य स पर तरह म ह नह मोड़ा जा सकता इस लए तभ लखक को त य का सकलन करन क लए हमशा त पर रहना चा हए ामा णक त य स य त तभ लखन पाठक क लए अपना अ भमत वक सत करन म सहायक सा बत होता ह इसक अलावा त य क सहार तभ लखक अपन वचार को अ धक भावी शल म पाठक तक पह चा सकता ह त य को अपडट भी करत रह ता क ट र हत लखन कया जा सक त य क स हण क लए उस सरकार योजनाओ और द तावज का भी नय मत अ ययन करना चा हए साथ ह उस सभी मख कानन और नयम क अ यतन जानकार भी होनी चा हए तभ लखन च क लखक क नजी अनभव और यि तगत वचार का त बब ह इस लहाज

स यह ज र ह क िजस वषय पर वह तभ लख रहा ह उस वषय क उस गहर समझ हो सफ दलच पी क आधार पर ह कसी वषय का चयन कर लना यि तसगत नह कहा जा सकता सब धत वषय स जड़ यक पहल क पया त जानकार आपक पास होनी ह चा हए इसक अलावा तभ लखन श करन क बाद भी अपन वषय स सब धत जानकार लगातार जटान का य न करना चा हए इस तरह आप अपन पाठक को अपडट जानकार भी द पाएग और अपन तभ को लब समय तक पठनीय और उपयोगी बनाए रख सकग याद र खए सपादक भी आपक तभ म तब तक ह दलच पी दखाएग जब व आ व त हो जाएग क पाठक क बीच आपक तभ लखन क अ छ चचा ह और इसक वजह स पाठक समाचारप को अ धक पठनीय मानत ह और जब पाठक आपक तभ को काट कर अलग रखना श कर द और उस पर चचा करन लग तो मान ल िजए क आपन उस तर को छ लया ह िजसक अप ा एक कॉलम राइटर स क जाती ह वतमान दौर म यादातर तभ सामािजक या राजनी तक वषय पर ह आधा रत ह ल कन खल व ान पयावरण धम सनमा और सगीत स सब धत वषय पर आधा रत तभ भी पाठक वारा सराह जात ह सगीत स सब धत तभ लखन म हम ताजा सागी तक ग त व धय क जानकार दन क

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साथ कलाकार क अनठ योग और गणी ोताओ और पाठक क झान का उ लख भी कर सकत ह पछल दशक तक हद प -प काओ म सगीत समी ा क तभ नय मत तौर पर का शत कए जात थ धीर-धीर इनका काशन कम हआ और मौजदा दौर म तो ऐस काशन क गनती उग लय पर क जा सकती ह िजनम सगीत समी ा का तभ नय मत

तौर पर का शत कया जाता ह इसी तरह व ान और पयावरण भी ऐस वषय ह िज ह तभ लखन म शा मल करन का साहस आम तौर पर हद क प कार नह करत हद क काशन म व ान और पयावरण पर आलख या फ चर भी यदा-कदा ह मलत ह ऐसी सरत

म तभ लखन क बात दर क कौड़ी नजर आती ह सनमा सबधी तभ लखन क वधा वतमान दौर म सबस लोक य ह नए और परान प कार सनमा को अपन लखन का वषय बनाना चाहत ह तो इसका कारण यह ह क सनमा सबस यादा पढ़ा जान वाला वषय ह न सफ फ मी प -प का बि क सामा य प -प काओ म भी सनमा सबधी साम ी क भरमार ह पर सनमा पर तभ लखन वाल प कार अ सर गभीर और सजीदा लखन स बचत ह आम तौर पर व सनमा पर सतह लखन स ह काम चलात ह और इसक पीछ उनका तक यह होता ह क पाठक यह सब कछ पढ़ना चाहत ह यह ठ क वसा ह ह जसा क अ सर हमार फ मकार तक दत ह क व उसी तरह क फ म बनात ह जसी क दशक दखना चाहत ह पर इस सवाल स शायद सब बचना चाहत ह क पाठक और दशक क च अगर वाकई गलत दशा म मड़ गई ह तो इस प र कत करन क िज मदार आ खर

कसक ह यह सवाल इस लए भी मह वपण हो जाता ह य क अ सर पाठक अपन वचार का वाह उसी दशा म मोड़ लत ह जो दशा उ ह तभ लखक क वचार स मलती ह इस लहाज स तभ लखक का दा य व और भी बढ़ जाता ह कोई भी मत य और वचार य त करन स पहल उस चा हए क वह यह बात ि टगत रख क एक बड़ा पाठक वग उसक वचार का अनसरण कर सकता ह इन वचार क काश म हम तभ लखन क यापक मह व को इन बदओ क अतगत य त कर सकत ह तभ लखन सम साम यक मह व क कसी भी मसल पर पाठक क अ भमत को य त

करता ह हाला क तभ म य त वचार सफ लखक क मत य को प ट करत ह ल कन यह नि चत ह क पाठक का एक बड़ा वग भी उसी मत य को अपना लता ह

तभ लखन कसी ऐस मसल क तरफ लोग का यान आक ट करता ह िजसका सबध यापक जन समदाय स हो

तभ लखन स पाठक क अ भमत को त दन या एक नि चत आवि त पर नई दशा मलती

नय मत और तयशदा थान पर का शत होन स कई बार कोई तभ कसी काशन क पहचान भी बन जाता ह

तभ लखक क पहचान भी अपन कॉलम क साथ जड़ी होती ह यह पहचान कई बार पाठक क लए सहायक सा बत होती ह क व लखक को कस नज रए स दखत ह

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66 इटरनट पर त भ लखन क यटर और इटरनट न आज हर कसी क सामन लखक बनन का सगम और स वधाजनक रा ता खोल दया ह अपनी दशा खोिजए और उस दशा म लखन का यास श कर द िजए तभ लखन क लए अब सफ समाचारप अथवा प का पर ह नभर रहन क आव यकता नह ह नए प कार क लए अब इटरनट भी तभ लखन का अ छा मा यम सा बत हो रहा ह कछ अथ म तो यह मा यम समाचारप और प का स भी यादा भावी सा बत हो रहा ह इसका आधारभत कारण यह ह क समाचारप और प का क मकाबल इटरनट क ज रए अ धक लोग तक पह चना आसान हो गया ह इटरनट पर अपलोड कया गया कोई भी तभ पर द नया म एक साथ हजार -लाख लोग वारा पढ़ा जा सकता ह वह भी तरत ऐसी स वधा तो समाचारप म भी उपल ध नह ह इटरनट पर तभ लखन का सबस बड़ा लाभ यह ह क आपको अपन लखन क बार म बड़ी स या म त याए मल जाती ह एक साथ बड़ पाठक वग तक पह चन क मता क कारण इटरनट पर अपलोड कया गया कोई भी कॉलम त काल त याए जटा लता ह इसक अलावा ता का लक मह व क तभ क लए इटरनट मानो वरदान सा बत हआ ह तजी स बदलती द नया म आज कोई भी वषय या सग कछ ह अस म अपनी धार खो बठता ह लगाता चौबीस घ ट समाचार और दसर काय म पश करन वाल टल वजन चनल क कारण कई बार कसी घटना या सग क हर पहल का इतनी अ धक बार व लषण कया जाता ह क फर समाचारप अथवा प काओ म इस बार म कॉलम लखन का कोई औ च य नह रह जाता ऐसी सरत म इटरनट आपक लए मददगार क प म सामन आता ह जहा आप अपन वचार क वाह को अनवरत रख सकत ह

661 तभ क क त

य द आपन तभ लखन का न चय कर लया ह तो सव थम यह तय कर क आप कस वषय पर लखन करना चाहत ह अथात आपक तभ क क त कसी होगी क त स हमारा आशय उसक सरचना और वषयव त स ह तभ राजनी तक वषय पर आधा रत होगा अथवा सामािजक आ थक या अ य कसी वषय पर तभ म पाठक को सफ कोई नई जानकार दन का य न कया जाएगा अथवा

लखक य ट पणी क साथ उ ह अपना अ भमत वक सत करन का य न भी कया जाएगा जब हम तभ क क त का नधारण कर तो इसम यह भी तय कर ल क हम अपन लखन क मा यम स पाठक को कसी दशा दना चाहत ह भल ह इटरनट क कारण तभ लखन अब अप ाकत आसान हो गया ह परत इसका यह आशय कदा प नह क हम अपन वचार को बलगाम तर क स सा रत करत रह यक श द का अपना मह व ह और उसका भ न- भ न भाव पाठक पर पड़ सकता ह अ पत इटरनट क सव यापकता क कारण समाचारप क मकाबल श द का सार अ धक ती ग त स हो सकता ह इस ि ट स तभ लखक को अपन तभ क क त क बार म यि तसगत तर क स नणय करना होगा

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662 तभ लखन क श आत

िजस तरह एक खलाड़ी त दन अ यास क सहार अपन खल म नरतर सधार लान का यास करता ह ठ क उसी तरह तभ लखक भी अपन त दन क लखन क साथ अपनी शल म नरतर सधार कर सकता ह कसी भी नए तभ लखक क लए यह सझाव दया जा सकता ह क वह सा ता हक तभ क साथ श आत कर उस यह बात समझ लनी चा हए क था पत तभ लखक क एक-एक श द क पीछ वष का अनभव और अ ययन छपा ह कसी भी नवो दत तभ लखक को ारभ म त दन आवि त वाला तभ लखन नह करना चा हए त दन कोई तभ लखन क कारण उस नय मत अ ययन क लए समय नह मलगा और अगर उसन नय मत अ ययन क वि त वक सत नह क तो वह अपन लखन को सम नह कर पाएगा तभ लखन क या श करन क लए आपको न ना कत चार चरण स गजरना होगा- पहला - थानीय ाद शक और रा य समाचारप का गहन अ ययन कर दख क समाचारप कस कार क कॉलम का शत कर रह ह और या वह तभ आपक और दसर पाठक क ज रत को परा कर रहा ह यह भी दख क समाचारप क अपन तभ लखक ह अथवा वह कसी सडीकशन एजसी क ज रए तभ का शत कर रहा ह जो समाचारप सडीकशन एजसी क ज रए तभ का शत कर रहा ह उस अगर थानीय तर पर कोई तभ लखक मल तो शायद वह अपना ए स ल सव कॉलम श कर सकता ह आम तौर पर सडीकशन क मा यम स ा त होन वाल तभ म थानीयता का पट नह होता और एक स अ धक काशन

म छपन क कारण उसक व श टता भी समा त हो जाती ह दसरा - समाचारप का अ ययन करन क बाद च नदा अखबार क सपादक को प लख और थायी प स तभ लखन क अपन ताव का उ लख कर साथ म नमन क तौर पर एक या दो तभ भी लख कर भज ता क सपादक आपक लखन मता और वषय क बार म आपक तब ता तथा जानकार का अनमान लगा

सक सपादक को सबो धत करत ह ए जो प लखा जाए उसम अपनी यो यता और अपन लखन सबधी अनभव का उ लख करना न भल तीसरा - इस बात क लए तयार रह क सपादक आपको ायो गक तौर पर कछ तभ लखन क लए कह सकत ह कई बार सपादक अपनी आ वि त क लए या फर अपन पाठक क च को परखन क लए आपको अ थायी तौर पर तभ लखन क लए कह सकत ह भल ह ऐसा लखन नमन क तौर पर ह कया जाए ल कन तब ता जानकार और वचार क तर पर उस कह भी कमजोर नह होना चा हए

इसक अलावा डडलाइन का पालन करना भी अ यत आव यक ह एक बार अगर आपन सपादक क आव यकता क अन प लखन क श आत कर द तो आग रा त खलन म भी वलब नह होगा

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चौथा - तभ लखन क श आत पहल थानीय तर पर कर उसक बाद अपन शहर और रा य क बाहर ि थत समाचारप स सपक कर वत प स काम करन वाल तभ लखक कसी एक समाचारप क साथ जड़न क बजाय एका धक समाचारप म तभ लख सकत ह इस ि थ त म यान रखन यो य बात यह ह क थानीय तर पर एक स यादा अखबार म समान तभ नह लख

663 तभ लखक क सम चनौ तया

अलग- अलग लखक क सामन चनौ तय का तर भी अलग ह होगा फर भी कछ चनौ तया ऐसी ह िजनका सामना लगभग हर लखक को करना पड़ता ह इनम स मख चनौ तया इस कार ह-

अपन तभ क बार म पाठक क त या बह त कम ा त हो पाती ह इस कारण लखक को इस बात क ठ क-ठ क जानकार नह मल पाती क उसक तभ लखन का उ य परा हो रहा ह या नह

तभ लखन एक नय मत या ह और एक नि चत आवि त पर इस लखना ह ह ल कन हमशा ऐसा नह होता क तभ लखक क पास नई जानकार उपल ध हो इस कारण कई बार त य क पनरावि त भी हो जाती ह पनरावि त स बचन क लए तभ लखक को सलाह द जाती ह क व अपन लखन को ास गक और ताजा बनाए

रखन का य न करत रह साधारण तौर पर तभ लखक को बह त कम पा र मक मल पाता ह इस लए अगर

वह इस जी वका बनाना चाह तो उस एक स अ धक काशन क साथ सपक कायम करना पड़गा एका धक काशन स जड़न पर उस हर काशन क पाठक वग को यान म रखत ह ए अपन तभ को आग बढ़ाना होगा

लगातार एक ह धारा पर लखन कम करत ह ए एकरसता क खतर का सामना भी उस करना होगा इस लए यह आव यक ह क तभ लखन अपन लखन म दलच प और उपयोगी जानका रया भी शा मल कर यदा-कदा हास-प रहास का सहारा भी लया जा सकता ह

नय मत तभ लखन क लए तब ता लगन महनत और समयब अनशासन क ज रत होती ह एक ह यि त म इन सभी गण का मलना थोड़ा मि कल ह ह

बोध न- 1 तभ लखन का या मह व ह helliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphellip helliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphellip2 तभ और समाचार म या अतर ह helliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphellip helliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphellip3 तभ लखन क ार भक तयार कस कर

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67 भावी त भ लखन 1 प ट और वचार धान - तभ लखक को अपन वचार स प ट तर क स तत करन

चा हए तभ लखक को सावज नक मह व क कसी भी वषय पर वचार य त करन का अ धकार ह पर यह आव यक ह क उसक वचार ससगत और व वसनीय ह कसी भी वषय स सब धत हरक पहल का समावश अपन तभ म करना चा हए ता क पाठक क सामन सत लत त वीर उपि थत हो सक

2 ल य पर नशाना - तभ लखक का काम कसी कशल नशानबाज क समान ह उस हमशा अपन ल य पर नगाह रखनी चा हए कहन का आशय यह ह क अपन तभ क ज रए उस अपन ल त पाठक क लए कम स कम इस तरह क साम ी तत करनी चा हए िजसक सहायता स पाठक को नई दशा मल और कसी वषय पर व अपनी राय था पत कर सक

3 तप ी वचार को भी सन - तभ लखक को अपन वचार अ भ य त करन क साथ-साथ तप ी वचार को भी पया त मह व दना चा हए तभी वह कसी भी वचार को यादा भावी शल म पाठक क स मख तत कर पाएगा प और तप क वचार को

सत लत शल म तत करन क यास स पाठक क ि ट म उसक व वसनीयता बढ़गी

4 ामा णक और ससगत त य - तभ लखन म जहा कह त य का त तकरण कया जाए वहा यह अव य यान रखा जाए क सभी त य ामा णक और ससगत प म ह कसी भी त य को बदला नह जाए यह भी यान रख क िजस ोत स त य जटाए जाए उसक ामा णकता और व वसनीयता भी अस द ध हो

5 समालोचक क ि ट - तभ लखक को हमशा समालोचक क ि ट का अनसरण करना होगा ऐस तभ आम पाठक वारा अ धक पसद कए जात ह यथासभव ववाद स बचा जाए ल कन जहा आव यक हो तभ लखक को समालोचना स नह बचना चा हए कई बार समालोचक क ि ट स लखा गया कोई तभ भी पाठक को नई राह दखा सकता ह

6 जीवत रपो टग - य य प तभ लखक का रपोटर होना आव यक नह ह ल कन अपन कॉलम को अ धक पठनीय और जीवत बनान क लए उस नय मत तौर पर रपो टग

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का सहारा भी लना चा हए अपन नजी अनभव का वणन करत ह ए वह अपन लखन को और व वसनीय बना सकता ह रपो टग पर आधा रत तभ पाठक क म त पटल पर लब समय तक अ कत रहत ह

7 थानीयता का पट - अपन तभ लखन म थानीयता का यान भी रख य क अपन आस-पास घटन वाल घटनाओ स जड़ वचार पाठक को अ धक आक षत करत ह कसी भी थानीय वषय को तत करत समय अपन अनभव का नचोड़ भी उसम शा मल कर

8 आकड़ स बच - तभ लखन क दौरान जब भी कह तलना मक अ ययन तत करना चाह तो यथासभव आकड़ स बच अपनी साम ी को रसपण बनाए और आकड़ इ या द ट न क रपोताज क लए छोड़ द

9 उपाय भी सझाए - अ धकाश मामल म तभ लखक कसी सम या वशष क चचा तो करत ह ल कन उस दर करन क दशा म या कया जा सकता ह इस बार म कोई रा ता नह सझात साधारण तौर पर पाठक यह भी अप ा करता ह क अगर कोई वलत म ा उठाया गया ह तो उसका यि तसगत उपाय भी साथ ह दया जाना चा हए

10 वचार का ती वाह - तभ लखन म पर तरह न प ता बरत ल कन आपक लखनी वचारो तजक होनी चा हए अ यथा कॉलम पाठक को जरा भी भा वत नह कर पाएगा लखन और अ भ यि त क वत ता क अ धकार का योग कर ल कन सतलन कायम रखत ह ए यह यान रख क आपक लखन स समाज का पारप रक मल-जोल और दो ताना भा वत ना होन पाए सवदनशील वषय पर लखन क दौरान रा हत को सव प र रख और भावनाओ क वाह म ना आए

671 तभ लखक क गण

एक तभ लखक का काम उतना ह मह वपण ह िजतना अ य लखक या प कार का अ पत कछ अथ म तो तभ लखक का काम दसर स कह यादा मह वपण ह य क उसक तभ क सहार बड़ी स या म पाठक उस काशन क साथ अपना भावना मक र ता कायम कर पात ह समाचारप म का शत समाचार आधा रत साम ी क साथ पाठक का इस तरह का कोई र ता नह होता तभ क साथ पाठक का र ता सतत चलता रहता ह पाठक भी तभ लखक क वचार म अपन अ भमत क झलक तलाशत ह इस लहाज स एक तभ लखक को वचार क अ भ यि त क लए अपन आपको अपडट करना होगा और यह सभव होगा नई जानका रय क त खद को अनकल बनान स यह आव यक ह क तभ लखक ताजा और नवीन

प रवतन क त सचत रह और अधनातन जानकार स अपन वचार का तर हमशा और ऊचा करन का य न करता रह नवीन प रवतन क जानकार क लए एक तभ लखक को दश- वदश क काशन का अ ययन तो करना ह होगा साथ म उसम एक बहतर न ोता क गण भी होना चा हए कहा जा सकता ह क एक अ छा ोता ह अ छा वचारक बन सकता ह

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अलग-अलग लोग क वचार को सनन स तभ लखक क लखक य ि ट वक सत होती ह और इस तरह वह अपन लखन को सम बना सकता ह नए तभ लखक क लए तो यह और भी आव यक ह उ ह अपन वषय स सब धत वचारक क तकपण बात क सहार अपनी लखन शल को वक सत करन का अवसर मल सकता ह नए तभ लखक अपन आदश लखक क वचार का नय मत अ ययन कर और उनक वचार क वाह को समझत ह ए अपनी अलग लखन शल वक सत कर तो यह उनक क रयर लहाज स भी अ छा होगा सीखन का कोई तयशदा फामला नह ह और हम अपन दन दन क लखन या म ह बह त कछ सीख लत ह एक अ छा तभ लखक वह बन सकता ह जो इस या को अपन यवहार का ह सा बना ल कई तभ लखक कसी भी मह वपण म पर धारावा हक प स लखन करत ह और यक नए तभ क साथ उस म क हरक पहल का खलासा करत जात ह ऐसी ि थ त म पाठक को भी नय मत आवि त पर आन वाल तभ का इतजार रहता ह इस लहाज स तभ लखक क िज मदार भी बढ़ जाती ह क वह पाठक क अप ाओ को यथासभव परा कर इन अप ाओ को परा करन क लए तभ लखक म न ना कत गण का होना आव यक ह- 1 तभ लखक क लए यह आव यक ह क वह पाठक क अ भ च को समझ

यक काशन क पाठक क अ भ च भ न- भ न हो सकती ह हर वग क पाठक भी कसी तभ स अलग-अलग अप ा कर सकत ह इस लहाज स यह ज र ह क तभ लखक समकाल न दौर क पाठक क दलच पी का भल -भा त यान रख

2 तभ लखक का भाषा पर परा अ धकार होना आव यक ह अपनी भाषा क श द स दय क साथ वह उसक ला णक महावर तथा लोकोि तय का इ तमाल अपन लखन म करता ह तो परा तभ रसपण बनगा और पाठक चाव क साथ उस पढ़ग तभ क भाषा कछ ऐसी हो क साधारण पाठक भी लखक का आशय आसानी स समझ जाए

3 तभ क त त भी अपना अलग मह व रखती ह सीधा-सपाट लखन अ धक दन तक पाठक को बाध कर नह रख सकता इस लए ज र ह क लखन का या मक और स दय स प रपण हो इन अथ म यह भी कहा जा सकता ह क तभ लखक फ चर क कछ त व का समावश भी अपन लखन म कर सकता ह

4 लखन म तलना मक अ ययन तत कया जा सक तो पाठक को और आसानी रहती ह कसी भी मसल पर तभ लखन स पव अगर हम उस मसल क सभी ज र पहल पाठक क सम तत कर पाएग तो नि चत तौर पर पाठक क नजर म हमार तभ क व वसनीयता बढ़ जाएगी

5 तभ लखन का वषय चाह जो हो ल कन तभ लखक क ान का तर बहआयामी होना चा हए अथात उस अ धक स अ धक वषय क पया त

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जानकार होनी चा हए कई बार बहआयामी जानकार स तभ लखन को सम कया जा सकता ह और पाठक को भी एक ह पहल स सब धत पर जानकार द जा सकती ह

6 कहा जाता ह क लखन वह सफल ह िजसम क पना और वा त वकता का स दर सम वय नजर आता हो यह बात तभ पर भी लाग होती ह एक सफल तभ लखक वह ह जो अपन लखन को यथाथपरक बनाए रखत ह ए उसम

क पना क स दर रग का सयोजन भी कर 7 वतमान दौर तज र तार का दौर ह और जा हर ह क ऐस समय म पाठक क

पास भी समय का अभाव ह ऐसी ि थ त म कसी तभ को नय मत तौर पर बह त अ धक समय दना उनक लए सभव नह होगा इस लए आव यक ह क हम अपन लखन को स त और सारग भत बनाए रख कम श द म अपनी बात कहन क कला का इ तमाल तभ लखन म कया जा सकता ह

68 साराश स प म कहा जा सकता ह क प -प का म का शत साम ी क बीच कसी भी तभ क अपनी व श ट पहचान होती ह समाचार क भीड़ क बीच एक यह साम ी ऐसी ह िजसम वचार को जी वत रखा जा सकता ह समाचार क लखन और ततीकरण म वचार का समावश करन क छट नह द जा सकती ल कन तभ लखन क सहार न सफ वचार का सतत वाह जार रखा जा सकता ह अ पत पाठक क लए भी एक नई राह श त क जा सकती ह अ धकाश मामल म दखा गया ह क कसी तभ म य त वचार क सहार पाठक अपना अ भमत बनात ह इन अथ म जनमत का नमाण करन म भी तभ लखन क उपयो गता स इनकार नह कया जा सकता तभ लखन क लए वषय क कोई कमी नह ह और वषय म भी इतनी व वधता ह क नए प कार अपनी अ भ च का वषय चन सकत ह समाचारप क लखक क बीच तभ लखक क त ठा भी अ धक होती ह और इसका एक बड़ा कारण यह ह क वह पाठक क साथ नय मत तौर पर सवाद कायम करता ह इस तरह समाचारप क पाठक क एक बड़ वग क साथ उसका र ता थायी प स कायम हो जाता ह नय मत तौर पर का शत होन वाल तभ कई बार समाचारप या प का क पहचान बनान म भी सहायक होत ह

69 कछ उपयोगी प तक 1 The Art of Column Writing ndash Suzzette Martinez Standring 2 Become a Columnist 3 समाचार सपादन और प ठ स चा - डॉ रमश जन

610 अ यासाथ न 1 तभ लखन क व वध वि तय क चचा क िजए समाचार क तलना म तभ लखन

कस कार भ न ह

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2 एक तभ लखक स पाठक या अप ाए कर सकत ह 3 तभ लखन क लए वषय का चनाव कस कया जा सकता ह 4 भावी तभ लखन क मलभत त व कौन-स ह 5 समाचारप म छपन वाल अपनी पसद क कसी तभ क चचा क िजए और उसक

गणावगण का िज करत ह ए उसक उपयो गता प ट क िजए

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इकाई-7 फ चर लखन

इकाई क परखा 70 उ य 71 तावना 72 फ चर या ह 73 फ चर क वशषताए

731 िज ासा और नौ र न 732 दसर व याओ क उपादान 733 सवदनशीलता

74 फ चर का मल व प 741 समाचार फ चर 742 व श ट फ चर

75 फ चर लखन 751 फ चर लखक क यो यताए 752 फ चर लखन क तयार 753 भाषा शल और आ त रक गठन 754 शीषक 755 भ मका 756 व लषण 757 उपसहार 758 च ाकन

76 व भ न वधाओ स तलना 761 नबध लख और फ चर 762 समाचार और फ चर 763 कम और फ चर 764 कहानी और फ चर 765 सपादक य और फ चर 766 अ य वधाए और फ चर

77 फ चर क वषय 771 यि त व फ चर 772 समाचार फ चर 773 यौहार स ब धी फ चर 774 र डयो फ चर

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775 च ा मक फ चर 776 य या मक फ चर 777 या ा फ चर 778 मानवीय च वषयक फ चर 779 ऐ तहा सक फ चर

78 साराश 79 श दावल 710 कछ उपयोगी प तक 711 अ यासाथ न

70 उ य इस इकाई क अ ययन क बाद आप फ चर का अथ समझ सकग फ चर क वशषताओ क बार म जानकार ा त कर सकग फ चर-लखन क ाथ मक आव यकताओ स प र चत हो सकग फ चर क व प को समझ सकग फ चर क व वध कार का प रचय ा त कर सकग समाचारप क व भ न तभ और फ चर का अतर समझ सकग और आप एक अ छ फ चर-लखक बन सकग

71 तावना समाचार म सभी क घटनाओ क समाचार तो होत ह ह इसक अलावा सपादक य वशष आलख हा य- य य काटन और फ चर भी होत ह जो समाचारप का च र और यि त व करत ह व भ न अखबार म बह त स समाचार एक जस होत ह सवाद स म त स आए समाचार का पाठ थोड़ बह त अतर क साथ सभी अखबार म एक जसा हो सकता ह सवाद स म त का समाचार न हो तो भी वह कौन-कब-कह आ द ककार या समाचार क याकरण म बधा होता ह ल कन दसर तभ पर यह बात नह लाग होती इनम फ चर का थान सव प र ह स अम रक प कार एल सस मकनी क अनसार सामा य समाचार आधारभत कौन कब कहा य और कस (छह ककार) स बाहर अथवा पर हटकर सघात करन

वाला लखन फ चर ह फ चर म म यत कसी मा मक प का तपादन होता ह समाचार म यह प ाय नह आ पाता अब तो हर अखबार को शश करता ह क हर दन कछ समाचार फ चर शल म लख जाए अगर समाचार अखबार का शर र ह तो फ चर उसक आ मा इस पाठ म हम फ चर क सभी प का व लषण करग

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72 फ चर या ह फ चर (Feature) श द ल टन क फ ा (Factura) स बना ह फ चर क अनक अथ ह व टर क नए श दकोश क अनसार फ चर का कछ अथ ह- 1 यि त या व त का व प 2 चहर अथवा चहर क अग वशष जस आख नाक मह आ द का व प 3 समाचारप या प का म का शत व श ट रचना 4 पर लबाई का चल च आ द फ चर को ह द म कछ व वान न पक भी कहा ह यह श द का यशा क अलकार

य-का य और नाटक क अथ म ढ़ हो चका ह फ चर का इ तमाल बह त हो रहा ह र डयो फ चर फोटो फ चर आ द धड़ ल स चलत ह इस लए यह श द इसी प म यव त करना समीचीन होगा प का रता म फ चर स ता पय समाचारप तथा प काओ म का शत व श ट आलख स ह जो हम जानकार दन क अलावा आन दत और फि लत भी करत ह इन लख म वषय का ततीकरण इस कार कया जाता ह क उनका वा त वक अथ और व प सा ात व य हो उठता ह इसी लए य फ चर कह जात ह प रभाषा फ चर क कोई सवमा य प रभाषा नह क जा सक ह अनक व वान न फ चर क व वध ि टय स जो प रभाषाए क ह व फ चर क गण का प ट करण करती ह -

सर खा डलकर क ि ट म फ चर व लख ह जो पाठक को यह बताए क कोई घटना य ह ई तथा उसका प रणाम या होगा डॉन डकन क अनसार फ चर जीवन क त एक नवीन ि टकोण द नक जीवन क क णा उसक नाटक यता और प रहास प को हण करक उसका च ण करन क एक व ध ह फ चर एक सड वच क समान ह िजसक दोन पा व श कर क परत स ढक ह ए कक क टकड़ तथा बीच म मसालदार मास तथा आल भर रहत ह ज स ब वस क अनसार फ चर समाचार को नया आयाम दता ह उसका पर ण करता ह व लषण करता ह तथा उस पर नया काश डालता ह फ चर का सव ठ कार वह ह जो साम यक हो तथा समाचार स जड़ा हआ हो मख लखक डॉ ववक राय क अनसार समाचारा मक नबध पक ह और वह व भ न

क नवीनतम हलचल का श द- च होता ह पीडी टडन क अनसार फ चर एक कार का ग य गीत ह य य लखक ीक ण च शमा क लए फ चर कसी वचार (मा यता) यि त घटना आ द का वध शाि दक च ण ह िजस थायी प द दया गया हो इन प रभाषाओ म फ चर को व भ न ि टय स दखन का यास कया गया ह यक प रभाषा उसक कसी न कसी एक वशषता पर बल दती ह फ चर को सम प स समझन क लए कोई एक प रभाषा पया त नह ह फर भी कहा जा सकता ह क फ चरrsquorsquo व तत वि तय और भावनाओ का सरस मधर और अनभ तपण वणन ह फ चर लखक गौण ह

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वह मा एक मा यम ह जो फ चर वारा पाठक क िज ासा उ सकता और उ कठा को शात करता हआ समाज क व भ न वि तय का आकलन करता ह इस कार फ चर म साम यक त य का यथ ट समावश तो होता ह ह ल कन अतीत क घटनाओ तथा भ व य क स भावनाओ स भी वह जड़ा रहता ह उसम समय क धड़कन गजती ह

73 फ चर क वशषताए फ चर ि थ त का वहगावलोकन ह नह करता वह न का उ तर भी दता ह और अ ात का ान भी कराता ह फ चर मानो कसी घटना क दरबीन स जाच करता ह अ छ फ चर क गण क जब हम बात करत ह तो उसक मल चार आधार पर हमारा यान जाना आव यक ह य ह- िज ासा स यता यो यता और व वास

731 िज ासा और नौ र न

वह फ चर नसार ह जो थम वा य स ह पाठक क मन म उ तरो तर िज ासा उ प न न कर सक फ चर जानकार क यास पदा कर और उस बझाता भी रह फ चर स य पर आधा रत हो उसम ऐसी कोई क पना भी न क जाए जो कसी आधार पर टक न हो का लदास क थ क ट काकार मि लनाथ का कहना ह- लखक को यह सदव याद रखना चा हए- नामल ल यत क चत अथात िजस बात का आधार नह हो उस लखना नह चा हए यो यता लखक क वा याय त य क षण और शल क दय ाह व प म समा हत ह व वास लखक और पाठक

दोन क लए ज र ह आ म- व वास क साथ और व वास क शल म लखा गया फ चर पाठक म भी व वास उ प न करगा फ चर पढ़कर य द पाठक को लगा क बात जची नह तो फ चर का उ य ह परा नह होता पाठक को मला सतोष लखक वारा उ प न व वास का ह पातर ह अत पाठक को सत ट करना परम आव यक ह बह धा लखक क त क त अपन आपको सत ट मानकर उसक ठता आक लत ह व वास का गण दसर क तला पर तलता ह अपन पर नह फ चर लखक िजन बात स अपन आलख को अ धक आकषक बना दता ह उनम स चन ह ए नौ र न इस कार ह- 1 मोहकता 2 सामा य त य का आकषक प 3 यि तय क वशष जानकार 4 तकसगत ि टकोण 5 ग तशील शल 6 व च ता 7 यापकता-भाव और भाव का दायरा सी मत न हो 8 त य और उसक भाव क मह व पर जोर 9 ान और भावना क शि त का वकास

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732 दसर वधाओ क उपादान

टाइ स ऑफ इि डया ( द ल ) क भतपव समाचार सपादक ी व वभरनाथ कमार क अनसार भावना और आलोचना फ चर क आव यक अग ह फ चर म भावना क या या क जाती ह काशी प कार सघ क वशष अ नयतका लक मा रका प कार (1972) क पव उ तर दश अक म ह द म फ चर लखन पर डॉ ववक राय का लख ट य ह डॉ ववक राय का कहना ह क फ चर आध नकता का अ नवाय आ ह ह िजन नबधतर वधाओ क साथ जड़कर व वध प म उसक रचना होती ह उसक ता लका न न ल खत ह- (क) पसनल ऐस (ल लत नबध) (ख) कच (रखा च ) (ग) रपोताज ( ववर णका) (घ) फटसी ( वर- वधा) (ङ) शाट टोर (लघ कथा) (च) प डायर और वाता आ द इस कार डॉ ववक राय क मतानसार फ चर सब कछ ह और सब म उसक याि त ह य द हम फ चर को इतना अ धक यापक कर दग तब तो उसका अपनापन तथा उस वधा क वशषता या होगी उसका बोध कराना क ठन हो जाएगा हम फ चर को य द उसक सीमाओ म दख तो अ धक उपय त होगा फ चर को खचड़ी बनान स उसका मह व कह का न रहगा और न उसक कसौट भी तयार हो सकगी एक अ य ि टकोण व र ठ प कार पीडी टडन का ह फ चर क वषय म टडनजी क जो वचार 1952-53 म थ वह 1976 म ह उनक मा यता ह क फ चर एक कार का ग यगीत ह फ चर हमारा मनोरजन करता ह फ चर म य प स ववक

और आनद क लए लखा जाता ह अव य ह तीस वष पहल फ चर को उसी कसौट पर परखा जाता था िजसका सकत टडनजी न अपन लख म कया ह पर त फ चर क परख क नयम अब बह त बदल गय ह अब फ चर कवल मनोरजन और वनोद का साधन नह ह कई ऐस वषय पर भी फ चर लख जात ह जो अपन वभाव स ह मनोरजक नह होत फ चर को िजस रस म सरोबार करना हो कया जा सकता ह अब फ चर को ग यगीत मानना उसक मह व को कम करना ह स प म हम यहा इतना ह कहना चाहत ह क फ चर आध नक प का रता क वह वधा ह जो मा मक ढग स समाचार क वतमान भ म पर खड़ी होकर अतीत पर ि ट डालती ह ई भ व य क ओर इ गत करन म स म ह फ चर म लखक का यि त व सामन नह आता उसका लखक तो प कार क तरह पद क पीछ रहकर पाठक क लाभाथ घटनाओ और यि तय का वतमान भत और भ व य क प रवश म म याकन करता ह फ चर न रखा च ह न पक और न ग यगीत फ चर ह फ चर ह कसी समाचार क यापक भाव का दशन और म याकन

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फ चर म वशष और अनोख स य का व लषण मलता ह फ चर पाठक क िज ासा सहानभ त आशका वनोद स ास और आ चय का उ यीपन करता ह प का रता वशयक अनक प तक क लखक जाज फा स मोर का वचार ह क फ चर का ाण सवदना ह

733 सवदनशीलता

डनवर व व व यालय क प का रता वभाग क अ य एलमो कॉट वाटसन क मा यता ह क फ चर कसी भावना क इद- गद च कर काटता ह समाचार को ऐसा प दया जाता ह क वह और आकषक बन पाठक का यान खीच और सामा य

पाठक क भावनाओ को छ जाए कारण यह ह क पाठक समाचार क मह व स उतना आदो लत नह होता िजतना मानवीय सवदना ( म घणा आ द) स कसी अ छ फ चर को पढ़न क बाद पाठक को कसी न कसी तरह का सतोष ा त होता तो मनोरजन जानकार अथवा श ा क प म हो सकता ह यज राइ टग प तक क लखक जाज ए हग का वचार ह क फ चर म सामा यत उसी कार क मानव क त और वसी ह प रि थ तय का व लषण होता ह िजनका हम न य त अनभव करत ह और जो कसी क जीवन म घट सकती ह उसक मतानसार फ चर यह याद दलाता ह क हम सब समान अनभव क भागीदार ह फ चर क ल ण क वषय म मास क य नकशन एड जन ल म इन इि डयाrsquorsquo क लखक डीएस महता का कहना ह क ldquoफ चर म उस त य को उभारा जाता ह जो मह व का होत ह ए भी प ट नह होता और उसका ततीकरण ह फ चर क यि त व उसक शि त और उसक औ च य का बोध दता ह अ ययन अनसधान और सा ा कार क बल पर फ चर म त य का व तार कया जाता ह फ चर कसी वषय क जानकार और अ ानी पाठक क लए श क और पथ- दशक का काम करता ह rdquo ldquoसपादन क स ा तrdquo प तक म डॉ रामच तवार का मत ह क फ चर लखक अपन आख कान भाव अनभ तय मनोवग और अ वषण का सहारा लकर उस चकर आकषक और दय ाह बनाता ह ी व वनाथ सह का कहना ह क फ चर-लखक पाठक को व थ तथा गभीर

मनोरजन दता ह इसका भाव णक या अ थाई नह होता यह पाठक क मन तथा वचार को एक झटका दता ह उस एक वशष ढग स सोचन- वचारन क लए रत करता ह और तब अपना एक वत वचार बनान का अवसर भी दान करता

ह डॉ जभषण सह lsquoआदशrsquo का कहना ह- ldquoअ छा पक (फ चर) कसी वषय क पा वभ म म समाचार क पीछ समाचार का व लषण चचा तथा प ट करण

तत करता ह वह ात अथवा अ प ात घटना क समी ा कर लखब च तत कर पाठक को नवीन त य स अवगत कराता ह वह अ वषण करता ह

तथा वषय-व त को अनाव त कर व वसनीय सा य स अपनी थापनाओ को प ट

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बनाता ह वह घटनाओ क भाव का पवानमान करता ह तथा सभा वत प रणाम क ओर यानाक षत करता ह rdquo फ चर क त ऐसा आकषण य समाचार नयी जानकार दता ह इस नवीनता क कारण सामा य पाठक उसको पढ़ना चाहता ह फ चर म समाचार और सम या आ द क रह य क वशष जानकार क साथ आ मीयता भावना और ववचना क गण का समावश होता ह इन त व क कारण ह पाठक क उसस भावना मक सति ट होती ह पाठक क यह सति ट उसक आकषण का मल कारण ह इस सति ट क उपलि ध फ चर म समा व ट उसक अनक मल त व क कारण होती ह

बोध न- 1 1 फ चर कस कहत ह helliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphellip helliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphellip2 फ चर को कौनस नौ त व आकषक बनात ह helliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphellip helliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphellip 3 फ चर समाचार का सरस यापक सदभय त मोहक व तार ह या आप इसस सहमत ह helliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphellip helliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphellip

74 फ चर का मल व प

741 समाचार फ चर

समाचारय त फ चर म द नक समाचार को मनोरजक ढग स तत कया जाता ह व अ पका लक मह व क होत ह िजन घटनाओ का या तो उसक कसी प का समाचा रक मह व नह होता पर त जो पाठक को आकषक लगन वाल होती ह उ ह को ज द और स प म मनोरजक तथा आकषक ढग स लखकर फ चर का प द दया जाता ह उदाहरण क तौर पर कसी ी का ब चा नद म डबकर मर

गया यह तो समाचार हआ द खया ी को सपना आया उसन नद क कनार अपन प क कपड़ दख उ ह वहा जाकर पहचाना और इस कार प क डबकर मरन क पि ट ह ई प - वयोग व न- ान और सबक साथ जड़ी ह ई मात व क भावना को काश म ला दन स स त समाचार फ चर तयार हो गया ता का लक समाचार फ चर लखन क लए न न ल खत बात को यान म रखना ज र ह यह एक ऐसी पशबद ह िजसस फ चर क पकड़ आसान हो जाती ह और िजसस लखन भी सरल हो जाता ह- 1 द नक घटनाओ और समाचार म मानवीय प क खोज

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2 जीवन क सखात और दखात पहलओ पर वचार 3 अ धक याद रहन वाल कहानी ह पाठक को अ धक छती ह 4 क ण फ चर को सरल और सयत रखा जाए 5 छछल हा य और बाजा भाषा का योग न कर 6 धम जा त और रा यता पर आ प न हो 7 श द क चयन पर वशष यान रखा जाए 8 घटना क आकषक पहलओ पर यान दया जाए लखक उ ह अपन मन स न

गढ़ 9 फ चर म बनावट त य को भरन क को शश न क जाए बनावट त य स

फ चर को औप या सक प दना उपयोगी नह त य प व ह नाटक यता नह

742 व श ट फ चर

व श ट फ चर क लए साम ी एक क जा सकती ह कछ साम ी लखक क पास ह परानी एक साम ी भी काम म आ सकती ह परानी म तय को ताजा कया जा सकता ह और उ ह पन आकषक ढग स तत कया जा सकता ह नयतका लक वषय पर लख गए फ चर थोड़ हरफर क साथ कभी भी काम म आ सकत ह उ सव ऋतओ पयटन- थल ऐ तहा सक थान महाप ष चर मरणीय घटनाओ तथा जीवन क शा वत न पर लख गए फ चर सदव ताजा रहत ह उ ह सदा पसद कया जाता ह इस कार क फ चर तयार करन क लए पहल स तयार करनी पड़ती ह इ ह लखन क लए साम ी जटानी पड़ती ह और वा याय जार रखा जाता ह नोट बक म यथा थान लखना चाल रहता ह समाचारप क कतरन वषयवार एक त करनी पड़ती ह अत फ चर क लखक को इन बात पर वशष प स यान रखना पड़ता ह- 1 लखक को कौन-कौन स वषय चकर ह उसका कन- कन वषय पर अ धकार

ह और उन वषय क बार म लखक को अ य सा ह य जटा सकन क स वधा ह तथा ानवधन का कोई और साधन भी सभव ह अथवा नह इन सब बात पर वचार करन क प चात फ चर का वषय नि चत करना चा हए

2 जो-जो फ चर क वषय हमन सोच ह उनक बार म हमारा अनभव कतना ह और उस अनभव को और कतना अ धक बढ़ाया जा सकता ह दसर क अनभव क आधार पर अ छा फ चर नह लखा जा सकता जब तक हमार पास कछ अपन अनभव नह ह ग तब तक दसर यि तय क अनभव क खर-खोट होन का पता भी तो नह लग सकता

3 फ चर लखक म नर ण-शि त का होना अ त आव यक ह नर ण-शि त का अथ कवल दख सकना ह नह कसी व त को दखकर उसक भाव को दयगम करना भी होता ह नर ण-शि त क सहायता स लखक उन त य

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तक पह च सकता ह िजन तक सामा य पाठक कभी नह पह च पाता नर ण-शि त क अभाव म फ चर क लखक म अपनापन नह आता फ चर का न अपना यि त व नखरता ह और न लखक का यि त व ह बनता ह पनी नगाह स दखन उस पर मनन करन तथा अपन न कष पर पह चन का सतत अ यास ज र ह

4 फ चर का मल आधार समाचार ह समाचार कवल पढ़ ह न जाए बि क फ चर क उपय त लगन वाल समाचार क कतरन भी एक होती रह समाचार फ चर क त य को आधार बनाकर जब लखक व न क रह य उनक स यता उनम तारत य का गठन दघटनाओ और व न का ताल-मल मनोरजक ढग स इस कार तत करता ह क व दय को छ जाए तब वह स पण फ चर बन जाता

ह इस कार का फ चर तयार करन म कछ समय तो लगता ह ह स पण फ चर तरत-फरत का लखन नह वह तो अ ययन अ यवसाय और लखन-चातर का चम कार होता ह स पण फ चर साम यक थानीय दश यापी सवदशीय नयतका लक और शा वत हो सकत ह व श ट फ चर म लखक क सा हि यक तथा व ा नक तर क क साथ-साथ खर वणन शल और नाटक यता का आ य लकर त य-क य को अ धक व तत सवदनशील आकषक तथा मनोरजक बनाया जता ह लखक उसक मा यम स पाठक को श ण भी दता ह पर त अ य प म जब क समाचार फ चर म कसी कार अथवा कसी प म श ण समा हत नह होता

75 फ चर लखन

751 फ चर लखक क यो यताए

फ चर लखक क कलम म रवानगी होनी चा हए िजसक लए तभा प र म और अनभव क वशष आव यकता ह अ छ फ चर-लखक म न न वशषताए अव य होनी चा हए- 1 फ चर लखक का भाषा पर पण अ धकार होना चा हए य द भाषा लखक क इशार

पर थरकती रहगी तो फ चर म ला ल य और तरलता का समावश हो सकगा 2 फ चर लखक का ान बहआयामी भी होना चा हए धम दशन स क त समाज

सा ह य इ तहास आ द क समझ फ चर को पण तथा तकसगत बनाती ह 3 फ चर को भावकार तथा मनोरजक बनान क लए आव यक ह क फ चर लखक

क पास क व-सा दय समी क-सा ौढ़ चतन इ तहासकार-सा इ तहास-बोध व ा नक-सी ता ककता समाजशा ी-सा समाज-बोध तथा यग टा क भा त भ व य को परखन क शि त हो

4 आध नक फचर कला म च कला तथा फोटो ाफ का वशष थान ह अत फ चर-लखक को रखाकन तथा छाया च क गहर पकड़ होनी चा हए ता क अपन फ चर क वषयव त क अन प वह उसम रखा च का समायोजन कर सक

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5 फ चर लखक को प रवश क त सजग तथा समसाम यक प रि थ तय क त जाग क होना चा हए ता क वह उन व वध वषय को अपनी स म ि ट स दख सक िजन पर रोचक फ चर लख जा सकत ह

6 फ चर लखक को अपनी आत रक वि त ान और अनभव पर व वास होना चा हए

7 फ चर लखक को अपनी आख तथा कान पर व वास रखत ह ए भाव अनभ तय एव नर ण-शि त का सहारा लकर फ चर तयार करन चा हए

752 फ चर लखन क तयार

1 फ चर लखक दसर लोग स सा ा कार भी करता ह और लोग क अनभव क जानकार ा त कर आलख तयार करता ह सा ा कार पर आधा रत लख म अनक त य जीवन क नचोड़ क प म मल जात ह अत अपन और अ य लखक क सा ा कार वषयक लख क कतरन जमा करनी चा हए य फ चर लखन म बड़ उपयोगी स होती ह

2 सरकार और वभागीय रपोट क व तत जानकार तो समाचारप म का शत नह हो पाती अनक रपोट म ऐस त य अ का शत रह जात ह जो बड़ मा मक और भावशाल होत ह

3 मान सक आधार पर गहन चतन कए बना थल आधार पर आडबर और प तक क अ ययन पर लगाया गया समय बकार ह रहता ह इस मान सक आधार को प ट करन क लए फ चर लखक को न न ल खत बात पर वशष यान दना आव यक हो जाता ह -

(1) फ चर का वषय ऐसा होना चा हए जो चकर हो लोकमानस को छन वाला हो इसक लए यह ज र ह क वषय समयो चत हो

(2) कछ वषय ऐस होत ह िजनका दायरा व तत होता ह और कछ का कवल थानीय थानीय वषय क फ चर म थानीय बात को ाथ मकता द

जाती ह उ ह को उभार दया जाता ह थानीय वषय स हटकर पाठक क च को यान म रख जो फ चर लख जात ह उनका ि टकोण व तत होता ह उनम सदभ भी ऐस नह दए जात जो कवल थानीय मह व क ह ऐस फ चर क भाषा म ऐस महावर का आना भी उ चत नह जो कवल आच लक कह जा सकत ह

(3) कस प -प का क लए फ चर लखा जा रहा ह इसका वचार लखक क मन म रहना चा हए यक प -प का का अपना अलग यि त व होता ह उसक अपन पाठक होत ह अ यास क कारण उन पाठक क एक कार क च बन जाती ह उनक दमाग कसी खास साच म ढल जात

ह अत यह आव यक ह क फ चर-लखक कसी वशष प क लए फ चर

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लखत समय उसक पाठक क वि त च और प क नी त का भी यान रख

(4) पाठक क च और प क नी त का यान रखत समय लखक को इस त य पर भी नजर रखनी चा हए क फ चर सामा य पाठक क लए ह न क वशष क लए सामा य ब क पाठक क स या अ धक होती ह और उ ह स कसी प क लोक यता आक जाती ह सामा य पाठक न फ चर पसद कया तो सम झए क फ चर लखक क कदर बढ़न क सभावना सभावना ह

(5) जहा तक फ चर क आकषण का न ह वह बह मखी हो न क अ त सी मत आकषण का आधार एकागी होन स पाठक क स या सी मत होगी और वह उ ह कम चगा मानव वभाव बह रगी ह उसक क त एक पता स ज द ऊब जाती ह उस व वधता म मजा आता ह इसी रह य को यान म रखकर फ चर म आकषण क व वधता लान का यास कया जाता

ह (6) फ चर का पाठक उसम समा हत स य और अनभव का पर ण करन को

आतर हो जाता ह अत फ चर म जो बात लखी जाए व पण प स यावहा रक होनी चा हए व ऐसी का प नक न ह िजनका कसी धरातल पर पर ण न हो सक य द ऐसा हआ तो पाठक का लखक पर स व वास उठ जाएगा और उसक क त भ व य म लोक यता खो दगी

753 भाषा शल और आत रक गठन

जब हम लखग तो हमारा लखन का अपना कोई ढग होगा वह ढग बढगा भी हो सकता ह और अ छा भी लखन का अ छा ढग ह शल बन जाता ह लखन कला प तक क लखक आचाय सीताराम चतवद क अनसार- लखन क अ छ शल वह ह जो लोक- योग स समि वत हो जो अपनी और अपन दश क जान पड़ िजसम श द का योग श ट और भावो पादक हो पाठक िजस भल कार समझ सक

सपादकाचाय बाब बालमक द ग त न एक सग म लखा ह- लखन क भाषा भी वह अ छ समझी जाती ह ज बोलचाल क भाषा हो मनगढ़त न हो उसी को महावरा भाषा कहत ह महावर का अथ बोलचाल ह भाषा का एक दोष ज टलता भी ह िजस वा य म ldquoअथात rdquo क ज रत पड़ती ह उसको सरल- व छ भाषा म लखन वाल कभी पस द नह करत एक अ य थान पर ग तजी न वचार कट कया ह- कसी दश क भाषा उस समय तक काम क नह होती जब तक उसम उस दश क मल भाषा क श द बह तायत क साथ शा मल नह होत rdquo

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भाषा और भाव क उ चत स म ण स शल बनती ह कसी व वान क मा यता ह क भावह न भाषा स भाव क सि ट नह हो सकती बना सयत भाषा क अ भ त भाव भी य त नह होता मोट तौर पर शल क दो कार ह-वणना मक और भावा मक एक म लखन का ढग वणन कर प लता ह और दसर म भाव क धानता होती ह इन दोन श लय का म ण भी हो सकता ह फ चर लखन म म त शल का योग ह अ धक उपय त होता ह हमार ग य क भाषा लया मक होनी चा हए उसम लय-ला ल य होगा तब वह आनददायक होगी भाषा-शल को गौण समझना उ चत नह पहल तो इस बात का मह व ह क जो कछ कहा जा रहा ह वह कस कस ढग स कस चतराई स और वह कसा चम कार उ प न करन वाला ह उसक प चात या कहा जा रहा हrdquo क मह व क गणना होती ह शल क आव यक गण ह - सरलता प टता सजीवता मम प शता और भावो पादकता इनक साथ ldquo वनोदrdquoका पट हो तो वह सोन म सहाग का काम करता ह बालक ण भ न एक थान पर लखा ह- ldquoसच पछो तो हा य ह लख क आ मा ह लख पढ़कर कद क कल क समान दात न खल उठ तो वह लख ह या rdquo इसक साथ ह यह कहना भी पर तरह ठ क नह क यि त ह शल ह अथवा शल ह यि त ह व वनाथ साद (ldquoभाषाrdquo ववद म त अक अग त 1964) क मा यता ह क शल क पण वकास क लए यह आव यक ह क लखक या क व अपन वषय म अपन आपको ब कल डबो कर अपन आपको ब कल भलकर रम जाए वषय क वणन म आ म वभोर ह ए बना शल का नखार कहा शल कार तो अपन यि त व का होम करक ह अपन को ब कल खपा करक वातावरण क व प अथवा वानभ त का यथावत अकन कर पाता ह फ चर लखन क शल म यि त व का दशन नह उसका गोपन अ धक आव यक अग माना जाता ह वषय सग प रि थ त और करण क अन प ह फ चर लखक श द का चयन और वा य का गठन करता ह यह लचीलापन ह शल को नखारता ह और यह उसम साद गण क व करता ह फ चर लखन क शल क बार म कपी नारायण का वचार ह ndash ldquoवह छोट नद क वाह जसी होनी चा हए फ चर क लए भावा मक शल का योग अ धक उपय त ह rdquo फ चर लखन क भावो पादक शल क लए स प म आव यक गण इस कार ह- 1 ldquoअरथ अ मत अ त आखर थोरrdquo - तलसीदास 2 साद गण आसानी स समझ म आ जाए 3 सा हि यक पट लए टकसाल तथा ओजपण भाषा 4 श द तथा वा य क अथ गौरव का ान और उसका श योग 5 कहन का अपनापन जो नवीन चटक ला सट क और मनोरजक हो 6 महावर कहावत और सि तय का सह योग 7 वा य का गठन सरल हो पर त ढ लापन लए ह ए नह 8 वा य क गठन म अनक पता

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9 श द वा य और वचार क पनरावि त न हो 10 परा न तो बह त छोट ह और न अ धक ल ब ह 11 जहा तक सभव हो परा क थम वा य म ह मह वपण नवीन वचार को थम थान

मल जाए 12 यक परा क गठन म भी व वधता जान पड़ 13 यक वा य और परा म कथन का तारत य बना रह 14 अनाव यक कछ न हो न भाव और न वा य 15 वषय क अन प कथन का प हो 16 तकनीक तथा द ह वा यावल तथा श द का कम स कम योग कया जाए 17 ामीण श द का योग न कया जाए तो अ छा सगानसार उनका कह योग कर

भी दया जाए तो बरा नह 18 भाव और भाषा म उलझन न जान पड़ 19 अनवाद भाषा का पण प र याग 20 भाव और भाषा क स कार क र ा का यान 21 शल प रमाजन क लए रचना का बार-बार पठन

754 शीषक

शीषक का नयापन उसक ताजगी और आकषण फ चर क स दय क अ भव म वशष सहायक होता ह शीषक लगाना क टसा य काय ह अनक बार यह दखा गया ह क हम नबध फ चर आ द तो लख लत ह क त स टक शीषक दत समय काफ परशानी महसस करत ह घट तक शीषक नह सझता व तत शीषक थोड़ स श द का सम चय ह िजसम स पण फ चर का मल क य या भाव हमार सामन कट हो जाता ह शीषक वय म स पण फ चर क वषयव त को सजोए रखता

ह सामा सकता अ छ शीषक का मख गण ह आज क इस या क एव ग तशील जीवन म पाठक क पास अ धक समय नह ह शीषक का ताजापन ह उसक च एव चतना को फ चर को पढ़न पर मजबर कर सकगा शीषक का साज-स जा क ि ट स भी मह वपण थान ह प ठ को आकषक तथा स चपण बनान म भी

शीषक का वशष योगदान होता ह अत इस म फ चर लखक को अपन ान और अनभव का परा उपयोग करना चा हए शीषक चनत समय इस बात का यान रखना चा हए क उसम पणता हो अपण तथा अ प ट शीषक फ चर क भाव को कम कर दत ह कछ लखक या सपादक उपशीषक का भी योग करत ह उपशीषक स फ चर क वषयव त शी ह प ट हो जाती ह अत सझबझ क साथ इनका योग भी करना चा हए

755 भ मका

भ मका आमख या इ ो फ चर का ाण ह यह फ चर का मखार वद ह चहरा ह फ चर का सार त व या म य त य का उ घाटन इस खड म तत करन क

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सामा य परपरा ह अ छा इ ो ह पाठक को परा फ चर पढ़न क लए मजबर करगा घ टया या साधारण तर का इ ो अ छ स अ छ फ चर का ldquoकालrdquo बन जाता ह ldquoइ ोrdquo क नाटक यता मनोरजकता भावना मकता अथवा आलका रता अनायास ह फ चर म सजीवता का सचार कर दती ह पाठक क िज ासा-वि त को जागत करन वाल थम पि त म ह पाठक को आक ट कर लन वाल तथा फ चर क मल उ य को प ट करन वाल इ ो ह ठ तथा तर य मान जात ह िजस कार कसी मन य स थम सा ा कार क समय उसक मख-मडल को दखकर उसक यि त व का अनमान करत ह और उसक छ व हम अपन दय म अ कत कर लत ह उसी कार आमख क मा यम स हम फ चर क आ मा स सा ा कार करत ह

756 व लषण

आमख क बाद व त ववचन या व लषण म फ चर क मल सवदना या क य क या या क जाती ह इसी क य भाव को ि टगत करता हआ तथा वचार क तान-बान बनता हआ लखक व भ न प र छद म लयय त म स अपनी बात-कहता चलता ह भाव या वचार क व खलता फ चर को ह का व भावह न कर दती ह अत लखक को इस बात का सदव यान रखना चा हए क उसक भाव या वचार-चतना मल त य या वषय पर ह क त रह वषय को अ धक प ट एव ामा णक बनान वाल त य एव वचार का ह इस खड म आकलन सकलन व थन

होना चा हए असब तथा वषयतर सग क समावश स फ चर पाठक क ि ट क पकड़ खो दता ह अत इस बार म नवो दत फ चर-लखक को वशष जाग क रहना चा हए

757 उपसहार

फ चर का अ तम भाग उपसहार या न कष कहा जाता ह इस खड म लखक कसी न कष पर पह चता हआ पाठक क िज ासाओ का समाधान कर दता ह या दशा सकत दकर बात समा त कर दता ह उपसहार भावो पादक होना चा हए

758 च ाकन

फ चर क साथ उसक वषयव त क अन प न श च या रखा च दन स आकषण और भावो पादकता बढ़ जाती ह अत फ चर लखत समय त सबधी काटन च आ द का योग करना चा हए आजकल रखा च च तथा काटन का चलन बह त बढ़ गया ह अत यह आव यक ह क फोटो ाफ क सामा य जानकार लखक प कार और सपादक को हो िजसस क वह च का चयन या उनको खचवान क यव था वय कर सक

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76 व भ न वधाओ स तलना फ चर और सपादक य लख नबध कहानी आ द म मौ लक अतर ह हाला क कछ वधाओ क त व फ चर म भी होत ह

761 नबध लख और फ चर

नबध (अ जी पयाय ldquoऐसrdquo) का अथ कसी वषय अथवा वचार स सब धत साम ी को बाधना या एक करना ह नबध म त अथवा व छद रचना ह ासीसी लखक- माइकल दमानतन ऐस या नबध क जनक मान जात ह वह नबध क मा यम स अपन ldquoमrdquo को सच सहज और सामा य तर क स य त करत ह उ ह का अनकरण कर नबध लखक का ldquoमrdquo खलकर खलता रहा बाद म नबध म ldquoमrdquo बह त कछ ल त हो गया अब उसम द नया का सब कछ होता ह सफ ldquoमrdquo नह लखक को मनमानी करन क छट होती ह वह वषय या वचार का बधन नह मानता नबध लखन मनमान या अनाड़ी ढग स श द का खलवाड़ नह ह वह ग य म अ भ यि त क ऐसी स और ऐसा कला मक स षण ह िजसम लखक अपन जीवनानभव और उपलि धय को जान या अनजान इस कार रखता ह क पाठक उसी भाव-भ म पर सचरण करन लगता ह उसम लखक का ldquoअपनापनrdquo प ट झलक वषय तो यि तगत अ भ यि त क बशाखी मा ह लख आध नक श द ह इसका योग अ जी श द ldquoआ टकलrdquo क पयाय क प म होता ह यह श द प का रता क वकास क साथ जड़ा हआ ह लख म म यत नवयि तक ढग स कसी वषय का ववचन होता ह नबध और लख म वशष अतर नह ह नबध म पा ड य का प अ धक नखरा हआ और भार भरकम होता ह लख बह त कछ ह कापन लए होता ह नबध थायी सा ह य का अग बन सकता ह और बन जाता ह लख क ि ट साम यक ह वह तरत-फरत वाल सा ह य क को ट म आता ह नबध लख और फ चर क तलना कर तो पाएग क नबध और फ चर दोन म ठ ग य क दशन होत ह दोन थायी सा ह य क को ट म पह चन क को शश म रहत ह दोन म आधारभत वषय-चयन क कोई सीमा नह नबध म ldquoमrdquo कसी न कसी प म झलकता ह फ चर म ldquoमrdquo होता ह नह और होना भी नह चा हए नबध म पा ड य क झलक अव य होती ह फ चर म पा ड य का लशमा दशन नह होता लखक और फ चर प का रता स अ धक सब ह लख और फ चर दोन का ह आधार साम यक को ट का होता ह फ चर तथा लख अ छ ग य क नमन होन चा हए दोन सचनापरक ह और इनका अपन-अपन कार स आकषक होना ज र ह लख क वषय व तत और गहन होत ह लख एक वषय को छता हआ अनक वषय को अपन दायर म समट लता ह लख म व व ता का पट होता ह वह

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शल और तपादन करन म अ धक गभीर होता ह पर नबध क तलना म कम लख औपचा रक होता ह कसी त य का तपादन करत समय अपना मत कट करना लखक का पण अ धकार ह नह ह उसस उसक अप ा क जाती ह फ चर अनौपचा रक ढग स लखा जाता ह फ चर लखक अपनी राय स त प म ह कट करता ह आलोचना करन का उसका तर का सीधा न होकर अ य होता

ह लख म त य तार ख और आकड़ का बाह य हो सकता ह लख क सीमा पर कोई तबध नह य द सीमा ह तो प -प का क आकार और सपादक क इ छा क अनसार फ चर का वषय नि चत और सक चत होता ह उसम अ धक त य और आकड़ का दया जाना ज र नह लख म च आव यक नह च और काटन फ चर क आव यक अग ह अनक फ चर च - धान होत ह फ चर म रगीनी और नाटक यता होनी ह चा हए फ चर-लखन क शल गभीर न होकर वनोद होती ह मन पर चोट और उस पर अ धका धक भाव डालन का गण उसम होना ज र ह फ चर का व प छोटा ह होना चा हए कसी एक वषय पर लख क लए िजतनी तयार क ज रत ह उसस कह अ धक मसाला फ चर क लए जटाना पड़ता ह लख क कारण वि त और वचारधारा पर अ धक रोशनी नह डाल जाती फ चर तो अ धकतर घटनाच और लोक- त या पर क त रहता ह स प म कहा जा सकता ह क लख और नबध मि त क क उपज ह तो फ चर दय क लख और नबध मानस-प ह फ चर ह दयत ी क झनकार

762 समाचार और फ चर

समाचार घटना का ववरण ह घटना वय म समाचार नह दसर तरफ फ चर का आधार समाचार ह फ चर समाचार नह ह व लयम एल रवस न ldquoद मास मी डयाrdquo नामक अपनी प तक म वचार य त कया ह क फ चर का जाल समाचार स बड़ा होता ह फ चर लखक पठनीय अनभव तत करता ह उसम सचना को उतना मह व नह दया जाता िजतना शल ला ल य और वनोद को ldquoइव ट ग टव रपो टगrdquo प तक क लखक ो कर टस डी मकडगल दोन म उ य का भद मानत ह फ चर समाचार को आ छा दत कर लता ह खोजी और या या मक समाचार पर भी फ चर छा जाता ह समाचारप म भी समाचार क तलना म फ चर को अ धक मह व दया जाता ह समाचार त यपरक होता ह फ चर उस समाचार को नया आयाम दता ह उसक पर ा और श य- या भी कर डालता ह दोन क लखन-शल म भद होता ह समाचार स त और खाई लए ह पर फ चर उसक तलना म अ धक रगीन और सजा-धजा इन दोन क ततीकरण म भी भद ह समाचार को ldquoअ य प षrdquo

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क प म लखा जाता ह फ चर को उ तम म यम अथवा अ य प ष क प म लख सकत ह फ चर म त य रगीन और सजीव होत ह चट ल तथा भावो पादक भाषा उसम प ठभ म तपादन और भावा मक ततीकरण का आधार होती ह फ चर लखक अ धक वमशक होता ह और समाचार लखक अ धक वणना मक फ चर का शा वत त व समाचार क णभगरता को लाघन वाला होता ह

763 कम और फ चर

कम श द प का रता म बह त य त होता ह इस श द का योग दरदशन अथवा आकाशवाणी पर यगत क वणन क साथ समी ा क प म होता ह अ जी का कमट श द ट का- ट पणी क अथ म य त होता ह इस श द स कम श द बना ह उसका अथ ह ldquo कसी त य का वणन करत ह ए आलोचना समी ा या ट का करना rdquo यन नक स का कहना ह क फ चर का बाकपन उसम न हत भावकता और ट का म ह कम म वणन और ट का ह पर भावकता नह लखन अथवा मौ लक वणन म त यपरक आलोचना का थोड़ा बह त अश हो तो पाठक या ोता को अ छा लगता ह कम म भावकता को थान दना उ चत नह फ चर म त य क या या और ट का क साथ भावकता का वशष पट होना आव यक ह

764 कहानी और फ चर

फ चर त य पर आधा रत ह पर कहानी क पना पर फ चर व वसनीय ह कहानी नह कहानी लखन भी सभी घटनाओ पर आधा रत हो सकता ह पर उस इतना तोड़ा-मरोड़ा और व पत कर दया जाता ह क न वह इ तहास रहती ह और न फ चर

765 सपादक य और फ चर

व लयम एल रवस क मा यता ह क सपादक य समी ा तथा अ य वचार लख स फ चर अलग होता ह यह भद ह कवल ldquoरायrdquo क अ भ यि त क कार म तकसगत नणय और वकालत म जो भद ह वह फ चर और सपादक य आ द म फ चर-लखक त य को तोलता ह उनक आधार पर वकालत नह करता वह पाठक को फसलाता नह वरन उसक ान म व करता ह सपादक य स फ चर कह मल खाता ह कह नह उनका मल तो वह तक ह जब व समाचार क त य का व लषण करत व श टता दान करत अथवा उ ह छपात ह फ चर सपादक य स तब भ न हो जाता ह जब उसम त य का न प ता स सव ण कया जाता ह सपादक य म लखक क वचार और मत पर वशष जोर रहता ह फ चर इसक वपर त ह उसका लखन अपन वचार का धनी तथा अपन मत का ढ़ता स तपादक नह जान पड़ता ह सब कछ होत ह ए भी उसम ldquoअपनापनrdquo नह होता सपादक य ldquoलोकनताrdquo ह फ चर ldquoजनसवकrdquo

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766 अ य वधाए और फ चर

फ चर क तलना कहानी नाटक स मरण और रपोत ज स कदा प नह क जा सकती हा यह अव य ह क लखन क इन वधाओ क झलक फ चर म यथा सग आ सकती ह ऐसा करन स फ चर अ धक रोचक और भावी बन जाता ह पर फ चर म इनका योग बह त ह कम मा ा म और उपय त करण को अ धक नखारन क साधन क प म करना चा हए जस मख का स दय ललाट कपोल अथवा चबक क एक दो तल बढ़ा दत ह वस ह इन वधाओ म एक दो का स त योग फ चर क शोभा क व कर दता ह मख पर छाए अ धक तल िजस कार उसको क प कर दत ह उसी तरह फ चर म ऊपर द गयी वधाओ क अ धक मा ा उसक व श टता को समा त कर दती ह य द हम यह कह क जस मख और तल क तलना करना हा या पद ह वस ह फ चर क कहानी नाटक स मरण और रपोताज स कसी तरह क तलना करन का यास भी

बोध न- 2 1 मा मकता और सवदनशीलता फ चर का ाण ह इस कथन स या आप सहमत ह तक स हत उ तर द िजए helliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphellip helliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphellip2 फ चर लखन शल क आव यक गण बनाइए helliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphellip helliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphellip3 नबध और लख स फ चर क तलना क िजए helliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphellip helliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphellip

77 फ चर क वषय प रवश क यापकता क कारण फ चर लखन क लए भी व भ न वषय चन जा सकत ह मानवीय जीवन क व वध पहलओ पर फ चर लख जा सकत ह तथा जन च क अनक को फ चर का वषय बनाया जा सकता ह सामािजक आ थक राजन तक धा मक

सा क तक पौरा णक आ द क व भ न वषय पर ठ फ चर लख गए ह च ा मक तथा य या मक फ चर आज वशष लोक यता अिजत कर रह ह क ह कपी नारायणन न फ चर क तीन मख भद का ववचन कया ह - यि त व फ चर यौहार फ चर तथा च ा मक फ चर पीडी टडन न पौरा णक फ चर का भी उ लख कया ह

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मनाथ चतवद न फ चर क दो मख भद कए ह -समाचार धान और व श ट तथा इ ह दो भद म सम त कार को समा हत कया ह यावहा रक ि ट स फ चर क अनकानक भद कए जा सकत ह कछ म य भद क चचा यहा क जा रह ह-

771 यि त व फ चर

यक यग म ऐस महान प ष न ज म लया ह िज ह न वशष म मह वपण उपलि धया ा त क ह उन पर फ चर लखन का सामा य चलन ह

772 समाचार फ चर

ऐस फ चर का मल आधार समाचार ह होता ह य फ चर कथा मक गठन क कारण लोक य होत ह घटना का पण ववचन- व लषण इसक अतगत कया जाता ह समाचार तो अपन आप म सचना मक होता ह कत समाचार फ चर उस समाचार क सदभ म यापक जानकार उसक व वध प एव वि तय को समा हत करत ह ए दता ह

773 योहार सबधी फ चर

हमार दश क स क त यौहार बह ल स क त ह व भ न जा तय स दाय क अपन-अपन यौहार एव पव ह िजनक पीछ एक सद ध सा क तक परपरा रह ह होल द पावल ईद समस आ द पव पर ऐस फ चर लख जात ह इनम पव क मल सवदना एव उनक पौरा णक सदभ को तत करक आध नक सदभ म उसक या या- व लषण करन क व त रहती ह

774 र डयो फ चर

र डयो फ चर समाचारप तथा प काओ म का शत होन वाल फ चर स सवथा भ न वधा ह इसक शल एव व प म भी पया त भ नता ह इस भ नता का मख कारण यह ह क जहा प -प काओ म का शत फ चर पढ़न क लए होत ह वह र डयो फ चर सारण क लए होत ह इस कारण इसम सगीत तथा व न-प काफ बल होता ह लारस म लयम न फ चर को ldquoव त का र डयो नाटक य

ततीकरणrdquo (र डयो म टक जटशन ऑफ एि ट वट ) कहा ह लई मकनीस क धारणा ह- र डय फ चर कसी ग त व ध का नाटक य ततीकरण ह कत इसम लखक क रपोटर या फोटो ाफर स कछ और अ धक होना चा हए उस अपनी यथाथ साम ी का चयन काफ ववक स करना चा हए तथा उसक बाद उस इस कार नय त करना चा हए क वह एकल नाटक य भाव क अनकल हो सक भारत म ऑल इ डया र डयो क रपोट म फ चर क प रभाषा इस कार द गयी ह- ldquoफ चर काय म सचनाओ तथा मनोरजन को तत करन क सभी उपल ध साधन एव सारण क तर क को चकर प स तत करन क व ध ह rdquo हद सा ह य कोश म ldquoर डयो फ चरrdquo का इ तहास इस कार दया गया ह- ldquoफ लयस

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फ टन क अनसार बीबीसी म ldquoफ चरrdquo नाम ldquoडाकम rdquo क लए यव त होता ह आज स लगभग 30 वष पहल बीबीसी म ldquoफ चर नाम क रचनाए नह होती थी ल कन बीबीसी का नाटक वभाग र डयो टकनीक क सबध म नए-नए योग कर रहा था उस वशष अवसर क लए काय म का आयोजन करना पड़ता था इन काय म क सचनाए ldquoर डयो हाइलाइटrdquo या वशष काय म शीषक स समाचारप म द जाती थी उसी कार बीबीसी क वशष काय म क सचनाए प म नकलती थी इ ह लोग ldquoफ चड ो ामrdquo कहत थ बोलचाल म ldquoफ चडrdquo क ldquoडrdquo का लोप हो गया और उस ldquoफ चरrdquo ो ाम कहन लग rdquo र डयो फ चर का अ यत यापक ह इसक मा यम स हम महाप ष क जीवनी - वशष क सा क तक जीवन-झाक ऐ तहा सक थान का प रचय आ द पा

सकत ह

775 च ा मक फ चर

च क मा यम स अपनी बात कहन क वि त आज पाठक म काफ लोक य हो रह ह ऐस फ चर म च ह अपनी बात कहत ह श द क आव यकता काफ कम पड़ती ह च का चयन इस कार स कया जाता ह क िजसस व वत ह अपनी कथा या मलकथा को प ट कर दत ह च को आपस म जोड़न क लए तथा कथा का तारत य बनाए रखन क लए कभी-कभी च क साथ शीषक द दए जात ह ल कन यहा च ह धान होत ह शीषक नह

776 य या मक फ चर

सामािजक ओर राजन तक जीवन म घ टत होन वाल घटनाओ पर य य करत ह ए सरस और चट ल भाषा म हा य का पट दकर लख गए फ चर इस को ट म आत ह इनक पीछ एक वशष ल य या उ य रहता ह य य य मा छ टाकशी या च र -हनन का यास न होकर सामािजक राजन तक जीवन क वषमता व पता और असग त दखान क लए लख जात ह इनक मल म सधार क भावना रहती ह ldquo ठठरता हआ गणत rdquo ह रशकर परसाई का ऐसा ह य य फ चर ह

777 या ा फ चर

या ा फ चर क कई प और उ य होत ह सला नय को दशनीय थल और स वधाओ क जानकार दन क लए लख गए फ चर क मकाबल मानसरोवर या ा क दौरान ह ई अनभ तय का वणन- व लषण अ धक साथक और पठनीय होगा यह लखन या ी पर नभर करता ह क वह या ा क दौरान या दखता सनता ह उसक उस पर या त या होती ह और उस वह यापक सदभ स कस जोड़ता ह यह जड़ाव ह फ चर को व श ट बनाता ह

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778 मानवीय च वषयक फ चर

मानवीय पहल पर लख गय फ चर आज वशष लोक य हो रह ह व लयम रवस क अनसार ldquoमानवीय च क फ चर व ह िजनस पाठक भावना मक प स जड़ा हो और जो पाठक को उ तिजत या हतो सा हत कर ो धत या स न कर ओर उसम सहानभ त या अ च उ प न कर ldquo मानवीय च क अनकल लख गए फ चर भाव धान होत ह जो का णक मा मक तथा अनभ तपण हो सकत ह य फ चर पाठक क सवदनाओ को उ ी त करत ह व तत यह अ यत यापक एव व तत ह तथा अपराध म रोमास फशन वा य मानवीय सम याओ आ द वषय पर लख गय फ चर इसक लोक य

हो सकत ह

779 ऐ तहा सक फ चर

अतीत क घटनाओ क त मन य क दय म वाभा वक उ सकता रहती ह ऐ तहा सक यि तय घटनाओ और मारक आ द पर भावपण ऐ तहा सक फ चर लख जा सकत ह इन भद क अ त र त फ चर क कछ और भद कए जा सकत ह जस- राजनी तक फ चर ड़ा जगत सबधी फ चर पौरा णक फ चर आ द

78 साराश सामा य समाचार क आधारभत या न कौन या कब कहा य और कस क बाहर अथवा पर हटकर जानकार दन वाला और मानवीय प को वह तर प र य म तत सवदनशील रचना को फ चर कह सकत ह इसम त य रगीन और सजीव होत ह भाषा चट ल और असरदार होती ह फ चर कसी भी वषय पर लखा जा सकता ह सदभ और वि तय क ओर सकत करन वाला अनभवा त यह लखन मम पश होता ह पाठक

घटना- धान समाचार को आसानी स भल जाता ह ल कन अ छ फ चर को नह य फ चर समाचारप को जानदार और अ धक पठनीय बनात ह

79 श दावल फ चर (Feature) - पक फ चर का शाि दक अनवाद हो सकता ह और अनक लखक पक लखत भी ह ल कन पक अलकार और नाटक क अथ म ढ़ हो चका ह फ चर श द चलन म आ गया ह इस लए फ चर को फ चर ह कहना और लखना चा हए इ ो (intro) - समाचार क तरह फ चर का भी आमख या इ ो होता ह उप-शीषक (Sub-Heading) - समाचार म उप-शीषक दन क परपरा नह ह ल कन फ चर म बीच-बीच म उप-शीषक दय जा सकत ह हाला क यह अ नवाय नह ह फोटो फ चर - फोटो फ चर म फोटो- च मख होत ह और शीषक या स त आलख गौण य अ त र त जानकार दन और च को एक स म बाधन का काम करत ह

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710 कछ उपयोगी प तक फ चर लखन- मनाथ चतवद काशन वभाग भारत सरकार नई द ल पक लखन - डॉ जभषण सह आदश म हद थ अकादमी भोपाल

सपादन कला - कपी नारायणन म हद थ अकादमी भोपाल Feature With Flair - Brin Nichalls Vikas Publications New Delhi Feature Writing for Newspapers - Demiel R Williamson Writing and Selling Feature Articles ndash Helen M Paterson Mass Communication and Journalism in India ndash DS Mehta Allied Publications New Delhi

711 अ यासाथ न 1 फ चर क व प को प ट करत ह ए समझाइए क नबध स वह कसी प म भ न

ह 2 आपसी ि ट म आदश फ चर क मख वशषताए या ह 3 फ चर को वषयानसार कन वग म बाटा जा सकता ह 4 अपनी च क कसी वषय पर स त फ चर ल खए

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इकाई-8 समी ा लखन

इकाई क परखा 80 उ य 81 तावना 82 समी ा-अथ एव व प 83 समी क स अप ाए 84 समी ा कस कर

841 समी ा लखन का मा यम 842 समी ा लखन क या

85 समी ा लखन क कार 851 या या मक समी ा 852 ऐ तहा सक समी ा 853 आ मच रतमलक समी ा 854 मनो व लषणा मक समी ा 855 भाववाद समी ा 856 समाजशा ीय समी ा 857 सौ दया वषी समी ा

86 मी डया म समी ा लखन 861 प तक समी ा 862 फ म समी ा 863 ना य समी ा 864 कला समी ा

87 साराश 88 कछ उपयोगी प तक 89 अ यासाथ न

80 उ य इस इकाई म आप समी ा लखन क मह व एव तकनीक क सबध म व तार स जान सकग इकाई क अ ययन क बाद आप- समी ा क अथ एव व प को जान सकग समी क स या अप ाए रखी जा सकती ह इसस प र चत हो सकग समी ा लखन कस कर इस वधा को जान पाएग

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समी ा का मा यम और समी ा क या स अवगत हो सकग समी ा क व भ न कार को समझ सकग मी डया क व भ न मा यम क लए समी ा लखन क व प को जान सकग आप समी ा लखन म कशलता ा त कर एक यो य समी क बन सकग

81 तावना समी ा श द क न प त सम उपसग क साथ ई दशन धात स भाव वाचक आ यय स ह ई ह िजसका अथ स यक दशन ह समी ा क अ य च लत श द आलोचना समालोचना मीमासा ववचन परामश त या वषण गण-अवगण पर ा जाच परख समावलोकन मानदड पमाना आ द ह समी क का आशय आलोचक कला समालोचक कला समी क पर क पारखी ववचक वमश और समालोचक स ह आलोचना श द स कत क लच धात स बना ह लच क अनक अथ ह- 1 दखना (न स) 2 इ य मा स या मन स हण करना या समझना 3 का शत करना अथात िजसस दखा जाए िजसस कछ प ट हो या का शत हो उस लोचन कहत ह लोचन क पव आ क उपसग लगता ह िजसम अ क lsquo कrsquo का लोप हो जान स आलोचना श द बनता ह आ का अथ ह चार ओर स अत समालोचन का अथ ह कसी वषय क पण जानकार ा त करना उस पर वचार- वमश करना उसको प ट करना तथा गण-दोष का ववचन कर अपना मत कट करना आलोचना म सम उपसग स समालोचन श द बनता ह िजसका अथ ह स यक प स आलोचना करना अ जी क ट स म श द क मल धात ाइटस ह िजसका

आशय अलग करना नणय करना या म याकन करना ह व तत यह समी ा का मल आधार ह मी डया म समी ा लखन का अपना व श ट थान ह समी ा लखन ह वह मा यम ह िजसक वारा कसी क त वशष का म याकन कर उसक वचार स पाठक को अवगत कराया जाता ह

82 समी ा - अथ एव व प समी ा का ता पय कसी प तक अथवा क त का अ ययन कर उसक गण-दोष का ववचन करना ह इस या म समी क अपन मत का भी उ लख करता ह एनसाइ लोपी डया ऑफ ट नका क अनसार समी ा सा ह य अथवा ल लत कला क कसी स दया मक प क वशषताओ तथा म य स नधारण क कला ह यह उ त नधारण को यवि थत करन तथा उसक समथ अ भ यि त म न हत ह व तत समी ा का काय रचनाकार क उ य क त क गण-दोष तथा रचना क वारा मन पर पड़ भाव का अकन ह समी ा इस कार का मा यम ह िजसक वारा क त वशष का व भ न भावभ मय और मनोभावनाओ क आधार पर म याकन कया जाता ह और उसम न हत सदश तथा वचार को पाठक क स मख कट कया जाता ह

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समी ा क अथ एव व प को भारतीय और पा चा य व वान न इस कार प रभा षत कया ह- ldquoसा ह य म थ को पढ़कर उसक गण और दोष का ववचन करना और उसक सबध म अपना मत कट करना आलोचना कहलाता ह य द हम सा ह य को जीवन क या या मान तो आलोचना को उसक या या क या या मानना पड़गा rdquo

डॉ याम स दर दास ldquo थाई समी ा वह होती ह िजसम क व क वचारधारा म डबकर उसक वशषताओ का द दशन तथा उसक अतवि तय क छानबीन क जाती ह rdquo

प रामच श ल ldquo कसी व त या वषय क सभी अश पर अ छ तरह वचार करना ह समी ा ह rdquo

- आचाय महावीर साद ववद ldquoस य शव स दरम का सम चत अ वषण पथ करण तथा अ भ यजना ह स ची समी ा ह

- आचाय नद दलार वाजपयी ldquoआलोचक क थापना एक कार स नणायक क थापना ह

- रचडसन साराश म कहा जा सकता ह क समी ा क मा यम स हम क तकार क उ य क त क गण-दोष तथा रचना क मन पर पड़ी त या को य त करत ह

83 समी क स अप ाए समी क सा ह य का हर होता ह कसी क त क समी ा करना आसान काय नह ह समी क को अपन प रवश क त पण जाग क रहत ह ए अतच ओ क मा यम स क त क अतरा मा म वश करना होता ह समी ा लखन म समी क स न न अप ाए क जा सकती ह- 1 समी क म क व क -सी कोमलता चतन क गहनता और भाव हता होनी चा हए ता क

वह क त वशष क त य को भल भा त समझ कर उस य त कर सक 2 समी ा क ता ककता पणता तथा स यक ववचना समी क क यापक अ ययन एव

वषय- ान पर नभर करती ह अत आव यक ह क वह व वध शा एव वषय का ाता होता हो

3 समी क को पवा ह स म त होना चा हए 4 समी क सा ह य क ात-अ ात साम ी स पाठक को प र चत कराता ह वह लखक य

वचार और सवदनाओ को भी कट करता ह 5 समी ा को भावी बनान क लए आव यक ह क समी क क शल ला ल यपण सरस

भाव धान एव गभीर हो 6 समी ा सहज मानवीय म य क कसौट पर आधा रत होनी चा हए

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7 प तक-समी क नाटक समी क और फ म समी क को नभ क होना चा हए वयि तक च-अ च स ऊपर उठकर उस वा त वक म याकन करन का यास करना चा हए पा चा य व वान न समी क म न न ल खत गणआव यक मान ह- 1 स नि चतता 2 वात य 3 सझ 4 ठ वचार 5 उ साह 6 हा दक अनभ त 7 गभीरता 8 ान 9 अथक प र म

84 समी ा कस कर lsquoसमी ा लखनrsquo का काय सरल एव सगम नह ह समी क प डत होन क साथ-साथ रस भी होता ह अ भनव ग त और व वनाथ न समी क को स दय कहा ह राजशखर क श द म- ldquoसमी क म क व क वामी म श ट आचाय आ द होन क मता होनी चा हए समी ा लखन क लए कोई नि चत नयम या वधान नह ह यह समी क क तभा एव उसक लखन-शल पर ह नभर करता ह

841 समी ा लखन का मा यम

समी ा क लए सव थम यह यान रखना आव यक ह क वह कस मा यम क लए क जा रह ह अथात वह द नक समाचारप क लए ह या सा ता हक अथवा मा सक प क लए समी ा य द र डयो क लए ह तो उस र डयो क आव यकताओ क अन प लखा जाएगा द नक समाचारप म सामा यत र ववार को समी ाओ का काशन कया जाता ह समी ा स पव यह यान रखा जाना चा हए क समाचारप वशष साधारणत समी ा क लए कतना थान नधा रत करत ह सी मत थान होन पर आव यक ह क कम श द म ह समी ा का मल क य कट कर दया जाए सा ता हक एव मा सक प हत समी ा क लए भी समाचारप क नी त का पव ान आव यक ह र डयो एव टल वजन क लए समी ा हत ाय दस मनट का

समय दया जाता ह िजसम एक स तीन प तक क समी ा कराई जाती ह य द समी ा हत तीन प तक ह तो मह वपण प तक क समी ा पहल क जानी चा हए तथा उस अ धकतम पाच मनट तक का समय दया जा सकता ह इल ॉ नक तथा म त मा यम क समी ा-प त म वशष अतर होता ह इस अतर को भी समी क को यान म रखना चा हए समी ा करत समय यह भी यान रखा जाना चा हए क हम कस समह या वग क लए समी ा लख रह ह

842 समी ा लखन क या

समी ा करत समय हम वतमानकाल न प रवश को यान म रखत ह ए क त वशष क रचना-काल पर वचार करना चा हए सामा यत प तक पढ़त समय आव यक नो स अलग स एक कागज पर लख लन चा हए ता क प तक को बार-बार पढ़न क आव यकता न पड़ प तक पढ़त समय उसक मल क य को पकड़न या खोजन

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का य न करना चा हए प तक िजन उ य को लखर लखी गई ह उसक नवाह म लखक क सफलता कस सीमा तक रह ह यह भी मह वपण प ह यह बात नाटक एव फ म समी ा करत समय यान म रखना चा हए लखक क वचार क अ त वरोध नवीन योग उसक यावहा रकता भाषागत वाह अ भ यि त अथ-बोध आ द प पर वचार करत ह ए समी क को क त का म याकन करना चा हए प टत समी ा का अ य त यापक ह तथा समी क का काय बह त दा तय वपण ह कसी क त क अ त न हत मल चतना समी क वारा उ घा टत होती ह

85 समी ा लखन क कार डॉ यामस दर दास क श द म ldquoसा ह य जब अपन व प का व लषण करन लगता ह तब समी ा का ज म होता ह समी ा क अनक प तया स कत क सा हि यक पर परा म दखन को मलती ह इनम आचाय-प त ट का-प त शा ाथ-प त सि त-प त खडन-प त लोचन-प त आ द मख ह समी ा लखन को हम दो भाग म बाट सकत ह-पहला स ाि तक तथा दसरा यावहा रक स ा तक समी ा सा हि यक स ात पर आधा रत होती ह िजसम भारतीय का यशा क मख स ात यथा अलकार- स ात व ोि त- स ात र त- स ात औ च य- स ात व न- स ात आ द मख ह यावहा रक समी ा म समी य रचना क वषय- व प जीवन- ि ट उ य मौ लकता दशकाल रचनाकार क जीवनी का य का कला-प एव भाव-प आ द व वध प क ववचना क जाती ह इसम समालोचना क ऐ तहा सक जीवनच र मलक मनोव ा नक समाजशा ीय भावा भ यजक आ द समी ा-प तया आती ह

स प म कछ मख समी ा लखन प तया इस कार ह-

851 या या मक समी ा

सभी कार क समालोचना-प तय क वकास का मल या या ह रह ह या या वारा ह आलोचक सामा य स ात नधा रत करत ह और या या वारा ह नधा रत स ात क कसौट पर कसी क त का म याकन करत ह इस कार क समी ा म आलोचक यायाधीश क भा त काय न कर एक अ वषक क भा त काय करता ह तथा कलाकार वारा क त वशष म य त त य को प ट करता चलता ह

852 ऐ तहा सक समी ा

सा ह यकार क समाज- नरप तथा एकाि तक यि त व क क पना नह क जा सकती य क उसक मनोभावनाओ क नमाण म दश क त काल न सामािजक राजनी तक आ थक और सा क तक प रि थ तय तथा वातावरण का योग रहता ह अ जी इ तहास- लखन टन न यह माना ह क जा त प रि थ त और व श ट

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यग क चतना स रत होकर सा ह यकार अपन सजन-ससार म वश करता ह व भ न समय म लखन क रचना- वधान म व व य का कारण व भ न यग-चतनाए ह ह टन क यह ि ट ऐ तहा सक समी ा-प त क मल भि त ह

853 आ मच रतमलक समी ा

डॉ जानसन न आलो कय क वय क जीवन का समय क तय क साथ जोड़ा ह स ट यव न कहा क िजस कार फल पड़ क मल का व तार ह उसी कार क त भी उसक रच यता क मान सकता का मत व प ह अत यह समी ा-प त इस त य को वीकार करती ह क जब तक लखक क जीवनी का अ ययन नह कया जाता तब तक क त क समी ा क साथ याय नह हो सकता आ मच रत-मलक समी ा लखक क उस जीवन- म को समझान म सहायक होती ह िजसस क त वशष क रचना सभव हो सक ह

854 मनो व लषणा मक समी ा

मनो व ान क आधार पर आलोचक न क तकार और उसक च र का व लषण करन का यास कया ह इस आधार पर उ ह न उन त य क खोज क ह िजनस रत होकर लखक ऐस सा ह य का सजन करन म स म होता ह इस प त क आलोचक ायड क वचारधारा स वशष भा वत हrsquo

855 भाववाद समी ा

इस प त म आलोचक समी य क त क अपन मानस पर पड़ भाव को अ भ यि त दन लगता ह क त क बा य एव आ त रक प प पर उसका वशष यान कि त नह होता ह

856 समाजशा ीय समी ा

मा सवाद स हमारा जीवन काफ भा वत हआ ह सा ह य का म याकन भी जब मा सवाद धाराओ क प र य म होन लगा तो इस समी ा-प त का वकास हआ

857 सौदया वषी समी ा

कसी रचना क स दय स भा वत होकर स दयशा क नयमानसार उसका म याकन इस प त क अतगत कया जाता ह

86 मी डया म समी ा लखन ट मी डया एव इल ॉ नक मी डया म समी ा लखन को यापक थान मलन लगा ह

आज पाठक समी ा लखन क मह व को जानन लगा ह समी ा जीवन तथा सजन क स य का सा ा कार ह उसका उतना ह यापक ह िजतना जीवन का जीवन क भा त समी ा नर तर ग तशील रहती ह और दश तथा काल क अनसार उसका प बदलता रहता ह सजन और समी ा क म य पर पर टकराहट क साथ वक सत और सशो धत होत रहत ह जस-जस

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समाज और राजनी त बदलती ह अथवा ान- व ान का समाजशा और अथशा बदलता ह वस-वस समी ा ि ट भी बदलती रहती ह समी ा लखन का सामा य अथ ह कसी व त यि त क त घटना सम या न व श ट सा ह य आ द पर सोचना समझना दखना परखना नणय करना आ वादन करना और म य नधारण इस कार समी ा लखन म तीन मह वपण बात ह- 1 कलाक त का आ वादन 2 ववचन- व लषण क गहनता 3 म य नधारण क मता हम यहा पर समी ा लखन क अतगत मी डया म वशष प स च लत प तक समी ा नाटक समी ा फ म समी ा और कला समी ा पर ह ववचना करग

861 प तक समी ा

प तक समी ा क अतगत कसी प तक क स यक पर ा और व लषण कया जाता ह इसस पाठक को प तक वशष क बार म जानकार ा त होती ह प तक समी ा का आशय कवल प तक का प रचय या उसक वषय-व त का सार मा नह ह उसम समी क क आलोचना मक ि ट भी होती ह त व वशष क आधार पर प तक समी ा क अनक कार हो सकत ह- 1 प रचया मक 2 म याकनपरक 3 व लषणा मक 4 स त या व तत 5 मी डया क आधार पर 1 प रचया मक प तक समी ा- प तक-समी ा क यह सरल और लोक य प त

ह इसम प तक का प रचय ह म य प स दया जाता ह आलोचना और म याकन पर अ धक बल नह दया जाता वस स त प तक-प रचय तो सभी कार क प तक-समी ाओ म रहता ह पर त इस कार क समी ा म यह त व म यत होता ह अत इस कार क समी ा को प रचया मक प तक-समी ा कहत ह

2 व लषणा मक प तक समी ा- इसम प तक क स त क साथ व णत वषय ततीकरण और भाषा-शल को लकर व लषण तत कया जाता ह इस

कार क समी ा वारा प तक क व तत जानकार द जाती ह समी क इस कार क समी ा म प तक क वशषताओ और उसक सीमाओ का भी रखाकन करता ह व लषण करत समय वह अपनी वय क जानकार का भी उपयोग करता ह

3 म याकनपरक प तक समी ा- इस कार क समी ा म स त प तक-प रचय एव स त व लषण क साथ म यत प तक का म याकन हो सकता ह परत वहा वह म य त व क प म नह होता म याकन का अथ यह नह ह क समी क यायाधीश क तरह अपना नणय द द म याकन क अतगत वह तक पण ववचन तत करता ह

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4 स त या व तत समी ा प तक- समी ा आकार क स त भी हो सकती ह और व तत भी आकार क आधार पर वह स त या व तत प तक समी ा कहलाएगी

5 मी डया क आधार पर प तक समी ा- प तक-समी ा य द प -प का म काशन हत तयार क जाती ह तो वह काशनाथ समी ा होती ह और का शत

हो जान पर का शत समी ा कहलाती ह दरदशन और आकाशवाणी पर प तक-समी ा का सारण कया जाता ह अत वह सा रत समी ा होती ह

एक अ छ और सफल प तक समी ा म न ना कत वशषताओ का होना अप त ह- 1 तट थता 2 व त न ठता 3 क ब द 4 ास गकता 5 भाषा शल 6 सौह ता और 7 नजता 1 तट थता- एक अ छ प तक समी ा म तट थता का होना आव यक ह उस पर

समी क क वशष वचारधारा एव पवा ह का भाव नह होना चा हए 2 व त न ठता- प तक समी ा म व त न ठा ह होना आव यक ह समी ा का

क - ब द प तक को होना चा हए ऐसा न हो क समी क आलोचना शा तकजाल व- व वता लखक क न दा- त त आ द क बयावान म भटक कर रह जाए

3 क - ब द- समी क प तक क क - ब द पर यान रख उस इस क - ब द स बह त दर नह चल जाना चा हए क - ब द को उभारन का लगातार यास उस करना चा हए

4 ास गकता- समी ा का ास गक होना वा छत ह बह त परानी कताब क समी ा ाय नह करनी चा हए नई कताब क समी ा भी य द दर स का शत या सा रत

होती ह तो पाठक क उसम अप त च नह रहती 5 भाषा शल - प तक समी ा सरल परत तर य भाषा-शल म तत क जानी चा हए

सामा य पाठक ोता दशक उस सहज क समझ सक इस बात का यान रखा जाना चा हए

6 सौह ता- प तक समी ा म सौह यता का होना अप त ह प तक समी ा क भाव म आकर ह कोई उस प तक को पढ़न या न पढ़न क सोचना ह अत समी ा म सौह यता का गण होना चा हए

7 नजता- हर समी क क लखन शल समी ा-प त ि टकोण व लषण का तर का भ न होता ह यह समी क क अपनी नजता होती ह नए समी क को अपन आप म इस गण को वक सत करना चा हए एक यो य और कशल प तक समी क बनन क लए उसम क तपय गण या वशषताओ का होना ज र ह न न ल खत गण को नर तर अ ययन अ यास नर ण वचार- वमश आ द क मा यम स वक सत कया जा सकता ह- 1

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वशष ता 2 सामा य ान सप नता 3 तट थता 4 रचना मक ि टकोण 5 व त न ठ म याकन 6 तकनीक का ान अ धकाश समाचारप -प काओ म समी ा का यह सामा य नयम ह क समी य प तक क दो तया प क कायालय म षत क जाए साधारणत प तक क एक त कायालय क प तकालय हत रखी जाती ह तथा दसर समी क क पास भजी जाती ह कछ ति ठत प क नी त भ न कार क ह य प समी ा हत प तक आम त नह करत वरन समय-समय पर वय ठ प तक का चयन करक उनक समी ा करवान का बध करत ह समी ा का व प भी भ न- भ न प काओ म भ न- भ न होता ह कह -कह समी ा काफ स त द जाती ह (द नक प म वशष प स) तो कह व तारपवक आलोचना मक पर ण कया जाता ह इस म आकाशवाणी क भ मका भी उ लखनीय ह नई क तय क समी ा का सारण करन क यव था आकाशवाणी क अनक क पर ह समी ा- त भ प ठ क स जा भी व भ न प म दखन को मलती ह कछ प काओ म समी य प तक का ववरण- जस प तक का नाम सपादक या लखक का नाम काशक म य प ठ-स या आ द प ठ क नीच दया जाता ह तो कह समी ा-साम ी क म य म भी दो समाना तर रखाए खीचकर यह तत कया जाता ह स जा क भावो पादकता क अन प इसका थान नधा रत कया जा सकता ह कह -कह समी य प तक का स त लाक भी का शत कया जाता ह समी ा करत समय समी य प तक क मल सवदना का यजक शीषक भी कभी-कभी द दया जाता ह वतमान यग म समाचारप -प काओ क काशन क बाढ़ सी आ गई ह लगभग सभी मख द नक समाचारप - सा ता हक पा क मा सक मा सक आ द प काए समी ा क नए प रव तत तवर तत कर रह ह राज थान क व श ट समी ा मक प काओ म मधमती लहर शोध-प का वरदा म भारती राज थान भारती आ द का अपना व श ट थान ह वह रा य प -प काओ म द नक ह द तान ह द तान टाइ स नवभारत टाइ स जनस ता राज थान प का टाइ स ऑफ इ डया इ डयन ए स स आ द क र ववार य एव अ य वशष स करण तथा ानोदय हस इ डया टड अहा िजदगी आलोचना नवनीत सा ा कार आजकल कादि बनी आ द प काए समी ा-सा ह य को वक सत ो सा हत एव रत करती ह ई और मह वपण दा य व नभाती ह ई

स सा ह य- नमाण क माग को श त कर रह ह कर आ द कछ प काए तो मा समी ाओ का ह काशन करती ह

862 फ म समी ा

फ म मी डया का एक सश त मा यम ह आज कबल क वारा टल वजन घर-घर म पह च गया ह फर भी फ म क लोक यता म कोई कमी नह आई ह फ म

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समी ा का मह व दशक क च को प र कत करन म भी ह और वह जानकार दन का भी एक मख ोत ह बह त स लोग फ म समी ा को चार मा यम स जोड़ दत ह समी क को चारक मानकर उस पर दबाव डाल जात ह फ म समी ा क लए न न त व को यान म रखना आव यक ह य ह- 1 कथा वचार (Theme of the Story) 2 कथा सार (Short Story) 3 पा (Character) 4 पटकथा (Script) 5 सवाद (Dialogrie) फ म-मी डया म इटर य वधा का म य थान ह एक सफल मी डयाकम वह ह जो फ म वधा क व भ न प स जड़ लोग का इटर य ल सक फ म समी ा भी इटर य वधा स सम होती ह फ म जगत म इटर य लना एक चनौतीपण काय ह अ धकाश अ भनता इटर य दत रहत ह ता क उ ह चार मल फ म समी क ब कचन ीवा तव क श द म एक जाग क फ म समी क को फ म इ तहास क साथ-साथ सा ह य कला सगीत च कला नाटक जन-जीवन आ द का भी अ छा ान होना चा हए फ म कस बनती ह इसका भी ान होना अ नवाय ह उस कथा और पटकथा का अतर पता होना चा हए उस ात होना चा हए क आउटडोर श टग और इनडोर श टग म या अतर ह लोज अप और लाग शाट कस कहत ह भारतीय भाषाओ म बन रह फ म बनान वाल क आ थक ि थ त कला मक झान प ठभ म आ द क आव यक जानकार होनी चा हए इधर गा सप फ मी लखन का चार- सार अ धक हो रहा ह गा सप का अथ ह-ग प व वभर म फ म जगत क बार म सबस अनगल लखा जाता ह लोग इस चाव स पढ़त ह एक अ छ फ म प कार को गा सप लखन और समी ा स बचना चा हए

863 ना य समी ा

भरत म न वारा ना य शा म द गई नाटक क प रभाषा क अनसार सम त अग उपाग और ग तय को कम स यवि थत कर िजसका अ भनय कया जाए वह नाटक ह भारत द ह र च क अनसार नाटक श द का अथ ह- ldquoनट लोग क या िजस अ भनय कहत ह बाब गलाबराय क अनसार नाटक जीवन क श दगत अनक त ह िजस सजीव पा क मा यम स एक चलत- फरत स ाण प म तत कया जाता ह आध नक धारणा क अनसार नाटक जीवन क या या ह जो हमार सम याओ और उनक हल को हमार स मख तत करता ह नाटक मानवीय अ भ यि त का ठ साधन ह

भारतीय धारणा क अनसार नाटक क न न मल त व ह- 1 वषय व त 2 कथानक 3 च र - च ण 4 दश-काल 5 कथोपकथन

146

(अ) ना य भाषा एव (ब) सवाद 6 शल ना य समी क कसी भी नाटक क समी ा करत समय नाटक क उपय त मल त व को ह ि टगत रखत ह ए अपनी समी ा क प रणाम पर पह चता ह तथा लगभग इ ह त व को अपनी समी ा का आधार बनाता ह ना य समी ा क लए ना य लखन एव रगमच क जानकार ज र ह समी क का मन सवदनशील होना चा हए तथा तक मता क साथ उस ना य कला का यापक ान तथा उसक प ठभ म क जानकार होनी चा हए ना य रचना क व वध त व और प का वय पठन अथवा दशन कर दसर क लए उस ट य बनाना ह समी क का कम ह समी क को अपनी ि ट म न प होना चा हए समी ा का अथ ह- स यक ई ा अथात अ छ तरह दखना अथवा पड़ताल करना कसी कला रचना या वषय क सबध म तपा दत स ात क आधार पर यक त व का ववचन करना अथात व भ न पहलओ स उसक पड़ताल यानी समी ा करना जब नाटक क सबध म उसक रचना उसक व प उसक व भ न त व गण-दोष तथा श प आ द का ववचन कया जाता ह तो उस ना य समी ा कहत ह ना य समी क क लए ना य लखन एव रगमच क जानकार ज र ह समी क का मन सवदनशील होना चा हए तथा तक- मता क साथ उस ना य कला का यापक ान तथा उसक प ठभ म क जानकार होनी चा हए ना य रचना क व वध त व और प का वय पठन अथवा दशन कर दसर क लए उस

ट य बनाना ह समी क का कम ह समी क को अपनी ि ट म न प होना चा हए ना य समी ा स ात- डॉ र तारानी पाल वाल न ना य समी ा क स ात को इस कार रखा कत कया ह- ना य समी ा क स ात का आधार म यत नाटक क मल त व अथात वषय व त कथानक च र च ण दश काल कथोपकथन तथा शल ह नाटक क समी ा दो ि ट स क जानी चा हए- 1 ना य-रचना और 2 ना य योग ना य-रचना क समी ा म हम इन न का उ तर दना चा हए- 1 नाटककार न कस उ य स नाटक क रचना क ह तथा नाटक क वषय क चनाव क

पीछ उसक ि ट 2 उस उ य क प त क लए नाटककार न कस कार का कथनाक बना या गढ़ा ह कस

कार क कतन पा और घटनाओ का समावश कया ह 3 कस कार नाटककार न घटनाओ और पा क सयोजन म कतहल का नवाह करत ह ए

पा और घटनाओ का सामज य था पत कया ह 4 कतन पा का योग कया गया ह उनम स कतन ऐस ह िजनका सयोजन अ नवाय

147

5 कतन पा ऐस ह िजनक बना भी ना य- यापार सरलता और सचा प स सचा लत कया जा सकता ह

6 कतनी घटनाए ऐसी ह जो पा क च र - वकास और कथा- वाह क सवधन क ि ट स उ चत और अप रहाय थी

7 उनम स कतनी घटनाए स भव वाभा वक और आव यक ह 8 नाटककार न जो प रणाम नकाला ह वह उसक उ य क ि ट स कहा तक सगत ह 9 उस घटना क प रणाम को कसी दसर प म तत करन स उस उ य क स हो

सकती थी या नह 10 वाभा वक होत ह ए भी वह प रणाम कहा तक वाछनीय और घटनाओ क वाह म अनकल

ह व भ न पा क च र - च ण क लए य त भाषा-शल का भल भा त पर ण करत ह ए ना य-समी क को यह दखना चा हए क-

1 व भ न णी क पा कसी भाषा का योग करत ह वह भाषा उ त णी क पा क मयादा क अनकल ह या नह

2 भाषा क योग म सभावना और आव यकता क साथ-साथ वाभा वकता तथा औ च य का भी वचार कया गया ह या नह औ च य स ता पय यह क सवाद म पर पर जोड़-तोड़ उ तर- य तर क सग त और म ठ क ह या नह

3 उसका कतना अश कथा- वाह को आग बढ़ान तथा पा का च र प ट करन क लए आव यक ह

4 कतना भाग ऐसा ह िजस नकाल दन स नाटक क सौ दय और कथा- वाह म कसी कार क कोई ट उपि थत नह होगी

5 नाटक क सवाद को सनकर दशक सरलता स उ ह समझ सकग या नह दशक को नाटक का आनद लन म सबस अ धक सहायता उसक सवाद स मलती ह अत समी क वारा सवाद का पर ण इसी ि ट स करना चा हए इसक अ त र त यह भी दखना चा हए क गीत न य और वा य आ द का सयोजन कहा तक उ चत उपय त और आव यक हआ ह योग- ि ट स नाटक क समी ा करत समय यह दखना चा हए क-

1 नाटककार न य- वधान इस म स रखा ह या नह क नाटक क कथा- धारा का म नबाध बना रह

2 नाटककार न जो रग नदश दए ह व असभव तथा अ वाभा वक तो नह ह 3 रग- नदश म रगद पन तथा अ भनता क लए प ट नदश ह या नह 4 नाटककार न अ भनता क वा चक आ गक और साि वक अ भनय क लए पया त अवसर

दए ह या नह

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5 समी क को न प भाव स यह दखना चा हए क नाटक िजन दशक क लए लखा गया ह उनक समझ म आ सकगा या नह

6 नाटक का कथा- म ऐसा तो नह ह क दशक को उसक समझन म क ठनाई हो 7 य- वधान द ह तो नह ह क ना य- यो ता उस तत ह नह कर सक 8 पा - वधान ज टल तो नह ह 9 सवाद- वधान क ठन तो नह ह क अ भनता उसम अ भनय क सभावनाए ह न पा सक

नाटक िजस रगमच क लए लखा गया ह उसक लए उपय त भी ह अथवा नह दशक पर नाटक का या भाव पड़ता ह या नाटककार अपन उ य म सफल हआ

10 उपरो त सभी न का उ तर दन पर ह ना य-समी ा पण होती ह

864 कला समी ा

कला समी ा म कसी कला व या या कला स सब धत आयोजन या घटना या कला प तक का स यक व लषण कया जाता ह अथवा कला क व भ न प पर स म त द जाती ह कला समी ा वा तव म कला क व भ न अवधारणाओ क सदभ म कसी भी कला स सब धत दशन आयोजन अ भ यि त आ द क छानबीन करन क एक या ह इस या म कला क व भ न प क आलोचना उसक क मया या अ छाइया पणता या अपणता का म याकन भी शा मल ह इस कार समी क कला वषय पर अपनी स म त या राय य त करता ह व र ठ जनसपककम रामकमार न कला समी क क लए न न गण को अ नवाय बताया ह उनक मा यता ह इ ह ब दओ क आधार पर एक अ छ समी ा क जा सकती ह य ह- 1 वषय वशष ता 2 व तत सामा य ान 3 पवा ह म त 4 ि ट सप न 5 व त न ठ 6 सत लत लखन 7 सामािजक दा य व बोध 8 भाषा एव शल गत वशषताए 1 वषय वशष ता- एक अ छ और यो य समी क क लए पहल शत यह ह

क वह उसी वधा क समी ा कर िजसस वह भल भा त प र चत हो हर वधा क अपन-अपन व वध प होत ह और वधा वशष म पारगत न भी हो तो उसक यक प क गहराई तक पह चन क एक समी क म यो यता और मता होनी चा हए सगीत ना य श प थाप य च कला आ द व भ न

कला- वधाओ क समी ा क प र य म यह भी आव यक ह क एक वधा वशष क बार म जानकार क साथ इन व वध वधाओ क आपसी र त और इनक सजन- या या दशना मक त त आ द प का भी ान होना चा हए

2 व तत सामा य ान- कसी वशष कला- वधा म नपणता क साथ समी क स यह भी अप ा क जाती ह क उसका सामा य ान भी व तत हो समसाम यक कला क बार म प ता जानकार क साथ सामािजक राजनी तक आ थक एव सा क तक प रवश एव सामािजक सोच क बार म भी सामा य ान

149

होना आव यक ह य क इसस समी ा सम होती ह कला और जीवन का आपस का नकट सबध ह इस लए कला क व भ न म एक-दसर पर पर पर नभर होत ह

3 पवा ह म तता- सत लत एव व ा नक आधार पर समी ा लखन क लए समी क का पवा ह स म त होना आव यक ह पवा ह यि तगत भी हो सकता ह और वषय स सब धत भी समी ा कम म यि तगत पवा ह सवथा या य ह समी क को अपन आप म एक न ल त भाव और सोच वक सत करन का परा यास करना चा हए जहा उसक लए न कोई म ह और न ह कोई श पव ह का याग कए बना समी क क प म सफलता पाना क ठन ह

4 ि ट-सप नता- समी क क ि ट खल होनी चा हए ि टगत सक णता समी ा को दबल बनाती ह ि टगत सक णता क म य दो कारण होत ह- अ ान और कसी मत या वाद वशष क त आ हशील होना अ ानता कसी यि त क ि टकोण को वभावत सक ण बना दती ह दसर ओर अगर कोई यि त कसी वशष वचारधारा म व वास रखता ह और अपनी वचारधारा क अलावा कसी अ य वचारधारा का स मान नह करता तो उसक लखन म वचा रक पवा ह पदा हो जाता ह

5 व त न ठता- कला समी क को पवा ह तथा दरा ह को छोड़कर तट थता क साथ कसी भी कला व या का व त न ठ म याकन करना चा हए राग- वष स र हत होकर व या- वशष का नरप प स ववचन करना ह समी क का दा य व ह इसक अ त र त कला समी क को िजस कला क आयोजन दशन या तत क समी ा करनी ह उसको सह प र य म रखकर जाचना चा हए समी क को आ म न ठ नह होना चा हए व त न ठता अपना लन स आ म न ठता एव पव ह क खतर को टालना सभव ह

6 सत लत लखन- समी ा म सत लत लखन का वशष मह व ह इसका सबध पवा ह म तता ि ट सप नता और व त न ठता स ह कसी भी वधा क अनाव यक नदा या बराई करन का काम समी ा-कम म बाधा उ प न करता ह न प ता क साथ तकपण एव श टता शल म कसी भी कला क दबल या सबल प क आलोचना या शसा सत लत ढग स करनी चा हए स यक म याकन सत लत भाषा तक-सगत ढग और सह प र य क साथ क गई समी ा लखन क सबलता क साथ समी क क सत लत प म लखन करन क गण का भी प रचय दती ह

7 सामािजक दा य व बोध- समी क समाज का एक अग ह समाज क त उसका एक उ तरदा य व ह कला क व वध धाराओ वधाओ और कलाकम स आम क पाठक या लोग को प र चत करवाना और कलाकम एव कला क त

स मान रखन वाल क बीच एक सवाद क ि थ त पदा करना समी क का

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सामािजक काय ह कला क साथ जड़न और कला हलचल म आम जनता को रत करन क दशा म समी क क मह वपण भ मका होती ह समी क का

काय समाज को कला क मा यम स उ क ट वातावरण तयार करन क ओर भी उ प रत करना ह

8 भाषा एव शल गत वशषताए- कला समी क क भाषा सरल सहज और स य होनी चा हए कला क तकनीक महावर या कलाकम स सब धत श द का योग करत समय यह यान रखना आव यक ह क यक पाठक क समझ म आन वाल श द और भाषा का योग कया गया ह भाषा एव शल रोचक और या मक हो ता क पाठक क मि त क म कला क कोई भी घटना या

त त च क तरह सजीव हो उठ समी ा पढ़न म उसका झान बड़ कला वधा क अन प श द और भाषा होनी चा हए साराश म कहा जा सकता ह क सहज और सरल होकर गभीर बात करना उसम रोचकता पदा करना समी क का जहा गण ह वहा यह समी ा क वशषता ह

बोध न- 1 समी ा का अथ या ह helliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphellip helliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphellip2 समाजशा ीय समी ा या ह helliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphellip helliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphellip3 समी कस म य अप ा या ह helliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphellip helliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphellip4 अ छ समी ा क या गण ह helliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphellip helliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphellip

87 साराश समी ा चाह कला क हो सा ह य क त क हो या कसी अ य व त क उसम एक कार क व त न ठता और ग तशीलता का होना आव यक ह समी क क सामन समय और बदलाव क तज ग त न अनक चनौ तया पदा कर द ह ह अत समी क को अपनी जड़ को पकड़ रहन क साथ-साथ समय क ग त क साथ ग तशील होकर एक व तत प रवश और यापक ढाच म समी ा कम करन और समय क तवर को समझन क चनौती का सामना करन क लए तयार रहना चा हए

151

मी डया म प तक समी ा फ म समी ा ना य समी ा और कला समी ा लोक य और अ धक च लत ह प तक समी ा प का रता और सा ह य का एक अ नवाय अग ह प कार और लखक को उसका ान होना आव यक ह फ म समी क क आख क ज रए सन दशक फ म को दखना सीखत ह फ म न समाज को बदल सकती ह न ा त ला सकती ह ल कन वह समाज क एक बह त बड़ वग म वचा रक ा त क बीज अव य बो सकती ह ना य समी ा का अथ ह- नाटक और रगमच क समी ा स ा तक और यावहा रक स दयशा का नधारण आकलन और म याकन ना य समी ा म कला मक ि ट अथवा आ ह तत होना चा हए यि तगत प पात अथवा पवा ह नह ना य समी ा साथक और म लपरक होनी चा हए कला समी ा म कला क परख करना और उसका व लषण करना एक आसान काय नह ह कला क व वधता एव श लया आ द का फलक अ य त ह यापक ह कला क गहराइय म जान क या सम म डबक लगान क समान ह

88 कछ उपयोगी प तक 1 ट मी डया लखन - ो रमश जन मगलद प पि लकश स जयपर 2 इल ॉ नक मी डया लखन - ो रमश जन मगलद प पि लकश स जयपर 3 जनसचार व वकोश - ो रमश जन नशनल पि ल शग हाउस जयपर एव द ल 4 र डयो लखन- डा मधकर गगाधर 5 टल वजन लखन- असगर वजाहत भात रजन राजकमल काशन नई द ल 6 भारतीय ना य पर परा - न मच जन 7 पटकथा लखन - मनोहर याम जोशी राजकमल काशन नई द ल

89अ यासाथ न 1 lsquoसमी ा लखन स आप या समझत ह 2 समी ा करत समय समी क स या अप ाए करनी चा हए 3 समी ा लखन का मा यम और या पर अपन वचार य त क िजए 4 समी ा क व भ न कार का स त म उ लख क िजए 5 स त ट प णया ल खए-

(अ) प तक समी ा (ब) ना य समी ा (स) कला समी ा (द) फ म समी ा

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इकाई-9 र डयो समाचार लखन

इकाई क परखा 90 उ य 91 तावना 92 समाचार क प रभाषा 93 र डयो समाचार

931 र डयो समाचार क व श टता 94 र डयो समाचार या ा

941 वदश समाचार 942 ीय समाचार 943 अ य समाचार 944 समसाम यक काय म

95 आकाशवाणी का समाचार त 951 समाचार सवा भाग 952 समाचार क (जीएनआर) 953 पल यव था 954 हद पल

96 समाचार क ोत 97 र डयो समाचार का लखन व सपादन

971 यता 972 न प ता और सरलता 973 मयादा 974 समाचार क सरचना

98 र डयो समाचार क भाषा 981 श द चयन 982 वा य रचना 983 अनवाद क चनौती

99 साराश 910 कछ उपयोगी प तक 911 अ यासाथ न

90 उ य इस पाठ को प न क बाद आप

153

दश म समाचार क सारण क श आत और उसक बदलत प क जानकार ा त कर सकग

समाचार क प रभाषा और र डयो क मह व को समझ सकग समाचार क क काय णाल को जान सकग समाचार सकलन क ोत स प र चत हो जाएग समाचार क लखन और सपादन का श प सीख सकग आकाशवाणी क समाचार सवा भाग क ग त व धय क जानकार हा सल कर सकग समाचार क भाषा और उनक अनवाद क व भ न पहलओ को जान सकग

91 तावना हमार दश म इस समय टल वजन क नए-नए समाचार चनल खल रह ह एक वकासशील दश म इतनी बड़ी स या म ट वी समाचार चनल होना सचमच एक अभतपव घटना ह ल कन टल वजन क अ ज इल ॉ नक मा यम र डयो समाचार का कवल एक ह सारण सगठन ह और वह ह आकाशवाणी आकाशवाणी का समाचार सवा भाग त दन समच दश और वदश म 500 स अ धक समाचार बल टन सा रत कर रहा ह य बल टन हद और अ जी क अलावा मख भारतीय भाषाओ बो लय और वदशी भाषाओ म होत ह भारत म समाचार सारण उतना ह पराना ह िजतना खद र डयो सारण य क 1923 म र डयो सारण क श आत ह समाचार सनान क उ य स ह ई थी वष 1936 को समाचार सारण

का मह वपण पड़ाव माना जाता ह जब द ल क न काम करना श कया इसस पहल म बई स एक अ जी और एक हद तानी म और कलक ता स एक बगला बल टन ह सा रत कया जाता था वतीय व वय छड़न क बाद सरकार को अपनी बात लोग तथा स नक तक पह चान क आव यकता महसस ह ई िजसक फलव प र डयो क व तार का सल सला चल पड़ा समाचार सारण को वा त वक बढ़ावा आजाद क बाद ह मला जब र डयो सारण का उ य राजनी तक और स नक न रहकर रा य और सामािजक हो गया आजाद क प चात चला व तार अ भयान आज तक जार ह इस दौरान टल वजन क आगमन स र डयो सारण तक त व वी मला ल कन र डयो समाचार क सचालक सगठन समाचार सवा भाग न ह मत नह हार और समाचार बल टन म व वधता व रोचकता लान और उ ह अ धक आकषक तथा भावकार बनान क उपाय करक इस चनौती का सफलतापवक मकाबला कया एफएम ट नोलोजी अपना लए जान स इन यास को बल मला और नजी ट वी चनल तथा दश भर म खल रह समाचार चनल क जोरदार बाढ़ क बावजद र डयो समाचार क पाव नह उखड़ अब र डयो समाचार न काफ हद तक अपनी परानी ग रमा फर स ा त कर ल ह अ याध नक सचना ट नोलोजी क उपकरण और क यटर करण क मदद स ोताओ को र डयो समाचार क साथ जोड़न क को शश रग ला रह ह और गभीर समाचार म च लन वाल ोता र डयो क समाचार को ह व वसनीय मानन लग ह बड़ी स या म एफएम टशन चाल हो जान स र डयो फर स आम जीवन का अग बन गया ह र डयो क लोक यता

का एक कारण यह भी ह क इसक समाचार म सरल और आम भाषा का इ तमाल कया

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जाता ह और इसक रचना भी सरल और सरल शल म ह क जाती ह ता क हर वग क लोग इ ह आसानी स समझ सक र डयो समाचार लखन अखबार क समाचार स अलग होता ह नजी एफएम चनल को अभी समाचार सारण क अनम त नह ह इस बार म क जा रह जोरदार माग मान लए जान पर र डयो समाचार क लोक यता कई गना बढ़ जाएगी इस तरह र डयो समाचार इ क सवी सद म अपनी उ लखनीय भ मका नभान को पर तरह क टब दखाई द रहा ह

92 समाचार क प रभाषा र डयो समाचार क सकलन लखन और सपादन क बार म जानन स पहल समाचार या ह उसक बार म जानना आव यक ह अनक व वान लखक और प कार न इसक भ न- भ न प रभाषा द ह समाचार को अ जी भाषा म यज (NEWS) कहत ह यज क चार अ र चार दशाओ North (उ तर) East (पव) West (पि चम) South (द ण) क सचक ह मतलब यह हआ क जो बात चार दशाओ का बोध कराए वह समाचार ह जाज एच मो रस न ldquoसमाचार को ज द म लखा गया इ तहासrdquo बताया ह यह कथन समाचार क ता का लकता क ओर इशारा करता ह जज स लर न समाचार क प रभाषा इस कार द ह ldquoपया त स या म मन य िजस जानना चाह वह समाचार ह शत यह ह क वह स च तथा त ठा क नयम का उ लघन नह कर व लयम एममा सवाई न कहा ह कसी समय होन वाल मह वपण घटनाओ का सह और प पातर हत ववरण समाचार ह इन सभी प रभाषाओ म समाचार क कछ वशषताओ का ह वणन ह सच तो यह ह क समाचार क कोई सवमा य प रभाषा नह हो सकती जसा क एमवीकामथ न लखा ह क ldquoसमाचार क कोई भौगो लक सीमा नह होती समाचार सदा कछ य त करता ह यि तय क च समाचार ह समाचार तो बस समाचार ह rdquo

93 र डयो समाचार जो समाचार समाचारप क लए उपयोगी हो सकता ह आव यक नह क वह र डयो क लए भी उतना ह उपयोगी हो समाचारप म का शत होन वाला यक समाचार र डयो पर नह दया जा सकता य क र डयो पर सा रत समाचार का असर शी होता ह अत र डयो पर हसा लटपाट बला कार ह या आ द क समाचार बह त सोच समझ कर दय जात ह वस भी र डयो पर सा रत समाचार क अव ध कम होती ह िजसक वजह स एक बल टन म शा मल कय जान वाल समाचार क पि तया व श द अप ाकत बह त कम होत ह

931 र डयो समाचार क व श टता

भारत जस दश म जहा लगभग 70 तशत लोग गाव म रहत ह और सा रता क दर काफ कम ह र डयो समाचार का मह व और अ धक बढ़ जाता ह पढ़ना तो कम लोग ह जानत ह ल कन सन सभी सकत ह दर-दराज क म जहा

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समाचारप तीन-चार दन दर स पह चत ह ताजा समाचार क लए र डयो ह एकमा मा यम ह र डयो स ता भी ह सवसलभ भी इस लए यह सबस अ धक लोक य ह द नया म आज िजस ग त स प रवतन हो रह ह और हर ण जो नई-नई घटनाए हो रह ह ऐसी ि थ त म र डयो एक ऐसा मा यम ह जो लोग खास कर अनपढ़ और दरदराज क इलाक क लोग को सभी कार क जानकार तर त उपल ध कराक लोग क समाचार जानन क उ कठा का समाधान कर सकता ह समाचारप र डयो और टल वजन वतमान यग क समाचार तथा सचना दन क मख साधन ह तर त सचना दन क लय र डयो सबस मह वपण ह कह भी कोई खतरा या सकट हो र डयो क मा यम स लोग को फौरन चतावनी दकर सावधान कया जा सकता ह उसक सचार का भी समाचार-प क अप ा व तत होता ह उप ह क सहायता स र डयो सारण क पह च और भी अ धक व तत हो गई ह आप घर म द तर म कारखान म दकान म या खत-ख लहान म कोई भी काम कर रह ह और आपका र डयो चलता रह सकता ह र डयो वारा ससार भर क सचनाए आप तक पह च जाती ह इस इल ॉ नक मा यम क यह बह त बड़ी व श टता ह क इसका लाभ उठान क लय आपको अपन हाथ का काम छोड़न क आव यकता नह आप चाह कह भी ह सड़क पर ह बाहर खल मदान म रल म ह या बस म कायालय म या कारखान म आप र डयो सन सकत ह और समाचार बल टन क ज रए व भ न घटनाओ क तर त जानकार ा त कर सकत ह डीट एच सवा स समाचार सारण क यापकता और बढ़ गई ह

94 र डयो समाचार या ा जसा क पहल बताया गया ह क भारत म र डयो समाचार का ज म र डयो सारण क ीगणश क साथ ह हो गया था कत समाचार सारण को वा त वक और अथपण व प 1936 म मला जब म बई और कोलकाता क बाद द ल म सारण क खला 1936 म ह सारण सगठन को आल इ डया र डयो नाम मला इसस पहल र डयो सारण इ डया ाडकाि टग कपनी क नाम स होता था एक अग त 1937 को समाचार क दखरख क लए आल इ डया र डयो म स ल यज आगनाइज का गठन कया गया जो बाद म समाचार सवा भाग बन गया माच 1939 तक बल टन क स या 3 स बढ़कर 15 हो गई दसरा व वय छड़न पर नए समाचार बल टन श कए गए 1939 म अ जी ह द तानी और बगाल क अलावा अ य भाषाओ- त मल गजराती तलग मराठ प त आ द म बल टन सा रत कए जान लग बाद म अ य भाषाओ म भी समाचार का सारण होन लगा इस

समय द ल स 14 भारतीय भाषाओ म रा य समाचार रल कए जात ह तीन भाषाओ- सधी क नड़ और तलग क इकाइया ीय क म थानात रत क जा चक ह कछ अ य इकाइय को भी मश ीय क को भजन का ताव ह नव बर 1939 म मानीट रग सवा आरभ क गई जो वदशी सारण सगठन क समाचार हण करती थी आजाद क

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बाद आकाशवाणी क क क साथ-साथ समाचार बल टन क स या म तजी स बढ़ोतर ह ई इस समय आकाशवाणी का समाचार सवा भाग 82 भारतीय भाषाओबो लय तथा वदशी भाषाओ म 52 घट क अव ध क 509 बल टन सा रत करता ह एफएम चनल पर भी व भ न अव धय क समाचार बल टन सा रत होत ह

941 वदश समाचार

वदश समाचार बल टन दसर महाय क कारण आरभ कए गए श म वदश सारण समाचार सगठन का ह ह सा था 1948 म वत वदश सवा भाग

का गठन हो गया कत वदश सवा म सा रत होन वाल समाचार बल टन मल प स आज तक समाचार सवा भाग बनाता ह पहला वदश समाचार बल टन

4 दसबर 1939 को फारसी भाषा म सा रत हआ बाद म अ य भाषाओ म भी बल टन श होत गए 15 अग त 1947 को 31 वदश बल टन सा रत हो रह थ धीर-धीर इनम अ य भाषाओ क बल टन जड़त गए और इस समय वदश सवा क तहत 26 भारतीय और वदशी भाषाओ म 9 घट क अव ध क 65 समाचार बल टन सा रत कए जात ह

942 ीय समाचार

जसा क पहल पढ़ चक ह आजाद क समय तीन नगर द ल म बई और कोलकाता स सफ तीन भाषाओ म समाचार सनाए जात थ कत 1950 क दशक म व भ न क पर ीय समाचार इकाइया था पत क गई जहा स थानीय भाषाओ म बल टन का सारण श कया गया इस अ भयान क श आत 1953 म लखनऊ और नागपर स ह ई अगल साल कोलकता म बई और च नई स भी ीय समाचार बल टन सा रत होन लग इस समय 44 ीय समाचार इकाइया थानीय भाषाओ बो लय म खबर सा रत करती ह कछ क स वदश बल टन भी सा रत कए जात ह लगभग सभी रा य और क शा सत दश स बल टन सा रत हो रह ह

943 अ य समाचार

समाचार सारण क घरल सवा म सामा य बल टन क साथ-साथ व श ट ोताओ क लए तथा खास अवसर पर व श ट बल टन सा रत कए जात ह द ल स त दन शाम को अ जी और हद म खल समाचार सा रत कए जात ह इसी

तरह यववाणी चनल पर यवा वग क च और मह व क समाचार क यवा बल टन का सारण होता ह एफएम गो ड पर खल मय क लए 15 मनट का पो कन और यापा रक मामल म दलच पी रखन वाल ोताओ क लए 15 मनट का माकट म काय म होता ह इनम समाचार क साथ-साथ वशष स बातचीत होती ह और फोन लाइन पर ोताओ स सीध सपक कया जाता ह य दोन बल टन एफएम गो ड क अ यत लोक य काय म म शमार ह

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इनक अलावा बजट पश होन और लोकसभा व वधानसभाओ क चनाव क मौक पर वशष बल टन सा रत कए जात ह ससद क अ धवशन क दौरान नई द ल स ससद-समी ा और रा य वधानसभाओ क स क दौरान सब धत ीय इकाइय वारा वधानमडल समी ा सा रत होती ह ाक तक आपदा क दौरान पी ड़त लोग

क लए वशष बल टन पश कए जात ह साक दश क लए द ल स हर र ववार को वशष साक बल टन सा रत कया जाता ह

944 समसाम यक काय म

समाचार सवा भाग समाचार क साथ-साथ उन पर आधा रत वाताए ट प णया अग क प म भी हो सकती ह और वत काय म क प म भी सवर क म य बल टन म समाचार-प क स खया सा रत क जाती ह तो दोपहर और शाम क बल टन म समाचार फ चर या वाताए शा मल क जाती ह वत प स साम यक और पाटलाइट वाताएrsquo त दन और चचा का वषय ह तथा करट अफयस काय म सा ता हक आधार पर सा रत कए जात ह चनाव जस अवसर पर वशष प रचचाओ और लाइव र डयो ज काय म का सारण कया जाता ह वदश बल टन और कछ भाषाई बल टन म भी कमटर का सारण होता ह

बोध न - 1 1 र डयो समाचार क मह व को प ट क िजए helliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphellip helliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphellip 2 आकाशवाणी स सा रत होन वाल समाचार का स प म वग करण क िजए helliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphellip helliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphellip 3 ीय बल टन कब श ह ए और उनक या उपयो गता ह helliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphellip helliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphellip 4 आकाशवाणी क समसाम यक काय म पर ट पणी ल खए helliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphellip helliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphellip

95 आकाशवाणी का समाचार त आपन अब तक जाना क आकाशवाणी का समाचार त लगभग 60 साल स नवीनतम घटनाओ क खबर और उन पर वचा रक त याए और व लषण दश- वदश क ोताओ तक पह चा रहा ह आपन यह भी पढ़ा क दशभर म फल ीय समाचार इकाइय स थानीय भाषाओ म ीय मह व क समाचार सा रत कए जात ह इन सभी समाचार बल टन तथा वाता काय म क सयोजन सकलन लखन व सपादन का वराट काय जो सगठन सभालता ह

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वह ह समाचार सवा भाग जब हम समाचार लखन क बात करत ह तो उसम समाचार ा त करना उसक ि ट बनाना उसका सपादन करना रका डग करना वायस ओवर

करना आ द याए शा मल ह समाचार क लखन सकलन सपादन को समझन क लए समाचार सवा भाग क व प तथा उसक काय प त को जानना आव यक

951 समाचार सवा भाग

समाचार सवा भाग आकाशवाणी का एक वत वभाग ह जो महा नदशक (समाचार) क नदशन म काम करता ह यह आजाद स पहल ह एक अलग वभाग क प म कायरत ह हद अ जी और भारतीय व वदशी भाषाओ क लए सभी तरह क समाचार का सकलन सपादन इसी भाग क सपादक करत ह ीय समाचार इकाइया भी इसी भाग क नदशन म काम करती ह वदश सारण सवा क अ तगत सा रत होन वाल समाचार बल टन भी समाचार सवा भाग तयार करता ह वशष अवसर पर वशष बल टन भी इसी भाग वारा सा रत कए जात ह 1937 म स ल यज आगनाइजशन बना जो बाद म समाचार सवा भाग म बदल गया समाचार सारण क या मोट तौर पर तीन तर पर चलती ह य ह समाचार का सकलन सपादन और सारण या ततीकरण इन सभी याओ क धर ह समाचार क

952 समाचार क (जीएनआर)

आकाशवाणी स सारण सभी बल टन का क जनरल यज म(जीएनआर) ह यह आकाशवाणी क समाचार त क धर ह चौबीस घट काम करन वाल इस क क बार म कहा जाता ह क इसक यबलाइट पछल लगभग 65 साल स कभी बझी नह ह

953 पल यव था

यहा पर चार पा रय म काम होता ह और हर पार को समाचार का एक पल तयार करती ह जस ातपल दोपहर पल साय पल और रा पल इसक बाद पल बल टन क समाचार का ोत होता ह जो समाचार पल म शा मल कर लए जात ह कवल वह समाचार व भ न बल टन क सपादक वारा अपन-अपन बल टन क आव यकता क अन प इ तमाल कए जा सकत ह जीएनआर म पल यव था 1947 म श ह ई पल क लए समाचार का चयन करत समय यह यान रखा जाता ह क समाचार न प और दलगत वचार स र हत होना चा हय इसम त या मक और वणना मक ववरण हो न क उ तजक र डयो सनसनीखज खबर सा रत करक दहशत और सनसनी फलान स सदा बचता ह इस लय र डयो

सवाददाता को अपराध यौन ज नत और यथ क ववाद स दर रहना चा हए रा य मह व को यान म रखत ह ए उस सा क तक सामािजक और सा हि यक म

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व तत गवषणा का यास करना चा हय समाचार स त साधारण और दलच प हो वषय इतना प ट हो क ोता सनकर असमजस म न पड़ समाचार म ऐस ववरण क पण उप ा क जानी चा हय जो त छ अनपय त गर-िज मदार खतरनाक और वअथ ह परान घ टया कार क तथा चारा मक और व ापनपरक समाचार को र डयो पर दन स पण प स बचना चा हए आकाशवाणी आचार स हता और दशा- नदश का पालन करत ह ए र डयो समाचार म म दश क आलोचना कसी धम या जा त पर हार नह कया जाना चा हय िजसस कसी जा त वशष या समदाय क यि तय म उ ता या वमन य उ प न हो कोई आपि तजनक मानहा नपण कटता पदा करन वाला या कानन क यव था भग करन वाला अथवा यायालय क मान-हा न करन वाला रा प त रा यपाल और यायपा लका पर लाछन लगान वाला अथवा कसी व श ट राजनी तक दल पर हार करन वाला समाचार नह होना चा हय यि त वशष स था वशष अथवा यावसा यक स था क चारा मक समाचार को मह व दना भी बलकल उ चत नह ह इसका अथ यह नह क इस कार क घटनाओ को समाचार बल टन म सि म लत ह न कया जाय क त यह आव यक ह क इनम सावधानी एव सयम स काम लया जाय

954 हद पल

जीएनआर क व तार क प म हद समाचार क और भारतीय भाषा समाचार इकाइया ह हद समाचार क भी जीएनआर क तरह चार पा रय म काम करता ह और यहा जीएनआर स ा त समाचार तथा सवाददाताओ व हद सवाद स म तय क ा त समाचार क आधार पर वत हद पल तयार होता ह इसी पल म शा मल आइटम हद क व भ न बल टन म लए जात ह हद म पल यव था वष 1993 म ारभ ह ई भारतीय भाषाओ क बल टन पहल अ जी म जीएनआर म तयार होत ह और व भ न भाषाओ क समाचार वाचक अपनी भाषा म उनका अनवाद करक उ ह सा रत करत ह इनम हद पल क आइटम भी इ तमाल कए जात ह

समसाम यक काय म क लए समाचार वाता एकाश ह जो अ जी व हद म सम साम यक काय म का सयोजन सपादन रका डग आ द का काम दखती ह

96 समाचार क ोत समाचार क कई ोत ह क सरकार का प सचना कायालय रा य सरकार क सचना एव जनसपक वभाग अ य सरकार वभाग मख सगठन वारा जार क जान वाल व ि तया आ द समाचार क ोत ह व भ न वभाग और राजनी तक तथा गर राजनी तक सगठन वारा आयोिजत प कार स मलन और स ी फग स व भ न ग त व धय क जानकार द जाती ह प लस नय ण क यायालय आ द स नि चत कार क समाचार

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ा त कय जा सकत ह ससद और वधानसभाओ क अ धवशन मक सगठन औ यो गक त ठान समाज सवी स थाए और सा हि यक-सा क तक स थाए आ द भी समाचार क ोत

ह इसक अलावा दश और वदश क मख समाचार एज सया समाचार क बह त बड़ी ोत ह समाचार क पीट आई भाषा यएनआई यनीवाता जसी सवाद स म तय का भरपर इ तमाल करता ह आकाशवाणी क अपन सवाददाता सबस व वसनीय और स ढ़ ोत ह समाचार सवा भाग क दश भर म लगभग 90 नय मत सवाददाताओ क अलावा लगभग 400 अशका लक सवाददाता ताजा घटनाओ क सचनाए भजत रहत ह म यालय म अलग स रपो टग इकाई काम करती ह वदश म भी आकाशवाणी क सवाददाता नय त ह एक िज मदार समाचार सगठन क त न ध क नात सवाददाताओ को कई सावधा नया बरतनी पड़ती ह सवाददाता को समाचार क व वसनीयता क जाच करन क उपरा त ह समाचार दना चा हए ाक तक आपदाओ जस सखा बाढ़ आ द क समाचार इस कार दय जाए िजसस लोग का मनोबल नह गर तथा उनको राहत सबधी काय आ द क पर जानकार मल म य सबधी समाचार क साथ उस यि त क स त जीवनी दना भी ज र ह समाचार सकलन करत समय सारण सगठन क नी त और आचार स हता का पालन आव यक ह आकाशवाणी समाचार क भ मका तट थ और रचना मक रहनी चा हए

97 र डयो समाचार का लखन व सपादन समाचार का सकलन और लखन एक दसर स जड़ा हआ ह इस या म यह यान रखना ज र ह क समाचार सनन यो य होन चा हए न क पढ़न यो य र डयो पर सा रत समाचार एक बार सनन म ह समझ म आ जाए य क समाचारप म का शत समाचार को कई बार पढ़ा जा सकता ह ल कन र डयो पर सा रत समाचार पर यह बात लाग नह होती समाचार क त त इस कार होनी चा हए क ोता यह अनभव कर सक क घटना उसक सामन घट रह ह

971 यता

र डयो एक अ य समाचारप क समान ह और उसका सपादक ऐस वषय क समाचार का चयन करता ह जो क अ धका धक सनन वाल का यान आक षत कर र डयो क समाचार एक ह थान पर कई लोग सन सकत ह िजनम बढ़ और यवा बालक और बा लकाए पढ़- लख और अनपढ़ सभी कार क लोग हो सकत ह सपादक को ऐस सभी ोताओ क समझ तथा दलच पी को यान म रखना पड़ता ह अगर कोई समाचार कसी परान समाचार पर आधा रत हो तो पव घ टत घटना क प ठभ म को यान म रखना आव यक ह र डयो क समाचार लखक को श द बोलन व लखन म जो अ तर ह उसका यान रखना पड़ता ह उसम उलझ ह ए मामल को ोताओ क लए आसान प म तत

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करन क मता होनी चा हए र डयो म समाचार कान क लए लखना होता ह न क आख क लय समाचार लखन स पहल उसक प ठभ म को जानना आव यक ह साथ ह समाचार म र डयो क ोता क लायक समाचार त व क पहचान करना मह वपण ह समाचार लखन एक व श ट कला ह ठ समाचार वह हो सकता ह जो सचना मक हो तथा उसम त य को इस तरह सक लत कया गया हो क पाठक घ टत घटना का ववरण सह प र य म समझ सक समाचार लखक अपनी वशष प कार य तकनीक का योग कर उस रोचक तथा भावी बना दता ह अत समाचार लखन क लय समाचार त व क अ त र त सवदनशीलता क पनाशीलता रचना मकता जस गण का होना आव यक ह

972 न प ता और सरलता

र डयो सवाददाता और सपादक को अपन क गहन जानकार तो होनी ह चा हए साथ ह उसक लए सामािजक प रवतन क दौर म मनोव ा नक आधार और मन य क क त को जानना और समझना अ नवाय ह उसम शी और सह न कष नकालन क यो यता यानी य प नम त होना ज र ह साथ ह सचना दन वाल वारा द गई सचना क जाच करन क मता भी होनी चा हए उसम अफवाह

को पहचानन क भी समझ होनी चा हए यह भी आव यक ह क व तपरकता स यता प टता और स च को भी यान म रखा जाए समाचार म स चाई हो कसी पवा ह या प पात स समाचार नह लखा जाए समाचार को समझन म ोताओ को क ठनाई नह होनी चा हए समाचार म तारत य बनाए रखना भी बह त

आव यक ह समाचार लखत समय या कहा कब कौन और कस (Five Wrsquos and H) का पारप रक नयम भी यान म रखना आव यक ह र डयो समाचार म समय क कमी क कारण समाचार स त प म दना होता ह

973 मयादा

ससद य और वधानसभा क समाचार क लखन और सपादन म बह त सावधानी बरतन क आव यकता ह समाचार इस कार दया जाए िजसस ससद या वधानसभा या वधान प रषद क मयादा का उ लघन नह हो समाचार म ऐसी कोई बात नह हो िजसस सद य क वशषा धकार का हनन हो ससद और वधानसभाओ क कायवाह का समाचार लखत समय न प ता क ओर वशष यान दना आव यक ह इसी तरह क सावधानी र ा और वदश म ालय तथा अदालती कारवाई स जड़ी खबर म बरतनी पड़ती ह स वधान क मयादाओ का यान रखना भी आव यक ह

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974 समाचार क सरचना

समाचार म यतया तीन भाग म बटा होता ह- आमख (इ ो या ल ड) म य तथा अत भाग इनम सबस मह वपण इ ो ह इ ो स त ल कन सारपण होना चा हए इ ो समाचार का पवाभास कराता ह अत यह इस कार लखा जाए क ोता परा समाचार सनना चाह समाचार क म य भाग म ोता को समाचार वशष क म य-म य घटनाओ त य आ द क स त जानकार कराई जानी चा हए समाचार क अत म सबस कम मह व क बात हो िजसस अगर वह अश समयाभाव क कारण पढ़ा नह जा सक तब भी ोता को समाचार अधरा नह लग और पर बात समझ म आ जाए

बोध- न-2 1 आकाशबाणी क समाचार क का या काय ह helliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphellip helliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphellip 2 समाचार क ोत कौन-कौन स ह helliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphellip helliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphellip 3 र डयो समाचार क लखन म कन बात का यान रखना आव यक ह helliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphellip helliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphellip 4 पल यव था का या उ य ह helliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphellip helliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphellip 5 समाचार क सरचना का वणन क िजए helliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphellip helliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphellip

98 र डयो समाचार क भाषा जसा क आप पढ़ चक ह क र डयो समाचार को कम पढ़ तथा एकदम नर र लोग भी सन सकत ह इस लए इनम भाषा का बह त मह व ह य द भाषा ज टल और बो झल होगी तो कौन उस यान स सनगा इस लए समाचार क भाषा सरल और सब तरह क ोताओ को समझ म आन वाल होनी चा हए सरल भाषा को सामा य तथा व वान नर र तथा सा र और ब च व बड़ समान प स समझ लत ह सा रत समाचार म त साम ी क भा त नह होता िजसका कोई अश समझ न आन पर पछल प ठ को पलट कर सदभ जोड़ सकत ह अथवा क ठन श द का अथ जानन क लए श दकोश क प ठ उलट सकत ह न ह ोता इस ि थ त म होता ह क कसी व वान या ानी यि त स परामश कर सक एक बार

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जो वा य अथवा श द सा रत हो गया वह हवा क झ क क भा त आग नकल जाता ह इस लए सफल समाचार सारण क ब नयाद आव यकता ह भाषा क सरलता

981 श द चयन

अब न यह ह क सरल भाषा का व प या हो ह द को ह ल एक मत यह ह क उद क व त फ महसस मौजद कसम अफसोस खशी सद सल सला कज खास जो खम ताल म दावत चीज फजल जस श द का ह द क समाचार या वाताओ म योग कया जाए दसरा प यह ह क ह द य क स कत स नकल ह तथा अ य भारतीय भाषाए भी स कत क नकट ह अत स कत न ट श द यथा उ मलन मान च ो साहन यथाव यक व ति थ त सव ण ावधान व वसनीय प रि थ त शताि द उपि थत मश नम ण वत ता को ठ प रवतन सवा धक व लषण तथा इसी कार क श द योग कए जाए वा तव म दोन प अपनी-अपनी जगह सह ह क त भाषा क सरलता और यता का मापद ड ह उसका अ धक स अ धक लोग वारा बोला व समझा जाना और बोलचाल म य त कया जाना इस लए उद क जो श द ह द म बोलचाल क अग बन गए ह उनका योग करना यथ ट ह तथा स कत क जो श द ल ब समय स योग म आ रह ह उ ह लना हतकर ह उदाहरण क लए ldquo ो साहनrdquo और ldquoबढ़ावाrdquo ldquo वशषrdquo और ldquoखासrdquo ldquoभाग लयाrdquo तथा ldquo ह सा लयाrdquo ldquoउपि थतrdquo तथा ldquoहािजरrdquo ldquoउ तरrdquo तथा ldquoजवाबrdquo ldquo यासrdquo तथा ldquoको शशrdquo ldquo स नताrdquo तथा ldquoखशीrdquo दोन कार क श द का योग कया जा सकता ह आधार ह श द का च लत होना समाचार क लखक और सपादक स यह अप त ह क उस इस बात का ान हो क कौन स श द सामा य यि त वारा समझ जा सकत ह यह कारण ह क आकाशवाणी म ldquo क तrdquo ldquoअ पतrdquo ldquoएवrdquo ldquoअ यथाrdquo ldquoय य पrdquo ldquoय दrdquo ldquoतथा पrdquo क बजाय मश ल कन बि क और नह तो हाला क ldquoअगरrdquo ldquoतो भीrdquo आ द का योग अ धक होता ह इसी कार ldquoउपरातrdquo ldquoप चातrdquo ldquoपवrdquo ldquoस मखrdquo पन क थान पर ldquoबादrdquo ldquoपहलrdquo ldquoसामनrdquo ldquo फरrdquo श द क योग को बहतर माना जाता ह श द का चयन करत समय यह भी यान रखा जाता ह क इ ह बोलन क लए वाणी को ाणायाम न करना पड़ उदाहरण क लए पनरो थान णय व श टता जस श द स बचा जाना चा हए ऐसी ह सम या अ जी श द को लकर पदा होती ह कसौट अ जी श द क बार म भी यह ह क अ धक स अ धक लोग समझ सक तथा भाषा क आ मा भी न ट न हो बटन टल फोन रल क यटर प लस साई कल बस कार कटर कापी प सल पन र डयो टल वजन बजट फोटो जस अ जी श द का योग समाचार म सहज प स कया जा सकता ह ल कन कभी-कभी अ जी श द क अधाधध योग स अपनी भाषा को पहचानना मि कल हो जाता ह ऊपर हमन अनक अ जी

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श द का उ लख कया ह जो बोलचाल म ह द श द क अपन श द बन चक ह दसर ओर ऐस श द भी ह जो अ जी तथा ह द श द को मलाकर बन ह न व पर तरह अ जी श द ह और न ह त व ह यह ह रलगाड़ी टल फोन क बस अ डा डाक टकट आ द यहा यह यान रखन क बात ह क एक भी समाचार या बल टन म कसी श द का बार-बार योग करना रोचकता म बाधक होता ह इस लए कसी अथ म एक बार ह द श द और दसर बार उसका च लत अ जी पयाय इ तमाल कर लया जाता ह उदाहरण क लए थाना और प लस टशन कल तथा व यालय कालज और महा व यालय स और समाचारप बल और वधयक स म त और कमट इकाई और य नट ब झझक योग कए जात ह क त इसका मतलब यह नह क व व व यालय क थान पर य नव सट कमचार क लए ए लाई सद य क लए म बर अ वीकार क बजाय रज ट खलाड़ी क जगह लयर या प लस चौक क थान पर प लस पो ट श द भी इ तमाल कए जा सकत ह सम या तब आती ह जब ऐस अ जी श द का योग करना हो िजनका अपनी भाषा म कोई पयाय च लत ह न हो उस श द क स त या या स हत मल श द भी साथ म बोलना चा हए ता क ोता अथ भी समझ ल और नए श द स भी प र चत हो जाए

982 वा य रचना

श द भाषा क मल इकाई ह पर त वा य स पथक उनका कोई अि त व नह होता इस लए वा य ऐस लख जाए जो सीध ोता क समझ पी झोल म चल जाए ोता को वा य का अथ नकालन क लए बौ क कसरत न करनी पड़ वा य य द ज टल ह ग तो सरल श द क नय त क चड़ म गर फल स अ धक नह होगी इसक लए सबस बड़ी आव यकता ह वा य का छोटा होना ल ब वा य म उलझा दन स ोता अथ का अनथ समझ लगा तथा सारण का ल य ह वफल हो जाएगा िजस बात को म त या ल खत मा यम म एक वा य म कह कर चम कार उ प न करन का यास कया जाता ह उस सरल और सबोध बनान क लए सारण मा यम म दो या तीन वा य म कहा जा सकता ह इसका उदाहरण दख ldquoरा प त न आज पटना व व व यालय क द ात समारोह म यवक स समय क चनौती का डटकर मकाबला करन का आ वान कया तथा लोग को अलगाववाद शि तय स सावधान रहन क चतावनी द rdquo सवाद स म त वारा ल खत इस वा य म याकरण क ि ट स कोई ट नह ह और न ह इसम बह त क ठन श द का योग कया गया ह पर त यह वा य सारण क लए ठ क नह ह आकाशवाणी का सपादक इस समाचार को इस कार बनाएगा ldquoरा प त न लोग स कहा ह क व अलगाववाद शि तय स सावधान रह व आज पटना व व व यालय क द ा त समारोह म बोल रह थ उ ह न यवक को समय क चनौती का डटकर मकाबला करन का भी आ वान कया rdquo

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कई बार वा य छोट तो होत ह क त उनक रचना इतनी ज टल होती ह क समझन क लए मि त क पर दबाव डालना पड़ता ह कसी समाचारप म छपा यह वा य सह लगता ह व तम ी ी चद बरम क बजट न कर सधार क यग का स पात करक अथ यव था को नई दशा द ह जो तीन दशक स बनी ह ई उस ldquoि थ त क वपर तrdquo ह िजसक समाजवाद क वरोधी ldquoपर मट कोटा राजrdquo कह कर न दा करत रह ह यह वा य बह त बड़ा नह ह क त ज टल होन क कारण सनन पर त काल समझ म नह आता इस सरल बनान क लए दो वा य म तोड़ना हतकर ह हाला क कम समय म अ धक बात कहना सारण का मल स ा त ह क त अ प ट तथा अबझ बात कहना तो समय क ह बबाद ह इस लए समाचार को सबोध बनान क लए य द कछ स कड अ धक खच करन पड़ तो सकोच नह करना चा हए इस वा य को र डयो सपादक य कहगा ी चदबरम क बजट स अथ यव था म कर सधार क यग का स पात हआ ह यह नई दशा पछल तीन दशक स चल आ रह पर मट कोटा राज क वपर त ह

983 अनवाद क चनौती

आकाशवाणी को समाचार स म तय तथा अ य ोत स सचनाए अ जी म भी मलती ह अ जी म ा त समाचार का ह द म अनवाद करना होता ह अनवाद करत समय यह बात यान रखन यो य ह क यक भाषा क एक वत क त तथा शल होती ह और उसम भाव यजना क कछ व श ट णा लया होती ह अनवाद व तत वह अ छा होता ह िजसम मल क सब बात य क य आ जाए अनवाद म दसरा गण यह होना चा हए क वह कह स अनवाद न जान पड़ सब कार स मल का आन द द वा य रचना को अ जी क भाव स बचाना चा हए उ त दोन गण म स पहला गण उस भाषा क ठ क-ठ क ान पर आ त ह िजसस अनवाद कया जाता ह और दसरा गण इस भाषा क क त या व प क उ क ट ान स ा त होता ह िजसम अनवाद कया जाता ह अनवाद करत समय श दाथ क ओर

अ धक यान न दकर भावाथ क ओर अ धक यान दना चा हए

99 साराश इस पाठ म हमन आपको समाचार क यापक प तथा र डयो समाचार क व श टता और मह व क बार म बताया आपन यह भी जाना क भारत म सा रता दर कम ह इस लए र डयो लोग को व भ न घटनाओ योजनाओ नी तय काय म क तर त और सह जानकार का म य मा यम ह आकाशवाणी क समाचार सवा भाग का स त ववरण दत ह ए बतान का यास कया गया क समाचार का सकलन कस कया जाता ह तथा उसक लखन और स पादक क मलभत आव यकताए या ह र डयो समाचार म ऐसी बात नह आनी चा हए िजसस स वधान द त

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स थाओ और सवधा नक पद क मयादा को ठस पह च र डयो म सनसनीखज और भड़कान वाल समाचार सा रत नह कय जान चा हए र डयो क भाषा सरल और आसानी स समझ म आन वाल होनी चा हए र डयो समाचार वण यो य होन चा हय य क व कान क लय लख जात ह न क आख क लय भाषा

श हो और इसम याकरण क कोई गलती नह हो अनवाद करत समय भाषा को क म और द ह होन स बचाना चा हए बोलचाल क भाषा ह र डयो क भाषा ह

910 कछ उपयोगी प तक 1 भारतीय इल ॉ नक मी डया - डॉ दव त सह भात काशन द ल 2007 2 समाचार अवधारणा और लखन या - ोफसर सभाष ध लया एव आनद धान

स पा 3 भारतीय जनसचार स थान नई द ल 2004 4 र डयो सारण - कौशल शमा तभा त ठान नई द ल 2004 5 सारण प का रता - डा सरश यादव म य दश ह द थ अकादमी भोपाल 2004 6 ाइम रपोटर - हषदव भारतीय जनसचार स थान नई द ल 2005 7 इल ॉ नक मी डया लखन - ोफसर रमश जन मगल द प पि लकश स नई द ल

2004

910 अ यासाथ न 1 र डयो समाचार क मह व पर एक सारग भत ट पणी ल खए 2 र डयो समाचार क लखन व सपादन क म य पहलओ पर काश डा लए 3 र डयो समाचार क लखन म कन मयादाओ को यान म रखना आव यक ह 4 समाचार क क काय णाल का वणन क िजए 5 र डयो समाचार क भाषा पर स त लख ल खए

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इकाई-10 र डयो लखन क स ात

इकाई क परखा 100 उ य 101 तावना 102 र डयो सारण क उ य 103 र डयो क व श टता 104 र डयो लखन क सीमाए और सभावनाए

1041 र डयो लखन क परपरा 1042 र डयो क भाषा 1043 आचार स हता

105 र डयो लखन क आयाम 1051 समाचार 1052 वाता 1053 प रचचा 1054 सा हि यक रचनाए

10541 कहानी 10542 क वता

1055 हसन 1056 र डयो पक 1057 र डयो नाटक

106 सगीत क लए लखन 1061 गीतमाला 1 1062 गीत भर कहानी 1063 सगीत सभाए

107 उ घोषणाए 1071 सचनाए 1072 सदश 1073 लोगन ोमो

108 साराश 109 कछ उपयोगी प तक 1010 अ यासाथ न

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101 उ य इस पाठ म र डयो क व भ न वधाओ क लए लखन स जड़ पहलओ क चचा क जाएगी इसक अ ययन क बाद आप - र डयो सारण क उ य क बार म जानकार ा त कर सकग र डयो तथा अ य मा यम क लए लखन म अतर को समझ सकग र डयो क व भ न वधाओ क लए लखन करत ह ए यान म रखी जान वाल बात क

बार म जान सकग र डयो क आचार स हता का ान ा त कर सकग र डयो लखन क परपरा स अवगत हो सकग नाटक पक जस काय म क लए लखन क शल क जानकार ा त कर सकग समाचार लखन और सपादन क व वध पहलओ को समझ सकग सगीत म लखन क सभावनाओ और उनस जड़ त व को पहचान सकग

101 तावना र डयो जनसचार का एक मख मा यम ह जो अ य मा यम टल वजन और म त मा यम या न प -प काओ स कई मायन म भ न ह यह य मा यम ह इस लए श त-अ श त सभी वग क लए सलभ और बोधग य ह र डयो स ता तो ह ह अब एफएम ट नोलोजी क इ तमाल क बाद इसक व या मक गणव ता भी बहतर हो गई ह एफएम सारण क नजीकरण करन क सरकार क फसल क फल व प बड़ी स या म एफएम चनल खल रह ह जो थानीय तभा का उपयोग करक ीय भाषाओ या बो लय म काय म सा रत करक बड़ पमान पर ोताओ को र डयो वण स जोड़ रह ह आप पछल प ठ म पढ़ चक ह क भारत म र डयो सारण का म य सगठन आकाशवाणी ह जो समच दश म फल अपन सारण त क ज रए हद अ जी और मख भारतीय और वदशी भाषाओ म काय म सा रत करक दश क वकास और रा य एकता क दशा म मह वपण भ मका नभा रहा ह 1927 म श हआ र डयो सारण श क दो चार वष को छोड़कर सरकार नय ण म ह रहा ह टश काल म र डयो को सरकार न अपन सा ा यवाद को स ढ़ करन क साधन क तरह इ तमाल कया कत वत भारत क सरकार न नय ण क बावजद र डयो को दश क वकास जन-जागरण मनोरजन और लोकत का एक मजबत तभ मानत ह ए जहा इसक सरचना मक त का तजी स व तार कया वह दश क व वध

स क त और बहभाषायी व प क अन प गीत सगीत सा ह य समाचार श ा क ष उ योग रोजगार स सब धत जानकार दन वाल तरह-तरह क रोचक और ानवधक काय म श कए आकाशवाणी अपन 225 क क मदद स लगभग 99 तशत तथा 91 तशत आबाद तक अपन काय म पह चा सकन क मता ा त कर चका ह 1980 क

बाद दरदशन क लोक यता बढ़ जान और बाद म नजी टल वजन चनल क स य होन पर आकाशवाणी क ोताओ क स या शहर म कम होन लगी ल कन आकाशवाणी क काय म क रग- प म बदलाव आन और एफएम चनल क नजीकरण क फल व प लोग

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फर स र डयो क ओर लौटन लग ह और र डयो आज भारत म जनसचार क सबस भावशाल मा यम क प म नई ऊचाइया छन क ओर बढ़ रहा ह

102 र डयो सारण क उ य भारत क भौगो लक वशालता तथा सा क तक व वधता और सा रता व आ थक सप नता क अभाव म प -प काए पढ़ पान म अ धस य जनस या क असमथता क चलत र डयो सबस सलभ स ता और भावशाल मा यम ह र डयो सारण मोट तौर पर कसी भी अ य मी डया क तरह ह तीन उ य को लकर चलता ह य ह सचना श ण और मनोरजन सचना स अ भ ाय ह ोताओ को इ तहास भगोल धम अ या म कला सा ह य जस जीवनोपयोगी वषय और दश- वदश म घटन वाल घटनाओ स बराबर अवगत करात रहना इसक लए समाचार समसाम यक काय म तथा ान- व ान पर चचाए प रचचाए आ द सा रत क जाती ह श ण का मतलब लोग को इस लायक बनाना ह क व अपन प रवार

समाज दश और मानव मा क लए अ छ-बर का फसला कर सक इसक लए कला सा ह य न तकता तथा अ य मानवीय गण क जानकार दन तथा अ छ काय क रणा दन वाल काय म सा रत कए जात ह मनोरजन क अ तगत गीत सगीत नाटक हसन पक आ द काय म सा रत कए जात ह मनोरजन का मानव-जीवन म बह त मह व ह य क मनोरजन हमार तन-मन स बो रयत और तनाव हटाकर हम फर स तरोताजा स य और च त बनाता ह र डयो क सभी काय म इस तरह लख और तयार कए जात ह क मानव- वकास क इन तीन उ य को ा त कया जा सक

103 र डयो क व श टता र डयो क काय म तयार करना एक चनौती ह य क एक मा यम क प म यह अ य सचार मा यम स काफ भ न ह इसम श द और उ चारण क मा यम स ह पर बात स षत करनी होती ह यह टल वजन और अखबार क तरह नह िज ह यि त एका और सम पत होकर दखता या पढ़ता ह र डयो आप अ य काम करत ह ए सन सकत ह और फर इस कसान र शवाला दतर का बाब मजदर ग हणी यापार छा ोफसर व ा नक सभी वग क लोग एक साथ सनत ह ािज टर और कार र डयो क मा यम स र डयो क सदश या ा करत ह ए सर-सपाट क दौरान और ाइव करत ह ए भी सन जा सकत ह इस कार ोताओ क तर तथा वषय क चयन और उनक त त सभी ि टय स र डयो व श ट

मा यम ह अखबार कवल श त लोग पढ़त ह और टल वजन म अ धक मह व वजअल यानी च का होता ह च क ज रए कसी वषय को समझना आसान हो जाता ह कत र डयो म कवल सनकर वषय हण कया जा सकता ह

104 र डयो लखन क सीमाए और सभावनाए आपन पढ़ा क र डयो एक सरल सलभ और स ता मा यम ह िजसक षण या अ य मा यम टल वजन और अखबार स भ न ह इसी कारण र डयो लखन चनौतीपण हो जाता ह जब हम र डयो क लए लखन क बात करत ह तो उसस अ भ ाय कवल ऐस लखन

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स नह होता जसा काशन क लए कोई लख कहानी या क वता लखी जाती ह र डयो एक उ च रत मा यम ह इसम सभी काय म पव ल खत प म तयार नह होत बह त स काय म बातचीत या सा ा कार प म सीध बोलकर रकाड या सा रत कए जात ह अत र डयो लखन म वह सब साम ी भी शा मल ह िजस ए टपोर अथात बना तयार क सीध बोला जाता ह जो काय म पहल ल खत प म तयार कए जात ह उनक भाषा और

ततीकरण क शल को भी बोलचाल क लायक बनाया जाता ह ता क ोताओ को उ ह समझन म क ठनाई न हो और एक बार सनकर ह व वषय को हण कर ल इस लए र डयो काय म क भाषा क साथ-साथ वषय क त तकरण को भी सरल प ट और रोचक रखना ज र होता ह र डयो म समाचार स लकर सगीत तक व वध कार क काय म का सारण होता ह और यक वधा क लखन और त तकरण म अलग तरह क शल अपनाई जाती ह श द और वा य का चयन करत ह ए यह भी दखना होता ह क उ ह बोलना सरल हो और व कणमध तथा असरदार भी ह य क र डयो म समचा षण श द व व नय और उनक त त क ज रए ह कया जाता ह र डयो लखन एक कला ह िजसक लए लखन म वषय और वधा वशष क स यक जानकार बोलचाल क भाषा क समझ और ोताओ क चय क पर पहचान होनी चा हए र डयो लखन करन वाल को समय क साथ ोताओ क बदलती अ भ चय भाषा क नए प और त तकरण क नई ट नोलोजी और श लय क त सजग और सवदनशील होना चा हए उदाहरण क लए कसी राजनी तक या आ थक घटना पर कसी वाता और कसी एफएम चनल पर फ मी गान क लए क जान वाल उ घोषणा क भाषा और व प म दन-रात का अतर होगा र डयो क काय म क बदलत व प क साथ-साथ र डयो लखन क शल अदाज और भाषा म भी प रवतन होता रहा ह

1041 र डयो लखन क परपरा

दश म र डयो सारण क ार भक दौर म र डयो का उ य औप नव शक स ता को मजबत बनान क यास करना था और ोता म यतया अ ज या अ जी जानन वाल भारतीय बाब होत थ इस लए उस समय र डयो काय म क भाषा म यतया अ जी थी और लखन शल एकदम औपचा रक होती थी उसका तवर आदशा मक होता था य क तब र डयो शासक का मखय था काय म भी बह धा राजनी तक और शासक य क म क होत थ सरकार नणय और आदश क सचना दन वाल समाचार सा रत कए जात थ उनक भाषा पर तरह सधी ह ई और सपाट होती थी हद तानी म समाचार बल टन श ह ए तो उनक भाषा भी कठोर और अरबी-फारसी क शासक य श दावल स प रपण होती थी उस दौर म भारतीय सा ह यकार कलाकार और ब जी वय का र डयो क साथ बह त कम जड़ाव था इस लए र डयो काय म म भारतीय प स क त और तवर क मौजदगी नग य सी थी मनोरजन क लए पि चमी सगीत ह परोसा जाता था वत ता क प चात इस मा यम को सा क तक वरासत स जोड़ा गया डॉ0 कसकर

बालक ण राव एव जगद श च माथर जस कलाधम और रचनाधम जब र डयो

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क शास नक सवा म आय तो र डयो म नया माहौल बना तब यक भाषा क ठ सा ह यकार क व सगीतकार नाटककार गायक कलाकार र डयो स जड़ गए

र डयो म अ खल भारतीय सा ह य समारोह आयोिजत कए गए सवभाषा क व स मलन क पर परा चल पड़ी र डयो क मा यम स रचनाध मय को मह वपण ढग स तत कया जान लगा भारतीय शा ीय सगीत और फ मी सगीत र डयो पर सनाई दन लगा 1967 म व वध भारती क नाम स अ खल भारतीय काय म ारभ कया गया समय क साथ यवा पीढ़ बदलता मानस जो र डयो सीलोन क लोक य फ म सगीत म रमन लगा था उस पन आकाशवाणी क ओर आक ट करन क लए यह काय म श कया गया इसम ऐस जन य काय म क ोताओ क पसद भी शा मल क गई ऐस जन य काय म क भाषा वभावत सरल और अप ाकत अनौपचा रक रहती थी 1970 क आस-पास नई पीढ़ क कलाकार और लखक र डयो स जड़न लग तो र डयो क भाषा और शल म और प रवतन आन लगा सा हि यक और तकनीक वषय क काय म म भल ह धीर-गभीर शल और श दावल का चलन होता रहा ल कन अ य काय म म धीर-धीर लचीलापन आता गया 1990 क दशक क बाद र डयो काय म क व प और तवर म आमल प रवतन आ गया और एफएम चनल न तो र डयो क भाषा और लखन या त तकरण को एकदम नया प द दया यहा तक क समाचार क त त और सपादन न नई करवट ल और एफएम गो ड पर सा रत होन वाल समाचार बल टन का व प अनौपचा रक और बातचीत जसा हो गया समाचार पर आधा रत वाताए जो पहल लखकर समाचार वाचक वारा पढ़ जाती थी व धीर-धीर इटरि टव यानी सवाद प म प रव तत हो गई और वत ह उनम बोलचाल क भाषा और शल का पदापण हो गया जब कोई काय म सोच-सोच कर लखा जाता ह तो उसम न चाहत ह ए भी भाषा का ल खत प झलक आता ह कत जब आप परा काय म ह बातचीत क शल म तत करग तो भाषा का व प और श दावल वत ह सरल वाभा वक और भावकार बन जाती ह इस कार समय क साथ आकाशवाणी क काय म क व प म बदलाव क अन प भाषा और त त या न लखन म प रवतन क या भी जार रहती ह

1042 र डयो क भाषा

आप पढ़ चक ह क र डयो य मा यम ह और इसक सभी काय म सनकर हण कए जात ह और श द ह षण या का म य त व ह इस लए र डयो म भाषा का सबस अ धक मह व ह यह तो बताया ह गया ह क र डयो लखन म भाषा सरल और बोधग य होनी चा हए वा य छोट ह और नए वषय का वतन करत ह ए अप ाकत अ ात और तकनीक श दावल का य का य योग करन स बचना चा हए नए और अ च लत श द का योग य मा यम म वजनीय होता ह य क एक तो र डयो क ोताओ क नर र और कम पढ़- लख भी होत ह और दसरा श द

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एक बार नकल गया तो उस समझन क लए काय म को रवाइड करक फर स नह सना जा सकता इसक अलावा भाषा का तर काय म क वषय क अन प होना चा हए व श ट वषय या वशष ोता वग को सबो धत काय म म क ठन या तकनीक श द का य का य इ तमाल कया जा सकता ह य क उसक ोता उस वषय क जानकार होत ह कत समाचार वाताओ मनोरजन धान या सामा य ोताओ क लए सा रत होन वाल काय म म कसी नई अवधारणा या वचार को

खोल कर और सरल भाषा म समझा कर लखा या बताया जाना चा हए भाषा क व प को लकर कसी तरह क द वधा नह होनी चा हए र डयो क आदश भाषा का एक ह मापदड ह क वो सामा य ोताओ को समझ म आनी चा हए इसम उद अ जी या थानीय श द या उि तय का यथासभव योग कया जा सकता ह अ जी या उद-फारसी पजाबी मराठ बगाल गजराती जसी भाषाओ या हद क उपभाषाओ और बो लय क जो श द हमार सा ह य प -प काओ और बोलचाल म योग होन लग ह और सामा य लोग उ ह समझ लत ह उनक योग को बढ़ावा दना चा हए र डयो का मल धम ह वषय का षण र डयो का सारक न तो भाषा व ा नक ह न ह वयाकरण उसक लए भाषा का वह प वीकाय ह जो सीध जनता तक जाता ह पहल गाधी जी क वचारधारा क लए गाधीवाद श द का योग होता था एक फ म क ज रए गाधी गर श द लोग क जबान पर आ गया तो उसक योग म हचक नह होनी चा हए बि क यह श द नई पीढ़ को अ धक अपील करन वाला ह एक और उदाहरण ल सकत ह पहल अ जी क Accused श द क लए हद म अ भय त श द योग होता था पछल कछ वष स अखबार और ट वी चनल इसक लए आरोपी श द का इ तमाल करन लग ह और आम लोग न इस अपना लया ह तो र डयो क समाचार और अ य काय म म इसका इ तमाल कया जान लगा ह व वध भारती काय म स भाषा म लचीलापन और अनौपचा रकता का पट आन लगा था क त जब एफएम चनल क एकर या आरज लोग न नए अदाज म काय म तत करन श कए तो उनक सामन व वध भारती क भाषा और अदाज अब औपचा रक लगन लग ह वषय और काय म क व प क अन प ह उसक भाषा और त त म बदलाव लाकर ह हम सारण को जी वत रख सकत ह इस सदभ म अ सर यह पि त उ त क जाती ह ldquoिजस तरह त बोलता ह उस तरह त लख rdquo र डयो लखन या सारण क भाषा और शल क सदभ म यह पि त द प तभ क तरह हमारा माग दशन करती रहगी

1043 आधार स हता

आप जान चक ह क भारत म र डयो का म य सगठन आकाशवाणी सरकार नय ण म ह और उस लोक सारक का दजा मला हआ ह वह ससद और दश क जनता क त जवाबदह ह उस अपन काय म का नमाण और सारण करत ह ए वशष दा य व और मयादाओ को यान म रखना पड़ता ह य तो सभी सारण सगठन

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क लए कछ न तक और यवसाय स जड़ नयम व मयादाओ का पालन करना आव यक ह कत आकाशवाणी को इस दशा म वशष प स सावधान रहन क ज रत ह इस सबध म आचार स हता नधा रत ह िजसका ान होना र डयो क लए लखन और काय म का सपादन और सारण करन वाल क लए आव यक ह आकाशवाणी क लए लखन म न न ल खत बात स परहज रखना ज र ह- म दश क आलोचना कसी धम या स दाय वशष पर आ प कछ भी अ ल ल तथा मानहा न यो य हसा को ो साहन या ऐसा कछ जो कानन और यव था क खलाफ हो ऐसा कछ िजसस यायालय क अवमानना होती हो ऐसा कछ जो रा प त सरकार एव यायालय क मयादा क तकल हो राजन तक दल पर नाम लकर आ प कसी रा य अथवा क क आ ामक आलोचना ऐसा कछ भी जो स वधान क त अमयादा दखलाता हो र डयो लखन म समय का नय ण बह त मह वपण ह आलख नि चत समय क लए तयार कया जाता ह अत समय क सीमा म अपनी बात पणता क साथ कह जाना आलख क सफलता ह एक ह श द क बार-बार पनरावि त स बचना चा हए यह भी आव यक ह क वषय का तारत य न टट पाय

बोध- न - 1 1 र डयो अ य जनसचार मा यम स कस कार भ न ह helliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphellip helliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphellip2 र डयो लखन म कन बात का यान रखना आव यक ह helliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphellip helliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphellip3 र डयो काय म क भाषा पर स त ट पणी ल खए helliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphellip helliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphellip

105 र डयो लखन क आयाम र डयो स करोड़ ोताओ क लए काय म सा रत कए जात ह िजनक चया व वध और अलग-अलग होती ह ोता गभीर काय म चाहत ह तो कछ दलच पी ह क-फ क मनोरजन धान ो ाम म भी होती ह कई ोता सगीत को अ धक तरजीह दत ह तो अ य ोताओ

को खल काय म या फ मी काय म पसद आत ह कछ ोताओ को धम अ या म दशन क चचा अ छ लगती ह तो कछ लोग चटकल हा य सग या हसन सनकर आन दत होत ह इसी कार ोता कभी समाचार सनन क इ छक होत ह तो कभी सा हि यक काय म

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क लए र डयो ऑन करत ह इन व वध चय वाल ोताओ को सत ट करन क लए र डयो को उनक पसद क काय म सा रत करन पड़त ह इन सभी काय म का व प भाषा या त तकरण क शल एक समान नह हो सकती सभी वधाओ क लखन सपादन या

त तकरण म व श ट ोता वग क अप ाओ को यान म रखा जाता ह अब हम र डयो स सा रत मख वधाओ क काय म क लए लखन या का व लषण करग

1051 समाचार

समाचार कसी भी सारण सगठन का मह वपण अग होता ह आकाशवाणी क काय म म लोक यता क हसाब स सगीत क बाद समाचार का ह थान ह आकाशवाणी क ाइमर चनल तथा एफएम चनल पर त घट हद या अ जी म छोट-बड़ समाचार बल टन सा रत कए जात ह ाद शक क स ीय भाषाओ म और वदश क लए हद तथा अ जी क अलावा कछ भारतीय भाषाओ और वदशी भाषाओ क समाचार बल टन और समाचार पर आधा रत वाता काय म सा रत कए जात ह समाचार क बार म उ लखनीय बात यह ह क कछ अपवाद

को छोड़कर इनका सारण लाइव यानी सीध ट डयो स होता ह और इनम रकॉ डड साम ी बह त कम होती ह जब क अ य काय म अ धकाशत रकॉ डड होत ह इस लए समाचार लखन सबस अ धक चनौतीभरा काम ह य क इ ह त काल सा रत करना होता ह कई बार तो लखन क बाद इ ह दोबारा पढ़न का समय

नह रहता समाचार ाि त क लए र डयो अपन सवाददाताओ समाचार स म तय तथा अ य ोत पर नभर करता ह समाचार क म ट ल टर टल फोन क यटर फ स

आ द पर समाचार ा त होत रहत ह इन ा त समाचार म स सपादक मह वपण समाचार का चयन कर समाचार बल टन का आलख तयार करत ह िजस समाचार-वाचक पढ़त ह समाचार क भाषा क सदभ म कछ यान रखन यो य बात न न ल खत ह 1 भाषा सरल और आम आदमी क लए बोधग य हो 2 वा य छोट होन क साथ अ भ यि त उलझन भर न हो 3 च लत महावर का योग कया जाना चा हए 4 भाषा म नाटक य उतार-चढ़ाव नह बि क सहजता अप त ह समाचार सारण क अव ध नि चत होती ह जस एक पाच दस प ह या तीस मनट ऐसी ि थ त म समाचार का चयन करना और चय नत समाचार म स यह तय करना क समाचार को मखता क आधार पर या म दया जाए यह सब सपादक क ववक पर नभर करता ह अब समाचार म वशष नताओ तथा कसी घटना स भा वत लोग क साउड बाइट भी शा मल कए जात ह िजन पर समाचार क का अपना नय ण नह होता हा उनका आव यक सपादन कया जाता ह इन साउड बाइ स क भाषा सब धत

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लोग क अपनी होती ह िजनम कभी-कभी उ चारण दोष या अ जी का योग खलता ह कत इसस समाचार क व वसनीयता बढ़ती ह य क हम घटना क स चाई या उसक भाव क जानकार सब धत यि त क अपन मह स ा त करत ह इसी कार समाचार बल टन म घटना को कवर करन वाल सवाददाता क अपनी आवाज म वायस ड पच लए जात ह वायस ड पच य क सवाददाता वय तयार करता और बोलता ह इस लए उनम सरल और बोलचाल क भाषा रहती ह कभी-कभी ट डयो म बठा एकर या समाचार वाचक सीध घटना थल पर मौजद सवाददाता स

घटना क बार म फोन पर बात करता ह जो समाचार क साथ त काल सा रत हो जाती ह ऐसी बातचीत क भाषा भी सरल तथा बोलचाल क होती ह इन नए त व क इ तमाल स र डयो क समाचार बल टन बनाना ज टल अव य हो गया ह कत व सरल बोधग य और अ धक व वसनीय बन गए ह

1052 वाता

वाता र डयो सारण क व श ट वधा ह य समाचार आधा रत भी होती ह और सा हि यक सा क तक व ा नक व आ थक वषय क भी हो सकती ह समाचार पर आधा रत वाता क साथ साथ अब डायलाग या सवाद का सारण भी होता ह िजसम एक वशष स समाचार सपादक अथवा सवाददाता कसी ता का लक वषय पर अपनी बात करक उनस व तत जानकार लन का यास करता ह कभी-कभी दो वशष आपस म बातचीत क ज रए वषय क व भ न पहलओ का व लषण करक ोताओ तक नई जानकार पह चात ह कसी भी वाता क दो प होत ह- व ता और ोता वाताकार क पास अ भ यि त क लए मा वाणी ह और ोता क पास वण एक अ छ वाता क लए वाता को ोताओ स तादा मय था पत करना पड़ता ह ोताओ क मान सकता को अपन साथ बाध लना ह वाताकार क सफलता ह र डयो वाता को बोधग य बनान क सदभ म न न ल खत बात आव यक ह - वषय का रोचक होना प तक य ग य-शल क अप ा सहज और सजीव शल वचार को टात स समझाना वाता का वकास तकसगत र त स करना म य-म य बात पर वशष जोर दना क ठन श दावल स बचना सय त और म वा य स परहज करना बोलन क ग त सामा य रखना वाता लखना और तत करना एक कला ह लखन बह त अ छा हो और उस तत करन क शल ठ क न हो तो अ छा लख भी असरदार नह हो पाता ह इसी तरह कभी कभी मामल स आलख को भी वाचक असरदार बना दता ह अत लखन और

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वाचन दोन मलकर वाता को सजीव बनात ह वाताकार को ोताओ क साथ नकटता का भाव उ प न करना पड़ता ह वाताओ क कई कार ह कछ वाताय काय म वशष क लए तयार क जाती ह- जस यवाओ क लए म हलाओ क लए ब च क लए व या थय क लए कसान क लए इसक अलावा स मरणा मक और आ मकथा मक वाताए भी होती ह ऐसी वाताओ म कथात व भी होता ह जो ोताओ को बाधता ह

1053 प रचचा

प रचचा म कसी वषय पर बह प ीय चचा होती ह अत प रचचा वचार- वमश ह प रचचा का नयामक वषय और तभा गय का प रचय दकर वषयगत कसी एक न को एक तभागी पर उछाल दता ह और इस तरह प रचचा आर भ हो जाती ह य द अ य तभागी आव यक समझ तो व बीच म ह त प कर अपनी बात रख सकत ह हा नयामक प रचचा को आग बढ़ान म एक कड़ी का काय करता ह वह दसरा न अ य तभागी क सम रखता जाता ह इसम तीन स पाच तभागी भाग ल सकत ह इसस अ धक तभागी होन पर ोताओ क

मत हो जान क आशका रहती ह प रचचा म वषय स भटक जान क गजाइश भी रहती ह अत वषय को स पणता स तत करन एव वचार का सल सला बनाय रखन क लए तभा गय और नयामक को नो स बना लन चा हए य द तभा गय म सरलता और अ भ यि त म पनापन नह हआ तो प रचचा बजान और नीरस हो जाएगी

1054 सा हि यक रचनाए

आकाशवाणी सा ह य क सारण को ारभ स ह मह व दता रहा ह सा ह य मन य को स का रत करता ह और उनम उदा त चतना का सचार करता ह यह सह ह क अ धकतर ोता ह क-फ क काय म सनना पसद करत ह ल कन बड़ी स या म ऐस ोता भी ह जो सा हि यक रचनाए सनन को उ सक रहत ह र डयो स म यत क वता और कहानी का सारण होता ह

10541 कहानी

सा ह य म कहानी का जो प च लत ह वसा ह र डयो पर भी वीकत ह र डयो कहानी म आचार स हता का यान रखा जाता ह कहानी म व णत घटना थान यि त ववादा पद न ह यावसा यक व तओ क नाम आ द स भी बचा जाए जस कहानी का नायक य द कसी व त का उपयोग करता ह तो उस व त का नाम कसी ड-नम क प म न लखा जाए च क र डयो कहानी का वण बह स यक ोताओ वारा होता ह और एक ह प रवार क ब च बढ़ जवान म हलाए एक साथ

र डयो कहानी सन सकत ह अत र डयो कहानी म अ ल लता या उ ी त वासना क कतई गजाइश नह होती

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र डयो कहानी सरल और सबोध भाषा क अप ा रखती ह कहानीकार अपनी बात सीध सरल और रोचक ढग स कह न क घमा फराकर नह तो ोता बोधग यता और रोचकता क अभाव म व ता क साथ तादो मय नह कर पाएग हा उसम नाटक यता अव य होनी चा हए तभी वह सनन म रोचक हो सकगी

10542 क वता

सा ह य म क वता का मख थान ह र डयो उसक अ भ यि त का सश त मा यम रहा ह सन 1954 क बाद जब स म ानदन पत ह रवश राय ब चन अ य दनकर जी और नागाजन जसी महान वभ तया र डयो स जड़ी तो सा ह य क ग रमा स भरा क वताओ का एक सलाब सार क प म बहा जो आज भी बहता रहता ह इसक साथ र डयो समय-समय पर क वताओ क लए नए क वय को भी आम त करता ह का यपाठ और क व गो ठ क प म क वताओ का सारण होता ह गणत दवस पर सवभाषा क व स मलन आयोिजत कया जाता ह िजसक रकॉ डग आकाशवाणी क सभी क रल करत ह ाय दखा जाता ह क क व स मलन म पढ़ गई क वता जो मच पर रकॉड क

जाती ह उसका बड़ा अश स पा दत होकर ह सा रत हो पाता ह यह कारण ह क अनक ववाद क कारण दस म स चार क वताए ह छटकर र डयो म पढ़न लायक होती ह सारणकता का सा ह य ान स स प न होना अप त ह

1055 हसन

हसन या झलक हा य- य य धान वधा ह य द र डयो क वजनाओ को यान म रखत ह ए हा य- य य वाता का लखन कया जाए तो नि चत ह यह र डयो क असरदार शल ह र डयो क लए लख जान वाल हा य- य य क लए न न ल खत बात यान दन यो य ह - वषय ऐसा चना जाए िजसस कसी जा त यि त स दाय आ द क भावनाओ

को चोट न पह च भाषा और महावर क योग म अ ल लता और फहड़पन स बचा जाए वषय ऐसा हो िजसका आन द समाज का वशाल वग ल सक उपमा और पक इस कार यवहार म लाय जाए क उ ह सवसाधारण ज द

और अ छ तरह समझ सक साम यक वषय पर हा य- य य अ धक कारगर होता ह झलक लखन म कथाव त च र एव सवाद का बह त मह व ह कथा व त क लए लखक को कह भटकना नह पड़ता न ह पो थय म डब कया लगानी पड़ती ह वह तो रोजमरा क जीवन म अपन आसपास मल सकती ह समाज म आपको पग-पग पर वदषक मल सकत ह और उनक अटपट कायकलाप अब भी चलत ह

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झलक म सवाद बड़ पन और च त होत ह सवाद म हा य- य य का पट हो िजसस ोताओ का भरपर मनोरजन हो सक इतना सब होत ह ए भी झलक उ य र हत

नह होती वह समाज म फल कर तय पर चोट करती ह

1056 र डयो पक

पक र डयो क अपनी वधा ह पहल बार जॉन गयसन न 1926 ई म डा यम श द का योग पक क साथ कया था िजस ह द म आलख- पक कहा जाता ह जॉन गयसन क अनसार यह जीव त य और जी वत त य का फोटो ाफ ह समाचारप एव प काओ म का शत होन वाल पक स र डयो पक बलकल भ न ह यह वाता तथा नाटक स भी भ न ह वाता म सपाट बयानी होती ह पक म सपाट बयानी क साथ नाटक यता भी होती ह नाटक म मा नाटक यता होती ह पक म नाटक यता क साथ सपाट बयानी होती ह पक त याधा रत होता ह नाटक क पना-आधा रत पक क त यपरकता ोता क तक को बाधती ह और उसम य त नाटक क त व सवदना को र डयो पक म त य क कथा-ज र ह जो ोता को बाधती ह क त इस कथा-त व का योग बड़ कला मक ढग स कया जाना चा हए वषय चयन तो कछ भी हो सकता ह पक क भाषा अ य त सधी ह ई सरल सकोमल भाव स स प न ग रमामयी व सगानसार होनी चा हए पक म व न और सगीत का बड़ा मह व ह िजसस भाव

और वातावरण न मत होत ह र डयो पक का व तत ह पक आलख वाचन क लए ाय दो नरटर लए जात ह एक नार वर दसरा प ष वर इसस पक म एकरसता नह आती तथा रोचकता बनी रहती ह ना य अश या कसी

अनगिजत वर क लए अ य आवाज का भी इ तमाल कया जाता ह

1057 र डयो नाटक

र डयो नाटक सारण क एक सश त वधा ह इसक अतगत मचीय और सा हि यक नाटक को र डयो नाटक म पातरण भी कया जा सकता ह और वत प स र डयो नाटक भी लख जात ह दसर वधा का सारण सरल और अ धक भावकार माना गया ह र डयो नाटक क कछ सीमाए भी ह पहल सीमा यह ह क वह कवल माइक पर नभर करता ह माइक ह उस जीवन दता ह दसर सीमा यह ह क यह कवल श द को मा यम बनाता ह ोताओ को बाधन क लए यहा पर य कवल वण करन क लए श द ह तीसर सीमा यह क र डयो का ोता एका चत होकर नह बठता न ह कोई बठकर उसका इ तजार करता ह अ य काय म लग रहकर ह ाय ोता र डयो सनत ह

य द र डयो क सभावनाओ पर गौर कर तो इसन थान काल आ द क सीमाए लाघ डाल ह एक ह पा अनक थान भ न- भ न समय म सवाद बोलता हआ तत

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कया जा सकता ह र डयो नाटक अ धकतर सम या मलक होत ह जो आज समाज म या त कर तय वक तय का पदाफाश करत ह

106 सगीत क लए लखन सगीत र डयो क सबस सरल और लोक य वधा ह आकाशवाणी न भारत क शा ीय सगीत को जी वत रखन और उस जन-जन तक पह चान म उ लखनीय भ मका नभायी ह सगम सगीत और फ मी सगीत क ोता भी करोड़ क स या म ह आकाशवाणी क कल सारण समय का सबस अ धक ह सा सगीत को सम पत ह एफएम चनल तो पर तरह सगीत का ह वशषकर फ मी सगीत का सारण करत ह सगीत सर और वा य का खल ह इस लए इसम लखन क गजाइश बह त कम रहती ह कवल सगीत क काय म क त त और सगीत क घरान राग या सगीतकार क प रचय आ द क लए लखन होता ह इसक अलावा सगीत क वशष काय म गीतमाला सगीत तयो गताओ अ या र काय म आ द क लए एकर और ततकता को आलख तयार

करन पड़त ह या मौ खक प स त त दनी होती ह

1061 गीतमाला

कसी वशष काय म म कसी खास वषय अवसर या राग क गीत क त त गीतमाला कहलाती ह इस तरह क काय म र डयो क सभी चनल स सा रत होत ह और य बह त लोक य ह य क इसम गीत बखर ह ए न होकर एक स म बध रहत ह इसम व भ न गीत का प रचय दन और उ ह पर पर जोड़न तथा पर काय म को समि वत प स एक इकाई क प म तत करन क लए आलख तयार कया जाता ह य आलख नरशन क प म भी हो सकत ह और कथा प म भी इसक लए सगीत क गहन ान क साथ-साथ भाषा का अ छा अ धकार होना ज र ह ऐस सरस आलख म कछ अश ना य अश क प म भी रहता ह कसी वशष भाव को चरम सीमा तक अनभत करान क लए बीच बीच म फ मी गीत सनवाए जात ह य गीत भी उसी भाव भ म पर आधा रत होत ह िजन भाव को आलख म परोया गया ह ऐस काय म जीवन क मधर भावप को कट करत ह अत इनक भाषा बड़ी सरस और चताकषक होना ज र ह यवा वग क ोताओ म यह वधा बह त लोक य ह

1062 गीत भर कहानी

गीत भर कहानी व तत र डयो कहानी ह ह फक कवल इसक ततीकरण म न हत ह र डयो कहानी क त त म जब य अनभव कया गया क कभी-कभी ोता कछ सी मत वषय पर कहानी सनत-सनत अपना मानस बो झल महसस करन

लगत ह तो खासकर यवा मानस को इस वधा क साथ रोचकता क ढग स जोड़न का यास कया गया

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गीत भर कहानी क कथानक म बीच-बीच म कसी भाव को भावी बनान क लए कोई फ मी गीत बजा दया जाता ह इस तरह गीत सनवाए जात ह और साथ ह कथानक भी चलता रहता ह गीत क चयन म सावधानी अव य चा हए य क भाव वशष स गीत का गहरा सबध ह कथानक क भावभ म और गीत क भावभ म एक ह हो िजसस भाव ोता क मन को गहराई तक छए इस काय म क भाषा बह त मधर और सहज अ भ यि त भर होनी चा हए कोई भी ोता सगीत क फहार म भीगन क बाद नीरस आलख क अ भ यि त वीकार नह कर पाएगा व तत यहा सगीत क साथ भाषा क चनौती लखक को वीकार करनी पड़ती ह वा य सीध और सरल ह कोई बात घमा फरा कर न कह जाए नह तो ोता का भाव-तादा मय टट सकता ह इसम ना य अश का भी योग कया जा सकता ह जस कथानक म दो पा क कथा बढ़ती ह तब ना य अश क प म उन दो पा क थोड़ी सी झलक दन क लए तत कर दया जाता ह ता क भाव वशष पा और सवाद क साथ जीवत एव भावी बन सक

1063 सगीत सभाए

आकाशवाणी क क त वावधान म समय-समय पर सगीत सभाओ का आयोजन कया जाता ह इस आयोजन क म यत दो उ य होत ह- पहला यह क ोता र डयो काय म स य प स जड़कर आन द का अनभव कर और र डयो क त उसका अपन व जा त हो दसरा इन सभाओ म भ न- भ न आच लक स क तय का सगम होता ह दश क भ न- भ न क स यहा कलाकार आम त कए जात ह जो ीय भाषा म भजन लोकगीत गजल आ द तत करत ह कला और स क तय क इस सरस समागम म ोता भारत क रा य एकता का दशन करत ह य आयोजन अवसर वशष क अनकल होत ह िजस सावनी स या होल सगीत सभा लोक भजन क सगीत सभा सगम सगीत सभा शाम गजल या क वाल आ द इन सगीत सभाओ का सचालन बड़ ह कला मक और सरस ढग स कया जाता ह ता क उपि थत ोता म म ध होत ह ए काय म त त स जड़ सक इसक लए व धवत आलख तयार कया जाता ह आर भ म काय म का प रचय और आग तक ोताओ का अ भन दन कया जाता ह इसक बाद सगीत सभा क प रचया मक भ मका अ त थ कलाकार का प रचय दया जाता ह

यक गीत गायन स पहल गीत क भावभ म और कलाकार का प रचय दया जाता ह बीच-बीच म सगीत त तय और कलाकार क वशषताए बतात ह ए ोताओ क साथ तादा मय बनाए रखना होता ह ऐस आलख क लखन व त तकरण क लए सगीत क अ छ समझ और भाषा पर पकड़ क आव यकता ह

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107 उ घोषणाए र डयो म उ घोषणा और काय म का अ भ न सबध ह काय म सनन क च ोताओ म उ घोषणा सनकर ह जागत होती ह उ घोषणा िजतन रोचक ढग स क जायगी ोता उतन ह सनन क लए आकल हो जाएग एक ह बात को अलग-अलग उ घोषक अपनी शल स असरदार बना दत ह अत उ घोषणा क लए अ छा वर सध ह ए अथपण श द और साफ-साफ उ चारण होना आव यक ह उ घोषणा म कछ बात ज र होती ह जस- कौन सा क ह काय म कौन सा ह समय क साथ य द कोई वशष सचना ह एक अ छ उ घोषणा म सचना उ सकता और रोचकता तीन गण पाए जात ह उ घोषक या उ घोषणा लखक इन तीन बात को कछ वा य म परो लता ह

1071 सचनाए

र डयो पर सचनाए नधा रत काय म क बीच म कसी भी समय सा रत कर द जाती ह आपन कभी-कभी र डयो पर सना होगा- अगल काय म सनन स पहल एक सचना स नए ाय कसी न कसी काय म क बाद म एकाध मनट शष बच ह जाता ह इस समय का सदपयोग मह वपण सचनाओ क प म होता ह य सचनाए कभी काय म सबधी होती ह तो कभी कसी वशष घटना क सबध म और कभी खोए ह ए यि त क सबध म य द धानम ी या रा प त का सदश रा क नाम सा रत होन वाला ह तो स चत कया जाएगा- आज रा आठ बज रा क नाम धानम ी का सदश सा रत कया जाएगा एफएम चनल पर मौसम फक पर ा प रणाम सा क तक आयोजन आ द क ताजा सचनाए सनाई जाती

ह इन सचनाओ म िजस बात क जानकार द जाती ह उसका प ट वणन और उ य स त म लखा जाता ह आलख क भाषा ऐसी होती ह जो आम आदमी क लए बोधग य ह कसी क स जब कोई नया काय म ार भ कया जाता ह तो उसक भी पव सचना ोताओ को द जाती ह ऐसी सचनाओ म काय म का स त प रचय भी होता ह कभी-कभी सीध माइक पर ह जाना होता ह और ल खत आलख तयार नह हो पाता इसक भाषा सरल और आम बोलचाल क होनी चा हए

1072 सदश

वशष अवसर पर दश क गणमा य यि त समाज और रा को स बो धत करन क लए अपन सदश सा रत कया करत ह ऐस सारण रा य सकट या रा य पव क अवसर पर भी कए जात ह य सदश सभी वग क लोग क लए होत ह आम आदमी इसस स ब होता ह सदश म बात स प म कारगर ढग स कह जाती ह सकटकाल क ि थ त म सबोधन क भाषा भावना मक सा वना भर अपन व स ओत ोत होना ज र ह इसका यय जन मन म साहस का सचार करना होता ह ल कन रा य अवसर पर सदश

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उ लासपण भावना स भर होत ह हा सदशदाता को समयानसार सदश क भाषा को वर म ढालना होता ह भावनाओ को न छ पान क ि थ त म सदश बजान हो जाता ह यह काय क ठन अव य ह इसम बड़ी सावधानी क आव यकता ह उपरो त बात को यान म रखत ह ए जब आलख तयार कए जाए तो सदशदाता क यि त व क ग रमा को भी यान म रखना होगा

1073 लोगन ोमो

सारण म समय का बह त बड़ा मह व होता ह यह कारण ह क अलग-अलग काय म का समय और म नि चत होता ह समय क इस नधारण को चक कहा जाता ह य द कसी काय म क लए दस म नट समय नधा रत होता ह तो काय म नौ म नट का रकाड कया जाता ह य क उ घोषणा क लए एक म नट छोड़ दया जाता ह फर भी पहल स रकाड कर लय काय म कभी-कभी टप डक म पीड-व रएशन होन क कारण नि चत समय स कम हो जाता ह या बढ़ जाता ह तब बच ह ए समय क प त क लए लोगन या नार का योग बह त उपयोगी होता ह जरा सो चए आप काय म सन रह ह और काय म क समापन क उ घोषणा क बाद पाच दस सक ड का पाज आय तो नि चत ह आपको यह खाल पन अखरगा य द इस खाल समय को भरन क लए यिजक फलर का इ तमाल कया जाए जसा क कभी-कभी कया जाता ह तो भी वह नरथक योग ह अत लोगन का इ तमाल सो य और साथक होता ह नारा इतना सहज और बोधग य हो क सनत ह ोता को याद हो जाए इसम बोल-चाल क भाषा अ धक कारगर स होती ह एक छोटा सा नारा य द असरदार ह तो ल ब भाषण स यादा अपील करगा यह कारण ह क एक नारा हमार स पण वचारधारा योजना उ य आ द को य त कर दता ह लोगन क तरह ोमो भी कभी-कभी फलर क तरह और कभी-कभी योजनाब

तर क स सा रत कए जात ह ोमो एक तरह का आत रक व ापन होता ह िजसम चनल या क क अपन कसी काय म या वय चनल का प रचय और वशषताए चारा मक ढग स रकाड रहती ह इस अथपण श द सगीत और व न क म ण

स रोचक और भावशाल बनाया जाता ह नजी चनल म ोमो धड़ ल स बजाए जात ह इनम यह यान रखा जाना चा हए क य त य स पर और अ त योि तपण न ह

बोध- न -2 1 समाचार लखन म या- या सावधा नया बरतना आव यक ह helliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphellip helliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphellip2 र डयो आचार स हता या ह

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108 साराश इस पाठ म हमन आपको र डयो सारण क उ य को प ट करत ह ए र डयो क व भ न वधाओ क लए लखन और ततीकरण स जड़ पहलओ क जानकार द आकाशवाणी लोक सारण सगठन ह इस लए इसक काय म क लखन म अनक मयादाओ का पालन करत ह ए

कई तरह क सावधा नया बरतनी पड़ती ह य मा यम होन क कारण काय म क भाषा सरल बोधग य और तर त समझ म आ जान वाल होनी चा हए यह भी बताया गया ह क समाचार लखना सबस चनौतीपण काय ह

109 कछ उपयोगी प तक 1 भारतीय इल ॉ नक मी डया - डॉ दवद त सह भात काशन द ल 2007 2 समाचार अवधारणा और लखन या - सभाष ध लया एव आनद धान स पा

भारतीय जनसचार स थान नई द ल 2004 3 र डयो सारण - कौशल शमा तभा त ठान नई द ल 2004 4 सारण प का रता - डॉ सरश यादव म य दश ह द थ अकादमी भोपाल 2004 5 ाइम रपोटर - हषदव भारतीय जनसचार स थान नई द ल 2005 6 इल ॉ नक मी डया लखन - ो रमश जन मालद प पि लकश स नई द ल 2004

1010अ यासाथ न 1 जनसचार मा यम क प म र डयो क व श टता का व लषण क िजए 2 र डयो लखन क व वध आयाम तथा परपरा का वणन क िजए 3 र डयो क व भ न वधाओ म समाचार लखन सबस चनौतीपण काय ह इस कथन क

समी ा क िजए 4 र डयो नाटक और र डयो पक म अतर प ट क िजए 5 र डयो लखन म भाषा क मह व पर स त नबध ल खए 6 सा हि यक रचनाओ क र डयो त त पर काश डा लए 7 र डयो सारण म सगीत क मह व को रखा कत करत ह ए इसक काय म लखन और

त तकरण क सभावनाओ का ववचन क िजए

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इकाई-11 टल वजन समाचार लखन

इकाई क परखा 110 उ य 111 तावना 112 टल वजन समाचार का मह व 113 भारत म टल वजन समाचार का इ तहास

1131 दरदशन समाचार 1132 नजी समाचार चनल

114 टल वजन समाचार लखन 1141 समाचार क सरचना 1142 घटना म 1143 च ा मकता 1144 स तता 1145 भाषा क सरलता 1146 अनवाद

115 टल वजन समाचार बल टन 1151 व प और या 1152 म नधारण 1153 म य समाचार 1154 लश 1155 परक समाचार

116 टल वजन समाचार क या मक त व 1161 मवी च 1162 लाइ र फाइल च 1163 ि टल फोटो 1164 सीजी (कर टर जनरशन) 1165 ा फ स और एनीमशन 1166 लॉगो

117 व या मक त व 1171 साउड बाइट 1172 वायसका ट 1173 लाइव ड पच 1174 फोन-इन 1175 पीस ट कमरा

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118 साराश 119 उपयोगी प तक 1110 अ यासाथ न

110 उ य इस पाठ को पढ़न क बाद आप

आज क यग म टल वजन समाचार क मह व और भारत म टल वजन समाचार क इ तहास क जानकार पा सकग

टल वजन समाचार लखन क या और उसक व भ न प को समझ सकग टल वजन समाचार क सरचना और उसक ब नयाद वशषताओ क बार म जान सकग समाचार बल टन क व प क जानकार पा सकग टल वजन समाचार क च ा मक और व या मक त व को समझ सकग टल वजन समाचार क मौजदा चनौ तय क बार म जान सकग

111 तावना समच व व म सचार मा यम क म अभतपव ग त और ा त क इस दौर म सचना एक शि त क प म उभर ह जनसचार मा यम सम सामािजक और आ थक वकास क अ नवाय साधन और मापदड बन चक ह जनसचार मा यम क प म सबस पहल ट मी डया यानी प -प काओ का पदापण हआ ल कन पछल सद क पवाध म इल ॉ नक मी डया क उदय क उपरात द नया कर ब आ गई ह उप ह सचार णाल न तो टल वजन और र डयो सदश को एकदम सवसलभ बना दया ह इटरनट न ान और सचना णाल का व प ह बदल दया ह टल वजन य तो म यतया मनोरजन का मा यम रहा ह कत सचना और समाचार क मा यम क प म भी इसक भ मका कम उपयोगी नह ह 24 घट क समाचार चनल तो कसी भी मह वपण घटना क न कवल त य को बि क उसस जड़ अ य पहलओ तथा उसक अतीत क साथ-साथ उसक सभा वत प रणाम क अनमान भी हमार सामन त काल तत कर दत ह आतकवाद घटना हो या कसी उप ह या अत र यान को छोड़ना सम क गभ म होन वाला पनड बी य हो या आकाश क ऊचाइय म हो रहा हवाई य सकट म फस कसी यि त या ब च क सहायता का अ भयान हो अथवा रता क घ णत

य य सभी त य स च प म त काल हम तक पह च जात ह टल वजन समाचार सारण इतना आग बढ़ आया ह क हमार दश म भी जहा टल वजन और टल वजन समाचार क या ा इतनी लबी नह ह समाचार क व प ामा णकता और सामािजक औ च य पर न उठन लग ह नजी समाचार चनल क बीच बढ़ती होड़ क कारण समाचार भी बकाऊ व त का प लता जा रहा ह हद क अ धकतर ट वी समाचार चनल पर व ापन लोलपता और धन कमान तथा एक दसर स आग बढ़न क अधी होड़ म समाचार क मयादाओ का उ लघन करन क आरोप लगन लग ह यहा तक क उनक नय ण और नयमन क लए कसी तरह क काननी या आत रक नयमन यव था तक ह माग होन लगी ह यह ि थ त टल वजन समाचार क लोक यता और मह व क भी प रचायक ह इस लए टल वजन

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समाचार क लखन और त त क स ा तक और यावहा रक प का गहन ववचन और व लषण आव यक हो गया ह

112 टल वजन समाचार का मह व आपन पढ़ा क टल वजन आज क यग म सचना और समाचार का एक सश त मा यम ह आप यह भी कह सकत ह क टल वजन सचना का सबस अ धक भावशाल मा यम ह इसका सबस बड़ा कारण यह ह क य और य मा यम होन क कारण भारत जस दश म जहा अब भी करोड़ लोग नर र या कम पढ़- लख ह यह मा यम सबस अ धक भावकार ह इस दखन क लए श त या सा र होन क आव यकता नह ह फर हर खबर च और शाि दक यौर क साथ उपल य होन क कारण इस समझना सरल होता ह साथ ह टल वजन समाचार र डयो स सा रत या अखबार म छपी खबर क तलना म अ धक रोचक और आकषक होत ह टल वजन स नल उप ह क ज रए ा त होन स इनक गणव ता काफ अ छ रहती ह उप ह सचार णाल क कपा स व व क कसी भी ह स म होन वाल घटना क च ण म उपल ध हो जात ह भारत म टल वजन क अ धकतर चनल नजी सारक या कप नय वारा सचा लत होत ह इस लए इनक समाचार का चयन और ततीकरण दरदशन स भ न ह कबल नटवक और डायर ट द होम यानी डीट एच

ट नोलोजी क बदौलत उपभो ता चाह िजतन चनल अपन ट वी सट पर दख सकत ह िजसस दशक क पास वक प मौजद ह इटरनट पर उपल ध हो जान स कसी भी चनल क समाचार जब चाह दख-सन जा सकत ह इन सभी पहलओ क चलत टल वजन समाचार र डयो और अखबार क मकाबल अ धक रोचक आकषक और भावशाल ह तथा अ धक व रत प स दशक तक पह चत ह

113 भारत म टल वजन समाचार का इ तहास एक मा यम क प म टल वजन का अवतरण अमर का और यरोप म 20वी शता द क पवाध म हो गया था ल कन भारत म टल वजन क श आत बह त छोट तर पर 15 सतबर 1959 को ह ई उस समय कवल एक घट का काय म द ल और उसक आसपास क क लए सा रत कया जाता था और टल वजन आकाशवाणी का ह एक अग था दरदशन क नाम

स अलग स टल वजन सगठन 1976 म बना टल वजन समाचार क सारण क श आत 1965 म ह ई तब रात को कवल 10 मनट का एक हद बल टन तत कया जाता था जो आकाशवाणी म ह तयार होता था 1972 म म बई और उसक बाद कोलकाता तथा अ य शहर म टल वजन क खलन स ीय भाषाओ म भी समाचार दए जान लग दरदशन सचना और सारण म ालय क अग क प म काम करता ह इस लए इस पर आरोप लगता रहा ह क इसम कवल वह समाचार दखाए जात ह जो शासक प या सरकार को पसद ह समय-समय पर इस नगम का प दकर वाय त बनान क भी यास ह ए क त मोट तौर पर दरदशन सरकार का ह मा यम बना रहा 1991 म दश म आ थक सधार तथा उदार करण क हवा चल तो टल वजन क म भी नजीकरण आया और कछ सगठन को दरदशन पर अपन समाचार बल टन तथा सम साम यक वषय क काय म सा रत करन क अनम त

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द गई कबल ट वी आन क बाद नजी सगठन को भी अपन चनल चलान और समाचार सा रत करन क छट मल 1995 क बाद अलग स समाचार चनल भी काम करन लग

इस समय दरदशन क समाचार चनल और अनक ीय समाचार इकाइय क साथ-साथ लगभग 75 नजी समाचार चनल चल रह ह जो हद अ जी और ीय भाषाओ म खबर और समाचार पर आधा रत काय म सा रत कर रह ह

1131 दरदशन समाचार

आपन पढ़ा क दरदशन क समाचार का सारण 1965 म ारभ हआ उस समय 10 मनट का कवल एक समाचार बल टन हद म सा रत होता था तब समाचार म य साम ी बह त कम रहती थी असल म टवी बल टन पर तरह र डयो बल टन क ह तरह बनाए जात थ और िजन समाचार क बार म वजअल यानी फ म ि ल पग उपल ध होती थी उनक साथ फ म सपा दत करक दखा द जाती थी आज क तरह साउड बाइड वायसका ट तथा अ य स वधाए नह थी समाचार वाचक बल टन पढ़ता था और दो-तीन समाचार क लए फ म या ि टल फोटो दखा दए जात थ दरदशन समाचार म वा त वक नखार 1982 म आया जब टल वजन रगीन हो गया और रा य चनल का स पात हआ तब द ल स हद और अ जी म 20-20 मनट क रा य समाचार बल टन का सारण श हआ िज ह अ य क भी सा रत करत थ कछ क स ाद शक समाचार भी सा रत होन लग यह भारत म ट वी समाचार क पहल अगड़ाई थी तभी टल वजन समाचार बल टन का व प भी बदला और उसम रोचकता व वधता और गभीरता का समावश हआ 1987 तक दरदशन स रात को ह समाचार सा रत कए जात थ 23 फरवर 1987 को ातःकाल न रा य बल टन और 26 जनवर 1989 को दोपहर का समाचार बल टन श हो गया य दोन बल टन हद और अ जी म थ और इनक अव ध 10 मनट थी इनक अलावा ससद क अ धवशन क दन म ससद समाचार भी सा रत कए जान लग 3 नव बर 2003 को दरदशन स 24 घट क समाचार चनल का शभारभ हो जान क बाद स सबह स शाम तक 5 10 15 और 30 मनट क बल टन सा रत होत रहत ह इसक अलावा आ थक समाचार खल समाचार ससद समाचार तथा कभी-कभी वशष बल टन और वाताए भी सा रत क जाती ह बीच-बीच म साम यक वषय पर चचाओ और भटवाताओ का भी सारण होता रहता ह इस कार 1965 स 1981 तक दरदशन समाचार का नि य काल था तो 1982 स

1995 तक का समय उसका स य या वण यग था

1132 नजी समाचार चनल

आपन पढ़ा क पछल सद क अ तम दशक म उदार करण क या क स पात क बाद अथ यव था क तरह जनसचार क म भी खलापन और उदार वातावरण

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छान लगा इसका भाव समाचार सारण पर भी पड़ा जसा क आपन पढ़ा ारभ म नजी सारक दरदशन स ह अपन समाचार काय म सा रत करत थ आज क एन डी ट वीrsquo और आज तक चनल न अपनी आख दरदशन क गोद म ह खोल थी धीर-धीर अ य उप ह चनल स आ शक प स समाचार का सारण होन लगा बीसवी सद क अ तम वष म वत समाचार चनल अि त व म आ गए जो कवल खबर और समाचार आधा रत काय म क सारण को सम पत ह इसस हद समाचार क लोक यता बढ़न लगी और समाचार और समाचार बल टन क व प उ य और सरचना म तजी स बदलाव आ गया दरदशन क समाचार क व प म भी तदन प प रवतन आया कत उस वो आजाद और खलापन उपल य नह ह जो नजी उप ह चनल क पास ह दरदशन य क लोक सारक क भ मका भी नभाता ह इस लए उस सनसनीखज और उ तजक समाचार स बचना पड़ता ह और अपन सामािजक सवधा नक और राजनी तक सरोकार क भी चता करनी पड़ती ह दसर ओर तकनीक और ततीकरण क ठ श लया अपनान क बावजद 75 स अ धक उप ह ट वी समाचार चनल अपनी ोफशनल िज मदा रय और मयादाओ क उप ा करत ह ए कवल शहर और सप न वग क हत और च क अन प समाचार सा रत करन लग ह और समाचार सगठन क प म अपन दा य व नभान क राह स भटक गए ह यह ि थ त आदश समाचार सारण क ि ट स सोचनीय ह य चनल वा त वक समाचार चनल न रहकर ट आरपी बढ़ान क उ य स नकारा मक मनोरजक फहड़ और स त काय म क सारण पर उतर आए ह य समाचार क नाम पर त -म और जाद-टोन क खबर पा रवा रक कलह क क स लतीफ-चटकल और फ मी क स-कहा नय व अधन न व फहड़ नाच-गान पर आधा रत काय म परोसकर समाचार क ग रमा गरा रह ह

बोध न - 1 1 टल वजन समाचार का या मह व ह helliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphellip helliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphellip 2 भारत म टल वजन समाचार क या ा का स त यौरा द िजए helliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphellip helliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphellip 3 दरदशन और नजी चनल क समाचार म या अतर ह helliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphellip helliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphellip

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114 टल वजन समाचार लखन आपन पढ़ा क टल वजन मा यम क अखबार और र डयो स भ न होन क कारण इसक समाचार का व प और सरचना भी इन दोन मा यम क समाचार स भ न होती ह य मा यम होन क चलत जहा इसम श द क भ मका अप ाकत कम ह वह भाषा को सरल और सबोध रखना आव यक ह य क इस नर र और अ प श त लोग भी दखत-सनत ह समाचार का म य ोत सवाद एज सया ह जो ाय अखबार क आव यकता को यान म रखकर समाचार तयार करती ह इन समाचार को टल वजन पर सारण यो य बनान क लए इनका यापक सपादन कया जाता ह और इ ह उपल ध च और व न साम ी क अन प ढाला जाता ह यहा यह प ट कर दना ज र ह क टल वजन क लए समाचार लखन स ता पय कवल आलख लखन स नह बि क समचा समाचार यानी यज आइटम तयार करन स ह हम इस समाचार लखन क बजाय समाचार रचना भी कह सकत ह इसक अग ह आलख यानी भाषा च और व न इन तीन म साथक और रोचक सम वय और सतलन ह टल वजन समाचार का सार ह यह आकर टल वजन समाचार सपादन क कला सामा य समाचार सपादन स भ न हो जाती ह

1141 समाचार क सरचना

जसा क हम ऊपर बता आए ह क वह सपादक या प कार टल वजन क लए सफल सवाद रचना कर सकत ह िज ह भाषा शल पर अ धकार क साथ-साथ उपल ध

य साम ी तथा त य क मब ता क स ा तक जानकार यावहा रक अनभव एव आ म व वास होगा आप जो कछ च क मा यम स दखाना चाहत ह वह आपको श द क मा यम स कहना भी होगा समाचार का आमख घटना क मवार यौर तथा अ य सब धत जानकार को च क म क मता बक लखा जाता ह इसी कार च को समाचार क माग क हसाब स सपा दत कया जाता ह च और श द दोन म िजतना अ धक सम वय होगा समाचार उतना ह भावशाल होगा टल वजन म कसी घटना क पर समाचार को पकज कहा जाता ह इसस आशय यह ह क इस पकज म सबस पहल तो एकर समाचार को क करता या करती ह इसक बाद वाइस ओवर क साथ वजअ स आत ह लोग भी बाइ स होती ह और सवाददाता वय घटना थल स रपोट दता ह िजस पीस-ट-कमरा कहत ह

1142 घटना म

अखबार या र डयो क लय समाचार लखत समय यह स नि चत करना आव यक नह होता क कसी घटना को उसी म म ल पब कया जाए िजस म म वह घट ह परत ट वी क लए समाचार बनात समय ऐसा करना सामा यतया आव यक होता ह बाद क बात को पहल दखाना अजीब लगता ह उदाहरण क लए कसी

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क म य हो जान पर अ तम स कार को पहल तथा पा थव शर र पर प प मालाय चढ़ान का य बाद म नह दखाया जा सकता इसी कार कसी नता या म ी को भाषण दत ह ए पहल दखाकर उस काय म क उ घाटन क लए द प जव लत करत ह ए बाद म दखाना अटपटा लगगा भाव यह ह क समाचार का वणन मश होता ह जब क र डयो अखबार म मह व क अनसार घटना का म रखा जा सकता ह स प म कह सकत ह टल वजन समाचार या हआ कस हआ और आग या होन जा रहा ह यह टल वजन समाचार क सरचना ह

1143 च ा मकता

यह वशषता ट वी समाचार को अ य मा यम स एकदम पथक व प दान करती ह जहा अ य मा यम क समाचार म आव यक सचनाओ को उनक मह व क आधार पर शा मल करना आव यक ह वहा ट वी समाचार म श द का कम स कम इ तमाल करक च को बोलन का अवसर दना अ छ सपादन कला का ल ण ह इस लए समाचार लखत समय उसक उन अश को अ धक उजागर कया जाता ह िजनम च का इ तमाल करन क सभावनाए ह टल वजन समाचार म च का मख थान ह जब क श द सहायक भ मका नभात ह य द कसी रपोट या मा भाषण

आ द का ऐसा समाचार हो िजसक बार म कोई भावशाल फ म अथवा कमरा कवरज उपल ध न हो तो उस घटना क प ठभ म स सब धत कसी परानी फ म का इ तमाल करक श क समाचार को च मय बना दया जाता ह यह नह जब कसी घटना का च त काल उपल ध न हो सक तो उस यि त या घटना का कोई आकाइव च दखाकर उस च ा मकता दान क जा सकती ह उदाहरण क लए ऊजा स जड़ स मलन का समाचार दखात ह ए ऊजा क उ पादन वतरण तथा उपयोग स सब धत च दखाए जा सकत ह इ ह फाइल या लाइ र च भी कहा जाता ह

1144 स तता

जसा क ऊपर बताया गया ह टल वजन क समाचार म च बोलत ह अत समाचार क आलख एकदम स त होन चा हय य क अ धक श द कभी-कभी च ा मक अ भ यि त म बाधक स होन लगत ह घटना का व तत ववरण दना आव यक नह ह य क दशक पर घटना को च क प म वय ह दखकर सब कछ समझ लता ह कभी-कभी कवल एक-दो वा य क आलख और समाचार स सब धत वायसका ट और साउडबाइट क त त स पण समाचार दशक तक पह चाया जा सकता ह उदाहरण क लए वत ता दवस पर धानम ी क एक घट का भाषण कवल 10-15 वा य क आलख क मा यम स सा रत हो सकता ह य क हर वा य क बाद हम उनका वषय स जड़ा साउडबाइट यानी उनक भाषण का अश शा मल कर सकत ह साथ ह समारोह क च जस क लाल कल क ाचीर उपि थत

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जनसमह मह वपण यि त या भाषण क वषय स सब धत फाइल च दखाकर समाचार को रोचक और भावशाल बनाया जा सकता ह आलख को स त रखन क मता अ छ सपादक का अ नवाय गण ह

1145 भाषा क सरलता

जसा क आप पढ़ चक ह क भाषा क सरलता ट वी समाचार का आव यक गण ह य क हमार दश म इसक दशक खासकर हद समाचार क दशक म कम पढ- लख लोग भी शा मल ह भाषा का ल खत या म त प बदलकर उस मौ खक यानी पोकन प दना होता ह जसा क समाचार क सरचना अनभाग म भी बताया गया ह क च अपन आप बोलता ह अत कम स कम श द म अ धक स अ धक जानकार य त करन क कला ह अ छ ट वी समाचार सपादक क म य वशषता ह ट वी समाचार क भाषा क कछ म य बात इस कार ह - वा य सरल और स त होन चा हय यास यह कया जाय क एक वा य म एक ह बात कह जाए ज टल वा य का यभासभव कम स कम योग करना वाछनीय ह बोलचाल क श द तथा महावर योग कए जान चा हए ता क सभी तर व वग

क लोग समझ सक ह द समाचार तयार करत ह ए अ जी क च लत श द यथा- टशन

इजी नयर कल टल फोन बस कार प सल कापी पन रल क यटर तथा इसी कार क अ य श द व अ य भारतीय भाषाओ वशषकर उद क सहज योग म आन वाल श द को अपनान म सकोच नह करना चा हए

िजन श द क उ चारण क लए वाचक को ाणायाम करना पड़ उनक बजाय उनक सरल वकि पक श द का योग करना बहतर ह

च क सा इजी नयर उ योग तथा अ य व श ट यवसाय स सब धत तकनीक अ जी श द क अ च लत क ठन ह द पयाय इ तमाल करन क लोभ का सवरण करना चा हए

श द म व वधता रहनी चा हय एक ह समाचार म कसी एक श द का बार-बार योग अखरता ह कोई नाम भी बार-बार नह बोला जाना चा हए

समाचार लख लन क प चात य द समय हो तो उस दोबारा पढ़कर भाषा को प रमािजत करना चा हए

समाचार लखत ह ए नाम स याओ थान त थय पदनाम क वशष प स जाच कर लनी चा हए

1146 अनवाद

ह द तथा अ य भारतीय भाषाओ क प का रता क एक ववशता यह ह क उस अनवाद का काफ आ य लना पड़ता ह टल वजन क समाचार ाय ज द म तयार कए जात ह अत अनवाद क बधन का दबाव इन पर अ धक होता ह फर भी

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य द शाि दक अनवाद स बचत ह ए भावानवाद पर बल दया जाए तो ज टलता एव क मता स कछ हद तक मि त पाई जा सकती ह अ जी क वा य रचना ज टल ह और उसम एक ह वा य म योजक श द क सहायता स कई बात शा मल कर ल जाती ह इस कार क वा य को दो या तीन लघ और सरल वा य म तोड़ कर लखा जाना चा हए इस कार अ जी क महावर को य का य ह द म पात रत कर दन स भाषा क वाभा वकता पर आच आती ह कत ऐसा करत

समय च क अन पता और समय सीमा का यान भी रखना आव यक ह नजी समाचार चनल क भाषा दरदशन समाचार क भाषा क मकाबल अ धक सरल सबोध और लचील होती ह इन चनल म आम बोलचाल क भाषा इ तमाल होती ह अ जी श द और वा य तक का खलकर योग कया जाता ह कछ आलोचक क शकायत ह नजी समाचार चनल समाचार क व प क साथ-साथ समाचार क भाषा को भी द षत कर रह ह ल कन समाचार क भाषा िजतनी सरल व लचील होगी समाचार उतन ह आकषक और ा य ह ग

115 टल वजन समाचार बल टन कोई भी समाचार अकल या वत प स तत नह कया जाता समाचार 5 10 15 या 30 मनट क बल टन क अतगत ह सा रत होत ह अनक समाचार का गलद ता ह बल टन कहलाता ह िजस तरह टल वजन समाचार क रचना एक कार क व श टता क माग करती ह उसी कार समाचार बल टन क सपादन सारण क लए व श ट कला और नपणता क आव यकता होती ह समाचार बल टन अपन आप म एक इकाई होनी चा हए िजसम उस समय तक क सभी रग व कार क समाचार को सि म लत कया जाना चा हए असल म ट वी समाचार बल टन क व प म तजी स बदलाव आता जा रहा ह साथ ह सपादक क अवधारणा भी ध मल होती जा रह ह अलग-अलग समाचार चनल अपन बल टन क रोचक और आकषक नाम रखकर उनक लए अलग-अलग या अपना रह ह हम यहा समाचार बल टन या समाचार काय म क म य सचालक क ि ट स एक परपरागत या का यौरा द रह ह व रत प रवतन क दौर म कोई नि चत फारमट अपनाना अब सभव नह रह गया ह

1151 व प और या

बल टन सपादक का सबस पहला काम ह उपल ध और अप त समाचार तथा उपल ध च ा मक साम ी यानी फ म कमरा कवरज आ द और सभा वत साम ी को यान म रखत ह ए अपन बल टन क परखा तयार करना वह यह भी दखता ह क पछल दन और उसस पछल बल टन म या- या सा रत हो चका ह यह बल टन म शा मल कय जान वाल समाचार क मह व क अनसार उनका म नधा रत करता ह और उसी क अन प च ा मक और व या मक साम ी का म तय करता ह सपादक च ा मक साम ी दखन क बाद उसम समाचार क मता बक काट-छाट यानी सपादन करन का परामश दता ह और यह भी सकत दता ह क

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समाचार वशष क लए कतनी अव ध क च या अ य साम ी अप त ह बल टन का ततकता यानी ो यसर सपादक क परामश क अनसार च का सपादन करता ह सपादक च क अनसार समाचार लखता ह तथा प ठ स या अ कत करक समाचार वाचक या एकर को दता ह अब तो सपादक वय एकर भी बन रह ह यह सारा काम क यटर पर ह होता ह क यटर स ह टल ो पटर क मदद स एकर समाचार पढ़ता ह हर समाचार पर आव यक सकत या नदश अ कत रहत ह इसक अलावा जब बल टन पढ़न वाल दो यि त ह तो यक प ठ पर एकर या वाचक का नाम भी अ कत कया जाता ह क यटर यक आइटम क अव ध वत स चत कर दता ह िजसस बल टन क नि चत अव ध क अनसार ह आइटम

तयार करना सरल रहता ह सारण क समय ततकता क म य भ मका रहती ह वह पनल पर बठकर माइक स ट डयो म लोर मनजर क मा यम स समाचार वाचक एकर कमरामन तथा अ य य व न साम ी क दशन क सबध म कमाड दता ह

1152 म नधारण

य तो बल टन म समाचार का म नधारण उनक मह व क अनसार कया जाता ह क त य द सभी समाचार च मय न ह तो यह यान रखा जाता ह क एक साथ कई श क समाचार लगातार न रख जाए बि क च मय समाचार क बीच-बीच म उ ह रखा जाय यह इस लए कया जाता ह ता क श क समाचार अ धक दर तक लगातार सा रत होन स बल टन अ चकर न बन जाए जहा तक समाचार क वषय क अनसार म का न ह यह अब हर चनल अलग-अलग आधार पर तय करता ह बल टन को नधा रत समय स अ धक चलाना यानी ओवर कर अथवा समय स पहल समा त करना यानी अडर कर करना समाचार सपादक का दोष माना जाता ह पर त कई बार बीच म कसी मह वपण गर च मय समाचार को लना अ यत आव यक हो जाता ह इस दखत ह ए बल टन क अत म ाय कम मह वपण समाचार को रखा जाता ह ता क य द उ ह न पढ़ा जाय अथात व ाउड आउट हो जाए तो वशष अतर न पड़ समाचार क सारण क दौरान भी क यटर पर सपादक म बदल सकता ह या कोई समाचार ऐड या डल ट कर सकता ह यह बात च और व न पर भी लाग होती ह

1153 म य समाचार (हड लाइन)

बल टन अथवा समाचार काय म क ारभ तथा अत म उसक मख समाचार दए जात ह य य प य सबस पहल तत कए जात ह क त इ ह तयार करन का काम आमतौर पर बल टन परा होन स कछ समय पहल कया जाता ह ता क सभी उपल ध समाचार म स म य समाचार का चयन कया जा सक म य समाचार को अ त स त च त और सबोध बनाया जाता ह कसी बल टन म तीन स आठ

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तक म य समाचार बनान क परपरा ह बजट बल टन जस वशष समाचार बल टन म इसस अ धक म य समाचार भी रख जात ह य द कोई मह वपण समाचार बल टन क सारण क दौरान ा त होन पर लश क प म शा मल कया जाता ह तो उस अत म दोबारा पढ़ जान वाल म य समाचार म उसक मह व क अनसार म पर रखकर पढ़ाया जाता ह कभी-कभी यह नया समाचार अत म दबारा पढ़

जान वाल म य समाचार का ल ड समाचार भी बन जाता ह म य समाचार क साथ सब धत च भी दए जान चा हए य आमतौर पर रकॉड कर लए जात ह ता क आलख और च का सम वय भल कार हो जाए

1154 लश

जब बल टन का सारण ारभ हो जान क बाद कोई ऐसा मह वपण समाचार आ जाता ह जो पहल दए गए कसी समाचार क अगल कड़ी ह या बल टन म सा रत हो चक समाचार का खडन करता ह तो उस लशrsquo या अभी-अभी मल समाचार क प म बल टन म थान दया जाता ह ता क ोताओदशक को मालम हो जाए क

यह समाचार बाद म आया ह इसक अलावा कोई नया अ त मह वपण समाचार आन पर भी उस लश क प म सा रत कया जा सकता ह

1155 परक समाचार

टल वजन क समाचार सपादक पर समय क पाबद क तलवार हमशा लटक रहती ह 5 10 15 और 30 मनट क नि चत अव ध क बल टन क लए उस सभी समाचार नाप-तोल कर बनान होत ह कभी-कभी तकनीक कारण स च न चल पान अथवा णाल क असफल हो जान स नधा रत समय स पहल बल टन परा हो जान क ि थ त बन जाती ह ऐसी हालत स नपटन क उ य स परक समाचार तयार रखना उ चत रहता ह दो या तीन ऐस समाचार जो अप ाकत कम मह वपण ह वकि पक उपयोग क लए रन डाउन या म म शा मल रखन चा हय इ ह परक आइटम कहा जाता ह

बोध- न -2 1 टल वजन समाचार लखन क या का वणन क िजए helliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphellip helliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphellip 2 टल वजन समाचार लखन क म य वशषताए या ह helliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphellip helliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphellip 3 ट वी समाचार बल टन म म य समाचार और म नधारण का या मह व ह helliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphellip helliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphellip

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4 समाचार क आलख क भाषा कसी होनी चा हए helliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphellip helliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphellip

116 टल वजन समाचार क या मक त व ऊपर प ट कया गया ह क च ा मकता या या मकता टल वजन समाचार का ाण ह यह वह त व ह जो ट वी समाचार को व श ट और अ य मा यम क समाचार स भ न तथा अ धक रोचक व भावकार बनाता ह यह या मकता कई साधन स लाई जा सकती ह

1161 मवी च

टल वजन समाचार का सबस आव यक व मह वपण त व ह मवी फोटो ाफ यह सजीव और थल च पर घटना को व वसनीय और ामा णक प स दशक क स मख पश कर दत ह इनम घटना क थान यि त आस-पास का माहौल सभी कछ य तत हो जाता ह समाचार क आव यकता अव ध आ द क अन प इनका सपादन कया जाता ह इन च म मौक क व नया सवाद और सब धत प स अलग स लए गए सा ा कार भी शा मल रहत ह िजसस ट वी समाचार अखबार क समाचार क तलना म अ धक व वसनीय और सह लगत ह

1162 लाइ र फाइल च

जसा क आपन पहल पढ़ा क समाचार को च ा मक बनान क लए फाइल च का भी आ य लया जाता ह यक ट वी समाचार मा यम म एक फ म लाइ र होती ह िजसम व भ न वषय मख यि तय स थाओ आ द स सब धत मवी च का स ह वीसीआर सीडी डीवीडी आ द क प म कया जाता ह ताजा घटना क मवी च उपल ध न हो पान क ि थ त म और घटना क प ठभ म तत करन क उ य स इन लाइ र च को दखाया जाता ह िजसस दशक क सामन यह प ट हो जाता ह क इसस पहल कब-कब और कस कार घटना घट चक ह उदाहरण क लए रल-दघटना या आतकवाद हमला होन पर पछल घटनाओ का यौरा दत ह ए फाइल च दखाए जा सकत ह क त ट वी न पर यह सकत दना आव यक ह क य च परान ह नह तो समाचार क व वसनीयता और चनल क छ व आहत होगी

1163 ि टल फोटो

कसी घटना क मवी फोटो ाफ त काल उपल ध न हो पान या उसक गणव ता सह न होन क ि थ त म उस अवसर पर खीच गए ि टल च दखाना उपयोगी होता ह य च एक या उसस अ धक हो सकत ह घटना क वकास- म क अनसार च बदल कर या कोलाज प म दखाए जा सकत ह कसी यि त क बार म

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कोई समाचार दत ह ए उस यि त का च न पर आन स समाचार क स षणीयता बढ़ जाती ह यि त क कसी उपलि ध बयान म य आ द क खबर दत ह ए भी इन च का उपयोग कया जाता ह इसक अ तर त भवन जस क ससद भवन उ चतम यायालय वधानसभा भवन नवाचन आयोग आ द क ि टल च स उनस सब धत समाचार को ास गकता दान क जाती ह ि टल च को इटरनट या अ य ोत स डाउन लोड करक अपन क यटर म सक लत कर लया जाता ह

1164 सीजी (कर टर जनरशन)

इस तकनीक म समाचार क मह वपण अश को वशषकर स याओ व नाम को न पर सपर कया जाता ह कई बार दशक आकड़ को यान स नह सन सकता या

मत हो सकता ह इसी लए जब व सनन क साथ-साथ उस ल खत और अ कत प म दखत भी ह तो उस अश क स षणीयता दगनी हो जाती ह आ थक समाचार

खल क कोर चनाव और सदन म मत वभाजन क समय व भ न प क ि थ त को दशान क लए कर टर जनरशन यानी सीजी तकनीक का पया त इ तमाल कया जाता ह यह तकनीक क यटर कत ह इस तकनीक क एक मह वपण उपयो गता यह भी ह क जब कोई यि त कसी भ न भाषा म बोल रहा हो तो बल टन क भाषा म उसका पातरण स त प म सीजी करक दशक तक वह भाषण स षत कया जा सकता ह समाचार क दौरान कसी सब धत यि त सवाददाता और समाचार वाचक का नाम सपर करन क लए सीजी प त को काम म लया जाता ह इस तकनीक का इ तमाल ि प- यज यानी प का समाचार म भी कया जाता ह म य समाचार दखन क साथ-साथ दशक प का म ल खत प म अ य या नए समाचार भी दख सकत ह

1165 ा फ स और एनीमशन

िजस थान िजला ात दश आ द क सब धत समाचार दया जा रहा हो उसका मान च दखान स घटना और थान क बीच सबध जोड़न म सरलता हो जाती ह एनीमशन श प क मदद स मान च म यह भी दखाया जा सकता ह क घटना म कस थान स ारभ होकर कहा तक पह चा उदाहरण क लए वमान अपहरण का समाचार दत ह ए ए शया मान च म वमान क च तथा तीर क मदद स यह दखाया जा सकता ह क वमान का अपहरण अमतसर म हआ वहा स वमान लाहौर ल जाया गया और वहा स काबल होता हआ वह द ल म उतरा यह परा माग एनीमशन क ज रए न पर अ कत हो जाता ह मौसम क जानकार दत ह ए वषा ओलावि ट बादल आ द क थान व ग त को दखान क लए यह व ध अपनाई जाती ह कई बार काटन या एनीमशन स तयार च या जगल सड़क रलगाड़ी

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वमान आ द क च बनाकर घटना को साकार कर दया जाता ह सार या क यटर कत होन क कारण त काल उपयोग म लाई जा सकती ह

1166 लॉगो

कसी स था तयो गता काय म अथवा आयोजन क लॉगो या तीक च ह का योग भी समाचार को च ा मक बनान क एक व ध ह उदाहरण क लए ओल पक

खल का नि चत ldquoलॉगोrdquo या शभकर दखा दन स दशक को पता रहता ह क वह ओल पक खल स सब धत समाचार दख रहा ह इसी कार अलग-अलग खल हाक

कट फटबॉल बॉि सग क ती ट नस आ द क तीक क प म ि टल अथवा वीसीआर ldquoलॉगोrdquo तयार करक उ ह क यटर म डाल दया जाता ह और आव यकता पड़न पर उनका इ तमाल कया जाता ह व भ न स थाओ क अलग-अलग ldquoलोग rdquo ह िजनका इ तमाल समाचार सारण म कया जाता ह

117 व या मक त व आप पढ़ चक ह क टल वजन सबस अ धक भावशाल और रोचक मा यम इसी लए ह क यह या मक व या मक और म त एक साथ हो सकता ह आप च और म त या ल खत प म सचना सारण क सीजी प त क बार म पढ़ चक ह अब हम उन त व का अ ययन करग जो व या मक ह और कभी-कभी य क साथ मलकर च व व न दोन का म त भाव छोड़त ह व न स यहा अ भ ाय समाचार क उस उ च रत अश स ह जो वाचक या एकर वारा बोल गए श द स अलग होता ह

1171 साउड बाइट

समाचार म च क साथ-साथ व न का कला मक उपयोग इस अ धक व वसनीय सबोध और रोचक बनाता ह दशनी या पव यौहार जस समाचार म च क साथ-साथ सगीत क वरलह रय को सनान अथवा काय म क थान पर बजाए गए य क व न का इ तमाल करक समाचार म चार चाद लगाए जा सकत ह इसी कार य द कसी गो ठ और भाषण स सब धत समाचार हो तो व ता क सभाषण क मह वपण व सगत अश को सना दना चा हय इस साउड बाइट कहत ह इसम कसी घटना वशष पर कसी वशष या घटना स भा वत लोग क कथन भी शा मल ह समाचार वाचक क बजाय घटना स भा वत या सब धत यि त क अपन मख स कहा गया अश दशक क लए न चय ह अ धक व वसनीय होता ह इसस बल टन म व वधता और रोचकता भी आती ह

1172 वायसका ट

समाचार को वायसका ट प म तत करना भी उस रोचक और व वसनीय बनाता ह इस शल क अ तगत कसी समाचार को उसक प ठभ म तथा अ य पहलओ क साथ च मय प म सवाददाता अथवा कसी अ य यि त क आवाज म तत कया जाता ह इसम कम समय तथा कम श द म अ धक साम ी व जानकार

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षत क जा सकती ह ट वी समाचार क लोक यता का मख कारण यह भी ह क इनम समाचार वाचक बह त कम बोलत ह और अ धकतर समाचार सवाददाताओ क अपनी आवाज म सनाए व दखाय जात ह वायसका ट म साउडबाइट भी शा मल कए जात ह

1173 लाइव ड पच

इसम कसी घटना या काय म क मौक पर कसी सवाददाता वारा रपोट पश क जाती ह यह तकनीक ट वी समाचार सारण क सबस अ धक ामा णक व ध ह इसम एकर घटना क थान पर मौजद सवाददाता या कसी वशष स सीध वातालाप करता ह और सवाददाता का ववरण अथवा वशष क ट पणी का सीधा सारण समाचार क ह स क प म होता रहता ह इसम घटना क च और

सवाददाता वशष क आवाज साथ-साथ दशक तक पह चत ह और उस घटना या काय म का ामा णक यौरा मल जाता ह

1174 फोन-इन

जब कसी घटना का च ा मक यौरा उपल ध न हो तो सवाददाता स फोन पर घटना का यौरा लया जाता ह और न पर उसका फोटो और नाम दखाकर समाचार क भाग क प म सनाया जाता ह यह मलत र डयो समाचार सारण क शल ह क त टल वजन समाचार सारण म भी इसका खब इ तमाल होता ह वशष क ट प णया या घटना स जड़ यि तय क कथन भी फोन-इन स सा रत कए जात ह यह लाइव होता ह इस लए इसस समाचार क ामा णकता बढ़ती ह

1175 पीस ट कमरा

यह वश प स टल वजन क तकनीक ह जब कोई सवाददाता कसी थान स रकॉ डड वायस ड पच दता ह तो उसम उस घटना क च या अ य य साम ी द शत क जाती ह कत घटना क ारभ बीच या अत म जब रपोट का कछ

अश वह अपनी आवाज म कमर पर पश करता ह तो उस पीस ट कमरा कहत ह इसस यह पता चलता ह क सवाददाता घटना थल स ह अपनी रपोट द रहा ह इसम सवाददाता ऐस थान पर बठकर या खड़ होकर रपोट करता ह जो घटना या काय म क पहचान था पत कर सकता ह उदाहरण क लए सय त रा क बाहर लग नाम प क सामन खड़ होकर पीस ट कमरा दन स दशक समझ जाएग क सवाददाता सय त रा क म यालय स ह बोल रहा ह यह यान रखा जाए क पीस द कमरा बह त लबा न हो इसस दशक बोर हो सकत ह

बोध न - 3 1 टल वजन समाचार क या मक त व का स त यौरा द िजए helliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphellip helliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphellip

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2 ा फ स और एनीमशन का टल वजन समाचार सारण म या मह व ह helliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphellip helliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphellip 3 साउड बाइट और वायसका ट म या अतर ह helliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphellip helliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphellip

118 साराश इस पाठ म आपको आज क यग म टल वजन समाचार क साथकता मह व और चनौ तय क बार म बताया गया आपको टल वजन क लए लख जान वाल समाचार क सरचना स अवगत करात ह ए टवी समाचार बल टन क व प तथा उसक या समझान का यास कया गया कमरा श टग स ा त च क अलावा ल खत समाचार को या मक प दान करन क अ य सहायक त व का भी ववरण दया गया ट वी समाचार क व या मक प पर काश डालत ह ए यह बताया गया क टवी समाचार क भाषा को कस सरल और सबोध बनाया जा सकता ह तथा अनवाद क ि थ त म उस क मता तथा ज टलता जस दोष स कस बचाया जा सकता ह सरचना क हसाब स टल वजन समाचार एक पकज होता ह िजसम एकर लक वॉइस ओवर बाइ स और रपोटर क पीस-ट-कमरा का समावश होता ह

119 उपयोगी प तक 1 जनमा यम और प का रता - वीण द त सहयोगी सा ह य स थान कानपर 2 भारतीय सारण व वध आयाम - मधकर गगाधर वीण काशन नई द ल 3 दरदशन वाय तता और वत ता- सधीश पचौर स चन काशन नई द ल

1110 अ यासाथ न 1 टल वजन सारण म समाचार का या थान ह 2 समाचार क सरचना पर स त नबध ल खए 3 टल वजन समाचार अखबार तथा र डयो समाचार स कस तरह भ न ह 4 समाचार को च ा मक बनान क सहायक साधन का यौरा द िजए 5 टल वजन समाचार क धव या मक त व का ववचन क िजए 6 टल वजन समाचार क भाषा वषय पर नबध ल खए 7 इस समय भारत म टल वजन समाचार क सामन या- या चनौ तया ह 8 दरदशन और नजी चनल क समाचार क तलना क िजए 9 ldquo नजी समाचार चनल खबर क नाम पर स ता मनोरजन परोस कर समाचार क ग रमा

कम कर रह ह rdquo इस कथन का व लषण क िजए 10 न न ल खत पर ट प णया ल खए

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लश वायसका ट साउड बाइट फोन-इन पीस ट कमरा

201

इकाई - 12 टल वजन क लए पटकथा लखन

इकाई क परखा 120 उ य 121 तावना 122 पटकथा का अथ 123 पटकथा का इ तहास 124 पटकथा क प रभाषा 125 आलख क कार 126 पटकथा लखन 127 पटकथा लखन का ा प 128 पटकथा क नमन 129 नदशक का आलख 1210 साराश 1211 व-म याकन 1212 श दावल 1213 कछ उपयोगी प तक 1214 अ यासाथ न

120 उ य इस इकाई का अ ययन करन क बाद आप यह जान पायग- पटकथा या ह पटकथा कस लखी जाती ह अलग- अलग काय म क पटकथा म या अ तर होता ह ट ल वजन क भाषा या होती ह ट ल वजन म य त होन वाल व भ न आलख अ य मा यम स अलग कस और य

ह पटकथा लखन का ा प और शल नदशक का आलख ट ल वजन म य त तकनीक श दावल का अ ययन नमन क पटकथा क आधार पर पटकथा लखन क मता का नमाण

121 तावना कोई भी नमाण काय आरभ करन स पव उसक नयोिजत परखा बनाना आव यक होता ह ठ क इसी कार दरदशन अथवा टल वजन म भी यक काय म न मत (Production)

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कसी न कसी कार आलख (Script) पर नभर करती ह टल वजन म यक काय म का अपना अलग ा प (Format) होता ह इस लए उसक आलख अथवा Script का व प भी भ नता लए होता ह य तो कसी भी काय म नमाण स पव उसका आलख अथवा नमाण सबधी परखा नमाता (Producer) क मि त क म ह न हत होती ह अ सर यह कहा जाता ह क कोई भी काय म नमाण स पहल ह वह नमाता (Producer) क मि त क म आकार ल चका होता ह इस लय कई बार कई काय म क आलख औपचा रक प स लख ह नह जात ल कन इसका यह ता पय कदा प नह ह क टल वजन म आलख का मह व कम ह इसक वपर त िजतना मह व उपयो गता और आलख क व वधता टल वजन म ि टगत होती ह उतनी अ य शायद ह कह हो टल वजन म व भ न कार क आलख काय म क व भ न क त (Nature) क अनसार उपयोग म लाय जात ह कछ स त होत ह तो कछ स व तार ल कन होत अव य ह भल ह कोई लखक हो या ना हो मगर ोड शन ट म क यक सद य स इतनी उ मीद अव य क जाती ह क व काय म क ा प (Format) और वषय व त (Content) और उसक नमाण या सबधी व वध बात क जानकार अव य रखता हो अथवा कसी ल खत आलख को ट वी ो ाम म पा त रत (Translate) करन म मददगार सा बत हो सक पटकथा लखन एक अलग या ह इस लखन क लए वशष ावी य अथवा कौश य क आव यकता होती ह पटकथा म म यत कसी सग वशष (Situation) को व तार दन (Develop करन) कहानी क अनसार च र (Characters) अथवा पा को कम अ धक करन नय नमाण करन ओर पा ान प सवाद लखन उनक ग त व धय को रखा कत करन आ द अनक मह वपण त व सि म लत होत ह इन सभी त व को एक साथ गथकर एक सफल काय म नमाण करन क लय भी अनभव और कौश य अ नवाय होता ह कछ सक स क व ापन फ म स लकर तीन साढ़ तीन घट क फ म तक क पटकथा अपन वषय ओर व तार क कारण अलग अलग होती ह पटकथा वा तव म एक ऐसा कलटन या ढाचा होता ह िजसम फ मकार धीर-धीर ाण फकता ह उसको मानवीय प म पा यत करता ह और फर मानवीय सवदनाओ- जस हा य वषाद हष आ द स प रपण हसती गाती बोलती नाचती फ म तयार करता ह

122 पटकथा का अथ पटकथा या ह कस लखी जानी चा हए टल वजन और फ चर फ म क पटकथा म या कोई ब नयाद अ तर होता ह आ द न पर वचार करन स पहल यह जान लना

आव यक ह क िजस आज हम पटकथा अथात अ जी म Screen Play कहत ह उसक पव पी ठका या ह

203

पट या न परदा और कथा का अथ तो आप सभी जानत ह ह इसस यह प ट होता ह क पटकथा या न परद क कथा यह तो हआ इसका साधारण व प ववचन

123 पटकथा का इ तहास हमारा दश लोककलाओ का महासागर ह यहा हरक दसर जा त स दाय गाव ढाणी दश क अपनी-अपनी व भ न कला श लया ह यहा कवल दो दश क कवल एक लोककला का उ लख करना चाह गा फ म क आन स पहल स ह हमार दश म पटकथाओrsquo का चलनन था और आज भी ह आपको यह जानकर और भी आ चय होगा क इन पटकथाओ का त तकरण लगभग आध नक फ मी शल स मलता जलता था और ह अपनी बात और अ धक प ट करन क लय तत ह य उदाहरण - आपन राज थानी फड वाचन को तो दखा ह होगा इस वधा को हमार राज थान क लोकदवता पाबजी क नाम स भी जाना जाता ह जस पाबजी क फड आपन दखा होगा एक ल ब कनवास पर च त व भ न च क च खला क सामन जलत ह ए द पक क काश म भोपा अपन हाथ म रावण ह था लय एक एक च क आग क- क कर कहानी सनाता ह नाचता ह गाता ह और द य क रोशनी म कहानी को आग बढ़ाता ह इस काय म भोपी भी उसका साथ दती ह अब इसी य को फ मी नज रय स दख-

य न 1 (फड पर अ कत च ) पर रोशनी (द वट का काश) पा व म सगीत - रावणह था गीत - भोपा- भोपी का गायन अ भनय - न य फ म म भी तो यह होता ह- लाईट (Light) साउड (Sound) कमरा (Camera) ए शन (Action) फडवाचन और फ म म सफ इतना सा फक ह क फडवाचन म िजस च पर रोशनी डाल जाती ह वह नज व होता ह और फ म म जो य फ माया जाता ह वह जी वत होता ह बाक तकनीक तो एक सी ह होती ह दसरा उदाहरण बगाल का ह बगाल म भी पटकथा पठन क ाचीन पर परा ह यहा इस पटकथा ह कहत ह इस पटकथा का एक बड़ा सा रोल तयार कया जाता ह जस क यटर स आन स पहल ज म-कड लया बनती थी रोल क ह ई अथवा राजा महाराजाओ क दरबार म भज जान वाल प रोल कय ह ए होत थ ठ क इसी तरह बगाल पटकथा का भी रोल होता था

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सनमाघर म ोज ट न ट पर फ म ोज टर वारा ोज ट करता ह अथात हॉल म बठ ह ए दशक को दखाता ह इसी तरह बगाल पटकथा म एक आदमी परा रोल सभालता ह ओर नीच बठा हआ एक आदमी च खला क आधार पर (ठ क फड वाचन क तरह) कथावाचन करता ह य रोल कब र ल म बदल गय पता ह नह चला ल कन यह पर परा हमार दश म ाचीन काल स ह व यमान रह ह इसी पटकथा अथवा फड शल का प रमािजत व प हम फ मी पटकथा म पा त रत होता हआ दख सकत ह

124 पटकथा क प रभाषा पटकथा क कोई एक प रभाषा करना क ठन काय ह य क पटकथा को लखनीय काय मानत ह ए भी यह नदशक क हाथ क कठपतल होती ह कई बार खराब पटकथा पर भी बह त अ छ फ म नदशक क कशलता का प रचय दती ह तो कई बार एक अ छ पटकथा भी क च नदशक क हाथ खराब फ म क प म सामन आती ह दरअसल पटकथा कागज पर उतारा हआ वह लान ह जो नदशक क वारा परद पर सजीव कया जाता ह पटकथा म कथाव त का मह वपण थान होता ह बना कथाव त क पटकथा का लखा जाना असभव होता ह ल कन पटकथा अपन आप म फ म नह होती पटकथा क फ म बन जान तक पटकथा क ा प म कई बार प रवतन क गजाईश रहती ह कई बार य क माग क अनसार प रवतन कया जाता ह तो कई बार तकनीक कारण स जस- ा य च ाकन क समय काश कहत ह ी राजकपर को अपनी फ म स यम शवम स दरम क एक य क च ाकन क लय कई दन तक ती ा करनी पड़ी थी य क व जब तक लोकशन पर पह चत सय या तो बादल स ढका मलता या बह त उपर चढ़ आया होता भोर क उस य क लय िजस काश क उ ह ज रत थी वह कई दन क प र म क बाद उ ह मल सका कसी भी पटकथा म प रवतन कवल समय क बा यता और धन क अप यय स बचन क लय कया जाता ह फर भी एक च त पटकथा कसी भी फ म क लय अ नवाय होती ह पटकथा चाह कसी भी वषय या कथाव त पर लखी गई हो उसम म यत न न बात पर अव य वचार कया जाता ह -

1 मल वचार (Concept) 2 कथा व त (Story Line) 3 साक तक (One line order of the sequences) 4 पटकथा (Screen Play)

बाद म सवाद और श टग (Script) लखी जाती ह पटकथा क सवाद आत ह वह बोलन लगती ह एक-एक पा अपन-अपन च र क अनसार ब तयान लगत ह कई पटकथाकार यह मानत ह क पटकथा म कट फड इन फड आऊट डसॉ व आ द फ म स पादन (Editing) क तकनीक का योग अ नवाय नह होता यह नदशक और स पादक

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का काय ह फर भी य द पटकथाकार इन बात का उ लख अपनी पटकथा म करता ह तो फ म क अव ध (Duration) का पवानमान लगाना आसान हो जाता ह यक पटकथाकार को कथाव त क आधार पर पटकथा लखन क कछ वत ता होती

ह कछ इस लए क अ धकाश कहा नय म कई नय पा गढ़न पड़त ह कई बार अनाव यक कथा व तार क काट-छॉट करनी पड़ती ह और पटकथा म ऐसा पच या तनाव नमाण (Create) करना पड़ता ह क दशक त ध होकर फ म को दख और आग या होगा क चता करन लग कई बार ऐसी Situation नदशक क साथ चचा करक भी Create क जाती ह पटकथा लखन को कसी सा हि यक वधा क प म भल ह मा यता न मल हो फर भी पटकथा लखन श य स आरभ होकर एक नई द नया का सजन करती ह इस लए लखक य कौशल तो होता ह ह लखक क जीवन ि ट दर ि ट अनभव और सामािजक चतना का प रचय तो अव य होता ह पटकथा लखन को कसी वधा का नाम न दन क कारण इसका कोई वधान भी सवस मत नह ह फर भी कथानक क अनसार यक य म घ टत होन वाल घटनाओ का मवार उ लख ह पटकथा क णी म आता ह पटकथा को सीन रय भी कहा जाता ह उपरो त व लषण क प चात स प म हम कह सकत ह क (पटकथा) का अथ ह मल कथा का ग तशील वकास मल वचार क र ा तथा भटकाव स बचाकर रचना को अपन हत तक पह चाना इसी बात को अगर हम दसर श द म कहना चाह तो कह सकत ह क- कहानी सनान क लय आव यक भौ तक या मक पा ान प और सवादा मक त व को जो एक साथ सक लत करती ह उस पटकथा कहत ह

125 आलख क कार टल वजन जसा क आप सभी जानत ह एक य (Visual) मा यम ह इस लय इसक भाषा य सरचना और ा प अ य मा यम स भ न होत ह यह कारण क टल वजन क लय लखना ट म डया क लय लखन जसा काय नह ह इस लय टल वजन आलख क कार भी काय म क अलग-अलग प क अनसार अलग-अलग वग म वग कत कय जा सकत ह जस-

1251 नाटक य आलख (Dramatic Script)

इस तरह क आलख म नाटक कसी कहानी का ना य- पा तर पटकथा एव धारावा हक क लए लख जान वाल आलख आ द आत ह

1252 व ापन आलख (Commercial Script)

व ापन फ म क पटकथा भी ठ क उसी तरह क हो सकती ह जस अ य पटकथाय लखी जाती ह ल कन च क कछ सक स क पॉट म एक व श ट सदश

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दशक तक पह चाना होता ह इस लय व ापन फ म क पटकथा अ यत च त एव स त होत ह ए भी सपण होती ह

1253 समाचार आलख News Script)

टल वजन म समाचार बल टन वह आलख होता ह जो त दन लखा जाता ह समाचार का आलख शी एव प का रता क कसौट पर कसकर लखा जाता ह उसम क पना क बजाय त या मक ववरण होता ह इसक अलावा समाचार ततकता क पास एक अलग आलख या Script होती ह िजस ट ल वजन क भाषा म वीसीआर-ऑडर कहा जाता ह िजसक आधार पर ततकता (Producer) समाचार दखाए जान वाल य (Visual) का म नि चत करता ह इस तरह समाचार वाचक और ततकता क बीच सवाद था पत होता ह

1254 सा ा कार आलख (Interview Script)

टल वजन म यक काय म क एक अव ध (Duration) नि चत होती ह इस लए सा ा कार क ता (Interviewer) को अपनी Script बह त पहल स ह तयार रखनी पड़ती ह य क अवा छत बात क लए टल वजन म समय का अभाव होता ह दसर ओर मह वपण बात दशक क च बनाए रखना भी होती ह इस लय टॉक-शो आ द क पव तयार तथा आलख इस तरह स तयार कया जाता ह क दशक क च नरतर बनी रह

1255 श णक सारण आलख (Educational Broadcast Script)

श णक सारण क आलख वषय- वशष (Subject-experts) क साथ बठकर लख जात ह कस कार क वषय क अनसार कस य होन चा हय आ द पहल स ह नधा रत कया जाता ह

1256 नाटक य आलख का व लषण

अब नाटक य (Dramatic) आलख का स व तार व लषण करत ह - 1 नाटककार नाटक लखता ह अथात नाटक म कवल सवाद होत ह 2 ट वी पर ततीकरण करत समय उसम प रवतन करना आव यक होता ह

जस 21 सट पर उपि थत च र पा क ला कग 22 कौन सा पा कहा (खड़ाबठा) रहगा कस पोिजशन लगा कहा स सवाद बोलगा

कसा अ भनय करगा-आ द पहल स ह नधा रत करना पड़ता ह 23 य क टल वजन म यक पा क अन प काश (Light) एव व न

(Sound) का वशष यान रखना पड़ता ह

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24 कस पा क कतनी दर स कतनी हाई पीच होगी यह पहल ह तय करना पड़ता ह

25 फर आता ह कमरा वस तो फ म नमाण क समय भी इ ह अ धकाश बात का यान रखा जाता ह ल कन अ धकाश फ म एक कमरा सटअपrsquo होती ह कई बार य - सग आ द को फ मान क लय एक स अ धक कमर क उपयोग म लाय जान क भी उ लख मलत ह ल कन टल वजन ट डयो म एक स अ धक कमरा सटअप होन क कारण इस बात का यान रखना ज र होता ह क कौनसा पा कस कमर क ओर दख कर सवाद बोलगा और कौनसा कमरा कस पा का lsquo र-ए शन-टक करगा

26 इसक बाद क सार िज मदार आरभ होती ह नमाता (Producer) क य क यहा स आरभ होती ह टल वजन क भाषा

27 टल वजन क भाषा कवल मौ खक श दावल ह नह होती इसक अलावा भी इस भाषा क कई प होत ह जस - कमर क भाषा

28 कौनसा कमरा शॉट कस एगलrsquo स लगा यह कमाड उस (अथात कमरामन को) नमाता दता ह

29 कमर क बाद व न (Sound) एव व न भाव (Sound effects) 210 ा फ स अथवा वशष भाव

126 पटकथा लखन टल वजन म य त होन वाल आलख स आपका प रचय तो हो ह गया होगा आइए अब कछ आलख (Scripts) क लखन या सबधी बात कर व त च (Documentary) का आलख लखन का ा प (Format) टल वजन क लए लख जान वाल ा प स ब कल भ न होता ह व त च क लय सबस पहल आता ह - वषय (Subject) कस वषय पर व त च बनाया जाय फर उसक सशोधन (Research) कया जाता ह िजसम म यत च करण (Shooting) क थल व भ न लोकश सउसक वशषताय आ द का ववरण होता ह वषय स सब धत जानकार दनवाल व वान आ द मोट -मोट बात क एक स त परखा तयार करन क बाद Shooting क जाती ह Shooting क बाद स व तार (Detailed Script) लखी जाती ह जो बाद म कसी अ छ उ घोषक क आवाज म रकॉड करक य क समाना तर और पा व म द जाती ह िजस नवदन (Narration) या (Voice-over) कहत ह उदाहरण क लए एक व त च क स त परखा तत ह- 1 शीषक - या द व सव भतष

(राज थान क मख शि त थल पर आधा रत व त च )

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2 श टग थल 1 शाक भर दवी का म दर (उदयपरवा टका झ झन) 2 शीला दवी का म दर (आमर जयपर) 3 राज थान क मख दवी म दर 4 व भ न दवी म डप 5 शहर क व भ न दवी म दर 6 helliphelliphelliphellipक पजार स बातचीत 7 helliphelliphellipक भ त स बातचीत 8 भजन ( रकाड थल म दर ागण)

इसक ठ क वपर त टल फ म क लय लखत समय न न बात का यान रखना पड़ता ह 1 शीषक (Title) 2 अव ध (Duration) 3 पटकथा (Screen Play) 4 श टग ि ट (इस Directorrsquos Script भी कहत ह)

टल वजन क पटकथा क साथ न न स चया अलग-अलग प ठ पर अव य सल क जानी चा हय

1 कलाकार तथा पा -प रचय (अ) म य कलाकार (ब) सहयोगी कलाकार (स) कोरस अथवा भीड़ क कलाकार

2 वशभषा - पा क च र क अनसार उनक पोशाकउनक रगदाढ़ मछउनक साईज टाईलदाढ़ मछ क रगभ ह इ या द

3 मकअप - मकअप कतन कार का ह साधारण ह या च र क अनसार (Characteristic) ह इसक सपण जानकार

4 ोपट ndash 1 आउटडोर-बा य च ाकन थल (Location) होन पर या- या अ नवाय ोपट क आव यकता होगी 2 इनडोर पर या- या अ नवाय ोपट क आव यकता

होगी इन सभी बात का स व तार वणन 5 प स जा - हअर टाईल इ या द 6 लोकश स - कहानी एव पटकथा क अनसार लोकश स का चयन कया जाता ह

127 पटकथा लखन का ा प

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शीषकhelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphellip प ट स या अन म य सवाद व न भाव वशष

128 पटकथा क नमन यहा तत ह पटकथा क दो नमन- एक धारावा हक क पटकथा ह तो दसर एक टॉक-शो का नमना ह इन पटकथाओ को अ तम न समझ यक पटकाथाकार का अनभव जीवन ि ट (Ideology) शल एव भाषा ान पर नभर करता ह क वह कस य को कस प म दखकर उस पर अपनी कसी त या (React) य त करता ह

1281 आज क शाम आपक नाम (टॉक-शो)

ऐ पसोड- 1 नवदक - हमार सभी दशक को नम कार सलाम आदाब पश ह आज

क यह खबसरत रगीन शाम बतौर खास आपक नाम हम उ मीद ह

नव दका - उ मीद स और आप नवदक इतनी बड़ी उ मीद स नह हम आपस उ मीद ह नव दका - हमस य कस सभव ह नवदक - आप इसी तरह हलती रह तो दशक क यह शाम जो हमन

उनक ह नाम कर द हहो जाएगी ना नव दका - हराम तो दशक माफ क िजए-दशक नवदक - दशक दशक नव दका - हा-हा हम भी जानत ह-जस दशक कहत ह जस फश को कहत

ह - उसी तरह दशक कहत ह-जो आदश का वो या कहत ह ना

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कछ लगता ह नवदक - मा क िजए य आज कछ खर छो ड़य - मझ एक शर याद आ रहा ह - अज कया ह नव दका - शर अज भी दता ह हमन तो सना ह क शर नवदक - शर सनान स पहल ऐस ह कहत ह नव दका - कौन कहत ह नवदक - शायर या न जो शायर करत ह नव दका - त ह कस पता तम शायर तो हो ह नह सकत नवदक - (ग स म) कसी और क शर तो पढ़ कर सना ह सकता ह नव दका - अ छा अब समझी आप चोर भी करत ह नवदक - य चोर नह कहलाती नव दका - अ छा सीनाजोर कहलाती ह नवदक - (झ झलाकर) कस उ ल क प न आपको यहा बलाया ह नव दका - म या जान वस ो यसर क पीए का फोन आया था- नवदक - बलाओ उस ो यसर को नव दका - म य बलाऊ तम बलान जाओ नवदक - FM Please Producer को यहा बलाईय य लड़क सारा

ो ाम चौपट कए जा रह ह FM - ओक सर नवदक - जब तक ो यसर नह आत आप ऐसा कर (दशक क ओर दखत

ह ए) आप यह सीन दख ल Cut

1282 एक का प नक धारावा हक क पटकथा का नमना

शीषक - भसप त क वपि त ऐ पसोड न - 2

थान - यमपर समय - यहा कोई समय नह होता सार काय असमय ह होत ह

स य सवाद व न भाव वशष 1 यमराज का सगीत दरबार

लगा ह

2 यमराज का काला और भार भरकम शर र ndash

नगाड़ का वशष व न भाव

3 मोट -मोट म छ - खन सनी लाल लाल आख

4 हाथ म एक मोटा सा

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फरसा 5 दोन तरफ भस क कतार

- कछ खबसरत लड़ कया बठ लट व भ न म ाओ म- बाल खल और बखर ह ए

6 एमडी का वश यमराज म एमडी

आजकल अपनी यट ठ क तरह स नह द रह ह

बादल क गरजन क आवाज और बज लय क कड़कड़ान क आवाज आधी और तफान का भाव

एमडी ( सर झकाय खड़ ह )

यमराज कहा रह इतन दन या शो कॉज नो टस जार करना पड़गा दो मह न स एक भी कस अ वल करक नह भजा

एमडी -

सर कस करता हसाब रखत-रखत सारा टाफ बीमार हो गया सर उफ हद होती ह पदा करन क भी एक-एक क तरा-तरा मझ तो लगता

212

ह सर लोग मरन स इकार न कर द भारत का एक क सा हो तो बयान कर-वहा तो सारा ह गड़बड़झाला ह जा त धरम और पता नह कस कस क नाम पर पदा कए जा रह ह

यमराज - त ह अपना काय

तजी स करना चा हए ndash चाहो तो कछ क यवल टाफ रख लो अपन साथ

एमडी ndash सर क यवल टाफ स काम नह चलन वाला हम अपना वाहन भी बदल दना चा हए हमार सवार ह य ndash Cut to भसा और उनक पास ह कटर मोटर ndash कार

(Cut to धरतीeith traffic जाम shot) और तो और इधर सना ह क उ ह न तो चाद पर भी चढ़ाई कर डी ह उनक दौड़ म हम

213

शा मल नह हो सकत सर व दौड़ जात ह ओलि पक और हमारा वाहन उसक सामन या बीन और या अ शर

यमराज - ओह यस It is very serious Matter हम अपना वाहन तो change नह कर सकत य क भसा हमारा रा य पश ह कतन ह थोर ndash थोर प ष न हमार इस रा य पश को अपन आचरण म शा मल कर लया ह कतन ह नताओ क च र तीक म कतई अ तर दखाई नह दता

एमडी ndash You are right sirhellip

यमराज - ह ड एड वन परस टज क बात बोला तम ऐसा करो अपना भष बदल कर धरती क घर म घसपठ करो कोई त ह पहचानगा भी नह और भाग भी नह सकगा

एमडी ndash ओक सर थ य यमराज - य कन गो नाऊ (एमडी का थान) यमराज - दरबार क कायवाह

जार रहगी सगीत

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एक और दत ताल बजता ह

(नाचन वाल लड़ कय का वश व श ट म ाओ वाला न य ndash दशन) hellipCuthellip

129 नदशक का आलख श टग का एक नमना

यह भी नदशक य (Director) सझबझ वभाव एव अनभव पर नभर करता ह क वह कस तरह कस य को फ माना चाहता ह रय लि टक अथवा तीका मक तर क स य क यक lsquoशॉट (Shot) जो फ चर फ म अथवा टल फ म म उपयोग म लया जाता

ह उसका एक अथ होता ह उस शॉट क मा यम स नदशक कछ कहना चाहता ह इस लय कछ शॉट तीका मक होत ह और कछ रय लि टक उदाहरण क लए- 1 फल पर मडरान वाल भ र का Shot - तीका मक 2 आग या बाढ़ क य - रय लि टक

1291 शीषक ndash ldquoभसप त क वपि तrdquo

सीन - न 1 अन य 1 यमराज का दरबार लगा ह - ELS(establishing shot) 2 यमराज का काला और भार भरकम शर र - LS 3 मोट मोट मछ - ECU 4 खन सनी लाल - लाल आख - ECU 5 हाथ म मोटा सा फरशा - MS 6 दोन तरफ भस क कतार - Planning L to R 7 कछ खबसरत लड़ कया - LS अ बठ - LS ब लट - MS स व भ न म ाओ म ( यक म ा का) ndash CU द बाल खल - CU य बखर ह ए बाल - CU

पटकथा क अनसार सीन म सवाद आरभ होन स पहल Shorts को इस तरह वभािजत कया जाता ह कपया यह यान रख यह कवल नमनाrsquo (Sample)ह अ तम ा ट (Draft) नह ह

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1210 साराश इस इकाई म हमन पटकथा का अथ उसक प रभाषा आलख क कार पटकथा लखन क तकनीक पटकथा लखन का ा प नमन क पटकथाओ क मा यम स वषय- व लषण नदशक का आलख आ द का अ ययन कया ह साथ ह पटकथा क इ तहास क मा यम स लोक जीवन म च लत लोक वधाओ का भी व लषण कया ह इस इकाई क अ ययन क प चात आप भी पटकथा लखन म कौश य ा त कर सकत ह

बोध न- 1 1 आलख कतन कार क होत ह 2 समाचार क आलख और व त च क आलख म या अ तर ह 3 पटकथा का या ता पय ह 4 पटकथा का लोकजीवन स या स ब ध ह बोध न-2 1 कसी एक व त च क पटकथा लख 2 कसी भी कहानी क कसी एक य को पटकथा क ा प क अनसार तत कर 3 ट ल फ म क पटकथा क साथ कौन-कौन सी स चया सल क जाती ह 4 मकअप कतन कार का होता ह सोदाहरण प ट कर बोध न- 3 1 नाटक य आलख को तत करत समय कन- कन बात का यान रखा जाता ह

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2 ट ल वजन क भाषा कवल मौ खक नह होती इस उ रण को प ट कर 3 न न श द क पण प लख ndashLS MS ECU CU bg

1211 व-म याकन आप इस इकाई का यानपवक पठन कर मनन और च तन कर ऐसा करन स आप वय यह जान पायग क पटकथा या ह कसी लखी जाती ह नदशक का आलख या होता ह पटकथा म कस तरह कसी सग वशष अथवा कहानी को प रव तत कया जा सकता ह

1212 श दावल वस तो अ धकाश श द क अथ ह द और अ जी म दय गय ह फर भी कछ श द ऐस ह िजनका व लषण अ नवाय ह ndash

1 ELS- Extreme Long shot 2 LS- Long Shot 3 ECU- Extreme Close-up 4 MS- Medium Shot 5 Panning L to R- Panning Left to Right

Or R to L- Right to Left 6 CU- Close up 7 bg- Background 8 fg- Foreground 9 FM- Floor Manager

1213 कछ उपयोगी प तक 1 Film Script Writing A Practical Manual- by Dwight VSwainNY

Hastings House Publication 1976 2 Script Writing for Short Films by James ABeveridge Paris Unesco

1969 3 Scripting for Video and Audiondashvisual Media - by Dwight VSwain

Landon Focal Press 1981

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4 Visual Scriptinged - by John Halas London Focal Press 1976 5 Film Complete Scenerio Illustrations Production shots with an essay

on Directing Films - by Samual Backelt London ndash Faber 1972

6 पटकथा का सच - भनाथ सह आजमी मघा ब स द ल - 2006 7 बॉबी ( फ म न ल) - टार पॉकट ब स नई द ल

1214 अ यासाथ न 1 पटकथा या ह पटकथा का प रचय दत ह ए इसक अ नवायता पर काश डाल 2 ट ल वजन म य त होन वाल व भ न आलख क कार तथा उनक लखन प त का

व लषण कर 3 नदशक का आलख और पटकथा म या अ तर होता ह सोदाहरण प ट कर

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इकाई ndash 13 साइबर मी डया क लए लखन

इकाई क परखा 130 उ य 131 तावना 132 साइबर मी डया क लए लखन 133 साइबर लखन क वशषताए 134 साइबर लखन क कार 135 भारत म साइबर लखन क ि थ त 136 भारत म साइबर लखन का मह व एव सभावनाए 137 साराश 138 व-म याकन 139 श दावल 1310 कछ उपयोगी प तक 1311 अ यासाथ न

130 उ य इस इकाई का अ ययन करन क बाद आप जान पाएग क - साइबर मी डया क लए लखन या और कसा ह साइबर लखन क वशषताए या ह साइबर मी डया कतन कार का होता ह भारत म साइबर लखन क या ि थ त ह भारत म इस कार क मा यम लखन क वकास क या सभावनाए ह

131 तावना पछल सद व भ न कार क सचार मा यम क ईजाद क सद रह ह यह वजह ह क लखन और सभाषण क िजतन कार लोग न पछल सद म सीख उतन इसस पहल कभी नह सीख मौ खक और ल खत अ भ यि तय का श ण ल ब समय स होता आ रहा था ल कन पछल सद म र डयो फ म टल वजन और इटरनट जस मा यम क सतत वकास क वजह स इ ह दो ाथ मक अ भ यि तय क व भ न कार का वकास हआ और लोग को उनम बाकायदा श ण लना पड़ा इस इकाई म हम साइबर मा यम क लए लखन क कार क व भ न वशषताओ और कार का व लषण करग और उ ह सीखन का यास करग

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132 साइबर मी डया क लए लखन क यटर दरसचार और सटलाइट क सब होन स साइबर मी डया अि त व म आया साइबर मी डया क वाहक ौ यो गक इटरनट ह िजसक मा यम स द नयाभर म सपक कया जा सकता ह और तमाम तरह क जानका रया हा सल क जा सकती ह सावज नक साइबर कफ जस थान पर बठ-बठ व वभर क सचनाए ा त कर सकत ह या व व म कह भी बठ अपन म और र तदार स सपक कर सकत ह इटरनट पहल कवल लखी ह ई भाषा क पाठ पर आधा रत था आज तजी स बदलत ह ए प र य म वव यापी सजाल (World Wide Web - www) कहलाता ह जो ल खत पाठ क अ त र त य व नया और चल च या ए नमशन क मा यम स सचनाओ क सारण का एक सश त मा यम

बन गया ह व व म अनक छोट-बड़ सगठन क अपनी वबसाइट होती ह और इनम उनक बार म तमाम तरह क जानकार और आलख होत ह इसक अलावा साइबर लखन कसी एक यि त का लखा हआ लॉग भी हो सकता ह कसी व ापन एजसी का वब पर दया गया व ापन भी हो सकता ह और कसी समाचारप का ऑन लाइन स करण भी हो सकता ह उन सभी कार क लखन क अपनी वशषताए ह िजनक चचा हम इस इकाई म आग करग

133 साइबर लखन क वशषताए साइबर लखन क दो मख कार ह पहला तो वह जो कवल ल खत भाषा क मा यम स वचार को अ भ य त करता ह और दसरा बह मा यम आधा रत लखन ह जो अपनी अ भ यि त क लए पाठ य भ य एव चल च का उपयोग करता ह भाषा का वा त वक व प डिजटल ह िजसम बात को एक वशष म म रखा जाता ह भाषा क रखीय म यव था न इसम मौ लकता क अपार सभावनाए पदा क ल कन इटरनट क वब प ठ क यव था न हाइपर लक क जो स वधा दान क उसन भाषा क इस रखीय म को कछ हद तक तोड़ा और इस नव लखन प त न मौ लकता को एक और नया आयाम दया इसी प त क वकास क व प िजस भाषा म हम वब क लए लखन करत ह उस एचट एमएल (हाईपर ट ट ल वज) कहत ह उधर दसर तरफ इटरनट क लोक य होन स पहल क यटर क म जो वकास ह ए थ उनम बह मा यम क यटर (multimedia Computers) का वकास एक मह वपण कड़ी था इन क यटर न आर भक दन म च रखाकन व नय श द और चल च क मा यम स पाठ को और अ धक आकषक बनान का काम कया बाद म डिजटल ऑ डयो व डयो और ए नमशन को ल खत पाठ स वाय तता मल और लोग न अनक ऐस काय म बनाए िजनम स पाठ लगभग नदारद था यह बह मा यम ौ यो गक आन वाल दन म व ड वाइड वब क आधार बनी और िजन वब पोटल या साइट का आज हम अवलोकन करत ह उनम अनक कार क त व होत ह जो कछ य आधा रत होत ह तो कछ य आधा रत होत ह

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इसी बीच व भ न मा यम क क वजस क वजह स वब आधा रत सचार क कछ नए आयाम भी उभर कर आए िजनम वब र डयो और वब टल वजन मख ह इस कार कइ वब सारण म भाषा क नए आयाम खोजन क आव यकता नह ह य क वह तो पारप रक र डयो या टल वजन क ह व तार ह वब क लय या साइबर लखन क वशषताए यह ह क पहल तो इसम कसी भी समाचार को सफ शीषक और स त प स दया जा सकता ह और लक क मा यम स पर समाचार को पढ़ा जा सकता ह इस लए स प म समाचार लखन क कला साइबर लखन क लए सबस मह वपण ह जसा क पहल बताया गया ह साइबर मी डया एक म ट मी डया ह िजसम व न च ा फ स आ द सभी का योग होता ह साइबर लखन को भावशाल बनान

क लए इस म ट मी डया पकज म सभी त व क समझ होनी चा हए यह भी यान रखना ज र ह क इस लखन को द नया भर म कोई कसी भी समय पढ़ता ह- इस पढ़न दखन या सनन वाल का कोई नधा रत समह नह होता इस ि ट स भी लखन शल को ढालना होता ह

134 साइबर लखन क कार साइबर मी डया क अनक प ह इन दन िजसक सबस अ धक चचा ह उस हम लॉग क नाम स जानत ह कछ ह द म लॉग लखन वाल न इस एक ह द नाम भी दया ह वह इस च ा कह रह ह लॉग वब लाग का स त प ह वब लॉग स ता पय यह ह क आप कसी ऐसी वब साइट पर जाइए जो आपको अपन यहा लखन क स वधा दान करती ह और फर जो कछ आप कहना चाहत ह उस उस साइट पर द गई जगह पर लख द िजए कछ साइट ऐसी होती ह िजनम आपको अपन को पजीकत कराना होता ह िजसक बाद आप अपन लए एक पासवड तय करत ह इस पासवड क मदद स आप उस साइट पर लॉग इन करत ह कछ वब साइट ऐसी भी होती ह िजनम आपको लॉग इन करन क भी आव यकता नह होती ऐस थल पर लखन क लए आपको लखकर अ भ य त करना तो आना ह चा हए मगर आपको उस कजीपटल क मदद स ट कत करना भी आना चा हए साइबर लखन का यह सबस लोक य कार और सबस सरल तर का ह साइबर लखन क लए इसक बाद िजस क ठन कार क हम चचा करग वह वब पज बनाना ह वब पज तयार करना एक वशष कार का लखन ह िजसक लए आपको अपन लख ह ए को एचट एमएल म नब करना ह नह आना चा हए बि क वब पर दखन वाल पर प ठ क प स जा उसम य त होन वाल य का थान तय करन और आव यकता पड़न पर वजअल ब सक और सी भाषा जसी क यटर क भाषाओ का भी ान होना चा हए इसक अलावा वब पज बनान वाल को ल खत पाठ य और य साम ी क व भ न फारमट का ान भी होना चा हए उदाहरण क लए एक फोटो ाफ का हम सामा यतया जपीजी फारमट म सर त करत ह फोटो ाफ खीचत समय अगर हमन उसक रजो यशन को अ धक रखा तो वह अ धक जगह घरगा फोटो क रजो यशन 96 प सल स लकर 10 मगा प सल या उसस भी यादा हो सकता ह इसी तरह टफ (TIFE) फारमट म सर त कए गए च को भी अ धक जगह चा हए सबस कम जगह िजफ (JIF) म सर त च

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लत ह अत वब पज क सक पना करन वाल को इस बात का भी यान रखना पड़ता ह क उसका पज पाठक क क यटर म ज द स ज द तत हो सक अथात डाउन लोड को सक वब पज वब साइट का एक ह सा मा होता ह सामा य तौर पर लोग वब पर साम ी दन क लए एक आध पज बनात ह ल कन य द साम ी बह त अ धक ह तो उ ह एक पर वब साइट बनानी पड़ती ह िजसम अनक वब पज होत ह ऐसी ि थ त म सभी पज हाइपर लक क मदद स एक दसर स जोड़ दए जात ह हाइपर लक का इ तमाल करक दो व भ न वबसाइट क प ठ को भी एक दसर स जोड़ा जा सकता ह वब पर द जान वाल साम ी जब एक सीमा स अ धक हो जाती ह तो हम वब पोटल बनान क क पना करन लगत ह

135 भारत म साइबर लखन क ि थ त इन दन ौ यो गक क और अ धक यो ता आधा रत होत जान का ह प रणाम ह क इन दन वब लॉ गग क बाढ़ आई ह ई ह वब लॉ गग व श ट स लकर आम यि त को भी अ भ यि त क वत ता दान करता ह य क साधारण और आम यि त भी इस ौ यो गक क ज रए अपन वचार नट पर लोग क पढ़न क लए रख पान का सख भोग

रहा ह आर भक दन म कवल बड़ अखबार न ह अपन अखबार क स करण वब पर डालन आरभ कए थ इनक लए वब पर काम करन क लए श त प कार क सवा ह ल जाती थी ल कन जस ह वब ला गग क स वधा लोग को मलनी आरभ ह ई वस ह भारत म प कार सा ह यकार क अलावा उन सभी क लॉग लखन आरभ कर दए िज ह ह द म टकण क साथ-साथ क यटर एव इटरनट पर काम करना आना था आज इटरनट पर उपल ध ह द क लॉग म लोग क नजी डायर स लकर क वता कहानी ट प णया च एव वचार सभी कछ मौजद ह उधर समाचारप ई अखबार का व प भी म त समाचारप क डिजटल त ल प स बहल कर अ धका धक ऑनलाइन हो गई ह और कई लोग तो अपनी रचनाए वचार आ द प तकाकार ई-बक म भी दज कर रह ह अ धकाश लॉग लखक आज अपन लखन को अ धक स अ धक स च धान एव पठनीय बनान क लए ऐस कई त व को अपन लखन म ला रह ह जो आज स कछ ह वष पहल म ट मी डया म ह हो सकता था ऐस अनक लॉग लखक ह जो अपन लखन म न कवल च बि क वी डयो ओर ऑ डयो साम ी भी इ तमाल कर रह ह

136 भारत म साइबर लखन का मह व एव सभावनाए

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हाला क हमार दश म अभी क यटर और इटरनट का सार सी मत ह पर इसका तजी स व तार हो रहा ह छोट-छोट नगर -क ब म साइबर कफ खल रह ह और इसक उपभो ताओ क स या बढ़ रह ह समाचारप स थान न अपन अखबार नट पर डालन आरभ कए ह और वशष कर िजस तरह ब जी वय न लॉग अपना कर साइबर लखन आरभ कया ह वह उस बात का योतक ह क आन वाल दन म जस-जस इटरनट क स वधा आम लोग तक पह चगी वस-वस साइबर लखन का मह व बढ़गा और उसक पह च भी व तत होगी साइबर लखन क सभावना भी उसक सार क तरह अनत ह वबसाइट स लकर ई-प तक तक अनक व प म यह लोग को उपल ध होगा िजस तरह डाकघर आ त च य क जगह दन - दन ई-मल का योग बढ़ रहा ह उसी तरह आन वाल दन म साइबर लखन का योग भी बढ़गा

137 साराश प ट ह क साइबर लखन न अपन को एक वत लखन वधा क तरह था पत कर लया

ह और इसक व प एव चार- सार म दन - दन नए योग नई तकनीक और नए क य क सभावनाए बढ़ रह ह डग ई-मल ई-प तक वब अखबार लॉग और यहा तक क एसएमएस भी साइबर लखन क व भ न कार ह भारत म इस कार का लखन आर भक दन म कवल अ जी तक सी मत रहा ल कन बाद क दन म जस-जस भारतीय भाषाओ का सम वयन इटरनट म हआ ह वस-वस साइबर काशन म भारतीय भाषाओ क ह स दार भी बढ़ ह भारत सरकार क ई- शासन क

नी तय न भी साइबर लखन को बढ़ावा दया ह ई- श ा ई- वा य एव ई-क ष क भी यह माग ह क अ धका धक लोग साइबर लखन को अपनाए एव नट पर अ धका धक साम ी उपल ध हो सक

बोध न- 1 साइबर या ह

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2 वबसाइट या ह 3 लॉग या ह

138 व म याकन इस इकाई को पढ़ कर आप न जाना होगा क साइबर मा यम क लए कस कार का लखन कया जा रहा ह इस वषय क बार म अपना ान और अ धक बढ़ान क लए आपको चा हए क आप इटरनट पर जाकर उस कार क िजनक अ धक वब साइट दख ता क आपको य ान ा त हो क इटरनट पर कस कार का लखन कया जा रहा ह आप न इस इकाई

स या कछ सीखा ह यह जानन क लए एव अपना म याकन वय करन क लए आपको सलाह द जाती ह क इकाई क अत म द गई प तक को पढ़न का यास क िजए एव दए

न को यान स हल क िजए

139 श दावल म ट मी डया ऐसा क यटर िजसम ल खत पाठ य य चल च एव ए नमशन

का योग कया जाता ह एचट ट पी हाइपर ट ट ास मशन ोटोकॉल वह प त ह िजसस वब प ठ का

षण एव ा त करना सभव होता ह एचट एमएल हाइपर ट ट मनटनस ल वज वह भाषा ह िजसक मा यम स वब

पर लख जान वाल प ठ क व भ न त व को समायोिजत कया जा सकता ह

हाइपर लक कस वब प ठ को अ य प ठ या अ य वब साइट स जोड़ा जा सकता ह

जपीजी डिजटल व प म च का सक लत एव सा रत करन क एक प त

टफ च एव ए नमशन क नट पर डालन का एक वशष फामट िजफ यो ता क लए बनाया गया या मक इटरफस लॉग वब ला गग अथात नधा रत वब साइट पर जाकर पजीकरण करान

क प चात कया जान वाला लखन ई-बक डिजटल तर क स तयार क गई प तक िजस इटरनट क अलावा

मोबाइल फोन या ई-बक र डर आ द म पढ़ा जा सक

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1310 कछ उपयोगी प तक 1 जगद श च वत (2003) साइबर मी डया जन ल म इमिजग ट नोलॉजी फायरवाल

मी डया द रयागज नई द ल 2 कट रोहर (1998) माक टग इन द साइबर एज ज वल 3 ह रक ड नस (2003) मी डया मनजमट इन द एज ऑफ जाएटस लकवल पि ल शग

ययॉक 4 Om Gupta and Ajay S Jasra (2002) Internet Journalism in India

Kanishka Publisher New Delhi

1311 अ यासाथ न 1 वब पज क उ व और वकास पर एक स त लख ल खए 2 हाइपर ट ट भाषा और वब पज लखन क सबध का ववचन क िजए 3 भारत म साइबर मी डया लखन क वकास और उसक उपयो गता क चचा क िजए

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Page 2: Vardhaman Mahaveer Open Universityassets.vmou.ac.in/JMBJ04.pdf · 2014. 4. 5. · डीट #वी. ... 12 टेल # jवजन के gलए पटकथा लेखन - इस

2

3

4

पा य म अ भक प स म त अ य ो (डॉ) नरश दाधीच

कलप त वधमान महावीर खला व व व यालय कोटा (राज थान)

सयोजक एव सद य

सयोजक डॉ एचबी न दवाना प तकालय एव सचना व ान वभाग वधमान महावीर खला व व व यालय कोटा

1 डॉ सजीव भानावत

अ य जनसचार क राज थान व व व यालय जयपर

सद य 2 ी राज बोडा थानीय सपादक द नक भा कर

जयपर 3 ो दवश कशोर

नदशक (स न) इल ॉ नक मी डया ोड शन सटर इि दरा गाधी रा य म त व व व यालय नई द ल

4 डॉ रमश च पाठ वभागा य प का रता एव जनसचार वभाग लखनऊ व व व यालय लखनऊ

5 ी राजन महान राज थान यरो चीफ एनडीट वी जयपर

6 ो रमश जन वभागा य (स न) प का रता एव जनसचार वभाग वधमान महावीर खला व व व यालय कोटा

7 डॉ अ नल कमार उपा याय वभागा य प का रता एव जनसचार वभाग महा मा गाधी काशी व यापीठ वाराणसी

8 ी न द भार वाज नदशक दरदशन जयपर

सपादन एव पाठ लखन

सपादक ो सभाष ध लया वभागा य एजकशन रसच ए ड नग इल ॉ नक मी डया ोड शन सटर इि दरा गाधी रा य म त व व व यालय नई द ल

पाठ लखक

डॉ रमश अ वाल (45) सय त सपादक द नक भा कर जयपर

याम माथर (6) समाचार सपादक राज थान प का जयपर

ो रमश जन (178) वभागा य (स न) प का रता एव जनसचार वभाग वधमान महावीर खला व व व यालय कोटा

सभाष स तया (91011) अपर महा नदशक (समाचार) (स न) समाचार सवा भाग आकाशवाणी नई द ल

डॉ राजश यास (2) सचना एव जनस पक अ धकार राज थान सरकार जयपर

डॉ सीक वरठ (12) सहायक क नदशक दरदशन जयपर

डॉ व ण पकज (3) धान सपादक

अ णी सदश जयपर

ो हम त जोशी (13) ह द वभाग जा मया म लया इसला मया व व व यालय नई द ल

अकाद मक एव शास नक यव था ो नरश दाधीच

कलप त वधमान महावीर खला व व व यालयकोटा

ो एमक घड़ो लया नदशक

सकाय वभाग

योग गोयल भार

पा य साम ी उ पादन एव वतरण वभाग

पा य म उ पादन

योग गोयल सहायक उ पादन अ धकार वधमान महावीर खला व व व यालय कोटा

पनः उ पादन ndash अ ल 2011 ISBN No 13978-81-8496-275-8 इस साम ी क कसी भी अश को व म ख व कोटा क ल खत अनम त क बना कसी भी प म lsquo म मयो ाफ rsquo (च म ण) वारा या अ य पनः तत करन क अनम त नह हव म ख व कोटा क लय कलस चव व म ख व कोटा (राज) वारा म त एव का शत

5

JMBJ-04 वधमान महावीर खला व व व यालय कोटा (राज थान)

मी डया लखन

इकाई स इकाई का नाम प ठ स या इकाई - 1 समाचार अवधारणा एव लखन तकनीक 8 इकाई - 2 सवाददाता समाचार ोत एव सकलन 33 इकाई - 3 सा ा कार 53 इकाई - 4 समाचार का वग करण ndash (भाग ndash 1) 73 इकाई - 5 समाचार का वग करण ndash (भाग ndash 2) 86 इकाई - 6 त भ लखन 98 इकाई - 7 फ चर लखन 114 इकाई - 8 समी ा लखन 136 इकाई - 9 र डयो समाचार लखन 152 इकाई ndash 10 र डयो लखन क स ा त 167 इकाई ndash 11 टल वजन समाचार लखन 184 इकाई ndash 12 टल वजन क लए पटकथा लखन 201 इकाई ndash 13 साइबर मी डया क लए लखन 218

6

पा य म प रचय बी ज (एम सी) काय म का चौथा पा य म मी डया लखन ह इस पा य म म 13 इकाइय को शा मल कया गया ह इनका प रचय न नानसार ह इकाई-1 समाचार अवधारणा एव लखन तकनीक - इस इकाई म समाचार क अवधारणा प रभाषा

त व कार एव मह व स अवगत करवाया गया ह साथ ह समाचार क ोत एव वग करण समाचार लखन तकनीक समाचार लखन क मह वपण त व एव समाचार लखन क पाच सकार पर भी काश डाला गया ह

इकाई - 2 सवाददाता समाचार ोत एव सकलन - इस इकाई म सवाददाता स आशय सवाददाताओ क णया एव काय वभाजन समाचार क ोत एव समाचार सकलन क व तार स चचा क गई ह साथ ह समाचार लखन एव ततीकरण एव समाचार का अनवतन क भी जानकार द गई ह

इकाई - 3 सा ा कार - इस इकाई म सा ा कार का अथ एव व प सा ा कार और अ य वधाए उपयो गता एव मह व क व तार स जानकार द गई ह साथ ह इल ा नक एव ट मी डया म सा ा कार कस लत ह इस सदभ म भी काश डाला गया ह सा ा कार

या को व तार स रखा कत कया गया ह इकाई - 4 समाचार का वग करण- ( भाग 1 ) - इस इकाई म समाचार का व प त व कार

एव वग करण पर काश डाला गया ह वषय व त क आधार पर क त क आधार पर या या क आधार पर एव रपो टग व धक क आधार पर समाचार क वग करण पर व तार स चचा क गई ह

इकाई - 5 समाचार का वग करण- (भाग 2 ) - इस इकाई म घटना क मह व क आधार पर क आधार पर एव वषय अथवा बीट क आधार पर समाचार क वग करण क व तत जानकार द गई ह

इकाई - 6 तभ लखन - इस इकाई म तभ लखन का मह व तभ एव समाचार तभ लखन क वषय तभ लखन क क त क साथ इटरनट पर तभ लखन भावी तभ लखन को भी चचा क गई ह

इकाई - 7 फ चर लखन - इस इकाई म फ चर लखन या ह फ चर क वशषताए एव मल व प क जानकार द गई ह फ चर लखक क यो यताए फ चर लखन क तयार शीषक भ मका एव च ाकन एव व भ न वधाओ स तलना क भी जानकार द गयी ह

इकाई - 8 समी ा लखन - इस इकाई म समी ा क अथ एव व प समी ा कस कर समी ा लखन क कार और मी डया म समी ा लखन क व तत जानकार द गई ह

इकाई - 9 र डयो समाचार लखन - इस इकाई म समाचार क प रभाषा र डयो समाचार या ा आकाशवाणी का समाचार त एव समाचार क ोत स अवगत करवाया गया ह साथ ह र डयो समाचार का लखन व सपादन र डयो समाचार क भाषा पर भी काश डाला गया ह

इकाई - 10 र डयो लखन क स ात - इस इकाई म र डयो लखन क स ात र डयो लखन क सीमाए और सभावनाए एव र डयो लखन क व भ न आयाम क चचा क गई ह साथ ह सगीत

7

क लए लखन एव उ घोषणाओ पर भी काश डाला गया ह इकाई - 11 टल वजन समाचार लखन - इस इकाई म भारत म टल वजन समाचार का इ तहास

मह व एव लखन पर व तत जानकार द गई ह टल वजन समाचार बल टन एव टल वजन समाचार क या मक त व स भी अवगत करवाया गया ह

इकाई - 12 टल वजन क लए पटकथा लखन - इस इकाई म पटकथा का अथ इ तहास प रभाषा आलख क कार पटकथा लखन का ाराप आ द क चचा क गई ह साथ ह नमन क पटकथाय एव नदशक क आलख क भी जानकार द गई ह

इकाई - 13 साइबर मी डया क लय लखन - इस इकाई म साइबर मी डया क लए लखन साइबर लखन क वशषताए साइबर लखन क कार भारत म साइबर लखन क ि थ त एव भारत म साइबर लखन क मह व एव सभावनाओ पर व तत जानकार द गई ह

8

इकाई-1 समाचार अवधारणा एव लखन तकनीक

इकाई क परखा 10 उ य 11 तावना 12 समाचार का व प

121 समाचार क अवधारणा एव प रभाषा 122 समाचार क त व 123 समाचार क कार

13 समाचार का मह व 131 समाचार का घटना- थल और दर 132 यि त का मह व 133 मानवीय च

14 समाचार क ोत एव वग करण 141 या शत समाचार 142 अ या शत समाचार 143 पवानमा नत समाचार

15 समाचार लखन तकनीक 151 समाचार का गठन - छ ककार 152 वलोम परा मड शल 153 ऊ व परा मड शल 154 समाचार लखन क नई शल 155 शीषक 156 व तार 157 समापन

16 समाचार लखन क मह वपण त व 17 समाचार लखन क पाच सकार 18 साराश 19 श दावल 110 कछ उपयोगी प तक 111 अ यासाथ न

10 उ य इस पाठ का उ य समाचार क अवधारणा एव लखन तकनीक क बार म जानकार दना ह समाचार या ह एक समाचारप क लए समाचार कस एक त कए जात ह समाचार

9

का मह व समाचार लखन क तकनीक मह वपण त व और पाच सकार क बार म व तार स इस इकाई म बताया गया ह इस इकाई का अ ययन करन क बाद आप जान पाएग क- समाचार या ह - यह प ट प स समझ सकग समाचार श द को कस प रभा षत कया जा सकता ह यह जान सकग िजन-िजन ोत स समाचार ा त कए जा सकत ह उनस अवगत हो सकग समाचार क मह व समाचार क सरचना समाचार लखन क तकनीक समाचार लखन

क मह वपण त व और पाच सकार स प र चत हो जाएग आप समाचार लखन म व श टता ा त कर सकग

11 तावना lsquoसमाचार क अवधारणा एव लखन तकनीकrsquo का मी डया म मह वपण थान ह चाह सवाददाता हो या उपसपादक उस समाचार को अवधारणा और उसक तकनीक स अ छ तरह प र चत होना आव यक ह भारत म हाल ह क वष म एक तरह क मी डया ा त आई ह और समाचार मा यम का भी यापक व तार हआ ह हमार दश क वशाल और वकासशील समाज म आज मी डया क यक का व तार हो रहा ह प -प काओ क पाठक क स या लगातार बढ़ रह ह र डयो और ट वी चनल क स या भी नरतर बढ़ती जा रह ह ल कन आज भी मी डया म और खास तौर स समाचार मी डया म अनक गभीर म को सतह और ना समझी क साथ तत कया जाता ह अनक अवसर पर समाचार को अनाव यक प स lsquoरोचकrsquo और मनोरजक बनान क को शश क जाती ह

ो सभाष ध लया एव डी आनद धान क श द म कहा जा सकता ह क ldquoदरअसल समाचार और मनोरजन क नीव क वभाजन रखा क ख म होन क कारण पज वन और पज ी (पज वन मह वपण समाचार और पज ी मनोरजन क प का रता) एक-दसर स ग डम ड होत जा रह ह इसक कारण समाचार मा यम क ाथ मकताए भी बदलती जा रह ह यह नह इसक साथ ह समाचार क प रभाषा भी बदल द गई ह अब समाचार क क म आम आदमी और उसक सख-दख सरोकार चताए और उ मीद उतनी नह ह बि क कभी-कभी तो सल ट ज भी समाचार क पयाय तीत होत ह समाचार य घटनाओ क प रभाषा म ह बदलाव आ रहा ह इस प क तरफ भी यान दए जान क ज रत ह क कन वषय पर लोग को ज रत स अ धक जानका रया द जाती ह और कन वषय क बार म उ ह अधर म रखा जाता ह समाचार अवधारणा और लखन कया को तत इकाई म व तार स वव चत कया गया ह

12 समाचार का व प lsquoसमाचार क कोई यापक प स वीकाय प रभाषा आज तक नह उभर पाई ह समाचारप म जानकार बात और अफवाह क भरमार होती ह ल कन हर जानकार हर बात और हर अफवाह समाचार नह होती तब न उठता ह क समाचार या ह उसक प रभाषा या ह उसक सरचना कस ह ई उसक म य त व या ह इन न का उ तर अनक

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व वान न दया ह अ जी म समाचार को यज (NEWS) कहत ह इस श द क चार अ र होत ह- एन ई ड ल एस इन अ र स चार दशाओ - उ तर (नोथ) पव (ई ट) पि चम (व ट) और द ण (साउथ) का बोध होता ह अत यह कहा जा सकता ह क जो चार दशाओ का बोध कराए वह समाचार ह स भवत इसी ि ट स हडन क कोश म समाचार क प रभाषा सब दशाओ क घटना द गई ह उ तर पव पि चम और द ण क घटनाओ को समाचार समझना चा हए अ जी का य ल टन क नौवा स कत क नवrsquo श द पर आधा रत ह इन तीन श द का एक ह अथ ह नवीन वा तव म समाचार तो वह ह जो नवीन ह महाक व जयशकर साद न ठ क ह कहा ह - क त क यौवन का शगार करग कभी न बासी फल जस

कोई बासी फल को पस द नह करता उसी कार कोई भी पाठक बासी समाचार को पढ़ना चकर नह समझता स य तो यह ह क समाचार का शव व उसक नवीनता म ह कहा

जा सकता ह क जो न य नतन हो वह समाचार ह इस तरह हम कह सकत ह क पहला तो नई सचना समाचार भी आव यक शत ह और दसरा कसी वषय को एक नई ि ट म दखना भी समाचार क णी म आता ह समाचार वह ह िजस तत करन म कसी ब मान (समाचारप क) यि त को सबस अ धक स तोष हो और जो ऐसा तत करत समय कता को अ धक लाभ तो न होता हो पर त िजसक सपादन स ह उसक यावसा यक कशलता का परा-परा पता चलता हो सपादक क इस मता क सबस बड़ी कसौट अ प टताओ और द हताओ क ओट म छप मह वपण त य को इस ढग स तत करना ह क उन त य को इस द नया क व लोग समझ जाए िजनम अ ानता लापरवाह और मखता ह भर ह तथा वचार क सघष क त च का अभाव ह

121 समाचार क अवधारणा एव प रभाषा

समाचार क कछ मह वपण और रोचक प रभाषाए इस कार ह - ldquoपया त स या म मन य िजस जानना चाह वह समाचार ह शत यह ह क वह स च तथा त ठा क नयम का उ लघन न कर ndash जज सडलर

ldquoकोई भी ऐसी घटना िजसम मन य क दलच पी हो समाचार ह पाठक िजसस जानना चाहत ह वह समाचार ह ldquoसमाचार सामा यत वह उ तजक सचना ह िजसम कोई यि त सतोष अथवा उ तजना ा त करता ह - ो च टन बश अनक यि तय क अ भ च िजस साम यक बात म होती ह वह समाचार ह सव ठ समाचार वह ह िजसम बह स यक लोग क अ धकतम च हो

- ो व लयम जी लयर

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ठ समाचार क प रभाषा य य प यह ह तथा प साधारण यवहार म समाचार व ह जो अखबार म छपत ह और अखबार व ह िज ह समाचारप म काम करन वाल तयार करत ह यह कथन य य प वदनामलक ह तथा प कट य य होत ह ए भी स य ह

- जोरा ड ड ल जॉनसन ldquoिजस अ छा सपादक का शत करना चाह वह समाचार ह rdquo ldquoसमाचार घटना का ववरण ह घटना वय म समाचार नह rdquo ldquoघटनाओ त य और वचार क साम यक रपोट समाचार ह िजसम पया त लोग क च हो - व लयम एल रवस ldquoवह स य घटना या वचार िजसम बह स यक पाठक क अ भ च हो

- एमलाइल पसर ldquoउन मह वपण घटनाओ क िजनम जनता क दलच पी हो पहल रपोट को समाचार कह सकत ह rdquo - इर सी हापवड ldquo कसी समय होन वाल उन मह वपण घटनाओ क सह और प पातर हत ववरण को िजनम उस समाचारप क पाठक क अ भ च हो हम समाचार कह सकत ह

- व लयम एस मा सबाई ldquoसमाचार अ त ग तशील सा ह य ह समाचार समय क चरख पर इ तहास क बह रग बल-बटदार कपड़ को बनन वाल तकए ह rdquo

- हापर ल च और जॉन सी करोल ldquoसमाचारप का मौ लक क चा माल न कागज ह न याह वह ह समाचार फर चाह का शत साम ी ठोस सवाद क प म हो या लख क प म सबक मल म वह त व रहता

ह िजस हम समाचार कहत ह rdquo - डी न द कशोर खा

अब व व तजी स बदल रहा ह मी डया म नई पर पराए था पत हो रह ह समाचार क बार म भी मा यताए बदल गई ह एक व वान न समाचार क बड़ी ग भीर प रभाषा क ह - िजस कह कोई दबाना चाह रहा हो समाचार ह शष सब व ापन मनाथ चतवद न समाचार क या या करत ह ए लखा ह ndash ldquoसख त य को समाचार नह

माना जाता व त य ह समाचार ह जो पाठक क जीवन सख-दःख भावना और वचार पर भाव डालत उस चकर तीत होत और आन द दत ह rdquo कपी नारायण न समाचार क सजन म स य को मह वपण त व माना ह उनक मा यता ह िजन त व स समाचार बनता ह उनम सबस मह वपण त व ह - स य का त व साम यकता म यवान होती ह क त स य उसस भी अ धक म यवान होता ह

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टन क स समाचारप मानच टर गा डयन न एक बार lsquoसमाचार क प रभाषा या हrsquo इस पर एक तयो गता कराई थी िजसम सव तम प रभाषा जो पर कत क गई वह इस कार थी ndash ldquoसमाचार कसी अनोखी या असाधारण

घटना क अ वल ब सचना को कहत ह िजसक बार म लोग ाय पहल कछ न जानत ह ल कन िजस तर त ह जानन क यादा स यादा लोग म च हो rdquo एक बार कसी प कार न समाचार क या या करत ह ए कहा क बराई म समाचार ह lsquo आप ईमानदार स काम करत ह इसम समाचार व कछ नह ह पर य द चोर करत ह ए पकड़ जाए तो वह समाचार हो जाएगा प कार क कहन का अथ यह था क बराई म कछ न कछ असाधारणता कछ नवीनता कछ सनसनी और लोग क लए कछ कतहल रहता ह अत उसका समाचार क ि ट स म य ह उपय त प रभाषाओ क अ त र त अनक व वान न समाचार को प रभा षत कया ह िजसम स कछ उ लखनीय ह- ldquoिजस कसी बात को सपादक कहत ह वह समाचार होता ह rdquo ldquo वचार र हत त य भी समाचार ह rdquo ldquoसमाचार का अथ आग बढ़ना चलना अ छा आचरण या यवहार ह म य और परवत काल म कसी काय या यापार क सचना को समाचार मानत थ ऐसी ताजी या हाल क घटना क सचना िजनक स ब ध म पहल लोग क जानकार न हो rdquo

- मानक ह द कोश (रामच वमा) द नया म कह भी कसी समय कोई छोट -मोट घटना या प रवतन हो उसका श द म जो वणन होगा उस समाचार या खबर कहत ह rdquo

- रा र खा डलकर ldquoघटना समाचार नह ह बि क वह घटना का ववरण ह िजस उसक लए लखा जाता ह िज ह न उस दखा नह ह rdquo - म सफ ड ldquoजो सा रत अथवा समाचारप म म त होता ह वह समाचार होता ह rdquo सवाद खबर वता त ववरण और सचना समाचार क पयाय ह अमरकोश म वाता वि त वि त तथा lsquoउद तrsquo चार श द समाचार क लए य त ह ए ह इन सभी श द स कसी

घटना क पर जानकार दन का भाव प ट होता ह ldquoसमाचार कसी घटना प रि थ त ि थ त या प क सह और साम यक सचना ह- ऐसी सचना िजसम उन लोग को िजनक लए वह अ भ त हो दलच पी होगी rdquo

- डाउ लग लदरवड ldquoसमाचार lsquoसामा य स परrsquo कोई भी बात ह और समाचार ह एक ऐसी बात ह जो समाचारप क वशाल स या को बचन म सहायता कर सकती ह rdquo

- नाथि लफ ldquoसमाचार कसी भी घटना का ऐसा ववरण ह िजस एक समाचारप कवल इस लए म त करता ह ता क वह लाभ कमा सक rdquo - क टस डी म डगल

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ldquoसमाचार कसी वतमान वचार घटना या ववाद का ऐसा ववरण ह जो उपभो ताओ को आक षत कर rdquo - वल ल और क पवल News is anything you did not know yesterday - Turner Calledge lsquoAnything timely that interests a number of persons and the best news is that which has greatest interest for the greatest numbersrsquo

- Willard Bleyer News is history in a hurry - George H Morris It is the honest and unbiased and complete account of events of interest and concern to the public - Duane Bradley News is anything out of the ordinary lsquoNews is something revealedrsquo lsquoNews is something which somebody wants suppressedrsquo lsquoNews is any event idea or opinion that is timely that interests or affects a large number of people in a community and that is capable of being understood by themrsquo lsquoNews is a compilation of facts and events of current interest or importance to the readers of the Newspaper printing itrsquo lsquoSex money crime - that is newsrsquo rsquoNews is anything and everything interesting about life and materials all their manifestationrsquo lsquoWhat is new in Newsrsquo इन सभी प रभाषाओ स यह न कष नकलता ह क स य साम यक और बह स यक यि तय क िजसम च हो वह सचना समाचार ह

122 समाचार क त व

जो घटना या व त एकाएक हमारा यान आक षत कर लती ह उसम समाचार का ब नयाद त व मौजद होता ह ऐसी मा यता ह इनक अ त र त न न त व का कसी भी समाचार को मह व दन म वशष योगदान रहता ह - 1 ता का लकता 2 नकटता 3 आकार एव स या 4 मह व और 5 व च ता समाचार क आध नक और िजतनी भी प रभाषाए ह इन सबका सार यह ह क समाचार को समाचार व दान करन वाल न न ल खत पाच त व ह - 1 जानकार 2 नवीनता 3 बह स यक क अ धकतम च 4 उ तजक सचना और 5 प रवतन क सचना मनाथ चतवद क श द म कवल श क त य कभी समाचार नह कहलात पर त जो त य

मानव क जीवन भावना और वचार म भाव डालत ह उस चकर लगत ह आन द दत

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ह और आ दो लत करत ह व ह समाचार बनत ह भावो क करन वाल या अपन हत और अ हत स स ब समाचार म मन य क वशष च होती ह इस लए ऐस समाचार म आकषण क मल गण न न मान ह- 1 नवीनता 2 साम यकता 3 सामी य 4 व हत 5 धन 6 काम-वासना 7 सघष और रोमानी 8 असाधारणता 9 वीर पजा 10 यश 11 रह य 12 मानवीय गण का उ क 13 साहस और वीरता 14 आ व कार और खोज 15 कक य 16 ग त क कहानी 17 नाटक यता 18 व श टता ( यि त थान और पद) 19 प रणाम ( यापक और सघन) 20 स क त 21 व वास 22 वा य 23 सर ा 24 बध व (अ तरा य रा य ाद शक नगर य और जातीय) तथा 25 सामािजक और आ थक प रवतन डा न द कशोर खा न व बात जो अ धकाश पाठक को दलच प लगती ह व इस कार मानी ह- 1 नवीनता 2 असामा यता 3 अनाप त भाव 4 आ मीयता 5 आका ा 6 यि तगत भाव 7 नकटता 8 क णा और भय 9 धन 10 मानवीय प 11 सहानभ त और 12 रह य ो सभाष ध लया न समाचार य मह व म िजन त व का उ लख कया ह व ह - 1 नकटता

2 आकार 3 भाव 4 उपभो ता वग 5 सदभ 6 नी तगत ढाचा 7 मह वपण जानका रया और 8 असाधारणता

123 समाचार क कार

वस तो समाचार क कार क नि चत प स पहचान करना मि कल ह फर भी समाचार म य प स दो कार क होत ह - 1 सीधा समाचार (Straight News) 2 या या मक समाचार (Interpretative News) सीधा समाचार उन समाचार को कहा जाता ह िजसम समाचार का सरल प ट और सह त या मक ववरण हो इनम त य को य क य तत कया जाता ह त य को तोड़ा-मरोड़ा नह जाता ह या या मक समाचार म समाचार क घटना क गहर खोजबीन क जाती ह उस स पण प स काश म लाया जाता ह इस समाचार म घटना क प रवश पवापर स ब ध तथा उसक वशष प रणाम को लखा जाता ह िजसस पाठक सरलता स समझ सक घटना क मह व क ि ट स घटना क मह व क ि ट स भी समाचार क दो प होत ह व इस कार ह ndash 1 व श ट समाचार 2 यापी समाचार 1 व श ट समाचार - व ह िजनक बार म पहल स कछ मालम नह होता ह समाचार

जब घ टत हो जात ह तो उनका अपना वशष मह व और भाव होता ह समाचार गरमागरम और अ यतन होत ह व श ट समाचार अपन गण क कारण प ठ पर म य

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थान हण करत ह कभी-कभी तो व इतन मह व क होत ह क कम मह व क समाचार को बचाकर प ठ का व प ह बदल दना पड़ता ह पव - नधा रत अ त मह व क समाचार गौण प ल लत ह

2 यापी समाचार - वह ह जो अपन मह व और भाव क कारण प ठ पर ऐसा थान पाता ह मानो सभी पर आ छा दत हो उसका व तार भी बड़ा हो सकता ह यह भी सभव ह क यापी समाचार क खडन क लए अ य समाचार भी उसक अनगामी का थान हण करत ह यापी समाचार को थान भी वशष मलता ह और उसका शीषक भी

अ धक आकषक होता ह इस कार क समाचार अपन म पण होत ह

अथवा थान क आधार पर

थल प स अथवा थान क आधार पर समाचार को चार भाग म वभ त कया जा सकता ह-

1 थानीय समाचार - व समाचार जो उस थान स वशष प स सब ह जहा स समाचारप का शत होता ह

2 ातीय समाचार - िजस ात स समाचारप का शत होता ह उस थान क समाचार 3 अतदशीय समाचार - दश क सभी दश स सब समाचार 4 अतरा य समाचार- व व क अनक दश स सब समाचार उपय त समाचार म यक वग क अ तगत न न कार क समाचार को सि म लत कया जा सकता ह - 1 भाषण व त य और स व ि त 2 असामािजक त व क ग त व धया 3 अदालती ग त व धया 4 आ थक अपराध 5 अशा त उप व और तोड़-फोड़ 6 प रवहन तथा माग दघटनाए 7 ाक तक दघटनाए जस - बाढ़ आधी हमपात भक प अवषण तथा अ तवषण आ द 8 असाम यक या आकि मक म य या आ मह या 9 राजनी तक सामािजक सा क तक आ थक सगठन क ग त व धया काय म समारोह दशनी

और जलस 10 यवा छा कसान-मजदर आदोलन 11 राजनी तक सामािजक सा क तक आ थक सगठन क ग त व धया काय म समारोह दशनी

और जलस 12 सरकार वभाग और थानीय शासन नकाय क ग त व धया 13 व ा नक सगठन श णक सा हि यक सा क तक व कला स ब धी ग त व धया 14 सरकार अ धका रय कमचा रय तथा राजनी तक नताओ एव कायकताओ क मनमानी और

याद तय क शकायत

16

15 उ योग वा ण य एव बाजार समाचार 16 खल-कद समाचार 17 मल एव पव क समाचार 18 यि तगत समाचार जस - वदश या ा ववाह ज म म य आ द 19 मनोरजक एव चम का रक समाचार 20 मानवीय अ भ च क समाचार जस - म दया ई या सहानभ त याग भय आतक और घणा

आ द

अतरा य मह व क समाचार

कछ समाचार रा य मह व क होत ह ए भी अ तरा य मह व क होत ह जस- 1 चनाव चनाव म कसी दल क वजय व पराजय सरकार का गठन 2 धानम ी म यम ी रा प त का चनाव 3 मि म डल का गठन एव वभाग का वतरण 4 ससद य ग त व धया - बहस नो तर-काल आरोप- यारोप हगामा काम रोको ताव

यानाकषण ताव उ तजना मत- वभाजन व ब हगमन आ द 5 सरकार का पतन म य का यागप न कासन गह-य स नक व ोह 6 लोकत क थापना एव राजत का पतन 7 राजनी तक आ थक सामािजक समझौत 8 अतरा य सबध 9 शीत-य 10 कटनी तक सबध और वाता 11 य क घोषणा 12 सीमा सघष थल एव जल सीमात क ग त व धया 13 वमान अपहरण 14 जाससी काड 15 अतरा य या रा य या त क यि त का अपहरण ह या या अक मात अपद थ होना 16 दश और वदश क मख जाससी सगठन 17 क य न ट और गर-क य न ट दश क मह वपण ग त व धया 18 रा सघ 19 व व वा य सगठन 20 व व म सगठन 21 वदशी अ त थ 22 व ा नक उपलि धया एव व ा नक पर ण 23 दो दश क म य स नक समझौता व उसक अ तगत अ -श दना 24 शि त सतलन

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25 वदशी म ा बाजार उपय त दोन समाचार स चय को पण नह कहा जा सकता इसका उ य कवल इतना ह ह क प का रता क म आन वाल छा सवाददाताओ समाचार लखक को अपन समाचारप क लय व वध समाचार क आकलन और काशन म सहायता मल सक मह व क ि ट स भी समाचार क तीन भद कय जा सकत ह - 1 मह वपण 2 कम मह वपण 3 सामा य वषय को आधार मानकर समाचार क अनक वग करण कए जा सकत ह जस- राजनी तक समाचार वा ण य समाचार आ थक समाचार खल समाचार सा क तक समाचार अपराध समाचार डाक समाचार मौसम समाचार यायालय समाचार हष-शोक समाचार फ म समाचार वदश समाचार ससद य समाचार य समाचार व ान समाचार वकासा मक समाचार ामीण समाचार क ष समाचार पयावरणीय समाचार आ द समाचार ाि त क ि ट स समाचार क तीन भद कए जा सकत ह - 1 या शत समाचार 2 अ या शत समाचार 3 पवानमा नत समाचार समाचार नगर या गाव म घमन स तो मलत ह ह पर साथ ह काफ समाचार समाचारप क कायालय म वयमव आ जात ह समाचार सपादक या म य सवाददाता का क त य होता ह क वह दन दनी म अ कत कर क अमक काय अमक सवाददाता को करना ह नगरपा लकाओ नगर- नगम वधानसभाओ ससद भवन तथा व भ न स थाओ क बठक क कायवाह क सवाद-लखन क लए सवाददाताओ को भजा जाता ह कसी राजन तक दल का उ सव हो या सरकार स मलन स स मलन हो या भट वाताए सब या शत समाचार क णी म आत ह खलकद नाटक चल च या अ य सा क तक ग त व धय क समाचार पव नि चत रहत ह अ या शत समाचार म दघटना ह या आग डकती चोर बला कार आ द अपराध का ततीकरण आता ह इस कार क समाचार क लए सवाददाता को प लस टशन रलव टशन बस ट ड अि नशामक दल अ पताल टाउन हाल आ द स स पक रखना अ नवाय होता ह वह त दन इन कायालय को नई खबर क बार म टल फोन करता रहता ह

13 समाचार का मह व समाचार का मह व तय करन क लए सवाददाता को कछ बात वशष प स यान म रखना चा हए उस याद रखना चा हए क वह समाचार लखन वाला बाब नह ह साथ ह समाचार का ह-ब-ह च ण कर दन वाला फोटो ाफर भी नह ह उस मानवीय ि टकोण स घटना क समालोचना करना ह और उसका उ चत मह व तय करना ह इसम पहला आधार- त म समय ह समाचार का म य आधार शी ता पर ह ह आज का समाचार कल क अखबार

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म छप जाए तभी उसका मह व ह तीसर दन छप तो उसका मह व थोड़ा कम हो जाएगा पर रहगा ज र ल कन इसक बाद तो उसम स समाचार-त व ब कल नकल जाएगा वस कोई घटना परानी हो गई हो और का शत नह ह ई तब भी इस घटना म समाचार व ह यह कहा जा सकता ह समाचार त काल न ट होन वाल व त ह यह स य सवाददाता क दमाग म लखा हआ रहना चा हए द नक-समाचारप क कई स करण का शत होत ह नगर स करण म नगर क अि तम स अि तम समाचार समट लन क को शश क जाती ह इस- कार समय समाचार का मह वपण अग ह नई ौ यो गक आन क बाद तक ह थान स समाचारप क कई स करण क अलावा अनक समाचारप अनक थान स अलग- अलग स करण भी नकालन लग ह

131 समाचार का घटना- थल और दर

समाचार का मह व नि चत करत समय उसका घटना- थल और दर भी यान म रखी जाती ह अम रका म घट कोई घटना वाराणसी या अहमदाबाद क लोग क लए शायद नरथक भी हो सकती ह अ पताल स ब च क अपहरण क घटना थानीय ह इस कारण थानीय लोग क लए अ य त मह वपण ह हमार दश

म कई रा य ह और इन रा य क सरकार स नी तय सबधी ढर सार समाचार मलत रहत ह इसका अथ यह नह क दर-दराज क सभी घटनाए यथ मानी जाए अम रक रा प त क चनाव क समाचार को व व भर क समाचारप म थान मलगा इसी कार चीन क रा प त क दहा त का समाचार भी द नया-भर म का शत होगा चीन और स जस फौलाद द वार वाल सा यवाद दश क छोट

घटनाओ को भी अखबार म अ य त मह व मलता ह य क य घटनाए सचक होती ह

132 यि त का मह व

समाचार क घटना म कौन यि त सि म लत ह यह त य भी अनक बार मह व था पत करन म सहायक होता ह घटना क घर म कौन यि त ह यह वशष प स दख लना चा हए शहर म छोट -बड़ी दघटनाए तो हर रोज होती ह रहती

ह ल कन शहर का महापौर (मयर) कसी छोट -सी दघटना का शकार हो जाए तो यह समाचार अपन आप म मह वपण हो जाता ह छोट -बड़ी रल दघटनाए भी जब-तब होती रहती ह कोई छोट रल-दघटना हो और उसम दो-तीन यि तय क म य हो जाए ल कन उन मरन वाल म कोई स यि त हो तो यह सामा य प स एक कॉलम म छपन यो य समाचार बड़ शीषक म का शत होगा इसी कार

द नया म त दन अस य शा दया और सगाइया होती ह ल कन ए वया राय क अ भषक ब चन स शाद या दल प कमार तथा सायरा बानो अथवा राजश ख ना और ड पल काप डया या फर जक कनडी का औना सस स ववाह का समाचार मह वपण समाचार कहा जाएगा यि त िजतना अ धक स होगा उतना ह

19

समाचार भी अ धक मह वपण होगा समाज क भ न- भ न म नत व कर रह लोग का जीवन यि तगत नह रहकर सावज नक हो जाता ह और लोग उनक जीवन क छोट घटनाओ म ह बह त दलच पी रखत ह

यक क मह वपण यि त स स ब घटना को मह व दया जाता ह यह बात नकारा मक प स लाग होती ह कसी सामा य यि त का छोटा-सा दराचार समाचारप म कोई वशष थान ा त नह करता ल कन कसी म ी या उ च अ धकार क जीवन का छोटा दराचरण भी बड़ा सनसनीखज हो जाता ह अम रका का lsquoवाटरगट काड इसका उदाहरण ह इसक अ त र त ब ट बकर काड lsquoव ड ड सटर पर हमला गोधरा काड अ रधाम पर हमला ताज कार डोर प रयोजना टा प पपर घोटाला ज सका लाल ह या काड रय लट शो बग दर और श पा

श ी आ द को सि म लत कया जा सकता ह इस कार कसी भी घटना क समी ा करत समय उसम कौन यि त सि म लत ह इस ओर सवाददाता को एक नजर अव य डाल लनी चा हए और इसी आधार पर इसका मह व तय करना चा हए

133 मानवीय च

मानवीय च भी समाचार का मह व नि चत करती ह समाचार क बार म एक मशह र कहावत ह क क ता आदमी को काट ल तो समाचार नह होगा ल कन आदमी क त को काट ल यह समाचार हो जाएगा इस कहावत का ता पय यह ह क अ वाभा वकता का त व भी कसी घटना को समाचार बना दता ह कोई सामा य घटना समाचार नह होती इसक बजाय उसम कोई असामा य होती ह तो वह घटना समाचार बन जाती ह उदाहरण क प म कोई ी चार या पाच ब च को एक साथ ज म दती ह तो यह समाचार होगा कछ ह दन पहल एक ऐसी घटना का शत ह ई थी क एक मग क दो क बजाय चार टाग दखी गई यह असाधारण

घटना कह जाएगी ऐस समाचार अखबार म बॉ स समाचार बनकर छपग दो सर वाल बकर पदा होना व च अग वाल बालक का ज म होना यह सभी इसक उदाहरण ह समाचारप चम कार क बार म भी भा त-भा त क घटनाए छापत ह वा तव म इस कार क सभी घटनाओ क िजतनी भी सभव हो जाच-परख करन क बाद ह का शत करना चा हए

14 समाचार क ोत एव वग करण सवाददाताओ को समाचार व भ न ोत स ा त होत ह य ोत अ धका रक भी हो सकत ह और गर-अ धका रक भी कहा जा सकता ह क समाचार ोत का उपभोग और दोहन करना भी एक कला ह अत यक सवाददाता को इस कला म पारगत होना चा हए समाचार ोत क गठन और उनक उपभोग स सब धत ब द इस कार ह-

1 सवाददाता क अपन यि तगत सपक स होन चा हए िजतन अ धक लोग स सवाददाता का सपक होगा उस उतनी ह अ धक एव अ छ खबर मलगी इस लए यक सवाददाता

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को अपन-अपन व वसनीय सपक स बनान होत ह साराश म कहा जा सकता ह क लोग ह समाचार स ोत होत ह

2 सवाददाता को सबस पहल उस क मह वपण यि तय स थाओ और उनक भार यि तय क बार म जानकार होनी चा हए इसक अ त र त सवाददाता को राजनी तक दल क नताओ उनक कायालय प लस थान च क सालय वधान मडल नगर नगम और उनक व भ न अनभाग श णक सामािजक धा मक सा क तक स थाए वक ल सघ नगर क सभी मह वपण यि तय स थाओ सगठन आ द क भल भा त जानकार होनी चा हए और यक जगह उसका स पक स होना चा हए

3 स व ि त क तरह सवाददाता स मलन या स का स भी समाचार का म य ोत होता ह सवाददाता को सवाददाता स मलन म नय मत प स जाना चा हए और वहा स समाचार सक लत करन चा हए

4 सवाददाता म समाचार स घन और परखन क शि त होनी चा हए सवाददाता क इ ह गण को अ जी म lsquoनोज फार द यज कहा गया ह उसम जाच-पड़ताल खोज- बन पछताछ आ द क लए जासस जस गण व भ न कार क समाचार- ो ( यि तय ) क म ह स बात नकलवान क लए मनोव ा नक जस गण होन चा हए

5 सवाददाता को अपना सचना- ोत का व वास सदव कायम रखना चा हए य द उसम कोई ऑफ द रकाड बात कह हो तो उस अ य कह न बताए मरण रह क अपन स पक स म कह भी कोई आच नह आन दनी चा हए जहा ा त जानकार क व वसनीयता क बार म जरा भी सदह हो सवाददाता को शी ह माण एक कर लना चा हए

6 स पक स था पत करन क साथ-साथ उ ह बनाए रखना भी अ य त आव यक ह इसक लए अपनी ओर स सदव य न करत रहना चा हए स पक-स म नर तरता भी ज र ह

सवाददाता क लए समाचार क न न ोत हो सकत ह - 1 स व ि तया 2 स क य न स 3 स कॉ स 4 भाषण एव व त य 5 सा ा कार या भट वाता 6 र डयो या टल वजन समाचार 7 समाचार स म तया 8 प लस थाना 9 यायालय 10 अ पताल 11 सरकार वभाग 12 वधान मडल 13 यि तगत सपक 14 अ य ोत- स मलन सगो ठ तवदन रपोट

आ द समाचार का वग करण समाचार ोत को तीन भाग म वभ त कया जा सकता ह - 1 या शत समाचार 2 अ या शत समाचार 3 पवानमा नत समाचार

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141 या शत समाचार

या शत समाचार का आशय उन समाचार स ह जो सवाददाता को य प स मल जात ह अदालत क सनवाई फसल वधान मडल नगर नगम नगर पा लका क बठक प कार स मलन सा ा कार सरकार घोषणाए सावज नक व त य जाच आयोग क बठक आ द कछ या शत समाचार क ोत ह अ य समाचार को पढ़न स भी या शत साम यक समाचार क जानकार मल सकती ह

142 अ या शत समाचार

अ या शत समाचार का समाचार ा त करन या उसका सराग पान क लए सवाददाता का सपक स काम म आता ह दघटना आगजनी अपराध म य आ द ऐस अ या शत समाचार का पवानमान उस भी नह होता ह इस कार क समाचार क सकत बह त सहसा या अचानक मलत ह िज ह अनभवी सवाददाता ज द स पकड़ लता ह

143 पवानमा नत समाचार

पवानमा नत समाचार क ोत फ चर सा ता हक डायर अदालत म जन च क मामल क तार ख फसल व भ न म हो रह वकास क काय उनम पड़ी अडचन आ द पवानमा नत समाचार क ोत ह

15 समाचार लखन तकनीक समाचार क अवधारणा स प र चत होन क बाद सवाददाता क सम सबस पहला न यह आता ह क समाचार को कस लखा और तत कया जाए समाचार-लखन क स ा त या ह और समाचार लखन कस कहग यापक अथ म कहा जाए तो समाचार लखन कसी समाचार मा यम वारा कसी कह ह ए सन ह ए अथवा कसी तरह ा त कए सदश को पन तत करना ह ययॉक टाइ स म क एस एड स क कथनानसार - lsquoReporting means the application of curiosity directed by intelligence and fairness to the current happenings of the worldrsquo - (द नया म होन वाल घटनाओ क स ब ध म इस तरह ब सगत प स िज ासा क प त करना िजसस स चाई और ईमानदार क स ा त क अवहलना न हो ) व यात अम रकन प कार चा स ए डाना इस एक lsquoउ च णी क कलाrsquo कहत ह क णम त इस ल लतकला मानत ह दसर श द म कह तो जो हो चका ह अथवा होन क सभावना ह उसक वषय म सह सपण तट थ और समय पर जानकार दन क कया को समाचार लखन कहा जा सकता ह इस ववरण स यह प ट होता ह क समाचारप म समाचार लखन का अ य त मह वपण थान ह आज व व क आबाद पचास वष पहल थी उसस दगनी होन जा रह ह और व व क एक भाग स दसर भाग म पह चन म बह त कम समय लगता ह मानव क िज ासा

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का भी इसी कार व तत होता जा रहा ह और भ व य म और व तत होता जाएगा वाभा वक ह ह क इस कया क साथ-साथ समाचार लखन का भी बढ़ता जा रहा ह और इस म नए-नए वषय वश करत जा रह ह मानव क क त और मानव यवहार िजतना पर पर आधा रत होता जाएगा उतना ह उसका भाव समाचारप पर बढ़ता जाएगा यह नि चत ह एक समय म यह मा यता थी क लखक क तरह प कार भी ज मजात प कार होता ह य न स या श ण लकर प कार नह बना जा सकता यह मा यता आज भी सह ह

ल कन आ शक प म ह आज यक म उ चत श ण का मह व बढ़ता जा रहा ह और एक ऐसा समय आ गया ह क जब ज मजात गण रखन वाल यि त को भी थोड़ा श ण तो लना ह पड़ता ह ज मजात गण और श ण क बीच क सीमा रखा आज

खतर म ह प रि थ त धीर-धीर श ण क प म जा रह ह जोसफ प ल जर क श द म कह तो - आज क यग म ज मजात ा त कया जा सक ऐसा कोई गण ह तो वह सफ lsquoमखताrsquo का गण ह यह कहकर तर त ह व पछत ह क आज ससार का कौन सा ऐसा ह िजसम मन य को श ण क आव यकता नह पड़ती चाह जस ज मजात गण रखन वाला यि त भी उ चत श ण ल तो सोन म सगध हो जाएगी और वह कशल सपादक या सवाददाता बन सकगा

151 समाचार का गठन - छ ककार

सन 1800 स पव समाचार लखन क लए कोई व ा नक प त नह थी सवाददाता द नक घटनाओ को काल मानसार रखकर अपना काय चला रह थ धीर-धीर समाचारप का सार होता गया समाचारप म थान का मह व बढ़ा और म य का भी अत समाचार को यवि थत ढग स तत कया जान लगा सन 1894 म एड वन एल शमन न ि टकल जन ल मrsquo नामक प तक म प का रता क इन व श ट त य क ओर सकत कया डयाड कप लग न सव थम समाचार-लखन क लए 5 ड य और 1 एच का उ लख कया

इ ह हद म छ ककार कहत ह य छ ककार आज भी न कवल समाचार सकलन जगत क बि क प का रता-जगत क आधार त भ ह ndash 1 या हआ अथात या घटना ह ई 2 कहा हआ अथात घटना कहा ह ई 3 कब हआ अथात कस समय घटना घट 4 कौन सी घटना ह ई अथात कसक साथ या हआ 5 य घटना घ टत ह ई अथात घटना का या कारण था 6 कस घटना घ टत ह ई अ जी म इ ह ndash What Where when who why और How कहा जाता ह (अथात 5 ड य और 1 एच) पाठक इन ककार का उ तर इसी म म चाहता ह सबस पहल या और सबस बाद कस का उ तर दना चा हए सामा य नयम यह ह क अ य त मह व

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क त य सबस पहल दना चा हए और सबस कम मह व क अश को सबस बाद म दना चा हए एक समाचार द खए -

अमर क व व व यालय म अधाधध फाय रग 30 मर 28 घायल

ल सवग व 17 अ ल (एजसी) अमर क रा य वज नया क एक व व व यालय म एक बदकधार न एक छा ावास और लास म म अधाधध गोल बार कर कम स कम 30 लोग क ह या कर द जब क 28 स

अ धक लोग घायल हो गए प लस का कहना ह क फाय रग क घटनाओ क बाद हमलावर भी मरा हआ पाया गया ल कन यह अभी प ट नह हो सका ह क उसन खद अपनी जान ल या वह प लस क गोल का नशाना बना एक यज चनल क मता बक हताहत म कोई भारतीय नह ह वज नया टक क प लस मख व डल ि लशम न बताया क फाय रग व ट ए बलर जॉ टन हॉल छा ावास और एक इजी नय रग सकाय क भवन नॉ रस हॉल म ह ई य दोन थान 26 सौ एकड़ क व व क पस क अलग-अलग कोन पर ह

मका क तलाश हमलावर कौन ह और उसन वारदात को अजाम य दया इसक बार म कोई प ट जानकार नह मल ह बताया जाता ह क एक यवक अपनी गल ड क बार म छा स पछताछ कर रहा था इसक कछ ह दर बाद फाय रग क घटना हो गई

(राज थान प का 17 अ ल 2007) इस समाचार म छ ककार का उ लख मल जाएगा - 1 या अधाधध फाय रग स ह ई दघटना 2 कहा अमर क रा य वज नया क एक व व व यालय म 3 कब 17 अ ल 2007 को 4 कौन 30 मर और 28 घायल 5 य एक यवक वारा अपनी गलफड क तलाश क सदभ म 6 कस हमलावर वारा छा स गलफड क बार म पछताछ क दौरान अधाधध फाय रग पाठक इन ककार क इसी म म उ तर चाहता ह सबस पहल याrsquo और उसक बाद म उस कस का उ तर चा हए वस यह दखा जाता ह क याrsquo का उ तर दन क बाद समाचार क अ य न क कम म उलट-फर भी हो जाता ह सामा य नयम यह ह क अ त मह वपण त य को या प रणाम को सबस पहल दना चा हए और सबस कम मह व क अश को सबस पीछ सवाददाता को समाचार लखन स पव तय कर लना चा हए क समाचार क श आत कस करनी ह कौन सी जानकार पहल दनी ह और कस म स दनी ह मन म इस तरह का खाका बना लन स यौर तरतीब स सजाए जा सकत ह तथा सग ठत और तलाश हआ समाचार लखा जा सकता ह डा अजन तवार न समाचार लखन क लए न न याओ को ज र बताया

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ह - 1 समाचार त य को सक लत करना 2 कथा क काय योजना बनाना तथा लखना 3 आमख लखना 4 प र छद का नधारण करना 5 व ता क कथन को अ वकल प स तत करना 6 स क सकत को उ त करना समाचार लखन क लए दो कार क शल च लत ह - 1 वलोम परा मड शल और 2 उ व परा मड शल

152 वलोम परा मड शल

समाचार-लखन क लए कछ पार प रक नयम ह िजनका कमोबश आज भी योग होता ह उदाहरण क लए वलोम परा मड (Inverted Pyramid) शल परा मड का आधार आयताकार होता ह और शीष पहाड़ क चोट क तरह नक ला परा मड को उलटकर न क क बल पर खड़ा कर दया जाए तो उसका आधार ऊपर क तरफ होगा समाचार क सदभ म इसका अथ ह क समाचार का सार स प आर भ म ह द दया जाए ता क पाठक को एक ह नजर म पता लग जाए क आग या- या जानकार मलन वाल ह इसस पाठक म आग प न क उ सकता जागगी और य - य वह खबर पढ़ता जाएगा जानकार क परत एक-एक करक उभरती चल जाएगी वलोम परा मड शल स पाठक को श म ह ात हो जाता ह क समाचार म या ह दसरा य द पज का मकअप करत समय मटर या समाचार बढ़ जाता ह यानी जगह कम रहती ह तो आ खर क दो-तीन पर आसानी स काट जा सकत ह अत म गौण त य ह ह ग वलोम परा मड क सरचना दख ndash 1 इ ो

1 समाचार का सार 2 व तार 2 आमख (इ ो) का व तार 3 समापन 3 गौण ववरण

वलोम परा मड शल म कछ खा मया भी ह जस- समाचार क आरि भक भाग (इ ) म जानकार ठसन क को शश म वा य रचना क बो झल होन का खतरा रहता ह दसरा समाचार क श आत रोचक ढग स नह होती तीसर बात यह ह क शीषक और इ ो म वषय या जानकार क पनरावि त होती ह आग चलकर अ य त य दत समय उनका फर स उ लख करना पड़ जाता ह इन खा मय क बावजद वलोम परा मड शल समाचार को कम स कम थान या पि तय म जोड़न क ि ट स भी बह त उपयोगी ह समाचार म पर तरह और

बड़ी घटनाओ क खबर म काफ हद तक वलोम परा मड का अनसरण कया जाता ह वलोम परा मड शल (Inverted Pyramid) को इस कार तत कया जा सकता ह-

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वलोम परा मड शल को उ ट तपी प त क नाम स भी जाना जाता ह मी डया जगत म यह प त या शल वशष प स च लत और लोक य ह

153 ऊ व परा मड शल

ऊ व परा मड (Upright Pyramid) शल वलोम परा मड शल स एकदम उलट ह ऐस समाचार म सवा धक मह वपण अश को श म न दकर उसका आर भ सबस कम मह व क ववरण स कया जाता ह ल कन धीर-धीर मह वपण वषय को लया जाता ह और समाचार सवा धक मह व वाल ववरण पर समा त कया जाता ह इ ह नल बत अ भ च वाल समाचार भी कहा जाता ह ऊ व परा मड का उपयोग फ चर मानवीय अ भ च क समाचार म य त कया जाता ह इसम द जान वाल साम ी का म कछ इस कार रहता ह- 1 दलच प आर भ

2 गर मह वपण सचना 3 त य 4 व तार 5 मह वपण जानकार

1 सबस कम मह वपण सचना ल कन जो पाठक म उ सकता पदा कर

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2 समाचार स जड़ त य 3 व तार िजसम समाचार क प ठभ म भी शा मल ह 4 मह वपण जानकार 5 सवा धक मह वपण जानकार िजस समाचार का चम कष भी कहा जा सकता ह ऊ व परा मड शल (Upright Pyramid) को इस कार तत कया जा सकता ह-

154 समाचार लखन क नई शल

समाचार मा यम म समाचार लखन क लए आज भी वलोम परा मड शल का सवा धक योग होता ह ल कन इधर कछ वष म धीर-धीर ह सह समाचार लखन क कई नई श लय

का चलन भी बढ़ा ह पाठक नए तर क स लख जा रह इन समाचार को पसद कर रह ह इसका मख कारण यह ह क वलोम परा मड शल क अ धक योग क कारण समाचार मा यम म नीरसता और उबाऊपन सा आ जाता ह िजस तोड़न क लए नई श लय का योग बढ़ रहा ह नई श लय म सवा धक लोक य शल कथा मक या वणना मक शल ह इसम वलोम परा मड क बजाय समाचार को कथा मक वणना मक शल म लखा जाता ह इसम परा समाचार पढ़न स ह एक नर तरता बनती ह और उस वलोम परा मड क तरह कह भी सपा दत या काटा-छाटा नह जा सकता ह ऐस समाचार म ार भ स लकर अत तक पाठक क च बनी रह इस लए उ ह ऐसा लखा जाता ह क िजसम पाठक को कह भी उबाऊपन का अहसास नह हो अ जी क समाचारप ndash lsquoटाइ स ऑफ इ डयाrsquo lsquo ह द तान टाइ सrsquo lsquoइ डयन ए स स आ द समाचारप म कथा मक या वणाना मक शल म लख समाचार का चलन लगातार बढ़ रहा ह हद क समाचारप नवभारत टाइ सrsquo द नक ह द तान lsquoद नक भा करrsquo जनस ता आ द म इस शल म लख गए समाचार दखाई दत ह

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155 शीषक

मानव शर र म जो शीष का मह व ह वह समाचार म शीषक का शीषक समाचार का ाण और उसक सार का व ापन ह समाचार क शीषक स यह बोध हो सकता ह क समाचारप क वचारधारा नी त और पर परा कस कार ह शीषक समाचारप क मनोभावना का प ट त ब ब ह कोई भी समाचार या लख बना शीषक क का शत नह होत सबस

अ धक वह समाचारप बकत ह िजनक शीषक साथक पन स त और जीवत होत ह वा तव म शीषक ह बकत ह समाचारप नह शीषक क तीन उ य होत ह - 1 समाचार को व ा पत करना या उस काश म लाना 2 समाचार क मह वपण अश का सार कट करना 3 समाचारप क प ठ को साज-स जा क ि ट स स दर एव आकषक बनाना समाचारप म म यत न न शीषक का योग कया जाता ह - ॉसलाइन ॉपलाइन वलोम सोपानी पण पा त वलोम तपी क ट शीषक आ द मह वपण समाचार क लए गगन रखा और बनर (पताका) का योग कया जाता ह चट ल रसील भीषण तथा अ या शत समाचार को बा स (Box) म का शत कया जाता ह

156 व तार

समाचार लखन म इ ो या आमख लखन पर िजतना जोर दया जाता ह उतना जोर समाचार क व तार अथात अ य श द म समाचार क बॉडी लखन पर नह दया जाता इस लए कई बार अ छ इ ो क बावजद कमजोर व तार (बॉडी) क कारण समाचार अ भावी और अपठनीय हो जात ह वा तव म सवाददाता को कसी भी समाचार को उसक सपणता म दखना चा हए न क उसक अलग-अलग पहलओ जस इ ो व तार और समापन क तौर पर समाचार कापी लखन क कापी तयार करत ह ए सवाददाता को यह हमशा यान म रखना चा हए क इ ो क बाद समाचार क बॉडी म या होगा और वह कस आएगा इसक लए सवाददाता को यह स नि चत करना चा हए क इ ो और बॉडी क बीच एक नरतरता हो और पाठक को ऐसा न लग क समाचार क इ ो और बॉडी क बीच कोई सामज य ह नह ह कहा जा सकता ह क समाचार लखन क लए समाचार क बॉडी क अलावा बाक शर र भी मह वपण ह समाचार क बॉडी का मह व इस लए बढ़ जाता ह क इ ो म उ ल खत त य क या या और व लषण समाचार क बॉडी म होता ह समाचार क व तार म दो त य का यान रखना आव यक ह - 1 इ ो म दए गए त य क या या और 2 कम मह वपण त य को समाचार म या या पत करना इसस समाचार को या या पत करन म सहायता मलती ह जो आमतौर पर इ ो म नह आ पात

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157 समापन

समाचार का समापन कस कया जाए इस सदभ म कोई नि चत नयम या फामला नह ह परा मड शल म समाचार को उसक मह व और समाचार मा यम म उपल ध जगह क अनसार कह भी समा त कर सकत ह इस शल म लख समाचार म त य और सचनाओ को उनक घटत म म लखा जाता ह ऐस म समाचार क समापन क लए अलग स यास करन क कोई आव यकता नह ह फर भी इसक बावजद समाचार को इस तरह स समा त नह कया जाना चा हए िजसस उसका अथ प ट न हो या ऐसा लग क समाचार का अत अटपट ढग स कया गया ह समाचार का समापन करत समय इस त य को यान म रखना चा हए क उसम समाचार क मख त व आ गए ह समाचार क इ ो और समापन क म य एक मब ता होनी चा हए कछ समाचार का तो कोई अत या समापन ह नह हो सकता ह इस कार क समाचार म घटना म या वकास म को चलाकर समाचार का समापन कया जा सकता ह

16 समाचार लखन क मह वपण त व समाचार-लखन क आकषक क जो म य मल त व मान गए ह उनम 1 साम यकता 2 घटना थल ( काशन थल) 3 मानवीय च 4 आ मीयता एव 5 सामी य त व वशष मह व रखत ह इसी कार समाचार-लखन म कशलता एव वीणता ा त करन क लए चार गण मह वपण ह य ह - स यता प टता स च और स तता इ ह समाचार-लखन क चार सकार भी कहा जा सकता ह समाचार लखन क मह वपण त व ह - 1 साम यकता - साम यकता समाचार-लखन का सवा धक मह वपण गण ह कोई भी

समाचार चाह वह ट मी डया का हो या इल ॉ नक मी डया का नवीन घटनाओ एव वतमान जगत स िजतना अ धक जड़ा होगा उसम पाठक क उतनी ह अ धक च होगी समाचार का सबस बड़ा गण ह उसक ता का लकता या साम यकता उस नद क नर तर बहत जल- वाह क तरह नवीनतम होना चा हए घटना म क ती वाह क साथ-साथ समाचार का क य भी बदलता रहता ह यह साम यकता ह पराना या बासी पड़ गया समाचार एक तरह स समाचार नह रह जाता समाचार य द साम यक या नवीनतम न हो तो वह सवाद न होकर सदभ व लषण या आ यान बन जाता ह

2 घटना थल ( काशन थल) - समाचार का दसरा मह वपण गण उसका lsquoघटना- थलrsquo या काशन- थल ह आम पाठक क अपन आस-पास नगर या रा य क समाचार म दलच पी होना वाभा वक ह य क जो घटनाए पाठक क इद- गद घटती ह व उस अ धक भा वत करती ह

3 मानवीय च - रोजमरा क आपाधापी क िज दगी म कछ ऐसी ि थ तया आती ह जो जीवन क ि ट स अथपण होती ह आम तौर पर नताओ क भाषण बयान अपराध

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आतकवाद टाचार और सरकार व ि तया चनाव आ द समाचार क समाचारप म भरमार होती ह ल कन मानवीय च ndash lsquo यमन इटर टrsquo स जड़ समाचार का समाचारप म अभाव रहता ह मानवीय सवदनाओ और जीवन क कछ अ य त पहलओ को काश म लान वाल समाचार मानवीय च क समाचार क णी म आत ह ऐस समाचार को लखन क ढग स और रोचक भी बनाया जा सकता ह

4 आ मीयता - आ मीयताrsquo भी समाचार का एक बड़ा गण ह समाचार स जड़ी घटनाओ स पाठक िजतनी आ मीयता पाएगा वह उसस उतना ह भा वत होगा इसक अ त र त स यता नवीनता वयि तकता स या और आकार सशय और रह य आ द समाचार क ऐस त व ह िजनम समाचार क त आकषण उ प न होता ह

5 सामी य त व - समाचार लखन म सामी य का अपना वशष मह व ह सामी य का आशय नकटता स ह जो समाचार पाठक क नकट या आस-पास होगा वह उतना ह पाठक वारा पढ़ा जाएगा य क पाठक का अपन आस-पास क घटनाओ म च होना वाभा वक ह

17 समाचार लखन क पाच सकार समाचार-लखन म कशलता ा त करन पाच सकार को अव य यान म रखना चा हए य ह - 1 स यता 2 प टता 3 स च 4 स तता और 5 साम यकता 171 स यता ndash समाचार म स यता हो तथा समाचार कसी पवा ह या प पात स नह

लखा जाए स य को ठस पह चाना समाचार क आ मा को न ट करना ह समाचार म साम यकता भी म यवान होती ह ल कन स य भी उसस अ धक म यवान होता ह

172 प टता - समाचार सरल एव सहज भाषा म लखा जाए िजसस पाठक को समझन म कोई क ठनाई नह हो प टता समाचार का मह वपण ब द ह जो समाचार िजतना प ट होगा वह पाठक वारा अ धक पढ़ा जाएगा

173 स च - समाचार सदव स च ढग स लखा जाना चा हए िजसस पाठक क च उसम बनी रह

174 स तता - समाचार म थोड़ स श द स अ धक स अ धक बात कहन क मता हो स तता समाचार का व श ट गण ह

175 साम यकता - समाचार म साम यकता का सदव यान रखना चा हए समाचारप या यक पाठक सम-साम यक घटनाओ या समाचार क बार म जानना चाहता ह

बोध- न - 1 समाचार क प रभाषा द िजय

2 समाचार क छ ककार या ह

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18 साराश lsquoसमाचार अवधारणा एव लखन तकनीक इकाई पढ़ लन क बाद आप जान गए क समाचार कस कहत ह और समाचार लखन क तकनीक या ह इसम समाचार क व भ न प रभाषाओ क भी व तार स समी ा क ह साथ ह समाचार क मह व समाचार क ोत समाचार लखन समाचार क मह वपण त व और समाचार क पाच सकार क व तत ववचना क ह मी डया जगत म समाचार का अपना व श ट थान ह चाह वह ट मी डया हो या इल ॉ नक मी डया समाचार लखन म वलोम परा मड शल या उ ट परा मड शल का योग सवा धक होता ह ल कन इधर कछ वष स समाचार लखन म अनक नई श लय का योग हो रहा ह नई श लय म सवा धक लोक य शल कथा मक या वणना मक शल

ह अ जी एव ह द क समाचारप म इस शल का चलन बढ़ रहा ह

19 श दावल समाचारप - नय मत प स त दन का शत होन वाल द नक समाचारप कहलात ह भारत क स ए ड रिज शन ऑफ ब स ए ट क अनसार ndash lsquoसमाचारप कोई भी नि चत अव ध म का शत होन वाला प ह िजसम सावज नक समाचार या ऐस समाचार पर ट प णया हो rsquo यह प रभाषा समाचार स जड़ी हर प का को समाचारप क प र ध म शा मल कर दती ह समाचार सकलन - सवाददाता वारा अपनी सझबझ प र म और साहस स व भ न ोत स समाचार ा त करना ढढना खोजना जनसपक करना वय घटना- थल तक पह चकर समाचार ा त करना आ द समाचार सकलन कहलाता ह समाचार क त व - समाचार को समाचार व दान करन वाल त य ह - 1 जानकार 2 नवीनता 3 बह स यक क अ धकतम च 4 उ तजक सचना और 5 प रवतन क सचना फ चर - प का रता म फ चर लखन एक वशष वधा ह इसका उ य सामा य पाठक का मनोरजन करना ह अथवा उसक जानकार बढ़ाना ह फ चर कसी रोचक वषय पर मनोरजक शल म लखा गया लख ह सवाददाता - समाचारप को सवाद या समाचार भजन वाला प कार सवाददाता कहलाता ह सवाददाता भी दो तरह क होत ह - 1 थानीय और 2 अ य थान स समाचार एक कर डाक फ स फोन आ द स भजन वाल

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इ ो या आमख - समाचार का आर भक भाग िजस आमख भी कहा जाता ह इसम समाचार क ाय एक या दो या अ धक मह वपण अश का सकत होता ह ककार - समाचार लखन म छ ककार का अपना मह वपण थान ह य ककार ह- या कहा य कस कौन और कब इनवटड परा मड वलोम परा मड - समाचार क आर भक वा य म ह मह व क अनसार जानकार दन का स ा त इसम सबस मह वपण जानकार पहल द जाती ह और गौण यौर अत म अपराइट परा मडऊ व परा मड - मानवीय सवदना उजागर करन या उभारन वाल समाचार म घटना या उसक मह वपण यौर आर भ म न दकर बाद म उनका उ लख कया जाता ह

110 कछ उपयोगी प तक 1 सपादन प ठ स जा और म ण - ो रमश जन (मगलद प पि लकश स जयपर) 2 जनसचार व वकोश - ो रमश जन (नशनल पि ल शग हाऊस जयपर एव द ल ) 3 ट मी डया लखन - ो रमश जन (मगलद प पि लकश स जयपर) 4 समाचार सपादन - मनाथ चतवद (एकड मक पि लशस नई द ल ) 5 समाचार सकलन और लखन - डॉ नद कशोर खा ( ह द स म त लखनऊ) 6 सवाद और सवाददाता - राज (ह रयाणा सा ह य अकादमी चडीगढ़) 7 समाचार अवधारणा और लखन कया सपादक- सभाष ध लया एव आनद धान

(भारतीय जनसचार स थान नई द ल ) 8 प का रता क व भ न वधाए - डॉ नशात सह (राधा पि लकश स नई द ल ) 9 योजनमलक हद - ो रमश जन (नशनल पि ल शग हाउस जयपर)

111 अ यासाथ न 1 समाचार या ह समाचार क प रभाषा समझात ह ए समाचार- ोत क वग करण पर काश

डा लए 2 समाचार लखन क तकनीक क व तत ववचना क िजए 3 समाचार सकलन क बाद सवा धक मह वपण काय समाचार लखन का ह rdquo इस कथन क

समी ा क िजए 4 ldquo वलोम परा मड शल समाचार लखन का ब नयाद स ा त ह यह समाचार लखन का

सबस सरल उपयोगी और यावहा रक स ा त ह समी ा क िजए 5 इ ो स आप या समझत ह एक अ छ इ ो क वशषताए बताइए 6 समाचार क पाच सकार कौन स ह आप इन सकार म स कन सकार को उपयोगी और

भावी मानत ह व तार स बताइए 7 समाचार लखन क मह वपण त व कौन-कौन स ह इन त व का व तत प रचय द िजए

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8 समाचार-सकलन क मख ोत या ह यि त ह समाचार क ोत होत ह इस कथन क समी ा क िजए

9 स त ट प णया ल खए ndash 1 समाचार का व प 2 समाचार क कार 3 समाचार का मह व 4 समाचार लखन क नई श लया 5 छ ककार 6 समाचार क शीषक

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इकाई-2 सवाददाता समाचार ोत एव सकलन

इकाई क परखा 20 उ य 21 तावना 22 सवाददाता स आशय 23 सवाददाताओ क णया काय वभाजन

231 कायालय सवाददाता 232 वशष सवाददाता 233 अशका लक सवाददाता 234 काय क आधार पर सवाददाता

2341 लाइनर 2342 ि गर 2343 पणका लक सवाददाता 2344 टाफस

235 प कार वतन मडल वारा नधा रत सवाददाता 2351 वशष सवाददाता 2352 म य कायालय सवाददाता 2353 उप म य कायालय सवाददाता 2354 रपोटर 2355 सवाददाता 2356 वदश सवाददाता

24 समाचार व प एव आशय 241 समाचार क कार

2411 व श ट समाचार 2412 यापी समाचार

25 समाचार क ोत 251 या शत ोत 252 अ या शत ोत 253 पवानमा नत ोत

26 समाचार सकलन 261 स व ि त 262 प लस थान एव अ पताल 263 सरकार एव गर सरकार स थान

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264 स स मलन 265 जनस पक वभाग 266 सा ा कार 267 यज एजि सया

27 समाचार लखन एव ततीकरण 28 समाचार का अनवतन साराश 29 साराश 210 श दावल 211 कछ उपयोगी प तक 212 अ यासाथ न

20 उ य यह सचना यग ह सचना ससाधन का नय ण और उपयोग जो कर सकता ह वह शि तशाल ह दरअसल यह सचनाओ क व फोट का दौर ह आप नह भी चाहग तब भी सचनाए आपक इद- गद घमगी और आपक सरोकार उनम तय करगी ह इस इकाई म आपको समाचार दन वाल सवाददाता समाचार ोत एव सकलन क बार म ह जानकार द जा रह ह इस इकाई क अ ययन उपरा त आप - सवाददाता स आशय उसक प रभाषा क बार म जान सकग सवाददाता क व भ न णया एव उसक काय वभाजन को समझ सकग समाचार क प रभाषा एव उसक व प को जान सकग समाचार क व भ न ोत एव सकलन तकनीक क बार म जान सकग समाचार लखन तकनीक एव उसक व प को समझ सकग

21 तावना सचना ौ यो गक क इस यग म व व भर क द रया अब समा त हो गयी ह दरसचार क यटर-इटरनट और सटलाईट क ज रए पलभर म व व क एक कोन स दसर कोन तक सदश का सारण सभव होन क साथ ह मी डया क पार प रक व प म भी तजी स बदलाव आया ह समाचारप क इ टरनट स करण आन क साथ ह उनक पह च दश द रय को समा त कर चक ह आप अम रका म बठ ह और वहा ह द तान क कसी छोट स िजल स का शत द नक समाचार का आ वाद लना चाहत ह तो त काल इ टरनट स जड़ क यटर पर जाए आपको वहा वह अखबार अपन पर कलवर क साथ मौजद मलगा-नवीनतम सचनाओ क साथ ऐसा ह ट वी क साथ हआ ह इतन अ धक सटलाईट चनल का आकाश माग स व व म वश हो चका ह क आप द नया जहान म घ टत पल-पल क समाचार को दख-सन सकत ह ऐसा जब हो रहा ह तो वाभा वक ह ह क समाचार लखन वाल तत करन वाल सवाददाता का काय भी अब बहद चनौतीपण हो गया ह समाचारप एव इल ॉ नक मी डया म काय करन वाल सवाददाता ह व मह वपण कड़ी ह जो पल-पल क समाचार को एक थान स दसर

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थान तक पह चात ह ऐस म सवाददाता क भ मका समाचार क लए य त उसक ोत क आयाम भी नरतर बदल ह ट एव इल ॉ नक मी डया म सवाददाता क या ह भ मका कौनस ह उसक ोत कस करता ह वह समाचार का सकलन और कस उनक करता ह त त इस इकाई म इ ह पर काश डालन का यास कया गया ह

22 सवाददाता स आशय सवाददाता का सामा य तौर पर अथ कर तो पाएग-सवाद दन वाला शाि दक अथ म कह तो कसी घटना वशष क सबध म त या मक जानकार दान करन का काय ह एक कार स lsquoसवादrsquo कहलाता ह ऐस म जो यह काय करता ह उस सवाददाता या रपोटर कह सकत ह सवाद का अथ कहन सचना दन अथवा कसी घटना का ववरण तत करन स ह इस कार स जब सवाद स षण कया जाता ह तो उस प का रता क भाषा म रपो टग कहा जाएगा रपोटर बह स य लोग क उपयोग क जानका रय को ट या इल ॉ नक मी डया क मा यम स स षण करता ह इस ऐस भी कहा जा सकता ह क जो रपोट या समाचार लखन ततीकरण का काय करता ह उस सवाददाता कहा जाएगा पहल समाचारप क काशन क म यालय पर तनात रपोटर कह जात थ और जो म यालय स बाहर स समाचार भजत थ उ ह सवाददाता कहा जाता था सवाददाता समाज क बह स यक लोग क च वाल सचनाओ को समाचार क प म पाठक दशक या फर ोता या फर इन सबक लए ह तत करन का काय करता ह वह सचनाओ क मह व को समझत ह ए उनका व रत आकलन ह नह करता बि क कम स कम समय म उस अ धक स अ धक लोग तक पह चान का काय करता ह सचना क मह व उसक उपयो गता को समझत ह ए उस समाचार क प म जब सवाददाता

तत करता ह तो उस यह भी दखना होता ह क उसका असर पढ़न सनन या दखन वाल पर या होगा ट एच कॉट क अनसार ndash ldquoप कार या सवाददाता वह यि त ह जो थोड़-थोड़ समय क अतर पर का शत अपनी रचनाओ स जनमत को एक नि चत दशा म भा वत करता ह डॉ नशात सह क मतानसार ndash ldquo कसी घटना वशष क बार म अ य यि तय को त या मक जानकार दना lsquoसवादrsquoकहलाता ह और इस काय को करनवाला यि त सवाददाता या रपोटर कहलाता ह व र ठ प कार एव लखक ानश उपा याय क श द म ndash ldquoसवाददाता वह ह जो नर समाज क जनोपयोगी स चाइय स समाज का ल खत स- वर स- य सा ा कार करवाता ह rdquo डॉ मह मधप का कहना ह- बहउपयोगी सचनाओ क स षण क सवाहक को सवाददाता कहा जाएगा वह ट एव इल ॉ नक मी डया क लए अ धकतम लोग क च क जानका रया ह नह जटाता बि क उ ह आकषक ढग स इस कार तत करता ह क लोग क उ सकता उसम बनी रह इन प रभाषाओ क आधार पर प टत यह कहा जा सकता ह क सवाददाता जनोपयोगी नवीनतम घटनाओ जानका रय क सवाद का स षण ह नह करता बि क जनमत नमाण

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म भी मह वपण भ मका नभाता ह प का रता को लोकत का चौथा त भ कहा गया ह सवाददाता इस चौथ त भ क वह बहद मह वपण कड़ी ह जो समाचार क मा यम स जनता क न ज को टटोलत अ भ यि त क वत ता का सह मायन म इ तमाल करत ह ए लोकत क नीव को मजबत करता ह

23 सवाददाता क णया एव काय वभाजन समाचार सकलन क ि ट स सवाददाताओ क अलग-अलग णया बनी ह ई ह ट एव इल ॉ नक मी डया क लए काय करन वाल सवाददाताओ को उनक काय क हसाब स वग कत कया जाता ह एक समय था जब समाचारप क एक या दो स करण ह अ धका धक हआ करत थ आज ि थ तया बदल चक ह ीय प का रता क इस दौर म समाचारप क िजलवार स करण का शत होन लग ह यहा तक क उपखड तर क भी प ठ अलग स समाचारप म दय जात ह ऐस म सवाददाताओ क स या म भी पहल स कई गना बढ़ोतर हो गयी ह अब अलग-अलग वषय क समाचार क लए अलग-अलग बीट का नधारण होता ह मसलन अपराध समाचार ह तो उस बीट को अलग स एक सवाददाता दखता ह ऐस ह सा क तक राजनी तक धा मक आ थक आ द अलग-अलग वषय क बीट क भी अलग-अलग सवाददाता नधा रत होत ह यह नह िजस कार स सरकार म अलग-अलग वभाग क अलग-अलग अ धकार होत ह उसी कार स समाचारप म भी अलग-अलग वषय क लए अलग-अलग नधा रत सवाददाता होत ह व सवाददाता अपन वषय स सब धत समाचार को ह दखत ह इसी कार थान क आधार पर भी सवाददाता क अलग-अलग णया ह समाचार सकलन क अतगत मोट तौर पर सवाददाताओ क तीन णया क ह ई ह

231 कायालय सवाददाता

समाचारप क काशन थल पर थानीय समाचार का सकलन कर उनका जो लखन करत ह उ ह कायालय सवाददाता क णी म रखा जाता ह कायालय सवाददाता समाचारप कायालय म आन वाल समाचार को भी समाचारप क तवर क हसाब स लखत ह थानीय वषय पर सरकार एव गर सरकार स व ि तया तथा व भ न आयोजन आ द क सबध म समाचार एक कर उस लखन का काय कायालय सवाददाता अममन करता ह ट मी डया क अतगत भी आन वाल स व ि तया व भ न समाचार योर को वहा क कायालय सवाददाता एक कर सपा दत कर उस सारण यो य बनात ह ए यापक लोग तक पह चान क यव था करत ह

232 वशष सवाददाता

रा य और रा य तर य समाचार का सकलन कर उनका व लषण करत ह ए लखन का काय समाचारप म कायरत वशष सवाददाताओ वारा कया जाता ह वशष सवाददाता समाचार क न ज को पहचानत ह ए त नसार उसका कलवर समाचारप

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क लए नधा रत करत ह ए खबर क तह तक जान का यास करत ह ए सब धत व भ न अ य समाचार स उस सब करत ह ए समाचार लखता ह एक अनभवी प कार होन क नात वशष सवाददाता समाचार लखत समय घटना या वषय का व लषण ह नह करत बि क व उसक भ व य म होन वाल प रणाम का ववचन भी करता ह ऐस ह इल ॉ नक मी डया क वशष सवाददाता कसी राजनी तक समाचार वशष घटना क समाचार व श ट सचना आ द का पण व लषण करत ह ए ता कक ढग स उसक प रणाम और उसक लोग पर पड़न वाल असर क बार म योरा बनात ह ए उस यापक दशक ोताओ तक पह चात ह ऐस म व घटना थल पर वय पह चकर वहा क य- य साम ी भी जटात ह उदाहरण क लए लखनऊ स का शत होन वाल समाचारप म लखनऊ नगर म समाचार का उ तरदा य व कायालय सवाददाता या रपोटर का होता ह

233 अशका लक सवाददाता

अशका लक सवाददाता व होत ह जो कसी समाचारप समाचार एज सी क लए दर दराज क इलाक स समाचार एक कर का शत करन हत भजवात ह बड़ समाचारप क सवाददाता हाला क दश क राजधा नय बड़ नगर म भी तनात होत ह पर त दर-दराज क शहर गाव म समाचार क उनक ोत अशका लक सवाददाता ह होत ह ऐस ह इल ॉ नक मी डया म ऐस सवाददाताओ को ि गर कहा जाता ह व घटना या वशष वषय का योरा य या य या फर य- य दोन ह प म सारण क लए भजवात ह

234 काय क आधार पर सवाददाता

सवाददाता क इन णय क अलावा ट एव इल ॉ नक मी डया म बह त स तर पर प कार जड़ होत ह मी डया म काय क व त क हसाब स उनका नामकरण भी अलग-अलग थान पर अलग-अलग कया हआ ह काया धकता क कारण सवाददाताओ क जो अ य णया क ह ई ह व इस कार ह-

2341 लाइनर

य व सवाददाता होत ह जो समाचारप क थायी कमचार नह होत इ ह उनक का शत समाचार क पि तया (कॉलम) क अनसार अपन काय का पा र मक मलता ह छोट-छोट क ब गाव म बड़ समाचारप क लए लाइनर ह सवाददाता का काय करत ह य समाचारप क लए व ापन जटान का काय भी करत ह

2342 ि गर

लाइनर स कछ बहतर ि थ त ि गर क होती ह भल ह य थायी कमचार नह होत पर त इ ह िजस ट या इल ॉ नक मी डया क लए काय करत ह उस मी डया क ओर स प कार को द जान वाल सामा य स वधाए उपल य करायी जाती ह

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तमाह इ ह एक नधा रत रा श अपन प का रता कम क लए दान क जाती ह आजकल इल ॉ नक मी डया म तो अ धकाशत ि गर ह तनात होत ह िजनक पास वय क कमर होत ह सब धत इल ॉ नक मी डया क लए य ि गर य

य- य साम ी भजवात ह

2343 पणका लक सवाददाता

जसा क नाम स ह व दत ह य समाचारप या इल ॉ नक मी डया चनल क नय मत प कार होत ह मी डया ह आव यकता क अनसार य कसी िजला म यालय या अ य थान पर नय त होत ह और इ ह उपसपादक क समान स वधाए वतन ा त होता ह

2344 टाफस

सामा यतया रा य क राजधा नय म टाफस लग होत ह इनका सीधा सबध समाचारप या चनल क म य कायालय स होता ह बड़ समाचारप और इल ॉ नक मी डया क बड़ चनल वारा ह टाफस रख जान क पर परा ह च क इ ह नय मत प कार क स वधाए और ट स दया होता ह

235 प कार वतन मडल वारा नधा रत सवाददाता

ट एव इल ॉ नक मी डया म सवाददाताओ क नयि त अपनी स वधा और तर क हसाब स क होती ह पर त प कार वतन मडल वारा सवाददाताओ क जो णया नधा रत क ह ई ह व इस कार स ह-

2351 वशष सवाददाता ( पशल कॉरसप डट)

प कार वतन मडल क मानदड क अतगत वशष सवाददाता उस माना गया ह जो कसी समाचारप क लए ससद य राजनी तक और आम जन क मह व क सभी समाचार को सक लत करत ह ए उनक समी ा करता ह वशष सवाददाता द ल म भारत सरकार वारा मा यता ा त होता ह और वदश म नय त कया हआ भी हो सकता ह ऐस प रभाषा म उन प कार को भी शा मल कया गया ह जो ससद य राजनी तक या सामा य जन म क समाचार क सकलन एव लखन क साथ एक स अ धक रा य म या कसी ऐस रा य या कसी ऐस थान पर जहा उनस ऐसा ह काय करन को कहा गया ह काम करत ह

2352 म य कायालय सवाददाता (चीफ रपोटर)

चीफ रपोटर क णी म उन प कार को शा मल कया गया ह जो समाचारप क काशन क थान पर सभी कायालय सवाददाताओ क मख क प म काय करता

हो चीफ रपोटर उस माना गया ह जो कायालय सवाददाताओ क काय क दखभाल करता ह और वय नय मत प स वधान-मडल य राजनी तक तथा सामा य मह व क समाचार का सकलन और उनक या या करता ह

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2353 उप म य कायालय सवाददाता या व र ठ सवाददाता

उप म य सवाददाता क णी म व प कार आत ह जो म य कायालय सवाददाता क उसक काय म सहायता करत ह तथा उनक अनपि थ त म उसक काय का वहन भी करत ह ऐस ह व र ठ सवाददाता उस कहा जाता ह जो समाचारप क काशन क थान पर समाचार का सकलन करता ह व र ठ सवाददाता उस कहा जाता ह िजस सवाददाता क प म काय करन का कम स कम पाच वष का अनभव हो

2354 रपोटर

रपोटर समाचार को ा त कर उस समाचारप क लए सामा यतया लखन का काय करता ह समाचारप म प कार क प म कसी यि त क श आत समाचारदाता क प म ह होती ह रपोटर का काम एक प क काशन थल या कसी अ य वशष थान पर समाचार का सकलन कर उस समाचारप क लए तत करना होता ह

2355 सवाददाता

प कार वतन मडल क अनसार सवाददाता वह यि त होता ह जो समाचारप का शत होन वाल थान स दर रहकर समाचार को एक कर उ ह फ स इ टरनट

तार डाक या फर अ य कसी भी सचार मा यम स समाचारप कायालय तक पह चाता ह

2356 वदश सवाददाता

वदश सवाददाता उस कहा जाता ह जो िजस दश म समाचारप का शत होता ह उसस भ न कसी दसर दश म रहकर उस समाचारप क लए समाचार सकलन का काय करता ह ऐसा सवाददाता आम तौर पर सवाद स म तय या फर कसी बड़ समाचारप क लए काय करता ह सवाददाताओ क उपय त णया म यत प कार वतन म क आधार पर कया हआ ह वतन म क अनसार ह प कार का यह वग करण ऐसा ह जो वत ह उनक क न ठता और व र ठता क बार म भी जानकार द दता ह यह ज र नह ह क सभी समाचारप म उपय त बताए कार क सभी सवाददाताओ क णया ह पर त मोट तौर सवाददाताओ का वभाजन इसी आधार पर कया हआ ह

24 समाचार व प एव आशय समाचार अ जी श द ldquo यजrdquo का ह द अनवाद ह यज दरअसल म यकाल न ल टन श द ldquoनोवाrdquo स बना ह यज स ह बाद म यज पपर अथात समाचारप श द योग म आया म ण कला क वकास क साथ समाचारप का नरतर यापक होता चला गया इ लड क ldquo यज पपर लायबल रिज शन ए टrdquo क अनसार ldquoकोई भी परचा समाचारप कहा जायगा

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बशत क उसम सावज नक समाचार सचनाए छपी हो अथवा इन समाचार क सबध म कोई ट का- ट पणी हो और वह एक नि चत अव ध क बाद ब क लए का शत होता हो rdquo समाचारप क बार म इस कथन स यह बात प ट होती ह क सावज नक सचनाओ को यापक अथ म समाचार कहा जाता ह अब तो समाचार श द ह सचना क सार का योतक बन गया ह मोट तौर पर यह कहा जा सकता ह क मन य क च को यान म रखत ह ए एका धक लोग तक पह चाई जान वाल सचना क अ भ यि त को समाचार कहा जाता ह समाचार को कसी वशष अथ म प रभा षत नह कया जा सकता च क इसका अ य धक यापक ह ट और इल ॉ नक मी डया क इस दौर म समाचारप म का शत सचनाओ को ह समाचार नह कहा जा सकता बि क सारण क व भ न मा यम म तत क जान वाल सचनाओ क व वध प भी समाचार स ह सब धत मान जायग सामा यतया समाचारप क सदभ म समाचार वह ह िजस सपादक का शत करना चाह या सपादक िजस लख वह समाचार ह समाचार अथात घटना त य या मत क ऐसी साम यक सचना िजसक बार म जानन क लए यापक वग को उ सकता हो ऐसा भी कहा जाता ह क िजसक बार म कछ समय पहल तक कसी कार क जानकार नह हो समाचार वह स चाई ह समाचार क बार म बह च लत प रभाषा यह भी द जाती ह क क ता अगर आदमी को काट ल तो वह समाचार नह ह य द आदमी क त को काट ल तो उस समाचार कहग इसका अथ यह हआ क अ या शत ऐसी सचना िजसक बार म सामा यतया अनमान नह लगाया जाता वह समाचार ह कहलायगी मी डया म समाचार क बार म एक अवधारणा यह भी खासा च लत ह क िजस सचना को लोग को जानन न दन अथात दबान का यास कया जाता ह वह समाचार या खबर कहलाता ह शाि दक अथ म दख तो समाचार को अ जी श द NEWS क ह द पा तरण क प म भी दखा जाता ह NEWS क उ प त NEW स ल जाती ह अथात नवीन जो कछ नया ह िजसम नवीनता का बोध हो ऐसा माना जाता ह क NEW का सम चय NEWS ह हडन कोश क अनसार ldquoसब दशाओ क घटनाओ को समाचार कहा जाता ह rdquo इस अथ म NEWS श द क चार अ र चार दशाओ क आ या र ह NEWS क पहल अ र N को NORTH E को EAST W को WEST व S को SOUTH क अतगत चार दशाओ का सचक मानत ह ए इसका अथ लगाया जाता ह च क समाचार क अतगत चार दशाओ स समाचार व सचनाओ का आदान- दान जो होता ह प का रता का ाणत व समाचार ह जामना जाना जाता ह व तात खबर ववरण सचना को समाचार क पयाय क प म दखा जाता ह अमरकोश म वाता बि त तथा उद त श द समाचार क लए य त ह ए ह ऐस म यह कहा जा सकता ह क सवाद स षण क अतगत बह उपयोगी घटना क पर जानकार दन का काय समाचार क अतगत कया जाता ह अ जी क बाद ह द म य द समाचार श द का व लषण कर तो पायग क ह द वणमाला क चार श द स+म+च+र = समचर बना ह समचर का ता पय साथ-साथ चलन स ह इस अथ म समाचार समाचार दाता और ा तकता क साथ-साथ ह तातरण स सब धत ह

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समाचार का अथ समाज को स चत करन स ह इसम सचना दना और लना दोन ह स म लत ह कल मलाकर समाचार का अ भ ाय द नक जीवन को सहज सरल और कछ रोचक बनान क लए मलन वाल ान अथात सचनाओ स ह मन य सामािजक ाणी ह और वह अपन आस-पास क प रवश स कभी भी अलग नह रह सकता ऐस म समाचार का मन य स जड़ाव नरतर बना रहता ह एक दसर क बार म जानन क उ सकता सहज मानवीय वाभाव ह आचाय रामच वमा क अनसार ndash ldquoसमाचार का अथ आग बढ़ना चलना अ छ आचरण अथवा यवहार ह म य और परवत काल म कसी काय या यापार क सचना को समाचार मानत थ rdquo ो व लयम जी लयर क श द म ndash ldquoअनक यि तय क अ भ च िजस साम यक बात

म हो वह समाचार ह ठ समाचार वह ह िजसम बह स यक क अ धकतम च हो rdquo मानच टर गािजयन क अनसार ndash ldquoसमाचार कसी अनोखी या असाधारण घटना क अ वल ब सचना को कहत ह ऐसी सचना िजसक बार म लोग ाय पहल कछ न जानत हो पर त िजस तर त ह जानन क अ धक स अ धक लोग म च हो rdquo व लयम एल रवस क मतानसार ndash ldquoघटनाओ त य और वचार क साम यक रपोट िजसम पया त लोग क च हो समाचार ह rdquo जाज एच मौ रस कहत ह ndash ldquoसमाचार ज द म लखा गया इ तहास ह टनर कॉलज - rsquoवह सभी कछ िजसस आप कल तक अन भइा थ समाचार ह जरा ड ड य जॉनसन क अनसार- ldquoसाधारण यवहार म समाचार व ह जो अखबार म छपत ह और अखबार व ह िज ह समाचारप म काम करन वाल तयार करत ह ो रमश जन क श द म ndash ldquoस य साम यक और बह स यक यि तय क िजसम च हो

वह सचना समाचार ह इन प रभाषाओ क आधार पर प टत यह कहा जा सकता ह क समाचार वह ह िजसम बह स यक लोग क जानन क उ सकता हो जो नवीन हो िजसम ग त हो जो साम यक घटनाओ और वषय को अ भ य त करती हो व तत सचनाओ क व फोट क इस दौर म समाचार साम यक घटनाओ क इ तहास क प म ट एव इल ॉ नक मी डया क वह धरोहर ह िजसस हर आम और खास का सरोकार जड़ा होता ह

241 समाचार क कार

समाचार क म यत दो कार ह - 1 सीधा समाचार 2 या या मक समाचार सीधा समाचार वह होता ह जो सरल प ट और सह त या मक प म ववरणा मक लखा जाता ह इसक अतगत त य को य का य तत कर दया जाता ह उनक या या नह क जाती या या मक समाचार घटना या त य क व लषण पर आधा रत होत ह इसक अतगत समाचार क त य क गहर खोजबीन करत

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उसक पण प रवश और भ व य म पड़न वाल त य क भाव का व लषणा मक यौरा तत कया जाता ह इसी कार घटना क मह व क हसाब स दख तो समाचार को दो और भाग म वभ त कर समझा जा सकता ह

2411 व श ट समाचार ( पॉट यज)

व श ट समाचार व होत ह जो अचानक घ टत कसी घटना या सचना क अ या शत मोड़ क आधार पर लख जात ह अथात य व समाचार होत ह िजनक बार म पहल स कसी कार का अनमान नह होता जब कोई घटना घट जाती ह तो उसका वशष मह व और जो भाव पड़ता ह वह समाचार म आता ह स प म कह तो य साम यक और अ यतन होत ह व श ट होन क कारण ाय ऐस समाचार म य प ठ क खबर बनत ह अचानक और अ या शत घटना स जड़ होन क कारण ऐस समाचार का मह व कई बार इतना अ धक होता ह क समाचारप क छपाई रोककर पव समाचार को गौण करत इ ह थान दया जाता ह ऐस ह इल ॉ नक मी डया क अतगत ऐस समाचार चल रह सारण क म य वशष थान पात ह

2412 यापी समाचार ( ड यज)

जसा क श द स ह ात होता ह य व समाचार होत ह जो अपन मह व और भाव स पर तरह अपना फलाव करत ह अपन आप म पण ऐस समाचार घटना या सग क सवाहक बनत व तार पात ह ऐस समाचार कसी व श ट घटना या सग स मह व पात और दसर भा वत होन वाल घटनाओ क छोट-छोट अश क साथ पण प स या या मक अपना प दखात ह मसलन रा प त पद पर कसी का

मनोनयन होना कल तक साधारण प म समाज का ह सा बना यि त जब दश क सव च पद पर आसीन होता ह तो उसस सब व भ न कार क सचनाए भी अपना मह व जतात यापक व तार पाती ह ट एव इल ॉ नक मी डया म इस कार क समाचार को वशष थान मलता ह और उनका ततीकरण भी खासा

रोचक होता ह समाचार को य तो कसी तयशदा ढाच म नह रखा जा सकता परत फर भी थान घटना आ द क आधार पर उ ह अलग-अलग प म वग कत कया जा सकता ह मसलन थानीय समाचार ातीय समाचार अतदशीय और अतरा य समाचार इनक अतगत भी समाचार का अलग-अलग प म वषय क हसाब स वग करण कया जा सकता ह यथा खल समाचार व ध समाचार आ थक राजन तक सामािजक सा क तक व ा नक सरकार स व ि त आ द

25 समाचार क ोत समाचार क व भ न ोत होत ह एक सवाददाता को अ छ समाचार क लए ल खत ोत वशष आम या भ तभोगी लोग घटना स सब धत लोग को ोत क प म योग करना होता ह खास प रि थ तय म सवाददाता वय घटना थल जाकर खद भी सचनाओ का ोत

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हो सकता ह समाचार क ोत य भी हो सकत ह और अ य भी हो सकत ह समाचार लखन वाल सवाददाता का िजतना सम जनस पक होगा उतना ह वह समाचार क मामल म सम होगा समाचार क व भ न ोत इस कार स ह-

251 या शत ोत

या शत ोत व होत ह िजनस सीध तौर पर समाचार ा त कया जा सकता ह व भ न सामािजक स थाए धा मक थल नगर वकास याय वकास ा धकरण प लस टशन अ पताल ससद और वधानसभाए सरकार कायालय

प कार स मलन सावज नक समारोह अदालत क फसल आ द या शत ोत क समाचार होत ह या शत ोत स ा त समाचार को समाचारप -प काओ अथवा इल ॉ नक मी डया क लए बहद सावधानी रखत ह ए सपा दत करक ह काशन या सारण यो य बनाया जाता ह

252 अ या शत ोत

पहल स कसी घटना का अनमान नह हो और अचानक वह घट जाए और उसस जब समाचार बनता ह तो वह अ या शत ोत णी का समाचार माना जाता ह मसलन सब कछ सामा य चलत ह ए औचक कह पर कोई बड़ी दघटना हो जाती ह आगजनी हो जाती ह या फर कसी स थान वभाग क अतगत मह वपण फसल स यापक वग पर बह त बड़ा भाव पड़न जा रहा हो और उसक बार म सवाददाता को वहा ऐस ह जान पर सहज जानकार मल जाती ह तो वह उस समाचार का मह व जानत ह ए जब उस पता लगाता ह तो वह अ या शत ोत का समाचार हो जाता ह ऐस ह सवाददाता घर स कायालय क लए रवाना हआ रा त म फक प लस क मनमानी या बगर रसीद काट चालान काट जान को अपनी आख स दखता ह तो इस दशा म और खोज-बीन ारभ कर मह वपण त य जटा लता ह तो अनायास ह उस अ या शत ोत स कई बार मह वपण समाचार मल जाता ह समाचार क लए य ऐस ोत होत ह जो पहल स तय नह होत ह अनायास ह उनस समाचार बन जात ह

253 पवानमा नत ोत

वषय घटनाओ सग क सबध म पहल स अनमान लगाकर लख जान वाल समाचार पवानमा नत ोत मान जात ह पवानमा नत ोत समाचार लखक क तक शि त बौ क मता भ व य को भाप लन क यो यता आ द पर नभर करती ह समाचार प -प काओ एव इल ॉ नक मी डया क अतगत ऐस ोत क इ तमाल स कई बार बहद मह वपण समाचार का काशन सारण सभव हो जाता ह कसी घटना सग क सकत स ह सवाददाता यह समझ लता ह क भ व य म इसक या प रण त होनी ह इसी आधार पर कई बार व श ट समाचार मी डया को ा त

हो जात ह कई बार ऐसा भी होता ह क मौसम व ान क कसी शोध अनसधान

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को लकर भी इस कार क अनमान लगाए जात ह जो भ व य म सच होत ह या फर चनाव क दौरान भी सवाददाता जनता क लहर को दखत ह ए एि जट पोल जसा कोई वशष समाचार लख दत ह पवानमा नत समाचार ोत पणत सवाददाता क ववक और ब पर ह नभर होता ह म यत समाचार क ोत को उपय त तीन णय म ह बाट कर दखा जाता ह पर त इनक अलावा भी समाचार क व भ न य एव अ य ोत होत ह समाचारप म जब कोई समाचार का शत होता ह तो उसक व भ न ोत क बार म भी जानकार द जाती ह कसी समाचारप म उसक थायी कमचार सवाददाताओ क साथ ह अशका लक और वत प कार क लख समाचार भी का शत कय जात ह समाचार क ोत कसी भी तर क हो सकत ह समाचार

प -प काओ और इल ॉ नक मी डया क व भ न मा यम क वारा य एव अ य ोत स समाचार सक लत कर उनका त तकरण कया जाता ह

26 समाचार सकलन समाचारप क लए कसी समाचार का लखन या इल ॉ नक मी डया क लए समाचार का सारण कया जाता ह तो नधा रत ोत क साथ ह बह त स यि तगत ोत का भी सहारा

लता ह सबस पहल तो व सब जानका रया जो कसी न कसी प म पहल स ह मी डया म उपल ध ह उसम हम एक समाचार क प म वक सत कर सकत ह और इस ि ट स यह हमारा समाचार का ोत ह अथात यहा स हम समाचार का वचार आया या उसक पहल सचना ा त ह ई इसक अलावा आम लोग भी कायालय आकर या जहा कह हम उनस मलत ह हम इस तरह क सचना दत ह िज ह हम समाचार क प म वक सत कर सकत ह

कई बार समाचार एजि सय भी ऐस समाचार को जार करती ह िज ह ह बह उपयोग म लन क बजाय उनक आधार पर उसस सब धत और खोजबीन करक मह वपण समाचार का सजन प कार कर लत ह समाचार एज सी न मान ल िजए राजधानी द ल स सब धत कोई राजनी तक समाचार जार कया ह थानीय ग त व धय को उसम सि म लत करत ह ए जब प कार त य स सब धत और भी जानका रया जटा लत ह तो उसस समाचार एज सी स इतर भी मह वपण समाचार बन जाता ह कसी भी प कार क लए उसक जानकार क नता त नजी ोत का वशष मह व होता ह व भ न स थान वभाग कायालय ससद एव वधानसभाओ आ द सभी थान पर प कार जब नरतर जाता-आता रहता ह तो वय क नजी स पक भी वहा क कमचा रय टाफ क लोग स कर लता ह यह उसक ऐस ोत होत ह जो कई बार बहद मह वपण सचनाए प कार को अनायास ह दान कर दत ह ऐस म यह कहा जा सकता ह क कसी भी प कार क घ न ठ स पक ह उसक समाचार क ोत होत ह मोट तौर पर समाचार ाि त क लए समाचारप या इल ॉ नक मी डया क दो ह ोत होत ह- प कार या सवाददाता समाचार स म तया या सरकार एजि सया

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ट एव इल ॉ नक मी डया म समाचार ाि त क म य ोत उसक वय क प कार या फर समाचार स म तया एव सरकार एजि सया ह होती ह यह स आ धका रक समाचार ा त होत ह इसक अलावा प कार सचनाओ क ाि त भी व भ न तर पर करता ह

सचना को ह बाद म वह य द उसस समाचार बनाता ह तो उसका उपयोग खबर क प म करता ह य द सचना खबर यो य नह ह तो उसका उपयोग फर वह नह करता ह कसी और सदभ क लए उसका उपयोग ह तो कई बार वह त काल उसका उपयोग समाचार क प म नह करक बाद म भी उसका योग कर लता ह आर भक समाचार क मोट तौर पर जो ोत होत ह व इस कार स ह-

261 स व ि त

समाचारप इल ॉ नक मी डया क अतगत ट वी एव र डयो चनल पर सरकार क व भ न वभाग स थान कप नया आ द अपन यहा आयोिजत काय म या फर कसी वशष काय क लए गए नणय बठक आ द क बार म स व ि त तयार कर भजवान का आजकल एक कार स रवाज ह ारभ हो गया ह यहा तक क स स मलन स का स कसी व श ट आयोजन आ द म भी पहल स तयार स व ि त प कार को दान क जान लगी ह स वपि त समाचार का बड़ा ोत इस प म ह क सवाददाता इसस ामा णक जानकार ा त कर अपन समाचार

को परा कर लता ह इसस बाद म कसी कार क ववाद क कोई गजाईश नह रहती स व ि त भी कई बार ह बह समाचार श ल म तयार कर द जाती ह तो कई बार घटना समारोह नणय क ववरण क प म समाचारप इल ॉ नक मी डया क चनल तक पह चती ह सचना क इस ोत का समाचार लखन म बड़ा योगदान होता ह जाग क प कार स व ि त का बहतर न उपयोग खबर क लए करता ह तो कई बार स व ि त भजन वाल को यह लाभ भी मलता ह क उसक वारा षत सचना ह बह समाचार बन जाती ह यह इस बात पर नभर करता ह क स व ि त भजन वाल न समाचारप क अनकलता का कतना यान रखा ह बहरहाल स व ि त समाचार का बड़ा ोत ह

262 प लस थान एव अ पताल

वतमान समाचार क बड़ ोत क प म इनका अ य धक मह व ह कसी कार क घटना दघटना क बार म सबस पहल प कार प लस थान या फर अ पताल स ह जानकार ा त करता ह थान वशष पर होन वाल अपराध दघटना या फर कसी ववाद क बार म प लस थान और अ पताल स ह सचनाए ा त क जाती ह समाज म जो कछ घ टत हो रहा ह उसस मानवीय भावनाए जड़ी होती ह ऐस म ट एव इल ॉ नक मी डया कम ाय इन थान स सतत स पक बनाए रखत ह ता क कसी भी कार क घटना-दघटना क बार म यापक पाठक वग दशक- ोताओ को उसक बार म जानकार द जा सक

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263 सरकार एव गर सरकार स थान

समाज स जड़ सरोकार वाल स थान श ण स थाओ तकनीक एव व ान इ ट यट आ द क अतगत समाज को दशा दन वाल कौनस नय कोस श ण ारभ कए जान वाल ह क रयर को य कस दशा दग या फर श ण स समाज नमाण म इनक या भ मका रहगी इस दखत ह ए ान व ान स जड़ कल कॉलज व व व यालय सरकार एव गर सरकार श ण स थान आ द समाचार क उपयोगी ोत सा बत होत ह प कार इनस स पक रखत ह ए कई बार बहद मह वपण समाचार जटा लता ह

264 स स मलन

व भ न बड़ स थान उप म जन त न धय सरकार वभाग ससद वधानसभा तक म स स मलन बलाकर प कार को वशष काय म आयोजन लए गए व श ट नणय बह उपयोगी जानका रया आम जन क हत स जड़ म पर जानकार दन क लए स स मलन का आयोजन कय जात ह इसक अतगत एक साथ ट एव इल ॉ नक मी डया क त न धय को बलाकर जानकार द जाती ह जब ऐसा होता ह तो प कार भी सब धत या इतर वषय स जड़ी और जानका रय क लए स स मलन बलान वाल स न करक समाचार साम ी जटाता ह फ म अ भनता राजनता वशष वषय स जड़ी नामचीन यि त व क लए कई बार स वारा भी मट-द- स का आयोजन कया जाता ह इसम सब धत यि त स उसस

जड़ सामािजक सरोकार वाल न कर समाचार का सजन कया जाता ह

265 जनस पक वभाग

समाचार ाि त का बहद मह वपण ोत क एव रा य सरकार क जनस पक वभाग होत ह ाय सभी रा य क िजला म यालय पर सचना एव जनस पक कायालय होत ह और वहा पद था पत सचना एव जनस पक अ धकार त दन िजल म ि थत व भ न राजक य वभाग स सब धत सचनाओ को समाचार क प म तयार कर ट एव इल ॉ नक मी डया तक पह चान क यव था करता ह वशष आयोजन व श ट यि त क सर राजनी त क दौर मह वपण सरकार बठक म होन वाल नणय आ द क समाचारप एव इल ॉ नक मी डया तक पह च ाय सरकार जनस पक कायालय क मा यम स ह होती ह दश क राजधानी द ल म भी व भ न रा य सरकार क अपन-अपन सचना क ह जो रा य मी डया तक सरकार स व ि तया मह वपण नणय आयोजन क समाचार षत करत ह क सरकार वारा स इ फोमशन यरो क ज रए व भ न सरकार वभाग क योजनाओ उपलि धयॉ को मी डया तक पह चाया जाता ह

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266 सा ा कार

समाचार क मह वपण ोत क प म सा ा कार का व श ट थान ह सा ा कार क अतगत सवाददाता व श ट वषय क जानकार मख राजनी त व ा नक फ म अ भनता या अ य कसी कार क मह वपण यि त व स यि तगत सा ा कार क ज रए अपनी िज ासाओ का समाधान पाता ह सवाददाता जो न सा ा कारदाता स करता ह उनक उ तर ह समाचार क प म य त कर लता ह सा ा कार आधा रत समाचार इस प म व वसनीय और लोग क लए रोचक होत ह क उनम कयास या कसी कार का सदह नह होता ह ट एव इल ॉ नक दोन ह मी डया क लए सा ा कार समाचार का मख ोत ह

267 यज एजि सया

हाला क बदलत समय क साथ समाचारप क का शत होन वाल बह स करण और इल ॉ नक मी डया क दर-दराज पर तनात ि गर क कारण समाचार स म तय का मह व धीर-धीर कम होता चला गया ह पर त आज भी बड़ तर पर समाचार स म तया ह समाचार क मख ोत होती ह समाचार स म तया वय समाचार का सारण या काशन नह करती बि क ट एव इल ॉ नक मी डया क लए इनका सकलन षण करती ह बड़ समाचारप वशष वदश समाचार कसी घटना सग स जड़ दर दराज क म पर आज भी समाचार स म तया वारा षत समाचार

पर ह अ धक नभर ह रा य स का शत होन वाल समाचारप को रा य क अलावा अ य रा य और दश क मह वपण समाचार ात करन का मख ोत आज भी समाचार स म तया ह ह समाचार स म तया समाचारप एव इल ॉ नक मी डया चनल को घटना वशष का व रत समाचार एव फोटो षण करती ह मखत दश म वतमान म स ट ऑफ इि डया यनाइटड यज ऑफ इि डया

भाषा वाता ह द तान समाचार आ द समाचार एजि सया दशभर क समाचारप एव इल ॉ नक मी डया को अपनी समाचार सवाए दती ह अ तरा य समाचार एजि सय क अतगत एपी अम रका रायटर आईएनएस यपीआई एएफपी तास आ द मख ह य व वभर क मी डया को समाचार एव फोटो सवाए दान करती ह

27 समाचार लखन एव ततीकरण सवाददाता व भ न ोत स समाचार ा त करन क बाद समाचारप या फर इल ॉ नक मी डया क अपन चनल क अनकलता क हसाब स उस लखता ह समाचार लखन स पहल वह इस बात पर ह वचार करता ह क कस उसक श आत क जाए समाचार म कौनसी ऐसी मह वपण जानकार ह िजस पहल द जाए और बाद का म कस रखा जाए यह सवाददाता समाचार लखन म पहल-पहल तय करता ह समाचार लखन क अतगत सवाददाता- त य का सकलन करता ह उनस सब धत सदभ क तलाश करता ह

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आव यक हो तो उसस सब धत यि त क व त य को भी लया जाता ह व त य सकलन क बाद समाचार लखन क काय योजना बनायी जाती ह इसक बाद आमख तयार करता ह आमख क बाद क त य का म नधारण करत ह ए समाचार सबधी ा त अ य स

और साम ी को समायोिजत करत ह ए समाचार का समापन करता ह समाचारप और इल ॉ नक मी डया म समाचार क लखन का अलग-अलग तर का होता ह समाचार स आशय ह सबस पहल तो या हआ फर कस हआ और अत म इसक या प रणाम ह ग म यत समाचार का लखन करत समय उसक तीन ह स कए जात ह थम समाचार का आमख या इ ो वतीय भाग समाचार का व तार और तीसरा भाग उसका

अत समाचार लखन क अतगत इस बात का यान वशष प स रखा जाना चा हए क समाचार का मह व कस प म ह उसी आधार पर उसका इ ो अथात आमख लखा जाता ह समाचार का आरभ अ य धक आकषक और भावी होना चा हए दरअसल आमख ह समाचार का वह ह सा होता ह िजस पढ़त ह उस आग प न या न प न का ट मी डया क अतगत पाठक मानस बनाता ह ऐस ह इल ॉ नक मी डया क अतगत कसी खबर या समाचार का रोचक भावशाल शल स श आत करन स ह उसक आग दख जान का दशक का मन करता ह इस प म समाचार का इ ो ऐसा होना चा हए जो पाठक या दशक म अपन श द स ऐसा जाद जगाए क उस हण करन वाला उसस मो हत होत उसस बधता चला जाए आमख सध ह ए श द म ऐसा होना चा हए जो स तता क साथ अपन उ य क प त कर यानी िजसस पहल नजर म ह पाठक या दशक समाचार क मत य को जानत उस आग जानन क लए उ सक बना रह इ ो या आमख म यत समाचार क छ ककार क अवधारणा पर आधा रत होत ह छ ककार- ldquoकब कसन कहा य कस और याrdquo ह समाचार क अतगत घटना पा थान समय कारण और िज ासा स जब समाचार ारभ कया जाता ह तो उसम इन छ ककार का ह योग स नि चत कया जाता ह सभी

समाचार सामा यतया इ ह पर आधा रत होत ह समाचार क दसर ह स क अतगत समाचार का व तार कया जाता ह इसक अतगत इ ो म जो जानकार द जाती ह उस स नयोिजत तर क स सल सलवार आग बढ़ाया जाता ह समाचार क व तार भाग को दरअसल समाचार क दह कहा जाता ह इसक अतगत समाचार स जड़ व भ न अ य आव यक त व का उ लख कया जाता ह कई बार ऐसा भी होता ह क समाचार क व तार भाग क अतगत ह समाचार का अत भी न हत होता ह ऐसा य द नह होता ह तो समाचार क अ तम भाग को व श ट प स लखा जाता ह इसका अथ यह ह क समाचार परा लख जान क बाद अत म उसक समाहार क प म उसक भ व य क प रणाम क सदभ म कसी कार क आशका या सभावना य त क जाती ह समाचार लखन क अतगत इस बात का सदव यान रखा जाना चा हए क वह कस मा यम क लए लखा जा रहा ह समाचारप म कोई लखा हआ समाचार बहद आकषक रोचक हो सकता ह ज र नह ह क वह र डयो या दरदशन या कसी नजी चनल क लए भी उतना ह रोचक व मह वपण बना हो ऐस म सावधानी यह रखी जानी ज र ह क समाचार लखन

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स पहल उसक मा यम क बार म यान रखत ह ए उसका लखन कया जाए च क समाचारप र डयो ट वी आ द मा यम क लए समाचार लखन का व प अलग-अलग होता ह मसलन र डयो एव ट वी क लए समाचार जब लखा जाता ह तो हर समाचार क लए पथक प ठ पर उसका त यवार योरा लखा जाता ह समाचार लखन म यहा पर य क लए अतराल को भी वशष प स यान म रखना पड़ता ह अतराल म या तो य च या फर छाया च क लए अलग-अलग अव ध को ि टगत रखत ह ए समाचार तत कया जाता ह इल ॉ नक मी डया क लए समाचार लखन इस प म भी चनौतीपण होता ह क वहा य एव य को यान म रखत ह ए लखन करना होता ह ऐस समाचार म सरल सहज श द का योग तो हो ह साथ म उनक शल ऐसी हो िजसस दशक या ोता समाचार को अपना ह सा मान ट मी डया म भी समाचार लखन क लए तयशदा मापदड को मानत ह ए लखन नह कया जाना चा हए पाठक को यान म रखत ह ए कस समाचार पाठक क प रवश का ह सा बन कस वह पाठक म उ सकता को अत तक बनाए रख इन न पर वचार करक य द समाचार लखन कया जाए तो न कवल व भावी ह ग बि क अपना असर भी पाठक पर अत तक बनाए रखगी सामा यतया य ोत का उ लख समाचार म कर दया जाता ह पर त कई बार व वसनीय ोत क वारा जानकार ा त कर सवाददाता समाचार का लखन करता ह ऐस म वह उस ोत का सीध तौर पर उ लख नह करता ह ऐस म समाचार जब लखा जाता ह तो सवाददाता उसम व वसनीय स क अनसारrdquo या फर स स ा त जानकार क अनसार या फर ldquoजानकार स क अनसारrdquo आ द श द का इ तमाल करत ह ए समाचार का लखन करता ह समाचार का सवा धक मह वपण व वसनीय च लत और मा य ोत सरकार क व भ न वभाग भी होत ह रा य एव क सरकार क सचना एव जनस पक वभाग समाचार क मख ोत इस प म होत ह क उनक ज रए जन क याण आम आदमी स सरोकार वाल

योजनाओ प रयोजनाओ क बार म समाचारप को नय मत प स साम ी ा त होती ह सरकार एज सी वारा उपल य करायी गयी जानकार स व ि त सरकार वभाग म ालय कायालय अ धकार वारा बलायी गयी स का स स स मलन क ज रए समाचारप तक पह चती ह सरकार क सचना एव जनस पक अ धकार समाचारप एव इल ॉ नक मी डया स य त सतत स पक बनाए रखत ह ता क सरकार नी तय काय म उपलि धय जनता स सरोकार वाल म पर सरकार क ख आ द को यापक लोग तक ट एव इल ॉ नक मी डया वारा पह चाया जा सक समाचार ोत क अतगत समाचारप क सवाददाता क स पक का दायरा िजतना व तत होगा उतना ह वह समाचार क मामल म सम होता ह सवाददाता क अपन समाचार ोत क त िजतनी अ धक व वसनीयता होगी उतन ह मह वपण समाचार प ा त कर उ ह

समाचारप हत लख सकता ह इसी आधार पर उस कई बार बहद मह वपण समाचार भी हा सल हो जात ह सवाददाता क अपन ोत क साथ ह उसक वय क स यता भी उसस

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अ छ समाचार कई बार लखवा लती ह मसलन वह अपन आस-पास क प रवश सभा वत घटनाओ क त कतना सजग ह उस कसी वषय वशष क सभावना या आशका क बार म ता कक व लषण क कतनी मता ह आ द ऐसी बह तर बात ह िजनक आधार पर कई बार बहद मह वपण समाचार समाचारप को मल जात ह अपराध दघटना वाल थान पर सवाददाता को वय उपि थत होकर घटना समाचार का योरा लत ह ए उसस सब धत समाचार लखना होता ह तो अकाल बाढ़ आ द क समय क घटनाओ का स म एव बार क म याकन य द करना उस आता ह तो वह समाचारप पाठक क लए कई बार मागदशन का काय भी अपन समाचार क ज रए कर दता ह यहा भी मह वपण उसक वय क स यता और उसक यि तगत ोत ह होत ह बह त पहल इन पि तय का लखक जब वत प का रता क अतगत lsquoसा ता हक ि ल ज़rsquo क लए खोजी प का रता स सब समाचार लखन स नय मत जड़ा हआ था तो ऐस ह यि तगत सपक क कारण कई बार बहद मह वपण ऐस समाचार भी ा त ह ए जो थानीय द नक समाचारप को भी तब उपल ध नह हो पाए थ याद पड़ता ह बीकानर क पीबीएम अ पताल म डा टर क लापरवाह स एक म हला को मा बनन क सख स सदा क लए व चत होना पड़ा था च क सक न म हला को अव धपार इज शन लगा दया था रा को म हला क बह त अ धक र त ाव होन लगा और डा टर को उसक ब चदानी नकालनी पड़ी रा म कोई दो बज क कर ब यि तगत स पक स क अनसार इस सबध म इन पि तय क लखक को जब जानकार मल तो व रत लखक अ पताल पह चा और तभी च क सक क इस लापरवाह क जो रपट तयार क उसका फायदा यह हआ क अ पताल म लगायी जान वाल अव धपार इज शन क पोल खल और इसस अ पताल क यव थाओ म तो सधार हआ ह च क सक क लापरवाह स होन वाल नकसान स भी मर ज को नजात मल समाचारप वारा समाचार लखन क अपन ोत क बार म डटलाईन क बाद उसक जानकार दता ह सवाददाता वय क तर पर जब वशष जानकार जटाता ह और उसको ए स लिजव क प म लखता ह तो वह उसका अपना वशष समाचार होता ह और ाय उसक नाम स ह समाचारप म वह का शत होता ह ऐस समाचार बाइलाईन (सवाददाता क नाम क साथ) का शत होत ह इसी कार सवाददाता जब कसी स व ि त स समाचार बनाता ह तो

समाचार ोत क प म ( व) लखा जाता ह समाचार एजि सय स ा त समाचार म डटलाईन क बाद सब धत एज सी का स त नाम (रायटरपीट आईयएनआईभाषावाता आ द) लखा जाता ह समाचार लखन एव त तकरण क सबध म नाथ ि लफ का यह कथन अ य धक सट क ह- ldquoसमझाइए सरल बनाइए और प ट क िजए इस सबध म महाक व अ य का यह कथन भी अ य त मह वपण ह- ldquoश द म का प ह इस न ट न कर और कम श द म अ धक बात कहन क कला सीख rdquo दरअसल समाचार लखन और त तकरण क अतगत साम यकता क साथ ह जनाकषण का यान रखा जाना बहद ज र ह इसी स वह अ धकतम पाठक दशक और ोताओ म अपनी

पठ बना पाता ह जन च लोग क आकषण त य क स चाई पाठक क श ा तर

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जनमत नमाण म सहयोग आ द ऐसी बात ह िज ह यान म रखकर समाचार का लखन त तकरण कया जाए तो लोकत क चौथ त भ क प म मी डया क भ मका म समाचार

अपनी भावशाल भ मका नि चत ह यापक पाठक वग पर बनाता ह सवाददाता इस यान म रखत ह ए काय कर तभी उसक होन क साथकता सह मायन म स होती ह

28 समाचार का अनवतन सवाददाता का काय समाचार लखन तक ह सी मत नह होता बि क वह समाचार क बाद भी उसस सब धत त य का एक कार स पीछा करता ह गत दवस क समाचार क अगल और नवीन सचना क ाि त क या को ह दरअसल खबर का अनवतन करना कहत ह समाचार का फॉलोअप समाचार क मह व को यान म रखकर कया जाता ह फॉलोअप क अतगत समाचार क पहल क त य बाद म होन वाल प रणाम और भ व य म सभा वत प रणाम को यान म रखत ह ए सवाददाता बहद सावधानी स ववक और तक शि त क साथ िजतन भावी तर क स करता ह उतना ह उसका पाठक य मह व बनता ह जब कभी सखा बाढ़ कसी वशष कार क ह याकाड वा षक बजट क मत म उछाल कर लगाए जान आ द का काय कया जाता ह तो सवाददाता ऐस समाचार का फॉलोअप करता ह

बोध न - 1 सवाददाता का अथ या ह helliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphellip helliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphellip 2 लाइनर कस कहत ह helliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphellip helliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphellip3 टाफस कौन होत ह helliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphellip helliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphellip

29 साराश सचना ौ यो गक क इस दौर म सचनाओ का जस-जस तजी स व तार हो रहा ह वस ह जनता क लए उनका उपयोग भी नरतर बढ़ता जा रहा ह लोकत म मी डया को चौथा त भ माना गया ह चौथ त भ का काय जनमत नमाण का होता ह जनमत नमाण

म समाचार क ह आज मख भ मका ह यह चौथा त भ जनता क ओर स सरकार पर नजर रखता ह और सरकार क कायकलाप स जनता को स चत करता ह जानकार बनाता ह ऐस म समाचार लखन वाल सवाददाता का काय भी अब बहद चनौतीपण हो गया ह समाचारप म व भ न तर पर काय करन वाल सवाददाताओ का काय उनक क त क अनसार अलग-अलग वभािजत ह सवाददाता समाज म जो कछ घ टत हो रहा ह उसक यवि थत सचना ट एव इल ॉ नक मी डया क मा यम स बह स य लोग को दता ह

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ऐसा जब वह करता ह तो जनमत नमाण म वत ह उसक मह वपण भ मका हो जाती ह समाज और मी डया को अलग नह कया जा सकता च क समाज म रहत ह वह समाचार क अपन ोत क तलाश व भ न तर पर करता ह इन ोत क तलाश क बाद ह वह समाचार को स नयोिजत तर क स लखता और तत करता ह इस इकाई म सवाददाता समाचार ोत एव सकलन क बार म ह व तार स जानकार द गयी ह

210 श दावल समाचार स म त - वह स था जो नधा रत दर पर प -प काओ एव इल ॉ नक मी डया

को समाचार दती ह जस भाषा य नवाता रायटस स ट ऑफ इि डया आ द बाइ लाईन - समाचार क ऊपर समाचारदाता क नाम का जब उ लख कया जाता ह तो

वह बाइ लाईन कहलाती ह डट लाईन - समाचार क ारभ म थान तथा दनाक का जो उ लख कया जाता ह उस

डट लाईन कहा जाता ह इसम समाचार षण या लखन क थान दनाक ओर म हन का उ लख होता ह

फॉलो अप - दसर दन क समाचार वशषत कई दन तक चलन वाल ऐस समाचार जो कसी पव क का शत समाचार क बाद का ववरण एक कार स दत ह

कप - ऐसा कोई वशष समाचार जो अ य कसी समाचारप म का शत नह हआ हो

211 कछ उपयोगी प तक सवाद और सवाददाता - राज ह रयाणा सा ह य अकादमी चडीगढ़ योजनमलक ह द - ो रमश जन नशनल पि ल शग हाउस जयपर

जनसचार और ह द प का रता - डॉ अजन तवार जयभारती काशन इलाहबाद प का रता प रभाषा कोश - व ा नक एव तकनीक श दावल आयोग नई द ल ह द प का रता क दशाए - जोग सह सर कमार एड सस शाहदरा द ल जनसचार व वकोश - ो रमश जन नशनल पि ल शग हाउस जयपर

212 अ यासाथ न 1 सवाददाता क प रभाषा एव समाचारप म काय वभाजन क हसाब स उसक व भ न

णय पर काश डा लए 2 समाचार स या आशय ह समाचार क व भ न ोत बतात ह ए समाचार क लखन क

तकनीक क जानकार द िजए 3 सवाददाता क समाचार सकलन ोत बतात ह ए समाचार लखन एव अनवतन को

समझाइए

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इकाई- 3 सा ा कार

इकाई क परखा 30 उ य 31 तावना 32 अ भ रणा 33 सा ा कार का अथ एव व प 34 सा ा कार और अ य वधाए 35 सा ा कार क उपयो गता एव मह व 36 सा ा कार क उ य 37 सा ा कार क कार 38 सा ा कार क व ध 39 सा ा कार क या 310 सा ा कारकता क वशषताए 311 सा ा कार एक कला 312 ट-मी डया म सा ा कार 313 इल ॉ नक-मी डया म सा ा कार 314 साराश 315 श दावल 316 कछ उपयोगी प तक 317 अ यासाथ न

30 उ य इस इकाई क अ ययन करन क बाद आप - सा ा कार का अथ एव प रभाषा का ान ा त कर सकग सा ा कार और उसक अ य वधाओ को जान सकग सा ा कार का मह व उपयो गता एव उ य क जानकार मल सकगी सा ा कार क अ य वधाओ स तलना करक उसक व प को जान सकग सा ा कार क व भ न कार स प र चत हो सकग सा ा कार लन क या एव व ध को जान सकग सा ा कारकता क वशषताओ क जानकार ा त हो सकगी ट-मी डया और इल ॉ नक-मी डया म सा ा कार कस लए जाए इस तकनीक को जान

सकग आप सा ा कार म व श टता ा त कर पारगत हो सकग

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31 तावना िज ासा मानव क सहज वि त ह एक ओर वह बा य सि ट क वषय म जानन को उ सक रहता ह तो दसर ओर अ य मानव क अतजगत म स चत अनभव का लाभ उठान क आका ा मन म रहती ह इसक साथ ह हर यि त म अपन अतजगत को उ घा टत कर दन क सहज वि त व यमान ह बा य-जगत को दखकर उसम वचरण कर मन पर पड़ भाव और अनभ तय का वह कट करण कर दना चाहता ह स चत व भ न अनभव ान तथा फरणाओ को अ भ य त कर दन म वह सतोष और आनद क अनभ त करता ह दसर

क साथ वचा रक आदान- दान स उस ति त मलती ह िज ासा और अ भ यि त एक-दसर क परक ह एक जानना चाहता ह दसरा बताता ह जानकार दता ह अपन वचार अ भ य त करता ह अपन अनभव वचार आ द स दसर को रणा और लाभ दना चाहता ह यह सा ा कार का बीज- प ह पछल कछ दशक म अनक नवीन वधाए वक सत ह ई ह उनम सा ा कार का नाम वशष उ लखनीय ह सा ा कार एक नव वक सत वत उपयोगी और मह वपण वधा ह इसम िज ास यि त कसी व श ट सा हि यक राजनता समाजसवी कलाकार व ा नक शासक प कार सत उ योगप त फ म-जगत क यि त अ य व श टजन अथवा

सामा यजन स वय भट करक उसस वाता न बहस करत ह ए उसक यि त व जीवन क त व प रवश वचार योजनाओ आ द क वषय म सीध जानकार ा त करता ह कभी यह जानकार टल फोन प क यटर इटरनट आ द क मा यम स भी ा त क जाती ह कभी वह स चत साम ी अथवा क पना क आधार पर न और सभा वत उ तर वय लख दता ह सा ा कार को इटर य भटवाता मलाकात बातचीत सवाद आ द भी कहा जाता ह

32 अ भ रणा सा ा कार क मल अ भ रणा िज ासा-समाधान ान और स चत अनभव स लाभ पह चाना तथा उठाना ह िज ास ाय प कार ह होता ह जो कसी वशष यि त स उसक बार म बातचीत और न क मा यम स जानकार ा त करक प -प का क ज रए उस दसर तक पह चा दता ह दरदशन (ट वी) और आकाशवाणी (र डयो) पर यह जानकार सीध ह दशक - ोताओ तक पह च जाती ह व श ट यि त क जीवन यि त व क त व वचार स दसर को रणा मल सकती ह उसक अनभव स लाभ उठाया जा सकता ह कई नई और ामा णक जानका रया तो मलती ह ह सामा यजन स मा जानकार ह ा त क जाती ह यह सा ा कार क अ भ रणा ह

33 सा ा कार का अथ एव व प य य प ाचीन भारतीय सा ह य म भट-वाता सा ा कार िज ासा-समाधान सवाद वातालाप आ द क अनक उदाहरण ा त होत ह परत प का रता क वतमान वधा क प म सा ा कार

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पि चम स बन-सवरकर आया ह इसक अतगत सामा यत कोई प - त न ध कसी राजनता अथवा अ य व श ट यि त स मलता ह न क मा यम स सा ा कार क वषय पर जानकार ा त करता ह और उसक वचार जानता ह कछ सा ा कार जानकार हा सल करन पर कि त होत ह और कछ म वचार या टड जानना मह वपण होता ह द रडमहाउस ड शनर आफ द इग लश ल वज म कहा गया ह ndash lsquoसा ा कार उस वाता अथवा भट को कहा गया ह िजसम लखक अथवा सवाददाता कसी यि त अथवा क ह यि तय स न पछकर कसी समाचारप क काशन अथवा टल वजन स सारण हत साम ी एक करता ह rsquo आ सफोड इग लश ड शनर म कसी ब द वशष प को लकर औपचा रक वचार- व नमय हत य भट करन पर पर मलन या वमश करन कसी प - त न ध वारा काशन हत व त य लन क लए कसी स भट करन को सा ा कार कहा गया ह rsquo डॉ नग क अनसार- lsquoइटर य (सा ा कार) स अ भ ाय उस रचना स ह िजसम लखक यि त- वशष क साथ सा ा कार करन क बाद ाय कसी नि चत नमाला क आधार पर उसक यि त व एव क त व क सबध म जानकार ा त करता ह और फर अपन मन पर पड़ भाव को ल पब कर डालता ह डॉ च भान रावत का कथन ह - बह त-स लोग यह मानत ह क नावल वारा ा त साम ी तथा इटर य स ा त साम ी म अतर नह कत

नावल क अपनी सीमाए ह नावल इटर य नह हो सकती डॉ ह रवशराय ब चन लखत ह- इटर य का यय ह पढ़न वाला यह अनभव कर क जस वह क व- वशष स मल आया ह उसक पास हो आया ह उस स घ आया ह उस गल लगा आया ह मख सा ा कारकता डॉ प सह शमा कमलश क अनसार- इटर य दन वाला यि त अपनी

यो यताओ को वय य त करता ह और यह इटर य लन वाल पर नभर ह क वह इटर य दन वाल को अपना व वासपा बनाकर उसस जो चाह सो नकलवा ल यह बड़ा क ठन काय ह जो ा प र म तथा ब म ता पर नभर करता ह मख प कार डॉ नद कशोर खा क श द म - भटवाता या समालाप (सा ा कार)

समाचार-सकलन का आव यक अग ह नह ह बि क इसक बगर अ धकाश समाचार सरकार व त य भाषण सावज नक घोषणाए व ि तया और औपचा रक आयोजन क त य ववरण मा होत ह इन सबक खबर वभावत एकप ीय या एकागी होती ह इनम य और कस पछन क गजाइश नह होती जब क य और कस का उ तर ह खबर क जान होता ह य और कस सवाल इ ह क ज रए पछ जा सकत ह सामा य प म इटर य को बह त सरल वधा क प म माना जाता ह ल कन वा त वकता यह ह क सा ा कार अथवा भटवाता बह त क ठन ह सा ा कारकाता को िजस यि त स भट करक चचा करनी होती ह उसस बह त सी कह -अनकह बात का स य उगलवाना पड़ता ह यह भटवाता का सबस दःखद और कठोर काय ह सा ा कारकता को सब धत यि त क रचना मक प क िजतनी अ धक और प ट जानकार होगी वह इस वधा म उतना ह सफल माना जाएगा rsquo

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व र ठ प कार रामशरण जोशी कहत ह- सा ा कार वधा को प का रता क आधारभत स ात म स एक क प म दखा जाना चा हए आध नक प का रता म इसका मह व पहल स कह अ धक और बहआयामी हो गया ह इल ॉ नक मा यम (टल वजन) क अि त व म आन क प चात इसक भ मका का व तार हआ ह आज प का रता ऑन लाइन प का रता या इटरनट प का रता क यग म वश कर चक ह अत सा ा कार वधा क उपयो गता क नई सभावनाए पदा हो गई ह जहा पहल प कार हाथ म कापी-प सल थाम सा ा कार लया करता था आज क यटर इन दोन को ाय अपद थ करन क ि थ त म पह च गया ह ई-मल क मा यम स लब-लब सा ा कार लय जा रह ह व भ न चनल क यज-बल टन म सकडजीवी एव मनटजीवी सा ा कार क उपि थ त उ ह जीवतता दान कर रह ह म ण-मा यम अथात प -प काओ म सा ा कार का योगदान इ तहास स ह इस कार सा ा कार मी डया क एक अ नवाय वधा क प म ति ठत हो गया ह बना सा ा कार क मी डया अधरा माना जाता ह इसी लए प कार सपादक उपसपादक रपोटर लखक तथा इल ॉ नक-मी डया (ट वी-र डयो) क त न धय आ द का सा ा कार- वधा म पारगत होना आव यक समझा जाता ह

34 सा ा कार और अ य वधाए सा ा कार एक वत सम और सश त वधा क प म अपना थान बना चका ह इसक वधाकार क सची वशाल ह सा ा कार म कह -कह जीवनी आ मकथा स मरण रखा च नबध नाटक आलोचना आ द क त व दखाई दत ह कभी-कभी सा ा कार-नायक कोई क वताश भी सना दता ह परत य सभी त व सा ा कार क सहायक प म ह होत ह और सा ा कार को रोचक जानकार स य त अलकत तथा भावी बनात ह य द य त व सा ा कार पर हावी हो जाएग तो सा ा कार सा ा कार ह नह रहगा सा ा कार म सा ा कारकता कह -कह ( ट-मी डया क सा ा कार म) सा ा कार-नायक अथवा सा ा कार- थान आ द का नबधा मक वणन करता ह पर त वह स त होना चा हए तथा यह सा ा कार को आग बढ़ाता ह अत सा ा कार नबध नह हो सकता सा ा कारकता नायक का कभी-कभी रखा च -सा खीचता ह परत वह रखा च - वधा का प नह होता सा ा कार म उसका नायक अपन जीवन क वषय म आ मकथा मक शल म कछ बतान लगता ह अथवा अपन जीवन क स मरण सनान लगता ह इनका उपयोग सा ा कार का वकास करन म होता ह सा ा कार म सवाद का अ य त मह वपण थान ह परत व नाटक क सवाद स अलग होत ह सा ा कार सवाद क होत ह ए भी नाटक नह ह सा ा कार-नायक अपनी या दसर क रचनाओ अथवा क त व पर आलोचना मक ट प णया भी कर दता ह परत व वत आलोचना- वधा नह होती कभी-कभी नायक कोई क वताश भी सना दता ह परत वह सा ा कार का ह ह सा होती ह वत क वता- वधा नह होती अ य वधाओ स सा ा कार का सबध ह नग य ह फर भी कसी वषय क व त और मा यम क वशषताओ का भी सा ा कार पर सबस गहरा भाव होता ह

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इस कार प ट ह क अ य वधाओ क त व सा ा कार म सी मत मा ा म सहायक प म ह हो सकत ह य सभी सा ा कार को आग बढ़ात ह उस रोचक स दर और भावी बनात ह

35 सा ा कार क उपयो गता एव मह व सा ा कार क उपयो गता और मह व अस द ध ह इसक वारा हम यि त- वशष कसी वषय क बार म अ धका धक नवीन मह वपण और ामा णक जानकार ा त करत ह उस सम प स जानन का य न करत ह टल वजन पर उस यि त को दखन तथा उसक भाव-भ गमाओ क अवलोकन का दलभ अवसर ा त करत ह सा ा कार स ा त जानकार उपयोगी और मह वपण होती ह डॉ सकलदव शमा का कथन ह - सा ा कार पढ़त समय अप र चत अनदखा रचनाकार पाठक स -ब- होता ह इसस लखक और पाठक क बीच तादा य क सि ट होती ह ववरण व वसनीय और ामा णक लगता ह आप कह सकत ह क नगण और नराकार रचनाकार सगण साकार हो उठता ह ो अफगान उ लाह खा लखत ह - च क बातचीत करन वाल का अपन पसद दा कलाकार

क साथ भावना मक लगाव या आ मीयता का र ता कायम हो जाता ह इस लए वह कलाकार क अतरग म ताक-झाक करन और उस कर ब स जानन क को शश करन लगता ह जो सहज या मानवीय वि त ह और तकसगत पहचान भी इस लए यादातर बातचीत फनकार क नजी जीवन और वचार स सब धत सवाल-जवाब क ब नयाद तयार हो जाती ह

36 सा ा कार क उ य सा ा कार एक सो य या ह सा ा कार कसी यि त वशष क यि त व और क त व पर भी कि त हो सकता ह और यह कसी मह वपण वषय पर कसी यि त क वचार जानन पर भी कि त हो सकता ह इसक अनक उ य ह सम सा ा कार म सा ा कार-नायक या पा स आरभ म यह पछा जाता ह क वह इस म कस आया य द सा ह यकार ह तो सा ह य म प कार ह तो प का रता म राजनता ह तो राजनी त म कलाकार ह तो कला म खलाड़ी ह तो खल जगत म आ द फर उसक ार भक जीवन श ा आ द क वषय म जाना जाता ह इस कार पा क जीवन क वषय म जानकार ा त करना सा ा कार का उ य होता ह फर उसक क त व क बार म जानना सा ा कार का उ य होता ह उसन या- या रचनाए लखी अथवा च बनाए समाजसवा क आ द फर व भ न वषय यि तय आ द क वषय म उसक वचार जान जात ह त प चात उसक चय दनचया योजनाओ क जानकार ल जाती ह पा क बा य का वणन सा ा कारकता कर दता ह इस कार पा क अतबा य को जानना सा ा कार का म य उ य होता ह सा ा कार का दसरा मख उ य जानकार स पाठक को अवगत कराना होता ह अत सा ा कार कसी प -प का म का शत कया जाता ह ट वी-र डयो पर सा ा कार का सजीव

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(त काल) सारण होता ह अथवा रकाड करक उस बाद म सा रत कया जाता ह कसी वषय पर कि त सा ा कार का सबस मह वपण पहल गहन अनसधान और ऐस न तयार करना ह क सा ा कार म कछ नया और मह वपण नकल कर आए ट वी- र डयो क लघ-सा ा कार म कसी घटना व त य आ द क वषय म लोग क वचार त या सझाव आ द जानना सा ा कार का उ य होता ह कसी घटना- वशष क वषय

म अ धक तथा व वध जानकार एक क जाती ह

37 सा ा कार क कार डॉ नग डॉ च भान डॉ व वनाथ साद तवार डॉ रामच तवार डॉ रमश कतलमघ डॉ हरदयाल नातक स यकाम वमा आ द आलोचक न सा ा कार क म यत दो कार बताए ह - वा त वक और का प नक डॉ व वनाथ श ल न इस वधा क तीन प मान व लखत ह - lsquo ारभ म हद म तीन कार स इस वधा का स पात हआ- 1 स लखक क पास एक नि चत नावल भजकर उनक उ तर ा त करना 2 लखक

स वय मलकर य वातालाप वारा जानकार ा त करना और 3 दवगत सा ह यकार स का प नक इटर य करना आजकल वतीय कार क इटर य ह सवा धक च लत ह और जीवत होन क कारण उ ह को सव ठ भी माना जाता ह rsquo डॉ च भान न वा त वक इटर य क दो कार दए ह- 1 प कार क तथा 2 सा ह यकार क सा ह यकार क इटर य भी उ ह न दो कार क बताए ह- म त तथा एकागी उनक अनसार का प नक इटर य क तीन भद ह- प रहास य य च ा मक तथा वगत सा ह यकार क डॉ च भान न यह वग करण प क ि ट स कया ह समय क ि ट स इटर य क दो वग कए ह- एक बठक म लए गए इटर य तथा दसरा कई दन म लए गए इटर य उनका कथन ह - lsquoवा त वक इटर य म आज म त और एकागी इटर य च लत ह म त इटर य म जीवन-प रचय समय-प रचय ि टकोण रचना-प रचय आ द सभी का म ण रहता ह और आजकल इसी कार क इटर य बह त दखन म आत ह rsquo डॉ व वनाथ साद तवार लखत ह- इटर य वा त वक और का प नक दोन कार क होत ह वा त वक इटर य म लखक यि तगत सा ा कार करता ह और अपन ा त त य का ववरण दता ह का प नक इटर य म य य प यि तगत सा ा कार नह होता क त यथाथ का आ ह उसम भी धान होता ह य न यह रहता ह क िजस यि त और सग का इटर य तत ह वह अ धक स अ धक वा त वक हो स यकाम वमा क श द म समाचारप -सपादन म इटर य का अ य धक मह व ह कसी भी वषय पर यि त क वचार जानन का सीधा तर का ह - य समी ण (सा ा कार) इसम यि त क अतमानस का नर ण शी हो जाता ह का प नक इटर य या समी ण भी लख जान लग ह इस कार क इटर य मत यि तय क सबध म भी का शत कए जा रह ह इसम लखक का अपना यि त व अ य प म ह झलकता ह यह कहना ामक ह क यि त व का कोई मह व नह होता नकता क प म इटर य करन वाल

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का ह दा य व होता ह समी यमाण यि त (सा ा कार-पा ) क अतमानस क झाक लन का अत लखक क सतकता ौढ़ता एव स म ा हणी शि त का भी प रचय उसी म अत न हत रहता ह rsquo डॉ हरदयाल भी सा ा कार क दो कार मानत ह उनका कथन ह - इधर हद म एक नई ग य- व या वक सत ह ई ह इटर यrsquo इसक जो रचनाए सामन आई ह उनस इसक दो कार बन जात ह - एक यथाथ इटर य अथात जी वत यि तय स मलकर इटर य -लखक उनक ह जीवन और वचार क सबध म जानकार ा त करता ह हद म अभी तक ऐस इटर य सा ह यकार स सब रह ह इनम सा ह यकार क वारा द गई उनक सा ह य-रचना क रणा सा ह य-सजन क या आ द-आ द क सबध म उनक वचार इक कए गए ह इटर य का दसरा कार का प नक ह इसम दवगत यि तय स इटर य लन क क पना कर ल जाती ह और उसक जीवन रचना वचार आ द को तत कया जाता हrsquo प कार डॉ नद कशोर खा क अनसार- भटवाताए म यत दो कार क होती ह एक - कसी रोचक या मह वपण यि त स भट और दसर - ठोस समाचार क सबध म भटवाता प कार डॉ भवर सराणा न सा ा कार क छ मख कार नधा रत कए ह - 1 पव- नधा रत सा ा कार 2 सव णाथ सा ा कार 3 य व अ य सा ा कार 4 औपचा रक व अनौपचा रक सा ा कार 5 पनरावि त और 6 अचानक (आकि मक) सा ा कार ए मो कॉट वाटसन क मतानसार- 1 त या मक समाचार सा ा कार 2 यि तपरक अथवा फ चर हत सा ा कार और 3 आ मकथा मक सा ा कार होत ह व र ठ प कार रामशरण जोशी सा ा कार को इस कार वग कत करत ह- आ मकथा मक स मरणा मक च ा मक एव वणना मक का प नक सवादा मक नो तरा मक यि त वपरक म ापरक प रचचा मक क तवार सा ा कार योगा मक औपचा रक अनौपचा रक व रत आकि मक और योजनाब त या मक और म ाब सा ा कार क व भ न कार ह व ण पकज क अनसार - 1 व प क आधार पर 2 शल क आधार पर 3 औपचा रकता क आधार पर 4 सपक क आधार पर 5 मी डया क आधार पर 6 आकार क आधार पर 7 वषय क आधार पर 8 वाताकार क आधार पर 9 पा क आधार पर और 10 अ य आधार पर

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1 व प क आधार पर (क) यि त न ठ- इसम यि त को परा-परा मह व दया जाता ह (ख) वषय न ट- इसम वषय को अ धक मह व दया जाता ह वषय न ट सा ा कार को भी तीन वग म रखा जाता ह- (अ) सामा य - इसम सामा य वषय को लकर सा ा कार लया जाता ह (आ) वशष - वषय क ब द- वशष को म यतया इसम लया जाता ह (इ) व वध - इसम अनक वषय न हत होत ह

2 शल क आधार पर (क) ववरणा मक (ख) वणना मक (ग) वचारा मक (घ) भावा मक (घ) हा य- य या मक (छ) भावा मक और (ज) नो तरा मक

3 औपचा रकता क आधार पर (क)औपचा रक - य योजना बनाकर पा स समय लकर लए जात ह (ख) अनौपचा रक - य बना योजना क अचानक और बना समय नधा रत कए लए जात ह

4 सपक क आधार पर (क) य भट - इसम पा स य भटवाता क जाती ह (ख) प - इटर य - प वारा लए जात ह (ग) का प नक - (अ) गभीर (इसम पा क उ तर या वचार उसक रचनाओ व त य डायर

प आ द स लए जात ह (आ) पण का प नक (इ) हा य- य या मक 5 मी डया क आधार पर

(क) ट मी डया - प -प काओ प तक अ भनदन थ म त थ आ द म का शत होन वाल (ख) इल ॉ नक मी डया- ट वी र डयो टल फोन क यटर इटरनट टल टर फ स ई-मल आ द मा यम स लए गए सा ा कार

6 आकार क आधार पर (क) लघ - य छोट सा ा कार होत ह और मनी इटर य कहलात ह य अब वत वधा

का प लत जा रह ह (ख) द घ - य बड़ सा ा कार होत ह

7 वषय क आधार पर (क) सा हि यक सा ह य वषय पर सा ह यकार स लए गए सा हि यक ढग स लख गए

सा ा कार इस णी म आत ह (ख) सा ह यतर-सा ह य को छोडकर अ य वषय -प का रता कला सगीत राजनी त धम

खल फ म समाजसवा व ान आ द वषय स सब सा ा कार इस वग म आत ह य प कार कलाकार सगीतकार राजनताओ सत खला ड़य अ भनताओ- अ भन य समाजस वय व ा नक आ द स लए गए सा ा कार होत ह

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8 वाताकार क आधार पर सा ह यकार प कार मी डयाकम (ट वी-र डयो) तथा अ य सामा य अथवा व श टजन स सा ा कार होत ह

9 पा क आधार पर (क) व श टजन स लए गए सा ा कार (ख) सामा यजन स लए गए सा ा कार

10 अ य आधार पर (क) आ मसा ा कार - लखक वय अपना (का प नक) सा ा कार लखता ह (ख) सव ण अनसधान नौकर पर ा आ द क सा ा कार

ाय यह दखा गया ह क कसी एक प त वारा सा ा कार नह लया जाता उसम अनक प तय का समावश हो जाता ह फर भी िजस प त क धानता होती ह उसी वग म उस रख दया जाता ह

38 सा ा कार क व ध सामा यत सा ा कार लन क एक या या व ध होती ह कस यि त का सा ा कार कया जाए यह तय करना इस या का पहला चरण ह सामा यत सा ा कार व श टजन क ह लए जात ह परत आजकल सामा यजन (आम आदमी गह थ पी ड़तजन आ द) क भी सा ा कार ( वशषत ट वी पर) खब लए जात ह बाह बल अपराधी आ द क भी सा ा कार लए जात ह कभी-कभी प -प का क सपादक ट वी-र डयो क अ धकार तय कर दत ह क अमक यि त स सा ा कार लना ह कभी-कभी सा ा कारकता वय भी सा ा कार-पा का चयन करता ह सा ा कार-पा तय हो जान पर यह तय होता ह क उसम कस वषय (या वषय ) पर बात करनी ह सा ा कार कतना बड़ा लना ह सम (टोटल) बातचीत करनी ह आ शक फर पा स समय नधा रत कया जाता ह कभी-कभी बना समय तय कए भी सा ा कार लना पड़ता ह ट वी-र डयो का सा ा कार ाय ट डयो म बलाकर अथवा कमरा और रकाडर क साथ पा क पास जाकर लया जाता ह प -प का क लए भी सा ा कार लत समय टप रकाडर का योग कया जाता ह कछ साम ी सक लत क जाती ह अथवा हाथ स लखनी भी पड़ सकती ह सा ा कार लत समय ख ढग स एक क बाद एक लगातार न न पछ जाए बातचीत भी क जाए परक न भी पछ जाए पा क मड क अन प वाता को मोड़ दया जाए कसी न का उ तर य द टाल दया जाए तो मौका दखकर भाषा बदलकर उस न को पन पा क सामन रखा जा सकता ह परत फर भी य द पा उसका उ तर नह द तो िज नह क जाए अड़ा नह जाए पा छोटा हो या बड़ा उसका आदर कया जाए उसक उ तर वचार को मह व दया जाए अपनी ओर स असहम त या नाराजगी कट न क जाए सा ा कार म दश क अ हत म अथवा समाज म व वष फलान वाल बात नह होनी चा हए य द कसी कारणवश आ भी जाए तो सपा दत करत समय उस हटा दया जाए य द कभी

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ट वी-र डयो क सजीव सारण क समय ऐसा हो जाए तो सा ा कारकता उसका त काल नराकरण कर द य द कसी सा ा कार म पा को कई ब द सा ा कार म न रखन को कह तो सामा यत उसका अनरोध मान लना चा हए सा ा कार श करत समय (इल ॉ नक-मी डया म) पा का स त प रचय द दना चा हए ट-मी डया क सा ा कार म सा ा कार परा हो जान पर तयार करत समय ऐसा करना चा हए सा ा कार परा होत समय सा ा कार पा को ध यवाद दना न भल

39 सा ा कार क या सामा यत सा ा कार लन क लए एक नि चत या अपनाई जाती ह कई बार इस या का पर तरह स पालन नह हो पाता फर भी सा ा कारकता को एक या स तो गजरना ह पड़ता ह चाह इसम कछ प रवतन हो जाय अथवा सा ा कारकता वय कर द साधारणत इस या क न न ल खत चरण हात ह- 1 सा ा कार पा का चयन

कसी यि त का सा ा कार लया जाय यह नि चत करना इसक या का पहला चरण ह सा ा कार-पा का चयन कई बात पर नभर करता ह ल ध ति ठत सा ह यकार मख नताओ समाज क व श ट यि तय कलाकार गायक सगीतकार खला ड़य आ द क वषय म जानन क लए लोग सामा यत उ सक रहत ह अतएव प कार और लखक इस कार क यि तय क सा ा कार लन क लए अवसर ढढत रहत ह पहल व श ट स महान अथवा उ लखनीय यि तय स ह इटर य लना उपय त समझा जाता था बाद म साधारण न न उप त अथवा क यात लोग क भी सा ा कार लय जान लग कह आतककार हमला हआ ह डाका पड़ा ह बड़ी चोर ह ई ह अपहरण हआ ह कोई बड़ा या क यात यि त पकड़ा गया ह आयकर वाल का छापा पड़ा ह बला कार हआ ह ए सीडट या दघटना ह ई ह ाक तक आपदा आ पड़ी ह कोई बड़ा खल मला तयो गता आ द का आयोजन हआ ह चनाव ह ए ह कोई बड़ा नता जीत या हार गया ह दल-बदल या पाट गत व ोह हआ ह कसी को पाट या म म डल स नकाला गया ह शरनी क ब च ह ए ह कसी क ह या ह ई ह कसी न आ मह या क हhellip मतलब क लोग हर तरह क खबर जानना चाहत ह उसक तह म जाना चाहत ह य -कब-कस क जानकार चाहत ह तो इनस जड़ व भ न यि तय क सा ा कार लए जात ह जो ट वी एव र डयो पर तो त काल दखा दए जात ह शाम को या दसर दन अखबार म छप जात ह कछ क सा ा कार लन क लए ट वी एव र डयो क अ धका रय प -प काओ क सपादक स नदश मल जात ह कछ क सा ा कार प कार सवाददाता त न ध आ द वय लत ह और समाचार क सपणता रोचकता दान करत ह ऐस सा ा कार छोट होत ह और इनम सा ा कार क सोपान इसक या का पालन करन का अवकाश नह होता

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कभी ऐसा भी होता ह क नगर म कसी व श ट यि त का आगमन होता ह तो थानीय ट वी एव र डयो- त न ध सवाददाता प -प का स जड़ा प कार या लखक उसका सा ा कार लना तय करता ह अथवा इस काय क लए उस नदश मलता ह कसी समारोह म कसी व श ट यि त क पदापण करन पर उस सा ा कार का पा बना लया जाता ह कभी कसी नि चत योजना क अतगत भी कसी अप त यि त अथवा यि तय क सा ा कार लय जात ह इसक लए कई बार बाहर भी जाना पड़ता ह यि त कसी क वषय म जानन को उ सक होता ह उसस भा वत होता ह तो भी वह उसस सा ा कार लन क सोच लता ह सामा यत य सा ा कार उस यि त स मलकर बातचीत करक न पछकर लय जात ह कभी-कभी सा ा कार अपन न डाक वारा उस यि त क पास भज दता ह और उनका उ तर आन पर न-उ तर जमाकर सा ा कार बना लया जाता ह फोन आ द क वारा भी उस यि त स सा ा कार ल लया जाता ह दवगत यि तय क सा ा कार क पना क आधार पर लख जात ह कभी-कभी इसम उस यि त क अ य लख वचार कथन का समावश भी कर लया जाता ह 2 वषय का चयन

सा ा कार पा का चयन हो जान पर उसस कस वषय पर सा ा कार लना ह यह तय कया जाता ह क व स क वता पर कथाकार स कहानी-उप यास पर कलाकार स कला पर राजनता स राजनी त पर सा ा कार सामा यत लय जात ह सब धत अ य बात पछन का ि टकोण भी रहता ह कभी-कभी पा क जीवन क त व रणा चय भाव दनचया वचार योजना आ द अनक क जानकार ा त करन का ल य

रहता ह कभी सा ा कार-पा क नजी जीवन आ द क बार म न पछकर कसी वषय या उसक कसी बद पर ह बात क जाती ह साधारण पा स योजनानसार न पछ जात ह

3 योजना का नमाण

यि त और वषय तय हो जान पर सामा यत सा ा कारकता इटर य लन क एक योजना बना लता ह इसम सा ा कार पा स समय लना सा ा कार का थान तय करना सा ा कार म पछ जान वाल न व अ य बात क सची बनाना अथवा अपन दमाग म उनक एक परखा रखना आ द सि म लत ह अ धकाशत इस योजना क ल खत प का ह योग कया जाता ह कभी-कभी सा ा कार दन वाला सा ा कार स पव न को अपनी स वधा क लए माग लता ह ता क उस पता चल सक क सा ा कार

म या पछा जाना ह और वह तयार क साथ उ तर द सक अथवा अचानक कसी न स हड़बड़ाए नह ट वी पर सा ा कार लत समय भी सा ा कारकता अपनी नावल ट बल पर रखता ह और सा ा कार क दौरान समय-समय पर उस दखता रहता ह इसस उस सा ा कार लन म आसानी रहती ह फर भी नावल क अनसार पर तरह स सा ा कार नह चलाया जा सकता कभी बातचीत क दशा बदल जाती ह न क

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म म उलटफर हो जाती ह कशल सा ा कार यनकन- कारण घमा- फराकर अपना काम नकाल ह लत ह कभी-कभी नावल सामन रखन का अवकाश ह नह मल पाता तब सा ा कारकता को अपन मानस म स चत िज ासा और न स काम चलाना होता ह अनक सा ा कारकता बना कसी ल खत योजना क ह कशलतापवक सा ा कार ल लत ह फर भी दमाग म एक योजना तो रहती ह ह जो प रि थ त क अनसार बदलती रहती ह प कार इस कला म काफ हो शयार होत ह वस भी सा ा कार पा क सामन ल खत नावल लकर बठना वाभा वक और वाह म यवधान उपि थत कर सकता ह इसस कभी सा ा कार पा असहज अनभव कर सकता ह ऊब सकता ह चढ़ सकता ह नाराज हो सकता ह य य प ऐसा अपवाद म ह होता ह ाय बना योजना परखा या योजना क सा ा कारकता योजनाब तर क स आग नह

बढ़ पाता सा ा कार पा स अप त बात नह नकलवा पाता वह ऊपर-ह -ऊपर तरकर वापस आ सकता ह गहराई म गोत नह लगा सकता व भ न यि तय क लए एक जसी नावल भी काम नह आ सकती सा ा कार म य प नम त व का होना आव यक ह

4 भटवाता

सा ा कार लन क योजना या ा प बन जान पर उस याि वत करन मत प दन क लए सा ा कार पा स भट क जाती ह या प ा द वारा स पक कया जाता ह भटवाता क दौरान सा ा कार पा क वचार को नकलवान ता वत न क उ तर ा त करन का यास कया जाता ह नधा रत योजना क अन प सा ा कार चलता

रहता ह बदलती ह ई प रि थ त और पा क मनःि थ त क अनसार सा ा कार वाता को बदलाव या मोड़ दता रहता ह वह यह भी यान रखता ह क कसी न स पा ऊब न जाय अथवा अ स न न हो जाय य द कभी थोड़ा-बह त यवधान भी पड़ता ह तो वह ि थ त को कशलतापवक सभाल लता ह और सा ा कार को असफल नह होन दता

5 ब द-अकन

य द सा ा कारकता क पास वी डयो- रकाडर (ट वी क लए) अथवा टप- रकाडर या आश ल पक क स वधा उपल ध नह ह तो वह वय आश ल प (शॉटह ड) न जानन क कारण सा ा कार पा वारा अ भ य त वचार को उसी ग त स ह-ब-ह नह लख सकता ट वी ट डयो या र डयो टशन पर यह सम या नह होती दसर य द सा ा कारकता सा ा कार पा क कथन को तलख ( ड टशन) क भा त लखता रहगा तो यह अन चत तीत होगा और वचार क खला भी टट जाएगी अतएव सा ा कारकता म य-म य

बात को बद- प ( वाइ स) म लखता जाता ह बद अकन म इस बात का यान रखा जाता ह क कोई भी मह वपण बात लखन स न रह जाय त थय यि त स था

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क त क नाम घटनाओ उ ारण स ात-वा य आ द का अकन करना आव यक ह त-लखन का अ यास सा ा कारकता क लए लाभदायक रहता ह सकत स ह बदओ

का त काल अकन करक वाता- वाह को वह आग नह होन दता इसक अ त र त सा ा कार पा क यि त व हाव-भाव वातावरण अपनी त या आ द का अकन भी बद- प म तरत करता जाता ह अथवा घर जाकर म त क आधार पर वह बाद म लख लता ह य द लघभट ( मनी-इटर य) ह तो इसक ज रत नह पड़ती

6 ततीकरण

सा ा कार लकर सा ा कारकता लौट आता ह लौटकर वह बदओ और वाता क म त क आधार पर परा सा ा कार लखता ह सा ा कारपा क कथन को यथासभव उसी क भाषा म लखन का यास कया जाता ह सा ा कार क वकास म वह अपनी शल का समावश करता ह सा ा कार क न-उ तर और बातचीत को वह खलाब करता ह सा ा कार तयार करत समय इस बात का यान रखा जाता ह क उसका वाह बना रह तथा कोई भी मह वपण प छटन न पाए सा ा कारकता सा ा कार म यथा थान सा ा कारपा क यि त व का बा य-अकन हाव-भाव वहा क वातावरण अपनी त याओ तथा ट प णय को भी दता जाता ह

कई बार सा ा कार म सा ा कारपा अनौपचा रक प स कछ बात कह दता ह जो ऑफ रकॉड होती ह िजनको सा ा कार म नह दया जाना चा हए कई बार सा ा कार दन वाला इस बात को कह भी दता ह क यह बात अनौपचा रक प म कह गई ह इस अश को सा ा कार म शा मल न कया जाय कसी क च र वषय म क गई तकल ट पणी अपश द कोई नजी गोपनीय त य (िजसको कट करना उ चत न हो) आ द को सा ा कार तयार करत समय छोड़ दना चा हए सा ा कार क सफल ततीकरण पर ह उसक सफलता नभर करती ह आज क इस अ य धक य त यग म कसी स समय लकर सा ा कार जस मसा य और ययसा य काय करना वस ह क ठन ह उस पर फर वीक त लन क क लत सा ा कारकता वय भी एक लखक प कार ब जीवी यि त ह उसका अपना यि त व और टटस ह यह उ चत तीत नह होता क कई परशा नय क रहत पहल तो वह कसी का सा ा कार ल और फर लक क भा त सा ा कार क फाइल लय ह ता र क लए सा ा कार पा क आग-पीछ घमता रह य द सा ा कारपा ह ता र करन स मना कर द तो अपना-सा मह लकर लौट आए हा य द सा ा कारपा वय यह कह द क सा ा कार तयार हो जान पर उस दखा दया जाय अथवा वशष ि थ त म कह उसक कथन या ववरण म कोई शका हो अथवा कोई ववादा पद या ज टल बद हो तो अपनी र क को कम करन क लए वह सा ा कार उसक पा को दखा सकता ह उसक वीक त ल सकता ह ट वी या र डयो क सा ा कार म यह सम या नह आती टप कए ह ए सा ा कार म भी उलझन नह रहती

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कई बार ऐसा हआ ह क सा ा कार क दौरान सा ा कार न कछ और कहा ह कसी सा ा कारकता न गलती स या जानबझ कर कछ और लख दया ह कभी-कभी प -प का क सपादक भी मनमान सशोधन या काट-पीट कर दत ह गलत बात या त य को तोड़-मरोड़कर छप जान स सा ा कार पा को क ट या पीड़ा या नाराजगी होती ह मनमानी काट-छाट स कई बार अथ का अनथ हो जाता ह डॉ बनारसीदास चतवद महादवी वमा अमता ीतम व ण भाकर मनोहर याम जोशी जस लोग इस पीड़ा को भगत चक ह इन लोग न अपनी पीड़ा को य त भी कया ह फ म म तो यह वि त और भी अ धक ह सामा यत प कार ज द म होता ह उसका ल य व श ट और स त होता ह वह सा ह यक सा ा कार क भा त अवकाश नह पाता उसका ल य पा को उजागर करना नह अप त त य को सामन लाना होता ह वह सा ा कार क सम या को नह अपना पाता सा ा कार क सपण सोपान का नवाह उसस नह हो पाता फर भी उसक सा ा कार का अपना मह व ह यह ज र नह ह क सा ा कार म कस पा को सपणत उजागर कया जाए उसक एक झलक कछ अश भी सामन लाए जा सकत ह सपणता लय ह ए सा हि यक सा ा कार सा ा कार- वधा क मह वपण अग ह और व सा ा कार-सा ह य क बह म य न ध ह

310 सा ा कारकता क वशषताए सा ा कारकता को एक अ छा ोता होना सबस ज र ह सा ा कारपा क बात यान स धय-पवक सन ऊब उतावलापन असहम त नाराजगी न जताए सा ा कारपा य द सामा य या कमजोर अथवा ग रमाह न ि थ त (अपराधी) का भी हो तो भी उसक उप ा न कर उसक वशभषा भाषा स क त हाथ-भाव आ द क उप ा न कर व श टजन तो आदर क पा ह ह य द सा ा कारकता क वचार पा क वचार क तकल ह तो भी वह सयम बरत पा क कथन ह सा ा कार म मह वपण होत ह सा ा कारकता तो एक सहायक मा यम क भ मका अदा करता ह सा ा कारकता म न पछन क कला होनी चा हए य द सामा य न स अप त जानकार न मल तो उस न को अवसर दखकर भाषा बदलकर बाद म फर पछना चा हए य द फर भी पा उस टाल द तो दरा ह नह करना चा हए सा ा कार लन स पव सब धत पा और वषय क जानकार कर लनी चा हए य द सगीत क वषय म सा ा कारकता श य ह तो वह सगीत स सफल सा ा कार नह ल सकगा जानकार क लए प तकालय और वषय स सब धत यि त स सहयोग लया जा सकता ह य द उस मनो व ान का थोड़ा-बह त ान होगा तो वह पा क मनोि थ त मड को तर त भाप लगा और सा ा कार को आग बढ़ाता जाएगा सा ा कारकता म अहकार खापन अपनी बात थोपना पवा ह वाचालता कटता स ती-जसी चीज नह होनी चा हए उसम िज ासा न ता भाषा पर अ धकार बात नकालन क कला तट थता पा क बात सनन का धय लखन-शि त बदलती ह ई प रि थ त क अनकल सा ा कार को टन (मोड़) दन क मता-जसी

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बात होनी चा हए पा क स क त भाषा तर वचारधारा ट प णया आ द य द अनकल न ह तब भी सा ा कारकता को सामा य और सय मत रहना चा हए य द ट-मी डया क लए सा ा कार ह तो पा क वचार उसक वारा द गई जानकार को तोड़-मरोड़कर अथ बदलकर पश नह करना चा हए कई सा ा कारदाताओ (पा ) यथा अमता ीतम मनोहर याम जोशी आ द न इस कार क शकायत क ह ट वी या र डयो पर तो सा ा कारकता कोई सशोधन कर ह नह सकता सा ा कार म झठ तार फ खशामद चमचा गर न दा कसी पर अन चत हार आ द न हो सा ा कार साथक हो वह नधा रत समय म परा होना चा हए कोई बात समझ म नह आए तो उस प ट कर लनी चा हए य य प कसी एक यि त म इतनी वशषताए नह हो सकती फर भी िजतनी अ धक हो अ छा ह

311 सा ा कार एक कला सा ा कार म यत प कार लखक मी डयाकम ह लत ह कभी-कभी अ य क यि त भी ल लत ह सा ा कार एक कला ह डॉ च भान का कहना ह - इटर य भी एक कला ह इसम बड़ कौशल क आव यकता होती ह आप न पछ और उ तरदाता आपको इधर-उधर ह भटकाता रह और कसी न का उ तर ठ क स न द व तत कसी यि त स उसक जीवन क बात नकलवा लना एक कला ह इसक लए पहल आव यकता इस बात क ह क सा ा कारकता आपक मन स उस यि त स सब धत सभी पवा ह को नकाल द वह साफ लट लकर उसक पास पह च तभी स य व प उस पर अ कत हो सकगा दसर आव यकता यह ह क वह उस ल य- यि त का व वासपा बन जाए बना उसका व वासपा ह ए वह सार बात उसस नह कहलवा सकता तीसर आव यकता इस बात क ह क इटर य म या श भाव स न लया जाए rsquo िजस कार सा ा कार लना एक कला ह उसी कार सा ा कार दना भी एक कला ह हर आदमी अ छा इटर य नह द सकता सा ा कार एक मह वपण और उपयोगी वधा ह इसम य द नवीन और मह वपण साम ी नह आएगी तो वह कोई अ छा सा ा कार नह होगा िजस कार सा ा कारकता म कछ वशषताए होनी चा हए वस ह सा ा कारदाता (पा ) म भी कछ अ छ बात का होना सा ा कार को सफल और अ धक उपयोगी बनाता ह व श ट सा ा कारपा का अपन पर अ धकार उ लखनीय यि त व-क त व वशष उपलि धया पवा ह र हत होना अहकार र हत सा ा कारकता का स मान करन वाला उस सहयोग दन वाला वन खश- मजाज डीग न हाकन वाला भाषा पर सयम रखन वाला होना चा हए उसम वगोपनवि त अपन को छपान क वि त न हो य य प य सार गण कसी एक यि त म नह हो सकत परत िजतन अ धक गण ह अ छा ह सामा यजन म य सब होना ज र नह होता सा ा कार को सफल मह वपण और उपयोगी बनान का दा य व सा ा कारकता क साथ-साथ सा ा कारपा का भी ह महा मा गाधी जन ब चन व ण भाकर आ द इस कला म न णात ह उ ह न बड़ी स या म अ छ सा ा कार दए ह

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मख सा ा कारकता डॉ पदम सह शमा कमलशrsquo का मत ह ndash lsquoइटर य क अ छ-बर होन क कछ िज मदार इटर य दन वाल क भी ह य द इटर य लन वाल क ा को मह व न दकर चलताऊ बात बताता ह और काय म च नह लता तो इटर य कभी अ छा नह बन सकता ऐसा भी सभव ह क सा ा कारकता को कसी मह वपण बात क जानकार न हो अथवा वह उस समय पछना भल जाए तो पा को वह जानकार वत द दनी चा हए महा मा गाधी तक न ऐसा कया ह सा ा कार को अन चत चार कसी को गरान-उठान न दा- त त का मच नह बनाना चा हए अपा (उपलि धह न) लोग स सा ा कार लना उ चत नह सामा यजन इसक अपवाद ह अगभीर मह वह न लोग को इस वधा स दर रहना चा हए प कार डॉ नद कशोर खा ठ क ह लखत ह - समाला य- यि त (पा ) ऐसा हो सकता ह जो वत ह सार जानकार द द और ऐसा भी हो सकता ह जो मह खोलना ह नह चाह दोन ह प रि थ तय म भट-वाताकार या समालापक को बड़ा सतक सयाना और ववक बनन क आव यकता होती ह य द कोई यि त अपन-आप बह त कछ बताता ह तो सभव ह वह आपको अपन म त चार का साधन बनान क को शश कर रहा हो जो यि त कछ नह बोलता और आपस सहयोग को तयार नह ह वह न चय ह आपस कछ छपान क को शश म ह ऐस यि तय स नपटना आसान नह होता इन यि तय स खबर नकाल लन म आपका यावसा यक चातय काम म आता ह

बोध न- 1 1 सा ा कार कस कहत ह helliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphellip helliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphellip2 सा ा कार और अ य वधाओ म अतर क िजए helliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphellip helliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphellip3 मी डया म सा ा कार का मह व एव उपयो गता को बताइए helliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphellip helliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphellip4 सा ा कार क व भ न कार कौन- कौन स ह helliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphellip helliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphellip

312 ट- मी डया म सा ा कार ट-मी डया म सा ा कार एक मह वपण वधा ह यह प का रता सा ह य

इल ॉ नक-मी डया (ट वी-र डयो) आ द अनक स जड़ी ह हद म इस वधा क वतन का य डॉ नग डॉ व वनाथ श ल आ द व वान न मध य प कार बनारसीदास चतवद

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को दया ह डॉ नग का कथन ह - हद -ग य म इस वधा (सा ा कार) क वतन का य बनारसीदास चतवद को ह - वशाल भारत म का शत र नाकरजी स बातचीत ( सत बर

1931) और मच दजी क साथ दो दन (जनवर 1932) इस दशा म उनक उ लखनीय रचनाए ह डॉ व वनाथ श ल न भी लखा ह - इस वधा का स पात करन का थम य प बनारसीदास चतवद को ह उ ह न र नाकरजी स बातचीत शीषक इटर य सतबर

1931 क वशाल भारत म का शत कया था इसक कछ ह मह न बाद मचदजी क साथ दो दन शीषक स उनका दसरा इटर य जनवर 1932 क वशाल भारत म का शत हआ सभवत 1931 का र नाकरजी वाला इटर य हद का थम सा हि यक इटर य ह इसक वपर त डॉ रामगोपाल सह चौहान हद म इस वधा क वतन का य डॉ पदम सह शमा कमलश को दत ह व लखत ह- हद म इटर य क वधा का स पात करन का य डॉ पदम सह शमा कमलश को ह इसस पहल यह वधा हद म अनजानी थी डॉ

कमलश न हद क चोट क सा ह यकार स इटर य लकर मौ लक काय कया rsquo डॉ कमलश का च चत सा ा कार-स ह म इनस मला दो भाग म 1952 म का शत हआ था परत सा ा कार- वधा क थम शोधकता व ण पकज न हद म सा ा कार वधा क वतन का य प कार-लखक च धर शमा गलर को दया और समालोचक क सतबर 1905 क अक म का शत उनक सा ा कार सगीत क धन एक सवाद को हद का पहला सा ा कार माना यह सा ा कार सगीत-महारथी व ण दगबर पल कर स लया गया था गलर जी समलोचक क अघो षत सपादक (रा यसवा म होन क कारण) थ व तब मयो कालज अजमर म ा यापक थ पल करजी क अजमर आगमन पर समालोचक क त न ध को ह सयत स उ ह न यह सा ा कार लया था इसम सा ा कार क पर त व ह जब क र नाकरजी वाल बातचीत नबध स मरण रखा च सवाद आ द अनक वधाओ का समवत- प ह सा ा कार क गण उसम नह ह मख आलोचक और सा ा कारकता डॉ रणवीर रा ा न व ण पकज क का शत शोध- थ

हद - इटर य उ व और वकास क समी ा आकाशवाणी द ल (7 अग त 1984 को सा रत) पर करत ह ए कहा ndash lsquorsquo व ण पकज का शोध- बध हद -इटर य lsquoउ व और वकास

अपन वषय का पहला और स नयोिजत अनसधान काय ह इस शोध- बध म इटर य- वधा क बार म च लत अनक ाि तय का सम ाण नराकरण भी कया गया ह हद म इस वधा क वतन क वषय म अब तक दो मत सामन आए थ डॉ नग डॉ व वनाथ श ल जस व वान शीष थ प कार प बनारसीदास चतवद को पहला इटर यकार होन का य दत ह इसक वपर त रामगोपाल सह चौहान जस समी क न यह य डॉ पदम सह

शमा कमलश क प तक म इनस मला को दया ह गहर छानबीन क आधार पर इस शोध- बध ( हद -इटर य उ व और वकास) म प च धर शमा lsquoगलर rsquo को हद इटर य का वतक स कया ह

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313 इल ॉ नक-मी डया म सा ा कार इल ॉ नक-मी डया (म यत ट वी-र डयो) पर आरभ स ह सा ा कार सा रत हो रह ह रोजाना ह व वध चनल पर छोट-बड़ व वध वषय पर सा ा कार आत ह इल ॉ नक- ा त न अनक मा यम व तत और सश त बना दए कई नए मा यम भी वक सत कर दए ह अब टल फोन वी डयोफोन इटरनट फ स ई-मल आ द स भी खब सा ा कार लए जान लग ह व पन हाडा द पक बोहरा शखर समन आ द न टल वजन पर बड़ी स या म सा ा कार लए ह तब सम न अनक फ मी हि तय स सा ा कार लकर फल खल ह गलशन-गलशन जस काय म को सफल बनाया था कमल वर न अनक यि तय स बातचीत क कलाश वाजपयी च कमार बरठ कलानाथ शा ी आ द न सा ह यकार क भ चावला एमज अकबर क हयालाल नदन रजत शमा वनोद दआ श शकमार उदयन शमा आ द न राजनताओ क व पन हाडा द पक बोहरा शखर समन महश भ फा क शख मनीष दब मोहन कपर आ द न फ मी हि तय क अ छ सा ा कार लए ह भ चावला न सीधी बात रजत शमा न जनता क अदालत शखर समन न शकस ए ड मवस म तज तरार सा ा कार लए ह मनका गाधी न जीव दया अनराधा साद न व वध वषय रोशनी न पाकशा पर बातचीत क ह शखर ग ता न टहलत ह ए सो नया गाधी ऐ वया राय आ द स भटवाता क ह रामशरण जोशी णवराय सईद नकवी मह मधप (क ष पर) मनोज रघवशी करण थापर राह ल दव मणाल पाड पकज शमा राज बोहरा राध याम तवार राजीव श ला प पश पत बलजीत आशा सचदव जाि मन मोजज फर दा जलाल नीलम शमा न लनी सह वा त आ द वारा भी बह त-स सा ा कार लए गए ह र डयो पर गोपालदास जसदव सह ठाकर साद सह नरो तम पर छोट स वता बजाज मोहन सह सगर वद यास स यनारायण शमा मदन शमा राह मजल राम सह पवार वजय चौधर सवाई सह धमोरा अचला नागर अ नता म लक इद जन कथा जन वमला पा टल सरल कमार आ द न उ लखनीय सा ा कार कय ह

बोध न- 2 1 ट मी डया क लए सा ा कार कस लत ह helliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphellip helliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphellip2 इल ॉ नक मी डया म सा ा कार वधा आज य लोक य ह helliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphellip helliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphellip3 सा ा कार क या क मख चरण कौन स ह

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helliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphellip helliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphellip4 सा ा कार एक कला ह समी ा कर helliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphellip helliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphellip

314 साराश इस इकाई म हम दख चक ह क सा ा कार मी डया का एक मह वपण और उपयोगी घटक ह सा ा कार क कला जान बगर कसी भी मी डयाकम प कार का काम चलना क ठन ह उस कभी पा स य भट करक सा ा कार लना होता ह तो कभी टल फोन या अ य इल ॉ नक-मा यम वारा इस पाठ म सा ा कार क व प कार थम हद -सा ा कार ट-मी डया और इल ॉ नक-मी डया क सा ा कार क अ ययन क अलावा हमन इसक

उपादयता और मह व को जाना सा ा कारकता म या गण ह सा ा कार कस ल - यह जानकार भी हमन ा त क सा ा कार- वधा को सम प म जानन का यास हमन कया ह सा ा कार एक वत वधा ह

315 श दावल इस इकाई म आन वाल पा रभा षक श द क अथ इस कार ह - सा ा कार - यह जनसचार क मख वधा ह इसक अतगत सा ा कारकता

सा ा कार दन वाल स मलकर बातचीत करक नो तर वारा उसक जीवन क त व और वचार आ द क जानकार ा त करता ह

सा ा कारकता - जो यि त सा ा कार लता ह उस सा ा कारकता कहत ह सा ा कारपा - िजस यि त स सा ा कार लया जाता ह वह सा ा कारपा

कहलाता ह ट मी डया - म त मा यम (समाचारप प का थ आ द) को कहत ह

इल ॉ नक मी डया - ट वी र डयो क यटर इटरनट फ स ई मल आ द को कहत ह

316 कछ उपयोगी प तक 1 ह द -इटर य उ व और वकास - डॉ व ण पकज ववक पि ल शग हाउस जयपर 2 जनसचार क वधा-सा ा कार- डॉ व ण पकज राज थान काशन जयपर 3 सा ा कार-कोश- डॉ व ण पकज रचना काशन जयपर 4 भारतीय भाषाओ म सा ा कार - डॉ व ण पकज मगलद प एि लकशन जयपर 5 मी डया इटर य - डॉ व ण पकज मगलद प पि लकशन जयपर

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6 इटर य स ात तकनीक और यवहार - डॉ व ण पकज नशनल पि ल शग हाउस नई द ल

7 सा ा कार स ात और यवहार - रामशरण जोशी थ श पी नई द ल 8 म इनस मला - डॉ पदम सह शमा कमलश आ माराम एड सस नई द ल 9 सा ह यकार क सग - कलाश कि पत कताबघर द ल 10 भारतीय सा ह यकार स सा ा कार - डॉ रणवीर रा ा भारतीय ानपीठ काशन नई

द ल

317 अ यासाथ न 1 सा ा कार स आप या समझत ह यह अ य वधाओ स कस कार भ न ह 2 सा ा कार क उपयो गता और मह व पर व तत काश डा लए 3 सा ा कार कतन कार क होत ह इनम स कौन-सा कार आपको अ धक भावी लगा

तक क साथ समझाइए 4 आप एक सफल सा ा कार कस कार लग व तार स बताइए 5 सा ा कार- या का व तार स उ लख क िजए 6 एक सफल सा ा कारकता म या वशषताए होनी चा हए इनम स कौन-सी वशषताए

आप अपन अदर अनभव करत ह 7 सा ा कार कला ह इस कथन क समी ा क िजए 8 पहला हद -सा ा कार आप कस मानत ह और य व तारपवक लख 9 स त ट प णया लख -

1 ट-मी डया म सा ा कार 2 इल ॉ नक-मी डया म सा ा कार 3 सा ा कार और अ य वधाए 4 मी डया म सा ा कार का मह व

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इकाई-4 समाचार का वग करण - (भाग-1)

इकाई क परखा 40 उ य 41 तावना 42 समाचार का व प 43 समाचार क त व 44 समाचार क कार एव वग करण

441 वषयव त क आधार पर 442 क त क आधार पर 443 या या क आधार पर 444 रपो टग व ध क आधार पर 445 ततीकरण क व श ट शल क आधार पर

45 साराश 46 श दावल 47 कछ उपयोगी प तक 48 अ यासाथ न

40 उ य इस पाठ का उ य समाचार इसक अथ इसक व प इसक त व तथा समाचार क कार क सबध म व तार स चचा करना ह बदल ह ए प रवश म समाचार का जन जीवन म या मह व हो गया ह समाचार क अथ और प रभाषा म पछल दो दशक क दौरान कस तरह का बदलाव आया ह वगत अव ध क दौरान समाचार का कौनसा नया वग करण तथा कौन-कौनस नए कार उभरकर सामन आए ह इन सब बात क इस पाठ क अ तगत चचा क गई ह इस पाठ का अ ययन करन क प चात आप जान सकग - समाचार या ह समाचार क परपरागत व नवीन प रभाषाए या ह समाचार क मख त व कौनस ह व भ न आधार पर समाचार का वग करण कस कया जा सकता ह तथा समाचार क

कार कौन कौन स ह

41 तावना पछल दो दशक क दौरान व वभर क मी डया जगत एव खासतौर पर ट मी डया क अवधारणा और व प म आमल प रवतन आया ह मी डया का काम सफ सचनाओ को

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य का य आम आदमी तक पह चाना भर नह रहा टल वजन और इटरनट न अब समाचारप को अपनी भ मका पर पन वचार क लए मजबर कर दया ह शायद यह कारण ह क समाचारप क मख प ठ पर आज कसी भी घटना क ाथ मक सचना क बजाय पछल दन टल वजन पर दखाई जा चक अमक घटना का व लषण प ठभ म या भाव दखाया जाता ह समाचारप म अब बयो ड ट ल वजन जन ल म क नई अवधारणा ज म लन लगी ह िजसक अ तगत वह करन का यास कया जाता ह जो ट वी नह कर सका समाचारप क बदल ह ए कलवर पर नजर डाल तो न सफ समाचार क दो दशक परानी अवधारणा बदल ह ई नजर आती ह बि क समाचारप क समाचारप होन पर भी बड़ा सा सवाल लगा दखाई दता ह समाचारप का मख उ य अब सचना दन क बजाय आम आदमी का मनोरजन करना अ धक हो गया ह अ धकाश समाचारप क प न गभीर राजनी तक समाचार क बजाय फ मी हि तय क ग त व धय स तथा वकास योजनाओ क सचना क बजाय वला सता और सर सपाट स जड़ी ताजातर न जानका रय जस - वा य सौ दय और लमर स जड़ी नवीनतम खोज व सचनाओ स भर दखाई दत ह हाल ह म इल ो नक मी डया का भार व तार हआ ह और समाचारप का सार भी बढ़ा ह इसक साथ ह मी डया का यापार करण हआ और बाजार पर क जा करन क मकसद स ह समाचार म मनोरजन का त व हावी हआ ह समाचारप क इस बदल ह ई त वीर क म नजर ह समाचारप म लखन क कई नवीन वधाओ का ज म हआ ह कछ समय पव तक प म जहा सफ त य आधा रत समाचार एव सपादक य आलख ह छपा करत थ वह आज समाचारप म हाड यज सॉ ट यज यज फ चर यमन टोर पािज टव यज एव अ य कई तरह क समाचार वधाओ का योग

होन लगा ह समाचार जगत क बदलती ह ई ज रत को यान म रखत ह ए प का रता क छा को समाचार लखन क इन नवीनतम वधाओ स प र चत होना ह चा हए

42 समाचार का व प आम जीवन म हम जब भी कसी प र चत अथवा अप र चत स मलाकात करत ह दोन मलाका तय का आपस म पहला सवाल यह रहता ह क और या खबर ह जब कसी म अथवा प र चत को यि तगत प लखा जाता ह पि त बरस स कछ य श क जाती रह ह अ कशलम त ा त क प चात समाचार यह ह क अथवा आग समाचार यह ह क वगरह rsquorsquo जा हर ह इसानी सवाद क एक म य वजह जानका रय का लना या दना रह ह जानका रय क त मानव सलभ िज ासा न ह समाचार को एक यवसाय क व त बना दया ह यह समाचार व तत पर मी डया जगत का क चा माल भी ह और इसका म य उ पाद भी परपरागत या याओ क अ तगत समाचार का अथ इसक अ जी नाम स समझा जाता ह िजसक अनसार NEWS स चार दशाओ नाथ ई ट व ट और साउथ का भान होता ह कई अ य प रभाषाओ का न कष भी यह दशाता ह क समाचार दरअसल सचनाओ का स ह ह कत एक यावसा यक नज रए स हम दख तो हर सचना समाचार नह हो सकती बहार

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क म यम ी का वहा क कसी क बनट म ी स गोपनीय वातालाप बहार क पाठक क लए नि चत प स समाचार हो सकता ह मगर म य दश क पाठक क लए यह जानकार एक ऐसी सचना भर ह िजसम उनक कोई च नह ह इस ि ट स हम कह सकत ह क समाचारप क लए वह सचना समाचार बनती ह िजस लोग जानना चाहत ह एक यि तगत वातालाप अथवा एक नजी च ी म द जान वाल जानका रया सब धत लोग क लए अव य समाचार हो सकत ह मगर अ य लोग क लए य मा अ चकर सचनाए ह इस ि ट स हम य भी कह सकत ह क समाचारप क लए व ह सचनाए समाचार ह िज ह अ धक स अ धक लोग जानना चाहत ह rsquorsquo

43 समाचार क त व कसी सचना को समाचार बनान म कछ कारण अपनी भ मका नभात ह यह कारण समाचार क त व कह जा सकत ह िजन लोग का कभी अदालती वाद- ववाद स पाला पड़ा हो व जानत ह ग क कोई भी वाद दायर करत समय वाद प म वाद कारण का उ लख कया जाता ह जो यह प ट करता ह क अमक ववशता क कारण यह वाद दायर कया जाना आव यक हो गया ह ठ क इसी तरह समाचार का शत करत समय पाठक को भी यह बताना ज र होता ह क अमक समाचार आज का शत करन का औ च य अथवा कारण या बना ह उदाहरणत हम नगर क कसी ऐस जलाशय पर समाचार फ चर बना रह ह िजसका वजद सौ वष स भी यादा समय स ह ऐस म हम यह अव य लखना होगा क इस जलाशय म पछल एक माह या छ माह क दौरान अचानक अ त मण बढ़ गए ह अथवा पछल दस रोज म तज गम क कारण इसका जल तर अचानक एक फट कम हो गया ह यह ताजातम ि थ त ह इस समाचार का कारक त व होगा कोई समाचार कस सीमा तक समाचार ह और कसक बाद असमाचार यह सब बात नधा रत करन वाल न न ल खत कछ मख त व ह िज ह समझना हमार लए नि चत प स उपयोगी रहगा समाचार लखन क मख त व ह- 1 जन च 2 ताजगी 3 ल त समह 4 जानकार का आकार 5 सपादक या रपोटर का ववक 6 ता का लक प रि थ तया 7 सचना मा यम क नी त 8 बदलत मानदड 1 जन च - समाचार का सबस पहला त व जन च ह कसी सचना म समाचारप पाठक

र डय ोताओ अथवा ट वी दशक क कतनी च ह यह उस समाचार क नमाण चयन लसमट अथवा ड ल का आधार बनता ह इसक अ त र त कतन लोग अथवा समाज क कतन बड़ वग क च अमक सचना म ह यह बात उस समाचार का आकार भी

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तय करती ह हम अ सर समाचार का मह व उसम द जान वाल जानकार बड़ आकड़ अथवा बड़ यि त क नाम स तय करन क गलती कर बठत ह कत समाचार जगत म ऐसी कसी भी सचना अथवा जानकार का मह व सफ जन च ह तय करती ह य द हम यावसा यक नज रए क बात कर तो कसी जानकार क बाजार माग ह उसक क मत तय करती ह

2 ताजगी- समाचार का एक मह वपण त व उपल ध जानकार क ताजगी ह सचना मा यम क दौड़ म अब वह वजता माना जाता ह जो सबस ताजा जानकार द आम आदमी समयातीत या परानी जानका रय म वह तक च रखता ह जहा तक व कसी ताजा घटना म क प ठभ म क ि ट स ास गक ह इस तरह स जो सचना िजतनी नई ह उतनी ह समाचार क ि ट स मह वपण ह

3 ल त समह - िजस हम बोलचाल म टारगट प या टारगट आ डय स कहत ह उसक भौगो लक दर घटना थल स कतनी ह यह बात भी समाचार का एक मह वपण त व ह बगलोर क नकट कसी गाव म घ टत बस दघटना म बीस लोग भी मर जाए तो इस राज थान क समाचारप म सगल कॉलम समाचार ह बनाया जा सकता ह मगर य द जयपर म ह ई दघटना म तीन लोग भी मार जाए तो यह थानीय प म दो अथवा तीन कॉलम क खबर बन सकती ह

4 जानकार का आकार - कसी समाचार म दया गया आकड़ा मतक क स या योजना का आ द आकार म कतना बड़ा ह यह त व भी समाचार को भा वत करता ह क त यह त व हमशा प रि थ तय पर नभर करता ह भौगौ लक दर अथवा जन च आ द त व वपर त होन पर यह त व ाय गौण रह जाता ह

5 सपादक या रपोटर का ववक - कसी खास सपादक या रपोटर क यि तगत सोच भी कई बार कसी समाचार क मह व को घटा अथवा बढ़ा सकती ह कसी शहर म आम तौर पर दो दन म एक बार पयजल आप त होती ह कसी दन यह आप त तीन रोज तक पह च जाती ह थानीय रपोटर एव सपादक क लए यह आम समाचार ह मगर शहर म एक नया रपोटर कसी ऐस शहर स आता ह जहा दन म दो बार जलाप त होती थी ऐस रपोटर क लए तीन दन म जल आप त एक ल ड समाचार जसा मह वपण हो सकता ह

6 ता का लक प रि थ तया - एक ह सचना अलग-अलग प रि थ तय म समाचार अथवा असमाचार हो सकती ह समाचारप म उस दन व ापन क स या अ य मह वपण घटना म क तलना मक ि थ त अथवा कछ अ य यावहा रक कारण एक ह सचना क मह व को घटा अथवा बढ़ा सकत ह दश क कसी लोक य यि त का नधन आम दन म समाचारप क थम ल ड बन सकता ह कत उसी दन दश क कसी भाग म भकप स कई लोग मार जाए तो इस यि त क नधन का समाचारप क कसी कोन म सगल कॉलम म भी का शत हो सकता ह

7 सचना मा यम क नी त - एक ह सचना क साथ अलग-अलग समाचारप अथवा अलग अलग सचना मा यम म भी अलग अलग यवहार हो सकता ह कछ ट वी चनल भत त

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क घटनाओ को बढ़ा चढ़ा कर दखात ह जब क कछ चनल सजीदा समाचार को ाथ मकता दत ह कसी समाचारप म आ याि मक समाचार मखता स छाप जात

ह तो कसी म बला कार या अपराध क खबर को बड़ा आकार ा त होता ह 8 बदलत मानदड - समाचार क त व ाय समय काल क अनसार भी बदलत रहत ह

एक समय था जब दश का धानम ी कसी भी दश म कोई भाषण दता था तो वह समाचारप क थम ल ड क प म का शत हआ करता था अब वह समय आ गया ह जब भाषण क लए भीतर प ठ क कोन म भी जगह नह मलती कसी अ भनता क ववाह क पाट अथवा कसी कट टार का म सग जो शायद कसी जमान म समाचार का वषय भी नह माना जाता था अब प क थम ल ड क प म छप सकता ह

44 समाचार क कार एव वग करण प का रता क म पछल बरस क दौरान जो बदलाव आए ह उनक अ तगत समाचार और लखन क कई नवीन श लया वक सत ह ई ह पाठक को आक षत करन क लए या त पधा म और स अलग नजर आन क लए समाचार त त क नत नए तर क क खोज

नर तर जार ह समाचार क अलग अलग कार को अलग-अलग णय म वग कत कया जा सकता ह समाचार क वग करण क जो मख आधार हो सकता ह व न नानसार ह- 441 वषयव त क आधार पर 442 क त क आधार पर 443 या या क आधार पर 444 रपो टग व ध क आधार पर 445 ततीकरण क व श ट शल क आधार पर

441 वषय व त क आधार पर वग करण

समाचार म द जान वाल साम ी जानकार त य तथा आकड़ पाठक य मनि थ त पर गभीर भाव डालत ह अथवा ह का फ का यह बात कसी समाचार को हाड यज अथवा सा ट यज क णी म वभािजत करती ह

(क) हाड यज ठोस त य पर आधा रत घटना धान एव समयब समाचार को हाड यज कहा जा सकता ह यह समाचार लखन क परपरागत शल ह ह या दघटना वधा यका क बठक वीआईपी का आगमन अथवा कोई मह वपण अदालती फसला हाड यज का वषय हो सकता ह हाड यज क मख वशषताओ को हम इस तरह अलग रख सकत ह थम हाड यज त य एव ठोस जानकार पर आधा रत होती ह वतीय हाड यज अखबार क ऐस ट न समाचार क णी म आती ह जो खद चल कर रपोटर क पास आती ह ततीय

हाड यज ाय सभी त पध समाचारप म एक ह दन का शत होती ह इ ह अगल

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दन क लए रोका नह जा सकता चतथ हाड यज क भाषा गभीर व सपाट होती ह पचम हाड यज का मख उ य पाठक को सचना दना होता ह ष ठम हाड यज ाय उ व परा मड क श ल म ह बनाई जाती ह िजसम ठोस व मख जानकार आर भ

म तथा गौण जानकार बाद म का शत क जाती ह उदाहरण- अि न पर ाrsquo म सफल अि न- 3

भारत न मसाइल तकनीक तक म लबी छलाग लगात ह ए 3 हजार कलो मीटर तक परमाण ह थयार क साथ मार करन म स म अि न-3 मसाइल का ग वार को सफल पर ण

कया बगाल क खाड़ी ि थत ह लर वीप क अत रम पर ण थल (आईट आर) स सबह 1052

बज इस छोड़ा गया यह दश क अब तक क सवा धक दर तक मर करन

वाल मसाइल ह यह चीन क बीिजग और शघाई तक मार करन म स म ह

(ख) सा ट यज जसा क नाम स ह जा हर ह सा ट यज क भीतर चकर जानकार दलच प अदाज म

तत क जाती ह गम क मौसम म अचानक सद हो जाना कसी भ त का दडवत करत ह ए तीथया ा करना कसी बारात म द ह स हत घोड़ी का भाग जाना आ द ऐस ह क-फ क वषय ह िजनक कसी समाचारप म न छपन पर पाठक प को अधरा तो महसस नह करता मगर िज ह पढ़न क बाद एक अवणनीय आन द का अनभव अव य करता ह सा ट यज क मख वशषताए इस कार ह थम सा ट यज म हाड यज क तरह सभी मख ककार का इ ो म होना आव यक नह माना जाता वतीय सा ट यज ाय समयब नह होती तथा जब तक कोई च चत घटना स जड़ा समाचार न हो इस उसी दन का शत करना ज र नह समझा जाता ततीय सा ट यज क भाषा ाय चट ल और महावरदार हआ करती ह चतथ सा ट यज का मख ल य सचना दना नह पाठक का मनोरजन करना होता ह पचम सा ट यज पाठक पर कोई गभीर भाव डालन क अप ा उसक भावना सवदना अथवा अनभ तय को पश करन का काय करती ह उदाहरण-

कान स ग बारा फलान वाला स न बड लयास गाव क सजय शमा (32) न कान स ग बार म हवा भरन का कारनामा कर दखाया ह लोग उस कान स ग बारा फलान वाला स त कहत ह दो साल पहल बनास नद म नहान क बाद सजय न कान स पानी नकालन क को शश क नाक बद करन पर कान स फ वार क तरह पानी बाहर आया एक-दो

दन बाद उसन ट वी पर एक यवक को म ह स मोटर साइ कल क यब म हवा भरत दखा इसक बाद उसन कान स ग बार म हवा भरन क को शश श क छह मह न बाद उसन दो त क सामन ग बार म कान स हवा भर कर दखाई

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442 क त क आधार पर

समाचार क वग करण का एक आधार उस सचना क क त भी ह जो क पाठक तक पह चाई जानी ह अलग- अलग ोत अथवा मा यम स ा त होन वाल सचनाओ का ल य एव वषय अलग-अलग हो सकता ह सचना क क त क आधार पर हम समाचार का न न ल खत णीकरण कर सकत ह - (क) भाषण (ख) व त य (ग) स नोट (घ) वकास समाचार (ङ) त या (क) भाषण राजनताओ मख यि तय लोक य हि तय अथवा ब लोग वारा

सावज नक थल पर दए जान वाल भाषण हमशा स समाचार का वषय बनत रह ह क त पछल एक दशक स भाषण का कवरज समाचारप म काफ हद तक सी मत हो चला ह भाषण स जड़ समाचार का इ ो बनात समय दो बात को यान म रखा जाता ह थम तो यह ह क भाषण दन वाला यि त कतनी जानी मानी शि सयत ह दसर भाषण म कह गई बात आम लोग को कस सीमा तक भा वत या उ व लत करन वाल ह राजनताओ का भाषण कवर करत समय उनक वारा क गई नई घोषणाओ को सबस पहल वर यता द जाती ह य द कोई घोषणा नह ह ई ह तो उनक वारा कह गई कसी नई ववादा पद या तीखी बात को मखता द जाती ह

(ख) व त य कछ मख अवसर पर वशष यि तय वारा वशष व त य जार कए जात ह दो दश क शखर यि तय क वाता क प चात सय त व त य जार करन क पर परा भी रह ह कभी कसी बड़ी घटना या वशष अवसर पर सरकार या शासन क ओर स भी व त य जार कए जात ह िजनका ल य ाय कसी खास मसल पर सरकार प रखना या कसी म क ि थ त को दर करना होता ह ऐस व त य को इनक मह व क अनसार स वारा औपचा रक तर क स ाय ह-ब-ह का शत कया जाता ह

(ग) स नोट समाचारप म का शत होन वाल समाचार का एक मख ोत स नोट अथवा स व ि तया होत ह सरकार व शासन क ओर स जनस पक वभाग नय मत प स सरकार ग त व धय पर स नोट जार करत ह इनम अनक कार क जनोपयोगी

एव जन च क सचनाए भी रहा करती ह कई बार नजी स थाओ वयसवी स थाओ व व भ न वभाग क ओर स भी स नोट जार कए जात ह स नो स क भाषा औपचा रक ल य चार एव सचनाए एकतरफा हआ करती ह

(घ) वकास समाचार वकासा मक समाचार काफ हद तक सनोट अथवा सरकार व त य क क त क होत ह आमतौर पर हम समाचार क प रभाषा जन च स जड़ी सचना

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स करत ह तथा जन च ाय पोल खोल समाचार म अ धक दखाई दती ह इस ि ट स सरकार वारा जार वकास क आकड़ भावी वकास योजनाए दश रा य अथवा सरकार क ग त क सचनाओ म आम पाठक क अ धक च नह होती कत कसी ऐस म पर य द कोई वकास समाचार जार होता ह जो कसी गभीर जन सम या स जड़ा हआ ह तो इसम पाठक क गहर च होती ह मसलन कसी पयजल सम या त इलाक म मह वाका ी पयजल योजना स जड़ा समाचार अथवा कसी भीड़भाड़ और फक जाम वाल इलाक म ओवर ज बनन स जड़ी सचना आ द

(ङ) त या कसी खास अवसर पर अथवा कसी च चत म को लकर या तो मी डया वारा सब धत प स त या आम त क जाती ह अथवा कसी मख मामल म वशष यि त या पदा धकार मी डया को अपनी राय दत ह उनक बात त या क प म छपती ह

443 या या क आधार पर

समाचार बनात समय अमक जानकार क त रपोटर अथवा सपादक का नज रया भी अपना काम करता ह समाचार पर रपोटर क ि टकोण का जो भाव पड़ता ह इस यान म रखत ह ए समाचार को दो णय म बाटा जा सकता ह

(क) सीधा समाचार (ख) या या मक समाचार (क) सीधा समाचार

जब कसी वषय वशष क सबध म उपल ध सचनाओ को हाड यज क श ल म यथावत पश कया जाता ह तो ऐस समाचार को सीधा समाचार कहा जाता ह ाय घटना धान समाचार म त य को यथावत पश कर दया जाता ह ऐस समाचार म पाठक को कसी न कष पर पह चन अथवा कोई राय बनान म रपोटर क ओर स कोई सहायता नह क जाती दख एक समाचार

रा य म पहल सज को काननी दजा अजमर रोड पर कलवाड़ा गाव म ता वत म ह ा व ड सट क सचना ौ यो गक (आईट ) वशष आ थक (सज) को क सरकार न काननी दजा द दया ह इसक बाद अब आईट क कप नया यहा अपना कारोबार था पत कर सकगी सज नमाण पर दश यापी ज ोजहद और नई पा लसी जार होन क बाद राज थान का सरकार क भागीदार वाला यह पहला सज होगा िजस काननी दजा मला ह इसम र को क 26 तशत भागीदार ह

(ख) या या मक समाचार या या मक समाचार को हम एक सीमा तक वचार म त त य वाला समाचार कह सकत ह मगर ऐस समाचार म वचार उसी सीमा तक वाछनीय होत ह जहा तक य पाठक को कसी सचना वशष क प ठभ म अथवा इसक भावी प रणाम को समझन म सहायता करत ह कछ जानका रय को लकर रपोटर का कोई खास ि टकोण होता

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ह अथवा वह अपनी अ त र त जानकार क मा यम स कसी समाचार क या या करता हआ इस पश करता ह ता क पाठक को समझ म आ जाए क इस जानकार का मह व या ह अथवा इसस फक या पड़न वाला ह ऐस समाचार को या या मक समाचार

क णी म रखा जाता ह क त या या मक समाचार लखन क जो खम उ ह लखक को उठानी चा हए जो वषय पर परा अ धकार रखत ह तथा अपनी व वसनीयता पर आच लाए बगर समाचार क या या कर सकत ह जस-

इ फो सस- व ो का रा ता साफ राजधानी जयपर म ता वत म ह ा व ड सट ल मटड क ता वत पशल इकोनो मक जोन (सज) म क यटर सॉ टवयर नमाता क प नय इ फो सस व व ो क आन का रा ता साफ हो गया ह क य वा ण य म ालय न सागानर तहसील क कलवाड़ा गाव म 188 एकड़ जमीन को सचना ो यौ गक सज क प म अ धस चत होन क बाद उसम मलन वाल कर रयायत लाग हो गई ह िजसस इसका वकास तजी स होगा

444 रपो टग व ध क आधार पर

कसी समाचार पर काय करत समय अथवा जानकार क सकलन म रपोटर न कौनसी व ध का इ तमाल कया ह इस आधार पर समाचार क न न ल खत वग करण हो सकत ह - (क) सा ा कार (ख) सव ण (ग) खोजपण समाचार (क) सा ा कार - समाचार सकलन एव लखन क काफ लोक य शल ह सा ा कार कसी

भी यि त का सा ा कार ाय दो अलग-अलग कारण स कया जा सकता ह पहला कारण तो उस यि त क खास शि सयत हो सकती ह कसी मख यि त क समाचारप काशन म आगमन पर उसस औपचा रक मलाकात इस आशय स क जाती ह क वह अमक प क पाठक क लए कोई नई जानकार द इस ि थ त म यि त क शि सयत का मह व अ धक होता ह उसक वारा द गई जानकार का कम दसर ि थ त म रपोटर क पास पहल स कोई मह वपण जानकार और म ा मौजद होता ह तथा कसी खास ब द पर ह वह अमक यि त का सा ा कार करना चाहता ह इस ि थ त म जानकार अथवा म ा मह वपण होता ह एव यि त गौण सा ा कार पर आधा रत समाचार क त त क दो तर क होत ह पहला ह नो तर का तर का एव दसरा ह ट ट क प म सीधा समाचार का शत करन का नो तर शल का योग ाय प काओ म होता ह जब क दसर शल म समाचार प ठ पर सा ा कार भी समाचार क भीतर दए गए एक सामा य व त य क तरह ह तत कया जाता ह

(ख) सव ण आधा रत समाचार - सव ण पर आधा रत समाचार ाय कसी साम यक घटना अथवा म को लकर बनाए जात ह चनाव क दौरान चनाव पव सव ण पाठक क च का वषय हआ करता ह सव ण आधा रत समाचार म समाचार लखक क सम

कोई वचार प रक पना अथवा म ा पहल स मौजद रहता ह रपोटर अपनी प रक पना क प अथवा वप म लोग क वचार एक त करत ह तथा इन वचार को खास न कष

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क श ल म पाठक क सम तत करत ह सव ण आधा रत समाचार को लकर अ सर यह सवाल उठता ह क सव ण क लए चन गए लोग क चनाव का आधार या था इस बात को लकर सवाददाता पर अ सर यह आरोप लगता ह क व अपन पवा ह को चद लोग क मा यम स आम सोच क प म था पत करना चाहत ह इसक बावजद सव ण समाचार व लषण का एक भावशाल तर का माना जाता ह

(ग) खोजपण समाचार - खोजपण समाचार पछल कछ दशक क दौरान उ साह प कार क बीच लोक य ह ई समाचार लखन क एक वशष वधा ह अम रका का बह च चत वाटरगट काड प का रता क इ तहास म या त पान वाला ऐसा पहला करण कहा जा सकता ह िजसन न सफ त काल न अमर क रा प त रचड न सन को अपना पद छोड़न पर मजबर कर दया बि क व व भर क प का रता को एक नई दशा द डाल खोजपण समाचार दरअसल द साह सक प का रता क प रणाम होत ह िज ह पान क लए प कार को एक जासस क भ मका नभानी होती ह खोजपण समाचार म कसी ऐसी सचना का रह यो घाटन कया जाता ह िजस कसी थान पर कसी यि त वारा दबान का यास कया गया हो जा हर ह ऐसी जानकार को बाहर लान क लए रपोटर वारा वशष यास करन होत ह कई खोजी प कार क अनभव क आधार पर समाचार

खोज क वशष तकनीक को यज इ वि टगशन नाम द दया गया ह

445 ततीकरण क व श ट शल क आधार पर

समाचार क व श ट क त अथवा इसक खास ल य को यान म रखत ह ए इसक त तकरण म भी अलग-अलग श लय का योग कया जाता ह समाचार को तत करन क इन श लय क आधार पर समाचार क न न ल खत भद हो सकत ह - (क) यज फ चर (ख) यमन टोर (ग) यमरस यज (व)पािज टव टोर (क) यज फ चर

यज फ चर दरअसल समाचार और फ चर क मल जल वधा ह यज फ चर सचना मकता त य क ताजगी तथा साम यक मह व आ द गण क ि ट स समाचार क कर ब ह कत भाषा शल व लषणा मकता तथा रजकता आ द गण क कारण फ चर जसा ह यज फ चर कसी घटना क साइड टोर अथवा फॉलोअप क प म भी बनाए जा सकत ह तो य अपन आप म वत आलख भी हो सकत ह कसी वलत सम या कसी आयोजन कसी अवसर अथवा यि त पर भी यज फ चर बनाए जा सकत ह मगर इनम दो बात का होना बह त ज र ह थम तो यह क कसी थान अवसर अथवा यि त क बार जो बात लखी जा रह ह उसम अ य थान अवसर अथवा यि तय स कोई बात अलग हो दसर वतमान सदभ म जो बात यज फ चर लखन का कारण बन रह हो वसी बात पहल कभी नह ह ई हो

(ख) यमन टोर

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यमन टोर भी य य प एक क म का यज फ चर ह ह मगर ऐस समाचार म मानवीय सवदनाओ क धानता रहती ह कसी यि त पर हो रह ज म मानव अ धकार का हनन कसी वकलाग यि त का जीवन सघष कसी मानव पा वारा द शत असाधारण मानवीयता आ द मानवीय समाचार क म य वषय हआ करत ह ऐस समाचार लखत समय भाषा शल म क णा सवदना मा मकता हा य अथवा अ य कसी मानवीय भावना को उभार कर ि थ त का श द च खीचन का यास कया जाता ह

(ग) यमरस यज यमरस यज ाय व छोट-छोट समाचार होत ह िज ह समाचार प ठ पर बीच बीच

म बॉ स बना कर खास अदाज म पश कया जाता ह इ ह यमरस इस लए कहा जाता ह य क इनम द जान वाल जानकार ाय चटपट अथवा मनोरजक हआ करती ह लाल यादव साइ कल पर द तर गए टायर पचर होन क कारण म यम ी को ढाब पर कना पड़ा नताजी रफ अहमद कदवई को मह मद रफ बोलत रह आ द जानका रया

अ सर यमरस यज का वषय हआ करती ह ऐस समाचार को रोचक और ल छदार भाषा म पश करन पर ह य पाठक पर भाव डाल पात ह

(घ) पािज टव टोर जसा क नाम स ह जा हर ह पािज टव टोर जीवन क सकारा मक पहल को उजागर करन स ह जड़ी होती ह समाचारप क पहचान आज अपराध दघटना घपल

टाचार जस नकारा मक समाचार स बन चक ह ऐस म कोई एक समाचार जीवन क कसी उजल प को उजागर करता ह तो पाठक को यह म थल म बरसात जसा सखद अहसास कराता ह एक ब चा अपन कसर पी ड़त दो त क इलाज क लए कार साफ करक पसा बटोर रहा ह कसी कल बस क दघटना क बाद अ पताल क म हलाओ न घायल ब च को गल लगाया और ढाढस बधाया भक प म अनाथ ह ई ब ची को कसी द प त न अपना लया आ द जानका रया अ छ पािज टव टोर का वषय हो सकती ह

(ङ) खानाबदोश नतक बनी राजनी त क खलाड़ी उ तर दश क रामपर िजल क शाहबाद वधानसभा सीट क लए का स उ मीदवार क प म खड़ी ग डी बगम क िज दगी हमशा स सघष का पयाय रह ह फर भी वह हर

परशानी का मकाबला िज दा दल स करती ह कभी गल मह ल म नाच करन वाल खानाबदोश नट समदाय क ग डी बगम ( नमला दवी) अपन मि लम मी स शाद करन क लए मसलमान बन गई इसक बाद वह राजनी त क म उतर और िजला पचायत क सद य चनी गई अब वह एमएलए बनन क लड़ाई लड़ रह ह ग डी का कहना ह क हम वकास क बात करनी चा हए न क बीती िज दगी क

बोध न- 1 हाड यज या ह

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45 साराश हमन दखा क प का रता क वकास या ा क दौरान समाचार क कई कई नई वधाए वक सत हो गई समाचार क व भ न भद समझन क लए हमन इनका अलग-अलग आधार पर अलग-अलग वग करण कर दया वषय व त क आधार पर हाड यज व सॉ ट यज रपो टग तकनीक क आधार पर सा ा कार सव ण एव खोजपण समाचार क त क आधार पर भाषण व त य स नोट या या क आधार पर सीधा व या या मक समाचार व श ट शल क आधार पर यज फ चर यमन टोर यमरस टोर व पािज टव टोर आ द का वग करण कया गया अगल अ याय म समाचार क कछ और भद अलग आधार पर कए गए ह

46 श दावल इस इकाई म य त श दावल इस कार ह-

ट मी डया - व सचना मा यम जो कागज और याह क मा यम स अथात छपाई क तकनीक स लोग तक अपनी बात पह चात ह इनम समाचारप व प काए मख ह

लसमट - समाचारप म कसी समाचार का थान नधा रत करन क या को लसमट कहत ह जस इस मख प ठ पर लगाया जाए या भीतर मख प ठ क शीष पर लगाया जाए अथवा बॉटम म

ड ल - कसी समाचार अथवा फोटो क समाचारप म त त तथा इसक वजअल भाव को ह ड ल कहा जाता ह

टारगट प - लोग का वह समह िजस यान म रख कर समाचार लखा जा रहा हो

सगल कॉलम - द नक समाचारप क मख प ठ को ाय 8 कॉलम म बाट दया जाता ह ऐस म िजस समाचार का फलाव एक ह कॉलम तक सी मत हो उस सगल कॉलम कहा जाता ह

थम ल ड - समाचारप क मख प ठ क शीष पर आरि भक कॉल स म जो सव थम पठनीय समाचार लगाया जाता ह वह थम ल ड कहलाता

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ह इ ो - समाचार का मखड़ा अथवा आमख दरअसल साराश म कहा गया सपण

समाचार ह होता ह

47 कछ उपयोगी प तक यज राइ टग ए ड रपो टग फार टड ज मी डया - स डी इटपल व डगलस ए ए डरसन

ब सक यज राइ टग - मि वन म शर ब सक जन ल म - रगा वामी पाथसारथी समाचार सकलन और लखन - नद कशोर खा सपादन प ठ स जा और म ण - ो रमश जन समाचार सपादन - मनाथ चतवद समाचार और सवाददाता - डा नशात सह सवाद और सवाददाता - राज समाचार अवधारणा और लखन कया-सपादन - सभाष ध तया आनद धान

48 अ यासाथ न 1 एक पाठक क नजर स आप समाचार कस मानत ह समझाइय समाचार क मख

त व कौन-कौन स ह 2 हाड यज व सॉ ट यज म या अ तर ह उदाहरण स हत समझाइय 3 एक अ छ यमन टोर क या वशषताए होती ह उदाहरण स हत समझाइए

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इकाई-5 समाचार का वग करण - (भाग-2)

इकाई क परखा 50 उ य 51 तावना 52 समाचार का वग करण

521 घटना क मह व क आधार पर 5211 व श ट समाचार 5212 यापी समाचार

522 अथवा थान क आधार पर 5221 थानीय समाचार 5222 ातीय समाचार 5223 रा य समाचार 5224 अतररा य अथवा वदश समाचार

523 वषय अथवा बीट क आधार पर 5231 राजनी तक समाचार 5232 चनाव समाचार 5233 ससद य समाचार 5234 व ान समाचार 5235 तर ा समाचार 5236 अपराध समाचार 5237 अदालती समाचार 5238 वा ण य समाचार

53 साराश 54 श दावल 55 कछ उपयोगी प तक 56 अ यासाथ न

50 उ य पछल पाठ म हमन समाचार इसक अथ एव व प क साथ-साथ समाचार क व भ न कार एव अलग-अलग आधार पर इनक णीकरण क सबध म अ ययन कया समाचार क णीकरण को लकर ह कछ अ य ब दओ का हम इस पाठ क अतगत अ ययन करग

इस पाठ का अ ययन करन क प चात हम जान सकग क -

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घटना क मह व क आधार पर व श ट एव यापी समाचार या होत ह समाचार क कवरज ए रया अथवा क आधार पर थानीय ातीय अ तदशीय

अ तरा य ामीण एव सट समाचार म या भद होता ह बीट कस कहत ह बीट क आधार पर समाचार का णीकरण कस होता ह तथा बीट

कौन कौन सी होती ह इसक अ त र त राजनी तक ससद य अपराध व ान तर ा वा ण य अदालती

समाचार आ द क सबध म प र चत हो जाएग

51 तावना समाचार का मल त व पाठक य च अहम भ मका अदा करती ह इस ि ट स हर वह सचना समाचार ह िजसम पाठक य च होती ह मगर हर समाचार म च रखन वाल पाठक का तर व च का अश समान नह होता पाठक य च क हर समाचार को न तो समाचारप क म य ल ड क थान पर लगाया जा सकता ह और न ह हर तरह क समाचार क कवरज क लए खल सवाददाता वा ण य सवाददाता अथवा अपराध सवाददाता जस कसी भी रपोटर को ह भजा जा सकता ह जा हर ह समाचार बधन क काय क लए समाचार क क म और क त क पहचान ज र होती ह कसी समाचार को मख प ठ पर लगाया जाना ह अथवा भीतर प ठ पर चार कॉलम म लगाया जाना ह अथवा सगल कॉलम म यह नणय करन स पव यह दखना ज र होता ह क समाचार सफ एक वग वशष क च का ह अथवा हर आम आदमी क च का कस स करण म दया जाए इसका फसला करन क लए यह जानना ज र होता ह क घटना कस म घ टत ह ई ह तथा समाचार कस क लोग क च का ह समाचार बधन क अतगत कई बार यह भी दखना होता ह क कवरज कए जान वाल वषय क अतगत कोई वशष ता पण जानकार क आव यकता तो नह य द ऐसा ह तो वषय को सह ढग स समझन वाल को ह इसक कवरज का कायभार स पना होता ह इसी वजह स समाचारप क कायालय म व भ न रपोटर क बीच वषयानसार काय का बटवारा कर दया जाता ह

52 समाचार का वग करण इस इकाई क अ तगत हम तीन मख आधार पर समाचार क वग करण का अ ययन करग जो इस कार ह - 1 घटना क मह व क आधार पर 2 अथवा थान क आधार पर तथा 3 वषय अथवा बीट क आधार पर

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521 घटना क मह व क आधार पर

समाचारप कायालय म समाचार का यह णीकरण इस बात को तय करन म सहायता करता ह क कस समाचार को कतना मह व दया जाए समाचार क मह व क आधार पर ह यह बात तय होती ह क समाचार को कतन कॉलम का शीषक लगाया जाए समाचार का आकार कतना बड़ा रखा जाए इस कौन स प ठ पर द इसक साथ च भी लगाया जाए अथवा नह तथा या इसक साथ कसी साइड टोर अथवा ट पणी आ द क आव यकता ह या नह घटना क मह व क ि ट स समाचार को दो भाग म बाटा जा सकता ह - 1 व श ट समाचार 2 यापी समाचार

5211 व श ट समाचार

व श ट समाचार व होत ह जो कसी खास पाठक समह क च स सबध रखत ह यह पाठक समह भौगो लक क अनसार भी हो सकता ह तथा इसम न हत लोग क समान हत समान चय या समान प रि थ तय क आधार पर भी हो सकता ह कछ समाचार एव घटनाए बड़ी होन क बावजद कसी वशष क लोग क च स जड़ी होती ह इस आधार पर समाचार क णीकरण का अ ययन हम अगल ब द क तहत करग कछ समाचार एव घटनाए ऐसी होती ह जो कसी खास वग क च स जड़ी होती ह जस खल समाचार वा ण य समाचार राजनी तक समाचार व ान समाचार आ द ऐस समाचार म हर पाठक क च होना ज र नह ह न न ल खत उदाहरण म जो समाचार दखाया गया ह उसस अधीन थ लखा सवा क कमचा रय क अलावा अ य लोग क च होना सभव नह ह -

शपथ हण समारोह कल जयपर 30 जन राज थान अधीन थ लखा सवा िजला शाखा जयपर क नवग ठत कायका रणी का शपथ हण समारोह 2 जन को शाम 530 बज व त भवन प रसर म आयोिजत कया जाएगा म य अ त थ व त रा यम ी वीर मीणा शासन स चव ( व तीय वतीय) सजय म हो ा तथा कोष एव लखा नदशक पीआर शमा व दश पदा धकार इसम भाग लग

5212 यापी समाचार

यापी समाचार स आशय ऐस समाचार अथवा घटनाओ स ह िजनका असर यापक हो तथा यादा स यादा लोग क इसम च हो ऐस समाचार म कसी भी पाठक क च महज

इसानी िज ासा क आधार पर हआ करती ह चाह उस घटना का य अथवा परो प स उस पर कोई भाव पड़ रहा हो अथवा नह रा य अथवा अतररा य तर पर होन वाल घटना-दघटनाए आतककार हमल खगोल य घटनाए महगाई आ द पर आधा रत समाचार ाय आम च स जड़ होत ह यापी समाचार समाचारप म का शत व समाचार होत

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ह िज ह प क अ धका धक पाठक न सफ पढ़त ह - बि क परा पढ़त ह त पधा क दौर म यक समाचारप अपन प न का अ धका धक तशत यापी समाचार स ह भरना चाहता ह -

इ तीफ क धमक नई द ल 1० अग त अम रका क साथ एटमी करार को लकर जहा यपीए सरकार और वाम दल क बीच टकराव बढता जा रहा ह वह ऐसी खबर भी आ रह ह क वाम दल क उ तवर को शात करन क लए धानम ी मनमोहन सह इ तीफ क धमक का मा भी चला चक ह वाम दल म व भ न स क मता बक धानम ी न मगलवार दर रात जब माकपा महास चव काश करात और भाकपा नताओ एबी बधन और डी राजा स फोन पर बात क थी तब व भावक हो उठ थ इसक चद घट पहल वाम दल एटमी करार को सर स खा रज कर चक थ स का कहना ह क धानम ी न इस बातचीत म मझ हटन क इजाजत दो जस श द का इ तमाल कया इसका अथ इ तीफ स लगात ह ए वाम दल क नता बचाव क म ा म आ गए और व धानम ी स इस मसल पर एक और दौर क वाता क लए तयार हो गए

522 अथवा थान क आधार पर

समाचार का एक मख त व माना जाता ह नकटता नकटता स आशय भौगो लक नकटता स ह िजतनी अ धक भौगो लक नकटता होगी घटना म उतनी ह अ धक पाठक य च होगी एक जसी ह घटना मरठ और जयपर म घ टत हो तथा दोन ह घटनाओ क प रि थ तया एव भा वत क स या बराबर हो तो ज र नह क दोन ह जगह क समाचारप म दोन ह समाचार को बराबर का थान मल मरठ क प म जहा एक तरफ मरठ क खबर को अ धक मह व मलगा वह जयपर क खबर उस क प म एक कॉलम म भी शायद ह थान पाए ठ क ऐसा ह जयपर क समाचारप म मरठ क घटना क साथ होगा समाचार क मह व पर पड़न वाल इस भाव क कारण ह ीय आधार पर समाचार क वग करण क आव यकता पड़ती ह अथवा थान क आधार पर समाचार का न न वग करण कया जा सकता ह -

1 थानीय समाचार 2 ातीय समाचार 3 अतदशीय अथवा रा य समाचार 4 अतररा य व वदश समाचार

5221 थानीय समाचार

थानीय समाचार स सीधा ता पय उन समाचार स ह जो समाचार बनान वाल अथवा समाचार प न वाल यि त क शहर क ब अथवा ाम स सबध रखत ह कसी समाचारप का

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स करण जब काशन थल स अ य कसी गाव अथवा शहर म जाता ह तो सभव ह क जो समाचार इसक बनान वाल क लए थानीय ह वह पढ़न वाल क लए बाहर समाचार हो कत आम तौर पर समाचारप म थानीय समाचार अथवा लोकल यज इसक काशन क स जड़ शहर क ब क खबर को ह कहा जाता ह समाचारप म थानीय स करण सबस ताजा स करण होता ह य क इस स करण क काशन थल स वतरण थल तक प रवहन म लगन वाल समय क बचत क कारण इस

दर रात तक छापना और इसम ताजातम समाचार कवर करना आसानी स सभव हो पाता ह थानीय स करण म थानीय समाचार क मखता रहती ह िजनम थानीय घटना-दघटनाओ क अलावा थानीय वकास स जड़ी योजनाए थानीय सम याए मख थानीय लोग क ग त व धया व अ य थानीय हलचल स जड़ी खबर शा मल रहती ह

कछ समाचारप थानीय घर म होन वाल ज म व म य स जड़ छोट समाचार का शत कर थानीय लोग स नजद क था पत करन का यास भी करत ह

रा य समाचारप व ट वी चनल स त पधा क बावजद भाषाई समाचारप का वजद दरअसल थानीय समाचार क बत पर ह कायम ह थानीय समाचार क कवरज क लए यक समाचारप म अलग स एक वभाग होता ह

कछ प म सट ए डटर व अ धकाश म एक चीफ रपोटर अनक रपोटर क ट म का नत व करता ह तथा शहर क व भ न ग त व धय क कवरज म इनका मागदशन करता ह

5222 ातीय समाचार

य तो यक समाचार दश क कसी न कसी ात स सब धत होता ह कत जब कछ समाचार क समह को एक ात वशष क नाम स अलग पहचान द द जाती ह तो य समाचार ातीय समाचार क वग म शा मल हो जात ह रा य समाचारप म भी समाचारप का कोई एक प ठ अथवा प ठ का कोई एक कोना कसी ात वशष क लए नधा रत कर दया जाता ह इस प ठ पर उस ात या दश वशष क च नदा समाचार को थान दया जाता ह ऐसा करन का एक लाभ तो यह होता ह क उस ा त वशष क खबर म च रखन वाल पाठक को अपनी च क खबर एक नि चत जगह पर ा त हो जाती ह दसरा यह उस ात क पाठक स समाचारप क भावना मक जड़ाव क रणनी त का ह सा भी ह जहा तक ीय तर पर छपन वाल भाषाई समाचारप का सबध ह इनम ातीय समाचार को वशष मह व ा त होता ह ातीय तर क राजनी त ात क वकास स जड़ी नी तया ातीय तर क राजनताओ क ग त व धया आ द इन समाचारप म मखता क साथ का शत

क जाती ह ीय तर पर समाचारप क त पधा जब स थानीय तर पर उतर आई ह ातीय

समाचार का मह व कछ कम होन लगा ह पाठक को अ धक स अ धक उनक नजद क क समाचार पढ़वान क होड़ म समाचारप क थानीय स करण क बाढ़ सी आ गई

ह अनक समाचारप न एक एक ात म बारह-बारह थानीय स करण का शत करन

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श कर दए ह िजनम थानीय समाचार क ह मखता रहती ह थानीयता क यह होड़ इस सीमा तक जा पह ची ह क कई बार एक िजल क लोग को यह पता नह चल पाता क उनक पास क ह िजल म या बड़ी घटना घ टत हो गई ह यव था क तौर पर इन थानीय स करण म भी ातीय समाचार क लए एक अथवा दो प ठ नधा रत कर दए जात ह िजनम स पण ात क मख खबर स म लत करन का यास कया जाता ह

5223 रा य समाचार

ाय सभी द नक समाचारप म आज भी हाड यज क प ठ पर सव च वर यता रा य तर पर घ टत घटना म को ह द जाती ह ट वी चनल क बदौलत रा य तर क

घटना म को य य प अब हाथ -हाथ उसी दन दखा जाना सभव हो गया ह मगर इसक बावजद पाठक य िज ासा क भख अगल दन समाचारप म इस पढ़न क बाद ह पर तरह शात होती ह कोई वमान दघटना कोई बड़ी रल दघटना सीमा पर झड़प आतककार घटनाए कसी रा य नता स जड़ी कोई खबर अथवा रा य तर क कोई वकास योजना रा य समाचार का वषय हो सकती ह रा य तर क हद अथवा अ जी अखबार क मख प ठ पर रा य समाचार क ह बह लता रहती ह कत भाषाई एव ीय समाचारप न ट वी एव रा य समाचारप क त पधा स अलग वक सत करन क ि ट स अब ातीय एव थानीय समाचार को रा य समाचार स अ धक मह व दना श कर दया ह इन समाचारप म अब रा य तर क व ह समाचार शा मल हो पात ह जो क घटना क मह व क आधार पर यापक ह अथवा जो अपन चटपटपन अनोखपन या कसी खास दलच पी क कारण पाठक य च स जड़ ह ए ह

5224 अतररा य अथवा वदश समाचार

अतररा य अथवा वदश समाचार व होत ह जो कसी समाचारप स जड़ म क स बाहर क घटनाओ पर आधा रत होत ह व भ न दश क बीच य और स धया अतररा य सबध अतररा य यापार यएनओ अ य रा क आ त रक राजनी त या व व तर य चटपट समाचार ऐस ह समाचार क णी म आत ह अतररा य समाचार का काशन रा य तर क अखबार वशष प स अ जी क अखबार म अ धक होता ह भाषाई एव ीय समाचारप म वदश समाचार ाय व ह कवर होत ह जो या तो व ड ड टावर जसी कसी बड़ी दखाि तका स सब धत ह अथवा य ऐस कसी वषय स जड़ हो िजसस आम पाठक य च जड़ी ह ई हो वा य सबधी कोई नई खोज लाइफ टाइल या कसी मशह र वदशी शि सयत स जड़ी कोई चटपट घटना वदश समाचार क कॉलम म अ सर थान पा जाती ह -

ह टन न कया एक और जम ययाक 30 जन शराब पीकर गाड़ी चलान क जम म पाच जन स जल जान क तयार

कर रह हॉल वड क खबसरत अ भन ी प रस ह टन अब गाड़ी पा कग नयम क उ लघन मामल म फस गई ह 26 वष या सनहर बाल वाल ह टन कल शाम यहा अपनी कार को

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नधा रत पा कग थल पर लापरवाह स खड़ी करक पास ि थत एक ा ट टोर म च कार करन चल गई िजसक बाद फक प लस न उनक कार पर जमाना ठ क दया गौरतलब ह क वष 2006 म शराब पीकर गाड़ी चलान क मामल म ह टन क जल क सजा पाच जन स श हो रह ह उ ह लास ऐिज स सचर र जनल डटशन सटर म अपनी 23 दन क यह सजा काटनी ह और इस सल सल म जल अ धका रय न अपनी तया रया भी कर ल ह

523 वषय अथवा बीट क आधार पर

कारोबार म एक कहावत ह क मौत और ाहक का कोई भरोसा नह जान कब आ जाए ठ क इसी तरह प कार क लए यह कहावत खर ह क समाचार का कोई ठकाना नह जान कब और कहा मल जाए समाचार का य द कोई नि चत ठकाना हआ करता तो हर समाचारप का द तर उसी ठकान पर खलता ह जहा समाचार खद-ब-खद द तर क आगन म आकर एक त हो जाए मगर ऐसा नह होता दघटना अपराध घटना म य जस समाचार बशक कसी समाचारप क द तर म खद चल कर पह च जात ह मगर कई समाचार अलग अलग इलाक अलग अलग वभाग और अलग अलग द तर म दब- बखर पड़ होत ह िज ह खद जाकर लाना पड़ता ह िजस तरह अलग-अलग म ढर समाचार बखर पड़ रहत ह उसी तरह समाचारप क द तर म अनक रपोटर समाचार क टोह म इतजार करत रहत ह ऐसी ि थ त म कसी थान स कसी समाचार क खशब आत ह द तर क सार रपोटर य द एक साथ समाचार थल पर पह च जाए तो समाचार सकलन का काय एक तमाशा बन सकता ह इसी तरह

कह कोई बड़ा हादसा हो जाए और द तर का हर रपोटर इस भरोस म रह क कोई अ य रपोटर वहा पह च गया होगा तो सभव ह इस घटना का समाचार अखबार म का शत ह न हो इन सब गड़ब ड़य स बचन क लए ह समाचारप रपोटर क बीच काय वभाजन क एक नि चत यव था बनाई जाती ह िजसक अनसार यक रपोटर का काय नधा रत कर दया जाता ह इस नधा रत काय को ह दरअसल बीट कह कर पकारा जाता ह रपोटर क बीट का नधारण अलग-अलग आधार पर कया जा सकता ह जस- सव थम भौगो लक क आधार पर रपोटर क बीट नधा रत क जा सकती ह कसी शहर का व तार य द असाधारण प स बड़ा ह तो रपोटर को प लस महकम क तरह भौगो लक आधार पर बाट दए जात ह इस तरह क वभाजन अ सर अपराध व दघटनाओ क बीट म कए जात ह वतीय एक अ य बीट वभाजन वभागीय आधार पर कया जाता ह व भ न सरकार

वभाग जस बजल वभाग जलदाय वभाग अथवा अ य नकाय क िज मदार अलग अलग रपोटर म बाट द जाती ह तथा इनस जड़ समाचार क जवाबदह इ ह क होती ह ततीय बीट का वभाजन वषय क अनसार भी कया जाता ह जस सा क तक एव सामािजक ग त व धय का रपोटर एव श णक ग त व धय स स ब रपोटर

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चतथ कई बार रपोटर क श ण अथवा वशष ता क आधार पर उसक बीट का नधारण कया जाता ह जस य अथवा सीमा सबधी ग त व धय क कवरज का काय ऐस रपोटर को स पा जाता ह िजसन वार रपो टग का बाकायदा श ण ा त कया हो पचम अनभव एव व र ठता क आधार पर भी रपोटर क बीट का आवटन सभव ह ाय चनाव क कवरज ससद या वधानसभा क रपो टग या कसी अ त व श ट यि त स मलाकात क िज मदार व र ठ एव अनभवी रपोटर को ह स पी जाती ह वषय अथवा बीट क आधार पर समाचार का न न ल खत वग करण सभव हो सकता ह -

5231 राजनी तक समाचार

समाचारप का पचास तशत स अ धक भाग ाय राजनी तक समाचार स रगा होता ह राजनताओ क व त य राजनी तक दल क दाव पच म य क इ तीफ चनावी गठजोड़ व राजनी त क तमाम ग त व धया राजनी तक समाचार क दायर म आती ह रा य समाचार क प र य म इन समाचार का क जहा क य म ी और सासदगण होत ह वह नगर क समाचार म नगर पाषद क हलचल राजनी तक समाचार का वषय हो सकती ह पछल एक अरस क दौरान समाचारप का यान महज राजनी त स हट कर खल मनोरजन लाइफ टाइल आ द वषय क ओर काफ हद तक मड़न लगा ह इसक बावजद राजनी तक समाचार का मह व आज भी अपनी जगह कायम ह अनक अवसर पर राजनी तक प रि थ तय को लकर क गई या या मक ट प णया भी राजनी तक समाचार का ह एक प कह जा सकती ह उदाहरणत दो वरोधी राजनताओ क कोई ग त मलाकात आन वाल समय म राजनी तक समीकरण पर या भाव डाल सकती ह अमक राजनता क कसी वशष राजनी तक दल को समथन दन क घोषणा स उस दल क राजनी तक ह सयत पर या भाव पड़ सकता ह आ द कवरज व लषण होत ह ए भी समाचार क णी म आत ह मगर ऐस राजनी तक समाचार पया त अनभव और गहर राजनी तक समझ रखन वाल उन ह रपोटर को लखन चा हए िज ह न सफ सब धत राजनी तक र त क जानकार बि क राजनताओ क यवहार क पर समझ भी हो एक समाचार दख -

त ल मा पर हमला हदराबाद 9 अग त बा लादश क ववादा पद ल खका त ल मा नसर न पर ग वार को यहा मज लस इ तहादल मसलमीन (एमआईएम) पाट क तीन वधायक व 20 कायकताओ न हमला कर दया त ल मा क सर म मामल चोट आन क खबर ह प लस न हमलावार को गर तार कर लया बाद म उ ह जमानत मल गई हमल क बाद त ल मा न कहा म भारत म सर त रह गी हमला करन वाल म ीभर ह जब क शभ चतक यादा म अपन व वास क अनसार लखना जार रखगी गौरतलब ह क इ लाम

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क खलाफ ट पणी करन क आरोप म क रप थय न त ल मा क खलाफ फतवा जार कर रखा ह त ल मा न भारत सरकार स यहा क नाग रकता क भी माग क ह इस बीच पि चम बगाल सरकार न ग वार को बताया क इसी माह समा त हो रह उनक वीजा अव ध छह माह बढ़ा द गई ह

5232 चनाव समाचार

चनाव समाचार भी राजनी तक समाचार का ह एक प ह मगर चनावी समाचार ऐस समीकरण पर आधा रत ग णत क तरह हआ करत ह िजनका मल फामला बदलता रहता ह चनावी समाचार बनात समय ता का लक राजनी तक ि थ त पर हर पल नजर रखनी ज र होती ह थायी राजनी तक प रि थ तया इनम सफ प ठभ म का काम करती ह चनावी समाचार क बनावट ऐसी पह लय क तरह होती ह िजनम पाठक को इसक उ तर क परछाई तो नजर आती ह मगर वा त वक उ तर नह मल पाता चनाव क दौरान होन वाल राजनी तक सव ण चनाव व लषण चनावी म व जन भावनाए आ द चनाव समाचार क म य वषय रहा करत ह

5233 ससद य समाचार

ससद क बठक कारवाई घोषणाए वधयक का पश होना या कानन का पास होना सासद क नोक झ क म य क व त य बजट आ द बात ससद य समाचार क णी म आती ह अ यत अनभवी एव व र ठ रपोटर को ह ससद य एव वधान सभाई रपो टग क लए लगाया जाता ह ससद व वधान सभा क रपो टग करत समय न सफ इन सदन क वशषा धकार क जानकार होना ज र ह बि क यह समझ होना भी ज र ह क वहा स मलन वाल जानकार क सम दर म स पाठक य च क बात कस नकाल जाए

5234 व ान समाचार

व ान समाचार को मोट तौर पर दो अलग णय म रखा जा सकता ह पहल णी म व समाचार आत ह जो गढ़ व ा नक मसल पर आधा रत होत ह ऐस समाचार म ाय उ ह लोग क च रहती ह िज ह व ान क आधारभत नयम का ान अव य हो ऐस समाचार बनान वाल रपोटर म व ान क गहर समझ आव यक ह य समाचार आमतौर पर व ान स जड़ी प काओ अथवा समाचारप म वशष टारगट प क लए नधा रत कॉलम म ह छपत ह व ान क लए वशष ताय त समाचार बनान क वधा न व ान प का रता क प म अपनी अलग पहचान बनाई ह दसर क म क व ान समाचार आम आदमी क च स जड़ होत ह िजनम तकनीक और ान पर अ धक बल नह होता ऐस समाचार म उपभो ता क लए उपयोगी नए आ व कार

क जानकार व ान क म कोई अनोखी खोज कोई अजीबोगर ब व ा नक योग आ द शा मल रहत ह -

बदर था दो पर पर चलन वाला पहला जीव इसान न ह सबस पहल दो पर पर चलना श कया ल कन अब इस

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धारणा को चनौती मलन लगी ह टश शोधकताओ क मता बक पड़ पर इधर-उधर कदन वाल बदर (ओरगोटग जा त) ह पहल जीव थ िज ह न दो पर पर चलना श कया था व ापन प का साइस क ताजा अक म छप एक लख म कहा गया ह क बदर न पतल टह नय स फल तोड़न क लए दो पर पर चलना श कया वस इस तरह चलन क वा त उस सहार क लए अपन हाथ का इ तमाल करना पड़ता था इस लख को लवरपल य नव सट क रो बन ाम टन ब मघम व व व यालय क सशनहा थोप और रोजर हो डर न मलकर लखा ह ाम टन न कहा अब तक द नया यह मानती आई ह क सबस पहल

इसान न ह कवल दो पर क बत चलना जाना rsquo अगर हम सच ह तो कसी ाचीन बदर और श आती इसान क जीवा म म अतर कर पाना और मि कल हो जाएगा

5235 तर ा समाचार

तर ा सबधी जानका रय स जड़ समाचार इस णी म आत ह तर ा सबधी घोटाल अ सर खोजी प कार क समाचार का मख वषय रह ह ऐस समाचार दत समय यह सावधानी रखना ज र ह क भडाफोड़ करन क उ साह म कोई ऐसी जानकार का शत न हो जाए जो दश क सर ा क लए खतरा बन जाए

5236 अपराध समाचार

समाचारप म सवा धक पढ़ जान वाल समाचार क णी म अपराध समाचार ह आत ह थानीय एव ीय स करण म अपराध समाचार को सवा धक मह व दया जाता ह अपराध समाचार क लए यक द नक समाचारप म एक रपोटर अलग स नय त रहता ह जो नय मत प स न सफ प लस थान व अपन ऐस ह स क स पक म रहता ह बि क दघटनाओ व अ य हादस क जानकार रखन क लए क अ पताल क भी च कर लगाता ह

5237 अदालती समाचार

जन च स जड़ मह वपण म या च चत घटनाओ स जड़ अदालती फसल को ाय सभी अखबार वारा समाचार क प म छापा जाता ह अदालती फसल को का शत करत समय अ य धक सावधानी क ज रत हआ करती ह समाचारप वारा अदालती समाचार बनान का काय ाय पणका लक अथवा अशका लक प स कसी अनभवी वक ल को स प दया जाता ह

5238 वा ण य समाचार

समाचारप पाठक का एक बड़ा वग यापार और वा ण य स जड़ा होता ह इन पाठक क िज ासा सबस पहल यह जानन म रहती ह क बाजार क आज या ि थ त ह तथा कल

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क लए वि त कस ओर ह बाजार क तजी-मद िज स क भाव थोक व कराणा बाजार शयर माकट कारपोरट जगत आ द स जड़ समाचार एक खास भाषा एव खास तकनीक क साथ कवर कए जात ह इन समाचार को बनान का काय वशष एव अनभवी रपोटर वारा ह कया जाता ह

समाचार क उपरो त कार क अलावा भी वषय एव बीट क आधार कई अ य कार हो सकत ह जस खल समाचार क ष समाचार पयावरण समाचार सा हि यक एव सा क तक समाचार फ म समाचार श णक समाचार आ द समाचार का वषय अथवा चाह कोई भी हो इसका मल उ य पाठक य िज ासा को शात करना ह होता ह य द इस यय को यान म रखा जाए तो ज रत पड़न पर कोई भी रपोटर कस भी समाचार को कवर कर सकता ह

बोध न- 1 यापी समाचार का अथ समझाइय helliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphellip helliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphellip2 ातीय समाचार या होत ह helliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphellip helliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphellip3 वा ण य समाचार कस कहत ह helliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphellip helliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphellip

53 साराश पछल इकाई म समाचार क कछ व श ट भद एव इनक वग करण क आधार का अ ययन करन क बाद समाचार क कछ बची ह ई णय का अ ययन हमन इस इकाई म कया हमन जाना क समाचार क वग करण का म य उ य समाचारप म समाचार क क म एव क त क अनसार इसक कवरज रचना लसमट और त तकरण क रणनी त बनाना और इसक अनसार यव था करना ह

54 श दावल बीट - रपोटर का काय कवरज - कसी घटना वशष को इसक मह व क अनसार समाचारप म जो

थान दया जाता ह इस कवरज कहत ह टारगट प - लोग का वह समह िजस यान म रख कर समाचार लखा जा रहा

हो डाक ए डशन - समाचारप का वह अक जो काशन थल स बाहर कसी अ य थान

पर सा रत होता ह

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सट ए डशन - समाचारप का वह अक जो इसक म ण व काशन वाल शहर म ह बटता ह

55 कछ उपयोगी प तक ट मी डया लखन - ो रमश जन

सवाददाता और समाचार लखन - हर ब म मी डया वमश - रामशरण जोशी मी डया लखन स ात एव यवहार - डा च काश म मी डया लखन - डा रमशच पाठ मी डया लखन - डा स मत मोहन इ वग यज राइ टग - लाक राय पीटर राइ टग फार पअर र डस - मर डोना ड

56 अ यासाथ न 1 घटना क मह व क आधार पर समाचार का वग करण कस कार सभव ह 2 अथवा थान क आधार पर समाचार क भद समझाइय 3 बीट कस कहत ह वषय क आधार पर समाचार क कौन क न सी णया हो सकती

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इकाई- 6 त भ लखन

इकाई क परखा 60 उ य 61 तावना 62 त भ लखन का मह व 63 त भ और समाचार 64 त भ लखन क वषय 65 त भ क क त 66 इटरनट पर त भ लखन 67 भावी त भ लखन 68 साराश 69 कछ उपयोगी प तक 610 अ यासाथ न

60 उ य इस इकाई का अ ययन करन क बाद व याथ - तभ लखन क व वध पहलओ स प र चत हो पाएग कसी भी समाचारप और प का म तभ का या थान ह और तभ लखन क बार

म पाठक क या त याए रहती ह इस बार म भी यह इकाई उनका मागदशन करगी

तभ लखन क उ य और उसक उपयो गता को जान सकग तभ लखन क लए वषय का चनाव कस कर और अपन लखन को भावी कस बनाए

इस दशा म भी यह इकाई सहायक स होगी स य प का रता म तभ लखन को अपनान क इ छक छा क लए यह इकाई वशष

प स उपयोगी ह तभ ओर समाचार क अतर को समझ सकग तभ लखन क अधनातन वि तय को समझ सकग

61 तावना समाचारप अथवा प का म अ य साम ी क साथ का शत होन वाल तभ का भी अपना अलग मह व ह एक बड़ा पाठक वग ऐसा ह जो नय मत तौर पर का शत होन वाल तभ का अ ययन करत ह बड़ी स या उन पाठक क भी ह जो अ य साम ी स भी अ धक

मह व कसी तभ को दत ह समाचारप म का शत होन वाल तभ य द भावी और नरप ह तो नि चत तौर पर पाठक क दल म अपना थान बनात ह त यपरक

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वचारपण और एक नई राह सझान वाल तभ अ य का शत साम ी क बीच अपनी अलग पहचान रखत ह साधारण तौर पर यह माना जाता ह क ब वग क पाठक ह तभ पढ़त ह पर हर मामल म यह बात लाग नह क जा सकती बड़ी स या ऐस साधारण पाठक क भी ह जो समाचार और फ चर साम ी क साथ नय मत का शत होन वाल तभ भी पढ़त ह अ धकाश पाठक का मानना ह क समाचारप म का शत समाचार क बीच अगर वचार कह िजदा ह तो वह तभ लखन म ह ह वतमान दौर म तभ लखन क वधा का उपयोग पाठक क सवदनाओ को जा त करन क लए भी कया जाता ह रोजमरा क समाचार क बीच कई बार पाठक क सवदनाए सख जाती ह और व तत घटना म को लकर अ यत न वकार भाव स त या य त करत ह ऐसी सरत म तभ लखक उनक सवदनाओ को पश करता हआ उनक वचार को एक नई राह दखाता ह

62 त भ लखन का मह व अनक प कार ऐस ह जो समाचार और फ चर लखन क तलना म तभ लखन को अपनात ह इसक पीछ वचार यह ह क समाचार लखन धीर-धीर एक ट न का काम बन जाता ह और इस वजह स उसम व व य नह आ पाता ह यादातर प कार क सामन इसक अलावा कोई वक प नह होता क व स का स या कसी दसर आयोजन स जड़ समाचार को य का य लख द उ ह अपन वचार य त करन क गजाइश नह होती और समाचार लखन क जो पारप रक शल ह उ ह उस ह अपनात ह ए अपना लखन तत करना होता ह इसी तरह फ चर लखन म भी उ ह फ चर क शल का अनसरण ह करना होता ह और फ चर का जो अनशासन ह उसक अनपालना करत ह ए उ ह अपना लखन कम परा करना होता ह दसर तरफ तभ लखन म उ ह अ भ यि त क वत ता मलती ह और अपनी राय अपन वचार व एक यापक पाठक वग क सम रख सकत ह

63 त भ और समाचार जहा तक समाचार लखन का सवाल ह तो यह माना जाता ह क नय मत अ ययन क अलावा गहन श ण और नरतर अ यास क बाद कोई भी इस वधा म पारगत हो सकता ह इसी तरह अगर आप सह फामल का चयन कर ल तो फ चर लखन को भी आसानी स अपनाया जा सकता ह ल कन तभ लखन को सबस मि कल वधा माना जाता ह य क इस दौरान आपको नरतर वचार मथन क या स गजरना पड़ता ह हर पल अपन आपको अपडट करना होता ह और नय मत और मब अ ययन क वि त को वक सत करना होता ह हाला क तभ लखन म लखक क वचार का ह सवा धक मह व होता ह ल कन इसका यह आशय नह क तभ लखक अपन अता कक वचार का चार- सार करन क च टा कर यह आव यक ह क वचार ससगत वाहमान और तक क कसौट पर खरा उतरत ह और साथ म उनका पठनीय होना तो आव यक ह ह जब तक वचार चपण और मब तर क स तत नह कए जाएग तब तक व पाठक म दलच पी जगान म सफल नह ह ग इन अथ म तभ लखक क भ मका कसी वक ल जसी होती ह उस अपनी दल ल

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स पाठक को आ व त करना होगा क उसका मवि कल यानी उसका मत य सह राह का अनसरण कर रहा ह

64 त भ लखन क वषय तभ कसी भी वषय पर हो पर एक बात नि चत ह क पाठक का एक बड़ा वग उसस

ज र भा वत होता ह इस ि ट स यह कहा जा सकता ह क कसी भी प -प का म तभ लखक अ यत मह वपण भ मका नभाता ह तभ कसी भी वषय पर आधा रत हो सकता ह ल कन उसक यापक भाव स इनकार नह कया जा सकता तभ लखन क लए हम न न ल खत वषय म स कसी एक का चनाव कर सकत ह-

641 राजनी तक

इस तभ क तहत ताजा राजनी तक ग त व धय पर फोकस कया जाता ह क और रा य म स ता क लए या उठापटक चल रह ह और राजनी तक ग लयार म कसका पलड़ा भार ह और कसका पलड़ा हलका चल रहा ह और कौन-सा दल कस नता क सहार अपनी राजनी तक मह वाका ाए पर करन का य न कर रहा ह इस तरह क साम ी इस तभ म शा मल क जाती ह अखबार का राजनी तक सवाददाता या व र ठ सपादक य सहयोगी इस तभ को लखता ह

642 खलकद

खल क द नया स जड़ी ग त व धय पर क त इस तभ क बार म यह माना जाता ह क इस सवा धक स या म पाठक मलत ह इस तभ म समसाम यक घटनाओ पर फोकस कया जा सकता ह और द नक काशन म का शत होन वाल साम ी स इतर कछ व श ट साम ी को थान दया जाए तो इसक लोक यता थायी तौर पर कायम रखी जा सकती ह

643 बागवानी

तभ लखक क लए यह अप ाकत नया वषय ह ल कन इस वषय म सभावनाए अपार ह आजकल शहर प रवार म भी अपन घर म बागवानी का चलन बढ़ता जा रहा ह और यह तभ उनक लए उपयोगी सा बत हो सकता ह

644 सगीत

इस तभ का कलवर ट न क कला-स क त सबधी आयोजन स भ न होता ह इसम ल ध ति ठत कलाकार पर आधा रत रपोताज लखन क साथ नए और तभाशाल कलाकार क बार म भी नय मत तौर पर लखा जा सकता ह पर

यह तभ शहर म स ताहभर म होन वाल सागी तक आयोजन क रपोट बनकर न रह जाए इस बात का यान रखना आव यक ह इस तभ म फ मी और गर फ मी यिजक एलबम क समी ा भी शा मल क जा सकती ह

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645 प तक

प तक समी ा का तभ लगभग हर समाचारप और प का म का शत होता ह कई बार सपादक थानीय या बाहर समालोचक का एक पनल तयार रखत ह और इसी पनल म शा मल कसी समालोचक या लखक को समी ा का िज मा स पा जाता ह इनक बीच कछ लखक ऐस भी होत ह जो नय मत तौर पर प तक समी ा लखत ह प तक समी ा का तभ न सफ पाठक समदाय क बीच अ पत लखक समदाय क म य भी लोक य होता ह

646 हास-प रहास

तभ लखन का यह ऐसा ह िजसम भरपर सभावनाए न हत ह लगभग यक समाचारप अथवा प का अपन काशन को नीरसता स बचान क लए हास-प रहास स भरपर साम ी का काशन भी नय मत तौर पर करत ह इस तरह क तभ कई बार इतन लोक य होत ह क अखबार हाथ म आत ह पाठक इस तभ को तलाश करत ह यात य यकार शरद जोशी का कॉलम त दन पर एक दशक तक नवभारत टाइ स म लगातार छपा अ तम प ठ पर का शत होन वाल इस तभ को पाठक सबस पहल पढ़त थ य क शरद जोशी इस तभ क मा यम स

समसाम यक घटनाओ पर करारा य य करत थ

647 सहत

लोग को वा य सबधी जानकार दन वाल इस तभ क पठनीयता भी अस द ध ह ाय यक काशन वा य सबधी जानकार स भरपर साम ी को थान दता ह इस तभ म पाठक क भागीदार स नि चत करन क लए वशष क सलाह को भी थान दया जा सकता ह

648 फटनस

इस हम वा य सबधी तभ स भ न प म तत करना होगा और एक तभ लखक क लए यह सबस बडी चनौती ह आज क भाग-दौड़ भर िजदगी म फटनस क चाहत हर कसी को होती ह तभ लखक को चा हए क वह अपन क पाठक क ाथ मकताओ को समझकर उनक लए उपय त साम ी का चनाव इस तभ क लए कर

649 सनमा

सनमा स सब धत साम ी क पाठक क स या असी मत होती ह इस लहाज स सनमा पर तभ लखन वाल लखक क िज मदार भी बह त अ धक हो जाती ह फ म उ योग म हर पल घटन वाल घटनाओ क बीच अपन पाठक वग क लए उपयोगी साम ी का चनाव करना और उस शाल न भाषा म तत करना उसका दा य व होता ह वतमान दौर म टल वजन चनल क बढ़ती लोक यता क कारण

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सनमा सबधी तभ म ह ट वी काय म स सब धत साम ी शा मल क जा सकती ह

6410 रक सग

समाचारप म रक सग और लोक कथाओ क तभ भी बह त लोक य होत ह इन तभ क लोक यता का अदाजा इस बात स लगाया जा सकता ह क नवभारत टाइ स जसा रा य समाचारप रक सग का तभ अपन सपादक य प ठ पर का शत करता ह

6411 व तीय

वा ण य और व तीय समाचार पर आधा रत इस तभ का पाठक वग हाला क सी मत होता ह ल कन इस तभ क लए साम ी का चयन बड़ी सझ-बझ क साथ कया जाना चा हए आम तौर पर वा ण य और व तीय समाचार नीरस आकड़ स भरपर होत ह ल कन तभ लखक स यह अप ा क जाती ह क वह नीरस साम ी म स पाठक क मतलब क जानकार खोज कर उस अलग अदाज म उनक सम

तत कर

6412 कला

कला सबधी ग त व धय पर आधा रत इस तभ को लखन वाल प कार क छ व एक कला समी क क बन जाती ह ल कन इस तभ को लखन स पव लखक को अपन वषय का गहराई स ान होना चा हए उसम नरतर अ ययन क वि त का होना भी आव यक ह और कला जगत क व भ न धाराओ का भी उस पया त ान होना चा हए

6413 रगमच

इस तभ म रगमच स जड़ी ग त व धय को थान दया जाता ह इसम नाटक क समी ा क साथ रगमच सबधी कायशालाओ स मनार और वचार- वमश को भी पया त थान दया जाना चा हए थानीय रगमच स जड़ कलाकार क तभा को सामन लान क ि ट स ऐस तभ का मह व सव व दत ह

6414 काननी सलाह

इस तभ म पाठक क व धक न का उ तर व ध वशष दत ह च क ऐस तभ पाठक क व धक सम याओ का समाधान तत करत ह इस लए इनक

उपयो गता स इनकार नह कया जा सकता पर ऐस तभ क लए न का चयन करन म अ यत सावधानी रखनी चा हए और सफ ऐस न ह शा मल करन चा हए िज ह व धस मत ठहराया जा सक

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6415 पा रवा रक उलझन

आम तौर पर इस वषय स सब धत तभ म हलाओ क प काओ म ह का शत होत ह इनम म हला पाठक अपन जीवन क उलझन को तभ लखक क साथ शयर करती ह और इन अथ म तभ लखक क भ मका एक पा रवा रक म क समान होती ह

6416 धम और अ या म

पाठक का एक बड़ा वग धम और अ या म स सब धत साम ी नय मत तौर पर पढ़ना पसद करता ह खास तौर पर छोट शहर और क ब क पाठक धा मक ग त व धय स सब धत साम ी म अ धक दलच पी रखत ह इसी लए आजकल अ धकाश समाचारप धम और अ या म पर पया त साम ी का काशन करत ह ऐस तभ म हम ाचीन धम ग ओ क बार म रक साम ी का काशन करना चा हए और साथ म उनक वचन और श ाओ को भी थान दया जाना चा हए

6417 यो तष और रा शफल

ाय सभी काशन म यो तष और रा शफल क तभ त दन का शत होत ह द नक रा शफल क साथ सा ता हक रा शफल का काशन भी कया जाता ह वष क अत म वा षक रा शफल का काशन भी समाचारप और प काओ म कया जाता ह

65 त भ क क त तभ लखन क लए वषय का चयन करन क दौरान इन बात का यान भी रखा जाना चा हए-

जानकार - य तो अनकानक वषय ऐस ह िजन पर तभ लखन कया जा सकता ह ल कन असल सवाल यह ह क या आप सब धत वषय क ाता ह वषय क हर पहल क आपको कतनी जानकार ह या आप उस वषय पर अ धकारपवक चचा कर सकत ह कहन का आशय यह क आप िजस वषय का चयन कर उसस जड़ी हर छोट -बड़ी बात क जानकार आपको होनी ह चा हए जानकार क साथ-साथ वषय क समझ हा सल कए बना आप जो कछ लखग उसम चक होन क आशका लगातार बनी रहगी याद रह क त य और वषयव त क ततीकरण म जरा-सी चक भी आपक छ व ध मल कर सकती ह और आपक तभ क व वसनीयता को ख डत कर सकती ह ास गकता - वषय का चनाव करत समय ास गकता का पहल अव य यान म रख जब

तक वषयव त ास गक नह होगी पाठक उस तभ स अपना तादा य था पत नह कर पाएग इसक अलावा अपन तभ लखन को पठनीय बनाए रखन क लए भी ास गकता क प को यान म रखना आव यक ह लखन स पहल यह अव य दख क सब धत वषय वतमान दौर म कतना ास गक और पठनीय ह कहन का आशय यह क अगर आप व ान स जड़ वषय पर तभ लखन करत ह और लोबल वा मग जस वलत म पर कछ लखना चाहत ह तो ऐसा लखन भीषण गम क दौर म कया जा सकता ह और अगर आप कड़कड़ाती

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सद क दन म इस वषय पर कलम चलात ह तो पाठक इस वषय स कदा प नह जड़ पाएग शोध और अ ययन - तभ लखक म शोध और अ ययन क वि त का होना भी आव यक ह जब भी कसी वषय पर लखन क तयार कर तो ज र ह क हम उस वषय स सब धत पहलओ क यापक जानकार क लए शोध क तर पर अ ययन कर इस तरह हम कसी भी सम या या म क गहराई तक पह च सकग और पाठक को भी इस बात का एहसास होगा क जो तभ आलख उ ह न पढ़ा ह उसन उ ह वषय क पया त जानकार द ह इसी तरह अगर हम नय मत अ ययन का अ यास रखग तो पाठक को कसी भी वषय क बार म सवाग जानकार द पाएग याद रख क लखन स भी यादा ज र ह पढ़ना नई पीढ़ क प कार म अ ययन क वि त कम दखाई द रह ह और अ सर व गवषणा और शोध जस यास स बचत ह जब क नय मत अ ययन स न सफ उनका ववक तर ऊचा होगा अ पत उनका भाषा ान भी सम होगा त य का सकलन - य य प तभ लखन म लखक य वचार क धानता रहती ह तथा प त य स पर तरह म ह नह मोड़ा जा सकता इस लए तभ लखक को त य का सकलन करन क लए हमशा त पर रहना चा हए ामा णक त य स य त तभ लखन पाठक क लए अपना अ भमत वक सत करन म सहायक सा बत होता ह इसक अलावा त य क सहार तभ लखक अपन वचार को अ धक भावी शल म पाठक तक पह चा सकता ह त य को अपडट भी करत रह ता क ट र हत लखन कया जा सक त य क स हण क लए उस सरकार योजनाओ और द तावज का भी नय मत अ ययन करना चा हए साथ ह उस सभी मख कानन और नयम क अ यतन जानकार भी होनी चा हए तभ लखन च क लखक क नजी अनभव और यि तगत वचार का त बब ह इस लहाज

स यह ज र ह क िजस वषय पर वह तभ लख रहा ह उस वषय क उस गहर समझ हो सफ दलच पी क आधार पर ह कसी वषय का चयन कर लना यि तसगत नह कहा जा सकता सब धत वषय स जड़ यक पहल क पया त जानकार आपक पास होनी ह चा हए इसक अलावा तभ लखन श करन क बाद भी अपन वषय स सब धत जानकार लगातार जटान का य न करना चा हए इस तरह आप अपन पाठक को अपडट जानकार भी द पाएग और अपन तभ को लब समय तक पठनीय और उपयोगी बनाए रख सकग याद र खए सपादक भी आपक तभ म तब तक ह दलच पी दखाएग जब व आ व त हो जाएग क पाठक क बीच आपक तभ लखन क अ छ चचा ह और इसक वजह स पाठक समाचारप को अ धक पठनीय मानत ह और जब पाठक आपक तभ को काट कर अलग रखना श कर द और उस पर चचा करन लग तो मान ल िजए क आपन उस तर को छ लया ह िजसक अप ा एक कॉलम राइटर स क जाती ह वतमान दौर म यादातर तभ सामािजक या राजनी तक वषय पर ह आधा रत ह ल कन खल व ान पयावरण धम सनमा और सगीत स सब धत वषय पर आधा रत तभ भी पाठक वारा सराह जात ह सगीत स सब धत तभ लखन म हम ताजा सागी तक ग त व धय क जानकार दन क

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साथ कलाकार क अनठ योग और गणी ोताओ और पाठक क झान का उ लख भी कर सकत ह पछल दशक तक हद प -प काओ म सगीत समी ा क तभ नय मत तौर पर का शत कए जात थ धीर-धीर इनका काशन कम हआ और मौजदा दौर म तो ऐस काशन क गनती उग लय पर क जा सकती ह िजनम सगीत समी ा का तभ नय मत

तौर पर का शत कया जाता ह इसी तरह व ान और पयावरण भी ऐस वषय ह िज ह तभ लखन म शा मल करन का साहस आम तौर पर हद क प कार नह करत हद क काशन म व ान और पयावरण पर आलख या फ चर भी यदा-कदा ह मलत ह ऐसी सरत

म तभ लखन क बात दर क कौड़ी नजर आती ह सनमा सबधी तभ लखन क वधा वतमान दौर म सबस लोक य ह नए और परान प कार सनमा को अपन लखन का वषय बनाना चाहत ह तो इसका कारण यह ह क सनमा सबस यादा पढ़ा जान वाला वषय ह न सफ फ मी प -प का बि क सामा य प -प काओ म भी सनमा सबधी साम ी क भरमार ह पर सनमा पर तभ लखन वाल प कार अ सर गभीर और सजीदा लखन स बचत ह आम तौर पर व सनमा पर सतह लखन स ह काम चलात ह और इसक पीछ उनका तक यह होता ह क पाठक यह सब कछ पढ़ना चाहत ह यह ठ क वसा ह ह जसा क अ सर हमार फ मकार तक दत ह क व उसी तरह क फ म बनात ह जसी क दशक दखना चाहत ह पर इस सवाल स शायद सब बचना चाहत ह क पाठक और दशक क च अगर वाकई गलत दशा म मड़ गई ह तो इस प र कत करन क िज मदार आ खर

कसक ह यह सवाल इस लए भी मह वपण हो जाता ह य क अ सर पाठक अपन वचार का वाह उसी दशा म मोड़ लत ह जो दशा उ ह तभ लखक क वचार स मलती ह इस लहाज स तभ लखक का दा य व और भी बढ़ जाता ह कोई भी मत य और वचार य त करन स पहल उस चा हए क वह यह बात ि टगत रख क एक बड़ा पाठक वग उसक वचार का अनसरण कर सकता ह इन वचार क काश म हम तभ लखन क यापक मह व को इन बदओ क अतगत य त कर सकत ह तभ लखन सम साम यक मह व क कसी भी मसल पर पाठक क अ भमत को य त

करता ह हाला क तभ म य त वचार सफ लखक क मत य को प ट करत ह ल कन यह नि चत ह क पाठक का एक बड़ा वग भी उसी मत य को अपना लता ह

तभ लखन कसी ऐस मसल क तरफ लोग का यान आक ट करता ह िजसका सबध यापक जन समदाय स हो

तभ लखन स पाठक क अ भमत को त दन या एक नि चत आवि त पर नई दशा मलती

नय मत और तयशदा थान पर का शत होन स कई बार कोई तभ कसी काशन क पहचान भी बन जाता ह

तभ लखक क पहचान भी अपन कॉलम क साथ जड़ी होती ह यह पहचान कई बार पाठक क लए सहायक सा बत होती ह क व लखक को कस नज रए स दखत ह

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66 इटरनट पर त भ लखन क यटर और इटरनट न आज हर कसी क सामन लखक बनन का सगम और स वधाजनक रा ता खोल दया ह अपनी दशा खोिजए और उस दशा म लखन का यास श कर द िजए तभ लखन क लए अब सफ समाचारप अथवा प का पर ह नभर रहन क आव यकता नह ह नए प कार क लए अब इटरनट भी तभ लखन का अ छा मा यम सा बत हो रहा ह कछ अथ म तो यह मा यम समाचारप और प का स भी यादा भावी सा बत हो रहा ह इसका आधारभत कारण यह ह क समाचारप और प का क मकाबल इटरनट क ज रए अ धक लोग तक पह चना आसान हो गया ह इटरनट पर अपलोड कया गया कोई भी तभ पर द नया म एक साथ हजार -लाख लोग वारा पढ़ा जा सकता ह वह भी तरत ऐसी स वधा तो समाचारप म भी उपल ध नह ह इटरनट पर तभ लखन का सबस बड़ा लाभ यह ह क आपको अपन लखन क बार म बड़ी स या म त याए मल जाती ह एक साथ बड़ पाठक वग तक पह चन क मता क कारण इटरनट पर अपलोड कया गया कोई भी कॉलम त काल त याए जटा लता ह इसक अलावा ता का लक मह व क तभ क लए इटरनट मानो वरदान सा बत हआ ह तजी स बदलती द नया म आज कोई भी वषय या सग कछ ह अस म अपनी धार खो बठता ह लगाता चौबीस घ ट समाचार और दसर काय म पश करन वाल टल वजन चनल क कारण कई बार कसी घटना या सग क हर पहल का इतनी अ धक बार व लषण कया जाता ह क फर समाचारप अथवा प काओ म इस बार म कॉलम लखन का कोई औ च य नह रह जाता ऐसी सरत म इटरनट आपक लए मददगार क प म सामन आता ह जहा आप अपन वचार क वाह को अनवरत रख सकत ह

661 तभ क क त

य द आपन तभ लखन का न चय कर लया ह तो सव थम यह तय कर क आप कस वषय पर लखन करना चाहत ह अथात आपक तभ क क त कसी होगी क त स हमारा आशय उसक सरचना और वषयव त स ह तभ राजनी तक वषय पर आधा रत होगा अथवा सामािजक आ थक या अ य कसी वषय पर तभ म पाठक को सफ कोई नई जानकार दन का य न कया जाएगा अथवा

लखक य ट पणी क साथ उ ह अपना अ भमत वक सत करन का य न भी कया जाएगा जब हम तभ क क त का नधारण कर तो इसम यह भी तय कर ल क हम अपन लखन क मा यम स पाठक को कसी दशा दना चाहत ह भल ह इटरनट क कारण तभ लखन अब अप ाकत आसान हो गया ह परत इसका यह आशय कदा प नह क हम अपन वचार को बलगाम तर क स सा रत करत रह यक श द का अपना मह व ह और उसका भ न- भ न भाव पाठक पर पड़ सकता ह अ पत इटरनट क सव यापकता क कारण समाचारप क मकाबल श द का सार अ धक ती ग त स हो सकता ह इस ि ट स तभ लखक को अपन तभ क क त क बार म यि तसगत तर क स नणय करना होगा

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662 तभ लखन क श आत

िजस तरह एक खलाड़ी त दन अ यास क सहार अपन खल म नरतर सधार लान का यास करता ह ठ क उसी तरह तभ लखक भी अपन त दन क लखन क साथ अपनी शल म नरतर सधार कर सकता ह कसी भी नए तभ लखक क लए यह सझाव दया जा सकता ह क वह सा ता हक तभ क साथ श आत कर उस यह बात समझ लनी चा हए क था पत तभ लखक क एक-एक श द क पीछ वष का अनभव और अ ययन छपा ह कसी भी नवो दत तभ लखक को ारभ म त दन आवि त वाला तभ लखन नह करना चा हए त दन कोई तभ लखन क कारण उस नय मत अ ययन क लए समय नह मलगा और अगर उसन नय मत अ ययन क वि त वक सत नह क तो वह अपन लखन को सम नह कर पाएगा तभ लखन क या श करन क लए आपको न ना कत चार चरण स गजरना होगा- पहला - थानीय ाद शक और रा य समाचारप का गहन अ ययन कर दख क समाचारप कस कार क कॉलम का शत कर रह ह और या वह तभ आपक और दसर पाठक क ज रत को परा कर रहा ह यह भी दख क समाचारप क अपन तभ लखक ह अथवा वह कसी सडीकशन एजसी क ज रए तभ का शत कर रहा ह जो समाचारप सडीकशन एजसी क ज रए तभ का शत कर रहा ह उस अगर थानीय तर पर कोई तभ लखक मल तो शायद वह अपना ए स ल सव कॉलम श कर सकता ह आम तौर पर सडीकशन क मा यम स ा त होन वाल तभ म थानीयता का पट नह होता और एक स अ धक काशन

म छपन क कारण उसक व श टता भी समा त हो जाती ह दसरा - समाचारप का अ ययन करन क बाद च नदा अखबार क सपादक को प लख और थायी प स तभ लखन क अपन ताव का उ लख कर साथ म नमन क तौर पर एक या दो तभ भी लख कर भज ता क सपादक आपक लखन मता और वषय क बार म आपक तब ता तथा जानकार का अनमान लगा

सक सपादक को सबो धत करत ह ए जो प लखा जाए उसम अपनी यो यता और अपन लखन सबधी अनभव का उ लख करना न भल तीसरा - इस बात क लए तयार रह क सपादक आपको ायो गक तौर पर कछ तभ लखन क लए कह सकत ह कई बार सपादक अपनी आ वि त क लए या फर अपन पाठक क च को परखन क लए आपको अ थायी तौर पर तभ लखन क लए कह सकत ह भल ह ऐसा लखन नमन क तौर पर ह कया जाए ल कन तब ता जानकार और वचार क तर पर उस कह भी कमजोर नह होना चा हए

इसक अलावा डडलाइन का पालन करना भी अ यत आव यक ह एक बार अगर आपन सपादक क आव यकता क अन प लखन क श आत कर द तो आग रा त खलन म भी वलब नह होगा

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चौथा - तभ लखन क श आत पहल थानीय तर पर कर उसक बाद अपन शहर और रा य क बाहर ि थत समाचारप स सपक कर वत प स काम करन वाल तभ लखक कसी एक समाचारप क साथ जड़न क बजाय एका धक समाचारप म तभ लख सकत ह इस ि थ त म यान रखन यो य बात यह ह क थानीय तर पर एक स यादा अखबार म समान तभ नह लख

663 तभ लखक क सम चनौ तया

अलग- अलग लखक क सामन चनौ तय का तर भी अलग ह होगा फर भी कछ चनौ तया ऐसी ह िजनका सामना लगभग हर लखक को करना पड़ता ह इनम स मख चनौ तया इस कार ह-

अपन तभ क बार म पाठक क त या बह त कम ा त हो पाती ह इस कारण लखक को इस बात क ठ क-ठ क जानकार नह मल पाती क उसक तभ लखन का उ य परा हो रहा ह या नह

तभ लखन एक नय मत या ह और एक नि चत आवि त पर इस लखना ह ह ल कन हमशा ऐसा नह होता क तभ लखक क पास नई जानकार उपल ध हो इस कारण कई बार त य क पनरावि त भी हो जाती ह पनरावि त स बचन क लए तभ लखक को सलाह द जाती ह क व अपन लखन को ास गक और ताजा बनाए

रखन का य न करत रह साधारण तौर पर तभ लखक को बह त कम पा र मक मल पाता ह इस लए अगर

वह इस जी वका बनाना चाह तो उस एक स अ धक काशन क साथ सपक कायम करना पड़गा एका धक काशन स जड़न पर उस हर काशन क पाठक वग को यान म रखत ह ए अपन तभ को आग बढ़ाना होगा

लगातार एक ह धारा पर लखन कम करत ह ए एकरसता क खतर का सामना भी उस करना होगा इस लए यह आव यक ह क तभ लखन अपन लखन म दलच प और उपयोगी जानका रया भी शा मल कर यदा-कदा हास-प रहास का सहारा भी लया जा सकता ह

नय मत तभ लखन क लए तब ता लगन महनत और समयब अनशासन क ज रत होती ह एक ह यि त म इन सभी गण का मलना थोड़ा मि कल ह ह

बोध न- 1 तभ लखन का या मह व ह helliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphellip helliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphellip2 तभ और समाचार म या अतर ह helliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphellip helliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphellip3 तभ लखन क ार भक तयार कस कर

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67 भावी त भ लखन 1 प ट और वचार धान - तभ लखक को अपन वचार स प ट तर क स तत करन

चा हए तभ लखक को सावज नक मह व क कसी भी वषय पर वचार य त करन का अ धकार ह पर यह आव यक ह क उसक वचार ससगत और व वसनीय ह कसी भी वषय स सब धत हरक पहल का समावश अपन तभ म करना चा हए ता क पाठक क सामन सत लत त वीर उपि थत हो सक

2 ल य पर नशाना - तभ लखक का काम कसी कशल नशानबाज क समान ह उस हमशा अपन ल य पर नगाह रखनी चा हए कहन का आशय यह ह क अपन तभ क ज रए उस अपन ल त पाठक क लए कम स कम इस तरह क साम ी तत करनी चा हए िजसक सहायता स पाठक को नई दशा मल और कसी वषय पर व अपनी राय था पत कर सक

3 तप ी वचार को भी सन - तभ लखक को अपन वचार अ भ य त करन क साथ-साथ तप ी वचार को भी पया त मह व दना चा हए तभी वह कसी भी वचार को यादा भावी शल म पाठक क स मख तत कर पाएगा प और तप क वचार को

सत लत शल म तत करन क यास स पाठक क ि ट म उसक व वसनीयता बढ़गी

4 ामा णक और ससगत त य - तभ लखन म जहा कह त य का त तकरण कया जाए वहा यह अव य यान रखा जाए क सभी त य ामा णक और ससगत प म ह कसी भी त य को बदला नह जाए यह भी यान रख क िजस ोत स त य जटाए जाए उसक ामा णकता और व वसनीयता भी अस द ध हो

5 समालोचक क ि ट - तभ लखक को हमशा समालोचक क ि ट का अनसरण करना होगा ऐस तभ आम पाठक वारा अ धक पसद कए जात ह यथासभव ववाद स बचा जाए ल कन जहा आव यक हो तभ लखक को समालोचना स नह बचना चा हए कई बार समालोचक क ि ट स लखा गया कोई तभ भी पाठक को नई राह दखा सकता ह

6 जीवत रपो टग - य य प तभ लखक का रपोटर होना आव यक नह ह ल कन अपन कॉलम को अ धक पठनीय और जीवत बनान क लए उस नय मत तौर पर रपो टग

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का सहारा भी लना चा हए अपन नजी अनभव का वणन करत ह ए वह अपन लखन को और व वसनीय बना सकता ह रपो टग पर आधा रत तभ पाठक क म त पटल पर लब समय तक अ कत रहत ह

7 थानीयता का पट - अपन तभ लखन म थानीयता का यान भी रख य क अपन आस-पास घटन वाल घटनाओ स जड़ वचार पाठक को अ धक आक षत करत ह कसी भी थानीय वषय को तत करत समय अपन अनभव का नचोड़ भी उसम शा मल कर

8 आकड़ स बच - तभ लखन क दौरान जब भी कह तलना मक अ ययन तत करना चाह तो यथासभव आकड़ स बच अपनी साम ी को रसपण बनाए और आकड़ इ या द ट न क रपोताज क लए छोड़ द

9 उपाय भी सझाए - अ धकाश मामल म तभ लखक कसी सम या वशष क चचा तो करत ह ल कन उस दर करन क दशा म या कया जा सकता ह इस बार म कोई रा ता नह सझात साधारण तौर पर पाठक यह भी अप ा करता ह क अगर कोई वलत म ा उठाया गया ह तो उसका यि तसगत उपाय भी साथ ह दया जाना चा हए

10 वचार का ती वाह - तभ लखन म पर तरह न प ता बरत ल कन आपक लखनी वचारो तजक होनी चा हए अ यथा कॉलम पाठक को जरा भी भा वत नह कर पाएगा लखन और अ भ यि त क वत ता क अ धकार का योग कर ल कन सतलन कायम रखत ह ए यह यान रख क आपक लखन स समाज का पारप रक मल-जोल और दो ताना भा वत ना होन पाए सवदनशील वषय पर लखन क दौरान रा हत को सव प र रख और भावनाओ क वाह म ना आए

671 तभ लखक क गण

एक तभ लखक का काम उतना ह मह वपण ह िजतना अ य लखक या प कार का अ पत कछ अथ म तो तभ लखक का काम दसर स कह यादा मह वपण ह य क उसक तभ क सहार बड़ी स या म पाठक उस काशन क साथ अपना भावना मक र ता कायम कर पात ह समाचारप म का शत समाचार आधा रत साम ी क साथ पाठक का इस तरह का कोई र ता नह होता तभ क साथ पाठक का र ता सतत चलता रहता ह पाठक भी तभ लखक क वचार म अपन अ भमत क झलक तलाशत ह इस लहाज स एक तभ लखक को वचार क अ भ यि त क लए अपन आपको अपडट करना होगा और यह सभव होगा नई जानका रय क त खद को अनकल बनान स यह आव यक ह क तभ लखक ताजा और नवीन

प रवतन क त सचत रह और अधनातन जानकार स अपन वचार का तर हमशा और ऊचा करन का य न करता रह नवीन प रवतन क जानकार क लए एक तभ लखक को दश- वदश क काशन का अ ययन तो करना ह होगा साथ म उसम एक बहतर न ोता क गण भी होना चा हए कहा जा सकता ह क एक अ छा ोता ह अ छा वचारक बन सकता ह

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अलग-अलग लोग क वचार को सनन स तभ लखक क लखक य ि ट वक सत होती ह और इस तरह वह अपन लखन को सम बना सकता ह नए तभ लखक क लए तो यह और भी आव यक ह उ ह अपन वषय स सब धत वचारक क तकपण बात क सहार अपनी लखन शल को वक सत करन का अवसर मल सकता ह नए तभ लखक अपन आदश लखक क वचार का नय मत अ ययन कर और उनक वचार क वाह को समझत ह ए अपनी अलग लखन शल वक सत कर तो यह उनक क रयर लहाज स भी अ छा होगा सीखन का कोई तयशदा फामला नह ह और हम अपन दन दन क लखन या म ह बह त कछ सीख लत ह एक अ छा तभ लखक वह बन सकता ह जो इस या को अपन यवहार का ह सा बना ल कई तभ लखक कसी भी मह वपण म पर धारावा हक प स लखन करत ह और यक नए तभ क साथ उस म क हरक पहल का खलासा करत जात ह ऐसी ि थ त म पाठक को भी नय मत आवि त पर आन वाल तभ का इतजार रहता ह इस लहाज स तभ लखक क िज मदार भी बढ़ जाती ह क वह पाठक क अप ाओ को यथासभव परा कर इन अप ाओ को परा करन क लए तभ लखक म न ना कत गण का होना आव यक ह- 1 तभ लखक क लए यह आव यक ह क वह पाठक क अ भ च को समझ

यक काशन क पाठक क अ भ च भ न- भ न हो सकती ह हर वग क पाठक भी कसी तभ स अलग-अलग अप ा कर सकत ह इस लहाज स यह ज र ह क तभ लखक समकाल न दौर क पाठक क दलच पी का भल -भा त यान रख

2 तभ लखक का भाषा पर परा अ धकार होना आव यक ह अपनी भाषा क श द स दय क साथ वह उसक ला णक महावर तथा लोकोि तय का इ तमाल अपन लखन म करता ह तो परा तभ रसपण बनगा और पाठक चाव क साथ उस पढ़ग तभ क भाषा कछ ऐसी हो क साधारण पाठक भी लखक का आशय आसानी स समझ जाए

3 तभ क त त भी अपना अलग मह व रखती ह सीधा-सपाट लखन अ धक दन तक पाठक को बाध कर नह रख सकता इस लए ज र ह क लखन का या मक और स दय स प रपण हो इन अथ म यह भी कहा जा सकता ह क तभ लखक फ चर क कछ त व का समावश भी अपन लखन म कर सकता ह

4 लखन म तलना मक अ ययन तत कया जा सक तो पाठक को और आसानी रहती ह कसी भी मसल पर तभ लखन स पव अगर हम उस मसल क सभी ज र पहल पाठक क सम तत कर पाएग तो नि चत तौर पर पाठक क नजर म हमार तभ क व वसनीयता बढ़ जाएगी

5 तभ लखन का वषय चाह जो हो ल कन तभ लखक क ान का तर बहआयामी होना चा हए अथात उस अ धक स अ धक वषय क पया त

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जानकार होनी चा हए कई बार बहआयामी जानकार स तभ लखन को सम कया जा सकता ह और पाठक को भी एक ह पहल स सब धत पर जानकार द जा सकती ह

6 कहा जाता ह क लखन वह सफल ह िजसम क पना और वा त वकता का स दर सम वय नजर आता हो यह बात तभ पर भी लाग होती ह एक सफल तभ लखक वह ह जो अपन लखन को यथाथपरक बनाए रखत ह ए उसम

क पना क स दर रग का सयोजन भी कर 7 वतमान दौर तज र तार का दौर ह और जा हर ह क ऐस समय म पाठक क

पास भी समय का अभाव ह ऐसी ि थ त म कसी तभ को नय मत तौर पर बह त अ धक समय दना उनक लए सभव नह होगा इस लए आव यक ह क हम अपन लखन को स त और सारग भत बनाए रख कम श द म अपनी बात कहन क कला का इ तमाल तभ लखन म कया जा सकता ह

68 साराश स प म कहा जा सकता ह क प -प का म का शत साम ी क बीच कसी भी तभ क अपनी व श ट पहचान होती ह समाचार क भीड़ क बीच एक यह साम ी ऐसी ह िजसम वचार को जी वत रखा जा सकता ह समाचार क लखन और ततीकरण म वचार का समावश करन क छट नह द जा सकती ल कन तभ लखन क सहार न सफ वचार का सतत वाह जार रखा जा सकता ह अ पत पाठक क लए भी एक नई राह श त क जा सकती ह अ धकाश मामल म दखा गया ह क कसी तभ म य त वचार क सहार पाठक अपना अ भमत बनात ह इन अथ म जनमत का नमाण करन म भी तभ लखन क उपयो गता स इनकार नह कया जा सकता तभ लखन क लए वषय क कोई कमी नह ह और वषय म भी इतनी व वधता ह क नए प कार अपनी अ भ च का वषय चन सकत ह समाचारप क लखक क बीच तभ लखक क त ठा भी अ धक होती ह और इसका एक बड़ा कारण यह ह क वह पाठक क साथ नय मत तौर पर सवाद कायम करता ह इस तरह समाचारप क पाठक क एक बड़ वग क साथ उसका र ता थायी प स कायम हो जाता ह नय मत तौर पर का शत होन वाल तभ कई बार समाचारप या प का क पहचान बनान म भी सहायक होत ह

69 कछ उपयोगी प तक 1 The Art of Column Writing ndash Suzzette Martinez Standring 2 Become a Columnist 3 समाचार सपादन और प ठ स चा - डॉ रमश जन

610 अ यासाथ न 1 तभ लखन क व वध वि तय क चचा क िजए समाचार क तलना म तभ लखन

कस कार भ न ह

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2 एक तभ लखक स पाठक या अप ाए कर सकत ह 3 तभ लखन क लए वषय का चनाव कस कया जा सकता ह 4 भावी तभ लखन क मलभत त व कौन-स ह 5 समाचारप म छपन वाल अपनी पसद क कसी तभ क चचा क िजए और उसक

गणावगण का िज करत ह ए उसक उपयो गता प ट क िजए

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इकाई-7 फ चर लखन

इकाई क परखा 70 उ य 71 तावना 72 फ चर या ह 73 फ चर क वशषताए

731 िज ासा और नौ र न 732 दसर व याओ क उपादान 733 सवदनशीलता

74 फ चर का मल व प 741 समाचार फ चर 742 व श ट फ चर

75 फ चर लखन 751 फ चर लखक क यो यताए 752 फ चर लखन क तयार 753 भाषा शल और आ त रक गठन 754 शीषक 755 भ मका 756 व लषण 757 उपसहार 758 च ाकन

76 व भ न वधाओ स तलना 761 नबध लख और फ चर 762 समाचार और फ चर 763 कम और फ चर 764 कहानी और फ चर 765 सपादक य और फ चर 766 अ य वधाए और फ चर

77 फ चर क वषय 771 यि त व फ चर 772 समाचार फ चर 773 यौहार स ब धी फ चर 774 र डयो फ चर

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775 च ा मक फ चर 776 य या मक फ चर 777 या ा फ चर 778 मानवीय च वषयक फ चर 779 ऐ तहा सक फ चर

78 साराश 79 श दावल 710 कछ उपयोगी प तक 711 अ यासाथ न

70 उ य इस इकाई क अ ययन क बाद आप फ चर का अथ समझ सकग फ चर क वशषताओ क बार म जानकार ा त कर सकग फ चर-लखन क ाथ मक आव यकताओ स प र चत हो सकग फ चर क व प को समझ सकग फ चर क व वध कार का प रचय ा त कर सकग समाचारप क व भ न तभ और फ चर का अतर समझ सकग और आप एक अ छ फ चर-लखक बन सकग

71 तावना समाचार म सभी क घटनाओ क समाचार तो होत ह ह इसक अलावा सपादक य वशष आलख हा य- य य काटन और फ चर भी होत ह जो समाचारप का च र और यि त व करत ह व भ न अखबार म बह त स समाचार एक जस होत ह सवाद स म त स आए समाचार का पाठ थोड़ बह त अतर क साथ सभी अखबार म एक जसा हो सकता ह सवाद स म त का समाचार न हो तो भी वह कौन-कब-कह आ द ककार या समाचार क याकरण म बधा होता ह ल कन दसर तभ पर यह बात नह लाग होती इनम फ चर का थान सव प र ह स अम रक प कार एल सस मकनी क अनसार सामा य समाचार आधारभत कौन कब कहा य और कस (छह ककार) स बाहर अथवा पर हटकर सघात करन

वाला लखन फ चर ह फ चर म म यत कसी मा मक प का तपादन होता ह समाचार म यह प ाय नह आ पाता अब तो हर अखबार को शश करता ह क हर दन कछ समाचार फ चर शल म लख जाए अगर समाचार अखबार का शर र ह तो फ चर उसक आ मा इस पाठ म हम फ चर क सभी प का व लषण करग

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72 फ चर या ह फ चर (Feature) श द ल टन क फ ा (Factura) स बना ह फ चर क अनक अथ ह व टर क नए श दकोश क अनसार फ चर का कछ अथ ह- 1 यि त या व त का व प 2 चहर अथवा चहर क अग वशष जस आख नाक मह आ द का व प 3 समाचारप या प का म का शत व श ट रचना 4 पर लबाई का चल च आ द फ चर को ह द म कछ व वान न पक भी कहा ह यह श द का यशा क अलकार

य-का य और नाटक क अथ म ढ़ हो चका ह फ चर का इ तमाल बह त हो रहा ह र डयो फ चर फोटो फ चर आ द धड़ ल स चलत ह इस लए यह श द इसी प म यव त करना समीचीन होगा प का रता म फ चर स ता पय समाचारप तथा प काओ म का शत व श ट आलख स ह जो हम जानकार दन क अलावा आन दत और फि लत भी करत ह इन लख म वषय का ततीकरण इस कार कया जाता ह क उनका वा त वक अथ और व प सा ात व य हो उठता ह इसी लए य फ चर कह जात ह प रभाषा फ चर क कोई सवमा य प रभाषा नह क जा सक ह अनक व वान न फ चर क व वध ि टय स जो प रभाषाए क ह व फ चर क गण का प ट करण करती ह -

सर खा डलकर क ि ट म फ चर व लख ह जो पाठक को यह बताए क कोई घटना य ह ई तथा उसका प रणाम या होगा डॉन डकन क अनसार फ चर जीवन क त एक नवीन ि टकोण द नक जीवन क क णा उसक नाटक यता और प रहास प को हण करक उसका च ण करन क एक व ध ह फ चर एक सड वच क समान ह िजसक दोन पा व श कर क परत स ढक ह ए कक क टकड़ तथा बीच म मसालदार मास तथा आल भर रहत ह ज स ब वस क अनसार फ चर समाचार को नया आयाम दता ह उसका पर ण करता ह व लषण करता ह तथा उस पर नया काश डालता ह फ चर का सव ठ कार वह ह जो साम यक हो तथा समाचार स जड़ा हआ हो मख लखक डॉ ववक राय क अनसार समाचारा मक नबध पक ह और वह व भ न

क नवीनतम हलचल का श द- च होता ह पीडी टडन क अनसार फ चर एक कार का ग य गीत ह य य लखक ीक ण च शमा क लए फ चर कसी वचार (मा यता) यि त घटना आ द का वध शाि दक च ण ह िजस थायी प द दया गया हो इन प रभाषाओ म फ चर को व भ न ि टय स दखन का यास कया गया ह यक प रभाषा उसक कसी न कसी एक वशषता पर बल दती ह फ चर को सम प स समझन क लए कोई एक प रभाषा पया त नह ह फर भी कहा जा सकता ह क फ चरrsquorsquo व तत वि तय और भावनाओ का सरस मधर और अनभ तपण वणन ह फ चर लखक गौण ह

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वह मा एक मा यम ह जो फ चर वारा पाठक क िज ासा उ सकता और उ कठा को शात करता हआ समाज क व भ न वि तय का आकलन करता ह इस कार फ चर म साम यक त य का यथ ट समावश तो होता ह ह ल कन अतीत क घटनाओ तथा भ व य क स भावनाओ स भी वह जड़ा रहता ह उसम समय क धड़कन गजती ह

73 फ चर क वशषताए फ चर ि थ त का वहगावलोकन ह नह करता वह न का उ तर भी दता ह और अ ात का ान भी कराता ह फ चर मानो कसी घटना क दरबीन स जाच करता ह अ छ फ चर क गण क जब हम बात करत ह तो उसक मल चार आधार पर हमारा यान जाना आव यक ह य ह- िज ासा स यता यो यता और व वास

731 िज ासा और नौ र न

वह फ चर नसार ह जो थम वा य स ह पाठक क मन म उ तरो तर िज ासा उ प न न कर सक फ चर जानकार क यास पदा कर और उस बझाता भी रह फ चर स य पर आधा रत हो उसम ऐसी कोई क पना भी न क जाए जो कसी आधार पर टक न हो का लदास क थ क ट काकार मि लनाथ का कहना ह- लखक को यह सदव याद रखना चा हए- नामल ल यत क चत अथात िजस बात का आधार नह हो उस लखना नह चा हए यो यता लखक क वा याय त य क षण और शल क दय ाह व प म समा हत ह व वास लखक और पाठक

दोन क लए ज र ह आ म- व वास क साथ और व वास क शल म लखा गया फ चर पाठक म भी व वास उ प न करगा फ चर पढ़कर य द पाठक को लगा क बात जची नह तो फ चर का उ य ह परा नह होता पाठक को मला सतोष लखक वारा उ प न व वास का ह पातर ह अत पाठक को सत ट करना परम आव यक ह बह धा लखक क त क त अपन आपको सत ट मानकर उसक ठता आक लत ह व वास का गण दसर क तला पर तलता ह अपन पर नह फ चर लखक िजन बात स अपन आलख को अ धक आकषक बना दता ह उनम स चन ह ए नौ र न इस कार ह- 1 मोहकता 2 सामा य त य का आकषक प 3 यि तय क वशष जानकार 4 तकसगत ि टकोण 5 ग तशील शल 6 व च ता 7 यापकता-भाव और भाव का दायरा सी मत न हो 8 त य और उसक भाव क मह व पर जोर 9 ान और भावना क शि त का वकास

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732 दसर वधाओ क उपादान

टाइ स ऑफ इि डया ( द ल ) क भतपव समाचार सपादक ी व वभरनाथ कमार क अनसार भावना और आलोचना फ चर क आव यक अग ह फ चर म भावना क या या क जाती ह काशी प कार सघ क वशष अ नयतका लक मा रका प कार (1972) क पव उ तर दश अक म ह द म फ चर लखन पर डॉ ववक राय का लख ट य ह डॉ ववक राय का कहना ह क फ चर आध नकता का अ नवाय आ ह ह िजन नबधतर वधाओ क साथ जड़कर व वध प म उसक रचना होती ह उसक ता लका न न ल खत ह- (क) पसनल ऐस (ल लत नबध) (ख) कच (रखा च ) (ग) रपोताज ( ववर णका) (घ) फटसी ( वर- वधा) (ङ) शाट टोर (लघ कथा) (च) प डायर और वाता आ द इस कार डॉ ववक राय क मतानसार फ चर सब कछ ह और सब म उसक याि त ह य द हम फ चर को इतना अ धक यापक कर दग तब तो उसका अपनापन तथा उस वधा क वशषता या होगी उसका बोध कराना क ठन हो जाएगा हम फ चर को य द उसक सीमाओ म दख तो अ धक उपय त होगा फ चर को खचड़ी बनान स उसका मह व कह का न रहगा और न उसक कसौट भी तयार हो सकगी एक अ य ि टकोण व र ठ प कार पीडी टडन का ह फ चर क वषय म टडनजी क जो वचार 1952-53 म थ वह 1976 म ह उनक मा यता ह क फ चर एक कार का ग यगीत ह फ चर हमारा मनोरजन करता ह फ चर म य प स ववक

और आनद क लए लखा जाता ह अव य ह तीस वष पहल फ चर को उसी कसौट पर परखा जाता था िजसका सकत टडनजी न अपन लख म कया ह पर त फ चर क परख क नयम अब बह त बदल गय ह अब फ चर कवल मनोरजन और वनोद का साधन नह ह कई ऐस वषय पर भी फ चर लख जात ह जो अपन वभाव स ह मनोरजक नह होत फ चर को िजस रस म सरोबार करना हो कया जा सकता ह अब फ चर को ग यगीत मानना उसक मह व को कम करना ह स प म हम यहा इतना ह कहना चाहत ह क फ चर आध नक प का रता क वह वधा ह जो मा मक ढग स समाचार क वतमान भ म पर खड़ी होकर अतीत पर ि ट डालती ह ई भ व य क ओर इ गत करन म स म ह फ चर म लखक का यि त व सामन नह आता उसका लखक तो प कार क तरह पद क पीछ रहकर पाठक क लाभाथ घटनाओ और यि तय का वतमान भत और भ व य क प रवश म म याकन करता ह फ चर न रखा च ह न पक और न ग यगीत फ चर ह फ चर ह कसी समाचार क यापक भाव का दशन और म याकन

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फ चर म वशष और अनोख स य का व लषण मलता ह फ चर पाठक क िज ासा सहानभ त आशका वनोद स ास और आ चय का उ यीपन करता ह प का रता वशयक अनक प तक क लखक जाज फा स मोर का वचार ह क फ चर का ाण सवदना ह

733 सवदनशीलता

डनवर व व व यालय क प का रता वभाग क अ य एलमो कॉट वाटसन क मा यता ह क फ चर कसी भावना क इद- गद च कर काटता ह समाचार को ऐसा प दया जाता ह क वह और आकषक बन पाठक का यान खीच और सामा य

पाठक क भावनाओ को छ जाए कारण यह ह क पाठक समाचार क मह व स उतना आदो लत नह होता िजतना मानवीय सवदना ( म घणा आ द) स कसी अ छ फ चर को पढ़न क बाद पाठक को कसी न कसी तरह का सतोष ा त होता तो मनोरजन जानकार अथवा श ा क प म हो सकता ह यज राइ टग प तक क लखक जाज ए हग का वचार ह क फ चर म सामा यत उसी कार क मानव क त और वसी ह प रि थ तय का व लषण होता ह िजनका हम न य त अनभव करत ह और जो कसी क जीवन म घट सकती ह उसक मतानसार फ चर यह याद दलाता ह क हम सब समान अनभव क भागीदार ह फ चर क ल ण क वषय म मास क य नकशन एड जन ल म इन इि डयाrsquorsquo क लखक डीएस महता का कहना ह क ldquoफ चर म उस त य को उभारा जाता ह जो मह व का होत ह ए भी प ट नह होता और उसका ततीकरण ह फ चर क यि त व उसक शि त और उसक औ च य का बोध दता ह अ ययन अनसधान और सा ा कार क बल पर फ चर म त य का व तार कया जाता ह फ चर कसी वषय क जानकार और अ ानी पाठक क लए श क और पथ- दशक का काम करता ह rdquo ldquoसपादन क स ा तrdquo प तक म डॉ रामच तवार का मत ह क फ चर लखक अपन आख कान भाव अनभ तय मनोवग और अ वषण का सहारा लकर उस चकर आकषक और दय ाह बनाता ह ी व वनाथ सह का कहना ह क फ चर-लखक पाठक को व थ तथा गभीर

मनोरजन दता ह इसका भाव णक या अ थाई नह होता यह पाठक क मन तथा वचार को एक झटका दता ह उस एक वशष ढग स सोचन- वचारन क लए रत करता ह और तब अपना एक वत वचार बनान का अवसर भी दान करता

ह डॉ जभषण सह lsquoआदशrsquo का कहना ह- ldquoअ छा पक (फ चर) कसी वषय क पा वभ म म समाचार क पीछ समाचार का व लषण चचा तथा प ट करण

तत करता ह वह ात अथवा अ प ात घटना क समी ा कर लखब च तत कर पाठक को नवीन त य स अवगत कराता ह वह अ वषण करता ह

तथा वषय-व त को अनाव त कर व वसनीय सा य स अपनी थापनाओ को प ट

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बनाता ह वह घटनाओ क भाव का पवानमान करता ह तथा सभा वत प रणाम क ओर यानाक षत करता ह rdquo फ चर क त ऐसा आकषण य समाचार नयी जानकार दता ह इस नवीनता क कारण सामा य पाठक उसको पढ़ना चाहता ह फ चर म समाचार और सम या आ द क रह य क वशष जानकार क साथ आ मीयता भावना और ववचना क गण का समावश होता ह इन त व क कारण ह पाठक क उसस भावना मक सति ट होती ह पाठक क यह सति ट उसक आकषण का मल कारण ह इस सति ट क उपलि ध फ चर म समा व ट उसक अनक मल त व क कारण होती ह

बोध न- 1 1 फ चर कस कहत ह helliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphellip helliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphellip2 फ चर को कौनस नौ त व आकषक बनात ह helliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphellip helliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphellip 3 फ चर समाचार का सरस यापक सदभय त मोहक व तार ह या आप इसस सहमत ह helliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphellip helliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphellip

74 फ चर का मल व प

741 समाचार फ चर

समाचारय त फ चर म द नक समाचार को मनोरजक ढग स तत कया जाता ह व अ पका लक मह व क होत ह िजन घटनाओ का या तो उसक कसी प का समाचा रक मह व नह होता पर त जो पाठक को आकषक लगन वाल होती ह उ ह को ज द और स प म मनोरजक तथा आकषक ढग स लखकर फ चर का प द दया जाता ह उदाहरण क तौर पर कसी ी का ब चा नद म डबकर मर

गया यह तो समाचार हआ द खया ी को सपना आया उसन नद क कनार अपन प क कपड़ दख उ ह वहा जाकर पहचाना और इस कार प क डबकर मरन क पि ट ह ई प - वयोग व न- ान और सबक साथ जड़ी ह ई मात व क भावना को काश म ला दन स स त समाचार फ चर तयार हो गया ता का लक समाचार फ चर लखन क लए न न ल खत बात को यान म रखना ज र ह यह एक ऐसी पशबद ह िजसस फ चर क पकड़ आसान हो जाती ह और िजसस लखन भी सरल हो जाता ह- 1 द नक घटनाओ और समाचार म मानवीय प क खोज

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2 जीवन क सखात और दखात पहलओ पर वचार 3 अ धक याद रहन वाल कहानी ह पाठक को अ धक छती ह 4 क ण फ चर को सरल और सयत रखा जाए 5 छछल हा य और बाजा भाषा का योग न कर 6 धम जा त और रा यता पर आ प न हो 7 श द क चयन पर वशष यान रखा जाए 8 घटना क आकषक पहलओ पर यान दया जाए लखक उ ह अपन मन स न

गढ़ 9 फ चर म बनावट त य को भरन क को शश न क जाए बनावट त य स

फ चर को औप या सक प दना उपयोगी नह त य प व ह नाटक यता नह

742 व श ट फ चर

व श ट फ चर क लए साम ी एक क जा सकती ह कछ साम ी लखक क पास ह परानी एक साम ी भी काम म आ सकती ह परानी म तय को ताजा कया जा सकता ह और उ ह पन आकषक ढग स तत कया जा सकता ह नयतका लक वषय पर लख गए फ चर थोड़ हरफर क साथ कभी भी काम म आ सकत ह उ सव ऋतओ पयटन- थल ऐ तहा सक थान महाप ष चर मरणीय घटनाओ तथा जीवन क शा वत न पर लख गए फ चर सदव ताजा रहत ह उ ह सदा पसद कया जाता ह इस कार क फ चर तयार करन क लए पहल स तयार करनी पड़ती ह इ ह लखन क लए साम ी जटानी पड़ती ह और वा याय जार रखा जाता ह नोट बक म यथा थान लखना चाल रहता ह समाचारप क कतरन वषयवार एक त करनी पड़ती ह अत फ चर क लखक को इन बात पर वशष प स यान रखना पड़ता ह- 1 लखक को कौन-कौन स वषय चकर ह उसका कन- कन वषय पर अ धकार

ह और उन वषय क बार म लखक को अ य सा ह य जटा सकन क स वधा ह तथा ानवधन का कोई और साधन भी सभव ह अथवा नह इन सब बात पर वचार करन क प चात फ चर का वषय नि चत करना चा हए

2 जो-जो फ चर क वषय हमन सोच ह उनक बार म हमारा अनभव कतना ह और उस अनभव को और कतना अ धक बढ़ाया जा सकता ह दसर क अनभव क आधार पर अ छा फ चर नह लखा जा सकता जब तक हमार पास कछ अपन अनभव नह ह ग तब तक दसर यि तय क अनभव क खर-खोट होन का पता भी तो नह लग सकता

3 फ चर लखक म नर ण-शि त का होना अ त आव यक ह नर ण-शि त का अथ कवल दख सकना ह नह कसी व त को दखकर उसक भाव को दयगम करना भी होता ह नर ण-शि त क सहायता स लखक उन त य

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तक पह च सकता ह िजन तक सामा य पाठक कभी नह पह च पाता नर ण-शि त क अभाव म फ चर क लखक म अपनापन नह आता फ चर का न अपना यि त व नखरता ह और न लखक का यि त व ह बनता ह पनी नगाह स दखन उस पर मनन करन तथा अपन न कष पर पह चन का सतत अ यास ज र ह

4 फ चर का मल आधार समाचार ह समाचार कवल पढ़ ह न जाए बि क फ चर क उपय त लगन वाल समाचार क कतरन भी एक होती रह समाचार फ चर क त य को आधार बनाकर जब लखक व न क रह य उनक स यता उनम तारत य का गठन दघटनाओ और व न का ताल-मल मनोरजक ढग स इस कार तत करता ह क व दय को छ जाए तब वह स पण फ चर बन जाता

ह इस कार का फ चर तयार करन म कछ समय तो लगता ह ह स पण फ चर तरत-फरत का लखन नह वह तो अ ययन अ यवसाय और लखन-चातर का चम कार होता ह स पण फ चर साम यक थानीय दश यापी सवदशीय नयतका लक और शा वत हो सकत ह व श ट फ चर म लखक क सा हि यक तथा व ा नक तर क क साथ-साथ खर वणन शल और नाटक यता का आ य लकर त य-क य को अ धक व तत सवदनशील आकषक तथा मनोरजक बनाया जता ह लखक उसक मा यम स पाठक को श ण भी दता ह पर त अ य प म जब क समाचार फ चर म कसी कार अथवा कसी प म श ण समा हत नह होता

75 फ चर लखन

751 फ चर लखक क यो यताए

फ चर लखक क कलम म रवानगी होनी चा हए िजसक लए तभा प र म और अनभव क वशष आव यकता ह अ छ फ चर-लखक म न न वशषताए अव य होनी चा हए- 1 फ चर लखक का भाषा पर पण अ धकार होना चा हए य द भाषा लखक क इशार

पर थरकती रहगी तो फ चर म ला ल य और तरलता का समावश हो सकगा 2 फ चर लखक का ान बहआयामी भी होना चा हए धम दशन स क त समाज

सा ह य इ तहास आ द क समझ फ चर को पण तथा तकसगत बनाती ह 3 फ चर को भावकार तथा मनोरजक बनान क लए आव यक ह क फ चर लखक

क पास क व-सा दय समी क-सा ौढ़ चतन इ तहासकार-सा इ तहास-बोध व ा नक-सी ता ककता समाजशा ी-सा समाज-बोध तथा यग टा क भा त भ व य को परखन क शि त हो

4 आध नक फचर कला म च कला तथा फोटो ाफ का वशष थान ह अत फ चर-लखक को रखाकन तथा छाया च क गहर पकड़ होनी चा हए ता क अपन फ चर क वषयव त क अन प वह उसम रखा च का समायोजन कर सक

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5 फ चर लखक को प रवश क त सजग तथा समसाम यक प रि थ तय क त जाग क होना चा हए ता क वह उन व वध वषय को अपनी स म ि ट स दख सक िजन पर रोचक फ चर लख जा सकत ह

6 फ चर लखक को अपनी आत रक वि त ान और अनभव पर व वास होना चा हए

7 फ चर लखक को अपनी आख तथा कान पर व वास रखत ह ए भाव अनभ तय एव नर ण-शि त का सहारा लकर फ चर तयार करन चा हए

752 फ चर लखन क तयार

1 फ चर लखक दसर लोग स सा ा कार भी करता ह और लोग क अनभव क जानकार ा त कर आलख तयार करता ह सा ा कार पर आधा रत लख म अनक त य जीवन क नचोड़ क प म मल जात ह अत अपन और अ य लखक क सा ा कार वषयक लख क कतरन जमा करनी चा हए य फ चर लखन म बड़ उपयोगी स होती ह

2 सरकार और वभागीय रपोट क व तत जानकार तो समाचारप म का शत नह हो पाती अनक रपोट म ऐस त य अ का शत रह जात ह जो बड़ मा मक और भावशाल होत ह

3 मान सक आधार पर गहन चतन कए बना थल आधार पर आडबर और प तक क अ ययन पर लगाया गया समय बकार ह रहता ह इस मान सक आधार को प ट करन क लए फ चर लखक को न न ल खत बात पर वशष यान दना आव यक हो जाता ह -

(1) फ चर का वषय ऐसा होना चा हए जो चकर हो लोकमानस को छन वाला हो इसक लए यह ज र ह क वषय समयो चत हो

(2) कछ वषय ऐस होत ह िजनका दायरा व तत होता ह और कछ का कवल थानीय थानीय वषय क फ चर म थानीय बात को ाथ मकता द

जाती ह उ ह को उभार दया जाता ह थानीय वषय स हटकर पाठक क च को यान म रख जो फ चर लख जात ह उनका ि टकोण व तत होता ह उनम सदभ भी ऐस नह दए जात जो कवल थानीय मह व क ह ऐस फ चर क भाषा म ऐस महावर का आना भी उ चत नह जो कवल आच लक कह जा सकत ह

(3) कस प -प का क लए फ चर लखा जा रहा ह इसका वचार लखक क मन म रहना चा हए यक प -प का का अपना अलग यि त व होता ह उसक अपन पाठक होत ह अ यास क कारण उन पाठक क एक कार क च बन जाती ह उनक दमाग कसी खास साच म ढल जात

ह अत यह आव यक ह क फ चर-लखक कसी वशष प क लए फ चर

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लखत समय उसक पाठक क वि त च और प क नी त का भी यान रख

(4) पाठक क च और प क नी त का यान रखत समय लखक को इस त य पर भी नजर रखनी चा हए क फ चर सामा य पाठक क लए ह न क वशष क लए सामा य ब क पाठक क स या अ धक होती ह और उ ह स कसी प क लोक यता आक जाती ह सामा य पाठक न फ चर पसद कया तो सम झए क फ चर लखक क कदर बढ़न क सभावना सभावना ह

(5) जहा तक फ चर क आकषण का न ह वह बह मखी हो न क अ त सी मत आकषण का आधार एकागी होन स पाठक क स या सी मत होगी और वह उ ह कम चगा मानव वभाव बह रगी ह उसक क त एक पता स ज द ऊब जाती ह उस व वधता म मजा आता ह इसी रह य को यान म रखकर फ चर म आकषण क व वधता लान का यास कया जाता

ह (6) फ चर का पाठक उसम समा हत स य और अनभव का पर ण करन को

आतर हो जाता ह अत फ चर म जो बात लखी जाए व पण प स यावहा रक होनी चा हए व ऐसी का प नक न ह िजनका कसी धरातल पर पर ण न हो सक य द ऐसा हआ तो पाठक का लखक पर स व वास उठ जाएगा और उसक क त भ व य म लोक यता खो दगी

753 भाषा शल और आत रक गठन

जब हम लखग तो हमारा लखन का अपना कोई ढग होगा वह ढग बढगा भी हो सकता ह और अ छा भी लखन का अ छा ढग ह शल बन जाता ह लखन कला प तक क लखक आचाय सीताराम चतवद क अनसार- लखन क अ छ शल वह ह जो लोक- योग स समि वत हो जो अपनी और अपन दश क जान पड़ िजसम श द का योग श ट और भावो पादक हो पाठक िजस भल कार समझ सक

सपादकाचाय बाब बालमक द ग त न एक सग म लखा ह- लखन क भाषा भी वह अ छ समझी जाती ह ज बोलचाल क भाषा हो मनगढ़त न हो उसी को महावरा भाषा कहत ह महावर का अथ बोलचाल ह भाषा का एक दोष ज टलता भी ह िजस वा य म ldquoअथात rdquo क ज रत पड़ती ह उसको सरल- व छ भाषा म लखन वाल कभी पस द नह करत एक अ य थान पर ग तजी न वचार कट कया ह- कसी दश क भाषा उस समय तक काम क नह होती जब तक उसम उस दश क मल भाषा क श द बह तायत क साथ शा मल नह होत rdquo

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भाषा और भाव क उ चत स म ण स शल बनती ह कसी व वान क मा यता ह क भावह न भाषा स भाव क सि ट नह हो सकती बना सयत भाषा क अ भ त भाव भी य त नह होता मोट तौर पर शल क दो कार ह-वणना मक और भावा मक एक म लखन का ढग वणन कर प लता ह और दसर म भाव क धानता होती ह इन दोन श लय का म ण भी हो सकता ह फ चर लखन म म त शल का योग ह अ धक उपय त होता ह हमार ग य क भाषा लया मक होनी चा हए उसम लय-ला ल य होगा तब वह आनददायक होगी भाषा-शल को गौण समझना उ चत नह पहल तो इस बात का मह व ह क जो कछ कहा जा रहा ह वह कस कस ढग स कस चतराई स और वह कसा चम कार उ प न करन वाला ह उसक प चात या कहा जा रहा हrdquo क मह व क गणना होती ह शल क आव यक गण ह - सरलता प टता सजीवता मम प शता और भावो पादकता इनक साथ ldquo वनोदrdquoका पट हो तो वह सोन म सहाग का काम करता ह बालक ण भ न एक थान पर लखा ह- ldquoसच पछो तो हा य ह लख क आ मा ह लख पढ़कर कद क कल क समान दात न खल उठ तो वह लख ह या rdquo इसक साथ ह यह कहना भी पर तरह ठ क नह क यि त ह शल ह अथवा शल ह यि त ह व वनाथ साद (ldquoभाषाrdquo ववद म त अक अग त 1964) क मा यता ह क शल क पण वकास क लए यह आव यक ह क लखक या क व अपन वषय म अपन आपको ब कल डबो कर अपन आपको ब कल भलकर रम जाए वषय क वणन म आ म वभोर ह ए बना शल का नखार कहा शल कार तो अपन यि त व का होम करक ह अपन को ब कल खपा करक वातावरण क व प अथवा वानभ त का यथावत अकन कर पाता ह फ चर लखन क शल म यि त व का दशन नह उसका गोपन अ धक आव यक अग माना जाता ह वषय सग प रि थ त और करण क अन प ह फ चर लखक श द का चयन और वा य का गठन करता ह यह लचीलापन ह शल को नखारता ह और यह उसम साद गण क व करता ह फ चर लखन क शल क बार म कपी नारायण का वचार ह ndash ldquoवह छोट नद क वाह जसी होनी चा हए फ चर क लए भावा मक शल का योग अ धक उपय त ह rdquo फ चर लखन क भावो पादक शल क लए स प म आव यक गण इस कार ह- 1 ldquoअरथ अ मत अ त आखर थोरrdquo - तलसीदास 2 साद गण आसानी स समझ म आ जाए 3 सा हि यक पट लए टकसाल तथा ओजपण भाषा 4 श द तथा वा य क अथ गौरव का ान और उसका श योग 5 कहन का अपनापन जो नवीन चटक ला सट क और मनोरजक हो 6 महावर कहावत और सि तय का सह योग 7 वा य का गठन सरल हो पर त ढ लापन लए ह ए नह 8 वा य क गठन म अनक पता

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9 श द वा य और वचार क पनरावि त न हो 10 परा न तो बह त छोट ह और न अ धक ल ब ह 11 जहा तक सभव हो परा क थम वा य म ह मह वपण नवीन वचार को थम थान

मल जाए 12 यक परा क गठन म भी व वधता जान पड़ 13 यक वा य और परा म कथन का तारत य बना रह 14 अनाव यक कछ न हो न भाव और न वा य 15 वषय क अन प कथन का प हो 16 तकनीक तथा द ह वा यावल तथा श द का कम स कम योग कया जाए 17 ामीण श द का योग न कया जाए तो अ छा सगानसार उनका कह योग कर

भी दया जाए तो बरा नह 18 भाव और भाषा म उलझन न जान पड़ 19 अनवाद भाषा का पण प र याग 20 भाव और भाषा क स कार क र ा का यान 21 शल प रमाजन क लए रचना का बार-बार पठन

754 शीषक

शीषक का नयापन उसक ताजगी और आकषण फ चर क स दय क अ भव म वशष सहायक होता ह शीषक लगाना क टसा य काय ह अनक बार यह दखा गया ह क हम नबध फ चर आ द तो लख लत ह क त स टक शीषक दत समय काफ परशानी महसस करत ह घट तक शीषक नह सझता व तत शीषक थोड़ स श द का सम चय ह िजसम स पण फ चर का मल क य या भाव हमार सामन कट हो जाता ह शीषक वय म स पण फ चर क वषयव त को सजोए रखता

ह सामा सकता अ छ शीषक का मख गण ह आज क इस या क एव ग तशील जीवन म पाठक क पास अ धक समय नह ह शीषक का ताजापन ह उसक च एव चतना को फ चर को पढ़न पर मजबर कर सकगा शीषक का साज-स जा क ि ट स भी मह वपण थान ह प ठ को आकषक तथा स चपण बनान म भी

शीषक का वशष योगदान होता ह अत इस म फ चर लखक को अपन ान और अनभव का परा उपयोग करना चा हए शीषक चनत समय इस बात का यान रखना चा हए क उसम पणता हो अपण तथा अ प ट शीषक फ चर क भाव को कम कर दत ह कछ लखक या सपादक उपशीषक का भी योग करत ह उपशीषक स फ चर क वषयव त शी ह प ट हो जाती ह अत सझबझ क साथ इनका योग भी करना चा हए

755 भ मका

भ मका आमख या इ ो फ चर का ाण ह यह फ चर का मखार वद ह चहरा ह फ चर का सार त व या म य त य का उ घाटन इस खड म तत करन क

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सामा य परपरा ह अ छा इ ो ह पाठक को परा फ चर पढ़न क लए मजबर करगा घ टया या साधारण तर का इ ो अ छ स अ छ फ चर का ldquoकालrdquo बन जाता ह ldquoइ ोrdquo क नाटक यता मनोरजकता भावना मकता अथवा आलका रता अनायास ह फ चर म सजीवता का सचार कर दती ह पाठक क िज ासा-वि त को जागत करन वाल थम पि त म ह पाठक को आक ट कर लन वाल तथा फ चर क मल उ य को प ट करन वाल इ ो ह ठ तथा तर य मान जात ह िजस कार कसी मन य स थम सा ा कार क समय उसक मख-मडल को दखकर उसक यि त व का अनमान करत ह और उसक छ व हम अपन दय म अ कत कर लत ह उसी कार आमख क मा यम स हम फ चर क आ मा स सा ा कार करत ह

756 व लषण

आमख क बाद व त ववचन या व लषण म फ चर क मल सवदना या क य क या या क जाती ह इसी क य भाव को ि टगत करता हआ तथा वचार क तान-बान बनता हआ लखक व भ न प र छद म लयय त म स अपनी बात-कहता चलता ह भाव या वचार क व खलता फ चर को ह का व भावह न कर दती ह अत लखक को इस बात का सदव यान रखना चा हए क उसक भाव या वचार-चतना मल त य या वषय पर ह क त रह वषय को अ धक प ट एव ामा णक बनान वाल त य एव वचार का ह इस खड म आकलन सकलन व थन

होना चा हए असब तथा वषयतर सग क समावश स फ चर पाठक क ि ट क पकड़ खो दता ह अत इस बार म नवो दत फ चर-लखक को वशष जाग क रहना चा हए

757 उपसहार

फ चर का अ तम भाग उपसहार या न कष कहा जाता ह इस खड म लखक कसी न कष पर पह चता हआ पाठक क िज ासाओ का समाधान कर दता ह या दशा सकत दकर बात समा त कर दता ह उपसहार भावो पादक होना चा हए

758 च ाकन

फ चर क साथ उसक वषयव त क अन प न श च या रखा च दन स आकषण और भावो पादकता बढ़ जाती ह अत फ चर लखत समय त सबधी काटन च आ द का योग करना चा हए आजकल रखा च च तथा काटन का चलन बह त बढ़ गया ह अत यह आव यक ह क फोटो ाफ क सामा य जानकार लखक प कार और सपादक को हो िजसस क वह च का चयन या उनको खचवान क यव था वय कर सक

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76 व भ न वधाओ स तलना फ चर और सपादक य लख नबध कहानी आ द म मौ लक अतर ह हाला क कछ वधाओ क त व फ चर म भी होत ह

761 नबध लख और फ चर

नबध (अ जी पयाय ldquoऐसrdquo) का अथ कसी वषय अथवा वचार स सब धत साम ी को बाधना या एक करना ह नबध म त अथवा व छद रचना ह ासीसी लखक- माइकल दमानतन ऐस या नबध क जनक मान जात ह वह नबध क मा यम स अपन ldquoमrdquo को सच सहज और सामा य तर क स य त करत ह उ ह का अनकरण कर नबध लखक का ldquoमrdquo खलकर खलता रहा बाद म नबध म ldquoमrdquo बह त कछ ल त हो गया अब उसम द नया का सब कछ होता ह सफ ldquoमrdquo नह लखक को मनमानी करन क छट होती ह वह वषय या वचार का बधन नह मानता नबध लखन मनमान या अनाड़ी ढग स श द का खलवाड़ नह ह वह ग य म अ भ यि त क ऐसी स और ऐसा कला मक स षण ह िजसम लखक अपन जीवनानभव और उपलि धय को जान या अनजान इस कार रखता ह क पाठक उसी भाव-भ म पर सचरण करन लगता ह उसम लखक का ldquoअपनापनrdquo प ट झलक वषय तो यि तगत अ भ यि त क बशाखी मा ह लख आध नक श द ह इसका योग अ जी श द ldquoआ टकलrdquo क पयाय क प म होता ह यह श द प का रता क वकास क साथ जड़ा हआ ह लख म म यत नवयि तक ढग स कसी वषय का ववचन होता ह नबध और लख म वशष अतर नह ह नबध म पा ड य का प अ धक नखरा हआ और भार भरकम होता ह लख बह त कछ ह कापन लए होता ह नबध थायी सा ह य का अग बन सकता ह और बन जाता ह लख क ि ट साम यक ह वह तरत-फरत वाल सा ह य क को ट म आता ह नबध लख और फ चर क तलना कर तो पाएग क नबध और फ चर दोन म ठ ग य क दशन होत ह दोन थायी सा ह य क को ट म पह चन क को शश म रहत ह दोन म आधारभत वषय-चयन क कोई सीमा नह नबध म ldquoमrdquo कसी न कसी प म झलकता ह फ चर म ldquoमrdquo होता ह नह और होना भी नह चा हए नबध म पा ड य क झलक अव य होती ह फ चर म पा ड य का लशमा दशन नह होता लखक और फ चर प का रता स अ धक सब ह लख और फ चर दोन का ह आधार साम यक को ट का होता ह फ चर तथा लख अ छ ग य क नमन होन चा हए दोन सचनापरक ह और इनका अपन-अपन कार स आकषक होना ज र ह लख क वषय व तत और गहन होत ह लख एक वषय को छता हआ अनक वषय को अपन दायर म समट लता ह लख म व व ता का पट होता ह वह

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शल और तपादन करन म अ धक गभीर होता ह पर नबध क तलना म कम लख औपचा रक होता ह कसी त य का तपादन करत समय अपना मत कट करना लखक का पण अ धकार ह नह ह उसस उसक अप ा क जाती ह फ चर अनौपचा रक ढग स लखा जाता ह फ चर लखक अपनी राय स त प म ह कट करता ह आलोचना करन का उसका तर का सीधा न होकर अ य होता

ह लख म त य तार ख और आकड़ का बाह य हो सकता ह लख क सीमा पर कोई तबध नह य द सीमा ह तो प -प का क आकार और सपादक क इ छा क अनसार फ चर का वषय नि चत और सक चत होता ह उसम अ धक त य और आकड़ का दया जाना ज र नह लख म च आव यक नह च और काटन फ चर क आव यक अग ह अनक फ चर च - धान होत ह फ चर म रगीनी और नाटक यता होनी ह चा हए फ चर-लखन क शल गभीर न होकर वनोद होती ह मन पर चोट और उस पर अ धका धक भाव डालन का गण उसम होना ज र ह फ चर का व प छोटा ह होना चा हए कसी एक वषय पर लख क लए िजतनी तयार क ज रत ह उसस कह अ धक मसाला फ चर क लए जटाना पड़ता ह लख क कारण वि त और वचारधारा पर अ धक रोशनी नह डाल जाती फ चर तो अ धकतर घटनाच और लोक- त या पर क त रहता ह स प म कहा जा सकता ह क लख और नबध मि त क क उपज ह तो फ चर दय क लख और नबध मानस-प ह फ चर ह दयत ी क झनकार

762 समाचार और फ चर

समाचार घटना का ववरण ह घटना वय म समाचार नह दसर तरफ फ चर का आधार समाचार ह फ चर समाचार नह ह व लयम एल रवस न ldquoद मास मी डयाrdquo नामक अपनी प तक म वचार य त कया ह क फ चर का जाल समाचार स बड़ा होता ह फ चर लखक पठनीय अनभव तत करता ह उसम सचना को उतना मह व नह दया जाता िजतना शल ला ल य और वनोद को ldquoइव ट ग टव रपो टगrdquo प तक क लखक ो कर टस डी मकडगल दोन म उ य का भद मानत ह फ चर समाचार को आ छा दत कर लता ह खोजी और या या मक समाचार पर भी फ चर छा जाता ह समाचारप म भी समाचार क तलना म फ चर को अ धक मह व दया जाता ह समाचार त यपरक होता ह फ चर उस समाचार को नया आयाम दता ह उसक पर ा और श य- या भी कर डालता ह दोन क लखन-शल म भद होता ह समाचार स त और खाई लए ह पर फ चर उसक तलना म अ धक रगीन और सजा-धजा इन दोन क ततीकरण म भी भद ह समाचार को ldquoअ य प षrdquo

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क प म लखा जाता ह फ चर को उ तम म यम अथवा अ य प ष क प म लख सकत ह फ चर म त य रगीन और सजीव होत ह चट ल तथा भावो पादक भाषा उसम प ठभ म तपादन और भावा मक ततीकरण का आधार होती ह फ चर लखक अ धक वमशक होता ह और समाचार लखक अ धक वणना मक फ चर का शा वत त व समाचार क णभगरता को लाघन वाला होता ह

763 कम और फ चर

कम श द प का रता म बह त य त होता ह इस श द का योग दरदशन अथवा आकाशवाणी पर यगत क वणन क साथ समी ा क प म होता ह अ जी का कमट श द ट का- ट पणी क अथ म य त होता ह इस श द स कम श द बना ह उसका अथ ह ldquo कसी त य का वणन करत ह ए आलोचना समी ा या ट का करना rdquo यन नक स का कहना ह क फ चर का बाकपन उसम न हत भावकता और ट का म ह कम म वणन और ट का ह पर भावकता नह लखन अथवा मौ लक वणन म त यपरक आलोचना का थोड़ा बह त अश हो तो पाठक या ोता को अ छा लगता ह कम म भावकता को थान दना उ चत नह फ चर म त य क या या और ट का क साथ भावकता का वशष पट होना आव यक ह

764 कहानी और फ चर

फ चर त य पर आधा रत ह पर कहानी क पना पर फ चर व वसनीय ह कहानी नह कहानी लखन भी सभी घटनाओ पर आधा रत हो सकता ह पर उस इतना तोड़ा-मरोड़ा और व पत कर दया जाता ह क न वह इ तहास रहती ह और न फ चर

765 सपादक य और फ चर

व लयम एल रवस क मा यता ह क सपादक य समी ा तथा अ य वचार लख स फ चर अलग होता ह यह भद ह कवल ldquoरायrdquo क अ भ यि त क कार म तकसगत नणय और वकालत म जो भद ह वह फ चर और सपादक य आ द म फ चर-लखक त य को तोलता ह उनक आधार पर वकालत नह करता वह पाठक को फसलाता नह वरन उसक ान म व करता ह सपादक य स फ चर कह मल खाता ह कह नह उनका मल तो वह तक ह जब व समाचार क त य का व लषण करत व श टता दान करत अथवा उ ह छपात ह फ चर सपादक य स तब भ न हो जाता ह जब उसम त य का न प ता स सव ण कया जाता ह सपादक य म लखक क वचार और मत पर वशष जोर रहता ह फ चर इसक वपर त ह उसका लखन अपन वचार का धनी तथा अपन मत का ढ़ता स तपादक नह जान पड़ता ह सब कछ होत ह ए भी उसम ldquoअपनापनrdquo नह होता सपादक य ldquoलोकनताrdquo ह फ चर ldquoजनसवकrdquo

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766 अ य वधाए और फ चर

फ चर क तलना कहानी नाटक स मरण और रपोत ज स कदा प नह क जा सकती हा यह अव य ह क लखन क इन वधाओ क झलक फ चर म यथा सग आ सकती ह ऐसा करन स फ चर अ धक रोचक और भावी बन जाता ह पर फ चर म इनका योग बह त ह कम मा ा म और उपय त करण को अ धक नखारन क साधन क प म करना चा हए जस मख का स दय ललाट कपोल अथवा चबक क एक दो तल बढ़ा दत ह वस ह इन वधाओ म एक दो का स त योग फ चर क शोभा क व कर दता ह मख पर छाए अ धक तल िजस कार उसको क प कर दत ह उसी तरह फ चर म ऊपर द गयी वधाओ क अ धक मा ा उसक व श टता को समा त कर दती ह य द हम यह कह क जस मख और तल क तलना करना हा या पद ह वस ह फ चर क कहानी नाटक स मरण और रपोताज स कसी तरह क तलना करन का यास भी

बोध न- 2 1 मा मकता और सवदनशीलता फ चर का ाण ह इस कथन स या आप सहमत ह तक स हत उ तर द िजए helliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphellip helliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphellip2 फ चर लखन शल क आव यक गण बनाइए helliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphellip helliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphellip3 नबध और लख स फ चर क तलना क िजए helliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphellip helliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphellip

77 फ चर क वषय प रवश क यापकता क कारण फ चर लखन क लए भी व भ न वषय चन जा सकत ह मानवीय जीवन क व वध पहलओ पर फ चर लख जा सकत ह तथा जन च क अनक को फ चर का वषय बनाया जा सकता ह सामािजक आ थक राजन तक धा मक

सा क तक पौरा णक आ द क व भ न वषय पर ठ फ चर लख गए ह च ा मक तथा य या मक फ चर आज वशष लोक यता अिजत कर रह ह क ह कपी नारायणन न फ चर क तीन मख भद का ववचन कया ह - यि त व फ चर यौहार फ चर तथा च ा मक फ चर पीडी टडन न पौरा णक फ चर का भी उ लख कया ह

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मनाथ चतवद न फ चर क दो मख भद कए ह -समाचार धान और व श ट तथा इ ह दो भद म सम त कार को समा हत कया ह यावहा रक ि ट स फ चर क अनकानक भद कए जा सकत ह कछ म य भद क चचा यहा क जा रह ह-

771 यि त व फ चर

यक यग म ऐस महान प ष न ज म लया ह िज ह न वशष म मह वपण उपलि धया ा त क ह उन पर फ चर लखन का सामा य चलन ह

772 समाचार फ चर

ऐस फ चर का मल आधार समाचार ह होता ह य फ चर कथा मक गठन क कारण लोक य होत ह घटना का पण ववचन- व लषण इसक अतगत कया जाता ह समाचार तो अपन आप म सचना मक होता ह कत समाचार फ चर उस समाचार क सदभ म यापक जानकार उसक व वध प एव वि तय को समा हत करत ह ए दता ह

773 योहार सबधी फ चर

हमार दश क स क त यौहार बह ल स क त ह व भ न जा तय स दाय क अपन-अपन यौहार एव पव ह िजनक पीछ एक सद ध सा क तक परपरा रह ह होल द पावल ईद समस आ द पव पर ऐस फ चर लख जात ह इनम पव क मल सवदना एव उनक पौरा णक सदभ को तत करक आध नक सदभ म उसक या या- व लषण करन क व त रहती ह

774 र डयो फ चर

र डयो फ चर समाचारप तथा प काओ म का शत होन वाल फ चर स सवथा भ न वधा ह इसक शल एव व प म भी पया त भ नता ह इस भ नता का मख कारण यह ह क जहा प -प काओ म का शत फ चर पढ़न क लए होत ह वह र डयो फ चर सारण क लए होत ह इस कारण इसम सगीत तथा व न-प काफ बल होता ह लारस म लयम न फ चर को ldquoव त का र डयो नाटक य

ततीकरणrdquo (र डयो म टक जटशन ऑफ एि ट वट ) कहा ह लई मकनीस क धारणा ह- र डय फ चर कसी ग त व ध का नाटक य ततीकरण ह कत इसम लखक क रपोटर या फोटो ाफर स कछ और अ धक होना चा हए उस अपनी यथाथ साम ी का चयन काफ ववक स करना चा हए तथा उसक बाद उस इस कार नय त करना चा हए क वह एकल नाटक य भाव क अनकल हो सक भारत म ऑल इ डया र डयो क रपोट म फ चर क प रभाषा इस कार द गयी ह- ldquoफ चर काय म सचनाओ तथा मनोरजन को तत करन क सभी उपल ध साधन एव सारण क तर क को चकर प स तत करन क व ध ह rdquo हद सा ह य कोश म ldquoर डयो फ चरrdquo का इ तहास इस कार दया गया ह- ldquoफ लयस

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फ टन क अनसार बीबीसी म ldquoफ चरrdquo नाम ldquoडाकम rdquo क लए यव त होता ह आज स लगभग 30 वष पहल बीबीसी म ldquoफ चर नाम क रचनाए नह होती थी ल कन बीबीसी का नाटक वभाग र डयो टकनीक क सबध म नए-नए योग कर रहा था उस वशष अवसर क लए काय म का आयोजन करना पड़ता था इन काय म क सचनाए ldquoर डयो हाइलाइटrdquo या वशष काय म शीषक स समाचारप म द जाती थी उसी कार बीबीसी क वशष काय म क सचनाए प म नकलती थी इ ह लोग ldquoफ चड ो ामrdquo कहत थ बोलचाल म ldquoफ चडrdquo क ldquoडrdquo का लोप हो गया और उस ldquoफ चरrdquo ो ाम कहन लग rdquo र डयो फ चर का अ यत यापक ह इसक मा यम स हम महाप ष क जीवनी - वशष क सा क तक जीवन-झाक ऐ तहा सक थान का प रचय आ द पा

सकत ह

775 च ा मक फ चर

च क मा यम स अपनी बात कहन क वि त आज पाठक म काफ लोक य हो रह ह ऐस फ चर म च ह अपनी बात कहत ह श द क आव यकता काफ कम पड़ती ह च का चयन इस कार स कया जाता ह क िजसस व वत ह अपनी कथा या मलकथा को प ट कर दत ह च को आपस म जोड़न क लए तथा कथा का तारत य बनाए रखन क लए कभी-कभी च क साथ शीषक द दए जात ह ल कन यहा च ह धान होत ह शीषक नह

776 य या मक फ चर

सामािजक ओर राजन तक जीवन म घ टत होन वाल घटनाओ पर य य करत ह ए सरस और चट ल भाषा म हा य का पट दकर लख गए फ चर इस को ट म आत ह इनक पीछ एक वशष ल य या उ य रहता ह य य य मा छ टाकशी या च र -हनन का यास न होकर सामािजक राजन तक जीवन क वषमता व पता और असग त दखान क लए लख जात ह इनक मल म सधार क भावना रहती ह ldquo ठठरता हआ गणत rdquo ह रशकर परसाई का ऐसा ह य य फ चर ह

777 या ा फ चर

या ा फ चर क कई प और उ य होत ह सला नय को दशनीय थल और स वधाओ क जानकार दन क लए लख गए फ चर क मकाबल मानसरोवर या ा क दौरान ह ई अनभ तय का वणन- व लषण अ धक साथक और पठनीय होगा यह लखन या ी पर नभर करता ह क वह या ा क दौरान या दखता सनता ह उसक उस पर या त या होती ह और उस वह यापक सदभ स कस जोड़ता ह यह जड़ाव ह फ चर को व श ट बनाता ह

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778 मानवीय च वषयक फ चर

मानवीय पहल पर लख गय फ चर आज वशष लोक य हो रह ह व लयम रवस क अनसार ldquoमानवीय च क फ चर व ह िजनस पाठक भावना मक प स जड़ा हो और जो पाठक को उ तिजत या हतो सा हत कर ो धत या स न कर ओर उसम सहानभ त या अ च उ प न कर ldquo मानवीय च क अनकल लख गए फ चर भाव धान होत ह जो का णक मा मक तथा अनभ तपण हो सकत ह य फ चर पाठक क सवदनाओ को उ ी त करत ह व तत यह अ यत यापक एव व तत ह तथा अपराध म रोमास फशन वा य मानवीय सम याओ आ द वषय पर लख गय फ चर इसक लोक य

हो सकत ह

779 ऐ तहा सक फ चर

अतीत क घटनाओ क त मन य क दय म वाभा वक उ सकता रहती ह ऐ तहा सक यि तय घटनाओ और मारक आ द पर भावपण ऐ तहा सक फ चर लख जा सकत ह इन भद क अ त र त फ चर क कछ और भद कए जा सकत ह जस- राजनी तक फ चर ड़ा जगत सबधी फ चर पौरा णक फ चर आ द

78 साराश सामा य समाचार क आधारभत या न कौन या कब कहा य और कस क बाहर अथवा पर हटकर जानकार दन वाला और मानवीय प को वह तर प र य म तत सवदनशील रचना को फ चर कह सकत ह इसम त य रगीन और सजीव होत ह भाषा चट ल और असरदार होती ह फ चर कसी भी वषय पर लखा जा सकता ह सदभ और वि तय क ओर सकत करन वाला अनभवा त यह लखन मम पश होता ह पाठक

घटना- धान समाचार को आसानी स भल जाता ह ल कन अ छ फ चर को नह य फ चर समाचारप को जानदार और अ धक पठनीय बनात ह

79 श दावल फ चर (Feature) - पक फ चर का शाि दक अनवाद हो सकता ह और अनक लखक पक लखत भी ह ल कन पक अलकार और नाटक क अथ म ढ़ हो चका ह फ चर श द चलन म आ गया ह इस लए फ चर को फ चर ह कहना और लखना चा हए इ ो (intro) - समाचार क तरह फ चर का भी आमख या इ ो होता ह उप-शीषक (Sub-Heading) - समाचार म उप-शीषक दन क परपरा नह ह ल कन फ चर म बीच-बीच म उप-शीषक दय जा सकत ह हाला क यह अ नवाय नह ह फोटो फ चर - फोटो फ चर म फोटो- च मख होत ह और शीषक या स त आलख गौण य अ त र त जानकार दन और च को एक स म बाधन का काम करत ह

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710 कछ उपयोगी प तक फ चर लखन- मनाथ चतवद काशन वभाग भारत सरकार नई द ल पक लखन - डॉ जभषण सह आदश म हद थ अकादमी भोपाल

सपादन कला - कपी नारायणन म हद थ अकादमी भोपाल Feature With Flair - Brin Nichalls Vikas Publications New Delhi Feature Writing for Newspapers - Demiel R Williamson Writing and Selling Feature Articles ndash Helen M Paterson Mass Communication and Journalism in India ndash DS Mehta Allied Publications New Delhi

711 अ यासाथ न 1 फ चर क व प को प ट करत ह ए समझाइए क नबध स वह कसी प म भ न

ह 2 आपसी ि ट म आदश फ चर क मख वशषताए या ह 3 फ चर को वषयानसार कन वग म बाटा जा सकता ह 4 अपनी च क कसी वषय पर स त फ चर ल खए

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इकाई-8 समी ा लखन

इकाई क परखा 80 उ य 81 तावना 82 समी ा-अथ एव व प 83 समी क स अप ाए 84 समी ा कस कर

841 समी ा लखन का मा यम 842 समी ा लखन क या

85 समी ा लखन क कार 851 या या मक समी ा 852 ऐ तहा सक समी ा 853 आ मच रतमलक समी ा 854 मनो व लषणा मक समी ा 855 भाववाद समी ा 856 समाजशा ीय समी ा 857 सौ दया वषी समी ा

86 मी डया म समी ा लखन 861 प तक समी ा 862 फ म समी ा 863 ना य समी ा 864 कला समी ा

87 साराश 88 कछ उपयोगी प तक 89 अ यासाथ न

80 उ य इस इकाई म आप समी ा लखन क मह व एव तकनीक क सबध म व तार स जान सकग इकाई क अ ययन क बाद आप- समी ा क अथ एव व प को जान सकग समी क स या अप ाए रखी जा सकती ह इसस प र चत हो सकग समी ा लखन कस कर इस वधा को जान पाएग

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समी ा का मा यम और समी ा क या स अवगत हो सकग समी ा क व भ न कार को समझ सकग मी डया क व भ न मा यम क लए समी ा लखन क व प को जान सकग आप समी ा लखन म कशलता ा त कर एक यो य समी क बन सकग

81 तावना समी ा श द क न प त सम उपसग क साथ ई दशन धात स भाव वाचक आ यय स ह ई ह िजसका अथ स यक दशन ह समी ा क अ य च लत श द आलोचना समालोचना मीमासा ववचन परामश त या वषण गण-अवगण पर ा जाच परख समावलोकन मानदड पमाना आ द ह समी क का आशय आलोचक कला समालोचक कला समी क पर क पारखी ववचक वमश और समालोचक स ह आलोचना श द स कत क लच धात स बना ह लच क अनक अथ ह- 1 दखना (न स) 2 इ य मा स या मन स हण करना या समझना 3 का शत करना अथात िजसस दखा जाए िजसस कछ प ट हो या का शत हो उस लोचन कहत ह लोचन क पव आ क उपसग लगता ह िजसम अ क lsquo कrsquo का लोप हो जान स आलोचना श द बनता ह आ का अथ ह चार ओर स अत समालोचन का अथ ह कसी वषय क पण जानकार ा त करना उस पर वचार- वमश करना उसको प ट करना तथा गण-दोष का ववचन कर अपना मत कट करना आलोचना म सम उपसग स समालोचन श द बनता ह िजसका अथ ह स यक प स आलोचना करना अ जी क ट स म श द क मल धात ाइटस ह िजसका

आशय अलग करना नणय करना या म याकन करना ह व तत यह समी ा का मल आधार ह मी डया म समी ा लखन का अपना व श ट थान ह समी ा लखन ह वह मा यम ह िजसक वारा कसी क त वशष का म याकन कर उसक वचार स पाठक को अवगत कराया जाता ह

82 समी ा - अथ एव व प समी ा का ता पय कसी प तक अथवा क त का अ ययन कर उसक गण-दोष का ववचन करना ह इस या म समी क अपन मत का भी उ लख करता ह एनसाइ लोपी डया ऑफ ट नका क अनसार समी ा सा ह य अथवा ल लत कला क कसी स दया मक प क वशषताओ तथा म य स नधारण क कला ह यह उ त नधारण को यवि थत करन तथा उसक समथ अ भ यि त म न हत ह व तत समी ा का काय रचनाकार क उ य क त क गण-दोष तथा रचना क वारा मन पर पड़ भाव का अकन ह समी ा इस कार का मा यम ह िजसक वारा क त वशष का व भ न भावभ मय और मनोभावनाओ क आधार पर म याकन कया जाता ह और उसम न हत सदश तथा वचार को पाठक क स मख कट कया जाता ह

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समी ा क अथ एव व प को भारतीय और पा चा य व वान न इस कार प रभा षत कया ह- ldquoसा ह य म थ को पढ़कर उसक गण और दोष का ववचन करना और उसक सबध म अपना मत कट करना आलोचना कहलाता ह य द हम सा ह य को जीवन क या या मान तो आलोचना को उसक या या क या या मानना पड़गा rdquo

डॉ याम स दर दास ldquo थाई समी ा वह होती ह िजसम क व क वचारधारा म डबकर उसक वशषताओ का द दशन तथा उसक अतवि तय क छानबीन क जाती ह rdquo

प रामच श ल ldquo कसी व त या वषय क सभी अश पर अ छ तरह वचार करना ह समी ा ह rdquo

- आचाय महावीर साद ववद ldquoस य शव स दरम का सम चत अ वषण पथ करण तथा अ भ यजना ह स ची समी ा ह

- आचाय नद दलार वाजपयी ldquoआलोचक क थापना एक कार स नणायक क थापना ह

- रचडसन साराश म कहा जा सकता ह क समी ा क मा यम स हम क तकार क उ य क त क गण-दोष तथा रचना क मन पर पड़ी त या को य त करत ह

83 समी क स अप ाए समी क सा ह य का हर होता ह कसी क त क समी ा करना आसान काय नह ह समी क को अपन प रवश क त पण जाग क रहत ह ए अतच ओ क मा यम स क त क अतरा मा म वश करना होता ह समी ा लखन म समी क स न न अप ाए क जा सकती ह- 1 समी क म क व क -सी कोमलता चतन क गहनता और भाव हता होनी चा हए ता क

वह क त वशष क त य को भल भा त समझ कर उस य त कर सक 2 समी ा क ता ककता पणता तथा स यक ववचना समी क क यापक अ ययन एव

वषय- ान पर नभर करती ह अत आव यक ह क वह व वध शा एव वषय का ाता होता हो

3 समी क को पवा ह स म त होना चा हए 4 समी क सा ह य क ात-अ ात साम ी स पाठक को प र चत कराता ह वह लखक य

वचार और सवदनाओ को भी कट करता ह 5 समी ा को भावी बनान क लए आव यक ह क समी क क शल ला ल यपण सरस

भाव धान एव गभीर हो 6 समी ा सहज मानवीय म य क कसौट पर आधा रत होनी चा हए

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7 प तक-समी क नाटक समी क और फ म समी क को नभ क होना चा हए वयि तक च-अ च स ऊपर उठकर उस वा त वक म याकन करन का यास करना चा हए पा चा य व वान न समी क म न न ल खत गणआव यक मान ह- 1 स नि चतता 2 वात य 3 सझ 4 ठ वचार 5 उ साह 6 हा दक अनभ त 7 गभीरता 8 ान 9 अथक प र म

84 समी ा कस कर lsquoसमी ा लखनrsquo का काय सरल एव सगम नह ह समी क प डत होन क साथ-साथ रस भी होता ह अ भनव ग त और व वनाथ न समी क को स दय कहा ह राजशखर क श द म- ldquoसमी क म क व क वामी म श ट आचाय आ द होन क मता होनी चा हए समी ा लखन क लए कोई नि चत नयम या वधान नह ह यह समी क क तभा एव उसक लखन-शल पर ह नभर करता ह

841 समी ा लखन का मा यम

समी ा क लए सव थम यह यान रखना आव यक ह क वह कस मा यम क लए क जा रह ह अथात वह द नक समाचारप क लए ह या सा ता हक अथवा मा सक प क लए समी ा य द र डयो क लए ह तो उस र डयो क आव यकताओ क अन प लखा जाएगा द नक समाचारप म सामा यत र ववार को समी ाओ का काशन कया जाता ह समी ा स पव यह यान रखा जाना चा हए क समाचारप वशष साधारणत समी ा क लए कतना थान नधा रत करत ह सी मत थान होन पर आव यक ह क कम श द म ह समी ा का मल क य कट कर दया जाए सा ता हक एव मा सक प हत समी ा क लए भी समाचारप क नी त का पव ान आव यक ह र डयो एव टल वजन क लए समी ा हत ाय दस मनट का

समय दया जाता ह िजसम एक स तीन प तक क समी ा कराई जाती ह य द समी ा हत तीन प तक ह तो मह वपण प तक क समी ा पहल क जानी चा हए तथा उस अ धकतम पाच मनट तक का समय दया जा सकता ह इल ॉ नक तथा म त मा यम क समी ा-प त म वशष अतर होता ह इस अतर को भी समी क को यान म रखना चा हए समी ा करत समय यह भी यान रखा जाना चा हए क हम कस समह या वग क लए समी ा लख रह ह

842 समी ा लखन क या

समी ा करत समय हम वतमानकाल न प रवश को यान म रखत ह ए क त वशष क रचना-काल पर वचार करना चा हए सामा यत प तक पढ़त समय आव यक नो स अलग स एक कागज पर लख लन चा हए ता क प तक को बार-बार पढ़न क आव यकता न पड़ प तक पढ़त समय उसक मल क य को पकड़न या खोजन

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का य न करना चा हए प तक िजन उ य को लखर लखी गई ह उसक नवाह म लखक क सफलता कस सीमा तक रह ह यह भी मह वपण प ह यह बात नाटक एव फ म समी ा करत समय यान म रखना चा हए लखक क वचार क अ त वरोध नवीन योग उसक यावहा रकता भाषागत वाह अ भ यि त अथ-बोध आ द प पर वचार करत ह ए समी क को क त का म याकन करना चा हए प टत समी ा का अ य त यापक ह तथा समी क का काय बह त दा तय वपण ह कसी क त क अ त न हत मल चतना समी क वारा उ घा टत होती ह

85 समी ा लखन क कार डॉ यामस दर दास क श द म ldquoसा ह य जब अपन व प का व लषण करन लगता ह तब समी ा का ज म होता ह समी ा क अनक प तया स कत क सा हि यक पर परा म दखन को मलती ह इनम आचाय-प त ट का-प त शा ाथ-प त सि त-प त खडन-प त लोचन-प त आ द मख ह समी ा लखन को हम दो भाग म बाट सकत ह-पहला स ाि तक तथा दसरा यावहा रक स ा तक समी ा सा हि यक स ात पर आधा रत होती ह िजसम भारतीय का यशा क मख स ात यथा अलकार- स ात व ोि त- स ात र त- स ात औ च य- स ात व न- स ात आ द मख ह यावहा रक समी ा म समी य रचना क वषय- व प जीवन- ि ट उ य मौ लकता दशकाल रचनाकार क जीवनी का य का कला-प एव भाव-प आ द व वध प क ववचना क जाती ह इसम समालोचना क ऐ तहा सक जीवनच र मलक मनोव ा नक समाजशा ीय भावा भ यजक आ द समी ा-प तया आती ह

स प म कछ मख समी ा लखन प तया इस कार ह-

851 या या मक समी ा

सभी कार क समालोचना-प तय क वकास का मल या या ह रह ह या या वारा ह आलोचक सामा य स ात नधा रत करत ह और या या वारा ह नधा रत स ात क कसौट पर कसी क त का म याकन करत ह इस कार क समी ा म आलोचक यायाधीश क भा त काय न कर एक अ वषक क भा त काय करता ह तथा कलाकार वारा क त वशष म य त त य को प ट करता चलता ह

852 ऐ तहा सक समी ा

सा ह यकार क समाज- नरप तथा एकाि तक यि त व क क पना नह क जा सकती य क उसक मनोभावनाओ क नमाण म दश क त काल न सामािजक राजनी तक आ थक और सा क तक प रि थ तय तथा वातावरण का योग रहता ह अ जी इ तहास- लखन टन न यह माना ह क जा त प रि थ त और व श ट

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यग क चतना स रत होकर सा ह यकार अपन सजन-ससार म वश करता ह व भ न समय म लखन क रचना- वधान म व व य का कारण व भ न यग-चतनाए ह ह टन क यह ि ट ऐ तहा सक समी ा-प त क मल भि त ह

853 आ मच रतमलक समी ा

डॉ जानसन न आलो कय क वय क जीवन का समय क तय क साथ जोड़ा ह स ट यव न कहा क िजस कार फल पड़ क मल का व तार ह उसी कार क त भी उसक रच यता क मान सकता का मत व प ह अत यह समी ा-प त इस त य को वीकार करती ह क जब तक लखक क जीवनी का अ ययन नह कया जाता तब तक क त क समी ा क साथ याय नह हो सकता आ मच रत-मलक समी ा लखक क उस जीवन- म को समझान म सहायक होती ह िजसस क त वशष क रचना सभव हो सक ह

854 मनो व लषणा मक समी ा

मनो व ान क आधार पर आलोचक न क तकार और उसक च र का व लषण करन का यास कया ह इस आधार पर उ ह न उन त य क खोज क ह िजनस रत होकर लखक ऐस सा ह य का सजन करन म स म होता ह इस प त क आलोचक ायड क वचारधारा स वशष भा वत हrsquo

855 भाववाद समी ा

इस प त म आलोचक समी य क त क अपन मानस पर पड़ भाव को अ भ यि त दन लगता ह क त क बा य एव आ त रक प प पर उसका वशष यान कि त नह होता ह

856 समाजशा ीय समी ा

मा सवाद स हमारा जीवन काफ भा वत हआ ह सा ह य का म याकन भी जब मा सवाद धाराओ क प र य म होन लगा तो इस समी ा-प त का वकास हआ

857 सौदया वषी समी ा

कसी रचना क स दय स भा वत होकर स दयशा क नयमानसार उसका म याकन इस प त क अतगत कया जाता ह

86 मी डया म समी ा लखन ट मी डया एव इल ॉ नक मी डया म समी ा लखन को यापक थान मलन लगा ह

आज पाठक समी ा लखन क मह व को जानन लगा ह समी ा जीवन तथा सजन क स य का सा ा कार ह उसका उतना ह यापक ह िजतना जीवन का जीवन क भा त समी ा नर तर ग तशील रहती ह और दश तथा काल क अनसार उसका प बदलता रहता ह सजन और समी ा क म य पर पर टकराहट क साथ वक सत और सशो धत होत रहत ह जस-जस

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समाज और राजनी त बदलती ह अथवा ान- व ान का समाजशा और अथशा बदलता ह वस-वस समी ा ि ट भी बदलती रहती ह समी ा लखन का सामा य अथ ह कसी व त यि त क त घटना सम या न व श ट सा ह य आ द पर सोचना समझना दखना परखना नणय करना आ वादन करना और म य नधारण इस कार समी ा लखन म तीन मह वपण बात ह- 1 कलाक त का आ वादन 2 ववचन- व लषण क गहनता 3 म य नधारण क मता हम यहा पर समी ा लखन क अतगत मी डया म वशष प स च लत प तक समी ा नाटक समी ा फ म समी ा और कला समी ा पर ह ववचना करग

861 प तक समी ा

प तक समी ा क अतगत कसी प तक क स यक पर ा और व लषण कया जाता ह इसस पाठक को प तक वशष क बार म जानकार ा त होती ह प तक समी ा का आशय कवल प तक का प रचय या उसक वषय-व त का सार मा नह ह उसम समी क क आलोचना मक ि ट भी होती ह त व वशष क आधार पर प तक समी ा क अनक कार हो सकत ह- 1 प रचया मक 2 म याकनपरक 3 व लषणा मक 4 स त या व तत 5 मी डया क आधार पर 1 प रचया मक प तक समी ा- प तक-समी ा क यह सरल और लोक य प त

ह इसम प तक का प रचय ह म य प स दया जाता ह आलोचना और म याकन पर अ धक बल नह दया जाता वस स त प तक-प रचय तो सभी कार क प तक-समी ाओ म रहता ह पर त इस कार क समी ा म यह त व म यत होता ह अत इस कार क समी ा को प रचया मक प तक-समी ा कहत ह

2 व लषणा मक प तक समी ा- इसम प तक क स त क साथ व णत वषय ततीकरण और भाषा-शल को लकर व लषण तत कया जाता ह इस

कार क समी ा वारा प तक क व तत जानकार द जाती ह समी क इस कार क समी ा म प तक क वशषताओ और उसक सीमाओ का भी रखाकन करता ह व लषण करत समय वह अपनी वय क जानकार का भी उपयोग करता ह

3 म याकनपरक प तक समी ा- इस कार क समी ा म स त प तक-प रचय एव स त व लषण क साथ म यत प तक का म याकन हो सकता ह परत वहा वह म य त व क प म नह होता म याकन का अथ यह नह ह क समी क यायाधीश क तरह अपना नणय द द म याकन क अतगत वह तक पण ववचन तत करता ह

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4 स त या व तत समी ा प तक- समी ा आकार क स त भी हो सकती ह और व तत भी आकार क आधार पर वह स त या व तत प तक समी ा कहलाएगी

5 मी डया क आधार पर प तक समी ा- प तक-समी ा य द प -प का म काशन हत तयार क जाती ह तो वह काशनाथ समी ा होती ह और का शत

हो जान पर का शत समी ा कहलाती ह दरदशन और आकाशवाणी पर प तक-समी ा का सारण कया जाता ह अत वह सा रत समी ा होती ह

एक अ छ और सफल प तक समी ा म न ना कत वशषताओ का होना अप त ह- 1 तट थता 2 व त न ठता 3 क ब द 4 ास गकता 5 भाषा शल 6 सौह ता और 7 नजता 1 तट थता- एक अ छ प तक समी ा म तट थता का होना आव यक ह उस पर

समी क क वशष वचारधारा एव पवा ह का भाव नह होना चा हए 2 व त न ठता- प तक समी ा म व त न ठा ह होना आव यक ह समी ा का

क - ब द प तक को होना चा हए ऐसा न हो क समी क आलोचना शा तकजाल व- व वता लखक क न दा- त त आ द क बयावान म भटक कर रह जाए

3 क - ब द- समी क प तक क क - ब द पर यान रख उस इस क - ब द स बह त दर नह चल जाना चा हए क - ब द को उभारन का लगातार यास उस करना चा हए

4 ास गकता- समी ा का ास गक होना वा छत ह बह त परानी कताब क समी ा ाय नह करनी चा हए नई कताब क समी ा भी य द दर स का शत या सा रत

होती ह तो पाठक क उसम अप त च नह रहती 5 भाषा शल - प तक समी ा सरल परत तर य भाषा-शल म तत क जानी चा हए

सामा य पाठक ोता दशक उस सहज क समझ सक इस बात का यान रखा जाना चा हए

6 सौह ता- प तक समी ा म सौह यता का होना अप त ह प तक समी ा क भाव म आकर ह कोई उस प तक को पढ़न या न पढ़न क सोचना ह अत समी ा म सौह यता का गण होना चा हए

7 नजता- हर समी क क लखन शल समी ा-प त ि टकोण व लषण का तर का भ न होता ह यह समी क क अपनी नजता होती ह नए समी क को अपन आप म इस गण को वक सत करना चा हए एक यो य और कशल प तक समी क बनन क लए उसम क तपय गण या वशषताओ का होना ज र ह न न ल खत गण को नर तर अ ययन अ यास नर ण वचार- वमश आ द क मा यम स वक सत कया जा सकता ह- 1

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वशष ता 2 सामा य ान सप नता 3 तट थता 4 रचना मक ि टकोण 5 व त न ठ म याकन 6 तकनीक का ान अ धकाश समाचारप -प काओ म समी ा का यह सामा य नयम ह क समी य प तक क दो तया प क कायालय म षत क जाए साधारणत प तक क एक त कायालय क प तकालय हत रखी जाती ह तथा दसर समी क क पास भजी जाती ह कछ ति ठत प क नी त भ न कार क ह य प समी ा हत प तक आम त नह करत वरन समय-समय पर वय ठ प तक का चयन करक उनक समी ा करवान का बध करत ह समी ा का व प भी भ न- भ न प काओ म भ न- भ न होता ह कह -कह समी ा काफ स त द जाती ह (द नक प म वशष प स) तो कह व तारपवक आलोचना मक पर ण कया जाता ह इस म आकाशवाणी क भ मका भी उ लखनीय ह नई क तय क समी ा का सारण करन क यव था आकाशवाणी क अनक क पर ह समी ा- त भ प ठ क स जा भी व भ न प म दखन को मलती ह कछ प काओ म समी य प तक का ववरण- जस प तक का नाम सपादक या लखक का नाम काशक म य प ठ-स या आ द प ठ क नीच दया जाता ह तो कह समी ा-साम ी क म य म भी दो समाना तर रखाए खीचकर यह तत कया जाता ह स जा क भावो पादकता क अन प इसका थान नधा रत कया जा सकता ह कह -कह समी य प तक का स त लाक भी का शत कया जाता ह समी ा करत समय समी य प तक क मल सवदना का यजक शीषक भी कभी-कभी द दया जाता ह वतमान यग म समाचारप -प काओ क काशन क बाढ़ सी आ गई ह लगभग सभी मख द नक समाचारप - सा ता हक पा क मा सक मा सक आ द प काए समी ा क नए प रव तत तवर तत कर रह ह राज थान क व श ट समी ा मक प काओ म मधमती लहर शोध-प का वरदा म भारती राज थान भारती आ द का अपना व श ट थान ह वह रा य प -प काओ म द नक ह द तान ह द तान टाइ स नवभारत टाइ स जनस ता राज थान प का टाइ स ऑफ इ डया इ डयन ए स स आ द क र ववार य एव अ य वशष स करण तथा ानोदय हस इ डया टड अहा िजदगी आलोचना नवनीत सा ा कार आजकल कादि बनी आ द प काए समी ा-सा ह य को वक सत ो सा हत एव रत करती ह ई और मह वपण दा य व नभाती ह ई

स सा ह य- नमाण क माग को श त कर रह ह कर आ द कछ प काए तो मा समी ाओ का ह काशन करती ह

862 फ म समी ा

फ म मी डया का एक सश त मा यम ह आज कबल क वारा टल वजन घर-घर म पह च गया ह फर भी फ म क लोक यता म कोई कमी नह आई ह फ म

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समी ा का मह व दशक क च को प र कत करन म भी ह और वह जानकार दन का भी एक मख ोत ह बह त स लोग फ म समी ा को चार मा यम स जोड़ दत ह समी क को चारक मानकर उस पर दबाव डाल जात ह फ म समी ा क लए न न त व को यान म रखना आव यक ह य ह- 1 कथा वचार (Theme of the Story) 2 कथा सार (Short Story) 3 पा (Character) 4 पटकथा (Script) 5 सवाद (Dialogrie) फ म-मी डया म इटर य वधा का म य थान ह एक सफल मी डयाकम वह ह जो फ म वधा क व भ न प स जड़ लोग का इटर य ल सक फ म समी ा भी इटर य वधा स सम होती ह फ म जगत म इटर य लना एक चनौतीपण काय ह अ धकाश अ भनता इटर य दत रहत ह ता क उ ह चार मल फ म समी क ब कचन ीवा तव क श द म एक जाग क फ म समी क को फ म इ तहास क साथ-साथ सा ह य कला सगीत च कला नाटक जन-जीवन आ द का भी अ छा ान होना चा हए फ म कस बनती ह इसका भी ान होना अ नवाय ह उस कथा और पटकथा का अतर पता होना चा हए उस ात होना चा हए क आउटडोर श टग और इनडोर श टग म या अतर ह लोज अप और लाग शाट कस कहत ह भारतीय भाषाओ म बन रह फ म बनान वाल क आ थक ि थ त कला मक झान प ठभ म आ द क आव यक जानकार होनी चा हए इधर गा सप फ मी लखन का चार- सार अ धक हो रहा ह गा सप का अथ ह-ग प व वभर म फ म जगत क बार म सबस अनगल लखा जाता ह लोग इस चाव स पढ़त ह एक अ छ फ म प कार को गा सप लखन और समी ा स बचना चा हए

863 ना य समी ा

भरत म न वारा ना य शा म द गई नाटक क प रभाषा क अनसार सम त अग उपाग और ग तय को कम स यवि थत कर िजसका अ भनय कया जाए वह नाटक ह भारत द ह र च क अनसार नाटक श द का अथ ह- ldquoनट लोग क या िजस अ भनय कहत ह बाब गलाबराय क अनसार नाटक जीवन क श दगत अनक त ह िजस सजीव पा क मा यम स एक चलत- फरत स ाण प म तत कया जाता ह आध नक धारणा क अनसार नाटक जीवन क या या ह जो हमार सम याओ और उनक हल को हमार स मख तत करता ह नाटक मानवीय अ भ यि त का ठ साधन ह

भारतीय धारणा क अनसार नाटक क न न मल त व ह- 1 वषय व त 2 कथानक 3 च र - च ण 4 दश-काल 5 कथोपकथन

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(अ) ना य भाषा एव (ब) सवाद 6 शल ना य समी क कसी भी नाटक क समी ा करत समय नाटक क उपय त मल त व को ह ि टगत रखत ह ए अपनी समी ा क प रणाम पर पह चता ह तथा लगभग इ ह त व को अपनी समी ा का आधार बनाता ह ना य समी ा क लए ना य लखन एव रगमच क जानकार ज र ह समी क का मन सवदनशील होना चा हए तथा तक मता क साथ उस ना य कला का यापक ान तथा उसक प ठभ म क जानकार होनी चा हए ना य रचना क व वध त व और प का वय पठन अथवा दशन कर दसर क लए उस ट य बनाना ह समी क का कम ह समी क को अपनी ि ट म न प होना चा हए समी ा का अथ ह- स यक ई ा अथात अ छ तरह दखना अथवा पड़ताल करना कसी कला रचना या वषय क सबध म तपा दत स ात क आधार पर यक त व का ववचन करना अथात व भ न पहलओ स उसक पड़ताल यानी समी ा करना जब नाटक क सबध म उसक रचना उसक व प उसक व भ न त व गण-दोष तथा श प आ द का ववचन कया जाता ह तो उस ना य समी ा कहत ह ना य समी क क लए ना य लखन एव रगमच क जानकार ज र ह समी क का मन सवदनशील होना चा हए तथा तक- मता क साथ उस ना य कला का यापक ान तथा उसक प ठभ म क जानकार होनी चा हए ना य रचना क व वध त व और प का वय पठन अथवा दशन कर दसर क लए उस

ट य बनाना ह समी क का कम ह समी क को अपनी ि ट म न प होना चा हए ना य समी ा स ात- डॉ र तारानी पाल वाल न ना य समी ा क स ात को इस कार रखा कत कया ह- ना य समी ा क स ात का आधार म यत नाटक क मल त व अथात वषय व त कथानक च र च ण दश काल कथोपकथन तथा शल ह नाटक क समी ा दो ि ट स क जानी चा हए- 1 ना य-रचना और 2 ना य योग ना य-रचना क समी ा म हम इन न का उ तर दना चा हए- 1 नाटककार न कस उ य स नाटक क रचना क ह तथा नाटक क वषय क चनाव क

पीछ उसक ि ट 2 उस उ य क प त क लए नाटककार न कस कार का कथनाक बना या गढ़ा ह कस

कार क कतन पा और घटनाओ का समावश कया ह 3 कस कार नाटककार न घटनाओ और पा क सयोजन म कतहल का नवाह करत ह ए

पा और घटनाओ का सामज य था पत कया ह 4 कतन पा का योग कया गया ह उनम स कतन ऐस ह िजनका सयोजन अ नवाय

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5 कतन पा ऐस ह िजनक बना भी ना य- यापार सरलता और सचा प स सचा लत कया जा सकता ह

6 कतनी घटनाए ऐसी ह जो पा क च र - वकास और कथा- वाह क सवधन क ि ट स उ चत और अप रहाय थी

7 उनम स कतनी घटनाए स भव वाभा वक और आव यक ह 8 नाटककार न जो प रणाम नकाला ह वह उसक उ य क ि ट स कहा तक सगत ह 9 उस घटना क प रणाम को कसी दसर प म तत करन स उस उ य क स हो

सकती थी या नह 10 वाभा वक होत ह ए भी वह प रणाम कहा तक वाछनीय और घटनाओ क वाह म अनकल

ह व भ न पा क च र - च ण क लए य त भाषा-शल का भल भा त पर ण करत ह ए ना य-समी क को यह दखना चा हए क-

1 व भ न णी क पा कसी भाषा का योग करत ह वह भाषा उ त णी क पा क मयादा क अनकल ह या नह

2 भाषा क योग म सभावना और आव यकता क साथ-साथ वाभा वकता तथा औ च य का भी वचार कया गया ह या नह औ च य स ता पय यह क सवाद म पर पर जोड़-तोड़ उ तर- य तर क सग त और म ठ क ह या नह

3 उसका कतना अश कथा- वाह को आग बढ़ान तथा पा का च र प ट करन क लए आव यक ह

4 कतना भाग ऐसा ह िजस नकाल दन स नाटक क सौ दय और कथा- वाह म कसी कार क कोई ट उपि थत नह होगी

5 नाटक क सवाद को सनकर दशक सरलता स उ ह समझ सकग या नह दशक को नाटक का आनद लन म सबस अ धक सहायता उसक सवाद स मलती ह अत समी क वारा सवाद का पर ण इसी ि ट स करना चा हए इसक अ त र त यह भी दखना चा हए क गीत न य और वा य आ द का सयोजन कहा तक उ चत उपय त और आव यक हआ ह योग- ि ट स नाटक क समी ा करत समय यह दखना चा हए क-

1 नाटककार न य- वधान इस म स रखा ह या नह क नाटक क कथा- धारा का म नबाध बना रह

2 नाटककार न जो रग नदश दए ह व असभव तथा अ वाभा वक तो नह ह 3 रग- नदश म रगद पन तथा अ भनता क लए प ट नदश ह या नह 4 नाटककार न अ भनता क वा चक आ गक और साि वक अ भनय क लए पया त अवसर

दए ह या नह

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5 समी क को न प भाव स यह दखना चा हए क नाटक िजन दशक क लए लखा गया ह उनक समझ म आ सकगा या नह

6 नाटक का कथा- म ऐसा तो नह ह क दशक को उसक समझन म क ठनाई हो 7 य- वधान द ह तो नह ह क ना य- यो ता उस तत ह नह कर सक 8 पा - वधान ज टल तो नह ह 9 सवाद- वधान क ठन तो नह ह क अ भनता उसम अ भनय क सभावनाए ह न पा सक

नाटक िजस रगमच क लए लखा गया ह उसक लए उपय त भी ह अथवा नह दशक पर नाटक का या भाव पड़ता ह या नाटककार अपन उ य म सफल हआ

10 उपरो त सभी न का उ तर दन पर ह ना य-समी ा पण होती ह

864 कला समी ा

कला समी ा म कसी कला व या या कला स सब धत आयोजन या घटना या कला प तक का स यक व लषण कया जाता ह अथवा कला क व भ न प पर स म त द जाती ह कला समी ा वा तव म कला क व भ न अवधारणाओ क सदभ म कसी भी कला स सब धत दशन आयोजन अ भ यि त आ द क छानबीन करन क एक या ह इस या म कला क व भ न प क आलोचना उसक क मया या अ छाइया पणता या अपणता का म याकन भी शा मल ह इस कार समी क कला वषय पर अपनी स म त या राय य त करता ह व र ठ जनसपककम रामकमार न कला समी क क लए न न गण को अ नवाय बताया ह उनक मा यता ह इ ह ब दओ क आधार पर एक अ छ समी ा क जा सकती ह य ह- 1 वषय वशष ता 2 व तत सामा य ान 3 पवा ह म त 4 ि ट सप न 5 व त न ठ 6 सत लत लखन 7 सामािजक दा य व बोध 8 भाषा एव शल गत वशषताए 1 वषय वशष ता- एक अ छ और यो य समी क क लए पहल शत यह ह

क वह उसी वधा क समी ा कर िजसस वह भल भा त प र चत हो हर वधा क अपन-अपन व वध प होत ह और वधा वशष म पारगत न भी हो तो उसक यक प क गहराई तक पह चन क एक समी क म यो यता और मता होनी चा हए सगीत ना य श प थाप य च कला आ द व भ न

कला- वधाओ क समी ा क प र य म यह भी आव यक ह क एक वधा वशष क बार म जानकार क साथ इन व वध वधाओ क आपसी र त और इनक सजन- या या दशना मक त त आ द प का भी ान होना चा हए

2 व तत सामा य ान- कसी वशष कला- वधा म नपणता क साथ समी क स यह भी अप ा क जाती ह क उसका सामा य ान भी व तत हो समसाम यक कला क बार म प ता जानकार क साथ सामािजक राजनी तक आ थक एव सा क तक प रवश एव सामािजक सोच क बार म भी सामा य ान

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होना आव यक ह य क इसस समी ा सम होती ह कला और जीवन का आपस का नकट सबध ह इस लए कला क व भ न म एक-दसर पर पर पर नभर होत ह

3 पवा ह म तता- सत लत एव व ा नक आधार पर समी ा लखन क लए समी क का पवा ह स म त होना आव यक ह पवा ह यि तगत भी हो सकता ह और वषय स सब धत भी समी ा कम म यि तगत पवा ह सवथा या य ह समी क को अपन आप म एक न ल त भाव और सोच वक सत करन का परा यास करना चा हए जहा उसक लए न कोई म ह और न ह कोई श पव ह का याग कए बना समी क क प म सफलता पाना क ठन ह

4 ि ट-सप नता- समी क क ि ट खल होनी चा हए ि टगत सक णता समी ा को दबल बनाती ह ि टगत सक णता क म य दो कारण होत ह- अ ान और कसी मत या वाद वशष क त आ हशील होना अ ानता कसी यि त क ि टकोण को वभावत सक ण बना दती ह दसर ओर अगर कोई यि त कसी वशष वचारधारा म व वास रखता ह और अपनी वचारधारा क अलावा कसी अ य वचारधारा का स मान नह करता तो उसक लखन म वचा रक पवा ह पदा हो जाता ह

5 व त न ठता- कला समी क को पवा ह तथा दरा ह को छोड़कर तट थता क साथ कसी भी कला व या का व त न ठ म याकन करना चा हए राग- वष स र हत होकर व या- वशष का नरप प स ववचन करना ह समी क का दा य व ह इसक अ त र त कला समी क को िजस कला क आयोजन दशन या तत क समी ा करनी ह उसको सह प र य म रखकर जाचना चा हए समी क को आ म न ठ नह होना चा हए व त न ठता अपना लन स आ म न ठता एव पव ह क खतर को टालना सभव ह

6 सत लत लखन- समी ा म सत लत लखन का वशष मह व ह इसका सबध पवा ह म तता ि ट सप नता और व त न ठता स ह कसी भी वधा क अनाव यक नदा या बराई करन का काम समी ा-कम म बाधा उ प न करता ह न प ता क साथ तकपण एव श टता शल म कसी भी कला क दबल या सबल प क आलोचना या शसा सत लत ढग स करनी चा हए स यक म याकन सत लत भाषा तक-सगत ढग और सह प र य क साथ क गई समी ा लखन क सबलता क साथ समी क क सत लत प म लखन करन क गण का भी प रचय दती ह

7 सामािजक दा य व बोध- समी क समाज का एक अग ह समाज क त उसका एक उ तरदा य व ह कला क व वध धाराओ वधाओ और कलाकम स आम क पाठक या लोग को प र चत करवाना और कलाकम एव कला क त

स मान रखन वाल क बीच एक सवाद क ि थ त पदा करना समी क का

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सामािजक काय ह कला क साथ जड़न और कला हलचल म आम जनता को रत करन क दशा म समी क क मह वपण भ मका होती ह समी क का

काय समाज को कला क मा यम स उ क ट वातावरण तयार करन क ओर भी उ प रत करना ह

8 भाषा एव शल गत वशषताए- कला समी क क भाषा सरल सहज और स य होनी चा हए कला क तकनीक महावर या कलाकम स सब धत श द का योग करत समय यह यान रखना आव यक ह क यक पाठक क समझ म आन वाल श द और भाषा का योग कया गया ह भाषा एव शल रोचक और या मक हो ता क पाठक क मि त क म कला क कोई भी घटना या

त त च क तरह सजीव हो उठ समी ा पढ़न म उसका झान बड़ कला वधा क अन प श द और भाषा होनी चा हए साराश म कहा जा सकता ह क सहज और सरल होकर गभीर बात करना उसम रोचकता पदा करना समी क का जहा गण ह वहा यह समी ा क वशषता ह

बोध न- 1 समी ा का अथ या ह helliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphellip helliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphellip2 समाजशा ीय समी ा या ह helliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphellip helliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphellip3 समी कस म य अप ा या ह helliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphellip helliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphellip4 अ छ समी ा क या गण ह helliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphellip helliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphellip

87 साराश समी ा चाह कला क हो सा ह य क त क हो या कसी अ य व त क उसम एक कार क व त न ठता और ग तशीलता का होना आव यक ह समी क क सामन समय और बदलाव क तज ग त न अनक चनौ तया पदा कर द ह ह अत समी क को अपनी जड़ को पकड़ रहन क साथ-साथ समय क ग त क साथ ग तशील होकर एक व तत प रवश और यापक ढाच म समी ा कम करन और समय क तवर को समझन क चनौती का सामना करन क लए तयार रहना चा हए

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मी डया म प तक समी ा फ म समी ा ना य समी ा और कला समी ा लोक य और अ धक च लत ह प तक समी ा प का रता और सा ह य का एक अ नवाय अग ह प कार और लखक को उसका ान होना आव यक ह फ म समी क क आख क ज रए सन दशक फ म को दखना सीखत ह फ म न समाज को बदल सकती ह न ा त ला सकती ह ल कन वह समाज क एक बह त बड़ वग म वचा रक ा त क बीज अव य बो सकती ह ना य समी ा का अथ ह- नाटक और रगमच क समी ा स ा तक और यावहा रक स दयशा का नधारण आकलन और म याकन ना य समी ा म कला मक ि ट अथवा आ ह तत होना चा हए यि तगत प पात अथवा पवा ह नह ना य समी ा साथक और म लपरक होनी चा हए कला समी ा म कला क परख करना और उसका व लषण करना एक आसान काय नह ह कला क व वधता एव श लया आ द का फलक अ य त ह यापक ह कला क गहराइय म जान क या सम म डबक लगान क समान ह

88 कछ उपयोगी प तक 1 ट मी डया लखन - ो रमश जन मगलद प पि लकश स जयपर 2 इल ॉ नक मी डया लखन - ो रमश जन मगलद प पि लकश स जयपर 3 जनसचार व वकोश - ो रमश जन नशनल पि ल शग हाउस जयपर एव द ल 4 र डयो लखन- डा मधकर गगाधर 5 टल वजन लखन- असगर वजाहत भात रजन राजकमल काशन नई द ल 6 भारतीय ना य पर परा - न मच जन 7 पटकथा लखन - मनोहर याम जोशी राजकमल काशन नई द ल

89अ यासाथ न 1 lsquoसमी ा लखन स आप या समझत ह 2 समी ा करत समय समी क स या अप ाए करनी चा हए 3 समी ा लखन का मा यम और या पर अपन वचार य त क िजए 4 समी ा क व भ न कार का स त म उ लख क िजए 5 स त ट प णया ल खए-

(अ) प तक समी ा (ब) ना य समी ा (स) कला समी ा (द) फ म समी ा

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इकाई-9 र डयो समाचार लखन

इकाई क परखा 90 उ य 91 तावना 92 समाचार क प रभाषा 93 र डयो समाचार

931 र डयो समाचार क व श टता 94 र डयो समाचार या ा

941 वदश समाचार 942 ीय समाचार 943 अ य समाचार 944 समसाम यक काय म

95 आकाशवाणी का समाचार त 951 समाचार सवा भाग 952 समाचार क (जीएनआर) 953 पल यव था 954 हद पल

96 समाचार क ोत 97 र डयो समाचार का लखन व सपादन

971 यता 972 न प ता और सरलता 973 मयादा 974 समाचार क सरचना

98 र डयो समाचार क भाषा 981 श द चयन 982 वा य रचना 983 अनवाद क चनौती

99 साराश 910 कछ उपयोगी प तक 911 अ यासाथ न

90 उ य इस पाठ को प न क बाद आप

153

दश म समाचार क सारण क श आत और उसक बदलत प क जानकार ा त कर सकग

समाचार क प रभाषा और र डयो क मह व को समझ सकग समाचार क क काय णाल को जान सकग समाचार सकलन क ोत स प र चत हो जाएग समाचार क लखन और सपादन का श प सीख सकग आकाशवाणी क समाचार सवा भाग क ग त व धय क जानकार हा सल कर सकग समाचार क भाषा और उनक अनवाद क व भ न पहलओ को जान सकग

91 तावना हमार दश म इस समय टल वजन क नए-नए समाचार चनल खल रह ह एक वकासशील दश म इतनी बड़ी स या म ट वी समाचार चनल होना सचमच एक अभतपव घटना ह ल कन टल वजन क अ ज इल ॉ नक मा यम र डयो समाचार का कवल एक ह सारण सगठन ह और वह ह आकाशवाणी आकाशवाणी का समाचार सवा भाग त दन समच दश और वदश म 500 स अ धक समाचार बल टन सा रत कर रहा ह य बल टन हद और अ जी क अलावा मख भारतीय भाषाओ बो लय और वदशी भाषाओ म होत ह भारत म समाचार सारण उतना ह पराना ह िजतना खद र डयो सारण य क 1923 म र डयो सारण क श आत ह समाचार सनान क उ य स ह ई थी वष 1936 को समाचार सारण

का मह वपण पड़ाव माना जाता ह जब द ल क न काम करना श कया इसस पहल म बई स एक अ जी और एक हद तानी म और कलक ता स एक बगला बल टन ह सा रत कया जाता था वतीय व वय छड़न क बाद सरकार को अपनी बात लोग तथा स नक तक पह चान क आव यकता महसस ह ई िजसक फलव प र डयो क व तार का सल सला चल पड़ा समाचार सारण को वा त वक बढ़ावा आजाद क बाद ह मला जब र डयो सारण का उ य राजनी तक और स नक न रहकर रा य और सामािजक हो गया आजाद क प चात चला व तार अ भयान आज तक जार ह इस दौरान टल वजन क आगमन स र डयो सारण तक त व वी मला ल कन र डयो समाचार क सचालक सगठन समाचार सवा भाग न ह मत नह हार और समाचार बल टन म व वधता व रोचकता लान और उ ह अ धक आकषक तथा भावकार बनान क उपाय करक इस चनौती का सफलतापवक मकाबला कया एफएम ट नोलोजी अपना लए जान स इन यास को बल मला और नजी ट वी चनल तथा दश भर म खल रह समाचार चनल क जोरदार बाढ़ क बावजद र डयो समाचार क पाव नह उखड़ अब र डयो समाचार न काफ हद तक अपनी परानी ग रमा फर स ा त कर ल ह अ याध नक सचना ट नोलोजी क उपकरण और क यटर करण क मदद स ोताओ को र डयो समाचार क साथ जोड़न क को शश रग ला रह ह और गभीर समाचार म च लन वाल ोता र डयो क समाचार को ह व वसनीय मानन लग ह बड़ी स या म एफएम टशन चाल हो जान स र डयो फर स आम जीवन का अग बन गया ह र डयो क लोक यता

का एक कारण यह भी ह क इसक समाचार म सरल और आम भाषा का इ तमाल कया

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जाता ह और इसक रचना भी सरल और सरल शल म ह क जाती ह ता क हर वग क लोग इ ह आसानी स समझ सक र डयो समाचार लखन अखबार क समाचार स अलग होता ह नजी एफएम चनल को अभी समाचार सारण क अनम त नह ह इस बार म क जा रह जोरदार माग मान लए जान पर र डयो समाचार क लोक यता कई गना बढ़ जाएगी इस तरह र डयो समाचार इ क सवी सद म अपनी उ लखनीय भ मका नभान को पर तरह क टब दखाई द रहा ह

92 समाचार क प रभाषा र डयो समाचार क सकलन लखन और सपादन क बार म जानन स पहल समाचार या ह उसक बार म जानना आव यक ह अनक व वान लखक और प कार न इसक भ न- भ न प रभाषा द ह समाचार को अ जी भाषा म यज (NEWS) कहत ह यज क चार अ र चार दशाओ North (उ तर) East (पव) West (पि चम) South (द ण) क सचक ह मतलब यह हआ क जो बात चार दशाओ का बोध कराए वह समाचार ह जाज एच मो रस न ldquoसमाचार को ज द म लखा गया इ तहासrdquo बताया ह यह कथन समाचार क ता का लकता क ओर इशारा करता ह जज स लर न समाचार क प रभाषा इस कार द ह ldquoपया त स या म मन य िजस जानना चाह वह समाचार ह शत यह ह क वह स च तथा त ठा क नयम का उ लघन नह कर व लयम एममा सवाई न कहा ह कसी समय होन वाल मह वपण घटनाओ का सह और प पातर हत ववरण समाचार ह इन सभी प रभाषाओ म समाचार क कछ वशषताओ का ह वणन ह सच तो यह ह क समाचार क कोई सवमा य प रभाषा नह हो सकती जसा क एमवीकामथ न लखा ह क ldquoसमाचार क कोई भौगो लक सीमा नह होती समाचार सदा कछ य त करता ह यि तय क च समाचार ह समाचार तो बस समाचार ह rdquo

93 र डयो समाचार जो समाचार समाचारप क लए उपयोगी हो सकता ह आव यक नह क वह र डयो क लए भी उतना ह उपयोगी हो समाचारप म का शत होन वाला यक समाचार र डयो पर नह दया जा सकता य क र डयो पर सा रत समाचार का असर शी होता ह अत र डयो पर हसा लटपाट बला कार ह या आ द क समाचार बह त सोच समझ कर दय जात ह वस भी र डयो पर सा रत समाचार क अव ध कम होती ह िजसक वजह स एक बल टन म शा मल कय जान वाल समाचार क पि तया व श द अप ाकत बह त कम होत ह

931 र डयो समाचार क व श टता

भारत जस दश म जहा लगभग 70 तशत लोग गाव म रहत ह और सा रता क दर काफ कम ह र डयो समाचार का मह व और अ धक बढ़ जाता ह पढ़ना तो कम लोग ह जानत ह ल कन सन सभी सकत ह दर-दराज क म जहा

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समाचारप तीन-चार दन दर स पह चत ह ताजा समाचार क लए र डयो ह एकमा मा यम ह र डयो स ता भी ह सवसलभ भी इस लए यह सबस अ धक लोक य ह द नया म आज िजस ग त स प रवतन हो रह ह और हर ण जो नई-नई घटनाए हो रह ह ऐसी ि थ त म र डयो एक ऐसा मा यम ह जो लोग खास कर अनपढ़ और दरदराज क इलाक क लोग को सभी कार क जानकार तर त उपल ध कराक लोग क समाचार जानन क उ कठा का समाधान कर सकता ह समाचारप र डयो और टल वजन वतमान यग क समाचार तथा सचना दन क मख साधन ह तर त सचना दन क लय र डयो सबस मह वपण ह कह भी कोई खतरा या सकट हो र डयो क मा यम स लोग को फौरन चतावनी दकर सावधान कया जा सकता ह उसक सचार का भी समाचार-प क अप ा व तत होता ह उप ह क सहायता स र डयो सारण क पह च और भी अ धक व तत हो गई ह आप घर म द तर म कारखान म दकान म या खत-ख लहान म कोई भी काम कर रह ह और आपका र डयो चलता रह सकता ह र डयो वारा ससार भर क सचनाए आप तक पह च जाती ह इस इल ॉ नक मा यम क यह बह त बड़ी व श टता ह क इसका लाभ उठान क लय आपको अपन हाथ का काम छोड़न क आव यकता नह आप चाह कह भी ह सड़क पर ह बाहर खल मदान म रल म ह या बस म कायालय म या कारखान म आप र डयो सन सकत ह और समाचार बल टन क ज रए व भ न घटनाओ क तर त जानकार ा त कर सकत ह डीट एच सवा स समाचार सारण क यापकता और बढ़ गई ह

94 र डयो समाचार या ा जसा क पहल बताया गया ह क भारत म र डयो समाचार का ज म र डयो सारण क ीगणश क साथ ह हो गया था कत समाचार सारण को वा त वक और अथपण व प 1936 म मला जब म बई और कोलकाता क बाद द ल म सारण क खला 1936 म ह सारण सगठन को आल इ डया र डयो नाम मला इसस पहल र डयो सारण इ डया ाडकाि टग कपनी क नाम स होता था एक अग त 1937 को समाचार क दखरख क लए आल इ डया र डयो म स ल यज आगनाइज का गठन कया गया जो बाद म समाचार सवा भाग बन गया माच 1939 तक बल टन क स या 3 स बढ़कर 15 हो गई दसरा व वय छड़न पर नए समाचार बल टन श कए गए 1939 म अ जी ह द तानी और बगाल क अलावा अ य भाषाओ- त मल गजराती तलग मराठ प त आ द म बल टन सा रत कए जान लग बाद म अ य भाषाओ म भी समाचार का सारण होन लगा इस

समय द ल स 14 भारतीय भाषाओ म रा य समाचार रल कए जात ह तीन भाषाओ- सधी क नड़ और तलग क इकाइया ीय क म थानात रत क जा चक ह कछ अ य इकाइय को भी मश ीय क को भजन का ताव ह नव बर 1939 म मानीट रग सवा आरभ क गई जो वदशी सारण सगठन क समाचार हण करती थी आजाद क

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बाद आकाशवाणी क क क साथ-साथ समाचार बल टन क स या म तजी स बढ़ोतर ह ई इस समय आकाशवाणी का समाचार सवा भाग 82 भारतीय भाषाओबो लय तथा वदशी भाषाओ म 52 घट क अव ध क 509 बल टन सा रत करता ह एफएम चनल पर भी व भ न अव धय क समाचार बल टन सा रत होत ह

941 वदश समाचार

वदश समाचार बल टन दसर महाय क कारण आरभ कए गए श म वदश सारण समाचार सगठन का ह ह सा था 1948 म वत वदश सवा भाग

का गठन हो गया कत वदश सवा म सा रत होन वाल समाचार बल टन मल प स आज तक समाचार सवा भाग बनाता ह पहला वदश समाचार बल टन

4 दसबर 1939 को फारसी भाषा म सा रत हआ बाद म अ य भाषाओ म भी बल टन श होत गए 15 अग त 1947 को 31 वदश बल टन सा रत हो रह थ धीर-धीर इनम अ य भाषाओ क बल टन जड़त गए और इस समय वदश सवा क तहत 26 भारतीय और वदशी भाषाओ म 9 घट क अव ध क 65 समाचार बल टन सा रत कए जात ह

942 ीय समाचार

जसा क पहल पढ़ चक ह आजाद क समय तीन नगर द ल म बई और कोलकाता स सफ तीन भाषाओ म समाचार सनाए जात थ कत 1950 क दशक म व भ न क पर ीय समाचार इकाइया था पत क गई जहा स थानीय भाषाओ म बल टन का सारण श कया गया इस अ भयान क श आत 1953 म लखनऊ और नागपर स ह ई अगल साल कोलकता म बई और च नई स भी ीय समाचार बल टन सा रत होन लग इस समय 44 ीय समाचार इकाइया थानीय भाषाओ बो लय म खबर सा रत करती ह कछ क स वदश बल टन भी सा रत कए जात ह लगभग सभी रा य और क शा सत दश स बल टन सा रत हो रह ह

943 अ य समाचार

समाचार सारण क घरल सवा म सामा य बल टन क साथ-साथ व श ट ोताओ क लए तथा खास अवसर पर व श ट बल टन सा रत कए जात ह द ल स त दन शाम को अ जी और हद म खल समाचार सा रत कए जात ह इसी

तरह यववाणी चनल पर यवा वग क च और मह व क समाचार क यवा बल टन का सारण होता ह एफएम गो ड पर खल मय क लए 15 मनट का पो कन और यापा रक मामल म दलच पी रखन वाल ोताओ क लए 15 मनट का माकट म काय म होता ह इनम समाचार क साथ-साथ वशष स बातचीत होती ह और फोन लाइन पर ोताओ स सीध सपक कया जाता ह य दोन बल टन एफएम गो ड क अ यत लोक य काय म म शमार ह

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इनक अलावा बजट पश होन और लोकसभा व वधानसभाओ क चनाव क मौक पर वशष बल टन सा रत कए जात ह ससद क अ धवशन क दौरान नई द ल स ससद-समी ा और रा य वधानसभाओ क स क दौरान सब धत ीय इकाइय वारा वधानमडल समी ा सा रत होती ह ाक तक आपदा क दौरान पी ड़त लोग

क लए वशष बल टन पश कए जात ह साक दश क लए द ल स हर र ववार को वशष साक बल टन सा रत कया जाता ह

944 समसाम यक काय म

समाचार सवा भाग समाचार क साथ-साथ उन पर आधा रत वाताए ट प णया अग क प म भी हो सकती ह और वत काय म क प म भी सवर क म य बल टन म समाचार-प क स खया सा रत क जाती ह तो दोपहर और शाम क बल टन म समाचार फ चर या वाताए शा मल क जाती ह वत प स साम यक और पाटलाइट वाताएrsquo त दन और चचा का वषय ह तथा करट अफयस काय म सा ता हक आधार पर सा रत कए जात ह चनाव जस अवसर पर वशष प रचचाओ और लाइव र डयो ज काय म का सारण कया जाता ह वदश बल टन और कछ भाषाई बल टन म भी कमटर का सारण होता ह

बोध न - 1 1 र डयो समाचार क मह व को प ट क िजए helliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphellip helliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphellip 2 आकाशवाणी स सा रत होन वाल समाचार का स प म वग करण क िजए helliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphellip helliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphellip 3 ीय बल टन कब श ह ए और उनक या उपयो गता ह helliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphellip helliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphellip 4 आकाशवाणी क समसाम यक काय म पर ट पणी ल खए helliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphellip helliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphellip

95 आकाशवाणी का समाचार त आपन अब तक जाना क आकाशवाणी का समाचार त लगभग 60 साल स नवीनतम घटनाओ क खबर और उन पर वचा रक त याए और व लषण दश- वदश क ोताओ तक पह चा रहा ह आपन यह भी पढ़ा क दशभर म फल ीय समाचार इकाइय स थानीय भाषाओ म ीय मह व क समाचार सा रत कए जात ह इन सभी समाचार बल टन तथा वाता काय म क सयोजन सकलन लखन व सपादन का वराट काय जो सगठन सभालता ह

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वह ह समाचार सवा भाग जब हम समाचार लखन क बात करत ह तो उसम समाचार ा त करना उसक ि ट बनाना उसका सपादन करना रका डग करना वायस ओवर

करना आ द याए शा मल ह समाचार क लखन सकलन सपादन को समझन क लए समाचार सवा भाग क व प तथा उसक काय प त को जानना आव यक

951 समाचार सवा भाग

समाचार सवा भाग आकाशवाणी का एक वत वभाग ह जो महा नदशक (समाचार) क नदशन म काम करता ह यह आजाद स पहल ह एक अलग वभाग क प म कायरत ह हद अ जी और भारतीय व वदशी भाषाओ क लए सभी तरह क समाचार का सकलन सपादन इसी भाग क सपादक करत ह ीय समाचार इकाइया भी इसी भाग क नदशन म काम करती ह वदश सारण सवा क अ तगत सा रत होन वाल समाचार बल टन भी समाचार सवा भाग तयार करता ह वशष अवसर पर वशष बल टन भी इसी भाग वारा सा रत कए जात ह 1937 म स ल यज आगनाइजशन बना जो बाद म समाचार सवा भाग म बदल गया समाचार सारण क या मोट तौर पर तीन तर पर चलती ह य ह समाचार का सकलन सपादन और सारण या ततीकरण इन सभी याओ क धर ह समाचार क

952 समाचार क (जीएनआर)

आकाशवाणी स सारण सभी बल टन का क जनरल यज म(जीएनआर) ह यह आकाशवाणी क समाचार त क धर ह चौबीस घट काम करन वाल इस क क बार म कहा जाता ह क इसक यबलाइट पछल लगभग 65 साल स कभी बझी नह ह

953 पल यव था

यहा पर चार पा रय म काम होता ह और हर पार को समाचार का एक पल तयार करती ह जस ातपल दोपहर पल साय पल और रा पल इसक बाद पल बल टन क समाचार का ोत होता ह जो समाचार पल म शा मल कर लए जात ह कवल वह समाचार व भ न बल टन क सपादक वारा अपन-अपन बल टन क आव यकता क अन प इ तमाल कए जा सकत ह जीएनआर म पल यव था 1947 म श ह ई पल क लए समाचार का चयन करत समय यह यान रखा जाता ह क समाचार न प और दलगत वचार स र हत होना चा हय इसम त या मक और वणना मक ववरण हो न क उ तजक र डयो सनसनीखज खबर सा रत करक दहशत और सनसनी फलान स सदा बचता ह इस लय र डयो

सवाददाता को अपराध यौन ज नत और यथ क ववाद स दर रहना चा हए रा य मह व को यान म रखत ह ए उस सा क तक सामािजक और सा हि यक म

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व तत गवषणा का यास करना चा हय समाचार स त साधारण और दलच प हो वषय इतना प ट हो क ोता सनकर असमजस म न पड़ समाचार म ऐस ववरण क पण उप ा क जानी चा हय जो त छ अनपय त गर-िज मदार खतरनाक और वअथ ह परान घ टया कार क तथा चारा मक और व ापनपरक समाचार को र डयो पर दन स पण प स बचना चा हए आकाशवाणी आचार स हता और दशा- नदश का पालन करत ह ए र डयो समाचार म म दश क आलोचना कसी धम या जा त पर हार नह कया जाना चा हय िजसस कसी जा त वशष या समदाय क यि तय म उ ता या वमन य उ प न हो कोई आपि तजनक मानहा नपण कटता पदा करन वाला या कानन क यव था भग करन वाला अथवा यायालय क मान-हा न करन वाला रा प त रा यपाल और यायपा लका पर लाछन लगान वाला अथवा कसी व श ट राजनी तक दल पर हार करन वाला समाचार नह होना चा हय यि त वशष स था वशष अथवा यावसा यक स था क चारा मक समाचार को मह व दना भी बलकल उ चत नह ह इसका अथ यह नह क इस कार क घटनाओ को समाचार बल टन म सि म लत ह न कया जाय क त यह आव यक ह क इनम सावधानी एव सयम स काम लया जाय

954 हद पल

जीएनआर क व तार क प म हद समाचार क और भारतीय भाषा समाचार इकाइया ह हद समाचार क भी जीएनआर क तरह चार पा रय म काम करता ह और यहा जीएनआर स ा त समाचार तथा सवाददाताओ व हद सवाद स म तय क ा त समाचार क आधार पर वत हद पल तयार होता ह इसी पल म शा मल आइटम हद क व भ न बल टन म लए जात ह हद म पल यव था वष 1993 म ारभ ह ई भारतीय भाषाओ क बल टन पहल अ जी म जीएनआर म तयार होत ह और व भ न भाषाओ क समाचार वाचक अपनी भाषा म उनका अनवाद करक उ ह सा रत करत ह इनम हद पल क आइटम भी इ तमाल कए जात ह

समसाम यक काय म क लए समाचार वाता एकाश ह जो अ जी व हद म सम साम यक काय म का सयोजन सपादन रका डग आ द का काम दखती ह

96 समाचार क ोत समाचार क कई ोत ह क सरकार का प सचना कायालय रा य सरकार क सचना एव जनसपक वभाग अ य सरकार वभाग मख सगठन वारा जार क जान वाल व ि तया आ द समाचार क ोत ह व भ न वभाग और राजनी तक तथा गर राजनी तक सगठन वारा आयोिजत प कार स मलन और स ी फग स व भ न ग त व धय क जानकार द जाती ह प लस नय ण क यायालय आ द स नि चत कार क समाचार

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ा त कय जा सकत ह ससद और वधानसभाओ क अ धवशन मक सगठन औ यो गक त ठान समाज सवी स थाए और सा हि यक-सा क तक स थाए आ द भी समाचार क ोत

ह इसक अलावा दश और वदश क मख समाचार एज सया समाचार क बह त बड़ी ोत ह समाचार क पीट आई भाषा यएनआई यनीवाता जसी सवाद स म तय का भरपर इ तमाल करता ह आकाशवाणी क अपन सवाददाता सबस व वसनीय और स ढ़ ोत ह समाचार सवा भाग क दश भर म लगभग 90 नय मत सवाददाताओ क अलावा लगभग 400 अशका लक सवाददाता ताजा घटनाओ क सचनाए भजत रहत ह म यालय म अलग स रपो टग इकाई काम करती ह वदश म भी आकाशवाणी क सवाददाता नय त ह एक िज मदार समाचार सगठन क त न ध क नात सवाददाताओ को कई सावधा नया बरतनी पड़ती ह सवाददाता को समाचार क व वसनीयता क जाच करन क उपरा त ह समाचार दना चा हए ाक तक आपदाओ जस सखा बाढ़ आ द क समाचार इस कार दय जाए िजसस लोग का मनोबल नह गर तथा उनको राहत सबधी काय आ द क पर जानकार मल म य सबधी समाचार क साथ उस यि त क स त जीवनी दना भी ज र ह समाचार सकलन करत समय सारण सगठन क नी त और आचार स हता का पालन आव यक ह आकाशवाणी समाचार क भ मका तट थ और रचना मक रहनी चा हए

97 र डयो समाचार का लखन व सपादन समाचार का सकलन और लखन एक दसर स जड़ा हआ ह इस या म यह यान रखना ज र ह क समाचार सनन यो य होन चा हए न क पढ़न यो य र डयो पर सा रत समाचार एक बार सनन म ह समझ म आ जाए य क समाचारप म का शत समाचार को कई बार पढ़ा जा सकता ह ल कन र डयो पर सा रत समाचार पर यह बात लाग नह होती समाचार क त त इस कार होनी चा हए क ोता यह अनभव कर सक क घटना उसक सामन घट रह ह

971 यता

र डयो एक अ य समाचारप क समान ह और उसका सपादक ऐस वषय क समाचार का चयन करता ह जो क अ धका धक सनन वाल का यान आक षत कर र डयो क समाचार एक ह थान पर कई लोग सन सकत ह िजनम बढ़ और यवा बालक और बा लकाए पढ़- लख और अनपढ़ सभी कार क लोग हो सकत ह सपादक को ऐस सभी ोताओ क समझ तथा दलच पी को यान म रखना पड़ता ह अगर कोई समाचार कसी परान समाचार पर आधा रत हो तो पव घ टत घटना क प ठभ म को यान म रखना आव यक ह र डयो क समाचार लखक को श द बोलन व लखन म जो अ तर ह उसका यान रखना पड़ता ह उसम उलझ ह ए मामल को ोताओ क लए आसान प म तत

161

करन क मता होनी चा हए र डयो म समाचार कान क लए लखना होता ह न क आख क लय समाचार लखन स पहल उसक प ठभ म को जानना आव यक ह साथ ह समाचार म र डयो क ोता क लायक समाचार त व क पहचान करना मह वपण ह समाचार लखन एक व श ट कला ह ठ समाचार वह हो सकता ह जो सचना मक हो तथा उसम त य को इस तरह सक लत कया गया हो क पाठक घ टत घटना का ववरण सह प र य म समझ सक समाचार लखक अपनी वशष प कार य तकनीक का योग कर उस रोचक तथा भावी बना दता ह अत समाचार लखन क लय समाचार त व क अ त र त सवदनशीलता क पनाशीलता रचना मकता जस गण का होना आव यक ह

972 न प ता और सरलता

र डयो सवाददाता और सपादक को अपन क गहन जानकार तो होनी ह चा हए साथ ह उसक लए सामािजक प रवतन क दौर म मनोव ा नक आधार और मन य क क त को जानना और समझना अ नवाय ह उसम शी और सह न कष नकालन क यो यता यानी य प नम त होना ज र ह साथ ह सचना दन वाल वारा द गई सचना क जाच करन क मता भी होनी चा हए उसम अफवाह

को पहचानन क भी समझ होनी चा हए यह भी आव यक ह क व तपरकता स यता प टता और स च को भी यान म रखा जाए समाचार म स चाई हो कसी पवा ह या प पात स समाचार नह लखा जाए समाचार को समझन म ोताओ को क ठनाई नह होनी चा हए समाचार म तारत य बनाए रखना भी बह त

आव यक ह समाचार लखत समय या कहा कब कौन और कस (Five Wrsquos and H) का पारप रक नयम भी यान म रखना आव यक ह र डयो समाचार म समय क कमी क कारण समाचार स त प म दना होता ह

973 मयादा

ससद य और वधानसभा क समाचार क लखन और सपादन म बह त सावधानी बरतन क आव यकता ह समाचार इस कार दया जाए िजसस ससद या वधानसभा या वधान प रषद क मयादा का उ लघन नह हो समाचार म ऐसी कोई बात नह हो िजसस सद य क वशषा धकार का हनन हो ससद और वधानसभाओ क कायवाह का समाचार लखत समय न प ता क ओर वशष यान दना आव यक ह इसी तरह क सावधानी र ा और वदश म ालय तथा अदालती कारवाई स जड़ी खबर म बरतनी पड़ती ह स वधान क मयादाओ का यान रखना भी आव यक ह

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974 समाचार क सरचना

समाचार म यतया तीन भाग म बटा होता ह- आमख (इ ो या ल ड) म य तथा अत भाग इनम सबस मह वपण इ ो ह इ ो स त ल कन सारपण होना चा हए इ ो समाचार का पवाभास कराता ह अत यह इस कार लखा जाए क ोता परा समाचार सनना चाह समाचार क म य भाग म ोता को समाचार वशष क म य-म य घटनाओ त य आ द क स त जानकार कराई जानी चा हए समाचार क अत म सबस कम मह व क बात हो िजसस अगर वह अश समयाभाव क कारण पढ़ा नह जा सक तब भी ोता को समाचार अधरा नह लग और पर बात समझ म आ जाए

बोध- न-2 1 आकाशबाणी क समाचार क का या काय ह helliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphellip helliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphellip 2 समाचार क ोत कौन-कौन स ह helliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphellip helliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphellip 3 र डयो समाचार क लखन म कन बात का यान रखना आव यक ह helliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphellip helliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphellip 4 पल यव था का या उ य ह helliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphellip helliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphellip 5 समाचार क सरचना का वणन क िजए helliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphellip helliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphellip

98 र डयो समाचार क भाषा जसा क आप पढ़ चक ह क र डयो समाचार को कम पढ़ तथा एकदम नर र लोग भी सन सकत ह इस लए इनम भाषा का बह त मह व ह य द भाषा ज टल और बो झल होगी तो कौन उस यान स सनगा इस लए समाचार क भाषा सरल और सब तरह क ोताओ को समझ म आन वाल होनी चा हए सरल भाषा को सामा य तथा व वान नर र तथा सा र और ब च व बड़ समान प स समझ लत ह सा रत समाचार म त साम ी क भा त नह होता िजसका कोई अश समझ न आन पर पछल प ठ को पलट कर सदभ जोड़ सकत ह अथवा क ठन श द का अथ जानन क लए श दकोश क प ठ उलट सकत ह न ह ोता इस ि थ त म होता ह क कसी व वान या ानी यि त स परामश कर सक एक बार

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जो वा य अथवा श द सा रत हो गया वह हवा क झ क क भा त आग नकल जाता ह इस लए सफल समाचार सारण क ब नयाद आव यकता ह भाषा क सरलता

981 श द चयन

अब न यह ह क सरल भाषा का व प या हो ह द को ह ल एक मत यह ह क उद क व त फ महसस मौजद कसम अफसोस खशी सद सल सला कज खास जो खम ताल म दावत चीज फजल जस श द का ह द क समाचार या वाताओ म योग कया जाए दसरा प यह ह क ह द य क स कत स नकल ह तथा अ य भारतीय भाषाए भी स कत क नकट ह अत स कत न ट श द यथा उ मलन मान च ो साहन यथाव यक व ति थ त सव ण ावधान व वसनीय प रि थ त शताि द उपि थत मश नम ण वत ता को ठ प रवतन सवा धक व लषण तथा इसी कार क श द योग कए जाए वा तव म दोन प अपनी-अपनी जगह सह ह क त भाषा क सरलता और यता का मापद ड ह उसका अ धक स अ धक लोग वारा बोला व समझा जाना और बोलचाल म य त कया जाना इस लए उद क जो श द ह द म बोलचाल क अग बन गए ह उनका योग करना यथ ट ह तथा स कत क जो श द ल ब समय स योग म आ रह ह उ ह लना हतकर ह उदाहरण क लए ldquo ो साहनrdquo और ldquoबढ़ावाrdquo ldquo वशषrdquo और ldquoखासrdquo ldquoभाग लयाrdquo तथा ldquo ह सा लयाrdquo ldquoउपि थतrdquo तथा ldquoहािजरrdquo ldquoउ तरrdquo तथा ldquoजवाबrdquo ldquo यासrdquo तथा ldquoको शशrdquo ldquo स नताrdquo तथा ldquoखशीrdquo दोन कार क श द का योग कया जा सकता ह आधार ह श द का च लत होना समाचार क लखक और सपादक स यह अप त ह क उस इस बात का ान हो क कौन स श द सामा य यि त वारा समझ जा सकत ह यह कारण ह क आकाशवाणी म ldquo क तrdquo ldquoअ पतrdquo ldquoएवrdquo ldquoअ यथाrdquo ldquoय य पrdquo ldquoय दrdquo ldquoतथा पrdquo क बजाय मश ल कन बि क और नह तो हाला क ldquoअगरrdquo ldquoतो भीrdquo आ द का योग अ धक होता ह इसी कार ldquoउपरातrdquo ldquoप चातrdquo ldquoपवrdquo ldquoस मखrdquo पन क थान पर ldquoबादrdquo ldquoपहलrdquo ldquoसामनrdquo ldquo फरrdquo श द क योग को बहतर माना जाता ह श द का चयन करत समय यह भी यान रखा जाता ह क इ ह बोलन क लए वाणी को ाणायाम न करना पड़ उदाहरण क लए पनरो थान णय व श टता जस श द स बचा जाना चा हए ऐसी ह सम या अ जी श द को लकर पदा होती ह कसौट अ जी श द क बार म भी यह ह क अ धक स अ धक लोग समझ सक तथा भाषा क आ मा भी न ट न हो बटन टल फोन रल क यटर प लस साई कल बस कार कटर कापी प सल पन र डयो टल वजन बजट फोटो जस अ जी श द का योग समाचार म सहज प स कया जा सकता ह ल कन कभी-कभी अ जी श द क अधाधध योग स अपनी भाषा को पहचानना मि कल हो जाता ह ऊपर हमन अनक अ जी

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श द का उ लख कया ह जो बोलचाल म ह द श द क अपन श द बन चक ह दसर ओर ऐस श द भी ह जो अ जी तथा ह द श द को मलाकर बन ह न व पर तरह अ जी श द ह और न ह त व ह यह ह रलगाड़ी टल फोन क बस अ डा डाक टकट आ द यहा यह यान रखन क बात ह क एक भी समाचार या बल टन म कसी श द का बार-बार योग करना रोचकता म बाधक होता ह इस लए कसी अथ म एक बार ह द श द और दसर बार उसका च लत अ जी पयाय इ तमाल कर लया जाता ह उदाहरण क लए थाना और प लस टशन कल तथा व यालय कालज और महा व यालय स और समाचारप बल और वधयक स म त और कमट इकाई और य नट ब झझक योग कए जात ह क त इसका मतलब यह नह क व व व यालय क थान पर य नव सट कमचार क लए ए लाई सद य क लए म बर अ वीकार क बजाय रज ट खलाड़ी क जगह लयर या प लस चौक क थान पर प लस पो ट श द भी इ तमाल कए जा सकत ह सम या तब आती ह जब ऐस अ जी श द का योग करना हो िजनका अपनी भाषा म कोई पयाय च लत ह न हो उस श द क स त या या स हत मल श द भी साथ म बोलना चा हए ता क ोता अथ भी समझ ल और नए श द स भी प र चत हो जाए

982 वा य रचना

श द भाषा क मल इकाई ह पर त वा य स पथक उनका कोई अि त व नह होता इस लए वा य ऐस लख जाए जो सीध ोता क समझ पी झोल म चल जाए ोता को वा य का अथ नकालन क लए बौ क कसरत न करनी पड़ वा य य द ज टल ह ग तो सरल श द क नय त क चड़ म गर फल स अ धक नह होगी इसक लए सबस बड़ी आव यकता ह वा य का छोटा होना ल ब वा य म उलझा दन स ोता अथ का अनथ समझ लगा तथा सारण का ल य ह वफल हो जाएगा िजस बात को म त या ल खत मा यम म एक वा य म कह कर चम कार उ प न करन का यास कया जाता ह उस सरल और सबोध बनान क लए सारण मा यम म दो या तीन वा य म कहा जा सकता ह इसका उदाहरण दख ldquoरा प त न आज पटना व व व यालय क द ात समारोह म यवक स समय क चनौती का डटकर मकाबला करन का आ वान कया तथा लोग को अलगाववाद शि तय स सावधान रहन क चतावनी द rdquo सवाद स म त वारा ल खत इस वा य म याकरण क ि ट स कोई ट नह ह और न ह इसम बह त क ठन श द का योग कया गया ह पर त यह वा य सारण क लए ठ क नह ह आकाशवाणी का सपादक इस समाचार को इस कार बनाएगा ldquoरा प त न लोग स कहा ह क व अलगाववाद शि तय स सावधान रह व आज पटना व व व यालय क द ा त समारोह म बोल रह थ उ ह न यवक को समय क चनौती का डटकर मकाबला करन का भी आ वान कया rdquo

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कई बार वा य छोट तो होत ह क त उनक रचना इतनी ज टल होती ह क समझन क लए मि त क पर दबाव डालना पड़ता ह कसी समाचारप म छपा यह वा य सह लगता ह व तम ी ी चद बरम क बजट न कर सधार क यग का स पात करक अथ यव था को नई दशा द ह जो तीन दशक स बनी ह ई उस ldquoि थ त क वपर तrdquo ह िजसक समाजवाद क वरोधी ldquoपर मट कोटा राजrdquo कह कर न दा करत रह ह यह वा य बह त बड़ा नह ह क त ज टल होन क कारण सनन पर त काल समझ म नह आता इस सरल बनान क लए दो वा य म तोड़ना हतकर ह हाला क कम समय म अ धक बात कहना सारण का मल स ा त ह क त अ प ट तथा अबझ बात कहना तो समय क ह बबाद ह इस लए समाचार को सबोध बनान क लए य द कछ स कड अ धक खच करन पड़ तो सकोच नह करना चा हए इस वा य को र डयो सपादक य कहगा ी चदबरम क बजट स अथ यव था म कर सधार क यग का स पात हआ ह यह नई दशा पछल तीन दशक स चल आ रह पर मट कोटा राज क वपर त ह

983 अनवाद क चनौती

आकाशवाणी को समाचार स म तय तथा अ य ोत स सचनाए अ जी म भी मलती ह अ जी म ा त समाचार का ह द म अनवाद करना होता ह अनवाद करत समय यह बात यान रखन यो य ह क यक भाषा क एक वत क त तथा शल होती ह और उसम भाव यजना क कछ व श ट णा लया होती ह अनवाद व तत वह अ छा होता ह िजसम मल क सब बात य क य आ जाए अनवाद म दसरा गण यह होना चा हए क वह कह स अनवाद न जान पड़ सब कार स मल का आन द द वा य रचना को अ जी क भाव स बचाना चा हए उ त दोन गण म स पहला गण उस भाषा क ठ क-ठ क ान पर आ त ह िजसस अनवाद कया जाता ह और दसरा गण इस भाषा क क त या व प क उ क ट ान स ा त होता ह िजसम अनवाद कया जाता ह अनवाद करत समय श दाथ क ओर

अ धक यान न दकर भावाथ क ओर अ धक यान दना चा हए

99 साराश इस पाठ म हमन आपको समाचार क यापक प तथा र डयो समाचार क व श टता और मह व क बार म बताया आपन यह भी जाना क भारत म सा रता दर कम ह इस लए र डयो लोग को व भ न घटनाओ योजनाओ नी तय काय म क तर त और सह जानकार का म य मा यम ह आकाशवाणी क समाचार सवा भाग का स त ववरण दत ह ए बतान का यास कया गया क समाचार का सकलन कस कया जाता ह तथा उसक लखन और स पादक क मलभत आव यकताए या ह र डयो समाचार म ऐसी बात नह आनी चा हए िजसस स वधान द त

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स थाओ और सवधा नक पद क मयादा को ठस पह च र डयो म सनसनीखज और भड़कान वाल समाचार सा रत नह कय जान चा हए र डयो क भाषा सरल और आसानी स समझ म आन वाल होनी चा हए र डयो समाचार वण यो य होन चा हय य क व कान क लय लख जात ह न क आख क लय भाषा

श हो और इसम याकरण क कोई गलती नह हो अनवाद करत समय भाषा को क म और द ह होन स बचाना चा हए बोलचाल क भाषा ह र डयो क भाषा ह

910 कछ उपयोगी प तक 1 भारतीय इल ॉ नक मी डया - डॉ दव त सह भात काशन द ल 2007 2 समाचार अवधारणा और लखन या - ोफसर सभाष ध लया एव आनद धान

स पा 3 भारतीय जनसचार स थान नई द ल 2004 4 र डयो सारण - कौशल शमा तभा त ठान नई द ल 2004 5 सारण प का रता - डा सरश यादव म य दश ह द थ अकादमी भोपाल 2004 6 ाइम रपोटर - हषदव भारतीय जनसचार स थान नई द ल 2005 7 इल ॉ नक मी डया लखन - ोफसर रमश जन मगल द प पि लकश स नई द ल

2004

910 अ यासाथ न 1 र डयो समाचार क मह व पर एक सारग भत ट पणी ल खए 2 र डयो समाचार क लखन व सपादन क म य पहलओ पर काश डा लए 3 र डयो समाचार क लखन म कन मयादाओ को यान म रखना आव यक ह 4 समाचार क क काय णाल का वणन क िजए 5 र डयो समाचार क भाषा पर स त लख ल खए

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इकाई-10 र डयो लखन क स ात

इकाई क परखा 100 उ य 101 तावना 102 र डयो सारण क उ य 103 र डयो क व श टता 104 र डयो लखन क सीमाए और सभावनाए

1041 र डयो लखन क परपरा 1042 र डयो क भाषा 1043 आचार स हता

105 र डयो लखन क आयाम 1051 समाचार 1052 वाता 1053 प रचचा 1054 सा हि यक रचनाए

10541 कहानी 10542 क वता

1055 हसन 1056 र डयो पक 1057 र डयो नाटक

106 सगीत क लए लखन 1061 गीतमाला 1 1062 गीत भर कहानी 1063 सगीत सभाए

107 उ घोषणाए 1071 सचनाए 1072 सदश 1073 लोगन ोमो

108 साराश 109 कछ उपयोगी प तक 1010 अ यासाथ न

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101 उ य इस पाठ म र डयो क व भ न वधाओ क लए लखन स जड़ पहलओ क चचा क जाएगी इसक अ ययन क बाद आप - र डयो सारण क उ य क बार म जानकार ा त कर सकग र डयो तथा अ य मा यम क लए लखन म अतर को समझ सकग र डयो क व भ न वधाओ क लए लखन करत ह ए यान म रखी जान वाल बात क

बार म जान सकग र डयो क आचार स हता का ान ा त कर सकग र डयो लखन क परपरा स अवगत हो सकग नाटक पक जस काय म क लए लखन क शल क जानकार ा त कर सकग समाचार लखन और सपादन क व वध पहलओ को समझ सकग सगीत म लखन क सभावनाओ और उनस जड़ त व को पहचान सकग

101 तावना र डयो जनसचार का एक मख मा यम ह जो अ य मा यम टल वजन और म त मा यम या न प -प काओ स कई मायन म भ न ह यह य मा यम ह इस लए श त-अ श त सभी वग क लए सलभ और बोधग य ह र डयो स ता तो ह ह अब एफएम ट नोलोजी क इ तमाल क बाद इसक व या मक गणव ता भी बहतर हो गई ह एफएम सारण क नजीकरण करन क सरकार क फसल क फल व प बड़ी स या म एफएम चनल खल रह ह जो थानीय तभा का उपयोग करक ीय भाषाओ या बो लय म काय म सा रत करक बड़ पमान पर ोताओ को र डयो वण स जोड़ रह ह आप पछल प ठ म पढ़ चक ह क भारत म र डयो सारण का म य सगठन आकाशवाणी ह जो समच दश म फल अपन सारण त क ज रए हद अ जी और मख भारतीय और वदशी भाषाओ म काय म सा रत करक दश क वकास और रा य एकता क दशा म मह वपण भ मका नभा रहा ह 1927 म श हआ र डयो सारण श क दो चार वष को छोड़कर सरकार नय ण म ह रहा ह टश काल म र डयो को सरकार न अपन सा ा यवाद को स ढ़ करन क साधन क तरह इ तमाल कया कत वत भारत क सरकार न नय ण क बावजद र डयो को दश क वकास जन-जागरण मनोरजन और लोकत का एक मजबत तभ मानत ह ए जहा इसक सरचना मक त का तजी स व तार कया वह दश क व वध

स क त और बहभाषायी व प क अन प गीत सगीत सा ह य समाचार श ा क ष उ योग रोजगार स सब धत जानकार दन वाल तरह-तरह क रोचक और ानवधक काय म श कए आकाशवाणी अपन 225 क क मदद स लगभग 99 तशत तथा 91 तशत आबाद तक अपन काय म पह चा सकन क मता ा त कर चका ह 1980 क

बाद दरदशन क लोक यता बढ़ जान और बाद म नजी टल वजन चनल क स य होन पर आकाशवाणी क ोताओ क स या शहर म कम होन लगी ल कन आकाशवाणी क काय म क रग- प म बदलाव आन और एफएम चनल क नजीकरण क फल व प लोग

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फर स र डयो क ओर लौटन लग ह और र डयो आज भारत म जनसचार क सबस भावशाल मा यम क प म नई ऊचाइया छन क ओर बढ़ रहा ह

102 र डयो सारण क उ य भारत क भौगो लक वशालता तथा सा क तक व वधता और सा रता व आ थक सप नता क अभाव म प -प काए पढ़ पान म अ धस य जनस या क असमथता क चलत र डयो सबस सलभ स ता और भावशाल मा यम ह र डयो सारण मोट तौर पर कसी भी अ य मी डया क तरह ह तीन उ य को लकर चलता ह य ह सचना श ण और मनोरजन सचना स अ भ ाय ह ोताओ को इ तहास भगोल धम अ या म कला सा ह य जस जीवनोपयोगी वषय और दश- वदश म घटन वाल घटनाओ स बराबर अवगत करात रहना इसक लए समाचार समसाम यक काय म तथा ान- व ान पर चचाए प रचचाए आ द सा रत क जाती ह श ण का मतलब लोग को इस लायक बनाना ह क व अपन प रवार

समाज दश और मानव मा क लए अ छ-बर का फसला कर सक इसक लए कला सा ह य न तकता तथा अ य मानवीय गण क जानकार दन तथा अ छ काय क रणा दन वाल काय म सा रत कए जात ह मनोरजन क अ तगत गीत सगीत नाटक हसन पक आ द काय म सा रत कए जात ह मनोरजन का मानव-जीवन म बह त मह व ह य क मनोरजन हमार तन-मन स बो रयत और तनाव हटाकर हम फर स तरोताजा स य और च त बनाता ह र डयो क सभी काय म इस तरह लख और तयार कए जात ह क मानव- वकास क इन तीन उ य को ा त कया जा सक

103 र डयो क व श टता र डयो क काय म तयार करना एक चनौती ह य क एक मा यम क प म यह अ य सचार मा यम स काफ भ न ह इसम श द और उ चारण क मा यम स ह पर बात स षत करनी होती ह यह टल वजन और अखबार क तरह नह िज ह यि त एका और सम पत होकर दखता या पढ़ता ह र डयो आप अ य काम करत ह ए सन सकत ह और फर इस कसान र शवाला दतर का बाब मजदर ग हणी यापार छा ोफसर व ा नक सभी वग क लोग एक साथ सनत ह ािज टर और कार र डयो क मा यम स र डयो क सदश या ा करत ह ए सर-सपाट क दौरान और ाइव करत ह ए भी सन जा सकत ह इस कार ोताओ क तर तथा वषय क चयन और उनक त त सभी ि टय स र डयो व श ट

मा यम ह अखबार कवल श त लोग पढ़त ह और टल वजन म अ धक मह व वजअल यानी च का होता ह च क ज रए कसी वषय को समझना आसान हो जाता ह कत र डयो म कवल सनकर वषय हण कया जा सकता ह

104 र डयो लखन क सीमाए और सभावनाए आपन पढ़ा क र डयो एक सरल सलभ और स ता मा यम ह िजसक षण या अ य मा यम टल वजन और अखबार स भ न ह इसी कारण र डयो लखन चनौतीपण हो जाता ह जब हम र डयो क लए लखन क बात करत ह तो उसस अ भ ाय कवल ऐस लखन

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स नह होता जसा काशन क लए कोई लख कहानी या क वता लखी जाती ह र डयो एक उ च रत मा यम ह इसम सभी काय म पव ल खत प म तयार नह होत बह त स काय म बातचीत या सा ा कार प म सीध बोलकर रकाड या सा रत कए जात ह अत र डयो लखन म वह सब साम ी भी शा मल ह िजस ए टपोर अथात बना तयार क सीध बोला जाता ह जो काय म पहल ल खत प म तयार कए जात ह उनक भाषा और

ततीकरण क शल को भी बोलचाल क लायक बनाया जाता ह ता क ोताओ को उ ह समझन म क ठनाई न हो और एक बार सनकर ह व वषय को हण कर ल इस लए र डयो काय म क भाषा क साथ-साथ वषय क त तकरण को भी सरल प ट और रोचक रखना ज र होता ह र डयो म समाचार स लकर सगीत तक व वध कार क काय म का सारण होता ह और यक वधा क लखन और त तकरण म अलग तरह क शल अपनाई जाती ह श द और वा य का चयन करत ह ए यह भी दखना होता ह क उ ह बोलना सरल हो और व कणमध तथा असरदार भी ह य क र डयो म समचा षण श द व व नय और उनक त त क ज रए ह कया जाता ह र डयो लखन एक कला ह िजसक लए लखन म वषय और वधा वशष क स यक जानकार बोलचाल क भाषा क समझ और ोताओ क चय क पर पहचान होनी चा हए र डयो लखन करन वाल को समय क साथ ोताओ क बदलती अ भ चय भाषा क नए प और त तकरण क नई ट नोलोजी और श लय क त सजग और सवदनशील होना चा हए उदाहरण क लए कसी राजनी तक या आ थक घटना पर कसी वाता और कसी एफएम चनल पर फ मी गान क लए क जान वाल उ घोषणा क भाषा और व प म दन-रात का अतर होगा र डयो क काय म क बदलत व प क साथ-साथ र डयो लखन क शल अदाज और भाषा म भी प रवतन होता रहा ह

1041 र डयो लखन क परपरा

दश म र डयो सारण क ार भक दौर म र डयो का उ य औप नव शक स ता को मजबत बनान क यास करना था और ोता म यतया अ ज या अ जी जानन वाल भारतीय बाब होत थ इस लए उस समय र डयो काय म क भाषा म यतया अ जी थी और लखन शल एकदम औपचा रक होती थी उसका तवर आदशा मक होता था य क तब र डयो शासक का मखय था काय म भी बह धा राजनी तक और शासक य क म क होत थ सरकार नणय और आदश क सचना दन वाल समाचार सा रत कए जात थ उनक भाषा पर तरह सधी ह ई और सपाट होती थी हद तानी म समाचार बल टन श ह ए तो उनक भाषा भी कठोर और अरबी-फारसी क शासक य श दावल स प रपण होती थी उस दौर म भारतीय सा ह यकार कलाकार और ब जी वय का र डयो क साथ बह त कम जड़ाव था इस लए र डयो काय म म भारतीय प स क त और तवर क मौजदगी नग य सी थी मनोरजन क लए पि चमी सगीत ह परोसा जाता था वत ता क प चात इस मा यम को सा क तक वरासत स जोड़ा गया डॉ0 कसकर

बालक ण राव एव जगद श च माथर जस कलाधम और रचनाधम जब र डयो

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क शास नक सवा म आय तो र डयो म नया माहौल बना तब यक भाषा क ठ सा ह यकार क व सगीतकार नाटककार गायक कलाकार र डयो स जड़ गए

र डयो म अ खल भारतीय सा ह य समारोह आयोिजत कए गए सवभाषा क व स मलन क पर परा चल पड़ी र डयो क मा यम स रचनाध मय को मह वपण ढग स तत कया जान लगा भारतीय शा ीय सगीत और फ मी सगीत र डयो पर सनाई दन लगा 1967 म व वध भारती क नाम स अ खल भारतीय काय म ारभ कया गया समय क साथ यवा पीढ़ बदलता मानस जो र डयो सीलोन क लोक य फ म सगीत म रमन लगा था उस पन आकाशवाणी क ओर आक ट करन क लए यह काय म श कया गया इसम ऐस जन य काय म क ोताओ क पसद भी शा मल क गई ऐस जन य काय म क भाषा वभावत सरल और अप ाकत अनौपचा रक रहती थी 1970 क आस-पास नई पीढ़ क कलाकार और लखक र डयो स जड़न लग तो र डयो क भाषा और शल म और प रवतन आन लगा सा हि यक और तकनीक वषय क काय म म भल ह धीर-गभीर शल और श दावल का चलन होता रहा ल कन अ य काय म म धीर-धीर लचीलापन आता गया 1990 क दशक क बाद र डयो काय म क व प और तवर म आमल प रवतन आ गया और एफएम चनल न तो र डयो क भाषा और लखन या त तकरण को एकदम नया प द दया यहा तक क समाचार क त त और सपादन न नई करवट ल और एफएम गो ड पर सा रत होन वाल समाचार बल टन का व प अनौपचा रक और बातचीत जसा हो गया समाचार पर आधा रत वाताए जो पहल लखकर समाचार वाचक वारा पढ़ जाती थी व धीर-धीर इटरि टव यानी सवाद प म प रव तत हो गई और वत ह उनम बोलचाल क भाषा और शल का पदापण हो गया जब कोई काय म सोच-सोच कर लखा जाता ह तो उसम न चाहत ह ए भी भाषा का ल खत प झलक आता ह कत जब आप परा काय म ह बातचीत क शल म तत करग तो भाषा का व प और श दावल वत ह सरल वाभा वक और भावकार बन जाती ह इस कार समय क साथ आकाशवाणी क काय म क व प म बदलाव क अन प भाषा और त त या न लखन म प रवतन क या भी जार रहती ह

1042 र डयो क भाषा

आप पढ़ चक ह क र डयो य मा यम ह और इसक सभी काय म सनकर हण कए जात ह और श द ह षण या का म य त व ह इस लए र डयो म भाषा का सबस अ धक मह व ह यह तो बताया ह गया ह क र डयो लखन म भाषा सरल और बोधग य होनी चा हए वा य छोट ह और नए वषय का वतन करत ह ए अप ाकत अ ात और तकनीक श दावल का य का य योग करन स बचना चा हए नए और अ च लत श द का योग य मा यम म वजनीय होता ह य क एक तो र डयो क ोताओ क नर र और कम पढ़- लख भी होत ह और दसरा श द

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एक बार नकल गया तो उस समझन क लए काय म को रवाइड करक फर स नह सना जा सकता इसक अलावा भाषा का तर काय म क वषय क अन प होना चा हए व श ट वषय या वशष ोता वग को सबो धत काय म म क ठन या तकनीक श द का य का य इ तमाल कया जा सकता ह य क उसक ोता उस वषय क जानकार होत ह कत समाचार वाताओ मनोरजन धान या सामा य ोताओ क लए सा रत होन वाल काय म म कसी नई अवधारणा या वचार को

खोल कर और सरल भाषा म समझा कर लखा या बताया जाना चा हए भाषा क व प को लकर कसी तरह क द वधा नह होनी चा हए र डयो क आदश भाषा का एक ह मापदड ह क वो सामा य ोताओ को समझ म आनी चा हए इसम उद अ जी या थानीय श द या उि तय का यथासभव योग कया जा सकता ह अ जी या उद-फारसी पजाबी मराठ बगाल गजराती जसी भाषाओ या हद क उपभाषाओ और बो लय क जो श द हमार सा ह य प -प काओ और बोलचाल म योग होन लग ह और सामा य लोग उ ह समझ लत ह उनक योग को बढ़ावा दना चा हए र डयो का मल धम ह वषय का षण र डयो का सारक न तो भाषा व ा नक ह न ह वयाकरण उसक लए भाषा का वह प वीकाय ह जो सीध जनता तक जाता ह पहल गाधी जी क वचारधारा क लए गाधीवाद श द का योग होता था एक फ म क ज रए गाधी गर श द लोग क जबान पर आ गया तो उसक योग म हचक नह होनी चा हए बि क यह श द नई पीढ़ को अ धक अपील करन वाला ह एक और उदाहरण ल सकत ह पहल अ जी क Accused श द क लए हद म अ भय त श द योग होता था पछल कछ वष स अखबार और ट वी चनल इसक लए आरोपी श द का इ तमाल करन लग ह और आम लोग न इस अपना लया ह तो र डयो क समाचार और अ य काय म म इसका इ तमाल कया जान लगा ह व वध भारती काय म स भाषा म लचीलापन और अनौपचा रकता का पट आन लगा था क त जब एफएम चनल क एकर या आरज लोग न नए अदाज म काय म तत करन श कए तो उनक सामन व वध भारती क भाषा और अदाज अब औपचा रक लगन लग ह वषय और काय म क व प क अन प ह उसक भाषा और त त म बदलाव लाकर ह हम सारण को जी वत रख सकत ह इस सदभ म अ सर यह पि त उ त क जाती ह ldquoिजस तरह त बोलता ह उस तरह त लख rdquo र डयो लखन या सारण क भाषा और शल क सदभ म यह पि त द प तभ क तरह हमारा माग दशन करती रहगी

1043 आधार स हता

आप जान चक ह क भारत म र डयो का म य सगठन आकाशवाणी सरकार नय ण म ह और उस लोक सारक का दजा मला हआ ह वह ससद और दश क जनता क त जवाबदह ह उस अपन काय म का नमाण और सारण करत ह ए वशष दा य व और मयादाओ को यान म रखना पड़ता ह य तो सभी सारण सगठन

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क लए कछ न तक और यवसाय स जड़ नयम व मयादाओ का पालन करना आव यक ह कत आकाशवाणी को इस दशा म वशष प स सावधान रहन क ज रत ह इस सबध म आचार स हता नधा रत ह िजसका ान होना र डयो क लए लखन और काय म का सपादन और सारण करन वाल क लए आव यक ह आकाशवाणी क लए लखन म न न ल खत बात स परहज रखना ज र ह- म दश क आलोचना कसी धम या स दाय वशष पर आ प कछ भी अ ल ल तथा मानहा न यो य हसा को ो साहन या ऐसा कछ जो कानन और यव था क खलाफ हो ऐसा कछ िजसस यायालय क अवमानना होती हो ऐसा कछ जो रा प त सरकार एव यायालय क मयादा क तकल हो राजन तक दल पर नाम लकर आ प कसी रा य अथवा क क आ ामक आलोचना ऐसा कछ भी जो स वधान क त अमयादा दखलाता हो र डयो लखन म समय का नय ण बह त मह वपण ह आलख नि चत समय क लए तयार कया जाता ह अत समय क सीमा म अपनी बात पणता क साथ कह जाना आलख क सफलता ह एक ह श द क बार-बार पनरावि त स बचना चा हए यह भी आव यक ह क वषय का तारत य न टट पाय

बोध- न - 1 1 र डयो अ य जनसचार मा यम स कस कार भ न ह helliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphellip helliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphellip2 र डयो लखन म कन बात का यान रखना आव यक ह helliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphellip helliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphellip3 र डयो काय म क भाषा पर स त ट पणी ल खए helliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphellip helliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphellip

105 र डयो लखन क आयाम र डयो स करोड़ ोताओ क लए काय म सा रत कए जात ह िजनक चया व वध और अलग-अलग होती ह ोता गभीर काय म चाहत ह तो कछ दलच पी ह क-फ क मनोरजन धान ो ाम म भी होती ह कई ोता सगीत को अ धक तरजीह दत ह तो अ य ोताओ

को खल काय म या फ मी काय म पसद आत ह कछ ोताओ को धम अ या म दशन क चचा अ छ लगती ह तो कछ लोग चटकल हा य सग या हसन सनकर आन दत होत ह इसी कार ोता कभी समाचार सनन क इ छक होत ह तो कभी सा हि यक काय म

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क लए र डयो ऑन करत ह इन व वध चय वाल ोताओ को सत ट करन क लए र डयो को उनक पसद क काय म सा रत करन पड़त ह इन सभी काय म का व प भाषा या त तकरण क शल एक समान नह हो सकती सभी वधाओ क लखन सपादन या

त तकरण म व श ट ोता वग क अप ाओ को यान म रखा जाता ह अब हम र डयो स सा रत मख वधाओ क काय म क लए लखन या का व लषण करग

1051 समाचार

समाचार कसी भी सारण सगठन का मह वपण अग होता ह आकाशवाणी क काय म म लोक यता क हसाब स सगीत क बाद समाचार का ह थान ह आकाशवाणी क ाइमर चनल तथा एफएम चनल पर त घट हद या अ जी म छोट-बड़ समाचार बल टन सा रत कए जात ह ाद शक क स ीय भाषाओ म और वदश क लए हद तथा अ जी क अलावा कछ भारतीय भाषाओ और वदशी भाषाओ क समाचार बल टन और समाचार पर आधा रत वाता काय म सा रत कए जात ह समाचार क बार म उ लखनीय बात यह ह क कछ अपवाद

को छोड़कर इनका सारण लाइव यानी सीध ट डयो स होता ह और इनम रकॉ डड साम ी बह त कम होती ह जब क अ य काय म अ धकाशत रकॉ डड होत ह इस लए समाचार लखन सबस अ धक चनौतीभरा काम ह य क इ ह त काल सा रत करना होता ह कई बार तो लखन क बाद इ ह दोबारा पढ़न का समय

नह रहता समाचार ाि त क लए र डयो अपन सवाददाताओ समाचार स म तय तथा अ य ोत पर नभर करता ह समाचार क म ट ल टर टल फोन क यटर फ स

आ द पर समाचार ा त होत रहत ह इन ा त समाचार म स सपादक मह वपण समाचार का चयन कर समाचार बल टन का आलख तयार करत ह िजस समाचार-वाचक पढ़त ह समाचार क भाषा क सदभ म कछ यान रखन यो य बात न न ल खत ह 1 भाषा सरल और आम आदमी क लए बोधग य हो 2 वा य छोट होन क साथ अ भ यि त उलझन भर न हो 3 च लत महावर का योग कया जाना चा हए 4 भाषा म नाटक य उतार-चढ़ाव नह बि क सहजता अप त ह समाचार सारण क अव ध नि चत होती ह जस एक पाच दस प ह या तीस मनट ऐसी ि थ त म समाचार का चयन करना और चय नत समाचार म स यह तय करना क समाचार को मखता क आधार पर या म दया जाए यह सब सपादक क ववक पर नभर करता ह अब समाचार म वशष नताओ तथा कसी घटना स भा वत लोग क साउड बाइट भी शा मल कए जात ह िजन पर समाचार क का अपना नय ण नह होता हा उनका आव यक सपादन कया जाता ह इन साउड बाइ स क भाषा सब धत

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लोग क अपनी होती ह िजनम कभी-कभी उ चारण दोष या अ जी का योग खलता ह कत इसस समाचार क व वसनीयता बढ़ती ह य क हम घटना क स चाई या उसक भाव क जानकार सब धत यि त क अपन मह स ा त करत ह इसी कार समाचार बल टन म घटना को कवर करन वाल सवाददाता क अपनी आवाज म वायस ड पच लए जात ह वायस ड पच य क सवाददाता वय तयार करता और बोलता ह इस लए उनम सरल और बोलचाल क भाषा रहती ह कभी-कभी ट डयो म बठा एकर या समाचार वाचक सीध घटना थल पर मौजद सवाददाता स

घटना क बार म फोन पर बात करता ह जो समाचार क साथ त काल सा रत हो जाती ह ऐसी बातचीत क भाषा भी सरल तथा बोलचाल क होती ह इन नए त व क इ तमाल स र डयो क समाचार बल टन बनाना ज टल अव य हो गया ह कत व सरल बोधग य और अ धक व वसनीय बन गए ह

1052 वाता

वाता र डयो सारण क व श ट वधा ह य समाचार आधा रत भी होती ह और सा हि यक सा क तक व ा नक व आ थक वषय क भी हो सकती ह समाचार पर आधा रत वाता क साथ साथ अब डायलाग या सवाद का सारण भी होता ह िजसम एक वशष स समाचार सपादक अथवा सवाददाता कसी ता का लक वषय पर अपनी बात करक उनस व तत जानकार लन का यास करता ह कभी-कभी दो वशष आपस म बातचीत क ज रए वषय क व भ न पहलओ का व लषण करक ोताओ तक नई जानकार पह चात ह कसी भी वाता क दो प होत ह- व ता और ोता वाताकार क पास अ भ यि त क लए मा वाणी ह और ोता क पास वण एक अ छ वाता क लए वाता को ोताओ स तादा मय था पत करना पड़ता ह ोताओ क मान सकता को अपन साथ बाध लना ह वाताकार क सफलता ह र डयो वाता को बोधग य बनान क सदभ म न न ल खत बात आव यक ह - वषय का रोचक होना प तक य ग य-शल क अप ा सहज और सजीव शल वचार को टात स समझाना वाता का वकास तकसगत र त स करना म य-म य बात पर वशष जोर दना क ठन श दावल स बचना सय त और म वा य स परहज करना बोलन क ग त सामा य रखना वाता लखना और तत करना एक कला ह लखन बह त अ छा हो और उस तत करन क शल ठ क न हो तो अ छा लख भी असरदार नह हो पाता ह इसी तरह कभी कभी मामल स आलख को भी वाचक असरदार बना दता ह अत लखन और

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वाचन दोन मलकर वाता को सजीव बनात ह वाताकार को ोताओ क साथ नकटता का भाव उ प न करना पड़ता ह वाताओ क कई कार ह कछ वाताय काय म वशष क लए तयार क जाती ह- जस यवाओ क लए म हलाओ क लए ब च क लए व या थय क लए कसान क लए इसक अलावा स मरणा मक और आ मकथा मक वाताए भी होती ह ऐसी वाताओ म कथात व भी होता ह जो ोताओ को बाधता ह

1053 प रचचा

प रचचा म कसी वषय पर बह प ीय चचा होती ह अत प रचचा वचार- वमश ह प रचचा का नयामक वषय और तभा गय का प रचय दकर वषयगत कसी एक न को एक तभागी पर उछाल दता ह और इस तरह प रचचा आर भ हो जाती ह य द अ य तभागी आव यक समझ तो व बीच म ह त प कर अपनी बात रख सकत ह हा नयामक प रचचा को आग बढ़ान म एक कड़ी का काय करता ह वह दसरा न अ य तभागी क सम रखता जाता ह इसम तीन स पाच तभागी भाग ल सकत ह इसस अ धक तभागी होन पर ोताओ क

मत हो जान क आशका रहती ह प रचचा म वषय स भटक जान क गजाइश भी रहती ह अत वषय को स पणता स तत करन एव वचार का सल सला बनाय रखन क लए तभा गय और नयामक को नो स बना लन चा हए य द तभा गय म सरलता और अ भ यि त म पनापन नह हआ तो प रचचा बजान और नीरस हो जाएगी

1054 सा हि यक रचनाए

आकाशवाणी सा ह य क सारण को ारभ स ह मह व दता रहा ह सा ह य मन य को स का रत करता ह और उनम उदा त चतना का सचार करता ह यह सह ह क अ धकतर ोता ह क-फ क काय म सनना पसद करत ह ल कन बड़ी स या म ऐस ोता भी ह जो सा हि यक रचनाए सनन को उ सक रहत ह र डयो स म यत क वता और कहानी का सारण होता ह

10541 कहानी

सा ह य म कहानी का जो प च लत ह वसा ह र डयो पर भी वीकत ह र डयो कहानी म आचार स हता का यान रखा जाता ह कहानी म व णत घटना थान यि त ववादा पद न ह यावसा यक व तओ क नाम आ द स भी बचा जाए जस कहानी का नायक य द कसी व त का उपयोग करता ह तो उस व त का नाम कसी ड-नम क प म न लखा जाए च क र डयो कहानी का वण बह स यक ोताओ वारा होता ह और एक ह प रवार क ब च बढ़ जवान म हलाए एक साथ

र डयो कहानी सन सकत ह अत र डयो कहानी म अ ल लता या उ ी त वासना क कतई गजाइश नह होती

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र डयो कहानी सरल और सबोध भाषा क अप ा रखती ह कहानीकार अपनी बात सीध सरल और रोचक ढग स कह न क घमा फराकर नह तो ोता बोधग यता और रोचकता क अभाव म व ता क साथ तादो मय नह कर पाएग हा उसम नाटक यता अव य होनी चा हए तभी वह सनन म रोचक हो सकगी

10542 क वता

सा ह य म क वता का मख थान ह र डयो उसक अ भ यि त का सश त मा यम रहा ह सन 1954 क बाद जब स म ानदन पत ह रवश राय ब चन अ य दनकर जी और नागाजन जसी महान वभ तया र डयो स जड़ी तो सा ह य क ग रमा स भरा क वताओ का एक सलाब सार क प म बहा जो आज भी बहता रहता ह इसक साथ र डयो समय-समय पर क वताओ क लए नए क वय को भी आम त करता ह का यपाठ और क व गो ठ क प म क वताओ का सारण होता ह गणत दवस पर सवभाषा क व स मलन आयोिजत कया जाता ह िजसक रकॉ डग आकाशवाणी क सभी क रल करत ह ाय दखा जाता ह क क व स मलन म पढ़ गई क वता जो मच पर रकॉड क

जाती ह उसका बड़ा अश स पा दत होकर ह सा रत हो पाता ह यह कारण ह क अनक ववाद क कारण दस म स चार क वताए ह छटकर र डयो म पढ़न लायक होती ह सारणकता का सा ह य ान स स प न होना अप त ह

1055 हसन

हसन या झलक हा य- य य धान वधा ह य द र डयो क वजनाओ को यान म रखत ह ए हा य- य य वाता का लखन कया जाए तो नि चत ह यह र डयो क असरदार शल ह र डयो क लए लख जान वाल हा य- य य क लए न न ल खत बात यान दन यो य ह - वषय ऐसा चना जाए िजसस कसी जा त यि त स दाय आ द क भावनाओ

को चोट न पह च भाषा और महावर क योग म अ ल लता और फहड़पन स बचा जाए वषय ऐसा हो िजसका आन द समाज का वशाल वग ल सक उपमा और पक इस कार यवहार म लाय जाए क उ ह सवसाधारण ज द

और अ छ तरह समझ सक साम यक वषय पर हा य- य य अ धक कारगर होता ह झलक लखन म कथाव त च र एव सवाद का बह त मह व ह कथा व त क लए लखक को कह भटकना नह पड़ता न ह पो थय म डब कया लगानी पड़ती ह वह तो रोजमरा क जीवन म अपन आसपास मल सकती ह समाज म आपको पग-पग पर वदषक मल सकत ह और उनक अटपट कायकलाप अब भी चलत ह

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झलक म सवाद बड़ पन और च त होत ह सवाद म हा य- य य का पट हो िजसस ोताओ का भरपर मनोरजन हो सक इतना सब होत ह ए भी झलक उ य र हत

नह होती वह समाज म फल कर तय पर चोट करती ह

1056 र डयो पक

पक र डयो क अपनी वधा ह पहल बार जॉन गयसन न 1926 ई म डा यम श द का योग पक क साथ कया था िजस ह द म आलख- पक कहा जाता ह जॉन गयसन क अनसार यह जीव त य और जी वत त य का फोटो ाफ ह समाचारप एव प काओ म का शत होन वाल पक स र डयो पक बलकल भ न ह यह वाता तथा नाटक स भी भ न ह वाता म सपाट बयानी होती ह पक म सपाट बयानी क साथ नाटक यता भी होती ह नाटक म मा नाटक यता होती ह पक म नाटक यता क साथ सपाट बयानी होती ह पक त याधा रत होता ह नाटक क पना-आधा रत पक क त यपरकता ोता क तक को बाधती ह और उसम य त नाटक क त व सवदना को र डयो पक म त य क कथा-ज र ह जो ोता को बाधती ह क त इस कथा-त व का योग बड़ कला मक ढग स कया जाना चा हए वषय चयन तो कछ भी हो सकता ह पक क भाषा अ य त सधी ह ई सरल सकोमल भाव स स प न ग रमामयी व सगानसार होनी चा हए पक म व न और सगीत का बड़ा मह व ह िजसस भाव

और वातावरण न मत होत ह र डयो पक का व तत ह पक आलख वाचन क लए ाय दो नरटर लए जात ह एक नार वर दसरा प ष वर इसस पक म एकरसता नह आती तथा रोचकता बनी रहती ह ना य अश या कसी

अनगिजत वर क लए अ य आवाज का भी इ तमाल कया जाता ह

1057 र डयो नाटक

र डयो नाटक सारण क एक सश त वधा ह इसक अतगत मचीय और सा हि यक नाटक को र डयो नाटक म पातरण भी कया जा सकता ह और वत प स र डयो नाटक भी लख जात ह दसर वधा का सारण सरल और अ धक भावकार माना गया ह र डयो नाटक क कछ सीमाए भी ह पहल सीमा यह ह क वह कवल माइक पर नभर करता ह माइक ह उस जीवन दता ह दसर सीमा यह ह क यह कवल श द को मा यम बनाता ह ोताओ को बाधन क लए यहा पर य कवल वण करन क लए श द ह तीसर सीमा यह क र डयो का ोता एका चत होकर नह बठता न ह कोई बठकर उसका इ तजार करता ह अ य काय म लग रहकर ह ाय ोता र डयो सनत ह

य द र डयो क सभावनाओ पर गौर कर तो इसन थान काल आ द क सीमाए लाघ डाल ह एक ह पा अनक थान भ न- भ न समय म सवाद बोलता हआ तत

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कया जा सकता ह र डयो नाटक अ धकतर सम या मलक होत ह जो आज समाज म या त कर तय वक तय का पदाफाश करत ह

106 सगीत क लए लखन सगीत र डयो क सबस सरल और लोक य वधा ह आकाशवाणी न भारत क शा ीय सगीत को जी वत रखन और उस जन-जन तक पह चान म उ लखनीय भ मका नभायी ह सगम सगीत और फ मी सगीत क ोता भी करोड़ क स या म ह आकाशवाणी क कल सारण समय का सबस अ धक ह सा सगीत को सम पत ह एफएम चनल तो पर तरह सगीत का ह वशषकर फ मी सगीत का सारण करत ह सगीत सर और वा य का खल ह इस लए इसम लखन क गजाइश बह त कम रहती ह कवल सगीत क काय म क त त और सगीत क घरान राग या सगीतकार क प रचय आ द क लए लखन होता ह इसक अलावा सगीत क वशष काय म गीतमाला सगीत तयो गताओ अ या र काय म आ द क लए एकर और ततकता को आलख तयार

करन पड़त ह या मौ खक प स त त दनी होती ह

1061 गीतमाला

कसी वशष काय म म कसी खास वषय अवसर या राग क गीत क त त गीतमाला कहलाती ह इस तरह क काय म र डयो क सभी चनल स सा रत होत ह और य बह त लोक य ह य क इसम गीत बखर ह ए न होकर एक स म बध रहत ह इसम व भ न गीत का प रचय दन और उ ह पर पर जोड़न तथा पर काय म को समि वत प स एक इकाई क प म तत करन क लए आलख तयार कया जाता ह य आलख नरशन क प म भी हो सकत ह और कथा प म भी इसक लए सगीत क गहन ान क साथ-साथ भाषा का अ छा अ धकार होना ज र ह ऐस सरस आलख म कछ अश ना य अश क प म भी रहता ह कसी वशष भाव को चरम सीमा तक अनभत करान क लए बीच बीच म फ मी गीत सनवाए जात ह य गीत भी उसी भाव भ म पर आधा रत होत ह िजन भाव को आलख म परोया गया ह ऐस काय म जीवन क मधर भावप को कट करत ह अत इनक भाषा बड़ी सरस और चताकषक होना ज र ह यवा वग क ोताओ म यह वधा बह त लोक य ह

1062 गीत भर कहानी

गीत भर कहानी व तत र डयो कहानी ह ह फक कवल इसक ततीकरण म न हत ह र डयो कहानी क त त म जब य अनभव कया गया क कभी-कभी ोता कछ सी मत वषय पर कहानी सनत-सनत अपना मानस बो झल महसस करन

लगत ह तो खासकर यवा मानस को इस वधा क साथ रोचकता क ढग स जोड़न का यास कया गया

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गीत भर कहानी क कथानक म बीच-बीच म कसी भाव को भावी बनान क लए कोई फ मी गीत बजा दया जाता ह इस तरह गीत सनवाए जात ह और साथ ह कथानक भी चलता रहता ह गीत क चयन म सावधानी अव य चा हए य क भाव वशष स गीत का गहरा सबध ह कथानक क भावभ म और गीत क भावभ म एक ह हो िजसस भाव ोता क मन को गहराई तक छए इस काय म क भाषा बह त मधर और सहज अ भ यि त भर होनी चा हए कोई भी ोता सगीत क फहार म भीगन क बाद नीरस आलख क अ भ यि त वीकार नह कर पाएगा व तत यहा सगीत क साथ भाषा क चनौती लखक को वीकार करनी पड़ती ह वा य सीध और सरल ह कोई बात घमा फरा कर न कह जाए नह तो ोता का भाव-तादा मय टट सकता ह इसम ना य अश का भी योग कया जा सकता ह जस कथानक म दो पा क कथा बढ़ती ह तब ना य अश क प म उन दो पा क थोड़ी सी झलक दन क लए तत कर दया जाता ह ता क भाव वशष पा और सवाद क साथ जीवत एव भावी बन सक

1063 सगीत सभाए

आकाशवाणी क क त वावधान म समय-समय पर सगीत सभाओ का आयोजन कया जाता ह इस आयोजन क म यत दो उ य होत ह- पहला यह क ोता र डयो काय म स य प स जड़कर आन द का अनभव कर और र डयो क त उसका अपन व जा त हो दसरा इन सभाओ म भ न- भ न आच लक स क तय का सगम होता ह दश क भ न- भ न क स यहा कलाकार आम त कए जात ह जो ीय भाषा म भजन लोकगीत गजल आ द तत करत ह कला और स क तय क इस सरस समागम म ोता भारत क रा य एकता का दशन करत ह य आयोजन अवसर वशष क अनकल होत ह िजस सावनी स या होल सगीत सभा लोक भजन क सगीत सभा सगम सगीत सभा शाम गजल या क वाल आ द इन सगीत सभाओ का सचालन बड़ ह कला मक और सरस ढग स कया जाता ह ता क उपि थत ोता म म ध होत ह ए काय म त त स जड़ सक इसक लए व धवत आलख तयार कया जाता ह आर भ म काय म का प रचय और आग तक ोताओ का अ भन दन कया जाता ह इसक बाद सगीत सभा क प रचया मक भ मका अ त थ कलाकार का प रचय दया जाता ह

यक गीत गायन स पहल गीत क भावभ म और कलाकार का प रचय दया जाता ह बीच-बीच म सगीत त तय और कलाकार क वशषताए बतात ह ए ोताओ क साथ तादा मय बनाए रखना होता ह ऐस आलख क लखन व त तकरण क लए सगीत क अ छ समझ और भाषा पर पकड़ क आव यकता ह

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107 उ घोषणाए र डयो म उ घोषणा और काय म का अ भ न सबध ह काय म सनन क च ोताओ म उ घोषणा सनकर ह जागत होती ह उ घोषणा िजतन रोचक ढग स क जायगी ोता उतन ह सनन क लए आकल हो जाएग एक ह बात को अलग-अलग उ घोषक अपनी शल स असरदार बना दत ह अत उ घोषणा क लए अ छा वर सध ह ए अथपण श द और साफ-साफ उ चारण होना आव यक ह उ घोषणा म कछ बात ज र होती ह जस- कौन सा क ह काय म कौन सा ह समय क साथ य द कोई वशष सचना ह एक अ छ उ घोषणा म सचना उ सकता और रोचकता तीन गण पाए जात ह उ घोषक या उ घोषणा लखक इन तीन बात को कछ वा य म परो लता ह

1071 सचनाए

र डयो पर सचनाए नधा रत काय म क बीच म कसी भी समय सा रत कर द जाती ह आपन कभी-कभी र डयो पर सना होगा- अगल काय म सनन स पहल एक सचना स नए ाय कसी न कसी काय म क बाद म एकाध मनट शष बच ह जाता ह इस समय का सदपयोग मह वपण सचनाओ क प म होता ह य सचनाए कभी काय म सबधी होती ह तो कभी कसी वशष घटना क सबध म और कभी खोए ह ए यि त क सबध म य द धानम ी या रा प त का सदश रा क नाम सा रत होन वाला ह तो स चत कया जाएगा- आज रा आठ बज रा क नाम धानम ी का सदश सा रत कया जाएगा एफएम चनल पर मौसम फक पर ा प रणाम सा क तक आयोजन आ द क ताजा सचनाए सनाई जाती

ह इन सचनाओ म िजस बात क जानकार द जाती ह उसका प ट वणन और उ य स त म लखा जाता ह आलख क भाषा ऐसी होती ह जो आम आदमी क लए बोधग य ह कसी क स जब कोई नया काय म ार भ कया जाता ह तो उसक भी पव सचना ोताओ को द जाती ह ऐसी सचनाओ म काय म का स त प रचय भी होता ह कभी-कभी सीध माइक पर ह जाना होता ह और ल खत आलख तयार नह हो पाता इसक भाषा सरल और आम बोलचाल क होनी चा हए

1072 सदश

वशष अवसर पर दश क गणमा य यि त समाज और रा को स बो धत करन क लए अपन सदश सा रत कया करत ह ऐस सारण रा य सकट या रा य पव क अवसर पर भी कए जात ह य सदश सभी वग क लोग क लए होत ह आम आदमी इसस स ब होता ह सदश म बात स प म कारगर ढग स कह जाती ह सकटकाल क ि थ त म सबोधन क भाषा भावना मक सा वना भर अपन व स ओत ोत होना ज र ह इसका यय जन मन म साहस का सचार करना होता ह ल कन रा य अवसर पर सदश

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उ लासपण भावना स भर होत ह हा सदशदाता को समयानसार सदश क भाषा को वर म ढालना होता ह भावनाओ को न छ पान क ि थ त म सदश बजान हो जाता ह यह काय क ठन अव य ह इसम बड़ी सावधानी क आव यकता ह उपरो त बात को यान म रखत ह ए जब आलख तयार कए जाए तो सदशदाता क यि त व क ग रमा को भी यान म रखना होगा

1073 लोगन ोमो

सारण म समय का बह त बड़ा मह व होता ह यह कारण ह क अलग-अलग काय म का समय और म नि चत होता ह समय क इस नधारण को चक कहा जाता ह य द कसी काय म क लए दस म नट समय नधा रत होता ह तो काय म नौ म नट का रकाड कया जाता ह य क उ घोषणा क लए एक म नट छोड़ दया जाता ह फर भी पहल स रकाड कर लय काय म कभी-कभी टप डक म पीड-व रएशन होन क कारण नि चत समय स कम हो जाता ह या बढ़ जाता ह तब बच ह ए समय क प त क लए लोगन या नार का योग बह त उपयोगी होता ह जरा सो चए आप काय म सन रह ह और काय म क समापन क उ घोषणा क बाद पाच दस सक ड का पाज आय तो नि चत ह आपको यह खाल पन अखरगा य द इस खाल समय को भरन क लए यिजक फलर का इ तमाल कया जाए जसा क कभी-कभी कया जाता ह तो भी वह नरथक योग ह अत लोगन का इ तमाल सो य और साथक होता ह नारा इतना सहज और बोधग य हो क सनत ह ोता को याद हो जाए इसम बोल-चाल क भाषा अ धक कारगर स होती ह एक छोटा सा नारा य द असरदार ह तो ल ब भाषण स यादा अपील करगा यह कारण ह क एक नारा हमार स पण वचारधारा योजना उ य आ द को य त कर दता ह लोगन क तरह ोमो भी कभी-कभी फलर क तरह और कभी-कभी योजनाब

तर क स सा रत कए जात ह ोमो एक तरह का आत रक व ापन होता ह िजसम चनल या क क अपन कसी काय म या वय चनल का प रचय और वशषताए चारा मक ढग स रकाड रहती ह इस अथपण श द सगीत और व न क म ण

स रोचक और भावशाल बनाया जाता ह नजी चनल म ोमो धड़ ल स बजाए जात ह इनम यह यान रखा जाना चा हए क य त य स पर और अ त योि तपण न ह

बोध- न -2 1 समाचार लखन म या- या सावधा नया बरतना आव यक ह helliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphellip helliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphellip2 र डयो आचार स हता या ह

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108 साराश इस पाठ म हमन आपको र डयो सारण क उ य को प ट करत ह ए र डयो क व भ न वधाओ क लए लखन और ततीकरण स जड़ पहलओ क जानकार द आकाशवाणी लोक सारण सगठन ह इस लए इसक काय म क लखन म अनक मयादाओ का पालन करत ह ए

कई तरह क सावधा नया बरतनी पड़ती ह य मा यम होन क कारण काय म क भाषा सरल बोधग य और तर त समझ म आ जान वाल होनी चा हए यह भी बताया गया ह क समाचार लखना सबस चनौतीपण काय ह

109 कछ उपयोगी प तक 1 भारतीय इल ॉ नक मी डया - डॉ दवद त सह भात काशन द ल 2007 2 समाचार अवधारणा और लखन या - सभाष ध लया एव आनद धान स पा

भारतीय जनसचार स थान नई द ल 2004 3 र डयो सारण - कौशल शमा तभा त ठान नई द ल 2004 4 सारण प का रता - डॉ सरश यादव म य दश ह द थ अकादमी भोपाल 2004 5 ाइम रपोटर - हषदव भारतीय जनसचार स थान नई द ल 2005 6 इल ॉ नक मी डया लखन - ो रमश जन मालद प पि लकश स नई द ल 2004

1010अ यासाथ न 1 जनसचार मा यम क प म र डयो क व श टता का व लषण क िजए 2 र डयो लखन क व वध आयाम तथा परपरा का वणन क िजए 3 र डयो क व भ न वधाओ म समाचार लखन सबस चनौतीपण काय ह इस कथन क

समी ा क िजए 4 र डयो नाटक और र डयो पक म अतर प ट क िजए 5 र डयो लखन म भाषा क मह व पर स त नबध ल खए 6 सा हि यक रचनाओ क र डयो त त पर काश डा लए 7 र डयो सारण म सगीत क मह व को रखा कत करत ह ए इसक काय म लखन और

त तकरण क सभावनाओ का ववचन क िजए

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इकाई-11 टल वजन समाचार लखन

इकाई क परखा 110 उ य 111 तावना 112 टल वजन समाचार का मह व 113 भारत म टल वजन समाचार का इ तहास

1131 दरदशन समाचार 1132 नजी समाचार चनल

114 टल वजन समाचार लखन 1141 समाचार क सरचना 1142 घटना म 1143 च ा मकता 1144 स तता 1145 भाषा क सरलता 1146 अनवाद

115 टल वजन समाचार बल टन 1151 व प और या 1152 म नधारण 1153 म य समाचार 1154 लश 1155 परक समाचार

116 टल वजन समाचार क या मक त व 1161 मवी च 1162 लाइ र फाइल च 1163 ि टल फोटो 1164 सीजी (कर टर जनरशन) 1165 ा फ स और एनीमशन 1166 लॉगो

117 व या मक त व 1171 साउड बाइट 1172 वायसका ट 1173 लाइव ड पच 1174 फोन-इन 1175 पीस ट कमरा

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118 साराश 119 उपयोगी प तक 1110 अ यासाथ न

110 उ य इस पाठ को पढ़न क बाद आप

आज क यग म टल वजन समाचार क मह व और भारत म टल वजन समाचार क इ तहास क जानकार पा सकग

टल वजन समाचार लखन क या और उसक व भ न प को समझ सकग टल वजन समाचार क सरचना और उसक ब नयाद वशषताओ क बार म जान सकग समाचार बल टन क व प क जानकार पा सकग टल वजन समाचार क च ा मक और व या मक त व को समझ सकग टल वजन समाचार क मौजदा चनौ तय क बार म जान सकग

111 तावना समच व व म सचार मा यम क म अभतपव ग त और ा त क इस दौर म सचना एक शि त क प म उभर ह जनसचार मा यम सम सामािजक और आ थक वकास क अ नवाय साधन और मापदड बन चक ह जनसचार मा यम क प म सबस पहल ट मी डया यानी प -प काओ का पदापण हआ ल कन पछल सद क पवाध म इल ॉ नक मी डया क उदय क उपरात द नया कर ब आ गई ह उप ह सचार णाल न तो टल वजन और र डयो सदश को एकदम सवसलभ बना दया ह इटरनट न ान और सचना णाल का व प ह बदल दया ह टल वजन य तो म यतया मनोरजन का मा यम रहा ह कत सचना और समाचार क मा यम क प म भी इसक भ मका कम उपयोगी नह ह 24 घट क समाचार चनल तो कसी भी मह वपण घटना क न कवल त य को बि क उसस जड़ अ य पहलओ तथा उसक अतीत क साथ-साथ उसक सभा वत प रणाम क अनमान भी हमार सामन त काल तत कर दत ह आतकवाद घटना हो या कसी उप ह या अत र यान को छोड़ना सम क गभ म होन वाला पनड बी य हो या आकाश क ऊचाइय म हो रहा हवाई य सकट म फस कसी यि त या ब च क सहायता का अ भयान हो अथवा रता क घ णत

य य सभी त य स च प म त काल हम तक पह च जात ह टल वजन समाचार सारण इतना आग बढ़ आया ह क हमार दश म भी जहा टल वजन और टल वजन समाचार क या ा इतनी लबी नह ह समाचार क व प ामा णकता और सामािजक औ च य पर न उठन लग ह नजी समाचार चनल क बीच बढ़ती होड़ क कारण समाचार भी बकाऊ व त का प लता जा रहा ह हद क अ धकतर ट वी समाचार चनल पर व ापन लोलपता और धन कमान तथा एक दसर स आग बढ़न क अधी होड़ म समाचार क मयादाओ का उ लघन करन क आरोप लगन लग ह यहा तक क उनक नय ण और नयमन क लए कसी तरह क काननी या आत रक नयमन यव था तक ह माग होन लगी ह यह ि थ त टल वजन समाचार क लोक यता और मह व क भी प रचायक ह इस लए टल वजन

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समाचार क लखन और त त क स ा तक और यावहा रक प का गहन ववचन और व लषण आव यक हो गया ह

112 टल वजन समाचार का मह व आपन पढ़ा क टल वजन आज क यग म सचना और समाचार का एक सश त मा यम ह आप यह भी कह सकत ह क टल वजन सचना का सबस अ धक भावशाल मा यम ह इसका सबस बड़ा कारण यह ह क य और य मा यम होन क कारण भारत जस दश म जहा अब भी करोड़ लोग नर र या कम पढ़- लख ह यह मा यम सबस अ धक भावकार ह इस दखन क लए श त या सा र होन क आव यकता नह ह फर हर खबर च और शाि दक यौर क साथ उपल य होन क कारण इस समझना सरल होता ह साथ ह टल वजन समाचार र डयो स सा रत या अखबार म छपी खबर क तलना म अ धक रोचक और आकषक होत ह टल वजन स नल उप ह क ज रए ा त होन स इनक गणव ता काफ अ छ रहती ह उप ह सचार णाल क कपा स व व क कसी भी ह स म होन वाल घटना क च ण म उपल ध हो जात ह भारत म टल वजन क अ धकतर चनल नजी सारक या कप नय वारा सचा लत होत ह इस लए इनक समाचार का चयन और ततीकरण दरदशन स भ न ह कबल नटवक और डायर ट द होम यानी डीट एच

ट नोलोजी क बदौलत उपभो ता चाह िजतन चनल अपन ट वी सट पर दख सकत ह िजसस दशक क पास वक प मौजद ह इटरनट पर उपल ध हो जान स कसी भी चनल क समाचार जब चाह दख-सन जा सकत ह इन सभी पहलओ क चलत टल वजन समाचार र डयो और अखबार क मकाबल अ धक रोचक आकषक और भावशाल ह तथा अ धक व रत प स दशक तक पह चत ह

113 भारत म टल वजन समाचार का इ तहास एक मा यम क प म टल वजन का अवतरण अमर का और यरोप म 20वी शता द क पवाध म हो गया था ल कन भारत म टल वजन क श आत बह त छोट तर पर 15 सतबर 1959 को ह ई उस समय कवल एक घट का काय म द ल और उसक आसपास क क लए सा रत कया जाता था और टल वजन आकाशवाणी का ह एक अग था दरदशन क नाम

स अलग स टल वजन सगठन 1976 म बना टल वजन समाचार क सारण क श आत 1965 म ह ई तब रात को कवल 10 मनट का एक हद बल टन तत कया जाता था जो आकाशवाणी म ह तयार होता था 1972 म म बई और उसक बाद कोलकाता तथा अ य शहर म टल वजन क खलन स ीय भाषाओ म भी समाचार दए जान लग दरदशन सचना और सारण म ालय क अग क प म काम करता ह इस लए इस पर आरोप लगता रहा ह क इसम कवल वह समाचार दखाए जात ह जो शासक प या सरकार को पसद ह समय-समय पर इस नगम का प दकर वाय त बनान क भी यास ह ए क त मोट तौर पर दरदशन सरकार का ह मा यम बना रहा 1991 म दश म आ थक सधार तथा उदार करण क हवा चल तो टल वजन क म भी नजीकरण आया और कछ सगठन को दरदशन पर अपन समाचार बल टन तथा सम साम यक वषय क काय म सा रत करन क अनम त

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द गई कबल ट वी आन क बाद नजी सगठन को भी अपन चनल चलान और समाचार सा रत करन क छट मल 1995 क बाद अलग स समाचार चनल भी काम करन लग

इस समय दरदशन क समाचार चनल और अनक ीय समाचार इकाइय क साथ-साथ लगभग 75 नजी समाचार चनल चल रह ह जो हद अ जी और ीय भाषाओ म खबर और समाचार पर आधा रत काय म सा रत कर रह ह

1131 दरदशन समाचार

आपन पढ़ा क दरदशन क समाचार का सारण 1965 म ारभ हआ उस समय 10 मनट का कवल एक समाचार बल टन हद म सा रत होता था तब समाचार म य साम ी बह त कम रहती थी असल म टवी बल टन पर तरह र डयो बल टन क ह तरह बनाए जात थ और िजन समाचार क बार म वजअल यानी फ म ि ल पग उपल ध होती थी उनक साथ फ म सपा दत करक दखा द जाती थी आज क तरह साउड बाइड वायसका ट तथा अ य स वधाए नह थी समाचार वाचक बल टन पढ़ता था और दो-तीन समाचार क लए फ म या ि टल फोटो दखा दए जात थ दरदशन समाचार म वा त वक नखार 1982 म आया जब टल वजन रगीन हो गया और रा य चनल का स पात हआ तब द ल स हद और अ जी म 20-20 मनट क रा य समाचार बल टन का सारण श हआ िज ह अ य क भी सा रत करत थ कछ क स ाद शक समाचार भी सा रत होन लग यह भारत म ट वी समाचार क पहल अगड़ाई थी तभी टल वजन समाचार बल टन का व प भी बदला और उसम रोचकता व वधता और गभीरता का समावश हआ 1987 तक दरदशन स रात को ह समाचार सा रत कए जात थ 23 फरवर 1987 को ातःकाल न रा य बल टन और 26 जनवर 1989 को दोपहर का समाचार बल टन श हो गया य दोन बल टन हद और अ जी म थ और इनक अव ध 10 मनट थी इनक अलावा ससद क अ धवशन क दन म ससद समाचार भी सा रत कए जान लग 3 नव बर 2003 को दरदशन स 24 घट क समाचार चनल का शभारभ हो जान क बाद स सबह स शाम तक 5 10 15 और 30 मनट क बल टन सा रत होत रहत ह इसक अलावा आ थक समाचार खल समाचार ससद समाचार तथा कभी-कभी वशष बल टन और वाताए भी सा रत क जाती ह बीच-बीच म साम यक वषय पर चचाओ और भटवाताओ का भी सारण होता रहता ह इस कार 1965 स 1981 तक दरदशन समाचार का नि य काल था तो 1982 स

1995 तक का समय उसका स य या वण यग था

1132 नजी समाचार चनल

आपन पढ़ा क पछल सद क अ तम दशक म उदार करण क या क स पात क बाद अथ यव था क तरह जनसचार क म भी खलापन और उदार वातावरण

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छान लगा इसका भाव समाचार सारण पर भी पड़ा जसा क आपन पढ़ा ारभ म नजी सारक दरदशन स ह अपन समाचार काय म सा रत करत थ आज क एन डी ट वीrsquo और आज तक चनल न अपनी आख दरदशन क गोद म ह खोल थी धीर-धीर अ य उप ह चनल स आ शक प स समाचार का सारण होन लगा बीसवी सद क अ तम वष म वत समाचार चनल अि त व म आ गए जो कवल खबर और समाचार आधा रत काय म क सारण को सम पत ह इसस हद समाचार क लोक यता बढ़न लगी और समाचार और समाचार बल टन क व प उ य और सरचना म तजी स बदलाव आ गया दरदशन क समाचार क व प म भी तदन प प रवतन आया कत उस वो आजाद और खलापन उपल य नह ह जो नजी उप ह चनल क पास ह दरदशन य क लोक सारक क भ मका भी नभाता ह इस लए उस सनसनीखज और उ तजक समाचार स बचना पड़ता ह और अपन सामािजक सवधा नक और राजनी तक सरोकार क भी चता करनी पड़ती ह दसर ओर तकनीक और ततीकरण क ठ श लया अपनान क बावजद 75 स अ धक उप ह ट वी समाचार चनल अपनी ोफशनल िज मदा रय और मयादाओ क उप ा करत ह ए कवल शहर और सप न वग क हत और च क अन प समाचार सा रत करन लग ह और समाचार सगठन क प म अपन दा य व नभान क राह स भटक गए ह यह ि थ त आदश समाचार सारण क ि ट स सोचनीय ह य चनल वा त वक समाचार चनल न रहकर ट आरपी बढ़ान क उ य स नकारा मक मनोरजक फहड़ और स त काय म क सारण पर उतर आए ह य समाचार क नाम पर त -म और जाद-टोन क खबर पा रवा रक कलह क क स लतीफ-चटकल और फ मी क स-कहा नय व अधन न व फहड़ नाच-गान पर आधा रत काय म परोसकर समाचार क ग रमा गरा रह ह

बोध न - 1 1 टल वजन समाचार का या मह व ह helliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphellip helliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphellip 2 भारत म टल वजन समाचार क या ा का स त यौरा द िजए helliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphellip helliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphellip 3 दरदशन और नजी चनल क समाचार म या अतर ह helliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphellip helliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphellip

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114 टल वजन समाचार लखन आपन पढ़ा क टल वजन मा यम क अखबार और र डयो स भ न होन क कारण इसक समाचार का व प और सरचना भी इन दोन मा यम क समाचार स भ न होती ह य मा यम होन क चलत जहा इसम श द क भ मका अप ाकत कम ह वह भाषा को सरल और सबोध रखना आव यक ह य क इस नर र और अ प श त लोग भी दखत-सनत ह समाचार का म य ोत सवाद एज सया ह जो ाय अखबार क आव यकता को यान म रखकर समाचार तयार करती ह इन समाचार को टल वजन पर सारण यो य बनान क लए इनका यापक सपादन कया जाता ह और इ ह उपल ध च और व न साम ी क अन प ढाला जाता ह यहा यह प ट कर दना ज र ह क टल वजन क लए समाचार लखन स ता पय कवल आलख लखन स नह बि क समचा समाचार यानी यज आइटम तयार करन स ह हम इस समाचार लखन क बजाय समाचार रचना भी कह सकत ह इसक अग ह आलख यानी भाषा च और व न इन तीन म साथक और रोचक सम वय और सतलन ह टल वजन समाचार का सार ह यह आकर टल वजन समाचार सपादन क कला सामा य समाचार सपादन स भ न हो जाती ह

1141 समाचार क सरचना

जसा क हम ऊपर बता आए ह क वह सपादक या प कार टल वजन क लए सफल सवाद रचना कर सकत ह िज ह भाषा शल पर अ धकार क साथ-साथ उपल ध

य साम ी तथा त य क मब ता क स ा तक जानकार यावहा रक अनभव एव आ म व वास होगा आप जो कछ च क मा यम स दखाना चाहत ह वह आपको श द क मा यम स कहना भी होगा समाचार का आमख घटना क मवार यौर तथा अ य सब धत जानकार को च क म क मता बक लखा जाता ह इसी कार च को समाचार क माग क हसाब स सपा दत कया जाता ह च और श द दोन म िजतना अ धक सम वय होगा समाचार उतना ह भावशाल होगा टल वजन म कसी घटना क पर समाचार को पकज कहा जाता ह इसस आशय यह ह क इस पकज म सबस पहल तो एकर समाचार को क करता या करती ह इसक बाद वाइस ओवर क साथ वजअ स आत ह लोग भी बाइ स होती ह और सवाददाता वय घटना थल स रपोट दता ह िजस पीस-ट-कमरा कहत ह

1142 घटना म

अखबार या र डयो क लय समाचार लखत समय यह स नि चत करना आव यक नह होता क कसी घटना को उसी म म ल पब कया जाए िजस म म वह घट ह परत ट वी क लए समाचार बनात समय ऐसा करना सामा यतया आव यक होता ह बाद क बात को पहल दखाना अजीब लगता ह उदाहरण क लए कसी

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क म य हो जान पर अ तम स कार को पहल तथा पा थव शर र पर प प मालाय चढ़ान का य बाद म नह दखाया जा सकता इसी कार कसी नता या म ी को भाषण दत ह ए पहल दखाकर उस काय म क उ घाटन क लए द प जव लत करत ह ए बाद म दखाना अटपटा लगगा भाव यह ह क समाचार का वणन मश होता ह जब क र डयो अखबार म मह व क अनसार घटना का म रखा जा सकता ह स प म कह सकत ह टल वजन समाचार या हआ कस हआ और आग या होन जा रहा ह यह टल वजन समाचार क सरचना ह

1143 च ा मकता

यह वशषता ट वी समाचार को अ य मा यम स एकदम पथक व प दान करती ह जहा अ य मा यम क समाचार म आव यक सचनाओ को उनक मह व क आधार पर शा मल करना आव यक ह वहा ट वी समाचार म श द का कम स कम इ तमाल करक च को बोलन का अवसर दना अ छ सपादन कला का ल ण ह इस लए समाचार लखत समय उसक उन अश को अ धक उजागर कया जाता ह िजनम च का इ तमाल करन क सभावनाए ह टल वजन समाचार म च का मख थान ह जब क श द सहायक भ मका नभात ह य द कसी रपोट या मा भाषण

आ द का ऐसा समाचार हो िजसक बार म कोई भावशाल फ म अथवा कमरा कवरज उपल ध न हो तो उस घटना क प ठभ म स सब धत कसी परानी फ म का इ तमाल करक श क समाचार को च मय बना दया जाता ह यह नह जब कसी घटना का च त काल उपल ध न हो सक तो उस यि त या घटना का कोई आकाइव च दखाकर उस च ा मकता दान क जा सकती ह उदाहरण क लए ऊजा स जड़ स मलन का समाचार दखात ह ए ऊजा क उ पादन वतरण तथा उपयोग स सब धत च दखाए जा सकत ह इ ह फाइल या लाइ र च भी कहा जाता ह

1144 स तता

जसा क ऊपर बताया गया ह टल वजन क समाचार म च बोलत ह अत समाचार क आलख एकदम स त होन चा हय य क अ धक श द कभी-कभी च ा मक अ भ यि त म बाधक स होन लगत ह घटना का व तत ववरण दना आव यक नह ह य क दशक पर घटना को च क प म वय ह दखकर सब कछ समझ लता ह कभी-कभी कवल एक-दो वा य क आलख और समाचार स सब धत वायसका ट और साउडबाइट क त त स पण समाचार दशक तक पह चाया जा सकता ह उदाहरण क लए वत ता दवस पर धानम ी क एक घट का भाषण कवल 10-15 वा य क आलख क मा यम स सा रत हो सकता ह य क हर वा य क बाद हम उनका वषय स जड़ा साउडबाइट यानी उनक भाषण का अश शा मल कर सकत ह साथ ह समारोह क च जस क लाल कल क ाचीर उपि थत

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जनसमह मह वपण यि त या भाषण क वषय स सब धत फाइल च दखाकर समाचार को रोचक और भावशाल बनाया जा सकता ह आलख को स त रखन क मता अ छ सपादक का अ नवाय गण ह

1145 भाषा क सरलता

जसा क आप पढ़ चक ह क भाषा क सरलता ट वी समाचार का आव यक गण ह य क हमार दश म इसक दशक खासकर हद समाचार क दशक म कम पढ- लख लोग भी शा मल ह भाषा का ल खत या म त प बदलकर उस मौ खक यानी पोकन प दना होता ह जसा क समाचार क सरचना अनभाग म भी बताया गया ह क च अपन आप बोलता ह अत कम स कम श द म अ धक स अ धक जानकार य त करन क कला ह अ छ ट वी समाचार सपादक क म य वशषता ह ट वी समाचार क भाषा क कछ म य बात इस कार ह - वा य सरल और स त होन चा हय यास यह कया जाय क एक वा य म एक ह बात कह जाए ज टल वा य का यभासभव कम स कम योग करना वाछनीय ह बोलचाल क श द तथा महावर योग कए जान चा हए ता क सभी तर व वग

क लोग समझ सक ह द समाचार तयार करत ह ए अ जी क च लत श द यथा- टशन

इजी नयर कल टल फोन बस कार प सल कापी पन रल क यटर तथा इसी कार क अ य श द व अ य भारतीय भाषाओ वशषकर उद क सहज योग म आन वाल श द को अपनान म सकोच नह करना चा हए

िजन श द क उ चारण क लए वाचक को ाणायाम करना पड़ उनक बजाय उनक सरल वकि पक श द का योग करना बहतर ह

च क सा इजी नयर उ योग तथा अ य व श ट यवसाय स सब धत तकनीक अ जी श द क अ च लत क ठन ह द पयाय इ तमाल करन क लोभ का सवरण करना चा हए

श द म व वधता रहनी चा हय एक ह समाचार म कसी एक श द का बार-बार योग अखरता ह कोई नाम भी बार-बार नह बोला जाना चा हए

समाचार लख लन क प चात य द समय हो तो उस दोबारा पढ़कर भाषा को प रमािजत करना चा हए

समाचार लखत ह ए नाम स याओ थान त थय पदनाम क वशष प स जाच कर लनी चा हए

1146 अनवाद

ह द तथा अ य भारतीय भाषाओ क प का रता क एक ववशता यह ह क उस अनवाद का काफ आ य लना पड़ता ह टल वजन क समाचार ाय ज द म तयार कए जात ह अत अनवाद क बधन का दबाव इन पर अ धक होता ह फर भी

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य द शाि दक अनवाद स बचत ह ए भावानवाद पर बल दया जाए तो ज टलता एव क मता स कछ हद तक मि त पाई जा सकती ह अ जी क वा य रचना ज टल ह और उसम एक ह वा य म योजक श द क सहायता स कई बात शा मल कर ल जाती ह इस कार क वा य को दो या तीन लघ और सरल वा य म तोड़ कर लखा जाना चा हए इस कार अ जी क महावर को य का य ह द म पात रत कर दन स भाषा क वाभा वकता पर आच आती ह कत ऐसा करत

समय च क अन पता और समय सीमा का यान भी रखना आव यक ह नजी समाचार चनल क भाषा दरदशन समाचार क भाषा क मकाबल अ धक सरल सबोध और लचील होती ह इन चनल म आम बोलचाल क भाषा इ तमाल होती ह अ जी श द और वा य तक का खलकर योग कया जाता ह कछ आलोचक क शकायत ह नजी समाचार चनल समाचार क व प क साथ-साथ समाचार क भाषा को भी द षत कर रह ह ल कन समाचार क भाषा िजतनी सरल व लचील होगी समाचार उतन ह आकषक और ा य ह ग

115 टल वजन समाचार बल टन कोई भी समाचार अकल या वत प स तत नह कया जाता समाचार 5 10 15 या 30 मनट क बल टन क अतगत ह सा रत होत ह अनक समाचार का गलद ता ह बल टन कहलाता ह िजस तरह टल वजन समाचार क रचना एक कार क व श टता क माग करती ह उसी कार समाचार बल टन क सपादन सारण क लए व श ट कला और नपणता क आव यकता होती ह समाचार बल टन अपन आप म एक इकाई होनी चा हए िजसम उस समय तक क सभी रग व कार क समाचार को सि म लत कया जाना चा हए असल म ट वी समाचार बल टन क व प म तजी स बदलाव आता जा रहा ह साथ ह सपादक क अवधारणा भी ध मल होती जा रह ह अलग-अलग समाचार चनल अपन बल टन क रोचक और आकषक नाम रखकर उनक लए अलग-अलग या अपना रह ह हम यहा समाचार बल टन या समाचार काय म क म य सचालक क ि ट स एक परपरागत या का यौरा द रह ह व रत प रवतन क दौर म कोई नि चत फारमट अपनाना अब सभव नह रह गया ह

1151 व प और या

बल टन सपादक का सबस पहला काम ह उपल ध और अप त समाचार तथा उपल ध च ा मक साम ी यानी फ म कमरा कवरज आ द और सभा वत साम ी को यान म रखत ह ए अपन बल टन क परखा तयार करना वह यह भी दखता ह क पछल दन और उसस पछल बल टन म या- या सा रत हो चका ह यह बल टन म शा मल कय जान वाल समाचार क मह व क अनसार उनका म नधा रत करता ह और उसी क अन प च ा मक और व या मक साम ी का म तय करता ह सपादक च ा मक साम ी दखन क बाद उसम समाचार क मता बक काट-छाट यानी सपादन करन का परामश दता ह और यह भी सकत दता ह क

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समाचार वशष क लए कतनी अव ध क च या अ य साम ी अप त ह बल टन का ततकता यानी ो यसर सपादक क परामश क अनसार च का सपादन करता ह सपादक च क अनसार समाचार लखता ह तथा प ठ स या अ कत करक समाचार वाचक या एकर को दता ह अब तो सपादक वय एकर भी बन रह ह यह सारा काम क यटर पर ह होता ह क यटर स ह टल ो पटर क मदद स एकर समाचार पढ़ता ह हर समाचार पर आव यक सकत या नदश अ कत रहत ह इसक अलावा जब बल टन पढ़न वाल दो यि त ह तो यक प ठ पर एकर या वाचक का नाम भी अ कत कया जाता ह क यटर यक आइटम क अव ध वत स चत कर दता ह िजसस बल टन क नि चत अव ध क अनसार ह आइटम

तयार करना सरल रहता ह सारण क समय ततकता क म य भ मका रहती ह वह पनल पर बठकर माइक स ट डयो म लोर मनजर क मा यम स समाचार वाचक एकर कमरामन तथा अ य य व न साम ी क दशन क सबध म कमाड दता ह

1152 म नधारण

य तो बल टन म समाचार का म नधारण उनक मह व क अनसार कया जाता ह क त य द सभी समाचार च मय न ह तो यह यान रखा जाता ह क एक साथ कई श क समाचार लगातार न रख जाए बि क च मय समाचार क बीच-बीच म उ ह रखा जाय यह इस लए कया जाता ह ता क श क समाचार अ धक दर तक लगातार सा रत होन स बल टन अ चकर न बन जाए जहा तक समाचार क वषय क अनसार म का न ह यह अब हर चनल अलग-अलग आधार पर तय करता ह बल टन को नधा रत समय स अ धक चलाना यानी ओवर कर अथवा समय स पहल समा त करना यानी अडर कर करना समाचार सपादक का दोष माना जाता ह पर त कई बार बीच म कसी मह वपण गर च मय समाचार को लना अ यत आव यक हो जाता ह इस दखत ह ए बल टन क अत म ाय कम मह वपण समाचार को रखा जाता ह ता क य द उ ह न पढ़ा जाय अथात व ाउड आउट हो जाए तो वशष अतर न पड़ समाचार क सारण क दौरान भी क यटर पर सपादक म बदल सकता ह या कोई समाचार ऐड या डल ट कर सकता ह यह बात च और व न पर भी लाग होती ह

1153 म य समाचार (हड लाइन)

बल टन अथवा समाचार काय म क ारभ तथा अत म उसक मख समाचार दए जात ह य य प य सबस पहल तत कए जात ह क त इ ह तयार करन का काम आमतौर पर बल टन परा होन स कछ समय पहल कया जाता ह ता क सभी उपल ध समाचार म स म य समाचार का चयन कया जा सक म य समाचार को अ त स त च त और सबोध बनाया जाता ह कसी बल टन म तीन स आठ

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तक म य समाचार बनान क परपरा ह बजट बल टन जस वशष समाचार बल टन म इसस अ धक म य समाचार भी रख जात ह य द कोई मह वपण समाचार बल टन क सारण क दौरान ा त होन पर लश क प म शा मल कया जाता ह तो उस अत म दोबारा पढ़ जान वाल म य समाचार म उसक मह व क अनसार म पर रखकर पढ़ाया जाता ह कभी-कभी यह नया समाचार अत म दबारा पढ़

जान वाल म य समाचार का ल ड समाचार भी बन जाता ह म य समाचार क साथ सब धत च भी दए जान चा हए य आमतौर पर रकॉड कर लए जात ह ता क आलख और च का सम वय भल कार हो जाए

1154 लश

जब बल टन का सारण ारभ हो जान क बाद कोई ऐसा मह वपण समाचार आ जाता ह जो पहल दए गए कसी समाचार क अगल कड़ी ह या बल टन म सा रत हो चक समाचार का खडन करता ह तो उस लशrsquo या अभी-अभी मल समाचार क प म बल टन म थान दया जाता ह ता क ोताओदशक को मालम हो जाए क

यह समाचार बाद म आया ह इसक अलावा कोई नया अ त मह वपण समाचार आन पर भी उस लश क प म सा रत कया जा सकता ह

1155 परक समाचार

टल वजन क समाचार सपादक पर समय क पाबद क तलवार हमशा लटक रहती ह 5 10 15 और 30 मनट क नि चत अव ध क बल टन क लए उस सभी समाचार नाप-तोल कर बनान होत ह कभी-कभी तकनीक कारण स च न चल पान अथवा णाल क असफल हो जान स नधा रत समय स पहल बल टन परा हो जान क ि थ त बन जाती ह ऐसी हालत स नपटन क उ य स परक समाचार तयार रखना उ चत रहता ह दो या तीन ऐस समाचार जो अप ाकत कम मह वपण ह वकि पक उपयोग क लए रन डाउन या म म शा मल रखन चा हय इ ह परक आइटम कहा जाता ह

बोध- न -2 1 टल वजन समाचार लखन क या का वणन क िजए helliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphellip helliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphellip 2 टल वजन समाचार लखन क म य वशषताए या ह helliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphellip helliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphellip 3 ट वी समाचार बल टन म म य समाचार और म नधारण का या मह व ह helliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphellip helliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphellip

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4 समाचार क आलख क भाषा कसी होनी चा हए helliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphellip helliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphellip

116 टल वजन समाचार क या मक त व ऊपर प ट कया गया ह क च ा मकता या या मकता टल वजन समाचार का ाण ह यह वह त व ह जो ट वी समाचार को व श ट और अ य मा यम क समाचार स भ न तथा अ धक रोचक व भावकार बनाता ह यह या मकता कई साधन स लाई जा सकती ह

1161 मवी च

टल वजन समाचार का सबस आव यक व मह वपण त व ह मवी फोटो ाफ यह सजीव और थल च पर घटना को व वसनीय और ामा णक प स दशक क स मख पश कर दत ह इनम घटना क थान यि त आस-पास का माहौल सभी कछ य तत हो जाता ह समाचार क आव यकता अव ध आ द क अन प इनका सपादन कया जाता ह इन च म मौक क व नया सवाद और सब धत प स अलग स लए गए सा ा कार भी शा मल रहत ह िजसस ट वी समाचार अखबार क समाचार क तलना म अ धक व वसनीय और सह लगत ह

1162 लाइ र फाइल च

जसा क आपन पहल पढ़ा क समाचार को च ा मक बनान क लए फाइल च का भी आ य लया जाता ह यक ट वी समाचार मा यम म एक फ म लाइ र होती ह िजसम व भ न वषय मख यि तय स थाओ आ द स सब धत मवी च का स ह वीसीआर सीडी डीवीडी आ द क प म कया जाता ह ताजा घटना क मवी च उपल ध न हो पान क ि थ त म और घटना क प ठभ म तत करन क उ य स इन लाइ र च को दखाया जाता ह िजसस दशक क सामन यह प ट हो जाता ह क इसस पहल कब-कब और कस कार घटना घट चक ह उदाहरण क लए रल-दघटना या आतकवाद हमला होन पर पछल घटनाओ का यौरा दत ह ए फाइल च दखाए जा सकत ह क त ट वी न पर यह सकत दना आव यक ह क य च परान ह नह तो समाचार क व वसनीयता और चनल क छ व आहत होगी

1163 ि टल फोटो

कसी घटना क मवी फोटो ाफ त काल उपल ध न हो पान या उसक गणव ता सह न होन क ि थ त म उस अवसर पर खीच गए ि टल च दखाना उपयोगी होता ह य च एक या उसस अ धक हो सकत ह घटना क वकास- म क अनसार च बदल कर या कोलाज प म दखाए जा सकत ह कसी यि त क बार म

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कोई समाचार दत ह ए उस यि त का च न पर आन स समाचार क स षणीयता बढ़ जाती ह यि त क कसी उपलि ध बयान म य आ द क खबर दत ह ए भी इन च का उपयोग कया जाता ह इसक अ तर त भवन जस क ससद भवन उ चतम यायालय वधानसभा भवन नवाचन आयोग आ द क ि टल च स उनस सब धत समाचार को ास गकता दान क जाती ह ि टल च को इटरनट या अ य ोत स डाउन लोड करक अपन क यटर म सक लत कर लया जाता ह

1164 सीजी (कर टर जनरशन)

इस तकनीक म समाचार क मह वपण अश को वशषकर स याओ व नाम को न पर सपर कया जाता ह कई बार दशक आकड़ को यान स नह सन सकता या

मत हो सकता ह इसी लए जब व सनन क साथ-साथ उस ल खत और अ कत प म दखत भी ह तो उस अश क स षणीयता दगनी हो जाती ह आ थक समाचार

खल क कोर चनाव और सदन म मत वभाजन क समय व भ न प क ि थ त को दशान क लए कर टर जनरशन यानी सीजी तकनीक का पया त इ तमाल कया जाता ह यह तकनीक क यटर कत ह इस तकनीक क एक मह वपण उपयो गता यह भी ह क जब कोई यि त कसी भ न भाषा म बोल रहा हो तो बल टन क भाषा म उसका पातरण स त प म सीजी करक दशक तक वह भाषण स षत कया जा सकता ह समाचार क दौरान कसी सब धत यि त सवाददाता और समाचार वाचक का नाम सपर करन क लए सीजी प त को काम म लया जाता ह इस तकनीक का इ तमाल ि प- यज यानी प का समाचार म भी कया जाता ह म य समाचार दखन क साथ-साथ दशक प का म ल खत प म अ य या नए समाचार भी दख सकत ह

1165 ा फ स और एनीमशन

िजस थान िजला ात दश आ द क सब धत समाचार दया जा रहा हो उसका मान च दखान स घटना और थान क बीच सबध जोड़न म सरलता हो जाती ह एनीमशन श प क मदद स मान च म यह भी दखाया जा सकता ह क घटना म कस थान स ारभ होकर कहा तक पह चा उदाहरण क लए वमान अपहरण का समाचार दत ह ए ए शया मान च म वमान क च तथा तीर क मदद स यह दखाया जा सकता ह क वमान का अपहरण अमतसर म हआ वहा स वमान लाहौर ल जाया गया और वहा स काबल होता हआ वह द ल म उतरा यह परा माग एनीमशन क ज रए न पर अ कत हो जाता ह मौसम क जानकार दत ह ए वषा ओलावि ट बादल आ द क थान व ग त को दखान क लए यह व ध अपनाई जाती ह कई बार काटन या एनीमशन स तयार च या जगल सड़क रलगाड़ी

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वमान आ द क च बनाकर घटना को साकार कर दया जाता ह सार या क यटर कत होन क कारण त काल उपयोग म लाई जा सकती ह

1166 लॉगो

कसी स था तयो गता काय म अथवा आयोजन क लॉगो या तीक च ह का योग भी समाचार को च ा मक बनान क एक व ध ह उदाहरण क लए ओल पक

खल का नि चत ldquoलॉगोrdquo या शभकर दखा दन स दशक को पता रहता ह क वह ओल पक खल स सब धत समाचार दख रहा ह इसी कार अलग-अलग खल हाक

कट फटबॉल बॉि सग क ती ट नस आ द क तीक क प म ि टल अथवा वीसीआर ldquoलॉगोrdquo तयार करक उ ह क यटर म डाल दया जाता ह और आव यकता पड़न पर उनका इ तमाल कया जाता ह व भ न स थाओ क अलग-अलग ldquoलोग rdquo ह िजनका इ तमाल समाचार सारण म कया जाता ह

117 व या मक त व आप पढ़ चक ह क टल वजन सबस अ धक भावशाल और रोचक मा यम इसी लए ह क यह या मक व या मक और म त एक साथ हो सकता ह आप च और म त या ल खत प म सचना सारण क सीजी प त क बार म पढ़ चक ह अब हम उन त व का अ ययन करग जो व या मक ह और कभी-कभी य क साथ मलकर च व व न दोन का म त भाव छोड़त ह व न स यहा अ भ ाय समाचार क उस उ च रत अश स ह जो वाचक या एकर वारा बोल गए श द स अलग होता ह

1171 साउड बाइट

समाचार म च क साथ-साथ व न का कला मक उपयोग इस अ धक व वसनीय सबोध और रोचक बनाता ह दशनी या पव यौहार जस समाचार म च क साथ-साथ सगीत क वरलह रय को सनान अथवा काय म क थान पर बजाए गए य क व न का इ तमाल करक समाचार म चार चाद लगाए जा सकत ह इसी कार य द कसी गो ठ और भाषण स सब धत समाचार हो तो व ता क सभाषण क मह वपण व सगत अश को सना दना चा हय इस साउड बाइट कहत ह इसम कसी घटना वशष पर कसी वशष या घटना स भा वत लोग क कथन भी शा मल ह समाचार वाचक क बजाय घटना स भा वत या सब धत यि त क अपन मख स कहा गया अश दशक क लए न चय ह अ धक व वसनीय होता ह इसस बल टन म व वधता और रोचकता भी आती ह

1172 वायसका ट

समाचार को वायसका ट प म तत करना भी उस रोचक और व वसनीय बनाता ह इस शल क अ तगत कसी समाचार को उसक प ठभ म तथा अ य पहलओ क साथ च मय प म सवाददाता अथवा कसी अ य यि त क आवाज म तत कया जाता ह इसम कम समय तथा कम श द म अ धक साम ी व जानकार

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षत क जा सकती ह ट वी समाचार क लोक यता का मख कारण यह भी ह क इनम समाचार वाचक बह त कम बोलत ह और अ धकतर समाचार सवाददाताओ क अपनी आवाज म सनाए व दखाय जात ह वायसका ट म साउडबाइट भी शा मल कए जात ह

1173 लाइव ड पच

इसम कसी घटना या काय म क मौक पर कसी सवाददाता वारा रपोट पश क जाती ह यह तकनीक ट वी समाचार सारण क सबस अ धक ामा णक व ध ह इसम एकर घटना क थान पर मौजद सवाददाता या कसी वशष स सीध वातालाप करता ह और सवाददाता का ववरण अथवा वशष क ट पणी का सीधा सारण समाचार क ह स क प म होता रहता ह इसम घटना क च और

सवाददाता वशष क आवाज साथ-साथ दशक तक पह चत ह और उस घटना या काय म का ामा णक यौरा मल जाता ह

1174 फोन-इन

जब कसी घटना का च ा मक यौरा उपल ध न हो तो सवाददाता स फोन पर घटना का यौरा लया जाता ह और न पर उसका फोटो और नाम दखाकर समाचार क भाग क प म सनाया जाता ह यह मलत र डयो समाचार सारण क शल ह क त टल वजन समाचार सारण म भी इसका खब इ तमाल होता ह वशष क ट प णया या घटना स जड़ यि तय क कथन भी फोन-इन स सा रत कए जात ह यह लाइव होता ह इस लए इसस समाचार क ामा णकता बढ़ती ह

1175 पीस ट कमरा

यह वश प स टल वजन क तकनीक ह जब कोई सवाददाता कसी थान स रकॉ डड वायस ड पच दता ह तो उसम उस घटना क च या अ य य साम ी द शत क जाती ह कत घटना क ारभ बीच या अत म जब रपोट का कछ

अश वह अपनी आवाज म कमर पर पश करता ह तो उस पीस ट कमरा कहत ह इसस यह पता चलता ह क सवाददाता घटना थल स ह अपनी रपोट द रहा ह इसम सवाददाता ऐस थान पर बठकर या खड़ होकर रपोट करता ह जो घटना या काय म क पहचान था पत कर सकता ह उदाहरण क लए सय त रा क बाहर लग नाम प क सामन खड़ होकर पीस ट कमरा दन स दशक समझ जाएग क सवाददाता सय त रा क म यालय स ह बोल रहा ह यह यान रखा जाए क पीस द कमरा बह त लबा न हो इसस दशक बोर हो सकत ह

बोध न - 3 1 टल वजन समाचार क या मक त व का स त यौरा द िजए helliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphellip helliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphellip

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2 ा फ स और एनीमशन का टल वजन समाचार सारण म या मह व ह helliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphellip helliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphellip 3 साउड बाइट और वायसका ट म या अतर ह helliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphellip helliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphellip

118 साराश इस पाठ म आपको आज क यग म टल वजन समाचार क साथकता मह व और चनौ तय क बार म बताया गया आपको टल वजन क लए लख जान वाल समाचार क सरचना स अवगत करात ह ए टवी समाचार बल टन क व प तथा उसक या समझान का यास कया गया कमरा श टग स ा त च क अलावा ल खत समाचार को या मक प दान करन क अ य सहायक त व का भी ववरण दया गया ट वी समाचार क व या मक प पर काश डालत ह ए यह बताया गया क टवी समाचार क भाषा को कस सरल और सबोध बनाया जा सकता ह तथा अनवाद क ि थ त म उस क मता तथा ज टलता जस दोष स कस बचाया जा सकता ह सरचना क हसाब स टल वजन समाचार एक पकज होता ह िजसम एकर लक वॉइस ओवर बाइ स और रपोटर क पीस-ट-कमरा का समावश होता ह

119 उपयोगी प तक 1 जनमा यम और प का रता - वीण द त सहयोगी सा ह य स थान कानपर 2 भारतीय सारण व वध आयाम - मधकर गगाधर वीण काशन नई द ल 3 दरदशन वाय तता और वत ता- सधीश पचौर स चन काशन नई द ल

1110 अ यासाथ न 1 टल वजन सारण म समाचार का या थान ह 2 समाचार क सरचना पर स त नबध ल खए 3 टल वजन समाचार अखबार तथा र डयो समाचार स कस तरह भ न ह 4 समाचार को च ा मक बनान क सहायक साधन का यौरा द िजए 5 टल वजन समाचार क धव या मक त व का ववचन क िजए 6 टल वजन समाचार क भाषा वषय पर नबध ल खए 7 इस समय भारत म टल वजन समाचार क सामन या- या चनौ तया ह 8 दरदशन और नजी चनल क समाचार क तलना क िजए 9 ldquo नजी समाचार चनल खबर क नाम पर स ता मनोरजन परोस कर समाचार क ग रमा

कम कर रह ह rdquo इस कथन का व लषण क िजए 10 न न ल खत पर ट प णया ल खए

200

लश वायसका ट साउड बाइट फोन-इन पीस ट कमरा

201

इकाई - 12 टल वजन क लए पटकथा लखन

इकाई क परखा 120 उ य 121 तावना 122 पटकथा का अथ 123 पटकथा का इ तहास 124 पटकथा क प रभाषा 125 आलख क कार 126 पटकथा लखन 127 पटकथा लखन का ा प 128 पटकथा क नमन 129 नदशक का आलख 1210 साराश 1211 व-म याकन 1212 श दावल 1213 कछ उपयोगी प तक 1214 अ यासाथ न

120 उ य इस इकाई का अ ययन करन क बाद आप यह जान पायग- पटकथा या ह पटकथा कस लखी जाती ह अलग- अलग काय म क पटकथा म या अ तर होता ह ट ल वजन क भाषा या होती ह ट ल वजन म य त होन वाल व भ न आलख अ य मा यम स अलग कस और य

ह पटकथा लखन का ा प और शल नदशक का आलख ट ल वजन म य त तकनीक श दावल का अ ययन नमन क पटकथा क आधार पर पटकथा लखन क मता का नमाण

121 तावना कोई भी नमाण काय आरभ करन स पव उसक नयोिजत परखा बनाना आव यक होता ह ठ क इसी कार दरदशन अथवा टल वजन म भी यक काय म न मत (Production)

202

कसी न कसी कार आलख (Script) पर नभर करती ह टल वजन म यक काय म का अपना अलग ा प (Format) होता ह इस लए उसक आलख अथवा Script का व प भी भ नता लए होता ह य तो कसी भी काय म नमाण स पव उसका आलख अथवा नमाण सबधी परखा नमाता (Producer) क मि त क म ह न हत होती ह अ सर यह कहा जाता ह क कोई भी काय म नमाण स पहल ह वह नमाता (Producer) क मि त क म आकार ल चका होता ह इस लय कई बार कई काय म क आलख औपचा रक प स लख ह नह जात ल कन इसका यह ता पय कदा प नह ह क टल वजन म आलख का मह व कम ह इसक वपर त िजतना मह व उपयो गता और आलख क व वधता टल वजन म ि टगत होती ह उतनी अ य शायद ह कह हो टल वजन म व भ न कार क आलख काय म क व भ न क त (Nature) क अनसार उपयोग म लाय जात ह कछ स त होत ह तो कछ स व तार ल कन होत अव य ह भल ह कोई लखक हो या ना हो मगर ोड शन ट म क यक सद य स इतनी उ मीद अव य क जाती ह क व काय म क ा प (Format) और वषय व त (Content) और उसक नमाण या सबधी व वध बात क जानकार अव य रखता हो अथवा कसी ल खत आलख को ट वी ो ाम म पा त रत (Translate) करन म मददगार सा बत हो सक पटकथा लखन एक अलग या ह इस लखन क लए वशष ावी य अथवा कौश य क आव यकता होती ह पटकथा म म यत कसी सग वशष (Situation) को व तार दन (Develop करन) कहानी क अनसार च र (Characters) अथवा पा को कम अ धक करन नय नमाण करन ओर पा ान प सवाद लखन उनक ग त व धय को रखा कत करन आ द अनक मह वपण त व सि म लत होत ह इन सभी त व को एक साथ गथकर एक सफल काय म नमाण करन क लय भी अनभव और कौश य अ नवाय होता ह कछ सक स क व ापन फ म स लकर तीन साढ़ तीन घट क फ म तक क पटकथा अपन वषय ओर व तार क कारण अलग अलग होती ह पटकथा वा तव म एक ऐसा कलटन या ढाचा होता ह िजसम फ मकार धीर-धीर ाण फकता ह उसको मानवीय प म पा यत करता ह और फर मानवीय सवदनाओ- जस हा य वषाद हष आ द स प रपण हसती गाती बोलती नाचती फ म तयार करता ह

122 पटकथा का अथ पटकथा या ह कस लखी जानी चा हए टल वजन और फ चर फ म क पटकथा म या कोई ब नयाद अ तर होता ह आ द न पर वचार करन स पहल यह जान लना

आव यक ह क िजस आज हम पटकथा अथात अ जी म Screen Play कहत ह उसक पव पी ठका या ह

203

पट या न परदा और कथा का अथ तो आप सभी जानत ह ह इसस यह प ट होता ह क पटकथा या न परद क कथा यह तो हआ इसका साधारण व प ववचन

123 पटकथा का इ तहास हमारा दश लोककलाओ का महासागर ह यहा हरक दसर जा त स दाय गाव ढाणी दश क अपनी-अपनी व भ न कला श लया ह यहा कवल दो दश क कवल एक लोककला का उ लख करना चाह गा फ म क आन स पहल स ह हमार दश म पटकथाओrsquo का चलनन था और आज भी ह आपको यह जानकर और भी आ चय होगा क इन पटकथाओ का त तकरण लगभग आध नक फ मी शल स मलता जलता था और ह अपनी बात और अ धक प ट करन क लय तत ह य उदाहरण - आपन राज थानी फड वाचन को तो दखा ह होगा इस वधा को हमार राज थान क लोकदवता पाबजी क नाम स भी जाना जाता ह जस पाबजी क फड आपन दखा होगा एक ल ब कनवास पर च त व भ न च क च खला क सामन जलत ह ए द पक क काश म भोपा अपन हाथ म रावण ह था लय एक एक च क आग क- क कर कहानी सनाता ह नाचता ह गाता ह और द य क रोशनी म कहानी को आग बढ़ाता ह इस काय म भोपी भी उसका साथ दती ह अब इसी य को फ मी नज रय स दख-

य न 1 (फड पर अ कत च ) पर रोशनी (द वट का काश) पा व म सगीत - रावणह था गीत - भोपा- भोपी का गायन अ भनय - न य फ म म भी तो यह होता ह- लाईट (Light) साउड (Sound) कमरा (Camera) ए शन (Action) फडवाचन और फ म म सफ इतना सा फक ह क फडवाचन म िजस च पर रोशनी डाल जाती ह वह नज व होता ह और फ म म जो य फ माया जाता ह वह जी वत होता ह बाक तकनीक तो एक सी ह होती ह दसरा उदाहरण बगाल का ह बगाल म भी पटकथा पठन क ाचीन पर परा ह यहा इस पटकथा ह कहत ह इस पटकथा का एक बड़ा सा रोल तयार कया जाता ह जस क यटर स आन स पहल ज म-कड लया बनती थी रोल क ह ई अथवा राजा महाराजाओ क दरबार म भज जान वाल प रोल कय ह ए होत थ ठ क इसी तरह बगाल पटकथा का भी रोल होता था

204

सनमाघर म ोज ट न ट पर फ म ोज टर वारा ोज ट करता ह अथात हॉल म बठ ह ए दशक को दखाता ह इसी तरह बगाल पटकथा म एक आदमी परा रोल सभालता ह ओर नीच बठा हआ एक आदमी च खला क आधार पर (ठ क फड वाचन क तरह) कथावाचन करता ह य रोल कब र ल म बदल गय पता ह नह चला ल कन यह पर परा हमार दश म ाचीन काल स ह व यमान रह ह इसी पटकथा अथवा फड शल का प रमािजत व प हम फ मी पटकथा म पा त रत होता हआ दख सकत ह

124 पटकथा क प रभाषा पटकथा क कोई एक प रभाषा करना क ठन काय ह य क पटकथा को लखनीय काय मानत ह ए भी यह नदशक क हाथ क कठपतल होती ह कई बार खराब पटकथा पर भी बह त अ छ फ म नदशक क कशलता का प रचय दती ह तो कई बार एक अ छ पटकथा भी क च नदशक क हाथ खराब फ म क प म सामन आती ह दरअसल पटकथा कागज पर उतारा हआ वह लान ह जो नदशक क वारा परद पर सजीव कया जाता ह पटकथा म कथाव त का मह वपण थान होता ह बना कथाव त क पटकथा का लखा जाना असभव होता ह ल कन पटकथा अपन आप म फ म नह होती पटकथा क फ म बन जान तक पटकथा क ा प म कई बार प रवतन क गजाईश रहती ह कई बार य क माग क अनसार प रवतन कया जाता ह तो कई बार तकनीक कारण स जस- ा य च ाकन क समय काश कहत ह ी राजकपर को अपनी फ म स यम शवम स दरम क एक य क च ाकन क लय कई दन तक ती ा करनी पड़ी थी य क व जब तक लोकशन पर पह चत सय या तो बादल स ढका मलता या बह त उपर चढ़ आया होता भोर क उस य क लय िजस काश क उ ह ज रत थी वह कई दन क प र म क बाद उ ह मल सका कसी भी पटकथा म प रवतन कवल समय क बा यता और धन क अप यय स बचन क लय कया जाता ह फर भी एक च त पटकथा कसी भी फ म क लय अ नवाय होती ह पटकथा चाह कसी भी वषय या कथाव त पर लखी गई हो उसम म यत न न बात पर अव य वचार कया जाता ह -

1 मल वचार (Concept) 2 कथा व त (Story Line) 3 साक तक (One line order of the sequences) 4 पटकथा (Screen Play)

बाद म सवाद और श टग (Script) लखी जाती ह पटकथा क सवाद आत ह वह बोलन लगती ह एक-एक पा अपन-अपन च र क अनसार ब तयान लगत ह कई पटकथाकार यह मानत ह क पटकथा म कट फड इन फड आऊट डसॉ व आ द फ म स पादन (Editing) क तकनीक का योग अ नवाय नह होता यह नदशक और स पादक

205

का काय ह फर भी य द पटकथाकार इन बात का उ लख अपनी पटकथा म करता ह तो फ म क अव ध (Duration) का पवानमान लगाना आसान हो जाता ह यक पटकथाकार को कथाव त क आधार पर पटकथा लखन क कछ वत ता होती

ह कछ इस लए क अ धकाश कहा नय म कई नय पा गढ़न पड़त ह कई बार अनाव यक कथा व तार क काट-छॉट करनी पड़ती ह और पटकथा म ऐसा पच या तनाव नमाण (Create) करना पड़ता ह क दशक त ध होकर फ म को दख और आग या होगा क चता करन लग कई बार ऐसी Situation नदशक क साथ चचा करक भी Create क जाती ह पटकथा लखन को कसी सा हि यक वधा क प म भल ह मा यता न मल हो फर भी पटकथा लखन श य स आरभ होकर एक नई द नया का सजन करती ह इस लए लखक य कौशल तो होता ह ह लखक क जीवन ि ट दर ि ट अनभव और सामािजक चतना का प रचय तो अव य होता ह पटकथा लखन को कसी वधा का नाम न दन क कारण इसका कोई वधान भी सवस मत नह ह फर भी कथानक क अनसार यक य म घ टत होन वाल घटनाओ का मवार उ लख ह पटकथा क णी म आता ह पटकथा को सीन रय भी कहा जाता ह उपरो त व लषण क प चात स प म हम कह सकत ह क (पटकथा) का अथ ह मल कथा का ग तशील वकास मल वचार क र ा तथा भटकाव स बचाकर रचना को अपन हत तक पह चाना इसी बात को अगर हम दसर श द म कहना चाह तो कह सकत ह क- कहानी सनान क लय आव यक भौ तक या मक पा ान प और सवादा मक त व को जो एक साथ सक लत करती ह उस पटकथा कहत ह

125 आलख क कार टल वजन जसा क आप सभी जानत ह एक य (Visual) मा यम ह इस लय इसक भाषा य सरचना और ा प अ य मा यम स भ न होत ह यह कारण क टल वजन क लय लखना ट म डया क लय लखन जसा काय नह ह इस लय टल वजन आलख क कार भी काय म क अलग-अलग प क अनसार अलग-अलग वग म वग कत कय जा सकत ह जस-

1251 नाटक य आलख (Dramatic Script)

इस तरह क आलख म नाटक कसी कहानी का ना य- पा तर पटकथा एव धारावा हक क लए लख जान वाल आलख आ द आत ह

1252 व ापन आलख (Commercial Script)

व ापन फ म क पटकथा भी ठ क उसी तरह क हो सकती ह जस अ य पटकथाय लखी जाती ह ल कन च क कछ सक स क पॉट म एक व श ट सदश

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दशक तक पह चाना होता ह इस लय व ापन फ म क पटकथा अ यत च त एव स त होत ह ए भी सपण होती ह

1253 समाचार आलख News Script)

टल वजन म समाचार बल टन वह आलख होता ह जो त दन लखा जाता ह समाचार का आलख शी एव प का रता क कसौट पर कसकर लखा जाता ह उसम क पना क बजाय त या मक ववरण होता ह इसक अलावा समाचार ततकता क पास एक अलग आलख या Script होती ह िजस ट ल वजन क भाषा म वीसीआर-ऑडर कहा जाता ह िजसक आधार पर ततकता (Producer) समाचार दखाए जान वाल य (Visual) का म नि चत करता ह इस तरह समाचार वाचक और ततकता क बीच सवाद था पत होता ह

1254 सा ा कार आलख (Interview Script)

टल वजन म यक काय म क एक अव ध (Duration) नि चत होती ह इस लए सा ा कार क ता (Interviewer) को अपनी Script बह त पहल स ह तयार रखनी पड़ती ह य क अवा छत बात क लए टल वजन म समय का अभाव होता ह दसर ओर मह वपण बात दशक क च बनाए रखना भी होती ह इस लय टॉक-शो आ द क पव तयार तथा आलख इस तरह स तयार कया जाता ह क दशक क च नरतर बनी रह

1255 श णक सारण आलख (Educational Broadcast Script)

श णक सारण क आलख वषय- वशष (Subject-experts) क साथ बठकर लख जात ह कस कार क वषय क अनसार कस य होन चा हय आ द पहल स ह नधा रत कया जाता ह

1256 नाटक य आलख का व लषण

अब नाटक य (Dramatic) आलख का स व तार व लषण करत ह - 1 नाटककार नाटक लखता ह अथात नाटक म कवल सवाद होत ह 2 ट वी पर ततीकरण करत समय उसम प रवतन करना आव यक होता ह

जस 21 सट पर उपि थत च र पा क ला कग 22 कौन सा पा कहा (खड़ाबठा) रहगा कस पोिजशन लगा कहा स सवाद बोलगा

कसा अ भनय करगा-आ द पहल स ह नधा रत करना पड़ता ह 23 य क टल वजन म यक पा क अन प काश (Light) एव व न

(Sound) का वशष यान रखना पड़ता ह

207

24 कस पा क कतनी दर स कतनी हाई पीच होगी यह पहल ह तय करना पड़ता ह

25 फर आता ह कमरा वस तो फ म नमाण क समय भी इ ह अ धकाश बात का यान रखा जाता ह ल कन अ धकाश फ म एक कमरा सटअपrsquo होती ह कई बार य - सग आ द को फ मान क लय एक स अ धक कमर क उपयोग म लाय जान क भी उ लख मलत ह ल कन टल वजन ट डयो म एक स अ धक कमरा सटअप होन क कारण इस बात का यान रखना ज र होता ह क कौनसा पा कस कमर क ओर दख कर सवाद बोलगा और कौनसा कमरा कस पा का lsquo र-ए शन-टक करगा

26 इसक बाद क सार िज मदार आरभ होती ह नमाता (Producer) क य क यहा स आरभ होती ह टल वजन क भाषा

27 टल वजन क भाषा कवल मौ खक श दावल ह नह होती इसक अलावा भी इस भाषा क कई प होत ह जस - कमर क भाषा

28 कौनसा कमरा शॉट कस एगलrsquo स लगा यह कमाड उस (अथात कमरामन को) नमाता दता ह

29 कमर क बाद व न (Sound) एव व न भाव (Sound effects) 210 ा फ स अथवा वशष भाव

126 पटकथा लखन टल वजन म य त होन वाल आलख स आपका प रचय तो हो ह गया होगा आइए अब कछ आलख (Scripts) क लखन या सबधी बात कर व त च (Documentary) का आलख लखन का ा प (Format) टल वजन क लए लख जान वाल ा प स ब कल भ न होता ह व त च क लय सबस पहल आता ह - वषय (Subject) कस वषय पर व त च बनाया जाय फर उसक सशोधन (Research) कया जाता ह िजसम म यत च करण (Shooting) क थल व भ न लोकश सउसक वशषताय आ द का ववरण होता ह वषय स सब धत जानकार दनवाल व वान आ द मोट -मोट बात क एक स त परखा तयार करन क बाद Shooting क जाती ह Shooting क बाद स व तार (Detailed Script) लखी जाती ह जो बाद म कसी अ छ उ घोषक क आवाज म रकॉड करक य क समाना तर और पा व म द जाती ह िजस नवदन (Narration) या (Voice-over) कहत ह उदाहरण क लए एक व त च क स त परखा तत ह- 1 शीषक - या द व सव भतष

(राज थान क मख शि त थल पर आधा रत व त च )

208

2 श टग थल 1 शाक भर दवी का म दर (उदयपरवा टका झ झन) 2 शीला दवी का म दर (आमर जयपर) 3 राज थान क मख दवी म दर 4 व भ न दवी म डप 5 शहर क व भ न दवी म दर 6 helliphelliphelliphellipक पजार स बातचीत 7 helliphelliphellipक भ त स बातचीत 8 भजन ( रकाड थल म दर ागण)

इसक ठ क वपर त टल फ म क लय लखत समय न न बात का यान रखना पड़ता ह 1 शीषक (Title) 2 अव ध (Duration) 3 पटकथा (Screen Play) 4 श टग ि ट (इस Directorrsquos Script भी कहत ह)

टल वजन क पटकथा क साथ न न स चया अलग-अलग प ठ पर अव य सल क जानी चा हय

1 कलाकार तथा पा -प रचय (अ) म य कलाकार (ब) सहयोगी कलाकार (स) कोरस अथवा भीड़ क कलाकार

2 वशभषा - पा क च र क अनसार उनक पोशाकउनक रगदाढ़ मछउनक साईज टाईलदाढ़ मछ क रगभ ह इ या द

3 मकअप - मकअप कतन कार का ह साधारण ह या च र क अनसार (Characteristic) ह इसक सपण जानकार

4 ोपट ndash 1 आउटडोर-बा य च ाकन थल (Location) होन पर या- या अ नवाय ोपट क आव यकता होगी 2 इनडोर पर या- या अ नवाय ोपट क आव यकता

होगी इन सभी बात का स व तार वणन 5 प स जा - हअर टाईल इ या द 6 लोकश स - कहानी एव पटकथा क अनसार लोकश स का चयन कया जाता ह

127 पटकथा लखन का ा प

209

शीषकhelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphellip प ट स या अन म य सवाद व न भाव वशष

128 पटकथा क नमन यहा तत ह पटकथा क दो नमन- एक धारावा हक क पटकथा ह तो दसर एक टॉक-शो का नमना ह इन पटकथाओ को अ तम न समझ यक पटकाथाकार का अनभव जीवन ि ट (Ideology) शल एव भाषा ान पर नभर करता ह क वह कस य को कस प म दखकर उस पर अपनी कसी त या (React) य त करता ह

1281 आज क शाम आपक नाम (टॉक-शो)

ऐ पसोड- 1 नवदक - हमार सभी दशक को नम कार सलाम आदाब पश ह आज

क यह खबसरत रगीन शाम बतौर खास आपक नाम हम उ मीद ह

नव दका - उ मीद स और आप नवदक इतनी बड़ी उ मीद स नह हम आपस उ मीद ह नव दका - हमस य कस सभव ह नवदक - आप इसी तरह हलती रह तो दशक क यह शाम जो हमन

उनक ह नाम कर द हहो जाएगी ना नव दका - हराम तो दशक माफ क िजए-दशक नवदक - दशक दशक नव दका - हा-हा हम भी जानत ह-जस दशक कहत ह जस फश को कहत

ह - उसी तरह दशक कहत ह-जो आदश का वो या कहत ह ना

210

कछ लगता ह नवदक - मा क िजए य आज कछ खर छो ड़य - मझ एक शर याद आ रहा ह - अज कया ह नव दका - शर अज भी दता ह हमन तो सना ह क शर नवदक - शर सनान स पहल ऐस ह कहत ह नव दका - कौन कहत ह नवदक - शायर या न जो शायर करत ह नव दका - त ह कस पता तम शायर तो हो ह नह सकत नवदक - (ग स म) कसी और क शर तो पढ़ कर सना ह सकता ह नव दका - अ छा अब समझी आप चोर भी करत ह नवदक - य चोर नह कहलाती नव दका - अ छा सीनाजोर कहलाती ह नवदक - (झ झलाकर) कस उ ल क प न आपको यहा बलाया ह नव दका - म या जान वस ो यसर क पीए का फोन आया था- नवदक - बलाओ उस ो यसर को नव दका - म य बलाऊ तम बलान जाओ नवदक - FM Please Producer को यहा बलाईय य लड़क सारा

ो ाम चौपट कए जा रह ह FM - ओक सर नवदक - जब तक ो यसर नह आत आप ऐसा कर (दशक क ओर दखत

ह ए) आप यह सीन दख ल Cut

1282 एक का प नक धारावा हक क पटकथा का नमना

शीषक - भसप त क वपि त ऐ पसोड न - 2

थान - यमपर समय - यहा कोई समय नह होता सार काय असमय ह होत ह

स य सवाद व न भाव वशष 1 यमराज का सगीत दरबार

लगा ह

2 यमराज का काला और भार भरकम शर र ndash

नगाड़ का वशष व न भाव

3 मोट -मोट म छ - खन सनी लाल लाल आख

4 हाथ म एक मोटा सा

211

फरसा 5 दोन तरफ भस क कतार

- कछ खबसरत लड़ कया बठ लट व भ न म ाओ म- बाल खल और बखर ह ए

6 एमडी का वश यमराज म एमडी

आजकल अपनी यट ठ क तरह स नह द रह ह

बादल क गरजन क आवाज और बज लय क कड़कड़ान क आवाज आधी और तफान का भाव

एमडी ( सर झकाय खड़ ह )

यमराज कहा रह इतन दन या शो कॉज नो टस जार करना पड़गा दो मह न स एक भी कस अ वल करक नह भजा

एमडी -

सर कस करता हसाब रखत-रखत सारा टाफ बीमार हो गया सर उफ हद होती ह पदा करन क भी एक-एक क तरा-तरा मझ तो लगता

212

ह सर लोग मरन स इकार न कर द भारत का एक क सा हो तो बयान कर-वहा तो सारा ह गड़बड़झाला ह जा त धरम और पता नह कस कस क नाम पर पदा कए जा रह ह

यमराज - त ह अपना काय

तजी स करना चा हए ndash चाहो तो कछ क यवल टाफ रख लो अपन साथ

एमडी ndash सर क यवल टाफ स काम नह चलन वाला हम अपना वाहन भी बदल दना चा हए हमार सवार ह य ndash Cut to भसा और उनक पास ह कटर मोटर ndash कार

(Cut to धरतीeith traffic जाम shot) और तो और इधर सना ह क उ ह न तो चाद पर भी चढ़ाई कर डी ह उनक दौड़ म हम

213

शा मल नह हो सकत सर व दौड़ जात ह ओलि पक और हमारा वाहन उसक सामन या बीन और या अ शर

यमराज - ओह यस It is very serious Matter हम अपना वाहन तो change नह कर सकत य क भसा हमारा रा य पश ह कतन ह थोर ndash थोर प ष न हमार इस रा य पश को अपन आचरण म शा मल कर लया ह कतन ह नताओ क च र तीक म कतई अ तर दखाई नह दता

एमडी ndash You are right sirhellip

यमराज - ह ड एड वन परस टज क बात बोला तम ऐसा करो अपना भष बदल कर धरती क घर म घसपठ करो कोई त ह पहचानगा भी नह और भाग भी नह सकगा

एमडी ndash ओक सर थ य यमराज - य कन गो नाऊ (एमडी का थान) यमराज - दरबार क कायवाह

जार रहगी सगीत

214

एक और दत ताल बजता ह

(नाचन वाल लड़ कय का वश व श ट म ाओ वाला न य ndash दशन) hellipCuthellip

129 नदशक का आलख श टग का एक नमना

यह भी नदशक य (Director) सझबझ वभाव एव अनभव पर नभर करता ह क वह कस तरह कस य को फ माना चाहता ह रय लि टक अथवा तीका मक तर क स य क यक lsquoशॉट (Shot) जो फ चर फ म अथवा टल फ म म उपयोग म लया जाता

ह उसका एक अथ होता ह उस शॉट क मा यम स नदशक कछ कहना चाहता ह इस लय कछ शॉट तीका मक होत ह और कछ रय लि टक उदाहरण क लए- 1 फल पर मडरान वाल भ र का Shot - तीका मक 2 आग या बाढ़ क य - रय लि टक

1291 शीषक ndash ldquoभसप त क वपि तrdquo

सीन - न 1 अन य 1 यमराज का दरबार लगा ह - ELS(establishing shot) 2 यमराज का काला और भार भरकम शर र - LS 3 मोट मोट मछ - ECU 4 खन सनी लाल - लाल आख - ECU 5 हाथ म मोटा सा फरशा - MS 6 दोन तरफ भस क कतार - Planning L to R 7 कछ खबसरत लड़ कया - LS अ बठ - LS ब लट - MS स व भ न म ाओ म ( यक म ा का) ndash CU द बाल खल - CU य बखर ह ए बाल - CU

पटकथा क अनसार सीन म सवाद आरभ होन स पहल Shorts को इस तरह वभािजत कया जाता ह कपया यह यान रख यह कवल नमनाrsquo (Sample)ह अ तम ा ट (Draft) नह ह

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1210 साराश इस इकाई म हमन पटकथा का अथ उसक प रभाषा आलख क कार पटकथा लखन क तकनीक पटकथा लखन का ा प नमन क पटकथाओ क मा यम स वषय- व लषण नदशक का आलख आ द का अ ययन कया ह साथ ह पटकथा क इ तहास क मा यम स लोक जीवन म च लत लोक वधाओ का भी व लषण कया ह इस इकाई क अ ययन क प चात आप भी पटकथा लखन म कौश य ा त कर सकत ह

बोध न- 1 1 आलख कतन कार क होत ह 2 समाचार क आलख और व त च क आलख म या अ तर ह 3 पटकथा का या ता पय ह 4 पटकथा का लोकजीवन स या स ब ध ह बोध न-2 1 कसी एक व त च क पटकथा लख 2 कसी भी कहानी क कसी एक य को पटकथा क ा प क अनसार तत कर 3 ट ल फ म क पटकथा क साथ कौन-कौन सी स चया सल क जाती ह 4 मकअप कतन कार का होता ह सोदाहरण प ट कर बोध न- 3 1 नाटक य आलख को तत करत समय कन- कन बात का यान रखा जाता ह

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2 ट ल वजन क भाषा कवल मौ खक नह होती इस उ रण को प ट कर 3 न न श द क पण प लख ndashLS MS ECU CU bg

1211 व-म याकन आप इस इकाई का यानपवक पठन कर मनन और च तन कर ऐसा करन स आप वय यह जान पायग क पटकथा या ह कसी लखी जाती ह नदशक का आलख या होता ह पटकथा म कस तरह कसी सग वशष अथवा कहानी को प रव तत कया जा सकता ह

1212 श दावल वस तो अ धकाश श द क अथ ह द और अ जी म दय गय ह फर भी कछ श द ऐस ह िजनका व लषण अ नवाय ह ndash

1 ELS- Extreme Long shot 2 LS- Long Shot 3 ECU- Extreme Close-up 4 MS- Medium Shot 5 Panning L to R- Panning Left to Right

Or R to L- Right to Left 6 CU- Close up 7 bg- Background 8 fg- Foreground 9 FM- Floor Manager

1213 कछ उपयोगी प तक 1 Film Script Writing A Practical Manual- by Dwight VSwainNY

Hastings House Publication 1976 2 Script Writing for Short Films by James ABeveridge Paris Unesco

1969 3 Scripting for Video and Audiondashvisual Media - by Dwight VSwain

Landon Focal Press 1981

217

4 Visual Scriptinged - by John Halas London Focal Press 1976 5 Film Complete Scenerio Illustrations Production shots with an essay

on Directing Films - by Samual Backelt London ndash Faber 1972

6 पटकथा का सच - भनाथ सह आजमी मघा ब स द ल - 2006 7 बॉबी ( फ म न ल) - टार पॉकट ब स नई द ल

1214 अ यासाथ न 1 पटकथा या ह पटकथा का प रचय दत ह ए इसक अ नवायता पर काश डाल 2 ट ल वजन म य त होन वाल व भ न आलख क कार तथा उनक लखन प त का

व लषण कर 3 नदशक का आलख और पटकथा म या अ तर होता ह सोदाहरण प ट कर

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इकाई ndash 13 साइबर मी डया क लए लखन

इकाई क परखा 130 उ य 131 तावना 132 साइबर मी डया क लए लखन 133 साइबर लखन क वशषताए 134 साइबर लखन क कार 135 भारत म साइबर लखन क ि थ त 136 भारत म साइबर लखन का मह व एव सभावनाए 137 साराश 138 व-म याकन 139 श दावल 1310 कछ उपयोगी प तक 1311 अ यासाथ न

130 उ य इस इकाई का अ ययन करन क बाद आप जान पाएग क - साइबर मी डया क लए लखन या और कसा ह साइबर लखन क वशषताए या ह साइबर मी डया कतन कार का होता ह भारत म साइबर लखन क या ि थ त ह भारत म इस कार क मा यम लखन क वकास क या सभावनाए ह

131 तावना पछल सद व भ न कार क सचार मा यम क ईजाद क सद रह ह यह वजह ह क लखन और सभाषण क िजतन कार लोग न पछल सद म सीख उतन इसस पहल कभी नह सीख मौ खक और ल खत अ भ यि तय का श ण ल ब समय स होता आ रहा था ल कन पछल सद म र डयो फ म टल वजन और इटरनट जस मा यम क सतत वकास क वजह स इ ह दो ाथ मक अ भ यि तय क व भ न कार का वकास हआ और लोग को उनम बाकायदा श ण लना पड़ा इस इकाई म हम साइबर मा यम क लए लखन क कार क व भ न वशषताओ और कार का व लषण करग और उ ह सीखन का यास करग

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132 साइबर मी डया क लए लखन क यटर दरसचार और सटलाइट क सब होन स साइबर मी डया अि त व म आया साइबर मी डया क वाहक ौ यो गक इटरनट ह िजसक मा यम स द नयाभर म सपक कया जा सकता ह और तमाम तरह क जानका रया हा सल क जा सकती ह सावज नक साइबर कफ जस थान पर बठ-बठ व वभर क सचनाए ा त कर सकत ह या व व म कह भी बठ अपन म और र तदार स सपक कर सकत ह इटरनट पहल कवल लखी ह ई भाषा क पाठ पर आधा रत था आज तजी स बदलत ह ए प र य म वव यापी सजाल (World Wide Web - www) कहलाता ह जो ल खत पाठ क अ त र त य व नया और चल च या ए नमशन क मा यम स सचनाओ क सारण का एक सश त मा यम

बन गया ह व व म अनक छोट-बड़ सगठन क अपनी वबसाइट होती ह और इनम उनक बार म तमाम तरह क जानकार और आलख होत ह इसक अलावा साइबर लखन कसी एक यि त का लखा हआ लॉग भी हो सकता ह कसी व ापन एजसी का वब पर दया गया व ापन भी हो सकता ह और कसी समाचारप का ऑन लाइन स करण भी हो सकता ह उन सभी कार क लखन क अपनी वशषताए ह िजनक चचा हम इस इकाई म आग करग

133 साइबर लखन क वशषताए साइबर लखन क दो मख कार ह पहला तो वह जो कवल ल खत भाषा क मा यम स वचार को अ भ य त करता ह और दसरा बह मा यम आधा रत लखन ह जो अपनी अ भ यि त क लए पाठ य भ य एव चल च का उपयोग करता ह भाषा का वा त वक व प डिजटल ह िजसम बात को एक वशष म म रखा जाता ह भाषा क रखीय म यव था न इसम मौ लकता क अपार सभावनाए पदा क ल कन इटरनट क वब प ठ क यव था न हाइपर लक क जो स वधा दान क उसन भाषा क इस रखीय म को कछ हद तक तोड़ा और इस नव लखन प त न मौ लकता को एक और नया आयाम दया इसी प त क वकास क व प िजस भाषा म हम वब क लए लखन करत ह उस एचट एमएल (हाईपर ट ट ल वज) कहत ह उधर दसर तरफ इटरनट क लोक य होन स पहल क यटर क म जो वकास ह ए थ उनम बह मा यम क यटर (multimedia Computers) का वकास एक मह वपण कड़ी था इन क यटर न आर भक दन म च रखाकन व नय श द और चल च क मा यम स पाठ को और अ धक आकषक बनान का काम कया बाद म डिजटल ऑ डयो व डयो और ए नमशन को ल खत पाठ स वाय तता मल और लोग न अनक ऐस काय म बनाए िजनम स पाठ लगभग नदारद था यह बह मा यम ौ यो गक आन वाल दन म व ड वाइड वब क आधार बनी और िजन वब पोटल या साइट का आज हम अवलोकन करत ह उनम अनक कार क त व होत ह जो कछ य आधा रत होत ह तो कछ य आधा रत होत ह

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इसी बीच व भ न मा यम क क वजस क वजह स वब आधा रत सचार क कछ नए आयाम भी उभर कर आए िजनम वब र डयो और वब टल वजन मख ह इस कार कइ वब सारण म भाषा क नए आयाम खोजन क आव यकता नह ह य क वह तो पारप रक र डयो या टल वजन क ह व तार ह वब क लय या साइबर लखन क वशषताए यह ह क पहल तो इसम कसी भी समाचार को सफ शीषक और स त प स दया जा सकता ह और लक क मा यम स पर समाचार को पढ़ा जा सकता ह इस लए स प म समाचार लखन क कला साइबर लखन क लए सबस मह वपण ह जसा क पहल बताया गया ह साइबर मी डया एक म ट मी डया ह िजसम व न च ा फ स आ द सभी का योग होता ह साइबर लखन को भावशाल बनान

क लए इस म ट मी डया पकज म सभी त व क समझ होनी चा हए यह भी यान रखना ज र ह क इस लखन को द नया भर म कोई कसी भी समय पढ़ता ह- इस पढ़न दखन या सनन वाल का कोई नधा रत समह नह होता इस ि ट स भी लखन शल को ढालना होता ह

134 साइबर लखन क कार साइबर मी डया क अनक प ह इन दन िजसक सबस अ धक चचा ह उस हम लॉग क नाम स जानत ह कछ ह द म लॉग लखन वाल न इस एक ह द नाम भी दया ह वह इस च ा कह रह ह लॉग वब लाग का स त प ह वब लॉग स ता पय यह ह क आप कसी ऐसी वब साइट पर जाइए जो आपको अपन यहा लखन क स वधा दान करती ह और फर जो कछ आप कहना चाहत ह उस उस साइट पर द गई जगह पर लख द िजए कछ साइट ऐसी होती ह िजनम आपको अपन को पजीकत कराना होता ह िजसक बाद आप अपन लए एक पासवड तय करत ह इस पासवड क मदद स आप उस साइट पर लॉग इन करत ह कछ वब साइट ऐसी भी होती ह िजनम आपको लॉग इन करन क भी आव यकता नह होती ऐस थल पर लखन क लए आपको लखकर अ भ य त करना तो आना ह चा हए मगर आपको उस कजीपटल क मदद स ट कत करना भी आना चा हए साइबर लखन का यह सबस लोक य कार और सबस सरल तर का ह साइबर लखन क लए इसक बाद िजस क ठन कार क हम चचा करग वह वब पज बनाना ह वब पज तयार करना एक वशष कार का लखन ह िजसक लए आपको अपन लख ह ए को एचट एमएल म नब करना ह नह आना चा हए बि क वब पर दखन वाल पर प ठ क प स जा उसम य त होन वाल य का थान तय करन और आव यकता पड़न पर वजअल ब सक और सी भाषा जसी क यटर क भाषाओ का भी ान होना चा हए इसक अलावा वब पज बनान वाल को ल खत पाठ य और य साम ी क व भ न फारमट का ान भी होना चा हए उदाहरण क लए एक फोटो ाफ का हम सामा यतया जपीजी फारमट म सर त करत ह फोटो ाफ खीचत समय अगर हमन उसक रजो यशन को अ धक रखा तो वह अ धक जगह घरगा फोटो क रजो यशन 96 प सल स लकर 10 मगा प सल या उसस भी यादा हो सकता ह इसी तरह टफ (TIFE) फारमट म सर त कए गए च को भी अ धक जगह चा हए सबस कम जगह िजफ (JIF) म सर त च

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लत ह अत वब पज क सक पना करन वाल को इस बात का भी यान रखना पड़ता ह क उसका पज पाठक क क यटर म ज द स ज द तत हो सक अथात डाउन लोड को सक वब पज वब साइट का एक ह सा मा होता ह सामा य तौर पर लोग वब पर साम ी दन क लए एक आध पज बनात ह ल कन य द साम ी बह त अ धक ह तो उ ह एक पर वब साइट बनानी पड़ती ह िजसम अनक वब पज होत ह ऐसी ि थ त म सभी पज हाइपर लक क मदद स एक दसर स जोड़ दए जात ह हाइपर लक का इ तमाल करक दो व भ न वबसाइट क प ठ को भी एक दसर स जोड़ा जा सकता ह वब पर द जान वाल साम ी जब एक सीमा स अ धक हो जाती ह तो हम वब पोटल बनान क क पना करन लगत ह

135 भारत म साइबर लखन क ि थ त इन दन ौ यो गक क और अ धक यो ता आधा रत होत जान का ह प रणाम ह क इन दन वब लॉ गग क बाढ़ आई ह ई ह वब लॉ गग व श ट स लकर आम यि त को भी अ भ यि त क वत ता दान करता ह य क साधारण और आम यि त भी इस ौ यो गक क ज रए अपन वचार नट पर लोग क पढ़न क लए रख पान का सख भोग

रहा ह आर भक दन म कवल बड़ अखबार न ह अपन अखबार क स करण वब पर डालन आरभ कए थ इनक लए वब पर काम करन क लए श त प कार क सवा ह ल जाती थी ल कन जस ह वब ला गग क स वधा लोग को मलनी आरभ ह ई वस ह भारत म प कार सा ह यकार क अलावा उन सभी क लॉग लखन आरभ कर दए िज ह ह द म टकण क साथ-साथ क यटर एव इटरनट पर काम करना आना था आज इटरनट पर उपल ध ह द क लॉग म लोग क नजी डायर स लकर क वता कहानी ट प णया च एव वचार सभी कछ मौजद ह उधर समाचारप ई अखबार का व प भी म त समाचारप क डिजटल त ल प स बहल कर अ धका धक ऑनलाइन हो गई ह और कई लोग तो अपनी रचनाए वचार आ द प तकाकार ई-बक म भी दज कर रह ह अ धकाश लॉग लखक आज अपन लखन को अ धक स अ धक स च धान एव पठनीय बनान क लए ऐस कई त व को अपन लखन म ला रह ह जो आज स कछ ह वष पहल म ट मी डया म ह हो सकता था ऐस अनक लॉग लखक ह जो अपन लखन म न कवल च बि क वी डयो ओर ऑ डयो साम ी भी इ तमाल कर रह ह

136 भारत म साइबर लखन का मह व एव सभावनाए

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हाला क हमार दश म अभी क यटर और इटरनट का सार सी मत ह पर इसका तजी स व तार हो रहा ह छोट-छोट नगर -क ब म साइबर कफ खल रह ह और इसक उपभो ताओ क स या बढ़ रह ह समाचारप स थान न अपन अखबार नट पर डालन आरभ कए ह और वशष कर िजस तरह ब जी वय न लॉग अपना कर साइबर लखन आरभ कया ह वह उस बात का योतक ह क आन वाल दन म जस-जस इटरनट क स वधा आम लोग तक पह चगी वस-वस साइबर लखन का मह व बढ़गा और उसक पह च भी व तत होगी साइबर लखन क सभावना भी उसक सार क तरह अनत ह वबसाइट स लकर ई-प तक तक अनक व प म यह लोग को उपल ध होगा िजस तरह डाकघर आ त च य क जगह दन - दन ई-मल का योग बढ़ रहा ह उसी तरह आन वाल दन म साइबर लखन का योग भी बढ़गा

137 साराश प ट ह क साइबर लखन न अपन को एक वत लखन वधा क तरह था पत कर लया

ह और इसक व प एव चार- सार म दन - दन नए योग नई तकनीक और नए क य क सभावनाए बढ़ रह ह डग ई-मल ई-प तक वब अखबार लॉग और यहा तक क एसएमएस भी साइबर लखन क व भ न कार ह भारत म इस कार का लखन आर भक दन म कवल अ जी तक सी मत रहा ल कन बाद क दन म जस-जस भारतीय भाषाओ का सम वयन इटरनट म हआ ह वस-वस साइबर काशन म भारतीय भाषाओ क ह स दार भी बढ़ ह भारत सरकार क ई- शासन क

नी तय न भी साइबर लखन को बढ़ावा दया ह ई- श ा ई- वा य एव ई-क ष क भी यह माग ह क अ धका धक लोग साइबर लखन को अपनाए एव नट पर अ धका धक साम ी उपल ध हो सक

बोध न- 1 साइबर या ह

223

2 वबसाइट या ह 3 लॉग या ह

138 व म याकन इस इकाई को पढ़ कर आप न जाना होगा क साइबर मा यम क लए कस कार का लखन कया जा रहा ह इस वषय क बार म अपना ान और अ धक बढ़ान क लए आपको चा हए क आप इटरनट पर जाकर उस कार क िजनक अ धक वब साइट दख ता क आपको य ान ा त हो क इटरनट पर कस कार का लखन कया जा रहा ह आप न इस इकाई

स या कछ सीखा ह यह जानन क लए एव अपना म याकन वय करन क लए आपको सलाह द जाती ह क इकाई क अत म द गई प तक को पढ़न का यास क िजए एव दए

न को यान स हल क िजए

139 श दावल म ट मी डया ऐसा क यटर िजसम ल खत पाठ य य चल च एव ए नमशन

का योग कया जाता ह एचट ट पी हाइपर ट ट ास मशन ोटोकॉल वह प त ह िजसस वब प ठ का

षण एव ा त करना सभव होता ह एचट एमएल हाइपर ट ट मनटनस ल वज वह भाषा ह िजसक मा यम स वब

पर लख जान वाल प ठ क व भ न त व को समायोिजत कया जा सकता ह

हाइपर लक कस वब प ठ को अ य प ठ या अ य वब साइट स जोड़ा जा सकता ह

जपीजी डिजटल व प म च का सक लत एव सा रत करन क एक प त

टफ च एव ए नमशन क नट पर डालन का एक वशष फामट िजफ यो ता क लए बनाया गया या मक इटरफस लॉग वब ला गग अथात नधा रत वब साइट पर जाकर पजीकरण करान

क प चात कया जान वाला लखन ई-बक डिजटल तर क स तयार क गई प तक िजस इटरनट क अलावा

मोबाइल फोन या ई-बक र डर आ द म पढ़ा जा सक

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1310 कछ उपयोगी प तक 1 जगद श च वत (2003) साइबर मी डया जन ल म इमिजग ट नोलॉजी फायरवाल

मी डया द रयागज नई द ल 2 कट रोहर (1998) माक टग इन द साइबर एज ज वल 3 ह रक ड नस (2003) मी डया मनजमट इन द एज ऑफ जाएटस लकवल पि ल शग

ययॉक 4 Om Gupta and Ajay S Jasra (2002) Internet Journalism in India

Kanishka Publisher New Delhi

1311 अ यासाथ न 1 वब पज क उ व और वकास पर एक स त लख ल खए 2 हाइपर ट ट भाषा और वब पज लखन क सबध का ववचन क िजए 3 भारत म साइबर मी डया लखन क वकास और उसक उपयो गता क चचा क िजए

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Page 3: Vardhaman Mahaveer Open Universityassets.vmou.ac.in/JMBJ04.pdf · 2014. 4. 5. · डीट #वी. ... 12 टेल # jवजन के gलए पटकथा लेखन - इस

3

4

पा य म अ भक प स म त अ य ो (डॉ) नरश दाधीच

कलप त वधमान महावीर खला व व व यालय कोटा (राज थान)

सयोजक एव सद य

सयोजक डॉ एचबी न दवाना प तकालय एव सचना व ान वभाग वधमान महावीर खला व व व यालय कोटा

1 डॉ सजीव भानावत

अ य जनसचार क राज थान व व व यालय जयपर

सद य 2 ी राज बोडा थानीय सपादक द नक भा कर

जयपर 3 ो दवश कशोर

नदशक (स न) इल ॉ नक मी डया ोड शन सटर इि दरा गाधी रा य म त व व व यालय नई द ल

4 डॉ रमश च पाठ वभागा य प का रता एव जनसचार वभाग लखनऊ व व व यालय लखनऊ

5 ी राजन महान राज थान यरो चीफ एनडीट वी जयपर

6 ो रमश जन वभागा य (स न) प का रता एव जनसचार वभाग वधमान महावीर खला व व व यालय कोटा

7 डॉ अ नल कमार उपा याय वभागा य प का रता एव जनसचार वभाग महा मा गाधी काशी व यापीठ वाराणसी

8 ी न द भार वाज नदशक दरदशन जयपर

सपादन एव पाठ लखन

सपादक ो सभाष ध लया वभागा य एजकशन रसच ए ड नग इल ॉ नक मी डया ोड शन सटर इि दरा गाधी रा य म त व व व यालय नई द ल

पाठ लखक

डॉ रमश अ वाल (45) सय त सपादक द नक भा कर जयपर

याम माथर (6) समाचार सपादक राज थान प का जयपर

ो रमश जन (178) वभागा य (स न) प का रता एव जनसचार वभाग वधमान महावीर खला व व व यालय कोटा

सभाष स तया (91011) अपर महा नदशक (समाचार) (स न) समाचार सवा भाग आकाशवाणी नई द ल

डॉ राजश यास (2) सचना एव जनस पक अ धकार राज थान सरकार जयपर

डॉ सीक वरठ (12) सहायक क नदशक दरदशन जयपर

डॉ व ण पकज (3) धान सपादक

अ णी सदश जयपर

ो हम त जोशी (13) ह द वभाग जा मया म लया इसला मया व व व यालय नई द ल

अकाद मक एव शास नक यव था ो नरश दाधीच

कलप त वधमान महावीर खला व व व यालयकोटा

ो एमक घड़ो लया नदशक

सकाय वभाग

योग गोयल भार

पा य साम ी उ पादन एव वतरण वभाग

पा य म उ पादन

योग गोयल सहायक उ पादन अ धकार वधमान महावीर खला व व व यालय कोटा

पनः उ पादन ndash अ ल 2011 ISBN No 13978-81-8496-275-8 इस साम ी क कसी भी अश को व म ख व कोटा क ल खत अनम त क बना कसी भी प म lsquo म मयो ाफ rsquo (च म ण) वारा या अ य पनः तत करन क अनम त नह हव म ख व कोटा क लय कलस चव व म ख व कोटा (राज) वारा म त एव का शत

5

JMBJ-04 वधमान महावीर खला व व व यालय कोटा (राज थान)

मी डया लखन

इकाई स इकाई का नाम प ठ स या इकाई - 1 समाचार अवधारणा एव लखन तकनीक 8 इकाई - 2 सवाददाता समाचार ोत एव सकलन 33 इकाई - 3 सा ा कार 53 इकाई - 4 समाचार का वग करण ndash (भाग ndash 1) 73 इकाई - 5 समाचार का वग करण ndash (भाग ndash 2) 86 इकाई - 6 त भ लखन 98 इकाई - 7 फ चर लखन 114 इकाई - 8 समी ा लखन 136 इकाई - 9 र डयो समाचार लखन 152 इकाई ndash 10 र डयो लखन क स ा त 167 इकाई ndash 11 टल वजन समाचार लखन 184 इकाई ndash 12 टल वजन क लए पटकथा लखन 201 इकाई ndash 13 साइबर मी डया क लए लखन 218

6

पा य म प रचय बी ज (एम सी) काय म का चौथा पा य म मी डया लखन ह इस पा य म म 13 इकाइय को शा मल कया गया ह इनका प रचय न नानसार ह इकाई-1 समाचार अवधारणा एव लखन तकनीक - इस इकाई म समाचार क अवधारणा प रभाषा

त व कार एव मह व स अवगत करवाया गया ह साथ ह समाचार क ोत एव वग करण समाचार लखन तकनीक समाचार लखन क मह वपण त व एव समाचार लखन क पाच सकार पर भी काश डाला गया ह

इकाई - 2 सवाददाता समाचार ोत एव सकलन - इस इकाई म सवाददाता स आशय सवाददाताओ क णया एव काय वभाजन समाचार क ोत एव समाचार सकलन क व तार स चचा क गई ह साथ ह समाचार लखन एव ततीकरण एव समाचार का अनवतन क भी जानकार द गई ह

इकाई - 3 सा ा कार - इस इकाई म सा ा कार का अथ एव व प सा ा कार और अ य वधाए उपयो गता एव मह व क व तार स जानकार द गई ह साथ ह इल ा नक एव ट मी डया म सा ा कार कस लत ह इस सदभ म भी काश डाला गया ह सा ा कार

या को व तार स रखा कत कया गया ह इकाई - 4 समाचार का वग करण- ( भाग 1 ) - इस इकाई म समाचार का व प त व कार

एव वग करण पर काश डाला गया ह वषय व त क आधार पर क त क आधार पर या या क आधार पर एव रपो टग व धक क आधार पर समाचार क वग करण पर व तार स चचा क गई ह

इकाई - 5 समाचार का वग करण- (भाग 2 ) - इस इकाई म घटना क मह व क आधार पर क आधार पर एव वषय अथवा बीट क आधार पर समाचार क वग करण क व तत जानकार द गई ह

इकाई - 6 तभ लखन - इस इकाई म तभ लखन का मह व तभ एव समाचार तभ लखन क वषय तभ लखन क क त क साथ इटरनट पर तभ लखन भावी तभ लखन को भी चचा क गई ह

इकाई - 7 फ चर लखन - इस इकाई म फ चर लखन या ह फ चर क वशषताए एव मल व प क जानकार द गई ह फ चर लखक क यो यताए फ चर लखन क तयार शीषक भ मका एव च ाकन एव व भ न वधाओ स तलना क भी जानकार द गयी ह

इकाई - 8 समी ा लखन - इस इकाई म समी ा क अथ एव व प समी ा कस कर समी ा लखन क कार और मी डया म समी ा लखन क व तत जानकार द गई ह

इकाई - 9 र डयो समाचार लखन - इस इकाई म समाचार क प रभाषा र डयो समाचार या ा आकाशवाणी का समाचार त एव समाचार क ोत स अवगत करवाया गया ह साथ ह र डयो समाचार का लखन व सपादन र डयो समाचार क भाषा पर भी काश डाला गया ह

इकाई - 10 र डयो लखन क स ात - इस इकाई म र डयो लखन क स ात र डयो लखन क सीमाए और सभावनाए एव र डयो लखन क व भ न आयाम क चचा क गई ह साथ ह सगीत

7

क लए लखन एव उ घोषणाओ पर भी काश डाला गया ह इकाई - 11 टल वजन समाचार लखन - इस इकाई म भारत म टल वजन समाचार का इ तहास

मह व एव लखन पर व तत जानकार द गई ह टल वजन समाचार बल टन एव टल वजन समाचार क या मक त व स भी अवगत करवाया गया ह

इकाई - 12 टल वजन क लए पटकथा लखन - इस इकाई म पटकथा का अथ इ तहास प रभाषा आलख क कार पटकथा लखन का ाराप आ द क चचा क गई ह साथ ह नमन क पटकथाय एव नदशक क आलख क भी जानकार द गई ह

इकाई - 13 साइबर मी डया क लय लखन - इस इकाई म साइबर मी डया क लए लखन साइबर लखन क वशषताए साइबर लखन क कार भारत म साइबर लखन क ि थ त एव भारत म साइबर लखन क मह व एव सभावनाओ पर व तत जानकार द गई ह

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इकाई-1 समाचार अवधारणा एव लखन तकनीक

इकाई क परखा 10 उ य 11 तावना 12 समाचार का व प

121 समाचार क अवधारणा एव प रभाषा 122 समाचार क त व 123 समाचार क कार

13 समाचार का मह व 131 समाचार का घटना- थल और दर 132 यि त का मह व 133 मानवीय च

14 समाचार क ोत एव वग करण 141 या शत समाचार 142 अ या शत समाचार 143 पवानमा नत समाचार

15 समाचार लखन तकनीक 151 समाचार का गठन - छ ककार 152 वलोम परा मड शल 153 ऊ व परा मड शल 154 समाचार लखन क नई शल 155 शीषक 156 व तार 157 समापन

16 समाचार लखन क मह वपण त व 17 समाचार लखन क पाच सकार 18 साराश 19 श दावल 110 कछ उपयोगी प तक 111 अ यासाथ न

10 उ य इस पाठ का उ य समाचार क अवधारणा एव लखन तकनीक क बार म जानकार दना ह समाचार या ह एक समाचारप क लए समाचार कस एक त कए जात ह समाचार

9

का मह व समाचार लखन क तकनीक मह वपण त व और पाच सकार क बार म व तार स इस इकाई म बताया गया ह इस इकाई का अ ययन करन क बाद आप जान पाएग क- समाचार या ह - यह प ट प स समझ सकग समाचार श द को कस प रभा षत कया जा सकता ह यह जान सकग िजन-िजन ोत स समाचार ा त कए जा सकत ह उनस अवगत हो सकग समाचार क मह व समाचार क सरचना समाचार लखन क तकनीक समाचार लखन

क मह वपण त व और पाच सकार स प र चत हो जाएग आप समाचार लखन म व श टता ा त कर सकग

11 तावना lsquoसमाचार क अवधारणा एव लखन तकनीकrsquo का मी डया म मह वपण थान ह चाह सवाददाता हो या उपसपादक उस समाचार को अवधारणा और उसक तकनीक स अ छ तरह प र चत होना आव यक ह भारत म हाल ह क वष म एक तरह क मी डया ा त आई ह और समाचार मा यम का भी यापक व तार हआ ह हमार दश क वशाल और वकासशील समाज म आज मी डया क यक का व तार हो रहा ह प -प काओ क पाठक क स या लगातार बढ़ रह ह र डयो और ट वी चनल क स या भी नरतर बढ़ती जा रह ह ल कन आज भी मी डया म और खास तौर स समाचार मी डया म अनक गभीर म को सतह और ना समझी क साथ तत कया जाता ह अनक अवसर पर समाचार को अनाव यक प स lsquoरोचकrsquo और मनोरजक बनान क को शश क जाती ह

ो सभाष ध लया एव डी आनद धान क श द म कहा जा सकता ह क ldquoदरअसल समाचार और मनोरजन क नीव क वभाजन रखा क ख म होन क कारण पज वन और पज ी (पज वन मह वपण समाचार और पज ी मनोरजन क प का रता) एक-दसर स ग डम ड होत जा रह ह इसक कारण समाचार मा यम क ाथ मकताए भी बदलती जा रह ह यह नह इसक साथ ह समाचार क प रभाषा भी बदल द गई ह अब समाचार क क म आम आदमी और उसक सख-दख सरोकार चताए और उ मीद उतनी नह ह बि क कभी-कभी तो सल ट ज भी समाचार क पयाय तीत होत ह समाचार य घटनाओ क प रभाषा म ह बदलाव आ रहा ह इस प क तरफ भी यान दए जान क ज रत ह क कन वषय पर लोग को ज रत स अ धक जानका रया द जाती ह और कन वषय क बार म उ ह अधर म रखा जाता ह समाचार अवधारणा और लखन कया को तत इकाई म व तार स वव चत कया गया ह

12 समाचार का व प lsquoसमाचार क कोई यापक प स वीकाय प रभाषा आज तक नह उभर पाई ह समाचारप म जानकार बात और अफवाह क भरमार होती ह ल कन हर जानकार हर बात और हर अफवाह समाचार नह होती तब न उठता ह क समाचार या ह उसक प रभाषा या ह उसक सरचना कस ह ई उसक म य त व या ह इन न का उ तर अनक

10

व वान न दया ह अ जी म समाचार को यज (NEWS) कहत ह इस श द क चार अ र होत ह- एन ई ड ल एस इन अ र स चार दशाओ - उ तर (नोथ) पव (ई ट) पि चम (व ट) और द ण (साउथ) का बोध होता ह अत यह कहा जा सकता ह क जो चार दशाओ का बोध कराए वह समाचार ह स भवत इसी ि ट स हडन क कोश म समाचार क प रभाषा सब दशाओ क घटना द गई ह उ तर पव पि चम और द ण क घटनाओ को समाचार समझना चा हए अ जी का य ल टन क नौवा स कत क नवrsquo श द पर आधा रत ह इन तीन श द का एक ह अथ ह नवीन वा तव म समाचार तो वह ह जो नवीन ह महाक व जयशकर साद न ठ क ह कहा ह - क त क यौवन का शगार करग कभी न बासी फल जस

कोई बासी फल को पस द नह करता उसी कार कोई भी पाठक बासी समाचार को पढ़ना चकर नह समझता स य तो यह ह क समाचार का शव व उसक नवीनता म ह कहा

जा सकता ह क जो न य नतन हो वह समाचार ह इस तरह हम कह सकत ह क पहला तो नई सचना समाचार भी आव यक शत ह और दसरा कसी वषय को एक नई ि ट म दखना भी समाचार क णी म आता ह समाचार वह ह िजस तत करन म कसी ब मान (समाचारप क) यि त को सबस अ धक स तोष हो और जो ऐसा तत करत समय कता को अ धक लाभ तो न होता हो पर त िजसक सपादन स ह उसक यावसा यक कशलता का परा-परा पता चलता हो सपादक क इस मता क सबस बड़ी कसौट अ प टताओ और द हताओ क ओट म छप मह वपण त य को इस ढग स तत करना ह क उन त य को इस द नया क व लोग समझ जाए िजनम अ ानता लापरवाह और मखता ह भर ह तथा वचार क सघष क त च का अभाव ह

121 समाचार क अवधारणा एव प रभाषा

समाचार क कछ मह वपण और रोचक प रभाषाए इस कार ह - ldquoपया त स या म मन य िजस जानना चाह वह समाचार ह शत यह ह क वह स च तथा त ठा क नयम का उ लघन न कर ndash जज सडलर

ldquoकोई भी ऐसी घटना िजसम मन य क दलच पी हो समाचार ह पाठक िजसस जानना चाहत ह वह समाचार ह ldquoसमाचार सामा यत वह उ तजक सचना ह िजसम कोई यि त सतोष अथवा उ तजना ा त करता ह - ो च टन बश अनक यि तय क अ भ च िजस साम यक बात म होती ह वह समाचार ह सव ठ समाचार वह ह िजसम बह स यक लोग क अ धकतम च हो

- ो व लयम जी लयर

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ठ समाचार क प रभाषा य य प यह ह तथा प साधारण यवहार म समाचार व ह जो अखबार म छपत ह और अखबार व ह िज ह समाचारप म काम करन वाल तयार करत ह यह कथन य य प वदनामलक ह तथा प कट य य होत ह ए भी स य ह

- जोरा ड ड ल जॉनसन ldquoिजस अ छा सपादक का शत करना चाह वह समाचार ह rdquo ldquoसमाचार घटना का ववरण ह घटना वय म समाचार नह rdquo ldquoघटनाओ त य और वचार क साम यक रपोट समाचार ह िजसम पया त लोग क च हो - व लयम एल रवस ldquoवह स य घटना या वचार िजसम बह स यक पाठक क अ भ च हो

- एमलाइल पसर ldquoउन मह वपण घटनाओ क िजनम जनता क दलच पी हो पहल रपोट को समाचार कह सकत ह rdquo - इर सी हापवड ldquo कसी समय होन वाल उन मह वपण घटनाओ क सह और प पातर हत ववरण को िजनम उस समाचारप क पाठक क अ भ च हो हम समाचार कह सकत ह

- व लयम एस मा सबाई ldquoसमाचार अ त ग तशील सा ह य ह समाचार समय क चरख पर इ तहास क बह रग बल-बटदार कपड़ को बनन वाल तकए ह rdquo

- हापर ल च और जॉन सी करोल ldquoसमाचारप का मौ लक क चा माल न कागज ह न याह वह ह समाचार फर चाह का शत साम ी ठोस सवाद क प म हो या लख क प म सबक मल म वह त व रहता

ह िजस हम समाचार कहत ह rdquo - डी न द कशोर खा

अब व व तजी स बदल रहा ह मी डया म नई पर पराए था पत हो रह ह समाचार क बार म भी मा यताए बदल गई ह एक व वान न समाचार क बड़ी ग भीर प रभाषा क ह - िजस कह कोई दबाना चाह रहा हो समाचार ह शष सब व ापन मनाथ चतवद न समाचार क या या करत ह ए लखा ह ndash ldquoसख त य को समाचार नह

माना जाता व त य ह समाचार ह जो पाठक क जीवन सख-दःख भावना और वचार पर भाव डालत उस चकर तीत होत और आन द दत ह rdquo कपी नारायण न समाचार क सजन म स य को मह वपण त व माना ह उनक मा यता ह िजन त व स समाचार बनता ह उनम सबस मह वपण त व ह - स य का त व साम यकता म यवान होती ह क त स य उसस भी अ धक म यवान होता ह

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टन क स समाचारप मानच टर गा डयन न एक बार lsquoसमाचार क प रभाषा या हrsquo इस पर एक तयो गता कराई थी िजसम सव तम प रभाषा जो पर कत क गई वह इस कार थी ndash ldquoसमाचार कसी अनोखी या असाधारण

घटना क अ वल ब सचना को कहत ह िजसक बार म लोग ाय पहल कछ न जानत ह ल कन िजस तर त ह जानन क यादा स यादा लोग म च हो rdquo एक बार कसी प कार न समाचार क या या करत ह ए कहा क बराई म समाचार ह lsquo आप ईमानदार स काम करत ह इसम समाचार व कछ नह ह पर य द चोर करत ह ए पकड़ जाए तो वह समाचार हो जाएगा प कार क कहन का अथ यह था क बराई म कछ न कछ असाधारणता कछ नवीनता कछ सनसनी और लोग क लए कछ कतहल रहता ह अत उसका समाचार क ि ट स म य ह उपय त प रभाषाओ क अ त र त अनक व वान न समाचार को प रभा षत कया ह िजसम स कछ उ लखनीय ह- ldquoिजस कसी बात को सपादक कहत ह वह समाचार होता ह rdquo ldquo वचार र हत त य भी समाचार ह rdquo ldquoसमाचार का अथ आग बढ़ना चलना अ छा आचरण या यवहार ह म य और परवत काल म कसी काय या यापार क सचना को समाचार मानत थ ऐसी ताजी या हाल क घटना क सचना िजनक स ब ध म पहल लोग क जानकार न हो rdquo

- मानक ह द कोश (रामच वमा) द नया म कह भी कसी समय कोई छोट -मोट घटना या प रवतन हो उसका श द म जो वणन होगा उस समाचार या खबर कहत ह rdquo

- रा र खा डलकर ldquoघटना समाचार नह ह बि क वह घटना का ववरण ह िजस उसक लए लखा जाता ह िज ह न उस दखा नह ह rdquo - म सफ ड ldquoजो सा रत अथवा समाचारप म म त होता ह वह समाचार होता ह rdquo सवाद खबर वता त ववरण और सचना समाचार क पयाय ह अमरकोश म वाता वि त वि त तथा lsquoउद तrsquo चार श द समाचार क लए य त ह ए ह इन सभी श द स कसी

घटना क पर जानकार दन का भाव प ट होता ह ldquoसमाचार कसी घटना प रि थ त ि थ त या प क सह और साम यक सचना ह- ऐसी सचना िजसम उन लोग को िजनक लए वह अ भ त हो दलच पी होगी rdquo

- डाउ लग लदरवड ldquoसमाचार lsquoसामा य स परrsquo कोई भी बात ह और समाचार ह एक ऐसी बात ह जो समाचारप क वशाल स या को बचन म सहायता कर सकती ह rdquo

- नाथि लफ ldquoसमाचार कसी भी घटना का ऐसा ववरण ह िजस एक समाचारप कवल इस लए म त करता ह ता क वह लाभ कमा सक rdquo - क टस डी म डगल

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ldquoसमाचार कसी वतमान वचार घटना या ववाद का ऐसा ववरण ह जो उपभो ताओ को आक षत कर rdquo - वल ल और क पवल News is anything you did not know yesterday - Turner Calledge lsquoAnything timely that interests a number of persons and the best news is that which has greatest interest for the greatest numbersrsquo

- Willard Bleyer News is history in a hurry - George H Morris It is the honest and unbiased and complete account of events of interest and concern to the public - Duane Bradley News is anything out of the ordinary lsquoNews is something revealedrsquo lsquoNews is something which somebody wants suppressedrsquo lsquoNews is any event idea or opinion that is timely that interests or affects a large number of people in a community and that is capable of being understood by themrsquo lsquoNews is a compilation of facts and events of current interest or importance to the readers of the Newspaper printing itrsquo lsquoSex money crime - that is newsrsquo rsquoNews is anything and everything interesting about life and materials all their manifestationrsquo lsquoWhat is new in Newsrsquo इन सभी प रभाषाओ स यह न कष नकलता ह क स य साम यक और बह स यक यि तय क िजसम च हो वह सचना समाचार ह

122 समाचार क त व

जो घटना या व त एकाएक हमारा यान आक षत कर लती ह उसम समाचार का ब नयाद त व मौजद होता ह ऐसी मा यता ह इनक अ त र त न न त व का कसी भी समाचार को मह व दन म वशष योगदान रहता ह - 1 ता का लकता 2 नकटता 3 आकार एव स या 4 मह व और 5 व च ता समाचार क आध नक और िजतनी भी प रभाषाए ह इन सबका सार यह ह क समाचार को समाचार व दान करन वाल न न ल खत पाच त व ह - 1 जानकार 2 नवीनता 3 बह स यक क अ धकतम च 4 उ तजक सचना और 5 प रवतन क सचना मनाथ चतवद क श द म कवल श क त य कभी समाचार नह कहलात पर त जो त य

मानव क जीवन भावना और वचार म भाव डालत ह उस चकर लगत ह आन द दत

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ह और आ दो लत करत ह व ह समाचार बनत ह भावो क करन वाल या अपन हत और अ हत स स ब समाचार म मन य क वशष च होती ह इस लए ऐस समाचार म आकषण क मल गण न न मान ह- 1 नवीनता 2 साम यकता 3 सामी य 4 व हत 5 धन 6 काम-वासना 7 सघष और रोमानी 8 असाधारणता 9 वीर पजा 10 यश 11 रह य 12 मानवीय गण का उ क 13 साहस और वीरता 14 आ व कार और खोज 15 कक य 16 ग त क कहानी 17 नाटक यता 18 व श टता ( यि त थान और पद) 19 प रणाम ( यापक और सघन) 20 स क त 21 व वास 22 वा य 23 सर ा 24 बध व (अ तरा य रा य ाद शक नगर य और जातीय) तथा 25 सामािजक और आ थक प रवतन डा न द कशोर खा न व बात जो अ धकाश पाठक को दलच प लगती ह व इस कार मानी ह- 1 नवीनता 2 असामा यता 3 अनाप त भाव 4 आ मीयता 5 आका ा 6 यि तगत भाव 7 नकटता 8 क णा और भय 9 धन 10 मानवीय प 11 सहानभ त और 12 रह य ो सभाष ध लया न समाचार य मह व म िजन त व का उ लख कया ह व ह - 1 नकटता

2 आकार 3 भाव 4 उपभो ता वग 5 सदभ 6 नी तगत ढाचा 7 मह वपण जानका रया और 8 असाधारणता

123 समाचार क कार

वस तो समाचार क कार क नि चत प स पहचान करना मि कल ह फर भी समाचार म य प स दो कार क होत ह - 1 सीधा समाचार (Straight News) 2 या या मक समाचार (Interpretative News) सीधा समाचार उन समाचार को कहा जाता ह िजसम समाचार का सरल प ट और सह त या मक ववरण हो इनम त य को य क य तत कया जाता ह त य को तोड़ा-मरोड़ा नह जाता ह या या मक समाचार म समाचार क घटना क गहर खोजबीन क जाती ह उस स पण प स काश म लाया जाता ह इस समाचार म घटना क प रवश पवापर स ब ध तथा उसक वशष प रणाम को लखा जाता ह िजसस पाठक सरलता स समझ सक घटना क मह व क ि ट स घटना क मह व क ि ट स भी समाचार क दो प होत ह व इस कार ह ndash 1 व श ट समाचार 2 यापी समाचार 1 व श ट समाचार - व ह िजनक बार म पहल स कछ मालम नह होता ह समाचार

जब घ टत हो जात ह तो उनका अपना वशष मह व और भाव होता ह समाचार गरमागरम और अ यतन होत ह व श ट समाचार अपन गण क कारण प ठ पर म य

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थान हण करत ह कभी-कभी तो व इतन मह व क होत ह क कम मह व क समाचार को बचाकर प ठ का व प ह बदल दना पड़ता ह पव - नधा रत अ त मह व क समाचार गौण प ल लत ह

2 यापी समाचार - वह ह जो अपन मह व और भाव क कारण प ठ पर ऐसा थान पाता ह मानो सभी पर आ छा दत हो उसका व तार भी बड़ा हो सकता ह यह भी सभव ह क यापी समाचार क खडन क लए अ य समाचार भी उसक अनगामी का थान हण करत ह यापी समाचार को थान भी वशष मलता ह और उसका शीषक भी

अ धक आकषक होता ह इस कार क समाचार अपन म पण होत ह

अथवा थान क आधार पर

थल प स अथवा थान क आधार पर समाचार को चार भाग म वभ त कया जा सकता ह-

1 थानीय समाचार - व समाचार जो उस थान स वशष प स सब ह जहा स समाचारप का शत होता ह

2 ातीय समाचार - िजस ात स समाचारप का शत होता ह उस थान क समाचार 3 अतदशीय समाचार - दश क सभी दश स सब समाचार 4 अतरा य समाचार- व व क अनक दश स सब समाचार उपय त समाचार म यक वग क अ तगत न न कार क समाचार को सि म लत कया जा सकता ह - 1 भाषण व त य और स व ि त 2 असामािजक त व क ग त व धया 3 अदालती ग त व धया 4 आ थक अपराध 5 अशा त उप व और तोड़-फोड़ 6 प रवहन तथा माग दघटनाए 7 ाक तक दघटनाए जस - बाढ़ आधी हमपात भक प अवषण तथा अ तवषण आ द 8 असाम यक या आकि मक म य या आ मह या 9 राजनी तक सामािजक सा क तक आ थक सगठन क ग त व धया काय म समारोह दशनी

और जलस 10 यवा छा कसान-मजदर आदोलन 11 राजनी तक सामािजक सा क तक आ थक सगठन क ग त व धया काय म समारोह दशनी

और जलस 12 सरकार वभाग और थानीय शासन नकाय क ग त व धया 13 व ा नक सगठन श णक सा हि यक सा क तक व कला स ब धी ग त व धया 14 सरकार अ धका रय कमचा रय तथा राजनी तक नताओ एव कायकताओ क मनमानी और

याद तय क शकायत

16

15 उ योग वा ण य एव बाजार समाचार 16 खल-कद समाचार 17 मल एव पव क समाचार 18 यि तगत समाचार जस - वदश या ा ववाह ज म म य आ द 19 मनोरजक एव चम का रक समाचार 20 मानवीय अ भ च क समाचार जस - म दया ई या सहानभ त याग भय आतक और घणा

आ द

अतरा य मह व क समाचार

कछ समाचार रा य मह व क होत ह ए भी अ तरा य मह व क होत ह जस- 1 चनाव चनाव म कसी दल क वजय व पराजय सरकार का गठन 2 धानम ी म यम ी रा प त का चनाव 3 मि म डल का गठन एव वभाग का वतरण 4 ससद य ग त व धया - बहस नो तर-काल आरोप- यारोप हगामा काम रोको ताव

यानाकषण ताव उ तजना मत- वभाजन व ब हगमन आ द 5 सरकार का पतन म य का यागप न कासन गह-य स नक व ोह 6 लोकत क थापना एव राजत का पतन 7 राजनी तक आ थक सामािजक समझौत 8 अतरा य सबध 9 शीत-य 10 कटनी तक सबध और वाता 11 य क घोषणा 12 सीमा सघष थल एव जल सीमात क ग त व धया 13 वमान अपहरण 14 जाससी काड 15 अतरा य या रा य या त क यि त का अपहरण ह या या अक मात अपद थ होना 16 दश और वदश क मख जाससी सगठन 17 क य न ट और गर-क य न ट दश क मह वपण ग त व धया 18 रा सघ 19 व व वा य सगठन 20 व व म सगठन 21 वदशी अ त थ 22 व ा नक उपलि धया एव व ा नक पर ण 23 दो दश क म य स नक समझौता व उसक अ तगत अ -श दना 24 शि त सतलन

17

25 वदशी म ा बाजार उपय त दोन समाचार स चय को पण नह कहा जा सकता इसका उ य कवल इतना ह ह क प का रता क म आन वाल छा सवाददाताओ समाचार लखक को अपन समाचारप क लय व वध समाचार क आकलन और काशन म सहायता मल सक मह व क ि ट स भी समाचार क तीन भद कय जा सकत ह - 1 मह वपण 2 कम मह वपण 3 सामा य वषय को आधार मानकर समाचार क अनक वग करण कए जा सकत ह जस- राजनी तक समाचार वा ण य समाचार आ थक समाचार खल समाचार सा क तक समाचार अपराध समाचार डाक समाचार मौसम समाचार यायालय समाचार हष-शोक समाचार फ म समाचार वदश समाचार ससद य समाचार य समाचार व ान समाचार वकासा मक समाचार ामीण समाचार क ष समाचार पयावरणीय समाचार आ द समाचार ाि त क ि ट स समाचार क तीन भद कए जा सकत ह - 1 या शत समाचार 2 अ या शत समाचार 3 पवानमा नत समाचार समाचार नगर या गाव म घमन स तो मलत ह ह पर साथ ह काफ समाचार समाचारप क कायालय म वयमव आ जात ह समाचार सपादक या म य सवाददाता का क त य होता ह क वह दन दनी म अ कत कर क अमक काय अमक सवाददाता को करना ह नगरपा लकाओ नगर- नगम वधानसभाओ ससद भवन तथा व भ न स थाओ क बठक क कायवाह क सवाद-लखन क लए सवाददाताओ को भजा जाता ह कसी राजन तक दल का उ सव हो या सरकार स मलन स स मलन हो या भट वाताए सब या शत समाचार क णी म आत ह खलकद नाटक चल च या अ य सा क तक ग त व धय क समाचार पव नि चत रहत ह अ या शत समाचार म दघटना ह या आग डकती चोर बला कार आ द अपराध का ततीकरण आता ह इस कार क समाचार क लए सवाददाता को प लस टशन रलव टशन बस ट ड अि नशामक दल अ पताल टाउन हाल आ द स स पक रखना अ नवाय होता ह वह त दन इन कायालय को नई खबर क बार म टल फोन करता रहता ह

13 समाचार का मह व समाचार का मह व तय करन क लए सवाददाता को कछ बात वशष प स यान म रखना चा हए उस याद रखना चा हए क वह समाचार लखन वाला बाब नह ह साथ ह समाचार का ह-ब-ह च ण कर दन वाला फोटो ाफर भी नह ह उस मानवीय ि टकोण स घटना क समालोचना करना ह और उसका उ चत मह व तय करना ह इसम पहला आधार- त म समय ह समाचार का म य आधार शी ता पर ह ह आज का समाचार कल क अखबार

18

म छप जाए तभी उसका मह व ह तीसर दन छप तो उसका मह व थोड़ा कम हो जाएगा पर रहगा ज र ल कन इसक बाद तो उसम स समाचार-त व ब कल नकल जाएगा वस कोई घटना परानी हो गई हो और का शत नह ह ई तब भी इस घटना म समाचार व ह यह कहा जा सकता ह समाचार त काल न ट होन वाल व त ह यह स य सवाददाता क दमाग म लखा हआ रहना चा हए द नक-समाचारप क कई स करण का शत होत ह नगर स करण म नगर क अि तम स अि तम समाचार समट लन क को शश क जाती ह इस- कार समय समाचार का मह वपण अग ह नई ौ यो गक आन क बाद तक ह थान स समाचारप क कई स करण क अलावा अनक समाचारप अनक थान स अलग- अलग स करण भी नकालन लग ह

131 समाचार का घटना- थल और दर

समाचार का मह व नि चत करत समय उसका घटना- थल और दर भी यान म रखी जाती ह अम रका म घट कोई घटना वाराणसी या अहमदाबाद क लोग क लए शायद नरथक भी हो सकती ह अ पताल स ब च क अपहरण क घटना थानीय ह इस कारण थानीय लोग क लए अ य त मह वपण ह हमार दश

म कई रा य ह और इन रा य क सरकार स नी तय सबधी ढर सार समाचार मलत रहत ह इसका अथ यह नह क दर-दराज क सभी घटनाए यथ मानी जाए अम रक रा प त क चनाव क समाचार को व व भर क समाचारप म थान मलगा इसी कार चीन क रा प त क दहा त का समाचार भी द नया-भर म का शत होगा चीन और स जस फौलाद द वार वाल सा यवाद दश क छोट

घटनाओ को भी अखबार म अ य त मह व मलता ह य क य घटनाए सचक होती ह

132 यि त का मह व

समाचार क घटना म कौन यि त सि म लत ह यह त य भी अनक बार मह व था पत करन म सहायक होता ह घटना क घर म कौन यि त ह यह वशष प स दख लना चा हए शहर म छोट -बड़ी दघटनाए तो हर रोज होती ह रहती

ह ल कन शहर का महापौर (मयर) कसी छोट -सी दघटना का शकार हो जाए तो यह समाचार अपन आप म मह वपण हो जाता ह छोट -बड़ी रल दघटनाए भी जब-तब होती रहती ह कोई छोट रल-दघटना हो और उसम दो-तीन यि तय क म य हो जाए ल कन उन मरन वाल म कोई स यि त हो तो यह सामा य प स एक कॉलम म छपन यो य समाचार बड़ शीषक म का शत होगा इसी कार

द नया म त दन अस य शा दया और सगाइया होती ह ल कन ए वया राय क अ भषक ब चन स शाद या दल प कमार तथा सायरा बानो अथवा राजश ख ना और ड पल काप डया या फर जक कनडी का औना सस स ववाह का समाचार मह वपण समाचार कहा जाएगा यि त िजतना अ धक स होगा उतना ह

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समाचार भी अ धक मह वपण होगा समाज क भ न- भ न म नत व कर रह लोग का जीवन यि तगत नह रहकर सावज नक हो जाता ह और लोग उनक जीवन क छोट घटनाओ म ह बह त दलच पी रखत ह

यक क मह वपण यि त स स ब घटना को मह व दया जाता ह यह बात नकारा मक प स लाग होती ह कसी सामा य यि त का छोटा-सा दराचार समाचारप म कोई वशष थान ा त नह करता ल कन कसी म ी या उ च अ धकार क जीवन का छोटा दराचरण भी बड़ा सनसनीखज हो जाता ह अम रका का lsquoवाटरगट काड इसका उदाहरण ह इसक अ त र त ब ट बकर काड lsquoव ड ड सटर पर हमला गोधरा काड अ रधाम पर हमला ताज कार डोर प रयोजना टा प पपर घोटाला ज सका लाल ह या काड रय लट शो बग दर और श पा

श ी आ द को सि म लत कया जा सकता ह इस कार कसी भी घटना क समी ा करत समय उसम कौन यि त सि म लत ह इस ओर सवाददाता को एक नजर अव य डाल लनी चा हए और इसी आधार पर इसका मह व तय करना चा हए

133 मानवीय च

मानवीय च भी समाचार का मह व नि चत करती ह समाचार क बार म एक मशह र कहावत ह क क ता आदमी को काट ल तो समाचार नह होगा ल कन आदमी क त को काट ल यह समाचार हो जाएगा इस कहावत का ता पय यह ह क अ वाभा वकता का त व भी कसी घटना को समाचार बना दता ह कोई सामा य घटना समाचार नह होती इसक बजाय उसम कोई असामा य होती ह तो वह घटना समाचार बन जाती ह उदाहरण क प म कोई ी चार या पाच ब च को एक साथ ज म दती ह तो यह समाचार होगा कछ ह दन पहल एक ऐसी घटना का शत ह ई थी क एक मग क दो क बजाय चार टाग दखी गई यह असाधारण

घटना कह जाएगी ऐस समाचार अखबार म बॉ स समाचार बनकर छपग दो सर वाल बकर पदा होना व च अग वाल बालक का ज म होना यह सभी इसक उदाहरण ह समाचारप चम कार क बार म भी भा त-भा त क घटनाए छापत ह वा तव म इस कार क सभी घटनाओ क िजतनी भी सभव हो जाच-परख करन क बाद ह का शत करना चा हए

14 समाचार क ोत एव वग करण सवाददाताओ को समाचार व भ न ोत स ा त होत ह य ोत अ धका रक भी हो सकत ह और गर-अ धका रक भी कहा जा सकता ह क समाचार ोत का उपभोग और दोहन करना भी एक कला ह अत यक सवाददाता को इस कला म पारगत होना चा हए समाचार ोत क गठन और उनक उपभोग स सब धत ब द इस कार ह-

1 सवाददाता क अपन यि तगत सपक स होन चा हए िजतन अ धक लोग स सवाददाता का सपक होगा उस उतनी ह अ धक एव अ छ खबर मलगी इस लए यक सवाददाता

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को अपन-अपन व वसनीय सपक स बनान होत ह साराश म कहा जा सकता ह क लोग ह समाचार स ोत होत ह

2 सवाददाता को सबस पहल उस क मह वपण यि तय स थाओ और उनक भार यि तय क बार म जानकार होनी चा हए इसक अ त र त सवाददाता को राजनी तक दल क नताओ उनक कायालय प लस थान च क सालय वधान मडल नगर नगम और उनक व भ न अनभाग श णक सामािजक धा मक सा क तक स थाए वक ल सघ नगर क सभी मह वपण यि तय स थाओ सगठन आ द क भल भा त जानकार होनी चा हए और यक जगह उसका स पक स होना चा हए

3 स व ि त क तरह सवाददाता स मलन या स का स भी समाचार का म य ोत होता ह सवाददाता को सवाददाता स मलन म नय मत प स जाना चा हए और वहा स समाचार सक लत करन चा हए

4 सवाददाता म समाचार स घन और परखन क शि त होनी चा हए सवाददाता क इ ह गण को अ जी म lsquoनोज फार द यज कहा गया ह उसम जाच-पड़ताल खोज- बन पछताछ आ द क लए जासस जस गण व भ न कार क समाचार- ो ( यि तय ) क म ह स बात नकलवान क लए मनोव ा नक जस गण होन चा हए

5 सवाददाता को अपना सचना- ोत का व वास सदव कायम रखना चा हए य द उसम कोई ऑफ द रकाड बात कह हो तो उस अ य कह न बताए मरण रह क अपन स पक स म कह भी कोई आच नह आन दनी चा हए जहा ा त जानकार क व वसनीयता क बार म जरा भी सदह हो सवाददाता को शी ह माण एक कर लना चा हए

6 स पक स था पत करन क साथ-साथ उ ह बनाए रखना भी अ य त आव यक ह इसक लए अपनी ओर स सदव य न करत रहना चा हए स पक-स म नर तरता भी ज र ह

सवाददाता क लए समाचार क न न ोत हो सकत ह - 1 स व ि तया 2 स क य न स 3 स कॉ स 4 भाषण एव व त य 5 सा ा कार या भट वाता 6 र डयो या टल वजन समाचार 7 समाचार स म तया 8 प लस थाना 9 यायालय 10 अ पताल 11 सरकार वभाग 12 वधान मडल 13 यि तगत सपक 14 अ य ोत- स मलन सगो ठ तवदन रपोट

आ द समाचार का वग करण समाचार ोत को तीन भाग म वभ त कया जा सकता ह - 1 या शत समाचार 2 अ या शत समाचार 3 पवानमा नत समाचार

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141 या शत समाचार

या शत समाचार का आशय उन समाचार स ह जो सवाददाता को य प स मल जात ह अदालत क सनवाई फसल वधान मडल नगर नगम नगर पा लका क बठक प कार स मलन सा ा कार सरकार घोषणाए सावज नक व त य जाच आयोग क बठक आ द कछ या शत समाचार क ोत ह अ य समाचार को पढ़न स भी या शत साम यक समाचार क जानकार मल सकती ह

142 अ या शत समाचार

अ या शत समाचार का समाचार ा त करन या उसका सराग पान क लए सवाददाता का सपक स काम म आता ह दघटना आगजनी अपराध म य आ द ऐस अ या शत समाचार का पवानमान उस भी नह होता ह इस कार क समाचार क सकत बह त सहसा या अचानक मलत ह िज ह अनभवी सवाददाता ज द स पकड़ लता ह

143 पवानमा नत समाचार

पवानमा नत समाचार क ोत फ चर सा ता हक डायर अदालत म जन च क मामल क तार ख फसल व भ न म हो रह वकास क काय उनम पड़ी अडचन आ द पवानमा नत समाचार क ोत ह

15 समाचार लखन तकनीक समाचार क अवधारणा स प र चत होन क बाद सवाददाता क सम सबस पहला न यह आता ह क समाचार को कस लखा और तत कया जाए समाचार-लखन क स ा त या ह और समाचार लखन कस कहग यापक अथ म कहा जाए तो समाचार लखन कसी समाचार मा यम वारा कसी कह ह ए सन ह ए अथवा कसी तरह ा त कए सदश को पन तत करना ह ययॉक टाइ स म क एस एड स क कथनानसार - lsquoReporting means the application of curiosity directed by intelligence and fairness to the current happenings of the worldrsquo - (द नया म होन वाल घटनाओ क स ब ध म इस तरह ब सगत प स िज ासा क प त करना िजसस स चाई और ईमानदार क स ा त क अवहलना न हो ) व यात अम रकन प कार चा स ए डाना इस एक lsquoउ च णी क कलाrsquo कहत ह क णम त इस ल लतकला मानत ह दसर श द म कह तो जो हो चका ह अथवा होन क सभावना ह उसक वषय म सह सपण तट थ और समय पर जानकार दन क कया को समाचार लखन कहा जा सकता ह इस ववरण स यह प ट होता ह क समाचारप म समाचार लखन का अ य त मह वपण थान ह आज व व क आबाद पचास वष पहल थी उसस दगनी होन जा रह ह और व व क एक भाग स दसर भाग म पह चन म बह त कम समय लगता ह मानव क िज ासा

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का भी इसी कार व तत होता जा रहा ह और भ व य म और व तत होता जाएगा वाभा वक ह ह क इस कया क साथ-साथ समाचार लखन का भी बढ़ता जा रहा ह और इस म नए-नए वषय वश करत जा रह ह मानव क क त और मानव यवहार िजतना पर पर आधा रत होता जाएगा उतना ह उसका भाव समाचारप पर बढ़ता जाएगा यह नि चत ह एक समय म यह मा यता थी क लखक क तरह प कार भी ज मजात प कार होता ह य न स या श ण लकर प कार नह बना जा सकता यह मा यता आज भी सह ह

ल कन आ शक प म ह आज यक म उ चत श ण का मह व बढ़ता जा रहा ह और एक ऐसा समय आ गया ह क जब ज मजात गण रखन वाल यि त को भी थोड़ा श ण तो लना ह पड़ता ह ज मजात गण और श ण क बीच क सीमा रखा आज

खतर म ह प रि थ त धीर-धीर श ण क प म जा रह ह जोसफ प ल जर क श द म कह तो - आज क यग म ज मजात ा त कया जा सक ऐसा कोई गण ह तो वह सफ lsquoमखताrsquo का गण ह यह कहकर तर त ह व पछत ह क आज ससार का कौन सा ऐसा ह िजसम मन य को श ण क आव यकता नह पड़ती चाह जस ज मजात गण रखन वाला यि त भी उ चत श ण ल तो सोन म सगध हो जाएगी और वह कशल सपादक या सवाददाता बन सकगा

151 समाचार का गठन - छ ककार

सन 1800 स पव समाचार लखन क लए कोई व ा नक प त नह थी सवाददाता द नक घटनाओ को काल मानसार रखकर अपना काय चला रह थ धीर-धीर समाचारप का सार होता गया समाचारप म थान का मह व बढ़ा और म य का भी अत समाचार को यवि थत ढग स तत कया जान लगा सन 1894 म एड वन एल शमन न ि टकल जन ल मrsquo नामक प तक म प का रता क इन व श ट त य क ओर सकत कया डयाड कप लग न सव थम समाचार-लखन क लए 5 ड य और 1 एच का उ लख कया

इ ह हद म छ ककार कहत ह य छ ककार आज भी न कवल समाचार सकलन जगत क बि क प का रता-जगत क आधार त भ ह ndash 1 या हआ अथात या घटना ह ई 2 कहा हआ अथात घटना कहा ह ई 3 कब हआ अथात कस समय घटना घट 4 कौन सी घटना ह ई अथात कसक साथ या हआ 5 य घटना घ टत ह ई अथात घटना का या कारण था 6 कस घटना घ टत ह ई अ जी म इ ह ndash What Where when who why और How कहा जाता ह (अथात 5 ड य और 1 एच) पाठक इन ककार का उ तर इसी म म चाहता ह सबस पहल या और सबस बाद कस का उ तर दना चा हए सामा य नयम यह ह क अ य त मह व

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क त य सबस पहल दना चा हए और सबस कम मह व क अश को सबस बाद म दना चा हए एक समाचार द खए -

अमर क व व व यालय म अधाधध फाय रग 30 मर 28 घायल

ल सवग व 17 अ ल (एजसी) अमर क रा य वज नया क एक व व व यालय म एक बदकधार न एक छा ावास और लास म म अधाधध गोल बार कर कम स कम 30 लोग क ह या कर द जब क 28 स

अ धक लोग घायल हो गए प लस का कहना ह क फाय रग क घटनाओ क बाद हमलावर भी मरा हआ पाया गया ल कन यह अभी प ट नह हो सका ह क उसन खद अपनी जान ल या वह प लस क गोल का नशाना बना एक यज चनल क मता बक हताहत म कोई भारतीय नह ह वज नया टक क प लस मख व डल ि लशम न बताया क फाय रग व ट ए बलर जॉ टन हॉल छा ावास और एक इजी नय रग सकाय क भवन नॉ रस हॉल म ह ई य दोन थान 26 सौ एकड़ क व व क पस क अलग-अलग कोन पर ह

मका क तलाश हमलावर कौन ह और उसन वारदात को अजाम य दया इसक बार म कोई प ट जानकार नह मल ह बताया जाता ह क एक यवक अपनी गल ड क बार म छा स पछताछ कर रहा था इसक कछ ह दर बाद फाय रग क घटना हो गई

(राज थान प का 17 अ ल 2007) इस समाचार म छ ककार का उ लख मल जाएगा - 1 या अधाधध फाय रग स ह ई दघटना 2 कहा अमर क रा य वज नया क एक व व व यालय म 3 कब 17 अ ल 2007 को 4 कौन 30 मर और 28 घायल 5 य एक यवक वारा अपनी गलफड क तलाश क सदभ म 6 कस हमलावर वारा छा स गलफड क बार म पछताछ क दौरान अधाधध फाय रग पाठक इन ककार क इसी म म उ तर चाहता ह सबस पहल याrsquo और उसक बाद म उस कस का उ तर चा हए वस यह दखा जाता ह क याrsquo का उ तर दन क बाद समाचार क अ य न क कम म उलट-फर भी हो जाता ह सामा य नयम यह ह क अ त मह वपण त य को या प रणाम को सबस पहल दना चा हए और सबस कम मह व क अश को सबस पीछ सवाददाता को समाचार लखन स पव तय कर लना चा हए क समाचार क श आत कस करनी ह कौन सी जानकार पहल दनी ह और कस म स दनी ह मन म इस तरह का खाका बना लन स यौर तरतीब स सजाए जा सकत ह तथा सग ठत और तलाश हआ समाचार लखा जा सकता ह डा अजन तवार न समाचार लखन क लए न न याओ को ज र बताया

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ह - 1 समाचार त य को सक लत करना 2 कथा क काय योजना बनाना तथा लखना 3 आमख लखना 4 प र छद का नधारण करना 5 व ता क कथन को अ वकल प स तत करना 6 स क सकत को उ त करना समाचार लखन क लए दो कार क शल च लत ह - 1 वलोम परा मड शल और 2 उ व परा मड शल

152 वलोम परा मड शल

समाचार-लखन क लए कछ पार प रक नयम ह िजनका कमोबश आज भी योग होता ह उदाहरण क लए वलोम परा मड (Inverted Pyramid) शल परा मड का आधार आयताकार होता ह और शीष पहाड़ क चोट क तरह नक ला परा मड को उलटकर न क क बल पर खड़ा कर दया जाए तो उसका आधार ऊपर क तरफ होगा समाचार क सदभ म इसका अथ ह क समाचार का सार स प आर भ म ह द दया जाए ता क पाठक को एक ह नजर म पता लग जाए क आग या- या जानकार मलन वाल ह इसस पाठक म आग प न क उ सकता जागगी और य - य वह खबर पढ़ता जाएगा जानकार क परत एक-एक करक उभरती चल जाएगी वलोम परा मड शल स पाठक को श म ह ात हो जाता ह क समाचार म या ह दसरा य द पज का मकअप करत समय मटर या समाचार बढ़ जाता ह यानी जगह कम रहती ह तो आ खर क दो-तीन पर आसानी स काट जा सकत ह अत म गौण त य ह ह ग वलोम परा मड क सरचना दख ndash 1 इ ो

1 समाचार का सार 2 व तार 2 आमख (इ ो) का व तार 3 समापन 3 गौण ववरण

वलोम परा मड शल म कछ खा मया भी ह जस- समाचार क आरि भक भाग (इ ) म जानकार ठसन क को शश म वा य रचना क बो झल होन का खतरा रहता ह दसरा समाचार क श आत रोचक ढग स नह होती तीसर बात यह ह क शीषक और इ ो म वषय या जानकार क पनरावि त होती ह आग चलकर अ य त य दत समय उनका फर स उ लख करना पड़ जाता ह इन खा मय क बावजद वलोम परा मड शल समाचार को कम स कम थान या पि तय म जोड़न क ि ट स भी बह त उपयोगी ह समाचार म पर तरह और

बड़ी घटनाओ क खबर म काफ हद तक वलोम परा मड का अनसरण कया जाता ह वलोम परा मड शल (Inverted Pyramid) को इस कार तत कया जा सकता ह-

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वलोम परा मड शल को उ ट तपी प त क नाम स भी जाना जाता ह मी डया जगत म यह प त या शल वशष प स च लत और लोक य ह

153 ऊ व परा मड शल

ऊ व परा मड (Upright Pyramid) शल वलोम परा मड शल स एकदम उलट ह ऐस समाचार म सवा धक मह वपण अश को श म न दकर उसका आर भ सबस कम मह व क ववरण स कया जाता ह ल कन धीर-धीर मह वपण वषय को लया जाता ह और समाचार सवा धक मह व वाल ववरण पर समा त कया जाता ह इ ह नल बत अ भ च वाल समाचार भी कहा जाता ह ऊ व परा मड का उपयोग फ चर मानवीय अ भ च क समाचार म य त कया जाता ह इसम द जान वाल साम ी का म कछ इस कार रहता ह- 1 दलच प आर भ

2 गर मह वपण सचना 3 त य 4 व तार 5 मह वपण जानकार

1 सबस कम मह वपण सचना ल कन जो पाठक म उ सकता पदा कर

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2 समाचार स जड़ त य 3 व तार िजसम समाचार क प ठभ म भी शा मल ह 4 मह वपण जानकार 5 सवा धक मह वपण जानकार िजस समाचार का चम कष भी कहा जा सकता ह ऊ व परा मड शल (Upright Pyramid) को इस कार तत कया जा सकता ह-

154 समाचार लखन क नई शल

समाचार मा यम म समाचार लखन क लए आज भी वलोम परा मड शल का सवा धक योग होता ह ल कन इधर कछ वष म धीर-धीर ह सह समाचार लखन क कई नई श लय

का चलन भी बढ़ा ह पाठक नए तर क स लख जा रह इन समाचार को पसद कर रह ह इसका मख कारण यह ह क वलोम परा मड शल क अ धक योग क कारण समाचार मा यम म नीरसता और उबाऊपन सा आ जाता ह िजस तोड़न क लए नई श लय का योग बढ़ रहा ह नई श लय म सवा धक लोक य शल कथा मक या वणना मक शल ह इसम वलोम परा मड क बजाय समाचार को कथा मक वणना मक शल म लखा जाता ह इसम परा समाचार पढ़न स ह एक नर तरता बनती ह और उस वलोम परा मड क तरह कह भी सपा दत या काटा-छाटा नह जा सकता ह ऐस समाचार म ार भ स लकर अत तक पाठक क च बनी रह इस लए उ ह ऐसा लखा जाता ह क िजसम पाठक को कह भी उबाऊपन का अहसास नह हो अ जी क समाचारप ndash lsquoटाइ स ऑफ इ डयाrsquo lsquo ह द तान टाइ सrsquo lsquoइ डयन ए स स आ द समाचारप म कथा मक या वणाना मक शल म लख समाचार का चलन लगातार बढ़ रहा ह हद क समाचारप नवभारत टाइ सrsquo द नक ह द तान lsquoद नक भा करrsquo जनस ता आ द म इस शल म लख गए समाचार दखाई दत ह

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155 शीषक

मानव शर र म जो शीष का मह व ह वह समाचार म शीषक का शीषक समाचार का ाण और उसक सार का व ापन ह समाचार क शीषक स यह बोध हो सकता ह क समाचारप क वचारधारा नी त और पर परा कस कार ह शीषक समाचारप क मनोभावना का प ट त ब ब ह कोई भी समाचार या लख बना शीषक क का शत नह होत सबस

अ धक वह समाचारप बकत ह िजनक शीषक साथक पन स त और जीवत होत ह वा तव म शीषक ह बकत ह समाचारप नह शीषक क तीन उ य होत ह - 1 समाचार को व ा पत करना या उस काश म लाना 2 समाचार क मह वपण अश का सार कट करना 3 समाचारप क प ठ को साज-स जा क ि ट स स दर एव आकषक बनाना समाचारप म म यत न न शीषक का योग कया जाता ह - ॉसलाइन ॉपलाइन वलोम सोपानी पण पा त वलोम तपी क ट शीषक आ द मह वपण समाचार क लए गगन रखा और बनर (पताका) का योग कया जाता ह चट ल रसील भीषण तथा अ या शत समाचार को बा स (Box) म का शत कया जाता ह

156 व तार

समाचार लखन म इ ो या आमख लखन पर िजतना जोर दया जाता ह उतना जोर समाचार क व तार अथात अ य श द म समाचार क बॉडी लखन पर नह दया जाता इस लए कई बार अ छ इ ो क बावजद कमजोर व तार (बॉडी) क कारण समाचार अ भावी और अपठनीय हो जात ह वा तव म सवाददाता को कसी भी समाचार को उसक सपणता म दखना चा हए न क उसक अलग-अलग पहलओ जस इ ो व तार और समापन क तौर पर समाचार कापी लखन क कापी तयार करत ह ए सवाददाता को यह हमशा यान म रखना चा हए क इ ो क बाद समाचार क बॉडी म या होगा और वह कस आएगा इसक लए सवाददाता को यह स नि चत करना चा हए क इ ो और बॉडी क बीच एक नरतरता हो और पाठक को ऐसा न लग क समाचार क इ ो और बॉडी क बीच कोई सामज य ह नह ह कहा जा सकता ह क समाचार लखन क लए समाचार क बॉडी क अलावा बाक शर र भी मह वपण ह समाचार क बॉडी का मह व इस लए बढ़ जाता ह क इ ो म उ ल खत त य क या या और व लषण समाचार क बॉडी म होता ह समाचार क व तार म दो त य का यान रखना आव यक ह - 1 इ ो म दए गए त य क या या और 2 कम मह वपण त य को समाचार म या या पत करना इसस समाचार को या या पत करन म सहायता मलती ह जो आमतौर पर इ ो म नह आ पात

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157 समापन

समाचार का समापन कस कया जाए इस सदभ म कोई नि चत नयम या फामला नह ह परा मड शल म समाचार को उसक मह व और समाचार मा यम म उपल ध जगह क अनसार कह भी समा त कर सकत ह इस शल म लख समाचार म त य और सचनाओ को उनक घटत म म लखा जाता ह ऐस म समाचार क समापन क लए अलग स यास करन क कोई आव यकता नह ह फर भी इसक बावजद समाचार को इस तरह स समा त नह कया जाना चा हए िजसस उसका अथ प ट न हो या ऐसा लग क समाचार का अत अटपट ढग स कया गया ह समाचार का समापन करत समय इस त य को यान म रखना चा हए क उसम समाचार क मख त व आ गए ह समाचार क इ ो और समापन क म य एक मब ता होनी चा हए कछ समाचार का तो कोई अत या समापन ह नह हो सकता ह इस कार क समाचार म घटना म या वकास म को चलाकर समाचार का समापन कया जा सकता ह

16 समाचार लखन क मह वपण त व समाचार-लखन क आकषक क जो म य मल त व मान गए ह उनम 1 साम यकता 2 घटना थल ( काशन थल) 3 मानवीय च 4 आ मीयता एव 5 सामी य त व वशष मह व रखत ह इसी कार समाचार-लखन म कशलता एव वीणता ा त करन क लए चार गण मह वपण ह य ह - स यता प टता स च और स तता इ ह समाचार-लखन क चार सकार भी कहा जा सकता ह समाचार लखन क मह वपण त व ह - 1 साम यकता - साम यकता समाचार-लखन का सवा धक मह वपण गण ह कोई भी

समाचार चाह वह ट मी डया का हो या इल ॉ नक मी डया का नवीन घटनाओ एव वतमान जगत स िजतना अ धक जड़ा होगा उसम पाठक क उतनी ह अ धक च होगी समाचार का सबस बड़ा गण ह उसक ता का लकता या साम यकता उस नद क नर तर बहत जल- वाह क तरह नवीनतम होना चा हए घटना म क ती वाह क साथ-साथ समाचार का क य भी बदलता रहता ह यह साम यकता ह पराना या बासी पड़ गया समाचार एक तरह स समाचार नह रह जाता समाचार य द साम यक या नवीनतम न हो तो वह सवाद न होकर सदभ व लषण या आ यान बन जाता ह

2 घटना थल ( काशन थल) - समाचार का दसरा मह वपण गण उसका lsquoघटना- थलrsquo या काशन- थल ह आम पाठक क अपन आस-पास नगर या रा य क समाचार म दलच पी होना वाभा वक ह य क जो घटनाए पाठक क इद- गद घटती ह व उस अ धक भा वत करती ह

3 मानवीय च - रोजमरा क आपाधापी क िज दगी म कछ ऐसी ि थ तया आती ह जो जीवन क ि ट स अथपण होती ह आम तौर पर नताओ क भाषण बयान अपराध

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आतकवाद टाचार और सरकार व ि तया चनाव आ द समाचार क समाचारप म भरमार होती ह ल कन मानवीय च ndash lsquo यमन इटर टrsquo स जड़ समाचार का समाचारप म अभाव रहता ह मानवीय सवदनाओ और जीवन क कछ अ य त पहलओ को काश म लान वाल समाचार मानवीय च क समाचार क णी म आत ह ऐस समाचार को लखन क ढग स और रोचक भी बनाया जा सकता ह

4 आ मीयता - आ मीयताrsquo भी समाचार का एक बड़ा गण ह समाचार स जड़ी घटनाओ स पाठक िजतनी आ मीयता पाएगा वह उसस उतना ह भा वत होगा इसक अ त र त स यता नवीनता वयि तकता स या और आकार सशय और रह य आ द समाचार क ऐस त व ह िजनम समाचार क त आकषण उ प न होता ह

5 सामी य त व - समाचार लखन म सामी य का अपना वशष मह व ह सामी य का आशय नकटता स ह जो समाचार पाठक क नकट या आस-पास होगा वह उतना ह पाठक वारा पढ़ा जाएगा य क पाठक का अपन आस-पास क घटनाओ म च होना वाभा वक ह

17 समाचार लखन क पाच सकार समाचार-लखन म कशलता ा त करन पाच सकार को अव य यान म रखना चा हए य ह - 1 स यता 2 प टता 3 स च 4 स तता और 5 साम यकता 171 स यता ndash समाचार म स यता हो तथा समाचार कसी पवा ह या प पात स नह

लखा जाए स य को ठस पह चाना समाचार क आ मा को न ट करना ह समाचार म साम यकता भी म यवान होती ह ल कन स य भी उसस अ धक म यवान होता ह

172 प टता - समाचार सरल एव सहज भाषा म लखा जाए िजसस पाठक को समझन म कोई क ठनाई नह हो प टता समाचार का मह वपण ब द ह जो समाचार िजतना प ट होगा वह पाठक वारा अ धक पढ़ा जाएगा

173 स च - समाचार सदव स च ढग स लखा जाना चा हए िजसस पाठक क च उसम बनी रह

174 स तता - समाचार म थोड़ स श द स अ धक स अ धक बात कहन क मता हो स तता समाचार का व श ट गण ह

175 साम यकता - समाचार म साम यकता का सदव यान रखना चा हए समाचारप या यक पाठक सम-साम यक घटनाओ या समाचार क बार म जानना चाहता ह

बोध- न - 1 समाचार क प रभाषा द िजय

2 समाचार क छ ककार या ह

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helliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphellip helliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphellip 3 वलोम परा मड समाचार लखन या ह helliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphellip helliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphellip

18 साराश lsquoसमाचार अवधारणा एव लखन तकनीक इकाई पढ़ लन क बाद आप जान गए क समाचार कस कहत ह और समाचार लखन क तकनीक या ह इसम समाचार क व भ न प रभाषाओ क भी व तार स समी ा क ह साथ ह समाचार क मह व समाचार क ोत समाचार लखन समाचार क मह वपण त व और समाचार क पाच सकार क व तत ववचना क ह मी डया जगत म समाचार का अपना व श ट थान ह चाह वह ट मी डया हो या इल ॉ नक मी डया समाचार लखन म वलोम परा मड शल या उ ट परा मड शल का योग सवा धक होता ह ल कन इधर कछ वष स समाचार लखन म अनक नई श लय का योग हो रहा ह नई श लय म सवा धक लोक य शल कथा मक या वणना मक शल

ह अ जी एव ह द क समाचारप म इस शल का चलन बढ़ रहा ह

19 श दावल समाचारप - नय मत प स त दन का शत होन वाल द नक समाचारप कहलात ह भारत क स ए ड रिज शन ऑफ ब स ए ट क अनसार ndash lsquoसमाचारप कोई भी नि चत अव ध म का शत होन वाला प ह िजसम सावज नक समाचार या ऐस समाचार पर ट प णया हो rsquo यह प रभाषा समाचार स जड़ी हर प का को समाचारप क प र ध म शा मल कर दती ह समाचार सकलन - सवाददाता वारा अपनी सझबझ प र म और साहस स व भ न ोत स समाचार ा त करना ढढना खोजना जनसपक करना वय घटना- थल तक पह चकर समाचार ा त करना आ द समाचार सकलन कहलाता ह समाचार क त व - समाचार को समाचार व दान करन वाल त य ह - 1 जानकार 2 नवीनता 3 बह स यक क अ धकतम च 4 उ तजक सचना और 5 प रवतन क सचना फ चर - प का रता म फ चर लखन एक वशष वधा ह इसका उ य सामा य पाठक का मनोरजन करना ह अथवा उसक जानकार बढ़ाना ह फ चर कसी रोचक वषय पर मनोरजक शल म लखा गया लख ह सवाददाता - समाचारप को सवाद या समाचार भजन वाला प कार सवाददाता कहलाता ह सवाददाता भी दो तरह क होत ह - 1 थानीय और 2 अ य थान स समाचार एक कर डाक फ स फोन आ द स भजन वाल

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इ ो या आमख - समाचार का आर भक भाग िजस आमख भी कहा जाता ह इसम समाचार क ाय एक या दो या अ धक मह वपण अश का सकत होता ह ककार - समाचार लखन म छ ककार का अपना मह वपण थान ह य ककार ह- या कहा य कस कौन और कब इनवटड परा मड वलोम परा मड - समाचार क आर भक वा य म ह मह व क अनसार जानकार दन का स ा त इसम सबस मह वपण जानकार पहल द जाती ह और गौण यौर अत म अपराइट परा मडऊ व परा मड - मानवीय सवदना उजागर करन या उभारन वाल समाचार म घटना या उसक मह वपण यौर आर भ म न दकर बाद म उनका उ लख कया जाता ह

110 कछ उपयोगी प तक 1 सपादन प ठ स जा और म ण - ो रमश जन (मगलद प पि लकश स जयपर) 2 जनसचार व वकोश - ो रमश जन (नशनल पि ल शग हाऊस जयपर एव द ल ) 3 ट मी डया लखन - ो रमश जन (मगलद प पि लकश स जयपर) 4 समाचार सपादन - मनाथ चतवद (एकड मक पि लशस नई द ल ) 5 समाचार सकलन और लखन - डॉ नद कशोर खा ( ह द स म त लखनऊ) 6 सवाद और सवाददाता - राज (ह रयाणा सा ह य अकादमी चडीगढ़) 7 समाचार अवधारणा और लखन कया सपादक- सभाष ध लया एव आनद धान

(भारतीय जनसचार स थान नई द ल ) 8 प का रता क व भ न वधाए - डॉ नशात सह (राधा पि लकश स नई द ल ) 9 योजनमलक हद - ो रमश जन (नशनल पि ल शग हाउस जयपर)

111 अ यासाथ न 1 समाचार या ह समाचार क प रभाषा समझात ह ए समाचार- ोत क वग करण पर काश

डा लए 2 समाचार लखन क तकनीक क व तत ववचना क िजए 3 समाचार सकलन क बाद सवा धक मह वपण काय समाचार लखन का ह rdquo इस कथन क

समी ा क िजए 4 ldquo वलोम परा मड शल समाचार लखन का ब नयाद स ा त ह यह समाचार लखन का

सबस सरल उपयोगी और यावहा रक स ा त ह समी ा क िजए 5 इ ो स आप या समझत ह एक अ छ इ ो क वशषताए बताइए 6 समाचार क पाच सकार कौन स ह आप इन सकार म स कन सकार को उपयोगी और

भावी मानत ह व तार स बताइए 7 समाचार लखन क मह वपण त व कौन-कौन स ह इन त व का व तत प रचय द िजए

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8 समाचार-सकलन क मख ोत या ह यि त ह समाचार क ोत होत ह इस कथन क समी ा क िजए

9 स त ट प णया ल खए ndash 1 समाचार का व प 2 समाचार क कार 3 समाचार का मह व 4 समाचार लखन क नई श लया 5 छ ककार 6 समाचार क शीषक

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इकाई-2 सवाददाता समाचार ोत एव सकलन

इकाई क परखा 20 उ य 21 तावना 22 सवाददाता स आशय 23 सवाददाताओ क णया काय वभाजन

231 कायालय सवाददाता 232 वशष सवाददाता 233 अशका लक सवाददाता 234 काय क आधार पर सवाददाता

2341 लाइनर 2342 ि गर 2343 पणका लक सवाददाता 2344 टाफस

235 प कार वतन मडल वारा नधा रत सवाददाता 2351 वशष सवाददाता 2352 म य कायालय सवाददाता 2353 उप म य कायालय सवाददाता 2354 रपोटर 2355 सवाददाता 2356 वदश सवाददाता

24 समाचार व प एव आशय 241 समाचार क कार

2411 व श ट समाचार 2412 यापी समाचार

25 समाचार क ोत 251 या शत ोत 252 अ या शत ोत 253 पवानमा नत ोत

26 समाचार सकलन 261 स व ि त 262 प लस थान एव अ पताल 263 सरकार एव गर सरकार स थान

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264 स स मलन 265 जनस पक वभाग 266 सा ा कार 267 यज एजि सया

27 समाचार लखन एव ततीकरण 28 समाचार का अनवतन साराश 29 साराश 210 श दावल 211 कछ उपयोगी प तक 212 अ यासाथ न

20 उ य यह सचना यग ह सचना ससाधन का नय ण और उपयोग जो कर सकता ह वह शि तशाल ह दरअसल यह सचनाओ क व फोट का दौर ह आप नह भी चाहग तब भी सचनाए आपक इद- गद घमगी और आपक सरोकार उनम तय करगी ह इस इकाई म आपको समाचार दन वाल सवाददाता समाचार ोत एव सकलन क बार म ह जानकार द जा रह ह इस इकाई क अ ययन उपरा त आप - सवाददाता स आशय उसक प रभाषा क बार म जान सकग सवाददाता क व भ न णया एव उसक काय वभाजन को समझ सकग समाचार क प रभाषा एव उसक व प को जान सकग समाचार क व भ न ोत एव सकलन तकनीक क बार म जान सकग समाचार लखन तकनीक एव उसक व प को समझ सकग

21 तावना सचना ौ यो गक क इस यग म व व भर क द रया अब समा त हो गयी ह दरसचार क यटर-इटरनट और सटलाईट क ज रए पलभर म व व क एक कोन स दसर कोन तक सदश का सारण सभव होन क साथ ह मी डया क पार प रक व प म भी तजी स बदलाव आया ह समाचारप क इ टरनट स करण आन क साथ ह उनक पह च दश द रय को समा त कर चक ह आप अम रका म बठ ह और वहा ह द तान क कसी छोट स िजल स का शत द नक समाचार का आ वाद लना चाहत ह तो त काल इ टरनट स जड़ क यटर पर जाए आपको वहा वह अखबार अपन पर कलवर क साथ मौजद मलगा-नवीनतम सचनाओ क साथ ऐसा ह ट वी क साथ हआ ह इतन अ धक सटलाईट चनल का आकाश माग स व व म वश हो चका ह क आप द नया जहान म घ टत पल-पल क समाचार को दख-सन सकत ह ऐसा जब हो रहा ह तो वाभा वक ह ह क समाचार लखन वाल तत करन वाल सवाददाता का काय भी अब बहद चनौतीपण हो गया ह समाचारप एव इल ॉ नक मी डया म काय करन वाल सवाददाता ह व मह वपण कड़ी ह जो पल-पल क समाचार को एक थान स दसर

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थान तक पह चात ह ऐस म सवाददाता क भ मका समाचार क लए य त उसक ोत क आयाम भी नरतर बदल ह ट एव इल ॉ नक मी डया म सवाददाता क या ह भ मका कौनस ह उसक ोत कस करता ह वह समाचार का सकलन और कस उनक करता ह त त इस इकाई म इ ह पर काश डालन का यास कया गया ह

22 सवाददाता स आशय सवाददाता का सामा य तौर पर अथ कर तो पाएग-सवाद दन वाला शाि दक अथ म कह तो कसी घटना वशष क सबध म त या मक जानकार दान करन का काय ह एक कार स lsquoसवादrsquo कहलाता ह ऐस म जो यह काय करता ह उस सवाददाता या रपोटर कह सकत ह सवाद का अथ कहन सचना दन अथवा कसी घटना का ववरण तत करन स ह इस कार स जब सवाद स षण कया जाता ह तो उस प का रता क भाषा म रपो टग कहा जाएगा रपोटर बह स य लोग क उपयोग क जानका रय को ट या इल ॉ नक मी डया क मा यम स स षण करता ह इस ऐस भी कहा जा सकता ह क जो रपोट या समाचार लखन ततीकरण का काय करता ह उस सवाददाता कहा जाएगा पहल समाचारप क काशन क म यालय पर तनात रपोटर कह जात थ और जो म यालय स बाहर स समाचार भजत थ उ ह सवाददाता कहा जाता था सवाददाता समाज क बह स यक लोग क च वाल सचनाओ को समाचार क प म पाठक दशक या फर ोता या फर इन सबक लए ह तत करन का काय करता ह वह सचनाओ क मह व को समझत ह ए उनका व रत आकलन ह नह करता बि क कम स कम समय म उस अ धक स अ धक लोग तक पह चान का काय करता ह सचना क मह व उसक उपयो गता को समझत ह ए उस समाचार क प म जब सवाददाता

तत करता ह तो उस यह भी दखना होता ह क उसका असर पढ़न सनन या दखन वाल पर या होगा ट एच कॉट क अनसार ndash ldquoप कार या सवाददाता वह यि त ह जो थोड़-थोड़ समय क अतर पर का शत अपनी रचनाओ स जनमत को एक नि चत दशा म भा वत करता ह डॉ नशात सह क मतानसार ndash ldquo कसी घटना वशष क बार म अ य यि तय को त या मक जानकार दना lsquoसवादrsquoकहलाता ह और इस काय को करनवाला यि त सवाददाता या रपोटर कहलाता ह व र ठ प कार एव लखक ानश उपा याय क श द म ndash ldquoसवाददाता वह ह जो नर समाज क जनोपयोगी स चाइय स समाज का ल खत स- वर स- य सा ा कार करवाता ह rdquo डॉ मह मधप का कहना ह- बहउपयोगी सचनाओ क स षण क सवाहक को सवाददाता कहा जाएगा वह ट एव इल ॉ नक मी डया क लए अ धकतम लोग क च क जानका रया ह नह जटाता बि क उ ह आकषक ढग स इस कार तत करता ह क लोग क उ सकता उसम बनी रह इन प रभाषाओ क आधार पर प टत यह कहा जा सकता ह क सवाददाता जनोपयोगी नवीनतम घटनाओ जानका रय क सवाद का स षण ह नह करता बि क जनमत नमाण

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म भी मह वपण भ मका नभाता ह प का रता को लोकत का चौथा त भ कहा गया ह सवाददाता इस चौथ त भ क वह बहद मह वपण कड़ी ह जो समाचार क मा यम स जनता क न ज को टटोलत अ भ यि त क वत ता का सह मायन म इ तमाल करत ह ए लोकत क नीव को मजबत करता ह

23 सवाददाता क णया एव काय वभाजन समाचार सकलन क ि ट स सवाददाताओ क अलग-अलग णया बनी ह ई ह ट एव इल ॉ नक मी डया क लए काय करन वाल सवाददाताओ को उनक काय क हसाब स वग कत कया जाता ह एक समय था जब समाचारप क एक या दो स करण ह अ धका धक हआ करत थ आज ि थ तया बदल चक ह ीय प का रता क इस दौर म समाचारप क िजलवार स करण का शत होन लग ह यहा तक क उपखड तर क भी प ठ अलग स समाचारप म दय जात ह ऐस म सवाददाताओ क स या म भी पहल स कई गना बढ़ोतर हो गयी ह अब अलग-अलग वषय क समाचार क लए अलग-अलग बीट का नधारण होता ह मसलन अपराध समाचार ह तो उस बीट को अलग स एक सवाददाता दखता ह ऐस ह सा क तक राजनी तक धा मक आ थक आ द अलग-अलग वषय क बीट क भी अलग-अलग सवाददाता नधा रत होत ह यह नह िजस कार स सरकार म अलग-अलग वभाग क अलग-अलग अ धकार होत ह उसी कार स समाचारप म भी अलग-अलग वषय क लए अलग-अलग नधा रत सवाददाता होत ह व सवाददाता अपन वषय स सब धत समाचार को ह दखत ह इसी कार थान क आधार पर भी सवाददाता क अलग-अलग णया ह समाचार सकलन क अतगत मोट तौर पर सवाददाताओ क तीन णया क ह ई ह

231 कायालय सवाददाता

समाचारप क काशन थल पर थानीय समाचार का सकलन कर उनका जो लखन करत ह उ ह कायालय सवाददाता क णी म रखा जाता ह कायालय सवाददाता समाचारप कायालय म आन वाल समाचार को भी समाचारप क तवर क हसाब स लखत ह थानीय वषय पर सरकार एव गर सरकार स व ि तया तथा व भ न आयोजन आ द क सबध म समाचार एक कर उस लखन का काय कायालय सवाददाता अममन करता ह ट मी डया क अतगत भी आन वाल स व ि तया व भ न समाचार योर को वहा क कायालय सवाददाता एक कर सपा दत कर उस सारण यो य बनात ह ए यापक लोग तक पह चान क यव था करत ह

232 वशष सवाददाता

रा य और रा य तर य समाचार का सकलन कर उनका व लषण करत ह ए लखन का काय समाचारप म कायरत वशष सवाददाताओ वारा कया जाता ह वशष सवाददाता समाचार क न ज को पहचानत ह ए त नसार उसका कलवर समाचारप

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क लए नधा रत करत ह ए खबर क तह तक जान का यास करत ह ए सब धत व भ न अ य समाचार स उस सब करत ह ए समाचार लखता ह एक अनभवी प कार होन क नात वशष सवाददाता समाचार लखत समय घटना या वषय का व लषण ह नह करत बि क व उसक भ व य म होन वाल प रणाम का ववचन भी करता ह ऐस ह इल ॉ नक मी डया क वशष सवाददाता कसी राजनी तक समाचार वशष घटना क समाचार व श ट सचना आ द का पण व लषण करत ह ए ता कक ढग स उसक प रणाम और उसक लोग पर पड़न वाल असर क बार म योरा बनात ह ए उस यापक दशक ोताओ तक पह चात ह ऐस म व घटना थल पर वय पह चकर वहा क य- य साम ी भी जटात ह उदाहरण क लए लखनऊ स का शत होन वाल समाचारप म लखनऊ नगर म समाचार का उ तरदा य व कायालय सवाददाता या रपोटर का होता ह

233 अशका लक सवाददाता

अशका लक सवाददाता व होत ह जो कसी समाचारप समाचार एज सी क लए दर दराज क इलाक स समाचार एक कर का शत करन हत भजवात ह बड़ समाचारप क सवाददाता हाला क दश क राजधा नय बड़ नगर म भी तनात होत ह पर त दर-दराज क शहर गाव म समाचार क उनक ोत अशका लक सवाददाता ह होत ह ऐस ह इल ॉ नक मी डया म ऐस सवाददाताओ को ि गर कहा जाता ह व घटना या वशष वषय का योरा य या य या फर य- य दोन ह प म सारण क लए भजवात ह

234 काय क आधार पर सवाददाता

सवाददाता क इन णय क अलावा ट एव इल ॉ नक मी डया म बह त स तर पर प कार जड़ होत ह मी डया म काय क व त क हसाब स उनका नामकरण भी अलग-अलग थान पर अलग-अलग कया हआ ह काया धकता क कारण सवाददाताओ क जो अ य णया क ह ई ह व इस कार ह-

2341 लाइनर

य व सवाददाता होत ह जो समाचारप क थायी कमचार नह होत इ ह उनक का शत समाचार क पि तया (कॉलम) क अनसार अपन काय का पा र मक मलता ह छोट-छोट क ब गाव म बड़ समाचारप क लए लाइनर ह सवाददाता का काय करत ह य समाचारप क लए व ापन जटान का काय भी करत ह

2342 ि गर

लाइनर स कछ बहतर ि थ त ि गर क होती ह भल ह य थायी कमचार नह होत पर त इ ह िजस ट या इल ॉ नक मी डया क लए काय करत ह उस मी डया क ओर स प कार को द जान वाल सामा य स वधाए उपल य करायी जाती ह

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तमाह इ ह एक नधा रत रा श अपन प का रता कम क लए दान क जाती ह आजकल इल ॉ नक मी डया म तो अ धकाशत ि गर ह तनात होत ह िजनक पास वय क कमर होत ह सब धत इल ॉ नक मी डया क लए य ि गर य

य- य साम ी भजवात ह

2343 पणका लक सवाददाता

जसा क नाम स ह व दत ह य समाचारप या इल ॉ नक मी डया चनल क नय मत प कार होत ह मी डया ह आव यकता क अनसार य कसी िजला म यालय या अ य थान पर नय त होत ह और इ ह उपसपादक क समान स वधाए वतन ा त होता ह

2344 टाफस

सामा यतया रा य क राजधा नय म टाफस लग होत ह इनका सीधा सबध समाचारप या चनल क म य कायालय स होता ह बड़ समाचारप और इल ॉ नक मी डया क बड़ चनल वारा ह टाफस रख जान क पर परा ह च क इ ह नय मत प कार क स वधाए और ट स दया होता ह

235 प कार वतन मडल वारा नधा रत सवाददाता

ट एव इल ॉ नक मी डया म सवाददाताओ क नयि त अपनी स वधा और तर क हसाब स क होती ह पर त प कार वतन मडल वारा सवाददाताओ क जो णया नधा रत क ह ई ह व इस कार स ह-

2351 वशष सवाददाता ( पशल कॉरसप डट)

प कार वतन मडल क मानदड क अतगत वशष सवाददाता उस माना गया ह जो कसी समाचारप क लए ससद य राजनी तक और आम जन क मह व क सभी समाचार को सक लत करत ह ए उनक समी ा करता ह वशष सवाददाता द ल म भारत सरकार वारा मा यता ा त होता ह और वदश म नय त कया हआ भी हो सकता ह ऐस प रभाषा म उन प कार को भी शा मल कया गया ह जो ससद य राजनी तक या सामा य जन म क समाचार क सकलन एव लखन क साथ एक स अ धक रा य म या कसी ऐस रा य या कसी ऐस थान पर जहा उनस ऐसा ह काय करन को कहा गया ह काम करत ह

2352 म य कायालय सवाददाता (चीफ रपोटर)

चीफ रपोटर क णी म उन प कार को शा मल कया गया ह जो समाचारप क काशन क थान पर सभी कायालय सवाददाताओ क मख क प म काय करता

हो चीफ रपोटर उस माना गया ह जो कायालय सवाददाताओ क काय क दखभाल करता ह और वय नय मत प स वधान-मडल य राजनी तक तथा सामा य मह व क समाचार का सकलन और उनक या या करता ह

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2353 उप म य कायालय सवाददाता या व र ठ सवाददाता

उप म य सवाददाता क णी म व प कार आत ह जो म य कायालय सवाददाता क उसक काय म सहायता करत ह तथा उनक अनपि थ त म उसक काय का वहन भी करत ह ऐस ह व र ठ सवाददाता उस कहा जाता ह जो समाचारप क काशन क थान पर समाचार का सकलन करता ह व र ठ सवाददाता उस कहा जाता ह िजस सवाददाता क प म काय करन का कम स कम पाच वष का अनभव हो

2354 रपोटर

रपोटर समाचार को ा त कर उस समाचारप क लए सामा यतया लखन का काय करता ह समाचारप म प कार क प म कसी यि त क श आत समाचारदाता क प म ह होती ह रपोटर का काम एक प क काशन थल या कसी अ य वशष थान पर समाचार का सकलन कर उस समाचारप क लए तत करना होता ह

2355 सवाददाता

प कार वतन मडल क अनसार सवाददाता वह यि त होता ह जो समाचारप का शत होन वाल थान स दर रहकर समाचार को एक कर उ ह फ स इ टरनट

तार डाक या फर अ य कसी भी सचार मा यम स समाचारप कायालय तक पह चाता ह

2356 वदश सवाददाता

वदश सवाददाता उस कहा जाता ह जो िजस दश म समाचारप का शत होता ह उसस भ न कसी दसर दश म रहकर उस समाचारप क लए समाचार सकलन का काय करता ह ऐसा सवाददाता आम तौर पर सवाद स म तय या फर कसी बड़ समाचारप क लए काय करता ह सवाददाताओ क उपय त णया म यत प कार वतन म क आधार पर कया हआ ह वतन म क अनसार ह प कार का यह वग करण ऐसा ह जो वत ह उनक क न ठता और व र ठता क बार म भी जानकार द दता ह यह ज र नह ह क सभी समाचारप म उपय त बताए कार क सभी सवाददाताओ क णया ह पर त मोट तौर सवाददाताओ का वभाजन इसी आधार पर कया हआ ह

24 समाचार व प एव आशय समाचार अ जी श द ldquo यजrdquo का ह द अनवाद ह यज दरअसल म यकाल न ल टन श द ldquoनोवाrdquo स बना ह यज स ह बाद म यज पपर अथात समाचारप श द योग म आया म ण कला क वकास क साथ समाचारप का नरतर यापक होता चला गया इ लड क ldquo यज पपर लायबल रिज शन ए टrdquo क अनसार ldquoकोई भी परचा समाचारप कहा जायगा

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बशत क उसम सावज नक समाचार सचनाए छपी हो अथवा इन समाचार क सबध म कोई ट का- ट पणी हो और वह एक नि चत अव ध क बाद ब क लए का शत होता हो rdquo समाचारप क बार म इस कथन स यह बात प ट होती ह क सावज नक सचनाओ को यापक अथ म समाचार कहा जाता ह अब तो समाचार श द ह सचना क सार का योतक बन गया ह मोट तौर पर यह कहा जा सकता ह क मन य क च को यान म रखत ह ए एका धक लोग तक पह चाई जान वाल सचना क अ भ यि त को समाचार कहा जाता ह समाचार को कसी वशष अथ म प रभा षत नह कया जा सकता च क इसका अ य धक यापक ह ट और इल ॉ नक मी डया क इस दौर म समाचारप म का शत सचनाओ को ह समाचार नह कहा जा सकता बि क सारण क व भ न मा यम म तत क जान वाल सचनाओ क व वध प भी समाचार स ह सब धत मान जायग सामा यतया समाचारप क सदभ म समाचार वह ह िजस सपादक का शत करना चाह या सपादक िजस लख वह समाचार ह समाचार अथात घटना त य या मत क ऐसी साम यक सचना िजसक बार म जानन क लए यापक वग को उ सकता हो ऐसा भी कहा जाता ह क िजसक बार म कछ समय पहल तक कसी कार क जानकार नह हो समाचार वह स चाई ह समाचार क बार म बह च लत प रभाषा यह भी द जाती ह क क ता अगर आदमी को काट ल तो वह समाचार नह ह य द आदमी क त को काट ल तो उस समाचार कहग इसका अथ यह हआ क अ या शत ऐसी सचना िजसक बार म सामा यतया अनमान नह लगाया जाता वह समाचार ह कहलायगी मी डया म समाचार क बार म एक अवधारणा यह भी खासा च लत ह क िजस सचना को लोग को जानन न दन अथात दबान का यास कया जाता ह वह समाचार या खबर कहलाता ह शाि दक अथ म दख तो समाचार को अ जी श द NEWS क ह द पा तरण क प म भी दखा जाता ह NEWS क उ प त NEW स ल जाती ह अथात नवीन जो कछ नया ह िजसम नवीनता का बोध हो ऐसा माना जाता ह क NEW का सम चय NEWS ह हडन कोश क अनसार ldquoसब दशाओ क घटनाओ को समाचार कहा जाता ह rdquo इस अथ म NEWS श द क चार अ र चार दशाओ क आ या र ह NEWS क पहल अ र N को NORTH E को EAST W को WEST व S को SOUTH क अतगत चार दशाओ का सचक मानत ह ए इसका अथ लगाया जाता ह च क समाचार क अतगत चार दशाओ स समाचार व सचनाओ का आदान- दान जो होता ह प का रता का ाणत व समाचार ह जामना जाना जाता ह व तात खबर ववरण सचना को समाचार क पयाय क प म दखा जाता ह अमरकोश म वाता बि त तथा उद त श द समाचार क लए य त ह ए ह ऐस म यह कहा जा सकता ह क सवाद स षण क अतगत बह उपयोगी घटना क पर जानकार दन का काय समाचार क अतगत कया जाता ह अ जी क बाद ह द म य द समाचार श द का व लषण कर तो पायग क ह द वणमाला क चार श द स+म+च+र = समचर बना ह समचर का ता पय साथ-साथ चलन स ह इस अथ म समाचार समाचार दाता और ा तकता क साथ-साथ ह तातरण स सब धत ह

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समाचार का अथ समाज को स चत करन स ह इसम सचना दना और लना दोन ह स म लत ह कल मलाकर समाचार का अ भ ाय द नक जीवन को सहज सरल और कछ रोचक बनान क लए मलन वाल ान अथात सचनाओ स ह मन य सामािजक ाणी ह और वह अपन आस-पास क प रवश स कभी भी अलग नह रह सकता ऐस म समाचार का मन य स जड़ाव नरतर बना रहता ह एक दसर क बार म जानन क उ सकता सहज मानवीय वाभाव ह आचाय रामच वमा क अनसार ndash ldquoसमाचार का अथ आग बढ़ना चलना अ छ आचरण अथवा यवहार ह म य और परवत काल म कसी काय या यापार क सचना को समाचार मानत थ rdquo ो व लयम जी लयर क श द म ndash ldquoअनक यि तय क अ भ च िजस साम यक बात

म हो वह समाचार ह ठ समाचार वह ह िजसम बह स यक क अ धकतम च हो rdquo मानच टर गािजयन क अनसार ndash ldquoसमाचार कसी अनोखी या असाधारण घटना क अ वल ब सचना को कहत ह ऐसी सचना िजसक बार म लोग ाय पहल कछ न जानत हो पर त िजस तर त ह जानन क अ धक स अ धक लोग म च हो rdquo व लयम एल रवस क मतानसार ndash ldquoघटनाओ त य और वचार क साम यक रपोट िजसम पया त लोग क च हो समाचार ह rdquo जाज एच मौ रस कहत ह ndash ldquoसमाचार ज द म लखा गया इ तहास ह टनर कॉलज - rsquoवह सभी कछ िजसस आप कल तक अन भइा थ समाचार ह जरा ड ड य जॉनसन क अनसार- ldquoसाधारण यवहार म समाचार व ह जो अखबार म छपत ह और अखबार व ह िज ह समाचारप म काम करन वाल तयार करत ह ो रमश जन क श द म ndash ldquoस य साम यक और बह स यक यि तय क िजसम च हो

वह सचना समाचार ह इन प रभाषाओ क आधार पर प टत यह कहा जा सकता ह क समाचार वह ह िजसम बह स यक लोग क जानन क उ सकता हो जो नवीन हो िजसम ग त हो जो साम यक घटनाओ और वषय को अ भ य त करती हो व तत सचनाओ क व फोट क इस दौर म समाचार साम यक घटनाओ क इ तहास क प म ट एव इल ॉ नक मी डया क वह धरोहर ह िजसस हर आम और खास का सरोकार जड़ा होता ह

241 समाचार क कार

समाचार क म यत दो कार ह - 1 सीधा समाचार 2 या या मक समाचार सीधा समाचार वह होता ह जो सरल प ट और सह त या मक प म ववरणा मक लखा जाता ह इसक अतगत त य को य का य तत कर दया जाता ह उनक या या नह क जाती या या मक समाचार घटना या त य क व लषण पर आधा रत होत ह इसक अतगत समाचार क त य क गहर खोजबीन करत

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उसक पण प रवश और भ व य म पड़न वाल त य क भाव का व लषणा मक यौरा तत कया जाता ह इसी कार घटना क मह व क हसाब स दख तो समाचार को दो और भाग म वभ त कर समझा जा सकता ह

2411 व श ट समाचार ( पॉट यज)

व श ट समाचार व होत ह जो अचानक घ टत कसी घटना या सचना क अ या शत मोड़ क आधार पर लख जात ह अथात य व समाचार होत ह िजनक बार म पहल स कसी कार का अनमान नह होता जब कोई घटना घट जाती ह तो उसका वशष मह व और जो भाव पड़ता ह वह समाचार म आता ह स प म कह तो य साम यक और अ यतन होत ह व श ट होन क कारण ाय ऐस समाचार म य प ठ क खबर बनत ह अचानक और अ या शत घटना स जड़ होन क कारण ऐस समाचार का मह व कई बार इतना अ धक होता ह क समाचारप क छपाई रोककर पव समाचार को गौण करत इ ह थान दया जाता ह ऐस ह इल ॉ नक मी डया क अतगत ऐस समाचार चल रह सारण क म य वशष थान पात ह

2412 यापी समाचार ( ड यज)

जसा क श द स ह ात होता ह य व समाचार होत ह जो अपन मह व और भाव स पर तरह अपना फलाव करत ह अपन आप म पण ऐस समाचार घटना या सग क सवाहक बनत व तार पात ह ऐस समाचार कसी व श ट घटना या सग स मह व पात और दसर भा वत होन वाल घटनाओ क छोट-छोट अश क साथ पण प स या या मक अपना प दखात ह मसलन रा प त पद पर कसी का

मनोनयन होना कल तक साधारण प म समाज का ह सा बना यि त जब दश क सव च पद पर आसीन होता ह तो उसस सब व भ न कार क सचनाए भी अपना मह व जतात यापक व तार पाती ह ट एव इल ॉ नक मी डया म इस कार क समाचार को वशष थान मलता ह और उनका ततीकरण भी खासा

रोचक होता ह समाचार को य तो कसी तयशदा ढाच म नह रखा जा सकता परत फर भी थान घटना आ द क आधार पर उ ह अलग-अलग प म वग कत कया जा सकता ह मसलन थानीय समाचार ातीय समाचार अतदशीय और अतरा य समाचार इनक अतगत भी समाचार का अलग-अलग प म वषय क हसाब स वग करण कया जा सकता ह यथा खल समाचार व ध समाचार आ थक राजन तक सामािजक सा क तक व ा नक सरकार स व ि त आ द

25 समाचार क ोत समाचार क व भ न ोत होत ह एक सवाददाता को अ छ समाचार क लए ल खत ोत वशष आम या भ तभोगी लोग घटना स सब धत लोग को ोत क प म योग करना होता ह खास प रि थ तय म सवाददाता वय घटना थल जाकर खद भी सचनाओ का ोत

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हो सकता ह समाचार क ोत य भी हो सकत ह और अ य भी हो सकत ह समाचार लखन वाल सवाददाता का िजतना सम जनस पक होगा उतना ह वह समाचार क मामल म सम होगा समाचार क व भ न ोत इस कार स ह-

251 या शत ोत

या शत ोत व होत ह िजनस सीध तौर पर समाचार ा त कया जा सकता ह व भ न सामािजक स थाए धा मक थल नगर वकास याय वकास ा धकरण प लस टशन अ पताल ससद और वधानसभाए सरकार कायालय

प कार स मलन सावज नक समारोह अदालत क फसल आ द या शत ोत क समाचार होत ह या शत ोत स ा त समाचार को समाचारप -प काओ अथवा इल ॉ नक मी डया क लए बहद सावधानी रखत ह ए सपा दत करक ह काशन या सारण यो य बनाया जाता ह

252 अ या शत ोत

पहल स कसी घटना का अनमान नह हो और अचानक वह घट जाए और उसस जब समाचार बनता ह तो वह अ या शत ोत णी का समाचार माना जाता ह मसलन सब कछ सामा य चलत ह ए औचक कह पर कोई बड़ी दघटना हो जाती ह आगजनी हो जाती ह या फर कसी स थान वभाग क अतगत मह वपण फसल स यापक वग पर बह त बड़ा भाव पड़न जा रहा हो और उसक बार म सवाददाता को वहा ऐस ह जान पर सहज जानकार मल जाती ह तो वह उस समाचार का मह व जानत ह ए जब उस पता लगाता ह तो वह अ या शत ोत का समाचार हो जाता ह ऐस ह सवाददाता घर स कायालय क लए रवाना हआ रा त म फक प लस क मनमानी या बगर रसीद काट चालान काट जान को अपनी आख स दखता ह तो इस दशा म और खोज-बीन ारभ कर मह वपण त य जटा लता ह तो अनायास ह उस अ या शत ोत स कई बार मह वपण समाचार मल जाता ह समाचार क लए य ऐस ोत होत ह जो पहल स तय नह होत ह अनायास ह उनस समाचार बन जात ह

253 पवानमा नत ोत

वषय घटनाओ सग क सबध म पहल स अनमान लगाकर लख जान वाल समाचार पवानमा नत ोत मान जात ह पवानमा नत ोत समाचार लखक क तक शि त बौ क मता भ व य को भाप लन क यो यता आ द पर नभर करती ह समाचार प -प काओ एव इल ॉ नक मी डया क अतगत ऐस ोत क इ तमाल स कई बार बहद मह वपण समाचार का काशन सारण सभव हो जाता ह कसी घटना सग क सकत स ह सवाददाता यह समझ लता ह क भ व य म इसक या प रण त होनी ह इसी आधार पर कई बार व श ट समाचार मी डया को ा त

हो जात ह कई बार ऐसा भी होता ह क मौसम व ान क कसी शोध अनसधान

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को लकर भी इस कार क अनमान लगाए जात ह जो भ व य म सच होत ह या फर चनाव क दौरान भी सवाददाता जनता क लहर को दखत ह ए एि जट पोल जसा कोई वशष समाचार लख दत ह पवानमा नत समाचार ोत पणत सवाददाता क ववक और ब पर ह नभर होता ह म यत समाचार क ोत को उपय त तीन णय म ह बाट कर दखा जाता ह पर त इनक अलावा भी समाचार क व भ न य एव अ य ोत होत ह समाचारप म जब कोई समाचार का शत होता ह तो उसक व भ न ोत क बार म भी जानकार द जाती ह कसी समाचारप म उसक थायी कमचार सवाददाताओ क साथ ह अशका लक और वत प कार क लख समाचार भी का शत कय जात ह समाचार क ोत कसी भी तर क हो सकत ह समाचार

प -प काओ और इल ॉ नक मी डया क व भ न मा यम क वारा य एव अ य ोत स समाचार सक लत कर उनका त तकरण कया जाता ह

26 समाचार सकलन समाचारप क लए कसी समाचार का लखन या इल ॉ नक मी डया क लए समाचार का सारण कया जाता ह तो नधा रत ोत क साथ ह बह त स यि तगत ोत का भी सहारा

लता ह सबस पहल तो व सब जानका रया जो कसी न कसी प म पहल स ह मी डया म उपल ध ह उसम हम एक समाचार क प म वक सत कर सकत ह और इस ि ट स यह हमारा समाचार का ोत ह अथात यहा स हम समाचार का वचार आया या उसक पहल सचना ा त ह ई इसक अलावा आम लोग भी कायालय आकर या जहा कह हम उनस मलत ह हम इस तरह क सचना दत ह िज ह हम समाचार क प म वक सत कर सकत ह

कई बार समाचार एजि सय भी ऐस समाचार को जार करती ह िज ह ह बह उपयोग म लन क बजाय उनक आधार पर उसस सब धत और खोजबीन करक मह वपण समाचार का सजन प कार कर लत ह समाचार एज सी न मान ल िजए राजधानी द ल स सब धत कोई राजनी तक समाचार जार कया ह थानीय ग त व धय को उसम सि म लत करत ह ए जब प कार त य स सब धत और भी जानका रया जटा लत ह तो उसस समाचार एज सी स इतर भी मह वपण समाचार बन जाता ह कसी भी प कार क लए उसक जानकार क नता त नजी ोत का वशष मह व होता ह व भ न स थान वभाग कायालय ससद एव वधानसभाओ आ द सभी थान पर प कार जब नरतर जाता-आता रहता ह तो वय क नजी स पक भी वहा क कमचा रय टाफ क लोग स कर लता ह यह उसक ऐस ोत होत ह जो कई बार बहद मह वपण सचनाए प कार को अनायास ह दान कर दत ह ऐस म यह कहा जा सकता ह क कसी भी प कार क घ न ठ स पक ह उसक समाचार क ोत होत ह मोट तौर पर समाचार ाि त क लए समाचारप या इल ॉ नक मी डया क दो ह ोत होत ह- प कार या सवाददाता समाचार स म तया या सरकार एजि सया

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ट एव इल ॉ नक मी डया म समाचार ाि त क म य ोत उसक वय क प कार या फर समाचार स म तया एव सरकार एजि सया ह होती ह यह स आ धका रक समाचार ा त होत ह इसक अलावा प कार सचनाओ क ाि त भी व भ न तर पर करता ह

सचना को ह बाद म वह य द उसस समाचार बनाता ह तो उसका उपयोग खबर क प म करता ह य द सचना खबर यो य नह ह तो उसका उपयोग फर वह नह करता ह कसी और सदभ क लए उसका उपयोग ह तो कई बार वह त काल उसका उपयोग समाचार क प म नह करक बाद म भी उसका योग कर लता ह आर भक समाचार क मोट तौर पर जो ोत होत ह व इस कार स ह-

261 स व ि त

समाचारप इल ॉ नक मी डया क अतगत ट वी एव र डयो चनल पर सरकार क व भ न वभाग स थान कप नया आ द अपन यहा आयोिजत काय म या फर कसी वशष काय क लए गए नणय बठक आ द क बार म स व ि त तयार कर भजवान का आजकल एक कार स रवाज ह ारभ हो गया ह यहा तक क स स मलन स का स कसी व श ट आयोजन आ द म भी पहल स तयार स व ि त प कार को दान क जान लगी ह स वपि त समाचार का बड़ा ोत इस प म ह क सवाददाता इसस ामा णक जानकार ा त कर अपन समाचार

को परा कर लता ह इसस बाद म कसी कार क ववाद क कोई गजाईश नह रहती स व ि त भी कई बार ह बह समाचार श ल म तयार कर द जाती ह तो कई बार घटना समारोह नणय क ववरण क प म समाचारप इल ॉ नक मी डया क चनल तक पह चती ह सचना क इस ोत का समाचार लखन म बड़ा योगदान होता ह जाग क प कार स व ि त का बहतर न उपयोग खबर क लए करता ह तो कई बार स व ि त भजन वाल को यह लाभ भी मलता ह क उसक वारा षत सचना ह बह समाचार बन जाती ह यह इस बात पर नभर करता ह क स व ि त भजन वाल न समाचारप क अनकलता का कतना यान रखा ह बहरहाल स व ि त समाचार का बड़ा ोत ह

262 प लस थान एव अ पताल

वतमान समाचार क बड़ ोत क प म इनका अ य धक मह व ह कसी कार क घटना दघटना क बार म सबस पहल प कार प लस थान या फर अ पताल स ह जानकार ा त करता ह थान वशष पर होन वाल अपराध दघटना या फर कसी ववाद क बार म प लस थान और अ पताल स ह सचनाए ा त क जाती ह समाज म जो कछ घ टत हो रहा ह उसस मानवीय भावनाए जड़ी होती ह ऐस म ट एव इल ॉ नक मी डया कम ाय इन थान स सतत स पक बनाए रखत ह ता क कसी भी कार क घटना-दघटना क बार म यापक पाठक वग दशक- ोताओ को उसक बार म जानकार द जा सक

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263 सरकार एव गर सरकार स थान

समाज स जड़ सरोकार वाल स थान श ण स थाओ तकनीक एव व ान इ ट यट आ द क अतगत समाज को दशा दन वाल कौनस नय कोस श ण ारभ कए जान वाल ह क रयर को य कस दशा दग या फर श ण स समाज नमाण म इनक या भ मका रहगी इस दखत ह ए ान व ान स जड़ कल कॉलज व व व यालय सरकार एव गर सरकार श ण स थान आ द समाचार क उपयोगी ोत सा बत होत ह प कार इनस स पक रखत ह ए कई बार बहद मह वपण समाचार जटा लता ह

264 स स मलन

व भ न बड़ स थान उप म जन त न धय सरकार वभाग ससद वधानसभा तक म स स मलन बलाकर प कार को वशष काय म आयोजन लए गए व श ट नणय बह उपयोगी जानका रया आम जन क हत स जड़ म पर जानकार दन क लए स स मलन का आयोजन कय जात ह इसक अतगत एक साथ ट एव इल ॉ नक मी डया क त न धय को बलाकर जानकार द जाती ह जब ऐसा होता ह तो प कार भी सब धत या इतर वषय स जड़ी और जानका रय क लए स स मलन बलान वाल स न करक समाचार साम ी जटाता ह फ म अ भनता राजनता वशष वषय स जड़ी नामचीन यि त व क लए कई बार स वारा भी मट-द- स का आयोजन कया जाता ह इसम सब धत यि त स उसस

जड़ सामािजक सरोकार वाल न कर समाचार का सजन कया जाता ह

265 जनस पक वभाग

समाचार ाि त का बहद मह वपण ोत क एव रा य सरकार क जनस पक वभाग होत ह ाय सभी रा य क िजला म यालय पर सचना एव जनस पक कायालय होत ह और वहा पद था पत सचना एव जनस पक अ धकार त दन िजल म ि थत व भ न राजक य वभाग स सब धत सचनाओ को समाचार क प म तयार कर ट एव इल ॉ नक मी डया तक पह चान क यव था करता ह वशष आयोजन व श ट यि त क सर राजनी त क दौर मह वपण सरकार बठक म होन वाल नणय आ द क समाचारप एव इल ॉ नक मी डया तक पह च ाय सरकार जनस पक कायालय क मा यम स ह होती ह दश क राजधानी द ल म भी व भ न रा य सरकार क अपन-अपन सचना क ह जो रा य मी डया तक सरकार स व ि तया मह वपण नणय आयोजन क समाचार षत करत ह क सरकार वारा स इ फोमशन यरो क ज रए व भ न सरकार वभाग क योजनाओ उपलि धयॉ को मी डया तक पह चाया जाता ह

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266 सा ा कार

समाचार क मह वपण ोत क प म सा ा कार का व श ट थान ह सा ा कार क अतगत सवाददाता व श ट वषय क जानकार मख राजनी त व ा नक फ म अ भनता या अ य कसी कार क मह वपण यि त व स यि तगत सा ा कार क ज रए अपनी िज ासाओ का समाधान पाता ह सवाददाता जो न सा ा कारदाता स करता ह उनक उ तर ह समाचार क प म य त कर लता ह सा ा कार आधा रत समाचार इस प म व वसनीय और लोग क लए रोचक होत ह क उनम कयास या कसी कार का सदह नह होता ह ट एव इल ॉ नक दोन ह मी डया क लए सा ा कार समाचार का मख ोत ह

267 यज एजि सया

हाला क बदलत समय क साथ समाचारप क का शत होन वाल बह स करण और इल ॉ नक मी डया क दर-दराज पर तनात ि गर क कारण समाचार स म तय का मह व धीर-धीर कम होता चला गया ह पर त आज भी बड़ तर पर समाचार स म तया ह समाचार क मख ोत होती ह समाचार स म तया वय समाचार का सारण या काशन नह करती बि क ट एव इल ॉ नक मी डया क लए इनका सकलन षण करती ह बड़ समाचारप वशष वदश समाचार कसी घटना सग स जड़ दर दराज क म पर आज भी समाचार स म तया वारा षत समाचार

पर ह अ धक नभर ह रा य स का शत होन वाल समाचारप को रा य क अलावा अ य रा य और दश क मह वपण समाचार ात करन का मख ोत आज भी समाचार स म तया ह ह समाचार स म तया समाचारप एव इल ॉ नक मी डया चनल को घटना वशष का व रत समाचार एव फोटो षण करती ह मखत दश म वतमान म स ट ऑफ इि डया यनाइटड यज ऑफ इि डया

भाषा वाता ह द तान समाचार आ द समाचार एजि सया दशभर क समाचारप एव इल ॉ नक मी डया को अपनी समाचार सवाए दती ह अ तरा य समाचार एजि सय क अतगत एपी अम रका रायटर आईएनएस यपीआई एएफपी तास आ द मख ह य व वभर क मी डया को समाचार एव फोटो सवाए दान करती ह

27 समाचार लखन एव ततीकरण सवाददाता व भ न ोत स समाचार ा त करन क बाद समाचारप या फर इल ॉ नक मी डया क अपन चनल क अनकलता क हसाब स उस लखता ह समाचार लखन स पहल वह इस बात पर ह वचार करता ह क कस उसक श आत क जाए समाचार म कौनसी ऐसी मह वपण जानकार ह िजस पहल द जाए और बाद का म कस रखा जाए यह सवाददाता समाचार लखन म पहल-पहल तय करता ह समाचार लखन क अतगत सवाददाता- त य का सकलन करता ह उनस सब धत सदभ क तलाश करता ह

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आव यक हो तो उसस सब धत यि त क व त य को भी लया जाता ह व त य सकलन क बाद समाचार लखन क काय योजना बनायी जाती ह इसक बाद आमख तयार करता ह आमख क बाद क त य का म नधारण करत ह ए समाचार सबधी ा त अ य स

और साम ी को समायोिजत करत ह ए समाचार का समापन करता ह समाचारप और इल ॉ नक मी डया म समाचार क लखन का अलग-अलग तर का होता ह समाचार स आशय ह सबस पहल तो या हआ फर कस हआ और अत म इसक या प रणाम ह ग म यत समाचार का लखन करत समय उसक तीन ह स कए जात ह थम समाचार का आमख या इ ो वतीय भाग समाचार का व तार और तीसरा भाग उसका

अत समाचार लखन क अतगत इस बात का यान वशष प स रखा जाना चा हए क समाचार का मह व कस प म ह उसी आधार पर उसका इ ो अथात आमख लखा जाता ह समाचार का आरभ अ य धक आकषक और भावी होना चा हए दरअसल आमख ह समाचार का वह ह सा होता ह िजस पढ़त ह उस आग प न या न प न का ट मी डया क अतगत पाठक मानस बनाता ह ऐस ह इल ॉ नक मी डया क अतगत कसी खबर या समाचार का रोचक भावशाल शल स श आत करन स ह उसक आग दख जान का दशक का मन करता ह इस प म समाचार का इ ो ऐसा होना चा हए जो पाठक या दशक म अपन श द स ऐसा जाद जगाए क उस हण करन वाला उसस मो हत होत उसस बधता चला जाए आमख सध ह ए श द म ऐसा होना चा हए जो स तता क साथ अपन उ य क प त कर यानी िजसस पहल नजर म ह पाठक या दशक समाचार क मत य को जानत उस आग जानन क लए उ सक बना रह इ ो या आमख म यत समाचार क छ ककार क अवधारणा पर आधा रत होत ह छ ककार- ldquoकब कसन कहा य कस और याrdquo ह समाचार क अतगत घटना पा थान समय कारण और िज ासा स जब समाचार ारभ कया जाता ह तो उसम इन छ ककार का ह योग स नि चत कया जाता ह सभी

समाचार सामा यतया इ ह पर आधा रत होत ह समाचार क दसर ह स क अतगत समाचार का व तार कया जाता ह इसक अतगत इ ो म जो जानकार द जाती ह उस स नयोिजत तर क स सल सलवार आग बढ़ाया जाता ह समाचार क व तार भाग को दरअसल समाचार क दह कहा जाता ह इसक अतगत समाचार स जड़ व भ न अ य आव यक त व का उ लख कया जाता ह कई बार ऐसा भी होता ह क समाचार क व तार भाग क अतगत ह समाचार का अत भी न हत होता ह ऐसा य द नह होता ह तो समाचार क अ तम भाग को व श ट प स लखा जाता ह इसका अथ यह ह क समाचार परा लख जान क बाद अत म उसक समाहार क प म उसक भ व य क प रणाम क सदभ म कसी कार क आशका या सभावना य त क जाती ह समाचार लखन क अतगत इस बात का सदव यान रखा जाना चा हए क वह कस मा यम क लए लखा जा रहा ह समाचारप म कोई लखा हआ समाचार बहद आकषक रोचक हो सकता ह ज र नह ह क वह र डयो या दरदशन या कसी नजी चनल क लए भी उतना ह रोचक व मह वपण बना हो ऐस म सावधानी यह रखी जानी ज र ह क समाचार लखन

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स पहल उसक मा यम क बार म यान रखत ह ए उसका लखन कया जाए च क समाचारप र डयो ट वी आ द मा यम क लए समाचार लखन का व प अलग-अलग होता ह मसलन र डयो एव ट वी क लए समाचार जब लखा जाता ह तो हर समाचार क लए पथक प ठ पर उसका त यवार योरा लखा जाता ह समाचार लखन म यहा पर य क लए अतराल को भी वशष प स यान म रखना पड़ता ह अतराल म या तो य च या फर छाया च क लए अलग-अलग अव ध को ि टगत रखत ह ए समाचार तत कया जाता ह इल ॉ नक मी डया क लए समाचार लखन इस प म भी चनौतीपण होता ह क वहा य एव य को यान म रखत ह ए लखन करना होता ह ऐस समाचार म सरल सहज श द का योग तो हो ह साथ म उनक शल ऐसी हो िजसस दशक या ोता समाचार को अपना ह सा मान ट मी डया म भी समाचार लखन क लए तयशदा मापदड को मानत ह ए लखन नह कया जाना चा हए पाठक को यान म रखत ह ए कस समाचार पाठक क प रवश का ह सा बन कस वह पाठक म उ सकता को अत तक बनाए रख इन न पर वचार करक य द समाचार लखन कया जाए तो न कवल व भावी ह ग बि क अपना असर भी पाठक पर अत तक बनाए रखगी सामा यतया य ोत का उ लख समाचार म कर दया जाता ह पर त कई बार व वसनीय ोत क वारा जानकार ा त कर सवाददाता समाचार का लखन करता ह ऐस म वह उस ोत का सीध तौर पर उ लख नह करता ह ऐस म समाचार जब लखा जाता ह तो सवाददाता उसम व वसनीय स क अनसारrdquo या फर स स ा त जानकार क अनसार या फर ldquoजानकार स क अनसारrdquo आ द श द का इ तमाल करत ह ए समाचार का लखन करता ह समाचार का सवा धक मह वपण व वसनीय च लत और मा य ोत सरकार क व भ न वभाग भी होत ह रा य एव क सरकार क सचना एव जनस पक वभाग समाचार क मख ोत इस प म होत ह क उनक ज रए जन क याण आम आदमी स सरोकार वाल

योजनाओ प रयोजनाओ क बार म समाचारप को नय मत प स साम ी ा त होती ह सरकार एज सी वारा उपल य करायी गयी जानकार स व ि त सरकार वभाग म ालय कायालय अ धकार वारा बलायी गयी स का स स स मलन क ज रए समाचारप तक पह चती ह सरकार क सचना एव जनस पक अ धकार समाचारप एव इल ॉ नक मी डया स य त सतत स पक बनाए रखत ह ता क सरकार नी तय काय म उपलि धय जनता स सरोकार वाल म पर सरकार क ख आ द को यापक लोग तक ट एव इल ॉ नक मी डया वारा पह चाया जा सक समाचार ोत क अतगत समाचारप क सवाददाता क स पक का दायरा िजतना व तत होगा उतना ह वह समाचार क मामल म सम होता ह सवाददाता क अपन समाचार ोत क त िजतनी अ धक व वसनीयता होगी उतन ह मह वपण समाचार प ा त कर उ ह

समाचारप हत लख सकता ह इसी आधार पर उस कई बार बहद मह वपण समाचार भी हा सल हो जात ह सवाददाता क अपन ोत क साथ ह उसक वय क स यता भी उसस

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अ छ समाचार कई बार लखवा लती ह मसलन वह अपन आस-पास क प रवश सभा वत घटनाओ क त कतना सजग ह उस कसी वषय वशष क सभावना या आशका क बार म ता कक व लषण क कतनी मता ह आ द ऐसी बह तर बात ह िजनक आधार पर कई बार बहद मह वपण समाचार समाचारप को मल जात ह अपराध दघटना वाल थान पर सवाददाता को वय उपि थत होकर घटना समाचार का योरा लत ह ए उसस सब धत समाचार लखना होता ह तो अकाल बाढ़ आ द क समय क घटनाओ का स म एव बार क म याकन य द करना उस आता ह तो वह समाचारप पाठक क लए कई बार मागदशन का काय भी अपन समाचार क ज रए कर दता ह यहा भी मह वपण उसक वय क स यता और उसक यि तगत ोत ह होत ह बह त पहल इन पि तय का लखक जब वत प का रता क अतगत lsquoसा ता हक ि ल ज़rsquo क लए खोजी प का रता स सब समाचार लखन स नय मत जड़ा हआ था तो ऐस ह यि तगत सपक क कारण कई बार बहद मह वपण ऐस समाचार भी ा त ह ए जो थानीय द नक समाचारप को भी तब उपल ध नह हो पाए थ याद पड़ता ह बीकानर क पीबीएम अ पताल म डा टर क लापरवाह स एक म हला को मा बनन क सख स सदा क लए व चत होना पड़ा था च क सक न म हला को अव धपार इज शन लगा दया था रा को म हला क बह त अ धक र त ाव होन लगा और डा टर को उसक ब चदानी नकालनी पड़ी रा म कोई दो बज क कर ब यि तगत स पक स क अनसार इस सबध म इन पि तय क लखक को जब जानकार मल तो व रत लखक अ पताल पह चा और तभी च क सक क इस लापरवाह क जो रपट तयार क उसका फायदा यह हआ क अ पताल म लगायी जान वाल अव धपार इज शन क पोल खल और इसस अ पताल क यव थाओ म तो सधार हआ ह च क सक क लापरवाह स होन वाल नकसान स भी मर ज को नजात मल समाचारप वारा समाचार लखन क अपन ोत क बार म डटलाईन क बाद उसक जानकार दता ह सवाददाता वय क तर पर जब वशष जानकार जटाता ह और उसको ए स लिजव क प म लखता ह तो वह उसका अपना वशष समाचार होता ह और ाय उसक नाम स ह समाचारप म वह का शत होता ह ऐस समाचार बाइलाईन (सवाददाता क नाम क साथ) का शत होत ह इसी कार सवाददाता जब कसी स व ि त स समाचार बनाता ह तो

समाचार ोत क प म ( व) लखा जाता ह समाचार एजि सय स ा त समाचार म डटलाईन क बाद सब धत एज सी का स त नाम (रायटरपीट आईयएनआईभाषावाता आ द) लखा जाता ह समाचार लखन एव त तकरण क सबध म नाथ ि लफ का यह कथन अ य धक सट क ह- ldquoसमझाइए सरल बनाइए और प ट क िजए इस सबध म महाक व अ य का यह कथन भी अ य त मह वपण ह- ldquoश द म का प ह इस न ट न कर और कम श द म अ धक बात कहन क कला सीख rdquo दरअसल समाचार लखन और त तकरण क अतगत साम यकता क साथ ह जनाकषण का यान रखा जाना बहद ज र ह इसी स वह अ धकतम पाठक दशक और ोताओ म अपनी

पठ बना पाता ह जन च लोग क आकषण त य क स चाई पाठक क श ा तर

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जनमत नमाण म सहयोग आ द ऐसी बात ह िज ह यान म रखकर समाचार का लखन त तकरण कया जाए तो लोकत क चौथ त भ क प म मी डया क भ मका म समाचार

अपनी भावशाल भ मका नि चत ह यापक पाठक वग पर बनाता ह सवाददाता इस यान म रखत ह ए काय कर तभी उसक होन क साथकता सह मायन म स होती ह

28 समाचार का अनवतन सवाददाता का काय समाचार लखन तक ह सी मत नह होता बि क वह समाचार क बाद भी उसस सब धत त य का एक कार स पीछा करता ह गत दवस क समाचार क अगल और नवीन सचना क ाि त क या को ह दरअसल खबर का अनवतन करना कहत ह समाचार का फॉलोअप समाचार क मह व को यान म रखकर कया जाता ह फॉलोअप क अतगत समाचार क पहल क त य बाद म होन वाल प रणाम और भ व य म सभा वत प रणाम को यान म रखत ह ए सवाददाता बहद सावधानी स ववक और तक शि त क साथ िजतन भावी तर क स करता ह उतना ह उसका पाठक य मह व बनता ह जब कभी सखा बाढ़ कसी वशष कार क ह याकाड वा षक बजट क मत म उछाल कर लगाए जान आ द का काय कया जाता ह तो सवाददाता ऐस समाचार का फॉलोअप करता ह

बोध न - 1 सवाददाता का अथ या ह helliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphellip helliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphellip 2 लाइनर कस कहत ह helliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphellip helliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphellip3 टाफस कौन होत ह helliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphellip helliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphellip

29 साराश सचना ौ यो गक क इस दौर म सचनाओ का जस-जस तजी स व तार हो रहा ह वस ह जनता क लए उनका उपयोग भी नरतर बढ़ता जा रहा ह लोकत म मी डया को चौथा त भ माना गया ह चौथ त भ का काय जनमत नमाण का होता ह जनमत नमाण

म समाचार क ह आज मख भ मका ह यह चौथा त भ जनता क ओर स सरकार पर नजर रखता ह और सरकार क कायकलाप स जनता को स चत करता ह जानकार बनाता ह ऐस म समाचार लखन वाल सवाददाता का काय भी अब बहद चनौतीपण हो गया ह समाचारप म व भ न तर पर काय करन वाल सवाददाताओ का काय उनक क त क अनसार अलग-अलग वभािजत ह सवाददाता समाज म जो कछ घ टत हो रहा ह उसक यवि थत सचना ट एव इल ॉ नक मी डया क मा यम स बह स य लोग को दता ह

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ऐसा जब वह करता ह तो जनमत नमाण म वत ह उसक मह वपण भ मका हो जाती ह समाज और मी डया को अलग नह कया जा सकता च क समाज म रहत ह वह समाचार क अपन ोत क तलाश व भ न तर पर करता ह इन ोत क तलाश क बाद ह वह समाचार को स नयोिजत तर क स लखता और तत करता ह इस इकाई म सवाददाता समाचार ोत एव सकलन क बार म ह व तार स जानकार द गयी ह

210 श दावल समाचार स म त - वह स था जो नधा रत दर पर प -प काओ एव इल ॉ नक मी डया

को समाचार दती ह जस भाषा य नवाता रायटस स ट ऑफ इि डया आ द बाइ लाईन - समाचार क ऊपर समाचारदाता क नाम का जब उ लख कया जाता ह तो

वह बाइ लाईन कहलाती ह डट लाईन - समाचार क ारभ म थान तथा दनाक का जो उ लख कया जाता ह उस

डट लाईन कहा जाता ह इसम समाचार षण या लखन क थान दनाक ओर म हन का उ लख होता ह

फॉलो अप - दसर दन क समाचार वशषत कई दन तक चलन वाल ऐस समाचार जो कसी पव क का शत समाचार क बाद का ववरण एक कार स दत ह

कप - ऐसा कोई वशष समाचार जो अ य कसी समाचारप म का शत नह हआ हो

211 कछ उपयोगी प तक सवाद और सवाददाता - राज ह रयाणा सा ह य अकादमी चडीगढ़ योजनमलक ह द - ो रमश जन नशनल पि ल शग हाउस जयपर

जनसचार और ह द प का रता - डॉ अजन तवार जयभारती काशन इलाहबाद प का रता प रभाषा कोश - व ा नक एव तकनीक श दावल आयोग नई द ल ह द प का रता क दशाए - जोग सह सर कमार एड सस शाहदरा द ल जनसचार व वकोश - ो रमश जन नशनल पि ल शग हाउस जयपर

212 अ यासाथ न 1 सवाददाता क प रभाषा एव समाचारप म काय वभाजन क हसाब स उसक व भ न

णय पर काश डा लए 2 समाचार स या आशय ह समाचार क व भ न ोत बतात ह ए समाचार क लखन क

तकनीक क जानकार द िजए 3 सवाददाता क समाचार सकलन ोत बतात ह ए समाचार लखन एव अनवतन को

समझाइए

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इकाई- 3 सा ा कार

इकाई क परखा 30 उ य 31 तावना 32 अ भ रणा 33 सा ा कार का अथ एव व प 34 सा ा कार और अ य वधाए 35 सा ा कार क उपयो गता एव मह व 36 सा ा कार क उ य 37 सा ा कार क कार 38 सा ा कार क व ध 39 सा ा कार क या 310 सा ा कारकता क वशषताए 311 सा ा कार एक कला 312 ट-मी डया म सा ा कार 313 इल ॉ नक-मी डया म सा ा कार 314 साराश 315 श दावल 316 कछ उपयोगी प तक 317 अ यासाथ न

30 उ य इस इकाई क अ ययन करन क बाद आप - सा ा कार का अथ एव प रभाषा का ान ा त कर सकग सा ा कार और उसक अ य वधाओ को जान सकग सा ा कार का मह व उपयो गता एव उ य क जानकार मल सकगी सा ा कार क अ य वधाओ स तलना करक उसक व प को जान सकग सा ा कार क व भ न कार स प र चत हो सकग सा ा कार लन क या एव व ध को जान सकग सा ा कारकता क वशषताओ क जानकार ा त हो सकगी ट-मी डया और इल ॉ नक-मी डया म सा ा कार कस लए जाए इस तकनीक को जान

सकग आप सा ा कार म व श टता ा त कर पारगत हो सकग

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31 तावना िज ासा मानव क सहज वि त ह एक ओर वह बा य सि ट क वषय म जानन को उ सक रहता ह तो दसर ओर अ य मानव क अतजगत म स चत अनभव का लाभ उठान क आका ा मन म रहती ह इसक साथ ह हर यि त म अपन अतजगत को उ घा टत कर दन क सहज वि त व यमान ह बा य-जगत को दखकर उसम वचरण कर मन पर पड़ भाव और अनभ तय का वह कट करण कर दना चाहता ह स चत व भ न अनभव ान तथा फरणाओ को अ भ य त कर दन म वह सतोष और आनद क अनभ त करता ह दसर

क साथ वचा रक आदान- दान स उस ति त मलती ह िज ासा और अ भ यि त एक-दसर क परक ह एक जानना चाहता ह दसरा बताता ह जानकार दता ह अपन वचार अ भ य त करता ह अपन अनभव वचार आ द स दसर को रणा और लाभ दना चाहता ह यह सा ा कार का बीज- प ह पछल कछ दशक म अनक नवीन वधाए वक सत ह ई ह उनम सा ा कार का नाम वशष उ लखनीय ह सा ा कार एक नव वक सत वत उपयोगी और मह वपण वधा ह इसम िज ास यि त कसी व श ट सा हि यक राजनता समाजसवी कलाकार व ा नक शासक प कार सत उ योगप त फ म-जगत क यि त अ य व श टजन अथवा

सामा यजन स वय भट करक उसस वाता न बहस करत ह ए उसक यि त व जीवन क त व प रवश वचार योजनाओ आ द क वषय म सीध जानकार ा त करता ह कभी यह जानकार टल फोन प क यटर इटरनट आ द क मा यम स भी ा त क जाती ह कभी वह स चत साम ी अथवा क पना क आधार पर न और सभा वत उ तर वय लख दता ह सा ा कार को इटर य भटवाता मलाकात बातचीत सवाद आ द भी कहा जाता ह

32 अ भ रणा सा ा कार क मल अ भ रणा िज ासा-समाधान ान और स चत अनभव स लाभ पह चाना तथा उठाना ह िज ास ाय प कार ह होता ह जो कसी वशष यि त स उसक बार म बातचीत और न क मा यम स जानकार ा त करक प -प का क ज रए उस दसर तक पह चा दता ह दरदशन (ट वी) और आकाशवाणी (र डयो) पर यह जानकार सीध ह दशक - ोताओ तक पह च जाती ह व श ट यि त क जीवन यि त व क त व वचार स दसर को रणा मल सकती ह उसक अनभव स लाभ उठाया जा सकता ह कई नई और ामा णक जानका रया तो मलती ह ह सामा यजन स मा जानकार ह ा त क जाती ह यह सा ा कार क अ भ रणा ह

33 सा ा कार का अथ एव व प य य प ाचीन भारतीय सा ह य म भट-वाता सा ा कार िज ासा-समाधान सवाद वातालाप आ द क अनक उदाहरण ा त होत ह परत प का रता क वतमान वधा क प म सा ा कार

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पि चम स बन-सवरकर आया ह इसक अतगत सामा यत कोई प - त न ध कसी राजनता अथवा अ य व श ट यि त स मलता ह न क मा यम स सा ा कार क वषय पर जानकार ा त करता ह और उसक वचार जानता ह कछ सा ा कार जानकार हा सल करन पर कि त होत ह और कछ म वचार या टड जानना मह वपण होता ह द रडमहाउस ड शनर आफ द इग लश ल वज म कहा गया ह ndash lsquoसा ा कार उस वाता अथवा भट को कहा गया ह िजसम लखक अथवा सवाददाता कसी यि त अथवा क ह यि तय स न पछकर कसी समाचारप क काशन अथवा टल वजन स सारण हत साम ी एक करता ह rsquo आ सफोड इग लश ड शनर म कसी ब द वशष प को लकर औपचा रक वचार- व नमय हत य भट करन पर पर मलन या वमश करन कसी प - त न ध वारा काशन हत व त य लन क लए कसी स भट करन को सा ा कार कहा गया ह rsquo डॉ नग क अनसार- lsquoइटर य (सा ा कार) स अ भ ाय उस रचना स ह िजसम लखक यि त- वशष क साथ सा ा कार करन क बाद ाय कसी नि चत नमाला क आधार पर उसक यि त व एव क त व क सबध म जानकार ा त करता ह और फर अपन मन पर पड़ भाव को ल पब कर डालता ह डॉ च भान रावत का कथन ह - बह त-स लोग यह मानत ह क नावल वारा ा त साम ी तथा इटर य स ा त साम ी म अतर नह कत

नावल क अपनी सीमाए ह नावल इटर य नह हो सकती डॉ ह रवशराय ब चन लखत ह- इटर य का यय ह पढ़न वाला यह अनभव कर क जस वह क व- वशष स मल आया ह उसक पास हो आया ह उस स घ आया ह उस गल लगा आया ह मख सा ा कारकता डॉ प सह शमा कमलश क अनसार- इटर य दन वाला यि त अपनी

यो यताओ को वय य त करता ह और यह इटर य लन वाल पर नभर ह क वह इटर य दन वाल को अपना व वासपा बनाकर उसस जो चाह सो नकलवा ल यह बड़ा क ठन काय ह जो ा प र म तथा ब म ता पर नभर करता ह मख प कार डॉ नद कशोर खा क श द म - भटवाता या समालाप (सा ा कार)

समाचार-सकलन का आव यक अग ह नह ह बि क इसक बगर अ धकाश समाचार सरकार व त य भाषण सावज नक घोषणाए व ि तया और औपचा रक आयोजन क त य ववरण मा होत ह इन सबक खबर वभावत एकप ीय या एकागी होती ह इनम य और कस पछन क गजाइश नह होती जब क य और कस का उ तर ह खबर क जान होता ह य और कस सवाल इ ह क ज रए पछ जा सकत ह सामा य प म इटर य को बह त सरल वधा क प म माना जाता ह ल कन वा त वकता यह ह क सा ा कार अथवा भटवाता बह त क ठन ह सा ा कारकाता को िजस यि त स भट करक चचा करनी होती ह उसस बह त सी कह -अनकह बात का स य उगलवाना पड़ता ह यह भटवाता का सबस दःखद और कठोर काय ह सा ा कारकता को सब धत यि त क रचना मक प क िजतनी अ धक और प ट जानकार होगी वह इस वधा म उतना ह सफल माना जाएगा rsquo

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व र ठ प कार रामशरण जोशी कहत ह- सा ा कार वधा को प का रता क आधारभत स ात म स एक क प म दखा जाना चा हए आध नक प का रता म इसका मह व पहल स कह अ धक और बहआयामी हो गया ह इल ॉ नक मा यम (टल वजन) क अि त व म आन क प चात इसक भ मका का व तार हआ ह आज प का रता ऑन लाइन प का रता या इटरनट प का रता क यग म वश कर चक ह अत सा ा कार वधा क उपयो गता क नई सभावनाए पदा हो गई ह जहा पहल प कार हाथ म कापी-प सल थाम सा ा कार लया करता था आज क यटर इन दोन को ाय अपद थ करन क ि थ त म पह च गया ह ई-मल क मा यम स लब-लब सा ा कार लय जा रह ह व भ न चनल क यज-बल टन म सकडजीवी एव मनटजीवी सा ा कार क उपि थ त उ ह जीवतता दान कर रह ह म ण-मा यम अथात प -प काओ म सा ा कार का योगदान इ तहास स ह इस कार सा ा कार मी डया क एक अ नवाय वधा क प म ति ठत हो गया ह बना सा ा कार क मी डया अधरा माना जाता ह इसी लए प कार सपादक उपसपादक रपोटर लखक तथा इल ॉ नक-मी डया (ट वी-र डयो) क त न धय आ द का सा ा कार- वधा म पारगत होना आव यक समझा जाता ह

34 सा ा कार और अ य वधाए सा ा कार एक वत सम और सश त वधा क प म अपना थान बना चका ह इसक वधाकार क सची वशाल ह सा ा कार म कह -कह जीवनी आ मकथा स मरण रखा च नबध नाटक आलोचना आ द क त व दखाई दत ह कभी-कभी सा ा कार-नायक कोई क वताश भी सना दता ह परत य सभी त व सा ा कार क सहायक प म ह होत ह और सा ा कार को रोचक जानकार स य त अलकत तथा भावी बनात ह य द य त व सा ा कार पर हावी हो जाएग तो सा ा कार सा ा कार ह नह रहगा सा ा कार म सा ा कारकता कह -कह ( ट-मी डया क सा ा कार म) सा ा कार-नायक अथवा सा ा कार- थान आ द का नबधा मक वणन करता ह पर त वह स त होना चा हए तथा यह सा ा कार को आग बढ़ाता ह अत सा ा कार नबध नह हो सकता सा ा कारकता नायक का कभी-कभी रखा च -सा खीचता ह परत वह रखा च - वधा का प नह होता सा ा कार म उसका नायक अपन जीवन क वषय म आ मकथा मक शल म कछ बतान लगता ह अथवा अपन जीवन क स मरण सनान लगता ह इनका उपयोग सा ा कार का वकास करन म होता ह सा ा कार म सवाद का अ य त मह वपण थान ह परत व नाटक क सवाद स अलग होत ह सा ा कार सवाद क होत ह ए भी नाटक नह ह सा ा कार-नायक अपनी या दसर क रचनाओ अथवा क त व पर आलोचना मक ट प णया भी कर दता ह परत व वत आलोचना- वधा नह होती कभी-कभी नायक कोई क वताश भी सना दता ह परत वह सा ा कार का ह ह सा होती ह वत क वता- वधा नह होती अ य वधाओ स सा ा कार का सबध ह नग य ह फर भी कसी वषय क व त और मा यम क वशषताओ का भी सा ा कार पर सबस गहरा भाव होता ह

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इस कार प ट ह क अ य वधाओ क त व सा ा कार म सी मत मा ा म सहायक प म ह हो सकत ह य सभी सा ा कार को आग बढ़ात ह उस रोचक स दर और भावी बनात ह

35 सा ा कार क उपयो गता एव मह व सा ा कार क उपयो गता और मह व अस द ध ह इसक वारा हम यि त- वशष कसी वषय क बार म अ धका धक नवीन मह वपण और ामा णक जानकार ा त करत ह उस सम प स जानन का य न करत ह टल वजन पर उस यि त को दखन तथा उसक भाव-भ गमाओ क अवलोकन का दलभ अवसर ा त करत ह सा ा कार स ा त जानकार उपयोगी और मह वपण होती ह डॉ सकलदव शमा का कथन ह - सा ा कार पढ़त समय अप र चत अनदखा रचनाकार पाठक स -ब- होता ह इसस लखक और पाठक क बीच तादा य क सि ट होती ह ववरण व वसनीय और ामा णक लगता ह आप कह सकत ह क नगण और नराकार रचनाकार सगण साकार हो उठता ह ो अफगान उ लाह खा लखत ह - च क बातचीत करन वाल का अपन पसद दा कलाकार

क साथ भावना मक लगाव या आ मीयता का र ता कायम हो जाता ह इस लए वह कलाकार क अतरग म ताक-झाक करन और उस कर ब स जानन क को शश करन लगता ह जो सहज या मानवीय वि त ह और तकसगत पहचान भी इस लए यादातर बातचीत फनकार क नजी जीवन और वचार स सब धत सवाल-जवाब क ब नयाद तयार हो जाती ह

36 सा ा कार क उ य सा ा कार एक सो य या ह सा ा कार कसी यि त वशष क यि त व और क त व पर भी कि त हो सकता ह और यह कसी मह वपण वषय पर कसी यि त क वचार जानन पर भी कि त हो सकता ह इसक अनक उ य ह सम सा ा कार म सा ा कार-नायक या पा स आरभ म यह पछा जाता ह क वह इस म कस आया य द सा ह यकार ह तो सा ह य म प कार ह तो प का रता म राजनता ह तो राजनी त म कलाकार ह तो कला म खलाड़ी ह तो खल जगत म आ द फर उसक ार भक जीवन श ा आ द क वषय म जाना जाता ह इस कार पा क जीवन क वषय म जानकार ा त करना सा ा कार का उ य होता ह फर उसक क त व क बार म जानना सा ा कार का उ य होता ह उसन या- या रचनाए लखी अथवा च बनाए समाजसवा क आ द फर व भ न वषय यि तय आ द क वषय म उसक वचार जान जात ह त प चात उसक चय दनचया योजनाओ क जानकार ल जाती ह पा क बा य का वणन सा ा कारकता कर दता ह इस कार पा क अतबा य को जानना सा ा कार का म य उ य होता ह सा ा कार का दसरा मख उ य जानकार स पाठक को अवगत कराना होता ह अत सा ा कार कसी प -प का म का शत कया जाता ह ट वी-र डयो पर सा ा कार का सजीव

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(त काल) सारण होता ह अथवा रकाड करक उस बाद म सा रत कया जाता ह कसी वषय पर कि त सा ा कार का सबस मह वपण पहल गहन अनसधान और ऐस न तयार करना ह क सा ा कार म कछ नया और मह वपण नकल कर आए ट वी- र डयो क लघ-सा ा कार म कसी घटना व त य आ द क वषय म लोग क वचार त या सझाव आ द जानना सा ा कार का उ य होता ह कसी घटना- वशष क वषय

म अ धक तथा व वध जानकार एक क जाती ह

37 सा ा कार क कार डॉ नग डॉ च भान डॉ व वनाथ साद तवार डॉ रामच तवार डॉ रमश कतलमघ डॉ हरदयाल नातक स यकाम वमा आ द आलोचक न सा ा कार क म यत दो कार बताए ह - वा त वक और का प नक डॉ व वनाथ श ल न इस वधा क तीन प मान व लखत ह - lsquo ारभ म हद म तीन कार स इस वधा का स पात हआ- 1 स लखक क पास एक नि चत नावल भजकर उनक उ तर ा त करना 2 लखक

स वय मलकर य वातालाप वारा जानकार ा त करना और 3 दवगत सा ह यकार स का प नक इटर य करना आजकल वतीय कार क इटर य ह सवा धक च लत ह और जीवत होन क कारण उ ह को सव ठ भी माना जाता ह rsquo डॉ च भान न वा त वक इटर य क दो कार दए ह- 1 प कार क तथा 2 सा ह यकार क सा ह यकार क इटर य भी उ ह न दो कार क बताए ह- म त तथा एकागी उनक अनसार का प नक इटर य क तीन भद ह- प रहास य य च ा मक तथा वगत सा ह यकार क डॉ च भान न यह वग करण प क ि ट स कया ह समय क ि ट स इटर य क दो वग कए ह- एक बठक म लए गए इटर य तथा दसरा कई दन म लए गए इटर य उनका कथन ह - lsquoवा त वक इटर य म आज म त और एकागी इटर य च लत ह म त इटर य म जीवन-प रचय समय-प रचय ि टकोण रचना-प रचय आ द सभी का म ण रहता ह और आजकल इसी कार क इटर य बह त दखन म आत ह rsquo डॉ व वनाथ साद तवार लखत ह- इटर य वा त वक और का प नक दोन कार क होत ह वा त वक इटर य म लखक यि तगत सा ा कार करता ह और अपन ा त त य का ववरण दता ह का प नक इटर य म य य प यि तगत सा ा कार नह होता क त यथाथ का आ ह उसम भी धान होता ह य न यह रहता ह क िजस यि त और सग का इटर य तत ह वह अ धक स अ धक वा त वक हो स यकाम वमा क श द म समाचारप -सपादन म इटर य का अ य धक मह व ह कसी भी वषय पर यि त क वचार जानन का सीधा तर का ह - य समी ण (सा ा कार) इसम यि त क अतमानस का नर ण शी हो जाता ह का प नक इटर य या समी ण भी लख जान लग ह इस कार क इटर य मत यि तय क सबध म भी का शत कए जा रह ह इसम लखक का अपना यि त व अ य प म ह झलकता ह यह कहना ामक ह क यि त व का कोई मह व नह होता नकता क प म इटर य करन वाल

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का ह दा य व होता ह समी यमाण यि त (सा ा कार-पा ) क अतमानस क झाक लन का अत लखक क सतकता ौढ़ता एव स म ा हणी शि त का भी प रचय उसी म अत न हत रहता ह rsquo डॉ हरदयाल भी सा ा कार क दो कार मानत ह उनका कथन ह - इधर हद म एक नई ग य- व या वक सत ह ई ह इटर यrsquo इसक जो रचनाए सामन आई ह उनस इसक दो कार बन जात ह - एक यथाथ इटर य अथात जी वत यि तय स मलकर इटर य -लखक उनक ह जीवन और वचार क सबध म जानकार ा त करता ह हद म अभी तक ऐस इटर य सा ह यकार स सब रह ह इनम सा ह यकार क वारा द गई उनक सा ह य-रचना क रणा सा ह य-सजन क या आ द-आ द क सबध म उनक वचार इक कए गए ह इटर य का दसरा कार का प नक ह इसम दवगत यि तय स इटर य लन क क पना कर ल जाती ह और उसक जीवन रचना वचार आ द को तत कया जाता हrsquo प कार डॉ नद कशोर खा क अनसार- भटवाताए म यत दो कार क होती ह एक - कसी रोचक या मह वपण यि त स भट और दसर - ठोस समाचार क सबध म भटवाता प कार डॉ भवर सराणा न सा ा कार क छ मख कार नधा रत कए ह - 1 पव- नधा रत सा ा कार 2 सव णाथ सा ा कार 3 य व अ य सा ा कार 4 औपचा रक व अनौपचा रक सा ा कार 5 पनरावि त और 6 अचानक (आकि मक) सा ा कार ए मो कॉट वाटसन क मतानसार- 1 त या मक समाचार सा ा कार 2 यि तपरक अथवा फ चर हत सा ा कार और 3 आ मकथा मक सा ा कार होत ह व र ठ प कार रामशरण जोशी सा ा कार को इस कार वग कत करत ह- आ मकथा मक स मरणा मक च ा मक एव वणना मक का प नक सवादा मक नो तरा मक यि त वपरक म ापरक प रचचा मक क तवार सा ा कार योगा मक औपचा रक अनौपचा रक व रत आकि मक और योजनाब त या मक और म ाब सा ा कार क व भ न कार ह व ण पकज क अनसार - 1 व प क आधार पर 2 शल क आधार पर 3 औपचा रकता क आधार पर 4 सपक क आधार पर 5 मी डया क आधार पर 6 आकार क आधार पर 7 वषय क आधार पर 8 वाताकार क आधार पर 9 पा क आधार पर और 10 अ य आधार पर

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1 व प क आधार पर (क) यि त न ठ- इसम यि त को परा-परा मह व दया जाता ह (ख) वषय न ट- इसम वषय को अ धक मह व दया जाता ह वषय न ट सा ा कार को भी तीन वग म रखा जाता ह- (अ) सामा य - इसम सामा य वषय को लकर सा ा कार लया जाता ह (आ) वशष - वषय क ब द- वशष को म यतया इसम लया जाता ह (इ) व वध - इसम अनक वषय न हत होत ह

2 शल क आधार पर (क) ववरणा मक (ख) वणना मक (ग) वचारा मक (घ) भावा मक (घ) हा य- य या मक (छ) भावा मक और (ज) नो तरा मक

3 औपचा रकता क आधार पर (क)औपचा रक - य योजना बनाकर पा स समय लकर लए जात ह (ख) अनौपचा रक - य बना योजना क अचानक और बना समय नधा रत कए लए जात ह

4 सपक क आधार पर (क) य भट - इसम पा स य भटवाता क जाती ह (ख) प - इटर य - प वारा लए जात ह (ग) का प नक - (अ) गभीर (इसम पा क उ तर या वचार उसक रचनाओ व त य डायर

प आ द स लए जात ह (आ) पण का प नक (इ) हा य- य या मक 5 मी डया क आधार पर

(क) ट मी डया - प -प काओ प तक अ भनदन थ म त थ आ द म का शत होन वाल (ख) इल ॉ नक मी डया- ट वी र डयो टल फोन क यटर इटरनट टल टर फ स ई-मल आ द मा यम स लए गए सा ा कार

6 आकार क आधार पर (क) लघ - य छोट सा ा कार होत ह और मनी इटर य कहलात ह य अब वत वधा

का प लत जा रह ह (ख) द घ - य बड़ सा ा कार होत ह

7 वषय क आधार पर (क) सा हि यक सा ह य वषय पर सा ह यकार स लए गए सा हि यक ढग स लख गए

सा ा कार इस णी म आत ह (ख) सा ह यतर-सा ह य को छोडकर अ य वषय -प का रता कला सगीत राजनी त धम

खल फ म समाजसवा व ान आ द वषय स सब सा ा कार इस वग म आत ह य प कार कलाकार सगीतकार राजनताओ सत खला ड़य अ भनताओ- अ भन य समाजस वय व ा नक आ द स लए गए सा ा कार होत ह

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8 वाताकार क आधार पर सा ह यकार प कार मी डयाकम (ट वी-र डयो) तथा अ य सामा य अथवा व श टजन स सा ा कार होत ह

9 पा क आधार पर (क) व श टजन स लए गए सा ा कार (ख) सामा यजन स लए गए सा ा कार

10 अ य आधार पर (क) आ मसा ा कार - लखक वय अपना (का प नक) सा ा कार लखता ह (ख) सव ण अनसधान नौकर पर ा आ द क सा ा कार

ाय यह दखा गया ह क कसी एक प त वारा सा ा कार नह लया जाता उसम अनक प तय का समावश हो जाता ह फर भी िजस प त क धानता होती ह उसी वग म उस रख दया जाता ह

38 सा ा कार क व ध सामा यत सा ा कार लन क एक या या व ध होती ह कस यि त का सा ा कार कया जाए यह तय करना इस या का पहला चरण ह सामा यत सा ा कार व श टजन क ह लए जात ह परत आजकल सामा यजन (आम आदमी गह थ पी ड़तजन आ द) क भी सा ा कार ( वशषत ट वी पर) खब लए जात ह बाह बल अपराधी आ द क भी सा ा कार लए जात ह कभी-कभी प -प का क सपादक ट वी-र डयो क अ धकार तय कर दत ह क अमक यि त स सा ा कार लना ह कभी-कभी सा ा कारकता वय भी सा ा कार-पा का चयन करता ह सा ा कार-पा तय हो जान पर यह तय होता ह क उसम कस वषय (या वषय ) पर बात करनी ह सा ा कार कतना बड़ा लना ह सम (टोटल) बातचीत करनी ह आ शक फर पा स समय नधा रत कया जाता ह कभी-कभी बना समय तय कए भी सा ा कार लना पड़ता ह ट वी-र डयो का सा ा कार ाय ट डयो म बलाकर अथवा कमरा और रकाडर क साथ पा क पास जाकर लया जाता ह प -प का क लए भी सा ा कार लत समय टप रकाडर का योग कया जाता ह कछ साम ी सक लत क जाती ह अथवा हाथ स लखनी भी पड़ सकती ह सा ा कार लत समय ख ढग स एक क बाद एक लगातार न न पछ जाए बातचीत भी क जाए परक न भी पछ जाए पा क मड क अन प वाता को मोड़ दया जाए कसी न का उ तर य द टाल दया जाए तो मौका दखकर भाषा बदलकर उस न को पन पा क सामन रखा जा सकता ह परत फर भी य द पा उसका उ तर नह द तो िज नह क जाए अड़ा नह जाए पा छोटा हो या बड़ा उसका आदर कया जाए उसक उ तर वचार को मह व दया जाए अपनी ओर स असहम त या नाराजगी कट न क जाए सा ा कार म दश क अ हत म अथवा समाज म व वष फलान वाल बात नह होनी चा हए य द कसी कारणवश आ भी जाए तो सपा दत करत समय उस हटा दया जाए य द कभी

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ट वी-र डयो क सजीव सारण क समय ऐसा हो जाए तो सा ा कारकता उसका त काल नराकरण कर द य द कसी सा ा कार म पा को कई ब द सा ा कार म न रखन को कह तो सामा यत उसका अनरोध मान लना चा हए सा ा कार श करत समय (इल ॉ नक-मी डया म) पा का स त प रचय द दना चा हए ट-मी डया क सा ा कार म सा ा कार परा हो जान पर तयार करत समय ऐसा करना चा हए सा ा कार परा होत समय सा ा कार पा को ध यवाद दना न भल

39 सा ा कार क या सामा यत सा ा कार लन क लए एक नि चत या अपनाई जाती ह कई बार इस या का पर तरह स पालन नह हो पाता फर भी सा ा कारकता को एक या स तो गजरना ह पड़ता ह चाह इसम कछ प रवतन हो जाय अथवा सा ा कारकता वय कर द साधारणत इस या क न न ल खत चरण हात ह- 1 सा ा कार पा का चयन

कसी यि त का सा ा कार लया जाय यह नि चत करना इसक या का पहला चरण ह सा ा कार-पा का चयन कई बात पर नभर करता ह ल ध ति ठत सा ह यकार मख नताओ समाज क व श ट यि तय कलाकार गायक सगीतकार खला ड़य आ द क वषय म जानन क लए लोग सामा यत उ सक रहत ह अतएव प कार और लखक इस कार क यि तय क सा ा कार लन क लए अवसर ढढत रहत ह पहल व श ट स महान अथवा उ लखनीय यि तय स ह इटर य लना उपय त समझा जाता था बाद म साधारण न न उप त अथवा क यात लोग क भी सा ा कार लय जान लग कह आतककार हमला हआ ह डाका पड़ा ह बड़ी चोर ह ई ह अपहरण हआ ह कोई बड़ा या क यात यि त पकड़ा गया ह आयकर वाल का छापा पड़ा ह बला कार हआ ह ए सीडट या दघटना ह ई ह ाक तक आपदा आ पड़ी ह कोई बड़ा खल मला तयो गता आ द का आयोजन हआ ह चनाव ह ए ह कोई बड़ा नता जीत या हार गया ह दल-बदल या पाट गत व ोह हआ ह कसी को पाट या म म डल स नकाला गया ह शरनी क ब च ह ए ह कसी क ह या ह ई ह कसी न आ मह या क हhellip मतलब क लोग हर तरह क खबर जानना चाहत ह उसक तह म जाना चाहत ह य -कब-कस क जानकार चाहत ह तो इनस जड़ व भ न यि तय क सा ा कार लए जात ह जो ट वी एव र डयो पर तो त काल दखा दए जात ह शाम को या दसर दन अखबार म छप जात ह कछ क सा ा कार लन क लए ट वी एव र डयो क अ धका रय प -प काओ क सपादक स नदश मल जात ह कछ क सा ा कार प कार सवाददाता त न ध आ द वय लत ह और समाचार क सपणता रोचकता दान करत ह ऐस सा ा कार छोट होत ह और इनम सा ा कार क सोपान इसक या का पालन करन का अवकाश नह होता

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कभी ऐसा भी होता ह क नगर म कसी व श ट यि त का आगमन होता ह तो थानीय ट वी एव र डयो- त न ध सवाददाता प -प का स जड़ा प कार या लखक उसका सा ा कार लना तय करता ह अथवा इस काय क लए उस नदश मलता ह कसी समारोह म कसी व श ट यि त क पदापण करन पर उस सा ा कार का पा बना लया जाता ह कभी कसी नि चत योजना क अतगत भी कसी अप त यि त अथवा यि तय क सा ा कार लय जात ह इसक लए कई बार बाहर भी जाना पड़ता ह यि त कसी क वषय म जानन को उ सक होता ह उसस भा वत होता ह तो भी वह उसस सा ा कार लन क सोच लता ह सामा यत य सा ा कार उस यि त स मलकर बातचीत करक न पछकर लय जात ह कभी-कभी सा ा कार अपन न डाक वारा उस यि त क पास भज दता ह और उनका उ तर आन पर न-उ तर जमाकर सा ा कार बना लया जाता ह फोन आ द क वारा भी उस यि त स सा ा कार ल लया जाता ह दवगत यि तय क सा ा कार क पना क आधार पर लख जात ह कभी-कभी इसम उस यि त क अ य लख वचार कथन का समावश भी कर लया जाता ह 2 वषय का चयन

सा ा कार पा का चयन हो जान पर उसस कस वषय पर सा ा कार लना ह यह तय कया जाता ह क व स क वता पर कथाकार स कहानी-उप यास पर कलाकार स कला पर राजनता स राजनी त पर सा ा कार सामा यत लय जात ह सब धत अ य बात पछन का ि टकोण भी रहता ह कभी-कभी पा क जीवन क त व रणा चय भाव दनचया वचार योजना आ द अनक क जानकार ा त करन का ल य

रहता ह कभी सा ा कार-पा क नजी जीवन आ द क बार म न पछकर कसी वषय या उसक कसी बद पर ह बात क जाती ह साधारण पा स योजनानसार न पछ जात ह

3 योजना का नमाण

यि त और वषय तय हो जान पर सामा यत सा ा कारकता इटर य लन क एक योजना बना लता ह इसम सा ा कार पा स समय लना सा ा कार का थान तय करना सा ा कार म पछ जान वाल न व अ य बात क सची बनाना अथवा अपन दमाग म उनक एक परखा रखना आ द सि म लत ह अ धकाशत इस योजना क ल खत प का ह योग कया जाता ह कभी-कभी सा ा कार दन वाला सा ा कार स पव न को अपनी स वधा क लए माग लता ह ता क उस पता चल सक क सा ा कार

म या पछा जाना ह और वह तयार क साथ उ तर द सक अथवा अचानक कसी न स हड़बड़ाए नह ट वी पर सा ा कार लत समय भी सा ा कारकता अपनी नावल ट बल पर रखता ह और सा ा कार क दौरान समय-समय पर उस दखता रहता ह इसस उस सा ा कार लन म आसानी रहती ह फर भी नावल क अनसार पर तरह स सा ा कार नह चलाया जा सकता कभी बातचीत क दशा बदल जाती ह न क

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म म उलटफर हो जाती ह कशल सा ा कार यनकन- कारण घमा- फराकर अपना काम नकाल ह लत ह कभी-कभी नावल सामन रखन का अवकाश ह नह मल पाता तब सा ा कारकता को अपन मानस म स चत िज ासा और न स काम चलाना होता ह अनक सा ा कारकता बना कसी ल खत योजना क ह कशलतापवक सा ा कार ल लत ह फर भी दमाग म एक योजना तो रहती ह ह जो प रि थ त क अनसार बदलती रहती ह प कार इस कला म काफ हो शयार होत ह वस भी सा ा कार पा क सामन ल खत नावल लकर बठना वाभा वक और वाह म यवधान उपि थत कर सकता ह इसस कभी सा ा कार पा असहज अनभव कर सकता ह ऊब सकता ह चढ़ सकता ह नाराज हो सकता ह य य प ऐसा अपवाद म ह होता ह ाय बना योजना परखा या योजना क सा ा कारकता योजनाब तर क स आग नह

बढ़ पाता सा ा कार पा स अप त बात नह नकलवा पाता वह ऊपर-ह -ऊपर तरकर वापस आ सकता ह गहराई म गोत नह लगा सकता व भ न यि तय क लए एक जसी नावल भी काम नह आ सकती सा ा कार म य प नम त व का होना आव यक ह

4 भटवाता

सा ा कार लन क योजना या ा प बन जान पर उस याि वत करन मत प दन क लए सा ा कार पा स भट क जाती ह या प ा द वारा स पक कया जाता ह भटवाता क दौरान सा ा कार पा क वचार को नकलवान ता वत न क उ तर ा त करन का यास कया जाता ह नधा रत योजना क अन प सा ा कार चलता

रहता ह बदलती ह ई प रि थ त और पा क मनःि थ त क अनसार सा ा कार वाता को बदलाव या मोड़ दता रहता ह वह यह भी यान रखता ह क कसी न स पा ऊब न जाय अथवा अ स न न हो जाय य द कभी थोड़ा-बह त यवधान भी पड़ता ह तो वह ि थ त को कशलतापवक सभाल लता ह और सा ा कार को असफल नह होन दता

5 ब द-अकन

य द सा ा कारकता क पास वी डयो- रकाडर (ट वी क लए) अथवा टप- रकाडर या आश ल पक क स वधा उपल ध नह ह तो वह वय आश ल प (शॉटह ड) न जानन क कारण सा ा कार पा वारा अ भ य त वचार को उसी ग त स ह-ब-ह नह लख सकता ट वी ट डयो या र डयो टशन पर यह सम या नह होती दसर य द सा ा कारकता सा ा कार पा क कथन को तलख ( ड टशन) क भा त लखता रहगा तो यह अन चत तीत होगा और वचार क खला भी टट जाएगी अतएव सा ा कारकता म य-म य

बात को बद- प ( वाइ स) म लखता जाता ह बद अकन म इस बात का यान रखा जाता ह क कोई भी मह वपण बात लखन स न रह जाय त थय यि त स था

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क त क नाम घटनाओ उ ारण स ात-वा य आ द का अकन करना आव यक ह त-लखन का अ यास सा ा कारकता क लए लाभदायक रहता ह सकत स ह बदओ

का त काल अकन करक वाता- वाह को वह आग नह होन दता इसक अ त र त सा ा कार पा क यि त व हाव-भाव वातावरण अपनी त या आ द का अकन भी बद- प म तरत करता जाता ह अथवा घर जाकर म त क आधार पर वह बाद म लख लता ह य द लघभट ( मनी-इटर य) ह तो इसक ज रत नह पड़ती

6 ततीकरण

सा ा कार लकर सा ा कारकता लौट आता ह लौटकर वह बदओ और वाता क म त क आधार पर परा सा ा कार लखता ह सा ा कारपा क कथन को यथासभव उसी क भाषा म लखन का यास कया जाता ह सा ा कार क वकास म वह अपनी शल का समावश करता ह सा ा कार क न-उ तर और बातचीत को वह खलाब करता ह सा ा कार तयार करत समय इस बात का यान रखा जाता ह क उसका वाह बना रह तथा कोई भी मह वपण प छटन न पाए सा ा कारकता सा ा कार म यथा थान सा ा कारपा क यि त व का बा य-अकन हाव-भाव वहा क वातावरण अपनी त याओ तथा ट प णय को भी दता जाता ह

कई बार सा ा कार म सा ा कारपा अनौपचा रक प स कछ बात कह दता ह जो ऑफ रकॉड होती ह िजनको सा ा कार म नह दया जाना चा हए कई बार सा ा कार दन वाला इस बात को कह भी दता ह क यह बात अनौपचा रक प म कह गई ह इस अश को सा ा कार म शा मल न कया जाय कसी क च र वषय म क गई तकल ट पणी अपश द कोई नजी गोपनीय त य (िजसको कट करना उ चत न हो) आ द को सा ा कार तयार करत समय छोड़ दना चा हए सा ा कार क सफल ततीकरण पर ह उसक सफलता नभर करती ह आज क इस अ य धक य त यग म कसी स समय लकर सा ा कार जस मसा य और ययसा य काय करना वस ह क ठन ह उस पर फर वीक त लन क क लत सा ा कारकता वय भी एक लखक प कार ब जीवी यि त ह उसका अपना यि त व और टटस ह यह उ चत तीत नह होता क कई परशा नय क रहत पहल तो वह कसी का सा ा कार ल और फर लक क भा त सा ा कार क फाइल लय ह ता र क लए सा ा कार पा क आग-पीछ घमता रह य द सा ा कारपा ह ता र करन स मना कर द तो अपना-सा मह लकर लौट आए हा य द सा ा कारपा वय यह कह द क सा ा कार तयार हो जान पर उस दखा दया जाय अथवा वशष ि थ त म कह उसक कथन या ववरण म कोई शका हो अथवा कोई ववादा पद या ज टल बद हो तो अपनी र क को कम करन क लए वह सा ा कार उसक पा को दखा सकता ह उसक वीक त ल सकता ह ट वी या र डयो क सा ा कार म यह सम या नह आती टप कए ह ए सा ा कार म भी उलझन नह रहती

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कई बार ऐसा हआ ह क सा ा कार क दौरान सा ा कार न कछ और कहा ह कसी सा ा कारकता न गलती स या जानबझ कर कछ और लख दया ह कभी-कभी प -प का क सपादक भी मनमान सशोधन या काट-पीट कर दत ह गलत बात या त य को तोड़-मरोड़कर छप जान स सा ा कार पा को क ट या पीड़ा या नाराजगी होती ह मनमानी काट-छाट स कई बार अथ का अनथ हो जाता ह डॉ बनारसीदास चतवद महादवी वमा अमता ीतम व ण भाकर मनोहर याम जोशी जस लोग इस पीड़ा को भगत चक ह इन लोग न अपनी पीड़ा को य त भी कया ह फ म म तो यह वि त और भी अ धक ह सामा यत प कार ज द म होता ह उसका ल य व श ट और स त होता ह वह सा ह यक सा ा कार क भा त अवकाश नह पाता उसका ल य पा को उजागर करना नह अप त त य को सामन लाना होता ह वह सा ा कार क सम या को नह अपना पाता सा ा कार क सपण सोपान का नवाह उसस नह हो पाता फर भी उसक सा ा कार का अपना मह व ह यह ज र नह ह क सा ा कार म कस पा को सपणत उजागर कया जाए उसक एक झलक कछ अश भी सामन लाए जा सकत ह सपणता लय ह ए सा हि यक सा ा कार सा ा कार- वधा क मह वपण अग ह और व सा ा कार-सा ह य क बह म य न ध ह

310 सा ा कारकता क वशषताए सा ा कारकता को एक अ छा ोता होना सबस ज र ह सा ा कारपा क बात यान स धय-पवक सन ऊब उतावलापन असहम त नाराजगी न जताए सा ा कारपा य द सामा य या कमजोर अथवा ग रमाह न ि थ त (अपराधी) का भी हो तो भी उसक उप ा न कर उसक वशभषा भाषा स क त हाथ-भाव आ द क उप ा न कर व श टजन तो आदर क पा ह ह य द सा ा कारकता क वचार पा क वचार क तकल ह तो भी वह सयम बरत पा क कथन ह सा ा कार म मह वपण होत ह सा ा कारकता तो एक सहायक मा यम क भ मका अदा करता ह सा ा कारकता म न पछन क कला होनी चा हए य द सामा य न स अप त जानकार न मल तो उस न को अवसर दखकर भाषा बदलकर बाद म फर पछना चा हए य द फर भी पा उस टाल द तो दरा ह नह करना चा हए सा ा कार लन स पव सब धत पा और वषय क जानकार कर लनी चा हए य द सगीत क वषय म सा ा कारकता श य ह तो वह सगीत स सफल सा ा कार नह ल सकगा जानकार क लए प तकालय और वषय स सब धत यि त स सहयोग लया जा सकता ह य द उस मनो व ान का थोड़ा-बह त ान होगा तो वह पा क मनोि थ त मड को तर त भाप लगा और सा ा कार को आग बढ़ाता जाएगा सा ा कारकता म अहकार खापन अपनी बात थोपना पवा ह वाचालता कटता स ती-जसी चीज नह होनी चा हए उसम िज ासा न ता भाषा पर अ धकार बात नकालन क कला तट थता पा क बात सनन का धय लखन-शि त बदलती ह ई प रि थ त क अनकल सा ा कार को टन (मोड़) दन क मता-जसी

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बात होनी चा हए पा क स क त भाषा तर वचारधारा ट प णया आ द य द अनकल न ह तब भी सा ा कारकता को सामा य और सय मत रहना चा हए य द ट-मी डया क लए सा ा कार ह तो पा क वचार उसक वारा द गई जानकार को तोड़-मरोड़कर अथ बदलकर पश नह करना चा हए कई सा ा कारदाताओ (पा ) यथा अमता ीतम मनोहर याम जोशी आ द न इस कार क शकायत क ह ट वी या र डयो पर तो सा ा कारकता कोई सशोधन कर ह नह सकता सा ा कार म झठ तार फ खशामद चमचा गर न दा कसी पर अन चत हार आ द न हो सा ा कार साथक हो वह नधा रत समय म परा होना चा हए कोई बात समझ म नह आए तो उस प ट कर लनी चा हए य य प कसी एक यि त म इतनी वशषताए नह हो सकती फर भी िजतनी अ धक हो अ छा ह

311 सा ा कार एक कला सा ा कार म यत प कार लखक मी डयाकम ह लत ह कभी-कभी अ य क यि त भी ल लत ह सा ा कार एक कला ह डॉ च भान का कहना ह - इटर य भी एक कला ह इसम बड़ कौशल क आव यकता होती ह आप न पछ और उ तरदाता आपको इधर-उधर ह भटकाता रह और कसी न का उ तर ठ क स न द व तत कसी यि त स उसक जीवन क बात नकलवा लना एक कला ह इसक लए पहल आव यकता इस बात क ह क सा ा कारकता आपक मन स उस यि त स सब धत सभी पवा ह को नकाल द वह साफ लट लकर उसक पास पह च तभी स य व प उस पर अ कत हो सकगा दसर आव यकता यह ह क वह उस ल य- यि त का व वासपा बन जाए बना उसका व वासपा ह ए वह सार बात उसस नह कहलवा सकता तीसर आव यकता इस बात क ह क इटर य म या श भाव स न लया जाए rsquo िजस कार सा ा कार लना एक कला ह उसी कार सा ा कार दना भी एक कला ह हर आदमी अ छा इटर य नह द सकता सा ा कार एक मह वपण और उपयोगी वधा ह इसम य द नवीन और मह वपण साम ी नह आएगी तो वह कोई अ छा सा ा कार नह होगा िजस कार सा ा कारकता म कछ वशषताए होनी चा हए वस ह सा ा कारदाता (पा ) म भी कछ अ छ बात का होना सा ा कार को सफल और अ धक उपयोगी बनाता ह व श ट सा ा कारपा का अपन पर अ धकार उ लखनीय यि त व-क त व वशष उपलि धया पवा ह र हत होना अहकार र हत सा ा कारकता का स मान करन वाला उस सहयोग दन वाला वन खश- मजाज डीग न हाकन वाला भाषा पर सयम रखन वाला होना चा हए उसम वगोपनवि त अपन को छपान क वि त न हो य य प य सार गण कसी एक यि त म नह हो सकत परत िजतन अ धक गण ह अ छा ह सामा यजन म य सब होना ज र नह होता सा ा कार को सफल मह वपण और उपयोगी बनान का दा य व सा ा कारकता क साथ-साथ सा ा कारपा का भी ह महा मा गाधी जन ब चन व ण भाकर आ द इस कला म न णात ह उ ह न बड़ी स या म अ छ सा ा कार दए ह

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मख सा ा कारकता डॉ पदम सह शमा कमलशrsquo का मत ह ndash lsquoइटर य क अ छ-बर होन क कछ िज मदार इटर य दन वाल क भी ह य द इटर य लन वाल क ा को मह व न दकर चलताऊ बात बताता ह और काय म च नह लता तो इटर य कभी अ छा नह बन सकता ऐसा भी सभव ह क सा ा कारकता को कसी मह वपण बात क जानकार न हो अथवा वह उस समय पछना भल जाए तो पा को वह जानकार वत द दनी चा हए महा मा गाधी तक न ऐसा कया ह सा ा कार को अन चत चार कसी को गरान-उठान न दा- त त का मच नह बनाना चा हए अपा (उपलि धह न) लोग स सा ा कार लना उ चत नह सामा यजन इसक अपवाद ह अगभीर मह वह न लोग को इस वधा स दर रहना चा हए प कार डॉ नद कशोर खा ठ क ह लखत ह - समाला य- यि त (पा ) ऐसा हो सकता ह जो वत ह सार जानकार द द और ऐसा भी हो सकता ह जो मह खोलना ह नह चाह दोन ह प रि थ तय म भट-वाताकार या समालापक को बड़ा सतक सयाना और ववक बनन क आव यकता होती ह य द कोई यि त अपन-आप बह त कछ बताता ह तो सभव ह वह आपको अपन म त चार का साधन बनान क को शश कर रहा हो जो यि त कछ नह बोलता और आपस सहयोग को तयार नह ह वह न चय ह आपस कछ छपान क को शश म ह ऐस यि तय स नपटना आसान नह होता इन यि तय स खबर नकाल लन म आपका यावसा यक चातय काम म आता ह

बोध न- 1 1 सा ा कार कस कहत ह helliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphellip helliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphellip2 सा ा कार और अ य वधाओ म अतर क िजए helliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphellip helliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphellip3 मी डया म सा ा कार का मह व एव उपयो गता को बताइए helliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphellip helliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphellip4 सा ा कार क व भ न कार कौन- कौन स ह helliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphellip helliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphellip

312 ट- मी डया म सा ा कार ट-मी डया म सा ा कार एक मह वपण वधा ह यह प का रता सा ह य

इल ॉ नक-मी डया (ट वी-र डयो) आ द अनक स जड़ी ह हद म इस वधा क वतन का य डॉ नग डॉ व वनाथ श ल आ द व वान न मध य प कार बनारसीदास चतवद

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को दया ह डॉ नग का कथन ह - हद -ग य म इस वधा (सा ा कार) क वतन का य बनारसीदास चतवद को ह - वशाल भारत म का शत र नाकरजी स बातचीत ( सत बर

1931) और मच दजी क साथ दो दन (जनवर 1932) इस दशा म उनक उ लखनीय रचनाए ह डॉ व वनाथ श ल न भी लखा ह - इस वधा का स पात करन का थम य प बनारसीदास चतवद को ह उ ह न र नाकरजी स बातचीत शीषक इटर य सतबर

1931 क वशाल भारत म का शत कया था इसक कछ ह मह न बाद मचदजी क साथ दो दन शीषक स उनका दसरा इटर य जनवर 1932 क वशाल भारत म का शत हआ सभवत 1931 का र नाकरजी वाला इटर य हद का थम सा हि यक इटर य ह इसक वपर त डॉ रामगोपाल सह चौहान हद म इस वधा क वतन का य डॉ पदम सह शमा कमलश को दत ह व लखत ह- हद म इटर य क वधा का स पात करन का य डॉ पदम सह शमा कमलश को ह इसस पहल यह वधा हद म अनजानी थी डॉ

कमलश न हद क चोट क सा ह यकार स इटर य लकर मौ लक काय कया rsquo डॉ कमलश का च चत सा ा कार-स ह म इनस मला दो भाग म 1952 म का शत हआ था परत सा ा कार- वधा क थम शोधकता व ण पकज न हद म सा ा कार वधा क वतन का य प कार-लखक च धर शमा गलर को दया और समालोचक क सतबर 1905 क अक म का शत उनक सा ा कार सगीत क धन एक सवाद को हद का पहला सा ा कार माना यह सा ा कार सगीत-महारथी व ण दगबर पल कर स लया गया था गलर जी समलोचक क अघो षत सपादक (रा यसवा म होन क कारण) थ व तब मयो कालज अजमर म ा यापक थ पल करजी क अजमर आगमन पर समालोचक क त न ध को ह सयत स उ ह न यह सा ा कार लया था इसम सा ा कार क पर त व ह जब क र नाकरजी वाल बातचीत नबध स मरण रखा च सवाद आ द अनक वधाओ का समवत- प ह सा ा कार क गण उसम नह ह मख आलोचक और सा ा कारकता डॉ रणवीर रा ा न व ण पकज क का शत शोध- थ

हद - इटर य उ व और वकास क समी ा आकाशवाणी द ल (7 अग त 1984 को सा रत) पर करत ह ए कहा ndash lsquorsquo व ण पकज का शोध- बध हद -इटर य lsquoउ व और वकास

अपन वषय का पहला और स नयोिजत अनसधान काय ह इस शोध- बध म इटर य- वधा क बार म च लत अनक ाि तय का सम ाण नराकरण भी कया गया ह हद म इस वधा क वतन क वषय म अब तक दो मत सामन आए थ डॉ नग डॉ व वनाथ श ल जस व वान शीष थ प कार प बनारसीदास चतवद को पहला इटर यकार होन का य दत ह इसक वपर त रामगोपाल सह चौहान जस समी क न यह य डॉ पदम सह

शमा कमलश क प तक म इनस मला को दया ह गहर छानबीन क आधार पर इस शोध- बध ( हद -इटर य उ व और वकास) म प च धर शमा lsquoगलर rsquo को हद इटर य का वतक स कया ह

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313 इल ॉ नक-मी डया म सा ा कार इल ॉ नक-मी डया (म यत ट वी-र डयो) पर आरभ स ह सा ा कार सा रत हो रह ह रोजाना ह व वध चनल पर छोट-बड़ व वध वषय पर सा ा कार आत ह इल ॉ नक- ा त न अनक मा यम व तत और सश त बना दए कई नए मा यम भी वक सत कर दए ह अब टल फोन वी डयोफोन इटरनट फ स ई-मल आ द स भी खब सा ा कार लए जान लग ह व पन हाडा द पक बोहरा शखर समन आ द न टल वजन पर बड़ी स या म सा ा कार लए ह तब सम न अनक फ मी हि तय स सा ा कार लकर फल खल ह गलशन-गलशन जस काय म को सफल बनाया था कमल वर न अनक यि तय स बातचीत क कलाश वाजपयी च कमार बरठ कलानाथ शा ी आ द न सा ह यकार क भ चावला एमज अकबर क हयालाल नदन रजत शमा वनोद दआ श शकमार उदयन शमा आ द न राजनताओ क व पन हाडा द पक बोहरा शखर समन महश भ फा क शख मनीष दब मोहन कपर आ द न फ मी हि तय क अ छ सा ा कार लए ह भ चावला न सीधी बात रजत शमा न जनता क अदालत शखर समन न शकस ए ड मवस म तज तरार सा ा कार लए ह मनका गाधी न जीव दया अनराधा साद न व वध वषय रोशनी न पाकशा पर बातचीत क ह शखर ग ता न टहलत ह ए सो नया गाधी ऐ वया राय आ द स भटवाता क ह रामशरण जोशी णवराय सईद नकवी मह मधप (क ष पर) मनोज रघवशी करण थापर राह ल दव मणाल पाड पकज शमा राज बोहरा राध याम तवार राजीव श ला प पश पत बलजीत आशा सचदव जाि मन मोजज फर दा जलाल नीलम शमा न लनी सह वा त आ द वारा भी बह त-स सा ा कार लए गए ह र डयो पर गोपालदास जसदव सह ठाकर साद सह नरो तम पर छोट स वता बजाज मोहन सह सगर वद यास स यनारायण शमा मदन शमा राह मजल राम सह पवार वजय चौधर सवाई सह धमोरा अचला नागर अ नता म लक इद जन कथा जन वमला पा टल सरल कमार आ द न उ लखनीय सा ा कार कय ह

बोध न- 2 1 ट मी डया क लए सा ा कार कस लत ह helliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphellip helliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphellip2 इल ॉ नक मी डया म सा ा कार वधा आज य लोक य ह helliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphellip helliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphellip3 सा ा कार क या क मख चरण कौन स ह

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helliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphellip helliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphellip4 सा ा कार एक कला ह समी ा कर helliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphellip helliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphellip

314 साराश इस इकाई म हम दख चक ह क सा ा कार मी डया का एक मह वपण और उपयोगी घटक ह सा ा कार क कला जान बगर कसी भी मी डयाकम प कार का काम चलना क ठन ह उस कभी पा स य भट करक सा ा कार लना होता ह तो कभी टल फोन या अ य इल ॉ नक-मा यम वारा इस पाठ म सा ा कार क व प कार थम हद -सा ा कार ट-मी डया और इल ॉ नक-मी डया क सा ा कार क अ ययन क अलावा हमन इसक

उपादयता और मह व को जाना सा ा कारकता म या गण ह सा ा कार कस ल - यह जानकार भी हमन ा त क सा ा कार- वधा को सम प म जानन का यास हमन कया ह सा ा कार एक वत वधा ह

315 श दावल इस इकाई म आन वाल पा रभा षक श द क अथ इस कार ह - सा ा कार - यह जनसचार क मख वधा ह इसक अतगत सा ा कारकता

सा ा कार दन वाल स मलकर बातचीत करक नो तर वारा उसक जीवन क त व और वचार आ द क जानकार ा त करता ह

सा ा कारकता - जो यि त सा ा कार लता ह उस सा ा कारकता कहत ह सा ा कारपा - िजस यि त स सा ा कार लया जाता ह वह सा ा कारपा

कहलाता ह ट मी डया - म त मा यम (समाचारप प का थ आ द) को कहत ह

इल ॉ नक मी डया - ट वी र डयो क यटर इटरनट फ स ई मल आ द को कहत ह

316 कछ उपयोगी प तक 1 ह द -इटर य उ व और वकास - डॉ व ण पकज ववक पि ल शग हाउस जयपर 2 जनसचार क वधा-सा ा कार- डॉ व ण पकज राज थान काशन जयपर 3 सा ा कार-कोश- डॉ व ण पकज रचना काशन जयपर 4 भारतीय भाषाओ म सा ा कार - डॉ व ण पकज मगलद प एि लकशन जयपर 5 मी डया इटर य - डॉ व ण पकज मगलद प पि लकशन जयपर

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6 इटर य स ात तकनीक और यवहार - डॉ व ण पकज नशनल पि ल शग हाउस नई द ल

7 सा ा कार स ात और यवहार - रामशरण जोशी थ श पी नई द ल 8 म इनस मला - डॉ पदम सह शमा कमलश आ माराम एड सस नई द ल 9 सा ह यकार क सग - कलाश कि पत कताबघर द ल 10 भारतीय सा ह यकार स सा ा कार - डॉ रणवीर रा ा भारतीय ानपीठ काशन नई

द ल

317 अ यासाथ न 1 सा ा कार स आप या समझत ह यह अ य वधाओ स कस कार भ न ह 2 सा ा कार क उपयो गता और मह व पर व तत काश डा लए 3 सा ा कार कतन कार क होत ह इनम स कौन-सा कार आपको अ धक भावी लगा

तक क साथ समझाइए 4 आप एक सफल सा ा कार कस कार लग व तार स बताइए 5 सा ा कार- या का व तार स उ लख क िजए 6 एक सफल सा ा कारकता म या वशषताए होनी चा हए इनम स कौन-सी वशषताए

आप अपन अदर अनभव करत ह 7 सा ा कार कला ह इस कथन क समी ा क िजए 8 पहला हद -सा ा कार आप कस मानत ह और य व तारपवक लख 9 स त ट प णया लख -

1 ट-मी डया म सा ा कार 2 इल ॉ नक-मी डया म सा ा कार 3 सा ा कार और अ य वधाए 4 मी डया म सा ा कार का मह व

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इकाई-4 समाचार का वग करण - (भाग-1)

इकाई क परखा 40 उ य 41 तावना 42 समाचार का व प 43 समाचार क त व 44 समाचार क कार एव वग करण

441 वषयव त क आधार पर 442 क त क आधार पर 443 या या क आधार पर 444 रपो टग व ध क आधार पर 445 ततीकरण क व श ट शल क आधार पर

45 साराश 46 श दावल 47 कछ उपयोगी प तक 48 अ यासाथ न

40 उ य इस पाठ का उ य समाचार इसक अथ इसक व प इसक त व तथा समाचार क कार क सबध म व तार स चचा करना ह बदल ह ए प रवश म समाचार का जन जीवन म या मह व हो गया ह समाचार क अथ और प रभाषा म पछल दो दशक क दौरान कस तरह का बदलाव आया ह वगत अव ध क दौरान समाचार का कौनसा नया वग करण तथा कौन-कौनस नए कार उभरकर सामन आए ह इन सब बात क इस पाठ क अ तगत चचा क गई ह इस पाठ का अ ययन करन क प चात आप जान सकग - समाचार या ह समाचार क परपरागत व नवीन प रभाषाए या ह समाचार क मख त व कौनस ह व भ न आधार पर समाचार का वग करण कस कया जा सकता ह तथा समाचार क

कार कौन कौन स ह

41 तावना पछल दो दशक क दौरान व वभर क मी डया जगत एव खासतौर पर ट मी डया क अवधारणा और व प म आमल प रवतन आया ह मी डया का काम सफ सचनाओ को

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य का य आम आदमी तक पह चाना भर नह रहा टल वजन और इटरनट न अब समाचारप को अपनी भ मका पर पन वचार क लए मजबर कर दया ह शायद यह कारण ह क समाचारप क मख प ठ पर आज कसी भी घटना क ाथ मक सचना क बजाय पछल दन टल वजन पर दखाई जा चक अमक घटना का व लषण प ठभ म या भाव दखाया जाता ह समाचारप म अब बयो ड ट ल वजन जन ल म क नई अवधारणा ज म लन लगी ह िजसक अ तगत वह करन का यास कया जाता ह जो ट वी नह कर सका समाचारप क बदल ह ए कलवर पर नजर डाल तो न सफ समाचार क दो दशक परानी अवधारणा बदल ह ई नजर आती ह बि क समाचारप क समाचारप होन पर भी बड़ा सा सवाल लगा दखाई दता ह समाचारप का मख उ य अब सचना दन क बजाय आम आदमी का मनोरजन करना अ धक हो गया ह अ धकाश समाचारप क प न गभीर राजनी तक समाचार क बजाय फ मी हि तय क ग त व धय स तथा वकास योजनाओ क सचना क बजाय वला सता और सर सपाट स जड़ी ताजातर न जानका रय जस - वा य सौ दय और लमर स जड़ी नवीनतम खोज व सचनाओ स भर दखाई दत ह हाल ह म इल ो नक मी डया का भार व तार हआ ह और समाचारप का सार भी बढ़ा ह इसक साथ ह मी डया का यापार करण हआ और बाजार पर क जा करन क मकसद स ह समाचार म मनोरजन का त व हावी हआ ह समाचारप क इस बदल ह ई त वीर क म नजर ह समाचारप म लखन क कई नवीन वधाओ का ज म हआ ह कछ समय पव तक प म जहा सफ त य आधा रत समाचार एव सपादक य आलख ह छपा करत थ वह आज समाचारप म हाड यज सॉ ट यज यज फ चर यमन टोर पािज टव यज एव अ य कई तरह क समाचार वधाओ का योग

होन लगा ह समाचार जगत क बदलती ह ई ज रत को यान म रखत ह ए प का रता क छा को समाचार लखन क इन नवीनतम वधाओ स प र चत होना ह चा हए

42 समाचार का व प आम जीवन म हम जब भी कसी प र चत अथवा अप र चत स मलाकात करत ह दोन मलाका तय का आपस म पहला सवाल यह रहता ह क और या खबर ह जब कसी म अथवा प र चत को यि तगत प लखा जाता ह पि त बरस स कछ य श क जाती रह ह अ कशलम त ा त क प चात समाचार यह ह क अथवा आग समाचार यह ह क वगरह rsquorsquo जा हर ह इसानी सवाद क एक म य वजह जानका रय का लना या दना रह ह जानका रय क त मानव सलभ िज ासा न ह समाचार को एक यवसाय क व त बना दया ह यह समाचार व तत पर मी डया जगत का क चा माल भी ह और इसका म य उ पाद भी परपरागत या याओ क अ तगत समाचार का अथ इसक अ जी नाम स समझा जाता ह िजसक अनसार NEWS स चार दशाओ नाथ ई ट व ट और साउथ का भान होता ह कई अ य प रभाषाओ का न कष भी यह दशाता ह क समाचार दरअसल सचनाओ का स ह ह कत एक यावसा यक नज रए स हम दख तो हर सचना समाचार नह हो सकती बहार

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क म यम ी का वहा क कसी क बनट म ी स गोपनीय वातालाप बहार क पाठक क लए नि चत प स समाचार हो सकता ह मगर म य दश क पाठक क लए यह जानकार एक ऐसी सचना भर ह िजसम उनक कोई च नह ह इस ि ट स हम कह सकत ह क समाचारप क लए वह सचना समाचार बनती ह िजस लोग जानना चाहत ह एक यि तगत वातालाप अथवा एक नजी च ी म द जान वाल जानका रया सब धत लोग क लए अव य समाचार हो सकत ह मगर अ य लोग क लए य मा अ चकर सचनाए ह इस ि ट स हम य भी कह सकत ह क समाचारप क लए व ह सचनाए समाचार ह िज ह अ धक स अ धक लोग जानना चाहत ह rsquorsquo

43 समाचार क त व कसी सचना को समाचार बनान म कछ कारण अपनी भ मका नभात ह यह कारण समाचार क त व कह जा सकत ह िजन लोग का कभी अदालती वाद- ववाद स पाला पड़ा हो व जानत ह ग क कोई भी वाद दायर करत समय वाद प म वाद कारण का उ लख कया जाता ह जो यह प ट करता ह क अमक ववशता क कारण यह वाद दायर कया जाना आव यक हो गया ह ठ क इसी तरह समाचार का शत करत समय पाठक को भी यह बताना ज र होता ह क अमक समाचार आज का शत करन का औ च य अथवा कारण या बना ह उदाहरणत हम नगर क कसी ऐस जलाशय पर समाचार फ चर बना रह ह िजसका वजद सौ वष स भी यादा समय स ह ऐस म हम यह अव य लखना होगा क इस जलाशय म पछल एक माह या छ माह क दौरान अचानक अ त मण बढ़ गए ह अथवा पछल दस रोज म तज गम क कारण इसका जल तर अचानक एक फट कम हो गया ह यह ताजातम ि थ त ह इस समाचार का कारक त व होगा कोई समाचार कस सीमा तक समाचार ह और कसक बाद असमाचार यह सब बात नधा रत करन वाल न न ल खत कछ मख त व ह िज ह समझना हमार लए नि चत प स उपयोगी रहगा समाचार लखन क मख त व ह- 1 जन च 2 ताजगी 3 ल त समह 4 जानकार का आकार 5 सपादक या रपोटर का ववक 6 ता का लक प रि थ तया 7 सचना मा यम क नी त 8 बदलत मानदड 1 जन च - समाचार का सबस पहला त व जन च ह कसी सचना म समाचारप पाठक

र डय ोताओ अथवा ट वी दशक क कतनी च ह यह उस समाचार क नमाण चयन लसमट अथवा ड ल का आधार बनता ह इसक अ त र त कतन लोग अथवा समाज क कतन बड़ वग क च अमक सचना म ह यह बात उस समाचार का आकार भी

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तय करती ह हम अ सर समाचार का मह व उसम द जान वाल जानकार बड़ आकड़ अथवा बड़ यि त क नाम स तय करन क गलती कर बठत ह कत समाचार जगत म ऐसी कसी भी सचना अथवा जानकार का मह व सफ जन च ह तय करती ह य द हम यावसा यक नज रए क बात कर तो कसी जानकार क बाजार माग ह उसक क मत तय करती ह

2 ताजगी- समाचार का एक मह वपण त व उपल ध जानकार क ताजगी ह सचना मा यम क दौड़ म अब वह वजता माना जाता ह जो सबस ताजा जानकार द आम आदमी समयातीत या परानी जानका रय म वह तक च रखता ह जहा तक व कसी ताजा घटना म क प ठभ म क ि ट स ास गक ह इस तरह स जो सचना िजतनी नई ह उतनी ह समाचार क ि ट स मह वपण ह

3 ल त समह - िजस हम बोलचाल म टारगट प या टारगट आ डय स कहत ह उसक भौगो लक दर घटना थल स कतनी ह यह बात भी समाचार का एक मह वपण त व ह बगलोर क नकट कसी गाव म घ टत बस दघटना म बीस लोग भी मर जाए तो इस राज थान क समाचारप म सगल कॉलम समाचार ह बनाया जा सकता ह मगर य द जयपर म ह ई दघटना म तीन लोग भी मार जाए तो यह थानीय प म दो अथवा तीन कॉलम क खबर बन सकती ह

4 जानकार का आकार - कसी समाचार म दया गया आकड़ा मतक क स या योजना का आ द आकार म कतना बड़ा ह यह त व भी समाचार को भा वत करता ह क त यह त व हमशा प रि थ तय पर नभर करता ह भौगौ लक दर अथवा जन च आ द त व वपर त होन पर यह त व ाय गौण रह जाता ह

5 सपादक या रपोटर का ववक - कसी खास सपादक या रपोटर क यि तगत सोच भी कई बार कसी समाचार क मह व को घटा अथवा बढ़ा सकती ह कसी शहर म आम तौर पर दो दन म एक बार पयजल आप त होती ह कसी दन यह आप त तीन रोज तक पह च जाती ह थानीय रपोटर एव सपादक क लए यह आम समाचार ह मगर शहर म एक नया रपोटर कसी ऐस शहर स आता ह जहा दन म दो बार जलाप त होती थी ऐस रपोटर क लए तीन दन म जल आप त एक ल ड समाचार जसा मह वपण हो सकता ह

6 ता का लक प रि थ तया - एक ह सचना अलग-अलग प रि थ तय म समाचार अथवा असमाचार हो सकती ह समाचारप म उस दन व ापन क स या अ य मह वपण घटना म क तलना मक ि थ त अथवा कछ अ य यावहा रक कारण एक ह सचना क मह व को घटा अथवा बढ़ा सकत ह दश क कसी लोक य यि त का नधन आम दन म समाचारप क थम ल ड बन सकता ह कत उसी दन दश क कसी भाग म भकप स कई लोग मार जाए तो इस यि त क नधन का समाचारप क कसी कोन म सगल कॉलम म भी का शत हो सकता ह

7 सचना मा यम क नी त - एक ह सचना क साथ अलग-अलग समाचारप अथवा अलग अलग सचना मा यम म भी अलग अलग यवहार हो सकता ह कछ ट वी चनल भत त

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क घटनाओ को बढ़ा चढ़ा कर दखात ह जब क कछ चनल सजीदा समाचार को ाथ मकता दत ह कसी समाचारप म आ याि मक समाचार मखता स छाप जात

ह तो कसी म बला कार या अपराध क खबर को बड़ा आकार ा त होता ह 8 बदलत मानदड - समाचार क त व ाय समय काल क अनसार भी बदलत रहत ह

एक समय था जब दश का धानम ी कसी भी दश म कोई भाषण दता था तो वह समाचारप क थम ल ड क प म का शत हआ करता था अब वह समय आ गया ह जब भाषण क लए भीतर प ठ क कोन म भी जगह नह मलती कसी अ भनता क ववाह क पाट अथवा कसी कट टार का म सग जो शायद कसी जमान म समाचार का वषय भी नह माना जाता था अब प क थम ल ड क प म छप सकता ह

44 समाचार क कार एव वग करण प का रता क म पछल बरस क दौरान जो बदलाव आए ह उनक अ तगत समाचार और लखन क कई नवीन श लया वक सत ह ई ह पाठक को आक षत करन क लए या त पधा म और स अलग नजर आन क लए समाचार त त क नत नए तर क क खोज

नर तर जार ह समाचार क अलग अलग कार को अलग-अलग णय म वग कत कया जा सकता ह समाचार क वग करण क जो मख आधार हो सकता ह व न नानसार ह- 441 वषयव त क आधार पर 442 क त क आधार पर 443 या या क आधार पर 444 रपो टग व ध क आधार पर 445 ततीकरण क व श ट शल क आधार पर

441 वषय व त क आधार पर वग करण

समाचार म द जान वाल साम ी जानकार त य तथा आकड़ पाठक य मनि थ त पर गभीर भाव डालत ह अथवा ह का फ का यह बात कसी समाचार को हाड यज अथवा सा ट यज क णी म वभािजत करती ह

(क) हाड यज ठोस त य पर आधा रत घटना धान एव समयब समाचार को हाड यज कहा जा सकता ह यह समाचार लखन क परपरागत शल ह ह या दघटना वधा यका क बठक वीआईपी का आगमन अथवा कोई मह वपण अदालती फसला हाड यज का वषय हो सकता ह हाड यज क मख वशषताओ को हम इस तरह अलग रख सकत ह थम हाड यज त य एव ठोस जानकार पर आधा रत होती ह वतीय हाड यज अखबार क ऐस ट न समाचार क णी म आती ह जो खद चल कर रपोटर क पास आती ह ततीय

हाड यज ाय सभी त पध समाचारप म एक ह दन का शत होती ह इ ह अगल

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दन क लए रोका नह जा सकता चतथ हाड यज क भाषा गभीर व सपाट होती ह पचम हाड यज का मख उ य पाठक को सचना दना होता ह ष ठम हाड यज ाय उ व परा मड क श ल म ह बनाई जाती ह िजसम ठोस व मख जानकार आर भ

म तथा गौण जानकार बाद म का शत क जाती ह उदाहरण- अि न पर ाrsquo म सफल अि न- 3

भारत न मसाइल तकनीक तक म लबी छलाग लगात ह ए 3 हजार कलो मीटर तक परमाण ह थयार क साथ मार करन म स म अि न-3 मसाइल का ग वार को सफल पर ण

कया बगाल क खाड़ी ि थत ह लर वीप क अत रम पर ण थल (आईट आर) स सबह 1052

बज इस छोड़ा गया यह दश क अब तक क सवा धक दर तक मर करन

वाल मसाइल ह यह चीन क बीिजग और शघाई तक मार करन म स म ह

(ख) सा ट यज जसा क नाम स ह जा हर ह सा ट यज क भीतर चकर जानकार दलच प अदाज म

तत क जाती ह गम क मौसम म अचानक सद हो जाना कसी भ त का दडवत करत ह ए तीथया ा करना कसी बारात म द ह स हत घोड़ी का भाग जाना आ द ऐस ह क-फ क वषय ह िजनक कसी समाचारप म न छपन पर पाठक प को अधरा तो महसस नह करता मगर िज ह पढ़न क बाद एक अवणनीय आन द का अनभव अव य करता ह सा ट यज क मख वशषताए इस कार ह थम सा ट यज म हाड यज क तरह सभी मख ककार का इ ो म होना आव यक नह माना जाता वतीय सा ट यज ाय समयब नह होती तथा जब तक कोई च चत घटना स जड़ा समाचार न हो इस उसी दन का शत करना ज र नह समझा जाता ततीय सा ट यज क भाषा ाय चट ल और महावरदार हआ करती ह चतथ सा ट यज का मख ल य सचना दना नह पाठक का मनोरजन करना होता ह पचम सा ट यज पाठक पर कोई गभीर भाव डालन क अप ा उसक भावना सवदना अथवा अनभ तय को पश करन का काय करती ह उदाहरण-

कान स ग बारा फलान वाला स न बड लयास गाव क सजय शमा (32) न कान स ग बार म हवा भरन का कारनामा कर दखाया ह लोग उस कान स ग बारा फलान वाला स त कहत ह दो साल पहल बनास नद म नहान क बाद सजय न कान स पानी नकालन क को शश क नाक बद करन पर कान स फ वार क तरह पानी बाहर आया एक-दो

दन बाद उसन ट वी पर एक यवक को म ह स मोटर साइ कल क यब म हवा भरत दखा इसक बाद उसन कान स ग बार म हवा भरन क को शश श क छह मह न बाद उसन दो त क सामन ग बार म कान स हवा भर कर दखाई

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442 क त क आधार पर

समाचार क वग करण का एक आधार उस सचना क क त भी ह जो क पाठक तक पह चाई जानी ह अलग- अलग ोत अथवा मा यम स ा त होन वाल सचनाओ का ल य एव वषय अलग-अलग हो सकता ह सचना क क त क आधार पर हम समाचार का न न ल खत णीकरण कर सकत ह - (क) भाषण (ख) व त य (ग) स नोट (घ) वकास समाचार (ङ) त या (क) भाषण राजनताओ मख यि तय लोक य हि तय अथवा ब लोग वारा

सावज नक थल पर दए जान वाल भाषण हमशा स समाचार का वषय बनत रह ह क त पछल एक दशक स भाषण का कवरज समाचारप म काफ हद तक सी मत हो चला ह भाषण स जड़ समाचार का इ ो बनात समय दो बात को यान म रखा जाता ह थम तो यह ह क भाषण दन वाला यि त कतनी जानी मानी शि सयत ह दसर भाषण म कह गई बात आम लोग को कस सीमा तक भा वत या उ व लत करन वाल ह राजनताओ का भाषण कवर करत समय उनक वारा क गई नई घोषणाओ को सबस पहल वर यता द जाती ह य द कोई घोषणा नह ह ई ह तो उनक वारा कह गई कसी नई ववादा पद या तीखी बात को मखता द जाती ह

(ख) व त य कछ मख अवसर पर वशष यि तय वारा वशष व त य जार कए जात ह दो दश क शखर यि तय क वाता क प चात सय त व त य जार करन क पर परा भी रह ह कभी कसी बड़ी घटना या वशष अवसर पर सरकार या शासन क ओर स भी व त य जार कए जात ह िजनका ल य ाय कसी खास मसल पर सरकार प रखना या कसी म क ि थ त को दर करना होता ह ऐस व त य को इनक मह व क अनसार स वारा औपचा रक तर क स ाय ह-ब-ह का शत कया जाता ह

(ग) स नोट समाचारप म का शत होन वाल समाचार का एक मख ोत स नोट अथवा स व ि तया होत ह सरकार व शासन क ओर स जनस पक वभाग नय मत प स सरकार ग त व धय पर स नोट जार करत ह इनम अनक कार क जनोपयोगी

एव जन च क सचनाए भी रहा करती ह कई बार नजी स थाओ वयसवी स थाओ व व भ न वभाग क ओर स भी स नोट जार कए जात ह स नो स क भाषा औपचा रक ल य चार एव सचनाए एकतरफा हआ करती ह

(घ) वकास समाचार वकासा मक समाचार काफ हद तक सनोट अथवा सरकार व त य क क त क होत ह आमतौर पर हम समाचार क प रभाषा जन च स जड़ी सचना

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स करत ह तथा जन च ाय पोल खोल समाचार म अ धक दखाई दती ह इस ि ट स सरकार वारा जार वकास क आकड़ भावी वकास योजनाए दश रा य अथवा सरकार क ग त क सचनाओ म आम पाठक क अ धक च नह होती कत कसी ऐस म पर य द कोई वकास समाचार जार होता ह जो कसी गभीर जन सम या स जड़ा हआ ह तो इसम पाठक क गहर च होती ह मसलन कसी पयजल सम या त इलाक म मह वाका ी पयजल योजना स जड़ा समाचार अथवा कसी भीड़भाड़ और फक जाम वाल इलाक म ओवर ज बनन स जड़ी सचना आ द

(ङ) त या कसी खास अवसर पर अथवा कसी च चत म को लकर या तो मी डया वारा सब धत प स त या आम त क जाती ह अथवा कसी मख मामल म वशष यि त या पदा धकार मी डया को अपनी राय दत ह उनक बात त या क प म छपती ह

443 या या क आधार पर

समाचार बनात समय अमक जानकार क त रपोटर अथवा सपादक का नज रया भी अपना काम करता ह समाचार पर रपोटर क ि टकोण का जो भाव पड़ता ह इस यान म रखत ह ए समाचार को दो णय म बाटा जा सकता ह

(क) सीधा समाचार (ख) या या मक समाचार (क) सीधा समाचार

जब कसी वषय वशष क सबध म उपल ध सचनाओ को हाड यज क श ल म यथावत पश कया जाता ह तो ऐस समाचार को सीधा समाचार कहा जाता ह ाय घटना धान समाचार म त य को यथावत पश कर दया जाता ह ऐस समाचार म पाठक को कसी न कष पर पह चन अथवा कोई राय बनान म रपोटर क ओर स कोई सहायता नह क जाती दख एक समाचार

रा य म पहल सज को काननी दजा अजमर रोड पर कलवाड़ा गाव म ता वत म ह ा व ड सट क सचना ौ यो गक (आईट ) वशष आ थक (सज) को क सरकार न काननी दजा द दया ह इसक बाद अब आईट क कप नया यहा अपना कारोबार था पत कर सकगी सज नमाण पर दश यापी ज ोजहद और नई पा लसी जार होन क बाद राज थान का सरकार क भागीदार वाला यह पहला सज होगा िजस काननी दजा मला ह इसम र को क 26 तशत भागीदार ह

(ख) या या मक समाचार या या मक समाचार को हम एक सीमा तक वचार म त त य वाला समाचार कह सकत ह मगर ऐस समाचार म वचार उसी सीमा तक वाछनीय होत ह जहा तक य पाठक को कसी सचना वशष क प ठभ म अथवा इसक भावी प रणाम को समझन म सहायता करत ह कछ जानका रय को लकर रपोटर का कोई खास ि टकोण होता

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ह अथवा वह अपनी अ त र त जानकार क मा यम स कसी समाचार क या या करता हआ इस पश करता ह ता क पाठक को समझ म आ जाए क इस जानकार का मह व या ह अथवा इसस फक या पड़न वाला ह ऐस समाचार को या या मक समाचार

क णी म रखा जाता ह क त या या मक समाचार लखन क जो खम उ ह लखक को उठानी चा हए जो वषय पर परा अ धकार रखत ह तथा अपनी व वसनीयता पर आच लाए बगर समाचार क या या कर सकत ह जस-

इ फो सस- व ो का रा ता साफ राजधानी जयपर म ता वत म ह ा व ड सट ल मटड क ता वत पशल इकोनो मक जोन (सज) म क यटर सॉ टवयर नमाता क प नय इ फो सस व व ो क आन का रा ता साफ हो गया ह क य वा ण य म ालय न सागानर तहसील क कलवाड़ा गाव म 188 एकड़ जमीन को सचना ो यौ गक सज क प म अ धस चत होन क बाद उसम मलन वाल कर रयायत लाग हो गई ह िजसस इसका वकास तजी स होगा

444 रपो टग व ध क आधार पर

कसी समाचार पर काय करत समय अथवा जानकार क सकलन म रपोटर न कौनसी व ध का इ तमाल कया ह इस आधार पर समाचार क न न ल खत वग करण हो सकत ह - (क) सा ा कार (ख) सव ण (ग) खोजपण समाचार (क) सा ा कार - समाचार सकलन एव लखन क काफ लोक य शल ह सा ा कार कसी

भी यि त का सा ा कार ाय दो अलग-अलग कारण स कया जा सकता ह पहला कारण तो उस यि त क खास शि सयत हो सकती ह कसी मख यि त क समाचारप काशन म आगमन पर उसस औपचा रक मलाकात इस आशय स क जाती ह क वह अमक प क पाठक क लए कोई नई जानकार द इस ि थ त म यि त क शि सयत का मह व अ धक होता ह उसक वारा द गई जानकार का कम दसर ि थ त म रपोटर क पास पहल स कोई मह वपण जानकार और म ा मौजद होता ह तथा कसी खास ब द पर ह वह अमक यि त का सा ा कार करना चाहता ह इस ि थ त म जानकार अथवा म ा मह वपण होता ह एव यि त गौण सा ा कार पर आधा रत समाचार क त त क दो तर क होत ह पहला ह नो तर का तर का एव दसरा ह ट ट क प म सीधा समाचार का शत करन का नो तर शल का योग ाय प काओ म होता ह जब क दसर शल म समाचार प ठ पर सा ा कार भी समाचार क भीतर दए गए एक सामा य व त य क तरह ह तत कया जाता ह

(ख) सव ण आधा रत समाचार - सव ण पर आधा रत समाचार ाय कसी साम यक घटना अथवा म को लकर बनाए जात ह चनाव क दौरान चनाव पव सव ण पाठक क च का वषय हआ करता ह सव ण आधा रत समाचार म समाचार लखक क सम

कोई वचार प रक पना अथवा म ा पहल स मौजद रहता ह रपोटर अपनी प रक पना क प अथवा वप म लोग क वचार एक त करत ह तथा इन वचार को खास न कष

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क श ल म पाठक क सम तत करत ह सव ण आधा रत समाचार को लकर अ सर यह सवाल उठता ह क सव ण क लए चन गए लोग क चनाव का आधार या था इस बात को लकर सवाददाता पर अ सर यह आरोप लगता ह क व अपन पवा ह को चद लोग क मा यम स आम सोच क प म था पत करना चाहत ह इसक बावजद सव ण समाचार व लषण का एक भावशाल तर का माना जाता ह

(ग) खोजपण समाचार - खोजपण समाचार पछल कछ दशक क दौरान उ साह प कार क बीच लोक य ह ई समाचार लखन क एक वशष वधा ह अम रका का बह च चत वाटरगट काड प का रता क इ तहास म या त पान वाला ऐसा पहला करण कहा जा सकता ह िजसन न सफ त काल न अमर क रा प त रचड न सन को अपना पद छोड़न पर मजबर कर दया बि क व व भर क प का रता को एक नई दशा द डाल खोजपण समाचार दरअसल द साह सक प का रता क प रणाम होत ह िज ह पान क लए प कार को एक जासस क भ मका नभानी होती ह खोजपण समाचार म कसी ऐसी सचना का रह यो घाटन कया जाता ह िजस कसी थान पर कसी यि त वारा दबान का यास कया गया हो जा हर ह ऐसी जानकार को बाहर लान क लए रपोटर वारा वशष यास करन होत ह कई खोजी प कार क अनभव क आधार पर समाचार

खोज क वशष तकनीक को यज इ वि टगशन नाम द दया गया ह

445 ततीकरण क व श ट शल क आधार पर

समाचार क व श ट क त अथवा इसक खास ल य को यान म रखत ह ए इसक त तकरण म भी अलग-अलग श लय का योग कया जाता ह समाचार को तत करन क इन श लय क आधार पर समाचार क न न ल खत भद हो सकत ह - (क) यज फ चर (ख) यमन टोर (ग) यमरस यज (व)पािज टव टोर (क) यज फ चर

यज फ चर दरअसल समाचार और फ चर क मल जल वधा ह यज फ चर सचना मकता त य क ताजगी तथा साम यक मह व आ द गण क ि ट स समाचार क कर ब ह कत भाषा शल व लषणा मकता तथा रजकता आ द गण क कारण फ चर जसा ह यज फ चर कसी घटना क साइड टोर अथवा फॉलोअप क प म भी बनाए जा सकत ह तो य अपन आप म वत आलख भी हो सकत ह कसी वलत सम या कसी आयोजन कसी अवसर अथवा यि त पर भी यज फ चर बनाए जा सकत ह मगर इनम दो बात का होना बह त ज र ह थम तो यह क कसी थान अवसर अथवा यि त क बार जो बात लखी जा रह ह उसम अ य थान अवसर अथवा यि तय स कोई बात अलग हो दसर वतमान सदभ म जो बात यज फ चर लखन का कारण बन रह हो वसी बात पहल कभी नह ह ई हो

(ख) यमन टोर

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यमन टोर भी य य प एक क म का यज फ चर ह ह मगर ऐस समाचार म मानवीय सवदनाओ क धानता रहती ह कसी यि त पर हो रह ज म मानव अ धकार का हनन कसी वकलाग यि त का जीवन सघष कसी मानव पा वारा द शत असाधारण मानवीयता आ द मानवीय समाचार क म य वषय हआ करत ह ऐस समाचार लखत समय भाषा शल म क णा सवदना मा मकता हा य अथवा अ य कसी मानवीय भावना को उभार कर ि थ त का श द च खीचन का यास कया जाता ह

(ग) यमरस यज यमरस यज ाय व छोट-छोट समाचार होत ह िज ह समाचार प ठ पर बीच बीच

म बॉ स बना कर खास अदाज म पश कया जाता ह इ ह यमरस इस लए कहा जाता ह य क इनम द जान वाल जानकार ाय चटपट अथवा मनोरजक हआ करती ह लाल यादव साइ कल पर द तर गए टायर पचर होन क कारण म यम ी को ढाब पर कना पड़ा नताजी रफ अहमद कदवई को मह मद रफ बोलत रह आ द जानका रया

अ सर यमरस यज का वषय हआ करती ह ऐस समाचार को रोचक और ल छदार भाषा म पश करन पर ह य पाठक पर भाव डाल पात ह

(घ) पािज टव टोर जसा क नाम स ह जा हर ह पािज टव टोर जीवन क सकारा मक पहल को उजागर करन स ह जड़ी होती ह समाचारप क पहचान आज अपराध दघटना घपल

टाचार जस नकारा मक समाचार स बन चक ह ऐस म कोई एक समाचार जीवन क कसी उजल प को उजागर करता ह तो पाठक को यह म थल म बरसात जसा सखद अहसास कराता ह एक ब चा अपन कसर पी ड़त दो त क इलाज क लए कार साफ करक पसा बटोर रहा ह कसी कल बस क दघटना क बाद अ पताल क म हलाओ न घायल ब च को गल लगाया और ढाढस बधाया भक प म अनाथ ह ई ब ची को कसी द प त न अपना लया आ द जानका रया अ छ पािज टव टोर का वषय हो सकती ह

(ङ) खानाबदोश नतक बनी राजनी त क खलाड़ी उ तर दश क रामपर िजल क शाहबाद वधानसभा सीट क लए का स उ मीदवार क प म खड़ी ग डी बगम क िज दगी हमशा स सघष का पयाय रह ह फर भी वह हर

परशानी का मकाबला िज दा दल स करती ह कभी गल मह ल म नाच करन वाल खानाबदोश नट समदाय क ग डी बगम ( नमला दवी) अपन मि लम मी स शाद करन क लए मसलमान बन गई इसक बाद वह राजनी त क म उतर और िजला पचायत क सद य चनी गई अब वह एमएलए बनन क लड़ाई लड़ रह ह ग डी का कहना ह क हम वकास क बात करनी चा हए न क बीती िज दगी क

बोध न- 1 हाड यज या ह

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45 साराश हमन दखा क प का रता क वकास या ा क दौरान समाचार क कई कई नई वधाए वक सत हो गई समाचार क व भ न भद समझन क लए हमन इनका अलग-अलग आधार पर अलग-अलग वग करण कर दया वषय व त क आधार पर हाड यज व सॉ ट यज रपो टग तकनीक क आधार पर सा ा कार सव ण एव खोजपण समाचार क त क आधार पर भाषण व त य स नोट या या क आधार पर सीधा व या या मक समाचार व श ट शल क आधार पर यज फ चर यमन टोर यमरस टोर व पािज टव टोर आ द का वग करण कया गया अगल अ याय म समाचार क कछ और भद अलग आधार पर कए गए ह

46 श दावल इस इकाई म य त श दावल इस कार ह-

ट मी डया - व सचना मा यम जो कागज और याह क मा यम स अथात छपाई क तकनीक स लोग तक अपनी बात पह चात ह इनम समाचारप व प काए मख ह

लसमट - समाचारप म कसी समाचार का थान नधा रत करन क या को लसमट कहत ह जस इस मख प ठ पर लगाया जाए या भीतर मख प ठ क शीष पर लगाया जाए अथवा बॉटम म

ड ल - कसी समाचार अथवा फोटो क समाचारप म त त तथा इसक वजअल भाव को ह ड ल कहा जाता ह

टारगट प - लोग का वह समह िजस यान म रख कर समाचार लखा जा रहा हो

सगल कॉलम - द नक समाचारप क मख प ठ को ाय 8 कॉलम म बाट दया जाता ह ऐस म िजस समाचार का फलाव एक ह कॉलम तक सी मत हो उस सगल कॉलम कहा जाता ह

थम ल ड - समाचारप क मख प ठ क शीष पर आरि भक कॉल स म जो सव थम पठनीय समाचार लगाया जाता ह वह थम ल ड कहलाता

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ह इ ो - समाचार का मखड़ा अथवा आमख दरअसल साराश म कहा गया सपण

समाचार ह होता ह

47 कछ उपयोगी प तक यज राइ टग ए ड रपो टग फार टड ज मी डया - स डी इटपल व डगलस ए ए डरसन

ब सक यज राइ टग - मि वन म शर ब सक जन ल म - रगा वामी पाथसारथी समाचार सकलन और लखन - नद कशोर खा सपादन प ठ स जा और म ण - ो रमश जन समाचार सपादन - मनाथ चतवद समाचार और सवाददाता - डा नशात सह सवाद और सवाददाता - राज समाचार अवधारणा और लखन कया-सपादन - सभाष ध तया आनद धान

48 अ यासाथ न 1 एक पाठक क नजर स आप समाचार कस मानत ह समझाइय समाचार क मख

त व कौन-कौन स ह 2 हाड यज व सॉ ट यज म या अ तर ह उदाहरण स हत समझाइय 3 एक अ छ यमन टोर क या वशषताए होती ह उदाहरण स हत समझाइए

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इकाई-5 समाचार का वग करण - (भाग-2)

इकाई क परखा 50 उ य 51 तावना 52 समाचार का वग करण

521 घटना क मह व क आधार पर 5211 व श ट समाचार 5212 यापी समाचार

522 अथवा थान क आधार पर 5221 थानीय समाचार 5222 ातीय समाचार 5223 रा य समाचार 5224 अतररा य अथवा वदश समाचार

523 वषय अथवा बीट क आधार पर 5231 राजनी तक समाचार 5232 चनाव समाचार 5233 ससद य समाचार 5234 व ान समाचार 5235 तर ा समाचार 5236 अपराध समाचार 5237 अदालती समाचार 5238 वा ण य समाचार

53 साराश 54 श दावल 55 कछ उपयोगी प तक 56 अ यासाथ न

50 उ य पछल पाठ म हमन समाचार इसक अथ एव व प क साथ-साथ समाचार क व भ न कार एव अलग-अलग आधार पर इनक णीकरण क सबध म अ ययन कया समाचार क णीकरण को लकर ह कछ अ य ब दओ का हम इस पाठ क अतगत अ ययन करग

इस पाठ का अ ययन करन क प चात हम जान सकग क -

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घटना क मह व क आधार पर व श ट एव यापी समाचार या होत ह समाचार क कवरज ए रया अथवा क आधार पर थानीय ातीय अ तदशीय

अ तरा य ामीण एव सट समाचार म या भद होता ह बीट कस कहत ह बीट क आधार पर समाचार का णीकरण कस होता ह तथा बीट

कौन कौन सी होती ह इसक अ त र त राजनी तक ससद य अपराध व ान तर ा वा ण य अदालती

समाचार आ द क सबध म प र चत हो जाएग

51 तावना समाचार का मल त व पाठक य च अहम भ मका अदा करती ह इस ि ट स हर वह सचना समाचार ह िजसम पाठक य च होती ह मगर हर समाचार म च रखन वाल पाठक का तर व च का अश समान नह होता पाठक य च क हर समाचार को न तो समाचारप क म य ल ड क थान पर लगाया जा सकता ह और न ह हर तरह क समाचार क कवरज क लए खल सवाददाता वा ण य सवाददाता अथवा अपराध सवाददाता जस कसी भी रपोटर को ह भजा जा सकता ह जा हर ह समाचार बधन क काय क लए समाचार क क म और क त क पहचान ज र होती ह कसी समाचार को मख प ठ पर लगाया जाना ह अथवा भीतर प ठ पर चार कॉलम म लगाया जाना ह अथवा सगल कॉलम म यह नणय करन स पव यह दखना ज र होता ह क समाचार सफ एक वग वशष क च का ह अथवा हर आम आदमी क च का कस स करण म दया जाए इसका फसला करन क लए यह जानना ज र होता ह क घटना कस म घ टत ह ई ह तथा समाचार कस क लोग क च का ह समाचार बधन क अतगत कई बार यह भी दखना होता ह क कवरज कए जान वाल वषय क अतगत कोई वशष ता पण जानकार क आव यकता तो नह य द ऐसा ह तो वषय को सह ढग स समझन वाल को ह इसक कवरज का कायभार स पना होता ह इसी वजह स समाचारप क कायालय म व भ न रपोटर क बीच वषयानसार काय का बटवारा कर दया जाता ह

52 समाचार का वग करण इस इकाई क अ तगत हम तीन मख आधार पर समाचार क वग करण का अ ययन करग जो इस कार ह - 1 घटना क मह व क आधार पर 2 अथवा थान क आधार पर तथा 3 वषय अथवा बीट क आधार पर

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521 घटना क मह व क आधार पर

समाचारप कायालय म समाचार का यह णीकरण इस बात को तय करन म सहायता करता ह क कस समाचार को कतना मह व दया जाए समाचार क मह व क आधार पर ह यह बात तय होती ह क समाचार को कतन कॉलम का शीषक लगाया जाए समाचार का आकार कतना बड़ा रखा जाए इस कौन स प ठ पर द इसक साथ च भी लगाया जाए अथवा नह तथा या इसक साथ कसी साइड टोर अथवा ट पणी आ द क आव यकता ह या नह घटना क मह व क ि ट स समाचार को दो भाग म बाटा जा सकता ह - 1 व श ट समाचार 2 यापी समाचार

5211 व श ट समाचार

व श ट समाचार व होत ह जो कसी खास पाठक समह क च स सबध रखत ह यह पाठक समह भौगो लक क अनसार भी हो सकता ह तथा इसम न हत लोग क समान हत समान चय या समान प रि थ तय क आधार पर भी हो सकता ह कछ समाचार एव घटनाए बड़ी होन क बावजद कसी वशष क लोग क च स जड़ी होती ह इस आधार पर समाचार क णीकरण का अ ययन हम अगल ब द क तहत करग कछ समाचार एव घटनाए ऐसी होती ह जो कसी खास वग क च स जड़ी होती ह जस खल समाचार वा ण य समाचार राजनी तक समाचार व ान समाचार आ द ऐस समाचार म हर पाठक क च होना ज र नह ह न न ल खत उदाहरण म जो समाचार दखाया गया ह उसस अधीन थ लखा सवा क कमचा रय क अलावा अ य लोग क च होना सभव नह ह -

शपथ हण समारोह कल जयपर 30 जन राज थान अधीन थ लखा सवा िजला शाखा जयपर क नवग ठत कायका रणी का शपथ हण समारोह 2 जन को शाम 530 बज व त भवन प रसर म आयोिजत कया जाएगा म य अ त थ व त रा यम ी वीर मीणा शासन स चव ( व तीय वतीय) सजय म हो ा तथा कोष एव लखा नदशक पीआर शमा व दश पदा धकार इसम भाग लग

5212 यापी समाचार

यापी समाचार स आशय ऐस समाचार अथवा घटनाओ स ह िजनका असर यापक हो तथा यादा स यादा लोग क इसम च हो ऐस समाचार म कसी भी पाठक क च महज

इसानी िज ासा क आधार पर हआ करती ह चाह उस घटना का य अथवा परो प स उस पर कोई भाव पड़ रहा हो अथवा नह रा य अथवा अतररा य तर पर होन वाल घटना-दघटनाए आतककार हमल खगोल य घटनाए महगाई आ द पर आधा रत समाचार ाय आम च स जड़ होत ह यापी समाचार समाचारप म का शत व समाचार होत

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ह िज ह प क अ धका धक पाठक न सफ पढ़त ह - बि क परा पढ़त ह त पधा क दौर म यक समाचारप अपन प न का अ धका धक तशत यापी समाचार स ह भरना चाहता ह -

इ तीफ क धमक नई द ल 1० अग त अम रका क साथ एटमी करार को लकर जहा यपीए सरकार और वाम दल क बीच टकराव बढता जा रहा ह वह ऐसी खबर भी आ रह ह क वाम दल क उ तवर को शात करन क लए धानम ी मनमोहन सह इ तीफ क धमक का मा भी चला चक ह वाम दल म व भ न स क मता बक धानम ी न मगलवार दर रात जब माकपा महास चव काश करात और भाकपा नताओ एबी बधन और डी राजा स फोन पर बात क थी तब व भावक हो उठ थ इसक चद घट पहल वाम दल एटमी करार को सर स खा रज कर चक थ स का कहना ह क धानम ी न इस बातचीत म मझ हटन क इजाजत दो जस श द का इ तमाल कया इसका अथ इ तीफ स लगात ह ए वाम दल क नता बचाव क म ा म आ गए और व धानम ी स इस मसल पर एक और दौर क वाता क लए तयार हो गए

522 अथवा थान क आधार पर

समाचार का एक मख त व माना जाता ह नकटता नकटता स आशय भौगो लक नकटता स ह िजतनी अ धक भौगो लक नकटता होगी घटना म उतनी ह अ धक पाठक य च होगी एक जसी ह घटना मरठ और जयपर म घ टत हो तथा दोन ह घटनाओ क प रि थ तया एव भा वत क स या बराबर हो तो ज र नह क दोन ह जगह क समाचारप म दोन ह समाचार को बराबर का थान मल मरठ क प म जहा एक तरफ मरठ क खबर को अ धक मह व मलगा वह जयपर क खबर उस क प म एक कॉलम म भी शायद ह थान पाए ठ क ऐसा ह जयपर क समाचारप म मरठ क घटना क साथ होगा समाचार क मह व पर पड़न वाल इस भाव क कारण ह ीय आधार पर समाचार क वग करण क आव यकता पड़ती ह अथवा थान क आधार पर समाचार का न न वग करण कया जा सकता ह -

1 थानीय समाचार 2 ातीय समाचार 3 अतदशीय अथवा रा य समाचार 4 अतररा य व वदश समाचार

5221 थानीय समाचार

थानीय समाचार स सीधा ता पय उन समाचार स ह जो समाचार बनान वाल अथवा समाचार प न वाल यि त क शहर क ब अथवा ाम स सबध रखत ह कसी समाचारप का

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स करण जब काशन थल स अ य कसी गाव अथवा शहर म जाता ह तो सभव ह क जो समाचार इसक बनान वाल क लए थानीय ह वह पढ़न वाल क लए बाहर समाचार हो कत आम तौर पर समाचारप म थानीय समाचार अथवा लोकल यज इसक काशन क स जड़ शहर क ब क खबर को ह कहा जाता ह समाचारप म थानीय स करण सबस ताजा स करण होता ह य क इस स करण क काशन थल स वतरण थल तक प रवहन म लगन वाल समय क बचत क कारण इस

दर रात तक छापना और इसम ताजातम समाचार कवर करना आसानी स सभव हो पाता ह थानीय स करण म थानीय समाचार क मखता रहती ह िजनम थानीय घटना-दघटनाओ क अलावा थानीय वकास स जड़ी योजनाए थानीय सम याए मख थानीय लोग क ग त व धया व अ य थानीय हलचल स जड़ी खबर शा मल रहती ह

कछ समाचारप थानीय घर म होन वाल ज म व म य स जड़ छोट समाचार का शत कर थानीय लोग स नजद क था पत करन का यास भी करत ह

रा य समाचारप व ट वी चनल स त पधा क बावजद भाषाई समाचारप का वजद दरअसल थानीय समाचार क बत पर ह कायम ह थानीय समाचार क कवरज क लए यक समाचारप म अलग स एक वभाग होता ह

कछ प म सट ए डटर व अ धकाश म एक चीफ रपोटर अनक रपोटर क ट म का नत व करता ह तथा शहर क व भ न ग त व धय क कवरज म इनका मागदशन करता ह

5222 ातीय समाचार

य तो यक समाचार दश क कसी न कसी ात स सब धत होता ह कत जब कछ समाचार क समह को एक ात वशष क नाम स अलग पहचान द द जाती ह तो य समाचार ातीय समाचार क वग म शा मल हो जात ह रा य समाचारप म भी समाचारप का कोई एक प ठ अथवा प ठ का कोई एक कोना कसी ात वशष क लए नधा रत कर दया जाता ह इस प ठ पर उस ात या दश वशष क च नदा समाचार को थान दया जाता ह ऐसा करन का एक लाभ तो यह होता ह क उस ा त वशष क खबर म च रखन वाल पाठक को अपनी च क खबर एक नि चत जगह पर ा त हो जाती ह दसरा यह उस ात क पाठक स समाचारप क भावना मक जड़ाव क रणनी त का ह सा भी ह जहा तक ीय तर पर छपन वाल भाषाई समाचारप का सबध ह इनम ातीय समाचार को वशष मह व ा त होता ह ातीय तर क राजनी त ात क वकास स जड़ी नी तया ातीय तर क राजनताओ क ग त व धया आ द इन समाचारप म मखता क साथ का शत

क जाती ह ीय तर पर समाचारप क त पधा जब स थानीय तर पर उतर आई ह ातीय

समाचार का मह व कछ कम होन लगा ह पाठक को अ धक स अ धक उनक नजद क क समाचार पढ़वान क होड़ म समाचारप क थानीय स करण क बाढ़ सी आ गई

ह अनक समाचारप न एक एक ात म बारह-बारह थानीय स करण का शत करन

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श कर दए ह िजनम थानीय समाचार क ह मखता रहती ह थानीयता क यह होड़ इस सीमा तक जा पह ची ह क कई बार एक िजल क लोग को यह पता नह चल पाता क उनक पास क ह िजल म या बड़ी घटना घ टत हो गई ह यव था क तौर पर इन थानीय स करण म भी ातीय समाचार क लए एक अथवा दो प ठ नधा रत कर दए जात ह िजनम स पण ात क मख खबर स म लत करन का यास कया जाता ह

5223 रा य समाचार

ाय सभी द नक समाचारप म आज भी हाड यज क प ठ पर सव च वर यता रा य तर पर घ टत घटना म को ह द जाती ह ट वी चनल क बदौलत रा य तर क

घटना म को य य प अब हाथ -हाथ उसी दन दखा जाना सभव हो गया ह मगर इसक बावजद पाठक य िज ासा क भख अगल दन समाचारप म इस पढ़न क बाद ह पर तरह शात होती ह कोई वमान दघटना कोई बड़ी रल दघटना सीमा पर झड़प आतककार घटनाए कसी रा य नता स जड़ी कोई खबर अथवा रा य तर क कोई वकास योजना रा य समाचार का वषय हो सकती ह रा य तर क हद अथवा अ जी अखबार क मख प ठ पर रा य समाचार क ह बह लता रहती ह कत भाषाई एव ीय समाचारप न ट वी एव रा य समाचारप क त पधा स अलग वक सत करन क ि ट स अब ातीय एव थानीय समाचार को रा य समाचार स अ धक मह व दना श कर दया ह इन समाचारप म अब रा य तर क व ह समाचार शा मल हो पात ह जो क घटना क मह व क आधार पर यापक ह अथवा जो अपन चटपटपन अनोखपन या कसी खास दलच पी क कारण पाठक य च स जड़ ह ए ह

5224 अतररा य अथवा वदश समाचार

अतररा य अथवा वदश समाचार व होत ह जो कसी समाचारप स जड़ म क स बाहर क घटनाओ पर आधा रत होत ह व भ न दश क बीच य और स धया अतररा य सबध अतररा य यापार यएनओ अ य रा क आ त रक राजनी त या व व तर य चटपट समाचार ऐस ह समाचार क णी म आत ह अतररा य समाचार का काशन रा य तर क अखबार वशष प स अ जी क अखबार म अ धक होता ह भाषाई एव ीय समाचारप म वदश समाचार ाय व ह कवर होत ह जो या तो व ड ड टावर जसी कसी बड़ी दखाि तका स सब धत ह अथवा य ऐस कसी वषय स जड़ हो िजसस आम पाठक य च जड़ी ह ई हो वा य सबधी कोई नई खोज लाइफ टाइल या कसी मशह र वदशी शि सयत स जड़ी कोई चटपट घटना वदश समाचार क कॉलम म अ सर थान पा जाती ह -

ह टन न कया एक और जम ययाक 30 जन शराब पीकर गाड़ी चलान क जम म पाच जन स जल जान क तयार

कर रह हॉल वड क खबसरत अ भन ी प रस ह टन अब गाड़ी पा कग नयम क उ लघन मामल म फस गई ह 26 वष या सनहर बाल वाल ह टन कल शाम यहा अपनी कार को

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नधा रत पा कग थल पर लापरवाह स खड़ी करक पास ि थत एक ा ट टोर म च कार करन चल गई िजसक बाद फक प लस न उनक कार पर जमाना ठ क दया गौरतलब ह क वष 2006 म शराब पीकर गाड़ी चलान क मामल म ह टन क जल क सजा पाच जन स श हो रह ह उ ह लास ऐिज स सचर र जनल डटशन सटर म अपनी 23 दन क यह सजा काटनी ह और इस सल सल म जल अ धका रय न अपनी तया रया भी कर ल ह

523 वषय अथवा बीट क आधार पर

कारोबार म एक कहावत ह क मौत और ाहक का कोई भरोसा नह जान कब आ जाए ठ क इसी तरह प कार क लए यह कहावत खर ह क समाचार का कोई ठकाना नह जान कब और कहा मल जाए समाचार का य द कोई नि चत ठकाना हआ करता तो हर समाचारप का द तर उसी ठकान पर खलता ह जहा समाचार खद-ब-खद द तर क आगन म आकर एक त हो जाए मगर ऐसा नह होता दघटना अपराध घटना म य जस समाचार बशक कसी समाचारप क द तर म खद चल कर पह च जात ह मगर कई समाचार अलग अलग इलाक अलग अलग वभाग और अलग अलग द तर म दब- बखर पड़ होत ह िज ह खद जाकर लाना पड़ता ह िजस तरह अलग-अलग म ढर समाचार बखर पड़ रहत ह उसी तरह समाचारप क द तर म अनक रपोटर समाचार क टोह म इतजार करत रहत ह ऐसी ि थ त म कसी थान स कसी समाचार क खशब आत ह द तर क सार रपोटर य द एक साथ समाचार थल पर पह च जाए तो समाचार सकलन का काय एक तमाशा बन सकता ह इसी तरह

कह कोई बड़ा हादसा हो जाए और द तर का हर रपोटर इस भरोस म रह क कोई अ य रपोटर वहा पह च गया होगा तो सभव ह इस घटना का समाचार अखबार म का शत ह न हो इन सब गड़ब ड़य स बचन क लए ह समाचारप रपोटर क बीच काय वभाजन क एक नि चत यव था बनाई जाती ह िजसक अनसार यक रपोटर का काय नधा रत कर दया जाता ह इस नधा रत काय को ह दरअसल बीट कह कर पकारा जाता ह रपोटर क बीट का नधारण अलग-अलग आधार पर कया जा सकता ह जस- सव थम भौगो लक क आधार पर रपोटर क बीट नधा रत क जा सकती ह कसी शहर का व तार य द असाधारण प स बड़ा ह तो रपोटर को प लस महकम क तरह भौगो लक आधार पर बाट दए जात ह इस तरह क वभाजन अ सर अपराध व दघटनाओ क बीट म कए जात ह वतीय एक अ य बीट वभाजन वभागीय आधार पर कया जाता ह व भ न सरकार

वभाग जस बजल वभाग जलदाय वभाग अथवा अ य नकाय क िज मदार अलग अलग रपोटर म बाट द जाती ह तथा इनस जड़ समाचार क जवाबदह इ ह क होती ह ततीय बीट का वभाजन वषय क अनसार भी कया जाता ह जस सा क तक एव सामािजक ग त व धय का रपोटर एव श णक ग त व धय स स ब रपोटर

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चतथ कई बार रपोटर क श ण अथवा वशष ता क आधार पर उसक बीट का नधारण कया जाता ह जस य अथवा सीमा सबधी ग त व धय क कवरज का काय ऐस रपोटर को स पा जाता ह िजसन वार रपो टग का बाकायदा श ण ा त कया हो पचम अनभव एव व र ठता क आधार पर भी रपोटर क बीट का आवटन सभव ह ाय चनाव क कवरज ससद या वधानसभा क रपो टग या कसी अ त व श ट यि त स मलाकात क िज मदार व र ठ एव अनभवी रपोटर को ह स पी जाती ह वषय अथवा बीट क आधार पर समाचार का न न ल खत वग करण सभव हो सकता ह -

5231 राजनी तक समाचार

समाचारप का पचास तशत स अ धक भाग ाय राजनी तक समाचार स रगा होता ह राजनताओ क व त य राजनी तक दल क दाव पच म य क इ तीफ चनावी गठजोड़ व राजनी त क तमाम ग त व धया राजनी तक समाचार क दायर म आती ह रा य समाचार क प र य म इन समाचार का क जहा क य म ी और सासदगण होत ह वह नगर क समाचार म नगर पाषद क हलचल राजनी तक समाचार का वषय हो सकती ह पछल एक अरस क दौरान समाचारप का यान महज राजनी त स हट कर खल मनोरजन लाइफ टाइल आ द वषय क ओर काफ हद तक मड़न लगा ह इसक बावजद राजनी तक समाचार का मह व आज भी अपनी जगह कायम ह अनक अवसर पर राजनी तक प रि थ तय को लकर क गई या या मक ट प णया भी राजनी तक समाचार का ह एक प कह जा सकती ह उदाहरणत दो वरोधी राजनताओ क कोई ग त मलाकात आन वाल समय म राजनी तक समीकरण पर या भाव डाल सकती ह अमक राजनता क कसी वशष राजनी तक दल को समथन दन क घोषणा स उस दल क राजनी तक ह सयत पर या भाव पड़ सकता ह आ द कवरज व लषण होत ह ए भी समाचार क णी म आत ह मगर ऐस राजनी तक समाचार पया त अनभव और गहर राजनी तक समझ रखन वाल उन ह रपोटर को लखन चा हए िज ह न सफ सब धत राजनी तक र त क जानकार बि क राजनताओ क यवहार क पर समझ भी हो एक समाचार दख -

त ल मा पर हमला हदराबाद 9 अग त बा लादश क ववादा पद ल खका त ल मा नसर न पर ग वार को यहा मज लस इ तहादल मसलमीन (एमआईएम) पाट क तीन वधायक व 20 कायकताओ न हमला कर दया त ल मा क सर म मामल चोट आन क खबर ह प लस न हमलावार को गर तार कर लया बाद म उ ह जमानत मल गई हमल क बाद त ल मा न कहा म भारत म सर त रह गी हमला करन वाल म ीभर ह जब क शभ चतक यादा म अपन व वास क अनसार लखना जार रखगी गौरतलब ह क इ लाम

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क खलाफ ट पणी करन क आरोप म क रप थय न त ल मा क खलाफ फतवा जार कर रखा ह त ल मा न भारत सरकार स यहा क नाग रकता क भी माग क ह इस बीच पि चम बगाल सरकार न ग वार को बताया क इसी माह समा त हो रह उनक वीजा अव ध छह माह बढ़ा द गई ह

5232 चनाव समाचार

चनाव समाचार भी राजनी तक समाचार का ह एक प ह मगर चनावी समाचार ऐस समीकरण पर आधा रत ग णत क तरह हआ करत ह िजनका मल फामला बदलता रहता ह चनावी समाचार बनात समय ता का लक राजनी तक ि थ त पर हर पल नजर रखनी ज र होती ह थायी राजनी तक प रि थ तया इनम सफ प ठभ म का काम करती ह चनावी समाचार क बनावट ऐसी पह लय क तरह होती ह िजनम पाठक को इसक उ तर क परछाई तो नजर आती ह मगर वा त वक उ तर नह मल पाता चनाव क दौरान होन वाल राजनी तक सव ण चनाव व लषण चनावी म व जन भावनाए आ द चनाव समाचार क म य वषय रहा करत ह

5233 ससद य समाचार

ससद क बठक कारवाई घोषणाए वधयक का पश होना या कानन का पास होना सासद क नोक झ क म य क व त य बजट आ द बात ससद य समाचार क णी म आती ह अ यत अनभवी एव व र ठ रपोटर को ह ससद य एव वधान सभाई रपो टग क लए लगाया जाता ह ससद व वधान सभा क रपो टग करत समय न सफ इन सदन क वशषा धकार क जानकार होना ज र ह बि क यह समझ होना भी ज र ह क वहा स मलन वाल जानकार क सम दर म स पाठक य च क बात कस नकाल जाए

5234 व ान समाचार

व ान समाचार को मोट तौर पर दो अलग णय म रखा जा सकता ह पहल णी म व समाचार आत ह जो गढ़ व ा नक मसल पर आधा रत होत ह ऐस समाचार म ाय उ ह लोग क च रहती ह िज ह व ान क आधारभत नयम का ान अव य हो ऐस समाचार बनान वाल रपोटर म व ान क गहर समझ आव यक ह य समाचार आमतौर पर व ान स जड़ी प काओ अथवा समाचारप म वशष टारगट प क लए नधा रत कॉलम म ह छपत ह व ान क लए वशष ताय त समाचार बनान क वधा न व ान प का रता क प म अपनी अलग पहचान बनाई ह दसर क म क व ान समाचार आम आदमी क च स जड़ होत ह िजनम तकनीक और ान पर अ धक बल नह होता ऐस समाचार म उपभो ता क लए उपयोगी नए आ व कार

क जानकार व ान क म कोई अनोखी खोज कोई अजीबोगर ब व ा नक योग आ द शा मल रहत ह -

बदर था दो पर पर चलन वाला पहला जीव इसान न ह सबस पहल दो पर पर चलना श कया ल कन अब इस

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धारणा को चनौती मलन लगी ह टश शोधकताओ क मता बक पड़ पर इधर-उधर कदन वाल बदर (ओरगोटग जा त) ह पहल जीव थ िज ह न दो पर पर चलना श कया था व ापन प का साइस क ताजा अक म छप एक लख म कहा गया ह क बदर न पतल टह नय स फल तोड़न क लए दो पर पर चलना श कया वस इस तरह चलन क वा त उस सहार क लए अपन हाथ का इ तमाल करना पड़ता था इस लख को लवरपल य नव सट क रो बन ाम टन ब मघम व व व यालय क सशनहा थोप और रोजर हो डर न मलकर लखा ह ाम टन न कहा अब तक द नया यह मानती आई ह क सबस पहल

इसान न ह कवल दो पर क बत चलना जाना rsquo अगर हम सच ह तो कसी ाचीन बदर और श आती इसान क जीवा म म अतर कर पाना और मि कल हो जाएगा

5235 तर ा समाचार

तर ा सबधी जानका रय स जड़ समाचार इस णी म आत ह तर ा सबधी घोटाल अ सर खोजी प कार क समाचार का मख वषय रह ह ऐस समाचार दत समय यह सावधानी रखना ज र ह क भडाफोड़ करन क उ साह म कोई ऐसी जानकार का शत न हो जाए जो दश क सर ा क लए खतरा बन जाए

5236 अपराध समाचार

समाचारप म सवा धक पढ़ जान वाल समाचार क णी म अपराध समाचार ह आत ह थानीय एव ीय स करण म अपराध समाचार को सवा धक मह व दया जाता ह अपराध समाचार क लए यक द नक समाचारप म एक रपोटर अलग स नय त रहता ह जो नय मत प स न सफ प लस थान व अपन ऐस ह स क स पक म रहता ह बि क दघटनाओ व अ य हादस क जानकार रखन क लए क अ पताल क भी च कर लगाता ह

5237 अदालती समाचार

जन च स जड़ मह वपण म या च चत घटनाओ स जड़ अदालती फसल को ाय सभी अखबार वारा समाचार क प म छापा जाता ह अदालती फसल को का शत करत समय अ य धक सावधानी क ज रत हआ करती ह समाचारप वारा अदालती समाचार बनान का काय ाय पणका लक अथवा अशका लक प स कसी अनभवी वक ल को स प दया जाता ह

5238 वा ण य समाचार

समाचारप पाठक का एक बड़ा वग यापार और वा ण य स जड़ा होता ह इन पाठक क िज ासा सबस पहल यह जानन म रहती ह क बाजार क आज या ि थ त ह तथा कल

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क लए वि त कस ओर ह बाजार क तजी-मद िज स क भाव थोक व कराणा बाजार शयर माकट कारपोरट जगत आ द स जड़ समाचार एक खास भाषा एव खास तकनीक क साथ कवर कए जात ह इन समाचार को बनान का काय वशष एव अनभवी रपोटर वारा ह कया जाता ह

समाचार क उपरो त कार क अलावा भी वषय एव बीट क आधार कई अ य कार हो सकत ह जस खल समाचार क ष समाचार पयावरण समाचार सा हि यक एव सा क तक समाचार फ म समाचार श णक समाचार आ द समाचार का वषय अथवा चाह कोई भी हो इसका मल उ य पाठक य िज ासा को शात करना ह होता ह य द इस यय को यान म रखा जाए तो ज रत पड़न पर कोई भी रपोटर कस भी समाचार को कवर कर सकता ह

बोध न- 1 यापी समाचार का अथ समझाइय helliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphellip helliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphellip2 ातीय समाचार या होत ह helliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphellip helliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphellip3 वा ण य समाचार कस कहत ह helliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphellip helliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphellip

53 साराश पछल इकाई म समाचार क कछ व श ट भद एव इनक वग करण क आधार का अ ययन करन क बाद समाचार क कछ बची ह ई णय का अ ययन हमन इस इकाई म कया हमन जाना क समाचार क वग करण का म य उ य समाचारप म समाचार क क म एव क त क अनसार इसक कवरज रचना लसमट और त तकरण क रणनी त बनाना और इसक अनसार यव था करना ह

54 श दावल बीट - रपोटर का काय कवरज - कसी घटना वशष को इसक मह व क अनसार समाचारप म जो

थान दया जाता ह इस कवरज कहत ह टारगट प - लोग का वह समह िजस यान म रख कर समाचार लखा जा रहा

हो डाक ए डशन - समाचारप का वह अक जो काशन थल स बाहर कसी अ य थान

पर सा रत होता ह

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सट ए डशन - समाचारप का वह अक जो इसक म ण व काशन वाल शहर म ह बटता ह

55 कछ उपयोगी प तक ट मी डया लखन - ो रमश जन

सवाददाता और समाचार लखन - हर ब म मी डया वमश - रामशरण जोशी मी डया लखन स ात एव यवहार - डा च काश म मी डया लखन - डा रमशच पाठ मी डया लखन - डा स मत मोहन इ वग यज राइ टग - लाक राय पीटर राइ टग फार पअर र डस - मर डोना ड

56 अ यासाथ न 1 घटना क मह व क आधार पर समाचार का वग करण कस कार सभव ह 2 अथवा थान क आधार पर समाचार क भद समझाइय 3 बीट कस कहत ह वषय क आधार पर समाचार क कौन क न सी णया हो सकती

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इकाई- 6 त भ लखन

इकाई क परखा 60 उ य 61 तावना 62 त भ लखन का मह व 63 त भ और समाचार 64 त भ लखन क वषय 65 त भ क क त 66 इटरनट पर त भ लखन 67 भावी त भ लखन 68 साराश 69 कछ उपयोगी प तक 610 अ यासाथ न

60 उ य इस इकाई का अ ययन करन क बाद व याथ - तभ लखन क व वध पहलओ स प र चत हो पाएग कसी भी समाचारप और प का म तभ का या थान ह और तभ लखन क बार

म पाठक क या त याए रहती ह इस बार म भी यह इकाई उनका मागदशन करगी

तभ लखन क उ य और उसक उपयो गता को जान सकग तभ लखन क लए वषय का चनाव कस कर और अपन लखन को भावी कस बनाए

इस दशा म भी यह इकाई सहायक स होगी स य प का रता म तभ लखन को अपनान क इ छक छा क लए यह इकाई वशष

प स उपयोगी ह तभ ओर समाचार क अतर को समझ सकग तभ लखन क अधनातन वि तय को समझ सकग

61 तावना समाचारप अथवा प का म अ य साम ी क साथ का शत होन वाल तभ का भी अपना अलग मह व ह एक बड़ा पाठक वग ऐसा ह जो नय मत तौर पर का शत होन वाल तभ का अ ययन करत ह बड़ी स या उन पाठक क भी ह जो अ य साम ी स भी अ धक

मह व कसी तभ को दत ह समाचारप म का शत होन वाल तभ य द भावी और नरप ह तो नि चत तौर पर पाठक क दल म अपना थान बनात ह त यपरक

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वचारपण और एक नई राह सझान वाल तभ अ य का शत साम ी क बीच अपनी अलग पहचान रखत ह साधारण तौर पर यह माना जाता ह क ब वग क पाठक ह तभ पढ़त ह पर हर मामल म यह बात लाग नह क जा सकती बड़ी स या ऐस साधारण पाठक क भी ह जो समाचार और फ चर साम ी क साथ नय मत का शत होन वाल तभ भी पढ़त ह अ धकाश पाठक का मानना ह क समाचारप म का शत समाचार क बीच अगर वचार कह िजदा ह तो वह तभ लखन म ह ह वतमान दौर म तभ लखन क वधा का उपयोग पाठक क सवदनाओ को जा त करन क लए भी कया जाता ह रोजमरा क समाचार क बीच कई बार पाठक क सवदनाए सख जाती ह और व तत घटना म को लकर अ यत न वकार भाव स त या य त करत ह ऐसी सरत म तभ लखक उनक सवदनाओ को पश करता हआ उनक वचार को एक नई राह दखाता ह

62 त भ लखन का मह व अनक प कार ऐस ह जो समाचार और फ चर लखन क तलना म तभ लखन को अपनात ह इसक पीछ वचार यह ह क समाचार लखन धीर-धीर एक ट न का काम बन जाता ह और इस वजह स उसम व व य नह आ पाता ह यादातर प कार क सामन इसक अलावा कोई वक प नह होता क व स का स या कसी दसर आयोजन स जड़ समाचार को य का य लख द उ ह अपन वचार य त करन क गजाइश नह होती और समाचार लखन क जो पारप रक शल ह उ ह उस ह अपनात ह ए अपना लखन तत करना होता ह इसी तरह फ चर लखन म भी उ ह फ चर क शल का अनसरण ह करना होता ह और फ चर का जो अनशासन ह उसक अनपालना करत ह ए उ ह अपना लखन कम परा करना होता ह दसर तरफ तभ लखन म उ ह अ भ यि त क वत ता मलती ह और अपनी राय अपन वचार व एक यापक पाठक वग क सम रख सकत ह

63 त भ और समाचार जहा तक समाचार लखन का सवाल ह तो यह माना जाता ह क नय मत अ ययन क अलावा गहन श ण और नरतर अ यास क बाद कोई भी इस वधा म पारगत हो सकता ह इसी तरह अगर आप सह फामल का चयन कर ल तो फ चर लखन को भी आसानी स अपनाया जा सकता ह ल कन तभ लखन को सबस मि कल वधा माना जाता ह य क इस दौरान आपको नरतर वचार मथन क या स गजरना पड़ता ह हर पल अपन आपको अपडट करना होता ह और नय मत और मब अ ययन क वि त को वक सत करना होता ह हाला क तभ लखन म लखक क वचार का ह सवा धक मह व होता ह ल कन इसका यह आशय नह क तभ लखक अपन अता कक वचार का चार- सार करन क च टा कर यह आव यक ह क वचार ससगत वाहमान और तक क कसौट पर खरा उतरत ह और साथ म उनका पठनीय होना तो आव यक ह ह जब तक वचार चपण और मब तर क स तत नह कए जाएग तब तक व पाठक म दलच पी जगान म सफल नह ह ग इन अथ म तभ लखक क भ मका कसी वक ल जसी होती ह उस अपनी दल ल

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स पाठक को आ व त करना होगा क उसका मवि कल यानी उसका मत य सह राह का अनसरण कर रहा ह

64 त भ लखन क वषय तभ कसी भी वषय पर हो पर एक बात नि चत ह क पाठक का एक बड़ा वग उसस

ज र भा वत होता ह इस ि ट स यह कहा जा सकता ह क कसी भी प -प का म तभ लखक अ यत मह वपण भ मका नभाता ह तभ कसी भी वषय पर आधा रत हो सकता ह ल कन उसक यापक भाव स इनकार नह कया जा सकता तभ लखन क लए हम न न ल खत वषय म स कसी एक का चनाव कर सकत ह-

641 राजनी तक

इस तभ क तहत ताजा राजनी तक ग त व धय पर फोकस कया जाता ह क और रा य म स ता क लए या उठापटक चल रह ह और राजनी तक ग लयार म कसका पलड़ा भार ह और कसका पलड़ा हलका चल रहा ह और कौन-सा दल कस नता क सहार अपनी राजनी तक मह वाका ाए पर करन का य न कर रहा ह इस तरह क साम ी इस तभ म शा मल क जाती ह अखबार का राजनी तक सवाददाता या व र ठ सपादक य सहयोगी इस तभ को लखता ह

642 खलकद

खल क द नया स जड़ी ग त व धय पर क त इस तभ क बार म यह माना जाता ह क इस सवा धक स या म पाठक मलत ह इस तभ म समसाम यक घटनाओ पर फोकस कया जा सकता ह और द नक काशन म का शत होन वाल साम ी स इतर कछ व श ट साम ी को थान दया जाए तो इसक लोक यता थायी तौर पर कायम रखी जा सकती ह

643 बागवानी

तभ लखक क लए यह अप ाकत नया वषय ह ल कन इस वषय म सभावनाए अपार ह आजकल शहर प रवार म भी अपन घर म बागवानी का चलन बढ़ता जा रहा ह और यह तभ उनक लए उपयोगी सा बत हो सकता ह

644 सगीत

इस तभ का कलवर ट न क कला-स क त सबधी आयोजन स भ न होता ह इसम ल ध ति ठत कलाकार पर आधा रत रपोताज लखन क साथ नए और तभाशाल कलाकार क बार म भी नय मत तौर पर लखा जा सकता ह पर

यह तभ शहर म स ताहभर म होन वाल सागी तक आयोजन क रपोट बनकर न रह जाए इस बात का यान रखना आव यक ह इस तभ म फ मी और गर फ मी यिजक एलबम क समी ा भी शा मल क जा सकती ह

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645 प तक

प तक समी ा का तभ लगभग हर समाचारप और प का म का शत होता ह कई बार सपादक थानीय या बाहर समालोचक का एक पनल तयार रखत ह और इसी पनल म शा मल कसी समालोचक या लखक को समी ा का िज मा स पा जाता ह इनक बीच कछ लखक ऐस भी होत ह जो नय मत तौर पर प तक समी ा लखत ह प तक समी ा का तभ न सफ पाठक समदाय क बीच अ पत लखक समदाय क म य भी लोक य होता ह

646 हास-प रहास

तभ लखन का यह ऐसा ह िजसम भरपर सभावनाए न हत ह लगभग यक समाचारप अथवा प का अपन काशन को नीरसता स बचान क लए हास-प रहास स भरपर साम ी का काशन भी नय मत तौर पर करत ह इस तरह क तभ कई बार इतन लोक य होत ह क अखबार हाथ म आत ह पाठक इस तभ को तलाश करत ह यात य यकार शरद जोशी का कॉलम त दन पर एक दशक तक नवभारत टाइ स म लगातार छपा अ तम प ठ पर का शत होन वाल इस तभ को पाठक सबस पहल पढ़त थ य क शरद जोशी इस तभ क मा यम स

समसाम यक घटनाओ पर करारा य य करत थ

647 सहत

लोग को वा य सबधी जानकार दन वाल इस तभ क पठनीयता भी अस द ध ह ाय यक काशन वा य सबधी जानकार स भरपर साम ी को थान दता ह इस तभ म पाठक क भागीदार स नि चत करन क लए वशष क सलाह को भी थान दया जा सकता ह

648 फटनस

इस हम वा य सबधी तभ स भ न प म तत करना होगा और एक तभ लखक क लए यह सबस बडी चनौती ह आज क भाग-दौड़ भर िजदगी म फटनस क चाहत हर कसी को होती ह तभ लखक को चा हए क वह अपन क पाठक क ाथ मकताओ को समझकर उनक लए उपय त साम ी का चनाव इस तभ क लए कर

649 सनमा

सनमा स सब धत साम ी क पाठक क स या असी मत होती ह इस लहाज स सनमा पर तभ लखन वाल लखक क िज मदार भी बह त अ धक हो जाती ह फ म उ योग म हर पल घटन वाल घटनाओ क बीच अपन पाठक वग क लए उपयोगी साम ी का चनाव करना और उस शाल न भाषा म तत करना उसका दा य व होता ह वतमान दौर म टल वजन चनल क बढ़ती लोक यता क कारण

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सनमा सबधी तभ म ह ट वी काय म स सब धत साम ी शा मल क जा सकती ह

6410 रक सग

समाचारप म रक सग और लोक कथाओ क तभ भी बह त लोक य होत ह इन तभ क लोक यता का अदाजा इस बात स लगाया जा सकता ह क नवभारत टाइ स जसा रा य समाचारप रक सग का तभ अपन सपादक य प ठ पर का शत करता ह

6411 व तीय

वा ण य और व तीय समाचार पर आधा रत इस तभ का पाठक वग हाला क सी मत होता ह ल कन इस तभ क लए साम ी का चयन बड़ी सझ-बझ क साथ कया जाना चा हए आम तौर पर वा ण य और व तीय समाचार नीरस आकड़ स भरपर होत ह ल कन तभ लखक स यह अप ा क जाती ह क वह नीरस साम ी म स पाठक क मतलब क जानकार खोज कर उस अलग अदाज म उनक सम

तत कर

6412 कला

कला सबधी ग त व धय पर आधा रत इस तभ को लखन वाल प कार क छ व एक कला समी क क बन जाती ह ल कन इस तभ को लखन स पव लखक को अपन वषय का गहराई स ान होना चा हए उसम नरतर अ ययन क वि त का होना भी आव यक ह और कला जगत क व भ न धाराओ का भी उस पया त ान होना चा हए

6413 रगमच

इस तभ म रगमच स जड़ी ग त व धय को थान दया जाता ह इसम नाटक क समी ा क साथ रगमच सबधी कायशालाओ स मनार और वचार- वमश को भी पया त थान दया जाना चा हए थानीय रगमच स जड़ कलाकार क तभा को सामन लान क ि ट स ऐस तभ का मह व सव व दत ह

6414 काननी सलाह

इस तभ म पाठक क व धक न का उ तर व ध वशष दत ह च क ऐस तभ पाठक क व धक सम याओ का समाधान तत करत ह इस लए इनक

उपयो गता स इनकार नह कया जा सकता पर ऐस तभ क लए न का चयन करन म अ यत सावधानी रखनी चा हए और सफ ऐस न ह शा मल करन चा हए िज ह व धस मत ठहराया जा सक

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6415 पा रवा रक उलझन

आम तौर पर इस वषय स सब धत तभ म हलाओ क प काओ म ह का शत होत ह इनम म हला पाठक अपन जीवन क उलझन को तभ लखक क साथ शयर करती ह और इन अथ म तभ लखक क भ मका एक पा रवा रक म क समान होती ह

6416 धम और अ या म

पाठक का एक बड़ा वग धम और अ या म स सब धत साम ी नय मत तौर पर पढ़ना पसद करता ह खास तौर पर छोट शहर और क ब क पाठक धा मक ग त व धय स सब धत साम ी म अ धक दलच पी रखत ह इसी लए आजकल अ धकाश समाचारप धम और अ या म पर पया त साम ी का काशन करत ह ऐस तभ म हम ाचीन धम ग ओ क बार म रक साम ी का काशन करना चा हए और साथ म उनक वचन और श ाओ को भी थान दया जाना चा हए

6417 यो तष और रा शफल

ाय सभी काशन म यो तष और रा शफल क तभ त दन का शत होत ह द नक रा शफल क साथ सा ता हक रा शफल का काशन भी कया जाता ह वष क अत म वा षक रा शफल का काशन भी समाचारप और प काओ म कया जाता ह

65 त भ क क त तभ लखन क लए वषय का चयन करन क दौरान इन बात का यान भी रखा जाना चा हए-

जानकार - य तो अनकानक वषय ऐस ह िजन पर तभ लखन कया जा सकता ह ल कन असल सवाल यह ह क या आप सब धत वषय क ाता ह वषय क हर पहल क आपको कतनी जानकार ह या आप उस वषय पर अ धकारपवक चचा कर सकत ह कहन का आशय यह क आप िजस वषय का चयन कर उसस जड़ी हर छोट -बड़ी बात क जानकार आपको होनी ह चा हए जानकार क साथ-साथ वषय क समझ हा सल कए बना आप जो कछ लखग उसम चक होन क आशका लगातार बनी रहगी याद रह क त य और वषयव त क ततीकरण म जरा-सी चक भी आपक छ व ध मल कर सकती ह और आपक तभ क व वसनीयता को ख डत कर सकती ह ास गकता - वषय का चनाव करत समय ास गकता का पहल अव य यान म रख जब

तक वषयव त ास गक नह होगी पाठक उस तभ स अपना तादा य था पत नह कर पाएग इसक अलावा अपन तभ लखन को पठनीय बनाए रखन क लए भी ास गकता क प को यान म रखना आव यक ह लखन स पहल यह अव य दख क सब धत वषय वतमान दौर म कतना ास गक और पठनीय ह कहन का आशय यह क अगर आप व ान स जड़ वषय पर तभ लखन करत ह और लोबल वा मग जस वलत म पर कछ लखना चाहत ह तो ऐसा लखन भीषण गम क दौर म कया जा सकता ह और अगर आप कड़कड़ाती

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सद क दन म इस वषय पर कलम चलात ह तो पाठक इस वषय स कदा प नह जड़ पाएग शोध और अ ययन - तभ लखक म शोध और अ ययन क वि त का होना भी आव यक ह जब भी कसी वषय पर लखन क तयार कर तो ज र ह क हम उस वषय स सब धत पहलओ क यापक जानकार क लए शोध क तर पर अ ययन कर इस तरह हम कसी भी सम या या म क गहराई तक पह च सकग और पाठक को भी इस बात का एहसास होगा क जो तभ आलख उ ह न पढ़ा ह उसन उ ह वषय क पया त जानकार द ह इसी तरह अगर हम नय मत अ ययन का अ यास रखग तो पाठक को कसी भी वषय क बार म सवाग जानकार द पाएग याद रख क लखन स भी यादा ज र ह पढ़ना नई पीढ़ क प कार म अ ययन क वि त कम दखाई द रह ह और अ सर व गवषणा और शोध जस यास स बचत ह जब क नय मत अ ययन स न सफ उनका ववक तर ऊचा होगा अ पत उनका भाषा ान भी सम होगा त य का सकलन - य य प तभ लखन म लखक य वचार क धानता रहती ह तथा प त य स पर तरह म ह नह मोड़ा जा सकता इस लए तभ लखक को त य का सकलन करन क लए हमशा त पर रहना चा हए ामा णक त य स य त तभ लखन पाठक क लए अपना अ भमत वक सत करन म सहायक सा बत होता ह इसक अलावा त य क सहार तभ लखक अपन वचार को अ धक भावी शल म पाठक तक पह चा सकता ह त य को अपडट भी करत रह ता क ट र हत लखन कया जा सक त य क स हण क लए उस सरकार योजनाओ और द तावज का भी नय मत अ ययन करना चा हए साथ ह उस सभी मख कानन और नयम क अ यतन जानकार भी होनी चा हए तभ लखन च क लखक क नजी अनभव और यि तगत वचार का त बब ह इस लहाज

स यह ज र ह क िजस वषय पर वह तभ लख रहा ह उस वषय क उस गहर समझ हो सफ दलच पी क आधार पर ह कसी वषय का चयन कर लना यि तसगत नह कहा जा सकता सब धत वषय स जड़ यक पहल क पया त जानकार आपक पास होनी ह चा हए इसक अलावा तभ लखन श करन क बाद भी अपन वषय स सब धत जानकार लगातार जटान का य न करना चा हए इस तरह आप अपन पाठक को अपडट जानकार भी द पाएग और अपन तभ को लब समय तक पठनीय और उपयोगी बनाए रख सकग याद र खए सपादक भी आपक तभ म तब तक ह दलच पी दखाएग जब व आ व त हो जाएग क पाठक क बीच आपक तभ लखन क अ छ चचा ह और इसक वजह स पाठक समाचारप को अ धक पठनीय मानत ह और जब पाठक आपक तभ को काट कर अलग रखना श कर द और उस पर चचा करन लग तो मान ल िजए क आपन उस तर को छ लया ह िजसक अप ा एक कॉलम राइटर स क जाती ह वतमान दौर म यादातर तभ सामािजक या राजनी तक वषय पर ह आधा रत ह ल कन खल व ान पयावरण धम सनमा और सगीत स सब धत वषय पर आधा रत तभ भी पाठक वारा सराह जात ह सगीत स सब धत तभ लखन म हम ताजा सागी तक ग त व धय क जानकार दन क

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साथ कलाकार क अनठ योग और गणी ोताओ और पाठक क झान का उ लख भी कर सकत ह पछल दशक तक हद प -प काओ म सगीत समी ा क तभ नय मत तौर पर का शत कए जात थ धीर-धीर इनका काशन कम हआ और मौजदा दौर म तो ऐस काशन क गनती उग लय पर क जा सकती ह िजनम सगीत समी ा का तभ नय मत

तौर पर का शत कया जाता ह इसी तरह व ान और पयावरण भी ऐस वषय ह िज ह तभ लखन म शा मल करन का साहस आम तौर पर हद क प कार नह करत हद क काशन म व ान और पयावरण पर आलख या फ चर भी यदा-कदा ह मलत ह ऐसी सरत

म तभ लखन क बात दर क कौड़ी नजर आती ह सनमा सबधी तभ लखन क वधा वतमान दौर म सबस लोक य ह नए और परान प कार सनमा को अपन लखन का वषय बनाना चाहत ह तो इसका कारण यह ह क सनमा सबस यादा पढ़ा जान वाला वषय ह न सफ फ मी प -प का बि क सामा य प -प काओ म भी सनमा सबधी साम ी क भरमार ह पर सनमा पर तभ लखन वाल प कार अ सर गभीर और सजीदा लखन स बचत ह आम तौर पर व सनमा पर सतह लखन स ह काम चलात ह और इसक पीछ उनका तक यह होता ह क पाठक यह सब कछ पढ़ना चाहत ह यह ठ क वसा ह ह जसा क अ सर हमार फ मकार तक दत ह क व उसी तरह क फ म बनात ह जसी क दशक दखना चाहत ह पर इस सवाल स शायद सब बचना चाहत ह क पाठक और दशक क च अगर वाकई गलत दशा म मड़ गई ह तो इस प र कत करन क िज मदार आ खर

कसक ह यह सवाल इस लए भी मह वपण हो जाता ह य क अ सर पाठक अपन वचार का वाह उसी दशा म मोड़ लत ह जो दशा उ ह तभ लखक क वचार स मलती ह इस लहाज स तभ लखक का दा य व और भी बढ़ जाता ह कोई भी मत य और वचार य त करन स पहल उस चा हए क वह यह बात ि टगत रख क एक बड़ा पाठक वग उसक वचार का अनसरण कर सकता ह इन वचार क काश म हम तभ लखन क यापक मह व को इन बदओ क अतगत य त कर सकत ह तभ लखन सम साम यक मह व क कसी भी मसल पर पाठक क अ भमत को य त

करता ह हाला क तभ म य त वचार सफ लखक क मत य को प ट करत ह ल कन यह नि चत ह क पाठक का एक बड़ा वग भी उसी मत य को अपना लता ह

तभ लखन कसी ऐस मसल क तरफ लोग का यान आक ट करता ह िजसका सबध यापक जन समदाय स हो

तभ लखन स पाठक क अ भमत को त दन या एक नि चत आवि त पर नई दशा मलती

नय मत और तयशदा थान पर का शत होन स कई बार कोई तभ कसी काशन क पहचान भी बन जाता ह

तभ लखक क पहचान भी अपन कॉलम क साथ जड़ी होती ह यह पहचान कई बार पाठक क लए सहायक सा बत होती ह क व लखक को कस नज रए स दखत ह

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66 इटरनट पर त भ लखन क यटर और इटरनट न आज हर कसी क सामन लखक बनन का सगम और स वधाजनक रा ता खोल दया ह अपनी दशा खोिजए और उस दशा म लखन का यास श कर द िजए तभ लखन क लए अब सफ समाचारप अथवा प का पर ह नभर रहन क आव यकता नह ह नए प कार क लए अब इटरनट भी तभ लखन का अ छा मा यम सा बत हो रहा ह कछ अथ म तो यह मा यम समाचारप और प का स भी यादा भावी सा बत हो रहा ह इसका आधारभत कारण यह ह क समाचारप और प का क मकाबल इटरनट क ज रए अ धक लोग तक पह चना आसान हो गया ह इटरनट पर अपलोड कया गया कोई भी तभ पर द नया म एक साथ हजार -लाख लोग वारा पढ़ा जा सकता ह वह भी तरत ऐसी स वधा तो समाचारप म भी उपल ध नह ह इटरनट पर तभ लखन का सबस बड़ा लाभ यह ह क आपको अपन लखन क बार म बड़ी स या म त याए मल जाती ह एक साथ बड़ पाठक वग तक पह चन क मता क कारण इटरनट पर अपलोड कया गया कोई भी कॉलम त काल त याए जटा लता ह इसक अलावा ता का लक मह व क तभ क लए इटरनट मानो वरदान सा बत हआ ह तजी स बदलती द नया म आज कोई भी वषय या सग कछ ह अस म अपनी धार खो बठता ह लगाता चौबीस घ ट समाचार और दसर काय म पश करन वाल टल वजन चनल क कारण कई बार कसी घटना या सग क हर पहल का इतनी अ धक बार व लषण कया जाता ह क फर समाचारप अथवा प काओ म इस बार म कॉलम लखन का कोई औ च य नह रह जाता ऐसी सरत म इटरनट आपक लए मददगार क प म सामन आता ह जहा आप अपन वचार क वाह को अनवरत रख सकत ह

661 तभ क क त

य द आपन तभ लखन का न चय कर लया ह तो सव थम यह तय कर क आप कस वषय पर लखन करना चाहत ह अथात आपक तभ क क त कसी होगी क त स हमारा आशय उसक सरचना और वषयव त स ह तभ राजनी तक वषय पर आधा रत होगा अथवा सामािजक आ थक या अ य कसी वषय पर तभ म पाठक को सफ कोई नई जानकार दन का य न कया जाएगा अथवा

लखक य ट पणी क साथ उ ह अपना अ भमत वक सत करन का य न भी कया जाएगा जब हम तभ क क त का नधारण कर तो इसम यह भी तय कर ल क हम अपन लखन क मा यम स पाठक को कसी दशा दना चाहत ह भल ह इटरनट क कारण तभ लखन अब अप ाकत आसान हो गया ह परत इसका यह आशय कदा प नह क हम अपन वचार को बलगाम तर क स सा रत करत रह यक श द का अपना मह व ह और उसका भ न- भ न भाव पाठक पर पड़ सकता ह अ पत इटरनट क सव यापकता क कारण समाचारप क मकाबल श द का सार अ धक ती ग त स हो सकता ह इस ि ट स तभ लखक को अपन तभ क क त क बार म यि तसगत तर क स नणय करना होगा

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662 तभ लखन क श आत

िजस तरह एक खलाड़ी त दन अ यास क सहार अपन खल म नरतर सधार लान का यास करता ह ठ क उसी तरह तभ लखक भी अपन त दन क लखन क साथ अपनी शल म नरतर सधार कर सकता ह कसी भी नए तभ लखक क लए यह सझाव दया जा सकता ह क वह सा ता हक तभ क साथ श आत कर उस यह बात समझ लनी चा हए क था पत तभ लखक क एक-एक श द क पीछ वष का अनभव और अ ययन छपा ह कसी भी नवो दत तभ लखक को ारभ म त दन आवि त वाला तभ लखन नह करना चा हए त दन कोई तभ लखन क कारण उस नय मत अ ययन क लए समय नह मलगा और अगर उसन नय मत अ ययन क वि त वक सत नह क तो वह अपन लखन को सम नह कर पाएगा तभ लखन क या श करन क लए आपको न ना कत चार चरण स गजरना होगा- पहला - थानीय ाद शक और रा य समाचारप का गहन अ ययन कर दख क समाचारप कस कार क कॉलम का शत कर रह ह और या वह तभ आपक और दसर पाठक क ज रत को परा कर रहा ह यह भी दख क समाचारप क अपन तभ लखक ह अथवा वह कसी सडीकशन एजसी क ज रए तभ का शत कर रहा ह जो समाचारप सडीकशन एजसी क ज रए तभ का शत कर रहा ह उस अगर थानीय तर पर कोई तभ लखक मल तो शायद वह अपना ए स ल सव कॉलम श कर सकता ह आम तौर पर सडीकशन क मा यम स ा त होन वाल तभ म थानीयता का पट नह होता और एक स अ धक काशन

म छपन क कारण उसक व श टता भी समा त हो जाती ह दसरा - समाचारप का अ ययन करन क बाद च नदा अखबार क सपादक को प लख और थायी प स तभ लखन क अपन ताव का उ लख कर साथ म नमन क तौर पर एक या दो तभ भी लख कर भज ता क सपादक आपक लखन मता और वषय क बार म आपक तब ता तथा जानकार का अनमान लगा

सक सपादक को सबो धत करत ह ए जो प लखा जाए उसम अपनी यो यता और अपन लखन सबधी अनभव का उ लख करना न भल तीसरा - इस बात क लए तयार रह क सपादक आपको ायो गक तौर पर कछ तभ लखन क लए कह सकत ह कई बार सपादक अपनी आ वि त क लए या फर अपन पाठक क च को परखन क लए आपको अ थायी तौर पर तभ लखन क लए कह सकत ह भल ह ऐसा लखन नमन क तौर पर ह कया जाए ल कन तब ता जानकार और वचार क तर पर उस कह भी कमजोर नह होना चा हए

इसक अलावा डडलाइन का पालन करना भी अ यत आव यक ह एक बार अगर आपन सपादक क आव यकता क अन प लखन क श आत कर द तो आग रा त खलन म भी वलब नह होगा

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चौथा - तभ लखन क श आत पहल थानीय तर पर कर उसक बाद अपन शहर और रा य क बाहर ि थत समाचारप स सपक कर वत प स काम करन वाल तभ लखक कसी एक समाचारप क साथ जड़न क बजाय एका धक समाचारप म तभ लख सकत ह इस ि थ त म यान रखन यो य बात यह ह क थानीय तर पर एक स यादा अखबार म समान तभ नह लख

663 तभ लखक क सम चनौ तया

अलग- अलग लखक क सामन चनौ तय का तर भी अलग ह होगा फर भी कछ चनौ तया ऐसी ह िजनका सामना लगभग हर लखक को करना पड़ता ह इनम स मख चनौ तया इस कार ह-

अपन तभ क बार म पाठक क त या बह त कम ा त हो पाती ह इस कारण लखक को इस बात क ठ क-ठ क जानकार नह मल पाती क उसक तभ लखन का उ य परा हो रहा ह या नह

तभ लखन एक नय मत या ह और एक नि चत आवि त पर इस लखना ह ह ल कन हमशा ऐसा नह होता क तभ लखक क पास नई जानकार उपल ध हो इस कारण कई बार त य क पनरावि त भी हो जाती ह पनरावि त स बचन क लए तभ लखक को सलाह द जाती ह क व अपन लखन को ास गक और ताजा बनाए

रखन का य न करत रह साधारण तौर पर तभ लखक को बह त कम पा र मक मल पाता ह इस लए अगर

वह इस जी वका बनाना चाह तो उस एक स अ धक काशन क साथ सपक कायम करना पड़गा एका धक काशन स जड़न पर उस हर काशन क पाठक वग को यान म रखत ह ए अपन तभ को आग बढ़ाना होगा

लगातार एक ह धारा पर लखन कम करत ह ए एकरसता क खतर का सामना भी उस करना होगा इस लए यह आव यक ह क तभ लखन अपन लखन म दलच प और उपयोगी जानका रया भी शा मल कर यदा-कदा हास-प रहास का सहारा भी लया जा सकता ह

नय मत तभ लखन क लए तब ता लगन महनत और समयब अनशासन क ज रत होती ह एक ह यि त म इन सभी गण का मलना थोड़ा मि कल ह ह

बोध न- 1 तभ लखन का या मह व ह helliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphellip helliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphellip2 तभ और समाचार म या अतर ह helliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphellip helliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphellip3 तभ लखन क ार भक तयार कस कर

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helliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphellip helliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphellip 4 इटरनट पर तभ लखन क या लाभ ह helliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphellip helliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphellip 5 तभ लखन स सब धत चनौ तय क चचा कर helliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphellip helliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphellip

67 भावी त भ लखन 1 प ट और वचार धान - तभ लखक को अपन वचार स प ट तर क स तत करन

चा हए तभ लखक को सावज नक मह व क कसी भी वषय पर वचार य त करन का अ धकार ह पर यह आव यक ह क उसक वचार ससगत और व वसनीय ह कसी भी वषय स सब धत हरक पहल का समावश अपन तभ म करना चा हए ता क पाठक क सामन सत लत त वीर उपि थत हो सक

2 ल य पर नशाना - तभ लखक का काम कसी कशल नशानबाज क समान ह उस हमशा अपन ल य पर नगाह रखनी चा हए कहन का आशय यह ह क अपन तभ क ज रए उस अपन ल त पाठक क लए कम स कम इस तरह क साम ी तत करनी चा हए िजसक सहायता स पाठक को नई दशा मल और कसी वषय पर व अपनी राय था पत कर सक

3 तप ी वचार को भी सन - तभ लखक को अपन वचार अ भ य त करन क साथ-साथ तप ी वचार को भी पया त मह व दना चा हए तभी वह कसी भी वचार को यादा भावी शल म पाठक क स मख तत कर पाएगा प और तप क वचार को

सत लत शल म तत करन क यास स पाठक क ि ट म उसक व वसनीयता बढ़गी

4 ामा णक और ससगत त य - तभ लखन म जहा कह त य का त तकरण कया जाए वहा यह अव य यान रखा जाए क सभी त य ामा णक और ससगत प म ह कसी भी त य को बदला नह जाए यह भी यान रख क िजस ोत स त य जटाए जाए उसक ामा णकता और व वसनीयता भी अस द ध हो

5 समालोचक क ि ट - तभ लखक को हमशा समालोचक क ि ट का अनसरण करना होगा ऐस तभ आम पाठक वारा अ धक पसद कए जात ह यथासभव ववाद स बचा जाए ल कन जहा आव यक हो तभ लखक को समालोचना स नह बचना चा हए कई बार समालोचक क ि ट स लखा गया कोई तभ भी पाठक को नई राह दखा सकता ह

6 जीवत रपो टग - य य प तभ लखक का रपोटर होना आव यक नह ह ल कन अपन कॉलम को अ धक पठनीय और जीवत बनान क लए उस नय मत तौर पर रपो टग

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का सहारा भी लना चा हए अपन नजी अनभव का वणन करत ह ए वह अपन लखन को और व वसनीय बना सकता ह रपो टग पर आधा रत तभ पाठक क म त पटल पर लब समय तक अ कत रहत ह

7 थानीयता का पट - अपन तभ लखन म थानीयता का यान भी रख य क अपन आस-पास घटन वाल घटनाओ स जड़ वचार पाठक को अ धक आक षत करत ह कसी भी थानीय वषय को तत करत समय अपन अनभव का नचोड़ भी उसम शा मल कर

8 आकड़ स बच - तभ लखन क दौरान जब भी कह तलना मक अ ययन तत करना चाह तो यथासभव आकड़ स बच अपनी साम ी को रसपण बनाए और आकड़ इ या द ट न क रपोताज क लए छोड़ द

9 उपाय भी सझाए - अ धकाश मामल म तभ लखक कसी सम या वशष क चचा तो करत ह ल कन उस दर करन क दशा म या कया जा सकता ह इस बार म कोई रा ता नह सझात साधारण तौर पर पाठक यह भी अप ा करता ह क अगर कोई वलत म ा उठाया गया ह तो उसका यि तसगत उपाय भी साथ ह दया जाना चा हए

10 वचार का ती वाह - तभ लखन म पर तरह न प ता बरत ल कन आपक लखनी वचारो तजक होनी चा हए अ यथा कॉलम पाठक को जरा भी भा वत नह कर पाएगा लखन और अ भ यि त क वत ता क अ धकार का योग कर ल कन सतलन कायम रखत ह ए यह यान रख क आपक लखन स समाज का पारप रक मल-जोल और दो ताना भा वत ना होन पाए सवदनशील वषय पर लखन क दौरान रा हत को सव प र रख और भावनाओ क वाह म ना आए

671 तभ लखक क गण

एक तभ लखक का काम उतना ह मह वपण ह िजतना अ य लखक या प कार का अ पत कछ अथ म तो तभ लखक का काम दसर स कह यादा मह वपण ह य क उसक तभ क सहार बड़ी स या म पाठक उस काशन क साथ अपना भावना मक र ता कायम कर पात ह समाचारप म का शत समाचार आधा रत साम ी क साथ पाठक का इस तरह का कोई र ता नह होता तभ क साथ पाठक का र ता सतत चलता रहता ह पाठक भी तभ लखक क वचार म अपन अ भमत क झलक तलाशत ह इस लहाज स एक तभ लखक को वचार क अ भ यि त क लए अपन आपको अपडट करना होगा और यह सभव होगा नई जानका रय क त खद को अनकल बनान स यह आव यक ह क तभ लखक ताजा और नवीन

प रवतन क त सचत रह और अधनातन जानकार स अपन वचार का तर हमशा और ऊचा करन का य न करता रह नवीन प रवतन क जानकार क लए एक तभ लखक को दश- वदश क काशन का अ ययन तो करना ह होगा साथ म उसम एक बहतर न ोता क गण भी होना चा हए कहा जा सकता ह क एक अ छा ोता ह अ छा वचारक बन सकता ह

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अलग-अलग लोग क वचार को सनन स तभ लखक क लखक य ि ट वक सत होती ह और इस तरह वह अपन लखन को सम बना सकता ह नए तभ लखक क लए तो यह और भी आव यक ह उ ह अपन वषय स सब धत वचारक क तकपण बात क सहार अपनी लखन शल को वक सत करन का अवसर मल सकता ह नए तभ लखक अपन आदश लखक क वचार का नय मत अ ययन कर और उनक वचार क वाह को समझत ह ए अपनी अलग लखन शल वक सत कर तो यह उनक क रयर लहाज स भी अ छा होगा सीखन का कोई तयशदा फामला नह ह और हम अपन दन दन क लखन या म ह बह त कछ सीख लत ह एक अ छा तभ लखक वह बन सकता ह जो इस या को अपन यवहार का ह सा बना ल कई तभ लखक कसी भी मह वपण म पर धारावा हक प स लखन करत ह और यक नए तभ क साथ उस म क हरक पहल का खलासा करत जात ह ऐसी ि थ त म पाठक को भी नय मत आवि त पर आन वाल तभ का इतजार रहता ह इस लहाज स तभ लखक क िज मदार भी बढ़ जाती ह क वह पाठक क अप ाओ को यथासभव परा कर इन अप ाओ को परा करन क लए तभ लखक म न ना कत गण का होना आव यक ह- 1 तभ लखक क लए यह आव यक ह क वह पाठक क अ भ च को समझ

यक काशन क पाठक क अ भ च भ न- भ न हो सकती ह हर वग क पाठक भी कसी तभ स अलग-अलग अप ा कर सकत ह इस लहाज स यह ज र ह क तभ लखक समकाल न दौर क पाठक क दलच पी का भल -भा त यान रख

2 तभ लखक का भाषा पर परा अ धकार होना आव यक ह अपनी भाषा क श द स दय क साथ वह उसक ला णक महावर तथा लोकोि तय का इ तमाल अपन लखन म करता ह तो परा तभ रसपण बनगा और पाठक चाव क साथ उस पढ़ग तभ क भाषा कछ ऐसी हो क साधारण पाठक भी लखक का आशय आसानी स समझ जाए

3 तभ क त त भी अपना अलग मह व रखती ह सीधा-सपाट लखन अ धक दन तक पाठक को बाध कर नह रख सकता इस लए ज र ह क लखन का या मक और स दय स प रपण हो इन अथ म यह भी कहा जा सकता ह क तभ लखक फ चर क कछ त व का समावश भी अपन लखन म कर सकता ह

4 लखन म तलना मक अ ययन तत कया जा सक तो पाठक को और आसानी रहती ह कसी भी मसल पर तभ लखन स पव अगर हम उस मसल क सभी ज र पहल पाठक क सम तत कर पाएग तो नि चत तौर पर पाठक क नजर म हमार तभ क व वसनीयता बढ़ जाएगी

5 तभ लखन का वषय चाह जो हो ल कन तभ लखक क ान का तर बहआयामी होना चा हए अथात उस अ धक स अ धक वषय क पया त

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जानकार होनी चा हए कई बार बहआयामी जानकार स तभ लखन को सम कया जा सकता ह और पाठक को भी एक ह पहल स सब धत पर जानकार द जा सकती ह

6 कहा जाता ह क लखन वह सफल ह िजसम क पना और वा त वकता का स दर सम वय नजर आता हो यह बात तभ पर भी लाग होती ह एक सफल तभ लखक वह ह जो अपन लखन को यथाथपरक बनाए रखत ह ए उसम

क पना क स दर रग का सयोजन भी कर 7 वतमान दौर तज र तार का दौर ह और जा हर ह क ऐस समय म पाठक क

पास भी समय का अभाव ह ऐसी ि थ त म कसी तभ को नय मत तौर पर बह त अ धक समय दना उनक लए सभव नह होगा इस लए आव यक ह क हम अपन लखन को स त और सारग भत बनाए रख कम श द म अपनी बात कहन क कला का इ तमाल तभ लखन म कया जा सकता ह

68 साराश स प म कहा जा सकता ह क प -प का म का शत साम ी क बीच कसी भी तभ क अपनी व श ट पहचान होती ह समाचार क भीड़ क बीच एक यह साम ी ऐसी ह िजसम वचार को जी वत रखा जा सकता ह समाचार क लखन और ततीकरण म वचार का समावश करन क छट नह द जा सकती ल कन तभ लखन क सहार न सफ वचार का सतत वाह जार रखा जा सकता ह अ पत पाठक क लए भी एक नई राह श त क जा सकती ह अ धकाश मामल म दखा गया ह क कसी तभ म य त वचार क सहार पाठक अपना अ भमत बनात ह इन अथ म जनमत का नमाण करन म भी तभ लखन क उपयो गता स इनकार नह कया जा सकता तभ लखन क लए वषय क कोई कमी नह ह और वषय म भी इतनी व वधता ह क नए प कार अपनी अ भ च का वषय चन सकत ह समाचारप क लखक क बीच तभ लखक क त ठा भी अ धक होती ह और इसका एक बड़ा कारण यह ह क वह पाठक क साथ नय मत तौर पर सवाद कायम करता ह इस तरह समाचारप क पाठक क एक बड़ वग क साथ उसका र ता थायी प स कायम हो जाता ह नय मत तौर पर का शत होन वाल तभ कई बार समाचारप या प का क पहचान बनान म भी सहायक होत ह

69 कछ उपयोगी प तक 1 The Art of Column Writing ndash Suzzette Martinez Standring 2 Become a Columnist 3 समाचार सपादन और प ठ स चा - डॉ रमश जन

610 अ यासाथ न 1 तभ लखन क व वध वि तय क चचा क िजए समाचार क तलना म तभ लखन

कस कार भ न ह

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2 एक तभ लखक स पाठक या अप ाए कर सकत ह 3 तभ लखन क लए वषय का चनाव कस कया जा सकता ह 4 भावी तभ लखन क मलभत त व कौन-स ह 5 समाचारप म छपन वाल अपनी पसद क कसी तभ क चचा क िजए और उसक

गणावगण का िज करत ह ए उसक उपयो गता प ट क िजए

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इकाई-7 फ चर लखन

इकाई क परखा 70 उ य 71 तावना 72 फ चर या ह 73 फ चर क वशषताए

731 िज ासा और नौ र न 732 दसर व याओ क उपादान 733 सवदनशीलता

74 फ चर का मल व प 741 समाचार फ चर 742 व श ट फ चर

75 फ चर लखन 751 फ चर लखक क यो यताए 752 फ चर लखन क तयार 753 भाषा शल और आ त रक गठन 754 शीषक 755 भ मका 756 व लषण 757 उपसहार 758 च ाकन

76 व भ न वधाओ स तलना 761 नबध लख और फ चर 762 समाचार और फ चर 763 कम और फ चर 764 कहानी और फ चर 765 सपादक य और फ चर 766 अ य वधाए और फ चर

77 फ चर क वषय 771 यि त व फ चर 772 समाचार फ चर 773 यौहार स ब धी फ चर 774 र डयो फ चर

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775 च ा मक फ चर 776 य या मक फ चर 777 या ा फ चर 778 मानवीय च वषयक फ चर 779 ऐ तहा सक फ चर

78 साराश 79 श दावल 710 कछ उपयोगी प तक 711 अ यासाथ न

70 उ य इस इकाई क अ ययन क बाद आप फ चर का अथ समझ सकग फ चर क वशषताओ क बार म जानकार ा त कर सकग फ चर-लखन क ाथ मक आव यकताओ स प र चत हो सकग फ चर क व प को समझ सकग फ चर क व वध कार का प रचय ा त कर सकग समाचारप क व भ न तभ और फ चर का अतर समझ सकग और आप एक अ छ फ चर-लखक बन सकग

71 तावना समाचार म सभी क घटनाओ क समाचार तो होत ह ह इसक अलावा सपादक य वशष आलख हा य- य य काटन और फ चर भी होत ह जो समाचारप का च र और यि त व करत ह व भ न अखबार म बह त स समाचार एक जस होत ह सवाद स म त स आए समाचार का पाठ थोड़ बह त अतर क साथ सभी अखबार म एक जसा हो सकता ह सवाद स म त का समाचार न हो तो भी वह कौन-कब-कह आ द ककार या समाचार क याकरण म बधा होता ह ल कन दसर तभ पर यह बात नह लाग होती इनम फ चर का थान सव प र ह स अम रक प कार एल सस मकनी क अनसार सामा य समाचार आधारभत कौन कब कहा य और कस (छह ककार) स बाहर अथवा पर हटकर सघात करन

वाला लखन फ चर ह फ चर म म यत कसी मा मक प का तपादन होता ह समाचार म यह प ाय नह आ पाता अब तो हर अखबार को शश करता ह क हर दन कछ समाचार फ चर शल म लख जाए अगर समाचार अखबार का शर र ह तो फ चर उसक आ मा इस पाठ म हम फ चर क सभी प का व लषण करग

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72 फ चर या ह फ चर (Feature) श द ल टन क फ ा (Factura) स बना ह फ चर क अनक अथ ह व टर क नए श दकोश क अनसार फ चर का कछ अथ ह- 1 यि त या व त का व प 2 चहर अथवा चहर क अग वशष जस आख नाक मह आ द का व प 3 समाचारप या प का म का शत व श ट रचना 4 पर लबाई का चल च आ द फ चर को ह द म कछ व वान न पक भी कहा ह यह श द का यशा क अलकार

य-का य और नाटक क अथ म ढ़ हो चका ह फ चर का इ तमाल बह त हो रहा ह र डयो फ चर फोटो फ चर आ द धड़ ल स चलत ह इस लए यह श द इसी प म यव त करना समीचीन होगा प का रता म फ चर स ता पय समाचारप तथा प काओ म का शत व श ट आलख स ह जो हम जानकार दन क अलावा आन दत और फि लत भी करत ह इन लख म वषय का ततीकरण इस कार कया जाता ह क उनका वा त वक अथ और व प सा ात व य हो उठता ह इसी लए य फ चर कह जात ह प रभाषा फ चर क कोई सवमा य प रभाषा नह क जा सक ह अनक व वान न फ चर क व वध ि टय स जो प रभाषाए क ह व फ चर क गण का प ट करण करती ह -

सर खा डलकर क ि ट म फ चर व लख ह जो पाठक को यह बताए क कोई घटना य ह ई तथा उसका प रणाम या होगा डॉन डकन क अनसार फ चर जीवन क त एक नवीन ि टकोण द नक जीवन क क णा उसक नाटक यता और प रहास प को हण करक उसका च ण करन क एक व ध ह फ चर एक सड वच क समान ह िजसक दोन पा व श कर क परत स ढक ह ए कक क टकड़ तथा बीच म मसालदार मास तथा आल भर रहत ह ज स ब वस क अनसार फ चर समाचार को नया आयाम दता ह उसका पर ण करता ह व लषण करता ह तथा उस पर नया काश डालता ह फ चर का सव ठ कार वह ह जो साम यक हो तथा समाचार स जड़ा हआ हो मख लखक डॉ ववक राय क अनसार समाचारा मक नबध पक ह और वह व भ न

क नवीनतम हलचल का श द- च होता ह पीडी टडन क अनसार फ चर एक कार का ग य गीत ह य य लखक ीक ण च शमा क लए फ चर कसी वचार (मा यता) यि त घटना आ द का वध शाि दक च ण ह िजस थायी प द दया गया हो इन प रभाषाओ म फ चर को व भ न ि टय स दखन का यास कया गया ह यक प रभाषा उसक कसी न कसी एक वशषता पर बल दती ह फ चर को सम प स समझन क लए कोई एक प रभाषा पया त नह ह फर भी कहा जा सकता ह क फ चरrsquorsquo व तत वि तय और भावनाओ का सरस मधर और अनभ तपण वणन ह फ चर लखक गौण ह

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वह मा एक मा यम ह जो फ चर वारा पाठक क िज ासा उ सकता और उ कठा को शात करता हआ समाज क व भ न वि तय का आकलन करता ह इस कार फ चर म साम यक त य का यथ ट समावश तो होता ह ह ल कन अतीत क घटनाओ तथा भ व य क स भावनाओ स भी वह जड़ा रहता ह उसम समय क धड़कन गजती ह

73 फ चर क वशषताए फ चर ि थ त का वहगावलोकन ह नह करता वह न का उ तर भी दता ह और अ ात का ान भी कराता ह फ चर मानो कसी घटना क दरबीन स जाच करता ह अ छ फ चर क गण क जब हम बात करत ह तो उसक मल चार आधार पर हमारा यान जाना आव यक ह य ह- िज ासा स यता यो यता और व वास

731 िज ासा और नौ र न

वह फ चर नसार ह जो थम वा य स ह पाठक क मन म उ तरो तर िज ासा उ प न न कर सक फ चर जानकार क यास पदा कर और उस बझाता भी रह फ चर स य पर आधा रत हो उसम ऐसी कोई क पना भी न क जाए जो कसी आधार पर टक न हो का लदास क थ क ट काकार मि लनाथ का कहना ह- लखक को यह सदव याद रखना चा हए- नामल ल यत क चत अथात िजस बात का आधार नह हो उस लखना नह चा हए यो यता लखक क वा याय त य क षण और शल क दय ाह व प म समा हत ह व वास लखक और पाठक

दोन क लए ज र ह आ म- व वास क साथ और व वास क शल म लखा गया फ चर पाठक म भी व वास उ प न करगा फ चर पढ़कर य द पाठक को लगा क बात जची नह तो फ चर का उ य ह परा नह होता पाठक को मला सतोष लखक वारा उ प न व वास का ह पातर ह अत पाठक को सत ट करना परम आव यक ह बह धा लखक क त क त अपन आपको सत ट मानकर उसक ठता आक लत ह व वास का गण दसर क तला पर तलता ह अपन पर नह फ चर लखक िजन बात स अपन आलख को अ धक आकषक बना दता ह उनम स चन ह ए नौ र न इस कार ह- 1 मोहकता 2 सामा य त य का आकषक प 3 यि तय क वशष जानकार 4 तकसगत ि टकोण 5 ग तशील शल 6 व च ता 7 यापकता-भाव और भाव का दायरा सी मत न हो 8 त य और उसक भाव क मह व पर जोर 9 ान और भावना क शि त का वकास

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732 दसर वधाओ क उपादान

टाइ स ऑफ इि डया ( द ल ) क भतपव समाचार सपादक ी व वभरनाथ कमार क अनसार भावना और आलोचना फ चर क आव यक अग ह फ चर म भावना क या या क जाती ह काशी प कार सघ क वशष अ नयतका लक मा रका प कार (1972) क पव उ तर दश अक म ह द म फ चर लखन पर डॉ ववक राय का लख ट य ह डॉ ववक राय का कहना ह क फ चर आध नकता का अ नवाय आ ह ह िजन नबधतर वधाओ क साथ जड़कर व वध प म उसक रचना होती ह उसक ता लका न न ल खत ह- (क) पसनल ऐस (ल लत नबध) (ख) कच (रखा च ) (ग) रपोताज ( ववर णका) (घ) फटसी ( वर- वधा) (ङ) शाट टोर (लघ कथा) (च) प डायर और वाता आ द इस कार डॉ ववक राय क मतानसार फ चर सब कछ ह और सब म उसक याि त ह य द हम फ चर को इतना अ धक यापक कर दग तब तो उसका अपनापन तथा उस वधा क वशषता या होगी उसका बोध कराना क ठन हो जाएगा हम फ चर को य द उसक सीमाओ म दख तो अ धक उपय त होगा फ चर को खचड़ी बनान स उसका मह व कह का न रहगा और न उसक कसौट भी तयार हो सकगी एक अ य ि टकोण व र ठ प कार पीडी टडन का ह फ चर क वषय म टडनजी क जो वचार 1952-53 म थ वह 1976 म ह उनक मा यता ह क फ चर एक कार का ग यगीत ह फ चर हमारा मनोरजन करता ह फ चर म य प स ववक

और आनद क लए लखा जाता ह अव य ह तीस वष पहल फ चर को उसी कसौट पर परखा जाता था िजसका सकत टडनजी न अपन लख म कया ह पर त फ चर क परख क नयम अब बह त बदल गय ह अब फ चर कवल मनोरजन और वनोद का साधन नह ह कई ऐस वषय पर भी फ चर लख जात ह जो अपन वभाव स ह मनोरजक नह होत फ चर को िजस रस म सरोबार करना हो कया जा सकता ह अब फ चर को ग यगीत मानना उसक मह व को कम करना ह स प म हम यहा इतना ह कहना चाहत ह क फ चर आध नक प का रता क वह वधा ह जो मा मक ढग स समाचार क वतमान भ म पर खड़ी होकर अतीत पर ि ट डालती ह ई भ व य क ओर इ गत करन म स म ह फ चर म लखक का यि त व सामन नह आता उसका लखक तो प कार क तरह पद क पीछ रहकर पाठक क लाभाथ घटनाओ और यि तय का वतमान भत और भ व य क प रवश म म याकन करता ह फ चर न रखा च ह न पक और न ग यगीत फ चर ह फ चर ह कसी समाचार क यापक भाव का दशन और म याकन

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फ चर म वशष और अनोख स य का व लषण मलता ह फ चर पाठक क िज ासा सहानभ त आशका वनोद स ास और आ चय का उ यीपन करता ह प का रता वशयक अनक प तक क लखक जाज फा स मोर का वचार ह क फ चर का ाण सवदना ह

733 सवदनशीलता

डनवर व व व यालय क प का रता वभाग क अ य एलमो कॉट वाटसन क मा यता ह क फ चर कसी भावना क इद- गद च कर काटता ह समाचार को ऐसा प दया जाता ह क वह और आकषक बन पाठक का यान खीच और सामा य

पाठक क भावनाओ को छ जाए कारण यह ह क पाठक समाचार क मह व स उतना आदो लत नह होता िजतना मानवीय सवदना ( म घणा आ द) स कसी अ छ फ चर को पढ़न क बाद पाठक को कसी न कसी तरह का सतोष ा त होता तो मनोरजन जानकार अथवा श ा क प म हो सकता ह यज राइ टग प तक क लखक जाज ए हग का वचार ह क फ चर म सामा यत उसी कार क मानव क त और वसी ह प रि थ तय का व लषण होता ह िजनका हम न य त अनभव करत ह और जो कसी क जीवन म घट सकती ह उसक मतानसार फ चर यह याद दलाता ह क हम सब समान अनभव क भागीदार ह फ चर क ल ण क वषय म मास क य नकशन एड जन ल म इन इि डयाrsquorsquo क लखक डीएस महता का कहना ह क ldquoफ चर म उस त य को उभारा जाता ह जो मह व का होत ह ए भी प ट नह होता और उसका ततीकरण ह फ चर क यि त व उसक शि त और उसक औ च य का बोध दता ह अ ययन अनसधान और सा ा कार क बल पर फ चर म त य का व तार कया जाता ह फ चर कसी वषय क जानकार और अ ानी पाठक क लए श क और पथ- दशक का काम करता ह rdquo ldquoसपादन क स ा तrdquo प तक म डॉ रामच तवार का मत ह क फ चर लखक अपन आख कान भाव अनभ तय मनोवग और अ वषण का सहारा लकर उस चकर आकषक और दय ाह बनाता ह ी व वनाथ सह का कहना ह क फ चर-लखक पाठक को व थ तथा गभीर

मनोरजन दता ह इसका भाव णक या अ थाई नह होता यह पाठक क मन तथा वचार को एक झटका दता ह उस एक वशष ढग स सोचन- वचारन क लए रत करता ह और तब अपना एक वत वचार बनान का अवसर भी दान करता

ह डॉ जभषण सह lsquoआदशrsquo का कहना ह- ldquoअ छा पक (फ चर) कसी वषय क पा वभ म म समाचार क पीछ समाचार का व लषण चचा तथा प ट करण

तत करता ह वह ात अथवा अ प ात घटना क समी ा कर लखब च तत कर पाठक को नवीन त य स अवगत कराता ह वह अ वषण करता ह

तथा वषय-व त को अनाव त कर व वसनीय सा य स अपनी थापनाओ को प ट

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बनाता ह वह घटनाओ क भाव का पवानमान करता ह तथा सभा वत प रणाम क ओर यानाक षत करता ह rdquo फ चर क त ऐसा आकषण य समाचार नयी जानकार दता ह इस नवीनता क कारण सामा य पाठक उसको पढ़ना चाहता ह फ चर म समाचार और सम या आ द क रह य क वशष जानकार क साथ आ मीयता भावना और ववचना क गण का समावश होता ह इन त व क कारण ह पाठक क उसस भावना मक सति ट होती ह पाठक क यह सति ट उसक आकषण का मल कारण ह इस सति ट क उपलि ध फ चर म समा व ट उसक अनक मल त व क कारण होती ह

बोध न- 1 1 फ चर कस कहत ह helliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphellip helliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphellip2 फ चर को कौनस नौ त व आकषक बनात ह helliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphellip helliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphellip 3 फ चर समाचार का सरस यापक सदभय त मोहक व तार ह या आप इसस सहमत ह helliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphellip helliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphellip

74 फ चर का मल व प

741 समाचार फ चर

समाचारय त फ चर म द नक समाचार को मनोरजक ढग स तत कया जाता ह व अ पका लक मह व क होत ह िजन घटनाओ का या तो उसक कसी प का समाचा रक मह व नह होता पर त जो पाठक को आकषक लगन वाल होती ह उ ह को ज द और स प म मनोरजक तथा आकषक ढग स लखकर फ चर का प द दया जाता ह उदाहरण क तौर पर कसी ी का ब चा नद म डबकर मर

गया यह तो समाचार हआ द खया ी को सपना आया उसन नद क कनार अपन प क कपड़ दख उ ह वहा जाकर पहचाना और इस कार प क डबकर मरन क पि ट ह ई प - वयोग व न- ान और सबक साथ जड़ी ह ई मात व क भावना को काश म ला दन स स त समाचार फ चर तयार हो गया ता का लक समाचार फ चर लखन क लए न न ल खत बात को यान म रखना ज र ह यह एक ऐसी पशबद ह िजसस फ चर क पकड़ आसान हो जाती ह और िजसस लखन भी सरल हो जाता ह- 1 द नक घटनाओ और समाचार म मानवीय प क खोज

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2 जीवन क सखात और दखात पहलओ पर वचार 3 अ धक याद रहन वाल कहानी ह पाठक को अ धक छती ह 4 क ण फ चर को सरल और सयत रखा जाए 5 छछल हा य और बाजा भाषा का योग न कर 6 धम जा त और रा यता पर आ प न हो 7 श द क चयन पर वशष यान रखा जाए 8 घटना क आकषक पहलओ पर यान दया जाए लखक उ ह अपन मन स न

गढ़ 9 फ चर म बनावट त य को भरन क को शश न क जाए बनावट त य स

फ चर को औप या सक प दना उपयोगी नह त य प व ह नाटक यता नह

742 व श ट फ चर

व श ट फ चर क लए साम ी एक क जा सकती ह कछ साम ी लखक क पास ह परानी एक साम ी भी काम म आ सकती ह परानी म तय को ताजा कया जा सकता ह और उ ह पन आकषक ढग स तत कया जा सकता ह नयतका लक वषय पर लख गए फ चर थोड़ हरफर क साथ कभी भी काम म आ सकत ह उ सव ऋतओ पयटन- थल ऐ तहा सक थान महाप ष चर मरणीय घटनाओ तथा जीवन क शा वत न पर लख गए फ चर सदव ताजा रहत ह उ ह सदा पसद कया जाता ह इस कार क फ चर तयार करन क लए पहल स तयार करनी पड़ती ह इ ह लखन क लए साम ी जटानी पड़ती ह और वा याय जार रखा जाता ह नोट बक म यथा थान लखना चाल रहता ह समाचारप क कतरन वषयवार एक त करनी पड़ती ह अत फ चर क लखक को इन बात पर वशष प स यान रखना पड़ता ह- 1 लखक को कौन-कौन स वषय चकर ह उसका कन- कन वषय पर अ धकार

ह और उन वषय क बार म लखक को अ य सा ह य जटा सकन क स वधा ह तथा ानवधन का कोई और साधन भी सभव ह अथवा नह इन सब बात पर वचार करन क प चात फ चर का वषय नि चत करना चा हए

2 जो-जो फ चर क वषय हमन सोच ह उनक बार म हमारा अनभव कतना ह और उस अनभव को और कतना अ धक बढ़ाया जा सकता ह दसर क अनभव क आधार पर अ छा फ चर नह लखा जा सकता जब तक हमार पास कछ अपन अनभव नह ह ग तब तक दसर यि तय क अनभव क खर-खोट होन का पता भी तो नह लग सकता

3 फ चर लखक म नर ण-शि त का होना अ त आव यक ह नर ण-शि त का अथ कवल दख सकना ह नह कसी व त को दखकर उसक भाव को दयगम करना भी होता ह नर ण-शि त क सहायता स लखक उन त य

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तक पह च सकता ह िजन तक सामा य पाठक कभी नह पह च पाता नर ण-शि त क अभाव म फ चर क लखक म अपनापन नह आता फ चर का न अपना यि त व नखरता ह और न लखक का यि त व ह बनता ह पनी नगाह स दखन उस पर मनन करन तथा अपन न कष पर पह चन का सतत अ यास ज र ह

4 फ चर का मल आधार समाचार ह समाचार कवल पढ़ ह न जाए बि क फ चर क उपय त लगन वाल समाचार क कतरन भी एक होती रह समाचार फ चर क त य को आधार बनाकर जब लखक व न क रह य उनक स यता उनम तारत य का गठन दघटनाओ और व न का ताल-मल मनोरजक ढग स इस कार तत करता ह क व दय को छ जाए तब वह स पण फ चर बन जाता

ह इस कार का फ चर तयार करन म कछ समय तो लगता ह ह स पण फ चर तरत-फरत का लखन नह वह तो अ ययन अ यवसाय और लखन-चातर का चम कार होता ह स पण फ चर साम यक थानीय दश यापी सवदशीय नयतका लक और शा वत हो सकत ह व श ट फ चर म लखक क सा हि यक तथा व ा नक तर क क साथ-साथ खर वणन शल और नाटक यता का आ य लकर त य-क य को अ धक व तत सवदनशील आकषक तथा मनोरजक बनाया जता ह लखक उसक मा यम स पाठक को श ण भी दता ह पर त अ य प म जब क समाचार फ चर म कसी कार अथवा कसी प म श ण समा हत नह होता

75 फ चर लखन

751 फ चर लखक क यो यताए

फ चर लखक क कलम म रवानगी होनी चा हए िजसक लए तभा प र म और अनभव क वशष आव यकता ह अ छ फ चर-लखक म न न वशषताए अव य होनी चा हए- 1 फ चर लखक का भाषा पर पण अ धकार होना चा हए य द भाषा लखक क इशार

पर थरकती रहगी तो फ चर म ला ल य और तरलता का समावश हो सकगा 2 फ चर लखक का ान बहआयामी भी होना चा हए धम दशन स क त समाज

सा ह य इ तहास आ द क समझ फ चर को पण तथा तकसगत बनाती ह 3 फ चर को भावकार तथा मनोरजक बनान क लए आव यक ह क फ चर लखक

क पास क व-सा दय समी क-सा ौढ़ चतन इ तहासकार-सा इ तहास-बोध व ा नक-सी ता ककता समाजशा ी-सा समाज-बोध तथा यग टा क भा त भ व य को परखन क शि त हो

4 आध नक फचर कला म च कला तथा फोटो ाफ का वशष थान ह अत फ चर-लखक को रखाकन तथा छाया च क गहर पकड़ होनी चा हए ता क अपन फ चर क वषयव त क अन प वह उसम रखा च का समायोजन कर सक

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5 फ चर लखक को प रवश क त सजग तथा समसाम यक प रि थ तय क त जाग क होना चा हए ता क वह उन व वध वषय को अपनी स म ि ट स दख सक िजन पर रोचक फ चर लख जा सकत ह

6 फ चर लखक को अपनी आत रक वि त ान और अनभव पर व वास होना चा हए

7 फ चर लखक को अपनी आख तथा कान पर व वास रखत ह ए भाव अनभ तय एव नर ण-शि त का सहारा लकर फ चर तयार करन चा हए

752 फ चर लखन क तयार

1 फ चर लखक दसर लोग स सा ा कार भी करता ह और लोग क अनभव क जानकार ा त कर आलख तयार करता ह सा ा कार पर आधा रत लख म अनक त य जीवन क नचोड़ क प म मल जात ह अत अपन और अ य लखक क सा ा कार वषयक लख क कतरन जमा करनी चा हए य फ चर लखन म बड़ उपयोगी स होती ह

2 सरकार और वभागीय रपोट क व तत जानकार तो समाचारप म का शत नह हो पाती अनक रपोट म ऐस त य अ का शत रह जात ह जो बड़ मा मक और भावशाल होत ह

3 मान सक आधार पर गहन चतन कए बना थल आधार पर आडबर और प तक क अ ययन पर लगाया गया समय बकार ह रहता ह इस मान सक आधार को प ट करन क लए फ चर लखक को न न ल खत बात पर वशष यान दना आव यक हो जाता ह -

(1) फ चर का वषय ऐसा होना चा हए जो चकर हो लोकमानस को छन वाला हो इसक लए यह ज र ह क वषय समयो चत हो

(2) कछ वषय ऐस होत ह िजनका दायरा व तत होता ह और कछ का कवल थानीय थानीय वषय क फ चर म थानीय बात को ाथ मकता द

जाती ह उ ह को उभार दया जाता ह थानीय वषय स हटकर पाठक क च को यान म रख जो फ चर लख जात ह उनका ि टकोण व तत होता ह उनम सदभ भी ऐस नह दए जात जो कवल थानीय मह व क ह ऐस फ चर क भाषा म ऐस महावर का आना भी उ चत नह जो कवल आच लक कह जा सकत ह

(3) कस प -प का क लए फ चर लखा जा रहा ह इसका वचार लखक क मन म रहना चा हए यक प -प का का अपना अलग यि त व होता ह उसक अपन पाठक होत ह अ यास क कारण उन पाठक क एक कार क च बन जाती ह उनक दमाग कसी खास साच म ढल जात

ह अत यह आव यक ह क फ चर-लखक कसी वशष प क लए फ चर

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लखत समय उसक पाठक क वि त च और प क नी त का भी यान रख

(4) पाठक क च और प क नी त का यान रखत समय लखक को इस त य पर भी नजर रखनी चा हए क फ चर सामा य पाठक क लए ह न क वशष क लए सामा य ब क पाठक क स या अ धक होती ह और उ ह स कसी प क लोक यता आक जाती ह सामा य पाठक न फ चर पसद कया तो सम झए क फ चर लखक क कदर बढ़न क सभावना सभावना ह

(5) जहा तक फ चर क आकषण का न ह वह बह मखी हो न क अ त सी मत आकषण का आधार एकागी होन स पाठक क स या सी मत होगी और वह उ ह कम चगा मानव वभाव बह रगी ह उसक क त एक पता स ज द ऊब जाती ह उस व वधता म मजा आता ह इसी रह य को यान म रखकर फ चर म आकषण क व वधता लान का यास कया जाता

ह (6) फ चर का पाठक उसम समा हत स य और अनभव का पर ण करन को

आतर हो जाता ह अत फ चर म जो बात लखी जाए व पण प स यावहा रक होनी चा हए व ऐसी का प नक न ह िजनका कसी धरातल पर पर ण न हो सक य द ऐसा हआ तो पाठक का लखक पर स व वास उठ जाएगा और उसक क त भ व य म लोक यता खो दगी

753 भाषा शल और आत रक गठन

जब हम लखग तो हमारा लखन का अपना कोई ढग होगा वह ढग बढगा भी हो सकता ह और अ छा भी लखन का अ छा ढग ह शल बन जाता ह लखन कला प तक क लखक आचाय सीताराम चतवद क अनसार- लखन क अ छ शल वह ह जो लोक- योग स समि वत हो जो अपनी और अपन दश क जान पड़ िजसम श द का योग श ट और भावो पादक हो पाठक िजस भल कार समझ सक

सपादकाचाय बाब बालमक द ग त न एक सग म लखा ह- लखन क भाषा भी वह अ छ समझी जाती ह ज बोलचाल क भाषा हो मनगढ़त न हो उसी को महावरा भाषा कहत ह महावर का अथ बोलचाल ह भाषा का एक दोष ज टलता भी ह िजस वा य म ldquoअथात rdquo क ज रत पड़ती ह उसको सरल- व छ भाषा म लखन वाल कभी पस द नह करत एक अ य थान पर ग तजी न वचार कट कया ह- कसी दश क भाषा उस समय तक काम क नह होती जब तक उसम उस दश क मल भाषा क श द बह तायत क साथ शा मल नह होत rdquo

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भाषा और भाव क उ चत स म ण स शल बनती ह कसी व वान क मा यता ह क भावह न भाषा स भाव क सि ट नह हो सकती बना सयत भाषा क अ भ त भाव भी य त नह होता मोट तौर पर शल क दो कार ह-वणना मक और भावा मक एक म लखन का ढग वणन कर प लता ह और दसर म भाव क धानता होती ह इन दोन श लय का म ण भी हो सकता ह फ चर लखन म म त शल का योग ह अ धक उपय त होता ह हमार ग य क भाषा लया मक होनी चा हए उसम लय-ला ल य होगा तब वह आनददायक होगी भाषा-शल को गौण समझना उ चत नह पहल तो इस बात का मह व ह क जो कछ कहा जा रहा ह वह कस कस ढग स कस चतराई स और वह कसा चम कार उ प न करन वाला ह उसक प चात या कहा जा रहा हrdquo क मह व क गणना होती ह शल क आव यक गण ह - सरलता प टता सजीवता मम प शता और भावो पादकता इनक साथ ldquo वनोदrdquoका पट हो तो वह सोन म सहाग का काम करता ह बालक ण भ न एक थान पर लखा ह- ldquoसच पछो तो हा य ह लख क आ मा ह लख पढ़कर कद क कल क समान दात न खल उठ तो वह लख ह या rdquo इसक साथ ह यह कहना भी पर तरह ठ क नह क यि त ह शल ह अथवा शल ह यि त ह व वनाथ साद (ldquoभाषाrdquo ववद म त अक अग त 1964) क मा यता ह क शल क पण वकास क लए यह आव यक ह क लखक या क व अपन वषय म अपन आपको ब कल डबो कर अपन आपको ब कल भलकर रम जाए वषय क वणन म आ म वभोर ह ए बना शल का नखार कहा शल कार तो अपन यि त व का होम करक ह अपन को ब कल खपा करक वातावरण क व प अथवा वानभ त का यथावत अकन कर पाता ह फ चर लखन क शल म यि त व का दशन नह उसका गोपन अ धक आव यक अग माना जाता ह वषय सग प रि थ त और करण क अन प ह फ चर लखक श द का चयन और वा य का गठन करता ह यह लचीलापन ह शल को नखारता ह और यह उसम साद गण क व करता ह फ चर लखन क शल क बार म कपी नारायण का वचार ह ndash ldquoवह छोट नद क वाह जसी होनी चा हए फ चर क लए भावा मक शल का योग अ धक उपय त ह rdquo फ चर लखन क भावो पादक शल क लए स प म आव यक गण इस कार ह- 1 ldquoअरथ अ मत अ त आखर थोरrdquo - तलसीदास 2 साद गण आसानी स समझ म आ जाए 3 सा हि यक पट लए टकसाल तथा ओजपण भाषा 4 श द तथा वा य क अथ गौरव का ान और उसका श योग 5 कहन का अपनापन जो नवीन चटक ला सट क और मनोरजक हो 6 महावर कहावत और सि तय का सह योग 7 वा य का गठन सरल हो पर त ढ लापन लए ह ए नह 8 वा य क गठन म अनक पता

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9 श द वा य और वचार क पनरावि त न हो 10 परा न तो बह त छोट ह और न अ धक ल ब ह 11 जहा तक सभव हो परा क थम वा य म ह मह वपण नवीन वचार को थम थान

मल जाए 12 यक परा क गठन म भी व वधता जान पड़ 13 यक वा य और परा म कथन का तारत य बना रह 14 अनाव यक कछ न हो न भाव और न वा य 15 वषय क अन प कथन का प हो 16 तकनीक तथा द ह वा यावल तथा श द का कम स कम योग कया जाए 17 ामीण श द का योग न कया जाए तो अ छा सगानसार उनका कह योग कर

भी दया जाए तो बरा नह 18 भाव और भाषा म उलझन न जान पड़ 19 अनवाद भाषा का पण प र याग 20 भाव और भाषा क स कार क र ा का यान 21 शल प रमाजन क लए रचना का बार-बार पठन

754 शीषक

शीषक का नयापन उसक ताजगी और आकषण फ चर क स दय क अ भव म वशष सहायक होता ह शीषक लगाना क टसा य काय ह अनक बार यह दखा गया ह क हम नबध फ चर आ द तो लख लत ह क त स टक शीषक दत समय काफ परशानी महसस करत ह घट तक शीषक नह सझता व तत शीषक थोड़ स श द का सम चय ह िजसम स पण फ चर का मल क य या भाव हमार सामन कट हो जाता ह शीषक वय म स पण फ चर क वषयव त को सजोए रखता

ह सामा सकता अ छ शीषक का मख गण ह आज क इस या क एव ग तशील जीवन म पाठक क पास अ धक समय नह ह शीषक का ताजापन ह उसक च एव चतना को फ चर को पढ़न पर मजबर कर सकगा शीषक का साज-स जा क ि ट स भी मह वपण थान ह प ठ को आकषक तथा स चपण बनान म भी

शीषक का वशष योगदान होता ह अत इस म फ चर लखक को अपन ान और अनभव का परा उपयोग करना चा हए शीषक चनत समय इस बात का यान रखना चा हए क उसम पणता हो अपण तथा अ प ट शीषक फ चर क भाव को कम कर दत ह कछ लखक या सपादक उपशीषक का भी योग करत ह उपशीषक स फ चर क वषयव त शी ह प ट हो जाती ह अत सझबझ क साथ इनका योग भी करना चा हए

755 भ मका

भ मका आमख या इ ो फ चर का ाण ह यह फ चर का मखार वद ह चहरा ह फ चर का सार त व या म य त य का उ घाटन इस खड म तत करन क

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सामा य परपरा ह अ छा इ ो ह पाठक को परा फ चर पढ़न क लए मजबर करगा घ टया या साधारण तर का इ ो अ छ स अ छ फ चर का ldquoकालrdquo बन जाता ह ldquoइ ोrdquo क नाटक यता मनोरजकता भावना मकता अथवा आलका रता अनायास ह फ चर म सजीवता का सचार कर दती ह पाठक क िज ासा-वि त को जागत करन वाल थम पि त म ह पाठक को आक ट कर लन वाल तथा फ चर क मल उ य को प ट करन वाल इ ो ह ठ तथा तर य मान जात ह िजस कार कसी मन य स थम सा ा कार क समय उसक मख-मडल को दखकर उसक यि त व का अनमान करत ह और उसक छ व हम अपन दय म अ कत कर लत ह उसी कार आमख क मा यम स हम फ चर क आ मा स सा ा कार करत ह

756 व लषण

आमख क बाद व त ववचन या व लषण म फ चर क मल सवदना या क य क या या क जाती ह इसी क य भाव को ि टगत करता हआ तथा वचार क तान-बान बनता हआ लखक व भ न प र छद म लयय त म स अपनी बात-कहता चलता ह भाव या वचार क व खलता फ चर को ह का व भावह न कर दती ह अत लखक को इस बात का सदव यान रखना चा हए क उसक भाव या वचार-चतना मल त य या वषय पर ह क त रह वषय को अ धक प ट एव ामा णक बनान वाल त य एव वचार का ह इस खड म आकलन सकलन व थन

होना चा हए असब तथा वषयतर सग क समावश स फ चर पाठक क ि ट क पकड़ खो दता ह अत इस बार म नवो दत फ चर-लखक को वशष जाग क रहना चा हए

757 उपसहार

फ चर का अ तम भाग उपसहार या न कष कहा जाता ह इस खड म लखक कसी न कष पर पह चता हआ पाठक क िज ासाओ का समाधान कर दता ह या दशा सकत दकर बात समा त कर दता ह उपसहार भावो पादक होना चा हए

758 च ाकन

फ चर क साथ उसक वषयव त क अन प न श च या रखा च दन स आकषण और भावो पादकता बढ़ जाती ह अत फ चर लखत समय त सबधी काटन च आ द का योग करना चा हए आजकल रखा च च तथा काटन का चलन बह त बढ़ गया ह अत यह आव यक ह क फोटो ाफ क सामा य जानकार लखक प कार और सपादक को हो िजसस क वह च का चयन या उनको खचवान क यव था वय कर सक

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76 व भ न वधाओ स तलना फ चर और सपादक य लख नबध कहानी आ द म मौ लक अतर ह हाला क कछ वधाओ क त व फ चर म भी होत ह

761 नबध लख और फ चर

नबध (अ जी पयाय ldquoऐसrdquo) का अथ कसी वषय अथवा वचार स सब धत साम ी को बाधना या एक करना ह नबध म त अथवा व छद रचना ह ासीसी लखक- माइकल दमानतन ऐस या नबध क जनक मान जात ह वह नबध क मा यम स अपन ldquoमrdquo को सच सहज और सामा य तर क स य त करत ह उ ह का अनकरण कर नबध लखक का ldquoमrdquo खलकर खलता रहा बाद म नबध म ldquoमrdquo बह त कछ ल त हो गया अब उसम द नया का सब कछ होता ह सफ ldquoमrdquo नह लखक को मनमानी करन क छट होती ह वह वषय या वचार का बधन नह मानता नबध लखन मनमान या अनाड़ी ढग स श द का खलवाड़ नह ह वह ग य म अ भ यि त क ऐसी स और ऐसा कला मक स षण ह िजसम लखक अपन जीवनानभव और उपलि धय को जान या अनजान इस कार रखता ह क पाठक उसी भाव-भ म पर सचरण करन लगता ह उसम लखक का ldquoअपनापनrdquo प ट झलक वषय तो यि तगत अ भ यि त क बशाखी मा ह लख आध नक श द ह इसका योग अ जी श द ldquoआ टकलrdquo क पयाय क प म होता ह यह श द प का रता क वकास क साथ जड़ा हआ ह लख म म यत नवयि तक ढग स कसी वषय का ववचन होता ह नबध और लख म वशष अतर नह ह नबध म पा ड य का प अ धक नखरा हआ और भार भरकम होता ह लख बह त कछ ह कापन लए होता ह नबध थायी सा ह य का अग बन सकता ह और बन जाता ह लख क ि ट साम यक ह वह तरत-फरत वाल सा ह य क को ट म आता ह नबध लख और फ चर क तलना कर तो पाएग क नबध और फ चर दोन म ठ ग य क दशन होत ह दोन थायी सा ह य क को ट म पह चन क को शश म रहत ह दोन म आधारभत वषय-चयन क कोई सीमा नह नबध म ldquoमrdquo कसी न कसी प म झलकता ह फ चर म ldquoमrdquo होता ह नह और होना भी नह चा हए नबध म पा ड य क झलक अव य होती ह फ चर म पा ड य का लशमा दशन नह होता लखक और फ चर प का रता स अ धक सब ह लख और फ चर दोन का ह आधार साम यक को ट का होता ह फ चर तथा लख अ छ ग य क नमन होन चा हए दोन सचनापरक ह और इनका अपन-अपन कार स आकषक होना ज र ह लख क वषय व तत और गहन होत ह लख एक वषय को छता हआ अनक वषय को अपन दायर म समट लता ह लख म व व ता का पट होता ह वह

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शल और तपादन करन म अ धक गभीर होता ह पर नबध क तलना म कम लख औपचा रक होता ह कसी त य का तपादन करत समय अपना मत कट करना लखक का पण अ धकार ह नह ह उसस उसक अप ा क जाती ह फ चर अनौपचा रक ढग स लखा जाता ह फ चर लखक अपनी राय स त प म ह कट करता ह आलोचना करन का उसका तर का सीधा न होकर अ य होता

ह लख म त य तार ख और आकड़ का बाह य हो सकता ह लख क सीमा पर कोई तबध नह य द सीमा ह तो प -प का क आकार और सपादक क इ छा क अनसार फ चर का वषय नि चत और सक चत होता ह उसम अ धक त य और आकड़ का दया जाना ज र नह लख म च आव यक नह च और काटन फ चर क आव यक अग ह अनक फ चर च - धान होत ह फ चर म रगीनी और नाटक यता होनी ह चा हए फ चर-लखन क शल गभीर न होकर वनोद होती ह मन पर चोट और उस पर अ धका धक भाव डालन का गण उसम होना ज र ह फ चर का व प छोटा ह होना चा हए कसी एक वषय पर लख क लए िजतनी तयार क ज रत ह उसस कह अ धक मसाला फ चर क लए जटाना पड़ता ह लख क कारण वि त और वचारधारा पर अ धक रोशनी नह डाल जाती फ चर तो अ धकतर घटनाच और लोक- त या पर क त रहता ह स प म कहा जा सकता ह क लख और नबध मि त क क उपज ह तो फ चर दय क लख और नबध मानस-प ह फ चर ह दयत ी क झनकार

762 समाचार और फ चर

समाचार घटना का ववरण ह घटना वय म समाचार नह दसर तरफ फ चर का आधार समाचार ह फ चर समाचार नह ह व लयम एल रवस न ldquoद मास मी डयाrdquo नामक अपनी प तक म वचार य त कया ह क फ चर का जाल समाचार स बड़ा होता ह फ चर लखक पठनीय अनभव तत करता ह उसम सचना को उतना मह व नह दया जाता िजतना शल ला ल य और वनोद को ldquoइव ट ग टव रपो टगrdquo प तक क लखक ो कर टस डी मकडगल दोन म उ य का भद मानत ह फ चर समाचार को आ छा दत कर लता ह खोजी और या या मक समाचार पर भी फ चर छा जाता ह समाचारप म भी समाचार क तलना म फ चर को अ धक मह व दया जाता ह समाचार त यपरक होता ह फ चर उस समाचार को नया आयाम दता ह उसक पर ा और श य- या भी कर डालता ह दोन क लखन-शल म भद होता ह समाचार स त और खाई लए ह पर फ चर उसक तलना म अ धक रगीन और सजा-धजा इन दोन क ततीकरण म भी भद ह समाचार को ldquoअ य प षrdquo

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क प म लखा जाता ह फ चर को उ तम म यम अथवा अ य प ष क प म लख सकत ह फ चर म त य रगीन और सजीव होत ह चट ल तथा भावो पादक भाषा उसम प ठभ म तपादन और भावा मक ततीकरण का आधार होती ह फ चर लखक अ धक वमशक होता ह और समाचार लखक अ धक वणना मक फ चर का शा वत त व समाचार क णभगरता को लाघन वाला होता ह

763 कम और फ चर

कम श द प का रता म बह त य त होता ह इस श द का योग दरदशन अथवा आकाशवाणी पर यगत क वणन क साथ समी ा क प म होता ह अ जी का कमट श द ट का- ट पणी क अथ म य त होता ह इस श द स कम श द बना ह उसका अथ ह ldquo कसी त य का वणन करत ह ए आलोचना समी ा या ट का करना rdquo यन नक स का कहना ह क फ चर का बाकपन उसम न हत भावकता और ट का म ह कम म वणन और ट का ह पर भावकता नह लखन अथवा मौ लक वणन म त यपरक आलोचना का थोड़ा बह त अश हो तो पाठक या ोता को अ छा लगता ह कम म भावकता को थान दना उ चत नह फ चर म त य क या या और ट का क साथ भावकता का वशष पट होना आव यक ह

764 कहानी और फ चर

फ चर त य पर आधा रत ह पर कहानी क पना पर फ चर व वसनीय ह कहानी नह कहानी लखन भी सभी घटनाओ पर आधा रत हो सकता ह पर उस इतना तोड़ा-मरोड़ा और व पत कर दया जाता ह क न वह इ तहास रहती ह और न फ चर

765 सपादक य और फ चर

व लयम एल रवस क मा यता ह क सपादक य समी ा तथा अ य वचार लख स फ चर अलग होता ह यह भद ह कवल ldquoरायrdquo क अ भ यि त क कार म तकसगत नणय और वकालत म जो भद ह वह फ चर और सपादक य आ द म फ चर-लखक त य को तोलता ह उनक आधार पर वकालत नह करता वह पाठक को फसलाता नह वरन उसक ान म व करता ह सपादक य स फ चर कह मल खाता ह कह नह उनका मल तो वह तक ह जब व समाचार क त य का व लषण करत व श टता दान करत अथवा उ ह छपात ह फ चर सपादक य स तब भ न हो जाता ह जब उसम त य का न प ता स सव ण कया जाता ह सपादक य म लखक क वचार और मत पर वशष जोर रहता ह फ चर इसक वपर त ह उसका लखन अपन वचार का धनी तथा अपन मत का ढ़ता स तपादक नह जान पड़ता ह सब कछ होत ह ए भी उसम ldquoअपनापनrdquo नह होता सपादक य ldquoलोकनताrdquo ह फ चर ldquoजनसवकrdquo

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766 अ य वधाए और फ चर

फ चर क तलना कहानी नाटक स मरण और रपोत ज स कदा प नह क जा सकती हा यह अव य ह क लखन क इन वधाओ क झलक फ चर म यथा सग आ सकती ह ऐसा करन स फ चर अ धक रोचक और भावी बन जाता ह पर फ चर म इनका योग बह त ह कम मा ा म और उपय त करण को अ धक नखारन क साधन क प म करना चा हए जस मख का स दय ललाट कपोल अथवा चबक क एक दो तल बढ़ा दत ह वस ह इन वधाओ म एक दो का स त योग फ चर क शोभा क व कर दता ह मख पर छाए अ धक तल िजस कार उसको क प कर दत ह उसी तरह फ चर म ऊपर द गयी वधाओ क अ धक मा ा उसक व श टता को समा त कर दती ह य द हम यह कह क जस मख और तल क तलना करना हा या पद ह वस ह फ चर क कहानी नाटक स मरण और रपोताज स कसी तरह क तलना करन का यास भी

बोध न- 2 1 मा मकता और सवदनशीलता फ चर का ाण ह इस कथन स या आप सहमत ह तक स हत उ तर द िजए helliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphellip helliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphellip2 फ चर लखन शल क आव यक गण बनाइए helliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphellip helliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphellip3 नबध और लख स फ चर क तलना क िजए helliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphellip helliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphellip

77 फ चर क वषय प रवश क यापकता क कारण फ चर लखन क लए भी व भ न वषय चन जा सकत ह मानवीय जीवन क व वध पहलओ पर फ चर लख जा सकत ह तथा जन च क अनक को फ चर का वषय बनाया जा सकता ह सामािजक आ थक राजन तक धा मक

सा क तक पौरा णक आ द क व भ न वषय पर ठ फ चर लख गए ह च ा मक तथा य या मक फ चर आज वशष लोक यता अिजत कर रह ह क ह कपी नारायणन न फ चर क तीन मख भद का ववचन कया ह - यि त व फ चर यौहार फ चर तथा च ा मक फ चर पीडी टडन न पौरा णक फ चर का भी उ लख कया ह

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मनाथ चतवद न फ चर क दो मख भद कए ह -समाचार धान और व श ट तथा इ ह दो भद म सम त कार को समा हत कया ह यावहा रक ि ट स फ चर क अनकानक भद कए जा सकत ह कछ म य भद क चचा यहा क जा रह ह-

771 यि त व फ चर

यक यग म ऐस महान प ष न ज म लया ह िज ह न वशष म मह वपण उपलि धया ा त क ह उन पर फ चर लखन का सामा य चलन ह

772 समाचार फ चर

ऐस फ चर का मल आधार समाचार ह होता ह य फ चर कथा मक गठन क कारण लोक य होत ह घटना का पण ववचन- व लषण इसक अतगत कया जाता ह समाचार तो अपन आप म सचना मक होता ह कत समाचार फ चर उस समाचार क सदभ म यापक जानकार उसक व वध प एव वि तय को समा हत करत ह ए दता ह

773 योहार सबधी फ चर

हमार दश क स क त यौहार बह ल स क त ह व भ न जा तय स दाय क अपन-अपन यौहार एव पव ह िजनक पीछ एक सद ध सा क तक परपरा रह ह होल द पावल ईद समस आ द पव पर ऐस फ चर लख जात ह इनम पव क मल सवदना एव उनक पौरा णक सदभ को तत करक आध नक सदभ म उसक या या- व लषण करन क व त रहती ह

774 र डयो फ चर

र डयो फ चर समाचारप तथा प काओ म का शत होन वाल फ चर स सवथा भ न वधा ह इसक शल एव व प म भी पया त भ नता ह इस भ नता का मख कारण यह ह क जहा प -प काओ म का शत फ चर पढ़न क लए होत ह वह र डयो फ चर सारण क लए होत ह इस कारण इसम सगीत तथा व न-प काफ बल होता ह लारस म लयम न फ चर को ldquoव त का र डयो नाटक य

ततीकरणrdquo (र डयो म टक जटशन ऑफ एि ट वट ) कहा ह लई मकनीस क धारणा ह- र डय फ चर कसी ग त व ध का नाटक य ततीकरण ह कत इसम लखक क रपोटर या फोटो ाफर स कछ और अ धक होना चा हए उस अपनी यथाथ साम ी का चयन काफ ववक स करना चा हए तथा उसक बाद उस इस कार नय त करना चा हए क वह एकल नाटक य भाव क अनकल हो सक भारत म ऑल इ डया र डयो क रपोट म फ चर क प रभाषा इस कार द गयी ह- ldquoफ चर काय म सचनाओ तथा मनोरजन को तत करन क सभी उपल ध साधन एव सारण क तर क को चकर प स तत करन क व ध ह rdquo हद सा ह य कोश म ldquoर डयो फ चरrdquo का इ तहास इस कार दया गया ह- ldquoफ लयस

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फ टन क अनसार बीबीसी म ldquoफ चरrdquo नाम ldquoडाकम rdquo क लए यव त होता ह आज स लगभग 30 वष पहल बीबीसी म ldquoफ चर नाम क रचनाए नह होती थी ल कन बीबीसी का नाटक वभाग र डयो टकनीक क सबध म नए-नए योग कर रहा था उस वशष अवसर क लए काय म का आयोजन करना पड़ता था इन काय म क सचनाए ldquoर डयो हाइलाइटrdquo या वशष काय म शीषक स समाचारप म द जाती थी उसी कार बीबीसी क वशष काय म क सचनाए प म नकलती थी इ ह लोग ldquoफ चड ो ामrdquo कहत थ बोलचाल म ldquoफ चडrdquo क ldquoडrdquo का लोप हो गया और उस ldquoफ चरrdquo ो ाम कहन लग rdquo र डयो फ चर का अ यत यापक ह इसक मा यम स हम महाप ष क जीवनी - वशष क सा क तक जीवन-झाक ऐ तहा सक थान का प रचय आ द पा

सकत ह

775 च ा मक फ चर

च क मा यम स अपनी बात कहन क वि त आज पाठक म काफ लोक य हो रह ह ऐस फ चर म च ह अपनी बात कहत ह श द क आव यकता काफ कम पड़ती ह च का चयन इस कार स कया जाता ह क िजसस व वत ह अपनी कथा या मलकथा को प ट कर दत ह च को आपस म जोड़न क लए तथा कथा का तारत य बनाए रखन क लए कभी-कभी च क साथ शीषक द दए जात ह ल कन यहा च ह धान होत ह शीषक नह

776 य या मक फ चर

सामािजक ओर राजन तक जीवन म घ टत होन वाल घटनाओ पर य य करत ह ए सरस और चट ल भाषा म हा य का पट दकर लख गए फ चर इस को ट म आत ह इनक पीछ एक वशष ल य या उ य रहता ह य य य मा छ टाकशी या च र -हनन का यास न होकर सामािजक राजन तक जीवन क वषमता व पता और असग त दखान क लए लख जात ह इनक मल म सधार क भावना रहती ह ldquo ठठरता हआ गणत rdquo ह रशकर परसाई का ऐसा ह य य फ चर ह

777 या ा फ चर

या ा फ चर क कई प और उ य होत ह सला नय को दशनीय थल और स वधाओ क जानकार दन क लए लख गए फ चर क मकाबल मानसरोवर या ा क दौरान ह ई अनभ तय का वणन- व लषण अ धक साथक और पठनीय होगा यह लखन या ी पर नभर करता ह क वह या ा क दौरान या दखता सनता ह उसक उस पर या त या होती ह और उस वह यापक सदभ स कस जोड़ता ह यह जड़ाव ह फ चर को व श ट बनाता ह

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778 मानवीय च वषयक फ चर

मानवीय पहल पर लख गय फ चर आज वशष लोक य हो रह ह व लयम रवस क अनसार ldquoमानवीय च क फ चर व ह िजनस पाठक भावना मक प स जड़ा हो और जो पाठक को उ तिजत या हतो सा हत कर ो धत या स न कर ओर उसम सहानभ त या अ च उ प न कर ldquo मानवीय च क अनकल लख गए फ चर भाव धान होत ह जो का णक मा मक तथा अनभ तपण हो सकत ह य फ चर पाठक क सवदनाओ को उ ी त करत ह व तत यह अ यत यापक एव व तत ह तथा अपराध म रोमास फशन वा य मानवीय सम याओ आ द वषय पर लख गय फ चर इसक लोक य

हो सकत ह

779 ऐ तहा सक फ चर

अतीत क घटनाओ क त मन य क दय म वाभा वक उ सकता रहती ह ऐ तहा सक यि तय घटनाओ और मारक आ द पर भावपण ऐ तहा सक फ चर लख जा सकत ह इन भद क अ त र त फ चर क कछ और भद कए जा सकत ह जस- राजनी तक फ चर ड़ा जगत सबधी फ चर पौरा णक फ चर आ द

78 साराश सामा य समाचार क आधारभत या न कौन या कब कहा य और कस क बाहर अथवा पर हटकर जानकार दन वाला और मानवीय प को वह तर प र य म तत सवदनशील रचना को फ चर कह सकत ह इसम त य रगीन और सजीव होत ह भाषा चट ल और असरदार होती ह फ चर कसी भी वषय पर लखा जा सकता ह सदभ और वि तय क ओर सकत करन वाला अनभवा त यह लखन मम पश होता ह पाठक

घटना- धान समाचार को आसानी स भल जाता ह ल कन अ छ फ चर को नह य फ चर समाचारप को जानदार और अ धक पठनीय बनात ह

79 श दावल फ चर (Feature) - पक फ चर का शाि दक अनवाद हो सकता ह और अनक लखक पक लखत भी ह ल कन पक अलकार और नाटक क अथ म ढ़ हो चका ह फ चर श द चलन म आ गया ह इस लए फ चर को फ चर ह कहना और लखना चा हए इ ो (intro) - समाचार क तरह फ चर का भी आमख या इ ो होता ह उप-शीषक (Sub-Heading) - समाचार म उप-शीषक दन क परपरा नह ह ल कन फ चर म बीच-बीच म उप-शीषक दय जा सकत ह हाला क यह अ नवाय नह ह फोटो फ चर - फोटो फ चर म फोटो- च मख होत ह और शीषक या स त आलख गौण य अ त र त जानकार दन और च को एक स म बाधन का काम करत ह

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710 कछ उपयोगी प तक फ चर लखन- मनाथ चतवद काशन वभाग भारत सरकार नई द ल पक लखन - डॉ जभषण सह आदश म हद थ अकादमी भोपाल

सपादन कला - कपी नारायणन म हद थ अकादमी भोपाल Feature With Flair - Brin Nichalls Vikas Publications New Delhi Feature Writing for Newspapers - Demiel R Williamson Writing and Selling Feature Articles ndash Helen M Paterson Mass Communication and Journalism in India ndash DS Mehta Allied Publications New Delhi

711 अ यासाथ न 1 फ चर क व प को प ट करत ह ए समझाइए क नबध स वह कसी प म भ न

ह 2 आपसी ि ट म आदश फ चर क मख वशषताए या ह 3 फ चर को वषयानसार कन वग म बाटा जा सकता ह 4 अपनी च क कसी वषय पर स त फ चर ल खए

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इकाई-8 समी ा लखन

इकाई क परखा 80 उ य 81 तावना 82 समी ा-अथ एव व प 83 समी क स अप ाए 84 समी ा कस कर

841 समी ा लखन का मा यम 842 समी ा लखन क या

85 समी ा लखन क कार 851 या या मक समी ा 852 ऐ तहा सक समी ा 853 आ मच रतमलक समी ा 854 मनो व लषणा मक समी ा 855 भाववाद समी ा 856 समाजशा ीय समी ा 857 सौ दया वषी समी ा

86 मी डया म समी ा लखन 861 प तक समी ा 862 फ म समी ा 863 ना य समी ा 864 कला समी ा

87 साराश 88 कछ उपयोगी प तक 89 अ यासाथ न

80 उ य इस इकाई म आप समी ा लखन क मह व एव तकनीक क सबध म व तार स जान सकग इकाई क अ ययन क बाद आप- समी ा क अथ एव व प को जान सकग समी क स या अप ाए रखी जा सकती ह इसस प र चत हो सकग समी ा लखन कस कर इस वधा को जान पाएग

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समी ा का मा यम और समी ा क या स अवगत हो सकग समी ा क व भ न कार को समझ सकग मी डया क व भ न मा यम क लए समी ा लखन क व प को जान सकग आप समी ा लखन म कशलता ा त कर एक यो य समी क बन सकग

81 तावना समी ा श द क न प त सम उपसग क साथ ई दशन धात स भाव वाचक आ यय स ह ई ह िजसका अथ स यक दशन ह समी ा क अ य च लत श द आलोचना समालोचना मीमासा ववचन परामश त या वषण गण-अवगण पर ा जाच परख समावलोकन मानदड पमाना आ द ह समी क का आशय आलोचक कला समालोचक कला समी क पर क पारखी ववचक वमश और समालोचक स ह आलोचना श द स कत क लच धात स बना ह लच क अनक अथ ह- 1 दखना (न स) 2 इ य मा स या मन स हण करना या समझना 3 का शत करना अथात िजसस दखा जाए िजसस कछ प ट हो या का शत हो उस लोचन कहत ह लोचन क पव आ क उपसग लगता ह िजसम अ क lsquo कrsquo का लोप हो जान स आलोचना श द बनता ह आ का अथ ह चार ओर स अत समालोचन का अथ ह कसी वषय क पण जानकार ा त करना उस पर वचार- वमश करना उसको प ट करना तथा गण-दोष का ववचन कर अपना मत कट करना आलोचना म सम उपसग स समालोचन श द बनता ह िजसका अथ ह स यक प स आलोचना करना अ जी क ट स म श द क मल धात ाइटस ह िजसका

आशय अलग करना नणय करना या म याकन करना ह व तत यह समी ा का मल आधार ह मी डया म समी ा लखन का अपना व श ट थान ह समी ा लखन ह वह मा यम ह िजसक वारा कसी क त वशष का म याकन कर उसक वचार स पाठक को अवगत कराया जाता ह

82 समी ा - अथ एव व प समी ा का ता पय कसी प तक अथवा क त का अ ययन कर उसक गण-दोष का ववचन करना ह इस या म समी क अपन मत का भी उ लख करता ह एनसाइ लोपी डया ऑफ ट नका क अनसार समी ा सा ह य अथवा ल लत कला क कसी स दया मक प क वशषताओ तथा म य स नधारण क कला ह यह उ त नधारण को यवि थत करन तथा उसक समथ अ भ यि त म न हत ह व तत समी ा का काय रचनाकार क उ य क त क गण-दोष तथा रचना क वारा मन पर पड़ भाव का अकन ह समी ा इस कार का मा यम ह िजसक वारा क त वशष का व भ न भावभ मय और मनोभावनाओ क आधार पर म याकन कया जाता ह और उसम न हत सदश तथा वचार को पाठक क स मख कट कया जाता ह

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समी ा क अथ एव व प को भारतीय और पा चा य व वान न इस कार प रभा षत कया ह- ldquoसा ह य म थ को पढ़कर उसक गण और दोष का ववचन करना और उसक सबध म अपना मत कट करना आलोचना कहलाता ह य द हम सा ह य को जीवन क या या मान तो आलोचना को उसक या या क या या मानना पड़गा rdquo

डॉ याम स दर दास ldquo थाई समी ा वह होती ह िजसम क व क वचारधारा म डबकर उसक वशषताओ का द दशन तथा उसक अतवि तय क छानबीन क जाती ह rdquo

प रामच श ल ldquo कसी व त या वषय क सभी अश पर अ छ तरह वचार करना ह समी ा ह rdquo

- आचाय महावीर साद ववद ldquoस य शव स दरम का सम चत अ वषण पथ करण तथा अ भ यजना ह स ची समी ा ह

- आचाय नद दलार वाजपयी ldquoआलोचक क थापना एक कार स नणायक क थापना ह

- रचडसन साराश म कहा जा सकता ह क समी ा क मा यम स हम क तकार क उ य क त क गण-दोष तथा रचना क मन पर पड़ी त या को य त करत ह

83 समी क स अप ाए समी क सा ह य का हर होता ह कसी क त क समी ा करना आसान काय नह ह समी क को अपन प रवश क त पण जाग क रहत ह ए अतच ओ क मा यम स क त क अतरा मा म वश करना होता ह समी ा लखन म समी क स न न अप ाए क जा सकती ह- 1 समी क म क व क -सी कोमलता चतन क गहनता और भाव हता होनी चा हए ता क

वह क त वशष क त य को भल भा त समझ कर उस य त कर सक 2 समी ा क ता ककता पणता तथा स यक ववचना समी क क यापक अ ययन एव

वषय- ान पर नभर करती ह अत आव यक ह क वह व वध शा एव वषय का ाता होता हो

3 समी क को पवा ह स म त होना चा हए 4 समी क सा ह य क ात-अ ात साम ी स पाठक को प र चत कराता ह वह लखक य

वचार और सवदनाओ को भी कट करता ह 5 समी ा को भावी बनान क लए आव यक ह क समी क क शल ला ल यपण सरस

भाव धान एव गभीर हो 6 समी ा सहज मानवीय म य क कसौट पर आधा रत होनी चा हए

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7 प तक-समी क नाटक समी क और फ म समी क को नभ क होना चा हए वयि तक च-अ च स ऊपर उठकर उस वा त वक म याकन करन का यास करना चा हए पा चा य व वान न समी क म न न ल खत गणआव यक मान ह- 1 स नि चतता 2 वात य 3 सझ 4 ठ वचार 5 उ साह 6 हा दक अनभ त 7 गभीरता 8 ान 9 अथक प र म

84 समी ा कस कर lsquoसमी ा लखनrsquo का काय सरल एव सगम नह ह समी क प डत होन क साथ-साथ रस भी होता ह अ भनव ग त और व वनाथ न समी क को स दय कहा ह राजशखर क श द म- ldquoसमी क म क व क वामी म श ट आचाय आ द होन क मता होनी चा हए समी ा लखन क लए कोई नि चत नयम या वधान नह ह यह समी क क तभा एव उसक लखन-शल पर ह नभर करता ह

841 समी ा लखन का मा यम

समी ा क लए सव थम यह यान रखना आव यक ह क वह कस मा यम क लए क जा रह ह अथात वह द नक समाचारप क लए ह या सा ता हक अथवा मा सक प क लए समी ा य द र डयो क लए ह तो उस र डयो क आव यकताओ क अन प लखा जाएगा द नक समाचारप म सामा यत र ववार को समी ाओ का काशन कया जाता ह समी ा स पव यह यान रखा जाना चा हए क समाचारप वशष साधारणत समी ा क लए कतना थान नधा रत करत ह सी मत थान होन पर आव यक ह क कम श द म ह समी ा का मल क य कट कर दया जाए सा ता हक एव मा सक प हत समी ा क लए भी समाचारप क नी त का पव ान आव यक ह र डयो एव टल वजन क लए समी ा हत ाय दस मनट का

समय दया जाता ह िजसम एक स तीन प तक क समी ा कराई जाती ह य द समी ा हत तीन प तक ह तो मह वपण प तक क समी ा पहल क जानी चा हए तथा उस अ धकतम पाच मनट तक का समय दया जा सकता ह इल ॉ नक तथा म त मा यम क समी ा-प त म वशष अतर होता ह इस अतर को भी समी क को यान म रखना चा हए समी ा करत समय यह भी यान रखा जाना चा हए क हम कस समह या वग क लए समी ा लख रह ह

842 समी ा लखन क या

समी ा करत समय हम वतमानकाल न प रवश को यान म रखत ह ए क त वशष क रचना-काल पर वचार करना चा हए सामा यत प तक पढ़त समय आव यक नो स अलग स एक कागज पर लख लन चा हए ता क प तक को बार-बार पढ़न क आव यकता न पड़ प तक पढ़त समय उसक मल क य को पकड़न या खोजन

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का य न करना चा हए प तक िजन उ य को लखर लखी गई ह उसक नवाह म लखक क सफलता कस सीमा तक रह ह यह भी मह वपण प ह यह बात नाटक एव फ म समी ा करत समय यान म रखना चा हए लखक क वचार क अ त वरोध नवीन योग उसक यावहा रकता भाषागत वाह अ भ यि त अथ-बोध आ द प पर वचार करत ह ए समी क को क त का म याकन करना चा हए प टत समी ा का अ य त यापक ह तथा समी क का काय बह त दा तय वपण ह कसी क त क अ त न हत मल चतना समी क वारा उ घा टत होती ह

85 समी ा लखन क कार डॉ यामस दर दास क श द म ldquoसा ह य जब अपन व प का व लषण करन लगता ह तब समी ा का ज म होता ह समी ा क अनक प तया स कत क सा हि यक पर परा म दखन को मलती ह इनम आचाय-प त ट का-प त शा ाथ-प त सि त-प त खडन-प त लोचन-प त आ द मख ह समी ा लखन को हम दो भाग म बाट सकत ह-पहला स ाि तक तथा दसरा यावहा रक स ा तक समी ा सा हि यक स ात पर आधा रत होती ह िजसम भारतीय का यशा क मख स ात यथा अलकार- स ात व ोि त- स ात र त- स ात औ च य- स ात व न- स ात आ द मख ह यावहा रक समी ा म समी य रचना क वषय- व प जीवन- ि ट उ य मौ लकता दशकाल रचनाकार क जीवनी का य का कला-प एव भाव-प आ द व वध प क ववचना क जाती ह इसम समालोचना क ऐ तहा सक जीवनच र मलक मनोव ा नक समाजशा ीय भावा भ यजक आ द समी ा-प तया आती ह

स प म कछ मख समी ा लखन प तया इस कार ह-

851 या या मक समी ा

सभी कार क समालोचना-प तय क वकास का मल या या ह रह ह या या वारा ह आलोचक सामा य स ात नधा रत करत ह और या या वारा ह नधा रत स ात क कसौट पर कसी क त का म याकन करत ह इस कार क समी ा म आलोचक यायाधीश क भा त काय न कर एक अ वषक क भा त काय करता ह तथा कलाकार वारा क त वशष म य त त य को प ट करता चलता ह

852 ऐ तहा सक समी ा

सा ह यकार क समाज- नरप तथा एकाि तक यि त व क क पना नह क जा सकती य क उसक मनोभावनाओ क नमाण म दश क त काल न सामािजक राजनी तक आ थक और सा क तक प रि थ तय तथा वातावरण का योग रहता ह अ जी इ तहास- लखन टन न यह माना ह क जा त प रि थ त और व श ट

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यग क चतना स रत होकर सा ह यकार अपन सजन-ससार म वश करता ह व भ न समय म लखन क रचना- वधान म व व य का कारण व भ न यग-चतनाए ह ह टन क यह ि ट ऐ तहा सक समी ा-प त क मल भि त ह

853 आ मच रतमलक समी ा

डॉ जानसन न आलो कय क वय क जीवन का समय क तय क साथ जोड़ा ह स ट यव न कहा क िजस कार फल पड़ क मल का व तार ह उसी कार क त भी उसक रच यता क मान सकता का मत व प ह अत यह समी ा-प त इस त य को वीकार करती ह क जब तक लखक क जीवनी का अ ययन नह कया जाता तब तक क त क समी ा क साथ याय नह हो सकता आ मच रत-मलक समी ा लखक क उस जीवन- म को समझान म सहायक होती ह िजसस क त वशष क रचना सभव हो सक ह

854 मनो व लषणा मक समी ा

मनो व ान क आधार पर आलोचक न क तकार और उसक च र का व लषण करन का यास कया ह इस आधार पर उ ह न उन त य क खोज क ह िजनस रत होकर लखक ऐस सा ह य का सजन करन म स म होता ह इस प त क आलोचक ायड क वचारधारा स वशष भा वत हrsquo

855 भाववाद समी ा

इस प त म आलोचक समी य क त क अपन मानस पर पड़ भाव को अ भ यि त दन लगता ह क त क बा य एव आ त रक प प पर उसका वशष यान कि त नह होता ह

856 समाजशा ीय समी ा

मा सवाद स हमारा जीवन काफ भा वत हआ ह सा ह य का म याकन भी जब मा सवाद धाराओ क प र य म होन लगा तो इस समी ा-प त का वकास हआ

857 सौदया वषी समी ा

कसी रचना क स दय स भा वत होकर स दयशा क नयमानसार उसका म याकन इस प त क अतगत कया जाता ह

86 मी डया म समी ा लखन ट मी डया एव इल ॉ नक मी डया म समी ा लखन को यापक थान मलन लगा ह

आज पाठक समी ा लखन क मह व को जानन लगा ह समी ा जीवन तथा सजन क स य का सा ा कार ह उसका उतना ह यापक ह िजतना जीवन का जीवन क भा त समी ा नर तर ग तशील रहती ह और दश तथा काल क अनसार उसका प बदलता रहता ह सजन और समी ा क म य पर पर टकराहट क साथ वक सत और सशो धत होत रहत ह जस-जस

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समाज और राजनी त बदलती ह अथवा ान- व ान का समाजशा और अथशा बदलता ह वस-वस समी ा ि ट भी बदलती रहती ह समी ा लखन का सामा य अथ ह कसी व त यि त क त घटना सम या न व श ट सा ह य आ द पर सोचना समझना दखना परखना नणय करना आ वादन करना और म य नधारण इस कार समी ा लखन म तीन मह वपण बात ह- 1 कलाक त का आ वादन 2 ववचन- व लषण क गहनता 3 म य नधारण क मता हम यहा पर समी ा लखन क अतगत मी डया म वशष प स च लत प तक समी ा नाटक समी ा फ म समी ा और कला समी ा पर ह ववचना करग

861 प तक समी ा

प तक समी ा क अतगत कसी प तक क स यक पर ा और व लषण कया जाता ह इसस पाठक को प तक वशष क बार म जानकार ा त होती ह प तक समी ा का आशय कवल प तक का प रचय या उसक वषय-व त का सार मा नह ह उसम समी क क आलोचना मक ि ट भी होती ह त व वशष क आधार पर प तक समी ा क अनक कार हो सकत ह- 1 प रचया मक 2 म याकनपरक 3 व लषणा मक 4 स त या व तत 5 मी डया क आधार पर 1 प रचया मक प तक समी ा- प तक-समी ा क यह सरल और लोक य प त

ह इसम प तक का प रचय ह म य प स दया जाता ह आलोचना और म याकन पर अ धक बल नह दया जाता वस स त प तक-प रचय तो सभी कार क प तक-समी ाओ म रहता ह पर त इस कार क समी ा म यह त व म यत होता ह अत इस कार क समी ा को प रचया मक प तक-समी ा कहत ह

2 व लषणा मक प तक समी ा- इसम प तक क स त क साथ व णत वषय ततीकरण और भाषा-शल को लकर व लषण तत कया जाता ह इस

कार क समी ा वारा प तक क व तत जानकार द जाती ह समी क इस कार क समी ा म प तक क वशषताओ और उसक सीमाओ का भी रखाकन करता ह व लषण करत समय वह अपनी वय क जानकार का भी उपयोग करता ह

3 म याकनपरक प तक समी ा- इस कार क समी ा म स त प तक-प रचय एव स त व लषण क साथ म यत प तक का म याकन हो सकता ह परत वहा वह म य त व क प म नह होता म याकन का अथ यह नह ह क समी क यायाधीश क तरह अपना नणय द द म याकन क अतगत वह तक पण ववचन तत करता ह

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4 स त या व तत समी ा प तक- समी ा आकार क स त भी हो सकती ह और व तत भी आकार क आधार पर वह स त या व तत प तक समी ा कहलाएगी

5 मी डया क आधार पर प तक समी ा- प तक-समी ा य द प -प का म काशन हत तयार क जाती ह तो वह काशनाथ समी ा होती ह और का शत

हो जान पर का शत समी ा कहलाती ह दरदशन और आकाशवाणी पर प तक-समी ा का सारण कया जाता ह अत वह सा रत समी ा होती ह

एक अ छ और सफल प तक समी ा म न ना कत वशषताओ का होना अप त ह- 1 तट थता 2 व त न ठता 3 क ब द 4 ास गकता 5 भाषा शल 6 सौह ता और 7 नजता 1 तट थता- एक अ छ प तक समी ा म तट थता का होना आव यक ह उस पर

समी क क वशष वचारधारा एव पवा ह का भाव नह होना चा हए 2 व त न ठता- प तक समी ा म व त न ठा ह होना आव यक ह समी ा का

क - ब द प तक को होना चा हए ऐसा न हो क समी क आलोचना शा तकजाल व- व वता लखक क न दा- त त आ द क बयावान म भटक कर रह जाए

3 क - ब द- समी क प तक क क - ब द पर यान रख उस इस क - ब द स बह त दर नह चल जाना चा हए क - ब द को उभारन का लगातार यास उस करना चा हए

4 ास गकता- समी ा का ास गक होना वा छत ह बह त परानी कताब क समी ा ाय नह करनी चा हए नई कताब क समी ा भी य द दर स का शत या सा रत

होती ह तो पाठक क उसम अप त च नह रहती 5 भाषा शल - प तक समी ा सरल परत तर य भाषा-शल म तत क जानी चा हए

सामा य पाठक ोता दशक उस सहज क समझ सक इस बात का यान रखा जाना चा हए

6 सौह ता- प तक समी ा म सौह यता का होना अप त ह प तक समी ा क भाव म आकर ह कोई उस प तक को पढ़न या न पढ़न क सोचना ह अत समी ा म सौह यता का गण होना चा हए

7 नजता- हर समी क क लखन शल समी ा-प त ि टकोण व लषण का तर का भ न होता ह यह समी क क अपनी नजता होती ह नए समी क को अपन आप म इस गण को वक सत करना चा हए एक यो य और कशल प तक समी क बनन क लए उसम क तपय गण या वशषताओ का होना ज र ह न न ल खत गण को नर तर अ ययन अ यास नर ण वचार- वमश आ द क मा यम स वक सत कया जा सकता ह- 1

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वशष ता 2 सामा य ान सप नता 3 तट थता 4 रचना मक ि टकोण 5 व त न ठ म याकन 6 तकनीक का ान अ धकाश समाचारप -प काओ म समी ा का यह सामा य नयम ह क समी य प तक क दो तया प क कायालय म षत क जाए साधारणत प तक क एक त कायालय क प तकालय हत रखी जाती ह तथा दसर समी क क पास भजी जाती ह कछ ति ठत प क नी त भ न कार क ह य प समी ा हत प तक आम त नह करत वरन समय-समय पर वय ठ प तक का चयन करक उनक समी ा करवान का बध करत ह समी ा का व प भी भ न- भ न प काओ म भ न- भ न होता ह कह -कह समी ा काफ स त द जाती ह (द नक प म वशष प स) तो कह व तारपवक आलोचना मक पर ण कया जाता ह इस म आकाशवाणी क भ मका भी उ लखनीय ह नई क तय क समी ा का सारण करन क यव था आकाशवाणी क अनक क पर ह समी ा- त भ प ठ क स जा भी व भ न प म दखन को मलती ह कछ प काओ म समी य प तक का ववरण- जस प तक का नाम सपादक या लखक का नाम काशक म य प ठ-स या आ द प ठ क नीच दया जाता ह तो कह समी ा-साम ी क म य म भी दो समाना तर रखाए खीचकर यह तत कया जाता ह स जा क भावो पादकता क अन प इसका थान नधा रत कया जा सकता ह कह -कह समी य प तक का स त लाक भी का शत कया जाता ह समी ा करत समय समी य प तक क मल सवदना का यजक शीषक भी कभी-कभी द दया जाता ह वतमान यग म समाचारप -प काओ क काशन क बाढ़ सी आ गई ह लगभग सभी मख द नक समाचारप - सा ता हक पा क मा सक मा सक आ द प काए समी ा क नए प रव तत तवर तत कर रह ह राज थान क व श ट समी ा मक प काओ म मधमती लहर शोध-प का वरदा म भारती राज थान भारती आ द का अपना व श ट थान ह वह रा य प -प काओ म द नक ह द तान ह द तान टाइ स नवभारत टाइ स जनस ता राज थान प का टाइ स ऑफ इ डया इ डयन ए स स आ द क र ववार य एव अ य वशष स करण तथा ानोदय हस इ डया टड अहा िजदगी आलोचना नवनीत सा ा कार आजकल कादि बनी आ द प काए समी ा-सा ह य को वक सत ो सा हत एव रत करती ह ई और मह वपण दा य व नभाती ह ई

स सा ह य- नमाण क माग को श त कर रह ह कर आ द कछ प काए तो मा समी ाओ का ह काशन करती ह

862 फ म समी ा

फ म मी डया का एक सश त मा यम ह आज कबल क वारा टल वजन घर-घर म पह च गया ह फर भी फ म क लोक यता म कोई कमी नह आई ह फ म

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समी ा का मह व दशक क च को प र कत करन म भी ह और वह जानकार दन का भी एक मख ोत ह बह त स लोग फ म समी ा को चार मा यम स जोड़ दत ह समी क को चारक मानकर उस पर दबाव डाल जात ह फ म समी ा क लए न न त व को यान म रखना आव यक ह य ह- 1 कथा वचार (Theme of the Story) 2 कथा सार (Short Story) 3 पा (Character) 4 पटकथा (Script) 5 सवाद (Dialogrie) फ म-मी डया म इटर य वधा का म य थान ह एक सफल मी डयाकम वह ह जो फ म वधा क व भ न प स जड़ लोग का इटर य ल सक फ म समी ा भी इटर य वधा स सम होती ह फ म जगत म इटर य लना एक चनौतीपण काय ह अ धकाश अ भनता इटर य दत रहत ह ता क उ ह चार मल फ म समी क ब कचन ीवा तव क श द म एक जाग क फ म समी क को फ म इ तहास क साथ-साथ सा ह य कला सगीत च कला नाटक जन-जीवन आ द का भी अ छा ान होना चा हए फ म कस बनती ह इसका भी ान होना अ नवाय ह उस कथा और पटकथा का अतर पता होना चा हए उस ात होना चा हए क आउटडोर श टग और इनडोर श टग म या अतर ह लोज अप और लाग शाट कस कहत ह भारतीय भाषाओ म बन रह फ म बनान वाल क आ थक ि थ त कला मक झान प ठभ म आ द क आव यक जानकार होनी चा हए इधर गा सप फ मी लखन का चार- सार अ धक हो रहा ह गा सप का अथ ह-ग प व वभर म फ म जगत क बार म सबस अनगल लखा जाता ह लोग इस चाव स पढ़त ह एक अ छ फ म प कार को गा सप लखन और समी ा स बचना चा हए

863 ना य समी ा

भरत म न वारा ना य शा म द गई नाटक क प रभाषा क अनसार सम त अग उपाग और ग तय को कम स यवि थत कर िजसका अ भनय कया जाए वह नाटक ह भारत द ह र च क अनसार नाटक श द का अथ ह- ldquoनट लोग क या िजस अ भनय कहत ह बाब गलाबराय क अनसार नाटक जीवन क श दगत अनक त ह िजस सजीव पा क मा यम स एक चलत- फरत स ाण प म तत कया जाता ह आध नक धारणा क अनसार नाटक जीवन क या या ह जो हमार सम याओ और उनक हल को हमार स मख तत करता ह नाटक मानवीय अ भ यि त का ठ साधन ह

भारतीय धारणा क अनसार नाटक क न न मल त व ह- 1 वषय व त 2 कथानक 3 च र - च ण 4 दश-काल 5 कथोपकथन

146

(अ) ना य भाषा एव (ब) सवाद 6 शल ना य समी क कसी भी नाटक क समी ा करत समय नाटक क उपय त मल त व को ह ि टगत रखत ह ए अपनी समी ा क प रणाम पर पह चता ह तथा लगभग इ ह त व को अपनी समी ा का आधार बनाता ह ना य समी ा क लए ना य लखन एव रगमच क जानकार ज र ह समी क का मन सवदनशील होना चा हए तथा तक मता क साथ उस ना य कला का यापक ान तथा उसक प ठभ म क जानकार होनी चा हए ना य रचना क व वध त व और प का वय पठन अथवा दशन कर दसर क लए उस ट य बनाना ह समी क का कम ह समी क को अपनी ि ट म न प होना चा हए समी ा का अथ ह- स यक ई ा अथात अ छ तरह दखना अथवा पड़ताल करना कसी कला रचना या वषय क सबध म तपा दत स ात क आधार पर यक त व का ववचन करना अथात व भ न पहलओ स उसक पड़ताल यानी समी ा करना जब नाटक क सबध म उसक रचना उसक व प उसक व भ न त व गण-दोष तथा श प आ द का ववचन कया जाता ह तो उस ना य समी ा कहत ह ना य समी क क लए ना य लखन एव रगमच क जानकार ज र ह समी क का मन सवदनशील होना चा हए तथा तक- मता क साथ उस ना य कला का यापक ान तथा उसक प ठभ म क जानकार होनी चा हए ना य रचना क व वध त व और प का वय पठन अथवा दशन कर दसर क लए उस

ट य बनाना ह समी क का कम ह समी क को अपनी ि ट म न प होना चा हए ना य समी ा स ात- डॉ र तारानी पाल वाल न ना य समी ा क स ात को इस कार रखा कत कया ह- ना य समी ा क स ात का आधार म यत नाटक क मल त व अथात वषय व त कथानक च र च ण दश काल कथोपकथन तथा शल ह नाटक क समी ा दो ि ट स क जानी चा हए- 1 ना य-रचना और 2 ना य योग ना य-रचना क समी ा म हम इन न का उ तर दना चा हए- 1 नाटककार न कस उ य स नाटक क रचना क ह तथा नाटक क वषय क चनाव क

पीछ उसक ि ट 2 उस उ य क प त क लए नाटककार न कस कार का कथनाक बना या गढ़ा ह कस

कार क कतन पा और घटनाओ का समावश कया ह 3 कस कार नाटककार न घटनाओ और पा क सयोजन म कतहल का नवाह करत ह ए

पा और घटनाओ का सामज य था पत कया ह 4 कतन पा का योग कया गया ह उनम स कतन ऐस ह िजनका सयोजन अ नवाय

147

5 कतन पा ऐस ह िजनक बना भी ना य- यापार सरलता और सचा प स सचा लत कया जा सकता ह

6 कतनी घटनाए ऐसी ह जो पा क च र - वकास और कथा- वाह क सवधन क ि ट स उ चत और अप रहाय थी

7 उनम स कतनी घटनाए स भव वाभा वक और आव यक ह 8 नाटककार न जो प रणाम नकाला ह वह उसक उ य क ि ट स कहा तक सगत ह 9 उस घटना क प रणाम को कसी दसर प म तत करन स उस उ य क स हो

सकती थी या नह 10 वाभा वक होत ह ए भी वह प रणाम कहा तक वाछनीय और घटनाओ क वाह म अनकल

ह व भ न पा क च र - च ण क लए य त भाषा-शल का भल भा त पर ण करत ह ए ना य-समी क को यह दखना चा हए क-

1 व भ न णी क पा कसी भाषा का योग करत ह वह भाषा उ त णी क पा क मयादा क अनकल ह या नह

2 भाषा क योग म सभावना और आव यकता क साथ-साथ वाभा वकता तथा औ च य का भी वचार कया गया ह या नह औ च य स ता पय यह क सवाद म पर पर जोड़-तोड़ उ तर- य तर क सग त और म ठ क ह या नह

3 उसका कतना अश कथा- वाह को आग बढ़ान तथा पा का च र प ट करन क लए आव यक ह

4 कतना भाग ऐसा ह िजस नकाल दन स नाटक क सौ दय और कथा- वाह म कसी कार क कोई ट उपि थत नह होगी

5 नाटक क सवाद को सनकर दशक सरलता स उ ह समझ सकग या नह दशक को नाटक का आनद लन म सबस अ धक सहायता उसक सवाद स मलती ह अत समी क वारा सवाद का पर ण इसी ि ट स करना चा हए इसक अ त र त यह भी दखना चा हए क गीत न य और वा य आ द का सयोजन कहा तक उ चत उपय त और आव यक हआ ह योग- ि ट स नाटक क समी ा करत समय यह दखना चा हए क-

1 नाटककार न य- वधान इस म स रखा ह या नह क नाटक क कथा- धारा का म नबाध बना रह

2 नाटककार न जो रग नदश दए ह व असभव तथा अ वाभा वक तो नह ह 3 रग- नदश म रगद पन तथा अ भनता क लए प ट नदश ह या नह 4 नाटककार न अ भनता क वा चक आ गक और साि वक अ भनय क लए पया त अवसर

दए ह या नह

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5 समी क को न प भाव स यह दखना चा हए क नाटक िजन दशक क लए लखा गया ह उनक समझ म आ सकगा या नह

6 नाटक का कथा- म ऐसा तो नह ह क दशक को उसक समझन म क ठनाई हो 7 य- वधान द ह तो नह ह क ना य- यो ता उस तत ह नह कर सक 8 पा - वधान ज टल तो नह ह 9 सवाद- वधान क ठन तो नह ह क अ भनता उसम अ भनय क सभावनाए ह न पा सक

नाटक िजस रगमच क लए लखा गया ह उसक लए उपय त भी ह अथवा नह दशक पर नाटक का या भाव पड़ता ह या नाटककार अपन उ य म सफल हआ

10 उपरो त सभी न का उ तर दन पर ह ना य-समी ा पण होती ह

864 कला समी ा

कला समी ा म कसी कला व या या कला स सब धत आयोजन या घटना या कला प तक का स यक व लषण कया जाता ह अथवा कला क व भ न प पर स म त द जाती ह कला समी ा वा तव म कला क व भ न अवधारणाओ क सदभ म कसी भी कला स सब धत दशन आयोजन अ भ यि त आ द क छानबीन करन क एक या ह इस या म कला क व भ न प क आलोचना उसक क मया या अ छाइया पणता या अपणता का म याकन भी शा मल ह इस कार समी क कला वषय पर अपनी स म त या राय य त करता ह व र ठ जनसपककम रामकमार न कला समी क क लए न न गण को अ नवाय बताया ह उनक मा यता ह इ ह ब दओ क आधार पर एक अ छ समी ा क जा सकती ह य ह- 1 वषय वशष ता 2 व तत सामा य ान 3 पवा ह म त 4 ि ट सप न 5 व त न ठ 6 सत लत लखन 7 सामािजक दा य व बोध 8 भाषा एव शल गत वशषताए 1 वषय वशष ता- एक अ छ और यो य समी क क लए पहल शत यह ह

क वह उसी वधा क समी ा कर िजसस वह भल भा त प र चत हो हर वधा क अपन-अपन व वध प होत ह और वधा वशष म पारगत न भी हो तो उसक यक प क गहराई तक पह चन क एक समी क म यो यता और मता होनी चा हए सगीत ना य श प थाप य च कला आ द व भ न

कला- वधाओ क समी ा क प र य म यह भी आव यक ह क एक वधा वशष क बार म जानकार क साथ इन व वध वधाओ क आपसी र त और इनक सजन- या या दशना मक त त आ द प का भी ान होना चा हए

2 व तत सामा य ान- कसी वशष कला- वधा म नपणता क साथ समी क स यह भी अप ा क जाती ह क उसका सामा य ान भी व तत हो समसाम यक कला क बार म प ता जानकार क साथ सामािजक राजनी तक आ थक एव सा क तक प रवश एव सामािजक सोच क बार म भी सामा य ान

149

होना आव यक ह य क इसस समी ा सम होती ह कला और जीवन का आपस का नकट सबध ह इस लए कला क व भ न म एक-दसर पर पर पर नभर होत ह

3 पवा ह म तता- सत लत एव व ा नक आधार पर समी ा लखन क लए समी क का पवा ह स म त होना आव यक ह पवा ह यि तगत भी हो सकता ह और वषय स सब धत भी समी ा कम म यि तगत पवा ह सवथा या य ह समी क को अपन आप म एक न ल त भाव और सोच वक सत करन का परा यास करना चा हए जहा उसक लए न कोई म ह और न ह कोई श पव ह का याग कए बना समी क क प म सफलता पाना क ठन ह

4 ि ट-सप नता- समी क क ि ट खल होनी चा हए ि टगत सक णता समी ा को दबल बनाती ह ि टगत सक णता क म य दो कारण होत ह- अ ान और कसी मत या वाद वशष क त आ हशील होना अ ानता कसी यि त क ि टकोण को वभावत सक ण बना दती ह दसर ओर अगर कोई यि त कसी वशष वचारधारा म व वास रखता ह और अपनी वचारधारा क अलावा कसी अ य वचारधारा का स मान नह करता तो उसक लखन म वचा रक पवा ह पदा हो जाता ह

5 व त न ठता- कला समी क को पवा ह तथा दरा ह को छोड़कर तट थता क साथ कसी भी कला व या का व त न ठ म याकन करना चा हए राग- वष स र हत होकर व या- वशष का नरप प स ववचन करना ह समी क का दा य व ह इसक अ त र त कला समी क को िजस कला क आयोजन दशन या तत क समी ा करनी ह उसको सह प र य म रखकर जाचना चा हए समी क को आ म न ठ नह होना चा हए व त न ठता अपना लन स आ म न ठता एव पव ह क खतर को टालना सभव ह

6 सत लत लखन- समी ा म सत लत लखन का वशष मह व ह इसका सबध पवा ह म तता ि ट सप नता और व त न ठता स ह कसी भी वधा क अनाव यक नदा या बराई करन का काम समी ा-कम म बाधा उ प न करता ह न प ता क साथ तकपण एव श टता शल म कसी भी कला क दबल या सबल प क आलोचना या शसा सत लत ढग स करनी चा हए स यक म याकन सत लत भाषा तक-सगत ढग और सह प र य क साथ क गई समी ा लखन क सबलता क साथ समी क क सत लत प म लखन करन क गण का भी प रचय दती ह

7 सामािजक दा य व बोध- समी क समाज का एक अग ह समाज क त उसका एक उ तरदा य व ह कला क व वध धाराओ वधाओ और कलाकम स आम क पाठक या लोग को प र चत करवाना और कलाकम एव कला क त

स मान रखन वाल क बीच एक सवाद क ि थ त पदा करना समी क का

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सामािजक काय ह कला क साथ जड़न और कला हलचल म आम जनता को रत करन क दशा म समी क क मह वपण भ मका होती ह समी क का

काय समाज को कला क मा यम स उ क ट वातावरण तयार करन क ओर भी उ प रत करना ह

8 भाषा एव शल गत वशषताए- कला समी क क भाषा सरल सहज और स य होनी चा हए कला क तकनीक महावर या कलाकम स सब धत श द का योग करत समय यह यान रखना आव यक ह क यक पाठक क समझ म आन वाल श द और भाषा का योग कया गया ह भाषा एव शल रोचक और या मक हो ता क पाठक क मि त क म कला क कोई भी घटना या

त त च क तरह सजीव हो उठ समी ा पढ़न म उसका झान बड़ कला वधा क अन प श द और भाषा होनी चा हए साराश म कहा जा सकता ह क सहज और सरल होकर गभीर बात करना उसम रोचकता पदा करना समी क का जहा गण ह वहा यह समी ा क वशषता ह

बोध न- 1 समी ा का अथ या ह helliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphellip helliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphellip2 समाजशा ीय समी ा या ह helliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphellip helliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphellip3 समी कस म य अप ा या ह helliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphellip helliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphellip4 अ छ समी ा क या गण ह helliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphellip helliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphellip

87 साराश समी ा चाह कला क हो सा ह य क त क हो या कसी अ य व त क उसम एक कार क व त न ठता और ग तशीलता का होना आव यक ह समी क क सामन समय और बदलाव क तज ग त न अनक चनौ तया पदा कर द ह ह अत समी क को अपनी जड़ को पकड़ रहन क साथ-साथ समय क ग त क साथ ग तशील होकर एक व तत प रवश और यापक ढाच म समी ा कम करन और समय क तवर को समझन क चनौती का सामना करन क लए तयार रहना चा हए

151

मी डया म प तक समी ा फ म समी ा ना य समी ा और कला समी ा लोक य और अ धक च लत ह प तक समी ा प का रता और सा ह य का एक अ नवाय अग ह प कार और लखक को उसका ान होना आव यक ह फ म समी क क आख क ज रए सन दशक फ म को दखना सीखत ह फ म न समाज को बदल सकती ह न ा त ला सकती ह ल कन वह समाज क एक बह त बड़ वग म वचा रक ा त क बीज अव य बो सकती ह ना य समी ा का अथ ह- नाटक और रगमच क समी ा स ा तक और यावहा रक स दयशा का नधारण आकलन और म याकन ना य समी ा म कला मक ि ट अथवा आ ह तत होना चा हए यि तगत प पात अथवा पवा ह नह ना य समी ा साथक और म लपरक होनी चा हए कला समी ा म कला क परख करना और उसका व लषण करना एक आसान काय नह ह कला क व वधता एव श लया आ द का फलक अ य त ह यापक ह कला क गहराइय म जान क या सम म डबक लगान क समान ह

88 कछ उपयोगी प तक 1 ट मी डया लखन - ो रमश जन मगलद प पि लकश स जयपर 2 इल ॉ नक मी डया लखन - ो रमश जन मगलद प पि लकश स जयपर 3 जनसचार व वकोश - ो रमश जन नशनल पि ल शग हाउस जयपर एव द ल 4 र डयो लखन- डा मधकर गगाधर 5 टल वजन लखन- असगर वजाहत भात रजन राजकमल काशन नई द ल 6 भारतीय ना य पर परा - न मच जन 7 पटकथा लखन - मनोहर याम जोशी राजकमल काशन नई द ल

89अ यासाथ न 1 lsquoसमी ा लखन स आप या समझत ह 2 समी ा करत समय समी क स या अप ाए करनी चा हए 3 समी ा लखन का मा यम और या पर अपन वचार य त क िजए 4 समी ा क व भ न कार का स त म उ लख क िजए 5 स त ट प णया ल खए-

(अ) प तक समी ा (ब) ना य समी ा (स) कला समी ा (द) फ म समी ा

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इकाई-9 र डयो समाचार लखन

इकाई क परखा 90 उ य 91 तावना 92 समाचार क प रभाषा 93 र डयो समाचार

931 र डयो समाचार क व श टता 94 र डयो समाचार या ा

941 वदश समाचार 942 ीय समाचार 943 अ य समाचार 944 समसाम यक काय म

95 आकाशवाणी का समाचार त 951 समाचार सवा भाग 952 समाचार क (जीएनआर) 953 पल यव था 954 हद पल

96 समाचार क ोत 97 र डयो समाचार का लखन व सपादन

971 यता 972 न प ता और सरलता 973 मयादा 974 समाचार क सरचना

98 र डयो समाचार क भाषा 981 श द चयन 982 वा य रचना 983 अनवाद क चनौती

99 साराश 910 कछ उपयोगी प तक 911 अ यासाथ न

90 उ य इस पाठ को प न क बाद आप

153

दश म समाचार क सारण क श आत और उसक बदलत प क जानकार ा त कर सकग

समाचार क प रभाषा और र डयो क मह व को समझ सकग समाचार क क काय णाल को जान सकग समाचार सकलन क ोत स प र चत हो जाएग समाचार क लखन और सपादन का श प सीख सकग आकाशवाणी क समाचार सवा भाग क ग त व धय क जानकार हा सल कर सकग समाचार क भाषा और उनक अनवाद क व भ न पहलओ को जान सकग

91 तावना हमार दश म इस समय टल वजन क नए-नए समाचार चनल खल रह ह एक वकासशील दश म इतनी बड़ी स या म ट वी समाचार चनल होना सचमच एक अभतपव घटना ह ल कन टल वजन क अ ज इल ॉ नक मा यम र डयो समाचार का कवल एक ह सारण सगठन ह और वह ह आकाशवाणी आकाशवाणी का समाचार सवा भाग त दन समच दश और वदश म 500 स अ धक समाचार बल टन सा रत कर रहा ह य बल टन हद और अ जी क अलावा मख भारतीय भाषाओ बो लय और वदशी भाषाओ म होत ह भारत म समाचार सारण उतना ह पराना ह िजतना खद र डयो सारण य क 1923 म र डयो सारण क श आत ह समाचार सनान क उ य स ह ई थी वष 1936 को समाचार सारण

का मह वपण पड़ाव माना जाता ह जब द ल क न काम करना श कया इसस पहल म बई स एक अ जी और एक हद तानी म और कलक ता स एक बगला बल टन ह सा रत कया जाता था वतीय व वय छड़न क बाद सरकार को अपनी बात लोग तथा स नक तक पह चान क आव यकता महसस ह ई िजसक फलव प र डयो क व तार का सल सला चल पड़ा समाचार सारण को वा त वक बढ़ावा आजाद क बाद ह मला जब र डयो सारण का उ य राजनी तक और स नक न रहकर रा य और सामािजक हो गया आजाद क प चात चला व तार अ भयान आज तक जार ह इस दौरान टल वजन क आगमन स र डयो सारण तक त व वी मला ल कन र डयो समाचार क सचालक सगठन समाचार सवा भाग न ह मत नह हार और समाचार बल टन म व वधता व रोचकता लान और उ ह अ धक आकषक तथा भावकार बनान क उपाय करक इस चनौती का सफलतापवक मकाबला कया एफएम ट नोलोजी अपना लए जान स इन यास को बल मला और नजी ट वी चनल तथा दश भर म खल रह समाचार चनल क जोरदार बाढ़ क बावजद र डयो समाचार क पाव नह उखड़ अब र डयो समाचार न काफ हद तक अपनी परानी ग रमा फर स ा त कर ल ह अ याध नक सचना ट नोलोजी क उपकरण और क यटर करण क मदद स ोताओ को र डयो समाचार क साथ जोड़न क को शश रग ला रह ह और गभीर समाचार म च लन वाल ोता र डयो क समाचार को ह व वसनीय मानन लग ह बड़ी स या म एफएम टशन चाल हो जान स र डयो फर स आम जीवन का अग बन गया ह र डयो क लोक यता

का एक कारण यह भी ह क इसक समाचार म सरल और आम भाषा का इ तमाल कया

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जाता ह और इसक रचना भी सरल और सरल शल म ह क जाती ह ता क हर वग क लोग इ ह आसानी स समझ सक र डयो समाचार लखन अखबार क समाचार स अलग होता ह नजी एफएम चनल को अभी समाचार सारण क अनम त नह ह इस बार म क जा रह जोरदार माग मान लए जान पर र डयो समाचार क लोक यता कई गना बढ़ जाएगी इस तरह र डयो समाचार इ क सवी सद म अपनी उ लखनीय भ मका नभान को पर तरह क टब दखाई द रहा ह

92 समाचार क प रभाषा र डयो समाचार क सकलन लखन और सपादन क बार म जानन स पहल समाचार या ह उसक बार म जानना आव यक ह अनक व वान लखक और प कार न इसक भ न- भ न प रभाषा द ह समाचार को अ जी भाषा म यज (NEWS) कहत ह यज क चार अ र चार दशाओ North (उ तर) East (पव) West (पि चम) South (द ण) क सचक ह मतलब यह हआ क जो बात चार दशाओ का बोध कराए वह समाचार ह जाज एच मो रस न ldquoसमाचार को ज द म लखा गया इ तहासrdquo बताया ह यह कथन समाचार क ता का लकता क ओर इशारा करता ह जज स लर न समाचार क प रभाषा इस कार द ह ldquoपया त स या म मन य िजस जानना चाह वह समाचार ह शत यह ह क वह स च तथा त ठा क नयम का उ लघन नह कर व लयम एममा सवाई न कहा ह कसी समय होन वाल मह वपण घटनाओ का सह और प पातर हत ववरण समाचार ह इन सभी प रभाषाओ म समाचार क कछ वशषताओ का ह वणन ह सच तो यह ह क समाचार क कोई सवमा य प रभाषा नह हो सकती जसा क एमवीकामथ न लखा ह क ldquoसमाचार क कोई भौगो लक सीमा नह होती समाचार सदा कछ य त करता ह यि तय क च समाचार ह समाचार तो बस समाचार ह rdquo

93 र डयो समाचार जो समाचार समाचारप क लए उपयोगी हो सकता ह आव यक नह क वह र डयो क लए भी उतना ह उपयोगी हो समाचारप म का शत होन वाला यक समाचार र डयो पर नह दया जा सकता य क र डयो पर सा रत समाचार का असर शी होता ह अत र डयो पर हसा लटपाट बला कार ह या आ द क समाचार बह त सोच समझ कर दय जात ह वस भी र डयो पर सा रत समाचार क अव ध कम होती ह िजसक वजह स एक बल टन म शा मल कय जान वाल समाचार क पि तया व श द अप ाकत बह त कम होत ह

931 र डयो समाचार क व श टता

भारत जस दश म जहा लगभग 70 तशत लोग गाव म रहत ह और सा रता क दर काफ कम ह र डयो समाचार का मह व और अ धक बढ़ जाता ह पढ़ना तो कम लोग ह जानत ह ल कन सन सभी सकत ह दर-दराज क म जहा

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समाचारप तीन-चार दन दर स पह चत ह ताजा समाचार क लए र डयो ह एकमा मा यम ह र डयो स ता भी ह सवसलभ भी इस लए यह सबस अ धक लोक य ह द नया म आज िजस ग त स प रवतन हो रह ह और हर ण जो नई-नई घटनाए हो रह ह ऐसी ि थ त म र डयो एक ऐसा मा यम ह जो लोग खास कर अनपढ़ और दरदराज क इलाक क लोग को सभी कार क जानकार तर त उपल ध कराक लोग क समाचार जानन क उ कठा का समाधान कर सकता ह समाचारप र डयो और टल वजन वतमान यग क समाचार तथा सचना दन क मख साधन ह तर त सचना दन क लय र डयो सबस मह वपण ह कह भी कोई खतरा या सकट हो र डयो क मा यम स लोग को फौरन चतावनी दकर सावधान कया जा सकता ह उसक सचार का भी समाचार-प क अप ा व तत होता ह उप ह क सहायता स र डयो सारण क पह च और भी अ धक व तत हो गई ह आप घर म द तर म कारखान म दकान म या खत-ख लहान म कोई भी काम कर रह ह और आपका र डयो चलता रह सकता ह र डयो वारा ससार भर क सचनाए आप तक पह च जाती ह इस इल ॉ नक मा यम क यह बह त बड़ी व श टता ह क इसका लाभ उठान क लय आपको अपन हाथ का काम छोड़न क आव यकता नह आप चाह कह भी ह सड़क पर ह बाहर खल मदान म रल म ह या बस म कायालय म या कारखान म आप र डयो सन सकत ह और समाचार बल टन क ज रए व भ न घटनाओ क तर त जानकार ा त कर सकत ह डीट एच सवा स समाचार सारण क यापकता और बढ़ गई ह

94 र डयो समाचार या ा जसा क पहल बताया गया ह क भारत म र डयो समाचार का ज म र डयो सारण क ीगणश क साथ ह हो गया था कत समाचार सारण को वा त वक और अथपण व प 1936 म मला जब म बई और कोलकाता क बाद द ल म सारण क खला 1936 म ह सारण सगठन को आल इ डया र डयो नाम मला इसस पहल र डयो सारण इ डया ाडकाि टग कपनी क नाम स होता था एक अग त 1937 को समाचार क दखरख क लए आल इ डया र डयो म स ल यज आगनाइज का गठन कया गया जो बाद म समाचार सवा भाग बन गया माच 1939 तक बल टन क स या 3 स बढ़कर 15 हो गई दसरा व वय छड़न पर नए समाचार बल टन श कए गए 1939 म अ जी ह द तानी और बगाल क अलावा अ य भाषाओ- त मल गजराती तलग मराठ प त आ द म बल टन सा रत कए जान लग बाद म अ य भाषाओ म भी समाचार का सारण होन लगा इस

समय द ल स 14 भारतीय भाषाओ म रा य समाचार रल कए जात ह तीन भाषाओ- सधी क नड़ और तलग क इकाइया ीय क म थानात रत क जा चक ह कछ अ य इकाइय को भी मश ीय क को भजन का ताव ह नव बर 1939 म मानीट रग सवा आरभ क गई जो वदशी सारण सगठन क समाचार हण करती थी आजाद क

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बाद आकाशवाणी क क क साथ-साथ समाचार बल टन क स या म तजी स बढ़ोतर ह ई इस समय आकाशवाणी का समाचार सवा भाग 82 भारतीय भाषाओबो लय तथा वदशी भाषाओ म 52 घट क अव ध क 509 बल टन सा रत करता ह एफएम चनल पर भी व भ न अव धय क समाचार बल टन सा रत होत ह

941 वदश समाचार

वदश समाचार बल टन दसर महाय क कारण आरभ कए गए श म वदश सारण समाचार सगठन का ह ह सा था 1948 म वत वदश सवा भाग

का गठन हो गया कत वदश सवा म सा रत होन वाल समाचार बल टन मल प स आज तक समाचार सवा भाग बनाता ह पहला वदश समाचार बल टन

4 दसबर 1939 को फारसी भाषा म सा रत हआ बाद म अ य भाषाओ म भी बल टन श होत गए 15 अग त 1947 को 31 वदश बल टन सा रत हो रह थ धीर-धीर इनम अ य भाषाओ क बल टन जड़त गए और इस समय वदश सवा क तहत 26 भारतीय और वदशी भाषाओ म 9 घट क अव ध क 65 समाचार बल टन सा रत कए जात ह

942 ीय समाचार

जसा क पहल पढ़ चक ह आजाद क समय तीन नगर द ल म बई और कोलकाता स सफ तीन भाषाओ म समाचार सनाए जात थ कत 1950 क दशक म व भ न क पर ीय समाचार इकाइया था पत क गई जहा स थानीय भाषाओ म बल टन का सारण श कया गया इस अ भयान क श आत 1953 म लखनऊ और नागपर स ह ई अगल साल कोलकता म बई और च नई स भी ीय समाचार बल टन सा रत होन लग इस समय 44 ीय समाचार इकाइया थानीय भाषाओ बो लय म खबर सा रत करती ह कछ क स वदश बल टन भी सा रत कए जात ह लगभग सभी रा य और क शा सत दश स बल टन सा रत हो रह ह

943 अ य समाचार

समाचार सारण क घरल सवा म सामा य बल टन क साथ-साथ व श ट ोताओ क लए तथा खास अवसर पर व श ट बल टन सा रत कए जात ह द ल स त दन शाम को अ जी और हद म खल समाचार सा रत कए जात ह इसी

तरह यववाणी चनल पर यवा वग क च और मह व क समाचार क यवा बल टन का सारण होता ह एफएम गो ड पर खल मय क लए 15 मनट का पो कन और यापा रक मामल म दलच पी रखन वाल ोताओ क लए 15 मनट का माकट म काय म होता ह इनम समाचार क साथ-साथ वशष स बातचीत होती ह और फोन लाइन पर ोताओ स सीध सपक कया जाता ह य दोन बल टन एफएम गो ड क अ यत लोक य काय म म शमार ह

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इनक अलावा बजट पश होन और लोकसभा व वधानसभाओ क चनाव क मौक पर वशष बल टन सा रत कए जात ह ससद क अ धवशन क दौरान नई द ल स ससद-समी ा और रा य वधानसभाओ क स क दौरान सब धत ीय इकाइय वारा वधानमडल समी ा सा रत होती ह ाक तक आपदा क दौरान पी ड़त लोग

क लए वशष बल टन पश कए जात ह साक दश क लए द ल स हर र ववार को वशष साक बल टन सा रत कया जाता ह

944 समसाम यक काय म

समाचार सवा भाग समाचार क साथ-साथ उन पर आधा रत वाताए ट प णया अग क प म भी हो सकती ह और वत काय म क प म भी सवर क म य बल टन म समाचार-प क स खया सा रत क जाती ह तो दोपहर और शाम क बल टन म समाचार फ चर या वाताए शा मल क जाती ह वत प स साम यक और पाटलाइट वाताएrsquo त दन और चचा का वषय ह तथा करट अफयस काय म सा ता हक आधार पर सा रत कए जात ह चनाव जस अवसर पर वशष प रचचाओ और लाइव र डयो ज काय म का सारण कया जाता ह वदश बल टन और कछ भाषाई बल टन म भी कमटर का सारण होता ह

बोध न - 1 1 र डयो समाचार क मह व को प ट क िजए helliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphellip helliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphellip 2 आकाशवाणी स सा रत होन वाल समाचार का स प म वग करण क िजए helliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphellip helliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphellip 3 ीय बल टन कब श ह ए और उनक या उपयो गता ह helliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphellip helliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphellip 4 आकाशवाणी क समसाम यक काय म पर ट पणी ल खए helliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphellip helliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphellip

95 आकाशवाणी का समाचार त आपन अब तक जाना क आकाशवाणी का समाचार त लगभग 60 साल स नवीनतम घटनाओ क खबर और उन पर वचा रक त याए और व लषण दश- वदश क ोताओ तक पह चा रहा ह आपन यह भी पढ़ा क दशभर म फल ीय समाचार इकाइय स थानीय भाषाओ म ीय मह व क समाचार सा रत कए जात ह इन सभी समाचार बल टन तथा वाता काय म क सयोजन सकलन लखन व सपादन का वराट काय जो सगठन सभालता ह

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वह ह समाचार सवा भाग जब हम समाचार लखन क बात करत ह तो उसम समाचार ा त करना उसक ि ट बनाना उसका सपादन करना रका डग करना वायस ओवर

करना आ द याए शा मल ह समाचार क लखन सकलन सपादन को समझन क लए समाचार सवा भाग क व प तथा उसक काय प त को जानना आव यक

951 समाचार सवा भाग

समाचार सवा भाग आकाशवाणी का एक वत वभाग ह जो महा नदशक (समाचार) क नदशन म काम करता ह यह आजाद स पहल ह एक अलग वभाग क प म कायरत ह हद अ जी और भारतीय व वदशी भाषाओ क लए सभी तरह क समाचार का सकलन सपादन इसी भाग क सपादक करत ह ीय समाचार इकाइया भी इसी भाग क नदशन म काम करती ह वदश सारण सवा क अ तगत सा रत होन वाल समाचार बल टन भी समाचार सवा भाग तयार करता ह वशष अवसर पर वशष बल टन भी इसी भाग वारा सा रत कए जात ह 1937 म स ल यज आगनाइजशन बना जो बाद म समाचार सवा भाग म बदल गया समाचार सारण क या मोट तौर पर तीन तर पर चलती ह य ह समाचार का सकलन सपादन और सारण या ततीकरण इन सभी याओ क धर ह समाचार क

952 समाचार क (जीएनआर)

आकाशवाणी स सारण सभी बल टन का क जनरल यज म(जीएनआर) ह यह आकाशवाणी क समाचार त क धर ह चौबीस घट काम करन वाल इस क क बार म कहा जाता ह क इसक यबलाइट पछल लगभग 65 साल स कभी बझी नह ह

953 पल यव था

यहा पर चार पा रय म काम होता ह और हर पार को समाचार का एक पल तयार करती ह जस ातपल दोपहर पल साय पल और रा पल इसक बाद पल बल टन क समाचार का ोत होता ह जो समाचार पल म शा मल कर लए जात ह कवल वह समाचार व भ न बल टन क सपादक वारा अपन-अपन बल टन क आव यकता क अन प इ तमाल कए जा सकत ह जीएनआर म पल यव था 1947 म श ह ई पल क लए समाचार का चयन करत समय यह यान रखा जाता ह क समाचार न प और दलगत वचार स र हत होना चा हय इसम त या मक और वणना मक ववरण हो न क उ तजक र डयो सनसनीखज खबर सा रत करक दहशत और सनसनी फलान स सदा बचता ह इस लय र डयो

सवाददाता को अपराध यौन ज नत और यथ क ववाद स दर रहना चा हए रा य मह व को यान म रखत ह ए उस सा क तक सामािजक और सा हि यक म

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व तत गवषणा का यास करना चा हय समाचार स त साधारण और दलच प हो वषय इतना प ट हो क ोता सनकर असमजस म न पड़ समाचार म ऐस ववरण क पण उप ा क जानी चा हय जो त छ अनपय त गर-िज मदार खतरनाक और वअथ ह परान घ टया कार क तथा चारा मक और व ापनपरक समाचार को र डयो पर दन स पण प स बचना चा हए आकाशवाणी आचार स हता और दशा- नदश का पालन करत ह ए र डयो समाचार म म दश क आलोचना कसी धम या जा त पर हार नह कया जाना चा हय िजसस कसी जा त वशष या समदाय क यि तय म उ ता या वमन य उ प न हो कोई आपि तजनक मानहा नपण कटता पदा करन वाला या कानन क यव था भग करन वाला अथवा यायालय क मान-हा न करन वाला रा प त रा यपाल और यायपा लका पर लाछन लगान वाला अथवा कसी व श ट राजनी तक दल पर हार करन वाला समाचार नह होना चा हय यि त वशष स था वशष अथवा यावसा यक स था क चारा मक समाचार को मह व दना भी बलकल उ चत नह ह इसका अथ यह नह क इस कार क घटनाओ को समाचार बल टन म सि म लत ह न कया जाय क त यह आव यक ह क इनम सावधानी एव सयम स काम लया जाय

954 हद पल

जीएनआर क व तार क प म हद समाचार क और भारतीय भाषा समाचार इकाइया ह हद समाचार क भी जीएनआर क तरह चार पा रय म काम करता ह और यहा जीएनआर स ा त समाचार तथा सवाददाताओ व हद सवाद स म तय क ा त समाचार क आधार पर वत हद पल तयार होता ह इसी पल म शा मल आइटम हद क व भ न बल टन म लए जात ह हद म पल यव था वष 1993 म ारभ ह ई भारतीय भाषाओ क बल टन पहल अ जी म जीएनआर म तयार होत ह और व भ न भाषाओ क समाचार वाचक अपनी भाषा म उनका अनवाद करक उ ह सा रत करत ह इनम हद पल क आइटम भी इ तमाल कए जात ह

समसाम यक काय म क लए समाचार वाता एकाश ह जो अ जी व हद म सम साम यक काय म का सयोजन सपादन रका डग आ द का काम दखती ह

96 समाचार क ोत समाचार क कई ोत ह क सरकार का प सचना कायालय रा य सरकार क सचना एव जनसपक वभाग अ य सरकार वभाग मख सगठन वारा जार क जान वाल व ि तया आ द समाचार क ोत ह व भ न वभाग और राजनी तक तथा गर राजनी तक सगठन वारा आयोिजत प कार स मलन और स ी फग स व भ न ग त व धय क जानकार द जाती ह प लस नय ण क यायालय आ द स नि चत कार क समाचार

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ा त कय जा सकत ह ससद और वधानसभाओ क अ धवशन मक सगठन औ यो गक त ठान समाज सवी स थाए और सा हि यक-सा क तक स थाए आ द भी समाचार क ोत

ह इसक अलावा दश और वदश क मख समाचार एज सया समाचार क बह त बड़ी ोत ह समाचार क पीट आई भाषा यएनआई यनीवाता जसी सवाद स म तय का भरपर इ तमाल करता ह आकाशवाणी क अपन सवाददाता सबस व वसनीय और स ढ़ ोत ह समाचार सवा भाग क दश भर म लगभग 90 नय मत सवाददाताओ क अलावा लगभग 400 अशका लक सवाददाता ताजा घटनाओ क सचनाए भजत रहत ह म यालय म अलग स रपो टग इकाई काम करती ह वदश म भी आकाशवाणी क सवाददाता नय त ह एक िज मदार समाचार सगठन क त न ध क नात सवाददाताओ को कई सावधा नया बरतनी पड़ती ह सवाददाता को समाचार क व वसनीयता क जाच करन क उपरा त ह समाचार दना चा हए ाक तक आपदाओ जस सखा बाढ़ आ द क समाचार इस कार दय जाए िजसस लोग का मनोबल नह गर तथा उनको राहत सबधी काय आ द क पर जानकार मल म य सबधी समाचार क साथ उस यि त क स त जीवनी दना भी ज र ह समाचार सकलन करत समय सारण सगठन क नी त और आचार स हता का पालन आव यक ह आकाशवाणी समाचार क भ मका तट थ और रचना मक रहनी चा हए

97 र डयो समाचार का लखन व सपादन समाचार का सकलन और लखन एक दसर स जड़ा हआ ह इस या म यह यान रखना ज र ह क समाचार सनन यो य होन चा हए न क पढ़न यो य र डयो पर सा रत समाचार एक बार सनन म ह समझ म आ जाए य क समाचारप म का शत समाचार को कई बार पढ़ा जा सकता ह ल कन र डयो पर सा रत समाचार पर यह बात लाग नह होती समाचार क त त इस कार होनी चा हए क ोता यह अनभव कर सक क घटना उसक सामन घट रह ह

971 यता

र डयो एक अ य समाचारप क समान ह और उसका सपादक ऐस वषय क समाचार का चयन करता ह जो क अ धका धक सनन वाल का यान आक षत कर र डयो क समाचार एक ह थान पर कई लोग सन सकत ह िजनम बढ़ और यवा बालक और बा लकाए पढ़- लख और अनपढ़ सभी कार क लोग हो सकत ह सपादक को ऐस सभी ोताओ क समझ तथा दलच पी को यान म रखना पड़ता ह अगर कोई समाचार कसी परान समाचार पर आधा रत हो तो पव घ टत घटना क प ठभ म को यान म रखना आव यक ह र डयो क समाचार लखक को श द बोलन व लखन म जो अ तर ह उसका यान रखना पड़ता ह उसम उलझ ह ए मामल को ोताओ क लए आसान प म तत

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करन क मता होनी चा हए र डयो म समाचार कान क लए लखना होता ह न क आख क लय समाचार लखन स पहल उसक प ठभ म को जानना आव यक ह साथ ह समाचार म र डयो क ोता क लायक समाचार त व क पहचान करना मह वपण ह समाचार लखन एक व श ट कला ह ठ समाचार वह हो सकता ह जो सचना मक हो तथा उसम त य को इस तरह सक लत कया गया हो क पाठक घ टत घटना का ववरण सह प र य म समझ सक समाचार लखक अपनी वशष प कार य तकनीक का योग कर उस रोचक तथा भावी बना दता ह अत समाचार लखन क लय समाचार त व क अ त र त सवदनशीलता क पनाशीलता रचना मकता जस गण का होना आव यक ह

972 न प ता और सरलता

र डयो सवाददाता और सपादक को अपन क गहन जानकार तो होनी ह चा हए साथ ह उसक लए सामािजक प रवतन क दौर म मनोव ा नक आधार और मन य क क त को जानना और समझना अ नवाय ह उसम शी और सह न कष नकालन क यो यता यानी य प नम त होना ज र ह साथ ह सचना दन वाल वारा द गई सचना क जाच करन क मता भी होनी चा हए उसम अफवाह

को पहचानन क भी समझ होनी चा हए यह भी आव यक ह क व तपरकता स यता प टता और स च को भी यान म रखा जाए समाचार म स चाई हो कसी पवा ह या प पात स समाचार नह लखा जाए समाचार को समझन म ोताओ को क ठनाई नह होनी चा हए समाचार म तारत य बनाए रखना भी बह त

आव यक ह समाचार लखत समय या कहा कब कौन और कस (Five Wrsquos and H) का पारप रक नयम भी यान म रखना आव यक ह र डयो समाचार म समय क कमी क कारण समाचार स त प म दना होता ह

973 मयादा

ससद य और वधानसभा क समाचार क लखन और सपादन म बह त सावधानी बरतन क आव यकता ह समाचार इस कार दया जाए िजसस ससद या वधानसभा या वधान प रषद क मयादा का उ लघन नह हो समाचार म ऐसी कोई बात नह हो िजसस सद य क वशषा धकार का हनन हो ससद और वधानसभाओ क कायवाह का समाचार लखत समय न प ता क ओर वशष यान दना आव यक ह इसी तरह क सावधानी र ा और वदश म ालय तथा अदालती कारवाई स जड़ी खबर म बरतनी पड़ती ह स वधान क मयादाओ का यान रखना भी आव यक ह

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974 समाचार क सरचना

समाचार म यतया तीन भाग म बटा होता ह- आमख (इ ो या ल ड) म य तथा अत भाग इनम सबस मह वपण इ ो ह इ ो स त ल कन सारपण होना चा हए इ ो समाचार का पवाभास कराता ह अत यह इस कार लखा जाए क ोता परा समाचार सनना चाह समाचार क म य भाग म ोता को समाचार वशष क म य-म य घटनाओ त य आ द क स त जानकार कराई जानी चा हए समाचार क अत म सबस कम मह व क बात हो िजसस अगर वह अश समयाभाव क कारण पढ़ा नह जा सक तब भी ोता को समाचार अधरा नह लग और पर बात समझ म आ जाए

बोध- न-2 1 आकाशबाणी क समाचार क का या काय ह helliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphellip helliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphellip 2 समाचार क ोत कौन-कौन स ह helliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphellip helliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphellip 3 र डयो समाचार क लखन म कन बात का यान रखना आव यक ह helliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphellip helliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphellip 4 पल यव था का या उ य ह helliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphellip helliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphellip 5 समाचार क सरचना का वणन क िजए helliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphellip helliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphellip

98 र डयो समाचार क भाषा जसा क आप पढ़ चक ह क र डयो समाचार को कम पढ़ तथा एकदम नर र लोग भी सन सकत ह इस लए इनम भाषा का बह त मह व ह य द भाषा ज टल और बो झल होगी तो कौन उस यान स सनगा इस लए समाचार क भाषा सरल और सब तरह क ोताओ को समझ म आन वाल होनी चा हए सरल भाषा को सामा य तथा व वान नर र तथा सा र और ब च व बड़ समान प स समझ लत ह सा रत समाचार म त साम ी क भा त नह होता िजसका कोई अश समझ न आन पर पछल प ठ को पलट कर सदभ जोड़ सकत ह अथवा क ठन श द का अथ जानन क लए श दकोश क प ठ उलट सकत ह न ह ोता इस ि थ त म होता ह क कसी व वान या ानी यि त स परामश कर सक एक बार

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जो वा य अथवा श द सा रत हो गया वह हवा क झ क क भा त आग नकल जाता ह इस लए सफल समाचार सारण क ब नयाद आव यकता ह भाषा क सरलता

981 श द चयन

अब न यह ह क सरल भाषा का व प या हो ह द को ह ल एक मत यह ह क उद क व त फ महसस मौजद कसम अफसोस खशी सद सल सला कज खास जो खम ताल म दावत चीज फजल जस श द का ह द क समाचार या वाताओ म योग कया जाए दसरा प यह ह क ह द य क स कत स नकल ह तथा अ य भारतीय भाषाए भी स कत क नकट ह अत स कत न ट श द यथा उ मलन मान च ो साहन यथाव यक व ति थ त सव ण ावधान व वसनीय प रि थ त शताि द उपि थत मश नम ण वत ता को ठ प रवतन सवा धक व लषण तथा इसी कार क श द योग कए जाए वा तव म दोन प अपनी-अपनी जगह सह ह क त भाषा क सरलता और यता का मापद ड ह उसका अ धक स अ धक लोग वारा बोला व समझा जाना और बोलचाल म य त कया जाना इस लए उद क जो श द ह द म बोलचाल क अग बन गए ह उनका योग करना यथ ट ह तथा स कत क जो श द ल ब समय स योग म आ रह ह उ ह लना हतकर ह उदाहरण क लए ldquo ो साहनrdquo और ldquoबढ़ावाrdquo ldquo वशषrdquo और ldquoखासrdquo ldquoभाग लयाrdquo तथा ldquo ह सा लयाrdquo ldquoउपि थतrdquo तथा ldquoहािजरrdquo ldquoउ तरrdquo तथा ldquoजवाबrdquo ldquo यासrdquo तथा ldquoको शशrdquo ldquo स नताrdquo तथा ldquoखशीrdquo दोन कार क श द का योग कया जा सकता ह आधार ह श द का च लत होना समाचार क लखक और सपादक स यह अप त ह क उस इस बात का ान हो क कौन स श द सामा य यि त वारा समझ जा सकत ह यह कारण ह क आकाशवाणी म ldquo क तrdquo ldquoअ पतrdquo ldquoएवrdquo ldquoअ यथाrdquo ldquoय य पrdquo ldquoय दrdquo ldquoतथा पrdquo क बजाय मश ल कन बि क और नह तो हाला क ldquoअगरrdquo ldquoतो भीrdquo आ द का योग अ धक होता ह इसी कार ldquoउपरातrdquo ldquoप चातrdquo ldquoपवrdquo ldquoस मखrdquo पन क थान पर ldquoबादrdquo ldquoपहलrdquo ldquoसामनrdquo ldquo फरrdquo श द क योग को बहतर माना जाता ह श द का चयन करत समय यह भी यान रखा जाता ह क इ ह बोलन क लए वाणी को ाणायाम न करना पड़ उदाहरण क लए पनरो थान णय व श टता जस श द स बचा जाना चा हए ऐसी ह सम या अ जी श द को लकर पदा होती ह कसौट अ जी श द क बार म भी यह ह क अ धक स अ धक लोग समझ सक तथा भाषा क आ मा भी न ट न हो बटन टल फोन रल क यटर प लस साई कल बस कार कटर कापी प सल पन र डयो टल वजन बजट फोटो जस अ जी श द का योग समाचार म सहज प स कया जा सकता ह ल कन कभी-कभी अ जी श द क अधाधध योग स अपनी भाषा को पहचानना मि कल हो जाता ह ऊपर हमन अनक अ जी

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श द का उ लख कया ह जो बोलचाल म ह द श द क अपन श द बन चक ह दसर ओर ऐस श द भी ह जो अ जी तथा ह द श द को मलाकर बन ह न व पर तरह अ जी श द ह और न ह त व ह यह ह रलगाड़ी टल फोन क बस अ डा डाक टकट आ द यहा यह यान रखन क बात ह क एक भी समाचार या बल टन म कसी श द का बार-बार योग करना रोचकता म बाधक होता ह इस लए कसी अथ म एक बार ह द श द और दसर बार उसका च लत अ जी पयाय इ तमाल कर लया जाता ह उदाहरण क लए थाना और प लस टशन कल तथा व यालय कालज और महा व यालय स और समाचारप बल और वधयक स म त और कमट इकाई और य नट ब झझक योग कए जात ह क त इसका मतलब यह नह क व व व यालय क थान पर य नव सट कमचार क लए ए लाई सद य क लए म बर अ वीकार क बजाय रज ट खलाड़ी क जगह लयर या प लस चौक क थान पर प लस पो ट श द भी इ तमाल कए जा सकत ह सम या तब आती ह जब ऐस अ जी श द का योग करना हो िजनका अपनी भाषा म कोई पयाय च लत ह न हो उस श द क स त या या स हत मल श द भी साथ म बोलना चा हए ता क ोता अथ भी समझ ल और नए श द स भी प र चत हो जाए

982 वा य रचना

श द भाषा क मल इकाई ह पर त वा य स पथक उनका कोई अि त व नह होता इस लए वा य ऐस लख जाए जो सीध ोता क समझ पी झोल म चल जाए ोता को वा य का अथ नकालन क लए बौ क कसरत न करनी पड़ वा य य द ज टल ह ग तो सरल श द क नय त क चड़ म गर फल स अ धक नह होगी इसक लए सबस बड़ी आव यकता ह वा य का छोटा होना ल ब वा य म उलझा दन स ोता अथ का अनथ समझ लगा तथा सारण का ल य ह वफल हो जाएगा िजस बात को म त या ल खत मा यम म एक वा य म कह कर चम कार उ प न करन का यास कया जाता ह उस सरल और सबोध बनान क लए सारण मा यम म दो या तीन वा य म कहा जा सकता ह इसका उदाहरण दख ldquoरा प त न आज पटना व व व यालय क द ात समारोह म यवक स समय क चनौती का डटकर मकाबला करन का आ वान कया तथा लोग को अलगाववाद शि तय स सावधान रहन क चतावनी द rdquo सवाद स म त वारा ल खत इस वा य म याकरण क ि ट स कोई ट नह ह और न ह इसम बह त क ठन श द का योग कया गया ह पर त यह वा य सारण क लए ठ क नह ह आकाशवाणी का सपादक इस समाचार को इस कार बनाएगा ldquoरा प त न लोग स कहा ह क व अलगाववाद शि तय स सावधान रह व आज पटना व व व यालय क द ा त समारोह म बोल रह थ उ ह न यवक को समय क चनौती का डटकर मकाबला करन का भी आ वान कया rdquo

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कई बार वा य छोट तो होत ह क त उनक रचना इतनी ज टल होती ह क समझन क लए मि त क पर दबाव डालना पड़ता ह कसी समाचारप म छपा यह वा य सह लगता ह व तम ी ी चद बरम क बजट न कर सधार क यग का स पात करक अथ यव था को नई दशा द ह जो तीन दशक स बनी ह ई उस ldquoि थ त क वपर तrdquo ह िजसक समाजवाद क वरोधी ldquoपर मट कोटा राजrdquo कह कर न दा करत रह ह यह वा य बह त बड़ा नह ह क त ज टल होन क कारण सनन पर त काल समझ म नह आता इस सरल बनान क लए दो वा य म तोड़ना हतकर ह हाला क कम समय म अ धक बात कहना सारण का मल स ा त ह क त अ प ट तथा अबझ बात कहना तो समय क ह बबाद ह इस लए समाचार को सबोध बनान क लए य द कछ स कड अ धक खच करन पड़ तो सकोच नह करना चा हए इस वा य को र डयो सपादक य कहगा ी चदबरम क बजट स अथ यव था म कर सधार क यग का स पात हआ ह यह नई दशा पछल तीन दशक स चल आ रह पर मट कोटा राज क वपर त ह

983 अनवाद क चनौती

आकाशवाणी को समाचार स म तय तथा अ य ोत स सचनाए अ जी म भी मलती ह अ जी म ा त समाचार का ह द म अनवाद करना होता ह अनवाद करत समय यह बात यान रखन यो य ह क यक भाषा क एक वत क त तथा शल होती ह और उसम भाव यजना क कछ व श ट णा लया होती ह अनवाद व तत वह अ छा होता ह िजसम मल क सब बात य क य आ जाए अनवाद म दसरा गण यह होना चा हए क वह कह स अनवाद न जान पड़ सब कार स मल का आन द द वा य रचना को अ जी क भाव स बचाना चा हए उ त दोन गण म स पहला गण उस भाषा क ठ क-ठ क ान पर आ त ह िजसस अनवाद कया जाता ह और दसरा गण इस भाषा क क त या व प क उ क ट ान स ा त होता ह िजसम अनवाद कया जाता ह अनवाद करत समय श दाथ क ओर

अ धक यान न दकर भावाथ क ओर अ धक यान दना चा हए

99 साराश इस पाठ म हमन आपको समाचार क यापक प तथा र डयो समाचार क व श टता और मह व क बार म बताया आपन यह भी जाना क भारत म सा रता दर कम ह इस लए र डयो लोग को व भ न घटनाओ योजनाओ नी तय काय म क तर त और सह जानकार का म य मा यम ह आकाशवाणी क समाचार सवा भाग का स त ववरण दत ह ए बतान का यास कया गया क समाचार का सकलन कस कया जाता ह तथा उसक लखन और स पादक क मलभत आव यकताए या ह र डयो समाचार म ऐसी बात नह आनी चा हए िजसस स वधान द त

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स थाओ और सवधा नक पद क मयादा को ठस पह च र डयो म सनसनीखज और भड़कान वाल समाचार सा रत नह कय जान चा हए र डयो क भाषा सरल और आसानी स समझ म आन वाल होनी चा हए र डयो समाचार वण यो य होन चा हय य क व कान क लय लख जात ह न क आख क लय भाषा

श हो और इसम याकरण क कोई गलती नह हो अनवाद करत समय भाषा को क म और द ह होन स बचाना चा हए बोलचाल क भाषा ह र डयो क भाषा ह

910 कछ उपयोगी प तक 1 भारतीय इल ॉ नक मी डया - डॉ दव त सह भात काशन द ल 2007 2 समाचार अवधारणा और लखन या - ोफसर सभाष ध लया एव आनद धान

स पा 3 भारतीय जनसचार स थान नई द ल 2004 4 र डयो सारण - कौशल शमा तभा त ठान नई द ल 2004 5 सारण प का रता - डा सरश यादव म य दश ह द थ अकादमी भोपाल 2004 6 ाइम रपोटर - हषदव भारतीय जनसचार स थान नई द ल 2005 7 इल ॉ नक मी डया लखन - ोफसर रमश जन मगल द प पि लकश स नई द ल

2004

910 अ यासाथ न 1 र डयो समाचार क मह व पर एक सारग भत ट पणी ल खए 2 र डयो समाचार क लखन व सपादन क म य पहलओ पर काश डा लए 3 र डयो समाचार क लखन म कन मयादाओ को यान म रखना आव यक ह 4 समाचार क क काय णाल का वणन क िजए 5 र डयो समाचार क भाषा पर स त लख ल खए

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इकाई-10 र डयो लखन क स ात

इकाई क परखा 100 उ य 101 तावना 102 र डयो सारण क उ य 103 र डयो क व श टता 104 र डयो लखन क सीमाए और सभावनाए

1041 र डयो लखन क परपरा 1042 र डयो क भाषा 1043 आचार स हता

105 र डयो लखन क आयाम 1051 समाचार 1052 वाता 1053 प रचचा 1054 सा हि यक रचनाए

10541 कहानी 10542 क वता

1055 हसन 1056 र डयो पक 1057 र डयो नाटक

106 सगीत क लए लखन 1061 गीतमाला 1 1062 गीत भर कहानी 1063 सगीत सभाए

107 उ घोषणाए 1071 सचनाए 1072 सदश 1073 लोगन ोमो

108 साराश 109 कछ उपयोगी प तक 1010 अ यासाथ न

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101 उ य इस पाठ म र डयो क व भ न वधाओ क लए लखन स जड़ पहलओ क चचा क जाएगी इसक अ ययन क बाद आप - र डयो सारण क उ य क बार म जानकार ा त कर सकग र डयो तथा अ य मा यम क लए लखन म अतर को समझ सकग र डयो क व भ न वधाओ क लए लखन करत ह ए यान म रखी जान वाल बात क

बार म जान सकग र डयो क आचार स हता का ान ा त कर सकग र डयो लखन क परपरा स अवगत हो सकग नाटक पक जस काय म क लए लखन क शल क जानकार ा त कर सकग समाचार लखन और सपादन क व वध पहलओ को समझ सकग सगीत म लखन क सभावनाओ और उनस जड़ त व को पहचान सकग

101 तावना र डयो जनसचार का एक मख मा यम ह जो अ य मा यम टल वजन और म त मा यम या न प -प काओ स कई मायन म भ न ह यह य मा यम ह इस लए श त-अ श त सभी वग क लए सलभ और बोधग य ह र डयो स ता तो ह ह अब एफएम ट नोलोजी क इ तमाल क बाद इसक व या मक गणव ता भी बहतर हो गई ह एफएम सारण क नजीकरण करन क सरकार क फसल क फल व प बड़ी स या म एफएम चनल खल रह ह जो थानीय तभा का उपयोग करक ीय भाषाओ या बो लय म काय म सा रत करक बड़ पमान पर ोताओ को र डयो वण स जोड़ रह ह आप पछल प ठ म पढ़ चक ह क भारत म र डयो सारण का म य सगठन आकाशवाणी ह जो समच दश म फल अपन सारण त क ज रए हद अ जी और मख भारतीय और वदशी भाषाओ म काय म सा रत करक दश क वकास और रा य एकता क दशा म मह वपण भ मका नभा रहा ह 1927 म श हआ र डयो सारण श क दो चार वष को छोड़कर सरकार नय ण म ह रहा ह टश काल म र डयो को सरकार न अपन सा ा यवाद को स ढ़ करन क साधन क तरह इ तमाल कया कत वत भारत क सरकार न नय ण क बावजद र डयो को दश क वकास जन-जागरण मनोरजन और लोकत का एक मजबत तभ मानत ह ए जहा इसक सरचना मक त का तजी स व तार कया वह दश क व वध

स क त और बहभाषायी व प क अन प गीत सगीत सा ह य समाचार श ा क ष उ योग रोजगार स सब धत जानकार दन वाल तरह-तरह क रोचक और ानवधक काय म श कए आकाशवाणी अपन 225 क क मदद स लगभग 99 तशत तथा 91 तशत आबाद तक अपन काय म पह चा सकन क मता ा त कर चका ह 1980 क

बाद दरदशन क लोक यता बढ़ जान और बाद म नजी टल वजन चनल क स य होन पर आकाशवाणी क ोताओ क स या शहर म कम होन लगी ल कन आकाशवाणी क काय म क रग- प म बदलाव आन और एफएम चनल क नजीकरण क फल व प लोग

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फर स र डयो क ओर लौटन लग ह और र डयो आज भारत म जनसचार क सबस भावशाल मा यम क प म नई ऊचाइया छन क ओर बढ़ रहा ह

102 र डयो सारण क उ य भारत क भौगो लक वशालता तथा सा क तक व वधता और सा रता व आ थक सप नता क अभाव म प -प काए पढ़ पान म अ धस य जनस या क असमथता क चलत र डयो सबस सलभ स ता और भावशाल मा यम ह र डयो सारण मोट तौर पर कसी भी अ य मी डया क तरह ह तीन उ य को लकर चलता ह य ह सचना श ण और मनोरजन सचना स अ भ ाय ह ोताओ को इ तहास भगोल धम अ या म कला सा ह य जस जीवनोपयोगी वषय और दश- वदश म घटन वाल घटनाओ स बराबर अवगत करात रहना इसक लए समाचार समसाम यक काय म तथा ान- व ान पर चचाए प रचचाए आ द सा रत क जाती ह श ण का मतलब लोग को इस लायक बनाना ह क व अपन प रवार

समाज दश और मानव मा क लए अ छ-बर का फसला कर सक इसक लए कला सा ह य न तकता तथा अ य मानवीय गण क जानकार दन तथा अ छ काय क रणा दन वाल काय म सा रत कए जात ह मनोरजन क अ तगत गीत सगीत नाटक हसन पक आ द काय म सा रत कए जात ह मनोरजन का मानव-जीवन म बह त मह व ह य क मनोरजन हमार तन-मन स बो रयत और तनाव हटाकर हम फर स तरोताजा स य और च त बनाता ह र डयो क सभी काय म इस तरह लख और तयार कए जात ह क मानव- वकास क इन तीन उ य को ा त कया जा सक

103 र डयो क व श टता र डयो क काय म तयार करना एक चनौती ह य क एक मा यम क प म यह अ य सचार मा यम स काफ भ न ह इसम श द और उ चारण क मा यम स ह पर बात स षत करनी होती ह यह टल वजन और अखबार क तरह नह िज ह यि त एका और सम पत होकर दखता या पढ़ता ह र डयो आप अ य काम करत ह ए सन सकत ह और फर इस कसान र शवाला दतर का बाब मजदर ग हणी यापार छा ोफसर व ा नक सभी वग क लोग एक साथ सनत ह ािज टर और कार र डयो क मा यम स र डयो क सदश या ा करत ह ए सर-सपाट क दौरान और ाइव करत ह ए भी सन जा सकत ह इस कार ोताओ क तर तथा वषय क चयन और उनक त त सभी ि टय स र डयो व श ट

मा यम ह अखबार कवल श त लोग पढ़त ह और टल वजन म अ धक मह व वजअल यानी च का होता ह च क ज रए कसी वषय को समझना आसान हो जाता ह कत र डयो म कवल सनकर वषय हण कया जा सकता ह

104 र डयो लखन क सीमाए और सभावनाए आपन पढ़ा क र डयो एक सरल सलभ और स ता मा यम ह िजसक षण या अ य मा यम टल वजन और अखबार स भ न ह इसी कारण र डयो लखन चनौतीपण हो जाता ह जब हम र डयो क लए लखन क बात करत ह तो उसस अ भ ाय कवल ऐस लखन

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स नह होता जसा काशन क लए कोई लख कहानी या क वता लखी जाती ह र डयो एक उ च रत मा यम ह इसम सभी काय म पव ल खत प म तयार नह होत बह त स काय म बातचीत या सा ा कार प म सीध बोलकर रकाड या सा रत कए जात ह अत र डयो लखन म वह सब साम ी भी शा मल ह िजस ए टपोर अथात बना तयार क सीध बोला जाता ह जो काय म पहल ल खत प म तयार कए जात ह उनक भाषा और

ततीकरण क शल को भी बोलचाल क लायक बनाया जाता ह ता क ोताओ को उ ह समझन म क ठनाई न हो और एक बार सनकर ह व वषय को हण कर ल इस लए र डयो काय म क भाषा क साथ-साथ वषय क त तकरण को भी सरल प ट और रोचक रखना ज र होता ह र डयो म समाचार स लकर सगीत तक व वध कार क काय म का सारण होता ह और यक वधा क लखन और त तकरण म अलग तरह क शल अपनाई जाती ह श द और वा य का चयन करत ह ए यह भी दखना होता ह क उ ह बोलना सरल हो और व कणमध तथा असरदार भी ह य क र डयो म समचा षण श द व व नय और उनक त त क ज रए ह कया जाता ह र डयो लखन एक कला ह िजसक लए लखन म वषय और वधा वशष क स यक जानकार बोलचाल क भाषा क समझ और ोताओ क चय क पर पहचान होनी चा हए र डयो लखन करन वाल को समय क साथ ोताओ क बदलती अ भ चय भाषा क नए प और त तकरण क नई ट नोलोजी और श लय क त सजग और सवदनशील होना चा हए उदाहरण क लए कसी राजनी तक या आ थक घटना पर कसी वाता और कसी एफएम चनल पर फ मी गान क लए क जान वाल उ घोषणा क भाषा और व प म दन-रात का अतर होगा र डयो क काय म क बदलत व प क साथ-साथ र डयो लखन क शल अदाज और भाषा म भी प रवतन होता रहा ह

1041 र डयो लखन क परपरा

दश म र डयो सारण क ार भक दौर म र डयो का उ य औप नव शक स ता को मजबत बनान क यास करना था और ोता म यतया अ ज या अ जी जानन वाल भारतीय बाब होत थ इस लए उस समय र डयो काय म क भाषा म यतया अ जी थी और लखन शल एकदम औपचा रक होती थी उसका तवर आदशा मक होता था य क तब र डयो शासक का मखय था काय म भी बह धा राजनी तक और शासक य क म क होत थ सरकार नणय और आदश क सचना दन वाल समाचार सा रत कए जात थ उनक भाषा पर तरह सधी ह ई और सपाट होती थी हद तानी म समाचार बल टन श ह ए तो उनक भाषा भी कठोर और अरबी-फारसी क शासक य श दावल स प रपण होती थी उस दौर म भारतीय सा ह यकार कलाकार और ब जी वय का र डयो क साथ बह त कम जड़ाव था इस लए र डयो काय म म भारतीय प स क त और तवर क मौजदगी नग य सी थी मनोरजन क लए पि चमी सगीत ह परोसा जाता था वत ता क प चात इस मा यम को सा क तक वरासत स जोड़ा गया डॉ0 कसकर

बालक ण राव एव जगद श च माथर जस कलाधम और रचनाधम जब र डयो

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क शास नक सवा म आय तो र डयो म नया माहौल बना तब यक भाषा क ठ सा ह यकार क व सगीतकार नाटककार गायक कलाकार र डयो स जड़ गए

र डयो म अ खल भारतीय सा ह य समारोह आयोिजत कए गए सवभाषा क व स मलन क पर परा चल पड़ी र डयो क मा यम स रचनाध मय को मह वपण ढग स तत कया जान लगा भारतीय शा ीय सगीत और फ मी सगीत र डयो पर सनाई दन लगा 1967 म व वध भारती क नाम स अ खल भारतीय काय म ारभ कया गया समय क साथ यवा पीढ़ बदलता मानस जो र डयो सीलोन क लोक य फ म सगीत म रमन लगा था उस पन आकाशवाणी क ओर आक ट करन क लए यह काय म श कया गया इसम ऐस जन य काय म क ोताओ क पसद भी शा मल क गई ऐस जन य काय म क भाषा वभावत सरल और अप ाकत अनौपचा रक रहती थी 1970 क आस-पास नई पीढ़ क कलाकार और लखक र डयो स जड़न लग तो र डयो क भाषा और शल म और प रवतन आन लगा सा हि यक और तकनीक वषय क काय म म भल ह धीर-गभीर शल और श दावल का चलन होता रहा ल कन अ य काय म म धीर-धीर लचीलापन आता गया 1990 क दशक क बाद र डयो काय म क व प और तवर म आमल प रवतन आ गया और एफएम चनल न तो र डयो क भाषा और लखन या त तकरण को एकदम नया प द दया यहा तक क समाचार क त त और सपादन न नई करवट ल और एफएम गो ड पर सा रत होन वाल समाचार बल टन का व प अनौपचा रक और बातचीत जसा हो गया समाचार पर आधा रत वाताए जो पहल लखकर समाचार वाचक वारा पढ़ जाती थी व धीर-धीर इटरि टव यानी सवाद प म प रव तत हो गई और वत ह उनम बोलचाल क भाषा और शल का पदापण हो गया जब कोई काय म सोच-सोच कर लखा जाता ह तो उसम न चाहत ह ए भी भाषा का ल खत प झलक आता ह कत जब आप परा काय म ह बातचीत क शल म तत करग तो भाषा का व प और श दावल वत ह सरल वाभा वक और भावकार बन जाती ह इस कार समय क साथ आकाशवाणी क काय म क व प म बदलाव क अन प भाषा और त त या न लखन म प रवतन क या भी जार रहती ह

1042 र डयो क भाषा

आप पढ़ चक ह क र डयो य मा यम ह और इसक सभी काय म सनकर हण कए जात ह और श द ह षण या का म य त व ह इस लए र डयो म भाषा का सबस अ धक मह व ह यह तो बताया ह गया ह क र डयो लखन म भाषा सरल और बोधग य होनी चा हए वा य छोट ह और नए वषय का वतन करत ह ए अप ाकत अ ात और तकनीक श दावल का य का य योग करन स बचना चा हए नए और अ च लत श द का योग य मा यम म वजनीय होता ह य क एक तो र डयो क ोताओ क नर र और कम पढ़- लख भी होत ह और दसरा श द

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एक बार नकल गया तो उस समझन क लए काय म को रवाइड करक फर स नह सना जा सकता इसक अलावा भाषा का तर काय म क वषय क अन प होना चा हए व श ट वषय या वशष ोता वग को सबो धत काय म म क ठन या तकनीक श द का य का य इ तमाल कया जा सकता ह य क उसक ोता उस वषय क जानकार होत ह कत समाचार वाताओ मनोरजन धान या सामा य ोताओ क लए सा रत होन वाल काय म म कसी नई अवधारणा या वचार को

खोल कर और सरल भाषा म समझा कर लखा या बताया जाना चा हए भाषा क व प को लकर कसी तरह क द वधा नह होनी चा हए र डयो क आदश भाषा का एक ह मापदड ह क वो सामा य ोताओ को समझ म आनी चा हए इसम उद अ जी या थानीय श द या उि तय का यथासभव योग कया जा सकता ह अ जी या उद-फारसी पजाबी मराठ बगाल गजराती जसी भाषाओ या हद क उपभाषाओ और बो लय क जो श द हमार सा ह य प -प काओ और बोलचाल म योग होन लग ह और सामा य लोग उ ह समझ लत ह उनक योग को बढ़ावा दना चा हए र डयो का मल धम ह वषय का षण र डयो का सारक न तो भाषा व ा नक ह न ह वयाकरण उसक लए भाषा का वह प वीकाय ह जो सीध जनता तक जाता ह पहल गाधी जी क वचारधारा क लए गाधीवाद श द का योग होता था एक फ म क ज रए गाधी गर श द लोग क जबान पर आ गया तो उसक योग म हचक नह होनी चा हए बि क यह श द नई पीढ़ को अ धक अपील करन वाला ह एक और उदाहरण ल सकत ह पहल अ जी क Accused श द क लए हद म अ भय त श द योग होता था पछल कछ वष स अखबार और ट वी चनल इसक लए आरोपी श द का इ तमाल करन लग ह और आम लोग न इस अपना लया ह तो र डयो क समाचार और अ य काय म म इसका इ तमाल कया जान लगा ह व वध भारती काय म स भाषा म लचीलापन और अनौपचा रकता का पट आन लगा था क त जब एफएम चनल क एकर या आरज लोग न नए अदाज म काय म तत करन श कए तो उनक सामन व वध भारती क भाषा और अदाज अब औपचा रक लगन लग ह वषय और काय म क व प क अन प ह उसक भाषा और त त म बदलाव लाकर ह हम सारण को जी वत रख सकत ह इस सदभ म अ सर यह पि त उ त क जाती ह ldquoिजस तरह त बोलता ह उस तरह त लख rdquo र डयो लखन या सारण क भाषा और शल क सदभ म यह पि त द प तभ क तरह हमारा माग दशन करती रहगी

1043 आधार स हता

आप जान चक ह क भारत म र डयो का म य सगठन आकाशवाणी सरकार नय ण म ह और उस लोक सारक का दजा मला हआ ह वह ससद और दश क जनता क त जवाबदह ह उस अपन काय म का नमाण और सारण करत ह ए वशष दा य व और मयादाओ को यान म रखना पड़ता ह य तो सभी सारण सगठन

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क लए कछ न तक और यवसाय स जड़ नयम व मयादाओ का पालन करना आव यक ह कत आकाशवाणी को इस दशा म वशष प स सावधान रहन क ज रत ह इस सबध म आचार स हता नधा रत ह िजसका ान होना र डयो क लए लखन और काय म का सपादन और सारण करन वाल क लए आव यक ह आकाशवाणी क लए लखन म न न ल खत बात स परहज रखना ज र ह- म दश क आलोचना कसी धम या स दाय वशष पर आ प कछ भी अ ल ल तथा मानहा न यो य हसा को ो साहन या ऐसा कछ जो कानन और यव था क खलाफ हो ऐसा कछ िजसस यायालय क अवमानना होती हो ऐसा कछ जो रा प त सरकार एव यायालय क मयादा क तकल हो राजन तक दल पर नाम लकर आ प कसी रा य अथवा क क आ ामक आलोचना ऐसा कछ भी जो स वधान क त अमयादा दखलाता हो र डयो लखन म समय का नय ण बह त मह वपण ह आलख नि चत समय क लए तयार कया जाता ह अत समय क सीमा म अपनी बात पणता क साथ कह जाना आलख क सफलता ह एक ह श द क बार-बार पनरावि त स बचना चा हए यह भी आव यक ह क वषय का तारत य न टट पाय

बोध- न - 1 1 र डयो अ य जनसचार मा यम स कस कार भ न ह helliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphellip helliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphellip2 र डयो लखन म कन बात का यान रखना आव यक ह helliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphellip helliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphellip3 र डयो काय म क भाषा पर स त ट पणी ल खए helliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphellip helliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphellip

105 र डयो लखन क आयाम र डयो स करोड़ ोताओ क लए काय म सा रत कए जात ह िजनक चया व वध और अलग-अलग होती ह ोता गभीर काय म चाहत ह तो कछ दलच पी ह क-फ क मनोरजन धान ो ाम म भी होती ह कई ोता सगीत को अ धक तरजीह दत ह तो अ य ोताओ

को खल काय म या फ मी काय म पसद आत ह कछ ोताओ को धम अ या म दशन क चचा अ छ लगती ह तो कछ लोग चटकल हा य सग या हसन सनकर आन दत होत ह इसी कार ोता कभी समाचार सनन क इ छक होत ह तो कभी सा हि यक काय म

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क लए र डयो ऑन करत ह इन व वध चय वाल ोताओ को सत ट करन क लए र डयो को उनक पसद क काय म सा रत करन पड़त ह इन सभी काय म का व प भाषा या त तकरण क शल एक समान नह हो सकती सभी वधाओ क लखन सपादन या

त तकरण म व श ट ोता वग क अप ाओ को यान म रखा जाता ह अब हम र डयो स सा रत मख वधाओ क काय म क लए लखन या का व लषण करग

1051 समाचार

समाचार कसी भी सारण सगठन का मह वपण अग होता ह आकाशवाणी क काय म म लोक यता क हसाब स सगीत क बाद समाचार का ह थान ह आकाशवाणी क ाइमर चनल तथा एफएम चनल पर त घट हद या अ जी म छोट-बड़ समाचार बल टन सा रत कए जात ह ाद शक क स ीय भाषाओ म और वदश क लए हद तथा अ जी क अलावा कछ भारतीय भाषाओ और वदशी भाषाओ क समाचार बल टन और समाचार पर आधा रत वाता काय म सा रत कए जात ह समाचार क बार म उ लखनीय बात यह ह क कछ अपवाद

को छोड़कर इनका सारण लाइव यानी सीध ट डयो स होता ह और इनम रकॉ डड साम ी बह त कम होती ह जब क अ य काय म अ धकाशत रकॉ डड होत ह इस लए समाचार लखन सबस अ धक चनौतीभरा काम ह य क इ ह त काल सा रत करना होता ह कई बार तो लखन क बाद इ ह दोबारा पढ़न का समय

नह रहता समाचार ाि त क लए र डयो अपन सवाददाताओ समाचार स म तय तथा अ य ोत पर नभर करता ह समाचार क म ट ल टर टल फोन क यटर फ स

आ द पर समाचार ा त होत रहत ह इन ा त समाचार म स सपादक मह वपण समाचार का चयन कर समाचार बल टन का आलख तयार करत ह िजस समाचार-वाचक पढ़त ह समाचार क भाषा क सदभ म कछ यान रखन यो य बात न न ल खत ह 1 भाषा सरल और आम आदमी क लए बोधग य हो 2 वा य छोट होन क साथ अ भ यि त उलझन भर न हो 3 च लत महावर का योग कया जाना चा हए 4 भाषा म नाटक य उतार-चढ़ाव नह बि क सहजता अप त ह समाचार सारण क अव ध नि चत होती ह जस एक पाच दस प ह या तीस मनट ऐसी ि थ त म समाचार का चयन करना और चय नत समाचार म स यह तय करना क समाचार को मखता क आधार पर या म दया जाए यह सब सपादक क ववक पर नभर करता ह अब समाचार म वशष नताओ तथा कसी घटना स भा वत लोग क साउड बाइट भी शा मल कए जात ह िजन पर समाचार क का अपना नय ण नह होता हा उनका आव यक सपादन कया जाता ह इन साउड बाइ स क भाषा सब धत

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लोग क अपनी होती ह िजनम कभी-कभी उ चारण दोष या अ जी का योग खलता ह कत इसस समाचार क व वसनीयता बढ़ती ह य क हम घटना क स चाई या उसक भाव क जानकार सब धत यि त क अपन मह स ा त करत ह इसी कार समाचार बल टन म घटना को कवर करन वाल सवाददाता क अपनी आवाज म वायस ड पच लए जात ह वायस ड पच य क सवाददाता वय तयार करता और बोलता ह इस लए उनम सरल और बोलचाल क भाषा रहती ह कभी-कभी ट डयो म बठा एकर या समाचार वाचक सीध घटना थल पर मौजद सवाददाता स

घटना क बार म फोन पर बात करता ह जो समाचार क साथ त काल सा रत हो जाती ह ऐसी बातचीत क भाषा भी सरल तथा बोलचाल क होती ह इन नए त व क इ तमाल स र डयो क समाचार बल टन बनाना ज टल अव य हो गया ह कत व सरल बोधग य और अ धक व वसनीय बन गए ह

1052 वाता

वाता र डयो सारण क व श ट वधा ह य समाचार आधा रत भी होती ह और सा हि यक सा क तक व ा नक व आ थक वषय क भी हो सकती ह समाचार पर आधा रत वाता क साथ साथ अब डायलाग या सवाद का सारण भी होता ह िजसम एक वशष स समाचार सपादक अथवा सवाददाता कसी ता का लक वषय पर अपनी बात करक उनस व तत जानकार लन का यास करता ह कभी-कभी दो वशष आपस म बातचीत क ज रए वषय क व भ न पहलओ का व लषण करक ोताओ तक नई जानकार पह चात ह कसी भी वाता क दो प होत ह- व ता और ोता वाताकार क पास अ भ यि त क लए मा वाणी ह और ोता क पास वण एक अ छ वाता क लए वाता को ोताओ स तादा मय था पत करना पड़ता ह ोताओ क मान सकता को अपन साथ बाध लना ह वाताकार क सफलता ह र डयो वाता को बोधग य बनान क सदभ म न न ल खत बात आव यक ह - वषय का रोचक होना प तक य ग य-शल क अप ा सहज और सजीव शल वचार को टात स समझाना वाता का वकास तकसगत र त स करना म य-म य बात पर वशष जोर दना क ठन श दावल स बचना सय त और म वा य स परहज करना बोलन क ग त सामा य रखना वाता लखना और तत करना एक कला ह लखन बह त अ छा हो और उस तत करन क शल ठ क न हो तो अ छा लख भी असरदार नह हो पाता ह इसी तरह कभी कभी मामल स आलख को भी वाचक असरदार बना दता ह अत लखन और

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वाचन दोन मलकर वाता को सजीव बनात ह वाताकार को ोताओ क साथ नकटता का भाव उ प न करना पड़ता ह वाताओ क कई कार ह कछ वाताय काय म वशष क लए तयार क जाती ह- जस यवाओ क लए म हलाओ क लए ब च क लए व या थय क लए कसान क लए इसक अलावा स मरणा मक और आ मकथा मक वाताए भी होती ह ऐसी वाताओ म कथात व भी होता ह जो ोताओ को बाधता ह

1053 प रचचा

प रचचा म कसी वषय पर बह प ीय चचा होती ह अत प रचचा वचार- वमश ह प रचचा का नयामक वषय और तभा गय का प रचय दकर वषयगत कसी एक न को एक तभागी पर उछाल दता ह और इस तरह प रचचा आर भ हो जाती ह य द अ य तभागी आव यक समझ तो व बीच म ह त प कर अपनी बात रख सकत ह हा नयामक प रचचा को आग बढ़ान म एक कड़ी का काय करता ह वह दसरा न अ य तभागी क सम रखता जाता ह इसम तीन स पाच तभागी भाग ल सकत ह इसस अ धक तभागी होन पर ोताओ क

मत हो जान क आशका रहती ह प रचचा म वषय स भटक जान क गजाइश भी रहती ह अत वषय को स पणता स तत करन एव वचार का सल सला बनाय रखन क लए तभा गय और नयामक को नो स बना लन चा हए य द तभा गय म सरलता और अ भ यि त म पनापन नह हआ तो प रचचा बजान और नीरस हो जाएगी

1054 सा हि यक रचनाए

आकाशवाणी सा ह य क सारण को ारभ स ह मह व दता रहा ह सा ह य मन य को स का रत करता ह और उनम उदा त चतना का सचार करता ह यह सह ह क अ धकतर ोता ह क-फ क काय म सनना पसद करत ह ल कन बड़ी स या म ऐस ोता भी ह जो सा हि यक रचनाए सनन को उ सक रहत ह र डयो स म यत क वता और कहानी का सारण होता ह

10541 कहानी

सा ह य म कहानी का जो प च लत ह वसा ह र डयो पर भी वीकत ह र डयो कहानी म आचार स हता का यान रखा जाता ह कहानी म व णत घटना थान यि त ववादा पद न ह यावसा यक व तओ क नाम आ द स भी बचा जाए जस कहानी का नायक य द कसी व त का उपयोग करता ह तो उस व त का नाम कसी ड-नम क प म न लखा जाए च क र डयो कहानी का वण बह स यक ोताओ वारा होता ह और एक ह प रवार क ब च बढ़ जवान म हलाए एक साथ

र डयो कहानी सन सकत ह अत र डयो कहानी म अ ल लता या उ ी त वासना क कतई गजाइश नह होती

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र डयो कहानी सरल और सबोध भाषा क अप ा रखती ह कहानीकार अपनी बात सीध सरल और रोचक ढग स कह न क घमा फराकर नह तो ोता बोधग यता और रोचकता क अभाव म व ता क साथ तादो मय नह कर पाएग हा उसम नाटक यता अव य होनी चा हए तभी वह सनन म रोचक हो सकगी

10542 क वता

सा ह य म क वता का मख थान ह र डयो उसक अ भ यि त का सश त मा यम रहा ह सन 1954 क बाद जब स म ानदन पत ह रवश राय ब चन अ य दनकर जी और नागाजन जसी महान वभ तया र डयो स जड़ी तो सा ह य क ग रमा स भरा क वताओ का एक सलाब सार क प म बहा जो आज भी बहता रहता ह इसक साथ र डयो समय-समय पर क वताओ क लए नए क वय को भी आम त करता ह का यपाठ और क व गो ठ क प म क वताओ का सारण होता ह गणत दवस पर सवभाषा क व स मलन आयोिजत कया जाता ह िजसक रकॉ डग आकाशवाणी क सभी क रल करत ह ाय दखा जाता ह क क व स मलन म पढ़ गई क वता जो मच पर रकॉड क

जाती ह उसका बड़ा अश स पा दत होकर ह सा रत हो पाता ह यह कारण ह क अनक ववाद क कारण दस म स चार क वताए ह छटकर र डयो म पढ़न लायक होती ह सारणकता का सा ह य ान स स प न होना अप त ह

1055 हसन

हसन या झलक हा य- य य धान वधा ह य द र डयो क वजनाओ को यान म रखत ह ए हा य- य य वाता का लखन कया जाए तो नि चत ह यह र डयो क असरदार शल ह र डयो क लए लख जान वाल हा य- य य क लए न न ल खत बात यान दन यो य ह - वषय ऐसा चना जाए िजसस कसी जा त यि त स दाय आ द क भावनाओ

को चोट न पह च भाषा और महावर क योग म अ ल लता और फहड़पन स बचा जाए वषय ऐसा हो िजसका आन द समाज का वशाल वग ल सक उपमा और पक इस कार यवहार म लाय जाए क उ ह सवसाधारण ज द

और अ छ तरह समझ सक साम यक वषय पर हा य- य य अ धक कारगर होता ह झलक लखन म कथाव त च र एव सवाद का बह त मह व ह कथा व त क लए लखक को कह भटकना नह पड़ता न ह पो थय म डब कया लगानी पड़ती ह वह तो रोजमरा क जीवन म अपन आसपास मल सकती ह समाज म आपको पग-पग पर वदषक मल सकत ह और उनक अटपट कायकलाप अब भी चलत ह

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झलक म सवाद बड़ पन और च त होत ह सवाद म हा य- य य का पट हो िजसस ोताओ का भरपर मनोरजन हो सक इतना सब होत ह ए भी झलक उ य र हत

नह होती वह समाज म फल कर तय पर चोट करती ह

1056 र डयो पक

पक र डयो क अपनी वधा ह पहल बार जॉन गयसन न 1926 ई म डा यम श द का योग पक क साथ कया था िजस ह द म आलख- पक कहा जाता ह जॉन गयसन क अनसार यह जीव त य और जी वत त य का फोटो ाफ ह समाचारप एव प काओ म का शत होन वाल पक स र डयो पक बलकल भ न ह यह वाता तथा नाटक स भी भ न ह वाता म सपाट बयानी होती ह पक म सपाट बयानी क साथ नाटक यता भी होती ह नाटक म मा नाटक यता होती ह पक म नाटक यता क साथ सपाट बयानी होती ह पक त याधा रत होता ह नाटक क पना-आधा रत पक क त यपरकता ोता क तक को बाधती ह और उसम य त नाटक क त व सवदना को र डयो पक म त य क कथा-ज र ह जो ोता को बाधती ह क त इस कथा-त व का योग बड़ कला मक ढग स कया जाना चा हए वषय चयन तो कछ भी हो सकता ह पक क भाषा अ य त सधी ह ई सरल सकोमल भाव स स प न ग रमामयी व सगानसार होनी चा हए पक म व न और सगीत का बड़ा मह व ह िजसस भाव

और वातावरण न मत होत ह र डयो पक का व तत ह पक आलख वाचन क लए ाय दो नरटर लए जात ह एक नार वर दसरा प ष वर इसस पक म एकरसता नह आती तथा रोचकता बनी रहती ह ना य अश या कसी

अनगिजत वर क लए अ य आवाज का भी इ तमाल कया जाता ह

1057 र डयो नाटक

र डयो नाटक सारण क एक सश त वधा ह इसक अतगत मचीय और सा हि यक नाटक को र डयो नाटक म पातरण भी कया जा सकता ह और वत प स र डयो नाटक भी लख जात ह दसर वधा का सारण सरल और अ धक भावकार माना गया ह र डयो नाटक क कछ सीमाए भी ह पहल सीमा यह ह क वह कवल माइक पर नभर करता ह माइक ह उस जीवन दता ह दसर सीमा यह ह क यह कवल श द को मा यम बनाता ह ोताओ को बाधन क लए यहा पर य कवल वण करन क लए श द ह तीसर सीमा यह क र डयो का ोता एका चत होकर नह बठता न ह कोई बठकर उसका इ तजार करता ह अ य काय म लग रहकर ह ाय ोता र डयो सनत ह

य द र डयो क सभावनाओ पर गौर कर तो इसन थान काल आ द क सीमाए लाघ डाल ह एक ह पा अनक थान भ न- भ न समय म सवाद बोलता हआ तत

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कया जा सकता ह र डयो नाटक अ धकतर सम या मलक होत ह जो आज समाज म या त कर तय वक तय का पदाफाश करत ह

106 सगीत क लए लखन सगीत र डयो क सबस सरल और लोक य वधा ह आकाशवाणी न भारत क शा ीय सगीत को जी वत रखन और उस जन-जन तक पह चान म उ लखनीय भ मका नभायी ह सगम सगीत और फ मी सगीत क ोता भी करोड़ क स या म ह आकाशवाणी क कल सारण समय का सबस अ धक ह सा सगीत को सम पत ह एफएम चनल तो पर तरह सगीत का ह वशषकर फ मी सगीत का सारण करत ह सगीत सर और वा य का खल ह इस लए इसम लखन क गजाइश बह त कम रहती ह कवल सगीत क काय म क त त और सगीत क घरान राग या सगीतकार क प रचय आ द क लए लखन होता ह इसक अलावा सगीत क वशष काय म गीतमाला सगीत तयो गताओ अ या र काय म आ द क लए एकर और ततकता को आलख तयार

करन पड़त ह या मौ खक प स त त दनी होती ह

1061 गीतमाला

कसी वशष काय म म कसी खास वषय अवसर या राग क गीत क त त गीतमाला कहलाती ह इस तरह क काय म र डयो क सभी चनल स सा रत होत ह और य बह त लोक य ह य क इसम गीत बखर ह ए न होकर एक स म बध रहत ह इसम व भ न गीत का प रचय दन और उ ह पर पर जोड़न तथा पर काय म को समि वत प स एक इकाई क प म तत करन क लए आलख तयार कया जाता ह य आलख नरशन क प म भी हो सकत ह और कथा प म भी इसक लए सगीत क गहन ान क साथ-साथ भाषा का अ छा अ धकार होना ज र ह ऐस सरस आलख म कछ अश ना य अश क प म भी रहता ह कसी वशष भाव को चरम सीमा तक अनभत करान क लए बीच बीच म फ मी गीत सनवाए जात ह य गीत भी उसी भाव भ म पर आधा रत होत ह िजन भाव को आलख म परोया गया ह ऐस काय म जीवन क मधर भावप को कट करत ह अत इनक भाषा बड़ी सरस और चताकषक होना ज र ह यवा वग क ोताओ म यह वधा बह त लोक य ह

1062 गीत भर कहानी

गीत भर कहानी व तत र डयो कहानी ह ह फक कवल इसक ततीकरण म न हत ह र डयो कहानी क त त म जब य अनभव कया गया क कभी-कभी ोता कछ सी मत वषय पर कहानी सनत-सनत अपना मानस बो झल महसस करन

लगत ह तो खासकर यवा मानस को इस वधा क साथ रोचकता क ढग स जोड़न का यास कया गया

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गीत भर कहानी क कथानक म बीच-बीच म कसी भाव को भावी बनान क लए कोई फ मी गीत बजा दया जाता ह इस तरह गीत सनवाए जात ह और साथ ह कथानक भी चलता रहता ह गीत क चयन म सावधानी अव य चा हए य क भाव वशष स गीत का गहरा सबध ह कथानक क भावभ म और गीत क भावभ म एक ह हो िजसस भाव ोता क मन को गहराई तक छए इस काय म क भाषा बह त मधर और सहज अ भ यि त भर होनी चा हए कोई भी ोता सगीत क फहार म भीगन क बाद नीरस आलख क अ भ यि त वीकार नह कर पाएगा व तत यहा सगीत क साथ भाषा क चनौती लखक को वीकार करनी पड़ती ह वा य सीध और सरल ह कोई बात घमा फरा कर न कह जाए नह तो ोता का भाव-तादा मय टट सकता ह इसम ना य अश का भी योग कया जा सकता ह जस कथानक म दो पा क कथा बढ़ती ह तब ना य अश क प म उन दो पा क थोड़ी सी झलक दन क लए तत कर दया जाता ह ता क भाव वशष पा और सवाद क साथ जीवत एव भावी बन सक

1063 सगीत सभाए

आकाशवाणी क क त वावधान म समय-समय पर सगीत सभाओ का आयोजन कया जाता ह इस आयोजन क म यत दो उ य होत ह- पहला यह क ोता र डयो काय म स य प स जड़कर आन द का अनभव कर और र डयो क त उसका अपन व जा त हो दसरा इन सभाओ म भ न- भ न आच लक स क तय का सगम होता ह दश क भ न- भ न क स यहा कलाकार आम त कए जात ह जो ीय भाषा म भजन लोकगीत गजल आ द तत करत ह कला और स क तय क इस सरस समागम म ोता भारत क रा य एकता का दशन करत ह य आयोजन अवसर वशष क अनकल होत ह िजस सावनी स या होल सगीत सभा लोक भजन क सगीत सभा सगम सगीत सभा शाम गजल या क वाल आ द इन सगीत सभाओ का सचालन बड़ ह कला मक और सरस ढग स कया जाता ह ता क उपि थत ोता म म ध होत ह ए काय म त त स जड़ सक इसक लए व धवत आलख तयार कया जाता ह आर भ म काय म का प रचय और आग तक ोताओ का अ भन दन कया जाता ह इसक बाद सगीत सभा क प रचया मक भ मका अ त थ कलाकार का प रचय दया जाता ह

यक गीत गायन स पहल गीत क भावभ म और कलाकार का प रचय दया जाता ह बीच-बीच म सगीत त तय और कलाकार क वशषताए बतात ह ए ोताओ क साथ तादा मय बनाए रखना होता ह ऐस आलख क लखन व त तकरण क लए सगीत क अ छ समझ और भाषा पर पकड़ क आव यकता ह

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107 उ घोषणाए र डयो म उ घोषणा और काय म का अ भ न सबध ह काय म सनन क च ोताओ म उ घोषणा सनकर ह जागत होती ह उ घोषणा िजतन रोचक ढग स क जायगी ोता उतन ह सनन क लए आकल हो जाएग एक ह बात को अलग-अलग उ घोषक अपनी शल स असरदार बना दत ह अत उ घोषणा क लए अ छा वर सध ह ए अथपण श द और साफ-साफ उ चारण होना आव यक ह उ घोषणा म कछ बात ज र होती ह जस- कौन सा क ह काय म कौन सा ह समय क साथ य द कोई वशष सचना ह एक अ छ उ घोषणा म सचना उ सकता और रोचकता तीन गण पाए जात ह उ घोषक या उ घोषणा लखक इन तीन बात को कछ वा य म परो लता ह

1071 सचनाए

र डयो पर सचनाए नधा रत काय म क बीच म कसी भी समय सा रत कर द जाती ह आपन कभी-कभी र डयो पर सना होगा- अगल काय म सनन स पहल एक सचना स नए ाय कसी न कसी काय म क बाद म एकाध मनट शष बच ह जाता ह इस समय का सदपयोग मह वपण सचनाओ क प म होता ह य सचनाए कभी काय म सबधी होती ह तो कभी कसी वशष घटना क सबध म और कभी खोए ह ए यि त क सबध म य द धानम ी या रा प त का सदश रा क नाम सा रत होन वाला ह तो स चत कया जाएगा- आज रा आठ बज रा क नाम धानम ी का सदश सा रत कया जाएगा एफएम चनल पर मौसम फक पर ा प रणाम सा क तक आयोजन आ द क ताजा सचनाए सनाई जाती

ह इन सचनाओ म िजस बात क जानकार द जाती ह उसका प ट वणन और उ य स त म लखा जाता ह आलख क भाषा ऐसी होती ह जो आम आदमी क लए बोधग य ह कसी क स जब कोई नया काय म ार भ कया जाता ह तो उसक भी पव सचना ोताओ को द जाती ह ऐसी सचनाओ म काय म का स त प रचय भी होता ह कभी-कभी सीध माइक पर ह जाना होता ह और ल खत आलख तयार नह हो पाता इसक भाषा सरल और आम बोलचाल क होनी चा हए

1072 सदश

वशष अवसर पर दश क गणमा य यि त समाज और रा को स बो धत करन क लए अपन सदश सा रत कया करत ह ऐस सारण रा य सकट या रा य पव क अवसर पर भी कए जात ह य सदश सभी वग क लोग क लए होत ह आम आदमी इसस स ब होता ह सदश म बात स प म कारगर ढग स कह जाती ह सकटकाल क ि थ त म सबोधन क भाषा भावना मक सा वना भर अपन व स ओत ोत होना ज र ह इसका यय जन मन म साहस का सचार करना होता ह ल कन रा य अवसर पर सदश

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उ लासपण भावना स भर होत ह हा सदशदाता को समयानसार सदश क भाषा को वर म ढालना होता ह भावनाओ को न छ पान क ि थ त म सदश बजान हो जाता ह यह काय क ठन अव य ह इसम बड़ी सावधानी क आव यकता ह उपरो त बात को यान म रखत ह ए जब आलख तयार कए जाए तो सदशदाता क यि त व क ग रमा को भी यान म रखना होगा

1073 लोगन ोमो

सारण म समय का बह त बड़ा मह व होता ह यह कारण ह क अलग-अलग काय म का समय और म नि चत होता ह समय क इस नधारण को चक कहा जाता ह य द कसी काय म क लए दस म नट समय नधा रत होता ह तो काय म नौ म नट का रकाड कया जाता ह य क उ घोषणा क लए एक म नट छोड़ दया जाता ह फर भी पहल स रकाड कर लय काय म कभी-कभी टप डक म पीड-व रएशन होन क कारण नि चत समय स कम हो जाता ह या बढ़ जाता ह तब बच ह ए समय क प त क लए लोगन या नार का योग बह त उपयोगी होता ह जरा सो चए आप काय म सन रह ह और काय म क समापन क उ घोषणा क बाद पाच दस सक ड का पाज आय तो नि चत ह आपको यह खाल पन अखरगा य द इस खाल समय को भरन क लए यिजक फलर का इ तमाल कया जाए जसा क कभी-कभी कया जाता ह तो भी वह नरथक योग ह अत लोगन का इ तमाल सो य और साथक होता ह नारा इतना सहज और बोधग य हो क सनत ह ोता को याद हो जाए इसम बोल-चाल क भाषा अ धक कारगर स होती ह एक छोटा सा नारा य द असरदार ह तो ल ब भाषण स यादा अपील करगा यह कारण ह क एक नारा हमार स पण वचारधारा योजना उ य आ द को य त कर दता ह लोगन क तरह ोमो भी कभी-कभी फलर क तरह और कभी-कभी योजनाब

तर क स सा रत कए जात ह ोमो एक तरह का आत रक व ापन होता ह िजसम चनल या क क अपन कसी काय म या वय चनल का प रचय और वशषताए चारा मक ढग स रकाड रहती ह इस अथपण श द सगीत और व न क म ण

स रोचक और भावशाल बनाया जाता ह नजी चनल म ोमो धड़ ल स बजाए जात ह इनम यह यान रखा जाना चा हए क य त य स पर और अ त योि तपण न ह

बोध- न -2 1 समाचार लखन म या- या सावधा नया बरतना आव यक ह helliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphellip helliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphellip2 र डयो आचार स हता या ह

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108 साराश इस पाठ म हमन आपको र डयो सारण क उ य को प ट करत ह ए र डयो क व भ न वधाओ क लए लखन और ततीकरण स जड़ पहलओ क जानकार द आकाशवाणी लोक सारण सगठन ह इस लए इसक काय म क लखन म अनक मयादाओ का पालन करत ह ए

कई तरह क सावधा नया बरतनी पड़ती ह य मा यम होन क कारण काय म क भाषा सरल बोधग य और तर त समझ म आ जान वाल होनी चा हए यह भी बताया गया ह क समाचार लखना सबस चनौतीपण काय ह

109 कछ उपयोगी प तक 1 भारतीय इल ॉ नक मी डया - डॉ दवद त सह भात काशन द ल 2007 2 समाचार अवधारणा और लखन या - सभाष ध लया एव आनद धान स पा

भारतीय जनसचार स थान नई द ल 2004 3 र डयो सारण - कौशल शमा तभा त ठान नई द ल 2004 4 सारण प का रता - डॉ सरश यादव म य दश ह द थ अकादमी भोपाल 2004 5 ाइम रपोटर - हषदव भारतीय जनसचार स थान नई द ल 2005 6 इल ॉ नक मी डया लखन - ो रमश जन मालद प पि लकश स नई द ल 2004

1010अ यासाथ न 1 जनसचार मा यम क प म र डयो क व श टता का व लषण क िजए 2 र डयो लखन क व वध आयाम तथा परपरा का वणन क िजए 3 र डयो क व भ न वधाओ म समाचार लखन सबस चनौतीपण काय ह इस कथन क

समी ा क िजए 4 र डयो नाटक और र डयो पक म अतर प ट क िजए 5 र डयो लखन म भाषा क मह व पर स त नबध ल खए 6 सा हि यक रचनाओ क र डयो त त पर काश डा लए 7 र डयो सारण म सगीत क मह व को रखा कत करत ह ए इसक काय म लखन और

त तकरण क सभावनाओ का ववचन क िजए

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इकाई-11 टल वजन समाचार लखन

इकाई क परखा 110 उ य 111 तावना 112 टल वजन समाचार का मह व 113 भारत म टल वजन समाचार का इ तहास

1131 दरदशन समाचार 1132 नजी समाचार चनल

114 टल वजन समाचार लखन 1141 समाचार क सरचना 1142 घटना म 1143 च ा मकता 1144 स तता 1145 भाषा क सरलता 1146 अनवाद

115 टल वजन समाचार बल टन 1151 व प और या 1152 म नधारण 1153 म य समाचार 1154 लश 1155 परक समाचार

116 टल वजन समाचार क या मक त व 1161 मवी च 1162 लाइ र फाइल च 1163 ि टल फोटो 1164 सीजी (कर टर जनरशन) 1165 ा फ स और एनीमशन 1166 लॉगो

117 व या मक त व 1171 साउड बाइट 1172 वायसका ट 1173 लाइव ड पच 1174 फोन-इन 1175 पीस ट कमरा

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118 साराश 119 उपयोगी प तक 1110 अ यासाथ न

110 उ य इस पाठ को पढ़न क बाद आप

आज क यग म टल वजन समाचार क मह व और भारत म टल वजन समाचार क इ तहास क जानकार पा सकग

टल वजन समाचार लखन क या और उसक व भ न प को समझ सकग टल वजन समाचार क सरचना और उसक ब नयाद वशषताओ क बार म जान सकग समाचार बल टन क व प क जानकार पा सकग टल वजन समाचार क च ा मक और व या मक त व को समझ सकग टल वजन समाचार क मौजदा चनौ तय क बार म जान सकग

111 तावना समच व व म सचार मा यम क म अभतपव ग त और ा त क इस दौर म सचना एक शि त क प म उभर ह जनसचार मा यम सम सामािजक और आ थक वकास क अ नवाय साधन और मापदड बन चक ह जनसचार मा यम क प म सबस पहल ट मी डया यानी प -प काओ का पदापण हआ ल कन पछल सद क पवाध म इल ॉ नक मी डया क उदय क उपरात द नया कर ब आ गई ह उप ह सचार णाल न तो टल वजन और र डयो सदश को एकदम सवसलभ बना दया ह इटरनट न ान और सचना णाल का व प ह बदल दया ह टल वजन य तो म यतया मनोरजन का मा यम रहा ह कत सचना और समाचार क मा यम क प म भी इसक भ मका कम उपयोगी नह ह 24 घट क समाचार चनल तो कसी भी मह वपण घटना क न कवल त य को बि क उसस जड़ अ य पहलओ तथा उसक अतीत क साथ-साथ उसक सभा वत प रणाम क अनमान भी हमार सामन त काल तत कर दत ह आतकवाद घटना हो या कसी उप ह या अत र यान को छोड़ना सम क गभ म होन वाला पनड बी य हो या आकाश क ऊचाइय म हो रहा हवाई य सकट म फस कसी यि त या ब च क सहायता का अ भयान हो अथवा रता क घ णत

य य सभी त य स च प म त काल हम तक पह च जात ह टल वजन समाचार सारण इतना आग बढ़ आया ह क हमार दश म भी जहा टल वजन और टल वजन समाचार क या ा इतनी लबी नह ह समाचार क व प ामा णकता और सामािजक औ च य पर न उठन लग ह नजी समाचार चनल क बीच बढ़ती होड़ क कारण समाचार भी बकाऊ व त का प लता जा रहा ह हद क अ धकतर ट वी समाचार चनल पर व ापन लोलपता और धन कमान तथा एक दसर स आग बढ़न क अधी होड़ म समाचार क मयादाओ का उ लघन करन क आरोप लगन लग ह यहा तक क उनक नय ण और नयमन क लए कसी तरह क काननी या आत रक नयमन यव था तक ह माग होन लगी ह यह ि थ त टल वजन समाचार क लोक यता और मह व क भी प रचायक ह इस लए टल वजन

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समाचार क लखन और त त क स ा तक और यावहा रक प का गहन ववचन और व लषण आव यक हो गया ह

112 टल वजन समाचार का मह व आपन पढ़ा क टल वजन आज क यग म सचना और समाचार का एक सश त मा यम ह आप यह भी कह सकत ह क टल वजन सचना का सबस अ धक भावशाल मा यम ह इसका सबस बड़ा कारण यह ह क य और य मा यम होन क कारण भारत जस दश म जहा अब भी करोड़ लोग नर र या कम पढ़- लख ह यह मा यम सबस अ धक भावकार ह इस दखन क लए श त या सा र होन क आव यकता नह ह फर हर खबर च और शाि दक यौर क साथ उपल य होन क कारण इस समझना सरल होता ह साथ ह टल वजन समाचार र डयो स सा रत या अखबार म छपी खबर क तलना म अ धक रोचक और आकषक होत ह टल वजन स नल उप ह क ज रए ा त होन स इनक गणव ता काफ अ छ रहती ह उप ह सचार णाल क कपा स व व क कसी भी ह स म होन वाल घटना क च ण म उपल ध हो जात ह भारत म टल वजन क अ धकतर चनल नजी सारक या कप नय वारा सचा लत होत ह इस लए इनक समाचार का चयन और ततीकरण दरदशन स भ न ह कबल नटवक और डायर ट द होम यानी डीट एच

ट नोलोजी क बदौलत उपभो ता चाह िजतन चनल अपन ट वी सट पर दख सकत ह िजसस दशक क पास वक प मौजद ह इटरनट पर उपल ध हो जान स कसी भी चनल क समाचार जब चाह दख-सन जा सकत ह इन सभी पहलओ क चलत टल वजन समाचार र डयो और अखबार क मकाबल अ धक रोचक आकषक और भावशाल ह तथा अ धक व रत प स दशक तक पह चत ह

113 भारत म टल वजन समाचार का इ तहास एक मा यम क प म टल वजन का अवतरण अमर का और यरोप म 20वी शता द क पवाध म हो गया था ल कन भारत म टल वजन क श आत बह त छोट तर पर 15 सतबर 1959 को ह ई उस समय कवल एक घट का काय म द ल और उसक आसपास क क लए सा रत कया जाता था और टल वजन आकाशवाणी का ह एक अग था दरदशन क नाम

स अलग स टल वजन सगठन 1976 म बना टल वजन समाचार क सारण क श आत 1965 म ह ई तब रात को कवल 10 मनट का एक हद बल टन तत कया जाता था जो आकाशवाणी म ह तयार होता था 1972 म म बई और उसक बाद कोलकाता तथा अ य शहर म टल वजन क खलन स ीय भाषाओ म भी समाचार दए जान लग दरदशन सचना और सारण म ालय क अग क प म काम करता ह इस लए इस पर आरोप लगता रहा ह क इसम कवल वह समाचार दखाए जात ह जो शासक प या सरकार को पसद ह समय-समय पर इस नगम का प दकर वाय त बनान क भी यास ह ए क त मोट तौर पर दरदशन सरकार का ह मा यम बना रहा 1991 म दश म आ थक सधार तथा उदार करण क हवा चल तो टल वजन क म भी नजीकरण आया और कछ सगठन को दरदशन पर अपन समाचार बल टन तथा सम साम यक वषय क काय म सा रत करन क अनम त

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द गई कबल ट वी आन क बाद नजी सगठन को भी अपन चनल चलान और समाचार सा रत करन क छट मल 1995 क बाद अलग स समाचार चनल भी काम करन लग

इस समय दरदशन क समाचार चनल और अनक ीय समाचार इकाइय क साथ-साथ लगभग 75 नजी समाचार चनल चल रह ह जो हद अ जी और ीय भाषाओ म खबर और समाचार पर आधा रत काय म सा रत कर रह ह

1131 दरदशन समाचार

आपन पढ़ा क दरदशन क समाचार का सारण 1965 म ारभ हआ उस समय 10 मनट का कवल एक समाचार बल टन हद म सा रत होता था तब समाचार म य साम ी बह त कम रहती थी असल म टवी बल टन पर तरह र डयो बल टन क ह तरह बनाए जात थ और िजन समाचार क बार म वजअल यानी फ म ि ल पग उपल ध होती थी उनक साथ फ म सपा दत करक दखा द जाती थी आज क तरह साउड बाइड वायसका ट तथा अ य स वधाए नह थी समाचार वाचक बल टन पढ़ता था और दो-तीन समाचार क लए फ म या ि टल फोटो दखा दए जात थ दरदशन समाचार म वा त वक नखार 1982 म आया जब टल वजन रगीन हो गया और रा य चनल का स पात हआ तब द ल स हद और अ जी म 20-20 मनट क रा य समाचार बल टन का सारण श हआ िज ह अ य क भी सा रत करत थ कछ क स ाद शक समाचार भी सा रत होन लग यह भारत म ट वी समाचार क पहल अगड़ाई थी तभी टल वजन समाचार बल टन का व प भी बदला और उसम रोचकता व वधता और गभीरता का समावश हआ 1987 तक दरदशन स रात को ह समाचार सा रत कए जात थ 23 फरवर 1987 को ातःकाल न रा य बल टन और 26 जनवर 1989 को दोपहर का समाचार बल टन श हो गया य दोन बल टन हद और अ जी म थ और इनक अव ध 10 मनट थी इनक अलावा ससद क अ धवशन क दन म ससद समाचार भी सा रत कए जान लग 3 नव बर 2003 को दरदशन स 24 घट क समाचार चनल का शभारभ हो जान क बाद स सबह स शाम तक 5 10 15 और 30 मनट क बल टन सा रत होत रहत ह इसक अलावा आ थक समाचार खल समाचार ससद समाचार तथा कभी-कभी वशष बल टन और वाताए भी सा रत क जाती ह बीच-बीच म साम यक वषय पर चचाओ और भटवाताओ का भी सारण होता रहता ह इस कार 1965 स 1981 तक दरदशन समाचार का नि य काल था तो 1982 स

1995 तक का समय उसका स य या वण यग था

1132 नजी समाचार चनल

आपन पढ़ा क पछल सद क अ तम दशक म उदार करण क या क स पात क बाद अथ यव था क तरह जनसचार क म भी खलापन और उदार वातावरण

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छान लगा इसका भाव समाचार सारण पर भी पड़ा जसा क आपन पढ़ा ारभ म नजी सारक दरदशन स ह अपन समाचार काय म सा रत करत थ आज क एन डी ट वीrsquo और आज तक चनल न अपनी आख दरदशन क गोद म ह खोल थी धीर-धीर अ य उप ह चनल स आ शक प स समाचार का सारण होन लगा बीसवी सद क अ तम वष म वत समाचार चनल अि त व म आ गए जो कवल खबर और समाचार आधा रत काय म क सारण को सम पत ह इसस हद समाचार क लोक यता बढ़न लगी और समाचार और समाचार बल टन क व प उ य और सरचना म तजी स बदलाव आ गया दरदशन क समाचार क व प म भी तदन प प रवतन आया कत उस वो आजाद और खलापन उपल य नह ह जो नजी उप ह चनल क पास ह दरदशन य क लोक सारक क भ मका भी नभाता ह इस लए उस सनसनीखज और उ तजक समाचार स बचना पड़ता ह और अपन सामािजक सवधा नक और राजनी तक सरोकार क भी चता करनी पड़ती ह दसर ओर तकनीक और ततीकरण क ठ श लया अपनान क बावजद 75 स अ धक उप ह ट वी समाचार चनल अपनी ोफशनल िज मदा रय और मयादाओ क उप ा करत ह ए कवल शहर और सप न वग क हत और च क अन प समाचार सा रत करन लग ह और समाचार सगठन क प म अपन दा य व नभान क राह स भटक गए ह यह ि थ त आदश समाचार सारण क ि ट स सोचनीय ह य चनल वा त वक समाचार चनल न रहकर ट आरपी बढ़ान क उ य स नकारा मक मनोरजक फहड़ और स त काय म क सारण पर उतर आए ह य समाचार क नाम पर त -म और जाद-टोन क खबर पा रवा रक कलह क क स लतीफ-चटकल और फ मी क स-कहा नय व अधन न व फहड़ नाच-गान पर आधा रत काय म परोसकर समाचार क ग रमा गरा रह ह

बोध न - 1 1 टल वजन समाचार का या मह व ह helliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphellip helliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphellip 2 भारत म टल वजन समाचार क या ा का स त यौरा द िजए helliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphellip helliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphellip 3 दरदशन और नजी चनल क समाचार म या अतर ह helliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphellip helliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphellip

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114 टल वजन समाचार लखन आपन पढ़ा क टल वजन मा यम क अखबार और र डयो स भ न होन क कारण इसक समाचार का व प और सरचना भी इन दोन मा यम क समाचार स भ न होती ह य मा यम होन क चलत जहा इसम श द क भ मका अप ाकत कम ह वह भाषा को सरल और सबोध रखना आव यक ह य क इस नर र और अ प श त लोग भी दखत-सनत ह समाचार का म य ोत सवाद एज सया ह जो ाय अखबार क आव यकता को यान म रखकर समाचार तयार करती ह इन समाचार को टल वजन पर सारण यो य बनान क लए इनका यापक सपादन कया जाता ह और इ ह उपल ध च और व न साम ी क अन प ढाला जाता ह यहा यह प ट कर दना ज र ह क टल वजन क लए समाचार लखन स ता पय कवल आलख लखन स नह बि क समचा समाचार यानी यज आइटम तयार करन स ह हम इस समाचार लखन क बजाय समाचार रचना भी कह सकत ह इसक अग ह आलख यानी भाषा च और व न इन तीन म साथक और रोचक सम वय और सतलन ह टल वजन समाचार का सार ह यह आकर टल वजन समाचार सपादन क कला सामा य समाचार सपादन स भ न हो जाती ह

1141 समाचार क सरचना

जसा क हम ऊपर बता आए ह क वह सपादक या प कार टल वजन क लए सफल सवाद रचना कर सकत ह िज ह भाषा शल पर अ धकार क साथ-साथ उपल ध

य साम ी तथा त य क मब ता क स ा तक जानकार यावहा रक अनभव एव आ म व वास होगा आप जो कछ च क मा यम स दखाना चाहत ह वह आपको श द क मा यम स कहना भी होगा समाचार का आमख घटना क मवार यौर तथा अ य सब धत जानकार को च क म क मता बक लखा जाता ह इसी कार च को समाचार क माग क हसाब स सपा दत कया जाता ह च और श द दोन म िजतना अ धक सम वय होगा समाचार उतना ह भावशाल होगा टल वजन म कसी घटना क पर समाचार को पकज कहा जाता ह इसस आशय यह ह क इस पकज म सबस पहल तो एकर समाचार को क करता या करती ह इसक बाद वाइस ओवर क साथ वजअ स आत ह लोग भी बाइ स होती ह और सवाददाता वय घटना थल स रपोट दता ह िजस पीस-ट-कमरा कहत ह

1142 घटना म

अखबार या र डयो क लय समाचार लखत समय यह स नि चत करना आव यक नह होता क कसी घटना को उसी म म ल पब कया जाए िजस म म वह घट ह परत ट वी क लए समाचार बनात समय ऐसा करना सामा यतया आव यक होता ह बाद क बात को पहल दखाना अजीब लगता ह उदाहरण क लए कसी

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क म य हो जान पर अ तम स कार को पहल तथा पा थव शर र पर प प मालाय चढ़ान का य बाद म नह दखाया जा सकता इसी कार कसी नता या म ी को भाषण दत ह ए पहल दखाकर उस काय म क उ घाटन क लए द प जव लत करत ह ए बाद म दखाना अटपटा लगगा भाव यह ह क समाचार का वणन मश होता ह जब क र डयो अखबार म मह व क अनसार घटना का म रखा जा सकता ह स प म कह सकत ह टल वजन समाचार या हआ कस हआ और आग या होन जा रहा ह यह टल वजन समाचार क सरचना ह

1143 च ा मकता

यह वशषता ट वी समाचार को अ य मा यम स एकदम पथक व प दान करती ह जहा अ य मा यम क समाचार म आव यक सचनाओ को उनक मह व क आधार पर शा मल करना आव यक ह वहा ट वी समाचार म श द का कम स कम इ तमाल करक च को बोलन का अवसर दना अ छ सपादन कला का ल ण ह इस लए समाचार लखत समय उसक उन अश को अ धक उजागर कया जाता ह िजनम च का इ तमाल करन क सभावनाए ह टल वजन समाचार म च का मख थान ह जब क श द सहायक भ मका नभात ह य द कसी रपोट या मा भाषण

आ द का ऐसा समाचार हो िजसक बार म कोई भावशाल फ म अथवा कमरा कवरज उपल ध न हो तो उस घटना क प ठभ म स सब धत कसी परानी फ म का इ तमाल करक श क समाचार को च मय बना दया जाता ह यह नह जब कसी घटना का च त काल उपल ध न हो सक तो उस यि त या घटना का कोई आकाइव च दखाकर उस च ा मकता दान क जा सकती ह उदाहरण क लए ऊजा स जड़ स मलन का समाचार दखात ह ए ऊजा क उ पादन वतरण तथा उपयोग स सब धत च दखाए जा सकत ह इ ह फाइल या लाइ र च भी कहा जाता ह

1144 स तता

जसा क ऊपर बताया गया ह टल वजन क समाचार म च बोलत ह अत समाचार क आलख एकदम स त होन चा हय य क अ धक श द कभी-कभी च ा मक अ भ यि त म बाधक स होन लगत ह घटना का व तत ववरण दना आव यक नह ह य क दशक पर घटना को च क प म वय ह दखकर सब कछ समझ लता ह कभी-कभी कवल एक-दो वा य क आलख और समाचार स सब धत वायसका ट और साउडबाइट क त त स पण समाचार दशक तक पह चाया जा सकता ह उदाहरण क लए वत ता दवस पर धानम ी क एक घट का भाषण कवल 10-15 वा य क आलख क मा यम स सा रत हो सकता ह य क हर वा य क बाद हम उनका वषय स जड़ा साउडबाइट यानी उनक भाषण का अश शा मल कर सकत ह साथ ह समारोह क च जस क लाल कल क ाचीर उपि थत

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जनसमह मह वपण यि त या भाषण क वषय स सब धत फाइल च दखाकर समाचार को रोचक और भावशाल बनाया जा सकता ह आलख को स त रखन क मता अ छ सपादक का अ नवाय गण ह

1145 भाषा क सरलता

जसा क आप पढ़ चक ह क भाषा क सरलता ट वी समाचार का आव यक गण ह य क हमार दश म इसक दशक खासकर हद समाचार क दशक म कम पढ- लख लोग भी शा मल ह भाषा का ल खत या म त प बदलकर उस मौ खक यानी पोकन प दना होता ह जसा क समाचार क सरचना अनभाग म भी बताया गया ह क च अपन आप बोलता ह अत कम स कम श द म अ धक स अ धक जानकार य त करन क कला ह अ छ ट वी समाचार सपादक क म य वशषता ह ट वी समाचार क भाषा क कछ म य बात इस कार ह - वा य सरल और स त होन चा हय यास यह कया जाय क एक वा य म एक ह बात कह जाए ज टल वा य का यभासभव कम स कम योग करना वाछनीय ह बोलचाल क श द तथा महावर योग कए जान चा हए ता क सभी तर व वग

क लोग समझ सक ह द समाचार तयार करत ह ए अ जी क च लत श द यथा- टशन

इजी नयर कल टल फोन बस कार प सल कापी पन रल क यटर तथा इसी कार क अ य श द व अ य भारतीय भाषाओ वशषकर उद क सहज योग म आन वाल श द को अपनान म सकोच नह करना चा हए

िजन श द क उ चारण क लए वाचक को ाणायाम करना पड़ उनक बजाय उनक सरल वकि पक श द का योग करना बहतर ह

च क सा इजी नयर उ योग तथा अ य व श ट यवसाय स सब धत तकनीक अ जी श द क अ च लत क ठन ह द पयाय इ तमाल करन क लोभ का सवरण करना चा हए

श द म व वधता रहनी चा हय एक ह समाचार म कसी एक श द का बार-बार योग अखरता ह कोई नाम भी बार-बार नह बोला जाना चा हए

समाचार लख लन क प चात य द समय हो तो उस दोबारा पढ़कर भाषा को प रमािजत करना चा हए

समाचार लखत ह ए नाम स याओ थान त थय पदनाम क वशष प स जाच कर लनी चा हए

1146 अनवाद

ह द तथा अ य भारतीय भाषाओ क प का रता क एक ववशता यह ह क उस अनवाद का काफ आ य लना पड़ता ह टल वजन क समाचार ाय ज द म तयार कए जात ह अत अनवाद क बधन का दबाव इन पर अ धक होता ह फर भी

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य द शाि दक अनवाद स बचत ह ए भावानवाद पर बल दया जाए तो ज टलता एव क मता स कछ हद तक मि त पाई जा सकती ह अ जी क वा य रचना ज टल ह और उसम एक ह वा य म योजक श द क सहायता स कई बात शा मल कर ल जाती ह इस कार क वा य को दो या तीन लघ और सरल वा य म तोड़ कर लखा जाना चा हए इस कार अ जी क महावर को य का य ह द म पात रत कर दन स भाषा क वाभा वकता पर आच आती ह कत ऐसा करत

समय च क अन पता और समय सीमा का यान भी रखना आव यक ह नजी समाचार चनल क भाषा दरदशन समाचार क भाषा क मकाबल अ धक सरल सबोध और लचील होती ह इन चनल म आम बोलचाल क भाषा इ तमाल होती ह अ जी श द और वा य तक का खलकर योग कया जाता ह कछ आलोचक क शकायत ह नजी समाचार चनल समाचार क व प क साथ-साथ समाचार क भाषा को भी द षत कर रह ह ल कन समाचार क भाषा िजतनी सरल व लचील होगी समाचार उतन ह आकषक और ा य ह ग

115 टल वजन समाचार बल टन कोई भी समाचार अकल या वत प स तत नह कया जाता समाचार 5 10 15 या 30 मनट क बल टन क अतगत ह सा रत होत ह अनक समाचार का गलद ता ह बल टन कहलाता ह िजस तरह टल वजन समाचार क रचना एक कार क व श टता क माग करती ह उसी कार समाचार बल टन क सपादन सारण क लए व श ट कला और नपणता क आव यकता होती ह समाचार बल टन अपन आप म एक इकाई होनी चा हए िजसम उस समय तक क सभी रग व कार क समाचार को सि म लत कया जाना चा हए असल म ट वी समाचार बल टन क व प म तजी स बदलाव आता जा रहा ह साथ ह सपादक क अवधारणा भी ध मल होती जा रह ह अलग-अलग समाचार चनल अपन बल टन क रोचक और आकषक नाम रखकर उनक लए अलग-अलग या अपना रह ह हम यहा समाचार बल टन या समाचार काय म क म य सचालक क ि ट स एक परपरागत या का यौरा द रह ह व रत प रवतन क दौर म कोई नि चत फारमट अपनाना अब सभव नह रह गया ह

1151 व प और या

बल टन सपादक का सबस पहला काम ह उपल ध और अप त समाचार तथा उपल ध च ा मक साम ी यानी फ म कमरा कवरज आ द और सभा वत साम ी को यान म रखत ह ए अपन बल टन क परखा तयार करना वह यह भी दखता ह क पछल दन और उसस पछल बल टन म या- या सा रत हो चका ह यह बल टन म शा मल कय जान वाल समाचार क मह व क अनसार उनका म नधा रत करता ह और उसी क अन प च ा मक और व या मक साम ी का म तय करता ह सपादक च ा मक साम ी दखन क बाद उसम समाचार क मता बक काट-छाट यानी सपादन करन का परामश दता ह और यह भी सकत दता ह क

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समाचार वशष क लए कतनी अव ध क च या अ य साम ी अप त ह बल टन का ततकता यानी ो यसर सपादक क परामश क अनसार च का सपादन करता ह सपादक च क अनसार समाचार लखता ह तथा प ठ स या अ कत करक समाचार वाचक या एकर को दता ह अब तो सपादक वय एकर भी बन रह ह यह सारा काम क यटर पर ह होता ह क यटर स ह टल ो पटर क मदद स एकर समाचार पढ़ता ह हर समाचार पर आव यक सकत या नदश अ कत रहत ह इसक अलावा जब बल टन पढ़न वाल दो यि त ह तो यक प ठ पर एकर या वाचक का नाम भी अ कत कया जाता ह क यटर यक आइटम क अव ध वत स चत कर दता ह िजसस बल टन क नि चत अव ध क अनसार ह आइटम

तयार करना सरल रहता ह सारण क समय ततकता क म य भ मका रहती ह वह पनल पर बठकर माइक स ट डयो म लोर मनजर क मा यम स समाचार वाचक एकर कमरामन तथा अ य य व न साम ी क दशन क सबध म कमाड दता ह

1152 म नधारण

य तो बल टन म समाचार का म नधारण उनक मह व क अनसार कया जाता ह क त य द सभी समाचार च मय न ह तो यह यान रखा जाता ह क एक साथ कई श क समाचार लगातार न रख जाए बि क च मय समाचार क बीच-बीच म उ ह रखा जाय यह इस लए कया जाता ह ता क श क समाचार अ धक दर तक लगातार सा रत होन स बल टन अ चकर न बन जाए जहा तक समाचार क वषय क अनसार म का न ह यह अब हर चनल अलग-अलग आधार पर तय करता ह बल टन को नधा रत समय स अ धक चलाना यानी ओवर कर अथवा समय स पहल समा त करना यानी अडर कर करना समाचार सपादक का दोष माना जाता ह पर त कई बार बीच म कसी मह वपण गर च मय समाचार को लना अ यत आव यक हो जाता ह इस दखत ह ए बल टन क अत म ाय कम मह वपण समाचार को रखा जाता ह ता क य द उ ह न पढ़ा जाय अथात व ाउड आउट हो जाए तो वशष अतर न पड़ समाचार क सारण क दौरान भी क यटर पर सपादक म बदल सकता ह या कोई समाचार ऐड या डल ट कर सकता ह यह बात च और व न पर भी लाग होती ह

1153 म य समाचार (हड लाइन)

बल टन अथवा समाचार काय म क ारभ तथा अत म उसक मख समाचार दए जात ह य य प य सबस पहल तत कए जात ह क त इ ह तयार करन का काम आमतौर पर बल टन परा होन स कछ समय पहल कया जाता ह ता क सभी उपल ध समाचार म स म य समाचार का चयन कया जा सक म य समाचार को अ त स त च त और सबोध बनाया जाता ह कसी बल टन म तीन स आठ

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तक म य समाचार बनान क परपरा ह बजट बल टन जस वशष समाचार बल टन म इसस अ धक म य समाचार भी रख जात ह य द कोई मह वपण समाचार बल टन क सारण क दौरान ा त होन पर लश क प म शा मल कया जाता ह तो उस अत म दोबारा पढ़ जान वाल म य समाचार म उसक मह व क अनसार म पर रखकर पढ़ाया जाता ह कभी-कभी यह नया समाचार अत म दबारा पढ़

जान वाल म य समाचार का ल ड समाचार भी बन जाता ह म य समाचार क साथ सब धत च भी दए जान चा हए य आमतौर पर रकॉड कर लए जात ह ता क आलख और च का सम वय भल कार हो जाए

1154 लश

जब बल टन का सारण ारभ हो जान क बाद कोई ऐसा मह वपण समाचार आ जाता ह जो पहल दए गए कसी समाचार क अगल कड़ी ह या बल टन म सा रत हो चक समाचार का खडन करता ह तो उस लशrsquo या अभी-अभी मल समाचार क प म बल टन म थान दया जाता ह ता क ोताओदशक को मालम हो जाए क

यह समाचार बाद म आया ह इसक अलावा कोई नया अ त मह वपण समाचार आन पर भी उस लश क प म सा रत कया जा सकता ह

1155 परक समाचार

टल वजन क समाचार सपादक पर समय क पाबद क तलवार हमशा लटक रहती ह 5 10 15 और 30 मनट क नि चत अव ध क बल टन क लए उस सभी समाचार नाप-तोल कर बनान होत ह कभी-कभी तकनीक कारण स च न चल पान अथवा णाल क असफल हो जान स नधा रत समय स पहल बल टन परा हो जान क ि थ त बन जाती ह ऐसी हालत स नपटन क उ य स परक समाचार तयार रखना उ चत रहता ह दो या तीन ऐस समाचार जो अप ाकत कम मह वपण ह वकि पक उपयोग क लए रन डाउन या म म शा मल रखन चा हय इ ह परक आइटम कहा जाता ह

बोध- न -2 1 टल वजन समाचार लखन क या का वणन क िजए helliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphellip helliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphellip 2 टल वजन समाचार लखन क म य वशषताए या ह helliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphellip helliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphellip 3 ट वी समाचार बल टन म म य समाचार और म नधारण का या मह व ह helliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphellip helliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphellip

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4 समाचार क आलख क भाषा कसी होनी चा हए helliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphellip helliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphellip

116 टल वजन समाचार क या मक त व ऊपर प ट कया गया ह क च ा मकता या या मकता टल वजन समाचार का ाण ह यह वह त व ह जो ट वी समाचार को व श ट और अ य मा यम क समाचार स भ न तथा अ धक रोचक व भावकार बनाता ह यह या मकता कई साधन स लाई जा सकती ह

1161 मवी च

टल वजन समाचार का सबस आव यक व मह वपण त व ह मवी फोटो ाफ यह सजीव और थल च पर घटना को व वसनीय और ामा णक प स दशक क स मख पश कर दत ह इनम घटना क थान यि त आस-पास का माहौल सभी कछ य तत हो जाता ह समाचार क आव यकता अव ध आ द क अन प इनका सपादन कया जाता ह इन च म मौक क व नया सवाद और सब धत प स अलग स लए गए सा ा कार भी शा मल रहत ह िजसस ट वी समाचार अखबार क समाचार क तलना म अ धक व वसनीय और सह लगत ह

1162 लाइ र फाइल च

जसा क आपन पहल पढ़ा क समाचार को च ा मक बनान क लए फाइल च का भी आ य लया जाता ह यक ट वी समाचार मा यम म एक फ म लाइ र होती ह िजसम व भ न वषय मख यि तय स थाओ आ द स सब धत मवी च का स ह वीसीआर सीडी डीवीडी आ द क प म कया जाता ह ताजा घटना क मवी च उपल ध न हो पान क ि थ त म और घटना क प ठभ म तत करन क उ य स इन लाइ र च को दखाया जाता ह िजसस दशक क सामन यह प ट हो जाता ह क इसस पहल कब-कब और कस कार घटना घट चक ह उदाहरण क लए रल-दघटना या आतकवाद हमला होन पर पछल घटनाओ का यौरा दत ह ए फाइल च दखाए जा सकत ह क त ट वी न पर यह सकत दना आव यक ह क य च परान ह नह तो समाचार क व वसनीयता और चनल क छ व आहत होगी

1163 ि टल फोटो

कसी घटना क मवी फोटो ाफ त काल उपल ध न हो पान या उसक गणव ता सह न होन क ि थ त म उस अवसर पर खीच गए ि टल च दखाना उपयोगी होता ह य च एक या उसस अ धक हो सकत ह घटना क वकास- म क अनसार च बदल कर या कोलाज प म दखाए जा सकत ह कसी यि त क बार म

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कोई समाचार दत ह ए उस यि त का च न पर आन स समाचार क स षणीयता बढ़ जाती ह यि त क कसी उपलि ध बयान म य आ द क खबर दत ह ए भी इन च का उपयोग कया जाता ह इसक अ तर त भवन जस क ससद भवन उ चतम यायालय वधानसभा भवन नवाचन आयोग आ द क ि टल च स उनस सब धत समाचार को ास गकता दान क जाती ह ि टल च को इटरनट या अ य ोत स डाउन लोड करक अपन क यटर म सक लत कर लया जाता ह

1164 सीजी (कर टर जनरशन)

इस तकनीक म समाचार क मह वपण अश को वशषकर स याओ व नाम को न पर सपर कया जाता ह कई बार दशक आकड़ को यान स नह सन सकता या

मत हो सकता ह इसी लए जब व सनन क साथ-साथ उस ल खत और अ कत प म दखत भी ह तो उस अश क स षणीयता दगनी हो जाती ह आ थक समाचार

खल क कोर चनाव और सदन म मत वभाजन क समय व भ न प क ि थ त को दशान क लए कर टर जनरशन यानी सीजी तकनीक का पया त इ तमाल कया जाता ह यह तकनीक क यटर कत ह इस तकनीक क एक मह वपण उपयो गता यह भी ह क जब कोई यि त कसी भ न भाषा म बोल रहा हो तो बल टन क भाषा म उसका पातरण स त प म सीजी करक दशक तक वह भाषण स षत कया जा सकता ह समाचार क दौरान कसी सब धत यि त सवाददाता और समाचार वाचक का नाम सपर करन क लए सीजी प त को काम म लया जाता ह इस तकनीक का इ तमाल ि प- यज यानी प का समाचार म भी कया जाता ह म य समाचार दखन क साथ-साथ दशक प का म ल खत प म अ य या नए समाचार भी दख सकत ह

1165 ा फ स और एनीमशन

िजस थान िजला ात दश आ द क सब धत समाचार दया जा रहा हो उसका मान च दखान स घटना और थान क बीच सबध जोड़न म सरलता हो जाती ह एनीमशन श प क मदद स मान च म यह भी दखाया जा सकता ह क घटना म कस थान स ारभ होकर कहा तक पह चा उदाहरण क लए वमान अपहरण का समाचार दत ह ए ए शया मान च म वमान क च तथा तीर क मदद स यह दखाया जा सकता ह क वमान का अपहरण अमतसर म हआ वहा स वमान लाहौर ल जाया गया और वहा स काबल होता हआ वह द ल म उतरा यह परा माग एनीमशन क ज रए न पर अ कत हो जाता ह मौसम क जानकार दत ह ए वषा ओलावि ट बादल आ द क थान व ग त को दखान क लए यह व ध अपनाई जाती ह कई बार काटन या एनीमशन स तयार च या जगल सड़क रलगाड़ी

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वमान आ द क च बनाकर घटना को साकार कर दया जाता ह सार या क यटर कत होन क कारण त काल उपयोग म लाई जा सकती ह

1166 लॉगो

कसी स था तयो गता काय म अथवा आयोजन क लॉगो या तीक च ह का योग भी समाचार को च ा मक बनान क एक व ध ह उदाहरण क लए ओल पक

खल का नि चत ldquoलॉगोrdquo या शभकर दखा दन स दशक को पता रहता ह क वह ओल पक खल स सब धत समाचार दख रहा ह इसी कार अलग-अलग खल हाक

कट फटबॉल बॉि सग क ती ट नस आ द क तीक क प म ि टल अथवा वीसीआर ldquoलॉगोrdquo तयार करक उ ह क यटर म डाल दया जाता ह और आव यकता पड़न पर उनका इ तमाल कया जाता ह व भ न स थाओ क अलग-अलग ldquoलोग rdquo ह िजनका इ तमाल समाचार सारण म कया जाता ह

117 व या मक त व आप पढ़ चक ह क टल वजन सबस अ धक भावशाल और रोचक मा यम इसी लए ह क यह या मक व या मक और म त एक साथ हो सकता ह आप च और म त या ल खत प म सचना सारण क सीजी प त क बार म पढ़ चक ह अब हम उन त व का अ ययन करग जो व या मक ह और कभी-कभी य क साथ मलकर च व व न दोन का म त भाव छोड़त ह व न स यहा अ भ ाय समाचार क उस उ च रत अश स ह जो वाचक या एकर वारा बोल गए श द स अलग होता ह

1171 साउड बाइट

समाचार म च क साथ-साथ व न का कला मक उपयोग इस अ धक व वसनीय सबोध और रोचक बनाता ह दशनी या पव यौहार जस समाचार म च क साथ-साथ सगीत क वरलह रय को सनान अथवा काय म क थान पर बजाए गए य क व न का इ तमाल करक समाचार म चार चाद लगाए जा सकत ह इसी कार य द कसी गो ठ और भाषण स सब धत समाचार हो तो व ता क सभाषण क मह वपण व सगत अश को सना दना चा हय इस साउड बाइट कहत ह इसम कसी घटना वशष पर कसी वशष या घटना स भा वत लोग क कथन भी शा मल ह समाचार वाचक क बजाय घटना स भा वत या सब धत यि त क अपन मख स कहा गया अश दशक क लए न चय ह अ धक व वसनीय होता ह इसस बल टन म व वधता और रोचकता भी आती ह

1172 वायसका ट

समाचार को वायसका ट प म तत करना भी उस रोचक और व वसनीय बनाता ह इस शल क अ तगत कसी समाचार को उसक प ठभ म तथा अ य पहलओ क साथ च मय प म सवाददाता अथवा कसी अ य यि त क आवाज म तत कया जाता ह इसम कम समय तथा कम श द म अ धक साम ी व जानकार

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षत क जा सकती ह ट वी समाचार क लोक यता का मख कारण यह भी ह क इनम समाचार वाचक बह त कम बोलत ह और अ धकतर समाचार सवाददाताओ क अपनी आवाज म सनाए व दखाय जात ह वायसका ट म साउडबाइट भी शा मल कए जात ह

1173 लाइव ड पच

इसम कसी घटना या काय म क मौक पर कसी सवाददाता वारा रपोट पश क जाती ह यह तकनीक ट वी समाचार सारण क सबस अ धक ामा णक व ध ह इसम एकर घटना क थान पर मौजद सवाददाता या कसी वशष स सीध वातालाप करता ह और सवाददाता का ववरण अथवा वशष क ट पणी का सीधा सारण समाचार क ह स क प म होता रहता ह इसम घटना क च और

सवाददाता वशष क आवाज साथ-साथ दशक तक पह चत ह और उस घटना या काय म का ामा णक यौरा मल जाता ह

1174 फोन-इन

जब कसी घटना का च ा मक यौरा उपल ध न हो तो सवाददाता स फोन पर घटना का यौरा लया जाता ह और न पर उसका फोटो और नाम दखाकर समाचार क भाग क प म सनाया जाता ह यह मलत र डयो समाचार सारण क शल ह क त टल वजन समाचार सारण म भी इसका खब इ तमाल होता ह वशष क ट प णया या घटना स जड़ यि तय क कथन भी फोन-इन स सा रत कए जात ह यह लाइव होता ह इस लए इसस समाचार क ामा णकता बढ़ती ह

1175 पीस ट कमरा

यह वश प स टल वजन क तकनीक ह जब कोई सवाददाता कसी थान स रकॉ डड वायस ड पच दता ह तो उसम उस घटना क च या अ य य साम ी द शत क जाती ह कत घटना क ारभ बीच या अत म जब रपोट का कछ

अश वह अपनी आवाज म कमर पर पश करता ह तो उस पीस ट कमरा कहत ह इसस यह पता चलता ह क सवाददाता घटना थल स ह अपनी रपोट द रहा ह इसम सवाददाता ऐस थान पर बठकर या खड़ होकर रपोट करता ह जो घटना या काय म क पहचान था पत कर सकता ह उदाहरण क लए सय त रा क बाहर लग नाम प क सामन खड़ होकर पीस ट कमरा दन स दशक समझ जाएग क सवाददाता सय त रा क म यालय स ह बोल रहा ह यह यान रखा जाए क पीस द कमरा बह त लबा न हो इसस दशक बोर हो सकत ह

बोध न - 3 1 टल वजन समाचार क या मक त व का स त यौरा द िजए helliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphellip helliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphellip

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2 ा फ स और एनीमशन का टल वजन समाचार सारण म या मह व ह helliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphellip helliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphellip 3 साउड बाइट और वायसका ट म या अतर ह helliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphellip helliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphellip

118 साराश इस पाठ म आपको आज क यग म टल वजन समाचार क साथकता मह व और चनौ तय क बार म बताया गया आपको टल वजन क लए लख जान वाल समाचार क सरचना स अवगत करात ह ए टवी समाचार बल टन क व प तथा उसक या समझान का यास कया गया कमरा श टग स ा त च क अलावा ल खत समाचार को या मक प दान करन क अ य सहायक त व का भी ववरण दया गया ट वी समाचार क व या मक प पर काश डालत ह ए यह बताया गया क टवी समाचार क भाषा को कस सरल और सबोध बनाया जा सकता ह तथा अनवाद क ि थ त म उस क मता तथा ज टलता जस दोष स कस बचाया जा सकता ह सरचना क हसाब स टल वजन समाचार एक पकज होता ह िजसम एकर लक वॉइस ओवर बाइ स और रपोटर क पीस-ट-कमरा का समावश होता ह

119 उपयोगी प तक 1 जनमा यम और प का रता - वीण द त सहयोगी सा ह य स थान कानपर 2 भारतीय सारण व वध आयाम - मधकर गगाधर वीण काशन नई द ल 3 दरदशन वाय तता और वत ता- सधीश पचौर स चन काशन नई द ल

1110 अ यासाथ न 1 टल वजन सारण म समाचार का या थान ह 2 समाचार क सरचना पर स त नबध ल खए 3 टल वजन समाचार अखबार तथा र डयो समाचार स कस तरह भ न ह 4 समाचार को च ा मक बनान क सहायक साधन का यौरा द िजए 5 टल वजन समाचार क धव या मक त व का ववचन क िजए 6 टल वजन समाचार क भाषा वषय पर नबध ल खए 7 इस समय भारत म टल वजन समाचार क सामन या- या चनौ तया ह 8 दरदशन और नजी चनल क समाचार क तलना क िजए 9 ldquo नजी समाचार चनल खबर क नाम पर स ता मनोरजन परोस कर समाचार क ग रमा

कम कर रह ह rdquo इस कथन का व लषण क िजए 10 न न ल खत पर ट प णया ल खए

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लश वायसका ट साउड बाइट फोन-इन पीस ट कमरा

201

इकाई - 12 टल वजन क लए पटकथा लखन

इकाई क परखा 120 उ य 121 तावना 122 पटकथा का अथ 123 पटकथा का इ तहास 124 पटकथा क प रभाषा 125 आलख क कार 126 पटकथा लखन 127 पटकथा लखन का ा प 128 पटकथा क नमन 129 नदशक का आलख 1210 साराश 1211 व-म याकन 1212 श दावल 1213 कछ उपयोगी प तक 1214 अ यासाथ न

120 उ य इस इकाई का अ ययन करन क बाद आप यह जान पायग- पटकथा या ह पटकथा कस लखी जाती ह अलग- अलग काय म क पटकथा म या अ तर होता ह ट ल वजन क भाषा या होती ह ट ल वजन म य त होन वाल व भ न आलख अ य मा यम स अलग कस और य

ह पटकथा लखन का ा प और शल नदशक का आलख ट ल वजन म य त तकनीक श दावल का अ ययन नमन क पटकथा क आधार पर पटकथा लखन क मता का नमाण

121 तावना कोई भी नमाण काय आरभ करन स पव उसक नयोिजत परखा बनाना आव यक होता ह ठ क इसी कार दरदशन अथवा टल वजन म भी यक काय म न मत (Production)

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कसी न कसी कार आलख (Script) पर नभर करती ह टल वजन म यक काय म का अपना अलग ा प (Format) होता ह इस लए उसक आलख अथवा Script का व प भी भ नता लए होता ह य तो कसी भी काय म नमाण स पव उसका आलख अथवा नमाण सबधी परखा नमाता (Producer) क मि त क म ह न हत होती ह अ सर यह कहा जाता ह क कोई भी काय म नमाण स पहल ह वह नमाता (Producer) क मि त क म आकार ल चका होता ह इस लय कई बार कई काय म क आलख औपचा रक प स लख ह नह जात ल कन इसका यह ता पय कदा प नह ह क टल वजन म आलख का मह व कम ह इसक वपर त िजतना मह व उपयो गता और आलख क व वधता टल वजन म ि टगत होती ह उतनी अ य शायद ह कह हो टल वजन म व भ न कार क आलख काय म क व भ न क त (Nature) क अनसार उपयोग म लाय जात ह कछ स त होत ह तो कछ स व तार ल कन होत अव य ह भल ह कोई लखक हो या ना हो मगर ोड शन ट म क यक सद य स इतनी उ मीद अव य क जाती ह क व काय म क ा प (Format) और वषय व त (Content) और उसक नमाण या सबधी व वध बात क जानकार अव य रखता हो अथवा कसी ल खत आलख को ट वी ो ाम म पा त रत (Translate) करन म मददगार सा बत हो सक पटकथा लखन एक अलग या ह इस लखन क लए वशष ावी य अथवा कौश य क आव यकता होती ह पटकथा म म यत कसी सग वशष (Situation) को व तार दन (Develop करन) कहानी क अनसार च र (Characters) अथवा पा को कम अ धक करन नय नमाण करन ओर पा ान प सवाद लखन उनक ग त व धय को रखा कत करन आ द अनक मह वपण त व सि म लत होत ह इन सभी त व को एक साथ गथकर एक सफल काय म नमाण करन क लय भी अनभव और कौश य अ नवाय होता ह कछ सक स क व ापन फ म स लकर तीन साढ़ तीन घट क फ म तक क पटकथा अपन वषय ओर व तार क कारण अलग अलग होती ह पटकथा वा तव म एक ऐसा कलटन या ढाचा होता ह िजसम फ मकार धीर-धीर ाण फकता ह उसको मानवीय प म पा यत करता ह और फर मानवीय सवदनाओ- जस हा य वषाद हष आ द स प रपण हसती गाती बोलती नाचती फ म तयार करता ह

122 पटकथा का अथ पटकथा या ह कस लखी जानी चा हए टल वजन और फ चर फ म क पटकथा म या कोई ब नयाद अ तर होता ह आ द न पर वचार करन स पहल यह जान लना

आव यक ह क िजस आज हम पटकथा अथात अ जी म Screen Play कहत ह उसक पव पी ठका या ह

203

पट या न परदा और कथा का अथ तो आप सभी जानत ह ह इसस यह प ट होता ह क पटकथा या न परद क कथा यह तो हआ इसका साधारण व प ववचन

123 पटकथा का इ तहास हमारा दश लोककलाओ का महासागर ह यहा हरक दसर जा त स दाय गाव ढाणी दश क अपनी-अपनी व भ न कला श लया ह यहा कवल दो दश क कवल एक लोककला का उ लख करना चाह गा फ म क आन स पहल स ह हमार दश म पटकथाओrsquo का चलनन था और आज भी ह आपको यह जानकर और भी आ चय होगा क इन पटकथाओ का त तकरण लगभग आध नक फ मी शल स मलता जलता था और ह अपनी बात और अ धक प ट करन क लय तत ह य उदाहरण - आपन राज थानी फड वाचन को तो दखा ह होगा इस वधा को हमार राज थान क लोकदवता पाबजी क नाम स भी जाना जाता ह जस पाबजी क फड आपन दखा होगा एक ल ब कनवास पर च त व भ न च क च खला क सामन जलत ह ए द पक क काश म भोपा अपन हाथ म रावण ह था लय एक एक च क आग क- क कर कहानी सनाता ह नाचता ह गाता ह और द य क रोशनी म कहानी को आग बढ़ाता ह इस काय म भोपी भी उसका साथ दती ह अब इसी य को फ मी नज रय स दख-

य न 1 (फड पर अ कत च ) पर रोशनी (द वट का काश) पा व म सगीत - रावणह था गीत - भोपा- भोपी का गायन अ भनय - न य फ म म भी तो यह होता ह- लाईट (Light) साउड (Sound) कमरा (Camera) ए शन (Action) फडवाचन और फ म म सफ इतना सा फक ह क फडवाचन म िजस च पर रोशनी डाल जाती ह वह नज व होता ह और फ म म जो य फ माया जाता ह वह जी वत होता ह बाक तकनीक तो एक सी ह होती ह दसरा उदाहरण बगाल का ह बगाल म भी पटकथा पठन क ाचीन पर परा ह यहा इस पटकथा ह कहत ह इस पटकथा का एक बड़ा सा रोल तयार कया जाता ह जस क यटर स आन स पहल ज म-कड लया बनती थी रोल क ह ई अथवा राजा महाराजाओ क दरबार म भज जान वाल प रोल कय ह ए होत थ ठ क इसी तरह बगाल पटकथा का भी रोल होता था

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सनमाघर म ोज ट न ट पर फ म ोज टर वारा ोज ट करता ह अथात हॉल म बठ ह ए दशक को दखाता ह इसी तरह बगाल पटकथा म एक आदमी परा रोल सभालता ह ओर नीच बठा हआ एक आदमी च खला क आधार पर (ठ क फड वाचन क तरह) कथावाचन करता ह य रोल कब र ल म बदल गय पता ह नह चला ल कन यह पर परा हमार दश म ाचीन काल स ह व यमान रह ह इसी पटकथा अथवा फड शल का प रमािजत व प हम फ मी पटकथा म पा त रत होता हआ दख सकत ह

124 पटकथा क प रभाषा पटकथा क कोई एक प रभाषा करना क ठन काय ह य क पटकथा को लखनीय काय मानत ह ए भी यह नदशक क हाथ क कठपतल होती ह कई बार खराब पटकथा पर भी बह त अ छ फ म नदशक क कशलता का प रचय दती ह तो कई बार एक अ छ पटकथा भी क च नदशक क हाथ खराब फ म क प म सामन आती ह दरअसल पटकथा कागज पर उतारा हआ वह लान ह जो नदशक क वारा परद पर सजीव कया जाता ह पटकथा म कथाव त का मह वपण थान होता ह बना कथाव त क पटकथा का लखा जाना असभव होता ह ल कन पटकथा अपन आप म फ म नह होती पटकथा क फ म बन जान तक पटकथा क ा प म कई बार प रवतन क गजाईश रहती ह कई बार य क माग क अनसार प रवतन कया जाता ह तो कई बार तकनीक कारण स जस- ा य च ाकन क समय काश कहत ह ी राजकपर को अपनी फ म स यम शवम स दरम क एक य क च ाकन क लय कई दन तक ती ा करनी पड़ी थी य क व जब तक लोकशन पर पह चत सय या तो बादल स ढका मलता या बह त उपर चढ़ आया होता भोर क उस य क लय िजस काश क उ ह ज रत थी वह कई दन क प र म क बाद उ ह मल सका कसी भी पटकथा म प रवतन कवल समय क बा यता और धन क अप यय स बचन क लय कया जाता ह फर भी एक च त पटकथा कसी भी फ म क लय अ नवाय होती ह पटकथा चाह कसी भी वषय या कथाव त पर लखी गई हो उसम म यत न न बात पर अव य वचार कया जाता ह -

1 मल वचार (Concept) 2 कथा व त (Story Line) 3 साक तक (One line order of the sequences) 4 पटकथा (Screen Play)

बाद म सवाद और श टग (Script) लखी जाती ह पटकथा क सवाद आत ह वह बोलन लगती ह एक-एक पा अपन-अपन च र क अनसार ब तयान लगत ह कई पटकथाकार यह मानत ह क पटकथा म कट फड इन फड आऊट डसॉ व आ द फ म स पादन (Editing) क तकनीक का योग अ नवाय नह होता यह नदशक और स पादक

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का काय ह फर भी य द पटकथाकार इन बात का उ लख अपनी पटकथा म करता ह तो फ म क अव ध (Duration) का पवानमान लगाना आसान हो जाता ह यक पटकथाकार को कथाव त क आधार पर पटकथा लखन क कछ वत ता होती

ह कछ इस लए क अ धकाश कहा नय म कई नय पा गढ़न पड़त ह कई बार अनाव यक कथा व तार क काट-छॉट करनी पड़ती ह और पटकथा म ऐसा पच या तनाव नमाण (Create) करना पड़ता ह क दशक त ध होकर फ म को दख और आग या होगा क चता करन लग कई बार ऐसी Situation नदशक क साथ चचा करक भी Create क जाती ह पटकथा लखन को कसी सा हि यक वधा क प म भल ह मा यता न मल हो फर भी पटकथा लखन श य स आरभ होकर एक नई द नया का सजन करती ह इस लए लखक य कौशल तो होता ह ह लखक क जीवन ि ट दर ि ट अनभव और सामािजक चतना का प रचय तो अव य होता ह पटकथा लखन को कसी वधा का नाम न दन क कारण इसका कोई वधान भी सवस मत नह ह फर भी कथानक क अनसार यक य म घ टत होन वाल घटनाओ का मवार उ लख ह पटकथा क णी म आता ह पटकथा को सीन रय भी कहा जाता ह उपरो त व लषण क प चात स प म हम कह सकत ह क (पटकथा) का अथ ह मल कथा का ग तशील वकास मल वचार क र ा तथा भटकाव स बचाकर रचना को अपन हत तक पह चाना इसी बात को अगर हम दसर श द म कहना चाह तो कह सकत ह क- कहानी सनान क लय आव यक भौ तक या मक पा ान प और सवादा मक त व को जो एक साथ सक लत करती ह उस पटकथा कहत ह

125 आलख क कार टल वजन जसा क आप सभी जानत ह एक य (Visual) मा यम ह इस लय इसक भाषा य सरचना और ा प अ य मा यम स भ न होत ह यह कारण क टल वजन क लय लखना ट म डया क लय लखन जसा काय नह ह इस लय टल वजन आलख क कार भी काय म क अलग-अलग प क अनसार अलग-अलग वग म वग कत कय जा सकत ह जस-

1251 नाटक य आलख (Dramatic Script)

इस तरह क आलख म नाटक कसी कहानी का ना य- पा तर पटकथा एव धारावा हक क लए लख जान वाल आलख आ द आत ह

1252 व ापन आलख (Commercial Script)

व ापन फ म क पटकथा भी ठ क उसी तरह क हो सकती ह जस अ य पटकथाय लखी जाती ह ल कन च क कछ सक स क पॉट म एक व श ट सदश

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दशक तक पह चाना होता ह इस लय व ापन फ म क पटकथा अ यत च त एव स त होत ह ए भी सपण होती ह

1253 समाचार आलख News Script)

टल वजन म समाचार बल टन वह आलख होता ह जो त दन लखा जाता ह समाचार का आलख शी एव प का रता क कसौट पर कसकर लखा जाता ह उसम क पना क बजाय त या मक ववरण होता ह इसक अलावा समाचार ततकता क पास एक अलग आलख या Script होती ह िजस ट ल वजन क भाषा म वीसीआर-ऑडर कहा जाता ह िजसक आधार पर ततकता (Producer) समाचार दखाए जान वाल य (Visual) का म नि चत करता ह इस तरह समाचार वाचक और ततकता क बीच सवाद था पत होता ह

1254 सा ा कार आलख (Interview Script)

टल वजन म यक काय म क एक अव ध (Duration) नि चत होती ह इस लए सा ा कार क ता (Interviewer) को अपनी Script बह त पहल स ह तयार रखनी पड़ती ह य क अवा छत बात क लए टल वजन म समय का अभाव होता ह दसर ओर मह वपण बात दशक क च बनाए रखना भी होती ह इस लय टॉक-शो आ द क पव तयार तथा आलख इस तरह स तयार कया जाता ह क दशक क च नरतर बनी रह

1255 श णक सारण आलख (Educational Broadcast Script)

श णक सारण क आलख वषय- वशष (Subject-experts) क साथ बठकर लख जात ह कस कार क वषय क अनसार कस य होन चा हय आ द पहल स ह नधा रत कया जाता ह

1256 नाटक य आलख का व लषण

अब नाटक य (Dramatic) आलख का स व तार व लषण करत ह - 1 नाटककार नाटक लखता ह अथात नाटक म कवल सवाद होत ह 2 ट वी पर ततीकरण करत समय उसम प रवतन करना आव यक होता ह

जस 21 सट पर उपि थत च र पा क ला कग 22 कौन सा पा कहा (खड़ाबठा) रहगा कस पोिजशन लगा कहा स सवाद बोलगा

कसा अ भनय करगा-आ द पहल स ह नधा रत करना पड़ता ह 23 य क टल वजन म यक पा क अन प काश (Light) एव व न

(Sound) का वशष यान रखना पड़ता ह

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24 कस पा क कतनी दर स कतनी हाई पीच होगी यह पहल ह तय करना पड़ता ह

25 फर आता ह कमरा वस तो फ म नमाण क समय भी इ ह अ धकाश बात का यान रखा जाता ह ल कन अ धकाश फ म एक कमरा सटअपrsquo होती ह कई बार य - सग आ द को फ मान क लय एक स अ धक कमर क उपयोग म लाय जान क भी उ लख मलत ह ल कन टल वजन ट डयो म एक स अ धक कमरा सटअप होन क कारण इस बात का यान रखना ज र होता ह क कौनसा पा कस कमर क ओर दख कर सवाद बोलगा और कौनसा कमरा कस पा का lsquo र-ए शन-टक करगा

26 इसक बाद क सार िज मदार आरभ होती ह नमाता (Producer) क य क यहा स आरभ होती ह टल वजन क भाषा

27 टल वजन क भाषा कवल मौ खक श दावल ह नह होती इसक अलावा भी इस भाषा क कई प होत ह जस - कमर क भाषा

28 कौनसा कमरा शॉट कस एगलrsquo स लगा यह कमाड उस (अथात कमरामन को) नमाता दता ह

29 कमर क बाद व न (Sound) एव व न भाव (Sound effects) 210 ा फ स अथवा वशष भाव

126 पटकथा लखन टल वजन म य त होन वाल आलख स आपका प रचय तो हो ह गया होगा आइए अब कछ आलख (Scripts) क लखन या सबधी बात कर व त च (Documentary) का आलख लखन का ा प (Format) टल वजन क लए लख जान वाल ा प स ब कल भ न होता ह व त च क लय सबस पहल आता ह - वषय (Subject) कस वषय पर व त च बनाया जाय फर उसक सशोधन (Research) कया जाता ह िजसम म यत च करण (Shooting) क थल व भ न लोकश सउसक वशषताय आ द का ववरण होता ह वषय स सब धत जानकार दनवाल व वान आ द मोट -मोट बात क एक स त परखा तयार करन क बाद Shooting क जाती ह Shooting क बाद स व तार (Detailed Script) लखी जाती ह जो बाद म कसी अ छ उ घोषक क आवाज म रकॉड करक य क समाना तर और पा व म द जाती ह िजस नवदन (Narration) या (Voice-over) कहत ह उदाहरण क लए एक व त च क स त परखा तत ह- 1 शीषक - या द व सव भतष

(राज थान क मख शि त थल पर आधा रत व त च )

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2 श टग थल 1 शाक भर दवी का म दर (उदयपरवा टका झ झन) 2 शीला दवी का म दर (आमर जयपर) 3 राज थान क मख दवी म दर 4 व भ न दवी म डप 5 शहर क व भ न दवी म दर 6 helliphelliphelliphellipक पजार स बातचीत 7 helliphelliphellipक भ त स बातचीत 8 भजन ( रकाड थल म दर ागण)

इसक ठ क वपर त टल फ म क लय लखत समय न न बात का यान रखना पड़ता ह 1 शीषक (Title) 2 अव ध (Duration) 3 पटकथा (Screen Play) 4 श टग ि ट (इस Directorrsquos Script भी कहत ह)

टल वजन क पटकथा क साथ न न स चया अलग-अलग प ठ पर अव य सल क जानी चा हय

1 कलाकार तथा पा -प रचय (अ) म य कलाकार (ब) सहयोगी कलाकार (स) कोरस अथवा भीड़ क कलाकार

2 वशभषा - पा क च र क अनसार उनक पोशाकउनक रगदाढ़ मछउनक साईज टाईलदाढ़ मछ क रगभ ह इ या द

3 मकअप - मकअप कतन कार का ह साधारण ह या च र क अनसार (Characteristic) ह इसक सपण जानकार

4 ोपट ndash 1 आउटडोर-बा य च ाकन थल (Location) होन पर या- या अ नवाय ोपट क आव यकता होगी 2 इनडोर पर या- या अ नवाय ोपट क आव यकता

होगी इन सभी बात का स व तार वणन 5 प स जा - हअर टाईल इ या द 6 लोकश स - कहानी एव पटकथा क अनसार लोकश स का चयन कया जाता ह

127 पटकथा लखन का ा प

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शीषकhelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphellip प ट स या अन म य सवाद व न भाव वशष

128 पटकथा क नमन यहा तत ह पटकथा क दो नमन- एक धारावा हक क पटकथा ह तो दसर एक टॉक-शो का नमना ह इन पटकथाओ को अ तम न समझ यक पटकाथाकार का अनभव जीवन ि ट (Ideology) शल एव भाषा ान पर नभर करता ह क वह कस य को कस प म दखकर उस पर अपनी कसी त या (React) य त करता ह

1281 आज क शाम आपक नाम (टॉक-शो)

ऐ पसोड- 1 नवदक - हमार सभी दशक को नम कार सलाम आदाब पश ह आज

क यह खबसरत रगीन शाम बतौर खास आपक नाम हम उ मीद ह

नव दका - उ मीद स और आप नवदक इतनी बड़ी उ मीद स नह हम आपस उ मीद ह नव दका - हमस य कस सभव ह नवदक - आप इसी तरह हलती रह तो दशक क यह शाम जो हमन

उनक ह नाम कर द हहो जाएगी ना नव दका - हराम तो दशक माफ क िजए-दशक नवदक - दशक दशक नव दका - हा-हा हम भी जानत ह-जस दशक कहत ह जस फश को कहत

ह - उसी तरह दशक कहत ह-जो आदश का वो या कहत ह ना

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कछ लगता ह नवदक - मा क िजए य आज कछ खर छो ड़य - मझ एक शर याद आ रहा ह - अज कया ह नव दका - शर अज भी दता ह हमन तो सना ह क शर नवदक - शर सनान स पहल ऐस ह कहत ह नव दका - कौन कहत ह नवदक - शायर या न जो शायर करत ह नव दका - त ह कस पता तम शायर तो हो ह नह सकत नवदक - (ग स म) कसी और क शर तो पढ़ कर सना ह सकता ह नव दका - अ छा अब समझी आप चोर भी करत ह नवदक - य चोर नह कहलाती नव दका - अ छा सीनाजोर कहलाती ह नवदक - (झ झलाकर) कस उ ल क प न आपको यहा बलाया ह नव दका - म या जान वस ो यसर क पीए का फोन आया था- नवदक - बलाओ उस ो यसर को नव दका - म य बलाऊ तम बलान जाओ नवदक - FM Please Producer को यहा बलाईय य लड़क सारा

ो ाम चौपट कए जा रह ह FM - ओक सर नवदक - जब तक ो यसर नह आत आप ऐसा कर (दशक क ओर दखत

ह ए) आप यह सीन दख ल Cut

1282 एक का प नक धारावा हक क पटकथा का नमना

शीषक - भसप त क वपि त ऐ पसोड न - 2

थान - यमपर समय - यहा कोई समय नह होता सार काय असमय ह होत ह

स य सवाद व न भाव वशष 1 यमराज का सगीत दरबार

लगा ह

2 यमराज का काला और भार भरकम शर र ndash

नगाड़ का वशष व न भाव

3 मोट -मोट म छ - खन सनी लाल लाल आख

4 हाथ म एक मोटा सा

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फरसा 5 दोन तरफ भस क कतार

- कछ खबसरत लड़ कया बठ लट व भ न म ाओ म- बाल खल और बखर ह ए

6 एमडी का वश यमराज म एमडी

आजकल अपनी यट ठ क तरह स नह द रह ह

बादल क गरजन क आवाज और बज लय क कड़कड़ान क आवाज आधी और तफान का भाव

एमडी ( सर झकाय खड़ ह )

यमराज कहा रह इतन दन या शो कॉज नो टस जार करना पड़गा दो मह न स एक भी कस अ वल करक नह भजा

एमडी -

सर कस करता हसाब रखत-रखत सारा टाफ बीमार हो गया सर उफ हद होती ह पदा करन क भी एक-एक क तरा-तरा मझ तो लगता

212

ह सर लोग मरन स इकार न कर द भारत का एक क सा हो तो बयान कर-वहा तो सारा ह गड़बड़झाला ह जा त धरम और पता नह कस कस क नाम पर पदा कए जा रह ह

यमराज - त ह अपना काय

तजी स करना चा हए ndash चाहो तो कछ क यवल टाफ रख लो अपन साथ

एमडी ndash सर क यवल टाफ स काम नह चलन वाला हम अपना वाहन भी बदल दना चा हए हमार सवार ह य ndash Cut to भसा और उनक पास ह कटर मोटर ndash कार

(Cut to धरतीeith traffic जाम shot) और तो और इधर सना ह क उ ह न तो चाद पर भी चढ़ाई कर डी ह उनक दौड़ म हम

213

शा मल नह हो सकत सर व दौड़ जात ह ओलि पक और हमारा वाहन उसक सामन या बीन और या अ शर

यमराज - ओह यस It is very serious Matter हम अपना वाहन तो change नह कर सकत य क भसा हमारा रा य पश ह कतन ह थोर ndash थोर प ष न हमार इस रा य पश को अपन आचरण म शा मल कर लया ह कतन ह नताओ क च र तीक म कतई अ तर दखाई नह दता

एमडी ndash You are right sirhellip

यमराज - ह ड एड वन परस टज क बात बोला तम ऐसा करो अपना भष बदल कर धरती क घर म घसपठ करो कोई त ह पहचानगा भी नह और भाग भी नह सकगा

एमडी ndash ओक सर थ य यमराज - य कन गो नाऊ (एमडी का थान) यमराज - दरबार क कायवाह

जार रहगी सगीत

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एक और दत ताल बजता ह

(नाचन वाल लड़ कय का वश व श ट म ाओ वाला न य ndash दशन) hellipCuthellip

129 नदशक का आलख श टग का एक नमना

यह भी नदशक य (Director) सझबझ वभाव एव अनभव पर नभर करता ह क वह कस तरह कस य को फ माना चाहता ह रय लि टक अथवा तीका मक तर क स य क यक lsquoशॉट (Shot) जो फ चर फ म अथवा टल फ म म उपयोग म लया जाता

ह उसका एक अथ होता ह उस शॉट क मा यम स नदशक कछ कहना चाहता ह इस लय कछ शॉट तीका मक होत ह और कछ रय लि टक उदाहरण क लए- 1 फल पर मडरान वाल भ र का Shot - तीका मक 2 आग या बाढ़ क य - रय लि टक

1291 शीषक ndash ldquoभसप त क वपि तrdquo

सीन - न 1 अन य 1 यमराज का दरबार लगा ह - ELS(establishing shot) 2 यमराज का काला और भार भरकम शर र - LS 3 मोट मोट मछ - ECU 4 खन सनी लाल - लाल आख - ECU 5 हाथ म मोटा सा फरशा - MS 6 दोन तरफ भस क कतार - Planning L to R 7 कछ खबसरत लड़ कया - LS अ बठ - LS ब लट - MS स व भ न म ाओ म ( यक म ा का) ndash CU द बाल खल - CU य बखर ह ए बाल - CU

पटकथा क अनसार सीन म सवाद आरभ होन स पहल Shorts को इस तरह वभािजत कया जाता ह कपया यह यान रख यह कवल नमनाrsquo (Sample)ह अ तम ा ट (Draft) नह ह

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1210 साराश इस इकाई म हमन पटकथा का अथ उसक प रभाषा आलख क कार पटकथा लखन क तकनीक पटकथा लखन का ा प नमन क पटकथाओ क मा यम स वषय- व लषण नदशक का आलख आ द का अ ययन कया ह साथ ह पटकथा क इ तहास क मा यम स लोक जीवन म च लत लोक वधाओ का भी व लषण कया ह इस इकाई क अ ययन क प चात आप भी पटकथा लखन म कौश य ा त कर सकत ह

बोध न- 1 1 आलख कतन कार क होत ह 2 समाचार क आलख और व त च क आलख म या अ तर ह 3 पटकथा का या ता पय ह 4 पटकथा का लोकजीवन स या स ब ध ह बोध न-2 1 कसी एक व त च क पटकथा लख 2 कसी भी कहानी क कसी एक य को पटकथा क ा प क अनसार तत कर 3 ट ल फ म क पटकथा क साथ कौन-कौन सी स चया सल क जाती ह 4 मकअप कतन कार का होता ह सोदाहरण प ट कर बोध न- 3 1 नाटक य आलख को तत करत समय कन- कन बात का यान रखा जाता ह

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2 ट ल वजन क भाषा कवल मौ खक नह होती इस उ रण को प ट कर 3 न न श द क पण प लख ndashLS MS ECU CU bg

1211 व-म याकन आप इस इकाई का यानपवक पठन कर मनन और च तन कर ऐसा करन स आप वय यह जान पायग क पटकथा या ह कसी लखी जाती ह नदशक का आलख या होता ह पटकथा म कस तरह कसी सग वशष अथवा कहानी को प रव तत कया जा सकता ह

1212 श दावल वस तो अ धकाश श द क अथ ह द और अ जी म दय गय ह फर भी कछ श द ऐस ह िजनका व लषण अ नवाय ह ndash

1 ELS- Extreme Long shot 2 LS- Long Shot 3 ECU- Extreme Close-up 4 MS- Medium Shot 5 Panning L to R- Panning Left to Right

Or R to L- Right to Left 6 CU- Close up 7 bg- Background 8 fg- Foreground 9 FM- Floor Manager

1213 कछ उपयोगी प तक 1 Film Script Writing A Practical Manual- by Dwight VSwainNY

Hastings House Publication 1976 2 Script Writing for Short Films by James ABeveridge Paris Unesco

1969 3 Scripting for Video and Audiondashvisual Media - by Dwight VSwain

Landon Focal Press 1981

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4 Visual Scriptinged - by John Halas London Focal Press 1976 5 Film Complete Scenerio Illustrations Production shots with an essay

on Directing Films - by Samual Backelt London ndash Faber 1972

6 पटकथा का सच - भनाथ सह आजमी मघा ब स द ल - 2006 7 बॉबी ( फ म न ल) - टार पॉकट ब स नई द ल

1214 अ यासाथ न 1 पटकथा या ह पटकथा का प रचय दत ह ए इसक अ नवायता पर काश डाल 2 ट ल वजन म य त होन वाल व भ न आलख क कार तथा उनक लखन प त का

व लषण कर 3 नदशक का आलख और पटकथा म या अ तर होता ह सोदाहरण प ट कर

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इकाई ndash 13 साइबर मी डया क लए लखन

इकाई क परखा 130 उ य 131 तावना 132 साइबर मी डया क लए लखन 133 साइबर लखन क वशषताए 134 साइबर लखन क कार 135 भारत म साइबर लखन क ि थ त 136 भारत म साइबर लखन का मह व एव सभावनाए 137 साराश 138 व-म याकन 139 श दावल 1310 कछ उपयोगी प तक 1311 अ यासाथ न

130 उ य इस इकाई का अ ययन करन क बाद आप जान पाएग क - साइबर मी डया क लए लखन या और कसा ह साइबर लखन क वशषताए या ह साइबर मी डया कतन कार का होता ह भारत म साइबर लखन क या ि थ त ह भारत म इस कार क मा यम लखन क वकास क या सभावनाए ह

131 तावना पछल सद व भ न कार क सचार मा यम क ईजाद क सद रह ह यह वजह ह क लखन और सभाषण क िजतन कार लोग न पछल सद म सीख उतन इसस पहल कभी नह सीख मौ खक और ल खत अ भ यि तय का श ण ल ब समय स होता आ रहा था ल कन पछल सद म र डयो फ म टल वजन और इटरनट जस मा यम क सतत वकास क वजह स इ ह दो ाथ मक अ भ यि तय क व भ न कार का वकास हआ और लोग को उनम बाकायदा श ण लना पड़ा इस इकाई म हम साइबर मा यम क लए लखन क कार क व भ न वशषताओ और कार का व लषण करग और उ ह सीखन का यास करग

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132 साइबर मी डया क लए लखन क यटर दरसचार और सटलाइट क सब होन स साइबर मी डया अि त व म आया साइबर मी डया क वाहक ौ यो गक इटरनट ह िजसक मा यम स द नयाभर म सपक कया जा सकता ह और तमाम तरह क जानका रया हा सल क जा सकती ह सावज नक साइबर कफ जस थान पर बठ-बठ व वभर क सचनाए ा त कर सकत ह या व व म कह भी बठ अपन म और र तदार स सपक कर सकत ह इटरनट पहल कवल लखी ह ई भाषा क पाठ पर आधा रत था आज तजी स बदलत ह ए प र य म वव यापी सजाल (World Wide Web - www) कहलाता ह जो ल खत पाठ क अ त र त य व नया और चल च या ए नमशन क मा यम स सचनाओ क सारण का एक सश त मा यम

बन गया ह व व म अनक छोट-बड़ सगठन क अपनी वबसाइट होती ह और इनम उनक बार म तमाम तरह क जानकार और आलख होत ह इसक अलावा साइबर लखन कसी एक यि त का लखा हआ लॉग भी हो सकता ह कसी व ापन एजसी का वब पर दया गया व ापन भी हो सकता ह और कसी समाचारप का ऑन लाइन स करण भी हो सकता ह उन सभी कार क लखन क अपनी वशषताए ह िजनक चचा हम इस इकाई म आग करग

133 साइबर लखन क वशषताए साइबर लखन क दो मख कार ह पहला तो वह जो कवल ल खत भाषा क मा यम स वचार को अ भ य त करता ह और दसरा बह मा यम आधा रत लखन ह जो अपनी अ भ यि त क लए पाठ य भ य एव चल च का उपयोग करता ह भाषा का वा त वक व प डिजटल ह िजसम बात को एक वशष म म रखा जाता ह भाषा क रखीय म यव था न इसम मौ लकता क अपार सभावनाए पदा क ल कन इटरनट क वब प ठ क यव था न हाइपर लक क जो स वधा दान क उसन भाषा क इस रखीय म को कछ हद तक तोड़ा और इस नव लखन प त न मौ लकता को एक और नया आयाम दया इसी प त क वकास क व प िजस भाषा म हम वब क लए लखन करत ह उस एचट एमएल (हाईपर ट ट ल वज) कहत ह उधर दसर तरफ इटरनट क लोक य होन स पहल क यटर क म जो वकास ह ए थ उनम बह मा यम क यटर (multimedia Computers) का वकास एक मह वपण कड़ी था इन क यटर न आर भक दन म च रखाकन व नय श द और चल च क मा यम स पाठ को और अ धक आकषक बनान का काम कया बाद म डिजटल ऑ डयो व डयो और ए नमशन को ल खत पाठ स वाय तता मल और लोग न अनक ऐस काय म बनाए िजनम स पाठ लगभग नदारद था यह बह मा यम ौ यो गक आन वाल दन म व ड वाइड वब क आधार बनी और िजन वब पोटल या साइट का आज हम अवलोकन करत ह उनम अनक कार क त व होत ह जो कछ य आधा रत होत ह तो कछ य आधा रत होत ह

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इसी बीच व भ न मा यम क क वजस क वजह स वब आधा रत सचार क कछ नए आयाम भी उभर कर आए िजनम वब र डयो और वब टल वजन मख ह इस कार कइ वब सारण म भाषा क नए आयाम खोजन क आव यकता नह ह य क वह तो पारप रक र डयो या टल वजन क ह व तार ह वब क लय या साइबर लखन क वशषताए यह ह क पहल तो इसम कसी भी समाचार को सफ शीषक और स त प स दया जा सकता ह और लक क मा यम स पर समाचार को पढ़ा जा सकता ह इस लए स प म समाचार लखन क कला साइबर लखन क लए सबस मह वपण ह जसा क पहल बताया गया ह साइबर मी डया एक म ट मी डया ह िजसम व न च ा फ स आ द सभी का योग होता ह साइबर लखन को भावशाल बनान

क लए इस म ट मी डया पकज म सभी त व क समझ होनी चा हए यह भी यान रखना ज र ह क इस लखन को द नया भर म कोई कसी भी समय पढ़ता ह- इस पढ़न दखन या सनन वाल का कोई नधा रत समह नह होता इस ि ट स भी लखन शल को ढालना होता ह

134 साइबर लखन क कार साइबर मी डया क अनक प ह इन दन िजसक सबस अ धक चचा ह उस हम लॉग क नाम स जानत ह कछ ह द म लॉग लखन वाल न इस एक ह द नाम भी दया ह वह इस च ा कह रह ह लॉग वब लाग का स त प ह वब लॉग स ता पय यह ह क आप कसी ऐसी वब साइट पर जाइए जो आपको अपन यहा लखन क स वधा दान करती ह और फर जो कछ आप कहना चाहत ह उस उस साइट पर द गई जगह पर लख द िजए कछ साइट ऐसी होती ह िजनम आपको अपन को पजीकत कराना होता ह िजसक बाद आप अपन लए एक पासवड तय करत ह इस पासवड क मदद स आप उस साइट पर लॉग इन करत ह कछ वब साइट ऐसी भी होती ह िजनम आपको लॉग इन करन क भी आव यकता नह होती ऐस थल पर लखन क लए आपको लखकर अ भ य त करना तो आना ह चा हए मगर आपको उस कजीपटल क मदद स ट कत करना भी आना चा हए साइबर लखन का यह सबस लोक य कार और सबस सरल तर का ह साइबर लखन क लए इसक बाद िजस क ठन कार क हम चचा करग वह वब पज बनाना ह वब पज तयार करना एक वशष कार का लखन ह िजसक लए आपको अपन लख ह ए को एचट एमएल म नब करना ह नह आना चा हए बि क वब पर दखन वाल पर प ठ क प स जा उसम य त होन वाल य का थान तय करन और आव यकता पड़न पर वजअल ब सक और सी भाषा जसी क यटर क भाषाओ का भी ान होना चा हए इसक अलावा वब पज बनान वाल को ल खत पाठ य और य साम ी क व भ न फारमट का ान भी होना चा हए उदाहरण क लए एक फोटो ाफ का हम सामा यतया जपीजी फारमट म सर त करत ह फोटो ाफ खीचत समय अगर हमन उसक रजो यशन को अ धक रखा तो वह अ धक जगह घरगा फोटो क रजो यशन 96 प सल स लकर 10 मगा प सल या उसस भी यादा हो सकता ह इसी तरह टफ (TIFE) फारमट म सर त कए गए च को भी अ धक जगह चा हए सबस कम जगह िजफ (JIF) म सर त च

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लत ह अत वब पज क सक पना करन वाल को इस बात का भी यान रखना पड़ता ह क उसका पज पाठक क क यटर म ज द स ज द तत हो सक अथात डाउन लोड को सक वब पज वब साइट का एक ह सा मा होता ह सामा य तौर पर लोग वब पर साम ी दन क लए एक आध पज बनात ह ल कन य द साम ी बह त अ धक ह तो उ ह एक पर वब साइट बनानी पड़ती ह िजसम अनक वब पज होत ह ऐसी ि थ त म सभी पज हाइपर लक क मदद स एक दसर स जोड़ दए जात ह हाइपर लक का इ तमाल करक दो व भ न वबसाइट क प ठ को भी एक दसर स जोड़ा जा सकता ह वब पर द जान वाल साम ी जब एक सीमा स अ धक हो जाती ह तो हम वब पोटल बनान क क पना करन लगत ह

135 भारत म साइबर लखन क ि थ त इन दन ौ यो गक क और अ धक यो ता आधा रत होत जान का ह प रणाम ह क इन दन वब लॉ गग क बाढ़ आई ह ई ह वब लॉ गग व श ट स लकर आम यि त को भी अ भ यि त क वत ता दान करता ह य क साधारण और आम यि त भी इस ौ यो गक क ज रए अपन वचार नट पर लोग क पढ़न क लए रख पान का सख भोग

रहा ह आर भक दन म कवल बड़ अखबार न ह अपन अखबार क स करण वब पर डालन आरभ कए थ इनक लए वब पर काम करन क लए श त प कार क सवा ह ल जाती थी ल कन जस ह वब ला गग क स वधा लोग को मलनी आरभ ह ई वस ह भारत म प कार सा ह यकार क अलावा उन सभी क लॉग लखन आरभ कर दए िज ह ह द म टकण क साथ-साथ क यटर एव इटरनट पर काम करना आना था आज इटरनट पर उपल ध ह द क लॉग म लोग क नजी डायर स लकर क वता कहानी ट प णया च एव वचार सभी कछ मौजद ह उधर समाचारप ई अखबार का व प भी म त समाचारप क डिजटल त ल प स बहल कर अ धका धक ऑनलाइन हो गई ह और कई लोग तो अपनी रचनाए वचार आ द प तकाकार ई-बक म भी दज कर रह ह अ धकाश लॉग लखक आज अपन लखन को अ धक स अ धक स च धान एव पठनीय बनान क लए ऐस कई त व को अपन लखन म ला रह ह जो आज स कछ ह वष पहल म ट मी डया म ह हो सकता था ऐस अनक लॉग लखक ह जो अपन लखन म न कवल च बि क वी डयो ओर ऑ डयो साम ी भी इ तमाल कर रह ह

136 भारत म साइबर लखन का मह व एव सभावनाए

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हाला क हमार दश म अभी क यटर और इटरनट का सार सी मत ह पर इसका तजी स व तार हो रहा ह छोट-छोट नगर -क ब म साइबर कफ खल रह ह और इसक उपभो ताओ क स या बढ़ रह ह समाचारप स थान न अपन अखबार नट पर डालन आरभ कए ह और वशष कर िजस तरह ब जी वय न लॉग अपना कर साइबर लखन आरभ कया ह वह उस बात का योतक ह क आन वाल दन म जस-जस इटरनट क स वधा आम लोग तक पह चगी वस-वस साइबर लखन का मह व बढ़गा और उसक पह च भी व तत होगी साइबर लखन क सभावना भी उसक सार क तरह अनत ह वबसाइट स लकर ई-प तक तक अनक व प म यह लोग को उपल ध होगा िजस तरह डाकघर आ त च य क जगह दन - दन ई-मल का योग बढ़ रहा ह उसी तरह आन वाल दन म साइबर लखन का योग भी बढ़गा

137 साराश प ट ह क साइबर लखन न अपन को एक वत लखन वधा क तरह था पत कर लया

ह और इसक व प एव चार- सार म दन - दन नए योग नई तकनीक और नए क य क सभावनाए बढ़ रह ह डग ई-मल ई-प तक वब अखबार लॉग और यहा तक क एसएमएस भी साइबर लखन क व भ न कार ह भारत म इस कार का लखन आर भक दन म कवल अ जी तक सी मत रहा ल कन बाद क दन म जस-जस भारतीय भाषाओ का सम वयन इटरनट म हआ ह वस-वस साइबर काशन म भारतीय भाषाओ क ह स दार भी बढ़ ह भारत सरकार क ई- शासन क

नी तय न भी साइबर लखन को बढ़ावा दया ह ई- श ा ई- वा य एव ई-क ष क भी यह माग ह क अ धका धक लोग साइबर लखन को अपनाए एव नट पर अ धका धक साम ी उपल ध हो सक

बोध न- 1 साइबर या ह

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2 वबसाइट या ह 3 लॉग या ह

138 व म याकन इस इकाई को पढ़ कर आप न जाना होगा क साइबर मा यम क लए कस कार का लखन कया जा रहा ह इस वषय क बार म अपना ान और अ धक बढ़ान क लए आपको चा हए क आप इटरनट पर जाकर उस कार क िजनक अ धक वब साइट दख ता क आपको य ान ा त हो क इटरनट पर कस कार का लखन कया जा रहा ह आप न इस इकाई

स या कछ सीखा ह यह जानन क लए एव अपना म याकन वय करन क लए आपको सलाह द जाती ह क इकाई क अत म द गई प तक को पढ़न का यास क िजए एव दए

न को यान स हल क िजए

139 श दावल म ट मी डया ऐसा क यटर िजसम ल खत पाठ य य चल च एव ए नमशन

का योग कया जाता ह एचट ट पी हाइपर ट ट ास मशन ोटोकॉल वह प त ह िजसस वब प ठ का

षण एव ा त करना सभव होता ह एचट एमएल हाइपर ट ट मनटनस ल वज वह भाषा ह िजसक मा यम स वब

पर लख जान वाल प ठ क व भ न त व को समायोिजत कया जा सकता ह

हाइपर लक कस वब प ठ को अ य प ठ या अ य वब साइट स जोड़ा जा सकता ह

जपीजी डिजटल व प म च का सक लत एव सा रत करन क एक प त

टफ च एव ए नमशन क नट पर डालन का एक वशष फामट िजफ यो ता क लए बनाया गया या मक इटरफस लॉग वब ला गग अथात नधा रत वब साइट पर जाकर पजीकरण करान

क प चात कया जान वाला लखन ई-बक डिजटल तर क स तयार क गई प तक िजस इटरनट क अलावा

मोबाइल फोन या ई-बक र डर आ द म पढ़ा जा सक

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1310 कछ उपयोगी प तक 1 जगद श च वत (2003) साइबर मी डया जन ल म इमिजग ट नोलॉजी फायरवाल

मी डया द रयागज नई द ल 2 कट रोहर (1998) माक टग इन द साइबर एज ज वल 3 ह रक ड नस (2003) मी डया मनजमट इन द एज ऑफ जाएटस लकवल पि ल शग

ययॉक 4 Om Gupta and Ajay S Jasra (2002) Internet Journalism in India

Kanishka Publisher New Delhi

1311 अ यासाथ न 1 वब पज क उ व और वकास पर एक स त लख ल खए 2 हाइपर ट ट भाषा और वब पज लखन क सबध का ववचन क िजए 3 भारत म साइबर मी डया लखन क वकास और उसक उपयो गता क चचा क िजए

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